PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते हैं

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Book Solutions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते हैं Textbook Exercise Questions, and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Science Chapter 8 जीव जनन कैसे करते हैं

PSEB 10th Class Science Guide जीव जनन कैसे करते हैं Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
अलैंगिक जनन मुकुलन द्वारा होता है।
(a) अमीबा
(b) यीस्ट
(c) प्लैज्मोडियम
(d) लेस्मानिया।
उत्तर-
(b) यीस्ट।

प्रश्न 2.
निम्न में से कौन मानव में मादा जनन तंत्र का भाग नहीं है?
(a) अंडाशय
(b) गर्भाशय
(c) शुक्रवाहिका
(d) डिंबवाहिनी।
उत्तर-
(c) शुक्रवाहिका।

प्रश्न 3.
परागकोश में होते हैं
(a) बाह्यदल
(b) अंडाशय
(c) अंडप
(d) परागकण।
उत्तर-
(d) परागकण।

प्रश्न 4.
अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन का क्या लाभ है?
उत्तर-
लैंगिक जनन निम्नलिखित कारणों से अलैंगिक जनन की अपेक्षा लाभकारी है-

  • लैंगिक जनन में नर और मादा से प्राप्त होने वाले नर युग्मक और मादा युग्मक के निषेचन से लैंगिक जनन होता है चूंकि ये दो भिन्न प्राणियों से प्राप्त होते हैं इसलिए संतान विशेषताओं की विविधता को प्रकट करते हैं।
  • लैंगिक जनन से गुणसूत्रों के नए जोड़े बनते हैं। इससे विकासवाद की दिशा को नए आयाम प्राप्त होते हैं। इससे जीवों में श्रेष्ठ गुणों के उत्पन्न होने के अवसर बढ़ते हैं।

प्रश्न 5.
मानव में वृषण के क्या कार्य हैं ?
उत्तर-
वृषण के कार्य-वृषण में नर जनन-कोशिका शुक्राणु का निर्माण होता है। टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन से उत्पादन एवं स्रावण में वृषण की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।

प्रश्न 6.
ऋतुस्राव क्यों होता है?
उत्तर-
यदि नारी शरीर में निषेचन नहीं हो, तो अंड कोशिका लगभग एक दिन तक जीवित रहती है। अंडाशय हर महीने एक अंड का मोचन करता है और निषेचित अंड की प्राप्ति हेतु गर्भाशय भी हर महीने तैयारी करता है। इसलिए इसकी अंत: भित्ति मांसल एवं स्पोंजी हो जाती है। यह अंड के निषेचन होने की अवस्था में उसके पोषण के लिए आवश्यक है। लेकिन निषेचन न होने की अवस्था में इस पर्त की भी आवश्यकता नहीं रहती। इसलिए यह पर्त धीरे-धीरे टूट कर योनि मार्ग से रुधिर एवं म्यूकस के रूप में बाहर निकल जाती है। इस चक्र में लगभग एक मास का समय लगता है। इसे ऋतुस्राव अथवा रजोधर्म कहते हैं। इसकी अवधि लगभग 2 से 8 दिनों की होती है।

प्रश्न 7.
पुष्प की अनुदैर्ध्य काट का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर-
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते हैं 1

प्रश्न 8.
गर्भनिरोधन की विभिन्न विधियाँ कौन-सी हैं? (P.S.E.B. March 2018, Set-I, II, III)
उत्तर-
बच्चों के जन्म को नियमित करने के लिए आवश्यक है कि मादा का निषेचन न हो। इसके लिए मुख्य गर्भ निरोधन विधियां निम्नलिखित हैं
(i) रासायनिक विधि-अनेक प्रकार के रासायनिक पदार्थ मादा निषेचन को रोक सकते हैं। स्त्रियों के स्वरा गर्भ-निरोधक गोलियां प्रयुक्त की जाती हैं। झाग की गोली, जैली, विभिन्न प्रकार की क्रीमें आदि यह कार्य करती हैं।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते हैं 2
(ii) शल्य-पुरुषों में नसबंदी (Vasectomy) तथा स्त्रियों में भी नलबंदी (Tubectomy) के द्वारा निषेचन रोका जाता है। पुरुषों की शल्य चिकित्सा में शुक्र वाहिनियों को काटकर बांध दिया जाता है जिससे वृषण में बनने वाले शुक्राणु बाहर नहीं आ पाते। स्त्रियों में अंडवाहिनी को काटकर बाँध देते हैं जिससे अंडाशय में बने अंडे गर्भाशय में नहीं आ पाते।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते हैं 3
(iii) भौतिक विधि-विभिन्न भौतिक विधियों से शुक्राणुओं को स्त्री के गर्भाशय में जाने से रोक दिया जाता है। लैंगिक संपर्क में निरोध आदि युक्तियों का प्रयोग इसी के अंतर्गत आता है। गर्भधारण को रोकने के लिए लूप या कॉपर-टी (Copper-T) को गर्भाशय में स्थापित किया जाता है।

प्रश्न 9.
एक-कोशिक एवं बहुकोशिक जीवों की जनन पद्धति में क्या अंतर है?
उत्तर-
एक कोशिक प्रायः विखंडन, मुकुलन, पुनरुद्भवन, बहुखंडन आदि विधियों से जनन करते हैं। उनमें केवल एक ही कोशिका होती है। वे सरलता से कोशिका विभाजन के द्वारा तेज़ी से जनन कर सकते हैं। बहुकोशिक जीवों में जनन क्रिया जटिल होती है और यह मुख्य रूप से लैंगिक जनन क्रिया ही होती है।

प्रश्न 10.
जनन किसी स्पीशीज़ की समष्टि के स्थायित्व में किस प्रकार सहायक है?
उत्तर-
किसी भी स्पीशीज़ की समष्टि के स्थायित्व में जनन और मृत्यु का बराबर का महत्त्व है। यदि जनन और मृत्यु दर में लगभग बराबरी की दर हो तो स्थायित्व बना रहता है। एक समष्टि में जन्म दर और मृत्यु दर ही उसके आधार का निर्धारण करते हैं।

प्रश्न 11.
गर्भनिरोधक युक्तियाँ अपनाने के क्या कारण हो सकते हैं ?
उत्तर-
गर्भनिरोधक युक्तियाँ मुख्य रूप से अवांछित गर्भ रोकने के लिए ही अपनाई जाती हैं। इनसे बच्चों की आयु में अंतर बढ़ाने में भी सहयोग लिया जा सकता है। कंडोम के प्रयोग से एड्स, सुजाक, हिपेटाइटिस जैसे यौन संबंधी कुछ रोगों के संक्रमण से भी बचा जा सकता है।

Science Guide for Class 10 PSEB जीव जनन कैसे करते हैं InText Questions and Answers

प्रश्न 1.
डी० एन० ए० प्रतिकृति का प्रजनन में क्या महत्त्व है?
उत्तर-
प्रजनन में डी० एन० ए० प्रतिकृति प्राणी के अस्तित्व के लिए बहुत आवश्यक है। यह स्पीशीज़ में पाई जाने वाली विभिन्न विशेषताओं के अस्तित्व को बना कर रखने में सहायक है। डी० एन० ए० का प्रतिकृति पीढ़ियों तक गुणों को आगे लेकर चलती है। इससे शारीरिक डिज़ाइन में समता बनी रहती है पर नई विभिन्नताओं के कारण इसमें परिवर्तन आते रहते हैं। इससे प्राणी का अस्तित्व बना रहता है चाहे उसमें कुछ अंतर आ जाता है।

डी० एन० ए० आनुवंशिक गुणों का संदेश है जो जन्म से संतान को प्राप्त होता है। इसके केंद्रक में प्रोटीन संश्लेषण के लिए सूचना विद्यमान होती है। सूचना के बदल जाने पर प्रोटीन भी बदल जाएगी जिस कारण शारीरिक अधिकल्प में भी विविधता उत्पन्न हो जाती है। डी० एन० ए० प्रतिकृति बनने के साथ-साथ दूसरी कोशिकीय संरचनाओं का सृजन भी होता है। जैव-रासायनिक प्रक्रियाओं के कारण डी० एन० ए० की प्रतिकृति में कुछ विभिन्नता उत्पन्न हो जाती है।

प्रश्न 2.
जीवों में विभिन्नता स्पीशीज़ के लिए तो लाभदायक है परंतु व्यष्टि के लिए आवश्यक नहीं है, क्यों?
उत्तर-
जीवों पर परितंत्र के स्थान पर निकेत का सीधा प्रभाव पड़ता है। किसी प्रजाति की समष्टि के स्थायित्व का संबंध जनन से है। जब निकेत में ऐसे परिवर्तन आ जाते हैं जो जीवों के नियंत्रण से बाहर होते हैं जो उग्र परिवर्तन दिखाई देते हैं। इनके परिणामस्वरूप समष्टि का समूल विनाश संभव होता है। यदि समष्टि के जीवों में कुछ विभिन्नता होगी तो उनके जीवित रहने की कुछ संभावना है। वैश्विक उष्मीकरण के कारण यदि जल का ताप अधिक बढ़ जाए तो शीतोष्ण जल में पाए जाने वाले जीवाणुओं का नाश हो जाएगा पर गर्मी को सहन कर सकने वाले जीवाणु जीवित रहेंगे और वृद्धि करेंगे। इसलिए विभिन्नताएँ स्पीशीज की उत्तर जीविता बनाए रखने में उपयोगी हैं। विभिन्नता स्पीशीज़ के लिए तो लाभदायक है पर व्यष्टि के लिए यह आवश्यक नहीं है।

प्रश्न 3.
द्विखंडन बहुखंडन से किस प्रकार भिन्न है ?
उत्तर-
द्विखंडन से कोई एक कोशिका दो छोटे और लगभग समान भागों में बंट जाती है। द्विखंडन एक निर्धारित तल से होता है। लेकिन बहुखंडन में एक कोशिक जीव एक साथ अनेक संतति कोशिकाओं में विभाजित हो जाते हैं। द्विखंडन में सिस्ट नहीं बनता लेकिन बहुखंडन में सिस्ट बनता है। अमीबा और पैरामीशियम में द्विखंडन होता है। काला ज़ार के रोगाणु लेसमानियाँ और मलेरिया परजीवी प्लाज्मोडियम में बहुखंडन होता है।

प्रश्न 4.
बीजाणु द्वारा जनन से जीव किस प्रकार लाभान्वित होता है?
उत्तर-
बीजाणु वृद्धि करके राइजोपस के नए जीव उत्पन्न करते हैं। बीजाणु के चारों ओर एक मोटी भित्ति होती है जो प्रतिकूल परिस्थितियों में उसकी रक्षा करती है। इनमें उत्पन्न बीजाणुओं की संख्या अधिक होती है इसलिए उनके बचने की संभावना ज्यादा होती है। वे सरलता से विपरीत परिस्थितियों में पाए जा सकते हैं। नम सतह के संपर्क में आने पर वे वृद्धि करने लगते हैं।

प्रश्न 5.
क्या आप कुछ कारण सोच सकते हैं जिससे पता चलता हो कि जटिल संरचना वाले जीव पुनरुद्भवन द्वारा नई संतति उत्पन्न नहीं कर सकते?
उत्तर-
जटिल संरचना वाले जीवों में जनन भी जटिल होता है। पुनरुद्भवन एक प्रकार से परिवर्धन है जिसमें जीव के गुणों में अंतर नहीं आता। यह जनन के समान नहीं है। जटिल संरचना वाले जीव पुनरुद्भवन के द्वारा किसी भी भाग को काट कर सामान्यतः वैसा जीव उत्पन्न नहीं कर सकते। क्योंकि उन का शरीर अंगों और अंग तंत्रों में विभाजित होता है।

प्रश्न 6.
कुछ पौधों को उगाने के लिए कायिक प्रवर्धन का उपयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर–
प्रायः जो पौधे बीज उत्पन्न नहीं करते उनकी जड़, तना, पत्तियों आदि को उपयुक्त परिस्थितियों में विकसित करके नया पौधा प्राप्त कर लिया जाता है। प्रायः एकल पौधे इस क्षमता का उपयोग जनन-विधि के रूप में करते हैं। उन्हीं को उगाने के लिए कायिक प्रवर्धन किया जाता है।

प्रश्न 5.
DNA की प्रतिकृति बनाना जनन के लिए आवश्यक क्यों है?
उत्तर-
जनन की प्रक्रिया से वैसी ही समरूप संतान की प्राप्ति की जाती है जैसे जन्म देने वाले हों। DNA की प्रतिकृति के परिणामस्वरूप ही वंशानुगत गुणों से युक्त संतान प्राप्त होती है। इसीलिए DNA की प्रतिकृति बनाना जनन के लिए आवश्यक है। यह जीवन की निरंतरता को बनाए रखता है और जीवों में जाति विशेष के गुण बने रहते हैं।

प्रश्न 6.
परागण क्रिया निषेचन से किस प्रकार भिन्न है ?
उत्तर-
परागण क्रिया तथा निषेचन में अंतर  –

परागण (Pollination) निषेचन (Fertilization)
(1) वह क्रिया जिसमें परागकण स्त्रीकेसर के वर्तिकाग्र तक पहुँचते हैं, परागण कहलाती है। (1) वह क्रिया जिसमें नर युग्मक और मादा युग्मक मिलकर युग्मनज बनाते हैं, निषेचन कहलाती है।
(2) यह जनन क्रिया का प्रथम चरण है। (2) यह जनन क्रिया का दूसरा चरण है।
(3) परागण क्रिया दो प्रकार की होती है-स्व- परागण और पर-परागण। |(3) निषेचन क्रिया भी दो प्रकार की होती है-बाह्य निषेचन एवं आंतरिक निषेचन।
(4) परागकणों के स्थानांतरण के लिए वाहकों की होती। (4) इस क्रिया में वाहकों की कोई आवश्यकता नहीं आवश्यकता होती है।
(5) अनेक परागकणों का नुकसान होता है। (5) इसमें परागकणों का नुकसान नहीं होता।
(6) इस क्रिया में विशेष लक्षणों की आवश्यकता होती। (6) इस क्रिया में विशेष लक्षणों की आवश्यकता नहीं होती है।

प्रश्न 7.
शक्राशय एवं प्रोस्टेट ग्रंथि की क्या भमिका है?
उत्तर-
शुक्राशय एवं प्रोस्टेट ग्रंथि अपना स्राव शुक्र वाहिका में डालते हैं जिससे शुक्राणु एक तरल माध्यम में आ जाते हैं। इसके कारण इनका स्थानांतरण सरलता से होता है। साथ ही यह स्त्राव उन्हें पोषण भी प्रदान करता है।
शुक्राशय से स्रावित द्रव में फ्रुक्टोज, सिटरेट और अनेक प्रोटीन होते हैं। ये दोनों वीर्य की क्रमशः प्रतिशतता 60 : 30 में बनाते हैं। शुक्राशय योनि में संकुचन को उद्दीप्त करता है और प्रोस्टेट मूत्र की अम्लीयता को उदासीन करता है।

प्रश्न 8.
यौवनारंभ के समय लड़कियों में कौन-से परिवर्तन दिखाई देते हैं ?
उत्तर-
यौवनारंभ के समय लड़कियों में दिखाई देने वाले परिवर्तन

  • शरीर के कुछ नए भागों जैसे काँख और जाँघों के मध्य जननांगी क्षेत्र में बाल गुच्छ निकल आते हैं।
  • हाथ, पैर पर महीन रोम आ जाते हैं।
  • त्वचा तैलीय हो जाती है। कभी-कभी मुहाँसे निकल आते हैं।
  • वक्ष के आकार में वृद्धि होने लगती है।
  • स्तनाग्र की त्वचा का रंग गहरा भूरा होने लगता है।
  • रजोधर्म होने लगता है।
  • अंडाशय में अंड परिपक्व होने लगते हैं।
  • ध्वनि सुरीली हो जाती है।
  • विपरीत लिंग की ओर आकर्षण होने लगता है।

प्रश्न 9.
माँ के शरीर में गर्भस्थ भ्रूण को पोषण किस प्रकार प्राप्त होता है?
अथवा
माँ के गर्भ में पल रहा भ्रूण अपना पोषण कैसे प्राप्त करता है ? (P.S.E.B. March 2017, Set-II)
उत्तर-
गर्भस्थ भ्रूण को माँ के रुधिर से पोषण प्राप्त होता है। इसके लिए प्लेसेंटा की संरचना प्रकृति के द्वारा की गई है। यह एक तश्तरी नुमा संरचना है जो गर्भाशय की भित्ति में धंसी होती है। इसमें भ्रूण की ओर से ऊतक के प्रवर्ध होते हैं। माँ के ऊतकों में रक्त स्थान होते हैं जो प्रवर्ध को ढांपते हैं। ये माँ से भ्रूण को ग्लूकोज़, ऑक्सीजन और अन्य पदार्थ प्रदान करते हैं।

प्रश्न 10.
यदि कोई महिला कॉपर-टी का प्रयोग कर रही है तो क्या यह उसकी यौन-संचरित रोगों से रक्षा करेगा?
उत्तर-
नहीं, कॉपर-T किसी भी अवस्था में महिला की यौन-संचरित रोगों से रक्षा नहीं करेगा।

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Book Solutions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय Textbook Exercise Questions, and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Science Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय

PSEB 10th Class Science Guide नियंत्रण एवं समन्वय Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन-सा पादप हॉर्मोन है ? (अ)इंसुलिन
(ब) थायरॉक्सिन
(स) एस्ट्रोजन
(द) साइटोकाइनिन।
उत्तर-
(द) साइटोकाइनिन।

प्रश्न 2.
दो तंत्रिका कोशिका के मध्य खाली स्थान को कहते हैं
(अ) द्रुमिका
(ब) सिनेप्स
(स) एक्जान
(द) आवेग।
उत्तर-
(ब) सिनेप्स।

प्रश्न 3.
मस्तिष्क उत्तरदायी है –
(अ)सोचने के लिए
(ब) हृदय स्पंदन के लिए
(स) शरीर का संतुलन बनाने के लिए
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-
(द) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 4.
हमारे शरीर में ग्राही का क्या कार्य है ? ऐसी स्थिति पर विचार कीजिए जहाँ ग्राही उचित प्रकार से कार्य नहीं कर रहे हों। क्या समस्या उत्पन्न हो सकती है ?
उत्तर-
पर्यावरण में प्रत्येक परिवर्तन की अनुक्रिया से एक समुचित गति उत्पन्न होती है जो हमारे आसपास होने की स्थिति में हमें प्रभावित करती है। हमारे शरीर के ग्राही उन सूचनाओं को इकट्ठा करते हैं और उन्हें केंद्रीय तंत्रिका तंत्र तक भेज देते हैं। तंत्रिका तंत्र में मस्तिष्क और सुष्मुना उचित संदेश शरीर के विभिन्न अंगों और ग्रंथियों को प्रेषित कर देते हैं। यदि ग्राही उचित प्रकार से कार्य न कर रहे हों तो वे पर्यावरण में होने वाले परिवर्तनों को न तो समझ पाएंगे और न ही उनके प्रति ठीक प्रकार से कोई प्रतिक्रिया कर सकेंगे।

प्रश्न 5.
एक तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) की संरचना बनाइए तथा इसके कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) संदेशों का संवहन करने वाली मूल इकाई है। यह विशेष रूप से लंबी होती है। इसमें जीव द्रव्य से घिरा हुआ केंद्रक होता है। जीव द्रव्य से डेंड्राइटस नामक अनेक छोटी-छोटी शाखाएँ निकलती हैं। इन शाखाओं में से एक शाखा अधिक लंबी होती है। इसे एक्सॉन कहते हैं। यह संदेशों को कोशिका से दूर ले
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय 1
जाता है। कोई भी तंत्रिका कोशिका सीधी दूसरी तंत्रिका कोशिका से जुड़ी हुई नहीं होती। इनके बीच कुछ रिक्त स्थान होता है जिसमें बहुत-ही समीप का संवहन होता है इसे अंतर्ग्रथन कहते हैं। यदि हमारे पैर में दर्द है तो इसकी सूचना पैर में स्थित संवेदी तंत्रिका कोशिका के डेंड्राइट ग्रहण करते हैं। तंत्रिका कोशिका उसे विद्युत संकेत में बदल देती है। यह विद्युत संकेत तंत्रिकाक्ष के द्वारा प्रवाहित होता है। अंतर्ग्रथन में होता हुआ यह मस्तिष्क तक पहँचता है। मस्तिष्क संदेश ग्रहण कर उस पर अनुक्रिया करता है। प्रेरक तंत्रिका इस अनुक्रिया को पैर की पेशियों तक पहँचाती है और पैर की पेशियां उचित अनुक्रिया करती हैं।

तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) तीन प्रकार की हैं-

  • संवेदी तंत्रिकोशिका-शरीर के विभिन्न भागों से यह संवेदनाओं को मस्तिष्क की ओर ले जाती है।
  • प्रेरक तंत्रिकोशिका-यह मस्तिष्क से आदेशों को पेशियों तक पहुँचाती है।
  • बहुध्रुवी तंत्रिकोशिका-यह संवेदनाओं को मस्तिष्क की तरफ और मस्तिष्क से पेशियों की ओर ले जाने का कार्य करती है।

प्रश्न 6.
पादप में प्रकाशानुवर्तन किस प्रकार होता है ?
उत्तर-
पादप के प्ररोह तंत्र के द्वारा प्रकाश स्रोत की दिशा की ओर गति करना प्रकाशानुवर्तन कहलाता है। प्ररोह तंत्र का प्रकाश के प्रति धनात्मक अनुवर्तन होता है। यदि किसी पादप को गमले में लगा कर इसे किसी अंधेरे कमरे में रख दें जिसमें प्रकाश किसी खिड़की या दरवाज़े की ओर से भीतर आता हो तो कुछ दिन के बाद प्ररोह का अग्रभाग स्वयं उसी दिशा में मुड़ जाता है जिस तरफ से प्रकाश कमरे में प्रवेश करता है। ऐसा इसलिए होता है कि प्ररोह शीर्ष केवल उसी दिशा में स्रावित होने वाले अधिक ऑक्सिन (Auxin) के प्रभाव से नष्ट हो जाता है जबकि विपरीत दिशा की तरफ हॉर्मोन उपस्थित रहता है। इस कारण प्ररोह प्रकाश की दिशा में मुड़ जाता है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय 2

प्रश्न 7.
मेरुरज्जु आघात में किन संकेतों को आने में व्यवधान होगा ?
उत्तर-
मेरुरज्जु आघात में प्रतिवर्ती क्रियाएँ तथा अनौच्छिक क्रियाओं के लिए आने वाले संकेतों में व्यवधान होगा। पर्यावरण की कोई भी सूचना आगत-निर्गत तंत्रिकाओं के बंडल से होती हुई मस्तिष्क में पहुँच जाएगी। वह तुरंत प्रभावित अंगों में न पहुँचकर मस्तिष्क के द्वारा उस अंग तक पहुँचेगी। ऐसा होने से अधिक देर लगेगी और तब तक अंग कुप्रभावित हो जाएगा।

प्रश्न 8.
पादप में रासायनिक समन्वय किस प्रकार होता है ?
उत्तर-
पादप में रासायनिक समन्वय-पादपों में रासायनिक समन्वय पादप हॉर्मोनों के कारण होता है। पादप विशिष्ट हॉर्मोनों को उत्पन्न करते हैं जो उसके विशेष भागों को प्रभावित करते हैं। पादपों में प्ररोह प्रकाश के आने की दिशा की ओर ही बढ़ता है। गुरुत्वानुवर्तन जड़ों को नीचे की ओर मुड़ कर अनुक्रिया करता है। इसी प्रकार जलानुवर्तन और रासायनावर्तन होता है। पराग नलिका का बीजांड की ओर वृद्धि करना रसायनानुवर्तन का उदाहरण है। विभिन्न पादप हॉर्मोन कोशिकाओं के द्वारा संश्लेषण के पश्चात् पौधे के अन्य भागों में विसरित हो कर उसे प्रभावित करते हैं। साइटोकाइनिन हॉर्मोन पौधों की जीर्णता को रोकते हैं। ऑक्सिन हार्मोन वृद्धि, अनुवर्तन गतियों, जड़ विभेदन आदि को नियंत्रित करते हैं। ऐब्सिसिक अम्ल वृद्धिरोधक पादप हॉर्मोन है। पत्तों का मुरझाना भी इसके प्रभावों में शामिल है।

प्रश्न 9.
एक जीव में नियंत्रण एवं समन्वय तंत्र की क्या आवश्यकता है ?
उत्तर-
बहकोशकीय जीवों की संरचना बहुत जटिल होती है। उनके शरीर के विभिन्न बाहरी और भीतरी अंगों की विशिष्ट कार्यप्रणालियों और गतिविधियों में तालमेल की परम आवश्यकता होती है। अंगों के नियंत्रण और समन्वय के द्वारा ही उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति संभव हो सकती है। जीवों की जटिल प्रकृति के कारण ही वे उन तंत्रों का उपयोग करते हैं जो नियंत्रण एवं समन्वय कार्य करते हैं। विशिष्टीकरण ऊतक का उपयोग नियंत्रण और समन्वय में सहायक सिद्ध होता है।

प्रश्न 10.
अनैच्छिक क्रियाएँ तथा प्रतिवर्ती क्रियाएँ एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं ?
उत्तर-
प्रतिवर्ती क्रियाएं वे क्रियाएँ हैं जो बाहरी संवेदना के उत्तर में तुरंत और अपने-आप हो जाती हैं। इन पर मस्तिष्क का कोई नियंत्रण नहीं होता। ये मेरुरज्जु के द्वारा नियंत्रित की जाती हैं। प्रतिवर्ती क्रियाएँ स्वायत्त प्रेरक के प्रत्युत्तर होती हैं। उदाहरण-रक्त दाब, हृदय स्पंदन दर, श्वास दर आदि। अनैच्छिक क्रियाएँ भी प्राणियों की इच्छा से चालित नहीं होतीं लेकिन इनका संचालन मध्यमस्तिष्क और पश्चमस्तिष्क के द्वारा किया जाता है। उदाहरण-गर्म धातु पर हाथ लगने से हाथ का हटना, पलक झपकना खाँसना इत्यादि।

प्रश्न 11.
जंतुओं में नियंत्रण एवं समन्वय के लिए तंत्रिका तथा हॉर्मोन क्रियाविधि की तुलना तथा व्यतिरेक (Contrast) कीजिए।
उत्तर –

तंत्रिका क्रिया विधि हॉर्मोन क्रिया विधि
(1) यह एक्सॉन के अंत में विद्युत् आवेग का परिणाम जो कुछ रसायनों का विमोचन कराता है। (1) यह रक्त के द्वारा भेजा गया रासायनिक संदेश है|
(2) सूचना अति तीव्रगति से आगे बढ़ती है। (2) सूचना धीरे-धीरे गति करती है।
(3) सूचना विशिष्ट एक या अनेक तंत्रों, कोशिकाओं, न्यूरानों आदि को प्राप्त होती है। (3) सूचना सारे शरीर को रक्त के माध्यम से प्राप्त हो जाती है जिसे कोई विशेष कोशिका या तंत्र स्वयं प्राप्त कर लेता है।
(4) इसे उत्तर शीघ्र प्राप्त हो जाता है। (4) इसे उत्तर प्रायः धीरे-धीरे प्राप्त होता है।
(5) इसका प्रभाव कम समय तक रहता है। (5) इसका प्रभाव प्रायः देर तक रहता है।

प्रश्न 12.
छुई-मुई पादप की गति तथा हमारी टांग में होने वाली गति के तरीके में क्या अंतर है ?
उत्तर-
छुई-मुई पादप स्पर्श करते ही पत्तियों को झुका कर या बंद कर संवेदनशीलता का परिचय दे देती है। पादप हॉर्मोन के प्रभाव के कारण पादप कोशिकाएं यह परिवर्तित कर देती हैं जबकि हमारी टांग में होने वाली ऐच्छिक क्रिया का परिणाम है जो अनुमस्तिष्क के द्वारा संचालित होती है। इसमें तंत्रिका नियंत्रण का सहयोग प्राप्त किया जाता है।

Science Guide for Class 10 PSEB नियंत्रण एवं समन्वय InText Questions and Answers

प्रश्न 1.
प्रतिवर्ती क्रिया और टहलने के बीच क्या अंतर है ?
उत्तर-
प्रतिवर्ती क्रिया मस्तिष्क की इच्छा के बिना होने वाली अनैच्छिक क्रिया है। यह स्वायत्त प्रेरक की प्रत्युत्तर है। यह बहुत स्पष्ट और यांत्रिक प्रकार की है। ये मेरुरज्जु द्वारा नियंत्रित पेशियों द्वारा कराई जाती है जो प्रेरक के प्रत्युत्तर में होती है जबकि ‘टहलना’ एक ऐच्छिक क्रिया है जो मनुष्य सोच-विचार कर ही करता है और इसका नियंत्रण मस्तिष्क द्वारा होता है। प्रतिवर्ती क्रिया में शरीर के केवल एक भाग प्रतिक्रिया करता है जबकि टहलने में पूरा शरीर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाता है।

प्रश्न 2.
दो तंत्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन) के मध्य अंतर्ग्रथन (सिनेप्स) में क्या होता है ?
उत्तर-
प्राणियों के शरीर में दो तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) एक-दूसरे के साथ जुड़कर श्रृंखला बनाते हैं और सूचना आगे प्रेषित करते हैं। सूचना एक तंत्रिका कोशिका के द्रुमाकृतिक सिरे द्वारा उपार्जित की जाती है और एक रासायनिक क्रिया के द्वारा एक विद्युत् आवेग उत्पन्न करती है। यह आवेग द्रुमिका से कोशिकाओं तक पहुँचता है और तंत्रिकाक्ष में होता हुआ इसके अंतिम सिरे तक पहुँच जाता है। तंत्रिकाक्ष के अंत में विद्युत् आवेग के द्वारा कुछ रसायनों को उत्पन्न कराया जाता है जो रिक्त स्थान (सिनेप्टिक दरार) को पार कर अपने से अगली तंत्रिका कोशिका की द्रुमिका में इसी प्रकार विद्युत आवेश को आरंभ कराते हैं। यह शरीर में तंत्रिका आवेग की मात्रा की सामान्य योजना है।

प्रश्न 3.
मस्तिष्क का कौन-सा भाग शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण करता है ?
उत्तर-
अनुमस्तिष्क (cerebellum) शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण करता है। यह प्रमस्तिष्क के पिछले भाग में नीचे की ओर स्थित होता है। यही ऐच्छिक पेशियों की गति को नियंत्रित करता है।

प्रश्न 4.
हम एक अगरबत्ती की गंध का पता कैसे लगाते हैं ?
उत्तर-
हमारी नाक में गंध ग्राही होते हैं। इनके संवेदी न्यूरान अगरबत्ती की गंध को ग्रहण हैं और अनुक्रिया को प्रेरकक्षेत्र तक पहुँचाते हैं। अग्र मस्तिष्क (Cerebrum) में ग्राही से संवेदी आवेग प्राप्त करने का क्षेत्र होता है जो सूंघने के लिए विशिष्टीकृत है। वही गंध का निर्णय लेकर अगरबत्ती की सुगंध का हमें अनुभव कराता है।

प्रश्न 5.
प्रतिवर्ती क्रिया में मस्तिष्क की क्या भूमिका है ?
उत्तर-प्रतिवर्ती क्रियाएं मस्तिष्क के द्वारा परिचालित नहीं होतीं। ये मेरुरज्जु के द्वारा नियंत्रित पेशियों की अनैच्छिक क्रियाएं होती हैं जो प्रेरक के प्रत्युत्तर में होती हैं। ये क्रियाएं चाहे मस्तिष्क की इच्छा के बिना होती हैं पर मस्तिष्क तक इसकी सूचना पहुँचती है जहाँ सोचने-विचारने की प्रक्रिया होती है।

प्रश्न 6.
पादप हॉर्मोन क्या हैं ?
उत्तर-
पादप हॉर्मोन-वे विभिन्न प्रकार के रासायनिक पदार्थ जो पौधों में वृद्धि और विभेदन संबंधी क्रियाओं पर नियंत्रण करते हैं उन्हें पादप हॉर्मोन कहते हैं।
पादप हॉर्मोन अनेक प्रकार के होते हैं, जैसे-ऑक्सिन (Auxins), इथाइलीन (Ethylene), जिब्बेरेलिन (Gibberllins), साइटोकाइनिन (Cytokinins), एबसिसिक अम्ल (Abscisic Acid)।

प्रश्न 7.
छुई-मुई की पत्तियों की गति, प्रकाश की ओर प्ररोह की गति से किस प्रकार भिन्न है ?
उत्तर-
छुई-मुई पौधों पर प्रकाशानुवर्तन गति का प्रभाव पड़ता है। पौधे का प्ररोह बहुत धीमी गति से प्रकाश आने की दिशा में वृद्धि करते हैं लेकिन इसके पत्ते स्पर्श की अनुक्रिया के प्रति बहत अधिक संवेदनशील हैं। स्पर्श होने की सूचना इसके विभिन्न भागों को बहुत तेजी से प्राप्त हो जाती है। पादप इस सूचना को एक कोशिका से दूसरी कोशिका तक संचारित करने के लिए वैद्युत-रसायन साधन का उपयोग करते हैं। उसमें सूचनाओं के चालन के लिए कोई विशिष्टीकृत ऊतक नहीं होते इसलिए वे जल की मात्रा में परिवर्तन करके अपने पत्तों को सिकुड़ कर उनका आकार बदल लेते हैं।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय 3

प्रश्न 8.
एक पादप हॉर्मोन का उदाहरण दीजिए जो वृद्धि को बढ़ाता है।
उत्तर-
ऑक्सिन एक पादप हॉर्मोन है जो पौधों की वृद्धि को बढ़ाता है।

