PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 4 सौर-ऊर्जा

Punjab State Board PSEB 8th Class Agriculture Book Solutions Chapter 4 सौर-ऊर्जा Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Agriculture Chapter 4 सौर-ऊर्जा

PSEB 8th Class Agriculture Guide सौर-ऊर्जा Textbook Questions and Answers

(अ) एक-दो शब्दों में उत्तर दें

प्रश्न 1.
सौर (सौर्य) वाटर हीटर का मुख्य लाभ क्या है ?
उत्तर-
यह 100 डिग्री सैल्सियस से कम तापमान पर पानी गर्म करने के काम आता है।

प्रश्न 2.
परम्परागत ऊर्जा के स्रोतों के दो उदाहरण दें।
उत्तर-
कोयला, पेट्रोलियम पदार्थ आदि।

प्रश्न 3.
गैर-परम्परागत ऊर्जा के स्रोतों के दो उदाहरण दें।
उत्तर-
सूर्य की ऊर्जा, बायोगैस।

प्रश्न 4.
सौर ड्रायर कितने प्रकार के हैं ?
उत्तर-
प्रयोग के आधार पर दो प्रकार के होते हैं-व्यापारिक तथा पारिवारिक।

प्रश्न 5.
सौर ड्रायर में सुखाई जाने वाली दो सब्जियों के नाम बताएं।
उत्तर-
पालक, मेथी, मिर्च, टमाटर।

प्रश्न 6.
व्यापारिक स्तर पर सौर ड्रायर में कृषि पदार्थों की कितनी मात्रा एक बार में सुखाई जा सकती है?
उत्तर-
20 से 30 किलो कृषि पदार्थ।

प्रश्न 7.
सौर-कुकर का मुख्य लाभ क्या है?
उत्तर-
यह भोजन पकाने के काम आता है।

प्रश्न 8.
सौर-कुकर के प्रयोग से कितने प्रतिशत परम्परागत ईंधन बच सकता है?
उत्तर-
20% से 50% तक परम्परागत ईंधन बच जाता है।

प्रश्न 9.
सौर लालटेन का प्रयोग कितने घण्टे तक किया जा सकता है?
उत्तर-
3-4 घण्टे तक।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 4 सौर-ऊर्जा

प्रश्न 10.
सौर जल तापक (वाटर हीटर) कितनी प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
यह दो प्रकार के होते हैं-स्टोरेज़ कम कुलैक्टर सोलर वाटर हीटर तथा थर्मोसाइफिन सोलर वाटर हीटर।

(आ) एक-दो वाक्यों में उत्तर दें

प्रश्न 1.
प्राकृतिक ऊर्जा स्रोत कितनी प्रकार के हैं ? उदाहरण सहित स्पष्ट करो।
उत्तर-
प्राकृतिक ऊर्जा स्रोत दो प्रकार हैं—
(i) परम्परागत
(ii) गैर-परम्परागत

  1. परम्परागत ऊर्जा स्रोत के उदाहरण-बिजली, कोयला, पेट्रोलियम वस्तुएँ ये अत्यन्त मूल्यवान् एवम् प्रकृति में सीमित मात्रा में होते हैं।
  2. गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोत के उदाहरण हैं-बायोगैस, सौर ऊर्जा, रासायनिक ऊर्जा आदि।

ये स्रोत बेहद मात्रा में उपलब्ध है तथा मूल्य में सस्ते हैं।

प्रश्न 2.
सौर-ड्रायर से सुखाई जाने वाली वस्तुओं के नाम बताएं।
उत्तर-
पालक, टमाटर, मेथी, सरसों का साग, आलू, हल्दी, मिर्च, आलूचे, आड़, अंगूर आदि।

प्रश्न 3.
सौर-कुकर से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
सौर-कुकर एक ऐसा यन्त्र है जिसके प्रयोग से सूर्य की गर्मी के उपयोग से भोजन पकाया जाता है तथा इस तरह 20% से 50% तक परम्परागत ईंधन की बचत हो जाती है।

प्रश्न 4.
सौर स्ट्रीट लाइट के विषय में संक्षेप में जानकारी दें।
उत्तर-
इस लाइट को सूर्य की ऊर्जा द्वारा बैटरी को चार्ज करके सूर्य अस्त के बाद गलियों, सड़कों पर प्रकाश करने के लिए प्रयोग किया जा ा है। यह अन्धेरा होने पर स्वतः ही जल जाती हैं।
PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 4 सौर-ऊर्जा (1)
चित्र-सौर स्ट्रीट लाइट सिस्टम

प्रश्न 5.
सौर-कुकर द्वारा भोजन पकाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-

  1. पहले सौर-कुक्कर को सूर्य की धूप में रखकर गर्म करो।
  2. जिस भोजन को पकाना हो उसमें थोड़ा-सा पानी डालकर कुक्कर में रखो।
  3. सब्जियां, अण्डे आदि में पानी नहीं डालना चाहिए, अपितु सब्जियों के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर पकाने के लिए सौर कुक्कर में रखने चाहिएं।
  4. भोजन पकाने वाले बर्तन को भोजन तथा पानी से आधे से अधिक नहीं भरना चाहिए।

प्रश्न 6.
सौर-होम लाइटिंग सिस्टम पर संक्षिप्त जानकारी दें।
उत्तर-
इस सिस्टम में सूर्य के प्रकाश से इनवर्टर को चार्ज करके हम घर में बिजली न होने की सूरत में 2 ट्यूब लाइटस तथा 2 पंखे 5 से 6 घण्टे तक चला सकते हैं।
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चित्र-सौर होम लाइटिंग सिस्टम

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प्रश्न 7.
सौर जल पम्प क्या होता है?
उत्तर-
ऐसे ट्यूबवैल जिनमें पानी का स्तर 35-40 फुट होता है, को सोलर वाटर पम्प की सहायता से चलाया जा सकता है।
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चित्र-सौर जल पम्प

प्रश्न 8.
सौर-लालटेन की कार्य प्रणाली पर टिप्पणी करें।
उत्तर-
यह एमरजैंसी लाइट है जिसको सूर्य के प्रकाश से चार्ज किया जाता है। इससे 3-4 घण्टे तक प्रकाश लिया जा सकता है।
PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 4 सौर-ऊर्जा (4)
चित्र-सौर लालटेन

प्रश्न 9.
पारिवारिक स्तर पर सौर ड्रायर किस तरह काम करते हैं?
उत्तर-
यह छोटे आकार का ड्रायर होता है इसमें दो से तीन किलो ताजे पदार्थ को 2 से 3 दिन में सुखाया जा सकता है। इसमें ऐसे पदार्थ सुखाए जाते हैं जिनको हम खाना तैयार
PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 4 सौर-ऊर्जा (5)
चित्र-पारिवारिक स्तर पर सौर ड्रायर
करने के लिए पाऊडर बना कर प्रयोग करते हैं, जैसे-लाल मिर्च, प्याज, लहसुन, आम का चूर्ण, अदरक, पालक के पत्ते आदि।

प्रश्न 10.
व्यापारिक स्तर पर सौर ड्रायर के विषय में संक्षेप में जानकारी दें।
उत्तर-
कृषि पदार्थ को हवा से कम तापमान पर सुखाना होता है ताकि इन पदार्थों के गण नष्ट न हो जाएं। इस ड्रायर में हवा का अधिक-से-अधिक तापमान जो कि किसी पदार्थ के सूखने के लिए आवश्यक है। इस तापमान से कम रखकर ही पदार्थों को इसमें सुखाया जाता है। इसमें एक ही समय में 20 से 30 किलो कृषि पदार्थ सुखाए जा सकते हैं।
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चित्र-व्यापारिक स्तर पर सौर डायर

(इ) पांच-छ: वाक्यों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
भोजन पकाने के लिए सौर कुकर का प्रयोग किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर-
भोजन पकाने के लिए कुकर को सैट करके रखने के लिए निम्नलिखित विधि का प्रयोग करो

  1. पहले सोलर कुकर को सूर्य की धूप में रखकर गर्म करो।
  2. जिस भोजन को पकाना हो उसमें थोड़ा-सा पानी डालकर कुकर में रखो।
    PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 4 सौर-ऊर्जा (7)
    चित्र-बॉक्स टाइप कुकर
    चित्र-दोहरे शीशे वाले सौर कुकर
  3. सब्जियां, अण्डे आदि में पानी नहीं डालना चाहिए, अपितु सब्जियों के छोटेछोटे टुकड़े काटकर पकाने के लिए सोलर कुकर में रखने चाहिएं।
  4. भोजन पकाने वाले बर्तन को भोजन तथा पानी से आधे से अधिक नहीं भरना चाहिए।
  5. कुकर का ऊपरी हिस्सा सूर्य की ओर करके रखें।
  6. कुकर को बार-बार न खोलें। ऐसा करने से भोजन पकाने में देरी होगी।
  7. भोजन पकाने के पश्चात् बर्तन का ढक्कन आराम से खोलें ताकि भाप आपके शरीर को न लगे।

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प्रश्न 2.
‘स्टोरेज-कम-कुलैक्टर सौर जल तापक (हीटर)’ के विषय में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
स्टोरेज-कम-कुलैक्टर हीटर में ऊर्जा सोखने वाले तथा पानी गर्म करने वाले दोनों तरह के यूनिट लगे होते हैं। इनके लिए पानी स्टोर करने के लिए कोई अलग टैंक अथवा पाइपें नहीं होती। इसलिए ऐसे वाटर हीटरों को थर्मोसाइफीन सोलर वाटर हीटर से अधिक बढ़िया माना गया है। सोलर वाटर हीटरों को पक्की तरह दक्षिण की ओर मुँह करके एक ही स्थिति में रखा जाता है। इन्हें सूर्य की धूप लगने के लिए बार-बार हिलाया-डुलाया नहीं जाता। इन्हें ज़मीन पर तथा खिड़की के पास भी रखा जा सकता है। ऐसे हीटर मकान की छत पर पक्के भी लगाये जा सकते हैं।
PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 4 सौर-ऊर्जा (8)
चित्र-स्टोरेज-कम-कुलैक्टर सौर जल हीटर
सोलर वॉटर हीटर साधारणतः जल्दी खराब नहीं होते। परन्तु फिर भी यह आवश्यक हो जाता है कि इस पर लगे शीशे को साफ़ रखना चाहिए, क्योंकि शीशे पर धूल के कण आदि जमें हों तो इस तरह सूर्य की किरणें पानी को गर्म नहीं कर सकतीं।

प्रश्न 3.
सौर ड्रायर के विषय में विस्तारपूर्वक जानकारी दें।
उत्तर-
इनका प्रयोग फलों तथा सब्जियों आदि को सुखाने के लिए किया जाता है। यह दो प्रकार के होते हैं—

1. कैबिनेट ड्रायर—यह एक लकड़ी का बक्सा होता है जो अन्दर से काला होता है। इसके ऊपरी हिस्से पर शीशा लगा होता है। सुखाने वाली वस्तु को छिद्रों वाली ट्राली पर एक स्तर पर रखा जाता है। इस यन्त्र में दो तरह के छिद्र होते हैं। ऊपरी सतह में जो छिद्र होते हैं उनमें से हवा निकलती रहती है तथा निचली परत वाले छिद्रों से ताज़ा हवा अन्दर आती रहती है। इस तरह हवा का आवागमन होता रहता है।

2. परतदार डायर-यह यन्त्र लकडी तथा लोहे की शीटों अथवा फाइबर ग्लास का बना होता है। बक्से में हवा के आवागमन के लिए ऊपरी तथा निचले हिस्से में कई छिद्र किए होते हैं। बक्से के दोनों तरफ सुखाने वाली वस्तु को निकालने का प्रबन्ध होता है। ट्रेओं पर सौर किरणों को सोखने वाले चमकीले डण्डे लगे होते हैं। बक्से के ऊपर वाले हिस्से पर इकहरा शीशा फिट होता है। जिन थालियों में सुखाने के लिए चीजें रखनी होती हैं उनमें बहुत से छिद्र होते हैं। थालियों की ऊंचाई 3-4 सेंटीमीटर होती है। इनमें कटी सब्जियां तथा फल आसानी से सुखाने के लिए रखे जा सकते हैं। सूख रही वस्तुओं को छाया करने के लिए काली चमकती प्लेटें लगी होती हैं। क्योंकि यह यन्त्र सूर्य की किरणों को प्राप्त करके कार्य करते हैं इसको दिन में धूप में रखा जाता है। इन यन्त्रों का शीशा हमेशा दक्षिण दिशा की ओर रखा जाता है।

प्रश्न 4.
‘सौर जल तापक’ (Solar Water Heater) से पानी की निरंतर पूर्ति के लिए कौन-सी सावधानियां रखना चाहिए?
उत्तर-
सूर्य से प्राप्त ऊर्जा से पानी गर्म करने वाले हीटरों को पक्की तरह एक स्थान पर ही रखा जाता है। इन्हें छत पर भी पक्के तौर पर फिट किया जा सकता है। इसके लिए ठण्डे पानी की पाइप लगानी पड़ती है। इसके ऊपर लगे शीशे को अच्छी तरह साफ रखना चाहिए ताकि सूर्य का प्रकाश पहुंचने में कोई रुकावट न आए। इसको पानी की सप्लाई लगातार बनाए रखनी आवश्यक है। हीटर का मुंह दक्षिण की तरफ रखा जाता है।

प्रश्न 5.
सौर ऊर्जा से हम भिन्न-भिन्न ढंगों से कैसे लाभ उठा सकते हैं?
उत्तर-
सूर्य सारे विश्व को चलाने वाला अकेला ही ऊर्जा स्रोत है। इसकी ऊर्जा से पौधे भोजन बनाते हैं जिनसे हम अपना भोजन प्राप्त करते हैं। हवा-पानी का चक्कर भी सूर्य के कारण ही चलता है परन्तु यह सभी कुछ प्रकृति में अपने आप हो रहा है। हम अपनी मेहनत से सूर्य से प्राप्त ऊर्जा से अन्य लाभ भी ले सकते हैं, जैसे—

  1. सूर्य के ताप के प्रयोग से हम पानी गर्म कर सकते हैं, खाना पका सकते हैं, बिजली पैदा कर सकते हैं। सब्जियों फलों को सुखा सकते हैं।
  2. सोलर सैल का प्रयोग करके सूर्य की ऊर्जा से बिजली पैदा कर सकते हैं।
  3. सूर्य की ऊर्जा का प्रयोग करके हम पारम्परिक ऊर्जा स्रोतों को बचा सकते हैं।

Agriculture Guide for Class 8 PSEB सौर-ऊर्जा Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
प्राकृतिक ऊर्जा स्रोतों को कितने भागों में बांटा गया है?
उत्तर-
दो भागों में।

प्रश्न 2.
कोयले से पैदा होने वाली बिजली कैसा ऊर्जा स्रोत है?
उत्तर-
पारम्परिक ऊर्जा स्रोत।

प्रश्न 3.
कौन-से ऊर्जा स्रोत सीमित हैं ?
उत्तर-
पारम्परिक।

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प्रश्न 4.
कौन-से ऊर्जा स्रोत अधिक मात्रा में हैं ?
उत्तर-
और-पारम्परिक।

प्रश्न 5.
पारिवारिक स्तर वाले सोलर ड्रायर से कितने ताजे पदार्थ को कितने दिनों में सुखाया जा सकता है?
उत्तर-
2-3 किलो ताजे पदार्थ को 2 से 3 दिनों में।

प्रश्न 6.
क्या सोलर कुकर में रोटी बनाई जा सकती है?
उत्तर-
नहीं।

प्रश्न 7.
सोलर बाटर हीटर का मुंह किस तरफ होता है?
उत्तर-
दक्षिण की तरफ।

प्रश्न 8.
सोलर होम लाइटिंग सिस्टम से कितने पंखे तथा लाइटें चला सकते हैं?
उत्तर-
2 ट्यूब, 2 पंखे, 5 से 6 घण्टे के लिए।

प्रश्न 9.
सौर ऊर्जा से किस हीटर द्वारा पानी गर्म होता है?
उत्तर-
थर्मोसाइफीन सोलर वाटर हीटर तथा स्टोरेज-कम-कुलैक्टर सोलर वाटर हीटर दोनों से।

प्रश्न 10.
ऊर्जा के किसी एक औपचारिक स्रोत का नाम बताओ।
उत्तर-
कोयला।

प्रश्न 11.
सोलर कुकर के उपयोग से कितने प्रतिशत औपचारिक ईंधन की बचत होती है?
उत्तर-
20% से 50% तक।

प्रश्न 12.
तहदार ड्रायर में वस्तु रखने वाली थालियों का फ्रेम किस पदार्थ का बना होता है?
उत्तर-
जी० आई० शीटों का।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
सौर ऊर्जा को कौन-कौन से कार्यों के लिए प्रयोग किया जा सकता है ?
उत्तर-
सौर ऊर्जा को पानी गर्म करने, फलों, सब्जियों को सुखाने, भोजन पकाने आदि के लिए प्रयोग किया जा सकता है।

प्रश्न 2.
सीधी धूप में फल तथा सब्जियों को सुखाने का क्या नुकसान है ?
उत्तर-
इस तरह कीड़े, पंछी तथा धूल से फल तथा सब्जियां खराब होते हैं तथा इनके रंग में भी अन्तर आ जाता है।

प्रश्न 3.
सौर हीटर क्या होता है ?
उत्तर-
यह एक उपकरण है जो सौर ऊर्जा को सोखकर गर्मी ऊर्जा में बदल देता है।

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प्रश्न 4.
सोलर वाटर हीटर के कांच की सफ़ाई करना क्यों ज़रूरी है ?
उत्तर-
कांच पर धूल कण आदि जम जाते हैं जिससे सूर्य की किरणें पानी को अच्छी तरह गर्म नहीं कर सकतीं।

प्रश्न 5.
सौर ऊर्जा किस प्रकार एकत्रित की जा सकती है ?
उत्तर-
इसे कई प्रकार के लैंसों द्वारा एकत्रित किया जाता है।

बड़े उत्तर वाला प्रश्न

प्रश्न-
सोलर कुकर के प्रयोग से कितने रिवायती ईंधन की बचत होती है ? सोलर कुकर कितनी प्रकार के हैं ? उनमें क्या कमियां हैं ?
उत्तर-
सोलर कुकर के प्रयोग से 20% से 50% तक रिवायती ईंधन बच सकता है, जो भोजन पकाने के लिए प्रयोग किया जाता है। सौर ऊर्जा गर्मी की शक्ल में कई प्रकार के लैंसों द्वारा एकत्रित की जाती है, जोकि भोजन पकाने के लिए प्रयोग की जाती है।
साधारणतः यह दो तरह के होते हैं—

  1. साधारण सोलर कुकर।
  2. बॉक्सनुमा सोलर कुकर।

कमियां-सोलर कुक्कर को हमेशा सूर्य की तरफ मुख करके रखना पड़ता है तथा बार-बार सैट करना पड़ता है। इनका प्रयोग रोटी पकाने के लिए नहीं किया जा सकता ।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

ठीक/गलत

  1. पानी गर्म करने के लिए सौर हीटर होता है।
  2. सौर-कुकर भोजन पकाने के काम आता है।
  3. पारम्परिक ऊर्जा स्रोत असीमित हैं।

उत्तर-

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पारम्परिक ऊर्जा स्रोत हैं—
(क) कोयला
(ख) वायु
(ग) पानी
(ग) सूर्य।
उत्तर-
(क) कोयला

प्रश्न 2.
गैर-पारम्परिक ऊर्जा स्रोत हैं—
(क) बायोगैस
(ख) सौर ऊर्जा
(ग) रसायनिक ऊर्जा
(घ) सभी ठीक
उत्तर-
(घ) सभी ठीक

प्रश्न 3.
सोलर ड्रायर में सुखाई जाने वाली सब्जियां हैं—
(क) पालक
(ख) मेथी
(ग) मिर्च
(घ) सभी ठीक
उत्तर-
(घ) सभी ठीक

रिक्त स्थान भरें

  1. बायोगैस ……………. स्रोत है।
  2. सोलर लालटेन एक ……………. लाइट है।
  3. सोलर वाटर हीटर ……….. प्रकार के होते हैं।

उत्तर-

  1. गैर-पारम्परिक,
  2. एमरजैंसी,
  3. दो।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 4 सौर-ऊर्जा

सौर-ऊर्जा PSEB 8th Class Agriculture Notes

  • प्राकृतिक ऊर्जा के स्रोतों को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा गया है-परम्परागत तथा गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोत।
  • परम्परागत स्रोत प्रकृति में सीमित हैं। यह हैं-कोयला, बिजली, पैट्रोलियम पदार्थ आदि।
  • गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोत हैं-बायोगैस, सौर-ऊर्जा, रासायनिक ऊर्जा आदि।
  • सूर्य की किरणों से सोलर (सौर) सैल के द्वारा बिजली पैदा की जा सकती है।
  • सोलर (सौर) ड्रायर की सहायता से सब्जियों, फलों को सुखाया जाता है।
  • सोलर (सौर) ड्रायर दो प्रकार के होते हैं—पारिवारिक प्रयोग के लिए, व्यापारिक प्रयोग के लिए।
  • सोलर (सौर) कुकर से सूर्य के प्रकाश में भोजन पकाया जा सकता है।
  • पानी गर्म करने के लिए सोलर हीटर (सौर-जल तापक) होते हैं।
  • पानी गर्म करने वाले सोलर हीटर दो प्रकार के हैं-थर्मोसाइफन सोलर वाटर हीटर, स्टोरेज़ कम-कलैक्टर सोलर वाटर हीटर।
  • सोलर (सौर) लालटैन एमरजैंसी लाइट होती है इसको सूर्य के प्रकाश में चार्ज किया जाता है तथा इसे 3-4 घंटे तक प्रयोग किया जा सकता है।
  • सूर्य प्रकाश से सोलर होम लाइटिंग सिस्टम तथा सोलर स्ट्रीट लाइट आदि भी चलते हैं।
  • सोलर वाटर पंप (सौर जल पम्प) 35-40 फुट पानी के स्तर से पानी निकालने के लिए प्रयोग होते हैं।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 18 जाति-प्रथा को चुनौती

Punjab State Board PSEB 8th Class Social Science Book Solutions History Chapter 18 जाति-प्रथा को चुनौती Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 18 जाति-प्रथा को चुनौती

SST Guide for Class 8 PSEB जाति-प्रथा को चुनौती Textbook Questions and Answers

I. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखें:

प्रश्न 1.
ज्योतिबा फूले ने निम्न जाति के उद्धार के लिए कौन-से कार्य किये ?
उत्तर-
ज्योतिबा फूले महाराष्ट्र के एक महान् समाज-सुधारक थे। उन्होंने निम्न जातियों के लोगों के उद्धार के लिए अनेक महत्त्वपूर्ण कार्य किये।

  • सर्वप्रथम उन्होंने अनुसूचित जाति की कन्याओं की शिक्षा के लिए पुणे में तीन स्कूल खोले। इन स्कूलों में ज्योतिबा फूले तथा उनकी पत्नी सावित्री बाई स्वयं पढ़ाते थे।
  • उन्होंने अपने भाषणों तथा अपनी दो पुस्तकों के माध्यम से ब्राह्मणों तथा पुरोहितों द्वारा अनुसूचित जातियों के लोगों के आर्थिक शोषण की निन्दा की।
  •  उन्होंने अनुसूचित जाति के लोगों को ब्राह्मणों तथा पुरोहितों के बिना ही विवाह की धार्मिक रीति सम्पन्न करने का परामर्श दिया।
  • ज्योतिबा फूले ने 24 सितम्बर, 1873 ई० को सत्यशोधक समाज नामक संस्था स्थापित की। इस संस्था ने अनुसूचित जातियों के लोगों की सामाजिक दासता की निन्दा की तथा उनके लिए सामाजिक न्याय की मांग की।
  • उन्होंने अनुसूचित जाति के निर्धन किसानों तथा काश्तकारों की दशा सुधारने के लिए सरकार से अपील की कि उनसे यथोचित भूमि कर लिया जाये। ज्योतिबा फूले ने अपना सारा जीवन अनुसूचित जाति की महिलाओं की दशा सुधारने के लिए व्यतीत किया। अनुसूचित जाति के लोगों के उद्धार के लिए किए गये अनेक कार्यों के लिए उन्हें ‘महात्मा’ की उपाधि से सम्मानित किया गया।

प्रश्न 2.
समाज सुधारकों ने जाति-प्रथा को ही क्यों निशाना बनाया ?
उत्तर-
जाति आधारित समाज में ब्राह्मणों का बहुत आदर-सत्कार किया जाता था, जबकि शूद्रों की दशा बहुत ही दयनीय थी। उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता था। वे उच्च जाति के लोगों के साथ मेल-मिलाप नहीं रख सकते थे। उन्हें सार्वजनिक कुओं तथा तालाबों का प्रयोग करने की मनाही थी। न तो उन्हें मन्दिरों में जाने दिया जाता था और न ही उन्हें वेदों का पाठ करने की अनुमति थी। उन्हें अछूत समझा जाता था। यदि किसी व्यक्ति पर किसी शूद्र की परछाईं भी पड़ जाती थी, तो उसे (शुद्र को) अपनी जान से हाथ धोना पड़ता था। शूद्रों को झाड़ लगा कर सफ़ाई करने, मृत पशुओं को उठाने तथा उनकी खाल उतारने, जूते तथा चमड़ा बनाने जैसे काम करने के लिए विवश किया जाता था। इन लोगों को समाज के अत्याचारों से बचाने के लिए ही समाज-सुधारकों ने जाति-प्रथा को अपना निशाना बनाया।

प्रश्न 3.
महात्मा गांधी जी ने समाज से छुआछूत समाप्त करने के लिए क्या किया ?
उत्तर-
छुआछूत का अर्थ है–किसी व्यक्ति को छूना भी पाप समझना। समाज के एक बड़े वर्ग को, जिसमें मुख्यत: शूद्र शामिल थे. अछुत समझा जाता था। इन लोगों की दशा बहुत दयनीय थी। महात्मा गांधी ने छूतछात को समाप्त करने के लिए निम्नलिखित पग उठाए

  • गांधी जी ने अछूतों को ईश्वर की संतान बताया और कहा कि उनके साथ समानता का व्यवहार किया जाये।
  • अछूतों की भलाई के लिए गांधी जी ने वर्धा से अपनी यात्रा आरम्भ की। वह जहां भी गए, उन्होंने वहां के लोगों को पिछड़े वर्गों के लिए स्कूल तथा मन्दिरों के द्वार खोल देने को कहा।
  • उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि अछूतों को सड़कों, कुओं तथा अन्य सार्वजनिक स्थानों का प्रयोग करने से न रोका जाये।
  • उन्होंने अपनी यात्राओं के दौरान पिछड़े वर्गों के लोगों की भलाई के लिए फण्ड भी एकत्रित किया।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 18 जाति-प्रथा को चुनौती

प्रश्न 4.
वीरसलिंगम को वर्तमान आन्ध्र प्रदेश के पैगम्बर क्यों कहा जाता है ?
उत्तर-
कन्दूकरी वीरसलिंगम आन्ध्र प्रदेश के एक महान् समाज-सुधारक थे। समाज-सुधारक होने के साथ-साथ वह एक महान् विद्वान् भी थे। उन्होंने प्राइमरी स्कूल में पढ़ते समय ही समाज में प्रचलित खोखले रीति-रिवाजों तथा धार्मिक विश्वासों की निन्दा की थी। जब वे स्कूल में अध्यापक थे, तब उन्होंने महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष आरम्भ किया था। वे अन्तर्जातीय विवाहों के पक्ष में थे। उन्होंने जाति-प्रथा की कड़ी निन्दा की तथा अस्पृश्यता (छुआछूत) समाप्त करने के लिए प्रचार किया।

वीरसलिंगम एक प्रसिद्ध लेखक भी थे। उन्होंने अपने लेखों तथा नाटकों के माध्यम से जाति-प्रथा समाप्त करने के लिए प्रचार किया। वे पिछड़े वर्गों एवं निर्धन लोगों की सदा सहायता करते थे। उन्होंने बालकों एवं बालिकाओं की अति अल्प आयु में विवाह की प्रथा के विरुद्ध कड़ा संघर्ष किया। उन्होंने विधवा पुनर्विवाह को कानूनी मान्यता दिलाने के लिए अनेक यत्न किये।

वीरसलिंगम जीवन भर समाज-सेवा, समाज-सुधार तथा अनुसूचित जातियों के लोगों का उद्धार करने में जुटे रहे। इसीलिए उन्हें वर्तमान आन्ध्र प्रदेश राज्य का पैगम्बर कहा जाता है।

प्रश्न 5.
श्री नारायण गुरु ने निम्न जाति की भलाई के लिए क्या योगदान दिया ?
उत्तर-
श्री नारायण गुरु केरल राज्य के एक महान् समाज सुधारक थे। उनका जन्म 1856 ई० में करल में हुआ था। वह जीवन भर अनुसूचित जातियों, विशेषतया एजहेवज़ जाति के लोगों के उद्धार के लिए संघर्ष करते रहे। अन्य जातियों के लोग इस जाति के लोगों को ‘अछूत’ (अस्पृश्य) समझते थे। श्री नारायण गुरु जी इस अन्याय को सहन न कर सके। अत: उन्होंने एजहेवज़ जाति तथा अन्य निम्न जातियों के लोगों के उद्धार के लिए लम्बे समय तक संघर्ष किया। उन्होंने समाज-सुधार के लिए 1903 ई० में ‘श्री नारायण धर्म परिपालन योगम्’ की स्थापना की। उन्होंने जाति एवं धर्म के आधार पर किये जा रहे भेद-भाव का विरोध किया तथा निम्न जाति के लोगों को समाज में उचित स्थान दिलाने के लिए भरसक प्रयत्न किये।

प्रश्न 6.
महात्मा गांधी जी ने निम्न जाति के लोगों के लिए किस शब्द का प्रयोग किया तथा उसका भावार्थ क्या था ?
उत्तर-
महात्मा गांधी ने निम्न जाति के लोगों के लिए ‘हरिजन’ शब्द का प्रयोग किया जिसका भावार्थ है ‘परमात्मा के बच्चे।

प्रश्न 7.
महात्मा गांधी जी द्वारा निम्न जाति के लोगों का उद्धार करने के लिए किए गये कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर-
(1) महात्मा गांधी अस्पृश्यता को पाप मानते थे। 1920 ई० में महात्मा गांधी के नेतृत्व में ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध असहयोग आन्दोलन आरम्भ किया गया। इस आन्दोलन के कार्यक्रम की रूप-रेखा में समाज में अस्पृश्यता समाप्त करना भी सम्मिलित था। 1920 ई० में नागपुर में निम्न जातियों के लोगों का सम्मेलन हुआ। इस सम्मेलन में महात्मा गांधी ने अस्पृश्यता की निन्दा की। उन्होंने हिन्दू लोगों में अस्पृश्यता के प्रचलन को भारत का सबसे बड़ा अपराध बताया। परन्तु महात्मा गांधी को इस बात से बहुत कष्ट हुआ कि असहयोग आन्दोलन में कांग्रेस ने समाज से अस्पृश्यता को समाप्त करने के लिए आवश्यक प्रयत्न नहीं किये। इसी कारण ही निम्न जातियों के लोगों ने असहयोग आन्दोलन में कांग्रेस का साथ नहीं दिया था। वे हिन्दू-स्वराज की अपेक्षा ब्रिटिश शासन को ही अच्छा समझते थे।

(2) असहयोग आन्दोलन स्थगित हो जाने के पश्चात् महात्मा गांधी ने कांग्रेसी संस्थाओं को आदेश दिया कि वे अनुसूचित जातियों के लोगों के हित के लिए उन्हें संगठित करें और उनकी सामाजिक, मानसिक तथा नैतिक दशा सुधारने के लिए प्रयत्न करें। उन्हें वे सभी सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए जो अन्य नागरिकों को प्राप्त हैं। – (3) 1921 ई० से 1923 ई० के बीच कांग्रेस द्वारा विकास कार्यक्रम पर खर्च की गई 49.5 लाख रुपये की राशि में से अनुसूचित जाति के लोगों के हित के लिए केवल 43,381 रुपये ही खर्च किये गये थे। भले ही अनुसूचित जाति के लोगों ने महात्मा गांधी द्वारा आरम्भ किये गये असहयोग आन्दोलन में भाग नहीं लिया था, फिर भी गान्धी जी ने उन लोगों की दशा सुधारने के लिए अनेकों प्रयत्न किये थे।

गांधी जी के कुछ महत्त्वपूर्ण कार्य-महात्मा गांधी जी द्वारा अछूतों के उद्धार के लिए किए गए कार्यों में से निम्नलिखित कार्य बहुत ही महत्त्वपूर्ण थे-

  • गांधी जी ने अछूतों को ईश्वर की संतान बताया और कहा कि उनके साथ समानता का व्यवहार किया जाये।
  • अछूतों की भलाई के लिए गांधी जी ने वर्धा से अपनी यात्रा आरम्भ की। वह जहां भी गए, उन्होंने वहां के लोगों को पिछड़े वर्गों के लिए स्कूलों तथा मन्दिरों के द्वार खोल देने को कहा।
  • उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि अछूतों को सड़कों, कुओं तथा अन्य सार्वजनिक स्थानों का प्रयोग करने से न रोका जाये।
  • उन्होंने अपनी यात्राओं के दौरान पिछड़े वर्गों के लोगों की भलाई के लिए फण्ड भी एकत्रित किया।

कई स्थानों पर कुछ सनातनी हिन्दू लोगों ने गांधी जी के भाषणों का विरोध किया। पुणे में तो उन पर बम फेंकने का यत्न किया गया। परन्तु विरोधियों को सफलता नहीं मिली।

प्रश्न 8.
भारतीय समाज सुधारकों द्वारा निम्न जाति के लोगों का उद्धार करने के लिए की गई गतिविधियों के प्रभाव का वर्णन करें।
उत्तर-
19वीं शताब्दी से लेकर 20वीं शताब्दी के आरम्भ तक भारतीय समाज में अनेक बुराइयां थीं। इनमें सती _प्रथा, कन्या वध, जाति प्रथा, दहेज प्रथा, बाल विवाह तथा विधवाओं को पुनर्विवाह न करने जैसी आदि बुराइयां मुख्य थीं। भारतीय समाज सुधारकों ने भारतीय समाज की इन सामाजिक एवं धार्मिक बुराइयों को दूर करने के लिए अनेक प्रयत्न किये। वास्तव में समाज-सुधारकों के प्रयत्नों के बिना समाज में प्रचलित बुराइयों को दूर करना बहुत ही कठिन था। उनके द्वारा बुराइयों को समाप्त करने के लिए किये गये प्रयत्नों के निम्नलिखित परिणाम निकले

1. सुधार आन्दोलन-बुराइयों को समाप्त करने के लिए समाज सुधारकों ने सुधार आन्दोलन चलाए। इनमें ब्रह्म समाज, आर्य समाज, नामधारी लहर, सिंह सभा, रामकृष्ण मिशन, अलीगढ़ आन्दोलन आदि ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। इन आन्दोलनों के प्रयत्नों से समाज में से सती-प्रथा, बहु-विवाह प्रथा, बाल-विवाह, पर्दा-प्रथा तथा कई अन्य बुराइयां कमज़ोर पड़ गईं।

2. कानूनी प्रयास- भारतीय समाज-सुधारकों द्वारा जोर देने पर ब्रिटिश सरकार ने सामाजिक-धार्मिक बुराइयों को समाप्त करने के लिए कई कानून लागू किये-

  • 1829 ई० में लॉर्ड विलियम बैंटिंक ने सती प्रथा को गैर-कानूनी (अवैधानिक) घोषित किया। उसने अपने शासन काल में कन्या-वध तथा नर-बलि के विरुद्ध भी कानून पारित किये।
  • 1891 ई० में बाल-विवाह प्रथा को अवैधानिक घोषित कर दिया गया।

3. राष्ट्रवाद की भावना का उदय-भारतीय समाज-सुधारकों के प्रयत्नों के फलस्वरूप भारत के लोगों में राष्ट्रवाद – की भावना उत्पन्न हुई जिससे नये भारत का निर्माण करना सम्भव हो सका।

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :

1. समाज चार वर्गों में बंटा हुआ था-ब्राह्मण, क्षत्रिय, ………… तथा शूद्र।
2. ज्योतिबा फूले को …………. की उपाधि से सम्मानित किया गया।
3. डॉ० भीमराव अम्बेडकर ने …………ई० में इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी ऑफ इण्डिया की स्थापना की।
4. महात्मा गांधी ने निम्न जाति के लोगों के लिए हरिजन शब्द का प्रयोग किया जिसका अर्थ था ………..
उत्तर-

  1. वैश्य
  2. महात्मा
  3. 1936
  4. परमार के बच्चे।

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III. सही जोड़े बनाएं:

1. ज्योतिबा फूले – श्री नारायण धर्म प्रतिपालन योगम
2. पेरियार रामास्वामी – आंध्र प्रदेश राज्य के पैग़म्बर
3. वीरसलिंगम – तमिलनाडु के महान् समाज सुधारक
4. श्री नारायण गुरु – सत्य शोधक समाज नामक संस्था।
उत्तर-

  1. ज्योतिबा फूले – सत्य शोधक समाज नामक संस्था।
  2. पेरियार रामास्वामी – तमिलनाडु के महान् समाज सुधारक
  3. वीरसलिंगम – आंध्र प्रदेश राज्य के पैग़म्बर
  4. श्री नारायण गुरु – श्री नारायण धर्म प्रतिपालन योगम।

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वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Multiple Choice Questions

(क) सही विकल्प चुनिए :

प्रश्न 1.
सत्यशोधक समाज के संस्थापक थे –
(i) वीरसलिंगम
(ii) ज्योतिबा फुले
(iii) श्री नारायण गुरु
(iv) महात्मा गाँधी।
उत्तर-
ज्योतिबा फूले

प्रश्न 2.
बाल विवाह की प्रथा को गैर कानूनी घोषित किया गया –
(i) 1891 ई० में
(ii) 1829 ई० में
(iii) 1856 ई० में
(iv) 1875 ई० में।
उत्तर-
1891 ई० में

प्रश्न 3.
1936 ई० में ‘इण्डिपेंडेंट लेबर पार्टी ऑफ इण्डिया’ की स्थापना की –
(i) ज्योतिबा फूले
(ii) वीरसलिंगम
(iii) डॉ० भीमराव अम्बेडकर
(iv) पेरियार रामास्वामी।
उत्तर-
डॉ० भीमराव अम्बेडकर

प्रश्न 4.
अस्पृश्यता को समाप्त करने के लिए ‘बैंकोम’ सत्याग्रह आरम्भ किया
(i) ज्योतिवा फूले
(ii) वीरसलिंगम
(iii) डॉ० भीमराव अम्बेडकर
(iv) पैरियार रामास्वामी।
उत्तर-
पैरियार रामास्वामी

प्रश्न 5.
‘श्री नारायण धर्म प्रतिपालन योगम’ नामक संस्था की स्थापना की –
(i) श्री नारायण गुरु
(ii) श्री नारायण स्वामी
(iii) श्री चैतन्य नारायण
(iv) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
श्री नारायण गुरु।

(ख) सही कथन पर (✓) तथा गलत कथन पर (✗) का निशान लगाएं :

1. महात्मा गांधी जी छुआ-छत को पाप समझते थे।
2. बहिकृत हितकारिणी सभा ने उच्च जातियों के हितों की रक्षा की।
3. वीर सलिंगम अंतर्जातीय विवाह के पक्ष में थे।
उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗),
  3. (✓) .

