PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 7 चन्दन का पेड़

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 7 चन्दन का पेड़ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 7 चन्दन का पेड़

Hindi Guide for Class 7 PSEB चन्दन का पेड़ Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध

1. शब्दार्थ

भूस्खलन = मिट्टी और पत्थर के ढेर का पहाड़ से खिसककर नीचे गिरना
ग्रास = निवाला, कौर
अनिच्छा = न चाहते हुए भी, बिना इच्छा के
अतिक्रमण = मर्यादा का उल्लंघन, सीमा को तोड़ना
श्रवण शक्ति = सुनने की ताकत
स्पर्श = छूना
देह-शरीर
सांत्वना = तसल्ली, ढांढस बंधना
गिरफ्तार-कैद करना
प्रधानाचार्य = प्रिंसीपल, स्कूल का मुखिया
मुदालियर = गाँव की पुलिस चौकी का हैड कांस्टेबल
अधीरता = बेसब्री
सतर्क = होशियार
नेतृत्व = सरदारी, अगुवाई
एकाग्र = एकाचित होकर
किर्र-किर्र का स्वर = लकड़ी चीरने का स्वर
पुष्टि = तसल्ली
प्रमाण = सबूत
अवैध = न्याय के विरुद्ध, अनुचित

2. इन शब्दों और मुहावरों के अर्थ लिखते हुए वाक्य बनाएँ:

अतिक्रमण ________________ _________________________
गिरफ्तार ________________ _________________________
अवैध ________________ ________________________
चैन की साँस लेना _______________ ____________________
भंडाफोड़ करना ______________  _______________
प्रधानाचार्य _______________ ______________________
उत्तर:
अतिक्रमण (सीमा का उल्लंघन) – कुछ लोगों ने नगर-निगम की ज़मीन पर अतिक्रमण करके अपने घर बना लिए हैं।
गिरफ़्तार (कैद करना) – पुलिस ने डकैतों को जंगल से गिरफ्तार कर लिया।
अवैध (अनुचित, कानून के विरुद्ध) – दुकानदारों ने सड़कों पर अवैध रूप से कब्जा करके अपने सामान सजा लिए हैं।
चैन की साँस लेना (आराम से रहना) – परीक्षाओं के समाप्त होने पर विद्यार्थियों ने चैन की साँस ली।
भंडाफोड़ करना (राज खोलना) – सुनन्दा ने चन्दन की लकड़ी की चोरी में मुदालियर का भंडाफोड़ कर उसे सजा दिलाई।
प्रधानाचार्य (मुख्य अध्यापक) – डॉक्टर रत्न चन्द्र शर्मा हमारे विद्यालय के श्रेष्ठ प्रधानाचार्य थे।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 7 चन्दन का पेड़

(ख) विचार-बोध

1. इन प्रश्नों के उत्तर: एक या दो वाक्यों में लिखें:

(क) सुनन्दा कहाँ रहती थी ?
उत्तर:
सुनन्दा पूर्वीघाट में करीमुनाई गाँव के नज़दीक रहती थी।

(ख) उसका साथी कौन था ?
उत्तर:
सुनन्दा का साथी गुगु नाम का कुत्ता था।

(ग) सुनन्दा के माता-पिता किस प्राकृतिक आपदा का ग्रास बन गए थे ?
उत्तर:
सुनन्दा के माता-पिता भूस्खलन आपदा के ग्रास बन गए थे।

(घ) रावगुरु कौन थे ?
उत्तर:
रावगुरु गाँव के स्कूल के प्रधानाचार्य थे।

(ङ) भू-स्खलन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
भूस्खलन चट्टानों और मिट्टी के धरती के नीचे हलचल होने से पहाड़ से नीचे गिरने को कहते हैं।

(च) मुदालियर कौन था ?
उत्तर:
मुदालियर गाँव की पुलिस चौकी का हैडकांस्टेबल था।

(छ) उसने रमेश को क्या कहा ?
उत्तर:
मुदालियर ने रमेश को ज्यादा चन्दन के पेड़ काटने से रोका क्योंकि रात के दो बज गए थे और चन्दन की लकड़ी की बिक्री से दस प्रतिशत देने के लिए कहा।