प्रश्न 9.
किसी सहारे के चारों ओर एक प्रतान की वृद्धि में ऑक्सिन किस प्रकार सहायक है ?
उत्तर-
जब वृद्धि करता पादप प्रकाश को संसूचित करता है तब ऑक्सिन नामक पादप हॉर्मोन प्ररोह के अग्रभाग में संश्लेषित होता है तथा कोशिकाओं की लंबाई में वृदधि करता है। जब पादप पर एक ओर से प्रकाश आ रहा होता है तब ऑक्सिन विसरित होकर प्ररोह के छाया वाले भाग में आ जाता है। प्ररोह की प्रकाश से दूर वाली दिशा में ऑक्सिन का सांद्रण कोशिकाओं को लंबाई में बढ़ने के लिए उद्दीप्त करता है और वह प्रतान की चित्र-प्रतान की स्पर्श के लिए संवेदनशीलता सहायता से किसी दूसरे पादप या बाड़ के ऊपर चढ़ता है। ये प्रतान स्पर्श के लिए संवेदनशील है। जब ये किसी आधार के संपर्क में आते हैं तो प्रतान का वह भाग तेजी से वृद्धि करता है जो वस्तु से दूर रहता है और वह वस्तु को चारों ओर से जकड़ लेता है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय 4

प्रश्न 10.
जलानुवर्तन दर्शाने के लिए एक प्रयोग की अभिकल्पना कीजिए।
उत्तर-
लकड़ी का बना एक लंबा डिब्बा लो। इसमें मिट्टी और खाद का मिश्रण भरो। इसके एक सिरे पर एक पौधा लगाओ। डिब्बे में जड़ों की वृद्धि की दिशा पौधे की विपरीत दिशा में एक कीप मिट्टी में गाड़ दो। पौधे को उसी कीप के द्वारा प्रतिदिन | पानी दो। लगभग एक सप्ताह के बाद पौधे के निकट की मिट्टी हटा कर ध्यान से देखो। पौधे की जड़ों की वृद्धि उसी दिशा में दिखाई देगी जिस दिशा से कीप के द्वारा पौधे की सिंचाई की जाती थी।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय 5

प्रश्न 11.
जंतुओं में रासायनिक समन्वय कैसे होता है ?
उत्तर-
जंतुओं में अंतःस्रावी ग्रंथियाँ विशेष रसायनों को उत्पन्न करती हैं। वे रसायन या हॉर्मोन जंतुओं को सूचनाएँ संचरित करने के साधन के रूप में प्रयुक्त होते हैं। अधिवृक्क ग्रंथि से स्रावित एड्रीनलीन हॉर्मोन सीधा रुधिर में स्रावित होता है और शरीर के विभिन्न भागों तक पहुँच जाता है। ऊतकों में विशिष्ट गुण होते हैं जो अपने लिए आवश्यक हॉर्मोनों को पहचान कर उनका उपयोग बाहरी या भीतरी स्तर पर करते हैं। विशिष्टीकृत कार्यों को करने वाले अंगों से समन्वय कर वे हॉर्मोन अपना विशिष्ट प्रभाव दिखा देते हैं।

प्रश्न 12.
आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह क्यों दी जाती है ?
उत्तर-
अवटुग्रंथि को थायरॉक्सिन हॉर्मोन बनाने के लिए आयोडीन आवश्यक होता है। हमारे शरीर में प्रोटीन और वसा के उपापचय को थॉयरॉक्सिन कार्बोहाइड्रेट नियंत्रित करता है। यह वृद्धि के संतुलन के लिए आवश्यक होता है। यदि हमारे भोजन में आयोडीन की कमी रहेगी तो हम गॉयटर से ग्रसित हो सकते हैं। इस बीमारी का लक्षण फूली हुई गर्दन या बाहर की ओर उभरे हुए नेत्र-गोलक हो सकते हैं। इस रोग से बचने तथा आयोडीन की शरीर में कमी दूर करने के लिए आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह दी जाती है।

प्रश्न 13.
जब एड्रीनलीन रुधिर में स्त्रावित होती है तो हमारे शरीर में क्या अनुक्रिया होती है ?
उत्तर-
एड्रीनलीन को ‘आपात्काल हॉर्मोन’ भी कहते हैं। जब कोई व्यक्ति भय या तनाव की स्थिति में होता है तब शरीर स्वयं एड्रीनलीन हॉर्मोन को बड़ी मात्रा में स्रावित कर देता है ताकि व्यक्ति आपात्काल का सामना कर सके। इससे हृदय की धड़कन बढ़ जाती है ताकि हमारी पेशियों को अधिक ऑक्सीजन की आपूर्ति हो सके। पाचन तंत्र तथा त्वचा में रुधिर की आपूर्ति कम हो जाती है। इन अंगों की चोटी धमनियों के आसपास की पेशी सिकुड़ जाती है। यह रुधिर की दिशा हमारी कंकाल पेशियों की ओर कर देती है। डायाफ्राम तथा पसलियों की पेशी के संकुचन से साँस तेज़ चलने लगती है। ये सभी अनुक्रियाएँ मिलकर जंतु शरीर को स्थिति से निपटने के लिए तैयार करती हैं।

प्रश्न 14.
मधुमेह के कुछ रोगियों की चिकित्सा इंसुलिन का इंजेक्शन देकर क्यों की जाती है ?
उत्तर-
इंसुलिन (Insulin)-इंसुलिन वह हॉर्मोन है जो अग्नाशय में उत्पन्न होता है। यह रुधिर में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायता देता है। यदि यह उचित मात्रा में स्रावित नहीं होता तो रुधिर में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है जिस कारण शरीर पर अनेक हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं। इसीलिए मधुमेह के कुछ रोगियों को चिकित्सक इंसुलिन का इंजेक्शन देते हैं। इससे उनके रुधिर में शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है।

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Book Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम Textbook Exercise Questions, and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Science Chapter 6 जैव प्रक्रम

PSEB 10th Class Science Guide जैव प्रक्रम Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
मनुष्य में वृक्क एक तंत्र का भाग है जो संबंधित है
(a) पोषण
(b) श्वसन
(c) उत्सर्जन
(d) परिवहन।
उत्तर-
(c) उत्सर्जन।

प्रश्न 2.
पादप में जाइलम उत्तरदायी है –
(a) जल का वहन
(b) भोजन का वहन
(c) अमीनो अम्ल का वहन
(d) ऑक्सीजन का वहन।
उत्तर-
(a) जल का वहन।

प्रश्न 3.
स्वपोषी पोषण के लिए आवश्यक है –
(a) कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल
(b) क्लोरोफिल
(c) सूर्य का प्रकाश
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 4.
पायसवेट के विखंडन से यह कार्बन डाइऑक्साइड, जल तथा ऊर्जा देता है और यह क्रिया होती है-
(a) कोशिकाद्रव्य
(b) माइटोकाँड्रिया
(c) हरित लवक
(d) केंद्रक।
उत्तर-
(b) माइटोकाँड्रिया।

प्रश्न 5.
हमारे शरीर में वसा का पाचन कैसे होता है ? यह प्रक्रम कहाँ होता है ?
उत्तर-
उदर से प्राप्त अम्लीय और अधपची वसा का पाचन क्षुद्रांत्र में होता है। यह भाग यकृत से पित्त रस प्राप्त करता है। इसे अग्नाशयी रस से लाइपेज़ प्राप्त हो जाता है। अग्नाशयिक एंजाइमों की क्रिया के लिए पित्त रस इसे क्षारीय बनाता है। क्षुद्रांत्र में वसा बड़ी गोलिकाओं के रूप में होता है जिस कारण उस पर एंजाइम का कार्य कठिन हो जाता है। पित्त लवण उन्हें छोटी-छोटी गोलिकाओं में खंडित कर देता है जिससे एंजाइम की क्रियाशीलता बढ़ जाती है। अग्नाशय से प्राप्त होने वाले अग्नाशयिक रस में इमल्सीकृत वसा का पाचन करने के लिए लाइपेज़ एंजाइम होता है। क्षुद्रांत्र की भित्ति में ग्रंथि होती है जो आंत रस स्रावित करती है जो वसा को वसा अम्ल तथा ग्लिसरॉल में बदल देती है।

प्रश्न 6.
भोजन के पाचन में लार की क्या भूमिका है?
उत्तर-
लार का महत्त्व-भोजन के पाचन में लार की अति महत्त्वपूर्ण भूमिका है। लार एक रस है जो तीन जोड़ी लार ग्रंथियों से मुँह में उत्पन्न होता है। लार में एमिलेस नामक एक एंजाइम होता है जो मंड जटिल अणु को लार के साथ पूरी तरह मिला देता है।
लार के प्रमुख कार्य हैं-

  • यह मुख के खोल को साफ़ रखती है।
  • यह मुख खोल में चिकनाई पैदा करती है जिससे चबाते समय रगड़ कम होती है।
  • यह भोजन को चिकना एवं मुलायम बनाती है।
  • यह भोजन को पचाने में भी मदद करती है।

प्रश्न 7.
स्वपोषी पोषण के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ कौन-सी हैं और उनके उपोत्पाद क्या हैं ?
उत्तर-
स्वपोषी पोषण के लिए प्रकाश-संश्लेषण आवश्यक है। हरे पौधे सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में क्लोरोफिल नामक वर्णक से CO2 और जल के द्वारा कार्बोहाइड्रेट का निर्माण करते हैं। इस क्रिया में ऑक्सीजन गैस बाहर निकलती है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 1
स्वपोषी पोषण के आवश्यक परिस्थितियाँ हैं-सूर्य का प्रकाश, क्लोरोफिल, कार्बन डाइऑक्साइड और जल। इसके उपोत्पाद पानी तथा ऑक्सीजन हैं।

प्रश्न 8.
वायवीय तथा अवायवीय श्वसन में क्या अंतर है? कुछ जीवों के नाम लिखिए जिनमें अवायवीय श्वसन होता है।
उत्तर-
वायवीय (Aerobic Respiration) और अवायवीय (Anaerobic Respiration) में अंतर –

वायवीय श्वसन अवायवीय श्वसन
(1) वायवीय क्रिया ऑक्सीजन की उपस्थिति में होती है। (1) अवायवीय क्रिया ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होती है।
(2) यह क्रिया कोशिका के जीव द्रव्य एवं माइटोकाँड्रिया दोनों में पूर्ण होती है। (2) यह क्रिया केवल जीव द्रव्य में ही पूर्ण होती है।
(3) इस क्रिया में ग्लूकोज़ का पूर्ण ऑक्सीकरण होता है। (3) इस क्रिया में ग्लूकोज़ का अपूर्ण ऑक्सीकरण होता है।
(4) इस क्रिया से CO2 एवं H2O बनता है। (4) इस क्रिया में एल्कोहल एवं CO2 बनती है।
(5) इस क्रिया में ग्लूकोज़ के एक अणु में 38 ATP अणु मुक्त होते हैं। (5) इस क्रिया में ग्लूकोज़ के एक अणु में 2 ATP अणु मुक्त होते हैं।
(6) ग्लूकोज़ के एक अणु के पूर्ण ऑक्सीकरण से 673 किलो कैलोरी ऊर्जा मुक्त होती है। (6) ग्लूकोज़ के अणु के अपूर्ण ऑक्सीकरण से 21 किलो कैलोरी ऊर्जा मुक्त होती है।
(7) इस क्रिया को निम्नलिखित समीकरण द्वारा दिखा सकते हैं-
C6H9O6 + 6O2, → 6CO2 + 6H2O + 673 kcal .
(7) इस क्रिया को निम्नलिखित समीकरण द्वारा दिखा सकते हैं –
C6H9O6 → 2C2H5OH + 2 CO2 +21 kcal

कुछ जीवों में अवायवीय श्वसन होता है, जैसे यीस्ट।

प्रश्न 9.
गैसों के अधिकतम विनिमय के लिए कृपिकाएँ किस प्रकार अभिकल्पित हैं?
उत्तर-
श्वसन तंत्र में फुफ्फुस के अंदर अनेक छोटी-छोटी नलियों का विभाजित रूप होता है जो अंत में गुब्बारों जैसी रचना में अंतकृत हो जाता है, जिसे कूपिका कहते हैं। यह एक सतह उपलब्ध करती हैं जिससे गैसों का विनिमय हो सके। यदि कूपिकाओं की सतह को फैला दिया जाए तो यह लगभग 80 वर्ग मीटर क्षेत्र को ढांप सकता है। कूपिकाओं की भित्ति में रुधिर वाहिकाओं का बहुत विस्तृत जाल होता है। जब हम साँस अंदर लेते हैं तो पसलियाँ ऊपर उठ जाती हैं और हमारा डायाफ्राम चपटा हो जाता है जिससे वक्षगुहिका बड़ी हो जाती है। इस कारण वायु फुफ्फुस के भीतर चूस ली जाती है। रक्त शरीर से लाई गई CO2 कूपिकाओं को दे देता है। कूपिका रक्त वाहिका का रक्त कूपिका वायु से ऑक्सीजन लेकर शरीर की सभी कोशिकाओं तक पहुँचा देती हैं।

प्रश्न 10.
हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के क्या परिणाम हो सकते हैं ?
उत्तर-
हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी से रक्ताल्पता (anaemia) हो जाता है। हमें श्वसन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन की प्राप्ति नहीं होगी जिस कारण हम शीघ्र थक जाएंगे। हमारा भार कम हो जाएगा। हमारा रंग पीला पड़ जाएगा। हम कमज़ोरी अनुभव करेंगे।

प्रश्न 11.
मनुष्य में दोहरा परिसंचरण की व्याख्या कीजिए। यह क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
हृदय दो भागों में बंटा होता है। इस का दायाँ और बायाँ भाग ऑक्सीजनित और विऑक्सीजनित रुधिर को आपस में मिलने से रोकने में उपयोगी सिद्ध होता है। इस तरह का बंटवारा शरीर को उच्च दक्षतापूर्ण ऑक्सीजन की पूर्ति कराता है। जब एक ही चक्र में रुधिर दोबारा हृदय में जाता है तो उसे दोहरा परिसंचरण कहते हैं। इसे इस प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है : ऑक्सीजन को प्राप्त कर रुधिर फुफ्फुस में आता है। इस रुधिर को प्राप्त करते समय हृदय में बायीं ओर स्थित कोष्ठ बायाँ आलिंद शिथिल रहता है। जब बायाँ निलय फैलता है, तब यह संकुचित होता है, जिससे रुधिर इसमें चला जाता है। अपनी बारी पर जब पेशीय बाँया निलय संकुचित होता है, तब रुधिर शरीर में पंपित हो जाता है। जब दायाँ अलिंद फैलता है तो शरीर से विऑक्सीजनित रुधिर इसमें आ जाता है।

जैसे ही दायाँ आलिंद संकुचित होता है, नीचे वाला दायों निलय फैल जाता है। यह रुधिर को दाएँ निलय में भेज देता है जो रुधिर को ऑक्सीजनीकरण के लिए फुफ्फुस में पंप कर देता है। आलिंद की अपेक्षा निलय की पेशीय भित्ति मोटी होती है क्योंकि निलय को पूरे शरीर में रुधिर भेजना होता है। जब आलिंद या निलय संकुचित होते हैं तो वाल्व उल्टी दिशा में रुधिर प्रवाह को रोकना सुनिश्चित करते हैं। दोहरे परिसंचरण का संबंध रक्त परिवहन से है। परिवहन के समय रक्त दो बार हृदय से गुज़रता है। अशुद्ध रक्त दायें निलय से फेफड़ों में जाता है और शुद्ध होकर बायें आलिंद के पास आता है। दायाँ निलय अशुद्ध रक्त ।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 2
शुद्ध होने के बाद रक्त दायें आलिंद से पूरे शरीर में चला जाता है और फिर अशुद्ध होकर बायें निलय में प्रवेश कर जाता है। इसे सिस्टेमिक परिसंचरण कहते हैं।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 3
द्विगुण परिसंचरण को निम्नलिखित चित्रों से स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 5
दोहरे परिसंचरण के कारण शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन प्राप्त हो जाती है। उच्च ऊर्जा की प्राप्ति होती है जिससे शरीर का उचित तापमान बना रहता है।

आवश्यकता का कारण-हमारे हृदय में चार कोष्ठक होते हैं। इसी से सारे अंगों को ऑक्सीजन युक्त रक्त की प्राप्ति संभव हो पाती है जिससे शरीर को ऊर्जा की प्राप्ति होती है और उसका तापमान बना रहता है।

प्रश्न 12.
जाइलम तथा फ्लोएम में पदार्थों के वहन में क्या अंतर है?
उत्तर-
जाइलम निर्जीव ऊतक हैं। ये जड़ों से जल और घुले हुए लवणों को पत्तियों में पहुँचाते हैं। फ्लोएम सजीव ऊतक हैं। ये पत्तियों में तैयार शर्करा को पौधे के सभी भागों तक पहुँचाते हैं। जाइलम ऊपर की तरह गति करने में सहायक होते हैं और फ्लोएम नीचे की ओर गति कराते हैं।

प्रश्न 13.
फुफ्फुस में कूपिकाओं की तथा वृक्क में वृक्काणु ( नेफ्रॉन) की रचना तथा क्रिया विधि की तुलना कीजिए।
उत्तर –

फुस्फुस में कूपिकाएँ वृक्क में वृक्काणु ( नेफ्रॉन)
(1) मानव शरीर में विद्यमान दोनों फेफड़ों में बहुत अधिक संख्या में कूपिकाएँ होती हैं। (1) मानव शरीर में वृक्क संख्या में दो होते हैं। प्रत्येक वृक्क में लगभग 10 लाख वृक्काणु होते हैं।
(2) प्रत्येक कूपिका प्याले के आकार जैसी होती है। (2) प्रत्येक वृक्काणु महीन धागे की आकृति जैसा
होता है।
(3) कूपिका दोहरी दीवार से निर्मित होती है। (3) वृक्काणु के एक सिरे पर प्याले के आकार की
मैल्पीघियन सम्पुट विद्यमान होती है।
(4) कूपिका की दोनों दीवारों के बीच रुधिर कोशिकाओं का सघन जाल बिछा रहता है। (4) बोमैन संपुट में रुधिर कोशिकाओं का गुच्छ उपस्थित होता है जिसे कोशिका गुच्छ कहते हैं।
(5) कूपिकाएँ वायु भरने पर फैल जाती हैं। (5) वृक्काणु में ऐसी क्रिया नहीं होती।
(6) यहाँ रुधिर की लाल रुधिर कणिकाओं में हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन प्राप्त कर लेती है तथा प्लाज्मा में उपस्थित कार्बन डाइऑक्साइड कूपिका में चली जाती है। (6) कोशिका गुच्छ में रुधिर में उपस्थित वर्ण्य पदार्थ छन जाते हैं।
(7) कूपिकाओं में गैसीय आदान-प्रदान के बाद फेफड़े के संकुचन से कूपिकाओं में भरी वायु शरीर के बाहर निकल जाती है। (7) मूत्र निवाहिका से मूत्र बहकर मूत्राशय में इकट्ठा हो जाता है और वहाँ से मूत्रमार्ग द्वारा शरीर के बाहर निकाल दिया जाता है।

Science Guide for Class 10 PSEB जैव प्रक्रम InText Questions and Answers

प्रश्न 1.
हमारे जैसे बहुकोशिकीय जीवों में ऑक्सीजन की आवश्यकता पूरी करने में विसरण क्यों अपर्याप्त है?
उत्तर-
बहुकोशी जीवों में उनकी केवल बाहरी त्वचा की कोशिकाएं और रंध्र ही आस-पास के वातावरण से सीधे संबंधित होते हैं। उनकी सभी कोशिकाएं तथा भीतरी अंग सीधे अपने आस-पास के वातावरण से संबंधित नहीं रह सकते। वे ऑक्सीजन की अपनी आवश्यकता पूरी करने के लिए विसरण पर आश्रित नहीं रह सकते। श्वसन, गैसों के आदान-प्रदान तथा अन्य कार्यों के लिए विसरण बहुकोशी जीवों की आवश्यकता के लिए बहुत कम और धीमा है। यदि हमारे शरीर में विसरण के द्वारा ऑक्सीजन गति करती तो हमारे फुफ्फुस से ऑक्सीजन के एक अणु को पैर के अंगूठे तक पहुँचने में लगभग 3 वर्ष का समय लगता।

प्रश्न 2.
कोई वस्तु सजीव है, इसका निर्धारण करने के लिए हम किस मापदंड का उपयोग करेंगे?
उत्तर-
सभी जीवित वस्तुएं सजीव कहलाती हैं। वे रूप-आकार, रंग आदि की दृष्टि से समान भी होते हैं तथा भिन्न भी। पशु गति करते हैं, बोलते हैं, साँस लेते हैं, खाते हैं, वंश वृद्धि करते हैं और उत्सर्जन करते हैं। पेड़-पौधे बोलते नहीं हैं, भागते-दौड़ते नहीं हैं पर फिर भी वे सजीव हैं। अति सूक्ष्म स्केल पर होने वाली उनकी गतियाँ दिखाई नहीं देतीं। अणुओं की गतियाँ न होने की अवस्था में वस्तु को निर्जीव माना जाता है। यदि वस्तु में अणुओं में गति हो तो वस्तु सजीव मानी जाती है। इसलिए कोई वस्तु सजीव है, इसका निर्धारण करने के लिए सबसे अधिक मापदण्ड गति है।

प्रश्न 3.
किसी जीव द्वारा किन कच्ची सामग्रियों का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर-
किसी जीव के द्वारा जिन कच्ची सामग्रियों का उपयोग किया जाता है, वे हैं

  • ऊर्जा प्राप्ति के लिए उचित पोषण।
  • श्वसन के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन।
  • भोजन के सही पाचन तथा अन्य जैविक प्रक्रियाओं के लिए जल।

प्रश्न 4.
जीवन के अनुरक्षण के लिए आप किन प्रक्रमों को आवश्यक मानेंगे ?
उत्तर-
जीवन के अनुरक्षण के लिए जो प्रक्रमों आवश्यक माने जाने चाहिएं, वे हैं-पोषण, श्वसन, परिवहन और उत्सर्जन।

प्रश्न 5.
स्वयंपोषी पोषण तथा विषमपोषी पोषण में क्या अंतर हैं ?
उत्तर-
स्वयंपोषी पोषण और विषमपोषी (परपोषी) पोषण में अंतर –

स्वयंपोषी पोषण विषमपोषी पोषण
वे जीव जो प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा सरल   अकार्बनिक से जटिल कार्बनिक पदार्थों का निर्माण करके अपना स्वयं पोषण करते हैं, स्वयंपोषी जीव (Autotrophs) कहलाते हैं। उदाहरण-सभी हरे पौधे, युग्लीना। वे जीव जो कार्बनिक पदार्थ और ऊर्जा को अपने भोज्य पदार्थ के रूप में अन्य जीवित या मृत पौधों या जंतुओं से ग्रहण करते हैं, विषमपोषी जीव (Heterotrophs) कहलाते हैं।

उदाहरण-युग्लीना को छोड़कर सभी जंतु। अमरबेल, जीवाणु, कवक आदि।

प्रश्न 6.
प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक कच्ची सामग्री पौधा कहाँ से प्राप्त करता है?
उत्तर-
प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक कच्ची सामग्री कार्बन डाइऑक्साइड ऊर्जा, खनिज लवण तथा जल है। पौधे कार्बन डाइऑक्साइड वातावरण से प्राप्त करते हैं और जल भूमि ले।

प्रश्न 7.
हमारे अमाशय में अम्ल की भूमिका क्या है?
उत्तर-
अमाशय की भित्ति में उपस्थित जठर ग्रंथियों से हाइड्रोक्लोरिक अम्ल उत्पन्न होता है। यह अम्लीय माध्यम तैयार करता है जो पेप्सिन एंजाइम की क्रिया में सहायक होता है। यह भोजन को सड़ने से रोकता है। यह भोजन के साथ आए जीवाणुओं को नष्ट कर देता है। भोजन में उपस्थित Ca को कोमल बनाता है। यह पाइलोरिक छिद्र के खुलने और बंद होने पर नियंत्रण रखता है। यह निष्क्रिय एंजाइमों (enzymes) को सक्रिय अवस्था में लाता है।

प्रश्न 8.
पाचक एंजाइमों का क्या कार्य है?
उत्तर-
एंजाइम वे जैव उत्प्रेरक होते हैं जो जटिल पदार्थों को सरल पदार्थों में खंडित करने में सहायता प्रदान करते हैं। ये पाचन क्रिया में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा के पाचन में सहायक बनते हैं। उदर में लाइपेज नामक एंजाइम वसा को वसीय अम्ल और ग्लिसरॉल में बदलता है। रेनिन नामक एंजाइम क्रिया कर पेप्सिन की सहायता करता है और इसमें दूध-प्रोटीन पर पेप्सिन की क्रिया अवधि बढ़ जाती है। पित्त रस भोजन के माध्यम को क्षारीय बनाकर वसा को

छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ देता है और उनका इमल्सीकरण करता है। अग्न्याशय रस इमल्शन बने वसीय को वसा अम्ल और ग्लिसरॉल में बदल देता है। एमाइलेज भोजन के कार्बोहाइड्रेट को माल्टोज़ में बदल देता है। छोटी आंत की आंतरिक दीवारों से पैप्टिडेन, आंत्र लाइपेज़, सुक्रेज, माल्टोज़ और लेक्टोज़ निकलकर भोजन को पचने में सहायक बनते हैं। ये एंजाइम प्रोटीन को अमीनो अम्ल, जटिल कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज़ में तथा वसा को वसा अम्ल तथा ग्लिसरॉल में बदल देते हैं।

प्रश्न 9.
पचे हुए भोजन को अवशोषित करने के लिए क्षुद्रांत्र को कैसे अभिकल्पित किया गया है?
उत्तर-
पचे हुए भोजन को आंत्र की भित्ति अवशोषित कर लेती है। क्षुद्रांत्र के आंतरिक आस्तर पर अंगुली जैसे अनेक प्रवर्ध होते हैं, जिन्हें दीर्घ रोम कहते हैं। ये अवशोषण के सतही क्षेत्रफल को बढ़ा देते हैं। इनमें रुधिर वाहिकाओं की अधिकता होती है जो भोजन को अवशोषित करके शरीर की प्रत्येक कोशिका तक पहुँचाने का कार्य करते हैं। यहाँ इसका उपयोग ऊर्जा प्राप्त करने, नए ऊतकों का निर्माण करने तथा पुराने ऊतकों की मरम्मत के लिए किया जाता है।

प्रश्न 10.
श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने की दिशा में एक जलीय जीव की अपेक्षा स्थलीय जीव किस प्रकार लाभप्रद हैं ?
उत्तर-
जलीय जीव जल में घुली हुई ऑक्सीजन का श्वसन के लिए उपयोग करते हैं। जल में घुली हई ऑक्सीजन की मात्रा वायु में उपस्थित ऑक्सीजन की मात्रा की तुलना में बहुत कम है। इसलिए जलीय जीवों के श्वसन की दर स्थलीय जीवों की अपेक्षा अधिक तेज़ होती है। मछलियाँ अपने मुँह के द्वारा जल लेती हैं और बलपूर्वक इसे क्लोम तक पहुँचाती हैं। वहाँ जल में घुली हुई ऑक्सीजन को रुधिर प्राप्त कर लेता है।

प्रश्न 11.
ग्लूकोज़ के ऑक्सीकरण से भिन्न जीवों में ऊर्जा प्राप्त करने के विभिन्न पथ क्या हैं ?
उत्तर-
श्वसन एक जटिल पर अति आवश्यक प्रक्रिया है। इसमें ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का आदान-प्रदान होता है तथा ऊर्जा मुक्त करने के लिए खाद्य का ऑक्सीकरण होता है।
C6H12O6 + 6O2, → 6CO2 + 6H2O + ऊर्जा श्वसन एक जैव रासायनिक प्रक्रिया है। श्वसन क्रिया दो प्रकार की होती है

(क) वायवीय श्वसन (ऑक्सी श्वसन)-इस प्रकार के श्वसन में अधिकांश प्राणी ऑक्सीजन का उपयोग करके श्वसन करते हैं। इस प्रक्रिया में ग्लूकोज़ पूरी तरह से कार्बन डाइऑक्साइड और जल में विखंडित हो जाता है। यह माइटोकाँड्रिया में होती है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 8

चूंकि यह प्रक्रिया वायु की उपस्थिति में होती है इसलिए इसे वायवीय श्वसन कहते हैं।

(ख) अवायवीय श्वसन (अनाक्सी श्वसन)-यह श्वसन प्रक्रिया ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होती है। जीवाणु और यीस्ट इस क्रिया से श्वसन करते हैं। इस प्रक्रिया में इथाइल एल्कोहल, CO2 तथा ऊर्जा उत्पन्न होती है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 9

(ग) ऑक्सीजन की कमी हो जाने पर-कभी-कभी हमारी पेशी कोशिकाओं में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। पायरूवेट के विखंडन के लिए दूसरा रास्ता अपनाया जाता है। तब पायरूवेट एक अन्य तीन कार्बन वाले अणु लैक्टिक अम्ल में बदल जाता है। इस के कारण क्रैम्प हो जाता है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 10

प्रश्न 12.
मनुष्यों में ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन कैसे होता है?
उत्तर-
जब हम श्वास अंदर लेते हैं तब हमारी पसलियाँ ऊपर उठती हैं और डायाफ्राम चपटा हो जाता है। इस कारण वक्षगुहिका बड़ी हो जाती है और वायु फुफ्फुस के भीतर चली जाती है। वह विस्तृत कृपिकाओं को भर लेती है। रुधिर सारे शरीर से CO, को कूपिकाओं में छोड़ने के लिए लाता है। कूपिका रुधिर वाहिका का रुधिर कूपिका वायु से ऑक्सीजन लेकर शरीर की सभी कोशिकाओं तक पहुँचाता है। श्वास चक्र के समय जब वायु अंदर और बाहर होती है तब फुफ्फुस वायु का अवशिष्ट आयतन रखते हैं। इससे ऑक्सीजन के अवशोषण और कार्बन डाइऑक्साइड के मोचन के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 11

प्रश्न 13.
गैसों के विनिमय के लिए मानव-फुफ्फुस में अधिकतम क्षेत्रफल को कैसे अधिकल्पित किया है?
उत्तर-
जब हम श्वास अंदर लेते हैं तब हमारी पसलियां ऊपर उठती हैं। वे बाहर की ओर झुक जाती हैं। इसी समय डायाफ्राम की पेशियां संकुचित तथा उदर पेशियां शिथिल हो जाती हैं। इससे वक्षीय गुहा का क्षेत्रफल बढ़ता है और साथ ही फुफ्फुस का क्षेत्रफल भी बढ़ जाता है जिसके परिणामस्वरूप श्वसन पथ से वायु अंदर आकर फेफड़े में भर जाती है।

प्रश्न 14.
मानव में वहन तंत्र के घटक कौन-से हैं ? इन घटकों के क्या कार्य हैं ?
उत्तर-
मानव में वहन तंत्र के प्रमुख घटक हैं-हृदय, धमनियाँ, शिराएँ, कोशिकाएँ, रुधिर, लसीका। इनके कार्य इस प्रकार हैं-

  1. हृदय (Heart)-एक पम्प होता है जो निरंतर सम्पूर्ण शरीर को रूधिर का परिसंचरण करता है।
  2. धमनियाँ (Arteries)-मोटी भित्ति वाली रुधिर वाहिकाएँ होती हैं जो हृदय के सभी अंगों को रक्त पहुँचाती हैं।
  3. शिराएँ (Veins)-पतली भित्ति वाली रुधिर वाहिकाएँ हैं जो रुधिर को शरीर के सभी भागों से हृदय में वापिस लाती हैं।
  4. कोशिकाएँ (Cappillaries)अत्यधिक पतली और संकीर्ण वाहिकाएँ हैं जो धमनियों को शिराओं से जोड़ती हैं।
  5. रुधिर (Bloods)-एक तरल संयोजी ऊतक है जो भोजन, ऑक्सीजन, अपशिष्ट पदार्थों (जैसे कार्बन डाइऑक्साइड तथा यूरिया), लवणों, एन्जाइमों तथा हार्मोनों को शरीर के एक भाग से दूसरे भाग तक ले जाता है।
  6. लसीका (Lymph)-एक तरल पदार्थ है जो निम्नलिखित कार्य करता है-
  • लसीका ऊतकों तक भोज्य पदार्थों का संवहन करती है।
  • ऊतकों से उत्सर्जी पदार्थों को एकत्रित करती है।
  • हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करके शरीर की रक्षा करती है।
  • शरीर के घाव भरने में सहायक होती है।
  • पचे वसा का अवशोषण करके शरीर के विभिन्न भागों तक ले जाती है।

प्रश्न 15.
स्तनधारी तथा पक्षियों में ऑक्सीजनित तथा विऑक्सीजनित रुधिर को अलग करना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
स्तनधारी तथा पक्षियों में उच्च तापमान को बनाए रखने के लिए अपेक्षाकृत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ऑक्सीजनित और विऑक्सीजनित रुधिर को हृदय के दायें और बायें भाग से आपस में मिलने से रोकना परम आवश्यक है। इस प्रकार का बंटवारा शरीर को उच्च दक्षतापूर्ण ऑक्सीजन की पूर्ति करता है।

प्रश्न 16.
उच्च संगठित पादपों में वहन तंत्र के घटक क्या हैं?
उत्तर-
उच्च संगठित पादपों में वहन तंत्र के घटक निम्नलिखित हैं –

  • जाइलम (Xylem)-यह पादप घटक पौधे की जड़ों से पत्तियों तक जल एवं खनिज लवणों का संवहन करता है।
  • फ्लोएम (Phloem)-यह पादप घटक प्रकाश-संश्लेषण (Photosynthesis) प्रक्रिया के परिणामस्वरूप पत्तियों में बने कार्बनिक भोजन पदार्थों तथा पादप हार्मोन्स (Plant hormones) को पौधे के अन्य भागों तक वहन करता है।

