PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 6 इंटरनैट एप्लीकेशन

Punjab State Board PSEB 9th Class Computer Book Solutions Chapter 6 इंटरनैट एप्लीकेशन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Computer Chapter 6 इंटरनैट एप्लीकेशन

Computer Guide for Class 9 PSEB इंटरनैट एप्लीकेशन Textbook Questions and Answers

1. रिक्त स्थान भरें

1. Gmail ……………. की एक फ्री सेवा है।
(क) Yahoo
(ख) Google
(ग) Radiffmail
(घ) Hotmail.
उत्तर-
(ख) Google.

2. इंटरनैट पर प्रत्येक मशीन को एक विशिष्ट नंबर दिया जाता है। जिसे ………………………. कहते हैं।
(क) एडरैस
(ख) ई-मेल
(ग) D
(घ) IP एडरैस।
उत्तर-
(घ) IP एडरैस।

3. ……………………………. एक प्रकार का टैस्ट होता है जो पता लगाता है कि यूजर एक मनुष्य है कि नहीं।
(क) CAPTCHA
(ख) DERTSA
(ग) HEPTCHA
(घ) NEPHCA.
उत्तर-
(क) CAPTCHA.

4. …………………………….. एक प्रकार का मालवेयर होता है जो यूजर के कम्प्यूटर को बिना आज्ञा प्रयोग करने के लिए बनाया जाता है।
(क) स्पाईवेयर
(ख) टरोजन
(ग) मालवेयर
(घ) हॉरस।
उत्तर-
(ख) टरोजन।

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5. TV तथा रेडियो इंटरनेट पर …………………….. मीडिया के उदाहरण हैं।
(क) स्ट्रीमिंग
(ख) लिमिटिड
(ग) आनलाइन
(घ) ऑफ़लाइन।
उत्तर-
(क) स्ट्रीमिंग।

2. सही या ग़लत बताएं

1. स्पाईवेयर एक ई-मेल धोखा है जिसमें ग़लत कार्य करने वाला व्यक्ति एक सही दिखने वाली ई-मेल भेजता है, जो हमारी निजी तथा वित्ती जानकारी इकट्ठी कर लेता है।
उत्तर-
ग़लत,

2. गूगल ड्राइव के साथ हम आनलाइन स्टोर तथा शेयर नहीं कर सकते।
उत्तर-
ग़लत,

3. एंटीवायरस साफ्टवेयर के साथ हम वायरस को सही कर सकते हैं।
उत्तर-
सही,

4. BCC में हम उन व्यक्तियों के पते टाइप करते हैं जिनको हम ई-मेल की एक कॉपी तो भेजते हैं पर दूसरे रिसीपटैंट को इसका पता नहीं चलता।
उत्तर-
सही,

5. डिजीटल सिगनेचर को बायोग्राफी के द्वारा बनाया तथा वेरीफाई किया जाता है।
उत्तर-
सही।

3. छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
CAPTCHA (कैपचा) कोड किसे कहते हैं ?
उत्तर-
CAPTCHA का पूरा नाम Completely Automated Public Thring Test to Tell Computer and Human Apart. यह एक प्रकार का टैस्ट होता है जो हमें बताता है कि यूजर मनुष्य है या नहीं। इसमें यूजर को कोई टैक्सट भरने के लिए दिया जाता है तथा उसे फिर चैक किया जाता है।
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प्रश्न 2.
Google Apps से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
Google Apps एक एप्लीकेशनज़ का सैट है जिसमें विभिन्न प्रयोग करने वाली एप्लीकेशनज़ हैं। यह सैट Google द्वारा बनाया गया है।
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प्रश्न 3.
डिजीटल सिगनेचर क्या होता है ?
उत्तर-
डिजीटल सिगनेचर एक ऐसा कोड होता है जिसे इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर होने वाली फाइल के साथ भेजा जाता है। इससे भेजने वाले की पहचान होती है।

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प्रश्न 4.
ई-मेल भेजने का तरीका बताएँ।
उत्तर-
ई-मेल भेजने लिए सबसे पहले Compose पर क्लिक करें। फिर आपको ई-मेल भेजने का एंट्री फार्म नज़र आ जाएगा। To में पाने वाले का ई-मेल एडरैस टाइप करें, Subject भरें तथा संदेश टाइप करें।

प्रश्न 5.
डाऊनलोडिंग के बेसिक स्टैप लिखें।
उत्तर-

  • लिंक पर क्लिक करें। (एक डायलाग बॉक्स दिखाई देगा।)
  • Save या Open पर क्लिक करें।
  • डाऊनलोड को Confirm करें।
  • Open या Run पर क्लिक करें।

प्रश्न 6.
क्लाउड प्रिंटिंग क्या है ?
उत्तर-
कलाउड प्रिंटिंग वह प्रक्रिया है जिसमें किसी भी दस्तावेज को कलाउड नैटवर्क के साथ जुड़े किसी कम्प्यूटर पर से प्रिंट कर सकते हैं।

प्रश्न 7.
कोई चार एंटी वायरस के नाम बताओ।
उत्तर-

  • Microsoft Essential
  • Aura
  • Avast
  • Macafee.

4. बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
IP एडरैस क्या है ? व्याख्या करें।
उत्तर-
इंटरनैट से जुड़े प्रत्येक कम्प्यूटर को एक विशेष नंबर दिया जाता है जिसके द्वारा वह पहचाना जाता है। इस एडरैस या नाम को IP एडरैस कहते हैं। एक आई०पी० एडरैस में चार नंबर होते हैं जिनको (.) डाट द्वारा अलग किया जाता है। प्रत्येक नंबर 0 से 255 के बीच हो सकता है। ये चारों नंबर किसी खास नेटवर्क को दर्शाते हैं। 192.168.1.1 एक IP एडरैस की उदाहरण है। इस प्रकार इन सारे नंबरों का प्रयोग करके 4, 294, 967, 296 आई०पी० एडरैस बनाए जा सकते हैं। इंटरनैट पर कोई भी कम्प्यूटर एक आई०पी० एडरैस के नहीं हो सकते।

प्रश्न 2.
किन्हीं तीन गूगल एप्स का वर्णन करें।
उत्तर

  1. गूगल कैलंडर-यह एक गूगल द्वारा बनाया गया टाइम मैनेजमैंट वैब एप्लीकेशन तथा मोबाइल एप्प है। उसके द्वारा हम अपने कार्य को रिकार्ड कर सकते हैं तथा यह हमें समय आने पर अलर्ट भी कर देता है। इसके लिए यूजर के पास Google अकाऊंट होना चाहिए।
  2. गूगल मैप-गूगल मैप एक डैस्कटाप बैव मैपिंग सेवा है। इससे हमें सैटेलाइट इमेज, स्ट्रीट मैप, 360 डिग्री स्ट्रीट व्यू, मौजूदा ट्रैफिक कंडीशन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट द्वारा यात्रा करना आदि जैसे विकल्प या सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।

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3. गूगल ट्रांसलेट-यह गूगल की एक फ्री सेवा है, जिसमें किसी एक भाषा से दूसरी भाषा में मशीनी ट्रांसलेशन की जा सकती है।

प्रश्न 3.
Gmail में ई-मेल अकाऊंट बनाने की प्रक्रिया का वर्णन करो।
उत्तर-
Gmail पर ई-मेल अकाऊंट बनाने के निम्न पग हैं

  • अपना इंटरनैट ब्राऊजर खोलें।
  • www.gmail.com एडरैस टाइप करें।
  • Google का Sign in सैक्शन आ जाएगा।
  • Create Account पर क्लिक करें।

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एक नया पेज आएगा जिसमें हमसे कुछ बेसिक जानकारी पूछी जाती है। जैसे कि First name 711 Last name. Username जो आपका ई-मेल पता होगा। Password

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Confirm Password Date of Birth Gender
Mobile Number.

सारी जानकारी भरने के बाद Next पर क्लिक करें तो ई-मेल अकाऊंट तैयार हो जाएगा।

प्रश्न 4.
Google Drive के लाभ बताएं।
उत्तर-
Google Drive के निम्न लाभ हैं-

  1. Google Drive के साथ हम अपने दोस्तों, रिश्तेदारों आदि को जो गूगल ड्राइव प्रयोग करते हैं को अपनी फाइलें भेज सकते हैं।
  2. इसके द्वारा फाइल वैब पर उपलब्ध हो जाती है, जिससे हम इसे कहीं भी देख सकते हैं।
  3. गूगल ड्राइव एक मोबाइल एप्प भी है। इससे हम अपनी फाइलस को कहीं भी Smart Phone पर भी देख सकते हैं।
  4. गूगल ड्राइव में एक बना बनाया सर्च इंजन भी होता है। इसके द्वारा हम अपनी फाइलों के कंटेंट को सर्च भी कर सकते हैं।
  5. गूगल ड्राइव में ऑप्टीकल करैक्टर रैकोगनीशन सिस्टम भी है। इसे हम स्कैन किये दस्तावेज भी कुछ सर्च कर सकते हैं।
  6. गूगल ड्राइव एक फ्री सेवा है, जब तक इसका ज्यादा बड़ा इस्तेमाल न किया जाए।

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PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 6 इंटरनैट एप्लीकेशन

PSEB 8th Class Computer Guide इंटरनैट एप्लीकेशन Important Questions and Answers

रिक्त स्थान भरें-

1. ई-मेल से भाव है……….. ।
उत्तर-
इलैक्ट्रॉनिक मेल,

2. गूगल एप्प में …………, ………….. तथा ………….. एप्प है।
उत्तर-
ई-मेल, कैलंडर, मैप शीट,

3. गूगल ड्राइव में हम अपनी बड़ी फाइलें …………… कर सकते हैं।
उत्तर-
शेयर,

4. कलाऊड शब्द ………..के लिए प्रयोग किया जाता है।
उत्तर-
इंटरनेट,

5. ……… से कम्प्यूटर प्रोग्राम की फाइलों को नुकसान पहुंचाता है।
उत्तर-
वायरस।

सही या गलत बताइये-

1. E-mail, Microsoft का उत्पाद है।
उत्तर-
गलत,

2. हम इंटरनैट पर फाइल शेयर नहीं कर सकते।
उत्तर-
सही,

3. Google Drive पर डाटा कभी नष्ट नहीं होता।
उत्तर-
सही,

4. कम्प्यूटर में Cloud का अर्थ है बादल।
उत्तर-
गलत।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
ई-मेल से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
ई-मेल का पूरा नाम इलैक्ट्रानिक मेल है। यह एक ऐसा तरीका है जिसमें संदेश भेजना, लिखना, पढ़ना तथा प्राप्त करना संभव है। यह इंटरनैट पर सबसे ज्यादा प्रयोग आने वाला साधन है।

प्रश्न 2.
Google+ क्या है?
उत्तर-
Google+ एक सोशल नेटवर्किंग का हिस्सा है। यह लगभग Facebook की तरह ही है। इसमें हम Facebook की तरह पोस्ट कर सकते हैं।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 6 इंटरनैट एप्लीकेशन

प्रश्न 3.
गूगल ड्राइव क्या है ?
उत्तर-
यह एक आनलाइन स्टोर करने की सेवा है। इसमें फाइलों को शेयर भी किया जा सकता है, इसकी शुरुआत 24 अप्रैल, 2012 को हुई। इसमें 5GB डाटा स्टोरेज स्पेस फ्री दी जाती है।

प्रश्न 4.
वायरस क्या होता है ?
उत्तर-
कम्प्यूटर वायरस एक कम्प्यूटर प्रोग्राम होता है जो दूसरे कम्प्यूटर प्रोग्राम में अपने आपको दोहराता है तथा हमारे हार्डवेयर तथा साफटवेयर को नुकसान पहुंचा सकता है।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय

Punjab State Board PSEB 9th Class Computer Book Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Computer Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय

Computer Guide for Class 9 PSEB एम०एस० अक्सैस से परिचय Textbook Questions and Answers

1. रिक्त स्थान भरें

1…………………… एक रिलेशन डाटाबेस मैनेजमैंट सिस्टम है।
(क) एक्सल
(ख) वर्ड
(ग) पॉवर पवाइंट
(घ) अक्सैस।
उत्तर-
(घ) अक्सैस।

2. …………… डाटाबेस का मुख्य अंग होता है।
(क) Queries
(ख) टेबल
(ग) Form
(घ) Modules.
उत्तर-
(ख) टेबल।

3. एक फील्ड एक तरह के …………………………….. का सैट होता है।
(क) डाटाबेस
(ख) टेबल
(ग) डाटा आइटम
(घ) फॉर्मज।
उत्तर-
(ग) डाटा आइटम।

4. Queries टेबल को बदलने. और …………………………….. करने के लिए प्रयोग की जाती हैं।
(क) संभालना, फार्म, अपडेट
(ख) काटना, टेबल बनाना, Queries अपडेट कापी करने
(ग) स्टोर करने, पेस्ट करने, कापी करने के लिए, रिपोर्ट बनाने
(घ) Queries तैयार करने, Modules रिपोर्ट बनाने।
उत्तर-
(क) संभालना, फार्म, अपडेट।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय

5. एक फील्ड के लिए खास सैटिंग ………………………………. कहलाती है।
(क) डाटाबेस
(ख) मैक्रो
(ग) डाटा टाइप
(घ) रिपोर्ट।
उत्तर-
(ग) डाटा टाइप।

2. छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
एम०एस० अक्सैस के Components के नाम बताएं।
उत्तर-

  1. टेबल,
  2. Queries,
  3. फार्म,
  4. रिपोर्ट,
  5. मैक्रो,
  6. Modules.

प्रश्न 2.
एम०एस० अक्सैस में कौन-कौन से डाटा टाइप प्रयोग किए जाते हैं ? ।
उत्तर-

  1.  Text,
  2. नंबर,
  3. डेट/समय,
  4. हां/ना
  5. Currency,
  6. Auto Number,
  7. Memo,
  8. QLE object,
  9. Hyperlink,
  10. Calculated.

प्रश्न 3.
एम० एस० अक्सैस की विशेषताएं बताएं।
उत्तर-

  • यह एक सुरक्षित डाटाबेस सिस्टम है।
  • इस में हम अपने प्रयोग करने वाले डाटे को डाल सकते हैं।
  • एम० एस० अक्सैस Multiuser का support करता है।
  • यह बहुत सस्ता है। बाकी दूसरे बड़े सिस्टम में भी इसी तरह के फंक्शन प्रयोग किए जाते हैं।

प्रश्न 4.
रिकार्ड का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
किसी एक आइटम से संबंधित कीमतों के सैट को रिकार्ड कहते हैं।

प्रश्न 5.
टेबल क्या होता है ? टेबल बनाने के अलग-अलग तरीके बताएं।
उत्तर-
किसी खास विषय के लिए इकट्ठा किया डाटा, टेबल कहलाता है। एक डाटाबेस में बहुत सारे टेबल होते हैं। टेबल बनाने के अलग-अलग तरीके इस प्रकार हैं-

  1. Create Table In Design View.
  2. Create Table In Wizard View.
  3. Create Table by Entering Data.

प्रश्न 6.
टेबल का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
टेबल के बीच के डाटे को अपनी ज़रूरत अनुसार देखने और बदलने के लिए फार्म प्रयोग किए जाते हैं। User को टेबल के साथ जोड़ने के लिए फार्म सबसे अच्छा तरीका है।

प्रश्न 7.
रिपोर्ट क्या होती है ?
उत्तर-
यह टेबल या Queries के डाटे को दिखाने और छापने के लिए प्रयोग की जाती है। आप रिपोर्ट के बीच के डाटे को संपादन नहीं कर सकते।

3. बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
डाटाबेस डिजाइन के लिए आवश्यक दिशा निर्देश कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
डाटाबेस डिज़ाइन करने से पहले आप को कुछ दिशा निर्देश मानने पड़ेंगे। ये दिशा निर्देश आप को एक अच्छा डाटाबेस बनाने में मदद करेंगे-

  1. अपनी ज़रूरत अनुसार आप सभी फील्ड को ढूंढें जिन में आप की ज़रूरत के अनुसार जानकारी भरी जा सकती है।
  2. डाटाबेस को अच्छा बनाने के लिए डाटा के हर एक फील्ड को छोटे-छोटे महत्त्वपूर्ण हिस्से में बांटना चाहिए।
  3. ग्रुप के संबंधित फील्ड को टेबल में बनाएं।
  4. सभी टेबलों में एक मुख्य कुंजी लगाएं।
  5. टेबल में एक ऐसा फील्ड चाहिए जो आम हो।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय

प्रश्न 2.
Design View में टेबल कैसे बनाया जाता है ?
उत्तर
1. टेबल ग्रुप में कान्टेंट टैब पर टेबल बटन पर क्लिक करें। इससे एक नए खाली टेबल डाटाशीट में एक छोटी Window खुल जायेगी।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय 1

2. डाटे को डालते समय फील्ड भरना-डाटाशीट व्यू में डाटा Excel की वर्कशीट की तरह ही डाला जाता है। इसमें डाटा लगातार रोअज़ और कालम में दाखिल होता है। डाटाशीट व्यू में ऊपर दाईं (Left) तरफ क्लिक करें। जब भी कभी डाटाशीट व्यू में कोई नया कालम डालना होता है तो यह टेबल में एक नया फील्ड बना देता है। डाटाशीट व्यू में हर टेबल में अक्सैस अपने आप एक डाटाशीट के दाईं तरफ एक फील्ड बना देता है जिस को हम आई-डी (ID) कहते हैं। यह फील्ड अपने आप में प्राइमरी कीअ की तरह काम आता है।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय 2

3. डाटा दाखिल करते समय फील्ड को भरना –

  • Click to Add Column में पहले सैल पर क्लिक करो। इस के बाद अपने टेबल की आईटम में डाटा दाखिल करें। कालम में बाई (Right) तरफ जाने के लिए टैब (Tab) अथवा Enter कीअ को दबायें। अक्सैस अपने आप आई-डी फील्ड में 1 नंबर डाल देगा। जब भी हम कोई रोअज़ को सिलैक्ट करते हैं, वह अपने आप पैन्सिल में बदल जाता है। जब भी कोई रिकॉर्ड (Record) को डाला जाता है पर उस को सेव (Save) नहीं किया जाता है।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय 3

  • रोअज़ आईकन में पैन्सिल पर क्लिक करें। इस तरह पहला रिकॉर्ड सेव (Save) हो जायेगा। जिसका नंबर 1 होगा। इस तरह आपका सारा रिकार्ड सेव (Save) हो जायेगा।
  • इसी तरह आप डाटा आईटम डालते जाएं और Enter or Tab कीअ दबाते जायें।

(4) जब आप पहले रिकॉर्ड में डाटा दाखिल कर देते हैं तो आप रिकॉर्ड को सेव (Save) करने के लिए किसी भी रोअज़ पर क्लिक करें। आप जितना डाटा डालें उसके बाद टेबल को सेव कर लें।

प्रश्न 3.
डिज़ाइन दृश्य में टेबल कैसे तैयार किया जाता है ?
उत्तर-
जब भी आप डिज़ाइन दृश्य में टेबल बनाना चाहते हैं। आप को अपनी डाटाशीट पर बहुत ध्यान देना पड़ेगा। पहले हमें डिज़ाइन दृश्य में टेबल का ढांचा बनाना पड़ता है और बाद में डाटाशीट में जा कर डाटा को दाखिल करना पड़ता है।

डिज़ाइन दृश्य में पहले Object Window में दिए पेज़ नज़र आते हैं। उसमें पहला Field object पेज़ होता है जो window में दाईं तरफ होता है। इस का प्रयोग field name बताने के लिए और डाटा टाइप बनाने के लिए किया जाता है।

इस का दूसरा क्षेत्र है Property पेन है। यह window के नीचे दिखाई देता है जिस में फील्ड की प्रापर्टी के बारे में बताया जाता है। फील्ड प्रापर्टी में जो प्रापर्टीज़ होती है वह हमारी तरफ से दिए गए मूल्य पर निर्भर करती है। डिज़ाइन दृश्य में टेबल बनाने के स्टैप

  • Create table में टेबल ग्रुप में टेबल डिज़ाइन बटन पर क्लिक करो। Object window में एक खाली टेबल आ जायेगा।
  • फील्ड नेम कॉलम में पहले फील्ड नेम लिखें। फील्ड नेम 64 अंग्रेज़ी के अक्षर हो सकते हैं जिनमें लैटर, नंबर, स्पेस आदि हो सकते हैं।
  • डाटा टाइप कॉलम में नीचे ऐरो पर क्लिक करें और लिस्ट में से डाटा टाइप चुनें।
  • Description कॉलम में फील्ड की Description टाइप करें।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय 4

