PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
स्थितिज ऊर्जा किसे कहते हैं ? स्थितिज ऊर्जा के लिए गणितीय सूत्र स्थापित करो तथा इस ऊर्जा की व्यावहारिक उदाहरणें भी दो।
उत्तर-
स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy) – ” यह किसी वस्तु में उसके आकार या उसकी पृथ्वी की सतह से ऊपर या नीचे स्थिति के कारण धारण की हुई ऊर्जा होती है।”

गणितीय सूत्र – मान लो ‘m’ द्रव्यमान वाला पत्थर पृथ्वी की सतह से ऊँचाई ‘h’ तक ऊपर तक उठाया जाता है। ऐसा करने के लिए पृथ्वी के गुरुत्व के विरुद्ध पत्थर पर कार्य करना पड़ता है।
∴ किया गया कार्य = बल × ऊँचाई
W = F × h
परंतु F, = पत्थर का भार = mg
पत्थर पर किया गया यह कार्य उस पत्थर में स्थितिज ऊर्जा (P. E.) के रूप में स्टोर हो जाता है।
∴ स्थितिज ऊर्जा (P.E.) = mgh
इस समीकरण से स्पष्ट है कि जितनी अधिक ऊँचाई होगी उतनी ही अधिक पत्थर में स्थितिज ऊर्जा स्टोर होगी।

व्यावहारिक उदाहरणें-
(i) पुराने जमाने की घड़ियां डिजिटल नहीं होती थीं और उन्हें चलाने के लिए चाबी भरनी पड़ती थी। जब इसकी कमानी पूरी तरह खुली होती है तो घड़ी नहीं चलती। परंतु जब हम इसकी कमानी की चाबी भरते हैं, तो हम कुछ कार्य करते हैं।
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चित्र (ख) में दिखाए अनुसार चाबी घुमाने से कमानी सिकुड़ती जाती है जिस कारण इसमें स्थितिज ऊर्जा स्टोर होती जाती है। स्टोर की हुई यह स्थितिज ऊर्जा घड़ी की सुइयों को डायल पर चलाने में सहायता करती है।

(ii) अपने दोनों हाथों से एक कमानी को खोलने की कोशिश करो। आपके हाथों द्वारा कार्य हो रहा है। ऐसा करने से कसी हुई कमानी की लंबाई बढ़ती है तथा इस तरह इसमें स्थितिज ऊर्जा स्टोर हो जाती है।

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प्रश्न 2.
गतिज ऊर्जा किसे कहते हैं ? गतिज ऊर्जा के लिए गणितीय सूत्र स्थापित करो तथा इस ऊर्जा की व्यावहारिक उदाहरणें भी दो।
उत्तर-
गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) – “किसी वस्तु में किसी भी प्रकार की गति के कारण उत्पन्न ऊर्जा गतिज ऊर्जा कहलाती है।” यदि वस्तु गतिशील नहीं है तो इसमें गतिज ऊर्जा नहीं है।

गणितीय सूत्र-मान लो ‘m’ द्रव्यमान वाली एक फुटबाल जो विराम अवस्था में है, पर बल F लगाया जाता है। इस बल के कारण फुटबाल ‘t’ समय में S दूरी तय करता हुआ वेग v प्राप्त कर लेता है। इसलिए इसमें प्रवेग ‘a’ उत्पन्न होता है।
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फुटबाल पर किया गया कार्य W = F × S …………… (1)
न्यूटन की गति के दूसरे नियम अनुसार, F = m × a ……………… (2)
हम जानते हैं गति का एक रेखीय समीकरण
S = ut + \(\frac {1}{2}\)at2 …………….. (3)
तथा v = u + at ……………. (4)
फुटबाल विराम अवस्था से चली है;
u = 0
अब (3) तथा (4) समीकरणों में u = 0 भरने पर
S = \(\frac {1}{2}\)at2 ………………. (5)
तथा v = at …………… (6)
सभीकरण (1) में समीकरण (2), (5) तथा (6) का मान रखने पर
W = (m . a)(\(\frac {1}{2}\)at2)
W = \(\frac {1}{2}\)ma2t2
W = \(\frac {1}{2}\) m at2 ………….. (7)
समीकरण (6) को (7) में भरने से
W = \(\frac {1}{2}\)mv2 ……………. (8)
समीकरण (8) सिद्ध करती है कि फुटबाल पर किया गया कार्य उसके अंदर गतिज रूप में स्टोर हो जाता है।
∴ किया गया कार्य = स्टोर की गई गतिज ऊर्जा = \(\frac {1}{2}\)mv2
गतिज ऊर्जा की इकाई जूल (J) है।
समीकरण (8) से यह सिद्ध हो गया है कि गतिशील वस्तु की गतिज ऊर्जा-
(i) वस्तु के पुंज के समानुपाती होती है अर्थात् भारी वस्तुओं में हल्की वस्तुओं की अपेक्षा अधिक गतिज ऊर्जा होती है।
(ii) वस्तु के वेग के वर्ग के समानुपाती होती है अर्थात् जितनी वस्तु की चाल अधिक होगी उतनी ही अधिक उस वस्तु की गतिज ऊर्जा होगी।
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उदाहरण – आओ एक तीर तथा कमान के बारे में विचार करो। साधारण अवस्था में तीर तथा कमान में कोई भी ऊर्जा नहीं होती। जब हम तीर को कमान में रखते हैं तो हम उस पर कार्य करते हैं। यह कार्य तीर-कमान प्रणाली में स्थितिज ऊर्जा के रूप में स्टोर हो जाता है। अब जब तीर को कमान से छोड़ा जाता है तो स्टोर की गई स्थितिज ऊर्जा, गतिज ऊर्जा में बदल जाती है।

प्रश्न 3.
ऊर्जा संरक्षण नियम क्या है ? एक उदाहरण के साथ इस नियम की व्याख्या करो तथा इस वास्तविकता को सिद्ध करो।
उत्तर-
ऊर्जा संरक्षण नियम – इस नियम के अनुसार ऊर्जा की मात्रा सदैव ही अचर रहती है अर्थात् कुल ऊस सदैव उतनी ही रहती है। यद्यपि ऊर्जा के एक रूप को दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है. इसकी मात्रा नहीं बदला जा सकता।
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उदाहरण सहित व्याख्या – पृथ्वी की सतह से गेंद को ऊपर की ओर | अधिकतम गतिज ऊर्जा फेंको। आप गेंद पर कार्य करते हो। यह कार्य गेंद में स्थितिज ऊर्जा के रूप में स्टोर हो जाता है। इसे गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा भी कहते हैं। गेंद ज्योंज्यों ऊपर की ओर जाती है, यह दूरी तय करती है, परंतु कम वेग के साथ। इस तरह स्थितिज ऊर्जा बढ़ती जाती है तथा गतिज ऊर्जा कम होती जाती है। गेंद द्वारा उच्चतम ऊँचाई तक पहुँच कर इसकी स्थितिज ऊर्जा अधिकतम तथा गतिज ऊर्जा न्यूनतम (शून्य) हो जाती है। हम गणितीय रूप से सिद्ध कर सकते हैं कि गेंद की गति के पथ पर किसी भी बिंदु पर इसकी स्थितिज तथा गतिज ऊर्जा का कुल जोड़ हमेशा स्थिर रहता है।
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गणितीय रूप द्वारा ऊर्जा संरक्षण नियम की पुष्टि
मान लो 10 kg पुंज वाली एक गेंद फर्श से 30 मीटर की ऊँचाई पर स्थित एक बिंदु A से नीचे की ओर फेंकी जाती है जैसा कि चित्र में दिखाया गया है।

बिंदु A पर-
गेंद की स्थितिज ऊर्जा (P.E.) = m × g × h
= 10 × 10 × 30
= 3000J
गेंद क्योंकि आरंभ में विराम अवस्था में है इसलिए बिंदु A पर इसकी गतिज ऊर्जा (K.E.) = 0
∴ गेंद की कुल यांत्रिक ऊर्जा = P.E. + K.E.
= 3000 + 0 = 3000 J ……………. (i)

बिन्दु B पर-
गेंद अब 20 मीटर की ऊंचाई पर है।
स्थितिज ऊर्जा (P.E.) = m × g × h
= 10 × 10 × 20
= 2000J
समीकरण υ2 – u2 = 2gh की सहायता से
υ2 = u2 + 2gh
υ2 = 0 + 2 × 10 × 10
∴ υ2 = 200
∴ बिंदु B पर गेंद की गतिज ऊर्जा (K.E.) = \(\frac {1}{2}\)mv2
= \(\frac {1}{2}\) × 10 × (200)
= 1000 J
∴ बिंदु B पर गेंद की कुल यांत्रिक ऊर्जा = स्थितिज ऊर्जा + गतिज ऊर्जा
= 2000 + 1000
= 3000 J …………….. (ii)
इसी तरह C तथा D बिंदुओं पर भी कुल यांत्रिक ऊर्जा 3000 J ही होगी।
इन समीकरणों से सिद्ध होता है कि कुल ऊर्जा हमेशा संरक्षित रहती है।

प्रश्न 4.
यदि किसी वस्तु पर लग रहा बल गति की दिशा में न लगे तो किए गये कार्य की परिकल्पना कैसे करोगे ? उदाहरण देकर स्पष्ट करो तथा यह भी बताओ कि कार्य कब न्यूनतम तथा कब अधिकतम होता है ?
उत्तर-
जब वस्तु पर लग रहा बल गति की दिशा में नहीं होता-एक माली घास काटने वाली मशीन को लान में आगे की ओर चलाता है। वह मशीन की ओर अपना मुँह करके ग्राऊंड पर खड़े होकर मशीन के हैंडल HH1 पर F बल लगाता है।
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जैसा कि चित्र में स्पष्ट है; माली क्षैतिज दिशा में बल नहीं लगा रहा अपितु कोण बनाई दिशा की ओर बल लगाता है। ऐसी स्थिति में मशीन पर लगने वाला बल जो इसे स्थिति A से B की ओर क्षैतिज दिशा की ओर चलाता है F नहीं अपितु इसका क्षैतिज घटक = F cos θ होता है।

यहां विस्थापन घटक; F sin θ घास काटने वाली मशीन को संतुलित करता है।
∴ मशीन द्वारा किया गया कार्य, (W) = बल घटक × विस्थापन
= F cos θ × S

(i) जब बल वस्तु की दिशा में कार्य करता है तो θ = 0° तथा cos θ = 1
W = F cos θ × S
W = F × 1 × S
W = F × S
यह कार्य (W) का अधिकतम मान है।

(ii) जब बलं वस्तु की लंबात्मक दिशा पर लगता है तो θ = 90° तथा cos 90° = 0
∴ W = F cos 90° × S
W = F × 0 × S
W = 0
यह कार्य (W) का न्यूनतम मान है।

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लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
कार्य किसे कहते हैं ? इसकी गणना कैसे की जाती है ? कार्य की इकाई भी लिखो।
उत्तर-
कार्य (Work) – “किसी बल द्वारा किया गया कार्य या किसी वस्तु द्वारा किया गया कार्य वस्तु पर लग रहे बल तथा बल की दिशा में उस द्वारा उत्पन्न विस्थापन के गुणनफल के बराबर होता है।”
यदि
F = वस्तु पर लग रहा बल है
S = वस्तु द्वारा बल की दिशा में हुआ विस्थापन है।
तो बल द्वारा किया गया कार्य, W = F × S ……….. (i)
हम जानते हैं कि वस्तु पर कोई बल लगता है, तो वस्तु में प्रवेग उत्पन्न होता है इसलिए यदि m = वस्तु का द्रव्यमान
a = वस्तु में उत्पन्न हुआ त्वरण हो
तो न्यूटन के दूसरे गति नियम अनुसार,
F = [m × a] …………….. (ii)
समीकरण (i) तथा (ii) से
W = m × a × S ………….. (iii)
कार्य की इकाई (Unit of Work) – जब बल न्यूटन (N) तथा दूरी मीटरों (m) हो, तो
कार्य = न्यूटन × मीटर
W = N × m
W = जूल (J)
∴ कार्य की S.I. इकाई जूल (J) तथा C.G.S. इकाई अर्ग (erg) है।
1 जूल = 107 अर्ग।

प्रश्न 2.
एक उदाहरण देकर समझाओ कि यदि किसी वस्तु पर लग रहा बल वस्तु में विस्थापन उत्पन्न नहीं करता तो किया गया कार्य शून्य (0) होगा।
उत्तर-
इस कथन को निम्नलिखित उदाहरण देकर समझाया जा सकता है-
यदि एक बच्चा अधिक-से-अधिक बल लगा कर एक कार को धक्का लगाने की कोशिश करता है, परंतु यदि कार एक सैंटीमीटर तक नहीं हिलती तथा बच्चा पूरी तरह थक जाता है, तो हम भौतिक विज्ञान की भाषा में यह कहेंगे कि उसने कोई कार्य नहीं किया।

इस स्थिति में मान लो बच्चे ने F बल लगाया तथा विस्थापन S = 0 है तो
कार्य, W = F × S
W = F × 0
W = 0

प्रश्न 3.
एक पत्थर को धागे के साथ बाँधकर चक्कर में घुमाया गया है। बताओ इस वक्रीय गति में अभिकेंद्री जल कितना कार्य करता है ?
उत्तर-
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एक पत्थर को चित्र में दर्शाए अनुसार गोल चक्कर में घुमाया जाता है तो जिस उंगली से आपने धागे को पकड़ा हुआ है, उस पर आप कुछ बल लग रहा अनुभव करोगे! घूम रहे पत्थर पर लग रहे बल को अभिकेंद्री बल (Centripetal force) कहते हैं।

यह बल वक्रीय पथ के अर्धव्यास के साथ केंद्र की ओर लगता है। यदि ऐसी स्थिति में धागा पत्थर से खुल जाए तो पत्थर AT या BT स्पर्श रेखा के साथ बाहर की ओर गतिशील हो जाएगा जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। अब क्योंकि अभिकेंद्री बस पत्थर की गति के लंबात्मक दिशा में लग रहा है। इसलिए अभिकेंद्री बल द्वारा कोई भी कार्य नहीं हो रहा है।

प्रश्न 4.
ऊर्जा की परिभाषा दो। आप उदाहरण देकर कैसे समझाओगे कि ऊर्जा तथा कार्य एक-दूसरे में एरिवर्तनशील हैं ?
उत्तर-
ऊर्जा (Energy) – “किसी वस्तु की किसी भी रूप में कार्य करने की क्षमता को, ऊर्जा कहते हैं।” ऊर्जा तथा कार्य दोनों ही दिशाहीन हैं।

ऊर्जा और कार्य की आपस में परिवर्तनशीलता – निम्नलिखित उदाहरण से यह स्पष्ट हो जाता है कि ऊर्जा तथा कार्य आपस में परिवर्तनशील हैं।
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यदि आप गेंद को पृथ्वी से ऊपर की ओर फेंकते हो, तो आप ने पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध कोई कार्य किया है। ज्यों-ज्यों गेंद ऊपर की ओर जाती है तो गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध ऊर्जा प्राप्त करती है। यह गेंद द्वारा प्राप्त वह ऊर्जा है जो गेंद को अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने के बाद पृथ्वी की ओर नीचे फेंकने में सहायता करती है।

जब गेंद स्थिति A से उच्चतम बिंदु B तक पहुंचती है, तो गेंद पर किया गया कार्य गेंद के अंदर स्टोर हो जाता है। जब गेंद पथ BC द्वारा पृथ्वी पर वापिस गिरता है, तो गेंद में स्टोर हुआ कार्य अब गेंद द्वारा किया जाता है।
यही कारण है कि हम कहते हैं कि ऊर्जा तथा कार्य परस्पर परिवर्तनशील हैं।

प्रश्न 5.
शक्ति से आप क्या समझते हैं ? इसकी SI इकाई भी लिखो।
उत्तर-
शक्ति (Power ) – हरीश तथा करण 60-60 आम तोड़ने के लिए एक वृक्ष पर चढ़े। दोनों ने एक ही समय चढ़ना शुरू किया। हरीश ने 60 आम 30 मिनटों में तथा करण ने 60 आम 60 मिनटों में तोड़े। इसका अर्थ है कि करण ने एक जैसा कार्य करने के लिए अधिक समय लगाया। दोनों ने एक जैसा कार्य किया, दोनों में एक जितना सामर्थ्य अर्थात् ऊर्जा थी परंतु उनकी शक्ति बराबर नहीं है अर्थात् हरीश की शक्ति, करण से अधिक है।

शक्ति – “किसी वस्तु या मशीन की शक्ति उस द्वारा कार्य करने की दर होती है।” अर्थात् कार्य करने की दर को शक्ति कहते हैं।
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यदि कार्य जूल तथा समय सैकेंड में मापा जाए तो शक्ति ‘वॉट’ में मापी जाती है।
∴ 1 वॉट = PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 10
शक्ति की व्यापारिक इकाई ‘किलोवाट’ है।
1 किलोवाट = 1000 वाट = 1000 जूलासेकेंड

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प्रश्न 6.
ऊर्जा रूपांतरण से आप क्या समझते हो ? स्थितिज ऊर्जा का गतिज ऊर्जा में रूपांतरण समझाने के लिए एक उदाहरण दो।
उत्तर-
ऊर्जा रूपांतरण (Energy Transformation) – ऊर्जा रूपांतरण नियमानुसार “ऊर्जा न तो उत्पन्न की जा सकती है और न ही नष्ट की जा सकती है। इसको केवल एक रूप से दूसरे रूप में बदला जा सकता है।” इसको ऊर्जा रूपांतरण कहते हैं।

उदाहरण – जब हम कमान में तीर खींचते हैं तो कमान की आकृति बदल जाती है। कमान पर किया गया कार्य तीरकमान प्रणाली में स्थितिज ऊर्जा के रूप में स्टोर हो जाता है। जब तीर छोड़ा जाता है तो इस स्थितिज ऊर्जा का कुछ भाग तीर की गतिज ऊर्जा में बदल जाता है। जब तीर निशाने पर धंस जाता है तो यह कुछ कार्य करता है। अर्थात् तीर की गतिज ऊर्जा, कार्य में बदल जाती है। इस कार्य का कुछ हिस्सा निशाने अंदर ऊष्मा उत्पन्न करता है अर्थात् ऊष्मीय ऊर्जा में बदल जाता है तथा शेष बचा कार्य आवाज़ पैदा करता है अर्थात् ध्वनि ऊर्जा में रूपांतरित हो जाता है।

प्रश्न 7.
पानी द्वारा विद्युत् कैसे उत्पन्न होती है ?
अथवा
पन्न विद्युत् केंद्रों से विद्युत् कैसे उत्पन्न होती है ?
उत्तर-
बाँधों में पृथ्वी की सतह से काफ़ी ऊँचाई पर बहुत अधिक मात्रा में पानी एकत्रित करके रखा जाता है। बाँध कर यह रखा पानी जब नियंत्रित ढंग से छोड़ा जाता है तो स्टोर की गई यह स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है। यह गतिज ऊर्जा जनरेटर की शॉफ्ट को चलाती है जिससे यह विद्युत् ऊर्जा में बदल जाती है।
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प्रश्न 8.
एक प्रयोग द्वारा सिद्ध करो कि यांत्रिक ऊर्जा को ऊष्मीय ऊर्जा में बदला जा सकता है।
अथवा
जब हम लकड़ी के किसी तख्ते में हथौड़े से कील गाड़ते हैं तो कील गर्म हो जाती है। क्यों ?
उत्तर-
एक लकड़ी का तख्ता लेकर उस पर एक कील रखकर हथौड़े से मारो तो कील लकड़ी में कुछ अंश तक धंस जाती है परंतु जब कील पूरी तरह तख्ते में धंस जाती है तो फिर हथौड़े से मारने पर कील, हथौड़ा तथा तख्ता गर्म हो जाते हैं। इसका कारण इस प्रकार है। जब हथौड़ा ऊपर उठाया जाता है, तो उसमें उसकी स्थिति के कारण स्थितिज ऊर्जा होती है। जब यह कील पर गिरता है तो इसकी सारी ऊर्जा कील में स्थानांतरित हो जाती है जिससे कील को कुछ गतिज ऊर्जा मिलती है और वह लकड़ी के अंदर धंस जाता है। जब कील पूर्ण रूप से धंस जाता है तो हथौड़े की यांत्रिक ऊर्जा ऊष्मीय ऊर्जा में बदलकर कील, तख्ने तथा हथौडे को गर्म कर देती है अर्थात यांत्रिक ऊर्जा ऊष्मा में बदल जाती है।

प्रश्न 9.
कार्य, ऊर्जा और शक्ति में अंतर बताइए। इनमें प्रत्येक राशि का SI मात्रक लिखिए।
उत्तर-

क्रम कार्य (Work) ऊर्जा (Energy) शक्ति (Power)
1. बल लगाकर किसी वस्तु को बल की दिशा में विस्थापित करना, कार्य कहलाता है। कार्य करने की क्षमता ऊर्जा कहलाती है। जिस दर से ऊर्जा उपलब्ध कराई जाए या खर्च की जाए उसे शक्ति कहते हैं।
2 इसका मात्रक जूल है। इसका मात्रक जूल है। इसका मात्रक वाट या किलोवाट है।

प्रश्न 10.
स्थितिज ऊर्जा तथा गतिज ऊर्जा के बीच अंतर बताइए।
उत्तर-
गतिज ऊर्जा एवं स्थितिज ऊर्जा में अंतर-

गतिज ऊर्जा (P.E.) स्थितिज ऊर्जा (K.E.)
(1) किसी पिंड की गतिज ऊर्जा उसकी गति के कारण होती है। (1) किसी पिंड की स्थितिज ऊर्जा उस पिंड की स्थिति एवं आकार पर निर्भर करती है।
(2) गतिज ऊर्जा = \(\frac {1}{2}\) mυ2 (2) स्थितिज ऊर्जा = mgh
(3) किसी पिंड की गतिज ऊर्जा उस पिंड की चाल द्वारा मापी जाती है। (3) स्थितिज ऊर्जा पिंड की ऊंचाई या गहराई जो कि पृथ्वी की सतह से मापी जाती है, पर निर्भर करती है।

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प्रश्न 11.
एक घोड़ा तथा एक कुत्ता समान चाल से दौड़ रहे हैं। यदि घोड़े का भार कुत्ते के भार से दस गुणा हो तो उसकी गतिज ऊर्जा का क्या अनुपात होगा ?
उत्तर-
मान लो कुत्ते का द्रव्यमान m है।
∴ घोड़े का द्रव्यमान = 10 m
घोड़े का वेग = कुत्ते का वेग = υ (मान लो)
∴ घोड़े की गतिज ऊर्जा = \(\frac {1}{2}\) × (10 m) × υ2
∴ कुत्ते की गतिज ऊर्जा = \(\frac {1}{2}\) × m × υ2
घोड़े की गतिज ऊर्जा : कुत्ते की गतिज ऊर्जा = (\(\frac {1}{2}\) × 10m × υ2) : (\(\frac {1}{2}\) × m × υ2)
= \(\frac{\frac{1}{2} \times 10 m \times v^{2}}{\frac{1}{2} \times m \times v^{2}}\)
= \(\frac{10}{1}\)
= 10 : 1

प्रश्न 12.
(i) यदि किसी वस्तु का द्रव्यमान तीन गुणा कर दिया जाये तो उसकी गतिज ऊर्जा में क्या परिवर्तन होगा ?
(ii) यदि वस्तु की गति को तीन गुणा कर दिया जाये तो उसकी गतिज ऊर्जा में क्या परिवर्तन होगा ?
उत्तर-
(i) ∴ KE = \(\frac {1}{2}\)mυ2
यदि υ परिवर्तित न हो, तो KE ∝ m
इसलिए द्रव्यमान को तीन गुणा करने पर, गतिज ऊर्जा भी तीन गुणा हो जायेगी।

(ii) ∵
KE = \(\frac {1}{2}\)mυ2 और द्रव्यमान अपरिवर्तित रहता है इसलिए K.E. ∝ υ2 यदि वेग तीन गुणा कर दिया जाए तो वस्तु की गतिज ऊर्जा 9 गुणा हो जाएगी।

प्रश्न 13.
बराबर द्रव्यमान के दो पिंड को तथा 2h की ऊँचाइयों पर रखा गया है। बताओ उनकी स्थितिज ऊर्जा में क्या अनुपात है ?
उत्तर-
माना दोनों पिंड A तथा B का बराबर द्रव्यमान m है जोकि क्रमशः h और 2h ऊँचाइयों पर हैं।
पिंड A की स्थितिज ऊर्जा, (ΦA) = mgh ……………. (i)
पिंड B की स्थितिज ऊर्जा, (ΦB) = mg × 2h ……………. (ii)
समीकरण (i) को (ii) से भाग देने पर,
\(\frac{\phi \mathrm{A}}{\phi \mathrm{B}}\) = \(\frac{m g h}{m g \times 2 h}\) = \(\frac{1}{2}\)
अर्थात् स्थितिज ऊर्जाओं में अनुपात = 1 : 2

प्रश्न 14.
बराबर द्रव्यमान के दो पिंड v तथा 2v वेग से चल रहे हैं। उनकी गतिज ऊर्जा का अनुपात मालूम कीजिए।
उत्तर-
माना पिंड A एवं B का बराबर द्रव्यमान m है और वेग क्रमशः v एवं 2v हैं।
∴ A की गतिज ऊर्जा, KA = \(\frac {1}{2}\)m(v)2
= \(\frac {1}{2}\)mv2 ……………… (i)
B की गतिज ऊर्जा, KB = \(\frac {1}{2}\)m (2v)2
= \(\frac {4}{2}\)mv2 ……………. (ii)
= 2mv2
समीकरण (i) को (ii) से भाग देने पर,
\(\frac{\mathrm{K}_{\mathrm{A}}}{\mathrm{K}_{\mathrm{B}}}=\frac{\frac{1}{2} m \mathrm{v}^{2}}{2 m \mathrm{v}^{2}}\)
\(\frac {1}{4}\)
∴ गतिज ऊर्जाओं में अनुपात = 1 : 4

प्रश्न 15.
किन-किन परिस्थितियों में मानव की शारीरिक कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है ?
उत्तर-
बीमारी तथा बुढ़ापे की परिस्थितियों में मानव की शारीरिक कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है क्योंकि उसके शरीर की मांसपेशियों की ऊर्जा कम होती जाती है।

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प्रश्न 16.
ऊपर से मुक्त रूप से गिरती हुई एक रबड़ की गेंद भूमि से टकरा कर ऊपर उछलती है। इस प्रक्रिया में क्या कुल ऊर्जा संरक्षित रहती है ? यदि हां तो वह किस-किस रूप में बदलती होगी, जब वह भूमि से टकराती है ?
उत्तर-
ऊर्जा संरक्षण सिद्धांत के अनुसार गेंद की कुल ऊर्जा संरक्षित रहती है। भूमि से टकराने के पश्चात् इसकी ऊर्जा निम्नलिखित रूपों में रूपांतरित हो जाती है-

  1. ऊष्मीय ऊर्जा तथा ध्वनि ऊर्जा में
  2. गतिज ऊर्जा में
  3. स्थितिज ऊर्जा में।

प्रश्न 17.
किसी वस्तु को ऊर्ध्वाधर ऊपर फेंका गया है। इसके वेग में लगातार कमी होती जाती है। जब इसका वेग शून्य हो जाता है तब गतिज ऊर्जा का क्या होता है ?
उत्तर-
हम जानते हैं गतिज ऊर्जा = \(\frac {1}{2}\)mv2
जब वेग υ = 0 तो इसकी गतिज ऊर्जा = \(\frac {1}{2}\) × m × (0)2
अर्थात् वस्तु की गतिज ऊर्जा = 0

प्रश्न 18.
जब एक वस्तु को v वेग से ऊर्ध्वाधर रूप में ऊपर फेंका जाता है तो उसकी ऊर्जा किस प्रकार रूपांतरित होती है ?
उत्तर-
जब एक वस्तु को v वेग से ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर फेंका जाता है तब इसमें =mvगतिज ऊर्जा होती है। जैसे-जैसे पत्थर ऊपर जाता है वैसे-वैसे उसकी गतिज ऊर्जा स्थितिज ऊर्जा में बदल जाती है। अधिकतम ऊँचाई पर पहुंचकर उसका वेग शून्य हो जाता है। अतः गतिज ऊर्जा भी शून्य हो जाती है। स्पष्टतः इस स्थिति में समस्त गतिज ऊर्जा, स्थितिज ऊर्जा, mgh में परिवर्तित हो जाती है। इस ऊँचाई से जैसे ही पत्थर नीचे गिरने लगता है, उसकी स्थितिज ऊर्जा का परिवर्तन गतिज ऊर्जा में होने लगता है और जैसे ही यह पृथ्वी के धरातल पर पहुँचती है तो इसकी सारी स्थितिज ऊर्जा का गतिज ऊर्जा में परिवर्तन हो जाता है।

प्रश्न 19.
एक व्यक्ति एक सूटकेस उठाए खड़ा है, क्या वह कोई कार्य कर रहा है ?
उत्तर-
हम जानते हैं कि वस्तु द्वारा किया गया कार्य उस वस्तु पर लग रहे बल तथा बल की दिशा में उत्पन्न विस्थापन के गुणनफल के बराबर बल होता है। इस स्थिति में व्यक्ति द्वारा उठाए गए सूटकेस पर गुरुत्वीय बल के बराबर बल क्रिया कर रहा है परंतु इस बल द्वारा सूटकेस में विस्थापन उत्पन्न नहीं हुआ है। इसलिए व्यक्ति ने कोई कार्य नहीं किया है।
यहाँ F = mg
विस्थापन S = 0
हम जानते हैं कि, W = F × S
= m × g × S
= mg × 0
W = 0
अर्थात् सूटकेस उठाए हुआ खड़ा व्यक्ति कोई कार्य नहीं करता।

प्रश्न 20.
नाव चला रहा व्यक्ति नदी के किनारे के सापेक्ष विराम अवस्था में है। क्या वह कोई कार्य कर रहा
उत्तर-
क्योंकि किश्ती चला रहा व्यक्ति नदी के किनारे के सापेक्ष विराम अवस्था में है अर्थात् कोई विस्थापन नहीं हो रहा है। इसलिए वह कोई कार्य नहीं कर रहा है।

प्रश्न 21.
पानी की एक बाल्टी उठाए एक व्यक्ति एक समतल सड़क पर एकसमान वेग से चल रहा है। वह कितना कार्य कर रहा है ?
उत्तर-
जब पानी की बाल्टी उठाए व्यक्ति एक समतल सड़क पर एक समान वेग से चलता है तो उस समय उस व्यक्ति द्वारा लगाया गया बल बाल्टी के भार के बराबर ऊपर की तरफ होता है। इस अवस्था में बल तथा विस्थापन की दिशा के मध्य कोण 90° का होता है अर्थात् बल विस्थापन दिशा के लंबवत् होता है।
हम जानते हैं कि यदि बल तथा विस्थापन दिशा के मध्य कोण θ हो, तो
बल द्वारा किया गया कार्य W = F Cos θ × S
W = mg Cos θ × S
W = mg × o × S
W = 0
∴ किया गया कार्य शून्य है।

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प्रश्न 22.
क्या एक वस्तु को गति देने के लिए किया गया कार्य इस बात पर निर्भर करता है कि वस्तु कितनी तेज़ चल रही है ?
उत्तर-
किसी वस्तु को गति प्रदान करने के लिए किया गया कार्य उसमें गतिज ऊर्जा उत्पन्न करता है जो वस्तु के वेग के समानुपाती होता है।

प्रश्न 23.
क्या पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल सुरक्षित है ?
उत्तर-
हाँ, पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल सुरक्षित रहता है क्योंकि बल द्वारा किया गया कार्य वस्तु में जमा रहता है। इसलिए गुरुत्वाकर्षण बल कंजरवेटिव (सुरक्षित) बल है।

प्रश्न 24.
कलाई की एक घड़ी के स्प्रिंग में ऊर्जा का कौन-सा रूप उपयोग में आता है ?
उत्तर-
जब घड़ी की कमानी पूरी तरह खुली होती है तो घड़ी नहीं चलती जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। जब इसकी कमानी की चाबी को भरते हैं तो इसकी कमानी को बंद करने के लिए हम कुछ कार्य करते हैं। यह किया गया कार्य घड़ी की कमानी में स्थितिज ऊर्जा के रूप में स्टोर (जमा) हो जाता है। यह स्टोर की हुई स्थितिज ऊर्जा घड़ी की सूइयों को डायल पर चलाने में सहायता करती है। इस तरह स्थितिज ऊर्जा, गतिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
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प्रश्न 25.
क्या किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा ऋणात्मक हो सकती है ?
उत्तर-
नहीं, किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा ऋणात्मक नहीं हो सकती क्योंकि गतिज ऊर्जा, द्रव्यमान तथा वेग के वर्ग के समानुपाती होती है।

प्रश्न 26.
वह स्थिति बतलाएं जब एक बल द्वारा कोई कार्य नहीं होता है ?
उत्तर-
स्थितियाँ जब बल द्वारा कोई कार्य नहीं होता
(i) यदि वस्तु पर लग रहा बल वस्तु को विस्थापन करने में असफल रहता है तो वस्तु पर उस बल द्वारा कोई कार्य किया हुआ नहीं माना जाता।

(ii) यदि वस्तु पर लग रहा बल वस्तु में हुए विस्थापन के लंब रूप में हो तो बल द्वारा कोई कार्य नहीं होता।
क्योंकि इस स्थिति में θ = 90°
बल द्वारा किया गया कार्य W = F Cos θ × S
= F Cos 90° × S
= F × o × S
W = 0

प्रश्न 27.
कार्य, स्थितिज ऊर्जा, गतिज ऊर्जा और शक्ति के S.I. मात्रक बतलाएं।
उत्तर-
कार्य की S.I. इकाई-कार्य की S.I. इकाई जूल (J) (न्यूटन मीटर) है।। स्थितिज तथा गतिज ऊर्जा की S.I. इकाई-जूल (J) शक्ति की S.I. इकाई-वाट।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 28.
जब कोई वस्तु क्षैतिज दिशा में चलती है तो गुरुत्वाकर्षण बल के विरुद्ध कोई भी कार्य नहीं हो रहा, क्यों ?
उत्तर-
जब कोई वस्तु क्षैतिज दिशा में चलती है, तो उस अवस्था में गुरुत्वाकर्षण बल जो नीचे पृथ्वी की ओर लगता है विस्थापन के दिशा में लंबात्मक रूप में होता है।
∴ θ = 90° तथा Cos θ = Cos 90° = 0
कार्य, W = F Cos θ × S
W = F × o × S
W = 0
अर्थात् कोई कार्य नहीं किया जाता है।

प्रश्न 29.
जब एक गेंद को ऊपर की ओर फेंका जाता है, किस बिंदु पर स्थितिज ऊर्जा तथा गतिज ऊर्जा अधिकतम होती है ?
उत्तर-
जब एक गेंद को ऊपर की ओर फेंका जाता है, तो आरंभ में इसका वेग अधिकतम होता है जिस कारण इसकी गतिज ऊर्जा अधिक होगी जबकि स्थितिज ऊर्जा कम। गेंद ज्यों-ज्यों ऊपर की ओर जाती है, वस्तु कम वेग से दूरी तय करती है। इसलिए समय के साथ स्थितिज ऊर्जा अधिक और गतिज ऊर्जा कम होती जाती है। गेंद द्वारा अधिकतम ऊँचाई पर पहुंच कर वेग शून्य हो जाता है इसलिए वहां गतिज ऊर्जा सबसे कम (शून्य) तथा स्थितिज ऊर्जा सबसे अधिक होती है।

प्रश्न 30.
वह स्थिति बताएं जब किसी वस्तु द्वारा किया गया कार्य शून्य हो परंतु उस पर बल लग रहा हो।
उत्तर-
ऐसा दो स्थितियों में संभव है कि वस्तु पर बल तो लग रहा है परंतु किया गया कार्य शून्य होता है।
(i) जब वस्तु पर लग रहा बल तथा बल द्वारा वस्तु में उत्पन्न हुआ विस्थापन एक-दूसरे के लंबात्मक हो।
ऐसी स्थिति में कोण θ = 90°
∴ cos 90° = 0
वस्तु द्वारा किया गया कार्य (W) = F cos θ × विस्थापन
= 0 × विस्थापन
अर्थात् W = 0

(ii) यदि वस्तु पर लग रहा बल वस्तु में थोड़ा-सा भी विस्थापन न करे।
बल = F
विस्थापन (S) = 0
कार्य (W) = F × S
= F × 0
अर्थात्, W = 0

प्रश्न 31.
बताएं कि समय, ऊर्जा में या शक्ति में शामिल होता है ?
उत्तर-
बल द्वारा किए गए कार्य (ऊर्जा) की गणना, W = F × S से की जाती है। इस समीकरण में समय शामिल नहीं है। अब, शक्ति की परिभाषा अनुसार, “शक्ति कार्य करने की दर है।”
अर्थात् शक्ति (P) = PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 13

इस समीकरण में समय शामिल है अर्थात् शक्ति समय पर निर्भर करती है।
इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि समय शक्ति में शामिल होता है न कि ऊर्जा में।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 32.
किसी वस्तु द्वारा किए गए कार्य तथा किसी वस्तु पर किए गए कार्य का अंतर उदाहरण देकर समझाओ।
उत्तर-
जब वस्तु का विस्थापन लगाए गए बाह्य बल की दिशा में होता है तो वस्तु पर कार्य किया जाता है। परंतु जब वस्तु का विस्थापन बल की विपरीत दिशा में होता है तो कार्य वस्तु द्वारा किया जाता है।

उदाहरण-यदि किसी बर्तन में भरी गैस को बल द्वारा दबाएँ तो कार्य गैस पर किया गया। अब यदि बर्तन की गैस फैलती है तो यह वायुमंडलीय दाब के विरुद्ध गैस द्वारा किया गया कार्य है।

प्रश्न 33.
एक पिंड पर बल लगाकर उसे विस्थापित किया जाता है, बताइए-
(i) पिंड पर किस दिशा में बल लगाने पर अधिकतर कार्य होगा ?
(ii) पिंड पर किस दिशा में बल लगाने पर कार्य शून्य होगा?
उत्तर-
पिंड पर किए गए कार्य W = F × S cos θ से,
(i) जब θ = 0° तो cos 0° = 1 जो कि cos θ का अधिकतम मान है।
W = F × S × cos o°
W = F × S × 1
अतः W (अधिकतम) = F × S
अतः यदि पिंड का विस्थापन लगाए गए बल की दिशा में है, (अर्थात् θ = 0°) तो किया गया कार्य अधिकतम होगा।

(ii) जब θ = 90° तो cos 90° = 0 जो कि cos θ का न्यूनतम मान है।
W = F × S × cos 90°
W = F × S × 0
अतः W (न्यूनतम) = 0
अत: यदि पिंड का विस्थापन लगाए गए बल के लंबवत् है, (अर्थात् e = 90°) तो किया गया कार्य शून्य (न्यूनतम) होगा।

प्रश्न 34.
इलेक्ट्रॉन को किसी वृत्तीय कक्षा में घूमते हुए एक चक्कर लगाने में कितना कार्य करना पड़ता
उत्तर-
वृत्तीय कक्षा में गति करते समय इलेक्ट्रॉन पर कार्य करने वाला अभिकेंद्र आकर्षण बल गति की दिशा के लंबवत् होता है अर्थात् बल और विस्थापन के बीच 90° का कोण होता है,
इसलिए कार्य (W) = F × S cos θ
= F × S cos 90°
= 0 (शून्य) होगा।

इस प्रकार, वृत्तीय गति में इलेक्ट्रॉन द्वारा एक या अधिक चक्कर लगाने में किया गया कार्य शून्य होता है।

प्रश्न 35.
ऊर्जा तथा सामर्थ्य में अंतर उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
ऊर्जा तथा सामर्थ्य में अंतर – ऊर्जा द्वारा किए जा सकने वाले कार्य के कुल परिमाण है, इसका समय से कोई संबंध नहीं है।
सामर्थ्य-यह कार्य करने की दर है। इसका कार्य के कुल परिमाण से कोई संबंध नहीं है।

उदाहरण – एक मजदूर किसी कार्य को पूरा करने में 1 घंटा लगता है, जबकि दूसरा मज़दूर उसी काम को करने में 2 घंटे लगाता है। इस दशा में दोनों मजदूरों ने बराबर कार्य किया अर्थात् दोनों की बराबर ऊर्जा व्यय हुई, परंतु पहले मजदूर ने कार्य आधे समय में किया, इसलिए पहले मज़दूर का दूसरे मजदूर की अपेक्षा दोगुना सामर्थ्य है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 36.
दो प्रोटॉनों को एक-दूसरे के समीप लाने पर स्थितिज ऊर्जा में वदधि होगी अथवा कमी ?
उत्तर-
प्रोटॉनों को एक-दूसरे के समीप लाने पर, प्रतिकर्षण बल बढ़ने से अधिक कार्य करना पड़ेगा। यह कार्य उनमें स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित होगा। इसलिए प्रोटॉनों को एक-दूसरे के समीप लाने में स्थितिज ऊर्जा में वृद्धि होगी।

प्रश्न 37.
एक घोड़ा, बल F लगाकर एक तांगे को सड़क पर नियत वेग υ से खींच रहा है। घोड़े की शक्ति के लिए व्यंजक प्राप्त कीजिए।
उत्तर-
मान लो घोड़ा t समय में ताँगे को S दूरी तक खींचता है।
क्योंकि घोड़े तथा ताँगे का वेग v नियत है, इसलिए t समय में ताँगे का विस्थापन S = υt ………..(1) [∵ त्वरण = 0]
∴ घोड़े द्वारा + समय में, ताँगे को खींचने में किया गया कार्य W = F × s
समीकरण (1) का प्रयोग करके,
या W = F × vt
घोड़े की शक्ति (P) = \(\frac{W}{t}=\frac{F \times v t}{t}\)
∴ P = F × v

प्रश्न 38.
व्यायाम करते समय एक बालक 10 मिनट तक बार-बार उठता बैठता है। समय के साथ उसके शरीर की स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तन को दर्शाने के लिए ग्राफ बनाइए।
उत्तर-
प्रत्येक बार उठने पर बालक की स्थितिज ऊर्जा बढ़ेगी तथा प्रत्येक बार बैठने पर स्थितिज ऊर्जा कम होगी। इसके ग्राफ प्रदर्शित चित्र के अनुरूप होगा।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 14

महत्त्वपूर्ण सूत्र (Important Formulae)

1. गतिज ऊर्जा = \(\frac {1}{2}\)mυ2
2. स्थितिज ऊर्जा = mgh
यहाँ m = वस्तु का द्रव्यमान; g = गुरुत्वीय त्वरण तथा h = ऊँचाई
3. कार्य (W) = बल (F) × विस्थापन (S) शक्ति
4. शक्ति (P) = PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 15
या शक्ति (P) = \(\frac{\mathrm{F} \times \mathrm{S}}{t}\)
= F × υ
5. 1 जूल = 1 न्यूटन × 1 मीटर
6. 1 जूल = PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 16
7. एक अश्व शक्ति (Horse Power) = 746 वॉट
8. 1 किलोवाट-घंटा = 36,00,000 जूल = 3.6 × 106 जूल
9. 1 वाट घंटा = 3600 जूल

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

संख्यात्मक प्रश्न (Numerical Problems)

प्रश्न 1.
0.5 किलोग्राम द्रव्यमान वाले एक बक्से को उठाने के लिए 1 जूल ऊर्जा लगाई गई, तो यह कितना ऊँचा उठेगा ?
हल :
स्थितिज ऊर्जा, (P.E.) = 1 जूल
द्रव्यमान, (m) = 0.5 कि० ग्रा०
गुरुत्वीय प्रवेग, (g) = 10 m/s2
ऊँचाई, (h) = ?
हम जानते हैं कि, स्थितिज ऊर्जा P.E. = m × g × h
1 = 0.5 × 10 × h
1 = 5h
या h = \(\frac{1}{5}\) = 0.2
∴ बक्सा जितना ऊँचा उठेगा = 0.2 m

प्रश्न 2.
एक स्त्री 10 m गहरे कुएँ से 5 किलोग्राम भारी पानी की बाल्टी 10 सैकेंड में खींच लेती है। उसकी शक्ति कितनी है ?
हल :
पानी से भरी बाल्टी का द्रव्यमान, (m) = 5 कि० ग्रा०
कुएँ की गहराई, (h) = 10 मीटर
g = 10 मीटर / सै०2
महिला द्वारा किया गया कार्य = mgh
= 5 × 10 × 10
= 500 जूल
समय = 10 सैकेंड
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 17
= 50 जूल/सै० या वॉट उत्तर

प्रश्न 3.
200 न्यूटन बल से एक दीवार को दबा रहा एक व्यक्ति कितना कार्य कर रहा है ?
हल :
यहां, व्यक्ति द्वारा लगाया गया बल (f) = 200 N
बल की दिशा में उत्पन्न हुआ विस्थापन (S) = 0
[∵ व्यक्ति द्वारा लगाये गए बल से दीवार में कोई विस्थापन नहीं हुआ है।]
∴ व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य (W) = F × S
= 200 N × 0
= 0
अर्थात् व्यक्ति ने 200N बल लगाने पर भी कोई कार्य नहीं किया है।

प्रश्न 4.
100 वॉट वाला बिजली का एक बल्ब कितनी विद्युत् ऊर्जा की खपत करेगा, यदि वह दो घंटों तक जलता रहे ?
हल:
बल्ब की शक्ति (P) = 100 वॉट
समय (t) = 2 घंटे
= 2 × 60 × 60 = 7200 सैकेंड
खपत की गई ऊर्जा की मात्रा (E) = ?
हम जानते हैं कि, p = \(\frac{\mathrm{W}}{t}\)
⇒ p = \(\frac{\mathrm{E}}{t}\)
या E = P × t
E = 100 वाट × 7200 सैकेंड
E = 7,20,000 जूल
E = 7.2 × 105 जूल उत्तर

प्रश्न 5.
25 km की ऊँचाई से एक रॉकेट को 1 km/s के वेग से ऊपर की ओर दागा गया। यदि रॉकेट का द्रव्यमान 3 × 106 हो, तो इसकी स्थितिज और गतिज ऊर्जा की गणना करो। (g = 10 m/s2)
हल :
रॉकेट का द्रव्यमान, (m) = 3 × 106 कि० ग्रा०
वेग, (υ) = 1 km/s = 1000 मीटर / सै०
ऊँचाई, (h) = 25 km
= 25 × 1000 मीटर
= 25,000

(i) मीटर रॉकेट की स्थितिज ऊर्जा = m × g × h
= 3 × 106 × 10 × 25000
= 75 × 1010 जूल

(ii) रॉकेट की गतिज ऊर्जा = \(\frac {1}{2}\)mυ2
= \(\frac {1}{2}\) × 3 × 106 × (1000)2
= \(\frac {1}{2}\) × 3 × 106 × 106
= 1.5 × 1012 जूल उत्तर

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 6.
शिमला में विशेष प्रकार के रिक्शा होते हैं, जिनमें साइकिल वाली चैन नहीं होती और वह पेट्रोल के बिना ही चलते हैं, परंतु लोग ही उनको खींचते हैं। एक व्यक्ति ऐसे एक रिक्शे को 300 न्यूटन के बल से खींचकर सड़क पर उसमें 18 Km/h का वेग उत्पन्न कर रहा है। उस व्यक्ति की शक्ति की परिकलना करो।
हल :
व्यक्ति दवारा रिक्शा खींचने में लगाया गया बल, (F) = 300 N
रिक्शे में उत्पन्न हुआ वेग, (υ) = 18 Km/h
υ = \(\frac{18 \times 1000}{60 \times 60}\) m/s
υ = 5 m/s
व्यक्ति की शक्ति (P) = \(\frac{\mathrm{W}}{\mathrm{t}}\)
= \(\frac{\mathrm{F} \times \mathrm{S}}{\mathrm{t}}\) [∵ W = F × S]
= F × \(\frac{S}{t}\)
= F × υ (∵ υ = \(\frac{S}{t}\))
= 300 υ 5
= 1500 वॉट उत्तर

प्रश्न 7.
एक व्यक्ति 30 किलोग्राम भारी बक्सा सिर पर उठाकर-
(i) ऊपर की ओर
(ii) क्षैतिज दिशा में 10 मी० की दूरी चलता है। उसने कितना कार्य किया ?
हल :
बक्से का द्रव्यमान, (m) = 30 Kg
विस्थापन, (S) = 10 m
गुरुत्वीय प्रवेग (g) = 9.8 m/s2

(i) ऊपर की ओर व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य, (W) = F × S
W = m × g × s
= 30 × 9.8 × 10
= 2940 जूल उत्तर

(ii) क्षैतिज दिशा में किया गया कार्य-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 18
कार्य, W = F cos θ × S
= (30 × 9.8) × cos 90° × 10
= 30 × 9.8 × 0 × 10 [∵ cos 90° = 0]
= 0 (शून्य) उत्तर

प्रश्न 8.
1000 kg की 30 m/s की चाल से चल रही कार ब्रेक लगाने पर एक समान त्वरण से 50 मीटर की दूरी पर रुक जाती है। ब्रेक द्वारा कार पर लगे बल तथा कृत कार्य को ज्ञात कीजिए।
हल:
यहाँ, = 30 ms-1
υ = 0
S = 50 m
अत्र υ2 – u2 = 2aS
(0)2 – (30)2 = 2 × a × 50
– (30 × 30) = 100 × a
a = \(\frac{-900}{100}\)
= -9m/s2
बल, F = m × a
= 1000 × 9 = 9000 न्यूटन
ब्रेक द्वारा किया कार्य = F × S
= 9000 × 50
= 45 × 10000
= 4.5 × 105 J

प्रश्न 9.
एक मजदर 10 कि०ग्रा० भारी टोकरी अपने सिर पर रखकर समतल सड़क पर 100 मीटर क्षैतिज दिशा में चल रहा है। उसके द्वास गुरुत्वीय बल के विरुद्ध किया गया कार्य ज्ञात करो। (g = 9.8 मी०/सै०2 )
हल :
टोकरी का भार = mg = 10 × 9.8
= 98 N
गुरुत्वीय बल की दिशा (नीचे) में विस्थापन = 0
∴ कार्य = बल × विस्थापन
= 98 × 0
= 0

प्रश्न 10.
एक बच्चा समतल क्षैतिज फर्श पर अपनी खिलौना गाड़ी को 10 मीटर की दूरी तक खींचता है। खिलौना गाड़ी से बंधी हुई डोरी क्षैतिज समतल के साथ 60° का कोण बनाती है। यदि बच्चे के द्वारा लगाया गया बल 5 N हो तो उसके द्वारा किए गए कार्य की गणना कीजिए।
हल :
यहाँ,
F = 5 N, θ = 60°, S = 10 मी०
बच्चे द्वारा किया गया कार्य (W) = F cos θ × S
= 5 cos 60° × 10
= 5 × \(\frac {1}{2}\) = × 10 [cos 60° = [∵ latex]\frac {1}{2}[/latex]
= 25 जूल उत्तर

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 11.
पानी के पंप की विद्युत् शक्ति की गणना करो जो 100 kg पानी को 30 m ऊँची टैंकी में 30 सैकेंड में फेंकने का सामर्थ्य रखता है। (g = 10 m/s2)
हल :
यहाँ, m = 100 kg
S = 30 m
g = 10m/s2
t = 30s
गुरुत्व विरुद्ध पंप द्वारा किया गया कार्य, W = mgs
W = 100 × 10 × 30
W = 30000 J जूल
पंप की शक्ति (P) = PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 19
P = \(\frac{30000 \mathrm{~J}}{30 s}\)
30s P = 1000 J/s या वाट
P = 1 किलोवाट उत्तर

प्रश्न 12.
एक मशीन 240 सैकेंड में 1960 जूल कार्य करती है। मशीन की शक्ति क्या है ?
हल :
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 20
= 8.17 जूल/सैकेंड
= 8.17 वाट उत्तर

प्रश्न 13.
5 मीटर की ऊँचाई पर रखे 10 ग्राम वजन वाले पत्थर की ऊर्जा बताओ।( दिया है, g = 9.8 मी०/सै०2)
हल:
पत्थर का द्रव्यमान (m) = 10 ग्राम
\(\frac{10}{1000}\)
= .01 किलोग्राम
ऊँचाई (h) = 5 मीटर
गुरुत्वीय त्वरण (g) = 9.8 मी०/सै०2
पत्थर में उपस्थित ऊर्जा (P.E.) = mgh
= .01 × 5 × 9.8
= 0.49 जूल उत्तर

प्रश्न 14.
50 कि० ग्रा० द्रव्यमान का कोई व्यक्ति 30 सीढ़ियां 30 सैकेंड में चढ़ जाता है। यदि प्रत्येक सीढ़ी 20 सै० मी. ऊँची हो तो उस व्यक्ति द्वारा सीढ़ियां चढ़ने में प्रयुक्त शक्ति का परिकलन कीजिए।
हल :
m = 50 कि० ग्रा०, समय t = 30 सै०
सीढ़ियों की संख्या = 30
एक सीढ़ी की ऊँचाई = 20 सै०मी०
∴ 30 सीढ़ियों की कुल ऊँचाई = 30 × 20
= 600 सै०मी०
= 6 मीटर
किया गया कुल कार्य, (P.E.) = mgh
= 50 × 10 × 6
= 3000 जूल
शक्ति (P) = \(\frac{\text { P.E }}{t}\)
= \(\frac{3000}{30}\) = 100 वाट उत्तर

प्रश्न 15.
60 kg द्रव्यमान वाला व्यक्ति 30 सीढ़ियों वाली ऊँचाई को 40s में चढ़ जाता है। यदि प्रत्येक सीढ़ी 20 cm ऊँची हो तो किया गया कार्य ज्ञात करो।
हल:
तय कुल ऊँचाई = सीढ़ियों की संख्या × प्रत्येक सीढ़ी की ऊँचाई
= \(\frac{30 \times 20}{100}\)
= 6m
m = 60 kg, 8 = 10 ms-2, h = 6m
किया गया कार्य = स्थितिज ऊर्जा, (P.E.) = mgh
= 60 × 10 × 6
= 3600 J

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 16.
एक मनुष्य का भार 50 किलोग्राम है। यह 20 सैकेंड में एक पहाड़ी पर ऊर्ध्वारतः 10 मीटर चढ़ जाता है। उसकी शक्ति मालूम करें। (दिया है : g = 9.8 मी०/सै०2)
हल:
द्रव्यमान (m) = 50 kg
गुरुत्व त्वरण (g) = 9.8 मी०/सै०2
समय (t) = 20 सैकेंड
ऊँचाई (h) = 10 m
कार्य (W) = स्थितिज ऊर्जा
= mgh
= 50 × 9.8 × 10J
= 4900J
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 21
= \([\frac{4900 \mathrm{~J}}{20 \mathrm{~s}}/latex]
= 45 जूल/सैकेंड
= 45 वाट उत्तर

प्रश्न 17.
रोडवेज की एक बस 72 Km/h की चाल से पूर्व दिशा की ओर जा रही है। राकेश तथा मुकेश जिनका क्रमशः द्रव्यमान 50 kg तथा 55 kg है; बस में सफर कर रहे हैं। क्या उनकी गतिज ऊर्जा बराबर है ?
हल :
राकेश का वेग = बस का वेग = मुकेश का वेग
= 72 km/h
= [latex]\frac{72 \times 1000}{60 \times 60}\) m/s
v = 20 m/s
∴ राकेश की गतिज ऊर्जा = \(\frac {1}{2}\)m (राकेश का वेग)2
= \(\frac {1}{2}\) × 50 × (20)2
= \(\frac {1}{2}\) 50 × 20 × 20
10,000 J. …………….. (i)
मुकेश की गतिज ऊर्जा = \(\frac {1}{2}\)m (मुकेश का वेग)2
= \(\frac {1}{2}\) × 55 × 20 × 20
= 11,000 J. ……………. (ii)
:. मुकेश की गतिज ऊर्जा, राकेश की गतिज ऊर्जा से अधिक है।

प्रश्न 18.
मुक्त रूप से गिरता हुआ 1 kg द्रव्यमान का कोई हथौड़ा लकड़ी के टुकड़े पर लगी किसी कील पर गिरता है। यदि हथौड़ा 1 m ऊँचाई से गिरता है, तो कील से टकराने से ठीक पहले गतिज ऊर्जा कितनी होगी?
(g = 10 m/s2)
हल :
हथौड़े का द्रव्यमान, (m) = 1 kg
हथौड़े की ऊंचाई, (h) = 1 m
υ2 – u2 = 2gS
υ2 – 0 = 2 × 10 × 1
υ2 = 20
हथौड़े की गतिज ऊर्जा (K.E.) = \(\frac {1}{2}\) × m × υ2
= \(\frac {1}{2}\) × 1 × 20
= 10 जूल उत्तर

प्रश्न 19.
एक कार 54 कि०मी०/घंटा वेग से चल रही है। इसमें बैठे 40 कि० ग्रा० के लड़के की गतिज ऊर्जा क्या होगी ?
हल:
लड़के का वेग = कार का वेग
= 54 कि०मी०/ घंटा
= \(\frac{54 \times 1000}{60 \times 60}\)
= 15 m/s
लड़के का द्रव्यमान, (m) = 40 kg
लड़के की गतिज ऊर्जा (K.E.) = \(\frac {1}{2}\)mυ2
= \(\frac {1}{2}\) × 40 × (15)2
= 4500 जूल उत्तर

प्रश्न 20.
कोई वस्तु 5 सैकेंड में 50 जूल कार्य करती है। इसकी शक्ति क्या है ?
हल:
किया गया कार्य, (W) = 50 जूल
लगाया गया समय, (t) = 5 सैकेंड शक्ति
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 22
= 10 जूल/सैकेंड
= 10 वाट उत्तर

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 21.
एक पंप का बल ज्ञात करो जो 19 मीटर ऊँची टंकी में 100 कि० ग्रा० पानी 25 सैकेंड में पहँचा सकता है। (g = 10 मी०/सै०2 )
हल :
यहाँ, m = 100 कि०ग्रा०
h = 19 m
g = 10 मी०/सै०2
t = 25 सै०
कार्य, (W) = mgh
= 100 × 10 × 19
= 19000 जूल
शक्ति, (P) = \(\frac{\mathbf{W}}{t}\)
= \(\frac{19000}{25}\)
= 760 वॉट उत्तर

प्रश्न 22.
हृदय द्वारा एक धड़कन के लिए 1 जूल ऊर्जा व्यय होती है। हृदय की शक्ति का परिकलन कीजिए यदि यह एक मिनट में 72 बार धड़कता है।
हल :
हृदय की एक धड़कन द्वारा किया गया कार्य = 1 जूल
72 धड़कनों में किया गया कार्य = 72 × 1
= 72 जूल
समय = 1 मिनट
= 60 सैकेंड
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 23
\(\frac{72}{60}\)
= 1.2 J/s
= 1.2 वॉट उत्तर

प्रश्न 23.
कोई व्यक्ति 100 W का बल्ब प्रतिदिन 10 घंटे जलाता है। 30 दिन में वह कितने यूनिट विदयुत् ऊर्जा की खपत करेगा ?
हल :
बल्ब की शक्ति (P) = 100 W
जितने समय तक बल्ब जला (t) = 10 × 30 घंटे
खपत हुई ऊर्जा (E) = P × t
= 100 × 10 × 30
= 30000 वाट घंटा
= \(\frac{30000}{1000}\) kWh
= 30 kWh
= 30 यूनिट उत्तर

प्रश्न 24.
एक घर में 500 वाट का विद्युत् चूल्हा 10 घंटे प्रतिदिन कार्य करता है। 30 दिन में उस घर की व्यय होने वाली ऊर्जा की यूनिट (kWh) में गणना करो।
हल :
चूल्हे की शक्ति = 500 वाट
जितने समय के लिए प्रयोग किया गया = 10 × 30 = 300 घंटे
30 दिनों में खर्च हुई ऊर्जा = 500 वाट × 300 घंटे
= 150000 वाट घंटा
= \(\frac{150000}{1000}\)
= 150 किलोवाट घंटा
= 150 यूनिट उत्तर

प्रश्न 25.
10 kg द्रव्यमान के पिंड को 5 m/s2 के त्वरण के अधीन 2m की दूरी से विस्थापित किया जाता है। पिंड पर किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।
हल :
यहां पिंड का द्रव्यमान (m) = 10 kg
पिंड का त्वरण (a) = 5 m/s2
पिंड में विस्थापन (S) = 2 m
हम जानते हैं, कार्य (W) = F × S
= m × a × S (परंतु F = m × a)
= 10 × 5 × 2
= 100 J

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 26.
10 kg द्रव्यमान की एक वस्तु को कुछ ऊँचाई तक ऊपर उठाने में 490 J कार्य किया गया। जितनी ऊँचाई में से वस्तु को ऊपर उठाया गया मालूम कीजिए। गुरुत्वीय त्वरण g = 9.8m/2
हल :
यहाँ वस्तु का द्रव्यमान (m) = 10 kg
किया गया कार्य (W) = 490J
गुरुत्वीय त्वरण (g) = + 9.8 m/s2
मान लो वस्तु को h ऊँचाई में से ऊपर उठाया गया है, तो वस्तु पर किया गया कार्य
= वस्तु की स्थितिज ऊर्जा
W = mgh
490 = 10 × 9.8 × h
या h = \(\frac{490}{10 \times 9.8}\)
= \(\frac{490}{98}\)
ऊँचाई, h = 5m

प्रश्न 27.
एक वस्तु पर 20 N का बल लगाकर उसे 10 cm की दूरी में से विस्थापित करने में 1J का कार्य करना पड़ा। बल तथा विस्थापन के बीच का कोण ज्ञात कीजिए।
हल:
यहाँ बल (F) = 20 N
विस्थापन (S) = 10 cm = \(\frac{10}{100}\)m
= 0.1 m
वस्तु पर किया गया कार्य (W) = 1.0 J
बल की दिशा तथा विस्थापन के मध्य कोण = θ (मान लो)
अब W = FS cos θ
1 = 20 × 0.1 × cos θ
1 = 2 cos θ
cos θ = \(\frac {1}{2}\)
∴ θ = 60°

प्रश्न 28.
दो समान द्रव्यमान वाले पिंड क्रमशः एक समान वेग υ तथा 3υ से गति कर रहे हैं। इन पिंडों की गतिज ऊर्जाओं का अनुपात ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लो प्रत्येक पिंड का द्रव्यमान m है।
पहले पिंड की गतिज ऊर्जा (EK1) = \(\frac {1}{2}\)mυ2 …………… (1)
दूसरे पिंड की गतिज ऊर्जा (EK2) = \(\frac {1}{2}\)m(3υ)2
= \(\frac {1}{2}\)m(9υ)2
= 9 × \(\frac {1}{2}\)mυ2 (2)
दोनों पिंडों का गतिज ऊर्जाओं का अनुपात = \(\frac{\mathrm{E}_{\mathrm{K}_{1}}}{\mathrm{E}_{\mathrm{K}_{2}}}\)
= \(\frac{\frac{1}{2} mv^{2}}{9 \times \frac{1}{2} m v^{2}}\)
= \(\frac {1}{9}\) = 1 : 9

प्रश्न 29.
एक 2 kg द्रव्यमान वाली वस्तु विरामावस्था से धरती पर गिरती है। गिरने के 2 बाद वस्तु की गतिज ऊर्जा कितनी होगी।g का मान 10 m/s2 लें।
हल:
यहां द्रव्यमान (m) = 2 kg
प्रारंभिक वेग (u) = 0 (विरामावस्था)
समय (t) = 2s
अंतिम वेग (υ) = ?
गुरुत्वीय त्वरण (g) = 10 m/s2
υ = u + gt का प्रयोग करने पर
υ = 0 + 10 × 2
∴ υ = 20 m/s
अब 2 सेकंड के बाद वस्तु की गतिज ऊर्जा (EK)
= \(\frac {1}{2}\)mυ2
= \(\frac {1}{2}\) × 2 × (20)2
= \(\frac {1}{2}\) × 2 × 20 × 20J
= 400 J

प्रश्न 30.
एक समतल सड़क पर स्कूटर चालक ब्रेक लगा कर स्कूटर की चाल 36 km/h से कम करके 18 km/h कर देता है। बताओ ब्रेक द्वारा कितना कार्य किया गया यदि खाली स्कूटर का द्रव्यमान 86 kg और चालक तथा पेट्रोल का द्रव्यमान 64 kg हो।
हल:
कुल द्रव्यमान (m) = स्कूटर का द्रव्यमान + चालक तथा पेट्रोल का द्रव्यमान
= m1 + m2
= 86 kg + 64 kg
= 150 kg
प्रारम्भिक वेग (u) 36 km/h
= 36 × \(\frac {5}{18}\)m/s
= 10 m/s
अंतिम वेग (υ) = 18 km/h
= 18 × \(\frac {5}{18}\) m/s
= 5 m/s
ब्रेक द्वारा किया गया कार्य = स्कूटर द्वारा गतिज ऊर्जा की हानि
= प्रारंम्भिक गतिज ऊर्जा – अतिम गतिज ऊर्जा
= \(\frac {1}{2}\)mu2 – \(\frac {1}{2}\)mυ2
= = \(\frac {1}{2}\)m (u2 – υ2)
= \(\frac {1}{2}\)m (u + υ) (u – υ)
= \(\frac {1}{2}\) × 150 × (10 + 5) (10 – 5)
= \(\frac {1}{2}\) × 150 × 15 × 5
= 75 × 75
= 5625

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 31.
एक कार एक समान वेग से गतिशील है। 18 km/h, 36 km/h, 54 km/h तथा 72 km/h कुछ अंतरालों पर कार में बैठे 40 kg द्रव्यमान वाले लड़के की इन वेगों पर गतिज ऊर्जा ज्ञात कीजिए तथा गतिज ऊर्जा और वेग के मध्य ग्राफ भी बनायें और बताइए कि ग्राफ की प्रकृति कैसी है?
उत्तर-
यहाँ, m = 40 Kg
υ1 = 18 km/h = 18 × \(\frac{5}{18}\)m/s
= 5 m/s
υ2 = 36 km/h – 10 m/s
υ3 = 54 km/h = 15 m/s
υ4 = 72 km/h = 20 m/s

K1 = \(\frac{1}{2} \mathrm{~m} v_{1}^{2}\) = \(\frac {1}{2}\) × 40 × (5)2
= 500J

K2 = \(\frac{1}{2} m v_{2}^{2}\)
\(\frac {1}{2}\) × 40 × (10)2
= 2000 J

K3 = \(\frac{1}{2} m v_{3}^{2}\)
\(\frac {1}{2}\) × 40 × (15)2
= 4500 J

K4 = \(\frac{1}{2} m v_{4}^{2}\)
\(\frac {1}{2}\) × 40 × (20)2
= 8000 J
चित्र में दर्शाए गए अनुसार गतिज ऊर्जा और वेग के मध्य ग्राफ परवलयाकार (पैराबोला) है क्योंकि गतिज ऊर्जा ∝ υ2
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 24

प्रश्न 32.
मान लो आपके हाथ में 1 kg द्रव्यमान की वस्तु है। आप इसे कितनी ऊँचाई तक ऊपर उठाएँगे ताकि गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा 1J प्राप्त कर लें। (g = 10 ms-2)
हल :
यहाँ स्थितिज ऊर्जा (p) = 1J
द्रव्यमान (n) = 1 kg
गुरुत्वीय त्वरण (g) = 10 ms-2
हम जानते हैं, स्थितिज ऊर्जा (P) = mgh
1 = 1 × 10 × h
∴ h = \(\frac{1}{10}\)m
= 0.1 m = 10 cm

प्रश्न 33.
एक 1000 W विद्युत् हीटर प्रतिदिन 2 घंटे चलाया जाता है। 28 दिन के महीना भर चलाने में ऊर्जा का क्या खर्च आयेगा जबकि ऊर्जा की दर 3.00 ₹ प्रति यूनिट हो।
हल:
हीटर की शक्ति (P) = 1000 W = 1 kW
कुल समय (t) = 2 × 28 = 56h
ऊर्जा की खपत (E) = P × t
= 1 kW × 56h
= 56 kWh
= 56 यूनिट
ऊर्जा की दर = 3.00 ₹ प्रति यूनिट
∴ कुल खर्च = 56 × 3.00 ₹
= 168.00 ₹

प्रश्न 34.
मुक्त रूप से गिरता हुआ 1 किग्रा द्रव्यमान का एक हथौड़ा लकड़ी के टुकड़े पर लगी किसी कील पर गिरता है। यदि हथौड़ा 1 मीटर ऊँचाई से गिरता है तो कील से टकराने से पहले गतिज ऊर्जा कितनी होगी ? (g = 10 ms-2)
हल :
दिया है : हथौड़े का द्रव्यमान (m) = 1 किग्रा.
हथौड़े की प्रारंभिक ऊँचाई (h) = 1 मीटर,
गुरुत्वीय त्वरण (g) = 10 ms-2
कील से टकराने से पूर्व हथौड़े की गतिज ऊर्जा = ?
हथौड़े का प्रारंभिक वेग (u) = 0
मान लो हथौड़ा υ वेग से कोल से टकराता है, तो
समीकरण υ2 = u2 + 2gh से,
υ2 = 02 + 2 × 10 × 1
= 20
υ = \(\sqrt{20}\) ms-1
अतः कील से टकराने से पूर्व हथौड़े की गतिज ऊर्जा
EK = \(\frac {1}{2}\)mυ2
= \(\frac {1}{2}\) × 1 × किग्रा × 20
= 10 जूल उसर

प्रश्न 35.
10kg का कोई पिण्ड 50 cm ऊँचाई से गिराया जाता है। पृथ्वी की सतह से टकराते समय ज्ञात कीजिए
(i) इसकी गतिज ऊर्जा,
(ii) इसका वेग,
(iii) स्पष्ट कीजिए कि वेग पिण्ड के द्रव्यमान पर निर्भर करता है?
हल :
दिया है, पिण्ड का द्रव्यमान (m) = 10 kg, प्रारंभिक ऊँचाई (h) = 50 cm = 0.5 m
प्रारंभिक वेग (u) = 0,
मान लो पृथ्वी की सतह से टकराते समय पिण्ड का वेग = υ है
समीकरण
υ2 = u2 + 2g h से,
υ2 = 02 + 2 × (10) × (0.5)
= 10
∴ υ = \(\sqrt{10 \mathrm{~ms}^{-1}}\)
= 3.16 ms-1

(i) सूत्र गतिज ऊर्जा EK = \(\frac {1}{2}\)mυ2
पृथ्वी की सतह से टकराते समय पिण्ड की गतिज ऊर्जा = (EK)
= \(\frac {1}{2}\) × 10 kg × 10 m2s-2
= 50 जूल उत्तर

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 36.
दो वस्तुओं के द्रव्यमानों में 5 : 6 का अनुपात है। यदि उनके वेग परस्पर बराबर हों तो उनकी गतिज ऊर्जाओं का अनुपात क्या होगा ?
हल :
मान लो पहली वस्तु का द्रव्यमान m1 वेग, υ1 तथा गतिज ऊर्जा (EK1) और दूसरी वस्तु का द्रव्यमान m2 वेग υ2 तथा गतिज ऊर्जा (EK2) है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 25
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 26
गतिज ऊर्जाओं का अनुपात 5 : 6 होगा।

प्रश्न 37.
1 किलोग्राम के पिण्ड की गतिज ऊर्जा 1 जूल है। इसकी चाल कितनी होगी ?
हल :
दिया है, पिण्ड का द्रव्यमान (m) = 1 किलोग्राम, पिण्ड की गतिज ऊर्जा (EK) = 1 जूल, वेग (υ) = ?
गतिज ऊर्जा (EK) = \(\frac {1}{2}\)mυ2 से,
1 = \(\frac {1}{2}\) × 1 × υ2
υ2 = 2
चाल (υ) = √2
= 1.414 ms-1/sup>

प्रश्न 38.
एक गतिमान पिण्ड की गतिज ऊर्जा 400 जूल है। पिंड पर उसकी गति के विरुद्ध 25 N का औसत बल लगाने से पिण्ड कितनी दूर जाकर रुक जाएगा ?
हल :
दिया है, पिण्ड की गतिज ऊर्जा = 400 जूल, औसत बल = 25 न्यूटन
∴ पिण्ड की गतिज ऊर्जा = पिण्ड द्वारा रुकने तक किया गया कार्य
= बल × पिण्ड द्वारा चली गई दूरी
अथवा 400 जूल = 25 न्यूटन × पिण्ड द्वारा चली गई दूरी
अत: रुकने से पूर्व पिण्ड द्वारा चली गई दूरी = \(\frac{400}{25}\) = 16 मीटर

प्रश्न 39.
एक कार का इंजन 1000 N का बल लगाकर कार को 72 km/h की एक समान चाल से समतल सड़क पर खींच रहा है। इंजन की शक्ति का परिकलन किलोवाट में कीजिए।
हल :
दिया है, इंजन का बल (F) = 1000 N
कार का वेग (υ) = 72 Km/h
= 72 × \(\frac {5}{18}\) = 20 m/s
∴ इंजन की शक्ति (P) = F × υ
= 1000 N × 20 m/s
= 20000 W
= \(\frac{20000}{1000}\) KW
= 20 KW .

