PSEB Solutions for Class 7 | PSEB 7th Class Books Solutions Guide in Punjabi English Medium

PSEB Solutions for Class 7

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पारिभाषिक व्याकरण

व्यावहारिक व्याकरण

PSEB 7th Class Hindi Book Rachana रचना-भाग

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PSEB 7th Class Computer Guide | Computer Science Guide for Class 7 PSEB

Computer Guide for Class 7 PSEB | PSEB 7th Class Computer Science Book Solutions

PSEB 7th Class Computer Book Solutions in Punjabi Medium

PSEB 7th Class Computer Book Solutions in Hindi Medium

PSEB 6th Class Computer Science Syllabus

Time: 3 Hours

Written: 50 Marks
C.C.E.: 10 Marks
Practical: 40 Marks
Total: 100 Marks

Theory Exam

Chapter 1 Typing Tutor
Touch typing, Position of the Fingers on Keyboard, Numeric Keypad, Important keys on Keyboard, Typing in Punjabi using Anmol Lipi Font, Tips to improve Typing Speed, Proper Posture, Suggestions for Repetitive Stress Injuries during Continuous Typing.

Chapter 2 Windows Explorer
Windows Explorer, Opening Windows Explorer, Parts of Windows Explorer, Windows Explorer Views, Working with Files and Folders, Personalization of Desktop.

Chapter 3 Microsoft Word (Part-I)
Introduction, What is Word Processing?, Features of Word Processing Software, Different Word Processing Software, MS Word, Creating New Document using MS Word, Saving a New/Existing Document.

Chapter 4 Microsoft Word (Part-II)
Selection of Text, Home Tab, Undo and Redo Commands, Insert Tab.

Chapter 5 Microsoft Word (Part-III)
Format Tab (Picture Tools), Page Layout Tab,. Review Tab, Printing Documents.

Chapter 6 Microsoft Word (Part-IV)
What is Table?, Creating a Table, Entering Data in the Table, Modifying a Table, Properties of a Table, Splitting Cells, Merging Cells, Splitting Table.

Chapter 7 Introduction to Multimedia
Components of Multimedia, Requirement for Multimedia, File Formats for Multimedia, Multimedia Presentation, Applications of Multimedia.

Chapter 8 Storage Devices
What is Memory?, Usage of Memory, Type of Memory.

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 19 लोकतन्त्र-प्रतिनिधित्व संस्थाएँ

Punjab State Board PSEB 7th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 19 लोकतन्त्र-प्रतिनिधित्व संस्थाएँ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 19 लोकतन्त्र-प्रतिनिधित्व संस्थाएँ

SST Guide for Class 7 PSEB लोकतन्त्र-प्रतिनिधित्व संस्थाएँ Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 1 से 15 शब्दों में लिखें

प्रश्न 1.
सर्वव्यापक मताधिकार से क्या भाव है?
उत्तर-
जब देश के सभी वयस्क नागरिकों को मत देने का अधिकार होता है, तो उसे सर्वव्यापक वयस्क मताधिकार कहा जाता है। मत का अधिकार देते समय लिंग, जाति, धर्म, सम्पत्ति आदि के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता।

प्रश्न 2.
चुनाव प्रक्रिया के कोई दो चरणों (स्तरों) का वर्णन करो।
उत्तर-
1. चुनाव की तिथि की घोषणा-हमारे देश के राष्ट्रपति या राज्यों में राज्यपाल लोगों के लिए चुनाव का आदेश जारी करते हैं, जिस के आधार पर चुनाव आयोग चुनाव की तिथि की घोषणा करता है।

2. उम्मीदवारों का चुनाव-विभिन्न राजनीतिक दल अपने उन उम्मीदवारों को नामजद करते हैं जो उनके विचार से किसी विशेष क्षेत्र से जीत सकते हैं। कभी-कभी स्वतन्त्र उम्मीदवार भी खड़े हो जाते हैं और राजनीतिक दल उनकी सहायता करते हैं।

प्रश्न 3.
प्रतिनिधि सरकार कौन-सी सरकार को कहा जाता है?
उत्तर-
लोकतन्त्र में नागरिक अपने प्रतिनिधि चुनते हैं जो सरकार बनाते हैं। यही प्रतिनिधि नीतियों का निर्माण करते हैं और कानून बनाते हैं। ऐसी सरकार को ही प्रतिनिधि सरकार कहते हैं।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 19 लोकतन्त्र-प्रतिनिधित्व संस्थाएँ

प्रश्न 4.
लोकतन्त्र में प्रतिनिधित्व का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
लोकतन्त्र जनता का शासन होता है। परन्तु आधुनिक राज्यों की जनसंख्या इतनी अधिक है कि सभी नागरिक शासन में सीधे भाग नहीं ले सकते। अतः वे अपने प्रतिनिधि चुनते हैं जो सरकार का निर्माण करते हैं। यह अप्रत्यक्ष रूप से जनता का अपना ही शासन होता है।

प्रश्न 5.
भारत में मत देने का अधिकार किसको होता है?
उत्तर
भारत में 18 वर्ष या इससे अधिक आयु के प्रत्येक स्त्री-पुरुष को मत देने का अधिकार है। इसे सर्वव्यापक मताधिकार कहते हैं।

प्रश्न 6.
सामान्य तथा मध्यकालीन चुनावों में क्या अन्तर हैं?
उत्तर-
आम चुनाव वे चुनाव हैं जो हर पांच वर्ष के बाद नियमित रूप से होते हैं।
इसके विपरीत यदि विधानपालिका अवधि पूरी होने से पहले भंग कर दी जाये और नये सिरे से चुनाव कराये जाएं, तो उन्हें मध्यकालीन चुनाव कहते हैं।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 19 लोकतन्त्र-प्रतिनिधित्व संस्थाएँ

प्रश्न 7.
दो दलीय तथा बहुदलीय प्रणाली में क्या अन्तर है?
उत्तर-
जब किसी देश में दो मुख्य राजनीतिक दल होते हैं तो उसे दो दलीय प्रणाली कहते हैं। अमेरिका तथा इंग्लैंड में द्विदलीय प्रणाली है।
बहुदलीय प्रणाली में कई राजनीतिक दल होते हैं। भारत में बहुदलीय व्यवस्था है।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखो

प्रश्न 1.
राजनीतिक दलों का प्रतिनिधि लोकतन्त्र में क्या महत्त्व है?
उत्तर-
राजनीतिक दलों का प्रतिनिधि लोकतन्त्र में बहुत महत्त्व है। अधिकतर लोगों का विचार है कि प्रजातन्त्र राजनीतिक दलों के बिना सम्भव नहीं है। प्रजातन्त्र में प्रत्येक राजनीतिक दल अपनी सरकार बनाने का प्रयत्न करता है। ये दल लोगों के सामने अपने कार्यक्रम एवं नीतियां रखते हैं। जिस दल की सरकार बनती है वह अपने कार्यक्रम और नीतियों को लागू करता है, परन्तु विरोधी दल उस के कार्यों की आलोचना करता है। इस प्रकार प्रजातन्त्र में विरोधी दल भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

प्रश्न 2.
गुप्त मतदान क्या होता है? इसका क्या महत्त्व है?
उत्तर-
गुप्त मतदान प्रजातान्त्रिक चुनाव का महत्त्वपूर्ण आधार है। लोग अपने प्रतिनिधि चुनने के अधिकार में किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं चाहते। इसलिए कोई भी यह नहीं चाहता कि किसी दूसरे को यह पता चले कि उस ने किस प्रतिनिधि के पक्ष में मत डाला है। इसलिए ही स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए गुप्त मतदान का प्रबन्ध किया गया है। भारत में प्रत्येक मतदाता का एक वोट होता है। जब कोई मतदाता मतदान केन्द्र पर अपनी वोट डालता है तो उसे यह बताने की आवश्यकता नहीं कि उसने किसे अपना वोट दिया है। इसे ही गुप्त मतदान कहा जाता है।
गुप्त मतदान द्वारा बिना किसी बुरे विचार तथा नकारात्मक सोच के सरकार में परिवर्तन किया जा सकता है।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 19 लोकतन्त्र-प्रतिनिधित्व संस्थाएँ

प्रश्न 3.
लोकतंत्र में विरोधी दल की भूमिका संक्षेप में लिखो।
उत्तर-
विधानपालिका में जो राजनीतिक दल बहुमत में नहीं होते, वे सरकार नहीं बना पाते। वे विरोधी दल की भूमिका निभाते हैं। लोकतन्त्र में विरोधी दल की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। कहा जाता है कि यदि विरोधी दल नष्ट या कमजोर हो जाये तो प्रजातन्त्र प्रणाली ही समाप्त हो जाती है। इसके विपरीत यदि विरोधी दल को सही और प्रजातान्त्रिक ढंग से काम करने दिया जाये तो प्रजातन्त्र मज़बूत होता है। वास्तव में विरोधी दल शासक दल की कमियों और कमजोरियों को प्रकट करता है। विरोधी दल संसद् में सरकार की केवल आलोचना ही नहीं करता, अपितु लोक-मत के हित में भी काम करता है। इसकी आलोचना के बिना सरकार उत्तरदायित्वहीन तथा तानाशाह भी बन सकती है। विरोधी दल नये चुनाव होने तक सरकार को मनमानी नहीं करने देता और उस पर निरन्तर नियन्त्रण बनाये रखता है। इस प्रकार विरोधी दल सरकार द्वारा नागरिकों के अधिकारों का हनन नहीं होने देता।

प्रश्न 4.
विरोधी दल के कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर-
विरोधी दल लोकतन्त्र की आत्मा होता है। यह एक तरफ शासक दल की तानाशाही को रोकता है तो दूसरी ओर सरकार के कार्यों पर नियन्त्रण रखता है। संक्षेप में विरोधी दल के कार्यों की भूमिका का वर्णन इस प्रकार है –

(i) शासक दल पर नियन्त्रण-चुनाव में विजय प्राप्त करने के पश्चात् बहुमत प्राप्त दल सरकार का गठन करता है। मतदाता पांच वर्ष तक सरकार पर नियन्त्रण नहीं रख सकते। सरकार पर नियन्त्रण रखने का कार्य विरोधी दल ही करते हैं।

(ii) सरकार को तानाशाह बनने से रोकना-कभी-कभी शासक दल अपने बहुमत के कारण तानाशाही कार्य करता हैं। इससे नागरिकों के अधिकारों का हनन होता है। इन अवसरों पर विरोधी दल सरकार की सदन के भीतर और बाहर आलोचना करते हैं और सरकार को तानाशाह नहीं बनने देते।

(iii) कानून बनाने में सहयोग-सरकार कानून बनाने के लिए विधेयक पेश करती है। विरोधी दल विधेयकों से सम्बन्धित मामलों पर वाद-विवाद करते हैं और प्रयास करते हैं कि जो कानून बने वह देश के हित में हो।

(iv) बजट पास करना-प्रत्येक वर्ष शासक दल अपनी नीतियों को लागू करने के लिए विधानमंडल में बजट पेश करता है। यह एक ऐसा अवसर होता है जब विरोधी दल सरकार की सम्पूर्ण नीति की आलोचना कर सकता है। विरोधी दल सरकार को इस बात के लिए मजबूर कर सकते हैं कि वह करों की दर कम करे।

(v) कार्यपालिका पर नियन्त्रण-विरोधी दल अविश्वास प्रस्ताव, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव तथा और कई प्रकार से सरकार पर अंकुश रखती है। प्रश्नकाल में प्रश्न पूछ कर विरोधी दल के सदस्य मंत्रियों को सतर्क रखते हैं।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 19 लोकतन्त्र-प्रतिनिधित्व संस्थाएँ

प्रश्न 5.
राजनीतिक दलों के कोई दो कार्यों के बारे में लिखो।
उत्तर-
राजनीतिक दल मुख्य रूप से निम्नलिखित कार्य करते हैं

1. चुनाव लड़ना तथा सरकार बनाना-राजनीतिक दल का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य चुनाव लड़ना है। इसका उद्देश्य शासन शक्ति प्राप्त करना होता है। ये दल चुनाव लड़ने के लिए अपने उम्मीदवार चुनते हैं। वे चुनाव जीतने के लिए चुनाव अभियान चलाते हैं। ये दल जनता को राष्ट्रीय मामलों और अपनी सरकार की भूमिका की जानकारी देते हैं। इससे लोकमत का निर्माण होता है। जो दल चुनाव जीत जाता है वह सरकार चलाता है और अपने कार्यों के लिए लोगों के प्रति उत्तरदायी होता है। जो दल सरकार नहीं बना पाते हैं वे विरोधी दल की भूमिका निभाते हैं।

2. जनता के हितों की रक्षा करना-वे सरकार की नीतियों की आलोचना करते हैं और उन्हें सुधारने के सुझाव देते हैं। इसलिए कहा जाता है कि विरोधी दल प्रजातन्त्र में जनता के हितों का रक्षक होता है।

प्रश्न 6.
इंडियन नेशनल कांग्रेस की किन्हीं तीन नीतियों का वर्णन करो।
उत्तर-
इंडियन नेशनल कांग्रेस की मुख्य नीतियां निम्नलिखित हैं –

  1. इस दल की सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण नीति अमीरी-गरीबी में अन्तर कम करना है। दूसरे शब्दों में यह दल लोकतान्त्रिक समाजवाद चाहता है।
  2. इस दल के अनुसार धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान किया जाना चाहिए।
  3. यह दल कृषि पर आधारित कारखानों के विकास में विश्वास रखता है। कृषि के विकास के लिए सिंचाई के साधनों में सुधार करना भी इस दल की नीति है।
  4. ग्रामीण स्तर पर रोज़गार के अवसर पैदा करना ताकि गरीबी को कम किया जा सके।
  5. विदेशों के साथ मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध स्थापित करना और विदेशों के साथ अपने मतभेद शान्तिपूर्ण ढंग से दूर करना।
  6. भारत की आर्थिक स्थिति के सुधार के लिए विदेशी व्यापार को बढ़ावा देना।

नोट-विद्यार्थी इनमें से कोई तीन लिखें।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 19 लोकतन्त्र-प्रतिनिधित्व संस्थाएँ

प्रश्न 7.
लोकतन्त्र में चुनावों का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
चुनाव लोकतन्त्र का आधार हैं। लोकतन्त्र में इनका निम्नलिखित महत्त्व है –
(i) सभी नागरिक राज्य प्रबन्ध को एक साथ चला नहीं सकते। इसलिए उन्हें प्रतिनिधि चुनने पड़ते हैं जो चुनावों द्वारा चुने जाते हैं।
(ii) चुनाव के माध्यम से ही लोग सरकार को बदल सकते हैं।
(iii) चुनाव के माध्यम से ही कार्यपालिका बनती है।
(iv) चुनाव द्वारा शासन-प्रणाली में स्थिरता आती है।
(v) सच तो यह है कि चुनाव के अभाव में प्रजातन्त्र सम्भव नहीं है।

(ग) खाली स्थान भरो

  1. हमारे भारत में ……….. लोकतंत्रीय प्रणाली है।
  2. भारत में चुनाव प्रक्रिया के लिए एक स्वतंत्र संस्था ………….. बनाई गई है।
  3. भारत वर्ष में ……….. साल के नागरिकों को मत देने का अधिकार होता है।
  4. ……….. तथा ……….. में दो दलीय तथा ………………. में बहुदलीय प्रणाली है।
  5. ………. और ………. भारत के दो राष्ट्रीय दल हैं।
  6. एक नागरिक एक मत नागरिकों की ……….. पर आधारित है।

उत्तर-

  1. प्रतिनिधि
  2. चुनाव आयोग
  3. न्यूनतम 18
  4. इंग्लैंड, अमेरिका, भारत
  5. कांग्रेस दल, भारतीय जनता पार्टी
  6. समानता।

(घ) निम्नलिखित वाक्यों में ठीक (✓) या गलत (✗) का निशान लगाओ

  1. भारत देश में इस समय वयस्क नागरिक की आयु 18 वर्ष है।
  2. भारत देश में दो दलीय प्रणाली है।
  3. विरोधी दल संसद् में सरकार की आलोचना ही नहीं करते बल्कि लोक मत या लोक राय भी बनाते हैं।

संकेत-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✓)

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(ङ) बहु-वैकल्पिक प्रश्नोत्तर-

प्रश्न 1.
भारत में बालिग (वयस्क) होने की आयु कितनी है ?
(क) 18 वर्ष
(ख) 24 वर्ष
(ग) 22 वर्ष।
उत्तर-
(क) 18 वर्ष (वोट देने का अधिकार)

प्रश्न 2.
लोक सभा के सदस्यों का चुनाव कितने वर्षों के लिए किया जाता है ?
(क) चार वर्ष
(ख) 2 वर्ष
(ग) पाँच वर्ष।
उत्तर-
(ग) पाँच वर्ष

प्रश्न 3.
इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी की स्थापना कब हुई ?
(क) 1920
(ख) 1885
(ग) 1960
उत्तर-
(ख) 1885

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 19 लोकतन्त्र-प्रतिनिधित्व संस्थाएँ

PSEB 7th Class Social Science Guide लोकतन्त्र-प्रतिनिधित्व संस्थाएँ Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
चुनाव कमीशन अथवा चुनाव आयोग पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
भारत में चुनाव प्रक्रिया के लिए एक कानून स्वतन्त्र संस्था बनाई गई है। इसे चुनाव आयोग अथवा चुनाव कमीशन कहते हैं। यह संस्था स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष चुनाव करवाती है। इस का प्रधान चुनाव कमिश्नर होता है, जिसे भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। चुनाव कमीशन देश में हर स्तर पर अर्थात् संसद्, राज्य विधान सभाओं और स्थानीय नगरपालिकाओं एवं निगमों के चुनाव कराने के लिए उत्तरदायी होता है।

प्रश्न 2.
‘एक व्यक्ति-एक वोट’ से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
‘एक व्यक्ति-एक वोट’ सर्वव्यापक मताधिकार का एक महत्त्वपूर्ण नियम है। यह नागरिकों की समानता पर आधारित है। इसके अनुसार पढ़े-लिखे और अनपढ़ को समान माना जाता है। इस प्रकार समानता का सिद्धान्त हमारे सर्वव्यापक वयस्क मताधिकार में पूर्ण रूप में अपनाया गया है।

प्रश्न 3.
सर्वव्यापक वयस्क मताधिकार के सशक्त आधार क्या हैं ?
उत्तर-
सर्वव्यापक वयस्क मताधिकार के निम्नलिखित सशक्त आधार हैं –

  1. यह अधिकार राजनीतिक समानता पर आधारित है।
  2. यह सच्चे प्रजातन्त्र के लिए आवश्यक है।
  3. यह सरकार को सभी के प्रति उत्तरदायी बनाता है।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 19 लोकतन्त्र-प्रतिनिधित्व संस्थाएँ

प्रश्न 4.
उप-चुनाव क्या होता है?
उत्तर-
कभी-कभी संसद् या राज्य विधानपालिका के किसी सदस्य की मृत्यु हो जाने अथवा उसके द्वारा त्याग-पत्र देने से उसकी सीट खाली हो जाती है। इस सीट की पूर्ति के लिए जो चुनाव कराया जाता है, उसे उप-चुनाव कहते हैं।

