PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 21 शहरी विकास और स्थानीय सरकार

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 21 शहरी विकास और स्थानीय सरकार Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science Civics Chapter 21 शहरी विकास और स्थानीय सरकार

SST Guide for Class 6 PSEB शहरी विकास और स्थानीय सरकार Textbook Questions and Answers

बह-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
शहरी स्थानीय सरकार की प्रारंभिक संस्था का क्या नाम है?
(क) नगर निगम
(ख) ग्राम पंचायत
(ग) नगर पंचायत।
उत्तर-
नगर पंचायत।

प्रश्न 2.
नगर निगम के मुखिया को क्या कहते हैं?
(क) प्रधान
(ख) मेयर
(ग) सरपंच।
उत्तर-
मेयर।

प्रश्न 3.
नगर निगम के कार्यकारी अधिकारी को क्या कहते हैं?
(क) अधीक्षक (सुपरिन्टेंडेंट)
(ख) उपनिदेशक (डिप्टी क्लेक्टर)
(ग) आयुक्त (कमिश्नर)।
उत्तर-
आयुक्त (कमिश्नर)।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से पंजाब के किस शहर में नगर निगम नहीं है?
(क) अमृतसर
(ख) पटियाला
(ग) रोपड़
(घ) लुधियाना
(ङ) बठिण्डा
(च) जालंधर।
उत्तर-
रोपड़।

प्रश्न 5.
जिला प्रबंध के सर्वोच्च अधिकारी को क्या कहते हैं?
(क) डी०ई०ओ०
(ख) एस०एम०पी०
(ग) डी०पी०आर०ओ०
(घ) उप-आयुक्त (डिप्टी कमिश्नर)
उत्तर-
उप-आयुक्त (डिप्टी कमिश्नर)।

प्रश्न 6.
बड़े शहरों में अधिक भीड़ वाली सड़क की भीड़ कम कराने के लिए सड़क के ऊपर एक अन्य सड़क बनाई जाती है, उस सड़क को क्या कहते हैं?
(क) साइकिल-रिक्शा ट्रैक
(ख) बाईपास
(ग) भूमिगत मार्ग
(घ) फ़्लाई ओवर
(ङ) लिंक रोड।
उत्तर-
फ्लाई ओवर।

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I. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखें

प्रश्न 1.
आज़ादी के बाद हुए शहरी विकास के बारे में संक्षेप में लिखो।
उत्तर-
स्वतन्त्रता के बाद अनेक गांवों ने धीरे-धीरे कस्बों का रूप धारण कर लिया और फिर शहरों में बदल गए। शहरी विकास की यह प्रक्रिया आज भी जारी है। शहरी विकास में मुख्य रूप से मशीनी उद्योगों की भूमिका रही है। गांवों की जनसंख्या बढ़ने से माल की मांग बढ़ गई। इसकी पूर्ति के लिए हाथों का काम मशीनों से होने लगा। बड़े-बड़े कारखाने स्थापित किए गए जिनके आस-पास बड़े-बड़े शहर बस गए। आज गांवों से भी बड़ी संख्या में लोग रोज़गार की तलाश में शहरों में आ रहे हैं। फलस्वरूप शहरों और कस्बों का विस्तार हो रहा है।

प्रश्न 2.
शहरी स्थानीय सरकार की संस्थाएं कौन-कौन सी हैं?
उत्तर-
शहरी स्थानीय सरकार की तीन संस्थाएँ हैं –

  1. नगर पंचायत
  2. नगरपालिका
  3. नगर निगम।

प्रश्न 3.
शहर को जनसंख्या के आधार पर वार्डों में क्यों बांटा जाता है?
उत्तर-
शहर को शहरी स्थानीय शासन के चुनाव के लिए वार्डों में बांटा जाता है। प्रत्येक वार्ड से एक सदस्य चुना जाता है, जो अपने वार्ड के लिए विकास कार्य करता है।

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प्रश्न 4.
नगर-निगम और नगरपालिका का चुनाव लड़ने के लिए कितनी आयु होनी चाहिए?
उत्तर-
25 वर्ष या इससे अधिक।

प्रश्न 5.
कस्बे की स्थानीय सरकार को क्या कहा जाता है?
उत्तर-
कस्बे की स्थानीय सरकार को नगर पंचायत कहा जाता है।

प्रश्न 6.
नगर-निगम के चार सरकारी कर्मचारियों के नाम लिखो।
उत्तर-

  1. कमिश्नर
  2. स्वास्थ्य अधिकारी
  3. इंजीनियर
  4. सफ़ाई अधिकारी।

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प्रश्न 7.
शहरी स्थानीय सरकार की आय के कोई चार (मुख्य) साधन लिखो।
उत्तर-
शहरी स्थानीय सरकार की आय के मुख्य साधन निम्नलिखित हैं –
1. कर-यह कई प्रकार के कर लगा सकती है। इनमें चुंगी कर, न्याय-कर, मार्ग-कर, गृह-कर, व्यवसाय कर, मनोरंजन कर आदि प्रमुख हैं।

2. फीस और जुर्माने-यह पानी और बिजली की आपूर्ति पर फीस लगाती है। यह नगर में चलने वाले वाहनों-रिक्शाओं, ठेलों, तांगों आदि पर फीस (टैक्स) लगाती है। इसके अतिरिक्त यह अपने नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना करती है।

3. सरकारी सहायता-नई योजनाएं लागू करने, सार्वजनिक स्वास्थ्य और चिकित्सा सम्बन्धी कार्यों के लिए सरकार इसकी सहायता करती है।

4. ऋण- यह आवश्यकतानुसार सरकार से ऋण ले सकती है। (कोई दो लिखें।)

प्रश्न 8.
जिला-प्रबन्ध का सर्वोच्च अधिकारी कौन होता है?
उत्तर-
ज़िला प्रबन्ध का सर्वोच्च अधिकारी डिप्टी कमिश्नर होता है। उसे उपआयुक्त भी कहते हैं। उसका चुनाव भारतीय प्रशासनिक सेवा (I.A.S.) द्वारा होता है।

प्रश्न 9.
शहरी स्थानीय सरकार के प्रति आपके क्या कर्त्तव्य हैं?
उत्तर-
शहरी स्थानीय सरकार के प्रति हमारे निम्नलिखित कर्त्तव्य हैं –

  1. हमें योग्य तथा ईमानदार सदस्यों का चुनाव करना चाहिए।
  2. हमें नगर को साफ-सुथरा रखना चाहिए।
  3. हमें सड़कों पर तथा गलियों में तोड़-फोड़ नहीं करनी चाहिए।
  4. हमें अपने कर ईमानदारी से चुकाने चाहिए, ताकि विकास कार्यों में बाधा न पड़े।

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प्रश्न 10.
नगरपालिका / नगर-निगम के कोई दो कार्य लिखो।
उत्तर-
नगरपालिका / नगर-निगम नगर के प्रबन्ध के लिए निम्नलिखित कार्य करती है –

  1. नगर में पानी, सफ़ाई तथा प्रकाश का प्रबन्ध करना।
  2. बीमारियों की रोकथाम के लिए टीके लगाना, मक्खियों, मच्छरों को नष्ट करना और खाने-पीने की वस्तुओं में मिलावट को रोकना।
  3. गलियां, सड़कें, पुल तथा नालियां बनवाना और उनकी मुरम्मत करवाना।
  4. अस्पताल, स्वास्थ्य केन्द्र, बाल-कल्याण केन्द्र, चिड़िया घर, पार्क आदि बनवाना।
  5. जन्म-मरण का रिकार्ड रखना। (कोई दो लिखें।)

प्रश्न 11.
शहरी स्थानीय सरकार के कोई दो आवश्यक कार्य लिखो।
उत्तर-
शहरी स्थानीय सरकार के दो आवश्यक कार्य निम्नलिखित हैं –

  1. नगर में बिजली, पानी, स्वास्थ्य केन्द्रों तथा सफ़ाई का प्रबंध करना।
  2. सड़कों तथा पुलों का निर्माण करना और उनकी देखभाल करना।

प्रश्न 12.
भूमिगत रास्ता, साइकिल ट्रैक और बाईपास सड़कें सड़क सुरक्षा के लिए कैसे उपयोगी हैं?
उत्तर-

  1. भूमिगत रास्ता, साइकिल ट्रैक तथा बाईपास हमें सुरक्षित रास्ता जुटाते हैं।
  2. इन मार्गों के कारण बड़े वाहनों के यातायात में बाधा नहीं पड़ती।

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प्रश्न 13.
क्या सड़क पर साइकिल चलाते समय हमें हैल्मेट पहनना चाहिए?
उत्तर-
हमारे देश में साइकिल चलाते समय हैल्मेट पहनना ज़रूरी नहीं है। फिर भी सुरक्षा की दृष्टि से हमें हैल्मेट अवश्य पहनना चाहिए। इससे साइकिल से नीचे गिरमे पर गम्भीर चोट अथवा मृत्यु से बचा जा सकता है।

II. निम्नलिखित खाली स्थान भरो

  1. नगर पंचायत ……….. में बनाई जाती है।
  2. शहरी स्थानीय सरकार के कार्यों की देखभाल …….. सरकार करती है।
  3. नगरपालिका या नगर-निगम के चुनाव के लिए कम-से-कम ……… आयु तथा वोट डालने के लिए……….. वर्ष की आयु होनी चाहिए।
  4. प्रत्येक जिले में …… और ……….. अदालतें होती हैं।
  5. गांव से शहर में परिवर्तित होते क्षेत्र को ……………. कहा जाता है।

उत्तर-

  1. कस्बे,
  2. राज्य,
  3. 25 वर्ष की, 18,
  4. दीवानी, फ़ौजदारी,
  5. कस्बा।

III. निम्नलिखित वाक्यों पर सही (✓) या ग़लत (✗) का निशान लगाओ

  1. कोई विदेशी नागरिक स्थानीय सरकार के चुनाव में वोट डाल सकता है।
  2. पंजाब में इस समय नौ नगरों में नगर-निगम हैं।
  3. पंजाब में नगर-निगम के प्रधान को मेयर कहा जाता है।
  4. स्थानीय सरकार के चुनाव के लिए वोटर की आयु 17 वर्ष होती है।
  5. उप-आयुक्त (डिप्टी कमिश्नर) जिले के प्रबन्ध का मुख्य सरकारी अधिकारी होता है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✗)
  3. (✓)
  4. (✗)
  5. (✓)

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PSEB 6th Class Social Science Guide शहरी विकास और स्थानीय सरकार Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
मान लीजिए आपकी आयु 13 वर्ष है। आपको कितने साल बाद स्थानीय . सरकार के चुनाव में वोट डालने का अधिकार मिल सकेगा?
उत्तर-
5 साल बाद, 18 वर्ष की आयु में।

प्रश्न 2.
नगर निगम का मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्या कहलाता है?
उत्तर-
कमिश्नर।

प्रश्न 3.
रास्ते तथा भीड़ को कम करने के लिए एक शहर से दूसरे शहर तक पहुंचने के लिए प्रायः शहर के बाहर की ओर एक विशेष सड़क बना दी जाती है। ऐसी सड़क क्या कहलाती है?
उत्तर-
बाई-पास।

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अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
नगर-पंचायत का मुखिया कौन होता है?
उत्तर-
नगर-पंचायत का मुखिया नगर अध्यक्ष होता है।

प्रश्न 2.
नगरपालिका तथा नगर परिषद् किसे कहते हैं?
उत्तर-
शहरों की स्थानीय शासन संस्थाओं को नगरपालिका कहते हैं। यह शहरों की स्थानीय समस्याओं का समाधान करती है।

प्रश्न 3.
नगर-निगम से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
बड़े-बड़े नगरों की स्थानीय शासन संस्थाओं को नगर-निगम कहा जाता है।

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प्रश्न 4.
नगर-पंचायत की स्थापना कहां की जाती है?
उत्तर-
नगर-पंचायत गांव से शहर में बदलते हुए कस्बे में स्थापित की जाती है। परन्तु यह आवश्यक है कि उस क्षेत्र की जनसंख्या 20,000 से कम हो।

प्रश्न 5.
जिला प्रशासन का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
जिला प्रशासन राज्य की बहुत ही महत्त्वपूर्ण इकाई है। पूरे राज्य की उन्नति जिले के कुशल प्रशासन पर ही निर्भर करती है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
नगरपालिकाओं को राज्य सरकार अनुदान क्यों देती है?
उत्तर-
नगरों की जनसंख्या अधिक होने के कारण नगरों की आवश्यकताएं अधिक होती हैं। इसलिए नगरपालिकाओं को अनेक कार्य करने पड़ते हैं। इसके लिए अधिक धन की आवश्यकता होती है। परन्तु नगरपालिकाओं की आय के साधन सीमित होते हैं। इसलिए सरकार इन्हें अनुदान देती है। अनुदान का अर्थ है-आर्थिक सहायता देना।

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प्रश्न 2.
बड़े शहरों में पार्क और भूमिगत नालियाँ क्यों आवश्यक हैं?
उत्तर-
बड़े शहरों में प्रदूषण की समस्या अधिक है। प्रदूषण कई प्रकार की बीमारियों को जन्म देता है। पार्क लोगों और वातावरण को स्वच्छ रखते हैं। यहाँ आकर लोग खुली हवा में अपना मनोरंजन भी करते हैं। इसलिए बड़े शहरों में पार्कों का होना आवश्यक है। __ भूमिगत नालियां गंदे पानी की निकासी के लिए अति आवश्यक हैं। इनके बिना गंदा जल गलियों तथा सड़कों पर फैल जाएगा और वातावरण दूषित हो जाएगा।

प्रश्न 3.
नगरपरिषद् के किन्हीं पाँच कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
नगरपरिषद् के पाँच मुख्य कार्यों का वर्णन इस प्रकार है –

  1. सड़कों तथा पुलों का निर्माण करना।
  2. जन-स्वास्थ्य तथा सफ़ाई की व्यवस्था करना।
  3. अग्निशमक (आग बुझाना) सेवाओं का प्रबन्ध करना।
  4. नगर की सुख-सुविधा के लिए पार्क, उद्यान तथा खेल के मैदान का प्रबन्ध करना।
  5. पीने के लिए साफ पानी की व्यवस्था करना।

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प्रश्न 4.
नगर-निगम की आय के मुख्य साधन कौन-कौन से हैं?
उत्तर-
नगर-निगम की आय के मुख्य साधन निम्नलिखित हैं –

  1. भूमि तथा भवनों पर कर
  2. पशुओं तथा वाहनों पर कर
  3. चुंगी कर
  4. व्यवसाय कर
  5. राज्य सरकार से प्राप्त अनुदान।

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प्रश्न 5.
नगर पंचायत के सदस्यों का चुनाव कैसे और कितने वर्ष के लिए होता है?
उत्तर-
नगर पंचायत के सदस्यों का चुनाव वयस्क नागरिकों अर्थात् 18 वर्ष या इससे अधिक आयु वाले व्यक्तियों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से होता है। इनका चुनाव पाँच वर्ष के लिए किया जाता है।

प्रश्न 6.
क्या नगरपालिका से नगर-निगम अधिक शक्तिशाली है? क्यों?
उत्तर-
नगर-निगम नगरपालिका से अधिक शक्तिशाली होती है। नगर-निगम की शक्तियां नगरपालिका की अपेक्षा अधिक होती हैं। नगर-निगम की जिम्मेवारी भी अधिक होती है। इसका कारण यह है कि बड़े तथा छोटे नगरों की जनसंख्या तथा नागरिकों को दी जाने वाली सुविधाओं में पर्याप्त अन्तर होता है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जिलाधीश के प्रमुख कार्यों का वर्णन करो।
उत्तर-
जिलाधीश के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं –
1. शान्ति तथा कानून-व्यवस्था की स्थापना करना-ज़िलाधीश का प्रमुख कार्य जिले में शान्ति तथा कानून-व्यवस्था बनाए रखना है। इस कार्य में वह समस्त ज़िले की पुलिस की सहायता लेता है।

2. भूमि सम्बन्धी रिकार्डों की देखभाल और भूमि-कर की वसूली करना-हमारा देश कृषि प्रधान देश है। कृषि योग्य भूमि का वर्गीकरण, उसका नाप, उसमें पैदा होने वाली उपज और भूमि-कर की वसूली करना तथा उसका ब्योरा रखने का काम भी जिलाधीश द्वारा किया जाता है।

3. नागरिक सुविधाएँ और सेवाएं प्रदान करना-ज़िलाधीश जिले के लोगों को अनेक प्रकार की सुविधाएँ और सेवाएँ प्रदान करवाता है, ताकि उनका चहुँमुखी विकास हो सके। इन सुविधाओं में स्वास्थ्य, शिक्षा, यातायात का प्रबन्ध, सरकारी इमारतों और सड़कों की देखभाल आदि शामिल हैं।

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प्रश्न 2.
नगरपालिका की संरचना, कार्यों तथा आय के साधनों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
नगरपालिका की संरचना-नगरपालिका 20,000 से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में बनाई जाती है। इसके सदस्य दो प्रकार के होते हैं –
1. निर्वाचित सदस्य-ये सदस्य प्रत्यक्ष रूप से वयस्क नागरिकों द्वारा निर्वाचित होते हैं। पंजाब में इनकी संख्या 9 से 29 तक हो सकती है।

2. पदेन सदस्य-नगर के निर्वाचित क्षेत्र से चुने गए लोक सभा, राज्य सभा अथवा राज्य विधान मण्डल के सदस्य नगरपालिका के पदेन सदस्य होते हैं।
कार्यकाल-नगरपालिका का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
कार्य-नगरपालिका नगर के प्रबन्ध के लिए निम्नलिखित कार्य करती है –

  1. नगर में पानी, सफ़ाई तथा प्रकाश का प्रबन्ध करना।
  2. बीमारियों की रोकथाम के लिए टीके लगाना, मक्खियों, मच्छरों को नष्ट करना और खाने-पीने की वस्तुओं में मिलावट को रोकना।
  3. गलियां, सड़कें, पुल तथा नालियां बनवाना और उनकी मुरम्मत करवाना।
  4. अस्पताल, स्वास्थ्य केन्द्र, बाल-कल्याण केन्द्र, चिड़िया घर, पार्क आदि बनवाना।
  5. जन्म तथा मृत्यु का रिकार्ड रखना।
  6. आग बुझाने के लिए फायर-ब्रिगेड का प्रबन्ध करना तथा बसें, ट्राम आदि चलाना।
  7. अपने क्षेत्र में स्कूलों तथा पुस्तकालयों की व्यवस्था करना।
  8. पशु मेले लगवाना और नगरवासियों की सुविधा के लिए बसें चलाना।

प्रश्न 3.
नगर-निगम की संरचना, कार्यों तथा आय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
नगर-निगम की संरचना, कार्यों तथा आय के साधनों का संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है –
संरचना-पंजाब में अमृतसर, जालन्धर, लुधियाना, पटियाला आदि दस नगरों में नगर-निगम की स्थापना की गई है। नगर-निगम के सदस्यों को पार्षद कहते हैं। इनका चुनाव नगर के वयस्क नागरिक करते हैं। नगर-निगम क्षेत्र से निर्वाचित लोक सभा, राज्य सभा तथा विधानसभा के सदस्य भी इसके सदस्य होते हैं। नगर-निगम के प्रधान को मेयर कहते हैं।

कार्य-नगर-निगम स्थानीय शासन की शेष सभी संस्थाओं से अधिक शक्तिशाली होती है। इसके कार्यों को दो भागों में बांटा गया है – अनिवार्य तथा ऐच्छिक कार्य।
अनिवार्य कार्य –

  1. स्वच्छ पानी का प्रबन्ध करना।
  2. सड़कों, पुलों तथा नालियों का निर्माण करना।
  3. नगर में सफाई का प्रबन्ध करना।
  4. फायर ब्रिगेड का प्रबन्ध करना।
  5. श्मशान भूमि का उचित प्रबन्ध करना।
  6. नगर-निगम की सम्पत्ति की देखभाल करना।

ऐच्छिक कार्य –

  1. अस्पताल बनवाना।
  2. संस्कृति तथा शिक्षा का विकास करना।
  3. पुस्तकालय, अजायबघर, कला भवन आदि बनवाना।

