PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 3 भोजन पकाने के कारण

Punjab State Board PSEB 6th Class Home Science Book Solutions Chapter 3 भोजन पकाने के कारण Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Home Science Chapter 3 भोजन पकाने के कारण

PSEB 6th Class Home Science Guide भोजन पकाने के कारण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
भोजन पकाने की सबसे सरल विधि कौन-सी है ?
उत्तर-
उबालना।

प्रश्न 2.
कौन-सा विटामिन पकाने से नष्ट हो जाता है ?
उत्तर-
विटामिन सी।

प्रश्न 3.
कौन-सा विटामिन भोजन पकाने पर नष्ट नहीं होता ?
उत्तर-
विटामिन ‘ए’, क्योंकि यह जल में घुलनशील नहीं होता।

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प्रश्न 4.
भोजन पकाने का प्रमुख कारण क्या है ?
उत्तर-
भोजन को सरलता से पचने योग्य बनाना।

प्रश्न 5.
शुष्क सेंक से भोजन पकाने की दो विधियों के नाम लिखो।
उत्तर-
भूनना, बेक करना।

प्रश्न 6.
घी से पकाने की किसी एक विधि का नाम लिखो।
उत्तर-
तलना।

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प्रश्न 7.
शक्करकन्दी आमतौर पर किस विधि से पका कर खाई जाती है ?
उत्तर-
भून कर।

प्रश्न 8.
पकाने से भोजन हानिरहित कैसे हो जाता है ?
उत्तर-
इसमें मौजूद बैक्टीरिया, सूक्ष्मजीव समाप्त हो जाते हैं।

प्रश्न 9.
गीले सेंक से पकाने के किसी एक तरीके का नाम लिखो।
उत्तर-
भाप से पकाना।

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प्रश्न 10.
बेकिंग से पकने वाले दो खाद्य पदार्थों के नाम लिखो।
उत्तर-
केक, रस, बिस्कुट।

लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
खाना क्यों पकाया जाता है ?
उत्तर-
खाना स्वादिष्ट और सुपाच्य बनाने के लिए पकाया जाता है।

प्रश्न 2.
पके हुए तथा कच्चे भोजन में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
पके हुए तथा कच्चे भोजन में निम्नलिखित अन्तर हैं –

पका भोजन कच्चा भोजन
1. पका हुआ भोजन नर्म हो जाता है तथा चबाने और पचाने में सुगम होता है। 1. कच्चा भोजन सख्त होता है। अतः इसे चबाना एवं पचाना कठिन होता है।
2. पके हुए भोजन का रंग, रूप, स्वाद तथा सुगन्ध अच्छे हो जाते हैं। 2. बिना पकाए भोजन देखने अथवा खाने और सुगन्ध में अच्छे नहीं होते हैं।
3. पकाने से अधिक तापमान के कारण कई हानिकारक कीटाणु मर जाते हैं। 3. कच्चे भोजन में कई हानिकारक कीटाणु होते हैं जो कि स्वास्थ्य को हानि पहुँचाते हैं।
4. पकाने से एक ही वस्तु को अलग-अलग तरीकों से बनाया जा सकता है। 4. यदि भोजन को पकाया न जाए और उसे एक रूप में खाया जाए तो उससे जल्दी ही मन भर जाता है।
5. पकाने से भोजन को ज़्यादा देर तक सुरक्षित रखा जा सकता है। 5. कच्चा भोजन जल्दी खराब हो जाता  है। उसमें जीवाणु उत्पन्न हो जाते हैं।

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प्रश्न 3.
उबालने तथा तलने के दोष लिखो।
उत्तर-
उबालने तथा तलने के निम्नलिखित दोष हैं –
उबालने के दोष –
1. ज़्यादा तेज़ी से पानी उबालने से पानी शीघ्र सूख जाता है तथा अधिक ईंधन का खर्च . होता है।
2. इस विधि से वस्तु शीघ्र नहीं पकती है।
तलने के दोष –
1. अधिक तलने-भूनने से कुछ पौष्टिक तत्त्व नष्ट हो जाते हैं।
2. भोजन गरिष्ठ हो जाता है।
3. भोजन सुपाच्य न होने से कभी-कभी पाचन बिगड़ जाता है।

प्रश्न 4.
बेक करने तथा भूनने में क्या अन्तर हैं ?
उत्तर-
बेक करने तथा भूनने में निम्नलिखित अन्तर हैं –

बेक भूनना
1. इसमें पदार्थ को बन्द गर्म भट्ठी में रखकर ऊष्मा से पकाया जाता है। 1. इसमें पदार्थ को थोड़ी-सी चिकनाई लगाकर सेंका जाता है।
2. भोजन वाले बर्तन को पहले ज़्यादा तथा फिर कम आँच पर रखा जाता पर पकाया जाता है। 2. इसमें भोज्य पदार्थ को सीधे आँच पर पकाया जाता है।
3. इसमें भट्ठी का तापक्रम बराबर रहना चाहिए। 3. इसमें भट्ठी का तापक्रम सदैव धीमे चाहिए।
4. इसमें पानी के बिना भोजन के सारे तत्त्व सुरक्षित रहते हैं। 4. इसमें भोजन के तत्त्व भी आग में गिर जाते हैं।
5. इसमें कच्चे केले तथा अन्य फलों को भी मसाला लगाकर पकाया जाता है। 5. इसमें दाने भट्ठी पर कड़ाही में रखकर रेत में भूने जाते हैं।

प्रश्न 5.
कौन-कौन से भोज्य-पदार्थों को भूना जा सकता है ?
उत्तर-
निम्नलिखित भोज्य-पदार्थों को भूना जा सकता है –

1. आलू,
2. बैंगन,
3. मांस के टुकड़े,
4. मुर्गा,
5. मक्का के भुट्टे,
6. चपाती,
7. मछली,
8. दाने।

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निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भोजन पकाते समय किन-किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए ?
उत्तर-
भोजन पकाते समय निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए –

  1. भोजन पकाते समय पानी का तापक्रम एक जैसा रहना चाहिए।
  2. भोजन वाले बर्तन से पानी वाला बर्तन न बहुत बड़ा और न ही पूरा फिट होना चाहिए।
  3. भोजन वाला बर्तन यदि बन्द करके रखना हो तो उसके मुँह पर चिकना कागज़ लगाकर बन्द करना चाहिए।
  4. पानी के बर्तन को कसकर बंद करना चाहिए, ताकि भाप व्यर्थ न जाए।

प्रश्न 2.
जिस पानी में भोजन पकाया जाए उसे फेंकना क्यों नहीं चाहिए? भाप द्वारा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष पकाने में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर-
जिस पानी में भोजन पकाया जाए उसे इसलिए नहीं फेंकना चाहिए कि उसमें खनिज लवण घुल जाते हैं और पानी फेंकने पर ये पौष्टिक तत्त्व नष्ट हो जाते हैं।

भाप द्वारा भोजन पकाना-इस विधि में भोजन को उबलते हुए जल से निकली भाप से पकाया जाता है। खाद्य पदार्थ का पकना प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष दोनों प्रकार से होता है –

1. प्रत्यक्ष विधि-
(i) जलरहित पकाना-जिन सब्जियों में स्वाभाविक जलांश रहता है उनमें यही जलांश उन्हें पकाने का काम करता है। इस विधि में भोजन धीमी आँच पर पकाया जाता है।

(ii) बफाना-इस विधि में डेगची या भगौने में पानी उबाला जाता है और उसके मुँह पर कपड़ा बाँध कर भोज्य वस्तु को उस पर रखकर और उसे ढक कर बफाते हैं।

(iii) इसमें एक विशेष प्रकार का पात्र उपयोग में लाते हैं जिसमें ढक्कनदार बर्तन होता है तथा ढक्कन में जालीदार थाली-सी लगी रहती है। इस पर रखकर सब्जी, गोश्त, इडली भाप द्वारा पकाते हैं।

2. अप्रत्यक्ष विधि-इस विधि में बन्द बर्तन में थोड़े पानी में खाद्य सामग्री को पकाया जाता है। ढक्कन इतना कसकर लगाया जाता है कि अन्दर की भाप बाहर नहीं निकले। खाद्य पदार्थ उसी भाप के दबाव से पक जाता है। इस विधि से पकाने के लिए प्रेशर कुकर का भी इस्तेमाल किया जाता है। प्रेशर कुकर में भोजन पकाने से ईंधन और समय की बचत तो होती ही है, साथ में भोज्य तत्त्व भी नष्ट नहीं होते हैं।

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प्रश्न 3.
किन भोजन पदार्थों को बिना पकाये खाया नहीं जा सकता ? सूची बनाइये।
उत्तर-
कई ऐसे भोजन पदार्थ हैं जिनको कच्चा खाया ही नहीं जा सकता। इसके कई कारण हो सकते हैं। भोज्य पदार्थ कठोर हो सकता है, इनमें से अच्छी सुगन्ध नहीं आती, ये देखने में अच्छे नहीं लगते आदि। इनको कच्चा खाने का मन नहीं करता। इसलिए इन्हें बिना पकाए नहीं खा सकते। निम्नलिखित भोजन पदार्थों को बिना पकाये नहीं खाया जा सकता, जैसे-अनाज, दालें, मांस, मछली, कई प्रकार की सब्जियां आदि।

प्रश्न 4.
तलने से क्या भाव है ?
उत्तर-
तलना-इस विधि द्वारा खूब गर्म घी अथवा तेल में भोज्य पदार्थ को तलकर पकाया जाता है। तलने के लिए आग तेज़ होनी चाहिए। भोज्य पदार्थ दो प्रकार से तला जाता है

1. अधिक चिकनाई में तलना या गहरा तलना-जिस बर्तन में खाद्य पदार्थ तलना है वह गहरा होना चाहिए, साथ ही पर्याप्त मात्रा में घी या तेल होना चाहिए। इस विधि में तेज़ आग पर खाद्य पदार्थ घी या तेल की गर्मी से पकता है। जब घी या तेल में से धुआँ उठने लगता है तब खाद्य सामग्री उसमें पकाने के लिये डाली जाती है।

2. उथला तलना-इस विधि में भोजन किसी भी चपटे बर्तन में बनाते हैं। तेल या घी कम मात्रा में इस्तेमाल करते हैं ताकि वस्तु बर्तन की सतह से चिपके नहीं। इसके लिए आग मध्यम रखते हैं। इस विधि से आलू की टिकिया, पूड़े, आमलेट, परांठे आदि बनाये जाते हैं।

तलने से भोजन स्वादिष्ट होता है, देखने में भी सुन्दर व आकर्षक लगता है। तली हुई चीजें शीघ्रता से नहीं पचती हैं। अधिक ताप पर खाद्य पदार्थ के विटामिन नष्ट हो जाते हैं।

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Home Science Guide for Class 6 PSEB भोजन पकाने के कारण Important Questions and Answers

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भोजन पकाने की सर्वोत्तम विधि कौन-सी है ?
उत्तर-
भाप द्वारा पकाना।

प्रश्न 2.
भाप द्वारा भोजन पकाने की विधि सर्वोत्तम विधि क्यों मानी जाती है ?
उत्तर-
क्योंकि इस विधि में भोजन के पोषक तत्त्व नष्ट नहीं होते। भोजन हल्का व शीघ्रता से पचने वाला होता है।

प्रश्न 3.
विटामिन ‘सी’ भोजन पकाने पर नष्ट क्यों हो जाता है ?
उत्तर-
क्योंकि यह जल में घुलनशील होता है तथा ताप के प्रभाव से भी नष्ट हो जाता है।

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प्रश्न 4.
मक्खन को गर्म क्यों नहीं करना चाहिए ?
उत्तर-
मक्खन को गर्म करने से उसका विटामिन ‘ए’ नष्ट हो जाता है।

प्रश्न 5.
भारतीय शैली में भोजन के अन्त में क्या परोसा जाता है ?
उत्तर-
मीठी चीजें (स्वीट डिश)।

प्रश्न 6.
भोजन परोसने की तीन विधियाँ कौन-कौन सी हैं ?
उत्तर-

  1. भारतीय शैली,
  2. विदेशी शैली,
  3. बुफे भोज।

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प्रश्न 7.
यथासम्भव एक ही धातु के पात्रों में भोजन क्यों परोसना चाहिए ?
उत्तर-
एकरूपता होने के कारण आकर्षण बढ़ता है।

प्रश्न 8.
बुफे विधि प्रायः कहाँ प्रयोग में लाई जाती है ?
उत्तर-
शादी, पार्टियों, सामूहिक भोज आदि अवसरों पर।

प्रश्न 9.
सेकने की विधि द्वारा भोजन पकाने के लाभ तथा हानि क्या हैं ?
उत्तर-
लाभ- भोज्य पदार्थ स्वादिष्ट तथा पोषक तत्त्वयुक्त रहता है। हानि-यह महँगी विधि है और इसमें अधिक सावधानी की आवश्यकता होती है।

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प्रश्न 10.
चावल पकाते समय चावलों में कितना पानी डालना चाहिए ?
उत्तर-
जितना पानी चावल सोख लें।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
उबालना और धीमे ताप पर पकाने में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
उबालने और धीमे ताप पर पकाने में अन्तर –

उबालना धीमे ताप पर पकाना
1. भोजन जल्दी पकता है। 1. भोजन देर से पकता है।
2. ईंधन कम खर्च होता है। 2. ईंधन अधिक खर्च होता है।
3. इसमें भोजन अधिक ताप पर (100°C या 212°F) पर पकाया जाता है। 3. इसमें भोजन कम ताप (90°C या 100°F) पर पकाया जाता है।
4. इसमें पानी की मात्रा अधिक रखी जाती है। 4. इस विधि में पानी की मात्रा कम  रखी जाती है। पानी छोड़ने वाले पदार्थ में पानी बिल्कुल नहीं डाला जाता।
5. भोज्य पदार्थ में उपस्थित पोषक तत्त्व, रंग, गंध आदि जल में घुल-मिल जाता है। 5. इसमें पोषक तत्त्व, स्वाद व सुगन्ध सुरक्षित रहते हैं।

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प्रश्न 2.
गहरा तलना से क्या भाव है ?
उत्तर-
जिस बर्तन में खाद्य पदार्थ तलना है वह गहरा होना चाहिए, साथ ही पर्याप्त मात्रा में घी या तेल होना चाहिए। इस विधि में तेज़ आग पर खाद्य पदार्थ घी या तेल की गर्मी से पकता है। जब घी या तेल में से धुआँ उठने लगता है तब खाद्य सामग्री उसमें पकाने के लिये डाली जाती है।

प्रश्न 3.
अप्रत्यक्ष भूनना के बारे में लिखें।
उत्तर-
अप्रत्यक्ष भूनना- इस विधि में किसी माध्यम को गर्म करके उसकी ऊष्मा द्वारा भोज्य पदार्थ को भूनते हैं। चना, मटर, मूंगफली, मक्का, गेहूँ को गर्म बालू में भूना जाता है। टोस्टर में डबल रोटी के टुकड़े भी इसी विधि द्वारा भूने जाते हैं।

प्रश्न 4.
बफाना से क्या भाव है ?
उत्तर-
बफाना-इस विधि में डेगची या भगौने में पानी उबाला जाता है और उसके मुँह पर कपड़ा बाँध कर भोज्य वस्तु को उस पर रखकर और उसे ढक कर बफाते हैं।

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प्रश्न 5.
तलने से क्या भाव है ?
उत्तर-
तलना-इस विधि द्वारा खूब गर्म घी अथवा तेल में भोज्य पदार्थ को तलकर पकाया जाता है। तलने के लिए आग तेज़ हानी चाहिए।

प्रश्न 6.
उबालने के लाभ लिखें।
उत्तर-
उबालने के लाभ –

  1. उबाला हुआ भोजन आसानी से पचने योग्य होता है।
  2. इस विधि में भोजन के पौष्टिक तत्त्व कम नष्ट होते हैं।
  3. यह विधि सरल तथा कम खर्चीली है।
  4. प्रेशर कुकर में खाद्य पदार्थ उबालने से समय और ईंधन की भी बचत होती है।

प्रश्न 7.
तलने के लाभ लिखें।
उत्तर-
तलने के लाभ –

  1. तला हुआ भोजन अधिक स्वादिष्ट हो जाता है।
  2. भोज्य पदार्थ का वसा से संयोग होने के कारण कैलोरी भार अधिक बढ़ जाता है।
  3. तले पदार्थ शीघ्र खराब नहीं होते।

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बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भोजन पकाने की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
भोजन पकाने की प्रमुख विधियाँ निम्नलिखित हैं –
1. उबालना
2. तलना
3. भूनना
4. भाप से पकाना
5. सेकना
6. धीमी आँच पर भोजन पकाना (स्ट्यू करना)।
1. उबालना-उबाल कर भोजन पकाने की विधि सबसे प्राचीन, सरल व साधारण है। इसमें पानी की गर्मी से ही खाद्य पदार्थ पकता है। पानी के उबलने (100°C या 212°F) के बाद आँच धीमी कर देनी चाहिए ताकि तापक्रम पूरे समय तक एक-सा नियन्त्रित रहे। दाल, चावल, मांस, तरकारी आदि इसी विधि से उबाले जाते हैं। उबालने की क्रिया में भोज्य पदार्थ में उपस्थित पोषक तत्त्व, रंग, गंध आदि जल में घुल-मिल जाते हैं तथा उसको स्वादिष्ट बना देते हैं। दाल व चावल को उबालने के लिए उतना ही पानी डालना चाहिए कि पक जाने पर उसे फेंकना न पड़े।

2. तलना-इस विधि द्वारा खूब गर्म घी अथवा तेल में भोज्य पदार्थ को तलकर जाता है –
(1) अधिक चिकनाई में तलना या गहरा तलना-जिस बर्तन में खाद्य पदार्थ तलना है वह गहरा होना चाहिए, साथ ही पर्याप्त मात्रा में घी या तेल होना चाहिए। इस विधि में तेज़ आग पर खाद्य पदार्थ घी या तेल की गर्मी से पकता है। जब घी या तेल में से धुआँ उठने लगता है तब खाद्य सामग्री उसमें पकाने के लिये डाली जाती है।

(2) उथला तलना-इस विधि में भोजन किसी भी चपटे बर्तन में बनाते हैं। तेल या घी कम मात्रा में इस्तेमाल करते हैं ताकि वस्तु बर्तन की सतह से चिपके नहीं। इसके लिए आग मध्यम रखते हैं। इस विधि से आलू की टिकिया, पूड़े, आमलेट, परांठे आदि बनाये जाते हैं।
तलने से भोजन स्वादिष्ट होता है, देखने में भी सुन्दर व आकर्षक लगता है। तली हुई चीजें शीघ्रता से नहीं पचती हैं। अधिक ताप पर खाद्य पदार्थ के विटामिन नष्ट हो जाते हैं।

3. भूनना-पकाने की इस विधि में खाद्य पदार्थ को अग्नि के सीधे सम्पर्क में लाया जाता है। भूनना निम्नलिखित प्रकार का होता है –
(1) प्रत्यक्ष भूनना-इस विधि में भोज्य वस्तु सीधे आग के सम्पर्क में आती है। पदार्थ को चारों ओर घुमाकर भूनते हैं, जैसे आलू, बैंगन, मांस के टुकड़े, मुर्गा, मक्का के भुट्टे, चपाती आदि।

(2) अप्रत्यक्ष भूनना-इस विधि में किसी माध्यम को गर्म करके उसकी ऊष्मा द्वारा भोज्य पदार्थ को भूनते हैं। चना, मटर, मूंगफली, मक्का, गेहूँ को गर्म बालू में भूना जाता है। टोस्टर में डबल रोटी के टुकड़े भी इसी विधि द्वारा भूने जाते हैं।
(3) पात्र में भूनना-इस विधि में भोज्य पदार्थ को किसी बर्तन में डालकर बर्तन आग पर रखकर भूना जाता है लेकिन भूनने में चिकनाई का प्रयोग किया जाता है।

4. भाप द्वारा भोजन पकाना-इस विधि में भोजन को उबलते हुए जल से निकली भाप से पकाया जाता है। खाद्य पदार्थ का पकना प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष दोनों प्रकार से होता –
(1) प्रत्यक्ष विधि-
(i) जलरहित पकाना-जिन सब्जियों में स्वाभाविक जलांश रहता है उनमें यही जलांश उन्हें पकाने का काम करता है। इस विधि में भोजन धीमी आँच पर पकाया जाता है।

(ii) बफाना-इस विधि में डेगची या भगौने में पानी उबाला जाता है और उसके मुँह पर कपड़ा बाँध कर भोज्य वस्तु को उस पर रखकर और उसे ढक कर बफाते हैं।

(iii) इसमें एक विशेष प्रकार का पात्र उपयोग में लाते हैं जिसमें ढक्कनदार बर्तन होता है तथा ढक्कन में जालीदार थाली-सी लगी रहती है। इस पर रखकर सब्जी, गोश्त, इडली भाप द्वारा पकाते हैं।

(2) अप्रत्यक्ष विधि-इस विधि में बन्द बर्तन में थोड़े पानी में खाद्य सामग्री को पकाया जाता है। ढक्कन इतना कसकर लगाया जाता है कि अन्दर की भाप बाहर नहीं निकले। खाद्य पदार्थ उसी भाप के दबाव से पक जाता है। इस विधि से पकाने के लिए प्रेशर कुकर का भी इस्तेमाल किया जाता है। प्रेशर कुकर में भोजन पकाने से ईंधन और समय की बचत तो होती ही है, साथ में भोज्य तत्त्व भी नष्ट नहीं होते हैं।

5. सेकना-इस विधि में भोज्य पदार्थों को किसी भी तरह से पूरी तपी हुई भट्टी या तन्दूर (Oven) में पकाया जाता है। शुष्क उष्णता ही पकाने का माध्यम रहती है। सेकने की दो विधियाँ हैं
(1) सीधे ताप पर रखकर सेकना-इस प्रकार सेके जाने वाले आहारीय पदार्थों में रोटी तथा पापड़ आते हैं। इन्हें सदैव धीमे ताप पर सेकना चाहिए।

(2) बेकिंग-इस विधि में गर्म हवा का एक स्थान से दूसरे स्थान पर संवाहन होता रहता है। विभिन्न प्रकार के व्यंजनों को बेक करने के लिए भिन्न-भिन्न तापक्रम रखना पड़ता है। इस विधि से अधिकतर तन्दूरी रोटी, पावरोटी, पेस्ट्री, केक, बिस्कुट आदि बनाए जाते हैं। सेकने के लिए बर्तनों का विभिन्न आकार होता है। इस विधि में भट्टी का तापक्रम एक-सा होना चाहिए जिससे पेस्ट्री या केक के चारों ओर से ऊष्मा मिल सके। भट्टी गर्म होने के बाद ही भोज्य पदार्थ उसमें रखना चाहिए। तन्दूर (oven) का तापक्रम आवश्यकता से अधिक नहीं होना चाहिए। सेकने के बर्तन में वसा अवश्य लगा लेनी चाहिए जिससे भोज्य पदार्थ पक जाने के बाद आसानी से निकल सके।

6. धीमी आँच पर भोजन पकाना (स्ट्य करना)-इस विधि में भोज्य पदार्थों को बन्द बर्तन में रखकर, धीमी आँच पर धीरे-धीरे पकाया जाता है। इसमें पानी की मात्रा कम रखी जाती है। पानी छोड़ने वाले पदार्थ में पानी बिल्कुल ही नहीं डाला जाता है। इस विधि में पानी का तापक्रम 180°F या 90°C तक रहता है। पकाते समय ढक्कन विधिवत् बन्द कर देना चाहिए, ताकि वाष्प बाहर न निकलने पाये। इस विधि में भोजन पकाने पर उसका स्वाद, सुगन्ध, पोषक तत्त्व सुरक्षित रहते हैं। मांस, साग, सब्जी तथा फल का स्ट्यू इसी विधि से तैयार किया जाता है। मन्द ताप से कठोर हुए बिना प्रोटीन का स्कन्दन हो जाता है।

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एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
पकाया हुआ भोजन ……… पच जाता है।
उत्तर-
आसानी से।

प्रश्न 2.
भोजन को कितने ढंगों द्वारा पकाया जाता है ?
उत्तर-
तीन।

प्रश्न 3.
भोजन पकाने का सस्ता तथा सरल ढंग बताएं।
उत्तर-
स्ट्यू करना।

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प्रश्न 4.
बेक करके क्या पकाया जाता है, एक का नाम बताएं।
उत्तर-
केक।

प्रश्न 5.
उथला तलना विधि द्वारा पकाए जाने वाले एक पदार्थ का नाम लिखें।
उत्तर-
आलू की टिक्की।

प्रश्न 6.
भोजन तलने का एक दोष बताएं।
उत्तर-
भोजन पचने में मुश्किल होती है।

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प्रश्न 7.
भोजन को अधिक घी में पकाने के तरीके को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
तलना।

प्रश्न 8.
टोस्टर में डबलरोटी को भूनना, भूनने की कैसी विधि है ?
उत्तर-
अप्रत्यक्ष भूनना।

प्रश्न 9.
स्ट्यू करते समय पानी का तापमान कितना होता है ?
उत्तर-
90° C.

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भोजन पकाने के कारण PSEB 6th Class Home Science Notes

  • पका हुआ भोजन सुगमता से पच जाता है।
  • पकाने से खाने वाली चीज़ का रंग, रूप, स्वाद तथा सुगंध को अच्छा बनाया जा सकता है।
  • पकाने से कई तरह के हानिकारक बैक्टीरिया तथा अन्य सूक्ष्म जीवाणु मर जाते हैं तथा भोजन हानिरहित हो जाता है।
  • पकाने से भोजन को अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
  • भोजन को तीन ढंगों से पकाया जा सकता है –
    1. सूखे सेंक से पकाना, 2. गीले सेंक से पकाना, 3. घी में पकाना।
  • जब किसी चीज़ को अधिक पानी में पकाया जाए तो उसे उबालना कहते हैं।
  • पदार्थ को थोड़ी-सी चिकनाई लगाकर सेंकने को भूनना कहते हैं।
  • पका भोजन शीघ्र पचने वाला तथा मीठी सुगन्ध वाला होता है।
  • भोजन को घी में पकाने को तलना कहते हैं।
  • दाने भट्ठी पर कड़ाही में रखकर रेत से भूने जाते हैं।
  • तला हुआ भोजन निःसंदेह स्वादिष्ट होता है, परन्तु सख्त तथा भारी होता है।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 2 भोजन के कार्य, तत्त्व तथा उनके स्रोत

Punjab State Board PSEB 6th Class Home Science Book Solutions Chapter 2 भोजन के कार्य, तत्त्व तथा उनके स्रोत Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Home Science Chapter 2 भोजन के कार्य, तत्त्व तथा उनके स्रोत

PSEB 6th Class Home Science Guide भोजन के कार्य, तत्त्व तथा उनके स्रोत Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
शरीर का निर्माण और विकास करने वाले मुख्य तत्त्व का नाम लिखें।
उत्तर-
प्रोटीन।

प्रश्न 2.
शरीर की सुरक्षा करने वाले तत्व का नाम लिखो।
उत्तर-
विटामिन।

प्रश्न 3.
कार्बोहाइड्रेट के दो प्रमुख प्राप्ति स्रोत बताइए।
उत्तर-
अनाज तथा गन्ना।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 2 भोजन के कार्य, तत्त्व तथा उनके स्रोत

प्रश्न 4.
शरीर में वसा का प्रमुख कार्य क्या है ?
उत्तर-
शरीर को ऊर्जा तथा शक्ति प्रदान करना।

प्रश्न 5.
कैल्शियम (चूना) का शरीर के लिए मुख्य कार्य क्या है ?
उत्तर-
शरीर में हड्डियों और दाँतों का निर्माण करना व उन्हें स्वस्थ रखना।

प्रश्न 6.
लोहा प्राप्ति के मुख्य साधन क्या हैं ?
उत्तर-
लिवर, मांस, मछली, अण्डे, पत्तेदार सब्जियाँ, शलगम, बैंगन, अनाज, पूर्ण गेहूँ, दालें, सूखे मेवे, सेला चावल, गुड़ आदि।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 2 भोजन के कार्य, तत्त्व तथा उनके स्रोत

प्रश्न 7.
विटामिन ‘बी’ का प्रमुख कार्य क्या है ?
उत्तर-
यह हृदय तथा मस्तिष्क को शक्ति देता है।

प्रश्न 8.
शरीर के लिए विटामिन ‘सी’ क्यों ज़रूरी है ?
उत्तर–
दाँतों व मसूढ़ों को स्वस्थ व मज़बूत रखने के लिए, घाव को जल्दी भरने के लिए तथा शरीर को संक्रामक रोगों से बचाने के लिए।

प्रश्न 9.
विटामिन ‘ए’ का एक आवश्यक कार्य बताइये।
उत्तर-
आँखों को रोगग्रस्त होने से बचाना तथा त्वचा को स्वस्थ व चिकना रखना।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 2 भोजन के कार्य, तत्त्व तथा उनके स्रोत

प्रश्न 10.
पानी का मुख्य कार्य लिखें।
उत्तर–
पानी हमारे भोजन को तरलता प्रदान करता है ताकि यह एक स्थान से दूसरे स्थान पर सुगमता से जा सके।

लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
भोजन खाना क्यों ज़रूरी है ?
उत्तर-
हमें अपने शरीर की वृद्धि के लिए, रोगों से बचने के लिए, शरीर को स्वस्थ रखने के लिए तथा शरीर के सभी अंगों को सुचारु रूप से कार्य करते रहने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है। शरीर की क्रियाओं को करने के लिए शक्ति की आवश्यकता पड़ती है जो भोजन से मिलती है।

प्रश्न 2.
भोजन के कौन-कौन से पौष्टिक तत्त्व हैं ?
उत्तर-
भोजन के निम्नलिखित तत्त्व हैं –

  1. प्रोटीन,
  2. कार्बोहाइड्रेट,
  3. वसा (चिकनाई),
  4. खनिज लवण,
  5. विटामिन,
  6. जल।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 2 भोजन के कार्य, तत्त्व तथा उनके स्रोत

प्रश्न 3.
बढ़ रहे बच्चों के भोजन में प्रोटीन का होना क्यों ज़रूरी है ? प्रोटीन हमें कौन-से भोजनों से मिलती है ?
उत्तर–
बढ़ रहे बच्चों के भोजन में प्रोटीन का होना निम्नलिखित कारणों से ज़रूरी है –
PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 2 भोजन के कार्य, तत्त्व तथा उनके स्रोत 1