प्रश्न 17.
पादप में जल और खनिज लवण का वहन कैसे होता है?
उत्तर-
पादप शरीर के निर्माण के लिए आवश्यक जल और खनिज लवणों को अपने निकट विद्यमान मिट्टी से प्राप्त करते हैं।
1. जल-हर प्राणी के लिए जल जीवन का आधार है। पौधों में जल जाइलम ऊतकों के द्वारा अन्य भागों में जाता है। जड़ों में धागे जैसी बारीक रचनाओं की बहुत बड़ी संख्या होती है। इन्हें मूलरोम कहते हैं। ये मिट्टी में उपस्थित पानी से सीधे संबंधित होते हैं। मूलरोम में जीव द्रव्य की सांद्रता मिट्टी में जल के घोल की अपेक्षा अधिक होती है। परासरण के कारण पानी मूलरोमों में चला जाता है पर इससे मूलरोम के जीव द्रव्य की सांद्रता में कमी आ जाती है और वह अगली कोशिका में चला जाता है। यह क्रम निरंतर चलता रहता है जिस कारण पानी ज़ाइलम वाहिकाओं में पहुँच जाता है। कुछ पौधों में पानी 10 से 100 सेमी० प्रति मिनट की गति से ऊपर चढ़ जाता है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 12
2. खनिज-पेड़-पौधों को खनिजों की प्राप्ति वाष्पोत्सर्जन अजैविक रूप में करनी होती है। नाइट्रेट, फॉस्फेट आदि पानी में घुल जाते हैं और जड़ों के माध्यम से पौधों में प्रविष्ट हो जाते हैं। वे पानी के माध्यम से सीधा जड़ों से संपर्क में रहते हैं। पानी और खनिज मिल कर जाइलम ऊतक में पहुँच जाते हैं और वहाँ से शेष भागों में चले जाते हैं।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 12
जल तथा अन्य खनिज-लवण जाइलम के दो प्रकार के अवयवों वाहिनिकाओं एवं वाहिकाओं से जडों से पत्तियों तक पहुँचाए जाते हैं। ये दोनों मृत तथा स्थूल कोशिका भित्ति से युक्त होती हैं। वाहिनिकाएं लंबी, पतली, तुर्क सम कोशिकाएं हैं, जिनमें गर्त होते हैं। जल इन्हीं में से होकर एक वाहिनिका से दूसरी वाहिनिका में जाता है। पादपों के लिए वांछित खनिज, नाइट्रेट तथा फॉस्फेट अकार्बनिक लवणों के रूप में मूलरोम द्वारा घुलित अवस्था में अवशोषित कर जड़ में पहुँचाए जाते हैं। यही जड़ें जाइलम ऊतकों से उन्हें पत्तियों तक पहुंचाते हैं।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 13

प्रश्न 18.
पादप में भोजन का स्थानांतरण कैसे होता है?
उत्तर-
पादपों की पत्तियाँ प्रकाश संश्लेषण क्रिया से अपना भोजन तैयार करती हैं और वह वहाँ से पादप के अन्य भागों में भेजा जाता है। प्रकाश संश्लेषण के विलेय उत्पादों का वहन स्थानांतरण कहलाता है। यह कार्य संवहन ऊतक के फ्लोएम नामक भाग के द्वारा किया जाता है। फ्लोएम इस कार्य के अतिरिक्त अमीनो अम्ल तथा अन्य पदार्थों का परिवहन भी करता है। ये पदार्थ विशेष रूप से जड़ के भंडारण अंगों, फलों, बीजों और वृद्धि वाले अंगों में ले जाए जाते हैं। भोजन तथा अन्य पदार्थों का स्थानांतरण संलग्न साथी कोशिका की सहायता से चालनी नलिका में उपरिमुखी तथा अधोमुखी दोनों दिशाओं में होता है।

फ्लोएम से स्थानांतरण का कार्य जाइलम के विपरीत होता है। यह ऊर्जा के उपयोग से पूरा होता है। सुक्रोज़ जैसे पदार्थ फ्लोएम ऊतक में ए टी पी से प्राप्त ऊर्जा से ही स्थानांतरित होते हैं। यह दाब पदार्थों को फ्लोएम से उस ऊतक तक ले जाता है जहां दाब कम होता है। यह पादप की आवश्यकतानुसार पदार्थों का स्थानांतरण कराता है। वसंत ऋतु में यही जड़ और तने के ऊतकों में भंडारित शर्करा का स्थानांतरण कलिकाओं में कराता है जिसे वृद्धि के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 19.
वृक्काणु ( नेफ्रॉन) की रचना तथा क्रिया विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
वृक्काणु (नेफ्रॉन)-वृक्क (गुर्दे) में आधारी निस्यंदन एकक बहुत बारीक भित्ति वाली रुधिर कोशिका गुच्छ (ग्लामेरूलस) कोशिकाओं का गुच्छ होता है। वृक्क में प्रत्येक कोशिका बोमन संपुट / वृक्काणु का नलिका कार भाग गुच्छ एक नलिका के कप के आकार के सिरे के अंदर धमनी की होता है। यह नलिका छने हुए मूत्र को इकट्ठा करती वृक्क शिरा CECT है। हर वृक्क में ऐसे अनेक निस्यंदक एकक होते हैं जिन्हें वृक्काणु (नेफ्रॉन) कहते हैं। ये आपस में निकटता वृक्क धमनी से पैक रहते हैं।

आरंभ में ग्लुकोस, अमीनो अम्ल, संग्राहक वाहिनी लवण, जल आदि कुछ पदार्थ निस्पंद में रह जाते हैं पर जैसे-जैसे मूल इसमें प्रवाहित होता है इन पदार्थों का चयनित छनन हो जाता है वृक्काणु को डायलिसियस का थैला भी कहते हैं क्योंकि इसकी प्याले नुमा संरचना बाऊमैन संपुर में स्थिर कोशिका गुच्छ की दीवारों से छनता है। रक्त में उपस्थित प्रोटीन के अणु बड़े होने के चित्र-एक वृक्काणु (नेफ्रॉन) की रचना कारण छन नहीं पाते हैं। ग्लूकोज़ और लवण के अणु छोटे होने के कारण छन जाते हैं।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 14

प्रश्न 20.
उत्सर्जी उत्पाद से छुटकारा पाने के लिए पादप किन विधियों का उपयोग करते हैं ?
उत्तर-
पादपों में उत्सर्जी उत्पाद हैं-कार्बन डाइऑक्साइड, ऑक्सीजन, जलवाष्पों की अधिकता, तरह-तरह के लवण, रेज़िन, टेनिन, लैटक्स आदि। __ पादपों में उत्सर्जन के लिए कोई विशेष अंग नहीं होते। उनमें अपशिष्ट पदार्थ रवों के रूप में इकट्ठे हो जाते हैं जो कि पादपों को कोई हानि नहीं पहुँचाते। पौधों के शरीर से छाल अलग होने पर तथा पत्तियों के गिरने से ये पदार्थ निकल जाते हैं। कार्बन डाइऑक्साइड श्वसन क्रिया का उत्सर्जी उत्पाद है जिसका प्रयोग प्रकाश संश्लेषण क्रिया में कर लिया जाता है। अतिरिक्त जलवाष्प वाष्पोत्सर्जन से बाहर निकाल दिया जाता है। ऑक्सीजन रंध्रों से वातावरण में छोड़ दी जाती है। अतिरिक्त लवण जल वाष्पों के माध्यम से उत्सर्जित कर दिए जाते हैं। कुछ उत्सर्जी पदार्थ फलों,फूलों और बीजों के द्वारा उत्सर्जित कर दिए जाते हैं। जलीय पादप उत्सर्जी पदार्थों को सीधा जल में ही उत्सर्जित कर देते हैं।

प्रश्न 21.
मूत्र बनने की मात्रा का नियमन किस प्रकार होता है ?
उत्तर-
मूत्र बनने की मात्रा इस प्रकार नियंत्रित की जाती है कि जल की मात्रा का शरीर में संतुलन बना रहे। जल की बाहर निकलने वाली मात्रा इस आधार पर निर्भर करती है कि उसे कितना विलेय वयं पदार्थ उत्सर्जित करना है। अतिरिक्त जल का वृक्क में पुनरावशोषण कर लिया जाता है और उसका पुन: उपयोग हो जाता है।

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Book Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण Textbook Exercise Questions, and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Science Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

PSEB 10th Class Science Guide तत्वों का आवर्त वर्गीकरण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
आवर्त सारणी में बाएँ से दाएँ जाने पर प्रवृत्तियों के बारे में कौन-सा कथन असत्य है ?
(a) तत्वों की धात्विक प्रकृति घटती है।
(b) संयोजकता इलैक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ जाती है।
(c) परमाणु आसानी से इलैक्ट्रॉन का त्याग करते हैं।
(d) इनके ऑक्साइड अधिक अम्लीय हो जाते हैं।
उत्तर-
कथन (c) असत्य है क्योंकि आवर्त सारणी में बाएँ से दाएँ जाने पर परमाणु आसानी से इलैक्ट्रॉन का त्याग करते हैं।

प्रश्न 2.
तत्व X, XCI, सूत्र वाला एक क्लोराइड बनाता है, जो एक ठोस है और जिसका गलनांक अधिक है। आवर्त सारणी में यह तत्व संभवत : किस समूह के अंतर्गत होगा ?
(a) Na
(b) Mg
(c) Al
(d) Si.
उत्तर-
यदि तत्व X, XCI, सूत्र का क्लोराइड बनाता है तो X तत्व के संयोजक इलैक्ट्रॉन की संख्या 2 होगी अर्थात् उसके बाह्यतम कक्ष में संयोजकता इलैक्ट्रॉन की संख्या 2 होगी। आवर्त सारणी के अनुसार केवल वर्ग 2 के तत्व Be, Mg, Ca, Sr, Ba एवं Ra की संयोजकता इलैक्ट्रॉनों की संख्या दो है। इसलिए X तत्व Mg (मैग्नीशियम) है क्योंकि मैग्नीशियम एक धातु होते हुए भी एक आयनिक क्लोराइड बनाने की क्षमता रखता है, जिसका गलनांक उच्च है। अतः तत्व X संभवत: Mg समूह के अंतर्गत होगा।

प्रश्न 3.
किस तत्व में
(a) दो कोश है तथा दोनों इलैक्ट्रॉनों से पूरित हैं ?
(b) इलैक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 2 है ?
(c) कुल तीन कोश हैं तथा संयोजकता कोश में चार इलैक्ट्रॉन हैं ?
(d) कुल दो कोश हैं तथा संयोजकता कोश में तीन इलैक्ट्रॉन हैं ?
(e) दूसरे कोश में पहले कोश से दुगुने इलैक्ट्रॉन हैं ?
उत्तर-
(a) उत्कृष्ट गैसों के सभी कोश इलैक्ट्रॉन से भरे होते हैं। इसलिए दिया गया तत्व एक उत्कृष्ट तत्व गैस है। क्योंकि इसके दो कोश पूर्णतः इलैक्ट्रॉनों से भरे हैं। इस प्रकार यह तत्व Ne (निऑन) (2, 8) है।

(b) इलैक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 2 का जोड़ 12 जो इस तत्व का परमाणु अंक है और 12 परमाणु अंक वाला तत्व (Mg) मैग्नीशियम है।

(c) कुल तीन कोशों में से बाह्यतम कोश में इलैक्ट्रॉनों की संख्या 4 है। अतः तत्व का इलैक्ट्रॉनिक विन्यास है2, 8, 4 का जोड़ होगा 14 (Si) सिलिकॉन इस प्रकार 14 परमाणु अंक वाला तत्व है।

(d) कुल दो कोश हैं बाह्यतम कोश में 3 इलैक्ट्रॉन हैं। इस प्रकार तत्व का इलैक्ट्रॉनिक विन्यास है-(2, 3) तथा विन्यास जोड़ 5 है। अतः इलैक्ट्रॉनिक विन्यास 5 वाला तत्व है बोरॉन (B)।

(e) दूसरे कोश में पहले की अपेक्षा दुगुने इलैक्ट्रॉन हैं। अतः तत्व का इलैक्ट्रॉनिक विन्यास है-2, 4 तथा विन्यास जोड़ 6 होगा। इस प्रकार परमाणु संख्या 6 वाला तत्व है- कार्बन (C)।

प्रश्न 4.
(a) आवर्त सारणी में बोरॉन के स्तंभ के सभी तत्वों के कौन से गुणधर्म समान हैं ?
(b) आवर्त सारणी में फ्लुओरीन के स्तंभ के सभी तत्वों के कौन से गुणधर्म समान हैं ?
उत्तर-
(a) आवर्त सारणी में बोरॉन स्तंभ के सभी तत्व परमाणु संख्या 13 से संबंध रखते हैं। इसलिए इन सबके बाह्यतम संयोजकता कोश में इलैक्ट्रॉन की संख्या तीन (3) होगी। बोरॉन (B) को छोड़कर जो एक अधातु है, शेष सभी तत्व धातुएं हैं, जैसे-AI, Ga, In एवं Th

(b) फ्लुओरीन के स्तंभ में आने वाले सभी तत्व उत्कृष्ट तत्व हैं तथा परमाणु संख्या 17 से संबंध रखते हैं। इसलिए उनके बाह्यतम कोश में इलैक्ट्रॉन की संख्या 7 होगी। ये सभी तत्व F, CI, Br, I अधातुएँ हैं।

प्रश्न 5.
एक परमाणु का इलैक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 7 है।
(a) इस तत्व की परमाणु-संख्या क्या है ?
(b) निम्न में से किस तत्व के साथ इसकी रासायनिक समानता होगी ? (परमाणु-संख्या कोष्ठक में दी गई है) N(7), F (9), P(15), Ar(18).
उत्तर-
(a) तत्व की परमाणु संख्या = 2 + 8 + 7 = 17 है और यह तत्व क्लोरीन है।
(b) क्योंकि तत्व के बाह्यतम संयोजकता कोश में इलैक्ट्रॉनों की संख्या 7 है। इसलिए यह उत्कृष्ट तत्वों के वर्ग 17 से संबंध रखता है। इस परिवार के अन्य तत्वों की परमाणु संख्या एवं इलैक्ट्रॉनिक विन्यास निम्न सारणी में दिए हैं-

तत्व परमाणु संख्या इलैक्ट्रॉनिक विन्यास
फ्लुओरिन (F) 9 2, 7
ब्रोमीन (Br) 35 2, 8, 18, 7
आयोडीन (I) 53 2, 8, 18, 18, 7

इस प्रकार तत्व F जिसकी परमाणु संख्या 9 है उत्कृष्ट तत्वों के परिवार से संबंध रखता है। अतः यह तत्व क्लोरीन तत्व के रासायनिक रूप के समान होगा।

प्रश्न 6.
आवर्त सारणी में तीन तत्व A, B तथा C की स्थिति निम्न प्रकार है :
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 1
अब बताइए कि :
(a) A धातु है या अधातु।
(b) A की अपेक्षा C अधिक अभिक्रियाशील है या कम ?
(c) C का साइज़ B से बड़ा होगा या छोटा ?
(d) तत्व A, किस प्रकार के आयन, धनायन या ऋणायन बनाएगा ?
उत्तर-
(a) समूह 17 के तत्वों के बाह्यतम संयोजकता कोश में इलैक्ट्रॉन की संख्या 7 है और सभी तत्व एक इलैक्ट्रॉन धारण करने की उच्च क्षमता रखते हैं। अतः सभी तत्व अधातु हैं।

(b) एक वर्ग में नीचे की ओर आने पर परमाणु आकार बढ़ता है। इसलिए नाभिक की बाह्यतम इलैक्ट्रॉन को खींचने की क्षमता कम हो जाती है। इस प्रकार किसी वर्ग में नीचे आने पर अभिक्रियाशीलता कम हो जाती है। अतः तत्व C तत्व A से कम अभिक्रियाशील है।

(c) तत्व B की तुलना में तत्व से आकार छोटा होगा।

(d) तत्व A ऋणायन बनाएगा।

प्रश्न 7.
नाइट्रोजन (परमाणु संख्या 7) तथा फ़ॉस्फोरस (परमाणु संख्या 15) आवर्त सारणी के समूह 15 के तत्व हैं। इन दोनों तत्वों को इलैक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए। इनमें से कौन सा तत्व अधिक ऋण विद्युत् होगा और क्यों?
उत्तर-
नाइट्रोजन का इलैक्ट्रॉनिक विन्यास : N (7) : (2, 5) फ़ॉस्फोरस का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : P (15) : (2, 8, 5) नाइट्रोजन की विद्युत् ऋणात्मकता अधिक होगी क्योंकि इसका बाह्यतम कोश केंद्र के अधिक समीप है। इसलिए परमाणु केंद्र इलेक्ट्रॉन को अधिक बल से आकर्षित करेगा।

प्रश्न 8.
तत्वों के इलैक्ट्रॉनिक विन्यास का आधुनिक आवर्त सारणी में तत्व की स्थिति से क्या संबंध है ?
उत्तर-
किसी परमाणु का इलैक्ट्रॉनिक विन्यास आधुनिक आवर्त सारणी में इसकी स्थिति से इस प्रकार संबंधित होता है कि जिन परमाणुओं के बाह्यतम कोशों में इलैक्ट्रॉनों की समान संख्या होती है, उन्हें समान वर्ग में रखा जाता है। बाह्यतम कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या उस तत्व की समूह संख्या को सूचित करती है तथा बाह्यतम कोश संख्या उस तत्व की आवर्त को सूचित करता है। जब किसी आवर्त में बाएँ से दाएँ चलते हैं, तब संयोजकता कोश इलैक्ट्रॉनों की संख्या इकाई बढ़ जाती है, चूंकि परमाणु क्रमांक इकाई बढ़ जाता है।

प्रश्न 9.
आधुनिक आवर्त सारणी में कैल्सियम (परमाणु-संख्या 20) के चारों ओर 12, 19, 21 तथा 38 परमाणु-संख्या वाले तत्व स्थित हैं। इनमें से किन तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्म कैल्सियम के समान हैं ?
उत्तर-
परमाणु संख्या 12 वाले तत्व के भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्म परमाणु संख्या 20 तथा 38 वाले तत्वों के समान होगा, क्योंकि इन तत्वों के बाहरी कोश में 2 इलैक्ट्रॉन हैं।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 2

प्रश्न 10.
आधुनिक आवर्त सारणी एवं मेन्डलीफ की आवर्त सारणी में तत्वों की व्यवस्था की तुलना कीजिए।
उत्तर-
मेन्डलीफ की आवर्त सारणी की आवर्त सारणी के दीर्घ रूप से तुलना मेन्डलीफ की आवर्त सारणी और आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों को एक समान तालिका के रूप में स्थान दिया गया है। दोनों सारणियों में एक समान गुणों वाले तत्वों को एक ही ग्रुप में रखा गया है लेकिन इन दोनों में काफ़ी समानताएँ हैं ; जैसे-

मेन्डलीफ की आवर्त सारणी आधुनिक आवर्त सारणी
(1) उस समय तक ज्ञात 63 तत्वों को बढ़ते परमाणु  द्रव्यमानों में व्यवस्थित किया गया था। (1) कुल 118 तत्वों को बढ़ते परमाणु क्रमांक में  व्यवस्थित किया गया है।
(2) इस आवर्त सारणी में 8 ऊर्ध्वाधर स्तंभ हैं, जिन्हें वर्ग 7 आवर्त हैं। (2) इसमें 18 ऊर्ध्वाधर स्तंभ हैं जिन्हें वर्ग कहते हैं तथा कहते हैं।
(3) तत्वों के समस्थानिकों को सारणी में स्थान नहीं मिल  सका। (3) तत्वों के समस्थानिकों को सारणी में स्थान नहीं मिल  हुआ क्योंकि उनके परमाणु क्रमांक एक-समान होते हैं।
(4) रासायनिक दृष्टि से असमान तत्वों को भी एक साथ  रखा गया था। (4) रासायनिक दृष्टि से असमान तत्वों को अलग-अलग  वर्गों में स्थान दिया गया।
(5) सभी संक्रमण तत्वों को एक ही वर्ग VIII में रखा गया। (5) संक्रमण तत्वों को वर्ग 3 से वर्ग 12 में रखा गया।
(6) उत्कृष्ट गैसों की इस सारणी के बनने तक खोज ही  नहीं हो पाई थी। (6) उत्कृष्ट गैसों को वर्ग 18 में स्थान दिया गया है।
(7) कुछ उच्च द्रव्यमान वाले तत्वों को उन तत्वों से पहले  स्थान दिया गया जिनका परमाणु द्रव्यमान कम है। (7) इस सारणी में वर्गीकरण का आधार परमाणु क्रमांक  है इसलिए इसमें प्रतिलोम क्रम का दोष नहीं है।

Science Guide for Class 10 PSEB तत्वों का आवर्त वर्गीकरण InText Questions and Answers

प्रश्न 1.
क्या डॉबेराइनर के त्रिक, न्यूलैंड्स के अष्टक के स्तंभ में भी पाए जाते हैं ? तुलना करके पता कीजिए।
उत्तर-
हाँ, डॉबेराइनर के त्रिक, न्यूलैंड्स के अष्टक स्तंभ में भी पाए जाते हैं। उदाहरण के लिए-
लीथियम (Li), सोडियम (Na) तथा पोटाशियम (K) एक डॉबेराइनर का त्रिक बनाते हैं। यदि Li को पहला तत्व मानें तो उससे आठवें स्थान पर Na आता है और यदि Na को पहला तत्व मानें तो उसके आठवें स्थान पर K आता है। इस प्रकार डॉबेराइनर का यह त्रिक, न्यूलैंड्स के अष्टक के स्तंभ ‘रे’ में पाया जाता है।
डॉबेराइनर का त्रिक Ca, Sr तथा Ba न्यूलैंड्स के अष्टक के स्तंभ Br ‘गा’ में उपस्थित है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 3
डॉबेराइनर का त्रिक Cl, Br तथा I न्यूलैंड्स के अष्टक के स्तंभ ‘सा’ में उपस्थित है।

प्रश्न 2.
डॉबेराइनर के वर्गीकरण की क्या सीमाएँ हैं ?
उत्तर-
डॉबेराइनर के वर्गीकरण की सबसे बड़ी सीमा यह थी कि इस नियम के अनुसार उस समय के ज्ञात 30 तत्वों में से केवल 9 तत्वों को ही तीन त्रिकों में व्यवस्थित किया जा सका। अत: यह वर्गीकरण सर्वमान्य नहीं हो पाया।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 4
उदाहरण-
तीन तत्व; नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P) तथा ऑरसेनिक (As) के रासायनिक गुणधर्म समान हैं इसलिए इन्हें एक ही त्रिक का होना चाहिए जबकि N परमाणु द्रव्यमान (14,0 u), As का (74.9 a) तथा P का (31/0 u) है जिसके अनुसार यह एक त्रिक के तत्व नहीं हैं।

प्रश्न 3.
न्यूलैंड्स के अष्टक सिद्धांत की क्या सीमाएँ हैं ?
उत्तर-
न्यूलैंड्स के अष्टक सिद्धांत की सीमाएं निम्नलिखित हैं –
(i) यह सिद्धांत केवल कैल्सियम तक ही लागू हो सका क्योंकि कैल्सियम के बाद आने वाले प्रत्येक आठवें तत्व का गुणधर्म पहले तत्व के समान नहीं मिलता था।

(ii) न्यूलैंड्स ने कल्पना की थी कि प्रकृति में केवल 56 तत्व विद्यमान हैं और भविष्य में कोई नया तत्व नहीं मिलेगा। लेकिन बाद में कई तत्व खोजे गए जिनके गुणधर्म अष्टक नियम के अनुसार नहीं थे और इस कारण इसमें व्यवस्थित नहीं हो सके।

(iii) अपनी सारणी में तत्वों को समंजित करने के लिए न्यूलैंड्स ने दो तत्वों को एक साथ रख दिया था और कुछ असमान तत्वों को एक स्थान में रख दिया था। उदाहरणार्थ- कोबाल्ट तथा निकिल को एक ही स्थान पर रखा गया हैं, परंतु उन्हें फ्लुओरोन, क्लोरीन तथा ब्रोमीन के साथ एक ही स्तम्भ ‘सा’ के अंतर्गत रखा गया है, जबकि कोबाल्ट तथा निकिल के गुण प्लुओरीन, क्लोरीन तथा ब्रोमीन से सर्वथा भिन्न हैं। दूसरी ओर आयरन, जो कि गुणों से कोबाल्ट तथा निकिल के समान है, को इनसे दूर ‘ना’ स्तम्भ में रखा गया है। संगीत के सुर (डो)
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 5
(iv) न्यूलैंड्स अष्टक सिद्धांत केवल हल्के तत्वों के लिए ठीक से लागू हो सका।

प्रश्न 4.
मेन्डलीफ के आवर्त सारणी का उपयोग कर निम्नलिखित तत्वों के ऑक्साइड के सूत्र का अनुमान कीजिए
K, C, AI, Si, Ba
उत्तर-

  • पोटैशियम (K) वर्ग IA का तत्व है। इसकी संयोजकता 1 है। इसलिए इसके ऑक्साइड का सूत्र K2O है।
  • कार्बन (C) वर्ग: IV A का तत्व है। इसकी संयोजकता 4 है तथा इसके ऑक्साइड का सूत्र CO2 है।
  • AI, वर्ग III A का तत्व है। इसकी संयोजकता 3 है। इसलिए इसके ऑक्साइड का सूत्र Al2O3 है।
  • सिलिकॉन (Si) IV A वर्ग का तत्व है। इसकी संयोजकता 4 है। इसलिए इसके ऑक्साइड का सूत्र SiO2 है।
  • Ba वर्ग II A का तत्व है। इसकी संयोजकता 2 है। इसलिए इसकी ऑक्साइड का सूत्र Ba0 है।

प्रश्न 5.
गैलियम के अतिरिक्त, अब तक कौन-कौन से तत्वों का पता चला है जिसके लिए मेन्डलीफ ने अपनी आवर्त सारणी में खाली स्थान छोड़ दिया था ? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
जर्मेनियम (Ge) तथा स्कैंडियम वर्ग IV A के दो तत्व हैं। इन दोनों तत्वों के लिए भी मेन्डलीफ ने अपनी आवर्त सारणी में खाली स्थान छोड़ दिया था। मेन्डलीफ ने इनके गुणधर्म पहले से ही बता दिए थे। जब बाद में इन तत्वों की खोज हुई तो इनके गुणधर्म लगभग वही थे जो मेन्डलीफ ने दिए थे।

प्रश्न 6.
मेन्डलीफ ने अपनी आवर्त सारणी तैयार करने के लिए कौन-सा मापदंड अपनाया था?
उत्तर-

  • तत्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु द्रव्यमान के क्रम में व्यवस्थित किया।
  • समान गुण वाले तत्वों को एक समूह में रखने का प्रयास किया।
  • तत्वों के ऑक्साइडों एवं हाइड्राइड्रों के अणु-सूत्रों को एक आधारभूत गुण मानकर तत्वों का वर्गीकरण किया।

प्रश्न 7.
आपके अनुसार उत्कृष्ट गैसों को अलग समूह में क्यों रखा गया ?
उत्तर-
अक्रिय या उत्कृष्ट गैसों को अलग समूह में रखा गया क्योंकि

  1. ये गैसें बहुत ही अक्रियाशील होती हैं एवं इनकी खोज बहुत बाद में हुई।
  2. इन गैसों को एक नये समूह में बिना आवर्त सारणी में छेड़-छाड़ किए हुए रखा गया।

प्रश्न 8.
आधुनिक आवर्त सारणी द्वारा किस प्रकार से मेन्डलीफ की आवर्त सारणी की विविध विसंगतियों को दूर किया गया ?
उत्तर-
मेन्डलीफ की आवर्त सारणी परमाणु द्रव्यमान (Atomic Mass) के सिद्धांत पर आधारित थी जबकि आधुनिक आवर्त सारणी परमाणु संख्या (Atomic number) पर आधारित है। आधुनिक आवर्त नियम के द्वारा मेन्डलीफ की सारणी की विसंगतियों को निम्नलिखित प्रकार सुलझाया गया है –

  • आधुनिक आवर्त सारणी में सभी समस्थानिकों को एक ही स्थान दिया गया है क्योंकि समस्थानिकों में प्रोटॉनों की संख्या तो सदा समान होती है। इसलिए परमाणु संख्या भी एक समान ही होगी।
  • आर्गन तथा पोटैशियम की परमाणु संख्या क्रमशः 18 और 19 है। तत्वों की बढ़ती परमाणु संख्या के आधार पर व्यवस्थित करने पर आर्गन पहले आ जाता है और पोटैशियम का स्थान पीछे हो जाता है जबकि उनके परमाणु द्रव्यमान इसके विपरीत हैं। आधुनिक आवर्त सारणी में इस दोष को दूर किया गया है।
  • तत्वों, उत्कृष्ट गैसों और संक्रमण तत्वों को स्पष्ट रूप से अलग-अलग किया गया है।
  • आधुनिक आवर्त सारणी स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि तत्वों के गुणों की पुनरावृत्ति क्यों होती है।

प्रश्न 9.
मैग्नीशियम की तरह रासायनिक अभिक्रियाशीलता दिखाने वाले दो तत्वों के नाम लिखिए। आपके चयन का क्या आधार है ?
उत्तर-
आधुनिक आवर्त सारणी के अनुसार, जिन तत्वों की बाहरी इलैक्ट्रॉनिक विन्यास समान होती है उनके गुणधर्म भी समान होते हैं। मैग्नीशियम के बाहरी कक्ष (या कोश) में दो इलैक्ट्रॉन हैं इसलिए वे सभी तत्व जिनके बाहरी कोश में 2 संयोजी इलैक्ट्रॉन होंगे वे Mg के समान ही गुणधर्म प्रदर्शित करेंगे। उदाहरण-कैल्सियम (Ca), परमाणु संख्या = 20
कक्ष में व्यवस्थित इलैक्ट्रॉन = (2, 8, 8, 2) मैग्नीशियम (Mg), परमाणु संख्या = 12
कक्ष में व्यवस्थित इलैक्ट्रॉन = (2, 8, 2)

प्रश्न 3. निम्न के नाम बताइए :
(a) तीन तत्वों जिनके सबसे बाहरी कोश में एक इलैक्ट्रॉन उपस्थित हो।
(b) दो तत्वों जिनके सबसे बाहरी कोश में दो इलैक्ट्रॉन उपस्थित हों।
(c) तीन तत्वों जिनका बाहरी कोश पूर्ण हो।
उत्तर-
(a) तीन तत्व जिनके सबसे बाहरी कोश में एक इलैक्ट्रॉन उपस्थित है। Li, Na तथा k तीन ऐसे तत्व हैं जिनके सबसे बाहरी कोश में एक इलैक्ट्रॉन होता है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 6
(b) दो तत्व जिनके बाहरी कोश में 2 इलैक्ट्रॉन हैं –
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 7
(c) ऐसे तीन तत्व जिनका बाहरी कोश पूर्ण हैंहीलियम, निऑन तथा आर्गन तीन ऐसे तत्व हैं जिनके बाहरी कोश पूर्ण हैं।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 8

प्रश्न 4.
(a) लीथियम, सोडियम, पोटैशियम, ये सभी धातुएँ जल से अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस मुक्त करती हैं। क्या इन तत्वों के परमाणुओं में कोई समानता है ?
(b) हीलियम एक अक्रियाशील गैस है जबकि निऑन की अभिक्रियाशीलता अत्यंत कम है। इनके परमाणुओं में कोई समानता है ?
उत्तर-
(a) लीथियम, सोडियम तथा पोटैशियम की जल के साथ अभिक्रिया –
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 9
इन तीनों धातुओं के बाहरी कोश में केवल एक ही इलैक्ट्रॉन है।
(b) हीलियम (He) तथा निआन (Ne) दोनों ही उत्कृष्ट गैसें हैं इसलिए ये अक्रियाशील हैं। इनके बाहरी कोश पूर्ण हैं। हीलियम (He) के पास केवल K कोश है और यह पूर्ण है पर दूसरी तरफ निआन (Ne) के पास K तथा L दो कोश हैं और ये दोनों भी पूर्ण हैं। K कोश के पास 2 तथा L कोश के पास 8 इलैक्ट्रॉन हैं। इसलिए निऑन की अभिक्रियाशीलता अत्यंत कम है।

प्रश्न 5.
आधुनिक आवर्त सारणी के पहले दस तत्वों में कौन-सी धातुएँ हैं ?
उत्तर-
आधुनिक आवर्त सारणी के पहले दस तत्व हैं- H, He, Li, Be, B, C, N, O, F तथा Ne इन सब तत्वों में से धातुएँ हैं- (लीथियम Li) तथा (बैरीलियम Be)

प्रश्न 6.
आवर्त सारणी में इनके स्थान के आधार पर इनमें से किस तत्व में सबसे अधिक धात्विक अभिलक्षण की विशेषता है ?
Ga, Ge, As, Se, Be.
उत्तर-
पहले इनका वर्गीकरण बढ़ती हुई परमाणु संख्या के अनुसार करते हैं-
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 10
हम जानते हैं कि धात्विक अभिलक्षण स्तंभ में बाएँ से दाएँ तरफ जाने पर कम होता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए Be तथा Ga का धात्विक अभिलक्षण अधिकतम है। इसलिए दाईं तरफ वाले तत्व अधातु हैं।

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Book Solutions Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक Textbook Exercise Questions, and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Science Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक

PSEB 10th Class Science Guide कार्बन एवं उसके यौगिक Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
एथेन का आण्विक सूत्र C2H6 है। इसमें :
(a) 6 सहसंयोजक आबंध हैं
(b) 7 सहसंयोजक आबंध हैं
(c) 8 सहसंयोजक आबंध हैं
(d) 9 सहसंयोजक आबंध हैं।
उत्तर-
(b) 7 सहसंयोजक आबंध हैं।

प्रश्न 2.
ब्यूटेनॉन चर्तु कार्बन यौगिक है जिसका प्रकार्यात्मक समूह
(a) कार्बोक्सिलिक अम्ल
(b) ऐल्डिहाइड
(c) कीटोन
(d) ऐल्कोहॉल।
उत्तर-
(c) कीटोन।

प्रश्न 3.
खाना बनाते समय यदि बर्तन की तली बाहर से काली हो रही है तो इसका मतलब है कि –
(a) भोजन पूरी तरह नहीं पका है।
(b) ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा है।
(c) ईंधन आर्द्र है।
(d) ईंधन पूरी तरह से जल रहा है।
उत्तर-
(b) ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा है।

प्रश्न 4.
CHICI में आबंध निर्माण का उपयोग कर सहसंयोजक आबंध की प्रकृति समझाइए।
उत्तर-
C, H और Cl की परमाणु संख्या क्रमश: 6, 1 और 17 है।
इसलिए उन इलेक्ट्रॉनिक संरचना होगी –
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक 1
कार्बन को अष्टक बनाने के लिए 4 इलेक्ट्रॉन चाहिए, हाइड्रोजन को एक इलेक्ट्रॉन चाहिए और क्लोरीन को अष्टक बनाने के लिए एक इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता है। कार्बन चार इलेक्ट्रॉन प्रदान करता है-तीन हाइड्रोजन परमाणुओं के तथा एक क्लोरीन के। ऐसा करने से कार्बन लगभग उत्कृष्ट गैस नियॉन की संरचना को प्राप्त कर लेता है, हाइड्रोजन हीलियम की और क्लोरीन आरगॉन की संरचना प्राप्त कर लेता है। |
CH3CI में आबंध निर्माण
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक 2
अत: क्लोरोमिथेन में तीन C-H और एक C-CI सहसंयोजक आबंध बनाता है।