आय के साधन-नगर-निगम की आय के मुख्य साधन निम्नलिखित हैं –
1. कर-नगर-निगम नागरिकों पर कई प्रकार के कर लगाता है। इनमें पानी कर, सफ़ाई कर, मकान कर, मनोरंजन कर और चुंगी कर प्रमुख हैं।

2. फीस और जुर्माने-नगर-निगम को मकानों के नक्शे पास करने से प्राप्त फीस तथा तांगा, रिक्शा तथा ठेला आदि की लाइसेंस फीस से आय होती है। इसे नगर-निगम के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर किए गए जुर्माने से भी पर्याप्त आय हो जाती है।

3. सरकारी अनुदान तथा अन्य साधन-नगर-निगम की अपनी सम्पत्ति होती है। इसके किराए से नगर-निगम को काफ़ी आय हो जाती है। इसके अतिरिक्त सरकार भी इसे आर्थिक सहायता देती है। इसे सरकारी अनुदान कहते हैं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 21 शहरी विकास और स्थानीय सरकार

शहरी विकास और स्थानीय सरकार PSEB 6th Class Social Science Notes

  • नगर की स्थानीय शासन संस्थाएँ – नगर-पंचायत, नगर-परिषद् तथा नगर निगम।
  • नगर-पंचायत – नगर से छोटे परन्तु गाँव से बड़े कस्बे की स्थानीय संस्था।
  • नगर परिषद् – कस्बों से बड़े नगरों की स्थानीय शासन संस्था। इन्हें कुछ राज्यों में नगरपालिका अथवा नगर बोर्ड भी कहा जाता है।
  • नगर निगम – बड़े-बड़े नगरों की स्थानीय शासन संस्था।
  • मेयर अथवा महापौर – नगर-निगम का अध्यक्ष
  • जिला अधिकारी – जिला प्रशासन का मुखिया जो जिले में कानून और व्यवस्था बनाए रखता है।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 8 नशा-एक श्राप

Punjab State Board PSEB 6th Class Physical Education Book Solutions Chapter 8 नशा-एक श्राप Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Physical Education Chapter 8 नशा-एक श्राप

PSEB 6th Class Physical Education Guide नशा-एक श्राप Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
कौन-सा नशा व्यक्ति की स्मरण शक्ति तथा पाचन-शक्ति को खत्म करता है ?
उत्तर-
‘शराब’ एक ऐसा नशा है जो व्यक्ति की स्मरण शक्ति तथा पाचन-शक्ति को खत्म करता है । शराब का प्रभाव पहले दिमाग पर होता है। नाड़ी प्रबन्ध बिगड़ जाता है और दिमाग कमज़ोर हो जाता है। मनुष्य की सोचने की शक्ति कम हो जाती है। शराब पीने से पाचक रस कम पैदा होना शुरू हो जाता है जिस कारण पाचन शक्ति कम हो जाती है और पेट खराब रहने लगता है।

प्रश्न 2.
सिगरेट में कौन-सा विषैला तत्व पाया जाता है ? .
उत्तर-
सिगरेट में निकोटीन नामक विषैला तत्व पाया जाता है। यह तम्बाकू के पौधों में मिलने वाला.एल्कालोएड है। इस निकोटीन का बुरा प्रभाव सिर पर पड़ता है जिससे सिर चकराने लग जाता है और फिर दिल पर प्रभाव पड़ता है। इसका सेवन करने से कैंसर की बीमारी लगने का खतरा बढ़ जाता है। मुख्य रूप में छाती का कैंसर और गले के कैंसर का डर रहता है।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 8 नशा-एक श्राप

प्रश्न 3.
शराब के शरीर पर क्या प्रभाव पड़ते हैं ?
उत्तर-
शराब के हमारे शरीर पर प्रभाव (Effects of Alcohol on our body)शराब एक नशीला तरल पदार्थ है। शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बाज़ार में बेचने से पहले प्रत्येक शराब की बोतल पर यह लिखना ज़रूरी है। फिर भी बहुत-से लोगों को इस की लत (आदत) लगी हुई है जिससे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। शरीर को कई तरह के रोग लग जाते हैं। फेफड़े कमज़ोर हो जाते हैं और व्यक्ति की आयु घट जाती है। ये शरीर के सभी अंगों पर बुरा प्रभाव डालती है। पहले तो व्यक्ति शराब को पीता है। कुछ समय पीने के बाद शराब आदमी को पीने लग जाती है। भाव शराब शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचाने लग जाती है।

शराब के हमारे शरीर पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ते हैं :-

  1. शराब का असर पहले दिमाग़ पर होता है। नाड़ी प्रबन्ध बिगड़ जाता है और दिमाग़ कमजोर हो जाता है। मनुष्य के सोचने की शक्ति घट जाती है।
  2. शरीर में गुर्दे कमजोर हो जाते हैं।
  3. शराब पीने से पाचन रस कम पैदा होना शुरू हो जाता है जिससे पेट खराब रहने लग जाता है।
  4. श्वास की गति तेज़ और सांस की अन्य बीमारियां लग जाती हैं।
  5. शराब पीने से रक्त की नाड़ियां फूल जाती हैं। दिल को अधिक काम करना पड़ता है और दिल के दौरे का डर बना रहता।
  6. लगातार शराब पीने से मांसपेशियों की शक्ति घट जाती है। शरीर बीमारियों का मुकाबला करने के योग्य नहीं रहता है।
  7. आविष्कारों से पता लगा है कि शराब पीने वाला मनुष्य शराब न पीने वाले व्यक्ति से काम कम करता है। शराब पीने वाले व्यक्ति को बीमारियां भी जल्दी लगती हैं।
  8. शराब से घर, स्वास्थ्य, पैसा आदि बर्बाद होता है और यह एक सामाजिक बुराई है।

प्रश्न 4.
कैंसर रोग कौन-कौन से नशों से होता है ?
उत्तर-
कैंसर रोग सिगरेट, बीड़ी, तम्बाकू, जरदा, खैनी, आदि नशों से होता है। सिगरेट, बीड़ी, जरदा, खैनी आदि ये पदार्थ तम्बाकू से ही बनाए जाते हैं।

तम्बाकू से स्वास्थ्य पर प्रभाव (Effect of Smoking on Health) हमारे देश में तम्बाकू पीना-खाना एक बहुत बुरी आदत बन चुका है। तम्बाकू पीने के अलग-अलग ढंग हैं, जैसे बीड़ी, सिगरेट पीना, सिगार पीना, हुक्का पीना, चिल्म पीना आदि। इस तरह खाने के ढंग भी अलग हैं जैसे तम्बाकू चूने में मिला कर सीधे मुंह में रख कर खाना, या रगने में रख कर खाना, या गले में रख कर खाना आदि। तम्बाकू में खतरनाक ज़हर निकोटीन (Nicotine) होता है। इसके अलावा कार्बन डाइऑक्साइड आदि भी होता है। निकोटीन का बुरा प्रभाव सिर पर पड़ता है जिससे सिर चकराने लग जाता है और फिर दिल पर प्रभाव करता है।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 8 नशा-एक श्राप

प्रश्न 5.
नशा करने वाले व्यक्ति की समाज में क्या पहचान होती है ?
उत्तर-
मनुष्य प्राचीन काल से ही नशीली वस्तुओं का प्रयोग करता आ रहा है। उसका विश्वास था कि इनके प्रयोग से रोग दूर होते हैं तथा मन ताजा होता है। परन्तु बाद में इनके कुप्रभाव भी देखने में आये हैं। आज के वैज्ञानिक युग में अनेक नई-नई नशीली वस्तुओं का आविष्कार हुआ है जिसके कारण क्रीड़ा जगत् दुविधा में पड़ गया है। इन नशीली वस्तुओं के सेवन से भले ही कुछ समय के लिए अधिक काम लिया जा सकता है, परन्तु नशे और अधिक काम से मानव रोग का शिकार हो कर मृत्यु को प्राप्त करता है। इन घातक नशों में से कुछ नशे तो कोढ़ के रोग से भी बुरे हैं। शराब, तम्बाकू, अफीम, भांग, हशीश, एडरनलिन तथा निकोटीन ऐसी नशीली वस्तुएं हैं जिनका सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है।

नशा करने की समस्या केवल उस व्यक्ति पर ही नहीं बल्कि उसके परिवार और समाज पर भी प्रभाव डालती है। नशा करने वाला व्यक्ति बेशक वह स्कूल, काम-काज या अन्य जिम्मेदारियाँ हों, किसी में भी दिलचस्पी नहीं लेता। परिणामस्वरूप वह कोई ज़िम्मेदारी नहीं ले पाता और स्वयं ही परिवार और समाज पर एक जिम्मेदारी बन कर रह जाता है। उसकी कोई इज्जत नहीं करता। उसके साथ कोई मेल-मिलाप नहीं करता। अत्यधिक नशीले पदार्थों को रोज़ खरीदना महंगा होता है। इसलिए वह नशों की तलब के कारण छोटे-मोटे जुर्म करने लग जाता है, जिसके कारण उसके चरित्र पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है और वह समाज पर एक बोझ बन जाता है।

Physical Education Guide for Class 6 PSEB नशा-एक श्राप Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
नशीली वस्तुएं किन दो क्रियाओं पर अधिक प्रभाव डालती हैं ?
उत्तर-

  1. पाचन क्रिया पर
  2. खेलने की शक्ति पर ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 8 नशा-एक श्राप

प्रश्न 2.
नशीली वस्तुओं के कोई दो दोष लिखें।
उत्तर-

  1. चेहरा पीला पड़ जाता है।
  2. मानसिक सन्तुलन खराब हो जाता है।

प्रश्न 3.
नशीली वस्तुओं के खिलाड़ियों पर कोई दो बुरे प्रभाव लिखें।
उत्तर-

  1. लापरवाई तथा बेफिक्री।
  2. खेल भावना का अन्त।

प्रश्न 4.
शराब का असर पहले दिमाग़ पर होता है। ठीक अथवा ग़लत ।
उत्तर-
ठीक।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 8 नशा-एक श्राप

प्रश्न 5.
तम्बाकू खाने से या पीने से नज़र कमजोर हो जाती है।ठीक अथवा ग़लत ।
उत्तर-
ठीक।

प्रश्न 6.
तम्बाकू से कैंसर की बीमारी का डर बढ़ता है अथवा कम होता है ?
उत्तर-
डर बढ़ जाता है।

प्रश्न 7.
तम्बाकू के प्रयोग से खांसी नहीं लगती और टी० बी० भी नहीं हो सकती। ठीक अथवा ग़लत ।
उत्तर-
ग़लत।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 8 नशा-एक श्राप

प्रश्न 8.
नशे वाला खिलाड़ी लापरवाह हो जाता है। सही अथवा ग़लत ।
उत्तर-
सही।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
आमतौर पर प्रयोग होने वाली कुछ नशीली वस्तुओं के नाम लिखो।
उत्तर-
नशीली वस्तुएं निम्नलिखित हैं –

  1. शराब
  2. अफीम
  3. तम्बाकू
  4. भांग
  5. हशीश
  6. चरस
  7. कोकीन
  8. एलंडरविन
  9. जरदा
  10. खैनी
  11. सिगरेट।

प्रश्न 2.
नशे के बरे प्रभाव लिखें।
उत्तर-
नशे से शरीर खोखला हो जाता है। नशीले पदार्थ के सेवन से पाचन प्रणाली में रोग लग जाते हैं। कई दफ़ा व्यक्ति को कैंसर जैसे रोग का सामना करना पड़ता है। व्यक्ति का रक्त संचार बढ़ जाता है और मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं। हृदयघात की संभावना बढ़ जाती है। अधिक नशीले पदार्थ का सेवन करने से व्यक्ति के हाथ-पांव कांपने लगते हैं।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 8 नशा-एक श्राप

प्रश्न 3.
नशीले पदार्थ से छुटकारा पाने के लिए कोई दो तरीके लिखो।
उत्तर-
1. प्रेरणा-बच्चे को नशीले पदार्थ छुड़वाने में माता-पिता, स्कूल अध्यापक और बड़े बुजुर्ग प्रेरणा देकर बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं।

2. मनोवैज्ञानिक तरीका-नशीले पदार्थों से छुटकारा पाना बहुत कठिन है और व्यक्ति को मानसिक तौर पर नशीले पदार्थ छोड़ने की कोशिश करनी चाहिए। उसके लिए मनोवैज्ञानिक चिकित्सा से काऊंसलिंग लेनी चाहिए।

प्रश्न 4.
नशे की रोकथाम क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
नशे की लत (आदत) हर साल लगभग 5 लाख से भी ज्यादा लोगों को मार देती है। लोग नशे की ज्यादा मात्रा लेने के कारण दुर्घटना, बीमारी या कोई अन्य कारण से मर जाते हैं। नशाखोरी मनुष्य को उसकी बेहतर जिंदगी व्यतीत करने से दूर करती है। यह मनुष्य की सेहत को, उसके काम करने की योग्यता और उसके सम्बन्धों को खराब करती है। इलाज से नशाखोरी की आदत से छुटकारा पा सकते हैं। नशे के खतरे से बचने के लिए सबसे बढ़िया इलाज यह है कि नशे को पहली बार ही न किया जाए। माता-पिता अपने बच्चे का अच्छी तरह ध्यान रखें। अच्छे घरों के बच्चे नशाखोरी में पड़ जाते हैं यदि उनका ध्यान न रखा जाए।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 3 पृथ्वी की गतियाँ

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 3 पृथ्वी की गतियाँ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science Geography Chapter 3 पृथ्वी की गतियाँ

SST Guide for Class 6 PSEB पृथ्वी की गतियाँ Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

प्रश्न (क)
पृथ्वी की दैनिक गति किसे कहते हैं?
उत्तर-
पृथ्वी सूर्य के सामने अपनी धुरी पर पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती रहती है। यह 24 घण्टे में एक चक्र पूरा करती है। इसे पृथ्वी की दैनिक गति कहते हैं। दैनिक गति के कारण पृथ्वी पर दिन और रात बनते हैं।

प्रश्न (ख)
पृथ्वी के अक्ष के झुकाव का क्या अर्थ है?
उत्तर-
पृथ्वी का अक्ष एक कल्पित रेखा है जो पृथ्वी के बीच में से गुज़रती है। यह सीधा नहीं है। यह अपनी पथ-रेखा (कक्ष-तल) के साथ 66½° का कोण बनाता है। इसे पृथ्वी के अक्ष का झुकाव कहते हैं।

प्रश्न (ग)
ऋतु परिवर्तन के क्या कारण हैं?
उत्तर-
ऋतुएं निम्नलिखित कारणों से बदलती हैं –

  1. पृथ्वी द्वारा अपनी धुरी पर एक ही दिशा में झुके रहना।
  2. पृथ्वी द्वारा 365¼ दिनों में सूर्य की एक परिक्रमा करना।
  3. दिन-रात का छोटा-बड़ा होना।

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प्रश्न (घ)
21 जून को सूर्य की किरणें कहां पर सीधी पड़ती हैं?
उत्तर-
21 जून को सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर सीधी पड़ती हैं।

प्रश्न (ङ)
दक्षिणी गोलार्द्ध में 23 सितम्बर को कौन-सा मौसम होता है?
उत्तर-
बसन्त का मौसम।

प्रश्न (च)
शीत अयनान्त कब होती है?
उत्तर-
22 दिसम्बर को।

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II. निम्नलिखित में अन्तर बताओ

(क) उष्ण अयनान्त और शीत अयनान्त
(ख) बसन्त-विसूवी और पतझड़-विसूवी
(ग) दैनिक गति और वार्षिक गति
(घ) कक्षा में ‘पृथ्वी की गतियों’ एक क्विज़ प्रतियोगिता का आयोजन करें।
उत्तर-
(क) उष्ण अयनान्त और शीत अयनान्त-21 जून को सूर्य कर्क रेखा पर सीधा चमकता है। इसे उष्ण अयनान्त कहते हैं। इसके विपरीत शीत अयनान्त 22 दिसम्बर की अवस्था में होता है। इस अवस्था में सूर्य की किरणें मकर रेखा पर सीधी चमकती हैं।
(ख) बसन्त-विसूवी और पतझड़-विसूवी-21 मार्च को उत्तरी अर्द्धगोले में बसन्त ऋतु होती है। इसे बसन्त-विसवी कहा जाता है।
23 सितम्बर को उत्तरी अर्द्धगोले में पतझड़ की ऋतु होती है। इसे पतझड़-विसूवी कहते हैं।
(ग) दैनिक गति और वार्षिक गति
दैनिक गति

  1. इस गति में पृथ्वी अपने धुरे (अक्ष) पर घूमती है।
  2. इस गति में पृथ्वी 24 घण्टे में एक चक्र पूरा करती है।
  3. इस गति से दिन-रात बनते हैं।

वार्षिक गति

  1. इस गति में अपने धुरे पर घूमती हुई पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है।
  2. इस गति में पृथ्वी 365¼ दिन में एक चक्र पूरा करती है।
  3. इस गति से दिन-रात छोटे-बड़े होते हैं और ऋतुएं बनती हैं।

(घ) अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

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III. कारण बताओ

प्रश्न (क)
सूर्य पूर्व में निकलता है और पश्चिम में छिपता है।
उत्तर-
हमारी पृथ्वी अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है। परन्तु सूर्य अपने स्थान पर स्थिर है। जब किसी घूमती हुई या चलती हुई वस्तु से खड़ी वस्तुओं को देखें, तो वे विपरीत (उल्टी) दिशा में जाती हुई दिखाई देती हैं। यही कारण है कि सूर्य पूर्व से पश्चिम (पृथ्वी के घूमने की उल्टी दिशा) की ओर चलता दिखाई देता है। दूसरे शब्दों में, सूर्य पूर्व में निकलता है और पश्चिम में छिपता है।

प्रश्न (ख)
दिन और रात हमेशा बराबर नहीं होते।
उत्तर-
दिन और रात हमेशा बराबर नहीं होते। इसके दो मुख्य कारण हैं-
(1) पृथ्वी का अक्ष अपने कक्ष-तल पर 66%2° के कोण पर झुका रहता है।

(2) पृथ्वी सूर्य के गिर्द घूमती है जिसके कारण उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुव बारी-बारी से सूर्य के सामने आते रहते हैं। परिणामस्वरूप सूर्य की किरणें एक निश्चित अवधि के बाद कर्क रेखा तथा मकर रेखा पर सीधी चमकती हैं। जब किरणें कर्क रेखा पर सीधी पड़ती (21 जून) हैं तो उत्तरी गोलार्द्ध में दिन बड़े होते हैं और रातें छोटी। दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थिति इसके विपरीत होती है। इसी प्रकार जब (22 दिसम्बर) सूर्य की किरणें मकर रेखा पर सीधी पड़ती हैं तो दक्षिणी गोलार्द्ध में दिन बड़े और रातें छोटी होती हैं, जबकि उत्तरी गोलार्द्ध में दिन छोटे और रातें बड़ी होती हैं।

प्रश्न (ग)
21 जून को दक्षिणी ध्रुव पर निरंतर अन्धेरा होता है।
उत्तर-
21 जून को उत्तरी ध्रुव सूर्य की ओर झुका होता है, जबकि दक्षिणी ध्रुव सूर्य से परे होता है। इस लिए सूर्य की किरणें दक्षिणी ध्रुव तक नहीं पहुंच पाती और वहां निरंतर अन्धेरा (रात) रहता है।

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प्रश्न (घ)
सूर्य, चन्द्रमा और तारे पृथ्वी के इर्द-गिर्द पूर्व से पश्चिम की ओर घूमते हुए क्यों दिखाई देते हैं?
उत्तर-
पृथ्वी अपने धुरे पर पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है। पृथ्वी की इस गति के कारण हमें सूर्य, चन्द्रमा और तारे उल्टी दिशा अर्थात् पूर्व से पश्चिम दिशा में घूमते हुए दिखाई देते हैं।

प्रश्न (ङ)
लीप वर्ष का क्या अर्थ है? आम वर्ष की अपेक्षा लीप वर्ष में एक दिन अधिक क्यों होता है?
उत्तर-
पृथ्वी सूर्य के चारों ओर एक चक्कर पूरा करने में 365/4 दिन का समय लेती है। इस समय को एक वर्ष कहा जाता है। परन्तु हम आमतौर पर 365 दिन का एक वर्ष गिनते हैं। इस प्रकार हर वर्ष 14 दिन का समय शेष बच जाता है और चौथे वर्ष 1 दिन पूरा (¼×4 = 1) हो जाता है। इसलिए प्रत्येक चौथे वर्ष एक दिन बढ़ जाता है। इसी वर्ष को हम लीप वर्ष कहते हैं। इसमें अन्य वर्षों से एक दिन अधिक (366 दिन) होता है।

IV. रिक्त स्थान भरो –

(क) पृथ्वी …………… दिशा से …………… दिशा की ओर घूमती है।
(ख) …………. एक रेखा (कील) होती है जिसके इर्द-गिर्द पृथ्वी घूमती है।
(ग) पृथ्वी जिस पथ पर सूर्य के इर्द-गिर्द परिक्रमा करती है, उसे …………. कहते हैं।
(घ) ………….. क्षेत्रों में छः मास का दिन और छ: मास की रात होती है।
उत्तर-
(क) पश्चिम, पूर्व
(ख) धुरा या अक्ष
(ग) पथ-रेखा / कक्षा
(घ) ध्रुवीय।

PSEB 6th Class Social Science Guide पृथ्वी की गतियाँ Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
आपकी आयु 11 वर्ष है। आपने पृथ्वी के साथ-साथ सूर्य के कितने चक्कर काटे होंगे?
उत्तर-
11.