  1. यह शरीर की वृद्धि के लिए आवश्यक है।
  2. यह शरीर के तन्तुओं की टूट-फूट की मरम्मत करता है।
  3. यह शरीर में नए कोशों तथा तन्तुओं को बनाता है।
  4. इससे शरीर में पाचक तत्त्वों का निर्माण होता है।
  5. यह मानसिक शक्ति बढ़ाने में सहायक है।
  6. यह शरीर में रक्त कणों की वृद्धि करता है। रक्त में उपस्थित फाइब्रिन प्रोटीन रक्त को बहने से रोकने के लिए रक्त को जमाने का कार्य करता है।
  7. इससे शरीर में रोगों से लड़ने की शक्ति में वृद्धि होती है।
  8. प्रोटीन शरीर के विभिन्न कार्यों के नियन्त्रण में सहायता करते हैं।

प्रोटीन प्राप्ति के साधन-प्रोटीन पौधों तथा जन्तु दोनों से प्राप्त होते हैं।
(अ) वनस्पति प्रोटीन-
1. अनाज-गेहूँ, ज्वार, बाजरा, चावल, मकई, रागी, जई।
2. दालें-अरहर, उड़द, मूंग, मसूर, सोयाबीन व चने की दाल, चपटी सेम के सूखे बीज, सूखी मटर आदि।
3. मेवा-काजू, बादाम, अखरोट, पिस्ता, मूंगफली आदि।
(ब) जन्तु प्रोटीन-
1. अण्डा, मांस, मछली, कलेजी (लिवर) आदि।
2. दूध व दूध से बने पदार्थ-गाय, भैंस, बकरी व माता का दूध, सूखा दूध, दही, पनीर आदि।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
महत्त्वपूर्ण खनिज लवण कौन-से हैं तथा हमारे शरीर में उसका क्या काम है ?
उत्तर-
हमारे शरीर के लिए महत्त्वपूर्ण खनिज लवण निम्नलिखित हैं –
(i) कैल्शियम,
(ii) फॉस्फोरस,
(iii) लोहा,
(iv) आयोडीन,
(v) मैग्नीशियम।
महत्त्वपूर्ण खनिज लवण के कार्य –
(i) कैल्शियम के कार्य –

  1. हड्डियों और दाँतों का निर्माण करता है।
  2. हड्डियों और दाँतों को स्वस्थ बनाए रखता है।
  3. मांसपेशियों की क्रियाशीलता तथा हृदय की गति नियन्त्रित करता है।
  4. यह स्नायुओं को स्वस्थ रखता है।
  5. यह रक्त के जमने में सहायता करता है।

(ii) फॉस्फोरस के कार्य –

  1. कैल्शियम के समान ही यह हमारी हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
  2. यह स्नायु संस्थान को पूर्णरूप से स्वस्थ बनाता है।
  3. हमारे शरीर में स्थित द्रव पदार्थों की मात्रा को स्थिर रखने में मदद देता है।
  4. यह शरीर के उचित विकास में सहायक होता है।
  5. यह कैल्शियम के अवशोषण में सहायता करता है।

(iii) लोहा के कार्य –

  1. यह प्रोटीन के साथ संयोग करके लाल रक्त कणों में हीमोग्लोबिन को बनाता है।
  2. हीमोग्लोबिन की सहायता से यह प्राण वायु (ऑक्सीजन) की पूर्ति करता है।
  3. हीमोग्लोबिन शरीर में बनने वाली दूषित वायु (कार्बन डाइऑक्साइड) को शुद्ध करने के लिए फेफड़ों में ले जाता है।

(iv) आयोडीन के कार्य –

  1. यह थायरॉइड ग्रन्थि की क्रियाशीलता के लिए आवश्यक है।
  2. यह प्रौढ़ावस्था में मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए आवश्यक है।
  3. यह शरीर में कैल्शियम और वसा का उचित प्रयोग करने में सहायता प्रदान करता
  4. आयोडीन की कमी से बालों की वृद्धि नहीं हो पाती।

(v) मैग्नीशियम के कार्य –

  1. यह हड्डी, दाँत, कोशिका तथा रक्त में पाया जाता है।
  2. यह कैल्शियम तथा फॉस्फोरस के उपापचयन में सहायक है।
  3. इसके अभाव में स्नायु सम्बन्धी रोग तथा ऐंठन होने लगती है।
  4. इसकी कमी से सिर दर्द तथा जोड़ों में दर्द का भय रहता है।

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प्रश्न 2.
पानी में घुलनशील विटामिन कौन-से हैं ? इनकी कमी से शरीर में कौनसी बीमारियाँ हो जाती हैं ?
उत्तर–
पानी में घुलनशील विटामिन निम्नलिखित हैं –
(i) विटामिन ‘बी’,
(ii) विटामिन ‘सी’।
(i) विटामिन ‘बी’ की कमी से शरीर में होने वाली बीमारियाँ –

  1. बेरी-बेरी नामक रोग हो जाता है।
  2. भूख कम लगती है तथा कब्ज हो जाती है।
  3. जी मितलाता है।
  4. स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है।
  5. साँस जल्दी फूलने लगती है।
  6. मांसपेशियाँ सख्त हो जाती हैं।

(ii) विटामिन ‘सी’ की कमी से शरीर में होने वाली बीमारियाँ –

  1. स्कर्वी नामक रोग हो जाता है।
  2. मसूड़े, दाँत तथा हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं।
  3. मसूड़ों से खून आने लगता है।
  4. टाँगों में दर्द रहता है।
  5. खून की कमी हो जाती है।
  6. थकावट होने लगती है।

प्रश्न 3.
विटामिन ‘ए’ के स्रोत कौन-से हैं ? इनकी कमी से क्या हानि होती है ?
उत्तर-
विटामिन ‘ए’ के स्त्रोत-दूध, दही, अण्डे का पीला भाग, मछली के यकृत के तेल, मछली, घी और मक्खन (पशु जगत् से प्राप्त) में विटामिन ‘ए’ अधिक पाया जाता है। वनस्पतियों में हरी पत्तेदार सब्जियाँ, टमाटर, गाजर, पका पपीता, आम, कद्दू, सन्तरा, रसभरी आदि विटामिन ‘ए’ के प्राप्ति स्रोत हैं।
विटामिन ‘ए’ की कमी से हानि –
शरीर में विटामिन ‘ए’ की कमी से निम्नलिखित हानियाँ होती हैं –

  1. नेत्रों में रात्रि अन्धापन या रतौंधी रोग हो जाता है।
  2. शरीर की वृद्धि रुक जाती है।
  3. शरीर के पूर्ण विकास में बाधा पहुँचती है।
  4. त्वचा शुष्क पड़ जाती है।
  5. दाँतों का रंग पीला पड़ जाता है।
  6. साँस लेने में कठिनाई होती है, फलस्वरूप श्वास सम्बन्धी संक्रामक रोग जैसे क्षय, निमोनिया, इन्फ्लुएन्जा आदि होने की सम्भावना हो जाती है।
  7. पेशाब की नलियों में पथरी हो जाती है।

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प्रश्न 4.
पानी से हमें क्या लाभ हैं ?
उत्तर–
पानी से हमें निम्नलिखित लाभ हैं –

  1. पानी हमारे भोजन को तरल बनाता है जिससे यह एक से दूसरे स्थान पर सुगमता से जा सकता है और भोजन आसानी से पच भी जाता है।
  2. पानी हमारे शरीर में विभिन्न क्रियाओं के फलस्वरूप बने विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में सहायता देता है।
  3. पानी शरीर का तापमान ठीक रखने तथा खून के दौरे को ठीक रखने के लिए भी ज़रूरी है।

प्रश्न 5.
खून का रंग लाल क्यों होता है ? भोजन में लोहे की कमी के कारण कौन-सा रोग हो जाता है ?
उत्तर-
खून का रंग लोहा तत्त्व के कारण लाल होता है। भोजन में यदि लोहे की कमी हो तो अनीमिया रोग हो जाता है।
लोहे की कमी से –

  1. रक्तहीनता या एनीमिया रोग हो जाता है।
  2. खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाने से नाखून, त्वचा, जीभ व आँखें पीली नज़र आती हैं।
  3. भूख कम लगती है।
  4. बच्चों के विकास में रुकावट आती है।
  5. जल्दी थकावट आती है।
  6. रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।

प्रश्न 6.
शरीर के विकास के लिए भोजन के किस पौष्टिक तत्व की ज़रूरत होती है ? इस पौष्टिक तत्व के स्रोत कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
शरीर के विकास के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है।
प्रोटीन-यह कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन के मेल से बनी होती है। केवल प्रोटीन ही भोजन का एक ऐसा भाग है, जिसमें नाइट्रोजन होता है। प्रोटीन हमारे शरीर में टूटी-फूटी कोशिकाओं की मुरम्मत तथा नई कोशिकाओं का निर्माण करती है। यह हमारे शरीर के विकास के लिए बहुत ज़रूरी है। इसलिए विकसित हो रहे बच्चों के भोजन में प्रोटीन होना चाहिए। इसकी कमी से बच्चों का कद छोटा हो जाता है।

स्त्रोत-वनस्पति प्रोटीन-सोयाबीन, मूंगफली, राजमाह, छिलके वाली दालें, मटर, फ्रांसबीन, गेहूँ।
जैविक प्रोटीन-अण्डा, मछली, मुर्गा, दूध, दही तथा पनीर।

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प्रश्न 7.
दालों को अंकुरित करके खाने का क्या लाभ है ?
उत्तर-
प्रायः दालों में विटामिन ‘सी’ नहीं होता है तथा इनका पौष्टिक मान बढ़ाने के लिए उन्हें अंकुरित किया जाता है। अंकुरित करने से दालों में विटामिन ‘सी’ तथा अन्य विटामिनों की मात्रा बढ़ जाती है।

Home Science Guide for Class 6 PSEB भोजन के कार्य, तत्त्व तथा उनके स्रोत Important Questions and Answers

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भोजन के तत्त्व शरीर के लिए क्यों आवश्यक होते हैं ?
उत्तर-
शरीर को क्रियाशील रखने तथा शारीरिक विकास हेतु।

प्रश्न 2.
ऊर्जा प्रदान करने वाले तत्त्व कौन-से होते हैं ?
उत्तर-
कार्बोहाइड्रेट्स तथा वसा।

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प्रश्न 3.
कार्बोहाइड्रेट किस-किस तत्त्व से मिलकर बनते हैं ?
उत्तर-
कार्बन, हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन।

प्रश्न 4.
कार्बोहाइड्रेट का प्रमुख कार्य क्या है ?
उत्तर-
शरीर की क्रियाशीलता हेतु ऊर्जा प्रदान करना।

प्रश्न 5.
प्रोटीन किस-किस तत्त्व से मिलकर बने होते हैं ?
उत्तर-
कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस एवं गन्धक।

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प्रश्न 6.
प्रोटीन के दो प्रमुख प्राप्त स्रोत बताइए।
उत्तर-
अण्डा व दालें।

प्रश्न 7.
पूर्ण प्रोटीन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जो प्रोटीन पशुओं से प्राप्त होते हैं उसे पूर्ण प्रोटीन कहते हैं।

प्रश्न 8.
किन-किन वनस्पतियों में प्रोटीन अधिक पाया जाता है ?
उत्तर–
दालें, अनाज, सोयाबीन, अखरोट, मूंगफली, बादाम, सेम के बीज, मटर आदि में।

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प्रश्न 9.
जन्तुओं से प्राप्त किन-किन पदार्थों में प्रोटीन अधिक मात्रा में होती है ?
उत्तर-
दूध, दही, मक्खन, पनीर, अण्डे, माँस, मछली।

प्रश्न 10.
कार्बोहाइड्रेट्स कितने रूपों में पाए जाते हैं ?
उत्तर-
तीन रूपों में स्टार्च, शक्कर तथा चीनी व रेशे।

प्रश्न 11.
कौन-कौन से स्टार्चयुक्त पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट अधिक पाया जाता है?
उत्तर-
चावल, गेहूँ, शकरकन्द, मक्का, साबूदाना, जौ, अखरोट, आलू आदि।

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प्रश्न 12.
कौन-कौन से शर्करायुक्त पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट अधिक पाया जाता है?
उत्तर-
शहद, चीनी, गुड़, शीरा, चुकन्दर, अंगूर तथा अन्य मीठे फल।

प्रश्न 13.
वसा के दो प्रमुख स्रोत बताइए।
उत्तर-
तेलीय बीज तथा दूध।

प्रश्न 14.
वसा के कितने प्रकार होते हैं ?
उत्तर-
दो प्रकार-

  1. प्राणीजन्य वसा तथा
  2. वनस्पति वसा।

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प्रश्न 15.
जन्तुओं से प्राप्त होने वाले वसा पदार्थ कौन-से हैं ?
उत्तर-
घी, दूध, मक्खन, क्रीम, दही, पनीर, जानवरों की चर्बी, मछली, अण्डे की सफेदी।

प्रश्न 16.
वनस्पति से प्राप्त होने वाले वसा पदार्थ कौन-से हैं ?
उत्तर-
मूंगफली, सरसों, तिल, नारियल, बादाम, अखरोट, चिलगोजा आदि।

प्रश्न 17.
शरीर के लिए आवश्यक पाँच खनिच तत्त्व बताइए।
उत्तर-
कैल्शियम, फॉस्फोरस, लोहा, आयोडीन तथा सोडियम।

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प्रश्न 18.
कैल्शियम प्राप्ति के मुख्य साधन क्या हैं ?
उत्तर-
दूध व दूध से बने पदार्थ, ताज़ा व हरी पत्तेदार सब्जियाँ तथा अण्डा।

प्रश्न 19.
लोहा शरीर के लिए क्यों आवश्यक हैं ?
उत्तर-
प्रोटीन के साथ संयोग करके हीमोग्लोबिन के निर्माण में जिसके कारण खून (रक्त) का रंग लाल होता है।

प्रश्न 20.
शरीर के लिए आवश्यक विटामिन कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
विटामिन ‘ए’, विटामिन ‘बी’, विटामिन ‘सी’, विटामिन ‘डी’ तथा विटामिन ‘के’।

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प्रश्न 21.
विटामिन ‘ए’ के प्रमुख स्रोत क्या हैं ?
उत्तर-
हरी पत्तेदार सब्जियाँ, आम, पपीता, गाजर, अण्डा, दूध, मक्खन, मांस आदि।

प्रश्न 22.
विटामिन ‘बी’ के स्रोत क्या हैं ?
उत्तर-
अनाज, मूंगफली, दालें, अंकुरित दालें व खमीर किए गए पदार्थ। कुछ मात्रा में मटर, सेम, गोभी तथा दूध से भी मिलता है।

प्रश्न 23.
जल का शरीर के लिए प्रमुख कार्य क्या है ?
उत्तर-
यह पोषक तत्त्वों तथा शारीरिक क्रियाओं के नियमन का कार्य करता है।

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छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
सन्तुलित भोजन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वह भोजन जो हमारे शरीर को सभी पौष्टिक तत्त्व हमारी शारीरिक आवश्यकतानुसार उचित मात्रा में प्रदान करता है, सन्तुलित भोजन कहलाता है।

प्रश्न 2.
सन्तुलित भोजन के मुख्य तत्त्व कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
सन्तुलित भोजन में पाए जाने वाले मुख्य तत्त्व निम्नलिखित हैं –

  1. प्रोटीन।
  2. वसा।
  3. कार्बोहाइड्रेट्स या कार्बोज-श्वेतसार तथा शक्कर देने वाले पदार्थ।
  4. विटामिन-विटामिन ए, बी, सी तथा डी।
  5. खनिज लवण, कैल्शियम, लोहा, नमक आदि।
  6. जल।

प्रश्न 3.
वसा प्राप्ति के साधनों का वर्णन करो।
उत्तर-

  1. तेल और घी-मूंगफली, सरसों का तेल, नारियल का तेल, देसी घी, वनस्पति घी।
  2. मक्खन।
  3. मेवा व बीज-बादाम, काजू, नारियल, मूंगफली, पिस्ता, अखरोट, सोयाबीन आदि।
  4. दूध व दूध से बने पदार्थ-गाय-भैंस का दूध, खोआ, सूखा दूध आदि।
  5. मांसाहारी भोजन-अण्डा, मांस, मछली, लिवर आदि।

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प्रश्न 4.
पूर्ण प्रोटीन क्या होता है ?
उत्तर-
पशु स्रोतों से प्राप्त होने वाला प्रोटीन पूर्ण प्रोटीन कहलाता है। पशु स्रोतों से प्राप्त प्रोटीन अच्छे गुण वाला होता है। ये दूध, पनीर, अण्डा, मांस, मछली इत्यादि से प्राप्त होते हैं।

प्रश्न 5.
भोजन के कौन-से पौष्टिक तत्त्व में नाइट्रोजन होती है तथा शरीर में इनके क्या कार्य हैं ?
उत्तर-
भोजन के प्रोटीन पौष्टिक तत्त्व में नाइट्रोजन होती है। प्रोटीन हमारे शरीर में टूटी-फूटी कोशिकाओं की मुरम्मत तथा नई कोशिकाओं का निर्माण करता है।

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बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भोज्य तत्त्वों की कमी से शरीर को कौन-कौन सी हानियाँ होती हैं ?
उत्तर-
विभिन्न भोज्य तत्त्वों की कमी से शरीर को निम्नलिखित हानियाँ होती हैं –
1. कार्बोहाइड्रेट्स की कमी से

  1. व्यक्ति का वज़न कम हो जाता है। शरीर दुबला हो जाता है।
  2. बेचैनी रहती है तथा थकावट होती है।
  3. प्रोटीन से शक्ति व गर्मी लेने के कारण प्रोटीन द्वारा तन्तुओं के निर्माण का कार्य कठिन हो जाता है।
  4. त्वचा में झुर्रियाँ पड़ जाती हैं तथा त्वचा लटक जाती है।

2. प्रोटीन की कमी से

  1. शारीरिक वृद्धि में कमी आ जाती है क्योंकि नए तन्तुओं का निर्माण रुक जाता है।
  2. स्वभाव में चिड़चिड़ापन हो जाता है।
  3. व्यक्ति का मन काम करने को नहीं होता।
  4. भूख कम लगती है।
  5. शरीर के भार में कमी हो जाती है।
  6. काम करने की शक्ति कम हो जाती है।
  7. त्वचा पर सूखापन, झुर्रियाँ और स्थान-स्थान पर चकते पड़ जाते हैं।

3. वसा की कमी से

  1. वज़न कम हो जाता है।
  2. थकावट व बेचैनी जल्दी हो जाती है।
  3. वसा की कमी की पूर्ति प्रोटीन द्वारा होती है, जिससे नए तन्तुओं का निर्माण कार्य कठिन हो जाता है।
  4. त्वचा शुष्क हो जाती है।

4. कैल्शियम की कमी से

  1. बच्चों की हड्डियों तथा दाँतों का विकास ठीक से नहीं हो पाता।
  2. हड्डियाँ कमज़ोर व टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती हैं। हड्डियों के टूटने का भय रहता है।
  3. दाँत खराब हो जाते हैं।
  4. खून के जमने की शक्ति नहीं रहती। चोट लगने पर खून बहता रहता है।
  5. पाचन-शक्ति कम हो जाती है।
  6. मांसपेशियों की क्रियाशीलता में कमी आ जाती है।

5. लोहे की कमी से

  1. रक्तहीनता या एनीमिया रोग हो जाता है।
  2. खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाने से नाखून, त्वचा, जीभ व आँखें पीली नज़र आती हैं।
  3. भूख कम लगती है।
  4. बच्चों के विकास में रुकावट आती है।
  5. जल्दी थकावट आती है।
  6. रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।

6. विटामिन ‘ए’ की कमी से

  1. इसकी कमी का अधिक प्रभाव आँखों पर पड़ता है। इसकी कमी से रतौंधी या अंधराता नामक रोग हो जाता है। रोगी धुंधले प्रकाश में साफ-साफ नहीं देख सकता।
  2. त्वचा सूखी और खुरदरी हो जाती है।
  3. शरीर को निमोनिया तथा तपेदिक जैसी बीमारियों का भय रहता है।
  4. शारीरिक विकास में रुकावट आती है।

7. विटामिन ‘बी’ की कमी से

  1. बेरी-बेरी नामक रोग हो जाता है।
  2. भूख कम लगती है तथा कब्ज़ हो जाती है।
  3. जी मितलाता है।
  4. स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है।
  5. सांस जल्दी फूलने लगता है।
  6. मांसपेशियाँ सख्त हो जाती हैं।

प्रश्न 2.
शरीर की वृद्धि तथा विकास के लिए भोजन के कौन-कौन से पौष्टिक तत्त्वों की आवश्यकता होती है ? इसके स्रोत भी बताओ।
उत्तर-
शरीर की वृद्धि तथा विकास के लिए भोजन के निम्नलिखित पौष्टिक तत्त्वों की आवश्यकता होती है –
1. प्रोटीन-यह कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन के मेल से बनी होती है। केवल प्रोटीन ही भोजन का एक ऐसा भाग है, जिसमें नाइट्रोजन होता है। प्रोटीन हमारे शरीर में टूटी-फूटी कोशिकाओं की मुरम्मत तथा नई कोशिकाओं का निर्माण करती है। यह हमारे शरीर के विकास के लिए बहुत ज़रूरी है। इसलिए विकसित हो रहे बच्चों के भोजन में प्रोटीन होना चाहिए। इसकी कमी से बच्चों का कद छोटा हो जाता है।

स्रोत-वनस्पति प्रोटीन-सोयाबीन, मूंगफली, राजमाह, छिलके वाली दालें, मटर, फ्रांसबीन, गेहूँ।
जैविक प्रोटीन-अण्डा, मछली, मुर्गा, दूध, दही तथा पनीर।

2. कार्बोहाइड्रेट-ये कार्बन, हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के मेल से बनते हैं। ये हमारे शरीर में जलकर गर्मी पैदा करते हैं, जिसमें हमें कार्य करने की शक्ति मिलती है। दूसरे भोजनों की तुलना में सस्ते होने के कारण गरीब लोग भी अधिक कार्बोहाइड्रेट का इस्तेमाल करते हैं। इसकी कमी से शरीर पतला और अधिक मोटा हो जाता है।
स्रोत-गुड़, चीनी, गन्ने के रस, शहद, खजूर, अंगूर, किशमिश, गेहूँ, चावल, आलू, शक्करकन्दी आदि।

3. वसा-कार्बोहाइड्रेट की तरह वसा भी कार्बन, हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के मेल से बनती है। यह भी हमारे शरीर को गर्मी तथा शक्ति देती है। वसा शरीर के अंगों की रक्षा करती है परन्तु यदि आवश्यकता से अधिक मात्रा में खाई जाए तो शरीर पर चर्बी की मोटी परत जम जाती है, जिससे शरीर मोटा हो जाता है।

स्रोत-जैविक वसा-मक्खन, देसी घी, दूध, मछली के तेल, जानवरों की चर्बी तथा अण्डे की जर्दी।
वनस्पति वसा-तेल तथा तेलों के बीज, वनस्पति घी तथा शुष्क मेवा।

4. खनिज लवण-प्रोटीन, कार्बोज, वसा, विटामिन तथा जल के अतिरिक्त शरीर के लिए खनिज लवण भी आवश्यक हैं। ये शरीर की रक्षात्मक भोज्य पदार्थों के अन्तर्गत आते हैं। इनके अभाव से शरीर में कई प्रकार की न्यूनताएँ आ जाती हैं।
स्रोत-हरी पत्तेदार सब्जियों, ताजे फलों, दूध, अण्डे, खमीर, मूंगफली, छिलकों वाली अनाजों और दालें।

5. विटामिन-यदि हमारे भोजन में शेष सब तत्त्व सम्मिलित हों यदि उसमें विटामिन की कमी हो तो शरीर ठीक तरह विकास नहीं करता है।
स्रोत-दूध, दही, गाजर, पपीता, अनाज, दालें, आँवला, कलेजी आदि।

6. जल-जल एक रासायनिक संयोग है। इसमें दो मात्रा हाइड्रोजन तथा एक मात्रा ऑक्सीजन की होती है। हमारे शरीर में 70-75 प्रतिशत जल का ही होता है।
स्रोत-दूध, चाय, लस्सी, नींबू, संतरा, माल्टा, तरबूज, नारियल, हरी सब्जियाँ।

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एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
अंकुरित दालों में कौन-सा विटामिन बढ़ जाता है ?
उत्तर-
विटामिन ‘सी’।

प्रश्न 2.
आयोडीन का सम्बन्ध किस ग्रन्थि से है ?
उत्तर-
थाईराईड।

प्रश्न 3.
चिकनाई दो प्रकार की प्राणीज़ तथा …………… चिकनाई होती है ।
उत्तर-
वनस्पतिक।

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प्रश्न 4.
विटामिन ‘सी’ की कमी से …………. रोग हो जाता है।
उत्तर-
स्कर्वी।

प्रश्न 5.
दाँतों तथा हड्डियों में कौन-सा खनिज प्रयोग होता है ?
उत्तर-
कैल्शियम।

प्रश्न 6.
चिकनाई की कमी से क्या होता है ? (कोई एक)
उत्तर-
थकावट तथा बेचैनी।

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प्रश्न 7.
पूर्ण प्रोटीन के उदाहरण दो। (कोई एक)
उत्तर-
अण्डा, मास।

प्रश्न 8.
बेरी-बेरी रोग किस विटामिन की कमी से होता है ?
उत्तर-
विटामिन बी।

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भोजन के कार्य, तत्त्व तथा उनके स्रोत PSEB 6th Class Home Science Notes

  • भोजन प्रत्येक जीव का प्राण है।
  • उचित भोजन के बिना शरीर का विकास ठीक तरह नहीं हो सकता।
  • शरीर के विकास के लिए, नई कोशिकाओं के निर्माण तथा पुरानी कोशिकाओं की मुरम्मत के लिए जिन तत्त्वों की आवश्यकता होती है, वे सभी तत्त्व हमें भोजन से ही मिलते हैं।
  • टूटी हुई कोशिकाओं की मुरम्मत तथा नई कोशिकाओं के निर्माण के लिए प्रोटीन युक्त भोजन की आवश्यकता है।
  • हमारे शरीर को रोगों से बचाने की शक्ति भी भोजन से ही प्राप्त होती है।
  • हमारे शरीर कई रासायनिक तत्त्वों से मिलकर बना हुआ है। इनमें से कार्बन, हाइड्रोजन ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, चूना, फॉस्फोरस, लोहा, सोडियम आदि महत्त्वपूर्ण हैं।
  • प्रोटीन-यह कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन के मेल से बनी होती है। प्रोटीन ही भोजन का एक ऐसा भाग है, जिसमें नाइट्रोजन होती है।
    स्रोत-वनस्पति-प्रोटीन, सोयाबीन, मूंगफली, राजमाह, छिलके वाली दालें, . मटर, फ्रांसबीन तथा दूसरी फलियों से और कुछ प्रोटीन अनाजों से भी मिलती हैं।
  • जैविक प्रोटीन वनस्पति प्रोटीन से अच्छी समझी जाती है। इसलिए शाकाहारी लोगों को दूध, दही तथा पनीर का अधिक प्रयोग करना चाहिए।
  • कार्बोहाइड्रेट-ये कार्बन, हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के मेल से बनते हैं।। इसकी कमी से शरीर पतला और अधिकता से मोटा हो जाता है।
    स्रोत-शक्कर के रूप में कार्बोहाइड्रेट गुड़, चीनी, गन्ने के रस, शक्कर, शहद, खजूर, अंगूर तथा किशमिश आदि में।
  • जैविक चिकनाई मक्खन, देसी घी, दूध, मछली के तेल, जानवरों की चर्बी तथा अंडे की जर्दी से मिलती है।
  • चूना अधिकतर दूध, लस्सी, पनीर और हरी पत्ते वाली सब्जियों से मिलता है।
  • लोहा खून को लाल रंग देता है। रक्त लाल कण फेफड़ों में से ऑक्सीजन खींचकर सारे अंगों को देते हैं तथा कार्बन-डाइऑक्साइड को फेफड़ों द्वारा बाहर निकालते हैं।
  • लोहा की कमी से अनीमिया (खून की कमी का रोग) हो जाता है।
  • स्रोत- यह मांस, विशेषत: गुर्दा, कलेजी तथा अंडे की जर्दी से मिलता है। इसके अतिरिक्त हरे पत्ते वाली सब्जियों, सोयाबीन, काले चने और गुड़ आदि।
  • विटामिन दो प्रकार के होते हैं –
    1. पानी में घुलनशील जैसे-विटामिन ‘बी’ तथा विटामिन ‘सी’।
    2. चिकनाई में घुलनशील जैसे-विटामिन ‘ए’, ‘डी’, ‘ई’ और ‘के’।
  • विटामिन ‘ए’ हमारी आँखों की दृष्टि के लिए बहुत आवश्यक है।
    स्त्रोत-विटामिन ‘ए’ दूध, मक्खन, देसी घी तथा अण्डे की जर्दी।
  • विटामिन ‘सी’ की कमी से मसूढ़ों से खून निकलने लग जाता है तथा घाव शीघ्र ठीक नहीं होते।
    स्रोत-खट्टे फल जैसे-आँवला, अमरूद, सन्तरा, मालटा, नींबू, चकोतरा तथा हरी पत्ते वाली सब्जियाँ।
  • पानी शरीर का तापमान ठीक रखने तथा खून के दौरे को ठीक रखने के लिए भी ज़रूरी है।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 7 पंजाब के मुख्य फल

Punjab State Board PSEB 6th Class Agriculture Book Solutions Chapter 7 पंजाब के मुख्य फल Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Agriculture Chapter 7 पंजाब के मुख्य फल

PSEB 6th Class Agriculture Guide पंजाब के मुख्य फल Textbook Questions and Answers

(क) एक-दो शब्दों में उत्तर दो-

प्रश्न 1.
पंजाब में फलों की काश्त का क्षेत्रफल लिखो। यह कितने क्षेत्र में होती है ? बताइए।
उत्तर-
लगभग 75 हज़ार हैक्टेयर।

प्रश्न 2.
पंजाब में किन्नू की काश्त किन-किन जिलों में की जाती है ?
उत्तर-
होशियारपुर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, श्री मुक्तसर साहिब, बठिंडा।

प्रश्न 3.
किन्नू के पौधे कब लगाए जाते हैं ?
उत्तर-
फरवरी-मार्च और सितम्बर-अक्तूबर।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 7 पंजाब के मुख्य फल