प्रश्न 40.
50 kg द्रव्यमान का एक लड़का दौड़कर 45 सीढ़ियां 9s में चढ़ता है। यदि प्रत्येक सीढ़ी की ऊंचाई 15 cm हो तो उसकी शक्ति का परिकलन कीजिए।g का मान 10 ms-2 लीजिए।
हल :
लड़के का भार = mg = 50 kg × 10 m/s2
= 500 N
कुल ऊँचाई (h) = सीढ़ियों की संख्या × एक सीढ़ी की ऊँचाई
= 45 × 15 cm
= 675 cm
= 6.75 m
लगा समय t = 9s
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 27
= \(\frac{m g h}{t}\)
= \(\frac{500 \mathrm{~N} \times 6.75 \mathrm{~m}}{9 \mathrm{~s}}\)
= 375 W

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 41.
0.05 किलोग्राम द्रव्यमान की एक वस्तु धरती से 1000 मीटर ऊँचाई से गुरुत्वीय त्वरण के अंतर्गत स्वतंत्रतापूर्वक नीचे गिरता है। इसका धरती पर पहुंचने पर वेग एवं कुल ऊर्जा ज्ञात कीजिए।
(g = 9.8 मीटर/सेकंड2)
हल :
दिया है, u = 0, h = 1000 मीटर, g = 9.8 मीटर/सेकंड2, υ = ?
υ2 = u2 + 2gh से,
υ2 = (0)2 + 2 × 9.8 × 1000
= 19600 मीटर2/सैकेंडर2
∴ वस्तु का धरती पर पहुँचने का वेग (υ) = 140 मीटर/सेकंड।
धरती पर पहुंचने पर कुल ऊर्जा = स्थितिज ऊर्जा + गतिज ऊर्जा
= 0 + \(\frac {1}{2}\)mυ2
= \(\frac {1}{2}\)mυ2
\(\frac {1}{2}\) × 0.05 × (140)2
= 490 जूल

प्रश्न 42.
एक पंप प्रति सेकंड 100 kg जल 5 m की ऊँचाई तक उठाता है। पंप की सामर्थ्य की गणना कीजिए। (g = 10 ms-2)
हल :
दिया है, समय (t) = 1 s, जल का द्रव्यमान (m) = 100 kg, ऊँचाई h = 5m
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 28
= 5000 W

प्रश्न 43.
40 वाट का एक बल्ब प्रतिदिन 10 घंटे जलाया जाता है। यदि 1 यूनिट की कीमत 2.50 ₹ है तो 30 दिन के महीने में उपभोग की गई विद्युत् ऊर्जा की कीमत ज्ञात कीजिए।
हल :
दिया है, बल्ब की शक्ति = 40 वाट,
समय = 10 घंटे, दिनों की संख्या = 30 दिन
1 यूनिट की कीमत = 2.50 ₹
एक माह में व्यय विद्युत् ऊर्जा = बल्ब को शक्ति × समय × दिनों की संख्या
= 40 वाट × 10 घंटे × 30 घंटे
= (\(\frac{40}{1000}\)) किलोवाट × 10 × 30 घंटे
= \(\frac{40 \times 10 \times 30}{1000}\) किलोवाट-घंटा
= 12 यूनिट
∴ विद्युत् ऊर्जा की कीमत = यूनिटों की संख्या × 1 यूनिट की कीमत
= 12 यूनिट × (2.50 ₹/प्रति यूनिट)
= 30₹

प्रश्न 44.
एक कुली 10 kg का बोझ धरती से 1.5 m ऊपर ऊठाकर अपने सिर पर रखता है। उसके द्वारा बोझे पर किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।
हल :
बोझ का द्रव्यमान (m) = 10 kg तथा
विस्थापन (S) = 1.5 m
किया गया कार्य (V) = F × S
= mg × s
= 10 kg × 10 ms-2 × 1.5 m
= 150 Nm = 225 J

प्रश्न 45.
यदि किसी कार का द्रव्यमान 1500 kg है तो उसके वेग को 30 km h-1 से 60 km h-1 तक बढ़ाने में कितना कार्य करना पड़ेगा ?
हल :
कार का द्रव्यमान (m) = 1500 kg
कार का प्रारंभिक वेग (u) = 30 km h-1
= \(\frac{30 \times 1000 \mathrm{~m}}{100 \times 60 \mathrm{~s}}\)
= 8.33 m s-1
कार का अंतिम वेग (υ) = 60 km h-1 = 16.66 m s-1

इसलिए कार की प्रारंभिक गतिज ऊर्जा (Ekf ) = \(\frac {1}{2}\)mu2
\(\frac {1}{2}\) × 1500 kg × (8.33 ms-1)2
= 52041.68 J
कार की अंतिम गतिज ऊर्जा (Eki = \(\frac {1}{2}\) × 1500 kg × (16.66 m s-‘)
= 208416.68J
अतः किया गया कार्य = गतिज ऊर्जा में परिवर्तन
= Ekf – Eki
= 156375 J

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 46.
15 kg द्रव्यमान की एक वस्तु 4 ms-1 के एक समान वेग से गतिशील है। वस्तु की गतिज ऊर्जा कितनी होगी ?
हल:
वस्तु का द्रव्यमान (m) = 15 kg
वस्तु का वेग (υ) = 4 ms-1
वस्तु की गतिज ऊर्जा (Ek) = \(\frac {1}{2}\) mυ2 से
= \(\frac {1}{2}\) × 15 kg × 4 m s-1 × 4 ms-1
= 120J

प्रश्न 47.
दो लड़कियाँ जिनमें से प्रत्येक का भार 200 N है एक रस्से पर 8 m की ऊँचाई तक चढ़ती हैं। हम एक लड़की का नाम A रखते हैं तथा दूसरी का BIइस कार्य को पूरा करने में लड़की A,20s का समय लेती है जबकि लकड़ी B, 50 s का समय लेती है। प्रत्येक लड़की द्वारा व्यय की गई शक्ति का परिकलन कीजिए।
हल :
(i) लड़की A द्वारा व्यय की गई शक्ति :
लड़की का भार (mg) = 200 N
विस्थापन (ऊँचाई) (h) = 8 m
लिया गया समय (t) = 20 s
किया गया कार्य शक्ति (P) = PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 29
= \(\frac{m g h}{t}\)
= \(\frac{m g h}{t}\)
= 80 W

(ii) लड़की B द्वारा व्यय की गई शक्ति :
लड़की का भार (mg) = 200 N
विस्थापन ऊँचाई (h) = 8 m
लिया गया समय (t) = 50s शक्ति (P) = \(\frac{m g h}{t}\)
= \(\frac{200 \mathrm{~N} \times 8 \mathrm{~m}}{50 \mathrm{~s}}\)
= 32 W

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
कार्य का SI मात्रक लिखो।
उत्तर-
कार्य का SI मात्रक जूल (J) है।

प्रश्न 2.
एक किलोग्राम पत्थर के किसी टुकड़े को एक मीटर ऊँचाई तक उठाने में कितनी ऊर्जा की आवश्यकता होगी ?
उत्तर-
9.8 जूल। [∵ W = mgh = 1 × 9.8 × 1 = 9.8 जूल]

प्रश्न 3.
किसी पिंड के वेग में क्या परिवर्तन करना चाहिए जिससे कि पिंड का द्रव्यमान चार गुणा बढ़ाने पर भी उसकी गतिज ऊर्जा में कोई परिवर्तन न हो ?
उत्तर-
वेग आधा करना पड़ेगा।

प्रश्न 4.
यांत्रिक ऊर्जा के दो प्रकार बताओ।
उत्तर-

  1. स्थितिज ऊर्जा
  2. गतिज ऊर्जा।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 5.
ऊर्जा की SI इकाई क्या है ?
उत्तर-
जूल।

प्रश्न 6.
शक्ति की SI इकाई क्या है ?
उत्तर-
वाट।

प्रश्न 7.
यदि एक 5 किलोवाट शक्ति के किसी स्रोत को 3 घंटे तक उपयोग किया जाए तो ऊर्जा आपूर्ति कितनी होगी ?
उत्तर-
15 किलोवाट घंटा (kWh)।

प्रश्न 8.
व्यापारिक स्तर पर ऊर्जा के मात्रक का नाम लिखकर उसकी परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
व्यापारिक स्तर पर ऊर्जा का मात्रक किलोवाट-घंटा है।
किलोवाट-घंटा – यदि एक किलोवाट शक्ति का 1 घंटा उपयोग किया जाये तो ऊर्जा की आपूर्ति एक किलोवाटघंटा (kWh) के बराबर होती है।

प्रश्न 9.
चाबी द्वारा खिलौना चलाने से कौन-सी ऊर्जा किस ऊर्जा में परिवर्तित होती है ?
उत्तर-
खिलौने की आकृति के कारण स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में परिवर्तित होती है।

प्रश्न 10.
हथेलियों के परस्पर रगड़ने से वे गर्म क्यों हो जाती हैं ?
उत्तर-
हथेलियों की गतिज ऊर्जा, ऊष्मीय ऊर्जा में रूपांतरित होती है।

प्रश्न 11.
पनचक्की द्वारा ऊर्जा का कौन-सा रूप कार्य में परिवर्तित होता है ?
उत्तर-
गतिज ऊर्जा।

प्रश्न 12.
शक्ति, ऊर्जा तथा समय का परस्पर संबंध बताओ।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 30

प्रश्न 13.
वे कौन-से दो कारक हैं जिन पर स्थितिज ऊर्जा निर्भर करती है ?
उत्तर-

  1. द्रव्यमान और
  2. वेग।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 14.
बाँध के एकत्रित पानी में कौन-सी ऊर्जा होती है ?
उत्तर-
स्थितिज ऊर्जा।

प्रश्न 15.
जब हम सीढ़ियां चढ़ते हैं तो कौन-सी ऊर्जा का प्रयोग करते हैं ?
उत्तर-
मांसपेशियों की ऊर्जा।

प्रश्न 16.
तेज़ आंधी वाले दिन कई मकानों की छतें क्यों उड़ जाती हैं ?
उत्तर-
तेज़ आंधी की गतिज ऊर्जा के कारण।

प्रश्न 17.
एक किलोवाट शक्ति का कोई इंजन एक घंटे में कितनी ऊर्जा की आपूर्ति करेगा ?
उत्तर-
ऊर्जा = 1 किलोवाट × 1 घंटा = 1 किलोवाट घंटा।

प्रश्न 18.
एक इंजन एक मिनट में 6000 जूल ऊर्जा पैदा करता है। उसकी शक्ति कितनी है ?
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 31
= 100 जूल/सेकंड
= 100 वाट

प्रश्न 19.
एक किलोग्राम पानी को 5 मीटर ऊपर उठाने में कितना कार्य करना पड़ेगा ?
उत्तर-
पानी उठाने में किया गया कार्य = स्थितिज ऊर्जा
= m × g × h
= 1 × 10 × 5
= 50 जूल

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 20.
अगर किसी वस्तु का वेग तीन गुना बढ़ा दिया जाए तो उसकी गतिज ऊर्जा पर क्या असर होगा ?
उत्तर-
∵ K.E. ∝ v2
∴ यह 9 गुना हो जायेगी।

प्रश्न 21.
5 किलोग्राम भार को 20 मीटर ऊँचाई तक उठाने के लिए लगभग कितनी ऊर्जा की आवश्यकता
होती है ?
उत्तर-
स्थितिज ऊर्जा = 5 × 10 × 20 = 1000 जूल।

प्रश्न 22.
यदि किसी वस्तु को गर्म किया जाये तो उसके कणों को गतिज ऊर्जा के साथ क्या होगा ?
उत्तर-
गतिज ऊर्जा में वृद्धि हो जाएगी।

प्रश्न 23.
गुलेल के खिंचे हुए रबड़ में ऊर्जा का कौन-सा रूप है ?
उत्तर-
स्थितिज ऊर्जा।

प्रश्न 24.
अधिकतम तथा न्यूनतम मात्रा में कार्य करने के लिए बल तथा विस्थापन के मध्य कितने अंश का कोण होना चाहिए ?
उत्तर-
अधिकतम कार्य के लिए θ = 0°
न्यूनतम कार्य के लिए θ = 90°

प्रश्न 25.
एक कुली सूटकेस को सिर पर उठाए हुए प्लेटफार्म पर आधे घंटे से खड़ा हुआ है। बताओ उसने कितना कार्य किया है ?
उत्तर-
शून्य, क्योंकि भार में कोई विस्थापन नहीं है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 26.
एक व्यक्ति कठोर दीवार को 500 N बल से दबा रहा है। बताओ उसने कितना कार्य किया ?
उत्तर-
शून्य

प्रश्न 27.
एक कृत्रिम उपग्रह कितना कार्य करता है जब वह धरती के गिर्द घूमता है?
उत्तर-
शून्य क्योंकि धरती का गुरुत्व बल उपग्रह की गति की दिशा के लम्बवत् क्रिया करता है।

प्रश्न 28.
एक कार का वेग 4 गुना करने से उसकी गतिज ऊर्जा को कैसे प्रभावित करेगा ?
उत्तर-
कार की गतिज ऊर्जा पहले से 16 गुना बढ़ जाएगी क्योंकि गतिज ऊर्जा ∝ (वेग)2

प्रश्न 29.
गतिज ऊर्जा पर किसका अधिक प्रभाव होगा-द्रव्यमान या वेग दो गुणा करने पर ?
उत्तर-
वेग का प्रभाव अधिक होगा।
गतिज ऊर्जा ∝ द्रव्यमान
तथा गतिज ऊर्जा ∝ (वेग)2

प्रश्न 30.
स्थिति परिवर्तन के कारण उत्पन्न हुई स्थितिज ऊर्जा का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
बाँध के पीछे एकत्रित पानी में स्थितिज ऊर्जा होती है।

प्रश्न 31.
स्प्रिंग को दबाने से उसमें किस किस्म की ऊर्जा होती है।
उत्तर-
स्थितिज ऊर्जा।

प्रश्न 32.
एक ऐसा उदाहरण दें जब वस्तु में गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा उपस्थित हो।
उत्तर-
ऊँचाई पर उड़ रहे जहाज़ में दोनों स्थितिज ऊर्जा तथा गतिज ऊर्जा होती हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 33.
एक ऐसा उदाहरण दें जब वस्तु की आकृति में हुए परिवर्तन के कारण स्थितिज ऊर्जा हो।
उत्तर-
खिंचे हुए कमान में आकृति परिवर्तन के फलस्वरूप स्थितिज ऊर्जा होती है।

प्रश्न 34.
क्या चलती हुई कार के ऊपर खड़े व्यक्ति में गतिज ऊर्जा होगी ?
उत्तर-
हाँ, उसमें गतिज ऊर्जा होगी क्योंकि वह कार के साथ कार की गति बाँट रहा है।

प्रश्न 35.
क्या गतिज ऊर्जा ऋणात्मक हो सकती है ?
उत्तर-
नहीं, क्योंकि दोनों m तथा 02 धनात्मक हैं।

प्रश्न 36.
क्या ऐसी परिस्थिति हो सकती है कि वस्तु में संवेग हो परंतु ऊर्जा न हो ?
उत्तर-
नहीं, यदि वस्तु में संवेग है तो वह वस्तु अवश्य गतिशील होगा और फिर उसमें गतिज ऊर्जा होगी।

प्रश्न 37.
ऊर्जा संरक्षण नियम क्या है ?
उत्तर-
ऊर्जा संरक्षण नियम – “ऊर्जा न तो उत्पन्न की जा सकती है और न ही नष्ट की जा सकती है। ऊर्जा केवल एक रूप से दूसरे रूप में रूपांतरित की जा सकती है।” अर्थात् ऊर्जा रूपांतरण के दौरान निकाय की कुल ऊर्जा नियत रहती है।

प्रश्न 38.
कौन-सी युक्ति विद्युत् ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में रूपांतरित करती है ?
उत्तर-
विद्युत् मोटर।

प्रश्न 39.
विद्युत् पंखे में कौन-सी ऊर्जा किस ऊर्जा में रूपांतरित होती है ?
उत्तर-
विद्युत् ऊर्जा यांत्रिक ऊर्जा में रूपांतरण होता है।

प्रश्न 40
हाइड्रो इलैक्ट्रिक पावर स्टेशन पर किस प्रकार की ऊर्जा का रूपांतरण होता है ?
उत्तर-
गिरते हुए पानी की स्थितिज ऊर्जा का रूपांतरण गतिज ऊर्जा में और फिर विद्युत् ऊर्जा में परिवर्तन।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 41.
वाट तथा किलोवाट में क्या संबंध है ?
उत्तर-
1 किलोवाट = 1000 वाट।

प्रश्न 42.
ऊर्जा के S.I. मात्रक तथा 1 kWh में संबंध बताओ।
उत्तर-
ऊर्जा का S.I. मात्रक जूल है-
1 kWh = 3.6 × 106 जूल

प्रश्न 43.
जब हम किसी गेंद को फेंकते हैं तो किस प्रकार का ऊर्जा रूपांतरण होता है ?
उत्तर-
भोजन से रासायनिक क्रिया द्वारा हमारे शरीर को पेशीय ऊर्जा प्राप्त होती जिसका प्रयोग हम गेंद को फेंकने में करते हैं। यह पेशीय ऊर्जा गतिज ऊर्जा में परिवर्तित होती है।

प्रश्न 44.
बंदूक से निकली गोली लक्ष्य से टकरा कर रुक गई। बताइए गोली की गतिज ऊर्जा किन रूपों में रूपांतरित हुई।
उत्तर-
गोली की गतिज ऊर्जा लक्ष्य से टकराकर प्रकाश ऊर्जा, ध्वनि ऊर्जा तथा ऊष्मीय ऊर्जा में रूपांतरित हो गई।

प्रश्न 45.
ऊर्जा अदिश राशि है अथवा सदिश राशि ?
उत्तर-
ऊर्जा एक अदिश राशि है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 46.
किन दशाओं में किसी पिंड पर बल लगाने से बल द्वारा किया गया कार्य शून्य होगा ?
उत्तर-
जब बल पिंड की गति के लंबवत् हो अथवा पिण्ड का विस्थापन शून्य हो।

प्रश्न 47.
कलाई घड़ी में ऊर्जा का स्रोत क्या होता है ?
उत्तर-
कमानी में संचित प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
न्यूटन के सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियम की परिभाषा लिखो तथा गणितीय दृष्टि से दो वस्तुओं के मध्य लग रहे आकर्षण बल का सूत्र स्थापित करो।
उत्तर-
न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम ((Newton’s Universal Law of Gravitation) – इस ब्रह्मांड में विद्यमान प्रत्येक कण को एक बल के साथ आकर्षित करता है जो
(i) दोनों के पुंजों के गुणनफल के समानुपाती होता है और
(ii) दोनों के केंद्र के बीच दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। यह बल सदैव ही उन वस्तुओं के केंद्रों को मिलाने वाली रेखा की दिशा में लगता है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 1

गणितीय दृष्टि से – ऊपर दर्शाए चित्र अनुसार मान लो हमारे पास दो गेंदें A तथा B हैं जिनके द्रव्यमान क्रमशः m1 तथा m2 हैं। इनके केंद्रों के मध्य की दूरी ‘r’ है।

न्यूटन के अनुसार गेंद A, गेंद B पर गुरुत्वाकर्षण बल FBA लगाएगी तथा FAB बल गेंद A पर गेंद B द्वारा लगेगा। इन दोनों बलों की मात्रा समान है परंतु एक-दूसरे के विपरीत दिशा में लग रहे हैं।
FAB = – FBA
मान लो FAB = – FBA = F
तो न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण नियम अनुसार
F ∝ m1 m2 ……………. (i)
तथा F ∝ \(\frac{1}{r^{2}}\) …………..(ii)
समीकरण (i) तथा (ii) से
F ∝ \(\frac{m_{1} \times m_{2}}{r^{2}}\)
या F = G\(\frac{m_{1} \times m_{2}}{r^{2}}\)
यहां ‘G’ को सार्वत्रिक गुरुत्वीय स्थिरांक कहा जाता है। इसको यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि समस्त ब्रह्मांड में इसका संख्यात्मक मान एक ही रहता है तथा यह सूत्र न्यूटन का सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण का नियम है।
G का मान, G = 6.67 × 10-11 N – m2/Kg2 है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 2.
ग्रहों की गति के संदर्भ में केप्लर के नियम लिखिए।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 2
ग्रहों की गति के संदर्भ में केप्लर के नियम – सोलहवीं शताब्दी तक अनेक खगोलशास्त्रियों ने ग्रहों की गति से संबंधित बहुत से आँकड़े एकत्रित कर लिए थे। जोहांस केप्लर ने इन आँकड़ों के आधार पर तीन नियम व्युत्पन्न किए। इन्हें केप्लर के नियम कहा जाता है। ये नियम इस प्रकार हैं :

1. कक्षा का नियम (प्रथम नियम) – प्रत्येक ग्रह की कक्षा एक दीर्घवृत्त होती है और सूर्य इस दीर्घवृत्त के एक फोकस पर होता है जैसा कि निम्न चित्र में दिखाया गया है। इस चित्र में सूर्य की स्थिति को O से दर्शाया गया है।

2. क्षेत्रफल का नियम (दूसरा नियम) – सूर्य तथा ग्रह को मिलाने वाली रेखा समान समय में समान क्षेत्रफल तय करती है। इस प्रकार यदि A से B तक गति करने में लगा समय C से D तक गति करने में लगे समय के बराबर हो तो क्षेत्रफल OAB तथा क्षेत्रफल OCD बराबर होंगे।

3. परिक्रमण काल का नियम (तीसरा नियम) – सूर्य से किसी ग्रह की औसत दूरी (r) का धन उस ग्रह के सूर्य के परितः परिक्रमण काल T के वर्ग के अनुक्रमानुपाती होता है।
अथवा T2 ∝ r3
कैप्लर ने कोई सिद्धांत प्रस्तुत न कर सका जो ग्रहों की गति की व्याख्या कर सके।
न्यूटन ने यह दिखाया कि ग्रहों की गति के कारण गुरुत्वाकर्षण वह बल ही है जो सूर्य उन पर लगाता है।
अथवा r3/T2 = स्थिरांक।

प्रश्न 3.
राबर्ट बॉयल ने प्रयोग द्वारा कैसे सिद्ध किया कि निर्वात में सभी वस्तुएं एक ही दर से नीचे गिरती हैं ?
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 3
बॉयल प्रयोग – राबर्ट बॉयल ने एक लंबी काँच की ट्यूब ली जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। एक सिक्का और कागज़ का टुकड़ा ट्यूब के भीतर रखा गया। ट्यूब के सिरों को बंद कर दिया गया। ट्यूब में से वायु को निर्वात पंप द्वारा निष्कासित कर दिया गया। जब ट्यूब को शीघ्रता से उल्टा किया गया तो यह देखने में आया कि सिक्का तथा कागज़ का टुकड़ा एक साथ ट्यूब की तली में पहुँचे । अब फिर इस प्रयोग को दोहराया गया जब ट्यूब के भीतर वायु थी। इस बार देखा गया कि कागज़ का टुकड़ा धीरे-धीरे नीचे गिरता है जबकि सिक्का शीघ्र ही ट्यूब की तली पर पहुँच गया। इस प्रयोग से यह स्पष्ट होता है कि निर्वात में सभी वस्तुएं हल्की तथा भारी एक ही त्वरण से पृथ्वी निर्वात पंप की ओर गति करती हैं।

प्रश्न 4.
एक वस्तु का भार पृथ्वी की सतह पर 90 कि०ग्रा० (Kg) है। चंद्रमा की सतह पर इसका भार कितना होगा, जिसका द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का \(\frac {1}{9}\) और त्रिज्या पृथ्वी की त्रिज्या का \(\frac {1}{2}\) है।
हल :
वस्तु का पृथ्वी की सतह पर भार = 90 Kg
मान लो पृथ्वी का द्रव्यमान (Me) = M
मान लो पृथ्वी का अर्धव्यास (Re) = R
अब चंद्रमा का द्रव्यमान (Mm) = \(\frac {1}{9}\) × पृथ्वी का द्रव्यमान
= \(\frac {1}{9}\) × M
या Mm = \(\frac{\mathrm{M}}{9}\)
चंद्रमा का अर्धव्यास (Rm) = \(\frac {1}{2}\) × पृथ्वी का अर्धव्यास
= \(\frac {1}{2}\) × R
Rm = \(\frac{\mathrm{R}}{2}\)
हम जानते हैं कि
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 4
= \(\frac {1}{9}\) × 4
= \(\frac {4}{9}\)
क्योंकि द्रव्यमान एक स्थिर राशि है
∴ = \(\frac {4}{9}\)
या वस्तु का चंद्रमा की सतह पर भार \(\frac {4}{9}\) × वस्तु का पृथ्वी की सतह पर भार
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 5
= 40 कि०ग्रा० उत्तर।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 5.
(क) सिद्ध करो कि गुरुत्वीय त्वरण का मान वस्तु के द्रव्यमान के मान से स्वतंत्र होता है।
(ख) ‘g’ का मान ज्ञात करो।
उत्तर-
(क) जैसा कि दिखाया गया है पृथ्वी तल पर m द्रव्यमान वाली एक वस्तु पर विचार करो। मान लो M और R क्रमशः पृथ्वी के द्रव्यमान और अर्धव्यास हैं।
मानो वस्तु पर क्रिया कर रहा गुरुत्व बल F है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 6
इस समीकरण में वस्तु का द्रव्यमान ‘m’ नहीं है। इससे पता चलता है कि गुरुत्व बल के कारण किसी वस्तु द्वारा प्राप्त त्वरण इसके द्रव्यमान से स्वतंत्र होता है। अतः हम कहते हैं कि सभी आकार और द्रव्यमान वाली वस्तुएं किसी स्थान पर समान त्वरण से गिरती हैं।

(ख) ‘g’ का मान ज्ञात करना-
G = 6.67 × 10-11 Nm2 Kg-2
पृथ्वी का अर्ध-व्यास, R = 6400 Km
= 6400 × 1000 m
= 6.4 × 106 m
पृथ्वी का द्रव्यमान, M = 6 × 1024 Kg
या g = \(\frac{\mathrm{GM}}{\mathrm{R}^{2}}\)
g = \(\frac{6.67 \times 10^{-11} \times 6 \times 10^{24}}{\left(6.4 \times 10^{6}\right)^{2}}\)
g = 9.8 m s-2

प्रश्न 6.
(क) स्वतंत्र गिर रही वस्तुओं के समीकरण की परिभाषा दें।
(ख) स्वतंत्र गिर रही वस्तुओं के गति समीकरण में परिवर्तन कैसे होता है ?
(ग) जब वस्तु को बिल्कुल सीधे ऊपर फेंका जाता है तो उसके द्वारा प्राप्त अधिकतम ऊंचाई ज्ञात करने के लिए समीकरण लिखो।
(घ) सिद्ध करो कि गिरने का समय और ऊपर जाने का समय समान होता है।
उत्तर-
(क) गुरुत्व के अधीन क्रिया करने वाले गति समीकरण स्वतंत्र गिर रही वस्तुओं के समीकरण कहलाते है।

(ख) उन्हें एक समान गति वाली समीकरणों में a के स्थान पर g का विस्थापन करके प्राप्त किया जा सकता है। स्वतंत्र गिरावट के निम्नलिखित समीकरण होंगे-
(i) v = u + gt
(ii) h = ut + \(\frac {1}{2}\)gt2
(iii) v2 – u2 = 2gh
यहां पर से प्रारंभिक वेग, v अंतिम वेग, h प्राप्त ऊँचाई तथा t समय है।
जब वस्तु को छोड़ा जाता है तो वस्तु का प्रारंभिक वेग शून्य होता है अर्थात् u = 0

(ग) अधिकतम ऊंचाई के लिए व्यंजक – आओ आरंभिक वेग ५ वाली किसी वस्तु को ऊपर फेंके जाने पर प्राप्त अधिकतम ऊंचाई के लिए व्यंजक ज्ञात करें।
उच्चतम बिंदु पर अंतिम वेग शून्य होगा। गुरुत्व-वेग g ऋण होगा। यदि h अधिकतम ऊंचाई है तो,
v2 – u2 = 2gh
या 02 – u2 = 2(-g) h
∴ h = \(\frac{u^{2}}{2 g}\)

(घ) ऊपर जाने तथा नीचे आने का समय अर्थात् अवरोहण तथा आरोहण समय-
उच्चतम बिंदु तक पहुंचने में लगा समय अवरोहण समय है। अधिकतम ऊंचाई से नीचे वापिस आने में लगा समय आरोहण समय है।
अवरोहणयहां-
υ = 0, a = -g
υ = u + at
0 = u – gt
t = \(\frac{u}{g}\)
आरोहण समय-अब, उच्चतम बिंदु पर वेग u है।
∴ u = 0
और h = \(\frac{u^{2}}{2 g}\)
h = ut + \(\frac {1}{2}\)gt2 से = h = \(\frac {1}{2}\)gt2
∴ \(\frac{u^{2}}{2 \mathrm{~g}}\) = \(\frac {1}{2}\)gt2
∴ \(\frac{u^{2}}{2 \mathrm{~g}}\) = gt2
t = \(\frac{u}{g}\)
∴ आरोहण समय अवरोहण समय के बराबर है।

प्रश्न 7.
उन कारकों का वर्णन करो जिनके फलस्वरूप गुरुत्वीय त्वरण ‘g’ के मान में अंतर आता है।
उत्तर-
गुरुत्वीय त्वरण के मान में अंतर निम्नलिखित कारणों से होता है-
(i) पृथ्वी की ऊँचाई कारण ‘g’ में अंतर (Variation ing with altitude)-‘g’ का मान पृथ्वी की सतह पर अधिकतम होता है। जैसे-जैसे हम पृथ्वी की सतह से ऊपर की ओर जाते हैं तो ‘g’ का मान कम होता जाता है। पृथ्वी की सतह से ऊपर किसी भी ऊँचाई पर ‘g’ के मान की गणना हम एक निश्चित गणितीय सूत्र की सहायता से निकाल सकते हैं
यदि
ge = पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय त्वरण
gh = पृथ्वी की ऊँचाई h पर गुरुत्वीय त्वरण
R = पृथ्वी का अर्ध-व्यास
हम जानते हैं कि
gh = ge[latex]\frac{\mathrm{R}^{2}}{(\mathrm{R}+h)^{2}}[/latex]
‘h’ का मान पता होने पर gh का मान निकाला जा सकता है।
विशेष अवस्था (Special Case) – पृथ्वी के अर्ध-व्यास से आधी ऊँचाई h पर अर्थात् है पर अर्थात् h = \(\frac{\mathrm{R}}{2}\) पर सूत्र से
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 7
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 8
gh = 4.36 m/s2
एक और रोचक बात यह है कि पृथ्वी के केंद्र पर ‘g’ का मान शून्य होगा।

(ii) पृथ्वी की आकृति कारण ‘g’ में अंतर (Variation in g due to shape of earth) – पृथ्वी पूरी तरह से गोल नहीं है। इसकी आकृति अंडाकार है। यह ध्रुवों के पास थोड़ी-सी समतल तथा भूमध्य रेखा के पास थोड़ीसी बाहर की ओर उभरी हुई होती है। जैसा कि नीचे चित्र में दिखाया गया है।

ऊपर दिखाए गए चित्र अनुसार पृथ्वी का भूमध्य रेखीय अर्ध-व्यास 6378 कि०मी० तथा ध्रुवीय अर्ध-व्यास 6357 कि०मी० है। इसलिए पृथ्वी (ध्रुवों पर) का अधिकतम ‘g’ का मान gp = 9.831 m/s2 तथा कम-से-कम (भूमध्य रेखा पर) मान ge = 9.782 m/s2 है। हम जो ‘g’ का मान लेते हैं वह gp तथा ge का मध्यमान होता है।

(iii) गहराई का प्रभाव (Effect of depth) – यदि हम नीचे गुफा में या खानों में चले जाएं तो ‘g’ का मान कम हो जाता है अर्थात् गहराई के साथ ‘g’ का मान कम होता जाता है। पृथ्वी के केंद्र पर इसका मान शून्य हो जाता है।
\(\frac{\mathrm{W}_{d}}{\mathrm{~W}_{e}}\) = \(\frac{g_{d}}{g_{e}}\) = [1 – \(\frac{d}{R}\)]

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 8.
किसी वस्तु के चंद्रमा तथा पृथ्वी के भारों की तुलना करो।
उत्तर-
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पृथ्वी तथा चंद्रमा पर वस्तु के भार की तुलना-
प्रत्येक ग्रह पर गुरुत्वीय त्वरण (g) का मान उसके द्रव्यमान तथा उसके अर्ध-व्यास पर निर्भर करता है। इसी कारण से चंद्रमा पर किसी वस्तु का भार, उसके पृथ्वी पर भार का \(\frac {1}{6}\) गुणा होता है।

माना वस्तु का द्रव्यमान ‘m’ है। यदि Me पृथ्वी का द्रव्यमान तथा Re पृथ्वी की त्रिज्या हो तो पृथ्वी पर वस्तु का भार (Fe)
Fe = \(\frac{\mathrm{GM}_{e} \times m}{\mathrm{R}_{e}^{2}}[latex] …………… (i)
इसी प्रकार यदि Mm चंद्रमा का द्रव्यमान तथा Rm चंद्रमा की त्रिज्या हो तो चंद्रमा पर वस्तु का भार (Fm)
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 11
∴ पृथ्वी का द्रव्यमान चंद्रमा के द्रव्यमान से लगभग 100 गुणा अधिक है तथा अर्ध-व्यास चार गुणा अधिक है।
∴ Me = 100 Mm तथा
Re = 4 Rm
Me तथा Re का मान लगाने पर
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 12
= 6 लगभग
अतः Fe = 6 × Fm
अत: यह स्पष्ट हो गया है कि चंद्रमा पर वस्तु का द्रव्यमान ‘m’ ही रहता है, परंतु उसका भार चंद्रमा की अपेक्षा पृथ्वी पर 6 गुणा अधिक होता है।

प्रश्न 9.
‘g’ तथा ‘G’ के मध्य संबंध स्थापित करो।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 13
‘g’ तथा ‘G’ के मध्य संबंध (Relation betweeng and G) – मान लो ‘m’ द्रव्यमान तथा ‘d’ अर्ध-व्यास वाली एक गेंद पृथ्वी की सतह पर पड़ी है जिसका द्रव्यमान M तथा अर्ध-व्यास R है।
मान लो पृथ्वी तथा गेंद के केंद्रों की बीच की दूरी, r है भाव है,
r = d + R
पृथ्वी गेंद को अपने केंद्र की ओर F बल से आकर्षित करती है।
∴ F = G[latex]\frac{\mathrm{M} \times m}{\mathrm{R}^{2}}\) ……………. (i)
∴ F = m × गेंद में पृथ्वी द्वारा उत्पन्न त्वरण
F = m × g ……………… (ii)
यहां ‘g’ का पृथ्वी पर गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं तथा पृथ्वी की सतह पर इसका अधिकतम मान 9.81 m/s2 है। समीकरण (i) तथा (ii) की तुलना करने पर
m × g = G\(\frac{\mathrm{M} \times m}{r^{2}}\)
या g = \(\frac{\mathrm{GM}}{r^{2}}\) ………..(iii)
अब क्योंकि गेंद का अर्ध-व्यास, पृथ्वी के अर्ध-व्यास की तुलना में बहुत कम है।
अर्थात् r = R
∴ g = G\(\frac{\mathrm{M}}{\mathrm{R}^{2}}\) …………… (iv)
समीकरण (iv) g तथा G में संबंध दर्शाती है।

प्रश्न 10.
एक व्यक्ति पृथ्वी तल की तुलना में चंद्रमा की सतह पर अधिक ऊँची छलांग लगा सकता है, क्यों ? व्याख्या करें।
उत्तर-
मान लो ‘m’ द्रव्यमान वाला व्यक्ति M द्रव्यमान वाली पृथ्वी जिसका अर्ध-व्यास ‘R’ है की सतह पर खड़ा है। पृथ्वी उस व्यक्ति को अपने केंद्र की ओर गुरुत्वाकर्षण बल लगाकर आकर्षित करती है।
F = व्यक्ति का द्रव्यमान × व्यक्ति में पृथ्वी द्वारा उत्पन्न त्वरण
F = m × g ………….. (i)
यहां ‘g’ को पृथ्वी का गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं।
हम जानते हैं कि
F = G.\(\frac{m \times \mathrm{M}}{\mathrm{R}^{2}}\)
m × g = G.\(\frac{m \times \mathrm{M}}{\mathrm{R}^{2}}\)
या g = \(\frac{\mathrm{GM}}{\mathrm{R}^{2}}\) …………. (ii)
यदि समीकरण (ii) में चंद्रमा का द्रव्यमान तथा अर्ध-व्यास भरे जाएं तो चंद्रमा पर g का मान gm कहलाता है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 14
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 15
∴ चंद्रमा की सतह पर गुरुत्वीय त्वरण = \(\frac{1}{6}\) x पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय त्वरण। अब क्योंकि चंद्रमा की सतह पर लग रहा गुरुत्वीय त्वरण पृथ्वी की सतह पर लग रहे गुरुत्वीय त्वरण का \(\frac{1}{6}\) वां भाग है, इसलिए व्यक्ति पृथ्वी की सतह से चंद्रमा की सतह पर 6 गुणा ऊँची छलांग लगा सकता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 11.
आर्किमीडीज़ का सिद्धांत क्या है ? प्रायोगिक क्रिया द्वारा इसको सत्यापित कीजिए।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 16
आर्किमीडीज़ का सिद्धांत – “जब किसी ठोस वस्तु को किसी तरल में पूर्ण या आंशिक रूप से डुबोया जाता है तो वह ऊपर की दिशा में एक बल को अनुभव करती है जो वस्तु द्वारा हटाए गए। तरल के भार के बराबर होता है।”

प्रायोगिक पड़ताल – एक पत्थर का टुकड़ा लीजिए और इसे कमानीदार तुला (Spring balance) के हुक्क से बाँधिए । तुला को स्टैंड से अथवा हाथ से पकड़ कर पत्थर को लटकाइए जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। पत्थर का भार कमानीदार तुला का पाठ्याँक नोट कर ज्ञात कीजिए। अब बीकर को पूरा पानी से भरकर पत्थर को बीकर में रखे पानी में धीरे से डुबोइए जैसा चित्र (b) में दर्शाया गया है। आप देखेंगे कि जब पत्थर पानी में डूब जाता है तो कमानीदार तुला का पाठ्याँक कम हो जाता है अर्थात् पानी में डुबोने पर पत्थर के भार में कमी आ गई है। पहले पाठयाँक में से दूसरे पाठ्याँक को घटा कर पत्थर के भार में हुई कमी ज्ञात कर सकते हैं। जैसे ही पत्थर को डुबोया जाएगा, पत्थर के आयतन के बराबर पानी विस्थापित होगा। इस विस्थापित पानी को दूसरे बीकर में इकट्ठा कर भार कर लें। यह पानी का भार पत्थर के भार में हुई कमी के बराबर होगा। इस प्रकार आर्किमीडीज़ का नियम सत्यापित हो जाता है।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
इनमें से कौन-सा अधिक है-1 Kg लोहे पर पृथ्वी द्वारा लग रहा गुरुत्वाकर्षण बल या पृथ्वी पर 1 Kg लोहे द्वारा लग रहा गुरुत्वाकर्षण बल और क्यों ?
उत्तर-
न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण-बल के नियम अनुसार दो वस्तुओं के बीच परस्पर आकर्षण बल होता है। इसलिए न तो लोहा पृथ्वी पर तथा न ही पृथ्वी लोहे पर अधिक बल लगाती है। परंतु क्योंकि लोहे का द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान से कम है, इसलिए पृथ्वी, 1 Kg लोहे के टुकड़े को अपनी ओर आकर्षित कर लेती है जिसकी गति यह दर्शाती है कि पृथ्वी 1 Kg लोहे के टुकड़े पर अधिक बल लगाती है।

प्रश्न 2.
G को सार्वत्रिक गुरुत्वीय नियतांक क्यों कहते हैं ? .
उत्तर-
G को सार्वत्रिक स्थिरांक इसलिए कहा जाता है कि समस्त ब्राह्मांड में इसका संख्यात्मक मान एक ही रहता है जिसका मान है, G = 6.67 × 10-11 Nm2/Kg2

प्रश्न 3.
क्या ‘g’ का मान एक ज्ञात स्थान पर भिन्न-भिन्न वस्तुओं के लिए समान होता है या भिन्न ?
उत्तर-
पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण (g) तथा सार्वत्रिक गुरुत्वीय G के मध्य सम्बन्ध से हम जानते हैं कि
g = \(\frac{\mathrm{GM}}{\mathrm{R}^{2}}\)
इसी समीकरण से यह पता चलता है कि ‘g’ का मान वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता। इसलिए हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि किसी ज्ञात स्थिति पर भिन्न-भिन्न वस्तुओं के लिए ‘g’ का मान बराबर है।

प्रश्न 4.
एक वस्तु का भार भूमध्य रेखा पर ध्रुवों पर अधिक कहां होता है ?
उत्तर-
पृथ्वी की आकृति पूरी तरह से गोल नहीं होती, परंतु थोड़ी-सी अंडाकार है। यह ध्रुवों के पास समतल (चपटी) है जबकि भूमध्य रेखा के पास थोड़ी सी बाहर की ओर उभरी हुई होती है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 17
भूमध्य रेखीय अर्ध-व्यास लगभग 6378 Km है जबकि ध्रुवीय अर्ध-व्यास 6357 Km है। भूमध्य रेखीय अर्ध-व्यास, ध्रुवीय अर्ध-व्यास से 21 Km अधिक है।
हम जानते हैं कि g = \(\frac{\mathrm{GM}}{\mathrm{R}^{2}}[latex] अर्थात् ‘g’ का मान R के व्युत्क्रमानुपाती। g α = ([latex]\frac{1}{R^{2}}\)) होता है इसलिए भूमध्य रेखा पर ‘g’ का मान कम होगा तथा ध्रुवों पर ‘g’ का मान अधिक होगा।

प्रश्न 5.
एक वस्तु पृथ्वी के केंद्र पर भारविहीन क्यों हो जाती है ?
उत्तर-
पृथ्वी के केंद्र पर वस्तु का भारहीन होना – हम जानते हैं कि पृथ्वी से नीचे जाते समय ‘g’ का मान कम होता है तथा पृथ्वी के केंद्र पर गुरुत्वीय त्वरण (g) = 0 होता है। इसलिए कोई वस्तु जिसका द्रव्यमान m है,
वस्तु का भार = m × o
= 0 शून्य है।
अर्थात् वस्तु भारहीन होती है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 6.
टेनिस की गेंद मैदानों से पर्वतों पर अधिक उछलती है। व्याख्या करें।
उत्तर-
ज्यों-ज्यों ऊँचाई पर जाते हैं तो गुरुत्वीय त्वरण (g) का मान कम होता जाता है जिसके कारण गेंद का गुरुत्वाकर्षण बल पहाड़ों पर कम होता है जिसके फलस्वरूप गेंद पहाड़ों पर मैदानी इलाकों की अपेक्षा अधिक उछलती है।

प्रश्न 7.
पृथ्वी-तल पर एक वस्तु का भार लगभग 9.8 N है। इस कथन की पुष्टि करें।
उत्तर-
हम जानते हैं कि पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय त्वरण (g) का मान 9.8 m/s2 है तथा वस्तु के भार के लिए संबंध है-
w = m × g
9.8 = m × 9.8
m = \(\frac{9.8}{9.8}\)
m = 1 किलोग्राम
दिए गए कथन का अर्थ है कि पृथ्वी की सतह पर वस्तु का द्रव्यमान 1 किलोग्राम है।

प्रश्न 8.
गुरुत्व अधीन स्वतंत्र रूप से गिर रही वस्तु की गति कैसी होगी ?
उत्तर-
गुरुत्व अधीन स्वतंत्र गिर रही वस्तु एक समान गति से नीचे गिरेगी। यदि भिन्न-भिन्न द्रव्यमान तथा आकार की वस्तुओं को निर्वात में से पृथ्वी की ओर नीचे गिरने दिया जाए तो उनमें एक समान गुरुत्वीय त्वरण होगा।

प्रश्न 9.
एक पदार्थ का आवश्यक विशेष गुण कौन-सा है, द्रव्यमान अथवा भार ?
उत्तर-
किसी पदार्थ का आवश्यक गुण द्रव्यमान होता है न कि उसका भार क्योंकि कोई ऐसा स्थान नहीं जहां पर पदार्थ का द्रव्यमान न हो। पृथ्वी के केंद्र पर वस्तु का भार शून्य हो सकता है परंतु द्रव्यमान नहीं। इसके अतिरिक्त कोई भी वस्तु जिसका द्रव्यमान होता है तथा जो स्थान घेरती है वह पदार्थ होता है जोकि पदार्थ की परिभाषा है। इसलिए पदार्थ का आवश्यक गुण उसका द्रव्यमान है न कि उसका भार।

प्रश्न 10.
एक विद्यार्थी विपिन, जो कहता है कि वह 52 Kg का है, के द्रव्यमान और भार के गुणों की तुलना करो।
उत्तर-
विपिन 52 कि० ग्रा० का है, से भाव है कि उसका द्रव्यमान 52 कि० ग्रा० है अर्थात् यह उसके शरीर का निर्माण करने वाले रुधिर, हड्डियाँ तथा त्वचा आदि की मात्रा को दर्शाता है। विपिन का भार वह आकर्षण बल है जिससे पृथ्वी उसको अपनी ओर आकर्षित करती है। यदि विपिन पृथ्वी से ऊपर किसी भी बिंदु पर चला जाएगा तो उसका द्रव्यमान 52 कि० ग्रा० ही रहेगा जबकि उसका भार प्रत्येक बिंदु पर भिन्न-भिन्न होगा। ऊँचाई पर जाने से विपिन का भार कम हो जाएगा। द्रव्यमान एक दिशाहीन राशि है जबकि भार एक बल है इसलिए सदिश राशि है। द्रव्यमान को किलोग्राम में मापते हैं तथा भार को न्यूटन (N) में मापा जाता है।

प्रश्न 11.
गुरुत्वाकर्षण बल के गुण लिखो जिनके कारण इसका दैनिक जीवन में महत्त्व है।
उत्तर-
गुरुत्वाकर्षण बल के गुण निम्नलिखित हैं जिनके कारण इनका दैनिक जीवन में महत्त्व है-

  1. यह एक परस्पर बल है अर्थात् दो वस्तुएं एक-दूसरे को आकर्षित करती हैं।
  2. यह बल वस्तुओं के द्रव्यमानों के सीधे तौर पर निर्भर करता है।
  3. यह बल तात्कालिक तथा समकालिक है अर्थात् दोनों ही वस्तुएं एक ही समय एक-दूसरे को आकर्षित करती
  4. यह बल सदैव आकर्षण करता है न कि प्रतिकर्षण
  5. यह बल वस्तुओं के आकार तथा आकृति पर निर्भर नहीं करता।
  6. यह उस माध्यम के स्वभाव पर भी निर्भर नहीं करता जहां पर एक जैसा आकर्षण-बल हो।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 12.
निम्नलिखित में अंतर बताओ
(i) गुरुत्वीय त्वरण (g) तथा (G) सार्वत्रिक स्थिरांक
(ii) भार तथा द्रव्यमान
(iii) द्रव्यमान केंद्र तथा गुरुत्व केंद्र।
उत्तर-
(i) g तथा (G) में अंतर-

‘g’ ‘G’
(1) यह गुरुत्वीय त्वरण को प्रदर्शित करता है। (1) यह गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक को प्रदर्शित करता है।
(2) इसका मान भिन्न-भिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न होता है। (2) इसका मान सभी स्थानों पर समान है। इसलिए इसे सार्वत्रिक स्थिरांक भी कहते हैं।
(3) इसका पृथ्वी पर मान 9.8 m/s2 है। (3) इसका मान 9.67 × 10-11 N-m2 Kg-2 है।

(ii) भार तथा द्रव्यमान में अंतर-

भार (Weight) द्रव्यमान (Mass)
(1) भार वह बल है जिससे वस्तु पृथ्वी के केंद्र की ओर आकर्षित होती है। (1) द्रव्यमान वस्तु में विद्यमान पदार्थ की मात्रा है।
(2) भार एक सदिश राशि है। (2) द्रव्यमान एक अदिश राशि है।
(3) यह अचर राशि नहीं, अपितु एक स्थान से दूसरे स्थान पर बदलती रहती है। (3) यह एक अचर राशि है।
(4) भार को स्प्रिंग तुला से मापा जाता है। (4) द्रव्यमान को दंड तुला से मापा जाता है।
(5) वस्तु का भार पृथ्वी के केंद्र पर शून्य हो सकता है। (अर्थात् = 0)। (5) वस्तु का द्रव्यमान कभी भी शून्य नहीं हो सकता।
(6) इसे न्यूटन या किलोग्राम भार में मापा जाता है। (6) इसे किलोग्राम में मापा जाता है।

(iii) द्रव्यमान केंद्र तथा गुरुत्व केंद्र में अंतर – पृथ्वी की सतह पर या उसके पास का वह बिंदु जहां गुरुत्वीय बल स्थिर होता है, उसे द्रव्यमान कहते हैं। द्रव्यमान केंद्र ही वह बिंदु है जहां वास्तव में वस्तु पर गुरुत्वाकर्षण बल अनुभव किया जाता है। जबकि वस्तु का गुरुत्व केंद्र वह बिंदु है जहाँ गुरुत्व बल संपूर्ण वस्तु पर क्रिया करता हुआ माना जा सकता है।

प्रश्न 13.
आप विषुवत् रेखा ( भूमध्य ) पर स्थित किसी स्थान पर से W भार की चीनी खरीदते हैं और उसे अंटार्कटिका ले जाते हैं। क्या वहाँ उसका भार वही रहेगा ? यदि नहीं, तो यह कम होगा या अधिक ?
उत्तर-
अंटार्कटिका पर ‘g’ का मान वह नहीं होता जो भूमध्य रेखा पर होता है । अंटार्कटिका में ‘g’ का मूल्य बढ़ता है इसलिए जब चीनी का बैग भूमध्य रेखा पर स्थित किसी स्थान से खरीद कर वहाँ ले जाया जाएगा तो उस का भार बढ़ जाएगा परंतु द्रव्यमान में कोई अंतर नहीं आएगा क्योंकि द्रव्यमान एक स्थिर राशि है।

प्रश्न 14.
हम सभी सितारों को हिलाए-डुलाए बगैर अपनी अंगुली भी नहीं हिला सकते। टिप्पणी करो।
उत्तर-
जब हम अपनी अंगुली हिलाते हैं, तो अंगुली और इस ब्रह्मांड की सभी वस्तुओं की दूरी बदल जाने के कारण गुरुत्वाकर्षण बल बदल जाता है। अतः सभी वस्तुएं हिल-डुल जाती हैं, भले ही यह हिल-डुल बहुत नगण्य क्यों न हो।

प्रश्न 15.
जब कोई वस्तु भूमि पर गिरती है तो उसे मिलने के लिए पृथ्वी ऊपर की ओर गति करती है । पृथ्वी की गति दिखाई क्यों नहीं देती ?
उत्तर-
क्योंकि पृथ्वी का द्रव्यमान वस्तु के द्रव्यमान की अपेक्षा बहुत अधिक होता है। इसलिए इसमें उत्पन त्वरण नगण्य होता है। इसलिए इसकी गति दिखाई नहीं देती।
.
प्रश्न 16.
गुरुत्वाकर्षण और गुरुत्व की परिभाषा दो।
उत्तर-
गुरुत्वाकर्षण – यह इस ब्रह्मांड की किन्हीं दो वस्तुओं के मध्य आकर्षण बल है।
गुरुत्व – यह पृथ्वी (या ग्रह) द्वारा इसके तल या इसके निकट स्थित सभी वस्तुओं पर लगाया गया आकर्षण बल है। गुरुत्व गुरुत्वाकर्षण का एक विशेष उदाहरण है- जब दो वस्तुओं में से एक वस्तु पृथ्वी हो।

प्रश्न 17.
सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति का क्या कारण है ?
उत्तर-
सभी ग्रह अपने-अपने परिपथ में सूर्य के चारों ओर उसके गुरुत्वाकर्षण के कारण घूमते हैं। यह गति भी बिल्कुल उसी प्रकार है जिस प्रकार चंद्रमा गुरुत्वाकर्षण के कारण पृथ्वी की परिक्रमा करता है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 18

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 18.
गुरुत्वाकर्षण बल प्रायः नगण्य क्यों होता है ?
उत्तर-
सामान्य द्रव्यमान के लिए गुरुत्वाकर्षण बल इतना कम होता है कि इसे अति संवेदनशील उपकरण के द्वारा ही ज्ञात किया जा सकता है।
यदि आप और आपका मित्र 1 मीटर दूर खड़े हों और आप दोनों का भार चालीस-चालीस कि० ग्रा० हो तो
F = G\(\frac{m_{1} m_{2}}{r^{2}}\)
= \(\frac{6.67 \times 10^{-11} \times 40 \times 40}{(1)^{2}}\)
F = 1.0672 × 10-7N
यह मान अत्यधिक कम है अर्थात् यह नगण्य है।

प्रश्न 19.
गुरुत्वाकर्षण बल का प्रयोग जिन व्यावहारिक क्रियाओं से होता है, उनके कुछ उदाहरण दो।
उत्तर-
गुरुत्वाकर्षण बल पर आधारित व्यावहारिक क्रियाएँ-

  1. सूर्य और पृथ्वी में क्रिया कर रहे गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही पृथ्वी, सूर्य के गिर्द अपनी वर्तुल गति को कायम रखती है।
  2. सौर मंडल का अस्तित्व गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही होता है।
  3. ग्रह के तल पर वायुमंडल भी गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही होता है।
  4. समुद्र में उठने वाला ज्वार-भाटा सूर्य और चांद के पानी पर क्रिया करने वाले गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही होता है।
  5. हम गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही पृथ्वी पर पक्की तरह खड़े रह सकते हैं।
  6. कृत्रिम उपग्रह के चक्कर लगाने का बल भी गुरुत्वाकर्षण बल ही है।

प्रश्न 20.
द्रव्यमान के अभिलक्षण लिखिए।
उत्तर-
द्रव्यमान – किसी वस्तु में उपस्थित द्रव्य की मात्रा को द्रव्यमान कहते हैं जिसके प्रमुख अभिलक्षण निम्नलिखित होते हैं-

  1. यह एक अदिश राशि है।
  2. यह प्रत्येक स्थान पर समान रहता है।
  3. इसे भौतिक तुला से मापा जाता है।

प्रश्न 21.
भार के अभिलक्षण लिखिए।
उत्तर-
भार – किसी वस्तु का भार वह बल है, जिससे पृथ्वी उसे अपनी ओर खींचती है। इसके प्रमुख अभिलक्षण निम्नलिखित होते हैं-

  1. यह एक सदिश राशि है।
  2. इसे कमानीदार तुला से मापा जाता है।
  3. यह स्थान-स्थान पर बदलता रहता है। ।
  4. यह द्रव्यमान के अनुक्रमानुपाती होता है।

प्रश्न 22.
जब हम पृथ्वी तल से ऊपर जाते हैं तो हमारे भार पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
किसी वस्तु का भार वस्तु के द्रव्यमान (m) तथा गुरुत्वीय त्वरण (g) का गुणनफल होता है। गुरुत्वीय त्वरण का मान वस्तु की केंद्र से दूरी पर निर्भर करता है।
क्योंकि g = \(\frac{\mathrm{GM}_{e}}{\mathrm{R}^{2}}\)

गुरुत्वीय त्वरण वस्तु की पृथ्वी के केंद्र से दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। अतः भार भी वस्तु की पृथ्वी के केंद्र से दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होगा। अर्थात् ज्यों-ज्यों हम पृथ्वी तल से ऊपर जाते हैं तो हमारी पृथ्वी के केंद्र से दूरी बढ़ जाती है जिसके कारण हमारा भार भी कम होता जाता है। यदि हम पृथ्वी तल से पृथ्वी के अर्ध-व्यास के बराबर ऊपर चले जाएं तो वस्तु का भार पृथ्वी के भार की अपेक्षा \(\frac{1}{4}\) गुणा रह जाएगा।

प्रश्न 23.
जब किसी वस्तु को ऊपर की ओर फेंका जाता है तो वस्तु की गति पर क्या प्रभाव पड़ता है ? उसका त्वरण कितना होता है ?
उत्तर-
जब किसी वस्तु को ऊपर की ओर फेंका जाता है तो पृथ्वी उसे अपने गुरुत्व बल के कारण नीचे की और आकर्षित करती है। गुरुत्व बल वस्तु की गति के विपरीत दिशा में कार्य करता है अतः वस्तु का वेग कम होता जाता है। ऊपर की ओर फेंकी गई वस्तु का त्वरण नीचे की ओर गिरती हुई वस्तु के त्वरण के बराबर होता है परंतु ऋणात्मक होता है।

ऊपर फेंकी गई वस्तु का त्वरण = -9.8m/s2 है। इसलिए जब वस्तु ऊपर की ओर फेंकी जाती है उसका वेग 9.8m/s2 की दर से घटता जाता है। वेग तब तक घटता जाता है जब तक वह शून्य नहीं हो जाता। अधिकतम ऊँचाई पर पहुँच कर वेग शून्य हो जाता है।

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प्रश्न 24.
चंद्रमा पृथ्वी की ओर गिरता रहता है, इसका तात्पर्य क्या है ? यह पृथ्वी तल पर गिर क्यों नहीं जाता ?
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 19
चंद्रमा अपने अक्ष के चारों ओर घूमता हुआ पृथ्वी की ओर गिरता है, पर अपकेंद्रण बल के कारण अपने ही कक्ष में रहता है। यह अपकेंद्रण बल पृथ्वी और चंद्रमा के बीच आकर्षण बल के कारण उत्पन्न होता है। इस बल के अभाव में चंद्रमा अपने पथ से दूर हट जाता है।

यदि चंद्रमा हमारी पृथ्वी से h ऊँचाई पर है तो गुरुत्वाकर्षण बल को इस प्रकार प्रकट किया जा सकता है-
\(\frac{\mathrm{G} m \mathrm{M}}{(\mathrm{R}+h)^{2}}\) = \(\frac{m v_{0}^{2}}{(\mathrm{R}+h)}\)
\(\frac{\mathrm{GM}}{(\mathrm{R}+h)}\) = \(v_{0}^{2}\)
∴ υ0 = \(\sqrt{\frac{\mathrm{GM}}{\mathrm{R}+h}}\)
α\(\frac{1}{d^{2}}\)
पृथ्वी
जहाँ υ0 कक्षीय वेग (orbital velocity) है।
अतः υ0 वेग से घूमता चंद्रमा अपने कक्ष में घूमता रहेगा। यह पृथ्वी की ओर गिरता रहेगा पर हर बार गिरने से चूकता भी रहेगा।

प्रश्न 25.
पृथ्वी सेब को आकर्षित करती है तो सेब भी पृथ्वी को आकर्षित करता है ? यदि हाँ, तो पृथ्वी सेब की ओर गति क्यों नहीं करती ?
उत्तर-
सेब निश्चित रूप से पृथ्वी को अपनी ओर आकर्षित करता है, पर सेब का द्रव्यमान बहुत कम है और उसकी तुलना से पृथ्वी का द्रव्यमान बहुत अधिक है। सेब और पृथ्वी के बीच का गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी पर बहर कम पर सेब पर बहुत अधिक त्वरण उत्पन्न करता है जिस कारण वह पृथ्वी की ओर गिरता है। पृथ्वी में उत्पन्न त्वमा इतना कम होता है कि वह सेब की ओर गति नहीं करती। पृथ्वी का विस्थापन बल लगभग शून्य ही होता है।

प्रश्न 26.
यदि किसी कारणवश गुरुत्वीय बल लुप्त हो जाए तो हम पृथ्वी से अंतरिक्ष में क्यों फेंक दिए जाएंगे ?
उत्तर-
हाँ, हम वास्तव में ही अंतरिक्ष में उड़ने लगेंगे यदि गुरुत्व बल को समाप्त कर दिया जाए। हर अंतरिक्ष में अपकेंद्रण बल के कारण उड़ने लगेंगे।

प्रश्न 27.
मान लीजिए पृथ्वी का द्रव्यमान एकाएक 10% बढ जाए, किंतु उसके आकार में कोई परिवर्तन न हो, तब आपके भार में क्या परिवर्तन होगा ? यदि पृथ्वी की त्रिज्या उसकी वर्तमान त्रिज्या की दुगुनी हो जाए, किंतु उसका द्रव्यमान वही रहे तो आपके भार में क्या परिवर्तन होगा ?
उत्तर-
(i) पृथ्वी के आकार में बिना परिवर्तन किए हुए यदि इसका द्रव्यमान 10% बढ़ जाए तो (g) का मान भी बढ़ जाएगा जिसके परिणामस्वरूप हमारा भार भी 10% बढ़ जाएगा।
∵ g = \(\frac{\mathrm{GM}}{\mathrm{R}^{2}}\) तथा W = mg
‘g’ का मान ‘M’ के समानुपाती होता है और उसकी दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

(ii) यदि पृथ्वी का अर्ध-व्यास वर्तमान व्यवस्था से दुगुना हो जाए और इसके द्रव्यमान में कोई अंतर न किया जाए तो (g) का मान कम हो जाएगा और हमारा भार \(\sqrt{2}\) गुणा कम हो जाएगा।

प्रश्न 28.
अंतरिक्ष में किसी स्थान पर 1Kg पुंज पर पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल 5 m/s2 का त्वरण उत्पन्न करता है। यदि उसकी जगह 3Kg का द्रव्यमान हो तो कितना त्वरण उत्पन्न होगा ?
उत्तर-
किसी स्थान पर गुरुत्वाकर्षण बल के कारण उत्पन्न त्वरण किसी वस्तु के द्रव्यमान से स्वतंत्र होता है, इसलिए 3Kg द्रव्यमान वाली वस्तु का उसी स्थान पर त्वरण उतना ही अर्थात् 5m/s2 होगा।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 29.
सिद्ध कीजिए यदि दो वस्तुओं पर पृथ्वी द्वारा आरोपित गुरुत्वीय बल बराबर हैं तो उन दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान भी बराबर होंगे।
उत्तर-
मान लो दो वस्तुओं के द्रव्यमान क्रमशः m1 तथा m2 हैं तथा ये दोनों वस्तुएँ पृथ्वी के केंद्र से समान दूरी R पर रखी हैं । पृथ्वी के द्रव्यमान M तथा वस्तु के द्रव्यमान m1 के बीच आकर्षण बल F1 है।
∴ F1 = \(\frac{\mathrm{GM} \times m_{1}}{R^{2}}\)
इसी प्रकार, पृथ्वी के द्रव्यमान M तथा वस्तु के द्रव्यमान m2 के बीच आकर्षण बल F2 है।
F2 = \(\frac{\mathrm{GM} \times m_{2}}{R^{2}}\)
परंत दिया गया है : F1 = F2
\(\frac{\mathrm{GM} \times m_{1}}{R^{2}}\) = \(\frac{\mathrm{GM} \times m_{2}}{R^{2}}\)
अतः m1 = m2
अर्थात् दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान बराबर हैं।

प्रश्न 30.
उत्प्लावन बल तथा उत्प्लावन केंद्र से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
उत्प्लावन बल तथा उत्प्लावन केंद्र – प्रत्येक द्रव अपने अंदर पूर्ण अथवा आंशिक रूप से डुबोई गई वस्तु पर ऊपर की ओर एक बल लगाता है। इस बल को उत्प्लावन बल (उत्क्षेप) कहते हैं। यह बल वस्तु द्वारा हटाए गए द्रव के गुरुत्व-केंद्र पर कार्य करता है, जिसे उत्प्लावन केंद्र कहते हैं।

प्रश्न 31.
नदियों पर बनाए गए बाँधों की दीवारें नीचे मोटी व ऊपर पतली क्यों बनाई जाती हैं ?
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 20
बाँध की दीवारों का नीचे मोटी व ऊपर पतली होना-बाँधों की गहराई बहुत अधिक होती है तथा द्रव के अंदर किसी बिंदु पर दाब, उस बिंदु की मुक्त तल से गहराई के अनुक्रमानुपाती होता है। इसलिए बांध की तली में जल का दाब अधिकतम होता है। अतः बाँध की दीवार पर सबसे अधिक दाब नीचे होता है ; जैसे-जैसे ऊपर आते हैं दाब भी कम होता जाता है। अत: बाँध की दीवार नीचे से मोटी बनाई जाती है, जिससे वह अधिक दाव-बल को सहन कर सके।

प्रश्न 32.
रेलगाड़ी की पटरियों के नीचे लकड़ी अथवा लोहे के चौड़े स्लीपर क्यों लगाए जाते हैं ?
उत्तर-
यदि रेलगाड़ी की पटरियों के नीचे चौड़े स्लीपर न लगाए जाएँ तो रेल की पटरियाँ अधिक दबाव के कारण पृथ्वी में फँस सकती हैं। पटरियों के नीचे स्लीपर लगाने से क्षेत्रफल अधिक हो जाता है, जिससे दाब कम पड़ता है और रेल की पटरियाँ पृथ्वी में नहीं धंस सकतीं।

प्रश्न 33.
एक तख्ते पर कुछ पुस्तकें फैलाकर रखने की अपेक्षा वही पुस्तकें एक जगह पर ऊपर-नीचे रखने पर तख्ता अधिक नीचे की ओर झुक जाता है, ऐसा क्यों ?
उत्तर-
हम जानते हैं कि दाब तथा क्षेत्रफल व्युत्क्रमानुपाती होते हैं अर्थात् P ∝ \(\frac{1}{\mathrm{~A}}\) इसलिए तो पर पुस्तकों को फैलाकर रखने से, उनके द्वारा घिरा क्षेत्रफल (A) अधिक होगा, जिसके कारण तख्ते पर दाव (P = F/A) कम लगेगा। इन्हीं पुस्तकों को ऊपर नीचे रखने से उनके द्वारा घिरा क्षेत्रफल (A) कम होगा जिससे तख्ते पर दाब बढ़ जाएगा और तख्ता नीचे की ओर झुक जाएगा।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 34.
भारी वाहनों के पहियों के टायर काफी चौड़ें क्यों बनाए जाते हैं।
उत्तर-
भारी वाहनों के टायर काफी चौड़े बनाना – भारी वाहनों के टायर चौड़े होने से क्षेत्रफल A अधिक हो जाता है तथा परिणामस्वरूप सड़क अथवा पृथ्वी पर लगने वाला दाब कम हो जाता है। इसीलिए वाहन के पहिये कम दाब के कारण सड़क में धंसने से बच जाते हैं।

प्रश्न 35.
नदी के जल की अपेक्षा समुद्र के जल में तैरना क्यों अधिक सुगम होता है ? ।
उत्तर-
नदी की अपेक्षा समुद्र में तैरना सुगम – नदी के जल का घनत्व, समुद्र (नमक घुला होने के कारण) के जल के घनत्व से कम होता है, इसलिए मनुष्य को समुद्र में तैरने के लिए जल का कम आयतन हटाना पड़ेगा (अर्थात् शरीर का कम भाग जल में डूबेगा) ; अत: मनुष्य का नदी के जल की अपेक्षा समुद्र के जल में तैरना अधिक सुगम होता है।

प्रश्न 36.
कएँ से जल खींचते समय जल से भरी बाल्टी जल की सतह से ऊपर आने पर धीरे-धीरे भारी क्यों प्रतीत होने लगती है ?
उत्तर-
जब बाल्टी जल में डूबी होती है, तब उस पर उसके द्वारा हटाए गए जल के भार के बराबर उत्प्लावन बल लगता है जिस कारण बाल्टी वास्तविक भार की अपेक्षा कम भारी प्रतीत होती है। जैसे-जैसे बाल्टी को जल से बाहर निकालते हैं, उस पर लगने वाले उत्प्लावन बल कम होने लगता है और बाल्टी भारी लगने लगती है।

प्रश्न 37.
समान बल लगाने से मोटी कील की अपेक्षा नुकीली कील, दीवार में शीघ्र क्यों घुस जाती है ?
उत्तर-
मोटी तथा नुकीली कीलों पर दाब – नुकीली कील के सिरे का क्षेत्रफल, मोटी कील के सिरे के क्षेत्रफल की अपेक्षा बहुत कम होता है। अतः दोनों कीलों पर एक-समान बल लगाने से नुकीली कील द्वारा दीवार पर मोटी कील की अपेक्षा अधिक दाब (P = F / A) लगाता है, जिससे नुकीली कील दीवार में आसानी से घुस जाती है।

महत्त्वपूर्ण सूत्र (Important Formulae)

1. F = G\(\frac{\mathrm{Mm}}{\mathrm{R}^{2}}\)
2. F = mg
3. g = G\(\frac{\mathrm{M}}{\mathrm{R}^{2}}\)
4. v = u + gt
5. v2 = u2 + 2gh
6. h = ut + \(\frac {1}{2}\)gt2
7. gm = \(\frac {1}{6}\)ge
(gm = चंद्रमा पर त्वरण, ge = पृथ्वी पर त्वरण)

आवश्यक आंकड़े-
पृथ्वी
द्रव्यमान = 6 × 1024 Kg
अर्ध-व्यास = 6.4 × 106 m (6400 Km)
सूर्य से दूरी = 1.5 × 1011 m
चंद्रमा
द्रव्यमान = 7.3 × 1022 Kg

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संख्यात्मक प्रश्न (Numerical Problems)

प्रश्न 1.
1 Kg द्रव्यमान वाले दो गोलों में दूरी 3m है। उनमें गुरुत्वाकर्षण बल की गणना करो। ज्ञात है G = 6.67 × 10-11 Nm2/Kg2.
हल :
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 21
यहाँ m1 = m2 = 1 Kg
दोनों गोलों के बीच दूरी, (r) = 3m
सार्वत्रिक स्थिरांक, (G) = 6.67 × 10-11 Nm2/Kg2
हम जानते हैं कि F = G.\(\frac{m_{1} \times m_{2}}{r^{2}}\)
F = \(\frac{6.67 \times 10^{-11} \times 1 \times 1}{(3)^{2}}\)
= \(\frac{6.67 \times 10^{-11}}{9}\)N
F = 0.741 × 10-11 N
F = 7.41 × 10-12 N (लगभग)

प्रश्न 2.
बृहस्पति ग्रह का द्रव्यमान 1.9 × 1027 Kg और सूर्य का 1.99 × 1030 Kg है। दोनों के केंद्रों में 7.8 × 1011m दूरी है। सूर्य द्वारा बृहस्पति पर लगाया गया गुरुत्वाकर्षण बल कितना होगा?
हल :
बृहस्पति का द्रव्यमान, (m1) = 1.9 × 1027 Kg
सूर्य का द्रव्यमान, (m2) = 1.99 × 1030 Kg
बृहस्पति तथा सूर्य के बीच दूरी (r) = 7.8 × 1011 m
G = 6.67 × 10-11 N – m2/Kg2
हम जानते हैं कि F = G.\(\frac{m_{1} \cdot m_{2}}{r^{2}}\)
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 22
= 4.1446 × 1024 N

प्रश्न 3.
चंद्रमा की त्रिज्या 1.7 × 106 m और इसका द्रव्यमान 7.35 × 1022 Kg है। चंद्रमा की सतह पर गुरुत्वीय-स्वरण कितना है ? (ज्ञात है कि G = 6.67 × 10-11 N – m2/Kg2) .
हल :
चंद्रमा की त्रिज्या, (R) = 1.7 × 106 m
चंद्रमा का द्रव्यमान, (M) = 7.35 × 1022 Kg
G = 6.67 × 10-11 N-m2/Kg2
हम जानते हैं कि, चंद्रमा पर गुरुत्वीय-त्वरण
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 23
= 1.69m/s2 (लगभग)
= 1.70m/s2

प्रश्न 4.
वस्तु के भार में प्रतिशत परिवर्तन बताएं जब इसको भू-मध्य रेखा से ध्रुवों तक ले जाया जाता है। ध्रुव त्रिज्या 6357 कि०मी० है और भू-मध्य रेखीय त्रिज्या 6378 कि०मी० है।
हल :
ध्रुवीय अर्ध-व्यास , (r) = 6357 Km
भूमध्य रेखीय अर्ध-व्यास, (R) = 6378 Km
∴ h = R – r
⇒ h = 6378 – 6357
h = 21 Km
R = 6400 Km (लगभग)
हम जानते हैं कि
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 24
= \(\frac{2 h}{\mathrm{R}}\) x 100
= \(\frac{2 \times 21 \times 100}{6400}\)
= \(\frac{42}{64}\)
= 0.656
= 0.7% (लगभग)

प्रश्न 5.
पृथ्वी पर सूर्य और चंद्रमा द्वारा लग रहे गुरुत्वाकर्षण बलों की तुलना करो। कौन अधिक बल लगाता है और कितना ?
हल :
पृथ्वी का द्रव्यमान, (Me) = 6 × 1024 Kg
चंद्रमा का द्रव्यमान, (Mm) = 7.3 × 1022 Kg
सूर्य का द्रव्यमान, (Ms) = 2 × 1030 Kg
पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी (Rem) = 3.84 × 108 m
पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी (Res) = 1.5 × 1011 m
पृथ्वी और चंद्रमा के बीच गुरुत्वीय बल Fem = G\(\frac{\mathrm{M} e \times \mathrm{M}_{s}}{\mathrm{R}_{e m}^{2}}\)
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 25
= 179.97
= 180 (लगभग)
∴ सूर्य पर अधिक गुरुत्वीय बल लगता है जो लगभग 180 गुणा अधिक होता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 6.
पृथ्वी की सतह से कितनी ऊँचाई पर गुरुत्वीय त्वरण का मान सतह ऊपर इसके मान से आधा होगा ? पृथ्वी की त्रिज्या ‘R’ मान लीजिए।
हल :
मान लो ‘h’ ऊंचाई है जो पृथ्वी की सतह से ऊपर है जहाँ g’ = \(\frac{g}{2}\) है, तो
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 26
√2 R = R + h
h = √2 R – R
h = R (√2 – 1)
= R (1.414- 1)
= R (0.414)
= (0.414 R

प्रश्न 7.
एक गेंद 40 मी० ऊँचे मीनार के शीर्ष-बिंदु से फेंकी जाती है। 20 मी० की दूरी तय करने के पश्चात् इसका वेग कितना होगा ? पृथ्वी से टकराने पर इसका वेग कितना होगा ?
हल :
(i) यहां (h) = 40 m
आरंभिक वेग, (u) = 0
गुरुत्वीय त्वरण (a) = g = 10m/s2
तय की गई दूरी (S) = 20m
हम जानते हैं कि υ2 – u2 = 2aS
υ2 – 0 = 2 × 10 × 20
υ2 = 400
υ = 20 m/s

(ii) यहां u = 0
a = g = 10
तय की गई दूरी (S) = 40 km
हम जानते हैं कि υ2 – u2 = 2aS
υ2 – 0 = 2 × 10 × 40
υ2 = 800
υ = \(\sqrt{800}\)
= \(\sqrt{400 \times 2}\)
υ = 20√2
अर्थात् पृथ्वी पर टकराते समय वेग = 20√2 m/s

प्रश्न 8.
पृथ्वी की सतह से कितनी ऊंचाई पर ‘g’ का मान पृथ्वी की सतह पर मान का 4% रह जाएगा? पृथ्वी की त्रिज्या = 6400 कि० मी० (Km) दी गई है।
हल :
मान लो पृथ्वी की सतह से ‘h’ दूरी पर (ऊँचाई) ‘g’ का मान पृथ्वी की सतह के मान का 4% हो जाता है।
अर्थात्
g’ = g का 4%
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 27
h = 4 R
h = 4 × 6400 Km [यहां R = 6400 Km]
h = 25600 Km

प्रश्न 9.
पृथ्वी के तल से कितनी ऊँचाई पर ‘g’ मान पृथ्वी के तल पर इसके मान का 50% होगा ? पृथ्वी की त्रिज्या 6400 कि० मी० (Km) दी गई है।
हल :
मान लो पृथ्वी की सतह से ‘h’ ऊँचाई पर ‘g’ का मान पृथ्वी की सतह के मान का 50% रह जाता है।
∴ g’ = g का 50%
g’ = \(\frac{50}{100}\) × g
= \(\frac {1}{2}\)g
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 28
R × 0.414 = h
6400 × 0.414 = h
h = 2649.6 Km

प्रश्न 10.
10 कि० ग्रा० और 25 कि० ग्राम के दो गोलों के केंद्रों के बीच की दूरी 5 मी० है। दोनों गोलों के बीच लगा गुरुत्वाकर्षण बल ज्ञात करो जबकि G = 6.7 × 10-11 Nm2/Kg2.
हल :
M1 = 10 कि० ग्रा०, M2 = 25 कि० ग्रा०
r = 5 मी०, G = 6.7 × 10-11 Nm2/Kg2
न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण नियम अनुसार
F = G\(\frac{\mathrm{M}_{1} \mathrm{M}_{2}}{r^{2}}\)
= \(\frac{6.7 \times 10^{-11} \times 10 \times 25}{(5)^{2}}\)N
F = 6.7 × 10-10N

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 11.
कल्पना कीजिए कि आप और आपके मित्र, प्रत्येक का द्रव्यमान 50 Kg है। मान लीजिए कि आप इस प्रकार खड़े हैं कि आप दोनों के गुरुत्व केंद्रों के बीच की दूरी 1 m है। अपने और अपने मित्र के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल की गणना कीजिए।
हल :
(i) आप और आपके मित्र का अलग-अलग द्रव्यमान M1 = M2 = 50 कि० ग्रा०
गुरुत्व केंद्रों के मध्य दूरी (r) = 1 मी०
G = 6.67 × 10-11 N – m2/kg2
F = ?
हम जानते हैं कि,
F = G\(\frac{\mathrm{M}_{1} \mathrm{M}_{2}}{r^{2}}\)
= \(\frac{6.7 \times 10^{-11} \times 50 \times 50}{(1)^{2}}\)
= 16.625 × 10-9N

प्रश्न 12.
यदि किसी वस्तु का भार 49N है तो इसका द्रव्यमान क्या होगा ?
हल :
वस्तु का भार, W = 49 N
g = 9.8ms-2
भार = द्रव्यमान × गुरुत्वीय त्वरण
W = m × g
49 = m × 9.8
m = \(\frac{49}{9.8}\)
= 5 Kg

प्रश्न 13.
एक वस्तु 50 m/s के वेग से लंबात्मक दिशा में ऊपर की ओर फेंकी गई। वस्तु कितने समय बाद अधिकतम ऊँचाई प्राप्त कर लेगी।
हल :
आरंभिक वेग. (u) == 50 m/s
गुरुत्वीय त्वरण (g) = -10m/s2
अधिकतम ऊँचाई पर अंतिम वेग, (υ) = 0
समय, (t) = ?
हम जानते हैं कि,
υ = u + gt
0 = 50 – 10 × t
10t = 50
t = \(\frac{50}{10}\)
t = 5s
इस तरह 5 सैकेंड बाद वस्तु अधिकतम ऊँचाई प्राप्त कर लेगी।

प्रश्न 14.
किसी पत्थर को छत के किनारे से गिराया गया। यदि वह 2m ऊँची खिड़की को 0.1 सैकेंड में पार करे तो खिड़की के ऊपरी किनारे से छत कितनी ऊपर है ?
हल :
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 29
खिड़की पार करने में तय हुई दूरी (S) = 2m
g = 9.8ms-2; t = 0.1s
अब पत्थर खिड़की के ऊपरी किनारे A तक पहुंचता है तो उसका वेग υ है
अब, S = ut + \(\frac {1}{2}\)gt2
2 = v × 0.1 × \(\frac {1}{2}\) × 9.8 × (0.1)2
2 = 0.1υ + 0.049
0.1υ = 1.951
υ = 1.951 × 10
= 19.51ms-1
यहां प्रारंभिक वेग u = 0
यह वेग पथ OA के लिए अंतिम वेग है।
इसलिए υ2 – u2 = 2gs
(19.51)2 – 02 = 2 × 9.8 × S
S = \(\frac{19.51 \times 19.51}{2 \times 9.8}\)
= 19.42m

प्रश्न 15.
यदि पृथ्वी पर आपका भार 60 Kg हो तो आपको पृथ्वी के केंद्र से कितनी दूर जाना पड़ेगा ताकि आपका भार 30 Kg रह जाए ?
हल :
मान लो पृथ्वी तल से h दूरी पर भार 30 Kg होता है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 30
R + h = √2 R
h = √2 R – R
= ( √2 – 1) R
= (1.414- 1) R
= 0.414 × 6400 (∴ R = 6400 Km)
= 2649.9 Km

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 16.
70 kg द्रव्यमान के किसी मनुष्य का चन्द्रमा पर भार क्या होगा ? उसका पृथ्वी तथा चन्द्रमा पर द्रव्यमान क्या होगा ?
हल :
द्रव्यमान एक अचर राशि है, इसलिए मनुष्य का पृथ्वी तथा चांद दोनों पर द्रव्यमान समान होगा।
पृथ्वी पर मनुष्य का द्रव्यमान = 70 kg
चंद्रमा पर मनुष्य का द्रव्यमान = 70 kg
पृथ्वी पर मनुष्य का भार (W1) = ?
पृथ्वी पर गुरुत्वीय त्वरण g = 9.8 m/s2
मनुष्य का चंद्रमा पर भार (W2) = ?
हम जानते हैं
= W1 = mg
= 70 × 9.8 = 686 N
अत: पृथ्वी पर मनुष्य का भार = 686 N
चंद्रमा पर मनुष्य का भार (W2) = \(\frac{1}{6}\) × पृथ्वी पर मनुष्य का भार
= \(\frac{W_{1}}{6}\)
= \(\frac{686 N}{6}\)
= 114.33 N

प्रश्न 17.
चंद्रमा के तल पर गुरुत्व प्रवेग का मान ज्ञात करो।
चंद्रमा का द्रव्यमान = 7.4 × 1022 kg
चंद्रमा का अर्ध-व्यास = 1740 km
और G = 6.673 × 10-11 Nm2 kg-2
हल : यहां G = 6.673 × 10-11 Nm2 kg-2
चंद्रमा का द्रव्यमान M = 7.4 × 1022 kg
चंद्रमा का अर्ध-व्यास, R = 1740000 m
g = \(\frac{\mathrm{GM}}{\mathrm{R}^{2}}\)
= \(\frac{6.673 \times 10^{-11} \times 7.4 \times 10^{22}}{1740000 \times 1740000}\)
= 1.63 मी० सै०-2

प्रश्न 18.
एक व्यक्ति का पृथ्वी पर भार 600 न्यूटन है। चंद्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण, पृथ्वी पर गुरुत्वीय त्वरण का 1/6 है। यदि पृथ्वी पर गुरुत्वीय त्वरण 10 m/s2 है, तो चंद्रमा पर व्यक्ति का द्रव्यमान और भार क्या होंगे ?
हल :
मान लो व्यक्ति का द्रव्यमान m कि०ग्रा० है।
w = mg = 600 न्यूटन
m = \(\frac{600}{g}\)
= \(\frac{600}{10}\) = 60 किग्रा०
∴ वस्तुओं के द्रव्यमान गुरुत्वीय त्वरण ‘g’ पर निर्भर नहीं करते। इसलिए पृथ्वी तथा चंद्रमा पर दोनों जगह व्यक्ति का द्रव्यमान 60 किग्रा होगा।
चंद्रमा पर व्यक्ति का भार w1 = \(\frac{1}{6}\) × mg
\(\frac{m g}{6}\)
\(\frac{1}{6}\) mg
= \(\frac{1}{6}\) × 60 × 10
= 100 न्यूटन उत्तर

प्रश्न 19.
पृथ्वी का द्रव्यमान 6 × 1024 kg है तथा चंद्रमा का द्रव्यमान 7.4 × 1022 kg है। यदि पृथ्वी तथा चंद्रमा के बीच की दूरी 3.84 × 105 km है तो पृथ्वी द्वारा चंद्रमा पर लगाए गए बल का परिकलन कीजिए।
G = 6.7 × 10-11 Nm2kg2
हल :
पृथ्वी का द्रव्यमान (M) = 6 × 1024 kg
चंद्रमा का द्रव्यमान (m) = 7.4 × 1022 kg
पृथ्वी तथा चंद्रमा के बीच की दूरी,
(d) = 3.84 × 105 km
= 3.84 × 105 × 1000 m
= 3.84 × 108 m
G = 6.7 × 10-11 N m2 kg-2
पर लगाया गया बल,
F = G\(\frac{\mathrm{M} \times m}{d^{2}}\)
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 31
= 2.01 × 1020 N.
अतः पृथ्वी द्वारा चंद्रमा पर लगाया गया बल 2.01 × 1020 N है।

प्रश्न 20.
एक कार किसी कगार से गिर कर 0.5s में धरती पर आ गिरती है। परिकलन में सरलता के लिए g का मान 10 ms-2 लीजिए।
(i) धरती पर टकराते समय कार की चाल क्या होगी ?
(ii) 0.5s के दौरान इसकी औसत चाल क्या होगी ?
(ii) धरती से कगार कितनी ऊँचाई पर है ?
हल:
समय, t = 0.5 s
प्रारंभिक वेग, u = 0 m s-1
गुरुत्वीय त्वरण, g = 10 m s-2
कार का त्वरण, a = + 10 m s-2 (अधोमुखी दिशा)

(i) चाल υ = at
υ = 10 m s-2 × 0.5 s
= 5 m s-1

(ii) औसत चाल = \(\frac{u+v}{2}\)
= (0 ms-1 + 5ms-1)
= 2
= 2.5 ms-1

(iii) तय की गई दूरी S = 1/2 at2
= 1/2 × 10 ms-2 × (1/2 s)2
= 1/2 × 10 ms-2 × 1/4 s2
= 1.2 m
अतः
(i) धरती पर टकराते समय कार की चाल = 5 ms-1
(ii) 1/2 सेकंड के दौरान इसकी औसत चाल = 2.5 ms-1
(iii) धरती की सतह से कगार की ऊँचाई = 1.25 m

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 21.
एक वस्तु को ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंका जाता है और यह 10 m की ऊँचाई तक पहुँचती है। परिकलन कीजिए
(i) वस्तु कितने वेग से ऊपर फेंकी गई तथा
(ii) वस्तु द्वारा उच्चतम बिंदु तक पहुंचने में लिया गया समय।
हल :
चली गई दूरी (S) = 10 m
अंतिम वेग (υ) = 0 ms-1
गुरुत्वीय त्वरण (g) = 9.8 ms-2
वस्तु का त्वरण (a) = – 9.8 ms-2 (ऊर्ध्वमुखी दिशा में फेंकने के कारण)

(i) υ2 = u2 + 2as
0 = u2 + 2 × (-9.8 ms-2) × 10 m
-u2 = – 2 × 9.8 × 10 m2s-2
u = \(\sqrt{196}\) ms-1
= 14 ms-1

(ii) υ = u + at
0 = 14 ms-1 – 9.8 ms-2 × t
t = 1.43 s.

प्रश्न 22.
पृथ्वी की सतह पर मापने पर एक वस्तु का भार 10 N आता है। चंद्रमा की सतह पर मापने पर इसका भार कितना होगा ?
उत्तर-
हमें ज्ञात है-
चंद्रमा पर वस्तु का भार=(1/6) × पृथ्वी पर इसका भार
अर्थात्,
Wm = \(\frac{\mathrm{W}_{e}}{6}\)
= \(\frac{10}{6}\)N
= 1.67 N.
अतएव चंद्रमा की सतह पर वस्तु का भार 1.67 N होगा।

प्रश्न 23.
एक लकड़ी का गुटका मेज़ पर रखा है। लकड़ी के गुटके का द्रव्यमान 5 kg है तथा इसकी विमाएँ 40 cm × 20 cm × 10 cm हैं। लकड़ी के टुकड़े द्वारा मेज पर लगने वाले दाब को ज्ञात कीजिए, यदि इसकी निम्न विमाओं की सतह मेज़ पर रखी जाती हैं। (a) 20 cm × 10 cm और (b) 40 cm × 20 cm।
हल:
(i) लकड़ी के गुटके का द्रव्यमान = 5 kg
विमाएं = 40 cm × 20 cm × 10 cm
यहाँ लकड़ी के गुटके का भार मेज़ की सतह पर प्रणोद लगाता है। चित्र (a)
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 32
अर्थात्, प्रणोद (F’) = m × g
= 5 kg × 9.8 ms-2
= 49 N
सतह का क्षेत्रफल = लंबाई चौड़ाई
= 20 cm × 10 cm
= 200 cm2 = 0.02 cm2
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 33
= 2450 Nm-2

(ii) जब गुटके को 40 cm × 20 cm विमाओं की सतह चित्र (b) मेज़ पर रखी जाती है, यह मेज़ की सतह पर पहले जितना ही प्रणोद लगता है।
क्षेत्रफल = लंबाई × चौड़ाई
= 40 cm × 20 cm
= 800 cm2 = 0.08 m2
बल = PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 34 = \(\frac{49 \mathrm{~N}}{0.08 m^{2}}\) = 612.5 Nm-2
प्रश्न 24.
50 cm3 आयतन के लोहे के एक टुकड़े को कमानीदार तुला से लटकाकर जल में डुबोया जाता है। लोहे के टुकड़े द्वारा कमानी पर लगाए गए खिंचाव बल का मान न्यूटन में ज्ञात कीजिए।(लोहे का घनत्व = 7.6 × 103 kg/m3, जल का घनत्व = 1 × 103 kg/m3)
हल :
लोहे के टुकड़े का आयतन = 50 cm3
= 50 × 10-6 m3
लोहे के टुकड़े का द्रव्यमान = लोहे का घनत्व × आयतन
= (7.6 × 103 kg/m3) × (50 × 10-6 m3)
= 0.38 kg
अतः लोहे के टुकड़े का वायु में भार= 0.38 kg
मान लो जल में डुबोने पर लोहे के टुकड़े का भार = W Kg
∴ जल में डुबोने पर लोहे के टुकड़े के भार में कमी = (0.38 – W) kg
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 35
= 0.05
= 0.38 – W = 0.05
या W = 0.38 – 0.05 = 0.33 kg wt.
अतः लोहे के टुकड़े द्वारा कमानी पर लगाया गया खिंचाव बल
= 0.33 × g
= 0.33 × 10 = 3:3N

प्रश्न 25.
पानी में तैरते हुए किसी ठोस वस्तु का 4/5 भाग डूबा रहता है। वस्तु का घनत्व ज्ञात कीजिए। (पानी का घनत्व = 1000 kg/m3 है)
हल :
मान लो ठोस वस्तु का आयतन V तथा घनत्व d kg/m3 है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 36
∴ ठोस वस्तु का घनत्व (d) = \(\frac{4}{5}[latex] × 1000 = 800 kg/m3

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 26.
जल में किसी वस्तु के आयतन का 4/5 भाग डूब जाता है। उसी वस्तु को यदि 1.6 आपेक्षिक घनत्व वाले द्रव में तैराया जाए तो वस्तु का कितना भाग डूबेगा ?
हल :
मान लो वस्तु का आयतन V तथा घनत्व d है।
जल में तैराने पर, वस्तु द्वारा हटाए गए जल का भार = वस्तु का भार
[latex]\frac{4}{5}\)V × 1 × g = V × d × g …………. (1)
मान लो द्रव में वस्तु के आयतन का x भाग डूबता है; अत:
वस्तु द्वारा हटाए गए द्रव का भार = वस्तु का भार
x V × 1.6 × g = V × d × g
समीकरण (1) तथा समीकरण (2) से,
\(\frac{4}{5}\)V × 1 × g = × V × 16 × g …………. (2)
अथवा x = \(\frac{4}{5 \times 1.6}=\frac{1}{2}\)
अतः द्रव में वस्तु के आयतन का आधा (\(\frac{1}{2}\)) भाग डूबेगा।

प्रश्न 27.
लकड़ी के एक टुकड़े का कुल भार 6 kg है। पानी में तैरते समय इसका 1/3 भाग पानी के भीतर रहता है। इस टुकड़े पर कितना भार रखने से वह पूरा डूबकर तैरेगा ?
हल :
मान लो लकड़ी के टुकड़े पर W भार रखने पर वह पानी में पूरा डूब जाता है। मान लो इसका आयतन V है। चूंकि तैरते समय टुकड़े के आयतन का 1/3 भाग पानी के भीतर रहता है, अत:
लकड़ी के टुकड़े का कुल भार = टुकड़े द्वारा हटाए गए जल का भार
अथवा
6 = \(\frac {1}{3}\)V × d × g …………… (1)
W kg भार और रख देने पर टुकड़ा पूरी तरह डूब जाता है, अत:
6 + W = V × d × g ……………… (2)
समीकरण (2) को समीकरण (1) से भाग देने पर,
\(\frac{6+W}{6}=\frac{3}{1}\)
अथवा 6 + W = 18
अतः लकड़ी के टुकड़े का भार W = 18 – 6 = 12 kg

प्रश्न 28.
कोई हैलीकॉप्टर किसी स्थिर नाव में फंसे हुए लोगों के लिए भोजन के पैकेट गिराने भेजा गया। यह 20 m की ऊँचाई पर 2 m/s के एक समान क्षैतिज वेग से चल रहा है। जब नाव का सबसे निकट वाला सिरा हैलीकॉप्टर के ठीक नीचे है तभी भोजन के पैकेट गिराए जाते हैं। यदि नाव 5 m लंबी है, तो क्या नाव में उपस्थित लोगों को पैकेट मिलेंगे ?
हल :
h = 20 मीटर, u = 2 मी०/से० g = 10 ms-2
ऊर्ध्वाधर रेंज R = 4\(\sqrt{2 h / g}\)
4\(\sqrt{\frac{2 \times 20}{10}}\) = 2√4
= 4 मीटर
नाव की लंबाई = 5 मी०
इसलिए नाव में बैठे आदमी भोजन के बंडल प्राप्त कर सकेंगे।

प्रश्न 29.
कोई गेंद एक 40 मी० ऊँची किसी मीनार की चोटी से गिराई गई। 20 मी० गिरने के पश्चात् इसका वेग कितना होगा ? पृथ्वी तल पर टकराते समय इसका वेग क्या होगा ?
हल :
h = 40 मी०, u = 0, a = 100 मी०/सैकंड2
तय की गयी दूरी (S) = 20 मी०, υ = ?
υ2 – u2 = 2gS
या u2 – (0)2 = 2 × 10 × 20
या υ2 = 400
या υ = 20 मी०/सेकंड

(ii) υ = ?, S = 40 मी
υ2 – u2 = 2aS
υ2 – (0)2 = 2 × 10 × 40
या υ2 = 800
या υ2 = \(\sqrt{800}=\sqrt{400 \times 2}\)
= 20√2 मी/सेकंड
∵ वस्तु नीचे गिराई गई
∴ v = – 20 ms-1

प्रश्न 30.
चांदी का आपेक्षिक घनत्व 10.8 है। पानी का घनत्व 103 kg m-3 है। S.I. मात्रक में चांदी का घनत्व क्या होगा ?
हल :
चांदी का आपेक्षिक घनत्व = 10.8
पानी का घनत्व = 103 kgm-3
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 37
∴ चांदी का घनत्व = चांदी का आपेक्षिक घनत्व × पानी का घनत्व
= 10.8 × 103 kg m-3

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
सौर मण्डल में ग्रहों की सूर्य के इर्द-गिर्द घूर्णन गति किस कारण होती है ?
उत्तर-
उनके बीच परस्पर गुरुत्वाकर्षण बल के कारण।

प्रश्न 2.
चंद्रमा का पृथ्वी के इर्द-गिर्द गति के पथ का आकार कैसा होता है ?
उत्तर-
अंडाकार आकृति जैसा।

प्रश्न 3.
दो वस्तुओं के मध्य परस्पर लग रहे आकर्षण बल को गणितीय रूप में लिखो।
उत्तर-
F = G\(\frac{m_{1} \times m_{2}}{r^{2}}\)

प्रश्न 4.
G का मान कितना है ?
उत्तर-
G = 6.67 × 10-11 N-m2/kg2.