प्रश्न 5.
मतदान किस प्रकार होता है?
अथव
नागरिक अपना वोट किस प्रकार डालते हैं ?
उत्तर-
चुनाव के समय प्रत्येक क्षेत्र से प्रतिनिधि चुनने के लिए चुनाव बूथ बनाए जाते हैं। यहां रिटर्निंग आफिसर के अधीन मतदान होता है। वयस्क नागरिकों के नाम मतदाता सूची में प्रविष्ट होते हैं। वे बारी-बारी से बूथ पर जा कर अपने वोट पहचान पत्र दिखाते हैं। तब अपनी उंगली पर निशान लगवा कर मतपत्र में अपने मन चाहे उम्मीदवार के नाम पर मोहर लगाते हैं और मतपत्र को वोट बाक्स में डाल देते हैं। यदि उसे कोई भी उम्मीदवार पसंद न हो तो वह ‘नोटा’ के सामने दिए गए निशान पर मोहर लगा सकता है। वोट बाक्स में वोट डालते समय किसी दूसरे को पता नहीं चलता कि वोट किसके पक्ष में डाला गया है। अब यह काम वोटिंग मशीनों द्वारा भी किया जाता है। साधारण बहुमत प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को विजयी घोषित कर दिया जाता है।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 19 लोकतन्त्र-प्रतिनिधित्व संस्थाएँ

प्रश्न 6.
चुनाव-प्रक्रिया से संबंधित निम्नलिखित चरणों की संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
1. नामांकन पत्र भरना तथा नामांकन वापिस लेना।
2. चुनाव चिन्ह प्रदान करना।
3. चुनाव पत्र (घोषणा-पत्र) जारी करना।
4. चुनाव अभियान।
5. मतों की गणना एवं परिणाम।
उत्तर-
1. नामांकन पत्र भरना तथा नामांकन वापिस लेना-राजनीतिक दलों द्वारा चुने गये सदस्य अपने नामांकन पत्र भरते हैं। इनकी रिटर्निंग आफिसर द्वारा पड़ताल की जाती है और इन्हें स्वीकृत या अस्वीकृत किया जाता है। स्वीकृत उम्मीदवार एक निश्चित तिथि तक अपना नाम वापिस ले सकते हैं। उसके बाद चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की अन्तिम सूची तैयार की जाती है, जिस के आधार पर वोट-पत्र (मत-पत्र) और उम्मीदवारों के चुनाव चिह्न छापे जाते हैं।

2. चुनाव चिह्न प्रदान करना-राष्ट्रीय दलों के निश्चित चुनाव चिह्न होते हैं, जिस के आधार पर वोटर उन चिह्नों पर मोहर लगा कर वोट डालते हैं। इन चुनाव चिह्नों का अस्तित्व अनपढ़ लोगों के लिए अत्यावश्यक है।

3. चुनाव-पत्र जारी करना-प्रत्येक राजनीतिक दल अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए एक चुनाव-पत्र जारी करता है। इसमें उनके कार्यक्रम एवं वचन होते हैं जो मतदाता को प्रभावित करते हैं। इन्हें पढ़कर मतदाताओं को जीत के बाद अपनाई जाने वाली नीतियों के विषय में पता चलता है।

4. चुनाव अभियान-उम्मीदवारों को जिताने के लिए राजनीतिक दल अपना चुनाव अभियान चलाते हैं। वे पोस्टर आदि छपवा कर लोगों में बांटते हैं। इसके अतिरिक्त चुनाव अभियान में जलूस आदि निकालना, जलसा करना, घरघर जा कर मतदाता को प्रभावित करना, मतदाताओं की समस्याओं का समाधान करने के वचन देना और मत देने के लिए कहना आदि बातें शामिल हैं। चुनाव अभियान को मतदान के शुरू होने से 48 घंटे पहले बन्द करना अनिवार्य होता है।

5. मतों की गणना एवं परिणाम- प्रत्येक क्षेत्र में मतदान के बाद मत-पेटियों को एक केन्द्र में एकत्रित करना होता है। निश्चित किये समय पर राजनीतिक दलों के या उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों के सामने मतों की गिनती होती है। सर्वाधिक मत प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को विजयी घोषित कर दिया जाता है।

प्रश्न 7.
राजनीतिक दल क्या होता है?
उत्तर-
लोगों का ऐसा समूह जिस की देश के राजनीतिक उद्देश्यों के विषय में एक जैसी विचारधारा हो, राजनीतिक दल कहलात है। किसी भी व्यक्ति को किसी राजनीतिक दल विशेष में सदस्य बनने के लिए विवश नहीं किया जा सकता। किसी दल का सदस्य बनना व्यक्ति की अपनी इच्छा पर निर्भर करता है।

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प्रश्न 8.
भारत में कौन-कौन से दो प्रकार के राजनीतिक दल हैं ?
अथवा
राष्ट्रीय दल तथा क्षेत्रीय दल में अन्तर बताओ।
उत्तर-
भारत में दल दो प्रकार के हैं-राष्ट्रीय दल तथा क्षेत्रीय दल। कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी एवं बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रीय दल हैं। ये सारे भारत में काम करते हैं। यदि कोई दल चार या पांच राज्यों में विशेष प्रभाव रखता हो, तो उसे चुनाव आयोग राष्ट्रीय स्तर दे देता है। इसके विपरीत जिन दलों का प्रभाव एक या दो राज्यों तक सीमित हो उन्हें क्षेत्रीय दल कहा जाता है; जैसे पंजाब का अकाली दल।

प्रश्न 9.
भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय दल कौन-सा है ? इसकी स्थापना कब हुई थी?
उत्तर-
भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय दल इंडियन नेशनल कांग्रेस है। इसकी स्थापना 1885 ई० में हुई थी।

प्रश्न 10.
संयुक्त सरकार क्या होती है?
उत्तर-
यदि लोकसभा या विधानसभा में किसी एक दल को बहुमत प्राप्त न हो, तो प्रमुख दल दूसरे दलों की सहायता तथा सहयोग से सरकार बना लेता है। कई दलों के प्रतिनिधियों से बनाई गई ऐसी सरकार संयुक्त सरकार कहलाती है। भारत में इस प्रकार की सरकार सबसे पहले 1977 में बनाई गई थी। 1999 से 2004 तक भी 13 दलों की संयुक्त सरकार बनाई गई थी। संयुक्त सरकार में भिन्न-भिन्न दलों के व्यक्तियों को मन्त्री बनने का अवसर मिलता है, जो कि सामान्य स्थिति में संभव नहीं होता।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 19 लोकतन्त्र-प्रतिनिधित्व संस्थाएँ

सही जोड़े बनाइए:

  1. सर्वव्यापक वयस्क मताधिकार – स्वतन्त्र तथा उचित चुनाव
  2. राजनीतिक दल – कम-से-कम 18 वर्ष की आयु
  3. गुप्त मतदान – लोगों की विचारधारा की अभिव्यक्ति
  4. वयस्क नागरिक – समानता का सिद्धान्त

उत्तर-

  1. सर्वव्यापक वयस्क मताधिकार – समानता का सिद्धान्त
  2. राजनीतिक दल – लोगों की विचारधारा की अभिव्यक्ति
  3. गुप्त मतदान – स्वतन्त्र तथा उचित चुनाव
  4. वयस्क नागरिक – कम-से-कम 18 वर्ष की आयु

लोकतन्त्र-प्रतिनिधित्व संस्थाएँ PSEB 7th Class Social Science Notes

  • आधुनिक लोकतन्त्र – आधुनिक लोकतंत्र प्रतिनिधि लोकतन्त्र है। इसका कारण यह है कि आधुनिक राज्यों का आकार बहुत बड़ा है और उनकी जनसंख्या बहुत अधिक है। ऐसी स्थिति में समस्त जनता प्रत्यक्ष रूप से प्रशासन में भाग नहीं ले सकती है। वह अपने प्रतिनिधि चुनती है जो सरकार चलाते हैं।
  • मताधिकार – नागरिकों के मत देने तथा मतदान द्वारा अपने प्रतिनिधि चुनने के अधिकार को मताधिकार कहते हैं। भारत में एक व्यक्ति-एक वोट’ के आधार पर सर्वव्यापक वयस्क मताधिकार को अपनाया गया है।
  • गुप्त मतदान – आधुनिक लोकतांत्रिक देशों में मतदान गुप्त रूप से किया जाता है। इसका अर्थ यह है कि प्रत्येक नागरिक अपने प्रतिनिधि के चुनाव के लिए अपनी इच्छा से मतदान करता है। वह किसी को बताने के लिए बाध्य नहीं है कि उसने अपना मत किसके पक्ष में डाला है।
  • प्रत्याशी अथवा उम्मीदवार – चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति को प्रत्याशी या उम्मीदवार कहते हैं। उम्मीदवार दो प्रकार के होते हैं। अधिकतर उम्मीदवार विभिन्न राजनीतिक दलों से होते हैं। दूसरी श्रेणी के उम्मीदवारों को निर्दलीय कहते हैं। वे किसी राजनीतिक दल से सम्बन्ध नहीं रखते।
  • चुनाव प्रक्रिया – चुनाव की व्यवस्था तथा देखरेख चुनाव आयोग करता है। इसके लिए एक विशेष प्रक्रिया अपनाई जाती है। इस प्रक्रिया के मुख्य चरण हैं-चुनावों की तिथि की घोषणा, नामांकन-पत्र भरना, नामांकन पत्रों की जांच, नाम वापस लेना, चुनाव अभियान, मतदान, मतगणना तथा परिणामों की घोषणा।
  • चुनाव चिह्न – प्रत्येक राजनीतिक दल का अपना विशेष चुनाव चिह्न होता है। निर्दलीय उम्मीदवारों को भी चुनाव चिह्न प्रदान किए जाते हैं। इन चिह्नों से उम्मीदवारों की पहचान करना सरल हो जाता है। ये चिह्न चुनाव आयोग द्वारा प्रदान किए जाते हैं।
  • चुनाव अभियान – यह चुनाव प्रक्रिया का सबसे निर्णायक भाग है। जन-सभाओं का आयोजन, चुनाव घोषणा-पत्र द्वारा जनता को दल की नीतियों की जानकारी देना तथा विभिन्न प्रकार के पोस्टरों द्वारा चुनाव प्रचार किया जाता है।
  • चुनाव घोषणा-पत्र – चुनाव के समय प्रत्येक राजनैतिक दल जनता को यह बताता है कि यदि वह सत्ता में आया तो वह क्या-क्या करेगा। राजनैतिक दलों के इस कार्यक्रम को चुनाव घोषणा-पत्र कहते हैं।
  • स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनावों का महत्त्व – चुनाव आयोग इस बात का पूरा प्रयास करता है कि चुनाव निष्पक्ष तथा स्वतंत्र रूप से हों। ऐसे चुनावों से जनता की सही पसंद के उम्मीदवार चुने जा सकते हैं। परिणामस्वरूप योग्य तथा लोकप्रिय सरकार का निर्माण होता है और लोकतंत्र मज़बूत बनता है।
  • राजनीतिक दल –  एक समान राजनीतिक उद्देश्य की प्राप्ति के लिए मिल कर कार्य करने वाले व्यक्तियों के समूह को राजनीतिक दल कहते हैं।
  • राजनीतिक दलों के कार्य – जनमत का निर्माण, राजनीतिक शिक्षा, चुनाव लड़ना, सरकार का निर्माण, सरकार की आलोचना, जनता और सरकार में सम्पर्क स्थापित करना राजनीतिक दलों के प्रमुख कार्य हैं।
  • एक दलीय, द्विदलीय तथा बहुदलीय प्रणाली – जिस राज्य में एक ही राजनीतिक दल हो उसे एक दलीय जिस राज्य में दो दल हों उसे द्विदलीय तथा जिस राज्य में दो से अधिक दल हों उसे बहुदलीय प्रणाली कहते हैं। भारत में बहुदलीय प्रणाली है।
  • विपक्षी (विरोधी) दल की भूमिका – सत्ता में न होने के बावजूद विपक्षी दल का अपना महत्त्व होता है। विपक्षी दल सरकार की नीतियों की आलोचना द्वारा सरकार पर अंकुश रखता है। इस प्रकार वह सरकार को मनमानी करने से रोकता है।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 1 पर्यावरण

Punjab State Board PSEB 7th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 1 पर्यावरण Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 1 पर्यावरण

SST Guide for Class 7 PSEB पर्यावरण Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 1-15 शब्दों में लिखें

प्रश्न 1.
पर्यावरण से क्या भाव है?
उत्तर-
पर्यावरण से भाव हमारे आस-पास अथवा इर्द-गिर्द से है। यह किसी प्रदेश के भौतिक तत्त्वों पर निर्भर करता है।

प्रश्न 2.
पर्यावरण कितने मण्डलों में बांटा जा सकता है?
उत्तर-
तीन।

प्रश्न 3.
तीन मण्डलों के सुमेल से बने मण्डल को किस नाम से जाना जाता है? इसके सम्बन्ध में लिखो।
उत्तर-
तीनों मण्डलों के सुमेल से बने मण्डल को जीव-मण्डल के नाम से जाना जाता है। यह वायुमण्डल, थलमण्डल तथा जल-मण्डल के आपसी मेल से बनता है।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 1 पर्यावरण

प्रश्न 4.
पर्यावरण के मुख्य मण्डल कौन-से हैं?
उत्तर-
पर्यावरण के तीन मुख्य मण्डल हैं –

  1. वायुमण्डल
  2. थल-मण्डल
  3. जल-मण्डल

इनके अतिरिक्त एक अन्य मण्डल भी है। उसे जैव-मण्डल कहते हैं।

प्रश्न 5.
परिवर्तित पर्यावरण से क्या भाव है?
उत्तर-
धरातल पर पर्यावरण सदैव एक जैसा नहीं रहता। इसके तत्त्वों में परिवर्तन आता रहता है जिसके कारण पर्यावरण बदलता रहता है। ये परिवर्तन धीमे भी हो सकते हैं और तेज़ भी। धीमी गति वाले परिवर्तन पृथ्वी की सतह पर अपरदन के कारकों (नदियों, ग्लेशियर, वायु आदि) द्वारा होते हैं, जबकि तेज़ परिवर्तन थल के ऊंचा-नीचा होने से होते हैं।

प्रश्न 6.
मनुष्य पर्यावरण को कैसे प्रभावित करता है?
उत्तर-
मनुष्य पर्यावरण को कई प्रकार से प्रभावित करता है –

  1. खेती करने तथा रहने के लिए भूमि प्राप्त करने के लिए वनों को काट कर।
  2. नदियों पर बांध बना कर तथा उनके पानी को नहरों द्वारा शुष्क मरुस्थलों में ले जाकर।
  3. खनिज प्राप्त करने के लिए खानें खोद कर।
  4. औद्योगिक क्षेत्रों का विकास करके।

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प्रश्न 7.
पृथ्वी की पर्तों के नाम लिखें।
उत्तर-
पृथ्वी की तीन पर्ते हैं –

  1. सियाल
  2. सीमा
  3. नाइफ।

II. खाली स्थान भरो

  1. पर्यावरण को …………. मण्डलों में बांटा गया है।
  2. धरती की स्याल पर्त उन चट्टानों की बनी है जिनमें ………….. तथा ……..तत्त्व ज्यादा हैं।
  3. धरती की नाइफ पर्त में………… तथा…………. तत्त्व ज्यादा मात्रा में होते हैं।।
  4. जीव मण्डल के अनेक प्रकार के जीव-जन्तुओं को ………… कहते हैं।
  5. पृथ्वी की सतह का ………… भाग जल है।

उत्तर-

  1. तीन
  2. सिलीकॉन, एल्युमीनियम
  3. निक्कल, लोहा
  4. जीव जगत्।
  5. 71 प्रतिशत।

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PSEB 7th Class Social Science Guide पर्यावरण Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
भिन्न-भिन्न स्थानों का पर्यावरण भिन्न-भिन्न होता है। एक उदाहरण दें।
उत्तर-
महाद्वीपों पर रहने वाले लोग आम तौर पर कृषि, पशु-पालन और वनों से सम्बन्धित कार्यों में लगे रहते हैं, जबकि समुद्र के किनारे बसे लोग या टापुओं के निवासी प्रायः मछली पकड़ने का कार्य करते हैं।

प्रश्न 2.
आवास (HABITAT) क्या होता है?
उत्तर-
मनुष्य की तरह पौधे और जीव भी अपने-अपने वातावरण पर निर्भर और आश्रित होते हैं। इसे आवास कहते हैं।

प्रश्न 3.
पारिस्थितिकी (Ecology) से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
किसी स्थान के जीव मण्डल तथा वहां के भौतिक वातावरण के मेल को पारिस्थितिकी कहते हैं।

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प्रश्न 4.
पृथ्वी के विभिन्न मण्डल किस प्रकार अस्तित्व में आये?
उत्तर-
पृथ्वी आरम्भ में गैसीय अवस्था में थी। इसके बाद यह पिघले रूप में आयी। धीरे-धीरे यह ठण्डी हुई और ठोस हो गई। इसके गैसीय तत्त्वों ने वायुमण्डल, जलीय तत्त्वों ने जलमण्डल तथा ठोस तत्त्वों ने थलमण्डल का रूप धारण कर लिया।

प्रश्न 5.
वायुमण्डल किसे कहते हैं?
उत्तर-
पृथ्वी के इर्द-गिर्द सैंकड़ों किलोमीटर की ऊंचाई तक वायु का एक घेरा अथवा गिलाफ़ बना हुआ है। इस घेरे को वायुमण्डल कहते हैं। पृथ्वी से वायुमंडल की ऊंचाई 1600 कि०मी० तक है। परन्तु इसकी 99% वायु केवल 32 कि०मी० की ऊंचाई तक ही मिलती है। इससे अधिक ऊंचाई पर वायु विरल है।

प्रश्न 6.
वायुमण्डल के मुख्य भौतिक अंश कौन-कौन से हैं?
उत्तर-
वायुमण्डल के मुख्य भौतिक अंश तापमान, नमी, वायुदाब आदि हैं।

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प्रश्न 7.
पृथ्वी के पर्यावरण के किस अंश (मण्डल) में सबसे अधिक परिवर्तन होता है?
उत्तर-
वायुमण्डल में।

प्रश्न 8.
पृथ्वी पर जल और थल की बांट बताएं।
उत्तर-
पृथ्वी का धरातल जल और थल से बना है। इसका 71% भाग जल है और शेष 29% भाग थल है। थल का 2/3 भाग उत्तरी गोलार्द्ध में है।

प्रश्न 9.
थल मण्डल किसे कहते हैं? इसकी दो विशेषताएं बताओ।
उत्तर-
धरातल के बाहरी ठोस भाग को थल मण्डल कहते हैं। विशेषताएँ-1. थल मण्डल की मोटाई 80 से 100 कि० मी० तक है। 2. यह मोटाई भूमि पर अधिक तथा समुद्री भागों में कम है।

