PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 9 कृषि संयंत्र एवम् उनकी देखभाल

Punjab State Board PSEB 8th Class Agriculture Book Solutions Chapter 9 कृषि संयंत्र एवम् उनकी देखभाल Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Agriculture Chapter 9 कृषि संयंत्र एवम् उनकी देखभाल

PSEB 8th Class Agriculture Guide कृषि संयंत्र एवम् उनकी देखभाल Textbook Questions and Answers

(अ) एक-दो शब्दों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
भूमि के पश्चात् किसान की सबसे अधिक पूँजी किस वस्तु में लगी होती
उत्तर-
कृषि सम्बन्धित मशीनरी में।

प्रश्न 2.
हमारी कृषि मशीनरी (संयंत्रों) का प्रधान किसे माना जाता है ?
उत्तर-
ट्रैक्टर को।

प्रश्न 3.
ट्रैक्टर के साथ चलने वाली तीन मशीनों के नाम बताएँ।
उत्तर-
कल्टीवेटर, तवियां, सीड ड्रिल।

प्रश्न 4.
वे कौन-सी मशीनें हैं जिनमें शक्ति स्रोत मशीन का ही भाग हो ?
उत्तर-
ट्रैक्टर, ईंजन, मोटर आदि।

प्रश्न 5.
ट्रैक्टर की ओवरहालिंग कब की जानी चाहिए ?
उत्तर-
4000 घण्टे काम लेने के बाद।

प्रश्न 6.
ट्रैक्टर को स्टोर करते समय हमेशा कौन-से गेयर में खड़ा करना चाहिए ?
उत्तर-
न्यूट्रल गियर में।

प्रश्न 7.
ट्रैक्टर के बैटरी टर्मिनल को साफ़ करके किस चीज़ का लेप करना चाहिए ?
उत्तर-
पैट्रोलियम जैली का।

प्रश्न 8.
बोआई वाली मशीनों में बीज़/खाद निकाल कर एवम् अच्छी तरह सफाई करके किस वस्तु का लेप करना चाहिए ?
उत्तर-
पुराने तेल का लेप कर देना चाहिए।

प्रश्न 9.
मिट्टी में चलने वाली मशीनों के पुों को जंग लगने से बचाने के लिए क्या करेंगे ?
उत्तर-
ग्रीस या पुराने तेल का लेप करना चाहिए।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 9

प्रश्न 10.
स्प्रे पम्प को प्रयोग करने के पश्चात् पम्प को खाली करके क्यों चलाना चाहिए ?
उत्तर-
इस तरह पाइपों में रह गया पानी निकल जाता है।

(आ) एक-दो वाक्यों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
कृषि संयंत्र मुख्यतः कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
कृषि संयंत्र मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं-चलाने वाले; जैसे- ट्रैक्टर, कृषि यन्त्र; जैसे-तवियां, स्व:चालित मशीनें; जैसे-कम्बाइन हार्वेस्टर आदि।

प्रश्न 2.
ट्रैक्टर की संभाल के लिए कितने घण्टे बाद सर्विस करनी चाहिए ?
उत्तर-
ट्रैक्टर की संभाल के लिए 10 घण्टे, 50 घण्टे, 125 घण्टे, 250 घण्टे, 500 घण्टे तथा 1000 घण्टे बाद सर्विस करनी चाहिए तथा 4000 घण्टे काम कर लेने के बाद ओवरहालिंग करवाना चाहिए।

प्रश्न 3.
यदि ट्रैक्टर को दीर्घ काल के लिए स्टोर करना है तो टायरों की संभाल के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
ट्रैक्टर को लकड़ी के गुटकों के ऊपर उठा देना चाहिए तथा टायरों में हवा कम कर देनी चाहिए।

प्रश्न 4.
ट्रैक्टर को दीर्घ काल के लिए स्टोर करने के लिए बैटरी की संभाल के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
यदि ट्रैक्टर को लम्बे समय तक खड़ा करना हो तो बैटरी की तार को अलग कर देना चाहिए तथा समय-समय पर बैटरी को चार्ज करते रहना चाहिए।

प्रश्न 5.
ट्रैक्टर की धूम्र नली एवम् करेंक केस ब्रीदर की संभाल के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
यदि धूम्र नली एवम् करेंक केस ब्रीदर के मुँह पर ढक्कन न हो तो किसी कपड़े से बंद कर देना चाहिए। इस तरह नमी अन्दर नहीं जा सकती।

प्रश्न 6.
काम के दिनों में मशीन के ध्रुवों की संभाल के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
काम के दिनों में हर 4-6 घण्टे मशीन चलाने के बाद घुरियों के सिरों पर वुशों में तेल या ग्रीस देनी चाहिए। यदि बाल वैरिंग फिट हो तो तीन-चार दिनों बाद ग्रीस देनी चाहिए।

प्रश्न 7.
बोआई वाली मशीनों के बीज एवम् खाद के डिब्बे प्रतिदिन साफ़ क्यों करने चाहिए ?
उत्तर-
खादें रासायनिक पदार्थ होती हैं जो डिब्बे के साथ क्रिया करके उसको खा जाती हैं। इसलिए बीज़ तथा खाद के डिब्बे को रोज़ साफ़ करना चाहिए।

प्रश्न 8.
कम्बाइन में दानों वाले टैंक, कन्वेयर, पुआलवाकर (स्टावाकर) एवम् छानने आदि को अच्छी तरह साफ़ क्यों करना चाहिए ?
उत्तर-
कम्बाइन में बीज़ वाले टैंक, कन्वेयर स्टावाकर तथा छननी आदि को अच्छी तरह साफ़ इसलिए किया जाता है ताकि चूहे यहां अपना घर न बना लें। चूहे कम्बाइन में बिजली की तारों आदि को तथा पाइपों को हानि पहुंचा सकते हैं।

प्रश्न 9.
कम्बाइन को जंग लगने से बचाने के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
कम्बाइन को नमी के कारण जंग लगता है इसलिए यह आवश्यक है कि इसको किसी शैड के अन्दर खड़ा किया जाए तथा इसको प्लास्टिक की शीट से ढक देना चाहिए। यदि किसी स्थान से रंग उतर गया हो तो वहां रंग कर देना चाहिए।

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प्रश्न 10.
स्टोर करते समय मशीन का मिट्टी से सम्पर्क न रहे, इसके लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
मिट्टी में चलने वाली मशीनों को स्टोर करने से पहले इनको धोकर साफ़ कर लेना चाहिए तथा जंग न लगे इसलिए ग्रीस या पुराने तेल का लेप ज़रूर कर देना चाहिए।

(इ) पाँच-छः वाक्यों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
कृषि संयंत्र एवम् देखभाल की आवश्यकता क्यों है ?
उत्तर-
कृषि से अधिक उपज लेने के लिए तथा अधिक आय प्राप्त करने के लिए कृषि मशीनरी का बहुत योगदान है। भूमि के बाद सबसे अधिक पूंजी कृषि से सम्बन्धित मशीनरी पर लगी होती है। यदि इतनी महंगी मशीनरी की अच्छी तरह देखभाल न की जाए तो समय पर पूरा लाभ नहीं मिल सकेगा। अच्छी तथा उपयुक्त देखभाल तथा संभाल की जाए तो मशीनरी की आयु में वृद्धि की जा सकती है। मशीनरी के खराब होने से इसकी मुरम्मत पर अधिक खर्चा होगा। अगले सीजन में मशीन तैयार-वर-तैयार मिले इसलिए पहले सीजन के अंत में मशीन की अच्छी तरह सफ़ाई करके संभाल करनी चाहिए।

प्रश्न 2.
ट्रैक्टर की देखभाल के लिए किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए ?
उत्तर-
ट्रैक्टर की संभाल के लिए निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए—

  1. ट्रैक्टर को अच्छी तरह धोकर, साफ़ करके शैड के अन्दर खड़ा करना चाहिए।
  2. यदि कोई छोटी-मोटी मुरम्मत होने वाली हो या किसी पाईप आदि से तेल लीक करता हो तो इसको ठीक कर लेना चाहिए। इंजन में बताई गई निशानी तक मुबाईल आयल का लेवल होना चाहिए।
  3. सारे ग्रीस वाले प्वाईंट अच्छी तरह डीजल से साफ करने चाहिए। पुरानी ग्रीस निकाल देनी चाहिए तथा नई ग्रीस से भर देनी चाहिए।
  4. बैटरी को गर्म पानी से अच्छी तरह साफ करके इसके टर्मीनलों को साफ करके पेट्रोलियम जैली का लेप लगा देना चाहिए। इस तरह लम्बे समय तक ट्रैक्टर का प्रयोग न करना हो तो बैटरी की तार अलग कर देनी चाहिए, परन्तु समय-समय पर बैटरी को चार्ज करते रहना चाहिए।
  5. टायरों तथा बैटरी की संभाल के लिए ट्रैक्टर को महीने में एक-दो बार स्टार्ट करके थोड़ा चला लेना चाहिए।
  6. लम्बे समय तक ट्रैक्टर को खड़ा रखना हो तो ट्रैक्टर को लकड़ी के गुटखों पर उठा देना चाहिए तथा टायरों की हवा कम कर देनी चाहिए।
  7. ट्रैक्टर को न्यूट्रल गियर में ही खड़ा रखना चाहिए, स्विच को बंद करके तथा पार्किंग ब्रेक लगा कर खड़ा करना चाहिए।
  8. धुएँ वाली पाइप तथा करैंक केस ब्रीदर के मुँह में ढक्कन न लगा हो तो कपड़े से बंद कर देना चाहिए। इस तरह नमी अन्दर नहीं जाती।
  9. ऐअर क्लीनर को कुछ समय बाद साफ करते रहना चाहिए।

प्रश्न 3.
मशीन की मुरम्मत मौसम समाप्त होने के पश्चात् ही क्यों कर लेनी चाहिए ?
उत्तर-
मशीन की मुरम्मत मौसम समाप्त होने के पश्चात्, स्टोर करने से पहले ही कर लेनी चाहिए। इस तरह मशीन अगले सीजन के शुरू में तैयार-वर-तैयार मिलती है तथा समय नष्ट नहीं होता तथा परेशानी भी नहीं होती। मौसम के खत्म होने पर हमें कौन-से पुर्जे या हिस्से में खराबी होने की संभावना है, पता होता है। यदि मुरम्मत न की जाए तो अगले मौसम के शुरू होने पर हमें यह कई बार याद भी नहीं रहता कि कौन-से पुर्जे या हिस्से मुरम्मत करने वाले हैं। इसलिए मौसम के समाप्त होते ही मुरम्मत करके मशीन को स्टोर करना चाहिए।

प्रश्न 4.
बैटरी की देख-भाल के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-
बैटरी की संभाल के लिए ट्रैक्टर को महीने में एक-दो बार स्टार्ट करके चला लेना चाहिए। बैटरी को गर्म पानी से साफ करके बैटरी के टर्मिनलों पर पेट्रौलियम जैली का लेप कर लेना चाहिए। लम्बे समय तक बैटरी का प्रयोग न करना हो तो बैटरी की तार को अलग कर देना चाहिए पर बैटरी को कभी-कभी चार्ज करते रहना चाहिए।

प्रश्न 5.
कम्बाइन हारवैस्टर की देखभाल के लिए किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए?
उत्तर-
कम्बाइन की देखभाल भी ट्रैक्टर की तरह ही की जाती है, परन्तु इसमें कुछ अन्य बातों का ध्यान भी रखना पड़ता है, जो निम्नलिखित है—

  1. कम्बाइन में बीज़ वाले टैंक, कन्वेयर, स्ट्रावाकरों तथा छननी आदि को अच्छी तरह साफ इसलिए किया जाता है ताकि चूहे यहां अपना घर न बना लें, चूहे कम्बाइन में बिजली की तारों आदि को तथा पाइपों को हानि पहुंचा सकते हैं।
  2. कम्बाइन को नमी के कारण जंग लगता है। इसलिए यह ज़रूरी है कि इसको किसी शैड के अन्दर खड़ा किया जाए तथा इसको किसी प्लास्टिक शीट से ढक देना चाहिए। यदि किसी जगह से रंग उतर गया हो तो कर देना चाहिए।
  3. मशीन की रिपेयर सीजन खत्म होने के बाद स्टोर करने से पहले ही कर लेनी चाहिए। इस तरह मशीन अगले सीजन के शुरू में तैयार-वर-तैयार मिलती है तथा समय नष्ट नहीं होता तथा परेशानी भी नहीं होती। सीजन के समाप्त होने पर हमें उसके कौनसे पुर्जे या हिस्से में खराबी की संभावना है, पता होता है। यदि मुरम्मत नहीं की जाएगी तो अगले सीजन के शुरू होने पर हमें यह कई बार याद भी नहीं रहता कि कौन-से पुर्जे या हिस्से मुरम्मत करने वाले हैं। इसलिए सीजन के समाप्त होते ही मुरम्मत करके ही मशीन स्टोर करनी चाहिए।
    यदि उस समय संभव न हो तो पुों की लिस्ट बना लेनी चाहिए तथा जब समय मिले मुरम्मत करवा लेनी चाहिए।
  4. सारी बैल्टों को उतार कर निशान चिन्ह लगा कर संभाल लें ताकि दुबारा प्रयोग आसान हो जाए।
  5. चैन को भी डीज़ल से साफ करके ग्रीस लगा देनी चाहिए।
  6. रगड़ लगने वाले भाग को तेल देना चाहिए तथा ग्रीस वाले भागों को साफ करके नई ग्रीस भर देनी चाहिए।

Agriculture Guide for Class 8 PSEB कृषि संयंत्र एवम् उनकी देखभाल Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पट्टे कुतरने वाली मशीन को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
टोका।

प्रश्न 2.
डिस्क हैरो को देसी भाषा में क्या कहते हैं ?
उत्तर-
तवियां।

प्रश्न 3.
भूमि को समतल तथा भुरभुरा किससे करते हैं ?
उत्तर-
सुहागे से।

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प्रश्न 4.
खेतों में मेढ़ बनाने के लिए कौन-से यन्त्र का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
ज़िदरे का।

प्रश्न 5.
गोड़ाई के लिए प्रयोग होने वाले यन्त्रों के नाम लिखें।
उत्तर-
खुरपा तथा त्रिफाली।

प्रश्न 6.
फसलों पर कीड़े मार दवाई का छिड़काव करने वाले यन्त्रों के नाम बताओ।
उत्तर-
ढोलकी पम्प या ट्रैक्टर स्प्रे।

प्रश्न 7.
बीज़ बोने के लिए प्रयोग की जाने वाली मशीन का नाम बताओ।
उत्तर-
बीज़ ड्रिल मशीन।

प्रश्न 8.
कृषि कार्यों के लिए प्रयोग होने वाली दो मशीनों के नाम बताओ।
उत्तर-
पठे कुतरने वाली मशीन, डीज़ल इंजन, ट्रैक्टर।

प्रश्न 9.
ट्रैक्टर के टायरों में हवा का दबाव कितना होता है ?
उत्तर-
अगले टायरों में 24-26 पौंड तथा पिछले टायरों में 12-18 पौंड हवा होती है

प्रश्न 10.
बीज बीजने वाली मशीन को क्या कहा जाता है ?
उत्तर-
इसको सीड ड्रिल कहते हैं।

प्रश्न 11.
स्प्रे पम्प को प्रयोग करने के बाद किसके साथ धोएंगे ?
उत्तर-
स्प्रे पम्प को साफ़ पानी से धोना चाहिए।

प्रश्न 12.
सीड ड्रिल को कितने दिनों के बाद ग्रीस देनी चाहिए ?
उत्तर-
इसमें यदि बाल फिट हो तो तीन या चार दिन के बाद ग्रीस देनी चाहिये।

प्रश्न 13.
बिजली की मोटर क्या ढीला होने पर कांपती है ?
उत्तर-
फाऊंडेशन बोल्टों के ढीले होने के कारण मशीन कांपती है।

प्रश्न 14.
ट्रैक्टर को कितने घण्टों के प्रयोग के पश्चात् ग्रीस देंगे ?
उत्तर-
60 घण्टे काम लेने के पश्चात् ग्रीस गन से सभी जगह पर ग्रीस देनी चाहिए।

प्रश्न 15.
ट्रैक्टर के गियर बॉक्स का तेल कितने घण्टे काम लेने के बाद बदलना चाहिए ?
उत्तर-
1000 घण्टे काम लेने के पश्चात् ट्रैक्टर के गियर बॉक्स का तेल बदल दें।

प्रश्न 16.
ट्रैक्टर को ओवरहालिंग कब करवाया जाना चाहिए ?
उत्तर-
4000 घण्टे काम लेने के पश्चात् ट्रैक्टर की ओवरहालिंग की जानी चाहिए।

प्रश्न 17.
तवियों के फ्रेम को कितने समय के बाद दोबारा रंग करेंगे ?
उत्तर-
तवियों के फ्रेम को 2-3 वर्ष बाद रंग करो।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
डीज़ल इंजन का कृषि में क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
डीज़ल इंजन ट्रैक्टर से छोटी मशीन है, इससे ट्यूबवैल चलाने, पढें कुतरने वाला टोका, दाने आदि निकालने के लिए मशीनें चलाई जाती हैं। इसको चलाने के लिए तेल तथा मुरम्मत का खर्चा ट्रैक्टर से काफी कम आता है। जहां कम शक्ति की आवश्यकता हो वहां ट्रैक्टर की जगह डीज़ल इंजन को पहल देनी चाहिए।

प्रश्न 2.
टिल्लर किस काम आता है ?
उत्तर-
इसका प्रयोग भूमि की जुताई के लिए होता है। इसको ट्रैक्टर के साथ जोड़ कर भूमि की जुताई का काम किया जाता है।

प्रश्न 3.
डिस्क हैरों किस काम आता है ?
उत्तर-
इसको खेत की प्राथमिक जुताई के लिए प्रयोग किया जाता है। इसको तवियां भी कहते हैं।

प्रश्न 4.
कृषि मशीनों का आधुनिक युग में क्या महत्त्व है ?
उत्तर-

  1. फसल की बुवाई जल्दी तथा सस्ती हो जाती है।
  2. पौधों तथा पौधों की पंक्तियों का फासला बिल्कुल ठीक तरह रखा जाता है।
  3. पंक्तियों में बुवाई करके फसल की गुड़ाई सरलता से हो जाती है।
  4. बीज तथा खाद निश्चित गहराई तथा योग्य फासले पर केरे जाते हैं।
  5. ड्रिल से बीजी हुई फसल से 10% से 15% तक अधिक उपज प्राप्त हो जाता है।

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प्रश्न 5.
सीड ड्रिल मशीन को धूप में क्यों नहीं खड़ा करना चाहिए।
उत्तर-
सीड ड्रिल मशीन को धूप में खड़े रखने से रबड़ की पाइपें तथा गरारियां खराब हो जाती हैं। पाइपों की पिचक निकालने के लिये पाइप को एक मिनट तक उबलते पानी में डालें तथा किसी सरिये या छड़ी को बीच में घुमाकर पिचक निकालें।

प्रश्न 6.
बिजली की मोटर पर पड़ रहे अधिक भार का कैसे पता लगता है ? यदि भार अधिक पड़ रहा हो तो क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
मोटर पर पड़ रहे अधिक भार का पता करंट मीटर से लगता है जो कि स्टारटरों से लगे होते हैं। करंट अधिक जाता है तो यह ओवर लोडिंग होने का चिन्ह है। इसलिए मशीन पर भार घटाएं।

प्रश्न 7.
बीजाई के बाद सीड ड्रिल की सफ़ाई कैसे करोगे ?
उत्तर-
बीजाई के बाद रबड़ पाइपें साफ़ कर दें। मशीन के सभी खोलने वाले भाग खोलकर, सोडे के पानी के साथ अच्छी तरह सुखाकर सभी भागों को ग्रीस लगाकर किसी स्टोर में रख दें।

प्रश्न 8.
मोटर के स्टारटर तथा स्विच को अर्थ क्यों करना चाहिए ?
उत्तर-
मोटर के स्टारटर तथा स्विच को कई जगहों पर अर्थ किया जाता है ताकि यदि कोई खराबी पड़ने पर अधिक करंट आ जाए तो यह ज़मीन में चला जाये तथा फ्यूज़ वगैरा उड़ जाने पर हमें झटका न लग सके।

प्रश्न 9.
ट्रैक्टर के पहियों की स्लिप घटाने के लिये क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
इसके लिए पीछे के पहियों में हवा का दबाव कम करें।

प्रश्न 10.
ट्रैक्टर का खिंचाव बढ़ाने के लिये क्या किया जा सकता है ?
उत्तर-
खिंचाव बढ़ाने के लिये पहिये की ट्यूबों में पानी भरा जा सकता है।

प्रश्न 11.
बैटरी टर्मिनलों तथा तारों को कितने ट्रैक्टर चलाने के पश्चात् साफ़ करना चाहिये ?
उत्तर-
120 घण्टे के काम के बाद।

प्रश्न 12.
बैटरी की प्लेटों से पानी कितना ऊंचा होना चाहिये ?
उत्तर-
बैटरी की प्लेटों से पानी 9 इंच ऊपर होना चाहिए।

प्रश्न 13.
ट्रैक्टर की ब्रेकों के पटे, पिस्टन तथा रिंग की घिसावट को कितने घण्टे काम के बाद चैक करना चाहिए ?
उत्तर-
1000 घण्टे काम करने के बाद।

प्रश्न 14.
मोटर गर्म होने के क्या कारण हो सकते हैं ?
उत्तर-
फेज़ पूरे नहीं हैं तथा जिन छेदों में से हवा जाती है वह गन्दगी या धूल से बन्द हो गये हों तो मोटर गर्म हो जाती है।

प्रश्न 15.
यदि बार-बार स्टार्टर ट्रिप करता हो तो क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
यदि स्टार्टर बार-बार ट्रिप करता हो तो जबरदस्ती न करें तथा इलैक्ट्रीशन से मोटर चैक करवाएं।

प्रश्न 16.
यदि तीन फेज़ वाली मोटर का चक्र बदलना हो तो क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
यदि मोटर का चक्र बदलना हो तो किसी भी दो फेज़ों को आपस में बदल दें चक्कर बदल जाएगा।

प्रश्न 17.
यदि तवियां न घूमें तो मशीन की सफ़ाई कैसे करेंगे ?
उत्तर-
कई बार बहुत देर तक मशीन पड़ी रहे तो ग्रीस जम जाती है तथा तवियां नहीं घूमतीं। इसलिए इनको खोलकर सोडे वाले पानी के साथ ओवरहाल करना चाहिए।

प्रश्न 18.
यदि पम्प लीक कर जाये तो क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
पम्प लीक कर जाये तो इसमें लगी सभी पेकिंगों तथा वाशलों को चैक करें तथा गली तथा घिसी पेकिंगों तथा वाशलों को बदल दें।

प्रश्न 19.
ट्रैक्टर के पहियों तथा रबड़ के अन्य पुों को मोबिल आयल तथा ग्रीस से कैसे बचाना चाहिए ?
उत्तर-
मोबिल आयल तथा ग्रीस पहियों तथा रबड़ के पुों को बहुत हानि पहुंचा सकते हैं। इसके बचाव के लिये डीज़ल के साथ कपड़े का टुकड़ा भिगो कर ग्रीस तथा मोबिल आयल को साफ़ करना चाहिए। कीटनाशक दवाई के छिड़काव के बाद ट्रैक्टर के पहियों को साफ पानी के साथ धो देना चाहिए।

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प्रश्न 20.
बीज ड्रिल के डिब्बे को रोज़ क्यों साफ़ करना चाहिए।
उत्तर-
बीज तथा खाद के डिब्बे रोज़ इसलिए साफ़ करने चाहिएं क्योंकि खाद बहुत जल्दी डिब्बे को खा जाती है। खाद की प्रति एकड़ बदलने वाली पत्ती को जंग लग जाता है। प्रत्येक दो एकड़ बीज देने के पश्चात् डिब्बे के नीचे तथा एल्यूमीनियम की गरारियों पर जमी हुई खाद अच्छी तरह साफ़ कर देनी चाहिए। अन्यथा मशीन जल्दी खराब हो जायेगी तथा काम नहीं करेगी।

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
कृषि के कार्यों में प्रयोग की जाती मशीनरी तथा यन्त्रों की सम्भाल का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
आज के युग में कृषि के साथ सम्बन्धित सभी कार्य बीजाई, कटाई, गुड़ाई, गुहाई आदि मशीनों द्वारा किये जाते हैं। मशीनरी पर बहुत पैसे खर्च आते हैं तथा कई बार मशीनों के लिये कर्ज भी लेना पड़ता है। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि जिस मशीनरी पर इतने पैसे खर्च किये हों, उसकी सम्भाल का पूरा ध्यान रखा जाये ताकि मशीन लम्बे समय तक बिना रुके काम करती रहे। इसलिए ट्रैक्टर, सीड ड्रिल, स्प्रे पम्प, तवियों आदि मशीनों तथा यन्त्रों की पूरी-पूरी देखभाल करनी चाहिए।

प्रश्न 2.
ट्रैक्टर से 60 घण्टे काम लेने के बाद सम्भाल सम्बन्धी की जाने वाली कार्यवाही का वितरण दें।।
उत्तर-
60 घण्टे काम लेने के बाद निम्नलिखित कार्य करने चाहिएं—

  1. चैक करो कि फैन बैल्ट ढीली तो नहीं। आवश्यकता अनुसार बैल्टों को कसें या बदल दें। इसका महत्त्व इंजन को ठण्डा करने तथा बिजली पैदा करने में हैं।
  2. ऐयर क्लीनर के आयल बाथ में तेल की सतह देखें।
  3. ग्रीस गन की सहायता से सभी जगह पर ग्रीस करो। अधिक समय तक कार्य के लिये निप्पलों को रोज ग्रीस करें।
  4. आयल फिल्टर को अच्छी तरह साफ़ करें।
  5. रेडियेटर की ट्यूबों को साफ़ करें।
  6. पहियों में हवा का दबाव चैक करें।

प्रश्न 3.
तवियों की सम्भाल कैसे की जाती है ?
उत्तर-
तवियों की सम्भाल के लिये निम्नलिखित कार्य करें—