प्रश्न 5.
एक बैंच पर बैठे दो विद्यार्थियों के मध्य परस्पर गुरुत्वाकर्षण बल लगता है, परंतु दोनों विद्यार्थी इस बल को अनुभव नहीं करते। क्यों ?
उत्तर-
हम जानते हैं कि गुरुत्वाकर्षण बल F = G\(\frac{m_{1} \times m_{2}}{r^{2}}\) । यहां G का मान बहुत कम होता है जिस कारण यह बल बहुत कम होता है तथा अनुभव नहीं किया जाता।

प्रश्न 6.
पृथ्वी की सतह पर ‘g’ का मान कितना होता है ?
उत्तर-
पृथ्वी की सतह पर ‘g’ का मान अधिकतम होता है अर्थात् g = 9.81 m/s2

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 7.
क्या ‘g’ का मान ऋणात्मक हो सकता है ?
उत्तर-
जब वस्तु को ऊपर की ओर फेंका जाता है तो ‘g’ का मान कम होता है। इसलिए ‘g’ को ऋणात्मक लिया जाता है।

प्रश्न 8.
प्रक्षेप्य या प्रोजैक्टाइल का गति पथ कैसा होता है ?
उत्तर-
प्रक्षेप्य का गतिपथ पैराबोलिक पथ होता है।

प्रश्न 9.
किसी वस्तु में उपस्थित पदार्थ की मात्रा को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
द्रव्यमान।

प्रश्न 10.
द्रव्यमान की SI इकाई क्या है ?
उत्तर-
किलोग्राम।

प्रश्न 11.
पृथ्वी के किस भाग में यह शून्य होता है?
उत्तर-
पृथ्वी के केंद्र पर।

प्रश्न 12.
द्रव्यमान तथा भार में से कौन-सी राशि अदिश या स्केलर है?
उत्तर-
द्रव्यमान।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 13.
भार की SI इकाई क्या है ?
उत्तर-
न्यूटन (N)।

प्रश्न 14.
भार कैसी राशि है-अदिश या सदिश ?
उत्तर-
भार एक बल है, इसलिए यह वैक्टर (सदिश राशि) है।

प्रश्न 15.
यदि किसी वस्तु का द्रव्यमान पृथ्वी पर 30 kg है तो बताओ चंद्रमा की सतह पर उसका द्रव्यमान कितना होगा ?
उत्तर-
द्रव्यमान एक स्थिर राशि है इसलिए चंद्रमा की सतह पर वस्तु का द्रव्यमान 30 kg होगा।

प्रश्न 16.
किसी वस्तु का गुरुत्वीय प्रवेग का मान पृथ्वी के अर्ध-व्यास की आधी ऊंचाई पर कितना होता है ?
उत्तर-
यहां h = \(\frac{\mathrm{R}}{2}\)
इसलिए
gh = ge × \(\frac{4}{9}\)
= 9.81 × \(\frac{4}{9}\)
= 4.36 m/s2

प्रश्न 17.
पृथ्वी के केंद्र पर ‘g’ का मान कितना होता है ?
उत्तर-
पृथ्वी के केंद्र पर g = 0।

प्रश्न 18.
बताओ किसी वस्तु का भार कहाँ अधिक होगा-ध्रुव या भूमध्य रेखा पर ?
उत्तर-
ध्रुव पर वस्तु का भार अधिक होगा।

प्रश्न 19.
दो वस्तुओं के मध्य दूरी तीन गुणा करने पर गुरुत्वीय बल पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?
उत्तर-
पहले से \(\frac {1}{9}\) वाँ भाग रह जाएगा।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
बल कितने प्रकार के होते हैं ? प्रत्येक को उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
बल के प्रकार-बल दो प्रकार के होते हैं-
(i) संतुलित बल,
(ii) असंतुलित बल।

(i) संतुलित बल – जब किसी वस्तु पर एक-साथ कई बल क्रिया कर रहे हों और उनका परिणामी बल शून्य हो तो उन बलों को संतुलित बल कहते हैं। संतुलित बलों की अवस्था में यदि कोई वस्तु स्थिर है तो स्थिर रहेगी तथा यदि एक समान गति कर रही है तो वह उसी एक समान गति से गतिशील रहेगी, जैसे कि वस्तु पर कोई बल कार्य ही न कर रहा हो। इस प्रकार संतुलित बलों के प्रभाव से वस्तु की स्थिति में परिवर्तन नहीं होता है।

संतुलित बलों से वस्तु की आकृति बदल जाती है; जैसे- यदि रबड़ की एक गेंद को हथेलियों के बीच रखकर बराबर व विपरीत बल लगाएं तो गेंद की आकृति बदल जाती है। यह गेंद गोल न रहकर चपटी-सी हो जाती है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 1

उदाहरण – रस्साकशी के खेल में जब दोनों टीमें रस्से को बराबर बल से खींचती हैं, तब परिणामी बल शून्य होता है। अतः दोनों टीमें अपने स्थान पर स्थिर बनी रहती हैं। इस दशा में दोनों टीमों द्वारा रस्से पर लगाया गया बल संतुलित है।

दो बलों के संतुलित होने की शर्त – दो समान तथा विपरीत दिशा में क्रिया कर रहे बल तभी संतुलित होते हैं, यदि वे एक रेखा में क्रिया करते हैं तथा उनका परिमाण समान होता है।

संतुलित बलों का प्रभाव – किसी वस्तु पर क्रिया कर रहे बल यदि इसकी विराम या गतिशील अवस्था में परिवर्तन नहीं कर सकते तो ये अवश्य ही वस्तु की आकृति में परिवर्तन करेंगे।

(ii) असंतुलित बल – जब किसी वस्तु पर लगे अनेक बलों का परिणामी बल शून्य न हो अर्थात् उनका कुछ नेट बल हो तो उन बलों को असंतुलित बल कहते हैं। यह बल वस्तु की गति की दिशा तथा अवस्था में परिवर्तन करता है।

उदाहरण (1) रस्साकशी का उदाहरण असंतुलित बल को दर्शाता है। यदि इनमें से एक टीम रस्से को अधिक बल लगा कर खींचती है तो उन दोनों टीमों द्वारा लगाये गए बल असंतुलित हो जाते हैं जिससे परिणामी बल उत्पन्न होता
है।

उदाहरण (2) मान लो दो बच्चे एक बक्से को खुरदरे फर्श पर धकेलने का यत्न कर रहे हैं जैसा कि चित्र (a) में दर्शाया गया है। वे कम बल के साथ बक्से को धकेलते हैं, तो बक्सा नहीं खिसकता है, क्योंकि घर्षण बल धकेलने की विपरीत दिशा में काम कर रहा है [चित्र (a)] । यह घर्षण बल बक्से के नीचे की सतह तथा फ़र्श की खुरदरी सतह के बीच उत्पन्न होता है। यह घर्षण बल, धकेलने में लगे बल को संतुलित करता है और यही कारण है कि बक्सा नहीं खिसकता है। अब बच्चे बक्से को ज़ोर से धकेलते हैं लेकिन बक्सा फिर भी नहीं खिसकता जैसा चित्र (b) में दिखाया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि घर्षण बल अभी भी धकेलने वाले बल को संतुलित कर रहा है। अब बच्चे बक्से को अधिक ज़ोर से धकेलते हैं ताकि धकेलने वाला बल घर्षण बल से अधिक हो जाता है [चित्र (c)] । यहाँ असंतुलित बल के कारण बक्सा खिसकने लगता है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 2

असंतुलित बल वस्तु की गति को नष्ट कर सकते हैं। जब एक गेंद फ़र्श पर लुढ़कती है तो फ़र्श पर विपरीत दिशा में घर्षण बल क्रिया करने लगती है, जिससे बल असंतुलित हो जाते हैं। परिणामस्वरूप गेंद कुछ समय बाद रुक जाती है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 2.
न्यूटन के पहले गति नियम की परिभाषा लिखो तथा इसकी व्याख्या करो।
उत्तर-
न्यूटन का पहला गति नियम- यह बताता है, “इस ब्रह्मांड में सभी वस्तुएँ तब तक विराम अवस्था में बनी रहेंगी अथवा सरल रेखीय एक समान गति में चलती रहेंगी, जब तक कोई बाहरी बल लगाकर उनकी अवस्था परिवर्तन के लिए उस पर क्रिया नहीं करता।”
इस नियम के अनुसार गति को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है-

(i) पहले भाग के अनुसार जो वस्तु विराम अवस्था में है वह तब तक विराम अवस्था में ही रहेगी, जब तक इसकी अवस्था परिवर्तन के लिए बाहर से कोई बल नहीं लगाया जाता। यह स्वयं ही स्पष्ट है। हम देखते हैं कि मेज़ पर पड़ी पुस्तक तब तक वहीं पड़ी रहेगी, जब तक कोई उसे उठाता नहीं।

(ii) इस नियम के दूसरे भाग के अनुसार कोई वस्तु सरल रेखीय में एक समान गति से गतिशील तब तक रहेगी, जब तक उसे रोकने के लिए कोई बाहरी बल नहीं लगाया जाता। किंतु ऐसा हमारे दैनिक जीवन से कुछ भिन्न दिखाई देता है। उदाहरण के लिए जैसे ही हम बल लगाना बंद करते हैं तो चलती हुई साइकिल रुक जाती है। ध्यानपूर्वक अध्ययन से पता चला कि साइकिल के टायरों और भूमि के बीच घर्षण बल क्रिया करता है जो बाहरी बल है और विपरीत बल के रूप में क्रिया करता है। वायु के कारण भी गति अवरुद्ध होती है। इसलिए बाह्य बल के कारण चल रही साइकिल रुक जाती है।

प्रश्न 3.
जड़त्व किसे कहते हैं ? जड़त्व की विभिन्न किस्में बताओ। प्रत्येक के लिए उदाहरण भी दो।
उत्तर-
जड़त्व – जड़त्व वस्तु का वह गुण है जिसके फलस्वरूप वस्तु अपनी विराम अवस्था या सरल रेखीय गति की अवस्था को बदलने में अक्षम होती है।
इसी गुण के कारण न्यूटन के पहले गति नियम को जड़त्व का नियम भी कहा जाता है।

जड़त्व की किस्में-जड़त्व तीन प्रकार का होता है-
1. विराम-जड़त्व – इसका अर्थ है कि जो वस्तु विराम अवस्था में है वह विराम अवस्था में ही रहने का यत्न करती है। इसको निम्नलिखित उदाहरण द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है रुकी हुई बस या रेलगाड़ी में आराम से खड़ा व्यक्ति बस या रेलगाड़ी के अचानक चलने पर पीछे की ओर गिरता है। इसका कारण यह है कि व्यक्ति का निचला धड़ तो गति में आ जाता है, किंतु उसका ऊपरी धड़ विराम-जड़त्व के कारण विराम अवस्था में ही रहने का यत्न करता है।

2. गति-जड़त्व – इसका अर्थ यह है कि जो वस्तु गतिशील है वह उसी दर से गति में रहने का यत्न करती है।
उदाहरण-
(i) चल रही बस या गाड़ी में आराम से बैठा व्यक्ति बस या गाड़ी के एकदम रुकने पर आगे की ओर गिरता है। ऐसी अवस्था में यात्री के शरीर का निचला भाग तो गाड़ी के रुकते ही विराम अवस्था में आ जाता है, किंतु उसके शरीर का ऊपरी भाग गति की दिशा में गतिशील रहने की कोशिश करता है।

(ii) लंबी छलांग लगाने से पहले एक एथलीट कुछ दूरी तक दौड़ लगाता है, ताकि उसके शरीर का गति-जड़त्व छलांग लगाते समय उसके पेशीय बल की सहायता करता है।

3. दिशायी-जड़त्व – वस्तु का यह गुण वस्तु को अपनी दिशा स्थिर रखने में सहायता करता है।
व्याख्या के लिए उदाहरण- पहिए पर मडगार्ड दिशायी-जड़त्व के कारण स्पर्श रेखीय दिशा में आ रहे कीचड़ से बचाव के लिए पत्थर की गति की दिशा लगाए जाते हैं।

एक धागे के साथ बंधे एक पत्थर पर विचार करें, जोकि क्षैतिज वृत्त में चक्र काट रहा है। यदि ऐसा करते हुए यह धागा टूट जाए तो दिशायी-जड़त्व के कारण पत्थर वृत्त की स्पर्श रेखीय दिशा में उड़ कर सरल रेखीय दिशा में गतिशील हो जाता है।
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प्रश्न 4.
न्यूटन के दूसरे गति नियम की परिभाषा दो तथा इसकी व्याख्या करो। इस नियम की सहायता से बल का माप निकालो।
उत्तर-
न्यूटन का दूसरा गति नियम – न्यूटन का दूसरा गति नियम किसी वस्तु को गति में लाने के लिए आवश्यक बल की गणना करने में सहायक है। इस नियम के दो भाग हैं
(i) किसी वस्तु की संवेग परिवर्तन की दर उस पर क्रिया कर रहे बल के समानुपाती होती है। और
(ii) बाहरी बल के कारण हो रहा संवेग परिवर्तन लगाये गए बल की दिशा में क्रिया करता है।

अर्थात् इस नियम के अनुसार, “किसी वस्तु पर बाहर से लगाया गया बल, उस वस्तु के द्रव्यमान तथा उस वस्तु में बल की दिशा में उत्पन्न त्वरण के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती होता है।”

व्याख्या – जब कोई बल किसी वस्तु पर क्रिया करता है, तो यह वस्तु का संवेग परिवर्तन करता है। यदि बल दुगुना होता है तो संवेग में भी दुगुना परिवर्तन होता है। अतः जितना अधिक बल लगाया जाता है, संवेग परिवर्तन की दर भी उतनी ही अधिक होती है। संवेग पुंज और वेग का गुणनफल है। प्रायः पुंज परिवर्तन नहीं होता। अतः संवेग परिवर्तन की दर वास्तव में वेग परिवर्तन की दर है। अत: लगाया गया बल त्वरण के समानुपाती है।

जब विराम अवस्था में पड़ी वस्तु पर कोई बाहरी बल क्रिया करता है तो वस्तु बल की दिशा में गतिशील हो जाती है। जब बल गतिशील वस्तु की गति की दिशा में क्रिया करता है तो वस्तु का संवेग बढ़ जाता है। जब बल गतिशील वस्तु पर गति की विपरीत दिशा में क्रिया करता है तो संवेग कम हो जाता है।

बल (F) ∝ संहति (m) × त्वरण (a)
अथवा बल (F) = K × m × a (जहाँ, K एक नियतांक है।) ……………… (1)
यदि हम बल F के मात्रक इस प्रकार चुनें कि एकांक बल, एकांक द्रव्यमान की वस्तु में एकांक त्वरण उत्पन्न कर सके, तब
समीकरण (1) में F = 1, m = 1 तथा a = 1 रखने पर,
1 = K × 1 × 1
अथवा K = 1
अतः समीकरण (1) से, F = 1 × m × a
F = m × a
अर्थात् बल = द्रव्यमान × त्वरण
इसे ही न्यूटन का गति का दूसरा नियम कहते हैं।

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प्रश्न 5.
गति के दूसरे नियम की सहायता से बल के गणितिक परिमाण के लिए सूत्र को व्युत्पन्न करें।
उत्तर-
न्यूटन के दूसरे गति नियम से बल का गणितिक परिमाण-मान लो द्रव्यमान ‘m’ की एक वस्तु का आरंभिक वेग ‘u’ है। इस पर बल F, t समय के लिए लगता है जिस कारण इसका वेग ‘v’ हो जाता है।
आरंभिक संवेग p1 = mu
अंतिम संवेग p2 = mv
अब क्योंकि अंतिम वेग आरंभिक वेग से अधिक है, इसलिए अंतिम संवेग p2 आरंभिक संवेग p1 से अधिक होता है।
∴ संवेग में परिवर्तन = P2 – P1
= mv – mu
= m (v – u)
इस नियम के अनुसार
बाहरी बल F α संवेग में परिवर्तन की दर
Fα \(\frac{\left(p_{2}-p_{1}\right)}{t}\)
Fα \(\frac{m(v-u)}{t}\)
F= K\(\frac{m(v-u)}{t}\) जहां K एक स्थिरांक है ………………. (1)

हम जानते हैं कि वेग में परिवर्तन की दर को त्वरण कहते हैं।
∴ \(\frac{v-u}{t}\) = a ………………… (2)
समीकरणों (1) तथा (2) से
F = Kma.
F ; m तथा a के इकाई मूल्य के लिए K = 1
∴ F = ma ………………… (3)
समीकरण (3) न्यूटन के दूसरे गति नियम का गणितिक रूप है।
बल = द्रव्यमान × त्वरण

प्रश्न 6.
न्यूटन के तीसरे गति नियम की परिभाषा दो तथा इसकी व्याख्या करो।
उत्तर-
न्यूटन का तीसरा गति नियम- यह नियम बताता है कि, “प्रत्येक क्रिया के लिए बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया होती है।” इस नियम अनुसार, एक बल की मौजूदगी नहीं होती। बल हमेशा जोड़ों (युग्म) में रहता है। अर्थात् क्रिया और प्रतिक्रिया के बल हमेशा दो विभिन्न वस्तुओं पर काम करते हैं।

व्याख्या-(1) दो एक समान स्प्रिंग तुलाओं पर विचार करो, जो एक-दूसरे के साथ हुक में हुक डाल कर जुड़े हुए हैं। स्प्रिंग तुला A का एक सिरा स्थिर सहारे में बंधा हुआ है। तुला B के स्वतंत्र सिरे को दाईं ओर खींचो। हन दोनों तुलाओं में एक समान पठन देखते हैं। तुला A तुला B को उसी बल के साथ विपरीत दिशा में खींचती है। यह चित्र में दिखाया गया है।
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(2) रबड़ की दो गेंदें A तथा B मेज़ पर एक-दूसरे से कुछ दूरी पर रखो। जब आप गेंद A को गेंद B की ओर धकेलते हो तो गेंद A, गेंद B पर क्रिया (बल) करता है। इस क्रिया-बल को F द्वारा दर्शाया जाता है। न्यूटन के अनुसार गेंद B भी गेंद A पर प्रतिक्रिया (बल) करती है। यह प्रतिक्रिया बल FB द्वारा दर्शाया जाता है। यदि गेंदें दोनों एक जैसी हों तो क्रिया (बल) का परिमाण प्रतिक्रिया (बल) के परिमाण के बराबर होगा।
∴ FA→B= – FB→A
क्रिया तथा प्रतिक्रिया बल हमेशा एक-दूसरे की विपरीत दिशा में कार्य करते हैं। जैसे कि नीचे चित्र में दिखाया गया है कि क्रिया (बल) दाईं तरफ तथा प्रतिक्रिया (बल) बाईं तरफ कार्य करते हैं।
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व्यावहारिक उदाहरण-
(i) जब लान सर्पिकलर की वक्र नोजलों से पानी बाहर निकलता है तो यह सर्पिकलर के पीछे की ओर बराबर बल लगाता है। इस तरह सर्पिकलर घूमना शुरू कर देता है तथा पानी सभी दिशाओं की ओर छिड़कना शुरू हो जाता है।
(ii) जब हम चलते हैं तो हमारे पाँव धरती को पीछे की ओर धकेलते हैं। प्रतिक्रिया स्वरूप धरती हमारे पैरों को आगे की ओर धकेलती है। धरती द्वारा हमारे पाँव पर हुई प्रतिक्रिया के फलस्वरूप ही हम चल पाते हैं।

प्रश्न 7.
इस कथन की व्याख्या करो, “न्यूटन के तृतीय गति नियम में क्रिया और प्रतिक्रिया एक ही वस्तु पर क्रिया नहीं कर सकते।”
उत्तर-
न्यूटन के तीसरे गति नियम अनुसार, “प्रत्येक क्रिया (बल) के लिए, उसके बराबर तथा उल्ट दिशा में एक प्रतिक्रिया (बल) होती है।”

इस नियम अनुसार, एक बल का अस्तित्व कभी भी नहीं होता। बल हमेशा युग्म में होते हैं। यदि किया तथा प्रतिक्रिया दोनों बल, जो कि एक-दूसरे के बराबर परंतु विपरीत दिशा में होते हैं। यदि एक ही वस्तु पर क्रिया करेंगे तो उनका परिणामी बल शून्य हो जाएगा तथा वस्तु विराम अवस्था में रहेगी। इस बात को अग्रलिखित उदाहरण द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है.-

जब हम रबड़ की गेंद को दीवार पर मारते हैं तो गेंद दीवार से टकराती है तो उतने बल से उछल कर वापिस आ जाती है तथा आप इसे वापिस आते समय पकड़ सकते हैं। इससे सिद्ध होता है कि गेंद का दीवार पर क्रिया बल, दीवार द्वारा गेंद पर लगाए गए प्रतिक्रिया बल के बराबर तथा उल्ट दिशा में होता है। जब आप उसी रबड़ की गेंद को लटक रहे पतले कपड़े पर मारते हो तो गेंद आपकी तरफ वापिस नहीं आती क्योंकि कपड़े पर गेंद की क्रिया कपड़े को पीछे की ओर धकेलती है। अब क्योंकि कपड़े ने क्रिया समाप्त कर दी इसलिए यह गेंद पर प्रतिक्रिया करके इसको वापिस नहीं फेंक सकता तथा इस तरह गेंद कपड़े के ऊपर से ही सीधी धरती पर गिर जाती है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 8.
संवेग संरक्षण नियम से क्या भाव है ? संवेग संरक्षण नियम को न्यूटन की गति के दूसरे तथा तीसरे नियम की सहायता से इसको गणितिक तौर पर सिद्ध करो।
उत्तर-
संवेग संरक्षण का नियम (Law of Conservation of Momentum) – इस नियम के अनुसार, “यदि कणों के किसी संकाय (system) पर कोई बाहरी बल क्रिया नहीं करता तो उस संकाय का कुल संवेग संरक्षित रहता है।”
न्यूटन की गति के दूसरे नियमानुसार
F = K\(\frac{m(v-u)}{t}\)
F = K\(\frac{(m v-m u)}{t}\)
F = K\(\frac{\left(p_{2}-p_{1}\right)}{t}\)
जहां आरंभिक संवेग P1 = mu
अंतिम संवेग P2 = mv
यदि वस्तु पर कोई बल न लग रहा हो तो F = 0
∴ K\(\frac{\left(p_{2}-P_{1}\right)}{t}\) = 0
या P2 – P1 = 0
अर्थात् P2 = P1 ……………. (i)

संवेग संरक्षण नियम – जब दो या दो से अधिक वस्तुएँ किसी बाहरी बल की सहायता से आपस में टकराती हैं तो टकराने से पहले और बाद में उनका संवेग बराबर होता है।

गणितिक प्रमाण – मान लो द्रव्यमान m1 तथा m2 की रबड़ गेंदें A तथा B आरंभिक वेग u1 तथा u2 के साथ गति कर रही हैं। उनका आपस में टकराने के पश्चात् ‘t’ समय में उनके अंतिम वेग v1 तथा v2 हो जाते हैं।
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न्यूटन के दूसरे गति नियम से
गेंद A द्वारा गेंद B पर लगाया गया बल FAB = गेंद A के संवेग में परिवर्तन की दर
FAB = \(\frac{m_{1} v_{1}-m_{1} u_{1}}{t}\)
FAB = \(\frac{m_{1}\left(v_{1}-u_{1}\right)}{t}\) …………….. (ii)

न्यूटन के तीसरे गति नियम से
गेंद B द्वारा गेंद A पर प्रतिक्रिया बल, FBA = गेंद B के संवेग में परिवर्तन की दर
FBA = \(\frac{m_{2} v_{2}-m_{2} u_{2}}{t}[latex]
FBA = [latex]\frac{m_{2}\left(v_{2}-u_{2}\right)}{t}[latex] ………………. (iii)

न्यूटन के तीसरे गति नियम अनुसार,
FAB = -FBA
[latex]\frac{m_{1}\left(v_{1}-u_{1}\right)}{t}\) = \(\frac{m_{2}\left(v_{2}-u_{2}\right)}{t}\) [समीकरण (ii) तथा (iii) से]
m1v1 – m1u1 = – m2v2 + m2u2
– m1u1 – m2u2 – m2v2 – m2v2
या m1u1 + m2u2 = m2v2 + m1v2
अर्थात् टक्कर से पहले गेंदों A तथा B का कुल संवेग = टक्कर के बाद गेंदों A तथा B का कुल संवेग इससे यह सिद्ध होता है कि गेंदों का कुल संवेग संरक्षित रहता है।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
बल किसे कहते हैं ? बल की इकाइयां बताओ।
उत्तर-
बल – बल ऐसा कारक है जो-

  1. वस्तु को गतिशील करता है या करने का प्रयत्न करता है।
  2. गतिशील वस्तु को रोकता है या रोकने का प्रयत्न करता है तथा
  3. वस्तु की गति को बढ़ाता या कम करता है। इस तरह, बल वह भौतिक कारण है जो वस्तु की गति अवस्था में परिवर्तन करता है या करने का प्रयत्न करता है।

बल एक सदिश राशि है।
बल का मात्रक (इकाई) – बल का मात्रक द्रव्यमान तथा त्वरण के मात्रक पर निर्भर करता है। बल का मानक मात्रक (S.I.) न्यूटन (N) तथा C.G.S. मात्रक डाइन (Dyne) है।
IN = 105 डाइन

प्रश्न 2.
यदि कोई दौड़ता हुआ घोड़ा अचानक रुक जाता है, तो घुड़सवार आगे की ओर क्यों गिरता है ?
उत्तर-
जब घोड़ा दौड़ रहा होता है तो घोड़ा तथा घुड़सवार दोनों गति की अवस्था में होते हैं। जब घोड़ा अचानक रुक जाता है तो घोड़ा तथा घुड़सवार का निचला धड़ विराम अवस्था में आ जाता है जबकि घुड़सवार का ऊपरी धड़ गति की अवस्था में रहता है। इस कारण वह आगे की ओर गिरता है।

प्रश्न 3.
जब घोड़ा अचानक दौड़ना शुरू कर देता है, तो घुड़सवार पीछे की ओर क्यों गिरता है ?
उत्तर-
घोड़ा और घुड़सवार एक संकाय (System) बनाते हैं। प्रारंभ में दोनों विराम अवस्था में होते हैं। जब अचानक घोड़ा दौड़ने लगता है, तो घोड़े के साथ घुड़सवार के शरीर का निचला भाग भी आगे की ओर गतिशील हो जाता है, किन्तु शरीर का ऊपरी भाग स्थिर जड़ता के कारण विराम अवस्था में रहने का यत्न करता है। इसी कारण घोड़े के अचानक दौड़ने पर घुड़सवार पीछे की ओर गिरता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 4.
गतिशील बस में से नीचे उतरते समय सवारी आगे की तरफ गिर जाती है, क्यों ?
उत्तर-
गतिशील बस में से नीचे उतरते समय सवारी आगे की तरफ गिर पड़ती है क्योंकि जब सवारी पैर नीचे रखती है तो धरती को छूने से उसका निचला भाग (पैर) विराम अवस्था में आ जाता है परंतु ऊपर वाला भाग गति में ही रहता है। इस तरह सवारी आगे की तरफ गिर पड़ती है।

प्रश्न 5.
संवेग की परिभाषा दो। इसकी इकाई भी लिखो।
उत्तर-
संवेग (Momentum) – वस्तु के द्रव्यमान और वेग के गुणनफल को संवेग कहते हैं।
यदि m = वस्तु का द्रव्यमान और \(\vec{v}\) = वस्तु का वेग हो तो
वस्तु की सरल रेखीय संवेग \(\vec{p}\) = m × \(\vec{v}\)
संवेग एक सदिश राशि है। इसकी दिशा वही होती है जो वेग की होती है।
संवेग की इकाइयां-CGS प्रणाली में संवेग g cms-1 और मानक इकाइयों (SI) में kg ms-1 में मापा जाता

प्रश्न 6.
यदि गतिशील साइकिल की आगे वाली ब्रेक लगाएं तो हम आगे की ओर गिर जाते हैं। क्यों ?
उत्तर-
यदि गतिशील साइकिल की आगे वाली ब्रेक लगाते हैं तो साइकिल सवार को आगे की ओर झटका लगता है। आगे वाली ब्रेक लगाने पर साइकिल एकदम रुक जाता है तो आपके शरीर का निचला भाग विराम अवस्था में आ जाता है, परंतु आपका ऊपरी भाग गति जड़त्व के कारण गति अवस्था में ही रहने की कोशिश करता है तथा आप आगे की ओर झटका महसूस करते हैं। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि गतिशील साइकिल की आगे पहिए वाली ब्रेक नहीं लगानी चाहिए।

प्रश्न 7.
बल का किसी वस्तु पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
बल के प्रभाव-

  1. यह वस्तु की गति को कम या अधिक करके इसकी चाल में परिवर्तन लाता है।
  2. यह वस्तु की गति की दिशा को बदल देता है।
  3. यह वस्तु की आकृति में परिवर्तन कर सकता है।

प्रश्न 8.
क्रिकेट के खिलाड़ी तेज़ी से आती हुई बॉल को पकड़ते समय अपने हाथ पीछे की ओर क्यों खींचते हैं ?
उत्तर-
तेज गति से आती हुई बॉल को रोकने के लिए बहुत अधिक बल लगाना पड़ता है। बॉल को पकड़ते समय हाथों को पीछे खींचने से गेंद का त्वरण पहले से कुछ कम होता है और उसे रोकने के लिए कम बल लगाने की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 9.
नाव को आगे बढ़ाने के लिए पतवारों को विपरीत दिशा में क्यों चलाना पड़ता है ?
उत्तर-
क्रिया और प्रतिक्रिया समान और विपरीत दिशा में होती है। नाव को आगे बढ़ाने के लिए पतवार से पानी को पीछे की ओर धकेलना पड़ता है। इस बल की प्रतिक्रिया से नाव आगे की ओर बढ़ती है।

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प्रश्न 10.
एक कार तथा एक ट्रक दोनों बराबर वेग से चल रहे हैं। इनमें से किसका संवेग अधिक होगा और रोकने के लिए किस में अधिक बल की आवश्यकता पड़ेगी ?
उत्तर-

  • कार और ट्रक दोनों समान वेग से चल रहे हैं। इनमें से कार का द्रव्यमान कम होता है। अतः कार का संवेग कम होगा तथा ट्रक का संवेग अधिक होगा।
  • यदि दोनों को समान समयांतराल में रोका जाए, तो दोनों का अंतिम संवेग शून्य तो है ही जाएगा परंतु ट्रक का संवेग अधिक होने के कारण ट्रक के संवेग में परिवर्तन कार की अपेक्षा अधिक होगा। अत: ट्रक को रोकने के लिए कार की अपेक्षा अधिक बल लगाना पड़ेगा।

प्रश्न 11.
तीव्र गति से आ रही गोली खिड़की के शीशे में गोल छिद्र बना देती है, जबकि पत्थर मारने पर शीशा चटक जाता है। क्यों ?
उत्तर-
यदि खिड़की के शीशे पर पत्थर मारा जाए, तो वह टुकड़े-टुकड़े हो जाता है, जबकि तीव्र गति से आ रहो गोली इसमें गोल छिद्र बना देती है। इसका कारण यह है कि छिद्र के पास वाले काँच के कण तीव्र गति से आ रही गोली के साथ जड़ता के कारण गति नहीं कर पाते और बिखरते नहीं।

प्रश्न 12.
तीव्र वेग से गतिशील किसी पत्थर लगने से खिड़की का कांच टूट जाता है, क्यों ?
उत्तर-
जब कोई पत्थर का टुकड़ा खिड़की के शीशे से टकराता है तो वह स्थान अधिक गति में आ जाता है जबकि शीशे का शेष भाग जड़त्व के कारण विराम अवस्था में ही रहता है। पत्थर के टुकड़े का वेग कम होने के कारण, पत्थर के आर-पार जाने से पहले ही शीशे का शेष भाग वह वेग ले लेता है और वह टूट जाता है।

प्रश्न 13.
बोझ से लदा कोई ट्रक तथा कार बराबर परिणाम v के वेग से एक-दूसरे के विपरीत गतिशील हैं जबकि उनमें आमने-सामने की टक्कर होती है और फलस्वरूप दोनों ही विराम अवस्था में आ जाते हैं। यदि टक्कर 10 s तक रही तो,
(अ) दोनों में से किस पर प्रतिघात का अधिक बल लगेगा ?
(ब) किस वाहन के संवेग में अधिक परिवर्तन हुआ ?
(स) किस वाहन में अधिक त्वरण उत्पन्न हुआ ?
(द) कार को ट्रक की अपेक्षा अधिक क्षति होने की संभावना क्यों है ?
उत्तर-
(अ) कार पर बल का प्रभाव अधिक होगा क्योंकि उसका द्रव्यमान कम था।
(ब) ट्रक की गति में अधिक परिवर्तन होगा। (स) कार का त्वरण अधिक होगा।
(द) कार की हानि ट्रक की अपेक्षा अधिक होगी क्योंकि उस पर अधिक बल लगेगा।

प्रश्न 14.
संवेग संरक्षण का नियम लिखें।
उत्तर-
संवेग संरक्षण का नियम (Law of Conservation of Momentum) – जब दो (या दो से अधिक) वस्तुएँ एक-दूसरे पर क्रिया करती हैं, तो उनका कुल संवेग सदैव समान रहता है, जब तक कि कोई बाहरी बल उन पर क्रिया नहीं करता अर्थात् बाह्य बल शून्य होने पर संकाय (System) का कुल संवेग (Totul fomenta71) अचर (Constant) रहता है।

प्रश्न 15.
यदि क्रिया-प्रतिक्रिया के बराबर होती है तो स्पष्ट कीजिए कि घोड़े के द्वारा खींची गाड़ी आगे की ओर कैसे चलती है ?
उत्तर-
न्यूटन के गति के तीसरे नियम के आधार पर क्रिया-प्रतिक्रिया सदा समान होते हैं। जब गाडी को घोड़े के द्वारा खींचा जाता है तो वह अपने पैरों से धरती को पीछे की ओर दबाता है। धरती की प्रतिक्रिया ऊपर की ओर कार्य करती है। प्रतिक्रियात्मक बल दो भागों में बंट जाता है। बल का उर्ध्वाधर घटक घोड़े को संतुलन देता है और क्षैतिज घटक गाड़ी को आगे की दिशा में गति देता है। गाड़ी के पहियों और सड़क के बीच घर्षण बल पीछे की ओर कार्य करता है। जब बल सड़क और पहियों के घर्षण बल से अधिक हो जाता है तब गाड़ी चलने लगती है।

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प्रश्न 16.
सड़क पर चलने वाले वाहनों के टायरों को खुरदरा लहरदार क्यों बनाया जाता है ?
उत्तर-
सड़कों पर वाहनों का चलना वाहनों के टायरों तथा सड़कों के बीच घर्षण के कारण ही होता है। यदि टायर चिकने होंगे, तो सड़क और टायरों के बीच घर्षण कम होगा जिससे वाहनों की गति पर नियंत्रण करना कठिन होगा और दुर्घटना हो सकती है। इन दुर्घटनाओं से बचने के लिए वाहनों के टायरों को खुरदरा तथा लहरदार बनाया जाता है ताकि सड़क और टायरों के बीच घर्षण बढ़ सके जिससे टायरों की सड़क के साथ पकड़ अच्छी हो और उन्हें फिसलने से रोका जा सके।

प्रश्न 17.
रेत की दलदल या बालुपंक बहुत चिकने और छोटे रेत के कणों से बनता है। यदि कोई व्यक्ति या भारी जंतु रेगिस्तान में ऐसे स्थान पर चलता है तो क्या हो सकता है ?
उत्तर-
रेत के कण बहुत छोटे और चिकने होते हैं इसलिए किसी व्यक्ति या भारी जानवर के द्वारा उस पर चलने के लिए जब बल लगाया जाता है तो ये अपेक्षाकृत कम प्रभावी परिणाम दे पाते हैं क्योंकि घर्षण कम उत्पन्न होता है। जब हम चलते हैं तो पैरों से पृथ्वी को पीछे की ओर धकेलते हैं और वह हमें आगे बढ़ने के लिए प्रतिक्रिया प्रदान करती है पर यह कार्य घर्षण से ही संभव हो सकता है। पर रेगिस्तान में रेत के कणों के कारण पर्याप्त घर्षण की प्राप्ति नहीं हो पाती। इसलिए रेत में चलना मुश्किल है।

प्रश्न 18.
जब कभी अचानक हमारा पैर केले के छिलके पर पड़ जाता है तो हमारे लिए अपने शरीर का पंतुलन बनाए रखना कठिन क्यों हो जाता है ?
उत्तर-
जब हमारा पैर अचानक केले के छिलके पर पड़ जाता है तो उसके चिकनेपन के कारण घर्षण कम होता है जिससे हमारे शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है।

प्रश्न 19.
व्याख्या करो कि धूल भरा कंबल एक या दो बार ज़ोर से झटकने पर धूल रहित कैसे हो जाता है ?
उत्तर-
जब एक धूल भरे कंबल को ज़ोर से झटका जाता है अथवा छड़ी से पीटा जाता है तो उससे धूल-कण नीचे गिर जाते हैं क्योंकि धूल-कण विराम जड़त्व के कारण विराम की अवस्था में ही रहना चाहते हैं पर छड़ी से पीटे जाने के कारण कंबल आगे-पीछे गति करने लगता है। इसके परिणामस्वरूप धूल-कण नीचे गिर जाते हैं।

प्रश्न 20.
क्या किसी वस्तु को एक समान वेग से चलते रहने के लिए बल की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
वेग की दर को त्वरण कहते हैं। जब कोई वस्तु एक समान वेग से चलती है तो उसमें कोई त्वरण उत्पन्न नहीं होता। वस्तु का त्वरण उस पर लग रहे बल के समानुपाती है अर्थात् वस्तु में उत्पन्न त्वरण उस पर लग रहे बल पर निर्भर करता है। इसलिए किसी वस्तु को एक समान वेग में चलते रहने के लिए बल की आवश्यकता होती है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 21.
किसी वस्तु के जड़त्व और द्रव्यमान में क्या संबंध है ?
उत्तर-
किसी वस्तु में उपस्थित पदार्थ की मात्रा को उसका द्रव्यमान कहते हैं। इस तरह द्रव्यमान वस्तु के जड़त्व का मापक है अर्थात् वस्तु का जड़त्व उसके द्रव्यमान पर निर्भर करता है। वस्तु का द्रव्यमान जितना अधिक होगा, उतना ही जड़त्व बढ़ेगा तथा कम द्रव्यमान वाली वस्तु का जड़त्व भी कम होता है।

उदाहरण 1. यदि हम फुटबाल को किक करते हैं तो यह बहुत दूर चली जाती है परंतु यदि उसी आकार के ही एक पत्थर के टुकड़े को किक करते हैं तो वह अपनी जगह से नहीं हिलता तथा पाँव को चोट लगती है। इसका कारण यह है कि पत्थर में गति के परिवर्तन को रोकने की सामर्थ्य अधिक होती है अर्थात् पत्थर का जड़त्व अधिक होता है।

उदाहरण 2. एक ही आकार की रबड़ तथा स्टील की दो गेंदें मेज़ पर रखो। गति में लाने के लिए स्टील की गेंद की अपेक्षा रबड़ की गेंद पर कम बल लगाना पड़ता है। इसका कारण है कि रबड़ की गेंद का पुंज, स्टील की गेंद के पुंज से कम होता है।
इससे सिद्ध होता है कि कम पुंज वाली वस्तु का घनत्व और जड़त्व भी कम होता है।

प्रश्न 22.
पंखे का स्विच बंद करने के बाद भी पंखा कछ समय तक घूमता क्यों रहता है ?
उत्तर-
जब पंखा गति में होता है तो गतिज जड़त्व के कारण स्विच बंद करने के बाद भी पंखा गति की अवस्था में रहने की कोशिश करता है । वायु के घर्षण बल के विरोध कारण ही यह केवल कुछ ही समय के लिए गति में रहता है।

प्रश्न 23.
बंदूक से निकली गोली और वायु का अणु यद्यपि एक ही गति से चलते हैं, परंतु किसी व्यक्ति से टकराने पर गोली अधिक खतरनाक होती है। व्याख्या करो।
उत्तर-
किसी वस्तु का संवेग उसके द्रव्यमान तथा वेग के गुणनफल के बराबर होता है। इसलिए बंदूक से निकली गोली का संवेग वायु के अणु के संवेग से अधिक होता है क्योंकि गोली का द्रव्यमान अधिक है। अधिक संवेग होने के कारण, इसके संवेग को समाप्त करने के लिए अधिक बल की आवश्यकता पड़ती है जिसके कारण व्यक्ति को अधिक चोट लगती है।

प्रश्न 24.
एक ऊबड़-खाबड़ सड़क पर 30 km/h के समान वेग से गति कर रही कार पर क्रिया कर रहे बल की मात्रा ज्ञात करो।
उत्तर-
क्योंकि वस्तु समान वेग से चल रही है, इसलिए वस्तु का त्वरण शून्य होगा तथा इस पर क्रिया कर रहा बल भी शून्य होगा।
क्योंकि F = m × a
F = m × 0
F = 0

प्रश्न 25.
एक क्रिकेट की गेंद की अपेक्षा रबड़ की गेंद को पकड़ना आसान होता है यद्यपि दोनों एक ही वेग से गति कर रही हों ? क्यों ?
उत्तर-
यद्यपि क्रिकेट तथा रबड़ की गेंदों का वेग एक समान है पर क्रिकेट की गेंद का द्रव्यमान अधिक होने के कारण इसका संवेग भी अधिक होता है जिसके फलस्वरूप वह हाथ पर अधिक चोट लगाता है। इसलिए क्रिकेट की गेंद की अपेक्षा रबड़ की गेंद को पकड़ना आसान है।

प्रश्न 26.
अधिक द्रव्यमान वाली वस्तुओं को गतिशील करने के लिए अधिक प्रारंभिक बल की आवश्यकता होती है। क्यों ?
उत्तर-
हम जानते हैं कि वस्तु का जड़त्व उसके द्रव्यमान पर निर्भर करता है। इसलिए अधिक द्रव्यमान वाली वस्तु का जडत्व अधिक होगा। इसलिए उसको गतिशील करने के लिए अधिक प्रारंभिक बल की आवश्यकता होगी।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 27.
जब बंदूक में से गोली निकलती है तब बंदूक पीछे की ओर धक्का मारती है, क्यों ? व्याख्या करो।
उत्तर-
जब बंदूक में से गोली नहीं चलाई गई, तो बंदूक तथा गोली दोनों विराम अवस्था में होती हैं जिसके कारण दोनों का भिन्न-भिन्न तथा कुल संवेग शून्य होता है। बंदूक चलाने के बाद गोली बहुत तेज़ वेग से बंदूक में से आगे की ओर निकलती है अर्थात् इसका बहुत अधिक संवेग होता है। अब संवेग संरक्षण नियम के अनुसार अब भी कुल संवेग शून्य होना चाहिए जैसा कि गोली चलाने से पहले था। इसलिए गोली के आगे की ओर संवेग को संतुलित करने के लिए बंदूक का संवेग बराबर तथा उल्ट दिशा में होता है। इसलिए बंदूक गोली की अपेक्षा अधिक भारी होने के कारण कम वेग से पीछे की ओर गति करती है जिससे वह पीछे की ओर धक्का मारती है।

प्रश्न 28.
जब कोई व्यक्ति नाव से किनारे की ओर छलांग लगाता है तो नाव विपरीत दिशा में गति करती है, क्यों ? व्याख्या करो।
उत्तर-
नाव से छलांग लगाते समय व्यक्ति आवश्यक गति प्राप्त करने के लिए आगे की ओर बल लगाता है। उसकी प्रतिक्रिया नाव पर होती है जो न्यूटन के गति के तीसरे नियम के आधार पर विपरीत दिशा में होती है। इसके परिणामस्वरूप नाव विपरीत दिशा में गति करती हुई किनारे से दूर हटती है।

प्रश्न 29.
जब कोई चलती हुई बस अचानक रुक जाती है तो हम आगे की ओर क्यों गिरते हैं ?
उत्तर-
जब कोई गतिशील बस अचानक ब्रेक लगाने पर रुक जाती है, तो हम आगे की ओर गिरते हैं। ऐसा इसलिए होता है कि हमारे पांव तथा शरीर का निचला भाग बस के रुकने के साथ ही विराम अवस्था में आ जाते हैं, परंतु शरीर का ऊपरी भाग गतिज जड़त्व के कारण गतिशील रहने की कोशिश करता है। इसलिए हम आगे की ओर गिरते हैं।

प्रश्न 30.
न्यूटन के द्वितीय गति नियम का क्या महत्त्व है ? ।
उत्तर-
न्यूटन की गति के दूसरे नियम की महत्ता-

  1. न्यूटन की गति का दूसरा नियम किसी वस्तु को गति में लाने के लिए आवश्यक बल की मात्रा निकालने में सहायता करता है।
  2. न्यूटन की गति के दूसरे नियम का कथन, “किसी वस्तु में संवेग में परिवर्तन की दर, उस पर लगाये गए बाहरी बल के समानुपाती होती है तथा संवेग में परिवर्तन की दिशा लगाए गए बल की दिशा में होती है।”

न्यूटन का दूसरा गति नियम संवेग के संकल्प की व्याख्या करता है तथा बताता है कि वस्तु पर लग रहा बल, उसमें उत्पन्न हुए त्वरण के समानुपाती होता है।

प्रश्न 31.
जब आप किसी पुस्तक के नीचे पड़े कागज़ को तेज़ी से झटका मारकर उठाते हो तो पुस्तक बिल्कुल नहीं हिलती। क्यों ?
उत्तर-
जब हम पुस्तक के नीचे पड़े कागज़ को शीघ्रता से झटका लगाकर उठाते हैं तो पुस्तक बिल्कुल नहीं हिलती। इसका कारण यह है कि बाहरी बल (झटका मारते समय लगा बल) केवल पुस्तक के नीचे पड़े कागज़ पर ही लगता है जिस कारण कागज़ बाहर निकल जाता है तथा पुस्तक विराम जड़त्व के कारण उसी ही स्थिति अर्थात् विराम अवस्था में रहती है।

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प्रश्न 32.
जड़त्व क्या है ? जड़त्व का माप क्या है ?
उत्तर-
जड़त्व (Inertia) – जड़त्व वस्तु का वह गुण है जिसके फलस्वरूप वस्तु अपनी विराम या सरल रेखीय गति अवस्था या गति की दिशा में परिवर्तन की अवस्था को बदलने में अयोग्य या अक्षम है।

स्वाभाविक तौर पर एक वस्तु अपनी उसी अवस्था में रहती है जब तक कि उस पर कोई बाहरी बल न लगे। जड़त्व तीन प्रकार का होता है-

  1. विराम जड़त्व (Inertia of Rest)
  2. गतिज जड़त्व (Inertia of Motion)
  3. दिशा जड़त्व (Inertia of Direction)

जड़त्व का माप – जड़त्व वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर करता है अर्थात् जड़त्व की इकाई किलोग्राम (kg) है जो कि द्रव्यमान की इकाई है।

प्रश्न 33.
स्पष्ट कीजिए कि गति के द्वितीय नियम \(\overrightarrow{\mathrm{F}}\) = m\(\vec{a}\) में न्यूटन का गति-विषयक पहला नियम निहित है।
उत्तर-
न्यूटन के गति के द्वितीय नियम से,
\(\overrightarrow{\mathrm{F}}\) = m\(\vec{a}\)
यदि F = 0 हो तो a = 0 अर्थात् यदि वस्तु पर बाह्य बल न लगाया जाए तो वस्तु में त्वरण भी उत्पन्न नहीं होगा। त्वरण के शून्य होने पर या तो वस्तु विरामावस्था में ही रहेगी या एकसमान वेग से गतिमान रहेगी। यही न्यूटन का गति का पहला नियम है। अत: न्यूटन के गति के द्वितीय नियम में प्रथम नियम निहित है।

प्रश्न 34.
संतुलित बल तथा असंतुलित बल में अंतर लिखिए।
उत्तर-

संतुलित बल असंतुलित बल
(1) संतुलित बल जब किसी वस्तु पर एक साथ कार्य करते हैं तो उनका परिणाम शून्य नहीं होता। (1) असंतुलित बल जब वस्तु पर एक साथ कार्य करते हैं तो उनका परिणाम शन्य होता है।
(2) यदि वस्तु विरामावस्था में हो तो संतुलित बल उसे गति प्रदान नहीं कर सकता। (2) यदि कोई वस्तु विरामावस्था में हो तो असंतुलित बल उसे गति प्रदान कर सकता है।
(3) यह बल गतिमान वस्तु की चाल तथा दिशा में परिवर्तन नहीं कर सकता। (3) यह बल गतिमान वस्तु की चाल तथा दिशा में परिवर्तन कर सकता है।
(4) यह बल वस्तु के आकार में परिवर्तन ला सकता है। (4) यह बल वस्तु के आकार में परिवर्तन नहीं ला सकता है।

प्रश्न 35.
यदि एक ही आकार के फुटबाल तथा पत्थर के टुकड़े को पांव से ठोकर मारें तो कौन-सा पदार्थ अधिक दूर जाएगा और क्यों ?
उत्तर-
यादि एक ही आकार के फुटबाल और पत्थर को ठोकर मारें तो फुटबाल दूर लुढक जाएगी, परंतु पत्थर अपनी जगह से नहीं हटेगा और हमारे पाँव में भी चोट लग सकती है। फुटबाल की अपेक्षा पत्थर में अपनी गति के परिवर्तन को रोकने की क्षमता अधिक है। इसका कारण उसकी द्रव्यमान का अधिक होना है, परंतु किसी वस्तु का द्रव्यमान हो उसके जड़त्व का माप होती है। पत्थर का जड़त्व अधिक है।

प्रश्न 36.
नाव को आगे बढ़ाने के लिए पतवारों को विपरीत दिशा में क्यों चलाना पड़ता है ?
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 7
वह बल, जो किसी दिशा में गति प्रदान करता है, हमारे द्वारा लगाए बल की प्रतिक्रिया होती है। नाव को आगे | बढ़ाने के लिए पतवार से पानी को पीछे की ओर धकेलना पड़ता है। इस बल की प्रतिक्रिया से नाव आगे की ओर बढ़ती है क्योंकि क्रिया और प्रतिक्रिया समान और विपरीत दिशा में होती है।

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प्रश्न 37.
घर्षण बल का कारण क्या है ?
उत्तर-
ठोस वस्तुओं के तल समतल नहीं होते। इनमें कुछ अनियमितताएँ होती हैं. जब एक तल A दूसरे तल B पर सरकता है, तो बल की अनियमितताएँ दूसरे की अनियमतताओं की जकड़ में आ जाती हैं। इस जकड़न को तोड़ने के लिए बहुत बल की आवश्यकता होती है। इसी विरोधी बल को ही घर्षण बल कहते हैं। घर्षण बल सदा गति से विपरीत दिशा में किया करते हैं।

प्रश्न 38.
यदि हथौडा हत्थे में ढीला हो तो हत्थे को ऊर्ध्वाधर पथ्वी पर पटकने से हथौडा हत्थे में क्यों कस
उत्तर-
हथौड़ा ऊपर से कुछ पतला और नीच से मोटा होता है। नीचे पटकने की अवस्था में हथौड़ा और हत्था दोनों नीचे की ओर गतिमान हो जाती है। पृथ्वी पर लगते ही हत्थे का वेग शून्य हो जाता है पर हथौड़ा गति के जड़त्व के कारण गतिमान रहता है और वह हत्थे में कस जाता है।

प्रश्न 39.
तेल टैंकरों को भरते समय उनके ऊपर कुछ खाली स्थान क्यों छोड़ दिया जाता है ?
उत्तर-
तेल टैंकरों में भरा तेल अति वाष्पशील प्रकृति का पदार्थ होता है। जब तेल वाष्पित होता है तो इसके वाष्प स्थान घेरते हैं और वे दाब डालते हैं। तेल के वाष्पण के लिए पर्याप्त स्थान देने के लिए टैंकर भरते समय उसके ऊपर खाली स्थान छोड़ा जाता है। यदि टैंकर में पर्याप्त खाली स्थान न छोड़ा जाए तो अधिक वाष्प-दाब के कारण टैंकर के फटने का भय उत्पन्न हो जाता है।

प्रश्न 40.
क्रिकेट के खिलाड़ी तेज़ी से आती हुई बॉल को पकड़ते समय अपने हाथ पीछे की ओर क्यों खींचते हैं ?
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 8
क्रिकेट की गेंद पकड़ते समय खिलाड़ी अपने हाथ पीछे की ओर खींच लेता है – इसका कारण यह है कि यदि खिलाड़ी हाथ को स्थिर रखकर गेंद पकड़ता है तो गेंद को रुकने में बहुत कम समय लगता है जिससे वेग-परिवर्तन की दर (अर्थात् मंदन) अधिक रहती है। अत: खिलाड़ी की हथेली को गेंद रोकने में अधिक बल (F = m × a) लगाना होता है जिससे खिलाड़ी की हथेली में चोट लग सकती है।। इसलिए खिलाड़ी गेंद को अधिक समय में रोकने के लिए हाथ को गेंद की गति की दिशा में पीछे खींचता है जिससे कि वेग- परिवर्तन की दर (अर्थात् मंदन) कम हो तथा उसे कम बल लगाना पड़े। इससे खिलाड़ी के हाथ में चोट लगने की संभावना कम हो जाती है।

प्रश्न 41.
घर्षण बल के उपयोग लिखिए।
उत्तर-

  1. घर्षण बल के कारण हम मनुष्य सीधे खड़े रह पाते हैं।
  2. घर्षण बल वाहनों को सड़कों पर फिसलने से रोकता है।
  3. घर्षण बल न होने के कारण अनेक मशीनें नहीं चल पाएंगी।

प्रश्न 42.
कुएँ से जल खींचते समय यकायक रस्सी टूट जाने पर पानी खींचने वाला व्यक्ति पीछे की ओर क्यों गिर पड़ता है ?
उत्तर-
कुएँ से जल खींचते समय यकायक रस्सी टूट जाने पर पानी खींचने वाला व्यक्ति पीछे की ओर गिर पड़ता है–इसका कारण यह है कि जब कोई व्यक्ति रस्सी द्वारा जल से भरी बाल्टी को खींचता है तो बाल्टी भी उसी बल से व्यक्ति को अपनी ओर खींचती है। यदि रस्सी यकायक (अचानक) टूट जाए तो बाल्टी द्वारा व्यक्ति पर लगाया गया बल समाप्त हो जाता है तथा व्यक्ति अपने द्वारा लगाए गए बल के कारण पीछे की ओर गिर पड़ता है।

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प्रश्न 43.
जैवलिन थ्रो में यदि खिलाड़ी किसी निश्चित रेखा को पार लेता है तो यह फाउल माना जाता है, किंतु खिलाड़ी इस रेखा पर रुकने में प्रायः असफल रहते हैं। स्पष्ट कीजिए, क्यों ?
उत्तर-
जैवलिन थ्री में तीव्र गति से भाला फेंकने के लिए खिलाड़ी तीव्र गति से आगे की ओर भागता है, इसलिए निश्चित रेखा तक पहुँचते समय खिलाड़ी गति की अवस्था में होता है। अतः शरीर गति जड़त्व के कारण प्रायः वह निश्चित रेखा तक अपने को रोकने में असफल रहता है।

महत्त्वपूर्ण सूत्र (Important Formulae)

1. बल (F) = m × a
2. त्वरण (a) = \(\frac{\mathrm{F}}{m}\)
3. त्वरण (a) = \(\frac{v-u}{t}\)
4. संवेग (p) = m × v
5. दाब (P) =PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 9

संख्यात्मक प्रश्न (Numerical Problems)

प्रश्न 1.
किसी 10 ग्राम के द्रव्यमान में 5 मीटर/सेकंड2 का त्वरण उत्पन्न करने में अधिक बल की आवश्यकता होगी अथवा 20 ग्राम के द्रव्यमान में 2 मीटर/सेकंड2 का त्वरण उत्पन्न करने में ?
हल :
पहली अवस्था में,
दिया है, द्रव्यमान (m1) = 10 ग्राम, = 10 × 10-3 किग्रा, त्वरण (a1) = 5 मीटर/सेकंड
∴ बल (F1) = m1 × a1
= (10 × 10-3 किग्रा) × (5 मीटर/सेकंड2)
= 5 × 10-2 किग्रा-मीटर/सेकंड
= 5 × 10-2 न्यूटन
= 0.05 न्यूटन।

दूसरी अवस्था में,
दिया है : द्रव्यमान (m2) = 20 ग्राम = 20 × 10-3 किग्रा, त्वरण (a2) = 5 मीटर/सेकंड2
∴ बल (F2) = m2 × a2
= (20 × 10-3 किग्रा) × (2 मीटर/सेकंड2)
= 40 × 10-2 किग्रा-मीटर/सेकंड
= 40 × 10-2 न्यूटन
= 0.4 न्यूटन।

क्योंकि F2 का परिमाण F1 से अधिक है, अतः पहली अवस्था में अर्थात् 10 ग्राम द्रव्यमान में 5 मीटर/सेकंड2 का त्वरण उत्पन्न करने के लिए अधिक बल की आवश्यकता होगी।

प्रश्न 2.
किसी 3 kg द्रव्यमान की किसी वस्तु पर 12 न्यूटन बल लगाने से उत्पन्न त्वरण क्या होगा ?
हल:
बल (F) = 12 N (न्यूटन)
द्रव्यमान (m) = 3 kg
त्वरण (a) = ?
F = m × a,
12 = 3 × a
a = \(\frac{12}{3}\) = 4 ms-2

प्रश्न 3.
किसी 6 kg द्रव्यमान की एक गेंद में 4 m/s2 का त्वरण उत्पन्न करने के लिए कितने बल की आवश्यकता होगी ?
हल:
द्रव्यमान, (m) = 6 kg
त्वरण, (a) = 4 ms-2
बल, (F) = ?
F = m × a
= 6 × 4 = 24 (न्यूटन)

प्रश्न 4.
70g द्रव्यमान की क्रिकेट की कोई गेंद 0.5 m/s के वेग से गतिमान है। क्रिकेट का कोई खिलाड़ी इसे 0.5 सै० में रोक लेता है। खिलाड़ी द्वारा बॉल को रोकने के लिए लगाए गए बल की गणना कीजिए।
हल :
गेंद का द्रव्यमान (m) = 70 ग्राम
= \(\frac{70}{1000}\) = 0.07 कि०ग्रा०
u = 0.5 मी०/सै०
t = 0.5 सेकंड
υ = 0
∴ υ = u + at
∴ 0 = 0.5 + a × 0.5
a = \(\frac{0.5}{0.5}\) = -1 मी०सै०2
F = ma
F = 0.07 × 1 = 0.07 N.

प्रश्न 5.
दो पिंडों पर समान बल लगाने पर उनमें त्वरणों का अनुपात 1 : 2 है। पहले पिंड का द्रव्यमान 2 किग्रा है। दूसरे पिंड का द्रव्यमान क्या होगा?
हल :
दिया है, (\(\frac{a_{1}}{a_{2}}\)) = \(\frac{1}{2}\) m1 = 2 किग्रा. m2 = ?
सूत्र F = m × a से,
m1 × a2 = m2 × a2
अतः दूसरे पिंड का द्रव्यमान (m2) = \(\frac{m_{1} \times a_{1}}{a_{2}}\) = \(\frac{2 \times 1}{2}\) = 1 किग्रा।

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प्रश्न 6.
किसी वस्तु पर 1.2 s समय के लिये कोई बल लगाने पर उसकी चाल 1.8 m/s से 4.2 m/s हो जाती है। बाद में उसी बल को 2s के लिये लगाया गया। 2 सेकंड में चाल में परिवर्तन कितना होगा ?
हल :
प्रारंभिक वेग, (u) = 1.8 ms-1
अंतिम वेग, (υ) = 4.2 ms-1
समय, (t) = 1.2s
बल, (F) = ?
मान लिया कि वस्तु का द्रव्यमान m है।
हम जानते हैं कि F × t = m (υ – u)
F × 1.2 = m (4.2 – 18)
F × 1.2 = m × 2.4
F = \(\frac{m \times 2.4}{1.2}\)
F = 2m
अब बल F = 2 m वस्तु पर 2 s के लिए लगाकर चाल में परिवर्तन (υ – u) करता है।
[F × t = m (υ – u)]
2m × 2 = m (υ – u)
\(\frac{2 m \times 2}{m}\) = υ – u
∴ चाल में परिवर्तन (υ – u) = 4 ms-1 है।

प्रश्न 7.
10g द्रव्यमान की कोई गोली 0.003 सेकंड में किसी राइफल की नाल से होकर 300 मी०/सै० के वेग से बाहर निकलती है। राइफल द्वारा गोली पर कितना बल लगाया गया ?
हल :
m = 10 ग्राम
= \(\frac{10}{1000}\) = .01 कि०ग्रा०
t = 0.003 सै०
u = 0
υ = 300 मी०सै०
υ = u + at
a = \(\frac{v-u}{t}\)
= \(\frac{300-0}{.003}\) = 105 मी०सै०2
F = m × a
F = 0.01 × 105 = 103 N
= 1000 न्यूटन।

प्रश्न 8.
एक 5 किग्रा द्रव्यमान की वस्तु पर 2 सेकंड के लिए एक नियत बल कार्यरत होता है। यह वस्तु के वेग को 3 मीटर/सेकंड से बढ़ाकर 7 मीटर/सेकंड कर देता है। लगाए गए बल की मात्रा ज्ञात कीजिए। यदि इस बल को 5 सेकंड के लिए आरोपित किया जाए तो वस्तु का अंतिम वेग क्या होगा?
हल :
दिया है : m = 5 किग्रा, u = 3 मीटर/सेकंड, υ = 7 मीटर/सेकंड, t = 2 सेकंड,
F = ? यदि बल t = 5 सेकंड तक लगे तो υ = ?
सूत्र a = \(\frac{v-u}{t}\) से.
वस्तु का त्वरण (a) = \(\frac{7-3}{2}\)
= \(\frac{4}{2}\) = 2 मीटर/सेकंड2
सूत्र F = m × a से,
F = 5 किग्रा × 2 मीटर/सेकंड
= 10 किग्रा-मीटर/सेकंड2
= 10 न्यूटन।

प्रश्न 9.
10 kg द्रव्यमान वाली किसी वस्तु पर 10 s के लिए कोई बल क्रिया करता है इसके बाद बल हटा दिया जाता है। वस्तु अगले 5 s में 50 m दूरी तय करती है। बल ज्ञात करो।
हल :
यहां पर वस्तु का आरंभिक वेग, (u) = 0
वस्तु का द्रव्यमान, (m) = 10 kg
समय, (t) = 10s
मान लो F बल लग रहा है।
बल हटाने पर तय की गई दूरी (S) = 50 m
दूरी तय करने में लगा समय (t) = 5s
वेग का अंतिम वेग (υ) = \(\frac{S}{t}=\frac{50 \mathrm{~m}}{5 \mathrm{~s}}\)
υ = 10 m/s
हम जानते हैं कि υ = u + at
10 = 0 + a × 10
10 = 10a
∴ a = 1 m/s2
F = m × a
अब F = 10 × 1
F = 10 N

प्रश्न 10.
12 m/s के वेग से चल रही 0.25 kg द्रव्यमान वाली एक वस्तु को 0.6 N का बल लगाकर रोक लिया जाता है। वस्तु को रोकने के लिए लगाया गया समय पता करो।
हल:
वस्तु का प्रारंभिक वेग, (u) = 12 m/s
वस्तु का अंतिम वेग, (υ) = 0 [∵ वस्तु अंत में विराम अवस्था में आ जाती है।
वस्तु का द्रव्यमान, (m) = 0.25 kg
वस्तु पर लग रहा बल (F) = 0.6 N
मान लो वस्तु को रोकने पर लगा समय = t s
मान लो वस्तु के अंदर उत्पन्न हुआ त्वरण ‘a’ है।
हम जानते हैं, F = m × (- a)
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 10
t = 5
∴ वस्तु को रोकने में लगा समय = 5 s

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 11.
एक कार 108 kg/h की गति से चल रही है और ब्रेक लगाने के बाद यह रुकने में 4s का समय लेती है। कार पर ब्रेक लगाए जाने के बाद लगने वाले बल की गणना करें। कार का कुल द्रव्यमान (यात्रियों सहित) 1000 kg है।
हल :
कार का प्रारंभिक वेग (u) = 108 km/h
= 108 × 1000 m
60 × 60 s
= 30 m s-1
तथा कार का अंतिम वेग (υ) = 0 m s-1
कार का कुल द्रव्यमान (m) = 1000 kg तथा गाड़ी को रोकने में लगा समय (t) = 4 s तथा
ब्रेक लगाने वाले बल F का परिणाम = m\(\frac{(v-u)}{t}\)
मान रखने पर,
F = 1000 kg × \(\frac{(0-30)}{4 s}\) m s-1
= – 750 kg m s-2
= -750N
ऋणात्मक चिह्न दर्शाता है कि ब्रेक के द्वारा लगाया गया बल गाड़ी की गति के विपरीत दिशा में आरोपित है।

प्रश्न 12.
1000 kg द्रव्यमान की किसी कार को तथा 10000 kg से लदे हुए किसी ट्रक को 2 सेकंड में रोकने के लिए क्रमशः कितने बल की आवश्यकता होगी, यदि दोनों 5 m/s के वेग से गतिशील हों ?
हल :
u = 5 m/s, υ = 0, t = 2 सेकंड
υ = u + at
υ = 5 + a × 2
a = \(\frac{5}{2}\) मी०/से०2
कार को रोकने के लिए F1 = m × a
= 100 × (\(\frac{-5}{2}\)) = – 250 N
ट्रक को रोकने के लिए F2 = ma2
= 10000 × (\(\frac{-5}{2}\))
= – 2500 N

प्रश्न 13.
किस में अधिक बल की आवश्यकता होगी, 2 किग्रा द्रव्यमान वाली किसी वस्तु को 5 मीटर/सेकंड2 की दर से त्वरित करने में या 4 किग्रा द्रव्यमान वाली वस्तु को 2 मीटर/सेकंड2 की दर से त्वरित करने में ?
हल :
दिया है, m1 = 2 किग्रा, a1 = 5 मीटर/सेकंड2
m2 = 1 किग्रा, a2 = 2 मीटर/सेकंड2
प्रथम वस्तु के लिए आवश्यक बल
F1 = m1a1
= 2 किग्रा × 5 मीटर/सेकंड2
= 10 न्यूटन
द्वितीय वस्तु के लिए आवश्यक बल
F2 = m2 a2
= 4 किग्रा × 2 मीटर/सेकंड
= 8 न्यूटन।
F1 > F2
उपर्युक्त से स्पष्ट है कि प्रथम वस्तु को त्वरित करने के लिए अधिक बल की आवश्यकता होगी।

प्रश्न 14.
5 न्यूटन का बल किसी द्रव्यमान m1 को 10 मीटर/सेकंड2 का त्वरण देता है तथा द्रव्यमान m2 को 20 मीटर/सेकंड2 का त्वरण देता है। यदि दोनों द्रव्यमानों को एक साथ दिया जाए तो इस बल के द्वारा कितना त्वरण उत्पन्न होगा ?
हल :
दिया है, F = 5 न्यूटन, m1 का त्वरण a1 = 10 मीटर/सेकंड2
m2 का त्वरण a2 = 20 मीटर/सेकंड, दोनों को एक साथ जोड़ने पर त्वरण a = ?
सूत्र F = m a से, m = \(\frac{F}{a}\)
∴ m1 = \(\frac{F}{a_{1}}=\frac{5}{10}\) = 0.5 किग्रा
तथा m2 = \(\frac{F}{a_{2}}=\frac{5}{20}\) = 0.25
∴ दोनों को जोड़ने पर कुल द्रव्यमान = m1 + m2 = 0.5 + 0.25 = 0.75 किग्रा
∴ सूत्र F = m a से,
दोनों पिंडों का त्वरण = \(\frac{F}{m_{1}+m_{2}}\) = \(\frac{5}{0.75}\) = 0.67 मीटर/सेकंडर2

प्रश्न 15.
45 Km/n के वेग से चलती हुई 1000 kg द्रव्यमान की कोई कार एक पेड़ से टकरा कर 5 सै में रुक जाती है। कार द्वारा पेड़ पर कितना बल लगाया गया ?
हल :
m = 1000 कि० ग्रा०
u = 45 कि० मी०/घंटा
= \(\frac{45 \times 1000}{60 \times 60}\)
= \(\frac{25}{2}\) मी०/सै०
= 12.5 मी०/सै०
t = 5 सै०
υ = 0
υ = u + at
υ – u = at
a = \(\frac{v-u}{t}\)
= \(\frac{0-12.5}{5}\)
a = 2.5 मी०सै०
F = m × a
= 1000 × 2.5
= 2500 N

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 16.
एक 100 kg द्रव्यमान वाली बंदूक द्वारा 0.02 kg द्रव्यमान की गोली दागी जाती है। यदि गोली की चाल 80 m/s हो तो बंदूक की पीछे की ओर धक्का लगाने की चालत मालूम करो।
हल :
गोली का द्रव्यमान (m) = 0.02 kg
गोली की चाल (υ) = 80 m/s
बंदूक का द्रव्यमान (M) = 100 kg
मान लो बंदूक का वेग V है। संवेग संरक्षण नियमानुसार,
गोली चलने के पश्चात् पूरे संकाय का संवेग = गोली चलने से पहले संवेग + गोली चलने के बाद संवेग
0 = mv + MV
V = \(\frac{-m v}{\mathbf{M}}\)
= \(\frac{-0.02 \times 80}{100}\)
= \(\frac{-2 \times 80}{100 \times 100}\)
= \(\frac{-16}{1000}\)
∴ बंदूक का वेग (V) = – (0.016 m/s
ऋण चिन्ह बन्दूक का पीछे की ओर धक्के की ओर संकेत करता है परंतु उसका वेग – 0.016 m/s है।

प्रश्न 17.
एक 30 kg भारी विस्फोटक गोला 48 m/s की गति से उड़ रहा है। विस्फोट के बाद इसका 18 kg का भार वाला एक भाग रुक जाता है जबकि शेष भाग उड़ जाता है। उड़ने वाले भाग का वेग ज्ञात करो।
हल :
यहां विस्फोटक गोले का द्रव्यमान (M) = 30 kg
विस्फोटक गोले का वेग (V) = 48 m/s
विस्फोटक गोले के एक भाग का द्रव्यमान (m1) = 18 kg
विस्फोटक गोले के एक भाग का वेग = 0
विस्फोटक गोले का शेष भाग जो गतिशील नहीं है का द्रव्यमान (m2) = (30 – 18) kg
= 12 kg
शेष भाग का वेग = υ2 (मान लो)
अब संवेग संरक्षण नियमानुसार
MV = m1υ1 + m2υ2
30 × 48 = 18 × 0 + 12υ2
30 × 48 = 12υ2
υ2 = \(\frac{30 \times 48}{12}\)
υ2 = 30 × 4
υ2 = 120 m/s

प्रश्न 18.
3 कि. ग्रा० की एक राइफल से 0.03 कि. ग्रा० की एक गोली चलाई गई जो 100 मी०/सै० वेग से नली से बाहर निकली। यदि गोली को 0:003 सै० नली से बाहर निकलने में लगे हों तो राइफल पर लगे बल की गणना करो।
हल :
m1 = 3 कि० ग्रा०, m2 = 0.03 कि० ग्रा०
u1 = u2 = 0, v1 = ?, v2 = 100 मी०/सै०
संवेग संरक्षण के नियम के अनुसार
m1u1 + m2u2 = m1v1 + m2v2
0+ 0 = 3 × v1 + 100 (0.03)
v1 = \(-\frac{10(0 \times 0.0)}{3}\)
= -1 मी०सै०
(ऋणात्मक चिन्ह राइफल के विपरीत दिशा में धक्का लगाने को दर्शाता है।)
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 11
= -1000 कि० ग्रा०/सै०2
= -1000 N

प्रश्न 19.
5000 g द्रव्यमान की बंदूक से 20 g की गोली पृथ्वी की अपेक्षा 500 ms-1 के वेग से छूटती है, बंदूक का प्रतिक्षेप वेग (Recoil velocity) बताएँ।
हल :
संवेग संरक्षण सिद्धांत के अनुसार
MV + mv = 0
V = \(-\frac{m v}{\mathrm{M}}\)
अब m = 0.020 kg, υ = 500 ms-1 तथा M = 5.00 kg रखने पर
V = \(-\frac{20 \times 500}{5000}\)
या V = -2 ms-1
ऋण चिहन बंदक के प्रक्षेपित होने की ओर संकेत करता है।

प्रश्न 20.
किसी द्रव्यमान m1 पर 5 न्यूटन का बल लगाने पर 8 m/s2 का त्वरण उत्पन्न होता है, जबकि इसी परिमाण का बल किसी द्रव्यमान m2 में 24 m/s2 का त्वरण उत्पन्न करता है। यदि दोनों द्रव्यमानों को परस्पर बांधकर एक कर दिया जाये, तो इस बल द्वारा संयुक्त द्रव्यमान में कितना त्वरण उत्पन्न होगा ?
हल :
पहला द्रव्यमान (m1) = \(\frac{\mathrm{F}}{a_{1}}=\frac{5}{8}\) kg
दूसरा द्रव्यमान m2 = \(\frac{\mathrm{F}}{a_{2}}=\frac{5}{24}\) kg
संयुक्त द्रव्यमान (m) = m1 + m2
\(\frac{5}{8}+\frac{5}{24}=\frac{20}{24}\) = \(\frac{5}{6}\) kg
5 न्यूटन द्वारा \(\frac{5}{6}\)kg द्रव्यमान से उत्पन्न त्वरण
a = \(\frac{\mathrm{F}}{m}=\frac{5}{5 / 6}\) = 6 ms-2

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 21.
दो ब्लॉक आकार तथा साइज में बराबर हैं परंतु भिन्न-भिन्न धातुओं के बने हैं। बराबर परिमाण के बल लगाने पर वह क्षैतिज तल में गतिशील हो जाते हैं। यदि एक ब्लॉक में उत्पन्न त्वरण दूसरे में उत्पन्न त्वरण के पाँच गुना हो, तो दोनों के द्रव्यमान का अनुपात क्या होगा ?
हल :
हम जानते हैं, F = ma
अत: पहले ब्लॉक के लिए F1 = m1a1
तथा दूसरे ब्लॉक के लिए F2 = m2a
∵ F1 = F2 (दिया गया है।)
∴ m1a1 = m2 a2
= \(\frac{m_{1}}{m_{2}}=\frac{a_{2}}{a_{1}}\)
= \(\frac{m_{1}}{m_{2}}=\frac{5 a_{1}}{a_{2}}\) [∵ a2 = 5a1]
या \(\frac{m_{1}}{m_{2}}\) = 5
अतः पहले ब्लॉक का द्रव्यमान दूसरे से पाँच गुना है।

प्रश्न 22.
2 kg के एक पिस्टल से 20 g द्रव्यमान की एक गोली 150 ms-1 के क्षैतिज वेग से छोड़ी जाती है। पिस्टल के पीछे हटने के वेग का परिकलन करें।
हल :
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 12
गोली का द्रव्यमान, m1 = 20 g (= 0.02 kg)
पिस्टल का द्रव्यमान m2 = 2 kg
प्रशिक्षण से पहले गोली का प्रारंभिक वेग (u1) तथा पिस्टल का प्रारंभिक वेग (u2) क्रमशः शून्य है।
अर्थात् u1 = u2 = 0
गोली का अंतिम वेग υ1 = + 150 m s-1
गोली की दिशा बाएँ से दाएँ परिपाटी के अनुसार धनात्मक ली गई है। माना कि पिस्टल का प्रतिक्षेपित वेग υ है।
गोली छूटने के पहले, गोली तथा पिस्टल का कुल संवेग,
= (2 + 0.02) kg × 0 m s-1
= 0 kg m s-1
गोली छूटने के बाद कुल संवेग,
= 0.02 kg × (+ 150 m s-1) + 2 kg × υ m s-1
= (3 + 2υ) kg × m s-1
संवेग संरक्षण के नियम के अनुसार,
गोली छूटने के बाद का कुल संवेग = गोली छूटने के पहले का कुल संवेग
3 + 2υ = 0
υ = 0 – 3
⇒ υ = – 1.5 m s-1
ऋणात्मक चिह्न यह दर्शाता है कि पिस्टल गोली के विपरीत दिशा में अर्थात् दाईं से बाईं ओर प्रतिक्षेपित होगी।

प्रश्न 23.
40 kg द्रव्यमान वाली एक लड़की, 5 ms-1 के क्षैतिज वेग से एक 3 kg द्रव्यमान वाली स्थिर गाड़ी पर कूदती है। गाड़ी के पहिए घर्षण रहित हैं। गाड़ी की गति प्रारंभ करने की अवस्था में लड़की का वेग क्या होगा ? मान लें कि क्षैतिज दिशा में कोई असंतुलित बल कार्य नहीं कर रहा है।
हल :
मान लो कि गाड़ी की प्रारंभिक गति के समय गाड़ी तथा लड़की का वेग υ है।
= 40 kg × 5 m s-1 + 3 kg × 0 m s-1
= 200 kg m s
लड़की तथा गाड़ी का लड़की के कूदने से पहले कुल संवेग
= (40 + 3) kg × υ m s-1
= 43 υ kg m s-1
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 13
= 43 υ kg m s-1
संवेग संरक्षण के नियम के अनुसार
43υ = 200
⇒ υ = 200/43
= + 4.65 m s-1
गाड़ी पर सवार लड़की 4.65 m s-1 के वेग से छलांग लगाने की दिशा में चलेगी।