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अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
19वीं तथा 20वीं शताब्दी के किन्हीं चार समाज-सुधारकों के नाम बताओ।
उत्तर-
(1) ज्योतिबा फुले (2) वीरसलिंगम (3) श्री नारायण गुरु (4) महात्मा गांधी।

प्रश्न 2.
सती प्रथा को कब और किसने गैर-कानूनी घोषित किया ?
उत्तर-
सती प्रथा को 1829 ई० में लॉर्ड विलियम बैंटिंक ने गैर-कानूनी घोषित किया।

प्रश्न 3.
ज्योतिबा फूले कौन था तथा उसने निम्न अनुसूचित जाति के लोगों के उद्धार के लिए पहला महत्त्वपूर्ण कार्य क्या किया ?
उत्तर-
ज्योतिबा फूले महाराष्ट्र के एक महान् समाज सुधारक थे। उन्होंने अनुसूचित जातियों के लोगों के उद्धार के लिए अनेक कार्य किए। इस उद्देश्य से सबसे पहले, उन्होंने पुणे में तीन स्कूल खोले जहां निम्न जातियों की लड़कियों को शिक्षा दी जाती थी।

प्रश्न 4.
ज्योतिबा फूले ने सत्यशोधक समाज की स्थापना कब की तथा इसके प्रथम प्रधान तथा सैक्रेटरी कौन-कौन थे ?
उत्तर-
ज्योतिबा फूले ने सत्यशोधक समाज की स्थापना 24 सितम्बर, 1873 ई० को की। इसके पहले प्रधान स्वयं ज्योतिबा फूले तथा सैक्रेटरी नारायण राव, गोविंद राव कडालक थे।

प्रश्न 5.
श्री नारायण गुरु का जन्म कब, कहां तथा किस जाति में हुआ ?
उत्तर-
श्री नारायण गुरु का जन्म 1856 ई० में केरल राज्य में एज़हेवज़ जाति में हुआ।

प्रश्न 6.
पेरियार रामा स्वामी ने समाज से अछूत प्रथा समाप्त करने के लिए कौन-सा सत्याग्रह आरम्भ किया तथा इसमें कौन-से राष्ट्रीय नेताओं ने भाग लिया?
उत्तर-
पेरियार रामा स्वामी ने समाज में अछूत प्रथा समाप्त करने के लिए वैकोम सत्याग्रह आरम्भ किया। इस सत्याग्रह में महात्मा गांधी, सी० राज गोपालाचार्य, विनोबा भावे आदि राष्ट्रीय नेताओं ने भाग लिया।

प्रश्न 7.
डॉ० अम्बेदकर ने अनुसूचित जाति के लोगों की भलाई के लिए कौन-से दो संघों की स्थापना की तथा कौन-से समाचार-पत्र निकाले ?
उत्तर-
डॉ० अम्बेदकर ने अनुसूचित जाति के लोगों की भलाई के लिए बहिष्कृत हितकारिणी सभा तथा समाज समत संघ की स्थापना की। उन्होंने मूकनायक, बहिष्कृत भारत तथा जनता आदि समाचार-पत्र निकाले।

प्रश्न 8.
बाल-विवाह की प्रथा को कब गैर-कानूनी घोषित किया गया ?
उत्तर-
1891 ई० में।

प्रश्न 9.
इण्डिपेंडेंट लेबर पार्टी ऑफ़ इण्डिया की स्थापना कब और किसने की ?
उत्तर-
इण्डिपेंडेंट लेबर पार्टी ऑफ़ इण्डिया की स्थापना 1936 ई० में डॉ० भीमराव अम्बेदकर ने की।

प्रश्न 10.
प्राचीन भारतीय समाज कौन-से चार वर्गों में बंटा हुआ था ? इस बंटवारे का आधार क्या था ?
उत्तर-
प्राचीन भारतीय समाज ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य तथा शूद्र नामक चार वर्गों में बंटा हुआ था। इस बंटवारे का आधार काम-धन्धे थे।

प्रश्न 11.
जाति-प्रथा किस काल में कठोर हो गई और कैसे ?
उत्तर-
जाति-प्रथा राजपूत काल में कठोर हो गई, क्योंकि इस काल में चार मुख्य जातियों के अतिरिक्त और भी कई जातियां तथा उप-जातियां पैदा हो गईं।

प्रश्न 12.
19वीं तथा 20वीं शताब्दी के किन्हीं चार समाज-सुधारकों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. ज्योतिबा फुले
  2. वीरसलिंगम
  3. श्री नारायण गुरु
  4. महात्मा गांधी।

प्रश्न 13.
19वीं तथा 20वीं शताब्दी में भारतीय समाज में प्रचलित किन्हीं चार बुराइयों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. सती प्रथा
  2. बाल विवाह
  3. कन्या वध
  4. विधवाओं को पुनर्विवाह की मनाही।

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प्रश्न 14.
19वीं तथा 20वीं शताब्दी के किन्हीं चार सामाजिक-धार्मिक सुधार आन्दोलनों के नाम लिखो।
उत्तर-

  1. ब्रह्म समाज
  2. आर्य समाज
  3. रामकृष्ण मिशन
  4. नामधारी लहर।

प्रश्न 15.
सती प्रथा को कब और किसने गैर-कानूनी घोषित किया ?
उत्तर-
सती प्रथा को 1829 ई० में लॉर्ड विलियम बैंटिंक ने गैर-कानूनी घोषित किया।

प्रश्न 16.
बाल-विवाह की प्रथा को कब गैर-कानूनी घोषित किया गया ?
उत्तर-
1891 ई० में।

प्रश्न 17.
गांधी जी के असहयोग आन्दोलन में अनुसूचित जाति के लोगों ने हिस्सा क्यों नहीं लिया ?
उत्तर-
असहयोग आन्दोलन में अनुसूचित जाति के लोगों ने इसलिए हिस्सा नहीं लिया क्योंकि तब तक कांग्रेस ने समाज से छुआछूत को समाप्त करने के लिए कोई ठोस पग नहीं उठाया था।

प्रश्न 18.
इण्डिपेंडेंट लेबर पार्टी ऑफ़ इण्डिया की स्थापना कब और किसने की ?
उत्तर-
इण्डिपेंडेंट लेबर पार्टी ऑफ़ इण्डिया की स्थापना 1936 ई० में डॉ० भीमराव अम्बेदकर ने की।

प्रश्न 19.
डॉ० भीमराव अम्बेदकर द्वारा गठित दो राजनीतिक दलों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. लेबर पार्टी
  2. शैड्यूल कास्ट फेडरेशन।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पेरियार रामा स्वामी कौन थे ? उन्होंने अनुसूचित जातियों के लोगों के हितों की रक्षा के लिए क्या किया ?
उत्तर-
पेरियार रामा स्वामी तमिलनाडु के महान् समाज-सुधारक थे। उनका जन्म 17 सितम्बर, 1879 ई० को चेन्नई (मद्रास) में हुआ था। उन्होंने अनुभव किया कि समाज में अनुसूचित जाति के लोगों को अछूत समझा जाता है। इसके अतिरिक्त इन लोगों को सामाजिक रीति-रिवाजों में भाग लेने, दूसरी जातियों के साथ मेल-मिलाप करने तथा शिक्षा प्राप्त करने की मनाही है। अतः उन्होंने इन लोगों के हितों की रक्षा के लिए द्रविड़ काज़गाम नामक संस्था स्थापित की।
इस संस्था ने अनुसूचित जाति के लोगों को सरकारी सेवाओं में आरक्षण दिलाने के प्रयास किये। फलस्वरूप जिन जातियों के साथ भेद-भाव किया जाता था उनके अधिकारों की रक्षा के लिए भारत के संविधान में प्रथम संशोधन किया गया। पेरियार रामा स्वामी ने अस्पृश्यता को समाप्त करने के लिए ‘वैकोम’ सत्याग्रह आरम्भ किया। इस प्रकार पेरियार रामा स्वामी ने तमिलनाडु में अनुसूचित जाति के लोगों के अधिकारों की रक्षा की।

प्रश्न 2.
भारतीय नारी की दशा सुधारने के लिए आधुनिक सुधारकों द्वारा किए गए कोई चार कार्य लिखिए।
उत्तर-

  1. सती प्रथा का अन्त-सती प्रथा स्त्री जाति के उत्थान में बहुत बड़ी बाधा थी। आधुनिक समाजसुधारकों के अथक प्रयत्नों से इस अमानवीय प्रथा का अन्त हो गया।
  2. विधवा विवाह की आज्ञा-समाज में विधवाओं की दशा बड़ी खराब थी। उन्हें पुनः विवाह करने की आज्ञा नहीं थी। इस कारण कई विधवाएं पथ-भ्रष्ट हो जाती थीं। आधुनिक समाज-सुधारकों के प्रयत्नों से उन्हें दोबारा विवाह करने की आज्ञा मिल गई।
  3. पर्दा-प्रथा का विरोध आधुनिक सुधारकों का विश्वास था कि पर्दे में रहकर नारी कभी उन्नति नहीं कर सकती। इसलिए उन्होंने स्त्रियों को पर्दा न करने के लिए प्रेरित किया। .
  4. स्त्री-शिक्षा पर बल-स्त्रियों के स्तर को ऊँचा उठाने के लिए समाज सुधारकों ने स्त्री-शिक्षा पर विशेष बल दिया। स्त्रियों की शिक्षा के लिए अनेक स्कूल भी खोले गए।

निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
डॉ० बी० आर० अम्बेदकर द्वारा अनुसूचित जाति के लोगों के उद्धार के लिए की गई गतिविधियों के प्रभाव का वर्णन करें।
उत्तर-
डॉ० भीमराव अम्बेदकर को अनुसूचित जातियों का मसीहा कहा जाता है। उन्होंने समाज तथा सरकार से अनुसूचित जातियों के लोगों के साथ न्याय करने की मांग की। इन लोगों को उनके उचित अधिकार दिलाने के लिए उन्होंने सत्याग्रह तथा प्रदर्शन किए। इस दिशा में उनके योगदान का वर्णन इस प्रकार है

  • 1918 ई० में अम्बेदकर जी ने साऊथबोरो रिफ़ार्ज़ कमेटी से मांग की कि अनुसूचित जातियों के लोगों के लिए सभी प्रान्तों की विधान परिषदों तथा केन्द्रीय विधान परिषद् में उनकी जनसंख्या के अनुपात में सीटें संरक्षित की जायें। इसके अतिरिक्त उनके लिए अलग से चुनाव क्षेत्र निश्चित किये जाएं, परन्तु कमेटो ने यह मांग नहीं मानी।
  • 1931 ई० की गोलमेज़ काफ्रेंस में अम्बेदकर जी ने अनुसूचित जाति के लोगों को राजनीतिक अधिकार देने की सिफ़ारिश की। इस सिफ़ारिश को काफ़ी सीमा तक 16 अगस्त, 1932 ई० को ब्रिटिश प्रधानमन्त्री द्वारा तैयार किए गए ‘कम्युनल अवार्ड’ में शामिल कर लिया गया।
  • अनुसूचित जाति के लोगों के सामाजिक तथा राजनीतिक अधिकारों के लिए नागपुर, कोल्हापुर आदि स्थानों पर सम्मेलन हुए। डॉ० साहिब ने इन सम्मेलनों में भाग लिया।
  • उन्होंने इन जातियों के लोगों के उद्धार से सम्बन्धित प्रचार करने के लिए ‘बहिष्कृत हितकारिणी सभा’ तथा ‘समाज संमत संघ’ की स्थापना की। इस उद्देश्य से उन्होंने ‘मूक नायक’, ‘बहिष्कृत भारत’, ‘जनता’ आदि समाचारपत्र प्रकाशित करने भी आरम्भ किये।
  • उन्होंने अनुसूचित जातियों के लोगों को दूसरी जातियों के लोगों के समान सार्वजनिक कुओं से पानी भरने तथा मन्दिरों में प्रवेश का अधिकार दिलाने के लिए सत्याग्रह आरंभ किया।
  • बम्बई (मुम्बई) लेजिस्लेटिव असेम्बली का सदस्य होने के नाते उन्होंने 1926 ई० से लेकर 1934 ई० तक किसानों, मज़दूरों तथा अन्य निर्धन लोगों के उद्धार के लिए कई बिल प्रस्तुत किये जो रूढ़िवादी सदस्यों के विरोध के कारण पास नहीं हो सके।
  • अक्तूबर, 1936 ई० में उन्होंने इण्डिपेंडेंट लेबर पार्टी ऑफ़ इण्डिया की स्थापना की जिसने 1937 ई० में प्रेज़िडेंसी की लेजिस्लेटिव असेम्बली के लिए हुए चुनाव में अनुसूचित जातियों के लिए संरक्षित सीटों पर जीत प्राप्त की।
  • अम्बेदकर जी ने ‘लेबर पार्टी’ तथा ‘शेड्यूल्ड कॉस्ट फेडरेशन’ नामक राजनीतिक दलों का संगठन किया। उनके प्रबल अनुरोध के फलस्वरूप भारत के संविधान में अनुसूचित जातियों तथा कबीलों के लोगों को विशेष सुविधाएं देने की व्यवस्था की गयी।
  • उनके प्रयत्नों के कारण सरकार ने अस्पृश्यता (छूआछात) को गैर-कानूनी (अवैधानिक) घोषित कर दिया।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 18 जाति-प्रथा को चुनौती

जाति-प्रथा को चुनौती PSEB 8th Class Social Science Notes

  • जाति-प्रथा – प्राचीन भारत में समाज चार मुख्य जातियों में बंटा हुआ था–ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य तथा शूद्र । राजपूत काल में और भी कई जातियां तथा उपजातियां उत्पन्न हो गईं जिससे जाति प्रथा जटिल हो गई।
  • छुआछूत – जाति आधारित समाज में ब्राह्मणों को उच्च स्थान प्राप्त था। उनका बड़ा आदर-सत्कार होता था। परन्तु शूद्रों की दशा दयनीय थी। लोग उन्हें छूना भी पाप समझते थे जिसे छुआछूत का नाम दिया जाता है।
  • जाति-प्रथा को चुनौती – ज्योतिबा फुले, डॉ० भीमराव अम्बेदकर, परियार रामास्वामी, वीरेस लिंगम तथा महात्मा गांधी जैसे समाज सुधारकों ने जातीय भेदभाव को चुनौती दी तथा निम्न जातियों के अधिकारों की मांग की।
  • सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध कानून – अंग्रेज़ी सरकार ने कानूनों द्वारा सती प्रथा (1829 ई०) तथा बाल विवाह (1891 ई०) जैसी सामाजिक बुराइयों पर रोक लगा दी।
  • अस्पृश्यता (छुआछूत ) का उन्मूलन – समाज सुधारकों के प्रयत्नों से भारतीय संविधान में अस्पृश्यता को गैर-कानूनी घोषित कर दिया गया है।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 28 न्यायपालिका की कार्यविधि तथा विशेषाधिकार

Punjab State Board PSEB 8th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 28 न्यायपालिका की कार्यविधि तथा विशेषाधिकार Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 28 न्यायपालिका की कार्यविधि तथा विशेषाधिकार

SST Guide for Class 8 PSEB न्यायपालिका की कार्यविधि तथा विशेषाधिकार Textbook Questions and Answers

I. खाली स्थान भरो:

1. ………… पहली सूचना रिपोर्ट को कहते हैं।
2. भारत की सबसे बड़ी अदालत …………. है।
3. सरकार के मुख्य अंग ………… हैं।
4. सुप्रीम कोर्ट (सर्वोच्च न्यायालय) का जज (न्यायाधीश) …………. साल और हाईकोर्ट (उच्च न्यायालय) का न्यायाधीश …………. साल तक अपने पद पर बने रहते हैं।
5. पी०आई०एल० से तात्पर्य ………… है।
6. फ़ौजदारी मुकद्दमा धारा …………. अधीन दर्ज किया जाता है।
उत्तर-

  1. FIR
  2. सर्वोच्च न्यायालय/सुप्रीम कोर्ट
  3. विधानपालिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका
  4. 65, 62
  5. जनहित मुकद्दमें
  6. 134.

II. निम्नलिखित वाक्यों में सही (✓) या गलत (✗) का निशान लगाओ :

1. न्यायपालिका को संविधान की रक्षक कहा जाता है। – (✓)
2. भारत में दोहरी न्याय प्रणाली लागू है। – (✗)
3. जिला अदालत के विरुद्ध उच्च अदालत में अपील नहीं हो सकती है। – (✗)
4. न्यायाधीश की नियुक्ति प्रधानमन्त्री द्वारा की जाती है। – (✗)
5. ज़मीन-जायदाद से सम्बन्धित झगड़े फ़ौजदारी झगड़े होते हैं। – (✗)

III. बहुविकल्पीय प्रश्न :

प्रश्न 1.
सर्वोच्च अदालत को विशेष अधिकार संविधान की किस धारा के अनुसार दिए गए हैं ?
(क) धारा-134
(ख) धारा-135
(ग) धारा-136
(घ) धारा-137
उत्तर-
(ग) धारा-136

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 28 न्यायपालिका की कार्यविधि तथा विशेषाधिकार

प्रश्न 2.
उच्च अदालतों का गठन कैसे किया जाता है ?
(क) जिला स्तर
(ख) तहसील स्तर
(ग) राज्य स्तर
(घ) गांव स्तर।
उत्तर-
राज्य स्तर

प्रश्न 3.
जनहित मुकद्दमें किस प्रकार दर्ज हो सकते हैं ?
(क) निजी हितों की रक्षा हेतु
(ख) सरकारी हितों की रक्षा हेतु
(ग) जनतक हितों की रक्षा हेतु
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
जनता के हितों की रक्षा के लिए।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 28 न्यायपालिका की कार्यविधि तथा विशेषाधिकार

IV. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर 1-15 शब्दों में दो :

प्रश्न 1.
न्यायपालिका किस को कहते हैं ?
उत्तर-
न्यायपालिका सरकार का वह अंग है जो न्याय करती है। यह संविधान तथा मौलिक अधिकारों की रक्षा करती है और कानून का उल्लंघन करने वालों को दण्ड देती है।

प्रश्न 2.
भारत की सबसे बड़ी अदालत कौन-सी है और यह कहां पर स्थित है ?
उत्तर-
भारत की सबसे बड़ी अदालत को सर्वोच्च न्यायालय कहते हैं। भारत का सर्वोच्च न्यायालय भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है।

प्रश्न 3.
मुख्य मुकद्दमें कौन-से होते हैं ?
उत्तर-
मुख्य मुकद्दमें दो प्रकार के होते हैं-सिविल मुकद्दमें तथा फ़ौजदारी मुकद्दमें। सिविल मुकद्दमों में मौलिक अधिकार, विवाह, तलाक, सम्पत्ति, ज़मीनी झगड़े आदि शामिल हैं। फ़ौजदारी मुकद्दमों का सम्बन्ध मारपीट, लड़ाईझगड़ों तथा गाली-गलोच आदि से है।

प्रश्न 4.
सिविल (दीवानी) मुकद्दमा क्या है ?
उत्तर-
सिविल मुकद्दमें आम लोगों से सम्बन्धित होते हैं। इन विवादों में नागरिकों के मौलिक अधिकार, विवाह, तलाक, बलात्कार, सम्पत्ति तथा भूमि सम्बन्धी झगड़े आदि आते हैं। इनका सम्बन्ध निजी जीवन से होता है। इनमें दीवानी मुकद्दमें भी शामिल हैं।

प्रश्न 5.
सरकारी वकील कौन होते हैं ?
उत्तर-
जो वकील सरकार की ओर से मुकद्दमा लड़ते हैं, उन्हें सरकारी वकील कहा जाता है।

प्रश्न 6.
जनहित मुकद्दमा (PIL) क्या है ?
उत्तर-
जन-हित-मुकद्दमा सरकार के किसी विभाग या अधिकारी या संस्था के विरुद्ध दायर किया जाता है। ऐसे मुकद्दमें का सम्बन्ध सार्वजनिक हित से होना अनिवार्य है। किसी के निजी हितों की रक्षा के लिए जन-हित-मुकद्दमेबाज़ी की शरण नहीं ली जा सकती। ऐसे केसों की पैरवी सरकारी वकीलों द्वारा ही की जाती है।

प्रश्न 7.
एफ० आई० आर० (प्रथम सूचना शिकायत) क्या है ?
उत्तर-
एफ० आई० आर० का अर्थ है-किसी तरह की दुर्घटना होने पर सबसे पहले पुलिस को सूचित करना। यह सूचना समीप के पुलिस केन्द्र को देनी होती है।

V. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर 50-60 शब्दों में दो :

प्रश्न 1.
न्यायपालिका का महत्त्व वर्णन करें।
उत्तर-
न्यायपालिका सरकार का वह अंग है जो न्याय करता है। लोकतन्त्रीय सरकार में न्यायपालिका का विशेष महत्त्व है क्योंकि इसे ‘संविधान की रक्षक’, लोकतन्त्र की पहरेदार और अधिकारों एवं स्वतन्त्रताओं की समर्थक माना गया है। संघीय प्रणाली में न्यायपालिका की महत्ता और भी अधिक है क्योंकि संघीय प्रणाली में केन्द्र एवं राज्य सरकारों के मध्य होने वाले झगड़ों का निपटारा करने, संविधान की रक्षा करने तथा इसकी निरपेक्ष व्याख्या करने के लिए न्यायपालिका को विशेष भूमिका निभानी पड़ती है। किसी सरकार की श्रेष्ठता को परखने के लिए उसकी न्यायपालिका की निपुणता सबसे बड़ी कसौटी है।

प्रश्न 2.
भारत में न्यायपालिका के विशेष अधिकार लिखें।
उत्तर-
न्याययिक पुनर्निरीक्षण न्यायपालिका का विशेष अधिकार है। इसके अनुसार न्यायपालिका यह देखती है कि विधानपालिका द्वारा पारित किया गया कोई कानून या कार्यपालिका द्वारा जारी कोई अध्यादेश संविधान के विरुद्ध तो नहीं है। यदि न्यायपालिका को महसूस हो कि यह संविधान के विरुद्ध है , तो वह उसे (कानून या अध्यादेश को) रद्द कर सकती है। अपने इसी अधिकार के कारण ही न्यायापालिका संविधान की संरक्षक कहलाती है।

प्रश्न 3.
भारत की एकल न्यायिक प्रणाली के बारे में लिखो।
उत्तर-
भारत में एकल न्यायपालिका की व्यवस्था की गई है। सर्वोच्च न्यायालय भारत का सबसे बड़ा न्यायालय है जो भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है। प्रांतों के अपने-अपने न्यायालय हैं जिन्हें हाईकोर्ट (उच्च न्यायालय) कहा जाता है। जिला स्तर पर सत्र न्यायालय कार्य करते हैं। इसके अतिरिक्त तहसील स्तर पर उपमण्डल मैजिस्ट्रेट है। स्थानीय स्तर पर न्याय का कार्य पंचायतें तथा न्यायपालिका-निगमें करती हैं। सभी न्यायालय क्रमवार सर्वोच्च न्यायालय के अधीन हैं। यदि कोई निम्न अदालत के न्याय से प्रसन्न नहीं है तो वह उच्च न्यायालय में अपील कर सकता है।

प्रश्न 4.
फ़ौजदारी मुकद्दमें कौन-से होते हैं ? सिविल तथा फ़ौजदारी मुकद्दमों में अन्तर लिखें।
उत्तर-
फ़ौजदारी मुकद्दमों में मारपीट, लड़ाई-झगड़े, गाली-गलोच आदि के मुकद्दमें शामिल हैं। किसी व्यक्ति को शारीरिक हानि पहुंचाने के मामले फ़ौजदारी मुकद्दमों में आते हैं। उदाहरण के लिए जब कोई व्यक्ति किसी की भूमि पर अनुचित अधिकार कर लेता है तो वह दीवानी मुकद्दमें का विषय है। परन्तु जब दोनों पक्षों में लड़ाई-झगड़ा या मारपीट होती है और एक-दूसरे की शारीरिक हानि होती है, तो यह मुकद्दमा दीवानी के साथ-साथ फ़ौजदारी भी बन जाता है। इरादा-ए-कत्ल (Intention to Murder) या हत्या करने की भावना भी फ़ौजदारी मुकद्दमें में शामिल है। जब किसी पर धारा 134 के अन्तर्गत फ़ौजदारी मुकद्दमा चलाया जाता है, तो उसे मृत्युदण्ड भी दिया जा सकता है।

इसके विपरीत सिविल मुकद्दमें प्रायः मौलिक अधिकारों, विवाह, तलाक, बलात्कार, ज़मीनी झगड़ों आदि से सम्बन्ध रखते हैं। इस प्रकार इनका सम्बन्ध व्यक्ति के निजी जीवन से होता है।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 28 न्यायपालिका की कार्यविधि तथा विशेषाधिकार

प्रश्न 5.
एफ० आई० आर० (प्राथमिक सूचना रिपोर्ट) कहां दर्ज हो सकती है ? एफ० आई० आर० दर्ज न होने पर अदालत की भूमिका का वर्णन करो।
उत्तर-
एफ० आई० आर० का अर्थ है पुलिस को किसी दुर्घटना की प्रथम सूचना देना। यह शिकायत समीप के पुलिस केन्द्र में दर्ज कराई जा सकती है। किसी भी पुलिस केन्द्र की पुलिस यह सूचना दर्ज करने से इन्कार नहीं कर सकती। फिर भी यदि किसी नागरिक की एफ० आई० आर० किसी पुलिस केन्द्र में दर्ज नहीं हो पाती, तो वह किसी उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय का सहारा ले सकता है।

संविधान के अनुसार कोई भी अदालत पुलिस को एफ० आई० आर० दर्ज करने का निर्देश दे सकती है। इसके अतिरिक्त न्यायालय स्वयं भी एफ० आई० आर० दर्ज करके पुलिस को पैरवी करने का निर्देश दे सकता है। सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) के पास ऐसे विशेष अधिकार हैं। परन्तु आज तक ऐसा कोई उदाहरण नहीं है जबकि किसी पुलिस अधिकारी ने किसी घटना या दुर्घटना की एफ० आई० आर० दर्ज करने से इन्कार किया हो। यदि ऐसा हो तो देश की अदालतों को इस सम्बन्ध में भी विशेष अधिकार प्राप्त हैं।

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PSEB 8th Class Social Science Guide न्यायपालिका की कार्यविधि तथा विशेषाधिकार Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Multiple Choice Questions)

सही जोड़े बनाइए :

1. भारत का सर्वोच्च न्यायालय – प्रांत का न्यायालय.
2. उच्च न्यायालय – सम्पति तथा ज़मीनी झगड़े
3. फौजदारी मुकद्दमे – दिल्ली
4. दीवानी मुकद्दमे – मारपीट, लड़ाई-झगड़े।
उत्तर-

  1. दिल्ली
  2. प्रांत का न्यायालय
  3. सम्पत्ति तथा ज़मीनी झगड़े
  4. मारपीट, लड़ाई-झगड़े।

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का कार्यकाल बताओ।
उत्तर-
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु तक तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु तक अपने पद पर रह सकते हैं।

प्रश्न 2.
संविधान की धारा 136 के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय को क्या विशेष अधिकार प्राप्त है ?
उत्तर-
संविधान की धारा 136 के अन्तर्गत सर्वोच्च न्यायालय को यह विशेष अधिकार प्राप्त है कि वह किसी भी मुकद्दमें में निम्न न्यायालयों द्वारा दिए गए निर्णय के विरुद्ध अपील सुन सकता है।

प्रश्न 3.
‘विशेष अदालत कानून’ (Special Courts Act) क्या है ?
उत्तर-
विशेष अदालत कानून के अनुसार विशेष अदालतों के निर्णयों के विरुद्ध अपील केवल सर्वोच्च न्यायालय में ही की जा सकती है। यह अपील विशेष अदालत द्वारा निर्णय दिए जाने के पश्चात् 30 दिन के अन्दर की जानी आवश्यक है।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में एकल न्यायपालिका की व्यवस्था की गई है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
भारत के सभी न्यायालय एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। देश का सबसे बड़ा न्यायालय ‘सर्वोच्च न्यायालय’ भारत की राजधानी नई दिल्ली में स्थित है। प्रान्तों (राज्यों) के अपने-अपने ‘उच्च न्यायालय’ हैं। जिला स्तर पर सेशन (सत्र) न्यायालय हैं। इसके अतिरिक्त तहसील स्तर पर उपमण्डल अधिकारी (सिविल) हैं। स्थानीय स्तर पर लोगों को न्याय उपलब्ध कराने के लिए ग्राम पंचायतों, नगरपालिकाओं तथा नगर-परिषदों आदि का गठन किया गया है। सबसे बड़े न्यायालय ‘सर्वोच्च न्यायालय’ के अधीन उच्च-न्यायालय और उच्च न्यायालयों के अधीन जिला न्यायालय हैं। इसी प्रकार तहसील स्तर के न्यायालय जिला न्यायालयों के अधीन हैं।
इससे स्पष्ट है कि भारत में एकल (इकहरी) न्यायपालिका की व्यवस्था की गई है।

प्रश्न 2.
भारत में न्यायपालिका को किस प्रकार स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष बनाया गया है ?
उत्तर-
भारत में न्यायपालिका को स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष बनाने के लिए निम्नलिखित प्रावधान किए गए हैं

  1. न्यायपालिका को विधानपालिका तथा कार्यपालिका से अलग रखा गया है ताकि किसी मुकद्दमें का निर्णय करते समय उस पर किसी दल या सरकार का नियन्त्रण न हो।
  2. न्यायाधीशों की नियुक्ति उनकी योग्यता के आधार पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  3. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु तक तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु तक अपने पद पर कार्यरत रह सकते हैं। उन्हें उनके पद से हटाने का ढंग भी आसान नहीं है।
  4. न्यायाधीशों का वेतन भी अधिक है। इसे उनके कार्यकाल में कम नहीं किया जा सकता है।

प्रश्न 3.
एफ० आई० आर० (F.I.R.) अथवा प्राथमिक सूचना शिकायत दर्ज करवाने के लिए कोई व्यक्ति क्या-क्या प्रयास कर सकता है ?
उत्तर-
एफ० आई० आर० का अर्थ किसी भी दुर्घटना की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराने से है। यह रिपोर्ट समीप के पुलिस केन्द्र में दर्ज कराई जा सकती है। नियम के अनुसार किसी भी पुलिस केन्द्र की पुलिस एफ० आई० आर० दर्ज करने से इन्कार नहीं कर सकती। यदि किसी पुलिस केन्द्र की पुलिस यह सूचना दर्ज नहीं करती, तो उस पुलिस केन्द्र के एस० एच० ओ० (थानेदार) तक पहुंच की जा सकती है। यदि थानेदार भी उस प्रथम सूचना शिकायत को दर्ज करने से इन्कार करता है तो उप-पुलिस अधीक्षक से मिला जा सकता है। यदि वह भी प्रथम शिकायत सूचना दर्ज नहीं . करवाता, तो जिले के पुलिस अधीक्षक के पास जाया जा सकता है। यदि पुलिस अधीक्षक भी प्रथम शिकायत सूचना दर्ज करने में आनाकानी-करता है तो एफ० आई० आर० देश के किसी भी पुलिस केन्द्र में दर्ज करवाई जा सकती है।

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प्रश्न 4.
भारत में न्यायपालिका को किस प्रकार स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष बनाया गया है ?
उत्तर-
भारत में न्यायपालिका को स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष बनाने के लिए निम्नलिखित प्रावधान किए गए हैं-

  1. न्यायपालिका को विधानपालिका तथा कार्यपालिका से अलग रखा गया है ताकि किसी मुकद्दमें का निर्णय करते समय उस पर किसी दल या सरकार का नियन्त्रण न हो।
  2. न्यायाधीशों की नियुक्ति उनकी योग्यता के आधार पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  3. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु तक तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु तक अपने पद पर कार्यरत रह सकते हैं। उन्हें उनके पद से हटाने का ढंग भी आसान नहीं है।
  4. न्यायाधीशों का वेतन भी अधिक है। इसे उनके कार्यकाल में कम नहीं किया जा सकता है।

प्रश्न 5.
सरकारी वकील की भूमिका स्पष्ट करें।
उत्तर-
सरकारी वकील वे वकील होते हैं जो सरकार के पक्ष में मुकद्दमा लड़ते हैं। भिन्न-भिन्न प्रकार के मुकद्दमें लड़ने के लिए भिन्न-भिन्न सरकारी वकील होते हैं। कहने का अभिप्राय यह है कि सरकार और सरकारी कर्मचारियों के मध्य होने वाले मुकद्दमें, सरकारी सम्पत्ति के केस, फ़ौजदारी मुकद्दमें और सिविल मुकद्दमें लड़ने के लिए अलग अलग सरकारी वकील होते हैं। इन सब मुकद्दमों में सरकारी वकीलों को सरकार के पक्ष में लड़ना होता है और हर मुकद्दमें में सरकार का बचाव करना होता है।

प्रश्न 6.
सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय, सत्र न्यायालय तथा तहसील स्तर के न्यायालय कहां-कहां स्थित होते हैं ? गांव स्तर के न्यायालय के बारे में भी बताओ।
उत्तर-
सर्वोच्च न्यायालय देश की राजधानी में, उच्च न्यायालय प्रान्तों में तथा सत्र न्यायालय जिलों में स्थित होते हैं। तहसील स्तर के न्यायालय सत्र न्यायालय के अधीन होते हैं। गांव स्तर पर लोगों को न्याय दिलवाने के लिए ग्राम पंचायतों का गठन किया गया है। परन्तु ग्राम पंचायतों के अधिकार अधिक विस्तृत नहीं हैं। ये छोटे-मोटे झगड़ों का ही निपटारा करती हैं। इन्हें किसी अपराधी को कारावास का दण्ड देने का अधिकार नहीं है। ये अपराधी को प्रायः जुर्माना ही करती हैं।

प्रश्न 7.
मुकद्दमा निम्न न्यायालय से उच्च न्यायालय में लाने की प्रक्रिया के सम्बन्ध में अपने विचार लिखो।
उत्तर-
भारतीय संविधान में नागरिकों को न्याय दिलाने की व्यवस्था की गई है। यदि किसी केस (विवाद) में ऐसा प्रतीत हो कि न्याय ठीक नहीं हुआ है, तो कोई भी नागरिक उच्च स्तर के न्यायालय की शरण ले सकता है। जिला न्यायालयों के विरुद्ध ‘उच्च-न्यायालय’ में अपील की जा सकती है और उच्च-न्यायालयों के निर्णयों के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों को मानने के लिए उच्च न्यायालय प्रतिबद्ध हैं। इसी प्रकार उच्च-न्यायालयों के निर्णयों को मानने के लिए जिला न्यायालय प्रतिबद्ध हैं।

प्रश्न 8.
न्यायाधीशों की नियुक्ति koun करता है।
उत्तर-न्यायाधीशों की नियुक्ति मुख्यत: राष्ट्रपति करता है। वह पहले सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करता है, फिर वह उसकी सलाह से सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति करता है।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को नियुक्त करते समय वह सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के साथ-साथ सम्बन्धित राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा राज्यपाल की सलाह लेता है।
जिला न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति सम्बन्धित राज्य के राज्यपाल द्वारा की जाती है। इसमें वह उच्च न्यायालय की सलाह लेता है।

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प्रश्न 9.
सर्वोच्च न्यायालय का अपीली क्षेत्र लिखो।
उत्तर-
सर्वोच्च न्यायालय का अपीलीय अधिकार क्षेत्र अपीलें सुनने से सम्बन्ध रखता है। यह उच्च न्यायालयों द्वारा किए गए निर्णय के विरुद्ध अपीलें सुनता है। ये अपीलें तीन प्रकार की हो सकती हैं-संविधान सम्बन्धी, दीवानी तथा फ़ौजदारी।

1. संविधान सम्बन्धी अपीलें-

  • यदि किसी राज्य के उच्च न्यायालय द्वारा दीवानी, फ़ौजदारी या किसी अन्य मुकद्दमे के बारे में यह प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाये कि मुकद्दमे में और अधिक संवैधानिक व्याख्या की ज़रूरत है, तो उच्च न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है।
  • यदि उच्च न्यायालय प्रमाण-पत्र न भी जारी करे तो सर्वोच्च न्यायालय स्वयं ऐसी स्वीकृति देकर मुकद्दमे की सुनवाई कर सकता है।

2. दीवानी अपीलें-

  • यदि उच्च न्यायालय द्वारा यह प्रमाणित किया जाता है कि मुकद्दमे में साधारण महत्त्व का कोई कानूनी प्रश्न है, तो उच्च न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है।
  • कुछ विशेष मुकद्दमों में सर्वोच्च न्यायालय उच्च न्यायालय की स्वीकृति के बिना भी उसके निर्णय के विरुद्ध अपील सुन सकता है।

3. फ़ौजदारी अपीलें सर्वोच्च न्यायालय निम्नलिखित स्थितियों में उच्च न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध फ़ौजदारी अपील में सुन सकता है

  • कोई भी ऐसा मुकद्दमा जिसमें निम्न न्यायालयों ने किसी व्यक्ति को दोषमुक्त कर दिया हो, परन्तु उच्च न्यायालय ने उसे मृत्युदण्ड दे दिया हो।
  • यदि उच्च न्यायालय ने निम्न न्यायालय में चल रहे मुकद्दमे को सीधा अपने पास मंगवा लिया हो और दोषी को मृत्यु दण्ड दे दिया हो।
  • यदि उच्च न्यायालय यह प्रमाणित करे कि मुकद्दमा अपील के योग्य है।

इसके अतिरिक्त धारा 136 के अन्तर्गत सर्वोच्च न्यायालय को यह विशेष अधिकार प्राप्त है कि वह किसी भी मुकद्दमें में निम्न न्यायालयों द्वारा दिये गए निर्णय के विरुद्ध अपील सुन सकता है।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 28 न्यायपालिका की कार्यविधि तथा विशेषाधिकार

न्यायपालिका की कार्यविधि तथा विशेषाधिकार PSEB 8th Class Social Science Notes

  • सरकार के अंग – सरकार के तीन मुख्य अंग होते हैं-विधानपालिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका। विधानपालिका कानून बनाती है, कार्यपालिका कानूनों को लागू करती है और न्यायपालिका न्याय करती है।
  • एकल न्यायपालिका – भारत में एकल न्यायपालिका की व्यवस्था की गई है। ऊपर से लेकर नीचे तक सभी न्यायालय आपस में जुड़े हुए हैं।
  • न्यायपालिका की स्वतन्त्रता – न्यायपालिका को स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष बनाने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। उदाहरण के लिए इसे विधानपालिका तथा कार्यपालिका से अलग रखा गया है, ताकि वह स्वतन्त्र रह कर निर्णय दे सके।
  • सर्वोच्च न्यायालय का अपीली क्षेत्राधिकार – सर्वोच्च न्यायालय राज्यों के उच्च न्यायालयों के निर्णयों के विरुद्ध अपीलें सुनता है।
    देश का सबसे ऊंचा न्यायालय होने के कारण इसके निर्णय को अन्तिम माना जाता है।
  • दीवानी अपीलें – किसी भी दीवानी विवाद के निर्णय के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है। परन्तु उच्च-न्यायालय द्वारा यह प्रमाणित किया जाना आवश्यक है कि विवाद में साधारण महत्त्व का कोई ठोस कानूनी प्रश्न है। विशेष केसों में सर्वोच्च न्यायालय उच्च न्यायालय की स्वीकृति के बिना भी अपील सुन सकता है।
  • जन-हित-मुकद्दमेंबाजी – जन-हित-मुकद्दमेंबाज़ी में सार्वजनिक हित में कोई भी व्यक्ति, जिसका किसी मुकद्दमें से सीधा सम्बन्ध नहीं है, अदालत में मुकद्दमा दायर कर सकता है। अदालतों द्वारा उस मुकद्दमें की सुनवाई भी नियमित मुकद्दमों के समान ही की जाती है।
  • मुकद्दमें – मुकद्दमें मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं- दीवानी तथा फ़ौजदारी।
  • एफ० आई० आर० किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर सबसे पहले पुलिस को सूचित करना होता है। इसे एफ० आई० आर० अथवा प्राथमिक सूचना शिकायत कहा जाता है।

PSEB 9th Class SST Solutions Civics Chapter 1 वर्तमान लोकतंत्र का इतिहास, विकास एवं विस्तार

Punjab State Board PSEB 9th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 1 वर्तमान लोकतंत्र का इतिहास, विकास एवं विस्तार Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Social Science Civics Chapter 1 वर्तमान लोकतंत्र का इतिहास, विकास एवं विस्तार

SST Guide for Class 9 PSEB वर्तमान लोकतंत्र का इतिहास, विकास एवं विस्तार Textbook Questions and Answers

(क) रिक्त स्थान भरें :

  1. चोल शासकों के समय प्रशासन की सबसे छोटी इकाई ………. थी।
  2. ………….. ने चिल्ली में सोशलिस्ट पार्टी का मार्गदर्शन किया।

उत्तर-

  1. उरर
  2. साल्वाडोर एलैंडे।

(ख) निम्नलिखित कथनों में सही के लिए तथा गलत के लिए चिन्ह लगाएं :

  1. भारत संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद् का स्थायी सदस्य है। ( )
  2. हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में लोकतंत्र निरंतर चल रहा है। ( )

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✗)

(ग) बहुविकल्पीय प्रश्न :

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में किस देश ने दुनिया के देशों को संसदीय लोकतंत्र प्रणाली अपनाने की प्रेरणा दी :-
(अ) जर्मनी
(आ) फ्रांस
(इ) इंग्लैंड
(ई) चीन।
उत्तर-
(इ) इंग्लैंड

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित देशों में ‘वीटो शक्ति’ किस देश के पास नहीं है ?
(अ) भारत
(आ) अमेरिका
(इ) फ्रांस
(ई) चीन।
उत्तर-
(अ) भारत

अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
आजकल विश्व के अधिकांश राष्ट्रों में कौन-सी शासन प्रणाली अपनाई जा रही है ?
उत्तर-
आजकल विश्व के अधिकांश राष्ट्रों में लोकतंत्र को अपनाया जा रहा है।

प्रश्न 2.
प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात् इटली व जर्मनी में प्रचलित विचारधाराओं के नाम लिखें जिनके कारण लोकतंत्र को भीषण झटका लगा।
उत्तर–
इटली में फासीवाद तथा जर्मनी में नाजीवाद।

प्रश्न 3.
एलैंडे चिल्ली का राष्ट्रपति कब चुना गया ?
उत्तर-
एलैंडे 1970 में चिल्ली का राष्ट्रपति चुना गया।

प्रश्न 4.
चिल्ली में लोकतंत्र की पुनर्स्थापना कब हुई थी ?
उत्तर-
चिल्ली में लोकतंत्र की पुनर्स्थापना 1988 में हुई थी।

प्रश्न 5.
पोलैंड में लोकतांत्रिक अधिकारों की मांग के लिए हड़ताल की कार्यवाही किसने की ?
उत्तर-
लेक वालेशा (Lek Walesha) ने तथा सोलिडैरिटी (Solidarity) ने पोलैंड में हड़ताल की कार्यवाही की।

प्रश्न 6.
पोलैंड में राष्ट्रपति पद के लिए प्रथम बार चुनाव कब हुआ तथा राष्ट्रपति पद के लिए कौन निर्वाचित हुआ ?
उत्तर-
पोलैंड में राष्ट्रपति पद के लिए प्रथम बार चुनाव 1990 में हुए तथा लेक वालेशा राष्ट्रपति बने।

प्रश्न 7.
भारत में सर्वव्यापक वयस्क मताधिकार कब दिया गया ?
उत्तर-
1950 में संविधान के लागू होने के साथ।

प्रश्न 8.
कौन-से दो बड़े महाद्वीप उपनिवेशवाद का शिकार रहे हैं ?
उत्तर-
एशिया तथा अफ्रीका उपनिवेशवाद का शिकार रहे हैं।

प्रश्न 9.
दक्षिणी अफ्रीका महाद्वीप के देश घाना को स्वतंत्रता कब प्राप्त हुई ?
उत्तर-
घाना को 1957 में स्वतंत्रता प्राप्त हुई।

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प्रश्न 10.
हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में किस सैनिक कमांडर ने 1999 में निर्वाचित सरकार की सत्ता पर अधिकार कर लिया ?
उत्तर-

जनरल परवेज मुशर्रफ ने।

प्रश्न 11.
दो अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के नाम लिखें।
उत्तर-
संयुक्त राष्ट्र संघ, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष।

प्रश्न 12.
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष कार्य करती है ?
उत्तर-
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष अलग-अलग देशों को विकास के लिए धन कर्जे के रूप में देती है।