(ज) सुनन्दा को इनाम क्यों दिया गया ?
उत्तर:
सुनन्दा को इनाम इसलिए दिया गया क्योंकि उसने चन्दन की लकड़ी के चोरों का भंडाफोड़ किया था।

(झ) रावगुरु ने सुनन्दा को राष्ट्रीय अन्धमहाविद्यालय में भर्ती करवाने का निश्चय क्यों किया ?
उत्तर:
रावगुरु ने सुनन्दा को राष्ट्रीय अन्धविद्यालय में इसलिए भर्ती करवाना चाहा, जिससे वह कुछ अपने फायदे के काम सीख सके।

2. इन प्रश्नों के उत्तर: चार या पाँच वाक्यों में लिखें:

(क) पेड़ों की अवैध कटाई से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
पेड़ों की अवैध कटाई का संबंध उन पेड़ों की कटाई से है जिन्हें सरकार ने काटने से मना किया हुआ है। उन्हें काटना अपराध माना जाता है। उन्हें काटने वालों को अपराधी सिद्ध कर जेल में बंद कर दिया जाता है। चंदन जैसे बहुमूल्य पेड़ सभी जगहों पर पुस्तकीय भाग नहीं उगाए जा सकते। उन्हें उगाने के लिए विशेष परिस्थितियों और मौसम की आवश्यकता होती है। कुछ लालची लोग धन कमाने के लिए उन्हें चोरी-छिपे काट कर बेच देते हैं जिसे अवैध कटाई कहते हैं।

(ख) सुनन्दा को कैसे पता चला कि ये पेड़ चन्दन के हैं ?
उत्तर:
सुनन्दा अपनी नेत्र ज्योति खोने के बाद अपने कुत्ते के साथ अकेली ही आसपास की पहाड़ियों में चली जाया करती थी। एक दोपहर उसे जंगल में चंदन की सुगंध से युक्त हवा का झोंका अनुभव हुआ। उस दिन जंगल में कोयल की कूक भी उसे सुनाई नहीं दी थी। जिस पेड़ का सहारा ले कर प्रायः बैठा करती थी वह कटा हुआ था। उसके आसपास के पेड़ भी कटे हुए थे। कटे हुए तने के ठूठ को सूंघने और उस स्थान पर पत्थर को रगड़ कर सूंघने से सुनन्दा को पता चल गया था कि पेड़ चन्दन के थे।

(ग) सुनन्दा ने चन्दन की लकड़ी के तस्करों को कैसे पकड़वाया ?
उत्तर:
सुनन्दा को जब चन्दन के पेड़ों की चोरी का शक हुआ तो उसने इस विषय में रावगुरु से बात की। उन्होंने गाँव की पुलिस चौकी के हैड-कांस्टेबल मुदालियर से शिकायत की पर वह इस विषय में कुछ नहीं बोला। सुनन्दा अपने गुगु के साथ सुबह-सवेरे चन्दन क्षेत्र में चली गई। वहाँ एक झाड़ी के पीछे छिपकर बैठ गई। कुछ देर बाद उसे मुदालियर की आवाज़ सुनाई दी पर इस से अधिक वहाँ कुछ नहीं हुआ। अगली रात ग्यारह बजे सुनन्दा और गुगु दोनों फिर वहीं गए। उन्हें वहाँ किर्र-किर्र की आवाज़ सुनाई दी। वहाँ वाहनों की आवाज़ भी थी। उसने रमेश नामक तस्कर और मुदालियर की बातचीत को सुना। अगले दिन रावगुरु ने उटकमंड के पुलिस मुख्यालय में इसकी शिकायत की। सुनन्दा की गवाही और जाँच के बाद तस्करों को पकड़ लिया गया।

(घ) यदि आप को किसी अवैध घटना का पता चले तो आप क्या करोगे ?
उत्तर:
यदि मुझे किसी अवैध घटना का पता चला तो मैं भी सुनन्दा की तरह उस विषय के बारे में अपने मम्मी-पापा को बताऊँगा। उनके साथ जा कर पुलिस अधिकारी को शिकायत करूँगा। अपराधियों को पकड़वाऊँगा। ऐसा कर के मैं अपने समाज और देश की सेवा करूँगा।

3. बहुवचन रूप लिखें:

बकरी = ………………..
सिसकी = ………………..
पहाड़ी = ………………..
लड़की = ………………..
लकड़ी = ………………..
झपकी = ………………..
उत्तर:
बकरी = बकरियाँ
सिसकी = सिसकियाँ
पहाड़ी = पहाड़ियाँ
लड़की = लड़कियाँ
लकड़ी = लकड़ियाँ
झपकी = झपकियाँ

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4. विलोम शब्द लिखें:

अनिच्छा, निम्न, पहाड़ी, अन्धकार
उत्तर:
शब्द = विलोम
1. अनिच्छा = इच्छा
2. निम्न = उच्च
3. पहाड़ी = मैदानी
4. अन्धकार = उजाला

5. ‘ता’ लगाकर भाववाचक संज्ञा बनायें:

अधीर + ता = ……………………..
सतर्क + ता = …………………….
एकाग्र + ता = ……………………
उत्तर::
अधीर + ता = अधीरता
सतर्क + ता = सतर्कता
एकाग्र + ता = एकाग्रता

6. प्रयोगात्मक व्याकरण

संधि संधि विच्छेद
दुर्घटना = दु+घटना उपर्युक्त

उदाहरण में ‘उ’ के बाद विसर्ग है तथा बाद में ‘क’ वर्ग का चौथा वर्ग है, इसलिए विसर्ग को र् हो गया।

अन्य उदाहरण

निः + मल = निर्मल
निः + धन = निर्धन
दु: + जन = दुर्जन
आशी: + वाद = आशीर्वाद

अतएव विसर्ग से पूर्व अ, आ को छोड़कर यदि कोई दूसरा स्वर हो तो परे वर्ग का तीसरा, चौथा, पाँचवाँ वर्ण हो या य, र, ल, व, ह में से कोई वर्ण हो तो विसर्ग को र् हो जाता है।
समस्त पद विग्रह
माता-पिता = माता और पिता

उपुर्यक्त समस्त पद बनाते समय और योजक का लोप हो गया है तथा उसकी जगह योजक चिह्न (-) लग गया है, इसे दोनों प्रधान होते हैं।

अतएव जिस समास में दोनों पद प्रधान हों, उसे द्वंद्व समास कहते हैं।

अन्य उदाहरण

समस्त पद विग्रह
देवी-देवता = देवी और देवता
मामा-मामी = मामा और मामी
अंधेरा-उजाला = अंधेरा और उजाला
ऊपर-नीचे = ऊपर और नीचे

पुस्तकीय भाग निम्नलिखित की संधि करें:

  1. प्रधान+आचार्य = …………………..
  2. वि+अवहार = …………………..
  3. प्रति+ईक्षा = …………………..
  4. पद+अधिकारी = …………………..
  5. मुख्य+आलय = …………………..
  6. सु+आगत = …………………..

उत्तर:-संधि

  1. प्रधान+आचार्य = प्रधानाचार्य
  2. वि+अवहार = व्यवहार
  3. प्रति ईक्षा = प्रतीक्षा
  4. पद+अधिकारी = पदाधिकारी
  5. मुख्य+आलय = मुख्यालय
  6. सु+आगत = स्वागत

(2) शब्दांश+मूल शब्द (अर्थ) = नवीन शब्द (अर्थ)
अ+वैध (विधि के अनुकूल) = अवैध (विधि के प्रतिकूल)
अनु+मान (परिमाण) = अनुमान (अंदाजा)

उपर्युक्त मूल शब्द वैध में अ शब्दांश लगाने से अवैध तथा मान में ‘अनु’ शब्दांश लगाने से ‘अनुमान’ नवीन शब्द बने हैं तथा उनके अर्थ में भी परिवर्तन आ गया है। ये ‘अ’ तथा ‘अनु’ उपसर्ग हैं। अतएव जो शब्दांश किसी शब्द के शुरू में जुड़कर उनके अर्थ में परिवर्तन ला देते हैं, वे उपसर्ग कहलाते हैं।

(3) मूल शब्द (अर्थ) + शब्दांश = नवीन शब्द (अर्थ)
पहाड़ (पर्वत) + ई = पहाड़ी (पहाड़ी सम्बन्धी) पहाड़ पर मिलने वाला
छाया (वातावरण जहाँ प्रकाश = छायादार (जो छाया करने वाला हो) की किरण आवरण के कारण
न पहुँच सके) + दार