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प्रश्न 10.
धरती की ऊपरी ठोस परत से लेकर आन्तरिक भागों में पृथ्वी को कितने भागों में बांटा जाता है? प्रत्येक का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
धरती की ऊपरी ठोस परत से लेकर आन्तरिक भागों तक पृथ्वी को तीन भागों में बांटा जाता है-भूतल, मध्य भाग तथा केंद्रीय भाग।

  1. भूतल-यह पृथ्वी का सबसे ऊपरी भाग है। इसे सियाल कहते हैं। इसके मुख्य तत्त्व सिलिकॉन (Si) तथा एल्युमीनियम (AI) हैं। इसी कारण इसका नाम सियाल (Si + Al) पड़ा है।
  2. मैंटल अथवा मध्य भाग-यह पृथ्वी के बीच का भाग है। इसे सीमा भी कहते हैं। इसके मुख्य तत्त्व सिलिकॉन (Si) तथा मैग्नीशियम (Mg) हैं।
  3. केन्द्रीय भाग-यह पृथ्वी का सबसे अन्दर का भाग है। इसे नाइफ (Nife) कहते हैं क्योंकि इसमें निक्कल (Ni) तथा लोहे (Fe) की अधिकता है।

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प्रश्न 11.
पृथ्वी को जल-ग्रह क्यों कहते हैं?
उत्तर-
पृथ्वी के तल का अधिकतर (71%) भाग जल से घिरा है। इसी कारण पृथ्वी को जल-ग्रह कहते हैं।

प्रश्न 12.
जल-मण्डल से क्या अभिप्राय है? ।
उत्तर-
पृथ्वी के जल से ढके भाग को जलमण्डल कहते हैं। यह जल छोटे-बड़े समुद्रों, खाड़ियों, नदियों, झीलों आदि के रूप में मिलता है।

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प्रश्न 13.
महासागरों (समुद्रों) का क्या महत्त्व है?
अथवा
मनुष्य को महासागरों की ओर विशेष ध्यान क्यों देना चाहिए?
उत्तर-
महासागरों का मनुष्य के जीवन में विशेष महत्त्व है –

  1. महासागरों (समुद्रों) का सबसे अधिक प्रभाव पृथ्वी की जलवायु पर पड़ता है। ये जल का स्रोत हैं, जो गर्म होने के बाद बादलों का रूप धारण कर लेता है। बादल हवा के साथ-साथ वर्षा करते हैं।
  2. समुद्रों से चलने वाली हवाएं जलवायु को सम बना देती हैं।
  3. समुद्री धाराएं और ज्वार-भाटा साथ लगते क्षेत्रों पर गहरा प्रभाव डालते हैं। ये समुद्री यातायात एवं व्यापार में बहुत अधिक सहायक हैं। इसलिए मनुष्य को समुद्रों की ओर विशेष ध्यान देना चाहिये।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

(क) सही कथनों पर (✓) तथा ग़लत कथनों पर (✗) का चिन्ह लगाएं :

  1. धरती की सतह पर पर्यावरण सदा परिवर्तित होता रहता है।
  2. धरती पर जल की अपेक्षा स्थल अधिक है।
  3. जीवमण्डल पर्यावरण का अंश नहीं है।
  4. पर्यावरण के अंशों में से स्थलमण्डल सबसे अधिक परिवर्तित होता है।

उत्तर-

  1. (✓),
  2. (✗),
  3. (✓),
  4. (✗)

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(ख) सही जोड़े बनाएं :

  1. नमी तथा दबाव – अपरदन के कारक
  2. ग्लेशियर तथा दरिया – पृथ्वी का सबसे अन्दर का भाग
  3. नाइफ़ – पृथ्वी की सबसे ऊपरी सतह
  4. सयाल – वायुमण्डल के अंश

उत्तर-

  1. नमी तथा दबाव – वायुमण्डल के अंश
  2. ग्लेशियर तथा दरिया – अपरदन के कारक
  3. नाइफ़ – पृथ्वी का सबसे अन्दर का भाग
  4. सयाल – पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत।

(ग) सही उत्तर चुनिए

प्रश्न 1.
क्या आप बता सकते हैं कि पृथ्वी की सतह किन तत्त्वों के मेल से बनी है?
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(i) जल और वायु
(ii) जल और धरती
(iii) धरती और वायु।
उत्तर-
(ii) जल और धरती।

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प्रश्न 2.
पर्यावरण परिवर्तनशील है। आपके विचार में पर्यावरण के किस अंश में सबसे अधिक परिवर्तन होता है?
(i) वायुमण्डल
(ii) जलमण्डल
(iii) थलमण्डल
उत्तर-
(iii) थलमण्डल।

प्रश्न 3.
पृथ्वी पर एक ऐसा मण्डल है जहां प्राकृतिक तत्त्वों का प्रत्यक्ष प्रभाव दिखाई देता है। वह मण्डल क्या कहलाता है?
(i) वायुमण्डल
(ii) जलमण्डल
(iii) जैवमण्डल।
उत्तर-
(iii) जैवमण्डल।

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पर्यावरण PSEB 7th Class Social Science Notes

  • पृथ्वी – पृथ्वी जल और थल से मिल कर बनी है। इसका 71 प्रतिशत भाग जल है। जल की अधिकता के कारण इसे जल ग्रह भी कहते हैं।
  • पर्यावरण – पर्यावरण से अभिप्राय हमारे आस-पास (इर्द-गिर्द) से है। प्रत्येक स्थान का पर्यावरण एक जैसा नहीं होता।
  • पर्यावरण को प्रभावित करने वाले तत्त्व – पर्यावरण को प्रभावित करने वाले दो मुख्य तत्त्व स्थल तथा जलवायु हैं। परिवर्तन के कारकों द्वारा स्थल का रूप बदलता रहता है।
  • पर्यावरण का जन-जीवन पर प्रभाव – मनुष्य का रहन-सहन तथा व्यवसाय उसके पर्यावरण के अनुसार ही होते हैं।
  • आवास (Habitat) – मनुष्य की तरह पेड़-पौधे भी अपने पर्यावरण से जुड़े होते हैं और उस पर निर्भर करते हैं। इसे आवास कहते हैं।
  • जीव मण्डल – जीव मण्डल पृथ्वी के जीवों से मिलकर बना है। ये जीव उस क्षेत्र में पाए जाते हैं जहां स्थलमण्डल, जलमण्डल तथा वायुमण्डल आपस में मिलते हैं।
  • परिस्थिति (Ecology) – किसी स्थान के जीव मंडल तथा वहां के आस-पड़ोस को परिस्थिति कहते हैं।
  • स्थल-मण्डल – पृथ्वी के ऊपरी कठोर भाग को स्थल मण्डल कहते हैं।
  • भू-पर्पटी – स्थलमण्डल की ऊपरी परत को भू-पर्पटी कहते हैं।
  • जल-मण्डल – जल-मण्डल पृथ्वी की सतह पर महासागरों, झीलों, नदियों तथा कई अन्य जलाशयों के रूप में फैला हुआ है।
  • वायुमण्डल – पृथ्वी के चारों ओर वायु का एक विशाल आवरण है जिसे वायुमण्डल कहते हैं। वायुमण्डल पृथ्वी को न तो बहुत अधिक गर्म होने देता है और न ही बहुत अधिक ठंडा।
  • मनुष्य का पर्यावरण पर प्रभाव – मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्राकृतिक संसाधनों का अधिक-से-अधिक प्रयोग करता है। इससे पर्यावरण में असन्तुलन पैदा होता है।
  • विश्व-एक गलोबल गांव – मनुष्य ने प्राकृतिक शक्तियों पर नियंत्रण करके विश्व को एक ‘ग्लोबल गांव’ जैसा बना दिया है।

 

 

 

PSEB 7th Class Home Science Practical कुछ भोजन-नुस्खे

Punjab State Board PSEB 7th Class Home Science Book Solutions Practical कुछ भोजन-नुस्खे Notes.

PSEB 7th Class Home Science Practical कुछ भोजन-नुस्खे

चावल उबालना

सामग्री—

  1. चावल — 1 गिलास
  2. नमक — 1/2 चम्मच
  3. पानी — 2 गिलास
  4. घी — 1 चम्मच

सब्जियाँ बनाने की विधि

मटर-पनीर की रसदार सब्जी

सामग्री—

  1. मटर फली — 500 ग्राम
  2. पनीर — 250 ग्राम
  3. प्याज — 2
  4. हरी मिर्च — 3
  5. अदरक — 1 बड़ी गांठ
  6. लहसुन— 3-4 टुकड़े
  7. टमाटर — 2
  8. दही — थोड़ा-सा
  9. नमक — आवश्यकतानुसार
  10. लाल मिर्च चूर्ण — 1/2 छोटी चम्मच
  11. हल्दी — 1/2 छोटी चम्मच
  12. धनिया चूर्ण — छोटी चम्मच
  13. हरा धनिया — थोड़ा-सा
  14. घी — तलने व सब्जी छौंकने के लिए।

विधि—मटर के दाने निकाल लें। पनीर के टुकड़ों को कड़ाही में गुलाबी रंग का तल लें। प्याज, अदरक व लहसुन को पीसकर मसाले मिलाकर गीला मसाला तैयार कर लें। देगची में घी गर्म करके मसाला भून लें। उसी में दही व टमाटर डाल दें और अच्छी तरह से भून लें, भुन जाने पर थोड़े पानी की छीटें लगा दें और भूनें। ऐसा दोतीन बार करें। जब मसाला अच्छी तरह भुन जाए तो मटर व पनीर को उसमें डालकर अच्छी तरह से भून लें फिर पानी व नमक डालकर ढक दें। मटर के गल जाने पर गर्म मसाला व हरा धनिया डालकर उतार लें। अगर सब्जी पर रंग नहीं आया तो थोड़ा घी कटोरी में गर्म करें। (नीचे उतारकर) उसमें थोड़ा रतनजोत डाल दें। थोड़ी देर में उसका लाल रंग घी में आ जायेगा। घी को कपड़े में छानकर सब्जी के ऊपर डालकर हिला दें।
कुल मात्रा—4-5 व्यक्तियों के लिए।

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भरे हुए बैंगन

सामग्री—

  1. बैंगन — 2500 ग्राम
  2. ब्रैड — एक पूरी
  3. आलू — 125 ग्राम मटर
  4. मटर — 125 ग्राम
  5. टमाटर — 1 छोटा
  6. गाजर — 125 ग्राम
  7. हरी मिर्च — 1-2 प्याज़
  8. नमक — स्वादानुसार
  9. घी — 50 ग्राम

विधि—मटर निकाल लें। आलू, गाजर, प्याज़ छील लें। इनको धोकर कद्दूकस कर लें। बैंगन को उबाल कर अधपका कर लें। ऊपर से काट कर अन्दर से खोखला कर लें। इस गुद्दे को भी कदूकस कर लें। टमाटर तथा हरी मिर्च को बारीक-बारीक काट लें। थोडे से घी में सारी सब्जी को भून कर पका लें ताकि पानी सूख जाए। इस सब्जी को बैंगन में भरें तथा इस के ऊपर ब्रैड के टुकड़ों को पीस कर लगा दें। कड़ाही में घी या तेल डालकर गर्म करो तथा बैंगन को तल लें। पकने पर चपाती अथवा पूरी के साथ परोसें।

भिण्डी की सब्जी

सामग्री—

  1. भिण्डी — 1/2 किलोग्राम
  2. मिर्च — 1/2 चम्मच
  3. हल्दी — 1/2 चम्मच
  4. आमचूर — 1/2 चम्मच
  5. हरी मिर्च — 1-2 प्याज़
  6. पिसा धनिया — 1/2 चम्मच
  7. गर्म मसाला — 1/2 चम्मच
  8. नमक — स्वादानुसार
  9. घी — 50 ग्राम

विधि—भिण्डीयों को अच्छी प्रकार धो लें तथा साफ कपड़े से पोंछ कर सुखा लें। छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। हरी मिर्च को काटें। प्याज़ को छील कर धो लें तथा लम्बा तथा पतला काटें। कड़ाही में घी डाल कर गर्म करें। गर्म होने पर प्याज़ इस में डाल दें। प्याज़ लाल हो जाएं तो भिण्डी, हरी मिर्च कटी हई, नमक, मिर्च, हल्दी तथा सुखा धनिया डालकर हल्की आंच पर पकाएं। भिण्डी गलने तक पकाएं तथा लेस भी न छोड़े। उतराने से पहले आमचूर तथा गर्म मसाला डालें तथा मिला दें।

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रसमिसे आलू

सामग्री—

  1. आलू — 250 ग्राम
  2. टमाटर — 2 छोटे
  3. अदरक — 1/2 इंच का टुकड़ा
  4. हरी मिर्च — 1-2
  5. पीसा धनिया — 1/2 चम्मच
  6. जीरा — 1/2 चम्मच
  7. हल्दी — 1/2 चम्मच
  8. मिर्च — स्वादानुसार
  9. नमक — स्वादानुसार

विधि—आलू उबाल लें तथा छील लें। इनके छोटे टुकड़े कर लें। अदरक, टमाटर, हरी मिर्च के भी छोटे टुकड़ें कर लें। पतीले में घी गर्म करने के लिए रखें। गर्म होने पर जीरा डाल दें। एक मिनट के बाद टमाटर, अदरक तथा हरी मिर्च भी डाल दें। जब टमाटर गल जाएं तो कटे हुए आलू, हल्दी, नमक, मिर्च तथा पीसा हुआ धनिया डाल दें। थोड़ी देर भून कर प्याला पानी डाल दें। 10 मिनट बाद 2-3 उबाले आने पर उतार लें।

खट्टी मीठी सब्जी

सामग्री—

  1. मटर — 150 ग्राम
  2. आलू — 150 ग्राम
  3. शिमला मिर्च — 100 ग्राम
  4. टमाटर — 500 ग्राम
  5. फ्रांस बीन — 100 ग्राम
  6. प्याज़ — 100 ग्राम
  7. गाजर — 100 ग्राम
  8. टमाटर की सास — 1/2 प्याला
  9. चीनी — 1 चम्मच
  10. नमक — स्वादानुसार
  11. घी — 1 चम्मच

विधि—सब्जियां छील कर धो लें तथा काट लें, टमाटर धो कर काट लें तथा आधा प्याला पानी पतीले में डालें तथा टमाटर इस में पका लें। पक जाएं तो बारीक छलनी से अच्छी तरह छान लें तथा बीज तथा छिलके फेंक दें। मटर निकाल लें तथा धो लें। पतीले में घी गर्म करें। प्याज़ को छीलकर मोटा-मोटा काटें तथा पतीले में डाल दें। एक मिनट के बाद बाकी सब्जियों को भी पतीले में डालें, नमक भी डालें तथा हल्की आंच पर पकाएं, सब्जियां गल जाएं, टमाटर का गुद्दा तथा चीनी डाल कर उबालें। इसमें सॉस डालें तथा गाढ़ा होने पर उतारें। सॉस गाढ़ी तरी की तरह हो। चावलों के साथ परोसें।

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बन्द गोभी और मटर की सब्जी

सामग्री—

  1. बन्द गोभी — 250 ग्राम
  2. मटर — 150 ग्राम
  3. अदरक — एक छोटा टुकड़ा
  4. हरी मिर्च — 1-2
  5. नींबू — 1
  6. जीरा — 1/2 चम्मच
  7. नमक, मिर्च, हल्दी, गर्म मसाला — आवश्यकतानुसार
  8. घी — एक कड़छी

विधि—बन्द गोभी को धो लें तथा बारीक काटें। मटर फलियों से निकाल लें तथा धो लें। घी को कड़ाही में गर्म करें तथा अदरक तथा जीरा डालें। कुछ देर बाद मटर, बन्दगोभी,, हरी मिर्च, नमक, हल्दी, मिर्च डाल दें। ढक कर कुछ देर के लिए पकायो ताकि गल जाए तथा पानी सूख जाएं। जब सब्जी तैयार हो जाए तो उतारने से पहले नींबू का रस तथा गर्म मसाला डाल दें। हिलाकर उतार लें।

आलू दम

सामग्री—

  1. आलू — 500 ग्राम
  2. प्याज — 2
  3. अदरक — 1 टुकड़ा
  4. टमाटर — 1 बड़ा
  5. जीरा, हल्दी, लाला-मिर्च, धनिया चूर्ण रूप में — आवश्यकतानुसार
  6. नमक — आवश्यकतानुसार
  7. गर्म मसाला — 1/2 चम्मच
  8. घी — आलुओं को तलने के लिए
  9. तथा मसाला भूनने के लिए
  10. हरा धनिया — थोड़ा-सा

विधि—आलुओं को अच्छी प्रकार धोकर छील लें। अब प्रत्येक आलू को कांटे या गोदने से घुमा-घुमाकर गोद लें। कड़ाही में घी डालकर गर्म करें। इस घी में गोदे हुए आलुओं को सुर्ख होने तक तल लें। प्याज, अदरक तथा अन्य मसाले मिलाकर मिक्सी में या सिलबट्टे पर गीला मसाला तैयार कर लें। अब इस मसाले को घी में भुनें। भूनते समय ही टमाटर को छोटे-छोटे टुकड़ों के रूप में मसाले में मिला दें। टमाटर एकदम मिल जाना चाहिए। टमाटर के स्थान पर दही भी डाला जा सकता है। भूनते समय मसाले को करछुल से चलाते रहें। अब तले हुए आलुओं को भुनते हुए मसाले में डालकर अच्छी तरह चला दें। पानी न डालें। मंदी आंच पर पकाएं। आलुओं के गल जाने पर गर्म मसाला और हरा धनिया डालकर उतार लें।
कुल मात्रा—4 व्यक्तियों के लिए।

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बैंगन का भुरता

सामग्री—

  1. गोल बैंगन — 200 ग्राम
  2. प्याज — 1
  3. टमाटर — 1
  4. अदरक — 1 गांठ
  5. नमक — आवश्यकतानुसार
  6. जीरा — 1/2 चम्मच
  7. हल्दी चूर्ण — 1/2 छोटी
  8. चम्मच धनिया — 1/2 छोटी चम्मच
  9. हरी मिर्च — 2
  10. हरा धनिया — -थोड़ा-सा
  11. घी — 2 चम्मच

विधि—गोल बैंगन को थोड़ा चीरकर देख लें कि अन्दर वह खराब तो नहीं है, कोई कीड़ा आदि तो नहीं है। इसे आग (अंगारों) पर भून लें। अच्छी तरह भुन जाने के बाद उसका छिलका उतारकर उसे हाथ से कुचल दें। अच्छी तरह पका बैंगन हाथ से मसला जाता है। प्याज व अदरक छील लें। प्याज, अदरक व हरी मिर्च को बारीक काट लें। टमाटर को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें । कड़ाही में घी डालकर गर्म करें। इसमें जीरे का छौंक लगाकर प्याज, अदरक, हरी मिर्च डालकर भूनें। हल्दी, मिर्च, नमक भी डाल दें। भूनते-भूनते ही टमाटर डाल दें और हिलाते जाएं। जब मसाला सुर्ख हो जाए बैंगन का कुचला डालकर खूब मिलाकर मंद आंच पर थोड़ी देर पकाएं। पूरी तरह पकने या भुनने पर हरे धनिया की पत्तियां कतरकर छिड़ककर परोसें। टमाटर के स्थान पर खटाई चूर्ण या नींबू का भी प्रयोग किया जा सकता है।