प्रश्न 5.
इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना बनाइए :
(a) एथेनॉइक अम्ल,
(b) H2S,
(c) प्रोपेनोन,
(d) F2
उत्तर-
(a) एथेनॉइक अम्ल (CH3COOH)
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक 3
(b) हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S)
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक 4
(c) प्रोपेनोन (CH3COCH3)
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक 5

(d) F2 (फलुओरीन)
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक 6

प्रश्न 6.
समजातीय श्रेणी क्या है ? उदाहरण के साथ समझाइए।
उत्तर-
समजातीय श्रेणी-समजातीय श्रेणी समान सरचनाओं और समान रासायनिक गणधर्मों वाले कार्बनिक यौगिकों की एक श्रेणी है, जिसमें अनुक्रमिक यौगिक -CH2 समूह द्वारा भिन्न होते हैं। सजातीय श्रेणी के विभिन्न कार्बनिक यौगिक सजात कहलाते हैं। सजातीय श्रेणी का सामान्य सूत्र CnH2n+2 है। इस श्रेणी के सदस्य मिथेन CH4, इथेन C2H6, प्रोपेन C3H8, ब्यूटेन C4H10 पेंटेन C15H12, हैक्सेन C6H14 आदि हैं। समजातीय श्रेणी के सभी सदस्यों का प्रकार्यात्मक समूह समान होता है। इसीलिए उनके रासायनिक गुणधर्मों में अंतर नहीं होता।

प्रश्न 7.
भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर एथनॉल एवं एथेनॉइक अम्ल में आप कैसे अंतर करेंगे?
उत्तर-
भौतिक तथा रासायनिक गुणों के आधार पर एथनॉल तथा एथेनॉइक अम्ल में अंतर-

गुण एथनॉल. एथेनॉइक अम्ल
भौतिक गुण
1. प्रकृति
यह एक उदासीन पदार्थ है जिसका लिटमस पत्र पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता यह अम्लीय पदार्थ है तथा नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है।
2. गंध इसकी गंध रुचिकर होती है। इसकी गंध तीक्ष्ण तथा स्वाद खट्टा होता है।
3. क्वथनांक इसका क्वथनांक 315K है। इसका क्वथनांक 290K है।
4. विद्युत् चालकता यह विद्युत् का चालन नहीं करता। यह विद्युत् का चालन करता है।
गुण एथनाल एथेनॉइक अम्ल
रासायनिक गुण
1. सोडियम से क्रिया
इसमें सोडियम धातु डालने पर हाइड्रोजन गैस बुदबुदाहट के साथ निकलती है। इसमें सोडियम धातु डालने पर हाइड्रोजन गैस बुदबुदाहट के साथ नहीं निकलती है।
2. क्षारीय KMnO4 से क्रिया क्षारीय KMnO4 की उपस्थिति में एथनॉइक अम्ल बनाता है। इस अभिक्रिया में KMnO4 का बैंगनी रंग उड़ जाता है। यह क्षारीय KMnO4 से अभिक्रिया नहीं करता है। KMnO4 का रंग नहीं उड़ता है।
3. कार्बोनेट तथा बाइकार्बोनेट से क्रिया क्रिया नहीं करता है। क्रिया करके CO, गैस उत्पन्न करता है।

प्रश्न 8.
जब साबुन को जल में डाला जाता है तो मिसेल का निर्माण क्यों होता है ? क्या एथनॉल जैसे दूसरे विलायकों में भी मिसेल का निर्माण होगा ?
उत्तर-
जब साबुन को जल में डाला जाता है तो इसके अणु के दो सिरे दो भिन्न गुणधर्मों को प्रकट करते हैं। जल में विलयशील हाइड्रोफिलिक और हाइड्रोकार्बन में विलयशील हाइड्रोफ़ोबिक। यह जल में घुलनशील नहीं होते। पानी में डालने से साबुन का आयनिक सिरा जल के अंदर होता है जबकि हाइड्रोकार्बन पूंछ (दूसरा सिरा) जल के बाहर होता है। ऐसा अणुओं का बड़ा समूह बनने के कारण होता है जिसमें हाइड्रोफोबिक पूँछ बड़े समूह के भीतरी भाग में होता है जबकि उसका आयनिक सिरा बड़े समूह की सतह पर होता है। साबुन एथनॉल जैसे दूसरे विलायकों में घुल जाता है इसलिए मिसेल का निर्माण नहीं करता।

प्रश्न 9.
कार्बन एवं उसके यौगिकों का उपयोग अधिकतर अनुप्रयोगों में ईंधन के रूप में क्यों किया जाता है ?
उत्तर-
कार्बन एवं उसके यौगिकों का अधिकतर अनुप्रयोगों में ईंधन के रूप में प्रयोग करने के कारण निम्नलिखित हैं :

  • ये धुआँ उत्पन्न नहीं करते।
  • इन्हें जलाने पर कोई अवशेष नहीं बचता।
  • इनका ज्वलन ताप मध्यम होता है।
  • इनका कैलोरीमान उच्च होता है।
  • ये जलाने पर हानिकारक गैस उत्पन्न नहीं करते।

प्रश्न 10.
कठोर जल को साबुन से उपचारित करने पर झाग के निर्माण को समझाए।
उत्तर-
कठोर जल में कैल्सियम और मैग्नीशियम के ऑयन होते हैं। ये साबुन के अणुओं से जुड़ कर अघुलनशील पदार्थ (स्कम या अवक्षेप) बनाते हैं।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक 7

प्रश्न 11.
यदि आप लिटमस पत्र (लाल एवं नीला) से साबुन की जाँच करें तो आपका प्रेक्षण क्या होगा ?
उत्तर-
साबुन क्षारकीय प्रकृति का होता है इसलिए वह लाल लिटमस पत्र को नीला कर देगा। नीले लिटमस पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

प्रश्न 12.
हाइड्रोजनीकरण क्या है ? इसका औद्योगिक अनुप्रयोग क्या है ? (मॉडल पेपर)
उत्तर-
हाइड्रोजनीकरण-असंतृप्त हाइड्रोकार्बन का निक्कल या पैलेडियम उत्प्रेरकों की उपस्थिति में हाइड्रोजन से योग होने पर संतृप्त हाइड्रोकार्बन में बदलना हाइड्रोजनीकरण कहलाता है।

औद्योगिक अनुप्रयोग-इस प्रक्रिया से वनस्पति तेलों को वनस्पति घी में बदला जाता है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक 8
वनस्पति तेलों में कार्बन परमाणु के दोहरे बंध होते हैं। जब हाइड्रोजन गैस को निक्कल उत्प्रेरक की उपस्थिति में 473K पर वनस्पति तेल में से गुजारा जाता है तो वे ठोस वसा में बदल जाते हैं।

प्रश्न 13.
दिए गए हाइड्रोकार्बन : C2H6 C3H8 C3H6 C2H2, एवं CH4 में किसमें संकलन अभिक्रिया होती
उत्तर-
केवल असंतृप्त हाइड्रोकार्बन ही योग अभिक्रिया करते हैं। इसलिए केवल C3H6 और C2H2ही संकलन अभिक्रिया होती है।

प्रश्न 14.
मक्खन एवं खाना बनाने वाले तेल के बीच रासायनिक अंतर समझने के लिए एक परीक्षण बताइए।
उत्तर-
मक्खन में संतप्त यौगिक होते हैं और खाना पकाने वाले तेलों में असंतृप्त यौगिक होते हैं। असंतप्त यौगिक क्षारकीय पोटैशियम परमैंगनेट के गुलाबी रंग को उड़ा देते हैं। इसलिए खाना पकाने वाले तेल में कुछ बूंद क्षारकीय पोटैशियम परमैंगनेट घोल की डाली जाती है और उनका रंग उड़ जाता है पर मक्खन के साथ यही क्रिया करने से पोटैशियम परमैंगनेट का गुलाबी रंग नहीं उड़ता।

प्रश्न 15.
साबुन की सफ़ाई प्रक्रिया की क्रियाविधि समझाए।
उत्तर-
साबुन सफ़ाई करने की विशेष प्रणाली पर आधारित होते हैं। इनमें ऐसे अणु होते हैं जिसके दोनों सिरों के विभिन्न गुणधर्म होते हैं। जल में घुलनशील एक सिरे को हाइड्रोफिलिक कहते हैं। हाइड्रोकार्बन में विलयशील दूसरे सिरे को हाइड्रोफोबिक कहते हैं। जब साबुन जल की सतह पर होता है तब इसके अणु अपने को ऐसे व्यवस्थित कर लेते हैं कि इसका आयोनिक सिरा जल के भीतर होता है जबकि हाइड्रोकार्बन पूँछ (दूसरा छोर) जल के बाहर होता है। जल के अंदर इन अणुओं की विशिष्ट व्यवस्था होती है जिससे इसका हाइड्रोकार्बन सिरा जल के बाहर बना होता है। ऐसा अणुओं का बड़ा समूह (कलस्टर) बनने के कारण होता है। इस हाइड्रफोबिक पूँछ कलस्टर के भीतरी हिस्से में होता है-
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक 10
जबकि उसका आयनिक सिरा कलस्टर की सतह पर होता है। इस संरचना को मिसेल कहते हैं। मिसेल के रूप में साबुन सफ़ाई करने में सक्षम होता है। तैलीय मैल मिसेल के केंद्र में एकत्र हो जाते हैं। मिसेल, विलयन में कोलॉइड के रूप में बने रहते हैं तथा आयनआयन विकर्षण के कारण वे अवक्षेपित नहीं होते। इस प्रकार मिसेल में तैरते मैल आसानी से हटाये जा सकते हैं।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक 11

Science Guide for Class 10 PSEB कार्बन एवं उसके यौगिक InText Questions and Answers

प्रश्न 1.
CO2 सूत्र वाले कार्बन डाइऑक्साइड की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना क्या होगी ?
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड में कार्बन परमाणु के साथ ऑक्सीजन के दो परमाणु जुड़े होते हैं। कार्बन की परमाणु संख्या 6 होती है और इसके बाहरी कक्ष में चार इलेक्ट्रॉन होते हैं। इसे अष्टक बनाने के लिए चार इलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता होती है। ऑक्सीजन को केवल 2 इलेक्ट्रॉनों की बाहरी कक्ष में आवश्यकता होती है। इसलिए उसका इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना होगी
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक 12
प्रत्येक ऑक्सीजन का परमाणु कार्बन परमाणु से दोहरे बंध में जुड़ता है।

प्रश्न 2.
सल्फर के आठ परमाणुओं से बने सल्फर के अणु की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना क्या होगी ? (संकेत : सल्फर के आठ परमाणु एक अँगूठी के रूप में आपस में जुड़े होते हैं।)
उत्तर-
सल्फर का परमाणु क्रमांक 16 है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक 13
सल्फर के बाहरी कक्ष में 6 इलेक्ट्रॉन हैं और इसे अष्टक पूरा करने के लिए 2 इलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता होती प्रत्येक सल्फर परमाणु दो इलेक्ट्रॉनों की सहभागिता करेगा। इसका आण्विक सूत्र S होता है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक 14

प्रश्न 3.
पेन्टेन के लिए आप कितने संरचनात्मक समावयवों का चित्रण कर सकते हैं ?
उत्तर-
पेन्टेन के समावयवों का चित्रण-पेन्टेन PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक 15 । के तीन समावयव हैं –
(i) नारमल पेन्टेन
(ii) आइसोपेन्टेन
(iii) नियो-पेन्टेन।
इनका संरचनात्मक चित्रण निम्न ढंग से हम कर सकते हैं-
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक 16

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक 17

प्रश्न 2.
कार्बन के दो गुणधर्म कौन से हैं, जिनके कारण हमारे चारों ओर कार्बन यौगिकों की विशाल संख्या दिखाई देती है?
अथवा
कार्बन के वह गुण लिखो जिनके कारण हमारे आस-पास कार्बनिक यौगिकों की बड़ी संख्या मौजूद है।
उत्तर-
कार्बन यौगिकों की विशाल संख्या के लिए उत्तरदायी कार्बन के गुणधर्म-कार्बन के गुणधर्म जिनके कारण हमारे चारों ओर कार्बन यौगिकों की विशाल संख्या होती है, निम्नलिखित हैं :
(i) श्रृंखलन (Catenation) कार्बन में अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ आबंध बनाने की अद्वितीय क्षमता होती है जिससे दीर्घ अणुओं की प्राप्ति होती है। इन यौगिकों में कार्बन की दीर्घ श्रृंखला, शाखित श्रृंखला अथवा वलयाकार श्रृंखला हो सकती है। कार्बन परमाणुओं का यह विशिष्ट गुण ‘शृंखलन’ कहलाता है। अतः शृंखलन के कारण कार्बन यौगिकों की विशाल संख्या होती है।

(ii) चतुः संयोजकता (Tetravalency) कार्बन में चार संयोजकता होती है। इसलिए इसमें कार्बन के चार अन्य परमाणुओं या अन्य संयोजक तत्वों ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, सल्फर, क्लोरीन के परमाणुओं के साथ बंधन बनाने की क्षमता होती है। इसके परिणामस्वरूप विशाल संख्या में कार्बन यौगिक बनते हैं।

प्रश्न 3.
साइक्लोपेन्टेन का सूत्र तथा इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना क्या होंगे ?
उत्तर-
साइक्लोपेन्टेन का सामान्य सूत्र C5 H2×5 = C5 H10 है।
इसकी संरचना और इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना है
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक 18

प्रश्न 4.
निम्न यौगिकों की संरचनाएँ चित्रित कीजिए :
(i) एथेनॉइक अम्ल
(ii) ब्रोमोपेन्टेन
(iii) ब्यूटेनोन
(iv) हेक्सेनैल।
क्या ब्रोमोपेन्टेन के संरचनात्मक समावयव संभव हैं ?
उत्तर-
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक 19

प्रश्न 5.
निम्न यौगिकों का नामकरण कैसे करेंगे ?
(i) CH3 – CH2– Br
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक 23
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक 24
उत्तर-
(i) ब्रोमोएथेन
(ii) मेथेनल
(iii) हेक्साइन।

प्रश्न 6.
एथनॉल से एथेनॉइक अम्ल में परिवर्तन को ऑक्सीकरण अभिक्रिया क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
क्योंकि एथेनॉइक अम्ल, एथनॉल के ऑक्सीजन के योग द्वारा उत्पन्न होता है, इसलिए यह एक ऑक्सीकरण अभिक्रिया है। ऑक्सीकरण का कार्य क्षारीय KMnO4. या अम्लीय K2Cr2O7 द्वारा किया जाता है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक 25

प्रश्न 7.
ऑक्सीजन तथा एथाइन के मिश्रण का दहन वेल्डिंग के लिए किया जाता है। क्या आप बता. सकते हैं कि एथाइन तथा वायु के मिश्रण का उपयोग क्यों नहीं किया जाता ?
उत्तर-
एथाइन असंतृप्त हाइड्रोकार्बन है जो वायु की उपस्थिति में दहन करते समय पीले रंग की कज्जली ज्वाला उत्पन्न करता है। इस धुएं में कार्बन होता है। अपूर्ण दहन के कारण ऊष्मा ऊर्जा की कम मात्रा उत्पन्न होती है जो वेल्डिंग के लिए अपर्याप्त है। दूसरी ओर जब एथाइन तथा ऑक्सीजन के मिश्रण को जलाया जाता है तो संपूर्ण दहन होता है जिससे अत्याधिक मात्रा में उष्मा ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो वेल्डिंग के लिए पर्याप्त होती है। इसलिए एथाइन तथा ऑक्सीजन के मिश्रण का दहन का उपयोग वेल्डिंग के लिए किया जाता है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक 26

प्रश्न 8.
प्रयोग द्वारा आप ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल में कैसे अंतर कर सकते हैं ?
उत्तर-
निम्नलिखित प्रयोग के द्वारा ऐल्कोहॉल और कार्बोक्सिलिक अम्ल में अंतर किया जा सकता है –
1. सोडियम कार्बोनेट परीक्षण-दो परखनलियां लो और उनमें अलग-अलग ऐल्कोहॉल और कार्बोक्सिलिक अम्ल की थोड़ी-थोड़ी मात्रा लो। दोनों में NaHCO, का जलीय विलयन डालो जिस परखनली का यौगिक CO., गैस की उत्पत्ति के कारण बुलबुले उत्पन्न करता है उसमें कार्बोक्सिलिक अम्ल है।
CH3COOH + NaHCO3 → CH3 COONa + H2O + CO2

2. क्षारीय पोटाशियम परमैंगनेट परीक्षण-दो परखनलियों में दोनों यौगिकों की थोड़ी-थोड़ी मात्रा लो। अब इनमें क्षारकीय पोटाशियम परमैंगनेट की कुछ बूंदें डालो। इन्हें गर्म करो जो यौगिक क्षारकीय पोटाशियम परमैंगनेट विलयन के गुलाबी रंग को समाप्त कर देगा, वह निश्चित रूप से ऐल्कोहल होगा।

3. लिटमस परीक्षण-दो परखनलियों में पृथक्-पृथक् ऐल्कोहॉल तथा कार्बोक्सिलिक अम्ल की थोड़ी-थोड़ी मात्रा लो। अब इन परखनलियों में नीले लिटमस की दो-दो बूंदें डालें। आप देखेंगे कि ऐल्कोहॉल में लिटमस के रंग में कोई परिवर्तन नहीं होगा जबकि कार्बोक्सिलिक अम्ल में नीले लिटमस का रंग लाल हो जाएगा।

4. सोडियम धातु परीक्षण-दो परखनलियों में पृथक्-पृथक् ऐल्कोहॉल तथा कार्बोक्सिलिक अम्ल लो। अब इनमें सोडियम धातु डालें। ऐल्कोहॉल में हाइड्रोजन गैस बुदबुदाहट से उत्पन्न होगी जबकि कार्बोक्सिलिक अम्ल में हाइड्रोजन गैस उत्पन्न होगी परंतु बुदबुदाहट नहीं होगी।

प्रश्न 9.
ऑक्सीकारक क्या हैं ?
उत्तर-
ऑक्सीकारक- ऐसे रासायनिक पदार्थ जिनमें ऑक्सीजन देने की क्षमता होती है और अभिक्रिया के दौरान स्वयं अपचायित होकर दूसरे पदार्थ को ऑक्सीकृत कर देते हैं, ऑक्सीकारक कहते हैं। उदाहरणार्थ, क्षारीय पोटैशियम परमैंगनेट अथवा अम्लीकृत पोटैशियम डाइक्रोमेट ऐल्कोहॉल को ऑक्सीकृत करते हैं। अतएव इनको ऑक्सीकारक कहते हैं।

प्रश्न 10.
क्या आप डिटरजेंट का उपयोग कर बता सकते हैं कि कोई जल कठोर है अथवा नहीं ?
उत्तर-
डिटरजेंट के प्रयोग द्वारा हम यह नहीं पता लगा पाएँगे कि जल का नमूना कठोर है अथवा नहीं क्योंकि डिटरजेंट (अपमार्जक) कठोर जल के साथ सुगमता से झाग बनाता है और तलछट नहीं बनाता।

प्रश्न 11.
लोग विभिन्न प्रकार से कपड़े धोते हैं। सामान्यतः साबुन लगाने के बाद लोग कपड़े को पत्थर पर पटकते हैं, डंडे से पीटते हैं, ब्रुश से रगड़ते हैं या वाशिंग मशीन में कपड़े रगड़े जाते हैं। कपड़ा साफ़ करने के लिए उसे रगड़ने की क्यों आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
साबुन या डिटरजेंट की लंबी हाइड्रोजन की पूंछ से ग्रीज़ या गंदगी जुड़ कर कपड़े की सतह और पानी पर आ जाती है। इसके कारण जल का सतही तनाव कम हो जाता है और जल पर गंदगी की तह जम जाती है। इसे कपड़े से हटाने के लिए कपड़े को पत्थर पर पटकना पड़ता है, पीटना पड़ता है, ब्रुश से रगड़ना पड़ता है या फिर वाशिंग मशीन में उसे रगड़ना पड़ता है।

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Book Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु Textbook Exercise Questions, and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Science Chapter 3 धातु एवं अधातु

PSEB 10th Class Science Guide धातु एवं अधातु Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन-सा युगल विस्थापन अभिक्रिया प्रदर्शित करता है :
(a) NaCl विलयन एवं कॉपर धातु
(b) MgCl2 विलयन एवं ऐलुमीनियम धातु
(c) FeSO4 विलयन एवं सिल्वर धातु
(d) AgNO3 विलयन एवं कॉपर धातु।
उत्तर-
सिल्वर धातु से अधिक क्रियाशील होने के कारण, कॉपर धातु AgNO, के विलयन में से सिल्वर को अलग (विस्थापित) करने की क्षमता रखता है। इसलिए AgNO3 (aq) + Cu (s) → CuNO3 (aq) + Ag (s)
अन्य सभी धातुएँ दिए गए विलयन में उपस्थित धातु से कम अभिक्रियाशील हैं। इसलिए (d) युग्ल विस्थापन अभिक्रिया प्रदर्शित करता है।

प्रश्न 2.
लोहे के फ्राईंग पैन (Frying pan) को जंग से बचाने के लिए निम्न में से कौन-सी विधि उपयुक्त
(a) ग्रीज़ लगाकर
(b) पेंट लगाकर
(c) जिंक की परत चढ़ाकर
(d) ऊपर के सभी।
उत्तर-
(a) और (b) उपयुक्त नहीं है क्योंकि ग्रीज़ और पेंट दोनों ही गर्म करने पर जल जाते हैं। इसलिए (c) ज़िंक की परत लगाकर।

प्रश्न 3.
कोई धातु ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर उच्च गलनांक वाला यौगिक निर्मित करती है। यह यौगिक जल में विलेय है। यह तत्त्व क्या हो सकता है ?
(a) कैल्सियम
(b) कार्बन
(c) सिलिकन
(d) लोहा।
उत्तर-
कैल्सियम, ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर कैल्सियम ऑक्साइड बनाता है जो एक आयनिक यौगिक है। इसका गलनांक उच्च होता है तथा यह जल के साथ अभिक्रिया करने पर कैल्सियम हाइड्रोक्साइड बनाता है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 1
∴ ठीक उत्तर है (a) कैल्सियम।।

प्रश्न 4.
खाद्य पदार्थ के डिब्बों पर जिंक की बजाय टिन का लेप होता है क्योंकि
(a) टिन की अपेक्षा ज़िंक महँगा है।
(b) टिन की अपेक्षा जिंक का गलनांक अधिक है।
(c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है।
(d) टिन की अपेक्षा जिंक कम अभिक्रियाशील है।
उत्तर-
टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील होता है तथा खाने में पाए जाने वाले तत्त्वों के साथ अभिक्रिया कर सकता है। इसलिए सही उत्तर है (c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है।

प्रश्न 5.
आपको एक हथौड़ा, बैटरी, बल्ब, तार एवं स्विच दिया गया है :
(a) इनका उपयोग कर धातुओं एवं अधातुओं के नमूनों के बीच आप विभेद कैसे कर सकते हैं ?
(b) धातुओं एवं अधातुओं में विभेदन के लिए इन परीक्षणों की उपयोगिता का आकलन कीजिए।
उत्तर-
(a)

  • हम धातुओं तथा अधातुओं के नमूनों को हथौड़े की सहायता से पीट-पीट कर पतली चादरों से परिवर्तित करने का प्रयास करेंगे।
  • बैटरी, बल्ब, तारों तथा स्विच की सहायता से हम एक विद्युत् परिपथ स्थापित करेंगे तथा धातु अथवा अधातु को परीक्षण के लिए उन्हें परिपथ के टर्मिनल A तथा B के बीच रखेंगे।

(b)

  • यह पाया जाता है कि हथौड़े से पीटने पर धातुएँ पतली चादरों में परिवर्तित हो जाती हैं, जबकि अधातुएँ भंगुर होती हैं अर्थात्, हथौड़े से पीटने पर छोटेछोटे टुकड़ों में टूट जाती हैं। अतः धातुएँ आघातवर्ध्य होती हैं, जबकि अधातुएँ नहीं होतीं।
  • दूसरे परीक्षण के दौरान यह पाया जाता है कि स्विच जब धातुएँ टर्मिनल A तथा B के बीच रखी जाती हैं तो A + B बल्ब जलने लगता है, जबकि अधातुओं को रखने पर जांच के लिए धातु बल्ब नहीं जलता। अतः धातुएँ विद्युत् की अच्छी चालक का टुकड़ा होती हैं, जबकि अधातुएँ विद्युत् की कुचालक होती हैं।

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 2

प्रश्न 6.
उभयधर्मी ऑक्साइड क्या होते हैं ? दो उभयधर्मी ऑक्साइडों का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
उभयधर्मी ऑक्साइड- जो धात्विक ऑक्साइड अम्लीय और क्षारीय दोनों प्रकार का व्यवहार प्रकट करते हैं, उन्हें उभयधर्मी ऑक्साइड कहते हैं।
उदाहरण-
(i) एल्यूमीनियम ऑक्साइड (Al2O3)
(ii) जिंक ऑक्साइड (ZnO).
(i) Al2O3 + 6HCl → 2AlCl3 + 3H2O (क्षारीय व्यवहार)
Al2O3 + 2NaOH → 2NaAlO2 + H2O (अम्लीय व्यवहार)
(ii) ZnO + 2HCl → ZnCl2 + H2O (क्षारीय व्यवहार)
ZnO + 2NaOH → Na2ZnO2+ H2O (अम्लीय व्यवहार)

प्रश्न 7.
दो धातुओं के नाम बताइए जो तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देंगे तथा दो धातुएँ जो ऐसा नहीं कर सकती हैं। ..
उत्तर-
जिंक (Zn) एवं लोहा (Fe), हाइड्रोजन से अधिक अभिक्रियाशील होने के कारण उसे तनु अम्ल से विस्थापित कर सकते हैं। इसके विपरीत कॉपर (Cu) एवं पारा (Hg), हाइड्रोजन से कम अभिक्रियाशील होने के कारण ऐसा नहीं कर सकते।

प्रश्न 8.
किसी धातु M के विद्युत् अपघटनी परिष्करण में आप ऐनोड-कैथोड एवं विद्युत् अपघट्य किसे बनाएँगे?
उत्तर-
ऐनोड-धातु M की अशुद्ध मोटी प्लेट। कैथोड-शुद्ध धातु M की विद्युत् पतली प्लेट। विद्युत् अपघट्य-M धातु के यौगिक का जल में विलयन।

प्रश्न 9.
प्रत्यूष ने सल्फर चूर्ण को स्पैचुला में लेकर उसे गर्म किया। चित्र के अनुसार एक परखनली को उलटा कर के उसने उत्सर्जित गैस को एकत्र किया।
(a) गैस की क्रिया क्या होगी ?
(i) सूखे लिटमस पत्र पर
(ii) आर्द्र लिटमस पत्र पर।
(b) ऊपर की अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 3
उत्तर-
(a) सल्फर जलने पर सल्फर डाइऑक्साइड उत्पन्न करता है।
S (s) + O2(g) → SO2 (g) सल्फर डाइऑक्साइड

  • सूखे लिटमस पत्र पर गैस की कोई भी क्रिया नहीं होगी।
  • गैस आर्द्र लिटमस पत्र में मौजूद जल के साथ अभिक्रिया कर सल्फ्यूरिक अम्ल उत्पन्न करेगी जो नीले लिटमस पत्र को लाल कर देगा।

(b) SO2(g) + H2O (l) → H2SO3 (aq) सल्फ्यूरस अम्ल

प्रश्न 10.
लोहे को जंग से बचाने के लिए दो तरीके बताइए।
उत्तर-
जंग से बचाने के.तरीके
1. तेल या ग्रीस की तह जमाकर-यदि लोहे पर तेल या ग्रीस की तह जमा दें तो नम वायु लोहे के संपर्क में नहीं आ पाती जिससे जंग नहीं लगता। मशीनों के पुर्जी को जंग से बचाने के लिए ऐसा ही किया जाता है।

2. एनेमल से-लोहे की सतह पर रंग-रोगन की तह जमाकर जंग लगने पर नियंत्रण पाया जाता है। बसों, कारों, स्कूटर-मोटर साइकिल, खिड़कियों, रेलगाड़ियों आदि पर एनेमल की परत जमाई जाती है।

प्रश्न 11.
ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर अधातुएँ कैसा ऑक्साइड बनाती हैं ?
उत्तर-
अधातुएं, ऑक्सीजन से संयोग करके दो प्रकार के ऑक्साइड बनाती हैं।
(i) अम्लीय ऑक्साइड और
(ii) उदासीन ऑक्साइड।
(i) अम्लीय ऑक्साइड-अधातुएं, ऑक्सीजन से संयोग करके सह-संयोजक ऑक्साइड बनाती हैं जो पानी में घुलकर अम्ल बनाते हैं।
(a) C + O2 → CO2,
CO2 + H2O → H2CO3
कार्बोनिक अम्ल ।
(b) S + O2 → SO2
SO2 + H2O → H2SO3
(ii) उदासीन ऑक्साइड-कुछ अधातुएं, ऑक्सीजन से संयोग करके उदासीन ऑक्साइड बनाती हैं। इन का लिटमस पत्र पर कोई प्रभाव नहीं होता है जैसे-कार्बन मोनो-ऑक्साइड (CO), पानी (H2O) तथा नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) उदासीन ऑक्साइड हैं।

प्रश्न 12.
कारण बताइए
(a) प्लैटिनम, सोना एवं चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है।
(b) सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम को तेल के अंदर संग्रहीत किया जाता है।
(c) ऐलुमीनियम अत्यंत अभिक्रियाशील धातु है, फिर भी इसका उपयोग खाना बनाने वाले बर्तन बनाने के लिए किया जाता है।
(d) निष्कर्षण प्रक्रम में कार्बोनेट एवं सल्फाइड अयस्क को ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है।
उत्तर-
(a) प्लैटिनम, सोना तथा चाँदी का प्रयोग आभूषण बनाने में किया जाता है क्योंकि ये धातुएँ सक्रियता श्रेणी में निम्नतम स्थान पर होती हैं तथा जल, ऑक्सीजन अथवा अम्लों से अभिक्रिया नहीं करतीं। ये धातुएँ संक्षारित नहीं होती तथा ये धातुएँ आघातवर्ध्यनीय तथा तन्य होती हैं। इसलिए इनसे आभूषणों के विभिन्न डिज़ाइन सरलतापूर्वक बनाए जा सकते हैं।

(b) सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम को तेल के अंदर संगृहित किया जाता है। इन्हें वायु के संपर्क में रखने पर आग पकड़ लेती हैं क्योंकि इन धातुओं का ज्वलन ताप (Ignition temperature) अत्यंत कम होता है। इसलिए इन्हें आग लगने से बचाने के लिए तेल के अंदर डुबोकर रखा जाता है।

(c) एल्यूमीनियम ताप की सुचालक है, परंतु यह अत्याधिक अभिक्रियाशील है। आई वायु के संपर्क में आने पर इसकी सतह पर पार न किए जाने वाली एल्यूमीनियम ऑक्साइड (Al2O3) की परत चढ़ जाती है। यह परत क्रियाशील धातु को अन्य पदार्थों के संपर्क में नहीं आने देती और धातु को जंग लगने से बचाती है। इन सभी कारणों से एल्यूमीनियम का प्रयोग खाना बनाने के बर्तन बनाने में किया जाता है।

(d) धातु कार्बोनेट और धातु सल्फाइड को धातु में बदलना कठिन होता है इसलिए इसे पहले धातु ऑक्साइड में बदलना आवश्यक होता है। अपचयन द्वारा इसे धातु ऑक्साइड में बदला जा सकता है। धातु कार्बोनेट को वायु की अनुपस्थिति में गर्म करके कार्बन डाइऑक्साइड को निष्कासित कर दिया जाता है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 4
धातु सल्फाइड को ऑक्सीजन की उपस्थिति में गर्म करके उसे धातु ऑक्साइड में रूपांतरित किया जाता है। इससे गंधक और आर्सेनिक जैसी अशुद्धियां भी दूर हो जाती हैं।
2ZnS + 3O2→ 2ZnO + 2SO2
S + O2→ SO2
4As + 5O2→ 2As2O5

प्रश्न 13.
आपने तांबे के मलीन बर्तन को नींबू या इमली के रस से साफ करते अवश्य देखा होगा। यह खट्टे पदार्थ बर्तन को साफ करने में क्यों प्रभावी हैं ?
उत्तर-
मलीन ताँबे के बर्तन पर जमी हुई कॉपर कार्बोनेट की परत नींबू या इमली के रस में उपस्थित अम्लों (सिटरिक अम्ल) से अभिक्रिया करके बर्तन से हट जाती है और बर्तन साफ हो जाता है। अत: खट्टे पदार्थ तांबे के बर्तन को साफ करने में प्रभावी होते हैं।

प्रश्न 14.
रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर धातुओं एवं अधातुओं में विभेद कीजिए।
उत्तर-
रासायनिक गुणों के आधार पर धातुओं तथा अधातुओं में अंतर-

धातु अधातु
(1) धातुएँ क्षारीय ऑक्साइड बनाती हैं। (1) अधातुएँ अम्लीय अथवा उदासीन ऑक्साइड बनाती हैं।
(2) धातुएँ तनु अम्लों से हाइड्रोजन विस्थापित इसलिए इनसे हाइड्रोजन विस्थापित नहीं करती है। (2) अधातुएँ तनु अम्लों से अभिक्रिया नहीं करती कर देती हैं।
(3) धातुएँ क्लोरीन के साथ विद्युत् संयोजी क्लोराइड (आयनिक यौगिक) बनाती हैं। ये विद्युत् संयोजी क्लोराइड विद्युत्-अपघट्य, परंतु अवाष्पशील होते हैं। (3) अधातुएँ क्लोरीन के साथ सहसंयोजी यौगिक बनाती हैं जो विद्युत्-अपघट्य, परंतु वाष्पशील होते हैं।
(4) धातुएँ अपचायक होती हैं। (4) कार्बन को छोड़कर अधातुएँ ऑक्सीकारक होती हैं।
(5) धातुएँ हाइड्रोजन से संयोग करके हाइड्राइड बनाती हैं जो सहसंयोजक होते हैं। (5) अधातुएँ हाइड्रोजन से क्रिया करके हाइड्राइड बनाती हैं।