  1. तवियों को हर दो तीन सप्ताह पश्चात् ट्रैक्टर में से निकाला हुआ ट्रेंड मोबिल आयल किसी कपड़े के टुकड़े से लगाते रहना चाहिए। इस प्रकार तवियों को जंग लगने से बचाया जा सकता है।
  2. तवियों के फ्रेम को दो तीन वर्ष बाद रंग कर देना चाहिए।
  3. हर 4 घण्टे के पश्चात् मशीन को ग्रीस दे देनी चाहिए।
  4. बुशों आदि पर तेल देते रहना चाहिए।
  5. यदि मशीन बहुत देर तक न प्रयोग की जाये, तो इसके अन्दर ग्रीस जम सकती है तथा इस प्रकार तवियां घूमेंगी नहीं। इसलिए इनको खोल कर सोडे वाले पानी के साथ ओवरहाल करें तथा इसके सभी पुों को खोलकर साफ़ करके फिट करें।

प्रश्न 4.
ट्रैक्टर से 120 घण्टे काम लेने के बाद क्या करोगे ?
उत्तर-
120 घण्टे वाली देखभाल शुरू करने से पहले इससे कम घण्टे काम लेने के बाद वाली कार्यवाही कर लेनी चाहिये तथा 120 घण्टे के बाद निम्नलिखित कार्य करें

  1. गेयर बॉक्स के तेल की सतह को चैक करें तथा ठीक करें।
  2. कनैक्शन ठीक रखने के लिये बैटरी टर्मिनल तथा तारें साफ़ करें।
  3. बैटरी के पानी की सतह चैक करें। प्लेटों पर पानी का लैवल 9 इंच ऊपर होना चाहिए। यदि पानी कम हो तो और पानी डाल दें।

प्रश्न 5.
ट्रैक्टर से 1000 घण्टे तथा 4000 घण्टे काम लेने के बाद की गई कार्यवाही के बारे में लिखें।
उत्तर-
1000 घण्टे वाली देखभाल शुरू करने से पहले कम समय वाली देखभाल करने के बाद निम्नलिखित कार्य करें

  1. गियर बॉक्स का तेल बदल देना चाहिए।
  2. ब्रेकों के पटे, पिस्टन तथा रिंग की घिसावट को चैक करके आवश्यकता अनुसार मरम्मत करनी चाहिये या बदल देने चाहिये।
  3. किसी अच्छे ट्रैक्टर मकैनिक से ट्रैक्टर को चैक करवाएं।
  4. ट्रैक्टर से 4000 घण्टे काम लेने के बाद पूरे ट्रैक्टर को किसी अच्छी वर्कशाप में से ओवरहाल करवाना चाहिए।

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प्रश्न 6.
बिजली की मोटर के लिये ध्यान रखने योग्य बातें कौन-सी हैं ?
उत्तर-

  1. मोटर की बॉडी पर हाथ रखें तथा देखें कि यह गर्म तो नहीं होती, देखें कोई बदबू आदि तो नहीं आती।
  2. मोटर पर ज्यादा भार नहीं पड़ा होना चाहिए। इसका पता करंट मीटर से लग जाता है, जोकि कई स्टारटरों के साथ लगा होता है। यदि आवश्यकता से अधिक करंट जाता हो तो यह ओवरलोडिंग की निशानी है। इसलिए भार घटाएं।
  3. यदि तीनों फेज़ पूरे नहीं आ रहे तो मोटर को तुरन्त बन्द कर देना चाहिए।
  4. फ्यूज़ उड़ जाने के कारण मोटर सिंगल फेज़ पर न चलती हो तथा बिजली पूरी आनी चाहिये।
  5. जिन छेदों में से हवा जाती है, वह गन्दगी या धूल से बन्द हो गये हों या बन्द हों तो मोटर गर्म हो जायेगी।
  6. यदि बाहर से आपको कोई नुक्स नज़र नहीं आता तो नुक्स मोटर के अन्दर है। बिजली के कारीगर को मोटर दिखाएं। वह सभी कुवाइलों की जांच करेगा।

प्रश्न 7.
ट्रैक्टर के पहियों की देखभाल कैसे की जाती है ?
उत्तर-

  1. पहियों की लम्बी आयु के लिये इनमें हवा का दबाव ट्रैक्टर के साथ मिली हुई पुस्तक में बताए के अनुसार रखें। आगे के पहियों में 24-26 पौंड तथा पीछे के पहियों में 12–18 पौंड हवा होनी चाहिए।
    पहियों को मोबिल आयल तथा ग्रीस बिल्कुल न लगने दें। यदि लग जाये तो डीज़ल से कपड़ा भिगो कर उनको साफ़ कर दें।
  2. पत्थरों तथा पौंधों की जड़ों पर ट्रैक्टर चलाने से पहिये जल्दी घिस जाते हैं।
  3. पहिये क्रैक हो जायें तो समय पर मुरम्मत करवा लें।
  4. ध्यान रखें कि पहिये एक सार घिसावट या भार सहन करें।

प्रश्न 8.
बिजली की मोटर की देखभाल के बारे में मुख्य बातें क्या हैं ?
उत्तर-

  1. मोटर के स्टारटर तथा स्विच को कई जगहों से अर्थ तार के साथ जोड़ना चाहिए, ताकि यदि कोई खराबी पड़े तो बिजली ज़मीन में चली जाये तथा फयूज वगैरा उड़ जाएं तथा झटके से बचा जाये।
  2. यदि स्टारटर बार-बार ट्रिप करता हो तो कोई जबरदस्ती न करें तथा नुक्स ढूंढ़े या इलैक्ट्रीशियन से मोटर चैक करवाएं।
  3. मोटर पर भार उसके हार्स पावर अनुसार ही डालें।
  4. यदि बेरिंग आवाज़ करते हों या ज्यादा ढीले हों, तो उनको तुरन्त बदल दें।
  5. कभी-कभी मोटर, स्विच तथा स्टारटर के सभी कनैक्शन की जांच करते रहें।
  6. वर्ष में दो बार मोटर को ग्रीस देनी चाहिये।
  7. ध्यान रखें कि मोटर की बैल्ट बहुत कसी न हो क्योंकि कसी हुई बैल्ट मोटर के बेरिंग को काट देती है।
  8. यदि मोटर बहुत कांपती हो तो बेरिंग घिसे हुए हो सकते हैं या फाउंडेशन बोल्ट ढीले हो सकते हैं। खराबी ढूंढे तथा ठीक करें।
  9. कभी-कभी मोटर को हाथ से घुमाकर चैक करें कि रोटर अन्दर से कहीं लगता तो नहीं या कोई बेरिंग जाम तो नहीं।
  10. मोटर से गन्दगी तथा धूल वगैरा साइकिल वाले पम्प या अन्य हवा के प्रैशर से दूर करें।
  11. कभी-कभी मोटर की इन्सुलेशन रजिस्टेंस चैक करवाते रहना चाहिये। यदि तीन फेज़ों वाली मोटर का चक्कर बदलना हो तो किसी भी दो फेज़ों को आपस में बदल दें, चक्कर बदल जाएगा।

प्रश्न 9.
सीड ड्रिल मशीन की सम्भाल कैसे की जा सकती है ?
उत्तर-
सीड ड्रिल मशीन की सम्भाल के लिये कुछ बातें निम्नलिखित हैं—

  1. प्रत्येक चार घण्टे मशीन चलने के पश्चात् किनारों तथा बुशों में तेल या ग्रीस देनी चाहिये। यदि बाल फिट हों तो तीन या चार दिन पश्चात् ग्रीस दी जा सकती है।
  2. बीजाई समाप्त होने के पश्चात् रबड़ पाइपों को साफ़ करके रखें।
  3. मशीन को कभी-कभी रंग करवा लेना चाहिये, इस प्रकार मौसम का प्रभाव इस पर कम हो जायेगा। इसको आंगन या शैड में रखना चाहिए।
  4. मशीन को धूप तथा बरसात में न रखें, क्योंकि इस प्रकार रबड़ की पाइपें तथा गरारियां खराब हो जाती हैं। यदि पाइपें पिचक जायें तो उनको उबलते पानी में एक मिनट के लिये डालें तथा कोई सरीया या छड़ी पानी में घुमा कर पिचक निकाल दें।
  5. बीजाई समाप्त होने के पश्चात् इसके खोलने वाले पुों को खोलकर, सोडे के पानी से धो दें, अच्छी तरह सुखा कर तथा ग्रीस वगैरा लगाकर, किसी स्टोर में रख देना चाहिए।

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प्रश्न 10.
स्प्रे पम्पों की सम्भाल के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
स्प्रे पम्प की सम्भाल के लिये कुछ बातें निम्नलिखित हैं—

  1. स्प्रे पम्प को प्रयोग से पहले तथा बाद में साफ़ पानी से अच्छी तरह धो लेना चाहिए।
  2. कभी-भी बिना पौनी से टैंकी में घोल न डालें।
  3. स्प्रे पम्प का प्रयोग करने के बाद कभी भी स्प्रे पम्प में रात भर दवाई नहीं पड़ी रहनी चाहिये।
  4. हमेशा प्रयोग से पहले स्प्रे पम्प के फिल्टरों को अच्छी तरह साफ़ कर लेना चाहिये। हो सकता है कि पम्प के पड़े रहने के कारण इसमें मिट्टी की धूल जम चुकी हो इसलिये इस कारण बाद में यह पूरा दबाव नहीं डाल सकेगा।
  5. स्प्रे पम्प बनाने वालों के निर्देशों अनुसार पम्प के चलने वाले सभी पुों को तेल या ग्रीस देनी चाहिये। हो सकता है कि इसके पड़े रहने के कारण इसमें मिट्टी की धूल जम चुकी हो, जिस कारण बाद में पूरा दबाव नहीं डाल सके।
  6. यदि पम्प लीक करता हो तो उसमें लगी सभी पेकिंग तथा वाशलों की जांच करने के पश्चात् घिसी या गली हुई पेकिंग तथा वाशलों को बदल दें।
  7. जब पम्प को लम्बे समय के लिये रखना हो इसके प्रत्येक पों को खोलकर उसकी ओवरहालिंग कर देनी चाहिए तथा खराब पुों को बदल देना चाहिए। मशीन को रंग कर रख दें।

प्रश्न 11.
ट्रैक्टर की सम्भाल के लिये कितने-कितने समय के बाद सर्विस करवानी चाहिये ? इस पर दस घण्टे काम लेने के पश्चात् सर्विस करवाते समय कौन-सी बातों का ध्यान रखेंगे ?
उत्तर-
ट्रैक्टर की सम्भाल के लिये 10 घण्टे काम लेने के बाद, 60 घण्टे बाद, 120 घण्टे बाद 1000 घण्टे बाद तथा 4000 घण्टे बाद सर्विस करनी चाहिये।

  1. प्रे ट्रैक्टर को अच्छी तरह किसी कपड़े से साफ़ करें।
  2. एयर क्लीनर के कप तथा ऐलिमेंट को साफ़ करें।
  3. ट्रैक्टर की टैंकी हमेशा भरी होनी चाहिये ताकि सारे सिस्टम में कमी न आ जाये।
  4. रेडियेटर को ओवरफलों पाइप तक शुद्ध पानी के साथ भरकर रखें।
  5. फ्रेक केस का तेल चैक करें, यदि कम हो तो और डालें।
  6. यदि कोई लीकेज हो, उसको भी ठीक करें।
  7. यदि कोई और नुक्स पड़ जाए, तो उसको ठीक करें।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

ठीक/गलत

  1. कृषि मशीनें प्राथमिक रूप से तीन प्रकार की होती हैं।
  2. ट्रैक्टर को स्टोर करते समय हमेशा न्यूट्रल गियर में खड़ा करना चाहिए।
  3. ट्रैक्टर को कृषि मशीनरी का प्रधान कहा जाता है।

उत्तर-

बहुविकल्पीय

प्रश्न 1.
ट्रैक्टर की सहायता से चलने वाली मशीनें हैं—
(क) कल्टीवेटर
(ख) तवियां
(ग) सीड ड्रिल
(घ) सभी ठीक
उत्तर-
(घ) सभी ठीक

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प्रश्न 2.
ट्रैक्टर की ओवरहालिंग कब की जाती है ?
(क) 2000 घण्टे काम करने के बाद
(ख) 4000 घण्टे काम करने के बाद
(ग) 8000 घण्टे काम करने के बाद
(घ) कभी नहीं।
उत्तर-
(ख) 4000 घण्टे काम करने के बाद

प्रश्न 3.
तवियों के फ्रेम को कितने समय के बाद दोबारा रंग किया जाता है ?
(क) 2-3 वर्ष बाद
(ख) 6 वर्ष बाद
(ग) 1 वर्ष बाद
(घ) 10 वर्ष बाद।
उत्तर-
(क) 2-3 वर्ष बाद

रिक्त स्थान भरें

  1. डिस्क हैरों का प्राथमिक …………….. के लिए प्रयोग होता है।
  2. कम्बाइन को ……….. के कारण जंग लगता है।
  3. ……………. को कृषि मशीनरी का प्रधान माना जाता है।

उत्तर-

  1. जुताई,
  2. नमी,
  3. ट्रैक्टर

कृषि संयंत्र एवम् उनकी देखभाल PSEB 8th Class Agriculture Notes

  • भूमि के बाद किसान की सबसे अधिक पूंजी कृषि से सम्बन्धित मशीनरी (संयंत्रों) में लगी रहती है।
  • मशीन की अच्छी तरह देखभाल की जाए तो मशीन की आयु में वृद्धि की जा सकती है।
  • कृषि मशीनें मुख्यतः तीन प्रकार की होती हैं।
  • चलाने वाली मशीनें संयंत्र हैं-ट्रैक्टर, ईंजन, मोटर आदि।
  • कृषि उपकरण; जैसे-कल्टीवेटर, तवियां, बीज खाद ड्रिल, हैपी सीडर आदि।
  • स्व:चालित मशीनें हैं-कम्बाइन, हार्वेस्टर, धान का ट्रांसप्लांटर आदि।
  • ट्रैक्टर को कृषि मशीनरी का प्रधान कहा जाता है।
  • ट्रैक्टर की सर्विस 10 घण्टे, 50 घण्टे, 125 घण्टे, 250 घण्टे, 500 घण्टे तथा 1000 घण्टे बाद करनी आवश्यक है।
  • ट्रैक्टर को 4000 घण्टे काम लेने के बाद किसी अच्छी वर्कशाप में ओवरहाल करवा लेना चाहिए।
  • जब ट्रैक्टर की लम्बे समय तक आवश्यकता न हो तो ट्रैक्टर को संभाल कर रख देना चाहिए।
  • कम्बाइन हार्वेस्टर की संभाल भी ट्रैक्टर के जैसे ही की जाती है।
  • कल्टीवेटर, तवियां तथा सीज ड्रिल आदि ट्रैक्टर की सहायता से चलने वाली मशीनें

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 7 फ़सली विभिन्नता

Punjab State Board PSEB 8th Class Agriculture Book Solutions Chapter 7 फ़सली विभिन्नता Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Agriculture Chapter 7 फ़सली विभिन्नता

PSEB 8th Class Agriculture Guide फ़सली विभिन्नता Textbook Questions and Answers

(अ) एक-दो शब्दों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
अर्द्ध पहाड़ी क्षेत्रों में कौन-सा फ़सली चक्र अपनाया जाता है ?
उत्तर-
धान-गेहूँ।

प्रश्न 2.
दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में प्रमुख फ़सली चक्र कौन-सा है ?
उत्तर-
नरमा-कपास-गेहूँ।

प्रश्न 3.
दो-तीन फ़सली चक्रों की एक उदाहरण दें।
उत्तर-
मक्की-आलू-मूंगी, मूंगफली-आलू-बाजरा।

प्रश्न 4.
धान बोने से केन्द्रीय पंजाब में पानी का स्तर कितना गहरा हो रहा है ?
उत्तर-
लगभग 74 सैं० मी० प्रति वर्ष

प्रश्न 5.
वायु में विद्यमान नाइट्रोजन को पौधे की जड़ों में एकत्र करने के लिए कौन-सा बैक्टीरिया कार्य करता है ?
उत्तर-
राईजोबियम।

प्रश्न 6.
जंत्र-बासमती गेहूँ फ़सली चक्र में किस खाद की बचत होती है ?
उत्तर-
नाइट्रोजन खाद की।

प्रश्न 7.
भारत को कौन-सी फ़सलें आयात करनी पड़ रही हैं?
उत्तर-
दालें, तेल बीज की।

प्रश्न 8.
बासमती में कितने दिन पूर्व हरी खाद दबानी चाहिए ?
उत्तर-
पनीरी लगाने से एक दिन पूर्व।

प्रश्न 9.
पंजाब में कितने प्रतिशत क्षेत्रफल सिंचाई के अन्तर्गत है ?
उत्तर-
98 प्रतिशत।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 7 फ़सली विभिन्नता

प्रश्न 10.
पंजाब में ट्यूबवैल की संख्या कितनी है ?
उत्तर-
14 लाख के लगभग।

(आ) एक-दो वाक्यों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
फ़सली विभिन्नता से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
बहु-भांति कृषि से भाव है कि मौजूदा फ़सलों के नीचे क्षेत्रफल कम करके अन्य फ़सलों ; जैसे-मक्का, दालें, बासमती, कमाद, आलू, तेल बीज फ़सलें आदि के नीचे ले कर आना।

प्रश्न 2.
पानी के अभाव वाली भूमि पर कौन-सी फ़सलें बोनी चाहिए ?
उत्तर–
पानी की कमी वाली भूमि में तेल बीज फ़सलें बोई जानी चाहिए।

प्रश्न 3.
मक्की आधारित फ़सली चक्रों के नाम लिखो।
उत्तर-
मक्की आधारित फ़सल चक्र हैं-मक्की-आलू-मूंग या सूरजमुखी, मक्कीआलू या तोरिया-सूरजमुखी, मक्की-आलू-प्याज या मेंथा तथा मक्की-गोभी सरसों-गर्म ऋतु की मूंग।

प्रश्न 4.
चारे आधारित फ़सली चक्रों के नाम लिखो।
उत्तर-
मक्की-बरसीम-बाजरा, मक्की-बरसीम-मक्की या रवांह।

प्रश्न 5.
बहु-फ़सली प्रणाली की विशेषताएं लिखो।
उत्तर-

  1. कम भूमि से अधिक पैदावार मिल जाती है।
  2. मौसमी बदलाव का सामना किया जा सकता है।
  3. रसायनिक खादों का प्रयोग कम होता है।
  4. संतुलित भोजन की मांग पूरी होती है तथा रोजगार के अवसर बढ़ते हैं।
  5. वातावरण की सुरक्षा होती है तथा प्राकृतिक स्रोतों की बचत होती है।

प्रश्न 6.
संयुक्त कृषि प्रणाली में कौन-कौन से सहायक व्यवसाय अपनाए जा सकते हैं ?
उत्तर-
संयुक्त कृषि प्रणाली में निम्नलिखित में से कोई एक या दो सहायक व्यवसाय अपनाए जा सकते हैं—

  1. मछली पालन
  2. फलों की कृषि
  3. सब्जी की कृषि
  4. डेयरी फार्मिंग
  5. खरगोश पालना
  6. सूअर पालना
  7. बकरी पालना
  8. मधु मक्खी पालना
  9. पोल्ट्री फार्मिंग
  10. वन कृषि फसलें जैसे पापलर।

प्रश्न 7.
पंजाब के जल स्रोतों के विषय में लिखो।
उत्तर-
पंजाब में 98% क्षेत्रफल सिंचाई के अधीन है तथा लगभग 14 लाख ट्यूबवैल लगे हुए है। पंजाब में सिंचाई के लिए नहरी पानी का भी जाल फैला हुआ है।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 7 फ़सली विभिन्नता

प्रश्न 8.
केन्द्रीय पंजाब में धान व गेहूँ के अतिरिक्त कौन-कौन सी फ़सलें बोई जाती हैं ?
उत्तर-
मक्की, धान, गेहूँ, आलू, मटर, गन्ना, वासमती, सूरजमुखी, खरबूजा, मिर्च तथा अन्य सब्जियां।

प्रश्न 9.
अर्द्ध पर्वतीय क्षेत्रों की प्रमुख फ़सलों के नाम बताएँ।
उत्तर-
अर्द्ध पर्वतीय क्षेत्रों की प्रमुख फ़सलें हैं-गेहूँ, मक्की, धान, वासमती, आलू, तेल बीज फ़सलें तथा मटर।

प्रश्न 10.
हल्की ज़मीनों में कौन-कौन से फ़सली चक्र अपनाने चाहिए ?
उत्तर-
हल्की भूमियों में मूंगफली आधारित फ़सल चक्र अपनाए जा सकते हैं जैसेगर्मी ऋतु की मूंगफली-आलू या तोरिया या मटर या गेहूँ, मूंगफली-आलू-बाजरा, मूंगफलीतोरिया या गोभी सरसो।

(इ) पाँच-छः वाक्यों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
फ़सली विभिन्नता से क्या अभिप्राय है ? फ़सली विभिन्नता का क्या उद्देश्य है एवम् इसकी आवश्यकता क्यों पड़ी ?
उत्तर-
फ़सली विभिन्नता-बहु-भांति कृषि से भाव है मौजूदा फ़सलों के अन्तर्गत क्षेत्रफल कम करके कुछ अन्य फ़सलों ; जैसे-मक्की, दालें, बासमती, कमाद, आलू, तेल बीज फ़सलें आदि के नीचे लेकर आना।
उद्देश्य-फ़सली विभिन्नता के मुख्य उद्देश्य इस तरह हैं—

  1. गेहूँ प्राकृतिक स्रोतों का संयमित प्रयोग करना तथा इन्हें लम्बे समय तक बचाना।
  2. फसलों से कम लागत से अधिक आय प्राप्त करना।
  3. बार-बार एक ही फसली चक्कर से बाहर निकलना ताकि मिट्टी-पानी की बचत की जा सके।

फ़सली विभिन्नता की आवश्यकता-धान-गेहूँ फसल चक्र को वर्ष में लगभग 215 सैं०मी० पानी की आवश्यकता पड़ती है जिसमें से 80% पानी केवल धान की फसल में ही खपत हो जाता है। धान की कृषि से भूमि की भौतिक तथा रसायनिक बनावट में खराबी आ रही है। पिछले 50 वर्षों के दौरान मूंगफली, तेल बीज फसलों, कमाद तथा दाल वाली फ़सलों के अन्तर्गत क्षेत्रफल कम होकर धान के अधीन आ गया है। इसलिए फ़सली विभिन्नता से भूमि के नीचे पानी की बचत हो जाएगी तथा भूमि का स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा।

प्रश्न 2.
बहु-फ़सली प्रणाली अपनाने की आवश्यकता क्यों है ? विस्तारपूर्वक उदाहरण सहित लिखें।
उत्तर-
बहु-फ़सली कृषि प्रणाली से भाव है कि एक वर्ष में खेत में दो से अधिक फसलें उगाना। इसका उद्देश्य मुख्य फ़सलों के बीच जो खाली समय बचता है इसमें एक या दो से अधिक फ़सलें उगाना है।
बहु-फ़सली प्रणाली की आवश्यकता—

  1. कम भूमि में से अधिक पैदावार मिल जाती है।
  2. मौसमी बदलाव का सामना किया जा सकता है।
  3. रसायनिक खादों का प्रयोग कम होता है।
  4. संतुलित भोजन की मांग पूरी होती है तथा रोज़गार के अधिक अवसर मिलते हैं।
  5. वातावरण की सुरक्षा होती है तथा प्राकृतिक स्रोतों की बचत होती है।
  6. बहु-फ़सली कृषि में फलीदार फ़सलें उगाने से भूमि में राईज़ोवियम वैक्टीरिया की सहायता से नाइट्रोजन जमा की जाती है। इससे नाइट्रोजन वाली खाद की बचत होती है।

इसलिए बहु-फ़सली चक्र अपनाया जाता है; जैसे—

  1. हरी खाद आधारित; जैसे-जंतर-मक्की आदि।
  2. मक्का आधारित; जैसे-मक्का-आलू-मूंग या सूरजमुखी।
  3. सोयाबीन आधारित; जैसे-सोयाबीन-गेहूँ-रवांह।।
  4. मूंगफली आधारित; जैसे–मूंगफली-आलू, तोरिया, मटर आदि।
  5. हरे चारे आधारित; जैसे-मक्का, बरसीम, बाजरा इस प्रकार मिली-जुली फसलों पर आधारित तथा सब्जी आधारित फसली चक्र भी अपनाया जा सकता है।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 7 फ़सली विभिन्नता

प्रश्न 3.
पंजाब में कृषि से सम्बन्धित समस्याओं के विषय में लिखो।
उत्तर-
पंजाब में कृषि से सम्बन्धित समस्याएं निम्नलिखित अनुसार हैं—

  1. हरित क्रान्ति के बाद पंजाब गेहूँ-चावल के फ़सली चक्र में फंस कर रह गया। केवल दो ही फ़सलों पर ज़ोर देने से पंजाब में भूमि के नीचे पानी के स्तर की गहराई बढ़ती जा रही है तथा रसायनिक दवाइयों; जैसे-नदीननाशक, कीटनाशक तथा खादों के प्रयोग से भूमि की भौतिक तथा रसायनिक बनावट तथा स्वास्थ्य में खराबी आ रही है।
  2. तेल बीज फ़सलों तथा दालों की कृषि कम हो रही है।
  3. पंजाब में दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में अधिक वर्षा के कारण मिट्टी क्षरण की समस्या अधिक है।
  4. पानी का स्तर प्रत्येक वर्ष 74 सैं०मी० नीचे जा रहा है जिस कारण किसानों को सबमर्सीवल मोटर लगाकर पानी निकालना पड़ रहा है जिससे खर्चा बढ़ गया है।
  5. कीड़े-मकौड़े तथा नदीनों की नई किस्में पैदा हो रही हैं।
  6. जैविक विभिन्नता कम होती जा रही है।
  7. कई तरह के मौसम परिवर्तन हो रहे हैं।

प्रश्न 4.
संयक्त कृषि प्रणाली (Integrated Farming System) क्या है ? उदाहरण सहित विस्तारपूर्वक लिखो।
उत्तर-
संयुक्त फ़सल प्रणाली-संयुक्त फ़सल प्रणाली में किसान कृषि के अलावा एक-दो कृषि सहायक धन्धे अपनाकर अपनी आय में वृद्धि करते हैं। इस तरह किसान अपनी कमाई में वृद्धि तो करता ही है उसके घर के सदस्य भी इन कार्यों में सहायता कर सकते हैं। परिवार के सदस्यों को पौष्टिक आहार भी प्राप्त हो जाता है। किसान अपने फार्म के साधनों के अनुसार अपनी शुद्ध आमदन बढ़ा सकता है। आगे कुछ सहायक धन्धे हैं जिनमें से कोई एक या दो सहायक धन्धे अपनाए जा सकते हैं—

  1. मछली पालन
  2. फलों की कृषि
  3. सब्जी की कृषि
  4. डेयरी फार्मिंग
  5. खरगोश पालना
  6. सूअर पालना
  7. बकरी पालना
  8. मधु मक्खी पालना
  9. पोल्ट्री फार्मिंग
  10. वन कृषि फ़सलें जैसे पापलर।

प्रश्न 5.
मिश्रित फ़सल प्रणाली (Mixed Cropping) क्या है ? उदाहरण सहित लिखें।
उत्तर-
मिश्रित फ़सल प्रणाली-कम भूमि से अधिक-से-अधिक पैदावार लेने, अधिक आय लेने तथा आवश्यकताएं पूरी करने के लिए मिश्रत फ़सलों की कृषि की जाती है। इसको मिश्रत फ़सल प्रणाली कहा जाता है।
पंजाब में जुताई योग्य क्षेत्रफल कम होता जा रहा है। इसके कई कारण हैं; जैसेकारखाने, नई कलोनियों का अस्तित्व में आना। इसलिए मौजूदा उपलब्ध भूमि से अधिक पैदावार लेने के लिए, अपनी आय बढ़ाने के लिए लोगों की आवश्यकताएं पूरी करने के लिए मिश्रत फ़सलों की कृषि करनी चाहिए; जैसे-मक्की या मूंगी, अरहर या मूंगी, सोयाबीन या मूंग, मक्की या सोयाबीन, मक्की या हरे चारे के लिए मक्की या मूंगफली, नर्मा या मक्की आदि। मिश्रत फ़सलों की कृषि के कारण मुख्य फ़सल की पैदावार पर कोई असर नहीं पड़ता। इस प्रकार अधिक पैदावार तो प्राप्त होती ही है भूमि की उपजाऊ शक्ति भी बनी रहती है। इससे नदीनों की समस्या को काफी हद तक कम करने में सहायता मिलती है।

Agriculture Guide for Class 8 PSEB फ़सली विभिन्नता Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पंजाब में धान की कृषि के अधीन कितना क्षेत्रफल है ?
उत्तर-
लगभग 28.3 लाख हैक्टेयर।

प्रश्न 2.
पंजाब में गेहूँ की कृषि के अधीन कितना क्षेत्रफल है ?
उत्तर-
लगभग 35.1 लाख हैक्टेयर।

प्रश्न 3.
पिछले 50 वर्ष में कौन-सी फ़सलों का क्षेत्रफल धान के अधीन आ गया है ?
उत्तर-
मूंगफली, तेल बीज फसलें, कमाद तथा दालें।

प्रश्न 4.
धान-गेहूँ फ़सली चक्र को वर्ष में लगभग कितना पानी चाहिए ?
उत्तर-
215 सैं०मी०।

प्रश्न 5.
सारे वर्ष में कुल पानी की लागत में धान कितना पानी पी जाता है ?
उत्तर-
80%.