प्रश्न 4.
अमरूद में किस विटामिन की मात्रा अत्यधिक होती है ?
उत्तर-
विटामिन सी।

प्रश्न 5.
किस फल को फलों का राजा कहा जाता है ?
उत्तर-
आम को।

प्रश्न 6.
आम की काश्त मुख्यतः किन जिलों में की जाती है ?
उत्तर-
अर्ध-पहाड़ी जिलों रोपड़, होशियारपुर, शहीद भगत सिंह नगर, गुरदासपुर, केन्द्रीय प्रदेश चंडीगढ़।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 7 पंजाब के मुख्य फल

प्रश्न 7.
नाशपाती की काश्त प्रमुखतः किन इलाकों में की जाती है ?
उत्तर-
अमृतसर, गुरदासपुर, जालन्धर।

प्रश्न 8.
लीची की कौन-कौन सी किस्में हैं ?
उत्तर-
सीडलैस लेट, कलकत्तिया, देहरादून।

प्रश्न 9.
आडू के पौधे कब लगाने चाहिएं ?
उत्तर-
आडू के एक साल के पौधे अर्ध-जनवरी तक नई फोट शुरू होने से पहले बाग में लगाने चाहिएं।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 7 पंजाब के मुख्य फल

(ख) एक-दो वाक्यों में उत्तर दो

प्रश्न 1.
निम्नलिखित मुख्य तत्त्व अधिक मात्रा में किन फलों में पाए जाते हैं ?
विटामिन सी, विटामिन ए, लोहा, प्रोटीन, विटामिन बी, पोटाशियम, कैल्शियम
उत्तर-
विटामिन सी-नींबू जाति के फल, अमरूद, आंवला, बेर।
विटामिन ए-आम, नाशपाती, बेर, पपीता।
लोहा-अमरूद, नाशपाती, बेर, करौंदा, अंजीर, खजूर।
प्रोटीन-काजू, बादाम, अखरोट।
विटामिन बी-आम, नाशपाती, आडू। पोटाशियम-केला। कैल्शियम-लीची, करौंदा।

प्रश्न 2.
नींबू जाति के फलों में कौन-से फल आते हैं ?
उत्तर-
किन्नू, मालटा, नींबू, गरेपफ्रूट और गलगल।

प्रश्न 3.
फल मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण हैं ?
उत्तर-
फलों में बहुत सारे आहारीय तत्व मिलते हैं; जैसे-विटामिन, खनिज पदार्थ, पिगमेंट्स, एंटीआक्सीडेंट्स आदि। एक मनुष्य को रोज़ाना 100 ग्राम फलों की ज़रूरत है। फल मनुष्य में बीमारियों का सामना करने की शक्ति बढ़ाते हैं।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 7 पंजाब के मुख्य फल

प्रश्न 4.
पंजाब के प्रमुख फल कौन-से हैं ?
उत्तर-
पंजाब में किन्न, अमरूद, आम, नाशपाती, लीची, आड़, बेर, मालटा आदि।

प्रश्न 5.
आडू की किस्मों के बारे में बताओ।
उत्तर-
प्रताप, शाने पंजाब, प्रभात, शरबती, पंजाब नेकट्रेन।

प्रश्न 6.
बेर खाने के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
बेर खून को साफ करता है और भोजन की पाचन शक्ति बढ़ाता है।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 7 पंजाब के मुख्य फल

प्रश्न 7.
किन्नू खाने के क्या-क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
किन्नू में विटामिन सी की मात्रा ज़्यादा होती है। यह शरीर की बीमारियों के साथ लड़ने की शक्ति में बढ़ौतरी करता है।

प्रश्न 8.
पंजाब में नाशपाती, बेर, लीची तथा आडू की काश्त किन-किन स्थानों पर है ?
उत्तर-
नाशपाती-अमृतसर, गुरदासपुर, जालन्धर । बेर-संगरूर, पटियाला, मानसा। लीची-गुरदासपुर, होशियारपुर, रूपनगर। आडू-तरनतारन, जालन्धर, पटियाला।

प्रश्न 9.
आम से कौन-कौन से खाने वाले पदार्थ तैयार किए जाते हैं ?
उत्तर-
खट्टी-मीठी चटनी, अचार, आमचूर, आम पापड़, जूस, शर्बत।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 7 पंजाब के मुख्य फल

(ग) पांच-छ: वाक्यों में उत्तर दो –

प्रश्न 1.
पंजाब में उगाए जाने वाले फलों के नाम, उनकी किस्में, ज़िले जहां काश्त होती है, पौधे लगाने का समय तथा उनकी महत्ता की सारणी तैयार करो।
उत्तर-
PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 7 पंजाब के मुख्य फल 1
PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 7 पंजाब के मुख्य फल 2

प्रश्न 2.
किन्नू की काश्त के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
किन्नू एक नींबू जाति का फल है। इसकी काश्त अन्य नींबू जाति के फलों की तुलना में पहले स्थान पर है।
काश्त वाले जिले-फिरोजपुर, फाजिल्का, होशियारपुर, श्री मुक्तसर साहिब, बठिंडा, फरीदकोट।

लगाने का समय-फरवरी-मार्च तथा सितम्बर-अक्तूबर।
इसमें विटामिन सी अधिक मात्रा में होता है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित फलों के गुणकारी गुणों का विवरण दो :
अमरूद, किन्न, आम, नाशपाती ।
उत्तर-
अमरूद-इसमें विटामिन सी संतरे से भी 2-5 गुणा तथा टमाटर से 10 गुणा अधिक होता है। इसके गुद्दे में ऐंटीऑक्सीडेंट्स के अंश होते हैं जो ऊपरी खून के दबाव को ठीक रखते हैं।

किन्नू- इनमें विटामिन सी बहुत होता है। यह शरीर के रोगों के साथ लड़ने की शक्ति में वृद्धि करता है।
आम-आम में विटामिन ए सबसे अधिक होता है। यह आँखों के लिए लाभदायक है। इसमें अन्य विटामिन भी होते हैं।
नाशपाती-इसमें प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन बी, कैल्शियम, फॉस्फोरस तथा लोहा होता है। यह तत्त्व हड्डियां तथा खून बनाने में सहायक है।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित फलों का काश्त पर नोट लिखो
बेर, लीची, आडू, अमरूद, आम, नाशपाती।
उत्तर-
किन्नू की काश्त-किन्नू, नींबू जाति का फल है। इसकी काश्त नींबू जाति के अन्य फलों में पहले स्थान पर है। इसकी काश्त होशियारपुर, फिरोजपुर, फाजिल्का, मुक्तसर आदि जिलों में होती है। फरवरी-मार्च तथा सितम्बर-अक्तूबर में पौधे लगाए जाते हैं।

बेर की काश्त-बेर की काश्त संगरूर, पटियाला, मानसा, बठिण्डा, फाजिल्का, फिरोजपुर में होती है। उमरान, विलायती, सनौर-2 इसकी उन्नत किस्में हैं। इसे फरवरीमार्च तथा अगस्त-सितम्बर में लगाया जाता है।

लीची की काश्त-लीची की काश्त गुरदासपुर, होशियारपुर, साहिबजादा अजीत सिंह नगर, रूपनगर आदि में होती है। इनको सितम्बर में लगाया जाता है। इसकी किस्में हैं–कलकत्तिया, देहरादून, सीडलैस लेट।

आडू की काश्त-यह ठण्डे क्षेत्र का फल है। इसकी काश्त जालन्धर, पटियाला, होशियारपुर, शहीद भगत सिंह नगर, तरनतारन में होती है। इसके एक वर्ष के पौधे मध्य जनवरी तक नई फोट शुरू होने से पहले बाग़ में लगाए जाते हैं। इसकी किस्में हैं-शाने पंजाब, प्रभात, प्रताप, शरबती तथा पंजाब नैकट्रेन।

अमरूद की काश्त-पंजाब में नींबू जाति के बाद अमरूद की काश्त दूसरे स्थान पर है। इसकी पैदावार पर खर्च कम आता है। इसकी काश्त पंजाब के लगभग सारे क्षेत्रों में होती है। फरवरी-मार्च तथा अगस्त-सितम्बर में इसके पौधे लगाए जाते हैं। पंजाब पिंक, सरदार, इलाहाबाद सफैदा इसकी किस्में हैं।

आम की काश्त-आम को फलों का राजा कहा जाता है। इसका पंजाब में तीसरा स्थान है। इसकी काश्त होशियारपुर, रोपड़, शहीद भगत सिंह नगर, गुरदासपुर, फतेहगढ़ साहिब तथा केन्द्रीय प्रदेश चण्डीगढ़ में होती है। फरवरी-मार्च तथा अगस्त-सितम्बर में इस के पौधे लगाए जाते हैं। अल्फांसो, दुशहरी, लंगड़ा इसकी किस्में हैं।

नाशपाती की काश्त-नाशपाती की काश्त अमृतसर, गुरदासपुर तथा जालन्धर में की जाती है। इसकी किस्में हैं-पत्थरनाख, बग्गूगोशा, पंजाब ब्यूटी, पंजाब सोफ्ट आदि। इसके पौधे सर्दियों में मध्य फरवरी तक नई फोट शुरू होने से पहले लगाए जाते हैं।

प्रश्न 5.
पंजाब में फलों वाले पौधे लगाने के समय का विवरण दो तथा उनकी किस्मों के नाम भी लिखो।
उत्तर-
PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 7 पंजाब के मुख्य फल 3

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 7 पंजाब के मुख्य फल

Agriculture Guide for Class 6 PSEB पंजाब के मुख्य फल Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पंजाब में नींबू जाति के फलों के अधीन क्षेत्रफल बताएं
उत्तर-
50 हज़ार हैक्टेयर।

प्रश्न 2.
अमरूद में विटामिन सी संतरे से कितने गुणा अधिक है ?
उत्तर-
2-5 गुणा।

प्रश्न 3.
आम की काश्त का पंजाब में कौन-सा स्थान है ?
उत्तर-
तीसरा।

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प्रश्न 4.
आम में कौन-सा विटामिन अधिक मात्रा में होता है ?
उत्तर-
विटामिन ए।

प्रश्न 5.
संतुलित आहार में स्वस्थ मनुष्य को प्रतिदिन कितने फल खाने चाहिएं ?
उत्तर-
100 ग्राम।

प्रश्न 6.
गलगल किस जाति का फल है ?
उत्तर-
नींबू जाति का।

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प्रश्न 7.
केले में कौन-सा आहारीय तत्त्व अधिक है?
उत्तर-
पोटाशियम।

प्रश्न 8.
काजू, बादाम, अखरोट में कौन-सा आहारीय तत्त्व अधिक है ?
उत्तर-
प्रोटीन।

प्रश्न 9.
अमरूद की बरसाती फसल पर किसका हमला होता है ?
उत्तर-
फल की मक्खी।

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प्रश्न 10.
पके आम से क्या बनाया जाता है ?
उत्तर-
जूस, मुरब्बा, शर्बत।

प्रश्न 11.
पंजाब सोफ्ट किसकी किस्म है ?
उत्तर-
नाशपाती की।

प्रश्न 12.
सीडलैस लेट किसकी किस्म है ?
उत्तर-
लीची की।

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प्रश्न 13.
आडू किस क्षेत्र का फल है ?
उत्तर-
ठण्डे इलाके का।

प्रश्न 14.
पंजाब नैकदेन किसकी किस्म है ?
उत्तर-
आडू की।

प्रश्न 15.
फलदार पौधे लगाने के लिए कितना गहरा गड्ढा खोदा जाता है ?
उत्तर-
एक मीटर गहरा तथा एक मीटर घेरे वाला।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 7 पंजाब के मुख्य फल

प्रश्न 16.
पंजाब में अमरूद की काश्त का क्या स्थान है ?
उत्तर-
दूसरा।

प्रश्न 17.
अमरूद की उन्नत किस्मों के नाम लिखें।
उत्तर-
पंजाब पिंक, सरदार तथा इलाहाबाद सफैदा।

प्रश्न 18.
अमरूद में कौन से तत्त्व मिलते हैं ? जो ऊपरी खून के दबाव को ठीक रखते हैं ?
उत्तर-
एंटीऑक्सीडेंट्स के अंश।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 7 पंजाब के मुख्य फल

प्रश्न 19.
आम के पौधे लगाने का समय बताएं।
उत्तर-
फरवरी-मार्च तथा अगस्त-सितम्बर।

प्रश्न 20.
बेर की उन्नत किस्में बताएं।
उत्तर-
उमरान, विलायती, सनौर-2.

प्रश्न 21.
बेर के पौधे लगाने का समय बताओ।
उत्तर-
फरवरी-मार्च या अगस्त-सितम्बर।।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 7 पंजाब के मुख्य फल

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पंजाब में कम लगाए जाने वाले फल कौन-से हैं ?
उत्तर-
नींबू, गलगल, अंगूर, अलूचा, लोकाठ, अनार, पपीता, चीकू, फालसा आदि कम लगाए जाने वाले फल हैं।

प्रश्न 2.
अमरूद की काश्त पंजाब के लगभग सभी क्षेत्रों में की जाती है। क्यों ?
उत्तर-
दूसरे फलों की तुलना में इसकी पैदावार पर कम खर्च आता है।

प्रश्न 3.
आम को कब खाया जाता है ?
उत्तर-
आम को उसके बढ़ते हुए सभी सोपानों पर खाया जाता है। कच्चे आम का अचार, चटनी आदि बना कर तथा पके फल का शर्बत तथा सीधा भी खाया जा सकता है।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 7 पंजाब के मुख्य फल

प्रश्न 4.
बेर का स्वास्थ्य के पक्ष से लाभ बताएं।
उत्तर-
यह खून को साफ करता है तथा भोजन की पाचन शक्ति बढ़ाता है।

प्रश्न 5.
फलदार पौधे बोने की क्रिया के बारे में बताएं।
उत्तर-
फलदार पौधे लगाने के लिए एक मीटर गहरा तथा एक मीटर चौड़े घेरे वाला गड्ढा खोदा जाता है। इसकी ऊपर वाली मिट्टी में गली-सड़ी रूड़ी मिला कर भूमि को थोड़ा सा ऊँचा रख कर भरा जाता है तथा पानी लगा दिया जाता है।

बड़े उत्तर वाला प्रश्न

प्रश्न-
आम, नाशपाती, बेर, लीची की किस्मों तथा काश्त वाले जिले बताओ।
उत्तर-
PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 7 पंजाब के मुख्य फल 4

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 7 पंजाब के मुख्य फल

पंजाब के मुख्य फल PSEB 6th Class Agriculture Notes

  • फल खाने में स्वादिष्ट होते हैं और शरीर को तंदरुस्त रखते हैं।
  • फलों में विटामिन, खनिज पदार्थ, एंटीआक्सीडेंट्स होते हैं।
  • तंदरुस्त व्यक्ति को रोज़ाना 100 ग्राम फलों का सेवन करना चाहिए।
  • पंजाब में मुख्य तौर पर किन्नू, अमरूद, आम, मालटा, नाशपाती, लीची, बेर और आडू मिलते हैं।
  • फलों की काश्त लगभग 75 हज़ार हैक्टेयर क्षेत्रफल में की जाती है।
  • नींबू जाति के फलों की काश्त सब से ज़्यादा क्षेत्रफल 50 हज़ार हैक्टेयर में की जाती है।
  • किन्नू की काश्त फिरोज़पुर, फाजिल्का, होशियारपुर, श्री मुक्तसर साहिब, बठिंडा आदि में की जाती है।
  • किन्नू के पौधे फरवरी-मार्च और सितम्बर-अक्तूबर में लगाए जाते हैं।
  • पंजाब में अमरूद की काश्त दूसरे स्थान पर है और किन्नू की पहले स्थान पर है।
  • अमरूद में विटामिन सी ज़्यादा मात्रा में होता है जोकि संतरे से 2-5 गुणा और टमाटर से 10 गुणा ज्यादा है।
  • अमरूद के गुद्दे में एंटीआक्सीडेंट के अंश होते हैं जो ऊपर वाले खून के दबाव को ठीक करते हैं।
  • पंजाब पिंक, इलाहाबाद सफैदा और सरदार, अमरूद की किस्में हैं।
  • आम को फलों का बादशाह कहा जाता है।
  • आम में विटामिन ए अधिक मात्रा में होता है।
  • आम की उन्नत किस्में हैं-अलफांसे, दुशहिरी और लंगड़ा।
  • आम के पौधे फरवरी-मार्च और अगस्त-सितम्बर में लगाए जाते हैं।
  • आम की काश्त अर्ध-पहाड़ी क्षेत्रों जैसे-रोपड़, शहीद भगत सिंह नगर, फतेहगढ़ साहिब आदि क्षेत्रों में होती है।
  • नाशपाती में प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन बी, धातु आदि तत्व होते हैं।
  • नाशपाती की उन्नत किस्में हैं-पत्थरनाख, पंजाब ब्यूटी, बग्गुगोशा और पंजाब सॉफ्ट।
  • बेर एक प्राचीन फल है।
  • बेर में विटामिन सी, विटामिन ए, प्रोटीन, लोहा, कैल्शियम आदि मिलते हैं।
  • उमरान, विलायती और सनौर-2 बेर की उन्नत किस्में हैं।
  • लीची के फल में विटामिन सी, कैल्शियम, पोटाशियम तथा फास्फोरस मिलते हैं।
  • लीची औरतों की छाती के कैंसर के लिए लाभदायक है।
  • लीची की किस्में हैं-देहरादून, कलकत्तिया और सीडलैस लेट।
  • लीची के पौधे सितम्बर में लगाए जाते हैं।
  • आडू की काश्त तरनतारन, जालन्धर, पटियाला, शहीद भगत सिंह नगर और गुरदासपुर आदि में की जाती है।
  • आडू में प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी आदि मिलते हैं।
  • प्रताप, शान-ए-पंजाब, प्रभात, शरबती और पंजाब नैकट्रेन आडू की किस्में हैं।
  • फलदार पौधे लगाने के लिए एक मीटर गहरा और एक मीटर घेरे वाला गड्ढा खोदा जाता है।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 6 कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र

Punjab State Board PSEB 6th Class Agriculture Book Solutions Chapter 6 कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Agriculture Chapter 6 कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र

PSEB 6th Class Agriculture Guide कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के एक या दो शब्दों में उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
फसलों की गहाई के लिए कौन-सी मशीन का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर-
थ्रेशर का।

प्रश्न 2.
चारा काटने वाली मशीन को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
टोका।

प्रश्न 3.
भूमि को समतल और भुरभुरा किससे करते हैं ?
उत्तर-
सुहागे से।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 6 कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र

प्रश्न 4.
खेतों में मेढ़ें बनाने के लिए कौन-से औज़ार का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर-
जंदरा।

प्रश्न 5.
गुडाई के लिए उपयोग किए जाने वाले किन्हीं दो यंत्रों के नाम बताओ।
उत्तर-
खुरपी, कसौला, पहिएदार यन्त्र।

प्रश्न 6.
फसलों पर कीड़ेमार दवाइयों का छिड़काव करने वाले यंत्रों का नाम बताओ।
उत्तर-
बाल्टी स्प्रेयर, रोकर स्प्रेयर, नैपसैक स्प्रेयर।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 6 कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र

प्रश्न 7.
बीज बोने के लिए प्रयुक्त की जाने वाली मशीन का नाम बताओ।
उत्तर-
बीज तथा खाद ड्रिल।

प्रश्न 8.
कृषि कार्यों में प्रयुक्त की जाने वाली किन्हीं दो मशीनों के नाम बताओ।
उत्तर-
थ्रेशर, रीपर, ट्रैक्टर।

प्रश्न 9.
ट्रैक्टर कितनी शक्ति के होते हैं ?
उत्तर-
5 हार्स पावर से लेकर 90 हार्स पावर तक।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 6 कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र

प्रश्न 10.
लेज़र लैवलर का उपयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर-
भूमि को समतल करना।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों का एक या दो वाक्यों में उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
डीज़ल इंजन का कृषि कार्यों में क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
डीज़ल इंजन ट्रैक्टर से छोटी मशीन है तथा जब कम शक्ति की आवश्यकता हो तब इसका प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग करके ट्यूबवेल, चारा काटने वाली मशीन (टोका), दाने निकालने वाली मशीन आदि को चलाया जा सकता है। इसमें तेल तथा मुरम्मत का खर्चा ट्रैक्टर की तुलना में कम है।
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प्रश्न 2.
उल्टावाँ हल क्या होता है ? इसके क्या-क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
यह हल लोहे का बना होता है। इस हल से भूमि की नीचे वाली तह ऊपर आ जाती है तथा ऊपर वाली तह नीचे चली जाती है।

जब दो फसलों के काटने तथा बोने के बीच में अधिक समय लगता हो तो इस हल का प्रयोग बहुत लाभदायक होता है। इससे भूमि के ऊपर पड़ा घास-फूस ज़मीन के नीचे दब जाता है तथा गल-सड़ कर खाद का कार्य करता है। भूमि के नीचे की घास-फूस तथा जड़ें आदि ऊपर आ जाती हैं तथा भूमि के हानिकारक जीवाणु धूप से समाप्त हो जाते हैं।

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प्रश्न 3.
नदीनों की रोकथाम कैसे की जा सकती है ?
उत्तर-
नदीनों की रोकथाम के लिए गुडाई की जाती है। इसके लिए खुरपी, कसौला तथा त्रिफाली या ट्रैक्टर के पीछे टिल्लर का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 4.
टोका किसे कहते हैं ? यह क्या काम आता है ?
उत्तर-
टोका एक चारा काटने वाली मशीन है। पशुओं का चारा काटने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। यह मशीन हाथों से, बिजली की मोटर से तथा डीज़ल इंजन से भी चलाई जा सकती है।

प्रश्न 5.
जुताई करने वाले यंत्रों का वर्णन करो।
उत्तर-
जुताई करने के लिए हल या टिल्लर का प्रयोग किया जाता है। बैलों से खींचने वाला हल लकड़ी का बना होता है। इसके आगे लोहे का फाला लगा होता है। इससे सियाड़ खुलता है तथा साथसाथ सियाड़ खुलने से सारी भूमि की जुताई हो जाती है।
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PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 6 कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र

प्रश्न 6.
गुडाई करने वाले यंत्रों का वर्णन करो।
उत्तर-
गुडाई करने वाले यन्त्र हैं-खुरपी, कसौला, पहिएदार हो आदि।
PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 6 कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र 3

पहिएदार हो का प्रयोग खड़ी फसल में गुडाई करने के लिए किया जाता है। इसको एक आदमी हाथों से पीछे से धक्का लगा कर चलाता है। पहिए के पीछे 3-6 फाले लगे होते

प्रश्न 7.
टिल्लर किस काम आता है ?
उत्तर-
इसका प्रयोग खेत की जुताई के लिए किया जाता है। इससे भूमि में सियाड खुलता है तथा साथ-साथ सियाड़ निकाले जाते हैं। इससे सारे खेत की जताई हो जाती है।

प्रश्न 8.
डिस्क हैरो किस काम आता है ?
उत्तर-
डिस्क हैरो का प्रयोग कठोर भूमि में ढेलों को तोड़ने के लिए किया जाता है तथा मिट्टी को भुर–भुरा करने के लिए किया जाता है। ऐसी भूमि जिसमें PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 6 कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र 4

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 6 कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र

प्रश्न 9.
हैप्पीसीडर कैसे कार्य करता है ?
उत्तर-
इसका प्रयोग गेहूँ की बुवाई के लिए किया जाता है। जब धान की कटाई के बाद पराली खेत में ही होती है तथा इसको निकाले बिना ही गेहूँ की सीधी बवाई खेत में करने के लिए हैप्पीसीडर का प्रयोग होता है। इस मशीन में फलेल किस्म के ब्लेड लगे होते हैं जोकि ड्रिल के बुवाई करने वाले फाले के सामने आने वाली पराली को काटते हैं तथा पीछे की तरफ धकेलते हैं। मशीन के फालों में पराली नहीं फंसती तथा साफ की गई जगह पर बीज सही ढंग से बो दिए जाते है।
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प्रश्न 10.
थैशर कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
थ्रेशर कई तरह के होते हैं तथा गहाई के काम आते हैं। कंबाइन हारवैस्टर, यह स्व-चालित कंबाइन हारवैस्टर तथा ट्रैक्टर से चलने वाले कंबाइन हारवैटस्टर होते हैं।
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(ग) निम्नलिखित प्रश्नों का चार-पाँच वाक्यों में उत्तर दीजिए –

प्रश्न 1.
कृषि मशीनों का आधुनिक युग में क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
कृषि की पहली तथा प्राथमिक मांग ऊर्जा तथा शक्ति की है। प्राचीन समय में खेत से संबंधित कार्य जैसे–कटाई, गहाई, सफाई, भण्डारण, ढुलाई आदि में पशुओं जैसे—बैल, ऊंट तथा खच्चर आदि का प्रयोग किया जाता है परन्तु इस ढंग से कृषि के कार्य पूरे करने के लिए कितने ही दिन लग जाते थे। बढ़ती हुई जनसंख्या से कृषि उत्पादों की मांग भी बढ़ गई है तथा इसके लिए खेती से संबंधित कार्यों के लिए मशीनों का प्रयोग होने लगा है। आज के युग में खेती मशीनों का महत्त्व बहुत बढ़ गया है। इनके प्रयोग से उपज में वृद्धि हुई है। उपज की कटाई, गहाई, गुडाई आदि सारे कार्य शीघ्रता से हो जाते हैं।

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प्रश्न 2.
उल्टावाँ हल क्या है ? यह दूसरे हलों से कैसे भिन्न है ?
उत्तर-
यह हल मिट्टी को उलटने का कार्य करता है। मिट्टी की नीचे वाली तह ऊपर तथा ऊपरी तह नीचे चली जाती है। यह हल लोहे का बना होता है। यदि पिछली फसल काटने तथा दूसरी फसल बोने के बीच में कुछ समय बचता हो तो उल्टावें हल का प्रयोग बहुत लाभदायक सिद्ध होता है। इसके प्रयोग से भूमि के ऊपर वाला घास
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फूस नीचे चला जाता है तथा गल-सड़ कर खाद का काम करता है। भूमि के नीचे वाली जड़ें एवं घास-फूस ऊपर आ जाता है तथा भूमि के अंदर हानिकारक जीवाणु धूप से समाप्त हो जाते हैं।

उल्टावाँ हल

  1. यह हल लोहे का बना होता है।
  2. इससे ऊपरी मिट्टी नीचे तथा नीचे वाली मिट्टी ऊपर आ जाती है।

हल या टिल्लर

  1. यह हल लकड़ी का बना होता है जिसके आगे लोहे का फाला लगा होता है
  2. इससे सियाड़ खुलता है।

प्रश्न 3.
पराली संभालने वाली मशीनों का वर्णन करो।
उत्तर-
बेलर पराली संभालने वाली मशीन है। इसकी सहायता से पराली इकट्ठी करके चौरस या गोल पूले बांध दिए जाते हैं। यह मशीन खेत में बिखरी पराली को इकट्ठा करके एक समान गांठें बना देती है। यह मशीन केवल काटी हुई पराली को ही इकट्ठा करती है।

हैप्पीसीडर-यह मशीन धान की कटाई के बाद पराली को खेत में से निकाले बगैर गेहूँ की सीधी बुवाई के लिए उपयोग की जाती है। ___ पराली चौपर-पराली को खेतों में ही जोतने के लिए इस मशीन का प्रयोग होता है। इसके प्रयोग से धान की पराली का कुतरा हो जाता है तथा खेतों में बिखेर दी जाती है। कुतरा किए खेत में पानी लगा कर रोटरी पडलर (रोटावेटर) की सहायता से पराली को खेत में मिला दिया जाता है।
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प्रश्न 4.
जुताई के लिए मुख्य कौन-सी मशीनें उपयोग की जाती हैं ?
उत्तर-
जुताई के लिए प्रयोग होने वाली मशीनें हैं। हल या टिल्लर, कल्टीवेटर, डिस्क हैरो, उल्टालाँ हल, तवेदार हल, रोटावेटर आदि।
1. हल या टिल्लर-जुताई करने के लिए हल या टिल्लर का प्रयोग किया जाता है। बैलों से खींचने वाला हल लकड़ी का बना होता है। इसके आगे लोहे का फाला लगा होता है। इससे सियाड़ खुलता है तथा साथ-साथ सियाड़ खुलने से सारी भूमि की जुताई हो जाती

2. डिस्क हैरो-डिस्क हैरो का प्रयोग कठोर भूमि में ढेलों को तोड़ने के लिए किया जाता है तथा मिट्टी को भुरभुरा करने के लिए किया जाता है। ऐसी भूमि जिसमें अधिक घास-फूस हो या पिछली फसल के अवशेष या जड़ें अधिक हों उस खेत की पहली जुताई के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।

3. रोटावेटर-इसका प्रयोग पहली तथा दूसरी जुताई दोनों के लिए होता है। यह मिट्टी को भुर-भुरा बनाकर बुवाई के लिए तैयार करने के काम आता है।

4. तवेदार हल-यह मिट्टी को काटने तथा भुर-भुरा बनाने के काम आता है। कठोर तथा पथरीली ज़मीन में तथा पिछली फसल को काटने के बाद इसका प्रयोग लाभदायक होता है।

प्रश्न 5.
कम्बाइन हारवैस्टर मशीन के मुख्य कार्यों का वर्णन करो।
उत्तर-

  1. इसका प्रयोग फसल की कटाई के लिए होता है।
  2. फसल की गहाई के लिए होता है।
  3. फसल की सफ़ाई के लिए होता है।
  4. फसल को इकट्ठा करना संभव है।
  5. इससे समय की बचत होती है।
  6. दाने जल्दी से निकल जाते हैं तथा आग, वर्षा, तूफान से हानि का डर नहीं रहता।

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Agriculture Guide for Class 6 PSEB कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
कृषि की पहली माँग क्या है ?
उत्तर-
ऊर्जा तथा शक्ति।

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प्रश्न 2.
ट्रैक्टर की कितनी शक्ति होती है ?
उत्तर-
5 हार्स पावर से 90 हार्स पावर तक।

प्रश्न 3.
पंजाब में कितने ट्रैक्टर हैं ?
उत्तर-
4.76 लाख

प्रश्न 4.
भूमि की जुताई के लिए कोई यन्त्र बताओ।
उत्तर-
हल या टिल्लर।

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प्रश्न 5.
कठोर भूमि में ढेलों को तोड़ने के लिए किसका प्रयोग होता है ?
उत्तर-
डिस्क हैरो (तवियां)।

प्रश्न 6.
उल्टावाँ हल किससे बना होता है ?
उत्तर-
लोहे का।

प्रश्न 7.
बैलों से कितने उल्टावें हल खींचे जा सकते हैं ?
उत्तर-
एक हल।

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प्रश्न 8.
ट्रैक्टर से कितने उल्टावें हल चलाए जा सकते हैं ?
उत्तर-
4 से 6 हल।

प्रश्न 9.
सुहागा कितना चौड़ा और मोटा होता है ?
उत्तर-
8 इंच चौड़ा तथा 3 इंच मोटा।

प्रश्न 10.
ट्रैक्टर से चलने वाले सुहागे की लम्बाई कितने फुट होती है ?
उत्तर-
10 फुट।

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प्रश्न 11.
बैलों से चलने वाले सुहागे की लम्बाई कितनी होती है ?
उत्तर-
6 फुट।

प्रश्न 12.
खेत में मेढ़ें बनाने के लिए कौन-सा यन्त्र है ?
उत्तर-
जंदरा ।

प्रश्न 13.
तवेदार हल में तवियों की संख्या कितनी होती है ?
उत्तर-
1 से 6.