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प्रश्न 2.
यदि पृथ्वी अपनी दैनिक गति न करती तो दिन रात संबंधी एक बहुत बड़ी , समस्या पैदा हो जाती। वह क्या होती?
उत्तर-
पृथ्वी पर दिन-रात न बनते।

प्रश्न 3.
2016 को लीप वर्ष था। अगला लीप वर्ष कब होगा और क्यों?
उत्तर-
अगला लीप वर्ष 2020 को होगा क्योंकि हर चौथे वर्ष लीप वर्ष होता है।

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
21 जून को सूर्य किस ध्रुव की ओर झुका होता है?
(क) आधा उत्तरी-आधा दक्षिणी
(ख) दक्षिणी
(ग) उत्तरी।
उत्तर-
(ग) उत्तरी।

प्रश्न 2.
पृथ्वी की वार्षिक गति के कई परिणाम होते हैं, निम्न में इसका कौन-सा परिणाम नहीं होता?
(क) दिन-रात बनना ।
(ख) दिन-रात की लम्बाई में अन्तर
(ग) मौसम (ऋतु) में बदलाव।
उत्तर-
(क) दिन-रात बनना ।

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प्रश्न 3.
किस देश में क्रिसमस गर्मी की ऋतु में मनाई जाती है?
(क) आस्ट्रेलिया
(ख) भारत
(ग) इंग्लैंड।
उत्तर-
(क) आस्ट्रेलिया

सही (✓) या गलत (✗) कथन

  1. उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्ध में सदैव एक-दूसरे के उल्ट मौसम रहते हैं।
  2. विषुवी वह समय है जब सूर्य की किरणें भूमध्य रेखा पर सीधी पड़ती हैं।
  3. पृथ्वी की वार्षिक गति के कारण चलती हुई हवाओं की दिशा बदल जाती है।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✗)

सही जोड़े

  1. पृथ्वी का अपनी धुरी पर घूमना – (क) दिन बड़े, रातें छोटी
  2. पृथ्वी का सूर्य के गिर्द-घूमना – (ख) वार्षिक गति
  3. दिन-रात बराबर होना – (ग) दैनिक गति
  4. मकर रेखा पर सूर्य की सीधी किरणें – (घ) विषुवी।

उत्तर-

  1. पृथ्वी का अपनी धुरी पर घूमना – दैनिक गति,
  2. पृथ्वी का सूर्य के गिर्द घूमना – वार्षिक गति,
  3. दिन-रात बराबर होना – विषुवी,
  4. मकर रेखा पर सूर्य की सीधी किरणें – दिन बड़े, रातें छोटी।

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अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पृथ्वी की दो गतियाँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तर-

  1. दैनिक गति अथवा घूर्णन
  2. वार्षिक गति अथवा परिक्रमण।

प्रश्न 2.
पृथ्वी को एक बार घूर्णन करने में कितना समय लगता है?
उत्तर-
24 घण्टे।

प्रश्न 3.
सामान्य वर्ष कितने दिनों का होता है?
उत्तर-
365 दिन का।

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प्रश्न 4.
लीप वर्ष अथवा अधिवर्ष कितने दिनों का होता है?
उत्तर-
366 दिन का।

प्रश्न 5.
ऋतु परिवर्तन का मुख्य कारण बताइए।
उत्तर-
पृथ्वी की वार्षिक गति।

प्रश्न 6.
जब दिन बड़े होते हैं तो कौन-सी ऋतु होती है?
उत्तर-
ग्रीष्म ऋतु।

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प्रश्न 7.
पृथ्वी के कौन-से भाग में सारा वर्ष दिन-रात बराबर रहते हैं?
उत्तर-
भूमध्य रेखा पर।

प्रश्न 8.
सूर्य की किरणें दिन में कब लम्बवत् पड़ती हैं?
उत्तर-
दोपहर के समय।

प्रश्न 9.
पृथ्वी की कक्षा का आकार कैसा है?
उत्तर-अंडाकार।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पृथ्वी की वार्षिक गति से क्या भाव है? इसको वार्षिक गति क्यों कहा जाता है?
उत्तर-
पृथ्वी सूर्य के गिर्द अंडाकार मार्ग पर चक्कर लगाती है और एक वर्ष में एक चक्कर पूरा करती है। इसे पृथ्वी की वार्षिक गति कहते हैं। पृथ्वी द्वारा सूर्य के गिर्द एक चक्र में लगने वाले समय को एक वर्ष माना जाता है। इसी कारण पृथ्वी की इस गति को वार्षिक गति कहा जाता है।

प्रश्न 2.
ऋतु परिवर्तन से क्या भाव है?
उत्तर-
वार्षिक गति में पृथ्वी के अपने अक्ष पर झुकाव की स्थिति बदलती रहती है। इसके कारण पृथ्वी पर दिन-रात छोटे-बड़े होते रहते हैं। छोटे-बड़े दिन पृथ्वी पर ऋतुओं में बदलाव लाते रहते हैं। इसे ऋतु परिवर्तन कहते हैं। पृथ्वी पर मुख्य रूप से चार ऋतुएं पाई जाती हैं।

कारण बताओ :

प्रश्न 3.
हमें पृथ्वी घूमती हुई प्रतीत नहीं होती।
उत्तर-
जिस प्रकार तेज़ बस या गाड़ी में बैठे हुए व्यक्ति को बाहर की खड़ी वस्तुएं चलती हुई दिखाई देती हैं और उसे ऐसा नहीं लगता कि बस या गाड़ी चल रही है, ठीक इसी प्रकार तेज़ी से घूमती हुई पृथ्वी से हमें सूर्य तथा चन्द्रमा तो चलते दिखाई देते हैं, परन्तु पृथ्वी घूमती हुई प्रतीत नहीं होती।

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प्रश्न 4.
21 मार्च और 23 सितम्बर को दिन-रात बराबर क्यों होते हैं?
उत्तर-
21 मार्च और 23 सितम्बर को पृथ्वी के दोनों ध्रुव सूर्य की ओर एक समान झुके होते हैं और सूर्य की किरणें भूमध्य रेखा पर सीधी पड़ती हैं। फलस्वरूप उत्तरी और दक्षिणी गोलार्डों का ठीक आधा भाग अन्धकार में रहता है और आधा भाग प्रकाश में। अतः दोनों गोलार्डों में दिन और रात समान होते हैं।

प्रश्न 5.
उत्तरी अर्द्धगोले में ऋतुएं दक्षिणी अर्द्धगोले से उल्ट जाती हैं।
उत्तर-
पृथ्वी पर ऋतुओं का परिवर्तन वार्षिक गति के कारण होता है। जब उत्तरी ध्रुव का झुकाव सूर्य की ओर होता है, तो उत्तरी अर्द्धगोले में गर्मी की ऋतु और दक्षिणी अर्द्धगोले में सर्दी की ऋतु होती है। इसी तरह जब दक्षिणी ध्रुव सूर्य के सामने होता है तो दक्षिणी अर्द्धगोले में ग्रीष्म ऋतु और उत्तरी अर्द्धगोले में शीत ऋतु होती है। ऐसा दोनों अर्द्धगोलों में दिन-रात छोटे-बड़े होने के कारण होता है।

प्रश्न 6.
पृथ्वी की वार्षिक गति के कोई तीन प्रभाव बताओ।
उत्तर-

  1. वार्षिक गति के आधार पर हम अपने कैलेंडर (समय सारणी) बनाते हैं।
  2. पृथ्वी पर ऋतुओं का परिवर्तन भी वार्षिक गति के कारण ही होता है।
  3. दिन और रात का घटना-बढ़ना भी वार्षिक गति के कारण ही होता है।

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प्रश्न 7.
ध्रुवों पर छः मास का दिन और छः मास की रात क्यों होती है?
उत्तर-
पृथ्वी के अक्षीय झुकाव के कारण 22 मार्च से 23 सितम्बर तक के छ: मास उत्तरी ध्रुव सूर्य की ओर झुका रहता है। अतः पूरे छः मास तक सूर्य की किरणें पड़ती हैं और यहां छः महीने का दिन होता है। इसके विपरीत इन छ: महीनों में दक्षिणी ध्रुव सूर्य । से परे रहता है और इस पर सूर्य की किरणें बिल्कुल नहीं पड़ती। इसलिए इन छ: महीनों में दक्षिणी ध्रुव पर रात रहती है। अगले छ: महीनों अर्थात् 23 सितम्बर से 22 मार्च तक दक्षिणी ध्रुव सूर्य के सामने झुका होता है, जबकि उत्तरी ध्रुव सूर्य से परे रहता है.और उत्तरी । ध्रुव इन महीनों में पूरी तरह अंधकार में रहता है। परिणामस्वरूप इन छ: मासों में दक्षिणी . ध्रुव पर दिन रहता है और उत्तरी ध्रुव पर रात।

प्रश्न 8.
यदि पृथ्वी का अक्ष-तल पर 66½° का कोण बनाने के स्थान पर लम्बवत् होता तो दिन और रात की लम्बाई तथा ऋतु परिवर्तन पर क्या प्रभाव पड़ता?
उत्तर-
यदि पृथ्वी का अक्ष कक्ष-तल पर 66½° का कोण बनाने के स्थान पर लम्बवत् होता तो प्रकाश वृत्त पृथ्वी को दो समान भागों में बांटता और सूर्य किसी विशेष स्थान पर सदा एक ही ऊंचाई पर रहता। इसके परिणामस्वरूप दिन-रात की लम्बाई तथा ऋतु परिवर्तन पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ते –

  1. पृथ्वी का प्रत्येक स्थान आधा समय प्रकाश में और आधा समय अन्धेरे में रहता है। अतः प्रत्येक स्थान पर दिन-रात बराबर होते हैं। दूसरे शब्दों में, प्रत्येक स्थान पर 12 घण्टे का दिन तथा 12 घण्टे की रात होती है।
  2. सूर्य की समान ऊंचाई के कारण ऋतु परिवर्तन न होता अर्थात् जिस स्थान पर जो ऋतु होती, वहां वही ऋतु रहती।

प्रश्न 9.
यदि पृथ्वी अपनी धुरी पर पूर्व से पश्चिम की ओर घूमती होती तो क्या होता?
उत्तर-
पृथ्वी का पूर्व से पश्चिम की ओर घूमना-यदि पृथ्वी पूर्व से पश्चिम की ओर घूमती होती तो सूर्य पश्चिम दिशा से निकलता हुआ और पूर्व दिशा में छिपता हुआ दिखाई देता।

पृथ्वी के धुरी पर न घूमने का परिणाम-यदि पृथ्ह्यवी धुरी पर न घूमती होती तो दिन-रात न बनते। इसके साथ ही सूर्य निकलने तथा छिपने के समय निश्चित न किए जा सकते।

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निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
पृथ्वी की दैनिक गति से क्या अभिप्राय है? इस गति के कारण क्या परिणाम (प्रभाव) होते हैं?
उत्तर-
पृथ्वी अपनी धुरी पर सृदा पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है और लगभग 24 घण्टे में एक चक्र पूरा करती है। पृथ्वी की इस गति को दैनिक गति कहते हैं।
परिणाम- इस गति के निम्नलिखित परिणाम होते हैं –

1. इस गति के कारण दिन और रात बनते हैं। पृथ्वी अपनी धुरी पर सूर्य के सामने घूमती है। घूमते हुए इसका एक भाग सूर्य के सामने रहता है और दूसरा भाग सूर्य से दूर रहता है। इसके सूर्य के सामने वाले भाग में प्रकाश होगा और वहां दिन होगा, परन्तु इसका जो भाग सूर्य से दूर होगा वहां अन्धेरा होगा और वहां रात होगी।

2. इस गति के कारण सूर्य, ग्रह, उपग्रह आदि पूर्व से पश्चिम की ओर जाते हुए दिखाई देते हैं। इससे यह्यह पता चलता है कि पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर घूम रही हैं।

3. पृथ्वी की दैनिक गति के कारण ही भिन्न-भिन्न स्थानों का समय भिन्न-भिन्न होता है।

4. पृथ्वी की दैनिक गति के कारण पृथ्वी पर चलने वाली स्थायी पवनों तथा सागरीय धाराओं की दिशा बदलती है। अर्थात् वे अपने बाईं या दाईं ओर मुड़ जाती हैं।

प्रश्न 2.
पृथ्वी की वार्षिक गति से क्या अभिप्राय है? इस गति के कारण क्या परिणाम निकलते हैं?
उत्तर-
पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है। यह सूर्य के गिर्द एक निश्चित अण्डाकार रास्ते पर घूमती है और 365¼ दिन में एक चक्र पूरा करती है। पृथ्वी की इस गति को वार्षिक गति कहते हैं।
PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 3 पृथ्वी की गतियाँ 1
परिणाम-पृथ्वी की वार्षिक गति के परिणाम इस प्रकार हैं –

  1. इस गति के कारण ऋतुएं बदलती हैं।
  2. वार्षिक गति से पूरे वर्ष का कैलण्डर बनता है। इस परिक्रमा को हम एक वर्ष का मान कर 12 महीनों में बांट लेते हैं। महीनों को दिनों में बांट लिया जाता है।
  3. पृथ्वी पर दिन-रात का समय एक समान नहीं रहता। सर्दियों में रातें बड़ी और दिन छोटे होते हैं, परन्तु गर्मियों में रातें छोटी और दिन बड़े होते हैं। यह भिन्नता भी वार्षिक गति के कारण ही होती है।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 3 पृथ्वी की गतियाँ

प्रश्न 3.
ऋतुओं के बदलने की क्रिया का सचित्र वर्णन करो।
उत्तर-
ऋतुएं निम्नलिखित कारणों से बदलती हैं –

  1. पृथ्वी का अपनी धुरी पर एक ही दिशा में झुके रहना।
  2. पृथ्वी का 365¼ दिनों में सूर्य की परिक्रमा करना।
  3. दिन-रात का छोटा-बड़ा होना।

ऋतु परिवर्तन की अवस्थाएं-पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करते हुए 3-3 महीने के पश्चात् अपनी अवस्था बदलती रहती है, जिससे ऋतुओं में परिवर्तन आता है। इन अवस्थाओं का वर्णन इस प्रकार है –

21 जून की अवस्था-21 जून को उत्तरी ध्रुव सूर्य की ओर झुका होता है और दक्षिणी ध्रुव सूर्य से दूर होता है। इसलिए उत्तरी अर्द्ध गोले में गर्मी की ऋतु और दक्षिणी अर्द्ध गोले में सर्दी की ऋतु होगी। उत्तरी अर्द्ध गोले का अधिक भाग प्रकाश में और कम भाग अन्धेरे में होता है। इसलिए वहां दिन बड़े और रातें छोटी होती हैं। इसके विपरीत दक्षिणी अर्द्ध गोले में दिन छोटे और रातें बड़ी होती हैं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 3 पृथ्वी की गतियाँ 2

23 सितम्बर की अवस्था-23 सितम्बर को उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव दोनों ही एक समान सूर्य की ओर झुके होते हैं। इस समय सूर्य की किरणें भूमध्य रेखा पर पड़ती हैं। उत्तरी अर्द्ध गोले में पतझड़ और दक्षिणी अर्द्ध गोले में बसन्त ऋतु होती है।

22 दिसम्बर की अवस्था-22 दिसम्बर को उत्तरी ध्रुव सूर्य से दूर होता है और दक्षिणी ध्रुव सूर्य की ओर झुका हुआ होता है। सूर्य की किरणें मकर रेखा पर सीधी पड़ रही होती हैं। इस दशा में दक्षिणी अर्द्ध गोले में दिन बड़े और रातें छोटी होती हैं। अतः दक्षिणी अर्द्ध गोले में गर्मी की ऋतु और उत्तरी अर्द्ध गोले में सर्दी की ऋतु होती है।

21 मार्च की अवस्था-इस दिन सूर्य की किरणें भूमध्य रेखा पर सीधी पड़ती हैं। दोनों ध्रुव एक समान सूर्य की ओर झुके होते हैं। उत्तरी अर्द्ध गोले में बसन्त ऋतु और दक्षिणी अर्द्ध गोले में पतझड़ की ऋतु होती है।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 3 पृथ्वी की गतियाँ

पृथ्वी की गतियाँ PSEB 6th Class Social Science Notes

  • घूर्णन – पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना, घूर्णन कहलाता है।
  • परिक्रमण/वार्षिक गति – पृथ्वी का सूर्य के गिर्द घूमना, वार्षिक गति कहलाता है।
  • दिन-रात का बनना – दिन-रात पृथ्वी की दैनिक गति के परिणामस्वरूप बनते हैं।
  • ऋतु-परिवर्तन – ऋतुओं में परिवर्तन पृथ्वी की वार्षिक गति का परिणाम है।
  • समान दिन-रात – 21 मार्च तथा 23 सितंबर को सारे संसार में दिन और रात समान होते हैं।
  • विसूवी – वह समय जब सूर्य की किरणें भूमध्य रेखा पर. सीधी पड़ती हैं तथा दिन-रात बराबर होते हैं।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 3 फ़सलों का विभाजन

Punjab State Board PSEB 6th Class Agriculture Book Solutions Chapter 3 फ़सलों का विभाजन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Agriculture Chapter 3 फ़सलों का विभाजन

PSEB 6th Class Agriculture Guide फ़सलों का विभाजन Textbook Questions and Answers

(क) एक या दो शब्दों में उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1.
मूली के परिवार समूह का नाम बताओ।
उत्तर-
सरसों या करुसीफरी परिवार समूह।

प्रश्न 2.
दो चारे वाली फसलों के नाम बताओ।
उत्तर-
ज्वार, बाजरा।

प्रश्न 3.
दो चीनी वाली फसलों के नाम बताओ।
उत्तर-
कमाद, चुकंदर।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 3 फ़सलों का विभाजन

प्रश्न 4.
रबी की दो फसलों के नाम बताओ।
उत्तर-
धान, मक्की।

प्रश्न 5.
ख़रीफ की दो फसलों का नाम बताओ।
उत्तर-
गेहूँ, बरसीम।

प्रश्न 6.
किस परिवार समूह की फसलों के पौधे वायुमण्डल में व्याप्त-नाइट्रोजन को ज़मीन में जमा करते हैं ?
उत्तर-
दाल या लैगूमनोसी।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 3 फ़सलों का विभाजन

प्रश्न 7.
किस परिवार समूह की फसलों के दानों में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है ?
उत्तर-
दाल या लैगूमनौसी।

प्रश्न 8.
कौन-सी फसलों को खेत में ही जोत दिया जाता है ?
उत्तर-
हरी खाद वाली फसलें जैसे सन, ढेंचा।

प्रश्न 9.
गर्म जलवायु (Tropical) की दो फसलों के नाम बताओ।
उत्तर-
कमाद, कपास, धान।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 3 फ़सलों का विभाजन