उपर्युक्त मूल शब्द पहाड़ में ‘ई’ लगाने से पहाड़ी तथा छाया शब्द में ‘दार’ लगाने से ‘छायादार’ नवीन शब्द बने हैं तथा उनके अर्थ में भी परिवर्तन आ गया है। ये ‘ई’ तथा ‘दार’ प्रत्यय है।

अतएव जो शब्दांश किसी के शब्द के अंत में जुड़कर उनके अर्थ में परिवर्तन ला देते हैं, प्रत्यय कहलाते हैं।

PSEB 7th Class Hindi Guide चन्दन का पेड़ Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प चुनकर लिखिए

(1) रावगुरु कौन थे ?
(क) अध्यापक
(ख) प्रधानाचार्य
(ग) मुख्याध्यापक
(घ) चपड़ासी
उत्तर:
(ख) प्रधानाचार्य

(2) कुत्ते का क्या नाम था ?
(क) गुगु
(ख) रिंकी
(ग) टामी
(घ) कोई नहीं
उत्तर:
(क) गुगु।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 7 चन्दन का पेड़

‌(3)‌ ‌सुनन्दा‌ ‌को‌ ‌जब‌ ‌होश‌ ‌आया‌ ‌था,‌ ‌तब‌ ‌वह‌ ‌किसके‌ ‌घर‌ ‌थी‌ ‌?‌
‌(क)‌ राहुल‌ ‌के‌ ‌
(ख)‌ ‌चंदन‌ ‌के‌ ‌
(ग)‌ ‌इंद्रजीत‌ ‌के‌ ‌
(घ)‌ ‌रावगुरु‌ ‌के
‌उत्तर:
(घ)‌ ‌रावगुरु‌ ‌के

‌(4)‌ ‌नुकीली‌ ‌चीज़‌ ‌लगने‌ ‌से‌ ‌सुनन्दा‌ ‌को‌ ‌क्या‌ ‌हुआ‌ ‌था‌ ‌?‌ ‌
(क)‌ बहरी‌ ‌
(ख)‌ ‌अन्धी‌
‌(ग)‌ ‌गूंगी‌ ‌
(घ)‌ ‌लंगड़ी
‌उत्तर:
(ख)‌ ‌अन्धी

‌(5)‌ ‌सुनन्दा‌ ‌के‌ ‌तेरह‌ ‌वर्ष‌ ‌के‌ ‌होने‌ ‌पर‌ ‌कौन-सी‌ ‌आपदा‌ ‌आई‌ ‌थी‌ ‌?‌
‌(क)‌ ‌भूस्खलन‌ ‌
(ख)‌ ‌बाढ़‌
‌(ग)‌ ‌सूखा‌ ‌
(घ)‌ ‌बिजली‌ ‌गिरी
‌उत्तर:
(क)‌ ‌भूस्खलन

‌प्रश्न‌ ‌2.
‌निम्नलिखित‌ ‌रिक्त‌ ‌स्थानों‌ ‌की‌ ‌पूर्ति‌ ‌उचित‌ ‌विकल्पों‌ से‌ ‌कीजिए

(1)‌ ‌सुनंदा‌ ‌ने‌ ‌……….‌ ‌को‌ ‌रात‌ ‌की‌ ‌सारी‌ ‌घटना‌ ‌बता‌ ‌दी।‌
‌(क)‌ ‌रावगुरु‌ ‌को‌ ‌
(ख)‌ ‌वेदांत‌ ‌को‌
‌(ग)‌ ‌अनिल‌ ‌को‌ ‌
(घ)‌ ‌मनोज‌ ‌को
‌उत्तर:
(क)‌ ‌रावगुरु‌ ‌को।‌

‌(2)‌ ‌सुनन्दा‌ ‌……….‌ ‌वर्षीय‌ ‌लड़की‌ ‌थी।‌
‌(क)‌ ‌पंद्रह‌ ‌
(ख)‌ ‌तेरह‌
‌(ग)‌ ‌चौदह‌ ‌
(घ)‌ ‌बीस
‌उत्तर:
(ख)‌ ‌तेरह