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प्रश्न 14.
दूसरी जुताई के लिए किस यन्त्र का प्रयोग होता है ?
उत्तर-
कल्टीवेटर का।

प्रश्न 15.
रोटावेटर मिट्टी को किस तरह का बनाता है ?
उत्तर-
भुर-भुरा।

प्रश्न 16.
लेज़र लैवलर किस काम आता है ?
उत्तर-
भूमि को समतल करने के।

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प्रश्न 17.
धान की बुवाई किस मशीन से होती है ?
उत्तर-
ट्रांसप्लांटर से।

प्रश्न 18.
गन्ने की बुवाई के लिए मशीन का नाम बताओ।
उत्तर-
शुगरकेन प्लांटर।

प्रश्न 19.
ज़ीरो टिल ड्रिल मशीन से एक घण्टे में कितनी बुवाई की जा सकती
उत्तर-
एक एकड़।

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प्रश्न 20.
क्या रोटो टिल ड्रिल के प्रयोग से पहली जुताई की आवश्यकता है ?
उत्तर-
नहीं।

प्रश्न 21.
गुडाई करने के लिए प्रयोग होने वाले यन्त्र कौन-से हैं ?
उत्तर-
खुरपी, कसौला।

प्रश्न 22.
कतारों (पंक्तियों) में बोई फसलों की गुडाई किस यन्त्र से की जाती है?
उत्तर-
त्रिफाली।

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प्रश्न 23.
खड़ी फसल में गुडाई करने वाला यन्त्र कौन-सा है ?
उत्तर-
पहिएदार हो।

प्रश्न 24.
पहिएदार हो के पीछे कितने फाले लगे होते हैं ?
उत्तर-
3-6 फाले।

प्रश्न 25.
इंजन से चलने वाला स्प्रेयर कौन-सा है ?
उत्तर-
हैरो ब्लास्ट स्प्रेयर।

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प्रश्न 26.
रीपर का प्रयोग किस काम के लिए होता है ?
उत्तर-
कटाई के लिए।

प्रश्न 27.
थैशर का मुख्य काम क्या है ?
उत्तर-
फसलों से दाने निकालना।

प्रश्न 28.
पराली को खेत में इकट्ठा करने के लिए कौन-सी मशीन का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
बेलर का।

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प्रश्न 29.
हैप्पीसीडर कितने हार्स पावर वाले ट्रैक्टर से चलता है ?
उत्तर-
45-50 हार्स पावर वाले ट्रैक्टर से।

प्रश्न 30.
पराली को खेतों में जोतने के लिए कौन-सी मशीन का प्रयोग होता
उत्तर-
पराली चौपर।

प्रश्न 31.
भूमि की गुडाई क्यों की जाती है ?
उत्तर-
गुडाई करने से पालतू जड़ी-बूटियां नष्ट हो जाती हैं।

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प्रश्न 32.
मिट्टी पलट हल से समय, धन तथा मेहनत की बचत कैसे हो जाती है ?
उत्तर-
यह हल भूमि को केवल काटता ही नहीं है बल्कि मिट्टी को पलट भी देता है। इस तरह समय, धन तथा मेहनत की बचत हो जाती है।

प्रश्न 33.
हैरो का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
यह नदीनों को उखाड़ कर इकट्ठा कर देता है तथा मिट्टी के ढेलों को तोड़कर भुर-भुरा बना देता है।

प्रश्न 34.
देसी हल किस तरह के सियाड़ बनाता है ?
उत्तर-
यह अंग्रेजी के अक्षर ‘V’ आकार के सियाड़ बनाता है।

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प्रश्न 35.
पिछली दातरी किस काम आती है ?
उत्तर-
यह गन्ने की छिलाई के काम आती है।

प्रश्न 36.
सुहागा तथा कराहा में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
सुहागा, हल चलाने के बाद भूमि को समतल करने के लिए प्रयोग होता है। जबकि कराहा ऊंची-नीची भूमि को समतल करने के काम आता है।

प्रश्न 37.
भारत में कितनी प्रकार के हल प्रचलित हैं ?
उत्तर-
40 प्रकार के।

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प्रश्न 38.
पंजाब में कौन-से हल प्रयोग में आते हैं ?
उत्तर-
दो प्रकार के मुन्ना हल तथा मिट्टी पलट हल।

प्रश्न 39.
डीज़ल इंजन से कौन-सी मशीनें चलाई जाती हैं ?
उत्तर-
इससे ट्यूबवेल, चारा काटने के लिए मशीन तथा दाने निकालने वाली मशीनें चलाई जाती हैं।

प्रश्न 40.
ट्रैक्टर से चलने वाले सुहागे की लम्बाई कितनी है ?
उत्तर-
इसकी लम्बाई 10 फुट है।

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प्रश्न 41.
बैलों से चलने वाले सुहागे की लम्बाई कितनी होती है ?
उत्तर-
6 फुट।

प्रश्न 42.
डीज़ल इंजन के प्रयोग को प्राथमिकता कब देनी चाहिए ?
उत्तर-
जब कम शक्ति की आवश्यकता हो तब ट्रैक्टर के स्थान पर डीज़ल इंजन के प्रयोग को प्राथमिकता देनी चाहिए।

प्रश्न 43.
डिस्क हैरो को देहाती भाषा में क्या कहते हैं ?
उत्तर-
तवियां।

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प्रश्न 44.
पराली को संभालने के लिए कौन सी तकनीक का प्रयोग किया जाता
उत्तर-
बेलर मशीन से गोल पूले बांध दिए जाते हैं।
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छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
डीज़ल इंजन के बारे में संक्षेप जानकारी दें।
उत्तर-
यह ट्रैक्टर से छोटी मशीन है। इसको चलाने के लिए तेल तथा इसकी मुरम्मत के लिए खर्चा ट्रैक्टर से कम है। यदि कम शक्ति की आवश्यकता हो तो इस मशीन का प्रयोग किया जाता है। इससे टयूबवेल, चारा काटने वाला टोका, गहाई वाली मशीन चलाई जा सकती हैं।

प्रश्न 2.
सुहागा के बारे में बताएं।
उत्तर-
यह भूमि को समतल करने वाला यन्त्र है तथा मिट्टी को भुर-भरा बनाता है। यह 3 इंच मोटे तथा 8 इंच चौड़े 2-3 फट्टों को जोड़ कर बनता है। ट्रैक्टर से चलने वाले सुहागे की लम्बाई 10 फुट होती है तथा बैलों से चलने वाले सुहागे की लम्बाई 6 फुट होती

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प्रश्न 3.
तवेदार हल के बारे में संक्षेप जानकारी दें।
उत्तर-
इस हल का मुख्य उद्देश्य मिट्टी को काटना तथा भुर-भुरा बना कर पलट देना है। इस हल में मोल्ड बोर्ड नहीं बल्कि तवे लगे होते हैं। इसको पशुओं तथा ट्रैक्टर की सहायता से चलाया जाता है। इस में 6 तक तने लगे होते हैं।
कठोर, पथरीली भूमि तथा पिछली फसल के काटने के बाद इस हल का प्रयोग अधिक लाभदायक है।

प्रश्न 4.
लेज़र लेवलर के प्रयोग के बारे में बताओ।
उत्तर-
यह भूमि को समतल करने का आधुनिक ढंग है। इसमें लेज़र किरणों का प्रयोग होता है जिससे मिट्टी खुरचने वाले ब्लेडों को ऊपर नीचे करना आसान है। लेज़र लेवलर में एक तीन टांगों वाला स्टैंड तथा लेज़र ट्रांसमीटर लगा होता है। इससे भूमि के ऊंचा-नीचा होने की सूचना मिलती है तथा ट्रैक्टर ऊंची जगह से मिट्टी खोद कर नीची जगह पर डाल देता है इस तरह भूमि समतल हो जाती है।
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प्रश्न 5.
ज़ीरो टिल ड्रिल के बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
धान की कटाई करने के बाद भूमि में नमी बच जाती है। ऐसी हालत में खेत की जुताई किए बगैर गेहूँ की बुवाई की जाती है। इससे एक घण्टे में एक एकड़ की बुवाई हो जाती है। धान की पराली को जलाने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
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प्रश्न 6.
फसल सुरक्षा संबंधी छिड़काव यन्त्रों के बारे में बताएं।
उत्तर-
हाथों से चलने वाले स्प्रेयर, पैरों से चलने वाले स्प्रेयर, बाल्टी स्प्रेयर, रोकर स्प्रेयर, नैपसैक स्प्रेयर, इंजन से चलने वाला हैरो ब्लास्ट स्प्रेयर।
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प्रश्न 7.
हम फसलों पर दवाइयों का छिड़काव क्यों करते हैं ?
उत्तर-
खड़ी फसल में कीड़े-मकौड़े या नदीनों की रोकथाम करने के लिए फसलों पर दवाइयों का छिड़काव किया जाता है।

प्रश्न 8.
नदीनों की रोकथाम कैसे की जाती है ?
उत्तर-
नदीनों की रोकथाम के लिए गुडाई करनी चाहिए तथा नदीन उखाड़ कर जला देने चाहिएं तथा नदीनाशक दवाइयों का प्रयोग भी किया जा सकता है।

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प्रश्न 9.
हाथ की बजाय ड्रिल से बीज बोना क्यों लाभदायक हैं ?
उत्तर-
इससे बीज तथा खाद खेत में एक समान पड़ते हैं तथा आवश्यकता अनुसार बीज तथा खाद की मात्रा बढ़ाई जा सकती है। इसकी तुलना में हाथों से बोने पर बीज कम या ज्यादा हो जाता है तथा बीज को एक समान बोने के बहुत ज्यादा महारत की आवश्यकता है।

प्रश्न 10.
टोका किस को कहते हैं ? यह किस काम आता है ? यह कैसे चलता
उत्तर-
गांवों में हर घर में पशु होते हैं तथा इनको चारा काट कर डालने के लिए टोका मशीन का प्रयोग किया जाता है। यह मशीन हाथों से, बिजली की मोटर से तथा डीज़ल इंजन द्वारा चलाई जा सकती है।
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बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
खेती मशीनों का आधुनिक युग में क्या महत्त्व है ?
उत्तर-

  1. फसल की बुवाई जल्दी तथा सस्ती हो जाती है।
  2. पौधों तथा पौधों में कतारों का फासला बिल्कुल ठीक तरह रहता है।
  3. कतारों में बोने के कारण फसल की गुडाई आसानी से हो जाती है।
  4. बीज तथा खाद निश्चित गहराई तथा योग्य फासले पर लगते हैं।
  5. ड्रिल से बोई हुई फसल से 10 प्रतिशत से 15 प्रतिशत तक अधिक उत्पाद प्राप्त हो जाता है।

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प्रश्न 2.
कृषि कार्यों के लिए प्रयोग होने वाली मशीनों के नाम बताएं तथा ट्रैक्टर के बारे में विवरण दें।
उत्तर-
कृषि कार्यों में प्रयोग होने वाली मशीनें हैं-ट्रैक्टर, डीज़ल इंजन, बिजली से चलने वाली मोटर, चारा काटने वाली मशीन, बीज तथा खाद ड्रिल आदि।

ट्रैक्टर-सबसे अधिक कृषि कार्यों में काम आने वाली मशीन ट्रैक्टर है। इसकी शक्ति 5 हार्स पावर से लेकर 90 हार्स पावर तक हो सकती है। इससे बहुत सारे कार्य लिए जा सकते हैं।
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इस से भूमि की जुताई करना, कृषि में प्रयोग संबंधी ढुलाई, भूमि से पानी निकालने के लिए ट्यूबवेल को चलाना आदि शामिल हैं। बेशक ट्यूबवेल को चलाने के लिए डीजल इंजन या बिजली की मोटर बहुत सस्ती पड़ती है, फिर भी जहां कहीं यह साधन उपलब्ध नहीं है, वहां किसान पानी निकालने के लिए ट्रैक्टर द्वारा ही ट्यूबवेल चला लेते हैं। फसलों की गहाई तथा कंबाइनों को चलाने के लिए भी ट्रैक्टर का उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 3.
सुहागा तथा जंदरा के बारे में संक्षेप में लिखें।
उत्तर-
1. सुहागा-हल चलाने के बाद भूमि को समतल करने के लिए तथा केरे द्वारा की गई बुवाई के बाद बीज ढकने के लिए जिस मशीन का प्रयोग होता है उसे सुहागा कहते हैं। यह लकड़ी का बना फट्टा होता है। इस की लम्बाई 275 सें.मी. (लगभग 10 फुट), चौड़ाई 30 सें.मी. (1 फुट) तथा मोटाई 15 सैं.मी. (आधा फुट)
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होती है। इसकी लम्बाई, चौड़ाई, मोटाई कम या अधिक हो सकती है। सुहागे के माथे की लम्बाई वाली तरफ 7-8 सैं.मी. चौड़ी लोहे की पत्ती लगी होती है, जो लकड़ी को घिसने से बचाती है तथा इस फट्टे के दोनों तरफ लकड़ी की मोटी कीलें लगी होती हैं। इन कीलों को कान कहते हैं। सुहागे को पंजाली से बांधने वाला रस्सा इन कीलों के साथ ही बांधा जाता है। इसको बैलों की जोड़ियों द्वारा खींचा जाता है। सुहागा भूमि को समतल करता है वहीं भूमि के ढेलों को भी तोड़ता है। 10 फुट लम्बा सुहागा ट्रैक्टर से तथा 6 फुट लम्बा सुहागा बैलों से चलाया जाता है।

2. जंदरा-यह खेतों में मेढ़ें डालने के काम आता है। आधुनिक कृषि के लिए जंदरा किसान के लिए एक सहायक यन्त्र है। इसके दस्ते की लम्बाई 175 सें.मी. होती है। दस्ते के नीचे एक लकड़ी की फट्टी लगी होती है। लकड़ी की फट्टी के नीचे 5-6 सें.मी. चौड़ी लोहे की पत्ती होती है। लकड़ी की फट्टी के दोनों सिरों पर एक-एक कुण्डा लगा होता है।

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इन कुण्डियों में से रस्सा गुज़र कर एक कील से बांध लिया जाता है। एक व्यक्ति कील पकड़ कर जंदरा खींचता है तथा दूसरा व्यक्ति दस्ते को पकड़ कर रखता है।

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प्रश्न 4.
खेत में हल क्यों चलाया जाता है ? विस्तार से लिखें।
उत्तर-
अच्छी फसल की प्राप्ति करने के लिए पहले अच्छी तैयारी करनी पड़ती है। अच्छी तथा अधिक फसल की प्राप्ति के लिए किसान बुवाई से पहले खेत को बुवाई के योग्य बनाता है। वह खेतों में नमी की मात्रा (वतर)देख कर हल चलाता है। शुरू में मिट्टी पलट हल या उल्टावां हल चलाया जाता है। खेतों में पिछली फसलों की जड़ें मिट्टी पलटने के कारण भूमि के ऊपर आ जाती हैं। जड़ों के साथ ही उनमें छिपे हुए हानिकारक कीड़े भी बाहर आ जाते हैं। ये कीड़े धूप के कारण मर जाते हैं। भूमि में हल चलाने के कारण भृमि में पनप रहे फालतू पौधे भी नष्ट हो जाते हैं। हल जोतने से मिट्टी के कण खुल जाते हैं तथा इस तरह भूमि में से हवा की आवागमन आसानी से हो जाती है तथा पानी सोखने की शक्ति बढ़ जाती है। इसलिए यह लोकोक्ति ‘जिनीआं सिआं लवेंगा, उना बोहल उठाएंगा” प्रसिद्ध है।

प्रश्न 5.
मिट्टी पलट हल को कौन-कौन से विशेष कार्यों के लिए प्रयोग किया जा सकता है ?
उत्तर-
मिट्टी पलट हल को नीचे लिखे विशेष कार्यों के लिए प्रयोग किया जा सकता है-

  1. खेत को पहली बार जोतने के समय इसके प्रयोग से मिट्टी उलटाई जाती है।
  2. हरी खाद बनाने के लिए खेत में खड़ी फसल को इसके द्वारा जोत कर भूमि में दबाया जाता है।
  3. इससे खेत में मेहें बनाने का काम भी लिया जाता है।
  4. इससे खेतों में खालियां बनाई जाती हैं।
  5. इससे खाद तथा रूड़ी मिलाने का काम भी लिया जाता है।

प्रश्न 6.
बीज तथा खाद ड्रिल के बारे में क्या जानते हो ?
उत्तर-
यह एक ऐसी मशीन है जिससे खाद तथा बीज खेत में डाले जाते हैं। हाथों से पोरा करने पर कई स्थानों पर बीज अधिक तथा कई स्थानों पर कम हो जाते हैं परन्तु __ इस मशीन के प्रयोग से बीज तथा खाद की मात्रा बढ़ाई जा सकती है। यह मशीन ट्रैक्टर तथा बैलों द्वारा चलने वाली दोनों तरह की हो सकती है।
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प्रश्न 7.
मशीनों द्वारा बुवाई तथा आधुनिक मशीनों के बारे में विस्तार में जानकारी दें।
उत्तर-
खेती की मुख्य मांग समय, शक्ति तथा ऊर्जा है। जब सारे कार्य हाथों से करने पड़ते थे तब कई-कई दिनों तक काम समाप्त नहीं होता था अब आधुनिक युग में मनुष्य ने कई प्रकार की मशीनों की खोज कर ली है तथा काम बहुत जल्दी समाप्त हो जाते हैं। बहुत ही बड़े-बड़े क्षेत्रफल को मशीनों की सहायता से दिनों में ही तैयार कर लिया जाता है तथा बुवाई भी कर ली जाती है।

बीज खाद ड्रिल की सहायता से गेहूं, सरसों, बाजरा, मूंगी, ज्वार, गवार, चने आदि की बुवाई की जाती है।
ट्रांसप्लांटर की सहायता से धान की बुवाई की जाती है। जीरो टिल ड्रिल तथा बैड प्लांटर की सहायता से गेहूं की बुवाई की जाती है।

वैजीटेबल प्लांटर की सहायता से सब्जियों की बुवाई की जाती है। काटन प्लांटर की सहायता से कपास नरमे की बुवाई की जाती है।
शुगरकेन प्लांटर से गन्ने की बुवाई होती है। रोटो टिल ड्रिल बुवाई से पहले साथ-साथ जुताई भी करता है।

कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र PSEB 6th Class Agriculture Notes

  • कृषि की पहली आवश्यकता ऊर्जा तथा शक्ति की है।
  • संसार में सबसे अधिक पशुओं की संख्या भारत में है।
  • कृषि कार्यों के लिए बैल, ऊंट तथा खच्चरों का प्रयोग किया जाता है।
  • ट्रैक्टर 5 हार्स पावर से लेकर 90 हार्स पावर तक शक्ति प्रदान कर सकते हैं।
  • पंजाब में लगभग 4.76 लाख ट्रैक्टर हैं।
  • डीज़ल इंजन ट्रैक्टर से छोटी मशीन है।
  • पंजाब में 1.5 लाख ट्यूबवेल बिजली से चलते हैं। 8. हल से भूमि की जुताई की जाती है।
  • हैरों का प्रयोग पिछली फसल के अवशेष निकालने तथा प्रथम जुताई के लिए की जाती है।
  • उल्टावां हल से भूमि की नीचे वाली सतह ऊपर आ जाती है।
  • सुहागा ज़मीन को समतल तथा भुर-भुरा बनाने के काम आता है।
  • खेत में मेंढ़ बनाने के लिए जंदरा नामक यंत्र प्रयोग किया जाता है।
  • तवेदार हल का काम मिट्टी को काटना तथा भुर-भुरा बनाना तथा पलटना है।
  • रोटावेटर भी मिट्टी को भुर-भुरा बना कर बुवाई के लिए तैयार करता है।
  • लेजर लैवलर, भूमि को समतल करने की बहुत नई तकनीक है। इसमें लेज़र किरणों का प्रयोग होता है।
  • कुछ फसलों की बुवाई छट्टा या बीज तथा खाद ड्रिल के प्रयोग से की जाती है।
  • जीरो टिल ड्रिल तथा बैड प्लांटर का प्रयोग करके गेहूँ की बुवाई की जाती है।
  • खड़ी फसल में खरपतवार की रोकथाम के लिए गुडाई की जाती है।
  • कतारों में बोई जाने वाली फसलों की गुडाई तरीफली या पहिएदार हो या ट्रैक्टर के द्वारा चलने वाला गुडाई यन्त्र से की जाती है।
  • छिड़काव यन्त्र हैं-हाथों से चलने वाला स्प्रेयर, पैरों से चलने वाला स्प्रेयर, रोकर स्प्रेयर, बाल्टी स्प्रेयर तथा नैपसैक स्प्रेयर।
  • रीपर का प्रयोग फसलों की कटाई के लिए किया जाता है।
  • फसलों के दाने निकालने के लिए (गहाई) थ्रेशरों का उपयोग किया जाता है।
  • फसल की कटाई के लिए सारे कार्य इकट्ठे करने के लिए कंबाइन हारवैस्टर का प्रयोग किया जाता है ; जैसे-कटाई, गहाई, सफाई तथा उसको इकट्ठा करना।
  • धान की कटाई के बाद प्रायः किसान खड़ी पराली को आग लगा देते हैं जिससे कृषि के लिए अच्छे पोषक तत्त्व भी जल जाते हैं तथा वातावरण का प्रदूषण भी होता है।
  • धान की कटाई के बाद पराली को खेत में से निकाले बगैर गेहँ की सीधी बवाई करने के लिए हैप्पी सीडर का प्रयोग किया जा सकता है।
  • पराली को खेतों में ही जोतने के लिए पराली चोपर का प्रयोग किया जाता है।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 1 मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताएँ

Punjab State Board PSEB 6th Class Home Science Book Solutions Chapter 1 मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताएँ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Home Science Chapter 1 मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताएँ

PSEB 6th Class Home Science Guide मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताएँ Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताओं के नाम लिखो।
उत्तर-
मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकता हवा, पानी, भोजन, घर और कपड़ा है।

प्रश्न 2.
पका हुआ भोजन कैसा होता है ?
उत्तर-
पका हुआ भोजन स्वादिष्ट, सुगन्धित तथा शीघ्र पाचनशील होता है।

प्रश्न 3.
हम स्वस्थ कैसे रह सकते हैं ?
उत्तर-
हम नियमित रूप से संतुलित भोजन खाकर स्वस्थ रह सकते हैं।

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प्रश्न 4.
घर हमें शारीरिक सुरक्षा कैसे प्रदान करता है?
उत्तर-
घर हमें गर्मी, सर्दी, जंगली जानवरों, प्राकृतिक आपदाओं से बचाता है।

लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
भोजन को जीवित जीव की प्राथमिक आवश्यकता क्यों कहा जाता है ?
उत्तर-
भोजन को जीवित जीव की प्राथमिक आवश्यकता इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह आवश्यकता जन्म से लेकर मृत्यु तक हमारे साथ जुड़ी रहती है।

प्रश्न 2.
पुराने तथा आज के मनुष्य के खाने में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
प्राचीन मानव कंद-मूल और फल-फूल खाकर अपने पेट की भूख को शान्त करता था। तब उसके लिए यही वस्तुएँ भोजन थीं। आज का मनुष्य भूख मिटाने के लिए कंद-मूल या कच्चा भोजन नहीं खाता, बल्कि उसे कई ढंगों से पकाकर. स्वादिष्ट तथा आकर्षक बनाकर खाता है।

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प्रश्न 3.
हम घर क्यों बनाते हैं ?
उत्तर-
घर एक ऐसा स्थान है जहाँ हमें आराम मिलता है, जहाँ हम अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर पाते हैं और जहाँ हमें शारीरिक व भौतिक सुरक्षा मिलती है।

प्रश्न 4.
क्या पशु-पक्षियों को भी घर की आवश्यकता है ?
उत्तर-
हाँ, हमारे समान ही पशु-पक्षियों को घर की आवश्यकता होती है। पशु-पक्षी भी भोजन की तलाश में बाहर जाते हैं और शाम होते ही घर वापिस आ जाते हैं। जैसेखरगोश बिल बनाकर रहते हैं, पक्षी घोंसले बनाकर रहते हैं।

प्रश्न 5.
प्राचीन समय के घरों के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
प्राचीन मनुष्य गुफाओं में रहता था। धीरे-धीरे वह लकड़ी और पत्थरों के घरों में रहने लगा।

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प्रश्न 6.
घर को ‘स्वर्ग’ क्यों कहा जाता है ?
उत्तर-
घर को स्वर्ग इसलिए कहा गया है कि घर हमें आराम व सुख प्रदान करता है। यह एक ऐसा सुखदायी स्थान है कि हम चाहे जहाँ भी घूमें और बाहर हमें कितने ही सुख क्यों न मिलें, घर वापस लौटने की लालसा स्वाभाविक रूप से बनी रहती है।

प्रश्न 7.
वस्त्र मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकता कैसे है ?
उत्तर-
वस्त्र को मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकता इसलिए कहा गया है क्योंकि भोजन के समान ही यह आवश्यकता जन्म से लेकर मृत्यु तक मनुष्य के साथ जुड़ी रहती है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताओं से आप क्या समझते हो ?
उत्तर-
वह आवश्यकता जो जन्म से लेकर अन्त तक हमारे साथ रहती है तथा जिसकी पूर्ति को प्राथमिकता दी जाती है, उसे प्राथमिक आवश्यकता कहते हैं। प्राथमिक आवश्यकताओं के अन्तर्गत भोजन, वस्त्र तथा घर या आश्रम मुख्य हैं। जन्म से लेकर मरने तक सभी मनुष्य, जीव-जन्तु अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए संघर्ष करते रहते हैं। यह भी ध्यान योग्य है कि सभी प्राणियों का अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने का ढंग तथा कोशिशें भिन्न होती हैं।

ऐसी कोई भी वस्तु जिस के बिना जीवन में कुछ कमी लगती है, जिस के बिना रहना मुश्किल लगता है, वह आवश्यकता बन जाती है। आज के आधुनिक जीवन में तो अत्यधिक प्रकार की आवश्यकताएं पैदा हो गई हैं, अथवा पैदा कर ली गई हैं। गाड़ी, कार, वायुयान, मोबाइल फोन, इंटरनेट, कम्प्यूटर आदि ऐसा कई कुछ हैं जिन के बिना जीवन जीना कठिन प्रतीत होता है। आवश्यकताएं अधिक होने के बावजूद भी तीन मुख्य आवश्यकताएं जिन को यदि पूरा न किया जाए तो ऊपरलिखित सभी आवश्यकताएं गौन हो जाती हैं। यह तीन आवश्यकताएं हैं जो कि प्राथमिक हैं-रोटी, कपड़ा और मकान तथा इन सब में भी अत्यधिक आवश्यक भोजन है।

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प्रश्न 2.
मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताओं के अन्तर्गत कौन-कौन सी आवश्यकताएँ आती हैं ?
उत्तर-
मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताओं के अन्तर्गत भोजन, वस्त्र तथा घर या आश्रम की आवश्यकताएँ आती हैं। जब से सृष्टि की रचना हुई है तथा इसमें प्राणी का आगमन हुआ है, वह अपने पेट की भूख को शांत करने के लिए भिन्न-भिन्न तरीकों का प्रयोग कर रहा है। जब मनुष्य अभी सभ्य नहीं हुआ था तब वह कंदमूल, फल-फूल खा कर पेट भरता था। अब सभ्य समाज में रह रहा इंसान भोजन को कई प्रकार से पका कर सुंदर, स्वादिष्ट तथा सुंगधित भोजन खाता है। भोजन की आवश्यकता के अग्रलिखित कारण हैं –

1. शरीर का विकास- भोजन हमारे शरीर के विकास के लिए अति आवश्यक है। प्रोटीन हमारे शरीर के तंतुओं का निर्माण करता है। कार्बोहाइड्रेट से हमें ऊर्जा मिलती है। यह तत्व हमें भोजन से प्राप्त होते हैं। इसी प्रकार अन्य आवश्यक तत्व जैसे वसा, विटामिन, खनिज आदि भी भोजन से मिलते हैं। यदि एक भी दिन हम भोजन न लें तो हम कमज़ोर महसूस करने लगते हैं। भोजन शरीर की क्रियाओं को भी नियन्त्रित करता है।

2. सामाजिक तथा धार्मिक महत्त्व-मिलजुल कर भोजन करने से तथा बनाने से एकता का भावना पैदा होती है। शादी, जन्मदिन आदि के अवसर पर हम संबंधियों तथा दोस्तों को प्रीती भोज तथा चाय पार्टी आदि के लिए बुलाते हैं। इस प्रकार भोजन का सामाजिक महत्त्व पता चलता है। धार्मिक अवसरों पर लंगर, प्रसाद आदि को मिल बांट कर ग्रहण करने से भाईचारे की भावना पैदा होती है।

3. मन की शांति-भोजन खाने से मन को तस्सली, शांति तथा आनंद का अनुभव होता है। यदि भोजन अच्छे ढंग से पका हुआ अच्छी प्रकार खुशनुमा वातावरण में परोसा जाए तो अत्यन्त हर्ष की प्राप्ति होती है।

प्रश्न 3.
घर की आवश्यकता किन कारणों से है ?
उत्तर-
घर की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से होती है –

1. गर्मी-सर्दी से बचाव-गर्मी-सर्दी से बचने के लिए घर ही ऐसा स्थान है जहाँ मनुष्य अपना सिर छिपा सकता है। घर गर्मियों में लू या धूप से बचाता है तथा सर्दियों में बर्फीली हवा से हमारी रक्षा करता है। इसके अतिरिक्त घर कई बार प्राकृतिक आपदाओं, जैसे-तूफान, ओले, आँधी आदि से भी बचाता है।