प्रश्न 6.
पंजाब में कृषि के अधीन कितना क्षेत्रफल है ?
उत्तर-
41.58 लाख हैक्टेयर।

प्रश्न 7.
कृषि तथा जलवायु के आधार पर पंजाब को कितने भागों में बांटा गया
उत्तर-
तीन-अर्द्ध पर्वतीय क्षेत्र, केन्द्रीय भाग, दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र।

प्रश्न 8.
अर्द्ध पर्वतीय क्षेत्र कौन-सी पहाड़ियों के पैरों में है ?
उत्तर-
शिवालिक पहाड़ियों के।

प्रश्न 9.
सीमावर्ती (कंडी) क्षेत्र, अर्द्ध पर्वतीय क्षेत्र का कितने प्रतिशत है ?
उत्तर-
लगभग 9%।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 7 फ़सली विभिन्नता

प्रश्न 10.
पंजाब में प्रमुख फ़सली चक्र क्या है ?
उत्तर-
धान-गेहूँ।

प्रश्न 11.
दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में कौन-सा फ़सली चक्र अपनाया जाता है ?
उत्तर-
नर्मा-कपास-गेहूँ।

प्रश्न 12.
दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में नीचे का पानी कैसा है ?
उत्तर-
खारा।

प्रश्न 13.
हरी खाद वाली फ़सल कौन-सी है ?
उत्तर-
जंतर, रवाह या सन्न।

प्रश्न 14.
यदि मक्की बोई जानी हो तो हरी खाद को कितने दिन पहले खेत में जोत देना चाहिए ?
उत्तर-
8-10 दिन पहले।

प्रश्न 15.
कौन-सी फ़सल के टांगरों को हरी खाद के रूप में प्रयोग किया जा सकता है ?
उत्तर-
सट्ठी मूंग।

प्रश्न 16.
सोयाबीन में कितने प्रतिशत प्रोटीन होता है ?
उत्तर-
35-40%.

प्रश्न 17.
पंजाब में ‘सफेद क्रान्ति’ का सेहरा कौन-सी फ़सल के सिर है ?
उत्तर-
हरे चारे की फ़सल।

प्रश्न 18.
अधिक दूध प्राप्त करने के लिए गाय तथा भैंस को कितना चारा खिलाया जाना चाहिए?
उत्तर-
40 किलो हरा चारा।

प्रश्न 19.
नगर से दूर फार्मों के लिए सब्जी आधारित फ़सली चक्र लिखें।
उत्तर-
आलू-भिण्डी-अग्रिम फूलगोभी।

प्रश्न 20.
नगर के निकटतम गांवों के फार्मों के लिए एक सब्जी आधारित फ़सली चक्र लिखें।
उत्तर-
फूलगोभी-टमाटर-भिण्डी।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
सीमावर्ती क्षेत्र बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
सीमावर्ती क्षेत्र अर्द्ध पर्वतीय क्षेत्र का 9% भाग है।

प्रश्न 2.
केन्द्रीय पंजाब में मुख्य समस्या क्या है ?
उत्तर-
गेहूँ-धान फ़सली चक़ होने के कारण इस क्षेत्र में धरती के नीचे पानी का स्तर प्रत्येक वर्ष लगभग 74 मैं०मी० की दर से नीचे जा रहा है।

प्रश्न 3.
धान के स्थान पर सोयाबीन की कृषि का क्या कारण है ?
उत्तर-
धान को कीड़े-मकौड़े तथा बीमारियां अधिक लगती हैं, इसलिए इसकी पैदावार कम हो जाती है। इसलिए धान के स्थान सोयाबीन की कृषि की जा सकती है।

प्रश्न 4.
मिश्रत फ़सलों की कृषि का लाभ बताओ।
उत्तर-
मिश्रत फ़सलों की कृषि के कारण भूमि की उपजाऊ शक्ति बनी रहती है। इससे नदीन की समस्या को बहुत हद तक कम करने में सहायता मिलती है।

प्रश्न 5.
नगर के निकटतम फार्मों के लिए सब्जी आधारित फ़सली चक्र बताओ।
उत्तर-

  1. बैंगन (लम्बे)- पिछेती फूलगोभी-घीया।
  2. आलू-खरबूजा।
  3. पालक-गांठ गोभी, प्याज, हरी मिर्च, मूली।
  4. फूलगोभी-टमाटर-भिण्डी।

बड़े उत्तर वाला प्रश्न

प्रश्न-मक्की आधारित फ़सली चक्र तथा सोयाबीन आधारित फ़सली चक्र के बारे में बताओ।
उत्तर-

  1. मक्की आधारति फ़सली चक्र-मक्की आधारित फ़सली चक्र निम्नलिखित अनुसार है—
    • मक्की-आलू-मूंग या सूरजमुखी।
    • मक्की -आलू या तोरिया-सूरजमुखी।
    • मक्की-आलू-प्याज या मैंथा आदि। इन फ़सली चक्रों को अपनाकर प्राकृतिक स्रोतों की बचत की जा सकती है।
  2. सोयाबीन आधारित फ़सली चक्र-सोयाबीन आधारित फ़सली चक्र हैसोयाबीन-गेहूँ-रवाह (हरा चारा)।

इस फ़सली चक्र का प्रयोग धान के स्थान पर किया जा सकता है क्योंकि धान को कीड़े तथा बीमारियां लग जाती हैं तथा इसका उत्पाद कम हो जाता है। सोयाबीन फलीदार फ़सल है। इसलिए इसकी कृषि से भूमि की उपजाऊ शक्ति बनी रहती है। सोयाबीन प्रोटीन का एक बहुत बढ़िया स्रोत है। इसमें 35-40% प्रोटीन तत्त्व होता है। सोयाबीन का प्रयोग लघु उद्योगों में करके लाभ भी लिया जा सकता है।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 7 फ़सली विभिन्नता

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

ठीक/गलत

  1. पंजाब में प्रमुख फ़सली चक्र है-धान गेहूँ।
  2. पंजाब में 5 लाख ट्यूबवैल हैं।
  3. कृषि विभिन्नता से प्राकृतिक स्रोतों पर कम भार पड़ता है।

उत्तर-

बहुविकल्पीय

प्रश्न 1.
पंजाब में कितने प्रतिशत क्षेत्रफल सिंचाई के अधीन हैं ?
(क) 98%
(ख) 50%
(ग) 70%
(घ) 100%
उत्तर-
(क) 98%

प्रश्न 2.
चारा आधारित फ़सली चक्र है
(क) मक्की -बरसीम-बाजरा
(ख) गेहूँ-धान
(ग) मक्की -आलू-मुंगी
(घ) सभी ठीक।
उत्तर-
(क) मक्की -बरसीम-बाजरा

प्रश्न 3.
सोयाबीन में कितनी प्रतिशत प्रोटीन है ?
(क) 10-20%
(ख) 35-40%
(ग) 50-60%
(घ) 80%
उत्तर-
(ख) 35-40%

(ख) रिक्त स्थान भरें

  1. जंतर …………. खाद वाली फ़सल है।
  2. नीम पहाड़ी क्षेत्र में बहुत ………… होती है।
  3. ………. भूमि में मूंगफली आधारित फ़सली चक्र अपनाया जाता है।

उत्तर-

  1. हरी,
  2. वर्षा,
  3. हल्की

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 7 फ़सली विभिन्नता

फ़सली विभिन्नता PSEB 8th Class Agriculture Notes

  • फ़सली विभिन्नता को बहु-भांति कृषि भी कहा जाता है।
  • फ़सली विभिन्नता में कुछ वर्तमान फ़सलों के नीचे क्षेत्रफल कम करके कुछ अन्य फ़सलें ; जैसे-मक्की, दालें, तेल बीज, कमाद (गन्ना), आलू आदि के अन्तर्गत क्षेत्रफल बढ़ाना है।
  • फ़सली विभिन्नता के साथ प्राकृतिक स्रोतों पर भार कम पड़ता है।
  • पंजाब में प्रमुख फ़सल चक्र है-धान, गेहूँ।
  • पंजाब में धान, गेहूँ फ़सल चक्र को साल में लगभग 215 सैं० मी० पानी लगता है पर इसका 80% से ज़्यादा धान ही पी जाता है।
  • कृषि और जलवायु के आधार पर पंजाब को तीन भागों में बाँटा गया है। अर्द्ध पर्वतीय, केंद्रीय भाग, दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र। कंडी क्षेत्र भी अर्द्ध पर्वतीय क्षेत्र में आता है।
  • अर्द्ध पर्वतीय क्षेत्र में बहुत वर्षा होती है और इस क्षेत्र में भू-स्खलन की समस्या रहती है।
  • अर्द्ध पर्वतीय क्षेत्र की प्रमुख फसलें हैं-गेहूँ, मक्की, धान, बासमती, आलू, तेल बीज और मटर।
  • केंद्रीय पंजाब में धान-गेहूँ प्रमुख फ़सली चक्र है।
  • दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में नरमा-कपास-गेहूँ फ़सल चक्र अपनाया जाता है।
  • साल में एक खेत में दो से ज्यादा फसलें उगाने को बहु-फ़सली प्रणाली कहा जाता है।
  • सावनी (खरीफ) की फ़सलें जैसे बासमती और मक्की से पहले हरी खाद का उपयोग ज़रूर करना चाहिए।
  • मक्की आधारित फ़सल चक्र है-मक्की-आलू-मूंगी या सूरजमुखी, मक्की-आलू या तोरिया-सूरजमुखी आदि।
  • सोयाबीन-गेहूँ-रवाह फ़सल चक्र का प्रयोग करके उपजाऊ शक्ति बरकरार रखी जा सकती है।
  • गर्मी की ऋतु में रेतीली भूमियों में मूंगफली आधारित फ़सल चक्र है मूंगफली आलू या तोरिया या मटर या गेहूँ, मूंगफली-आलू-बाजरा, मूंगफली-तोरिया या गोभी-सरसों।
  • चारे वाले फ़सली चक्र हैं-मक्की-बरसीम-बाजरा, मक्की-बरसीम, मक्की या रवांह।
  • नगर से दूर फार्मों के लिए सब्जी आधारित फ़सली चक्र है-आलू-प्याज-हरी खाद, आलू-भिंडी-अग्रिम फूलगोभी, आलू (बीज)-मूली गाजर (बीज)-भिंडी (बीज)।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 8 जैविक कृषि

Punjab State Board PSEB 8th Class Agriculture Book Solutions Chapter 8 जैविक कृषि Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Agriculture Chapter 8 जैविक कृषि

PSEB 8th Class Agriculture Guide जैविक कृषि Textbook Questions and Answers

(अ) एक-दो शब्दों में उत्तर —

प्रश्न 1.
प्राचीन कहावत के अनुसार खेत में किस चीज़ के प्रयोग को भूलना नहीं चाहिए ?
उत्तर-
कनक, कमाद ते छल्लियां, बाकी फसलां कुल, रूड़ी बाझ न हुंदीयां, वेखीं न जावीं भुल।

प्रश्न 2.
राष्ट्रीय जैविक कृषि केन्द्र कहां है?
उत्तर-
गाज़ियाबाद में।

प्रश्न 3.
जैविक कृषि को अंग्रेज़ी में क्या कहते हैं ?
उत्तर-
आर्गेनिक फार्मिंग (Organic Farming).

प्रश्न 4.
जैविक कृषि में फसल के बचे-खुचे को जलाया जा सकता है अथवा नहीं ?
उत्तर-
नहीं जलाया जा सकता।

प्रश्न 5.
जैविक कृषि में बी०टी० फसलों को लाया जा सकता है अथवा नहीं ?
उत्तर-
बी०टी० किस्मों की मनाही (वर्जित) है।

प्रश्न 6.
जैविक कृषि में किस प्रकार की फसलों को अन्तर्फसलों के रूप में प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
फलीदार फसलों को।

प्रश्न 7.
किसी एक जैविक फफूंदीनाशक का नाम बताओ।
उत्तर-
ट्राइकोडरमा।

प्रश्न 8.
किसी एक जैविक कीटनाशक का नाम बताओ।
उत्तर-
बी०टी० ट्राइकोग्रामा।

प्रश्न 9.
जैविक कृषि के सम्बन्ध में इंटरनैट की किस साइट से जानकारी ली जा सकती है ?
उत्तर-
apeda.gov.in साइट से।

प्रश्न 10.
भारत की ओर से जैविक स्तर किस वर्ष से बनाए गए थे ?
उत्तर-
वर्ष 2004 में।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 8 जैविक कृषि

(आ) एक-दो वाक्यों में उत्तर —

प्रश्न 1.
किस प्रकार की फसलों की खेत में अदला-बदली (स्थानांतरण) करनी अनिवार्य होती है ?
उत्तर-
गहरी जड़ों वाली तथा कम गहरी जड़ों वाली तथा फलीदार तथा गैर फलीदार फसलों की अदला-बदली करनी चाहिए।

प्रश्न 2.
जैविक पदार्थों की बढ़ रही मांग के प्रमुख कारण क्या हैं?
उत्तर-
आधुनिक कृषि के वातावरण पर पड़ रहे बुरे प्रभावों संबंधी जागरूकता तथा लोगों की क्रय शक्ति में बढ़ौतरी होने के कारण जैविक खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ी है।

प्रश्न 3.
कौन-से राष्ट्र जैविक पदार्थों की मुख्य मण्डी हैं ?
उत्तर-
अमेरिका, जापान तथा यूरोपियन देश जैविक खाद्य पदार्थों की मुख्य मण्डी हैं।

प्रश्न 4.
जैविक कृषि किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जैविक कृषि ऐसी कृषि है जिसमें प्राकृतिक स्रोतों; जैसे-हवा, पानी, मिट्टी आदि को कम-से-कम हानि पहुंचाए तथा रासायनिक खादों, कृषि ज़हरों उल्लीनाशक आदि का प्रयोग किए बिना कृषि उत्पादन करना।

प्रश्न 5.
जैविक स्तर क्या है ?
उत्तर-
जैविक स्तर किसी कृषि उत्पाद को जैविक कहलाने योग्य बनाते हैं। हमारे देश में 2004 में इन्हें बनाया गया।

प्रश्न 6.
भारत में जैविक कृषि के लिए कौन-से क्षेत्र अधिक समुचित हैं ? ।
उत्तर-
ऐसे क्षेत्र जहां प्राकृतिक रूप से ही जैविक हो या उसके बहुत नज़दीक हो, में जैविक कृषि को उत्साहित किया जाना चाहिए।

प्रश्न 7.
कौन-कौन से जैविक पदार्थों की विश्व बाज़ार में अधिक मांग है ?
उत्तर-
चाय, बासमती चावल, सब्जियां, फल, दालें तथा कपास; जैसे-जैविक उत्पादों की विश्व मण्डी में बहुत मांग है।

प्रश्न 8.
जैविक खाद पदार्थों की मांग किन राष्ट्रों में अधिक है ?
उत्तर-
जैविक खाद पदार्थों की अमेरिका, जापान तथा यूरोपियन देशों में अधिक मांग है।

प्रश्न 9.
जैविक कृषि में बीज़ प्रयोग के क्या स्तर हैं ?
उत्तर-
बीज पिछली जैविक फसल में से लिया गया हो, परन्तु यदि यह बीज उपलब्ध हो तो बिना सुधाई किया परम्परागत बीज़ शुरू में प्रयोग किया जा सकता है।

प्रश्न 10.
मक्की में जैविक पद्धति से खरपतवार की रोकथाम कैसे की जा सकती है ?
उत्तर-
मक्की की फसल के साथ रवांह की बुवाई करके 35-40 दिनों बाद काट कर चारे के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। इस प्रकार नदीनों की रोकथाम की जा सकती है तथा हरा चारा भी मिल जाता है।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 8 जैविक कृषि

(इ) पाँच-छः वाक्यों में उत्तर —

प्रश्न 1.
जैविक कृषि की आवश्यकता क्यों पड़ रही है ?
उत्तर-
हरित क्रान्ति आने से देश अनाज के मामले में आत्मनिर्भर हो गया, परन्तु कृषि ज़हरों, रासायनिक खादों के अधिक प्रयोग के कारण भूमि, हवा, पानी का बड़े स्तर पर नुकसान हुआ। गेहूँ-धान की कृषि अधिक होने से पारम्परिक दालें, तेल बीजों की कृषि के अधीन क्षेत्रफल कम हो गया। धान-गेहूँ के फ़सल चक्र के बीच पड़ कर हम अपने कृषि के प्राथमिक सिद्धान्त गहरी जड़ों तथा कम गहरी जड़ों वाली फसलों तथा फलीदार तथा गैर फलीदार फसलों की अदला-बदली को भूल गए। अनावश्यक तथा असमय डाला गया यूरिया वर्षा के पानी में मिलकर भूमि के पानी में जाना शुरू हो गया। कृषि ज़हरों का प्रभाव हमारे खाद्य पदार्थों में आने लग गया है। प्रत्येक खाने-पीने वाली वस्तु; जैसे-दूध, गेहूँ, चावल, चारे आदि में जहरीले अंश मिलने शुरू हो गए हैं।
हमारी आधुनिक कृषि के वातावरण पर बुरे प्रभाव संबंधी जागरूकता तथा लोगों की क्रय शक्ति के बढ़ने के कारण लोगों द्वारा जैविक खाद्य पदार्थों की मांग उठने लगी तथा इस मांग को पूरा करने के लिए जैविक कृषि की आवश्यकता पड़ गई है।

प्रश्न 2.
जैविक कृषि में खेत की उर्वरा शक्ति को किस प्रकार बनाए रखा जा सकता है ?
उत्तर-
जैविक कृषि में वातावरण का प्राकृतिक संतुलन तथा प्राकृतिक स्रोतों को बनाए रखते हुए कृषि की जाती है। जैविक कृषि में उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के लिए निम्न कार्य किए जाते है—

  1. जैविक कृषि में किसी भी तरह के कृषि ज़हर, रासायनिक खाद, कीटनाशक आदि के प्रयोग की सख्त मनाही है।
  2. फसल चक्र में भूमि के स्वास्थ्य के लिए फलीदार फसल बोई जानी अत्यन्त आवश्यक है।
  3. जैविक कृषि में फसलों के खेत में बचे हुए भाग को आग लगाने की आज्ञा नहीं है।
  4. कृषि में प्रदूषित पानी जैसे सीवरेज के पानी से सिंचाई नहीं की जा सकती।
  5. कीड़े-मकौड़े समाप्त करने के लिए मित्र पक्षियों तथा कीड़ों का प्रयोग किया जाता है।
  6. जैविक कृषि में जैनेटीकली बदली फसलें जैसे-बी०टी० किस्मों की मनाही है।

प्रश्न 3.
जैविक कृषि में कीटों एवम् रोगों का प्रतिरोध कैसे किया जाता है ?
उत्तर-
जैविक कृषि में कृषि ज़हरों के प्रयोग की पूर्ण रूप से मनाही है। इसके लिए जैविक कृषि जैविक कृषि में कीड़ों तथा बीमारियों का मुकाबला करने के लिए प्राकृतिक ढंगों का प्रयोग किया जाता है। कीड़ों की रोकथाम के लिए भिन्न कीड़ों तथा पक्षियों की सहायता ली जाती है। नीम की निमोलियों के अर्क या जैविक कीटनाशक (बी०टी० ट्राइकोग्राम) आदि का प्रयोग किया जाता है। जैविक उल्लीनाशक जैसे कि ट्राइकोडरमा आदि का प्रयोग किया जाता,है। फसलों की मिली-जुली कृषि; जैसे-गेहूँ तथा चने भी कीड़ों तथा बीमारियों की रोकथाम में सहायक हैं।

प्रश्न 4.
जैविक प्रमाणीकरण क्या है एवम् यह कौन करता है ?
उत्तर-
जैविक कृषि के उत्पादों को यदि हमें लेबल करके मण्डी में बेचना हो या अन्य देशों में भेजना हो तो इन उत्पादों का प्रमाणीकरण आवश्यक होता है। प्रमाणीकरण में यह गारंटी दी जाती है कि जैविक उत्पादों को जैविक स्तरों के अनुसार ही पैदा किया गया है।
प्रमाणीकरण के लिए भारत सरकार द्वारा 24 एजेंसियों को मान्यता दी गई है। इन एजेंसियों में से किसी एक एजेंसी में किसान को फार्म भर कर रजिस्ट्रर्ड करवाना पड़ता है। कम्पनी के निरीक्षक किसान के खेत में अक्सर निरीक्षण करते रहते हैं तथा देखते हैं कि किसान द्वारा जैविक मानकों का पूरी तरह पालन किया जा रहा है या नहीं। इस निरीक्षण में पास होने पर ही उपज को जैविक करार दिया जाता है। जैविक स्तरों के बारे में अधिक जानकारी apeda.gov.in साइट से ली जा सकती है।

प्रश्न 5.
जैविक कृषि के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
जैविक कृषि के लाभ निम्नलिखित अनुसार हैं—

  1. भूमि की उपजाऊ (उर्वरा) शक्ति बढ़ती है।
  2. कृषि के खर्च कम होते हैं।
  3. जैविक कृषि में उत्पादों की अधिक कीमत मिलती है।
  4. यह टिकाऊ कृषि है।
  5. इससे रोज़गार बढ़ता है।
  6. खाद्य पदार्थ तथा वातावरण में ज़हरीले अंशों से बचाव हो जाता है।

Agriculture Guide for Class 8 PSEB जैविक कृषि Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
जैविक कृषि में गुड़ाई किस प्रकार की जाती है ?
उत्तर-
हाथों से, व्हील हो से या ट्रैक्टर से।

प्रश्न 2.
जैविक कृषि में कौन-सी फसलों को अंतर्फसलों के रूप में बोया जाता
उत्तर-
फलीदार फसलें।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 8 जैविक कृषि

प्रश्न 3.
जैविक कृषि में आहारीय तत्वों के लिए कौन-सी न खाने योग्य खलों का प्रयोग होता है ?
उत्तर-
अरिंड की खल्ल।

प्रश्न 4.
जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण के लिए भारत सरकार द्वारा कितनी एजेंसियां हैं ?
उत्तर-
24.