प्रश्न 24.
हॉकी की प्रतिद्वंदी टीमों के दो खिलाड़ी गेंद को हिट करने के प्रयास में परस्पर टकरा जाते हैं तथा आपस में उलझ जाते हैं। एक का द्रव्यमान 60 kg है और वह 5.0 ms-1 के वेग से गति में था, जबकि दूसरा खिलाड़ी, जिसका द्रव्यमान 55 kg है 6.0 m s-1 के वेग से पहले खिलाड़ी की ओर गति कर रहा था। टकराकर उलझने के बाद वे दोनों किस दिशा में किस वेग से गति करेंगे। मान लें कि दोनों खिलाड़ियों के पैर तथा पृथ्वी के बीच कार्यरत घर्षण बल नगण्य है।
हल :
मान लो कि पहला खिलाड़ी बाएँ से दाएँ दौड़ रहा है तथा परिपाटी के अनुसार, बाएँ से दाएँ गति की दिशा धनात्मक तथा दाएँ से बाएँ गति की दिशा को ऋणात्मक लेते हैं।
दिया है,
m1 = 60 kg ; u1 = + 5 m s-1 ; तथा
m2 = 55 kg ; u2 = – 6 m s-1
टक्कर से पहले दोनों खिलाड़ियों का कुल संवेग
= 60 kg × (+ 5 m s-1) + 55 kg × (- 6 m s-1)
= – 30 kg m s-1
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 14
माना कि दोनों खिलाड़ियों के टकराने के पश्चात् उलझने पर वेग υ है,
टक्कर के पश्चात् कुल संवेग = (m1 + m2) × υ
= (60 + 55) kg × υ m s-1
= 115 × υ kg m s-1
संवेग संरक्षण के नियम के अनुसार,
υ = – 30/115
= – 0.26 m s-1
अतः उलझने के पश्चात् दोनों खिलाड़ी दाएँ से बाएँ 0.26 m s-1 के वेग से गतिशील हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 25.
एक लंबी मेज पर सीधी रेखा में जा रही 20 ग्राम द्रव्यमान की गेंद का वेग-समय ग्राफ संलग्न चित्र में प्रदर्शित है। गेंद को विरामावस्था में लाने के लिए मेज द्वारा कितना बल लगाया जाएगा?
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 15
हल :
ग्राफ से स्पष्ट है कि t = 0 पर गेंद का प्रारंभिक वेग u = 20 सेमी/सेकंड तथा t = 10 सेकंड बाद गेंद का वेग υ = 20 गेंद का द्रव्यमान m = 20 ग्राम
∴ ग्राफ एक सरल रेखा है, इससे स्पष्ट है कि गेंद एक नियत त्वरण के अधीन गति करती है।
सूत्र a = \(\frac{v-u}{t}\) से,
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 16
= -2 सेमी/सेकंडर2
= -0.02 मीटर/सेकंड2
∴ सूत्र F = m a से,
मेज द्वारा गेंद पर लगाया गया बल
F = 20 ग्राम × (- 0.02 मीटर/सेकंड2)
= \(\frac{20}{1000}\) किग्रा × (-0.02 मीटर/सेकंडर2)
= – 0.0004 न्यूटन
ऋणात्मक चिह्न यह प्रदर्शित करता है कि मेज द्वारा गेंद पर बल गति के विपरीत दिशा में लगाया जाता है।

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
वस्तुओं की गति के बारे में पूर्णत: भिन्न संकल्पना किन वैज्ञानिकों ने दी थी ?
उत्तर-
गैलीलियो और आइजैक न्यूटन ने।

प्रश्न 2.
किसी वस्तु को गति की अवस्था में लाने के लिए क्या करना पड़ता है ?
उत्तर-
उसे खींचना, धकेलना या ठोकर लगाना पड़ता है।

प्रश्न 3.
वस्तु ऊपर से नीचे क्यों गिरती है ?
उत्तर-
असंतुलित गुरुत्वीय बल के कारण।

प्रश्न 4.
किसी वस्तु की दिशा बदलने के लिए कैसे बल की आवश्यकता होती है ? संतुलित बल या असंतुलित बल।
उत्तर-
असंतुलित बल की आवश्यकता।

प्रश्न 5.
कोई वस्तु कुछ दूर लुढ़कने के बाद क्यों रुक जाती है ?
उत्तर-
घर्षण बल के कारण।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 6.
घर्षण बल किस प्रकार घटाया जा सकता है ?
उत्तर-
समतल सतह पर लुब्रीकेंट के लेप से।

प्रश्न 7.
गति के तीन नियम किस वैज्ञानिक ने प्रस्तुत किए थे ?
उत्तर-
न्यूटन ने।

प्रश्न 8.
न्यूटन की गति का पहला नियम क्या है ?
उत्तर-
प्रत्येक वस्तु अपनी स्थिर अवस्था या सरल रेखा में एक समान गति की अवस्था में बनी रहती है जा तक कि उस पर कोई बाहरी बल कार्यरत न हो।

प्रश्न 9.
जड़त्व किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जड़त्व – किसी वस्तु के विरामावस्था में रहने या समान वेग से गतिशील रहने की प्रवृत्ति को जड़ता कहते हैं।

प्रश्न 10.
गति का पहला नियम किस अन्य नाम से जाना जाता है ?
उत्तर-
जड़त्व का नियम ।

प्रश्न 11.
एकदम ब्रेक लगाने से गाड़ी में बैठे यात्रियों को झटका क्यों लगता है ?
उत्तर-
यात्रियों का शरीर गतिज जड़त्व के कारण गति अवस्था में ही बने रहने की प्रवृत्ति रखता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 12.
गाड़ियों में सुरक्षा बेल्ट का उपयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर-
इनसे हमारे आगे बढ़ने की गति धीमी हो जाती है।

प्रश्न 13.
बल की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
बल – बल वह बाहरी कारक है जो किसी वस्तु की विराम की अवस्था या गतिमान वस्तु की चाल तथा दिशा को बदलने या बदलने की प्रवृत्ति रखता है।

प्रश्न 14.
संतुलित बल किसे कहते हैं ?
उत्तर-
संतुलित बल – यदि वस्तु पर लगने वाले सभी बलों का परिणामी बल शून्य हो तो वस्तु पर लगने वाले सभी बल, संतुलित बल कहलाते हैं।

प्रश्न 15.
असंतुलित बल किसे कहते हैं ?
उत्तर-
असंतुलित बल – यदि किसी वस्तु पर लगने वाले सभी बलों का परिणामी बल शून्य न हो, तो वे बल असंतुलित बल कहलाते हैं।

प्रश्न 16.
रबड़ की गेंद को हथेलियों के बीच में रखकर दबाते समय किस प्रकार का बल लगता है ?
उत्तर-
संतुलित बल।

प्रश्न 17.
घर्षण की परिभाषा लिखें।
उत्तर-
घर्षण – जब एक वस्तु किसी अन्य वस्तु के संपर्क में रहते हुए गति करती है तो उस गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य करता है जिसे घर्षण कहते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 18.
जब हम साइकिल के पैडल को चलाना बंद कर देते हैं तो साइकिल रुक जाती है, क्यों ?
उत्तर-
साइकिल के टायर और सड़क के बीच लगने वाला घर्षण बल उसकी गति को कम करके साइकिल को रोक देता है।

प्रश्न 19.
संवेग क्या होता है ?
उत्तर-
संवेग-किसी वस्तु का संवेग उसके वेग तथा द्रव्यमान का गुणनफल है।
∴ संवेग = द्रव्यमान × वेग।

प्रश्न 20.
न्यूटन का दूसरा गति-नियम क्या है ?
उत्तर-
किसी वस्तु पर क्रिया कर रहा बल उस वस्तु के पुंज और त्वरण के गुणनफल के बराबर होता है।

प्रश्न 21.
न्यूटन का तीसरा नियम क्या है ?
उत्तर-
क्रिया और प्रतिक्रिया समान किंतु विपरीत दिशा में क्रिया करती है।

प्रश्न 22.
संवेग सदिश राशि है या अदिश राशि ?
उत्तर-
संवेग एक सदिश राशि है।

प्रश्न 23.
एक एथलीट तब छलांग लंबी लगा सकता है, जब वह भागता हुआ आता है। जब वह अचानक ही छलांग लगा देता है तो छलांग छोटी रह जाती है। ऐसा क्यों ?
उत्तर-
जब एथलीट दूरी से दौड़ता हुआ आता है तो उसके गति-जड़त्व में वृद्धि हो जाती है। इसी कारण वह लंबी छलांग लगा पाता है। दूसरा स्थिति में छलांग छोटी होगी।

प्रश्न 24.
गोली चल चुकने के बाद बंदूक और गोली का कुल संवेग कितना होता है ?
उत्तर-
शून्य।

प्रश्न 25.
बल की मानक इकाई क्या है ?
उत्तर-
न्यूटन।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 26.
यदि वस्तु पर क्रिया कर रहा परिणामी बल शून्य हो तो बल संतुलित होंगे या असंतुलित ?
उत्तर-
बल संतुलित होंगे।

प्रश्न 27.
यदि 1 kg द्रव्यमान पर 1 न्यूटन बल लगाया जाए तो परिणामी त्वरण क्या होगा ?
उत्तर-
F = m × a
1 = 1 × a
a = 1 ms-2

प्रश्न 28.
वस्तु पर क्रिया कर रहे अनेक बल उसकी स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं करते। बल संतुलित हैं या असन्तुलित ?
उत्तर-
बल संतुलित है।

प्रश्न 29.
चार ऐसे उदाहरण दो जहां बल लगाने से स्थिर वस्तु गतिशील हो जाती है।
उत्तर-

  1. झाड़ से कूड़ा-कर्कट हटाना,
  2. ठोकर मार कर गेंद को लुढ़काना,
  3. घोड़े के द्वारा तांगा खींचना,
  4. हॉकी से बाल को हिट मारना।

प्रश्न 30.
जब बॉल को बैट के द्वारा हिट मारी जाती है तो क्या परिवर्तन दिखाई देता है ?
उत्तर-
बॉल की चाल शून्य से कुछ मान तक बढ़ जाती है।

प्रश्न 31.
किसका जड़त्व अधिक होगा ?
(i) एक पुस्तक या स्कूल बैग
(ii) पानी से भरा घड़ा या रेफ्रिजिरेटर।
उत्तर-
(i) स्कूल बैग
(ii) रेफ्रिजिरेटर।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 32.
हल्की और भारी वस्तुओं में से जड़त्व किसका अधिक होता है ?
उत्तर-
भारी वस्तुओं का जड़त्व अधिक होता है।

प्रश्न 33.
संवेग का S.I. मात्रक लिखिए।
उत्तर-
संवेग का S.I. मात्रक किलोग्राम मीटर/सै० होता है।

प्रश्न 34.
न्यूटन बल की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
न्यूटन बल – वह बल जो एक किलोग्राम द्रव्यमान की वस्तु में 1 मी/सै2 का त्वरण उत्पन्न कर देता है। न्यूटन बल कहलाता है।

प्रश्न 35.
किसी बाहरी बल की अनुपस्थिति में जब दो वस्तुएं परस्पर टकराती हैं तो निकाय (System) के संवेग में संपूर्ण परिवर्तन क्या होगा ?
उत्तर-
कोई परिवर्तन नहीं होगा क्योंकि कुल संवेग संरक्षित रहता है।

प्रश्न 36.
बंदूक से गोली चलाने पर बंदूक पीछे क्यों हटती है ?
उत्तर-
बंदूक संवेग संरक्षण के नियम के कारण पीछे हटती है।

प्रश्न 37.
तैरने के दौरान कोई व्यक्ति पानी को अपने हाथों से पीछे क्यों दबाता है ?
उत्तर-
पानी को हाथों से पीछे दबाने पर प्रतिक्रिया का बल उसे आगे की ओर धकेलता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 38.
कैरम बोर्ड पर खेलते समय प्रायः पाऊडर का प्रयोग क्यों करना पड़ता है ?
उत्तर-
घर्षण को कम करने के लिए।

प्रश्न 39.
क्रिया और प्रतिक्रिया एक ही पिंड पर कार्य करती हैं या अलग-अलग पिंडों पर ?
उत्तर-
अलग-अलग पिंडों पर।

प्रश्न 40.
दरी को छड़ी से पीटने पर धूल क्यों झड़ जाती है ?
उत्तर-
स्थिर जड़त्व के कारण।

प्रश्न 41.
खिलाड़ी कूदने से पहले क्यों दौड़ता है ?
उत्तर-
संवेग बढ़ाने के लिए ताकि अधिक ऊँची कूद लगाई जा सके।

प्रश्न 42.
संवेग संरक्षण का नियम क्या है ?
उत्तर-
संवेग संरक्षण नियम – दो वस्तुओं के संवेग का योग टकराने से पहले और टकराने के बाद बराबर रहता है जबकि उन पर कोई असंतुलित बल कार्य न कर रहा हो।

प्रश्न 43.
बल का मात्रक लिखिए।
उत्तर-
बल का मात्रक न्यूटन है।

प्रश्न 44.
बल कैसी राशि है?
उत्तर-
बल एक सदिश राशि है।

प्रश्न 45.
एक बस और एक गेंद समान चाल से चल रहे हैं। दोनों में से किसे रोकने के लिए अधिक बल लगाना पड़ेगा ?
उत्तर-
अधिक संवेग के कारण बस को रोकने के लिए अधिक बल लगाना पड़ेगा।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 46.
कोई लड़की 20 kg द्रव्यमान के डिब्बे को 60 N बल लगाकर धकेलती है। डिब्बे का त्वरण क्या होगा?
उत्तर-
a = \(\frac{\mathrm{F}}{m}=\frac{60 \mathrm{~N}}{20 \mathrm{~kg}}\) = 3 m/s2

प्रश्न 47.
ब्रेक लगाने पर एक चलती गाड़ी रुक जाती है, इस प्रक्रिया में गाड़ी के संवेग का क्या होता है ?
उत्तर-
इस प्रक्रिया में गाड़ी के संवेग का अधिकांश भाग पृथ्वी को तथा शेष भाग वायु के अणुओं को चला जाता है।

प्रश्न 48.
यदि किसी वस्तु पर असंतुलित बल न लगा हो तो क्या वस्तु समान वेग से चलती रहेगी ?
उत्तर-
हां, वस्तु एक समान वेग से चलती रहेगी।

प्रश्न 49.
यदि किसी वस्तु पर नेट बाह्य बल शून्य है तो क्या वह वस्तु अवश्य ही विरामावस्था में होगी ?
उत्तर-
आवश्यक नहीं है कि वस्तु विरामावस्था में हों कि वस्तु एकसमान चाल से एक निश्चित दिशा में चल रही हो सकती है।

प्रश्न 50.
1 किग्रा-भार कितने न्यूटन के बराबर होता है ?
उत्तर-
1 किग्रा-भार = 9.8 न्यूटन।

प्रश्न 51.
1 न्यूटन में कितने किग्रा-भार होता है ?
उत्तर-
1 न्यूटन = 0.102 किग्रा-भार।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 52.
जड़त्व किस भौतिक पर निर्भर करता है ?
उत्तर-
द्रव्यमान पर।

प्रश्न 53.
दो समान वेग वाले पिंडों के द्रव्यमान 1 : 2 के अनुपात में हैं। उनके जड़त्वों में क्या अनुपात होगा ?
उत्तर-
1 : 2 का अनुपात होगा।

प्रश्न 54.
किसी पिंड पर लगे बल (F), द्रव्यमान (m) तथा त्वरण (a) में परस्पर संबंध बताइए।
उत्तर-
बल (F) = द्रव्यमान (m) × त्वरण (a)।

प्रश्न 55.
एक कार को 300 न्यूटन के बल से सड़क पर खींचने से वह एक नियत वेग से चलती है। कार व पृथ्वी के बीच कितना घर्षण बल कार्य कर रहा है?
उत्तर-
300 न्यूटन।

प्रश्न 56.
पदार्थ का वह कौन-सा गुण है, जो पदार्थ की अवस्था परिवर्तन का विरोध करता है?
उत्तर-
जड़त्व का गुण।

प्रश्न 57.
रॉकेट का क्रिया-सिद्धांत, न्यूटन के गति के किस नियम पर आधारित है?
उत्तर-
न्यूटन के गति के तीसरे नियम पर।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 58.
किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा त्वरण के गुणनफल को क्या नाम दिया गया है ?
उत्तर-
संवेग।

प्रश्न 59.
‘m’ द्रव्यमान वाली एक वस्तु पर ‘F’ बल कार्य कर रहा है और त्वरण ‘a’ उत्पन्न होता है ? यदि बल की मात्रा आधी कर दी जाये तो त्वरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?
उत्तर-
क्योंकि a ∝ F, इसलिए बल की मात्रा \(\frac{F}{2}\) कर त्वरण \(\frac{a}{2}\) हो जाएगा।

प्रश्न 60.
एक ट्रक और एक कार v वेग से गतिशील हैं, दोनों एक-दूसरे से आमने-सामने संघट्ट करते हैं तथा कुछ समय बाद दोनों रुक जाते हैं। अगर संघट्ट का समयांतराल 1s है, तो
(a) कौन-सी गाड़ी पर बल का सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा ?
(b) किस गाड़ी से संवेग में सबसे अधिक परिवर्तन होगा ?
(c) किस गाड़ी का त्वरण सबसे अधिक होगा ?
(d) ट्रक की अपेक्षा कार को अधिक नुकसान क्यों होगा ?
उत्तर-
(a) दोनों गाड़ियों पर बराबर बल लगेगा क्योंकि क्रिया तथा प्रतिक्रिया समान होते हैं। अब क्योंकि चार का द्रव्यमान कम है इसलिए कार पर प्रभाव अधिक होगा।
(b) क्योंकि क्रिया तथा प्रतिक्रिया समान होते हैं तथा यह संवेग का परिवर्तन होता है, इसलिए कार तथा ट्रक का संवेग परिवर्तन भी समान होगा।
(c) कार का त्वरण अधिक होगा क्योंकि इसका द्रव्यमान ट्रक के द्रव्यमान की अपेक्षा कम है।
(d) कार का कम जड़त्व होने के कारण इसे अधिक नुकसान होगा।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
गणितीय विधि द्वारा गति के समीकरणों को स्थापित कीजिए।
उत्तर-
एक समान त्वरण के अंतर्गत गति के समीकरण – एक समान त्वरण के अंतर्गत सरल रेखीय गति करती हुई वस्तु के लिए गति के निम्न समीकरण हैं-
(i) ν = u + at
(ii) S = ut + \(\frac {1}{2}\)at2
(iii) v2 – u2 = 2aS

(i) गति का प्रथम समीकरण v = u + at
मान लो किसी गतिशील वस्तु का प्रारंभिक वेग u व एकसमान त्वरण है। मान लो 1 सेकंड में S दूरी चलने के पश्चात् वस्तु का वेग v हो जाता है।
1 सेकंड में वस्तु के वेग में वृद्धि = a
1 सेकंड में वस्तु के वेग में वृधि = a × t
अत: t सेकंड के पश्चात् वस्तु का वेग = वस्तु का प्रारंभिक वेग + 1 सेकंड में वस्तु के वेग में वृद्धि
अथवा V = u + at

(ii) गति का दूसरा समीकरण S = ut + \(\frac {1}{2}\)at2
मान लो किसी गतिशील वस्तु का प्रारंभिक वेग u , एक समान त्वरण a तथा 1 समय पश्चात् वस्तु का अंतिम वेग v हो जाता है, अतः
1 सेकंड में वस्तु के वेग में वृद्धि = a
गति के प्रारंभ होने के 1 सेकंड बाद वस्तु का वेग = (u + a)
गति समाप्त होने के 1 सेकंड पहले वस्तु का वेग = (v – a)
अतः वस्तु का औसत वेग = \(\frac{(u+a)+(v-a)}{2}\)
= \(\frac{(u+v)}{2}\)
इसी प्रकार, गति प्रारंभ होने के 2 सेकंड बाद वस्तु का वेग = (u + 2a)
गति समाप्त होने के 2 सेकंड पहले वस्तु का वेग = (v – 2a)
अतः वस्तु का औसत वेग = \(\frac{(u+2 a)+(v-2 a)}{2}\)
= \(\frac{(u+v)}{2}\)
इस प्रकार, त्वरण के नियत होने पर वस्तु का औसत वेग सदैव ही \(\frac {1}{2}\) (u + v) रहता है। अतः हम यह मान सकते हैं कि t सेकंड तक वस्तु औसत वेग \(\frac {1}{2}\)(u + v) से चलती है।
अतः t सेकंड में वस्तु द्वारा चली गई दूरी, S = वस्तु का औसत वेग × समय
= \(\frac {1}{2}\)(u + v) × t
परंतु गति के प्रथम समीकरण v = u + at से
∴ वस्तु द्वारा चली गई दूरी S = b[latex]\frac{u+(u+a t)}{2}[/latex] × t
= [latex]\frac{2 u t+a t^{2}}{2}[/latex]
S = u t + \(\frac {1}{2}\)at2

(iii) गति का तीसरा समीकरण – गति के प्रथम समीकरण v = u + at का दोनों ओर का वर्ग करने पर,
v2 = (u + at)2
= u2 + 2u at + a2t2
= u2 + 2a (ut + \(\frac {1}{2}\)at2)
परंतु गति की दूसरी समीकरण से, ut + = \(\frac {1}{2}\)at2 का मान रखने पर
v2 = u2 + 2aS
v2 – u2 = 2aS

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति

प्रश्न 2.
एक समान त्वरण से गतिमान वस्तु के लिए, ग्राफ़ीय विधि से निम्नलिखित संबंध स्थापित कीजिए-
(i) v = u + at,
(ii) S = u t + \(\frac {1}{2}\)at2,
(iii) v2 = u2 + 2 aS.
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 1
I. ग्राफ द्वारा गति के समीकरण स्थापित करना-मान लो कोई वस्तु प्रारंभिक वेग u तथा अचर त्वरण a से चलना प्रारंभ करती है तथा t समय पश्चात् वस्तु का वेग v हो जाता है। यदि समय को X-अक्ष पर तथा वेग को Y-अक्ष पर निरूपित किया जाए तो वस्तु का समय-वेग ग्राफ एक झुकी हुई सरल रेखा BA के रूप में प्राप्त होता है। इसकी सहायता से गति के समीकरणों को निम्नलिखित प्रकार से ज्ञात करते हैं-

BC = BD + DC
BD + OA (∵ DC = OA)
इसमें BC = v तथा OA = u रखने पर हम पाते हैं,
v = BD + u
या BD = v – u ………………….(1)
वेग समय ग्राफ़ से वस्तु के त्वरण को व्यक्त किया गया है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 2
OC = t, रखने पर हम पाते हैं,
a = BD
t …………….(2)
या BD = at
समीकरण (1) तथा (2) से हम पाते हैं।
V = u + at

II. समय-स्थिति संबंध
मान लें एक वस्तु एक समान त्वरण α से t समय में S दूरी तय की। चित्र में वस्तु द्वारा तय की गई दूरी, वेगसमय ग्राफ़ AB के नीचे घिरे क्षेत्र OABC द्वारा प्राप्त की जाती है।
इस प्रकार, वस्तु के द्वारा तय की गई दूरी S निम्न प्रकार से व्यक्त की जाती है,
S = OABC का क्षेत्रफल (जो एक समलंब है)
= आयत OADC का क्षेत्रफल + त्रिभुज ABD का क्षेत्रफल
= OA × OC + \(\frac {1}{2}\) (AD × BD)
OA = u, OC = AD = t और BD = at, मान रखने पर हम पाते हैं,
S = u × t + \(\frac {1}{2}\) (t × at)
या S. = ut + \(\frac {1}{2}\)at2

III. वेग-स्थिति संबंध
चित्र में प्रदर्शित वेग-समय ग्राफ़ से वस्तु द्वारा एक समान त्वरण a से 1 समय में तय की गई दूरी S को ग्राफ़ नीचे समलंब चतुर्भुज OABC द्वारा घेरे गए क्षेत्रफल द्वारा प्रदर्शित किया गया है। अर्थात्
S = समलंब OABC का क्षेत्रफल
= \(\frac{(\mathrm{OA}+\mathrm{BC}) \times \mathrm{OC}}{2}\)
OA = u, BC = v और OC = t रखने पर हम पाते हैं,
S = \(\frac{(u+v)_{t}}{2}\) ………………… (3)
वेग-समय संबंध से हम पाते हैं,
t = \(\frac{(v-u)}{a}\) ……………….. (4)
समीकरण (3) और समीकरण (4) से हम पाते हैं,
S = \(\frac{(v+u) \times(v-u)}{2 a}\)
या 2a S = v2 – u2

प्रश्न 3.
(क) दूरी-समय ग्राफ़ क्या है ?
(ख) इसकी ढाल क्या प्रदर्शित करती है ?
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 3
(क) समय-दूरी ग्राफ – यह किसी वस्तु द्वारा तय दूरी तथा लगे समय में रेखांकित ग्राफ है। यह सरल रेखीय हो भी सकता है और नहीं भी।

दूरी-समय का अर्थ – जब कोई वस्तु एक समान है चाल से गतिमान होती है तो यह समान-अंतरालों में से समान दूरी तय करती है। एक समान चाल से गतिमान वस्तु का दूरी-समय ग्राफ़ सदा सरल रेखीय होता है।

उदाहरण – समय-दूरी से यह देखा गया है कि 9 पू० दो० से 10 पृ० दो० तथा 10 पू० दो० से 11 पू० दो० के समय अंतरालों में क्रमश: AB तथा CD दूरी तय होती है।
यह भी देखा जा सकता है कि AB = CD
चित्र-दूरी समय ग्राफ़ अतः समान दूरी समान समय अंतरालों में तय की जाती है जिस कारण चाल एक समान है।

(ख) दूरी-समय ग्राफ की ढाल – मान लो a और c समय-दूरी ग्राफ पर निकटवर्ती बिंदु हैं। ad और ce दो लंब क्रमशः a और C से समय-अक्ष पर गिराओ। ab⊥ce खींचो। तब त्रिभुज abr में अनुपात \(\frac{b c}{a b}\) को ग्राफ की ढाल कहते हैं।
∴ रेखा की ढाल = \(\frac{b c}{a b}\)
फिर bc वस्तु द्वारा ab समय में तय हुई दूरी
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 4
अतः दूरी – समय ग्राफ की ढाल = चाल
दूरी – समय ग्राफ की ढाल वस्तु की चाल को दर्शाती है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति

प्रश्न 4.
वेग-समय ग्राफ की सहायता से एक समान वेग से गतिशील वस्तु की दूरी कैसे ज्ञात करोगे ? उदाहरण सहित समझाओ।
उत्तर-
एक समान गति के लिए वेग – समय ग्राफ-एक समान गति के लिए किसी वस्तु का वेग-समय ग्राफ वह ग्राफ होता है जब कोई वस्तु स्थिर वेग से चल रही हो। ऐसी अवस्था में वेग-समय ग्राफ X अक्ष के समांतर होता है। चित्र में सरल रेखा द्वारा दर्शाया गया है ।

मान लो रमेश अपने मोटर साइकिल पर 40 km/h के स्थिर वेग से जा रहा है। इसका अर्थ है कि किसी भी समय अंतराल में उसका वेग 40 km/h पर स्थिर रहेगा। इसलिए वह पहले एक घंटे में 40 km., दूसरे घंटे के अंत में 80 km तथा तीसरे घंटे के अंत में 120 km दूरी तय करेगा। अगले प्रत्येक घंटे में उसकी दूरी इसी तरह बढ़ती जाएगी। ग्राफ की सहायता से हम किसी भी दिए समय में रमेश द्वारा तय की गई दूरी पता कर सकते हैं।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 5

सरल रेखीय ग्राफ RS पर बिंदु A तथा B समय अंतरालों OD = t1 तथा OC = t2 पर रमेश की स्थिति दर्शाता है । समय मूल बिंदु 0 से मापा गया है। AD तथा BC बिंदु A तथा B से समय अक्ष पर लंब खींचे गए हैं। इस प्रकार ABCD एक आयत बन गई है ।
समय अंतराल (OC-OD) = (t2 – t1) में रमेश द्वारा तय की गई दूरी
S = आयत ABCD का क्षेत्रफल
= AD × DC
= वेग × समय अंतराल
S = v × (t2 – t1)
या S = 40 × (t2 – t1) km

प्रश्न 5.
एक समय प्रवेगित गति के लिए वेग-समय ग्राफ बनाओ तथा इस ग्राफ से आप वस्तु द्वारा तय की गई दूरी का पता कैसे करोगे ?
उत्तर-
एक समान प्रवेगित के लिए वेग-समय ग्राफ-जब कोई वस्तु स्थित वेगसे नहीं, परंतु लगातार बढ़ते हुए वेग के साथ चल रही हो, तो वह वस्तु प्रवेगित होती है तथा इसकी गति को प्रवेगित गति कहते हैं। इस अवस्था में वेग-समय (v – t) ग्राफ एक सरल रेखा OR होता है जो मूल बिंदु O से शुरू होता है तथा दोनों अक्षों से दूर जाता है ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 6

निम्न चित्र की सहायता से हम एक समान प्रवेगित गति के साथ चल रही वस्तु द्वारा तय की गई दूरी पता कर सकते हैं ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 7

OR एक सरल रेखीय ग्राफ है। ग्राफ पर दो बिंदुओं A1 तथा A2 से समय-अक्ष पर A1, A4 तथा A2, A3 लंब खींचो : A2, A3 पर एक लंब AL खींचो। समलंब चतुर्भुज A1A2A3A4 का क्षेत्रफल वस्तु द्वारा तय की गई दूरी होगी।

समलंब चतुर्भुज A1A2A3A4 का क्षेत्रफल = \(\frac {1}{2}\)(A1A4 + A2A3) × A1L
S = \(\frac {1}{2}\)(u + v) × (t2 – t1)
तय की गई दूरी S = औसत वेग × समय अंतराल

प्रश्न 6.
निम्नलिखित के ग्राफ खींचकर उदाहरण द्वारा समझाए-
(i) एकसमान त्वरित गति
(ii) असमान त्वरित गति।
उत्तर-
(i) एकसमान त्वरित गति- यदि किसी वस्तु के वेग में समान समय अंतरालों में समान परिवर्तन होता है, तो वस्तु की गति एकसमान त्वरित गति कहलाती है। चित्र (a) में मुक्त रूप से गिरते हुए पत्थर का वेगसमय ग्राफ प्रदर्शित है। इसमें पत्थर का वेग प्रति सेकंड 9.8 मीटर/सेकंड बढ़ता जाता है, अर्थात् वस्तु की गति में त्वरण 9.8 मीटर/सेकंड है। यह ग्राफ एक झुकी हुई सरल रेखा के रूप में प्राप्त होता है, जो यह दर्शाता है कि वस्तु की गति एक समान त्वरित गति है ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 8

यदि किसी वस्तु के वेग समान समय अंतरालों में असमान परिवर्तन होते हैं, तब वस्तु की गति असमान त्वरित गति कहलाती है। चित्र में एक कार की गति का वेग-समय ग्राफ दिया गया है। इसमें कार का वेग घटता-बढ़ता है। वह ग्राफ टेढ़े-मेढ़े वक्र के रूप में प्राप्त होता है, जो यह दर्शाता है कि कार की गति, असमान त्वरित गति है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 9

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति

प्रश्न 7.
(क) वृत्तीय गति क्या होती है ? समान चाल की वृत्तीय गति त्वरित गति क्यों होती है ?
(ख) कोणीय वेग की परिभाषा दो । इसकी इकाई क्या है ?
(ग) सरल रेखीय और कोणीय वेगों में संबंध स्थापित करो ।
उत्तर-
(क) वृत्तीय गति – यदि किसी गतिमान वस्तु का गमन पथ सरल रेखा न होकर एक वृत्त हो, तो उस वस्तु की गति को वृत्तीय गति कहते हैं।
वृत्तीय गति में चाल अचर होने पर भी प्रत्येक बिंदु दिशा में होने वाला निरंतर परिवर्तन वेग में परिवर्तन उत्पन्न करता है, जिससे वस्तु की गति त्वरित होती है ।

(ख) कोणीय वेग – प्रति इकाई समय में हुए कोणीय विस्थापन को कोणीय वेग कहते हैं।
यदि t समय में वस्तु θ कोण तय करती है, तो कोणीय वेग इस प्रकार दिया जा सकता है-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 10
या ω =
यह ω (ओमेगा) वर्तुल वेग को दर्शाता है
ω = \(\frac{\theta}{t}\)
कोणीय वेग की इकाई – कोणीय वेग रेडियन प्रति सेकंड में मापा जाता है।

(ग) सरल रेखीय तथा कोणीय वेग में संबंध – मान लो एक वस्तु एक समान रेखीय वेग v से r अर्धव्यास वाले वृत्त में गतिमान है। मान लो सरल रेखा में : s दूरी t समय में तय की गई और इसके सापेक्ष कोण θ विस्थापित होता है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 11
तब कोण (रेडियन में)
θ = \(\frac{\mathrm{s}}{t}\) …………………. (i)
परंतु सरल रेखीय दूरी = चाल × समय
s = v × t ………………… (ii)
(2) से s का यह मान समीकरण (t) में रखने पर,
θ = \(\frac{v \times t}{r}\)
या \(\frac{\theta}{t}=\frac{v}{r}\)
ω = \(\frac{v}{r}\) (∵ \(\frac{\theta}{r}\) = ω)
अर्थात् v = r ω

प्रश्न 8.
एक समान वक्रीय या वर्तुल गति क्या होती है ? एक समान वक्रीय गति प्रवेगित गति क्यों होती है ? व्यावहारिक क्रिया द्वारा समझाओ। इससे क्या निष्कर्ष निकलता है ?
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 12
एक समान वर्तुल या वक्रीय गतिएक समान वक्रीय गति वह गति होती है जहां कि एक समान प्रवेगित गति, वेग की मात्रा में परिवर्तन के
स्पर्श रेखा कारण नहीं अपितु वेग की दिशा में परिवर्तन कारण होती है। जब कोई वस्तु वृत्ताकार पथ में घूमती है तो उस वृत्त की परिधि के प्रत्येक जिंदु पर गति की दिशा बदलती रहती है । दिखाए गए चित्र में बिंदु A, B, C, D वस्तु की चार स्थितियां दर्शायी गई हैं। CT तथा DT इन बिंदुओं पर गति की भिन्न-भिन्न दिशाएं हैं। अब क्योंकि गति की दिशा बदल रही है इसलिए वस्तु बदले हुए वेग से गति करती है । इसलिए यह गति एक समान प्रवेगित है।

महत्त्वपूर्ण निष्कर्ष – मान लो एक विद्यार्थी, अर्धव्यास = r वाले वृत्त की परिधि के साथ-साथ एक पूरा चक्कर ‘t’ सेकंड में लगाता है, तो उसका वेग,
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 13

व्यावहारिक क्रिया – एक मीटर लंबा सूती या नायलॉन का धागा लो। इसके एक सिरे के साथ एक धातु का गोला बांधो तथा दूसरे सिरे को हाथ से पकड़ कर गोले को वृत्ताकार पथ में घुमाओ। जब गोला घूम रहा है तो इसकी चाल उस समय एक समान रहती है पर इसका वेग प्रत्येक बिंदु पर बदलता रहता है। वेग में परिवर्तन का कारण गोले की गति की दिशा में परिवर्तन है। गति की दिशा हमेशा वृत्ताकार पथ के स्पर्श रेखा के साथ होती है। स्पर्श रेखा वृत्त के अर्धव्यास के लंब रूप में होती है। चित्र में P1T तथा P2T क्रमशः P1 तथा P2 पर स्पर्श रेखाएं हैं जो इन बिंदुओं पर गोले की गति की दिशाएं दर्शाती हैं। यदि किसी भी समय गोले को छोड़ दिया जाए तो यह तीर की दिशाओं में जा गिरेगा।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 14

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
किसी वस्तु की विराम अवस्था तथा गति अवस्था को उदाहरण देते हुए स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
विराम अवस्था – यदि किसी वस्तु की स्थिति में समय के साथ कोई परिवर्तन नहीं होता है तो वह वस्तु विराम अवस्था में कहलाती है।
उदाहरण – मेज पर रखी हुई पुस्तक. पृथ्वी पर खड़े पेड़-पौधे तथा बिजली का खंभा आदि।

गति अवस्था- यदि किसी वस्तु की स्थिति में समय के साथ-साथ परिवर्तन हो रहा है तो वह वस्तु गति की अवस्था में कहलाती है।
उदाहरण – सड़क पर दौड़ती कार, वायु में उड़ता हुआ वायुयान आदि।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति

प्रश्न 2.
गति की विभिन्न किस्में कौन-कौन सी हैं ? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
गति की विभिन्न किस्मेंगति की तीन विभिन्न किस्में हैं-

  1. सरल रेखीय
  2. वर्तुल गति
  3. दोलन गति।

उदाहरण-
(1) मान लो एक प्रेक्षक ) पर है और वह एक कार स्थिति A में देखता है। कुछ देर बाद वह कार को स्थिति B पर देखता है। कार की इस स्थिति में परिवर्तन यह बतलाता है कि कार O के सापेक्ष गति में है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 15

(2) मान लो एक व्यक्ति धागे के एक सिरे पर बंधे पत्थर को घुमा रहा है । वह किसी क्षण पत्थर को A पर और फिर कुछ क्षण के बाद B पर देखता है। अतः O के सापेक्ष पत्थर की स्थिति बदलती है। अतः पत्थर O के सापेक्ष गति में है। यह वर्तुल या कोणीय गति का उदाहरण है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 16

(3) मान लो धागे से बंधा पत्थर एक निश्चित बिंदु से नीचे लटक रहा है। यदि पत्थर को हम एक ओर ले जाकर छोड़ दें तो यह A के इर्द-गिर्द बार-बार उसी पथ पर गति करने लगेगा। इस तरह की गति को दोलन गति कहते हैं।

प्रश्न 3.
“विराम तथा गति सापेक्ष है।” इस कथन से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
विराम तथा गति सापेक्ष- इसका अर्थ यह है कि यदि कोई वस्तु किसी अन्य वस्तु के सापेक्ष विराम अवस्था में है तो इसका यह अर्थ नहीं है कि वह संसार की अन्य सभी वस्तुओं के सापेक्ष विराम अवस्था में है। यह अन्य वस्तुओं के सापेक्ष गति में हो सकती है। अतः हम कहते हैं कि विराम और गति सापेक्ष हैं।

प्रश्न 4.
अदिश तथा सदिश राशियों को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
अदिश राशियां – जिन भौतिक राशियों को व्यक्त करने के लिए केवल परिमाण की आवश्यकता होती है, अदिश राशियां (scalar quantities) कहलाती हैं। जैसे-लंबाई, दूरी, द्रव्यमान, क्षेत्रफल, समय, चाल, कार्य, ऊर्जा, ताप, घनत्व, आयतन, विद्युत् धारा आदि।

किसी भी अदिश राशि को केवल एक संख्या द्वारा व्यक्त किया जा सकता है। जैसे-
अदिश राशियों को गणित के साधारण नियमों के अनुसार जोडा, घटाया, गणा एवं भाग किया जा सकता है।

सदिश राशियां – जिन भौतिक राशियों को व्यक्त करने के लिए परिमाण एवं दिशा दोनों की आवश्यकता होती है, वे सदिश राशियां (vector quantities)) कहलाती हैं। जैसे-विस्थापन, वेग, त्वरण, बल, संवेग, भार, विद्युत् क्षेत्र आदि।
किसी भी सदिश राशि को पूर्ण रूप से व्यक्त करने के लिए राशि के परिमाण के साथ-साथ उसकी दिशा का उल्लेख करना भी आवश्यक है।

प्रश्न 5.
सदिश और अदिश राशियों में अंतर बताइये।
उत्तर-

सदिश अदिश
1. सदिश राशियां वे भौतिक राशियां हैं जिनमें दिशा और परिमाण दोनों होते हैं, जैसे-विस्थापन, बल, वेग विस्थापन आदि। 1. अदिश राशियां वे भौतिक राशियां हैं जिनमें केवल परिमाण होता है, जैसे द्रव्यमान, आयतन, दूरी आदि।
2. इन्हें तीर के चिह्न से निरूपित किया जाता है। 2. इन्हें किसी विशेष तरीके से निरूपित नहीं किया जाता।
3. इनका संकलन त्रिभुज या समांतर चतुर्भुज के नियम द्वारा किया जा सकता है। 3. इन्हें बीज गणितीय ढंग से संकलित किया जा सकता है।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित भौतिक राशियों को अदिश तथा सदिश में वर्गीकृत कीजिए-
दूरी, विस्थापन, घनत्व, बल, संवेग, वेग, त्वरण, चाल, समय, आयतन, ऊर्जा।
उत्तर-
अदिश राशियां – दूरी, घनत्व, चाल, आयतन, ऊर्जा, समय।
सदिश राशियां – विस्थापन, बल, संवेग, वेग, त्वरण।

उदाहरण – एक चल रही रेलगाड़ी में दो यात्रियों A तथा B पर विचार करें। दोनों यात्री एक-दूसरे तथा रेलगाड़ी के सापेक्ष विराम अवस्था में हैं। परंतु रेलगाड़ी के बाहर स्थित प्रेक्षकों के सापेक्ष उनकी स्थिति निरंतर बदल रही है। अतः वे बाहरी प्रेक्षकों के सापेक्ष गति में हैं। अतः विराम और गति सापेक्ष कथन हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति

प्रश्न 7.
मूल बिंदु क्या है ? उदाहरण भी दो।
उत्तर-
मूल बिंदु – यह एक निश्चित बिंदु है, जिसके सापेक्ष किसी वस्तु की स्थिति का वर्णन किया जा सकता है।
वस्तु की स्थिति बताने के लिए हम मूल बिंदु से उसकी दूरी और दिशा बताते हैं। जैसे ही वस्तु गति करती है, मूल बिंदु के सापेक्ष इसकी गति और दिशा बदल सकती है।

उदाहरण-
(i) मान लो O एक निश्चित बिंदु है। इस बिंदु O से चल कर एक कार किसी समय P पर पहुंचती है। OP = 3 कि० मी० है। तब हम कहते हैं कि कार ने O के सापेक्ष 3 किलोमीटर दूरी तय की है। कार की स्थिति O के सापेक्ष ही परिभाषित की जा रही है ।
इसलिए O मूल बिंदु है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 17

(ii) एक तल में वस्तु की कोणीय गति के लिए भी वस्तु की दूरी और दिशा O मूल बिंदु के सापेक्ष ही बताई जाती है। यदि वस्तु P पर है तो यह कहा जाता है कि यह 30° पूर्व की ओर है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 18

प्रश्न 8.
दूरी तथा विस्थापन से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
दूरी – किसी गतिमान वस्तु द्वारा किसी निश्चित समय में तय की गई मार्ग की लंबाई वस्तु द्वारा चली गई दूरी होती है। इसका मात्रक मीटर है। दूरी एक अदिश राशि है।

विस्थापन – किसी वस्तु की किसी निश्चित दिशा में स्थिति परिवर्तन को विस्थापन कहते हैं। यह अंतिम तथा प्रारंभिक स्थितियों के बीच की न्यूनतम दूरी होती है। विस्थापन सरल रेखीय तथा कोणीय हो सकता है। विस्थापन का मात्रक मीटर है तथा यह एक सदिश राशि है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 19

एक सरल रेखा में गतिशील वस्तु के लिए – मान लो एक वस्तु P से Q तक अपनी स्थिति बदलती है। यदि निश्चित बिंदु O से इसकी दूरी क्रमशः x1 और x2 है तो, विस्थापन ‘d’ इस तरह हो सकता है-
d = (x1 – x2) P से Q की दिशा में सरल रेखा में गति के लिए विस्थापन +ve तथा विपरीत दिशा में गति के लिए -ve चिह्नों द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है।

प्रश्न 9.
एक समान रेखीय गति और एक समान वृत्तीय गति में क्या अंतर है ?
उत्तर-
एक समान रेखीय गति – यदि कोई गतिमान वस्तु किसी सरल रेखीय पथ पर इस प्रकार गति करे कि उसके द्वारा समान समय में समान दूरी तय की जाए, तो वस्तु की गति एक समान रेखीय गति कहलाती है। इस प्रकार की गति में चाल का परिमाण समान रहता है तथा गति की दिशा भिन्न-भिन्न बिंदुओं पर परिवर्तित नहीं होती है। अत: एक समान रेखीय गति में वस्तु में त्वरण नहीं होता है।

एक समान वृत्तीय गति – जब कोई वस्तु इस प्रकार गति करती है कि उसका पथ वृत्ताकार हो तथा उसकी चाल एक समान हो, तो वस्तु की गति एक समान वृत्तीय गति कहलाती है।
यद्यपि वस्तु की चाल का परिमाण समान रहता है, परंतु गति की दिशा प्रत्येक बिंदु पर परिवर्तित होती रहती है। दिशा में यह परिवर्तन वस्तु में त्वरण उत्पन्न करता है।

प्रश्न 10.
दूरी तथा विस्थापन में अंतर बताओ।
उत्तर-
दूरी और विस्थापन में अंतर-

दूरी विस्थापन
1. गतिमान वस्तु द्वारा तय की गई कुल लंबाई को दूरी कहते हैं। 1. निश्चित दिशा में गतिमान वस्तु की प्रारंभिक तथा अंतिम स्थितियों के बीच की दूरी को विस्थापन कहते हैं।
2. दूरी एक अदिश राशि है। 2. विस्थापन एक सदिश राशि है।
3. दूरी को केवल इसके परिमाण (Magnitude) से ही वर्णित किया जा सकता है।

उदाहरण -एक पत्थर ‘h’ ऊंचाई तक फेंका गया जो वापिस आरंभिक स्थान पर पहुंच गया है।

पत्थर द्वारा तय हुई दूरी = h + h = 2h

3. विस्थापन का वर्णन दो राशियों-दूरी तथा दिशा से ही किया जाता है। दूरी को ही विस्थापन का परिमाण कहते हैं।

पत्थर का विस्थापन = h – h = 0 (शून्य)

प्रश्न 11.
चाल तथा वेग से क्या तात्पर्य है ? ये कैसी राशियां हैं ? इनके मात्रक भी लिखिए।
उत्तर-
चाल – किसी वस्तु द्वारा एक एकांक समय अंतराल में चली गई दूरी को उस वस्तु की चाल कहते हैं
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 20
इसका मात्रक मीटर/सेकंड (m/s) है तथा यह अदिश राशि है।
वेग-किसी वस्तु द्वारा एकांक समय में निश्चित दिशा में चली गई दूरी अर्थात् विस्थापन उस वस्तु का वेग कहलाता है। इसे v प्रदर्शित करते है; अत:
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 21
समय अंतराल इसका मात्रक मीटर/सेकंड (m/s) है। यह सदिश राशि है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति

प्रश्न 12.
चाल और वेग में अंतर बताओ।
उत्तर-

चाल तथा वेग में अंतर-

चाल वेग
1. एकांक समय में तय की गई दूरी चाल कहलाती है। 1. एकांक समय में किसी निश्चित दिशा में चली गई दूरी वेग कहलाता है। अथवा इकाई समय में हुआ विस्थापन कहलाता है।
2. चाल का वर्णन करने के लिए केवल परिमाण की आवश्यकता होती है। अतः यह एक अदिश राशि है। 2. वेग का वर्णन करने के लिए परिमाण तथा दिशा दोनों का ज्ञान होना आवश्यक है। अतः यह एक सदिश राशि है।
3. चाल हमेशा धनात्मक होती है। 3. वेग धनात्मक तथा ऋणात्मक दोनों प्रकार का हो सकता है।
4. चाल को तीर युक्त सरल रेखा द्वारा प्रदर्शित नहीं किया जा सकता। 4. वेग को एक तीर युक्त सरल रेखा द्वारा निरूपित किया जा सकता है। तीर की लंबाई वेग के परिमाण तथा तीर की दिशा वेग की दिशा को प्रदर्शित करती है।

प्रश्न 13.
एकसमान वेग तथा परिवर्तनशील वेग से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
एकसमान वेग – यदि कोई वस्तु समान समय अंतरालों में समान दूरी किसी विशेष दिशा में तय करे तो वस्तु को एकसमान वेग से गतिशील कहा जाता है।

परिवर्तनशील वेग – यदि कोई वस्तु किसी विशेष दिशा में समान समय-अंतरालों में असमान दूरी तय करे अथवा समान समय-अंतरालों में समान दूरी तय करे परंतु उसकी दिशा बदल जाए तो वस्तु के वेग को परिवर्तनशील वेग कहा जाता है।

प्रश्न 14.
औसत चाल तथा औसत वेग से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
औसत चाल – किसी गतिमान वस्तु द्वारा एकांक समय में तय की गई औसत दूरी को उसकी औसत चाल कहते हैं। औसत चाल ज्ञात करने के लिए वस्तु द्वारा तय की गई कुल दूरी को कुल दूरी तय करने में लगे समय से भाग दिया जाता है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 22
तय करने में लगा समय यदि वस्तु की गति एकसमान है तो चाल तथा औसत चाल में कोई अंतर नहीं होता।

औसत वेग – किसी वस्तु द्वारा किसी समय में तय किए गए कुल विस्थापन तथा विस्थापन तय करने में लगे कुल समय का अनुपात, वस्तु का औसत वेग कहलाता है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 23
यदि वस्तु का वेग निश्चित दिशा में एकसमान दर से परिवर्तित हो रहा है तो
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 24

प्रश्न 15.
त्वरण किसे कहते हैं ? यह कैसी राशि है ? इसका मात्रक लिखिए।
उत्तर-
त्वरण – किसी गतिमान वस्तु के वेग-परिवर्तन की दर को उस वस्तु का त्वरण कहते हैं। इसे व से प्रदर्शित करते हैं। यह सदिश राशि है। इसका मात्रक मीटर/सेकंड है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 25
समय अंतराल यदि वस्तु का प्रारंभिक वेग u, समय t में वेग v हो जाता है तो
वस्तु का त्वरण (a) = \(\frac{v-u}{t}\)

प्रश्न 16.
धनात्मक तथा ऋणात्मक त्वरण से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
धनात्मक तथा ऋणात्मक त्वरण – यदि किसी वस्तु के वेग का परिमाण (अर्थात् वस्तु की चाल) समय के साथ-साथ बढ़ रहा हो तो वस्तु का त्वरण धनात्मक होता है। यदि वस्तु के वेग का परिमाण समय के साथ-साथ घट रहा हो तो रस्तु का त्वरण ऋणात्मक होता है, इसे मंदन भी कहते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति

प्रश्न 17.
एकसमान त्वरण तथा असमान त्वरण का अर्थ उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर-
एकसमान त्वरण – यदि किसी वस्तु के वेग में समान समयान्तरालों में समान परिवर्तन हो रहा है, तो वस्तु का त्वरण, एकसमान त्वरण कहलाता है।
उदाहरण-वृत्तीय गति में।

असमान त्वरण – यदि किसी वस्तु के वेग में परिवर्तन एकसमान समयान्तरालों के लिए भिन्न-भिन्न हो तो वस्तु का त्वरण, असमान त्वरण कहलाता है। उदाहरण-भीड़ भरे बाज़ार में गाड़ी चलाते समय गाड़ी का त्वरण असमान रहता है।

प्रश्न 18.
ग्राफ किसे कहते हैं ? इसकी क्या उपयोगिता है ?
उत्तर-
दो भिन्न अक्षों पर किसी भौतिक राशि को दूसरी भौतिक राशि के सापेक्ष चित्रित करने को ग्राफ कहते हैं। ग्राफ़ की उपयोगिता आज के युग में अत्यधिक है। लगभग सभी क्षेत्रों में इसका तथा तुलनात्मक तथा विश्लेषणात्मक कार्यों के लिए सहायक सिद्ध होता है। इसके प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं-

  1. दो या दो से अधिक राशियों का तुलनात्मक अध्ययन अधिक सरलता और सुविधा से हो जाता है।
  2. विभिन्न राशियों के संबंधों को आसानी से दर्शाया जा सकता है।
  3. कम स्थान में विभिन्न आंकड़ों को प्रस्तुत किया जा सकता है।
  4. ग्राफ की ढाल से विभिन्न राशियों, सूचनाओं आदि को प्रकट किया जा सकता है।

प्रश्न 19.
आप किसी वस्तु के वेग के बारे में क्या कहेंगे यदि-
(i) समय-विस्थापन ग्राफ़ सरल रेखीय हो।
(ii) समय वेग ग्राफ़ सरल रेखीय हो।
उत्तर-
(i) वस्तु एक समान वेग से गतिशील है।

(ii) यदि ग्राफ समय-अक्ष के समानांतर एक सरल रेखा हो तो इसका अर्थ यह है कि वस्तु एकसमान वेग से गतिशील है। यदि समय-वेग ग्राफ सरल रेखीय हो परंतु समय-अक्ष के साथ कोण बनाती हो तो इसका अर्थ है कि वस्तु असमान त्वरण से गतिशील है।

प्रश्न 20.
निम्नलिखित स्थितियों में कौन-सी स्थिति संभव है तथा प्रत्येक का एक उदाहरण दीजिए-
(a) कोई ऐसी वस्तु जिसका वेग शून्य है, परंतु उसका त्वरण स्थिर है।
(b) त्वरित गति में स्थिर वेग से चलती हुई कोई वस्तु।
(c) क्षैतिज दिशा में गति करती हुई कोई वस्तु, जिसका त्वरण ऊर्ध्वाधर दिशा में है।
उत्तर-
(a) पृथ्वी तल से ऊपर की ओर फेंकी गई वस्तु जब अपने पथ के उच्चतम बिंदु पर पहुंचती है तो उसका वेग शून्य होता है जबकि त्वरण अचर रहता है। [चित्र (a)]

(b) असंभव है। यदि वस्तु की गति त्वरित है तो वस्तु का वेग स्थिर नहीं रह सकता, या तो वेग का परिमाण बदलेगा अन्यथा दिशा बदलेगी। संभवतया दोनों भी परिवर्तित हो सकते हैं।

(c) प्रक्षेप्य गति में प्रक्षेप्य पथ के उच्चतम बिंदु पर वेग क्षैतिज दिशा में रहता है, जबकि त्वरण ऊर्ध्वाधर दिशा में रहता है। [चित्र (b)]
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 26

प्रश्न 21.
निम्नलिखित ग्राफ में किस प्रकार की गति प्रदर्शित है ?
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 27
उत्तर-
(a) मंदित गति जो वस्तु को विराम अवस्था में ले आती है।

(b) परिवर्तनशील वेग। वस्तु विराम अवस्था से शुरू होती है और पहले भाग में एक समान त्वरण रखती है। दूसरे भाग में वस्तु एक समान वेग से चलती है। तीसरे भाग में वस्तु की गति मंदित होती है।

(c) विराम अवस्था से आरंभ होकर एक समान त्वरित गति।

(d) असमान त्वरित गति।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति

प्रश्न 22.
जिन कणों का निम्नलिखित वेग-समय ग्राफ हो उनके त्वरण पर टिप्पणी करो।
उत्तर-
(i) ढाल शून्य है ∴ त्वरण शून्य अर्थात् वेग अचर है।।
(ii) A और B दोनों की ढाल समान है और इसका त्वरण + ve है। त्वरण एक समान है।
(iii) यह मंदन की स्थिति है अर्थात् त्वरण ऋण है।
(iv) त्वरण परिवर्तनशील है, क्योंकि त्वरण (चक्र की ढाल) विभिन्न बिंदुओं पर भिन्न-भिन्न है।
(v) एक समान मंदन B पर एकसमान त्वरण में बदलता है।
(vi) एकसमान त्वरण A पर एक समान मंदन में बदलता है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 28
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 29

प्रश्न 23.
एक वस्तु एकसमान चाल (V) से गतिशील है। चाल-समय ग्राफ से t1 से t2 समय के मध्य उसके द्वारा तय की गई दूरी की आप किस प्रकार गणना करेंगे ?
उत्तर-
एक समान चाल (V) से चलने वाली वस्तु का चाल-समय ग्राफ अक्ष के समानांतर रेखा के रूप में होगा।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 30
∴ दूरी = चाल × समय
= V(t2 – t2)
= AB × (OD – OA)
= AB × AD
∴ आयत ABCD का क्षेत्रफल ही तय की गई दूरी होगी।

प्रश्न 24.
असमान गति के चार उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

  1. हवाई जहाज़ के द्वारा पट्टी (Run way) पर उतरते हुए या उड़ान भरते समय गति।
  2. किसी बस के द्वारा ब्रेक लगाने पर गति।
  3. ऊपर से नीचे की ओर गिरती वस्तु की गति।
  4. किसी पेंडुलम की दोलन गति।

प्रश्न 25.
एक धागे के सिरे पर पत्थर को बांधकर उसे एक सिरे से पकड़ कर स्थिर वेग से वृत्तीय पथ पर घुमाया गया। धागे को छोड़ देने से पत्थर की दिशा कौन-सी होगी ? इस आधार पर वस्तुओं की एक समान वृत्तीय गति के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 31
धागे को छोड़ देने पर इसकी दिशा वृत्तीय पथ की स्पर्श रेखा में होगी। जब धागे को छोड़ा जाता है तब पत्थर उसी दिशा में गति करता रहता है जिसमें गति कर रहा था।

उदाहरण – चंद्रमा और पृथ्वी की गति, पृथ्वी के चारों ओर वृत्तीय कक्षा में घूमता हुआ उपग्रह।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति

प्रश्न 26.
दो रेलगाड़ियां उत्तर और दक्षिण दिशा में जा रही हैं। उत्तर दिशा में जाने वाली गाड़ी 60 कि०मी० प्रति घंटा और दक्षिण दिशा में जाने वाली गाड़ी 80 किमी प्रति घंटा है। एक घंटे बाद इसका विस्थापन कितना होगा।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 32
एक घंटे के बाद विस्थापन = OX + OY
= 60 + 80 = 140 कि०मी०

प्रश्न 27.
चलती रेलगाड़ी में बैठा एक व्यक्ति गेंद को लंबात्मक दिशा में ऊपर की ओर फेंकता है। गेंद किस प्रकार गति करती दिखाई देगी-
(क) रेलगाड़ी में बैठे व्यक्ति को।
(ख) रेलगाड़ी के बाहर बैठे व्यक्ति को।
उत्तर-
(क) रेलगाड़ी में बैठे व्यक्ति को गेंद एकसमान गति में दिखाई देगी। यह गति बिल्कुल वैसी है जैसे गेंद पृथ्वी की सतह पर फेंकी गई हो।
(ख) रेलगाड़ी के बाहर बैठे व्यक्ति को गेंद असमान गति में दिखाई देगी तथा इस गति का पथ पैराबोलिक होगा क्योंकि इस अवस्था में गेंद पर क्षैतिज तथा गुरुत्वीय वेग दोनों ही क्रिया कर रहे हैं।

प्रश्न 28.
निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा वेग से और कौन-सा चाल से सम्बन्ध रखता है
(क) दूरी को तय करने की दर
(ख) विस्थापन को तय करने की दर।
उत्तर-
(क) दूरी को तय करने की दर को चाल कहते हैं। इसलिए इस कथन का संबंध चाल से है।
(ख) विस्थापन की दर को वेग कहते हैं। इसलिए इस कथन का संबंध वेग से है।

प्रश्न 29.
एक फुटबाल सीधी ऊपर की ओर फेंकी गई है। शीर्ष पर पहुंच कर इसका वेग और त्वरण क्या होगा ?
उत्तर-
ऊपर सीधी फेंकी गई फुटबाल का वेग धीरे-धीरे कम होगा और शिखर शीर्ष पर पहुंच कर इसका वेग शून्य हो जाएगा। परंतु इसका गुरुत्वीय प्रवेग, g = – 9.81 m/s2 के बराबर होगा।

प्रश्न 30.
क्या यह संभव है कि कोई व्यक्ति स्थिर (एक समान) चाल से चले, परंतु उसका वेग अस्थिर (असमान) हो। यदि हां, तो एक उदाहरण दो।
उत्तर-
हां, यह संभव हो सकता है, जब कोई व्यक्ति वृत्ताकार पथ पर स्थिर एक समान चाल से चलता है, तो उसकी वृत्ताकार पथ के प्रत्येक बिंदु पर दिशा बदलती रहती है। गति की यह दिशा उस बिंदु पर वृत्त के टेंजैट (स्पर्श रेखा) की दिशा में होती है। इसलिए दिशा बदलने के कारण वेग अस्थिर (असमान) होता है।

प्रश्न 31.
चित्र में किसी वस्तु की गति के लिए वेग-समय ग्राफ AB दर्शाता है। उस वस्तु का प्रारंभिक वेग और त्वरण ज्ञात करो।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 33
दिए गए वेग-समय ग्राफ से यह स्पष्ट है कि
वस्तु का आरंभिक वेग (u) = 7 m/s
अंतिम वेग (v) = 0
समय (t) = 10s
मान लो वस्तु का त्वरण a है
∴ a = \(\frac{v-u}{t}\)
= \(\frac{0-7}{10}\)
= – 0.7 m/s2

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति

भौतिक राशियों के चिह्न एवं महत्त्वपूर्ण सूत्र (Symbols of Physical Quantities and Important Formula)

(क) भौतिक राशियों के चिह्न
समय = t
चाल = v
दूरी = S
आरंभिक वेग = u
अंतिम वेग = v
त्वरण = a
औसत वेग = Vav

(ख) महत्त्वपूर्ण सूत्र
यदि आरंभिक वेग u समय t पर वेग v तथा समरूप त्वरण a हो तो निम्न संबंध गति समीकरण कहलाते हैं-
v = v + at (समय t पर वेग)
S = ut + \(\frac {1}{2}\)at2 (समय अंतराल 1 में विस्थापन)
v2 = u2 + 2as (वेग-वर्ग संबंध)
(nवें इकाई, समयांतराल में विस्थापन) (Sn) = u + (2n – 1) (\(\frac{a}{2}\))

संख्यात्मक प्रश्न (Numerical Problems)

प्रश्न 1.
रीता साइकिल पर 3.2. कि०मी० दूरी तय करने में 20 मिनट लगाती है। उसका वेग कि०मी०/ मिनट, मीटर/मिनट और कि०मी०/घंटा में ज्ञात करो।
हल :
तय की गई कुल दूरी = 3.2 कि०मी०
= 3200 मीटर
कुल समय = 20 मिनट]
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 34

प्रश्न 2.
अहमद अपनी कार 45 कि०मी०/घंटा वेग से चला रहा है ? वह (I) एक मिनट (II) एक सेकंड में कितनी दूरी तय करेगा ?
हल :
कार का वेग = 45 कि०मी०/घंटा
कार 60 मिनट में दूरी तय कर रही है = 45 कि०मी०
कार 1 मिनट में दूरी तय करेगी = \(\frac{45}{60}\)
= \(\frac{3}{4}\) = 0.75 कि०मी०
= 750 मीटर
इसी प्रकार, कार 1 सेकंड में दूरी तय करेगी
= \(\frac{750}{60}\)
= 12.5 मीटर।

प्रश्न 3.
सौरभ विराम अवस्था से अपने साइकिल का 30 सेकंड में वेग 6 मीटर/सै० प्राप्त कर लेता है। ब्रेक लगाने से अगले 5 सेकंड में साइकिल का वेग 4 मीटर/सै० हो गया। दोनों अवस्थाओं में साइकिल का त्वरण ज्ञात करो।
हल :
u = 0, v = 6 मी०/सै०, t = 30 सै०
v = u + at
6 = 0 + a × 30
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 35
= 0.2 मी०/सै०2

(ii) = 6 मी०/सै०, v = 4 मी०/सै०, t = 4 सै०
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 36
= 0.4 मी०/सै०2
मंदन = 0.4 मी०/सै०2

प्रश्न 4.
एक रेलगाड़ी विराम अवस्था से आरंभ होकर 5 मिनट में 72 कि० मी०/घंटा का वेग प्राप्त कर लेती है। समान त्वरण मानकर इसका त्वरण और तय की गई दूरी ज्ञात करो।
हल :
u = 0, t = 5 मिनट
v = 72 कि०मी०/घंटा,
v = \(\frac{72 \times 1000}{60 \times 60}\)
= 20 मी०/सै०
t = 5 × 60 = 300 सै०
परंतु a = \(\frac{v-u}{t}\)
= \(\frac{20-0}{300}=\frac{1}{15}\) = मी०/सै०2
∵ v2 = u2 + 2aS
= 0 + 2aS
S = \(\frac{v^{2}}{2 a}\)
= \(\frac{20 \times 20}{2 \times \frac{1}{15}}\) = 3000 मी०
= 3.0 कि०मी०।

प्रश्न 5.
एक कार समान त्वरण से 18 कि०/घंटा से 36 कि०/घंटा की गति 5 सेकंड में प्राप्त कर लेती है। इसका त्वरण और इस समय के बीच तय की गई दूरी ज्ञात करो।
हल :
u = 18 कि०मी०/घंटा, v = 36 कि०मी०/घंटा, t = 5 सै०
u = \(\frac{18 \times 1000}{60 \times 60}\)
= 5 मी०/सै०
v = \(\frac{36 \times 1000}{60 \times 60}\)
= 10 मी०/सै०
v = u + at
10 = 5 + a × 5
a = 1 मी०/सै०2
S = ut + \(\frac {1}{2}\)at2
= 5 × 5 + \(\frac {1}{2}\)(1) (5)2
= 25 + 12.5 = 37.5 मीटर।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति

प्रश्न 6.
एक पुलिस की गाड़ी हाइवे पर 30 कि०मी०/घंटे की चाल से दौड़ती हुई, उसी दिशा में चोरों की गाड़ी जो 192 कि०मी० प्रति घंटे की चाल से दौड़ रही है, पर गोली चलाते हैं। यदि गोली की चाल 150 मी०/ से० हो तो किस चाल से गोली चोरों की गाड़ी को लगेगी ?
हल :
गोली की छोड़ने की चाल = 150 मी०/से० = 540 कि०मी०/घंटा
∴ कुल चाल = 30 + 540 = 570 कि०मी०/घंटा
गोली की चाल चोरों की गाड़ी की सापेक्ष, जो उसी दिशा में चल रही है
= 570 – 192 = 378 कि०मी०/घंटा
= \(\frac{378 \times 1000}{60 \times 60}\) मी./से०
= 105 मी०/सेकंड।

प्रश्न 7.
एक रेलगाड़ी जो 50 मी० लंबी है, एक सीधे तथा समतल ट्रैक पर चलकर एक खंभे के पास 5 सेकंड में पहुंचती है।
(i) गाड़ी की चाल ज्ञात करो।
(ii) 450 मी० लंबे पुल को पार करने में गाड़ी कितना समय लगायेगी।
हल :
(i) जैसा कि गाड़ी खंभे को 5 सेकंड में तय करती है तो यह अपनी लंबाई के बराबर दूरी तय करती है। तब-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 37
= 10 मी०/सेकंड

(ii) पुल को पार करने में गाड़ी द्वारा तय की गई दूरी
= पुल की लंबाई + गाड़ी की लंबाई
= 450 मी० + 50 मी० = 500 मी०
इसलिए पुल को पार करने में गाड़ी को लगा समय
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 38
= 50 सेकंड

प्रश्न 8.
एक मोटर गाड़ी 50 कि०मी०/घंटा की चाल से एक निश्चित दूरी की यात्रा तय करती है और 40 कि०मी०/घंटा की चाल से वापस लौटती है। संपूर्ण यात्रा के लिए इसकी औसत चाल की गणना कीजिए।
हल :
माना कि निश्चित दूरी = x कि०मी०
50 कि०मी०/घंटा की चाल से x कि०मी० दूरी जाने में लगा समय
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 39

प्रश्न 9.
10.00 a.m. पर एक गाड़ी 40 km/h की चाल से गति कर रही है तथा 10.02 a.m. पर 50 km/ h की चाल से गाड़ी का त्वरण ज्ञात कीजिए।
हल :
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 40
= \(\frac{10 \times 60}{2}\) कि०मी०/घंटा2
= 300 कि०मी०/घंटा2

प्रश्न 10.
एक रेलगाड़ी 90km लंबे मार्ग में से पहले 30 km की दूरी 30 km/h की एकसमान चाल से तय करती है। शेष 60 km मार्ग को रेलगाड़ी किस चाल से तय करे कि उसकी औसत चाल 60 km/h हो जाए ?
हल :
पहले 30 km तय करने में लगा समय = \(\frac{30 \mathrm{~km}}{30 \mathrm{kmh}^{-1}}\) = 1h
मान लो x km/h की चाल से अगले 60 km तय होते हैं
तो अगले 60 km तय करने में लगा समय = \(\frac{60}{x}\)h
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 41
x = 120
अतः चाल 120 kmh-1 होनी चाहिए।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति

प्रश्न 11.
एक रेलगाड़ी 0.52 घंटे के लिए 60 km/h की चाल से 0.24 घंटे में 30 km/h तथा उससे अगले 0.71 घंटों में 70 km/h की चाल से चलती है। रेलगाड़ी की औसत चाल ज्ञात कीजिए।
हल :
0.52h समय में तय हुई दूरी
S1 = 0.52 × 60
= 31.2 km

0.24 h समय में तय हुई दूरी
S2 = 0.24 × 30
= 7.2 km

0.71 h समय में तय हुई दूरी
S3 = 0.71 × 70
= 49.7 km

कुल तय की गई दूरी = S1 + S2 + S3
= 31.2 + 7.2 + 49.7
= 88.1 km
कुल समय = 0.52 + 0.24 + 0.71
= 1.47 h
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 42
= \(\frac{88.1 \mathrm{~km}}{1.47 \mathrm{~h}}\)

प्रश्न 12.
एक कार 30 कि०मी० की दूरी 60 कि०मी०/घंटा की एक समान चाल से तय करती है तथा अगले 30 कि०मी० की दूरी 40 कि०मी०/घंटा की एक समान चाल से तय करती है। कुल लिया गया समय ज्ञात करो।
हल :
एक समान चाल के लिए
S = ul
माना पहले 30km की दूरी तय करने में लगा समय = t1
30 km = (60 km/h)t1
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 43
= \(\frac {1}{2}\)h = 30
मिनट इसी प्रकार, अगले 30 कि०मी० की दूरी तय करने में लगा समय = t2
30 km = (40 कि०मी०/घंटा) × t2
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 44
= 3/4 h = 45 मिनट
कुल लगा समय = t1 + t2 = 30 मिनट + 45 मिनट = 75 मिनट।
= 1 घण्टा 15 मिनट ।

प्रश्न 13.
पृथ्वी की कोणीय चाल का परिकलन कीजिए जबकि पृथ्वी अपने अक्ष के चारों ओर घूर्णन करती है।
हल :
पृथ्वी अपने अक्ष के चारों ओर एक घूर्णन 24 घंटे में पूरा करती है, अर्थात् 24 × 3600 5 में।
कोणीय विस्थापन, θ = 2π rad
समय अंतराल, t = 24h = (24 × 60 × 60) से०
पृथ्वी का कोणीय वेग,
ω = \(\frac{\theta}{t}=\frac{2 \pi \mathrm{rad}}{24 \times 3600 \mathrm{~s}}\)
= \(\frac{\pi}{43200}\)rad/s
= \(\frac{3.14}{43200}\)rad/s
= 7.27 × 10-5 rad/s.

प्रश्न 14.
एक पिंड विराम अवस्था से 0.6 मी०/से०2 के त्वरण के साथ चलता है। 300 मीटर चलने के बाद इसका वेग क्या होगा ? इस दूरी को तय करने में इसे कितना समय लगा ?
हल :
u = 0, a = 0.6 मी०/से०2
S = 300 मी०, y = ?, t = ?
v2 = u2 + 2aS
v2 = 2 × 0.6 × 300 = 360
v = \(\sqrt{360}\) = 6 × \(\sqrt{10}\) मी०/से०
= 19 मी०/से० (लगभग)
S = ut + \(\frac {1}{2}\)at2
300 = \(\frac {1}{2}\) × 0.6 × t2
t2 = \(\frac{300}{0.3}\)
\(\frac{3000}{3}\) = 1000
t = \(\sqrt{1000}\) = 31.5 सेकंड (लगभग)

प्रश्न 15.
15 मी०/से० की गणना कि०मी०/घंटा में करो।
हल :
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 45
= 54 कि०मी०/घंटा।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति

प्रश्न 16.
एक वस्तु 2 m/s के वेग से 5s तक चलती है। अगले 5s में एक समान त्वरण के कारण इसका वेग बढ़ कर 10 m/s हो जाता है। इसके बाद इस वस्तु का वेग एक समान रूप से कम होता है और वस्तु 10s में विराम की अवस्था में आ जाती है, तो
(a) इस वस्तु की गति के लिए वेग-समय तथा दूरी-समय ग्राफ खींचिए।
(b) ग्राफ में वह भाग दिखाइए, जहाँ गति एक समान है तथा जहाँ असमान है।
(c) ग्राफ से वस्तु द्वारा प्रारंभ से 25 तथा 12s बाद, तथा अंतिम 10s में तय की गई दूरी ज्ञात कीजिए।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 46

(c) एकसमान गति = BC तथा CD
असमान गति = OB
2 सेकंड में तय की गई दूरी = OA × OE’ = 2 × 2 = 4 मी०
12 सेकंड में तय की गई दूरी = 12 से० के बाद दूरी = ABCFF’ का क्षेत्रफल
= OABB+ BBCC’ का क्षेत्रफल + CC FF’ क्षेत्रफल
= (5 × 2) + \(\frac {1}{2}\)(2 +10) × 5 + \(\frac {1}{2}\)(10 + 8) × 2
= 10 + 30 + 18
= 58 मी०
अंतिम 10 से० में तय की गई दूरी = \(\sqrt{(10)^{2}+(10)^{2}}\)
= \(\sqrt{100+100}\) = \(\sqrt{200}\)
= \(\sqrt{100 \times 2}\) = 10√2 मीटर

प्रश्न 17.
चीता सबसे तेज़ दौड़ने वाला स्थल जंतु है और 500 मीटर से कम दूरी के लिए इसका सर्वोच्च वेग 100 km/h तक हो सकता है। यदि चीता अपने शिकार को 100m की दूरी पर देखता है तो उस तक पहुँचने में चीता कम-से-कम कितना समय लेगा यदि इस दौरान उसका औसत वेग 90kh/h हो।
हल :
औसत वेग = 90 कि०मी०/घंटा
= \(\frac{90 \times 1000}{60 \times 60}\) = 25 मी०/से०
चीते के द्वारा 25 मीटर दूरी तय की गई = 1 से०
चीते के द्वारा 1000 मीटर दूरी तय की गई = \(\frac{1}{25}\) × 100 = 4 सेकंड
अत: चीता 4 सेकंड में अपना शिकार पकड़ लेगा।

प्रश्न 18.
आजकल सभी बसों और कारों में स्पीडोमीटर लगे होते हैं जो किसी क्षण पर उनका वेग दिखाते हैं। ओडोमीटर नामक यंत्र वाहन द्वारा तय की गई दूरी मापता है। यदि किसी वाहन के आडोमीटर की माप यात्रा के प्रारंभ में 1048km और 40 मिनट बाद 1096 km थी, तो वाहन का औसत वेग परिकलित कीजिए। क्या वाहन की गतिशील स्थिति में स्पीडोमीटर की माप यही वेग प्रदर्शित करेगी ? अपने उत्तर के लिए कारण बताइए।
हल :
वाहन के द्वारा कुल तय की गई दूरी = 1096 – 1048
=48 कि०मी० समय = 40 मिनट
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 47
= 1.2 कि०मी०/मिनट
= 1.2 × 60
= 72 कि०मी०/घंटा
स्पीडोमीटर वाहन का वेग 72 कि०मी०/घंटा नहीं दर्शाएगा क्योंकि यह उसका औसत वेग है। भीड़ भरी सड़कों, चढ़ाई, उतराई आदि के कारण वाहन का वेग बढ़ता-घटता रहता है। वह सदा समान वेग से सड़क पर नहीं चलता।

प्रश्न 19.
कोई धावक 100 मीटर की दौड़ में भाग लेते हुए, पहले सेकंड में 4 मीटर, अगले 4 सेकंड में 30 मीटर व उससे अगले 4 सेकंड में 52 मीटर की दूरी तय करता है और वह दौड़ 10 सेकंड में पूरी कर लेता है तो,
(a) धावक के औसत वेग की गणना कीजिए।
(b) किस समय अंतराल में धावक का औसत वेग अधिकतम है ? इस वेग को उपयुक्त मात्रक में व्यक्त कीजिए।
(c) किस समय अंतराल में त्वरण अधिकतम होगा ?
(d) इस दौड़ में धावक की गति के लिए दूरी-समय ग्राफ बनाइए।
(e) ग्राफ की सहायता से धावक द्वारा 6 s के अंत तक तय की गई दूरी ज्ञात कीजिए।
हल :
(a)
कुल दूरी = 100 मीटर
कुल समय = 10 सेकंड
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 48
= 10 मी०/सेकंड
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 49
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 50
∴ दूसरे और तीसरे अंतराल में त्वरण अधिकतम होगा।

(d) दूरी समय ग्राफ
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 51

(e) 5 सेकंड के पश्चात् धावक द्वारा तय दूरी = \(\frac{34}{5}\) = 6.8 मी०/से०
6 सेकंड के अंत तक धावक द्वारा तय की गई दूरी = 40 मी०/से०

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति

प्रश्न 20.
कोई पत्थर ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की और 5 m/s के वेग से फेंका गया है। इसका त्वरण ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर 10 m/s2 हो तो, पत्थर द्वारा प्राप्त अधिकतम ऊँचाई ज्ञात कीजिए। इस उच्चतम ऊँचाई तक पहुँचने में पत्थर को कितना समय लगेगा ?
हल :
u = 5 मी०/से०, v = 0, a = 10 मी०/से०2
h = ?
t = ?
v2 = u2 + 2gh
(0)2 = (5)2 + 2 (-10) × h
0 = 25 – 20h
-20h = -25
h = \(\frac{25}{20}\)
= \(\frac{5}{4}\) = 1.2 मीटर
अब v = u + at
0 = 5 – 10t
t = \(\frac{-5}{-10}=\frac{1}{2}\) = 0.5 सेकंड

प्रश्न 21.
यात्रा शुरू होते समय कार का ओडोमीटर 2000 km प्रदर्शित करता है और यात्रा समाप्ति पर 2400 km प्रदर्शित करता है। यदि इस यात्रा में 8 h लगते हैं, तो कार की औसत चाल को km h-1 और ms-1 में ज्ञात करें।
हल :
कार के द्वारा तय की गई दूरी S = 2400 km – 2000 km = 400 km
दूरी तय करने में लगा कुल समय t = 8 h
कार की औसत चाल v = \(\frac{S}{t}\)
= \(\frac{400 \mathrm{~km}}{8 \mathrm{~h}}\) = 50km h-1
= 50 \(\frac{\mathrm{km}}{\mathrm{h}} \times \frac{1000 \mathrm{~m}}{1 \mathrm{~km}} \times \frac{1 \mathrm{~h}}{3600 \mathrm{~s}}\)
= 13.9 ms-1
कार की औसत चाल 50 km h-1 अथवा 13.9 ms-1 है।

प्रश्न 22.
ऊषा 90 m लंबे तालाब में तैरती है। वह एक सिरे से दूसरे सिरे तक सरल रेखीय पथ पर जाती है तथा वापस आती है। इस दौरान वह कुल 180 m की दूरी 1 मिनट में तय करती है। ऊषा की औसत चाल और औसत वेग को ज्ञात कीजिए।
हल:
ऊषा द्वारा 2 मिनट में तय की गई कुल दूरी (90 m + 90 m) = 180 m है।
1 मिनट में ऊष्मा का विस्थापन = 90 + (-90) = 90 – 90 = 0 m (∵ आरंभिक और अंतिम स्थिति एक ही है।)
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 52
= 0 ms-1
अतः ऊषा की औसत चाल 3 ms-1 है औसत वेग 0 ms-1 है।

प्रश्न 23.
विरामावस्था से राहुल अपनी साइकिल को चलाना शुरू करता है और 30 s में 6 ms-1 का वेग प्राप्त करता है। वह इस प्रकार से ब्रेक लगाता है कि साइकिल का वेग अगले 5 s से कम होकर 4 ms-1 हो जाता है। दोनों स्थितियों में साइकिल के त्वरण की गणना करें।
हल :
पहली स्थिति में
प्रारंभिक वेग, = 0;
अंतिम वेग, ‘ = 6 ms-1;
समय, t = 30s
∴ a = \(\frac{v-u}{t}\)
u, v और t का दिया हुआ मान ऊपर दिए गए समीकरण में रखने पर,
a = \(\frac{6 m s^{-1}-0 m s^{-1}}{30 s}\)
= 0.2 ms-2
दूसरी अवस्था में,
प्रारंभिक वेग, u = 6 ms-1;
अंतिम वेग v = 4 ms-1;
समय t = 5s;
तब a = \(\frac{4 m s^{-1}-6 m s^{-1}}{5 s}\)
= – 0.4 ms-2
साइकिल का त्वरण पहली स्थिति में 0.2 ms-2 है और दूसरी स्थिति में -0.4 ms-2 है।

प्रश्न 24.
किसी कार पर ब्रेक लगाने पर वह गति के विपरीत दिशा में 6 ms-2 का त्वरण उत्पन्न करती है। यदि कार ब्रेक लगाए जाने के बाद रुकने में 2 s का समय लेती है तो उतने समय में तय की गई दूरी की गणना करें।
हल :
दिया गया है,
a = -6 ms-2, t = 2S तथा v = 0 ms-1
v = u + at
0 = u + (-6 ms-2) × 2S
या u = 12 ms-1
S = ut + \(\frac {1}{2}\)at2
= (12 ms-1) × (2s) + \(\frac {1}{2}\) (6 ms-2) × (2s)2
= 24 m – 12 m
= 12 m
∴ कार रुकने के पहले 12 m की दूरी तय करेगी।
क्या अब आप इस महत्त्व को समझ सकते हैं कि चालक सड़क पर गाड़ी चलाते समय दूसरी गाड़ी से दूरी क्या बना कर रखते हैं ?