और फील्ड लेकर स्टैप 2 से 4 दुबारा करें। सारे फील्ड भरने के बाद टेबल को सेव करें।

प्रश्न 4.
फिल्टर क्या होता है ? इसको कैसे लगाया जाता है ?
उत्तर-
M.S. Access में फिल्टर एक ऐसा तरीका है जो आप को वही डाटा दिखाता है जिसकी आप को ज़रूरत होती है।
डाटा फिल्टर लगाने के स्टैप-
1. आप जिस फील्ड पर फिल्टर लगाना चाहते हैं, उस फील्ड के साथ के Drop down Arrow पर क्लिक करें। हम कक्षा के आधार पर फिल्टर लगाएं। क्योंकि हम पूरी कक्षा में उन विद्यार्थियों की सूची देखना चाहते हैं जो कि पास अथवा फेल हुए हैं।
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2. एक चैक लिस्ट के साथ एक Drop down मीनू सामने आ जायेगे। फिल्टर के प्रणाम में चैक लगी हुई items ही दिखाई देगी। आगे लिखी हुई ऑप्शन पर आप फैसला कर सकते हो किस फिल्टर में आप कौन-सी आईटम ला सकते हो।

  • किसी एक आईटम को एक समय सिलैक्ट या डीसिलैक्ट करने के लिए Check box पर क्लिक करें। यहाँ पर हम अकेले कक्षा में फिल्टर लगाना चाहते हैं और बाकी बची आप्शन को छोड़ देंगे।
  • हर एक आईटम को फिल्टर लगाने के लिए सिलैक्ट आल पर क्लिक करें और दूसरी बार क्लिक करने पर सभी आईटम डी-सिलैक्ट हो जायेगी।
  • ब्लैंक (Blank) पर क्लिक करने पर फिल्टर वही रिकॉर्ड सामने दिखाई देंगे जिस में कई फील्ड होंगे।
  • OK पर क्लिक करके फिल्टर चालू हो जाएगा।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय

प्रश्न 5.
सोर्टिंग (Sorting) क्या है ? सोर्टिंग को आप अपने डॉक्यूमैंट पर कैसे लगायेंगे ?
उत्तर-
सोर्टिंग-आप डाटाबेस में जो रिकॉर्ड देखते हो वही नज़र आयेगा। जैसे कि सबसे पहला रिकॉर्ड और उसके बाद दूसरा रिकॉर्ड। इस तरह हम आसानी से स्क्रोल (Scroll) करके किसी भी रिकॉर्ड को ढूंढ़ सकते हैं। अक्सैस में रिकॉर्ड उनकी आई०डी० के आधार पर सोर्टिंग करता है। उदाहरण के लिए-कक्षा से संबंधित डाटाबेस को कई प्रकार से सोर्टिंग कर सकते हैं।

  • विद्यार्थी को नतीजे, उनके नाम, अथवा नंबरों के आधार पर हम डाटे को शोर्ट (Sort) कर सकते
  • रोल नंबर और नाम के आधार पर
  • कक्षा के आधार पर

विद्यार्थी के टेबल को सोर्ट करने का तरीका :
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय 6
1. होम टैब टेबल पर क्लिक करें और सोर्टिंग और फिल्टर ग्रुप पर जायें।
2. फील्ड को सोर्ट करें। चढ़ते अथवा ढलते क्रम कमांड को सिलैक्ट करें।

  • टैक्सट को A to Z और नंबर को छोटे से बड़े तक सोर्टिंग करने के चढ़ते क्रम को सिलैक्ट करें।
  • चढ़ते क्रम को सिलैक्ट करें, जिससे टैक्सट Z to A और नंबर की बड़े से छोटे अंक पर सोर्टिंग करना चाहते हैं।

3. अब आप टेबल को सिलैक्ट करें फील्ड के अनुसार सिलैक्ट हो जायेगा।

प्रश्न 6.
एम०एस० अक्सैस में रिपोर्ट कैसे बनाई जाती है ?
उत्तर-
अक्सैस में रिपोर्ट आप को इकट्ठे किये डाटे की अपनी सुविधा अनुसार प्रिंट करने की सुविधा प्रधान करता है। आप अपने टेबल और Queries के आधार पर रिपोर्ट बना सकते हैं।
रिपोर्ट बनाने के कई तरीके हैं पर यहां पर हम विजार्ड के साथ रिपोर्ट बनायेंगे। रिपोर्ट बनाने का तरीका

  1. अपना डाटा बेस खोलें।
  2. Report टैब पर क्लिक करें।
  3. Create a Report by using wizard आप्शन पर क्लिक करें।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय 7

4. एक टेबल का चुनाव करें, जिस पर आधारित रिपोर्ट तैयार करनी है।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय 8
5. टेबल के बीच वाले फील्डस ज़रूरत के अनुसार चुनें।
6. Next बटन पर क्लिक करें।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय 9
7. अपनी रिपोर्ट के लिए ज़रूरत अनुसार जानकारी दें और Next पर क्लिक करें।
8. फील्ड स्टोर करने के संबंध में जानकारी दें और Next बटन पर क्लिक करें।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय 10
9. रिपोर्ट का ले आऊट निर्धारित करें और Next बटन पर क्लिक करें।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय 11
10. रिपोर्ट का स्टाइल चुनें।
11. First बटन पर क्लिक करें।

PSEB 8th Class Computer Guide एम०एस० अक्सैस से परिचय Important Questions and Answers

रिक्त स्थान भरें

1. एम०एस० अक्सैस ……………………………………….. मैनेजमैंट सिस्टम है।
उत्तर-
रिलेशनल डाटाबेस,

2. टेबल में डाटा ………………… और …………….. रखा जाता है।
उत्तर-
रिकार्ड, फील्ड,

3. अक्सैस में टैक्सट, नंबर आदि ………….. टाइप इस्तेमाल की जाती है।
उत्तर-
डाटा,

4. ………………….. टेबल बनाना बहुत आसन है।
उत्तर-
डाटाबेस,

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय

5. डाटाबेस बनाने के लिए पहले ………… जाता है और फिर उस में डाटा दाखिल किया जाता है।
उत्तर-
टेबल बनाया।

सही या गलत बताइये-

1. एम०एस० अक्सैस एक स्प्रेडशीट पैकेज है।
उत्तर-
गलत,

2. अक्सैस में टेबल तीन ढंगों के द्वारा बनाया जा सकता है।
उत्तर-
सही,

3. टेबल में डाटा को सम्पादन (Edit) रखना संभव नहीं।
उत्तर-
गलत,

4. हम दो टेबलज़ के बीच में संबंध स्थापित कर सकते हैं।
उत्तर-
सही,

5. रिपोर्ट के बीच में डाटे को बदला नहीं जा सकता।
उत्तर-
सही,

6. डाटाबेस एक दूसरे से संबंधी रिकार्डज़ का इकट्ठ नहीं होता।
उत्तर-
गलत।

सही मिलान करें-

A B
1. अक्सैस 1. स्टूडेंट रोल नंबर
2. टेबल 2. टैक्सट, नंबर, डेट एंड टाइम
3. फील्ड 3. डाटा दाखिल करवाने के लिए टेबल
4. डाटा टाइप्स 4. डाटाबेस साफ्टवेयर
5. डाटाशीटव्यु 5. रोअज़ और कॉलमज

उत्तर-

A B
1. अक्सैस डाटाबेस साफ्टवेयर
2. टेबल रोअज़ और कॉलमज़
3. फील्ड स्टूडेंट रोल नंबर
4. डाटा टाइप्स टैक्सट, नंबर, डेट ऐंड टाइम
5. डाटाशीट व्यू डाटा दाखिल करवाने के लिए टेबल।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
टेबल बनाने के भिन्न-भिन्न तरीकों के नाम बताइये।
उत्तर-
टेबल नीचे लिखे तीन तरीकों से बनाया जा सकता है

  1. डिज़ाइन व्यू के द्वारा
  2. विज़ार्ड के द्वारा
  3. डाटा ऐंटरी के द्वारा।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय 12

प्रश्न 2.
फार्म क्या होता है ?
उत्तर-
फार्म टेबल में डाटा एंटर करने का एक माध्यम है। इस में हम डाटे को अपनी ज़रूरत के अनुसार दिखा सकते हैं।

प्रश्न 3.
कोई 5 डाटा टाइप्स के नाम बताइये।
उत्तर-
डाटा टाइप्स नीचे लिखे प्रकार के हो सकते हैं –

  1. टैक्सट
  2. नंबर
  3. डेट/टाइप
  4. यैस/नौ
  5. मिमो
  6. करंसी
  7. आटो नंबर
  8. हाईपरलिंक।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय

प्रश्न 4.
कुएरीज़ क्या होती है ?
उत्तर-
कुएरीज़ टेबल से डाटा प्राप्त करने का साधन है। यह एक लाइन या स्टेटमैंट होती है जो DBMS को भेजी जाती है जिस का जवाब वो सूचना के रूप में देता है।

प्रश्न 5.
नई डाटाबेस फाइल बनाने का तरीका बताइये ।
उत्तर-
नई डाटाबेस फाइल नीचे लिखे तरीके से बनाई जा सकती है-

  1. File मीनू पर क्लिक करें।
  2. New → Blank Data Base पर क्लिक करें।
  3. डाटाबेस फाइल का नाम टाइप करें।
  4. Create बटन पर क्लिक करें। (डाटाबेस फाइल तैयार हो जायेगी)

प्रश्न 6.
अक्सैस में डाटा किस रूप में होता है ?
उत्तर-
टेबल।

प्रश्न 7.
एम० एस० अक्सैस को शुरू करने का तरीका क्या है ?
उत्तर-
Start → All Programme → Microsoft Office – MS-Access.

प्रश्न 8.
फील्ड क्या है ?
उत्तर-
फील्ड एक ही तरह के डाटा आईटम का सैट होता है। एक टेबल में बहुत फील्ड होते हैं। उदाहरणः विद्यार्थी का टेबल।

प्रश्न 9.
डाटा टाइप क्या है ?
उत्तर-
फील्ड की डाटा टाइप यह बताती है कि इसमें किस प्रकार का डाटा स्टोर किया जा सकता है। उदाहरण के लिए विद्यार्थी की माँ की डाटा टाइप Characters.

उत्तर-
माइक्रोसॉफ्ट अक्सैस एक डाटाबेस पैकेज है, जो अमरीका के माइक्रोसॉफ्ट कार्पोरेशन नामक कम्पनी द्वारा विकसित किए गए पैकेज माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस (Microsoft Office) का एक भाग है। यह एक रिलेशनल डाटाबेस पैकेज है, जिसमें डाटा को सारणियों के रूप में रखा जाता है।

प्रश्न 11.
एम० एस० अक्सैस की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर-
एम० एस० अक्सैस में सभी प्रकार के डाटा को सारणियों में रखा जाता है। कोई सारणी किसी डाटा फील्ड के आधार पर अन्य सारणियों में सम्बन्धित हो सकती है। सारणियों में डाटा प्रविष्टि फार्म की सहायता से डाटा भरा और सुधारा जा सकता है। हम कुऐरियों द्वारा अपनी आवश्यकता का डाटा प्राप्त कर सकते हैं। सूचनाओं को रिपोर्टों में प्रस्तुत किया या छापा जा सकता है। एम० एस० अक्सैस में हम डाटा प्रविष्टि के समय ही डाटा की वैधता की जाँच कर सकते हैं।

प्रश्न 12.
एम० एस० अक्सैस में कोई सारणी क्या होती है?
उत्तर-
एम० एस० अक्सैस में कोई सारणी एक जैसे ढांचे वाले रिकार्डों का संग्रह होती है। प्रत्येक रिकार्ड में एक वस्तु के बारे में सूचनाएँ भरी जाती हैं। कोई रिकार्ड किसी वस्तु के बारे में कई डाटा फील्डों का संग्रह होता है। उदाहरण के लिए, यदि हम किसी कक्षा के विद्यार्थियों के बारे में एक सारणी बना रहे हैं, तो उसमें प्रत्येक विद्यार्थी के लिए एक रिकार्ड होगा। एक रिकार्ड में रॉल नं, नाम, पिता का नाम, जन्म तिथि, उम्र, लम्बाई , वज़न आदि डाटा फील्ड हो सकते हैं। किसी सारणी के सभी रिकार्डों में डाटा फील्ड एक जैसे और एक ही क्रम में होने चाहिए।

प्रश्न 13.
एम० एस० अक्सैस में कितने भिन्न-भिन्न डाटा टाइप उपलब्ध हैं?
उत्तर-
एम०एस० अक्सैस में कई डाटा टाइप उपलब्ध हैं। उनमें से मुख्य डाटा टाइप उनके आकार सहित निम्नलिखित हैं –
पाठ्य (Text) अधिकतम 255 चिन्हों तक
संख्या (Number) 1, 2, 4 या 8 बाइट
तारीख/समय (Date/Time) 8 बाईट
हाँ/नहीं (Yes/No 1 बिट
मेमो (Memo) 64000 चिह्नों तक

प्रश्न 14.
एम० एस० अक्सैस में कितने प्रकार के संख्यात्मक फील्ड स्टोर किये जा सकते हैं? उनके आकार का भी उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
एम० एस० अक्सैस में निम्नलिखित प्रकार के संख्यात्मक फील्ड उपलब्ध हैं।
बाइट (Byte)- इनमें 0 से 255 तक प्राकृतिक संख्याओं को स्टोर कर सकते हैं। आकार 1 बाइट।
पूर्णांक (Integer)- इसमें -32768 से 32767 तक पूर्ण संख्याएँ स्टोर की जा सकती हैं। आकार 2 बाइट।
लम्बा पूर्णक (Long Integer)- इसमें -2147483648 से 2147483647 तक पूर्णांक स्टोर किए जा सकते हैं। आकार 4 बाइट।
सिंगल (Single)- इसमें 6 सार्थक अंकों तक की संख्याएँ स्टोर की जा सकती हैं, जिनका विस्तार3,402823×1034 से 3,402823×1038 तक होता है। आकार 4 बाइट।
डबल (Double)- इसमें 10 सार्थक अंकों तक की संख्याएँ स्टोर की जा सकती हैं, जिनका विस्तार -1.7976934862325×10304 से 1.7976934862323 x10308 तक होता है। इसका आकार 8 बाइट होता है। (यह डिफॉल्ट टाइप भी है।)

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय

प्रश्न 15.
डाटा वैधता परीक्षण क्या होता है? यह कैसे किया जाता है ?
उत्तर-
डाटा वैधता परीक्षण किसी डाटा को डाटाबेस में जोड़ने से पहले उसके सही और सम्भव होने की जाँच करने की प्रक्रिया को कहा जाता है। यह मुख्यतः दो स्तरों पर किया जाता है- पहला, फील्ड स्तरीय और दूसरा, रिकार्ड स्तरीय। इन दोनों स्तरों के लिए, हम कुछ वैधता नियम तैयार करते हैं। यदि कोई डाटा किसी वैधता नियम पर खरा नहीं उतरता, तो उसे डाटाबेस में नहीं जोड़ा जाता और स्क्रीन पर उस डाटा को सही करने के लिए वैधता पाठ्य को चेतावनी के रूप में प्रदर्शित किया जाता है।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 4 डी०बी०एम०एस० से परिचय

Punjab State Board PSEB 9th Class Computer Book Solutions Chapter 4 डी०बी०एम०एस० से परिचय Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Computer Chapter 4 डी०बी०एम०एस० से परिचय

Computer Guide for Class 9 PSEB डी०बी०एम०एस० से परिचय Textbook Questions and Answers

1. रिक्त स्थान भरें

1. डी० बी० एम० एस० का पूरा नाम ………….. है।
(क) डाटाबेस मैनेजर सिस्टम
(ख) डाटाबेस मैनेजिंग सिस्टम
(ग) डाटाबेस मैनेजमैंट सिस्टम
(घ) डाटाबेस मैसजर सॉफ्टवेयर।
उत्तर-
(ग) डाटाबेस मैनेजमैंट सिस्टम।

2. डाटाबेस को संभालने की ज़िम्मेदारी ………………………….. की होती है।
(क) डाटाबेस मास्टर
(ख) डाटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर
(ग) यूज़र
(घ) आम व्यक्ति।
उत्तर-
(ख) डाटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर।

3. प्रोसैसिंग के बाद डाटा ……………………. में बदल जाता है।
(क) डाटाबेस
(ख) सूचना
(ग) एन०टी०टी०
(घ) सॉफ्टवेयर।
उत्तर-
(ख) सूचना।

4. एक-दूसरे से सम्बन्धित समूह को ………………………… तैयार करते हैं।
(क) डाटाबेस
(ख) डी०बी०एम०एस०
(ग) डी०बी०ए०
(घ) फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम।
उत्तर-
(घ) फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 4 डी०बी०एम०एस० से परिचय

5. एक ही डाटाबेस की एक ही जैसे डाटा की स्टोर करने की प्रक्रिया का डाटा ……………………………. होती है।
(क) इंटीग्रीटी
(ख) रिडुयनसी
(ग) आवजैक्स
(घ) फौरन की।
उत्तर-
(ख) रिडुयन.सी।

6. …………………………….. एक विल्क्षण की होती है।
(क) प्राइमरी की
(ख) फौरन की
(ग) इलैक्ट्रोनिक की
(घ) डाटाबेस की।
उत्तर-
(क) प्राइमरी की।

2. पूरे नाम बताओ

1. DBA
2. DBMS
3. SQL
उत्तर-
1. DBA-डाटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर
2. DBMS-डाटाबेस मैनेजमैंट सिस्टम
3. SQL-सट्रक्चर कुएरी लेंगुएज़।

3. छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
डाटाबेस से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
डाटाबेस व्यवस्थित सूचनाओं का समूह होता है जो कम्प्यूटर में स्टोर होता है। डाटाबेस से यूज़र सूचना भी प्राप्त कर सकता है।

प्रश्न 2.
सम्बन्ध कौन-कौन से होते हैं ?
उत्तर-

  1. एक से एक (1-1)
  2. एक से अनेक (1-M)
  3. अनेक से अनेक (M-M).

प्रश्न 3.
भिन्न-भिन्न प्रकार के डी० बी० ए० के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. एडमिनिस्ट्रेटर डी० बी० ए०
  2. डिवेलपमेंट डी० बी० ए०
  3. आर्किटैक्ट डी० बी० ए०
  4. वेयर हाऊस डी० बी० ए०।

प्रश्न 4.
SQL क्या हैं ?
उत्तर-
यह एक हाई लैवल भाषा है जो रिलेशनल डाटाबेस में डाटा को संभालने, नियंत्रण करने, बदलने के लिए प्रयोग की जाती है।

प्रश्न 5.
कीज़ कितने प्रकार की होती हैं ?
उत्तर-

  • सुपर कीअ
  • कैंडीडेंट कीअ
  • प्राइमरी कीअ
  • कंपोजिट कीअ
  • फौरन की।

4. बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
नारमलाइज़ेशन के बारे बताओ। यह कितनी प्रकार की होती है ?
उत्तर-
नारमलाइज़ेशन एक वैज्ञानिक विधि है जिसके द्वारा टेबल को आसान तरीके से यूज़र को समझने योग्य रूप में बदला जा सकता है। टेबल में रिडुयनडेंसी को कम करने के लिए और डाटाबेस इनकनसिसटैंसी को कम करने और अपने डाटाबेस को मज़बूत करने के लिए आगे कुछ पग दिये हैं।

  • सब टेबल में एक आइडेंटीफाईर ज़रूरी होना चाहिए।
  • सब टेबल में एक टाइप का एन०टी०टी० स्टोर होना चाहिए।
  • नल वैल्यू को कम-से-कम स्टोर करना चाहिए।
  • वैलयूज़ बार-बार कम आनी चाहिए।

आमतौर पर नारमल फारमज़ पांच होती है।

  1. First Normal Form (INF)
  2. Second Normal Form (2NF)
  3. Third Normal Form (3NF)
  4. Fourth Normal Form (4NF)
  5. Boyce coded Normal Form (BCNF).