प्रश्न 5.
हमें वर्ष 2020 तक कितने अनाज की आवश्यकता है ?
उत्तर-
276 मिलियन टन अनाज की। राम नाम

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
जैविक कृषि के दो लाभ बताएं।
उत्तर-

  1. भूमि की उपजाऊ (उर्वरा) शक्ति बनी रहना तथा इसमें वृद्धि होना।
  2. जैविक पदार्थों से अधिक लाभ।

प्रश्न 2.
हरित क्रान्ति के कारण कौन-सी फसलों की कृषि कम हुई ?
उत्तर-
हरित क्रान्ति के कारण धान-गेहूँ के फ़सल चक्र में पड़कर पारम्परिक दालें तथा तेल बीज फसलों की कृषि कम हो गई है।

प्रश्न 3.
कौन-से जैविक उत्पादों की विश्व मण्डी में बहुत मांग है तथा कौन-से देश इन उत्पादों की बड़ी मण्डियां हैं ?
उत्तर-
बासमती चावल, सब्जियां, फल, चाय, दालें तथा कपास जैसे जैविक उत्पादों की अमेरिका, जापान तथा यूरोपियन देशों की मण्डियों में बहुत मांग है।

बड़े उत्तर वाला प्रश्न

प्रश्न-
जैविक फसल उत्पादन के ढंग पर नोट लिखो।
उत्तर-
जैविक फसल उत्पादन में बीज किस्में तथा बुवाई के ढंग साधारण कृषि जैसे ही हैं। जैविक फसल उत्पादन में कीटनाशक, खरपतवारनाशक आदि दवाइयों के प्रयोग की मनाही है। खरपतवारों की रोकथाम के लिए फसलों की अदला-बदली की जाती है या अन्य कृषि ढंगों का प्रयोग किया जाता है। जैसे मक्की की फसल की पंक्तियों में रवांह की बुवाई की जाती है तथा रवांह को हरे चारे के रूप में प्रयोग कर लिया जाता है। इस प्रकार मक्की में खरपतवार नहीं उगते हैं। हल्दी की फसल में धान की पराली बिछा कर नदीनों की रोकथाम की जाती है। फलीदार फसलों की कृषि धरती की उपजाऊ (उर्वरा) शक्ति बनाए रखती है तथा धरती में नाइट्रोजन तत्व की कमी से बचाती है। फसलों के आहारीय तत्वों की पूर्ति कम्पोस्ट, रूड़ी की खाद आदि के प्रयोग से की जाती है। कीड़ों की रोकथाम के लिए मित्र कीटों तथा पक्षियों का प्रयोग किया जाता है। फसलों की मिश्रत कृषि भी कीड़ों तथा रोगों की रोकथाम में सहायक है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

ठीक/गलत

  1. जैविक कृषि में बी.टी.फसलों की मनाही है।
  2. जैविक कृषि में भूमि की उपजाऊ शक्ति कम हो जाती है।
  3. नैशनल सेंटर फॉर आर्गेनिक फार्मिंग गाज़ियाबाद में स्थित है।

उत्तर-

बहुविकल्पीय

प्रश्न 1.
जैविक कृषि को इंग्लश में क्या कहते हैं ?
(क) इनआर्गेनिक फार्मिंग
(ख) आर्गेनिक फार्मिंग
(ग) नार्मल फार्मिंग
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) आर्गेनिक फार्मिंग

प्रश्न 2.
भारत में जैविक कृषि के लिए जैविक स्तर कब तय किए गए ?
(क) 2000
(ख) 2004
(ग) 2008
(घ) 2012
उत्तर-
(ख) 2004

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 8 जैविक कृषि

रिक्त स्थान भरें

  1. ………… कृषि में बी.टी. किस्मों की मनाही है।
  2. हमें वर्ष 2020 तक …………….. मिलियन टन अनाज की आवश्यकता है।

उत्तर-

  1. जैविक
  2. 276

जैविक कृषि PSEB 8th Class Agriculture Notes

  • जैविक कृषि करने से वातावरण का प्राकृतिक संतुलन तथा प्राकृतिक स्रोतों को बनाए रखा जाता है।
  • जैविक कृषि में रासायनिक खादों, खरपतवार नाशकों, फफूंदीनाशकों का प्रयोग नहीं किया जाता।
  • जैविक कृषि में फसल को खाद देने की जगह भूमि को उपजाऊ बनाने पर बल दिया जाता है।
  • जैविक कृषि के लाभ इस प्रकार हैं- भूमि की उपजाऊ (उर्वरा) शक्ति का बढ़ना, कम कृषि खर्चा (व्यय), जैविक उपज (कृषि) से अधिक आय, ज़हर (विषैले) वाले अंशों से रहित खाद्य पदार्थ आदि।
  • रासायनिक खादों का प्रयोग, कृषि ज़हरों (विषैले रसायनों) का प्रयोग, कृषि में पराली को आग लगाना आदि जैसी क्रियाओं ने वातावरण तथा भूमि को बहुत हानि पहुंचाई है।
  • गेहूँ-धान फसल चक्र के कारण परम्परागत दालों तथा तेल बीज वाली फसलों के अन्तर्गत क्षेत्रफल कम हुआ है।
  • चाय, बासमती चावल, सब्जियां, फल, दालें, कपास जैसे जैविक उत्पादों की वैश्विक मण्डी में बहुत मांग है।
  • भारत सरकार द्वारा जैविक कृषि को उत्साहित करने के लिए गाज़ियाबाद में एक नैशनल सेंटर फॉर आर्गेनिक फार्मिंग (NCOF) खोला गया है। उत्तरी भारत में इसकी शाखा पंचकूला में है।
  • वर्ष 2004 में अपने देश में जैविक उत्पादों के लिए कुछ जैविक स्तर तय किए गए हैं। जिन्हें अन्य देशों द्वारा भी मान्यता मिली है।
  • जैविक कृषि में बीज, किस्मों तथा बुवाई के ढंग/तरीके साधारण कृषि जैसे ही है।
  • फसलों के आहारीय तत्त्वों की पूर्ति के लिए रूड़ी की खाद, केंचुआ खाद, कम्पोस्ट, जैविक खाद, अरिंड की खल्ल आदि का प्रयोग किया जाता है।
  • जैविक कृषि में कीड़ों की रोकथाम के लिए मित्र कीड़ों तथा पक्षियों की सहायता ली जाती है।
  • नीम की निमोलियों के अर्क को जैविक कीटनाशकों के रूप में प्रयोग किया जाता
  • जैविक प्रमाणीकरण में यह गारंटी दी जाती है कि जैविक उत्पाद को जैविक मानकों (स्तर) के अनुसार ही पैदा किया गया है।
  • जैविक मानकों (स्तर) तथा प्रमाणीकरण सम्बन्धी जानकारी के लिए अपीडा की वैबसाइट apeda.gov.in से ली जा सकती है।

PSEB 8th Class Home Science Practical अपने लिए बिना बाजू का स्वैटर बनाना

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Practical अपने लिए बिना बाजू का स्वैटर बनाना Notes.

PSEB 8th Class Home Science Practical अपने लिए बिना बाजू का स्वैटर बनाना

  • नाप : छाती 32″-34″ लम्बाई 23″
  • समान : लाल इमली की मोटी ऊन-250 ग्राम
  • सलाइयाँ : 1 जोड़ी 7 नम्बर
    : 1 जोड़ी 9 नम्बर बटन
  • बटन : 6
  • पिछला पल्ला : 7 नम्बर वाली सलाइयों पर 95 कुंडे डालते हैं तथा 12 सलाइयाँ सीधी बुनते हैं।
  • पहली सलाई : 11 उल्टे 1 सीधा-एक पूरी सलाई इस तरह बुनते हैं, अन्त में 11 कुंडे उल्टे बुनते हैं।
  • दूसरी सलाई : 1 उल्टा *9 सीधे, 3 उल्टे-इसे * से दोहराते हैं, अन्तिम कुंडा सीधा डालते हैं।
  • तीसरी सलाई : 2 सीधे, *7 उल्टे, 5 सीधे—इसे * से दोहराते हैं, अन्तिम दो कुंडे सीधे डालते हैं।
  • चौथी सलाई : 3 उल्टे, *5 सीधे, 7 उल्टे-इसे * दोहराते हैं, अन्तिम 4 कुंडे उल्टे डालते हैं।
  • पाँचवीं सलाई : 4 सीधे, *3 उल्टे, 9 सीधे-इसे * दोहराते हैं, अन्तिम 4 कुंडे सीधे डालते हैं।
  • छठी सलाई : 5 उल्टे, *1 सीधा, 11 उल्टे-इसे * से दोहराते हैं, अन्तिम 5 कुंडे उल्टे डालते हैं।
    ये 6 सलाइयाँ दोहराते हैं ताकि पिछला पल्ला 1572″ बन जाए।

कंधे के लिए घटाना-अगली 2 सलाइयों को शुरू के 5-5 कुंडे बन्द कर देते हैं। हर सीधी सलाई पर 7 बार शुरू में तथा अन्त में जोड़ा बुनते हैं।
नमूना ठीक रखते हुए कन्धे के ऊपर 1572″ बनाते हैं। अन्तिम सलाई नमूने की भी अन्तिम सलाई होनी चाहिए। गले के लिए बीच के 27 कुंडे बन्द कर देते हैं।

PSEB 8th Class Home Science Practical अपने लिए बिना बाजू का स्वैटर बनाना

सामने वाले पल्ले-(दोनों एक ही तरह के) 7 नम्बर की सलाई पर 40 कुंडे डालते हैं और 12 सलाइयाँ सीधी बुनते हैं।
पिछले पल्ले की तरह ही नमूना बनाकर 10″ तक बुनते हैं। गले वाले किनारे के शुरू में जोड़ा बुनकर सारी सलाई बुनते हैं। इसके बाद हर आठवीं सलाई पर गले वाले किनारे की तरफ जोड़ा बुनते हैं।

कंधे की काट-जब दोनों किनारे 1572″ हो जाएँ तो पिछले किनारे की तरह ही कंधे की काट बनाते हैं। इसके साथ ही हर आठवीं सलाई पर गले वाले किनारे पर भी जोड़ बनाते हैं। पिछले किनारे के समान ही बुनते हैं। कन्धे के लिए 22 कुंडे रहने चाहिएँ। पिछले तथा अगले पल्लों के कुंडों को मिलाकर बन्द कर देते हैं।

कंधे की पट्टी-स्वेटर का सीधा किनारा अपने सामने रखते हैं और 9 नम्बर की सलाई से किनारे के साथ-साथ 120 कुंडे उठाते हैं। 8 सीधी सलाइयाँ बुनते हैं और फिर कुंडे बन्द कर देते हैं। इसी तरह दूसरा कंधा भी बुनते हैं।

PSEB 8th Class Home Science Practical अपने लिए बिना बाजू का स्वैटर बनाना

सामने की पट्टी-9 नम्बर सलाई पर 10 कुंडे डालते हैं। 4 सीधी सलाइयाँ बुनने के बाद काज बनाते हैं। 4 कुंडे बुनते हैं, 2 बन्द कर देते हैं, 4 कुंडे बुनते हैं। दूसरी सलाई पर जहाँ 2 कुंडे बन्द किए थे, 3 कुंडे चढ़ा लेते हैं ताकि फिर 10 हो जाएँ। दो-दो इंच की दूरी पर 6 काज बनाते हैं। पट्टी इतनी लम्बी बनाते हैं जो स्वेटर के एक सिरे से दूसरे सिरे तक पूरी आ जाए। पट्टी को स्वेटर से जोड़ते हैं।

पूरा करना-दोनों सीधे किनारों को उल्टे किनारे से सी देते हैं। उल्टे किनारों पर लगाते हैं।

PSEB 8th Class Home Science Practical अपने लिए बिना बाजू का स्वैटर बनाना

नोट-

  1. यदि जेबों की ज़रूरत हो तो 20 कुंडे पर नमूना डालकर 3″ बुनते हैं, फिर 6 सलाइयाँ सीधी बुनकर बन्द कर देते हैं। इस तरह की दो जेबें बनाकर स्वेटर से सी देते हैं।
  2. यदि बन्द स्वेटर हो तो पिछले किनारे की तरह ही कन्धे तक बुनते हैं। कन्धा शुरू करने के साथ ही वी (V) गले के लिए हर चौथी सलाई पर दोनों ओर एक-एक कुंडा घटाते हैं। गोल गला बनाने के लिए कन्धे की कटाई से 4/2″ ऊपर बुन बीच के 15 कुंडे घटा देते हैं तथा फिर दोनों ओर 3 फिर 2 तथा फिर 1 कुंडा घटाते हैं। बाद में ऊपर तक सीधा ही बुनते हैं।
  3. बार्डर के लिए सीधी सलाइयों की बजाए एक सीधे और पाँच उल्टे कुंडे का भी बार्डर बनाते हैं।

PSEB 8th Class Home Science Practical पैबन्द लगाना और कढ़ाई

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Practical पैबन्द लगाना और कढ़ाई Notes.

PSEB 8th Class Home Science Practical पैबन्द लगाना और कढ़ाई

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कपड़ों की मरम्मत की आवश्यकता क्यों पड़ती है ?
उत्तर-
जब कभी कपड़ा अचानक किसी तेज़ वस्तु से अटक कर कट या फट जाता है तो कपड़ों की मरम्मत करने की आवश्यकता पड़ती है।

प्रश्न 2.
फटे कपड़े की मरम्मत के कौन-कौन से तरीके हैं ?
उत्तर-
साधारण सिलाई, पैबन्द लगाना, रफू करना।

प्रश्न 3.
साधारण सिलाई कब की जाती है ?
उत्तर-
कपड़े के लम्बाई की ओर से फट जाने पर।

PSEB 8th Class Home Science Practical पैबन्द लगाना और कढ़ाई

प्रश्न 4.
पैबन्द कब लगाया जाता है ?
उत्तर-
जब कपड़े में छेद या बड़ा सुराख हो जाए।

प्रश्न 5.
रफू कब की जाती है ?
उत्तर-
जब कपड़ा कहीं से घिस जाये या ब्लेड, चाकू या झाड़ी आदि में अड़कर फट जाए।

प्रश्न 6.
हाथ से बने ऊनी कपड़े प्रायः कहाँ से फटते हैं ?
उत्तर–
गले, कोहनी या घुटनों के पास से, क्योंकि इन स्थानों पर अन्य भाग की अपेक्षा अधिक दबाव पड़ता है।

PSEB 8th Class Home Science Practical पैबन्द लगाना और कढ़ाई

प्रश्न 7.
पैबन्द लगाना किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जब कभी कपड़ा ऐसे फटता है या उसमें ऐसे छेद होता है कि उसमें रफू कस्ने से सफ़ाई नहीं आती तो ऐसे छेद वाले स्थान पर उसी कपड़े का अलग टुकड़ा लगाकर छेद बन्द किया जाता है। इसे ही पैबन्द लगाना कहते हैं।

प्रश्न 8.
पैबन्द किस फटे कपड़े पर लगाना चाहिए ?
उत्तर-
जो अच्छी हालत में हो और एक या दो धुलाई के बाद ही फटने की स्थिति में न हो।

प्रश्न 9.
पैबन्द लगाने के लिए कपड़े का रंग कैसा होना चाहिए ?
उत्तर-
पैबन्द लगाने के लिए कपड़े का रंग उस वस्त्र के रंग का ही होना चाहिए जिसमें पैबन्द लगानी है।

PSEB 8th Class Home Science Practical पैबन्द लगाना और कढ़ाई

प्रश्न 10.
छपे हुए कपड़े पर पैबन्द किस प्रकार लगाना चाहिए ?
उत्तर-
जिससे छपाई या फूल-पत्तियों का रूप न बिगड़े।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सामान्यतः कपड़े किन कारणों से फट जाते हैं ?
उत्तर-
सामान्यतः कपड़े निम्नलिखित कारणों से फटते हैं-

  1. कील या काँटों में अटककर
  2. धुलाई करते समय पटकने के कारण
  3. कपड़े पर अम्ल या क्षार गिरने से ।
  4. चूहे या अन्य किसी जन्तु द्वारा कुतरने से
  5. वस्त्रों के कई भाग जैसे कोहनी आदि अधिक प्रयोग से कमज़ोर पड़कर।

PSEB 8th Class Home Science Practical पैबन्द लगाना और कढ़ाई

प्रश्न 2.
सादे या छपे हुए कपड़े की मरम्मत करने के कौन-से तरीके हैं ?
उत्तर-
सादे या छपे हुए कपड़े की मरम्मत करने के निम्नलिखित तीन तरीके हैं-

  1. साधारण सिलाई करना।
  2. पैबन्द लगाना।
  3. रफू करना
    • सादा रफू।
    • कटे हुए स्थान को रफू करना।

प्रश्न 3.
कपड़े की मरम्मत में साधारण सिलाई की क्या उपयोगिता है ?
उत्तर-
कपड़े के लम्बाई की ओर से फट जाने पर साधारण सिलाई की जा सकती है। साधारण सिलाई करते समय केवल इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इसका कपड़े की नाप पर तो कोई प्रभाव नहीं पड़ता, कपड़े का रूप बिगड़े बिना सिलाई की जा सके तो साधारण सिलाई ही ठीक रहती है।

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प्रश्न 4.
पैबन्द लगाकर कपड़ों की मरम्मत कब की जाती है ? पैबन्द का आकार किस प्रकार का होना चाहिए ?
उत्तर-
जब कपड़े इस प्रकार फटते हैं कि उनमें सुराख या छेद हो जाते हैं तो उन्हें पैबन्द लगाकर ही ठीक किया जा सकता है। पैबन्द उसी कपड़े का लगाया जाता है जो मूल वस्त्र बनाने में प्रयोग किया गया हो। कटे हुए स्थान के अनुसार पैबन्द गोल, तिकोना या वर्गाकार किसी भी रूप में लगाया जा सकता है लेकिन चैक या लाइनदार कपड़े में पैबन्द चौकोर या वर्गाकार भी हो सकता है। प्रिंटेड कपड़े में क्योंकि प्रिंट के साथ प्रिंट मिलाना आवश्यक है इसलिए इसका रूप निर्धारित नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 5.
रफू किसे कहते हैं ? यह कितने प्रकार का होता है ?
उत्तर-
जब कपड़े की एक जगह शेष कपड़े की अपेक्षा घिसकर पतली हो जाती है या चाकू, ब्लेड, झाड़ी आदि से कपड़ा तिरछी लाइन में कट जाता है तब ऐसी जगह पर नये धागे लगाकर उस पर दुबारा उसी प्रकार की बुनाई की जाती है तो उसे रफू कहते हैं।
रफू निम्न प्रकार के हो सकते हैं-

  1. घिसे हुए स्थान का रफू या सादा रफू
  2. कटे हुए स्थान पर रफू
    • चाकू, छुरी या ब्लेड से कटने पर
    • कील, झाड़ी या काँटों से अड़कर कटने पर।

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प्रश्न 6.
पैबन्द लगाते समय किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी होता है ?
उत्तर-
पैबन्द लगाते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना ज़रूरी होता है-

  1. पैबन्द लगाने से पहले यह देख लेना चाहिए कि शेष कपड़ा अच्छी हालत में हो। ऐसे कपड़े की मरम्मत नहीं करनी चाहिए जो एक-दो धुलाई के बाद ही फटने की स्थिति में हो।
  2. जिस स्थान पर पैबन्द लगाना हो उसके लिए उसी रंग और डिज़ाइन के टुकड़े का चुनाव करना चाहिए।
  3. चुने हुए कपड़े को धोकर इस्तरी कर लेना चाहिए क्योंकि हो सकता है कपड़ा धोने से सिकुड़ जाये।
  4. पैबन्द इस प्रकार लगाना चाहिए कि कपड़े में झोल न पड़े और न ही पैबन्द कमज़ोर पड़े।
  5. धागे के रंग और मोटाई को कपड़े के अनुरूप ही रखा जाना चाहिए। यदि हो सके तो धागा कपड़े में से ही निकालना चाहिए।
  6. चैक और लाइनदार कपड़े पर पैबन्द लगाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि धारियाँ परस्पर ठीक से मिल जायें।
  7. छपे हुए कपड़े पर पैबन्द इस प्रकार लगाना चाहिए कि छपाई या फूल-पत्तियों का क्रम न बिगड़े।
  8. पैबन्द इस प्रकार लगाया जाना चाहिए कि मरम्मत होने के बाद कपड़ा देखने पर मन को बुरा न लगे।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पैबन्द लगाने की विधि का वर्णन करो।
उत्तर-
सादा पैबन्द-कपड़ा मुरम्मत करने का एक तरीका फटी हुई जगह पर पैबन्द लगाना है। कई बार वस्त्र पर तेज़ाब गिरने से, आग के अंगारे से या गर्म प्रैस से कपड़ों में छिद्र हो जाता है। बड़े छिद्र पर रफू करने से कपड़े में सफाई नहीं आती। इसलिए छिद्र वाले स्थान पर कपड़े के रंग का तथा उसी प्रकार तथा उतना ही पुराना कपड़ा लगाकर मुरम्मत की जाती है। पुराने वस्त्र पर नये वस्त्र का पैबन्द नहीं लगाना चाहिए। पैबन्ध के ताने के धागे, कपड़े के ताने के धागों के समानान्तर तथा पैबन्द के बाने के धागे कपड़े के बाने के धागों के समानान्तर होने चाहिएं। पैबन्द को बिल्कुल सीधा करना चाहिए तथा पैबन्द के अन्दर कपड़ा
PSEB 8th Class Home Science Practical पैबन्द लगाना और कढ़ाई 1
चित्र 6.1
मोड़ने के बाद भी किनारा सीधा ही रखना चाहिए। ऊनी वस्त्रों के किनारों को मोड़ा नहीं जाता है। ऊनी वस्त्रों के लिए या सिल्की धागा, सूती या लिनन के कपड़ों के लिए सूती धागा तथा सिल्क के कपडे के लिए सिल्की धागा इस्तेमाल करना चाहिए।

चौकोर पैबन्द-चौकोर पैबन्द छिद्र के चारों ओर 1 इंच फालतू कपड़ा रखकर पैबन्द काटते हैं। पैबन्द को पहले दोनों तरफ़ के किनारों की ओर 1/8″ पैबन्द के सीधी ओर मोड़ते हैं। इसी तरह बाने के धागों वाली ओर भी मोड़ते हैं। ताने वाले किनारे को अंगठे के नाखन । से सीधा करते हैं और बाने के छोरों को अँगूठे से दबा कर सीधा करते हैं। कोने हमेशा नोकदार होने चाहिएं। पैबन्द को रूमाल की तरह चार परतें करके हाथ से दबाते हैं ताकि तह का निशान बन जाए। पैबन्द का सीधा किनारा कपड़े के छिद्र वाले स्थान पर उल्टी ओर रखते हैं। यह ध्यान रहे कि पैबन्द के ताने के धागे कपड़े के है। समानान्तर होने चाहिएं। पैबन्द के मध्य बिन्दु छिद्र के मध्य में आए। दोनों ताने वाले किनारा पर एक-एक पिन लगाते हैं तथा फिर बाने वाले
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चित्र 6.2
PSEB 8th Class Home Science Practical पैबन्द लगाना और कढ़ाई 3
चित्र 6.3
किनारों पर पिन लगाते हैं। ताने के एक किनारे के मध्य में से शुरू करके किनारे के साथसाथ चारों ओर कच्चा करते हैं। ताने वाले किनारे के मध्य में शुरू करके चारों तरफ़ लेते
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चित्र 6.4
कपड़े को सीधा कर लेते हैं ताकि छिद्र वाला भाग आपके सामने हो। छिद्र वाली जगह तिरछी तह के निशान बनाते हैं। तहों के कोनों पर 1/4″ चिह्न लगाते हैं। कैंची का निचला फल कपड़े तथा पैबन्द की तह के बीच डालते हैं तथा तिरछी रेखाओं पर लगे 1/4″ के चिह्न तक चारों कोनों से काटते हैं। इन पल्लों को मोड़कर तह का निशान बनाते हैं तथा निशान पर चारों कोनों से हटाते हैं ताकि छिद्र 1चौकोर बन जाए। छिद्र की तिरछी रेखाओं के कोनों से 1/8″ के चिह्न लगा लेते हैं तथा यह 1/8″ चारों ओर से अन्दर मोड़ देते हैं। सूई द्वारा कोनों से वस्त्र अन्दर को करके कोने सीधे कर लेते हैं। छिद्र को मोड़े हुए किनारों के साथ-साथ कच्चा कर लेते हैं । छिद्र के किनारे जहाँ पैबन्द से जुड़ते हों तो दोनों को मिलाते हैं तथा ऊपर के सिरे से खड़ी तुरपाई या काज टाँके से लाइन पूरी करते हैं। कोने पर तिरछा टाँका बनाते हैं। इस तरह बाकी के तीनों किनारे पूरे करते हैं।

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कढ़ाई के नमूने

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PSEB 8th Class Home Science Practical पैबन्द लगाना और कढ़ाई 6
चित्र 6.5

पैबन्द लगाना और कढ़ाई PSEB 8th Class Home Science Notes

  • कपड़ों में मरम्मत करने का एक तरीका फटी हुई जगह पर पैबन्द लगाना है।
  • पुराने वस्त्र पर नये वस्त्र का पैबन्द नहीं लगाना चाहिए।
  • पैबन्द को बिल्कुल सीधा काटना चाहिए तथा पैबन्द के अन्दर कपड़ा मोड़ने के बाद भी किनारा सीधा ही रखना चाहिए।
  • छिद्र को नाप कर पैबन्द लगाने वाले कपड़े को 1″ चारों ओर से अतिरिक्त रखकर काटना चाहिए।

PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 3 बड़ों के प्रति प्यार और सम्मान

Punjab State Board PSEB 8th Class Welcome Life Book Solutions Chapter 3 बड़ों के प्रति प्यार और सम्मान Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Welcome Life Chapter 3 बड़ों के प्रति प्यार और सम्मान

Welcome Life Guide for Class 8 PSEB बड़ों के प्रति प्यार और सम्मान InText Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
आपका कृतज्ञता से क्या मतलब है?
उत्तर-
इसका अर्थ सम्मान दिखाना।

प्रश्न 2.
क्या हमें अपने बड़ों से विनम्र होना चाहिए जब हमें उनसे कुछ चाहिए?
उत्तर-
नहीं, हमें हमेशा अपने बुजुर्गों के प्रति विनम्र रहना चाहिए।

प्रश्न 3.
हमारे दादा-दादी की देखभाल केवल हमारे माता-पिता की ज़िम्मेदारी है। यह कथन सही है या ग़लत?
उत्तर-
यह ग़लत है क्योंकि दादा-दादी की देखभाल परिवार के सभी सदस्यों की ज़िम्मेदारी है।

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प्रश्न 4.
क्या हमें अपना समय अपने बड़ों के साथ बिताना चाहिए?
उत्तर-
हाँ हमें अपने बुजुर्गों के साथ कुछ समय बिताना चाहिए क्योंकि वे हमें कई अच्छी बातें बता सकते हैं जो हमारे जीवन में हमारी मदद करेंगी।

प्रश्न 5.
हमारे दादा-दादी हमें कैसे उपयोगी बातें बता सकते हैं, भले ही वे जीवन जीने के आधुनिक तरीकों से अवगत न हों?
उत्तर-
जीवन से जुड़ी कई चीजें हैं जो नहीं बदली हैं। हमारे दादा-दादी ऐसी चीज़ों के लिए अधिक अनुभवी हैं। वे हमें अपने अनुभवों के बारे में बता सकते हैं। ये अनुभव हमें समान परिस्थितियों में हमारे कार्यों को तय करने में मदद करेंगे।

प्रश्न 6.
हमारे बुजुर्गों के बारे में ऐसी कौन-सी बातें हैं जो हमें हमेशा अपने दिमाग में रखनी चाहिए?
उत्तर-
आपको हमेशा उनके अनुभवों, कड़ी मेहनत, उनके प्रयासों, बलिदानों, संघर्षों और उनके सामने आने वाली कठिनाइयों के बारे में ध्यान में रखना चाहिए।

प्रश्न 7.
हमें हमेशा अपने बड़ों का आभारी क्यों होना चाहिए?
उत्तर-
हमें हमेशा अपने बुजुर्गों और माता-पिता के अथक प्रयासों के लिए आभारी होना चाहिए, जो कि हमेशा हमारी भलाई के लिए वह करते आए हैं और करते रहेंगे।