प्रश्न 10.
मुख्य फसलों के मध्य शेष समय में बोई जानी वाली फसलों को क्या कहा जाता है ?
उत्तर-
आपात्कालीन फसलें जैसे-तोरिया, सट्ठी मूंगी, सट्ठी मक्की आदि।

(ख) एक-दो वाक्यों में उत्तर दीजिए –

प्रश्न 1.
फसल को कहते हैं ?
उत्तर-
किसी विशेष उद्देश्य के लिए उगाए जाने वाले पौधों के समूह जोकि आर्थिक या व्यापारिक महत्त्व रखते हैं, को फसल कहा जाता है।

प्रश्न 2.
फसलों का विभाजन क्यों किया जाता है ?
उत्तर-
फसलों को भिन्न भिन्न आधार पर भिन्न-भिन्न वर्गों में विभाजित किया जाता है। इस तरह उनसे सम्बन्धित जानकारी, योजनाबंदी, पैदावार, सुरक्षा तथा उनके प्रयोग को आसान किया जा सकता है।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 3 फ़सलों का विभाजन

प्रश्न 3.
दाल या लैगूमनोसी (Leguminoseae) परिवार समूह के बारे में बताओ।
उत्तर-
इस पारिवारिक समूह में दालों वाली फसलें जैसे कि मंगी, अरहर, चने, माह तथा सोयाबीन आदि आते हैं। इस परिवार की फसलों में प्रोटीन की मात्रा बहुत होती है। इस परिवार की फसलों के पौधे हवा में से नाइट्रोजन को अपनी जड़ों की गांठों द्वारा ज़मीन में एकत्र करते हैं। इनको इसलिए यूरिया की छोटी फैक्ट्रियां भी कहा जाता है।

प्रश्न 4.
अंतर फसलें क्या होती हैं ?
उत्तर-
यह ऐसी फसलें हैं जिनको किसी मुख्य फसल की कतारों में खाली बचती जगह में कतारों में ही बोया जाता है, जैसे-कपास में मूंगी आदि।

प्रश्न 5.
ट्रैप (Trap) फसलें कौन-सी होती हैं ?
उत्तर-
इन फसलों का काम मुख्य फसल को कीटों से बचाना होता है इनको कीटों को आकर्षित करने के लिए बोया जाता है क्योंकि कीट इस फसल को मुख्य फसल से अधिक पसंद करते हैं। इन फसलों का उद्देश्य पूरा होने पर इन्हें उखाड़ दिया जाता है। जैसे-कमाद में मक्की।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 3 फ़सलों का विभाजन

प्रश्न 6.
वार्षिक और बहुवार्षिक फसलों में क्या अंतर है ?
उत्तर-
वार्षिक फसलें-

  1. ये फसलें एक वर्ष में अपना जीवनकाल पूरा कर लेती हैं।
  2. उदाहरण-गेहूँ, मक्की।

बहुवार्षिक फसलों –

  1. ये फसलें एक बार पैदा होने के बाद कई वर्षों तक चलती रहती हैं।
  2. उदाहरण-कमाद, किन्नू, आम।

प्रश्न 7.
आपात्कालीन फसलें कौन-सी होती हैं ?
उत्तर-
ये फसलें दो मुख्य फसलों के बीच बचते समय या मुख्य फसल खराब हो जाने की हालत में बोई जाती हैं। ये बहुत जल्दी बढ़ती हैं : जैसे-सट्ठी मूंगी, सट्ठी मक्की, तोरिया आदि।

प्रश्न 8.
धागे वाली फसलों का किस उद्योग में प्रयोग किया जाता है ? उदाहरण सहित लिखो।
उत्तर-
कपास, सन तथा पटसन ऐसी फसलें हैं। इन फसलों को बारीक तथा मोटा धागा प्राप्त करने के लिए उगाया जाता है। इस धागे को कपड़ा तथा पटसन उद्योग में प्रयोग किया जाता है।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 3 फ़सलों का विभाजन

प्रश्न 9.
किनारे पर बोआई के लिए कौन-सी फसलें उपयोगी होती हैं ?
उत्तर-
यह फसलें मुख्य फसल को आंधी या पशुओं आदि से बचाने के काम आती हैं तथा इनमें कुछ अतिरिक्त आमदन भी हो जाती है। इनको खेत के चारों ओर किनारों पर लगाया जाता है-जैसे अरहर, जंतर आदि।

प्रश्न 10.
गर्म और सर्द जलवायु की फसलों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

  1. गर्म जलवायु वाली फसल-कमाद, कपास, धान ।
  2. ठण्डे जलवायु वाली फसल-गेहूँ, जौ।

(ग) पांच-छ: वाक्यों में उत्तर दीजिए –

प्रश्न 1.
दाल या लैगूमनोसी (Leguminoseae) परिवार समूह के बारे में विस्तारपूर्वक बताओ।
उत्तर-
इस परिवार समूह में दालों वाली फसलें जैसे, मांह, मुंगी, चने, सोयाबीन, अरहर आदि आती हैं । इस परिवार समूह की फसलें हवा में से नाइट्रोजन को अपनी जड़ों की गांठों द्वारा ज़मीन में जमा कर लेती हैं। इनको यूरिया की छोटी प्राकृतिक फैक्ट्रियां भी कहा जाता है।
इन फसलों के दानों में पोषक तत्त्व तथा प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 3 फ़सलों का विभाजन

प्रश्न 2.
हरी खाद वाली फसलों पर नोट लिखें।
उत्तर-
यह फलीदार पौधों की फसल होती हैं जो हवा में से नाइट्रोजन को ज़मीन में जमा करती है तथा जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने में सहायक है। यह फसल जब हरी होती है तो इसको खेत में ही जोत दिया जाता है, इसकी उदाहरण है-सन, जंतर आदि।

प्रश्न 3.
पशुओं के आचार (Silage) के लिए कौन-सी फसलें उपयोगी होती हैं और क्यों ?
उत्तर-
ये फसलें हैं मक्की, जवी, ज्वार आदि। यह फसलें पशुओं के लिए चारे से अचार बनाने के लिए प्रयोग की जाती हैं। इस अचार को हरे चारे के कमी वाले दिनों के लिए प्रयोग किया जाता है। इन फसलों में नमी कम तथा सूखा मादा अधिक होता है।

प्रश्न 4.
असिंचित फसलें किसे कहते हैं ?
उत्तर-
इन फसलों की सिंचाई के लिए कोई प्रबन्ध नहीं किए जाते या नहीं किए जा सकते इसलिए ये फसलें केवल वर्षा के पानी के सहारे ही उगाई जाती हैं तथा वर्षा का होना निचित नहीं होता। राजस्थान में होने वाली फसलें बरौनी (असिंचित) फसलें होती है।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 3 फ़सलों का विभाजन

प्रश्न 5.
ऋतुओं के आधार पर फसलों के विभाजन के बारे में बताओ।
उत्तर-
ऋतुओं के अनुसार विभाजन-
1. ख़रीफ की फसलें-ये फसलें जूनजुलाई या मानसून के आने पर बोई जाती हैं। इनको अक्तूबर नवंबर में काट लिया जाता है। उदाहरण-धान, मक्की, बासमती, कपास, गन्ना, बाजरा, अरहर, मूंगफली आदि।

2. रबी की फसलें-ये फसलें अक्तूबर-नवंबर में बोई जाती हैं। इनको मार्च अप्रैल में काट लिया जाता है। उदाहरण-गेहूँ, जौ, जवी, बरसीम, लूसण, चने, मसूर, सरसों, तोरिया, तारामीरा, सूर्यमुखी तथा अलसी आदि।

Agriculture Guide for Class 6 PSEB फ़सलों का विभाजन Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
ख़रीफ की फसलें किस महीने बोई जाती हैं ?
उत्तर-
जून-जुलाई या मानसून के आने पर।

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प्रश्न 2.
रबी की फसलें कब बोई जाती हैं ?
उत्तर-
इनको अक्तूबर-नवंबर के माह में बोया जाता है।

प्रश्न 3.
घास या ग्रैमनी परिवार समूह का उदाहरण दें।
उत्तर-
गेहूँ, धान, मक्का , जौ।

प्रश्न 4.
यूरिया की छोटी प्राकृतिक फैक्टरी किस फसल को कहा जाता है ?
उत्तर-
दाल या लैगूमनोसी परिवार समूह की फसलें जैसे मूंगी, मांह आदि।

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प्रश्न 5.
मालवेसी परिवार समूह का उदाहरण दें।
उत्तर-
कपास तथा भिण्डी।

प्रश्न 6.
अनाज की फसलों की उदाहरण दें।
उत्तर-
धान, बासमती, ज्वार, बाजरा, गेहूँ।

प्रश्न 7.
प्रोटीन की मात्रा कौन-सी फसलों में अधिक होती है ?
उत्तर-
दाल वाली फसलों में।

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प्रश्न 8.
तेल बीज फसलों का उदाहरण दें।
उत्तर-
तोरिया, अलसी, सूर्यमुखी, तारामीरा।

प्रश्न 9.
मसाले वाली फसलों का उदाहरण दें।
उत्तर-
धनिया, अदरक, हल्दी, काली मिर्च आदि।

प्रश्न 10.
चारे वाली फसलों का उदाहरण दें।
उत्तर-
बरसीम, लूसण, जवी आदि।

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प्रश्न 11.
बहुवर्षीय फसलों का उदाहरण दें।
उत्तर-
कमाद, किन्न, आम आदि।

प्रश्न 12.
आपात्कालीन या संकटकालीन फसल का उदाहरण दें।
उत्तर-
तोरिया, सट्ठी मूंगी, सट्ठी मक्की।

प्रश्न 13.
गर्म जलवायु की फसलों का उदाहरण दें।
उत्तर-
कमाद, कपास, धान आदि।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 3 फ़सलों का विभाजन

प्रश्न 14.
ठण्डे जलवायु की फसलों की उदाहरण दें।
उत्तर-
गेहूँ, जौ।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
किनारे पर बोने वाली फसलों के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
ये फसलें मुख्य फसलों को आंधी या पशुओं आदि से बचाती हैं तथा इनसे अतिरिक्त आय भी हो जाती है। इनको खेत के चारों तरफ किनारों पर लगाया जाता है, जैसे अरहर, जंतर आदि।

प्रश्न 2.
सिंचित फसलों के बारे में क्या जानते हो ?
उत्तर-
ये फसलें ऐसी हैं जिनकी सिंचाई के लिए पानी का प्रबंध होता है। ये केवल वर्षा के पानी पर निर्भर नहीं होती जैसे-पंजाब में होने वाली फसलें।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 3 फ़सलों का विभाजन

प्रश्न 3.
धागे वाली फसलों के बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
कपास, सन तथा पटसन ऐसी फसलें हैं। इन फसलों को बारीक तथा मोटे धागे प्राप्त करने के लिए उगाया जाता है। इस धागे को कपड़ा तथा पटसन उद्योग में प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 4.
अनाज वाली फसलों के बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
कोई भी घास जैसी फसल जिसके दानों को खाने के लिए प्रयोग किया जाता है उसको अनाज वाली फसल कहा जाता है-जैसे-गेहूँ, धान, ज्वार आदि।

बड़े उत्तर वाला प्रश्न

प्रश्न-
फसलों के जलवायु आधारित विभाजन के बारे में बताओ।
उत्तर-

  1. गर्म जलवायु (Tropical) की फसलें-ये फसलें गर्म क्षेत्रों में होती हैं जहां ठण्ड नहीं पड़ती, जैसे कपास, धान, कमाद आदि।
  2. ठण्डी जलवायु (Temperate) वाली फसलें-जिन स्थानों पर ठण्ड पड़ना निश्चित होता है ये फसलें ऐसे क्षेत्रों में होती हैं-जैसे-गेहूँ, जौ आदि।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 3 फ़सलों का विभाजन

फ़सलों का विभाजन PSEB 6th Class Agriculture Notes

  1. आर्थिक व व्यापारिक महत्त्व वाले पौधों के समूह को जब किसी विशेष उद्देश्य के लिए उगाया जाता है तो इसको फसल कहा जाता है।
  2. ऋतु अनुसार फसल दो तरह की होती है-रबी की फसलें, खरीफ की फसलें।
  3. वनस्पति विज्ञान के आधार पर फसलों के कुछ परिवार समूह हैं-घास या ग्रेमनी, दाल या लेगूमनोसी, सरसों या करुसीफरी, मालवेसी आदि।
  4. फसल प्रबंध या आर्थिक आधार पर फसलों का विभाजन इस तरह है-अनाज वाली फसलें, दाल वाली, तेल बीज वाली, चारे वाली, स्टार्च वाली, धागे वाली, सब्जी वाली, चीनी वाली, मसाले वाली आदि।
  5. वार्षिक फसलें हैं-गेहूँ, मक्की।
  6. द्विवार्षिक फसलें-प्याज़, चुकंदर।
  7. बहुवर्षीय फसलें हैं-कमाद, किन्नू, आम आदि।
  8. हरी खाद वाली फसलें-सन, जंतर (ढेंचा)।
  9. आपात्कालीन फसलें-तोरिया, सट्ठी मक्की, सट्ठी मूंगी।
  10. पशुओं के लिए अचार वाली फसलें-मक्का, जवी, ज्वार।
  11. अंतर फसलें-कपास में मंगी।
  12. किनारे पर बोई जाने वाली फसलें-अरहर, जंतर।
  13. ट्रैप फसलें-कमाद में मक्की।
  14. गर्म जलवायु की फसलें-कमाद, कपास, धान।
  15. ठण्डी (सर्द) जलवायु की फसलें-गेहूँ, जौ।
  16. सेंजू (सिंचित) फसलें वे हैं जिनको सिंचाई वाले पानी की सहायता से उगाया जाता है।
  17. बरौनी (असिंचित) फसलें वे हैं जो वर्षा के पानी से ही उगाई जाती हैं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 17 चालुक्य तथा पल्लव

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions History Chapter 17 चालुक्य तथा पल्लव Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 17 चालुक्य तथा पल्लव

SST Guide for Class 6 PSEB चालुक्य तथा पल्लव Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखें

प्रश्न 1.
दक्षिण भारत के चालुक्यों के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
सातवाहन शासकों के पतन के पश्चात् दक्षिण भारत में छोटे-छोटे राज्य अस्तित्व . में आ गए। वाकाटकों ने एक मज़बूत राज्य बनाने का प्रयत्न किया लेकिन वह अधिक समय टिक न सका। उसी समय छठी शताब्दी ई० में दक्षिण भारत में शक्ति चालुक्य वंश के हाथों में आ गई। इन्होंने बीजापुर जिले में वातापी को अपनी राजधानी बनाया। पुलकेशिन प्रथम, कीर्तिवर्मन तथा पुलकेशिन द्वितीय आदि इस वंश के प्रमुख शासक थे। परन्तु पुलकेशिन द्वितीय इस वंश का सबसे शक्तिशाली शासक था। उसने नर्मदा नदी के तट पर हर्षवर्धन को बुरी तरह . से हराया था। उसने दक्षिण भारत के बहुत-से प्रदेशों को जीता था तथा तमिलनाडु के पल्लवों को हराया था। लेकिन वह पल्लव शासक नरसिंहवर्मन से हार गया तथा 642 ई० में उसकी मृत्यु हो गई। पुलकेशिन द्वितीय के उत्तराधिकारी अयोग्य थे। इसलिए 8वीं शताब्दी के मध्य में राष्ट्रकूटों ने चालुक्यों को हराकर चालुक्य वंश का अन्त कर दिया।

प्रश्न 2.
चालुक्य मन्दिरों के बारे में एक नोट लिखें।
उत्तर-
चालुक्य शासकों को मन्दिर निर्माण से विशेष प्रेम था। इसलिए उन्होंने एहोल, वातापी तथा पट्टदकल में अनेक प्रसिद्ध मन्दिरों का निर्माण करवाया। वीरूपाक्ष तथा पम्पनाथ के मन्दिर बहुत प्रसिद्ध हैं। चालुक्यों ने प्रमुख रूप से ब्रह्मा, विष्णु तथा शिव की पूजा के लिए मन्दिर बनवाए। इन मन्दिरों की दीवारों पर रामायण के दृश्यों को बहुत सुन्दर ढंग से दिखाया गया है। चालुक्यों ने वातापी में गफ़ा-मन्दिरों का भी निर्माण करवाया, जो अपनी कलात्मक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 17 चालुक्य तथा पल्लव

प्रश्न 3.
पल्लवों के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
पल्लव शासक तमिलनाडु तथा आंध्र प्रदेश के कई भागों पर शासन करते थे। पहले वे सातवाहनों के अधीन थे। परंतु सातवाहनों के पतन के बाद उन्होंने अपनी स्वतंत्र सत्ता स्थापित कर ली। पल्लव राजवंश आंरभ में पल्लव राजा विष्णु, गोपवर्मन गुप्त शासक समुद्र गुप्त से हार गया था।

छठी शताब्दी के अन्त में सिंहवर्मन ने एक नवीन पल्लव वंश की स्थापना की। महेन्द्रवर्मन प्रथम, नरसिंहवर्मन प्रथम तथा नरसिंहवर्मन द्वितीय इस वंश के प्रसिद्ध शासक थे। महेन्द्रवर्मन चालुक्य शासक पुलकेशिन द्वितीय के साथ लम्बे समय तक लड़ता रहा। वह चित्रकला तथा नाच-गाने का बहुत शौकीन था। नरसिंहवर्मन प्रथम ने पुलकेशिन द्वितीय को युद्ध में हराया था। उसने श्रीलंका पर भी दो बार सफल हमले किए थे। नौवीं शताब्दी में पल्लव चोल राजाओं से हार गए तथा उनका राज्य समाप्त हो गया।

प्रश्न 4.
पल्लवों की मूर्ति कला एवं भवन-निर्माण के बारे में लिखें।
उत्तर-
पल्लव शासक कला तथा भवन निर्माण कला के महान् प्रेमी एवं संरक्षक थे। इन्होंने अनेक मन्दिरों का निर्माण करवाया। इन्होंने महाबलिपुरम में समुद्र के तट पर कई गुफ़ा-मन्दिर बनवाए। इनमें से कुछ मन्दिरों को रथ-मन्दिर कहते हैं तथा इनके नाम महाभारत के पाण्डवों के नाम परं रखे गए हैं। पल्लवों ने अपनी राजधानी कांचीपुरम में कैलाशनाथ नामक एक प्रसिद्ध मन्दिर बनवाया था। इनके मन्दिरों में देवी-देवताओं की मूर्तियों के अतिरिक्त पल्लव राजा-रानियों की मूर्तियां भी स्थापित थीं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 17 चालुक्य तथा पल्लव

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करो

  1. चालुक्य वंश के …………. एवं ……………. प्रसिद्ध राजा थे।
  2. चालुक्य शासक …………… के महान् संरक्षक थे।
  3. ……………… ने पल्लव वंश की नींव रखी।
  4. पल्लवों की राजधानी तामिलनाडु में चेन्नई के समीप ………. में थी।
  5. पल्लव ………….. एवं ……………. कला के प्रेमी तथा संरक्षक थे।

उत्तर-

  1. पुलकेशिन प्रथम, कीर्तिवर्मन
  2. कला
  3. सिंह वर्मन
  4. कांचीपुरम
  5. मूर्तिकला, भवन निर्माण।

III. सही जोड़े बनायें:

  1. ईरानी राजदूत – (क) चालुक्य मन्दिर
  2. वीरूपाक्ष – (ख) पुलकेशिन द्वितीय
  3. महाबलिपुरम – (ग) पल्लव राजा
  4. महेन्द्रवर्मन – (घ) रथ मन्दिर

उत्तर-सही जोड़े

  1. ईरानी राजदूत – पुलकेशिन द्वितीय
  2. वीरूपाक्ष – चालुक्य मन्दिर
  3. महाबलिपुरम – रथ मन्दिर
  4. महेन्द्रवर्मन – पल्लव राजा

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IV. सही (✓) अथवा ग़लत (✗) बताएं

  1. पुलकेशिन द्वितीय का हर्षवर्धन से युद्ध हुआ।
  2. एहोल तथा पट्टदकल को समुद्र तट के लिए जाना जाता है।
  3. कांचीपुरम चालुक्यों की राजधानी थी।
  4. कैलाशनाथ मन्दिर पल्लवों ने बनवाया था।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✗)
  4. (✓)