‌(3)‌ ‌’यहाँ‌ ‌क्या‌ ‌मेरी‌ ‌तरह‌ ‌गश्त‌ ‌कर‌ ‌रहे‌ ‌हो’‌ ‌वाक्य‌ ‌…….‌ ‌का‌ ‌है।‌ ‌
(क)‌ ‌मुदालियर‌ ‌
(ख)‌ ‌रावगुरु‌
‌(ग)‌ ‌सुनन्दा‌ ‌
(घ)‌ ‌चंदन।‌ ‌
उत्तर:
(क)‌ ‌मुदालियर

‌(4)‌ ‌सुनन्दा‌ ‌पेड़ों‌ ‌के‌ ‌पास‌ ‌………..‌ ‌बजे‌ ‌गई‌ ‌थी।‌
‌(क)‌ ‌बारह‌ ‌बजे‌ ‌
(ख)‌ ‌दो‌ ‌बजे‌
‌(ग)‌ ‌ग्यारह‌ ‌बजे‌ ‌
(घ)‌ ‌दस‌ ‌बजे
‌उत्तर:
(ग)‌ ‌ग्यारह‌ ‌बजे

‌(5)‌ ‌सुनन्दा‌ ‌गुगु‌ ‌को‌ ‌…………से‌ ‌खींच‌ ‌कर‌ ‌लाई।‌
‌(क)‌ ‌पैर‌ ‌से‌ ‌
(ख)‌ ‌पूँछ‌ ‌से‌
‌(ग)‌ ‌पट्टे‌ ‌से‌ ‌
(घ)‌ ‌गर्दन‌ ‌से
‌उत्तर:
(ग)‌ ‌पट्टे‌ ‌से

प्रश्न 3.
दिए गए शब्द का सही अर्थ से मिलान कीजिए

(1) अगुवाई:
पितृत्व
मातृत्व
नेतृत्व
उत्तर:
नेतृत्व।

(2) दूंठ:
बिना फूल पत्तों वाला पेड़
ठठेरा
ठिगना
उत्तर:
बिना फूल पत्तों वाला पेड़।

(3) स्पर्श:
संघर्ष
छूना
स्कंद
उत्तर:
छूना।

(4) कौर:
करना
करवाना
निवाला
उत्तर:
निवाला।

चन्दन का पेड़ Summary

चन्दन का पेड़ पाठ का सार

‘चन्दन का पेड़’ एक तेरह वर्षीय अन्धी लड़की सुनन्दा की कहानी है, जो अपनी सूझबूझ से चन्दन के पेड़ों की अवैध कटाई करने वालों को पकड़वा देती है। वह अपने माता-पिता के साथ पूर्वी घाट में करीमुनाई गाँव में रहती थी। उसके पिता पहाडी की ढलान पर सीढ़ीनुमा ज़मीन पर खेती करते थे तथा माँ बकरियों की देखभाल करती थी। वह उन दोनों की सहायता करने के साथ-साथ स्कूल पढ़ने भी जाती थी। उसका साथी गुगु नाम का कुत्ता था, जिस दिन वह तेरह वर्ष की हुई, उसी दिन भूस्खलन हुआ, जिसमें उसके माता-पिता और बकरियाँ मर गईं और वह पहाड़ी से फिसल कर ऐसे गिरी कि उसकी आँखों में कोई नुकीली चीज़ लगी तथा वह बेहोश हो गई। नुकीली चीज़ से लगी चोट के कारण वह अन्धी हो गई। जब उसे होश आया तो वह गाँव के स्कूल के प्रधानाचार्य रावगुरु के घर में थी। गुगु कुत्ता भी वहीं था। वह उनके घर में रहने लगी तथा रावगुरु की पत्नी को मामी कहने लगी। वे उसका बहुत ध्यान रखते थे। उसे स्कूल भी भेजना चाहते थे परन्तु उसने घर पर ही रहना स्वीकार किया।

सुनन्दा धीरे-धीरे अपनी अन्धेरी दुनिया की आदी हो गई। गुगु उसके साथ रहता था। वह मामी की पूजा के लिए फूलों की माला पिरोने लगी। शाम को रावगुरु उससे अनेक विषयों पर बातें करते थे। एक दिन उसने उनसे भूस्खलन के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि मनुष्य अंधाधुंध पेड़ों को काटता जाता है। पेड़ पहाड़ की मिट्टी को बाँध कर रखते हैं। उनके कट जाने से धरती के भीतर की हलचल से चट्टानें और मिट्टी नीचे फिसलने लगती है और भूस्खलन हो जाता है। सुनन्दा को लगा कि इस प्रकार से पेड़ों की कटाई ने ही उसे अपने परिवार से अलग कर दिया।