कुल मात्रा—2-3 व्यक्तियों के लिए।
यदि प्याज नहीं डालना हो तो घी या तेल में हींग या राई, जीरे और मिर्च का छौंक देकर थोड़ा दही, खटाई चूर्ण या टमाटर भून लें। इसमें बैंगन का (भुरता) तथा नमक डालकर भूनें। भुन जाने पर उसमें हरे धनिया की पत्ती कतरकर छिड़क दें।
नोट-आलू, केला, अरूई, जिमीकन्द, मटर, चना आदि के भुरते के लिए उसे उबालकर कुचल दिया जाता है। कुचली हुई सब्जी या भुरता, बैंगन के भुरते के समान ही बनाया जाता है।

फूलगोभी-आलू

सामग्री—

  1. फूलगोभी — 1 फूल
  2. आलू — 250 ग्राम
  3. प्याज — 2
  4. लहसुन — 2-3 टुकड़े
  5. खटाई चूर्ण — 1 छोटी चम्मच
  6. जीरा — 1/2 छोटी चम्मच
  7. हल्दी चूर्ण — 1/2 छोटी चम्मच
  8. हरा धनिया — थोड़ा-सा
  9. नमक — आवश्यकतानुसार
  10. गर्म मसाला — 1/212 छोटी चम्मच
  11. अदरक — 1 गांठ
  12. हरी मिर्च — 2 चम्मच

विधि—आलू धोकर, पतला छीलकर मध्यम आकार के टुकड़ों में काट लें। फूलगोभी को भी मध्यम आकार के टुकड़ों में काटकर धो लें। प्याज, लहसुन, अदरक को छीलकर बारीक काट लें। हरी मिर्च भी बारीक काट लें। कड़ाही या पतीली में घी गर्म करें और जीरे का छौंक देकर प्याज, लहसुन, अदरक और हरी मिर्च को भूनें। इसी में आलू तथा गोभी के टुकड़े डालकर कुछ देर तक भूनें। हल्दी, मिर्च, धनिया, नमक आदि मसाले भी डाल दें। सब्जी को अच्छी तरह हिलाकर ढककर मंद आंच पर पकाएं। आल तथा गोभी गल जाने पर उसमें गर्म मसाला तथा खटाई चूर्ण डालकर 5-10 मिनट तक आंच पर रहने दें। फिर उतार लें।
नोट-केवल गोभी की सब्जी बनानी हो तो आलू डालने की आवश्यकता नहीं। इसी प्रकार गोभी, मटर, परवल, आलू आदि की सब्जी बनायी जा सकती है।

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पतली खिचड़ी

सामग्री—

  1. चावल — 1 कटोरी
  2. मूंग की धुली हुई दाल — 1 कटोरी
  3. जीरा — 1 चम्मच
  4. प्याज — 1/2 टुकड़ा
  5. नमक — 1/2 चम्मच
  6. पानी — 5 कटोरी।

विधि—दाल और चावलों को चुनकर अलग-अलग भिगो लें। पाँच कटोरी पानी उबालकर दाल को 10-15 मिनट तक पका लें। इसके साथ ही नमक, जीरा और कटा हुआ प्याज भी डाल दें। पतीले को ढककर पकाओ ताकि चावल और दाल गलकर आपस में मिल जाएं। यह खिचड़ी पतली होनी चाहिए। यह बीमारों को दी जाती है। अगर रोगी पचा सके तो घी भी डाला जा सकता है।
नोट-इसमें अधिक मिर्च मसाले का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

खिचड़ी

सामग्री—

  1. चावल — 2 बड़े चम्मच
  2. मूंग की दाल — 2 बड़े चम्मच
  3. हल्दी — आवश्यकतानुसार
  4. नमक — इच्छानुसार
  5. पानी — 2 गिलास या आवश्यकतानुसार

विधि—दाल और चावलों दोनों को भली प्रकार करके धो लें। उबलते हुए पानी में दाल और चावल डाल दें। साथ ही नमक और हल्दी भी डाल दें। जब दाल, चावल खूब अच्छी तरह गल जाएं तो खिचड़ी ठण्डी करके रोगी को खाने के लिए दें।
खिचड़ी विशेष रूप से मलेरिया के रोगी को दी जाती है। इसमें प्रोटीन व कार्बोहाइड्रेट पाये जाते हैं। मलेरिया के रोगी को यह कटी अदरक तथा नींबू के अर्क व पेचिश के रोगी को दही के साथ दी जा सकती है।
नोट-चावलों के स्थान पर दलिया और मूंग की धुली दाल का प्रयोग किया जा सकता है।

PSEB 7th Class Home Science Practical कुछ भोजन-नुस्खे

दलिया

सागम्री—

  1. दलिया — 1 बड़ा चम्मच
  2. पानी — 1 गिलास या आवश्यकतानुसार
  3. चीनी व दूध — इच्छानुसार (यदि मीठा बनाना हो)
  4. नमक व नींबू — इच्छानुसार (यदि नमकीन बनाना हो)

विधि—दलिये को बर्तन में खूब भून लें। गुलाबी रंग का हो जाने पर उबलते हुए पानी में — पकाएं। जब दलिया भली प्रकार से पक जाये तो दूध व चीनी मिलाकर रोगी को दें। यदि रोगी नमकीन खाना चाहे तो दलिये में इच्छानुसार नमक, काली मिर्च व नींबू डालकर दिया जा सकता है।
नोट-यह शक्तिवर्धक हल्का भोजन है। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट व लवण पाए जाते हैं। यह रोगी के साथ-साथ बच्चों को नाश्ते में भी दिया जा सकता है।

साबूदाने की खीर

सामग्री—

  1. साबूदाना — 1 या 2 बड़े चम्मच
  2. दूध — 2 कप
  3. चीनी — 1 चम्मच अथवा इच्छानुसार

विधि—सर्वप्रथम साबूदाने को भली-भांति साफ़ कर लें। उबलते हुए पानी में इतना पका लें कि साबूदाना भली-भांति गल जाये, तब दूध व चीनी मिलाकर रोगी को खाने के लिए दें।
नोट-साबूदाना एक हल्का व शीघ्र पचने वाला स्वादिष्ट भोजन है। इसमें कार्बोहाइड्रेट व लवण पाये जाते हैं। बुखार व गले में दर्द होने पर यह रोगी को दिया जाता है।

PSEB 7th Class Home Science Practical कुछ भोजन-नुस्खे

सादी कॉफी

सामग्री—

  1. कॉफी पाउडर – 1/2 से 3/4 छोटी चम्मच
  2. चीनी — 1 से 1 1/2 छोटी चम्मच
  3. गर्म दूध — 2-3 बड़े चम्मच
  4. उबलता हुआ पानी — 1 कप

विधि—पानी को उबाल में तथा पहले से गर्म की हुई केतली में डालें (जैसा गर्म चाय के लिए किया गया है) कॉफी बनाते समय कॉफी पाउडर को कप में डालकर गर्म पानी डालें तथा उन्हें मिलाएं। इसमें गर्म दूध व चीनी डालकर परोसें।
कुल मात्रा—1 कप

एस्प्रेसो कॉफी

सामग्री—

  1. कॉफी पाउडर — 3/4 छोटी चम्मच
  2. चीनी — 1/2 छोटी चम्मच
  3. दूध — 1/2 कप
  4. पानी — 1⁄2 कप
  5. चॉकलेट पाउडर — थोड़ा-सा।

विधि—कप में कॉफी और चीनी डालकर थोड़े से पानी की सहायता से उसे अच्छी प्रकार फेंट लें। दूध और पानी मिलाकर उबाल लें। उबला हुआ दूध और पानी फेंटी हुई कॉफी में मिलाकर ऊपर से थोड़ा-सा चॉकलेट पाउडर छिड़ककर परोसें।
कुल मात्रा—1 कप

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ठण्डी कॉफी

सामग्री—

  1. दूध — 1 कप
  2. कॉफी पाउडर — 1 छोटी चम्मच
  3. चीनी — 1 छोटी चम्मच

विधि—दूध को उबालकर ठण्डा कर लें। कॉफी पाउडर और चीनी को मिलाकर उनमें दूध डालें और भली प्रकार मिलाएं। अब इसमें बर्फ को चूरा करके अच्छी तरह मिला लें। यदि हो सके तो ऊपर के मिश्रण को मिक्सी में फेंट लें। परोसते समय यदि चाहें तो ऊपर क्रीम या आइसक्रीम का प्रयोग कर सकते हैं।
कुल मात्रा—1 छोटा गिलास

नींबू वाली ठण्डी चाय

सामग्री—

  1. चाय की पत्ती — छोटी चम्मच
  2. उबला हुआ पानी — 1 कप
  3. चीनी, नींबू — स्वाद के अनुसार
  4. बर्फ — कुछ टुकड़े

विधि—गर्म चाय की भांति चाय बनाकर छान लें। इसमें चीनी मिलाकर कुटी हुई बर्फ डाल दें। अब इसे नींबू के साथ परोसें।
कुल मात्रा—1 छोटा गिलास

PSEB 7th Class Home Science Practical कुछ भोजन-नुस्खे

शिकंजवी

सामग्री—

  1. नींबू — 2
  2. पानी — 500 मि० ली०
  3. चीनी — आवश्यकतानुसार
  4. काली मिर्च — स्वादानुसार
  5. बर्फ — ठण्डा करने के लिए।

विधि—पानी में चीनी डालकर अच्छी तरह मिलाएं। फिर उसमें नींबू का रस मिला दें। इस घोल को छान लें और स्वादानुसार नमक व काली मिर्च डालें। ठण्डा करने के लिए बर्फ डालें। शिकंजवी तैयार है, कांच के गिलासों में परोसें।

लस्सी

सामग्री—

  1. दही — 100 पानी
  2. पानी — 1 गिलास
  3. नमक या चीनी — आवश्यकता अनुसार

विधि—दही को गहरे बर्तन जैसे जग आदि में डाल कर मधानी से मथ लें। इसमें पानी डाले तथा फिर से फैंटे। स्वाद अनुसार नमक या चीनी डाल कर परोसे। ठण्डा करने के लिए बर्फ का टुकड़ा भी डाल सकते हैं।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 3 वायुमण्डल तथा तापमान

Punjab State Board PSEB 7th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 3 वायुमण्डल तथा तापमान Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 3 वायुमण्डल तथा तापमान

SST Guide for Class 7 PSEB वायुमण्डल तथा तापमान Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 1-15 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
वायुमण्डल किसे कहते हैं ?
उत्तर-
पृथ्वी के इर्द-गिर्द वायु का एक घेरा अथवा गिलाफ़ बना हुआ है। इस घेरे को वायुमण्डल कहते हैं। यह घेरा 1600 कि०मी० की ऊँचाई तक है। परन्तु अधिकतर (90%) वायु 32 कि० मी० के घेरे में ही है।

प्रश्न 2.
भूगोल में हम वायुमण्डल का अध्ययन क्यों करते हैं ?
उत्तर-
भूगोल में वायुमण्डल का अध्ययन इसलिए किया जाता है क्योंकि वायुमण्डल पृथ्वी पर हर प्रकार के जीवन को अत्यधिक प्रभावित करता है।

प्रश्न 3.
वायुमण्डल की पर्तों ( सतहों) के नाम लिखो।
उत्तर-
वायुमण्डल की चार मुख्य पर्ते हैं –

  1. अशान्ति (अशान्त) मण्डल (Troposphere)
  2. समताप मण्डल (Stratosphere)
  3. मध्यवर्ती मण्डल (Mososphere)
  4. तापमण्डल (Thermosphere)।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 3 वायुमण्डल तथा तापमान

प्रश्न 4.
समताप सीमा किसे कहते हैं ?
उत्तर-
समताप मण्डल की ऊपरी सीमा को समताप सीमा कहते हैं।

प्रश्न 5.
बाहरी (बाह्य) मण्डल से क्या भाव है ?
उत्तर-
वायुमण्डल की बाहरी परत को बाह्य (बाहरी) मण्डल (Exosphere) कहते हैं। इसके विषय में अधिक जानकारी नहीं है, फिर भी निश्चित है कि इस परत में बहुत कम घनत्व वाली गैसें हाइड्रोजन और हीलियम हैं।

प्रश्न 6.
वायुमण्डल में गैसों के अतिरिक्त और कौन-कौन से अंश पाये जाते हैं ?
उत्तर-
वायुमण्डल में गैसों के अतिरिक्त जल वाष्प तथा धूलिकण पाये जाते हैं।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 3 वायुमण्डल तथा तापमान

प्रश्न 7.
हवा (वायु) का प्रदूषण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वायुमण्डल में मनुष्य द्वारा पैदा की गई इस स्थूलता को वायु का प्रदूषण कहते हैं। यह स्थूलता दो प्रकार की होती है-ठोस और गैस।

प्रश्न 8.
तापमान क्या होता है, और इसको मापने के लिए कौन-से पैमाने प्रयोग किये जाते हैं ?
उत्तर-
किसी वस्तु या जीव के अंदर की गर्मी को उसका तापमान कहते हैं। तापमान को मापने के लिए दो पैमानों का प्रयोग किया जाता है –

  1. सेल्सियस पैमाना
  2. फार्नहीट पैमाना।

प्रश्न 9.
भू-मध्य रेखा पर तापमान अधिक क्यों होता है ?
उत्तर-
भू-मध्य रेखा पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं। इसलिए यहां अधिक तापमान होता है।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 3 वायुमण्डल तथा तापमान

प्रश्न 10.
दिन और रात के तापमान में अन्तर क्यों होता है ?
उत्तर-
दिन के समय पृथ्वी सूर्य से गर्मी प्राप्त करती है और रात के समय छोड़ती है। इसलिए दिन के समय तापमान अधिक होता है और रात के समय कम।

प्रश्न 11.
शिमला का तापमान चण्डीगढ़ से कम क्यों रहता है ?
उत्तर-
इसका कारण यह है कि शिमला चण्डीगढ़ की अपेक्षा अधिक ऊंचाई पर स्थित है। ऊंचाई पर जाते हुए तापमान कम होता जाता है।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
हवा (वायु) के प्रदूषण के मुख्य कारकों की संक्षेप में जानकारी दो।
उत्तर-
वायु प्रदूषण के मुख्य कारकों का संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है –
1. ठोस कारक –

  1. ज्वालामुखी वायु को धूलिकणों द्वारा प्रदूषित करते हैं।
  2. नगरों में मानवीय गतिविधियां बहुत सी ठोस गंदगी वायु में छोड़ती हैं।
  3. ईंधन के जलने के बाद कार्बन के कण धुएं के रूप में वायु में जमा हो जाते हैं।
  4. कल-कारखाने भी वायु में धूलि-कण छोड़ते हैं जिनमें ऐस्बेस्टास प्रदूषण का बहुत ही खतरनाक स्रोत है।

2. गैसीय कारक –

  1. मोटर-गाड़ियों द्वारा निकला हुआ धुआं एक भयानक गैसीय प्रदूषण है।
  2. अत्यधिक यातायात वाले स्थानों पर वाहन वायुमण्डल में कार्बन मोनोक्साइड गैस छोड़ते हैं। यह बहुत विषैली गैस होती है।
  3. स्मॉग (Smog) वायु का एक अन्य गैसीय प्रदूषक है। यह धुन्ध और धुएं का मिश्रण होता है। यह प्रदूषक स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक होता है।
  4. वायु के प्रदूषण का एक और मुख्य कारण वायु में ओज़ोन की कम मात्रा है।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 3 वायुमण्डल तथा तापमान

प्रश्न 2.
वायुमण्डल की नीचे की सतह को क्या कहते हैं ? इसके बारे में जानकारी दो।
उत्तर-
वायुमण्डल की निचली परत अशान्ति अथवा अशान्त मण्डल है। यह वायुमण्डल की सबसे घनी परत है। इसे क्षोभ मण्डल भी कहते हैं। पृथ्वी के गिर्द इसका आकार अण्डे जैसा होता है। इसकी औसत ऊँचाई 12 कि० मी० है। भूमध्य रेखा पर इसकी मोटाई 16-18 कि० मी० तथा ध्रुवों पर 6-8 कि० मी० होती है। वायुमण्डल की यह परत सदैव अशान्त रहती है क्योंकि मौसम से सम्बद्ध हर प्रकार की क्रियाएँ जैसे कि वर्षा, आँधी, बादल, तूफान इत्यादि इसी पस्त में ही होती हैं। जलकणों की अधिकांश मात्रा भी अशान्त मण्डल में ही होती है। सम्पूर्ण वायुमण्डल की 75% वायु इसी परत में पायी जाती है। इस परत में ऊपर जाने से तापमान कम होता जाता है और तापमान के कम होने की दर 6.5° सेंटीग्रेड प्रति किलोमीटर है।

प्रश्न 3.
हवा (वायु) के बीच की मुख्य गैसों के मिश्रण के बारे में लिखो।
उत्तर-
हवा गैसों का एक मिश्रण है। हवा की प्रमुख गैसें नाइट्रोजन तथा ऑक्सीजन हैं। अन्य महत्त्वपूर्ण गैसें आर्गन, कार्बन डाइऑक्साइड तथा हाइड्रोजन हैं। हवा में नाइट्रोजन की मात्रा 78.03%, ऑक्सीजन 20.99%, आर्गन 0.94%, कार्बन डाइऑक्साइड 0.03% तथा हाइड्रोजन की मात्रा 0.01% है। सम्पूर्ण वायुमण्डल में इन गैसों की मात्रा लगभग स्थिर रहती है। परन्तु ऊँचाई में वृद्धि के साथ इनकी प्रतिशत मात्रा में अन्तर आता जाता है।

प्रश्न 4.
वायुमण्डल में ओज़ोन गैस कहाँ पाई जाती है तथा इसका क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
वायुमण्डल में ओज़ोन गैस समताप मण्डल में पायी जाती है।
महत्त्व-ओज़ोन गैस एक अति महत्त्वपूर्ण गैस है। यह गैस सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों को, जोकि जीवजगत् के लिये हानिकारक होती हैं। अपने भीतर समा लेती है। ओज़ोन गैस के कारण ही सूर्य से आने वाली गर्मी समताप मण्डल में ही रह जाती है। इसीलिए पृथ्वी पर तापमान बहुत अधिक नहीं बढ़ता।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 3 वायुमण्डल तथा तापमान

(ग) निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 125-130 शब्दों में लिखो।

प्रश्न 1.
वायुमण्डल की सतहों (परतों) का वर्णन करो।
उत्तर-
अनुमान है कि वायुमण्डल लगभग 1600 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैला हुआ है। इसे चार मुख्य परतों में बाँटा जा सकता है जिनका वर्णन इस प्रकार है –
PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 3 वायुमण्डल तथा तापमान 1