PSEB 6th Class Social Science Guide चालुक्य तथा पल्लव Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
चालुक्य दक्षिणी दक्कन के प्रसिद्ध राजा (छठी शताब्दी ई०) थे। उनकी राजधानी का नाम बताएं।
उत्तर-
वातापी (बादामी)।

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प्रश्न 2.
चालुक्यों द्वारा बनवाए गए दो सबसे प्रसिद्ध मंदिरों के नाम बताएं।
उत्तर-
वीरूपाक्ष तथा पम्पनाथ मंदिर।

प्रश्न 3.
कांची का प्रसिद्ध ‘कैलाशनाथ मंदिर’ किस राजवंश के शासकों ने बनवाया था?
उत्तर-
पल्लव।

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
चालुक्यों ने किस धर्म को संरक्षण दिया?
(क) हिन्दू धर्म
(ख) जैन धर्म
(ग) इस्लाम धर्म।
उत्तर-
(ख) जैन धर्म

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 17 चालुक्य तथा पल्लव

प्रश्न 2.
नीचे दर्शाए गए मंदिर का निर्माण किस वंश के शासकों ने करवाया?
PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 17 चालुक्य तथा पल्लव 1
(क) पल्लव
(ख) चालुक्य
(ग) गुप्त।
उत्तर-
(क) पल्लव

प्रश्न 3.
भारत में कई विदेशी यात्री भारत आये। इनमें कुछ चीनी यात्री भी शामिल थे। इनमें से कौन-सा यात्री 641 ई० में पुलकेशिन द्वितीय के राज्य में आया था?
(क) फाह्यान
(ख) ह्यूनसांग
(ग) इत्सिंग।
उत्तर-
(ख) ह्यूनसांग

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पुलकेशिन द्वितीय के राज्य में कौन-सा यात्री भारत आया था?
उत्तर-
पुलकेशिन द्वितीय के राज्य में चीनी यात्री ह्यनसांग भारत आया था।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 17 चालुक्य तथा पल्लव

प्रश्न 2.
चालुक्य राजाओं ने किन-किन नगरों में कई प्रसिद्ध मन्दिर बनवाए?
उत्तर-
चालुक्य राजाओं ने एहोल, वातापी तथा पट्टदकल में कई प्रसिद्ध मन्दिर बनवाए।

प्रश्न 3.
पल्लव वंश का राज्य-विस्तार बताएं।
उत्तर-
पल्लव वंश का राज्य-विस्तार तमिलनाडु तथा आन्ध्र प्रदेश के कई भागों में था।

प्रश्न 4.
गुप्त सम्राट् समुद्रगुप्त ने कौन-से पल्लव शासक को हराया था?
उत्तर-
गुप्त सम्राट् समुद्रगुप्त ने पल्लव शासक गोपवर्मन को हराया था।

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प्रश्न 5.
महाबलिपुरम के रथ मन्दिरों के नाम किन के नाम पर रखे गए हैं?
उत्तर-
महाबलिपुरम के रथ मन्दिरों के नाम महाभारत के पाण्डवों के नाम पर रखे गए हैं।

प्रश्न 6.
कांचीपुरम में स्थित एक प्रसिद्ध मन्दिर का नाम लिखो। यह किसने बनवाया था?
उत्तर-
कांचीपुरम में स्थित एक प्रसिद्ध मन्दिर ‘कैलाशनाथ’ है। यह मन्दिर पल्लव शासकों ने बनवाया था।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
चालुक्य राज्य की स्थापना पर एक नोट लिखें।
उत्तर-
उत्तरी महाराष्ट्र तथा बरार (विदर्भ) में सातवाहनों के पतन के पश्चात् वाकाटकों ने एक शक्तिशाली राज्य की नींव रखने का यत्न किया लेकिन वे अपने प्रयत्नों में सफल न हो सके। फिर चालुक्य वंश ने छठी शताब्दी के आरम्भ में दक्षिण भारत के पश्चिम में अपना राज्य स्थापित कर लिया। इस वंश की राजधानी वातापी थी। इस वंश की स्थापना का श्रेय पुलकेशिन प्रथम को प्राप्त था।

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प्रश्न 2.
कीर्तिवर्मन के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
कीर्तिवर्मन पुलकेशिन प्रथम का पुत्र था जो उसकी मृत्यु के पश्चात् चालुक्य वंश का राजा बना। कीर्तिवर्मन काफ़ी शक्तिशाली राजा था। उसने उत्तरी कोंकण तथा कन्नड़ प्रदेश को जीतकर अपने साम्राज्य में मिला लिया। उसे भवन-निर्माण का बहुत शौक था। उसने वातापी में अनेक सुंदर तथा शानदार इमारतों का निर्माण करवाया।

प्रश्न 3.
पल्लव राजा नरसिंहवर्मन के बारे में लिखें।
उत्तर-
नरसिंहवर्मन एक शक्तिशाली पल्लव राजा था। पल्लवों का चालुक्य वंश के साथ संघर्ष चलता रहता था। चालुक्य राजा पुलकेशिन द्वितीय ने महेन्द्रवर्मन को हराया था। लेकिन नरसिंहवर्मन ने पुलकेशिन द्वितीय को हरा दिया तथा उसको मार डाला। इसने कई अन्य विजयें भी प्राप्त की तथा अपने राज्य का विस्तार किया। इसने पाण्ड्य, चेर तथा चोल राजाओं के साथ युद्ध किए।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
पुलकेशिन द्वितीय के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
पुलकेशिन द्वितीय चालुक्य वंश का सबसे शक्तिशाली राजी था। उसने अपने 33 वर्षों के शासनकाल में अनेक युद्ध करके अपनी सैनिक योग्यता को सिद्ध किया। उसने सबसे पहले अपने चाचा को हरा कर उससे अपना राज्य वापिस लिया। उसने राष्ट्रकूटों के आक्रमणों का सफलतापूर्वक मुकाबला किया तथा कादम्बों पर आक्रमण करके उनकी राजधानी बनवासी को लूटा। उसकी शक्ति से प्रभावित होकर गंगवादी के गंगों तथा मालाबार के अलूपों ने उसकी अधीनता स्वीकार की। उसने उत्तरी कोंकण के मौर्य राजा को भी हराया। दक्षिण गुजरात के लाटों, मालवों तथा गुज्जरों ने भी उसकी शक्ति को स्वीकार कर लिया था। उसकी सैनिक सफलताओं से डर कर चोल, चेर तथा पांड्य के राजाओं ने भी उसकी अधीनता मान ली थी। यहां तक कि उसने हर्षवर्धन को भी युद्ध में हरा कर पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था।

पुलकेशिन द्वितीय एक महान विजेता ही नहीं बल्कि उच्चकोटि का राजनीतिज्ञ भी था। उसने विदेशी राजाओं के साथ कूटनीतिक सम्बन्ध स्थापित किए। उसने फारस के राजा खुसरू द्वितीय के पास अपना राजदूत भी भेजा।

परन्तु पुलकेशिन द्वितीय के अन्तिम दिन बड़े कष्टमय थे। पल्लवों ने अपने शासक नरसिंहवर्मन के नेतृत्व में चालुक्य राज्य पर कई बार सफल हमले किए तथा उसकी राजधानी वातापी को नष्ट कर दिया। 642 ई० में पुलकेशिन द्वितीय की मृत्यु हो गई।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 17 चालुक्य तथा पल्लव

प्रश्न 2.
महाबलिपुरम के मन्दिरों की विशेषताएं लिखें।
उत्तर-
महाबलिपुरम के मन्दिर चेन्नई से 69 किलोमीटर दूर महाबलिपुरम में स्थित हैं। ये मन्दिर पल्लव शासकों विशेष तौर पर महेन्द्रवर्मन तथा उसके पुत्र नरसिंहवर्मन द्वारा सातवीं शताब्दी में बनाए गए थे। इनमें से कुछ मन्दिरों को रथ मन्दिर कहा जाता है क्योंकि थोड़ी दूर से देखने पर इनका आकार रथ जैसा ही दिखाई देता है। इन रथ मन्दिरों के नाम पांडवों के नाम पर द्रौपदी रथ, धर्मराज रथ, भीम रथ, अर्जुन रथ आदि रखे गए हैं। ये मन्दिर एक ही चट्टान को काट कर बनाए गए हैं तथा इनमें कहीं भी जोड़ नहीं है। इन मन्दिरों में जो मूर्तियां रखी गई हैं, वे भी एक चट्टान को काटकर बनाई गई हैं। ये मूर्तियां बहुत सुन्दर तथा विशाल हैं। ये सभी मन्दिर शैव मन्दिर हैं। इन मन्दिरों के मुख्य दरवाज़ों को अच्छी प्रकार से सजाया गया है तथा मन्दिरों की दीवारों पर देवी-देवताओं की मूर्तियों के अलावा पल्लव राजाओं-रानियों की मूर्तियां भी हैं।
महाबलिपुरम में ही पल्लव शासक नरसिंहवर्मन द्वारा समुद्र तट पर बनवाए कई गुफ़ामन्दिर हैं जिन्हें कई प्रकार की मूर्तियों से सजाया गया है।

चालुक्य तथा पल्लव PSEB 6th Class Social Science Notes

  • चालुक्य वंश के महत्त्वपूर्ण राजा – चालुक्य वंश के आरम्भिक दो महत्त्वपूर्ण राजा पुलकेशिन प्रथम तथा कीर्तिवर्मन थे।
  • चालुक्य वंश की राजधानी – चालुक्य वंश की राजधानी वातापी थी, जिसे आजकल बादामी कहते हैं।
  • चालुक्य वंश का सबसे प्रसिद्ध राजा – चालुक्य वंश का सबसे प्रसिद्ध राजा पुलकेशिन द्वितीय था।
  • चालुक्य वंश का अन्त – चालुक्य वंश का अन्त 800 ई० के मध्य में हुआ।
  • पल्लवों के राज्य की स्थापना – पल्लवों के राज्य की स्थापना भी दक्षिणी भारत में चालुक्य वंश के साथ ही हुई थी। इस वंश का तमिलनाडु तथा आन्ध्र प्रदेश के कई भागों पर शासन था।
  • पल्लवों की राजधानी – पल्लवों की राजधानी कांचीपुरम थी।
  • पल्लव वंश के प्रसिद्ध राजा – विष्णुगोपवर्मन, सिंहवर्मन, महेन्द्रवर्मन तथा नरसिंहवर्मन प्रथम, पल्लव वंश के प्रसिद्ध राजा थे।
  • पल्लव काल के गुफ़ामन्दिर – पल्लव काल में महाबलिपुरम् में समुद्र तट पर गुफ़ा-मन्दिरों का निर्माण हुआ था।
  • पल्लव शासकों का धर्म – पल्लव शासक जैन तथा शैव धर्म के अनुयायी थे, लेकिन वे अन्य धर्मों का भी सम्मान करते थे
  • मणिमेखलाई तथा शिल्पादिकरम – मणिमेखलाई तथा शिल्पादिकरम पल्लव काल में लिखी गई दो महान् पुस्तकें थीं।

PSEB 6th Class Home Science Practical पट्टी बन्द करने के साधन

Punjab State Board PSEB 6th Class Home Science Book Solutions Practical पट्टी बन्द करने के साधन Notes.

PSEB 6th Class Home Science Practical पट्टी बन्द करने के साधन

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
टिच बटन कहाँ लगाया जाता है ?
उत्तर-
यह बटन हमेशा वहाँ लगाना चाहिए जहाँ पट्टियाँ ऊपर नीचे बनी हों।

प्रश्न 2.
हुक और आई कहाँ मिलते हैं ?
उत्तर-
हुक और आई बाज़ार में मिलते हैं।

प्रश्न 3.
कोट बटन कहाँ लगाया जाता है ?
उत्तर-
यह बटन कोट और पैंटों पर लगाया जाता है।

PSEB 6th Class Home Science Practical पट्टी बन्द करने के साधन

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
हुक लगाने की विधि लिखो।
उत्तर-

  1. ऊपर वाली पट्टी के अन्दर वाले हिस्से पर हुक रखकर दोहरे धागे के साथ हुक के नीचे बने गोल कुंडों को बारी-बारी से नत्थी करते हैं।
  2. प्रत्येक टाँका भरने के समय कपड़े के दो-तीन धागे लेते हैं।
  3. सूई को कपड़े से कुंडे के पास निकालकर उसके ऊपर कपड़ों के साथ सूई-धागे की सहायता से नत्थी करते हैं।

प्रश्न 2.
आई बनाने की विधि लिखो।
उत्तर-
सूई में दोहरा धागा डालते हैं। इसके बाद सूई को निचली पट्टी के नीचे से ऊपर निकालते हैं। अब दो सेंटीमीटर जगह छोड़कर सूई को कपड़े के नीचे से निकालकर धागे के पास निकालते हैं। इस तरह दो-तीन बार निकालते हैं। टाँका एक धागे के अन्तर से ही समानान्तर निकलना चाहिए। इसके बाद धागा आगे करना चाहिए। सूई को एक तरफ से इन धागों के नीचे से कपड़े के बीच से निकालकर दूसरी तरफ निकालते हैं। धागा आगे रहना चाहिए और सूई उसके बीच से निकालना चाहिए। इस प्रकार एक या दो सेंटीमीटर के धागे को दाएँ से बाएँ नत्थी करना चाहिए। जब पूरा हो जाए तो हुक की आई तैयार हो जाती है।

PSEB 6th Class Home Science Practical पट्टी बन्द करने के साधन

प्रश्न 3.
कोट बटन के बारे में तुम क्या जानते हो, लिखो।
उत्तर-
इस बटन को कोट और पैंटों पर लगाया जाता है। इसको बड़ी मज़बूती से लगाना चाहिए। यह बटन दूसरे बटन की अपेक्षा महँगा भी होता है और रोज़-रोज़ लाया भी नहीं जा सकता। इसलिए काम पक्का और साफ़ होना चाहिए।
PSEB 6th Class Home Science Practical पट्टी बन्द करने के साधन 1
चित्र 5.2.1. कोट बटन

प्रश्न 4.
निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखो
(क) टिच बटन
(ख) हुक ‘आई।
उत्तर-
(क) टिच बटन-यह बटन हमेशा वहाँ लगाया जाना चाहिए जहाँ पट्टियाँ ऊपर नीचे बनी हों। यह कमीज़, फ्रॉक, झबले आदि पर लगाए जाते हैं। कई व्यक्ति बच्चों के पट्टी वाले स्वैटर बनाकर वहाँ भी लगा देते हैं। जब छोटी मोहरी की सलवारों का प्रचलन था तो कहाँ भी टिच बटन या हुक लगाए जाते थे।
PSEB 6th Class Home Science Practical पट्टी बन्द करने के साधन 2
चित्र 5.2.2. टिच बटन

(ख) हुक ‘आई’-हुक और इसकी ‘आई’ बाज़ार में आसानी से मिल जाते हैं। यह भी टिच बटनों की तरह कमीज़ की बगल (साइड) और सलवार की तंग मोहरी और फ्रॉक आदि पर लगाए जाते हैं। इसको लगाने के लिए भी दोहरा धागा इस्तेमाल किया जाता है।
PSEB 6th Class Home Science Practical पट्टी बन्द करने के साधन 3
चित्र 5.2.3. हुक ‘आई

PSEB 6th Class Home Science Practical पट्टी बन्द करने के साधन

पट्टी बन्द करने के साधन PSEB 6th Class Home Science Notes

  • टिच बटन हमेशा वहाँ लगाना चाहिए जहाँ पट्टियाँ ऊपर नीचे बनी हों।
  • सूई में कपड़े के रंग का दोहरा धागा डालना चाहिए।
  • बटन को कोट और पैंटों पर लगाना चाहिए।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 16 हर्षवर्धन का काल (600-650 ई.)

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions History Chapter 16 हर्षवर्धन का काल (600-650 ई.) Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 16 हर्षवर्धन का काल (600-650 ई.)

SST Guide for Class 6 PSEB हर्षवर्धन का काल (600-650 ई.) Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखें

प्रश्न 1.
बाणभट्ट तथा ह्यनसांग के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
1. बाणभट्ट-बाणभट्ट हर्षवर्धन का राजकवि था। उसने अपनी पुस्तक ‘हर्षचरित’ में हर्षवर्धन के जीवन तथा कार्यों का वर्णन किया है।

2. ह्यूनसांग-ह्यूनसांग एक प्रसिद्ध चीनी यात्री था। वह हर्षवर्धन के शासनकाल में बौद्ध धर्म के ग्रन्थों का अध्ययन तथा तीर्थ यात्राएं करने के लिए भारत आया था। वह हर्षवर्धन के दरबार में शाही मेहमान बन कर रहा था। उसने अपनी पुस्तक ‘सी-यू-की’ में हर्षकाल के भारत का वर्णन किया है।

प्रश्न 2.
हर्षवर्धन पर एक नोट लिखें।
उत्तर-
हर्षवर्धन पुष्यभूति वंश का सबसे प्रसिद्ध राजा था। उसके पिता का नाम प्रभाकरवर्धन तथा बड़े भाई का नाम राज्यवर्धन था। पिता की मृत्यु के पश्चात् राज्यवर्धन पुष्यभूति वंश का शासक बना, लेकिन बंगाल के राजा शशांक ने उसको धोखे से मार दिया। इसलिए हर्षवर्धन अपने बड़े भाई की मृत्यु के पश्चात् 606 ई० में राजगद्दी पर बैठा। उसने अपनी राजधानी स्थाणेश्वर से बदल कर कन्नौज बना ली। फिर वह अपने साम्राज्य का विस्तार करने के कार्य में लग गया। उसने उत्तरी भारत के पंजाब, पूर्वी राजस्थान, असम तथा गंगा घाटी के प्रदेशों को जीता तथा बंगाल के राजा शशांक को मारकर अपने भाई की मृत्यु का बदला लिया। उसने दक्षिणी भारत के चालुक्य वंश के राजा पुलकेशिन द्वितीय पर भी आक्रमण किया, परन्तु उसे पराजित न कर सका।

हर्षवर्धन एक विजेता होने के साथ-साथ एक अच्छा लेखक तथा विद्वान् भी था। कहा जाता है कि प्रियदर्शिका, रत्नावली तथा नागानन्द जैसे संस्कृत नाटक हर्षवर्धन ने लिखे थे। हर्षवर्धन शैव धर्म का अनुयायी था लेकिन वह सभी धर्मों का सम्मान करता था। वह बौद्ध धर्म में विशेष श्रद्धा रखता था। लगभग 647 ई० में हर्षवर्धन की मृत्यु हो गई तथा उसकी मृत्यु के साथ ही पुष्यभूति वंश के राज्य का भी अन्त हो गया।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 16 हर्षवर्धन का काल (600-650 ई.)

प्रश्न 3.
इस काल (हर्षकाल) के समाज के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
हर्षकाल में लोग शांतिमय तथा सादा जीवन व्यतीत करते थे। वे मुख्य रूप से शाकाहारी थे तथा दूध, घी, चावल, फलों तथा सब्जियों का प्रयोग करते थे। अमीरों के मकान सुन्दर बने होते थे जबकि ग़रीबों के मकान साधारण तथा कच्चे फर्श के होते थे। समाज में जाति प्रथा कठोर थी। आमतौर पर लोगों का जीवन सुखी तथा समृद्ध था। सभी धर्मों के लोग परस्पर मिलजुल कर प्रेम से रहते थे तथा एक-दूसरे का सम्मान करते थे। नालंदा उस समय का प्रसिद्ध विश्वविद्यालय था और ज्ञान प्राप्ति का एक महान् केंद्र था।

प्रश्न 4.
हर्षवर्धन के राज्य प्रबन्ध के बारे में लिखें।
उत्तर-
हर्षवर्धन का राज्य प्रबन्ध मज़बूत तथा उदार था। उसकी मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित थीं –

  1. राजा-राजा को राज्य प्रबन्ध में सर्वोच्च स्थान प्राप्त था।
  2. मन्त्री तथा अन्य अधिकारी-राज्य प्रबन्ध में राजा की सहायता के लिए मन्त्री तथा अन्य कई अधिकारी होते थे।
  3. प्रान्त-शासन की सुविधा के लिए साम्राज्य को प्रान्तों में बांटा हुआ था। प्रान्तों को भुक्ति कहते थे। प्रान्त के शासक को उपारिक (महाराजा) कहा जाता था।
  4. जिले-प्रान्तों को जिलों में बांटा गया था। ज़िलों को ‘विषय’ कहा जाता था, जो ‘विषयपति’ के अधीन होता था।
  5. तालुक तथा गांव-प्रत्येक प्रान्त को तहसीलों (तालुक) तथा तहसीलों को गांवों में बांटा गया था। गांव राज्य प्रबन्ध की सबसे छोटी इकाई थी तथा इसके मुखिया को ग्रामिक कहते थे।
  6. न्याय तथा सेना-न्याय तथा सेना का प्रबन्ध राजा के हाथ में था। सभी लोगों को याय मिलता था।
  7. आय के साधन-कर बहुत कम लगाए जाते थे। राज्य की आय का मुख्य साधन भूमि कर था, जो उपज का 1/6 भाग लिया जाता था। व्यापार से भी आय होती थी।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 16 हर्षवर्धन का काल (600-650 ई.)