प्रश्न 15.
एक व्यक्ति प्रत्येक घर में सुनार बनकर जाता है। उसने पुराने एवं मलीन सोने के आभषणों में पहले जैसी चमक पैदा करने का ढोंग रचाया। कोई संदेह किए बिना ही एक महिला अपने सोने के कंगन उसे देती है जिसे वह एक विशेष विलयन में डाल देता है। कंगन नए की तरह चमकने लगते हैं लेकिन उनका वज़न अत्यंत कम हो जाता है। वह महिला बहुत दुःखी होती है तथा तर्क-वितर्क के पश्चात् उस व्यक्ति को झुकना पड़ता है। एक जासूस की तरह क्या आप उस विलयन की प्रकृति के बारे में बता सकते हैं ?
उत्तर-
सुनार द्वारा प्रयोग किया गया विलयन, एक्वारीजिया है। एक्वारीजिया विलयन में तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं नाइट्रिक अम्ल, 3 : 1 के अनुपात में होता है। सोना एक्वारीजिया में घुलनशील है इसलिए महिला के कंगन का भार कम हो जाता है।

प्रश्न 16.
गर्म जल का टैंक बनाने में तांबे का उपयोग होता है परंतु इस्पात (लोहे का मिश्रधातु) का नहीं। इसका कारण बताइए।
उत्तर-
कॉपर की उष्मा चालकता स्टील की अपेक्षा अधिक है। ऊर्जा बचाने के लिए गर्म पानी के टैंक को कॉपर से बनाया जाता है। कॉपर जल से अभिक्रिया भी नहीं करता भले उसे कितना भी गर्म किया जाए परंतु दूसरी ओर लोहा गर्म करने पर जल से क्रिया करता है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 5

Science Guide for Class 10 PSEB धातु एवं अधातु InText Questions and Answers

प्रश्न 1.
ऐसी धातु का उदाहरण दीजिए जो –
(i) कमरे के तापमान पर द्रव होती है।
(ii) चाकू से आसानी से काटा जा सकता है।
(iii) ऊष्मा की सबसे अच्छी चालक होती है।
(iv) ऊष्मा की कुचालक होती है।
उत्तर-
(i) पारा (Mercury)
(ii) सोडियम (Sodium)
(iii) चाँदी (Silver)
(iv) HRAT (Lead)

प्रश्न 2.
आघातवर्ध्य तथा तन्य का अर्थ बताइए।
उत्तर-
आघातवर्ध्य- धातुओं का वह गुणधर्म जिसके कारण धातुओं को हथौड़े से पीट-पीट कर बिना टूटे धातुओं को पतली चादरों में परिवर्तित किया जा सकता है। तन्य-धातुओं का वह गुणधर्म है जिस कारण उन्हें खींच कर पतली तारों में परिवर्तित किया जा सकता है।

प्रश्न 3.
सोडियम को किरोसिन तेल में डुबोकर क्यों रखा जाता है ?
अथवा
सोडियम तथा पोटाशियम को मिट्टी के तेल में डुबोकर क्यों रखा जाता है ?
उत्तर-
सोडियम तथा पोटाशियम को किरोसिन तेल में डुबोकर रखना-सोडियम एक अत्यंत सक्रिय धातु है जो वायु में रखने पर ऑक्सीजन से क्रिया करके सोडियम ऑक्साइड बनाती है तथा पानी के साथ क्रिया करके सोडियम हाइड्रोक्साइड तथा हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करती है। हाइड्रोजन अत्यंत ज्वलनशील गैस है जिससे यह आग पकड़ लेती है। इसलिए सोडियम का वायु से संपर्क हटाने के लिए इसे किरोसिन तेल में डुबोकर रखा जाता है।

प्रश्न 4.
इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए
(i) भाप के साथ आयरन,
(ii) जल के साथ कैल्शियम तथा पोटैशियम।
उत्तर-
(i) 3Fe (s) + 4H2O(g) → Fe3O4(s) + 4H2(g)
(ii) Ca(s) + 2H2O(l) → Ca (OH)2 (aq) + H2(g)
2K(s) + 2H2O(l) → 2KOH (aq) + H2(g)

प्रश्न 5.
A, B, C एवं D चार धातुओं के नमूनों को लेकर एक-एक करके निम्न विलयन में डाला गया। इससे प्राप्त परिणाम को निम्न प्रकार से सारणीबद्ध किया गया है :
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 6
उत्तर-
(i) धातु ‘B’ सर्वाधिक अभिक्रियाशील है, क्योंकि कोई अन्य धातु FeSOA (आयरन सल्फेट) में से धातु को विस्थापित नहीं कर सकती।
(ii) धातु ‘B’ सर्वाधिक अभिक्रियाशील है। इसलिए यदि धातु को कॉपर (II) सल्फेट के विलयन में डाला जाए तो यह कॉपर को उसके विलयन से विस्थापित कर देगा और विलयन का नीला रंग फीका पड़ जाएगा।
(iii) B > A > C > D

प्रश्न 6.
अभिक्रियाशील धातु को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में डाला जाता है तो कौन-सी गैस निकलती है ? आयरन के साथ तनु H,SO, की रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर-
सभी धातुएँ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से क्रिया नहीं करती हैं। केवल अभिक्रियाशील धातुएँ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से क्रिया कर उसमें से हाइड्रोजन विस्थापित होकर गैस के रूप में उत्पन्न होती है। आयरन के साथ तनु सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) रासायनिक क्रिया से हाइड्रोजन गैस निकलती है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 7

प्रश्न 7.
जिंक को आयरन (II) सल्फेट के विलयन में डालने से क्या होता है ? इसकी रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर-
जब ज़िंक को आयरन (II) सल्फेट के घोल में डाला जाता है तो जिंक आयरन सल्फेट के घोल से आयरन को विस्थापित कर देती है और आयरन सल्फेट का हरा रंग फीका पड़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि जिंक आयरन की अपेक्षा अधिक अभिक्रियाशील है।
Zn + FeSO4 → ZnSO4 + Fe
इस क्रिया को इस प्रकार भी प्रदर्शित किया जा सकता है
Zn (s) → Zn2+ + 2e
Fe2 (aq) + 2e → Fe (s)
Fe2+ (aq) + Zn (s) → Zn2+ (aq) + Fe (s)
FeSO4 (aq) + Zn (s) → ZnSO4 (aq) + Fe (s).

प्रश्न 8.
(i) सोडियम, ऑक्सीजन एवं मैग्नीशियम के लिए इलेक्ट्रॉन-बिंदु संरचना लिखिए।
(ii) इलेक्ट्रॉन के स्थानांतरण के द्वारा Na2O एवं Mgo का निर्माण दर्शाइए।
(iii) इन यौगिकों में कौन-से आयन उपस्थित हैं ?
उत्तर-
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 8
(ii) इलेक्ट्रॉन स्थानांतरण द्वारा Na2O का निर्माण ।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 9
इलेक्ट्रॉन स्थानांतरण द्वारा Mgo का निर्माण
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 10
(iii) Na2O में उपस्थित आयन
धनायन- Na+ (सोडियम धनायन)
ऋणायन- O2- (ऑक्सीजन ऋणायन)
Ma2O में उपस्थित आयन
धनायन- Mg2+ (सोडियम धनायन)
ऋणायन-O2- (ऑक्सीजन ऋणायन)

प्रश्न 9.
आयनिक यौगिकों का गलनांक उच्च क्यों होता है ?
उत्तर-
आयनिक यौगिकों के उच्च गलनांक-आयनिक यौगिकों के उच्च गलनांक होते हैं क्योंकि इन यौगिकों के आयनों के मध्य उपस्थित प्रबल अंतर-आयनिक आकर्षण बलों को समाप्त करने हेतु अधिक मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है। अतः इनका गलनांक उच्च होता है।

प्रश्न 10.
इन पदार्थों की परिभाषा दीजिए :
(i) खनिज
(ii) अयस्क
(iii) गैंग।
उत्तर-
(i) खनिज- धातुयुक्त पदार्थ जिनसे धातुएं विविध विधियों द्वारा प्राप्त की जाती हैं, को खनिज कहते हैं।
(ii) अयस्क- जिस खनिज से धातु, प्राप्त करना सरल तथा आर्थिक रूप से लाभदायक हो उसे अयस्क कहते हैं।
(iii) गैंग- पृथ्वी से निकाले गए अयस्कों के साथ अवांछनीय पदार्थ, गैंग कहलाते हैं।

प्रश्न 11.
दो धातुओं के नाम बताइए जो प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाती हैं।
उत्तर-
सोना (Au) एवं प्लैटिनम (Pt) प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाती हैं।

प्रश्न 12.
धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए किस रासायनिक प्रक्रिया का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर-
सक्रियता श्रेणी में निम्न स्थित धात्विक ऑक्साइडों को गर्म करने से धातु की प्राप्ति होती है, लेकिन सक्रियता श्रेणी के मध्य में स्थित धातुओं के ऑक्साइडों को कार्बन के साथ गर्म करके धातु प्राप्त की जाती है। इसे अपचयी क्रिया कहते हैं।

प्रश्न 13.
जिंक मैग्नीशियम एवं कॉपर के धात्विक ऑक्साइड को निम्न धातुओं के साथ गर्म किया गया :
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 11
उत्तर-

  • ज़िंक ऑक्साइड तथा मैग्नीशियम में विस्थापन अभिक्रिया होगी।
    ZnO + Mg → MgO + Zn
  • मैग्नीशियम ऑक्साइड विस्थापन अभिक्रिया नहीं कर सकता।
  • कॉपर ऑक्साइड जिंक और मैग्नीशियम के साथ गर्म करने पर विस्थापन अभिक्रिया करेगा।
    CuO + Zn → ZnO + Cu
    CuO + Mg → MgO + Cu

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 12

प्रश्न 14.
कौन-सी धातु आसानी से संक्षारित नहीं होती है?
उत्तर-
वे धातुएँ जो वायु, जल तथा अम्लों से अभिक्रिया नहीं करतीं, शीघ्रता से संक्षारित नहीं होती; जैसेउत्कृष्ट धातुएँ, सोना, प्लैटिनम आदि।

प्रश्न 15.
मिश्रधातु क्या होते हैं ?
उत्तर-
मिश्रधातु-दो या दो से अधिक धातुओं के परस्पर मिलने से प्राप्त समांगी मिश्रण को मिश्र-धातु (alloy) कहते हैं। एक धातु व एक अधातु के समाँगी मिश्रण को भी मिश्रधातु कहते हैं। मिश्रातु के गुणधर्म मूल धातुओं से भिन्न होते हैं। शुद्ध धातु की अपेक्षा, मिश्रधातु की विद्युत् चालकता कम होती है।

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Book Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण Textbook Exercise Questions, and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Science Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

PSEB 10th Class Science Guide अम्ल, क्षारक एवं लवण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
कोई विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है, इसका pH संभवतः क्या होगा?
(a) 1
(b) 4
(c) 5
(d) 10.
उत्तर-
विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है इसलिए इसका pH अवश्य 7 से अधिक होना चाहिए। अतः
(d) ठीक उत्तर है।

प्रश्न 2.
कोई विलयन अंडे के पिसे हुए कवच से अभिक्रिया कर एक गैस उत्पन्न करता है जो चूने के पानी को दुधिया कर देता है। इस विलयन में क्या होगा?
(a) NaCl
(b) HCl
(c) LiCl
(d) KCl.
उत्तर-
अंडे के पिसे हुए कवच में CaCO, होता है जो HCI से क्रिया करके CO, उत्पन्न करता है जो चूने के पानी को दुधिया कर देती है।
ठीक उत्तर (b) होगा।

प्रश्न 3.
NaOH का 10ml विलयन, HCI के 8 ml विलयन में पूर्णतः उदासीन हो जाता है। यदि हम NaOH के उसी विलयन का 20ml लें तो इसे उदासीन करने के लिए HCI के उसी विलयन की कितनी मात्रा की आवश्यकता होगी?
(a) 4 ml
(b) 8 ml
(c) 12 ml
(d) 16 ml.
उत्तर-
यदि हम NaOH विलयन की दुगुनी मात्रा लेंगे ताकि HCI विलयन को उदासीन किया जा सके तो उसे भी दुगुना होना चाहिए।
अतः ठीक उत्तर (d) होगा।

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 4.
अपच का उपचार करने के लिए निम्न में से किस औषधि का उपयोग होता है?
(a) एंटिबायोटिक (प्रतिजैविक)
(b) ऐनालजेसिक (पीड़ाहारी)
(c) एन्टैसिड
(d) ऐंटीसेप्टिक (प्रतिरोधी)।
उत्तर-
(c) एन्टैसिड।

प्रश्न 5.
निम्न अभिक्रिया के लिए पहले शब्द-समीकरण लिखिए तथा उसके बाद संतुलित समीकरण लिखिए
(a) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल दानेदार जिंक के साथ अभिक्रिया करता है।
(b) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मैग्नीशियम पट्टी के साथ अभिक्रिया करता है।
(c) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल ऐलुमिनियम चूर्ण के साथ अभिक्रिया करता है।
(d) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लौह के रेतन के साथ अभिक्रिया करता है।
उत्तर-
(a) जिंक + सल्फ्यूरिक अम्ल (तनु) → जिंक सल्फेट + हाइड्रोजन
Zn + H2SO4 → ZnSO + H2
(b) मैग्नीशियम + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल → मैग्नीशियम क्लोराइड + हाइड्रोजन
Mg + 2HCI → MgCl2 + H2
(c) एलुमिनियम + सल्फ्यूरिक अम्ल → एलुमिनियम सल्फेट + हाइड्रोजन
2Al + 3H2 SO4 → Al2 (SO4)3 + 3H2
(d) लोहा + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल → लोहा (II) क्लोराइड + हाइड्रोजन
Fe + 2HCl → FeCl + H2

प्रश्न 6.
ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ जैसे यौगिकों में भी हाइड्रोजन होती है लेकिन इनका वर्गीकरण अम्ल की तरह नहीं होता है। एक क्रियाकलाप के द्वारा साबित कीजिए।
उत्तर-
यद्यपि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ जैसे यौगिकों में हाइड्रोजन होती है पर वे बैटरी विलयन में आयनीकृत नहीं होते और H+ बल्ब आयन उत्पन्न नहीं करते। यह इस तथ्य से साबित होता है कि उनके विलयन विद्युत चालन नहीं करते।

क्रिया-कलाप–एक बीकर में ऐल्कोहॉल, ग्लूकोज़ आदि का विलयन लीजिए। कील एक कार्क पर दो कील लगाकर कॉर्क को ऐल्कोहॉल/ ग्लूकोज़ का विलयन बीकर में रख दीजिए। कीलों को 6 वोल्ट की कार्कएक बैटरी के दोनों टर्मिनलों के साथ एक बल्ब और स्विच के माध्यम से जोड़ दीजिए। अब विद्युत् धारा प्रवाहित कीजिए। विद्युत् चालन नहीं हुआ।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 1

प्रश्न 7.
आसवित जल विद्युत् चालन क्यों नहीं होता जबकि वर्षा जल होता है?
उत्तर-
वर्षा जल में CO2, SO2, जैसी गैसें घुली होती हैं जो कार्बोनिक अम्ल (H2CO3), सल्फ्यूरस अम्ल (H2SO3) आदि बनाती है। इनका आयनों में विच्छेदन होता है। इसीलिए वर्षा जल में विद्युत् का चालन होता है। आसवित जल में घुलनशील लवण या गैसें नहीं होती इसलिए इसका आयनीकरण नहीं होता और इसमें विद्युत् का चालन नहीं होता।

प्रश्न 8.
जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय क्यों नहीं होता है ?
उत्तर-
जल किसी अम्ल के विच्छेदन में सहायक होता है जिससे हाइड्रोनियम (H3O+) आयन उत्पन्न होता है। जल की अनुपस्थिति में आयन उत्पन्न नहीं होते। इसलिए जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय नहीं होता।

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 9.
पाँच विलयनों A, B, C, D व E की जब सार्वत्रिक सूचक से जाँच की जाती है तो pH के मान क्रमशः 4, 1, 11, 7 एवं 9 प्राप्त होते हैं। कौन-सा विलयन :
(a) उदासीन है?
(b) प्रबल क्षारीय है?
(c) प्रबल अम्लीय है?
(d) दुर्बल अम्लीय है?
(e) दुर्बल क्षारीय है?
pH के मानों को हाइड्रोजन आयन की सांद्रता के आरोही क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर-
दिए गए pH के मान हैं-A = 4, B = 1, C = 11, D = 7, E = 9.
(a) जब pH = 7 हो तो विलयन उदासीन होता है।
∴ D उदासीन विलयन है।
(b) 7 से जितना अधिक pH का मान होगा विलयन उतना ही अधिक क्षारीय होगा।
∴C प्रबल क्षारीय होगा।
(c) 7 से जितना कम pH का मान होगा विलयन उतना ही अम्लीय होगा।
∴ B प्रबल अम्लीय होगा।
(d) 7 से कम लेकिन 7 के निकट दुर्बल अम्लीय होगा
∴ A दुर्बल अम्लीय है।
(e) 7 से अधिक लेकिन 7 के निकट दुर्बल क्षारीय होगा।
∴ E दुर्बल क्षारीय है।
दिए हुए विलयनों की हाइड्रोजन आयन सांद्रता होगी
A = 10-4 M. B = 10-1 M, C = 10-11M
D = 10-7M. E = 10-9M
∴ आरोही क्रम में व्यवस्था = C (10-11M) < E (10-9 M) < D (10-7M) -1M) < B(10-1 M)

प्रश्न 10.
परखनली ‘A’ एवं ‘B’ में समान लंबाई की मैग्नीशियम की पट्टी लीजिए। परखनली ‘A’ में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCI) तथा परखनली ‘B’ में ऐसीटिक अम्ल (CH3COOH) डालिए। दोनों अम्लों की मात्रा तथा सांद्रता समान है। किस परखनली में अधिक तेजी से बुदबुदाहट होगी और क्यों?
उत्तर-
परखनली ‘A’ में अधिक तेज़ी से बुदबुदाहट होगी। ऐसा इसलिए कि हाइड्रोक्लोरिक अम्ल ऐसीटिक अम्ल से प्रबल है। मैग्नीशियम की क्रिया हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से तीव्र होगी और हाइड्रोजन गैस उत्पन्न होगी।

प्रश्न 11.
ताजे दूध के pH का मान 6 होता है। दही बन जाने पर इसके pH के मान में क्या परिवर्तन होगा? अपना उत्तर समझाइए।
उत्तर-
जब ताज़ा दूध दही में बदल जाता है तो pH कम हो जाएगा। ऐसा इसलिए होगा कि दही अधिक अम्लीय होता है। दही में लैक्टिक अम्ल होता है। जितना अधिक अम्ल होगा उसका pH उतना ही कम होगा।

प्रश्न 12.
एक ग्वाला ताजे दूध में थोड़ा बेकिंग सोडा मिलाता है।
(a) ताज़ा दूध के pH के मान को 6 से बदल कर थोड़ा क्षारीय क्यों बना देता है?
(b) इस दूध को दही बनने में अधिक समय क्यों लगता है ?
उत्तर-
(a) ताज़ा दूध अम्लीय है और खट्टा होकर अधिक अम्लीय हो जाता है। बेकिंग सोडा की उपस्थिति में दूध क्षारीय हो जाएगा और जल्दी से खट्टा नहीं होगा क्योंकि क्षार दूध को शीघ्रता से अम्लीय बनने से रोक देगा।
(b) जब दूध दही में बदलता है तो लैक्टिक अम्ल बनने के कारण उसका pH कम हो जाता है। क्षार की उपस्थिति इसे जल्दी से अधिक अम्लीय होने से रोकती है इसलिए दूध को दही बनने में अधिक समय लगता है।

प्रश्न 13.
प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र-रोधी बर्तन में क्यों रखा जाना चाहिए? इसकी व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
प्लास्टर ऑफ पेरिस CaSO4 \(\frac{1}{2}\) H2O है। नमी की उपस्थिति के कारण यह जिप्सम बन जाता है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 2
इसलिए इसे आर्द्र-रोधी बर्तन में रखा जाना चाहिए।

प्रश्न 14.
उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है ? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
उदासीनीकरण-जब अम्ल किसी क्षार से क्रिया करता है तब लवण और जल बनता है। इसे उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 3

प्रश्न 15.
धोने का सोडा एवं बेकिंग सोडा के दो-दो प्रमुख उपयोग बताइए।
उत्तर-
(क) धोने का सोडा (Na2CO3.10H2O)

  • इसका उपयोग कांच, साबुन और कागज़ उद्योगों में होता है।
  • जल की स्थाई कठोरता को दूर करने के लिए इसका उपयोग होता है।

(ख) बेकिंग सोडा (NaHCO3)

  • इसका प्रयोग सोडा-अम्ल अग्निशामक में किया जाता है।
  • यह ऐंटैसिड का एक संघटक है जो पेट के अम्ल की अधिकता को उदासीन करके राहत पहुंचाता है।

Science Guide for Class 10 PSEB अम्ल, क्षारक एवं लवण InText Questions and Answers

प्रश्न-
आपको तीन परखनलियां दी गई हैं। इनमें से एक में आसवित जल एवं शेष दो में से एक में अम्लीय विलयन तथा दूसरे में क्षारीय विलयन है। यदि आपको केवल लाल लिटमस पत्र दिया जाता है तो आप प्रत्येक परखनली में रखे गए पदार्थों की पहचान कैसे करेंगे?
उत्तर-
तीनों परखनलियों में लाल लिटमस पत्र को डुबाओ। जिस परखनली में इसका रंग नीला हो जाएगा वह क्षारीय विलयन होगा। जिन अन्य दो परखनलियों में रंग परिवर्तन नहीं होगा उनमें जल और अम्लीय विलयन होगा। अब इसी लिटमस पत्र को, जो क्षारीय विलयन में डालने से नीला हो चुका है, उसे जल और अम्लीय विलयन में डालो। जिस परखनली में रंग में कोई परिवर्तन नहीं होगा उसमें जल होगा पर जिस परखनली में अम्लीय विलयन होगा उसमें नीले लिटमस का रंग पुनः लाल हो जाएगा।

प्रश्न 1.
पीतल एवं तांबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखने चाहिए ?
उत्तर-
यदि पीतल तथा तांबे के बर्तनों में खट्टे पदार्थ रखे जाएंगे तो दही एवं खट्टे पदार्थ में मौजूद अम्ल पीतल तथा तांबे के साथ क्रिया करके विषैले यौगिक का निर्माण करेंगे जो हमारे शरीर के लिए हानिकारक हैं। इसलिए दही जैसे खट्टे पदार्थ को पीतल तथा तांबे के बर्तनों में नहीं रखना चाहिए।

प्रश्न 2.
धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यत: कौन-सी गैस निकलती है? एक उदाहरण के द्वारा समझाइए। इस गैस की उपस्थिति की जाँच आप कैसे करेंगे?
उत्तर-
जब धातु के साथ अम्ल अभिक्रिया करते हैं तब प्रायः हाइड्रोजन गैस उत्पन्न होती है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 4
हाइड्रोजन गैस को साबुन के घोल से गुज़ारो। बुलबुले उत्पन्न होंगे। उन बुलबुलों के निकट जलती हुई मोमबत्ती की ज्वाला लाओ। वे फट-फट की ध्वनि के साथ जलेंगे। इस से हाइड्रोजन गैस की उपस्थिति सिद्ध हो जाती है।

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 3.
कोई धातु यौगिक ‘A’ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो बुदबुदाहट उत्पन्न होती है। इससे उत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती है। यदि उत्पन्न यौगिकों में एक कैल्सियम क्लोराइड है, तो इस अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए। उत्तर- इस अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण है-
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 5
यौगिक ‘A’ अवश्य ही कैल्सियम कार्बोनेट है। यह तुन हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से क्रिया कर कैल्सियम क्लोराइड, जल और कार्बन डाइऑक्साइड बनाता है। कार्बन डाइऑक्साइड में आग बुझाने का गुण होता है। इसीलिए वह जलती मोमबत्ती को बुझा देती है।

प्रश्न 4.
HCI, HNO, आदि जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं, जबकि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ जैसे यौगिकों के विलयनों में अम्लीयता के अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित होते हैं?
उत्तर-
HCI, HNO, आदि जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण प्रदर्शित करते हैं, क्योंकि ये जलीय विलयन में आयनीकरण कर के H+ आयन उत्पन्न करते हैं। जबकि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ आयनीकरण नहीं करते और विद्युत् H+ आयन को उत्पन्न नहीं करते। ये जलीय विलयन में विद्युत् चालकता का गुण प्रदर्शित नहीं करते। इसलिए ये अम्लीयता के अभिलक्षण प्रदर्शित नहीं करते हैं।

प्रश्न 5.
अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत् का चालन करता है?
उत्तर-
अम्ल का जलीय विलयन विद्युत् का चालन करता है क्योंकि यह जलीय विलयन में आयनीकरण कर के आयन उत्पन्न करता है।
HCl (aq) →HO(aq) + Cl- (aq)
HNO3 (aq) → HO+ (aq) + NO3 (aq)

प्रश्न 6.
शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र का रंग क्यों नहीं बदलती है?
उत्तर-
शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र का रंग नहीं बदलती क्योंकि जल की अनुपस्थिति में यह आयनीकरण न कर पाने के कारण H+ आयन उत्पन्न नहीं कर पाती। इस कारण वह अम्ल की तरह काम नहीं कर पाती।

प्रश्न 7.
अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए न कि जल को अम्ल में?
उत्तर-
जल में अम्ल के घुलने की प्रक्रिया अत्यंत ऊष्माक्षेपी होती है। इसलिए जल में किसी सांद्र अम्ल को सावधानीपूर्वक मिलाना चाहिए। अम्ल और जल को धीरे-धीरे हिलाते रहना चाहिए। ऐसा न करने पर अम्ल में जल मिलाने पर उत्पन्न ऊष्मा के कारण मिश्रण आस्फलित हो कर बाहर आ सकता है। इससे स्थानीय ताप बढ़ जाता है जिस कारण उपयोग किया जाने वाला कांच का पात्र टूट भी सकता है।

प्रश्न 8.
अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (H3O+) की सांद्रता कैसे प्रभावित हो जाती है?
उत्तर-
जल में अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय आयन की सांद्रता (H3O+/H+) में प्रति इकाई आयतन की कमी हो जाती है और विलयन तनु से अधिक तनु हो जाता है।

प्रश्न 9.
जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य क्षारक मिलाते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH) की सांद्रता कैसे प्रभावित होती है ?
उत्तर-
जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य क्षारक मिलाते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH)) की सांद्रता प्रति इकाई आयतन बढ़ती जाती है।

प्रश्न 10.
आपके पास दो विलयन ‘A’ एवं ‘B’ है। विलयन ‘A’ के pH का मान 6 है एवं विलयन ‘B’ के pH का मान 8 है। किस विलयन में हाइड्रोजन आयन की सांद्रता अधिक है ? इनमें से कौन अम्लीय है तथा कौन क्षारकीय?
उत्तर-
विलयन ‘A’ की हाइड्रोजन आयन सांद्रता विलयन ‘B’ की अपेक्षा अधिक है। विलयन A का pH मान 7 से कम है इसलिए वह अम्लीय है। विलयन B का pH मान 7 से अधिक है। इसलिए वह क्षारकीय है।

प्रश्न 11.
H+(aq) आयन की सांद्रता का विलयन की प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
H+(aq) आयन की सांद्रता का विलयन की प्रकृति पर प्रभाव पड़ता है। H+(aq) की जितनी सांद्रता होगी, उतना ही विलयन अधिक अम्लीय होगा।

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 12.
क्या क्षारकीय विलयन में H+(aq) आयन होते हैं ? अगर हाँ, तो यह क्षारकीय क्यों होते हैं?
उत्तर-
क्षारकीय विलयन में H+ (aq) आयन होते हैं पर साथ ही उसमें OH आयन भी होते हैं। वे क्षारकीय इसलिए होते हैं क्योंकि उनमें OH आयन की सांद्रता अधिक H+ आयन की अपेक्षा अधिक होती है।

प्रश्न 13.
कोई किसान खेत की मृदा की किस परिस्थिति में बिना बुझा हुआ चूना (कैल्सियम ऑक्साइड) बुझा हुआ चूना (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) या चॉक (कैल्सियम कार्बोनेट) का उपयोग करेगा?
उत्तर-
बिना बुझा हुआ चूना (CaO), बुझा हुआ चूना [Ca (OH)2] और चॉक (CaCO3) में प्रकृति से क्षारकीय है इसलिए किसान खेत की मृदा में इन का उपयोग कर सकेगा यदि उस खेत की प्रकृति अम्लीय है।

प्रश्न 14.
CaOCl2 यौगिक का प्रचलित नाम क्या है?
उत्तर-
विरंजक चूर्ण (Bleaching Powder)।

प्रश्न 15.
उस पदार्थ का नाम बताइए जो क्लोरीन से क्रिया करके विरंजक चूर्ण बनाता है?
उत्तर-
शुष्क बुझा हुआ चूना Ca (OH)2.

प्रश्न 16.
कठोर जल को मृदु करने के लिए किस सोडियम यौगिक का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर-
धावन सोडा (Na2CO3)।

प्रश्न 17.
सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट के विलयन को गर्म करने पर क्या होगा? इस अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर-
सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट गर्म करने पर सोडियम कार्बोनेट कार्बन डाइऑक्साइड और जल में विघटित हो जाएगा।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 6

प्रश्न 18.
प्लास्टर ऑफ़ पेरिस की जल के साथ अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर-
प्लास्टर ऑफ़ पेरिस (CasO4 . \(\frac{1}{2}\) H2O) जल के साथ अभिक्रिया करके जिप्सम (CaSO4.2H2O) बनाता है और लगभग आधे घंटे में जम कर ठोस बन जाता है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 7

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Book Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Science Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

PSEB 10th Class Science Guide रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
नीचे दी गयी अभिक्रिया के संबंध में कौन-सा कथन असत्य है ?
2PbO (s) + C (s) → 2Pb (s) + CO2 (g)
(a) सीसा अपचयित हो रहा है।
(b) कार्बन डाइऑक्साइड उपचयित हो रहा है।
(c) कार्बन उपचयित हो रहा है।
(d) लेड ऑक्साइड अपचयित हो रहा है।
(i) (a) एवं (b)
(ii) (a) एवं (c)
(iii) (a), (b) एवं (c)
(iv) सभी।
(i) (a) एवं (b)

प्रश्न 2.
Fe2 O3 + 2AI→Al2O3 + 2Fe
ऊपर दी गई अभिक्रिया किस प्रकार की है ?
(a) संयोजन अभिक्रिया
(b) द्विविस्थापन अभिक्रिया
(c) वियोजन अभिक्रिया
(d) विस्थापन अभिक्रिया।
उत्तर-
उपरोक्त अभिक्रिया विस्थापन अभिक्रिया है जिसमें Al, Fe2 O3 के Fe को विस्थापित करता है।
इसलिए (d) सही उत्तर है।

प्रश्न 3.
लोह-चूर्ण पर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल डालने से क्या होता है? सही उत्तर पर निशान लगाइए
(a) हाइड्रोजन गैस एवं आयरन क्लोराइड बनता है।
(b) क्लोरीन गैस एवं आयरन हाइड्रॉक्साइड बनता है।
(c) कोई अभिक्रिया नहीं होती है।
(d) आयरन लवण एवं जल बनता है।
उत्तर-
उपरोक्त अभिक्रिया इस प्रकार है-
Fe + 2HCl→ FeCl2 + H2 आयरन क्लोराइड
जिसमें H2 और FeCl2 मिलते हैं। इसलिए (a) सही उत्तर है।

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 4.
संतुलित रासायनिक समीकरण क्या है? रासायनिक समीकरण को संतुलित करना क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
संतुलित रासायनिक समीकरण-यदि किसी रासायनिक अभिक्रिया में अभिकारकों तथा उत्पादों के परमाणुओं की संख्या समान है तो वह संतुलित रासायनिक समीकरण कहलाता है। समीकरण को संतुलित करना आवश्यक है क्योंकि द्रव्यमान के संरक्षण के नियम के अनुसार किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो निर्माण होता है और न ही विनाश। इसके अनुसार दोनों तरफ़ द्रव्यमान समान होना चाहिए और वह तभी संभव है अगर दोनों तरफ़ तत्वों के परमाणुओं की संख्या समान हो।

प्रश्न 5.
निम्न कथनों को रासायनिक समीकरण के रूप में परिवर्तित कर उन्हें संतुलित कीजिए
(a) नाइट्रोजन हाइड्रोजन गैस से संयोग करके अमोनिया बनाता है।
(b) हाइड्रोजन सल्फाइड गैस का वायु में दहन होने पर जल एवं सल्फर डाइऑक्साइड बनता है।
(c) ऐलुमिनियम सल्फेट के साथ अभिक्रिया कर बेरियम क्लोराइड, ऐलुमिनियम क्लोराइड एवं बेरियम सल्फेट का अवक्षेप देता है।
(d) पोटैशियम धातु जल के साथ अभिक्रिया करके पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड एवं हाइड्रोजन गैस देती है।
उत्तर-
(a) N2(g) + 3H2(g) → 2NH3(g)
(b) 2H2S (g) + 3O2(g) → 2H2O(1) + 2SO2(g)
(c) Al2 (SO4)3 + BaCl2(s) → 3BaSO4↓ + 2 AlCl3 (aq)
(d) 2K(s) + 2H2O(I) → 2 KOH(aq) + H(g)

प्रश्न 6.
निम्न रासायनिक समीकरणों को संतुलित कीजिए :
(a) HNO3 + Ca(OH)2 → Ca(NO3)2 + H2O
(b) NaOH + H2SO4 → Na2SO4 + 2H2O
(c) NaCl + AgNO3→AgCl + NaNO3
(d) BaCl2 + H2SO4 → BaSO4 + HCI.
उत्तर-
(a) 2HNO3 + Ca (OH)2 → Ca (NO3)2 + 2H2O.
(b) 2NaOH + H2SO4 → Na2SO4 + 2H2O (c) NaCl + AgNO3 → AgCl + NaNO3
(d) BaCl2 + H2SO4 → BaSO4 + 2HCl.