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति

प्रश्न 25.
(i) घड़ी की सेकंडों वाली सुई
(ii) घड़ी की मिनटों वाली सुई
(iii) घड़ी की घंटों वाली सुई का कोणीय वेग ज्ञात करो।
हल :
(i) घड़ी की सेकंड वाली सुई 1 सेकंड में एक चक्र पूरा करती है। इसे समय अंतराल कहते हैं।
θ = 2π रेडियन, t = 1 मिनट = 60s
ω = \(\frac{\theta}{t}\)
= \(\frac{2 \pi}{60}\) rad. s-1
= \(\frac{\pi}{30}\) rad s-1

(ii) मिनटों की सुई के लिए θ = 2π rad.
t = 1h = 60 × 60s
∴ ω = \(\frac{\theta}{t}\)
= \(\frac{2 \pi}{60 \times 60}\)
= \(\frac{\pi}{1800}\) rad s-1

(iii) घंटों की सुई के लिए t = 12 h
∴ ω = \(\frac{\theta}{t}\)
= \(\frac{2 \pi}{12 \times 60 \times 60}\)
= \(\frac{\pi}{21600}\) rad s-1

प्रश्न 26.
एक रेडियन कितने डिग्री के बराबर है ?
हल :
रेडियन और डिग्री में संबंध-
पूरे वृत्त द्वारा केंद्र पर स्थापित कोण = \(\frac{2 \pi r}{r}\) = 2π रेडियन और केंद्र पर स्थापित कुल कोण = 360°
∵ 2π rad = 360°
π rad = 180°
1 rad = \(\frac{180}{\pi}\)
= \(\frac{180}{22 / 7}\)
= \(\frac{180 \times 7}{22}\) = 57.3
1 rad = 57.3°

प्रश्न 27.
किसी कार का वेग 18 मीटर/से० है। इसको कि०मी०/घंटा में व्यक्त कीजिए।
हल :
कार का वेग = 18 मीटर/से०
\(\frac{18}{1000}\) × 60 × 60
= 64.8 कि०मी०/घंटा

प्रश्न 28.
मान लीजिए आप एक 9m लंबे कमरे में 1.5 किलोमीटर प्रति घंटा के वेग से चल रहे हैं। इस वेग को m/s के मात्रक में लिखिए। इस कमरे के एक सिरे से दूसरे सिरे तक जाने में आपको कितना समय लगेगा ?
हल :
वेग = \(\frac{3}{2}\) कि०मी०/घंटा
= \(\frac{3}{2} \times \frac{1000}{60 \times 60}\)
= \(\frac{5}{12}\) मी०/से०
= 0.42 मी०/से० (m/s)
\(\frac{5}{12}\) मी० की दूरी तय होने में समय लगाती है = 1/से०
9 मी० की दूरी तय होने में समय लगेगा = \(\frac{1 \times 9 \times 12}{5}\)
= \(\frac{108}{5}\) सेकंड
= 21.65 से०
∴ कमरे के एक ओर से दूसरी ओर जाने में लगा समय = 21.65 से०

प्रश्न 29.
किसी वृत्ताकार साइकिल ट्रैक की परिधि 314 मीटर है, AB इसका एक व्यास है। यदि कोई साइकिल सवार इस वृत्ताकार पथ पर A से B तक 15.7 मीटर प्रति सेकंड के स्थिर वेग से साइकिल चलाता है तो साइकिल सवार के लिए ज्ञात कीजिए-
(a) उसके द्वारा तय की गई दूरी।
(b) उसका विस्थापन, यदि AB उत्तर-दक्षिण दिशा में हो।
(c) उसका औसत वेग।
हल :
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 53
व्यास = AB
परिधि = 314 m.
चाल = 15.7 m/s.
15.7 मी० तय करने में लगा समय = 1 से०
314 मी० तय करने में लगा समय = \(\frac{1 \times 314}{15.7}\)
= 20 से०

(a) साइकिल सवार के द्वारा तय की गई दूरी = 2πr = 314 मीटर
r = \(\frac{314}{2 \times 3.14}\)
= \(\frac{314 \times 100}{2 \times 314}\)
= 50 मी०

(b) विस्थापन = शून्य
∵ अंतिम स्थिति तथा प्रारंभिक स्थिति समान है।

(c) PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 54
औसत वेग = \(\frac{314}{20}\)
= 15.7 मीटर/से०

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
गति किसे कहते हैं ?
उत्तर-
गति – जब कोई वस्तु समय के साथ अपनी स्थिति में परिवर्तन करती है तो उसे गति में कहते हैं।

प्रश्न 2.
नियंत्रित गति का मानव के लिए एक उपयोग लिखिए।
उत्तर-
पानी के द्वारा विद्युत् उत्पादन।

प्रश्न 3.
वस्तु की दूरी को जानने के लिए किस बात की आवश्यकता नहीं होती ?
उत्तर-
गति की दिशा की।

प्रश्न 4.
वस्तु का विस्थापन क्या है ?
उत्तर-
विस्थापन – वस्तु का प्रारंभिक और अंतिम स्थिति के बीच की न्यूनतम दूरी को वस्तु का विस्थापन कहते हैं।

प्रश्न 5.
दो विभिन्न भौतिक राशियां कौन-सी हैं ?
उत्तर-
दूरी और विस्थापन।

प्रश्न 6.
गाड़ियों की गति को कौन-सा यंत्र प्रदर्शित करता है ?
उत्तर-
ओडोमीटर।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति

प्रश्न 7.
एक समान गति किसे कहते हैं ?
उत्तर-
एक समान गति – जब कोई वस्तु समान समयांतराल में समान दूरी तय करती है तो उस की गति को एक समान गति कहते हैं।

प्रश्न 8.
असमान गति के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
सड़क पर जा रही कार, पार्क में व्यायाम कर रहा एक व्यक्ति।

प्रश्न 9.
चाल किसे कहते हैं ?
उत्तर-
चाल – वस्तु द्वारा इकाई समय में तय की गई दूरी को चाल कहते हैं।

प्रश्न 10.
चाल का मात्रक क्या है ?
उत्तर-
चाल का मात्रक मीटर प्रति सेकंड (ms-1) है। यह सेंटीमीटर प्रति सेकंड (cms-1) तथा किलोमीटर प्रति घंटा (km h-1) भी हो सकता है।

प्रश्न 11.
औसत चाल को किस प्रकार प्राप्त किया जाता है ?
उत्तर-
औसत चाल – वस्तु की औसत चाल को उसके द्वारा तय की गई कुल दूरी को कुल समयावधि से भाग देकर प्राप्त किया जाता है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 55

प्रश्न 12.
वेग किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वेग – एक निश्चित दिशा में चाल को वेग कहते है।
अथवा
एक निश्चित दिशा में इकाई समय में वस्तु द्वारा तय की गई दूरी।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति

प्रश्न 13.
त्वरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
त्वरण – किसी वस्तु के प्रति इकाई समय में वेग परिवर्तन की माप को त्वरण कहते हैं।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 56

प्रश्न 14.
त्वरण का मात्रक क्या है ?
उत्तर-
ms-2

प्रश्न 15.
ग्राफ़ से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
ग्राफ़ – एक भौतिक राशि से दूसरी भौतिक राशि के सापेक्ष परिवर्तन को दो विभिन्न अक्षों पर चित्रित करना ग्राफ़ कहलाता है।

प्रश्न 16.
दूरी-समय ग्राफ़ क्या है ?
उत्तर-
किसी वस्तु की स्थिति को समय के साथ प्रदर्शित करना दूरी-समय ग्राफ़ कहलाता है।

प्रश्न 17.
एकसमान चाल के लिए समय के साथ तय की गई दूरी का ग्राफ़ कैसा होता है ?
उत्तर-
एक सरल रेखा।

प्रश्न 18.
दूरी-समय ग्राफ़ से क्या जाना जा सकता है ?
उत्तर-
वस्तु की चाल।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति

प्रश्न 19.
एकसमान त्वरित गतियों के लिए वेग-समय ग्राफ़ कैसा होता है ?
उत्तर-
एक सीधी रेखा।

प्रश्न 20.
त्वरित गति का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
एक वृत्तीय पथ पर दौड़ता हुआ एक एथलीट।

प्रश्न 21.
किसी एथलीट को षट्कोणीय पथ के अनुदिश दौड़ते हुए एक चक्कर पूरा करने में कितनी बार अपनी दिशा बदलनी पड़ेगी ?
उत्तर-
छ: बार।

प्रश्न 22.
यदि एक एथलीट r त्रिज्या वाले वृत्तीय पथ का एक चक्कर लगाने के लिए ‘t’ सेकंड समय लेता है तो उसका वेग (v) क्या होगा ?
उत्तर-
v\(\frac{2 \pi r}{t}\)

प्रश्न 23.
एकसमान वृत्तीय गति किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जब एक वस्तु वृत्तीय रास्ते पर एकसमान चाल से चलती है जब उसकी गति को एकसमान वत्तीय गति कहते हैं।

प्रश्न 24.
वृत्तीय गति के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

  1. किसी वाहन के पहिए की गति ।
  2. रम्पी के सिरे पर बँधा पत्थर जो समतल वृत्त में गतिमान हो।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति

प्रश्न 25.
यदि कोई वस्तु एक वृत्तीय पथ पर एक समान चाल से गति कर रही हो तो उसकी गति किस प्रकार की होगी ?
उत्तर-
एक असमान और त्वरित गति।

प्रश्न 26.
एक वस्तु त्रिज्या r के वृत्तीय पथ पर चल रही है। एक चक्कर लगाने में इसका विस्थापन और दूरी क्या है ?
उत्तर-
विस्थापन – 0 (शून्य)
दूरी = 2πr.

प्रश्न 27.
एक क्रिकेट खिलाड़ी गेंद को ऊपर उछालता है और उसी स्थिति में पुनः कैच कर लेता है। गेंद का कुल विस्थापन कितना है ?
उत्तर-
कुल विस्थापन शून्य है।

प्रश्न 28.
दूरी समय ग्राफ़ में ढाल क्या बताती है ?
उत्तर-
वस्तु की चाल बताती है।

प्रश्न 29.
कोई वस्तु सूर्य के इर्द-गिर्द अचर चाल से वृत्ताकार परिपथ में घूम रही है। इसकी गति त्वरित है या नहीं ?
उत्तर-
वस्तु की गति की दिशा निरंतर बदल रही है अतः वेग भी निरंतर बदल रहा है। गति त्वरित है।

प्रश्न 30.
घड़ी की सेकंड वाली सुई के सिरे की गति कैसी है ?
उत्तर-
वृत्ताकार।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति

प्रश्न 31.
यदि कोई ट्रक 2 घंटे में 100 km की दूरी तय करे तो उसकी औसत चाल क्या होगी ?
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 57

प्रश्न 32.
प्रकाश की चाल 3 × 108 m/s है। यह km/h में कितनी होगी ?
उत्तर-
प्रकाश की चाल 3 × 108 m/s
= \(\frac{3 \times 10^{8} \times 3600}{1000}\) km/h
= 1.8 × 109 km/h

प्रश्न 33.
यदि किसी वाहन की चाल 3 घंटे में 0 से 60 km/h हो जाए तो उसका त्वरण कितना होगा?
उत्तर-
त्वरण = \(\frac{(60-0) \mathrm{km} / \mathrm{h}}{3 \mathrm{~h}}\) = 20 km/h2

प्रश्न 34.
गीता प्रातः 7.00 बजे स्कूल गई और दोपहर 1.30 बजे वापस घर लौट आई। उसका विस्थापन ज्ञात कीजिए।
उत्तर-
शून्य।

प्रश्न 35.
सुधीर 300 मीटर की दूरी को 15 सेकंड में पूरा करता है। उसका वेग कितना होगा ?
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 58

प्रश्न 36.
आपकी साइकिल 20 सेकंड 5 m/s की चाल प्राप्त करती है। साइकिल का त्वरण क्या होगा ?
उत्तर-
त्वरण (a) = \(\frac{v-u}{t}=\frac{5-0}{20}=\frac{5}{20}=\frac{1}{4}\) = 25m/s2

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति

प्रश्न 37.
किसी गतिशील वस्तु का एक समय अंतराल में विस्थापन शून्य है। क्या उस वस्तु के दवाग तय की गई दूरी भी शून्य होगी ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
नहीं। यद्यपि गतिशील वस्तु पुनः अपने प्रारंभिक स्थल पर वापस लौट आती है तथापि उसके दवारा जय की गई दूरी शून्य नहीं होगी।

प्रश्न 38.
पृथ्वी और चंद्रमा की गति किस प्रकार की गति के उदाहरण हैं ?
उत्तर-
एकसमान वृत्तीय गति के उदाहरण।

प्रश्न 39.
विस्थापन को आप किस प्रकार की राशि मानते हैं-स्केलर या वैक्टर ?
उत्तर-
वैक्टर राशि।

प्रश्न 40.
दूरी किस प्रकार की राशि है-स्केलर या वैक्टर ?
उत्तर-
स्कलेर राशि।

प्रश्न 41.
वायु में ध्वनि की चाल कितनी होती है ?
उत्तर-
346 m/s-1

प्रश्न 42.
असमान चाल से चलने वाले वाहन का दूरी-समय ग्राफ़ का आकार कैसा होगा ?
उत्तर-
वक्र रेखा आकार का।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति

प्रश्न 43.
वृत्तीय गति किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वृत्तीय गति – जब कोई वस्तु वृत्ताकार पथ पर गति करती है तो वस्तु की गति वृत्तीय गति कहलाती है।

प्रश्न 44.
कोणीय वेग क्या होता है ?
उत्तर-
कोणीय वेग – वृत्तीय पथ पर गति करती हुई वस्तु का कोणीय विस्थापन तय करने की दर उस वस्तु का कोणीय वेग कहलाता है। उसे ω ( ओमेगा) से दर्शाते हैं।

प्रश्न 45.
यदि कोई वस्तु 25 मीटर प्रति सेकंड के एकसमान वेग से गति कर रही है, तो 5 सेकंड के पश्चात् उस वस्तु का वेग क्या होगा ?
उत्तर-
5 सेकंड के बाद भी वस्तु का वेग 25 मीटर/सेकंड ही रहेगा क्योंकि वह वस्तु एकसमान वेग से गतिशील है।

प्रश्न 46.
दो साइकिल सवार विपरीत दिशाओं में चलते हुए एक घंटे में एकसमान दूरी S तय करते हैं। यदि साइकिल सवार उत्तर-दक्षिण दिशा में चल रहे हों तो एक घंटे में उनके द्वारा कितना विस्थापन होगा ?
उत्तर-
उनका विस्थापन = S + S = 2S

प्रश्न 47.
नीचे के ग्राफ़ में चाल का मान (Value) बताइए।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 59

प्रश्न 48.
हमारी आँख झपकने की चाल क्या है ? इसके लिए आपको आँख की पुतली का आकार तथा उस समय का अनुमान लगाना होगा जितनी देर आँख पलक झपकने के दौरान बन्द रहती है ?
उत्तर-
10-1 ms-1
संकेत : आँख के गोलक का आकार लगभग ≈10-2m है। आँख जितनी देर के लिए बन्द रहती है ≈10-1s ।
चाल = \(\frac{10^{-2} \mathrm{~m}}{10^{-1} \mathrm{~s}}\) = 10-1 ms -1

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति

प्रश्न 49.
एक वस्तु त्रिज्या r के वृत्तीय पथ पर चल रही है। एक चक्कर लगाने में इसका विस्थापन क्या है और तय की गई दूरी क्या है ?
उत्तर-
विस्थापन = 0 (शून्य)
दूरी = 2πr

प्रश्न 50.
साथ दिए ग्राफ़ में दूरी-समय आरेख में बताओ किसकी चाल अधिक है?
उत्तर-
B की चाल A की अपेक्षा अधिक है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 8 गति 60

प्रश्न 51.
एक कण r अर्धव्यास के वृत्तीय पथ पर गतिशील है। कण के द्वारा आधी परिक्रमा में तय की गई दूरी क्या है ? उसका विस्थापन कितना होगा ?
उत्तर
दूरी = πr
विस्थापन = 2r

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
पादप जगत् को कितने उप-जगतों में विभाजित किया गया है ? उप-जगत् क्रिप्टोगैमी का सचित्र वर्णन करो।
उत्तर-
पादप जगत् (Division Planate) को दो उप-जगतों (i) क्रिप्टोगैमी (Cryptogamme) तथा फैनेरोगैमी (Phanerogamme) में विभाजित किया गया है।

उप-जगत् क्रिप्टोगैमी – इसके निम्नलिखित लक्षण हैं-

  1. इनमें जड, तने और पत्ते विकसित नहीं होते।
  2. इसमें जनन अंग छिपे हुए होते हैं। इसलिए दिखाई नहीं देते।
  3. इनमें पुष्प भ्रूण अवस्था तथा बीज नहीं होते।

इन्हें फिर तीन डिवीज़नों में विभाजित किया गया है।

  1. डिवीजन थैलोफाइटा (Division Thallophyta)
  2. डिवीजन ब्रायोफाइटा (Division Bryophyta)
  3. डिवीजन टैरीडोफाइटा (Division Pteridophyta) ।

डिवीज़न थैलोफाइटा – इसके निम्नलिखित लक्षण हैं-

  1. इन पौधों का शरीर जड़, तना तथा पत्ती में विभाजित नहीं होता।
  2. इन पौधों के शरीर को सुकाय (Thallus) कहते हैं।
  3. जनन अंग सरल और साधारण होते हैं।
  4. इन पौधों के युग्मक में भ्रूण नहीं बनता। शैवाल, कवक तथा लाइकन इस डिवीज़न के अंतर्गत आते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता 1

शैवाल के लक्षण-

  • यह सामान्य जल में पाए जाते हैं।
  • इन पौधों में क्लोरोफिल होता है और ये अपना भोजन स्वयं बनाते हैं।
  • इनका सूकाय एक कोशिकीय तथा बहुकोशिकीय और तंतुमय होता है।
  • इनकी कोशिका भित्ति सेल्यूलोज और पैकटिक पदार्थों की बनी हुई होती है।
  • ये अन्य पौधों की छालों पर, नम भूमि तथा दीवारों पर पाए जाते हैं।
  • इनमें भोजन पदार्थ मांड के रूप में संचित होता है। स्पाइरोगाइरा, यूलोथ्रिक्स, क्लेडोफोरा, अल्वा आदि मुख्य शैवाल हैं।

कवकों के लक्षण-

  1. इनमें पर्ण हरित (Chlorophyll) नहीं पाया जाता इसलिए ये अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकते।
  2. ये परजीवी तथा मृतोपजीवी या विषमपोषी होते हैं।
  3. ये धागों जैसी रचनाओं जिन्हें कवक तंतु कहते हैं, के बने होते हैं, जो एक कोशिकीय या बह कोशिकीय होते हैं।
  4. कवक तंतु से निर्मित सूकाय को माइसीलियस कहते हैं।
  5. इनकी कोशिका भित्ति काइटन या कवक सेल्यूलोज या दोनों की बनी होती है।
  6. इनमें संचित भज्य पदार्थ तेल, वोल्यूटिन या ग्लाइकोजन के रूप में होता है। यीस्ट, राइजोपस, पेनिसिलियम, म्यूकर आदि मुख्य कवक हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता 2

लाइकेन (Lichens) के लक्षण-
ये शैवाल तथा कवक के परस्पर सहयोग से बने सहजीवी पौधे हैं। ये पौधों जैसे प्रतीत होते हैं। शैवाल अवयव नीले हरे शैवाल अथवा हरे शैवाल होते हैं। शैवाल कवक को भोजन प्रदान करते हैं। कवक अवयव, शैवाल को खनिज, जल और सुरक्षा प्रदान करते हैं। ऐसा जीवन जिसमें दोनों सहयोगियों को एक-दूसरे से लाभ प्राप्त हो, को सहजीवन लाइकेन फोलिओज़ फ्रक्टिकोज लाइकेन (Symbiosis) कहते हैं। ये वृक्षों की छालों, नंगी चट्टानों, दीवारों तथा घरों की छत्तों आदि पर उगते हैं।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता 2 1

पार्मेलिया, ग्रेफिस, गाइरोफाइरा तथा असनिया मुख्य लाइकेन हैं।

डिवीज़न ब्रायोफाइटा के लक्षण-इसके मुख्य लक्षण निम्नलिखित हैं-

  1. इन पौधों का शरीर, जड़, तना तथा पत्तों जैसी रचनाओं में बंटा होता है।
  2. ये नमी वाले तथा छायादार स्थानों पर उगते हैं।
  3. इनमें संवहन ऊतक नहीं होते।
  4. इनमें युग्मकोद्मिद स्वतंत्र होता है तथा यह मुख्य पौधा होता है।
  5. ये युग्मकोद्मिद (Gametophyte) तथा बीजाणु उदभिद् (Sporophyte) पीढ़ी प्रदर्शित करते हैं।

इस खंड को निम्नलिखित दो वर्गों में बांटा गया है-
वर्ग 1. हिपेटिसी (Hepaticae) – इनका सुकाय चपटा और डारसीवेंट्रफ होता है। यह हरा सूकाय है। उदाहरणरिक्सीया (Riccia), मारकेंशिया।

वर्ग 2. मसाई (Musci) – मसाई समूह में नम और छायादार जगहों पर उगते हैं, पौधे का शरीर तने तथा पत्ती जैसी रचनाओं में बंटा होता है और यह वनस्पति धरती पर मेराइनोइस (Rhizoids) द्वारा लगाई जाती है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता 2 2

डिवीज़न टैरीडोफाइटा के लक्षण – इसके मुख्य लक्षण निम्नलिखित हैं-

  1. इनका शरीर जड़, तना तथा पत्तियों में विभाजित होता है।
  2. इसमें जनन अंग बहुकोशिकीय होते हैं।
  3. इनमें स्पोरेंजियम पत्ती की निचली सतह पर विकसित होते हैं।
  4. इनमें निषेचित अंडे से भ्रूण बनता है।
  5. पौधे पीढ़ी एकांतरण दर्शाते हैं।
    उदाहरण टैरिस, सिलैजिनैला फर्न।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता 3

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता

प्रश्न 2.
उप-जगत् फैनेरोगैमी के लक्षण बताओ। इसके विभिन्न उपखंडों का चित्र बनाकर वर्णन करो।
उत्तर-
फैनेरोगैमी के लक्षण- इसके मुख्य लक्षण निम्नलिखित हैं-

  1. इनका शरीर जड़, तना तथा पत्तियों में विभाजित होता है।
  2. इनमें संवहन ऊतक जाइलम तथा फ्लोएम बंडलों के रूप में उपस्थित होते हैं।
  3. इनमें बहुकोशिकीय जनन अंग होते हैं।
  4. इन पौधों में निषेचित अंडे से भ्रूण का निर्माण होता है।
  5. इन्हें बीजों वाले पौधे कहते हैं।

इन बीजों वाले पौधों को निम्नलिखित दो उप-खंडों में विभाजित किया गया है-
(i) जिम्नोस्पर्म अथवा नग्न बीजी (Gymnosperms)
(ii) एंजिओस्पर्म (Angiosperms)

(i) जिम्नोस्पर्म अथवा नग्न बीजी पौधों के लक्षण-

  1. इन पौधों के फूलों को कोन (cone) कहते हैं। फूलों में दल तथा बाह्य दल नहीं होते।
  2. इनके बीज नग्न होते हैं।
  3. इनके जननांग शंकु के आकार के होते हैं।
  4. इनमें बीजांड गुरु बीजाणुपर्ण (megasporophyll) की सतह पर लगे हुए होते हैं।
    पाइनस, चील, देवदार आदि इसके मुख्य उदाहरण हैं।
  5. निषेचन के बाद एक या एक से अधिक भ्रूण उत्पन्न होते हैं।

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(ii) ऐंजियोस्पर्म पौधों के लक्षण-

  1. इन पौधों के तने शाकीय अथवा काष्ठीय होते हैं।
  2. इनमें शाक, झाड़ी तथा वृक्ष आते हैं।
  3. इनके फूलों में दल तथा बाह्य दल पाए जाते हैं।
  4. इनके बीज फलों से ढके रहते हैं। इसे निम्नलिखित दो भागों में विभाजित किया जाता है-

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(i) द्विबीज पत्री (Dicotyledonous) – इनमें दो बीज-पत्र होते हैं।
उदाहरण – मटर तथा चना।

(ii) एक बीज पत्री (Monocotyledonous) – इनमें एक बीज-पत्र होता है।
उदाहरण – गेहूँ, मक्का तथा चावल आदि।

प्रश्न 3.
जंतु (प्राणी) जगत् के मुख्य फाइलमों के नाम लिखो। इनमें से प्रत्येक की एक या दो मुख्य विशेषताएं तथा उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
जंतुओं (प्राणियों ) के कुछ प्रमुख फाइलम तथा उनके लक्षण और उदाहरण-
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प्रश्न 4.
जंतु (प्राणी) जगत् के फाइलम प्रोटोजोआ तथा पोरीफैरा के लक्षणों का उदाहरण सहित वर्णन करो।
उत्तर-
फाइलम प्रोटोजोआ के लक्षण-

  1. ये अति आदिम तथा एक कोशिकीय जीव हैं।
  2. कुछ प्रोटोजोआ मृदु जल तथा समुद्रीय जल में पाए जाते हैं। इनमें कुछ स्वतंत्र जीवी तथा परजीवी भी होते हैं।
  3. इनमें प्रचलन कूट पाद, फ्लैजला अथवा सिलिया द्वारा होता है।
  4. इनमें पोषण जंतुसम (holozoic), पादपसम (Holophytic) तथा विषमपोषी होता है।
  5. इनमें श्वसन शरीर की सामान्य सतह द्वारा होता है।
  6. इनमें जनन खंडन अथवा बहुखंडन विधि अथवा सिस्ट उत्पत्ति द्वारा होता है।
    अमीबा, यूग्लीना, पैरामीशियम, प्लाजमोडियम तथा ट्रिपनोसोमा इसके मुख्य उदाहरण हैं।

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फाइलम पोरीफेरा के लक्षण-

  1. ये बहु-कोशिकीय होते हैं।
  2. ये प्रायः समुद्री जल में पाए जाते हैं।
  3. इनकी देहभित्ति दो स्तरों की बनी हुई होती है।
  4. इनमें तंत्रिका तंत्र तथा कंकाल तंत्र विकसित नहीं होती है।
  5. इनमें नाल तंत्र (Canal System) उपस्थित होती है।
  6. इनमें शरीर में छोटे-छोटे छिद्र और एक बड़ा छिद्र (Osculum) पाया जाता है।
  7. इनकी देह भित्ति की आंतरिक परत पर कालर कोशिकाएं पायी जाती हैं।
    स्पंज, साइकॉन युप्लेक्टेला तथा स्पंजिला इसके मुख्य उदाहरण हैं।

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प्रश्न 5.
फाइलम सीलेन्ट्रेटा तथा प्लैटीहैलमिन्थीज के सामान्य लक्षण बताओ।
उत्तर-
फाइलम सीलेंट्रेटा के लक्षण-

  1. ये समुद्रों और ताज़े पानी में पाए जाते हैं। हाइड्रा (Hydra) ताजे पानी का जीव है।
  2. ये एकल अथवा कोलोनियल होते हैं।
  3. इनके कोलोनियल जीवों में पीढ़ी रूपांतरण होता है।
  4. इसके कुछ जंतुओं में लाइम का बाह्य कंकाल होता है। (कोरल)
  5. इनमें जनन अलैंगिक कलिका उत्पादन द्वारा तथा लैंगिक जनन मैडूयसा द्वारा होता है।
  6. इनमें स्टिंगिंग कोशिकाएं होती हैं जिन्हें निडोब्लास्ट कहते हैं।
  7. इन जंतुओं की रेडियल समिती होती है।
  8. इनमें दंश कोशिकाएं टैटेकलस पर पाई जाती हैं।
    हाइड्रा, ओबिलिया, सी-एनीमोन तथा मूंगा इसके मुख्य उदाहरण हैं।

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फाइलम प्लैटीहैलमिंथीज के लक्षण-

  1. ये प्रायः चपटे कृमि होते हैं।
  2. ये अधिकतर परजीवी होते हैं।
  3. इनका शरीर तीन स्तरों (layers) का बना हुआ होता है अर्थात् यह जंतु त्रिप्लोब्लास्टिक है।
  4. इनका शरीर पृष्ठ, अधर चपटा (dorsoventrally flattened) होता है।
  5. यह तरल आहार, पारगम्य विधि (Osmosis) द्वारा अवशोषित है।
  6. इनका शरीर द्विपार्श्व सममित होता है।
  7. ये प्रायः द्विलैंगिक होते हैं तथा इनका जनन तंत्र जटिल होता है।
  8. इन जंतुओं में शरीर गुहा नहीं होती।
    फीता कृमि, प्लेनेरिया तथा लिवर फल्यूक इसके मुख्य उदाहरण हैं।

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प्रश्न 6.
फाइलम अर्थोपोडा तथा एकाइनोडर्मेटा के मुख्य लक्षण बताओ।
उत्तर-
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फाइलम अर्थोपोडा के लक्षण-

  1. इनका शरीर खंड युक्त होता है।
  2. इनके खंड पर प्रायः एक जोड़ी संधि युक्त टांगें होती हैं।
  3. इनका शरीर बाहर की ओर जुड़ा हुआ तथा द्विपार्श्व सममित होता है।
  4. इनमें शरीर गुहा (Haemocoel) होती है।
  5. इसके मुंह के भागों पर पार्श्व जबड़े होते हैं जो फाड़ने, काटने तथा चबाने तथा चूसने के लिए रूपांतरित होते हैं।
  6. इनके शरीर का काइटिन का बना कठोर निर्जीव तथा बाह्य कंकाल होता है।
  7. इनका परिवहन तंत्र खुले प्रकार का होता है।

कॉकरोच, प्राण (पेलिमोन), केंकड़ा, बिच्छू, मक्खी, मधुमक्खी, मच्छर, सैंटीपीड, मिलिपीड आदि इस फाइलम के मुख्य उदाहरण हैं।

फाइलम एकाइनोडर्मेटा के लक्षण-

  1. इस फाइलम के जंतुओं की त्वचा कांटेदार (spinous) होती है।
  2. इनके शरीर के खंड (segments) नहीं होते।
  3. इनकी त्वचा शरीर के बाहर की ओर कांटेदार चूने की (CaCO3) कवच बनाती है।
  4. इस फाइलम के लगभग सभी जंतु समुद्रों में पाए जाते हैं।
  5. इनमें सीलोम तथा जल संवहन तंत्र (water vascular system) पाया जाता है।
  6. इनका प्रचलन खोखली माल पाद की सहायता से होता है। (7) इनमें लिंग अलग-अलग भी होते हैं और कुछ द्विलिंगी भी होते हैं।
  7. इनमें पुनरुद्भवन (Regeneration) की क्षमता होती है।
    समुद्री आर्चिन, सितारा मछली, एंटीडॉन तथा होलोथुरिया या सी-कुकम्वर इसके कुछ मुख्य उदाहरण हैं।

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प्रश्न 7.
अधिवर्ग मत्स्य के लक्षण बताइए। इसे कितने वर्गों में बांटा गया है ? प्रत्येक का उदाहरण सहित वर्णन करो।
उत्तर-
अधिवर्ग मत्स्य (Superclass Pisces) – इसमें सभी मछलियां आती हैं। ये नदियों, तालाबों, पोखरों, नहरों व समुद्रों में पाई जाती हैं । इसके निम्नलिखित लक्षण हैं –

  1. इनका शरीर असमतापी तथा धारारेखित होता है।
  2. ये क्लोम (gills) द्वारा श्वसन करती हैं।
  3. इनका बाह्य कंकाल शल्कों का बना हुआ होता है।
  4. इनमें पार्श्व रेखा तंत्र उपस्थित होता है।
  5. इनमें बाह्य कान नहीं होते।
  6. इनके हृदय में एक आलिंद तथा एक निलय दो भाग होते हैं।

अधिवर्ग मत्स्य को निम्नलिखित तीन वर्गों में विभाजित किया गया है-
1. वर्ग प्लेकोडर्मी (Placodermi) – इस वर्ग की मछलियाँ अब लुप्त हो गई हैं । इनके के वल जीवाश्म ही पाए जाते हैं।
उदाहरण – क्लाइमेटियस।

2. वर्ग कांडिकथीज (Chondrichthyes) के लक्षण-

  • इस वर्ग की मछलियाँ प्रायः समुद्रों में पाई जाती हैं।
  • इनका अंत: कंकाल उपास्थि का बना होता है ।
  • इनका बाह्य कंकाल शल्कों का बना होता है।
  • इनके दांत एक ही आकार के होते हैं।
  • इनमें श्वसन गलफड़ों द्वारा होता है तथा गिल्ज की संख्या 5-7 तक होती है।
  • कुत्ता मछली, विद्युत् मीन, टोरपीडो आदि इसके मुख्य उदाहरण हैं।

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3. वर्ग आस्टिक्थीज़ (Osteichthyes) के लक्षण-

  • इनका अंतः कंकाल अस्थि का बना हुआ होता है।
  • यह समुद्रों, नहरों, नदियों, तालाबों आदि में पाई जाती हैं।

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  • इनका मुख अग्र होता है तथा जबड़े पूरी तरह विकसित होते हैं।
  • इनके गिल्स आपरकुलम की सहायता से ढके हुए होते हैं।
  • इस वर्ग की कुछ मछलियों में वाताशय (Air bladder) भी पाए जाते हैं।
  • इस वर्ग की मछलियाँ एक-लिंगी होती हैं।
    एनाबास, रोहू, उड़ने वाली मछली, दरियाई घोड़ा तथा लंगफिश इसके कुछ मुख्य उदाहरण हैं।

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प्रश्न 8.
जलस्थलचर श्रेणी तथा सरीसृप श्रेणी के जीवों के लक्षण बताओ।
उत्तर-
जलस्थलचर श्रेणी के लक्षण-

  1. ये जंतु जल तथा थल दोनों स्थानों पर पाए जाते हैं।
  2. इनका शरीर असमतापी (Cold blooded) होता है।
  3. ये गिल्स, त्वचा तथा फेफड़ों द्वारा श्वसन करते हैं।
  4. इनमें अग्रम और पिछले पैर होते हैं।
  5. इनके पैरों की पांच उंगलियां होती हैं।
  6. इनके हृदय के तीन भाग होते हैं।
  7. ये एक लिंगी जंतु हैं।
  8. कई जंतुओं के शरीर पर दाने (warts) होते हैं।
    मेंढक, टोड, हाइला तथा सेलेमेंडरा इस वर्ग के मुख्य उदाहरण हैं।

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सरीसृप श्रेणी के मुख्य लक्षण-

  1. यह रींगने वाले जंतु हैं। इनकी त्वचा सूखी तथा ग्रंथि विहीन होती है।
  2. इनकी त्वचा पर शल्क होते हैं।
  3. इनका अंत: कंकाल उपचर्नीय शल्कों का बना होता है।
  4. इनमें दो जोड़ी पांच अंगुली पाद होते हैं।
  5. ये असमतापी जंतु हैं।
  6. इनका शरीर सिर, ग्रीवा, धड़ तथा पूंछ में विभाजित होता है।
  7. इनकी लंबाई और भार काफ़ी अधिक हो सकती है।
  8. ये प्रायः स्थलीय जंतु हैं तथा गर्म प्रदेशों में पाए जाते हैं।
  9. यह एक लिंगी जंतु है। इनमें निषेचन मादा के शरीर के अंदर होता है।
    छिपकली, सांप, कछुआ तथा मगरमच्छ रेप्टीलिया या सरीसृप वर्ग के मुख्य उदाहरण हैं।

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प्रश्न 9.
पक्षी श्रेणी तथा स्तनधारी श्रेणी के मुख्य लक्षण बताओ।
उत्तर-
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पक्षी श्रेणी के लक्षण-

  1. ये समतापी (Warm blooded) जंतु हैं।
  2. इनका शरीर पखे की तरह होता है।
  3. इनमें चोंच उपस्थित होती है परंतु दांत नहीं होते।
  4. इनकी त्वचा पर तेल और सफेद रंग की ग्रंथियां पाई जाती हैं।
  5. इनके हृदय के चार कोश-दो आलिंद तथा दो निलय होते हैं।
  6. इन जंतुओं के कान होते हैं और शरीर पंखों से ढका होता है।
  7. इनकी त्वचा पर तेल और सफेद रंग की ग्रंथियां पाई जाती हैं। इन जंतुओं के रक्त में लाल रक्ताणु पाए जाते हैं जिनमें केंद्रक नहीं होता।
  8. इनके अंडे पीत युक्त होते हैं तथा इनमें भ्रूण झिल्लियां भी पाई जाती हैं।
  9. इनमें श्वसन तंत्र के साथ वायुकोश होते हैं।
  10. इनमें स्तन ग्रंथियाँ होती हैं।
  11. इनके अग्रपाद पंखों में रूपांतरित होते हैं।
  12. इनकी अस्थियां हल्की होती हैं तथा अंतः कंकाल छिद्रयुक्त होता है।
    कबूतर, तोता, कौआ, गोरैया, शुतुरमुर्ग, मोर आदि इसके मुख्य उदाहरण हैं।

स्तनधारी श्रेणी के लक्षण-

  1. यह समतापी जंतु है।
  2. ये विभिन्न आकार के होते हैं तथा इनके शरीर पर बाल होते हैं।
  3. इनमें बाह्य कान उपस्थित होता है।
  4. पेट में पेट पर्दा (डायाफ्राम) होता है।
  5. इनकी त्वचा पर तेल तथा स्वेद ग्रंथियां पाई जाती हैं।
  6. इनके हृदय के चार कोश-दो आलिंद तथा दो निलय होते हैं।
  7. इनमें लाखों रक्त कणिकाएं होती हैं जो केंद्रक विहीन होती हैं।
  8. इनके दांत विषदंती (Heterodont) तथा गर्तदंती (Thecodont) होते हैं। ये जीवन में दो बार निकलते हैं।
  9. ये बच्चों की बहुत अधिक देखभाल करते हैं।
    चूहा, बंदर, कंगारू, हाथी, चमगादड़, गिलहरी, शेर, मनुष्य आदि इसके कुछ मुख्य उदाहरण हैं।

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लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
वर्गिकी (Taxonomy) तथा वर्गीकरण पद्धति (Systematics) क्या है ?
उत्तर-
वर्गिकी (Taxonomy) – जीव विज्ञान की वह शाखा जिसका संबंध सजीवों के वर्गीकरण से हो, वर्गिकी कहलाती है।

वर्गीकरण पद्धति (Systematics) – वर्गीकरण विज्ञान का वर्गीकरण पद्धति वर्गिकी से भिन्न है। यह सभी जीवों की विविधता है। वर्गीकरण पद्धति में सजीवों को उनके गुणों तथा परस्पर निर्भरता के आधार पर भिन्न-भिन्न समूहों में बांटा जाता है।

प्रश्न 2.
वर्गीकरण क्या है ?
इसके महत्त्व बताइए।
उत्तर-
वर्गीकरण (Classification) – जीवों को उनकी समानताओं तथा असमानताओं के आधार पर विभिन्न ग्रुपों में विभाजित करने की विधि को वर्गीकरण कहते हैं।

वर्गीकरण का महत्त्व – वर्गीकरण निम्नलिखित कारणों से महत्त्वपूर्ण है-

  1. यह विभिन्न प्रकार के जीवों के अध्ययन को सरल बनाता है।
  2. यह सभी जीवों की एकदम स्पष्ट तस्वीर प्रदान करता है।
  3. यह जीवों के विभिन्न समूहों के बीच संबंध के बारे में बतलाता है।
  4. यह जीव विज्ञान की अन्य शाखाओं को आधार प्रदान करता है।
  5. भूगोल का अध्ययन पूर्णतया पौधों तथा जंतुओं के वर्गीकरण पर आधारित है।
  6. जीव विज्ञान की अन्य शाखाएं जैसे परिस्थितिकी, कोशिका विज्ञान, कायिकी आदि का विकास वर्गीकरण के कारण ही संभव हुआ है।

प्रश्न 3.
जीवों के स्थानीय नाम क्यों पर्याप्त नहीं हैं ? वैज्ञानिक नामों के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
जीवों को पहचानने के लिए स्थानीय नाम पर्याप्त नहीं हैं क्योंकि स्थानीय नाम भिन्न-भिन्न भाषाओं में भिन्न-भिन्न होते हैं। उदाहरण के लिए एक कुत्ते को हिंदी में कुत्ता, तमिल में ‘नाई’ तथा बंगला में ‘कुकुर’ कहते हैं। इसी प्रकार अन्य जीवों के लिए भी भिन्न-भिन्न भाषाओं में भिन्न-भिन्न नाम प्रयोग किए जाते हैं। इसलिए जीवों को संसार में सभी स्थानों पर जानने के लिए स्थानीय नाम पर्याप्त नहीं है।

सारे संसार में जंतुओं को जानने तथा पहचानने के लिए वैज्ञानिक नाम देना अति आवश्यक है। पौधों तथा जंतुओं को नाम देना नामकरण कहलाता है। जीवों को वैज्ञानिक नाम देने की पद्धति कोरोलस लिनियस ने दी। इसे द्विपद नाम पद्धति कहते हैं। इस पद्धति के अनुसार सारे संसार में किसी भी जीव का नाम एक ही रहेगा। इस प्रकार स्थानिक नामों द्वारा पैदा हुई समस्या समाप्त हो गई।

वैज्ञानिक नाम रखने के लाभ – वैज्ञानिक नाम रखने से समस्त विश्व में सजीवों की पहचान आसान हो गई है तथा हर प्रकार की कठिनाई समाप्त हो गई है।

प्रश्न 4.
वर्गीकरण की विभिन्न श्रेणियां बताइए।
उत्तर-
वर्गीकरण की विभिन्न श्रेणियां निम्नलिखित हैं-

(1) जगत (Kingdom) सर्वोच्च श्रेणी जिसमें सभी जंतु तथा पौधे शामिल हैं।
(2) फाइलम (Phylum) यह वर्ग से उच्चतम होती है। वर्गों को मिलाकर फाइलम बनाते हैं।
(3) वर्ग (Class) आर्डरस मिलकर वर्ग बनाते हैं।
(4) आर्डर (Order) कुल मिलकर आर्डर बनाते हैं।
(5) कुल (Family) इसमें प्रजातियां शामिल हैं।
(6) जीनस (Genus) जातियां मिलकर जीनस अथवा प्रजाति बनाती हैं।
(7) जाति (Species) यह जीवों की निम्नतम श्रेणी है।
(एक समान गुणों और आपस में जनन करने वाले सजीव आते हैं।)

प्रश्न 5.
बाघ तथा आम का श्रेणीबद्ध वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर-
बाघ तथा आम का श्रेणीबद्ध वर्गीकरण-

श्रेणी बाघ (Tiger) आम (Mango)
जगत (Kingdom) एनिमेलिया पादप (Plantae)
ह्यसंघ (Phylum) कार्डेटा ट्रेकियोफाइटा (Tracheophyta)
उपसंघ (Sub-Phylum) वर्टिब्रेटा …………….
वर्ग (Class) स्तनधारी मौंगलिओपसिडा (Magnoliopsida)
गण (Order) कार्निवोरा सेपिंडेलस (Spindal)
वंश (Genus) पेंथेरा मैंगिफेरा (Mangifera)
जाति (Species) टाइग्रिस इंडिका (indica)

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प्रश्न 6.
द्विबीजपत्री तथा एकबीजपत्री पौधों में अंतर बताओ।
उत्तर-
दविबीजपत्री तथा एकबीजपत्री पौधों में अंतर-

द्विबीजपत्री एकबीजपत्री
(1) इनके बीज में दो बीजपत्र होते हैं। (1) इनके बीज में केवल एक बीजपत्र होता है।
(2) इनकी पत्तियों में जालिकावत शिरा विन्यास होता है। (2) इनकी पत्तियों में समानांतर शिरा विन्यास होता है।
(3) इनमें मूसला जड़ तंत्र पाया जाता है। (3) इनमें रेशेदार जड़ तंत्र पाया जाता है।
(4) इनमें द्वितीयक वृद्धि होती है। (4) इनमें द्वितीयक वृद्धि नहीं होती।
(5) इनमें पुष्प पंचतयी होते हैं। (5) इनके पुष्प त्रिपयी होते हैं।

प्रश्न 7.
शैवाल का आर्थिक महत्त्व बताओ।
उत्तर-
शैवाल का आर्थिक महत्त्व-

  1. यह मछली तथा अन्य जलीय जंतुओं हेतु भोजन प्रदान करती है।
  2. यह जल में ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड के समुचित संतुलन का प्रबंध करती है।
  3. यह जल को स्वच्छ रखती है।
  4. यह प्रोटीन का अच्छा स्रोत है।
  5. शैवाल की कुछ जातियों से आयोडीन प्राप्त होती है।
  6. रेड एल्गी से (जैसे जिलेडियम) अगर-अगर (Agar-Agar प्राप्त होता है।
  7. कुछ शैवालों से दवाइयाँ बनाई जाती हैं।
  8. कुछ शैवाल तेलीय पदार्थ स्रावित करते हैं।

प्रश्न 8.
फाइलम एनीलिडा के सामान्य लक्षण बताओ।
उत्तर-
फाइलम एनीलिडा के सामान्य लक्षण-

  • ये जीव पानी, नमी युक्त स्थानों तथा समुद्र में पाए जाते हैं।
  • ये लंबे शरीर वाले जंतु त्रिस्तरीय होते हैं।
  • इनका शरीर द्विपार्श्व सममित होता है।

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  • इनमें नैफरिडिया द्वारा उत्सर्जन होता है।
  • शरीर को गति सीट (Setae) अथवा पेरापोडिया (Parapodia) द्वारा मिलती है।
  • इनमें एक लिंगी, दो लिंगी दोनों तरह के जीव पाये जाते हैं।
  • इनके तंत्रिका तंत्र में एक अर्ग नर्व रिंग तथा एक अधर नर्वकार्ड पायी जाती है।
    केंचुआ, नेरिज़ तथा जोंक इसके मुख्य उदाहरण हैं।

प्रश्न 9.
फाइलम मोलस्का के सामान्य लक्षण बताओ।
उत्तर-
फाइलम मोलस्का के लक्षण-

  1. यह जीव जलीय तथा स्थलीय दोनों प्रकार के होते हैं।
  2. इनका शरीर कोमल तथा अखंडित होता है।
  3. इनके शरीर में सिर, पाद तथा पिंडक तीन भाग होते हैं।
  4. इनमें लिंग प्रायः अलग-अलग होते हैं।
  5. यह गिल्स द्वारा श्वसन करता है जिन्हें टिनिया कहते हैं।
  6. यह पादों द्वारा प्रचलन करता है।
    पाइला, यूनिओ, काइटन तथा ओक्टोपस इसके मुख्य उदाहरण हैं।

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प्रश्न 10.
संघ नीमेटोडा के मुख्य लक्षण बताओ।
उत्तर-
संघ नीमेटोडा के लक्षण-

  1. इनमें प्रायः गोल कृमि आते हैं।
  2. इनका शरीर द्विपार्श्व सममित होता है।
  3. इनका शरीर तीन स्तरों का बना होता है तथा अखंडित है।
  4. इनमें श्वसन अंग तथा संवहन तंत्र अनुपस्थित होता है।
  5. शारीरिक गुहा शुद्ध नहीं होती।
  6. इनकी आहार नाल में पेशी स्तर नहीं होता परंतु यह पूर्ण होती है। गोल कृमि, ऑक्सीयूरिस, पिन वर्म इसके मुख्य उदाहरण हैं।

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प्रश्न 11.
कॉर्डेटा की चार मुख्य विशेषताएं क्या हैं ?
उत्तर-
कॉर्डेटा की चार मुख्य विशेषताएं-कॉर्डेटा की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं-

  1. नालाकार नर्वकार्ड – इनमें एक खोखली नालाकार नर्वकार्ड अथवा तंत्रिका रज्जु पाई जाती है।
  2. नोटोकार्ड की उपस्थिति – सभी कॉर्डेटा में जीवनभर या जीवन की किसी अवस्था में एक ठोस लचीली नोटोकार्ड पायी जाती है।
  3. ग्रसनी क्लोम दरारें (Pharyngeal gill slits) – सभी कॉर्डेटों में एक छिद्रित ग्रसनी पाई जाती है। यह लारवा अवस्था में अथवा सारे जीवन में रहती है।
  4. गुदा के पीछे पूंछ – सभी कॉडेंटों की गुदा के पीछे पूंछ पायी जाती है।

प्रश्न 12.
नॉन-कॉर्डेटा के मुख्य लक्षण बताओ।
उत्तर-
नॉन-कॉर्डटा के लक्षण-

  1. इसमें नोटोकार्ड नहीं होता।
  2. इनमें गिल्स उपस्थित होती हैं तथा श्वसन प्रायः बाह्य त्वचा से होता है।
  3. इसमें केंद्रीय तंत्रिका तंत्र ठोस होता है।
  4. ये जंतु प्रायः जल में पाए जाते हैं।
  5. इनमें रुधिर प्रायः रंगहीन होता है।
  6. इसमें वास्तुविक पूंछ नहीं होती तथा अस्थि कंकाल अनुपस्थित होता है।

प्रश्न 13.
संघ हेमीकाटा के मुख्य लक्षण बताओ।
उत्तर-
संघ हेमीकाटा के मुख्य लक्षण-

  1. इनका शरीर द्विपार्श्व सममिति होता है।
  2. यह जंतु प्रायः समुद्र में पाए जाते हैं।
  3. इनमें काटा और नॉन-कॉडेटा दोनों के लक्षण पाए जाते हैं।
  4. इनकी ग्रसनी के बाहर की ओर क्लोम दरारें श्वसन में सहायक होती हैं।
  5. यह कृमि एक लिंगी होते हैं।
  6. इनके शरीर के तीन भाग होते हैं। शुंड (Proboscis), कालर और धड़ (Trunk)।
  7. ये कृमि रूपी जंतु होते हैं।
    उदाहरण – बैलेनोग्लोसस, सैफेलोडिस्कस।

प्रश्न 14.
जिम्नोस्पर्मस तथा टेरिडोफाइटा में अंतर बताओ।
उत्तर-
जिम्नोस्पर्मल तथा टेरिडोफाइटा पौधों में अंतर-

जिम्नोस्पर्मस टेरिडोफाइटा
(1) यह सम शीतोष्ण कटिबंध (temperate) जलवायु वाले भागों में पाये जाते हैं। (1) यह छायादार तथा नम स्थानों में पाए जाते हैं।
(2) इनमें कैंबियम उपस्थित होता है। (2) इनमें कैंबियम अनुपस्थित होता है।
(3) इनमें पोलेन ट्यूब बनती है। (3) इनमें पोलेन ट्यूब नहीं बनती।
(4) इनमें ग्रीवा नाल कोशिकाएँ नहीं होतीं। (4) इनमें ग्रीवा नाल कोशिकाएँ उपस्थित होती हैं।

प्रश्न 15.
निम्नलिखित में अंतर लिखिए-
(क) नॉन कॉर्डेट्स और कॉर्डेट्स
(ख) अस्थिल भीन और उपस्थिमय मीन।
उत्तर-
(क) नॉन कॉर्डेट्स और कॉर्डेट्स में अंतर-

नॉन कॉर्डेट्स कॉडेट्स
(1) केंद्रीय तंत्रिका का तंत्र ठोस है। (1) केंद्रीय तंत्रिका तंत्र खोखला और नलिकाकार होता है।
(2) केंद्रीय तंत्रिका तंत्र आहार नाल के नीचे अधर तल पर होता है। (2) कंद्रीय तंत्रिका तंत्र आहार नाल के पीछे होता है।
(3) क्लोम विदर नहीं पाए जाते हैं। (3) क्लोम विदर पाए जाते हैं।
(4) नोटोकॉर्ड नहीं पाई जाती। (4) नोटोकॉर्ड पाई जाती है।
(5) आहार नाल के पिछले हिस्से में हृदय पाया जाता है। (5) आहार नाल के नीचे हृदय विद्यमान होता है।

(ख) अस्थिल मीन और उपस्थिमय मीन में अंतर

अस्थिल मीन उपस्थिमय मीन
(1) इनका कंकाल अस्थियों से निर्मित होता है। (1) इनका कंकाल उपस्थियों से निर्मित होता है।
(2) इनमें वाताशय (Air Bladder) होता है। (2) इनमें वाताशय (Air Bladder) नहीं होता।
(3) इन पर चकाभ और कंकताभ शलक होता है। (3) इन पर फ्लैकॉयड शल्क होता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता

प्रश्न 16.
निम्नलिखित में अंतर लिखिए-
(क) स्तनधारी और उभयचर
(ख) शैवाल और कवक।
उत्तर-
(क) स्तनधारी और उभयचर में अंतर-

स्तनधारी उभयचर
(1) ये प्राय: स्थल पर रहते हैं। (1) यह जल और स्थल दोनों पर रहते हैं।
(2) ये समतायी होते हैं। (2) ये असमतायी होते हैं।
(3) इन पर बाल पाए जाते हैं। (3) इन पर बाल नहीं होते।
(4) इन की त्वचा शुष्क और मोटी होती है। (4) इनकी त्वचा नम और कोमल होती है।
(5) इनके हृदय में चार कक्ष होते हैं। (5) इनके हृदय में तीन कक्ष होते हैं।
(6) इनमें प्रायः बाह्य कान होते हैं। (6) इन में बाह्य कान प्रायः नहीं होते।
(7) ये प्रायः शिशुओं को जन्म देते हैं। (7) इन के बच्चों का जन्म अंडों से होता है।

(ख) शैवाल और कवक में अंतर-

शैवाल कवक
(1) ये जलीय होते हैं। (1) ये स्थलीय होते हैं।
(2) इनकी जनन इकाइयां जलीय प्रवाह के कारण चल होती हैं। (2) इनकी जनन इकाइयां अचल होती हैं।
(3) इन की कोशिका भित्ति सेलुलोज़ से बनी होती है। (3) इनकी कोशिका भित्ति सेलुलोस से बनी होती है।
(4) इनमें भोजन मंड के रूप में होता है। (4) इनमें भोजन ग्लाइकोजन के रूप में होता है।
(5) ये स्वपोषी होते हैं। (5) ये मृत जीवी या परजीवी होते हैं।

प्रश्न 17.
द्विपद् नामपद्धति क्या है ? एक उदाहरण की सहायता से स्पष्ट करिए।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता 23
द्विपद् नामपद्धति – पौधों तथा जंतुओं के नामकरण की यह पद्धति केरोलस लिनियस ने विकसित की थी। इस पद्धति के अनुसार जीवों को वैज्ञानिक नाम दिए जाते हैं। प्रत्येक जंतु तथा पौधे को दो नाम दिए जाते हैं। एक जैनेरिक नाम तथा दूसरा स्पीशीज नाम। जैनेरिक वंश का नाम होता है। लिनियस को उसके इस कार्य के लिए वर्गीकरण विज्ञान का पिता कहा जाता है।

उदाहरणस्वरूप – आम का वैज्ञानिक नाम मैंगीफेरा इंडिका है। सरसों का वैज्ञानिक नाम ब्रासिका कंप्रेस्ट्रिस है। इसी प्रकार मनुष्य जाति का वैज्ञानिक नाम होमो सेपियंस है। इन सभी नामों में पहला जैनेरिक नाम तथा दूसरा स्पीशीज नाम है।

प्रश्न 18.
वर्गीकरण की द्वि-जगतीय प्रणाली की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं ?
उत्तर-
द्वि-जगतीय प्रणाली – संसार के सभी जीवों-जंतुओं तथा पौधों को दो जगतों में विभाजित किया गया है-
(i) जगत् प्राणी (Animalae),
(ii) जगत् पादप (Plantae)

जगत् प्राणी के लक्षण-

  1. यह एक स्थान से दूसरे स्थान तक जा सकते हैं।
  2. ये अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकते।
  3. इनकी कोशिका में कोशिका भित्ति नहीं होती।
  4. इनमें हरे रंग , क्लोरोफिल (पर्णहरित) नहीं होता।

जगत् पादप के लक्षा –

  1. ये एक स्थान पर स्थिर रहते हैं।
  2. यह अपने भोजन का स्वयं निर्माण करते हैं।
  3. इनकी कोशिका भित्ति सेल्यूलोज की बनी हुई होती है।
  4. इनमें हरे रंग का पदार्थ पर्णरहरित होता है।

प्रश्न 19.
जीवाणुओं और कवक को पौधों के साथ वर्गीकत क्यों किया गया है?
उत्तर-
जीवाणुओं तथा कवकों का रंग हरा नहीं होता। ये अपने भोजन दूसरे मृत अथवा जीवित जीवों से प्राप्त करते हैं। फिर भी इन्हें निम्नलिखित कारणों से पादपों के साथ रखा जाता है-

  1. जीवाणुओं तथा कवकों में पादपों के गुण होते हैं।
  2. इनकी कोशिका भित्ति सेल्यूलोज की बनी होती है।
  3. कवक अपना भोजन पौधों के समान घोल अवस्था में लेते हैं।

प्रश्न 20.
आइशलर द्वारा प्रस्तावित वनस्पति वर्गीकरण की रूपरेखा दीजिए।
उत्तर-
आइशलर द्वारा प्रस्तावित वनस्पति वर्गीकरण की रूपरेखा-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता 24

प्रश्न 21.
हेमीकॉर्डेटा, यूरोकॉर्डेटा तथा सीफेलोकॉर्डेटा के एक-एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

  1. हेमीकॉर्डेटा-उदाहरण-बेलोनोग्लोसस ।
  2. यूरोकॉर्डेटा-उदाहरण-हर्डमानिया।
  3. सीफेलोकॉर्डेटा–उदाहरण-एंफी ओक्सस।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता

प्रश्न 22.
पीढ़ी एकांतरण क्या है ?
उत्तर-
पीढ़ी एकांतरण (Alternation of Generation) – किसी भी पौधे के जीवन काल में दो पीढ़ियों बीजाणु-उद्भिद (Sporophyte) तथा युग्मोकोदिभिद् (Gemetophyte) के एकांतरित रूप में आने को पीढ़ी एकांतरण कहते हैं।
उदाहरण – फर्न तथा मॉस।

प्रश्न 23.
कशेरुका और अकशेरुका प्राणियों में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-

लक्षण कशेरुका प्राणी अकशेरुका प्राणी
(1) कशेरुका स्तंभ कशेरुकाओं के रूप में विद्यमान। नहीं
(2) मस्तिष्क मस्तिष्क होता है। नहीं
(3) हृदय हृदय भीतर होता है। नहीं या डॉरसल की तरफ
(4) हीमोग्लोबिन लाल रक्त कणिकाओं (RBC) में होता है नहीं या प्लाज्मा में उपस्थित
(5) कंकाल अस्थि या उपास्थि से निर्मित नहीं
(6) त्वचा अनेक पर्तीय एक पर्तीय
(7) वातनाड़ी रज्जु डॉरसल और खोखली यदि उपस्थित तो ठोस और भीतर

प्रश्न 24.
पौधों के वर्गीकरण को दर्शाते एक चार्ट बनाएं।
उत्तर-
पौधों के वर्गीकरण सम्बन्धी चार्ट-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता 25

प्रश्न 25.
जंतुओं के वर्गीकरण को दर्शाते एक चार्ट बनाएं।
उत्तर-
जंतुओं के वर्गीकरण संबंधी चार्ट
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता 26

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
वर्गीकरण की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
वर्गीकरण (Classification) – जीवों को उनके संबंधों के आधार पर विकास के क्रम में विभिन्न समूहों में विन्यासित करने की विधि को वर्गीकरण कहते हैं।

प्रश्न 2.
किस वैज्ञानिक को जीव वर्गिकी का जनक कहा जाता है ?
उत्तर-
केरोलस लिनियस।

प्रश्न 3.
स्पीशीज किसे कहते हैं ?
उत्तर-
निकट संबंध तथा संरचना वाले जीवों के समूह जो परस्पर लैंगिक जनन करके जनन में सक्षम संतानों को जन्म दें, उन्हें स्पीशीज कहते हैं।

प्रश्न 4.
पुराने तंत्र के अनुसार विश्व को कितने जगतों में बांटा गया है ?
उत्तर-
दो जगतों में-

  1. जगत् पादप तथा
  2. जगत् जंतु।

प्रश्न 5.
द्विपद नाम पद्धति किसने प्रस्तावित की ?
उत्तर-
स्वीडिश वैज्ञानिक केरोलस लिनियस ने नामकरण की द्विपद नाम पद्धति प्रस्तावित की।

प्रश्न 6.
वनस्पति जगत् के दो उप-जगतों के नाम बताइए।
उत्तर-
वनस्पति जगत् के दो उप-जगत् हैं-

  1. उप-जगत् क्रिप्टोगैमी (Cryptogamae) तथा
  2. उप-जगत् फैनेरोगैमी (Phanerogamae)।

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प्रश्न 7.
शैवाल (Algae) का हरा रंग किस कारण होता है ?
उत्तर-
पर्ण हरित की उपस्थिति के कारण।

प्रश्न 8.
कवक (fungi) अपना भोगन क्यों नहीं बना सकते ?
उत्तर-
क्योंकि इनमें पर्णहरित नहीं होता।

प्रश्न 9.
आवृतबीजी पौधे कितने प्रकार के होते हैं ? उनके नाम लिखो।
उत्तर-
दो प्रकार के-दविबीजपत्री तथा एक बीजपत्री।

प्रश्न 10.
मछलियां किस अंग के द्वारा श्वसन करती हैं ?
उत्तर-
गिल्ज (गलफड़ों द्वारा )।

प्रश्न 11.
मछलियों के हृदय में कितने कोश पाए जाते हैं ?
उत्तर-
दो-

  1. एक आलिंद तथा
  2. एक निलय।

प्रश्न 12.
ओस्टीकथीज वर्ग के दो जंतुओं के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. रोहू
  2. उड़ने वाली मछलियां (Exocopetus)
  3. लंग फिश।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता

प्रश्न 13.
फाइलम एकाइनोडर्मेटा के दो अन्य जीवों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. समुद्री आर्चिन (Sea urchin)
  2. कुकुमेरिया (Holothuria)
  3. एंटीडॉन (Feather Star) ।

प्रश्न 14.
यूरोकोर्डेटा के दो जंतुओं के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. हर्डमानिया (Herdmania)
  2. ओइकोप्ल्यू रा।

प्रश्न 15.
एक कारटिलेजिनस मछली का नाम बताओ।
उत्तर-
भारतीय शार्क (Scolidlon) ।

प्रश्न 16.
एक बोनी मछली का नाम बताओ।
उत्तर-
लोबियो (रोहू मछली), एक्सोसीटस (Exocoectus)।

प्रश्न 17.
दो सरीसृप जंतुओं के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. छिपकली
  2. साँप ।

प्रश्न 18.
पक्षियों के हृदय में कितने कोश होते हैं ?
उत्तर-
चार। दो आलिंद तथा दो निलय

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता

प्रश्न 19.
किन्हीं दो स्तनधारी जीवों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. बंदर
  2. हाथी।

प्रश्न 20.
जैव विविधता का अध्ययन के अंतर्गत समह बनाने के क्रम में क्या सुनिश्चित किया जाता है ?
उत्तर-
वे विशिष्ट लक्षण जो जीवधारियों में मौलिक अंतर उत्पन्न करते हैं।

प्रश्न 21.
यूनानी विचारक एरिस्टोटल ने जीवों का वर्गीकरण किस आधार पर किया था ?
उत्तर-
उनके स्थल, जल और वायु में रहने के आधार पर।

प्रश्न 22.
समुद्र में रहने वाले पाँच जीवों के नाम लिखिए।
उत्तर-
रवाल, व्हेल, ऑक्टोपस, स्टारफिश, शार्क।

प्रश्न 23.
जो जीव प्रकाश संश्लेषण करते हैं उन्हें क्या कहते हैं ?
उत्तर-
हरे पौधे।

प्रश्न 24.
पौधों का शरीर किस आधार पर विकसित होता है ?
उत्तर-
भोजन बनाने की क्षमता के आधार पर।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता

प्रश्न 25.
जंतुओं का शरीर किस आधार पर विकसित होता है ?
उत्तर-
भोजन ग्रहण करने के आधार पर।

प्रश्न 26.
जीवों का वर्गीकरण किस वाद से संबंधित है ?
उत्तर-
जैव विकासवाद से।

प्रश्न 27.
जैव विकासवाद की अवधारणा किस ने दी थी ?
उत्तर-
चार्ल्स डार्विन ने।

प्रश्न 28.
डार्विन की जैव विकास की अवधारणा कब प्रकाश में आई थी ?
उत्तर-
सन् 1859 में डार्विन की पुस्तक ‘द ओरिजिन ऑफ स्पीशिज’ नामक पुस्तक से।

प्रश्न 29.
पहले प्रकार के जीवों को क्या कहते हैं ?
उत्तर-आदिम अथवा निम्न जीव।

प्रश्न 30.
दूसरे प्रकार के जीवों को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
उन्नत अथवा उच्च जीव।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता

प्रश्न 31.
किन और कब तीन वैज्ञानिकों ने सारे सजीवों को किंगडम नामक वर्गों में विभाजित किया था ?
उत्तर-
अन्सर्ट हेकेल (1894), राबर्ट व्हिटेकर (1959) तथा कार्ल बोस (1977) ने।

प्रश्न 32.
व्हिटेकर के वर्गीकरण के पांच किंगडम कौन-से हैं ?
उत्तर-
मोनेरा, प्रोटिस्टा, फंजाई, प्लांटी और एनीमेलिया।

प्रश्न 33.
व्हिटेकर ने वर्गीकरण का आधार किसे बनाया था ?
उत्तर-
कोशिकीय संरचना, पोषण के स्रोत और तरीके तथा शारीरिक संगठन।

प्रश्न 34.
बोस ने मोनेरा किंगडम को किन दो भागों में बाँटा था ?
उत्तर-
आर्की बैक्टेरिया, यूबैक्टेरिया।

प्रश्न 35.
जीवों को किन उपसमूहों में बांटा गया है ?
उत्तर-
जगत् (किंगडम), जंतु संघ, वर्ग (क्लास), गण (ऑर्डर), कुल (फैमिली), वंश (जीनस), जाति (स्पीशीज)।

प्रश्न 36.
पादप जगत् की जगह किस शब्द का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
डिवीज़न।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता

प्रश्न 37.
वर्गीकरण की आधारभूत इकाई तक किस प्रकार पहुँचते हैं ?
उत्तर-
वर्गीकरण के पदानुक्रम क्रम में जीवों को विभिन्न लक्षणों के आधार पर छोटे-से-छोटे समूहों में बांटते हुए आधारभूत इकाई तक पहुंचते हैं।

प्रश्न 38.
मोनेरा वर्ग में कौन-से जीव आते हैं ?
उत्तर-
एक कोशिकीय जीव, जिन में कोशिका भित्ति पाई जाती है।

प्रश्न 39.
मोनेरा वर्ग के जीव पोषण के आधार पर कैसे हो सकते हैं ?
उत्तर-
स्वपोषी और विषमपोषी।

प्रश्न 40.
मोनेरा वर्ग के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
जीवाणु, नीली-हरी शैवाल, माइकोप्लाज्मा।

प्रश्न 41.
प्रोटिस्टा वर्ग में गमन के लिए कौन-सी संरचनाएं पाई जाती हैं ?
उत्तर-
सीलिया, फ्लैजेला।

प्रश्न 42.
प्रोटिस्टा वर्ग के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
एक कोशिकीय शैवाल, प्रोटोजोआ, डाइएटमस।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता

प्रश्न 43.
फंजाई पोषण के लिए किस पर निर्भर करती है ?
उत्तर-
सड़े-गले कार्बनिक पदार्थों पर।

प्रश्न 44.
फंजाई को मृत जीवी क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
फंजाई गले-सड़े कार्बनिक पदार्थों पर निर्भर करती है इसलिए इसे मृत जीवी कहते हैं।

प्रश्न 45.
फंजाई के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
यीस्ट, मशरूम।

प्रश्न 46.
सहजीविता किसे कहते हैं ?
उत्तर-
कवकों की कुछ जातियां नीले हरे शैवाल के साथ स्थार्य अंतर्संबंध बनाती है जिसे सहजीविता कहते हैं।

प्रश्न 47.
ऐनिमेलिया वर्ग में कौन-से जीव आते हैं ?
उत्तर-
इस वर्ग में सभी बहुकोशिकीय यूकेरियोटिक जीव आते हैं जिनमें कोशिका भित्ति नहीं पाई जाती है।

प्रश्न 48.
थैलोफाइटा वर्ग में प्रमुख रूप से कैसे पौधे पाए जाते हैं ?
उत्तर-
जल में पाए जाने वाले शैवाल।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता

प्रश्न 49.
थैलोफाइटा वर्ग के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
यूलोथ्रिक्स, स्पाइरोगाइरा, कारा।

प्रश्न 50.
ब्रायोफाइटा के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
मॉस (प्यूनेरिया), मार्केशिया।

प्रश्न 51.
जिन में बीज उत्पन्न करने की क्षमता नहीं होती उन्हें क्या कहते हैं ?
उत्तर-
क्रिप्टोगैम्स।

प्रश्न 52.
फेरोगेम्स किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वे पौधे जिनमें जनन ऊतक पूरी तरह विकसित और विभेदित होते हैं तथा जनन प्रक्रिया के बाद बीज उत्पन्न करते हैं, उन्हें फेरोगेम्स कहते हैं।

प्रश्न 53.
एंजियोस्पर्म पौधे क्या हैं ?
उत्तर-
जिन पौधों के बीज फलों के अंदर ढके होते हैं उन्हें एंजियोस्पर्म कहते हैं। इन के बीज बाद में फल बन जाते हैं।

प्रश्न 54.
एंजियोस्पर्म वर्ग को किन दो भागों में बांटा गया है ?
उत्तर-

  1. एक बीज पत्री,
  2. द्वि बीज पत्री।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता

प्रश्न 55.
जिम्नोस्पर्म पौधे क्या है ?
उत्तर-नग्न बीज उत्पन्न करने वाले पौधे ।

प्रश्न 56.
एक बीज पत्री के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
गेहूँ, मक्का ।

प्रश्न 57.
दवि बीज पत्री के दो उदाहरण दीजिए। उत्तर-चना, मटर।

प्रश्न 58.
पोरीफेरा शब्द किस से बना है ?
उत्तर-
पोरीफेरा लेटिन शब्द ‘पोरस’ तथा ‘फेरी’ से बना है। ‘पोरस’ का अर्थ है-छिद्र तथा ‘फेरी’ का अर्थ है ‘रखना’।

प्रश्न 59.
प्रायः पोरीफेरा को किस नाम से जाना जाता है ?
उत्तर-
स्पाँज।

प्रश्न 60.
पोरीफेरा के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
साइकान, यूप्लेक्टोलिया, स्पांजिला।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता

प्रश्न 61.
सीलेंटरेटा कैसे जंतु हैं ?
उत्तर-
जलीय जंतु।

प्रश्न 62.
सीलेंटरेटा जंतुओं के समूह और एकाकी रहने वाले जीवों के उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
समूह में रहने वाले = कोरल
एकाकी रहने वाले = हाइड्रा।

प्रश्न 63.
सीलेंटरेटा जंतुओं के तीन उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
हाइड्रा, समुद्री एनीमोन, जेलीफिश।

प्रश्न 64.
प्लेटीहेल्मिथीज को चपटे कृमि क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
इनका शरीर पृष्ठधारीय और चपटा होता है।

प्रश्न 65.
चपटे कृमि वर्ग के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
लीवरफ्लूयक, प्लेनेरिया, फीताकृमि।

प्रश्न 66.
परजीवियों के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
गोल कृमि, फाइलेरिया कृमि, पिन कृमि।

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प्रश्न 67.
एनीलिडा वर्ग के तीन उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
केंचुआ, नीरीस, जोंक।

प्रश्न 68.
जंतु जगत् का सबसे बड़ा भाग कौन-सा है ?
उत्तर-
आर्थोपोडा।

प्रश्न 69.
आर्थोपोडा के पांच उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
प्रॉन, तितली, मक्खी, मकड़ी, बिच्छू, केकड़ा।

प्रश्न 70.
मोलस्का वर्ग के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
यूनियो, घंघा, ऑक्टोपस।

प्रश्न 71.
इकाइनोडर्मेटा वर्ग के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
स्टारफिश, समुद्री आर्चिन।

प्रश्न 72.
प्रोटोकाटा वर्ग के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
बैलेनोग्लासस, हार्डमेनिया, एंपीयाक्सस।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता

प्रश्न 73.
वर्टीब्रेटा किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जिन जंतुओं में वास्तविक मेरुदंड और अंत: कंकाल होता है तथा पेशियां कंकाल से जुड़ी होती हैं जो इन्हें चलने में सहायता करती हैं उन्हें वर्टीब्रेटा कहते हैं।

प्रश्न 74.
सभी कशेरुकाओं के प्रमुख लक्षण लिखिए।
उत्तर-
नोटोकार्ड, कशेरुक दंड और मेरुरज्जु, त्रिकोरिक, शरीर, जोड़ीदार गलफड़, देह गुहा।

प्रश्न 75.
मत्स्य श्वसन के लिए किस अंग का प्रयोग करते हैं ?
उत्तर-
गलफड़ों का।

प्रश्न 76.
मत्स्य वर्ग के चार उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
टूना, रोहू, स्कालियेडान, टारपीडो।

प्रश्न 77.
जल, स्थलचर साँस किस से लेते हैं ?
उत्तर-
गलफडों या फेफडों से।

प्रश्न 78.
जल, स्थलचर के वर्ग के तीन जीवों के उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
मेंढक, सेलमेंडर, टोड।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता

प्रश्न 79.
उस सरीसृप वर्ग के जीव का नाम लिखिए जिस के हृदय में चार कक्ष होते हैं ?
उत्तर-
मगरमच्छ।

प्रश्न 80.
सरीसृप वर्ग के चार जंतुओं के नाम लिखिए।
उत्तर-
कछुआ, सांप, गिरगिट, मगरमच्छ।

प्रश्न 81.
पक्षी कैसे प्राणी हैं ?
उत्तर-
समतापी प्राणी।

प्रश्न 82.
पक्षियों में आगे वाले पैर किस में परिवर्तित हो चुके हैं ?
उत्तर-
पंखों में।

प्रश्न 83.
पक्षियों के हृदय में कितने कक्ष होते हैं ?
उत्तर-
चार कक्ष।

प्रश्न 84.
किस वैज्ञानिक ने नाम पद्धति का सबसे पहले प्रयोग किया था ?
उत्तर-
केरोलिस लीनियस ने अठारहवीं शताब्दी में।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता

प्रश्न 85.
प्रजाति का नाम किस प्रकार से शुरू किया जाता है ?
उत्तर-
अंग्रेजी छोटे अक्षर से।

प्रश्न 86.
जीनस के नाम किस अक्षर से शुरू किए जाते हैं ?
उत्तर-
अंग्रेजी के बड़े अक्षर से।

प्रश्न 87.
केरोलस लीनियस ने विभिन्न वर्गीकरण प्रणालियों के आधार रूप में किस पुस्तक की रचना की थी ?
उत्तर-
‘सिस्टेमा नेचुरी’।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
ऊतक किसे कहते हैं ? पौधों में ऊतक कितनी प्रकार के होते हैं ? विभाज्योतकी ऊतक के विभिन्न प्रकारों का वर्णन करो।
उत्तर-
ऊतक (Tissue) – एक समान उत्पत्ति संरचना तथा कार्य करने वाली कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहते हैं।

पौधों में ऊतक दो प्रकार के होते हैं-

  1. विभाज्योतक ऊतक (Meristematic tissue)
  2. स्थायी ऊतक (Permanent tissue)

1. विभाज्योतक (Meristematic tissue) – इस ऊतक की कोशिकाओं में विभाजन करने की क्षमता होती है और इनकी कोशिकाएं लगातार विभाजित होती रहती हैं जिसके फलस्वरूप नई कोशिकाएं बनती हैं। विभाज्योतक के निम्नलिखित लक्षण होते हैं-

  • इस ऊतक की कोशिकाएं विभाजन योग्य होती हैं।
  • कोशिकाओं में स्पष्ट केंद्रिका (Nucleolus) युक्त बड़ा केंद्रक (Nucleus) होता है।
  • इनकी कोशिका भित्ति पतली, लचकदार तथा सेलूलोज़ की बनी होती है।
  • इनमें सघन अथवा पर्याप्त कोशिका द्रव्य (Cytoplasm) होता है।
  • इनमें रिक्तिकाएं तथा रसधानियां (Vacuoles) नहीं होतीं।

विभाज्योतक का वर्गीकरण (Classification of Meristematic tissue) – विभाज्योतक का वर्गीकरण निम्नलिखित भिन्न-भिन्न ढंगों से किया जाता है-
(क) उत्पत्ति के आधार पर वर्गीकरण – उत्पत्ति के आधार पर विभाज्योतक की दो किस्में हैं-

  • प्राथमिक विभाज्योतक (Primary meristem) – इस प्रकार के ऊतक जड़, तनों के शीर्ष, द्विबीज तनों के संवहन बंडलों तथा पौधों के अंतर्वेशी भागों में पाए जाते हैं। इनकी कोशिकाओं में सदा विभाजन होता रहता है।
  • द्वितीयक विभाज्योतक (Secondary meristem) – इस प्रकार के ऊतक, आवश्यकतानुसार पौधे के लिए स्थायी ऊतकों का निर्माण करते हैं।

(ख) स्थिति या स्थान के आधार पर वर्गीकरण – स्थिति या स्थान के आधार पर विभाज्योतक की तीन किस्में हैं

  • शीर्षस्थ विभाज्योतक ऊतक (Apical meristem) – ये जड़, तना तथा शाखाओं के शीर्ष पर स्थित होते हैं। जड़ तथा तने के शीर्ष भाग इनकी आंतरिक रचना के समान होते हैं।
  • अंतर्वेशी विभाज्योतक ऊतक (Intercalary meristem) – यह एक बीज पत्री तनों में पाया जाता है। इसकी सक्रियता के कारण तना लंबाई में वृद्धि करता है।
  • पार्श्व विभाज्योतक ऊतक (Lateral meristem) – यह ऊतक द्विबीज पत्री तनों तथा जड़ के पार्श्व भागों में पाए जाते हैं। ये जड़ तथा तने की चौड़ाई में वृद्धि करने में सहायता करते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 1

(ग) कार्य के आधार पर वर्गीकरण-कार्य के आधार पर विभाज्योतक की तीन किस्में हैं-

  • प्रोटोडर्म (Protoderm) – यह बाह्य परत या ऐपीडरमिस (Epidermis) बनाता है। इसे डरमैटोजन (Dermatogen) भी कहते हैं।
  • प्रोकैम्बियम (Procambium) – यह मुख्य संवहन ऊतक बनाता है।
  • ग्राऊंड मैरीस्टैम (Ground meristem)-यह पिथ या भरण ऊतक बनाता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 2.
स्थायी ऊतक किन्हें कहते हैं ? यह कितनी प्रकार के होते हैं ? साधारण ऊतकों के विभिन्न प्रकारों का सचित्र वर्णन करो।
उत्तर-
स्थायी ऊतक (Permanent tissue) – ये ऊतक उन कोशिकाओं से बने होते हैं जिनमें विभाजन करने की क्षमता नष्ट हो जाती है।
स्थायी ऊतकों के प्रका र- स्थायी ऊतक निम्नलिखित दो प्रकार के होते हैं-

  1. साधारण ऊतक
  2. जटिल ऊतक

साधारण ऊतक (Simple tissue) – यह ऊतक एक ही प्रकार की कोशिकाओं से बनते हैं। इनकी संरचना तथा कार्य समान होता है। कोशिका भित्ति की संरचना के आधार पर ये निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं

(i) पैरेंकाइमा (Parenchyma) यह पौधे के हरे भागों में अधिक संख्या में मिलते हैं। इनकी कोशिकायें समव्यासी होती हैं। कोशिकायें जीवित होती हैं। इनकी कोशिका भित्तियां महीन तथा सेल्युलोज की बनी होती हैं। ये गोलाकार, अंडाकार, वृत्ताकार अथवा बहुभुजी होती हैं तथा इनके बीच अंतरकोशिकीय स्थान पाये जाते हैं। इनका जीवद्रव्य सघन होता है।

विभिन्न प्रकार के पेरेंकाइमा निम्नलिखित अनुसार हैं-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 2

(क) सरल पैरेंकाइमा – यह संयोजी ऊतक के रूप में कार्य करता है।
(ख) कलोरेंकाइमा – इनमें क्लोरोप्लास्ट होते हैं तथा यह प्रकाश-संश्लेषित ऊतक के रूप में कार्य करता है। पत्तों के कलोरेंकाइमा को मीज़ोफिल (Mesophyll) ऊतक कहते हैं।
(ग) ऐरेंकाइमा – यह बड़ी वायुयुक्त रिक्तिकाओं से भरा होता है इसलिए यह यांत्रिक तैरने की शक्ति देता है।
(घ) स्टोरेज पैरेंकाइमा – यह जमा करने वाले ऊतक के रूप में कार्य करता है।
(ङ) प्रोसेंकाइमा – इसकी कोशिकाओं पर सेलूलोज़ तथा लिग्निन एकत्रित होती है इसलिए यह यांत्रिक ऊतक के रूप में कार्य करता है।

(i) कॉलेंकाइमा (Collenchyma) – इसकी कोशिकायें बहुभुजी, अंडाकार, गोल तथा जोवित होती हैं। ये संरचना में पेरेंकाइमा के समान होती हैं। इनकी कोशिकायें लंबी होती हैं तथा इनके किनारे या अंतर्कोशिकीय स्थान पेक्टिन तथा सेल्यूलोज पदार्थ जमा होने से अधिक स्थूल हो जाते हैं। अनुप्रस्थ काट में ये गोलाकार अथवा अंडाकार दिखायी देती हैं। इनकी कोशिका भित्तियों में गर्त होते हैं। जीवित कोशिकाओं में कुछ क्लोरोप्लास्ट भी पाया जाता है। यह तने को यांत्रिक शक्ति प्रदान करता है। यह शर्करा तथा मांड का संश्लेषण करता है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 3

(iii) स्कलेरेंकाइमा (Sclerenchyma) – यह मृत कोशिकाओं का बना होता है। इसकी भित्तियां स्थूलित तथा लिग्निन युक्त होती हैं। यह उन अंगों को यांत्रिक शक्ति देता है जिनमें यह पाया जाता है। इसकी भित्तियां लंबी, संकरी तथा दोनों सिरों से नुकीली होती हैं। इनमें दृढ़ोतक तंतु तथा दृढ़ कोशिकाएं होती हैं। ये लंबी, मृत तथा लोचदार होती हैं और इनके सिरे नुकीले होते हैं। इनमें से कुछ कोशिकाएं स्कलेरीडस कहलाती हैं। ये आकृति में अनियमित तथा बेलनाकार होती हैं। इनकी भित्तियां स्थूलित होती हैं।
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प्रश्न 3.
जटिल ऊतक किसे कहते हैं ? ये कितनी प्रकार के होते हैं ? का चित्र बनाकर वर्णन करो।
उत्तर-
जटिल ऊतक (Complex tissue) – यह विभिन्न आकार तथा माप की कोशिकाओं का ऐसा समूह है जो एक इकाई का कार्य करता है। यह जल तथा उसमें घुले हुए लवणों का परिवहन करता है तथा भोजन का संवहन पौधे के एक भाग से दूसरे भाग तक करता है।

यह ऊतक निम्नलिखित दो प्रकार के होते हैं-
1. जाइलम (Xylem)
2. फ्लोएम (Phloem)