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करो

  1. हर्षवर्धन ने …………….. को अपनी राजधानी बनाया।
  2. प्रसिद्ध चीनी यात्री ……………. हर्षवर्धन के समय भारत में आया।
  3. हर्षवर्धन की सफलताओं का वर्णन उसके दरबारी कवि ………. ने नामक पुस्तक में किया है।
  4. हर्षवर्धन …………. धर्म का अनुयायी था।
  5. हर्षवर्धन ने लगभग ……. गांवों की आय नालंदा विश्वविद्यालय को दान की थी।
  6. पल्लव राजा मुख्यतः ………… तथा …….. धर्म के अनुयायी थे।

उत्तर-

  1. कन्नौज
  2. ह्यनसांग
  3. बाणभट्ट, हर्षचरित
  4. शैव धर्म
  5. 200
  6. जैन धर्म, शैव धर्म।

III. सही जोड़े बनायें

  1. पुष्यभूति – लेखक
  2. ह्यूनसांग – कुरुक्षेत्र
  3. बाणभट्ट – चीनी यात्री
  4. दूतक – सन्देश वाहक

उत्तर-
सही जोड़े

  1. पुष्यभूति – कुरुक्षेत्र
  2. ह्यूनसांग – चीनी यात्री
  3. बाणभट्ट – लेखक
  4. दूतक – सन्देश वाहक

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 16 हर्षवर्धन का काल (600-650 ई.)

IV. सही (✓) अथवा ग़लत (✗) बताएं

  1. हर्षवर्धन 606 ई० में सिंहासन पर बैठा।
  2. पुलकेशिन द्वितीय बिहार का राजा था।
  3. लोग (प्रजा) राजा को कोई कर नहीं देते थे।
  4. अधिकतर लोग शाकाहारी थे।
  5. राज्यवर्धन हर्षवर्धन का पिता था।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✗)
  4. (✓)
  5. (✗)

PSEB 6th Class Social Science Guide हर्षवर्धन का काल (600-650 ई.) Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पुण्यभूमि वंश के शासकों की राजधानी वर्तमान हरियाणा में थी। इसका क्या नाम था?
उत्तर-
स्थाणेश्वर (वर्तमान थानेसर)

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प्रश्न 2.
हर्षवर्धन के बारे में जानकारी के लिए एक प्रसिद्ध स्रोत का नाम बताइए।
उत्तर-
बाणभट्ट का हर्षचरित।

प्रश्न 3.
हर्ष ने कन्नौज में एक बौद्ध सभा बुलाई थी जिसकी अध्यक्षता एक चीनी यात्री ने की थी। उसका क्या नाम था?
उत्तर-
ह्यूनसांग।

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
हर्ष एक महान् लेखक था। उसने तीन ग्रंथ लिखे थे। निम्न में से कौन-सा उसने ग्रंथ नहीं लिखा था?
(क) हर्षचरित्
(ख) नागानंद
(ग) रत्नावली।
उत्तर-
(क) हर्षचरित्

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प्रश्न 2.
हर्षवर्धन को निम्न में से किस चालक्य शासक ने हराया था?
(क) पुलकेशिन प्रथम
(ख) पुलकेशिन द्वितीय
(ग) पुलकेशिन तृतीय
उत्तर-
(ख) पुलकेशिन द्वितीय

प्रश्न 3.
भारत में ह्यूनसांग ने निम्न में से किस विश्वविद्यालय में कुछ समय तक अध्ययन किया था?
(क) नालंदा
(ख) विश्ववारा
(ग) कन्नौज।
उत्तर-
(क) नालंदा

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
स्थाणेश्वर राज्य की स्थापना किसने की?
उत्तर-
स्थाणेश्वर राज्य की स्थापना पुष्यभूति ने की।

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प्रश्न 2.
प्रभाकरवर्धन कौन था?
उत्तर-
प्रभाकरवर्धन स्थाणेश्वर का एक योग्य शासक था। उसने अपने राज्यं को आक्रमणों से सुरक्षित रखा।

प्रश्न 3.
प्रभाकरवर्धन के बच्चों के नाम लिखिए।
उत्तर-
प्रभाकरवर्धन के बच्चों के नाम थे –

  1. राज्यवर्धन,
  2. राजश्री,
  3. हर्षवर्धन।

प्रश्न 4.
हर्षवर्धन सिंहासन पर कब बैठा?
उत्तर-
हर्षवर्धन 606 ई० में सिंहासन पर बैठा।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 16 हर्षवर्धन का काल (600-650 ई.)

प्रश्न 5.
असम का पुराना नाम क्या था?
उत्तर-
असम का पुराना नाम कामरूप था।

प्रश्न 6.
हर्षवर्धन की जानकारी देने वाले चार स्रोतों के नाम लिखें।
उत्तर-
हर्षवर्धन की जानकारी देने वाले चार स्रोत हैं –

  1. बाणभट्ट के हर्षचरित तथा कादम्बरी,
  2. हर्षवर्धन के नाटक रत्नावली, नागानन्द तथा प्रियदर्शिका,
  3. यूनसांग का वृत्तांत,
  4. ताम्रलेख।

प्रश्न 7.
हर्षवर्धन ने कौन-कौन से नाटक लिखे?
उत्तर-
हर्षवर्धन ने रत्नावली, नागानन्द तथा प्रियदर्शिका नामक नाटक लिखे।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 16 हर्षवर्धन का काल (600-650 ई.)

प्रश्न 8.
हर्षवर्धन की बहन का नाम लिखें। उसके पति को किस राजा ने मारा?
उत्तर-
हर्षवर्धन की बहन का नाम राजश्री था। उसके पति की हत्या बंगाल के राजा शशांक ने मालवा के राजा देवगुप्त के साथ मिलकर की थी।

प्रश्न 9.
हर्षवर्धन ने कौन-से चालुक्य राजा के साथ युद्ध किया?
उत्तर-
हर्षवर्धन ने चालुक्य राजा पुलकेशिन द्वितीय के साथ युद्ध किया।

प्रश्न 10.
नालन्दा विश्वविद्यालय के मुखिया का नाम बताएं।
उत्तर-
नालन्दा विश्वविद्यालय के मुखिया का नाम शीलभद्र था।

प्रश्न 11.
हर्षचरित तथा कादम्बरी के लेखक का नाम लिखें।
उत्तर-
हर्षचरित तथा कादम्बरी के लेखक का नाम बाणभट्ट था।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 16 हर्षवर्धन का काल (600-650 ई.)

प्रश्न 12.
ह्यूनसांग कौन था? वह भारत किस राजा के समय आया?
उत्तर-
ह्यूनसांग एक चीनी यात्री था। वह हर्षवर्धन के राज्यकाल में भारत आया।

प्रश्न 13.
बाणभट्ट कौन था?
उत्तर-
हर्षवर्धन का राजकवि।

प्रश्न 14.
बाणभट्ट ने हर्षवर्धन के जीवन तथा कार्यों के बारे में कौन-सी पुस्तक लिखी?
उत्तर-
हर्षचरित।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 16 हर्षवर्धन का काल (600-650 ई.)

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
हर्षवर्धन की कन्नौज विजय के बारे में लिखें।
उत्तर-
मालवा अथवा कन्नौज के राजा देवगुप्त ने हर्ष की बहन राजश्री को कैद कर लिया था। वह उसकी कैद से भागकर जंगलों में चली गई थी। उसको ढूंढ़ने के पश्चात् हर्ष ने मालवा पर आक्रमण कर दिया। देवगुप्त हार गया तथा हर्ष ने कन्नौज को अपने राज्य में मिला लिया। उसने कन्नौज को अपनी राजधानी बनाया।

प्रश्न 2.
हर्षवर्धन सिंहासन पर किस प्रकार बैठा?
उत्तर-
हर्षवर्धन से पहले उसका बड़ा भाई राज्यवर्धन स्थाणेश्वर का शासक था। लेकिन बंगाल के शासक शशांक ने राज्यवर्धन को धोखे से मार दिया। राज्यवर्धन की मृत्यु के पश्चात् 606 ई० में हर्षवर्धन स्थाणेश्वर के सिंहासन पर बैठा। उस समय उसकी आयु 16 वर्ष की थी।

प्रश्न 3.
हर्षवर्धन के स्थानीय प्रबन्ध के बारे में लिखें।
उत्तर-
हर्षवर्धन ने अपने राज्य को प्रान्तों में बांटा हुआ था। प्रान्तों को भुक्ति कहते थे। प्रान्त का मुखिया उपारिक होता था। वह अपने प्रान्त में शान्ति-व्यवस्था बनाए रखता था तथा कानूनों को लागू करता था।

प्रान्त विषयों में बंटे हुए थे। विषयपति अपने विषय में शान्ति स्थापित करता था तथा सुरक्षा की व्यवस्था करता था। गांव शासन की सबसे छोटी इकाई थी। गांव का प्रबन्ध पंचायत करती थी।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 16 हर्षवर्धन का काल (600-650 ई.)

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
हर्षवर्धन की विजयों का वर्णन करें।
उत्तर-
हर्षवर्धन की विजयों का वर्णन इस प्रकार है –
1. बंगाल की विजय-सबसे पहले हर्ष ने बंगाल पर आक्रमण किया। उसने अपने भाई के हत्यारे को बुरी तरह हराया। हर्षवर्धन तथा उसके मित्र कामरूप (असम) के राजा भास्करवर्मन ने बंगाल के राज्य को आपस में बांट लिया।

2. मालवा की विजय-हर्षवर्धन ने मालवा के राजा देवगुप्त को हराया तथा उसके राज्य को अपने राज्य में मिला लिया।

3. वल्लभी की विजय-हर्षवर्धन ने वल्लभी के राजा ध्रुवसेन पर हमला किया तथा उसके राज्य पर अधिकार लिया। लेकिन बाद में उसकी ध्रुवसेन से सन्धि हो गई।

4. सिन्ध तथा नेपाल–हर्षवर्धन ने सिन्ध के राजा को भी हराया तथा नेपाल से कर प्राप्त किया।

5. गंजम की विजय-गंजम की विजय हर्ष की अन्तिम विजय थी। उसने गंजम पर कई हमले किए। आरम्भ में तो वह असफल रहा, लेकिन 643 ई० में उसने इस प्रदेश पर भी पूरी तरह से अधिकार कर लिया।

6. पुलकेशिन द्वितीय के साथ युद्ध-हर्षवर्धन ने दक्षिण में भी अपने राज्य का विस्तार करना चाहा, लेकिन दक्षिण के चालुक्य राजा पुलकेशिन द्वितीय ने उसको हरा दिया।

राज्य-विस्तार–हर्षवर्धन के राज्य की सीमाएं उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में नर्मदा नदी तक तथा पूर्व में कामरूप (असम) से लेकर उत्तर-पश्चिम में पंजाब तक फैली हुई थीं। पश्चिम में अरब सागर तक का प्रदेश उसके अधीन था।

प्रश्न 2.
नालन्दा विश्वविद्यालय के बारे में लिखें।
उत्तर-
हर्षवर्धन के समय नालन्दा सबसे प्रसिद्ध शिक्षा केन्द्र था। यह विश्वविद्यालय वर्तमान पटना के समीप स्थित था। इसमें 10,000 विद्यार्थी पढ़ते थे तथा 1510 अध्यापक थे। इस शिक्षा केन्द्र में दर्शन, ज्योतिष, चिकित्सा, विज्ञान, धर्म, गणित आदि की शिक्षा दी जाती थी। हर्षवर्धन ने इस विश्वविद्यालय की आर्थिक सहायता के लिए 100 गांवों का भूमि-कर निश्चित किया हुआ था। चीनी यात्री ह्यूनसांग ने भी संस्कृत भाषा का ज्ञान नालन्दा विश्वविद्यालय से ही प्राप्त किया।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 16 हर्षवर्धन का काल (600-650 ई.)

प्रश्न 3.
एनसांग ने हर्षवर्धन के बारे में क्या लिखा है?
उत्तर-
चीनी यात्री ह्यूनसांग ने अपनी पुस्तक ‘सी० यू० की०’ में हर्षवर्धन के जीवन तथा राज्य-प्रबन्ध का वर्णन किया है। वह लिखता है कि हर्ष एक कर्त्तव्य पालन करने वाला राजा था। उसका राज्य-प्रबन्ध उच्चकोटि का था। हर्ष ने अनेक मठ तथा स्तूप बनवाए तथा प्रजा की भलाई के लिए अनेक कार्य किए। हर्षवर्धन के पास एक विशाल सेना थी। उपज का 1/6 भाग भूमिकर के रूप में वसूल किया जाता था। सज़ाएं बहुत सख्त थीं, फिर भी सड़कें सुरक्षित नहीं थीं। ह्यूनसांग को रास्ते में दो बार लूट लिया गया था।

प्रश्न 4.
हर्षवर्धन की धार्मिक सभाओं के बारे में जानकारी दीजिए।
उत्तर-
हर्षवर्धन ने बौद्ध धर्म का प्रचार करने के लिए बौद्ध सभाओं का आयोजन किया। इन सभाओं का वर्णन इस प्रकार है –

1. कन्नौज की धर्मसभा-643 ई० में हर्षवर्धन ने कन्नौज में बौद्ध धर्म की सभा का आयोजन किया। ह्यूनसांग इस सभा का सभापति था। यह सभा 23 दिन तक चली। इसमें बहुत-से विद्वानों ने भाग लिया।

2. प्रयाग की सभा-643 ई० में ही हर्ष ने प्रयाग में भी सभा का आयोजन किया। यह सभा 75 दिनों तक चलती रही। इस सभा में भी ह्यूनसांग ने भाग लिया। बहुत-से अन्य विद्वान् भी सभा में उपस्थित थे। सभा में महात्मा बुद्ध, सूर्य तथा शिव की पूजा हुई। इस सभा में हर्षवर्धन ने दिल खोल कर दान दिया।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 16 हर्षवर्धन का काल (600-650 ई.)

हर्षवर्धन का काल (600-650 ई.) PSEB 6th Class Social Science Notes

  • पुष्यभूति वंश के राज्य की स्थिति – पुष्यभूति वंश का राज्य वर्तमान हरियाणा के कुरुक्षेत्र प्रदेश में स्थापित था।
  • पुष्यभूति राज्य की राजधानी – पुष्यभूति राज्य की राजधानी स्थाणेश्वर थी। इसको आजकल थानेसर कहते हैं।
  • पुष्यभूति वंश का सबसे प्रसिद्ध राजा – पुष्यभूति वंश का सबसे प्रसिद्ध राजा हर्षवर्धन था। वह 606 ई० में सिंहासन पर बैठा तथा कन्नौज को अपनी राजधानी बनाया।
  • बाणभट्ट – बाणभट्ट हर्षवर्धन का दरबारी कवि था। उसकी पुस्तक ‘हर्षचरित’ से हर्षकाल की जानकारी मिलती है।
  • ह्यूनसांग – ह्यूनसांग एक चीनी यात्री था जो हर्षवर्धन के समय में भारत आया था। उसके वृत्तांत से हर्षकाल के बारे में पता चलता है।
  • प्रियदर्शिका, रत्नावली तथा नागानन्द – ये तीन नाटक हैं जो हर्षवर्धन ने लिखे थे।
  • नालन्दा विश्वविद्यालय – नालन्दा विश्वविद्यालय बिहार में स्थित था तथा यह हर्षकाल का एक प्रसिद्ध शिक्षा केन्द्र था। ह्यूनसांग ने इस विश्वविद्यालय में कुछ समय शिक्षा प्राप्त की थी।
  • हर्षवर्धन की मृत्यु – हर्षवर्धन की मृत्यु लगभग 647 ई० में हुई थी।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 6 राष्ट्रीय ध्वज

Punjab State Board PSEB 6th Class Physical Education Book Solutions Chapter 6 राष्ट्रीय ध्वज Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Physical Education Chapter 6 राष्ट्रीय ध्वज

PSEB 6th Class Physical Education Guide राष्ट्रीय ध्वज Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
राष्ट्रीय झण्डे में कौन-कौन से तीन रंग हैं ? इन तीनों रंगों के महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-
राष्ट्रीय झण्डे के रंग-हमारे राष्ट्रीय झण्डे के तीन रंग हैं-

  1. केसरिया
  2. सफ़ेद और
  3. हरा। सब से ऊपर केसरिया रंग होता है, मध्य में सफ़ेद और सबसे नीचे हरा रंग होता है।

तीनों रंगों का महत्त्व-
1. केसरिया रंग-केसरिया रंग आग से लिया गया है जीवन देना और नाश करना आग के गुण होते हैं। इसलिए केसरिया रंग वीरता और उत्साह का प्रतीक है। हमें यह दुःखियों, कमज़ोरों और ज़रूरतमन्दों की सहायता वीरता और उत्साह से करने की प्रेरणा देता है।

2. सफ़ेद रंग-सफ़ेद रंग अच्छाई, सच्चाई और शान्ति का चिह्न है। सारे राष्ट्र में ये गुण पर्याप्त मात्रा में होना चाहिएं। इस रंग पर अशोक चक्र अंकित होता है।

3. हरा रंग-हरा रंग हमारे देश की उपजाऊ भूमि और लहलहाते खेतों का प्रतीक है। हमारा देश कृषि प्रधान देश है। उन्नत खेती के कारण हमारा देश अमीर और खुशहाल है।

प्रश्न 2.
राष्ट्रीय झण्डे के आकार के बारे में नोट लिखिए।
उत्तर-
राष्ट्रीय झण्डे की लम्बाई और चौड़ाई का आपसी अनुपात 3 : 2 होता है। यह नीचे लिखे पांच आकारों का होता है।

  • 6.40 मीटर x 4.27 (21 फुट x 14 फुट)
  • 3.66 मीटर x 2.44 (12 फुट x 8 फुट)
  • 1.83 मीटर x 1.22 (6 फुट x 4 फुट)
  • 90 सेंटीमीटर x 60 सेंटीमीटर (3 फुट x 22 फुट)
  • 23 सैंटीमीटर x 15 सैंटीमीटर (9″ x 6″)।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 6 राष्ट्रीय ध्वज

प्रश्न 3.
राष्ट्रीय झण्डा किस समय लहराया जा सकता है ?
उत्तर-
राष्ट्रीय झण्डा लहराने के अवसर-राष्ट्रीय झण्डा निम्नलिखित अवसरों पर लहराया जाता है
1. गणतन्त्र दिवस (26 जनवरी)-प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भारत के राष्ट्रपति दिल्ली में राष्ट्रीय झण्डा लहराते हैं। देश के अन्य शहरों में भी इस दिन राष्ट्रीय झण्डा लहराया जाता है।

2. राष्ट्रीय सप्ताह (6 अप्रैल से 13 अप्रैल)-राष्ट्रीय सप्ताह जलियांवाला बाग के शहीदों की याद में मनाया जाता है। इस सप्ताह में भी राष्ट्रीय झण्डा लहराया जाता है।

3. स्वतन्त्रता दिवस (15 अगस्त)-15 अगस्त, 1947 को भारत शताब्दियों की गुलामी के बाद स्वतन्त्र हुआ। इसलिए प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त का दिन बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भारत के प्रधानमन्त्री दिल्ली में लाल किले पर राष्ट्रीय झण्डा लहराते हैं। देश के अन्य भागों में भी राष्ट्रीय झण्डा लहराया जाता है।

