PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 18 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 18 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 18 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा Textbook Questions and Answers

सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 18 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा 1
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उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

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2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 18 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा 3
PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 18 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा 4
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

3. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) सड़क पर दिनों दिन बढ़ती दुर्घटनाओं का लेखक ने क्या कारण बताया है ?
उत्तर :
सड़क पर दिनों दिन बढ़ती दुर्घटनाओं का कारण लेखक ने सड़क पर लापरवाही से चलना तथा यातायात के नियमों का पालन न करना बताया है।

(ख) सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा से लेखक का क्या अभिप्राय है?
उत्तर :
सड़क सुरक्षा – जीवन रक्षा से लेखक का अभिप्राय है कि जब हम सड़क पर दूसरे की सुरक्षा का ध्यान रखेंगे तब हमारा जीवन भी सुरक्षित रहेगा।

(ग) वाहन चलाते समय मोबाइल सुनना क्यों खतरनाक हो सकता है?
उत्तर :
वाहन चलाते समय मोबाइल सुनने से ध्यान भटक सकता है और उससे दुर्घटना घट सकती है। इसलिए मोबाइल सुनना खतरनाक है।

(घ) निश्चित स्थान पर वाहन पार्किंग का क्या फायदा है?
उत्तर :
निश्चित स्थान पर वाहन पार्क करने पर वाहन सुरक्षित रहता है और ट्रैफिक जाम की समस्या भी नहीं होती है।

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(ङ) चौराहे में लाल-हरी बत्ती के पास सड़क पर काली-सफेद लाइनें क्या दर्शाती हैं ?
उत्तर :
काली – सफेद लाइनों को जेबरा लाइन कहते हैं, जो पैदल चलकर सड़क पार करने वाले लोगों के लिए बनी होती हैं।

4. इन प्रश्नों के उत्तर चार-पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) वाहन चलाते समय सेफ्टी बेल्ट लगाना क्यों अनिवार्य है?
उत्तर :
वाहन चलाते समय सेफ्टी बेल्ट लगाना इसलिए अनिवार्य है ताकि यदि कभी अचानक गाड़ी रोकनी पड़े तो किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके। यह हमारे जीवन की रक्षा करने के लिए ही अनिवार्य बनाया गया है। वाहन चालक के साथ आगे की सीट पर बैठे व्यक्ति को भी सेफ्टी बेल्ट का प्रयोग करना चाहिए। क्योंकि दुर्घटना किसी के साथ भी हो सकती है। जीवन सभी का बहुमूल्य है। अत: वाहन चलाते समय सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य है।

(ख) कौन-से व्यक्ति अपने वाहनों पर काले रंग के शीशे व लाल रंग की बत्ती का प्रयोग कर सकते हैं?
उत्तर :
जिन व्यक्तियों को ट्रैफिक विभाग से आज्ञा प्राप्त है वे व्यक्ति ही काले रंग के शीशे तथा वाहनों के ऊपर लाल बत्ती का प्रयोग कर सकते हैं। बिना आज्ञा के इनका प्रयोग करना दण्डनीय अपराध है। सभी मन्त्रियों को लाल बत्ती का प्रयोग करने का अधिकार प्राप्त है। लेकिन इसकी सूचना पहले पुलिस विभाग को देनी होती है। बड़े – बड़े पुलिस अधिकारियों की गाड़ी पर भी लाल बत्ती लगी होती है। हम सड़क पर प्रतिदिन इस प्रकार की गाड़ियों को आते – जाते देखते हैं।

(ग) हमें सड़क पर दुर्घटना से बचने के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
उत्तर :
हमें सड़क पर दुर्घटना से बचने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए :

  • सड़क को भाग कर पार नहीं करना चाहिए।
  • सड़क किनारे बने फुटपाथ पर ही चलना चाहिए।
  • हमेशा सड़क के बाईं ओर ही चलना चाहिए।
  • सड़क पर हाथ छोड़कर साइकिल नहीं चलानी चाहिए।
  • हमें सड़क पर वाहन तेज़ गति से नहीं चलाना चाहिए।
  • वाहन चलाते समय सदैव हेलमेट का प्रयोग करना चाहिए।
  • कार आदि चलाते समय सेफ्टी बेल्ट लगानी चाहिए।
  • पैदल चलने वालों को सदैव जेबरा लाइनों पर से ही सड़क पार करनी चाहिए।
  • सड़क पर खेलना, कूदना या उछलना नहीं चाहिए।
  • सड़क पर कूड़ा अथवा फलों के छिलके नहीं फेंकने चाहिए।