प्रश्न 13.
संयुक्त राष्ट्र संघ में कितने राष्ट्र सदस्य हैं ?
उत्तर-

संयुक्त राष्ट्र संघ में 193 राष्ट्र सदस्य हैं।

प्रश्न 14.
विश्व भर में प्रचलित शासन प्रणालियों के नाम लिखें।
उत्तर-
राजतंत्र, सत्तावादी, सर्वसत्तावादी, तानाशाही, सैनिक तानाशाही तथा लोकतंत्र।

लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
सर्वव्यापक वयस्क मताधिकार से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
देश के सभी नागरिकों को जाति, लिंग, जन्म, वर्ण, प्रजाति के भेदभाव के बिना एक निश्चित आयु प्राप्त करने के पश्चात् चुनाव में वोट देने का अधिकार दिया जाता है जिसे सर्वव्यापक वयस्क मताधिकार कहते हैं। भारत में 18 वर्ष की आयु होने के पश्चात् सभी को बिना किसी भेदभाव के वोट या मत देने का अधिकार प्रदान किया गया है।

प्रश्न 2.
चौल वंश के शासकों के समय स्थानीय स्तर के लोकतंत्र पर नोट लिखें।
उत्तर-
चोल शासकों ने शासन को ठीक ढंग से चलाने के लिए राज्य को कई इकाइयों में विभाजित किया था तथा इन प्रशासनिक इकाइयों को स्वायत्तता का अधिकार प्रदान किया था। उन्होंने स्थानीय व्यवस्था को चलाने के लिए समिति प्रणाली शुरू की जिसे ‘वरियाम व्यवस्था’ कहते थे। अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग समितियां गठित की जाती थीं। प्रशासन की सबसे छोटी इकाई (उर्र) का प्रबंध चलाने के लिए 30 सदस्यों की समिति को उरी के वयस्कों द्वारा एक वर्ष के लिए चुना जाता था। प्रत्येक उरी को खंडों में विभाजित किया जाता था जिनके उम्मीदवारों का चुनाव जनता द्वारा किया जाता था।

प्रश्न 3.
वीटो शक्ति से क्या अभिप्राय है ? संयुक्त राष्ट्र संघ में वीटो शक्ति किन राष्ट्रों के पास है ?
उत्तर-
वीटो शक्ति का अर्थ है ‘न कहने की शक्ति’। इसका अर्थ यह है कि जिसे वीटो शक्ति प्रयोग करने का अधिकार हो तो उसकी मर्जी के बिना कोई प्रस्ताव पारित नहीं हो सकता। संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद् के पांच स्थायी सदस्यों को वीटो शक्ति का अधिकार प्राप्त है। अगर इन पांच सदस्यों में से कोई भी सदस्य वीटो के अधिकार का प्रयोग करता है तो वह प्रस्ताव परिषद् में पारित नहीं किया जा सकता। वह देश जिन्हें वीटो अधिकार प्राप्त है वह है-संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, इंग्लैंड, फ्रांस तथा चीन।

प्रश्न 4.
हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में लोकतंत्र के इतिहास पर नोट लिखें।
उत्तर–
पाकिस्तान 1947 में भारत को विभाजित करके बनाया गया था तथा वहां पर लोकतंत्र का इतिहास काफी अच्छा नहीं है। पाकिस्तान में सेना काफी शक्तिशाली है तथा उसका राजनीति में काफी प्रभुत्व है। 1958 में प्रधानमंत्री फिरोज़ खान नून को हटा कर सेना प्रमुख जनरल अयूबखान को देश का प्रमुख बना दिया गया। इसके पश्चात् 1977 में जनता द्वारा चुने गए प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो को सेना प्रमुख जनरल जिया उल हक ने हटा दिया तथा स्वयं को देश का राष्ट्रपति बना दिया। 1999 में इसी प्रकार प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को सेना प्रमुख जनरल परवेज़ मुशर्रफ ने हटा दिया तथा 2002 में स्वयं को राष्ट्रपति घोषित कर दिया। इस प्रकार वहां पर समय समय पर सेना द्वारा लोकतंत्र का गला घोटा गया है।

प्रश्न 5.
चिल्ली के लोकतंत्र के इतिहास पर नोट लिखें।
उत्तर-
चिल्ली दक्षिण अमेरिकी देश है जहां पर साल्वाडोर एलैंडे की सोशलिस्ट पार्टी को 1970 में राष्ट्रपति चुनाव में विजय प्राप्त हुई। इसके पश्चात् एलैंडे ने निर्धन लोगों के कल्याण, शिक्षा में सुधार तथा कई अन्य कार्य किए जिसका विदेशी कंपनियों ने विरोध किया। 11 सितंबर 1973 को सैनिक जनरल पिनोशे ने षड्यंत्र रच कर तख्ता पलट किया जिसमें एलैंडे की मृत्यु हो गई। सत्ता पिनोशे के हाथों में आ गई। 17 वर्ष तक राज करने के पश्चात् पिनोशे ने जनमत संग्रह करवाया जो उसके विरोध में गया। 1990 में वहां पर चुनाव हुए तथा लोकतंत्र स्थापित हुआ।

प्रश्न 6.
अफ्रीका महाद्वीप के देश ‘घाना’ की स्वतंत्रता के लिए किस व्यक्ति ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई? घाना की स्वतंत्रता का अफ्रीका के अन्य देशों पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर-
घाना को 1957 में अंग्रेजों से स्वतंत्रता प्राप्त हुई। उसकी स्वतंत्रता प्राप्ति में कवामे नकरूमाह (Kwame Nkrumah) नामक व्यक्ति ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसने स्वतंत्रता के संघर्ष का नेतृत्व किया तथा अपने देश को स्वतंत्र करवाया। वह घाना का प्रथम प्रधानमंत्री तथा बाद में राष्ट्रपति बन गया। घाना की स्वतंत्रता का अफ्रीका के अन्य देशों पर काफी प्रभाव पड़ा तथा वह भी स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए प्रेरित हुए तथा उन्हें समय के साथसाथ स्वतंत्रता प्राप्त हो गई।

प्रश्न 7.
चोल वंश के शासकों के समय स्थानीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों के चुनाव के लिए अपनाई गई निर्वाचन पद्धति का वर्णन करें।
उत्तर-
चोल वंश के शासकों में शासन की सबसे छोटी इकाई उरी थी जो आजकल के गांवों के समान हुआ करते थे। उर का प्रबंध चलाने के लिए 30 सदस्यों की समिति बनाई जाती थी जिसे एक वर्ष के लिए उरी के वयस्कों द्वारा चुना जाता था। प्रत्येक उरी 30 खंडों में विभाजित होता है तथा प्रत्येक खंड में से एक से अधिक उम्मीदवार की सिफारिश जनता द्वारा की जाती थी। इन उम्मीदवारों के नाम ताड़ के पत्तों पर लिख कर एक डिब्बे में डाल दिए जाते थे जिनके नाम बालिगों द्वारा डिब्बे में से बाहर निकाले जाते थे। उन्हें सदस्य मान लिया जाता था। इस निर्वाचन के ढंग को कदूबलाय का नाम दिया जाता था।

दीर्घ उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
‘अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष’ पर संक्षिप्त निबंध लिखें।
उत्तर-
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष तथा वर्ल्ड बैंक को ब्रैटन वुड संस्थाएं कहा जाता है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (Internatinal Monetary Fund) ने 1947 में अपने आर्थिक कार्य करने शुरू किए। इन संस्थाओं में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर पश्चिमी देशों का अधिकार होता है। संयुक्त राज्य अमेरिका के पास IMF तथा वर्ल्ड बैंक में वोट करने का मुख्य अधिकार है।
यह संस्था संसार भर के देशों को कर्जा देती है। इस संस्था के 188 देश सदस्य हैं तथा प्रत्येक देश के पास मत देने का अधिकार है। प्रत्येक देश के मत की शक्ति उस देश द्वारा संस्था को दी गई राशि के अनुसार निश्चित की जाती है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में 52% मत शक्ति केवल 10 देशों-अमेरिका, जापान, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, चीन, इटली, साऊदी अरब, कैनेडा तथा रूस के पास है। इस प्रकार अन्य 178 देशों के पास संस्था में निर्णय लेने का अधिकार काफी कम होता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि इन देशों में निर्णय लेने की प्रक्रिया लोकतांत्रिक नहीं बल्कि अलोकतांत्रिक है।

PSEB 9th Class SST Solutions Civics Chapter 1 वर्तमान लोकतंत्र का इतिहास, विकास एवं विस्तार

प्रश्न 2.
संयुक्त राष्ट्र संघ पर संक्षिप्त निबंध लिखें।
उत्तर-
संयुक्त राष्ट्र संघ एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है जिसे 24 अक्तूबर, 1945 को द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् बनाया गया था। इसके प्राथमिक सदस्यों की संख्या 51 थी तथा भारत भी इन 51 देशों में से था। संयुक्त राष्ट्र उन प्रयासों का परिणाम था जिसमें विश्व शांति को सामने रख कर युद्धों को रोकने का प्रयास किया गया था। इस समय इसके 193 देश सदस्य हैं।
संयुक्त राष्ट्र की एक संसद् है जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा कहते हैं। यहां प्रत्येक देश को एक मत, एक समान मताधिकार प्राप्त है तथा महासभा में सभी देश विश्व की समस्याओं से संबंधित विचार विमर्श करते हैं। महासभा का एक प्रधान होता है जिसे चेयरमैन कहा जाता है। संयुक्त राष्ट्र का एक सचिवालय होता है जिसके प्रमुख को महासचिव कहते हैं। सभी निर्णय अलग-अलग देशों से परामर्श करके किए जाते हैं। इसके कुछेक अंग हैं-जैसे कि महासभा, सुरक्षा परिषद्, आर्थिक एवं सामाजिक परिषद, ट्रस्टीशिप कौंसिल, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय तथा सचिवालय।

प्रश्न 3.
यूनान व रोम में प्राचीनकाल में लोकतंत्र के विकास पर संक्षेप नोट लिखें।
उत्तर-
अगर हम संपूर्ण विश्व में लोकतंत्र के आरंभ को देखें तो यह यूनान तथा रोमन गणराज्यों में हुआ था। प्राचीन समय में यूनान में नगर राज्यों में सीधा तथा प्रत्यक्ष लोकतंत्र लागू था। इन राज्यों की जनसंख्या काफी कम थी। राज्य के प्रशासनिक निर्णय नागरिक प्रत्यक्ष रूप से लेते थे। राज्य के सभी नागरिक अपने राज्य की आर्थिक, राजनीतिक तथा सामाजिक समस्याओं को हल करने के लिए कानून बनाने, राज्य के वार्षिक बजट को पास करने तथा सार्वजनिक नीतियों के निर्माण की प्रक्रिया में भाग लेते थे।
परंतु यह लोकतंत्र एक सीमित लोकतंत्र था क्योंकि इन नगर राज्यों की जनसंख्या का बहुत बड़ा हिस्सा गुलामों का होता था। गुलामों का प्रशासनिक कार्यों में भाग लेना वर्जित था। रोमन राज्यों में राजा को चाहे लोगों के द्वारा निर्वाचित किया जाता था। परंतु यहां पर राजा अपनी इच्छा से राज्य का प्रशासन चलाता था। सैद्धांतिक रूप से तो राजा संपूर्ण जनता का प्रतिनिधित्व करता था परंतु वास्तविक रूप में वह अपनी इच्छा से शासक प्रबंध चलाता था।

प्रश्न 4.
बहुराष्ट्रीय कंपनियां आधुनिक युग में लोकतंत्र को खतरा हैं-इसकी व्याख्या करें।
उत्तर-
आजकल का समय विश्वव्यापीकरण का समय है जब जहां अलग-अलग देशों की एक-दूसरे के ऊपर निर्भरता बढ़ गई है। बहुत सी बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी सामने आई हैं जो बहुत से देशों में अपना व्यापार करती हैं। परंतु प्रश्न यह उठता है कि क्या ये कंपनियां लोकतंत्र के लिए खतरा हैं। आजकल लगभग सभी विकासशील तथा पिछड़े देशों ने वैश्वीकरण तथा खुली प्रतिस्पर्धा की नीति को अपना लिया है। इस नीति के अनुसार ही बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपना व्यापार कर रही हैं। इन कंपनियों का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक लाभ कमाना होता है जिस कारण यह अपनी वस्तुओं के दाम लगातार बढ़ाते रहते हैं। ये कंपनियां किसी न किसी ढंग से जनता का शोषण करती हैं जो कि लोकतंत्र की आत्मा के विरुद्ध है।

हमारी सरकारें चाहे स्वयं को लोकतांत्रिक कह लें परंतु इन्हें देश के व्यापारिक परिवार ही चला रहे हैं। इन व्यापारिक परिवारों का उन कंपनियों पर एकाधिकार होता है तथा यह सरकार से अपने पक्ष में नीतियां बनवा लेते हैं। इस कारण यह और अमीर तथा गरीब और गरीब हो रहा है। यह सब सच्चे लोकतंत्र की आत्मा के विरुद्ध है। इस प्रकार बहुराष्ट्रीय कंपनियां लोकतंत्र के लिए खतरा हैं।

PSEB 9th Class Social Science Guide वर्तमान लोकतंत्र का इतिहास, विकास एवं विस्तार Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न :

प्रश्न 1.
चिल्ली (Chile) में 11 सितंबर, 1973 को सेना ने सरकार का तख्ता बदला तब चिली का राष्ट्रपति कौन था ?
(क) गोर्वाचेव
(ख) अगस्टो पिनोशे
(ग) स्टालिन
(घ) सालवेडर एलैंडे।
उत्तर-
(घ) सालवेडर एलैंडे।

प्रश्न 2.
चिल्ली में सैनिक तानाशाही कब समाप्त हुई ?
(क) 1973
(ख) 1989
(ग) 1988
(घ) 1998.
उत्तर-
(ग) 1988

प्रश्न 3.
1980 में पौलेंड में निम्न में से किस पार्टी का शासन था ?
(क) साम्यवादी पार्टी
(ख) पोलिश संयुक्त श्रमिक पार्टी
(ग) पौलिश श्रम पार्टी
(घ) पोलिश प्रगतिशील पार्टी।
उत्तर-
(ख) पोलिश संयुक्त श्रमिक पार्टी

प्रश्न 4.
लेनिन शिपयार्ड (Shipyard) के श्रमिकों ने कब हड़ताल की ?
(क) 14 अगस्त, 1973
(ख) 14 अगस्त, 1980
(ग) 14 अगस्त, 1998
(घ) 14 अगस्त 1988.
उत्तर-
(ख) 14 अगस्त, 1980

प्रश्न 5.
पोलैंड में प्रथम राष्ट्रपति चुनाव कब हुआ जिसमें एक से अधिक दलों को हिस्सा लेने का अधिकार प्राप्त था ?
(क) अक्तूबर, 1990
(ख) अक्तूबर, 1992
(ग) जनवरी, 1998
(घ) अक्तूबर, 1988.
उत्तर-
(क) अक्तूबर, 1990

प्रश्न 6.
सोलिडेरिटी (Solidarity) ट्रेड यूनियन की स्थापना किस देश में की गई थी ?
(क) पोलैंड
(ख) फ्रांस
(ग) नेपाल
(घ) रूमानिया।
उत्तर-
(क) पोलैंड

प्रश्न 7.
पोलैंड में लेक वालेशा (Walesa) की सरकार की महत्त्वपूर्ण विशेषता थी
(क) राजनीतिक सत्ता सेना के पास थी
(ख) लोगों को कुछ मूल राजनीतिक स्वतंत्रताएं प्राप्त थीं
(ग) सरकार की आलोचना करना मना था
(घ) शासक जनता द्वारा नहीं चुने गए थे।
उत्तर-
(ख) लोगों को कुछ मूल राजनीतिक स्वतंत्रताएं प्राप्त थीं

रिक्त स्थान भरें:

  1. लोकतंत्र का आरंभ ……………. तथा …………………. गणराज्यों में हुआ।
  2. चोल शासकों के समय स्थानीय प्रबंध चलाने वाली प्रणाली को …………………. प्रणाली कहते थे।
  3. ………………… ने कहा था कि लोकतंत्रीय सरकार लोगों द्वारा, लोगों के लिए और लोगों द्वारा निर्वाचित होती है।
  4. भारत से एक नया राष्ट्र …………………. 1947 में बना था।
  5. ……………. में एलैंडे चिल्ली के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए।
  6. पोलैंड में …. ……. को 1976 में अधिक वेतन की मांग करने पर नौकरी से निकाल दिया गया था।
  7. ……………….. ने संविधान लागू होते ही जनता को सर्वव्यापक वयस्क मताधिकार प्रदान कर दिया था।

उत्तर-

  1. यूनानी, रोमन
  2. वरियाम
  3. अब्राहम लिंकन
  4. पाकिस्तान
  5. 1970
  6. लेक वालेशा
  7. भारत

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सही/गलत :

  1. इराक 1932 में अमेरिकी उपनिवेशवाद से स्वतंत्र हुआ।
  2. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की 52% मत शक्ति केवल 10 देशों के पास है।
  3. 1991 में सोवियत संघ के विघटन के कारण अमेरिका महाशक्ति बन गया।
  4. सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों के पास वीटो शक्ति है।
  5. संयुक्त राष्ट्र के 100 प्राथमिक सदस्य थे।
  6. संयुक्त राष्ट्र संघ के 193 सदस्य हैं। .

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✓)
  3. (✓)
  4. (✗)
  5. (✗)
  6. (✓)

अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
चिल्ली में राष्ट्रपति सालवेडर एलैंडे (Salvader Allende) का तख्ता कब पलटा गया और सैनिक क्रांति किसके नेतृत्व में हुई ?
उत्तर-
11 सितंबर, 1973 को सैनिक क्रांति हुई और सेना का नेतृत्व जनरल अगस्टो पिनोशे (Augusto Pinnochet) ने किया। राष्ट्रपति सालवेडर एलैंडे सैनिक आक्रमण में मारा गया।

प्रश्न 2.
क्या सेना को किसी नागरिक को कैद करने का अधिकार है ?
उत्तर-
सेना को नागरिकों को कैद करने का अधिकार नहीं है।

प्रश्न 3.
चिल्ली में जनरल अगस्टो पिनोशे ने अपने शासन के संबंध में कब जनमत संग्रह (Referendum) करवाया ?
उत्तर-
1988 में जनमत संग्रह करवाया गया और लोगों ने स्पष्ट रूप से जनरल पिनोशे के शासन के विरुद्ध मतदान किया।

प्रश्न 4.
चिल्ली में राजनीतिक स्वतंत्रता पुनः कब स्थापित की गई ?
उत्तर-
1988 में जनमत संग्रह के बाद जनरल पिनोशे की सत्ता समाप्त होने के बाद चिल्ली में राजनीतिक स्वतंत्रता पुनः स्थापित की गई।

प्रश्न 5.
1980 में पोलैंड में किस पार्टी का शासन था ?
उत्तर-
1980 में पोलैंड में पौलिश संयुक्त श्रमिक पार्टी (Polish United Workers Party) का शासन था।

प्रश्न 6.
पोलैंड में संयुक्त श्रमिक पार्टी के शासन में क्या और राजनीतिक दल थे ?
उत्तर-
पोलैंड में 1980 में संयुक्त श्रमिक पार्टी के अतिरिक्त और कोई राजनीतिक दल नहीं था। पोलैंड में किसी और राजनीतिक दल को कार्य करने नहीं दिया जाता था।

प्रश्न 7.
जनवरी 2006 में चिली का राष्ट्रपति कौन चुना गया ?
उत्तर-
मिशेल बेशलेट (Michelle Bachelet) चिली की प्रथम महिला राष्ट्रपति निर्वाचित हुई।

प्रश्न 8.
1988 में पोलैंड में किस ट्रेड यूनियन के नेतृत्व में हड़ताल हुई ?
उत्तर-
सोलिडेरिटी (Solidarity) के नेतृत्व में हड़ताल हुई।

प्रश्न 9.
अलोकतांत्रिक सरकार की एक विशेषता लिखें।
उत्तर-
अलोकतांत्रिक शासन प्रणाली में सरकार जनता द्वारा निर्वाचित नहीं की जाती।

प्रश्न 10.
19वीं शताब्दी में किस देश में लोकतंत्र को कई बार बदला गया और पुनः स्थापित किया गया ?
उत्तर-
19वीं शताब्दी में फ्रांस में उथल-पुथल होती रही।

प्रश्न 11.
किन्हीं दो देशों का नाम लिखें जहाँ पर अलोकतांत्रिक शासन प्रणाली पाई जाती है ?
उत्तर-

  1. उत्तरी कोरिया
  2. साम्यवादी चीन।

प्रश्न 12.
समकालीन विश्व में कौन-सी शासन प्रणाली संसार के अधिकांश देशों में पाई जाती है ?
उत्तर-
संसार के अधिकांश देशों में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली पाई जाती है।

प्रश्न 13.
अफ्रीका में कौन-सा देश सबसे पहले स्वतंत्र हुआ ?
उत्तर-
घाना 1957 में स्वतंत्र हुआ।

प्रश्न 14.
विश्व में किस महान् देश का विघटन हुआ और सभी प्रांत स्वतंत्र देश बन गए।
उत्तर-
1991 में सोवियत संघ का विघटन हुआ और 15 स्वतंत्र देशों का उदय हुआ।

प्रश्न 15.
एशिया के किस देश में 2005 में निर्वाचित सरकार को अपदस्थ कर दिया गया ?
उत्तर-
2005 में नेपाल में नए सम्राट ने निर्वाचित सरकार को अपदस्थ कर दिया और लोगों की राजनीतिक स्वतंत्रता छीन ली गई।

प्रश्न 16.
संयुक्त राष्ट्र संघ की कब स्थापना की गई ?
उत्तर-
24 अक्तूबर, 1945.

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प्रश्न 17.
संयुक्त राष्ट्र के अंगों के नाम लिखें।
उत्तर–
महासभा, सुरक्षा परिषद्, आर्थिक तथा सामाजिक परिषद्, ट्रस्टीशिप कौंसिल, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय तथा सचिवालय।

प्रश्न 18.
संयुक्त राष्ट्र का कोई एक मूलभूत सिद्धांत लिखिए।
उत्तर-
संयुक्त राष्ट्र की स्थापना राष्ट्रों की समानता के आधार पर की गई है।

प्रश्न 19.
संयुक्त राष्ट्र के स्थायी सदस्यों के नाम लिखें।
उत्तर-
इंग्लैंड, अमेरिका, चीन, रूस और फ्रांस।

प्रश्न 20.
संयुक्त राष्ट्र के कितने सदस्य हैं ?
उत्तर-
193.

प्रश्न 21.
संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को कौन ऋण देता है जब उन्हें धन की आवश्यकता पड़ती है ?
उत्तर-

  1. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund)
  2. विश्व बैंक (World Bank)।

प्रश्न 22.
संयुक्त राष्ट्र की वास्तविक शक्ति किस अंग के पास है ?
उत्तर-
संयुक्त राष्ट्र की वास्तविक शक्ति सुरक्षा परिषद् के पांच स्थायी देशों के पास है।

प्रश्न 23.
जनमत संग्रह किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जनमत संग्रह द्वारा संसद् के बनाए कानूनों को जनता की राय जानने के लिए जनता के सामने रखे जाते हैं। वे कानून तभी समझे जाते हैं यदि मतदाताओं का बहुमत उसके पक्ष में हो, नहीं तो वह कानून रद्द हो जाते हैं।

प्रश्न 24.
मिली-जुली सरकार किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जब अनेक राजनीतिक दल मिलकर एक समझौता करके सरकार बनाएं तो उसे मिली-जुली सरकार कहा जाता है।

प्रश्न 25.
कूप (Coup) किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जब किसी सरकार को अचानक एक दम गैर-कानूनी ढंग से हटा दिया जाए तो उसे कूप कहते हैं।

प्रश्न 26.
हड़ताल से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
जब श्रमिक अथवा कर्मचारी अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए काम बंद कर दें तो उसे हड़ताल कहा जाता है।

प्रश्न 27.
‘ट्रेड यूनियन’ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
श्रमिकों के संघ को ट्रेड यूनियन कहा जाता है। ट्रेड यूनियन का उद्देश्य श्रमिकों के हितों की रक्षा करना है।

प्रश्न 28.
‘लेनिन जहाज़ कारखाना’ के मजदूरों ने किस कारणवश हड़ताल की ?
उत्तर-
मजदूरों ने एक क्रेन चालक महिला को गलत ढंग से नौकरी से निकाले जाने के खिलाफ हड़ताल शुरू की थी।

प्रश्न 29.
वर्तमान समय में नेपाल में किस प्रकार की सरकार स्थापित है ?
उत्तर-
वर्तमान समय में नेपाल में लोकतांत्रिक सरकार स्थापित है।

प्रश्न 30.
वर्तमान समय में पाकिस्तान में किस प्रकार की सरकार पाई जाती है ?
उत्तर-
वर्तमान समय में पाकिस्तान में लोकतांत्रिक सरकार पाई जाती है।

लघ उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
1980 में पोलैंड में पौलिश संयुक्त श्रमिक पार्टी के शासनकाल में आप कौन-सी राजनीतिक गतिविधियां पोलैंड में नहीं कर सकते पर अपने देश में कर सकते हैं ?
उत्तर-
1980 में पोलैंड में पौलिश संयुक्त श्रमिक पार्टी के शासनकाल में निम्नलिखित राजनीतिक गतिविधियां मना थीं

  1. पोलैंड में किसी राजनीतिक दल का संगठन नहीं किया जा सकता था। एक ही दल का शासन था।
  2. लोगों को अपनी इच्छा से साम्यवादी पार्टी का नेता चुनने का अधिकार नहीं था।
  3. लोगों को स्वतंत्रता से सरकार चुनने व सरकार की आलोचना करने का अधिकार प्राप्त नहीं था।
  4. लोगों को भाषण देने तथा विचार प्रकट करने की स्वतंत्रता नहीं थी।

प्रश्न 2.
आपके विचार में किसी को आजीवन काल के लिए राष्ट्रपति चुनना अच्छा है अथवा कुछ वर्षों के पश्चात् नियमित चुनाव करना ?
उत्तर-
किसी भी व्यक्ति को आजीवन काल के लिए राष्ट्रपति चुनना ठीक नहीं है। ये लोकतांत्रिक नहीं है। आजीवन काल के लिए चुना हुआ राष्ट्रपति शीघ्र ही तानाशाह बन जाता है और भ्रष्ट हो जाता है। जैसा कि घाना में राष्ट्रपति नकरुमाह (Nkrumah) ने किया। राष्ट्रपति का चुनाव कुछ वर्षों (4 या पांच) के पश्चात् नियमित रूप से होना चाहिए। लोकतंत्र के लिए नियमित चुनाव होना अनिवार्य है ताकि लोग अपने शासकों का चुनाव कर सकें।

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प्रश्न 3.
आपके विचार में अमेरिका का ईराक पर आक्रमण लोकतंत्र को बढ़ावा देता है ? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर-

  1. अमेरिका का ईराक पर आक्रमण लोकतंत्र को बढ़ावा नहीं देता।
  2. किसी देश को दूसरे देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। आक्रमण करके लोकतंत्र की स्थापना नहीं होती।
  3. कोई बाहरी शक्ति किसी दूसरे राज्य में लोकतंत्र की स्थापना अधिक समय तक नहीं कर सकती। लोकतंत्र की स्थापना के लिए उस देश के लोगों को स्वयं संघर्ष करना होगा।

प्रश्न 4.
लोकतंत्र की महत्त्वपूर्ण दो विशेषताएं लिखें।
उत्तर-

  1. जनता द्वारा चुने गए नेताओं को ही देश का शासन चलाना चाहिए।
  2. लोगों को भाषण देने, विचार प्रकट करने, संगठन बनाने इत्यादि की स्वतंत्रता होनी चाहिए।

प्रश्न 5.
आंग सान सू की के जीवन पर संक्षिप्त निबंध लिखें।
उत्तर-
आंग सान सू की पिछले कई वर्षों से म्यांमार में लोकतंत्र के आंदोलन की अगुवा बनी हुई है। उनका जन्म 19 फरवरी, 1945 को रंगून शहर में हुआ। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र का अध्ययन किया तथा बाद में आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भी अपनी शिक्षा जारी रखी। आंग सान सू की म्यांमार के सैनिक शासन के विरुद्ध हैं। अतः उन्होंने म्यांमार में लोकतंत्र के आंदोलन के साथ अपने आपको पूरी तरह जोड़ा हुआ है। म्यांमार की सैनिक सरकार ने कई बार उन पर देश छोड़ने का दबाव बनाया, परंतु आंग सान सू ची अपने देश से बाहर नहीं गई। 13 दिसंबर, 2010 को आंग सान सू की को म्यांमार की सैनिक सरकार ने 15 साल बाद नजरबंदी से रिहा किया। म्यांमार की अधिकांश जनता इस नेता के साथ है, तथा आंदोलन में उनके साथ भागीदार है। आंग सान सू ची ने म्यांमार में लोगों को लोकतांत्रिक सरकार एवं अधिकार देने के लिए एक बड़ा लोकतांत्रिक आंदोलन चला रखा है।

प्रश्न 6.
“19वीं शताब्दी तथा 20वीं शताब्दी के प्रारंभ में कुछ देश पूर्ण रूप से लोकतांत्रिक नहीं थे।” इस कथन के पक्ष में कोई दो तर्क दें।
उत्तर-
निम्नलिखित तर्कों के आधार पर कहा जा सकता है कि 19वीं शताब्दी तथा 20वीं शताब्दी के प्रारंभ में कुछ देश पूर्ण रूप से लोकतांत्रिक नहीं थे-

  1. स्विट्ज़रलैंड, इंग्लैंड तथा फ्रांस जैसे देशों में महिलाओं को मताधिकार प्राप्त नहीं था।
  2. संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देश में भी अश्वेतों को मताधिकार प्राप्त नहीं था।

प्रश्न 7.
चिल्ली में पुनः किस प्रकार लोकतंत्र स्थापित किया गया?
उत्तर-

  1. चिल्ली के सैनिक तानाशाह पिनोशे ने सन् 1988 में अपनी सत्ता को बनाए रखने के लिए जनमत संग्रह करने का फैसला किया।
  2. जनमत संग्रह में पिनोशे की हार हुई।
  3. पिनोशे की राजनीतिक सत्ता सदैव के लिए समाप्त हो गई।
  4. चिल्ली में इसके बाद कई बार चुनाव हो चुके हैं।

प्रश्न 8.
पोलैंड में लोकतंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया का वर्णन करो।
उत्तर-

  1. 1980 में मजदूरों की हड़ताल के कारण सरकार ने विवश होकर मजदूरों के हड़ताल करने के अधिकार को मान्यता प्रदान की।
  2. मज़दूरों ने सोलिडैरिटी नामक एक संगठन बनाया।
  3. मज़दूरों द्वारा सन् 1988 में की गई हड़ताल द्वारा सरकार पर काफ़ी दबाव पड़ा।
  4. अतः सरकार ने विवश होकर चुनाव कराने का निर्णय किया, जिसमें साम्यवादी सरकार का पतन हो गया।

प्रश्न 9.
सोलिडैरिटी के विषय में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-

  1. सोलिडैरिटी पोलैंड के मजदूरों द्वारा बनाया गया एक मजदूर संगठन है।
  2. इस संगठन का निर्माण उंडास्क संधि के बाद किया गया।
  3. अपने गठन के एक वर्ष के अंतराल में ही इसकी सदस्य संख्या एक करोड़ पहुंच गई।
  4. पोलैंड में सन् 1989 में हुए चुनावों में इस संगठन ने 100 सीटों में से 99 सीटें जीतीं।

प्रश्न 10.
शीत युद्ध के पश्चात् अधिकांश नव स्वतंत्रता प्राप्त देशों पर उपनिवेशवाद के अंत का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-

  1. नव स्वतंत्रता प्राप्त देशों को अपनी सरकार एवं राजनैतिक संस्थाएं स्थापित करने में बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ा।
  2. अधिकांश नव स्वतंत्रता प्राप्त देशों ने लोकतंत्र को अपनाया, परंतु इन देशों में लोकतंत्र सफल नहीं हो पाया।
  3. अधिकांश नव स्वतंत्रता प्राप्त देशों में गृह युद्ध शुरू हो गया।
  4. अधिकांश देशों में सैनिक शासन स्थापित हो गया।

प्रश्न 11.
सोवियत संघ के पतन के विषय में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-

  1. सोवियत संघ 1991 में 15 स्वतंत्र गणराज्यों में विभाजित हो गया।
  2. इन गणराज्यों ने साम्यवादी शासन को समाप्त करने के लिए लोकतांत्रिक शासन स्थापित किया।
  3. अधिकांश गणराज्यों में बहुदलीय शासन को मान्यता प्रदान की गई।
  4. पूर्वी यूरोप से सोवियत संघ का नियंत्रण समाप्त हो गया।

प्रश्न 12.
वैश्विक स्तर पर लोकतांत्रिक शासन की स्थापना के संबंध में उपाय बताएं।
उत्तर-

  1. विश्व स्तर पर लोकतांत्रिक शासन की स्थापना के लिए अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं को अधिक लोकतांत्रिक बनाने की आवश्यकता है।
  2. लोगों को राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक अधिकार प्रदान किये जाने चाहिए।
  3. समय-समय में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव करवाने चाहिए।
  4. लोगों को भाषण देने एवं विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान होनी चाहिए।

प्रश्न 13.
राष्ट्रपति एलैंडे बार-बार मजदूरों की बात क्यों करते हैं? अमीर लोग उनसे नाखुश क्यों थे? .
उत्तर-
राष्ट्रपति मज़दूरों के हितैषी थे। उन्होंने बहुत-से ऐसे कानून बनाए थे, जो मज़दूरों के हित में थे, जैसे शिक्षा पद्धति में संशोधन, किसानों में भूमि का पुनर्वितरण तथा बच्चों के लिए नि:शुल्क दूध की व्यवस्था करना इत्यादि। मज़दूरों के अधिक-से-अधिक कल्याण के लिए ही उन्होंने बार-बार मजदूरों की बात की । अमीर लोग राष्ट्रपति एलैंडे से इसलिए नाखुश थे, क्योंकि उन्हें राष्ट्रपति की नीतियां पसंद नहीं थीं।

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प्रश्न 14.
अधिकांश देशों में महिलाओं को पुरुष की तुलना में काफ़ी देर से मताधिकार क्यों मिला? भारत में ऐसा क्यों नहीं हुआ?
उत्तर-
अधिकांश देशों में महिलाओं को पुरुषों की तुलना में काफ़ी देर से मताधिकार इसलिए मिला क्योंकि महिलाओं को पुरुषों के समान नहीं माना जाता था। भारत में आजादी के आंदोलन में महिलाओं ने भी बढ़-चढ़ कर भाग लिया था। इसी दौरान भारत में सकारात्मक लोकतांत्रिक मूल्यों ने जन्म लिया था। उन मूल्यों में महिलाएं समान समझी जाती थीं। अतः भारत में पुरुषों के साथ ही महिलाओं को भी मताधिकार प्राप्त हुआ था।

प्रश्न 15.
पोलैंड में एक स्वतंत्र मजदूर संघ क्यों इतना महत्त्वपूर्ण था? मज़दूर संघों की ज़रूरत क्यों थी?
उत्तर-
पोलैंड में एक स्वतंत्र मजदूर संघ इसलिए महत्त्वपूर्ण था, क्योंकि किसी साम्यवादी शासन वाले देश में पहली बार एक स्वतंत्र मजदूर संघ का निर्माण हुआ था। मज़दूर संघों की आवश्यकता इसलिए होती थी, ताकि मालिकों के असंवैधानिक एवं अनुचित व्यवहार को नियंत्रित किया जा सके।

प्रश्न 16.
आधुनिक युग में प्रत्यक्ष लोकतंत्र क्यों नहीं संभव है ?
उत्तर-
आधुनिक युग में प्रत्यक्ष लोकतंत्र संभव नहीं है। इसका कारण यह है कि आधुनिक राज्य आकार और जनसंख्या दोनों ही दृष्टियों में विशाल है। भारत, चीन, अमेरिका, रूस आदि देशों की जनसंख्या करोड़ों में है। इन देशों में प्रत्यक्ष लोकतंत्र को अपनाना संभव नहीं है। भारत में जनमत-संग्रह करवाना आसान कार्य नहीं है और न ही प्रस्तावाधिकार या उपक्रमण (Initiative) द्वारा जनता की इच्छानुसार कानून बनाए जा सकते हैं। भारत में आम चुनाव करवाने पर करोड़ों रुपये खर्च होते हैं और चुनाव व्यवस्था पर बहुत अधिक समय लगता है। अतः प्रत्यक्ष लोकतंत्र की संस्थाओं को लागू करना संभव नहीं है। आधुनिक युग में लोकतंत्र का अर्थ लोगों द्वारा अप्रत्यक्ष शासन ही है।

प्रश्न 17.
वयस्क मताधिकार से आपका क्या अर्थ है ?
उत्तर-
सार्वभौम वयस्क मताधिकार का अभिप्राय यह है कि एक निश्चित आयु के वयस्क नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के मत देने का अधिकार देना है। वयस्क होने की आयु राज्य द्वारा निश्चित की जाती है। इंग्लैंड में पहले 21 वर्ष के नागरिक को मताधिकार प्राप्त था, परंतु अब यह 18 वर्ष है। रूस और अमेरिका में वयस्क मताधिकार की आयु 18 वर्ष है। भारत में मताधिकार की आयु पहले 21 वर्ष थी, परंतु 61वें संशोधन एक्ट द्वारा यह आयु 18 वर्ष कर दी गई है।

प्रश्न 18.
सार्वजनिक वयस्क (बालिग) मताधिकार के पक्ष में कोई तीन तर्क दीजिए।
उत्तर-
वयस्क मताधिकार के पक्ष में मुख्य निम्नलिखित तर्क दिए जाते हैं-

  1. प्रभुसत्ता जनता के पास है-लोकतंत्र में प्रभुसत्ता जनता के पास होती है और जनता की इच्छा तथा कल्याण के लिए शासन चलाया जाता है। इसलिए मत डालने का अधिकार सबको समानता के साथ मिलना चाहिए। यदि वयस्क मताधिकार का सिद्धांत लागू न किया जाए तो जनता की प्रभुसत्ता की बात सत्य सिद्ध नहीं होती।
  2. कानून का प्रभाव सब पर पड़ता है-राज्य में जो भी कानून बनते हैं उनका प्रभाव राज्य में रहने वाले सभी नागरिकों पर पड़ता है। इसीलिए उन कानूनों को बनाने का अधिकार भी सबको समान रूप से मिलना चाहिए।
  3. व्यक्ति के विकास के लिए मताधिकार आवश्यक-लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन का विकास करने के लिए कई प्रकार के अधिकार मिलते हैं। उन अधिकारों में मताधिकार भी आवश्यक है और इसके बिना कोई भी व्यक्ति अपना, विकास नहीं कर सकता। दूसरे अधिकारों की रक्षा के लिए मताधिकार आवश्यक है।

प्रश्न 19.
वयस्क मताधिकार के विपक्ष में तीन तर्क दीजिए।
उत्तर-
वयस्क मताधिकार के विरुद्ध मुख्य तर्क निम्नलिखित दिए जाते हैं-

  1. शिक्षित व्यक्तियों को ही मताधिकार मिलना चाहिए-बहुत से लोगों का कहना है कि शिक्षित व्यक्तियों को ही मताधिकार मिलना चाहिए। शिक्षित व्यक्ति अपने मत का ठीक प्रयोग कर सकता है। मिल का कहना है कि वयस्क मताधिकार से पहले शिक्षा को अनिवार्य बनाना आवश्यक है। जिसे लिखना-पढ़ना नहीं आता उसे वोट देने का अधिकार कभी नहीं मिलना चाहिए।
  2. मूरों का शासन-वयस्क मताधिकार द्वारा मूल् का शासन स्थापित हो जाता है, क्योंकि समाज में अनपढ़ और मूल् की संख्या अधिक होती है।
  3. मत का दुरुपयोग–यदि अशिक्षित और निर्धन व्यक्तियों को भी मताधिकार दे दिया जाए तो वे इसका ठीक प्रयोग नहीं करेंगे। अशिक्षित व्यक्ति बिना सोचे-समझे अपने मत का प्रयोग कर अयोग्य व्यक्तियों का शासन स्थापित करेंगे और निर्धन व्यक्ति कुछ पैसों के लालच में आकर अपना वोट बेचने को भी तैयार हो जाएंगे।

दीर्घ उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
’20वीं शताब्दी में लोकतंत्र का निरंतर विकास हुआ है।’ व्याख्या करें।
उत्तर-
वर्तमान युग लोकतंत्र का युग है। संसार के अधिकांश देशों में लोकतंत्र 20वीं शताब्दी में विकसित हुआ है। विश्व का कोई भाग ऐसा नहीं है जहां लोकतंत्र का प्रसार न हुआ हो। यूरोप, एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका इत्यादि सभी भागों में एक-एक करके लोकतंत्र की स्थापना हुई है।

  1. ग्रेट ब्रिटेन में कहने को तो लोकतंत्र 1688 की शानदार क्रांति के बाद स्थापित हो गया था। परंतु वास्तव में लोकतंत्र 20वीं शताब्दी में स्थापित हुआ। इंग्लैंड में वयस्क मताधिकार 1928 में लागू किया गया।
  2. फ्रांस में क्रांति 1789 में हुई परंतु लोकतंत्र की स्थापना धीरे-धीरे हुई। 18वीं तथा 19वीं शताब्दी में फ्रांस में धीरे-धीरे राजतंत्र और ज़मींदारों की शक्तियां कम हुईं। वोट डालने का अधिकार अधिक-से-अधिक लोगों को दिया गया। पर वयस्क मताधिकार 1944 में लागू होने पर वास्तविक लोकतांत्रिक शासन प्रणाली की स्थापना हुई।
  3. संयुक्त राज्य अमेरिका-नार्थ अमेरिका ने 1776 में अपने आपको स्वाधीन घोषित किया। अन्य राज्यों के स्वतंत्र होने पर संयुक्त राज्य अमेरिका की स्थापना हुई। संयुक्त राज्य अमेरिका का संविधान 1787 में लागू किया गया और लोकतंत्र की स्थापना की गई। संयुक्त राज्य अमेरिका में वयस्क मताधिकार 1965 में लागू किया गया।
  4. न्यूजीलैंड-न्यूजीलैंड में व्यस्क मताधिकार 1893 में लागू किया गया।
  5. उपनिवेशवाद का अंत-द्वितीय विश्व युद्ध के बाद एशिया और अफ्रीका के अनेक देशों को ब्रिटिश साम्राज्यवाद से मुक्ति मिली। भारत 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्र हुआ और लोकतंत्र की स्थापना की गई। पाकिस्तान, श्रीलंका, घाना इत्यादि देशों में भी लोकतंत्र की स्थापना हुई।
  6. सोवियत संघ का विघटन–1991 में सोवियत संघ का विघटन हो गया। सोवियत संघ के 15 यूनियन रिपब्लिक स्वतंत्र राज्य बन गए और इनमें लोकतंत्र की स्थापना की गई।
    वर्तमान समय में लगभग 140 देशों में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली पाई जाती है। परंतु आज भी कई देशों में एक दलीय या सैनिक तानाशाही पाई जाती है। चीन में साम्यवादी दल का शासन है जबकि म्यांमार इत्यादि देशों में सैनिक तानाशाही पाई जाती है।