प्रश्न 8.
हम अपने माता-पिता और दादा-दादी के प्रति अपना सम्मान कैसे दिखा सकते हैं?
उत्तर-
हम अपनी भावनाओं, दयालु शब्दों और प्यार और गर्मजोशी से भरे हमारे भावों के माध्यम से उनके प्रति अपना सम्मान दिखा सकते हैं।

प्रश्न 9.
क्यों हमारे बुजुर्ग हमारे लिए महत्त्वपूर्ण हैं?
उत्तर-
वे हमारे लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि वे हमारे लिए सबसे अच्छे मार्गदर्शक हैं।

प्रश्न 10.
क्या हमारे माता-पिता और दादा-दादी हमसे ज्यादा अनुभवी हैं?
उत्तर-
हां,हमारे माता-पिता और दादा-दादी हमसे ज्यादा अनुभवी हैं।

प्रश्न 11.
यदि किसी परिवार के साथ बड़े बुजुर्ग रहते हैं तो वह परिवार भाग्यशाली माना जाता है ऐसा क्यों?
उत्तर-
हां, क्योंकि बुजुर्ग अधिक अनुभवी होने के कारण कठिन परिस्थितियों में हमारी मदद कर सकते हैं और वे हमें उस कठिन परिस्थिति से बाहर आने के लिए हमारी कार्रवाई के बारे में मार्गदर्शन कर सकते हैं।

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प्रश्न 12.
निम्नलिखित में से कौन-सी बेहतर स्थिति है? (i) बड़ों बुजुर्गों के साथ रहना। (ii) बड़ों बुजुर्गों के बिना रहना
उत्तर-
बड़ों बुजुर्गों के साथ रहना बेहतर स्थिति है।

प्रश्न 13.
आप अपने बड़ों से प्यार करते हैं यह दिखाने के कुछ तरीके बताएं।
उत्तर-
निम्नलिखित ऐसे तरीके हैं जो यह संकेत करते हैं कि हम अपने बड़ों से प्यार करते हैं

  1. उनके साथ क्वालिटी टाइम बिताकर
  2. उनकी बात मानकर।

प्रश्न 14.
क्या हमें अपने माता-पिता और दादा-दादी के प्रति आभारी होना चाहिए?
उत्तर-
हां, हमें अपने माता-पिता और दादा-दादी के प्रति आभारी होना चाहिए।

प्रश्न 15.
हमें अपने दादा-दादी का आभारी क्यों होना चाहिए?
उत्तर-
हमें अपने दादा-दादी के प्रति आभारी होना चाहिए क्योंकि उन्होंने हमारे माता-पिता का पालन-पोषण अच्छे तरीके से किया। परिणामस्वरूप हमें ऐसे प्यारे और देखभाल करने वाले माता-पिता मिलते हैं।

प्रश्न 16.
जब हमें समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हो तो हमें अपने बड़ों से सलाह लेनी चाहिए?
उत्तर-
हां, हमें अपने बड़ों से सलाह अवश्य लेनी चाहिए क्योंकि वे अधिक अनुभवी होने के कारण निश्चित रूप से जानते होंगे कि ऐसी स्थितियों में क्या किया जाना चाहिए।

प्रश्न 17.
परिवार में परिवार के सदस्यों की भलाई के लिए सबसे ज्यादा कौन चिंतित होता है?
उत्तर-
परिवार में बुजुर्ग लोग विशेषकर माता-पिता और दादा-दादी परिवार के सदस्यों की भलाई के लिए अधिक चिंतित होते हैं।

प्रश्न 18.
कक्षा में प्रथम स्थान पर आने के लिए एक छात्र की कौन मदद करता है?
उत्तर-
माता-पिता और दादा-दादी मुख्य बल हैं जो कक्षा में एक छात्र को प्रथम स्थान पर लाने में मदद करते है।

प्रश्न 19.
बच्चों की भलाई के लिए कौन बलिदान करता है?
उत्तर-
माता-पिता और दादा-दादी परिवार में बच्चों की बेहतरी के लिए कोई भी त्याग कर सकते हैं।

प्रश्न 20.
हमारा सबसे अच्छा समर्थक कौन है?
उत्तर-
माता-पिता और दादा-दादी हमारे सबसे अच्छे समर्थक हैं।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
अच्छे गणों का क्या मतलब है? एक अच्छे व्यक्ति का उत्कृष्ट गुण क्या है?
उत्तर-
गुणों (सदाचार) का अर्थ है गुण। अच्छे गुणों का मतलब है अच्छे गुण । एक अच्छे व्यक्ति का उत्कृष्ट गुण परिवार में माता-पिता, दादा-दादी और अन्य बुजुर्ग लोगों का प्यार करना, आदर करना, आभार और देखभाल करना है।

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प्रश्न 2.
अपने माता-पिता और दादा-दादी की देखभाल करने के क्या फायदे हैं?
उत्तर-
अपने माता-पिता और दादा-दादी की देखभाल करने के मुख्य लाभ हैं:

  1. माता-पिता और दादा-दादी की देखभाल करने से हमें इस बात की संतुष्टि मिलती है कि उन्होंने हमें बड़ा करने के लिए जो मेहनत कि हम उसके लिए उनका कुछ हद तक भुगतान कर रहे हैं।
  2. जब वे खुश हो जाते हैं ते वे हमें आशीर्वाद देते हैं और परिवार के सदस्यों का आशीर्वाद खासकर माता पिता और दादा-दादी हमें अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करते हैं।

प्रश्न 3.
हमारे माता-पिता और दादा-दादी का मस्मान करने के क्या फायदे हैं?
उत्तर-
हमारे माता-पिता और दादा-दादी का सम्मान करने से हम अच्छे इंसान बनते हैं। यह एक अच्छे समाज का निर्माण भी करता है। इसके अलावा, अपने माता-पिता का सम्मान करके हम उन्हें बताते हैं कि हम उनके बलिदानों और उनके द्वारा किए गए प्रयासों को जानते हैं और अभी भी हमारे जीवन को आसान और आरामदायक बना रहे हैं।

प्रश्न 4.
हमारे दादा-दादी को यह बताने के तरीके क्या हैं कि हम उनसे प्यार करते हैं?
उत्तर-
ऐसे कई तरीके और साधन हैं जिनके द्वारा हम अपने दादा-दादी को दिखा सकते हैं कि हम उनसे प्यार करते हैं। इनमें से कुछ है :

  1. सार्वजनिक रूप से उनकी प्रशंसा करके।
  2. हमारी सफलता उन्हें समर्पित करके।
  3. उनके साथ गुणवत्ता समय (क्वालिटी टाइम) बिताकर।
  4. उन्हें ध्यान से सुनने और जीवन में विभिन्न परिस्थितियों का सामना करने के बारे में उनके निर्देशों का पालन करते हुए।

प्रश्न 5.
हमारे माता-पिता हमारे लिए भगवान के समान हैं। इस कथन को सही साबित करें।
उत्तर-
यह सच है कि माता-पिता हमारे लिए भगवान के समान हैं। यह विश्वास करने के लिए हमें हमेशा उनके अनुभवों, कड़ी मेहनत, उनके प्रयासों, बलिदानों, संघर्षों और उनके सामने आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखना चाहिए। इन कारणों से हमें सदैव उनके कल्याण के लिए किए गए अथक प्रयासों के लिए उनका आभारी होना चाहिए। उन्हें चुकाने के लिए हम अपनी भावनाओं, दयालु शब्दों और प्यार और गर्मजोशी से भरे भावों के माध्यम से उनके प्रति अपना सम्मान व्यक्त कर सकते हैं।

प्रश्न 6.
माता-पिता जैसे दादा-दादी भी हमारे लिए महत्त्वपूर्ण हैं क्यों?
उत्तर-
हम जानते हैं कि माता-पिता हमारे लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि वे सबसे अच्छे मार्गदर्शक हैं और हमें वे सभी चीजें प्रदान करते हैं, जो कि हमें जीवन जीने के लिए और अपने जीवन में प्रगति करने की आवश्यक है। हालाँकि, दादा-दादी भी समान रूप से महत्त्वपूर्ण हैं। यह सच है क्योंकि सबसे पहले उन्होंने हमारे माता-पिता को जीवन में इस स्तर तक पहुँचने में मदद की है। वे अनुभवी हैं और उन्होंने हमारे माता-पिता को अपने जीवन का आकार देने के लिए मार्गदर्शन किया है। समय के साथ वे अधिक अनुभवी हो गए हैं और वे कठिन परिस्थितियों को जीतने के लिए बेहतर तरीके से मार्गदर्शन कर सकते हैं। उनके पास अधिक समय है और इस तरह वे हमारी बात सुनेंगे और हमारी समस्याओं के समाधान के लिए कई तरह से हमारी मदद करेंगे।

प्रश्न 7.
यदि आपके दादा-दादी बीमार हैं तो आपको क्या करना चाहिए?
उत्तर-
यदि हमारे दादा-दादी बीमार हैं तो हम निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं

  1. हमें उनके पास बैठना चाहिए और उन छोटी-छोटी चीज़ों का ध्यान रखना चाहिए जिनकी उन्हें ज़रूरत थी।
  2. हम उन्हें समय पर पौष्टिक आहार दे सकते हैं।
  3. डॉक्टर द्वारा निर्धारित समय पर हम उन्हें दवा दे सकते हैं।
  4. हम उन्हें शौचालय या बाथरूप जाने में मदद कर सकते हैं।
  5. यदि वे चाहें तो हम उनसे बात कर सकते हैं।
  6. हम उन्हें बाहर बगीचे में घुमाने ले जा सकते हैं ताकि उनका मन बहल जाए।

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
अपने माता-पिता और दादा-दादी के प्रति आभार और सम्मान दिखाने के विभिन्न तरीकों का वर्णन करें।
उत्तर-
हमारे माता-पिता और दादा-दादी के प्रति आभार और सम्मान दिखाने के तरीके निम्नलिखित हैं

  1. हमें उन चीजों के लिए उनकी सहायता करनी चाहिए जो वे प्रभावी रूप से नहीं कर सकते हैं।
  2. हम उन्हें घर में मौजूद आधुनिक यंत्रों (गैजेट्स) के बारे में बता सकते हैं।
  3. हमें उनसे सम्मानपूर्वक और विनम्र तरीके से बात करनी चाहिए।
  4. हमें हमेशा नियमित रूप से उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ करनी चाहिए।
  5. हमें उनके साथ कुछ क्वालिटी टाइम (गुणवत्ता समय) बिताना चाहिए। उनके दौरान हमें उनकी बातों को सुनना चाहिए और हमें अपने अनुभव भी उनके साथ साझा करने चाहिए।
  6. हमारे आस-पास, शहर या देश में क्या हो रहा है, इसके बारे में उन्हें अद्यतन (अपडेट) रखने के लिए हम उनके लिए अच्छी कहानियां और समाचार-पत्र पढ़ सकते हैं।
  7. हमें सभी शिष्टाचार में उन्हें सम्मान दिखाना चाहिए।
  8. हमें उनके भोजन और दवाओं का ध्यान रखना चाहिए।
  9. हमें अक्सर उन्हें बताना चाहिए कि जब हमें उनकी ज़रूरत होती है तो हमेशा हमारे साथ वहां रहने के लिए हम उनके आभारी होते हैं।
  10. हमें उनका हमेशा आज्ञाकारी होना चाहिए और उनके आदेशों की अवहेलना करने का कभी प्रयास नहीं करना चाहिए।

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प्रश्न 2.
आप यह कैसे प्रमाणित करेंगे कि हमारे माता-पिता और दादा-दादी हमारे सबसे बड़े सहायक हैं?
उत्तर-
माता-पिता और दादा-दादी हम सभी के लिए सबसे बड़ा सहारा हैं। यह निम्नलिखित तथ्यों की सहायता से सिद्ध किया जा सकता है:

  1. वे हमारी बुनियादी ज़रूरतों जैसे भोजन, कपड़े, आश्रय आदि का अच्छे से ध्यान रखते हैं।
  2. वे हमारी शिक्षा के लिए आवश्यक धन प्रदान करते हैं।
  3. वे हमारी पढ़ाई और अन्य गतिविधियों में हमारी मदद करते हैं।
  4. वे हमारी उपलब्धियों के लिए हमारी प्रशंसा करते हैं।
  5. जब हम गलती करते हैं, तो वे हमें न केवल उन्हें दोहराने से हमें रोकते हैं बल्कि हमारा मार्गदर्शन भी करते हैं कि हम इन गलतियों को फिर से करने से कैसे बच सकते हैं?
  6. वे हमें अपना निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रेरणा प्रदान करते हैं।
  7. वे विभिन्न महत्त्वपूर्ण चीजों के लिए अनुसूची बनाने में हमारी मदद करते हैं और इसका सख्ती से पालन करते हैं।

प्रश्न 3.
माता-पिता और दादा-दादी सभी के जीवन में सबसे सम्मानित व्यक्ति होते हैं। आप इसे कैसे उचित ठहराएंगे?
उत्तर-
माता-पिता और दादा-दादी सभी के जीवन में सबसे सम्मानित व्यक्ति होते हैं। हम इसे इस आधार पर उचित ठहराएंगे कि हम हर साल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मातृ दिवस, पिता दिवस और दादा-दादी दिवस मनाते हैं हम हर साल 9 मई को मातृ दिवस (मदर्स डे) मनाते हैं। यह दिन हमारे जीवन में माँ की भूमिका के बारे में याद दिलाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन हम एक माँ और उसके बच्चे के बीच के बंधन के बारे में याद करते हैं और हमारे जीवन में उनके प्रभाव और योगदान के प्रति आभार प्रकट करते हैं। हम हर साल 20 मई को पिता दिवस मनाते हैं। इस दिन हम एक पिता और उसके बच्चे के बीच के बंधन के बारे में याद करते हैं और हमारे जीवन में उनके प्रभाव और योगदान के प्रति आभार प्रकट करते हैं।
हम हर साल 13 सितंबर को दादा-दादी दिवस मनाते हैं। सन् 2020 में भारत में यह दिवस 9 सितंबर को मनाया गया। यह दिन हमें अपने जीवन में दादा-दादी की भूमिका के बारे में याद दिलाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन हम दादा-दादी और उनके पोते के बीच के बंधन के बारे में याद करते हैं और हमारे जीवन में उनके प्रभाव और योगदान के लिए आभार प्रकट करते हैं।

प्रश्न 4.
आप यह दिखाने के लिए क्या करते हैं कि आप अपने बड़ों का सम्मान करते हैं और उनके प्रति आभारी हैं?
उत्तर-
मैं यह दिखाने के लिए कि मैं अपने बड़ों की देखभाल और उनका सम्मान करता हूं के लिए निम्नलिखित कार्य करता हूँ। अपने कार्यों से मैं यह दिखाने की कोशिश करता हूँ कि मैं सर्वशक्तिमान का आभारी हैं:

  1. मैं अपने माता-पिता और दादा-दादी को हर रोज़ सुप्रभात और शुभ रात्रि की शुभकामनाएं देता हूँ।
  2. स्कूल से आने के बाद मैं उनके साथ कुछ समय बिताता हूँ और स्कूल में होने वाली घटनाओं के बारे में जानकारी साझा करता हूं।
  3. हम सभी रात का खाना एक साथ बैठकर खाते हैं और दिन की घटनाओं के बारे में बात करते हैं।
  4. मैं हमेशा सोने से पहले आपने दादा-दादी के साथ बैठता हूँ, उनके साथ वक्त बिताता हूं और भनिष्य में अपने कार्यों के बारे में सलाह लेने के लिए उनकी बातें सुनता और समझता हूँ और उन पर अमल करता हूं।
  5. मैं उनके जीवन के सभी महत्त्वपूर्ण दिन मनाता हूँ जैसे उनके जन्मदिन, उनकी वर्षगांठ आदि।
  6. मैं उनकी दवाओं का रिकॉर्ड रखता हूँ और यह सुनिश्चित करता हूँ कि वे अपनी दवाओं को खाना ना भूलें।
  7. छुट्टियों में मैं अपने दादा-दादी के साथ पास के पार्क में जाता हूँ।
  8. मैं अपने दादा-दादी के साथ कुछ इनडोर गेम भी खेलता हूँ।
  9. मैं उनकी पसंद का संगीत बजाता हूँ और उनके बचपन के दिनों के बारे में बात करना पसंद करता हूँ।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहुविकल्पीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
हमें हमेशा
(क) परिवार के बड़े बुजुर्गों से प्यार करना चाहिए
(ख) परिवार के बड़े बुजुर्गों का आदर करना चाहिए
(ग) परिवार के बड़े बुजुर्गों की बात को ध्यान से सुनना चाहिए
(घ) सभी विकल्प।
उत्तर-
(घ) सभी विकल्प।

प्रश्न 2.
हमारा बुजुर्गों के प्रति सम्मान दिखाना और उनके प्रति आभारी होना एक …………
(क) ज़रूरी नहीं
(ख) उत्कृष्ट गुण
(ग) समय की बर्बादी
(घ) सभी।
उत्तर-
(ख) उत्कृष्ट गुण।

PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 3 बड़ों के प्रति प्यार और सम्मान

प्रश्न 3.
हमें अपने बड़ों के प्रति आभारी होना चाहिए क्योंकि वे हमारे कल्याण के लिए ……… अथक प्रयास करते हैं।
(क) हमेशा
(ख) किसी खास मौके पर
(ग) जब ज़रूरत हो
(घ) कभी नहीं।
उत्तर-
(क) हमेशा।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से कौन-सा हमारे बुजुर्गों के प्रति कृतज्ञता प्रदर्शित करने का तरीका है?
(क) विनम्रता से बोलना
(ख) दैनिक कार्यों में उनकी मदद करना
(ग) अच्छे से देखभाल करना।
(घ) सभी विकल्प।
उत्तर-
(घ) सभी विकल्प।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से कौन-सा हमारे बुजुर्गों के प्रति सम्मान दिखाने का सबसे अच्छा तरीका है?
(क) उनके साथ गुणवत्ता समय बिता कर
(ख) उन्हें बाज़ार ले जाकर
(ग) उन्हें सिनेमा ले जाकर
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(क) उनके साथ गुणवत्ता समय बिताकर।

प्रश्न 6.
हमें अपने बड़े बुजुर्गों की देखभाल करनी चाहिए क्योंकि-
(क) उन्होंने हमारे लिए बहुत कुछ किया है।
(ख) वे हमसे बहुत पहले पैदा हुए थे।
(ग) वे उस दौर में पैदा हुए थे जब कोई भी आधुनिक साधन नहीं थे।
(घ) सभी विकल्प।
उत्तर-
(क) उन्होंने हमारे लिए बहुत कुछ किया है।

प्रश्न 7.
हमें अपने बड़े बुजुर्गों के लिए ………… महसूस करना चाहिए।
(क) अच्छा
(ख) बुरा
(ग) गर्व
(घ) क तथा ग।
उत्तर-
(घ) (क) तथा (ग)।

प्रश्न 8.
हमारे माता-पिता और बड़ों की सहायता करना उनके लिए हमारे ………. को व्यक्त करने का एक तरीका है।
(क) प्यार
(ख) आदर
(ग) सम्मान
(घ) सभी विकल्प।
उत्तर-
(घ) सभी विकल्प।

प्रश्न 9.
अपने बड़ों की अच्छी देखभाल करना, उन्हें प्यार करना तथा उनको सम्मान देना हमारा ………. है।
(क) काम
(ख) कर्त्तव्य
(ग) व्यापार
(घ) शिक्षा।
उत्तर-
(ख) कर्तव्य।

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प्रश्न 10.
कथन (क) हमें अपने माता-पिता के प्रति ईमानदार होना चाहिए।
कथन (ख) जब हमारे माता-पिता बूढ़े व कमजोर हो जाते हैं तब हमें उनका ध्यान रखना चाहिए उपरोक्त लिखे कथनों में से कौन सा कथन सही हैं
(क) कथन क सही और ख गलत है
(ख) कथन क गलत और ख सही है
(ग) दोनों कथन सही हैं
(घ) दोनों कथन गलत हैं।
उत्तर-
(क) कथन क सही और ख गलत है।

प्रश्न 11.
हमें अपने बुजुर्गों के जीवन के विशेष दिन मनाने चाहिए इससे उन्हें …….. मिलेगी।
(क) दुःख
(ख) खुशी
(ग) गुस्सा
(घ) सभी।
उत्तर-
(ख) खुशी।

प्रश्न 12.
हमारे बुजुर्गों ने हमें बड़ा करने व पालन-पोषण में बहुत कष्ट झेले हैं। हम उनका यह ऋण चुका सकते हैं
(क) उन्हें प्यार दिखा कर
(ख) उन्हें सम्मान देकर
(ग) दोनों (क) व (ख) विकल्प
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ग) दोनों (क) व (ख) विकल्प।

रिक्त स्थान भरो:

  1. अपने बुजुर्गों के प्रति सम्मान दिखाना और उनके प्रति आभारी होना एक ………….. है।
  2. हमें हमेशा अपने बुजुर्गों, अपने दादा-दादी और माता-पिता का …………. करना चाहिए।
  3. हमें अपने दादा-दादी और माता-पिता के प्रति अपने नि:स्वार्थ प्रेम और ……….. को व्यक्त करना चाहिए।
  4. हमें अपने बड़ों के साथ …………… बिताना चाहिए।
  5. हमें हमेशा अपने दादा-दादी और माता-पिता का ………… होना चाहिए।
  6. हमें अपने दादा-दादी और माता-पिता के यादगार बचपन की घटनाओं को ……….. चाहिए।
  7. हमारे ………… ने हमें आगे बढ़ाने के लिए बहुत कुछ किया है।
  8. हमारे …….. ने हमारी भलाई के लिए कई बलिदान दिए हैं।
  9. हमें अपने बड़ों से हमेशा ………… और ………. तरीके से बात करनी चाहिए।
  10. हमें अपने माता-पिता और दादा-दादी की ………….. नहीं करनी चाहिए।

उत्तर-

  1. उत्कृष्ट गुण
  2. सम्मान
  3. कृतज्ञता
  4. वालिटी टाइम (गुणवत्ता समय)
  5. आभारी
  6. सुनना
  7. माता-पिता
  8. बुजुर्गों
  9. सम्मान, विनम्र
  10. अवज्ञा।

PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 3 बड़ों के प्रति प्यार और सम्मान

सही/ग़लतः

  1. हमें अपने बुजुर्गों की बात नहीं माननी चाहिए क्योंकि वे आधुनिक जीवन के बारे में नहीं जानते हैं।
  2. हमारे दादा दादी ने हमारे लिए कुछ नहीं किया है।
  3. बड़ों के प्रति सम्मान दिखाना और उनकी देखभाल करना एक उत्कृष्ट गुण है।
  4. हमें अपने बुजुर्गों की सलाह ज़रूर सुननी चाहिए।
  5. हमें अपने बड़ों के साथ समय बिताकर अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।
  6. दोस्तों के साथ खेलना हमारे बड़ों के साथ समय बिताने से ज्यादा महत्त्वपूर्ण है।
  7. हमारे माता-पिता और बड़ों की अवज्ञा करना अच्छा नहीं है।
  8. हमें अपने माता-पिता से सम्मानपूर्वक बात करनी चाहिए।
  9. हमें सभी बुजुर्गों की मदद करनी चाहिए।
  10. हमारे बुजुर्ग हमसे कम अनुभवी हैं।

उत्तर-

  1. ग़लत
  2. ग़लत
  3. सही
  4. सही
  5. ग़लत
  6. गलत
  7. सही
  8. सही
  9. सही
  10. ग़लत।

PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 2 पौष्टिक और सन्तुलित भोजन

Punjab State Board PSEB 8th Class Physical Education Book Solutions Chapter 2 पौष्टिक और सन्तुलित भोजन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Physical Education Chapter 2 पौष्टिक और सन्तुलित भोजन

PSEB 8th Class Physical Education Guide पौष्टिक और सन्तुलित भोजन Textbook Questions and Answers

नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए

प्रश्न 1.
भोजन से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
भोजन एक वस्तु की भान्ति है। मनुष्य हर प्रकार के खाद्य पदार्थों का सेवन करता है। वह मांसाहारी भी है तथा निरामिष भी। मनुष्य लगभग दोनों प्रकार का भोजन खा सकता है; जैसे–अन्न, दालें, सब्जियां, फल, दूध तथा दूध से बने पदार्थ, मांस, मछली, अण्डे आदि। ___ भोजन शरीर का एक आवश्यक अंग है क्योंकि भोजन से शरीर में वृद्धि होती है तथा शरीर के टूटे-फूटे सैलों की मुरम्मत होती है तथा नए सैल बनते हैं। भोजन शरीर को बीमारियों का मुकाबला करने योग्य बनाता है।

प्रश्न 2.
पोष्टिक भोजन किसे कहते हैं ? (From Board M.Q.P.)
उत्तर-
पौष्टिक तत्त्व शरीर का पालन-पोषण करते हैं। खाद्य पदार्थों में कुछ ऐसे तत्त्व पाये जाते हैं जिन्हें खाने के बाद वे शरीर में पचकर शरीर का पोषण करते हैं। जिस भोजन

प्रोटीन के लाभ (Advantages of Proteins)-

  1. यह शरीर में शक्ति पैदा करते हैं।
  2. प्रोटीन शरीर के टूटे-फूटे सैलों की मुरम्मत करते हैं और नए सैलों का निर्माण करते हैं।
  3. ये भोजन को पचाने में सहायता करते हैं।
  4. ये हड़ियों का निर्माण करते हैं।
  5. इनके सेवन से हड्डियां मज़बूत बनती हैं।
  6. यह शरीर का तापमान ठीक रखते हैं।

प्रोटीन की कमी और अधिकता से होने वाली हानियां (Disadvantages of Excess or Less Protein) भोजन में प्रोटीन उचित मात्रा में होनी चाहिए। भोजन में इनकी कमी और वृद्धि दोनों स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। इनकी कमी से शरीर कमजोर हो जाता है, परन्तु इनके बढ़ने से अधिक रक्तचाप, मोटापा, जोड़ों का दर्द (गठिया), जिगर तथा गुर्दे की बीमारियां हो जाती हैं।

PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 2 पौष्टिक और सन्तुलित भोजन

प्रश्न 5.
कार्बोहाइड्रेट्स क्या है ? शरीर में इसकी कम-से-कम मात्रा की हानियाँ लिखिए।
उत्तर-
कोर्बोहाइड्रेट्स (Carbohydrates)—यह कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का मिश्रण है। कार्बोहाइड्रेट्स दो प्रकार के होते हैं-शक्कर के रूप में मिलने वाले और स्टॉर्च के रूप में मिलने वाले।
प्राप्ति के स्रोत (Sources) शक्कर के रूप में यह हमें गन्ने के रस, गुड़, चीनी,

PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 2 पौष्टिक और सन्तुलित भोजन 1

अंगूर, खजूर, शहद, सूखे मेवों, गाजर आदि से मिलते हैं। स्टॉर्च के रूप में यह गेहूँ, मक्की, जौ, ज्वार, शकरकन्द, अखरोट तथा केले आदि से प्राप्त होते हैं।

कार्बोहाइड्रेट्स के लाभ (Advantages of Carbohydrates)-

  1. कार्बोहाइड्रेट्स हमारे शरीर को गर्मी तथा शक्ति प्रदान करते हैं।
  2. ये शरीर में चर्बी पैदा करते हैं।
  3. ये चर्बी से सस्ते होते हैं और ग़रीब व कम आय वाले लोग भी इनका प्रयोग कर सकते हैं।

कार्बोहाइड्रेट्स की कमी और अधिकता से होने वाली हानियाँ (Advantages of Carbohydrates)-

  1. कार्बोहाइड्रेटस की अधिक मात्रा लेने से भोजन शीघ्र हज़म नहीं होता। भोजन का अधिकांश भाग बिना पचे ही शरीर से बाहर निकल जाता है।
  2. इनके अधिक प्रयोग से शरीर में मोटापा आ जाता है तथा पेशाब सम्बन्धी कई रोग लग जाते हैं।
  3. इनका कम मात्रा में प्रयोग करने से शरीर कमजोर हो जाता है।
  4. कार्बोहाइड्रेट्स अधिक मात्रा में लेने से शूगर, ब्लड प्रेशर और जोड़ों का दर्द होने लगता है।

प्रश्न 6.
चर्बी से क्या अभिप्राय है ? यह कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर-
चर्बी (Fat)-यह कार्बन, हाइड्रोजन व ऑक्सीजन का मिश्रण है। यह शरीर में ईंधन का कार्य करती है। चर्बी का मुख्य कार्य शरीर में गर्मी और शक्ति पैदा करना है। एक साधारण व्यक्ति के दैनिक भोजन में चर्बी की मात्रा 50 से 70 ग्राम तक होनी चाहिए।
PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 2 पौष्टिक और सन्तुलित भोजन 2

प्राप्ति के स्रोत (Sources)—वनस्पति से प्राप्त होने वाली चर्बी सब्जियों, सूखे मेवों, फलों, अखरोट, बादाम, मूंगफली, बीजों से प्राप्त तेल आदि से प्राप्त होती है। पशुओं से प्राप्त होने वाली चर्बी, घी, दूध, मक्खन, मछली के तेल, अण्डे आदि में पाई जाती है।

चर्बी के अधिक प्रयोग से हानि (Disadvantages of Extra Fat)-

  • पाचनक्रिया बिगड़ जाती है।
  • रक्त-संचार में रुकावट पड़ जाती है।
  • शरीर में मोटापा आ जाता है।
  • हृदय रोग और शूगर का रोग होने का भय रहता है।

चर्बी के कम प्रयोग से हानि (Disadvantages of Less Faty)

  • चर्बी के कम प्रयोग के कारण शरीर दुबला पतला हो जाता है।
  • चर्बी की कमी के कारण शरीर में कमजोरी आ जाती है।

प्रश्न 7.
‘दूध एक सम्पूर्ण आहार है,’ वर्णन करें।
उत्तर-
दूध एक आदर्श तथा सम्पूर्ण भोजन है (Milk is an ideal Food) क्योंकि दूध में हर प्रकार के आवश्यक तत्त्व मिल जाते हैं। इसमें 3.6% चर्बी, 3.4% प्रोटीन, 4.8% कार्बोहाइड्रेट्स, 0.7% नमक तथा 7.5% पानी होता है। – दूध को सम्पूर्ण भोजन इसलिए कहा जाता है, क्योंकि छोटे बच्चों को केवल दूध ही दिया जाता है। यह बच्चों के लिए भोजन ही है। सामान्यतः घरों में हम रोगी व्यक्तियों के लिए दूध का प्रयोग करते हैं जो खुराक का कार्य करता है।

शरीर की उचित तन्दरुस्ती के लिए दूध एक प्रकार के सन्तुलित भोजन का कार्य करता है। दूध में भोजन के सभी आवश्यक तत्त्व प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, चर्बी, खनिज लवण,पानी तथा विटामिन उचित मात्रा में मिलते हैं। ये भिन्न-भिन्न तत्त्व मानव शरीर में भिन्न-भिन्न कार्य करते हैं।

दूध में भोजन के सभी आवश्यक तत्त्वों के विद्यमान होने के कारण उसे उचित और आदर्श खुराक माना जाता है। इसलिए दूध को एक सम्पूर्ण भोजन कहा जाता है।

प्रश्न 8.
भोजन पकाने के कौन-कौन से सिद्धान्त हैं ?
उत्तर-
भोजन पकाने के मुख्य सिद्धान्त निम्नलिखित हैं:

  1. भोजन पकाने वाला व्यक्ति साफ़-सुथरा तथा आरोग्य होना चाहिए।
  2. भोजन पकाने वाला स्थान भी साफ़-सुथरा होना चाहिए। इसको जाली लगी हुई होनी चाहिए ताकि मच्छर, मक्खी आदि भीतर न जा सकें।
  3. भोजन पकाने के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले बर्तन भी साफ़ होने चाहिएं।
  4. रोटी पकाने से दस-पन्द्रह मिनट पहले आटा अच्छी प्रकार गूंथ कर रख लेना चाहिए। बिना छाने आटे का प्रयोग अति लाभदायक है।
  5. सब्जियां और दालें साफ़ पानी में अच्छी प्रकार दो-तीन बार धो कर पकानी चाहिए ताकि इन पर छिड़की हुई दवायें साफ़ हो जाएं।
  6. भोजन को बहुत ज्यादा नहीं पकाना चाहिए क्योंकि ज़्यादा पकाने से भोजन के तत्त्व नष्ट हो जाते हैं। भोजन कच्चा भी नहीं होना चाहिए क्योंकि कम पका हुआ भोजन जल्दी हज़म नहीं होता।
  7. भाप द्वारा प्रैशर कुक्कर में तैयार किया हुआ भोजन बहुत लाभदायक होता है। ऐसे भोजन के तत्त्व नष्ट नहीं होते।
  8. भोजन को सदा ढक कर रखना चाहिए।

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प्रश्न 9.
भोजन खाने से सम्बन्धित ज़रूरी नियमों का वर्णन करें।
उत्तर-
भोजन सम्बन्धी जरूरी नियम-जो भोजन हम खाते हैं उसका पूरा-पूरा लाभ प्राप्त करने के लिए हमें कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। इन नियमों का विवरण नीचे दिया जाता है-

  1. भोजन सदा नियमित समय पर करना चाहिए।
  2. भोजन करने से पहले हाथों को अच्छी तरह धोना चाहिए।
  3. भोजन अच्छी तरह चबा कर और धीरे-धीरे खाना चाहिए।
  4. भोजन करते समय न तो पढ़ना चाहिए और न ही बातें करनी चाहिए।
  5. भोजन खाते समय प्रसन्न रहना चाहिए। उस समय किसी प्रकार की चिन्ता नहीं करनी चाहिए।
  6. भूख लगने पर ही भोजन करना चाहिए।
  7. भोजन सदा आवश्यकतानुसार ही करना चाहिए। बहुत कम या बहुत अधिक खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
  8. तली हुई वस्तुएं शीघ्र नहीं पचतीं इसलिए इनको बहुत थोड़ी मात्रा में खाना चाहिए।
  9. बासी और खराब भोजन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
  10. दोपहर का भोजन करने के उपरान्त कुछ समय के लिए आराम करना लाभदायक होता है।
  11. रात को सोने से दो घण्टे पहले भोजन खाना चाहिए। भोजन खाने के तुरन्त बाद सोना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
  12. भोजन के शीघ्र बाद व्यायाम आदि करना हानिकारक होता है।
  13. गर्म-गर्म भोजन खाने के बाद ठण्डा पानी नहीं पीना चाहिए।
  14. भोजन खाने के बाद अच्छी तरह कुल्ली करके दाँतों को साफ़ करना चाहिए नहीं तो दाँतों में भोजन के अंश फंसे रहेंगे जिसके कारण मुंह से बदबू आएगी।
  15. भोजन करने वाला स्थान साफ़-सुथरा होना चाहिए।
  16. बहुत चटपटी और मसालेदार वस्तुएं स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं।
  17. भोजन ढक कर रखना चाहिए।
  18. भोजन सदा बदल-बदल कर करना चाहिए।
  19. मीठी और खट्टी वस्तुएं अधिक मात्रा में प्रयोग नहीं करनी चाहिए।
  20. पानी सदा भोजन के मध्य में पीना चाहिए।
  21. भोजन ठीक ढंग से पकाया हुआ होना चाहिए।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित पर नोट लिखें।
(क) मोटा आहार
(ख) पानी
(ग) खनिज पदार्थ
(घ) भोजन पकाना।
उत्तर-
(क) मोटा आहार (रेशेदार) (Roughage/Cellulose) मनुष्य के भोजन में विद्यमान रेशेदार कार्बोहाइड्रेट्स को मोटा आहार कहते हैं। हमें मोटा आहार सब्जियों फल, मूली, शलगम, गाजर, खीरा, सलाद तथा अन्य वनस्पति खाद्य-पदार्थों को छिल्के सहित खाने से प्राप्त होता है। इसकी कमी से हमें कब्ज तथा अधिकता से दस्त लग जाते हैं।

(ख) पानी (Water)—यह ऑक्सीजन और हाइड्रोजन का यौगिक है। शरीर का लगभग 70% भाग पानी है। इसके बिना जीवन असम्भव है। वयस्क व्यक्तियों के लिए प्रतिदिन \(1 \frac{1}{2}\) से \(2 \frac{1}{2}\) लिटर पानी की आवश्यकता होती है, परन्तु जलवायु और कार्य की स्थिति में अन्तर होने से पानी की आवश्यकता घटती-बढ़ती रहती है। गर्मियों में पानी की अधिक मात्रा की आवश्यकता होती है।

पानी के लाभ (Advantages)-

  1. पानी रक्त को द्रव अवस्था में रखकर संचालन में सहायता प्रदान करता है।
  2. यह भोजन को घोल कर पाचन क्रिया में सहायता देता है।
  3. पानी की प्यास को शान्त करता है।
  4. पानी से शरीर का तापमान एक समान रहता है।
  5. पानी से गंदगी पसीने और मल-मूत्र के रूप में बाहर निकल जाती है।
  6. पानी शरीर में रक्त का दौरा आसान करता है।

(ग) खनिज पदार्थ (Mineral) हमारे शरीर को कैल्शियम, फॉस्फोरस, सोडियम, लोहा, मैग्नीशियम, पोटाशियम, आयोडीन, क्लोरीन और गन्धक जैसे तत्त्वों की अधिक आवश्यकता रहती है। ये तत्त्व लवण के रूप में भोजन से प्राप्त होते हैं। हमारे दैनिक भोजन में खनिज पदार्थों की मात्रा 10 से 15 ग्राम होनी चाहिए।

प्राप्ति के स्रोत (Sources) खनिज पदार्थ हरे पत्ते वाली सब्जियों, ताजे फलों, मांस, मछली, दूध, पनीर आदि पदार्थों से मिलते हैं।

खनिज पदार्थ के लाभ (Advantages of Mineral)-

  1. ये मांसपेशियों के तन्तुओं का विकास करते हैं। . :
  2. रक्त के रंग को लाल करते हैं।
  3. कैल्शियम रक्त को जमने में सहायता देता है।
  4. शरीर के सभी अंगों को ठीक काम करने में सहायता देते हैं।

खनिज पदार्थ की कमी से हानियां (Disadvantages of less Mineral) भोजन में इसकी कमी से निम्नलिखित रोग लग जाते हैं –

  1. शरीर शीघ्र रोगग्रस्त हो जाता है।
  2. हड्डियां टेढ़ी हो जाती हैं।
  3. शरीर में पीलापन आ जाता है।
  4. गिल्लड़ नामक रोग हो जाता है।

(घ) भोजन पकाना (Cooking)-कई खाद्य पदार्थ पकाने के बाद ही खाने योग्य होते हैं; जैसे दालें, अनाज़, सब्जियां आदि। खांद पदार्थों को भिन्न-भिन्न ढंगों से आग पर पका कर खाने योग्य बनाया जाता है। इस प्रक्रिया को भोजन पकाना कहते हैं। अच्छी तरह से पकाया हुआ भोजन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। भोजन को ठीक विधि से पकाया जाना चाहिए, क्योंकि अधिक देर आग पर रखने से भोजन में विटामिन सी और डी की विशेष हानि होती है।

निम्नलिखित कारणों के कारण भोजन को पकाना अत्यन्त आवश्यक है –

  1. ठीक ढंग से पका हुआ भोजन आसानी से पचने के योग्य बन जाता है।
  2. भोजन को पकाने से रोग उत्पन्न करने वाले कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।
  3. पकाया हुआ भोजन स्वादिष्ट होता है, इसलिए उसे खाने को मन करता है।
  4. पकाने से खाद्य पदार्थों को अधिक देर तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

Physical Education Guide for Class 8 PSEB प्राथमिक सहायता Important Questions and Answers

बहविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
संतुलित भोजन है –
(क) प्रोटीन
(ख) कार्बोहाइड्रेट्स
(ग) चर्बी और खनिज लवण
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 2.
प्रोटीन किस से बना है ?
(क) कार्बन
(ख) ऑक्सीजन
(ग) हाइड्रोजन
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

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प्रश्न 3.
प्रोटीन की किस्में हैं
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच।
उत्तर-
(क) दो

प्रश्न 4.
कार्बोहाइड्रेट्स कितनी प्रकार के हैं ?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच।
उत्तर-
(ख) तीन

प्रश्न 5.
चर्बी के स्रोत हैं-
(क) फल और अखरोट
(ख) बादाम, मूंगफली
(ग) तिल
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 6.
सम्पूर्ण भोजन है-
(क) दूध
(ख) फल, दूध, अखरोट
(ग) बादाम
(घ) उपरोक्त कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) फल, दूध, अखरोट

प्रश्न 7.
भोजन खाने के नियम –
(क) समय के अनुसार भोजन खाएं
(ख) भोजन खाने से पहले हाथ धो लें
(ग) भूख लगने पर ही भोजन करें
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

बहन छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भोजन से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
खाने की वे चीजें जो हमारी भूख को सन्तुष्ट करें और शरीर का विकास करें, भोजन कहलाती है।

प्रश्न 2.
भोजन में पाए जाने वाले खनिज लवणों के नाम बताएं। .
उत्तर-
कैल्शियम, फॉस्फोरस, लौ कण, सोडियम, मैग्नीशियम, पोटाशियम, आयोडीन, क्लोरीन और गन्धक खाने के खनिज हैं।

प्रश्न 3.
भाप से पकाया भोजन अच्छा क्यों होता है ?
उत्तर-
भाप से पके भोजन में पौष्टिक तत्त्व खराब नहीं होते हैं ।

प्रश्न 4.
हमारे शरीर में कितने प्रतिशत तक पानी होता है ?
उत्तर-
हमारे शरीर में 60 प्रतिशत पानी होता है ।

प्रश्न 5.
प्रोटीन कितने प्रकार के होते हैं ? उनके नाम लिखो।
उत्तर-
प्रोटीन दो प्रकार के होते हैं-पशु प्रोटीन तथा वनस्पति प्रोटीन।

प्रश्न 6.
पशु प्रोटीन के तीन स्रोत बताओ।
उत्तर-
मांस, मछली और दूध।

प्रश्न 7.
वनस्पति प्रोटीन के तीन स्त्रोत बताओ।
उत्तर-
दालें, मटर, सोयाबीन।

प्रश्न 8.
कार्बोहाइड्रेट्स क्या हैं ?
उत्तर-
कार्बोहाइड्रेट्स कार्बन और हाइड्रोजन का मिश्रण है।

प्रश्न 9.
विटामिन कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
विटामिन छ: प्रकार के होते हैं-A, B, C, D, E और K।

प्रश्न 10.
अंधराता रोग किस विटामिन की कमी के कारण होता है ?
उत्तर-
यह रोग विटामिन A की कमी के कारण होता है।

प्रश्न 11.
किस विटामिन की कमी के कारण स्कर्वी रोग हो जाता है ?
उत्तर-
विटामिन C की कमी के कारण।

प्रश्न 12.
बेरी-बेरी रोग किस विटामिन की कमी के कारण हो जाता है ?
उत्तर-
विटामिन B की कमी के कारण।

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प्रश्न 13.
पायोरिया रोग किस विटामिन की कमी के कारण होता है ?
उत्तर-
विटामिन C की कमी के कारण।

प्रश्न 14.
बांझपन का रोग किस विटामिन की कमी के कारण होता है ?
उत्तर-
विटामिन E की कमी के कारण।

प्रश्न 15.
कौन-से विटामिन पानी में घुलनशील नहीं हैं ?
उत्तर-
विटामिन C, D, E और K।

प्रश्न 16.
छोटे बच्चे के लिए कौन-सा दूध अच्छा होता है ?
उत्तर-
माँ का दूध।

प्रश्न 17.
भोजन पकाने के कौन-कौन से ढंग हैं ? नाम बताओ।
उत्तर-
उबालना, भूनना, तलना और भाप द्वारा पकाना।

प्रश्न 18.
हमारे दैनिक भोजन में प्रोटीन की मात्रा कितनी होनी चाहिए ?
उत्तर-
70 से 100 ग्राम।

प्रश्न 19.
कार्बोहाइड्रेट्स किन तत्त्वों का मिश्रण है ?
उत्तर-
ऑक्सीजन, हाइड्रोजन तथा कार्बन।

प्रश्न 20.
कार्बोहाइड्रेट्स किन दो रूपों में मिलते हैं ?
उत्तर-
स्टॉर्च तथा शर्करा के रूप में।

प्रश्न 21.
प्रोटीन किन तत्त्वों का मिश्रण है ?
उत्तर-
कार्बन, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन तथा गन्धक।

प्रश्न 22.
जीवन तत्त्व किन्हें कहते हैं ?
उत्तर-
विटामिनों को।

प्रश्न 23.
पानी में घुलनशील विटामिन कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
विटामिन B तथा C।

प्रश्न 24.
हमारे भोजन में चर्बी (वसा) की मात्रा कितनी होनी चाहिए ?
उत्तर-
50 से 70 ग्राम।

प्रश्न 25.
लोहे की कमी से कौन-सा रोग हो जाता है ?
उत्तर-
रक्त में हीमोग्लोबिन कम हो जाता है।

प्रश्न 26.
भोजन खाने का स्थान कैसा होना चाहिए ?
उत्तर-
साफ-सुथरा और हवादार।

छोट जत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भोजन हमारे शरीर के लिए क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
प्रत्येक मनुष्य को जीवित रहने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है। हम प्रतिदिन किसी-न-किसी खेल में भाग लेते हैं अथवा कई अन्य प्रकार के कार्य करते हैं।
इसके साथ ही हम हर समय शारीरिक क्रियाएं करते हैं। इन सभी क्रियाओं को पूरा करने के लिए हमें शक्ति की आवश्यकता होती है। वह शक्ति हमें भोजन से ही मिलती है।

प्रश्न 2.
भोजन से हमें क्या लाभ हैं ?
उत्तर-

  1. भोजन शरीर को शक्ति देता है।
  2. भोजन से शरीर बढ़ता है।
  3. भोजन से शरीर के टूटे-फूटे तन्तुओं की मुरम्मत होती है।
  4. इससे नए तन्तुओं का निर्माण होता है।
  5. भोजन से रोगों का मुकाबला करने के लिए शक्ति मिलती है।

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प्रश्न 3.
सन्तुलित भोजन के मुख्य तत्त्व कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
सन्तुलित भोजन के मुख्य तत्त्व हैं –

  1. प्रोटीन
  2. कार्बोहाइड्रेट्स अथवा कार्बोज़
  3. वसा (चर्बी)
  4. विटामिन
  5. खनिज लवण
  6. जल
  7. फोकट।

प्रश्न 4.
पानी हमारे शरीर के लिए क्यों लाभदायक है ?
उत्तर-
प्रत्येक मनुष्य को जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता पड़ती है। इसके बिना मनुष्य जीवित नहीं रह सकते। पानी के नीचे लिखे लाभ हैं

  1. पानी शरीर के सभी सैलों के पालन-पोषण में सहायता करता है।
  2. यह भोजन को अच्छी प्रकार से घोलकर पाचन क्रिया में सहायता देता है।
  3. पानी पौष्टिक तत्त्वों को शरीर के सभी भागों तक ले जाता है।
  4. पानी शरीर के व्यर्थ पदार्थों को पसीने द्वारा बाहर निकाल देता है।
  5. पानी शरीर के तापमान को स्थिर रखता है।

प्रश्न 5.
भोजन पकाना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
भोजन पकाने की आवश्यकता-अच्छी तरह पका हुआ भोजन सेहत के लिए लाभदायक होता है। निम्नलिखित कारणों से भोजन को पकाना अत्यन्त आवश्यक है –

1. ठीक ढंग से पका हुआ भोजन आसानी से पचने के योग्य बन जाता है।
2. भोजन के पकाने से रोग उत्पन्न करने वाले कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।
3. पकाया हुआ भोजन स्वादिष्ट होता है। इसलिए उसे खाने को मन करता है।
4. पकाने से खाद्य पदार्थों को अधिक देर तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

बड़े उत्तर वाला प्रश्न

प्रश्न-
भोजन पकाने के विभिन्न ढंगों का वर्णन करें।
उत्तर-
भोजन पकाने के ढंग-भोजन पकाने के लिए निम्नलिखित विधियों का प्रयोग किया जाता है
1. उबालना (Boiling) 2. भाप द्वारा पकाना (Cooking With Steam) 3. भूनना (Roasting) 4. तलना (Fry)। इन तरीकों का नीचे संक्षेप में वर्णन किया जा रहा है –

1. उबालना (Boiling)-इस विधि से खाद्य पदार्थों को पानी में उबालकर पकाया जाता है, परन्तु ऐसा करने से खनिज लवण और विटामिन पानी में घुलकर नष्ट हो जाते हैं। खाद्य पदार्थों को उबालते समय थोड़े-से पानी का प्रयोग करना चाहिए। यदि अधिक पानी पड़ जाए तो उस पानी को फेंक देना चाहिए। चावल, दालें, मांस और सब्जियां आदि उबाल कर ही पकाए जाते हैं।

2. भाप द्वारा पकाना (Cooking with Steam) भोजन भाप द्वारा भी पकाया जाता है। इस विधि से तैयार किए गए भोजन में से लाभदायक तत्त्व नष्ट नहीं होते। कुकर में पकाया हुआ भोजन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। इसलिए इस विधि को अन्य विधियों से श्रेष्ठ समझा जाता है।

3. भूनना (Roasting)-इस विधि द्वारा भोजन को सीधे आग पर रख कर भूना जाता है। अधिक भूनने से भी भोजन के तत्त्व नष्ट हो जाते हैं। इस प्रकार भूना हुआ मांस स्वादिष्ट होता है और शीघ्र हज्म हो जाता है।

4. तलना (Fry)-पकौड़े, समोसे और पूरियां आदि तेल में पकाए जाते हैं। तलने से भोजन शीघ्र तैयार हो जाता है तथा स्वादिष्ट भी बन जाता है। इस विधि से भी भोजन के पौष्टिक तत्त्व नष्ट हो जाते हैं। तले हुए खाद्य पदार्थ शीघ्र हज्म नहीं होते और स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक होते हैं। सबसे अच्छा ढंग-ऊपर बताई गई चारों विधियों में से भाप द्वारा भोजन पकाने की विधि सबसे उत्तम है। इस विधि से पकाए हुए भोजन में से पौष्टिक तत्त्व नष्ट नहीं होते हैं। इस प्रकार पकाया हुआ भोजन स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है

PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 1 शारीरिक स्वच्छता

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बहत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
हम अच्छे स्वास्थ्य को कैसे बनाए रख सकते हैं?
उत्तर-
अच्छे स्वास्थ्य के लिए शरीर को साफ-सुथरा रखना चाहिए।

प्रश्न 2.
अच्छे स्वास्थ्य का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
अच्छा स्वास्थ्य खुद को और समाज के अन्य सदस्यों को बीमारी और कई अन्य बीमारियों से बचाने का एक तरीका है।

PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 1 शारीरिक स्वच्छता

प्रश्न 3.
अच्छी आदतों से आपका क्या भाव है?
उत्तर-
अच्छी आदतें वह क्रिया और गतिविधियां हैं जो किसी व्यक्ति और समाज के लिए अच्छे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्त्वपूर्ण हैं।

प्रश्न 4.
दो अच्छी आदतों के नाम लिखें।
उत्तर-

  1. खाने से पहले व बाद में हाथ धोना।
  2. खांसते व छींकते समय मुँह को ढकना।

प्रश्न 5.
क्या हमें सड़क के किनारे बिकने वाला खुला भोजन खाना चाहिए?
उत्तर-
नहीं, अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए हमें सड़क पर बिकने वाला अस्वस्थ भोजन नहीं खाना चाहिए।

प्रश्न 6.
हमें सड़क के किनारे बिकने वाला भोजन क्यों नहीं खाना चाहिए?
उत्तर-
क्योंकि सड़क पर बिकने वाला भोजन हमें बीमार तथा अस्वस्थ बना सकता है।

प्रश्न 7.
हमें नशीले पदार्थों से क्यों दूर रहना चाहिए?
उत्तर-
हमें अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए दवाओं और नशीले पदार्थों से दूर रहना चाहिए क्योंकि इनके दुरुपयोग से हमारा शरीर बर्बाद और अस्वस्थ होता जाता है।

प्रश्न 8.
क्या हमें कच्ची सब्जियों को बिना धोए खाना चाहिए?
उत्तर-
नहीं, हमें कभी भी कच्ची सब्जियों को बिना धोए नहीं खाना चाहिए।

प्रश्न 9.
क्या हमें रोजाना स्नान करना चाहिए?
उत्तर-
जी हाँ। हमें रोज़ाना स्नान करना चाहिए।

प्रश्न 10.
क्या हमें रोजाना अपने बालों को धोना चाहिए?
उत्तर-
यदि हमारे बाल छोटे हैं तो हमें अवश्य रोज़ धोने चाहिए परन्तु यदि हमारे बाल लम्बे हैं तो हमें कम-सेकम सप्ताह में एक बार जरूर धोने व अच्छे से सखाने चाहिए।