4. गांधी जयन्ती-महात्मा गांधी के जन्म दिन 2 अक्तूबर को भी राष्ट्रीय झण्डा लहराया जाता है।

5. राष्ट्रीय अधिवेशन-राष्ट्रीय अधिवेशन के समय भी राष्ट्रीय झण्डा लहराया जाता है।

6. अन्तर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताएं-अन्तर्राष्ट्रीय खेल मुकाबलों के समय भी अन्य देशों के झण्डों के साथ हमारा राष्ट्रीय ध्वज भी लहराया जाता है।।

7. प्रान्तीय दिवस-यदि कोई प्रान्त अपना दिवस मनाये तो उस दिन भी राष्ट्रीय झण्डा लहराया जाता है।

8. लोक सभा, राज्य सभा, सुप्रीम कोर्ट, उप-राष्ट्रपति, गवर्नरों और लेफ्टिनेंट गवर्नरों के सरकारी निवास स्थानों पर राष्ट्रीय झण्डा प्रतिदिन लहराया जाता है।

प्रश्न 4.
राष्ट्रीय ध्वज कैसे लहराया जाता है ?
उत्तर-

  1. राष्ट्रीय ध्वज लहराते समय केसरिया रंग सबसे ऊपर होना चाहिए।
  2. सभाओं में राष्ट्रीय ध्वज वक्ता के सिर से काफ़ी ऊंचा होना चाहिए।
  3. राष्ट्रीय ध्वज शेष सभी सजावटों में ऊंचा होना चाहिए।
  4. जुलूस में राष्ट्रीय ध्वज उठाने वाले के दाएं कन्धे पर होना चाहिए। यह बिल्कुल सीधा होना चाहिए।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 6 राष्ट्रीय ध्वज

प्रश्न 5.
राष्ट्रीय झण्डा लहराते समय कौन-कौन सी सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-
राष्ट्रीय झण्डा लहराते समय निम्नलिखित सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए –

  • केसरिया रंग सबसे ऊपर होना चाहिए।
  • सभाओं में राष्ट्रीय झण्डा वक्ता के पीछे उसके सिर और बाकी सजावटों आदि से ऊपर होना चाहिए।
  • जुलूस में झण्डा दायें कन्धे पर होना चाहिए।
  • जुलूस और उत्सवों के समय झण्डा स्टेज के आगे दाईं ओर लहराना चाहिए।
  • झण्डे को तेजी से चढ़ाना और धीरे-धीरे उतारना चाहिए।
  • झण्डा सूर्य निकलने से पहले चढ़ाना और सूर्य अस्त होने पर उतारना चाहिए।
  • राष्ट्रीय झण्डे से ऊपर यू० एन० ओ० का झण्डा ही लहराया जा सकता है।
  • किसी को सलामी (सेल्यूट) देते समय राष्ट्रीय झण्डा नीचे नहीं झुकाया जा सकता है।
  • एक पोल पर केवल एक ही झण्डा लहराया जा सकता है।
  • झण्डे को न ही पानी में गिरने देना चाहिए और न ही जमीन के साथ छूने देना चाहिए।
  • किसी चादर, थैले, रूमाल आदि पर राष्ट्रीय झण्डे की कढ़ाई नहीं करनी चाहिए।
  • विज्ञापन आदि में केवल सरकार ही राष्ट्रीय झण्डा दे सकती है।
  • फीके रंग वाले या फटे हुए झण्डे को नहीं लहराना चाहिए।
  • किसी बड़े व्यक्ति की मृत्यु पर राष्ट्रीय झण्डा आधी ऊंचाई तक लहराया जाता है।

प्रश्न 6.
नीचे लिखे शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थान भरेंराष्ट्रपति, गवर्नर, लैफ्टिनेंट गवर्नर, प्रधानमन्त्री।
(क) 15 अगस्त को लाल किले पर ………. झण्डा लहराते हैं।
(ख) 26 जनवरी को राजपथ पर ………. झण्डा लहराते हैं।
उत्तर-
(क) प्रधानमन्त्री
(ख) राष्ट्रपति।

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Physical Education Guide for Class 6 PSEB राष्ट्रीय ध्वज Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
किसी भी देश का राष्ट्रीय झण्डा किन बातों का सूचक है ?
उत्तर-
सभ्याचार तथा सभ्यता।

प्रश्न 2.
राष्ट्रीय झण्डे के प्रति ज्ञान देने के बारे में सरकार ने कहां प्रबन्ध किया है ? …
उत्तर-
स्कूलों और कॉलेजों में।

प्रश्न 3.
हमारे राष्ट्रीय ध्वज में कौन-कौन से तीन रंग हैं?
उत्तर-
केसरी, सफ़ेद और हरा।

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प्रश्न 4.
हमारे संविधान द्वारा तरंगे ध्वज को कब मान्यता प्राप्त हुई ?
उत्तर-
15 अगस्त, 1947 की रात को।

प्रश्न 5.
हमारे राष्ट्रीय ध्वज का केसरी रंग किस बात का सूचक है ?
उत्तर-
वीरता और जोश को।।

प्रश्न 6.
राष्ट्रीय ध्वज में चक्र का निशान कहां से लिया गया ?
उत्तर-
अशोक के सारनाथ स्तम्भ से।

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प्रश्न 7.
राष्ट्रीय ध्वज कैसे कपड़े पर बनाया जाता है ?
उत्तर-
खद्दर के कपड़े का।

प्रश्न 8.
सब से छोटा ध्वज कहां लगाया जाता है ?
उत्तर-
कार पर।

प्रश्न 9.
भारत के प्रधानमन्त्री प्रतिवर्ष लाल किले पर किस दिन राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं ?
उत्तर-
15 अगस्त को।

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प्रश्न 10.
जुलूस में राष्ट्रीय ध्वज किस कन्धे पर होना चाहिए ?
उत्तर-
दाएं कन्धे पर।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
आप अपने राष्ट्रीय झण्डे के इतिहास के विषय में क्या जानते हैं ?
उत्तर-
1947 में हमारा देश शताब्दियों की पराधीनता के बाद आजाद हुआ। देश की आज़ादी के साथ इसके लिए एक नया झण्डा भी तैयार किया गया। 22 जुलाई, 1947 को हमारे तिरंगे झण्डे को संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त हुई, 14-15 अगस्त की रात को इसे लाल किले पर फहराया गया।

प्रश्न 2.
राष्ट्रीय झण्डे की बनावट के बारे में तीन-चार पंक्तियां लिखें।
उत्तर-
हमारा राष्ट्रीय झण्डा आयताकार है। इसमें तीन पृथक्-पृथक् रंग की बराबर पट्टियां होती हैं। इसलिए इसे तिरंगा झण्डा कहा जाता है। मध्य की पट्टी में गोल चक्कर का निशान होता है। राष्ट्रीय झण्डे में तीन रंग होते हैं-केसरी, सफ़ेद और हरा।

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प्रश्न 3.
राष्ट्रीय ध्वज से हमें क्या प्रेरणा मिलती है ?
उत्तर-
राष्ट्रीय झण्डे से हमें निम्नलिखित प्रेरणा मिलती है –

  • वीर बहादुर बनना ।
  • तप तथा त्याग करना, सच्चाई तथा शान्ति स्थापित करना
  • प्रायः परिश्रम करते रहना
  • देश को उपजाऊ और समृद्ध बनाना।

प्रश्न 4.
हमारे राष्ट्रीय ध्वज के तीनों रंगों के महत्त्व लिखो।
उत्तर-
केसरी रंग त्याग और वीरता का प्रतीक है। सफ़ेद रंग अच्छाई, सच्चाई और शान्ति का प्रतीक है। हरा रंग हमारे देश की उपजाऊ भूमि और लहलहाते खेतों का प्रतीक है।

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रिक्त स्थानों की पूर्ति

प्रश्न-
निम्नलिखित रिक्त स्थानों को कोष्ठकों में दिए गए शब्दों में से उचित शब्द चुन कर भरो –

  1. राष्ट्रीय झण्डे को हमारे संविधान द्वारा ……….. को मान्यता प्राप्त हुई। (22 जुलाई, 1947, 15 अगस्त, 1947)
  2. राष्ट्रीय झण्डा सबसे पहले ………. की आधी रात को लहराया गया। (22 जुलाई, 1947, 14-15 अगस्त, 1947)
  3. 26 जनवरी को भारत के ……… राष्ट्रीय झण्डा लहराते हैं। (प्रधानमन्त्री, राष्ट्रपति)
  4. 15 अगस्त को भारत के प्रधानमन्त्री ……… पर राष्ट्रीय झण्डा लहराते हैं। (दिल्ली गेट, लाल किला)
  5. हमारे राष्ट्रीय झण्डे में सबसे ऊपर ……… रंग होता है। (हरा, केसरिया)
  6. हमारे राष्ट्रीय झण्डे के मध्य में ………. रंग होता है। (हरा, सफ़ेद)
  7. जुलूस में राष्ट्रीय झण्डा ………. कन्धे पर होना चाहिए। (बाएं, दाएं)
  8. विज्ञापन में राष्ट्रीय ध्वज ……… ही दे सकती है। (सुप्रीम कोर्ट, सरकार)
  9. किसी महान् व्यक्ति की मृत्यु पर राष्ट्रीय झण्डा ………. पर लहराया जाता है। (आधी ऊंचाई, पूरी ऊंचाई)
  10. राष्ट्रीय झण्डा तेजी से चढ़ाना और ………. उतारना चाहिए। (तेज़ी से, धीरे-धीरे)

उत्तर-

  1. 22 जुलाई, 1947
  2. 14-15 अगस्त, 1947
  3. राष्ट्रपति
  4. लाल किले
  5. केसरिया
  6. सफ़ेद
  7. दायें
  8. सरकार
  9. आधी ऊँचाई
  10. धीरेधीरे।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 5 सुरक्षा शिक्षा

Punjab State Board PSEB 6th Class Physical Education Book Solutions Chapter 5 सुरक्षा शिक्षा Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Physical Education Chapter 5 सुरक्षा शिक्षा

PSEB 6th Class Physical Education Guide सुरक्षा शिक्षा Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
सुरक्षा शिक्षा किसे कहते हैं ?
उत्तर-
सुरक्षा शिक्षा (Safety Education)-सुरक्षा शिक्षा वह विज्ञान है जिससे हमें प्रतिदिन जीवन में घटने वाली दुर्घटनाओं के बारे में पता चलता है। यदि हमें सुरक्षा के नियमों का ज्ञान न हो अथवा उन नियमों का हम पालन न करें तो हम दुर्घटनाओं का शिकार हो सकते हैं। सुरक्षा शिक्षा वह शिक्षा है जो हमें दुर्घटनाओं और टकराने से बचाती है। वर्तमान मशीनी युग में दुर्घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। समाचार-पत्रों में प्रतिदिन किसीन-किसी दुर्घटना का समाचार प्रकाशित होता रहता है। दुर्घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा शिक्षा की बहुत ही अधिक आवश्यकता है। इस शिक्षा के ज्ञान के द्वारा हम काफ़ी समय तक दुर्घटनाओं को कम कर सकते हैं। यदि हम सुरक्षा सम्बन्धी नियमों का पालन करें तो कोई कारण नहीं कि हम दुर्घटनाओं का शिकार बनें। इस प्रकार सुरक्षा शिक्षा हमें सुखी और लम्बा जीवन व्यतीत करने में बहुत सहायक हो सकती है।

प्रश्न 2.
सुरक्षा शिक्षा की क्या आवश्यकता है ?
उत्तर-
सुरक्षा शिक्षा की आवश्यकता (Need for Safety Education)-वर्तमान युग मशीनों का युग है। आजकल यातायात के साधन बहुत ही विकसित और तेज़ हैं।

सड़कों पर यातायात की भरमार होती है। इसलिए प्रतिदिन अनेक दुर्घटनाएं होती हैं। कोई ऐसा दिन नहीं जाता, जबकि समाचार-पत्रों में किसी दुर्घटना का समाचार प्रकाशित न हो। कहीं दो कारों की टक्कर होती है, कहीं कार ट्रक से टकराती है, कहीं बस किसी खड्डे में गिर जाती है और कहीं स्कूल जाता बच्चा कार अथवा ट्रक के नीचे आ जाता है। इस प्रकार की दुर्घटनाओं से बहुत-सी जानों और सम्पत्ति की क्षति होती है। इन दुर्घटनाओं से बचने का एकमात्र इलाज सुरक्षा शिक्षा है। सुरक्षा शिक्षा द्वारा हमें ऐसे नियमों की जानकारी हो जाएगी, जिनका पालन करके हम दुर्घटनाओं का शिकार नहीं हो सकते। इसलिए वर्तमान युग में सुरक्षा-शिक्षा की बहुत ही अधिक आवश्यकता है।

  1. सुरक्षा शिक्षा द्वारा प्रतिदिन घटने वाली दुर्घटनाओं पर नियन्त्रण करने का अवसर मिलता है।
  2. सुरक्षा शिक्षा हमें सरलता से सड़क पार करने में सहायता करती है।
  3. सुरक्षा शिक्षा के ज्ञान द्वारा हम चौराहे पर खड़े सिपाही के इशारों को समझ कर दुर्घटनाओं से बच सकते हैं।
  4. सुरक्षा के ज्ञान से ही हम हमेशा सड़क के बाएं हाथ चलते हैं। .
  5. सुरक्षा शिक्षा के नियमों का ज्ञान होते हुए हम अपने से आगे जाने वाले साइकिल, कार, स्कूटर, रिक्शा आदि को पार करते समय हम उस के दाएं तरफ से जाएंगे।

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प्रश्न 3.
घर में चोटें लगने के क्या कारण हैं ?
उत्तर-
यह प्राय: देखने में आता है कि हमारे घरों और स्कूलों में दुर्घटनाएं होती रहती हैं। घर अथवा स्कूल में चोट लगने के अलग-अलग कारणों का विवरण इस प्रकार है

घर में चोटें लगने के कारण (Causes of injuries at Home)-घरों में अक्सर दुर्घटनाएं रसोई घर, गुसलखाने, रिहायशी कमरों, सीढ़ियों अथवा आंगन में होती हैं। इन स्थानों पर दुर्घटनाएं होने के कारण इस प्रकार हैं –

(क) रसोई घर में दुर्घटना के कारण (Causes of injuries at Kitchen)

  1. धुएं के निकास का उचित प्रबन्ध न होना।
  2. प्रकाश का उचित प्रबन्ध न होना।
  3. रसोई घर का फ़र्श अधिक फिसलन वाला होना।
  4. रसोई घर में बिजली की तारें नंगी होना।
  5. ज्वलनशील कपड़े पहन कर रसोई में कार्य करना।
  6. रसोई घर की भली प्रकार सफ़ाई न होना।
  7. चाकू, छुरियों आदि वस्तुओं का ठिकाने पर न पड़े होना।
  8. जलती हुई लकड़ियों और कोयलों के प्रति लापरवाही बरतना।
  9. मिट्टी के तेल आदि का उचित स्थान पर न पड़े होना।
  10. रसोई में साबुन, जूठे बर्तनों आदि का बिखरे होना।

(ख) गुसलखानों में दुर्घटनाओं के कारण (Causes of injuries at Bathroom)

  1. गुसलखाने के फ़र्श पर साबुन, तेल आदि बिखरा होना।
  2. गुसलखाने में स्थान तंग होना।
  3. गुसलखाने में पानी की टूटी अथवा फव्वारे का उचित ऊंचाई पर न होना।
  4. गुसलखाने में ब्लेड, सूई, पिन, तेल की टूटी शीशी पड़े होना।
  5. गुसलखाने में खूटियों का उचित स्थान पर लगे न होना।
  6. गुसलखाने में फर्श पर काई आदि का जमना।

(ग) रिहायशी कमरे में दुर्घटना के कारण (Causes of injuries at Living Room) –

  1. फ़र्श पर बच्चों के खिलौने बिखरे होना।
  2. फ़र्श फिसलन वाला होना।
  3. फ़र्श पर बिछी दरी और गलीचे का मुड़ा होना।
  4. फ़र्नीचर ठीक स्थान पर न पड़ा होना।
  5. सिगरेट-बीड़ी आदि के जलते टुकड़ों को इधर-उधर फर्श पर फेंकना।
  6. कमरे में रोशनी का उचित प्रबन्ध न होना।
  7. सर्दियों में जलती हुई अंगीठी रखकर सो जाना।
  8. चलने-फिरने में रुकावटों का होना।
  9. बन्दूक, पिस्तौल और तलवार का ठीक ठिकाने पर न पड़े होना।
  10. बिस्तरों में कैंची, चाक आदि पड़े होना।

(घ) सीढ़ियों पर दुर्घटना के कारण (Causes of injuries on stairs)

  1. सीढ़ियों पर प्रकाश का उचित प्रबन्ध न होना।
  2. सीढ़ियों का तंग होना।
  3. सीढ़ियों पर चढ़ते अथवा उतरते समय मज़बूत सहारे का न होना।
  4. अन्तिम अथवा पहली सीढ़ी की कोई विशेष निशानी न होना।
  5. सीढ़ियों पर चारपाई या साइकिल अथवा अन्य सामान रखना।

(ङ) आंगन में दुर्घटना के कारण (Causes of injuries at Lawn)

  1. आंगन का समतल न होना।
  2. आंगन में कूड़ा-कर्कट बिखरा होना।
  3. पशुओं का खूटा आंगन में गड़ा होना।
  4. बच्चों द्वारा खेलते समय आंगन में गड्ढे खोदना।
  5. पशुओं का चारा आदि आंगन में बिखरा होना।

स्कूल में दुर्घटना के कारण (Causes of injuries at School)-दुर्घटनाएं केवल घरों में ही नहीं होतीं बल्कि स्कूलों में भी हो जाती हैं। स्कूल में दुर्घटनाओं के निम्नलिखित कारण हैं –

  1. खेलों के मैदान साफ़-सुथरे और समतल न होना।
  2. खेलों के टूटे-फूटे सामान का इधर-उधर बिखरे पड़े होना।
  3. स्कूलों के फ़र्श गंदे अथवा फिसलन वाले होना।
  4. बच्चों द्वारा केले, संगतरे आदि के छिलके इधर-उधर फेंकना।
  5. स्कूल के मूत्रालय अथवा शौचालय में फिसलन का होना।
  6. खेलों में अनाड़ी खिलाड़ियों का भाग लेना।
  7. खेलों की ट्रेनिंग अनुभवी अध्यापकों द्वारा न देना।

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प्रश्न 4.
घर में बचाव के क्या-क्या तरीके हैं ?
उत्तर-
घर में बचाव की विधियां (Methods of Safety at Home)-घर में दुर्घटनाओं से बचाव की मुख्य विधियां निम्नलिखित हैं

  1. घर में रोशनी का उचित प्रबन्ध करना चाहिए।
  2. रसोई में से धुएं के निकास का उचित प्रबन्ध होना चाहिए।
  3. घर में बिजली की तारें नंगी नहीं रखनी चाहिएं।
  4. कमरों के फ़र्श की अच्छी तरह से सफ़ाई रखनी चाहिए।
  5. स्नानगृह (गुसलखाने) में काई (हरियाली) नहीं रहने देनी चाहिए।
  6. घर का सारा सामान उचित ढंग से रखना चाहिए।
  7. फ़र्श पर चाकू, कैंची आदि नहीं रखना चाहिए। इन्हें प्रयोग करने के बाद उचित स्थान पर रख देना चाहिए।
  8. रसोई में आग को भड़काने वाले कपड़े पहनकर काम नहीं करना चाहिए।
  9. सिगरेट और बीड़ियों के जलते हुए टुकड़ों को फ़र्श पर इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए।
  10. सर्दियों में जलती हुई अंगीठी कमरे में रख कर नहीं सोना चाहिए।
  11. सीढ़ियों पर चारपाइयां, साइकिल आदि सामान नहीं रखना चाहिए।
  12. सीढ़ियों पर चढ़ने और उतरने के लिए मज़बूत आश्रय (सहारे) होने चाहिएं।
  13. घर का आंगन साफ़-सुथरा और समतल होना चाहिए।
  14. पशुओं का चारा या अन्य सामान आंगन में बिखरा हुआ नहीं होना चाहिए।
  15. घर का सारा फर्नीचर यथा स्थान होना चाहिए।

प्रश्न 5.
सुरक्षा शिक्षा की ज़िम्मेवारी किस-किस की है ?
उत्तर-
सुरक्षा शिक्षा का दायित्व (Responsibility for Safety Education)सुरक्षा शिक्षा का दायित्व किसी एक व्यक्ति या संस्था का नहीं है। यह तो माता-पिता, अध्यापक, नगरपालिका, सरकार और समाज का सामूहिक उत्तरदायित्व है।

घर को प्राथमिक पाठशाला कहा जाता है। बच्चा अपना अधिक समय घर में ही व्यतीत करता है। इसलिए माता-पिता की ज़िम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों को सुरक्षा सम्बन्धी ज्ञान दें। इससे बच्चे दुर्घटनाओं का शिकार नहीं होंगे। घर के पश्चात् स्कूल एक ऐसा स्थान है जहां बच्चा पांच-छ: घण्टे व्यतीत करता है। स्कूल में अध्यापकों का कर्त्तव्य है कि वे बच्चों को सुरक्षा की शिक्षा दें ताकि वे स्कूल आते-जाते या मैदान में खेलते समय किसी दुर्घटना का शिकार न हों। इसी प्रकार नगरपालिका और सरकार की भी जिम्मेवारी है कि वह लोगों को सुरक्षा सम्बन्धी जानकारी दे। इससे प्रतिदिन होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आयेगी। लोग लम्बी आयु व्यतीत कर सकेंगे।

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प्रश्न 6.
सुरक्षा के लिए कौन-कौन सी संस्थाएं सहायक हो सकती हैं और कैसे ?
उत्तर-
सुरक्षा के लिए सहायक संस्थाएं-सुरक्षा के लिए निम्नलिखित संस्थाएं सहायता प्रदान कर सकती हैं –
1. स्कूल और कॉलेज (School and Colleges)-स्कूलों और कॉलेजों में ही अध्यापकों को सुरक्षा के नियमों के विषय में जानकारी देनी चाहिए। .