प्रश्न 2.
ऑगस्टो पिनोशे ने चिल्ली का राष्ट्रपति बनने के पश्चात् किस प्रकार के कार्य किये ?
उत्तर-
ऑगस्टो पिनोशे ने चिल्ली का राष्ट्रपति बनने के पश्चात् बहुत गैर-लोकतांत्रिक कार्य किए-

  1. पिनोशे ने चिल्ली में अपनी तानाशाही स्थापित कर ली।
  2. पिनोशे ने एलैंडे के बहुत से समर्थकों को मरवा डाला।
  3. पिनोशे ने जनरल बैशलेट की पत्नी एवं बेटी को जेल में डाल दिया।
  4. पिनोशे ने वायुसेना के जनरल बैशलेट तथा अन्य अधिकारियों की हत्या कर दी।
  5. पिनोशे ने लगभग 3000 बेकसूर लोगों की हत्या करवा दी।

PSEB 9th Class SST Solutions Civics Chapter 1 वर्तमान लोकतंत्र का इतिहास, विकास एवं विस्तार

वर्तमान लोकतंत्र का इतिहास, विकास एवं विस्तार PSEB 9th Class Civics Notes

  • प्राचीन काल से लेकर वर्तमान समय तक संसार में कई प्रकार की शासन व्यवस्थाएं प्रचलित रही हैं, जिनमें राजतंत्र, तानाशाही, सत्तावादी, सर्वसत्तावादी, सैनिक तानाशाही इत्यादि प्रमुख हैं।
  • संसार में लोकतंत्र की शुरुआत यूनान तथा रोमन गणराज्यों से हुई जहां नगर, राज्यों में प्रत्यक्ष व सीधा लोकतंत्र प्रचलित था। यहां राज्य के नागरिक प्रत्यक्ष रूप से प्रशासनिक नीति से संबंधित निर्णय लेते थे।
  • प्राचीनकालीन भारत के कुछ राज्यों में भी गणतंत्र को स्वीकार किया गया था। चोलवंश के काल में निम्न स्तर पर लोकतंत्र के कुछ उदाहरण मौजूद हैं।
  • मध्यकाल को सामंतवाद का युग भी कहा जाता है जब सामंतों का बोलबाला था। इस कारण इस समय में लोकतंत्र उभर कर सामने नहीं आ पाया।
  • आधुनिक काल में शासकों की निरंकुश व्यवस्थाओं को चुनौती मिली तथा राजाओं की शक्तियों को या तो खत्म कर दिया गया या फिर उन्हें सीमित कर दिया गया।
  • 20वीं शताब्दी को लोकतंत्र का स्वर्णिम युग कहा जाता है जब साम्राज्यवाद की समाप्ति के पश्चात् बहुत से देशों में लोकतंत्र को स्थापित किया गया।
  • द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् बहुत से देशों को साम्राज्यवादी देशों से स्वतंत्रता मिली तथा उन्होंने अपने देशों में लोकतंत्र स्थापित किया। भारत भी उन देशों में से था।
  • चिल्ली में साल्वाडोर एलेंडे ने लोकतंत्र स्थापित किया तथा जनता के कल्याण के कार्य किए। परंतु अमीर लोगों को यह पसंद नहीं आया तथा उन्होंने सैनिक जनरल पिनोशे के साथ मिलकर एलेंड़े की सरकार को खत्म करके वहां सैनिक शासन स्थापित किया। 17 वर्षों पश्चात् पिनोशे ने जनमत संग्रह करवाया जिसमें जनता ने उसका विरोध किया तथा उसे सत्ता छोड़नी पड़ी।
  • पोलैंड एक साम्यवादी देश था जहां मजदूरों ने हड़ताल कर दी जो व्यापक स्तर पर फैल गई। सरकार को उनके आगे झुकना पड़ा तथा मज़दूरों ने ‘सोलिडेरिटी’ नामक व्यापार संघ की स्थापना की। 1990 में देश में स्वतंत्र चुनाव हुए तथा सोलिडेरिटी संघ को विजय प्राप्त हुई। इस प्रकार वहां पर भी लोकतंत्र स्थापित हुआ।
  • अफ्रीका तथा एशिया के बहुत से देश साम्राज्यवाद का शिकार थे तथा यूरोप के देशों ने उन्हें अपना गुलाम बनाया हुआ था। द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् जब साम्राज्यवादी देशों की अपनी शक्ति खत्म हो गई तो इन्होंने अपने उपनिवेशों को स्वतंत्र करना शुरू कर दिया। भारत भी उनमें से था। अफ्रीका में घाना पहला देश था जिसे 1957 में अंग्रेजों से स्वतंत्रता प्राप्त हुई।
  • अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त राष्ट्र संघ नामक एक संस्था है जहां पर लोकतांत्रिक ढंग से निर्णय लिए जाते हैं तथा प्रत्येक देश को एक समान मताधिकार प्राप्त हैं। इसके 193 राष्ट्र सदस्य हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र संघ की एक सुरक्षा परिषद् है जो विश्व के अलग अलग देशों में झगड़े निपटाने का कार्य करती है। सुरक्षा परिषद् के 15 सदस्य हैं जिनमें 5 स्थायी सदस्य (अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस तथा चीन) हैं तथा 10 अस्थायी देश हैं जो 2 वर्षों के लिए चुने जाते हैं।
  • अंतर्राष्ट्रीय स्तर की एक अन्य संस्था अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (I.M.F.) भी है जिसमें 188 राष्ट्र सदस्य हैं। इन सभी देशों के पास मत देने का अधिकार है परंतु उसके मत की शक्ति उस देश द्वारा संस्था को दी गई राशि के अनुसार निश्चित होती है।
  • अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की कार्य प्रणाली देख कर तो ऐसा लगता है कि ये संस्थाएं लोकतंत्र की स्थापना के लिए कार्य करती हैं परंतु इनकी स्वयं की कार्य प्रणाली ही लोकतांत्रिक नहीं है।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब : आकार व स्थिति

Punjab State Board PSEB 9th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 1b पंजाब : आकार व स्थिति Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Social Science Geography Chapter 1b पंजाब : आकार व स्थिति

SST Guide for Class 9 PSEB पंजाब : आकार व स्थिति Textbook Questions and Answers

(क) नक्शा कार्य (Map Work):

प्रश्न 1.
पंजाब के रेखा मानचित्र में अंकित करें :
उत्तर-
(i) अंतर्राष्ट्रीय हद (सीमा) के साथ सटे 6 ज़िले
(ii) राज्य के 22 जिला मुख्यालय (Head quarters) व राजधानी।
नोट-विद्यार्थी यह प्रश्न अध्याय में दिए गए मानचित्र की सहायता से स्वयं करें।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो शब्दों से एक वाक्य तक दें:

प्रश्न 1.
पंजाब शब्द का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
पंजाब फ़ारसी भाषा के दो शब्दों पंज + आब से मिलकर बना है जिनका अर्थ है-पांच दरियाओं (नदियों) की धरती।

प्रश्न 2.
पैप्सू का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर-
पटियाला एंड ईस्ट पंजाब स्टेट्स यूनियन (Patiala and East Punjab States Union)।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब : आकार व स्थिति

प्रश्न 3.
पंजाब का अक्षांशीय व देशांतरीय विस्तार क्या है ?
उत्तर-
पंजाब का अक्षांशीय विस्तार 29°30′ उ० से लेकर 32°33′ उ० तक तथा देशांतरीय विस्तार 73°55′ पू० से 76°50′ पू० तक है।

प्रश्न 4.
रावी, ब्यास व सतलुज के पुरातन नाम क्या हैं ?
उत्तर-
रावी, ब्यास व सतलुज के पुराने नाम क्रमशः पुरुषनी, विपासा तथा सुतुदरी थे।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से कौन-सा जिला अंतर्राष्ट्रीय सरहद से सटा नहीं है ?
(i) पठानकोट
(ii) फ़रीदकोट
(iii) फ़ाज़िल्का
(iv) तरनतारन।
उत्तर-
(ii) फ़रीदकोट।

प्रश्न 6.
कौन-सा जोड़ा सही नहीं है ?
(i) बटाला : कृषि के सामान के कारखाने
(ii) जालंधर : खेलों के सामान के कारखाने
(ii). अबोहर : संगीत साज़ों के सामान के कारखाने
(iv) गोबिंदगढ़ : लोहे की ढलाई के कारखाने।
उत्तर-
(iii) अबोहर : संगीत साज़ों के सामान के कारखाने

(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षेप उत्तर दें :

प्रश्न 1.
पंजाब के कोई 6 विश्वविद्यालयों (Universities) के नाम व स्थान लिखें जो प्राइवेट न हों।
उत्तर-

  1. गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी-अमृतसर।
  2. आई० के० गुजराल पंजाब टैकनीकल यूनिवर्सिटी-कपूरथला।
  3. पंजाब यूनिवर्सिटी-चंडीगढ़।
  4. पंजाबी यूनिवर्सिटी-पटियाला।
  5. एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (कृषि विश्वविद्यालय)-लुधियाना।
  6. सैंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ पंजाब-बठिंडा।

प्रश्न 2.
वर्तमान पंजाब की भौगोलिक स्थिति व पड़ोस के विषय में लिखें।
उत्तर-
वर्तमान पंजाब 29°30′ उ० अक्षांश से 32°33′ उ० अक्षांशों तथा 73°55′ पू० से 76°50′ पू० देशांतरों के बीच फैला हुआ है। पंजाब का कुल क्षेत्रफल 50,362 वर्ग किमी० है। यह क्षेत्रफल भारत के कुल क्षेत्रफल का 1.6 प्रतिशत है। क्षेत्रफल की दृष्टि से भारतीय राज्यों (प्रांतों) में इसे 10वां स्थान प्राप्त है।
वर्तमान पंजाब भारत के उत्तर-पश्चिम में स्थित है। इसके पश्चिम में पाकिस्तान तथा उत्तर पूर्व में हिमाचल प्रदेश स्थित है। इसके दक्षिण तथा दक्षिण-पश्चिम में स्थित राज्यों में क्रमशः हरियाणा तथा राजस्थान शामिल हैं।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब : आकार व स्थिति

प्रश्न 3.
पंजाब में कितने मंडल, जिले, तहसीलें व ब्लॉक हैं ?
उत्तर-
पंजाब में कुल 5 मंडल, 22 जिले, 86 तहसीलें तथा 145 ब्लॉक हैं।
PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब आकार व स्थिति (1)

प्रश्न 4.
पैप्सू के विषय में विस्तृत जानकारी दें।
उत्तर-
पैप्सू राज्य का पूरा नाम Patiala and East Punjab States Union (पटियाला एंड ईस्ट पंजाब स्टेट्स यूनियन) था। इसका गठन 15 जुलाई, 1948 को पंजाब की रियासतों पटियाला, नाभा, मालेरकोटला, जींद, कपूरथला, फरीदकोट, नालागढ़ तथा कलसिया को मिलाकर किया गया।
1956 में पूरे भारत के राज्यों का पुनर्गठन किया गया। इसमें पैप्सू प्रांत को समाप्त करके इसे पंजाब में मिला दिया गया।

प्रश्न 5.
अगर पठानकोट से फ़ाज़िल्का जाने के लिए बीच में कोई सरहद का ज़िला न छूना हो तो, कौनसा रास्ता लेना होगा ?
उत्तर-
इसके लिए निम्नलिखित जिलों में से होकर जाना होगा
पठानकोट-होशियारपुर-कपूरथला-मोगा-फ़रीदकोट, श्री मुक्तसर साहिब-फ़ाज़िल्का।

(घ) निम्नलिखित प्रश्नों के विस्तृत उत्तर दें :

प्रश्न 1.
पंजाब के भौगोलिक इतिहास से जान-पहचान करवायें।
उत्तर-
पंजाब फ़ारसी के दो शब्दों-‘पंज’ तथा ‘आब’ के मेल से बना है। इसका अर्थ है-पांच पानियों अर्थात् पांच दरियाओं की धरती। ये पांच दरिया हैं-सतलुज, ब्यास, रावी, चिनाब व जेहलम।
पंजाब के बदलते नाम-पंजाब के विभिन्न कालों में अलग-अलग नाम रहे

  1. वैदिक काल में पंजाब को पांच दरियाओं की धरती नहीं बल्कि सात दरियाओं की धरती अथवा सप्त सिंधु कहा जाता था। उस समय पांच दरियाओं के साथ-साथ सीमावर्ती पश्चिम में सिंध दरिया तथा पूर्व में दरिया सरस्वती (जोकि आजकल लुप्त हो चुका है) का वर्णन भी वैदिक साहित्य में मिलता है। इसलिए इन सात दरियाओं द्वारा घिरा सारा मैदान ‘सप्त सिंधु’ कहलाता था।
  2. पुराणों में पंजाब को ‘पंच-नद’ कहा गया था।
  3. यूनानी इतिहासकारों ने पंजाब को पैंटापोटेमिया (Pentapotamia) का नाम दिया जिसका अर्थ है-पांच दरियाओं की धरती।
  4. कुछ समय के लिए यहां रहने वाले एक वीर कबीले ‘टक्की’ के नाम पर पंजाब का नाम टक्क प्रदेश भी प्रचलित रहा है।
  5. सिंध व ब्यास के बीच की धरती तथा पहाड़ों की तलहटी से ‘पांच-नद’ तक के इलाके को चीनी यात्री यून सांग ने ‘सेकिया’ का नाम दिया।
  6. महाराजा रणजीत सिंह के शासनकाल में पंजाब की सीमाएं उत्तर-पश्चिम में अफ़गानिस्तान के काबुल से लेकर गंगा नदी तक फैली हुई थीं। उस समय यह सारा प्रदेश ‘लाहौर’ सूबे के नाम से जाना जाता था।

प्रश्न 2.
मालवा क्षेत्र के कोई 5 जिलों का संक्षेप वर्णन करें।
उत्तर-
मालवा क्षेत्र के मुख्य जिलों का वर्णन इस प्रकार है :

  1. बरनाला-यह शहर कभी पटियाला रियासत का एक भाग था। इसे 2006 में एक अलग ज़िला बनाया गया। 2011 की जनगणना के अनुसार यह पंजाब का सबसे कम जनसंख्या वाला जिला था।
  2.  बठिंडा-बठिंडा ‘मालवा क्षेत्र का दिल’ कहलाता है। इस शहर का उल्लेख प्रसिद्ध यात्री इब्नबतूता के लेखों में भी मिलता है। सबसे पहली मुस्लिम शासिका रजिया बेग़म भी कुछ समय के लिए बठिंडा में ठहरी थी। आज बठिंडा एक बहुत बड़ा रेलवे जंक्शन है।
  3. फ़रीदकोट-फ़रीदकोट 1972 में प्रसिद्ध सूफी संत बाबा फ़रीद के नाम पर जिला बना। 1995 में इसमें से दो अन्य ज़िले बनाए गए।
  4. फ़ज़िल्का-यह पंजाब का 21वां ज़िला है जो कपास पट्टी में स्थित है। अपनी भूमध्य सागरीय जलवायु के कारण यह जिला किन्नू तथा अन्य रसदार फ़ल पैदा करने के लिए संसार भर में प्रसिद्ध है।
  5. फिरोजपुर-फिरोजपुर एक ऐतिहासिक शहर है और बहुत पुराना जिला है। आजादी से पहले भी यह एक ज़िला था।
  6. लुधियाना-इस शहर को 1480 ई० में लोधी शासकों ने बसाया था। आज यह हौज़री का सामान बनाने तथा पंजाब के कृषि विश्वविद्यालय के लिए प्रसिद्ध है।
  7. मानसा-मानसा 1992 ई० में जिला बना। कपास की अत्यधिक पैदावार के कारण इस जिले को ‘सफ़ेद सोने की धरती’ कहा जाता है।
  8. मोगा-यह 1995 में पंजाब का 17वां जिला बना। अंग्रेजी शासन के समय लुधियाना के बाद मोगा इसाइयों का दूसरा बड़ा केंद्र था।
  9. श्री मुक्तसर साहिब-यह ज़िला एक ऐतिहासिक नगर है। इसका नाम दशम पातशाही के इतिहास से जुड़ा है। यह 1995 में अस्तित्व में आया।
  10. संगरूर-विभिन्नताओं से भरा यह शहर जींद रियासत की राजधानी रहा है। इसका दक्षिणी प्रदेश पुआध प्रदेश से मेल खाता है।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब : आकार व स्थिति

प्रश्न 3.
पंजाब के कौन-कौन से स्थान छोटे उद्योगों के नाम से जाने गये हैं, पहचान करवाएं।
उत्तर-
पंजाब उद्योगों की दृष्टि से एक विकासशील राज्य है। यहां उद्योगों का निरंतर विस्तार हो रहा है। यहां के कई शहरों/स्थानों का महत्त्व यहां स्थापित छोटे उद्योगों के कारण हुआ। इस स्थानों की संक्षिप्त जानकारी नीचे दी गई है

  1. बटाला-बटाला गुरदासपुर जिले का एक शहर है। इसका विकास यहां स्थापित खेती के औजार बनाने के उद्योग से हुआ।
  2. माहिलपुर-यह होशियारपुर जिले का एक शहर है। यह फुटबाल की नर्सरी के रूप में जाना जाता है।
  3. टांडा-यह भी होशियारपुर जिले का एक शहर है। यह फर्नीचर तथा संगीत यंत्र बनाने के लिए प्रसिद्ध है।
  4. संसारपुर-यह जालंधर जिले का एक गांव है। यह हाकी की नर्सरी के रूप में प्रसिद्ध है।
  5. साहिबजादा अजीत सिंह नगर-यह नगर मोहाली के नाम से अधिक प्रसिद्ध है। यह छोटे-बड़े उद्योगों का बहुत बड़ा केंद्र है।
  6. लुधियाना-यह पंजाब का बहुत बड़ा ज़िला है। इसका विकास हौजरी तथा साइकिल निर्माण उद्योगों के कारण हुआ था।
  7. जालंधर-यह भी पंजाब का प्रमुख ज़िला है। इस शहर का विकास फर्नीचर तथा खेलों का सामान बनाने के उद्योग से हुआ। आज भी यह उद्योग जालंधर में फलफूल रहा है।

नोट : विद्यार्थी कोई पाँच करें।

PSEB 9th Class Social Science Guide पंजाब : आकार व स्थिति Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न :

प्रश्न 1.
महाराजा रणजीत सिंह के समय पंजाब किस नाम से जाना जाता था ?
(क) पैप्सू सूबा
(ख) टक प्रदेश
(ग) लाहौर सूबा
(घ) पंचनद।
उत्तर-
(ग) लाहौर सूबा

प्रश्न 2.
पंजाब के पश्चिम में कौन-सा देश स्थित है ?
(क) पाकिस्तान
(ख) चीन
(ग) म्यांमार
(घ) भूटान।
उत्तर-
(क) पाकिस्तान

प्रश्न 3.
पंजाब के दोआबा क्षेत्र में कौन-सा जिला शामिल नहीं है ?
(क) जालंधर
(ख) श्री अमृतसर साहिब
(ग) होशियारपुर
(घ) कपूरथला।
उत्तर-
(ख) श्री अमृतसर साहिब

प्रश्न 4.
पंजाब का कौन-सा ज़िला 1947 से पहले भी एक ज़िला था ?
(क) फ़रीदकोट
(ख) लुधियाना
(ग) पटियाला
(घ) फ़िरोज़पुर।
उत्तर-
(घ) फ़िरोज़पुर।

प्रश्न 5.
पंजाब का सबसे छोटा जिला कौन-सा है ?
(क) संगरूर
(ख) पटियाला
(ग) पठानकोट
(घ) फ़ाज़िल्का।
उत्तर-
(ग) पठानकोट

रिक्त स्थान भरो:

1. पंजाब में ………………… प्रशासनिक मंडल हैं।
2. पंजाब में ……………… जिले हैं ?
3. रूपनगर का पुराना नाम ………….. था।
4. साहिबजादा अजीत सिंह नगर …………… के नाम से अधिक जाना जाता है।
5. पंजाब का कुल क्षेत्रफल …………… वर्ग कि०मी० है।
उत्तर-

  1. 1.5
  2. 22
  3. रोपड़
  4. मोहाली
  5. 50,3621

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब : आकार व स्थिति

मिलान करो:

1. कपूरथला – (i) सफेद सोने (कपास) की भूमि
2. मुक्तसर – (ii) रजिया बेग़म
3. फ़ाज़िल्का – (iii) रियासती शहर
4. मानसा – (iv) दशम पातशाह
5. बठिंडा – (v) रसदार फल।
उत्तर-

  1. रियासती शहर
  2. दशम पातशाह
  3. रसदार फल
  4. सफेद सोने (कपास) की भूमि
  5. रजिया बेगम।

अति छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पंजाब को किस प्राचीन सभ्यता का निवास स्थान कहा जाता है ?
उत्तर-
हड़प्पा अथवा सिंधु घाटी की सभ्यता।

प्रश्न 2.
आर्यों के ग्रंथ ऋग्वेद में पंजाब को किस नाम से पुकारा गया है ?
उत्तर-
सप्त सिंधु अर्थात् सात दरियाओं की धरती।

प्रश्न 3.
पंजाब को पैंटापोटामिया का नाम किसने दिया ?
उत्तर-
यूनानियों ने।

प्रश्न 4.
पैंटापोटामिया का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
पांच दरियाओं की धरती।

प्रश्न 5.
आज पंजाब कितने तथा कौन-कौन से दरियाओं की धरती है ?
उत्तर-
आज पंजाब तीन दरियाओं-सतलुज, ब्यास तथा रावी-की धरती है।

प्रश्न 6.
पैप्सू प्रांत का गठन कब हुआ ?
उत्तर-
15 जुलाई, 1948 को।

प्रश्न 7.
महाराजा रणजीत सिंह के समय पंजाब राज्य का विस्तार बताओ।
उत्तर-
महाराजा रणजीत सिंह के समय पंजाब उत्तर-पश्चिम में काबुल (अफ़गानिस्तान) से लेकर गंगा नदी तक फैला हुआ था।

प्रश्न 8.
कनिंघम के अनुसार पंजाब को ‘टक प्रदेश’ क्यों कहा जाता था ?
उत्तर-
पंजाब में टक कबीले का निवास होने के कारण।

प्रश्न 9.
आज के पंजाब का उदय कब हुआ ?
उत्तर-
1 नवंबर, 1966 को।

प्रश्न 10.
शाह कमीशन की सिफ़ारिशों के आधार पर पंजाब के विभाजन से किन दो नये राज्यों का निर्माण हुआ ?
उत्तर-
हरियाणा तथा हिमाचल प्रदेश।

प्रश्न 11.
पूरे भारत में राज्यों का पुनर्गठन कब हुआ ?
उत्तर-
1956 में।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब : आकार व स्थिति

प्रश्न 12.
1956 में राज्यों के पुनर्गठन का पैप्सू प्रांत पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर-
1956 में पैप्सू प्रांत को पंजाब में मिला दिया गया।

लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पंजाब की भौगोलिक स्थिति का भारतीय उपमहाद्वीप के लिए क्या महत्त्व है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
पंजाब पांच दरियाओं की धरती का एक भाग है। इसकी भौगोलिक स्थिति का भारतीय उपमहाद्वीप के लिए विशेष महत्त्व है। पंजाब को भारतीय इतिहास तथा सभ्यता का निर्माता कहा जाता है। यह हड़प्पा अथवा सिंधु घाटी की सभ्यता का निवास स्थान रहा है जो संसार की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक थी। आर्यों, यूनानियों, कुषाणों, तुर्कों, मुग़लों तथा अफ़गानों ने पंजाब के मार्ग से ही भारत में प्रवेश किया। इन लोगों ने भारतीय इतिहास तथा सभ्यता एवं संस्कृति का रूप ही बदल डाला।

प्रश्न 2.
पंजाब के माझा क्षेत्र तथा दोआबा क्षेत्र में शामिल जिलों के नाम लिखो।
उत्तर-
माझा क्षेत्र के ज़िले-

  1. श्री अमृतसर साहिब
  2. गुरदासपुर
  3. पठानकोट तथा
  4. तरनतारन साहिब।

दोआबा क्षेत्र के जिले-

  1. होशियारपुर
  2. जालंधर
  3. कपूरथला तथा
  4. शहीद भगत सिंह नगर।

प्रश्न 3.
पुआध क्षेत्र में शामिल जिलों के नाम लिखो तथा साहिब अजीत सिंह नगर (मोहाली) की संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
उत्तर-ज़िले-

  1. फतेहगढ़ साहिब
  2. पटियाला
  3. रूपनगर
  4. साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर (मोहाली)।

साहिबजादा अजीत सिंह नगर (मोहाली)-यह नगर 2006 में जिला बना जो पंजाब का 18वां ज़िला था। पहले इसका नाम मोहाली था। आज भी यह नगर मोहाली के नाम से अधिक प्रसिद्ध है।।

प्रश्न 4.
पुआध क्षेत्र के किन्हीं दो जिलों के बारे में लिखो।
उत्तर-
फतेहगढ़ साहिब तथा पटियाला पुआध क्षेत्र के दो महत्त्वपूर्ण जिले हैं। इनका संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है :
फतेहगढ़ साहिब-यह नगर 1992 में जिला बना। इसका नाम सबसे छोटे साहिबजादे बाबा फतेह सिंह के नाम पर रखा गया है।
पटियाला-यह एक रियासती शहर है। 1955 ई० तक यह पैप्सू प्रांत की राजधानी रहा है। यह शिक्षा केंद्रों के लिए प्रसिद्ध है। इसमें से दो नये जिले भी बनाये गए।

प्रश्न 5.
रूपनगर का पुराना नाम क्या था ? इस जिले का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
रूपनगर का पुराना नाम रोपड़ था। यह एक प्राचीन शहर है। इसका अस्तित्व 11वीं सदी में भी था। सतलुज के किनारे बसा यह शहर महाराजा रणजीत सिंह के राज्य का एक सीमावर्ती शहर था।

प्रश्न 6.
माझा क्षेत्र के किन्हीं दो महत्त्वपूर्ण जिलों के बारे में लिखो।
अथवा
पंजाब के किन्हीं दो उत्तर-पश्चिमी सीमावर्ती जिलों का वर्णन करो।
उत्तर-
श्री अमृतसर साहिब तथा तरनतारन साहिब माझा क्षेत्र के दो महत्त्वपूर्ण जिले हैं। ये पंजाब की उत्तरपश्चिमी सीमा पर स्थित हैं।

  1. श्री अमृतसर साहिब-अमृतसर से भाव है-अमृत का सरोवर। इस शहर का पुराना नाम चक रामदास था। वर्षों तक यह शहर एक व्यापारिक केंद्र के रूप में प्रसिद्ध रहा।
  2. तरनतारन साहिब-तरनतारन साहिब 2006 ई० में जिला बना। इस शहर को पांचवीं पातशाही श्री अर्जन देव जी ने बसाया था।

प्रश्न 7.
गुरदासपुर तथा पठानकोट पंजाब के किस क्षेत्रीय खंड में स्थित हैं ? इनके बारे में संक्षेप में लिखो।
उत्तर-
गुरदासपुर तथा पठानकोट जिले पंजाब के माझा क्षेत्र में स्थित हैं।
गुरदासपुर-इस शहर को 16वीं शताब्दी में बसाया गया। गुरदासपुर जिले के एक शहर कलानौर में मुग़ल बादशाह अकबर की ताजपोशी हुई थी। इस जिले का एक अन्य शहर बटाला भी काफ़ी प्रसिद्ध रहा है।
पठानकोट-ज़िला पठानकोट जुलाई, 2011 ई० में अस्तित्व आया। यह एक तराई प्रदेश है और पंजाब राज्य का सबसे छोटा ज़िला है।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब : आकार व स्थिति

प्रश्न 8.
पंजाब के होशियारपुर तथा जालंधर ज़िलों पर संक्षिप्त नोट लिखो।
उत्तर-

  1. होशियारपुर-दोआबा क्षेत्र में स्थित यह ज़िला अर्द्ध-पहाड़ी तथा मैदानी प्रदेश का मिश्रण है। इस जिले का शहर माहिलपुर फुटबाल की नर्सरी के रूप में जाना जाता है। एक अन्य शहर टांडा फर्नीचर तथा संगीत के सामान के लिए प्रसिद्ध है।
  2. जालंधर-जिला जालंधर पंजाब राज्य का एक ऐतिहासिक शहर है। यह एक मीडिया केंद्र है और खेलों का सामान बनाने के लिए प्रसिद्ध रहा है। जालंधर जिले का गांव संसारपुर हॉकी की नर्सरी के रूप में जाना जाता है।

प्रश्न 9.
दोआबा क्षेत्र के किन्हीं दो जिलों के बारे में लिखो।
उत्तर-
निम्नलिखित दो ज़िले पंजाब के दोआबा क्षेत्र में शामिल हैं
कपूरथला-कपूरथला एक रियासती शहर है। 1947 के बाद जे० सी० टी० मिल्ज़ तथा पुष्पा गुजराल साईंस सिटी कपूरथला की पहचान बन गई।
शहीद भगत सिंह नगर (नवांशहर)-1955 में नवांशहर को जिला बनाया गया। बाद में इस जिले को शहीद भगत सिंह नगर का नाम दिया गया।

प्रश्न 10.
पंजाब का बठिंडा जिला क्यों प्रसिद्ध है ?
उत्तर-
बठिंडा पंजाब के मालवा क्षेत्र का दिल कहलाता है। इस शहर का उल्लेख प्रसिद्ध यात्री इब्न बतूता के लेखों में भी मिलता है। सबसे पहली मुस्लिम शासिका रज़िया बेग़म भी कुछ समय के लिए बठिंडा में ठहरी थी। आज यह एक बहुत बड़ा रेलवे जंक्शन है।

प्रश्न 11.
पंजाब के सबसे कम जनसंख्या (2011 की जनगणना) वाले तथा रसदार फल पैदा करने वाले जिलों के बारे में लिखो।
उत्तर-
इन जिलों के नाम क्रमशः बरनाला तथा फ़ाज़िल्का हैं।
बरनाला-यह शहर कभी पटियाला रियासत का एक भाग था। इसे 2006 में एक अलग ज़िला बनाया गया। 2011 की जनगणना के अनुसार यह पंजाब का सबसे कम जनसंख्या वाला जिला था।
फ़ाज़िल्का-यह पंजाब का 21वां जिला है जो कपास पट्टी में स्थित है। अपनी भूमध्य सागरीय जलवायु के कारण यह जिला किन्नू तथा अन्य रसदार फल पैदा करने के लिए संसार भर में प्रसिद्ध है।

प्रश्न 12.
पंजाब के ऐसे दो जिलों की संक्षेप में जानकारी दीजिए जो कभी रियासतों से संबंध रखते थे।
उत्तर-
संगरूर-विभिन्नताओं से भरा यह शहर जींद रियासत की राजधानी रहा है। इसका दक्षिणी प्रदेश पुआध प्रदेश से मेल खाता है।
पटियाला-यह एक रियासती शहर है। 1955 ई० तक यह पैप्सू प्रांत की राजधानी रहा है। यह शिक्षा केंद्रों के लिए प्रसिद्ध है। इसमें से दो नये ज़िले भी बनाये गए।

प्रश्न 13.
पंजाब के दो जिलों के नाम बताओ जिनका नाम दो साहिबजादों के नाम पर रखा गया है ? संत फ़रीद से जुड़े जिले के बारे में संक्षेप में लिखो।
उत्तर-
पुआध क्षेत्र में स्थित फतेहगढ़ साहिब तथा साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर जिलों के नाम दो साहिबजादों के नाम पर रखा गया है।
फरीदकोट-1972 में प्रसिद्ध सूफी संत बाबा फ़रीद के नाम पर फरीदकोट ज़िला बना। 1995 में इसमें से दो अन्य ज़िले बनाए गए।

प्रश्न 14.
गुरदासपुर जिले की तहसीलों/सब डिवीज़नों तथा सब तहसीलों के नाम लिखो।
उत्तर-
तहसीलें-

  1. गुरदासपुर
  2. बटाला
  3. डेरा बाबा नानक।

सब-तहसीलें-

  1. काहनूवान
  2. कलानौर
  3. दीना नगर
  4. नौशहरा मझा सिंह
  5. धारीवाल
  6. श्री हरगोबिंदपुर
  7. कादियां
  8. फतेहगढ़ चूड़ियां।

प्रश्न 15.
जिला अमृतसर की सब-तहसीलों तथा विकास खंडों (Blocks) के नाम लिखिए।
उत्तर-
सब-तहसीलें-मजीठा, अटारी, तरसिक्का, लोपोके, रमदास। विकास खंड-तरसिक्का, रइया, अजनाला, चोगावां, मजीठा, वेरका, जंडियाला गुरु, हरषा छीना, अटारी।

प्रश्न 16.
पंजाब के जालंधर जिला की सब तहसीलों के नाम लिखो। इनमें से कौन-सी तहसीलें विकास खंड भी हैं ?
उत्तर-
सब-तहसीलें-

  1. आदमपुर
  2. भोगपुर
  3. करतारपुर
  4. महितपुर
  5. लोहियां
  6. नूरमहल
  7. गोराया।

इनमें से भोगपुर, महितपुर तथा नूरमहल विकास खंड भी हैं।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब : आकार व स्थिति

प्रश्न 17.
पंजाब के लुधियाना जिले की सब-डिवीजनों (तहसीलों) के नाम लिखो। इस जिले के कोई चार विकास खंड भी लिखो।
उत्तर-
तहसीलें-

  1. लुधियाना पूर्वी
  2. लुधियाना पश्चिमी
  3. जगराओं
  4. पायल
  5. समराला
  6. रायकोट
  7. खन्ना

विकास खंड-

  1. पाछीवाड़ा
  2. दोराहा
  3. रायकोट
  4. खन्ना।

दीर्घ उत्तरों वाले प्रश्न।।

प्रश्न 1.
1947 से 1966 तक पंजाब के राजनीतिक इतिहास का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
स्वतंत्रता से पूर्व पंजाब एक विशाल प्रांत था। 1947 में भारत-विभाजन के साथ ही पंजाब का विभाजन भी दो भागों में हो गया। भारतीय पंजाब पूर्वी पंजाब कहलाया। विभाजन के कारण पंजाब का अधिकतर उपजाऊ भाग पाकिस्तान में चला गया। इसका केवल 34% भाग ही भारत में रहा। नहरों का भी अधिकतर भाग पाकिस्तान के हिस्से में आया।
पेप्स प्रांत की स्थापना तथा समाप्ति-15 जुलाई, 1948 को पंजाब की रियासतों पटियाला, नाभा, मलेरकोटला, जींद, कपूरथला, फरीदकोट, नालागढ़ तथा कलसिया को मिलाकर पैप्सू प्रांत (Patiala and East Punjab States Union) का गठन किया गया। 1956 में पूरे भारत के राज्यों का पुनर्गठन किया गया। इसमें पैप्सू प्रांत को समाप्त करके इसे पंजाब में मिला दिय गया।
पंजाब का पुनः विभाजन-1 नवंबर, 1966 को शाह कमीशन की सिफ़ारिशों के आधार पर पंजाब के फिर से टुकड़े कर दिये गए। इस विभाजन से हिमाचल प्रदेश तथा हयिाणा नामक दो नए राज्यों का निर्माण हुआ।

प्रश्न 2.
माझा क्षेत्र के जिलों तथा शहरों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
उत्तर-
माझा क्षेत्र के मुख्य जिले श्री अमृतसर साहिब, गुरदासपुर, पठानकोट तथा तरनतारन साहिब हैं।

  1. श्री अमृतसर सा हेब-अमृतसर से भाव है-अमृत का सरोवर। इस शहर का पुराना नाम चक रामदास था। वर्षों तक यह शहर एक यापारिक केंद्र के रूप में प्रसिद्ध रहा है।
  2. गुरदासपुर-इस शहर को 16वीं शताब्दी में बसाया गया। गुरदासपुर जिले के एक शहर कलानौर में मुग़ल बादशाह अकबर की ता पोशी हुई थी। इस जिले का एक अन्य शहर बटाला भी काफी प्रसिद्ध रहा है। यहां खेती के यंत्र बनाए जाते हैं। .
  3. पठानकोट-ज़िला पठानकोट जुलाई 2011 ई० में अस्तित्व में आया। यह एक तराई प्रदेश है और पंजाब राज्य का सबसे छोटा जिला है।
  4. तरनतारन साहिब-तरनतारन साहिब 2006 ई० में जिला बना। इस शहर को पांचवीं पातशाही श्री अर्जन देव जी ने बसाया था।

प्रश्न 3.
पंजाब के दोआबा क्षेत्र में शामिल ज़िलों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
उत्तर-
दोआबा क्षेत्र में होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला तथा शहीद भगत सिंह नगर (नवांशहर) नामक जिले शामिल हैं। इनका वर्णन इस प्रकार है-

  1. होशियारपुर-यह ज़िला अर्द्ध-पहाड़ी तथा मैदानी प्रदेश का मिश्रण है। इस जिले का शहर माहिलपुर फुटबाल की नर्सरी के रूप में जाना जाता है। एक अन्य शहर टांडा फर्नीचर तथा संगीत के सामान के लिए प्रसिद्ध है।
  2. जालंधर-जिला जालंधर पंजाब राज्य का एक ऐतिहासिक शहर है। यह एक मीडिया केंद्र है और खेलों का सामान बनाने के लिए प्रसिद्ध रहा है। जालंधर जिले के गांव संसारपुर को हॉकी की नर्सरी के रूप में जाना जाता है।
  3. कपूरथला-कपूरथला एक रियासती शहर है। 1947 के बाद जे० सी० टी० मिल्ज़ तथा पुष्पा गुजराल साइंस सिटी कपूरथला की पहचान बन गई।
  4. शहीद भगत सिंह नगर (नवांशहर)-1955 में नवांशहर को जिला बनाया गया। बाद में इस जिले को शहीद भगत सिंह नगर का नाम दिया गया।

सारणी-प्रशासनिक ढांचा (2012)
नोट-विद्यार्थी नीचे दी गई सारणी के तथ्यों को याद करें। इनमें से किसी प्रकार का कोई भी प्रश्न पूछा जा सकता है।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब आकार व स्थिति (2)
PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब आकार व स्थिति (3)
PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब आकार व स्थिति (4)
PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब आकार व स्थिति (5)
PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब आकार व स्थिति (6)

पंजाब ; प्रशासनिक मंडल 5 (जालंधर, पटियाला, फ़िरोज़पुर, फ़रीदकोट और रूपनगर)
जिले-22
तहसील/उप-मंडल-86
ब्लॉक-145
स्त्रोत: पंजाब आंकड़ा सार 2012

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब : आकार व स्थिति

पंजाब : आकार व स्थिति PSEB 9th Class Geography Notes

  • पंजाब को भारतीय इतिहास तथा सभ्यता का निर्माता कहा जाता है। यह हड़प्पा अथवा सिंधु घाटी की सभ्यता का निवास स्थान रहा है जो संसार की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक थी।
  • 1947 के भारत विभाजन के साथ ही पंजाब का विभाजन भी हो गया। भारतीय पंजाब पूर्वी पंजाब कहलाया। विभाजन के कारण पंजाब का अधिकतर उपजाऊ भाग पाकिस्तान में चला गया। इसका केवल
    34% भाग ही भारत में रहा।
  • आज का पंजाब (पूर्वी पंजाब) अविभाजित पंजाब का मात्र 20 प्रतिशत है।
  • पंजाब की सभ्यता के निर्माण में आर्यों, यूनानियों, कुषाणों, मुग़लों तथा अफ़गानों आदि की सभ्यताओं का योगदान रहा है।
  • पंजाब के पुराने नाम हैं-सप्तसिंधु, पंचनद, पैंटापोटामिया और टक्क प्रदेश।
  • 1948 से 1956 तक पंजाब के बहुत से इलाके पैप्सू प्रांत में शामिल थे।
  • पंजाब में 5 प्रशासनिक मंडल, 22 ज़िले, 86 तहसीलें और 145 ब्लाक हैं।
  • पंजाब का सबसे छोटा ज़िला पठानकोट है।
  • रावी, ब्यास तथा सतलुज के पुराने नाम क्रमशः पुरूषिणी, विपासा तथा सुतुदरी थे।
  • कपूरथला, पटियाला, संगरूर, नाभा, मालेरकोटला आदि पंजाब के रियासती शहर हैं। ये कभी देश की रियासतें थीं।
  • लुधियाना जिला को पंजाब के अन्य सात जिलों की सीमाएं छती हैं।

PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 7 खेल भावना

Punjab State Board PSEB 8th Class Welcome Life Book Solutions Chapter 7 खेल भावना Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Welcome Life Chapter 7 खेल भावना

Welcome Life Guide for Class 8 PSEB खेल भावना InText Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
बढ़िया खेल भावना सीखने का सही समय कौन-सा है?
उत्तर-
बढ़िया खेल भावना अमूल्य गुण है जिसे हमें अपने जीवन के आरम्भिक दिनों में सीखना चाहिए।