1. अशान्त मण्डल अथवा क्षोभ मण्डल-वायुमण्डल की सबसे निचली परत को क्षोभ मण्डल कहते हैं। पृथ्वी की सतह से इसकी औसत ऊँचाई 12 किलोमीटर के लगभग है। यह ऊँचाई भूमध्य रेखा पर सबसे अधिक (16-18 किलोमीटर) तथा ध्रुवों पर सबसे कम (6-8 किलोमीटर) है। पूरे वायुमण्डल की 75% वायु इसी परत में पाई जाती है। इस परत में ऊपर की ओर जाते हुए तापमान 6.5° से० प्रति कि० मी० की दर से कम होता जाता है। तीव्र मौसमी परिवर्तन इस परत की सबसे बड़ी विशेषता है। ये परिवर्तन इसमें पाए जाने वाले धूलि-कणों तथा जल-वाष्पों के कारण होते हैं। भौगोलिक दृष्टि से मनुष्य के लिए यही परत सबसे महत्त्वपूर्ण है।

2. समताप मण्डल-यह क्षोभ मण्डल के ऊपर की परत है। इस परत में तापमान कम होता है और सदा स्थिर रहता है। तापमान में समानता के कारण ही इस परत को समताप मंडल कहा जाता है। इसमें वायु भी पतली होती है। इसमें न तो धूलि-कण हैं और न ही जल-वाष्प। यह परत लगभग 50 से 55 कि० मी० तक फैली हुई है। भू-मध्य रेखा से इसकी ऊंचाई लगभग 15 कि० मी० है। इसकी ऊपरी सीमा को समताप सीमा कहते हैं।

3. मध्यवर्ती मण्डल-समताप सीमा से ऊपर वायुमण्डल की परत को मध्यवर्ती मण्डल कहते हैं। इस परत में ऊँचाई के बढ़ने पर तापमान कम होता जाता है। लगभग 80 किलोमीटर की ऊँचाई पर तापमान-90° सेंटीग्रेड हो जाता है।

मध्यवर्ती मंडल की ऊपर की सीमा को मध्यवर्ती सीमा कहा जाता है। इस सीमा से आगे तापमान फिर बढ़ना आरम्भ हो जाता है।
मध्यवर्ती सीमा से ऊपर तापमान बढ़ने लगता है। अतः इस परत को तापमण्डल में गैसों की मात्रा कम होती है।

4. आयन मण्डल-वायुमण्डल की सबसे निचली परत आयन मण्डल कहलाती है। इसे तापमण्डलं भी कहते हैं। इसकी ऊँचाई लगभग 300 कि०मी० तक है। 100 कि०मी० से ऊँचाई की ओर जाते हुए इस मण्डल में अनेक विद्युत् कण (आयन) पाए जाते हैं जो कि रेडियो तरंगों (Radio Waves) को धरती पर लौटने में सहायता करते हैं। इन के आधार पर वायरलैस संचार (Wireless चित्र-वायुमण्डल की परतें Communication) प्रणाली काम करती है।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 3 वायुमण्डल तथा तापमान

प्रश्न 2.
किसी स्थान के तापमान को निर्धारित करने वाले तत्त्वों की व्याख्या करो।
उत्तर-
तापमान कभी भी स्थिर नहीं रहता। समय तथा स्थान के अनुसार यह घटता-बढ़ता रहता है। वास्तव में किसी स्थान के तापमान को अनेक तत्त्व प्रभावित करते हैं, जिनका वर्णन इस प्रकार है –

1. भू-मध्य रेखा से दूरी-भू-मध्य रेखा पर सूर्य की किरणें सारा साल सीधी पड़ती हैं। परन्तु ज्यों-ज्यों हम ध्रुवों की ओर जाते हैं, किरणें तिरछी होती जाती हैं। सीधी किरणें तिरछी किरणों से अधिक गर्म होती हैं। इसलिए जो स्थान भूमध्य रेखा के निकट स्थित हैं उन स्थानों का तापमान अधिक रहता है। परन्तु भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर जाते हुए तापमान कम होता जाता है।

2. समुद्र तल से ऊँचाई-जो स्थान समुद्र तल से जितना ऊँचा होता है, उसका तापमान उतना ही कम होता है। इसका कारण यह है कि समुद्र तल के निकट वायु घनी होती है, परन्तु ऊंचाई की ओर जाते हुए यह पतली होती जाती है। क्योंकि पहले वायु की निचली परत गर्म होती है, इसलिए हम ज्यों-ज्यों ऊपर की ओर जाते हैं वायु कम गर्म होती है। इसी कारण ऊँचाई पर स्थित स्थानों का तापमान कम रहता है। उदाहरण के लिए शिमला, चण्डीगढ़ की अपेक्षा समुद्र तल से अधिक ऊँचाई पर स्थित है। इसलिए शिमला का तापमान चण्डीगढ़ के तापमान से कम रहता है।

3. समुद्र से दूरी-स्थल की अपेक्षा जल देर से गर्म होता है और देर से ठण्डा होता है। इसलिए जो स्थान समुद्र के निकट होते हैं, उनका तापमान न तो अधिक बढ़ता है और न ही अधिक कम होता है। परन्तु जो स्थान समुद्र से दूर होते हैं, वहां का तापमान सर्दियों में बहुत कम और गर्मियों में अधिक रहता है। उदाहरण के लिए मुम्बई समुद्र के निकट स्थित है, इसलिए वहां तापमान लगभग समान रहता है। इसके विपरीत समुद्र से दूर होने के कारण अमृतसर के वार्षिक तापमान में काफ़ी अन्तर पाया जाता है।

4. समुद्री धाराएँ-समुद्र में जल की जो नदियाँ बहती हैं, उन्हें धाराएँ कहते हैं। ये दो प्रकार की होती हैं-गर्म तथा ठण्डी। जहां से गर्म धाराएं गुज़रती हैं, वहां का तापमान बढ़ जाता है। परन्तु जहां से ठण्डी धाराएँ गुज़रती हैं, वहां का तापमान कम हो जाता है।

5. पवनें-जो पवनें समुद्र की ओर से आती हैं, वे जल-कणों से भरी होती हैं और वर्षा करती हैं। इन पवनों के प्रभाव में आने वाले स्थानों का तापमान कुछ कम हो जाता है। परन्तु शुष्क प्रदेशों से आने वाली पवनें अपने प्रभाव में आने वाले स्थानों का तापमान बढ़ा देती हैं।

6. पर्वतों की दिशा-जो पर्वत पवनों की दिशा के विपरीत स्थित होते हैं, वे पवनों को रोक कर वर्षा लाने में सहायता करते हैं और तापमान को घटाते हैं। परन्तु जो पर्वत पवनों के समानान्तर होते हैं वे पवनों को रोक नहीं पाते। उदाहरण के लिए हिमालय पर्वत समुद्र से आने वाली मानसून पवनों को रोकता है, परन्तु अरावली पर्वत इन्हें रोक नहीं पाता।

7. पर्वतों की ढलान-पर्वतों की जो ढलाने सूर्य के सामने होती हैं उनका तापमान अधिक होता है। परन्तु जो ढलाने सूर्य से परे होती हैं, उनका तापमान कम होता है।

8. मिट्टी के प्रकार-रेतीली मिट्टी चिकनी मिट्टी की तुलना में जल्दी गर्म और जल्दी ठण्डी होती है। इसलिए रेतीले प्रदेशों में दिन में तापमान अधिक और रात में कम हो जाता है।

9. बादल और वर्षा-जिन प्रदेशों में बादल अधिक रहते हैं और वर्षा भी अधिक होती है वहां तापमान प्रायः कम रहता है। वास्तव में बादल पृथ्वी पर सीधी धूप को पड़ने से रोकते हैं जिससे तापमान अधिक नहीं बढ़ता। इसी प्रकार वर्षा के कारण भी तापमान में कमी आ जाती है।

(घ) निम्नलिखित में रिक्त स्थान भरो

  1. जैसे-जैसे पर्वतों के ऊपर चढ़ते जाते हैं, तापमान …………… जाता है।
  2. धरती पर तापमान के मुख्य स्रोत …………….. तथा …………….. हैं।
  3. ओज़ोन गैस …………….. किरणों को अपने में समा लेती है।
  4. बिजली के अणु (विद्युत् कण) …………….. मण्डल में पाए जाते हैं।
  5. वायरलैस संचार …………….. तरंगों के आधार पर कार्य करता है।
  6. वायुमण्डल में सबसे अधिक मात्रा …………. गैस की होती है।

उत्तर-

  1. घटता,
  2. सूर्य, धरती के आन्तरिक भाग,
  3. पराबैंगनी,
  4. आयन अथवा ताप,
  5. रेडियो,
  6. नाइट्रोजन।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 3 वायुमण्डल तथा तापमान

PSEB 7th Class Social Science Guide वायुमण्डल तथा तापमान Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
वायुमण्डल के तत्त्वों (अंशों) के नाम बताओ।
उत्तर-
वायुमण्डल के मुख्य तत्त्व अथवा अंश-हवा, तापमान, नमी, वायु-दबाव (हवा का भार) आदि हैं।

प्रश्न 2.
तापमान किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वायु में वर्तमान गर्मी के अंश को उसका तापमान कहा जाता है। वायु के तापमान की तरह किसी वस्तु या जीव के अन्दर वर्तमान गर्मी के अंश को भी तापमान कहते हैं। तापमान कम या अधिक होता रहता है।

प्रश्न 3.
वायुमण्डल की निम्नलिखित गैसों का महत्त्व बताओ –
नाइट्रोजन, ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड।
उत्तर-

  1. नाइट्रोजन-नाइट्रोजन अधिकतर वायुमण्डल की निचली तहों में पाई जाती है। यह गैस पेड़-पौधों को मरने से बचाती है।
  2. ऑक्सीजन-ऑक्सीजन जीव-जन्तुओं की रक्षा करती है। इसके बिना जीव-जन्तु जीवित नहीं रह सकते।
  3. कार्बन डाइऑक्साइड-कार्बन डाइऑक्साइड गैस पेड़-पौधों का उसी प्रकार पालन करती है जिस प्रकार ऑक्सीजन जीव-जन्तुओं का। यह धरती के चारों ओर एक कम्बल का काम करती है और वायुमण्डल की गर्मी को बाहर नहीं जाने देती।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 3 वायुमण्डल तथा तापमान

प्रश्न 4.
वायुमण्डल में जलकणों का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
वायुमण्डल में जल-कणों का महत्त्वपूर्ण स्थान है। ये जलवायु में परिवर्तन लाने में बहुत काम करते हैं।

प्रश्न 5.
संवहन से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
वायु गरम होकर फैलती है और हल्की होकर ऊपर उठने लगती है। ठण्डी हवा भारी होने के कारण नीचे बैठ जाती है। इस प्रकार ऊपर उठती हुई गर्म हवा का स्थान ठण्डी हवा ग्रहण कर लेती है। इस वायु चक्र को संवहन कहते हैं।

प्रश्न 6.
जैसे-जैसे हम पर्वतों पर चढ़ते हैं, तापमान घटता जाता है। क्यों ?
उत्तर-
जैसे-जैसे हम ऊपर की ओर जाते हैं, तापमान कम होता जाता है। ऊँचाई के साथ तापमान के कम होने का कारण यह है कि सूर्य से प्राप्त होने वाली गर्मी पहले पृथ्वी को गर्म करती है और फिर वायुमण्डल गर्म होता है। इसलिए पृथ्वी की सतह के पास का वायुमण्डल अधिक गर्म हो जाता है और ऊपर वाला कम गर्म होता है। यही कारण है कि ज्यों-ज्यों हम पर्वतों पर चढ़ते हैं तो तापमान घटता जाता है।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 3 वायुमण्डल तथा तापमान

प्रश्न 7.
तापमान के मुख्य स्रोत क्या हैं ?
उत्तर-
सूर्य तथा पृथ्वी का आन्तरिक भाग, तापमान के दो मुख्य स्रोत हैं। परन्तु इनमें से सूर्य को तापमान का मुख्य स्रोत माना जाता है। जितनी गर्मी और ताप सूर्य में है, उतनी गर्मी और ताप किसी अन्य स्रोत में नहीं है। सूर्य के बाहरी सिरों का तापमान 6000° सेंटीग्रेड के लगभग है। इसके केन्द्र में तापमान और भी अधिक है। पृथ्वी पर समस्त जीवन सूर्य के तापमान (गर्मी) के कारण ही है, जबकि पृथ्वी को इस गर्मी का केवल थोड़ा-सा अंश (2 अरबवां भाग) ही प्राप्त होता है। इस बात से अनुमान लगाया जा सकता है कि सूर्य में कितनी अधिक गर्मी होगी।

प्रश्न 8.
सेल्सियस और फार्नहीट में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
तापमान मापने के लिए दो पैमाने प्रयोग में लाए जाते हैं-सेल्सियस तथा फार्नहीट –

  1. सेल्सियस पैमाने के अनुसार पानी 0° पर जम जाता है परन्तु फॉर्नहीट पैमाने के अनुसार यह 32° पर जमता है।
  2. सेल्सियस के अनुसार पानी 100° पर उबलता है जबकि फार्नहीट के अनुसार 212° पर उबलता है।

(क) सही कथनों पर (✓) तथा ग़लत कथनों पर (✗) का चिन्ह लगाएं :

  1. वायुमण्डल के सबसे निचले भाग को अशान्त मण्डल कहते हैं।
  2. वायुमण्डल में जलकणों का कोई महत्त्व नहीं है।
  3. किसी स्थान पर मौसम लम्बे समय तक एक जैसा रहता है।
  4. समुद्र के निकट स्थित स्थानों पर तापमान सम (एक समान) रहता है।

उत्तर-

1. (✓)
2. (✗)
3. (✗)
4. (✓)

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 3 वायुमण्डल तथा तापमान

(ख) सही जोड़े बनाएं:

  1. भूमध्य रेखा – कम तापमान
  2. ऊंचे स्थान – वायु का प्रदूषण
  3. समोग – वायु चक्र
  4. संवहन – अधिक तापमान

उत्तर-

  1. भूमध्य रेखा – अधिक तापमान
  2. ऊंचे स्थान – कम तापमान
  3. समोग – वायु का प्रदूषण
  4. संवहन – वायु चक्र

(ग) सही उत्तर चुनिए :

प्रश्न 1.
धरती के गिर्द एक गैस कम्बल का काम करती है ? क्या आप इसका नाम बता सकते हैं?
(i) ऑक्सीजन
(ii) नाइट्रोजन
(iii) कार्बनडाइआक्साइड।
उत्तर-
(iii) कार्बनडाइआक्साइड।

प्रश्न 2.
वायुमण्डल की किस सतह में मौसमी क्रियाएं होती हैं ?
(i) समताप मण्डल
(ii) अशान्ति मण्डल
(iii) मध्य मण्डल।
उत्तर-
(ii) अशान्ति मण्डल।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से किस भू-भाग में तापमान सम रहता है ?
(i) पर्वतीय प्रदेश .
(ii) मैदानी भाग
(iii) समुद्र तटीय प्रदेश।
उत्तर-(iii) समुद्र तटीय प्रदेश।

वायुमण्डल तथा तापमान PSEB 7th Class Social Science Notes

  • वायुमण्डल – हमारी पृथ्वी के चारों ओर वायु का एक विशाल आवरण है। इसे वायुमण्डल कहते हैं।
  • वायु का संघटन – वायु विभिन्न गैसों का मिश्रण है। इसमें दो मुख्य गैसें हैं-नाइट्रोजन (लगभग 78%) तथा ऑक्सीजन (लगभग 21%)।
  • वायुमण्डल की परतें – वायुमण्डल की चार परतें हैं- अशान्त मण्डल, समताप मण्डल, मध्यवर्ती मण्डल तथा तापमण्डल।
  • क्षोभमण्डल अथवा अशांत मण्डल – यह वायुमण्डल की सबसे निचली परत है। मौसम सम्बन्धी सभी घटनाएँ क्षोभमण्डल में ही घटती हैं। यह परत सूर्य की पराबैंगनी किरणों के हानिकारक प्रभाव से भी हमारी रक्षा करती है।
  • जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक – जलवायु को कई कारक प्रभावित करते हैं। इनमें से तीन मुख्य कारक हैं-अक्षांश, समुद्र तल से ऊँचाई एवं समुद्र से दूरी।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 21 जनसंचार माध्यम तथा लोकतन्त्र

Punjab State Board PSEB 7th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 21 जनसंचार माध्यम तथा लोकतन्त्र Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 21 जनसंचार माध्यम तथा लोकतन्त्र

SST Guide for Class 7 PSEB जनसंचार माध्यम तथा लोकतन्त्र Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 1-15 शब्दों में लिखो

प्रश्न 1.
जन संचार माध्यमों (मीडिया) तथा लोकतन्त्र में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर-
जन संचार माध्यमों (मीडिया) और लोकतन्त्र में गहरा सम्बन्ध है। यह लोगों को लोकतान्त्रिक देश में हो रही घटनाओं की जानकारी देता है। यह उन्हें सरकार के कार्यों के प्रति सचेत करता है। यह लोकतन्त्र को आगे बढ़ाता है जो लोकतन्त्र की आत्मा है। इसलिए मीडिया को लोकतन्त्र का प्रकाश स्तम्भ भी कहा जाता है।

प्रश्न 2.
जन संचार के आधुनिक साधनों के नाम लिखो।
उत्तर-
समाचार-पत्र, रेडियो, टेलीविज़न तथा कम्प्यूटर जनसंचार के मुख्य आधुनिक साधन हैं। इनसे अशिक्षित लोगों को भी सरकार की गतिविधियों की जानकारी मिलती रहती है जिसके आधार पर वे अपने मत का निर्माण कर सकते हैं।

प्रश्न 3.
सूचना/जानकारी प्राप्त करने सम्बन्धी अधिकार से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
सूचना के अधिकार के अनुसार लोग कोई भी ऐसी सूचना प्राप्त कर सकते हैं जिसका उन पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्रभाव पड़ता है। यह किसी भी अधिकारी के ग़लत कार्यों पर रोक लगाने अथवा निजी स्तर पर पूछताछ करने का अधिकार है।

प्रश्न 4.
विज्ञापन से आपका क्या भाव है?
उत्तर-
प्रत्येक उत्पादक अपनी वस्तु को अधिक-से-अधिक बेचना चाहता है। इसलिए वह लोगों का ध्यान अपने उत्पाद की ओर आकर्षित करने का प्रयास करता है। इसके लिए वह जो साधन अपनाता है, उसे विज्ञापन कहते हैं।

प्रश्न 5.
विज्ञापन कितनी प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
विज्ञापन मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं –

  1. व्यापारिक विज्ञापन
  2. सामाजिक विज्ञापन

व्यापारिक विज्ञापन किसी वस्तु की मांग को बढ़ाते हैं, जबकि सामाजिक विज्ञापन समाज-सेवा को प्रोत्साहन देते हैं और सामाजिक बुराइयों को दूर करने में सहायता पहुंचाते हैं।

प्रश्न 6.
विज्ञापन के मुख्य उद्देश्य कौन-से हैं?
उत्तर-
विज्ञापन के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं –

  1. किसी विशेष वस्तु बारे सूचना देना अर्थात् यह जानकारी देना कि किसी वस्तु को कहां से खरीदना है और कैसे उपयोग में लाना है।
  2. लोगों को उत्पाद खरीदने के लिए प्रेरित करना।
  3. सम्बन्धित संस्था को लोगों की नज़रों में लाना।

प्रश्न 7.
सामाजिक विज्ञापन से क्या भाव है?
उत्तर-
सामाजिक विज्ञापन उस विज्ञापन को कहा जाता है जिसके द्वारा समाज-कल्याण के लिए प्रयोग होने वाली सेवाओं का विज्ञापन किया जाता है। ऐसे विज्ञापन लोगों को विभिन्न बीमारियों, आपदाओं तथा सामाजिक बुराइयों के प्रति सचेत करते हैं और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देते हैं। दूसरे शब्दों में सामाजिक विज्ञापनों से भाव समाज-कल्याण के विज्ञापनों से है।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 50-60 शब्दों में लिखो

प्रश्न 1.
व्यापारिक विज्ञापन में क्या कुछ होता है?
उत्तर-
व्यापारिक विज्ञापन खरीददार या उपभोक्ता से जुड़ा हुआ होता है। उपभोक्ताओं में अधिकतर उपभोग की वस्तुओं के खरीदार शामिल हैं। वे अपने उपयोग के लिए या घर के लिए वस्तुएं खरीदते हैं। इन वस्तुओं में मुख्यतः खाद्य पदार्थ, राशन-पानी, कपड़े और विद्युत् से चलने वाली वस्तुएं (रेडियो, टी०वी०, फ्रिज़ आदि) शामिल हैं। लाखों की संख्या में खरीदारों को आकृष्ट करने के लिए विक्रेता कई प्रकार के ढंग अपनाते हैं। वे समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं (मैगजीनों) टेलीविज़न, रेडियो द्वारा अपने सामान का विज्ञापन करते हैं। वस्तुओं को बेचने का सबसे पुराना ढंग गलियों में आवाज़ देकर फेरी करना है। यह ढंग आज भी सब्जियां, फल तथा अन्य कई वस्तुएं बेचने वाले करते हैं। ये विज्ञापन खरीदारों से सीधी अपील करके वस्तुओं की बिक्री में वृद्धि करते हैं। ऐसे विज्ञापन को उपभोक्ता विज्ञापन भी कहा जाता है।

प्रश्न 2.
विज्ञापनकर्ता अपनी वस्तुओं के प्रति लोगों का व्यवहार परिवर्तित करने के लिए कौन-से ढंग अपनाते हैं ?
उत्तर-
विज्ञापनकर्ता अपनी वस्तुओं के प्रति लोगों का दृष्टिकोण बदलने के लिए निम्नलिखित माध्यमों से विज्ञापन करते हैं –

  1. गलियों में फेरी लगाकर
  2. अखबारों, पत्रिकाओं आदि में अपने इश्तिहार देकर
  3. रेडियो, टेलीविज़न पर अपने विज्ञापन देकर।

प्रश्न 3.
सार्वजनिक सेवाओं के साथ सम्बन्धित दो विज्ञापनों के नाम बताओ ।
उत्तर-
सार्वजनिक सेवाओं के मुख्य विज्ञापन निम्नलिखित विषयों से सम्बन्धित होते हैं –

  1. सामाजिक मुद्दे
  2. परिवार नियोजन
  3. पोलियो उन्मूलन
  4. कैंसर से बचाव
  5. एड्स के प्रति जागरूकता
  6. भ्रूण हत्या को रोकना
  7. सामुदायिक मेल-मिलाप
  8. राष्ट्रीय एकता
  9. प्राकृतिक आपदाएं
  10. रक्तदान
  11. सड़क सुरक्षा इत्यादि।

प्रश्न 4.
विज्ञापन सम्बन्धी अधिनियमों की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर-
विज्ञापन अपने आप में न अच्छा है न बुरा, परन्तु यह एक ऐसा साधन है जिसका प्रयोग अच्छे या बुरे ढंग से किया जाता है क्योंकि इसका समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए बुरी वस्तु को बढ़ावा देने वाली वस्तुओं के विज्ञापनों पर रोक लगाना ज़रूरी है। इन पर विशेष अधिनियम बनाकर ही रोक लगाई जा सकती है। उदाहरण के लिए अमेरिका में तम्बाकू के विज्ञापन पर कानूनी रोक लगा दी गई है। अतः हम कह सकते हैं कि विज्ञापन सम्बन्धी अधिनियम बहुत ज़रूरी हैं, ताकि बुरी वस्तुओं से बचा जा सके।

प्रश्न 5.
उन नैतिक नियमों का विवरण दो जिन्हें जन संचार माध्यमों (मीडिया) द्वारा अपनाना आवश्यक है।
उत्तर-
मीडिया द्वारा निम्नलिखित नैतिक नियमों का अपनाया जाना ज़रूरी है –

  1. स्वतन्त्र रहकर लोगों तक सही एवं सच्ची सूचना पहुंचाना।
  2. लोक कल्याण को बढ़ावा देना।
  3. लोगों में जागरूकता पैदा करना ताकि वे स्वशासन चलाने योग्य नागरिक बन सकें।
  4. साम्प्रदायिक तनाव पैदा न होने देना।
  5. लोकतन्त्र को मज़बूत बनाने वाली सूचना का संचार करना।
  6. सामाजिक उत्तरदायित्व को सही ढंग से निभाना।

(ग) खाली स्थान भरो

  1. जन संचार माध्यम (मीडिया) आधुनिक शासन प्रणाली की कमियां बताने के लिए एक ………….. साधन है।
  2. जन संचार माध्यमों (मीडिया) की मुख्य भूमिका …………… प्रदान करना है।
  3. …………….. से भाव है कि अपने दायित्वों को ठीक ढंग से निभाना।
  4. विज्ञापन अपने …………….. के आधार पर अलग-अलग हैं।
  5. किसी वस्तु की ………………. को बढ़ाना विज्ञापन का मुख्य उद्देश्य है।
  6. प्रत्याशियों तथा राजनीतिक दलों के पक्ष में …………….. विज्ञापन होता है।

उत्तर-

  1. शक्तिशाली एवं सीधा
  2. सही सूचना
  3. सदाचार
  4. उद्देश्य
  5. बिक्री अथवा मांग
  6. राजनीतिक।

(घ) निम्नलिखित वाक्यों में ठीक (✓) या गलत (✗) का निशान लगाओ

  1. लोगों के समूह के साथ सम्पर्क करने को जनसंचार माध्यम कहा जाता है।
  2. प्रकाशन के साधन को लोकतन्त्र का प्रकाश स्तम्भ कहा जाता है।
  3. विज्ञापन के मुख्य प्रकार-व्यापारिक विज्ञापन व सामाजिक विज्ञापन हैं।

संकेत-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✓)

(ङ) बहु-वैकल्पिक प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
जनसंचार के इलेक्ट्रॉनिक साधन का नाम लिखें।
(क) अखबार
(ख) मैगज़ीन
(ग) टेलीविज़न।
उत्तर-
(ग) टेलीविज़न

प्रश्न 2.
विज्ञापन की मुख्य किस्में कितनी हैं ?
(क) दो
(ख) चार
(ग) छः।
उत्तर-
(क) दो

प्रश्न 3.
किस देश में प्रेस या छपाई के साधनों को लोकतन्त्र का प्रकाश स्तम्भ कहा जाता है?
(क) अफगानिस्तान
(ख) भारत
(ग) चीन।
उत्तर-
(ख) भारत

PSEB 7th Class Social Science Guide जनसंचार माध्यम तथा लोकतन्त्र Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
मीडिया किसे कहते हैं?
उत्तर-
लोगों के समूह के साथ-साथ सम्पर्क करने के अलग-अलग ढंगों को मीडिया कहते हैं।

प्रश्न 2.
मीडिया के कुछ उदाहरण दो।
उत्तर-
समाचार-पत्र, रेडियो, टेलीविज़न, सिनेमा, प्रैस, राजनीतिक दल, चुनाव आदि।

प्रश्न 3.
सबसे महत्त्वपूर्ण मीडिया कौन-सा है?
उत्तर-
प्रैस जिसमें समाचार-पत्र, मैगजीन, पुस्तकें आदि शामिल हैं।

प्रश्न 4.
प्रेस का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
प्रैस लोकतान्त्रिक राज्य में लोकमत का निर्माण करने वाला सबसे महत्त्वपूर्ण माध्यम है। इसमें समाचारपत्र, मैगज़ीन (पत्रिकाएं) आदि शामिल हैं। दैनिक समाचार-पत्र एवं पत्रिकाएं लोगों को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की सूचनाएं प्रदान करती हैं। ये लोगों को विभिन्न राजनीतिक दलों की विचारधारा, संगठन-जातियों एवं सरकारी कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी देती हैं।

प्रश्न 5.
मीडिया के रूप में राजनीतिक दलों का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
राजनीतिक दल मीटिंगों, धरनों और चुनाव घोषणा-पत्रों द्वारा देश के नागरिकों को सरकार के कार्यों और कमजोरियों के सम्बन्ध में शिक्षित करते हैं। वे लोगों को सामाजिक समस्याओं की जानकारी देते हैं। इस प्रकार राजनीतिक दल लोकमत का निर्माण करने तथा उसे व्यक्त करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

प्रश्न 6.
चुनाव सन्तुलित लोकमत बनाने में कैसे सहायता करते हैं ?
उत्तर-
चुनाव के समय सभी राजनीतिक दल चुनाव जीतने के लिए लोगों को अपनी सफलताओं और अन्य दलों की विफलताओं के बारे में बता कर शिक्षित करते हैं। अतः लोग विभिन्न दलों के विचार सुनकर अपना सन्तुलित मत बनाते हैं।

प्रश्न 7.
सूचना अधिकार सम्बन्धी अधिनियम किन-किन राज्यों में बनाए गए हैं?
उत्तर-
सूचना अधिकार सम्बन्धी नियम कई राज्यों ने बनाया है। सबसे पहले ऐसा अधिनियम राजस्थान सरकार द्वारा 2000 में पास किया गया था। इसके अधीन जनता सरकार के शासन सम्बन्धी हर तथ्य के बारे में सूचना प्राप्त कर सकती है। 2000 के बाद ऐसे अधिनियम महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गोआ तथा पंजाब राज्यों द्वारा भी पास किये गये हैं।

प्रश्न 8.
सूचना अधिकार नियम का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
सूचना अधिकार नियम भ्रष्ट अधिकारियों के ग़लत कार्यों पर रोक लगाने का महत्त्वपूर्ण हथियार है। अत: इससे भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी।

प्रश्न 9.
मानव विकास की प्रक्रिया में विज्ञापन के योगदान के बारे में लिखें।
उत्तर-
मानव विकास की प्रक्रिया में विज्ञापन अति महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। समाज-कल्याण और समाजसुधार के क्षेत्र में विज्ञापन का बड़ा योगदान है। यह लोगों को ऐसे कामों के लिए उत्साहित और प्रेरित करता है जिनसे उनका अपना तथा पूरे समाज का भला होता है।

सही जोड़े बनाइए:

  1. पत्रकारिता (प्रेस) – बिजली का जनसंचार माध्यम
  2. टेलिविज़न – खरीददारों को आकर्षित करना
  3. व्यापारिक विज्ञापन – सड़क सुरक्षा, रक्तदान आदि के विज्ञापन।
  4. सामाजिक विज्ञापन – मुद्रित जनसंचार माध्यम

उत्तर-

  1. पत्रकारिता (प्रेस) – मुद्रित जनसंचार माध्यम
  2. टेलिविज़न – बिजली का जनसंचार माध्यम
  3. व्यापारिक विज्ञापन – खरीददारों को आकर्षित करना
  4. सामाजिक विज्ञापन – सड़क सुरक्षा, रक्तदान आदि के विज्ञापन।

जनसंचार माध्यम तथा लोकतन्त्र PSEB 7th Class Social Science Notes

  • जन संचार माध्यम (मीडिया) – लोगों के समूह के साथ अलग-अलग ढंग से सम्पर्क करने को जन संचार माध्यम (मीडिया) कहते हैं। ये ढंग हैं-समाचार-पत्र, रेडियो, टेलीविज़न, सिनेमा, राजनीतिक दल, चुनाव एवं प्रैस (विज्ञापन) आदि।
  • मीडिया और लोकतन्त्र – मीडिया लोकतन्त्र का आधार है। यह सरकार के अनुचित कार्यों को उजागर करते हैं और स्वस्थ लोकमत का निर्माण करते हैं।
  • प्रेस – प्रेस (समाचार पत्र, पत्रिकाएं, पुस्तकें आदि) सबसे महत्त्वपूर्ण मीडिया है। इसे लोकतन्त्र का प्रकाश स्तम्भ कहा जाता है।
  • मीडिया का उत्तरदायित्व – मीडिया से यह आशा की जाती है कि वह लोगों तक प्रतिदिन सही एवं सच्ची सूचना का संचार करे। मीडिया की पूरी कार्यवाही लोकहित में होनी चाहिए।
  • सूचना अधिकार अधिनियम – सूचना अधिकार अधिनियम से तात्पर्य है कि लोगों को ऐसी सूचना लेने का पूरा अधिकार है, जिसका प्रभाव उन पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से पड़ता है।
  • विज्ञापन – विज्ञापन का अर्थ है लोगों को किसी वस्तु के प्राप्ति स्थान तथा गुणों एवं कार्यशैली की जानकारी देना। इसका उद्देश्य किसी वस्तु की मांग और बिक्री को बढ़ाना है।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 20 राज्य-सरकार

Punjab State Board PSEB 7th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 20 राज्य-सरकार Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 20 राज्य-सरकार

SST Guide for Class 7 PSEB राज्य-सरकार Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 1-15 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
भारत के उन पांच राज्यों के नाम बताओ जहां दो-सदनीय विधानपालिका है।
उत्तर-
बिहार, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश तथा महाराष्ट्र।
नोट-इन राज्यों के अतिरिक्त कुछ अन्य राज्यों में भी दो सदनीय विधानपालिका है।

प्रश्न 2.
विधायक चुने जाने के लिए कौन-सी दो योग्यताएं आवश्यक हैं ?
उत्तर-
विधायक चुने जाने के लिए एक व्यक्ति में निम्नलिखित योग्यताएं होनी चाहिएं –

  1. वह भारत का नागरिक हो।
  2. उसकी आयु 25 वर्ष से कम न हो।

प्रश्न 3.
राज्यपाल चुने जाने के लिए कौन-सी योग्यताएं आवश्यक हैं ?
उत्तर-
किसी भी राज्य का राज्यपाल बनने के लिए आवश्यक है कि वह व्यक्ति –

  1. भारत का नागरिक हो।
  2. उसकी आयु 35 वर्ष या इससे अधिक हो।
  3. वह मानसिक एवं शारीरिक रूप से ठीक हो।
  4. वह राज्य या केंद्रीय विधानपालिका का सदस्य या सरकारी अधिकारी न हो।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 20 राज्य-सरकार

प्रश्न 4.
एक सरकारी विभाग का सरकारी मुखिया कौन होता है ?
उत्तर-
एक सरकारी विभाग का सरकारी मुखिया विभागीय सचिव होता है ।

प्रश्न 5.
आपके राज्य के मुख्यमन्त्री एवं राज्यपाल कौन हैं ?
उत्तर-
अपने अध्यापक महोदय से वर्तमान स्थिति की जानकारी प्राप्त करें।

प्रश्न 6.
राज्य का कार्यकारी मुखिया कौन होता है ?
उत्तर-
राज्य का कार्यकारी मुखिया राज्यपाल होता है।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 20 राज्य-सरकार

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर 50-60 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
राज्य के राज्यपाल के कार्यों के बारे में बताओ।
उत्तर-
केन्द्र में राष्ट्रपति के समान राज्यपाल राज्य का नाम मात्र मुखिया होता है। राज्य के प्रशासन की वास्तविक शक्ति मुख्यमन्त्री एवं मन्त्रिपरिषद् के पास होती है। राज्यपाल की शक्तियां भी राष्ट्रपति के समान ही हैं। परन्तु जब कभी राज्य की मशीनरी ठीक प्रकार से न चलने के कारण राज्य का शासन राष्ट्रपति अपने हाथ में ले लेता है, तो राज्यपाल राज्य का वास्तविक प्रमुख बन जाता है। राज्यपाल की मुख्य शक्तियां नीचे दी गई हैं –
कार्यकारी शक्तियां –

  1. राज्यपाल राज्य का कार्यकारी मुखिया होता है। राज्य का शासन उसी के नाम पर चलाया जाता है।
  2. वह मुख्यमन्त्री और मन्त्रिपरिषद् के अन्य सभी मन्त्रियों की नियुक्ति करता है।
  3. राज्य के उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति के समय वह राष्ट्रपति को परामर्श देता है।

वैधानिक शक्तियां –

  1. विधानमण्डल द्वारा पास किए गए कानूनों को राज्यपाल की स्वीकृति मिलना आवश्यक है।
  2. यदि विधानमण्डल का अधिवेशन न चल रहा हो और कानून की आवश्यकता पड़ जाये तो राज्यपाल अध्यादेश जारी कर सकता है।
  3. कोई भी वित्त बिल राज्यपाल की पूर्व स्वीकृति से ही विधानसभा में पेश किया जा सकता है।
  4. वह राज्य विधानमण्डल की बैठक बुलाता है।
  5. प्रत्येक वर्ष विधानमण्डल का पहला अधिवेशन राज्यपाल के भाषण से ही आरम्भ होता है।
  6. जिन राज्यों में विधानमण्डल के दो सदन हैं, वहां राज्यपाल कुछ सदस्यों को विधान परिषद् के लिए मनोनीत करता है।
  7. राज्यपाल मुख्यमन्त्री की सलाह पर विधानसभा को निश्चित अवधि से पहले भी भंग कर सकता है।

ऐच्छिक शक्तियां-राज्यपाल को कुछ ऐसी शक्तियां प्राप्त हैं जिनका प्रयोग करते समय वह अपनी बुद्धि या इच्छा का प्रयोग कर सकता है। ये राज्यपाल की ऐच्छिक शक्तियां कहलाती हैं। ये अग्रलिखित हैं –

  1. जब विधानसभा में किसी दल को स्पष्ट बहुमत प्राप्त न हो तो राज्यपाल अपनी सूझ-बूझ से किसी को भी मुख्यमन्त्री नियुक्त कर सकता है।
  2. यदि राज्यपाल यह अनुभव करे कि राज्य का शासन संविधान के अनुसार नहीं चलाया जा रहा तो वह इसकी रिपोर्ट राष्ट्रपति को देता है। राज्यपाल की रिपोर्ट पर राष्ट्रपति उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करता है।
  3. राज्यपाल स्थिति के अनुसार विधानसभा को भंग करने का निर्णय कर सकता है। इस सम्बन्ध में उसके लिए मुख्यमन्त्री के परामर्श को मानना आवश्यक नहीं है।
  4. राज्यपाल किसी भी बिल (विधेयक) को पुनः विचार के लिए विधानसभा में वापस भेज सकता है। वह किसी भी बिल को राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए सुरक्षित भी रख सकता है।