1. जाइलम (Xylem) – यह संवहन ऊतक है। यह जल तथा उसमें घुले हुए लवणों का परिवहन करता है। इस ऊतक की प्रायः सभी कोशिकाएं मृत, मोटी भित्ति वाली तथा लिग्निन युक्त होती हैं। इनके निम्नलिखित चार विभिन्न अवयव होते हैं-

(i) ट्रेकीड्स (Tracheids) – ये मृत तथा लंबी नली के समान रचनाएं होती हैं। इनके सिरों पर छिद्र नहीं होते। इनकी भित्तियां मोटी, सख्त तथा लिग्निन युक्त होती हैं। ये कई आकारों की होती हैं। ये जल तथा खनिज लवणों की जड़ से पत्तियों तक पहुंचाती हैं। ये पौधे के कोमल अंगों को सहारा देने का कार्य भी करती हैं।
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(ii) वाहिकाएं (Vessels) – इन्हें ट्रेकी भी कहते हैं। ये मृत संकरी नली के समान होती हैं। इनमें बड़ी कोशिकाएं गुहाएं जड़ से पत्तियों तक जल तथा खनिज लवणों के संवहन के लिए पाई जाती हैं। ये यांत्रिक कार्य करती हैं तथा पौधों के शरीर को दृढ़ता भी प्रदान करती हैं।

(iii) दारू या काष्ठ मृदुतक (Xylem or Wood Parenchyma) – ये जीवित तथा महीन कोशिकाएं होती हैं। ये अधिक संख्या में पाई जाती हैं। ये जल संवहन में सहायता करती हैं तथा खाद्य का भण्डारण भी करती हैं।

(iv) काष्ठ तंतु (Xylem fibres) – ये लम्बी, नुकीली, निर्जीव तथा दृढ़ कोशिकाएं हैं। इनमें छोटे-छोटे गर्त होते हैं तथा इनकी भित्तियां स्थूलित होती हैं। ये पौधों को दृढ़ता प्रदान करती हैं तथा सहारा देती हैं।

2. फ्लोएम (Phloem) – यह भी संवहन ऊतक है। यह पत्तियों में बने खाद्य पदार्थों को पौधों के विभिन्न भागों तक पहुंचाता है। इसके निम्नलिखित चार विभिन्न अवयव होते हैं-

  • चालनी नलिकाएं (Sieve tubes) – ये नलिकाएं केंद्रविहीन, महीन भित्ति वाली जीवित कोशिकाएं हैं। ये एक के ऊपर एक रखी होती हैं तथा इनके सिरे की भित्ति में अनेक छिद्र होते हैं। ये पत्तियों में बने भोजन को पौधे के भंडारण भागों तक पहुंचाती हैं।
  • सखी कोशिकाएं (Companion cells) – यह महीन भित्ति वाली कोशिकाएं चालनी नलिकाओं से जुड़ी हुई होती हैं। इनमें सभी अवस्थाओं में केंद्रक पाया जाता है।
  • फ्लोएम मृदुतक (Phloem parenchyma) – इनमें सजीव महीन भित्ति वाली बेलनाकार कोशिकाएं होती हैं। ये प्रायः एक बीज पत्रीय पौधों में नहीं होतीं। ये खाद्य पदार्थों का भंडारण करने में सहायक होती हैं।
  • फ्लोएम तंतु (Phloem fibres) – ये द्वितीयक फ्लोएम में पाई जाती हैं परंतु प्राथमिक फ्लोएम में नहीं होतीं। ये लंबी, नुकीली तथा लिग्निन युक्त होती हैं तथा पौधों को यांत्रिक सहारा देने का कार्य करती हैं।

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PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 4.
संयोजी ऊतकों के विभिन्न रूपों को लिखिए और उनके कार्य दो।
उत्तर-
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संयोजी ऊतक (Connective tissue) – संयोजी ऊतक हमारे शरीर में उपस्थित होते हैं। ये ऊतक अन्य ऊतकों तथा अंगों को घेरते हैं। अस्थि, उपास्थि, रुधिर, टैंडन तथा लिगामैंट संयोजी ऊतक की मुख्य किस्में हैं।

(i) अस्थि (Bone) – यह जंतुओं के पिंजर पदार्थ में सबसे अधिक होता है। अस्थियां बहुत मज़बूत होती हैं तथा इनमें लचीलापन बिल्कुल नहीं होता। अस्थि के मैट्रिक्स में भरपूर मात्रा में कैल्शियम के लवण होते हैं जो इसे दृढ़ता प्रदान करते हैं। यह ऊतक सहारा देने तथा सुरक्षा प्रदान करने में सहायता करता है।

(ii) उपास्थि (Cartilage) – उपास्थि में लचीलापन होता है। यह कोंड्रोसाइटस कोशिकाओं का बना होता है। इस किस्म का ऊतक हमारे शरीर के अंगों में बहुत कम होता है। हमारे नाक की चोटी तथा बाह्य काम उपास्थि का बना होता है।

(iii) रुधिर (Blood) – रुधिर भी एक संयोजी ऊतक है। यह हमारे शरीर में पाया जाने वाला एक तरल ऊतक है। इस ऊतक की कोशिकाएं तरल मैट्रिक्स में तैरती रहती हैं। इन कोशिकाओं को रुधिर कणिकाएं तथा मैट्रिक्स को रक्त प्लाज्मा कहते हैं। रुधिर कणिकाएं भिन्न प्रकार की होती हैं, जैसे-लाल रुधिर कणिका, श्वेत रुधिर कणिका तथा प्लेटलैट्स । रुधिर शरीर के सभी भागों में दौड़ता है इसलिए कह सकते हैं कि यह शरीर के सभी भागों को आपस में जोड़ता है।
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(iv) टैंडन (Tendon) – यह एक अत्यन्त सघन तथा दृढ़ संयोजी ऊतक है जो मुख्यतया श्वेत कोलाजन तंतुओं (Collegen fibres) से बनता है। टैंडन पेशियों को अस्थियों के साथ जोड़ने में सहायता करता है।

(v) लिगामैंट (Ligament)-कुछ लंबी समतल कोशिकाएं तंतुओं के मध्य उपस्थित होती हैं। ये जोड़ों पर एक अस्थि को दूसरी अस्थि के साथ जोड़ने में सहायता करते हैं तथा उनकी उस अवस्था में पकड़ रखते हैं।

प्रश्न 5.
जंतु ऊतक कितनी प्रकार के होते हैं ? एपीथीलियल ऊतकों के विभिन्न प्रकारों का सचित्र वर्णन करो।
उत्तर-
जंतु ऊतक (Animal Tissue) – मनुष्य सहित सभी जंतुओं में चार विभिन्न प्रकार के कतक पाए जाते हैं। ये हैं-एपीथीलियल, संयोजी, पेशीय और तंत्रिका ऊतक।

एपीथीलियल ऊतक (Epithelial Tissue) – एपीथीलियल ऊतक एक अस्तर ऊतक है। यह एक रक्षी अस्तर है। यह शरीर के ऊपर तथा शरीर के अंदर स्थिति विभिन्न भागों की गुहिका का आवरण बनाता है। त्वचा. मुंह, आहारनाल तथा फेफड़ों की सतह एपीलियमी ऊतक से बनी होती है। विभिन्न स्थानों पर पाए जाने वाले एपीथीलियमल ऊतक की कोशिकाओं के आकार और रचना में भिन्नता होती है। इन कोशिकाओं की रचना और कार्य में भिन्नता के आधार पर इन्हें विभिन्न वर्गों में विभाजित किया गया है।

  1. शल्की-चपटी कोशिकाएं।
  2. घनाकार-लंबाई, चौड़ाई व ऊंचाई लगभग बराबर
  3. स्तंभाकार-ऊंचाई विशेष रूप से अधिक
  4. सीलियामय-सीलिया उपस्थित
  5. ग्रंथिल-स्त्रावण कार्य

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  • शल्की एपीथीलियम (Squamous epithelium) – यह चौड़ी तथा चपटी कोशिकाओं का बना होता है। यह वाहिनियों तथा देहगुहा आदि की सतहों पर पाया जाता है। यह अंगों की सुरक्षा करता है तथा उन्हें ढकने का कार्य करता
  • घनाकार एपीथीलियम (Cuboidal epithelium) – यह घनाकार कोशिकाओं का बना होता है। यह लार ग्रंथियों तथा वृक्क नलिकाओं में पाया जाता है।
  • स्तंभाकार एपीथीलियम (Columnar epithelium) – यह स्तंभ जैसी चौड़ाई से अधिक लम्बी कोशिकाओं का बना होता है। यह आमाशय तथा आंत्र की आंतरिक पर्त बनाता है। यह ग्रन्थियां भी बनाता है, जो स्रावण का कार्य करती हैं।
  • सिलियामय एपीथीलियम (Ciliary epithelium) – यह स्तंभाकार अथवा घनाकार कोशिकाओं का बना होता है जिनमें स्वतंत्र सिरों पर सिलिया पाए जाते हैं। यह श्वास नली, अंडवाहिनी तथा उत्सर्जी नलिकाओं की आन्तरिक पर्तों पर पाया जाता है।
  • ग्रंथिल ऊतक (Glandular epithelium) – यह रूपांतरित स्तम्भी उपकला ऊतक है, जिसकी कोशिकाएं स्रावी स्वभाव की होती हैं। ये एककोशिकीय अथवा बहुकोशिकीय हो सकती हैं। ये ग्रंथियां थैले की तरह होती हैं तथा बाहर की ओर एक छिद्र द्वारा खुलती हैं। लार ग्रंथियां संयुक्त कूपिका प्रकार की होती हैं।

एपीथीलियल ऊतक के कार्य-

  1. ये कोशिकाएं त्वचा की बाह्य परत बनाती हैं। ये अंदर की कोशिकाओं की रक्षा करती हैं। एपीथीलियल कोशिकाएं आंतरिक कोशिकाओं को सूखने से, चोट से, जीवाणुओं के अतिक्रमण से और रासायनिक पदार्थों के प्रभाव से बचाती हैं।
  2. हमारे शरीर के अंगतंत्रों जैसे मुख गुहा, भोजन नली की बाह्य और आंतरिक परत बनाकर ये उन अंगों की रक्षा करती हैं।
  3. जल तथा अन्य पोषक पदार्थों के अवशोषण में सहायता करती हैं।
  4. व्यर्थ पदार्थों के निष्कासन में सहायता करती हैं।
  5. कुछ कोशिकाएं स्रावण का कार्य करने के लिए विशिष्ट हो जाती हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 6.
जंतु ऊतक की विभिन्न किस्मों का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर-
जंत ऊतक (Animal tissues) – मनुष्य सहित सभी जंतुओं में चार भिन्न प्रकार के ऊतक पाए जाते हैं। ये हैं-~-एपीथोलियमी, संयोजी, पेशीय और तंत्रिका ऊतक।
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1. एपीथीलियल ऊतक (Epithelial tissue) – यह एक अस्तर ऊतक है। यह शरीर के ऊपर तथा शरीर के अंदर स्थित विभिन्न भागों की गुहिका का आवरण बनाता है। एक सीमेंट जेसा पदार्थ इन ऊतकों को जोड़कर रखता है। इनकी कोशिका की रचना और कार्य में भिन्नता के आधार पर इन्हें पांच वर्गों में बांटा गया है-

  • शल्की एपोथीलियम
  • घनाकार एपीथीलियम
  • स्तंभाकार एपीथीलियम
  • सिलियामय एपीथीलियम
  • ग्रंथिल एपीथीलियम।

2. पेशीय ऊतक (Muscular Tissue) – हमारे शरीर के अंगों में होने वाली गति पेशीय ऊतकों के कारण ही होती है। यह पेशी लंबी होती है इसीलिए पेशीय रेशा भी कहलाती है। पेशी-कोशिकाओं में उपस्थित संकुचनशील प्रोटीन में संकुचन एवं प्रसार होने से अंगों में गति होती है। हृदय की धड़कन तथा भोजन नली में संकुचन और प्रसार पेशीय कोशिकाओं के कारण ही होती है। हमारे शरीर में तीन प्रकार के पेशी ऊतक पाए जाते हैं।

  • रेखित पेशी (कंकाल पेशी या ऐच्छिक पेशी)
  • अरेखित पेशी (चिकनी पेशी या अनैच्छिक पेशी)
  • हृदय पेशी।

3. संयोजी ऊतक (Connective tissue) – इस ऊतक का कार्य शरीर के विभिन्न अंगों का एक-दूसरे से जोड़ना, सहारा देना तथा बांधना है। इस ऊतक की कोशिकाएं मैट्रिक्स (माध्यम) के अंदर उपस्थित होती हैं। कोशिकाओं के बीच के स्थान में भी मैट्रिक्स होता है। यह मैट्रिक्स ठोस हो सकता है जैसे अस्थि एवं उपास्थि तथा द्रव भी हो सकता है जैसे रुधिर। हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के संयोजी ऊतक पाए जाते हैं। संयोजी ऊतक को निम्नलिखित पांच किस्मों में वर्गीकृत किया गया है-

  • अस्थि
  • उपास्थि
  • रुधिर
  • टैंडन तथा
  • लिगामैंट।

4. तंत्रिका ऊतक (Nervous tissue) – मस्तिष्क, मेरुरज्जु तथा तंत्रिकाएं सभी तंत्रिका ऊतक की बनी होती हैं। यह विशेष प्रकार का ऊतक होता है जो विभिन्न संदेशों को लेने, भेजने तथा संचालन के लिए जिम्मेवार होता है। यह तंत्रिका कोशिका तथा तंत्रिका तंतुओं से बना होता है।

(i) तंत्रिका कोशिका (Nerve cells) – तंत्रिका कोशिका या न्यूरॉन में एक कोशिका काय (Cell body), केंद्रक तथा लावेनुमा कोशिका द्रव्य होता है। इस कोशिका काय से बाहर की ओर एक या अधिक तंतुओं जैसी रचनाएं होती हैं जिन्हें डेंड्राइट (Dendrites) कहते हैं, ये कोशिकाकाय में संदेश लेकर जाते हैं।

(ii) तंत्रिका तंतु (Nerve fibres) – यह एक तंत्रिका रेशा है जिसके मध्य में एक्सॉन (Axon) एक झिल्ली से घिरी होती है, जिसे न्यूरीलैमा कहते हैं। न्यूरीलैमा में विशेष प्रकार की कोशिकाएं होती हैं जिन्हें श्वान कोशिकाएं (Schavann cells) कहते हैं। महत्त्वपूर्ण अंग जैसे मस्तिष्क, मेरुरज्जु, तंत्रिकाएं इस ऊतक की बनी होती हैं। ये अंग शरीर के भिन्न-भिन्न भागों के कार्यों का तालमेल और नियंत्रण बनाते हैं। यह कार्य न्यूरॉन के भीतर इलेक्ट्रोकैमिकल प्रणाली द्वारा होता है।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
ऊतक किसे कहते हैं ? पौधों में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के ऊतक कौन-से हैं ?
उत्तर-
ऊतक (Tissue) – यह समान उत्पत्ति, संरचना तथा कार्य करने वाली कोशिकाओं का एक समूह होता है। पौधों में पाए जाने वाले ऊतकों को निम्नलिखित अनुसार बांटा गया है-
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प्रश्न 2.
किस प्रकार सिद्ध करोगे कि पौधों में वृद्धि केवल निश्चित भागों में ही होती है?
उत्तर-
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शीशे के बने दो जारों में पानी भरो। दोनों जारों पर एक-एक प्याज़ रखो तथा दोनों के मूल में कुछ दिन वृद्धि देखो। चार-पाँच दिन बाद एक जार में रखे प्याज़ की मूल से 10 cm भाग काट दो तथा कुछ दिन उस की वृद्धि की जांच करते रहो। मूल में वृद्धि होगी। अब मूल के ऊपर हिस्से को काट दो। वह वृद्धि करना बंद कर देगी। जिससे सिद्ध होता है कि पौधों में वृद्धि निश्चित भागों में होती है।

प्रश्न 3.
जंतुओं में पाए जाने वाले विभिन्न ऊतकों की सूची बनाइए।
उत्तर-
जंतुओं में पाए जाने वाले विभिन्न ऊतक निम्नलिखित चार प्रकार के होते हैं-

  1. एपीथीलियमी ऊतक
  2. संयोजी ऊतक
  3. पेशीय ऊतक
  4. तंत्रिका ऊतक

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प्रश्न 4.
विभाज्योतकी ऊतक की विशेषताएं बताओ।
उत्तर-
विभाज्योतकी ऊतक की विशेषताएं-

  1. इस ऊतक की कोशिकाएं समान होती हैं। इनकी कोशिका भित्ति महीन तथा सेल्यूलोज की बनी हुई होती
  2. ये जीवित तथा समव्यासी होती हैं।
  3. इनमें जीव द्रव्य सघन, केंद्रक बड़ा, रिक्तिकाएं छोटी अथवा अनुपस्थित होती हैं।
  4. इनके बीच कोई अंतर कोशिकीय स्थान नहीं होते।
  5. ये सदा विभाजन करती रहती हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 5.
स्थायी ऊतक किन्हें कहते हैं ? यह कितनी प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
स्थायी ऊतक (Permanent tissues) – ये ऊतक उन कोशिकाओं के बने होते हैं जिनमें विभाजन की क्षमता नष्ट हो जाती है। ये अपने निश्चित परिमाप तथा आकार में पहुंच चुके होते हैं।

स्थायी ऊतक के प्रकार – स्थायी ऊतक निम्नलिखित दो प्रकार के होते हैं-

  1. साधारण ऊतक (Simple tissues)
  2. जटिल ऊतक (Complex tissues)।

प्रश्न 6.
स्थायी ऊतक की विशेषताएं बताओ।
उत्तर-
स्थायी ऊतक की विशेषताएं-

  1. इनकी कोशिकाओं में विभाजन की क्षमता नहीं होती।
  2. ये विभाज्योतकी ऊतकों के विभाजन के पश्चात् बनती हैं।
  3. इनकी कोशिकाओं की आकृति, माप तथा संरचना निश्चित होती है।
  4. इनकी भित्ति न तो बहुत महीन होती है और न ही बहुत मोटी होती है।
  5. इनकी कोशिकाएं बड़ी होती हैं तथा रिक्तिकामय कोशिका द्रव्य होता है।

प्रश्न 7.
विभाज्योतकी ऊतक तथा स्थायी ऊतक में अंतर बताओ।
उत्तर-
विभाज्योतकी ऊतक तथा स्थायी ऊतक में अंतर-

विभाज्योतकी ऊतक (Meristematic tissues) स्थायी ऊतक (Permanent tissues)
(1) ये महीन भित्ति वाले तथा समव्यासी होते हैं। (1) ये महीन अथवा मोटी भित्ति वाले परंतु समव्यासी नहीं होते।
(2) इसमें सघन कोशिका द्रव्य, छोटी रिक्तिकाएं तथा बड़ा केंद्रक होता है। (2) इनमें कोशिका भित्ति के साथ महीन पर्त होती है। इनमें रिक्तिकाएं बड़ी परंतु केंद्रक छोटा होता है।
(3) इनमें अंतर कोशिकीय स्थान नहीं होते। (3) इनमें अंतर कोशिकीय स्थान उपस्थित अथवा अनुपस्थित हो सकते हैं।
(4) इनमें विभाजन की क्षमता होती है तथा ये वृद्धि और मोटाई के लिए उत्तरदायी हैं। (4) इनमें विभाजन की क्षमता नष्ट हो जाती है तथा वृद्धि में इनका कोई महत्त्व नहीं होता।

प्रश्न 8.
साधारण ऊतक किन्हें कहते हैं ? यह कितनी प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
साधारण ऊतक (Simple tissues) – ये ऊतक एक ही प्रकार की कोशिकाओं के समूह के रूप में पाए जाते हैं। इनकी संरचना तथा कार्य समान होते हैं। कोशिका भित्ति की संरचना के आधार पर ये निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं-

  1. मृदुतक (Parenchyma)
  2. स्थूल कोण ऊतक (Collenchyma)
  3. दृढ़ ऊतक (Sclerenchyma)।

प्रश्न 9.
सरल स्थायी ऊतक के विभिन्न प्रकार बताइए और प्रत्येक का कार्य लिखिए।
उत्तर-
सरल स्थायी ऊतक केवल एक प्रकार की कोशिकाओं का समूह है जो विभिन्न भागों में पाए जाते हैं। इसके विभिन्न प्रकार तथा उनके कार्य निम्नलिखित हैं-
1. पैरेंकाइमा (Parenchyma) के कार्य-

  • यह खादय पदार्थ का भण्डारण करता है।
  • क्लोरोप्लास्ट युक्त मृदुतक को क्लोरोनकाइमा कहते हैं। यह मंड तथा शर्करा का निर्माण प्रकाश-संश्लेषण क्रिया करता है।

2. कालेंकाइमा (Cellenchyma) के कार्य-

  • यह तने को यांत्रिक शक्ति प्रदान करता है।
  • यह कार्टेकस और एपीडर्मिस को अलग करते हैं।

3. स्कलेरेंकाइमा (Sclerenchyma) के कार्य-

  • यह उन अंगों को यांत्रिक शक्ति देता है जिनमें यह पाया जाता है, क्योंकि इसकी भित्ति मोटी होती है।
  • जाइलम कोशिका जिनकी भित्ति मोटी होती है पानी के स्थानांतरण का कार्य करते हैं।

प्रश्न 10.
पैरेंकाइमा तथा कॉलेंकाइमा में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
पैरेंकाइमा तथा कॉलेंकाइमा में अंतर-

पैरेंकाइमा (Parenchyma) कॉलेंकाइमा (Collenchyma)
(1) यह गोल महीन कोशिका भित्ति वाली कोशिकाओं का बना होता है। (1) यह बहुभुजी कोशिकाओं का बना होता है।
(2) इसमें केंद्रक विद्यमान होता है तथा उनके बीच अंतरा कोशिकीय स्थान पाए जाते हैं। (2) इनके बीच अंतर कोशिकीय स्थान नहीं होते।
(3) इनकी कोशिका भित्ति पेक्टिन तथा सेल्यूलोज की बनी होती है। (3) इनकी कोशिका भित्ति भी पेक्टिन तथा सेल्यूलोज की बनी होती है।
(4) यह खाद्य भंडारण तथा यांत्रिक सहारा देने का कार्य करता है। (4) यह यांत्रिक सहारा देने का कार्य करता है।
(5) ये जड, तना तथा पत्ती में पाए जाते हैं। (5) ये तने तथा पत्ती की मध्य शिरा में पाए जाते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 11.
फ्लोएम तथा जाइलम के मुख्य कार्य लिखिए।
उत्तर-
फ्लोएम के मुख्य कार्य – यह संवहन ऊतक है। यह पत्तियों द्वारा निर्मित भोजन को पौधे के विभिन्न भागों तक पहुंचाने का कार्य करता है।

जाइलम के मुख्य कार्य – यह संवहन ऊतक है। यह जल तथा उसमें घुले हुए खनिज लवणों को जड़ से लेकर पौधे के शीर्ष भागों तक पहुंचाता है। यह पौधे को यांत्रिक शक्ति भी प्रदान करता है।

प्रश्न 12.
रेखित तथा अरेखित पेशी में दो अंतर लिखिए।
उत्तर-
रेखित तथा अरेखित पेशियों में अंतर-

रेखित पेशियां (Striped Muscles) अरेखित पेशियां (Unstriped Muscles)
(1) ये दीर्घ, बेलनाकार तथा आशाखित होती हैं। (1) ये छोटी, तुर्काकार तथा नुकीले सिरे वाली होती हैं।
(2) इनमें गहरे तथा हल्के रंग की पट्टिकाएं होती हैं। (2) इनमें पट्टिकाएं नहीं होती।
(3) ये बहुकेंद्रकीय होती हैं। केंद्रक कोशिका का परिधि की ओर होता है। (3) ये एक केंद्रकीय होती हैं तथा केंद्रक बीच में होता है।
(4) ये अस्थियों से जुड़ी हुई होती हैं तथा गति में सहायक होती हैं। (4) ये अस्थियों से जुड़ी नहीं होती।

प्रश्न 13.
रेखित पेशी तथा हृदय पेशी में अंतर बताओ।
उत्तर-
रेखित पेशी तथा हृदय पेशी में अंतर-

हृदय पेशी (Cardiac Muscle) रेखित पेशी (Striated Muscle)
(1) यह हृदय में पाई जाती हैं। (1) ये प्रायः अस्थियों से जुड़ी होती हैं।
(2) ये अनैच्छिक होती हैं। (2) ये ऐच्छिक होती हैं।
(3) इनमें गहरे तथा हल्के रंग की पट्टियां नहीं होतीं। (3) इनमें गहरे तथा हल्के रंग की पट्टियां होती हैं।
(4) ये ऊत्तक सदैव कार्य करते रहते हैं। (4) यह ऊतक मनुष्य की इच्छा अनुसार कार्य करते हैं।
(5) इनमें सारकोलैमा नहीं होता। (5) इनमें सारकोलैमा उपस्थित होता है।

प्रश्न 14.
एपीथीलियमी ऊतक तथा संयोजी ऊतक में अंतर बताओ।
उत्तर-
एपीथीलियमी ऊतक तथा संयोजी ऊतक में अंतर-

एपीथीलियमी ऊतक (Epithelial Tissue) संयोजी ऊतक (Connective Tissue)
(1) यह ढकने, सुरक्षा प्रदान करने, स्रावण तथा का संवेदन का कार्य करते हैं। (1) यह विभिन्न प्रकार के ऊतकों के परस्पर जोड़ने कार्य करते हैं।
(2) इसकी कोशिकाओं के बीच अंतर कोशिकीय नहीं होते। (2) इसकी कोशिकाओं के बीच अंतर कोशिकीय स्थान स्थान नहीं होते।
(3) ये विशेष प्रकार की समान कोशिकाओं के बने हैं। (3) ये विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं के बने होते होते हैं।

प्रश्न 15.
अस्थि पिंजर के मुख्य कार्य बताओ।
उत्तर-
अस्थि पिंजर के मुख्य कार्य-

  1. यह शरीर का ढांचा बनाता है।
  2. यह शरीर के भीतरी कोमल अंगों की सुरक्षा करता है।
  3. ये पेशियों को जोड़ने में सहायता प्रदान करता है।
  4. यह गति तथा प्रचलन में सहायता करता है।
  5. इसकी अस्थियों के केंद्रीय भाग में अस्थिमज्जा होती है जिसमें रुधिर कणिकाओं का निर्माण होता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 16.
रुधिर क्या है ?
उत्तर-
रुधिर (Blood) – यह एक संवहन या तरल संयोजी ऊतक है। यह ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड तथा पोषक पदार्थों को शरीर के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने का कार्य करता है। इसमें एक तरल पदार्थ होता है जिसे प्लाज्मा कहते हैं, जिसमें लाल रक्ताणु, सफेद रक्ताणु तथा प्लेटलैटस होते हैं। इसमें विभिन्न प्रकार की कोशिकाएं भ्रमण करती रहती हैं। यह तंतु शरीर के सभी भागों में बहता है तथा शरीर के प्रत्येक भाग को जोड़ता है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 14

प्रश्न 17.
चालनी तत्व से क्या तात्पर्य है ? ये किन-किन प्रकार के होते हैं?
उत्तर-
चालनी तत्व पादप जटिल ऊतक के वे प्रकार होते हैं जो भोजन का संवहन तथा उसे एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाने का कार्य करते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं।
(a) चालनी कोशिकाएँ
(b) चालनी नलिकाएँ।

प्रश्न 18.
जड़ शीर्ष और तना शीर्ष में मुख्य अंतर लिखिए।
उत्तर-

जड़ शीर्ष तना शीर्ष
(1) यह सब टर्मिनल होता है। (1) यह शीर्ष टर्मिनल होता है।
(2) इसके शीर्ष में पार्श्व उपांग अनुपस्थित होता है। (2) इसमें पार्श्व उपांग तरुण पत्तियों के रूप में उपस्थित होता है।

प्रश्न 19.
फ्लोएम के विभिन्न अवयवों को सूचीबद्ध कीजिए।
उत्तर-
फ्लोएम में निम्नलिखित चार प्रकार के अवयव पाए जाते हैं-

  1. चालनी नलिकाएं (Sieve tubes) – ये नलिकाएं सदृश केंद्रविहीन, महीन झिल्ली वाली जीवित कोशिकाएं हैं जो एक के ऊपर एक रखी होती हैं।
  2. सखी कोशिकाएं (Companion cells) – यह महीन भित्ति वाली कोशिकाएं चालनी कोशिकाओं से जुड़ी होती हैं। इनमें सभी अवस्थाओं में केंद्रक पाया जाता है।
  3. फ्लोएम पेरेंकाइमा (Phioem parenchyma) – इनमें कुछ सजीव महीन भित्ति वाली बेलनाकार कोशिकाएं मिलती हैं। ये खाद्य पदार्थों का भंडारण करती हैं।
  4. फ्लोएम रेशे (Phloem fibres) – ये दृढ़ोतक कोशिकाएं द्वितीयक फ्लोएम में पाई जाती हैं। ये प्राथमिक फ्लोएम में नहीं मिलती। इन्हें वास्ट रेशे भी कहते हैं।

प्रश्न 20.
जाइलम में पाए जाने वाले विभिन्न अवयवों के नाम लिखिए।
उत्तर-
जाइलम में निम्नलिखित चार प्रकार के अवयव पाए जाते हैं-

  1. ट्रैकीड्स (Tracheids) – ये मृत तथा लंबी नली के समान रचनाएं होती हैं। इनके सिरों पर छिद्र नहीं होते।
  2. वाहिकाएं (Vessels) – ये मृत संकरी नली के समान रचनाएं होती हैं।
  3. दारू या काष्ठ मृदुतक (Xylem or wood parenchyma) – ये महीन भित्ति वाली जीवित कोशिकाएं होती हैं तथा प्रायः अधिक संख्या में पाई जाती हैं।
  4. काष्ठ तंतु (Wood or Xylem fibres) – ये लंबी, नुकीली, निर्जीव तथा दृढ़ोतक कोशिकाएं होती हैं। इनमें छोटे गर्त होते हैं तथा इनकी भित्तियां मोटी होती हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 21.
फ्लोएम की पौधे के लिए उपयोगिता बताइए।
उत्तर-
फ्लोएम की पौधे के लिए उपयोगिता- यह संवहन ऊतक है। यह पत्तियों द्वारा निर्मित भोजन को पौधे के विभिन्न भागों तक पहुँचाने का कार्य करता है।

प्रश्न 22.
आइलम का कार्य लिखिए।
उत्तर-
जाइलम का कार्य-यह संवहन ऊतक है। यह जल तथा उसमें घुले हुए खनिज लवणों को जड़ से लेकर पौधे के शीर्ष भागों तक पहुँचाता है। यह पौधे को यांत्रिक शक्ति भी प्रदान करता है।

प्रश्न 23.
जंतुओं में पाए जाने वाले विभिन्न ऊतकों के नाम लिखिए।
उत्तर-
जंतुओं में निम्नलिखित चार प्रकार के ऊतक पाए जाते हैं-

  1. एपीथीलियमी ऊतक (Epithelial tissues) – ये ऊतक जंतुओं की बाहरी सतह तथा आंतरिक सतह का आवरण बनाते हैं।
  2. संयोजी ऊतक (Connective tissues) – ये ऊतक शरीर के विभिन्न अंगों को जोड़ने, बांधने तथा सुरक्षा प्रदान करने का कार्य करते हैं।
  3. पेशीय ऊतक (Muscular tissues) – इसकी कोशिकाएं लंबी तथा बड़ी होती हैं। ये हमारे शरीर के विभिन्न भागों के गति करने में सहायता देते हैं।
  4. तंत्रिका ऊतक (Nervous tissues) – यह ऊतक विशेष प्रकार की कोशिकाओं का बना होता है जिन्हें न्यूरान्ज कहते हैं। यह हमें उद्दीपनों की जानकारी देता है।

प्रश्न 24.
सुरक्षात्मक ऊतक पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 15
सुरक्षात्मक ऊतक-

  1. यह पादप शरीर का बाहरी आवरण होता है।
  2. यह एक कोशिकीय तथा मोटा होता रपचर्ड बाह्य त्वचा कार्क कोशिकाएँ
  3. यह क्यूटिन द्वारा ढका होता है।
  4. यह पादप शरीर के आंतरिक ऊतक को सुरक्षा प्रदान करता है।

कार्क की कोशिकाएँ मृत होती हैं तथा इनमें कोई अंतर कोशिकीय स्थान नहीं होता। इनकी भित्तियां सुबेरिन के कारण मोटी हो जाती हैं। कार्क एक हल्का तथा सुरक्षात्मक ऊतक है। यह अधिक दाब वाला होता है और जल्दी आग नहीं पकड़ता।

प्रश्न 25.
पेशीय ऊतक क्या हैं ? ये कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
पेशीय ऊतक – इसकी कोशिकाएँ लंबी तथा बड़ी होती हैं जिन्हें पेशीय तंतु कहते हैं । वे विभिन्न मापों के होते हैं । यह हमारे शरीर के विभिन्न भागों की गति हेतु उत्तरदायी होते हैं। हमारे शरीर में तीन प्रकार के पेशीय ऊतक पाये जाते हैं। ये :-अरेखित पेशी ऊतक, अनैच्छिक ऊतक तंतु, रेखित पेशी तंतु ऊतक, ऐच्छिक तथा हृदय पेशी ऊतक जो केवल हृदय में पायी जाती है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 16

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 26.
संयोजी ऊतक के मुख्य कार्य बताओ।
उत्तर-
संयोजी ऊतक के कार्य-संयोजी ऊतक के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं-

  1. ये ऊतकों को आपस में बांधने तथा विभिन्न अंगों के एक-दूसरे के साथ जोड़ने का कार्य करते हैं।
  2. ये अस्थि तथा उपास्थि कंकाल बनाते हैं तथा शरीर के कोमल अंगों की सुरक्षा करते हैं।
  3. वसा ऊतक वसा का भंडारण करने में सहायता करते हैं।
  4. इनमें एक जैल जैसा पदार्थ होता है जो आघात अवशोषक का कार्य करता है।
  5. तरल संयोजी ऊतक रुधिर तथा लसिका पदार्थों के परिवहन में सहायता करते हैं।

प्रश्न 27.
वर्णक ऊतक क्या हैं ?
उत्तर-
वर्णक ऊतक (Pigment tissue) – इसकी कोशिकाएं लंबी तथा शाखित होती हैं। इनमें रंजक कण पाए जाते हैं। ये ऊतक त्वचा की डर्मिस, नेत्रों के रक्तक पटल तथा आइरिस में पाए जाते हैं। ये त्वचा के रंग प्रदान करने का कार्य करते हैं।

प्रश्न 28.
तंतुमय संयोजी ऊतक क्या हैं ? ये कितने प्रकार के होते हैं ? वर्णन करो।
उत्तर-
तंतुमय संयोजी ऊतक (Fibrous connective tissues) – ये ऐसे ऊतक हैं जिनमें आधात्री की मात्रा कम तथा रेशेदार तंतु अधिक मात्रा में पाए जाते हैं।

ये निम्नलिखित दो प्रकार के होते हैं-

  • श्वेत रेशेदार संयोजी ऊतक (White fibrous connective tissues) – इसके तंतु आपस में जुड़े हुए होते हैं। ये मज़बूत तथा लोच रहित होते हैं। इनकी कोशिकाएं दृढ़ता प्रदान करती हैं। ये पेशियों की अस्थियों को जोड़ने का कार्य करते हैं।
  • पीत तंतुमय संयोजी ऊतक (Yellow fibrous tissues) – ये ऊतक उन स्थानों पर अधिक पाए जाते हैं जहां पर लोच की अधिक आवश्यकता होती है। ये तंतु पीले, लोचदार तथा शाखित होते हैं।

प्रश्न 29.
कंडरा तथा स्नायु में अंतर बताओ।
उत्तर-
कंडरा तथा स्नायु में अंतर-

कंडरा (Cartilage) स्नायु (Ligament)
(1) यह कठोर तथा लोचदार ऊतक है। (1) यह सघन तथा रेशेदार ऊतक है।
(2) यह पेरिकोंड्रियम द्वारा ढका होता है। (2) यह इलास्टिक तथा कोलेजन तंतुओं का बना होता है।
(3) इसमें कोंट्रियोसाइटस इलास्टिक तंतुओं के जाल के रूप में बिखरे होते हैं। (3) यह अस्थियों को आपस में बांध कर रखता है।

प्रश्न 30.
रुधिर ऊतक के मुख्य अवयव क्या हैं ? उनके प्रमुख लक्षण दीजिए।
उत्तर-
रुधिर के मुख्य अवयव तथा उनके लक्षण-

अवयव का नाम मुख्य लक्षण
(1) रुधिर प्लाज्मा (1) यह तरल आधात्री है। यह भूरे रंग का होता है । इसमें 90% जल तथा प्रोटीन होती हैं।
(2) रुधिर प्लेटलेटस (2) ये अस्थि मज्जा में पाये जाने वाले बड़ी कोशिकाओं के कण हैं । य रुधिर का थक्का जमने में सहायता करते हैं।
(3) रुधिर कण :
(i) एरिथ्रोसाइट अथवा लाल रुधिर कण(ii) ल्युकोसाइट अथवा श्वेत रुधिर कण
(3) (i) इन्हें लाल रक्त कण कहते हैं। ये विअवतल तथा तश्तरीनुमा होते हैं। इनमें हीमोग्लोबिन होता है। यह ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड के परिवहन का काम करता है।

(ii) इन्हें श्वेत रक्त कण कहते हैं। ये रंगहीन होते हैं। ये रोगाणुओं से हमारी रक्षा करते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 31.
संहत अस्थि क्या है ?
उत्तर-
संहत अस्थि (Compact bone) – यह सख्त तथा ठोस होती है। यह लंबी अस्थियों की शाफ्ट जैसे फीमर, में पायी जाती है। यह गोल तथा अनियमित अस्थियों की सधन परतों को बनाती है। इसमें अनेक समानांतर तथा लंबवत् स्तंभ जैसी रचनाएं होती हैं जिन्हें हैवरसियन तंत्र कहते हैं। वे एक-दूसरे से जुड़े होते हैं।

प्रश्न 32.
तंत्रिका ऊतक का वर्णन करो।
उत्तर-
तंत्रिका ऊतक न्यूरोन्स अथवा तंत्रिका कोशिकाओं न्यूरोग्लीआ कोशिकाओं तथा तंत्रिकास्त्रावी कोशिकाओं का बना होता है। तंत्रिका कोशिका में एक कोशिका काय तथा एक या अधिक एक्सोन होते हैं। उदाहरणार्थ : कोशिका काय में केंद्रक, कोशिका द्रव्य तथा निस्सल के कण होते हैं। एक्सान एक लंबा प्रवर्ध है जिसमें न्यूरोप्लाज्म तथा न्यूरोफाइब्रिल्स होते हैं। इसमें निस्सल कण नहीं होते। एक्सान माइलिन वसा की आच्छद द्वारा ढका हो सकता है (आच्छादित न्यूरोन)। यह आच्छद अंतराल पर अनुपस्थित होती है। इन अंतरालों को रेनवियर का नोड कहते हैं । नोड न्यूरीलेमा द्वारा घिरी होती हैं । कुछ तंत्रिका तंतुओं में माइलिन आच्छद नहीं होती।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 17

प्रश्न 33.
तंत्रिका में अंतग्रर्थन द्वारा प्रेरणा का संचालन कैसे होता है ? वर्णन करो।
उत्तर-
तंत्रिका प्रेरणा का संचालन – तंत्रिका कोशिका के दोनों न्यूरॉनों के डेंड्राइटों के बीच एक युग्म होता है जिसे साइनेपसिस कहते हैं। एक न्यूरॉन के साइटोन के डेंड्राइटस् दूसरे न्यूरॉन के एक्सोन टर्मिनल के संपर्क में रहते हैं। इसके अंतिम सिरे से कई शाखाएं निकलती हैं जिन्हें बटनस टर्मिनलस कहते हैं। इसी स्थान से न्यूरोट्रांसमीटर मुक्त होता है जो आवेग को अगले न्यूरॉन देता है। इस प्रकार तंत्रिका द्वारा प्रेरणा का संचालन होता रहता है।

प्रश्न 34.
अस्थि और उपास्थि में दो अंतर लिखिए।
उत्तर-
अस्थि तथा उपास्थि में अंतर-

अस्थि (Bone) उपास्थि (Cartilage)
(1) इसका आधात्री (Matrix) कठोर तथा लचीला होता है। (1) इसका आधात्री कठोर तथा मज़बूत होता है। इसकी मजबूती अकार्बनिक लवणों के जमा होने के कारण होती है।
(2) इसका आधात्री कोंड्रिन का बना होता है। (2) इसका आधात्री ओसीन का बना होता है।
(3) यह पेरीकोंड्रियम के द्वारा ढका होता है। (3) यह पेराआस्टीयम के द्वारा ढका होता है।
(4) इसमें हैवरसियन तंत्र अनुपस्थित होता है। (4) इसमें हैवरसियन तंत्र उपस्थित होता है।

प्रश्न 35.
शीत क्षेत्रों में रहने वाले प्राणियों और अति ठंडे जल में रहने वाली मछलियों पर वसा की अतिरिक्त मोटी परत होती है। क्यों ?
उत्तर-
शीत क्षेत्रों में रहने वाले प्राणियों और अति ठंडे जल में रहने वाली मछलियों पर वसा की मोटी परत होती है क्योंकि इससे उन्हें अपने शरीर के लिए तापीय नियंत्रण हेतु अतिरिक्त सुरक्षा की प्राप्ति हो जाती है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 36.
यदि एक गमले में लगे पौधे को काँच के जार से ढाँप दिया जाए तो उसमें जलवाष्प दिखाई देने लगते हैं। क्यों ?
उत्तर-
पौधे की पत्तियों में छोटे-छोटे रंध्र होते हैं जिन्हें स्टोमेटा कहते हैं। इनसे वाष्पोत्सर्जन की क्रिया होती रहती है। इसी क्रिया के कारण काँच के जार में जलवाष्प दिखाई देने लगते हैं।

प्रश्न 37.
रेगिस्तानों में उगने वाले पौधों में प्रायः एपीडर्मिस (छाल) मोटी और मोम जैसी होती है। क्यों ?
उत्तर-
रेगिस्तानों में उगने वाले पौधों को भीषण गर्मी की मार झेलनी पड़ती है। उनकी मोटी छाल जल की हानि को कम कर उनके सभी भागों की रक्षा करती है। इनकी सतह पर मोम जैसी जल प्रतिरोधी परत एपीडर्मल कोशिका के द्वारा बनाई जाती है, जो जल हानि के विरुद्ध यांत्रिक आघात तथा परजीवी कवक के प्रवेश से पौधों का बचाव करती है।

प्रश्न 38.
पेड़-पौधों की जड़ों में प्रायः बाल जैसे प्रवर्ध क्यों होते हैं ?
उत्तर-
पेड़-पौधों की जड़ों में एपीडर्मिल कोशिकाएँ पानी को सोखने का कार्य करती हैं। उनमें बाल जैसे प्रवर्ध जड़ों की अवशोषक सतह में वृद्धि कर देते हैं जिससे उनकी पानी सोखने की क्षमता में वृद्धि हो जाती है।

प्रश्न 39.
(a) शल्की,
(b) घनाकार,
(c) स्तंभाकार एपीथीलियम दर्शाते हुए चित्र बनाइए।
उत्तर-
(a) शल्की एपीथीलियम (Squamous epithelium)
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 18

(b) घनाकार एपीथीलियम (Cuboidel epithelium)
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 19

(c) स्तंभाकार एपीथीलियम (Columnar epithelium)
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 20

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
ऊतक क्या है ?
उत्तर-
ऊतक (Tissue) – यह समान उत्पत्ति, संरचना तथा कार्यों वाली कोशिकाओं का एक समूह होता है। इससे शरीर के अंग बनते हैं।

प्रश्न 2.
पौधों के ऊतकों के दो समूहों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. विभाज्योतकी ऊतक
  2. स्थायी ऊतक।

प्रश्न 3.
ऐसी कोशिकाओं के समूह के नाम बताओ जिनमें लगातार विभाजन होता रहता है।
उत्तर-
विभाज्योतकी ऊतक।

प्रश्न 4.
विभाज्योतकी ऊतक के तीन प्रकारों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. शीर्षस्थ विभाज्योतकी ऊतक
  2. अंतर्वेशी विभाज्योतकी ऊतक
  3. पार्श्व विभाज्योतकी ऊतक।

प्रश्न 5.
शीर्षस्थ विभाज्योतकी ऊतक कहां पर पाए जाते हैं ?
उत्तर-
जड़, तना तथा शाखाओं के शीर्षों पर।

प्रश्न 6.
स्थायी ऊतक किन्हें कहते हैं ?
उत्तर-
ऐसे ऊतक जिनमें विभाजन की क्षमता नष्ट हो जाती है, उन्हें स्थायी ऊतक कहते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 7.
स्थायी ऊतक के दो प्रकारों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. साधारण ऊतक
  2. जटिल ऊतक।

प्रश्न 8.
साधारण ऊतक किन्हें कहते हैं ?
उत्तर-
यह ऊतक एक ही प्रकार की कोशिकाओं से बनते हैं। इनकी संरचना तथा कार्य समान होते हैं।

प्रश्न 9.
साधारण ऊतकों के तीन प्रकारों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. मृदुतक
  2. स्थूल कोण ऊतक
  3. दृढ़ ऊतक।

प्रश्न 10.
पैरेंकाइमा ऊतकों की कोशिकाएं किस आकार की होती हैं ?
उत्तर-
बहुभुजी, अंडाकार तथा गोल।

प्रश्न 11.
कॉलेकाइमा पौधे प्रायः किस भाग में पाए जाते हैं ?
उत्तर-
पौधे के हरे भागों में।

प्रश्न 12.
दृढ़ोतक किस प्रकार की कोशिकाओं का बना होता है ?
उत्तर-
मृत कोशिकाओं का।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 13.
जटिल ऊतक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
यह विभिन्न आकार तथा माप की कोशिकाओं से मिलकर बना ऐसा समूह है जो एक इकाई का कार्य करता है। यह जल में घुलित लवणों का परिवहन करता है तथा भोजन को पौधे के एक भाग से दूसरे भाग तक ले जाता है।

प्रश्न 14.
जटिल ऊतक के दो प्रकारों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. जाइलम
  2. फ्लोएम।

प्रश्न 15.
जाइलम के चार विभिन्न अवयवों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. वाहिनीकाएं
  2. वाहिकाएं
  3. दारु मृदुतक
  4. काष्ठ तंतु।

प्रश्न 16.
फ्लोएम के चार अवयवों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. चालनी नलिकाएं
  2. सखी कोशिकाएं
  3. फ्लोएम मृदुतक
  4. फ्लोएम तंतु।

प्रश्न 17.
जंतु ऊतकों के चार प्रकारों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. एपीथीलियमी ऊतक
  2. संयोजी ऊतक
  3. पेशीय ऊतक
  4. तंत्रिका ऊतक।

प्रश्न 18.
एपीथीलियमी ऊतक कहां पर पाए जाते हैं ?
उत्तर-
जंतुओं की बाहरी तथा आंतरिक सतहों पर।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 19.
तीन प्रकार के पेशीय ऊतकों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. रेखित पेशीय ऊतक
  2. अरेखित पेशीय ऊतक
  3. हृदय पेशीय ऊतक।

प्रश्न 20.
हृदय की पेशियां किस प्रकार की पेशियां होती हैं ?
उत्तर-
अनैच्छिक पेशियां।

प्रश्न 21.
संयोजी ऊतकों के दो मुख्य कार्य बताओ।
उत्तर-
विभिन्न अंगों को जोड़ना, बांधना तथा सुरक्षा प्रदान करना।

प्रश्न 22.
संयोजी ऊतक की किस्मों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. अस्थि
  2. उपास्थि
  3. रुधिर
  4. टैंडन तथा
  5. लिगामैंट।

प्रश्न 23.
सभी सजीव किससे बने होते हैं ?
उत्तर-
कोशिकाओं से।

प्रश्न 24.
अमीबा अपनी एक ही कोशिका से क्या-क्या कार्य करता है ?
उत्तर-
गति, भोजन लेने की क्रिया, श्वसन क्रिया और उत्सर्जन क्रिया।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 25.
क्या पौधों और जंतुओं में एक ही तरह के ऊतक होते हैं ?
उत्तर-
नहीं, दोनों में ऊतक अलग-अलग प्रकार के होते हैं!

प्रश्न 26.
पौधों को कम रख-रखाव की आवश्यकता क्यों होती है ?
उत्तर-
पौधों के अधिकांश ऊतक मृत होते हैं पर वे जीवित ऊतक की तरह ही यांत्रिक मज़बूती प्रदान करते हैं। इसलिए उन्हें कम रख-रखाव की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 27.
जंतु ऊतक ऊर्जा की अधिक खपत क्यों करते हैं ?
उत्तर-
जंतु ऊतक अधिकतर जीवित होते हैं और भोजन, साथी और आश्रय की खोज में इधर-उधर घूमते रहते हैं जिस कारण वे ऊर्जा की अधिक खपत करते हैं।

प्रश्न 28.
पौधों और जंतुओं के बीच वृद्धि के प्रतिरूप क्या अंतर है ?
उत्तर-
पौधों की वृद्धि कुछ भागों में सीमित रहती हैं जबकि जंतुओं में ऐसा नहीं होता।

प्रश्न 29.
विभाज्योतक किस प्रकार के जीव से संबंधित है ?
उत्तर-
पादपों से।

प्रश्न 30.
प्ररोह के शीर्षस्थ विभाज्योजतक कहां मौजूद होते हैं ?
उत्तर-
जड़ों और तनों की वृद्धि वाले भाग में।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 31.
किसी पेड़-पौधे के तने की परिधि या मूल में वृद्धि किस ऊतक के कारण होती है ?
उत्तर-
पार्श्व विभाज्योतक कैंबियम के कारण ।

प्रश्न 32.
पत्तियों के आधार या टहनी के पर्वसंधि के दोषों और कौन-सा ऊतक होता है ?
उत्तर-
अंतर्विष्ट विभाज्योतक।

प्रश्न 33.
विभाज्योतक की क्रियाशीलता का क्या कारण है ?
उत्तर-
बहुत अधिक कोशिका द्रव, पतली कोशिका, भित्ति और स्पष्ट केंद्रक।

प्रश्न 34.
किस पादप ऊतक के पास रसधानी नहीं होती ?
उत्तर-
विभाज्योतक के पास।

प्रश्न 35.
विभेदीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
एक विशिष्ट कार्य करने के लिए विभाज्योतक के स्थायी रूप और आकार लेने की क्रिया को विभेदीकरण कहते हैं।

प्रश्न 36.
जलीय पौधे तैरने का गुण किस से प्राप्त करते हैं ?
उत्तर-
पेरेंकाइमा की कोशिकाओं के मध्य भरी हवा से।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 37.
पौधों में लचीलेपन का गुण किस ऊतक के कारण होता है ?
उत्तर-
कालेंकाइमा के कारण।

प्रश्न 38.
कालेंकाइमा ऊतक की कोशिकाएं कैसी होती हैं ?
उत्तर-
जीवित, लंबी और अनिमत ढंग से कोनों पर मोटी।

प्रश्न 39.
पौधों को कठोरता और मज़बूती कौन-सा ऊतक देता है ?
उत्तर-
स्कलेरेंकाइमा ऊतक।

प्रश्न 40.
नारियल का रेशेदार छिलका किस ऊतक से बनता है ?
उत्तर-
स्कलेरेंकाइमा ऊतक।

प्रश्न 41.
स्कलेरेंकाइमा ऊतक की भित्ति किस कारण मोटी होती है ?
उत्तर-
लिग्निन नामक रासायनिक पदार्थ के कारण।

प्रश्न 42.
पत्तों की शिराओं, बीजों और फलों के छिलकों को कठोरता कौन प्रदान करता है ?
उत्तर-
स्कलेरेंकाइमा ऊतक।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 43.
एपीडर्मल कोशिकाएं क्या करती हैं ?
उत्तर-
मोम जैसी जल प्रतिरोधी परत बनाकर पौधों की रक्षा करती है।

प्रश्न 44.
रक्षी कोशिका क्या है ?
उत्तर-
स्टोमेटा को घेरने वाले वृक्क के आधार की दो कोशिकाएं ।

प्रश्न 45.
पत्तों से वाष्पोत्सर्जन और गैसों का वायुमंडल से आदान-प्रदान कौन करता है ?
उत्तर-
स्टोमेटा।

प्रश्न 46.
फ्लोएम कोशिकाओं में कौन-सी मृत होती हैं ?
उत्तर-
फ्लोएम रेशे।

प्रश्न 47.
जंतु अंगों को गति कौन प्रदान करता है ?
उत्तर-
पेशी ऊतक।

प्रश्न 48.
रक्त किन पदार्थों को इकट्ठा कर कहाँ पहुँचाता है ?
उत्तर-
रक्त शरीर के व्यर्थ उपापचयी पदार्थों को इकट्ठा कर यकृत और वृक्क तक उत्सर्जन के लिए पहुँचाता है।

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प्रश्न 49.
पदार्थों का संवहन किस झिल्ली से होता है ?
उत्तर-
वरणात्मक पारगम्य झिल्ली।

प्रश्न 50.
आहारनली और मुँह का अस्तर किससे ढका होता है ?
उत्तर-
शल्की एपीथीलियम से।

प्रश्न 51.
त्वचा किससे बनती है ?
उत्तर-
एपीथीलियम ऊतक से।

प्रश्न 52.
पक्षमाभी स्तंभाकार एपीथीलियम कहां होते हैं ?
उत्तर-
श्वास नली में।

प्रश्न 53.
वृक्कीय नली और लार ग्रंथि की नली के अस्तर का निर्माण कौन करता है ?
उत्तर-
घनाकार एपीथीलियम।

प्रश्न 54.
एपीथीलियम ऊतक कहां पर पाए जाते हैं ?
उत्तर-
जंतुओं की बाहरी तथा आंतरिक सतहों पर।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 55.
मानव शरीर में कठोर ऊतक कौन-सा है ?
उत्तर-
हड्डी ।

प्रश्न 56.
किस ऊतक को जीवन धारा कहते हैं ?
उत्तर-
रुधिर।

प्रश्न 57.
रुधिर प्लाज्मा में कितने प्रतिशत जल होता है ?
उत्तर-
90% (लगभग)।

प्रश्न 58.
रक्त किस प्रकार का ऊतक है ?
उत्तर-
संयोजी ऊतक।

प्रश्न 59.
रक्त के तरल आधात्री भाग को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
प्लाज्मा।

प्रश्न 60.
प्लाज्मा में क्या-क्या होता है ?
उत्तर-
लाल रक्त कोशिकाएं, श्वेतरक्त कोशिकाएं, प्लेटलेट्स।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 61.
रक्त किन-किन पदार्थों का संवहन शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में करता है ?
उत्तर-
गैसों, पचे हुए भोजन, हार्मोन तथा उत्सर्जी पदार्थों का।

प्रश्न 62.
अस्थि कोशिकाओं में कौन-से तत्त्व होते हैं ?
उत्तर-
कैल्शियम तथा फॉस्फोरस।

प्रश्न 63.
अस्थियों को मांसपेशियों से कौन जोड़ता है ?
उत्तर-
संयोजी ऊतक कंडरा।

प्रश्न 64.
कंडरा ऊतक कैसे होते हैं ?
उत्तर-
कंडरा रेशेदार ऊतक है जो बहुत मज़बूत और कम लचीले होते हैं।

प्रश्न 65.
उपस्थि क्या है ?
उत्तर-
उपस्थि संयोजी ऊतक है जो अस्थियों के जोड़ों को चिकनी बनाती है ?

प्रश्न 66.
शरीर के अंगों में उपास्थि कहाँ-कहाँ होती है ?
उत्तर-
नाक, कान, कंठ और श्वास नली में।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 67.
एरीओलर संयोजी ऊतक कहाँ-कहाँ पाया जाता है ?
उत्तर-
त्वचा और मांसपेशियों के बीच, रक्त नलिका के चारों ओर तथा नसों और अस्थि मज्जा में।

प्रश्न 68.
वसा का संचय कहा होता है ?
उत्तर-
त्वचा के नीचे भीतरी अंगों के बीच वसामय ऊतक में।

प्रश्न 69.
पेशियों में गति किस कारण होती है ?
उत्तर-
पेशियों में विद्यमान सिकुड़ने वाले प्रोटीन के कारण।

प्रश्न 70.
ऐच्छिक पेशियां क्या होती हैं ?
उत्तर-
जिन पेशियों को हम अपनी इच्छा से गति करा सकते हैं उन्हें ऐच्छिक पेशियां कहते हैं।

प्रश्न 71.
रेखित पेशियों के ऊतक की कोशिकाएं कैसी होती है ?
उत्तर-
लंबी, बेलनाकार, शाखारहित और बहु नाभिकीय।

प्रश्न 72.
अनैच्छिक पेशियां किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जो पेशियां हम स्वयं संचालित नहीं कर सकते।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 73.
कौन-सी पेशियां अनैच्छिक पेशियों को नियंत्रित करती हैं ?
उत्तर-
चिकनी पेशियां या अनैच्छिक पेशियां।

प्रश्न 74.
अनैच्छिक पेशियां शरीर में कहाँ-कहाँ पाई जाती हैं ?
उत्तर-
आँख की पलक, मूत्रवाहिनी और फेफड़ों की श्वसनी में।

प्रश्न 75.
हृदय की पेशियों को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
हृदय की अनैच्छिक पेशियों को कार्डिक (हृदयक) पेशी कहते हैं।

प्रश्न 76.
अति शीघ्रता उत्तेजित होने वाली कोशिकाओं का नाम लिखिए।
उत्तर-
तंत्रिका ऊतक की कोशिकाएं।

प्रश्न 77.
तंत्रिका ऊतक से हमारे शरीर में क्या-क्या निर्मित होता है ?
उत्तर-
मस्तिष्क, मेरुरज्जु और तंत्रिकाएं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 78.
न्यूरॉन क्या है ?
उत्तर-
तंत्रिका कोशिकाएं।

प्रश्न 79.
तंत्रिका कोशिका कितनी लंबी हो सकती है ?
उत्तर-
एक मीटर तक लंबी।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
पादप कोशिको की इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी संरचना का सचित्र वर्णन कीजिए-
उत्तर-
पादप कोशिको की इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी संरचना-
इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा पादप कोशिका की संरचना निम्नलिखित अनुसार है। इस सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखे जाने पर कोशिका के तीन भाग प्रत्यक्ष दिखाई देते हैं तथा वे हैं

  1. कोशिका भित्ति
  2. कोशिका द्रव्य तथा
  3. केंद्रक।

I. कोशिका भित्ति (Cell wall) – यह कोशिका का बाह्य आवरण है। यह अजीवित पदार्थ सेल्यूलोज़ का बना होता है। यह कोशिका को आकार प्रदान करती है तथा जल के लिए पारगम्य (Permeable) होती है। यह कोशिका की सुरक्षा करती है तथा ऊतकों को दृढ़ और मज़बूत बनाती है।
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II. कोशिका द्रव्य (Cytoplasm) – यह एक अर्ध तरल, जैलीनुमा जीवित पदार्थ है। यह स्वभाव में कोलायडी होता है। यह कोशिका में जैविक कार्य करता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, लिपिड, जल, न्यूक्लिक अम्ल तथा खनिज लवण पाए जाते हैं। इसमें निम्नलिखित पिंड या कोशिकांग (Cell organelles) पाए जाते हैं-

(i) लवक (Plastids) – पौधों की कोशिकाओं में तीन प्रकार के लवक पाए जाते हैं-
(क) हरित लवक (Chloroplast) – इनमें एक हरे रंग का पदार्थ क्लोरोफिल होता है जो प्रकाश संश्लेषण द्वारा भोजन निर्माण में सहायता करता है।
(ख) वर्णी लवक (Chromoplast) – ये नीले, काले अथवा पीले रंग के होते हैं, परंतु इनका रंग हरा नहीं होता।
(ग) अवर्णी लवक (Leucoplast) – ये रंगहीन होते हैं तथा पौधे के प्रकाश से दूर वाले भागों में पाए जाते हैं। ये तने, शाखाओं तथा पत्तियों में हरे रंग के ही होते हैं।

(ii) रिक्तिकाएं (Vacuoles) – पौधों की कोशिकाओं में कोशिका द्रव्य में बड़ी रिक्तिकाएं पाई जाती हैं। इनमें कोशिका रस भरा होता है। ये कोशिका का लगभग 90% भाग घेरती है। यह कोशिका को दृढ़ता प्रदान करने में भी सहायक होती हैं।

(iii) माइटोकाँड्रिया (Mitochondria) – यह कोशिका के जीव द्रव्य में पाए जाने वाले दानेदार पदार्थों के छोटे समूह हैं। ये ऊर्जा का भंडारण करते हैं।

(iv) अंतर्द्रव्यी जालिका (Endoplasmic Reticulum) – यह एक तरल से भरी हुई अवकोशिका को घेरे हुए झिल्लीदार जाली है। यह दो प्रकार की है-खुरदरी अंतर्द्रव्यी जालिका (अपनी सतह पर राइबोसोम जुड़े हुए) प्रोटीन संश्लेषण के लिए और चिकनी अंतर्द्रव्यी जालिका (बिना राइबोसोम के) लिपिड स्राव के लिए। राइबोसोम कोशिका द्रव्य में अलग से भी होते हैं। जालिका में संश्लेषित कुछ प्रोटीन व लिपिड नए कोशिकीय अंश (विशेषतया कोशिका झिल्ली) बनाने में प्रयुक्त होते हैं। कुछ अन्य, कोशिका के अंदर या जब कोशिका से बाहर स्रावित किए जाते हैं, एंजाइम व हार्मोन के रूप में कार्य करते हैं।

(v) राइबोसोम (Ribosomes) – लाल रक्ताणुओं तथा विकसित शुक्राणुओं के अतिरिक्त ये असीमकेंद्रक तथा ससीमकेंद्रक कोशिकाओं में पाए जाते हैं। प्रत्येक राइबोसोम के दो भाग होते हैं। एक छोटा सब-यूनिट तथा एक बड़ा सब-यूनिट होता है। राइबोसोम आर० एन० ए० (R.N.A.) तथा प्रोटीन के बने होते हैं। ये कोशिका के भीतर प्रोटीन का निर्माण करते हैं।

(vi) गॉल्जी उपकरण (Golgi Apparatus) – यह एक चिकने, चपटे, नलिकाकार उपक्रम समूह से बना है। ये प्रायः समानांतर पंक्तियों में एक ढेर में होते हैं। गॉल्जी उपकरण कोशिका का स्त्रावी अंगक है। यह कोशिका में संश्लेषित पदार्थों के पैकेज बनाकर कोशिका के अंदर (प्लाज्मा झिल्ली व लाइसोसोम) व बाहर के लक्ष्यों को भेजता है। गॉल्जी सम्मिश्रण लाइसोसोम और परॉक्सिम को बनाने में भी शामिल हैं। गॉल्जी उपकरण पौधों में जब छोटी इकाइयों में होते हैं, तो जालीकाय (डिक्टियोसो’:) कहलाते हैं।

III. केंद्रक (Nucleus) – यह एक प्रमुख गोलाकार या अंडाकार संरचना है जो प्रायः कोशिका के केंद्र के निकट स्थित होता है। यह सभी कोशिकीय गतिविधियों का नियंत्रण केंद्र है। यह एक द्विपरती झिल्ली, केंद्रीय झिल्ली से घिरा होता है जो इसे कोशिका द्रव्य से अलग करती है। केंद्रकीय झिल्ली में कुछ छिद्र होते हैं। केंद्रक के मुख्य अवयव हैं (क) क्रोमेटिन पदार्थ जो एक धागेनुमा संरचना के रूप में है, और (ख) केंद्रक जिसमें अधिकतर आर० एन० ए० होता है। आर० एन० ए० कोशिका द्रव्य में प्रोटीन बनाने में सहायता करता है। क्रोमेटिन पदार्थ, मुख्यतया डी० एन० ए० से बना होता है। यह आनुवंशिक सूचनाओं को संचित करने व एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में प्रेषित करने के लिए उत्तरदायी है। कोशिका विभाजन के साथ यह सघन छड़नुमा पिंडों-गुणसूत्रों (Chromosomes) में संघनित हो जाते हैं। गुणसूत्रों में जीन होते हैं जो डी० एन० ए० के खंड हैं। एक जीन गुणसूत्र की कार्यात्मक इकाई है। केंद्रक कोशिका की सभी क्रियाओं को नियंत्रित करता है।

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प्रश्न 2.
कोशिका के केंद्रक की संरचना और कार्य का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
कोशिका के मध्य में विद्यमान गोलाकार या अंडाकार संरचना को केंद्रक कहते हैं। इसकी सर्वप्रथम खोज रॉबर्ट ब्राउन ने की थी। प्रायः एक कोशिका में एक केंद्रक होता है। केंद्रक में निम्नलिखित प्रमुख भाग होते हैं-
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1. केंद्रक झिल्ली – केंद्रक के चारों ओर दोहरे परत का एक आवरण होता है जिसे केंद्रक झिल्ली कहते हैं। इसमें छोटे-छोटे अनेक छिद्र होते हैं जिनके द्वारा केंद्रक के भीतर का केंद्रक द्रव्य बाहर जा सकता है। असीम केंद्र की कोशिकाओं में केंद्रक झिल्ली नहीं होती।

2. केंद्रक द्रव्य – केंद्रक झिल्ली से घिरे पदार्थ को केंद्रक द्रव्य कहते हैं। यह पारदर्शी, कोलॉइजी तरल होता है जो न्यूक्लियो प्रोटीन से बना होता है। इस में राइबोसोम्ज, खनिज लवण, एंजाइम, आर० एन० ए०, क्रोमेटिन धागे तथा केंद्रिक पाए जाते हैं।

3. क्रोमैटिन पदार्थ – क्रोमैटिन पदार्थ धागे के समान बारीक रचनाओं का जाल होता है। जब कभी कोशिका का विभाजन होने वाला होता है तो वह क्रोमोसोम में संगठित हो जाता है। क्रोमोसोम (गुणसूत्र) में आनुवंशिक गुण होते हैं जो माता-पिता से DNA (डिऑक्सी राइबो-न्यूक्लिक अम्ल) अणु रूप में अगली पीढ़ी में जाते हैं। डी० एन० ए० तथा प्रोटीन से गुणसूत्र बनते हैं और इनमें कोशिका के निर्माण और संगठन की सभी विशेषताएँ उपलब्ध होती हैं। डी० एन० ए० के क्रियात्मक खंड को जीन कहते हैं। जिस कोशिका का विभाजन नहीं हो रहा होता उसमें डी० एन० ए० क्रोमैटिन के रूप में रहता है। विभिन्न जीवधारियों में क्रोमोसोम की संख्या अलग-अलग होती है पर एक ही जाति के सभी प्राणियों में इनकी संख्या एक समान होती है। क्रोमोसोम की संरचना में बदलाव होने से जीव-जंतुओं में विभिन्नताएं उत्पन्न हो जाती हैं। केंद्रक में आर० एन० ए० रिबोन्यूक्लिक अम्ल है जो केंद्रिका में प्रोटीन संश्लेषण में सहायक होता है।

4. केंद्रिक – कोशिका के केंद्रक में एक या दो केंद्रिका होती हैं। इस में प्रोटीन, आर० एन० ए० तथा डी० एन० ए० होते हैं। असीम केंद्रकी कोशिकाओं में केंद्रिक नहीं होता। बैक्टीरिया जैसे कुछ जीवों में कोशिका का केंद्रकीय क्षेत्र बहुत कम स्पष्ट होता है क्योंकि इसमें केंद्रक झिल्ली की अनुपस्थिति रहती है।

केंद्रिक के कार्य

  1. यह आनुवंशिक लक्षणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक स्थानांतरण का आधार है।
  2. यह कोशिका विभाजन के लिए जिम्मेदार होता है।
  3. यह कोशिका की सभी उपापचय क्रियाओं पर नियंत्रण रखता है।
  4. यह शरीर की वृद्धि के लिए उत्तरदायी होता है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त नोट लिखो
(i) क्लोरोप्लास्ट
(ii) अंतःद्रव्यी जालिका
(iii) गॉल्जीकाय।
उत्तर-
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(i) क्लोरोप्लास्ट (Chloroplast) – ये कोशिका द्रव्य में हरे पौधों की समस्त कोशिकाओं में पाये जाते हैं। इनकी संख्या एक से सौ तक हो | राइबोसोम
ग्रैनम सकती है। ये प्रायः तश्तरीनुमा अथवा कुछ पौधों की कोशिकाओं में गोलाकार हो सकते हैं। स्पाइरोगायरा के क्लोरोप्लास्ट फीते या रिबन के समान होते हैं, परंतु क्लेमाइडोमोनास के हरितकवक प्यालेनुमा होते हैं। हरित लवक के चारों ओर दोहरी पर्त वाली इकाई की बनी दो झिल्लियां होती हैं। ग्रेनम लैमिली द्वारा जुड़े होते हैं। थैलेनुमा थाइलेकोइडस स्ट्रोमा में एक के ऊपर एक चट्टे के समान स्थित होते हैं। इसमें आनुवंशिक पदार्थ भी होता है।

क्लोरोप्लास्ट के कार्य-

  1. ये प्रकाश-संश्लेषण का कार्य करते हैं और CO2, H2O से सूर्य की विकिरण ऊर्जा की उपस्थिति में भोजन तैयार करते हैं।
  2. प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया में ऑक्सीजन मुक्त होती है।
  3. ये कार्बन डाइऑक्साइड का स्थिरीकरण करते हैं। अतः ये कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करके वायु में कार्बन डाइऑक्साइड की सामान्य सांद्रता का स्थिरीकरण करते हैं।
  4. हरित लवक, वर्णी लवकों में परिवर्तित हो जाते हैं-उदाहरण फलों के छिलके।

(ii) अंतःद्रव्यी जालिका (Endoplasmic Reticulum) – यह कोशिका के कोशिका द्रव्य में झिल्लियों का जाल होता है। यह दो प्रकार का होता है। चिकनी अंत: द्रव्यी जालिका तथा रूक्ष अंतः द्रव्यी जालिका। राइबोसोम्स रूक्ष अंतः द्रव्यी जालिका से जुड़े होते हैं। चिकनी अंत: प्रद्रव्यी जालिका पर कोई राइबोसोम नहीं होता, ये कलाविहीन कोशिकांग होते हैं। यह कोशिका के अंदर विभिन्न पदार्थों का भंडारण करते हैं।
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(iii) गॉल्जीकाय (Golgi Body) – इन्हें गॉल्जी काम्पलैक्स या गॉल्जी उपकरण कहते हैं। ये पोलीसेकेहेराइडस, लिपिड्स तथा अन्य पदार्थों के श्रावण तथा उन्हें कोशिका से बाहर निकालने में लगी होती हैं। पौधों में ड्रिक्टियोसोम्स कोशिका भित्ति संश्लेषण में शामिल होती हैं। गॉल्जी काय पुटिकाओं, थैलियों तथा नलिकाओं की बनी होती हैं। ये थैली या थैले के समान होती हैं तथा एक के ऊपर एक चट्टेनुमा रखी होती हैं।
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प्रश्न 4.
माइटोकाँड्रिया का सचित्र वर्णन करो। इन्हें कोशिका का ऊर्जा घर क्यों कहा जाता है ?
उत्तर-
माइटोकॉड्रिया (Mitochondria) – ये बहुत ही सूक्ष्म कोशिकांग हैं जो कोशिका में अधिक संख्या में पाए जाते हैं। इनका आकार 0.5 से 2 माइक्रॉन तक होता है। अमीबा की कुछ जातियों में इनकी संख्या 5,00,000 तक होती है। ये केवल इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा ही देखे जा सकते हैं। ये छड़ आकार, धागानुमा अथवा गोलाकार रचनाएं होती हैं। प्रत्येक माइटोकाँड्रिया के चारों ओर लाइपो प्रोटीन की एक दोहरी झिल्ली होती है। इसकी भीतरी परत अंदर की ओर धंसकर कई प्रकार के उभार बनाती है जिन्हें क्रिस्टी कहते हैं। माइटोकाँड्रिया के भीतरी द्रव को मैट्रिक्स (Matrix) कहते हैं। माइटोकॉड्रिया द्रव से भारी होते हैं। माइटोकॉड्रिया में डी० एन० ए० (DNA) भी पाया जाता है।
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माइटोकॉड़िया ऊर्जा घर के रूप में – इनमें काफ़ी मात्रा में एंजाइम होते हैं। माइटोकांड्रिया को कोशिका में भोजन पदार्थों के ऑक्सीकरण का स्थान माना गया है। इसके श्वसन के द्वारा काफ़ी मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है। इसी कारण से माइटोकॉड्रिया को कोशिको का ऊर्जा घर कहा जाता है।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
कोशिका क्या है ? कोशिका के मुख्य कार्य बताओ।
उत्तर-
कोशिका – कोशिका जीव की संरचना तथा कार्य की एक इकाई है। इसमें जीवन देने वाला पदार्थ जीव द्रव्य पाया जाता है। यह पदार्थ प्लाज्मा झिल्ली अथवा कोशिका झिल्ली से घिरा होता है।

कोशिका के मुख्य कार्य-

  1. यह पाचन में सहायता करती है।
  2. यह ऊर्जा उत्पन्न करने में सहायक है।
  3. यह पदार्थों के स्त्रावण में सहायता करती है।
  4. यह आवश्यक पदार्थों के संश्लेषण में सहायता करती है।

प्रश्न 2.
ससीमकेंद्री (Eukaryotic cell) कोशिका किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ससीमकेंद्री कोशिका – ऐसी कोशिका जिसमें केंद्रक स्पष्ट रूप से पाया जाता है जो केंद्रक कला द्वारा घिरा होता है उसे ससीमकेंद्री कोशिका कहते हैं। इसमें कोशिका द्रव्य तथा केंद्रक स्पष्ट होते हैं।
उदाहरण – जंतु तथा पादप कोशिका।

प्रश्न 3.
असीमकेंद्री कोशिका क्या है ?
उत्तर-
असीमकेंद्री कोशिका – इस कोशिका में केंद्रक स्पष्ट रूप में नहीं होता। इसे न्यूक्लीओइड (Nucleoid) कहते हैं। इसमें केंद्रक कला अनुपस्थित होती है।

उदाहरण – जीवाणु (Bacteria) कोशिका तथा नील-हरित शैवाल की कोशिकाएं (Cells of blue-green algae)

प्रश्न 4.
एककोशिकीय जीव तथा बहुकोशिकीय जीव का उदाहरण देकर व्याख्या करो।
उत्तर-
एककोशिकीय जीव तथा बहुकोशिकीय जीव की उदाहरण सहित व्याख्या-

जीव का प्रकार व्याख्या एवं उदाहरण
I. एककोशिकीय जीव (i) इनका शरीर एक कोशिका का बना होता है।

(ii) इसकी सभी जैविक क्रियाएं (भौतिक और रासायनिक) जैसे श्वसन तथा पोषण आदि एक कोशिका द्वारा होती हैं।

(iii) इसमें अमीबा (प्रोटोजोआ) बैक्टीरिया तथा क्लेमाइडोमोनास आदि आते हैं।

II. बहुकोशिकीय जीव (i) इनका शरीर लाखों कोशिकाओं का बना होता है।

(ii) इन जीवों के शरीर के विभिन्न भाग वही क्रियाएं करते हैं, जिनके वह अनुकूलित होते हैं।

(iii) इसमें कवक, पौधे, जंतु, हवेल, बरगद का वृक्ष, हाथी, मनुष्य तथा मेंढक आदि आते हैं।

प्रश्न 5.
कोशिका में पाए जाने वाले अजीवित पदार्थ कौन-से हैं ?
उत्तर-
कोशिका में पाए जाने वाले अजीवित पदार्थ – कुछ रासायनिक तथा उत्सर्जी पदार्थ कोशिका में पाए जाते हैं। ये पदार्थ स्टॉर्च के कण, शर्करा, वसा, प्रोटीन, खनिज तथा एलकेलाइडस होते हैं।

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प्रश्न 6.
कोशिका झिल्ली और कोशिकी भित्ति में क्या अंतर है ? प्रत्येक के कार्य बताइए।
उत्तर-
कोशिका झिल्ली तथा कोशिका भित्ति में अंतर-

कोशिका झिल्ली (Plasma membrane) कोशिका भित्ति (Cell wall)
(1) यह सभी कोशिकाओं के जीव द्रव्य के चारों ओर पाई जाती है। (1) यह पौधों, जीवाणुओं, हरी नीली काई की कोशिकाओं की कोशिका कला के चारों ओर पाई जाती है।
(2) यह प्रोटीन की बनी हुई होती है। (2) यह सैल्यूलोज़ की बनी हुई होती है।
(3) यह स्वभाव में महीन व लचीली होती है। (3) यह मोटी तथा सख्त होती है।

प्रश्न 7.
कोशिका में विद्यमान दोनों न्यूक्लिक एसिड के नाम बताइए। वे क्या कार्य करते हैं ?
उत्तर-
कोशिकाओं में पाए जाने वाले दो न्यूक्लिक एसिड हैं-
(1) डी० एन० ए० (डीऑक्सी राइबोन्यूक्लिक एसिड) (DNA)
(2) आर० एन० ए० (राइबोन्यूक्लिक एसिड) (RNA)।

1. डीऑक्सी राइबोन्यूक्लिक एसिड के कार्य – इसमें जीन्स होती है। यह आनुवंशिक सूचनाओं को एकत्रित करता है तथा इन्हें अगली पीढ़ी में वंशागत करता है। यह एक प्रकार का आनुवंशिक पदार्थ है। यह यूकैरियोटिक कोशिकाओं के केंद्रक में पाया जाता है।

2. राइबोन्यूक्लिक एसिड के कार्य – यह कई प्रकार के विषाणुओं (viruses) में आनुवंशिक पदार्थ होता है। यह कोशिका द्रव्य में प्रोटीन संश्लेषण का कार्य करने में सहायक होता है।

प्रश्न 8.
जीन क्या है ? इसके कार्य के बारे में लिखिए।
उत्तर-
जीन तथा उसके कार्य – यह डी० एन० ए० का खंड होता है। यह क्रोमोसोम पर एक के ऊपर एक क्रम में स्थित होती है। जीन आनुवंशिक गुणों के निर्धारण की इकाई है। आमतौर पर एक लक्षण जीन के एक जोड़े से नियंत्रित होता है, जो होमोलोगस क्रोमोसोम पर एक विशिष्ट स्थान पर होते हैं। ऐसे जीनों को एलील कहते हैं।

जीन के कार्य-

  1. जीन सजीवों के लक्षणों के लिए उत्तरदायी है।
  2. जीन सजीवों की लंबाई एवं शक्ल निर्धारित करते हैं।
  3. जीनज वर्णकों की उत्पत्ति में ही सहायक हैं।

प्रश्न 9.
कौन-सा कोशिकांग ‘पाचक थैली’ कहलाता है और क्यों ?
उत्तर-
लाइसोसोम को प्रायः ‘पाचक थैली’ कहते हैं। ये सभी कोशिकाओं में पाए जाते हैं। ये थैलीनुमा रचनाएं एक हरी झिल्ली द्वारा घिरी होती हैं। इन थैलीनुमा रचनाओं में अनेक पाचक विकर होते हैं। इन्हें पाचक थैलियां (Digestive bags) भी कहते हैं। ये विकर लाइसोसोमस से युक्त होकर अनेक कोशिका द्रव्यी रचनाओं को नष्ट कर देते हैं। लाइसोसोम भोजन के कणों, अन्य बाह्य कार्यों, कोशिका के पुराने कटे-फटे कोशिकांगों के पाचन में सहायता करते हैं। इसमें प्रायः पुरानी कोशिकाओं की मृत्यु हो जाती है। अतः इन्हें कोशिका की ‘पाचक थैलियां’ कहा जाता है अथवा आत्मघाती थैलियां भी कहते हैं।

प्रश्न 10.
कौन-से कोशिकांग कोशिका के ऊर्जा संयंत्र हैं ? संक्षेप में इनके कार्य बताइए।
उत्तर-
माइटोकांड्रिया को कोशिका के ऊर्जा संयंत्र कहते हैं।
माइटोकांडिया के कार्य – इसमें कोशिका के भोज्य पदार्थों का ऑक्सीकरण होता है। इसके श्वसन के फलस्वरूप ऊर्जा मुक्त होती है। ये ऊर्जा को एडिनोसिन ट्राइफॉस्फेट के रूप में संचित करते हैं।

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प्रश्न 11.
पौधों में रिक्तिकाओं के कार्य बताओ।
उत्तर-
पौधों में रिक्तिकाओं के कार्य – पौधों की कोशिकाओं में रिक्तिकाएं कोशिका द्रव्य में पाई जाती हैं। इनमें कोशिका रस भरा होता है। पौधों की कोशिकाओं का लगभग 90% भाग रिक्तिकाओं द्वारा घिरा होता है। जंतु कोशिकाओं में रिक्तिकाएं छोटी होती हैं। यह पौधों की स्फीति (turgidity) तथा दृढ़ता प्रदान करती हैं।

प्रश्न 12.
राइबोसोम तथा तारककाय में अंतर बताइए।
उत्तर-
राइबोसोम (Ribosome) तथा तारककाय (Centrosome) में अंतर-

राइबोसोम (Ribosome) तारककाय (Centrosome)
(1) ये सूक्ष्म दानेदार, गोल संरचनाएं हैं। (1) यह एक सूक्ष्म पारदर्शक काय है।
(2) ये जीव-द्रव्य में स्वतंत्र अवस्था में तथा अंत:द्रव्यी जालिका से जुड़े रहते हैं। (2) यह केवल जंतु कोशिकाओं में केंद्रक की केंद्रक झिल्ली के समीप स्थित होता है।
(3) राइबोसोम में RNA तथा प्रोटीन होते हैं। (3) इसकी रचना में बिंदु के समान दो सूक्ष्म रचनाएं होती हैं जिनसे एस्टर किरणें निकलती हैं।
(4) राइबोसोम प्रोटीन निर्माण के स्थल होते हैं। (4) यह जंतु कोशिका के विभाजन में सहायक होता है।

प्रश्न 13.
राइबोसोम किस पदार्थ के बने होते हैं ? कोशिका में इनका क्या कार्य है और प्रोकैरियोटिक कोशिका में यह कहाँ होते हैं ?
उत्तर-
राइबोसोम RNA प्रोटीन का बना होता है। यह कोशिका में उपस्थित अंतर्द्रव्यी जालिका के धागों पर स्थित होता है। यह प्रोकैरियोटिक कोशिका के कोशिका द्रव्य में स्वतंत्र रूप से उपस्थित होता है। इनका मुख्य कार्य प्रोटीन संश्लेषित करना है।