प्रश्न 2.
जब हम हार जाएं तो क्या हमें चिल्लाना चाहिए?
उत्तर-
नहीं, जब हम हार जाएं तो हमें चिल्लाना नहीं चाहिए।

प्रश्न 3.
यदि विरोधी खिलाड़ी जीत जाए तो क्या हमें उसे बधाई देनी चाहिए?
उत्तर-
हाँ, हमें विरोधी खिलाड़ी को जीत की बधाई देनी चाहिए।

PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 7 खेल भावना

प्रश्न 4.
वास्तव में विजेता कौन है?
उत्तर-
वास्तव में विजेता वह है जो जानता है कि कैसे हारना है, नहीं तो आप जीत कर भी हार जाएंगे।

प्रश्न 5.
क्या जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में शान के साथ हारने और जीतने के लिए हमारे लिए खेल भावना आवश्यक है?
उत्तर-
हाँ, जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में खेल भावना हमारे लिए जीतने और शान से हारने के लिए आवश्यक है।

प्रश्न 6.
क्या हमेशा ईमानदारी हमारे लिए बढ़िया है?
उत्तर-
हाँ, ईमानदारी हमारे लिए हमेशा बढ़िया है।

प्रश्न 7.
क्या हमें हारने वालों का मजाक उड़ाना चाहिए?
उत्तर-
नहीं, हमें हारने वालों का मज़ाक नहीं उड़ाना चाहिए।

प्रश्न 8.
क्या हमें विजेता के साथ लड़ना चाहिए?
उत्तर-
नहीं, हमें विजेता को बधाई देनी चाहिए।

प्रश्न 9.
क्या निर्णय लेने से पूर्व हमें सभी सम्भावित विकल्पों पर विचार करना चाहिए?
उत्तर-
हां, निर्णय लेने से पूर्व हमें सभी सम्भावित विकल्पों पर विचार करना चाहिए।

प्रश्न 10.
क्या हमें हमारी कमजोरी और हार के लिए बहाना बनाना चाहिए?
उत्तर-
नहीं, हमें हमारी कमजोरी और हार के लिए बहाना नहीं बनाना चाहिए।

प्रश्न 11.
क्या प्रत्येक विकल्प/समाधान सम्बन्धी पूर्ण जानकारी एकत्र करना बढ़िया है?
उत्तर-
हाँ, प्रत्येक विकल्प/समाधान सम्बन्धी पूर्ण जानकारी एकत्र करना बढ़िया है।

प्रश्न 12.
क्या हमें लगातार जीत पर अभिमानी बनना चाहिए?
उत्तर-
नहीं, अगर हम लगातार जीत रहे हैं तो हमें अभिमानी नहीं बनना चाहिए क्योंकि भविष्य में हमें हराया भी जा सकता है।

प्रश्न 13.
यदि हम हार जाएं तो क्या हमें प्रेरणाहीन अनुभव करना चाहिए?
उत्तर-
नहीं, यदि हम हार जाएं तो भी हमें प्रेरणाहीन अनुभव नहीं करना चाहिए।

प्रश्न 14.
यदि हम जीतने में असफल हों तो क्या हमें खेल रोक देना चाहिए?
उत्तर-
नहीं, हमें अपनी गलतियों और असफलताओं से सीखना चाहिए और अगली बार जीतने के लिए कठिन प्रयास करना चाहिए।

PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 7 खेल भावना

प्रश्न 15.
हमें जीत के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर-
हमें जीत के लिए सर्वोत्तम खेलना चाहिए। यदि हमारा खेल सर्वोत्तम नहीं है तो हमें अपने आप को सुधारने का यत्न करना चाहिए।

प्रश्न 16.
यदि हमें लगता है कि रैफरी या अम्पायर का निर्णय हमारे विरुद्ध है तो क्या हमारा रैफरी या अम्पायर से लड़ना उचित है?
उत्तर-
नहीं, हमारा रैफरी या अम्पायर के साथ लड़ना उचित नहीं है चाहे हमें लगता है कि उसका निर्णय हमारे विरुद्ध है।

प्रश्न 17.
क्या सभी परिस्थितियों में हमें खेल के नियमों का पालन करना चाहिए?
उत्तर-
हाँ, हमें सभी परिस्थितियों में खेल के नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए।

प्रश्न 18.
बढ़िया खिलाड़ी की बढ़िया पहचान क्या है?
उत्तर-
शान से हार को स्वीकार करना बढ़िया खिलाड़ी की पहचान है।

प्रश्न 19.
क्या हमें सभी समाधानों के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं पर विचार करना चाहिए?
उत्तर-
हाँ, हमें सभी समाधानों के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं पर विचार करना चाहिए।

प्रश्न 20.
क्या हमें जीतने के लिए गलत ढंगों का उपयोग करना चाहिए?
उत्तर-
नहीं, हमें जीतने के लिए गलत ढंगों का उपयोग नहीं करना चाहिए।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
बढ़िया खेल भावना को संक्षेप में परिभाषित करें।
उत्तर-
बढ़िया खेल भावना एक अमूल्य गुण है जो विद्यार्थी जीवन के दौरान सीखा जाना चाहिए। यह एक पाठ है जो हम खेल के मैदान में सीखते हैं परन्तु जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में हमारा मार्गदर्शन करता है।

प्रश्न 2.
बढ़िया खेल भावना दिखाने के लिए हमें क्या चाहिए?
उत्तर-
बढ़िया खेल भावना दिखाने के लिए हमें यह करना चाहिए

  1. हमें शान के साथ हार को स्वीकार करना चाहिए।
  2. हमें हारने वाले व्यक्ति का मज़ाक नहीं उड़ाना चाहिए।
  3. हमें हमारी हार के लिए बहाने नहीं बनाने चाहिए।
  4. हमें हमारी हार की डींग हांकनी चाहिए।

प्रश्न 3.
हार के पश्चात् आपको अपनी भावनाओं को किस प्रकार प्रकट करना चाहिए?
उत्तर-
हमें जीत और हार को सिक्के के दो पहलुओं की भान्ति लेना चाहिए। जब कभी भी मैच होता है तो केवल एक ही जीत सकता है। जो व्यक्ति बढ़िया खेलता है वही जीतता है। हमें खेलते समय सोचना चाहिए कि हमने कोई गलती की है जिसके कारण हमें हार का सामना करना पड़ा। हमें अपने आप से प्रण करना चाहिए कि अगली बार हम अपने प्रयत्नों में सुधार करेंगे और गलतियों को पुनः नहीं दुहराएंगे ताकि जीत सकें।

प्रश्न 4.
हमें अच्छा खिलाड़ी बनने के लिए अपने आप से क्या प्रतिज्ञा करनी चाहिए?
उत्तर-
हम अच्छा खिलाड़ी बनने के लिए निम्नलिखित प्रतिज्ञा कर सकते हैं

  1. हम शान के साथ हार को स्वीकार करेंगे।
  2. हम हमेशा खेल के नियमों का पालन करेंगे।
  3. हम जीत के लिए बढ़िया प्रयत्न करेंगे।
  4. हम जीतने के लिए गलत ढंगों का उपयोग नहीं करेंगे।

PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 7 खेल भावना

प्रश्न 5.
दो बातें लिखो जो तुम्हें तब करनी चाहिए जब आप (i) जीतते हैं और (ii) हारते हैं।
उत्तर-
जीतने पर मैं

  1. हारने वाले का मजाक नहीं उड़ाऊँगा
  2. मैं घमंडी नहीं बनूंगा और स्नेही जैसे कि सभी के लिए विनीत रहूँगा।

हारने पर मैं

  1. हार को शान से स्वीकार करूँगा
  2. मैं अपने आप में हार के लिए बहाने बनाने के स्थान पर सुधार करने का यत्न करूँगा।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों को अच्छी और बुरी खेल भावना में बांटो, ईमानदारी, मज़ाक उड़ाना, बधाई देना, लड़ना, चिल्लाना, हाथ मिलाना, खुशी मनाना, धोखा देना, शोर करना, विनम्रता, आदर, शान्ति, तर्क वितर्क, डींग हांकना, निर्देशों का पालन, आलोचना करना।
उत्तर-
अच्छी खेल भावना-ईमानदारी, बधाई देना, हाथ मिलाना, खुशी मनाना, विनम्रता, आदर, शान्ति, निर्देशों का पालन।
बुरी खेल भावना-मज़ाक उड़ाना, लड़ना, चिल्लाना, धोखा देना, शोर करना, तर्क-वितर्क, डींग हांकना, आलोचना करना।

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
व्यक्ति के जीवन में खेल भावना के महत्त्व का वर्णन करें।
उत्तर-
खेल भावना एक गुण है जो न केवल हमें अच्छा खिलाड़ी बनाती है बल्कि हमें अच्छा व्यक्ति बनने में सहायता करती है।

  1. अच्छी खेल भावना हमें सिखाती है कि सामुदायिक कार्य हमेशा व्यक्तिगत यत्नों से बढ़िया होता है।
  2. अच्छी खेल भावना हमें नैतिकता सिखाती है।
  3. अच्छी खेल भावना हमें सबसे शान्त और विनीत रहना सिखाती है चाहे हम जीत न पाएं।
  4. अच्छी खेल भावना हमें सभी परिस्थितियों में अनुशासित रहना सिखाती है।
  5. अच्छी खेल भावना हमें सिखाती है कि हमें जीत पर दूसरों को बधाई देना और हारने वालों का कभी भी मज़ाक नहीं उड़ाना चाहिए।
  6. अच्छी खेल भावना हमें आत्म-विश्लेषण करने और अपने आप को सुधारने के लिए यत्न करने में सहायता करती है।

प्रश्न 2.
अच्छे खिलाड़ी में कौन-कौन से गुण होते हैं?
उत्तर-
अच्छा खिलाड़ी बनने के लिए इन गुणों की आवश्यकता होती है

  1. आत्म-विश्वास
  2. आत्म-अनुशासन और आत्म-नियन्त्रण
  3. लक्ष्य का होना
  4. सम्मिलित कार्य
  5. बढ़िया समय प्रबन्ध
  6. लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित करना और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अच्छे यत्न करना
  7. अपनी और दूसरों की उन्नति के लिए कार्य करने की भावना
  8. हार का सामना करने का साहस और कभी साहस न छोड़ना।

प्रश्न 3.
अच्छा खिलाड़ी बनने के क्या लाभ हैं?
उत्तर-
अच्छा खिलाड़ी बनने के निम्नलिखित लाभ हैं

  1. हम अच्छे खिलाड़ी बनकर स्वस्थ और बलवान ही नहीं बनते बल्कि हम अच्छे व्यक्ति बनते हैं।
  2. यदि हम अच्छे खिलाड़ी बनते हैं तो हम अच्छे और बुरे समय का सामना करना सीखते हैं। हम कठिन परिस्थितियों में शांत बने रहना भी सीखते हैं।
  3. हम दूसरों की सफलता में खुश होना सीखते हैं।
  4. हम घमण्डी और बेईमान बनना नहीं सीखते।
  5. हम दूसरों की खुशी के लिए त्याग करना सीखते हैं।
  6. हम सबसे प्यार और सम्मान करना शुरू कर देते हैं।
  7. हम उन्नति करने वाले बनते हैं और उन्नति करना कभी बन्द नहीं करते और प्रगतिशील रहते हैं।

प्रश्न 4.
दी गई स्थिति का विश्लेषण करो और पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दें।
आप क्रिकेट के खिलाड़ी हो। अन्तर-स्कूल खेल प्रतियोगिता में, आपकी टीम का फाईनल मैच चल रहा है। यह मैच की अन्तिम गेंद है। आपके कोच को एक खिलाड़ी को मैदान में भेजना है। उसने आप पर विश्वास न करके दूसरे खिलाड़ी को भेज दिया। यदि आपका साथी खिलाड़ी चार दौड़ बनाने के योग्य है तो आप जीत जाओगे। परन्तु वह आऊट हो गया और आप मैच हार गए। अपनी भावनाओं और परिस्थितियों को दर्शाते हुए बताओ कि आप निम्न व्यक्तियों को क्या कहोगे?

  1. अपने साथी खिलाड़ी को
  2. कोच को
  3. विजेता टीम के कप्तान को
  4. अपने मित्रों को
  5. परिजनों को।

उत्तर-
ऊपर दी गई स्थिति को पढ़ने के पश्चात् प्रश्नों के मेरे उत्तर निम्नानुसार हैं

  1. अपने साथी खिलाड़ी से-मैं अपने साथी खिलाड़ी का मज़ाक नहीं उड़ाऊँगा जो जीतने में हमारी सहायता न कर सका। मैं उसका हौंसला बढ़ाऊँगा और उसे भविष्य में बढ़िया करने के लिए उत्साहित करूँगा।
  2. कोच को-मैं अपने कोच का अनादर नहीं करूंगा और कहूंगा कि यदि मैं बिना किसी स्कोर के आऊट हो जाता। अतः दूसरे व्यक्ति को भेजने का उसका निर्णय समय की मांग थी।
  3. विजेता टीम के कप्तान को-मैं विजेता टीम के कप्तान को बधाई दूंगा कि आपकी टीम ने हमारी टीम से अच्छा खेला।
  4. अपने मित्रों को-मैं अपने मित्रों और साथी खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाऊंगा कि आज का दिन हमारा नहीं था। हम अच्छा खेलें परन्तु भाग्य ने हमारा साथ नहीं दिया। हम अवश्य ही अगला मैच जीतेंगे।
  5. परिजनों को-मैं अपने परिजनों को कहूंगा कि हमारी टीम ने अच्छा खेला परन्तु हम हार गए। हम आत्मनिरीक्षण करेंगे और अपनी कमियों को सुधारेंगे ताकि अगली बार जीत सकें।

PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 7 खेल भावना

वस्तनिष्ठ प्रश्न

बहविकल्पीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
विद्यार्थी जीवन के समय कौन-सा गुण सीखना चाहिए?
(क) बहस करना
(ख) जीतना
(ग) बढ़िया खेल भावना
(घ) ये सभी।
उत्तर-
(ग) बढ़िया खेल भावना।

प्रश्न 2.
वह कौन-सी शिक्षा है जो हम खेल के मैदान में सीखते हैं परन्तु जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में हमारा नेतृत्व करती है?
(क) बढ़िया खेल भावना
(ख) जीतना
(ग) लड़ना
(घ) ये सभी।
उत्तर-
(क) बढ़िया खेल भावना।

प्रश्न 3.
बढ़िया खिलाड़ी वह है जो
(क) केवल जीतने के लिए खेलता है।
(ख) हार को खेल के भाग के अतिरिक्त स्वीकार करता है।
(ग) बदलापूर्ण सोच रखता है।
(घ) ये सभी सही हैं।
उत्तर-
(ख) हार को खेल के भाग के अतिरिक्त स्वीकार करता है।

प्रश्न 4.
वास्तविक विजेता जानता है कि किसे स्वीकार करना है?
(क) चुनौतियों को
(ख) आत्म-प्रशंसा को
(ग) दूसरों के क्रोध को
(घ) हार को।
उत्तर-
(घ) हार को।

प्रश्न 5.
हमें खेलना चाहिए और खेल को जीतने का कैसे यत्न करना चाहिए?
(क) धोखा दिए बिना
(ख) किसी भी कीमत पर
(ग) दोनों (क) तथा (ख) सही हैं
(घ) कोई भी सही नहीं है।
उत्तर-
(क) धोखा दिए बिना।

प्रश्न 6.
बढ़िया खिलाड़ी हमेशा हारी हुई टीम के यत्नों की प्रशंसा करता है।
(क) सही
(ख) ग़लत
(ग) कभी-कभी सही और कभी-कभी गलत
(घ) कभी भी सही नहीं।
उत्तर-
(क) सही।

PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 7 खेल भावना

प्रश्न 7.
……….. से हारना और …….. से जीतना खेल भावना के मुख्य लक्ष्य हैं।
(क) नम्रता, नम्रता
(ख) नम्रता, सम्मान
(ग) सम्मान, नम्रता
(घ) सम्मान, सम्मान।
उत्तर-
(ग) सम्मान, नम्रता।

प्रश्न 8.
बढ़िया खिलाड़ी
(क) कभी भी अपनी असफलता के लिए बहाना नहीं बनाता बल्कि अपनी जीत की डींग हांकता है।
(ख) अपनी जीत की कभी डींग नहीं हांकता बल्कि अपनी हार के लिए बहाना बनाता है।
(ग) अपनी हार के लिए न तो बहाना बनाता है और न ही जीत पर डींग हांकता है।
(घ) कोई भी सही नहीं।
उत्तर-
(ग) अपनी हार के लिए न तो बहाना बनाता है और न ही जीत पर डींग हांकता है।

प्रश्न 9.
बढ़िया खिलाड़ी वह है जो
(क) अपनी और विरोधी टीम के प्रति स्नेह और सम्मान रखता है।
(ख) केवल अपनी टीम के प्रति स्नेह और सम्मान रखता है।
(ग) केवल विरोधी टीम के प्रति स्नेह और सम्मान रखता है।
(घ) कभी भी अपनी या विपक्षी टीम के प्रति स्नेह और सम्मान नहीं रखता।
उत्तर-
(क) अपनी और विरोधी टीम के प्रति स्नेह और सम्मान रखता है।

प्रश्न 10.
कथन क : बढ़िया खिलाड़ी अपनी और विपक्षी टीम के प्रति स्नेह और सम्मान रखता है।
कथन ख : एक व्यक्ति जो अपनी हार के लिए कभी बहाना नहीं बनाता और कभी अपनी जीत की डींग नहीं हांकता। निम्न विकल्पों में से कौन-सा सही है?
(क) कथन क सही है और कथन ख गलत है
(ख) कथन क गलत है और कथन ख सही है
(ग) दोनों कथन सही हैं
(घ) इनमें से कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ग) दोनों कथन सही हैं।

प्रश्न 11.
निम्न में से कौन-सा बढ़िया खिलाड़ी का लक्षण नहीं है?
(क) विजेता टीम को मुबारकबाद देना
(ख) हारी हुई टीम का मज़ाक उड़ाना
(ग) किसी भी कीमत पर जीतना
(घ) खेल के नियमों की पालना न करना।
उत्तर-
(ख) हारी हुई टीम का मजाक उड़ाना।

प्रश्न 12.
खेल में हम सब को क्या करना चाहिए?
(क) खेल को बढ़िया खिलाड़ी की भांति खेलना चाहिए
(ख) बढ़िया खिलाड़ी के साथ खेलना चाहिए
(ग) खेल के नियमों का पालन करना चाहिए
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 7 खेल भावना

रिक्त स्थान भरो:

  1. बढ़िया खिलाड़ी हमेशा ……………. अपनी टीम के प्रत्येक सदस्य के साथ खेलता है।
  2. बढ़िया खिलाड़ी हमें संयमी बनाता है और हमारे व्यवहार को …………… नियंत्रित करता है।
  3. सम्मान से हारना और ……………… से जीतना खेल भावना का मुख्य बिन्दु है।
  4. बढ़िया खिलाड़ी कभी भी अपनी हार के लिए …………… नहीं बनाता।
  5. बढ़िया खिलाड़ी अपनी जीत की ……………… कभी नहीं हांकता।
  6. बढ़िया खिलाड़ी हमेशा अपनी और विपक्षी टीम के लिए ……………….. और सम्मान रखता है।
  7. किसी भी कीमत पर जीतना ………….. खिलाड़ी का लक्षण नहीं है।
  8. ………………… से जीतना खेल भावना के विरुद्ध है।
  9. बढ़िया खिलाड़ी नियमों की …………… द्वारा दूसरों के लिए उदाहरण प्रस्तुत करता है।
  10. हमें जीत और ……. को सिक्के के दो पहलुओं की भांति समझना चाहिए।

उत्तर-

  1. सहकारिता से
  2. अनुशासित
  3. नम्रता
  4. बहाना
  5. डींग
  6. स्नेह
  7. बढ़िया
  8. धोखे
  9. पालना
  10. हार।

सही/ग़लत:

  1. हमें किसी भी कीमत पर जीतने के लिए खेलना चाहिए।
  2. धोखे से जीतना और दूसरों को दु:खी करना बढ़िया समझा जाता है।
  3. हमें दूसरी टीम के खिलाड़ियों के प्रति स्नेह और सम्मान नहीं रखना चाहिए।
  4. हमें खेल के नियमों का पालन तब तक करना चाहिए जब तक हम जीत नहीं जाते।
  5. हमें विपक्षी टीम के खिलाड़ियों के प्रति नहीं परन्तु अपनी टीम के सदस्यों के प्रति भी आक्रमक होना चाहिए।
  6. बढ़िया खिलाड़ी टीम की प्राप्ति से ज्यादा व्यक्तिगत प्राप्ति को पहल देता है।
  7. बढ़िया खिलाड़ी कभी भी अपनी असफलता के लिए विभिन्न बहाने नहीं बनाता और न ही अपनी जीत की डींग हांकता है।
  8. एक व्यक्ति जो अपनी टीम के साथ सहकारिता के साथ खेलता है, ईमानदारी से पूर्ण समर्पण के साथ नियमों का पालन करता है, वास्तविक विजेता है।
  9. हमें दूसरे खिलाड़ियों के साथ लड़ना चाहिए या खेलते समय अभद्र भाषा का उपयोग करना चाहिए।
  10. जब हार निश्चित हो तब भी हमें खेल खत्म करना चाहिए।

उत्तर-

  1. ग़लत
  2. ग़लत
  3. ग़लत
  4. ग़लत
  5. ग़लत
  6. ग़लत
  7. सही
  8. सही
  9. ग़लत
  10. सही।

PSEB 11th Class Political Science Solutions Chapter 34 उच्च न्यायालय

Punjab State Board PSEB 11th Class Political Science Book Solutions Chapter 34 उच्च न्यायालय Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 11 Political Science Chapter 34 उच्च न्यायालय

प्रश्न 1.
राज्य के उच्च न्यायालय की रचना की व्याख्या करो।
(Discuss the composition of a State High Court.)
अथवा राज्य के उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की योग्यताएं, कार्यकाल एवं वेतन बताओ।
(Explain the qualifications, appointment, tenure and salaries of the Judges of a State High Court.)
उत्तर-
संविधान द्वारा प्रत्येक राज्य में एक उच्च न्यायालय की व्यवस्था की गई है, परन्तु यह आवश्यक नहीं है कि प्रत्येक राज्य का अपना अलग उच्च न्यायालय हो। संसद् दो या दो से अधिक राज्यों के लिए एक सामान्य उच्च न्यायालय की भी व्यवस्था कर सकती है। इस समय पंजाब और हरियाणा का एक ही उच्च न्यायालय है। उच्च न्यायालय राज्य का सबसे बड़ा न्यायालय होता है और राज्य के अन्य सभी न्यायालय इसके अधीन होते हैं। __ रचना (Composition)-राज्य के उच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश तथा कुछ अन्य न्यायाधीश होते हैं। अन्य न्यायाधीशों की संख्या निश्चित नहीं है। उनकी संख्या समय-समय पर राष्ट्रपति निश्चित कर सकता है।

राष्ट्रपति नियमित न्यायाधीशों (Regular Judges) के अतिरिक्त उच्च न्यायालय में कुछ अतिरिक्त न्यायाधीश (Additional Judges) भी नियुक्त कर सकता है।

न्यायाधीशों की नियुक्ति (Appointment of the Judges)-उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करते समय उसे सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति करते समय सम्बन्धित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा सम्बन्धित राज्य के राज्यपाल से भी परामर्श लेना पड़ता है। मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति प्रायः वरिष्ठता (Seniority) के आधार पर की जाती है।

1974 को पंजाब तथा हरियाणा के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी० के० महाजन के रिटायर होने पर जस्टिस नरूला को मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया जिस पर उनसे सीनियर प्रेमचन्द पण्डित ने अपना रोष प्रकट करते हुए न्यायाधीश पद से त्याग-पत्र दे दिया। मि० नरूला की नियुक्ति यद्यपि संवैधानिक थी, परन्तु इससे स्थापित परम्परा का उल्लंघन हुआ।

27 जनवरी, 1983 को केन्द्रीय सरकार ने यह घोषणा की कि देश के सभी उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश राज्य के बाहर के होंगे। सरकार ने यह भी निर्णय लिया कि भविष्य में सब राज्यों के उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश दूसरे राज्यों के उच्च न्यायालयों से वहां पर उनकी वरिष्ठता तथा योग्यता के आधार पर लिये जाएंगे। ऐसे वरिष्ठ न्यायाधीश को, जिसकी सेवा निवृत्ति में एक वर्ष या उससे कम रह गया हो और इस अवधि में यदि वह मुख्य न्यायाधीश बन सकता है, वरिष्ठता के आधार पर मुख्य न्यायाधीश बनाने का विचार किया जा सकता है।

न्यायाधीशों की नियुक्ति सम्बन्धी सर्वोच्च न्यायालय का फैसला (Decision of Supreme Court with regard to the Appointment of Judges)—सर्वोच्च न्यायालय ने 6 अक्तूबर, 1993 को एक महत्त्वपूर्ण निर्णय दिया कि उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश व अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति सम्बन्धी कार्यपालिका के मुकाबले सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सलाह को प्रमुखता दी जाएगी। 28 अक्तूबर, 1998 को सर्वोच्च न्यायालय की नौ सदस्यीय संविधान पीठ ने एक महत्त्वपूर्ण स्पष्टीकरण के तहत यह निर्धारित किया है कि उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश तथा अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति में अपनी सिफ़ारिश देने से पूर्व सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को सर्वोच्च न्यायालय के दो वरिष्ठतम न्यायाधीशों से विचार-विमर्श करना चाहिए। संविधान पीठ ने स्पष्ट कहा है कि सलाहकार मण्डल की राय तथा मुख्य न्यायाधीश की राय जब तक एक न हो, तब तक सिफ़ारिश नहीं की जानी चाहिए। इस निर्णय से स्पष्ट है कि उच्च न्यायालय में किसी भी न्यायाधीश की नियुक्ति भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सलाह के विरुद्ध नहीं हो सकती।

योग्यताएं (Qualifications) उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने के लिए संविधान द्वारा योग्यताएं निश्चित की गई हैं। केवल वही व्यक्ति इस पद को सुशोभित करता है जो-

  • भारत का नागरिक हो।
  • भारत में कम-से-कम 10 वर्षों तक किसी न्यायिक पद पर रह चुका हो।

अथवा

किसी भी राज्य के उच्च न्यायालय या एक से अधिक राज्यों के उच्च न्यायालयों में कम-से-कम 10 वर्ष तक अधिवक्ता (Advocate) रह चुका हो।

अवधि (Term) उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु तक अपने पद पर रह सकते हैं। इससे पहले वे स्वयं त्याग-पत्र दे सकते हैं। कदाचार तथा अयोग्य (Misbehaviour and Incapacity) के आधार पर न्यायाधीशों को 62 वर्ष की आयु पूरी होने से पहले भी हटाया जा सकता है। संसद् के दोनों सदन 2/3 बहुमत से प्रस्ताव पास करके राष्ट्रपति को किसी न्यायाधीश को पद से हटाए जाने की प्रार्थना कर सकता है और ऐसी प्रार्थना प्राप्त होने पर राष्ट्रपति उस न्यायाधीश को अपने पद से हटा देगा।

वेतन और भत्ते (Salary and Allowances) उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का मासिक वेतन 2,50,000 रु० तथा अन्य न्यायाधीशों का वेतन 2,25,000 रु० है। वेतन के अतिरिक्त उन्हें कई प्रकार के भत्ते भी मिलते हैं और वे सेवानिवृत्त होने पर पैन्शन के अधिकारी होते हैं। उनके वेतन, भत्ते तथा सेवा की अन्य शर्ते संसद् द्वारा निश्चित की जाती हैं, परन्तु किसी न्यायाधीश के कार्यकाल में उन्हें घटाया नहीं जा सकता।

शपथ (Oath)—प्रत्येक न्यायाधीश को अपना पद ग्रहण करते समय राज्य के राज्यपाल या उसके द्वारा नियुक्त किसी अन्य पदाधिकारी के सम्मुख अपने पद की शपथ लेनी पड़ती है कि वह संविधान में आस्था रखेगा, अपने कर्त्तव्यों का ईमानदारी से पालन करेगा तथा संविधान व कानून की रक्षा करेगा।

उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों का स्थानान्तरण (Transfer of Judges)-राष्ट्रपति उच्च न्यायालय के किसी भी न्यायाधीश को दूसरे राज्य के उच्च न्यायालय में स्थानान्तरित कर सकता है। आन्तरिक आपात्काल के दौरान सात न्यायाधीशों को एक उच्च न्यायालय से दूसरे उच्च न्यायालय में स्थानान्तरित किया गया। उदाहरण के लिए मई, 1976 में पंजाब व हरियाणा के उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को तमिलनाडु राज्य के उच्च न्यायालय में स्थानान्तरित किया गया। 13 अप्रैल, 1994 को सरकार ने 16 उच्च न्यायालयों के 50 न्यायाधीशों को अन्य उच्च न्यायालयों में स्थानान्तरित कर दिया।

PSEB 11th Class Political Science Solutions Chapter 34 उच्च न्यायालय

प्रश्न 2.
राज्य के उच्च न्यायालय के प्रारम्भिक तथा अपीलीय अधिकार क्षेत्र की व्याख्या करो।
(Explain the original and appellate jurisdiction of a High Court.)
अथवा
राज्य के उच्च न्यायालय की विभिन्न शक्तियों का वर्णन करो।
(Mention briefly the various powers of a State High Court.)
अथवा
राज्य के उच्च न्यायालय की समूची स्थिति पर एक संक्षिप्त नोट लिखो।
(Write a brief note on the over all position of a State High Court.)
उत्तर-
राज्य के उच्च न्यायालय को कई प्रकार की शक्तियां प्राप्त हैं। इसकी शक्तियों और कार्यों को दो भागों में बांटा जा सकता है-न्यायिक शक्तियां (Judicial Powers) तथा प्रशासकीय शक्तियां (Administrative Powers)।
(क) न्यायिक शक्तियां (Judicial Powers)-उच्च न्यायालय की न्यायिक शक्तियों का क्षेत्र दो प्रकार का होता है-

1. प्रारम्भिक क्षेत्राधिकार (Original Jurisdiction) उच्च न्यायालयों का प्रारम्भिक क्षेत्राधिकार अधिक विस्तृत नहीं है।

(क) मौलिक अधिकारों से सम्बन्धित कोई भी मुकद्दमा सीधा उच्च न्यायालय में ले जाया जा सकता है। उच्च न्यायालयों को मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए पांच प्रकार के लेख (Writs) जारी करने का अधिकार है।
(ख) विवाह-विच्छेद (तलाक), वसीयत (Will), न्यायालय की मान-हानि (Contempt of Court), नव वैधिक मामलों (Admiralty Cases) तथा समप्रमाण मामलों (Probate Cases) में भी उच्च न्यायालयों को प्रारम्भिक क्षेत्राधिकार प्राप्त है।
(ग) उच्च न्यायालयों को विभिन्न प्रकार के लेख (Writs) जारी करने का अधिकार केवल मौलिक अधिकारों सम्बन्धी मामलों में नहीं बल्कि अन्य सभी कार्यों के लिए है।
(घ) कोलकाता, चेन्नई और मुम्बई उच्च न्यायालयों को अपने नगर के कुछ अन्य दीवानी, फौजदारी तथा राजस्व सम्बन्धी मुकद्दमे प्रारम्भिक क्षेत्राधिकार प्राप्त है।
(ङ) चुनाव सम्बन्धी याचिकाएं भी (Election Petitions) उच्च न्यायालयों द्वारा ही सुनी जाती हैं।

2. अपीलीय क्षेत्राधिकार (Appellate Jurisdiction)-उच्च न्यायालयों को अपील सम्बन्धी बहुत-से अधिकार प्राप्त हैं।

(क) उच्च न्यायालय ऐसे दीवानी मुकद्दमे की अपील सुन सकता है, जिसमें 5,000 रुपए की धन राशि या उसी मूल्य की सम्पत्ति का प्रश्न निहित हो।
(ख) उच्च न्यायालय में ऐसे फौजदारी मुकद्दमे की अपील की जा सकती है, जिसमें सैशन जज ने अभियुक्त को चार वर्ष का दण्ड दिया हो।
(ग) किसी अभियुक्त को फौजदारी मुकद्दमे में मृत्यु-दण्ड देने का अधिकार सैशन जज को है, परन्तु ऐसा दण्ड उच्च न्यायालय की अनुमति से ही दिया जा सकता है अर्थात् मृत्यु-दण्ड देने से पहले सैशन जज उच्च न्यायालय की अनुमति (Approval) अवश्य लेता है।
(घ) बहुत-से राजस्व (Revenue) सम्बन्धी मामलों में भी निचले न्यायालयों के विरुद्ध अपील की जा सकती है।
(ङ) कोई भी मुकद्दमा जिसमें संविधान की किसी धारा या कानून की व्याख्या का प्रश्न निहित हो, अपील की शक्ल में उच्च न्यायालय में ले जाया जा सकता है।

3. न्यायिक निरीक्षण (Judicial Review)-उच्च न्यायालय को न्यायिक निरीक्षण का अधिकार प्राप्त है। वह किसी भी कानून को जो संविधान तथा मौलिक अधिकार के विरुद्ध हो, असंवैधानिक तथा अवैध घोषित कर सकता है।

4. प्रमाण-पत्र देने का अधिकार (Right of Certification)-उच्च न्यायालयों के निर्णयों के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है, परन्तु ऐसी अपील प्रत्येक मुकद्दमे में नहीं की जा सकती है। अपील करने के लिए आवश्यक है कि सम्बन्धित उच्च न्यायालय अपील करने की आज्ञा दे अर्थात् प्रमाण-पत्र दे कि यह मुकद्दमा अपील करने के योग्य है। सर्वोच्च न्यायालय उच्च न्यायालय की इच्छा के विरुद्ध भी किसी मुकद्दमे में अपील करने की आज्ञा दे सकता है।

5. अभिलेखों का न्यायालय (Court of Record) उच्च न्यायालय भी सर्वोच्च न्यायालय की तरह अभिलेख का न्यायालय है। इसके सभी निर्णय तथा कार्यवाही लिखित है और उसका रिकार्ड रखा जाता है। इसके निर्णय राज्य के अन्य सभी न्यायालयों द्वारा मान्य होते हैं। विभिन्न मुकद्दमो में इसके द्वारा दिए निर्णयों का हवाला दिया जा सकता है।

(ख) प्रशासनिक शक्तियां (Administrative Powers)-उच्च न्यायालय के प्रशासनीय कार्य निम्नलिखित हैं

  • उच्च न्यायालय का राज्य के अन्य सभी न्यायालयों तथा न्यायाधिकरणों (सैनिक न्यायालयों को छोड़कर) पर देख-रेख करने और उनका निरीक्षण करने का अधिकार है।
  • उच्च न्यायालय अपने अधीनस्थ न्यायालय की कार्यवाही के सम्बन्ध में नियम आदि बना सकता है और समयानुसार उसमें परिवर्तन कर सकता है।
  • सर्वोच्च न्यायालय अधीनस्थ न्यायालयों को अपना रिकार्ड आदि रखने की विधि के बारे में आदेश दे सकता है।
  • वह किसी भी अन्य न्यायालयों से उसका कोई रिकार्ड, कागज़-पत्र या कोई अन्य वस्तु अपने निरीक्षण के लिए मंगवा सकता है।
  • यह देखना उच्च न्यायालय का कर्तव्य है कि कोई अधीनस्थ न्यायालय अपनी शक्ति सीमा का उल्लंघन तो नहीं करता तथा अपने कर्तव्यों का निश्चित विधि के अनुसार ही पालन करता है।
  • उच्च न्यायालय अपने अधीनस्थ किसी न्यायालय से किसी भी मुकद्दमे को अपने पास मंगवा सकता है और यदि आवश्यक समझे तो स्वयं भी उसका निर्णय कर सकता है। वह अधीनस्थ न्यायालय को उसका शीघ्र न्याय करने का आदेश भी दे सकता है।
  • उच्च न्यायालय यदि आवश्यक समझे तो किसी मुकद्दमे को एक न्यायालय से दूसरे न्यायालय को हस्तान्तरित कर सकता है।
  • उच्च न्यायालय अन्य न्यायालयों में काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और सेवा की शर्ते भी निश्चित करता है।
  • उच्च न्यायालय को अन्य न्यायालयों के न्यायाधीशों की पदोन्नति (Promotion), अवनति (Demotion), अवकाश, पैन्शन और भत्ते आदि के बारे में नियम बनाने का अधिकार है।
  • उच्च न्यायालय अपने अधीन काम करने वाले अधिकारियों तथा कर्मचारियों की नियुक्ति करता है और उनकी सेवा की शर्ते भी निश्चित करता है। यह कार्य मुख्य न्यायाधीश द्वारा किया जाता है।

उच्च न्यायालय की स्थिति (Position of the High Court)- सर्वोच्च न्यायालय की तरह राज्य के उच्च न्यायालय का भी अपने राज्य के प्रशासन में महत्त्वपूर्ण भाग है। यह राज्य का सबसे बड़ा न्यायालय है जिसके अधीन राज्य के सभी न्यायालय होते हैं। 42वें संशोधन के अन्तर्गत उच्च न्यायालय किसी अधीनस्थ न्यायालय के निर्णय पर आपत्ति नहीं कर सकता जब तक उसके पास अपील न की गई हो। इस पर राज्य सरकार का नियन्त्रण नहीं और राज्य सरकारें उनके संगठन तथा शक्तियों के बारे में कोई कानून नहीं बना सकतीं। उनके न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति और राज्यपाल दोनों मिलकर करते हैं और वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अधीन हैं। अपने इस विचित्र संगठन के कारण राज्य के उच्च न्यायालयों ने अपनी निष्पक्षता और स्वतन्त्रता का सराहनीय प्रमाण दिया है। संविधान और नागरिकों की स्वतन्त्रता की रक्षा करते हुए उच्च न्यायालयों ने भी राज्य सरकार तथा भारत सरकार दोनों के विरुद्ध निर्णय देते हुए कोई झिझक नहीं की है।

PSEB 11th Class Political Science Solutions Chapter 34 उच्च न्यायालय

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति किस प्रकार की जाती है ?
उत्तर-
न्यायाधीशों की नियुक्ति-उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करते समय उसे सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श करना पड़ता है और अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति करते समय सम्बन्धित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा सम्बन्धित राज्य के राज्यपाल से भी परामर्श लेना पड़ता है। मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति प्रायः वरिष्ठता (Senority) के आधार पर की जाती है। 6 अक्तूबर, 1993 को दिए गए एक फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि राष्ट्रपति राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य व अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति करते समय सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सलाह को मान्यता देगा। 28 अक्तूबर, 1998 को सर्वोच्च न्यायालय की नौ सदस्यीय संविधान पीठ ने यह निर्णय दिया कि उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश तथा अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति में अपनी सिफ़ारिश देने से पूर्व मुख्य न्यायाधीश को सर्वोच्च न्यायालय के दो वरिष्ठतम न्यायाधीशों से विचार-विमर्श करना चाहिए। सलाहकार मण्डल की राय तथा मुख्य न्यायाधीश की राय जब तक एक न हो, तब तक सिफ़ारिश नहीं की जानी चाहिए। राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श पर ही उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति करता है।

प्रश्न 2.
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की योग्यताएं लिखें।
उत्तर-
योग्यताएं-उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने के लिए संविधान द्वारा योग्यताएं निश्चित की गई हैं। केवल वही व्यक्ति इस पद को सुशोभित करता है जो

  • भारत का नागरिक हो।
  • भारत में कम-से-कम 10 वर्षों तक किसी न्यायिक पद पर रह चुका हो।

अथवा

किसी भी राज्य के उच्च न्यायालय या एक से अधिक राज्यों के उच्च न्यायालयों में कम-से-कम 10 वर्ष तक अधिवक्ता (Advocate) रह चुका हो।

प्रश्न 3.
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का कार्यकाल लिखे। उन्हें किस प्रकार हटाया जा सकता है ?
उत्तर-
अवधि-उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु तक अपने पद पर रह सकते हैं। इससे पहले वे स्वयं त्याग-पत्र दे सकते हैं। कदाचार तथा अयोग्यता (Misbehaviour and Incapacity) के आधार पर न्यायाधीशों को 62 वर्ष की आयु पूरी होने से पहले भी हटाया जा सकता है। संसद् के दोनों सदन 2/3 बहुमत से प्रस्ताव पास करके राष्ट्रपति को किसी भी न्यायाधीश को पद से हटाए जाने की प्रार्थना कर सकते हैं और ऐसी प्रार्थना प्राप्त होने पर राष्ट्रपति उस न्यायाधीश को अपने पद से हटा देगा।

प्रश्न 4.
उच्च न्यायालय का प्रारम्भिक क्षेत्राधिकार क्या है ?
उत्तर-
उच्च न्यायालय का प्रारम्भिक क्षेत्राधिकार अधिक विस्तृत नहीं है-

(क) मौलिक अधिकारों से सम्बन्धित कोई भी मुकद्दमा सीधा उच्च न्यायालय में ले जाया जा सकता है। उच्च न्यायालयों को मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए पांच प्रकार के लेख (Writs) जारी करने का अधिकार है।
(ख) विवाह-विच्छेद (तलाक), वसीयत (Will), न्यायालय की मान-हानि (Contempt of Court), नव वैधिक मामलों (Admiralty Cases) तथा सम-प्रमाण मामलों (Probate Cases) में भी उच्च न्यायालयों को प्रारम्भिक क्षेत्राधिकार प्राप्त है।
(ग) उच्च न्यायालयों को विभिन्न प्रकार के लेख (Writs) जारी करने का अधिकार केवल मौलिक अधिकारों सम्बन्धी मामलों में ही नहीं बल्कि अन्य सभी कार्यों के लिए है।
(घ) कोलकाता, चेन्नई और मुम्बई उच्च न्यायालयों को अपने नगर के कुछ अन्य दीवानी, फ़ौजदारी तथा राजस्व सम्बन्धी मुकद्दमे में प्रारम्भिक क्षेत्राधिकार प्राप्त हैं।
(ङ) चुनाव सम्बन्धी याचिकाएं भी (Election Petitions) उच्च न्यायालयों द्वारा ही सुनी जाती हैं।