प्रश्न 7.
निम्न अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए
(a) कैल्शियम हाइड्रोक्साइड + कार्बन डाइऑक्साइड→ कैल्शियम कार्बोनेट + जल
(b) ज़िंक + सिल्वर नाइट्रेट → जिंक नाइट्रेट + सिल्वर
(c) ऐलुमिनियम + कॉपर क्लोराइड → ऐलुमिनियम क्लोराइड + कॉपर
(d) बेरियम क्लोराइड + पोटैशियम सल्फेट → बेरियम सल्फेट + पोटैशियम क्लोराइड।
उत्तर-
(a) Ca (OH)2 + CO2→ CaCO3 + H2O
(b) Zn + 2 Ag NO3→ Zn (NO3)2 + 2Ag
(c) 2Al + 3 CuCl2 → 2AlCl3+ 3 Cu
(d) BaCl2 +K2SO4 → BaSO4 + 2 KCl.

प्रश्न 8.
निम्न अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए एवं प्रत्येक अभिक्रिया का प्रकार बताइए।
(a) पोटैशियम ब्रोमाइड (aq) + बेरियम आयोडाइड (aq) → पोटैशियम आयोडाइड (aq) + बेरियम ब्रोमाइड (s)
(b) ज़िंक कार्बोनेट (s) → जिंक ऑक्साइड (s) + कार्बन डाइऑक्साइड (g)
(c) हाइड्रोजन (g) + क्लोरीन (g) → हाइड्रोजन क्लोराइड (g)
(d) मैग्नीशियम (s) + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (aq) → मैग्नीशियम क्लोराइड (aq) + हाइड्रोजन (g)
उत्तर-
(a) 2 KBr (aq) + BaI2 (aq) → 2KI (aq) + BaBr2 (aq) यह एक द्विविस्थापन अभिक्रिया है।
(b) ZnCO3 (s) → ZnO (s) + CO2 (g) यह वियोजन (अपघटन) अभिक्रिया है।
(c) H2 (g) + Cl2 (g) → 2HCl (g) यह एक संयुक्त अभिक्रिया है।
(d) Mg (s) + 2HCl (aq) → MgCl2 (aq) + H2 (g) यह अभिक्रिया विस्थापन अभिक्रिया है।

प्रश्न 9.
ऊष्माक्षेपी एवं ऊष्माशोषी अभिक्रिया का क्या अर्थ है ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया (Exothermic Reaction)-जिन अभिक्रियाओं में उत्पाद के साथ ऊष्मा का भी उत्सर्जन होता है उन्हें ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहते हैं।
उदाहरण-
(1) प्राकृतिक गैस का दहन CH4 (g) + 2O2(g) → CO2(g) + 2H2O (1) + ऊष्मा
(2) कोक का दहन C (s) + O2 (g) → CO2(g) + ऊष्मा
(3) श्वसन के दौरान शरीर में ऊष्मा उत्पन्न –
C6H12O6 (aq) + 6O2 (g) → 6CO2 (g) + 6H2O (I) + ऊर्जा।

ऊष्माशोषी अभिक्रिया (Endothermic Reaction) -जिन अभिक्रियाओं में ऊष्मा का अवशोषण होता है उन्हें ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहते हैं।
उदाहरण –
(1) कोक की भाप के साथ प्रक्रिया
C (s) + H2O (g) + ऊष्मा → CO (g) + H2 (g)
(2) N2 और O2 की प्रक्रिया
N2(g) + O2 (g) + ऊष्मा → 2NO (g) नाइट्रिक ऑक्साइड
(3) CaCO3 का गर्म होना CaCO3 + ऊष्मा → CaO (s) + CO2 (g).

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 10.
श्वसन को ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया क्यों कहते हैं ? वर्णन कीजिए।
अथवा
श्वसन क्रिया को उष्माक्षेपी अभिक्रिया क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
जीवित रहने के लिए हमें ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यह ऊर्जा हमें भोजन से प्राप्त होती है। पाचन क्रिया के दौरान खाद्य पदार्थ छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाता है। जैसे चावल, आलू तथा ब्रैड में कार्बोहाइड्रेट होता है। इन कार्बोहाइड्रेट के टूटने से ग्लूकोज़ प्राप्त होता है। यह ग्लूकोज़ हमारे शरीर के कोशिकाओं में मौजूद ऑक्सीजन से मिलकर हमें ऊर्जा प्रदान करता है। अर्थात् श्वसन क्रिया में उष्मा ऊर्जा पैदा होती है, इसलिए श्वसन क्रिया को उष्माक्षेपी अभिक्रिया कहते हैं।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 1

प्रश्न 11.
वियोजन अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया के विपरीत क्यों कहा जाता है? इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर-
संयोजन अभिक्रिया में दो या दो से अधिक पदार्थ मिलकर एक नया पदार्थ प्रदान करता है। वियोजन अभिक्रिया, संयोजन अभिक्रिया के विपरीत होती है। वियोजन अभिक्रिया में एकल पदार्थ वियोजित होकर दो या दो से अधिक पदार्थ प्रदान करता है।
संयोजन अभिक्रिया के उदाहरण –
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 2
वियोजन अभिक्रिया के उदाहरण
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 3

प्रश्न 12.
उन वियोजन अभिक्रियाओं के एक-एक समीकरण लिखिए जिनमें ऊष्मा, प्रकाश एवं विद्युत् के रूप में ऊर्जा प्रदान की जाती है।
उत्तर-
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 4

प्रश्न 13.
विस्थापन एवं द्विविस्थापन अभिक्रियाओं में क्या अंतर है? इन अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिए।
उत्तर-
विस्थापन अभिक्रिया-जब कोई एक तत्व दूसरे तत्व को उसके यौगिक से विस्थापित कर देता है तो वह विस्थापन अभिक्रिया होती है।
उदाहरण –
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 5
द्विविस्थापन अभिक्रिया-द्विविस्थापन अभिक्रिया में दो अलग-अलग परमाणु या परमाणुओं के समूह (आयन) का आपस में आदान-प्रदान होता है।
उदाहरण
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 6
उदाहरण विस्थापन और द्विविस्थापन अभिक्रियाओं का अंतर स्पष्ट करते हैं।

प्रश्न 14.
सिल्वर के शोधन में, सिल्वर नाइट्रेट के विलयन से सिल्वर प्राप्त करने के लिए कॉपर धातु द्वारा विस्थापन किया जाता है। इस प्रक्रिया के लिए अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर-
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 7

प्रश्न 15.
अवक्षेपण अभिक्रिया से आप क्या समझते हैं ? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर-
अवक्षेपण अभिक्रिया-जब दो विलयनों को मिलाया जाता है और उनकी अभिक्रिया से श्वेत रंग के एक पदार्थ का निर्माण होता है जो जल में अविलेय है। इस अविलेय पदार्थ को अवक्षेप कहते हैं। जिस अभिक्रिया में अवक्षेप का निर्माण होता है उसे अवक्षेपण अभिक्रिया कहते हैं।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 8
Ba2+ तथा SO4-2 की अभिक्रिया से BaSO4 के अवक्षेप का निर्माण होता है।

प्रश्न 16.
ऑक्सीजन के योग या ह्रास के आधार पर निम्न पदों की व्याख्या कीजिए। प्रत्येक के लिए दो उदाहरण दीजिए
(a) उपचयन
(b) अपचयन।
उत्तर-
(a) उपचयन-किसी अभिक्रिया में पदार्थ का उपचयन तब होता है जब उसमें ऑक्सीजन की वृद्धि या हाइड्रोजन का ह्रास होता है।
उदाहरण-
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 9

(b) अपचयन-पदार्थ का अपचयन तब होता है जब उसमें ऑक्सीजन का ह्रास या हाइड्रोजन की वृद्धि होती है।
उदाहरण
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 10

प्रश्न 17.
एक भूरे रंग का चमकदार तत्व ‘X’ को वायु की उपस्थिति में गर्म करने पर वह काले रंग का हो जाता है। इस तत्व ‘X’ एवं उस काले रंग के यौगिक का नाम बताइए।
उत्तर-
यह तत्व ‘X’ कॉपर है क्योंकि कॉपर ही एक भूरे रंग का चमकदार तत्व है जो वायु की उपस्थिति में गर्म करने पर काले रंग का हो जाता है, क्योंकि यह O, के साथ अभिक्रिया करके कॉपर ऑक्साइड बनाता है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 11

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 18.
लोहे की वस्तुओं को हम पेंट क्यों करते हैं ?
उत्तर-
पेंट करने से लोहे के पदार्थ का ऊपरी भाग छुप जाता है। वह वायु के साथ सीधे संपर्क में नहीं आता जिसके कारण उसमें जंग नहीं लगता। इसलिए पेंट करने से हम लोहे के उस पदार्थ को जंग लगने से बचा सकते हैं।

प्रश्न 19.
तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थ को नाइट्रोजन से प्रभावित क्यों किया जाता है?
उत्तर-
तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थ को वायुरोधी बर्तनों में रखने से उपचयन की गति धीमी हो जाती है। तेल एवं वसायुक्त पदार्थ को नाइट्रोजन से भी इसीलिए युक्त किया जाता है ताकि उसमें उपचयन न हो सके।

प्रश्न 20.
निम्न पदों का वर्णन कीजिए तथा प्रत्येक का एक-एक उदाहरण दीजिए
(a) संक्षारण
(b) विकृतगंधिता।
उत्तर-
(a) संक्षारण (Corrosion)-लोहे की बनी हुई वस्तुएँ चमकीली होती हैं लेकिन कुछ समय पश्चात् उन पर लालिमायुक्त भूरे रंग की परत चढ़ जाती है। आमतौर पर इस प्रक्रिया को लोहे पर जंग लगना कहते हैं। कुछ अन्य धातुओं में भी ऐसा ही परिवर्तन होता है। जब कोई धातु अपने आसपास अम्ल, नमी आदि के संपर्क में आती है तब ये संक्षारित होती हैं और इस प्रक्रिया को संक्षारण कहते हैं। चाँदी के ऊपर काली पर्त और ताँबे के ऊपर हरी पर्त चढ़ना, संक्षारण के उदाहरण हैं। संक्षारण के कारण कार के ढांचे, पुल, जहाज़ तथा धातु, विशेषकर लोहे से बनी वस्तुओं की बहुत क्षति होती है।

(b) विकृतगंधिता (Rancidity)-वसायुक्त अथवा तैलीय खाद्य सामग्री जब लंबे समय तक रखा जाता है तब उसका स्वाद या गंध में परिवर्तन आ जाता है। उपचयित होने पर तेल और वसा विकृत गंधी हो जाते हैं तथा उनके स्वाद तथा गंध बदल जाते हैं। आमतौर पर तैलीय तथा वसायुक्त खाद्य सामग्रियों में उपचयन रोकने वाले पदार्थ (प्रति ऑक्सीकारक) मिलाये जाते हैं। वायुरोधी बर्तनों में खाद्य सामग्री रखने से उपचयन की गति धीमी हो जाती है। क्या आप जानते हैं कि चिप्स बनाने वाले चिप्स की थैली को नाइट्रोजन जैसे गैस से युक्त कर देते हैं ताकि चिप्स का उपचयन न हो सके और उन्हें देर तक संरक्षित रखा जा सके।

Science Guide for Class 10 PSEB रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण InText Questions and Answers

प्रश्न 1.
वायु में जलाने से पहले मैग्नीशियम रिबन को साफ़ क्यों किया जाता है ?
उत्तर-
यदि मैग्नीशियम रिबन नम वायु के संपर्क में रहता है तो उस पर सफ़ेद रंग की मैग्नीशियम ऑक्साइड की पर्त जम जाती है, यह पर्त मैग्नीशियम के जलने में अवरोध पैदा करती है। इसलिए मैग्नीशियम रिबन को पहले रेगमार से साफ़ किया जाता है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रियाओं के लिए संतुलित समीकरण लिखें.
(i) हाइड्रोजन + क्लोरीन→ हाइड्रोजन क्लोराइड
(ii) बेरियम क्लोराइड + ऐलुमीनियम सल्फेट→ बेरियम सल्फेट + एलुमीनियम क्लोराइड
(iii) सोडियम + जल→ सोडियम हाइड्रॉक्साइड + हाइड्रोजन।
उत्तर-
(i) H2 + Cl2 → 2HCl
(ii) 3 BaCl2 + Al (SO4)3 → 3 BaSO4 + 2 AlCl3
(iii) 2 Na + 2 H2O→ 2 NaOH + H2

प्रश्न 3.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं के लिए उनकी अवस्था के संकेतों के साथ संतुलित रासायनिक समीकरण लिखें
(i) जल में बेरियम क्लोराइड तथा सोडियम सल्फेट का विलयन अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा अघुलनशील बेरियम सल्फेट का अवक्षेप बनाते हैं।
(ii) सोडियम हाइड्रोक्साइड का विलयन (जल में) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के विलयन (जल में) से अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा जल बनाते हैं। उत्तर-
(i) BaCl (aq) + Na2SO4 (aq) → BaSO4 (s) + 2NaCl (aq)
(ii) NaOH (aq) + HCl (aq) → NaCl (aq) + H2O (I)

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 4.
किसी पदार्थ ‘X’ के विलयन का उपयोग सफ़ेदी करने के लिए होता है।
(i) पदार्थ ‘X’ का नाम तथा इसका सूत्र लिखिए।
(ii) ऊपर (i) में लिखे पदार्थ ‘X’ की जल के साथ अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर-
(i) ‘X’ का नाम है-बिना बुझा चूना अर्थात् कैल्शियम ऑक्साइड, सूत्र = Cao
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 12

प्रश्न 5.
क्रियाकलाप 1.7 में एक परखनली में एकत्रित गैस की मात्रा दूसरी से दोगुनी क्यों है? उस गैस का नाम बताइए।
उत्तर-
जल के वैद्युत् अपघटन में निम्न अभिक्रिया होती है-
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 13
इस अभिक्रिया में हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन 2 : 1 की मात्रा में मिलती है।
दुगुनी पाई जाने वाली गैस हाइड्रोजन है।

प्रश्न 6.
जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है तो विलयन का रंग क्यों बदल जाता है?
उत्तर-
जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है तो वह नीले रंग से भूरे रंग का हो जाता है। यह कॉपर सल्फेट के घोल में से कॉपर को प्रस्थापित करने की क्षमता रखता है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 14
कॉपर इस अभिक्रिया के दौरान CuSO4 का नीला रंग धीरे-धीरे फीका होता जाता है।

प्रश्न 7.
BaCl, तथा NaSo, के बीच की अभिक्रिया (क्रियाकलाप 1.10 ) से भिन्न द्विविस्थापन अभिक्रिया का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 15

प्रश्न 8.
निम्न अभिक्रियाओं में उपचयित तथा अपचयित पदार्थों की पहचान कीजिए :
(i) 4Na(s) + O2 (g) → 2Na2O (s)
(ii) Cuo (s) + H2 (g) → Cu (s) + H2O (I)
उत्तर-
(i) 4Na (s) + O2 (g)→ 2Na2O (s)
उपचयित पदार्थ = Na
अपचयित पदार्थ = O2,

(ii) CuO (s) + H2 (g) → Cu (s) + H2O (I)
उपचयित पदार्थ = H2
अपचयित पदार्थ = CuO

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 2 एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज

Punjab State Board PSEB 10th Class Computer Book Solutions Chapter 2 एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Computer Chapter 2 एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज

Computer Guide for Class 10 PSEB एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज Textbook Questions and Answers

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न

(A) बहुविकल्पीय प्रश्न

1. किसी भी HTML दस्तावेज़ में पहला टैग क्या होना चाहिए ?
(a) <head>
(b) <title>
(c) <html>
(d) <document>.
उत्तर-
(a) <head>

2. छोटे साइज़ के हैडिंग के लिए सही HTML टैग चुनें।
(a) <heading>
(b) <h6>
(c) <h1>
(d) <head>.
उत्तर-
(b) <h6>

3. लाइन ब्रेक पाने के लिए सही HTML टैग क्या है ?
(a) <br>
(b) </b>
(c) <break>
(d) <new line>.
उत्तर-
(a) <br>

4. इनमें से कौन-सा कंटेनर टैग नहीं है ?
(a) <p>
(b) <u>
(c) <>
(d) <img>.
उत्तर-
(d) <img>.

5. कुछ टैग टैक्स्ट को दोनों तरफ से दर्शाते हैं। उन्हें क्या कहा जाता है ?
(a) Couple tags
(b) Single tags
(c) Double tags
(d) Pair tags.
उत्तर-
(d) Pair tags.

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 2 एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज

6. Marquee HTML में एक टैग है।
(a) Mark the list of items to maintain in queue
(b) Mark the text so that it is hidden in browser.
(c) Display text with scrolling effect
(d) None of above.
उत्तर-
(c) Display text with scrolling effect

7. HTML समर्थन करता है।
(a) ordered lists:
(b) unordered lists
(c) both type of lists
(d) does not support those types.
उत्तर-
(c) both type of lists

8. अगर चित्र ब्राऊज में लोड नहीं कर सकता तो टैक्सट को प्रदर्शित करने के लिए img टैग के साथ कौन-सा गुण इस्तेमाल किया जाता है ?
(a) description
(b) name
(c) alt
(d) id.
उत्तर-
(c) alt

9. एक वैब पेज तस्वीर दिखाता है, इस तस्वीर को प्रदर्शित करने के लिए कौन-सा टैग इस्तेमाल किया जाता है ?
(a) picture
(b) image
(c) img
(d) src.
उत्तर-
(c) img

10. कौन-सा टैग आपके वैब पेज पर horizontally लाइन बनाता है ?
(a) <hr>
(b) <line>
(c) <line direction = “horizontal”>
(d) <tr>.
उत्तर-
(a) <hr>

11. कौन-सा टैग आपको एक अनुसूची में एक पंक्ति में शामिल करने की इजाजत देता है ?
(a) <td> and </td>
(b) <cr> and </cr>
(c) <th> and </th>
(d) <tr> and </tr>.
उत्तर-
(d) <tr> and </tr>.

12. HTML का पूरा रूप क्या है ?
(a) Hypertext markup language
(b) Hyphenation text markup language
(c) Hyphenation and marking language
(d) Hypertext marking language.
उत्तर-
(a) Hypertext markup language

13. FTP प्रोग्राम किस काम के लिए इस्तेमाल किया जाता है ?
(a) सरवर से फाइलों को ट्रांसफर करने के लिए
(b) वैबसाइट को बनाने के लिए
(c) इंटरनैट से कनैक्ट करने के लिए
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-
(a) सरवर से फाइलों को ट्रांसफर करने के लिए

14. कौन-सा टैग पावर को दर्शाने के लिए इस्तेमाल किया जायेगा (A+B)<sup>2</sup> ?
(a) <SUP>
(b) <SUB>
(c) <B>
(d) <P>.
उत्तर-
(a) <SUP>

15. HTML में डिज़ाइन किए हुए पेज़ को कहते हैं –
(a) Yellow page
(b) Web page
(c) Server page
(d) Front page.
उत्तर-
(b) Web page

16. HTML में दस्तावज़ को सेव करने के लिए ………………………. एक्सटेंशन इस्तेमाल की जाती है।
(a) .htl.
(b) .html.
(c) .hml.
(d) .htnl.
उत्तर-
(b) .html.

17. HTML टैगज़ ………………………………. ब्रैकटों में इस्तेमाल किया जाता है।
(a) Angle
(b) Square
(c) Round
(d) Curly.
उत्तर-
(a) Angle

18. ………………………. वैब पेज को आपस में जोड़ता है।
(a) Connector
(b) Link
(c) Hyperlink
(d) None of the above.
उत्तर-
(b) Link

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 2 एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज

19. इनमें से कौन-सा सैक्शन इस्तेमाल करके टैक्सट और टैगज़ सीधे दिखाये जाते हैं।
(a) Head
(b) Body
(c) Title
(d) Html.
उत्तर-
(b) Body

20. इनमें से कौन-सी चीज़ ब्राऊजर और सर्च इंजनों के द्वारा स्टोर करने के बाद इस्तेमाल की जाती है ?
(a) Cookies
(b) Metatages
(c) Form
(d) Frame.
उत्तर-
(a) Cookies

21. <HR> टैग लेटवीं कतार बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। उसके एट्रीब्यूटस निम्नलिखित
(a) Size
(b) Width
(c) Align
(d) All of the above.
उत्तर-
(d) All of the above.

22. <Table> में अन्य इस्तेमाल किये जाते टैगज़ निम्नलिखित हैं
(a) <TR>
(b) <TD>
(c) <TH>
(d) All of the above.
उत्तर-
(d) All of the above.

(B) खाली स्थान भरें-

1. HTML का पूरा नाम ………….. है।
उत्तर-
Hyper Text Mark up Language

2. …………. सॉफ्टवेयर को एक वैब पेज पर पहुँच करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
उत्तर-
Web Browser

3. एच० टी० एम० एल० के तत्त्व दो किस्में ……….. और ………….. हैं।
उत्तर-
Containers and Empty Tags

4. एक unorganised list को दर्शाने के लिए ……… सूची का इस्तेमाल किया जाता है।
उत्तर-
Unordered List

5. ……… Tag को एक सूची के element परिभाषित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
उत्तर-
<LI>

6. …… attribute को दी गई List में Background के image को सैट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
उत्तर-
Background

7. ALT का मतलब है ………… ।
उत्तर-
Alternate

8. …….. table में व्यक्तिगत डाटा सैल्स के बीच में पिक्सल की चौड़ाई है।
उत्तर-
cell Spacing

9. ……… HTML दस्तावेज़ का मुख्य हिस्सा है जिसमें वैबपेज के बारे में सारी जानकारी मौजूद है।
उत्तर-
<body>

10. …………….. में Title शामिल होते हैं जो कि HTML दस्तावेज़ के Heading की पहचान करता है।
उत्तर-
Heading.

(C) सही या गलत :

1. HTML एक structured भाषा है।
उत्तर-
True

2. टेबल शीर्षक <TH> टैग से शुरू होता है और </TH> टैग से समाप्त होता है।
उत्तर-
True

3. अलाइन टैग वैब पेज की अन्य कनटैंट के मुकाबले अटैच इमेजों की अलाइनमैंट नहीं करता।
उत्तर-
False

4. सैल पैडिंग सैल संक्षेप और सैल की सरहद के बीच पिक्सल स्पेस है।
उत्तर-
True

5. परिभाषा सूची में साधारण रूप से भिन्न-भिन्न नियम और उनके अर्थ की परिभाषा शामिल होती है।
उत्तर-
True.

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 2 एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज

(D) पूरा नाम लिखें

1. HTML
2. <B>
3. <>
4. <u>
5. <OL>
6. <UL>
7. <P>
8. <BR>
9. SRC
10. <IMG>
11. <TR>
12. <TH>
13. <TD>
14. LI
15. URL.
उत्तर-
1. HTML – Hyper Text Markup Language
2. <B> – Bold
3. <I> – Italic
4. <U> – Underline
5. <OL> – Ordered List
6. <UL> – Unordered List
7. <P> – Paragraph
8. <BR> – Break
9. SRC – Source
10. <img> – Image
11. <TR> – Table Row
12. <TH> – Table Heading
13. <TD> – Table Data
14. LI – List Item
15. URL – Uniform Resource Locator

II. अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
HTML किसने डिज़ाइन की ?
उत्तर-
टिम बर्नरस ली (Tim Berners Lee)

प्रश्न 2.
उस टैग का पूरा नाम बताएं जो शुरू और अंत में इस्तेमाल किया जाता है ?
उत्तर-
<HTML> और </HTML>.

प्रश्न 3.
उस टैग का नाम बतायें जिसमें सभी वैब पेज की सूचना स्टोर होती है ?
उत्तर-
<Body> और </Body>

प्रश्न 4.
HTML दस्तावेज़ को सेव करने के लिए …………………… ऐक्सटैंशन का इस्तेमाल किया जाता है ?
उत्तर-
html.

प्रश्न 5.
उस टैग का नाम बतायें जो कि ऐंपटी टैग है और एक लाइन को टूटने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
उत्तर-
<BR>.

प्रश्न 6.
एक वैब पेज में इमेज लगाने के लिए कौन-सा टैग इस्तेमाल किया जाता है ?
उत्तर-
<img> टैग।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 2 एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज

III. लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
HTML क्या है ?
उत्तर-
HTML का अर्थ है Hyper Text Markup Language इसका इस्तेमाल वैब पेज डिज़ाइन करने के लिए किया जाता है। इसकी मदद से वैब पेजों में एक आपसी लिंक भी बनाया जाता है। सभी इंटरनैट का आधार HTML भाषा ही है।

प्रश्न 2.
वैब ब्राऊज़र की व्याख्या करें।
उत्तर-
वैब ब्राऊज़र उस सॉफ्टवेयर को कहते हैं जिसका इस्तेमाल वैब पेज़ देखने के लिए किया जाता है। हम इंटरनैट पर सभी वैबसाइटों की इसकी मदद से ही सर्किंग कर सकते हैं।

प्रश्न 3.
<head> और <title> टैग को समझायें।
उत्तर-
<Head> टैग HTML का एक टैग है जो head सैक्शन को दर्शाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस सैक्शन में दस्तावेज़ से संबंधित मैटा जानकारी को लिखा जाता है। इस जानकारी का इस्तेमाल सर्च इंजन वैब पेज को ढूंढ़ने के लिए करते हैं। यह एक pair टैग है। <title> टैग : </title> टैग का इस्तेमाल head सैक्शन में टाइटल देने के लिए किया जाता है। जब वैब पेज वैब ब्राऊज़र में दिखाई देता है तो टाइटल, टाइटल बार में दिखाई देता है। <title> टैग भी एक pair tag है। <title> This is a title </title>.

प्रश्न 4.
<body> टैग का उद्देश्य क्या है ?
उत्तर-
<body> टैग html का एक टैग है। हम अपने वैब पेज में जो भी यूज़र को दिखाना होता है वो सब कुछ <body> टैग में लिखा जाता है। html के सभी टैग का इस्तेमाल इस टैग के बीच ही किया जाता है।

प्रश्न 5.
एक टैग क्या है ?
उत्तर-
टैग एक HTML कमांड होती है जो वैब ब्राऊज़र को बताती है कि क्या करना है। इसका इस्तेमाल करने के बाद ही भिन्न-भिन्न प्रकार के टैक्सट, पिक्चर आदि को वैब पेज में दिखाया जाता है। यह दो प्रकार के होते हैं –

  1. Single tag
  2. Paired tag

प्रश्न 6.
HTML में इस्तेमाल की जाने वाली भिन्न-भिन्न किस्मों की सूची क्या है ?
उत्तर-
HTML में निम्नलिखित सूची का इस्तेमाल किया जाता है –

  • Ordered List
  • Unordered List
  • Definition List.

प्रश्न 7.
<img> टैग क्या है ? समझायें।
उत्तर-
<img> टैग का इस्तेमाल HTML में तस्वीर दिखाने के लिए किया जाता है। यह एक Single टैग है। जिस तस्वीर को दिखाना हो उसको इसके SRC attribute में लिखा जाता है। इसका साधारण रूप निम्नलिखित होता है
<img src = ‘filename’ All = ‘test’>

प्रश्न 8.
एक टेबल बनाने के लिए कौन-से भिन्न-भिन्न टैग का इस्तेमाल किए जाते हैं ?
उत्तर-
एक टेबल बनाने के लिए निम्नलिखित टैग का इस्तेमाल किया जाते हैं –

  1. <Table> ……… </table> : टेबल को परिभाषित करने के लिए
  2. <Tr> ………. </Tr> : टेबल रोअ परिभाषित करने के लिए
  3. <TD> ………. </TD> : टेबल डाटा देने के लिए
  4. <TH> ……… </TH> : टेबल हैडिंग देने के लिए।

प्रश्न 9.
Nested Lists का विवरण करें।
उत्तर-
Nested Lists का अर्थ है कि एक लिस्ट में अन्य लिस्टें। जब हम कई लिस्टों को एकत्रित करने के बाद एक-दूसरे में व्यवस्थित करके इस्तेमाल करते हैं उसको Nested Lists कहा जाता है।

प्रश्न 10.
फौंट टैग को ऐट्रीब्यूट से सम्मिलित विवरण करें।
उत्तर-
फौंट टैग का इस्तेमाल टैक्सट को सुंदर दिखाने के लिए किया जाता है। इसमें कई प्रकार के ऐट्रीब्यूट इस्तेमाल किये जाते हैं ; जैसे कि
Face – फोंट का नाम देने के लिए
Color – फोंट का रंग बदलने के लिए
Size – फौंट का आकार बदलने के लिए

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 2 एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज

अंतर बताएँ –

प्रश्न 1.
आर्डरड और अनआर्डरड लिस्ट।
उत्तर-

आर्डरड लिस्टे अनआर्डरड लिस्टे
1. आर्डरड लिस्ट <OL> ……. </OL> टैग का इस्तेमाल करती है। 1. अन-आर्डरड लिस्ट <UL> …………………</UL> टैग का इस्तेमाल करती है।
2. डिफॉल्ट Type Attribute का मूल्य है। 2. डिफॉल्ट Type Attribute का मूल्य Disc है।
3. इनमें अंकों का इस्तेमाल होता है। 3. इनमें चिन्हों का इस्तेमाल होता है।
4. इनमें अंग्रेज़ी के अक्षर भी दिखाये जा सकते हैं। 4. इनमें सिर्फ चिन्ह ही दिखाये जा सकते  है।
5. इनके लिए टैग है-<OL> 5. इनके लिए टैग है-<UL>
6. इनमें ऐट्रीब्यूटस के लिए पाँच आप्शन हैं। 6. इनमें ऐट्रीब्यूटस के लिए तीन आप्शन हैं।

प्रश्न 2.
बैकग्राउंड और बी.जी. कलर।
उत्तर-
BGCOLOR और BACKGROUND में अंतर निम्नलिखित हैं-

BGCOLOR BACKGROUND
1. BGCOLOR ऐट्रीब्यूट का इस्तेमाल बैकग्राउंड को कलर देने के लिए किया जाता है। 1. BACKGROUND ऐट्रीब्यूट का इस्तेमाल बैकग्राउंड इमेज लगाने के लिए किया जाता है।
2. बैकग्राउंड कलर के रूप में कई रंग-जैसे-
काला, पीला, सफेद, लाल, हरा, नीला आदि इस्तेमाल किये जा सकते हैं।
2. यह वैब पेज की दिखावट को बदल देता है और इसमें इमेज को दाखिल करने के बाद सुंदर और आकर्षक बनाता है।
3. रंगों के नाम के स्थान पर, की कीमत हैक्सा डैसीमल में (जैसे कि “#FFA3C’) भी दी जा सकती है। 3. इमेज के नाम के स्थान पर, BACK GROUND में कीमत हैक्सा डैसीमल में नहीं दी जा सकती है।
4. इसमें ग्राफिक्स फाइल फारमैट का इस्तेमाल नहीं किया जाता। 4. इसमें ग्राफिक्स फाइल फारमैट जैसे-JPG, GIF आदि का इस्तेमाल किया जाता है।
5. Syntax : BGCOLOR ऐट्रीब्यूट का BODY टैग में सिनटैक्स है- <Body BGCOLOR = “Red”> 5. Syntax : BACKGROUND ऐट्रीब्यूट का BODY टैग में सिनटैक्स है- <Body BACKGROUND = “ABC.jpg”>

प्रश्न 3.
कंटेनर और ऐंपटी टैग।
उत्तर-
कंटेनर और ऐंपटी टैग में निम्नलिखित अंतर हैं-

कंटेनर टैग ऐंपटी टैग
1. कंटेनर टैग जोड़ों में होते हैं। 1. ऐंपटी टैग अकेले होते हैं।
2. यह कैसे टैक्सट पर अपना काम करते हैं। 2. एक टैक्सट के लिए स्थान की व्यवस्था करते हैं।
3. इनमें समाप्त होने वाला टैग देना ज़रूरी है। 3. इनमें इस प्रकार का कोई टैग नहीं होता।
4. अपने जोड़ीदार के बिना यह अधूरे हैं। 4. यह अपने आप में पूरे होते हैं।

प्रश्न 4.
कॉल स्पैन और रोअ स्पैन।
उत्तर-
रोअ स्पैन और कॉल स्पैन में निम्नलिखित अंतर हैं।

रोअ स्पैन कॉल स्पैन
1. रोअ स्पैन एक सैल ऐट्रीब्यूट है जिसका इस्तेमाल एक सैल को एक से ज्यादा रोयज़ में बढ़ाने के लिए किया जाता है। 1. कॉल स्पैन एक सैल ऍट्रीब्यूट है जिसका इस्तेमाल एक सैल को एक से ज़्यादा काल्मज़ में बढ़ाने के लिए किया जाता है।
2. रोअ स्पैन बताता है कि सैल में कितनी रोअज़ काल्मज़ होंगे। 2. कॉल स्पैन बताता है कि सैल में कितने होंगी।
3. रोअ स्पैन का इस्तेमाल सैल की ऊँचाई बढ़ाने के लिए किया जाता है। 3. कॉल स्पैन का इस्तेमाल सैल की चौड़ाई बढ़ाने के लिए किया जाता है।
4. यह सैलों की ऊँचाई को खड़े रुख में बढ़ाता है। 4. यह सैलों की चौड़ाई को लेटवें रुख में बढ़ाता है।
5. Syntax – रोअ स्पैन का सिनटैक्स निम्नलिखित <TD ROWS PAN = 4> 5. Syntax – कॉल स्पैन का सिनटैक्स निम्नलिखित है<TD COLS PAN = 5>

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 2 एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज

प्रश्न 5.
सैल स्पेसिंग और सैल पैडिंग।
उत्तर-
सैल स्पेसिंग और सैल पैडिंग की तुलना निम्नलिखित है-

सैल स्पेसिंग सैल पैडिंग
1. सैलों के बीच की दूरी को बताने के लिए। सैल स्पेसिंग ऐट्रीब्यूट का इस्तेमाल किया जाता है। 1. टैक्सट और सैल के बार्डर के बीच की दूरी को बताने के लिए सैल पैडिंग ऐट्रीब्यूट का इस्तेमाल किया जाता है।
2. यह बताता है कि सैलों के बीच कितना खाली स्थान छोड़ना है। 2. यह बताता है कि टैक्सट और सैल बार्डर के बीच कितना खाली स्थान छोड़ा जाए।
3. Syntax : सैल स्पेसिंग का सिनटैक्स निम्नलिखित है : <Table Border = 1 CELL SPACING = 8> 3. Syntax : सैल पैडिंग का सिनटैक्स निम्नलिखित है
<Table Border = 1 CELL  SPACING = 4>

प्रश्न 6.
टैग और ऐट्रीब्यूट।
उत्तर-
टैग और ऐट्रीब्यूट में अंतर

टैग ऐट्रीब्यूटस
1. टैगस में ऐसे ऐलीमैंटस होते हैं जो जानकारी प्रदान करते हैं कि सूचना को किस तरह प्रोसेस या प्रदर्शित किया जा सकता है। इसमें दो टैग शुरुआती टैग <TAG> और अंतिम टैग </TAGS> होते हैं जो कि एक ऐलीमैंट की शुरुआत और अंत को दर्शाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 1. एक ऐट्रीब्यूटस ऐलीमैंट की ऐसी प्रापर्टी को दर्शाता है जिसमें उस टैग से संबंधित विशेषता बताई जाती है और यह टैग के शुरु आती टैग में बताई जाती है।
2. टैगज़ में टैग के साथ उसकी विशेषताएं भी हो सकती हैं। 2. ऐट्रीब्यूटस ऐलीमैंट के शुरुआती टैग का भाग होता है।
3. यह दो तरह के होते हैं-ऐंपटी टैग और कंटेनर टैग। 3. ऐट्रीब्यूटस की किस्में इस्तेमाल किये जा रहे टैग पर निर्भर करती हैं भाव कि हर एक टैग के ऐट्रीब्यूट की संख्या भिन्न-भिन्न होती है।
4. उदाहरण <Table> यहाँ टेबल एक टैग है। 4. उदाहरण <Table Border = “3”> यहाँ टेबल एक टैग है और बार्डर एक ऐट्रीब्यूट है।

प्रश्न 7.
<P> और <BR> टैग।
उत्तर-
पैराग्राफ टैग और ब्रेक टैग में अंतर-

Paragraph <P> Tage Break <BR> Tags
1. टैग एक कंटेनर ऐलीमैंट (तत्त्व) होता है जो किसी वैब पेज में पैराग्राफ के रूप में टैक्सट का ब्लॉक देता है और वैब ब्राऊज़र को दो अनुच्छेद के बीच एक लाइन छोड़ जाता है। इस टैग में एक ऐट्रीब्यूट ALIGN है, जोकि तीन मूल्य-left, right and center (बायें, दायें और केंद्र) ले सकता है, टैग एक अनुच्छेद को संकेत करता है और </P> से समाप्त होता है। यह एक कंटेनर टैग होता है। 1. टैग एक ऐंपटी ऐलीमैंट है जोकि एक लाइन को तोड़ने और अगली लाइन से जारी टैक्सट को बिना दो लाइनों में कोई स्पेस दिए बिना प्रदर्शित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, इसका कोई ऐट्रीब्यूट नहीं है। <br> एक लाइन ब्रेक है और एक ऐंपटी टैग है।
2. इस टैग को आपके टैक्सट के साथ पैराग्राफ परिभाषित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरण <p> hello world </p> 2. यह टैग एक साधारण लाइन ब्रेक है, यह केवल किसी भी स्पेसिंग या फारमैटिंग चुनाव के बिना अगली लाइन पर जंप करता है। उदाहरण
hello <br> world !