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5. शुद्ध करके लिखें :

  1. पराथना = ………………………
  2. मोबाईल = ………………………
  3. चारट = ………………………
  4. टरैफिक = ………………………
  5. मंतर = ………………………
  6. दाँयी = ………………………
  7. सिखना = ………………………
  8. किन्तू = ………………………
  9. रफतार = ………………………
  10. मोबाईल = ………………………
  11. रूकावट = ………………………
  12. मतबल = ………………………
  13. निचित = ………………………
  14. उबड़ खबड़रस्ते = ………………………
  15. धन्यावाद = ………………………

उत्तर :

  1. पराथना = प्रार्थना
  2. मोबाईल = मोबाइल
  3. चारट = चार्ट
  4. रूकावट = रुकावट
  5. टरैफिक = ट्रैफिक
  6. मतबल = मतलब
  7. दांयी = दायीं
  8. निचित = निश्चित
  9. मंतर = मंत्र
  10. उबड़ खबड़ = ऊबड़ – खाबड़
  11. सिखना = सीखना
  12. रस्ते = रास्ते
  13. किन्तु = किन्तु
  14. धन्यावाद = धन्यवाद
  15. रफतार = रफ्तार

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6. रिक्त स्थान में उचित संबंध बोधक शब्द भरें :

(क) इसे अन्य नियमों ………………………… कठोरता से लागू नहीं किया जा सका है। (की ओर, की अपेक्षा)
(ख) आज्ञा ………………………… किसी को ऐसा नहीं करना चाहिए। (के लिए, के बिना)
(ग) सड़क ………………………… काली-सफेद लाइनें लगायी गयी हैं। (के पास, पर)
(घ) हमें भारी गाड़ियों ………………………… से नहीं गज़रना चाहिए। (के बीच, के बदले)
(ङ) चालक …………………………बैठे व्यक्ति को भी हेलमेट पहनना चाहिए। (के बगैर, के पीछे)
उत्तर :
(क) की अपेक्षा,
(ख) के बिना,
(ग) पर,
(घ) के बीच,
(ङ) के पीछे

7. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखें :

(क) स्कूल का सर्वप्रमुख अध्यापक – मुख्याध्यापक
(ख) स्कूल में सुबह आयोजित की जाने वाली सभा
(ग) स्कूटर चलाने वाला व्यक्ति
(घ) विद्या प्राप्त करने वाला
(ङ) जो बीमार हो
(च) जहाँ बीमारों का इलाज हो
(छ) चौराहे में लाल बत्ती के पास सड़क पर लगी काली-सफेद लाइनें
उत्तर :
(क) मुख्याध्यापक
(ख) प्रार्थना
(ग) स्कूटर चालक
(घ) विद्यार्थी
(ङ) मरीज़
(च) अस्पताल
(छ) जैबरा लाइन।

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8. एक शब्द में अलग-अलग अक्षरों व मात्राओं के प्रयोग से कई शब्द बन सकते हैं। ‘खतरनाक’ शब्द से बनने वाले विविध शब्द कैसे बनते हैं। देखो।

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उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं देखकर समझें।

9. इस तरह निम्नलिखित शब्दों में अलग-अलगअक्षरों वमात्राओं के प्रयोग से नए शब्द बनायें :

  1. अचानक,
  2. जानकारी

उत्तर :

  1. अचानक – आच, आक, नाक, नाच, चाक, चना, कनचा, काच, चक, चानक, कान, चकना, चन, अन।
  2. जानकारी – जान, नाज, नकार, अज, नारी, कारी, कर, आरी, नाक, कान, जीन, जारी, रीना, राजी, नकार, आन, राज, जार, कार, आर, रानी, जन, जीरा, नीक।

इन्हें सदैव याद रखिये:

  • स्कूटर चालक के साथ-साथ पीछे बैठे व्यक्ति को भी बढ़िया किस्म का (आई.एस.आई. (ISD निशान वाला) हेलमेट पहनना चाहिए।
  • महिलाओं को भी अपनी सुरक्षा हेतु हेलमेट पहनना चाहिए।
  • यदि लाल बत्ती हुई हो और उस समय किसी भी तरफ से कोई भी आता-जाता न दिखाई दे तो भी हमें लाल बत्ती पर खड़े रहना चाहिए।
  • केवल हरी बत्ती पर ही चलना चाहिए।
  • हमें हरी बत्ती दिखाई देने पर जल्दी लाँधने के लिए अपने वाहन की गति बढ़ा नहीं देनी चाहिए। इससे जल्दबाज़ी में दुर्घटना हो सकती है।
  • हमें हेलमेट सुरक्षा के लिए पहनना है न कि नियमों का पालन करने केलिए। हेलमेट होते हुए भी उसे सिर पर न पहनकर हाथ में पकड़ना या स्कूटर पर लटका कर रखना नियमों की अवहेलना के साथ-साथ बेवकूफी भी है।
  • हमें सड़क पर अपने वाहन से किसी से रेस नहीं लगानी चाहिए।
  • हमें अपना वाहन निश्चित जगह पर ही खड़ा करना चाहिए।
  • रात में साइकिल या दो पहिया वाहन चलाते समय गाढ़े रंग के कपड़ों का प्रयोग न करें।
  • बस या कार में यात्रा करते समय अपना सिर बाहर न निकालें या अपना हाथ बाहर निकालकर न हिलायें।
  • खड़े हुए या पार्क किए वाहन के पीछे से सड़क क्रॉस न करें।
  • स्कूल बस में चढ़ते हुए अनुशासन बनाये रखें तथा पंक्ति में चढ़ें।
  • सड़क पर नहीं खेलना चाहिए।
  • हमें कभी भी जानबूझ कर ट्रैफिक जाम नहीं करना चाहिए। इसमें अन्य लोगों को असुविधा होती है।
  • यदि सड़क पर हमारे पीछे कोई अम्बुलैंस हार्न बजाती आ रही हो तो उसे सावधानीपूर्वक जल्दी से रास्ता दे देना चाहिए।

सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा Summary in Hindi

सड़क सुरक्षा – जीवन रक्षा पाठ का सार

‘सड़क सुरक्षा – जीवन रक्षा’ डॉ० सुनील बहल द्वारा रचित एक श्रेष्ठ लेख है। इसका ज्ञान सभी को होना चाहिए। हमारी सुरक्षा हमारे साथ – साथ दूसरे को भी जीवन दे सकती स्कूल की प्रार्थना सभा में सड़क सुरक्षा के बारे में जानकारी देने के लिए प्रधानाचार्य ने ट्रैफिक पुलिस अधिकारी को आमंत्रित किया था। पुलिस अधिकारी ने बच्चों को समझाते हुए बताया कि हमें सड़क पर स्वयं भी सुरक्षित ढंग से चलना चाहिए तथा दूसरों को भी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए। तभी हमारा जीवन सुरक्षित होगा। यही सड़क पर चलने का मूल मन्त्र है। सड़क के बीच कभी मत चलो।

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हमेशा अपनी बाईं ओर पटरी पर ही चलना चाहिए। वाहन चलाने के लिए कितनी आयु होनी चाहिए के प्रश्न पर ट्रैफिक अधिकारी ने कहा कि वाहन चलाना सीखने के लिए कम – से – कम सोलह साल उम्र होनी चाहिए। बिना सीखे वाहन चलाना खतरनाक हो सकता है। वाहन चलाते समय हेलमेट अवश्य पहनना चाहिए। महिलाओं के लिए भी हेलमेट पहनना आवश्यक है। वाहन चालक तथा आगे बैठे दूसरे व्यक्ति को भी सेफ्टी बैल्ट लगानी चाहिए।