PSEB 11th Class Political Science Solutions Chapter 34 उच्च न्यायालय

प्रश्न 5.
उच्च न्यायालय के अपीलीय क्षेत्राधिकार क्या हैं ?
उत्तर-
उच्च न्यायालयों को अपील सम्बन्धी बहुत-से अधिकार प्राप्त हैं-

(क) उच्च न्यायालय ऐसे दीवानी मुकद्दमे की अपील सुन सकता है जिसमें 5,000 रुपये की धन राशि या उसी मूल्य की सम्पत्ति का प्रश्न निहित हो।
(ख) उच्च न्यायालय में ऐसे फ़ौजदारी मुकद्दमे की अपील की जा सकती है, जिनमें सैशन जज ने अभियुक्त को चार वर्ष का दण्ड दिया हो।
(ग) किसी अभियुक्त को फ़ौजदारी मुकद्दमे में मृत्यु-दण्ड देने का अधिकार सेशन जज को है, परन्तु ऐसा दण्ड उच्च न्यायालय की अनुमति से ही दिया जा सकता है अर्थात् मृत्यु-दण्ड देने से पहले सेशन जज उच्च न्यायालय की अनुमति (Approval) अवश्य लेता है।
(घ) बहुत-से राजस्व (Revenue) सम्बन्धी मामलों में भी निचले न्यायालयों के विरुद्ध अपील की जा सकती है।
(ङ) कोई भी मुकद्दमा जिसमें संविधान की किसी धारा या कानून की व्याख्या का प्रश्न निहित हो, अपील की शक्ल में उच्च न्यायालय में ले जाया जा सकता है।

प्रश्न 6.
राज्य की उच्च न्यायालय की रचना का वर्णन करो।
उत्तर-
राज्य की उच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीश होते हैं। नियुक्ति समय-समय पर राष्ट्रपति करता है। सभी उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की संख्या बराबर नहीं होती। राष्ट्रपति नियमित न्यायाधीशों (Regular Judges) के अलावा उच्च न्यायालयों में कुछ अनुपूरक न्यायाधीशों (Additional Judges) को भी ज्यादा से ज्यादा दो सालों के लिए नियुक्त कर सकता है। सिक्किम उच्च न्यायालय में सबसे कम न्यायाधीश हैं।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की योग्यताएं लिखें।
उत्तर-

  1. भारत का नागरिक हो।
  2. भारत में कम-से-कम 10 वर्षों तक किसी न्यायिक पद पर रह चुका हो।

अथवा

किसी भी राज्य के उच्च न्यायालय या एक से अधिक राज्यों के उच्च न्यायालयों में कम-से-कम 10 वर्ष तक अधिवक्ता (Advocate) रह चुका हो।

प्रश्न 2.
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का कार्यकाल लिखें। उन्हें किस प्रकार हटाया जा सकता है ?
उत्तर-
अवधि-उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु तक अपने पद पर रह सकते हैं। इससे पहले वे स्वयं त्याग-पत्र दे सकते हैं। कदाचार तथा अयोग्यता (Misbehaviour and Incapacity) के आधार पर न्यायाधीशों को 62 वर्ष की आयु पूरी होने से पहले भी हटाया जा सकता है। संसद् के दोनों सदन 2/3 बहुमत से प्रस्ताव पास करके राष्ट्रपति को किसी भी न्यायाधीश को पद से हटाए जाने की प्रार्थना कर सकते हैं और ऐसी प्रार्थना प्राप्त होने पर राष्ट्रपति उस न्यायाधीश को अपने पद से हटा देगा।

प्रश्न 3.
राज्य की उच्च न्यायालय की रचना का वर्णन करो।
उत्तर-
राज्य की उच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीश होते हैं। नियुक्ति समय-समय पर राष्ट्रपति करता है। सभी उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की संख्या बराबर नहीं होती।

प्रश्न 4.
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं अन्य न्यायाधीशों को कितना मासिक वेतन मिलता है ?
उत्तर-
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को 2, 50,000 रु० मासिक वेतन एवं अन्य न्यायाधीशों को 2,25,000 रु० मासिक वेतन मिलता है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न I. एक शब्द/वाक्य वाले प्रश्न-उत्तर-

प्रश्न 1. सर्वोच्च न्यायालय का संगठन क्या है ?
उत्तर-सर्वोच्च न्यायालय का एक मुख्य न्यायाधीश तथा अन्य न्यायाधीश होते हैं। आजकल सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश के अतिरिक्त 30 अन्य न्यायाधीश हैं।

प्रश्न 2. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश कितनी आयु में सेवानिवृत्त होते हैं ?
उत्तर-सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं।

प्रश्न 3. सर्वोच्च न्यायालय का अध्यक्ष कौन होता है ?
उत्तर-सर्वोच्च न्यायालय का अध्यक्ष मुख्य न्यायाधीश होता है।

प्रश्न 4. सर्वोच्च न्यायालय की व्यवस्था किस अनुच्छेद के अधीन की गई है ?
उत्तर-सर्वोच्च न्यायालय की व्यवस्था संविधान के अनुच्छेद 124 में की गई है।

प्रश्न 5. सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना कहां की गई है ?
उत्तर-सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना नई दिल्ली में की गई है।

प्रश्न 6. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की संख्या कौन निश्चित करती है ?
उत्तर-सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की संख्या संसद् निश्चित करती है।

प्रश्न 7. संविधान एवं मौलिक अधिकारों का संरक्षक किसे माना जाता है ?
उत्तर-संविधान एवं मौलिक अधिकारों का संरक्षक सर्वोच्च न्यायालय को माना जाता है।

प्रश्न 8. सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति किसके परामर्श से की जाती है ?
उत्तर-मुख्य न्यायाधीश के।

प्रश्न 9. सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा अन्य न्यायाधीशों के वेतन बताओ।
उत्तर-सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को 2,80,000 रु० मासिक तथा अन्य न्यायाधीशों को 2,50,000 रु० मासिक वेतन मिलता है।

प्रश्न 10. सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने के लिए कोई एक योग्यता लिखें।
उत्तर-सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने के लिए आवश्यक है कि वह भारत का नागरिक हो।

प्रश्न 11. क्या सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश सेवानिवृत्त होने के पश्चात् वकालत कर सकते हैं ?
उत्तर-सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश सेवानिवृत्त होने के पश्चात् वकालत नहीं कर सकते हैं।

प्रश्न 12. उच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार में कौन वृद्धि कर सकता है ?
उत्तर-उच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार में संसद् वृद्धि कर सकती है।

प्रश्न 13. उच्च न्यायालयों के जजों के रिटायर होने की आयु कितनी है ?
उत्तर-62 वर्ष।

प्रश्न 14. उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने के लिए कोई एक योग्यता लिखें।
उत्तर-उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने के लिए आवश्यक है कि वह व्यक्ति भारत का नागरिक हो।

प्रश्न 15. उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को कौन हटा सकता है ?
उत्तर-उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को संसद् की सिफ़ारिश पर राष्ट्रपति हटा सकता है।

प्रश्न 16. उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश की नियुक्ति कौन करता है ?
उत्तर-राष्ट्रपति।

PSEB 11th Class Political Science Solutions Chapter 34 उच्च न्यायालय

प्रश्न 17. उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को प्रति मास कितना वेतन मिलता है ?
उत्तर-2,25,000 रु०।।

प्रश्न 18. उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों को प्रति मास कितना वेतन मिलता है ?
उत्तर-2,50,000 रु०।

प्रश्न II. खाली स्थान भरें-

1. सर्वोच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार में आरंभिक क्षेत्राधिकार,अपीलीय क्षेत्राधिकार तथा …………..
2. संविधान की व्याख्या तथा रक्षा करना ………….. का कार्य है।
3. सर्वोच्च न्यायालय संविधान के ……………… के अनुसार पांच प्रकार के लेख जारी कर सकता है।
4. सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना …………… में की गई है।
उत्तर-

  1. सलाहकारी क्षेत्राधिकार
  2. सर्वोच्च न्यायालय
  3. अनुच्छेद 32
  4. नई दिल्ली।

प्रश्न III. निम्नलिखित में से सही एवं ग़लत का चुनाव करें-

1. सर्वोच्च न्यायालय की व्याख्या संविधान के अनुच्छेद 51 में की गई है।
2. वर्तमान समय में सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश के अतिरिक्त 30 न्यायाधीश हैं।
3. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राज्यपाल करता है।
4. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु तक अपने पद पर रहते हैं।
5. संसद् सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को साधारण बहुमत से हटा सकती है।
उत्तर-

  1. ग़लत
  2. सही
  3. ग़लत
  4. सही
  5. ग़लत ।

प्रश्न IV. बहुविकल्पीय प्रश्न-

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से किसको संविधान का संरक्षक माना जाता है ?
(क) राष्ट्रपति
(ख) सर्वोच्च न्यायालय
(ग) उच्च न्यायालय
(घ) संसद् ।
उत्तर-
(ख) सर्वोच्च न्यायालय ।

प्रश्न 2.
सर्वोच्च न्यायालय को कौन-सा अधिकार क्षेत्र प्राप्त नहीं है-
(क) प्रारम्भिक अधिकार क्षेत्र
(ख) अपीलीय
(ग) सलाहकारी
(घ) राजनीतिक।
उत्तर-
(घ) राजनीतिक।।

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प्रश्न 3.
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को कौन हटा सकता है-
(क) राष्ट्रपति
(ख) राज्यपाल
(ग) संसद्
(घ) प्रधानमन्त्री।
उत्तर-
(ग) संसद्।

प्रश्न 4.
न्यायिक पुनर्निरीक्षण की शक्ति है-
(क) जिला न्यायालयों के पास
(ख) केवल उच्च न्यायालयों के पास
(ग) केवल सर्वोच्च न्यायालय के पास
(घ) सर्वोच्च व उच्च न्यायालय दोनों के पास।
उत्तर-
(घ) सर्वोच्च व उच्च न्यायालय दोनों के पास।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 11 फलों एवम् सब्जियों से अचार, मुरब्बे एवम् शर्बत बनाना

Punjab State Board PSEB 8th Class Agriculture Book Solutions Chapter 11 फलों एवम् सब्जियों से अचार, मुरब्बे एवम् शर्बत बनाना Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Agriculture Chapter 11 फलों एवम् सब्जियों से अचार, मुरब्बे एवम् शर्बत बनाना

PSEB 8th Class Agriculture Guide फलों एवम् सब्जियों से अचार, मुरब्बे एवम् शर्बत बनाना Textbook Questions and Answers

(अ) एक-दो शब्दों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
भारत में फलों एवम् सब्जियों की कुल उपज कितनी है ?
उत्तर-
भारत का फलों तथा सब्जियों की उपज के हिसाब से दुनिया में दूसरा स्थान है

प्रश्न 2.
पंजाब में सब्जियों की वार्षिक उपज कितनी है ? एवम् इसके अन्तर्गत कितना क्षेत्रफल है ?
उत्तर-
सब्जियों की उपज 40.11 लाख टन है तथा इसकी काश्त के अन्तर्गत क्षेत्रफल 203.7 हज़ार हैक्टेयर है।

प्रश्न 3.
पंजाब में फलों की वार्षिक उपज कितनी है एवम् इसके अन्तर्गत कितना क्षेत्रफल है ?
उत्तर-
फलों की पैदावार 15.41 लाख टन है तथा इनकी कृषि के अन्तर्गत क्षेत्रफल 76.5 हज़ार हैक्टेयर है।

प्रश्न 4.
नींबू के आचार में कितने प्रतिशत नमक पाया जाता है ?
उत्तर-
\(\frac{1}{5}\) भाग अर्थात् 20%.

प्रश्न 5.
टमाटरों की चटनी में कौन-सा प्रिज़रवेटिव (परिरक्षक) कितनी मात्रा में डाला जाता है ?
उत्तर-
सोडियम बैन्जोएट की 700 मि० ग्राम मात्रा को 1 किलो के हिसाब से।

प्रश्न 6.
आम के शर्बत में कौन-सा परिरक्षक कितनी मात्रा में डाला जाता है ?
उत्तर-
एक किलो आम के गुद्दे के लिए 2.8 ग्राम पोटाशियम मैटावाइसल्फाइट प्रिजेरवेटिव डाला जाता है।

प्रश्न 7.
पंजाब के मुख्य फल का नाम बताएं।
उत्तर-
पंजाब में किन्नू की कृषि सभी फलों से अधिक होती है। इसके लिए मुख्य फल किन्नू है।

प्रश्न 8.
आंवले का मुरब्बा बनाने के लिए आँवलों को कितने प्रतिशत नमक के घोल में रखा जाता है ?
उत्तर-
2 प्रतिशत सादा नमक के घोल में।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 11 फलों एवम् सब्जियों से अचार, मुरब्बे एवम् शर्बत बनाना

प्रश्न 9.
भारत में फलों की वार्षिक उपज कितनी है ?
उत्तर-
लगभग 320 लाख टन से अधिक।

प्रश्न 10.
भारत में सब्जियों की वार्षिक उपज कितनी है ?
उत्तर-
लगभग 700 लाख टन से अधिक।

(आ) एक-दो वाक्यों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
सब्ज़ियों एवम् फलों के कौन-कौन से पदार्थ बनाए जाते हैं ?
उत्तर-
फलों तथा सब्जियों से शर्बत, जैम, अचार, चटनी आदि पदार्थ बनाए जाते हैं; जैसे-नींबू का शर्बत, आंवले का मुरब्बा, टमाटर की चटनी (कैचअप), सेब का जैम आदि।

प्रश्न 2.
फल एवम् सब्जियों के संसाधन के किसानों को क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
फलों तथा सब्जियों के संसाधन के नीचे लिखे लाभ हैं—

  1. इनकी तुड़वाई, कटाई, स्टोर करते समय दर्जाबंदी करते समय, ढुलाई आदि कार्यों में उपज की बहुत हानि होती है। इस हानि को संसाधन करके घटाया जा सकता है। यह हानि लगभग 30-35% होता है।
  2. संसाधन किए पदार्थ से अधिक आय प्राप्त की जा सकती है।

प्रश्न 3.
टमाटर के रस एवम् चटनी में क्या अंतर है ?
उत्तर-
टमाटर के रस में केवल टमाटर, चीनी तथा नमक ही होते हैं तथा यह पतला होता है। टमाटरों की चटनी में टमाटर के अलावा प्याज, लहसुन, मिर्च तथा अन्य मसाले भी होते हैं तथा यह सांद्र होता है।

प्रश्न 4.
फल एवम् सब्ज़ियों को सुखाने के कौन-कौन से ढंग हैं ?
उत्तर-
फलों एवम् सब्जियों को धूप में तथा सोलर ड्रायर की सहायता से सुखाया जाता है। व्यापारिक स्तर पर मशीनी यूनिट लगाने पड़ते हैं।

प्रश्न 5.
फल एवम् सब्जियों को किस तापमान पर सुखाया जाता है और क्यों ?
उत्तर-
साधारणत: 50 से 70 डिग्री सैल्सियस तापमान पर सुखाया जाता है। शुरू में सुखाने के लिए 70 डिग्री तथा अंतिम समय पर 50 डिग्री तापमान पर सुखाया जाता है।

प्रश्न 6.
आंवले के मुरब्बे में कितनी चीनी डाली जाती है और क्यों ?
उत्तर-
एक किलो आंवले में कुल एक किलो चीनी डाली जाती है। एक तो यह मिठास पैदा करती है तथा अधिक चीनी प्रिजेरवेटिव का काम भी करती है तथा आंवले के मुरब्बे को कई माह तक संभाल कर रखने में सहायक है।

प्रश्न 7.
टमाटर का रस बनाने की विधि लिखो।
उत्तर-
एलमीनीयम या स्टील के बर्तन में डालकर पके टमाटरों को उबाल लें। उबले हुए टमाटरों का रस निकाल लें। फिर रस को 0.7 प्रतिशत नमक, 4 प्रतिशत चीनी, 0.02 प्रतिशत सोडियम बैन्जोएट तथा 0.1 प्रतिशत सिट्रिक अमल मिला कर अच्छी तरह उबाल लें। रस को साफ बोतलों में भर कर अच्छी तरह हवा बंद ढक्कन लगा दें। गर्म बन्द बोतलों को पहले उबलते पानी में 20 मिन्टों के लिए उबालें तथा फिर थोड़ा-थोड़ा ठण्डा पानी डाल कर ठण्डा करें। इस रस को ठण्डा करके पीने के लिए, सब्जी में टमाटरों के स्थान पर डालने तथा सूप आदि बनाने के लिए प्रयोग किया जा सकता है।

प्रश्न 8.
नींबू, आम एवम् जौं के शर्बत में कितनी-कितनी मात्रा में कौन-सा प्रिज़रवेटिव डाला जाता है ?
उत्तर-
नींबू के शर्बत में 1 किलो नींबू का रस होने पर 3.5 ग्राम पोटाशियम मैटावाइसल्फेट के घोल का प्रयोग किया जाता है।
आम के शर्बत में एक किलो आम के गुद्दे के लिए 2.8 ग्राम पोटाशियम मैटावाइसल्फाइट मिलाया जाता है।
नींबू, जौ के शर्बत में भी 3 ग्राम पोटाशियम मैटावाइसल्फाइट डाला जाता है।

प्रश्न 9.
भारत की फलों एवम् सब्जियों की उपज में सबसे विलक्षण विशेषता क्या है ?
उत्तर-
फलों तथा सब्जियों को संसाधन करके कई प्रकार के पदार्थ बनाए जाते हैं ; जैसे-शर्बत, चटनी, जैम, मुरब्बा आदि। कुछ उदाहरण हैं-नींबू का शर्बत, आम का शर्बत, सत्तु का शर्बत, मालटे, संगतरे का शर्बत, टमाटरों का रस, नींबू का अचार, आम का अचार, आंवले का अचार, गाजर का अचार, नींबू, हरी मिर्च तथा अदरक का अचार, टमाटरों की चटनी, आंवले का मुरब्बा, सेब का जैम आदि।।

प्रश्न 10.
फल एवम् सब्जियों की पैकिंग के क्या ढंग हैं ?
उत्तर-
फल एवम् सब्जियों को उनके प्रकार के अनुसार लकड़ी की पेटियों, बांस की टोकरियों, बोरियों, प्लास्टिक के क्रेट, गत्ते के डिब्बे, सरिक/कलिंग फिल्मों का प्रयोग करके पैक किया जाता है।

(इ) पाँच-छः वाक्यों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
पंजाब में फल एवम् सब्जियों की कृषि पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर-
पंजाब में फलों तथा सब्जियों की कृषि करने की बहुत संभावनाएं हैं। फलों के बाग एक बार लगाकर तथा कई-कई वर्षों तक उपज देते रहते हैं। सब्जियां कम समय में ही तैयार हो जाती हैं तथा उपज बेच कर लाभ लिया जा सकता है। पंजाब में फलों की कृषि के अधीन क्षेत्रफल 78 हज़ार हैक्टेयर है तथा इससे 14 लाख टन पैदावार हो रही है। इसी तरह सब्जियों की कृषि के अधीन क्षेत्रफल 109 हज़ार हैक्टेयर है तथा इससे 36 लाख टन पैदावार होती है। प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन 300 ग्राम सब्जियां तथा 80 ग्राम फलों की आवश्यकता होती है। यह तथ्य भारतीय मैडीकल खोज संस्था के अनुसार है। जब कि भारत में अभी केवल 30 ग्राम फल तथा 80 ग्राम सब्जियां ही प्रति व्यक्ति हिस्से आती हैं। इस लिए सारे भारत में तथा पंजाब में भी सब्जियों तथा फलों की अधिक कृषि करने की आवश्यकता है।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 11 फलों एवम् सब्जियों से अचार, मुरब्बे एवम् शर्बत बनाना

प्रश्न 2.
फल एवम् सब्जियों के संसाधन की क्या महत्ता है?
उत्तर-
फलों तथा सब्जियों के संसाधन के निम्नलिखित लाभ हैं—

  1. इनकी तुड़वाई, कटाई, स्टोर करते समय दर्जाबंदी करते समय, ढुलाई आदि कार्यों में उपज की बहुत हानि होती है। इस हानि को प्रोसेसिंग करके कम किया जा सकता है। यह हानि लगभग 30-35% होती है।
  2. संसाधन किए पदार्थों से अधिक आय प्राप्त की जा सकती है। केवल 2% उपज को ही पदार्थ बनाने के लिए संसाधन की जाती है। बिना मौसम प्राप्ति तथा भण्डारीकरण करने के लिए फलों तथा सब्जियों के संसाधन की बहुत आवश्यकता है ताकि इस व्यवसाय को छोटे तथा बड़े स्तर पर अपना कर अधिक कमाई की जा सके। संसाधन करके बनाए गए पदार्थ हैं-शर्बत, जैम, अचार, चटनी आदि।

प्रश्न 3.
भारत में फल एवम् सब्जियों की उपज पर नोट लिखो।
उत्तर-
भारत फलों तथा सब्जियों की पैदावार के हिसाब से दुनिया में दूसरे स्थान पर है। सब्जियों की फसल थोड़े समय में तैयार हो जाती है तथा वर्ष में दो से चार फसलें मिल जाती हैं। पैदावार अधिक होती है तथा कमाई भी अधिक होती है तथा प्रतिदिन हो जाती है। फलों की कृषि करने के लिए बाग लगाए जाते हैं जो कई वर्षों तक थोड़ी संभाल, देख रेख पर ही अच्छी उपज दे देते हैं। भारत में फलों तथा सब्जियों की पैदावार काफी हो रही है, परन्तु बढ़ती जन-संख्या के कारण इनकी मांग पूरी नहीं हो सकती, इसलिए इन फलों तथा सब्जियों की पैदावार को बढ़ाने की बहुत आवश्यकता है।

प्रश्न 4.
भारत में फलों एवम् सब्जियों का प्रसंस्करण कैसे किस स्तर पर किया जाता है ?
उत्तर-
भारत में फलों तथा सब्जियों का प्रसंस्करण छोटे स्तर से लेकर बड़े व्यापारिक स्तर पर किया जाता है। फलों तथा सब्जियों की पैदावार में भारत दुनिया में दूसरे स्थान पर है। परन्तु कुल उपज के केवल 2% को ही तैयार पदार्थ बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसलिए भारत में फलों तथा सब्जियों के प्रसंस्करण की तरफ विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। किसान गांव स्तर पर इनका प्रसंस्करण करके अच्छा लाभ ले सकते हैं तथा कई बड़ी कम्पनियों के साथ संबंध बनाए जा सकते हैं तथा अपनी उपज को प्रसंस्करण के लिए भी दे सकते हैं।

प्रश्न 5.
फल एवम् सब्जियों की खराबी के क्या कारण हैं ?
उत्तर-
सब्जियों तथा फलों की खराबी के कई कारण हैं। सब्जियां तथा फलों की तुड़वाई, कटाई, इनको भण्डार करना, इनकी दर्जाबंदी करना, इनकी डिब्बाबंदी करना तथा ढुलाई करना ऐसे कई काम हैं जो सब्जियों तथा फलों के खेत से हमारे घर तक पहुंचने के समय किए जाते हैं। इन कार्यों में फलों तथा सब्जियों की 30-35% हामि हो जाती है।
भण्डार किए फलों तथा सब्जियों को कोई बीमारी या कीड़े-मकौड़े भी खराब कर सकते हैं। कई बार सूक्ष्म जीव तथा उल्लियां भी उपज को खराब करती हैं। कई पक्षी या जानवर फलों आदि को वृक्षों पर ही कुतर देते हैं। इस तरह सब्जियों तथा फलों की खराबी के भिन्न-भिन्न कारण हैं।

Agriculture Guide for Class 8 PSEB फलों एवम् सब्जियों से अचार, मुरब्बे एवम् शर्बत बनाना Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
आम का अचार कितने सप्ताह में तैयार हो जाता है ?
उत्तर-
2-3 हफ्तों में।

प्रश्न 2.
सब्जियों को धूप में सुखाना चाहिए या छाया में ?
उत्तर-
धूप में।

प्रश्न 3.
सेब को सुरक्षित रखने की एक विधि बताओ।
उत्तर-
सेब का मुरब्बा, जैम आदि।

प्रश्न 4.
कुल उपज के कितने प्रतिशत की प्रोसेसिंग की जा रही है ?
उत्तर-
2%.

प्रश्न 5.
पोटाशियम मैटावाइसल्फाइट का क्या काम है ?
उत्तर-
यह एक प्रिज़ेरवेटिव है।

प्रश्न 6.
नींबू का अचार कितने दिनों में तैयार हो जाता है ?
उत्तर-
2-3 सप्ताह में।

प्रश्न 7.
आम के अचार में कौन-सा तेल प्रयोग होता है ?
उत्तर-
सरसों का तेल।

प्रश्न 8.
एक किलो गाजर के आचार के लिए कितने ग्राम सरसों का तेल ठीक है ?
उत्तर-
250 ग्राम।

इस छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
नींबू का शर्बत बनाने का तरीका बताओ।
उत्तर-
बाज़ार से सस्ते नींबू खरीद लेने चाहिएं तथा इनका शर्बत बनाकर महंगे दाम पर बेचा जा सकता है। शर्बत बनाने के लिए नींबू निचोड़ कर इनका रस निकालकर चीनी के बर्तन में रख लो। चीनी का घोल बनाने के लिए 1 लिटर पानी में दो किलो चीनी डालकर गर्म करो तथा सारी चीनी घुल जाने के पश्चात् घोल को बारीक तथा साफ़ कपड़े से छानें। ठण्डा होने पर इसमें एक लिटर नींबू का रस तथा 4 ग्राम एसेंस तथा 3.5 ग्राम पोटाशियम मैटाबाइसल्फाइट घोल भी मिला लो। शर्बत को बोतलों में भर लें तथा बोतलों के मुँह को मोम से हवाबन्द कर लो।

प्रश्न 2.
माल्टे अथवा संगतरे का शर्बत कैसे तैयार किया जाता है ?
उत्तर-
माल्टे अथवा संगतरे का शर्बत तैयार करने के लिए ताजे फल लेकर मशीन से इनका रस साफ़-सुथरे बर्तन में निकालो। 2 किलो चीनी तथा 25-30 ग्राम सिट्रिक एसिड को एक लिटर पानी में डालकर गर्म करो तथा घोल को बारीक कपड़े अथवा छननी से छानें। जब घोल ठण्डा हो जाए तो इसमें एक लीटर माल्टे का रस, 2-3 ग्राम एसेंस तथा 5 ग्राम पोटाशियम मैटाबाइसल्फाइट का घोल भी मिलाओ। शर्बत को बोतलों में भरकर बोतलों के मुँह पिघले हुए मोम में डुबो कर हवाबन्द करके सम्भाल लो।

प्रश्न 3.
आम का शर्बत कैसे तैयार किया जाता है ?
उत्तर-
आम का शर्बत बनाने के लिए अच्छी तरह पके हुए रसदार फल लेकर चाकू से इसका गूदा उतार लें। कड़छी आदि से इस गूदे को अच्छी तरह पीस कर बारीक छननी अथवा कपड़े से छान लो। 1.4 किलो चीनी को 1.6 लिटर पानी में डालकर गर्म करो तथा घोल को बारीक कपड़े से छानो। ठण्डा हो जाने पर इसमें एक किलो आम का गूदा तथा 20-30 ग्राम सिट्रिक एसिड मिला दो। इसके बाद इसमें 2-3 ग्राम पोटाशियम मैटाबाइसल्फाइट भी मिला दो। शर्बत को बोतलों में भरकर बोतलों के मुँह को मोम से सील कर दो।

प्रश्न 4.
नींबू तथा जौ का शर्बत कैसे बनाया जाता है ?
उत्तर-
पके हुए नींबू लेकर तथा दो-दो टुकड़ों में काटकर नींबू-निचोड़ से इनका रस निकाल के छान लें। जौ के 15 ग्राम आटे में 0.3 लिटर पानी डालकर लेटी सी बनाएं। 50-60 मिलीलिटर लेटी को एक लिटर पानी में डालकर थोड़ासा गर्म करें, फिर लेटी को छानो तथा ठण्डा होने के लिए रख दो। अतिरिक्त पानी में 1.70 किलो चीनी डालकर गर्म करो तथा फिर घोल को छानो तथा ठण्डा करने के लिए रख दो। अब आटे की लेटी, चीनी के घोल तथा नींबू के 1 लिटर रस को इकट्ठा करके अच्छी तरह मिलाओ। शर्बत में 3.5 ग्राम पोटाशियम मैटाबाइसल्फाइट भी डाल कर मिलाओ। बोतलों में गले तक शर्बत भरकर मोम से बोतलों का मुँह बंद कर दो।

प्रश्न 5.
आम का अचार बनाने का तरीका बताएं।
उत्तर-
पूरे तैयार कच्चे, खट्टे तथा सख्त आम लेकर इन्हें धो लो तथा लम्बी तरफ टुकड़े करके गुठलियां बाहर निकाल लो तथा कटे टुकड़ों को धूप में सुखा लो। फिर अचार के लिए आवश्यक सामग्री इकट्ठी करो जैसे आम के टुकड़े 1 किलो, नमक 250 ग्राम, मेथी 50 ग्राम, सौंफ 65 ग्राम, कलौंजी 30 ग्राम, लाल मिर्च 25 ग्राम तथा हल्दी 30 ग्राम लो। अब टुकड़ों तथा नमक को मिलाओ तथा एक कांच के मर्तबान में डाल दो। बाद में बाकी सामग्री भी डाल दो तथा सरसों का तेल इतनी मात्रा में डालें कि एक पतली सी परत आम. के टुकड़ों के ऊपर आ जाए। फिर मर्तबान को धूप में रख दो, 2-3 हफ्तों में अचार तैयार हो जाएगा।

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प्रश्न 6.
आंवले का अचार बनाने का तरीका बताओ।
उत्तर-
1 किलो ताज़ा तथा.साफ़ आंवले लेकर रात भर पानी में डुबो कर रखो। फिर इनको साफ़ कपड़े पर बिछा कर सुखा लो। आंवलों को 100 मिलीलिटर तेल में पाँच मिनट तक पकाओ तथा इनमें 100 ग्राम नमक तथा 50 ग्राम हल्दी डालकर और 5 मिनट के लिए पकाएं, फिर आग से उतार कर इन्हें ठण्डा होने के लिए रख दो, अचार तैयार है। फिर इन्हें साफ़ हवाबन्द बर्तनों में भरकर सम्भाल लें।

प्रश्न 7.
गाजर का अचार कैसे बनता है ?
उत्तर-
एक किलो गाजरों को खुले तथा साफ़ पानी से धोकर इनकी हल्की छील उतार लें। टुकड़े काटकर 2 घण्टे तक सुखा लो। इन कटी हुई गाजरों को कुछ मिनट के लिए 250 ग्राम सरसों के तेल में पकाओ। पकी गाजरों में 100 ग्राम नमक तथा 20 ग्राम लाल मिर्च डाल दो तथा फिर आग से उतार लें। ठण्डा होने पर पिसे हुए 100 ग्राम राई के बीज इसमें मिला दो। अचार तैयार है। इसको बर्तनों में सम्भाल लो।

प्रश्न 8.
फल तथा सब्जियों को तोड़ने के पश्चात् सम्भाल के विषय में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
फल तथा सब्जियों को उनके भरे मौसम में सम्भाल कर रख लेना चाहिए। इस तरह करने से फलों तथा सब्जियों को खराब होने से तो बचाया जा सकता है साथ ही उन्हें बे-मौसम में बेचकर मुनाफा भी लिया जा सकता है तथा इनका स्वाद लिया जा सकता है। इसीलिए फल तथा सब्जियों को शर्बत, अचार, मुरब्बा, जैम, जैली, चटनी आदि रूप में सम्भाल लिया जाता है।

प्रश्न 9.
नींबू का अचार तैयार करने की विधि का वर्णन करो।
उत्तर-
अचार डालने के लिए साफ़-सुथरे तथा पके हुए नींबुओं को धोकर साफ़ कपड़े से सुखा लो। जितने नींबू हों उनसे चौथा हिस्सा नमक ले लें। एक किलो नींबू के अचार के लिए 7 ग्राम जीरा, 2 ग्राम लौंग तथा 20 ग्राम अजवाइन लो। प्रत्येक नींबू को एक ही रखते हुए चार-चार हिस्सों में काटो तथा फिर इस मिश्रण को चार-चार हिस्से किए नींबुओं में भर दो। बाकी बची हुई सामग्री मर्तबान में अचार पर डाल दो। नींबुओं को मर्तबान में डालकर धूप में रखकर हिलाते रहें तथा इस तरह 2-3 हफ्ते में आचार तैयार हो जाएगा।

प्रश्न 10.
पोटाशियम मैटावाइस्लफाइट कई पदार्थ बनाने में प्रयोग किया जाता है, इसका महत्त्व बताओ। .
उत्तर-
पोटाशियम मैटावाइसल्फाइट एक प्रिजेरवेटिव का काम करता है। यह तैयार किए पदार्थों को कई महीने तक खराब होने से बचाता है। इस प्रकार हम फलों, सब्जियों से बने पदार्थों का प्रयोग लम्बे समय तक कर सकते हैं। इस तरह तैयार पदार्थों को कई महीनों तक दुकानों पर बेचा जा सकता है।

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
नींबू, हरी मिर्च तथा अदरक का अचार कैसे बनाते हैं ?
उत्तर-
हरी मिर्चे, नींबू तथा अदरक को खुले साफ पानी में अच्छी तरह धोकर सुखाने के पश्चात् 250 ग्राम नींबूओं को दो अथवा चार टुकड़ों में काटो, 300 ग्राम अदरक को छीलकर बराबर लम्बे टुकड़ों में काटो, 200 ग्राम हरी मिर्चों में हल्का सा कटाव लगा दें। अब इन सभी को इकट्ठा करके 250 ग्राम नमक डालकर हिलाओ। अब इस सामग्री को खुले मुँह वाले साफ़ मर्तबानों में डालो। बाकी बचे 250 ग्राम नींबूओं का रस निकाल कर नमक वाले नींबू, अदरक तथा हरी मिर्चों पर डाल दो। ध्यान रखें कि यह सारी सामग्री रस से ढकी जाए। मर्तबान को हवा बन्द ढक्कनों से बन्द करके एक सप्ताह धूप में रखें। जब मिर्गों तथा नींबूओं का रंग हल्का भूरा तथा अदरक का रंग गुलाबी हो जाए तो अचार खाने के लिए तैयार है।

प्रश्न 2.
टमाटरों की चटनी कैसे बनाई जाती है ?
उत्तर-
पके टमाटरों को धोने के पश्चात् छोटे-छोटे टुकड़ों में काटो तथा फिर आग पर गर्म कर के छान कर जूस निकाल लें। निम्नलिखित विधि अनुसार अन्य सामग्री इकट्ठी करो टमाटरों का रस (1 लिटर), कटे हुए प्याज (15 ग्राम), कटा हुआं लहसुन (2-3 टुकड़े), बिना सर के लौंग (4-5), काली मिर्च (2-3 मि.), इलायची (2), जीरा (1-2 ग्राम), बिना पिसी जलवत्री (1-2 ग्राम), दालचीनी (टूटी हुई) (3-4 ग्राम); सिरका (40 मिलीलिटर), चीनी (30 ग्राम), नमक (12-15 ग्राम), लाल मिर्च (1-2 ग्राम) अथवा आवश्यकतानुसार।

सिरका, चीनी तथा नमक को छोड़ कर अन्य सारी सामग्री को एक मलमल की पोटली में बांधो। रस में आधी चीनी डालकर इसे धीमी आग पर गर्म करो तथा इसमें मसाले की पोटली रख दो। रस को तब तक गर्म करो जब तक कि आवश्यक गाढ़ापन न आ जाए। इस तरह रस का लगभग आधा हिस्सा ही बाकी बचता है। मसाले वाली पोटली निकालकर इसमें रस निचोड़ दो। अब अतिरिक्त चीनी, नमक तथा सिरका भी इसमें डाल दो। अगर सिरके से पतलापन आ जाए तो थोड़ी देर और गर्म करें, परन्तु अब देर तक इसे आग पर न रखें। गर्म-गर्म चटनी को साफ़ की हुई बोतलों में भर लो।

प्रश्न 3.
सब्जियों को सुखाने के बारे में आप क्या जानते हैं ? किन्हीं चार सब्जियों को सुखाने का तरीका बताओ।
उत्तर-

  1. सब्जी को धोकर इसके चाकू से टुकड़े कर लेने चाहिएं।
  2. सब्जी के टुकड़ों को मलमल के कपड़े में बांध कर 2-3 मिनट तक उबलते पानी में डुबो कर रखो।
  3. उबलते पानी में से निकालने के पश्चात् सब्जी के इन टुकड़ों को 0.25% पोटाशियम मैटाबाइसल्फाइट के घोल (एक लिटर पानी में अढाई ग्राम दवाई) में 10 मिनट तक रखो। इस तरह सब्जी के खराब होने का कोई डर नहीं रहता। एक किलो सब्जी के लिए एक लिटर घोल का प्रयोग करो।
  4. सब्जी को घोल में से निकालकर एल्यूमीनियम की ट्रेओं को सुखाने के लिए रख देना चाहिए।
  5. बाद में सब्जी वाली ट्रेओं को सुखाने के लिए रख देना चाहिए।

सब्जियों को सुखाना—

  1. गाजर-गाजर को छील कर एक सें० मी० मोटे टुकड़े काटकर धूप में तीन दिन के लिए सुखाया जाता है।
  2. प्याज़-प्याज़ को छीलकर साफ करके अच्छी तरह बारीक काट कर धूप में सुखाओ।
  3. लहसुन-इसकी तुरियां (गांठों) को छील कर बारीक-बारीक काटकर दो दिन तक धूप में सुखाओ।
  4. भिण्डी नं0 2 तथा करेला-उन्हें छोटे आकार की होने की सूरत में इनके दोनों सिरे चाकू से उतार दें तथा बारीक काट लें।

फिर उबलते पानी में 6-7 मिनट के लिए ब्लीच तथा फिर 0.25% पोटाशियम मैटाबाइसल्फाइट के घोल से सुधारें तथा दो दिन के लिए धूप में सुखाएं।

प्रश्न 4.
आंवले का मुरब्बा कैसे तैयार किया जाता है ?
उत्तर-
मुरब्बे के लिए बनारसी किस्म के बड़े-बड़े साफ़-सुथरे आंवले ठीक रहते हैं। एक रात के लिए इन्हें 2% सादा नमक के घोल में डुबो कर रखो। आंवलों को अगले दिन इस घोल से निकालकर फिर से 2% नमक के सादा घोल में फिर रात भर के लिए रखो। इसी तरह तीसरे दिन भी करो। चौथे दिन आंवलों को घोल से निकालकर अच्छी तरह धो लो। स्टील के कांटे से फलों में कई स्थानों पर छिद्र कर दें। इन आंवलों को साफ मलमल के कपड़े में बांधो। एक लिटर पानी में 2 ग्राम फिटकड़ी घोल कर बंधे हुए आंवलों को इस पानी में उबालो। इस तरह आंवले अच्छी तरह नर्म हो जाएंगे।
एक किलो फलों के लिए डेढ़ किलो चीनी लो तथा इसमें से आधी चीनी 750 ग्राम को एक लिटर पानी में घोलो। इसे उबालकर मलमल के कपड़े में छान लो। इस चीनी के घोल में उबले हुए आंवले डालो तथा रात भर पड़े रहने दो। अगले दिन चीनी का घोल निकाल लो तथा इसमें बाकी 750 ग्राम चीनी डालकर उबालो। मलमल के कपड़े से उसे छानें। अब इसमें फिर आंवले डाल दें। दो दिन पश्चात् फिर उबालो ताकि चीनी का घोल गाढ़ा हो जाए। फिर ठण्डा करके बर्तन में डालकर सम्भाल लो।

प्रश्न 5.
गाजर का अचार बनाने का तरीका बताएं।
उत्तर-
गाजर को छील कर, धोकर इनके छोटे-छोटे पतले टुकड़े काट लें। इन्हे धूप में सुखा लें। एक किलो गाजर को 250 ग्राम सरसों के तेल में पकाएं। इनमें 100 ग्राम नमक तथा 20 ग्राम लाल मिर्च डालें। ठण्डा होने पर इसमें 100 ग्राम राई पीस कर मिलाएं। बोतल में डाल कर संभाल लें।

प्रश्न 6.
आंवले का अचार तथा मुरब्बा बनाने का ढंग बताएं।
उत्तर-
स्वयं करें।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 11 फलों एवम् सब्जियों से अचार, मुरब्बे एवम् शर्बत बनाना

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

ठीक/गलत

  1. पंजाब में आम की पैदावार सबसे अधिक होती है।
  2. भारत में फलों की वार्षिक पैदावार 500 लाख टन है।
  3. पोटाशियम मैटावाइसल्फाइट एक प्रिज़रवेटिव है।

उत्तर-

बहुविकल्पीय

प्रश्न 1.
पंजाब में कौन-सी सब्जी की पैदावार सबसे अधिक है ?
(क) भिण्डी
(ख) आलू
(ग) पालक
(घ) प्याज़
उत्तर-
(ख) आलू

प्रश्न 2.
निंबू का अचार कितने दिनों में तैयार हो जाता है ?
(क) 2-3 सप्ताह
(ख) 6-7 सप्ताह
(ग) 10 सप्ताह
(घ) 15-16 सप्ताह।
उत्तर-
(क) 2-3 सप्ताह

प्रश्न 3.
एक किलो गाजर के अचार के लिए कितने ग्राम सरसों का तेल ठीक है?
(क) 100 ग्राम
(ख) 250 ग्राम
(ग) 500 ग्राम
(घ) 1000 ग्राम।
उत्तर-
(ख) 250 ग्राम

रिक्त स्थान भरें

  1. पोटाशियम मैटावाइसल्फाइट एक ……………है।
  2. नींबू के अचार में ……………. प्रतिशत नमक डाला जाता है।
  3. पंजाब में …………… की कृषि सभी फलों से अधिक होती है।