2. जंगली-पशुओं तथा चोरों से बचाव-घर में रहकर हम अपनी जान और माल को सुरक्षित करते हैं। जंगली पशुओं एवं चोरों का दीवार पार करके आना इतना सुगम नहीं जितना कि खुले स्थान पर। आजकल की दीवारों पर लोहे की तारें या शीशे आदि भी इसीलिए लगाएँ जाते हैं।

3. पारिवारिक भावना-जब हम एक चार-दीवारी में मिल-जुलकर बैठते हैं, तो मेल-जोल की भावना उत्पन्न होती है। घर केवल ईंटों की इमारत ही नहीं होता, घर तो वस्तुतः ऐसा स्थान है जहाँ मिल-जुलकर एक-दूसरे का दुःख-सुख बाँटते हैं तथा ज़िम्मेदारी को बाँटकर चलते हैं। इस तरह घर में हमारी प्रवृत्तियों को संतुष्टि मिलती है जैसे कि माँबाप का प्यार, बहन-भाई का प्यार, इकट्ठे रहने की प्रवृत्ति आदि।

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प्रश्न 4.
वस्त्रों की आवश्यकता किन कारणों से है?
उत्तर-
कपड़ों की आवश्यकता निम्न कारणों से है –

1. गर्मी-सर्दी से बचाव-वस्त्र हमें गर्मियों में गर्मी और सर्दियों में ठण्ड से बचाते हैं। यही कारण है कि गर्मियों में वही वस्त्र पहने जाते हैं जो शरीर की गर्मी को बाहर निकालते हैं, जैसे-मलमल और रूबिया आदि। परन्तु सर्दियों में ऊनी वस्त्र पहने जाते हैं, क्योंकि ये ताप के कुचालक होते हैं तथा शरीर की गर्मी को बाहर नहीं निकलने देते। इसी कारण वस्त्र पहनते और खरीदते समय ऋतु का ध्यान रखा जाता है।

2. सौन्दर्य में वृद्धि-कपड़े मनुष्य के सौन्दर्य में वृद्धि करते हैं। प्राचीन समय में मनुष्य पशुओं की खालों से अपने शरीर को सजाता था। तब खाले ही वस्त्र थे। सुन्दरता की होड़ के कारण ही वस्त्रों के नए-नए डिज़ाइन बनते हैं। इनके सीने-पिरोने में ही परिवर्तन होता रहता है। सुन्दरता बढ़ाने के लिए वस्त्रों को रंगों तथा छापे से या कई बार फूल-बूटों की कढ़ाई करके सुन्दर तथा आकर्षक बनाया जाता है।

3. सभ्यता की प्रतीक-अच्छी तरह वस्त्र पहनकर तैयार होना सभ्य मनुष्य होने का प्रतीक है। वस्त्र पहनने की बात हमें पशु-पक्षियों से अलग करती है। आज यदि कभी यह सोच भी ले कि प्राचीन मनुष्य नंगा रहता था, तो बहुत ही अजीब लगता है। आज यदि कोई ठीक तरह वस्त्र न पहने तो उसको मूर्ख या असभ्य कहा जाता है। इसी कारण खेलने, तैरने, खाना बनाने के लिए अलग-अलग पहनावे प्रयुक्त किये जाते हैं। आज के ज़माने में कपड़े द्वारा सभ्य तथा असभ्य मनुष्य का अनुमान लगाया जाता है।

4. चोट लगने से बचाव-वस्त्र हमें चोट लगने से बचाकर हमारे शरीर की रक्षा करते हैं। कई बार गिरते समय वस्त्र फट जाता है तथा व्यक्ति चोट से बच जाता है।

5. कीड़े-मकौड़ों से बचाव-वातावरण में कई तरह के कीड़े-मकौड़े होते हैं, जैसे-बिच्छ्, भिंड, मच्छर आदि। अगर कपड़े के ऊपर से काटें तो कई बार चमड़ी तक डंक नहीं जाता। अगर ये नंगे शरीर पर काटें तो अधिक नुकसान हो सकता है।

Home Science Guide for Class 6 PSEB मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताएँ Important Questions and Answers

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
संसार का हर जीवित प्राणी अपने पेट की आग को कैसे शान्त करता है?
उत्तर-
संसार का हर जीवित प्राणी अपने पेट की आग भोज्य वस्तु को खाकर शान्त करता है।

प्रश्न 2.
भोजन खाने से हमारे मन को कैसा लगता है ?
उत्तर-
भोजन खाने से मन को संतोष मिलता है।

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प्रश्न 3.
पशु-पक्षी भोजन की तलाश में कहाँ जाते हैं ?
उत्तर-
पशु-पक्षी भोजन की तलाश में घर से बाहर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं।

प्रश्न 4.
घर किसका नाम है ?
उत्तर-
घर निजी स्वर्ग का नाम है।

प्रश्न 5.
प्राचीन काल में मनुष्य स्वयं को ढाँपने के लिए किस वस्तु का प्रयोग करता था ?
उत्तर-
प्राचीन काल में मनुष्य स्वयं को ढाँपने के लिए वृक्ष की छालों, पत्तों और खालों का प्रयोग करता था।

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प्रश्न 6.
वस्त्रों के नए-नए डिज़ाइन क्यों बनते हैं ?
उत्तर-
सुन्दर दिखने की होड़ के कारण ही वस्त्रों के नए-नए डिज़ाइन बनते हैं।

प्रश्न 7.
कपड़े चोट लगने से कैसे बचाते हैं ?
उत्तर-
वस्त्र हमें चोट लगने से बचाकर हमारे शरीर की रक्षा करते हैं। कई बार गिरते समय वस्त्र फट जाता है तथा व्यक्ति चोट से बच जाता है।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
घर मनुष्य का गर्मी-सर्दी से कैसे बचाव करता है ?
उत्तर-
गर्मी-सर्दी से बचने के लिए घर ही प्रमुख स्थान है, घर गर्मियों में लू तथा धूप से बचाता है और सर्दियों में बर्फीली हवाओं से हमारी रक्षा करता है। इसके अतिरिक्त मकान कई बार प्राकृतिक आपदाओं, जैसे-तूफान, ओले, आँधी आदि से भी हमें बचाता है।

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प्रश्न 2.
वस्त्र हमें कीड़े-मकौड़े से कैसे बचाते हैं ?
उत्तर-
वातावरण में कई प्रकार के कीड़े-मकौड़े होते हैं, जैसे-बिच्छू, भिंड, मच्छर आदि। अगर ये कपड़े के ऊपर से काटें तो कई बार चमड़ी तक डंक नहीं जाता है। अगर ये वस्त्रहीन शरीर पर काटें तो काफी नुकसान हो सकता है।

प्रश्न 3.
कपड़े हमारे सौंदर्य में कैसे वृद्धि करते हैं ?
उत्तर-
कपड़े मनुष्य के सौन्दर्य में वृद्धि करते हैं। प्राचीन समय में मनुष्य पशुओं की खालों से अपने शरीर को सजाता था। तब खाले ही वस्त्र थे। सुन्दरता की होड़ के कारण ही वस्त्रों के नए-नए डिज़ाइन बनते हैं। इनके सीने-पिरोने में ही परिवर्तन होता रहता है। सुन्दरता बढ़ाने के लिए वस्त्रों को रंगों तथा छापे से या कई बार फूल-बूटों की कढ़ाई करके सुन्दर तथा आकर्षक बनाया जाता है।

प्रश्न 4.
भोजन प्राप्ति का मन की शांति से क्या संबंध है ?
उत्तर-
भोजन खाने से मन को तस्सली, शांति तथा आनंद का अनुभव होता है। यदि भोजन अच्छे ढंग से पका हुआ अच्छी प्रकार खुशनुमा वातावरण में परोसा जाए तो अत्यंत हर्ष की प्राप्ति होती है।

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बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भोजन की आवश्यकता किन कारणों से है ?
उत्तर-
जब से सृष्टि की रचना हुई है तथा इसमें प्राणी का आगमन हुआ है, वह अपने पेट की भूख को शांत करने के लिए भिन्न-भिन्न तरीकों का प्रयोग कर रहा है। जब मनुष्य अभी सभ्य नहीं हुआ था तब वह कंदमूल, फल-फूल खा कर पेट भरता था। अब सभ्य समाज में रह रहा इंसान भोजन पका कर कई प्रकार से इसे सुंदर, स्वादिष्ट तथा सुंगधित बनाकर खाता है। भोजन की आवश्यकता के अग्रलिखित कारण हैं –

1. शरीर का विकास-भोजन हमारे शरीर के विकास के लिए अति आवश्यक है। प्रोटीन हमारे शरीर के तंतुओं का निर्माण करता है। कार्बोहाइड्रेट से हमें ऊर्जा मिलती है। यह तत्व हमें भोजन से प्राप्त होते हैं। इसी प्रकार अन्य आवश्यक तत्व जैसे वसा, विटामिन, खनिज आदि भी भोजन से मिलते हैं। यदि एक भी दिन हम भोजन न लें तो हम कमजोर महसूस करने लगते हैं। भोजन शरीर की क्रियाओं को भी नियन्त्रित करता है।

2. सामाजिक तथा धार्मिक महत्त्व-मिलजुल कर भोजन करने से तथा बनाने से एकता की भावना पैदा होती है। शादी, जन्मदिन आदि के अवसर पर हम संबंधियों तथा दोस्तों को प्रीती भोज तथा चाय पार्टी आदि के लिए बुलाते हैं। इस प्रकार भोजन का सामाजिक महत्त्व पता चलता है। धार्मिक अवसरों पर लंगर, प्रसाद आदि को मिल बांट कर ग्रहण करने से भाईचारे की भावना पैदा होती है।

3. मन की शांति-भोजन खाने से मन को तस्सली, शांति तथा आनंद का अनुभव होता है। यदि भोजन अच्छे ढंग से पका हुआ अच्छी प्रकार खुशनुमा वातावरण में परोसा जाए तो अत्यन्त हर्ष की प्राप्ति होती है।

प्रश्न 2.
कपड़ों की आवश्यकता के कोई दो कारण लिखें।
उत्तर-
कपड़ों की आवश्यकता के दो कारण निम्नलिखित हैं –
1. सभ्यता का प्रतीक-अच्छी तरह वस्त्र पहनकर तैयार होना सभ्य मनुष्य होने का प्रतीक है। वस्त्र पहनने की बात हमें पशु-पक्षियों से अलग करती है। आज यदि कभी यह सोच भी ले कि प्राचीन मनुष्य नंगा रहता था, तो बहुत ही अजीब लगता है। आज यदि कोई ठीक तरह वस्त्र न पहने तो उसको मूर्ख या असभ्य कहा जाता है। इसी कारण खेलने, तैरने, खाना बनाने के लिए अलग-अलग पहनावे प्रयुक्त किये जाते हैं। आज के ज़माने में कपड़े द्वारा सभ्य तथा असभ्य मनुष्य का अनुमान लगाया जाता है।

2. चोट लगने से बचाव-वस्त्र हमें चोट लगने से बचाकर हमारे शरीर की रक्षा करते हैं। कई बार गिरते समय वस्त्र फट जाता है तथा व्यक्ति चोट से बच जाता है।

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एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
सबसे पहली प्राथमिक आवश्यकता क्या है ?
उत्तर-
भोजन।

प्रश्न 2.
कपड़े द्वारा कौन-सी प्राकृतिक आवश्यकता पूर्ण होती है ?
उत्तर-
तन ढकने की।

प्रश्न 3.
घर का खिंचाव …… ही रहता है।
उत्तर-
सदा।

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प्रश्न 4.
पका भोजन ………. तथा सुगन्धित होता है।
उत्तर-
सुस्वाद।

प्रश्न 5.
सौंदर्य में वृद्धि के लिए हम …… पहनते हैं।
उत्तर-
कपड़े।

प्रश्न 6.
घर निजी ………. का नाम है।
उत्तर-
स्वर्ग।

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प्रश्न 7.
प्राचीन मनुष्य कहां रहता था ?
उत्तर-
गुफा में।

प्रश्न 8.
कपड़े हमें ……. से बचाते हैं।
उत्तर-
कीड़े-मकौड़ों।

मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताएँ PSEB 6th Class Home Science Notes

  • कोई भी वस्तु, जिसके बिना जीवन अधूरा लगता है, जिसके बिना हम रह नहीं सकते उसे आवश्यकता का नाम दिया जाता है।
  • वह आवश्यकता, जो जन्म से लेकर अन्त तक हमारे साथ रहती है तथा जिसकी पूर्ति को प्राथमिकता दी जाती है, उसे हम प्राथमिक आवश्यकता कहते हैं। भोजन, वस्त्र तथा घर मुख्य प्राथमिक आवश्यकताएँ हैं।
  • संसार का हर जीवित प्राणी जिस वस्तु को खाकर अपने पेट की आग को शान्त | | करता है, वह उसका भोजन है।
  • भोजन की आवश्यकता के प्रमुख कारण हैं-1. शरीर का विकास, 2. सामाजिक तथा धार्मिक महत्त्व, 3. मानसिक सन्तोष।
  • घर या आश्रय केवल मनुष्य की ही नहीं, बल्कि सभी जीवित प्राणियों की आवश्यकता है।
  • पुरातन मनुष्य गुफाओं में रहकर अपने शरीर की रक्षा करता था।
  • घर की आवश्यकता के प्रमुख कारण हैं-1. गर्मी, सर्दी व वर्षा से बचाव, 2. जंगली पशुओं तथा चोरों से बचाव, 3. पारिवारिक भावना।
  • घर के प्यार से ही देश प्यार की नींव बनती है।
  • घर निजी स्वर्ग का नाम है।
  • समय का अर्थ है युग बदलने के अनुसार बदलाव।
  • आजकल कई प्रकार से प्राकृतिक तथा बनावटी रेशों की सहायता से वस्त्र बनाये | | जाते हैं, जैसे–सूती, रेशमी, नायलॉन, रेयॉन, ज़री आदि।
  • वस्त्रों की आवश्यकता के प्रमुख कारण हैं-1. गर्मी, सर्दी व वर्षा से बचाव, 2. सौन्दर्य में वृद्धि, 3. सभ्यता का प्रतीक, 4. चोट लगने से बचाव, 5. कीड़े – मकौड़ों से बचाव।
  • आग बुझाने वाले ऐस्बेसटॉस के वस्त्र पहनते हैं, क्योंकि उनमें आग नहीं लगती।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 6 संसार में भारत

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 6 संसार में भारत Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science Geography Chapter 6 संसार में भारत

SST Guide for Class 6 PSEB संसार में भारत Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

प्रश्न 1.
कौन-सी अक्षांश रेखा भारत को दो भागों में बांटती है? उनके नाम । लिखो।
उत्तर-
भारत को कर्क रेखा दो बराबर भागों में बांटती है। उत्तरी भाग को उपउष्णखण्डीय भारत तथा दक्षिणी भाग को उष्णखण्डीय भारत कहा जाता है।

प्रश्न 2.
भारत के पड़ोसी देशों के नाम लिखो।
उत्तर-
भारत की सीमाएं 7 देशों को छूती हैं। उत्तर-पश्चिम तथा उत्तर में पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, चीन तथा नेपाल हमारे पड़ोसी देश हैं। भूटान, म्यांमार तथा बंगलादेश हमारे देश के उत्तर-पूर्व में स्थित हैं। दक्षिण में हमारे पड़ोसी श्रीलंका तथा मालदीव हैं।

प्रश्न 3.
ग्लोब पर भारत की अक्षांश तथा देशान्तर स्थिति लिखो।
उत्तर-
भारत 8°4′ उत्तर से 37°6′ उत्तर अक्षांशों तथा 68°7′ पू० से 97°25′ पू० देशान्तरों के बीच स्थित है।

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प्रश्न 4.
भारत को उपमहाद्वीप क्यों कहते हैं?
उत्तर-
भारत एशिया महाद्वीप का एक भाग है। परंतु उत्तर के पर्वत तथा शेष तीन ओर से जल-भण्डार (सागर) इसे एशिया से अलग करते हैं। इसका विस्तार भी बहुत अधिक है। इसी कारण इसे उपमहाद्वीप कहा जाता है।

प्रश्न 5.
भारत को राजनीतिक दृष्टि से कितने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में बांटा गया है?
उत्तर-
राजनीतिक दृष्टि से भारत को 28 राज्यों तथा 9 केन्द्र शासित प्रदेशों में बांटा गया है।

प्रश्न 6.
उन तीन सागरों के नाम लिखो जिनसे भारतीय प्रायद्वीप घिरा हुआ है।
उत्तर-
हिन्द महासागर, अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी।

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II. निम्नलिखित वाक्यों में खाली स्थान भरो

  1. आकार के अनुसार भारत का सबसे बड़ा राज्य …………… है।
  2. …………… भारत का सबसे छोटा राज्य है।
  3. इंदिरा पुवाइंट भारत के बिल्कुल ……………… सिरे पर है।
  4. कश्मीर से …………. तक भारत एक है।
  5. अरुणाचल प्रदेश भारत के ………….. भाग में है।

उत्तर-

  1. राजस्थान
  2. गोआ
  3. दक्षिणी
  4. कन्याकुमारी
  5. पूर्वी।

III. मिलान करो

स्तम्भ क – स्तम्भ ख

  1. अंडमान और निकोबार – हमारा पूर्वी पड़ोसी
  2. मालदीव – दक्षिण में हमारा पड़ोसी
  3. म्यांमार – भारत का द्वीप-समूह
  4. श्रीलंका – समुद्री सीमा से जुड़ा देश।

उत्तर-

  1. अंडमान और निकोबार-भारत का द्वीप-समूह।
  2. मालदीव-दक्षिण में हमारा पड़ोसी।
  3. म्यांमार-हमारा पूर्वी पड़ोसी।
  4. श्रीलंका-समुद्री सीमा से जुड़ा देश।

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PSEB 6th Class Social Science Guide संसार में भारत Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
कौन-सा केंद्र शासित राज्य क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा है?
उत्तर-
लक्षद्वीप।

प्रश्न 2.
गंगा तथा यमुना क्रमशः किस-किस हिमखंड से निकलती है?
उत्तर-
गंगोत्री, यमुनोत्री।

प्रश्न 3.
भारत की तटरेखा कितनी लंबी है?
उत्तर-
6100 किलोमीटर।

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बहु-विकल्पीयप्रश्न

प्रश्न 1.
पंजाब-हरियाणा के मैदान में निम्नलिखित शामिल नहीं –
क) बारी दोआब
(ख) बिस्त दोआब
(ग) थार मरुस्थल।
उत्तर-
(ग) थार मरुस्थल

प्रश्न 2.
भारत का एक भू-भाग निरंतर लावा बहने से बना है? क्या आप उसका नाम बता सकते हैं?
(क) महान हिमालय
(ख) दक्षिणी पठार
(ग) तटीय मैदान
उत्तर-
(ख) दक्षिणी पठार।

सही (✓) या गलत (✗) कथन

  1. क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत विश्व का दूसरा बड़ा देश है।
  2. ब्यास तथा सतलुज नदी के मध्य क्षेत्र को बारी दोआब कहते हैं।
  3. भारत के पश्चिमी तटीय मैदान पूर्व के तटीय मैदानों से कम चौड़े हैं।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✗)
  3.  (✓)

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अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत का क्षेत्रफल कितना है?
उत्तर-
लगभग 32.8 लाख वर्ग कि०मी०।

प्रश्न 2.
भारत को पूर्वी देश क्यों माना जाता है?
उत्तर-
भारत पूर्वी गोलार्द्ध में स्थित है। इसलिए इसे पूर्वी देश माना जाता है।

प्रश्न 3.
देश के उत्तर-पश्चिम में स्थित भारत के दो पड़ोसी देशों के नाम बताओ।
उत्तर-
पाकिस्तान तथा अफ़गानिस्तान।
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प्रश्न 4.
क्षेत्रफल तथा जनसंख्या की दृष्टि से भारत का संसार में कौन-सा स्थान है?
उत्तर-
क्षेत्रफल की दृष्टि से सातवां तथा जनसंख्या की दृष्टि से दूसरा।

प्रश्न 5.
हमारे देश के दक्षिण में स्थित कौन-से दो द्वीपीय देश भारत के पड़ोसी हैं?
उत्तर-
श्रीलंका तथा मालद्वीव।

प्रश्न 6.
श्रीलंका को कौन-सी जल-सन्धि तथा खाड़ी भारत से अलग करती है?
उत्तर-
पाक जल-सन्धि तथा मन्नार की खाड़ी।

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प्रश्न 7.
भारत में हिमालय की सबसे ऊँची चोटी कौन-सी है?
उत्तर-
सिक्किम में कंचनजंगा।

प्रश्न 8.
लद्दाख के पठार को ठण्डा मरुस्थल क्यों कहा जाता है?
उत्तर-
क्योंकि इसकी जलवायु अत्यन्त ठण्डी तथा शुष्क है।

प्रश्न 9.
भारत के उत्तरी मैदानों के पश्चिम में स्थित मरुस्थल का नाम बताओ।
उत्तर-
थार मरुस्थल।

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प्रश्न 10.
संसार का सबसे बड़ा डेल्टा कौन-सा है?
उत्तर-
गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा संसार का सबसे बड़ा डेल्टा है।

प्रश्न 11.
भारत का कौन-सा भू-भाग प्राचीनतम है?
उत्तर-
भारत का प्राचीनतम भू-भाग दक्षिण का प्रायद्वीपीय पठार है। यह कठोर आग्नेय तथा रूपान्तरित शैलों से बना है।

प्रश्न 12.
तीन ओर से सागर (जल) से घिरा भू-भाग क्या कहलाता है?
उत्तर-
प्रायद्वीप।

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प्रश्न 13.
डेल्टा क्या होता है?
उत्तर-
नदी के मुहाने पर बनी त्रिभुजाकार भू-आकृति।

प्रश्न 14.
भारत के उत्तरी मैदानों में जनसंख्या क्यों घनी है?
उत्तर-
उत्तरी मैदानों की मिट्टी बहुत ही उपजाऊ है और कृषि उन्नत है। इसलिए यहां जनसंख्या घनी है।

प्रश्न 15.
प्रायद्वीपीय भारत की कौन-सी दो नदियां डेल्टा नहीं बनाती?
उत्तर-
नर्मदा तथा ताप्ती।

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प्रश्न 16.
उत्तर भारत के मैदान का निर्माण करने वाली तीन प्रमुख नदियों के नाम बताओ।
उत्तर-
उत्तर भारत के मैदान का निर्माण करने वाली तीन प्रमुख नदियां हैं –

  1. सिन्धु
  2. गंगा तथा
  3. ब्रह्मपुत्र।

प्रश्न 17.
कौन-सा केंद्र शासित राज्य क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा है?
उत्तर-
लक्षद्वीप।

प्रश्न 18.
गंगा तथा यमुना क्रमशः किस-किस हिमखंड से निकलती हैं?
उत्तर-
गंगोत्री, यमुनोत्री।

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प्रश्न 19.
भारत की तटरेखा कितनी लंबी है?
उत्तर-
6100 किलोमीटर।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत के पाँच भौतिक विभाग कौन-कौन से हैं?
उत्तर-
भारत के पाँच भौतिक विभाग हैं –

  1. उत्तर के महान् पर्वत
  2. उत्तरी भारत के विशाल मैदान
  3. प्रायद्वीपीय पठार
  4. तटीय मैदान
  5. द्वीप समूह।

प्रश्न 2.
सुन्दरवन डेल्टा पर एक टिप्पणी लिखो।
उत्तर-
सुन्दरवन डेल्टा संसार का सबसे बड़ा डेल्टा है। इसका निर्माण गंगा तथा ब्रह्मपुत्र नदियों ने अपने मुहाने पर किया है। संसार के अन्य डेल्टों की तरह यह डेल्टा भी बहुत उपजाऊ है।

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प्रश्न 3.
भारत के प्रायद्वीपीय पठार की कोई चार भौगोलिक विशेषताएं बताओ।
उत्तर-

  1. भारत के प्रायद्वीपीय पठार की आकृति एक त्रिभुज जैसी है।
  2. यह तीन ओर से क्रमशः अरब सागर (पश्चिम में), बंगाल की खाड़ी (पूर्व में) तथा हिन्द महासागर (दक्षिण में) से घिरा हुआ है।
  3. पश्चिम में पश्चिमी घाट तथा पूर्व में पूर्वी घाट इसकी सीमाएं बनाते हैं।
  4. यह पठार खनिज पदार्थों में बहुत अधिक धनी है।

प्रश्न 4.
थार (भारत के महान्) मरुस्थल पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
थार मरुस्थल उत्तरी मैदान के पश्चिम में स्थित है। यह पथरीला प्रदेश रेत से ढका हुआ है। इसकी जलवायु अति गर्म तथा शुष्क है। इस प्रदेश में पेड़-पौधे नाममात्र ही हैं।

प्रश्न 5.
भारत के पश्चिमी तट तथा पूर्वी तट की तुलना कीजिए।
उत्तर-
पश्चिमी तट

  1. यह तट अपेक्षाकृत कम चौड़ा है।
  2. इस भाग में नदियां डेल्टा नहीं बनातीं।
  3. यह तट पूर्वी तट की अपेक्षा कम उपजाऊ है।

पूर्वी तट

  1. यह तट अधिक चौड़ा है।
  2. इसमें कावेरी, कृष्णा और महानदी के उपजाऊ डेल्टे हैं।
  3. यह तट डेल्टा प्रदेशों के कारण अधिक उपजाऊ है।

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प्रश्न 6.
हिमालय पर्वतों की तीन समान्तर श्रृंखलाओं के नाम लिखो और प्रत्येक की एक-एक विशेषता बताओ।
उत्तर-
1. सर्वोच्च हिमालय या हिमाद्रि-यह हिमाचल की सबसे उत्तरी तथा सबसे ऊंची श्रेणी है। हिमालय के सर्वोच्च शिखर इस श्रेणी में हैं। इनमें माउंट एवरेस्ट (नेपाल में 8848 मी० ऊंची) तथा कंचनजुंगा (सिक्किम-भारत) प्रमुख हैं।

2. मध्य या लघु हिमालय (अथवा हिमालय श्रेणी)-यह पर्वत श्रेणी हिमालय के दक्षिण में फैली है। इसमें डल्हौज़ी, धर्मशाला, शिमला, मसूरी, नैनीताल आदि प्रमुख पर्वतीय नगर स्थित हैं।

3. बाह्य हिमालय या शिवालिक श्रेणी-यह हिमालय की सबसे दक्षिणी श्रेणी है। यह जलोढ़ अवसादों से बनी है।

प्रश्न 7.
भारत के उत्तरी मैदान को विभाजित करने वाले दो नदी-तन्त्रों के नाम बताइए। प्रत्येक नदी-तन्त्र की दो महत्त्वपूर्ण विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
उत्तरी मैदान को विभाजित करने वाले दो नदी-तन्त्र हैं-पश्चिम में सिन्धु नदी-तन्त्र तथा पूर्व में गंगा-ब्रह्मपुत्र नदी-तन्त्र।

सिन्धु नदी तन्त्र-

  1. इसका विस्तार जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश तथा पंजाब राज्यों में है।
  2. इसकी लम्बाई 2900 किलोमीटर से भी अधिक है।

गंगा-ब्रह्मपुत्र नदी तन्त्र-

  1. गंगा नदी उत्तर प्रदेश के हिमालय क्षेत्र में गंगोत्री से निकलती है, जबकि ब्रह्मपुत्र का उद्गम स्थल तिब्बत में सिन्धु तथा सतलुज के उद्गम के निकट है।
  2. दक्षिण में पहुंचकर ब्रह्मपुत्र नदी गंगा में मिल जाती है।

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प्रश्न 8.
उत्तर भारत के पर्वतों (हिमालय) तथा प्रायद्वीपीय भारत (दक्षिण पठार) के पर्वतों में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर-
उत्तर भारत के पर्वत-उत्तर भारत के पर्वत नवीन वलित पर्वत हैं। ये बहुत ऊंचे हैं तथा बर्फ से ढके हुए हैं। इन पर्वतों पर वन भी हैं।
प्रायद्वीपीय भारत के पर्वत-प्रायद्वीपीय भारत के पर्वत प्राचीन पर्वतों के शेष भाग हैं। ये न तो अधिक ऊंचे हैं और न ही उन पर हिमानियां होती हैं। इन पर्वतों की ढाल तिरछी है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
उत्तरी भारत के विशाल मैदान पर एक नोट लिखो। इनकी रचना किस प्रकार हुई?
उत्तर-
उत्तरी भारत के विशाल मैदानों को सतलुज गंगा का मैदान भी कहा जाता है। यह मैदान हिमालय तथा दक्षिण पठार के बीच स्थित है। यह राजस्थान से असम तक फैला हुआ है। इस मैदान की रचना नदियों द्वारा लाई गई मिट्टी से हुई है। इसलिए यह अत्यन्त उपजाऊ है।

मैदान के भाग-इस मैदान को चार भागों में बांटा जा सकता है –
(i) पंजाब-हरियाणा का मैदान,
(ii) थार मरुस्थल का मैदान,
(iii) गंगा का मैदान तथा
(iv) ब्रह्मपुत्र का मैदान।

(i) पंजाब-हरियाणा का मैदान-यह मैदान मुख्य रूप से पंजाब तथा हरियाणा में फैला हुआ है। यह सतलुज तथा उसकी सहायक नदियों द्वारा लाई गई मिट्टी से बना है। इसलिए यह काफ़ी उपजाऊ है।

(ii) थार मरुस्थल का मैदान-यह मैदान पंजाब और हरियाणा के दक्षिणी क्षेत्र का शुष्क भाग है। यह गुजरात की कच्छ की खाड़ी तक फैला हुआ है। अरावली पर्वत इसकी पूर्वी सीमा बनाते हैं। यहां स्थान-स्थान पर रेत के टीले दिखाई देते हैं। इसके कुछ भाग उपजाऊ भी हैं। यहां की खारे पानी की सांभर झील बहुत ही प्रसिद्ध है। थार मरुस्थल का मैदान यमुना, राम गंगा, चम्बल, बेतवा आदि नदियों द्वारा बना है।

(iii) गंगा का मैदान-गंगा का मैदान एक महत्त्वपूर्ण मैदान है। यह उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड तथा पश्चिम बंगाल राज्यों में फैला हुआ है। यह मैदान गंगा, यमुना तथा उनकी सहायक नदियों द्वारा लाई गई मिट्टी के जमा होने से बना है।।

(iv) ब्रह्मपुत्र का मैदान-ब्रह्मपुत्र का मैदान असम राज्य के मध्य में स्थित है। इस मैदान की रचना ब्रह्मपुत्र तथा उसकी सहायक नदियों द्वारा लाई गई मिट्टी से हुई है।