प्रश्न 2.
राज्य के मुख्यमन्त्री के कार्यों तथा शक्तियों का वर्णन करो।\
उत्तर-
मुख्यमन्त्री राज्य का वास्तविक प्रमुख होता है। उसके कार्य एवं शक्तियों का वर्णन इस प्रकार है –

  1. मन्त्रिपरिषद् का निर्माण मुख्यमन्त्री के परामर्श से किया जाता है। वह अपने साथियों की सूची तैयार करता है। राज्यपाल उसी सूची में अंकित सभी व्यक्तियों को मन्त्री नियुक्त करता है।
  2. मुख्यमन्त्री मन्त्रियों में विभागों का बंटवारा करता है। वह उनके विभाग बदल भी सकता है।
  3. मुख्यमन्त्री मन्त्रिपरिषद् को भंग करके नया मन्त्रिपरिषद् बना सकता है।
  4. मुख्यमन्त्री मन्त्रिमण्डल की बैठकों की अध्यक्षता करता है।
  5. मुख्यमन्त्री राज्यपाल को राज्य विधानसभा भंग करने का परामर्श दे सकता है।
  6. राज्यपाल राज्य में सभी महत्त्वपूर्ण पदों पर की जाने वाली नियुक्तियां मुख्यमन्त्री के परामर्श से ही करता है।
  7. मुख्यमन्त्री राज्य विधानमण्डल का नेतृत्व करता है।
  8. वह राज्यपाल तथा मन्त्रिपरिषद् के बीच कड़ी का काम करता है।
  9. राज्य विधानपालिका और मन्त्रिपरिषद् का प्रमुख होने के कारण सुख्यमन्त्री राज्य सरकार की ओर से केन्द्रीय सरकार के प्रति उत्तरदायी होता है। वह केन्द्रीय सरकार के साथ अच्छे सम्बन्ध बनाने का और उन्हें दृढ़ बनाने का प्रयत्न करता है।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 20 राज्य-सरकार

प्रश्न 3.
राज्य विधानसभा/विधानपरिषद के चुनाव सम्बन्धी संक्षेप में लिखो।
उत्तर-
प्रत्येक राज्य की विधानपालिका में एक या दो सदन होते हैं। राज्य विधानपालिका के निचले सदन को विधानसभा और उच्च सदन को विधानपरिषद् कहा जाता है। निचला सदन विधानसभा सभी राज्यों में होता है।

राज्य विधानसभा का चुनाव-राज्य विधानसभा के सदस्यों को एम० एल० ए० कहा जाता है। ये सदस्य सीधे (directly) लोगों द्वारा वयस्क मताधिकार और गुप्त मतदान के माध्यम से चुने जाते हैं। विधानसभा के चुनाव के समय विधानसभा के प्रत्येक चुनावी हलके में से एक-एक सदस्य चुना जाता है। विभिन्न राज्यों में विधानसभाओं के सदस्यों की संख्या कम-से-कम 60 और अधिक-से-अधिक 500 तक हो सकती है।

विधानपरिषद् का चुनाव-विधानपरिषद् के सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष (indirect) ढंग से किया जाता है। इसके 5/6 सदस्यों का चुनाव अध्यापकों, स्थानीय संस्थाओं के सदस्यों, विधानसभा के सदस्यों तथा स्नातकों द्वारा किया जाता है। शेष 1/6 सदस्य राज्यपाल द्वारा मनोनीत किये जाते हैं।

प्रश्न 4.
राज्यपाल की स्वैच्छिक शक्तियां कौन-कौन सी हैं ?
उत्तर-
राज्यपाल के पास कुछ ऐच्छिक शक्तियां भी होती हैं। इनका प्रयोग वह बिना मन्त्रिपरिषद् की सलाह के अपनी इच्छानुसार कर सकता है। ये शक्तियां हैं –

  1. राज्य विधानसभा में किसी भी दल को बहुमत न प्राप्त होने पर वह अपनी इच्छानुसार मुख्यमन्त्री की नियुक्ति कर सकता है।
  2. राज्य की मशीनरी ठीक न चलने की स्थिति में वह राज्य की कार्यपालिका को भंग करने के लिए राष्ट्रपति को सलाह दे सकता है।

प्रश्न 5.
राज्य के प्रबन्धकीय कार्य कौन-कौन से सिविल अधिकारी चलाते हैं ?
उत्तर-
राज्य में शिक्षा, सिंचाई, परिवहन, स्वास्थ्य तथा सफ़ाई आदि विभाग होते हैं। सरकारी अधिकारी इन अलग-अलग विभागों के काम सम्बन्धित मन्त्रियों के नेतृत्व में चलाते हैं। प्रत्येक विभाग के सरकारी अधिकारी (अफ़सरशाही) को सचिव कहा जाता है। उसे प्रायः भारतीय प्रशासकीय सेवा विभाग से संघीय सेवा आयोग द्वारा नियुक्त किया जाता है। सचिव अपने विभाग की महत्त्वपूर्ण नीतियों और प्रबन्धकीय मामलों में मन्त्री का मुख्य सलाहकार होता है। विभिन्न विभागों के सचिवों के काम की देखभाल के लिए एक मुख्य सचिव होता है।
सचिव के कार्यालय को सचिवालय कहा जाता है।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 20 राज्य-सरकार

प्रश्न 6.
मन्त्रिपरिषद् तथा राज्य विधानपालिका के कार्यकाल के संबंध में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
मन्त्रिपरिषद्-मन्त्रिपरिषद् का कार्यकाल विधानसभा जितना ही अर्थात् 5 वर्ष होता है। कभी-कभी मुख्यमन्त्री द्वारा त्याग-पत्र देने पर या उसकी मृत्यु हो जाने पर सारी मन्त्रिपरिषद् भंग हो जाती है। मन्त्रिपरिषद् को विधानसभा भी अविश्वास का प्रस्ताव पास करके भंग कर सकती है।

राज्य विधानपालिका-विधानसभा का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। परन्तु कई बार राज्यपाल पहले भी इसे भंग कर सकता है। संकटकाल के समय राष्ट्रपति द्वारा इसके कार्यकाल को 6 मास बढ़ाया भी जा सकता है।

विधानपरिषद् का कार्यकाल 6 वर्ष होता है। प्रत्येक 2 वर्ष के बाद इसके 1/3 सदस्य सेवा-निवृत्त हो जाते हैं और उनके स्थान पर नये सदस्य चुने जाते हैं। परन्तु विधानसभा की भान्ति विधानपरिषद् को भंग नहीं किया जा सकता। यह राज्य-सभा के समान स्थिर है।

प्रश्न 7.
सड़क दुर्घटनाओं के कोई पांच कारण बताओ।
उत्तर-
सड़क दुर्घटनाएं प्रायः सड़कों पर बढ़ती हुई भीड़ तथा वाहन चालकों की लापरवाही से होती हैं। परन्तु इन दुर्घटनाओं के कुछ अन्य कारण भी हैं। सड़क दुर्घटनाओं के पांच मुख्य कारण निम्नलिखित हैं –

1. तेज़ गति से वाहन चलाना-अधिकतर वाहन चालक प्रायः तेज़ गति से वाहन चलाते हैं। यदि सड़क खराब हो, मौसम खराब हो या सड़क पर वाहनों की भीड़ हो तो किसी भी समय दुर्घटना हो सकती है।

2. एकाएक लेन बदलना-नियम के अनुसार सभी वाहन चालकों को अपनी लेन पर ही चलना पड़ता है। परन्तु कुछ वाहन चालक आगे निकलने के प्रयास में एकाएक लेन बदल लेते हैं और संकेत भी नहीं देते हैं। परिणामस्वरूप दुर्घटना हो जाती है।

3. यातायात बत्तियों की ओर ध्यान न देना-कुछ वाहन चालक यातायात बत्तियों की परवाह नहीं करते। वे लाल .. बत्ती हो जाने के भय से अपना वाहन तेजी से आगे निकाल लेते हैं जिससे दुर्घटना हो जाती है।

4. गलत ढंग से आगे निकलना-कई वाहन चालक किसी अन्य वाहन से ग़लत ढंग से आगे निकलने का प्रयास करते हैं जिससे वाहन आपस में टकरा जाते हैं।

5. शराब पीकर गाड़ी चलाना-कुछ वाहन चालक शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं। वे वाहन पर अपना नियंत्रण खो बैठते हैं और दुर्घटना हो जाती है।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 20 राज्य-सरकार

(ग) खाली स्थान भरें

  1. विधानसभा के सदस्यों की अधिक-से-अधिक संख्या ……………. होती है।
  2. विधान परिषद् के सदस्यों की कम-से-कम संख्या …………….. हो सकती है।
  3. पंजाब राज्य के राज्यपाल …………….. हैं।
  4. पंजाब विधानपालिका ………………. है।
  5. वित्तीय बिल राज्य की विधानपालिका के ………….. सदन में प्रस्तुत किया जाता है।
  6. राज्य में किसी भी बिल का कानून बनाने के लिए अन्तिम स्वीकृति ………. द्वारा दी जाती है।
  7. राज्य विधानपालिका के …………… सदन की सभा की अध्यक्षता स्पीकर करता है।
  8. …………… राज्य का संवैधानिक मुखिया है।
  9. मन्त्री परिषद् का कार्यकाल …………….. होता है।
  10. विधान परिषद् के ……………. सदस्य राज्यपाल द्वारा मनोनीत किए जाते हैं।

उत्तर-

  1. 500
  2. 60
  3. कृपया स्वयं करें
  4. एक सदन वाली
  5. नीचे के
  6. राज्यपाल
  7. नीचे के
  8. राज्यपाल
  9. पाँच वर्ष
  10. 1/6

(घ) निम्नलिखित वाक्यों में ठीक (✓) या गलत (✗) का निशान लगाओ

  1. भारत में एक केन्द्रीय सरकार, 28 राज्य सरकारें तथा 8 केन्द्रीय शासित क्षेत्र हैं।
  2. राज्य विधानपालिका के नीचे के सदन को विधानपरिषद् कहा जाता है।
  3. पंजाब विधानपालिका दो-सदनीय विधानपालिका है।
  4. राज्य की मुख्य कार्यों की वास्तविक शक्ति राज्यपाल के पास होती है।
  5. सम्पत्ति का अधिकार मौलिक अधिकार है।

संकेत-

1. (✓)
2. (✗)
3. (✗)
4. (✗)
5. (✗)

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(ङ) बहु-वैकल्पिक प्रश्नोत्तर-

प्रश्न 1.
भारत में कितने राज्य हैं ?
(क) 21
(ख) 25
(ग) 29
उत्तर-
(ग) 29

प्रश्न 2.
पंजाब विधानसभा के सदस्यों की कुल गिनती बताइये।
(क) 117
(ख) 60
(ग) 105
उत्तर-
(क) 117

प्रश्न 3.
मुख्यमंत्री की नियुक्ति किसके द्वारा की जाती है?
(क) राष्ट्रपति द्वारा
(ख) राज्यपाल द्वारा
(ग) स्पीकर द्वारा।
उत्तर-
(ख) राज्यपाल द्वारा।

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PSEB 7th Class Social Science Guide राज्य-सरकार Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
भारत में कितने राज्य और कितनी राज्य सरकारें हैं ?
उत्तर-
भारत में 29 राज्य तथा 29 राज्य सरकारें हैं।

प्रश्न 2.
केन्द्रीय/राज्य सरकार के कौन-कौन से तीन अंग हैं ?
उत्तर-
विधानपालिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका।

प्रश्न 3.
सरकार के तीन अंगों के मुख्य कार्य क्या हैं ?
उत्तर-

  1. विधानपालिका कानून बनाती है।
  2. कार्यपालिका कानूनों को लागू करती है।
  3. न्यायपालिका कानूनों का उल्लंघन करने वालों को दंड देती है।

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प्रश्न 4.
केन्द्रीय सूची तथा राज्य सूची में क्या अन्तर है ? साझी सूची क्या है ?
उत्तर-
संविधान के अनुसार-केन्द्र तथा राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन किया गया है। देश के सभी महत्त्वपूर्ण विषय केन्द्रीय सूची में तथा राज्य के महत्त्वपूर्ण विषय राज्य सूची में रखे गए हैं। कुछ साझे विषय साझी सूची में दिये गये हैं। राज्य सरकार राज्य-सूची के विषयों पर कानून बनाती है और उन्हें अपने राज्य में लागू करती है। राज्यसूची के मुख्य विषय कृषि, भूमि कर, पुलिस और शिक्षा आदि हैं।

प्रश्न 5.
राज्य में कोई बिल कानून कैसे बनता है ?
उत्तर-
कोई साधारण बिल पास होने के लिए दोनों सदनों में रखा जा सकता है, जबकि बजट (वित्त बिल) केवल विधानसभा में ही रखा जा सकता है। कोई भी बिल दोनों सदनों में पास हो जाने के बाद राज्यपाल की स्वीकृति पर कानून बन जाता है। राज्य विधानपालिका राज्य की आवश्यकताओं के अनुसार राज्य-सूची में दिये गये विषयों पर कानून बनाती है। यह साझी (समवर्ती) सूची पर दिए गए विषयों पर भी कानून बना सकती है।

प्रश्न 6.
राज्य-विधानपालिका की शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
राज्य विधानपालिका निम्नलिखित कार्य करती है –

  1. राज्य-सूची में दिये गए विषयों पर कानून बनाना, परन्तु यदि केन्द्रीय सरकार का कानून इसके विरुद्ध हो तो केन्द्रीय कानून ही लागू होता है।
  2. विधानपालिका के सदस्य विभिन्न विभागों के सदस्यों से प्रश्न पूछ सकते हैं जिन का उत्तर मन्त्रिपरिषद् को देना पड़ता है।
  3. इसके सदस्य सरकार के विरुद्ध अविश्वास का मत भी पास कर सकते हैं।

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प्रश्न 7.
विधानसभा के स्पीकर के क्या कार्य होते हैं ?
उत्तर-विधानसभा का स्पीकर सदन की बैठकों की प्रधानता करता है।

  1. वह बिल प्रस्तुत करने की स्वीकृति देता है।
  2. वह सदन में अनुशासन बनाए रखता है और मन्त्रियों को बोलने की आज्ञा देता है।

प्रश्न 8.
राज्यपाल की नियुक्ति किसके द्वारा और कितने समय के लिए होती है ?
उत्तर-
राज्यपाल की नियुक्ति प्रधानमन्त्री की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। राज्यपाल का कार्यकाल 5 वर्ष होता है। परन्तु वह राष्ट्रपति की इच्छा पर ही अपने पद पर बना रह सकता है। राष्ट्रपति राज्यपाल को उसके कार्यकाल में किसी दूसरे राज्य में भी बदल सकता है।

प्रश्न 9.
मुख्यमन्त्री तथा उसकी मन्त्रिपरिषद की नियुक्ति कैसे होती है ?
उत्तर-
विधानसभा के चुनाव के बाद बहुमत प्राप्त दल के नेता को राज्य का राज्यपाल मुख्यमन्त्री नियुक्त करता है। फिर उसकी सहायता से राज्यपाल शेष मन्त्रियों की सूची तैयार करता है, जिन्हें वह मन्त्री नियुक्ति देता है। कई बार चुनाव में किसी एक दल को बहुमत नहीं मिलता, तब एक से अधिक दलों के सदस्य आपस में मिलकर अपना नेता चुनते हैं जिसे मुख्यमन्त्री बनाया जाता है। ऐसी स्थिति में मन्त्रिपरिषद् कई दलों के सहयोग से बनता है। इस प्रकार की सरकार को मिली-जुली सरकार कहा जाता है। मन्त्रिपरिषद् में कई बार ऐसा भी मन्त्री चुना जाता है जो विधानपालिका का सदस्य नहीं होता, उसे 6 मास के भीतर विधानपालिका के किसी सदन का सदस्य बनना पड़ता है।

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प्रश्न 10.
राज्य की मन्त्रिपरिषद् की बनावट तथा कार्य प्रणाली सम्बन्धी एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
बनावट-राज्य की मन्त्रिपरिषद् में तीन प्रकार के मन्त्री होते हैं –

  1. कैबिनेट मन्त्री,
  2. राज्य-मन्त्री,
  3. उप-मन्त्री

इनमें से कैबिनेट मन्त्री कैबिनेट के सदस्य होते हैं, जिन के समूह को मन्त्रिमण्डल कहा जाता है। कैबिनेट मन्त्रियों के पास अलग-अलग विभाग होते हैं। राज्य मन्त्री एवं उप-मन्त्री कैबिनेट मन्त्रियों की सहायता करते हैं।

कार्य प्रणाली-राज्य मंत्रिपरिषद् एक टीम के रूप में काम करती है। कहा जाता है कि परिषद् के सभी मन्त्री एक साथ डूबते हैं और एक साथ तैरते हैं, इसका कारण यह है कि किसी एक मन्त्री के विरुद्ध अविश्वास मत पास होने पर पूरी मन्त्रि परिषद् को त्याग-पत्र देना पड़ता है। वे अपनी नीतियों के लिए सामूहिक रूप से विधानपालिका के प्रति उत्तरदायी होते हैं। यदि मुख्यमन्त्री त्याग-पत्र देता है तो उसे पूरी मन्त्रिपरिषद् का त्याग-पत्र माना जाता है।

सही जोड़े बनाइर:

  1. विधानसभा – राज्य विधानपालिका का ऊपरी सदन
  2. विधान परिषद् – राज्य सरकार का वास्तविक प्रधान
  3. राज्यपाल – राज्य विधानपालिका का निचला सदन
  4. मुख्यमन्त्री – राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति

उत्तर-

  1. विधानसभा – राज्य विधानपालिका का निचला सदन
  2. विधान परिषद् – राज्य विधानपालिका का ऊपरी सदन
  3. राज्यपाल – राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति
  4. मुख्यमन्त्री – राज्य सरकार का वास्तविक प्रधान

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राज्य-सरकार PSEB 7th Class Social Science Notes

  • राज्य की विधानपालिका – राज्य में कानून बनाने वाली संस्था को विधानपालिका कहते हैं। कुछ राज्यों में विधानपालिका के दो सदन हैं तथा कुछ में एक। दो सदनों वाले विधानमण्डल में निम्न सदन को विधानसभा तथा उच्च सदन को विधान परिषद् कहते हैं। एक सदनीय विधानमण्डल में केवल विधानसभा होती है।
  • विधानसभा – विधानसभा की सदस्य संख्या राज्य की जनसंख्या के आधार पर अधिक-से-अधिक 500 तथा कम-से-कम 60 हो सकती है। इसका चुनाव लड़ने के लिए नागरिक की आयु 25 वर्ष या इससे अधिक होनी चाहिए। इसका कार्यकाल 5 वर्ष है।
  • विधान परिषद् – यह राज्य का उच्च तथा स्थायी सदन है। इसके एक तिहाई सदस्य हर दो वर्ष के पश्चात् सेवा निवृत्त हो जाते हैं।
  • राज्य कार्यपालिका – इसमें राज्यपाल, मुख्यमन्त्री तथा मन्त्रिपरिषद् शामिल होती है।
  • राज्यपाल – राज्यपाल राष्ट्रपति द्वारा पांच वर्ष के लिए नियुक्त किया जाता है। राज्य की सभी कार्यपालिका शक्तियां राज्यपाल में निहित हैं। इन शक्तियों का वास्तविक प्रयोग मुख्यमन्त्री करता है।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 3 भोजन समूह और सन्तुलित भोजन