IV. बड़े उत्तरों वाले प्रश्न 

प्रश्न 1.
HTML के बुनियादी ढांचे के विवरण का वर्णन करें।
उत्तर-
HTML डाक्यूमैंट का बेसिक ढांचा। HTML डाक्यूमैंट में दो मुख्य भाग होते हैंHead ( हैड)-Head भाग में Title होता है जो कि HTML डाक्यूमैंट के शीर्षक की पहचान करता है।
Body (बॉडी)-Body ऐलीमैंट में असल कंटैंट या जानकारी होती है। जो आप उपभोक्ता को वैब पेज पर प्रदर्शित करना चाहते हो।। HTML डाक्यूमैंट का सिटैक्स निम्नलिखित है-
<HTML>
<Head>
<Title> Title of Your Webpage </Title>
</Head>
<Body>
Information which user wants to show.
</Body>
</HTML>
उपरोक्त ढांचे में परिभाषित टैग मूल रूप में वैब ब्राउज़र को दिए गए टैगों में परिभाषित किए गए टैक्सट पर किए गए भिन्न कार्यों के बारे में परिभाषित करते हैं या हिदायत देते हैं।
(HTML) टैग-(HTML) Tag में दस्तावेज शुरू किया गया है और </HTML> टैग के साथ बंद किया जाएगा। यह वैब ब्राऊज़र को सूचित करता है कि कहां वैब पेज़ शुरू होगा और यह कहां समाप्त होगा। अगर कमांड को टैग में परिभाषित नहीं किया जाता तो टैग ब्राऊज़र में टैक्सट के रूप में लेता है।

<HTML> टैग-HEAD टैग, हैडिंग (शीर्षक) के बारे में जानकारी प्रदान करती है। डाक्यूमैंट का हैडिंग <HEAD> टैग में लिखा गया है। यह हमेशा जोड़ों (Pair) के रूप में होता है। हैड टैग को एक वैब पेज़ के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण माना जाता है। यह एक कंटेनर टैग है। यह HTML डाक्यूमैंट का शीर्षक परिभाषित करता है। यह <HEAD> Tag से शुरू होता है और </HEAD> से समाप्त होता है। यह टैग हमेशा </HTML> टैग से नीचे और <Body> टैग से पहले दर्शाया जाता है। इसमें वैब पेज़ का शीर्षक, सर्च इंजन के द्वारा प्रयोग किए गए शब्द आदि से संबंधित जानकारी शामिल है, इसमें अपने आपसे संबंधित कोई टैक्सट नहीं होता।

उदाहरण <HEAD><Title>This is a Title</Title></HEAD><Title> टाइटल टैग वैब पेज़ का शीर्षक परिभाषित करता है, जो वैब ब्राउज़र के टाइटल बार पर प्रदर्शित होता है जब वैब पेज़ को वैब ब्राऊज़र में लोड किया जाता है। यह <Title> और </Title> टैगस के बीच में होता है, यह छोटा और अर्थपूर्ण होना चाहिए।
<Body> टैग वैब ब्राऊज़र में वैब पेज़ में लोड होने पर वैब ब्राऊज़र पर प्रदर्शित करने वाली असल जानकारी रखता है। इसमें टैक्सट, चित्र, ऑडियो, वीडियो आदि के तत्त्व या कंटेंट शामिल हो सकते हैं। यह कंटैंट <Body> और </Body> टैगस के बीच परिभाषित होता है। यह एक कंटेनर टैग है।

प्रश्न 2.
हम एक साधारण वैब पेज कैसे बना सकते हैं, विवरण का वर्णन करें।
उत्तर-
वैब पेज़ साधारण टैक्सट फाइलें हैं जो किसी भी टैक्सट एडीटर या वर्ड प्रोसैसर जैसे कि नोटपैड, वर्डपैड आदि के इस्तेमाल से बनाये जा सकते हैं। एक वैब पेज़ बनाने और प्रदर्शित करने के लिए निम्नलिखित कदम हैं –
1. Start-All Programs-Accessories-Notepad पर क्लिक करके या Run विंडो में Notepad टाइप करके नोटपैड को खोलें। नोटपैड विंडो नीचे दिखाए चित्र के अनुसार खुलेगी।
PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 2 एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज 1
2. नोटपैड में अब HTML कोड टाइप करें जैसे कि चित्र में दिखाया गया है।
3. File-Save विकल्प पर क्लिक करें। एक डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा। यहां हम फाइल को सेव करना चाहते हैं, अपनी फाइल का नाम और एक्सटैंशन .html दाखिल करें।

प्रश्न 3.
Table में इस्तेमाल किए गए भिन्न-भिन्न टैगज़ क्या हैं? एक उदाहरण के साथ व्याख्या करें।
उत्तर-
Table हमें बहुत सारी कतारों और कॉलमों में जानकारी का प्रबंध करने की इजाजत देता है। HTML Table को वैब लेखकों को टैक्सट, इमेज, लिंकों, दूसरी टेबलज़ आदि जैसे डाटा को सैलों में व्यवस्थित करने की आज्ञा देता है। यह वह वैब पेज़ को आकर्षक बनाता है। यह <Table> टैग से शुरू होता है और </Table> के साथ समाप्त होता है। टेबल में कई एट्रीब्यूट्स हैं जो हम बाद में देखेंगे। टेबल टैग के अन्य बहुत सारे टैग हैं जो नीचे दिए गए हैं –
1. टेबल हैडिंग <TH> यह एक दिए टेबल के टेबल हैडिंग को परिभाषित करता है। यह <TH> टैग से शुरू होता है और </TH> टैग से समाप्त होता है। इसको Table row <TR> में परिभाषित करना चाहिए।

2. Table row <TR> यह एक टेबल में (कतार) row को परिभाषित करती है। एक रो में टेबल हैडिंग <TH> और टेबल डाटा <TD> परिभाषित होता है। टेबल रो <TR> के साथ टैग से शुरू और </TR> से समाप्त होता है।

Table टैग के Attributes (गुण)-
Border (बार्डर)-Border ऐट्रीब्यूट टेबल के बार्डर की चौड़ाई को परिभाषित करता है। जीरो मूल्य से कोई बार्डर नहीं लगता है और डिफाल्ट मूल्य है।
उदाहरण <Table Border = “1”>
ALLIGN (अलाइन)-Align ऐट्रीब्यूट विंडो ब्राऊज़र में Table के अलाइनमैंट को परिभाषित करती है। इसके मूल्य होते हैं Left, Right and Center इसके लिए उदाहरण इस प्रकार हैं-
<Table align = “Right” Border =“1”> Border Color : यह बार्डर का रंग बताती है। इसके लिए उदाहरण इस प्रकार हैं
<Table Border = 2 Border Color = “RED”> WIDTH-विडथ Table की चौड़ाई को परिभाषित करता है। यह पिक्सल में या वैब ब्राऊज़र विंडोज़ के अनुपात में दर्शाया जाता है। इसके लिए उदाहरण इस प्रकार है-
<Table WIDTH = “50”> It defines the 50% space of the browser.
<Table WIDTH = 200 > यह ब्राऊज़र के 200 पिक्सल स्पेस को परिभाषित करता है।

CELL SPACING : टेबल में डाटा सैलस के बीच पिक्सल की चौड़ाई CELL SPACING है। इसका डिफाल्ट मूल्य ज़ीरो है। अगर बार्डर 0 पर सैट है, तो CELL SPACING लाइनें नहीं दिखेंगी। इसके लिए उदाहरण इस प्रकार है <Table Border = “2” cellspacing = 12> CELL PADDING सैल कंटैंट और सैल के बार्डर के बीच में पिक्सल स्पेस है। इसकी डिफाल्ट वैल्यू भी जीरो है। यह ऐट्रीब्यूट ज्यादातर नहीं प्रयोग किया जाता, जब आप अपना बार्डर लागू कर देते हो और आप चाहते हो कि Contents (सामग्री) Border से “दूर” दिखाई दे या इसका इस्तेमाल किया जाता है, बार्डर प्रापर्टी लागू होने के बावजूद CELL PADDING दिखाई नहीं देती।

इसके लिए उदाहरण इस प्रकार है-
<Table Border = “3” cellpadding = 10> COLSPAN ROWSPAN—टेबल के सैलज़ एक से ज्यादा कॉलम या रोयज़ में फैल सकते हैं। COLSPAN एक से ज्यादा कॉलम के मेल को जोड़ते हैं जबकि ROWSPAN दर्शाते हैं कि कितनी कतारों को इकट्ठा करना है। इसके लिए उदाहरण इस प्रकार है-
<Table Border = “1” colspan = 2>
<Table Border = “1” rowspan = 2> टेबल की बैकग्राउंड (BACKGROUND) बैकग्राउंड ऐट्रीब्यूट का इस्तेमाल Table की बैकग्राउंड सैट करने के लिए किया जाता है। इसके लिए उदाहरण इस प्रकार है-
<Table background = “up.jpeg” border = 2> BGCOLOR (बीजीकलर)-इसका इस्तेमाल टेबल के (Background) को सैट करने के लिए किया जाता है। इस ऐट्रीब्यूट के लिए इस्तेमाल किए गए उदाहरण इस तरह है
– <Table bgcolor = “yellow” border = 2>

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 2 एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज

प्रश्न 4.
एक उदाहरण के साथ Orderd List समझाएं।
उत्तर-
आर्डरड लिस्टों में नंबर पाये जाते हैं जिस कारण इसको नंबरड लिस्ट भी कहा जाता है। यह लिस्ट अन-आर्डरड लिस्ट की तरह होती है फर्क सिर्फ इतना है कि इसमें बुलेट के स्थान पर नंबर प्रयोग किए जाते हैं।
<Body>
<BR>
<OL>
<LI> Fruits <LI>
Soya Milk
<LI> Water </OL>
</Body>
ऐट्रीब्यूटस (Attributes)
Type = “a” अंग्रेज़ी वर्णमाला के छोटे अक्षर इस्तेमाल किए जाते हैं।
Type = “A” अंग्रेज़ी वर्णमाला के बड़े अक्षर इस्तेमाल किए जाते हैं।
Type = “i” छोटे रोमन अंक इस्तेमाल किए जाते हैं।
Type = “I” रोमन अंक इस्तेमाल किए जाते हैं।
Type = “1” गिनती लिखी जाती है।

प्रश्न 5.
एक उदाहरण के साथ Definition List की सूची परिभाषित करें।
उत्तर-
यह किसी शब्द की परिभाषा देने के लिए इस्तेमाल की जाती है। डैफीनेशन लिस्ट <DL> टैग से शुरू होती है और </DL> से समाप्त होती है। इसमें दो टैग <DT> (डैफीनेशन टर्म) और <DD> (डैफीनेशन डाटा) इस्तेमाल किए जाते हैं। परिभाषित किए जाने वाले शब्द से पहले <DT> टैग इस्तेमाल किए जाते हैं। शब्द की परिभाषा लिखने के लिए <DD> टैग इस्तेमाल किया जाता है।
उदाहरण
<DL>
<DT> Computer </DT>
<DD> Computer is an electronic device </DD>
<DT>
HTML
</DT>
<DD>
HTML is a mark up language
</DD>
</DL>

प्रश्न 6.
एक HTML प्रोग्राम में एक इमेज को इनसर्ट करने के भिन्न-भिन्न तरीके कौन-से हैं ?
उत्तर-
HTML प्रोग्राम में इमेज को इनसर्ट करने के लिए <img> टैग का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें SRC ऐट्रीब्यूट का इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरण के रूप में नीचे लिखी कोडिंग देखें-
<IMG SRC = “Cat.jpg”>
इसमें IMG एक टैग और SRC ऐट्रीब्यूट है। इसी तरह Cat.jpg इमेज फाइल का नाम है जिसको कोडज़ (डबल कौमे) में लिखा जाता है।

प्रश्न 7.
हम किसी वैब पेज़ की बैक ग्राउंड कैसे बदल सकते हैं ?
उत्तर-
आप वैब पेज़ की बैकग्राउंड पर कोई रंग भी भर सकते हैं। इसी तरह टैक्सट का रंग भी बदला जा सकता है। आप कई प्रकार के रंग बैकग्राउंड पर लगा सकते हो जैसे कि Black, White, Red, Blue, Green, Yellow आदि। बैकग्राउंड कलर लिए BGCOLOR (बी.जी. कलर) ऐट्रीब्यूट का इस्तेमाल Body टैग में की जाती है।
जैसे कि <Body BGCOLOR = “Green”>
यहां Body टैग का BGCOLOR ऐट्रीब्यूट का और Green रंग का नाम है। Body टैग में कई और भी ऐट्रीब्यूट लिखे जाते हैं, जैसे कि TEXT, LINK आदि। टैक्सट ऐट्रीब्यूट के साथ टैक्सट का रंग और LINK ऐट्रीब्यूट के साथ लिंक का रंग बदला जा सकता है।

प्रश्न 8.
Nested List उदाहरण सहित समझाएं।
उत्तर-
Nested List वह होती है जिसमें एक लिस्ट में और लिस्टें लगाई गई होती हैं। इस तरह इसका की एक बड़ी लिस्ट बन जाती है जिसको Nested List कहा जाता है।

PSEB 10th Class Computer Guide एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज Important Questions and Answers

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न

(A) बहुविकल्पीय

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन-सी भाषा इंटरनैट के साथ संबंधित है ?
(a) HTML
(b) XML
(c) CSS
(d) सभी।
उत्तर-
(d) सभी।

2. इस टैग के बिना HTML दस्तावेज काम नहीं करेगा।
(a) <P>
(b) <HR>
(c) <HTML>
(d) <Table>.
उत्तर-
(c) <HTML>

3. एक वैब साइट देखने के लिए क्या ज़रूरी है ?
(a) इंटरनेट
(b) वैब ब्राऊज़र
(c) कोई नहीं
(d) दोनों ही।
उत्तर-
(d) दोनों ही।

4. फार्म में मैथड कितने प्रकार के होते हैं ?
(a) 2
(b) 3
(c) 4
(d) 5.
उत्तर-
(b) 3.

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 2 एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज

(B) रिक्त स्थान भरें

1. HTML में ……………… प्रकार के टैग इस्तेमाल किए जाते हैं।
उत्तर-
दो

2. ………………. टैग में ओपनिंग और क्लोजिंग टैग प्रयोग किए जाते हैं।
उत्तर-
कंटेनर

3. …………. टैग में क्लोजिंग टैग नहीं होता।
उत्तर-
ऐंपटी

4. HTML डाक्यूमैंट के लिए ………………. नामक टैक्सट ऐडीटर प्रयोग किया जाता है।
उत्तर-
Notepad

5. HTML डाक्यूमैंट को …………. में खोला जाता है।
उत्तर-
वैब ब्राऊज़र

6. HTML डाक्यूमैंट को सेव करने के लिए ……… ऐक्सटैंशन का प्रयोग किया जाता है।
उत्तर-
HTML

7. HTML डाक्यूमैंट का पहला और आखिरी टैग ………….. होना चाहिए।
उत्तर-
<HTML>

8. अन-आर्डरड लिस्ट को ………………. लिस्ट कहा जाता है।
उत्तर-
बुलेट

9. …………….. लिस्ट नंबरों को दर्शाती है।
उत्तर-
आर्डरड

10. जब एक लिस्ट में दूसरी लिस्ट आ जाये, तो उसको …………….. लिस्ट कहा जाता है।
उत्तर-
नैस्टिड

11. टेबल सूचना को संभाल कर रखते हैं और यह रोयज़ और ………….. से मिलकर बनते हैं।
उत्तर-
कॉलम

12. ……………… सैलों के बीच का खाली स्थान बदल देती है।
उत्तर-
Cell Spacing

13. टैक्सट और सैल बार्डर के बीच का खाली स्थान बदल देती है।
उत्तर-
Cell Padding

14. टेबल का हैडिंग लिखने के लिए ………………. टैग इस्तेमाल किया जाता है।
उत्तर-
<TH>.

(C) सही या गलत

1. HTML टैगज़ अंग्रेज़ी के बड़े या छोटे अक्षरों में से किसी में भी लिखे जा सकते हैं।
उत्तर-
सही,

2. होम पेज़ तैयार करने के लिए टैक्सट वर्ड पैड में लिखा जाता है।
उत्तर-
सही,

3. Body टैग Head टैग के बाद लिखा जाता है।
उत्तर-
सही,

4. कंटेनर टैग अकेला टैग होता है।
उत्तर-
गलत,

5. Title को Head टैग में लिखा जाता है।
उत्तर-
सही,

6. हैडिंग के कुल 6 स्तर होते हैं।
उत्तर-
सही,

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 2 एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज

7. पैराग्राफ के लिए <P> टैग का इस्तेमाल होता है।
उत्तर-
सही,

8. लिस्ट के ऐट्रीब्यूट होते हैं-Face, Size and Color.
उत्तर-
गलत,

9. <BR> टैग का इस्तेमाल टैक्सट को गतिमान करने के लिए किया जाता है।
उत्तर-
गलत,

10. आर्डरड लिस्ट में बुलेट लगे होते हैं।
उत्तर-
गलत,

11. टेबल में Color ऐट्रीब्यूट का प्रयोग बैकग्राउंड का रंग बदलने के लिए किया जाता है।
उत्तर-
गलत,

12. Table Size नामक ऐट्रीब्यूट टेबल का बार्डर लगाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
उत्तर-
गलत,

13. COLSPAN ऐट्रीब्यूट Table टैग में प्रयोग किया जाता है।
उत्तर-
सही,

14. हाईपरलिंक बनाने के लिए ऐंटर टैग का प्रयोग किया जाता है।
उत्तर-
सही,

15. इमेज दाखिल करने के लिए <img> टैग का प्रयोग किया जाता है।
उत्तर-
सही।

II. अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
HTML में प्रयोग किए जाने वाले टैगज़ की किस्में बताओ।
उत्तर-
HTML में टैगज़ दो तरह के होते हैं

  • कंटेनर टैग
  • ऐंपटी टैग।

प्रश्न 2.
कंटेनर टैग क्या होते हैं ?
उत्तर-
जो टैग जोड़ों में इस्तेमाल किए जाते हैं, उनको कंटेनर टैग कहा जाता है। इनको पेपर या कंपैनीयन टैग भी कहा जाता है।

प्रश्न 3.
Head टैग क्या होते हैं ?
उत्तर-
जिस टैग में हैडर सूचना होती है,उनको Head टैग कहते हैं। यह एक कंटेनर टैग होता है। हैड टैग बैव पेज़ के लिए काफी महत्त्वपूर्ण होता है।

प्रश्न 4.
Body टैग के इस्तेमाल के बारे में बतायें।
उत्तर-
Body टैग का इस्तेमाल डाक्यूमैंट बॉडी दिखाने के लिए किया जाता है। वैब पेज़ की सारी सामग्री इस टैग में बंद होती है। यह एक कंटेनर टैग है।

प्रश्न 5.
फौंट के भिन्न-भिन्न ऐट्रीब्यूटस के नाम बताएं।
उत्तर-
फौंट टैग के ऐट्रीब्यूट निम्नलिखित हैं

  1. Style,
  2. Size
  3. Color.

प्रश्न 6.
मारकुई टैग किस काम के लिए इस्तेमाल किया जाता है?
उत्तर-
वैब पेज़ में किसी टैक्सट को दायें से बायें या बायें से दायें चलते दिखाने के लिए मारकुई टैग का इस्तेमाल किया जाता है।

प्रश्न 7.
टेबल रोअ क्या होती है ?
उत्तर-
टेबल में लेटवी दिशा में सभी सैलों के इकट्ठ को टेबल रोअ कहा जाता है।.

प्रश्न 8.
सैल स्पेसिंग से क्या भाव है ?
उत्तर-
किसी टेबल में सैलों के बीच खाली स्थान को सैल स्पेसिंग कहा जाता है।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 2 एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज

प्रश्न 9.
कॉल स्पैन पर नोट लिखें।
उत्तर-
कॉल स्पैन से टेबल के सैलों की चौड़ाई बदली जाती है। इसका इस्तेमाल <TD> टैग में किया जाता है।

प्रश्न 10.
ऐंकर टैग किस काम के लिए इस्तेमाल किया जाता है ?
उत्तर-
ऐंकर टैग वेब पेज़ में लिंग बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

प्रश्न 11.
लिंकिंग क्या होती है ?
उत्तर-
किसी एक वैब पेज में किसी टैक्सट या इमेज को किसी दूसरे वेब पेज़ से जोड़ने की क्रिया को लिंकिंग कहते हैं।

प्रश्न 12.
SCR ऐट्रीब्यूट क्या होता है ?
उत्तर-
वैब पेज़ पर फोटो दिखाने के लिए <img> टैग का इस्तेमाल किया जाता है। इस टैग में फोटो की फाइल SCR ऐट्रीब्यूट से की जाती है।

प्रश्न 13.
टेबल किसको कहते हैं ?
उत्तर-
रोअज़ और कॉलमज़ से बनी बनावट को टेबल कहते हैं।

प्रश्न 14.
सैल क्या होता है ?
उत्तर-
रोअ और कॉलम के काट क्षेत्र को सैल कहते हैं।

प्रश्न 15.
सैल स्पेसिंग क्या होती है ?
उत्तर-
सैलों के बीच की जगह को सैल स्पेसिंग कहते हैं।

III. लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
HTML में इस्तेमाल किए जाने वाले चार टैगज़ के नाम बताएं।
उत्तर-
HTML में इस्तेमाल किए जाने वाले टैग हैं –
1. <B> ………………………….. </B>
2. <I> …………………………. </l>
3. <P> ……………………………………. </P>
4. <HI> ………………………… </HI>
5. <Font> ………………………….. </Font>

प्रश्न 2.
HTML में इस्तेमाल की जाने वाली भिन्न-भिन्न प्रकार की लिस्टों के नाम लिखें।
उत्तर-
HTML में निम्नलिखित प्रकार की लिस्टें होती हैं
1. अन-आर्डरड या बुलेट लिस्टें।
2. आर्डरड या नंबर लिस्टें।
3. डैफीनेशन लिस्टें।

प्रश्न 3.
अन-आर्डरड लिस्ट के भिन्न-भिन्न ऐट्रीब्यूटस के नाम बताएं।
उत्तर-
अन-आर्डरड लिस्ट के निम्नलिखित होते हैं-
Type = “Circle”
Type = “Disc”
Type = “Square”

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 2 एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज

प्रश्न 4.
आप किसी टेबल का बार्डर कैसे लागू करोगे ?
उत्तर
किसी टेबल का बार्डर Border ऐट्रीब्यूटस से बनाया जाता है। इस ऐट्रीब्यूट को <Table> टैग में लिखा जाता है। उदाहरण के रूप में
<Table Border = “2”>

प्रश्न 5.
इमेज को कौन-कौन से तरीकों से अलाइन किया जा सकता है ?
उत्तर-
इमेज को पांच तरीकों से अलाइन किया जा सकता है। यह हैं
1. Left
2. Right
3. Top.
4. Bottom
5. Middle

IV. बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
HTML से परिचय कराएं
उत्तर-
आप इंटरनेट के आश्चर्यजनक संसार के बारे में जानते हैं। यह लगभग सभी विषयों और सेवाओं के बारे में सूचनाओं का एक विशाल संग्रह है। इंटरनेट का सबसे बड़ा भाग वर्ल्ड वाइड वेब (WWW : World Wide Web) है, जो प्रत्येक उपयोगकर्ता को उसके कम्प्यूटर पर ही उपलब्ध होने वाली सूचनाओं, चित्रों, ध्वनियों, वीडियो तथा अन्य का एक रोचक संग्रह है। वेब पर लाखों की संख्या में वेब साईट उपलब्ध हैं, जो हज़ारों वेब सर्वरों और उनसे जुड़े कम्प्यूटरों पर स्टोर की गई हैं।
प्रत्येक वेब साईट में कई वेब पेज होते हैं।

ये वेब पेज और कुछ नहीं बल्कि कम्प्यूटरों पर स्टोर किए गए साधारण दस्तावेज होते हैं, जैसे आप अपने कम्प्यूटरों में वर्ड या एक्सल दस्तावेज स्टोर करते हैं। वेब दस्तावेजों और अन्य दस्तावेजों में मुख्य अन्तर यह होता है कि वेब दस्तावेज एक विशेष भाषा में लिखे जाते हैं, जिसे हाइपरटैक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज (Hyper Text Markup Language) या एचटीएमएल (HTML) कहा जाता है। जो कुछ भी आप किसी वेब पेज पर देखते हैं, वह इसी भाषा में कोड में लिखा जाता है और उसे किसी वेब ब्राऊजर जैसे इंटरनेट एक्सप्लोरर या नेटग्रेप नेवीगेटर द्वारा इंटरप्रिंट किया जाता है, जिससे वह आपके मॉनीटर की स्क्रीन पर अपने असली रूप में दिखाई देता है।

प्रश्न 2.
HTML क्या है ? यह कैसे कार्य करती है ?
उत्तर-
एचटीएमएल सीखना और उसमें कोड लिखना प्रारम्भ करने से पहले आपको यह जानना चाहिए कि एचटीएमएल क्या है यह क्या कर सकती है और क्या नहीं कर सकती। ठीक-ठीक शब्दों में एचटीएमएल एक दस्तावेज सजाने और हाइपरलिंक बनाने वाली भाषा है। इसका उपयोग वेब दस्तावेज का ढाँचा तैयार करने और अन्य वेब दस्तावेजों को खोलने के लिए हाइपरलिंक बनाने में किया जाता है।

कोई एचटीएमएल दस्तावेज ब्राऊजर प्रोग्राम को बताता है कि हाइपरटैक्सट दस्तावेज, अर्थात् एक ऐसा दस्तावेज जिसमें पाठ्य चित्र, ध्वनि तथा ऐसी ही अन्य वस्तुएं होती हैं, को किस प्रकार प्रदर्शित किया जाए। यह भाषा यह भी बताती है कि विशेष हाइपरलिंकों द्वारा किसी दस्तावेज को किस प्रकार वार्तालापी बनाया जाए।

प्रश्न 3.
एचटीएमएल के टैग पर नोट लिखें।
उत्तर-
कोई एचटीएमएल दस्तावेज एचटीएमएल के तत्त्वों (HTML Elements) का एक क्रमबद्ध समूह होता है, जो किसी वेब पेज के ढाँचे और उसके स्वरूप को परिभाषित करते हैं। कोई एचटीएमएल तत्त्व टैगों, उनके गुणों (Attributes) और सामग्री (Contents) से बना होता है।
एचटीएमएल टैग (HTML Tags) कोई एचटीएमएल टैग ऐसा आरक्षित शब्द (Reserved Word) है, जो ब्राउजर को बताता है कि उसकी सामग्री को कैसे इंटरप्रैट करना है। गुण (Attributes) कुछ अतिरिक्त सूचनाएं होती हैं, जो इच्छित परिणाम प्राप्त करने के लिए कोड का इंटरप्रैट करने में ब्राउजर प्रोग्राम की सहायता करती हैं।

सभी एचटीएमएल टैगों को कोणीय कोष्ठक (<>) में रखा जाता हैं, जैसे (<TITLE>). इसी प्रकार <HEAD> भी एक टैग है। एचटीएमएल में आप इसके टैगों को बड़े या छोटे कैसे भी अक्षरों में टाइप कर सकते हैं। ब्राउजर प्रोग्राम दोनों प्रकार के अक्षरों को एक ही तरह मानता है। दूसरे शब्दों में, एचटीएमएल टैगों के मामले में छोटे और बड़े अक्षरों में कोई अन्तर नहीं है।

एचटीएमएल दस्तावेज में टैगों को एक विशेष क्रम में रखा जाता है। उनमें से कुछ टैग जोड़ो के रूप में होते हैं और कुछ अकेले होते हैं। उदाहरण के लिए , <TITLE> टैग जोडे के रूप में दिया जाता है, जबकि <BASEFONT> टैग अकेला उपयोग किया जाता है। जोड़े के रूप में प्रयोग किए जाने वाले टैगों के मामले में किसी जोड़ा टैग के पहले टैग को बिगनिंग टैग (Beginning Tag) या स्टार्टिंग टैग (Starting Tag) कहते हैं और दूसरे टैग को एंडिंग टैग (Ending Tag) कहा जाता है। एंडिंग टैग के पहले एक स्लैश लगाया जाता है, उदाहरण के लिए <TITLE> एक स्टार्टिंग टैग है, जबकि </TITLE> एंडिंग टैग है। टैग किसी एचटीएमएल दस्तावेज के ढाँचे के मूल आधार होते हैं। जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है, एचटीएमएल में दो प्रकार के टैग होते हैं, एक वे जिनका उपयोग जोड़े के रूप में किया जाता और दूसरे वे जो अकेले उपयोग में लाये जाते हैं। ये दोनों प्रकार के टैग एचटीएमएल में दो प्रकार के तत्त्व बनाते हैं-कोंटेनर तत्त्व (Container Elements) तथा ऐंपटी तत्त्व (Empty Element).

प्रश्न 4.
कंटेनर टैग क्या होते हैं ? बताएँ।
उत्तर-
इस प्रकार के एचटीएमएल तत्व में एक स्टार्टिंग टैग के साथ एक एंडिंग टैग भी होता है। दूसरे शब्दों में वे जोड़ा टैग द्वारा बनते हैं। उदाहरण के लिए, <HTML>….</HTML> तथा <HEAD>…. </HEAD> ये दोनों कोंटेनर तत्त्व हैं। ध्यान दीजिए कि एंडिंग टैग वास्तव में स्टार्टिंग टैग जैसी ही है, केवल उसके शुरू में एक स्लैश (/) चिह्न लगाया गया है। कोंटेनर तत्त्वों में स्टार्टिंग और एंडिंग दोनों टैगों के बीच आने वाली प्रत्येक वस्तु उस टैग से प्रभावित होती है। कोंटेनर टैग के कुछ अन्य उदाहरण अग्रलिखित हैं
<TITLE> …………………………….. </TITLE>
<B> ……………………………….. </B>
<CENTER> ……………………………… </CENTER>
<P> ………………………………. </P>.