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प्रश्न 2.
भारत को कितनी भौतिक इकाइयों में बांटा जा सकता है? प्रत्येक भौतिक इकाई का संक्षेप में वर्णन करो।
उत्तर-
भारत एक विशाल देश है। इस देश में कहीं ऊंचे पर्वत हैं तो कहीं गहरी घाटियां हैं। कहीं समतल विस्तृत मैदान हैं, तो कहीं ऊंची-नीची पथरीली भूमि है। हम अपने देश को भौतिक रचना के आधार पर निम्नलिखित छ: इकाइयों में बांट सकते हैं –

  1. उत्तर के महान् पर्वत
  2. उत्तर के विशाल मैदान
  3. प्रायद्वीपीय पठार
  4. तटीय मैदान
  5. भारत का महान् मरुस्थल
  6. द्वीप-समूह।

भारत का महान् मरुस्थल वास्तव में उत्तर के विशाल मैदानों का ही एक भाग है। इसलिए यहां पांच इकाइयों का वर्णन किया जा रहा है।
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1. उत्तर के महान् पर्वत-हमारे देश की उत्तरी सीमा पर हिमालय पर्वत फैला हुआ है। हिमालय पर्वत में तीन श्रेणियां हैं। ये एक-दूसरे के समानान्तर फैली हुई हैं। इन समानान्तर श्रेणियों के मध्य में पूर्व-पश्चिम में फैली हुई कई लम्बी घाटियां हैं, जिन्हें ‘दून’ कहते हैं।

हिमालय का सबसे ऊंचा शिखर ‘माऊंट एवरेस्ट’ है। यह 8848 मीटर ऊंचा है। भारत में हिमालय का सबसे ऊंचा शिखर कंचनजंगा है। इस पर्वत की सभी ऊंची-ऊंची चोटियां बर्फ से ढकी रहती हैं। इस क्षेत्र की जलवायु अत्यन्त ठण्डी है।

2. उत्तर के विशाल मैदान-उत्तरी भारत के विशाल मैदान हिमालय पर्वतों के दक्षिण में फैले हैं। पश्चिम में रावी नदी से लेकर पूर्व में ब्रह्मपुत्र नदी तक इनकी लम्बाई 2500 किलोमीटर से भी अधिक है। ये मैदान रावी, ब्यास, सतलुज, गंगा और ब्रह्मपुत्र तथा उनकी सहायक नदियों द्वारा लाई गई उपजाऊ मिट्टी से बने हैं। इसलिए इनकी गणना संसार के सबसे अधिक उपजाऊ मैदानों में की जाती है।

3. प्रायद्वीपीय पठार-भारत का प्रायद्वीपीय पठार उत्तरी मैदानों के दक्षिण में विस्तृत है। यह भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे प्राचीन भाग है। इस पठार को दो भागों में विभाजित किया जाता है। मालवा का पठार तथा दक्कन का पठार। दक्कन का पठार लावे से बना है। इस त्रिकोणे पठार के दो मुख्य भाग हैं-मालवे का पठार तथा दक्षिणी पठार।
पश्चिम में पश्चिमी घाट तथा पूर्वी घाट इसकी सीमा बनाते हैं। यह पठार खनिज पदार्थों में बहुत ही धनी है।

4. तटीय मैदान-दक्कन के पठार के पश्चिम तथा पूर्व में तटीय मैदान फैले हैं। अरब सागर के तटीय मैदानों को पश्चिमी तटीय मैदान तथा बंगाल की खाड़ी की तटीय पट्टी को पूर्वी तटीय मैदान कहते हैं। पूर्वी तटीय मैदान पश्चिमी मैदानों की अपेक्षा अधिक चौड़े तथा समतल हैं। यहां नदियों द्वारा बनाये गये उपजाऊ डेल्टा भी हैं।

5. द्वीप-समूह-भारत में मुख्य रूप से दो द्वीप समूह हैं –
(1) लक्षद्वीप,
(2) अण्डमान-निकोबार।

(1) लक्षद्वीप समूह केरल के पश्चिम में अरब सागर में स्थित है। यह मूंगे की चट्टानों से बने छोटे-छोटे द्वीपों का एक समूह है। इनकी कुल संख्या 25 है।

(2) अण्डमान-निकोबार द्वीप समूह बंगाल की खाड़ी में स्थित है। यह ज्वालामुखी चट्टानों से बना है। इन द्वीपों की कुल संख्या 120 है। समुद्र तट से दूर स्थित इन द्वीपों के अतिरिक्त ‘कुछ द्वीप तट के निकट भी स्थित हैं। इनमें व्हीलर, न्यूमर, दियु आदि द्वीप शामिल हैं।

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प्रश्न 3.
भारत के राजनीतिक विभाजन पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-
भारत में 28 राज्य तथा 8 केन्द्र शासित प्रदेश हैं। ये राज्य तथा केन्द्र शासित प्रदेश जिलों में बंटे हुए हैं। भारत के राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों की सूची नीचे दी गई है –

राज्य – राजधानी
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  1. हिमाचल प्रदेश – शिमला
  2. पंजाब – चण्डीगढ़
  3. हरियाणा – चण्डीगढ़
  4. उत्तर प्रदेश – लखनऊ
  5. मध्य प्रदेश – भोपाल
  6. राजस्थान – जयपुर
  7. गुजरात – गांधी नगर
  8. महाराष्ट्र – मुम्बई
  9. कर्नाटक – बंगलौर (बंगलुरू)
  10. गोवा – पणजी
  11. केरल – तिरुवनन्तपुरम्
  12. तमिलनाडु – चेन्नई
  13. आंध्र प्रदेश – अमरावती
  14. तेलंगाना – हैदराबाद
  15. उड़ीसा – भुवनेश्वर
  16. बिहार – पटना
  17. पश्चिमी बंगाल – कोलकाता
  18. सिक्किम – गंगटोक
  19. असम – दिसपुर
  20. अरुणाचल प्रदेश – इटानगर
  21. नागालैण्ड – कोहिमा
  22. मणिपुर – इम्फाल
  23. मिज़ोरम – आइज़ोल
  24. त्रिपुरा – अगरतला
  25. मेघालय – शिलांग
  26. छत्तीसगढ़ – रायपुर
  27. उत्तराखंड – देहरादून
  28. झारखण्ड – रांची

केन्द्र शासित क्षेत्र

नाम – मुख्यालय

  1. चण्डीगढ़ – चण्डीगढ़
  2. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली – दिल्ली
  3. दमन और दीव – दमन
  4. दादरा नगर हवेली – सेलवास
  5. लक्षद्वीप – कवरत्ति
  6. पुड्डुचेरी – पुड्डचेरी
  7. अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह – पोर्ट ब्लेयर
  8. जम्मू और कश्मीर – श्रीनगर
  9. लद्दाख – लेह

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 6 संसार में भारत

संसार में भारत PSEB 6th Class Social Science Notes

  • भारत के पड़ोसी देश – उत्तर-पश्चिम में अफ़गानिस्तान तथा पाकिस्तान, उत्तर में चीन, नेपाल तथा भूटान और पूर्व में बंगलादेश तथा म्यांमार भारत के पड़ोसी देश हैं।
  • भारत के भौतिक भाग – धरातल के अनुसार भारत को 6 भागों में बांटा जा सकता है-(1) उत्तर के महान् पर्वत, (2) उत्तर के विशाल मैदान, (3) प्रायद्वीपीय पठार, (4) तटीय मैदान, (5) भारत का महान् मरुस्थल, (6) द्वीप समूह।
  • हिमालय पर्वत – ये पर्वत भारत के उत्तर में कश्मीर से अरुणाचल प्रदेश तक फैले हुए हैं। ये संसार के सबसे ऊंचे पर्वत हैं। इनकी लंबाई 2400 किलोमीटर तथा चौड़ाई 150 से 400 किलोमीटर तक है।
  • उत्तर के विशाल मैदान – ये मैदान हिमालय पर्वत और दक्षिणी पठार के बीच फैले हुए हैं। ये मैदान नदियों द्वारा लाई गई मिट्टी से बने हैं और बड़े ही उपजाऊ हैं।
  • प्रायद्वीपीय पठार – यह पठारी भाग भारत का सबसे प्राचीन भाग है जो पहाड़ियों से घिरा है। यह आग्नेय चट्टानों से बना है।
  • तटीय मैदान – ये मैदान पूर्वी और पश्चिमी घाट के साथसाथ फैले हुए हैं। पूर्वी तट के मैदान पश्चिमी तट के मैदानों से अधिक चौड़े हैं।
  • भारतीय द्वीप समूह – बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर में अनेक भारतीय द्वीप हैं। ये समूहों के रूप में मिलते हैं। इनमें से लक्षद्वीप समूह तथा अण्डमाननिकोबार द्वीप समूह प्रमुख हैं।
  • भारत की नदियां – भारत की नदियों को दो भागों में बांटा जा सकता है-उत्तरी भारत की नदियां और दक्षिणी भारत की नदियां। उत्तरी भारत की नदियां सारा साल बहती हैं, परन्तु दक्षिणी भारत की नदियां केवल वर्षा ऋतु में ही बहती हैं।
  • राजनीतिक विभाजन – भारत संघ में 28 राज्य तथा 9 केन्द्र शासित क्षेत्र सम्मिलित हैं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 5 पृथ्वी के परिमण्डल

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 5 पृथ्वी के परिमण्डल Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science Geography Chapter 5 पृथ्वी के परिमण्डल

SST Guide for Class 6 PSEB पृथ्वी के परिमण्डल Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

प्रश्न 1.
थलमण्डल किसे कहते हैं?
उत्तर-
थलमण्डल से अभिप्राय पृथ्वी के भूमि वाले भाग से है। इसे धरातल अथवा भू-पर्पटी भी कहते हैं। इसका निर्माण विभिन्न प्रकार की शैलों से हुआ है। इसकी औसत मोटाई 60 किलोमीटर है।

प्रश्न 2.
पृथ्वी के प्रमुख भू-रूपों के नाम लिखो।
उत्तर-
पृथ्वी पर मुख्य रूप से तीन प्रकार के भू-रूप पाये जाते हैं। इनके नाम हैं – पर्वत, पठार तथा मैदान।

प्रश्न 3.
पृथ्वी के सभी परिमण्डल एक-दूसरे को किस प्रकार प्रभावित करते हैं?
उत्तर-
पृथ्वी के सभी परिमण्डल आपस में जुड़े हुए हैं। ये एक-दूसरे के अस्तित्व का आधार हैं। किसी एक परिमण्डल का सन्तुलन बिगड़ने से अन्य परिमण्डलों का सन्तुलन बिगड़ जाता है। उदाहरण के लिए, अधिक पेड़-पौधे काटने से जैवमण्डल में असन्तुलन पैदा हो जाता है। इसका प्रभाव वायुमण्डल पर पड़ता है और वह प्रदूषित हो जाता है। इससे वर्षा में कमी आती है, जिसका जलमण्डल पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

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प्रश्न 4.
पर्वत-श्रेणी किसे कहते हैं?
उत्तर-
अपने आस-पास के धरातल से ऊंचे उठे भू-भाग को पर्वत कहते हैं। इनका ऊपरी सिरा नुकीला होता है। पर्वत प्रायः एक समूह के रूप में पाए जाते हैं। पर्वतों के समूह को पर्वत-श्रेणी कहते हैं।

प्रश्न 5.
विश्व के प्रसिद्ध पठारों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. भारत का दक्षिणी पठार
  2. उत्तरी अमेरिका का अपलेशियन पठार
  3. मध्य अफ्रीका का पठार तथा
  4. तिब्बत का पठार।

प्रश्न 6.
वायुमण्डल जीवन प्रणाली को जीने में कैसे सहायता करता है?
उत्तर-
वायुमण्डल जीवन प्रणाली को जीवित रखने में निम्नलिखित ढंग से सहायता करता है –

  1. इससे ऑक्सीजन लेकर जीव साँस लेते हैं।
  2. यह पृथ्वी पर एक कम्बल का काम करता है और सूर्य के ताप का ठीक रूप में वितरण करता है। इसके कारण पृथ्वी का कोई स्थान इतना अधिक गर्म अथवा ठंडा नहीं होता कि वहाँ जीवित न रहा जा सके।
  3. वायुमण्डल से प्राप्त नाइट्रोजन गैस से पेड़-पौधों की वृद्धि होती है जिनसे मनुष्य को भोजन मिलता है।
  4. वायुमण्डल से कार्बन डाइऑक्साइड लेकर हरे पेड़-पौधे अपना भोजन बनाते हैं।

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प्रश्न 7.
मेज़ भू-रूप किसे और क्यों कहते हैं?
उत्तर-
पठार को मेज़ भू-रूप कहा जाता है। इसका कारण यह है कि इसका ऊपरी सिरा मेज़ की तरह चपटा होता है।

प्रश्न 8.
जलमण्डल का मनुष्य के लिए क्या महत्त्व है?
उत्तर-
जलमण्डल में महासागर, सागर, झीलें, नदियां आदि शामिल हैं। इनका मनुष्य के लिए निम्नलिखित महत्त्व है –

  1. जलमण्डल के कारण ही पृथ्वी पर जीवन सम्भव है। इसका कारण यह है कि मनुष्य, जीव-जन्तु तथा पेड़-पौधे जल के बिना जीवित नहीं रह सकते।
  2. जलमण्डल वर्षा लाने में सहायता करता है जिससे वायुमण्डल ठंडा होता है।
  3. जलमण्डल में मछलियां मिलती हैं जिनसे मनुष्य को भोजन मिलता है।
  4. जलमण्डल में नौका-परिवहन होता है। इससे व्यापार को बढ़ावा मिलता है।
  5. जलमण्डल से हमें नमक प्राप्त होता है।

प्रश्न 9.
महाद्वीप किसे कहते हैं?
उत्तर-
थल के वे बड़े भाग जो तीनों अथवा चारों ओर से जल से घिरे होते हैं, महाद्वीप कहलाते हैं।

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प्रश्न 10.
पृथ्वी पर कितने महाद्वीप हैं? इनके नाम लिखो। सबसे बड़ा महाद्वीप कौन-सा है?
उत्तर-
पृथ्वी पर कुल सात महाद्वीप हैं। इनके नाम हैं –

  1. एशिया
  2. अफ्रीका
  3. यूरोप
  4. उत्तरी अमेरिका
  5. दक्षिणी अमेरिका
  6. ऑस्ट्रेलिया
  7. अंटार्कटिका।

इनमें से एशिया सबसे बड़ा महाद्वीप है।

प्रश्न 11.
महासागरों के नाम बताओ। यह भी बताओ कि ग्लोब पर महासागरों को किस रंग से दर्शाया जाता है?
उत्तर-
संसार में चार महासागर हैं। इनके नाम हैं –

  1. प्रशान्त महासागर
  2. अंध महासागर
  3. हिन्द महासागर
  4. आर्कटिक महासागर।

ग्लोब पर महासागरों ह्यको नीले रंग से दर्शाया जाता है।

प्रश्न 12.
जीवमण्डल किसे कहते हैं? इसके बारे में संक्षिप्त जानकारी दो।।
उत्तर-
जीवमण्डल धरातल का वह सीमित क्षेत्र है, जहाँ भूमि, जल और वायु एकदूसरे के सम्पर्क में आते हैं। यह पृथ्वी की सतह से कुछ नीचे पानी में तथा पृथ्वी की सतह से कुछ ऊपर वायु तक फैला हुआ है। यहाँ जीवन के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ पाई जाती हैं। अतः यहां विभिन्न प्रकार के जीव और पेड़-पौधे पाये जाते हैं। जीवमण्डल को दो भागों में बांटा जाता है-प्राणी जगत् तथा वनस्पति जगत्। प्राणी जगत् में मनुष्य तथा अन्य जीव-जन्तु शामिल हैं। वनस्पति जगत् में पेड़-पौधे आते हैं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 5 पृथ्वी के परिमण्डल

प्रश्न 13.
उत्तरी गोलार्द्ध को ‘थल या पृथ्वी गोलार्द्ध’ और दक्षिणी गोलार्द्ध को ‘जल गोलार्द्ध’ क्यों कहते हैं?
उत्तर-
उत्तरी गोलार्द्ध का अधिकतर भाग थल है। इस भाग में जल का विस्तार कम है। इसके विपरीत दक्षिणी गोलार्द्ध का अधिकतर भाग जल से घिरा है। इस गोलार्द्ध में थल का विस्तार कम है। इसी कारण उत्तरी गोलार्द्ध को थल गोलार्द्ध अथवा पृथ्वी-गोलार्द्ध तथा दक्षिणी गोलार्द्ध को जल गोलार्द्ध कहा जाता है।

प्रश्न 14.
मनुष्य को जीवमण्डल का प्रमुख प्राणी होने के कारण किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-
जीवमण्डल का प्रमुख प्राणी होने के नाते मनुष्य को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए –

  1. बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगाई जानी आवश्यक है। ऐसा करके ही जैवमण्डल के तत्त्वों पर दबाव को कम किया जा सकता है तथा पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है।
  2. प्राकृतिक साधनों का सावधानी से प्रयोग करना चाहिए ताकि जैवमण्डल को साफ़-सुथरा रखा जा सके।
  3. मनुष्य को ‘जियो और जीने दो’ का नियम अपनाना चाहिए। तभी पृथ्वी पर मानव-जीवन बना रह सकता है।

II. रिक्त स्थान भरो

  1. ………… सबसे छोटा महाद्वीप है।
  2. ………… दूसरे नंबर पर सबसे बड़ा महाद्वीप है।
  3. आर्कटिक सागर ने ……….. ध्रुव को चारों ओर से घेरा हुआ है।
  4. दक्षिणी महासागर ने ………… महाद्वीप को घेरा हुआ है।
  5. पृथ्वी का 2/3 भाग ………… ने घेरा हुआ है।
  6. ………… महाद्वीप को सफ़ेद महाद्वीप कहते हैं।
  7. ……….. परिमण्डल को तीनों परिमण्डल प्रभावित करते हैं।

उत्तर-

  1. ऑस्ट्रेलिया
  2. अफ्रीका
  3. उत्तरी
  4. अंटार्कटिक
  5. जीव।
  6. जल
  7. अंटार्कटिक

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 5 पृथ्वी के परिमण्डल

III. निम्नलिखित का मिलान करो

  1. महाद्वीप – आर्कटिक
  2. भू-रूप – जीवमण्डल
  3. जीवन – अंटार्कटिक
  4. महासागर – पठार

उत्तर-

  1. महाद्वीप – अंटार्कटिक
  2. भू-रूप – पठार
  3. जीवन – जीवमण्डल
  4. महासागर – आर्कटिक।

PSEB 6th Class Social Science Guide पृथ्वी के परिमण्डल Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पृथ्वी का कौन-सा परिमंडल वायु तथा जल दोनों में फैला हुआ है?
उत्तर-
जीव मंडल।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 5 पृथ्वी के परिमण्डल

प्रश्न 2.
कौन-सा महासागर एशिया और आस्ट्रेलिया को उत्तरी अमेरिका से अलग करता है?
उत्तर-
प्रशांत महासागर।

प्रश्न 3.
एशिया और यूरोप को कौन-सी पर्वतमाला अलग करती है?
उत्तर-
यूराल।

बह-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
दिया गया चित्र निम्नलिखित में से क्या दर्शाता है?
PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 5 पृथ्वी के परिमण्डल 1
(क) जीवमंडल की गैसें।
(ख) ग्लोबल वार्मिंग की गैसें।
(ग) वायुमंडल की गैसें ।
उत्तर-
(ग) वायुमंडल की गैसें

प्रश्न 2.
निम्न में से किस महासागर ने धरती का ½ भाग घेरा हुआ है?
(क) प्रशांत महासागर
(ख) अंध महासागर
(ग) हिन्द महासागर।
उत्तर-
(क) प्रशांत महासागर।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 5 पृथ्वी के परिमण्डल

सही (✓) या गलत (✗) कथन

  1. दक्षिणी अमरीका महाद्वीप पानामा नहर द्वारा उत्तरी अमरीका से जुड़ा है।
  2. आस्ट्रेलिया सबसे बड़ा महाद्वीप है।
  3. आर्कटिक महासागर ने दक्षिणी ध्रुव को घेरा हुआ है।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✗)

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पृथ्वी पर सर्वप्रथम जीवन का विकास किस परिमण्डल में हुआ था?
उत्तर-
जल परिमण्डल में।

प्रश्न 2.
एशिया महाद्वीप को कौन-कौन से तीन महासागरों नेश्वेरा हुआ है?
उत्तर-
हिन्द महासागर, प्रशान्त महासागर तथा आर्कटिक महासागर।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 5 पृथ्वी के परिमण्डल

प्रश्न 3.
एशिया महाद्वीप की सबसे ऊंची पर्वत चोटी का नाम बताओ।
उत्तर-
माऊंट एवरेस्ट।

प्रश्न 4.
एशिया महाद्वीप का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश कौन-सा है?
उत्तर-
चीन।

प्रश्न 5.
महासागरों में सबसे गहरा स्थान कौन-सा है?
उत्तर-
मैरियाना खाई, 11022 मीटर गहरी।

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प्रश्न 6.
सबसे बड़ा महाद्वीप कौन-सा है?
उत्तर-
एशिया।

प्रश्न 7.
उस महाद्वीप का नाम बताओ जहाँ मनुष्य स्थायी रूप से नहीं बसे हैं।
उत्तर-
अंटार्कटिका।

प्रश्न 8.
उस महासागर का नाम बताओ जिसका नाम किसी देश के नाम पर रखा गया है।
उत्तर-
हिन्द महासागर।

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प्रश्न 9.
वायुमण्डल की कौन-सी गैस जीवनदायिनी गैस समझी जाती है?
उत्तर-
ऑक्सीजन।

प्रश्न 10.
पृथ्वी पर जल और थल का बँटवारा बताएँ।
उत्तर-
पृथ्वी का 71 प्रतिशत भाग जल है। इसका थल भाग केवल 29 प्रतिशत है।

प्रश्न 11.
महासागर किसे कहते हैं?
उत्तर-
महाद्वीपों को एक-दूसरे से अलग करने वाले जल के बड़े-बड़े भागों को महासागर कहते हैं।

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प्रश्न 12.
सबसे बड़े महासागर का नाम बताएँ।
उत्तर-
संसार का सबसे बड़ा महासागर शांत (प्रशांत) महासागर है।

प्रश्न 13.
वे कौन-से महाद्वीप हैं जो थल से आपस में जुड़े हुए हैं?
उत्तर-

  1. एशिया, यूरोप तथा अफ्रीका और
  2. उत्तरी अमेरिका तथा दक्षिणी अमेरिका थल द्वारा आपस में जुड़े हुए हैं।

प्रश्न 14.
कौन-सा महाद्वीप बर्फ से ढका रहता है?
उत्तर-
अंटार्कटिका महाद्वीप बर्फ से ढका रहता है।

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प्रश्न 15.
आयु के अनुसार पर्वत कौन-कौन से दो प्रकार के होते हैं?
उत्तर-
युवा तथा प्राचीन।

प्रश्न 16.
समान्तर श्रेणियों के युवा पर्वतों का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
हिमालय पर्वत।

प्रश्न 17.
दो प्राचीन पर्वतों के नाम बताइए।
उत्तर-
आल्पस तथा हिमालय।

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प्रश्न 18.
द्वीप किसे कहते हैं?
उत्तर-
वह छोटा सा भू-भाग जो चारों ओर से जल से घिरा हो, द्वीप कहलाता है।

प्रश्न 19.
भारत को उपमहाद्वीप क्यों कहा जाता है? .
उत्तर-
भारत एशिया महाद्वीप का भाग है। परन्तु यह तीन ओर से पानी से घिरा हुआ है। इसलिए भारत को उपमहाद्वीप कहा जाता है।

प्रश्न 20.
सागर और खाड़ी में अन्तर बताओ।
उत्तर-
सागर-सागर महासागरों के छोटे जल भाग हैं। खाड़ी-कुछ सागर दूर थल भाग में प्रवेश कर गए हैं। इन्हें खाड़ी कहते हैं।

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प्रश्न 21.
पृथ्वी का कौन-सा परिमंडल वायु तथा जल दोनों में फैला हुआ है?
उत्तर-
जीव मंडल।

प्रश्न 22.
कौन-सा महासागर एशिया और आस्ट्रेलिया को उत्तरी अमेरिका से अलग करता है?
उत्तर-
प्रशांत महासागर।

प्रश्न 23.
एशिया और यूरोप को कौन-सी पर्वतमाला अलग करती है?
उत्तर-
यूराल।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रशान्त महासागर की तीन विशेषताएँ बताओ।
उत्तर-

  1. प्रशान्त महासागर सबसे बड़ा महासागर है। इसका क्षेत्रफल सभी महासागरों के कुल क्षेत्रफल से भी अधिक है।
  2. यह अन्य महासागरों की अपेक्षा अधिक गहरा है। विश्व का सबसे गहरा स्थान मैरियाना खाई इसी में स्थित है।
  3. इसके एक ओर एशिया और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप हैं तथा दूसरी ओर उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप हैं।

प्रश्न 2.
वायुमण्डल से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
पृथ्वी को चारों ओर से घेरे वायु के आवरण को वायुमण्डल कहते हैं। यह धरातल से लगभग 1600 किलोमीटर की ऊँचाई तक फैला हुआ है। वायुमण्डल में ऊँचाई के साथ-साथ वायु विरल होती जाती है।

प्रश्न 3.
वायुमण्डल की भिन्न-भिन्न गैसें कौन-सी हैं? ऊँचाई के साथ इनके अनुपात में क्या परिवर्तन आ जाता है?
उत्तर-
वायुमण्डल की भिन्न-भिन्न गैसें निम्नलिखित हैं –
नाइट्रोजन = 78 प्रतिशत
ऑक्सीजन = 21 प्रतिशत
आरगन = 0.91 प्रतिशत
कार्बन डाइऑक्साइड = 0.03 प्रतिशत।
पृथ्वी से 5-6 किलोमीटर की ऊँचाई तक गैसों के अनुपात में कोई परिवर्तन नहीं होता, परन्तु इससे ऊपर जाने पर वायु में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। बहुत अधिक ऊँचाई पर वायु में केवल हाइड्रोजन और हीलियम गैसें मिलती हैं।

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प्रश्न 4.
महाद्वीप अथवा स्थलमण्डल का महत्त्व बताओ।
उत्तर-
महाद्वीप स्थलमण्डल के भाग हैं। इनका निम्नलिखित महत्त्व है –

  1. स्थल भाग पर खेती-बाड़ी की जाती है।
  2. यह मनुष्यों तथा कई जीव-जन्तुओं को आवास प्रदान करता है।
  3. स्थल भाग को खोद कर मूल्यवान् खनिज पदार्थ प्राप्त किए जाते हैं।
  4. स्थलमण्डल कई प्रकार की मानवीय क्रियाओं का आधार है।

प्रश्न 5.
पर्वत और पठार में अन्तर बताओ।
उत्तर-
पर्वत-पर्वत धरातल के वे भू-भाग हैं जो आस-पास के क्षेत्र से ऊँचे उठे होते हैं। इनके शिखर तीखे तथा ढाल तेज़ होते हैं। अधिकांश भूगोलवेत्ताओं के अनुसार पर्वत की ऊँचाई 600 मीटर से अधिक होनी चाहिए।

पठार-पठार भी धरातल के ऊँचे उठे भाग होते हैं, परन्तु इनका शिखर विस्तृत तथा सपाट होता है। इनकी ऊँचाई और विस्तार भी अलग-अलग होता है।

प्रश्न 6.
मैदान से क्या अभिप्राय है? संक्षिप्त वर्णन करो।
उत्तर-
भूतल के निचले प्रदेश मैदान कहलाते हैं। ये लगभग समतल और लक्षणहीन होते हैं। समुद्र तल से इनकी ऊँचाई 300 मीटर से भी कम होती है। संसार के अधिकांश मैदानों का निर्माण नदियों के निक्षेप से हुआ है।

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प्रश्न 7.
कौन-कौन से महाद्वीप दोनों गोलार्डों में फैले हैं?
उत्तर-
अफ्रीका, दक्षिणी अमेरिका और अंटार्कटिका दोनों ही गोलार्डों में स्थित हैं। इनका कुछ भाग उत्तरी गोलार्द्ध में तथा शेष भाग दक्षिणी गोलार्द्ध में है।

प्रश्न-कारण बताओ
प्रश्न 8.
(क) पृथ्वी एक अद्वितीय ग्रह है।
उत्तर-सूर्य के आठ ग्रह हैं जिनमें से पृथ्वी भी एक है, परन्तु पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन पाया जाता है। इसलिए पृथ्वी को अद्वितीय ग्रह कहते हैं।

प्रश्न 8.
(ख) यूरोप और एशिया को यूरेशिया भी कहते हैं।
उत्तर-यूरोप और एशिया को कोई भी महासागर अलग नहीं करता। इसी कारण इन दोनों महाद्वीपों के नामों को मिलाकर इन्हें यूरेशिया भी कहते हैं। यह इन दोनों महाद्वीपों का सामूहिक नाम है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
संसार में कितने महाद्वीप हैं? उनका संक्षिप्त वर्णन करो।
उत्तर-
संसार में कुल सात महाद्वीप हैं। इनका संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है –

1. एशिया-यह संसार का सबसे बड़ा महाद्वीप है। यह एक ओर यूरोप महाद्वीप से जुड़ा है। इसलिए इन दोनों महाद्वीपों को यूरेशिया के नाम से भी पुकारते हैं।

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2. यूरोप-यह संसार के समृद्ध महाद्वीपों में से एक है। इसका विस्तार केवल उत्तरी गोलार्द्ध में है।

3. अफ्रीका-यह संसार का दूसरा बड़ा महाद्वीप है। इसे स्वेज़ नहर एशिया से अलग करती है। यह महाद्वीप दोनों गोलार्डों में फैला हुआ है।

4. उत्तरी अमेरिका-इस महाद्वीप का विस्तार उत्तरी गोलार्द्ध में है।

5. दक्षिणी अमेरिका-यह महाद्वीप अफ्रीका महाद्वीप की भाँति दोनों गोलार्डों में फैला है, परन्तु इसका अधिकतर विस्तार दक्षिणी गोलार्द्ध में है।

6. ऑस्ट्रेलिया-यह संसार का सबसे छोटा महाद्वीप है। इसका विस्तार केवल . दक्षिणी गोलार्द्ध में ही है।

7. अंटार्कटिका-इस महाद्वीप का विस्तार भी केवल दक्षिणी गोलार्द्ध में ही है। इसका क्षेत्रफल यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के सम्मिलित क्षेत्रफल से भी अधिक है। यह सदा बर्फ से ढका रहता है।