अब सुनन्दा स्पर्श, गन्ध और श्रवण शक्ति के माध्यम से बहुत कुछ जानने-समझने लगी थी। उसमें आत्मविश्वास आ गया था। वह गुगु के साथ आसपास की पहाड़ियों और पेड़ों के झुरमुट में घूमने निकल जाती थी और एक पेड़ में तने का सहारा लेकर बैठ जाती थी। गुगु उसके पास बैठता था और कोयल उससे बातें करती थीं। एक दिन जब वह अपने निश्चित स्थान पर पहुँची तो उसे कोयल की आवाज़ सुनाई नहीं दी और जहाँ टेक लगा कर बैठती थी, वहाँ पेड़ के स्थान पर दूंठ था। आस-पास भी ढूँठ थे और जब उसने ठूठ को पत्थर से रगड़ कर देखा तो उसे चन्दन की सुगंध आई। वह सोचने लगी कौन इन चन्दन के वृक्षों को काट गया। घर आकर उसने रावगुरु को बताया। रावगुरु ने मुदालियर से पता किया तो उसने कहा कि चन्दन के पेड़ सुरक्षित हैं। अगले दिन सुनन्दा ने फिर कुछ पेड़ों को कटा पाया और रावगुरु को बताया। उन्होंने मुदालियर से कहा तो उसने अन्धी लड़की पुस्तकीय भाग का बातों पर विश्वास नहीं करने और उसे अफवाहें फैलाने से रोकने के लिए रावगुरु को कहा। सुनन्दा को विश्वास था कि चन्दन की लकड़ी की चोरी हो रही है।

अगले दिन सुबह ही सुनन्दा गुगु को लेकर चन्दन क्षेत्र की ओर गई और झाड़ी के पीछे छिप कर बैठ गई। किसी के आने की आहट सुन कर गुगु भौंकने लगा तो सुनन्दा झाड़ियों में छिप गई। तभी उधर से मुदालियर गुजग और गुगु को ‘यहाँ क्या मेरी तरह गश्त कर रहे हो’ कह कर चला गया। सुनन्दा ने उसको आवाज़ पहचान ली थी। वह अगली रात, रावगुरु और उनकी पत्नी के सोने के बाद, ग्यारह बजे गुगु के साथ चन्दन के पेड़ों के पास गई तो गुगु किर्रकिर्र की आवाज़ सुन कर गुर्राने लगा तो उसने उसे चुप करा दिया। उसे किरै-किर्र और वाहनों के आने-जाने के स्वरों के साथ मुदालियर की आवाज़ भी सुनाई दी जो किसी रमेश से कह रहा था ‘इतना ही काफी है। रात के दो बज गए हैं। इस की बिक्री का दस प्रतिशत मेरा होगा।’ उसने उत्तर: दिया था कि ज़रूर दूंगा। इस के बाद शान्ति छा गई थी। सुनन्दा गुगु को पट्टे से खींचती हुई घर आ गई, परन्तु सो न सकी।

सुबह हुई तो सुनन्दा ने रावगुरु को रात की सारी घटना बता दी। वे उटकमंड में पुलिस मुख्यालय गए, जहाँ रावगुरु के साथ सुनन्दा को भी बुलाया गया और उससे पूछताछ की गई। रावगुरु ने सुनन्दा को बताया कि यदि मुदालियर के विरुद्ध प्रमाण मिले तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। एक महीने बाद रावगुरु ने सुनन्दा को बताया कि चन्दन की लकड़ी की चोरी का भंडाफोड़ करने के लिए उसे पुलिस विभाग ने इनाम दिया है। मामी भी बहुत प्रसन्न होकर देवी लक्ष्मी को खीर का भोग लगाने की बात कहने लगी। सुनन्दा को राष्ट्रीय अन्धविद्यालय में दाखिल कराने का निश्चय किया गया और उसके इनाम की राशि बैंक में जमा करा दी गई, जिससे वह अपना जीवन ठीक से चला सके। सुनन्दा के पास रावगुरु को धन्यवाद करने के लिए शब्द नहीं थे।

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