प्रश्न 14.
गॉल्जीकाय द्वारा स्रावित पदार्थ कहाँ एकत्रित होता है ? पौधों में गॉल्जीकाय को क्या नाम दिया गया है ?
उत्तर-
गॉल्जीकाय द्वारा रिसा पदार्थ रसधानियों में एकत्रित होता है। पौधों में गॉल्जीकाय का नाम डिक्टियोसोम (Dictyosome) है। यह कोशिका भित्ति बनाने में काम आते हैं।

प्रश्न 15.
हम माइटोकॉड्रिया को कोशिका का ऊर्जागृह क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
माइटोकाँडिया में ऑक्सीकारक एंजाइम होते हैं जो भोजन के कार्बोहाइड्रेट्स ऑक्सीकरण द्वारा ऊर्जा उत्पादन के लिए उत्तरदायी हैं । यह उत्पादित ऊर्जा कोशिका द्वारा प्रयोग की जाती है। इसलिए इसे कोशिका का ऊर्जागृह कहते हैं।

प्रश्न 16.
निम्नलिखित शब्दों की परिभाषा दीजिएजीव द्रव्य, कोशिका द्रव्य, केंद्रक द्रव्य।
उत्तर-
जीव द्रव्य (Protoplasm) – यह जीवन का आधार है तथा कोशिका कला के अंदर पाया जाता है। इसमें कोशिका द्रव्य तथा केंद्रक द्रव्य दोनों आते हैं।

कोशिका द्रव्य (Cytoplasm) – यह कोशिका कला तथा केंद्रक के मध्य पाया जाता है। यह एक गाढ़ा, पारदर्शक, जैली के समान पदार्थ है। इसमें विभिन्न प्रकार के कोशिकांग होते हैं।

केंद्रक द्रव्य (Nucleosplasm) – यह कोशिका के केंद्रक में पाया जाता है।

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प्रश्न 17.
पक्ष्माभ तथा कशाभ में अंतर बताइए।
उत्तर-
पक्ष्माभ तथा कशाभ में अंतर-

पक्ष्माभ (Cilia) कशाभ (Flagella)
(1) एक कोशिका में पक्ष्माभ की संख्या 1400 तक होती है। (1) प्रत्येक कोशिका में कशाभ की संख्या एक अथवा दो होती है।
(2) इनकी लंबाई 5-10μ होती है। (2) इनकी लंबाई 100-150μ तक होती है।
(3) पक्ष्माभ कोशिका की सारी सतह पर होते हैं। (3) यह कोशिका के एक सिरे पर होते हैं।
(4) इसमें घुमावदार गति (Sweeping movement) प्रदर्शित होती है। (4) इसमें लहरदार गति (Undulating movement) प्रदर्शित होती है।
(5) ये सूक्ष्म कोशिकीय विस्तार हैं। (5) ये लंबे कोशिकीय विस्तार हैं।

प्रश्न 18.
ग्रेना तथा स्ट्रोमा में अंतर बताइए।
उत्तर-
ग्रेना (Grana) तथा स्ट्रोमा (Stroma) में अंतर-

ग्रेना (Grana) स्ट्रोमा (Stroma)
(1) यह चपटी थैलियों जैसी संरचना होती है जो एक-दूसरे के ऊपर सिक्कों के रूप में पड़ी होती हैं। ये एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं। (1) यह क्लोरोप्लास्ट का आधात्री पदार्थ है जिसमें ग्रेना तथा पटलिकाओं जैसी रचनाएं होती हैं।
(2) इसमें प्रकाश संश्लेषणीय वर्णक होते हैं। ये क्लोरोप्लास्ट की इकाई होते हैं। (2) इनमें वर्णक द्रव्य नहीं होते।
(3) ये लाइपो-प्रोटीन पदार्थ के बने होते हैं। (3) ये जलीय प्रोटीन पदार्थ के बने होते हैं।

प्रश्न 19.
कोशिका भित्ति के मुख्य कार्य बताओ।
उत्तर-
कोशिका भित्ति के कार्य-

  1. यह कोशिका की सुरक्षा करती है।
  2. यह कोशिका को निश्चित आकृति प्रदान करती है।
  3. यह पारगम्य होती है। इस द्वारा खनिज घोल कोशिका में प्रवेश पाते हैं।
  4. ये समीपवर्ती कोशिकाओं को बाँधे रखती है।
  5. यह पादप कोशिका के भीतर स्फीति (turgidity) बनाये रखती है।

प्रश्न 20.
प्लाज्मा झिल्ली के मुख्य कार्य बताओ।
उत्तर-
प्लाज्मा झिल्ली के कार्य-

  1. यह कोशिकाओं को आकृति प्रदान करती है।
  2. यह अंदर की कोशिकांगों की सुरक्षा करती है।
  3. यह कोशिकाओं के भीतर के सभी पदार्थों को घेरे रखती है।
  4. यह विभिन्न पदार्थों को एक अंश का कोशिका के अंदर तथा बाहर जाने देती है क्योंकि यह अर्ध-पारगम्य है।

प्रश्न 21.
आप प्याज़ की झिल्ली की कोशिकाएँ किस प्रकार दर्शाएं ?
उत्तर-
प्याज़ के छोटे-से टुकड़े की अवतल सतह से चिमटी की सहायता से झिल्ली उतारो और पानी वाले वांच ग्लास में रखो ताकि झिल्ली मुड़ने और सूखने से बची रहे। काँच की एक स्लाइड लो और उस पर पानी की एक बूंद डालो। इस पर झिल्ली के एक टुकड़े को बिल्कुल सीधी रखो। इस पर एक बूंद आयोडीन डालो और इसे कवर स्लिप से ढक दो। कवर स्लिप में वायु के बुलबुले नहीं होने चाहिए। इसे संयुक्त सूक्ष्मदर्शी से देखो।
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प्रश्न 22.
मानव शरीर की विभिन्न कोशिकाओं के चित्र बनाओ।
उत्तर-
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प्रश्न 23.
कोशिका भित्ति की उपयोगिता लिखिए।
उत्तर-
पौधों, कवक तथा बैक्टीरिया की कोशिकाओं को कोशिका भित्ति अपेक्षाकृत कम तनु विलयन में बिना फटे बचा कर सुरक्षित रखती है। ऐसे माध्यम से कोशिका परासरण विधि से पानी ग्रहण कर लेती है और कोशिका फूल जाती है तथा कोशिका भित्ति पर दबाव डालती है। कोशिका भित्ति भी फूली हुई कोशिका के प्रति समान रूप से दबाव डालती है। कोशिका भित्ति के कारण पादप कोशिकाएँ परिवर्तनीय माध्यम को जंतु कोशिका की अपेक्षा अधिक सरलता से सहन कर सकती हैं ।

प्रश्न 24.
केंद्रक की संरचना का चित्र बनाओ जैसा कि इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी में दिखाई देता है।
उत्तर-
इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदशी में केंद्रक की संरचना-
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प्रश्न 25.
केंद्रक के प्रमुख कार्य लिखिए।
उत्तर-

  1. केंद्रक कोशिका की क्रियाशीलता को बनाए रखने का कार्य करता है।
  2. कोशिका के सभी प्रमुख क्रियाकलापों पर यही नियंत्रण बनाए रखता है।
  3. केंद्रक कोशिका विभाजन में सहायक होता है।
  4. केंद्रक जनन क्रिया में सहयोग देता है।

प्रश्न 26.
बहुकोशिकीयता के क्या लाभ होते हैं ?
उत्तर-
बहुकोशिकीयता (Multicellularity) के कारण निम्नलिखित लाभ होते हैं-

  1. इसके कारण उच्च वर्ग के जीवों में श्रम विभाजन का कार्य संपन्न होता है।
  2. कोशिकाएं विभेदन के कारण विशिष्ट रूप धारण कर विशेष कार्यों को कराती हैं।
  3. कोशिकाएं एक-दूसरे के सहयोग से कार्य कराती हैं।
  4. प्राणियों में विकास और वृद्धि इसी कारण होती है।

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प्रश्न 27.
कोशिका में रसधानियां क्या होती हैं ? इनके कार्य लिखिए।
उत्तर-
रसधानियां वे संग्राहक थैलियां होती हैं जिनमें ठोस और तरल पदार्थों का संग्रह होता है।

इनके निम्नलिखित कार्य होते हैं-

  1. पदार्थों के लिए आवश्यक प्रोटीन, कार्बनिक अम्ल, शर्करा, अमीनो अम्ल आदि इनमें विद्यमान होते हैं।
  2. रसधानियों में भरा कोशिका द्रव्य कोशिकाओं को स्फीति और कठोरता प्रदान करता है।
  3. ये जल और अपशिष्ट पदार्थों के एक कोशी जीवों के शरीर से बाहर निकालती है।
  4. अमीबा रसधानी से ही अपने प्रयोग के लिए खाद्य प्राप्त करता है। पादप कोशिकाओं में रसधानियों का आधार बड़ा होता है जबकि जंतु कोशिकाओं में इनका आधार छोटा होता है।

प्रश्न 28.
एक कोशिका के संगठन का वर्णन करो।
उत्तर-
कोशिका का संगठन-

क्रम संख्या कोशिका के भाग व्याख्या
(1) कोशिका झिल्ली यह कोशिकाओं की बाहरी दीवार बनाती है।
(2) जीव द्रव्य यह कोशिकाओं में जीवन देने वाला पदार्थ है।

प्रश्न 29.
माइटोकांड्रिया और लाइसोसोम में रचना और कार्य का अंतर चित्र सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
माइटोकांड्रिया और लाइसोसोम में अंतर-

माइटोकांड्रिया (Mitochondria) लाइसोसोम (Lysosomes)
(1) माइटोकांड्रिया छड़ आकार के अंगक हैं कोशिका द्रव्य में होते हैं। (1) लाइसोसोम कोशिका-द्रव्य में सूक्ष्म गोलाकार अंगक है। कोशिका द्रव्य में होते हैं।
(2) यह दोहरी झिल्ली से घिरा होता है। (2) यह इकहरी झिल्ली से घिरा होता है।
(3) माइटोकांड्रिया की भीतरी भित्ति उंगली जैसी रचनाओं में फैली होती है जिन्हें क्रिस्टी (Cristae) कहते हैं। (3) इसमें क्रिस्टी नहीं होते।
(4) इनमें श्वसन एंजाइम होते हैं। (4) इनमें हाइड्रोलिटिक एंजाइम होते हैं जो पाचन का कार्य करते हैं।
(5) इन्हें कोशिका के ऊर्जा गृह भी कहते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई 10

(5) इन्हें कोशिका की आत्महत्या की थैलियाँ भी कहते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई 11

प्रश्न 30.
पादप कोशिका के विशिष्ट भाग/अंगक के कार्य बताइए।
उत्तर-
कोशिका भित्ति (Cell Wall) के कार्य-

  1. यह यांत्रिक शक्ति और सुरक्षा प्रदान करती है।
  2. यह कोशिका की स्फीत स्थिति बनाए रखती है।
  3. यह परासरण नियंत्रण के द्वारा कोशिका को फटने से बचाती है।
  4. यह पानी और खनिज पदार्थ के गति का मार्ग है।

क्लोरोप्लास्ट (Chloroplast) – यह अंगक प्रकाश-संश्लेषण का स्थल है। इसमें कार्बन डाइऑक्साइड, पानी तथा प्रकाश की ऊर्जा की सहायता से कार्बोहाइड्रेट का निर्माण होता है।

बड़ी केंद्रीय रसधानी (Large Central Vacuole)-

  1. यह विभिन्न पदार्थों (अपशिष्ट पदार्थ भी) को संग्रहित करती है।
  2. यह कोशिका की परासरण क्रियाओं में भाग लेती है।
  3. कभी-कभी यह लाइसोसोम के समान भी कार्य करती है।

प्रश्न 31.
क्रोमोसोम किसे कहते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
कोशिका विभाजन के समय केंद्रक में धागे की तरह दिखाई देने वाली रचनाओं को क्रोमोसोम कहते हैं। प्रत्येक जीव में इनकी अलग-अलग संख्या होती है। आलू में 48, कुत्ते में 64 और मनुष्य में इनकी 46 (23 जोड़े) संख्या होती है। हर एक क्रोमोसोम में दो क्रोमेटिड होते हैं जिन पर जीन होते हैं और उन्हें ही आनुवंशिकता के लिए उत्तरदायी माना जाता है।

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प्रश्न 32.
जीवन की कार्यात्मक इकाई क्या है ? परिभाषित करिए।
उत्तर-
जीवन की कार्यात्मक इकाई कोशिका है।
कोशिका – यह जीव द्रव्य का एक छोटा-सा पिंड होता है जिसके द्वारा जीव की सभी क्रियाएं जैसे कि उपापचय, चेतनता, जनन, प्रचलन आदि संपन्न होती हैं।

प्रश्न 33.
कौन-सा कोशिकांग ‘आत्मधाती थैली’ कहलाता है ? और क्यों ?
उत्तर-
लाइसोसोम को प्रायः ‘आत्मधाती थैली’ कहते हैं। ये सभी कोशिकाओं में पाए जाते हैं । ये थैलीनुमा रचनाएं एक हरी झिल्ली द्वारा घिरी होती हैं। इन थैलीनुमा रचनाओं में अनेक पाचक विकर होते हैं। इन्हें आत्मधाती थैलियां भी कहते हैं । ये विकर लाइसोसोमस से युक्त होकर अनेक कोशिका द्रव्यी रचनाओं को नष्ट कर देते हैं। लाइसोसोम भोजन के कणों, अन्य बाह्य कार्यों, कोशिका के पुराने कटे-फटे कोशिकांगों के पाचन में सहायता करते हैं। इसमें प्राय: पुरानी कोशिकाओं की मृत्यु हो जाती है। अतः इन्हें कोशिका की ‘आत्मधाती थैलियां’ कहा जाता है।

प्रश्न 34.
कौन-से कोशिकांग कोशिका के ऊर्जा संयंत्र हैं ? संक्षेप में इनके कार्य बताइए।
उत्तर-
माइटोकांड्रिया को कोशिका के ऊर्जा संयंत्र कहते हैं।

माइटोकांड्रिया के कार्य – इसमें कोशिका के भोज्य पदार्थों का ऑक्सीकरण होता है। इसके श्वसन के फलस्वरूप ऊर्जा मुक्त होती है। ये ऊर्जा को एडिनोसिन ट्राइफॉस्फेट के रूप में संचित करते हैं।

प्रश्न 35.
निम्नलिखित प्रत्येक कोशिका अवयव का मुख्य कार्य क्या है ?
(क) प्लैज्मा झिल्ली
(ख) सूत्र कणिका (माइटोकांडिया)
(ग) गुण-सूत्र
(घ) न्यूक्लिओलस (केंद्रिका)
(ङ) लाइसोसोम
(च) कोशिका भित्ति
(छ) राइबोसोम
(ज) क्लोरोप्लास्ट
(झ) गॉल्जी उपकरण
(अ) परॉक्सिसोम।
उत्त-

कोशिका अवयव (Organelle) कार्य (Role)
(क) प्लैज्मा झिल्ली पदार्थों के कोशिका के भीतर आने या बाहर जाने पर नियंत्रण रखना।
(ख) माइटोकांड्रिया कोशिका का ऊर्जा गृह कार्बोहाइड्रेट के विखंडन द्वारा ऊर्जा पैदा करना।
(ग) गुण-सूत्र (Chromosome) (i) ये डी० एन० ए० पर उपस्थित होते हैं जो आनुवंशिक लक्षणों के वाहक होते हैं।

(ii) यह कोशिका की क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं।

(घ) (केंद्रिका) (Nucleolus) राइबोसोम के निर्माण तथा आनुवंशिक सूचनाएं ले जाने में मध्यस्थ का कार्य।
(ङ) लाइसोसोम अंतर कोशिकीय पाचन तंत्र का कार्य।
(च) कोशिका भित्ति कोशिका को यांत्रिक शक्ति तथा सुरक्षा प्रदान करना।
(घ) राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण में सहायता करना।
(ज) क्लोरोप्लास्ट प्रकाश संश्लेषण द्वारा खाद्य निर्माण करना
(झ) गॉल्जी उपकरण लाइसोसोमस तथा परऑक्सीसोमस का निर्माण।
(अ) परॉक्सिसोम ऑक्सीकरण अभिक्रियाएं करना।

प्रश्न 36.
हेप्लोइड तथा डिप्लोइड कोशिकाओं में अंतर बताओ।
चित्र-हेप्लोइड तथा डिप्लोइड कोशिकाओं में अंतर-

हेप्लोइड कोशिकाएं (Haploid Cells) डिप्लोइड कोशिकाएँ (Diploid Cells)
(1) कोशिकाएँ जिनमें क्रोमोसोम के जोड़े नहीं होते। (1) कोशिकाएं जिनमें क्रोमोसोम होमोलोगोस जोड़ों में होते हैं।
(2) बहुत-से जंतुओं और पौधों की जनन कोशिकाएं और युग्मक हेप्लोइड होती हैं। (2) बहुत-से उच्च श्रेणी के जंतुओं और पौधों की कायिक कोशिकाएं डिप्लोइड होती हैं।
(3) हेप्लोइड (N) डिप्लोइड (2N) संख्या का आधा होता है। (3) डिप्लोइड (2N) हेप्लाइड (N) संख्या का दुगुना होता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
जीवन की कार्यात्मक इकाई क्या है ?
उत्तर-
कोशिका (Cell) जीवन की कार्यात्मक इकाई है।

प्रश्न 2.
कोशिका के तीन भागों के नाम लिखो।
उत्तर-
कोशिका भित्ति, कोशिका द्रव्य, केंद्रक।

प्रश्न 3. कोशिकांगों के नाम लिखें।
उत्तर-
अंतः प्रद्रव्यी जालिका, माइटोकाँड्रिया, राइबोसोम, गॉल्जीकॉय, क्लोरोप्लास्ट तथा लाइसोसोम, प्लास्टिड्ज आदि मुख्य कोशिकांग हैं।

प्रश्न 4.
कोशिका के उस अंग का नाम बताओ जो केवल पादप कोशिकाओं में होता है।
उत्तर-
लवक (Plastids)।

प्रश्न 5.
पौधों का हरा रंग किस पदार्थ के कारण होता है ?
उत्तर-
हरित लवक (Chlorophyll)।

प्रश्न 6.
केंद्रक की मुख्य रचना का नाम बताओ।
उत्तर-
गुण-सूत्र (Chromosome)।

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प्रश्न 7.
उन दो कोशिकांगों के नाम बताओ जो केवल पौधों में ही पाए जाते हैं।
उत्तर-

  1. कोशिका भित्ति तथा
  2. लवक।

प्रश्न 8.
एक ऐसे अंगक का नाम बताओ जो कोशिका में प्रोटीन संश्लेषण का कार्य करता है।
उत्तर-
राइबोसोम (Ribosome)।

प्रश्न 9.
हमारे शरीर की सबसे छोटी कोशिका का नाम बताओ।
उत्तर-
लिंफोसाइट (Lymphocyte)।

प्रश्न 10.
पौधे की सबसे लंबी कोशिका का नाम बताओ।
उत्तर-
दृढ़ कोशिका (Sclerenchyma)।

प्रश्न 11.
कोशिका के उस अंग का नाम बताओ जो श्वसन के लिए उत्तरदायी है।
उत्तर-
माइटोकाँड्रिया (Mitochondria)।

प्रश्न 12.
माइटोकॉड्रिया के अंदर मिलने वाले एंजाइम का नाम बताओ।
उत्तर-
श्वसन एंजाइम।

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प्रश्न 13.
कोशिका का माप कैसे प्रभावित होता है ?
उत्तर-
कोशिका का माप कोशिका के कार्य जो यह करता है से प्रभावित होता है। उदाहरण के तौर पर कुछ नाड़ी कोशिकाएं एक मीटर से भी लंबी हैं।

प्रश्न 14.
ससीम कोशिका का कौन-सा भाग द्रव्य का निर्माण करता है ?
उत्तर-
ससीम कोशिका का केंद्रक और कोशिका द्रव्य, जीव द्रव्य बनाते हैं।

प्रश्न 15.
कोशिका के किस अंग को आत्महत्या के थैले कहते हैं ?
उत्तर-
लाइसोसोमस को (Lysosomes)।

प्रश्न 16.
कोशिका का कौन-सा अंग प्रोटीन संश्लेषण के लिए उत्तरदायी है ?
उत्तर-
राइबोसोम (Ribosomes)।

प्रश्न 17.
डी० एन० ए० का पूरा नाम बताओ।
उत्तर-
डीऑक्सी राइबोज न्यूक्लिक एसिड।

प्रश्न 18.
आर० एन० ए० का पूरा नाम बताओ।
उत्तर-
राइबो न्यूक्लिक एसिड।

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प्रश्न 19.
राबर्ट हुक ने कार्क की पतली काट की संरचना कैसी पाई थी ?
उत्तर-
मधुमक्खी के छत्ते जैसी।

प्रश्न 20.
कार्क क्या है ?
उत्तर-
कार्क एक पदार्थ है जो वृक्ष की छाल से प्राप्त होता है।

प्रश्न 21.
राबर्ट हुक ने कार्क में प्रकोष्ठकों को कब और किसकी सहायता से देखा था ?
उत्तर-
राबर्ट हुक ने कार्क में प्रकोष्ठकों को सन् 1665 में स्वनिर्मित सूक्ष्मदर्शी से देखा था।

प्रश्न 22.
राबर्ट हुक ने प्रकोष्ठकों को कोशिका क्यों कहा था ?
उत्तर-
लेटिन भाषा में (Cellulae) (कोशिका) का अर्थ है-छोटा कमरा । इसीलिए राबर्ट हुक ने प्रकोष्ठकों को कोशिका कहा था।

प्रश्न 23.
एक कोशी जीव किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जिन जीवों में केवल एक कोशिका होती है उन्हें एक कोशी जीव कहते हैं।

प्रश्न 24.
एक कोशी जीवों के छः उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
अमीबा, पैरामीशियम, युग्लीना, एंटअमीबा, क्लैमिडोमोनास, बैक्टीरिया।

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प्रश्न 25.
बहकोशी जीव किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जिन जीवों में अनेक कोशिकाएं समाहित हो कर विभिन्न कार्यों को संपन्न करने हेतु विभिन्न अंगों का निर्माण करती हैं उन्हें बहुकोशी जीव कहते हैं।

प्रश्न 26.
बहुकोशी जीवों के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
कवक (Fungi), पादप, जंतु।

प्रश्न 27.
कोशिका का सबसे पहले पता किसने और कब लगाया था ?
उत्तर-
राबर्ट हुक ने 1665 में।

प्रश्न 28.
तालाब के जल में स्वतंत्र रूप से जीवित कोशिकाओं का पता किसने और कब लगाया था ?
उत्तर-
ल्यूवेनहक ने सन् 1674 में।

प्रश्न 29.
कोशिका में केंद्रक किसने और कब खोजा था ?
उत्तर-
राबर्ट ब्राउन ने 1831 में।

प्रश्न 30.
जैविक पदार्थ को जीवद्रव्य नाम किसने और कब दिया था ?
उत्तर-
जे० ई० पुराकंज ने 1839 में।

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प्रश्न 31.
कोशिका सिद्धांत की खोज किसने की थी ?
उत्तर-
एम० स्लीडन (1838) तथा टी० स्वान (1839) ने।

प्रश्न 32.
कोशिका सिद्धांत क्या है ?
उत्तर-
सभी पौधे तथा जंतु कोशिकाओं से बने हैं और वे जीवन की मूलभूत इकाई हैं।

प्रश्न 33.
कोशिका सिद्धांत को किसने आगे बढ़ाया था ?
उत्तर-
विरचो ने 1855 में।

प्रश्न 34.
विरचो की कोशिका सिद्धांत को क्या देन है ?
उत्तर-
विरचो ने बताया कि सभी कोशिकाएं पूर्ववर्ती कोशिकाओं से बनती हैं।

प्रश्न 35.
इलैक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी की खोज कब हुई थी ?
उत्तर-
सन् 1940 में।

प्रश्न 36.
इलैक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी से क्या लाभ हुआ ? ।
उत्तर-
कोशिका की जटिल संरचना और अनेक अंगकों को समझना संभव हो सका।

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प्रश्न 37.
कोशिका के किन तीन गुणों पर सभी क्रियाएं संभव हो पाती हैं ?
उत्तर-
प्लैज्मा झिल्ली, केंद्रक, कोशिका द्रव्य।

प्रश्न 38.
प्लैज्मा झिल्ली क्या है ?
उत्तर-
कोशिका की सबसे बाहरी परत प्लैज्मा झिल्ली है जो कोशिका के घटकों को बाहरी पर्यावरण से अलग करती है। यही पदार्थों को अंदर या बाहर आने-जाने से रोकती है।

प्रश्न 39.
प्लैज्मा झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
यह अन्य पदार्थों की गति को रोकती है पर कुछ पदार्थों को अंदर या बाहर आने-जाने देती है इसलिए इसे वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली कहते हैं।

प्रश्न 40.
CO2 तथा ऑक्सीजन झिल्ली के आर-पार किस विधि से आ-जा सकते हैं ?
उत्तर-
विसरण प्रक्रिया से।

प्रश्न 41.
कोशिका तथा बाह्य पर्यावरण में विसरण की क्या भूमिका है ?
उत्तर-
गैसों के आदान-प्रदान को नियंत्रित रखना।

प्रश्न 42.
परासरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जल के अणुओं की गति जब वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा हो तो उसे परासरण कहते हैं।

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प्रश्न 43.
परासरण में जल के अणु किस आधार पर गति करते हैं ?
उत्तर-
परासरण में जल के अणु वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा उच्च जल की सांद्रता से निम्न जल की सांद्रता की ओर जाते हैं।

प्रश्न 44.
अल्प परासरण दाबी विलयन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
यदि कोशिका को तनु विलयन वाले माध्यक में रखा जाए तो जल परासरण विधि से कोशिका के भीतर चला जाएगा। ऐसे विलयन को अल्प परासरण दाबी विलयन कहते हैं।

प्रश्न 45.
एक कोशीय अलवणीय जीव तथा पादप कोशिकाएं जल किस विधि के द्वारा ग्रहण करती हैं ?
उत्तर-
परासरण द्वारा।

प्रश्न 46.
पौधों की जड़ों के द्वारा जल अवशोषण कैसी क्रिया है ?
उत्तर-
परासरण क्रिया।

प्रश्न 47.
कोशिकाओं से परिवहन में ऊर्जा की किस रूप में आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
ATP के रूप में।

प्रश्न 48.
प्लैज्मा झिल्ली किस से बनी होती है ?
उत्तर-
लिपिड और प्रोटीन से।

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प्रश्न 49.
प्लैज्मा झिल्ली की रचना किस सूक्ष्मदर्शी से देख सकते हैं ?
उत्तर-
इलैक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी से।

प्रश्न 50.
एक कोशी जीवों में कोशिका झिल्ली का लचीलापन किस कार्य में सहायक बनता है ?
उत्तर-
बाह्य वातावरण से भोजन तथा अन्य पदार्थ ग्रहण करने में।

प्रश्न 51.
पादप कोशिका भित्ति मुख्य रूप से किससे बनी होती है ?
उत्तर-
सेल्यूलोज से।

प्रश्न 52.
सेल्यूलोज की कोशिका भित्ति के निर्माण में क्या उपयोगिता है ?
उत्तर-
यह जटिल पदार्थ है और पौधों को संरचनात्मक दृढ़ता प्रदान करता है।

प्रश्न 53.
जीवद्रव्य कुंचन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जब पादप कोशिका में परासरण से पानी की हानि होती है तो कोशिका झिल्ली सहित आंतरिक पदार्थ संकुचित हो जाते हैं जिसे जीव द्रव्य कुंचन कहते हैं।

प्रश्न 54.
जंतु कोशिका को अपेक्षा पादप कोशिका परिवर्तनीय माध्यम को आसानी से किस कारण सहन कर सकती है ?
उत्तर-
कोशिका भित्ति के कारण।

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प्रश्न 55.
प्याज़ की झिल्ली की अस्थाई स्लाइड बनाने के लिए किस घोल का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
आयोडीन का।

प्रश्न 56.
कोशिका को रंगने के लिए किस-किस विलयन का प्रयोग करते हैं ?
उत्तर-
आयोडीन विलयन, सैफ्रानिन अथवा मैथलीन ब्लू विलयन।

प्रश्न 57.
कोशिका द्रव्य क्या है ?
उत्तर-
प्लैज्मा झिल्ली के अंदर कोशिका द्रव्य एक तरल पदार्थ है जिस में अनेक विशिष्ट कोशिका के घटक होते हैं। कोशिका द्रव्य तथा केंद्रक को मिला कर जीव द्रव्य बनता है।

प्रश्न 58.
अंतर्द्रव्यी जालिका क्या है ?
उत्तर-
यह झिल्ली युक्त नलिकाओं का एक बहुत बड़ा तंत्र है। यह लंबी नलिका या गोल या आयताकार थैलों की तरह दिखाई देती है। इसकी रचना प्लैज्मा झिल्ली जैसी ही होती है।

प्रश्न 59.
अंतर्द्रव्यी जालिका किस-किस प्रकार की होती है ?
उत्तर-

  1. खुरदरी अंतर्द्रव्यी जालिका (RER),
  2. चिकनी अंतर्द्रव्यी जालिका (SER) ।

प्रश्न 60.
गॉल्जी उपकरण का विवरण सबसे पहले किसने किया था ?
उत्तर-
कैमिलो गॉल्जी।

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प्रश्न 61.
गॉल्जी उपकरण में सामान्य शक्कर से क्या बनता है ?
उत्तर-
जटिल शक्कर।

प्रश्न 62.
लाइसोसोम किससे बनाया जाता है ?
उत्तर-
गॉल्जी उपकरण से।

प्रश्न 63.
लाइसोम का कोशिका में क्या कार्य है ?
उत्तर-
कोशिका अंगकों के टूटे-फूटे भागों को पाचित कर कोशिका को साफ करना।

प्रश्न 64.
कार्बनिक पदार्थों को तोड़ने में कौन सक्षम है ?
उत्तर-
लाइसोसोम।

प्रश्न 65.
लाइसोसोम क्यों फटता है ?
उत्तर-
कोशिकीय चयापचय में व्यवधान के कारण जब कोशिका क्षतिग्रस्त या मृत हो जाती है।

प्रश्न 66.
माइटोकांड्रिया किस रूप में ऊर्जा प्रदान करता है ?
उत्तर-
ATP (ऐडिनोसिन ट्राइफॉस्फेट) के रूप में।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

प्रश्न 67.
माइटोकांड्रिया की बाहरी और भीतरी झिल्ली कैसी होती है ?
उत्तर-
बाहरी झिल्ली छिद्रित तथा भीतरी झिल्ली बहुत अधिक वलित होती है।

प्रश्न 68.
प्लैस्टिड किन में होते हैं ?
उत्तर-
केवल पादप कोशिकाओं में।

प्रश्न 69.
प्लैस्टिड के दो प्रकार कौन-से हैं ?
उत्तर-
केरोमोप्लास्ट (रंगीन प्लैस्टिड) तथा ल्यूकोप्लास्ट (श्वेत अथवा रंगहीन प्लैस्टिड)।

प्रश्न 70.
जिस प्लैस्टिड में क्लोरोफिल होता है उसे क्या कहते हैं ?
उत्तर-
क्लोरोप्लास्ट।

प्रश्न 71.
जंतु और पादप कोशिकाओं में रसधानियाँ कैसी होती हैं ?
उत्तर-
जंतु कोशिकाओं में छोटी तथा पादप कोशिकाओं में बहुत बड़ी।

प्रश्न 72.
पादप कोशिका की रसधानी में क्या भरा होता है ?
उत्तर-
कोशिका द्रव्य।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
परमाणु के नाभिक से क्या अभिप्राय है ? नाभिक की खोज करने के लिए रदरफोर्ड द्वारा किए गए अल्फा-किरण प्रकीर्णन प्रयोग की संक्षिप्त में विवेचना कीजिए। इस प्रयोग के परिणामों तथा त्रुटियों को भी लिखिए।
उत्तर-
नाभिक (Nucleus)- रदरफोर्ड तथा सहयोगियों द्वारा किए गए अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग (Alpha particle scattering experiment) से गहन द्रव्यमान वाले नाभिक के अस्तित्व के बारे संकेत मिला। परमाणु के सघन तथा धन आवेशित भाग को नाभिक कहा जाता है। इस पर उपस्थित धन आवेश, इलेक्ट्रॉनों के ऋण आवेश के बराबर होने के कारण परमाणु उदासीन होता है।

परमाणु के आयतन की तुलना में नाभिक का आयतन बहुत ही कम होता है। नाभिक में प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन होते हैं। परमाणु का द्रव्यमान प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन के कारण होता है क्योंकि इलैक्ट्रॉन का द्रव्यमान नाममात्र होता है। __रदरफोर्ड का अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग- रदरफोर्ड ने सन् 1911 में अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग द्वारा नाभिक की खोज की थी। इस प्रयोग में उसने एक सोने की बारीक 1000 परमाणुओं के बराबर मोटी पन्नी पर तीव्र गति वाले अल्फा कणों की बमबारी की।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 1

सोने की पतली पन्नी से टकराने के उपरान्त एल्फा कणों का प्रकीर्णन हो जाता है अर्थात् वे बिखर जाते हैं। अधिकांश कण सोने के पत्र को पार कर जाते हैं परंतु कुछ कण परमाणु नाभिक के टकराने के बाद उसी दिशा में वापिस लौट आते हैं।

प्रयोग के प्रेक्षण-प्रयोग के परिणामस्वरूप रदरफोर्ड ने निम्नलिखित प्रेक्षण प्रस्तुत किए-

  1. बहुत से α-कण (लगभग 99%) सोने की पन्नी में से बिना किसी परावर्तन के गुज़र जाते हैं।
  2. कुछ कण विभिन्न कोणों पर विक्षेपित होते हैं।
  3. बहुत ही अल्प संख्या में कण (10,000 में से एक) केंद्रीय भाग से टकराकर अपने पथ पर फिर लौट आते है।

प्रयोग से परिणाम – ऐसे प्रयोगों की श्रृंखला से रदरफोर्ड ने निम्नलिखित परिणाम प्रस्तुत किए-

  1. क्योंकि शीट में से बहुत-से कण बिना परावर्तित हुए गुज़र जाते हैं, इससे सिद्ध होता है कि परमाणु में अधिकतर स्थान खाली है।
  2. धन आवेशित कुछ α-कण (He2+) अपने पथ से परावर्तित होते हैं, अर्थात् मुड़ जाते हैं। इससे यह निर्णय लिया जा सकता है कि परमाणु का कुछ भाग धन आवेशित तथा द्रव्यमान युक्त है।
  3. कुछ α-कण वापिस लौट आए। इसी से नाभिक की स्थिति का पता लगता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 2

त्रुटियां – यह परमाणु की स्थिरता के विषय में कुछ व्यक्त नहीं करता। नाभिक के चारों ओर इलैक्ट्रॉन वृत्तीय चक्कर लगाते हैं जिसका परिणाम उनकी तेज़ गति होती है। इस कारण आवेशित कणों से विकिरित ऊर्जा परमाणु को अस्थिर कर देगी। पर यह सत्य नहीं है जबकि परमाणु तो वास्तव में निश्चित संरचना के साथ स्थिर होता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल के आधार स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल के निम्नलिखित मुख्य बिंदु थे-

  1. परमाणु का केंद्र धनावेशित होता है जिसे नाभिक कहते हैं। परमाणु का लगभग संपूर्ण द्रव्यमान नाभिक में होता है।
  2. नाभिक के चारों ओर इलेक्ट्रॉन निश्चित कक्षाओं में चक्कर लगाते हैं जैसे सूर्य के चारों ओर विभिन्न नक्षत्र चक्कर लगाते हैं।
  3. नाभिक का आकार परमाणु के आकार की तुलना में बहुत कम होता है।

प्रश्न 2.
रदरफोर्ड को कैसे विश्वास हुआ कि परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन होते हैं ?
उत्तर-
ऐसा α-किरणों के प्रकीर्णन प्रयोग द्वारा पता चला कि बहुत कम α-कण (लगभग 10,000 में से एक) उसी दिशा में वापिस हो जाते हैं। क्योंकि α-कण नाभिक द्वारा अपकर्षित किए जाते हैं, इसलिए ऐसे कणों पर अवश्य ही धन आवेश होगा। उस समय तक ज्ञात अवपरमाणुक कणों-इलैक्ट्रॉनों और प्रोटॉनों में से केवल प्रोटॉन पर धन आवेश था। इसलिए ही तत्व के परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन विद्यमान हैं, जोकि α-कणों को अपकर्षित करते हैं।

प्रश्न 3.
रदरफोर्ड ने इस तथ्य के लिए क्या कारण बताया था कि परमाणु के इलैक्ट्रॉन नाभिक के अंदर की ओर अपकर्षित नहीं होते ?
उत्तर-
रदरफोर्ड के अनुसार परमाणु के बाह्य नाभिकीय भाग में इलेक्ट्रॉन स्थिर नहीं है। ये शैल (Shell) नामक वृत्ताकार परिपथों में चक्कर लगाते हैं। बाह्य नाभिकीय भाग में स्थित इलेक्ट्रॉन नाभिक की ओर आकर्षित होते हैं। इस आकर्षण बल को इससे विपरीत दिशा में क्रियाशील केंद्रीय बल संतुलित कर देता है। इसलिए इलेक्ट्रॉन निश्चित परिपथों में निरंतर घूमते रहते हैं तथा नाभिक के अंदर की ओर आकर्षित नहीं होते।

प्रश्न 4.
नाभिकीय आकार की तुलना में परमाणु के आकार का परिमाण बताइए।
उत्तर-
परमाणु की त्रिज्या नाभिक की त्रिज्या से 1015 गुणा बड़ी है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 3

प्रश्न 5.
रदरफोर्ड परमाणु मॉडल के बारे में मुख्य आपत्ति क्या थी ?
उत्तर-
इलैक्ट्रॉन आवेशित कण हैं। कोई भी आवेशित कण जब त्वरित किया जाता है तो ऊर्जा विकरित करता है। नाभिक के गिर्द चक्राकार गति में रहने के लिए इलेक्ट्रॉन को त्वरित होना पड़ेगा जिसके फलस्वरूप वह ऊर्जा का विकिरण करेगा। ऊर्जा की हानि के कारण कक्षा का आकार सिकुड़ेगा और अंत में नाभिक को टकराएगा। इसलिए ऐसा मॉडल स्थिरता प्रदान नहीं करेगा।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 6.
जब एक इलैक्ट्रॉन ऊर्जा स्तर K से ऊर्जा स्तर L में छलांग लगाता है तो परमाणु की ऊर्जा क्यों बढ़ जाती है ?
उत्तर-
एक इलेक्ट्रॉन जो ऊर्जा स्तर K में चक्कर लगा रहा है उसके पास ऊर्जा की एक निश्चित मात्रा है। जब वह इलैक्ट्रॉन K ऊर्जा स्तर से L ऊर्जा स्तर में कूद जाता है तो वह L ऊर्जा स्तर की ऊजां ग्रहण कर लेता है जोकि पहले से अधिक होती है। इस प्रकार इलेक्ट्रॉन पहली ऊर्जा से अधिक ऊर्जा प्राप्त कर लेता है। इससे कुल मिला कर परमाणु की ऊर्जा में वृद्धि हो जाती है।

प्रश्न 7.
वे शैल जिनमें इलेक्ट्रॉन परमाणु के नाभिक के गिर्द चक्कर लगाते हैं ऊर्जा स्तर क्यों कहलाते हैं ?
उत्तर-
एक इलेक्ट्रॉन किसी शैल में चक्कर लगाते समय कुछ ऊर्जा की मात्रा से जुड़ा रहता है। जब यह एक शैल से दूसरे शैल में छलाँग लगाता है तो इसकी ऊर्जा में परिवर्तन आ जाता है। इस प्रकार शैल इलेक्ट्रॉन को ऊर्जा प्रदान करने के साथ-साथ स्थान भी बदलता है जिससे उन्हें ऊर्जा शैल या ऊर्जा स्तर कहा जाता है।

प्रश्न 8.
परमाणु की संरचना को समझने के लिए रदरफोर्ड का मूल योगदान क्या थे ?
अथवा
रदरफोर्ड द्वारा प्रस्तुत किए गए नाभिकीय मॉडल के लक्षण क्या थे ?
उत्तर-
परमाणु की नाभिकीय संरचना को समझने के लिए रदरफोर्ड का मूल योगदान निम्न प्रकार थे-

  1. परमाणु का केंद्र धन आवेशित होता है जिसे नाभिक कहा जाता है।
  2. एक परमाणु का संपूर्ण द्रव्यमान नाभिक में होता है।
  3. नाभिक का आकार परमाणु के आकार की तुलना में बहुत छोटा होता है।
  4. इलैक्ट्रॉन नाभिक के इर्द-गिर्द निश्चित कक्षाओं में चक्कर लगाते हैं।

प्रश्न 9.
फ्लोरीन परमाणु में 9 इलेक्ट्रॉन तथा 9 प्रोटॉन हैं। इसके परमाणु में कितने ऊर्जा शैल होंगे ?
उत्तर-
क्योंकि पहले कोश K में 2 इलेक्ट्रॉन समा सकते हैं। इसलिए शेष 7 इलैक्ट्रॉन दूसरे कोश L में समा जायेंगे जिसकी अधिकतम सामर्थ्य 8 इलेक्ट्रॉनों की है। इसलिए फ्लोरीन के दो ऊर्जा कोश होंगे।

प्रश्न 10.
मैग्नीशियम परमाणु में 12 इलेक्ट्रॉन है। इसका कौन-सा ऊर्जा कोश पूर्ण रूप से भरा हुआ नहीं
उत्तर-
मैग्नीशियम परमाणु में 12 इलेक्ट्रॉन हैं। K कोश में 2 इलेक्ट्रॉन तथा दूसरे L कोश में 8 इलेक्ट्रॉन भरे जायेंगे।
इस प्रकार K तथा L शैल पूर्ण रूप से भरे गए हैं। शेष 2 इलेक्ट्रॉन [12 – (2 + 8) = 2)] तीसरे कोश M में समाहित होंगे जबकि इस कोश में अधिकतम 18 इलेक्ट्रॉन भरे जा सकते हैं। अत: तीसरा कोश M अपूर्ण है।

प्रश्न 11.
निम्न परमाणु युग्ल की इलेक्ट्रॉनिक संरचना में क्या समानताएं हैं ? प्रत्येक परमाणु की इलैक्ट्रॉन संख्या कोष्ठक में दिये गए हैं ।
लीथियम (3), सोडियम (11) तथा पोटैशियम (19), हीलियम (2), नियॉन (10) तथा आर्गान (18), बैरीलियम (4), मैग्नीशियम (12) तथा कैल्सियम (20)।
उत्तर-

  1. लीथियम, सोडियम तथा पौटैशियम सभी के बाह्यतम कोश में एक इलेक्ट्रॉन है।
  2. हीलियम, नियॉन तथा आर्गान सभी के बाहयतम कोश में 8 इलेक्ट्रॉन हैं।
  3. बैरीलियम, मैग्नीशियम तथा कैल्सियम सभी के बाह्यतम कोश में 2 इलेक्ट्रॉन हैं।

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प्रश्न 12.
एक तत्त्व का परमाणु रासायनिक संयोजन में भाग नहीं लेता है। क्या आप बता सकते हैं कि इस परमाणु के बाह्यतम कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या कितनी है ? वर्णन करें।
उत्तर-
यह कथन दर्शाता है कि तत्व अक्रियाशील गैस है और इसके परमाणु के बाह्यतम कोश में ? या 8 इलेक्ट्रॉन हैं।
ऐसा इसलिए है कि हीलियम के बाह्यतम कोश में 2 इलेक्ट्रॉन को छोड़ कर ऐसे परमाणु जिनके बाह्यतम कोश में 8 इलेक्ट्रॉन हैं अक्रियाशील हैं और वे रासायनिक संयोजन में भाग नहीं लेते हैं।

प्रश्न 13.
एक तत्व में 16 प्रोटॉन हैं। परमाणु के K, L तथा M कोशों में कितने इलेक्ट्रॉन उपस्थित होंगे ? इसकी इलैक्ट्रॉन संयोजकता क्या होगी ?
उत्तर-
इलेक्ट्रॉनों की संख्या = प्रोटॉनों की संख्या = 16
इलेक्ट्रॉनिक संरचना = K = 2 ; L = 8 ; M = 6
तत्व में वैलेंस इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 6
∴ इलैक्ट्रॉन संयोजकता = 8 – 6 = 2

प्रश्न 14.
यदि हम किसी परमाणु का क्रमांक जानते हैं तो उसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखना संभव है। ऐसा क्यों है ?
उत्तर-
हां. किसी तत्व के परमाणु क्रमांक की सहायता से उसकी इलेक्ट्रॉन संरचना लिखना संभव है। वास्तव में किसी तत्व का परमाणु क्रमांक उसके परमाणु में विद्यमान प्रोटॉनों या न्यूट्रॉनों की संख्या के बराबर होता है। यदि हमें इलेक्ट्रॉनों की संख्या पता हो तो हम इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिख सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक विन्यास का अर्थ है कि विभिन्न शैलों में इलेक्ट्रॉनों का वितरण किस प्रकार है।

उदाहरण – ऑक्सीजन की परमाणु संख्या (Z) 8 है। इसका अर्थ यह है कि ऑक्सीजन में 8 इलेक्ट्रॉन हैं। इनमें से 2 पहले शैल में होते हैं जिससे वह पूरी तरह भर जाता है। शेष 6 इलेक्ट्रॉन दूसरे शैल में विद्यमान होते हैं।
ऑक्सीजन में इलेक्ट्रॉन वितरण इस प्रकार है-
पहले K-शैल में 2 इलेक्ट्रॉन
दूसरे L-शैल में 6 इलेक्ट्रॉन
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प्रश्न 15.
क्या किसी परमाणु में 12 प्रोटॉन और 13 इलेक्ट्रॉन होना संभव है ? व्याख्या करें।
उत्तर-
नहीं, ऐसा संभव नहीं है। एक परमाणु विद्युतीय दृष्टि से उदासीन होना चाहिए। इसका अर्थ है कि इस पर कोई आवेश शेष नहीं रहता है। अब प्रत्येक प्रोटॉन पर इकाई धन आवेश होता है तथा प्रत्येक इलेक्ट्रॉन पर इकाई ऋण आवेश होता है। अतः एक उदासीन परमाणु में इलेक्ट्रॉनों और प्रोटॉनों की संख्या बराबर होनी चाहिए।

प्रश्न 16.
संकेत \({ }_{20}^{40} \mathrm{Ca}\) से लिखें-
(i) Ca की द्रव्यमान संख्या
(ii) Ca की परमाणु संख्या
(iii) Ca नाभिक की संरचना।
उत्तर-
(i) Cu की द्रव्यमान संख्या = 40

(ii) Ca की परमाणु संख्या = 20

(iii) Ca नाभिक की संरचना-
प्रोटॉनों की संख्या P = 20. इलेक्ट्रॉनों की संख्या = P = 20
न्यूट्रॉनों की संख्या = द्रव्यमान संख्या – प्रोटॉनों की संख्या
= 40 – 20 = 20

प्रश्न 17.
इस कथन से क्या सूचना मिलती है कि मैग्नीशियम की द्रव्यमान संख्या 24 तथा परमाणु संख्या 12 है ?
उत्तर-
मैग्नीशियम की परमाणु संख्या 12 इस ओर संकेत करती है कि इसके परमाणु के नाभिक में 12 प्रोटॉन हैं तथा इतने ही इलेक्ट्रॉन इसके बाह्य नाभिकीय भाग में हैं। द्रव्यमान संख्या 24 यह दर्शाती है कि प्रोटॉनों के साथ नाभिक में 12 न्यूट्रॉन (24-12) भी विद्यमान हैं।

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प्रश्न 18.
द्रव्यमान संख्या को परिभाषित कीजिए। द्रव्यमान संख्या नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों से कैसे संबंधित है ?
उत्तर-
द्रव्यमान संख्या – किसी तत्व की द्रव्यमान संख्या उसमें उपस्थित प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों की संख्या के योग के बराबर होती है।
द्रव्यमान संख्या (A) = प्रोटॉनों की संख्या (P) + न्यूट्रॉनों की संख्या (N)
न्यूट्रॉनों की संख्या = द्रव्यमान संख्या – प्रोटॉनों की संख्या
= द्रव्यमान संख्या – परमाणु संख्या
= A – Z

प्रश्न 19.
जे० जे० टॉमसन के प्रसिद्ध प्रयोगों से पहले विद्युत् और चुंबकीय क्षेत्रों में कैथोड किरणों का विक्षेपण ज्ञात था, तो जे० जे० टॉमसन का मुख्य योगदान क्या था ?
उत्तर-
जे० जे० टॉमसन का योगदान यह था कि (i) उन्होंने कणों पर आवेश और उनके द्रव्यमान अनुपात का पता लगाया था।
उनके अनुसार \(\frac{e}{m}\) = 1.76 × 1011 c /kg
यहाँ e = कणों पर आवेश तथा m = द्रव्यमान है।

(ii) उन्होंने इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान का पता लगाया जो m = \(\frac{1.602 \times 10^{-19 \mathrm{c}}}{1.76 \times 10^{11 \mathrm{c} / \mathrm{kg}}}\)
= 9.1 × 10-31 kg = 9.1
× 10 g-28 ग्राम था। यह द्रव्यमान हाइड्रोजन के द्रव्यमान का \(\frac{1}{1837}\) भाग के समान था।

प्रश्न 20.
निम्नलिखित तत्वों के परमाणुओं में वेलैंस कोश इलेक्ट्रॉनों की संख्या कितनी है ?
(i) ऐलुमिनियम
(ii) सल्फ र
(ii) क्लोरीन
(iv) कार्बन
(v) नाइट्रोजन
(vi) पोटैशियम
(vii) ऑक्सीजन
(viii) फ्लोरीन।
उत्तर-

क्रमांक तत्व का नाम वेलैंस कोश (संयोजकता) इलेक्ट्रॉन की संख्या
(i) ऐलुमिनियम (A1) 3
(ii) सल्फर (S) 2
(iii) क्लोरीन (Cl) 1
(iv) कार्बन (C) 4
(v) नाइट्रोजन (N) 3
(vi) पोटैशियम (K) 1
(vii) ऑक्सीजन (O) 2
(viii) फ्लू ओरीन (F) 1

प्रश्न 21.
न्यूट्रॉन के अस्तित्व को किसने प्रस्तावित किया ? इस पूर्वधारणा (Assumption) का क्या आधार था ?
उत्तर-
सबसे पहले न्यूट्रॉन के अस्तित्व का विचार रदरफोर्ड ने प्रकट किया था। सन् 1920 में उसने मत प्रस्तुत किया कि नाभिक में प्रोटॉन और उसके निकट इलेक्ट्रॉन विद्युतीय आकर्षण के कारण आपस में इतने निकट हों कि उन्हें एक कण के रूप में ही माना जा सकता हो जिसमें पूरा आवेश शून्य हो गया हो। इसलिए उसने एक नये कण की संकल्पना की और उसका नाम न्यूट्रॉन रखा। तत्पश्चात् इसी संकल्पना ने आधुनिक विज्ञान की अनेक महत्त्वपूर्ण समस्याओं को हल कर दिया।

प्रश्न 22.
प्रायोगिक रूप से न्यूट्रॉन की खोज किसने की ? इस प्रयोग की आवश्यक बातें क्या थीं ?
उत्तर-
जेम्स चैडविक ने सन् 1932 में सबसे पहले न्यूट्रॉन की खोज की थी। उन्होंने पाया कि जब बैरीलियम नामक तत्व से a-किरणें टकरायी जाती हैं तो उससे एक नया कण विसर्जित होता है। यह नया कण उदासीन प्रकृति का था। जब इस कण को जिंक सल्फाइड की प्लेट से टकराया गया तो प्रकाश उत्पन्न हुआ। इसका द्रव्यमान हाइड्रोजन के द्रव्यमान के समान था।
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उपस्थिति संबंधी प्रयोग उन्होंने पाया कि हाइड्रोजन परमाणु के अतिरिक्त अन्य सभी तत्वों में न्यूट्रॉन थे। न्यूट्रॉन का द्रव्यमान लगभग प्रोटॉन के द्रव्यमान के समान था। प्रोटॉन का द्रव्यमान 1 a.m.u. माना जाता था। इसलिए न्यूट्रॉन का द्रव्यमान भी 1 a.m.u. है। न्यूट्रॉन आवेशित कण नहीं हैं इसलिए इनका परीक्षण आसान नहीं है परंतु 1932 ई० में चैडविक इनको प्रदर्शित करने में सफल हो गया।

‘प्रश्न 23.
हीलियम के संयोजकता कक्ष में 2 इलेक्ट्रॉन होते हैं पर उसकी संयोजकता 2 नहीं होती। क्यों ?
उत्तर-
हीलियम के संयोजकता कक्ष में 2 इलेक्ट्रॉन होते हैं पर उसकी संयोजकता 2 नहीं होती क्योंकि उसका कक्ष पूर्ण होता है। इसलिए उसकी संयोजकता शून्य है।

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प्रश्न 24.
संयोजकता इलेक्ट्रॉन को परिभाषित कीजिए। यह परमाणु संरचना से कैसे सम्बन्धित है ?
उत्तर-
संयोजकता इलेक्ट्रॉन-किसी परमाणु के सबसे बाह्यतम कक्ष में उपस्थित इलेक्ट्रॉन ही संयोजकता इलेक्ट्रॉन कहलाते हैं। ये ही रासायनिक क्रियाओं में भाग लेते हैं।

संयोजकता किसी परमाणु की संरचना को प्रकट करती है। जैसे सोडियम (Na) की परमाणु संख्या 11 है। उसके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (K = 2, L = 8, M = 1) में सबसे बाहरी कक्ष M में एक इलेक्ट्रॉन है। इसलिए उसकी संयोजकता एक है। किसी भी तत्व के रासायनिक गुण सबसे बाहरी कक्ष में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या पर ही निर्भर करते हैं। परमाणु संरचना से ही संयोजकता इलेक्ट्रॉनों का पता लगता है। यह परमाणु के नाभिक के द्रव्यमान से लगभग संबंधित नहीं होते। यदि किसी परमाणु का बाह्यतम कक्ष पूर्ण रूप से भरा हुआ (8, 18, 32 इलेक्ट्रॉन) हो तो उस तत्व की संयोजकता शून्य होती है और वह निष्क्रिय होता है। विभिन्न तत्वों के परमाणुओं में बराबर इलेक्ट्रॉन होने की अवस्था में उनके रासायनिक गुण एक समान होते हैं।

प्रश्न 25.
परमाणु नाभिक के आवश्यक गुणधर्म की व्याख्या कीजिए। इन गुणधर्मों की इलैक्ट्रॉन के गुणधर्मों से तुलना कीजिए।
उत्तर-
परमाणु नाभिक ( केंद्रक) के गुणधर्म-

  1. परमाणु का नाभिक (केंद्रक) धन आवेश युक्त होता है।
  2. परमाणु का पूरा द्रव्यमान उसके नाभिक में ही स्थित होता है।
  3. परमाणु नाभिक का आकार परमाणु के आकार से बहुत छोटा होता है। यह परमाणु के आकार से 105 गुना छोटा होता है।

परमाणु नाभिक की त्रिज्या 10-13 10-19 होती है जबकि परमाणु की अपनी त्रिज्या 10-8 सें०मी० होती है। इसलिए परमाणु का अधिकांश भाग खाली होता है।

परमाणु नाभिक के गुणधर्मों की इलैक्ट्रॉनों के गुणधर्मों से तुलना-

  1. इलेक्ट्रॉनों पर ऋण आवेश होता है, जबकि नाभिक पर प्रोटॉनों के कारण धन आवेश होता है।
  2. इलेक्ट्रॉन केंद्रक के चारों ओर घूमते रहते हैं जबकि नाभिक परमाणु के केंद्रीय भाग में स्थित होता है।
  3. नाभिक का द्रव्यमान हीलियम परमाणु के बराबर होता है जबकि इलेक्ट्रॉन हाइड्रोजन परमाणु के \(\frac{1}{1840}\) भाग
    के बराबर होता है।

प्रश्न 26.
इलेक्ट्रानों को नक्षत्रीय इलेक्ट्रॉन क्यों कहा जाता है ?
उत्तर-
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल को सौर मॉडल भी कहते हैं क्योंकि इस मॉडल में यह कल्पना की गई थी कि जिस प्रकार सूर्य के चारों ओर सभी नक्षत्र चक्कर लगाते हैं, उसी प्रकार नाभिक के चारों ओर इलेक्ट्रॉन चक्कर लगाते हैं। इसलिए परमाणु के इलेक्ट्रॉनों को नक्षत्रीय इलेक्ट्रॉन भी कहा जाता है।

प्रश्न 27.
क्या ऐसा संभव हो सकता है कि तत्व के अणु में एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन हो परंतु उसका कोई भी न्यूट्रॉन न हो ? यदि ऐसा है तो उस तत्व का नाम लिखिए।
उत्तर-
हाँ, ऐसा संभव है। हाइड्रोजन तत्व के अणु की स्थिति में ऐसा ही होता है जिसे \({ }_{1}^{1} \mathrm{H}\) से प्रदर्शित किया जाता है।

प्रश्न 28.
क्या 35Cl और 37Cl की संयोजकता अलग-अलग होगी ? अपने उत्तर को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
नहीं, 35Cl और 37Cl की संयोजकता अलग-अलग नहीं होगी क्योंकि ये दोनों एक ही तत्व के समस्थानिक हैं।

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प्रश्न 29.
चित्र द्वारा सोडियम परमाणु और सोडियम आयन में इलैक्ट्रॉन वितरण दर्शाइए और इनकी परमाणु संख्या दीजिए।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 6

सोडियम परमाणु की परमाणु संख्या 11 है और इसमें इलेक्ट्रॉनों की संख्या भी 11 है। धनात्मक सोडियम आयन (Na+) में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 11 – 1 = 10 होती है। इसलिए उसके इलेक्ट्रॉनिक कक्ष में इलेक्ट्रॉन वितरण 2, 8 होगा। किसी तत्व की परमाणु संख्या इसके प्रोटॉनों के बराबर होगी। इसलिए सोडियम परमाणु और सोडियम आयन में परमाणु संख्या समान ही होगी। अत: दोनों की परमाणु संख्या 11 है।

प्रश्न 30.
हीलियम, नियॉन तथा आर्गान तत्वों की संयोजकता शून्य क्यों है ?
उत्तर-
हीलियम के एकमात्र शैल K में 2 इलेक्ट्रॉन हैं। क्योंकि यह अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या है जो K शैल में समाहित हो सकती है। इसलिए यह न तो इलेक्ट्रॉन का लाभ कर सकता है और न ही हानि । इसलिए इसकी संयोजकता शून्य है। इसी भांति नियॉन (2, 8) और आर्गान (2, 8, 8) में बाह्यतम शैल में आठ-आठ इलेक्ट्रॉन हैं जोकि अधिकतम संख्या है। इसलिए दोनों नियॉन और आर्गान की संयोजकता शून्य है।

प्रश्न 31.
एक तत्व की परमाणु संख्या 15 है। इसका क्या अभिप्राय है ? क्या यह संभव है कि एक ही परमाणु के कोश (शैल) अधिक हो सकते हैं ?
उत्तर-
जब एक परमाणु के तीन कोश हैं, इसका तात्पर्य यह है कि परमाणु में इलेक्ट्रॉन का वितरण तीन ऊर्जा स्तरों में है। इस प्रकार उत्तेजित अवस्था में उसी परमाणु के इलेक्ट्रॉन तीन से अधिक ऊर्जा स्तरों में वितरित हैं। जिससे उसी परमाणु के अधिक शैल (कोश) होंगे।

प्रश्न 32.
तत्वों की परमाणु संख्या तथा परमाणु द्रव्यमान संख्या नीचे दी गई हैं। निम्न सूचना को रिक्त स्थानों में लिखिए।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 7
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 8

प्रश्न 33.
एक तत्व की परमाणु संख्या क्या होगी जिसके M-शैल में 7 इलेक्ट्रॉन हैं ?
उत्तर-
इसका तात्पर्य यह है कि तत्व के परमाणु के K-शैल तथा L-शैल पूर्ण रूप से भरे हुए हैं। K-शैल में अधिकतम इलेक्ट्रॉन की संख्या 2 तथा L-शैल में 8 हो सकती है जबकि M-शैल में 7 इलेक्ट्रॉन हैं।
इसलिए परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या = 2 + 8 + 7 = 17

क्योंकि परमाणु विद्युतीय रूप से उदासीन होता है, इसलिए परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या = इलेक्ट्रॉनों को संख्या होगी।
∴ परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या = 17
∴ परमाणु की परमाणु संख्या = 17

प्रश्न 34.
समस्थानिकों के समान गुण लिखिए।
उत्तर-
समस्थानिकों के गुण-

  1. किसी तत्व के समस्थानिकों की परमाणु संख्या समान होती है।
  2. तत्व के सभी समस्थानिकों के रासायनिक गुण एक जैसे होते हैं।
  3. तत्व के सभी समस्थानिकों में इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है।
  4. तत्व के सभी समस्थानिकों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास एक जैसा होता है।

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प्रश्न 35.
निम्न सारणी में किन्हीं तत्वों की द्रव्यमान संख्या तथा परमाणु संख्या दी गई है :
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 9
(i) ऊपर दी गई सारणी से आइसोबार (समभारिक) का युग्म चुनिए।
(ii) सारणी में लिखे तत्व B की संयोजकता क्या होगी ?
उत्तर-
(i) D तथा E
(ii) B तत्व की संयोजकता = 1

संख्यात्मक प्रश्न (Numerical Problems)

प्रश्न 1.
परमाणु द्रव्यमान 35 और 37 वाले क्लोरीन के दो समस्थानिक (आइसोटोप) 3 : 1 के अनुपात में विद्यमान हैं। इनका औसत परमाणु द्रव्यमान क्या होगा ?
हल :
क्लोरीन का औसत परमाणु द्रव्यमान = \(\frac{35 \times 3+37 \times 1}{3+1}\)
= \(\frac{105+37}{4}\) = 35.5 a. m. u.

प्रश्न 2.
परमाणु क्रमांक 18 वाले तत्व X तथा परमाणु क्रमांक 16 वाले तत्व Z में से कौन-सा रासायनिक रूप से अधिक अभिक्रियाशील होगा ?
हल :
X तत्व का परमाणु क्रमांक = इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 18
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 10
अब Z तत्व का परमाणु क्रमांक – Z में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 16
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किसी निष्क्रिय गैस के एक परमाणु के सबसे बाहरी कक्ष में 8 इलेक्ट्रॉन होते हैं जिससे X न तो कभी इलेक्ट्रॉन खोएगा और न ही अर्जित करेगा। अतएव X रासायनिक रूप से अभिक्रियाशील नहीं है।

किसी निष्क्रिय गैस के विन्यास को प्राप्त करने के लिए Z तत्व 2 इलेक्ट्रॉन अर्जित कर सकता है। अतएव Z रासायनिक रूप से X से अधिक अभिक्रियाशील है।

प्रश्न 3.
उस तत्व की परमाणु संख्या ज्ञात करें जिसके नाभिक में 12 न्यूट्रॉन हैं और जिसकी द्रव्यमान संख्या 23 है। इस तत्व का संकेत क्या है ?
हल :
परमाणु के नाभिक में न्यूट्रॉन की संख्या = 12
परमाणु द्रव्यमान (A) = 23
परमाणु संख्या (Z) = ?
हम जानते हैं कि द्रव्यमान संख्या (A) = प्रोटॉन की संख्या + न्यूट्रॉन की संख्या
23 = P + 12
∴ प्रोटॉन की संख्या (P) = 23 – 12 = 11
अर्थात् परमाणु संख्या (Z) = प्रोटॉन की संख्या = 11 उत्तर
सोडियम तत्व की परमाणु संख्या 11 तथा द्रव्यमान संख्या 23 है। इस तत्व को दर्शाने के लिए संकेत है \({ }_{11}^{23} \mathrm{Na}\) उत्तर

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में प्रोटॉनों, न्यूट्रॉनों और इलेक्ट्रॉनों की संख्या पता करें : \({ }_{92}^{235} \mathbf{U}\) तथा \({ }_{92}^{238} \mathrm{U}\) दोनों परमाणुओं का आपस में क्या संबंध है ?
हल :
U-235 परमाणु की द्रव्यमान संख्या (A) = 235
परमाणु संख्या (Z) = 92
हम जानते हैं कि n = A – Z
n = 235 – 92
n = 143
∴ U-235 में प्रोटॉन की संख्या = परमाणु संख्या = 92
इलेक्ट्रॉन की संख्या = प्रोटॉन की संख्या = 92
न्यूट्रॉन की संख्या = 143
U-238 परमाणु की द्रव्यमान संख्या (A) = 238
परमाणु संख्या (Z) = 92
n = 238 – 92
n = 146

\({ }_{92}^{235} \mathrm{U}\) तथा \({ }_{92}^{238} \mathrm{U}\) दोनों यूरेनियम तत्व के समस्थानिक हैं। इन दोनों के नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या एक समान 92 है, परंतु न्यूट्रॉनों की संख्या विभिन्न है अर्थात् दोनों परमाणुओं की परमाणु संख्या समान है, परंतु द्रव्यमान संख्या भिन्न है।

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प्रश्न 5.
तत्व \(x_{9}^{19}\) में कितने इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन हैं ? इस तत्व की संयोजकता कितनी होगी ?
हल :
परमाणु संख्या = 9
द्रव्यमान संख्या = 19
∴ इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 9
प्रोटॉनों की संख्या = परमाणु संख्या = 9
न्यूट्रॉनों की संख्या – 19 – 9 = 10
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 12
तत्व की संयोजकता = 8 – 7 = 1

प्रश्न 6.
परमाणु के अवपरमाणुक कणों के नाम बताओ। हीलियम का परमाणु द्रव्यमान 4u तथा इसके नाभिक में 2 प्रोटॉन हैं। इसमें कितने न्यूट्रॉन हैं ? सोडियम तथा कार्बन की इलेक्ट्रॉनिक संरचना लिखिए (दिया है सोडियम की परमाणु संख्या = 11, कार्बन की परमाणु संख्या = 6)।
हल :
(i) परमाणु के अवपरमाणुक कण : इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन, न्यूट्रॉन

(ii) हीलियम में न्यूट्रॉनों की संख्या = 4 – 2 = 2
(iii) सोडियम की इलेक्ट्रॉनिक संरचना : PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 13
(iv) कार्बन की इलेक्ट्रॉनिक संरचना : PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 14

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
‘कैनाल रे’ की खोज किसने और कब की थी ?
उत्तर-
‘कैनाल रे’ को खोज ई० गोल्डस्टीन ने सन 1886 में की थी।

प्रश्न 2.
कैनाल किरणों पर कौन-सा आवेश होता है ? उत्तर-धन आवेश।

प्रश्न 3.
प्रोटॉन पर कौन-सा आवेश होता है ?
उत्तर-
धन आवेश।

प्रश्न 4.
प्रोटॉन परमाणु के किस भाग में होते हैं ?
उत्तर-
सबसे भीतरी भाग नाभिक में।

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प्रश्न 5.
डाल्टन के अनुसार परमाणु के मूल गुण क्या थे ?
उत्तर-
डाल्टन के अनुसार परमाणु अविभाज्य और अविनाशी है।

प्रश्न 6.
डॉल्टन के सिद्धांत को किस खोज ने गलत सिद्ध कर दिया था ?
उत्तर-
इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन की खोज ने।

प्रश्न 7.
परमाणु संरचना से संबंधित पहला मॉडल किसने प्रस्तुत किया था ?
उत्तर-
जे० जे० टॉमसन।

प्रश्न 8.
रदरफोर्ड ने एल्फा कणों के प्रकीर्णन प्रयोग में सोने की पन्नी क्यों चुनी थी ?
उत्तर-
रदरफोर्ड बहुत पतली परत चाहते थे जो 1000 परमाणुओं के बराबर मोटी हो।

प्रश्न 9.
एल्फा कण क्या होते हैं ?
उत्तर-
दविआवेशित हीलियम (He2+) कण होते हैं।

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प्रश्न 10.
एल्फा कणों पर कौन-सा आवेश होता है ?
उत्तर-
धन आवेश ।

प्रश्न 11.
एल्फा कणों का द्रव्यमान कितना होता है ?
उत्तर-
4u.

प्रश्न 12.
नील्स बोर ने रदरफोर्ड के मॉडल पर उठी आपत्तियों को किस प्रकार दूर किया ?
उत्तर-
नील्स बोर ने स्पष्ट किया कि इलेक्ट्रॉन कुछ निश्चित कक्षाओं में ही चक्कर लगा सकते हैं जिनसे ऊर्जा का विकिरण नहीं होता।

प्रश्न 13.
ऊर्जा स्तर किसे कहते हैं ?
उत्तर-
इलेक्ट्रॉन जिन निश्चित कक्षाओं में चक्कर लगाते हैं उन्हें ऊजां स्तर कहते हैं। इन्हें K. L, M. N… या 1, 2, 3, 4 … के द्वारा निरूपित किया जाता है।

प्रश्न 14.
परमाणु द्रव्यमान किसे कहते हैं ?
उत्तर-
परमाणु द्रव्यमान – परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के द्रव्यमान के योग को परमाणु द्रव्यमान कहते हैं।

प्रश्न 15.
विभिन्न कक्षाओं में इलेक्ट्रॉनों के वितरण का नियम किसने प्रस्तुत किया था ?
उत्तर-
बोर और बरी ने।

प्रश्न 16,
परमाणु के विभिन्न कक्षाओं में इलेक्ट्रॉनों की कक्षा में वितरण करने का सूत्र लिखिए।
उत्तर-
2n2जहां ‘n’ कक्षा की संख्या या ऊर्जा स्तर होता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 17.
पहली चार कक्षाओं में क्रम से इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या लिखिए।
उत्तर-
2, 8. 18. 32.

प्रश्न 18.
सबसे बाह्यतम कोश में अधिकतम कितने इलेक्ट्रॉन हो सकते हैं ?
उत्तर-
8.

प्रश्न 19.
रासायनिक रूप से कौन-से तत्व सक्रिय नहीं होते ?
उत्तर-
जिन तत्वों के परमाणुओं के बाह्यतम कक्ष पूर्ण रूप से भरे होते हैं, वे रासायनिक दृष्टि से सक्रिय नहीं होते।

प्रश्न 20.
अष्टक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
अष्टक -आट इलेक्ट्रॉन वालं सबसे बाहरी कक्ष को अप्टक कहते हैं।

प्रश्न 21.
तत्व की संयोजकता क्या होती है ?
उत्तर-
संयोजकता – परमाणा के बाहयतम कक्ष में इलेक्ट्रॉनों के अष्टक बनाने के लिए जितनी संख्या में इलेवटॉनों का सामेदारी या स्थानांतरण होता है. वह उस तत्व की संयोजकता होती है।

प्रश्न 22.
परमाणु संख्या किसे कहते हैं ?
उत्तर-
परमाणु संख्या – किसी परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों की कुल संख्या को परमाणु संख्या कहते है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 23.
न्यूक्लिऑन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
न्यूक्लिऑन – कियो परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन और न्यूट्रॉन को न्यूक्लिऑन कहते हैं।

प्रश्न 24.
परमाण का लगभग संपूर्ण द्रव्यमान कहां स्थित होता है ?
उत्तर-
परमाणु के नाभिक में।

प्रश्न 25.
द्रव्यमान संख्या किसे कहते हैं ?
उत्तर-
द्रव्यमान संख्या – किसी परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों और न्यूटॉनों की कुल संख्या के योग को द्रव्यमान संख्या कहते हैं।

प्रश्न 26.
समस्थानिक किस कहते हैं ?
उत्तर-
समस्थानिक ( आइसोटोप)- एक ही तत्व के परमाणु जिनकी परमाणु संख्या समान लेकिन द्रव्यमान संख्या भिन्न होती है, उसे समस्थानिक कहते हैं।

प्रश्न 27.
क्लोरीन के दो समस्थानिक लिखिए।
उत्तर-
\({ }_{17}^{35} \mathrm{U}\) तथा \({ }_{17}^{37} \mathrm{U}\)

प्रश्न 28.
कार्बन के दो समस्थानिक लिखिए।
उत्तर-
\({ }_{16}^{12} \mathrm{U}\) तथा \({ }_{16}^{14} \mathrm{U}\)।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 29.
क्लोरीन के परमाणु का द्रव्यमान क्या है ?
उत्तर-
35.5.