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 4 डी०बी०एम०एस० से परिचय

प्रश्न 2.
फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम क्या है ? इसके लाभ तथा हानियां क्या हैं ?
उत्तर-
कम्प्यूटर आने से पहले सारी सूचना कागज़ों के ऊपर स्टोर की जाती थी। जब सब सूचना ढूँढ़नी हो तो कागज़ को देखना होता था।
फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम के लाभफाइल प्रोसैसिंग सिस्टम में निम्नलिखित लाभ हैं :

  1. तकनीकी जानकारी की आवश्यकता नहीं-फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम में किसी भी प्रकार की खास कम्प्यूटर या साफ्टवेयर की जानकारी की आवश्यकता नहीं होती। .
  2. कम डाटा में आसानी-फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम में कम डाटा के साथ काम करने में आसानी होती है।
  3. समझने में आसानी-फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम में डाटा की स्ट्रक्चर को समझना डी०वी०एम०एस० से आसान होता है।
  4. सस्ता-फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम की कीमत कम होती है।
  5. सरल-फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम सरल होता है।
  6. फालतू हार्डवेयर की आवश्यकता नहीं-आम करके फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम में किसी हार्डवेयर की आवश्यकता नहीं होती।
  7. आसान जगह बदली-फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम में डाटा की आसानी से जगह बदली जा सकती है। सिर्फ फाइलें कापी तथा पेस्ट ही करनी होती हैं।

फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम के हानियांफाइल प्रोसैसिंग सिस्टम में निम्नलिखित हानियां हैं :
डाटामैपिंग अकसैस-सब संबंधित सूचना को अलग-अलग फाइल में स्टोर करना होता है पर इनमें किसी भी प्रकार की मैपिंग नहीं होती है।

डाटा रिडुयनहुँसी-डुपलीकेट डाटा को वैलिडेट करने के लिए फाइल सिस्टम में कोई भी तरीका नहीं होता है। फाइल सिस्टम में डुपलीकेट डाटा को संभाला नहीं जा सकता। क्योंकि इससे स्पेस घटती है जिससे डाटा को हमेशा संभाल के रखने में मुश्किल होती है। इससे डाटाबेस संभाल सकते हैं।

डाटा डिपेंडेंस-फाइल में डाटा एक विशेष प्रकार से स्टोर किया जाता है ; जैसे कि टैब, कोमा या सैमीकालम जब फाइल का फारमैट बदल दिया जाए। वह फाइल प्रोसैस करने के लिए पूरा प्रोग्राम बदलना पड़ेगा। सारा डाटा खराब हो जाएगा। क्योंकि बहुत प्रोग्राम फाइल का प्रयोग करते हैं। इससे फाइलों का प्रयोग काफी मुश्किल हो जाता है।

डाटा इनकनसिसटेंसी-एक ही प्रकार के डाटा की भिन्न कापियों में कोई अंतर नहीं होना चाहिए। इस प्रकार के डाटा को इनकनसिसटैंसी कहते हैं। इसका कारण है कि फाइल की सही सूची नहीं बनी होती जिसके कारण डाटा की एक जैसी कापी नहीं होती है।

सुरक्षा-हर फाइल को पासवर्ड लागकर सुरक्षित किया जाता है। परंतु अगर फाइल में से हम कोई रिकार्ड देखते हैं जैसे कि किसी भी यूज़र ने अपना नतीजा देखना हो तो यह फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम में बहुत मुश्किल होता है।

प्रश्न 3.
DBMS क्या है ? इसकी लाभ तथा हानियां बताओ।
उत्तर-
DBMS का पूरा नाम डाटाबेस मैनेजमैंट सिस्टम है। यह एक सॉफ्टवेयर होता है। जो यूज़र को डाटाबेस बनाने, संभाल कर रखने, कन्ट्रोल करने और देखने की आज्ञा देता है। DBMS वास्तव में प्रोग्रामों का एक समूह है जो यूज़र को स्टोर करने, बदलने और डाटाबेस में से संक्षेप सूचना निकालने की स्वीकृति देता है।
DBMS के लाभ-

  • यह अधिकता को कंट्रोल करता है।
  • डाटा का मॉडल बनाया जा सकता है।
  • डाटा की साझेदारी की जा सकती है।
  • अशुद्धता लागू होती है।
  • इसका उचित स्तर होता है।
  • इसे बिना आज्ञा कोई व्यक्ति नहीं चला सकता और न ही देख सकता है।
  • निजी ज़रूरतों से लेकर उद्योगों की ज़रूरतें पूरी करता है।
  • इससे ज़्यादा यूज़र इकट्ठे कार्य कर सकते हैं।
  • इसमें बैकअप की यूटिलिटी भी होती है।

हानियां

  1. यह जटिल होता है।
  2. इसका छोटे कम्प्यूटर पर उच्च स्तर पर प्रयोग नहीं हो सकता।
  3. खराब होने का खतरा अधिक होता है।
  4. आकार काफ़ी बड़ा होता है।
  5. इसका मूल्य काफ़ी अधिक होता है।
  6. अतिरिक्त हार्डवेयर की ज़रूरत पड़ती है।
  7. परिवर्तन का मूल्य काफ़ी अधिक होता है।

प्रश्न 4.
एन० टी० टी० क्या होता है ? इसकी किस्मों के बारे में बताएं।
उत्तर-
वह चीज़ जिसकी जानकारी हम डाटा के रूप में डाटाबेस में स्टोर करते हैं। उसे एन० टी० टी० कहते हैं।

  1. एन० टी० टी० किस्में1. कमज़ोर एन० टी० टी०-यह एक ऐसी एन० टी० टी० है। जो आपके एट्रीब्यूट्स से अलग नहीं पहचानी जा सकती।
  2. बढ़िया एन० टी० टी०- इस में प्राइमरी कीअ लगी होती है। यह एन० टी० टी० बढ़िया से जान सकते हैं। यह डाटा से अलग हो जाती है।

प्रश्न 5.
डाटा मॉडल क्या होता है ? इस के भागों के बारे में बताएं।
उत्तर-
डाटा मॉडल वह तरीका है जो हमें डाटाबेस स्ट्रक्चर के बारे में जानकारी देता है। यह तीन प्रकार के होते हैं।
1. ऑब्जैकट ओरीऐंटिड मॉडल-यह लाइन दर लाइन डाटा का वर्णन करते हैं। यह पाँच प्रकार के होते हैं।

  • बाइनरी मॉडल
  • फंकशन मॉडल
  • एन० टी० टी० रिलेशनशिप
  • ऑब्जैकट ओरऐंटिड मॉडल
  • सिमेटिक डाटा मॉडल।

2. रिकार्ड बेस लॉजीकल मॉडल-यह लाइन दर लाइन डाटा का वर्णन करते हैं। पर यह एक फारमैट का प्रयोग करते हैं। इसमें हर एक रिकार्ड के अपने एट्रीब्यूट्स और फील्डस होते हैं, जिसे एक निश्चित अधिकार होता है। यह तीन प्रकार के होते हैं।

  1. नेटवर्क मॉडल
  2. रिलेशनल मॉडल
  3. हैरारीकल मॉडल।

3. फिजीकल डाटा मॉडल-फिजीकल डाटा मॉडल का प्रयोग डाटाबेस में से नीचे लेवल के डाटा का वर्णन करने के लिए किया जाता है।
यह इस प्रकार है-

  • एन० टी० टी०-यह डाटाबेस के अलग-अलग वस्तु के बारे में जानकारी देता है।
  • एट्रीब्यूट-यह प्रयोगकर्ता के नाम, पता आदि के एन० टी० टी० के बारे में जानकारी देता है।
  • एन० टी० टी० सेट-यह एन० टी० टी० सैट और एट्रीब्यूट सुमेल से बनता है। इसमें अलग-अलग ऐन० टी० टी० और एट्रीब्यूट स्टोर की जाती है।
  • रिलेशनशिप-हम जिस भी एन० टी० टी० का प्रयोग कर सकते हैं। वह आपसी डाटाबेस में किसी अन्य एन० टी० टी० से भी जुड़ी हो सकती है। इसी को रिलेशनशिप या संबंध कहते हैं।

PSEB 8th Class Computer Guide डी०बी०एम०एस० से परिचय Important Questions and Answers

रिक्त स्थान भरें

1. प्रोसैस के बाद डाटा …………….. में बदल जाता है।
उत्तर-
सूचना,

2. ………. एक बहुत सारे डाटा का समूह है।
उत्तर-
रिकार्ड,

3. ……………… सिस्टम में डाटा की फाइलों के रूप में संभाला जाता है।
उत्तर-
कम्प्यूट्रीकृत डाटाबेस,

4. एक-दूसरे के साथ सम्बन्धित रिकार्ड के समूह को ……………… कहा जाता है।
उत्तर-
फाइल,

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 4 डी०बी०एम०एस० से परिचय

5. फाइल प्रोसैसिंग में ……………… के अवसर अधिक है।
उत्तर-
डुप्लीकेसी,

6. ……………… व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह है जो डाटाबेस प्रणाली का नियंत्रण करता है।
उत्तर-
डाटाबेस, एडमिनिस्ट्रेटर।

सही या गलत बताइये

1. प्रोसैस (प्रक्रिया) किये डाटा को सूचना कहा जाता है।
उत्तर-
सही,

2. डाटाबेस में सुरक्षा और प्रबन्ध करने के गुण होते हैं।
उत्तर-
सही,

3. DBMS को सम्भालने की ज़िम्मेवारी DBA की नहीं।
उत्तर-
गलत,

4. एक दूसरे से सम्बन्धित डाटा आइटम के समूह को रिकार्ड कहा जाता है।
उत्तर-
सही,

5. सम्बन्धित डाटा आइटम के समूह को फाइल कहा जाता है।
उत्तर-
गलत।

पूरे नाम बताइये

1. DBA
2. DBMS
उत्तर-
1. DBA-Data Base Administrator
2. DBMS-Data Base Management System

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
डाटा और इनफॉरमेशन क्या होता है ?
उत्तर-
डाटा-डाटा कच्चे पदार्थ होते हैं जिन पर कम्प्यूटर प्रोग्राम काम करते हैं। इनफॉरमेशन-प्रोसैस किये गए डाटा को इनफॉरमेशन कहते हैं।

प्रश्न 2.
डाटा बेस एप्लीकेशन का प्रयोग कहां होता है ?
उत्तर-

  • इसके प्रयोग से बैंकों के अकाऊंट्स की संभाल की जाती है।
  • एयरलाइन रिज़रवेशन और एनफॉरमेशन शेडयूल के लिए।
  • संस्था की महीने वार स्टेटमैंट बनाने के लिए।
  • दूर-संचार के लिए।

प्रश्न 3.
डाटा रिडुयन.सी क्या होता है ?
उत्तर-
किसी डाटाबेस में एक ही प्रकार के डाटा को बार-बार स्टोर करने की स्थिति को डाटा रिडुयन.सी कहते हैं।

प्रश्न 4.
एन० टी० टी० रिलेशनशिप डायाग्राम क्या है ?
उत्तर-
E-R Diagram एक ऐसा तरीका है जिसके साथ हम किसे भी Entity को बताने वाले । Atributes को लाजिकली दर्शा सकते हैं।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 4 डी०बी०एम०एस० से परिचय 1

प्रश्न 5.
डाटा (Data) क्या होता है ?
उत्तर-
कच्चे तथ्यों, अंकों, अक्षरों, शब्दों आदि के इकट्ठ को डाटा कहा जाता है। इनका अपने आप में कोई अर्थ नहीं होता।

प्रश्न 6.
सूचना (Information) क्या होती है ?
उत्तर-
प्रोसैसड डाटे को सूचना कहा जाता है। जब हम डाटे की अपनी ज़रूरत अनुसार किसी खास रूप में ढाल देते हैं, उसको सूचना कहा जाता है।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 4 डी०बी०एम०एस० से परिचय

प्रश्न 7.
डाटाबेस (Database) से क्या भाव है ? ।
उत्तर-
सम्बन्धित सूचनाओं का वो इकट्ठ जो एक नाम के नीचे सम्भाला जाता है, उस को डाटाबेस कहते हैं।

प्रश्न 8.
डाटाबेस में कौन-कौन से काम किये जाते हैं ?
उत्तर-
डाटाबेस में नीचे दिये गये काम किये जाते हैं-

  • डाटे को स्टोर करना।
  • डाटे से सूचना तैयार करना।
  • स्टोर की सूचना को दोबारा प्राप्त करना।
  • सूचना को बदलना।
  • अनावश्यक सूचना को डिलीट करना।
  • सूचना को आवश्यक क्रम में लगाना।
  • सूचनाओं के मेल से नई सूचना तैयार करना।

प्रश्न 9.
DBMS के लाभ बताइये।
उत्तर-
DBMS के निम्नलिखित लाभ हैं

  1. यह अधिकता को नहीं होने देता।
  2. यह डाटे को अजोड़ रखता है।
  3. इस में डाटे की साझेदारी की जा सकती है।
  4. इस का उचित स्तर होता है।
  5. इस में डाटा सुरक्षित रहता है।
  6. यह सभी की ज़रूरतें पूरी करता है।
  7. यह बैकअप की रिकवरी की सुविधा प्रदान करता है।
  8. इस में अखण्डता की सुविधा होती है।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित पर नोट लिखें
1. सम्बन्धों की किस्में
2. रिकार्ड
3. फाईल
4. DBA
5. प्राइमरी
6. फौरन की
7. एक से एक सम्बन्ध।
उत्तर
1. सम्बन्धों की किस्में-सम्बन्ध दो या ज़्यादा टेबलों में आपसी सम्बन्ध को दर्शाता है। यह सम्बन्ध अलग-अलग फील्डज़ में होते हैं। यह सम्बन्ध तीन प्रकार के होते हैं-

  • एक से एक सम्बन्ध
  • एक से अनेक सम्बन्ध
  • अनेक से अनेक सम्बन्ध
  1. एक से एक सम्बन्ध-इस में एक टेबल की एक रो का दूजे टेबल की एक रो से सम्बन्ध होता है।
  2. एक से अनेक सम्बन्ध-इस में एक टेबल की एक रो का दूसरे टेबल की एक से ज्यादा रोअज़ से सम्बन्ध होता है।
  3. अनेक से अनेक सम्बन्ध-इस में एक टेबल की एक से ज्यादा रोअज़ का दूसरे टेबल की एक से ज्यादा रोअ से सम्बन्ध होता है।

2. रिकार्ड-एक दूसरे से सम्बन्धित डाटा आइटम के समूह को रिकार्ड कहा जाता है। यह एक टेबल की एक रोअ होती है, जिसमें सारे फील्डज़ की कीमतें शामिल होती हैं। ये सभी कीमतें मिल कर एक रिकार्ड बनाती हैं।

3. फाईल-जब सम्बन्धित जानकारी को एक नाम के नीचे सम्भाला जाता है तो उस को फाईल कहते हैं। यह एक दूसरे से सम्बन्धित रिकार्डज़ का समूह होती हैं।

4. DBADBA का पूरा नाम है डाटाबेस एडमनिस्ट्रेटर (Database Administrator)। इस को डाटाबेस प्रबन्धक भी कहा जाता है। यह उन व्यक्तियों का समूह होता है जो डाटाबेस प्रणाली को नियन्त्रित करते हैं। इसका सभी डाटाबेस पर कण्ट्रोल होता है।

5. प्राइमरी कीअ-किसी टेबल में वो फील्ड या फील्डों का समूह जो अपने आप में विलक्षण होता है, प्राइमरी कीअ कहलाता है। इस कीअ का इस्तेमाल करके टेबल के किसी भी रिकार्ड की प्राप्ति की जा सकती है।

6. फौरन कीअ-वो कीअ जो किसी अन्य टेबल कीअ प्राइमरी की होती है, को पहले टेबल कीअ फौरन कीअ कहा जाता है। यह दो टेबलों में सम्बन्ध स्थापित करती है।

7. एक से एक सम्बन्ध-एक से एक सम्बन्ध वो होता है, जिस में एक टेबल के एक रिकार्ड का किसी दूसरे टेबल की एक ही रिकार्ड से सम्बन्ध होता है।

प्रश्न 11.
डाटाबेस क्या होता है ? साधारण डाटा फाइलों से यह कैसे अधिक उपयोगी है ?
उत्तर-
कोई डाटाबेस आपस में सम्बन्धित डाटा का ऐसा संग्रह होता है, जो एक व्यवस्थित रूप से एक इकाई की तरह एक ही स्थान पर स्टोर किया जाता है। यह साधारण डाटा फाइलों से बहुत अधिक उपयोगी है, क्योंकि हम अपनी आवश्यक सूचनाएँ कई फाइलों को एक साथ मिलाकर प्राप्त कर सकते हैं।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 4 डी०बी०एम०एस० से परिचय

प्रश्न 12.
डाटाबेस बनाने के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
डाटाबेस बनाने के कई लाभ होते हैं, जिनमें से कुछ निम्न प्रकार हैं

  1. डाटा के दोहराव में कमी
  2. कई उपयोगकर्ताओं के बीच डाटा का साझा
  3. डाटा की पूर्णता (Integrity)
  4. डाटा का मानकीकरण (Standardization)
  5. बेहतर डाटा सुरक्षा।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग

Punjab State Board PSEB 9th Class Computer Book Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Computer Chapter 3 नेटवर्किंग

Computer Guide for Class 9 PSEB नेटवर्किंग Textbook Questions and Answers

1. रिक्त स्थान भरें-

1. …………………………. दो या दो से ज्यादा कम्प्यूटरों का सुमेल होता है।
(क) नेटवर्क
(ख) इंटरनेट
(ग) वायरलैस
(घ) टोपोलोजी।
उत्तर-
(क) नेटवर्क।

2. एक आम कम्प्यूटर सिस्टम है जो नैटवर्क में स्रोत को सांझे करने के लिए जुड़ा होता है।
(क) सरबर
(ख) क्लाइंट
(ग) नोड
(घ) लैन तथा वैन
उत्तर-
(क) सरबर।

3. ………………………… एक ऐसा यंत्र होता है जो ज्यादा कम्प्यूटरों को एक समान नैटवर्क डिवाइस से जुड़ने की आज्ञा देता है।
(क) हब
(ख) बस
(ग) रिंग
(घ) स्टार।
उत्तर-
(क) हब।

4. …………………… नेटवर्क के सारे कम्प्यूटर एक केवल को साझा करते हैं तथा डाटा एक दिशा में
जाता है।
(क) सिंगल रिंग
(ख) डयूल रिंग
(ग) MAN
(घ) LAN.
उत्तर-
(क) सिंगल रिंग।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग

5. ……………………… सूचना को बना कर आगे भेजता है।
(क) प्रोटोकाल
(ख) रिसीवर
(ग) सैंडर
(घ) हब।
उत्तर-
(ग) सैंडर।

2. सही या ग़लत बताएं

1. लैन (LAN) एक बहुत बड़े भौगोलिक क्षेत्र में होता है।
उत्तर-
ग़लत,

2. कुल ड्यूलैक्स में सूचना दोनों दिशाओं में भेजी जाती है।
उत्तर-
सही,

3. प्रोटोकॉल डाटा संचार के समय प्रयोग होने वाला नियम है।
उत्तर-
सही,

4. नैटवर्क हमें स्कियोरिटी प्रदान नहीं करता।
उत्तर-
ग़लत,

5. कम्प्यूटर की गिनती बढ़ने से नेटवर्क के कार्य करने की क्षमता बढ़ जाती है।
उत्तर-
ग़लत।

3. छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
किन्हीं चार नैटवर्क टोपोलोजी के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. वस टोपोलोजी
  2. स्टार टोपोलोजी
  3. रिंग टोपोलोजी
  4. ट्री टोपोलोजी।

प्रश्न 2.
नेटवर्किंग में कौन-कौन से कम्प्यूटर प्रयोग किये जाते हैं ?
उत्तर-
नेटवर्किंग में निम्न दो प्रकार के कम्प्यूटर प्रयोग होते हैं-

  • सरबर
  • क्लाइंट।

प्रश्न 3.
राऊटर क्या होता है ?
उत्तर-
राऊटर एक हार्डवेयर डिवाइस है जो डाटा प्राप्त करता है तथा उसका निरीक्षण करने के बाद उसे आगे दूसरे नेटवर्क पर भेजता है।

प्रश्न 4.
हब क्या होता है ?
उत्तर-
हब एक ऐसा यंत्र होता है जो बहुपक्षीय कम्प्यूटरों को एक नैटवर्क डिवाइस के साथ जोड़ता है।

प्रश्न 5.
दो प्रकार की रिंग टोपोलोजी कौन-सी है ?
उत्तर-

  • सिंगल रिंग (Single Ring)
  • डयूल रिंग (Dual Ring)।

4. बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
नेटवर्क क्या होता है ? नेटवर्क के लाभ तथा हानियां बताओ।
उत्तर-
नेटवर्क दो या दो से ज़्यादा कम्प्यूटरों के उस समूह को कहते हैं जिसमें वे आपस में बातचीत कर सकते हैं। ये कम्प्यूटर किसी प्रकार के माध्यम से जुड़े होते हैं। ये कम्प्यूटर आपस में यंत्रों को भी शेयर करते हैं।

नेटवर्क के लाभ

  • इससे डाटा, प्रोग्राम आपस में सांझे किये जा सकते हैं।
  • इससे हम हार्डवेयर तथा साफ्टवेयर शेयर कर सकते हैं।
  • यह कम्यूनीकेशन का एक बढ़िया साधन है।
  • इनके प्रयोग से कम यंत्र ज़्यादा लोग प्रयोग कर सकते हैं।

नेटवर्क की हानियाँ –

  • ये काफी महंगे बनते हैं।
  • नेटवर्क बन्द होने पर सारा कार्य बन्द हो जाता है।
  • नेटवर्क में डाटा की सुरक्षा में सेंध लगा सकती है।
  • इन पर कार्य यूजर को मुश्किल लगता है।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग

प्रश्न 2.
नेटवर्क के कौन-कौन से भाग होते हैं ?
उत्तर-
नेटवर्क के निम्न भाग होते हैं –

  1. कम्प्यूटर-कम्प्यूटर को नोड या क्लाईट भी कहते हैं। यह वह कम्प्यूटर होता है जिस पर सारे स्रोत शेयर किये जाते हैं। इसका प्रयोग यूजर करता है।
  2. सरवर-सरवर वह कम्प्यूटर होता है जो नेटवर्क को कंट्रोल करता है तथा सारा समय नैटवर्क के साथ जुड़ा रहता है। यह एक शक्तिशाली कम्प्यूटर होता है।
  3. नेटवर्क इंटरफेस कार्ड-यह एक सर्कट बोर्ड होता है जिसका प्रयोग कम्प्यूटर को कम्यूनीकेशन मीडिया से जोड़ने के लिए किया जाता है।