उत्तर-

  1. प्रिज़रवेटिव,
  2. 20,
  3. किन्नू।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 11 फलों एवम् सब्जियों से अचार, मुरब्बे एवम् शर्बत बनाना

फलों एवम् सब्जियों से अचार, मुरब्बे एवम् शर्बत बनाना PSEB 8th Class Agriculture Notes

  • भारत में फल तथा सब्जियों की पैदावार बड़े स्तर पर होती है तथा भारत दुनिया में इसलिए दूसरे स्थान पर है।
  • पंजाब में फलों की पैदावार के नीचे 76.5 हज़ार हैक्टेयर क्षेत्रफल है।
  • पंजाब में फलों की पैदावार 15.41 लाख टन है।
  • पंजाब में सब्जियों की पैदावार के लिए 203.7 हज़ार हैक्टेयर क्षेत्रफल है।
  • पंजाब में सब्जियों की पैदावार 36 लाख टन है।
  • पंजाब में फलों में किन्नू की पैदावार सबसे अधिक तथा सब्जियों में आलू की पैदावार सबसे अधिक है।
  • लगभग 2% पैदावार को ही पदार्थ बनाने के लिए प्रोसेस किया जाता है।
  • फलों सब्जियों को भिन्न-भिन्न तरह के पदार्थ बनाने के लिए प्रोसेस किया जाता है।
  • भिन्न-भिन्न पदार्थ जो बनाए जा सकते हैं-नींबू का शर्बत, आम का शर्बत, माल्टे, संगतरे या किन्नू का शर्बत, सत्तु का शर्बत, टमाटरों का रस, नींबू का अचार, आम का अचार, आंवले का अचार, गाजर का अचार, नींबू, हरी मिर्च तथा अदरक, टमाटरों का कैचअप, आंवले का मुरब्बा।
  • गोभी, शलगम, गाजर, आलू, करेला, मेथी, पालक आदि को पतले-पतले टुकड़ों में काट कर सुखा कर रखा जाता है।
  • सुखाने के लिए सोलर ड्रायर का प्रयोग किया जा सकता है।
  • फलों सब्जियों की तुड़ाई या कटाई के बाद प्रोसेसिंग करने से अधिक कमाई की जा सकती है।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 23 स्वतन्त्रता के पश्चात् का भारत

Punjab State Board PSEB 8th Class Social Science Book Solutions History Chapter 23 स्वतन्त्रता के पश्चात् का भारत Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 23 स्वतन्त्रता के पश्चात् का भारत

SST Guide for Class 8 PSEB स्वतन्त्रता के पश्चात् का भारत Textbook Questions and Answers

I. नीचे लिखे प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लिखें:

प्रश्न 1.
संविधान सभा की स्थापना कब हुई तथा इसके कितने सदस्य थे ?
उत्तर-
संविधान सभा की स्थापना 1946 ई० में हुई। इसके 389 सदस्य थे।

प्रश्न 2.
भारतीय संविधान कब पास तथा लागू हुआ ?
उत्तर-
भारतीय संविधान 26 नवम्बर, 1949 ई० को पारित हुआ, तथा 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ।

प्रश्न 3.
देशी रियासतों का एकीकरण करने का श्रेय किसके सिर है ?
उत्तर-
देशी रियासतों का एकीकरण करने का श्रेय सरदार वल्लभ भाई पटेल के सिर है।

प्रश्न 4.
हैदराबाद रियासत को भारत के साथ कैसे शामिल किया गया ?.
उत्तर-
हैदराबाद रियासत को पुलिस कार्रवाही द्वारा भारत के साथ शामिल किया गया। वहां 13 सितम्बर, 1948 को भारतीय पुलिस भेजी गई तथा 17 सितम्बर, 1948 को इस रियासत को भारत संघ में शामिल कर लिया गया।

प्रश्न 5.
जूनागढ़ रियासत को कैसे भारत के साथ शामिल किया गया ?
उत्तर-
जूनागढ़ रियासत का नवाब पाकिस्तान में शामिल होना चाहता था। परन्तु 20 फरवरी, 1948 ई० को वहां जनमत संग्रह हुआ जिसमें जनता ने भारत के साथ मिलने की इच्छा व्यक्त की। इसलिये जूनागढ़ रियासत को भारतीय संघ में शामिल कर लिया गया।

प्रश्न 6.
राज्यों का पुनर्गठन करने के लिए नियुक्त किये गये कमीशन के कितने सदस्य थे ?
उत्तर-
इस कमीशन के 3 सदस्य थे।

प्रश्न 7.
पंचशील के कोई दो सिद्धान्त लिखो।
उत्तर-
(1) शान्तिमय सह-अस्तित्व (2) एक-दूसरे पर आक्रमण न करना।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 23 स्वतन्त्रता के पश्चात् का भारत

प्रश्न 8.
गुट-निरपेक्ष आन्दोलन की पहली कान्फ्रेंस कब तथा कहां हुई ?
उत्तर-
आन्दोलन की पहली कान्फ्रेंस 1961 ई० में बेलग्रेड में हुई।

प्रश्न 9.
गुट-निरपेक्ष आन्दोलन पर नोट लिखो।
उत्तर-
दूसरे विश्व युद्ध के शीघ्र पश्चात् संसार दो विरोधी गुटों में बंट गया था। एक गुट का नेता अमेरिका था। इसे पश्चिमी ब्लॉक कहा जाता था। दूसरे गुट का नेता रूस था। इसे पूर्वी ब्लॉक कहा जाता था। इनके बीच भयंकर शीत युद्ध चलने लगा। नाटो तथा वारसा पैक्ट जैसी सैनिक संधियों तथा समझौतों ने वातावरण को और भी तनावपूर्ण बना दिया। भारत अपनी स्वतन्त्रता की रक्षा के लिए किसी भी गुट में शामिल नहीं होना चाहता था। इसलिए भारत ने दूसरे देशों के साथ मिलकर नान-अलाइंड आन्दोलन शुरू किया। इस आन्दोलन के पितामह पण्डित जवाहर लाल नेहरू, यूगोस्लाविया के राष्ट्रपति टीटो तथा मिस्र के राष्ट्रपति नासिर थे।
नान-अलाइंड आन्दोलन 1961 ई० में आरम्भ हुआ। यह पंचशील के सिद्धान्तों पर आधारित था। भारत की तरह इसके सभी सदस्य किसी भी शक्ति गुट में शामिल नहीं होना चाहते थे। इसका पहला सम्मेलन 1961 ई० में बेलग्रेड में हुआ। आरम्भ में 25 देश इसके सदस्य थे। परन्तु आज 100 से अधिक देश इसके सदस्य हैं।

प्रश्न 10.
विदेश नीति (भारत की) के बारे में आपका क्या भाव है ?
उत्तर-
किसी देश द्वारा संसार के अन्य देशों के साथ संबंधों के लिए अपनाई गई नीति को उस देश की विदेश नीति कहते हैं। भारत ने स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् शान्तिपूर्ण सह-अस्तित्व के सिद्धान्त पर आधारित विदेश नीति अपनाई है। इसकी मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं –

  1. भारत विश्व के सभी देशों की प्रभुसत्ता तथा स्वतन्त्रता का सम्मान करता है।
  2. भारत इस बात में विश्वास रखता है कि सभी धर्मों, राष्ट्रों तथा जातियों के लोग बराबर हैं।
  3. भारत उन देशों का विरोधी है जिसकी सरकारें रंग, जाति या श्रेणी के आधार पर लोगों के साथ भेद-भाव करती हैं। उदाहरण के लिए भारत दक्षिण अफ्रीका की सरकार का अफ्रीका के मूल निवासियों तथा एशियाई लोगों के साथ भेद-भाव पूर्ण व्यवहार का विरोध करता रहा।
  4. भारत इस बात में भी विश्वास रखता है कि सभी अन्तर्राष्ट्रीय झगड़ों का समाधान शान्तिपूर्ण तरीकों से किया जाना चाहिए।

प्रश्न 11.
साम्प्रदायिकता (भारत में) पर नोट लिखें।
उत्तर-
भारत एक धर्म-निरपेक्ष देश है। यहां संसार के लगभग सभी धर्मों के लोग रहते हैं, जिनके अलग-अलग धार्मिक विश्वास हैं। कुछ लोगों में धार्मिक संकीर्णता के कारण देश में समय-समय पर साम्प्रदायिक दंगे-फसाद होते रहते हैं। इनमें से 2002 ई० में गुजरात में घटित घटना सबसे अधिक भयंकर थी। बहुत से लोगों का विचार है कि सरकार को अल्पसंख्यकों की ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इसलिये भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने १ दिसम्बर, 2006 ई० को अपने भाषण में कहा था, “हम देश के विकास के फल का एक बड़ा भाग कम संख्या वाले लोगों को देने के लिये योजनाओं में परिवर्तन करने का प्रयास करेंगे।”

प्रश्न 12.
भारत तथा पाकिस्तान के सम्बन्धों का संक्षेप वर्णन करें।
उत्तर-
भारत संसार के सभी देशों विशेषकर अपने पड़ोसी देशों के साथ मित्रतापूर्ण सम्बन्ध स्थापित करने का इच्छुक है। पाकिस्तान भारत का एक महत्त्वपूर्ण पड़ोसी देश है। उसके साथ भारत के सम्बन्धों का वर्णन इस प्रकार है

भारत तथा पाकिस्तान-पाकिस्तान के साथ भारत आरम्भ से ही मित्रतापूर्ण सम्बन्ध स्थापित करने का प्रयत्न कर रहा है। देशी रियासत कश्मीर (जम्मू एवं कश्मीर) के भारत के साथ विलय को पाकिस्तान ने मान्यता नहीं दी थी। तभी से कश्मीर भारत तथा पाकिस्तान के बीच विवाद का कारण बना हुआ है। कश्मीर समस्या के कारण भारत ने पाकिस्तान के साथ तीन प्रमुख तथा अनेक छोटे-मोटे युद्ध लड़े हैं। इनमें 1999 ई० का कारगिल युद्ध भी शामिल है।

1971 ई० के भारत-पाकिस्तान युद्ध के पश्चात् भारत की प्रधानमन्त्री श्रीमती इन्दिरा गांधी तथा पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री जुल्फीकार अली भुट्टो के बीच 1972 ई० में शिमला में समझौता हुआ। इस समझौते का उद्देश्य भारत और पाकिस्तान के बीच सभी विवादों का शान्तिपूर्वक समाधान करना था। इसी उद्देश्य से भारत के प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी तथा पाकिस्तान प्रधानमन्त्री नवाज़ शरीफ के मध्य लाहौर में समझौता हुआ। कुछ साल पहले दोनों देशों के मध्य बस तथा रेल सेवाएं आरम्भ की गई हैं। इन सेवाओं द्वारा दोनों देशों के लोग एक-दूसरस् के निकट आये हैं। हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री भारत आए और भारत के प्रधानमन्त्री पाकिस्तान गए।

हमें विश्वास है कि आने वाले समय में दोनों देशों के मध्य की समस्याओं का शान्तिपूर्वक समाधान कर लिया जायेगा।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 23 स्वतन्त्रता के पश्चात् का भारत

प्रश्न 13.
देशी रियासतों के एकीकरण सम्बन्धी वर्णन करें।
उत्तर-
स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् भारत को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ा। इनमें से एक समस्या देशी रियासतों की थी। इनकी संख्या 562 थी और इन पर भारतीय राजाओं का शासन था। 1947 ई० के एक्ट के अनुसार इन रियासतों को यह अधिकार प्राप्त था कि वे अपनी स्वतन्त्र सत्ता सुरक्षित रख सकती हैं अथवा भारत या पाकिस्तान में से किसी भी देश में शामिल हो सकती हैं। इस कारण इन देशी रियासतों के राजा स्वतन्त्र रहना ही पसन्द करते थे। परन्तु स्वतन्त्र भारत के प्रथम गृह मन्त्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने बुद्धि-कौशल से काम लेते हुए सभी देशी रियासतों के राजाओं को भारतीय संघ में सम्मिलित होने के लिए सहमत कर लिया।

इनमें से छोटी-छोटी रियासतों को प्रान्तों में मिला दिया गया। कुछ अन्य रियासतें सांस्कृतिक रूप से एक-दूसरे के साथ मेल रखती थीं तथा उनकी सीमाएँ भी आपस में मिलती थीं। इन्हें इकट्ठा करके राज्य बना दिये गये। उदाहरण के लिए काठियावाड़ की रियासतों को सौराष्ट्र के साथ मिला दिया गया, जबकि पटियाला, नाभा, फरीदकोट, जीन्द तथा मलेर-कोटला रियासतों को इकट्ठा करके पेप्सू राज्य बना दिया गया। अब केवल तीन रियासतें ऐसी रह गईं जो भारत के साथ मिलने को तैयार नहीं थीं। ये थीं-हैदराबाद, जूनागढ़ तथा कश्मीर।

हैदराबाद-हैदराबाद रियासत के निज़ाम उस्मान अली खान ने भारतीय संघ में सम्मिलित होने से इन्कार कर दिया। अतः 13 सितम्बर, 1948 ई०,को हैदराबाद में भारतीय पुलिस भेजी गई। इस प्रकार 17 सितम्बर, 1948 ई० को हैदराबाद की रियासत को भारतीय संघ में सम्मिलित कर लिया गया।

जूनागढ़-जूनागढ़ रियासत का नवाब पाकिस्तान के साथ मिलना चाहता था। परन्तु 20 फरवरी, 1948 ई० को वहां जनमत संग्रह हुआ, जिसमें जनता ने भारत में मिलने की इच्छा व्यक्त की। अत: जूनागढ़ रियासत को भारत संघ में मिला लिया गया। · कश्मीर-कश्मीर का राजा भी स्वतन्त्र रहना चाहता था। परन्तु पाकिस्तान कश्मीर पर अधिकार करना चाहता था। अत: कश्मीर के शासक ने भारत से सहायता मांगी तथा अपने राज्य को भारत में मिलाने का प्रस्ताव रखा। भारत सरकार ने कश्मीर के शासक की प्रार्थना स्वीकार कर ली और अपनी सेनाएं कश्मीर भेज दीं। भारत तथा पकिस्तान के बीच युद्ध हुआ, परन्तु पाकिस्तान ने कश्मीर के बहुत से क्षेत्र पर अपना अधिकार कर लिया।

अन्य रियासतें-इन रियासतों के अतिरिक्त कुछ अन्य छोटे-छोटे राज्य भी थे जिन्हें साथ लगते राज्यों में मिला दिया गया। बड़ौदा को बम्बई (मुम्बई) प्रान्त में मिलाया गया। अनेक छोटे-छोटे राज्यों को इकट्ठा करके एकीकृत राज्य की स्थापना की गई। उदाहरण के लिए मार्च, 1948 ई० में भरतपुर, धौलपुर, अलर तथा करौली आदि रियासतों को इकट्ठा करके एक संघ बनाया गया। इसके पश्चात् राजस्थान संघ भी बनाया गया, जिसमें बूंदी, तलवाड़ा, प्रतापगढ़, शाहपुर, बांसवाड़ा, कोटा, किशनगढ़ आदि रियासतें शामिल की गईं।

प्रश्न 14.
आज़ादी के बाद भारत के आर्थिक तथा औद्योगिक विकास का वर्णन करें।
उत्तर-
देश के विभाजन ने भारत के लिए अनेक आर्थिक समस्याएं पैदा कर दीं। भारत का गेहूँ तथा चावल पैदा करने वाला बहुत बड़ा क्षेत्र पाकिस्तान के हिस्से में आ गया। बहुत बड़ा सिंचाई-योग्य भू-क्षेत्र भी पाकिस्तान में चला गया। अतः भारत में अनाज की कमी हो गई। इसी प्रकार पटसन तथा कपास उगाने वाला बहुत बड़ा क्षेत्र भी पाकिस्तान को मिल गया। इससे भारत में पटसन तथा कपड़ा उद्योग के लिए कच्चे माल की कमी हो गई। अतः स्वतन्त्रता के पश्चात् भारत सरकार ने देश की आर्थिक व्यवस्था को सुधारने के उपाय आरम्भ किये। इस उद्देश्य से 1950 ई० में भारत सरकार ने योजना आयोग स्थापित किया। इस प्रकार भारत के आर्थिक विकास की प्रक्रिया आरम्भ हुई जो आज भी जारी है। इसकी झलक कृषि तथा उद्योग के क्षेत्रों में हुए विकास में देखी जा सकती है।

कृषि-(1) भारत एक कृषि-प्रधान देश है। हमारी कृषि योग्य भूमि के 75% भाग पर खाद्यान्न की फसलें उगाई जाती हैं। इनमें से चावल, गेहूँ, मक्का, सरसों, मूंगफली, गन्ना आदि महत्त्वपूर्ण खाद्यान्न फसलें हैं। (2) भारत ने कृषि के विकास के लिए कई मुख्य नदियों पर बांध बनाए हैं। ये बांध शुष्क क्षेत्रों की कृषि-योग्य भूमि को पानी देते हैं तथा बाढ़ों को रोकते हैं। ये बांध बिजली पैदा करने में सहायक हैं। इन्हें नदी-घाटी परियोजना कहा जाता है। इन परियोजनाओं में नंगल परियोजना, दामोदर-घाटी परियोजना, हरिके परियोजना, तुंगभद्रा परियोजना तथा नागार्जुन सागर परियोजना प्रमुख हैं। (3) कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए सरकार द्वारा विशेष प्रयास किये गये हैं। कृषकों को खेती करने के नये-नये ढंग सिखाए गए हैं। सरकार किसानों को उत्तम बीज तथा खादें देती है। निर्धन किसानों को कृषि के सुधार के लिए बैंकों द्वारा ऋण दिया जाता है। इस प्रकार सरकार किसानों की दशा सुधारने का प्रयास कर रही है।

उद्योग-भारत में अंग्रेज़ी शासन काल में ही उद्योगों का विकास आरम्भ हो गया था। उस काल में कपड़ा, लोहा, चीनी, माचिस, शोरा तथा सीमेंट से सम्बन्धित उद्योगों की स्थापना हुई। परन्तु उस समय ये उद्योग अधिक उन्नति न कर सके, क्योंकि अंग्रेज़ भारत के औद्योगिक विकास में रुचि नहीं लेते थे। अतः स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् भारत ने अपने औद्योगिक क्षेत्र का विस्तार करना आरम्भ किया। (1) इंजीनियरिंग के उपकरण बिजली का सामान, कम्प्यूटर तथा इससे सम्बन्धित सामान, दवाइयां बनाने तथा कृषि यन्त्र बनाने के नये कारखाने आरम्भ किये गये। (2) भारत में अनेक विदेशी कम्पनियों ने बड़ी-बड़ी फैक्टरियां स्थापित कर ली हैं। ये फैक्टरियां भारत के अनेक निपुण तथा अर्द्ध-निपुण कामगारों को रोज़गार दे रही हैं। (3) भारत सरकार ने वैज्ञानिक तथा औद्योगिक आविष्कारों एवं खोजों में विशेष रुचि ली है। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक खोज कौंसिल ने विश्वविद्यालयों तथा अन्य उच्च शिक्षा केन्द्रों में वैज्ञानिक खोजों का समर्थन किया है।

प्रश्न 15.
भारत के अमेरिका के साथ सम्बन्धों का वर्णन करें।
उत्तर-
विश्व की महान् शक्तियों में से संयुक्त राज्य अमेरिका सर्वोच्च है। भारत के साथ इसके सम्बन्ध सामान्य एवं साधारण नहीं रहे हैं। इन सम्बन्धों में समय-समय पर बदलाव आता रहा। भारत की स्वतन्त्रता के पश्चात् कश्मीर तथा अन्य कई प्रश्नों पर इन दोनों देशों के बीच कटु सम्बन्धों का दौर आरम्भ हुआ। दोनों देशों के सम्बन्ध विकृत होने के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं-

  • संयुक्त राज्य अमेरिका ने पाकिस्तान को आवश्यकता से अधिक सैनिक सहायता देनी आरम्भ कर दी। भारत ने इसका कड़ा विरोध किया, परन्तु अमेरिका ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
  • अमेरिका द्वारा बनाये गये सैनिक गुटों का पाकिस्तान तो सदस्य बना, परन्तु भारत ने इन गुटों में सम्मिलित होने से इन्कार कर दिया।
  • 1971 ई० में भारत-पाकिस्तान युद्ध के परिणामस्वरूप बंगला देश अस्तित्व में आया। इस युद्ध अमेरिका ने पाकिस्तान के पक्ष में हस्तक्षेप करने का प्रयत्न किया। भारत ने इसका बहुत बुरा माना।
  • अमेरिका ने पाकिस्तान में सैनिक अड्डे स्थापित किये हैं। हिन्द महासागर में डीगो-गार्शिया (दियागो-गर्शिया) द्वीप पर अमेरिका ने सैनिक छावनियां बना रखी हैं। भारत अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन छावनियों का प्रबल विरोधी है।
  • भारत तथा अमेरिका में परमाणु शक्ति के सम्बन्ध में मौलिक मत-भेद हैं। भारत परमाणु शक्ति का विकास कर रहा है परन्तु अमेरिका इसका विरोध करता है। इसलिए अमेरिका ने भारत को परमाणु ईंधन देना बन्द कर दिया था। परंतु अब दोनों देशों के बीच एक नया परमाणु समझौता हुआ है।
  • भारत ने परमाणु-अप्रसार (परमाणु गैर-पर्सन) सन्धि पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं क्योंकि यह सन्धि भेद-भावपूर्ण है। यह सन्धि उन देशों को परमाणु शक्ति बनने की मनाही करती है जिनके पास परमाणु-शक्ति नहीं है। इसके विपरीत परमाणु-शक्ति सम्पन्न देशों पर कोई प्रतिबन्ध नहीं है।

सच तो यह है कि ऊपर दिये कारणों से भारत तथा अमेरिका के आपसी सम्बन्धों में कटुता आई है। परन्तु फिर भी हाल ही में देवयानी मामले में भी दोनों देशों के सम्बन्धों में अधिक तनाव आया है। आर्थिक, तकनीकी, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक क्षेत्रों में दोनों देशों ने एक-दूसरे को भारी सहयोग दिया है। हमें निकट भविष्य में और भी अच्छे सम्बन्धों की आशा है।

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :

1. …………. को भारतीय संविधान तैयार करने वाली कमेटी का प्रधान बनाया गया।
2. डॉ० राजेन्द्र प्रसाद भारत के प्रथम …………. थे।
3. 1954 ई० में …………. ने पांडिचेरी, चन्द्रनगर तथा माही आदि क्षेत्र भारत को सौंप दिए।
उत्तर-

  1. डॉ० अम्बेदकर
  2. राष्ट्रपति
  3. फ्रांस।

III. प्रत्येक वाक्य के सामने ‘सही’ (✓) या ‘गलत’ (✗) का चिन्ह लगाएं

1. स्वतंत्रता के पश्चात् भारत के संविधान के निर्माण के लिए एक सात सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया। – (✓)
2. 1948 ई० के अंत तक भारत ने फ्रांसीसी तथा पुर्तगाली बस्तियां जो भारत में थीं, पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया।- (✗)
3. स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् भारत ने अपने औद्योगिक विकास की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। – (✗)

IV. सही जोड़े बनाएं :

  1. भारत के प्रथम गृहमंत्री –
  2. भारतीय संविधान कमेटी के सदस्य –
  3. कारगिल का युद्ध –

उत्तर-

  1. भारत के प्रथम गृहमंत्री – सात थे। ।
  2. भारतीय संविधान कमेटी के सदस्य – 1999 ई० में हुआ।
  3. कारगिल का युद्ध – सरदार वल्लभ भाई पटेल थे।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 23 स्वतन्त्रता के पश्चात् का भारत

PSEB 8th Class Social Science Guide स्वतन्त्रता के पश्चात् का भारत Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Multiple Choice Questions)

(क) सही विकल्प चुनिए :

प्रश्न 1.
गुट निरपेक्ष की पहली कांफ्रेंस (1961) कहां हुई ?
(i) बम्बई
(ii) गोआ
(iii) बेलग्रेड
(iv) मैड्रिड।
उत्तर-
बेलग्रेड

प्रश्न 2.
पंचशील समझौता चीन के किस प्रधानमंत्री के साथ हुआ ?
(i) किम जोंग
(ii) चिन पांग
(iii) माओ
(iv) चाउ-इन-लाई।
उत्तर-
चाउ-इन-लाई

प्रश्न 3.
स्वतंत्रता के समय भारत के किस क्षेत्र पर पुर्तगाली शासन करते थे ?
(i) गोआ
(ii) दमन
(iii) दिऊ
(iv) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
उपरोक्त सभी ।

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भारतीय संविधान का दस्तावेज तैयार करने वाली कमेटी के कितने सदस्य थे ? इस कमेटी का प्रधान कौन था ?
उत्तर-
भारतीय संविधान का दस्तावेज़ तैयार करने वाली कमेटी के सात सदस्य थे। इस कमेटी के प्रधान डॉ० अम्बेदकर थे।

प्रश्न 2.
भारत के पहले राष्ट्रपति कौन थे ?
उत्तर-
डॉ० राजेन्द्र प्रसाद।

प्रश्न 3.
भारत ने छोटे राज्यों को साथ लगते राज्यों में क्यों मिला दिया ?
उत्तर-
भारत सरकार ने अनुभव किया कि छोटे राज्यों का उचित विकास नहीं हो पायेगा। इसलिए उन्हें साथ लगते राज्यों में मिला दिया गया।

प्रश्न 4.
स्वतन्त्रता के समय भारत के कौन-कौन से प्रदेश पुर्तगालियों के अधीन थे ? इन्हें भारत संघ में कब सम्मिलित किया गया ?
उत्तर-
स्वतन्त्रता के समय गोआ, दमन तथा दिऊ के प्रदेश पुर्तगाल के अधीन थे। इन्हें 20 दिसम्बर, 1961 ई० को भारत संघ में सम्मिलित किया गया।

प्रश्न 5.
भारत में कितने राज्य तथा कितने केन्द्र शासित प्रदेश हैं ?
उत्तर-
भारत में 29 राज्य तथा 7 केन्द्र शासित प्रदेश हैं।

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प्रश्न 6.
राज्यों का पुनर्गठन कब किया गया तथा कितने राज्यों और कितने केन्द्र शासित प्रदेशों का निर्माण किया गया ?
उत्तर-
राज्यों का पुनर्गठन नवम्बर 1956 में किया गया। उस समय 14 राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों का निर्माण किया गया।

प्रश्न 7.
भारत तथा पाकिस्तान के प्रथम गवर्नर-जनरल कौन-कौन थे ?
उत्तर-
क्रमशः लार्ड माऊंटबेटन तथा मुहम्मद अली जिन्नाह।

प्रश्न 8.
भारत विभाजन का बंगाल तथा पंजाब के लोगों पर क्या कुप्रभाव पड़ा ?
उत्तर-
भारत के विभाजन से बंगाल तथा पंजाब के लाखों लोग मारे गये तथा लाखों लोग बेघर हो गए। पूर्वी तथा पश्चिमी पंजाब में लगभग 80 लाख लोगों को अपनी भूमि, दुकानों तथा अन्य सम्पत्तियां छोड़नी पड़ी।

प्रश्न 9.
भारत की विदेश नीति का मुख्य आधार क्या है ?
उत्तर-
शान्तिपूर्ण सहयोग।

प्रश्न 10.
इंडोनेशिया में 1955 की एफ्रो-एशियाई कान्फ्रेंस कहां हुई ? इसमें भाग लेने वाले तीन एशियाई नेताओं के नाम बताओ।
उत्तर-
इंडोनेशिया में 1955 की एफ्रो-एशियाई कान्फ्रेंस बंदूग में हुई। इसमें भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री पं० जवाहर लाल नेहरू, चीन के चाउ-एन-लाई तथा इंडोनेशिया के सुकार्नो ने भाग लिया।

प्रश्न 11.
नान-अलाइड आन्दोलन के पितामह कौन-कौन थे ?
उत्तर-
इस आन्दोलन के पितामह भारत के पं० जवाहर लाल नेहरू, यूगोस्लाविया के राष्ट्रपति टीटो तथा मिस्र के राष्ट्रपति नासिर थे।

प्रश्न 12.
नान-अलाइंड आन्दोलन कब शुरू किया गया? यह किन सिद्धान्तों पर आधारित था ?
उत्तर-
नान-अलाइंड आन्दोलन 1961 ई० में शुरू किया गया। यह पंचशील के सिद्धान्तों पर आधारित था।

प्रश्न 13.
सार्क की संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
उत्तर-
सार्क की स्थापना 1985 ई० में हुई। इसका पूरा नाम है ‘प्रादेशिक (क्षेत्रीय) सहयोग के लिए दक्षिणएशियाई सभा।” इसका उद्देश्य दक्षिण-एशियाई देशों के बीच शान्ति तथा आर्थिक सहयोग उत्पन्न करना है।

प्रश्न 14.
भारत की प्रमुख सामाजिक तथा आर्थिक समस्याएं कौन-सी हैं ?
उत्तर-
साम्प्रदायिकता, जातिवाद, भाषावाद, गरीबी, बेरोजगारी, निरक्षरता, जनसंख्या वृद्धि आदि।

प्रश्न 15.
भाषावाद की समस्या क्या है ?
उत्तर-
हमारे देश में अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले लोग रहते हैं। इस सम्बन्ध में समस्या यह है कि कुछ लोग अपनी भाषा को अन्य भाषाओं से अच्छा मानते हैं।

प्रश्न 16.
बढ़ती हुई जनसंख्या के कोई दो कुप्रभाव बताओ।
उत्तर-

  1. बढ़ती हुई जनसंख्या गरीबी तथा बेरोज़गारी का मूल कारण बनती है।
  2. इसके कारण सरकार की विकास योजनाएं असफल हो जाती हैं या फिर उनकी गति मंद पड़ जाती है।

प्रश्न 17.
भारत तथा पाकिस्तान के बीच झगड़े का मूल कारण कौन-सा प्रदेश है ?
उत्तर-
कश्मीर।

प्रश्न 18.
शिमला समझौता कब और किस-किस के मध्य हुआ ?
उत्तर-
शिमला समझौता 1972 ई० में भारत की प्रधानमन्त्री श्रीमती इंदिरा गांधी तथा पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री जुल्फीकार अली भुट्टो के मध्य हुआ।

प्रश्न 19.
भारत तथा चीन के बीच कब तथा किस कारण युद्ध हुआ ?
उत्तर-
भारत तथा चीन के मध्य 1962 ई० में सीमान्त झगड़ों के कारण युद्ध हुआ।

प्रश्न 20.
लाहौर समझौता किस-किस के मध्य हुआ ? इसका क्या उद्देश्य था ?
उत्तर-
लाहौर समझौता भारत के प्रधानमत्री अटल बिहारी वाजपेयी तथा पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री नवाज़ शरीफ़ के मध्य हुआ। इसका उद्देश्य भारत तथा पाकिस्तान के आपसी झगड़ों को शान्तिपूर्ण ढंग से सुलझाना था।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भारतीय संविधान का निर्माण किस प्रकार हुआ ?
उत्तर-
स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् भारत ने संविधान का निर्माण करने के लिए सात सदस्यों की एक समिति स्थापित की। इसे संविधान का प्रारूप तैयार करने का काम सौंपा गया। डॉ० अम्बेदकर को इस समिति का प्रधान बनाया गया। इस समिति ने 21 फ़रवरी, 1948 ई० को संविधान का प्रारूप तैयार करके सभा में प्रस्तुत किया। इस प्रारूप पर 4 नवंबर, 1948 ई० से तर्क-वितर्क आरम्भ हुआ। इसके लिए सभा को 11 बैठकें करनी पड़ी। इस तर्क-वितर्क काल में 2473 संशोधन प्रस्तुत किये गये जिनमें से कुछ एक स्वीकार कर लिए गए। 26 नवम्बर, 1949 ई० को संविधान पारित हो गया, जिसे 26 जनवरी, 1950 ई० को लागू किया गया।

प्रश्न 2.
भारत की विदेश नीति की मुख्य विशेषताएं बताओ।
उत्तर-
भारत ने स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् शान्तिपूर्ण सह-अस्तित्व के सिद्धान्त पर आधारित विदेश नीति अपनाई है। इसकी मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं

  1. भारत विश्व के सभी देशों की प्रभुसत्ता तथा स्वतन्त्रता का सम्मान करता है।
  2. भारत इस बात में विश्वास रखता है कि सभी धर्मों, राष्ट्रों तथा जातियों के लोग बराबर हैं।
  3. भारत उन देशों का विरोधी है जिसकी सरकारें रंग, जाति या श्रेणी के आधार पर लोगों के साथ भेद-भाव करती हैं। उदाहरण के लिए भारत दक्षिण अफ्रीका की सरकार का अफ्रीका के मूल निवासियों तथा एशियाई लोगों के साथ भेद-भाव पूर्ण व्यवहार का विरोध करता रहा।
  4. भारत इस बात में भी विश्वास रखता है कि सभी अन्तर्राष्ट्रीय झगड़ों का समाधान शान्तिपूर्ण तरीकों से किया जाना चाहिए।

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प्रश्न 3.
पंचशील पर एक नोट लिखो।
उत्तर-
भारत ने 1954 ई० में चीन के प्रधानमन्त्री चाउ-इन-लाई के साथ एक समझौता किया। यह समझौता पंचशील के पांच सिद्धान्तों पर आधारित था। ये सिद्धान्त निम्नलिखित हैं

  1. शान्तिपूर्ण सह-अस्तित्व को स्वीकार करना।
  2. एक-दूसरे पर आक्रमण न करना।
  3. एक-दूसरे के मामलों में हस्तक्षेप न करना।
  4. आपसी हितों के लिए समानता तथा सहयोग के सिद्धान्त का पालना करना।
  5. एक-दूसरे की प्रभुसत्ता तथा प्रादेशिक अखण्डता का आदर करना।

प्रश्न 4.
भारत ने स्वतन्त्रता के पश्चात् फ्रांसीसियों तथा पुर्तगालियों के अधीन अपने क्षेत्रों को किस तरह मुक्त कराया ?
उत्तर-
भारत के गोआ, दमन तथा दिऊ क्षेत्रों पर पुर्तगालियों का शासन था। इसी प्रकार पांडिचेरी, चन्द्रनगर तथा माही के क्षेत्रों पर फ्रांस का शासन था। 1954 ई० में फ्रांस ने अपने भारतीय क्षेत्र भारत को सौंप दिये, परन्तु पुर्तगाल ने ऐसा नहीं किया। अत: भारत सरकार को पुर्तगालियों के विरुद्ध सैनिक कार्यवाही करनी पड़ी। परिणामस्वरूप 20 दिसम्बर, 1961 ई० को गोआ, दमन तथा दिऊ, दादरा तथा नगर हवेली की पुर्तगाली बस्तियों को भारत संघ में सम्मिलित कर लिया गया। 30 मई, 1987 ई० को गोआ को एक राज्य बना दिया गया जबकि दमन तथा दिऊ को केन्द्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया।

प्रश्न 5.
स्वतन्त्रता के पश्चात् राज्यों का पुनर्गठन क्यों और कैसे किया गया ?
उत्तर-
भारतीयों ने अंग्रेज़ी शासन काल में ही भाषा तथा संस्कृति के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की मांग करनी आरम्भ कर दी थी। भारत के स्वतन्त्र हो जाने के पश्चात् तेलगु भाषा भाषी रामुलू नाम के एक व्यक्ति ने भाषा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की मांग पूरी कराने के लिये आमरण-व्रत रखा, जिसकी भूख के कारण मृत्यु हो गई। अतः संविधान में संशोधन करके तेलगु भाषा बोलने वाले क्षेत्र को मद्रास से अलग करके उसका नाम आन्ध्र प्रदेश रख दिया गया। शेष राज्यों का पुनर्गठन करने के लिए एक कमीशन नियुक्त किया गया, जिसके तीन सदस्य थे। कमीशन की सिफ़ारिशों के आधार पर नवम्बर, 1956 ई० में राज्यों का पुनर्गठन करके 6 केन्द्र शासित प्रदेश तथा 14 राज्य बनाये गये।

प्रश्न 6.
नान-अलाइंड (गुट-निरपेक्ष) आन्दोलन पर एक टिप्पणी लिखो।
उत्तर-
दूसरे विश्व युद्ध के शीघ्र पश्चात् संसार दो विरोधी गुटों में बंट गया था। एक गुट का नेता अमेरिका था। इसे पश्चिमी ब्लॉक कहा जाता था। दूसरे गुट का नेता रूस था। इसे पूर्वी ब्लॉक कहा जाता था। इनके बीच भयंकर शीत युद्ध चलने लगा। नाटो तथा वारसा पैक्ट जैसी सैनिक संधियों तथा समझौतों ने वातावरण को और भी तनावपूर्ण बना दिया। भारत अपनी स्वतन्त्रता की रक्षा के लिए किसी भी गुट में शामिल नहीं होना चाहता था। इसलिए भारत ने दूसरे देशों के साथ मिलकर नान-अलाइंड आन्दोलन शुरू किया। इस आन्दोलन के पितामह पण्डित जवाहर लाल नेहरू, यूगोस्लाविया के राष्ट्रपति टीटो तथा मिस्र के राष्ट्रपति नासिर थे।

नान-अलाइंड आन्दोलन 1961 ई० में आरम्भ हुआ। यह पंचशील के सिद्धान्तों पर आधारित था। भारत की तरह इसके सभी सदस्य किसी भी शक्ति गुट में शामिल नहीं होना चाहते थे। इसका पहला सम्मेलन 1961 ई० में बेलग्रेड में हुआ। आरम्भ में 25 देश इसके सदस्य थे। परन्तु आज 100 से अधिक देश इसके सदस्य हैं।

प्रश्न 7.
यू० एन० ओ० में भारत की भूमिका का वर्णन कीजिए।
उत्तर-

  • भारत यू० एन० ओ० का एक सक्रिय सदस्य है। भारत सरकार ने यू० एन० ओ० के कोरिया तथा अन्य कई देशों में शान्ति स्थापित करने वाले मिशनों में अपनी सेनाएं भेजी।
  • भारत ने यू० एन० ओ० की बहुत सी विशेष संस्थाओं तथा एजेंसियों में भी अपना योगदान दिया है। उदाहरण के लिए 1963 ई० में विजय लक्ष्मी पंडित यू० एन० ओ० की जनरल एसेंबली की सदस्य थीं। शशी थारूर कम्युनिकेशन तथा पब्लिक इन्फार्मेशन के अंडर सैक्रटरी रहे। उन्होंने 2001 में पब्लिक इन्फार्मेशन विभाग का नेतृत्व किया। भारत सुरक्षा कौंसल का भी सदस्य है। भारत ने भी यू० एन० ओ० से बहुत सहायता प्राप्त की है।

प्रश्न 8.
भारत में साम्प्रदायिकता की समस्या बारे लिखो।
उत्तर-
भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है। यहां संसार के लगभग सभी धर्मों के लोग रहते हैं, जिनके अलग-अलग धार्मिक विश्वास हैं। कुछ लोगों में धार्मिक संकीर्णता के कारण देश में समय-समय पर साम्प्रदायिक दंगे-फसाद होते रहते हैं। इनमें से 2002 ई० में गुजरात में घटित घटना सबसे अधिक भयंकर थी। बहुत से लोगों का विचार है कि सरकार को अल्पसंख्यकों की ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इसलिये भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 9 दिसम्बर, 2006 ई० को अपने भाषण में कहा था, “हम देश के विकास के फल का एक बड़ा भाग कम संख्या वाले लोगों को देने के लिये योजनाओं में परिवर्तन करने का प्रयास करेंगे।”

प्रश्न 9.
भारत में जातिवाद तथा गरीबी की समस्या पर नोट लिखो।
उत्तर-
जातिवाद की समस्या-जातिवाद की समस्या हमारी राष्ट्रीय एकता के मार्ग में बाधा बनी हुई है। कुछ लोग सदैव अन्य जातियों के लोगों को घृणा की दृष्टि से देखते हैं। यहां तक कि राजनीतिज्ञ तथा राजनीतिक दल जनता का समर्थन प्राप्त करने के लिये जाति का सहारा लेते हैं। हमें चाहिए कि हम लोगों के साथ समान व्यवहार करें। संविधान की 17वीं धारा के अन्तर्गत किसी भी रूप में छूत-छात करने की मनाही की गई है। – ग़रीबी की समस्या-गरीबी की समस्या भारत की उन्नति के मार्ग में एक बहुत बड़ी बाधा है। देश में बहुत से लोग इतने गरीब हैं कि उन्हें एक दिन का भरपेट भोजन भी नहीं मिल पाता। गरीबी के मुख्य कारण बढ़ती हुई जनसंख्या, कम कृषि उत्पादन तथा बेरोज़गारी है। स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् से सरकार गरीबी समाप्त करने के अनेक प्रयास कर रही है।

प्रश्न 10.
भारत में बेरोज़गारी की समस्या का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर-
भारत में बेरोज़गारी की समस्या गम्भीर होती जा रही है, क्योंकि देश में बेरोज़गारों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। अधिकतर बेरोज़गारी शिक्षित लोगों में पाई जाती है। इस समस्या के समाधान के लिये सरकार की ओर से कई प्रयास किये जा रहे हैं। सेवानिवृत्त सैनिकों, शिक्षित बेरोजगारों आदि को सरकार ऋण देती है, ताकि वे अपना रोज़गार खोल सकें। नौकरी में सेवानिवृत्त होने की आयु सीमा को कम किया जा रहा है, ताकि अधिक-से-अधिक लोगों को रोजगार मिल सके। गांवों में भैंसे, मुर्गियां, सूअर, शहद की मक्खियां आदि पालने के सहायक व्यवसायों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए प्रशिक्षण तथा ऋण की सुविधायें दी जा रही हैं।

प्रश्न 11.
भारत में महंगाई की समस्या पर नोट लिखो।
उत्तर-
आज महंगाई एक विश्वव्यापी समस्या है। परन्तु भारत में इसने एक विकराल रूप धारण कर लिया है। आज प्रत्येक वस्तु बहुत महंगी बिक रही है। वस्तुओं के मूल्य प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। परिणामस्वरूप हमारे देश में अधिकतर लोग जीवन की मूल आवश्यकताओं को पूरा करने में भी असमर्थ हैं । इसलिये महंगाई पर नियन्त्रण करने के लिये सरकार तथा लोगों को मिलकर ठोस कदम उठाने चाहिएं। सरकार को चाहिये कि वह देश में ऐसी योजनाएं लागू करे जिससे आम लोगों को महंगाई से राहत मिले।