प्रश्न 11.
क्या परिवार के सभी सदस्यों के लिए एक सामान्य तौलिया होना चाहिए?
उत्तर-
नहीं, हर सदस्य का अपना अपना अलग तौलिया होना चाहिए।

प्रश्न 12.
कितने समय बाद हमें अपने नाखुन काटने चाहिए?
उत्तर-
हमें साप्ताहिक तौर पर अपने नाखुन काटने चाहिए।

प्रश्न 13.
क्या हमारे शरीर की स्वच्छता की देखभाल हमारे लिए अच्छी है?
उत्तर-
जी हाँ। शरीर की स्वच्छता की देखभाल हमारे लिए अच्छी है।

PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 1 शारीरिक स्वच्छता

प्रश्न 14.
हमें अपने दांतों को क्यों साफ करना चाहिए?
उत्तर-
दांतों को साफ-सुथरा व चमकदार रखने के लिए रोज़ाना दांतों की सफाई करनी चाहिए।

प्रश्न 15.
क्या परिवार के सभी सदस्यों के लिए एक सामान्य कंघी होनी चाहिए?
उत्तर-
नहीं । हर एक सदस्य की अपनी एक अलग कंघी होनी चाहिए।

प्रश्न 16.
हम खुद को बीमारियों से कैसे दूर रख सकते हैं?
उत्तर-
हम स्वस्थ रहकर खुद को बीमारियों से दूर रख सकते हैं।

प्रश्न 17.
दांतों की रोजाना सफाई करनी क्यों ज़रूरी है?
उत्तर-
दांतों की रोजाना सफाई करने से दांत व मसूड़े साफ तथा मजबूत रहते हैं।

प्रश्न 18.
हमें किस प्रकार के कपड़े पहनने चाहिए?
उत्तर-
हमें हमेशा साफ व सूखे कपड़े पहनने चाहिए।

प्रश्न 19.
हमें अपने नाखुनों को साफ क्यों रखना चाहिए?
उत्तर-
अपने नाखुनों को साफ रखने से हमें हानिकारक वैक्टीरिया के प्रसार से बचने में मदद मिलेगी।

प्रश्न 20.
हमें अपने शरीर को स्वच्छ क्यों रखना चाहिए?
उत्तर-
शरीर को स्वच्छ रखने से हम बीमारियों के प्रसार को रोकने में सफल होंगे।

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छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
हम किस प्रकार अपने बालों को स्वस्थ रख सकते हैं?
उत्तर-
हम अपने बालों को अच्छी तरह धो कर व सुखा कर स्वस्थ रख सकते हैं। छोटे बालों को रोज़ाना धोना चाहिए और यदि बाल लम्बे हैं तो सप्ताह से एक बार धोने चाहिए। हमें अपने बालों को साबुन या शैंपू से अच्छी तरह धोना चाहिए और अच्छी तरह सुखाना चाहिए।

प्रश्न 2.
हम अपने दांतों को किस प्रकार स्वस्थ रख सकते हैं?
उत्तर-
दांतों को स्वस्थ रखने के लिए हमें रोज़ाना दांतों की सफाई करनी चाहिए। दांतों की सफाई के लिए एक अच्छे दन्तमंजन का इस्तेमाल करना चाहिए। दांतों की सफाई के लिए हम दातुन का प्रयोग भी कर सकते हैं।

प्रश्न 3.
स्वस्थ रहने के लिए हाथ साफ करना सबसे महत्त्वपूर्ण पहलू है सपष्ट करें।
उत्तर-
हमें अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह से साफ करना चाहिए, विशेष रूप से शौचालय जाने के बाद, खाना खाने से पहले और बाद में, खेलने के बाद आदि। बागवानी के बाद या कोई अन्य गतिविधियां जो हमारे हाथों को गंदा करती हैं। यदि हम गन्दे हाथों से खाते हैं तो हमारे बीमार होने की सम्भावना अधिक होती है। इसका कारण यह है कि वायरस और रोगाणु पैदा करने वाले कई रोग सीधा हमारे पेट में प्रवेश करते हैं और हमें बीमार करते हैं।

प्रश्न 4.
मुँह और नाक ढकना क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
खांसते और छींकते वक्त हमारे मुँह तथा नाक से रोगाणु पैदा करने वाली तरल बूंदें निकलती हैं जो कि दूसरे लोगों को बीमार कर सकती हैं। खांसते व छींकते वक्त मुँह और नाक को ढकना ज़रूरी है। क्योंकि ऐसा करने से रोगाणु पैदा करने वाली तरल बूंदों को रोका जा सकता है, जिससे दूसरे लोगों को स्वस्थ तथा रोगाणु मुक्त रखने में मदद मिलती है।

प्रश्न 5.
कुछ आदतें जो हमें स्वस्थ रहने में मदद करती हैं लिखें।
उत्तर-
निम्नलिखित आदतें हमें स्वस्थ रहने में मदद करती हैं

  1. हमें अपने नाखुन साफ रखने चाहिए और साप्ताहिक उन्हें काटना चाहिए।
  2. यदि हम अपने कपड़े दोबारा पहनना चाहते हैं तो हमें उन्हें धूप में रखना चाहिए।
  3. हमें सड़क के किनारे बेचे जाने वाले खुले भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह हमें बीमार करता है।
  4. दवाओं का दुरुपयोग हमारे शरीर को बर्बाद कर देता है इसलिए हमें अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए दवाओं से दूर रहना चाहिए।

प्रश्न 6.
फलों और सब्जियों का प्रयोग करने से पहले हमें इन्हें क्यों धोना चाहिए?
उत्तर-
बाज़ार से लाए जाने वाले फल और सब्जियां कई हाथों से निकली हुई होती हैं और उनमें बहुत सारे कीटाणु होते हैं। यह कीटाणु हमारे शरीर में जाकर कई प्रकार की जानलेवा बीमारियां पैदा करते हैं। इसलिए ऐसी कई जानलेवा बीमारियों से बचने के लिए हमें फलों और सब्जियों को इस्तेमाल करने से पहले अच्छी तरह धो लेना चाहिए।

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प्रश्न 7.
शरीर को साफ रखने के फायदों के बारे में नीचे लिखें।
उत्तर-
शरीर को साफ रखने के फायदे इस प्रकार हैं

  1. यह हमें स्वस्थ, तरोताजा तथा ऊर्जावान बनाए रखता है।
  2. हम शरीर को साफ रखकर बीमारियों में बच सकते हैं और दवाइयों और अस्पताल के खर्चों से बच सकते
  3. शरीर को साफ रखकर हम बीमारियों को फैलने से रोक सकते हैं तथा समाज को स्वस्थ रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
  4. स्वस्थ रहकर हम अधिक काम करेंगे और इस प्रकार हमारे देश के विकास और प्रगति में योगदान कर सकते हैं।

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
स्वस्थ रहने के लिए विभिन्न तरीकों व साधनों का वर्णन करें।
उत्तर-
निम्नलिखित आदतें हमें स्वस्थ रहने में मदद करती हैं जोकि इस प्रकार हैं

  1. रोज़ाना स्नान-हमें रोज़ाना साबुन व पानी से स्नान करना चाहिए जिससे शरीर पर लगी धूल मिट्टी धुल जाती है और हम स्वस्थ रहते हैं।
  2. बालों की सफ़ाई-हमें नियमित रूप से अपने बालों की सफाई करनी चाहिए। यदि बाल लम्बे हों तो उन्हें सप्ताह में एक बार साबुन या शैम्पू से अवश्य धोना चाहिए और यदि बाल छोटे हैं तो उन्हें प्रतिदिन साबुन या शैम्पू से धोना चाहिए और बालों को अच्छे से सुखाना चाहिए।
  3. दाँतों की सफाई- हमें नियमित रूप से दांतों की सफाई करनी चाहिए। दिन में दो बार दांतों को दंतमंजन से अच्छी तरह साफ करना चाहिए। ऐसा करने से हमारे दांत मजबूत व चमकदार बनते हैं साथ ही सांसों की बदबू से भी छुटकारा मिलता है।
  4. साबुन से हाथ धोना-हमें अपने हाथों को साबुन व पानी के साथ अच्छी तरह से धोना चाहिए, विशेषरूप से शौचालय जाने के बाद, भोजन करने से पहले व बाद में, खेलने के बाद, बागबानी के बाद तथा ऐसे कार्यों के बाद जिनके कारण हमारे हाथ गन्दे होते हैं। यदि हम बिना हाथों को धोए भोजन करते हैं तो हाथों पर लगे कीटाणु हमारे शरीर में जाकर कई प्रकार की बीमारियां पैदा कर सकते हैं जिससे हम अस्वस्थ हो जाएंगे।
  5. साफ़ कपड़े पहनना-हमें हमेशा ऐसे कपड़े पहनने चाहिए जो अच्छी तरह से साबुन से धुले और सही तरह से धूप में सूखे हों। यदि आप किसी भी वस्त्र को दोबारा पहनना चाहते हैं तो उसे पहले अच्छे से धूप लगवा लें फिर पहनें।
  6. अलग तौलिया और कंघा-परिवार के प्रत्येक सदस्य का अपना एक अलग तौलिया और कंघा होना चाहिए।
  7. मुँह तथा नाक को ढकना-खांसते व छींकते वक्त हमें अपने नाक और मुंह को रूमाल से ढकना ज़रूर चाहिए। यह नाक व मुंह से निकलने वाली तरल बूंदों को दूसरों के शरीर में जाने से रोकता है जिससे समाज के दूसरे लोग रोगमुक्त रहते हैं।
  8. नाखुनों की सफ़ाई-हमें हमेशा अपने नाखुनों को साफ रखना चाहिए तथा हर सप्ताह नाखुनों को काटना चाहिए।

प्रश्न 2.
सुबह के समय हमारी दिनचर्या क्या होनी चाहिए?
उत्तर-
निम्नलिखित गतिविधियां हमारी सुबह की दिनचर्या का हिस्सा होनी चाहिए:

  1. हमें सुबह उठने के तुरंत बाद अपना चेहरा धोना चाहिए और अपने दांतों को ब्रश करना चाहिए।
  2. टॉयलेट करने के बाद हमें अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोना चाहिए।
  3. हमें व्यायाम या योग करना चाहिए।
  4. हमें साबुन और शैम्पू का उपयोग करके अपने शरीर और बालों को साफ़ करना चाहिए।
  5. हमें अपने शरीर और बालों को साफ़ और सूखे तौलिए से सुखाना चाहिए। हमारे लिए अलग तौलिया और कंघा होना चाहिए और इन्हें किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए।
  6. हमें सही ढंग से साफ़ और ठीक से प्रेस किए हुए कपड़े पहनने चाहिए।
  7. हमें ताज़ा और ठीक से पकाया हुआ नाश्ता लेना चाहिए, नाश्ते से पहले और बाद में हमें अपने हाथ धोने
    चाहिए।

प्रश्न 3.
हमारी दोपहर में या स्कूल से घर आने के बाद क्या दिनचर्या होनी चाहिए?
उत्तर-
निम्नलिखित गतिविधियाँ दोपहर की और स्कूल से घर आने के बाद दिनचर्या का हिस्सा होनी चाहिए:

  1. हमें अपने चेहरे और हाथों को अच्छी तरह से धोना चाहिए।
  2. हमें अपने स्कूल की वर्दी बदलनी चाहिए और साफ कपड़े पहनने चाहिए। हमें अपने गंदे कपड़ों को वॉशिंग मशीन या वॉशिंग एरिया में रखना चाहिए।
  3. हमें अपने स्कूल बैग को उचित स्थान पर रखना चाहिए।
  4. हमें थोड़ी देर आराम करना चाहिए और फिर कुछ पीने या खाने के लिए जाना चाहिए। गर्मियों में हमें घर पहुंचने के तुरंत बाद ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए।

प्रश्न 4.
लंच या डिनर के दौरान हमारी दिनचर्या क्या होनी चाहिए?
उत्तर-
दोपहर के भोजन के दौरान निम्नलिखित गतिविधियाँ हमारी दिनचर्या का हिस्सा होनी चाहिए:

  1. हमें ताजा और ठीक से पकाया हुआ लंच या डिनर लेना चाहिए। हमें दोपहर या रात के खाने से पहले और बाद में अपने हाथ धोने चाहिए।
  2. भोजन लेने के लिए हमें उचित रूप से धुले और साफ़ बर्तनों का उपयोग करना चाहिए।
  3. हमें अपनी थाली में खाना नहीं छोड़ना चाहिए। प्लेट में बचा यह कचरा रोगाणु पैदा करने वाली बीमारी को आमंत्रित करता है।
  4. हमें बर्तन धोने वाले स्थान पर या सिंक में बर्तनों को रखना चाहिए। यह अच्छा है यदि हम उन्हें तुरंत धो लें और इन्हें उचित स्थान पर रखें।
  5. हमें सड़क के किनारे से कुछ भी नहीं खाना चाहिए, यदि वह कवर नहीं है या विक्रेता उन्हें गंदे स्थान पर बेच रहा है।
  6. फलों और सब्जियों को खाने से पहले हमें इसे अच्छी तरह से धोना चाहिए।
  7. हमें धागे की मदद से दांतों के बीच फंसे भोजन को निकालना चाहिए।

प्रश्न 5.
खेलने के बाद खेल के मैदान से घर लौटने पर हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर-
जब हम खेलने के बाद खेल के मैदान से घर लौटते हैं, तो हमें निम्नलिखित कार्य करना चाहिए :

  1. घर वापस आने के बाद कुछ देर आराम करना चाहिए।
  2. आराम करने के बाद हमें अपना चेहरा और हाथ धोने चाहिए। गर्मियों के दौरान स्नान करना अच्छा होता
  3. हमें आपके कपड़े बदलने चाहिए।
  4. हमें जल स्तर की भरपाई के लिए कुछ पीना चाहिए।
  5. हम ऊर्जा के नुकसान की भरपाई के लिए कार्बोहाइड्रेट से भरपूर कुछ स्नैक्स (खाना खाना) खाने चाहिए।

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प्रश्न 6.
सोने से पहले हमारी दिनचर्या क्या होनी चाहिए?
उत्तर-
हमें रात के खाने के लगभग दो घंटे बाद बिस्तर पर जाना चाहिए और सोने से पहले निम्न कार्य करना चाहिए

  1. हमें साफ-सुथरी रात की पोशाक पहननी चाहिए।
  2. हमें अपने हाथों और पैरों को गर्म पानी से धोना और साफ़ करना चाहिए। हमें गर्मियों के दौरान ताजे पानी से और सर्दियों के दौरान गर्म पानी से अपना मुंह अच्छी तरह से धोना चाहिए।
  3. हमें साफ बिस्तर का उपयोग करके एक बिस्तर बनाना चाहिए।
  4. हमें अपने बिस्तर के पास थोड़ा ताज़ा पानी रखना चाहिए।
  5. हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शयनकक्ष साफ-सुथरा और हवादार हो।

प्रश्न 7.
अपनी दिनचर्या की जाँच करने के बाद बताएं कि वे कौन-सी आदतें हैं जिनका अधिकांश लोगों द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता है।।
उत्तर-
अपनी दिनचर्या से हम जानते हैं कि अधिकांस लोग यह जानने के बाद भी कुछ आदतों को अनदेखा करते हैं कि यह हमारी दिनचर्या में शामिल होना चाहिएं

  1. हम आमतौर पर सोने से पहले ब्रश नहीं करते हैं।
  2. हम आमतौर पर भोजन लेने के बाद अपने हाथ नहीं धोते हैं।
  3. हम आमतौर पर कपड़े का उपयोग करने से पहले अपने कपड़े धूप में नहीं रखते हैं।
  4. हम आमतौर पर रात का खाना खाते हैं और खाने के तुरंत बाद बिस्तर पर जाते हैं।
  5. हम नियमित रूप से योग का अभ्यास नहीं करते हैं।
  6. हम रात के खाने के दौरान भारी और गरिष्ठ भोजन खाते हैं।
  7. जब हम भूखे होते हैं तो हमें सड़क के किनारे बिकने वाला खुला खाना खाने से बचना चाहिए।
  8. हम बासी खाना गर्म करने के बाद या बिना गर्म किए खाते हैं।
  9. हम अपने भोजन में विभिन्न प्रकार की चीज़ों को नहीं रखते हैं।
  10. हम ज्यादातर मूल भोजन खाते हैं और नियमित रूप से सलाद और हरी पत्तेदार सब्जियां नहीं खाते हैं।
  11. खांसते या छींकते समय हम अपनी नाक और मुंह नहीं ढंकते।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहुविकल्पीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
“हमारा सबसे अच्छा दोस्त हमारा:
(क) अच्छा स्वास्थ्य
(ख) पैसा
(ग) परिवार
(घ) रिश्तेदार।
उत्तर-
(क) अच्छा स्वास्थ्य।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित कार्यों में से कौन-सा कार्य हमें सेहतमन्द रहने में सहायता करता है?
(क) अधिक पौष्टिक भोजन खाना
(ख) नियमित व्यायाम करना
(ग) पर्याप्त आराम करना
(घ) सभी विकल्प।
उत्तर-
(घ) सभी विकल्प।

प्रश्न 3.
हमें अपने नाखुन काटने चाहिए:
(क) रोजाना
(ख) साप्ताहिक
(ग) महीने में एक दिन (मासिक)
(घ) कभी भी नहीं।
उत्तर-
(ख) साप्ताहिक।

प्रश्न 4.
हमें अपने दांतों की सफाई करनी चाहिए:
(क) सोने से पहले और सुबह उठने के बाद
(ख) खेल के मैदान से आने के बाद
(ग) पढ़ने के बाद
(घ) व्यायाम करने के बाद।
उत्तर-
(क) सोने से पहले और सुबह उठने के बाद।

प्रश्न 5.
हमेशा अपने मुंह को अपने हाथों से ढक लेना चाहिए:
(क) छींकने पर
(ख) खांसने पर
(ग) छींकने तथा खांसने पर
(घ) भोजन करते वक्त।
उत्तर-
(ग) छींकने तथा खांसने पर।

प्रश्न 6.
हमें हमेशा अपने पास रखना चाहिए:
(क) एक कलम
(ख) एक किताब
(ग) एक रूमाल
(घ) सभी विकल्प।
उत्तर-
(ग) एक रूमाल।

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प्रश्न 7.
निम्नलिखित कार्यों में से कौन-सा कार्य हमें रोजाना करना चाहिए?
(क) नहाना
(ख) दांतों की सफाई
(ग) व्यायाम
(घ) सभी विकल्प।
उत्तर-
(घ) सभी विकल्प।

प्रश्न 8.
हमें रोज़ सुबह ………….. करना चाहिए।
(क) नाश्ता
(ख) दांतों की सफाई
(ग) व्यायाम
(घ) सभी विकल्प।
उत्तर-
(घ) सभी विकल्प।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित में से कौन-सा कथन ग़लत है?
(क) खांसते वक्त रूमाल का इस्तेमाल करना
(ख) हमेशा अपने नाखुनों को दांतों से काटना
(ग) हाथ धोने के बाद नल बन्द करना
(घ) हमेशा कूड़ा कूड़ेदान में फैंकना।
उत्तर-
(ख) हमेशा अपने नाखूनों को दांतों से काटना।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित कथनों को ध्यान में रखते हुए सही विकल्प चुनें। कथन (क) हमें रोजाना सुबह नाश्ता करना चाहिए कथन (ख) हमें रोज़ाना अपने दांतों अथवा बालों की सफाई करनी चाहिए।
(क) कथन क सही तथा
(ख) गलत है
(ख) कथन क गलत तथा ख सही है
(ग) दोनों क व ख सही हैं
(घ) दोनों कथन गलत हैं।
उत्तर-
(ग) दोनों क व ख सही हैं।

प्रश्न 11.
निम्नलिखित में से कौन-सा ज़रूरी नहीं? अपने हाथों को ……… धोना।
(क) खाने से पहले
(ख) खाने के बाद
(ग) खाने से पहले व बाद
(घ) कभी नहीं।
उत्तर-
(ग) खाने से पहले व बाद।

प्रश्न 12.
हमें उबला हुआ पानी पीना चाहिए क्योंकि उबालने से पानी में मौजूद ……… मर जाते हैं।
(क) रोगाणु
(ख) खनिज पदार्थ
(ग) a व b
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(क) रोगाणु।

प्रश्न 13.
फ्लासिंग (दांतों की साफ करवाना) अनेक प्रकार के कार्य करता है। परन्तु निम्नलिखित में से कौन-सा कार्य नहीं करता?
(क) दांतों के बीच से खाना हटाना।
(ख) मसूड़ों की कमी को रोकने में मदद करना
(ग) सांसों की बदबू को रोकने में मदद करना
(घ) दांतों की परत को बहाल करने में मदद करना।
उत्तर-
(घ) दांतों की परत को बहाल करने में मदद करना।

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रिक्त स्थान भरो:

  1. हमें हमेशा अपने पास एक ……………… रखना चाहिए।
  2. हमें हमेशा अपने …………….. खाना खाने से पहले अथवा बाद में धोने चाहिए।
  3. हमें हमेशा साफ व सूखे ……………… पहनने चाहिए।
  4. हमें हमेशा खांसते व छींकते वक्त अपना …………….. ढकना चाहिए।
  5. हमें हर सप्ताह अपने …………… काटने चाहिए। 6. हमें दिन में दो बार अपने ……………… साफ करने चाहिए।
  6. हमें हमेशा सड़क पर बिकने वाला …………… खाद्य पदार्थों को खाने से बचना चाहिए।
  7. हमें रोज़ाना ……………. करना चाहिए।
  8. हमें हमेशा अपने …………….. को सुलझे तथा साफ रखना चाहिए।
  9. हमारे ……………… को स्वस्थ रखकर अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त किया जा सकता है।

उत्तर –

  1. रूमाल
  2. हाथ
  3. कपड़े
  4. मुँह
  5. नाखुन
  6. दांत
  7. अस्वच्छ
  8. स्नान
  9. बालों
  10. शरीर।

सही/ग़लत:

  1. एक परिवार के पास केवल एक कंघी होनी चाहिए।
  2. हमें हमेशा अपने नाखुन साफ रखने चाहिए तथा उनको कभी नहीं काटना चाहिए।
  3. सड़क पर बिकने वाला खुला भोजन हमारी सेहत के लिए हानिकारक होता है।
  4. दांतों की रोज़ाना सफ़ाई हमारे दांतों और मसूड़ों को साफ और कमजोर रखने में मदद करती है।
  5. कीटाणु हमारे पेट में प्रवेश करने पर कई जानलेवा संक्रमण पैदा कर सकते हैं।
  6. फलों और सब्जियों को खाने से पहले अच्छी तरह धोना चाहिए।
  7. सड़क के किनारे बिकने वाले खुले भोजन को खाना एक अच्छी आदत है।
  8. रोज़ाना कसरत और योगा करना हमारे शरीर को कमज़ोर करता है।
  9. लंबे बालों को हफ्ते में कम-से-कम एक बार धोना चाहिए और अच्छी तरह सुखाना चाहिए।
  10. हम अपने आस-पास को गंदा रख अच्छा स्वास्थ्य पा सकते हैं।

उत्तर-

  1. ग़लत
  2. ग़लत
  3. सही
  4. ग़लत
  5. सही
  6. सही
  7. ग़लत
  8. ग़लत
  9. सही
  10. ग़लत।

PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 2 आत्म-संयम

Punjab State Board PSEB 8th Class Welcome Life Book Solutions Chapter 2 आत्म-संयम Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Welcome Life Chapter 2 आत्म-संयम

Welcome Life Guide for Class 8 PSEB आत्म-संयम InText Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरी वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
आत्म-संयम क्या है?
उत्तर-
यह एक ऐसा गुण है जो हम सभी के लिए आवश्यक है।

प्रश्न 2.
क्या आत्म-संयम सीखना आसान है?
उत्तर-
नहीं, आत्म-संयम सीखना आसान नहीं है।

प्रश्न 3.
क्या हम सभी एक ही समय में आत्म-संयम सीख सकते हैं?
उत्तर-
नहीं, अलग-अलग लोग अलग-अलग समय में आत्म-संयम सीखते हैं।

PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 2 आत्म-संयम

प्रश्न 4.
हमें अपने निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में क्या मदद करता है?
उत्तर-
निरंतर प्रयास और आत्म-संयम हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करते हैं।

प्रश्न 5.
हमारी ताकत और कमजोरियों को जानना हमारे लिए महत्त्वपूर्ण है। हां या नहीं।
उत्तर-
हां, इससे हमें उन चीज़ों के बारे में पता चलेगा, जिन पर हमें कड़ी मेहनत करनी चाहिए।

प्रश्न 6.
क्यों हमारे लिए लक्ष्य निर्धारित करना महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर-
क्योंकि, यह हमें इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए लगातार काम करने में मदद करता है।

प्रश्न 7.
स्कूल में हमारे प्रदर्शन को बेहतर बनाने में क्या हमारी मदद कर सकता है?
उत्तर-
आत्म-संयम, स्कूल में हमारे प्रदर्शन को बेहतर बनाने में हमारी मदद कर सकता है।

प्रश्न 8.
हमें एक सकारात्मक और आशावादी सोच रखनी चाहिए। क्यों?
उत्तर-
इससे हमें आत्म-संयम विकसित करने में मदद मिलती है।

प्रश्न 9.
क्या हम अपनी आदतें बदल सकते हैं?
उत्तर-
हां, हम निरंतर प्रयासों और आत्म-संयम के साथ अपनी आदतों को बदल सकते हैं।

प्रश्न 10.
क्या हमें अपनी गलतियों को माफ़ करना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए?
उत्तर-
जी हां, हमें अपनी गलतियों को माफ़ करना चाहिए, गलतियों को याद रखने से यह हमारी प्रगति के मार्ग में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं।

प्रश्न 11.
यदि हमारे हित और विचार दूसरों के साथ मेल नहीं खा रहे हैं तो हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर-
हमें अपने अद्वितीय हितों का पालन करने और अपने स्वतंत्र विचारों को व्यक्त करने का साहस होना चाहिए।

PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 2 आत्म-संयम

प्रश्न 12.
हम पारस्परिक संबंधों के लिए कैसे मजबूत हो सकते हैं?
उत्तर-
यदि हमारे पास आत्म-संयम है और निरंतर प्रयास करते हैं तो हमारे पारस्परिक संबंध मजबूत हो जाते हैं।