इससे दुर्घटना से बचा जा सकता है। एक विद्यार्थी ने पूछा – कौन से वाहनों पर काले रंग के शीशे और लाल रंग की बत्ती लगायी जा सकती है ? पुलिस अधिकारी ने बताया विशेष अधिकारी प्राप्त व्यक्ति ही ट्रैफिक विभाग से आज्ञा प्राप्त करके काले रंग के शीशे तथा लाल बत्ती का प्रयोग कर सकता है। वाहन चलाते समय कभी मोबाइल नहीं सुनना चाहिए। पुलिस अधिकारी बोर्ड पर दिखाए गए संकेतों की ओर इशारा करते हुए बच्चों को बताता है कि बैग ले जा रहे बच्चे का चित्र यह बताता है कि पास में विद्यालय है और वाहत की गति धीमी कर दी जाए।

अस्पताल के पास हार्न का निशान बनाकर काटा गया होता है, जिसका अर्थ है कि बिना मतलब के हार्न न बजाएं। इसके बाद ट्रैफिक पुलिस अधिकारी ने पार्किंग के विभिन्न नियमों को विस्तार से बच्चों को बताया कि पार्किंग कैसे करनी चाहिए। जैबरा लाइन के बारे में बताते हुए अधिकारी ने बताया कि यह पैदल चलने वालों के लिए बनी होती है। पैदल चलने वालों को सदा जेबरा लाइनों पर चलते हुए ही सड़क पार करनी चाहिए।

बाईं ओर मुड़े तीर का अर्थ बाईं ओर मुड़ना तथा दाईं ओर मुड़े तीर का अर्थ दाईं ओर मुड़ना है। सड़क पर दुर्घटना से बचने के लिए अधिकारी उपाय बताता हुआ कहता है कि सड़क के बीच कभी मत चलो। हमेशा अपनी बाईं ओर बनी पटरी पर ही चलना चाहिए। सड़क पर खेलना, उछलना तथा कूदना ठीक बात नहीं। कूड़ा अथवा फलों के छिलके सड़क पर मत फेंको। दोनों हाथ छोड़कर साइकिल न चलायें। भारी गाड़ियों के बीच से न निकलें।

अन्त में बच्चों ने ट्रैफिक पुलिस अधिकारी का धन्यवाद करते हुए कहा कि वे सदैव यातायात के नियमों का पालन करेंगे।

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सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा कठिन शब्दों के अर्थ

  • सुरक्षा = हिफाजत।
  • सप्ताह = हफ्ता।
  • अति आवश्यक = बहुत ज़रूरी।
  • उत्सुकता = बेचैनी।
  • चिहन = निशान।
  • दिनों दिन = प्रतिदिन।
  • पधारना = आना।
  • जिज्ञासा = जानने की इच्छा।
  • वाहन = गाड़ी।
  • फुटपाथ = सड़क किनारे चलने की पटरी।
  • सेफ्टी बेल्ट = सुरक्षा पेटी।

सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. वाहन चलाना सीखने के लिए कम से कम उम्र 16 साल होनी चाहिए। यदि साइकिल, स्कूटर या कार आदि चलाना सीखना हो तो खाली मैदान में ही सीखना चाहिए। सड़क पर तभी चलायें जब आपको पूरी तरह चलाना आ जाये अन्यथा स्वयं या दूसरे के लिए यह खतरनाक हो सकता है। हां, वाहन तेज़ रफ्तार से नहीं चलाना चाहिए।

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित लेख ‘सड़क सुरक्षा – जीवन रक्षा’ से लिया गया है। इसके लेखक डॉ सुनील बहल हैं। लेखक ने यहाँ जीवन रक्षा हेतु सड़क के नियमों का पालन करने की बात कही है।

व्याख्या – लेखक कहता है कि ट्रैफिक पुलिस अधिकारी बच्चों को वाहन चलाने और सीखने का नियम बताते हुए कहता है कि वाहन चलाने के लिए या सीखने के लिये कम से कम सोलह वर्ष की आयु होनी चाहिए। यदि कोई साइकिल, स्कूटर या कार चलानी सीखनी है तो इसे सीखने के लिए किसी खाली बड़े मैदान में जाएँ। खाली मैदान में न तो सीखने वाले को कठिनाई होगी न ही अन्य किसी और को।