Punjab State Board PSEB 7th Class Home Science Book Solutions Chapter 3 भोजन समूह और सन्तुलित भोजन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Home Science Chapter 3 भोजन समूह और सन्तुलित भोजन

PSEB 7th Class Home Science Guide भोजन समूह और सन्तुलित भोजन Textbook Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
अनाज से कौन-सा पोषक तत्त्व प्रमुख रूप से प्राप्त होता है?
उत्तर-
कार्बोहाइड्रेट।

प्रश्न 2.
दालों में सबसे अधिक कौन-सा पौष्टिक तत्त्व पाया जाता है?
उत्तर-
प्रोटीन।

प्रश्न 3.
फलों से कौन-से पौष्टिक तत्त्व प्राप्त होते हैं?
उत्तर-
फलों से विटामिन तथा खनिज लवण तथा मीठे फलों से कार्बोहाइड्रेट।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 3 भोजन समूह और सन्तुलित भोजन

प्रश्न 4.
दूध में कौन-से पोषक तत्त्व नहीं पाये जाते?
उत्तर-
दूध में लोहा और विटामिन ‘सी’ तत्त्व नहीं पाए जाते हैं।

प्रश्न 5.
सूखे मेवों में से हमें कौन-से मुख्य पौष्टिक तत्त्व मिलते हैं?
उत्तर-
प्रोटीन, लोहा तथा विटामिन ‘बी’।

प्रश्न 6.
हरी मिर्च से कौन-सा पौष्टिक तत्त्व मिलता है?
उत्तर-
विटामिन ‘सी’।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 3 भोजन समूह और सन्तुलित भोजन

प्रश्न 7.
सोयाबीन किस पौष्टिक तत्त्व का मुख्य साधन है?
उत्तर-
प्रोटीन का।

प्रश्न 8.
गुड़, शक्कर और चीनी से कौन-सा पोषक तत्व प्राप्त होता है?
उत्तर-
ये हमें कार्बोहाइड्रेट देते हैं।

लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
भोजन को कौन-कौन से भोजन समूहों में बाँटा जा सकता है?
उत्तर-
भोजन के सात समूह हैं-

  1. कई प्रकार के अनाज,
  2. कई प्रकार की दालें और सूखे मेवे,
  3. भांति-भांति की सब्जियाँ,
  4. ताजे फल,
  5. दूध और दूध से बनी वस्तुएं,
  6. मांस समूह,
  7. गुड़, चीनी, तेल और तेलों के बीज।

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प्रश्न 2.
सन्तुलित भोजन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
विभिन्न भोज्य पदाथों के मिश्रण से बना वह आहार जो हमारे शरीर को सभी पौष्टिक तत्त्व हमारी शारीरिक आवश्यकतानुसार, उचित मात्रा में प्रदान करता है, सन्तुलित भोजन (Balanced food) कहलाता है।

प्रश्न 3.
ताजी सब्जियाँ और फल हमारे लिए क्यों आवश्यक हैं?
उत्तर-
ताजी सब्जियाँ-इस समूह में पत्ते वाली और बिना पत्ते वाली सभी सब्जियाँ शामिल हैं। इसमें हमें विटामिन और खनिज लवण मिलते हैं। हरे मटर, लोबिये की फलियों आदि से काफ़ी मात्रा में प्रोटीन मिलती है। फल-फलों में ग्लूकोज़ होता है जो बड़ी आसानी से पच जाता है। फलों में प्रोटीन और वसा (चिकनाई) नहीं होती, परन्तु विटामिन ‘ए’, ‘सी’, और लोहा काफ़ी मात्रा में होता है। कुछ मात्रा में विटामिन ‘बी’ भी मिलते हैं।

प्रश्न 4.
सोयाबीन का दूध और दही कैसे बनाते हैं?
उत्तर-
सोयाबीन का दूध बनाने के लिए उसे 3-4 घण्टे तक पानी में भिगोते हैं। अब धूप में सुखाकर उसका छिलका उतार लेते हैं। अब रातभर पानी में भिगोकर रगड़ते हैं जिससे छिलका साफ़ हो जाए। इसके बाद इसे 10 मिनट तक सोडियम बाइकार्बोनेट के गरम घोल में गिो देते हैं। इस मिश्रण को 15 मिनट तक उबालकर ठण्डा करते हैं। अब इसे छान लेते और इस प्रकार सोयाबीन का दूध तैयार हो जाता है। इसका दही बनाने के लिए दूध में थोड़ी चीनी या शहद मिलाकर और थोड़ा खट्टा मिलाकर दूध को जमा देते हैं।

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प्रश्न 5.
चावल को पकाते समय इनके पौष्टिक तत्त्वों को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है?
उत्तर-
चावलों को पकाते समय इसके पौष्टिक तत्त्वों को मॉड़ नहीं निकालकर सुरक्षित रखा जा सकता है।

प्रश्न 6.
सबसे बढ़िया दाल कौन-सी है और क्यों?
उत्तर-
सबसे बढ़िया दाल सोयाबीन की है, क्योंकि इसमें प्रोटीन और विटामिन ‘बी’ की अधिक मात्रा होती है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
एक साधारण काम करने वाले व्यक्ति को कितने भोजन की ज़रूरत होती है ?
उत्तर-
साधारण काम करने वाले व्यक्ति का भोजन –
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PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 3 भोजन समूह और सन्तुलित भोजन

प्रश्न 2.
नीचे लिखे भोजनों से हमें क्या-क्या मिलता है दूध, मीट, गेहूँ, सोयाबीन।
उत्तर-
दूध से-प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा (चिकनाई), विटामिन ‘ए’, ‘बी’, ‘डी’, चूना और फॉस्फोरस।
मीट से-प्रोटीन, लोहा, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, ‘ए’ और ‘बी’।
गेहूँ से- प्रोटीन, विटामिन और खनिज लवण। – सोयाबीन-प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेटस, लोहा, कैल्शियम, विटामिन ‘बी’ आदि।

प्रश्न 3.
क्या गेहूँ सम्पूर्ण आहार है ? इसे सम्पूर्ण आहार कैसे बनाया जा सकता है।
उत्तर-
हाँ, गेहूँ सम्पूर्ण भोजन है क्योंकि इसमें अन्य अनाज़ों की अपेक्षा प्रोटीन अधिक और अच्छी किस्म का होता है। इसके अतिरिक्त इसमें विटामिन और खनिज लवण भी होते हैं। अन्य अनाजों की तरह इसमें अधिकतर कार्बोहाइड्रेट होते हैं। क्योंकि ज़्यादातर इसके पौष्टिक तत्त्व छिलके के पास ही होते हैं, इसलिए आटा अगर मशीन से बारीक पीसा जाए या मैदा बना लिया जाए तो पौष्टिक तत्त्व नष्ट हो जाते हैं और मैदा में केवल कार्बोहाइड्रेट ही रह जाते हैं। इसे सम्पूर्ण भोजन बनाने के लिए दालें, दूध, सब्जियाँ और दूसरे आहारों का भी इस्तेमाल किया जाता है।

प्रश्न 4.
गेहूँ और मक्की के पौष्टिक तत्त्वों की तुलना करो।
उत्तर-
गेहूँ के छिलके के पास अधिक पौष्टिक तत्व होते हैं यदि इसे बारीक पीस दिया जाए तो इसके अत्यधिक पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं। इसलिए गेहूँ और मक्का के आटे को बारीक नहीं पीसना चाहिए।

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प्रश्न 5.
अपने लिए एक दिन के सन्तुलित भोजन की सूची बनाओ।
उत्तर-
अपने लिए एक दिन के सन्तुलित भोजन की सूची –

मांसाहारी नाश्ता शाकाहारी नाश्ता
आमलेट पौष्टिक परांठे
दूध दही
मक्खन वाले टोस्ट चाय
अमरूद
मांसाहारी दोपहर का खाना शाकाहारी दोपहर का खाना
दाल दाल
आलू गोभी आलू फलियां
रायता रायता
फुलके फुलके
सन्तरा सन्तरा
शाम की चाय शाम की चाय
चाय चाय
मैदे के मटर बिस्कुट
रात का खाना रात का खाना
पालक मीट सरसों का साग
चावल मक्की की रोटी
सलाद सलाद
कोई मीठी चीज़ खीर।

Home Science Guide for Class 7 PSEB भोजन समूह और सन्तुलित भोजन Important Questions and Answers

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
हरी साग-सब्जियों में कौन-कौन से पोषक तत्त्व मिलते हैं?
उत्तर-
कैल्शियम, लोहा, विटामिन ‘ए’, विटामिन ‘सी’ तथा अन्य खनिज लवण।

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प्रश्न 2.
किन व्यक्तियों के लिए भोजन में हरी स! जयों का समावेश अति आवश्यक है?
उत्तर-
बच्चों, गर्भवती तथा स्तनपान करवाने वाली महिलाओं के लिए।

प्रश्न 3.
विटामिन ‘ए’ किन फलों से अधिक मिलता है?
उत्तर-
पपीता, आम तथा दूसरे पीले रंग के फलों से।

प्रश्न 4.
आहार में मसालों का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
मसाले भोजन को सुगन्धित, आकर्षक, स्वादिष्ट तथा सुपाच्य बनाते हैं।

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प्रश्न 5.
कितने प्रतिशत लोग कार्बोहाइड्रेट्स की पूर्ति अनाज से करते हैं?
उत्तर-
लगभग 70 से 80% लोग।

प्रश्न 6.
सोयाबीन व मूंगफली के दूध में कौन-कौन से पौष्टिक तत्त्व होते हैं?
उत्तर-
प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट्स, लोहा, कैल्शियम, विटामिन ‘बी’ आदि।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
जन्तुओं से प्राप्त होने वाले भोज्य-पदार्थों के नाम बताओ।
उत्तर-
जन्तुओं से प्राप्त होने वाले भोज्य-पदार्थ निम्नलिखित हैं

  1. दूध तथा दूध से बनी वस्तुएँ-दूध से बनी वस्तुआ में प्रमुख हैं-क्रीम, दही, मक्खन, मट्ठा, घी, पनीर।
  2. मांस।
  3. मछली।
  4. अण्डे।
  5. जन्तुओं से प्राप्त होने वाले वसा एवं तेल।

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प्रश्न 2.
मांस, मछली तथा अण्डों से मिलने वाले भोजन की क्या विशेषताएं हैं?
उत्तर-
मांस, मछली, मुर्गा आदि में उत्तम किस्म की प्रोटीन व विटामिन ‘बी’ उचित मात्रा में पाए जाते हैं। इनमें विटामिन ‘ए’ नहीं होता। मछलियों में कैल्शियम होता है।
अण्डे में विटामिन ‘सी’ को छोड़कर सभी पौष्टिक तत्त्व पाए जाते हैं।

प्रश्न 3.
मूंगफली का दूध किस प्रकार तैयार किया जाता है?
उत्तर-
मूंगफली का दूध बनाने के लिए उत्तम किस्म की मूंगफली का प्रयोग किया जाता है। सबसे पहले मूंगफली का छिलका उतार कर दानों को तीन घण्टे के लिए पानी में भिगो देते हैं। अब उन्हें सिल पर या मिक्सी में पीस कर लुगदी बना लेते हैं। किलोग्राम लुगदी में 30 कप पानी मिलाकर उसमें 1/2 कप चूने का स्वच्छ पानी मिला देते हैं। घोल को छानकर 25 मिनट तक उबालते हैं। इसमें चीनी मिलाते हैं। दूध तैयार हो जाता है।

प्रश्न 4.
फलों के रस उपयोगी पेय हैं, क्यों?
उत्तर-

  1. इनमें प्रोटीन, शर्करा, खनिज लवण तथा विटामिन आदि पोषक तत्त्व पाए जाते हैं।
  2. ये मानव शरीर की गर्मी शान्त करते हैं।
  3. ये प्यास बुझाने के साथ-साथ मस्तिष्क को शीतल एवं बलिष्ठ बनाते हैं।
  4. ये स्वादिष्ट तथा पौष्टिक पेय होते हैं।

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प्रश्न 5.
चाय का मानव शरीर पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है, क्यों?
उत्तर-
चाय के अधिक सेवन से निम्न हानिकारक प्रभाव होते हैं

  1. दिल की धड़कन तेज़ होकर रक्त-प्रवाह की गति तेज़ हो जाती है।
  2. पसीना अधिक बनता है।
  3. टैनिक अम्ल पाचन क्रिया को कमजोर बनाता है तथा कब्ज की शिकायत रहने लगती है।
  4. अनिद्रा रोग हो जाता है।
  5. भूख नहीं लगती।

प्रश्न 6.
हरी शाक-सब्जियों व जड़ों वाली सब्जियों की विशेषताएं बताइए।
उत्तर-
हरी शाक सब्जियों जैसे-पालक, बथुआ, चौलाई, धनिया और दूसरी पत्तेदार सब्जियाँ प्रत्येक व्यक्ति के लिए ज़रूरी हैं। इन सबसे हमें कैल्शियम, लोहा, विटामिन “ए” और “सी” तथा अन्य खनिज लवण मिलते हैं। गर्भवती तथा स्तनपान करवाने वाली महिलाओं तथा बच्चों के लिए भोजन में इन हरी सब्जियों का होना जरूरी होता है।

प्रश्न 7.
वनस्पति दूध की क्या विशेषता है?
उत्तर-
वनस्पति दूध-यह वनस्पति पदार्थ सोयाबीन व मूंगफली से प्राप्त होता है। इनसे प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट्स, लोहा, कैल्शियम, विटामिन “बी” इत्यादि सभी प्रकार के पोषक पदार्थ अधिक मात्रा में प्राप्त होते हैं।

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प्रश्न 8.
मक्की में पौष्टिक तत्वों के बारे में बताएं।
उत्तर-
इसमें प्रोटीन, चिकनाई, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन ए होता है। प्रोटीन अच्छी किस्म का नहीं है तथा विटामिन ‘बी’ कम होता है।

प्रश्न 9.
गेहूँ और मक्की के पौष्टिक तत्त्वों की तुलना करो।
उत्तर-

गेहूँ में पौष्टिक तत्त्व मक्की में पौष्टिक तत्त्व
गेहूँ में प्रोटीन अन्न अनाजों से अच्छी किस्म का होता है। इसमें खनिज लवण, कार्बोहाइड्रेट, लोहा, विटामिन ‘बी’ होते । इसमें पौष्टिक तत्त्व गेहूँ जितने ही होते हैं। इसमें गेहूँ से अधिक चिकनाई (वसा) और साथ में विटामिन ‘ए’ भी होता है। लेकिन इसकी प्रोटीन अच्छी किस्म की नहीं होती, न ही इसमें विटामिन ‘बी’ होती है।

एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
उच्च स्तर का कार्बोहाइड्रेट किस अनाज से प्राप्त होता है?
उत्तर-
चावल से।

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प्रश्न 2.
रॉगी में कौन-सा खनिज लवण पाया जाता ह?
उत्तर-
कैल्शियम।।

प्रश्न 3.
दालों को अनाज के साथ मिलाकर खाने से क्या लाभ होता है?
उत्तर-
भोजन की पौष्टिकता बढ़ जाती है।

प्रश्न 4.
अंकरित दालें किस विटामिन का उत्तम स्त्रोत होती हैं?
उत्तर-
विटामिन ‘सी’ का।

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प्रश्न 5.
जड़ों वाली सब्जियों में मुख्य रूप से कौन-सा पोषक तत्त्व प्राप्त होता है?
उत्तर-
कार्बोहाइड्रेट।

प्रश्न 6.
विटामिन ‘सी’ का मुख्य स्रोत क्या है?
उत्तर-
आंवला।

प्रश्न 7.
भोजन के कितने समूह हैं?
उत्तर-
सात।

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प्रश्न 8.
गेहूँ ……………. आहार है।
उत्तर-
सम्पूर्ण।

प्रश्न 9.
जड़ वाली सब्जियों में ……… अधिक मिलता है।
उत्तर-
कार्बोहाइड्रेट्स।

प्रश्न 10.
चीनी से क्या मिलता है?
उत्तर-
ऊर्जा (कार्बोज)।

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प्रश्न 11.
मक्की में कौन-सा विटामिन कम होता है?
उत्तर-
विटामिन ‘बी’।

भोजन समूह और सन्तुलित भोजन PSEB 7th Class Home Science Notes

  • हमारा शरीर कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, गन्धक, फॉस्फोरस, चूना, लोहा तथा अन्य कई रासायनिक तत्त्वों से मिलकर बना है।
  • गेहूँ सभी अनाजों से उत्तम माना जाता है।
  • भोजन में विटामिन ‘बी’ वाले और कोई खाद्य-पदार्थ शामिल न हों तो बेरी बेरी नामक रोग होने का भय रहता है।
  • गेहूँ एक सम्पूर्ण आहार नहीं है। इसलिए इसके साथ-साथ दालें, दूध, सब्जियाँ और दूसरे आहारों का भी प्रयोग करना चाहिए।
  • छिलके वाली और साबुत दालों का प्रयोग अधिक करना चाहिए क्योंकि इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है।
  • जड़ वाली सब्जियाँ-इनमें अधिक कार्बोहाइड्रेट मिलते हैं। ताजी सब्ज़ियाँ-इनमें हमें विटामिन और खनिज लवण मिलते हैं।
  • पत्ते वाली सब्जियाँ- इनमें लोहा, सोडियम, फॉस्फोरस, चूना, आयोडीन और गन्धक होता है। जितने गहरे रंग के पत्ते हों उतना ही ज़्यादा विटामिन ‘ए’ होता है।
  • आँवला, नींबू और टमाटर में विटामिन
  • ‘सी’ काफ़ी अधिक होता है। सभी फलों की अपेक्षा अमरूद में विटामिन ‘सी’ ज़्यादा होता है।
  • पपीता में शक्कर और विटामिन ‘ए’ काफ़ी मात्रा में होते हैं।
  • शाकाहारी लोगों को दूध, दही और पनीर का प्रयोग अधिक करना चाहिए।
  • दूध को फटा कर पनीर तैयार किया जाता है।
  • भारत में अधिकतर भेड़ों और बकरों का मीट खाया जाता है।
  • मांस दो प्रकार के होते हैं-(i) पट्टे का मांस, (ii) खास अंगों का मांस जैसे कलेजी, गुर्दा, मगज आदि।
  • सन्तुलित भोजन उसे कहते हैं जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन और खनिज की ठीक मात्रा शामिल हो।