प्रश्न 13.
हम अपना आत्म-विश्वास कैसे बढ़ा सकते हैं?
उत्तर-
हमारा आत्म-विश्वास आत्म-संयम के साथ बढ़ता है।

प्रश्न 14.
हमें असफल होने से डरना नहीं चाहिए। यह सही है या नहीं।
उत्तर-
हां, यह इसलिए है क्योंकि असफलता सफलता की कुंजी है।

प्रश्न 15.
हम तनाव को हमसे दूर कैसे रख सकते हैं?
उत्तर-
हम अपने आप पर विश्वास करके अपने आप को तनाव मुक्त रख सकते हैं।

प्रश्न 16.
क्या हमें दूसरों द्वारा निर्धारित लक्ष्यों का पालन करना चाहिए?
उत्तर-
नहीं, हमें अपनी रुचि के आधार पर अपने लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए।

प्रश्न 17.
हमें अपने लक्ष्य कैसे निर्धारित करने चाहिए?
उत्तर-
हमें अपनी ताकत और कमज़ोरी जानने के बाद अपने लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए।

प्रश्न 18.
हमें दूसरों की नकल क्यों नहीं करनी चाहिए?
उत्तर-
हमें दूसरों की नकल नहीं करनी चाहिए क्योंकि हम उनसे अलग हैं और हमारे पास अलग-अलग क्षमताएं, कमजोरियां और ताकत हैं।

प्रश्न 19.
क्या हमें अन्य बुरी आदतों और कमजोरियों के साथ रहना चाहिए?
उत्तर-
नहीं, हमें अपनी बुरी आदतों को बदलने के लिए प्रयास करना चाहिए और अपनी कमजोरियों को कम करने पर काम करना चाहिए।

शेटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
आत्म-संयम क्या है?
उत्तर-
आत्म-संयम व्यक्ति की अपनी भावनाओं और इच्छाओं को नियंत्रित करने की क्षमता है, विशेष रूप से कठिन परिस्थितियों में आत्म-संयम सफल व्यक्तियों के व्यक्तित्व का एक प्रमुख घटक है। सभी लोग जो उच्च स्तर पर पहुंच चुके हैं, उनका खुद पर आत्म-संयम था।

प्रश्न 2.
आत्म-संयम नहीं होने के नुकसान क्या हैं?
उत्तर-
यदि किसी का खुद पर आत्म-संयम नहीं है, तो वह कठिन परिस्थितियों से मुकाबला नहीं कर पाएगा। जीवन फूलों की सेज़ नहीं है। इसलिए, जब भी हम कठिन परिस्थितियों का सामना करते हैं तो हम इसे अपने आत्मसंयम से दूर कर सकते हैं।

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प्रश्न 3.
आत्म-संयम की विशेषताएं क्या हैं?
उत्तर-
आत्म-संयम एक आवश्यक गुण है जो हमें अपने निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए हमारी भावनाओं, व्यवहार, पसंद और वरीयताओं को नियंत्रित करने की अनुमति देता है।

प्रश्न 4.
आत्म-संयम के क्या फायदे हैं?
उत्तर-
आत्म-संयम के साथ, हम अपने गंतव्य की ओर बढ़ सकते हैं, स्कूल में हमारे प्रदर्शन में सुधार होता है, हमारे पारस्परिक संबंध मज़बूत होते हैं, हमारा आत्म-विश्वास बढ़ता है, हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है।

प्रश्न 5.
क्या सुनिश्चित करता है कि हम एक दिन सफल हो जाएंगे?
उत्तर-
लक्ष्य निर्धारित करना यह सुनिश्चित करता है कि हम एक दिन सफल हो जाएंगे। एक बार जब हम अपनी क्षमता के अनुसार अपने प्रत्येक कार्य के लिए एक सीमा निर्धारित करते हैं, तो हम निश्चित रूप से अपने गंतव्य तक पहुंचने में सफल होंगे और इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि हमारी प्रगति कितनी धीमी है या हम अपने रास्ते में कितनी बार असफल हुए हैं।

प्रश्न 6.
अपनी आदतों को नियंत्रित करने के लिए दो सुझाव दें।
उत्तर-
यदि आप खुद को नियंत्रित करके अपनी आदतों और इच्छाओं के प्रभारी बनना चाहते हैं, तो यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं

  1. अपनी कमियों के साथ-साथ ताकत की पहचान करें।
  2. सकारात्मक और आशावादी सोच रखें।

प्रश्न 7.
कुछ ऐसी आदतें लिखें जिन पर आपको गर्व है?
उत्तर-
मुझे अपनी निम्नलिखित आदतों पर गर्व है:

  1. मैं हमेशा वही बोलता हूँ जो मेरे मतलब का है और मैं अपनी बात रखता हूँ।
  2. मैं समय का बहुत पाबंद हूँ और आज का काम कल पर कभी नहीं डालता।
  3. मैं हमेशा जरूरतमंदों की मदद करता हूँ और अन्याय को कभी सहन नहीं करता।
  4. मैं ईश्वर द्वारा बनाए गए सभी जीवों से प्यार करता हूँ और मैं अपने देश को खुद से ज्यादा प्यार करता हूँ।

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
विभिन्न चीज़ों का वर्णन करें जो आपको खुद को नियंत्रित करके अपनी आदतों और इच्छाओं का प्रभारी बनाते हैं।
उत्तर-
निम्नलिखित बातें मुझे अपनी आदतों और इच्छाओं को आत्म-संयम द्वारा प्रभारी बना सकती हैं:

  1. मुझे अपनी ताकत और कमजोरियों का पता होना चाहिए।
  2. मुझे आशावादी होना चाहिए और सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए।
  3. मुझे अपने लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए योजनाएं बनानी चाहिए।
  4. मुझे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए।
  5. मुझे फेल होने से डरना नहीं चाहिए। मैं अपनी असफलता से सीखता हूँ और सफलता पाने तक खुद को सुधारता हूँ।
  6. मुझे अपनी आदतों का विश्लेषण करना चाहिए। यदि मेरी सफलता में मेरी आदतें बाधा हैं, तो मुझे उन आदतों को बदलने के लिए अपनी पूरी कोशिश करनी चाहिए।
  7. मुझे पता है कि मैं कुछ कार्य करते समय कई गलतियां कर सकता हूँ। मैं अपनी गलतियों को लंबे समय तक अपने साथ लेकर नहीं चल सकता और गलतियां करने के लिए खुद को माफ करता हूँ। फिर, मैं अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आगे बढ़ता हूँ।
  8. मैं हमेशा खुद से कहता हूँ कि मैंने अच्छा किया यदि मैंने कुछ स्तर की सफलता हासिल की।
  9. मुझे अपने आप पर विश्वास करना चाहिए और उनकी विशिष्टता की चिंता किए बिना अपने विचारों को व्यक्त करने का साहस करना चाहिए।
  10. मुझे पता है कि विभिन्न लोगों के अलग-अलग हित हैं। मुझे अपने हितों का पालन करना चाहिए, भले ही वे आम लोगों के साथ मेल न खा रहे हों।

PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 2 आत्म-संयम

प्रश्न 2.
आत्म-संयम का वर्णन करें।
उत्तर-
आत्म-संयम का अर्थ है व्यक्ति से संबंधित विभिन्न चीजों को नियंत्रित करना। यह एक आवश्यक गुण है जो हम सभी के पास होना चाहिए। यह हमें अपने निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति के लिए हमारी भावनाओं, व्यवहार, पसंद और वरीयताओं को नियंत्रित करने की अनुमति देता है। यदि हमारे पास आत्म-संयम है, तो हम अपने गंतव्य की ओर बढ़ सकते हैं और स्कूल में हमारा प्रदर्शन बेहतर हो जाता है। इसके साथ हमारे पारस्परिक संबंध मज़बूत होते हैं और हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है। इससे हमें अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी मदद मिलती है।

आत्म-संयम हमें हमारे लक्ष्यों को निर्धारित करने और हमारी क्षमता के अनुसार प्रत्येक कार्य के लिए एक सीमा निर्धारित करने में मदद करता है। एक बार यह पूरा हो जाने के बाद हम निश्चित रूप से या कुछ समय बाद अपने गंतव्य तक पहुंचने में निश्चित रूप से सफल होंगे। हमारी प्रगति धीमी हो सकती है लेकिन हमारे जीवन के किसी पड़ाव पर हमारे पास आना निश्चित था।
खुशी से जीना और आत्म-संयम के बिना सफल बनना बहुत मुश्किल है।

प्रश्न 3.
एक गतिविधि की मदद से समझाएं कि हम आत्म-विश्वास और आत्म-संयम के माध्यम से अपने प्रदर्शन को कैसे बढ़ा सकते हैं?
उत्तर-
हम आत्म-विश्वास और आत्म-संयम के माध्यम से अपने प्रदर्शन को बढ़ावा दे सकते हैं यह निम्नलिखित गतिविधि की मदद से समझाया जा सकता है।
कागज़ की एक शीट और एक छोटी-सी किताब लें। क्या कागज़ की यह पतली शीट किताब पकड़ (hold) सकती है? इसका उत्तर ‘नहीं’ है क्योंकि हम जानते हैं कि यह संभव नहीं है। इसका कारण यह है कि कागज़ की शीट बहुत कमज़ोर है और इस प्रकार, यह उस पुस्तक के वज़न का समर्थन नहीं कर सकता है जो इसकी उठाने की क्षमता से परे है।
हम कागज़ की इस कम मजबूत शीट को एक मजबूत वस्तु में बदल सकते हैं। इसके लिए, कागज़ की इस पतली शीट को सिलेंडर या ट्यूब या पाइप के रूप में रोल करें। अब सिलेंडर या ट्यूब या पाइप के आकार की इस शीट पर एक छोटी-सी किताब रखें। – हम देख सकते हैं कि कागज़ की पतली शीट अब इस पर पुस्तक को सफलतापूर्वक पकड़ सकती है। यह प्रकट करता है कि पाइप का आकार लेकर कागज़ की शीट मजबूत हो गई है। इसने पुस्तक से अधिक वज़न सहन करने की शक्ति और क्षमता प्राप्त की है।
इसी तरह, हम बार-बार अभ्यास और आत्म-संयम के माध्यम से अपना आत्म-विश्वास भी बढ़ा सकते हैं। इस तरह हम अंततः अपनी क्षमताओं में सुधार करेंगे। यदि हम अपने आत्म-विश्वास को बढ़ाते हैं और अपनी भावनाओं, क्रोध, ईर्ष्या आदि को नियंत्रित करने और अपनी कमजोरियों को दूर करने में सक्षम होते हैं, तो हम निश्चित रूप से सफलता प्राप्त करेंगे।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित सवालों का जवाब दें:
(क) अपनी दो कमजोरियों के बारे में बताएं
(ख) अपनी दो शक्तियों के बारे में बताएं
(ग) अपने दो लक्ष्यों के बारे में बताएं जो कि आपने-अपने लिए निर्धारित किए हैं
(घ) अपनी उन दो उपलब्धियों का उल्लेख करें जिन पर आपको गर्व है
(ङ) अपनी दो आदतों का उल्लेख करें जिन्हें आप सुधारना चाहते हैं
(च) अपनी विफलताओं का उल्लेख करें जिन्होंने आपको बेहतर प्रगति के लिए सबक सिखाया है।
उत्तर-
(क) मेरी दो ताकतें।

  1. मेरा सकारात्मक रवैया है और कभी भी किसी भी परिस्थिति में हार नहीं माननी चाहिए।
  2. मैं अपनी तुलना दूसरों से नहीं करता और अपनी क्षमताओं के अनुसार अपने लक्ष्य निर्धारित करता हूँ।

(ख) मेरी दो कमजोरियां

  1. मैं दूसरों से वादे करते हुए अपने संसाधनों की परवाह नहीं करता
  2. मैं बिना यह जाने कि लोग झूठ बोल रहे हैं या सच उन पर भरोसा करता हूँ।

(ग) मेरे दो लक्ष्य

  1. मैं डॉक्टर/इंजीनियर बनना चाहता हूँ।
  2. मैं समाज में समता लाना चाहता हूँ।

(घ) मेरी दो उपलब्धियां जिन पर मुझे गर्व है

  1. मैंने राज्य स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
  2. मैंने एक गरीब छात्र की फीस का भुगतान करने के लिए अपनी बचाई हुई पॉकेट मनी दान कर दी है।

(ङ) मेरी दो आदतें जो मैं सुधारना चाहता हूँ

  1. जब मैं टेलीविजन देखता हूँ या अपने मोबाइल पर गेम खेलता हूँ तो मैं खुद को नियंत्रित नहीं कर सकता।
  2. मैं नियमित रूप से अध्ययन नहीं करता हूँ और परीक्षा के पास बहुत मेहनत करता हूँ।

(च) दो असफलताएँ जिन्होंने मुझे सबक सिखाया

  1. मैं दौड़ में पहले स्थान से चूक गया क्योंकि मैंने शुरुआत में बहुत तेज़ दौड़ लगाई जिससे मेरी ऊर्जा का उपभोग हुआ और मैं दूसरे स्थान पर आया। इसके अलावा, मैंने सीखा कि दौड़ में हमें समय के साथ गति बढ़ानी चाहिए।
  2. मैंने अनुमान लगाया कि मेरा दोस्त मेरी परियोजना को समय पर पूरा करने में मेरी मदद करेगा। परंतु, वह किसी कारण से मेरी मदद नहीं कर सका, मैं समय पर अपनी परियोजना को प्रस्तुत करने में सक्षम नहीं था। मैंने सीखा कि मुझे समय पर काम पूरा करने के लिए लगातार और नियमित रूप से काम करना चाहिए।

PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 2 आत्म-संयम

प्रश्न 5.
अच्छी आदतें होने के क्या फायदे हैं?
उत्तर-
अच्छी आदतें हमारी कई तरह से मदद करती हैं। इनमें से कुछ हैं:

  1. हम लोगों द्वारा गौर किए जाते हैं और लोग हमें ज्यादा ध्यान से देखते और समझते हैं।
  2. दूसरे हमारी तारीफ करते हैं जिससे हमें खुशी मिलती है।
  3. हम सफल हो जाते हैं और निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करते हैं।
  4. हम असफलता से डरना बंद कर देते हैं और इस प्रकार हम असफलताओं के बावजूद सफलता के लिए प्रयास करते रहते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि हम कुछ या कई प्रयासों के बाद अपनी मंजिल तक पहुंच जाएंगे।
  5. अच्छी आदतें इस बात का सूचक हैं कि हमारे पास कुछ आत्म-संयम हैं। यदि हम अपनी अच्छी आदतों में सुधार करते हैं तो इससे हमें अपनी शारीरिक और मानसिक शक्ति में सुधार करने में मदद मिलेगी।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहुविकल्पीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
यह एक आवश्यक गुण है जो हमें अपने निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति के लिए हमारी भावनाओं के व्यवहार विकल्पों और पसंद को नियंत्रित करने की अनुमति देता है।
(क) आत्म-संयम
(ख) दक्षता (efficiency)
(ग) शारीरिक शक्ति
(घ) सभी विकल्प।
उत्तर-
(क) आत्म-संयम।

प्रश्न 2.
संयम के साथ
(क) हम अपनी मंजिल की ओर बढ़ सकते हैं
(ख) विद्यालय में हमारा प्रदर्शन बेहतर हो जाता है।
(ग) हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है
(घ) सभी विकल्प।
उत्तर-
(घ) सभी विकल्प।

प्रश्न 3.
…………… के कारण हमारे शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
(क) आत्म संयम
(ख) अच्छी किताबें पढ़ना
(ग) अच्छे लोगों की संगत
(घ) सभी विकल्प।
उत्तर-
(क) आत्म संयम।

प्रश्न 4.
अपनी कमियों के साथ-साथ अपनी ताकत की पहचान करना ……………….
(क) हमेशा अच्छा है
(ख) खेलने के लिए अच्छा है
(ग) पढ़ने के लिए अच्छा है
(घ) व्यायाम करने के लिए अच्छा है।
उत्तर-
(क) हमेशा अच्छा है।

प्रश्न 5.
हमें हमेशा सकारात्मक और आशावादी ……….. बनाए रखनी चाहिए।
(क) खेल की योजना
(ख) सोच
(ग) दोनों (क), (ख)
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ख) सोच।

प्रश्न 6.
हमें अपनी …………… को भूलकर आगे बढ़ना चाहिए।
(क) गलतियों
(ख) विफलताओं
(ग) हार
(घ) सभी विकल्प।
उत्तर-
(घ) सभी विकल्प।

PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 2 आत्म-संयम

प्रश्न 7.
हमें अपनी उपलब्धियों के बारे में ………….. महसूस करना चाहिए।
(क) अच्छा
(ख) बुरा
(ग) गर्व
(घ) दोनों (क) और (ग)
उत्तर-
(घ) दोनों (क) और (ग)।

प्रश्न 8.
हम बार-बार अभ्यास करने के माध्यम से अपना आत्मविश्वास ………….. सकते हैं।
(क) घटा
(ख) बढ़ा
(ग) संभाल
(घ) सभी विकल्प।
उत्तर-
(ख) बढ़ा।

प्रश्न 9.
दूसरों की सहायता करना ……………… आदत है।
(क) अच्छी
(ख) बुरी
(ग) हानिकारक
(घ) नुकसानदायक।
उत्तर-
(क) अच्छी।

प्रश्न 10.
कथन 1 : हमें अपनी प्रतिबद्धता (Commitment) के प्रति ईमानदार होना चाहिए।
कथन 2 : हमें समय का पाबंद होना चाहिए। ऊपर दिए गए दोनों कथनों में से कौन-सा सही है?
(क) कथन 1 सही और कथन 2 गलत है
(ख) कथन 1 गलत और कथन 2 सही है
(ग) दोनों कथन सही हैं
(घ) दोनों कथन गलत हैं।
उत्तर-
(ग) दोनों कथन सही हैं।

प्रश्न 11.
अपनी भावनाओं को नियंत्रित करना ……… की एक उदाहरण है।
(क) बुरा व्यवहार
(ख) शारीरिक शक्ति
(ग) आत्म-संयम
(घ) सही विकल्प।
उत्तर-
(ग) आत्म-संयम।

प्रश्न 12.
अपने जीवन के लिए एक लक्ष्य निर्धारित करना सहायक होता है
(क) निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर काम करना
(ख) अपनी मर्जी से काम करना
(ग) दोनों (क) और (ख) विकल्प
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(क) निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर काम करना।

रिक्त स्थान भरो:

  1. यदि हम अपने ………………… को बढ़ाते हैं तो हम अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर पाएंगें।
  2. स्कूल में हमारा प्रदर्शन आत्म-संयम सीखने के बाद ………….. हो जाता है।
  3. अपने …………… को निर्धारित करें और अपने …………….. को प्राप्त करने के लिए योजना बनाएं।
  4. अपनी उपलब्धियों के लिए खुद को …………… करें।
  5. हमें अपने हितों का पालन करना चाहिए भले ही वे ………… हों।
  6. हमें हमेशा अपने ……………… को उनके प्रभाव से डरे बिना व्यक्त करना चाहिए।
  7. हमें अपनी …………….. और …………….. के बारे में पता होना चाहिए।
  8. हमें अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी ……….. करनी चाहिए।
  9. अलग-अलग लोग ……………. सीखने के लिए अलग-अलग समय लेते हैं।
  10. ……………. सफलता की कुंजी है।

उत्तर-

  1. आत्म-विश्वास
  2. बेहतर
  3. लक्ष्य, लक्ष्य
  4. पुरस्कृत
  5. अद्वितीय
  6. विचारों
  7. ताकत, कमज़ोरियों
  8. मेहनत
  9. आत्म-संयम
  10. आत्म-संयम।

PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 2 आत्म-संयम

सही/गलत:

  1. आत्म-संयम आपको चीज़ों को (कार्यों को) करने से रोकता है।
  2. हम आत्म-संयम द्वारा अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकते हैं।
  3. आत्म-संयम हमें महत्त्वपूर्ण चीज़ों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।
  4. एक ही समय में हर कोई आत्म-संयम सीख सकता है।
  5. आत्म-संयम एक आवश्यक गुण नहीं है।
  6. आत्म-संयम शारीरिक और मानसिक शक्ति से संबंधित नहीं है।
  7. हम सभी आत्म-संयम सीख सकते हैं।
  8. व्यायाम तथा योगा करने से हमें आत्म-संयम सीखने में मदद मिल सकती है।
  9. एक बार जब हम आत्म-संयम सीख लेते हैं तो इसका अभ्यास करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
  10. आत्म-संयम हमें अपने निर्धारित लक्ष्यों की सिद्धि के लिए अपनी भावनाओं, व्यवहार, पसंद और वरीयताओं को नियंत्रित करने की अनुमति देता है।

उत्तर-

  1. ग़लत
  2. सही
  3. सही
  4. ग़लत
  5. ग़लत
  6. ग़लत
  7. सही
  8. सही
  9. सही
  10. सही।

PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Practical बटन लगाना और काज बनाना Notes.

PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
बटन हमेशा किस कपड़े पर लगाना चाहिए ?
उत्तर-
बटन हमेशा दोहरे कपड़े पर लगाना चाहिए।

प्रश्न 2.
कमीज़ वाले बटनों में कितने छिद्र होते हैं ?
उत्तर-
कमीज़ वाले बटनों में दो या चार छिद्र होते हैं।

प्रश्न 3.
काज किस प्रकार के कपड़ों पर बनाना चाहिए ?
उत्तर-
काज हमेशा दोहरे कपड़ों पर बनाना चाहिए।

PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना

प्रश्न 4.
धागा कहाँ लपेटना चाहिए ?
उत्तर-
धागा डंडी के आस-पास लपेटना चाहिए।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
बटन लगाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-
बटन लगाते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

  1. सभी बटनों की डंडी बनानी ज़रूरी है। डंडी के साथ बटन कपड़े के नीचे से ऊँचा रहता है। इससे बटन बंद करना आसान होता है और बटन के नीचे का कपड़ा नहीं घिसता।
  2. डंडी के आस-पास भी धागा लपेटना चाहिए ताकि काज के साथ रगड़ खाकर जल्दी टूट न जाए।
  3. जहाँ तक संभव हो टाँके बटन के छिद्र की सीध में ही होना चाहिए।
  4. बटन सफ़ाई और मज़बूती से लगाए जाने चाहिए।
  5. बटन हमेशा दोहरे कपड़े पर लगाना चाहिए।

PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना

प्रश्न 2.
कमीज़ में दो छिद्रों वाले बटन कैसे लगाते हैं ?
उत्तर-
कमीज़ में दो छिद्रों वाले बटन लगाने के लिए बटन को अपनी जगह पर ही रखते हैं और छिद्र में से सूई कपड़े के नीचे से निकालते हैं और दूसरे छिद्र में डालकर कपड़े के नीचे ले जाते हैं। इस तरह तीन, चार, पाँच टाँके लगाने के बाद डंडी बनाते हैं।

प्रश्न 3.
कमीज़ में चार छिद्रों वाले बटन कैसे लगाते हैं ?
उत्तर-
कमीज़ में चार छिद्रों वाले बटनों को क्रॉस (×) बनाकर सीधी लाइनों में या चौरस शक्ल के टाँके लगाकर बनाते हैं। धागे को छेदों से इतनी बार निकालते हैं कि छिद्र भर जाए। बाद में डंडी बनाकर धागे को नीचे ले जाते हैं और एक बखिए का टाँका लगाकर कपड़े की दो तहों में से सूई निकालकर धागा तोड़ देते हैं।

PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
काज बनाने की विधि का सचित्र वर्णन करो।
उत्तर-
1. काज हमेशा दोहरे कपड़े पर बनाना चाहिए। जिस जगह पर काज बनाना हो वहाँ बटन के आकार के अनुसार पेंसिल का निशान लगाना चाहिए, फिर ब्लेड से या छोटी कैंची से वहाँ काट देना चाहिए। उतना ही काटना चाहिए जिसमें बटन जरा मुश्किल से निकल सके। अधिक खुले काज में से बटन अपने आप निकल जाते हैं।
PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना 1
चित्र 5.1 काज बनाना

2. पतली लम्बी सूई में धागा डालते हैं। धागे को गाँठ नहीं लगाते हैं।

3. सूई को काज के बाएँ किनारे से ले जाते हैं और कपड़े की ऊपर वाली तह के बीच से दो-तीन धागे को लेकर सूई निकालते हैं। धागे का 14″ किनारा छोड़कर धागा खींच लेते हैं। इसे ” धागे के पहले कुछ टाँकों में दबा देते हैं।

4. काटे हुए किनारे का काज टाँका बनाते हैं।
PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना 2
चित्र 5.2 काज बनाना
चित्र 5.3 काज बनाना

5. काज का गोल किनारा बनाने के लिए किनारे के साथ-साथ 9 या 7 सीधे टाँके लगाते हैं। बीच वाला टाँका कटाव के बिल्कुल मध्य में होना चाहिए। टाँकों की लम्बाई बराबर होनी चाहिए और किनारा गोल बनाना चाहिए।
PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना 3
चित्र 5.4 काज बनाना

6. काटे गए दूसरे किनारे पर काज टाँका बनाते हैं।

7. किनारे पर पहुँच कर सूई पहले टाँके की गाँठ में डालते हैं और आखिरी टाँके के सिरे से निकालते हैं। पहले और आखिरी टाँके एक सिरे से दूसरे सिरे तक 9 या 7 टाँके काज टाँके की सीध में बनाते हैं। इन टाँकों की गिनती गोलाई वाले टाँकों के बराबर होनी चाहिए।
PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना 4
चित्र 5.5 काज बनाना
चित्र 5.6 काज बनना
PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना 5
चित्र 5.7 काज बनाना
चित्र 5.8 काज बनना

8. सूई को उल्टी तरफ़ ले जाते हैं और पिछली तरफ़ के टाँकों में से धागा निकालते हैं और तोड़ देते हैं। पिछली तरफ़ से टाँके भी सामने के भाग की तरफ़ एक समान और एक सीध में रखते हैं।

PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना

बटन लगाना और काज बनाना PSEB 8th Class Home Science Notes

  • बटन हमेशा दोहरा कपड़ों पर लगाना चाहिए।
  • कमीज़ वाले बटनों में दो या चार छिद्र होते हैं।
  • काज हमेशा दोहरे कपड़े पर बनाना चाहिए।
  • कपड़े में कटाव उतना ही होना चाहिए जिसमें से बटन ज़रा मुश्किल से निकल सके।
  • काज का गोल किनारा बनाने के लिए किनारे के साथ-साथ 9 से 7 सीधे टाँके लगाते हैं।