निम्न प्रकार के नेटवर्क कार्ड प्रयोग किये जाते हैं-

  • तार वाला
  • बिना तार के।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग 1

हब/स्विच-यह एक ऐसा यंत्र होता है जो ज़्यादा कम्प्यूटरों को आपस में जुड़ने की आज्ञा देता है-
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग 2

राऊटर- यह हार्डवेयर डिवाइस होता है जो डाटा प्राप्त करता है, उसका निरीक्षण करता है तथा दूसरे नेटवर्क पर आगे भेजता है।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग 3

प्रश्न 3.
नेटवर्क की किस्मों के बारे में बताओ।
उत्तर-
कम्प्यूटर नेटवर्क की कई किस्में होती हैं। इनको आकार, प्रयोग आदि के आधार पर कई प्रकार से विभाजित किया जाता है। भौगोलिक आधार से नेटवर्क को निम्न भागों में बांटा जा सकता है।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग 4
1. लैन-लैन का अर्थ है-लोकल एरिया नेटवर्क। इस का प्रयोग छोटी जगह जैसे एक दफ्तर, बिल्डिंग आदि में किया जाता है। इसके द्वारा कई स्रोत तथा यंत्र सांझे किये जा सकते हैं। यह एक सरल नेटवर्क है। इसमें तारों का अधिकतर प्रयोग होता है।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग 5
2. मैन- यह नेटवर्क ज़्यादा बड़े क्षेत्र में फैला होता है। अकसर यह एक शहर में कोई सुविधा प्रदान करते हैं ; जैसे-टेलीविज़न केवल नेटवर्क। यह सिंगल भी हो सकता है तथा किसी के साथ जुड़ा भी। यह कई लैन का मेल भी हो सकता है। यह 5 से 50 कि०मी० तक फैला हो सकता है।

3. वैन-वैन का अर्थ है-वाईड एरिया नेटवर्क। यह बहुत बड़े भौगोलिक क्षेत्र में फैला होता है, जैसे पूरा देश, महाद्वीप या सारी दुनिया इसमें बहुत सारे छोटे नेटवर्क होते हैं। इंटरनैट इस की एक बढ़िया उदाहरण है।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग 6
4. पैन-पैन का अर्थ है परसनल एरिया नेटवर्क। (यह एक छोटा नेटवर्क होता है। यह एक नये टाइप का नैटवर्क है। यह अकेले आदमी का नेटवर्क है। इसमें किसी व्यक्ति के परसनल डिवाइस आपस में मिलकर एक नेटवर्क बनाते हैं। यह केबल वाला तथा बिना किसी केबल के भी हो सकता है।

प्रश्न 4.
डाटा ट्रांसमिशन के तरीकों के बारे में बताएं।
उत्तर-
डाटा ट्रांसमिशन के तरीके का अर्थ है-सैंडर तथा रिसीवर के बीच डाटा किस प्रकार जाता है। डाटा भेजने तथा प्राप्त करने के निम्न तरीके हैं।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग 7

1. Simplex-यह संचार का एक तरफा माध्यम होता है। इसमें एक समय पर एक तरफ ही संचार होता है। दूसरी तरफ संचार नहीं होता। उदाहरण के तौर पर टेलीविज़न तथा रेडियो नेटवर्क।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग 8
2. Half Duplex-Half Duplex में दोनों तरफ से संचार हो सकता है परन्तु एक समय पर सिर्फ एक तरफ से ही संचार होता है। दूसरी तरफ से संचार शुरू करने से पहले पहली तरफ का संचार बंद करना पड़ता है। उदाहरण के तौर पर वाकी टाकी सिस्टम।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग 9
3. Full Duplex : इसमें दोनों तरफ से संचार एक ही समय पर हो सकता है। मोबाइल फोन का नेटवर्क इसी का उदाहरण है।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग 10

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग

PSEB 8th Class Computer Guide नेटवर्किंग Important Questions and Answers

रिक्त स्थान भरें

1. इंटरनेट हज़ारों कम्प्यूटर का एक ……………………. है।
(क) सरबर
(ख) कम्प्यूटर
(ग) नेटवर्क
(घ) हब।
उत्तर-
(ग) नेटवर्क।

2. इंटरनेट को आमतौर पर ………………………. भी कहा जाता है।
(क) सरबर
(ख) नेटवर्क
(ग) नैट
(घ) इंटरएरिया।
उत्तर-
(ख) नेटवर्क।

3. इंटरनेट पर प्रयोग होने वाले नियमों को ……………………… कहते हैं।
(क) प्रोटोकॉल
(ख) इंस्ट्रक्शन
(ग) सैंडर
(घ) रिसीवर।
उत्तर-
(क) प्रोटोकॉल।

4. कम्प्यूटर नेटवर्क के ………….. भाग है।
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच।
उत्तर-
(ग) चार।

निम्नलिखित सूची में से वाक्य से सम्बन्धित शब्द चुनो –

(1) वायरलैस लैन
(2) सर्वर
(3) लैन
(4) डाटा बांट
(5) संचार चैनल
(6) इलेक्ट्रिक मेल
(7) वैन
(8) इंटरनेट स्थान विज्ञान
(9) ऑप्टीकल फाइबर
(10) सर्विस रूट
(11) FTP
(12) HTTP
(13) नेटवर्क स्थान विज्ञान
(14) विभाग
(15) मुड़े जुड़े केबल।

(1) स्टार, रिंग और बस नेटवर्क इसकी मिसालें हैं।
(2) दो स्थितियों के बीच डाटा को तबदील के माध्यम को कहा जाता है।
(3) एक छोटा-सा कम्प्यूटर नेटवर्क जो स्थान खतरे जैसे दफ्तर, इमारत तक ही सीमित होता है।
(4) दो या अधिक नेटवर्क के कनैक्शन को यह कहा जाता है।
(5) यह नेटवर्क का भाषा विज्ञान है।
(6) यह नेटवर्क का उपयोग है।
(7) नियम जो फाइल बदली का ध्यान रखता है।
(8) आप इसके द्वारा कम्प्यूटरों को सन्देश भेज और प्राप्त कर सकते हो।
(9) रूलों का सैट जो प्रदान की गई सेवा का प्रबन्ध करता है।
(10) केबल, जो प्लास्टिक या शीशे की बनी होती है और जो मनुष्य के बालों जितनी घनी होती है,
डाटा संचार के लिए उपयोग की जाती है।
उत्तर-
(1) नेटवर्क स्थान विज्ञान
(2) संचार चैनल
(3) लैन
(4) इंटरनेट स्थान विज्ञान
(5) सर्वर
(6) डाटा बांट
(7) FTP
(8) इलैक्ट्रॉनिक मेल
(9) विभाग
(10) ऑप्टीकल फाइबर।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
संचार (Communication) प्रणाली के साधन द्वारा जोड़े गए कम्प्यूटरों का संग्रह।
उत्तर-
नेटवर्क (Network)।

प्रश्न 2.
एक नेटवर्क के नोडस के अन्तर सम्बन्ध का नमूना।
उत्तर-
टोपोलोजी।

प्रश्न 3.
टोपोलोजी जिसमें केन्द्रीय नोड शामिल होती है, जिसके साथ और नोडस हर एक मार्ग द्वारा जुड़ी होती हैं ?
उत्तर-
स्टार टोपोलोजी।

प्रश्न 4.
विकसित और डिज़ाइन की गई पहली वैन (WAN) प्राइवेट नेटवर्क कौन-सी थी ?
उत्तर-
आरपानैट।

प्रश्न 5.
डाटा संचार गति को मापने वाली एक इकाई।
उत्तर-
ब्रांड (Band)।

प्रश्न 6.
नोडज़ क्लाईंट क्या होते हैं ?
उत्तर-
क्लाईंट या नोड से अभिप्राय है वह कम्प्यूटर जो स्रोतों की साझेदारी के लिए नेटवर्क के साथ जुड़ा होता है। इनको वर्क स्टेशन भी कहा जाता है।

प्रश्न 7.
सर्वर से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
सर्वर एक शक्तिशाली कम्प्यूटर होता है। यह स्रोतों की साझेदारी में मदद करता है। यह सारे नोडज़ के कन्ट्रोल करता है।

प्रश्न 8.
नेटवर्क के कौन-कौन से भाग होते हैं ?
उत्तर-
नेटवर्क के अग्र भाग होते हैं

  1. क्लाईंट या नोड
  2. सर्वर
  3. नेटवर्क इंटरफेस कार्ड
  4. कम्यूनीकेशन चैनल।

प्रश्न 9.
नेटवर्क कितने प्रकार का होता है ?
उत्तर-
नेटवर्क निम्न तीन प्रकार का होता है

  1. लोकल एरिया नेटवर्क
  2. मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क
  3. बाइड एरिया नेटवर्क।

प्रश्न 10.
लोकल एरिया नेटवर्क क्या होता है ?
उत्तर-
यह एक प्राईवेट नेटवर्क होता है। यह कुछ किलोमीटर, एक बिल्डिंग या एक संस्था के अन्दर का नेटवर्क होता है। यह फैक्टरियों तथा दफ्तरों में पीसी तथा वर्क स्टेशनों को जोड़कर सूचना का आदानप्रदान करता है।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग

प्रश्न 11.
मैट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क के बारे में आप क्या जानते हैं ? ।
उत्तर-
यह वह नेटवर्क है जो सारे शहर में फैला होता है। उदाहरण के तौर पर केबल टी०वी० का नेटवर्क। इसका उद्देश्य यूज़र को कोई खास सेवा प्रदान करता होता है।

प्रश्न 12.
वाइड एरिया नेटवर्क क्या होता है?
उत्तर-
यह कई देशों में फैला नेटवर्क होता है। पर कम्प्यूटरों का एक ऐसा समूह होता है जो काफ़ी दूरी तक फैला होता है। यह कई LAN को आपस में जोड़ता है। इसकी कार्य की क्षमता काफ़ी तेज़ होती है।

प्रश्न 13.
बस टोपोलोजी क्या होती है ?
उत्तर-
बस टोपोलोजी में एक साझी तार होती है। इसके साथ अन्य कम्प्यूटरों तथा यन्त्रों को जोड़ा जाता है जिस कम्प्यूटर को सन्देश भेजना होता है वह इस बस की मदद से सन्देश भेजता है।

प्रश्न 14.
रिंग तथा स्टार टोपोलोजी में क्या अन्तर है ?
उत्तर
रिंग टोपोलोजी-

  1. सारे कम्प्यूटर एक रिंग के आकार में जुड़े होते हैं।
  2. केवल खराब होने से नेटवर्क बन्द हो जाता है।
  3. इसमें हब नहीं होती।
  4. हब न होने से नेटवर्क बन्द नहीं होता।

स्टार टोपोलोजी-

  • कम्प्यूटर एक स्टार के आकार में जुड़े होते हैं।
  • कोई केबल खराब होने से नेटवर्क बन्द नहीं होता।
  • इसमें केन्द्रीय हब होती है।
  • हब बन्द होने से नेटवर्क बन्द हो जाता है।

प्रश्न 15.
ट्री टोपोलोजी के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
यह टोपोलोजी एक ट्री के समान होती है। इस में बस तथा स्टार के गुण होते हैं। एक नोड के नीचे अन्य नोडज़ होती है।

प्रश्न 16.
प्रोटोकॉल क्या होते हैं ?
उत्तर-
प्रोटोकॉल नियमों का सेट होता है। यह निश्चित यन्त्रों की सूचना भेजने की आज्ञा देता है। इसके बिना किसी भी प्रकार का कार्य सम्भव नहीं होता।

प्रश्न 17.
HTTP के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
HTTP का अर्थ है Hyper Text Tranfer Protocol. यह इंटरनेट पर सूचना प्रदान करने का एक प्रोटोकॉल है। इसका असली कार्य हाइपर टैक्सट पेज को दिखाना होता है।

प्रश्न 18.
नेटवर्क की ज़रूरत क्यों होती है ?
उत्तर-
नेटवर्क की ज़रूरत निम्नलिखित कारणों के कारण होती है-

  • कम्प्यूटर फाइलों की शेयरिंग के लिए-नेटवर्क यूजरज़ को अपनी फाइलें या सूचनाएं शेयर करने के लिए एक महत्त्वपूर्ण साधन प्रदान करता है।
  • कम्प्यूटर सीमा की बांट-कई कम्प्यूटर डिवाइस बहुत ही महंगे होते हैं, मिसाल के लिए कलर लेज़र प्रिंटर। नेटवर्क द्वारा हम इन यन्त्रों को बांट सकते हैं।
  • अलग-अलग कम्प्यूटरों को एक-दूसरे से संचार करने के काबिल करना-नेटवर्क द्वारा अलग-अलग कम्प्यूटर एक-दूसरे से संचार करते हैं।
  • संचार बहुत तेज़ और शुद्ध होता है-यह सम्भव है कि डाक को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने में अनेकों दिन लग जाते हैं। नेटवर्क द्वारा तेज़ी से और शुद्ध सन्देश भेज सकते हैं।
  • सस्ता साधन है-डाटा का संचार करने के लिए नेटवर्क एक सस्ता ढंग है। इसलिए कम्प्यूटर की मदद से हम डाटा बदली की लागत कम कर सकते हैं।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग

प्रश्न 19.
डाटा बांट को नेटवर्किंग का महत्त्वपूर्ण प्रयोग क्यों माना जाता है ?
उत्तर-
नेटवर्किंग में डाटा बांट को सबसे महत्त्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इससे समय और ऊर्जा दोनों की बचत होती है। किसी भी संस्था में एक फाईल को अलग-अलग विभागों के साथ बांट सकते हैं और नेटवर्क द्वारा एक-दूसरे से मिल कर काम कर सकते हैं। इससे काम जल्दी हो जाता है और लागत भी कम होती है।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2)

Punjab State Board PSEB 9th Class Computer Book Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2) Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Computer Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2)

Computer Guide for Class 9 PSEB एम०एस० एक्सल (भाग-2) Textbook Questions and Answers

1. रिक्त स्थान भरें

1. चार्ट विंडो के ………………………….. में सारी वस्तुएं होती हैं।
(क) डाटा मार्कस
(ख) एक्सिस
(ग) चार्ट एरिया
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) चार्ट एरिया।

2. ………………………. द्वारा हम कुछ रूल बना सकते हैं ?
(क) डाटा वेलिडेशन
(ख) पाइवट टेबल
(ग) चार्ट
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(क) डाटा वेलिडेशन।

3. …………………………… द्वारा एक्सल में विभिन्न सनैरियो लगाए जा सकते हैं।
(क) डाटा वेलिडेशन
(ख) पाइवट टेबल
(ग) चार्ट
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(क) डाटा वेलिडेशन।

4. आप वर्कशीट विंडो को …………………………………… कर सकते हैं।
(क) छुपा
(ख) विभाजित
(ग) क्रमबार
(घ) कुछ नहीं।
उत्तर-
(ख) विभाजित।

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5. …………………………………….. द्वारा हम स्क्रोलिंग करते वक्त भी रोअ कॉलम देख सकते हैं।
(क) डाइड
(ख) स्पलिट
(ग) फ्रीज
(घ) कुछ नहीं।
उत्तर-
(ख) स्पलिट।

6. ………………………….. कमांडों का सैट होता है जिन्हें चलाया जा सकता है ?
(क) गोल सीक
(ख) मैकरो
(ग) What if analysis
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ख) मैकरो।

2. छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
एक्सल में चार्ट क्या होता है ?
उत्तर-
एक्सल में चार्ट डाटा को ग्राफिकल रूप में दिखाने का एक माध्यम होते हैं। इनके द्वारा डाटे को सुन्दर रूप में पेश किया जा सकता है।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2) 1

प्रश्न 2.
एक्सल में चार्ट की किस्में बताएं।
उत्तर-
एक्सल में चार्ट की निम्न किस्में होती हैं-

  1. कॉलम चार्ट
  2. बार चार्ट
  3. लाइन चार्ट
  4. पाई चार्ट
  5. स्कैटर चार्ट
  6. एरिया चार्ट
  7. सरफेस चार्ट
  8. हिस्टोग्राम।

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प्रश्न 3.
पाइवट टेबल क्या होते हैं ?
उत्तर–
पाइवट टेबल एक्सल में डाटे को छोटे रूप में दिखाने का एक ढंग होता है। इसके द्वारा डाटे को छोटे रूप में पेश किया जा सकता है।

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प्रश्न 4.
डाटा टूलस क्या होते हैं ?
उत्तर-
डाटा टूलस डाटे पर विशेष प्रकार का कार्य करने के विकल्प होते हैं। विभिन्न टूलस द्वारा विभिन्न कार्य किये जा सकते हैं ; जैसे कि डाटा को टैक्सट से कॉलम में बदलना।

प्रश्न 5.
What if analysis क्या होता है ?
उत्तर-
What if analysis एक्सल में एक टूल होता है जिसकी मदद से हम अपने डाटे में किसी नतीजे पर पहुंचने के विभिन्न विकल्पों पर कार्य कर सकते हैं।

प्रश्न 6.
Goal seek क्या होता है ?
उत्तर-
Goal seek, what if analysis का एक भाग है। इसकी मदद से हम विभिन्न इन्पुट मूल्यों का प्रयोग करके आऊटपुट का पता कर सकते हैं।

प्रश्न 7.
मैकरो क्या होते हैं ?
उत्तर-
मैकरो कमांडों का सैट होता है। इनको एक नाम के साथ सेव किया जाता है। इनका प्रयोग बार-बार किया जा सकता है। मैकरो के प्रयोग से हम अपना समय बचा सकते हैं।

3. बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
चार्ट क्या होता है ? इसको बनाने के पग बताएं।
उत्तर-
चार्ट डाटे को ग्राफिकल रूप में पेश करने का एक ढंग होता है। इसके द्वारा डाटे को सुन्दर रूप में पेश किया जा सकता है। चार्ट कई प्रकार के होते हैं । इनसे डाटे को समझने में काफी आसानी होती है।
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चार्ट बनाने के पग-चार्ट को निम्न पग का प्रयोग करके बनाया जा सकता है-

  • डाटा टाइप करें।
  • डाटे को सिलैक्ट करें।
  • Insert टैब पर चार्ट बटन पर क्लिक करें। (चार्ट विज़ार्ड दिखाई देगा।)

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चार्ट की किस्म का चुनाव करें।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2) 5

प्रश्न 2.
चार्ट के विभिन्न भागों के नाम लिखो।
उत्तर-
चार्ट के विभिन्न भाग निम्नलिखित होते हैं-

  • टाइटल-इसमें चार्ट का टाइटल दिखाई देता है।
  • एक्सिस-चार्ट में दो एक्सिस होते हैं। एक एक्स एक्सिस तथा दूसरा वाई एक्सिस।
  • चार्ट एरिया-चार्ट एरिया वह विंडो होती है जिसमें सारे भाग दिखाई देते हैं।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2) 6

  • डाटा मार्कर-डाटा मार्कर एक चिन्ह होता है जो एक मूल्य को दर्शाता है।
  • डाटा सीरीज-डाटा सीरीज संबंधित मूल्यों का एक ग्रुप होता है।
  • टिक मार्क-यह एक्सिस पर एक छोटी लाईन होती है तथा यह कैटेगरी, स्केल, आदि को दर्शाती है।
  • पलाट एरिया-यहां पर चार्ट दिखाई देता है।
  • ग्रिड लाइन-ये पलाट एरिये पर पतली रेखाएं होती हैं जो ग्राफ की शुद्धता दर्शाती हैं।

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प्रश्न 3.
Convert Text to Columns क्या है ? इसको करने के पग लिखें।
उत्तर-
Convert Text to Columns एक्सल में एक यूटिलिटी होती है जिसकी मदद से हम अपने डाटे को कॉलम में विभाजित कर सकते हैं।
Convert Text to Columns करने के पग-

  • डाटा डाइप करें।
  • डाटे को सिलैक्ट करें।
  • डाटा टैब पर Text to Column पर क्लिक करें। (एक डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा।)

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डिलिमटर का चुनाव करें। ज़रूरत अनुसार चुनाव करें।

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Finish पर क्लिक करें।
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प्रश्न 4.
Data Validation क्या होती है ? Data Validation रूल तैयार करने के पग लिखें।
उत्तर-
Data Validation एक युटिलिटी होती है। जो हमें रूल तैयार करने देता है। जो बताता है कि सैल में कौन-से मूल्य भरें जा सकते हैं।
Data Validation रूल तैयार करने के पग-

  • डाटा टाइप करें।
  • जरूरत अनुसार सैल का चुनाव करें।
  • डाटा टैब पर Data Validation पर क्लिक करें।

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जरूरत अनुसार सैटिंग का चुनाव करें।

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OK पर क्लिक करें।

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प्रश्न 5.
Protection क्या होती है? वर्कशीट प्रोटैक्ट करने के पग लिखें।
उत्तर-
Protection का अर्थ है अपने डाटे को सुरक्षित करना। इस द्वारा हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि कोई व्यक्ति हमारे डाटे को बदल न सके जब तक हम न चाहें।
वर्कशीट प्रोटैक्ट करने के पग –
Review टैब पर क्लिक करें।
Protect Sheet पर क्लिक करें। डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2) 14
Password डालें।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2) 15
Actions का चुनाव करें।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2) 16

OK पर क्लिक करें।
पासवर्ड को Confirm करें। (वर्कशीट प्रोटैक्ट हो जाएगी।)

प्रश्न 6.
Split Worksheet क्या होती है ? वर्कशीट Split करने के पग लिखो।
उत्तर-
Split Worksheet द्वारा वर्कशीट विंडो को विभाजित किया जा सकता है तथा दोनों भागों को स्वतंत्रता से स्क्रोल किया जा सकता है।
वर्कशीट Split करने के पग –

  1. ज़रूरत अनुसार वर्कशीट खोलें।
  2. वर्टीकल स्क्रोल बार में ऊपर Split Box पर क्लिक करें।
  3. इस बटन को नीचे की तरफ खींचें। (ज़रूरत अनुसार खींच कर छोड़ दें। वर्कशीट स्पलिट हो जाएगी।)

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PSEB 8th Class Computer Guide एम०एस० एक्सल (भाग-2) Important Questions and Answers

रिक्त स्थान भरें

1…………. का अर्थ है किसी आवजैक्ट को स्थिर करना।
(क) Hide
(ख) View
(ग) Freeze
(घ) Pivot.
उत्तर-
(ग) Freeze.