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प्रश्न 2.
महासागर से क्या अभिप्राय है? संक्षिप्त वर्णन करो।
उत्तर-
धरातल के विस्तृत जलीय भाग, जिन्हें महाद्वीप एक-दूसरे से अलग करते हैं, महासागर कहलाते हैं। इनका संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है –

1. प्रशान्त महासागर-यह संसार का सबसे बड़ा और गहरा महासागर है। इसका क्षेत्रफल संसार के सभी महासागरों के कुल क्षेत्रफल से भी अधिक है। संसार की सबसे गहरी खाई, मैरियाना इसी महासागर में है। यह खाई 11022 मीटर गहरी है।

2. अन्ध महासागर-यह संसार का दूसरा बड़ा महासागर है। इसका क्षेत्रफल प्रशान्त महासागर से लगभग आधा है।

3. हिन्द महासागर-विस्तार की दृष्टि से यह संसार का तीसरा बड़ा महासागर है। संसार में यही एकमात्र ऐसा महासागर है जिसका नाम किसी देश (भारत) के नाम पर रखा गया है।

4. आर्कटिक-यह संसार का चौथा बड़ा महासागर है। इसका अधिकांश भाग सारा साल बर्फ से जमा रहता है। इसलिए इसे उत्तरी हिम महासागर भी कहते हैं।

5. दक्षिणी महासागर-दक्षिणी गोलार्द्ध में अंध महासागर, प्रशांत महासागर तथा हिंद महासागर आपस में मिल जाते हैं। इस विशाल महासागर को दक्षिणी महासागर कहते हैं। इस महासागर ने अंटार्कटिक महासागर को चारों ओर से घेरा हुआ है।

प्रश्न 3.
पृथ्वी के स्थल भाग की प्रमुख आकृतियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
पृथ्वी का सारा स्थल भाग समतल नहीं है। यह कहीं कम ऊँचा है, तो कहीं अधिक ऊँचा। इस दृष्टि से स्थल को तीन प्रमुख भागों में बाँट सकते हैं –
1. पहाड़ या पर्वत
2. पठार
3. मैदान।

1. पहाड़ या पर्वत-अपने आस-पास के क्षेत्र से ऊँचे उठे भू-भाग पर्वत कहलाते हैं। इनकी ऊँचाई 600 मीटर से अधिक होती है। इनकी ढाल प्रायः खड़ी या तीव्र होती है। रचना के अनुसार पर्वत चार प्रकार के होते हैं-वलित पर्वत, ज्वालामुखी पर्वत, ब्लॉक पर्वत तथा अवशिष्ट पर्वत। वलित पर्वत तलछटी शैलों में बल पड़ने के कारण बनते हैं और ज्वालामुखी पर्वतों का निर्माण लावे से होता है। ब्लॉक पर्वत धरती में दरार (भ्रंश) पड़ने से बनते हैं। अवशिष्ट पर्वत वे प्राचीन पर्वत हैं जो अपरदन के कारण कम ऊँचे रह गए हैं।

2. पठार-पठार सामान्य रूप से ऊँचे उठे वे भू-भाग हैं जो ऊपर से लगभग समतल होते हैं। ये प्रायः मेज़ या टेबल की आकृति के होते हैं। इसलिए इन्हें टेबल लैण्ड भी कहा जाता है। इनका एक से अधिक किनारा खड़ी ढाल बनाता है। पठार मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं-अंतरापर्वतीय पठार, विच्छेदित पठार, गिरिपदीय अथवा लावा पठार। अन्तरापर्वतीय पठार वे पठार होते हैं जो दो या दो से अधिक पर्वत श्रेणियों से घिरे होते हैं। विच्छेदित पठार नदियों के काँट-छाँट से बनते हैं। गिरिपदीय पठार पहाड़ों की तलहटी में स्थित होते हैं।

3. मैदान-धरातल के सबसे अधिक समतल भाग मैदान कहलाते हैं। इनकी समुद्रतल से ऊँचाई 300 मीटर से कम होती है। बनावट के अनुसार मैदान तीन प्रकार के होते हैं-नदी घाटी मैदान, सरोवरी मैदान तथा तटीय मैदान।

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पृथ्वी के परिमण्डल PSEB 6th Class Social Science Notes

  • महाद्वीप – समुद्र तल से ऊपर उठा पृथ्वी का विशाल भूखण्ड।
  • महासागर – पृथ्वी के स्थल भाग को घेरे हुए विस्तृत जलीय भाग।
  • पृथ्वी-एक जलीय ग्रह – पृथ्वी को जल की अधिकता के कारण जलीय ग्रह कहा जाता है।
  • मैरियाना – महासागरों में सबसे गहरी खाई ।
  • एशिया – संसार का सबसे बड़ा महाद्वीप।
  • पर्वत – पृथ्वी का वह क्षेत्र जो आस-पास के क्षेत्र से बहुत ऊँचा उठा हो।
  • पठार – आस-पास की भूमि से सीधा उठा हुआ विस्तृत और समतल भू-भाग।
  • प्रशान्त महासागर – सबसे बड़ा महासागर ।
  • वायुमण्डल – पृथ्वी को चारों ओर से घेरे हुए वायु का आवरण।
  • जैवमण्डल – वह संकीर्ण पट्टी जहां पृथ्वी के तीनों परिमण्डल (थल, जल और वायु) एक-दूसरे के सम्पर्क में आते हैं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 4 मानचित्र – हमारे सहायक

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 4 मानचित्र – हमारे सहायक Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science Geography Chapter 4 मानचित्र – हमारे सहायक

SST Guide for Class 6 PSEB मानचित्र – हमारे सहायक Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

प्रश्न 1.
मानचित्र किसे कहते हैं?
उत्तर-
किसी चपटे तल पर पूरी पृथ्वी अथवा उसके किसी एक भाग का खींचा गया रूप मानचित्र कहलाता है। मानचित्र एक पैमाने के अनुसार खींचा जाता है। इस पैमाने को मानचित्र का पैमाना कहते हैं।

प्रश्न 2.
ग्लोब किसे कहते हैं?
उत्तर-
पृथ्वी के मॉडल (नमूने) को ग्लोब कहते हैं। इसके बीच एक कील होती है। इस कील का उत्तरी सिरा उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी सिरा दक्षिणी ध्रुव को दर्शाता है। ग्लोब के बीचों-बीच पूर्व-पश्चिम दिशा की ओर जाती हुई रेखा को भूमध्य रेखा कहते हैं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 4 मानचित्र – हमारे सहायक 1

प्रश्न 3.
मानचित्र और ग्लोब में क्या अन्तर है?
उत्तर-
मानचित्र और ग्लोब में निम्नलिखित अन्तर हैं –
मानचित्र

  1. मानचित्र पृथ्वी के धरातल या उसके किसी भाग का एक चित्र होता है जिसे एक पैमाने के अनुसार बनाया जाता है।
  2. मानचित्र पर महासागर तथा महाद्वीपों की आकृति तथा आकार सही-सही नहीं दिखाए जा सकते हैं।
  3. इसमें प्रतीकों का प्रयोग किया जाता हैं।

ग्लोब

  1. ग्लोब पृथ्वी का छोटा प्रतिरूप होता है।
  2. ग्लोब पर महासागरों तथा महाद्वीपों की आकृति तथा आकार बिल्कुल सही दिखाए जा सकते हैं।
  3. इसमें प्रतीकों का प्रयोग नहीं किया जाता है।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 4 मानचित्र – हमारे सहायक

प्रश्न 4.
मानचित्र क्यों तैयार किये जाते हैं? इनका महत्त्व बताओ।
उत्तर-
मानचित्र पृथ्वी से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के लिए बनाये जाते हैं । ये हमारे लिए बहुत ही उपयोगी हैं। इनका अग्रलिखित महत्त्व है –

  1. ये हमें किसी स्थान, देश अथवा महाद्वीप की जानकारी देते हैं।
  2. महत्त्वपूर्ण नगरों के गाइड मानचित्र तैयार किए जाते हैं। ये लोगों को भिन्न-भिन्न स्थान ढूंढ़ने में सहायता करते हैं।
  3. मानचित्र से हम किन्हीं दो स्थानों के बीच की दूरी का पता लगा सकते हैं।
  4. ये हमें व्यापारिक केन्द्रों, सड़कों एवं रेलमार्गों, नदियों तथा भौतिक लक्षणों की जानकारी देते हैं।
  5. सरकार को प्रशासन चलाने के लिए मानचित्रों की आवश्यकता होती है।
  6. मानचित्र सेना के लिए भी बहुत उपयोगी होते हैं।

सच तो यह है कि मानचित्र भूगोल के भिन्न-भिन्न तथ्यों का अध्ययन करने में हमारी सहायता करते हैं।

प्रश्न 5.
भिन्न-भिन्न मानचित्रों की सूची बनाओ।
उत्तर-
मानचित्र निम्नलिखित कई प्रकार के होते हैं –

  1. भौतिक मानचित्र,
  2. ऐतिहासिक मानचित्र,
  3. वितरण मानचित्र,
  4. स्थलाकृति मानचित्र,
  5. एटलस मानचित्र तथा
  6. दीवार मानचित्र।

प्रश्न 6.
मानचित्रों के आवश्यक तत्त्व कौन-से हैं और क्यों?
उत्तर-
मानचित्रों के आवश्यक तत्त्व दूरी, दिशा तथा प्रमाणिक चिन्ह हैं। ये तत्त्व इसलिए आवश्यक हैं क्योंकि इनके बिना मानचित्र को पढ़ना और समझना कठिन है। वास्तव में ये तत्त्व मानचित्र की भाषा हैं। इनकी सहायता से ही हम किसी मानचित्र से उचित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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प्रश्न 7.
प्रमाणिक चिन्हों का चार्ट बनाओ।
उत्तर-
मानचित्र में कुछ विशेष तत्त्वों को दर्शाने के लिए चिन्ह निश्चित किए गए हैं। इन्हें प्रमाणिक चिन्ह कहते हैं। कुछ प्रमाणिक चिन्ह निम्नांकित हैं –

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PSEB 6th Class Social Science Guide मानचित्र – हमारे सहायक Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पृथ्वी के धरातलीय रूप दर्शाने वाले मानचित्र क्या कहलाते हैं?
उत्तर-
धरातलीय अथवा भौतिक मानचित्र।

प्रश्न 2.
ऐतिहासिक मानचित्रों द्वारा क्या दर्शाया जाता है? एक उदाहरण दें।
उत्तर-
ऐतिहासिक तथ्य जैसे सभ्यताओं का विस्तार।

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प्रश्न 3.
पुस्तक के रूप में दिए गए मानचित्र क्या कहलाते हैं?
उत्तर-
एटलस मानचित्र।

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आप किसी क्षेत्र का भौगोलिक ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं? इसलिए आपको निम्न में से क्या चाहिए होगा?
(क) उस क्षेत्र का मानचित्र
(ख) वहाँ के लोगों की संख्या
(ग) वहाँ के लोगों की शारीरिक बनावट
उत्तर-
(क) उस क्षेत्र का मानचित्र,

प्रश्न 2.
आपके पास एक वस्तु मानचित्र है। यह निम्न में क्या दर्शाएगा?
(क) प्राकृतिक तथा मानस द्वारा निर्मित स्थल आकृतियां।
(ख) ऐतिहासिक लड़ाइयां एवं सभ्यताओं का विस्तार।
(ग) फसलों, खनिजों, आदि का प्रादेशिक विभाजन अथवा वितरण।
उत्तर-
(ग) फसलों, खनिजों आदि का प्रादेशिक विभाजन अथवा वितरण।

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सही (✓) या गलत (✗) कथन

  1. एटलस मानचित्र बड़े पैमाने पर आधारित होते हैं।
  2. स्थल आकृति मानचित्रों पर मानव-निर्मित आकृतियां दर्शायी जाती हैं।
  3. मानचित्र एक पैमाने के अनुसार समतल सतह पर खींचा जाता है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✓)
  3. (✓)

रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. फ़सलों तथा खनिजों का वितरण ……. मानचित्रों द्वारा दर्शाया जाता है।
  2. ग्लोब पृथ्वी की तरह …………. आकार का होता है
  3. मानचित्र के प्रमाणिक ………….. चिन्ह होते हैं।

उत्तर-

  1. विभाजन संबंधी,
  2. गोल,
  3. आकृति।

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अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रेखाचित्र किसे कहते हैं?
उत्तर-
पृथ्वी पर वास्तविक दूरियों को मापे बिना कल्पना से बनाया गया चित्र रेखाचित्र कहलाता है।

प्रश्न 2.
दिक्सूचक यंत्र का आविष्कार सबसे पहले किस देश में हुआ था?
उत्तर-
चीन में।

प्रश्न 3.
दिग्बिन्दु किसे कहते हैं?
उत्तर-
चारों मुख्य दिशाओं को दिग्बिन्दु कहते हैं। उत्तर, दक्षिण, पूर्व तथा पश्चिम चार मुख्य दिशाएँ हैं।

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प्रश्न 4.
जलीय भागों को दिखाने के लिए किस रंग का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर-
नीले रंग का।

प्रश्न 5.
पृथ्वी तथा मानचित्र पर दूरी के अनुमान को दर्शाने वाला पैमाना क्या कहलाता है?
उत्तर-
रैखिक पैमाना।

प्रश्न 6.
छोटे पैमाने का मानचित्र क्या होता है?
उत्तर-
जब किसी छोटे मानचित्र में एक बड़े क्षेत्र को दर्शाया जाता है तो उसे छोटे पैमाने का मानचित्र कहते हैं।

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प्रश्न 7.
बड़े पैमाने के मानचित्र का एक महत्त्व बताओ।
उत्तर-
ऐसे मानचित्र में विस्तृत जानकारी दी जा सकती है।

प्रश्न 8.
मानचित्र में प्रतीकों तथा रंगों का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
प्रतीकों तथा रंगों की सहायता से मानचित्र को पढ़ना सरल हो जाता है।

प्रश्न 9.
पृथ्वी के धरातलीय रूप दर्शाने वाले मानचित्र क्या कहलाते हैं?
उत्तर–
धरातलयीय अथवा भौतिक मानचित्र ।

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प्रश्न 10.
ऐतिहासिक मानचित्रों द्वारा क्या दर्शाया जाता है? एक उदाहरण दें।
उत्तर-
ऐतिहासिक तथ्य जैसे सभ्यताओं का विस्तार।

प्रश्न 11.
पुस्तक के रूप में दिए गए मानचित्र क्या कहलाते हैं?
उत्तर-
एटलस मानचित्र।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आजकल ग्लोब को प्रयोग करना अधिक सुविधाजनक हो गया है। कैसे?
उत्तर-
पहले ग्लोब को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना कठिन था। परन्तु आजकल ऐसे ग्लोब आ गये हैं जिन्हें मोड़कर कहीं भी ले जाया जा सकता है, आवश्यकता पड़ने पर इन्हें गुब्बारे की तरह फुलाया जा सकता हैं। कुछ ऐसे ग्लोब भी हैं जिनमें पर्वत, पठारों तथा मैदानों को उनकी ऊँचाई के अनुसार दर्शाया गया है। इस ऊँचाई को हम हाथ से छू कर अनुभव कर सकते हैं।

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प्रश्न 2.
मापक या पैमाने के आधार पर मानचित्र कितने प्रकार के होते हैं? प्रत्येक के दो-दो उदाहरण दीजिए ह्य
उत्तर-
मापक या पैमाने के आधार पर मानचित्र दो प्रकार के होते हैं-बड़े पैमाने के मानचित्र तथा छोटे पैमाने के मानचित्र। किसी गाँव या नगर का मानचित्र बड़े पैमाने का मानचित्र होता है। इसके विपरीत किसी देश, महाद्वीप अथवा पूरे विश्व का मानचित्र छोटे पैमाने के मानचित्र का उदाहरण है।

प्रश्न 3.
विषयक मानचित्रों से क्या अभिप्राय है? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
कुछ मानचित्र किसी विशेष लक्षण की जानकारी देते हैं। ऐसे मानचित्रों को विषयक मानचित्र कहते हैं। उदाहरण के लिए वर्षा के वितरण, सड़कों के जाल अथवा खनिजों के वितरण को दर्शाने वाले मानचित्र विषयक मानचित्र कहलाते हैं।

प्रश्न 4.
मानचित्र ग्लोब की तरह शुद्ध क्यों नहीं हो सकते?
उत्तर-
ग्लोब पर महाद्वीपों तथा महासागरों की आकृति को सही-सही दिखाया जा सकता है। ग्लोब पर दूरियाँ एवं दिशाएँ भी बिल्कुल सही दिखाई जा सकती हैं। इसके विपरीत मानचित्र पर ऐसा सम्भव नहीं है। इसका कारण यह है कि हमारी पृथ्वी गोल है जबकि मानचित्र चपटी सतह पर बनाये जाते हैं। किसी गोल आकृति को पूरी तरह से चपटा करना असम्भव है। इसलिए मानचित्र ग्लोब की तरह शुद्ध नहीं होते हैं।

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प्रश्न 5.
बड़े मापक (पैमाना) और छोटे मापक (पैमाना) के मानचित्रों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
बड़े मापक और छोटे मापक के मानचित्र –
छोटा मापक

  1. छोटे मापक के मानचित्र किसी महाद्वीप या देश के मानचित्र होते हैं।
  2. इनमें अधिक ब्योरे नहीं दिखाए जा सकते हैं।

बड़ा मापक

  1. बड़े मापक के मानचित्र देश या क्षेत्र के किसी विशेष भाग को प्रदर्शित करते हैं।
  2. इनमें अधिक ब्योरे दिखाए जा सकते हैं।

प्रश्न 6.
उन परिस्थितियों को सूचीबद्ध कीजिए जिनमें ग्लोब मानचित्र से कहीं अधिक उपयोगी है।
उत्तर-
ग्लोब निम्नलिखित परिस्थितियों में मानचित्र से अधिक उपयोगी होता है –

  1. पृथ्वी की सही आकृति देखने के लिए।
  2. महासागरों के आकार तथा ध्रुवों की स्थिति जानने के लिए।
  3. पृथ्वी की दैनिक तथा वार्षिक गतियों को समझने के लिए।
  4. अक्षांश रेखाओं तथा देशान्तर रेखाओं के जाल का सही रूप देखने के लिए।

प्रश्न 7.
ग्लोब की क्या कमियाँ हैं?
उत्तर-
ग्लोब में निम्नलिखित कमियाँ होती हैं –

  1. ग्लोब का प्रयोग केवल पूरी पृथ्वी की जानकारी प्राप्त करने के लिए ही किया जा सकता है।
  2. ग्लोब को मानचित्र की तरह दीवार पर नहीं लटकाया जा सकता।
  3. ग्लोब को पुस्तकों में नहीं दिया जा सकता।
  4. ग्लोब पर पैमाने की सहायता से दो स्थानों के बीच की दूरी नहीं मापी जा सकती।
  5. ग्लोब पर विभिन्न प्रदेशों का तुलनात्मक अध्ययन नहीं किया जा सकता।

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निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न-
भिन्न-भिन्न प्रकार के मानचित्रों की संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
उत्तर-
मानचित्र कई प्रकार के होते हैं। इसका कारण यह है कि इनका उपयोग अलग-अलग तरह से किया जाता है। कुछ मुख्य मानचित्रों का वर्णन निम्नलिखित है –

1. भौतिक मानचित्र-ये मानचित्र किसी देश अथवा महाद्वीप के भौतिक लक्षणों की जानकारी देते हैं। इनमें पर्वत, पठार, मैदान आदि भू-आकारों को भिन्न-भिन्न रंगों से दिखाया जाता है।

2. ऐतिहासिक मानचित्र-ये मानचित्र सभ्यताओं के विस्तार, महत्त्वपूर्ण लड़ाइयों तथा यात्राओं आदि का अध्ययन करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं।

3. विभाजन संबंधी मानचित्र-इन मानचित्रों में फसलों, खनिजों, जनसंख्या आदि के विभाजन को दर्शाया जाता है। इन्हें वस्तु-मानचित्र भी कहा जाता है।

4. स्थलाकृति मानचित्र-इनमें प्राकृतिक तथा मानव-निर्मित आकृतियां दर्शाई जाती हैं। सड़कों तथा रेलमार्गों के मानचित्र इसी प्रकार के मानचित्र हैं। ये मानचित्र प्रत्येक देश के सर्वे विभाग की ओर से तैयार किये जाते हैं।

5. एटलस मानचित्र-ये मानचित्र छोटे पैमाने पर बनाए जाते हैं और इन्हें एक पुस्तक के रूप में बांधा जाता है। विद्यार्थियों के लिए ये मानचित्र बहुत ही उपयोगी होते हैं।

6. दीवार मानचित्र-ये एटलस मानचित्रों से बड़े होते हैं। ये किसी को पढ़ाने अथवा समझाने के लिए उपयोग में लाये जाते हैं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 4 मानचित्र – हमारे सहायक

मानचित्र – हमारे सहायक PSEB 6th Class Social Science Notes

  • ग्लोब – पृथ्वी के प्रतिरूप (मॉडल) को ग्लोब कहते हैं।
  • मानचित्र – पृथ्वी के धरातल या उसके किसी भाग का किसी चपटी सतह पर एक पैमाने के अनुसार प्रदर्शन, मानचित्र कहलाता है।
  • कम्पास – यह दिशाएं ज्ञात करने का एक साधारण यंत्र है।
  • पैमाना – मानचित्र एक निश्चित पैमाने के अनुसार बनाया जाता है। मानचित्र में दिए गए पैमाने के अनुसार पृथ्वी के किन्हीं दो स्थानों की दूरी ज्ञात की जाती है।
  • रेखाचित्र – पृथ्वी पर वास्तविक दुरियों को मापे बिना कल्पना से बनाया गया चित्र रेखाचित्र कहलाता है।
  • मापचित्र – मापचित्र बड़े पैमाने पर बनाया गया वह रेखाचित्र है जिसमें विस्तृत विवरण दिया गया हो।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 22 सार्वजनिक सम्पति की संभाल

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 22 सार्वजनिक सम्पति की संभाल Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science Civics Chapter 22 सार्वजनिक सम्पति की संभाल

SST Guide for Class 6 PSEB सार्वजनिक सम्पति की संभाल Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो :

प्रश्न 1.
आप अपनी निजी सम्पत्ति को कैसे संभालते हैं ?
उत्तर-
हमारी निजी सम्पत्ति हमारे अपने धन तथा अपने परिश्रम से बनी होती है। इसका प्रयोग हम अपनी इच्छा से कर सकते हैं। इसलिए हम इसका पूरा ध्यान रखते हैं।
(i) हम इसे तोड़-फोड़ से बचाते हैं।
(ii) हम इसे चोरी होने से बचाते हैं।
वास्तव में हम इसकी हर प्रकार से रक्षा करते हैं ताकि इसे कोई हानि न पहुंचे।

प्रश्न 2.
भारतवर्ष के तीन ऐतिहासिक स्मारकों के नाम लिखें।
उत्तर-
ताजमहल, लाल किला, कुतुबमीनार, जामा मस्जिद आदि।

प्रश्न 3.
राष्ट्रीय सम्पत्ति की सम्भाल क्यों ज़रूरी है ?
उत्तर-
राष्ट्रीय सम्पत्ति हम सबके धन से बनी होती है। इस पर हम सबका अधिकार होता है। यदि इसे हानि पहुंचती है तो हम सबको असुविधा होती है। उदाहरण के लिए बसों तथा रेलगाड़ियों की तोड़-फोड़ से हमारी यात्रा में बाधा पड़ती है। इसी प्रकार पुस्तकालय की पुस्तकों में से पन्ने या चित्र फाड़ लेने पर हम उनका आनन्द नहीं ले पाते। इसके अतिरिक्त उस सम्पत्ति को पुनः बनाने के लिए हमें फिर से करों के रूप में धन खर्च करना पड़ता है। इसलिए राष्ट्रीय सम्पत्ति की सम्भाल ज़रूरी है।

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प्रश्न 4.
लोग सार्वजनिक सम्पत्ति क्यों खराब करते हैं ?
उत्तर-
कुछ लोग अज्ञानता के कारण सार्वजनिक सम्पत्ति को खराब करते हैं। वे इस बात को भूल जाते हैं कि सार्वजनिक सम्पत्ति की हानि उनकी अपनी हानि भी है। ऐसे लोग विरोध-प्रदर्शन के दौरान बसों, रेलगाड़ियों, सरकारी भवनों की तोड़फोड़ करते हैं अथवा उन्हें आग लगा देते हैं। कुछ शरारती तत्व अराजकता फैलाने के लिए भी सार्वजनिक सम्पत्ति को नष्ट करते हैं।

प्रश्न 5.
सार्वजनिक सम्पत्ति कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर-
सार्वजनिक सम्पत्ति दो प्रकार की होती है –

  1. लोकोपयोगी सेवाएँ
  2. ऐतिहासिक भवन अथवा स्मारक।

प्रश्न 6.
लोक उपयोगी सेवाओं से आप क्या समझते हो ? दो उदाहरण दो।
उत्तर-
लोक उपयोगी सेवाओं से अभिप्राय सार्वजनिक संस्थाओं से है। सरकारी बसें, रेलगाड़ियां, स्कूल, बैंक आदि सेवाएं लोक उपयोगी सेवाओं के मुख्य उदाहरण हैं।

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प्रश्न 7.
ऐतिहासिक इमारतों और स्मारकों का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
ऐतिहासिक स्मारकों का हमारे जीवन में बड़ा महत्त्व है –

  1. इनसे हमें जुड़े इतिहास की जानकारी होती है।
  2. ये विदेशों में भारतीय संस्कृति की महानता का बखान करते हैं। अतः कई विदेशी इन्हें देखने के लिए भारत आते हैं।
  3. इनकी कला-शैलियां आज की भवन-निर्माण शैलियों के लिए प्रेरणा की स्रोत हैं।

प्रश्न 8.
सार्वजनिक सम्पत्ति का लोग दुरुपयोग कैसे करते हैं ?
उत्तर-
लोग सार्वजनिक सम्पत्ति का दुरुपयोग निम्नलिखित ढंग से करते हैं –

  1. कुछ लोग सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाते हैं।
  2. वे सड़कों के किनारे लगे बल्बों तथा ट्यूबों को तोड़-फोड़ देते हैं।
  3. वे स्मारकों पर अपने नाम आदि लिख कर उन्हें गन्दा करते हैं।
  4. वे सार्वजनिक पार्कों से पेड़-पौधे उखाड़ कर ले जाते हैं और फूल तोड़ लेते हैं।
  5. वे विरोध प्रदर्शन के समय सार्वजनिक सम्पत्ति को जला देते हैं।
  6. वे अजायबघरों से वस्तुएं चुरा ले जाते हैं।

प्रश्न 9.
स्कूल की सम्पत्ति किसके पैसे से बनाई जाती है ?
उत्तर-
स्कूल की सम्पत्ति हम सबके पैसे से बनाई जाती है।

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प्रश्न 10.
निजी सम्पत्ति और सार्वजनिक सम्पत्ति में अन्तर बताओ।
उत्तर-
निजी सम्पत्ति किसी एक व्यक्ति या परिवार की सम्पत्ति होती है। इसकी हानि परिवार को ही उठानी पड़ती है। इसके विपरीत सार्वजनिक सम्पत्ति हम सबकी सांझी सम्पत्ति होती है। इसे हानि पहुंचाने पर हम सभी को हानि पहुंचती है।

प्रश्न 11.
स्कूल की सम्पत्ति के प्रति आपका क्या कर्त्तव्य है ?
उत्तर-
स्कूल की सम्पत्ति के प्रति आपके निम्नलिखित कर्त्तव्य हैं –

  1. हमें स्कूल को साफ़-सुथरा रखना चाहिए। हमें स्कूल की दीवारों, खिड़कियों तथा दरवाजों को खराब नहीं करना चाहिए।
  2. हमें स्कूल के डैस्कों, कुर्सियों, बिजली के पंखों आदि को हानि नहीं पहुंचानी चाहिए।
  3. हमें स्कूल के पार्क को साफ़-सुथरा रखना चाहिए। वहां से फूल-पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए।
  4. हमें खेल के मैदान को ठीक प्रकार से उपयोग करना चाहिए। हमें वहाँ पत्थर और फलों के छिलके नहीं फेंकने चाहिए।
  5. स्कूल से प्राप्त खेलों के सामान का प्रयोग हमें बड़ी सावधानी से करना चाहिए।
  6. लाइब्रेरी की पुस्तकों से पन्ने नहीं फाड़ने चाहिए।
  7. पीने के पानी की टूटियों को खुला नहीं छोड़ना चाहिए।

प्रश्न 12.
ऐतिहासिक स्मारकों की संभाल आप कैसे करोगे ?
उत्तर-
ऐतिहासिक स्मारकों की संभाल के लिए हमें निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए –
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  1. हमें ऐतिहासिक स्मारकों को वर्षा, बाढ़ आदि के समय नष्ट होने से बचाने का प्रयत्न करना चाहिए।
  2. हमें अजायबघरों आदि में पड़ी हुई वस्तुओं को हाथ लगा कर खराब नहीं करना चाहिए।
  3. हमें ऐतिहासिक यादगारों को तोड़ना-फोड़ना नहीं चाहिए।
  4. हमें ऐतिहासिक यादगारों में से किसी भी वस्तु को चुराना नहीं चाहिए।
  5. हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अन्य व्यक्ति भी ऐतिहासिक स्मारकों को हानि न पहुँचाए।
  6. हमें ऐतिहासिक स्मारकों पर लिखे हुए या खुदे अक्षरों को न तो मिटाना चाहिए और न ही स्वयं कुछ लिखना चाहिए।

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II. निम्नलिखित रिक्त स्थान भरो

  1. हमारी अपनी सभी निजी वस्तुएं हमारी ……….. सम्पत्ति हैं।
  2. पुरानी ऐतिहासिक इमारतों को ……… कहा जाता है।
  3. सार्वजनिक सम्पत्ति को ……….. नहीं पहुंचाना चाहिए।
  4. सभी की सांझी सम्पत्ति को ………… सम्पत्ति कहा जाता है।
  5. परिवार की सभी वस्तुओं को ……………सम्पत्ति कहा जाता है।

उत्तर-

  1. निजी
  2. स्मारक
  3. नुकसान
  4. सार्वजनिक
  5. पारिवारिक।

III. निम्नलिखित वाक्यों के आगे सही (✓ ) या ग़लत (✗) का निशान लगाओ

  1. पार्क और अस्पताल हमारी निजी सम्पत्ति हैं।
  2. हमें राष्ट्रीय सम्पत्ति को हानि नहीं पहुंचानी चाहिए क्योंकि यह हमारी है।
  3. ऐतिहासिक स्मारकों की रक्षा 1958 में पास किए गए नियम द्वारा की जाती है।
  4. लोक हित सेवाएं सरकार द्वारा लोगों की सुविधा के लिए बनाई जाती है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✓ )
  3. (✓ )
  4. (✓ )