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निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में निरक्षरता तथा बढ़ती हुई जनसंख्या की समस्याओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
उत्तर-
1. निरक्षरता- भारत के लगभग 23 करोड़ से भी अधिक लोग निरक्षर हैं। प्रति 100 महिलाओं में से 60 महिलाएं निरक्षर हैं। निरक्षरता बेरोज़गारी को जन्म देती है जोकि निर्धनता का कारण बनती है। निरक्षर व्यक्ति भारत तथा अन्य देशों में विकास तथा उन्नति के अवसरों से अनभिज्ञ रहता है। इसके अतिरिक्त लोकतन्त्र प्रणाली तभी सफल होगी यदि नागरिक पढ़े-लिखे होंगे। निरक्षर नागरिक अपने अधिकारों तथा कर्त्तव्यों के प्रति भी जागरूक नहीं हो सकता।

सरकारी प्रयास- भारत सरकार देश से निरक्षरता दूर करने के लिए कई पग उठा रही है।

  • हमारे संविधान में 14 साल तक की आयु के बच्चों को निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा देने की व्यवस्था है।
  • भारत सरकार देश के निर्धन तथा कुशल छात्रों को छात्रवृत्ति देती है।
  • भारत सरकार प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम भी आयोजित करती है। 2 अक्तूबर, 1978 ई० को राष्ट्रीय प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया था। 1988 ई० में राष्ट्रीय साक्षरता मिशन आरम्भ किया गया था। इसके अन्तर्गत देश के अनेक क्षेत्रों में प्रौढ़ शिक्षा केन्द्र स्थापित किये गये।
  • निरक्षर प्रौढ़ों के हित के लिए ऑल इंडिया रेडियो तथा दूरदर्शन द्वारा अनेक शिक्षा-सम्बन्धी कार्यक्रम प्रसारित किये जाते हैं। इन सब का उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति को साक्षर तथा शिक्षित बनाना है।

2. बढ़ती हुई जनसंख्या-आज भारत को बढ़ती हुई जनसंख्या की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। भारत की जनसंख्या इतनी तीव्र गति से बढ़ रही है कि सरकार के लिए इस बढ़ोत्तरी को रोक पाना कठिन हो रहा है। 2001 ई० के आंकड़ों के अनुसार भारत की जनसंख्या 102.7 करोड़ थी। हमारी जनसंख्या में प्रति वर्ष 1 करोड़ 60 लाख से भी अधिक लोगों की वृद्धि हो रही है।
कारण-सरकारी रिपोर्टों के अनुसार जनसंख्या वृद्धि के कई कारण हैं-

  • चिकित्सा की सुविधाएँ बढ़ जाने से मृत्यु-दर कम हो गयी है। आज से 25 साल पूर्व वार्षिक मृत्यु-दर 33 प्रति हज़ार थी। परन्तु अब यह कम हो कर 14 प्रति हज़ार रह गयी है। पहले प्लेग, हैजा तथा संक्रामक रोगों को रोकने के चिकित्सा सम्बन्धी साधन बहुत कम होते थे जिस कारण इन रोगों से अनेकों मौतें हो जाती थीं। परन्तु अब इन रोगों को फैलने से रोका जा सकता है।
  • कम आयु में विवाह करना बढ़ती हुई आबादी का एक अन्य कारण है। अनेक भारतीय परिवारों के, विशेषतया ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत से बच्चे होते हैं।
  • अज्ञानता तथा धार्मिक कारणों से बहुत से लोग परिवार नियोजन को नहीं अपनाते।
  • अनेक निर्धन माता-पिता सोचते हैं कि बच्चे खेतों या कारखानों में काम करके परिवार की आय में वृद्धि कर सकते हैं। अत: ऐसे माता-पिता अधिक बच्चे पैदा करने के इच्छुक होते हैं।

हानियां तथा समाधान-जनसंख्या वृद्धि निर्धनता, बेरोज़गारी सहित अन्य अनेक समस्याओं का मूल कारण बनती है। सरकार की सभी विकास-योजनाएं जनसंख्या वृद्धि के कारण निष्फल हो जाती हैं।
जनसंख्या वृद्धि से पैदा होने वाली समस्याओं का समाधान सरकारी स्तर पर किया जा रहा है। डॉक्टरों के नेतृत्व में लोगों को जनसंख्या वृद्धि की हानियों से अवगत कराया जा रहा है तथा छोटे परिवार के पक्ष में प्रचार किया जा रहा है।

प्रश्न 2.
भारत के पाकिस्तान तथा चीन के साथ सम्बन्धों का वर्णन करो।
उत्तर-
भारत संसार के सभी देशों विशेषकर अपने पड़ोसी देशों के साथ मित्रतापूर्ण सम्बन्ध स्थापित करने का इच्छुक है। पाकिस्तान तथा चीन भारत के दो महत्त्वपूर्ण पड़ोसी देश हैं। इनके साथ भारत के सम्बन्धों का वर्णन इस प्रकार है
भारत तथा पाकिस्तान-पाकिस्तान के साथ भारत आरम्भ से ही मित्रतापूर्ण सम्बन्ध स्थापित करने का प्रयत्न कर रहा है। देशी रियासत कश्मीर (जम्मू एवं कश्मीर) के भारत के साथ विलय को पाकिस्तान ने मान्यता नहीं दी थी। तभी से कश्मीर भारत तथा पाकिस्तान के बीच विवाद का कारण बना हुआ है। कश्मीर समस्या के कारण भारत ने पाकिस्तान के साथ तीन प्रमुख तथा अनेक छोटे-मोटे युद्ध लड़े हैं। इनमें 1999 ई० का कारगिल युद्ध भी शामिल है।

1971 ई० के भारत-पाकिस्तान युद्ध के पश्चात् भारत की प्रधानमन्त्री श्रीमती इन्दिरा गांधी तथा पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री जुल्फीकार अली भुट्टो के बीच 1972 ई० में शिमला में समझौता हुआ। इस समझौते का उद्देश्य भारत और पाकिस्तान के बीच सभी विवादों का शान्तिपूर्वक समाधान करना था। इसी उद्देश्य से भारत के तत्कालीन प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी तथा पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमन्त्री नवाज़ शरीफ के मध्य लाहौर में समझौता हुआ। अभी कुछ साल पहले ही दोनों देशों के मध्य बस तथा रेल सेवाएं आरम्भ की गई हैं। इन सेवाओं द्वारा दोनों देशों के लोग एक-दूसरे के निकट आये हैं। अब तीर्थ यात्री दोनों देशों में स्थित धार्मिक स्थानों की यात्रा कर सकते हैं। भारतीय तथा पाकिस्तानी समाज-सेवक तथा लेखक एक-दूसरे देश में आ-जा सकते हैं। अत: दोनों देशों के मध्य आरम्भ की गई बस तथा रेल सेवाएं दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण सम्बन्धों को मज़बूती प्रदान कर सकती हैं।

हमें विश्वास है कि आने वाले समय में दोनों देशों के मध्य की समस्याओं का शान्तिपूर्वक समाधान कर लिया जायेगा।

भारत तथा चीन-भारत और चीन के बीच प्राचीन काल से ही मित्रतापूर्ण सम्बन्ध बने हुए हैं। व्यापार तथा बौद्धधर्म के कारण ये दोनों देश आपस में जुड़े हैं। 1949 ई० में, जब चीन में साम्यवादी क्रान्ति आई, तब नई सरकार को मान्यता देने वाले देशों में से भारत पहला देश था। भारत ने यू० एन० ओ० के सदस्य के रूप में चीन का समर्थन किया। 1954 में भारत ने चीन के साथ पंचशील के सिद्धान्तों पर आधारित एक समझौता किया परन्तु 1962 ई० में सीमा-विवाद के कारण भारत तथा चीन के बीच एक युद्ध हुआ था। इस युद्ध के पश्चात् कई वर्षों तक दोनों देशों के सम्बन्ध कटुतापूर्ण बने रहे। इसके बाद 1980 ई० में भारत तथा चीन के सम्बन्धों में सुधार आया। भारत तथा चीन के प्रधानमन्त्रियों ने निरन्तर बैठकें करके अनेक छोटी-बड़ी समस्याओं पर विचार-विमर्श किया। आज दोनों देश अपने सीमा विवादों को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं।

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स्वतन्त्रता के पश्चात् का भारत PSEB 8th Class Social Science Notes

  • संविधान का निर्माण – भारतीय संविधान सभा ने जुलाई 1946 ई० में नया संविधान बनाना आरम्भ किया जो कि 26 नवम्बर, 1949 ई० को पूरा हुआ।
  • देशी-रियासतों का एकीकरण – भारत 15 अगस्त, 1947 ई० को आज़ाद हुआ था परन्तु देशी रियासतों का एकीकरण भारत के लिए बहुत बड़ी समस्या थी। इस समस्या का समाधान सरदार पटेल ने बड़ी सूझबूझ से किया।
  • राज्यों का पुनर्गठन – 1956 ई० में भाषा के आधार पर भारत के राज्यों का पुनर्गठन किया गया।
  • कृषि तथा उद्योगों में विकास – स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् भारत ने कृषि तथा उद्योगों में बहुत अधिक विकास किया है।
  • भारत की विदेश नीति के आधार – भारत की विदेश नीति का मुख्य आधार गुट-निरपेक्षता है। इसका अर्थ है कि भारत विश्व के सैनिक गुटों से दूर रहता है। हमारी विदेश नीति के अन्य आधार हैं संयुक्त राष्ट्र से सहयोग तथा पड़ोसी राष्ट्रों से मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध स्थापित करना।
  • गुट-निरपेक्ष (नान- अलाइंड) आन्दोलन – गुट-निरपेक्ष आन्दोलन के आरम्भिक सदस्य भारत, यूगोस्लाविया तथा मिस्र थे। भारत के प्रधानमन्त्री पं० जवाहर लाल नेहरू, यूगोस्लाविया के राष्ट्रपति टीटो तथा मिस्र के राष्ट्रपति नासिर ने गुट-निरपेक्षता की नीति का समर्थन किया। परन्तु आज इस नीति को अपनाने वाले देशों की संख्या बहुत अधिक हो गई है और इस नीति ने एक शक्तिशाली आन्दोलन का रूप धारण कर लिया है। इसी कारण गुट-निरपेक्ष देशों के समूह को ‘तृतीय विश्व’ या ‘तीसरी दुनिया’ कहकर पुकारा जाता है।
  • भारत तथा उसके पड़ोसी देश – हमारे मुख्य पड़ोसी देश पाकिस्तान, चीन, बांग्ला देश तथा श्रीलंका हैं। हमारे अन्य पड़ोसी भूटान, नेपाल तथा बर्मा (म्यनमार) हैं। भारत इनके साथ अच्छे सम्बन्ध स्थापित करना चाहता है, परन्तु इनके साथ हमारे सम्बन्धों के कुछ नकारात्मक पहलू भी हैं।
  • भारत तथा पाकिस्तान – भारत तथा पाकिस्तान के बीच आपसी सम्बन्ध आरम्भ से ही तनावपूर्ण रहे हैं। परन्तु भारत अपने पड़ोसी देशों से मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध चाहता है ताकि भारतीय उपमहाद्वीप में शान्ति बनी रहे। पाकिस्तान के साथ मधुर सम्बन्ध बनाने के लिए भारत ने समय समय पर अनेक प्रयास किए हैं।
  • पंचशील -1954 ई० में पण्डित जवाहर लाल नेहरू ने विश्व-शान्ति के लिए पाँच सिद्धान्त बनाए। इसे पंचशील का नाम दिया जाता है। इसका उद्देश्य पड़ोसी देशों के बीच सह-अस्तित्व की भावना को बढ़ाना है ताकि उनकी प्रभुसत्ता और अखण्डता बनी रहे।
  • भारत तथा संयुक्त राष्ट्र- भारत संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से विश्वशान्ति में महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहा है। भारत की संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्यों में पूरी आस्था है। इसलिए भारत की विदेश नीति का एक लक्ष्य संयुक्त राष्ट्र को विश्वशान्ति की स्थापना तथा विवादों को आपसी बातचीत द्वारा सुलझाने में सहयोग देना भी है।

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(क) नक्शा कार्य (Map Work) :

प्रश्न 1.
भारत के रेखा मानचित्र में अंकित करें:
उत्तर-
(i) भारतीय मानक देशांतर (821/2° पू०)
(ii) कर्क रेखा
(iii) पंजाबी भाषा बोलने वाले राज्य तथा क्षेत्र
(iv) दो पड़ोसी देश जिन्हें सागर नहीं छूता
(v) भारत का पड़ोसी द्वीपीय देश।
संकेत :
(iii) पंजाब, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली तथा चंडीगढ़
(iv) नेपाल, भूटान
(vi) श्रीलंका।
नोट : मानचित्र कार्य अध्याय में दिए गए मानचित्रों की सहायता से स्वयं करें।
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प्रश्न 2.
कक्षा क्रिया (Class Activity) :
(i) भारत के पड़ोसी सार्क (SAARC) देशों को अलग-अलग रंगों से अंकित करें और कक्षा में लगायें।
(ii) भारत के 28 राज्यों तथा 8 केंद्रीय शासित प्रदेशों को राजधानियों सहित दो रेखाचित्रों में भरें।
नोट : विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो शब्दों से एक वाक्य में दें:

प्रश्न 1.
क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का तृतीय स्थान का देश कौन-सा है ?
उत्तर-
चीन (China).

प्रश्न 2.
कौन-सा देश क्षेत्रफल और आबादी, दोनों पक्षों से ही विश्व में पांचवां स्थान रखता है ?
उत्तर-
ब्राज़ील।

प्रश्न 3.
सौराष्ट्र, निम्न में से कौन-से राज्य का हिस्सा है ?
(i) मनीपुर
(ii) गुजरात
(iii) महाराष्ट्र
(iv) नागालैंड।
उत्तर-
(i) गुजरात।

प्रश्न 4.
कौन-सा शहर किसी राज्य की राजधानी नहीं है ?
(i) रायपुर
(ii) अहमदाबाद
(iii) रांची
(iv) पणजी।
उत्तर-
(ii) अहमदाबाद।

प्रश्न 5.
भारत का कौन-सा अक्षांशीय प्रसार सही है ?
(i) 8°4′ उत्तर से 37°6′ उत्तर तक
(ii) 6°2′ उत्तर से 35°2′ उत्तर तक
(iii) 8°4′ दक्षिण से 37°6′ दक्षिण तक
(iv) 6°2′ दक्षिण से 35°2′ उत्तर तक।
उत्तर-
(i) 8°4′ उत्तर से 37°6′ उत्तर तक।।

प्रश्न 6.
भारत का संवैधानिक नाम क्या है ?
उत्तर-
भारत गणराज्य/गणतंत्र।

(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षेप उत्तर दें :

प्रश्न 1.
भारत के उत्तरी, दक्षिणी, पूर्वी व पश्चिमी किनारों के नाम लिखें।
उत्तर-
उत्तरी सिरा – दफ़दार (Dafdar)
दक्षिणी सिरा – कन्याकुमारी (कोप केमोरिन) पूर्वी सिरा – किबिथू (Kibithu)
पश्चिमी सिरा – गुहार मोती (कच्छ)।

प्रश्न 2.
भारत के मानक देशांतर पर एक नोट लिखें।
उत्तर-
भारत का मानक देशांतर 82%° पू० है। यह देशांतर रेखा उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद के निकट मिर्जापुर से गुजरती है। सारे भारत में समय की गणना इसी रेखा के आधार पर होती है। इस रेखा का समय ग्रीनविच के समय से 5.30 घंटे आगे है। इसके अनुसार जब ग्रीनविच में दोपहर के 12 बजते हैं उस समय भारत में शाम के 5.30 बजे होते हैं।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत : आकार व स्थिति

प्रश्न 3.
अरुणाचल प्रदेश और गुजरात के समय में 2 घंटे का अंतर क्यों है ?
उत्तर-
अरुणाचल प्रदेश भारत के पूर्व तथा गुजरात पश्चिम में स्थित है। सूर्य सबसे पहले पूर्व में उदय होता है। पूर्व से पश्चिम की ओर जाते हुए समय 4° (मिनट) प्रति देशांतर की दर से घटता जाता है। इसलिए अरुणाचल का समय गुजरात से आगे रहता है जो लगभग 2 घंटे है। जब अरुणाचल में सूर्य अस्त हो रहा होता है गुजरात में शाम की धूप खिली होती है। इस बात को हम यूं भी कह सकते हैं कि जब अरुणाचल प्रदेश में सूर्य निकल रहा होता है, उस समय गुजरात में अभी रात होती है।

प्रश्न 4.
जम्मू-कश्मीर और तेलंगाना में कौन-कौन सी भाषाएं प्रयोग होती हैं ?
उत्तर-
जम्मू-कश्मीर-उर्दू, कश्मीरी, डोगरी, गुजरी, दादरी तथा पंजाबी। तेलंगाना-तेलुगु तथा उर्दू।

प्रश्न 5.
सार्क (SAARC) के विषय में संक्षिप्त नोट लिखें।
उत्तर-
सार्क (SAARC) दक्षिण एशिया के देशों का एक संगठन है जो आपसी सहयोग के लिए बनाया गया है। इसका पूरा नाम दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (South Asian Association for Regional Co-operation) है। इसमें देश-भारत, पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालद्वीप, नेपाल तथा श्रीलंका शामिल हैं। इसमें भारत को सबसे महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है।

(घ) निम्नलिखित प्रश्नों के विस्तृत उत्तर दें:

प्रश्न 1.
भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का विषय विस्तृत रूप में लिखें।
उत्तर-
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की दृष्टि से भारत की स्थिति बहुत ही अनुकूल है। निम्नलिखित तथ्य इस बात की पुष्टि करते हैं :
PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत आकार व स्थिति (2)

चित्र-व्यापार और वाणिज्य के अंतर्राष्ट्रीय महामार्ग पर भारत की स्थिति
1. दक्षिण भारत तीनों ओर से समुद्र से घिरा है। इसलिए देश का 96 प्रतिशत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समुद्री मार्ग से होता है।
2. पूर्व एवं दक्षिण एशिया तथा ऑस्ट्रेलिया को जाने वाले समुदी – भी हिंद महासागर से होकर गुज़रते हैं।
3. भारत स्वेज़ मार्ग तथा आशा अंतरीप मार्ग द्वारा यूरोप, उत्तरी अमेरिका तथा दक्षिणी अमेरिका से जुड़ा हुआ है।
4. भारत के लगभग सभी देशों से व्यापारिक संबंध हैं। हमारा देश संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, यूरोप महाद्वीप, दक्षिण अमेरिका तथा दक्षिण-पूर्वी एशिया के लगभग सभी देशों से व्यापार करता है।
5. 1869 में स्वेज नहर के खुलने से यूरोप तथा अमेरिकी देशों के साथ भारत के व्यापारिक संबंध और भी गहरे हो गए।

प्रश्न 2.
भारत के कोई 10 राज्यों तथा 5 केंद्रीय शासित प्रदेशों व राजधानियों के नाम लिखें।
उत्तर-
भारत के 10 राज्यों तथा 5 केंद्रीय शासित प्रदेशों की सूची निम्नलिखित है :

राज्य राजधानियां
1. अरुणाचल प्रदेश ईटानगर
2. असम  दिसपुर
3. बिहार पटना
4. गुजरात गांधीनगर
5. हरियाणा चंडीगढ़
6. हिमाचल प्रदेश शिमला
7. महाराष्ट्र मुंबई
8. कर्नाटक बंगलुरु
9. पंजाब चंडीगढ़
10. राजस्थान जयपुर

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत : आकार व स्थिति

केंद्र शासित प्रदे राजधानियां
1. अंडमान व निकोबार द्वीप समूह पोर्ट ब्लेयर
2. चंडीगढ़ चंडीगढ़
3. दादरा व नगर हवेली तथा दमन-दीव दमन
4. लक्षद्वीप कवारत्ति
5. दिल्ली (N.C.T.) दिल्ली

प्रश्न 3.
भारत को राजनीतिक पक्ष से बांटें और क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़े और छोटे राज्यों पर नोट लिखें।
उत्तर-
भारत राज्यों का संघ है। राजनीतिक अथवा प्रशासनिक दृष्टि से इसे दो मुख्य भागों में बांटा गया है :

  1.  राज्य
  2.  केन्द्र शासित क्षेत्र।

राज्यों की संख्या 28 और केंद्र शासित क्षेत्रों की संख्या 8 है। इन राज्यों की राजधानियों तथा क्षेत्रफल की तालिका नीचे दी गई है
1. भारत के राज्य
PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत आकार व स्थिति (3) PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत आकार व स्थिति (4) PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत आकार व स्थिति (5) PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत आकार व स्थिति (6)

2. केंद्रीय शासित क्षेत्र

क्षेत्र राजधानी
1. अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह पोर्ट ब्लेयर
2. चंडीगढ़ चंडीगढ़
3. चंडीगढ़ दादरा, नगर हवेली तथा दमन-दीव दमन
4. दिल्ली (नैशनल कैपीटल टैरीटरी) दिल्ली
5. लक्षद्वीप कवारत्ति
6. पांडिचेरी (पुड्डुचेरी) पांडिचेरी (पुड्डुचेरी)
7. जम्मू-कश्मीर श्रीनगर
8. लद्दाख लेह

सबसे बड़ा राज्य-क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य राजस्थान है। देश के उत्तर-पश्चिम में स्थित इसका क्षेत्रफल लगभग 3 लाख 42 हज़ार वर्ग कि०मी० है। इसकी राजधानी जयपुर है। इसका अधिकतर भाग मरुस्थलीय/रेतीला है।
सबसे छोटा राज्य-क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे छोटा राज्य गोआ (गोवा) है। इसका क्षेत्रफल 3702 कि०मी० है। इस तटीय राज्य की राजधानी पणजी है।
लेह

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत : आकार व स्थिति

PSEB 9th Class Social Science Guide भारत : आकार व स्थिति Important Questions and Answers

बहु-विकल्पीय प्रश्न :

प्रश्न 1.
अक्षांशीय दृष्टि से भारत स्थित है
(क) दक्षिणी गोलार्द्ध में
(ख) पूर्वी गोलार्द्ध में
(ग) उत्तरी गोलार्द्ध में
(घ) पश्चिमी गोलार्द्ध में।
उत्तर-
(ग) उत्तरी गोलार्द्ध में

प्रश्न 2.
भारत का सबसे दक्षिणी सिरा क्या कहलाता है ?
(क) मलक्का
(ख) इंदिरा प्वाइंट
(ग) केरल तट
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) इंदिरा प्वाइंट

प्रश्न 3.
भारत का कुल क्षेत्रफल है-
(क) 42.87 लाख वर्ग कि० मी०
(ख) 22.87 लाख वर्ग कि० मी०
(ग) 30.87 लाख वर्ग कि० मी०
(घ) 32.87 लाख वर्ग कि० मी०।
उत्तर-
(घ) 32.87 लाख वर्ग कि० मी०

प्रश्न 4.
क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का विश्व में स्थान है-
(क) चौथा
(ख) पांचवां
(ग) छठा
(घ) सातवां।
उत्तर-
(घ) सातवां।

प्रश्न 5.
भारत भू-भाग एशिया महाद्वीप के जिस भाग में स्थित है
(क) पूर्वी
(ख) उत्तरी
(ग) दक्षिणी
(घ) पश्चिमी।
उत्तर-
(ग) दक्षिणी

प्रश्न 6.
उस राज्य का नाम बताओ जो अंतर्राष्ट्रीय सीमा तथा समुद्र को स्पर्श नहीं करता-
(क) मध्य प्रदेश
(ख) राजस्थान
(ग) उत्तर प्रदेश
(घ) पश्चिम बंगाल।
उत्तर-
(क) मध्य प्रदेश

प्रश्न 7.
भारत के दक्षिण में स्थित द्वीपीय देश है-
(क) नेपाल
(ख) लक्षद्वीप समूह
(ग) मालदीव
(घ) बांग्लादेश।
उत्तर-
(ग) मालदीव

प्रश्न 8.
स्वेज नहर खुली थी-
(क) 1869 ई० में
(ख) 1852 ई० में
(ग) 1937 ई० में
(घ) 1879 ई० में।
उत्तर-
(क) 1869 ई० में

प्रश्न 9.
मिजोरम की राजधानी है-
(क) इंफाल
(ख) कोहिमा
(ग) अगरतला
(घ) आइजोल।
उत्तर-
(घ) आइजोल।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत : आकार व स्थिति

प्रश्न 10.
क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे छोटा राज्य है-
(क) गोवा
(ख) त्रिपुरा
(ग) राजस्थान
(घ) हरियाणा।
उत्तर-
(क) गोवा

प्रश्न 11.
भारत का सबसे उत्तरी अक्षांश है-
(क) 37°6′ उ०
(ख) 97025′ उ०
(ग) 6807′ उ०
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) 37°6′ उ०

प्रश्न 12.
तेलंगाना राज्य की राजधानी है-
(क) चंडीगढ़
(ख) बेंगलुरु
(ग) हैदराबाद
(घ) इटानगर।
उत्तर-
(ग) हैदराबाद

रिक्त स्थानों की पूर्ति :

1.जनसंख्या के हिसाब से विश्व में ………………. को पहला स्थान प्राप्त है।
2.भारत को ……………. रेखा दो समान भागों में बांटती है। .
3. क्षेत्रफल की दृष्टि से …………. संसार का सबसे बड़ा देश है।
4. भारत ………………. महाद्वीप में स्थित है।
5. ……………….. उत्तराखंड की राजधानी है।
6. जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और …………. राज्यों की सीमा पाकिस्तान से लगती है।
7. ………….. तेलंगाना की राजधानी है।
8. …………….. पंजाब तथा हरियाणा की राजधानी है। |
उत्तर-

  1. चीन
  2. कर्क
  3. रूस
  4. एशिया
  5. देहरादून
  6. गुजरात
  7. हैदराबाद
  8. चंडीगढ़

अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न।

प्रश्न 1.
2011 की जनगणना के अनुसार विश्व की कितने प्रतिशत जनसंख्या भारत में निवास करती है ?
उत्तर-
17.5%

प्रश्न 2.
भारत के कौन-से उपजाऊ मैदान भारत को अनाज की सुरक्षा प्रदान करते हैं ?
उत्तर-
गंगा, ब्रह्मपुत्र के मैदान।

प्रश्न 3.
क्षेत्रफल की दृष्टि से संसार का सबसे बड़ा देश कौन-सा है ?
उत्तर-
रूस। प

प्रश्न 4.
भारत का कुल क्षेत्रफल कितना है ?
उत्तर-
लगभग 32.87 लाख वर्ग कि०मी०।

प्रश्न 5.
भारत का कौन-सा भू भाग खनिजों का भंडार है ?
उत्तर-
प्रायद्वीपीय पठार।

प्रश्न 6.
अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी में स्थित द्वीप समूहों के नाम बताइए।
उत्तर-
अरब सागर में लक्षद्वीप समूह तथा बंगाल की खाड़ी में अंडमान-निकोबार द्वीप समूह।

प्रश्न 7.
उन देशों के नाम बताइए जो क्षेत्रफल में भारत से बड़े हैं।
उत्तर-
ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा तथा रूस।

प्रश्न 8.
भारत के तीनों ओर स्थित सागरों के नाम बताओ।
उत्तर-
भारत के पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में अरब सागर तथा दक्षिण में हिंद महासागर स्थित है।
PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत आकार व स्थिति (7)

प्रश्न 9.
भारत को कौन-सा अक्षांश वृत्त अथवा कौन-सी अक्षांश रेखा लगभग दो समान भागों में बांटती है ? इसका अक्षांश कितना है ?
उत्तर-
भारत को कर्क वृत्त अथवा कर्क रेखा लगभग दो समान भागों में बांटती है। इसका अक्षांश 23°30′ उ० है।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत : आकार व स्थिति

प्रश्न 10.
दक्षिण भारत के दो पड़ोसी द्वीपीय राज्यों के नाम लिखिए।
उत्तर-
भारत के दो पड़ोसी द्वीपीय राज्य श्रीलंका तथा मालदीव हैं।

प्रश्न 11.
पूर्व में स्थित भारत के दो पड़ोसी देश कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
भारत के पूर्व में स्थित दो पड़ोसी देश बंगलादेश तथा म्यानमार हैं।

प्रश्न 12.
उत्तर में भारत की सीमा किन-किन देशों से लगती है ?
उत्तर-
उत्तर में भारत की सीमा चीन, नेपाल तथा भूटान से लगती है।

प्रश्न 13.
उपमहाद्वीप किसे कहते हैं ?
उत्तर-
एक बड़ी भौगोलिक इकाई जो शेष महाद्वीप से स्पष्ट रूप से अलग दिखाई पड़ती है, उसे उपमहाद्वीप कहते हैं। हिमालय पर्वत भारतीय उपमहाद्वीप को शेष एशिया से अलग करता है।

प्रश्न 14.
भारत में कितने राज्य तथा केंद्रशासित क्षेत्र हैं ?
उत्तर-
28 राज्य और 8 केंद्र शासित क्षेत्र।

प्रश्न 15.
भारत के किन्हीं चार प्रांतों के नाम बताओ जिनकी सीमा दूसरे देशों के साथ लगती है।
उत्तर-
पंजाब, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर तथा पश्चिमी बंगाल चार ऐसे प्रांत हैं जिनकी सीमा दूसरे देशों के साथ लगती है।

प्रश्न 16.
भारत के पूर्वी तट पर स्थित चार राज्यों के नाम बताएं।
उत्तर-
भारत के पूर्वी तट पर स्थित चार राज्य हैं-तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा तथा पश्चिमी बंगाल।

प्रश्न 17.
इंदिरा प्वाइंट किस द्वीप समूह में स्थित है ?
उत्तर-
इंदिरा प्वाइंट अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में स्थित है।

प्रश्न 18.
भारत की स्थलीय सीमा की लंबाई कितनी है ?
उत्तर-
भारत की स्थलीय सीमा की लंबाई लगभग 15,200 कि०मी है।

प्रश्न 19.
भारत की तटरेखा की कुल लंबाई कितनी है ?
उत्तर-
भारत की तटरेखा की कुल लंबाई 7516 कि०मी० है।

प्रश्न 20.
क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का संसार में कौन-सा स्थान है ?
उत्तर-
क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का संसार में सातवां स्थान है।
PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत आकार व स्थिति (8)

चित्र-विश्व के सात सबसे बड़े देश

प्रश्न 21.
भारत के पूर्व तथा पश्चिम में स्थित सागरों के नाम बताओ।
उत्तर-
क्रमशः बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर।

प्रश्न 22.
भारत की सबसे अधिक तथा सबसे कम स्थल सीमा क्रमशः किस-किस देश के साथ लगती है ?
उत्तर-
सबसे अधिक (4096 कि.मी.) बंगला देश के साथ तथा सबसे कम (80 कि.मी.) अफ़गानिस्तान के साथ।

प्रश्न 23.
भारत का मानक समय ग्रीनविच के समय से कितना आगे है ?
उत्तर-
साढ़े पांच घंटे।

प्रश्न 24.
अरब सागर से लगते चार भारतीय राज्यों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. गुजरात
  2. महाराष्ट्र
  3. कर्नाटक
  4. केरल।

प्रश्न 25.
बंगलादेश की सीमा से मिलते किन्हीं चार भारतीय राज्यों के नाम लिखो।
उत्तर-

  1. पश्चिमी बंगाल
  2. असम
  3. मेघालय
  4. मिज़ोरम।

प्रश्न 26.
उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ तथा झारखंड की राजधानियों के नाम बताओ।
उत्तर-
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर तथा झारखंड की राजधानी रांची है।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत : आकार व स्थिति

लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
“भारत का अक्षांशीय और देशांतरीय विस्तार लगभग 30° है, फिर भी भारत का उत्तर-दक्षिण विस्तार पूर्व-पश्चिम के विस्तार से अधिक है।” कारण बताइए।
उत्तर-
इसमें कोई संदेह नहीं कि भारत का उत्तर-दक्षिण अक्षांशीय विस्तार 30° है और इतना ही इसका पूर्वपश्चिम देशांतरीय विस्तार है। परंतु जब इस विस्तार को किलोमीटर में मापते हैं तो.वह दूरी बराबर नहीं आती। देश का पूर्व-पश्चिम विस्तार लगभग 2933 किलोमीटर और उत्तर-दक्षिण विस्तार लगभग 3214 किलोमीटर है। इसका कारण यह है कि देशांतर रेखाएं अक्षांश रेखाओं की भांति एक-दूसरे के समानांतर नहीं हैं। सभी देशांतर रेखाएं ध्रुवों पर आकर आपस में मिल जाती हैं और जैसे-जैसे विषुवत् रेखा से दूर होते जाते हैं देशांतर रेखाओं के बीच की दूरी घटती जाती है। परिणामस्वरूप भारत का पूर्व-पश्चिम विस्तार (भूमध्य) (किलोमीटरों में) कम है।

प्रश्न 2.
भारत को उपमहाद्वीप का दर्जा क्यों दिया जाता है ? भारतीय उपमहाद्वीप किन देशों से मिलकर बनता है ?
उत्तर-
भारत एशिया महाद्वीप के दक्षिण में स्थित है। एशिया का भाग होते हुए भी यह एक विशिष्ट भौगोलिक इकाई है। इसे हिमालय पर्वत शेष एशिया से अलग करते हैं। भारत की इसी विशेषता के कारण भारत को उपमहाद्वीप का दर्जा दिया गया है।
भारतीय उप-महाद्वीप भारत के अतिरिक्त पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बंगलादेश, श्रीलंका, मालदीव आदि देशों से मिलकर बनता है।

प्रश्न 3.
कर्क वृत्त भारत को लगभग दो समान भागों में बाँटता है। इन भागों की संक्षिप्त भौतिक जानकारी दीजिए।
उत्तर-
कर्क वृत्त भारत को लगभग दो समान भागों में बाँटता है-उत्तरी भाग तथा दक्षिणी भाग।
उत्तरी भाग-कर्क वृत्त के उत्तर में फैला भू-भाग एक विशाल क्षेत्र है। यह पूर्व से पश्चिम की ओर फैला हुआ है। इसमें ऊंचे पर्वत तथा विशाल मैदान स्थित हैं।
दक्षिणी भाग-कर्क वृत्त के दक्षिण में फैला भू-भाग त्रिभुजाकार है। इस त्रिभुज का आधार उत्तर की ओर है। दक्षिण की ओर जाते हुए यह भू-भाग तंग होता जाता है। इसमें मुख्य रूप से प्रायद्वीप पठार तथा पूर्वी एवं पश्चिमी तटीय मैदान सम्मिलित हैं।

प्रश्न 4.
भारत के लिए हमें एक मानक मध्याह्न रेखा (देशांतर रेखा) की आवश्यकता क्यों है ? बताइए।
उत्तर-
मानक मध्याह्न रेखा अथवा मानक देशांतर किसी देश के मानक समय को निर्धारित करती है। पूरे देश में सभी कार्य इसी रेखा के समय के अनुसार होते हैं। यदि ऐसा न हो तो देश की परिवहन एवं संचार व्यवस्था, कार्यालयों में होने वाले कार्य तथा अन्य सभी गतिविधियों में गड़बड़ी उत्पन्न हो जाएगी। अतः भारत के लिए भी मानक देशांतर रेखा का होना अनिवार्य है। हमारे देश में 82°30 पू० की देशांतर रेखा को मानक देशांतर निर्धारित किया गया है।

प्रश्न 5.
बताइए कि अहमदाबाद तथा कोलकाता में मध्याहून (दोपहर) का सूर्य वर्ष में दो बार ठीक सिर के ऊपर क्यों होता है जबकि दिल्ली में ऐसा नहीं होता ?
उत्तर-
अहमदाबाद तथा कोलकाता कर्क वृत्त के निकट दक्षिण में स्थित हैं। इसके विपरीत दिल्ली कर्क वृत्त से दूर उत्तर में स्थित है। कर्क वृत्त पर वर्ष में दो बार मध्याह्न का सूर्य सीधा सिर के ऊपर होता है, परंतु इसके उत्तर में एक बार भी ऐसा नहीं होता। यही कारण है कि अहमदाबाद तथा कोलकाता में मध्याह्न का सूर्य वर्ष में दो बार ठीक सिर के ऊपर होता है जबकि दिल्ली में ऐसा नहीं होता है।

प्रश्न 6.
भारत का देशांतरीय विस्तार कितना है ? इसका क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
भारत का देशांतरीय विस्तार लगभग 30° है। इसका सबसे बड़ा महत्त्व यह है कि इस देश में सूर्य उदय के समय में काफ़ी अंतर पाया जाता है, अर्थात् देश के सभी भागों में सूर्य एक ही समय पर उदय नहीं होता। उदाहरण के लिए अरुणाचल प्रदेश और गुजरात क्रमशः भारत के पूर्व और पश्चिम में स्थित हैं। दोनों राज्यों में 30° देशांतर का अंतर है। प्रत्येक दो देशांतरों के बीच चार मिनट के समय का अंतर होता है। इस प्रकार अरुणाचल प्रदेश तथा गुजरात के समय में दो घंटे का अंतर आ जाता है।

प्रश्न 7.
कन्याकुमारी की अपेक्षा कश्मीर में दिन रात की अवधि में अधिक अंतर क्यों है ?
उत्तर-
देश का उत्तर-दक्षिणी विस्तार भारत के विभिन्न भागों में दिन-रात की लंबाई में अंतर डालता है। कन्याकुमारी (लगभग 8° उ० अक्षांश) भूमध्य रेखा के निकट है। यहाँ दिन-रात लगभग समान अवधि के होते हैं। परंतु कश्मीर (लगभग 37° उ० अक्षांश) भूमध्य रेखा से दूर है। यहाँ सारा वर्ष सूर्य की किरणें तिरछी पड़ती हैं, परिणामस्वरूप यहाँ दिन रात की अवधि में पाँच घंटे का अंतर होता है। पृथ्वी के अक्ष के झुकाव के कारण भी भूमध्य रेखा से दूर स्थित भागों में दिन और रात अवधि में अंतर आ जाता है।

दीर्घ उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत के आकार एवं विस्तार की मुख्य विशेषताएँ बताओ।
उत्तर-
भारत एक विशाल देश है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह विश्व में सातवें स्थान पर आता है। इसकी स्थिति एवं विस्तार की मुख्य विशेषताओं का वर्णन इस प्रकार है

  1. भारत की मुख्यभूमि 8°4′ उ० से 37°6′ उ० अक्षांशों के बीच फैली हुई है। इसका देशांतरीय विस्तार 68°7′ पू० से 97°25′ पू० देशांतरों के बीच है। ___ इस प्रकार देश का अक्षांशीय तथा देशांतरीय विस्तार लगभग समान (30°) है। फिर भी किलोमीटरों में देश का उत्तरदक्षिणी विस्तार इसके पूर्वी-पश्चिमी विस्तार से अधिक है।
  2. विषुवत् वृत्त के संदर्भ में भारत उत्तरी गोलार्द्ध में तथा प्रधान देशांतर (मध्याह्न) रेखा के संदर्भ में पूर्वी गोलार्द्ध में स्थित है।
  3. कर्क वृत्त (23°30′ उ०) भारत को लगभग दो समान भागों में बाँटता है। देश का उत्तरी भाग पर्वतीय तथा मैदानी है, जबकि दक्षिणी भाग पठारी है।
  4. भारत का क्षेत्रफल लगभग 32.7 लाख वर्ग किलोमीटर है। यह विश्व के कुल भू-भाग का 2.4 प्रतिशत है।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत : आकार व स्थिति

भारत : आकार व स्थिति PSEB 9th Class Geography Notes

  • भारत गणतंत्र एक विशाल देश है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह संसार का सातवां बड़ा देश है।
  • संसार के कुल क्षेत्रफल का 2.4% भाग भारत भूमि का निर्माण करता है।
  • जनसंख्या की दृष्टि से भारत चीन के बाद संसार का दूसरा बड़ा देश है।
  • हिमालय पर्वत का विस्तार तथा तीन ओर से समुद्र भारत को ‘उपमहाद्वीप’ का दर्जा प्रदान करते हैं।
  • भारत एक सुस्पष्ट भौगोलिक इकाई है जिसमें एक विशिष्ट संस्कृति का विकास हुआ है।।
  • भारत का उत्तर-दक्षिण विस्तार 3214 कि०मी० और पूर्व-पश्चिम विस्तार 2933 कि०मी० है।
  • 82° 30° पू० देशांतर के समय को भारत का मानक समय माना गया है। यह ग्रीनविच (इंग्लैंड) के समय से साढ़े पांच घंटे आगे है।
  • जब किसी देश में किसी देशांतर के स्थानीय समय को पूरे देश का समय मान लिया जाता है, तो उसे मानक समय कहते हैं।
  • किसी महाद्वीप का वह भाग जो पर्वतों एवं नदियों जैसे प्राकृतिक लक्षणों द्वारा शेष महाद्वीप से अलग दिखाई देता है, उप-महाद्वीप कहलाता है। भारत भी एक उपमहाद्वीप है।
  • भारत की सीमाएं 7 देशों की सीमाओं को छूती हैं।
  • देश का धरातलीय विस्तार 15200 कि०मी० और तट रेखा 7516-कि०मी० है।
  • SAARC (सार्क) का अर्थ है South Asian Association for Regional Co-operation । भारत … को सार्क देशों में सबसे महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है।
  • भारत में 28 राज्य तथा 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं।
  • चंडीगढ़ (हरियाणा तथा पंजाब) और हैदराबाद (आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना) दो ऐसे शहर हैं जो एक से अधिक राज्यों की राजधानियां हैं।
  • दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र है। इसका नई दिल्ली क्षेत्र पूरे देश की राजधानी है।
  • हिन्दमहासागर के शीर्ष पर स्थित होने के कारण अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की दृष्टि से भारत की स्थिति अनुकूल है।