2. …………. क्रमवार कमांडों को स्टोर करता है।
(क) Pivot
(ख) Macro
(ग) Tree
(घ) Record.
उत्तर-
(ख) Macro.

सही या गलत बताइये-

1. सैल रेफरेंस तीन प्रकार के होते हैं।
उत्तर-
सही,

2. एक्सल में चार्ट बनाए जा सकते हैं।
उत्तर-
सही,

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3. हम वर्कशीट को विभाजित नहीं कर सकते।
उत्तर-
गलत,

4. फ्रीज पेन द्वारा हम डाटा दाखिल करने की प्रक्रिया को रोकते हैं।
उत्तर-
गलत।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
चार्ट क्षेत्र क्या होता है ?
उत्तर-
चार्ट क्षेत्र (Chart Area) : चार्ट और चार्ट क्षेत्र से संबंधित वस्तुओं (Object) को चार्ट क्षेत्र कहा जाता है।

प्रश्न 2.
कैटागिरी एक्सिस क्या होता है ?
उत्तर-
कैटागिरी ऐक्सिस (Category Axis) : यह क्षितिज (Horizontal) धुरा होता है।

प्रश्न 3.
वैल्यू एक्सिस क्या होता है ?
उत्तर-
वैल्यू ऐक्सिस (Value Axis) : यह वर्टिकल (Vertical) धुरा होता है।

प्रश्न 4.
चार्ट के डाटा सीरिज़ भाग के बारे में बताओ।
उत्तर-
डाटा सीरिज़ (Data Series) : यह डाटे की कीमतों का बारज़, स्लाइडज़ आदि रूप में दिखाता है।

प्रश्न 5.
कैटागिरी नेम क्या है ?
उत्तर-
कैटागिरी नेम (Catagory Name) : X और Y ऐक्सिस के ऊपर दिखाई देने वाले लेबल को कैटागिरी नेम-श्रेणी-नाम कहा जाता है।

प्रश्न 6.
चार्ट का प्लोट क्षेत्र भाग क्या होता है ?
उत्तर-
प्लोट क्षेत्र (Plot Area) : चार्ट क्षेत्र में पाई जाने वाली विंडो को प्लोट क्षेत्र कहा जाता है। असल में चार्ट, प्लोट क्षेत्र में ही नज़र आता है।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1)

Punjab State Board PSEB 9th Class Computer Book Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1) Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Computer Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1)

Computer Guide for Class 9 PSEB एम०एस० एक्सल (भाग-1) Textbook Questions and Answers

1. रिक्त स्थान भरें

1. एक्सल वर्क बुक में ………. होती है।
(क) वर्कशीट्स
(ख) रोअज
(ग) कॉलम
(घ) फार्मूला।
उत्तर-
(क) वर्कशीट्स।

2. सैल का असल मूल्य ………….. में दिखाई देता है।
(क) टाइटल
(ख) मीनू
(ग) फार्मूला
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ग) फार्मूला।

3. ………… फारमेटिंग द्वारा एक या ज्यादा रूल एक सैल पर लगाए जा सकते हैं।
(क) फार्मूला
(ख) फंक्शन
(ग) कंडीशनल
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ग) कंडीशनल।

4. फारमेट कमांड ……….. टैब में होती है।
(क) होम
(ख) इन्सर्ट
(ग) डाटा
(घ) फार्मूला।
उत्तर-
(क) होम।

5. सारे फार्मूले ………… से शुरू होने चाहिए।
(क) सिगमा
(ख) जमा चिन्ह
(ग) बराबर चिन्ह
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ग) बराबर चिन्ह ।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1)

6. वर्कशीट में डाटा …………… द्वारा क्रमबद्ध किया जा सकता है।
(क) फार्मूला
(ख) फंक्शन
(ग) फिल्टर
(घ) सोर्डिंग।
उत्तर-
(घ) सोर्टिंग।

7. सोर्ट तथा फिल्टर कमांड ………… टैब में होती है।
(क) होम
(ख) इन्सर्ट
(ग) डाटा
(घ) फार्मूला।
उत्तर-
(ग) डाटा।

2. छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
फारमेटिंग क्या होती है ?
उत्तर-
किसी भी सैल के कंटैंट की अपनी आवश्यकता अनुसार दिखावट बदलने की प्रक्रिया को फारमेटिंग कहते हैं। इसमें टैक्सट का आकार, रंग, फोंट आदि बदला जाता है। नंबरों के फारमेट भी इसी के अंदर बदले जाते हैं। इसका मकसद अपनी रिपोर्ट को सुंदर बनाने से होता है।

प्रश्न 2.
एक्सल में नंबर फारमेट को प्रभावित करें।
उत्तर-
नंबर फारमेट एक्सल के किसी सैल में नंबरों को दिखाने वाले विभिन्न स्टाइल को कहते हैं। नंबरों के प्रयोग के अनुसार उन्हें दिखावट प्रदान की जा सकती है। एक्सल में निम्न नंबर फारमेट उपलब्ध है।

  1. जनरल
  2. करंसी
  3. डेट/टाइम
  4. नंबर।

प्रश्न 3.
साधारण फार्मूलों में कौन-से स्टैंडर्ड ऑपरेटर प्रयोग किये जाते हैं ?
उत्तर-
साधारण फार्मूलों में निम्न स्टैंडर्ड ऑपरेटर प्रयोग किये जाते हैं-
= बराबर के लिए
+ जमा के लिए
– घटाव के लिए
* गुणा के लिए
/ भाग के लिए।

प्रश्न 4.
सैल रेफरेंस क्या होता है ?
उत्तर-
एक्सल के किसी एक सैल में फार्मूले या फंक्शन में दूसरे सैल के पते के प्रयोग को सैल रेफरेंस कहते हैं। इस के प्रयोग से हम उस दूसरे सैल के मूल्य का प्रयोग कर सकते हैं। सैल रेफरेंस तीन प्रकार के होते हैं-

  1. एबसोल्यूट
  2. रिलेटिव
  3. मिक्सड।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1)

प्रश्न 5.
फंक्शन के कौन-कौन से भाग होते हैं ?
उत्तर-
फंक्शन के निम्न भाग होते हैं –
= : बराबर का चिन्ह फंक्शन की शुरुआत को दर्शाता है।
फंक्शन का नाम : प्रत्येक फंक्शन का एक नाम होता है।
( ) : इसके बाद बरैक्टस का प्रयोग होता है।
आर्गुमैंट : प्रत्येक फंक्शन में विभिन्न प्रकार के आर्गुमैंट प्रयोग होते हैं।

प्रश्न 6.
सोर्टिंग क्या होती है ?
उत्तर-
डाटे को किसी खास क्रम में क्रमबार करने की प्रक्रिया को सोर्टिंग कहते हैं। टैक्सट को A से Z तथा Z से A की तरफ तथा नंबर को 0 से 9 या 9 से 0 के क्रम में सोर्ट किया जाता है।

प्रश्न 7.
फिल्टर क्या होते हैं ?
उत्तर-
पूर्ण डाटे से आंशिक डाटा प्राप्त करने के लिए जिस फैसिल्टी का प्रयोग किया जाता है। उन्हें फिल्टर कहते हैं। इनका प्रयोग बड़े डाटे पर करके कार्य को आसान करने के लिए किया जाता है।

3. बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
मर्ज तथा सैंटर क्या होता है ? सैलों के एक ग्रुप को मर्ज करने के पग लिखें।
उत्तर-
मर्ज तथा सैंटर वह सेवा है जिसके द्वारा दो या ज्यादा सैलों को पहले एक सैल में मर्ज किया जाता है तथा फिर उसके कंटैंट को सैंटर अलाइन किया जाता है। ये दोनों कार्य एक ही कमांड द्वारा किये जाते हैं। इस प्रक्रिया में सारे सैलों के कंटैंट इकट्ठे हो जाते हैं। मर्ज करने के पग-सैलों को मर्ज करने के निम्न पग होते हैं –

  1. सबसे पहले सैलों का चुनाव करें।
  2. Home टैब पर क्लिक करें।
  3. मर्ज तथा सैंटर बटन पर क्लिक करें।

सारे सैल मर्ज हो जाएंगे तथा उनका डाट सैंटर हो जाएगा।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1) 1

प्रश्न 2.
कंडीशनल फारमेटिंग क्या होती है ? कंडीशनल फारमेटिंग नियम बनाने के पग लिखो।
उत्तर-
कंडीशनल फारमेटिंग डाटा को फारमेट करने का एक ढंग है। इसमें डाटा को खास कंडीशन के आधार पर फारमेट किया जा सकता है। ये कंडीशन्ज़ यूजर की अपनी ज़रूरत के अनुसार होती है। यदि दी गई कंडीशन पूरी हो रही हो तो फारमेटिंग लागू हो जाती है अन्यथा वह फारमेटिंग लागू नहीं होती। कंडीशनल फारमेटिंग नियम बनाने के पग निम्न हैं –

(1) सबसे पहले सैल का चुनाव करें।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1) 2
(2) Format टैब पर क्लिक करें।
(3) Conditional Formating पर क्लिक करें।
(4) अपनी आवश्यकता अनुसार कंडीशन को डिफाइन करें।
(5) OK पर क्लिक करें।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1) 3

प्रश्न 3.
सैल क्या होता है ? आप अपनी मौजूदा वर्क शीट में एक सैल को किस प्रकार दाखिल कर सकते हैं ?
उत्तर-
एक्सल के रोअ तथा कॉलम के काट क्षेत्र को सैल कहते हैं। यह आयताकार आकृति होती है, एक्सल का सारा कार्य इसी में किया जाता है। इसी में टैक्सट, नंबर, फार्मूले तथा फंक्शन एंटर किये जाते हैं। नया सैल दाखिल करना-एक्सल में कहीं भी नया सैल दाखिल किया जा सकता है। इसके निम्न पग हैं-
(1) पहले उस सैल का चुनाव करें जहां नया सैल दाखिल करना है।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1) 4
(2) Insert Cell पर क्लिक करें।
(एक डायलाग बाक्स नज़र आएगा।)
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1) 5
(3) अपनी आवश्यकता अनुसार विकल्प का चुनाव करें।
(4) OK पर क्लिक करें। (नया सैल दाखिल हो जाएगा।)

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1)

प्रश्न 4.
फार्मूला क्या होता है ? एक्सल में एक साधारण फार्मूला बनाने के पग लिखो।
उत्तर-
फार्मूला एक्सल में किसी भी गणितीय फार्मूले का एक रूप होता है जिस प्रकार गणित में चरों तथा अचरों के मेल से फार्मूला बनता है, जिसका एक आऊटपुट प्राप्त होता है। इसी प्रकार, एक्सल में किसी खास गणना को करने के लिए चर,अचर तथा सैल मूल्यों का प्रयोग किया जाता है। इससे गणना का कार्य आसान तथा शीघ्र हो जाता है। फार्मूला बनाने के पग-एक्सल में फार्मूला निम्न प्रकार से दाखिल किया जा सकता है –

  1. उस सैल का चुनाव करें जहां फार्मूला दाखिल करना है।
  2. बराबर ( = ) का निशान डालें।
  3. फार्मूला टाइप करें।
  4. एंटर कीअ दबाएं। फार्मूला दाखिल हो जाएगा।

प्रश्न 5.
फंक्शन क्या होता है ? एक्सल में एक बेसिक फंक्शन बनाने के पग लिखें।
उत्तर-
फंक्शन फार्मूले का ही उन्नत रूप है। फार्मूले हर बार टाइप करने पड़ते हैं तथा उनमें ग़लतियां भी हो जाती हैं। इनमें समय भी ज्यादा लगता है। बड़ा कार्य करने में फार्मूला भी बड़ा हो जाता है जिससे कार्य कठिन हो जाता है। फंक्शन एक्सल में बने बनाए फार्मूले होते हैं जिन्हें एक खास नाम के अंदर स्टोर किया जाता है। उस नाम का प्रयोग करके फंक्शन का प्रयोग किया जा सकता है। इसमें अपरेटर बार-बार दाखिल नहीं करने पड़ते।

बेसिक फंक्शन दाखिल करने के पग-एक्सल में बेसिक फंक्शन निम्न पग का प्रयोग करके दाखिल किया जा सकता है।

  • सबसे पहले सैल का चुनाव करें जहां फंक्शन दाखिल करनी है।
  • Formula टैब पर क्लिक करें।
  • Function बटन पर क्लिक करें।
  • आवश्यकता अनुसार फंक्शन ग्रुप तथा फंक्शन का चुनाव करें।
  • फंक्शन में प्रयोग होने वाले आर्गुमैंट दाखिल करें।
  • OK पर क्लिक करें। (फंक्शन दाखिल हो जाएगा।)

PSEB 8th Class Computer Guide एम०एस० एक्सल (भाग-1) Important Questions and Answers

रिक्त स्थान भरें

1. फार्मूलों का इस्तेमाल ………… करने के लिए किया जाता है।
उत्तर-
गणना,

2. …………… लिखने के बाद ब्रैकटों का जोड़ा पाया जाता है।
उत्तर-
फंक्शन,

3. नम्बरों की लड़ी में सबसे बड़ा नम्बर पता करने के लिए ………….. फंक्शन का इस्तेमाल किया जाता है।
उत्तर-
Max,

4. ……………… फंक्शन का इस्तेमाल दिये नम्बर का वर्गमूल पता करने के लिए किया जाता है।
उत्तर-
Sqrt,

5. ………………. डाटे को चित्रकारी (Graphical) रूप में प्रदर्शित करने का प्रभावशाली तरीका
उत्तर-
चार्ट।

सही या गलत बताइये-

1. फार्मूला हमेशा प्रश्न चिन्ह (?) से शुरू होता है।
उत्तर-
गलत,

2. रिलेटिव रेफरेंसिंग में कापी किया फार्मूले बदल जाता है।
उत्तर-
सही,

3. MAX फंक्शन का इस्तेमाल लड़ी के बीच में सबसे छोटे नम्बर को दिखाने के लिए किया जाता
उत्तर-
गलत,

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1)

4. एक्सल सिर्फ तीन प्रकार के चार्ट प्रदान करवाता है।
उत्तर-
गलत,

5. फार्मूला और फंक्शन में कोई फ़र्क नहीं होता।
उत्तर-
गलत।

सही मिलान करें

A B
1. फार्मूले 1. रिलेटिव, एबसोल्यूट मिक्सड
2. सैल रेफरेंसिंग 2. औसत पता करने के लिए
3. फंक्शन 3. कॉलमज़, पाई, बार आदि
4. एवरेज (AVERAGE) 4. पहले से परिभाषित फार्मूले
5. चार्ट की किस्में 5. संकेतों (Expression) का समूह।

उत्तर-

A B
1. फार्मूले संकेतों (Expressions) का समूह।
2. सैल रेफरेंसिंग रिलेटिव, एबसोल्यूट, मिक्सड
3. फंक्शन पहले से परिभाषित फार्मूले
4. एवरेज (AVERAGE) औसत पता करने के लिए
5. चार्ट की किस्में कॉलमज़, पाई, बार आदि।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
फार्मूले क्या होते हैं ?
उत्तर-
फार्मूले अलग-अलग संकेतों का समूह होते हैं। यह संकेत, नम्बर, सैल, एडरैस, गणित के निशान या टैक्सट आदि हो सकते हैं। फार्मूले हमें कुछ गणना करके उत्तर देते हैं।

प्रश्न 2.
एबसोल्यूट रेफरेंसिंग पर एक नोट लिखें।
उत्तर-
एबसोल्यूट रेफरेंसिंग वो रेफरेंसिंग है जिसमें फार्मूले को अन्य सैलों में कापी करने से रेफरेंसिंग बदलती नहीं है। इसलिए $ चिन्ह का इस्तेमाल किया जाता है।

प्रश्न 3.
एक्सल में इस्तेमाल किये जाने वाले गणितिक फंक्शन की सूची बनायें।
उत्तर-
एक्सल में नीचे लिये गणितिक फंक्शनज़ इस्तेमाल किए जाते हैं –

  1. Sum
  2. Mod
  3. Sqrt
  4. Round
  5. Fact
  6. Power
  7. Product
  8. PI.

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1) 6

प्रश्न 4.
एक्सल में कौन-कौन से स्टैटीकल फंक्शन इस्तेमाल किये जाते हैं ?
उत्तर-
एक्सल में नीचे लिखे स्टैटीकल फंक्शन इस्तेमाल किये जाते हैं

  • Max
  • Min
  • Average
  • Count
  • Stddev

प्रश्न 5.
नम्बरों (अंकों) को टैक्सट के रूप में दाखिल करवाने के लिए क्या किया जाता है ?
उत्तर-
बराबर का चिन्ह (=) डाल कर डबल कोमा में लिखा जाता है।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1)

प्रश्न 6.
फारमेट सैल डायलाग बाक्स कौन-सी आप्शन से खोला जाता है ?
उत्तर-
फारमेट मीनू की सैल आप्शन से।

प्रश्न 7.
फार्मूला दाखिल करने से पहले कौन-सा चिन्ह लगाया जाता है ?
उत्तर-
= (बराबर का)

प्रश्न 8.
कौन-सी रेफरेंसिंग में कापी किए सैल का एडरैस नए सेल में जाकर बदल जाता है ?
उत्तर-
रेलेटिव रेफरेंसिंग में।

प्रश्न 9.
प्रयोगकर्ता की तरफ से फंक्शन की दी कीमतों को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
आरगुमैंट।

प्रश्न 10.
आप C5 से C10 तक सैलों का जोड़ करने के लिए फंक्शन कैसे प्रयोग करोगे ?
उत्तर-
Sum (C5 : C10)

प्रश्न 11.
फंक्शन में आरगुमैंट को किस में बंद करके लिखा जाता है ?
उत्तर-
बॅकटों में।

प्रश्न 12.
MAX फंक्शन का क्या काम है ?
उत्तर-
सबसे अधिक कीमत चुनने के लिए।

प्रश्न 13.
आटोसम बटन कहां उपलब्ध होता है ?
उत्तर-
ट्रल बार में।

प्रश्न 14.
एक्सल की वह विशेषता बताओ जिस द्वारा फंक्शन का परिणाम स्टेटस बार पर नज़र आता है ?
उत्तर-
आटो कैलकुलेट।

प्रश्न 15.
कौन-सी सुविधा द्वारा फंक्शन को टाइप किए बगैर ऐंटर किया जा सकता है ?
उत्तर-
पेस्ट फंक्शन।

प्रश्न 16.
क्या फंक्शनों की एडिटिंग की जाती है ?
उत्तर-
हां।

प्रश्न 17.
सैल एडरैस क्या होता है ?
उत्तर-
वो एडरैस जिसके द्वारा किसी सैल को जाना जाता है उसको सैल एडरैस कहते हैं। यह वास्तव में रो और कॉलम के मेल से बनता है।

प्रश्न 18.
एक्सल में किस प्रकार का डाटा इनसर्ट किया जा सकता है ?
उत्तर-
एक्सल में तीन प्रकार का डाटा इनसर्ट किया जा सकता है-

  1. टैक्सट
  2. नंबर
  3. फार्मूला।

प्रश्न 19.
वर्कशीट में कॉलमज़ इनसर्ट करने के स्टैप बताइये।
उत्तर-
वर्कशीट में कॉलमज़ नीचे लिखे अनुसार इनसर्ट किये जा सकते हैं

  1. उस कॉलम को सलैक्ट करो जिसके बाईं तरफ आप नया कॉलम इनसर्ट करना चाहते हो।
  2. Insert मीनू पर क्लिक करें।
  3. Columns पर क्लिक करें। (नया कॉलम इनसर्ट हो जायेगा।)

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1)

प्रश्न 20.
वर्कशीट में से किसी रो को हटाने के स्टैप बताइये।
उत्तर-
वर्कशीट में से रो को नीचे लिखे ढंग से हटाया जा सकता है –