प्रश्न 30.
कैंसर के उपचार में किस तत्व के समस्थानिक का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
कोबाल्ट के समस्थानिक का।

प्रश्न 31.
घेघा रोग के इलाज में किस तत्व के समस्थानिक का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
आयोडीन के समस्थानिक का।

प्रश्न 32.
परमाणु भट्टी में ईंधन के रूप में किस तत्व के समस्थानिक का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर-
यूरेनियम का।

प्रश्न 33.
समभारिक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
समभारिक-भिन्न-भिन्न परमाणु संख्या पर समान द्रव्यमान संख्या वाले तत्वों को समभारिक कहते हैं।

प्रश्न 34.
दो समभारिक तत्वों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

  1. कैल्सियम
  2. आर्गान।

प्रश्न 35.
हाइड्रोजन के तीन समस्थानिकों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. प्रोटियम (\({ }_{1}^{1} \mathrm{H}\))
  2. ड्यूटीरियम (\({ }_{1}^{2} \mathrm{H}\))
  3. ट्राइटियम (\({ }_{1}^{3} \mathrm{H}\))

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 36.
यदि किसी तत्व के K तथा L शैल संपूर्ण रूप से इलैक्ट्रॉनों से भरे हों तो इसमें इलेक्ट्रॉनों की कुल कितनी संख्या होगी ? ।
उत्तर-
इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 10 (K = 2, L = 8)

प्रश्न 37.
परमाणु के कौन-से इलेक्ट्रॉन तत्व के गुणों को निर्धारित करते हैं ?
उत्तर-
वेलैंस इलेक्ट्रॉन।

प्रश्न 38.
क्लोरीन परमाणु की द्रव्यमान संख्या 35 और परमाणु संख्या 17 है। आप क्लोरीन परमाणु को कैसे प्रदर्शित करोगे ?
उत्तर-
\({ }_{17}^{35} \mathrm{Cl}\)

प्रश्न 39.
उस अवपरमाणुक कण का नारा बताओ जो परमाणु का आकार निर्धारित करता है।
उत्तर-
इलेक्ट्रॉन।

प्रश्न 40.
उन पदार्थों ( परमाणुओं) को क्या कहते हैं जिनके रासायनिक गुण समान हों परंतु भौतिक गुण अलग हों ?
उत्तर-
समस्थानिक (आइसोटोप)।

प्रश्न 41.
Mg2+ आयन में 10 इलैक्ट्रॉन हैं। Mg2+ में प्रोटॉनों की संख्या क्या होगी ?
उत्तर-
12

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 42.
वह कौन-सा तत्व है जिसके परमाणु के नाभिक में न्यूट्रॉन उपस्थित नहीं है ?
उत्तर-
हाइड्रोजन।

प्रश्न 43.
किसी तत्व के समस्थानिकों में निम्न कणों में से कौन-कौन से समान संख्या में होते हैं : इलेक्ट्रॉन, प्रोट्रॉन, न्यूट्रॉन ?
उत्तर-
इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन।

प्रश्न 44.
हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक हैं : \({ }_{1}^{1} \mathrm{H}\), \({ }_{1}^{2} \mathrm{H}\), \({ }_{1}^{3} \mathrm{H}\) ये सभी विद्युतीय उदासीन क्यों हैं ?
उत्तर-
इन तीनों में एक प्रोटॉन तथा एक इलेक्ट्रॉन उपस्थित है।

प्रश्न 45.
एक तत्व के परमाणु की परमाणु संख्या 16 है। उसके संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या तथा संयोजकता विन्यास लिखें।
उत्तर-
संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 6
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PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव : मित्र एवं शत्रु

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव : मित्र एवं शत्रु Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 2 सूक्ष्मजीव : मित्र एवं शत्रु

PSEB 8th Class Science Guide सूक्ष्मजीव : मित्र एवं शत्रु Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(क) सूक्ष्मजीवों को ……………………. की सहायता से देखा जा सकता है।
उत्तर-
सूक्ष्मदर्शी

(ख) नीले-हरे शैवाल वायु से …………………….. का स्थिरीकरण करते हैं, जिससे मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि होती है।
उत्तर-
नाइट्रोजन

(ग) एल्कोहल का उत्पादन ……………………… नामक सूक्ष्मजीव की सहायता से किया जाता है।
उत्तर-
खमीर

(घ) हैज़ा ……………………. के द्वारा होता है।
उत्तर-
जीवाणु।

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प्रश्न 2.
सही शब्द के आगे (√) का निशान लगाइए-

(क) यीस्ट का उपयोग निम्न के उत्पादन में होता है :

(i) चीनी
(ii) एल्कोहल
(iii) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
(iv) ऑक्सीजन।
उत्तर-
(ii) एल्कोहल (√)

(ख) निम्न में से कौन-सा प्रतिजैविक है ?
(i) सोडियम बाइकार्बोनेट
(ii) स्ट्रेप्टोमाइसिन
(iii) एल्कोहल
(iv) यीस्ट।
उत्तर-
(ii) स्ट्रेप्टोमाइसिन (√)

(ग) मलेरिया परजीवी का वाहक है :
(i) मादा एनॉफ्लीज़ मच्छर
(ii) कॉकरोच
(iii) घरेलू मक्खी
(iv) तितली।
उत्तर-
(i) मादा एनॉफ्लीज़ मच्छर (√)

(घ) संचरणीय रोगों का सबसे मुख्य कारक है :
(i) चींटी
(ii) घरेलू मक्खी
(iii) ड्रेगन मक्खी
(iv) मकड़ी।
उत्तर-
(ii) घरेलू मक्खी (√)

(ङ) ब्रेड अथवा इडली फूल जाती है इसका कारण है : .
(i) उष्णता
(ii) पसीना
(iii) यीस्ट कोशिकाओं की वृद्धि
(iv) माढ़ने के कारण।
उत्तर-
(iii) यीस्ट कोशिकाओं की वृद्धि (√)

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(च) चीनी को एल्कोहल में परिवर्तित करने के प्रक्रम का नाम है :
(i) नाइट्रोजन स्थिरीकरण
(ii) मोल्डिंग
(iii) किण्वन
(iv) संक्रमण।
उत्तर-
(iii) किण्वन। (√)

प्रश्न 3.
कॉलम-I के जीवों का मिलान कॉलम-II में दिए गए उनके कार्य से कीजिए-

कॉलम-I कॉलम-II
(क) जीवाणु (i) नाइट्रोजन स्थिरीकरण
(ख) राइजोबियम (ii) दही का जमना
(ग) लैक्टोबेसिलस (iii) ब्रेड की बेकिंग
(घ) यीस्ट (iv) मलेरिया का कारक
(ङ) एक प्रोटोजोआ (v) AIDS का कारक
(च) एक विषाणु (vi) प्रतिजैविक उत्पादित करना।

उत्तर-

कॉलम-I कॉलम-II
(क) जीवाणु (v) AIDS का कारक
(ख) राइजोबियम (i) नाइट्रोजन स्थिरीकरण
(ग) लैक्टोबेसिलस (ii) दही का जमना
(घ) यीस्ट (iii) ब्रेड की बेकिंग
(ङ) एक प्रोटोजोआ (iv) मलेरिया का कारक
(च) एक विषाणु (vi) प्रतिजैविक उत्पादित करना।

प्रश्न 4.
क्या सूक्ष्मजीव बिना यंत्र की सहायता से देखे जा सकते हैं ? यदि नहीं, तो वे कैसे देखे जा सकते हैं ?
उत्तर-
सूक्ष्मजीव बहुत ही छोटे जीव हैं जिन्हें बिना यंत्र देखना संभव नहीं। कुछ सूक्ष्मजीव आवर्धन लेंस द्वारा देखे जा सकते हैं, परंतु आमतौर पर सूक्ष्मदर्शी द्वारा ही इन्हें देखना संभव है।

प्रश्न 5.
सूक्ष्मजीवों के मुख्य वर्ग कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
सूक्ष्मजीवों के मुख्य वर्ग हैं-

  1. जीवाणु,
  2. कवक,
  3. प्रोटोजोआ,
  4. शैवाल,
  5. विषाणु।

प्रश्न 6.
वायुमंडलीय नाइट्रोजन का मिट्टी में स्थिरीकरण करने वाले सूक्ष्मजीवों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. राइजोबियम जीवाणु
  2. नीले-हरे शैवाल।

प्रश्न 7.
हमारे जीवन में उपयोगी सूक्ष्मजीवों के बारे में 10 पंक्तियाँ लिखिए।
उत्तर-
सूक्ष्मजीव जीवाणु, कवक, शैवाल, प्रोटोजोआ आदि के रूप में हैं। इनके उपयोग निम्नलिखित हैं-

जीवाणु के उपयोग-
(i) दही और पनीर बनाने के लिए
(ii) शराब और सिरका बनाने के लिए
(iii) चमड़े की सफाई के लिए।

कवक के उपयोग-
(iv) डबल रोटी और केक बनाने के लिए
(v) मशरूम कवक खाने के लिए
(vi) दवाइयों के लिए।

शैवाल के उपयोग-
(vii) डायटम की कोशिका भित्ति सिलिका का प्राकृतिक रूप है।
(viii) कई शैवाल, समुद्री भोजन के रूप में उपयोग किए जाते हैं।

प्रोटोज़ोआ के उपयोग-
(ix) खाद्य श्रृंखला में
(x) उत्तक प्रवर्धन के लिए।

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प्रश्न 8.
सूक्ष्मजीवों द्वारा होने वाली हानियों का विवरण दीजिए।
उत्तर-
सूक्षमजीवों द्वारा होने वाली हानियाँ-

  1. पौधों और जानवरों में बीमारियों का कारण।
  2. खाद्य पदार्थ के संदूषण का कारण।
  3. कपड़े, चमड़े आदि के भ्रष्ट होने का कारण।
  4. सूक्ष्म जीव खाद्य पदार्थ को निम्न तरीकों से संदूषित करते हैं-
    (क) अणुओं को अपघटित कर दुर्गंध वाले यौगिक पैदा करते हैं।
    (ख) विषैले पदार्थ उत्पन्न करते हैं।
    (ग) खाद्य विषाक्तता का कारण बनते हैं।

प्रश्न 9.
प्रतिजैविक क्या हैं ? प्रतिजैविक लेते समय कौन-सी सावधानियाँ रखनी चाहिएं ?
उत्तर-
प्रतिजैविक (Antibiotics) – प्रतिजैविक एक ऐसी औषधि है जो रक्त के अंदर शरीर की कोशिकाओं को बिना हानि पहुँचाए जीवाणुओं को मारती है। प्रतिजैविक औषधियाँ जीवाणुओं, कवकों तथा सूक्ष्मजीवों से प्राप्त होती हैं।

उदाहरण – पेनसिलीन, टैट्रासाइकलिन, स्ट्रोप्टोमाइसिन आदि। अल्गर्जेंडर फ्लेमिंग, एक अंग्रेज़ वैज्ञानिक ने 1929 में पेनसिलीन की खोज की। सावधानियाँ – प्रतिजैविक लेते समय निम्न सावधानियों को ध्यान में रखना चाहिए-

  1. प्रतिजैविक डॉक्टर की सलाह पर लेने चाहिए।
  2. डॉक्टर द्वारा लिखी दवाइयों का कोर्स पूरा करना चाहिए।
  3. प्रतिजैविक खाँसी और सर्दी पर प्रभाव नहीं डालते क्योंकि यह विषाणु द्वारा संचारित होती है।

PSEB Solutions for Class 8 Science फसल उत्पादन एवं प्रबंध Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थान भरो-

(क) सूक्ष्मजीवों को ……………………….. की सहायता से देखा जा सकता है।
उत्तर-
सूक्ष्मदर्शी

(ख) जीवाणु प्रायः ……………………….. विधि द्वारा गुणन करते हैं।
उत्तर-
द्विविखंडन

(ग) रोग पैदा करने वाले सूक्ष्मजीव …………………… कहलाते हैं।
उत्तर-
रोगाणु अथवा रोगवाहक

(घ) रोगाणुओं द्वारा उत्पन्न किए गए विषैले पदार्थ ……………………. कहलाते हैं।
उत्तर-
टॉक्सिन

(ङ) शैवाल अपना भोजन स्वयं तैयार करते हैं क्योंकि यह …………………….. क्रिया कर सकते हैं।
उत्तर-
प्रकाशसंश्लेषण

(च) शैवाल उत्पाद जो जीवाणु प्रवर्धन में सहायक है, …………………. कहलाता है।
उत्तर-
अगार

(छ) शैवाल पौधों जैसे होते हैं, परंतु ……………………………. जानवर जैसे होते हैं।
उत्तर-
प्रोटोज़ोआ

(ज) वे सूक्ष्मजीव जो सजीव और निर्जीव की सीमा पर हैं, ……………………… कहलाते हैं।
उत्तर-
विषाणु

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(झ) मशरूम एक ……………………. है।
उत्तर-
शैवाल

(ब) मछलियों के भोजन का मुख्य स्रोत ……………………….. है
उत्तर-
कवक।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थान भरो

(1) एंटअमीबा ……………………. रोग फैलाता है।
उत्तर-
अमीबी पेचिश

(2) ………………………… द्वारा त्वचा रोग रिंग-वारम फैलता है।
उत्तर-
कवक

(3) ग्रंथिकाओं युक्त पौधों की जड़ों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण जीवाणु पाए जाते हैं, उन्हें ………………….. कहते हैं।
उत्तर-
राइजोबियम

(4) गेहूँ के पौधों में कवक द्वारा फैला रोग ……………………….. है।
उत्तर-
रस्ट (Rust)

(5) सभी मशरूम …………………………. नहीं होते।
उत्तर-
खाने योग्य

(6) दही जमाने वाले जीवाणु ………………………… है।
उत्तर-
लैक्टोबेसिलस

(7) सामान्य जुकाम …………………………. संक्रमण द्वारा फैलता है।
उत्तर-
विषाणु

(8) पेनसिलीन की खोज ………………………….. ने की।
उत्तर-
अलेक्झेंडर फ्लेमिंग

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(9) सजीवों का वर्गीकरण ………………………. विशेषताओं पर निर्भर करता है।
उत्तर-
समान

(10) कीट जो वाहन का काम करते हैं, …………………………. कहलाते हैं।
उत्तर-
वाहक।

प्रश्न 3.
सूक्ष्मदर्शी को परिभाषित करें।
उत्तर-
सूक्ष्मदर्शी – यह एक प्रकाशीय यंत्र है जिसके द्वारा बहुत ही छोटे जीव, सूक्ष्मजीव देखे जा सकते हैं।

प्रश्न 4.
कौन-से सूक्ष्मजीव सजीव और निर्जीव की सीमा पर उपस्थित हैं ?
उत्तर-
विषाणु।

प्रश्न 5.
किन्हीं चार प्रतिजैविकों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. पेनसिलीन,
  2. स्ट्रैप्टोमाइसिन,
  3. ट्रैट्रासाइकलिन,
  4. ग्रैमेसींडिन।

प्रश्न 6.
सूक्ष्मजीव क्या हैं ?
उत्तर-
सूक्ष्मजीव – ये छोटे जीव हैं जिन्हें नंगी आँखों से नहीं देखा जा सकता।

प्रश्न 7.
क्या सभी सूक्ष्मजीवों का आकार समान है ?
उत्तर-
नहीं, सभी सूक्ष्मजीवों का आकार समान नहीं होता।

प्रश्न 8.
सूक्ष्मजीवों के मुख्य वर्गों के नाम लिखो।
उत्तर-
सूक्ष्मजीवों के मुख्य वर्ग हैं-

  1. जीवाणु,
  2. कवक,
  3. प्रोटोजोआ,
  4. शैवाल,
  5. विषाणु।

प्रश्न 9.
धीमी गति से वृद्धि करने वाले सूक्ष्मजीवों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

  1. माइकोबैक्टीरियम ट्यूबकुली (Mycobacterium tuberculi)
  2. माइकोबैक्टीरियम लेपरेई (Mycobacterium laprae)।

प्रश्न 10.
तेज़ गति से वृद्धि करने वाले सूक्ष्मजीवों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

  1. सियडोमोनास (Pseudomonas)
  2. एंटअमीबा कोली (Entamoeba Coli)।

प्रश्न 11.
कवकों के दो वर्ग कौन-से हैं ?
उत्तर-
कवकों के मुख्य दो वर्ग हैं-
(क) खमीर (ख) उल्ली (mould)।

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प्रश्न 12.
अमीबा सूक्ष्मजीवों के किस वर्ग में आता है ?
उत्तर-
अमीबा सूक्ष्मजीवों के प्रोटोजोआ वर्ग में आता है।

प्रश्न 13.
जीवाणु द्वारा फैलने वाले रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर-
जीवाणु द्वारा फैलने वाले रोग-

  1. पोलियो माइलिटिस,
  2. पेचिश,
  3. सर्दी और बुखार,
  4. फ्लू (इनफ्लूएंजा),
  5. खसरा।

प्रश्न 14.
रोगजनक सूक्ष्मजीव क्या हैं ?
उत्तर-
रोगजनक सूक्ष्मजीव – मनुष्य, पौधों और जानवरों में रोग फैलाने वाले सूक्ष्मजीवों को रोगाणु अथवा रोग जनक सूक्ष्मजीव कहते हैं।

प्रश्न 15.
जानवरों के शरीर में सूक्ष्मजीव कहाँ रहते हैं ?
उत्तर-
सूक्ष्मजीव जानवरों के नाक, गले, मुँह और पाचन तंत्र में रहते हैं।

प्रश्न 16.
सबसे पहले जीवाणु किसने और कब देखा ?
उत्तर-
एनटान वैन लियुवन हॉक ने 1675 ई० में।

प्रश्न 17.
एक जीवाणु का सामान्य आकार क्या है ?
उत्तर-
1.25μm (1μm = 1000 mm) व्यास।

प्रश्न 18.
सबसे छोटा जीवाणु कौन-सा है ?
उत्तर-
सबसे छोटा जीवाणु छड़ नुमा जीवाणु है जिसका आकार 0.15 mm है।

प्रश्न 19.
सबसे बड़े जीवाणु का नाम लिखिए।
उत्तर-
स्पाइरल जीवाणु जिनका आकार 15 mm लंबा और 1.5 μm व्यास होता है।

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प्रश्न 20.
जीवाणुओं के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
लैक्टोबेसिलस, सियोडोमोनास।

प्रश्न 21.
नीले-हरे शैवाल का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
नॉस्टक, एनाबीना, आसीलैटोरिया।

प्रश्न 22.
नीले-हरे शैवाल उर्वरकों के रूप में क्यों उपयोग किए जाते हैं ?
उत्तर-
वे वायुमंडलीय नाइट्रोजन को लाभदायक यौगिक में बदलते हैं।

प्रश्न 23.
एक वर्ष में नीले-हरे शैवाल धान के खेत में कितनी नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करते हैं ?
उत्तर-
लगभग 625 kg नाइट्रोजन/प्रतिवर्ग किलोमीटर।

प्रश्न 24.
तीन डायटमों के नाम लिखिए।
उत्तर-
पीनूलेरिया, साइकलोटैला और नैवीकुला।

प्रश्न 25.
सड़क के किनारों पर उगी कवकों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
मशरूम, पफ बाल्स (Puff balls), टोड बाल्स (Toad balls)।

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प्रश्न 26.
उस सूक्ष्मजीव का नाम लिखिए जो प्रतिजैविकता रोधक है।
उत्तर-
माइकोप्लाज़म।

प्रश्न 27.
किण्वन क्रिया में खमीर क्या उत्पन्न करते हैं ?
उत्तर-
इथाइल एल्कोहल और कार्बन डाइऑक्साइड की अधिक मात्रा।

प्रश्न 28.
विषाणुओं पर प्रतिजैविकों का प्रभाव क्यों नहीं पड़ता ?
उत्तर-
क्योंकि उनका अपना उपापचय (metabolism) नहीं होता।

प्रश्न 29.
वीषाणुओं द्वारा फैलने वाले कुछ रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर-
रेबीज, पोलियो, चेचक, सामान्य जुकाम, इन्फ्लूएंजा, एडज़, तंबाकू और आलू का मोसेक।

प्रश्न 30.
कौन-सा शैवाल खाने के काम आता है ?
उत्तर-
लाल शैवाल पोरिफाइरा (Poriphyra) ।

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प्रश्न 31.
जीवाणु विज्ञान (Bacteriology) के जनक कौन हैं ?
उत्तर-
लुईस पास्चर।

प्रश्न 32.
सूक्ष्मदर्शी द्वारा जीवाणु को देखने का काम सबसे पहले किसने किया?
उत्तर-
एनटान वैन लियुवन हॉक।

प्रश्न 33.
जीवाणु द्वारा फैलने वाले तीन रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर-
टायफाइड, हैजा, तपेदिक (TB)।

प्रश्न 34.
प्रोटोज़ोआ दवारा फैलने वाले तीन रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर-
मलेरिया, पेचिश, काला अज़ार।

प्रश्न 35.
दूध को दही में परिवर्तित करने वाले सूक्ष्मजीव का नाम और वर्ग बताइए।
उत्तर-
लैक्टोबेसिलस-जीवाणु।

प्रश्न 36.
अगार के स्रोत क्या हैं ?
उत्तर-
लाल-शैवाल।

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प्रश्न 37.
मलेरिया फैलाने वाले प्रोटोज़ोआ का नाम लिखिए।
उत्तर-
प्लाज़मोडियम वावैक्स (Plasmodium Vivax)।

प्रश्न 38.
प्रोटोज़ोआ के तीन उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
अमीबा, पैरामीशियम, यूगलिना।

प्रश्न 39.
शैवाल और कवक में एक अंतर लिखिए।
उत्तर-
शैवाल स्वपोषी है जबकि कवक परपोषी।

प्रश्न 40.
ब्रेड और एल्कोहल बनाने के लिए कौन-से सूक्ष्मजीव उपयोग में आते हैं ?
उत्तर-
खमीर (Yeast)।

प्रश्न 41.
दो नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले शैवालों के नाम लिखिए।
उत्तर-
नास्टॉक और एनाबीना।

प्रश्न 42.
कवक के दो मुख्य वर्ग कौन-से हैं ?
उत्तर-
खमीर और उल्ली (moulds)।

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प्रश्न 43.
अमीबा किस सूक्ष्मजीव वर्ग से आता है ?
उत्तर-
प्रोटोज़ोआ।

प्रश्न 44.
दो प्रतिजैविकों के नाम लिखो।
उत्तर-
बी० सी० जी० (BCG), ट्रिपल वैक्सीन।

प्रश्न 45.
टीकाकरण की खोज किसने की ?
उत्तर-
लुईस पास्चर।

प्रश्न 46.
विषाणुओं की सबसे पहले खोज किसने की ?
उत्तर-
रूसी वैज्ञानिक इबानवोअसकी।

प्रश्न 47.
क्या सभी विषाणु एक ही आकार के होते हैं ?
उत्तर-
नहीं।

प्रश्न 48.
रिंग वर्म (Ring Worm) रोग का कारक कौन है ?
उत्तर-
कवक।

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प्रश्न 49.
किस मच्छर के काटने से मलेरिया फैलता है ?
उत्तर-
मादा मच्छर एनाफ्लीज़ (Female Anopheles Mosquito) ।

प्रश्न 50.
अमीबी पेचिश कौन फैलाता है ?
उत्तर-
एंटअमीबा (Entamoeba)।

प्रश्न 51.
सूक्ष्मजीव किसे कहते है ?
उत्तर-
सूक्ष्मजीव (Micro-Organism) – जो जीव अति सरल रचना वाले और आकार में काफ़ी सूक्ष्म हों और जिन्हें केवल सूक्ष्मदर्शी यंत्र द्वारा देखा जा सकता है सूक्ष्मजीव कहलाते हैं।

प्रश्न 52.
सूक्ष्मजीव कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
पाँच प्रकार के जीवाणु, कवक, प्रोटोज़ोआ, शैवाल और विषाणु।

प्रश्न 53.
सूक्ष्मजीव कहाँ पाए जाते हैं ?
उत्तर-
सूक्ष्मजीव हर स्थान पर पाए जाते हैं।

प्रश्न 54.
दो ऐसी बीमारियों के नाम लिखो जिनकी रोकथाम टीके द्वारा की जा सकती है ?
उत्तर-
हैज़ा, क्षय, पोलियो, हैपेटाइटिस।

प्रश्न 55.
नील-हरित शैवाल का दूसरा नाम क्या है ?
उत्तर-
साइनोबैक्टीरिया।

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प्रश्न 56.
नील-हरित शैवाल के दो उदाहरण दो।
उत्तर-
नॉस्टॉक, ऐनाबीना, ऑसिलैटोरिया।

प्रश्न 57.
हमारे वायुमंडल में कितने प्रतिशत नाइट्रोजन है ?
उत्तर-
हमारे वायुमंडल में 78% नाइट्रोजन है।

प्रश्न 58.
पौधों में पाए जाने वाले किन-किन पदार्थों में नाइट्रोजन पाई जाती है ?
उत्तर-
प्रोटीन, पर्णहरित, न्यूक्लिक एसिड व विटामिन में।

प्रश्न 59.
कौन-से जीवाणु वायुमंडल की नाइट्रोजन के स्थिरीकरण में सहायक होते हैं ?
उत्तर-
लैग्यूम पौधों (Leguminous plants) की जड़ों की गाँठों में पाए जाने वाले राइजोबियम नामक जीवाणु।

प्रश्न 60.
एककोशीय सूक्ष्मजीवों के नाम दें।
उत्तर-
जीवाणु, नीली हरी शैवाल, प्रोटोजोआ।

प्रश्न 61.
बहुकोशीय सूक्ष्मजीवों के नाम दें।
उत्तर-
शैवाल तथा कवक।

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प्रश्न 62.
अकेले रह सकने वाला सूक्ष्मजीव कौन-सा है ?
उत्तर-
अमीबा अकेले रह सकने वाला सूक्ष्मजीव है।

प्रश्न 63.
समूह में पाया जाने वाला सूक्ष्मजीव कौन-सा है ?
उत्तर-
कवक व जीवाणु।

प्रश्न 64.
प्रतिजैविक किस काम आते हैं ?
उत्तर-
ये रोगों के उपचार में काम आते हैं।

प्रश्न 65.
प्रतिजैविक किन सूक्ष्मजीवों से बनते हैं ?
उत्तर-
जीवाणु एवं कवक से।

प्रश्न 66.
प्रथम ऐंटीबायोटिक कब व किसने बनाई ?
उत्तर-
1929 में, अलेक्जेंडर फ्लेमिंग ने।

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TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या सभी सूक्ष्मजीव एक ही आकार के होते हैं ?
उत्तर-
नहीं, सभी सूक्ष्मजीव एक ही आकार के नहीं होते। जीवाणुओं का आकार 0.2 से 100μ है। खमीर का आकार 5 से 10μ तक होता है। शैवाल का आकार 1μ से कई मीटर तक होता है। प्रोटोजोआ का आकार 2 से 200μ होता है। विषाणुओं का आकार 0.015 से 0.2μ ही होता है।

प्रश्न 2.
तीव्र और धीमी गति से वृद्धि करने वाले जीवाणुओं के नाम लिखिए।
उत्तर-
तीव्र गति से वृद्धि करने वाले जीवाणुओं के उदाहरण-

  1. सियोडोमोनास (Pseudomonas)
  2. ई० कोली (E. Coli)।

धीमी गति से वृद्धि करने वाले जीवाणुओं के उदाहरण

  1. माइकोबैक्टीरियम टुबरकुली (Mycobacterium tuberculi)
  2. माइकोबैक्टीरियम लेपरेई (Mycobacterium laprae) ।

प्रश्न 3.
कवक के वर्गों के बारे लिखिए।
उत्तर-
कवक के दो मुख्य वर्ग हैं-
(i) खमीर
(ii) उल्ली (moulds)

(i) खमीर (Yeast)—यह एक कोशिका होते हैं।
(ii) उल्ली (Moulds)—यह बहुकोशिका होते हैं और इनका आकार तंतु जैसा होता है।

प्रश्न 4.
सूक्ष्मजीव प्रतिकूल परिस्थितियों में कैसे जीवित रहते हैं ?
उत्तर-
सूक्ष्मजीव बहुत सख्त होते हैं। यह ऊष्मा की अधिकता और सूखे में अपने इर्द-गिर्द सख्त आवरण या कवच (cyst) बनाकर जिंदा रहते हैं। आवरण के भीतर यह अक्रियाशील होते हैं और अनुकूल परिस्थितियों का इंतजार करते हैं। समय आने पर यह बहुविखंडन से गुणन करते हैं और जीवनकाल पूरा करते हैं।

प्रश्न 5.
विषाणु सूक्ष्मजीवों से कैसे भिन्न हैं ? किन्हीं दो पादप विषाणुओं और दो जंतु विषाणुओं के नाम लिखें।
उत्तर-
विषाणु सूक्ष्मजीवों से निम्न कारणों से भिन्न हैं-

  1. यह सबसे छोटे सूक्ष्मजीव हैं।
  2. यह संपूर्ण तौर पर सजीव नहीं हैं क्योंकि इनकी वृद्धि अपने आप नहीं होती।
  3. यह अति हानिकारक हैं और कई रोगों के कारक हैं।

पादप विषाणु-

  1. तंबाकू मोसेक विषाणु (TMV)
  2. जीवाणुभोजी (Bacteriophage)।

जंतु विषाणु-

  1. मुख और पाँव रोग विषाणु (FMDV)
  2. खसरा विषाणु।

प्रश्न 6.
विषाणुओं को सजीव और निर्जीव वस्तुओं की सीमा रेखा पर क्यों रखा गया है ?
उत्तर-
विषाणुओं की सजीवों से समानता-

  1. इनमें न्यूक्लीय अम्ल पाए जाते हैं।
  2. इनमें सजीवों की भांति वृद्धि और प्रजनन होता है।

विषाणुओं की निर्जीवों से समानता-

  1. इनमें जीव द्रव्य और केंद्रक नहीं होते।
  2. नमक और चीनी के दानों की तरह इन्हें भी दानों में बदला जा सकता है।

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प्रश्न 7.
खमीर और उल्ली (mould) में अंतर करें।
उत्तर-
खमीर और उल्ली (mould) में अंतर-

खमीर (Yeast) उल्ली (Mould)
(1) यह एक कोशिक है। (1) यह बहुकोशिक है।
(2) इनका आकार 5-10μ है। (2) इनका आकार 2-10μ है।
(3) ये वायुवयी और अवायुवयी होते हैं। (3) ये वायुवयी होते हैं।

प्रश्न 8.
कवक से प्राप्त उत्पादों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
कवक से प्राप्त उत्पाद-

  1. कुछ कवकों का इस्तेमाल सीधे-ही खाने वाली वस्तुओं में होता है।
  2. कुछ कवकों से प्रतिजैविक तैयार किए जाते हैं।
  3. ब्रेड और एल्कोहल बनाने में कवक काम आती है।
  4. शराब, बियर के उत्पादन में कवक काम आती है।

प्रश्न 9.
जीवाणुभोजी क्या होते हैं ?
उत्तर-
जीवाणुभोजी (Bacteriophages) – विषाणु परपोषी होते हैं। जो विषाणु जीवाणुओं पर निर्भर करते हैं, उन्हें जीवाणुभोजी या जीवाणुरूपी विषाणु कहते है।
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जीवाणुभोजी छड़ आकार के होते हैं। इनमें से कुछ में स्पष्ट सिर, धड तथा पूँछ होती हैं और यह कण्डलित सममिति दर्शाते हैं। जीवाणुभोजी हमारे लिए लाभदायक हैं क्योंकि ये ऐसे जीवाणुओं को नष्ट करते हैं जो कार्बनिक पदार्थों को खत्म करते हैं।

यह गंगा के पानी में पाए जाते हैं इसलिए यह पानी कई वर्षों तक बिना खराब हुए रखा जा सकता है।

प्रश्न 10.
कवक की क्रिया से उत्पन्न होने वाले उत्पादों के नाम लिखो।
उत्तर-
कवक की क्रिया से उत्पन्न होने वाले विभिन्न उत्पाद निम्न हैं-

  1. बेकरी उत्पाद : गेहूँ के आटे से डबलरोटी और केक बनाना।
  2. खाद्य पदार्थ : जौ और फलों के रस से शराब और वियर बनाना. पिसे हुए चावल और दाल से इडली और डोसा बनाना।
  3. पाश्चरीकरण पनीर।
  4. कुछ कवक जैसे मशरूम सीधे ही भोजन के रूप में उपयोग होते हैं।
  5. कुछ महत्वपूर्ण दवाइयाँ जैसे पेनसिलीन भी कवकों द्वारा तैयार की जाती है।
  6. उल्ली के बीजाणु भोजन नष्ट करते हैं, आलू और कपास, मक्का और गेहूँ की फसलों को नष्ट करता है। ये कपड़े, जूते और लकड़ी के पदार्थों को भी नष्ट करते हैं।
  7. एथलीट फुट (Athlete’s foot) और रिंग वर्म (Ring Worm) जैसे रोग कवकों द्वारा फैलते हैं।

प्रश्न 11.
डबलरोटी कैसे बनती है ?
उत्तर-
आटे में जब खमीर के साथ थोड़ी चीनी और गर्म पानी डालकर मिश्रण तैयार किया जाता है, तो यह मिश्रण कुछ देर बाद फूलना आरंभ कर देता है। चीनी और गर्म पानी की उपस्थिति खमीर कोशिकाओं की तेजी से वृद्धि में सहायता करती है। प्रजनन दौरान, खमीर CO2 पैदा करती है। CO2 के बुलबुले दे आटे को फैलाने का काम करते हैं। जब इसे पकाया जाता है तो डबलरोटी नर्म और हल्की बनती है।

प्रश्न 12.
पिसे हुए चावल और दाल का मिश्रण खट्टा कैसे बनाया जाता है ?
उत्तर-
पिसे हुए चावल और दाल के मिश्रण को कुछ देर पड़ा रहने देने से, वह खट्टा हो जाता है। यह खमीर कोशिकाओं की वृद्धि करता है जो मिश्रण को फूलने और खट्टा करने में सहायक है।

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प्रश्न 13.
उल्ली (moulds) की वृद्धि को रोकने के कुछ तरीके सुझाइए।
उत्तर-
उल्ली की वृद्धि रोकने के उपाय-

  1. वस्तुओं को निम्न ताप पर रखें।
  2. वस्तुओं को साफ बंद पात्रों में रखें।
  3. शुष्क भंडारण में सूखी वस्तुओं को रखें।
  4. खाद्य पदार्थ को आचार के रूप में प्रतिरक्षित करें।
  5. वस्तुओं को वायु में उपस्थित सूक्ष्मजीवों से बचा कर रखें।

प्रश्न 14.
दवाइयों में कवक की महत्ता के बारे में लिखें।
उत्तर-
कवकों से प्रतिजैविक उपलब्ध होती है। पेनसिलीन एक कवक से प्राप्त की जाती है।

प्रश्न 15.
कवक और शैवाल में मुख्य अंतर क्या है ?
उत्तर-
कवक और शैवाल में अंतर-

कवक (Fungi) शैवाल (Algae)
(1) रंगरहित और या हरी नहीं (1) हरा रंग
(2) बाह्य कोशिका भित्ति कवक सेलूलोज से बनी हुई (2) बाहय कोशिका भित्ति सेलुलोज से बनी हई
(3) परपोषी (3) स्वपोषी
(4) मृतजीवी या परजीवी (4) जलीय आवास
(5) आर्द्र जैविक सतह पर वृद्धि। (5) आर्द्र सतह पर वृद्धि।

प्रश्न 16.
टीका (Vaccine) क्या है ?
उत्तर-
टीका-एक टीका में किसी विशेष रोग के मृत या कमज़ोर प्रति (antigen) होते हैं। इन्हें जब शरीर में प्रवेश कराते हैं तो श्वेत रक्त कोशिकाएँ प्रतिरक्षी (antibody) पैदा करना आरंभ कर देती हैं।

प्रश्न 17.
नीले हरे शैवाल की भूमि की उर्वरता से क्या महत्ता है ?
उत्तर-
भूमि की उर्वरता में नीले हरे शैवाल की महत्ता निम्न कारणों से है-

  1. ये मिट्टी में नाइट्रोजन की आपूर्ति करते हैं।
  2. ये मिट्टी में ह्यूमस की वृद्धि करते हैं।
  3. ये उपज वृद्धि में सहायक हैं।
  4. ये मिट्टी की पानी रोकने की क्षमता बढ़ाते हैं।

प्रश्न 18.
सूक्ष्मजीवों के अध्ययन में कुछ महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों का वर्णन करें।
उत्तर-
सूक्ष्मजीवों के अध्ययन में कुछ महत्त्वपूर्ण उपलब्धियाँ

वैज्ञानिक वर्ष उपलब्धि
राबर्ट हुक 1665 सूक्ष्मदर्शी द्वारा कार्क कोशिका, स्परमेटो जोआ और जीवाणु को देखा और उन्हें सूक्ष्म जीवाणु नाम दिया।
लुई पास्चर 1857, 1859 किण्वण एक जैव रासायनिक क्रिया है। सूक्ष्मजीव पहले से उपस्थित सूक्ष्मजीवों के विभाजन द्वारा पैदा होते हैं।
राबर्ट कोच 1872, 1889 तपेदिक का कारक टयूबकुली बैसीलस है।
अलेक्जेंडर फ्लेमिंग 1929 टैटनस रोग टेटनस बेसीलस के कारण है।
प्रतिजैविक पेनसिलीन कवक पेनसिलीन नोटैटम से प्राप्त की।

प्रश्न 19.
खाद्य विषाक्तन किसे कहते हैं?
उत्तर-
खाद्य विषाक्तन – कई बार सूक्ष्मजीव भोजन में विषैले पदार्थ उत्पन्न करते हैं और भोजन को नष्ट कर देते हैं। यह भोजन को विषाक्त बना देते हैं। इसे खाद्य विषाक्तन कहते हैं। इसके सेवन से व्यक्ति गंभीर रूप से रोगी हो सकता है और कभी-कभी मृत्यु भी हो सकती है।

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प्रश्न 20.
निम्न शब्दों का संक्षेप में वर्णन करो।
(क) प्रतिरोध क्षमता (Immunity)
(ख) प्रतिरक्षी (Antibody)
(ग) टीकाकरण (Vaccination)
उत्तर-
(क) प्रतिरोध क्षमता (Immunity) – शरीर के रोगों से बचाव प्रबंध को प्रतिरोध क्षमता कहते हैं। प्रतिरोध क्षमता हमारे शरीर में प्रवेश होने वाले बाह्य पदार्थों जैसे जीवाणु, विषाणु, विष आदि से मुकाबला करने की समर्था है तथा यह रोग पैदा करने वाले रोगाणुओं से सुरक्षा प्रदान करती है। यदि रोगाणु का शरीर में प्रवेश हो जाए तो शरीर उनका मुकाबला करता है। हमारे शरीर का सुरक्षा प्रबंध दो भागों में विभाजित होता है- स्थानीय सुरक्षा प्रबंध तथा प्रतिरक्षा प्रबंध।

(ख) प्रतिरक्षी (Antibody) – कुछ सूक्ष्मजीवों या उनके द्वारा पैदा किए विष (Toxin) उनकी विशेष क्रियाओं द्वारा गहरे चले जाते हैं। ऐसी अवस्था में शरीर के भीतरी द्रव तथा रक्त रोगाणुओं या विष (Toxin) या अन्य बाहरी पदार्थों का मुकाबला करना शुरू कर देते हैं। इन द्रवों में विशेष प्रकार की प्रोटीनज़ (Proteins) होती है जिसे प्रतिरक्षी (Antibody) कहते हैं। ये प्रतिरक्षी रोगाणुओं या विष (Toxin) के साथ प्रतिक्रिया करते हैं।

(ग) टीकाकरण (Vaccination) – यह कृत्रिम ढंग से शरीर में रोगाणु या रोगाणु पदार्थ प्रवेश कराने की वह विधि है, जो एक विशेष रोग के प्रति प्रतिरोध पैदा करती है।

प्रश्न 21.
शरीर में सूक्ष्मजीवों के संचारण की तीन विधियाँ लिखिए।
उत्तर-
शरीर में सूक्ष्मजीवों के संचारण के कारण-

  1. अंदर लेने वाली साँस द्वारा
  2. पीने वाले पानी और भोजन द्वारा
  3. त्वचा द्वारा।

प्रश्न 22.
टीका (Vaccine) क्या है ? टीकाकरण (Vaccination) की क्या महत्ता है ?
उत्तर-
टीका (Vaccine) – देखो प्रश्न 15 (लघु उत्तरात्मक प्रश्न)।
टीका शरीर में टीकाकरण या कभी-कभी मुँह द्वारा (जैसे पोलियो बूंदें) प्रवेश कराया जाता है जो सफ़ेद रक्ताणुओं को किसी विशेष रोग के रोगाणुओं के विरुद्ध प्रतिपिंड पैदा करने के लिए प्रेरित करता है। टीका या टीकाकरण का प्रयोग सर्वप्रथम चेचक के टीकाकरण के लिए किया गया था। परंतु अब यह अनेक रोगों के लिए प्रयोग किया जाता है। ऐडवर्ड जेनर नामक डॉक्टर ने 1798 ई० में टीकाकरण विधि विकसित की थी।

प्रश्न 23.
चित्र की सहायता से एक सामान्य साइनोजीवाणु कोशिका की संरचना समझाओ।
उत्तर-
सामान्य साइनोजीवाणु कोशिका – एक सामान्य साइनोजीवाणु कोशिका की कोशिका भित्ति (Cell Wall) चार परतों की बनी होती है जिसके अन्दर प्लाज्मा झिल्ली (Plasma Membrane) होती है। प्लाज्मा झिल्ली के अन्दर साइटोप्लाज्म (Cytoplasm) होता है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु 2

साइनोजीवाणु कोशिका साइटोप्लाज्म में रसधानियाँ, राइबोसोमज़, प्रकाश-संश्लेषण वर्णक जैसे क्लोरोफिल, कैरोटिनॉयडज़ तथा गोल दोहरे बन्धन तथा बिना ढका हुआ डी० एन० ए० होता है। सुरक्षित भोजन साइनोफाइसियन स्टॉर्च, स्टार्चलिपिड की गोली और साइनोफाइसियन प्रोटीन कणों के रूप में होता है।

प्रश्न 24.
डॉयटम क्या हैं ? इनकी विभिन्न किस्मों के चित्र बनाओ।
उत्तर-
डॉयटम (Diatoms) – ये सूक्ष्मजीवी एककोशीय शैवाल हैं। ये ताजे पानी के चश्मों तथा समुद्र के खारे पानी में मिलते हैं। ये आमतौर पर अकेले-अकेले कोशिकाओं के रूप में मिलते हैं, परन्तु कुछ एक-दूसरे के साथ जुड़े रहते हैं और समूहों या छड़ाकार रूप में मिलते हैं। इनमें जनन क्रिया अलैंगिक या लैंगिक दोनों होती हैं।
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PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव : मित्र एवं शत्रु

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कुछ सूक्ष्मजीवों के चित्र बनाइए।
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु 4
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु 5

प्रश्न 2.
कुछ सामान्य रोग, उनके फैलने के तरीके और बचने के उपाय का चार्ट बनाइए।
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु 6

प्रश्न 3.
सूक्ष्मजीव द्वारा पैदा होने वाले तीन सामान्य पादप रोगों के नाम लिखो।
उत्तर-
सूक्ष्मजीवों द्वारा पैदा होने वाले सामान्य पादप रोग-

पादप रोग सूक्ष्मजीव संचारण का तरीका
नींबू कैंकर जीवाणु (Bacteria) वायु
गेहूँ की रस्ट कवक (Fungi) वायु एवं बीज
भिंडी की पीत विषाणु (Virus) कीट

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प्रश्न 4.
खाद्य परिरक्षण से क्या अभिप्राय है ? खाद्य परिरक्षण की विविध विधियों का वर्णन करें।
उत्तर-
खाद्य परिरक्षण (Food Preservation) – वह विधि जिस द्वारा खाद्य पदार्थ को संदूषित होने से बचाया जा सके और लंबे समय तक उसके पोषक तत्त्व ठीक रखे जा सकें, खाद्य परिरक्षण कहलाती है।

खाद्य परिरक्षण की विधियाँ-
(1) निर्जलीकरण और धूप में सुखाना (Dehydration & Drying in Sun light) – फलों और सब्जियों में पानी की मात्रा को कम करना, निर्जलीकरण कहलाता है। इससे भोजन में नमी कम हो जाती है और वह जल्दी संदूषित नहीं होता। फलों तथा सब्जियों को धूप में सुखाना सबसे पुरानी विधि है।

(2) नमक और चीनी द्वारा परिरक्षण (Preservation by Salt and Sugar) – नमक और चीनी अच्छे परिरक्षक (Preservative) हैं।
यह खाद्य पदार्थ में सूक्ष्मजीवों की वृद्धि को रोकते हैं। अचार, जैम, जैली, केटचअप, स्कवैश आदि का परिरक्षण नमक और चीनी डाल कर किया जाता है।

(3) अति ठंडा करना (Deep freezing) – यह सूक्ष्मजीवों की वृद्धि को रोकने का सीधा तरीका है। इस विधि में खाद्य पदार्थ को 0°C से निम्न ताप तक ठंडा किया जाता है। फल, सब्जियाँ, माँस, मछली आदि इस विधि से परिरक्षित किए जाते हैं।

(4) रासायनिक परिरक्षण (Chemical Preservation) – कुछ रसायन खाद्य परिरक्षण में उपयोग होते हैं जो पदार्थ खाद्य पदार्थ को संदूषित होने से बचाते हैं, खाद्य परिरक्षण कहलाते हैं।

बेनजोइक अम्ल, पोटाशियम-मेटा बाइसल्फाइट आदि उपयोग में लाए जा सकते हैं। डिब्बा बंद और बोतलों में सील करके भी परिरक्षण किया जाता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

PSEB 8th Class Science Guide फसल उत्पादन एवं प्रबंध Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
उचित शब्द छांटकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
तैरने, जल, फसल, पोषक, तैयारी।

(क) एक स्थान पर एक ही प्रकार के बड़ी मात्रा में उगाए गए पौधों को …………………… कहते हैं।
उत्तर-
फसल

(ख) फसल उगाने से पहले प्रथम चरण मिट्टी की …………………….. होती है।
उत्तर-
तैयारी

(ग) क्षतिग्रस्त बीज जल की सतह पर ……………………… लगेंगे।
उत्तर-
तैरने

(घ) फसल उगाने के लिए पर्याप्त सूर्य का प्रकाश एवं मिट्टी से ……………………… तथा …………………….. आवश्यक हैं।
उत्तर-
जल, पोषक।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

प्रश्न 2.
‘कॉलम A’ में दिए गए शब्दों का मिलान कॉलम B से कीजिए।

कॉलम A कॉलम B
(i) खरीफ़ फसल (a) मवेशियों का चारा
(ii) रबी फसल (b) यूरिया एवं सुपर फॉस्फेट
(iii) रासायनिक उर्वरक (c) पशु अपशिष्ट, गोबर, मूत्र एवं पादप अवशेष
(iv) कार्बनिक खाद (d) गेहूं, चना, मटर
(e) धान एवं मक्का ।

उत्तर-

कॉलम A कॉलम B
(i) खरीफ़ फसल (e) धान एवं मक्का
(ii) रबी फसल (d) गेहूँ, चना, मटर
(iii) रासायनिक उर्वरक (b) यूरिया एवं सुपर फॉस्फेट
(iv) कार्बनिक खाद (c) मवेशियों का चारा।

प्रश्न 3.
निम्न के दो-दो उदाहरण दीजिए-
(क) खरीफ़ फसल
(ख) रबी फसल।
उत्तर-
(क) खरीफ़ फसल-

  1. धान
  2. मक्का

(ख) रबी फसल-

  1. गेहूँ
  2. चना।

प्रश्न 4.
निम्न पर अपने शब्दों में एक-एक पैराग्राफ लिखिए-
(क) मिट्टी तैयार करना
(ख) बुआई
(ग) निराई
(घ) थ्रेशिंग।
उत्तर-
(क) मिट्टी तैयार करना – मिट्टी को पलटना और पोला बनाना ताकि इसमें पौधे वृद्धि कर सकें और साँस ले सकें। इससे सूक्ष्मजीवों की वृद्धि भी उचित होती है। इस प्रक्रिया को जुताई कहते हैं।

जुते हुए खेत में सूखी मिट्टी के बड़े-बड़े ढेलों को पाटल की सहायता से तोड़ते हैं। मिट्टी का पानी और वायु द्वारा अपरदन रोकने के लिए मिट्टी को समतल करना भी ज़रूरी है।

(ख) बुआई – खेत में बीज बोने की विधि को बुआई कहते हैं। यह फसल उत्पादन का महत्त्वपूर्ण चरण है। बोने से पहले अच्छी गुणवत्ता वाले स्वस्थ बीजों का चयन किया जाता है। बीजों को हाथों द्वारा या सीड-ड्रिल द्वारा खेतों में बोया जाता है।

(ग) निराई – यह खेतों में से अवांछित पौधे (खरपतवार) हटाने की विधि है। यह विधि बहुत आवश्यक है क्योंकि खरपतवार जल, पोषक, स्थान और प्रकाश के लिए फसल से स्पर्धा रखती है।

खरपतवार पौधों को हाथ से जड़ सहित उखाड़ कर अथवा भूमि के निकट से काट कर हटाया जाता है। खरपतवार हटाने का सर्वोत्तम समय उनमें पुष्प एवं बीज बनने से पहले का होता है। यह कार्य खुरपी या हैरो से करते हैं। कुछ रसायनों का उपयोग खरपतवार नियंत्रण के लिए किया जाता है, जिन्हें खरपतवारनाशी कहते हैं। इनका उपयोग जल में घोल कर फसल पर छिड़काव द्वारा किया जाता है।

उदाहरण-2-4 D
(घ) श्रेशिंग – कटी हुई फसल में से अनाज को भूसे से अलग करने की विधि को थ्रेशिंग कहते हैं। श्रेशिंग के लिए पशुओं का अत्यधिक उपयोग किया जाता है। बड़े-बड़े खेतों में थ्रेशर या कंबाइन मशीन उपयोग में लाई जाती है। कंबाइन कटाई और थ्रेशिंग दोनों कार्य करती है।

प्रश्न 5.
स्पष्ट कीजिए कि उर्वरक खाद से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर-
उर्वरक और खाद में भिन्नता

उर्वरक (Fertilizers) GIG (Manures)
(1) एक अकार्बनिक लवण है। (1) एक कार्बनिक पदार्थ है।
(2) इसका उत्पादन फैक्ट्रियों में होता है। (2) इसे खेतों में गोबर, अपशिष्ट के अपघटन से बनाया जाता है।
(3) इससे मिट्टी में हयूमस की वृद्धि नहीं होती। (3) इसमें ह्यूमस प्रचुर मात्रा में होती है।
(4) इसमें पादप पोषक प्रचुर मात्रा में होते हैं। (4) इसमें पादप पोषक की मात्रा अल्प होती है।

प्रश्न 6.
सिंचाई किसे कहते हैं ? जल संरक्षित करने वाली सिंचाई की दो विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
सिंचाई – विभिन्न अंतराल पर खेत में नियमित जल देना सिंचाई कहलाता है। सिंचाई का समय एवं बारंबारता फसलों, मिट्टी एवं ऋतु में भिन्न होता है।
सिंचाई की आधुनिक विधियों द्वारा जल का उपयोग मितव्ययता से होता है । जल संरक्षित करने वाली मुख्य विधियां हैं-

(i) छिड़काव तंत्र (Sprinkler System) – इस विधि का उपयोग असमतल भूमि जहां जल की मात्रा कम होती है, पर किया जाता है। सारे खेत में उर्ध्व पाइपों का जाल बिछा होता है, जिनके ऊपरी सिरों पर घूमने वाले नोजल लगे रहते हैं। यह पाइप निश्चित दूरी पर मुख्य पाइप से जुड़े होते हैं। पंप की सहायता से भेजा गया जल मुख्य पाइप से होता हुआ नोज़ल से वर्षा के रूप में पौधों पर गिरता है। यह छिड़काव रेतली (Sands) मिट्टी के लिए उपयोगी है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध 1

(ii) ड्रिप-तंत्र (Drip System) – इस विधि में पौधों की जड़ों पर जल बूंद-बूंद करके गिरता है, इसलिए इसे ड्रिप-तंत्र कहते हैं। फलदार पौधों, बगीचों और वृक्षों को जल देने की यह सर्वोत्तम विधि है।

ड्रिप तंत्र में एक मुख्य नली होती है जिसकी सहायक नलियां होती हैं । इन सहायक नलियों के सिरे पर विशेष नोजल लगी होती है। इनसे जड़ों को बूंद-बूंद पानी मिलता है और पानी व्यर्थ नहीं जाता। यह विधि जल की कमी वाले क्षेत्रों के लिए वरदान है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध 2

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

प्रश्न 7.
यदि गेहूँ को खरीफ ऋतु में उगाया जाए तो क्या होगा? चर्चा कीजिए।
उत्तर-
गेहूँ एक रबी फसल है अर्थात् यह सर्दी की ऋतु में होती है और इसे कम तापमान और कम पानी की आवश्यकता होती है। यदि गेहूँ को खरीफ या वर्षा ऋतु में बोया जाएगा तो इसे अधिक पानी मिलने से गेहूँ की फसल मर जाएगी या अस्वस्थ पौधे उगेंगे।

प्रश्न 8.
खेत में लगातार फसल उगाने से मिट्टी पर क्या प्रभाव पड़ता है ? व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
फसल के अच्छे उत्पादन के लिए खेतों में खाद व उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग किया जाता है। खाद और उर्वरकों में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाशियम आदि पोषक तत्त्व भरपूर होते हैं, परंतु यह मिट्टी की प्रकृति बदल देते हैं। मिट्टी क्षारीय अथवा अम्लीय बन सकती है।

प्रश्न 9.
खरपतवार क्या हैं? हम उनका नियंत्रण कैसे कर सकते हैं ?
उत्तर-
खरपतवार – उपज के साथ उगे हुए अवांछित पौधे खरपतवार कहलाते हैं। खरपतवार हटाने को निराई कहते हैं। खरपतवार को हटाने और उनकी वृद्धि को नियंत्रण करने की विधियां निम्नलिखित हैं-

  1. जताई – मिट्टी को पलटना और पोला करना जुताई कहलाता है। जुताई हल से की जाती है। इससे खरपतवार उखड़ जाती और मिट्टी में मिल जाती है।
  2. उखाड़ना – इस विधि में खरपतवार को भौतिक रूप से हाथों द्वारा उखाड़कर अथवा मिट्टी के समीप से काटकर अलग किया जाता है। इसके लिए खुरपा या हैरो उपयोग में लाए जाते हैं।
  3. रासायनिक विधि – इस विधि में कुछ रासायनिक पदार्थ, जिन्हें खरपतवार-नाशक कहते हैं, उपज पर छिड़के जाते हैं। उदाहरण-2-4 D.

प्रश्न 10.
निम्न बॉक्स को सही क्रम से इस प्रकार लगाइए कि गन्ने की फसल उगाने का रेखाचित्र तैयार हो जाए।
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उत्तर-
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प्रश्न 11.
नीचे दिए गए संकेतों की सहायता से पहेली को पूरा कीजिए-
ऊपर से नीचे की ओर
1. सिंचाई का एक पारंपरिक तरीका।
2. बड़े पैमाने पर पालतू पशुओं की उचित देखभाल करना।
3. फसल जिन्हें वर्षा ऋतु में बोया जाता है।
6. फसल पक जाने के बाद काटना।

बाईं से दाईं ओर
1. शीत ऋतु में उगाई जाने वाली फसलें।
4. एक ही किस्म के पौधे जो बड़े पैमाने पर उंगाए जाते हैं।
5. रासायनिक पदार्थ जो पौधों को पोषक प्रदान करते हैं।
7. खरपतवार हटाने की प्रक्रिया।
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उत्तर-
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PSEB Solutions for Class 8 Science फसल उत्पादन एवं प्रबंध Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थान भरो-

(1) पौधे को खेत के टुकड़े में ……………………… किया जाता है।
उत्तर-
रोपित

(2) बीज बोने के लिए ……………………. का उपयोग किया जाता है।
उत्तर-
सीड-ड्रिल

(3) सिंचाई के लिए ……………………… उपयोग में आता है।
उत्तर-
रहट

(4) …………………………. कटाई के काम आती है।
उत्तर-
दरांती

(5) ………………………. रसायन खरपतवार को नष्ट करते हैं।
उत्तर-
खरपतवार-नाशक

(6) खेतों को पानी देने की विधि को ……………………….. कहते हैं।
उत्तर-
सिंचाई

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(7) जब पौधे मुरझाने लगते हैं, तो ………………………. की आवश्यकता होती है।
उत्तर-
सिंचाई

(8) पौधों का मुरझाना ……………………. के अभाव से होता है।
उत्तर-
पानी

(9) वह भूमि जहां फसल उगाई जाती है, ……………………. कहलाती है।
उत्तर-
कृषि भूमि/खेत

(10) पानी मिट्टी के छिद्रों में से नीचे की ओर ……………………….. है।
उत्तर-
रिसता।

प्रश्न 2.
कृषि को परिभाषित करें।
उत्तर-
कृषि (Agriculture) – खेतों में फसलों के उगाने की प्रक्रिया को कृषि कहते हैं।

प्रश्न 3.
मुख्य खाद्य (Staple Food) क्या है ?
उत्तर-
मुख्य खाद्य (Staple Food) – वे खाद्य पदार्थ जो हमारे आहार का मुख्य अंश हैं, मुख्य खाद्य (Staple food) कहलाते हैं।
जैसे – गेहूँ और चावल। यह बड़े-बड़े खेतों में अत्यधिक मात्रा में उगाए जाते हैं क्योंकि इनका अत्यधिक उपयोग होता है।

प्रश्न 4.
पौधे की उचित वृद्धि के लिए कौन-से कारक आवश्यक हैं ?
उत्तर-
पौधे की उचित वृद्धि के लिए कारक-

  1. वायु
  2. सूर्य का प्रकाश
  3. जल एवं पोषक तत्त्व।

प्रश्न 5.
एक उपज पकने में प्रायः कितना समय लेती है ?
उत्तर-
एक उपज को पकने में प्राय: 3-4 मास लगते हैं।

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प्रश्न 6.
कटाई ऋतु से संबंधित त्योहारों के नाम लिखिए।
उत्तर-
कटाई ऋतु से संबंधित त्योहार-

  1. पोंगल
  2. बैसाखी
  3. होली
  4. दीवाली
  5. नबान्या
  6. बीहूं।

प्रश्न 7.
खरपतवार-नाशक (Weedicides) क्या हैं ?
उत्तर-
खरपतवार-नाशक – वे रासायनिक पदार्थ जो खरपतवार को हटाने और उनकी वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए खेत पर छिड़के जाते हैं, खरपतवार-नाशक कहलाते हैं।

प्रश्न 8.
पशुपालन (Animal Husbandry) क्या है ?
उत्तर-
पशुपालन – पालतू पशुओं के लिए भोजन, आवास और उचित देखभाल के अध्ययन को पशुपालन कहते हैं।

प्रश्न 9.
फसल (Crop) क्या है ?
उत्तर-
फसल (Crop) – एक ही किस्म के पौधे एक स्थान पर उगाने को फसल कहते हैं।

प्रश्न 10.
देश की दो मुख्य फसलों के नाम लिखो।
उत्तर-
गेहूँ, चावल।

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प्रश्न 11.
उत्पाद (Produce) क्या है ?
उत्तर-
उत्पाद – खेतों अथवा जल में फसल को उगाने के पश्चात् जो पदार्थ मिलते हैं, उन्हें उत्पाद कहते हैं।

प्रश्न 12.
ऋतुओं के आधार पर उपज कैसे वर्गीकृत की जाती है ?
उत्तर-
उपज का वर्गीकरण है- रबी और खरीफ उपज।

प्रश्न 13.
खरीफ फसल किस मानसून पर निर्भर करती है ?
उत्तर-
दक्षिण-पश्चिम मानसून।

प्रश्न 14.
खरीफ फसल (Kharif Crop) क्या है ?
उत्तर-
खरीफ फसल – जून-अक्तूबर में उगाई जाने वाली फसल, खरीफ फसल है। जैसे- धान, मक्का।

प्रश्न 15.
रबी फसल (Rabi Crop) क्या है ?
उत्तर-
रबी फसल – नवंबर-अप्रैल में उगाई जाने वाली फसल, रबी फसल है। यह मानसून पर निर्भर नहीं करती।
उदाहरण – गेहूँ, फलीदार पौधे जैसे-चना (Gram)।

प्रश्न 16.
कृषि पद्धतियां (Agricultural Practices) क्या हैं ?
उत्तर-
कृषि पद्धतियां – फसल उगाने के लिए सामयिक अवधि में किसान द्वारा किए गए क्रिया-कलाप, कृषि पद्धतियां कहलाते हैं।

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प्रश्न 17.
कृषि औज़ार (Impliments) क्या हैं?
उत्तर-
कृषि औज़ार- कृषि पद्धतियों में उपयोग आने वाले औज़ार, कृषि औज़ार कहलाते हैं।

प्रश्न 18.
पौधे मिट्टी में से क्या ग्रहण करते हैं ?
उत्तर-
जल और खनिज।

प्रश्न 19.
फसल उगाने से पहले जुताई क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
जुताई से मिट्टी पोली होती है। इसमें वायु का फैलाव हो जाता है और नमी रखने की क्षमता बढ़ती है।

प्रश्न 20.
भूमि को समतल करने के लिए कौन-सा औज़ार उपयोग में आता है ?
उत्तर-
पाटल।

प्रश्न 21.
बीजों द्वारा उगने वाली तीन फसलों के नाम लिखो।
उत्तर-
गेहूँ, मक्का, जौ।

प्रश्न 22.
पौधे के कायिक भागों से उगने वाली दो फसलों के नाम लिखो।
उत्तर-
आलू, गन्ना।

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प्रश्न 23.
मिट्टी में अधिक गहराई पर बीजे गए बीज क्यों नहीं पनपते ?
उत्तर-
क्योंकि गहराई में नमी और वायु उपलब्ध नहीं होती।

प्रश्न 24.
बुआई क्या है?
उत्तर-
बुआई – हाथों द्वारा बीजों को खेत में छिड़कना बुआई कहलाता है।

प्रश्न 25.
बुआई के लिए सीड-ड्रिल कैसे मददगार है ?
उत्तर-
सीड-ड्रिल से बीज उचित गहराई में बोए जाते हैं।

प्रश्न 26.
पौधशाला (Nursery) क्या है ?
उत्तर-
पौधशाला – एक छोटे क्षेत्र में बीजों से उगाए छोटे पौधों को उखाड़कर खेतों में रोपित करते हैं। इस क्षेत्र को पौधशाला कहते हैं।

प्रश्न 27.
बुआई के समय किस फसल के लिए खड़ा पानी आवश्यक है ?
उत्तर-
धान।

प्रश्न 28.
सिंचाई (Irrigation) की परिभाषा लिखें।
उत्तर-
सिंचाई – उचित समय अंतराल पर पौधों का पानी देने की प्रक्रिया सिंचाई कहलाती है।

प्रश्न 29.
फसल को अधिक पानी देने से क्या हानि होती है ?
उत्तर-
अधिक पानी से मिट्टी में वायु की मात्रा कम हो जाती है, जिससे जड़ें नष्ट हो जाती हैं।

प्रश्न 30.
जल मग्नता (Water logging) का क्या कारण है?
उत्तर-
अधिक सिंचाई।

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प्रश्न 31.
पतन क्या है?
उत्तर-
पतन – वर्षा के साथ तेज़ हवाओं से उपज का गिरना पतन कहलाता है।

प्रश्न 32.
खेत खाली छोड़ना (Field Fallowing) क्या है ?
उत्तर-
खेत पर उपज न बोना खेत खाली छोड़ना कहलाता है।

प्रश्न 33.
जैविक खाद (Organic Manure) क्या है ?
उत्तर-
जैविक खाद – पौधों और पशु अपशिष्ट से प्राप्त जैविक पदार्थ, जैविक खाद कहलाता है।

प्रश्न 34.
फसल-चक्रण (Crop Rotation) कैसे किया जाता है ?
उत्तर-
फसल चक्रण – मिट्टी के पोषक तत्त्वों की पूर्ति के लिए एक फसल के बाद दूसरी अन्य फसल को उगाया जाता है।

प्रश्न 35.
किस फसल को नाइट्रोजन उर्वरक की आवश्यकता नहीं होती और क्यों?
उत्तर-
फलीदार पौधों को नाइट्रोजन उर्वरक की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि उनकी जड़ों में उपस्थित बैक्टीरिया वायु की नाइट्रोजन को स्थिर कर सकते हैं।

प्रश्न 36.
दो फलीदार पौधों के नाम लिखिए।
उत्तर-
बरसीम और चना।

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प्रश्न 37.
खरपतवार (Weeds) क्या है ?
उत्तर-
खरपतवार – उपज के अतिरिक्त सभी पौधे जो अवांछित हैं खरपतवार कहलाते हैं।

प्रश्न 38.
निराई (Weeding) क्या है ?
उत्तर-
खरपतवार हटाने की प्रक्रिया निराई है।

प्रश्न 39.
निराई क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
खरपतवार मिट्टी से पोषक तत्त्व ग्रहण करती है। यह पौधे जल और प्रकाश की स्पर्धा से फसल की वृद्धि रोकते हैं।

प्रश्न 40.
खरपतवारी नाशकों के स्थान पर कौन-से रसायन उपयोग में आ रहे हैं ?
उत्तर-
शाकनाशी (Herbicides)।

प्रश्न 41.
कीट (Pests) क्या हैं ?
उत्तर-
कीट – फसलों को नष्ट करने वाले जीव, कीट कहलाते हैं।

प्रश्न 42.
कीटनाशक (Pesticides) क्या हैं ?
उत्तर-
कीटनाशक – कीटों को नष्ट करने वाले रसायन कीटनाशक हैं।

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प्रश्न 43.
किन्हीं दो कीटों के नाम लिखो।
उत्तर-
टिड्डी (Locust), घास का टिड्डा (Grass hopper)।

प्रश्न 44.
कटाई (Harvesting) क्या है ?
उत्तर-
कटाई – पकी हुई फसल को काटना, कटाई कहलाता है।

प्रश्न 45.
उपज उत्पादन से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
उपज उत्पादन – कटी हुई फसल के दानों की मात्रा उपज उत्पादन है।

प्रश्न 46.
कंबाइन (Combine) क्या है ?
उत्तर-
कंबाइन – मशीनी कटाई यंत्र कंबाइन कहलाते हैं। इनसे कटाई और श्रेशिंग साथ-साथ और आसानी से हो जाती हैं।

प्रश्न 47.
भंडारण में नमी क्यों नियंत्रित की जाती है ?
उत्तर-
कवक की वृद्धि रोकने के लिए।

प्रश्न 48.
उपज-उत्पाद (Crop Yield) क्या है ?
उत्तर-
उपज-
उत्पाद – अनाज के बीजों की कुल मात्रा को उपज उत्पाद कहते हैं।

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प्रश्न 49.
जुताई के लिए उपयुक्त होने वाले औज़ारों के नाम लिखिए।
उत्तर-
हल, कुदाली, कल्टीवेटर।

प्रश्न 50.
कल्टीवेटर (Cultivator) से क्या लाभ है ?
उत्तर-
इससे समय और बल कम लगता है।

प्रश्न 51.
उर्वरक की अधिक मात्रा से क्या हानि होती है ?
उत्तर-
भूमि की उपजाऊ शक्ति कम होती है। ये जल प्रदूषण का भी कारण बनते हैं।

प्रश्न 52.
सिंचाई के विभिन्न साधन क्या हैं ?
उत्तर-
कुएँ, ट्यूबवैल, तालाब, झीलें, नदियाँ, बाँध और नहरें।

प्रश्न 53.
सिंचाई के परंपरागत साधन कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-

  1. मोट (घिरनी),
  2. चेन पंप,
  3. ढेकली,
  4. रहट।

प्रश्न 54.
घर में भंडारण समय किस पौधे की पत्तियाँ उपयोग में लाई जाती हैं ?
उत्तर-
नीम की पत्तियाँ ।

प्रश्न 55.
अनाज का उचित भंडारण क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
कीटों और सूक्ष्मजीवों के हमले से बचाने के लिए अनाज का उचित भंडारण आवश्यक है।

प्रश्न 56.
फ़सल कटाई के लिए हम कौन-सा कृषि औज़ार प्रयोग करते हैं ?
उत्तर-
दरांती, हार्वेस्टर ।

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प्रश्न 57.
हमें भोजन की आवश्यकता क्यों होती है ?
उत्तर-
हमें ऊर्जा के लिए, वृद्धि के लिए, जीवन प्रक्रियाओं के लिए भोजन की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 58.
खराब बीज की जाँच कैसे की जाती है ?
उत्तर-
खराब बीज हल्के होते हैं तथा पानी पर तैरते रहते हैं।

प्रश्न 59.
नर्सरी द्वारा उगाई जाने वाली फसलों के नाम दें।
उत्तर-
धानी, टमाटर आदि।

प्रश्न 60.
कुछ उर्वरकों के नाम लिखें।
उत्तर-
यूरिया, सुपर फास्फेट आदि।

प्रश्न 61.
नाइट्रोजन स्थिरीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
नाइट्रोजन स्थिरीकरण-दाल वाले पौधों की जड़ों में सूक्ष्मजीव (जीवाणु) द्वारा वायुमंडल की नाइट्रोजन को नाइट्रेट में बदलने की प्रक्रिया को नाइट्रोजन स्थिरीकरण कहते हैं।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
बीज बोने से पहले मिट्टी को पलटा और पोला क्यों किया जाता है ?
उत्तर-
बीज बोने से पहले मिट्टी को पलटा और पोला करने के कारण हैं-

  1. इससे जड़ें आसानी से गहराई तक फैल सकती हैं।
  2. जड़ें आसानी से श्वास ले सकती हैं।
  3. पौधा मज़बूती से मिट्टी में खड़ा रह सकता है।
  4. कृमियों और सूक्ष्मजीवों की वृद्धि में सहायक है।

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प्रश्न 2.
बुआई (Broadcasting) और रोपण (Transplanting) क्या है ?
उत्तर-
बुआई (Broadcasting) – मिट्टी की तैयारी के बाद बीज बोया जाता है। वीज बोने की क्रिया को बुआई कहते हैं। बीज बोने के दो तरीके हैं
हाथों दवारा अथवा सीड-ड्रिल दवारा।
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रोपण (Transplanting) – इस क्रिया द्वारा पौधशाला से पौध लेकर उसे पानी और खनिज युक्त उचित स्थान पर रोपित किया जाता है।

प्रश्न 3.
कीटनाशक (Insecticides) क्या है ? संक्षिप्त वर्णन करो।
उत्तर-
कीटनाशक – कुछ विशेष रसायन जो कीट और हानिकारक सूक्ष्मजीव और उनके लारवा को नष्ट करते हैं, परंतु पौधे पर कोई प्रभाव नहीं डालते, कीटनाशक कहलाते हैं।

प्रश्न 4.
कटी हुई फसल अथवा अनाज को नमी से क्यों बचाना चाहिए ?
उत्तर-
नमी से कवक और पीड़कों की वृद्धि में बढ़ौतरी होती है। कुछ सूक्ष्मजीव ज़हरीले भी होते हैं। इसलिए अनाज को सुखाकर उसका भंडारण करना चाहिए।

प्रश्न 5.
किसान फसल चक्रण कैसे करता है ?
उत्तर-
फसल चक्रण-फसल चक्रण से अभिप्राय है प्रति वर्ष फसल का बदलना अर्थात् एक फसल के बाद दूसरी फसल को उगाना ताकि कीट पीड़क न पनप सकें।

एक ही फसल बार-बार उगाने से मिट्टी के विशेष पोषक तत्त्व खत्म हो जाते हैं। इस समस्या से बचने के लिए दो विभिन्न किस्मों को एक-के बाद उगाना चाहिए। उदाहरण के लिए मक्का और गेहूँ, मूंगफली के साथ बदल-बदल कर उगाई जाती है। मूंगफली के पौधे की जड़ें नाइट्रोजन को स्थिर कर मिट्टी के पोषक तत्त्वों की पूर्ति करती हैं। यह पोषक तत्त्व गेहूँ के लिए लाभकारी होते हैं। फसल चक्रण से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बनी रहती है।

प्रश्न 6.
खेत में पीड़कों की रोकथाम कैसे की जाती है ? ।
उत्तर-
पीड़कों की रोकथाम – पीड़क सजीव हैं, जो फसल के रोग फैलाते हैं अथवा फसल नष्ट करते हैं। इनकी रोकथाम के लिए Mira पीड़कनाशक जैसे मैलाथिओन, डाइसिस्टोन, बी० एच० सी० आदि का उपयोग किया जाता है। इनका फसल पर छिड़काव करते हैं जिससे पीड़क मर जाते हैं और पौधों और मनुष्य पर इनका कुप्रभाव नहीं पड़ता।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध 8

प्रश्न 7.
खेत में अधिक पानी से क्या हानि होती है ?
उत्तर-
खेत में अधिक पानी से हानि-

  1. फसल नष्ट हो सकती है।
  2. लगातार जल मग्नता से मिट्टी में लवणों की मात्रा में वृद्धि हो सकती है। जिससे मिट्टी की प्रकृति सदा के लिए नष्ट हो सकती है।
    अधिक पानी को उचित नालियों द्वारा निकाल देना चाहिए।

प्रश्न 8.
फल, सब्ज़ियों अथवा अनाज को उपयोग में लाने से पहले क्यों धोना चाहिए ?
उत्तर-
खेत से प्राप्त फल, सब्जियाँ, अनाज उपयोग में लाने से पहले इसलिए धोए जाते हैं क्योंकि इन पर पीड़कनाशकों की तह हो सकती है जो हानिकारक हो सकती है।

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प्रश्न 9.
खेत को खाली छोड़ने से (Field Fallow) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
कुछ खेतों को कम-से-कम एक ऋतु के लिए बिना फसल छोड़ा जाता है ताकि पोषक तत्त्वों की प्राकृतिक रूप से आपूर्ति हो सके। इस क्रिया को खेत खाली छोड़ना कहते हैं।

इससे ह्यूमस की वृद्धि बढ़ती है जिससे सूक्ष्मजीवों की भी वृद्धि होती है। इसके साथ पोषक तत्त्वों की भी आपूर्ति होती है।

प्रश्न 10.
भंडारित अनाज कैसे नष्ट होता है ?
उत्तर-
चूहे, कीट आदि भंडारित अनाज को नष्ट करते हैं। अनुमानित 25% अनाज चूहों द्वारा नष्ट हो जाता है। कीट और कवक भी अनाज को नष्ट करते हैं। इन ग्रसित अनाजों के सेवन से कई रोग उत्पन्न हो सकते हैं।

प्रश्न 11.
खरपतवार (Weeds) क्या हैं ? इन्हें कैसे दूर किया जाता है ?
उत्तर-
खरपतवार (Weeds) – खेत में उपज के साथ उगने वाले अवांछित पौधे ही खरपतवार कहलाते हैं। खरपतवार को हटाने के लिए खुरपे एवं हैरो (Harrow) का उपयोग किया जाता है।
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प्रश्न 12.
हैरो (Harrow) की बनावट बताएँ। इसका मुख्य उपयोग क्या है ?
उत्तर-
हैरो की बनावट – इसमें नोक वाली लोहे की छड़ या लकड़ी का तख्ता होता है। यह खेत में से हल की तरह खरपतवार को उखाड़ फेंकता है। .
चित्र-बैल द्वारा चलित हैरो उपयोग-यह खरपतवार को उखाड़ने के काम आता है।
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प्रश्न 13.
बीज बोने या उपज उगाने से पहले मिट्टी पर हल क्यों चलाया जाता है ?
उत्तर-
बीज बोने से पहले मिट्टी पर हल चलाने के निम्नलिखित कारण हैं-

  1. हल चलाने से मिट्टी गहराई तक हिल जाती है। इससे आंशिक या पूर्ण मिट्टी पलटी जा सकती है।
  2. हल चलाने से पहली उपज के अवशेष बाहर निकल जाते हैं और मिट्टी पोली हो जाती है।
  3. बार-बार हल चलाने से खरपतवार हट जाती है।
  4. हानिकारक सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाते हैं।
  5. हल चलाने से मिट्टी छिद्र युक्त हो जाती है।
  6. हल चलाने से मिट्टी नर्म, साफ और उपज उगाने हेतु योग्य बन जाती है।

प्रश्न 14.
खेतों में खाद क्यों डाली जाती है ?
उत्तर-
पौधे पोषक मिट्टी में से ग्रहण करते हैं। यदि फसल लगातार उगाई जाएगी तो मिट्टी के पोषक तत्त्वों में कमी आ जाएगी। इस कमी की पूर्ति के लिए खादें खेत में डाली जाती हैं।

प्रश्न 15.
कटाई (Harvesting) और थ्रेशिंग (Threshing) क्या है ?
उत्तर-
कटाई (Harvesting) – उपज के पकने पर उसे काटा जाता है, इस क्रिया को कटाई कहते हैं। अधिकतर फसलें दराँती या बड़ी कंबाइनों (Combines) से काटी जाती हैं।
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थ्रेशिंग (Threshing) – भूसे से अनाज के दानों को पृथक् करने की विधि, थ्रेशिंग कहलाती है। बड़े पैमाने पर जंतुओं को थ्रेशिंग के लिए उपयोग में लाया जाता है।

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प्रश्न 16.
ऋतुओं के आधार पर पौधों का वर्गीकरण क्या है ? प्रत्येक किस्म के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
ऋतुओं के आधार पर पौधे दो भागों में वर्गीकृत होते हैं-
(i) खरीफ फसल
(ii) रबी फसल।

(i) खरीफ फसल – मानसून ऋतु में उगने वाली फसल, खरीफ फसल कहलाती है। उदाहरण-मक्का, बाजरा और कपास आदि।

(ii) रबी फसल – शरद ऋतु में उगाई जाने वाली फसल, रबी फसल कहलाती है।
उदाहरण – गेहूँ, चना और सरसों आदि।

प्रश्न 17.
मिश्रित उपज (Mixed Cropping) क्या है ?
उत्तर-
मिश्रित उपज – समय और ऊर्जा की बचत हेतु दो फसलों को एक साथ उगाने की प्रक्रिया मिश्रित उपज कहलाती है।
उदाहरण – कपास के साथ मूंगफली की फसल उगाना।

प्रश्न 18.
मिट्टी में बीज उचित गहराई पर क्यों डालने चाहिएं ?
उत्तर-
मिट्टी में बीज उचित गहराई पर डालने चाहिएं क्योंकि यदि वह अधिक गहराई पर होंगे तो वे पनप नहीं सकेंगे अथवा यदि वे कम गहराई पर होंगे तो पक्षियों एवं जीवों द्वारा खा लिए जाएंगे।

प्रश्न 19.
फसल को कैसे भंडारित किया जाता है ?
उत्तर-
फसल का भंडारण बड़े गोदामों में भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India) और राज्य गोदाम निगम (State Warehousing Corporation) जैसी संस्थाओं द्वारा किया जाता है।

प्रश्न 20.
उर्वरक की परिभाषा लिखें।
उत्तर-
उर्वरक – मानव निर्मित रसायन जिनमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाशियम अर्थात् जैविक पोषक तत्त्व से भरपूर होता है, उर्वरक कहलाते हैं।

प्रश्न 21.
जैविक खाद का उपयोग क्यों करना चाहिए ?
उत्तर-
जैविक खाद के उपयोग से मिट्टी को कोई हानि नहीं पहुँचती परंतु पोषक तत्त्वों की पूर्ति हो जाती है। यह खाद उर्वरकों से बेहतर है। सब्जियां और फल जो जैविक खाद से वृद्धि करते हैं, खाने के लिए सुरक्षित होते हैं। जबकि सब्जियां और फल उर्वरकों द्वारा वृद्धि करने में सहायक हो सकते हैं।

प्रश्न 22.
आपको कुछ बीज बोने के लिए दिए गए हैं। आप किन कारकों को ध्यान में रखोगे ?
उत्तर-
हमें बीज बोते समय निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिए-

  1. उचित गहराई पर बोना।
  2. नियमित सिंचाई।
  3. उचित समय पर खाद देना।
  4. खरपतवार को न उगने देना।
  5. पीड़कनाशी का छिड़काव ।
  6. उचित प्रकाश का प्रबंध।

प्रश्न 23.
रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम क्यों करना चाहिए ?
उत्तर-
रासायनिक उर्वरक. हानिकारक हो सकते हैं क्योंकि-

  1. मिट्टी की प्राकृतिक उपजाऊ शक्ति नष्ट करते हैं।
  2. मिट्टी की रसायन प्रकृति बदल देते हैं।
  3. रसायन मिट्टी में रिस कर उपज में शोषित हो जाते हैं और भोजन श्रृंखला में पहुँच कर पौधों और जानवरों को नष्ट करते हैं।

प्रश्न 24.
हम अनाज कैसे भंडारित करते हैं ? शीत भंडारण (Cold Storage) क्या है ?
उत्तर-
अनाज भंडारण की विधियां-

  1. किसान धातु अथवा मिट्टी के छोटे डिब्बों में अनाज का भंडारण करता है। इन्हें अनाज घर (Granaries) कहते हैं।
  2. सूखे अनाज को उचित हवादार सीमेंट के कमरों में स्थानांतरित किया जाता है। इन्हें गोदाम कहते हैं।
  3. कुछ फलों और सब्जियों को निम्न ताप पर भंडारित किया जाता है। इसे शीत भंडारण कहते हैं।

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प्रश्न 25.
एक क्षेत्र में उपज उगाने की मूल आवश्यकताएँ क्या हैं ?
उत्तर-
एक क्षेत्र में उपज उगाने की मूल आवश्यकताएँ-

  1. उचित किस्म की मिट्टी
  2. खाद का उपयोग
  3. सिंचाई
  4. बीजों की उत्तम किस्में
  5. कृषि औजार
  6. उपज के रोगों की रोकथाम के लिए रसायन।

प्रश्न 26.
सभी फसलें एक ही ऋतु में क्यों नहीं उगती हैं ?
उत्तर-
सभी फसलें एक ही ऋतु में नहीं उगती क्योंकि प्रत्येक फसल की वृद्धि के लिए विशेष प्रकार की मिट्टी _ और पर्यावरणीय परिस्थितियाँ जैसे प्रकाश, ताप और वाय चाहिए।

प्रश्न 27.
क्या सभी फसलों को समान खाद और उर्वरक की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
नहीं, प्रत्येक फसल की वृद्धि के लिए विशेष प्रकार की खाद तथा उर्वरक की ज़रूरत होती है। धान की फसल के लिए जैविक खाद (Farmyard Manure) उत्तम है। मूंगफली की फसल को कोई खाद व उर्वरक नहीं चाहिए क्योंकि इसकी जड़ों में ग्रंथिकाएँ (Nodules) होती हैं, जिनमें नाइट्रोजन स्थिर करने वाले बैक्टीरिया होते हैं। यह वायुमंडलीय नाइट्रोजन को स्थिर करके नाइट्राइट और नाइट्रेट में परिवर्तित कर देते हैं। गेहूँ की फसल के लिए हरी खाद (Green Malure) और जैविक खाद (Farmyard Manure) का मिश्रण उपयोग में लाया जाता है।

प्रश्न 28.
कीटनाशकों तथा खरपतवार नाशकों में दो अन्तर बताओ।
उत्तर-
कीटनाशकों और खरपतवार नाशकों में अन्तर-

 

कीटनाशक (Insecticides) खरपतवार नाशक (Weedicides)
(i) यह रसायन उपज को नुकसान पहँचा रहे कीटों का नाश करती है। (i) यह रसायन उपज के साथ उगे अवांछित पौधों (खरपतवारों) का नाश करती है।
(ii) यह रसायन मानवीय शरीर पर प्रभाव डालते हैं। उदाहरण D.D.T. (ii) यह रसायन मानवीय शरीर पर प्रभाव डालते हैं और भोजन श्रृंखला में भी सम्मिलित हो जाते हैं। उदाहरण 2-+ D, बूटाकलौर

प्रश्न 29.
पनीरी लगाने से क्या भाव है ?
उत्तर-
पनीरी लगाना-धान, मिर्च, टमाटर तथा गोभी आदि ऐसी फसलें हैं जिनको सीधे ही खेत में नहीं लगाया जाता। इनके बीजों को एक छोटे-से भू-खण्ड में बीज कर जो पनीरी तैयार की जाती है, उसे पनीरी (Seedling) कहते हैं।

जब पनीरी अच्छी तरह तैयार हो जाती है तो भू-खण्ड में से उखाड़कर खेतों में एक विशेष दूरी पर लगा दिया जाता है। इस विधि को पनीरी लगाना कहते हैं।

प्रश्न 30.
सिंचाई के पारंपरिक तरीकों का चित्रों द्वारा वर्णन करो।
उत्तर-
सिंचाई के पारंपरिक तरीके
(a) मोट
(b) चेन पंप
(c) ढेकली
(d) रहट।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध 12
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध 13
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पानी खींचने के लिए प्रायः पंपों का उपयोग किया जाता है। डीज़ल, बायोगैस, विद्युत् और सौर ऊर्जा से पंप चलाए जाते हैं। पंपों की विभिन्न शक्ति होती है। उनका चयन क्षेत्र की आवश्यकता के आधार पर किया जाता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मुख्य कृषि पद्धतियों का वर्णन करें।
उत्तर-
मुख्य कृषि पद्धतियाँ-

  • हल चलाना – इससे मिट्टी पोली और पतली हो जाती है। यह लकड़ी या लोहे के बने होते हैं। हल चलाने के बाद मिट्टी समतल की जाती है ताकि हवा और पानी से मिट्टी उड़ न सके।
  • बुआई – मिट्टी की तैयारी के बाद खेतों में बीज हाथों अथवा सीड-ड्रिल द्वारा डाला जाता है। इसे बुआई __ कहते हैं।
  • सिंचाई – फसली पौधे मिट्टी में से जड़ों द्वारा जल ग्रहण करते हैं। पौधे की वृद्धि के लिए पानी आवश्यक है। सिंचाई के विभिन्न ढंगों जैसे-पानी चक्की, छिड़काव, ट्यूवबैल, दोलित टोकरियों आदि का उपयोग किया जाता है।
  • खाद डालना – प्रत्येक फसल मिट्टी में से काफ़ी मात्रा में पोषक अवशोषित करती है। इन पोषकों की पूर्ति के लिए खाद डालना आवश्यक है।
  • निराई – खेतों में फसल के साथ कई अन्य पौधे भी उग जाते हैं। यह फसल के साथ जल, प्रकाश और पोषकों की स्पर्धा रखते हैं। अतः इनका खेतों में से हटाना अति आवश्यक है। इस क्रिया को निराई कहते हैं।
  • फसल की सुरक्षा – कीट, कवक, बैक्टीरिया, चूहे आदि फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। कीटनाशी और खरपतवारनाशी का उपयोग करके इन्हें नष्ट किया जाता है।
  • कटाई और भंडारण – जब फसल तैयार हो जाती है तो उचित समय पर इसे काटा जाता है। फसलों की कटाई हाथों से, दराँती से अथवा हारवेस्टर से की जाती है। अनाज को भूसे से अलग किया जाता है और अनाज का भंडारण बड़े-बड़े भंडार ग्रहों में किया जाता है। अनाज में नमी की मात्रा 14% से अधिक नहीं होनी चाहिए।

प्रश्न 2.
फसल की उपज बढ़ाने के लिए कौन-सी पद्धतियाँ इस्तेमाल में लाई जाती हैं ?
उत्तर-
फसल की उपज बढ़ाने की पद्धतियाँ हैं-
(i) मिट्टी में उर्वरकों का मिलाना
(ii) चयनित बीजों का उपयोग
(iii) खरपतवार नियंत्रण
(iv) पौधों के रोगों का नियंत्रण।

(i) उर्वरक (Fertilizers) – यह रासायनिक पदार्थ, खेतों में मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिए डाले जाते हैं। यह पोषक तत्त्वों की आपूर्ति करके फसल की उपज बढ़ाने में सहायक होते हैं।

(ii) चयनित बीजों का उपयोग (Selective Breeding) – रोग निरोधक बीजों का निर्माण किया जाता है। उच्च किस्म के बीजों के नियमित उपयोग से फसल में वृद्धि होती है।

(iii) खरपतवार नियंत्रण (Weed Control) – खरपतवार-नाशकों के उपयोग से खरपतवार को नष्ट किया जाता है।

(iv) पौधों के रोगों का नियंत्रण (Control of Plant Diseases) – फसल को कीटों, कवक, जंतुओं और रोगों से बचाना चाहिए। फसल की उपज के लिए यह अति आवश्यक प्रक्रम है। कीटों को नष्ट करने के लिए कीटनाशी का उपयोग करना चाहिए।

प्रश्न 3.
उर्वरक क्या है ? मिश्रित उर्वरक क्या है ? किसान खेतों में उर्वरक क्यों डालते हैं ? हमें उर्वरक कैसे भंडारित करने चाहिएं ?
उत्तर-
उर्वरक – खेत अथवा मिट्टी की उपजाऊ शक्ति कायम रखने के लिए उपयोग किए जाने वाले रसायन, उर्वरक कहलाते हैं।

मिश्रित उर्वरक-उर्वरक जो एक साथ कई पोषक तत्त्वों की आपूर्ति करें, मिश्रित उर्वरक कहलाते हैं ; जैसे-
(i) NPK में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाशियम है।
(ii) CAN – कैल्शियम, अमोनियम नाइट्रेट का मिश्रित उर्वरक है।

उर्वरकों की महत्ता – खेतों में खनिज तत्त्व जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाशियम की आपूर्ति के लिए रासायनिक उर्वरक और मिश्रित उर्वरक डाले जाते हैं। मिट्टी में तत्त्वों की कमी लगातार उपज उगाने से होती है। इसलिए किसान खेतों में उर्वरक डालते हैं।

उर्वरकों का भंडारण – कई उर्वरक नमी प्रिय होते हैं अर्थात् यह जल शोषित करते हैं। यदि उर्वरकों को नमी युक्त स्थानों पर भंडारित किया जाए तो यह खेतों में डालने योग्य नहीं रहते। कुछ उर्वरक थैलों को नष्ट कर देते हैं जिनमें वे रखे जाते हैं। इनका भंडारण शुष्क स्थानों पर होना चाहिए।

प्रश्न 4.
जुताई (Ploughing) के लिए कौन-कौन से औज़ार उपयुक्त होते हैं, वर्णन करो।
उत्तर-
जुताई (Ploughing) के लिए उपयोग में आने वाले औज़ार-हल, कुदाली (Hoe), कल्टीवेटर (Cultivator)।

(i) हल – इसका उपयोग मिट्टी के पलटने, उर्वरक डालने, खरपतवार हटाने, मिट्टी को छांटने आदि के लिए किया जाता है। यह लकड़ी से बना होता है और बैलों के एक जोड़े से खींचा जाता है।
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इसमें लोहे की मज़बूत तिकोनी पत्ती होती है, जिसे फाल कहते हैं। हल का मुख्य भाग लंबी लकड़ी का बना होता है जिसे हल शैफ्ट कहते हैं। इसके एक सिरे पर हैंडल होता है तथा दूसरा सिरा जोत के डंडे से जुड़ा होता है जिसे बैलों की गरदन के ऊपर रखा जाता है। एक जोड़ी बैल एवं एक आदमी इसे सरलता से चला सकता है।

(ii) कुदाली (Hoe) – यह एक सरल औज़ार है जिसका उपयोग खरपतवार निकालने और मिट्टी को पोला करने के लिए किया जाता है। इसमें लकड़ी अथवा लोहे की छड़ होती है जिसके सिरे पर लोहे की चौड़ी और मुड़ी प्लेट लगी होती है जो ब्लेड का कार्य करती है। इसका दूसरा सिरा पशुओं द्वारा खींचा जाता है।
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(iii) कल्टीवेटर (Cultivator) – आजकल जुताई ट्रैक्टरों द्वारा संचालित कल्टीवेटर से की जाती है। इनके उपयोग से श्रम और समय दोनों की बचत होती है।
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