आपको सड़क पर अपना वाहन तभी चलाना चाहिए जब आप वाहन चलाने में पूर्णतः निपुण हो जाएं। यदि निपुणता में कुछ कमी रही तो दुर्घटना की सम्भावनाएं बढ़ सकती हैं। वाहन चलाते समय सबसे बड़ी ध्यान देने योग्य बात यह है कि वाहन कभी तेज गति से नहीं चलाना चाहिए।

विशेष –

  • लेखक ने वाहन चलाने की सही उम्र अथवा वाहन गति पर ध्यान देने की विशेष बात बताई है।
  • भाषा सरल, सहज तथा भावानुकूल है।

2. बच्चो! केवल वाहन चालक को ही नहीं अपितु वाहन चालक के साथ आगे वाली सीट पर बैठे व्यक्ति को भी सेफ्टी बेल्ट का प्रयोग करना चाहिए जिससे अचानक झटका लगने से होने वाली दुर्घटना से बचा जा सकता है।

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित लेख ‘सड़क सुरक्षा – जीवन रक्षा’ से लिया गया है जिसके रचयिता डॉ० सुनील बहल हैं। लेखक ने अपने इस लेख द्वारा सड़क सुरक्षा के नियमों पर चर्चा की है।

व्याख्या – लेखक कहता है कि ट्रैफिक पुलिस अधिकारी बच्चों को वाहन चलाते समय सेफ्टी बेल्ट के प्रयोग को बताते हुए कहता है कि बच्चो वाहन चलाते समय केवल चालक को ही सेफ्टी बेल्ट का प्रयोग नहीं करना चाहिए अपितु चालक के साथ आगे वाली सीट पर बैठने वाले व्यक्ति को भी सेफ्टी बेल्ट का प्रयोग करना चाहिए ताकि असमय होने वाली किसी भी अप्रिय दुर्घटना से बचा जा सके, जो गाड़ी के अचानक झटके से रुकने या झटका लगने से हो सकती है।

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विशेष –

  • लेखक ने सेफ्टी बेल्ट के प्रयोग की बात कही है।
  • भाषा सरल, सहज तथा भावानुकूल है।

3. दोनों हाथ छोड़कर साइकिल न चलायें। यदि आप एक स्कूल में साइकिल चला रहे हैं तो सड़क का काफी हिस्सा घेर कर समानान्तर न चलें अपितु एक – दूसरे के पीछे – पीछे चलें। यदि आप गाड़ी में हैं तो दूसरी गाड़ी से आगे केवल दायें हाथ की ओर से निकलें। हमें भारी गाड़ियों के बीच से भी नहीं निकलना चाहिए। अतः बच्चो! इस तरह हम यातायात के नियमों का पालन करते हुए अपने व दूसरे के जीवन की रक्षा सहज ही कर सकेंगे।

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित लेख ‘सड़क सुरक्षा – जीवन रक्षा’ से लिया गया है, जिसके रचनाकार डॉ सुनील बहल हैं। लेखक ने यहाँ सड़क पर चलने के नियमों के बारे में बताया है।

व्याख्या – लेखक कहता है कि ट्रैफिक पुलिस अधिकारी बच्चों को सड़क पर चलने के नियमों की जानकारी देता हुआ कहता है कि बच्चो सड़क पर कभी दोनों हाथ छोड़कर साइकिल नहीं चलानी चाहिए। यदि बहुत – से बच्चे इकट्ठे होकर सड़क पर साइकिल चलाएं तो उन्हें सारी सड़क को घेर कर साइकिल नहीं चलानी चाहिए। सड़क पर गाड़ी में चलते समय किसी भी गाड़ी की दाईं तरफ से ही निकलना चाहिए।

कभी भी हमें किसी भारी वाहन के बीच से नहीं जाना चाहिए। बच्चो इन सभी बातों का ध्यान दिया जाए तो हम यातायात के नियमों का सही ढंग से पालन कर सकते हैं। इससे हमारे जीवन की रक्षा के साथ – साथ दूसरे के जीवन की भी सुरक्षा हो सकेगी।

विशेष –

  • लेखक ने सड़क पर सुरक्षा को ही जीवन रक्षा बताया है।
  • भाषा सरल, सहज तथा विचारानुकूल है।

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