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 2 एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज

प्रश्न 5.
HTML दस्तावेज किस प्रकार तैयार किया जाता है ?
उत्तर-
कोई एचटीएमएल दस्तावेज एचटीएमएल आदेशों (या टैग और उनके एट्रीब्यूट) से बना होता है, जो साधारण अंग्रेजी शब्दों और विशेष चिह्नों से बना पाठ्य होता है। इन शब्दों और चिह्नों को वेब पेज प्रदर्शित करने के लिए वेब ब्राउजर द्वारा इंटरप्रिट किया जाता है। कोई एचटीएमएल दस्तावेज किसी साधारण टैक्सट एडीटर का उपयोग करके तैयार किया जा सकता है और हार्ड डिस्क पर .htm या .html विस्तार नाम के साथ सुरक्षित किया जा सकता है। नीचे एचटीएमएल दस्तावेज तैयार करने के लिए कुछ लोकप्रिय एडीटिंग सॉफ्टवेयरों के नाम दिए गए हैं-
1. विंडोज नोटपैड (दस्तावेज को .htm विस्तार के साथ सुरक्षित करें)
2. मैकिन्तोष सिम्पल टैक्सट (साधारण पाठ्य की तरह सुरक्षित करें)
3. एमएस-वर्ड (दस्तावेज को .htm विस्तार के साथ सुरक्षित करें)
4. वर्डपैड (दस्तावेज को .htm विस्तार के साथ सुरक्षित करें)
5. माइक्रोसॉफ्ट फ्रंटपेज (HTML टैब को क्लिक करें)
इन प्रोग्रामों में से विंडोज आधारित मशीनों में एचटीएमएल दस्तावेज तैयार करने और सम्पादित करने के लिए नोटपैड सबसे ठीक है। यह वेब ब्राउजरों इंटरनेट एक्सप्लोरर तथा नेटस्केप नेवीगेटर के लिए डिफॉल्ट टैक्सट एडीटर भी है। यहाँ यह ध्यान रखना आवश्यक है कि यदि आप .htm के बजाय कोई दूसरा विस्तार देते हैं, तो ब्राउजर प्रोग्राम उसे एचटीएमएल दस्तावेज की तरह नहीं खोल सकेगा।

प्रश्न 6.
HTML दस्तावेज किस प्रकार खोला जाता है ?
उत्तर-
1. नोटपैड प्रारम्भ कीजिए।
2. File मेन्यू में Open आदेश दीजिए। इससे आपको Open का डायलाग बॉक्स दिया जाएगा।
PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 2 एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज 2
3. File of type लिस्ट बॉक्स में नीचे के तीर के बटन को क्लिक कीजिए और उस ड्रेप-डाउन लिस्ट में से All Files (*.*) विकल्प को चुनिए। इससे इस डायलाग बॉक्स में सभी फाइलों के नाम दिखाई पड़ने लगेंगे।
4. आप जिस एचटीएमएल दस्तावेज को खोलना चाहते हैं इसका नाम चुनिए।
5. Open बटन को क्लिक कीजिए इससे एचटीएमएल दस्तावेज खुल जाएगा। नोटपैड विंडो में कोई एचटीएमएल दस्तावेज खोलने के बाद आप उसमें कोई भी सुधार कर सकते हैं और उसे उसी नाम से या किसी अन्य नाम से सुरक्षित कर सकते हैं।

प्रश्न 7.
HTML टैग का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
उत्तर-
टैग किसी एचटीएमएल दस्तावेज की हड्डियाँ हैं। इन्हीं पर पूरा दस्तावेज टिका होता है। वे ब्राउजर प्रोग्राम को बताते हैं कि उस टैग से आगे की सामग्री पर कौन-सा प्रभाव डालना है। प्रत्येक टैग का एक विशेष प्रभाव होता है। इनके अलावा उनमें एट्रीब्यूट भी होते हैं जो ब्राउजर प्रोग्राम को अतिरिक्त सूचनाएँ देते हैं। मौलिक एचटीएमएल टैगों की चर्चा करने से पहले उनकी संरचना को समझना आवश्यक है।

एचटीएमएल टैगों की संरचना (Structure of HTML Tags)-
कोई एचटीएमएल टैग एक टैग नाम और कभी-कभी उसके बाद दिये जाने वाले एट्रीब्यूटों से बना होता है जिन्हें कोणीय कोष्ठक (<>) में रखा जाता है। प्रत्येक टैग के साथ कुछ निश्चित एट्रीब्यूट जुड़े होते हैं, जिन्हें टैग एट्रीब्यूट कहते हैं। यदि टैग एट्रीब्यूट दिये गये हैं, तो वे टैग नाम के बाद कोणीय कोष्ठक के अन्दर ही दिये जाते हैं। प्रत्येक के बीच में कम से कम एक स्पेस (Space) या टैब (Tab) या लाइनफीड (Linefeed) चिह्न होना चाहिए। टैग के अन्दर उसके एट्रीब्यूट किसी भी क्रम में हो सकते हैं। टैग नाम और उनके एट्रीब्यूट छोटे-बड़े अक्षरों में अन्तर नहीं करते, इसलिए उन्हें कैसे भी अक्षरों में लिखा जा सकता है। लेकिन यहाँ सुविधा के लिए हम टैग नामों को बड़े अक्षरों (Capital Letters) और एट्रीब्यूट नामों को छोटे अक्षरों (Small Letters) में लिखेंगे।

सामान्यतया हर एट्रीब्यूट का कोई मान होता है, जो एट्रीब्यूट नाम के बाद बराबर का चिह्न (=) लगाकर उसके बाद लिखा जाता है। उदाहरण के लिए, कुछ टैग और उनके एट्रीब्यूट नीचे दिए गए हैं-
<HR width=25%>
<BODY bgcolor=blue>
<BODY background= “C:/My Documents/Logo.jpg”>
<DL compact>
इन उदाहरणों से स्पष्ट है कि सामान्यतया एट्रीब्यूट मानों की किसी सन्दर्भ चिह्न (Quotation Marks) के बिना लिखा जाता है, लेकिन यदि किसी एट्रीब्यूट के मान में एक से अधिक शब्द हैं, तो उनको सन्दर्भ चिह्न से घेरना आवश्यक है। किसी एट्रीब्यूट मान की लम्बाई 024 चिह्नों तक हो सकती है|

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 8 माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-II

Punjab State Board PSEB 10th Class Computer Book Solutions Chapter 8 माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-II Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Computer Chapter 8 माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-II

Computer Guide for Class 10 PSEB माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-II Textbook Questions and Answers

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न

(A) बहुविकल्पीय प्रश्न

1. आजकल ब्रोशर इलैक्ट्रानिक फारमेट में भी उपलब्ध होते हैं तथा इस को ……………………….. कहते हैं।
(a) ई-ब्रोशर
(b) एम ब्रोशर
(c) टी-ब्रोशर
(d) के ब्रोशर।
उत्तर-
(a) ई-ब्रोशर

2. प्रकाशक में, चीज़ों की एक सूची क्या है ?
(a) बैनर
(b) कैटालॉग
(c) लेबल
(d) खबरों का पत्र।
उत्तर-
(b) कैटालॉग

3. किसी के नाम, काम, बिजनैस, एडरैस आदि के साथ छपे एक छोटे से कार्ड को ………………….. कहते हैं।
(a) ब्रोशर
(b) न्यूज़लेटरज
(c) बिज़नेस कार्ड
(d) मीनू।
उत्तर-
(c) बिज़नेस कार्ड

4. कागज़, पोलीमार, वस्त्र, धातु या अन्य सामग्री को एक कंटेनर या प्रोडक्ट के साथ जोड़ा जाता है ?
(a) लेबल
(b) लैटर हैड
(c) ग्रीटिंग कार्ड
(d) मीनू।
उत्तर-
(a) लेबल

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 8 माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-II

5. प्रिंट किए हुए हैडिंग के साथ स्टेशनरी क्या है ? हैडिंग में साधारण रूप से एक नाम, एक लोगो और एक पता होता है ।
(a) लैटरहैड
(b)
(c) सादा
(d) कैटालॉग।
उत्तर-
(a) लैटरहैड

6. नौकरी के निवेदन पत्रों में निवेदकों की तरफ से निवेदन किया गया आम दस्तावेज़ क्या होता है ?
(a) बैनर
(b) रिज्यूम
(c) कैलेंडर
(d) फलाइर।
उत्तर-
(b) रिज्यूम

7. सामाजिक, धार्मिक, व्यापारिक या प्रशासकीय उद्देश्यों के लिए प्रबंधन दिन और समय के समय, साधारण रूप से दिन, सप्ताह, महीनों और सालों के नाम क्या प्रदान करते हैं ?
(a) विज्ञापन
(b) सर्टीफिकेट
(c) चिन्ह
(d) कैलेंडर।
उत्तर-
(d) कैलेंडर।

8. रिज्यूम से ज्यादा लंबा क्या होता है ? कम से कम दो या तीन पन्ने। .
(a) करिकुल्म विटे (सी०वी०)
(b) बैनर
(c) इनवीटेशन
(d) कैटालॉग।
उत्तर-
(a) करिकुल्म विटे (सी०वी०)

9. मेहमान से हुक्म देने या लेने का मुख्य तरीका क्या है ?
(a) रिज्यूम
(b) लेबल
(c) मीनू
(d) बैनर।
उत्तर-
(c) मीनू

10. बच्चे हमारे मनोरंजन के समय ……….. का आनंद ले सकते हैं और कुछ रचनात्मक बातें कर सकते हैं।
(a) लैटरहैड
(b) न्यूज़लैटर
(c) पेपर फोल्डिंग प्रोजैक्ट
(d) रिज्यूम।
उत्तर-
(c) पेपर फोल्डिंग प्रोजैक्ट|

(B) रिक्त स्थान भरें

1. इश्तिहारबाज़ी से भाव है कि कंपनी लोगों को अपना ….., ………….. या विचार खरीदने के लिए कैसे उत्साहित करती है।
उत्तर-
प्रोडक्ट और सर्विस,

2. एम०एस० प्रकाशक ब्रोशर, न्यूज़लैटर, ………. और ……… समेत भिन्न-भिन्न तरह के प्रकाशन बनाने में हमारी मदद के लिए टैंपलेट और अन्य साधन प्रदान करता है।
उत्तर-
बिजनैस कार्ड और मीनू,

3. कारोबारी कार्ड एक ………… या ………… बारे कारोबार संबंधी जानकारी प्रदान करने वाले कार्ड हैं।
उत्तर-
कंपनी और एक ही व्यक्ति,

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 8 माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-II

4. एक रिज्यूमे हमारे ………… पहचान के, और अन्य प्राप्तियों और हुनरों के संक्षेप पेश करता है।
उत्तर-
शिक्षा और काम का इतिहास,

5. माइक्रोसॉफ्ट प्रकाशक बच्चों के लिए टैंपलेट पेश करता है, इन टैंपलेटों में भिन्न-भिन्न पेपर फोल्डिंग प्रोजैक्ट जैसे कि …………. कप, और कई अन्य शामिल हैं।
उत्तर-
हवाई जहाज़ और किश्ती।

(C) सही या गलत

1. एक कंप्लीमैंट कार्ड, कार्ड का एक टुकड़ा है जो दोस्ती या किसी और भावना को दर्शाता बढ़िया क्वालिटी वाला कागज़ है।
उत्तर-
सही,

2. उपलब्धियों, मैरिट और सम्मान के प्रमाण-पत्र शक्तिशाली साधन हो सकते हैं।
उत्तर-
सही,

3. एक कैटालॉग चीजों की पूरी सूची जो कि साधारण रूप से व्यवस्थित ढंग से अरेंज होती है।
उत्तर-
गलत,

4. यह कपड़े की एक लंबी पट्टी की तरह होती है। जिस पर किसी प्रदर्शनी, प्रोसैस (मुजाहरा) आदि के स्लोगन या डिज़ाइन होते हैं और जनतक स्थानों पर टंगे होते हैं।
उत्तर-
सही,

5. ब्रोशर प्रोमोशनल दस्तावेज़ हैं, मुख्य रूप से किसी भी कंपनी, संस्था, उत्पादों या सेवाओं को जनता के लिए पेश करने के लिए समाचार पत्रों में बांटा जाता है।
उत्तर-
गलत।

II. अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
कागज़, वस्त्र, लकड़ी या किसी और चीज़ का एक हिस्सा जो तस्वीरों या शब्दों के साथ चित्रित हुआ है और जो किसी खास स्थान, उत्पाद या घटना के बारे में कुछ जानकारी देता है ?
उत्तर-
लेबल (साइल)।

प्रश्न 2.
आम पेकिंग आइटम क्या होती है, साधारण रूप से पतले फ्लैट सामग्री से बनाई जाती है ?
उत्तर-
एनवैलप्ज़।

प्रश्न 3.
किसी व्यक्ति, समूह के एक समूह या किसी अदारे को एक खास क्षेत्र में अपनी उत्तमता को मानता देने के लिए क्या दिया जाता है ?
उत्तर-
अवार्ड सर्टीफिकेट।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 8 माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-II

प्रश्न 4.
जनतक स्थान पर व्यापक डिस्ट्रीब्यूशन पोस्ट या डिस्ट्रीक्ट के लिए प्रयोग किये जाने वाले कागजों के इश्तिहार का कौन-सा रूप होता है, व्यक्तियों को दिया जाता है या डाक के द्वारा भेजा जाता है ?
उत्तर-
फलाइरज़।

प्रश्न 5.
एक प्रिंट की रिपोर्ट क्या है जिसमें कोई कारोबार या किसी संस्था की गतिविधियों की खबरें या जानकारी शामिल है।
उत्तर-
न्यूज लेटर।

III. लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
चिन्ह (Sign) स्पष्ट करें।
उत्तर-
यह तस्वीरों या शब्दों से पेंट किया गया कागज़ का एक टुकड़ा, वस्त्र, लकड़ी या कोई अन्य सामग्री होती है जो किसी खास स्थान, उत्पाद या घटना के बारे में कुछ जानकारी देता है।

प्रश्न 2.
रिज्यूम समझाएं।
उत्तर-
एक रिज्यूम हमारी शिक्षा, काम के इतिहास, प्रमाण-पत्रों और अन्य प्राप्तियों और हुनरों को संक्षेप में पेश करता है। रिज्यूम, नौकरी के लिए निवेदन पत्र और निवेदकों के लिए निवेदन किए गए सब से आम दस्तावेज़ हैं।

प्रश्न 3.
बैनर क्या है ?
उत्तर-
किसी समारोह संबंधी जानकारी देने के लिए बनाई जाने वाली सामग्री को दिखाने का एक साधन बैनर है। इसमें काफ़ी बड़े आकार में जानकारी दी जाती है।

प्रश्न 4.
समाचार पत्र (Newsletter) के बारे में समझाएं।
उत्तर-
न्यूजलैटर किसी भी वस्तु से संबंधित जानकारी देने का एक साधन है। इसके द्वारा हम किसी भी क्रिया के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं।

प्रश्न 5.
मीनू क्या है ?
उत्तर-
एक रेस्टरा में, खाने और पीने के ऑफर के लिए एक मीनू होता है।

प्रश्न 6.
फ्रेम क्या है ?
उत्तर-
पब्लिकेशन जिस हिस्से से बनी होती है उसको फ्रेम कहते हैं।

IV. बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
विज्ञापन क्या है ? विज्ञापन के लिए अलग-अलग प्रिंट मीडिया की किस्में बताएं।
उत्तर-
विज्ञापन का अर्थ है कि कंपनी किस तरह लोगों को अपने उत्पादों, सेवाओं या विचारों को खरीदने के लिए उत्तेजित करती हैं। एक विज्ञापन क्या होता है। वह वस्तुएं जो आपका ध्यान अच्छे से अपनी ओर खींचती हैं। यह आमतौर पर किसी विज्ञापन एजेंसी द्वारा डिज़ाइन किया जाता है। विज्ञापन टेलीविज़न, रेडियो, समाचार पत्र, पत्रिका आदि में दिखाई देते हैं। विज्ञापन के प्रायोजक बहुधा व्यापारी होते हैं जो अपने उत्पादों और सेवाओं को पदोन्नत करना चाहते हैं।

विज्ञापनों को अलग-अलग मीडिया द्वारा संचारित किया जाता है जैसे कि पुराना मीडिया जिसका भाव है-समाचार-पत्र, पत्रिका, टेलीविजन, रेडियो, बाहरी विज्ञापन या सीधी मेल और नई मीडिया से भाव है सर्च रिजल्ट, ब्लॉग, वैबसाइट या टैकस्ट संदेश आदि। एक मीडिया में संदेश की असली पेशकारी को विज्ञापन या “AD” द्वारा चित्रित किया जाता है। गैर-व्यावसायिक विज्ञापन में राजनीतिक पार्टियों, रुचि रखने वाले समूह, धार्मिक संगठन और सरकारी एजेंसियां आदि शामिल होती हैं।

ऐम० एस०-पब्लिशर ब्रोशर, समाचार पत्र, व्यापार कार्ड और चित्र मेन्यू सहित अलग-अलग पब्लिकेशन बनाने में हमारी मदद करने के लिए टैम्पलेट और अधिक साधन प्रदान करता है। विज्ञापन के लिए अलगअलग प्रिंट मीडिया नीचे दिए हुए हैं।

  • ब्रोशर (Brochures)
  • न्यूजलैटर (Newsletters)
  • बैनर (Banners)
  • सूची (Catalogs)
  • फ्लाइर्ज (Flyers)

प्रश्न 2.
MS-Publisher इस्तेमाल करने के बाद ब्रोशर कैसे तैयार करें ?
उत्तर-
एक ब्रोशर एक ही सूचना से भरा/कागज़ी दस्तावेज होता है, जो कभी-कभी विज्ञापन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जिसकी टैंपलेट, पैंफलेट या लीफलेट में फोल्ड किया जाता है। ब्रोशर एक प्रोत्साहनपरक दस्तावेज है। जो मुख तौर पर किसी भी कंपनी, संस्था, उत्पादों या सेवाओं को जनता के सामने लाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ब्रोशर को समाचार पत्र में और व्यस्त स्थानों में ब्रोशर रैकों में रखा जाता है। उसको ग्रे-लिटरेचर भी कहा जा जाता है। आज-कल के ब्रोशर इलैक्ट्रॉनिक फार्मेट में भी उपलब्ध हैं और इनको ई-ब्रोशर भी कहा जाता है। इन रिवायती कागज़ ब्रोशर की तुलना को ई-ब्रोशर जो कि कम लागत और अनगिनत लाभ पहुंचाते हैं।

एक ब्रोशर की सबसे आम किस्म बाइ-फोल्ड (bi-fold) (एक शीट जो दोनों तरफ से छपी होती है, और ट्राई-फोल्ड (जिसे तीने पक्षों में फोल्ड) होती हैं।
MS-Publisher का इस्तेमाल करते हुए ब्रोशर तैयार करना-पब्लिशर में ब्रोशर को तैयार करना।
1. File टेब पर क्लिक करें फिर New और फिर Broucher पर क्लिक करें। ब्रोशर के साथ संबद्ध कई टैम्पलेट होते हैं। अपनी पसंद के अनुसार कोई भी चुनें। अब विर्ड की दायरा और चुने हुए ब्रोशर को कस्टमाइज करने के लिए विकल्प देख सकते हैं।

2. अब, ब्रोशर को कलर स्कीम, फौंट स्कीम, पेज आकार के विकल्प और फार्मों की मदद से कस्टमाइज़ करें। ब्रोशर की कलर, फौंट साइज और फार्म बदलने के बाद Create विकल्प पर क्लिक करें। अब हम अपने ब्रोशर के विवरण को एडिट कर सकते हैं और इसकी पब्लिकेशन के तौर पर सेव कर सकते हैं।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 8 माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-II

प्रश्न 3.
व्यापार कार्ड क्या है ? पब्लिशर में व्यापार कार्ड बनाने के पद लिखें।
उत्तर-
व्यापार कार्ड एक छोटा-सा कार्ड है जो कि किसी के नाम, व्यवसायों, व्यापार आदि के साथ छपा होता है। उसको व्यापार कार्ड कहते हैं। पब्लिशर में व्यापार कार्ड बनाना –

1. File पर क्लिक करें, फिर New और Business Card पर क्लिक करें। व्यापार कार्ड के साथ संबद्ध ईस्टाल टैंपलेट में बहुत सारे टैंपलेट होते हैं। अपनी पसंद के साथ कोई भी चुन सकते हैं। विर्ड के दाएं ओर, हम कलर स्कीम, फौंट स्कीम, व्यापार की जानकारी, पन्ना आकार के आप्शन और लोगो की मदद से चुने हुए व्यापार कार्ड को कस्टमाइज़ कर सकते हैं।

2. अब हम व्यापार कार्ड के नीचे दिखाई गई तस्वीर में देख सकते हैं कि व्यापार कार्ड पूर्ण रूप से डिज़ाइन हो गई है। अब हम व्यापार का नाम या कोई नाम और पता आदि बदल सकते हैं।

प्रश्न 4.
लेबल क्या है ? लेबल कहां इस्तेमाल हो सकते हैं ?
उत्तर-
लेबल कागज़ का एक टुकड़ा, पॉलिमार, कपड़ा, धातु या कोई अन्य वस्तु होती है जिसको कंटेनर या प्रोडक्ट पर लगा सकते हैं। उत्पादों की उत्पत्ति, निर्माता वर्त, शेल्फ-लाईफ और डीस्पोजल आदि की जानकारी प्रदान करने के लेबल के बहुत सारे उपयोग होते हैं। लेबल इनके लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
1. प्रोडक्ट (Products)-स्थायी प्रोडक्ट लेबल में प्रोडक्ट को पूर्ण जीवन दौरान सुरक्षित रहने की ज़रूरत होती है।

2. पैकेजिंग (Packaging)-पैकेजिंग पर लेबल लगा हो सकता है या यह पैकेजिंग का हिस्सा हो सकता है। इन पर कीमत, वारकोड, यू.पी.सी. (यूनिवर्सल प्रोडक्ट कार्ड) की पहचान, उपयोग की विधि, पता, विज्ञापन रैसिपी और बहुत कुछ हो सकता है।

3. संपत्ति (Assets)-औद्योगिक या फैजी वातावरण में संपत्ति लेबलिंग का उपयोग प्रशासन और

4. वस्त्र (Texttiles)-वस्त्रों में आमतौर पर अलग देखभाल/उपचार के लेबल होते हैं जो आमतौर पर यह दर्शाता है कि आइटम की कैसे धुलाई करनी चाहिए जैसे कि मशीन वॉशेवल या ड्राईक्लीन। टैक्सटाइल लेबल को वस्त्र पर जड़ा जा सकता है और यह गर्मी रोधक, कलर फार्मेट, धोने योग्य (Washable) हो सकता है।

5. मेल-मेल लेबल प्राप्त करता, भेजने वाले और अलग जानकारी जो कि आवाजाई के लिए उपयोगी हो, उसको आईडंटफाई करते हैं।

6. सरक्षा लेबल-इसको प्रामाणिकता, चोरी कटौती और इप्लीकेट से सुरक्षा के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं और आमतौर पर ID कार्ड, क्रेडिट कार्ड, पैकेजिंग और सी०डी०, इलैक्ट्रॉनिक्स उत्पादों से लेकर वस्त्र तक इस्तेमाल किये जाते हैं।

प्रश्न 5.
लैटर-हैड क्या है ? पब्लिशर में लैटर हैड कैसे बनाये जाते हैं ? …
उत्तर-
लैटर-हैड एक स्टेशनरी है। हैडिंग में आमतौर पर एक नाम और एक पता, एक लोगो या कार्पोरेट डिज़ाइन और कई बार एक बैकग्राऊंड पैटर्न होता है। लैटर हैड की अपनी ज़रूरत अनुसार स्टेशनरी पर या सादे कागज़ पर छापा जा सकता है या इलैक्ट्रॉनिक तरीके के साथ भेजा जा सकता है। पब्लिशर में लैटर-हैड बनाना-यहां हम ऐम०एस० पब्लिशर का उपयोग करते हुए इस संस्था के लिए लैटर हैड बना रहे हैं। इसके लिए नीचे दिए गये पद की पालना कीजिए –
1. File टैब पर क्लिक करें, फिर New और फिर Letterhead पर क्लिक करें। अपनी पसंद के अनुसार कोई भी चुनें, विर्ड की दायरा और रंग स्कीम, फौंट स्कीम, व्यापार जानकारी और लोगो को हम कस्टमाईज़ कर सकते हैं।

2. रंग, फौंट, आकार और सूचना बदलने के बाद, Create विकल्प पर क्लिक करें। लैटर-हैड दिखाई दे सकती है।

3. अब सूचना को ऐडिट करें, जिसको हम नीचे दिए गई तस्वीर में देख सकते हैं और इन परिवर्तनों को Save कर लीजिए।

प्रश्न 6.
कैलेंडर क्या है ? MS-Publisher में कैलेंडर कैसे बनाए जाए ?
उत्तर-
एक कैलेंडर सामाजिक, धार्मिक, व्यापारिक या प्रशासनिक उद्देश्य के लिए दिनों को प्रदर्शित करने की प्रणाली है। कैलेंडर का उपयोग लोगों की निजी शैड्यूल, समय और गतिविधियों को प्रदर्शित करने के लिए भी किया जाता है। कैलेंडर पूर्ण टाइमकिपिंग प्रणाली में उपयोग किया जाता है- जैसे समय के किसी खास पल को दर्शाने के लिए तिथि और समय। ऐम०एस पब्लिशर में कैलेंडर बनानाFile टैब पर क्लिक करें और फिर New और फिर Calendar पर क्लिक करें।
1. उपलब्ध टैपलेट में से कैलेंडर के साथ शब्द टैंपलेट्स अपनी पसंद के अनुसार कोई भी चुनें।

2. अब, कैलेंडर स्कीम, फौंट स्कीम, व्यापार जानकारी, पेज साइज के विकल्पों और खासतौर पर टाइमफ्रेम (एक महीने प्रति पन्ना या एक साल प्रति पन्ना) की मदद से अपने कैलेंडर को कस्टमाइज़ कर सकते हैं।

3. कैलेंडर को कस्टमाइज़ करने के बाद, Create विकल्प पर क्लिक करें।

4. अब हम नीचे दिए गए चित्र में दिखाई गई कैलेंडर देख सकते हैं। जब हम चाहें तो हम तस्वीर को ऐडिट कर सकते हैं और इस कैलेंडर को पब्लिशर में Save कर सकते हैं।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 8 माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-II

प्रश्न 7.
पेपर फोल्डिंग प्रोजैक्टों के बारे में बताएं। पब्लिशर में पेपर फोल्डिंग प्रोजैक्ट बनाने के लिए पद लिखो।
उत्तर-
पेपर फोल्डिंग प्रोजेक्ट को टुकड़े टैपलेटों में औरोपलेन और आगीगेमी (पेपरों की फोल्ड करके बनाने वाले) प्रोजैक्टों के लिए कागज़ नमूने शामिल होते हैं। इन पेजों में “फील्ड-लाइन’ के साथ और हमारी कागज़ी मास्टर पीस बनाने के लिए हिदायतें शामिल होती हैं।
माइक्रोसोफ्ट पब्लिशर बच्चे के लिए टैंपलेट पेश करता है। इन टैपलेटों में भिन्न-भिन्न पेपर फोल्डिंग प्रोजैक्ट जैसे कि हवाई जहाज, नाव, कप तथा अन्य शामिल होते हैं।

पब्लिशर में पेपर फोल्डिंग प्रोजैक्ट (Paper Folding Projects in Publisher)-नीचे दिए गए पद की पालना करें –

  1. File टैब में New फिर More Templates में Paper folding पर क्लिक करें। मिडल बैनर में बहुत सारे पेपर फोल्डिंग प्रोजैक्ट हो सकते हैं।
  2. प्रोजैक्ट का चयन-एक बार जब हम प्रोजैक्टों का चयन करते हैं हम दायें पैनल की कुछ विकल्पों को ऐडिट कर सकते हैं। हम अपनी पसंद के अनुसार रंग स्कीम और प्रोजैक्ट के लिए फौंट स्कीम और टाइपिंग अनुदेश को चुन सकते हैं। उसके बाद प्रोजैक्ट को नई विंडो में खुलने के लिए Create बटन पर क्लिक करें।
  3. अब पेपर फोल्डिंग प्रोजैक्ट को ऐडिट करें हम क्लिप आर्ट और टैक्सट को इनसर्ट कर सकते हैं।
  4. अगर हम क्लिप आर्ट इनसर्ट करना चाहते हैं तो विंडो के ऊपर तक जाना है और Insert Picture Clip Art पर क्लिक करें।
  5. पेपर फोल्डिंग प्रोजैक्ट के पूरा करने के बाद हम इसको अपने कम्प्यूटर पर सेव कर सकते हैं और इसको प्रिंट कर सकते हैं।

PSEB 10th Class Computer Guide आप्रेटिंग सिस्टम Important Questions and Answers

(A) बहुविकल्पीय प्रश्न –

1. कौन-सी चीज कपड़े की एक लंबी पट्टी के जैसी होती है ?
(a) न्यूज़लैटर
(b) बैनर
(c) लेबल
(d) व्यापार कार्ड।
उत्तर-
(b) बैनर

2. किसको चीजों की सूची कहा जाता है ?
(a) बैनर
(b) लेबल
(c) एनवैल्प
(d) कैटालॉग।
उत्तर-
(d) कैटालॉग।

3. दिनों के प्रबंध करने के लिए किसका इस्तेमाल किया जाता है ?
(a) बैनर
(b) लेबल
(c) कैलेंडर
(d) कैटालॉग।
उत्तर-
(c) कैलेंडर

4. हैडिंग के साथ छपी हुए स्टेशनरी को क्या कहते हैं ?
(a) लेबल
(b) बैनर
(c) लैटरहैड
(d) कैटालॉग।
उत्तर-
(c) लैटरहैड।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 8 माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-II

(B) रिक्त स्थान भरें-

1. टैक्सट के फौंट कलर एवं टैक्सट बाक्स कलर को बदलने के लिए ……… मीनू प्रयोग होता है।
उत्तर-
Format,

2. न्यूज़लैटर का टाइटल ………….. में लिखा जाता है।
उत्तर-
टाइटल टैक्सट बॉक्स,

3. न्यूजलैटर की तिथि …………. में लिखी जाती है। . थ …………. म लिखा जाता है।
उत्तर-
डेट टैक्सट बॉक्स,

4. पोस्ट-कार्ड की …………. साइडें होती हैं।
उत्तर-
दो,

5. अगर आप लोगो नहीं लगाना चाहते तो ………. पर क्लिक करें।
उत्तर-
None.

(C) सही या गलत

1. आपको नोट एव मैसेज बाक्स में टाइप करना चाहिए।
उत्तर-
गलत,

2. प्रिव्यू गैलरी में विभिन्न प्रकार के डिज़ाइन नज़र आते हैं।
उत्तर-
सही,

3. एनवैल्प्स पत्र लिखने के लिए प्रयोग होते हैं।
उत्तर-
गलत,

4. न्यूज़लैटर में प्रत्येक पेज़ का एक जैसा ले-आऊट होता है।
उत्तर-
गलत,

5. न्यूज़लैटर में पहले से ही तीन कॉलम एवं तीन स्टोरीज़ होती है।
उत्तर-
सही।

II. अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
बैनर किसको कहते हैं ?
उत्तर-
किसी समागम के विज्ञापन के लिए प्रयोग किये जाने वाले एक साधन को बैनर कहते हैं।

प्रश्न 2.
न्यूज़लैटर किसको कहते हैं ?
उत्तर-
किसी विषय पर जानकारी प्रदान करने का एक माध्यम न्यूज़लैटर होता है।

प्रश्न 3.
पोस्ट-कार्ड किसलिए प्रयोग किया जाता है?
उत्तर-
किसी समारोह की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए पोस्ट-कार्ड का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 4.
इनवैल्प का क्या प्रयोग है?
उत्तर-
इनवैल्प में हम अपने पत्र डालकर किसी दूसरे व्यक्ति को भेज सकते हैं।

प्रश्न 5.
पोस्ट-कार्ड की कितनी साइडें होती हैं ?
उत्तर-
पोस्ट-कार्ड की दो साइडें होती हैं।

प्रश्न 6.
पंपलैट क्या होता है?
उत्तर-
पंपलैट प्रचार के लिए प्रयोग होने वाला एक साधन है जिसको अक्सर अखबार द्वारा घरों में पहुंचाया जाता है।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 8 माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-II

III. लघ उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
बैनर क्या है ?
उत्तर-
बैनर प्रचार करने का एक साधन है। इसका प्रयोग किसी सूचना को लोगों तक पहुंचाने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 2.
न्यूजलैटर के बारे में बतायें।
उत्तर-
न्यूजलैटर एक साधन है जिसकी मदद से हम किसी प्रकार की खबरें लोगों तक पहुंचा सकते हैं।

प्रश्न 3.
पोस्टकार्ड पर एक नोट लिखें।
उत्तर-
पोस्टकार्ड एक छोटा कार्ड होता है जिसका प्रयोग किसी को कुछ सूचना भेजने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 4.
नया लैटरहैड खोलने का तरीका बतायें।
उत्तर-
नया लैटर खोलने के लिए अग्रलिखित स्टैप प्रयोग करें New Publication altas 99 H New From a Design H À Publication for Print-Letter Head पर क्लिक करें।

प्रश्न 5.
इनवैल्प कहाँ इस्तेमाल किया जाता है ?
उत्तर-
इनवैल्प चिट्ठी डालने के लिए प्रयोग किया जाता है। इस पर भेजने और प्राप्त करने वाले का पता लिखा होता है। इसमें चिट्ठी डालकर पोस्ट की जाती है।

IV. बड़े उत्तर वाला प्रश्न

प्रश्न-
लैटरहैड और पोस्ट-कार्ड में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर-
लैटरहैड और पोस्ट-कार्ड में निम्नलिखित अन्तर हैं –

लैटरहैड पोस्ट-कार्ड
1. लैटरहैड किसी कम्पनी का अधिकारिक पेज होता है। 1. पोस्ट-कार्ड चिट्ठी डालने का एक साधन है।
2. लैटरहैड किसी भी उद्देश्य के लिए प्रयोग जाता है। 2. पोस्ट-कार्ड न्योता देने के लिए प्रयोग किया किया जा सकता है।
3. लैटरहैड का आकार बड़ा होता है। 3. पोस्ट-कार्ड का आकार छोटा होता है।
4. लैटरहैड पर आर्डर आदि दिये जाते हैं। 4. पोस्ट-कार्ड से पत्र-व्यवहार किया जाता है।
5. साधारण तौर पर लैटरहैड आम पेपर की तरह ही होता है। 5. पोस्ट-कार्ड का पेपर मोटा होता है।