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IV. दी गई सूची में से प्राइवेट तथा सार्वजनिक सम्पत्ति की अलग-अलग सूची बनाएं।

पुस्तक, डाकघर, पॅन, रेलवे स्टेशन, स्कूटर, बस स्टैंड, स्मारक, अलमारी, सीवरेज, कार, सड़कें, नहरें, बस्ता, पुल, स्कूल, वाटर वर्क्स, कोठी, झीलें, पार्क, अजायब घर, टेलीविज़न।
उत्तर-प्राइवेट (निजी) सम्पत्ति – पुस्तक, पॅन, स्कूटर, अलमारी, कार, बस्ता, कोठी तथा टेलीविज़न।
सार्वजनिक सम्पत्ति-डाकघर, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, स्मारक, सीवरेज, सड़कें, नहरें, पुल, वाटर वर्क्स, स्कूल, झीलें, पार्क तथा अजायब घर।

PSEB 6th Class Social Science Guide सार्वजनिक सम्पति की संभाल Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
अधिकारों के साथ क्या चीज़ जुड़ी है ?
उत्तर-
कर्त्तव्य।

प्रश्न 2.
लोकोपयोगी सेवाएं अथवा संस्थाएं किस प्रकार की सम्पत्ति हैं ?
उत्तर-
सार्वजनिक।

प्रश्न 3.
प्राचीन स्मारकों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार ने कब कानून बनाया ?
उत्तर-
1958 ई० में।

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बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सार्वजनिक सम्पत्ति से क्या भाव है ?
(क) हमारी सम्पत्ति
(ख) सांझी संपत्ति।
(ग) विदेशी सम्पत्ति
उत्तर-
(ख) सांझी सम्पत्ति।

प्रश्न 2.
सरकार के तीन अंग होते हैं। इनमें निम्न में कौन-सा अंग शामिल नहीं है ?
(क) नगरपालिका
(ख) विधानपालिका
(ग) कार्यपालिका।
उत्तर-
(क) नगरपालिका।

प्रश्न 3.
निम्न में से क्या हमारी सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है ?
(क) ऐतिहासिक स्मारक।
(ख) लोकतंत्रीय सरकार
(ग) पंचायती राज संस्थाएं।
उत्तर-
(क) ऐतिहासिक स्मारक।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
हमारे देश में किस प्रकार की सरकार है ? इसकी क्या विशेषता होती है ?
उत्तर-
हमारे देश में लोकतान्त्रिक सरकार है। इसमें लोग अपने प्रतिनिधि चुनते हैं जो सरकार चलाते हैं। ऐसी सरकार अपने अधिकतर कार्य लोगों की भलाई के लिए करती है।

प्रश्न 2.
हमारी सरकार के कितने अंग हैं ? प्रत्येक का एक-एक कार्य बताओ।
उत्तर-
हमारी सरकार के तीन अंग हैं-विधानपालिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका। इनके कार्य निम्नलिखित हैं –

  1. विधानपालिका-इसका कार्य कानून बनाना है।
  2. कार्यपालिका-इसका कार्य कानूनों को लागू करना है।
  3. न्यायपालिका-यह कानूनों का उल्लंघन करने वालों को दण्ड देती है।

प्रश्न 3.
कौन-सी तीन विधियों द्वारा हम निजी सम्पत्ति का ध्यान रखते हैं ?
उत्तर-
(1) हम ध्यान रखते हैं कि कोई हमारी निजी वस्तुओं को खराब या गन्दा न करे।
(2) हम उन्हें सम्भाल कर रखते हैं, ताकि उनकी तोड़-फोड़ न हो।
(3) हम अपनी बहुमूल्य वस्तुओं को घर में ताला लगा कर रखते हैं या फिर बैंक के लॉकर में रखते हैं।
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प्रश्न 4.
सार्वजनिक सम्पत्ति की सुरक्षा के उपायों का वर्णन करो।
उत्तर-
सार्वजनिक सम्पत्ति की सुरक्षा के निम्नलिखित उपाय हैं –

  1. हमें इस सम्पत्ति की तोड़-फोड़ नहीं करनी चाहिए। हमें दूसरों को भी इस काम से रोकना चाहिए।
  2. हमें इनकी दीवारों को गन्दा नहीं करना चाहिए और इनमें गन्दगी नहीं फैलानी चाहिए।
  3. हमें बिना टिकट यात्रा नहीं करनी चाहिए।
  4. हमें पुस्तकालय की पुस्तकों को खराब नहीं करना चाहिए।
  5. हमें फूल आदि तोड़ कर सार्वजनिक पार्कों की शोभा को कम नहीं करना चाहिए।
  6. हमें स्कूल के सामान को हानि नहीं पहुँचानी चाहिए।
  7. हमें प्राचीन स्मारकों, संग्रहालयों और सार्वजनिक भवनों को साफ़-सुथरा रखना चाहिए।

प्रश्न 5.
विद्यार्थी पार्कों की सुरक्षा में क्या योगदान दे सकते हैं ?
उत्तर-
विद्यार्थी पार्कों की सुरक्षा के लिए निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं –

  1. वे पार्कों में कूड़ा-कर्कट न फैलाएँ।
  2. वे घास को खराब न करें।
  3. वे फूलों को न तोड़ें।
  4. वे पार्कों में निश्चित स्थान पर ही खेलें।

प्रश्न 6.
ऐतिहासिक इमारतों और स्मारकों का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
ऐतिहासिक इमारतों और स्मारकों का हमारे जीवन में बड़ा महत्त्व है। इनसे हमें भारत के प्राचीन इतिहास का ज्ञान होता है। हमें यह भी पता चलता है कि हमारी प्राचीन संस्कृति कितनी महान् थी। ये भवन विदेशियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र हैं। संसद भवन, राष्ट्रपति भवन आदि कुछ इमारतें भारतीय प्रशासन की केन्द्र हैं।

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प्रश्न 7.
सार्वजनिक सम्पत्ति की हानि हमारी अपनी हानि कैसे है ?
उत्तर–
सार्वजनिक सम्पत्ति के टूटने या खराब होने पर ठीक करने के लिए फिर से धन खर्च करना पड़ता है। यह धन हमारे करों से एकत्रित राशि से ही खर्च किया जाता है। यह राशि किसी और सुधार कार्य में लगने की बजाय व्यर्थ हो जाती है। इससे यह स्पष्ट है कि सार्वजनिक सम्पत्ति की हानि हमारी अपनी हानि है।

प्रश्न 8.
आप जल प्रबन्ध की देख-रेख के लिए सरकार की कैसे सहायता करेंगे ?
उत्तर-
जल प्रबन्ध से भाव उस प्रबन्ध से है जिसके द्वारा हमें नहाने और पीने के लिए जल प्राप्त होता है। इसकी सुरक्षा के लिए हमें अग्रलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए –

  1. हमें नल को आवश्यकता से अधिक नहीं चलाना चाहिए।
  2. सार्वजनिक स्थानों पर जल का प्रयोग बहुत सावधानी से करना चाहिए।
  3. सार्वजनिक नलों को किसी प्रकार की हानि नहीं पहुंचानी चाहिए।
  4. यदि जल प्रबन्ध में कोई रुकावट उत्पन्न हो जाए तो तुरन्त इसकी सूचना सम्बन्धित दफ्तर को देनी चाहिए।

प्रश्न 9.
आप विद्यालय में खेल के मैदान की देख-रेख के लिए अपने विद्यालय के व्यवस्थापकों की कैसे सहायता कर सकते हो?
उत्तर-
(1) विद्यालय के खेल के मैदान में खेलते समय वस्तुओं को टूटने से बचाना चाहिए तथा अन्य बच्चों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
(2) हम खेल के मैदान को साफ़-सुथरा रख कर भी विद्यालय के व्यवस्थापकों की सहायता कर सकते हैं।

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सार्वजनिक सम्पति की संभाल PSEB 6th Class Social Science Notes

  • सार्वजनिक सम्पत्ति – राज्य की अथवा हम सब की साँझी सम्पत्ति।
  • सार्वजनिक सम्पत्ति की हानि – सार्वजनिक सम्पत्ति की हानि से हम सब को हानि पहुँचती है।
  • स्कूल, अस्पताल – सार्वजनिक सम्पत्ति के दो उदाहरण।
  • ताजमहल – भारत की ऐतिहासिक सम्पत्ति का एक उदाहरण।
  • जलियाँवाला बाग – अमृतसर में स्थित एक ऐतिहासिक यादगार।
  •  पारिवारिक निजी सम्पत्ति – हमारा घर, स्कूटर आदि पारिवारिक निजी सम्पत्ति हैं ।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 21 शहरी विकास और स्थानीय सरकार

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 21 शहरी विकास और स्थानीय सरकार Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science Civics Chapter 21 शहरी विकास और स्थानीय सरकार

SST Guide for Class 6 PSEB शहरी विकास और स्थानीय सरकार Textbook Questions and Answers

बह-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
शहरी स्थानीय सरकार की प्रारंभिक संस्था का क्या नाम है?
(क) नगर निगम
(ख) ग्राम पंचायत
(ग) नगर पंचायत।
उत्तर-
नगर पंचायत।

प्रश्न 2.
नगर निगम के मुखिया को क्या कहते हैं?
(क) प्रधान
(ख) मेयर
(ग) सरपंच।
उत्तर-
मेयर।

प्रश्न 3.
नगर निगम के कार्यकारी अधिकारी को क्या कहते हैं?
(क) अधीक्षक (सुपरिन्टेंडेंट)
(ख) उपनिदेशक (डिप्टी क्लेक्टर)
(ग) आयुक्त (कमिश्नर)।
उत्तर-
आयुक्त (कमिश्नर)।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से पंजाब के किस शहर में नगर निगम नहीं है?
(क) अमृतसर
(ख) पटियाला
(ग) रोपड़
(घ) लुधियाना
(ङ) बठिण्डा
(च) जालंधर।
उत्तर-
रोपड़।

प्रश्न 5.
जिला प्रबंध के सर्वोच्च अधिकारी को क्या कहते हैं?
(क) डी०ई०ओ०
(ख) एस०एम०पी०
(ग) डी०पी०आर०ओ०
(घ) उप-आयुक्त (डिप्टी कमिश्नर)
उत्तर-
उप-आयुक्त (डिप्टी कमिश्नर)।

प्रश्न 6.
बड़े शहरों में अधिक भीड़ वाली सड़क की भीड़ कम कराने के लिए सड़क के ऊपर एक अन्य सड़क बनाई जाती है, उस सड़क को क्या कहते हैं?
(क) साइकिल-रिक्शा ट्रैक
(ख) बाईपास
(ग) भूमिगत मार्ग
(घ) फ़्लाई ओवर
(ङ) लिंक रोड।
उत्तर-
फ्लाई ओवर।

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I. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखें

प्रश्न 1.
आज़ादी के बाद हुए शहरी विकास के बारे में संक्षेप में लिखो।
उत्तर-
स्वतन्त्रता के बाद अनेक गांवों ने धीरे-धीरे कस्बों का रूप धारण कर लिया और फिर शहरों में बदल गए। शहरी विकास की यह प्रक्रिया आज भी जारी है। शहरी विकास में मुख्य रूप से मशीनी उद्योगों की भूमिका रही है। गांवों की जनसंख्या बढ़ने से माल की मांग बढ़ गई। इसकी पूर्ति के लिए हाथों का काम मशीनों से होने लगा। बड़े-बड़े कारखाने स्थापित किए गए जिनके आस-पास बड़े-बड़े शहर बस गए। आज गांवों से भी बड़ी संख्या में लोग रोज़गार की तलाश में शहरों में आ रहे हैं। फलस्वरूप शहरों और कस्बों का विस्तार हो रहा है।

प्रश्न 2.
शहरी स्थानीय सरकार की संस्थाएं कौन-कौन सी हैं?
उत्तर-
शहरी स्थानीय सरकार की तीन संस्थाएँ हैं –

  1. नगर पंचायत
  2. नगरपालिका
  3. नगर निगम।

प्रश्न 3.
शहर को जनसंख्या के आधार पर वार्डों में क्यों बांटा जाता है?
उत्तर-
शहर को शहरी स्थानीय शासन के चुनाव के लिए वार्डों में बांटा जाता है। प्रत्येक वार्ड से एक सदस्य चुना जाता है, जो अपने वार्ड के लिए विकास कार्य करता है।

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प्रश्न 4.
नगर-निगम और नगरपालिका का चुनाव लड़ने के लिए कितनी आयु होनी चाहिए?
उत्तर-
25 वर्ष या इससे अधिक।

प्रश्न 5.
कस्बे की स्थानीय सरकार को क्या कहा जाता है?
उत्तर-
कस्बे की स्थानीय सरकार को नगर पंचायत कहा जाता है।

प्रश्न 6.
नगर-निगम के चार सरकारी कर्मचारियों के नाम लिखो।
उत्तर-

  1. कमिश्नर
  2. स्वास्थ्य अधिकारी
  3. इंजीनियर
  4. सफ़ाई अधिकारी।

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प्रश्न 7.
शहरी स्थानीय सरकार की आय के कोई चार (मुख्य) साधन लिखो।
उत्तर-
शहरी स्थानीय सरकार की आय के मुख्य साधन निम्नलिखित हैं –
1. कर-यह कई प्रकार के कर लगा सकती है। इनमें चुंगी कर, न्याय-कर, मार्ग-कर, गृह-कर, व्यवसाय कर, मनोरंजन कर आदि प्रमुख हैं।

2. फीस और जुर्माने-यह पानी और बिजली की आपूर्ति पर फीस लगाती है। यह नगर में चलने वाले वाहनों-रिक्शाओं, ठेलों, तांगों आदि पर फीस (टैक्स) लगाती है। इसके अतिरिक्त यह अपने नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना करती है।

3. सरकारी सहायता-नई योजनाएं लागू करने, सार्वजनिक स्वास्थ्य और चिकित्सा सम्बन्धी कार्यों के लिए सरकार इसकी सहायता करती है।

4. ऋण- यह आवश्यकतानुसार सरकार से ऋण ले सकती है। (कोई दो लिखें।)

प्रश्न 8.
जिला-प्रबन्ध का सर्वोच्च अधिकारी कौन होता है?
उत्तर-
ज़िला प्रबन्ध का सर्वोच्च अधिकारी डिप्टी कमिश्नर होता है। उसे उपआयुक्त भी कहते हैं। उसका चुनाव भारतीय प्रशासनिक सेवा (I.A.S.) द्वारा होता है।

प्रश्न 9.
शहरी स्थानीय सरकार के प्रति आपके क्या कर्त्तव्य हैं?
उत्तर-
शहरी स्थानीय सरकार के प्रति हमारे निम्नलिखित कर्त्तव्य हैं –

  1. हमें योग्य तथा ईमानदार सदस्यों का चुनाव करना चाहिए।
  2. हमें नगर को साफ-सुथरा रखना चाहिए।
  3. हमें सड़कों पर तथा गलियों में तोड़-फोड़ नहीं करनी चाहिए।
  4. हमें अपने कर ईमानदारी से चुकाने चाहिए, ताकि विकास कार्यों में बाधा न पड़े।

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प्रश्न 10.
नगरपालिका / नगर-निगम के कोई दो कार्य लिखो।
उत्तर-
नगरपालिका / नगर-निगम नगर के प्रबन्ध के लिए निम्नलिखित कार्य करती है –

  1. नगर में पानी, सफ़ाई तथा प्रकाश का प्रबन्ध करना।
  2. बीमारियों की रोकथाम के लिए टीके लगाना, मक्खियों, मच्छरों को नष्ट करना और खाने-पीने की वस्तुओं में मिलावट को रोकना।
  3. गलियां, सड़कें, पुल तथा नालियां बनवाना और उनकी मुरम्मत करवाना।
  4. अस्पताल, स्वास्थ्य केन्द्र, बाल-कल्याण केन्द्र, चिड़िया घर, पार्क आदि बनवाना।
  5. जन्म-मरण का रिकार्ड रखना। (कोई दो लिखें।)

प्रश्न 11.
शहरी स्थानीय सरकार के कोई दो आवश्यक कार्य लिखो।
उत्तर-
शहरी स्थानीय सरकार के दो आवश्यक कार्य निम्नलिखित हैं –

  1. नगर में बिजली, पानी, स्वास्थ्य केन्द्रों तथा सफ़ाई का प्रबंध करना।
  2. सड़कों तथा पुलों का निर्माण करना और उनकी देखभाल करना।

प्रश्न 12.
भूमिगत रास्ता, साइकिल ट्रैक और बाईपास सड़कें सड़क सुरक्षा के लिए कैसे उपयोगी हैं?
उत्तर-

  1. भूमिगत रास्ता, साइकिल ट्रैक तथा बाईपास हमें सुरक्षित रास्ता जुटाते हैं।
  2. इन मार्गों के कारण बड़े वाहनों के यातायात में बाधा नहीं पड़ती।

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प्रश्न 13.
क्या सड़क पर साइकिल चलाते समय हमें हैल्मेट पहनना चाहिए?
उत्तर-
हमारे देश में साइकिल चलाते समय हैल्मेट पहनना ज़रूरी नहीं है। फिर भी सुरक्षा की दृष्टि से हमें हैल्मेट अवश्य पहनना चाहिए। इससे साइकिल से नीचे गिरमे पर गम्भीर चोट अथवा मृत्यु से बचा जा सकता है।

II. निम्नलिखित खाली स्थान भरो

  1. नगर पंचायत ……….. में बनाई जाती है।
  2. शहरी स्थानीय सरकार के कार्यों की देखभाल …….. सरकार करती है।
  3. नगरपालिका या नगर-निगम के चुनाव के लिए कम-से-कम ……… आयु तथा वोट डालने के लिए……….. वर्ष की आयु होनी चाहिए।
  4. प्रत्येक जिले में …… और ……….. अदालतें होती हैं।
  5. गांव से शहर में परिवर्तित होते क्षेत्र को ……………. कहा जाता है।

उत्तर-

  1. कस्बे,
  2. राज्य,
  3. 25 वर्ष की, 18,
  4. दीवानी, फ़ौजदारी,
  5. कस्बा।

III. निम्नलिखित वाक्यों पर सही (✓) या ग़लत (✗) का निशान लगाओ

  1. कोई विदेशी नागरिक स्थानीय सरकार के चुनाव में वोट डाल सकता है।
  2. पंजाब में इस समय नौ नगरों में नगर-निगम हैं।
  3. पंजाब में नगर-निगम के प्रधान को मेयर कहा जाता है।
  4. स्थानीय सरकार के चुनाव के लिए वोटर की आयु 17 वर्ष होती है।
  5. उप-आयुक्त (डिप्टी कमिश्नर) जिले के प्रबन्ध का मुख्य सरकारी अधिकारी होता है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✗)
  3. (✓)
  4. (✗)
  5. (✓)

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PSEB 6th Class Social Science Guide शहरी विकास और स्थानीय सरकार Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
मान लीजिए आपकी आयु 13 वर्ष है। आपको कितने साल बाद स्थानीय . सरकार के चुनाव में वोट डालने का अधिकार मिल सकेगा?
उत्तर-
5 साल बाद, 18 वर्ष की आयु में।

प्रश्न 2.
नगर निगम का मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्या कहलाता है?
उत्तर-
कमिश्नर।

प्रश्न 3.
रास्ते तथा भीड़ को कम करने के लिए एक शहर से दूसरे शहर तक पहुंचने के लिए प्रायः शहर के बाहर की ओर एक विशेष सड़क बना दी जाती है। ऐसी सड़क क्या कहलाती है?
उत्तर-
बाई-पास।

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अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
नगर-पंचायत का मुखिया कौन होता है?
उत्तर-
नगर-पंचायत का मुखिया नगर अध्यक्ष होता है।

प्रश्न 2.
नगरपालिका तथा नगर परिषद् किसे कहते हैं?
उत्तर-
शहरों की स्थानीय शासन संस्थाओं को नगरपालिका कहते हैं। यह शहरों की स्थानीय समस्याओं का समाधान करती है।

प्रश्न 3.
नगर-निगम से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
बड़े-बड़े नगरों की स्थानीय शासन संस्थाओं को नगर-निगम कहा जाता है।

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प्रश्न 4.
नगर-पंचायत की स्थापना कहां की जाती है?
उत्तर-
नगर-पंचायत गांव से शहर में बदलते हुए कस्बे में स्थापित की जाती है। परन्तु यह आवश्यक है कि उस क्षेत्र की जनसंख्या 20,000 से कम हो।

प्रश्न 5.
जिला प्रशासन का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
जिला प्रशासन राज्य की बहुत ही महत्त्वपूर्ण इकाई है। पूरे राज्य की उन्नति जिले के कुशल प्रशासन पर ही निर्भर करती है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
नगरपालिकाओं को राज्य सरकार अनुदान क्यों देती है?
उत्तर-
नगरों की जनसंख्या अधिक होने के कारण नगरों की आवश्यकताएं अधिक होती हैं। इसलिए नगरपालिकाओं को अनेक कार्य करने पड़ते हैं। इसके लिए अधिक धन की आवश्यकता होती है। परन्तु नगरपालिकाओं की आय के साधन सीमित होते हैं। इसलिए सरकार इन्हें अनुदान देती है। अनुदान का अर्थ है-आर्थिक सहायता देना।

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प्रश्न 2.
बड़े शहरों में पार्क और भूमिगत नालियाँ क्यों आवश्यक हैं?
उत्तर-
बड़े शहरों में प्रदूषण की समस्या अधिक है। प्रदूषण कई प्रकार की बीमारियों को जन्म देता है। पार्क लोगों और वातावरण को स्वच्छ रखते हैं। यहाँ आकर लोग खुली हवा में अपना मनोरंजन भी करते हैं। इसलिए बड़े शहरों में पार्कों का होना आवश्यक है। __ भूमिगत नालियां गंदे पानी की निकासी के लिए अति आवश्यक हैं। इनके बिना गंदा जल गलियों तथा सड़कों पर फैल जाएगा और वातावरण दूषित हो जाएगा।

प्रश्न 3.
नगरपरिषद् के किन्हीं पाँच कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
नगरपरिषद् के पाँच मुख्य कार्यों का वर्णन इस प्रकार है –

  1. सड़कों तथा पुलों का निर्माण करना।
  2. जन-स्वास्थ्य तथा सफ़ाई की व्यवस्था करना।
  3. अग्निशमक (आग बुझाना) सेवाओं का प्रबन्ध करना।
  4. नगर की सुख-सुविधा के लिए पार्क, उद्यान तथा खेल के मैदान का प्रबन्ध करना।
  5. पीने के लिए साफ पानी की व्यवस्था करना।

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प्रश्न 4.
नगर-निगम की आय के मुख्य साधन कौन-कौन से हैं?
उत्तर-
नगर-निगम की आय के मुख्य साधन निम्नलिखित हैं –

  1. भूमि तथा भवनों पर कर
  2. पशुओं तथा वाहनों पर कर
  3. चुंगी कर
  4. व्यवसाय कर
  5. राज्य सरकार से प्राप्त अनुदान।

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प्रश्न 5.
नगर पंचायत के सदस्यों का चुनाव कैसे और कितने वर्ष के लिए होता है?
उत्तर-
नगर पंचायत के सदस्यों का चुनाव वयस्क नागरिकों अर्थात् 18 वर्ष या इससे अधिक आयु वाले व्यक्तियों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से होता है। इनका चुनाव पाँच वर्ष के लिए किया जाता है।

प्रश्न 6.
क्या नगरपालिका से नगर-निगम अधिक शक्तिशाली है? क्यों?
उत्तर-
नगर-निगम नगरपालिका से अधिक शक्तिशाली होती है। नगर-निगम की शक्तियां नगरपालिका की अपेक्षा अधिक होती हैं। नगर-निगम की जिम्मेवारी भी अधिक होती है। इसका कारण यह है कि बड़े तथा छोटे नगरों की जनसंख्या तथा नागरिकों को दी जाने वाली सुविधाओं में पर्याप्त अन्तर होता है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जिलाधीश के प्रमुख कार्यों का वर्णन करो।
उत्तर-
जिलाधीश के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं –
1. शान्ति तथा कानून-व्यवस्था की स्थापना करना-ज़िलाधीश का प्रमुख कार्य जिले में शान्ति तथा कानून-व्यवस्था बनाए रखना है। इस कार्य में वह समस्त ज़िले की पुलिस की सहायता लेता है।

2. भूमि सम्बन्धी रिकार्डों की देखभाल और भूमि-कर की वसूली करना-हमारा देश कृषि प्रधान देश है। कृषि योग्य भूमि का वर्गीकरण, उसका नाप, उसमें पैदा होने वाली उपज और भूमि-कर की वसूली करना तथा उसका ब्योरा रखने का काम भी जिलाधीश द्वारा किया जाता है।

3. नागरिक सुविधाएँ और सेवाएं प्रदान करना-ज़िलाधीश जिले के लोगों को अनेक प्रकार की सुविधाएँ और सेवाएँ प्रदान करवाता है, ताकि उनका चहुँमुखी विकास हो सके। इन सुविधाओं में स्वास्थ्य, शिक्षा, यातायात का प्रबन्ध, सरकारी इमारतों और सड़कों की देखभाल आदि शामिल हैं।

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प्रश्न 2.
नगरपालिका की संरचना, कार्यों तथा आय के साधनों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
नगरपालिका की संरचना-नगरपालिका 20,000 से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में बनाई जाती है। इसके सदस्य दो प्रकार के होते हैं –
1. निर्वाचित सदस्य-ये सदस्य प्रत्यक्ष रूप से वयस्क नागरिकों द्वारा निर्वाचित होते हैं। पंजाब में इनकी संख्या 9 से 29 तक हो सकती है।

2. पदेन सदस्य-नगर के निर्वाचित क्षेत्र से चुने गए लोक सभा, राज्य सभा अथवा राज्य विधान मण्डल के सदस्य नगरपालिका के पदेन सदस्य होते हैं।
कार्यकाल-नगरपालिका का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
कार्य-नगरपालिका नगर के प्रबन्ध के लिए निम्नलिखित कार्य करती है –

  1. नगर में पानी, सफ़ाई तथा प्रकाश का प्रबन्ध करना।
  2. बीमारियों की रोकथाम के लिए टीके लगाना, मक्खियों, मच्छरों को नष्ट करना और खाने-पीने की वस्तुओं में मिलावट को रोकना।
  3. गलियां, सड़कें, पुल तथा नालियां बनवाना और उनकी मुरम्मत करवाना।
  4. अस्पताल, स्वास्थ्य केन्द्र, बाल-कल्याण केन्द्र, चिड़िया घर, पार्क आदि बनवाना।
  5. जन्म तथा मृत्यु का रिकार्ड रखना।
  6. आग बुझाने के लिए फायर-ब्रिगेड का प्रबन्ध करना तथा बसें, ट्राम आदि चलाना।
  7. अपने क्षेत्र में स्कूलों तथा पुस्तकालयों की व्यवस्था करना।
  8. पशु मेले लगवाना और नगरवासियों की सुविधा के लिए बसें चलाना।

प्रश्न 3.
नगर-निगम की संरचना, कार्यों तथा आय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
नगर-निगम की संरचना, कार्यों तथा आय के साधनों का संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है –
संरचना-पंजाब में अमृतसर, जालन्धर, लुधियाना, पटियाला आदि दस नगरों में नगर-निगम की स्थापना की गई है। नगर-निगम के सदस्यों को पार्षद कहते हैं। इनका चुनाव नगर के वयस्क नागरिक करते हैं। नगर-निगम क्षेत्र से निर्वाचित लोक सभा, राज्य सभा तथा विधानसभा के सदस्य भी इसके सदस्य होते हैं। नगर-निगम के प्रधान को मेयर कहते हैं।

कार्य-नगर-निगम स्थानीय शासन की शेष सभी संस्थाओं से अधिक शक्तिशाली होती है। इसके कार्यों को दो भागों में बांटा गया है – अनिवार्य तथा ऐच्छिक कार्य।
अनिवार्य कार्य –

  1. स्वच्छ पानी का प्रबन्ध करना।
  2. सड़कों, पुलों तथा नालियों का निर्माण करना।
  3. नगर में सफाई का प्रबन्ध करना।
  4. फायर ब्रिगेड का प्रबन्ध करना।
  5. श्मशान भूमि का उचित प्रबन्ध करना।
  6. नगर-निगम की सम्पत्ति की देखभाल करना।

ऐच्छिक कार्य –

  1. अस्पताल बनवाना।
  2. संस्कृति तथा शिक्षा का विकास करना।
  3. पुस्तकालय, अजायबघर, कला भवन आदि बनवाना।

आय के साधन-नगर-निगम की आय के मुख्य साधन निम्नलिखित हैं –
1. कर-नगर-निगम नागरिकों पर कई प्रकार के कर लगाता है। इनमें पानी कर, सफ़ाई कर, मकान कर, मनोरंजन कर और चुंगी कर प्रमुख हैं।

2. फीस और जुर्माने-नगर-निगम को मकानों के नक्शे पास करने से प्राप्त फीस तथा तांगा, रिक्शा तथा ठेला आदि की लाइसेंस फीस से आय होती है। इसे नगर-निगम के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर किए गए जुर्माने से भी पर्याप्त आय हो जाती है।

3. सरकारी अनुदान तथा अन्य साधन-नगर-निगम की अपनी सम्पत्ति होती है। इसके किराए से नगर-निगम को काफ़ी आय हो जाती है। इसके अतिरिक्त सरकार भी इसे आर्थिक सहायता देती है। इसे सरकारी अनुदान कहते हैं।

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शहरी विकास और स्थानीय सरकार PSEB 6th Class Social Science Notes

  • नगर की स्थानीय शासन संस्थाएँ – नगर-पंचायत, नगर-परिषद् तथा नगर निगम।
  • नगर-पंचायत – नगर से छोटे परन्तु गाँव से बड़े कस्बे की स्थानीय संस्था।
  • नगर परिषद् – कस्बों से बड़े नगरों की स्थानीय शासन संस्था। इन्हें कुछ राज्यों में नगरपालिका अथवा नगर बोर्ड भी कहा जाता है।
  • नगर निगम – बड़े-बड़े नगरों की स्थानीय शासन संस्था।
  • मेयर अथवा महापौर – नगर-निगम का अध्यक्ष
  • जिला अधिकारी – जिला प्रशासन का मुखिया जो जिले में कानून और व्यवस्था बनाए रखता है।