2. नगरपालिका (Municipal Committees)-नगरपालिका को भी सिनेमा, स्लाइडों और प्रदर्शनियों द्वारा सुरक्षा-सम्बन्धी नियमों का प्रचार करना चाहिए।

3. समाज (Society)-समाज भी सुरक्षा के लिए सहायक हो सकता है। समाज द्वारा लोगों को सुरक्षा सम्बन्धी जानकारी देनी चाहिए। लोगों को इस बात का ज्ञान होना चाहिए कि सड़कों, गलियों में छिलके आदि न फेंकें। यदि सड़क पर कोई रुकावट हो तो उसे हटाने का प्रयत्न करना चाहिए।

4. सरकार (Government) सरकार भी लोगों की सुरक्षा सम्बन्धी बहुत सहायता कर सकती है। सरकार को पैदल चलने वालों के लिए सड़क पर फुटपाथ बनाने चाहिएं। लोगों को ट्रेनिंग के नियमों के विषयों में जानकारी देनी चाहिए। यातायात को कण्ट्रोल में रखने के लिए प्रत्येक चौराहे (चौक) पर सिपाही या ट्रैफिक लाइटों का प्रबन्ध करना चाहिए।

Physical Education Guide for Class 6 PSEB सुरक्षा शिक्षा Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
जो शिक्षा हमें दुर्घटनाओं से बचाने की शिक्षा देती है उसे क्या कहते हैं ?
उत्तर-
सुरक्षा शिक्षा।

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प्रश्न 2.
कौन-सी शिक्षा द्वारा हम दुर्घटनाओं को कम कर सकते हैं?
उत्तर-
बचाव की शिक्षा।

प्रश्न 3.
रात को गाड़ी चलाते समय किस वस्तु का प्रयोग करना चाहिए ?
उत्तर-
डिपर का।

प्रश्न 4.
किस हालत में गाड़ी चलाना खतरनाक है ?
उत्तर-
शराब पी कर।

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प्रश्न 5.
सड़क पर पैदल चलने वालों के लिए किस वस्तु का प्रबन्ध किया जाता है ?
उत्तर-
फुटपाथ का।

प्रश्न 6.
चौराहे पर ट्रैफिक को नियंत्रण करने के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
सिपाही अथवा ट्रैफिक लाइट्स का।

प्रश्न 7.
दुर्घटनाओं के बचाव के लिए लोगों को किस का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-
ट्रैफिक के नियमों का।

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प्रश्न 8.
दुर्घटनाओं से बचने के लिए स्कूल का मैदान कैसा होना चाहिए ?
उत्तर-
समतल और साफ़-सुथरा।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
सड़क पर दुर्घटनाओं के कोई पांच कारण बताएं।
उत्तर-

  1. शराब पीकर गाड़ी चलाना।
  2. चौराहे पर खड़े सिपाही के इशारों की परवाह न करना।
  3. सड़क पर तेज़ रफ्तार से साइकिल, स्कूटर और कार चलाना।
  4. दूसरी गाड़ी के आगे जाने की कोशिश करना।
  5. मोड़ पार करते समय ठीक इशारा न करना।

प्रश्न 2.
रसोई घर में दुर्घटनाओं के पांच कारण लिखो।
उत्तर-

  1. रसोई घर का फ़र्श अधिक फिसलन वाला होना।
  2. रसोई में धुएं के निकास का उचित प्रबन्ध न होना।
  3. ज्वलनशील कपड़े पहन कर रसोई में कार्य करना।
  4. रसोई में साबुन, जूठे बर्तन आदि का बिखरे होना।
  5. रसोई में प्रकाश का उचित प्रबन्ध न होना।

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प्रश्न 3.
गुसलखाने में दुर्घटनाओं के पांच कारण लिखें।
उत्तर-

  1. गुसलखाने के फ़र्श पर साबुन, तेल आदि बिखरे होना।
  2. गुसलखाने में पानी की टूटी अथवा फव्वारे का उचित ऊंचाई पर न होना।
  3. गुसलखाने में फ़र्श पर काई आदि का जमना।
  4. गुसलखाने में स्थान तंग होना।
  5. गुसलखाने में ब्लेड, सूई, पिन, तेल की टूटी शीशी पड़े होना।

प्रश्न 4.
रिहायशी कमरों में दुर्घटना के पांच कारण लिखें।
उत्तर-

  1. फ़र्श फिसलने वाला होना।
  2. फ़र्नीचर ठीक स्थान पर न पड़ा होना।
  3. कमरे में रोशनी का उचित प्रबन्ध न होना।
  4. सर्दियों में जलती हुई अंगीठी रख कर सोना।
  5. बिस्तरों पर कैंची, चाक आदि पड़े होना।

प्रश्न 5.
स्कूल में बचाव के कौन-कौन से ढंग हैं ?
उत्तर-
स्कूल में बचाव के ढंग (Methods of Safety at School)-स्कूल में दुर्घटनाओं से बचाव के निम्नलिखित ढंग हैं-

  1. स्कूल का खेल का मैदान साफ़-सुथरा और समतल होना चाहिए।
  2. स्कूल के खेलों का टूटा-फूटा सामान एक बन्द कमरे में रखना चाहिए।
  3. कबड्डी, कुश्ती आदि खेलते समय बच्चों को अंगूठियां या अन्य कोई तीखी वस्तु नहीं पहनने देनी चाहिए।
  4. स्कूल के फर्श साफ़ होने चाहिएं।
  5. बच्चों को केले, संगतरे आदि के छिलके इधर-उधर नहीं फेंकने चाहिएं।
  6. खेल में अनाड़ी खिलाड़ियों को भाग नहीं लेने देना चाहिए।
  7. खेलों का अभ्यास अनुभवी कोचों द्वारा ही करवाना चाहिए।

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प्रश्न 6.
सड़क पर दुर्घटनाओं के क्या कारण हैं ?
उत्तर-
सड़क पर दुर्घटनाओं के कारण (Causes of Road Accidents)-

  1. सुरक्षा नियमों की परवाह न करना।
  2. तीव्र गति से गाड़ी चलाना।
    PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 5 सुरक्षा शिक्षा 1
  3. शराब या अन्य नशीली वस्तुओं का सेवन करके वाहन चलाना।
  4. गाड़ियों की बत्तियों का ठीक प्रयोग न करना।
  5. मोड़ काटते समय ठीक संकेत का प्रयोग न करना।
  6. गाड़ियों, स्कूटरों, मोटरों आदि में अचानक किसी खराबी का आ जाना।
  7. सड़कों पर केले, संगतरे आदि के छिलके फेंकना।
  8. कम समय होने पर शीघ्र पहुंचने के लिए अन्य गाड़ियों से आगे निकलना।
  9. चौराहे पर खड़े सिपाही के संकेत की अवहेलना करना।
  10. ट्रैफिक के नियमों का ज्ञान न होना।
  11. सड़क के आस-पास की मिट्टी का नर्म होना या सड़क में गड्ढे आदि होना।
  12. चालक की दृष्टि कमज़ोर होना।
  13. लम्बी यात्रा के कारण ड्राइवरों का थका-मदा होना।
  14. किसी पशु या बच्चे आदि का अचानक सड़क पर आ जाना।
  15. बच्चों का सड़क पर खेलना।

प्रश्न 7.
जनसंख्या में वृद्धि के कारण अनेक दुर्घटनाएं होती हैं क्यों ?
उत्तर-
प्रतिदिन समाचार-पत्रों में कहीं-न-कहीं किसी-न-किसी दुर्घटना का समाचार पढ़ने को मिलता है। इन दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण जनसंख्या में वृद्धि है। जनसंख्या के बढ़ने से सड़कों पर चलने वाले लोगों की भीड़ बढ़ जाती है। इसी प्रकार सड़क पर चलने वाले वाहनों (मोटरों, कारों, मोटर साइकिलों, स्कूटरों, ट्रकों) आदि की संख्या में भी वृद्धि हुई है। भीड़ युक्त सड़कों पर वाहन चालक अपने-अपने वाहनों पर ठीक नियन्त्रण नहीं रख पाते। इसलिए अनेक दुर्घटनाएं हो जाती हैं। कभी ट्रक कार से टकरा जाता है, कभी मोटर साइकिल स्कूटर से टकरा जाता है तथा कभी कोई स्कूटर या मोटर साइकिल सवार किसी पैदल चलने वाले व्यक्ति को कुचल देता है। इस प्रकार जनसंख्या में वृद्धि अनेक दुर्घटनाओं को जन्म देती है। अतः दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए जनसंख्या में वृद्धि पर रोक लगाना आवश्यक है।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 5 सुरक्षा शिक्षा

रिक्त स्थानों की पूर्ति –

प्रश्न-
निम्नलिखित वाक्यों में खाली स्थानों को कोष्ठक में दिए गए शब्दों में से उचित शब्द चुन कर भरो

  1. जब हम दूसरी गाड़ी …………… की कोशिश करते हैं तो दुर्घटना हो जाती है। (पीछे होने, आगे निकलने)
  2. हमें सड़क पर सदा अपने…………. हाथ चलना चाहिए। (दायें, बायें)
  3. आग भड़काने वाले कपड़े पहन कर ………….. में काम नहीं करना चाहिए। (स्नानगृह, रसोई)
  4. हमारे घरों के फ़र्श ………….. होने चाहिएं। (फिसलने वाले, साफ़-सुथरे)
  5. दुर्घटनाओं से बचने के लिए घर में ………… का उचित प्रबन्ध होना चाहिए। (पानी, रोशनी)
  6. हमें घर में बिजली की तारों को …………. रखना चाहिए। (ढक कर, नंगा कर)
  7. घरों में आंगन ……………. होना चाहिए। (समतल, खुरदरा)

उत्तर-

  1. आगे निकलने
  2. बायें
  3. रसोई
  4. साफ़-सुथरे
  5. रोशनी
  6. ढक कर
  7. समतल।

PSEB 6th Class Home Science Practical सिलाई के सादा टाँके

Punjab State Board PSEB 6th Class Home Science Book Solutions Practical सिलाई के सादा टाँके Notes.

PSEB 6th Class Home Science Practical सिलाई के सादा टाँके

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
सादे टाँके का प्रयोग कब किया जाता है ?
उत्तर-
सादे टाँके का प्रयोग आमतौर पर दो कपड़ों को आपस में जोड़ने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 2.
सादे टाँके करने का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
सादे टाँके लगाने से स्थायी अन्तिम सिलाई सरलता से और उत्तम होती है।

प्रश्न 3.
बारबर के सादे टाँके किस काम में लाए जाते हैं ?
उत्तर-
एक लाइन में कोट आदि का किनारा जमाने तथा कई लाइन में फ्रॉक, झबले आदि में स्मोकिंग का आधार बनाने के लिए।

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प्रश्न 4.
तिरछा सादा टाँका किस काम में लाया जाता है ?
उत्तर-
अस्तर आदि जोड़ने के।

प्रश्न 5.
‘बखिया’ किन कामों में प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
फटे कपड़ों की मरम्मत में, आल्ट्रेशन के समय तथा जो हिस्से मशीन के पैर के नीचे नहीं दबाए जा सकते वहाँ।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
सिलाई का सादा टाँका क्या होता है ? इसे चित्र द्वारा समझायें।
उत्तर-
यह अस्थायी टाँका है। इस टाँके का उपयोग अधिकतर तह और अस्तर जमाने के लिए तथा ट्रायल के लिए सादी सिलाई के उद्देश्य से किया जाता है। सादे टाँके लगाने से स्थायी अन्तिम सिलाई सरलता से और उत्तम होती है। इसमें दूर-दूर सूई में थोड़ा कपड़ा लेकर शेष धागा छोड़ दिया जाता है। धागे को गाँठ देकर कपड़े को दाईं ओर से बाईं ओर सीया जाता है। यह टाँका 2 से० मी० से 1 से० मी० लम्बा हो सकता है।
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चित्र 5.1.1. सादा टाँका (टैकिंग)

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प्रश्न 2.
टाँके कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
टाँके तो बहुत प्रकार के होते हैं, परन्तु बहुत ही आवश्यक तथा सामान्य प्रकार के टाँके निम्नलिखित हैं

  1. सादा टाँका,
  2. बखिया या बैक टाँका,
  3. तुरपन पर हैमिंग टाँका।

प्रश्न 3.
वस्त्र पर सादा टाँका न लगाने से क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं ?
उत्तर-
वस्त्र पर सादा टाँका न लगाने से सिलाई टेढ़ी-मेढ़ी होती है तथा विशेषकर रेशमी कपड़ों में ढीलापन होता है जिससे सिलाई ठीक से नहीं होती है।

बड़े उत्तर वाले प्रश्

प्रश्न 1.
सादा टाँका कितने प्रकार का होता है ? इसका प्रयोग कहाँ-कहाँ किया जाता है ?
उत्तर-
सादा टाँका कई प्रकार का होता है-
1. बराबर का सादा टाँका (टाँका तथा जगह बराबर)
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चित्र 5.1.2.
2. टाँका जगह से दुगना
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चित्र 5.1.3.
3. जगह टाँके से दुगुनी
PSEB 6th Class Home Science Practical सिलाई के सादा टाँके 4
चित्र 5.1.4.
4. असमान सादा टाँका (छोटा बड़ा सादा)
5. छोटा सादा टाँका
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चित्र 5.1.5.
चित्र 5.1.6.
6. तिरछा सादा टाँका
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चित्र 5.1.7. सादा टाँका
सादे टाँकों का प्रयोग निम्नलिखित कार्यों के लिए किया जाता है-

  1. आमतौर पर दो कपड़ों को आपस में जोड़ने के लिए।
  2. तह और अस्तर जमाने के लिए तथा ट्रायल के लिए कच्ची सिलाई के रूप में।
  3. कोट आदि का किनारा जमाने के लिए।
  4. फ्रॉक, झबले आदि में स्मोकिंग का आधार बनाने के लिए।

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प्रश्न 2.
बखिया व तुरपन किस प्रकार की जाती है ?
उत्तर-
बखिया (बैक स्टिच)-यह स्थायी टाँका है। यह बहुत महीन होता है, इसलिए इसमें काफ़ी समय लगता है। यह दो भागों को स्थायी रूप से जोड़ने में काम आता है, जैसे-कंधों की सिलाई, पेटीकोट या सलवार के अलग-अलग भागों को आपस में जोड़ने के लिए। यह टाँका दाहिनी ओर से आरम्भ होता है। इन टाँकों के बीच में जगह बिलकुल नहीं छोड़ी जाती। इसमें सूई पर एक बार में एक टाँका और टाँके बराबर होने चाहिएं। सूई जहाँ से निकाली गई हो वहीं से एक बार पीछे की ओर डोरा निकालकर आगे बढ़ना चाहिए। यह बखिया से ही शुरू होता है तथा बखिया से ही समाप्त होता है। यह टाँका मशीन के द्वारा भी लगाया जा सकता है।
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चित्र 5.1.8. बखिया (बैक टाँका) बड़ा
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चित्र 5.1.9. बखिया (बैक टाँका) छोटा
तुरपन (तुरपाई या हैमिंग स्टिच)-किसी भी वस्त्र के घेरे पर, मोहरी के निचले बॉर्डर मोड़ने के लिए तथा महिलाओं, बच्चों के वस्त्रों में पट्टियों आदि की सफ़ाई सुन्दरता के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग तब भी किया जाता है जब कपड़े के धागे निकलने वाले किनारे को बन्द करना हो। यह वस्त्र की उल्टी ओर से लगाया जाता है। इस टॉक में यह ध्यान रखना आवश्यक होता है कि दूसरी ओर अर्थात् वस्त्र की सीधी ओर भी टाँके सम दरी पर छोटे और सुन्दर हों। तुरपाई के टाँके तीन तरह से लिए जाते हैं-सीधे, कम तिरछे और अधिक तिरछे। अधिकतर सूती तथा रेशमी वस्त्रों में कम तिरछे टाँके ही चलते हैं। सीधे टाँके कोटिंग आदि में मजबूती के लिए लगाए जाते हैं। अधिक तिरछे टाँके सस्ते व्यावसायिक कामों में उपयोग किए जाते हैं। खूबसूरत तुरपाई के लिए सूई में बहुत कम कपड़ा लेना चाहिए ताकि टाँके पिछली ओर से भी बड़े दिखाई न दें।
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चित्र 5.1.10. तुरपाई (हैमिंग टाँका)
तुरपाई को शुरू करने के लिए सूई को कपड़े में से इस प्रकार निकालते हैं कि थोड़ासा धागा पीछे बचा रहे। इसी धागे को मोड़कर अन्दर दबाकर दाईं ओर से बाईं ओर को तुरपाई करते हैं। मोड़े हुए हिस्से को सदा ऊपर की ओर रखते हैं। टाँके सादे की तरह सीधे न होकर आगे व पीछे दोनों ओर तिरछे, छोटे व बराबर होने चाहिएं। तुरपाई को बन्द करते समय अन्तिम टाँके को दोहराते हैं। इस प्रकार यह टाँका अंग्रेजी अक्षर V के समान बन जाता है। फिर सूई को 1 या 2 सेंटीमीटर ऊपर निकालकर धागे को कैंची से काट देते हैं।

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सिलाई के सादा टाँके PSEB 6th Class Home Science Notes

  • वस्त्रों की सिलाई के लिए या उनका सौन्दर्य बढ़ाने के लिए टाँकों का इस्तेमाल करते हैं।
  • सिलाई कपड़े के दो टुकड़ों को जोड़ने के लिए या कपड़े के किनारों से धागों को बाहर निकलने से बचाने के लिए की जाती है।
  • कई टाँके सजावट के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, जैसे-चेन स्टिच, दसूती आदि।
  • सादा टाँका तुरपन, बखिया आदि सभी टाँकों से आसान होता है।
  • बखिया टाँका सादे और तुरपन वाले टाँके से अधिक मजबूत होता है।
  • तुरपाई टाँका किनारों से धागों को बाहर निकलने से रोकने के लिए किया जाता है।
  • चेन या संगली टाँका सजावट या नमूने के किनारे बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।