  • उस रो को सिलैक्ट करें जिसको डिलीट करना है।
  • Edit मीनू पर क्लिक करें।
  • Delete आप्शन को हाईलाइट करें।
  • Entire Row पर क्लिक करें। (रो डिलीट हो जाएगी।)

प्रश्न 21.
कॉलमज़ की चौड़ाई (Width) बदलने के स्टैप बताइये।
उत्तर-
कॉलमज़ की चौड़ाई नीचे लिखे अनुसार बदली जा सकती है-

  1. उस कॉलम में क्लिक करें जिसकी चौड़ाई बदलनी हो।
  2. Format → Column → Width पर क्लिक करें। (एक डॉयलाग बाक्स दिखाई देगा।)
  3. Column Width में कॉलम की चौड़ाई भरें।
  4. OK बटन पर क्लिक करें। (कॉलम की चौड़ाई बदल जायेगी।)

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 15 ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 15 ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 15 ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ

PSEB 9th Class Science Guide ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ Textbook Questions and Answers

ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਫ਼ਸਲ ਉਤਪਾਦਨ ਦੀ ਕਿਸੇ ਇੱਕ ਵਿਧੀ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ਜਿਸ ਨਾਲ ਜ਼ਿਆਦਾ ਪੈਦਾਵਾਰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਸਕੇ । ਉੱਤਰ-ਫ਼ਸਲ ਉਤਪਾਦਨ ਦੀ ਜਿਸ ਵਿਧੀ ਨਾਲ ਵਧੇਰੇ ਪੈਦਾਵਾਰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ, ਉਹ ਅੰਤਰ-ਫ਼ਸਲ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਦੋ ਜਾਂ ਦੋ ਤੋਂ ਵੱਧ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਇਕੱਠੇ ਕਿਸੇ ਖੇਤ ਵਿੱਚ ਖ਼ਾਸ ਪੈਟਰਨ ‘ਤੇ ਉਗਾਇਆਂ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਕੁੱਝ ਕਤਾਰਾਂ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਫ਼ਸਲ ਅਤੇ ਉਸ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਨਾਲ ਦੀ ਕਤਾਰ ਵਿੱਚ ਦੂਜੀ ਫ਼ਸਲ ਉਗਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ਉਦਾਹਰਨ-

  1. ਸੋਇਆਬੀਨ + ਮੱਕੀ
  2. ਬਾਜਰਾ + ਲੋਬੀਆ

ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੀ ਚੋਣ ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤਾਂ ਦੀ ਲੋੜ ਅਨੁਸਾਰ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਲੋੜਾਂ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹੋਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ ਤਾਂ ਜੋ ਪੋਸ਼ਕਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੋ ਸਕੇ ।ਇਸ ਵਿਧੀ ਰਾਹੀਂ ਸਾਰੀਆਂ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੇ ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਪੀੜਕਾਂ ਅਤੇ ਰੋਗਾਂ ਨੂੰ ਫੈਲਣ ਤੋਂ ਰੋਕਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 15 ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ 1

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 15 ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਖਾਦਾਂ ਅਤੇ ਰਸਾਇਣਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਿਉਂ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵਧਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਦੀ ਰਚਨਾ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਕਾਰਨ ਰੇਤਲੀ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਸਾਂਭਣ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਚੀਕਣੀ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਜ਼ੀਰਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਇਕੱਠਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ । ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਨਾਲ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ, ਫਾਸਫੋਰਸ ਅਤੇ ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਇਕ ਵਾਧਾ ਵਧੀਆ ਤਰੀਕੇ ਨਾਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਸਿਹਤਮੰਦ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਅੰਤਰ-ਫ਼ਸਲੀ ਅਤੇ ਫ਼ਸਲੀ ਚੱਕਰ ਅਪਨਾਉਣ ਦੇ ਕੀ ਲਾਭ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਅੰਤਰ-ਫ਼ਸਲੀਕਰਨ ਦੁਆਰਾ ਇਕੋ ਸਮੇਂ ਕਿਸੇ ਖੇਤ ਵਿੱਚ ਦੋ ਜਾਂ ਦੋ ਤੋਂ ਵੱਧ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤਾਂ ਦਾ ਵਧੇਰੇ ਉਪਯੋਗ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਪੀੜਕਾਂ ਅਤੇ ਰੋਗਾਂ ਨੂੰ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੇ ਸਾਰੇ ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਫੈਲਣ ਤੋਂ ਰੋਕਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਵਧੀਆ ਉਤਪਾਦਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਕਿਸੇ ਖੇਤ ਵਿੱਚ ਵਾਰ-ਵਾਰ ਪਹਿਲਾਂ ਤੋਂ ਹੀ ਯੋਜਨਾ ਅਨੁਸਾਰ ਤਰ੍ਹਾਂ-ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਫ਼ਸਲ-ਚੱਕਰ ਦੇ ਅਧੀਨ ਉਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਫ਼ਸਲ ਨੂੰ ਪੱਕਣ ਲਈ ਕਿੰਨਾ ਸਮਾਂ ਲੱਗਦਾ ਹੈ ਇਸ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਉੱਚਿਤ ਫ਼ਸਲ ਚੱਕਰ ਨੂੰ ਅਪਣਾਉਣ ਨਾਲ ਸਾਲ ਵਿੱਚ ਦੋ ਤਿੰਨ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦਾ ਵਧੀਆ ਉਤਪਾਦਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਇਸ ਦੇ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਲਾਭ ਹਨ-

  1. ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਠੀਕ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ।
  2. ਉਪਜ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  3. ਖੇਤ ਨੂੰ ਖ਼ਾਲੀ ਨਹੀਂ ਛੱਡਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਇੱਕੋ ਹੀ ਖੇਤ ਵਿੱਚ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੀ ਅਦਲਾ-ਬਦਲੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  5. ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਕੰਟਰੋਲ ਵਿੱਚ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  6. ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਵਰਗ ਦੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਬੱਚਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  7. ਪੀੜਕਾਂ ਨੂੰ ਕੰਟਰੋਲ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ।
  8. ਫ਼ਸਲਾਂ ਰੋਗਾਂ ਤੋਂ ਬਚ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
  9. ਕੀਟਾਂ ਦੇ ਵਾਧੇ `ਤੇ ਰੋਕ ਲੱਗਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਅਣੂਵੰਸ਼ਿਕ ਫੇਰ ਬਦਲ ਕੀ ਹੈ ? ਖੇਤੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆਵਾਂ ਵਿੱਚ ਇਸ ਦੀ ਕੀ ਮਹੱਤਤਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਣੂਵੰਸ਼ਿਕ ਫੇਰ ਬਦਲ – ਅਣੂਵੰਸ਼ਿਕ ਫੇਰ ਬਦਲ ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਇੱਛੁਕ ਗੁਣ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਹੈ । ਇਸ ਦੁਆਰਾ ਰੋਗਾਂ ਪ੍ਰਤੀ ਪ੍ਰਤੀਰੋਧਕਤਾ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ, ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਂਦਾ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਅਨੁਰੂਪਤਾ, ਉਪਜ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਅਤੇ ਵਧੇਰੇ ਉਤਪਾਦਨ ਦੇ ਗੁਣਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦਾ ਉਤਪਾਦਨ ਵਧਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਵਿਧੀ ਦੁਆਰਾ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਅਣੂਵੰਸ਼ਿਕ ਗੁਣਾਂ ਵਾਲੇ ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਸੰਕਰਨ ਕਰਵਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਸੰਕਰਨ ਅੰਤਰ ਕਿਸਮੀ (ਵੱਖ ਕਿਸਮਾਂ ਵਿੱਚ), ਅੰਤਰ ਸਪੀਸ਼ੀਜ਼ (ਇਕ ਹੀ ਜੀਨਸ ਦੀਆਂ ਦੋ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਸਪੀਸ਼ੀਜ਼ ਵਿੱਚ) ਅਤੇ ਅੰਤਰ-ਵੰਸ਼ੀ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਜੇਨਰਾਂ ਵਿੱਚ), ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦੇ ਸਿੱਟੇ ਵਜੋਂ ਅਣੁਵੰਸ਼ਿਕ ਰੂਪਾਂਤਰਿਤ ਫ਼ਸਲਾਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ । ਖੇਤੀ ਪ੍ਰਣਾਲੀਆਂ ਵਿੱਚ ਇਸ ਵਿਧੀ ਨੂੰ ਬੀਜਾਂ ਦੀਆਂ ਨਵੀਆਂ-ਨਵੀਆਂ ਕਿਸਮਾਂ ਅਤੇ ਜਾਤੀਆਂ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕੀਤੀਆਂ ਹਨ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਅਨਾਜ ਉਤਪਾਦਨ ਵਧਿਆ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਸਾਨਾਂ ਦੀ ਆਰਥਿਕ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ ਹੋਇਆ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਭੰਡਾਰ-ਘਰਾਂ (ਗੋਦਾਮਾਂ) ਵਿੱਚ ਅਨਾਜ ਦੀ ਹਾਨੀ ਕਿਵੇਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੰਡਾਰ-ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਅਨਾਜ ਦੀ ਹਾਨੀ ਦੋ ਤਰੀਕਿਆਂ ਨਾਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ-

  1. ਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ
  2. ਅਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ

ਜੈਵਿਕ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਕੀਟ, ਉੱਲੀਆਂ, ਚਿੱਚੜੀ ਅਤੇ ਜੀਵਾਣੂ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਨੂੰ ਖ਼ਰਾਬ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਭਾਰ ਨੂੰ ਘੱਟ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਉਤਪਾਦ ਬੇਰੰਗਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਪੁੰਗਰਨ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਘੱਟ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ਅਜੈਵਿਕ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਨਮੀ ਅਤੇ ਤਾਪ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਖ਼ਰਾਬ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਫ਼ਸਲ ਵਿੱਚ ਉੱਲੀ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਕਿਸਾਨਾਂ ਲਈ ਚੰਗੀਆਂ ਪਸ਼ੂ ਪਾਲਣ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਕਿਵੇਂ ਲਾਭਦਾਇਕ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਸਾਨਾਂ ਦੇ ਲਈ ਪਸ਼ੂ ਪਾਲਣ ਪ੍ਰਣਾਲੀਆਂ ਬਹੁਤ ਉਪਯੋਗੀ ਹਨ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕਿਸਾਨਾਂ ਨੂੰ ਖੇਤੀ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਪਸ਼ੂਆਂ ਤੋਂ ਵੀ ਆਰਥਿਕ ਲਾਭ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ।

  • ਖਾਦ ਪਦਾਰਥ ਦੇਣ ਵਾਲੇ – ਗਾਂ, ਮੱਝ ਆਦਿ ਪਸ਼ੂਆਂ ਤੋਂ ਦੁੱਧ ਮਿਲਦਾ ਹੈ । ਦੁੱਧ ਮਨੁੱਖ ਲਈ ਪੂਰਨ ਭੋਜਨ ਹੈ ਅਤੇ ਸਰੀਰ ਦੇ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਵੱਧਣ-ਫੁੱਲਣ ਲਈ ਇਸ ਵਿੱਚ ਸਾਰੇ ਜ਼ਰੂਰੀ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਮੌਜੂਦ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
  • ਖਾਦ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ – ਸਾਰੇ ਪਾਲਤੂ ਪਸ਼ੂ; ਜਿਵੇਂ-ਬਲਦ, ਮੱਝ, ਬੱਕਰੀ, ਊਠ, ਘੋੜਾ, ਗਾਂ ਆਦਿ ਦੇ ਮਲ-ਮੂਤਰ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਖਾਦ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  • ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਕੰਮ ਕਰਨਾ ਅਤੇ ਭਾਰ ਢੋਣਾ – ਬਲਦ, ਘੋੜਾ, ਖੱਚਰ, ਊਠ ਆਦਿ ਪਸ਼ੂ ਕਿਸਾਨਾਂ ਦੇ ਲਈ ਖੇਤੀ ਦੇ ਕੰਮ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਸਾਮਾਨ ਨੂੰ ਇਕ ਥਾਂ ਤੋਂ ਦੂਜੀ ਥਾਂ ਤੇ ਢੋ ਕੇ ਲੈ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 15 ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਪਸ਼ੂ ਪਾਲਣ ਦੇ ਕੀ ਲਾਭ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਸ਼ੂ ਪਾਲਣ ਦੇ ਲਾਭ-

  1. ਦੁੱਧ ਦੇਣ ਵਾਲੇ ਪਸ਼ੂਆਂ ਤੋਂ ਦੁੱਧ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  2. ਪੋਲਟਰੀ ਫਾਰਮ ਤੋਂ ਆਂਡਿਆਂ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  3. ਮੱਛੀ ਪਾਲਣ ਅਤੇ ਮੁਰਗੀ ਪਾਲਣ ਤੋਂ ਮਾਸ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  4. ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਮਲ-ਮੂਤਰ ਖਾਦ ਬਣਾਉਣ ਦੇ ਕੰਮ ਆਉਂਦੇ ਹਨ ।
  5. ਬੈਲ, ਊਠ, ਖੱਚਰ ਆਦਿ ਪਸ਼ੂਆਂ ਨੂੰ ਖੇਤੀ ਪੱਧਤੀ ਵਿੱਚ ਕੰਮ ਵਿੱਚ ਲਿਆਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  6. ਭਾਰ ਢੋਣ ਵਾਲੇ ਪਸ਼ੂ ਭਾਰ ਢੋਂਦੇ ਹਨ ।
  7. ਮਧੂਮੱਖੀ ਤੋਂ ਸ਼ਹਿਦ ਅਤੇ ਮੋਮ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ।
  8. ਭੇਡ ਬੱਕਰੀਆਂ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਉੱਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜੋ ਸਰਦੀਆਂ ਵਿੱਚ ਸਾਨੂੰ ਠੰਢ ਤੋਂ ਬਚਾਉਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਉਤਪਾਦਨ ਵਧਾਉਣ ਲਈ ਮੁਰਗੀ ਪਾਲਣ, ਮੱਛੀ ਪਾਲਣ ਅਤੇ ਮਧੂ-ਮੱਖੀ ਪਾਲਣ ਵਿੱਚ ਕੀ ਸਮਾਨਤਾਵਾਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਤਪਾਦਨ ਵਧਾਉਣ ਲਈ ਮੁਰਗੀ ਪਾਲਣ, ਮੱਛੀ ਪਾਲਣ ਅਤੇ ਮਧੂ-ਮੱਖੀ ਪਾਲਣ ਵਿੱਚ ਉੱਚਿਤ ਦੇਖ-ਭਾਲ ਅਤੇ ਵਿਗਿਆਨਿਕ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀਕੋਣ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਅਨੁਕੂਲਤਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਵਾਧੇ ਲਈ ਉੱਚਿਤ ਪਰਿਸਥਿਤੀਆਂ ਬਣਾਈਆਂ ਜਾਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਮੱਛੀ ਫੜਨਾ (Fishing), ਮੈਰੀਕਲਚਰ (Marine culture) ਅਤੇ ਜਲ-ਕਲਚਰ (Aqua-culture) ਵਿੱਚ ਕੀ ਅੰਤਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-

  • ਮੱਛੀ ਫੜਨਾ (Fishing) – ਸਾਫ਼ ਲੁਣ-ਰਹਿਤ ਅਤੇ ਸਮੁੰਦਰੀ ਲੂਣ ਸਹਿਤ ਜਲ ਸਰੋਤਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਮੱਛੀ ਫੜੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ | ਅਜਿਹੇ ਜਲ ਸਰੋਤ ਮੁੱਖ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਤਲਾਬ, ਛੱਪੜ, ਨਦੀ, ਨਦੀਆਂ ਦੇ ਮੁਹਾਣੇ, ਗੁਨ ਆਦਿ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਉਤਪਾਦਨ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  • ਮੈਰੀਕਲਚਰ (Marine culture) – ਆਰਥਿਕ ਮਹੱਤਵ ਦੀਆਂ ਕਈ ਮੱਛੀਆਂ ਦਾ ਵਾਧਾ ਸਮੁੰਦਰੀ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਮੈਰੀਨ ਕਲਚਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ , ਜਿਵੇਂ -ਮੁਲੇਟ, ਭੇਟਕੀ, ਪਰਲ ਸਪਾਟ ਝੱਗਾ, ਮਰੁੱਸਲ, ਆਇਸਟਰ ਆਦਿ ।
  • ਜਲ-ਕਲਚਰ (Aqua-culture) – ਤਾਲਾਬਾਂ ਵਿੱਚ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਮੱਛੀਆਂ ਦਾ ਵਾਧਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪਾਲੀਆਂ ਮੱਛੀਆਂ ਵਿੱਚ ਆਪਸੀ ਮੁਕਾਬਲਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਤਾਲਾਬ ਵਿੱਚ ਮੱਛੀਆਂ ਦਾ ਉਤਪਾਦਨ ਵੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਮੱਛੀ ਪਾਲਣ ਵਿਧੀ ਨੂੰ ਜਲ-ਕਲਚਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਮੱਛੀਆਂ ਜਲ ਸਰੋਤ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹਿੱਸਿਆਂ ਤੋਂ ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ , ਜਿਵੇਂ-
    ਕਟਲਾ-ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ
    ਰੋਹੁ-ਤਾਲਾਬ ਦੇ ਮੱਧ ਵਿੱਚੋਂ
    ਮ੍ਰਿਗਲ, ਕਾਮਨ ਕਾਰਪ-ਤਾਲਾਬ ਦੇ ਤਲ ਤੋਂ ।

Science Guide for Class 9 PSEB ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ InText Questions and Answers

ਪਾਠ-ਪੁਸਤਕ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਅਨਾਜ, ਦਾਲ, ਫ਼ਲ ਅਤੇ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਕੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਨਾਜ ਸਾਨੂੰ ਕਾਰਬੋਹਾਈਡਰੇਟ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਸਾਨੂੰ ਕਣਕ, ਚਾਵਲ, ਮੱਕੀ, ਬਾਜਰਾ, ਜਵਾਰ ਆਦਿ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਦਾਲਾਂ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਛੋਲੇ, ਮਟਰ, ਮਾਂਹ, ਮੂੰਗ, ਅਰਹਰ ਅਤੇ ਮਸਰ ਆਦਿ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਫਲਾਂ ਅਤੇ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਵਿਟਾਮਿਨ, ਖਣਿਜ ਲੂਣ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਕੁੱਝ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰੋਟੀਨ, ਕਾਰਬੋਹਾਈਡਰੇਟ ਅਤੇ ਵਸਾ ਵੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਜੈਵਕ ਅਤੇ ਅਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਫ਼ਸਲ ਉਤਪਾਦਨ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਫ਼ਸਲਾਂ ਸਾਡੇ ਜੀਵਨ ਦਾ ਅਧਾਰ ਹਨ ।ਇਹ ਜੈਵਿਕ ਅਤੇ ਅਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕਾਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਨਾਲ ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਉਤਪਾਦਨ ਅਤੇ ਗੁਣਵੱਤਾ ਤੇ ਸਿੱਧਾ ਅਸਰ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ।

  • ਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ – ਤਰ੍ਹਾਂ-ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਰੋਗ, ਕੀਟ ਅਤੇ ਨਿਮੋਟੋਡ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ | ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵ ਅਨਾਜ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਹਾਨੀ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਅਨਾਜ ਦੇ ਭਾਰ ਵਿੱਚ ਕਮੀ, ਨਾ-ਪੁੰਗਰਨਾ, ਬੇਰੰਪ ਹੋਣਾ, ਤਾਪ ਅਤੇ ਜ਼ਹਿਰੀਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦਾ ਪੈਦਾ ਹੋਣਾ ਆਦਿ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਉੱਲੀ, ਖ਼ਮੀਰ ਅਤੇ ਜੀਵਾਣੁ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਹਾਨੀ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਚੂਹੇ ਅਤੇ ਪੰਛੀ ਖਾਧ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਹਾਨੀ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
  • ਅਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ – ਸੋਕਾ ਪੈਣਾ, ਸੇਮ, ਖਾਰਾਪਨ, ਹੜ, ਗਰਮੀ, ਠੰਡ ਅਤੇ ਪਾਲਾ ਆਦਿ ਦੇ ਕਾਰਨ ਫ਼ਸਲ ਉਤਪਾਦਨ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਅਨਾਜ ਨੂੰ ਰੋਗ ਲੱਗਣ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਐਨਜ਼ਾਈਮ, ਕੀਟ ਅਤੇ ਹੋਰ ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵ ਵੀ ਇਹਨਾਂ ਕਾਰਨਾਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਹੋ ਕੇ ਅਨਾਜ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਹਾਨੀ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਸੋਕਾ ਪੈਣ ਤੇ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਹੜ੍ਹ ਆਉਣ ਅਤੇ ਸੇਮ ਨਾਲ ਜੜਾਂ ਗਲ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਵਧੇਰੇ ਗਰਮੀ, ਠੰਡ ਅਤੇ ਪਾਲਾ ਵੀ ਉਪਜ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਫ਼ਸਲ ਸੁਧਾਰ ਲਈ ਇੱਛਤ ਖੇਤੀ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੇ ਗੁਣ ਕਿਹੜੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਸ਼ੂਆਂ ਲਈ ਚਾਰਾ ਤਦ ਹੀ ਵੱਧ ਪੈਦਾ ਹੋਵੇਗਾ ਜੇ ਚਾਰੇ ਵਾਲੀਆਂ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੀਆਂ ਸ਼ਾਖਾਵਾਂ ਵਧੇਰੇ ਹੋਣਗੀਆਂ | ਅਨਾਜ ਦੇ ਲਈ ਪੌਦੇ ਬੌਨੇ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ਤਾਂਕਿ ਉਹਨਾਂ ਲਈ ਘੱਟ ਪੋਸ਼ਕਾਂ ਦੀ ਲੋੜ ਹੋਵੇ । ਫ਼ਸਲਾਂ ਵਿੱਚ ਅਜਿਹੇ ਸੁਧਾਰਾਂ ਲਈ ਇੱਛਤ ਖੇਤੀ ਵਿਗਿਆਨ ਸਹਾਇਕ ਸਿੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਬਹੁ-ਮਾਤਰੀ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਕੀ ਹਨ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਬਹੁ-ਮਾਤਰੀ ਕਿਉਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਹੁ-ਮਾਤਰੀ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ – ਬਹੁ-ਮਾਤਰੀ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਪੌਦਿਆਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਪੋਸ਼ਕ ਲਈ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਲੋੜੀਂਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਛੇ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬਹੁ-ਮਾਤਰੀ ਪੋਸ਼ਕ ਹਨ-ਨਾਈਟਰੋਜਨ, ਫ਼ਾਸਫੋਰਸ, ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ, ਜ਼ਿੰਕ, ਕਾਪਰ, ਮਾਲੀ-ਬਡੇਨਮ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਪੌਦੇ ਆਪਣੇ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਕਿਵੇਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੌਦੇ ਆਪਣੇ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਹਵਾ, ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਮਿੱਟੀ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਹਵਾ ਵਿੱਚੋਂ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਆਕਸੀਜਨ ਅਤੇ ਕਾਰਬਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ | ਪਾਣੀ ਤੋਂ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚੋਂ 13 ਪੋਸ਼ਕ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ 6 ਬਹੁ-ਮਾਤਰੀ ਪੋਸ਼ਕ ਅਤੇ 7 ਘੱਟ ਮਾਤਰੀ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਪੌਦੇ ਜੜਾਂ ਦੁਆਰਾ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚੋਂ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਜੋ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਮਿਲ ਕੇ ਜੜ੍ਹਾਂ ਦੁਆਰਾ ਸੋਖਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਬਚਾਈ ਰੱਖਣ ਲਈ ਖਾਦਾਂ ਅਤੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਬਚਾਈ ਰੱਖਣ ਲਈ ਖਾਦਾਂ ਅਤੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਦੀ ਆਪਣੀ-ਆਪਣੀ ਭੂਮਿਕਾ ਹੈ ।

ਖਾਦ ਮਿੱਟੀ ਨੂੰ ਪੋਸ਼ਕਾਂ ਅਤੇ ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨਾਲ ਭਰਪੂਰ ਕਰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਨੂੰ ਵਧਾਉਂਦੀ ਹੈ । ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥ ਵਧੇਰੇ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਦੇ ਕਾਰਨ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਸੰਰਚਨਾ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਦੇ ਕਾਰਨ ਰੇਤਲੀ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਰੱਖਣ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਚੀਕਣੀ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਦੇ ਕਾਰਨ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਕੱਢਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਇਕੱਠਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ।

ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਤੋਂ ਨਾਈਟਰੋਜਨ, ਫਾਸਫੋਰਸ ਅਤੇ ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀਆਂ ਟਹਿਣੀਆਂ, ਪੱਤੇ ਅਤੇ ਫੁੱਲਾਂ ਦਾ ਵਾਧਾ ਵਧੀਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਸਿਹਤਮੰਦ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪਰ ਇਹ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਆਰਥਿਕ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮਹਿੰਗੀਆਂ ਪੈਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਨਾਲ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਸੰਰਚਨਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲਾਵ ਵੀ ਆ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਕਈ ਵਾਰ ਪਾਣੀ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਦਾ ਕਾਰਨ ਵੀ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਸਾਵਧਾਨੀ ਨਾਲ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਹੜੇ ਹਲਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਲਾਭ ਹੋਵੇਗਾ
(a) ਕਿਸਾਨ ਉੱਤਮ ਕਿਸਮ ਦੇ ਬੀਜ ਬੀਜਦੇ ਹਨ, ਸਿੰਚਾਈ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਵਰਤਦੇ ਹਨ ।
(b) ਕਿਸਾਨ ਆਮ ਬੀਜਾਂ ਨੂੰ ਬੀਜਦੇ ਹਨ । ਸਿੰਚਾਈ ਵੀ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਵਰਤਦੇ ਹਨ ।
(c) ਕਿਸਾਨ ਚੰਗੀਆਂ ਕਿਸਮਾਂ ਦੇ ਬੀਜ ਬੀਜਦੇ ਹਨ । ਸਿੰਚਾਈ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਅਤੇ ਫ਼ਸਲ ਸੁਰੱਖਿਆ ਵਿਧੀਆਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਕਿਸਾਨ ਚੰਗੀ ਕਿਸਮ ਦੇ ਬੀਜ ਬੀਜਦੇ ਹਨ, ਸਿੰਚਾਈ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਅਤੇ ਫ਼ਸਲ ਸੁਰੱਖਿਆ ਵਿਧੀਆਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਚੰਗੀ ਫ਼ਸਲ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਹੋਵੇਗੀ । ਚੰਗੇ ਬੀਜਾਂ ਦੀ ਚੋਣ ਇਸ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਕਿ ਇਹ ਅਨੁਕੂਲ ਹਾਲਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਉੱਗ ਸਕੇ । ਸੰਕਰਣ ਵਿਧੀ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਅਜਿਹੇ ਬੀਜਾਂ ਦੀ ਚੋਣ ਕੀਤੀ ਜਾਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਜਿਹੜੇ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਰੋਗ ਪ੍ਰਤੀਰੋਧਕਤਾ ਵਾਲੇ ਗੁਣਾਂ ਤੋਂ ਯੁਕਤ ਹੋਣ । ਉਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਉਤਪਾਦਨ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਅਤੇ ਉੱਚ ਉਤਪਾਦਨ ਸਮਰੱਥਾ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਚੰਗੇ ਗੁਣਾਂ ਵਾਲੇ ਜੀਨ ਤੋਂ ਯੁਕਤ ਬੀਜ ਹੀ ਉਪਯੁਕਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਸਿੰਚਾਈ ਲੋੜ ਅਨੁਸਾਰ ਨਿਯਮਿਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਕੀਤੀ ਜਾਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਸਿੰਚਾਈ ਦੀ ਕਮੀ ਕਾਰਨ ਫ਼ਸਲ ਦੀ ਉਪਜ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਫ਼ਸਲ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਅਨੁਸਾਰ ਦੁਆਰਾ ਨਾਈਟਰੋਜਨ, ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਅਤੇ ਫ਼ਾਸਫੋਰਸ ਤੱਤ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਮਿਲਾਏ ਜਾ ਸਕਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਨਾਲ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਵੱਧਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਚੰਗੀ ਫ਼ਸਲ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਫ਼ਸਲ ਸੁਰੱਖਿਆ ਦੀਆਂ ਵਿਧੀਆਂ ਵੀ ਅਪਣਾਈਆਂ ਜਾਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ । ਨਦੀਨ ਅਤੇ ਪੀੜਤਾਂ ਨੂੰ ਕਾਬੂ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਫ਼ਸਲ ਨਦੀਨਾਂ, ਰੋਗਾਂ, ਕੀਟਾਂ ਅਤੇ ਪੀੜਕਾਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜੇ ਸਮੇਂ ਸਿਰ ਇਹਨਾਂ ‘ਤੇ ਕਾਬੂ ਨਾ ਪਾਇਆ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਇਹ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਹਾਨੀ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਫ਼ਸਲ ਦੇ ਸੁਰੱਖਿਆ ਤਰੀਕੇ ਅਤੇ ਜੈਵਿਕ ਵਿਧੀਆਂ ਨਾਲ ਕੰਟਰੋਲ ਕਰਨ ਦੇ ਢੰਗ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਕਿਉਂ ਲਾਹੇਵੰਦ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਫ਼ਸਲ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਦੇ ਲਈ ਨਿਰੋਧਕ ਵਿਧੀਆਂ ਅਤੇ ਜੈਵਿਕ ਵਿਧੀਆਂ ਨਾਲ ਕੰਟਰੋਲ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਤਰ੍ਹਾਂ-ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਜੈਵਿਕ ਅਤੇ ਅਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ ਫ਼ਸਲ ਨੂੰ ਖ਼ਰਾਬ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਉਤਪਾਦਕ ਅਤੇ ਵਪਾਰੀ ਨੂੰ ਆਰਥਿਕ ਹਾਨੀ ਹੋਣ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਮਾਨਸਿਕ ਅਘਾਤ ਵੀ ਪਹੁੰਚਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਨਿਰੋਧਕ ਵਿਧੀਆਂ ਅਤੇ ਜੈਵਿਕ ਕੰਟਰੋਲ ਨੂੰ ਨਾ ਅਪਣਾਉਣ ਨਾਲ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਹਾਨੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ :

  1. ਫ਼ਸਲ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਖ਼ਰਾਬ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  2. ਫ਼ਸਲ ਦਾ ਭਾਰ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  3. ਪੁੰਗਰਨ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਸਾਰੇ ਕਾਰਨਾਂ ਕਰਕੇ ਉਪਜ ਦੀ ਕੀਮਤ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਦਾਣਿਆਂ ਦੇ ਭੰਡਾਰਨ ਸਮੇਂ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਹਾਨੀ ਲਈ ਕਿਹੜੇ ਕਾਰਕ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੰਡਾਰਨ ਦੇ ਸਮੇਂ ਜੈਵਿਕ ਅਤੇ ਅਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ ਅਨਾਜ ਦੀ ਹਾਨੀ ਲਈ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰ ਹਨ । ਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ ਹਨ-ਕੀਟ, ਉੱਲੀ, ਚਿੱਚੜ ਅਤੇ ਜੀਵਾਣੂ । ਅਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ ਹਨ-ਭੰਡਾਰਨ ਦੇ ਸਥਾਨ ਤੇ ਉਪਯੁਕਤ ਨਮੀ ਅਤੇ ਤਾਪ ਦਾ ਅਸੰਤੁਲਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਪਸ਼ੂਆਂ ਦੀ ਨਸਲ ਸੁਧਾਰ ਲਈ ਕਿਹੜੀ ਵਿਧੀ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਸ਼ੂਆਂ ਦੀ ਨਸਲ ਸੁਧਾਰ ਲਈ ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਤੱਕ ਦੁੱਧ ਦੇਣ ਦੇ ਸਮੇਂ ਵਾਲੀ ਜਰਸੀ, ਬ੍ਰਾਊਨ ਸਵਿਸ ਵਰਗੀਆਂ ਨਸਲਾਂ ਅਤੇ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਪ੍ਰਤੀਰੋਧਕਤਾ ਵਿੱਚ ਵਧੀਆ ਦੇਸ਼ੀ ਨਸਲਾਂ ਲਾਲ ਸਿੰਧੀ ਅਤੇ ਸਾਹੀਵਾਲ ਵਿੱਚ ਸੰਕਰਨ ਕਰਵਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਕਿ ਸੰਕਰਣ ਪਸ਼ੂਆਂ ਵਿੱਚ ਦੋਵੇਂ, ਵਧੇਰੇ ਦੁੱਧ ਦੇਣ ਦੇ ਸਮੇਂ ਅਤੇ ਰੋਗਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਤੀਰੋਧਕ ਸਮਰੱਥਾ ਦੇ ਗੁਣ ਹੋਣ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਕਥਨ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ :
ਇਹ ਗੱਲ ਧਿਆਨ ਖਿੱਚਦੀ ਹੈ ਕਿ ਭਾਰਤ ਵਿੱਚ ਮੁਰਗੀ ਪਾਲਣ ਧੰਦੇ ਨਾਲ ਅਸੀਂ ਮਨੁੱਖੀ ਵਰਤੋਂ ਵਿੱਚ ਨਾ ਆਉਣ ਵਾਲੇ ਘੱਟ ਫਾਈਬਰ ਵਾਲੇ ਭੋਜਨ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਹੀ ਪੋਸ਼ਕ ਜੰਤੂ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਭੋਜਨ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ।
ਉੱਤਰ-
ਇਹ ਕਥਨ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੱਚ ਹੈ । ਮੁਰਗੀਆਂ ਨੂੰ ਕਣਕ, ਚਾਵਲ, ਜਵਾਰ, ਜੌ, ਬਾਜਰਾ ਆਦਿ ਦੇ ਦਲੇ ਹੋਏ ਦਾਣਿਆਂ ਦੇ ਨਾਲ ਹੱਡੀ ਚੂਰਾ, ਫਾਲਤੂ ਮਾਸ ਆਦਿ ਖਾਣੇ ਵਿੱਚ ਦਿੱਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਮਨੁੱਖ ਦੁਆਰਾ ਨਹੀਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ | ਮਰਗੀਆਂ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਖਾ ਕੇ ਆਂਡਿਆਂ ਅਤੇ ਮਾਸ ਵਿੱਚ ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਿਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਉੱਚ-ਕੋਟੀ ਦੇ ਪੋਸ਼ਕ ਪਸ਼ੂ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਆਹਾਰ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਅੰਡੇ ਵਿੱਚ 36% ਪੀਤੱਕ ਅਤੇ 64% ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਮਾਸ ਵਿੱਚ ਕਾਫ਼ੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰੋਟੀਨ, ਖਣਿਜ ਲੂਣ ਅਤੇ ਵਿਟਾਮਿਨ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਪਸ਼ੂ ਪਾਲਣ ਅਤੇ ਮੁਰਗੀ ਪਾਲਣ ਬੰਧਨ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਵਿੱਚ ਕੀ ਸਾਂਝ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਸ਼ੂ ਪਾਲਣ ਅਤੇ ਮੁਗਰੀ ਪਾਲਣ ਦੀ ਪ੍ਰਬੰਧਨ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਵਿੱਚ ਸਾਂਝ ਹੈ । ਦੋਵਾਂ ਵਿੱਚ ਹੀ ਸੰਕਰਣ ਦੁਆਰਾ ਵਧੀਆ ਜਾਤੀਆਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਤਾਂ ਕਿ ਉਹਨਾਂ ਦੁਆਰਾ ਮਨੁੱਖਤਾ ਲਈ ਉਪਯੋਗੀ ਖਾਧ ਪਦਾਰਥ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੇ ਜਾ ਸਕਣ ਜੋ ਮਾਤਰਾ ਅਤੇ ਗੁਣਵੱਤਾ ਵਿੱਚ ਵਧੀਆ ਹੋਣ । ਦੋਨਾਂ ਨੂੰ ਹੀ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਕਾਰਨਾਂ ਕਰਕੇ ਕਈ ਰੋਗ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਉੱਚਿਤ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕੀਤੇ ਜਾਣੇ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹਨ । ਦੋਨਾਂ ਦੇ ਪਾਲਣ ਵਿੱਚ ਆਹਾਰ ਵੱਲ ਧਿਆਨ ਦੇਣਾ ਬਹੁਤ ਹੀ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਮੌਤ ਦਰ ਘੱਟ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਉਤਪਾਦਾਂ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਬਣੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਆਵਾਸ ਵਿੱਚ ਉੱਚਿਤ ਤਾਪ, ਸਫ਼ਾਈ ਅਤੇ ਪ੍ਰਬੰਧਨ ਦੀ ਸਾਂਝੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਸੰਕਰਾਮਕ ਰੋਗਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਦੋਵਾਂ ਨੂੰ ਟੀਕਾ ਲਗਵਾਉਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਬਾਇਲਰ ਅਤੇ ਲੇਅਰਜ਼ ਦੇ ਪ੍ਰਬੰਧਨ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਾਇਲਰ ਮਾਸ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ਜਦਕਿ ਲੇਅਰਜ਼ ਅੰਡੇ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਲੇਅਰਜ਼ ਨੂੰ ਰਹਿਣ ਲਈ ਕਾਫ਼ੀ ਜਗਾ, ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅਤੇ ਪੌਸ਼ਟਿਕ ਖੁਰਾਕ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿ ਬਾਇਲਰ ਨੂੰ ਪ੍ਰੋਟੀਨ, ਵਸਾ ਅਤੇ ਵਿਟਾਮਿਨਜ਼ A ਅਤੇ K ਤੋਂ ਯੁਕਤ ਮੁਰਗੀ ਆਹਾਰ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ | ਬਾਇਲਰ ਦੀ ਮੌਤ ਦਰ ਘੱਟ ਹੈ | ਪਰ ਲੇਅਰਜ਼ ਦੀ ਮੌਤ ਦਰ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਵੱਧ ਹੈ । ਬਾਇਲਰ 6-7 ਹਫ਼ਤੇ ਵਿੱਚ ਹੀ ਮਾਸ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਜਦ ਕਿ ਲੇਅਰਜ਼ ਹਫ਼ਤੇ ਬਾਅਦ ਅੰਡੇ ਦੇ ਸਕਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਮੱਛੀਆਂ ਕਿਵੇਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੱਛੀਆਂ ਸਮੁੰਦਰੀ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਤਾਜ਼ੇ ਪਾਣੀ ਦੋਵਾਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਤਾਜ਼ਾ ਪਾਣੀ ਨਦੀਆਂ ਅਤੇ ਤਲਾਬਾਂ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਮੱਛੀ ਪਕੜਨਾ ਅਤੇ ਮੱਛੀ ਦੇ ਉਤਪਾਦਨ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਸਮੁੰਦਰ ਅਤੇ ਤਾਜ਼ੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਪਰਿਸਥਿਤਕ ਤੰਤਰ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਮੱਛੀ ਫੜਨ ਲਈ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਜਾਲਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਸੈਟੇਲਾਈਟ ਅਤੇ ਪ੍ਰਤੀਧੁਨੀ ਯੰਤਰ ਰਾਹੀਂ ਖੁੱਲ੍ਹੇ ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਮੱਛੀਆਂ ਦੇ ਵੱਡੇ ਸਮੂਹਾਂ ਦਾ ਪਤਾ ਲਗਾ ਕੇ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਜਾਲ ਵਿੱਚ ਫੜ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਮਿਸ਼ਰਤ ਮੱਛੀ ਕਲਚਰ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਦੇ ਕੀ ਲਾਭ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਿਸ਼ਰਤ ਮੱਛੀ ਕਲਚਰ ਵਿੱਚ ਦੇਸੀ-ਵਿਦੇਸ਼ੀ ਮੱਛੀਆਂ ਪਾਈਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ । ਅਜਿਹੀ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਵਿੱਚ ਵਧੇਰੇ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਮੱਛੀ ਪਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਕ ਹੀ ਤਲਾਬ ਵਿੱਚ 5 ਜਾਂ 6 ਮੱਛੀਆਂ ਦੀਆਂ ਜਾਤੀਆਂ ਨੂੰ ਵਧਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਮੱਛੀਆਂ ਇਕ ਸਥਾਨ ‘ਤੇ ਰਹਿ ਕੇ ਪਾਣੀ ਦੀਆਂ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਸੜਾ ਤੋਂ ਭੋਜਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਗ੍ਰਾਸ ਕਾਰਪ ਜਾਤੀ ਦੀਆਂ ਮੱਛੀਆਂ, ਤਾਂ ਨਦੀਨਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਖਾ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਮੱਛੀਆਂ ਵਿੱਚ ਭੋਜਨ ਲਈ ਮੁਕਾਬਲਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ । ਤਾਲਾਬ ਦੇ ਹਰ ਭਾਗ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਭੋਜਨ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਸ਼ਹਿਦ ਉਤਪਾਦਨ ਲਈ ਵਰਤੀਆਂ ਜਾਣ ਵਾਲੀਆਂ ਮਧੂ-ਮੱਖੀਆਂ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜੇ ਇੱਛੁਕ ਗੁਣ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਮਧੂਮੱਖੀ ਵਿੱਚ ਸ਼ਹਿਦ ਇਕੱਠਾ ਕਰਨ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਵਧੇਰੇ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  2. ਉਸ ਨੂੰ ਡੰਗ ਘੱਟ ਮਾਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਪ੍ਰਜਣਨ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਆਪਣੇ ਛੱਤੇ ਵਿੱਚ ਵਧੇਰੇ ਸਮੇਂ ਤੱਕ ਰਹਿ ਸਕਣ ।
  5. ਖ਼ੁਦ ਨੂੰ ਦੁਸ਼ਮਣਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾ ਸਕਣ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਚਾਰਗਾਹ ਕੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਸ਼ਹਿਦ ਉਤਪਾਦਨ ਨਾਲ ਕਿਵੇਂ ਸੰਬੰਧ ਰੱਖਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚਾਰਗਾਹ ਅਜਿਹਾ ਫੈਲਿਆ ਹੋਇਆ ਖੇਤਰ ਹੈ ਜਿਥੇ ਘਾਹ ਅਤੇ ਹੋਰ ਬਨਸਪਤੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਮਧੁਮੱਖੀਆਂ ਫੁੱਲਾਂ ਤੋਂ ਰਸ ਤੇ ਪਰਾਗ ਇਕੱਠਾ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਸ ਚਾਰਗਾਹ ਵਿੱਚ ਜਿੰਨੇ ਵਧੇਰੇ ਅਤੇ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਫੁੱਲ ਹੋਣਗੇ ਓਨੀਆਂ ਹੀ ਕਿਸਮਾਂ ਸ਼ਹਿਦ ਦੇ ਸੁਆਦ ਦੀਆਂ ਵੀ ਹੋਣਗੀਆਂ । ਇਸ ਲਈ ਸ਼ਹਿਦ ਉਤਪਾਦਨ ਦਾ ਚਾਰਗਾਹ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 14 ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਸਾਧਨ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 14 ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਸਾਧਨ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 14 ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਸਾਧਨ

PSEB 9th Class Science Guide ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਸਾਧਨ Textbook Questions and Answers

ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਜੀਵਨ ਲਈ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਦੀ ਕਿਉਂ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
(i) ਜੀਵਨ ਲਈ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਇਹ ਸਾਡੇ ਜੀਵਨ ਦਾ ਆਧਾਰ ਹੈ । ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ, ਆਕਸੀਜਨ, ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਅਤੇ ਜਲ-ਵਾਸ਼ਪ ਨਾਮਕ ਘਟਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਆਕਸੀਜਨ ਹਰ ਜੰਤੁ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ, ਜੋ ਥਲ ਤੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਤੇ ਇਸ ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਜਲੀ ਜੀਵ ਇਸ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲੀ ਹੋਈ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਯੂਕੈਰਿਯੋਟਿਕ ਸੈੱਲਾਂ ਅਤੇ ਪ੍ਰੋਕੈਰਯੋਟਿਕ ਸੈੱਲਾਂ ਨੂੰ ਗੁਲੂਕੋਜ਼ ਦੇ ਅਣੁ ਤੋੜਨ ਲਈ ਅਤੇ ਉਸ ਤੋਂ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਕਾਰਨ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪੇੜ-ਪੌਦੇ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਨੂੰ ਕਾਰਬੋਹਾਈਡੇਟਸ ਵਿੱਚ ਬਦਲਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਆਪਣੇ ਲਈ ਭੋਜਨ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਵਾਯੂ-ਮੰਡਲ ਨੇ ਪੂਰੀ ਧਰਤੀ ਨੂੰ ਇਕ ਕੰਬਲ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਢੱਕਿਆ ਹੋਇਆ ਹੈ ।

ਹਵਾ ਤਾਪ ਦੀ ਕੁਚਾਲਕ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਧਰਤੀ ਦਾ ਔਸਤ ਤਾਪਮਾਨ ਸਾਰਾ ਸਾਲ ਨਿਯਤ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਦਿਨ ਦੇ ਸਮੇਂ ਤਾਪਮਾਨ ਨੂੰ ਵਧਣ ਤੋਂ ਰੋਕਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਰਾਤ ਦੇ ਸਮੇਂ ਤਾਪਮਾਨ ਨੂੰ ਧਰਤੀ ਤੋਂ ਬਾਹਰੀ ਅੰਤਰਿਕਸ਼ ਵਿੱਚ ਜਾਣ ਦੀ ਦਰ ਨੂੰ ਘੱਟ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਵਾਯੂ-ਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਜਲ-ਵਾਸ਼ਪ ਬਣਨ ਅਤੇ ਹਵਾ ਵਹਿਣ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਜੀਵਨ ਲਈ ਪਾਣੀ ਕਿਉਂ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵਨ ਲਈ ਪਾਣੀ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ-

  1. ਜੀਵਨ ਦੀ ਉਤਪੱਤੀ ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਸਾਗਰ ਦੇ ਜਲ ਵਿੱਚ ਹੋਈ ਸੀ । ਸਾਗਰ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਜੀਵਨ ਦੀ ਉਤਪੱਤੀ “ਨੀਲੀ ਹਰੀ ਕਾਈ’’ ਅਤੇ ਸਾਈਨੋਬੈਕਟੀਰੀਆ ਨਾਮਕ ਜੀਵ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੋਈ ।
  2. ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲਾ ਪਾਣੀ ਭੋਜਨ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤਾਂ ਨੂੰ ਘੋਲ ਕੇ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਸਰੀਰ ਦੇ ਸਾਰੇ ਅੰਗਾਂ ਤਕ ਪਹੁੰਚਾ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।
  3. ਪਾਣੀ ਪਸੀਨੇ ਅਤੇ ਵਾਸ਼ਪਣ ਦੀਆਂ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਰਾਹੀਂ ਮਨੁੱਖੀ ਸਰੀਰ ਦੇ ਤਾਪਮਾਨ ਨੂੰ ਕਾਬੂ ਵਿੱਚ ਰੱਖਦਾ ਹੈ ।
  4. ਪਾਣੀ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਦੇ ਫ਼ਾਲਤੂ ਪਦਾਰਥਾਂ (ਮਲ-ਮੂਤਰ) ਦੇ ਉਤਸਰਜਨ ਲਈ ਵਧੀਆ ਮਾਧਿਅਮ ਹੈ ।
  5. ਨਦੀਆਂ ਅਤੇ ਸਮੁੰਦਰਾਂ ਵਿੱਚ ਕਿਸ਼ਤੀਆਂ ਅਤੇ ਸਮੁੰਦਰੀ ਜਹਾਜ਼ਾਂ ਦੁਆਰਾ ਯਾਤਰੀਆਂ ਅਤੇ ਸਾਮਾਨ ਦਾ ਇਕ ਸਥਾਨ ਤੋਂ ਦੂਸਰੇ ਸਥਾਨ ਤਕ ਪਰਿਵਹਿਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  6. ਅਸੀਂ ਪਾਣੀ ਦੀ ਵਧੇਰੇ ਵਰਤੋਂ ਪੀਣ ਲਈ, ਨਹਾਉਣ ਲਈ, ਕੱਪੜੇ ਧੋਣ ਲਈ ਅਤੇ ਖਾਣਾ ਪਕਾਉਣ ਆਦਿ ਲਈ ਕਰਦੇ ਹਾਂ । ਖਾਣਾ ਪਕਾਉਣਾ ਅਤੇ ਪੀਣ ਦਾ ਪਾਣੀ ਕੀਟਾਣੂ ਰਹਿਤ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤੇ ਸਾਫ਼-ਸੁਥਰਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  7. ਪਾਣੀ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਦਵਾਈ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  8. ਉੱਚਾਈ ਤੋਂ ਤੇਜ਼ ਗਤੀ ਨਾਲ ਡਿਗਦੇ ਹੋਏ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਉਰਜਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸਦੀ ਵਰਤੋਂ ਅਸੀਂ ਬਿਜਲੀ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ।
  9. ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਜਲੀ-ਜੰਤੂ, ਜਿਵੇਂ : ਡੱਡੂ, ਮੱਛੀ, ਮਗਰਮੱਛ ਆਦਿ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲੀ ਹੋਈ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਸਾਹ ਕਿਰਿਆ ਲਈ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
  10. ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਜਲੀ ਪੌਦੇ ਵੀ ਜਲ ਵਿੱਚ ਮਿਲਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਜਲ ਵਿੱਚ ਘੁਲੀ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਣ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਲਈ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
  11. ਖੇਤੀ ਲਈ ਪਾਣੀ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਪੌਦੇ ਪਾਣੀ ਤੋਂ ਬਿਨਾਂ ਵੱਧ ਨਹੀਂ ਸਕਦੇ ।
  12. ਜਲ, ਪੇੜ-ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਖਣਿਜਾਂ ਅਤੇ ਹੋਰ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤਾਂ ਦਾ ਪਰਿਵਹਿਣ ਕਰਨ ਲਈ ਇਕ ਮਾਧਿਅਮ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
  13. ਜਲ ਪੌਦਿਆਂ ਦੇ ਪੁੰਗਰਨ ਲਈ ਅਤੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੇ ਵਾਧੇ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਜੀਵਿਤ ਪਾਣੀ ਮਿੱਟੀ ਤੇ ਕਿਵੇਂ ਨਿਰਭਰ ਹਨ ? ਕੀ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਵਾਲੇ ਜੀਵ ਸਾਧਨ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮਿੱਟੀ ਤੋਂ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੁਤੰਤਰ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵਿਤ ਪਾਣੀ ਮਿੱਟੀ ਤੇ ਹੀ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਪੈਦਾ ਪੇੜ-ਪੌਦਿਆਂ ਤੋਂ ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਜੀਵਿਤ ਜੀਉਣ ਲਈ ਸਾਰੇ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਇਸੇ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਪੌਦੇ ਤਰ੍ਹਾਂ-ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਖਣਿਜ ਲੂਣਾਂ ਨੂੰ ਮਿੱਟੀ ਤੋਂ ਹੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਭੋਜਨ ਦੇ ਤੱਤਾਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਾਣੀਆਂ ਦੇ ਜੀਵਨ ਦੇ ਆਧਾਰ ਬਣਦੇ ਹਨ ।

ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਵਾਲੇ ਜੀਵ ਸੰਪਦਾ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮਿੱਟੀ ਤੋਂ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੁਤੰਤਰ ਨਹੀਂ ਹਨ । ਇਹ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਉੱਗੇ ਪੌਦਿਆਂ ਨੂੰ ਖਾਂਦੇ ਹਨ ਜਾਂ ਉਹਨਾਂ ਤੇ ਆਧਾਰਿਤ ਹੋਰ ਪਾਣੀਆਂ ਨੂੰ ਖਾ ਕੇ ਜੀਵਿਤ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਤੁਸੀਂ ਟੈਲੀਵਿਜ਼ਨ ਤੇ ਅਖ਼ਬਾਰ ਵਿੱਚ ਮੌਸਮ ਸੰਬੰਧੀ ਰਿਪੋਰਟ ਵੇਖੀ ਹੋਵੇਗੀ ? ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸੋਚਦੇ ਹੋ ਕਿ ਅਸੀਂ ਮੌਸਮ ਦੇ ਪੂਰਵ ਅਨੁਮਾਨ ਵਿੱਚ ਸਮਰਥ ਹਾਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੌਸਮ ਸੰਬੰਧੀ ਜਾਣਕਾਰੀਆਂ ਲੰਬੀ ਅਤੇ ਡੂੰਘੀ ਵਿਗਿਆਨਕ ਜਾਣਕਾਰੀ ਤੇ ਆਧਾਰਿਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਦੂਰ ਆਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਸੈਟੇਲਾਈਟ ਧਰਤੀ ਤੇ ਸਦਾ ਆਪਣੀ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਜਮਾਈ ਰੱਖਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਵਾਤਾਵਰਨ ਦੀ ਜਾਂਚ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਵਿਗਿਆਨਕਾਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਹਵਾ ਦੇ ਦਬਾਅ, ਫਟਣ ਅਤੇ ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਪੈਦਾ ਚੱਕਰਵਾਤਾਂ ਦੀ ਸੂਚਨਾ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਮਾਨਸੂਨ ਆਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਹੀ ਇਸਦਾ ਅਨੁਮਾਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਕਿਸੇ ਸਾਲ ਵਰਖਾ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਕਿਹੋ ਜਿਹੀ ਹੋਵੇਗੀ । ਇਸ ਨਾਲ ਖੇਤੀ ਸੰਬੰਧੀ ਨਵੀਆਂ ਯੋਜਨਾਵਾਂ ਬਣਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਸਮੁੰਦਰੀ ਤੱਟਾਂ ਤੇ ਰਹਿਣ ਵਾਲਿਆਂ ਨੂੰ ਤਰ੍ਹਾਂ-ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਖ਼ਤਰਿਆਂ ਦੀ ਸੂਚਨਾ ਪਹਿਲਾਂ ਹੀ ਦੇ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਵਧੇਰੇ ਮਨੁੱਖੀ ਗਤੀਵਿਧੀਆਂ ਹਵਾ, ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਸਤਰ ਨੂੰ ਵਧਾ ਰਹੇ ਹਨ । ਕੀ ਤੁਸੀਂ ਸੋਚਦੇ ਹੋ ਕਿ ਇਹਨਾਂ ਗਤੀਵਿਧੀਆਂ ਨੂੰ ਕੁੱਝ ਖ਼ਾਸ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਸੀਮਿਤ ਕਰ ਦੇਣ ਨਾਲ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਦੇ ਸਤਰ ਨੂੰ ਘਟਾਉਣ ਵਿੱਚ ਮਦਦ ਮਿਲੇਗੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਮਨੁੱਖੀ ਗਤੀਵਿਧੀਆਂ ਹਵਾ, ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਸਤਰ ਨੂੰ ਲਗਾਤਾਰ ਵਧਾ ਰਹੀਆਂ ਹਨ । ਜੇ ਇਹਨਾਂ ਕਿਰਿਆ-ਕਲਾਪਾਂ ਨੂੰ ਕੁੱਝ ਖ਼ਾਸ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਸੀਮਿਤ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਦੇ ਪੱਧਰ ਨੂੰ ਕੁੱਝ ਹੱਦ ਤਕ ਕਾਬੂ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਆਮ ਕਰਕੇ ਹਸਪਤਾਲਾਂ ਦੇ ਆਸ-ਪਾਸ ਭਾਰੀ ਵਾਹਨਾਂ ਦੇ ਆਵਾਗਮਨ ਤੇ ਰੋਕ ਲਗਾ ਕੇ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਗੈਸਾਂ ਤੇ ਕਾਬੂ ਪਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਪੈਟਰੋਲ ਅਤੇ ਡੀਜ਼ਲ ਦੇ ਸਥਾਨ ਤੇ ਵਾਹਣ ਵਿੱਚ CNG ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੁੱਝ ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਵਿੱਚ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰ ਦਿੱਤੀ ਗਈ ਹੈ, ਜਿਸ ਦੇ ਵਧੀਆ ਸਿੱਟੇ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਰਹੇ ਹਨ । ਖਾਨਾਂ ਦੀ ਖੁਦਾਈ ਰੋਕ ਕੇ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਅਤੇ ਪੇੜ-ਪੌਦਿਆਂ ਦੀ ਰੱਖਿਆ ਕੀਤੀ ਗਈ ਹੈ । ਨਦੀਆਂ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਨ ਦੀਆਂ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ਾਂ ਜਾਰੀ ਹਨ । ਇਹ ਠੀਕ ਹੈ ਕਿ ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਜਨਸੰਖਿਆ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੈ, ਅਨਪੜ੍ਹਤਾ ਹੈ, ਗ਼ਰੀਬੀ ਹੈ ਪਰ ਫਿਰ ਵੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰਨ ਨਾਲ ਸਕਾਰਾਤਮਕ ਪਰਿਣਾਮ ਜ਼ਰੂਰ ਮਿਲਣਗੇ । ਇਹਨਾਂ ਨਾਲ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਸਮਾਪਤ ਨਹੀਂ ਹੋਵੇਗਾ ਪਰ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਦੇ ਪੱਧਰ ਨੂੰ ਘਟਾਉਣ ਵਿੱਚ ਮਦਦ ਜ਼ਰੂਰ ਮਿਲੇਗੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਜੰਗਲ, ਹਵਾ, ਮਿੱਟੀ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਸੋਤ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੰਗਲਾਂ ਦੀ ਭੂਮੀ ਅਤੇ ਵਰਖਾ ਵਿੱਚ ਗਹਿਰਾ ਸੰਬੰਧ ਹੈ । ਜੇ ਰੁੱਖਾਂ ਨੂੰ ਕੱਟਣ ਦੀ ਦਰ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਵਾਧੇ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੋ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਰੁੱਖਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਖੇਤਰ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਰੇਗਿਸਥਾਨ ਵੀ ਬਣ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਜੰਗਲ ਸਦਾ ਹਵਾ, ਮਿੱਟੀ ਅਤੇ ਜਲੀ ਸਰੋਤਾਂ ਨੂੰ ਸਿੱਧਾ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

ਰੁੱਖ ਵਾਸ਼ਪਣ ਕਿਰਿਆ ਦੁਆਰਾ ਬਹੁਤ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਛੱਡਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਮੁਕਤ ਪਾਣੀ ਦੇ ਵਾਸ਼ਪ ਬੱਦਲ ਬਣ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਵਰਖਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜੰਗਲ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਣ ਤੇ ਵਰਖਾ ਵੀ ਘੱਟ ਹੋਵੇਗੀ ਅਤੇ ਉਸ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਰੁੱਖ ਉੱਗਣ ਦੀ ਦਰ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ ਜਿਸ ਨਾਲ ਵਾਤਾਵਰਣ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਹੋਵੇਗਾ ।

ਰੁੱਖਾਂ ਦੇ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਕੱਟਣ ਨਾਲ ਜੈਵਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨਾਲ ਭਰਪੂਰ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਉੱਪਰਲੀ ਸੜਾ ਵਰਖਾ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਨਾਲ ਵਹਿ ਕੇ ਲੁਪਤ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ । ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਤੋਂ ਖੋਰ ਦੇ ਕਾਰਨ ਭੂਮੀ ਦੀ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਵਣ ਜੰਗਲੀ ਜੰਤੂਆਂ ਨੂੰ ਸਹਾਰਾ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਸਾਨੂੰ ਇਹਨਾਂ ਤੋਂ ਕਈ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀਆਂ ਜੜੀ-ਬੂਟੀਆਂ ਮਿਲਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਇਮਾਰਤੀ ਲੱਕੜੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਕਈ ਉਦਯੋਗਾਂ ਲਈ ਜੰਗਲ ਸਾਨੂੰ ਕੱਚਾ ਮਾਲ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਜੰਗਲਾਂ ਨਾਲ ਜਲ ਸੋਤਾਂ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਵੱਧਦੀ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਨਾਲ ਤੋਂ ਖੋਰ ਤੇ ਕਾਬੂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਜੰਗਲਾਂ ਦੀ ਉਪਯੋਗਤਾ ਨੂੰ ਦੇਖਦੇ ਹੋਏ ਜੰਗਲਾਂ ਨੂੰ ਮੁੜ ਤੋਂ ਪੁਰਾ ਕਰਨਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਹੋਰ ਪੌਦੇ ਜਿੰਨੇ ਵੱਧ ਉਗਾਏ ਜਾਣਗੇ ਸਾਡਾ ਵਾਤਾਵਰਣ ਉਨਾ ਹੀ ਸਾਫ਼ ਅਤੇ ਸਿਹਤ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਕਰਨ ਵਾਲਾ ਹੋਵੇਗਾ | ਪੌਦੇ ਹੀ ਸਾਡੇ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਵਾਤਾਵਰਣ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਹਵਾ, ਮਿੱਟੀ ਅਤੇ ਜਲੀ ਯੋਤ ਜੰਗਲਾਂ ਨਾਲ ਸਿੱਧੇ ਤੌਰ ਤੇ ਸੰਬੰਧਿਤ ਹਨ ।

Science Guide for Class 9 PSEB ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਸਾਧਨ InText Questions and Answers

ਪਾਠ-ਪੁਸਤਕ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸ਼ੁਕਰ ਅਤੇ ਮੰਗਲ ਗ੍ਰਹਿਆਂ ਦੇ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਨਾਲੋਂ ਸਾਡਾ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਕਿਵੇਂ ਭਿੰਨ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸ਼ੁਕਰ ਅਤੇ ਮੰਗਲ ਗ੍ਰਹਿਆਂ ਦੇ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਲਗਪਗ 95 ਤੋਂ 97% ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿ ਧਰਤੀ ਦੇ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਇਹ 0.04% ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਅਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਗੈਸਾਂ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵਧੇਰੇ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਇੱਕ ਕੰਬਲ ਦੀ ਤਰਾਂ ਕਿਵੇਂ ਕਾਰਜ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਇਕ ਵਿਅਕਤੀ ਕੰਬਲ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਉੱਪਰ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਲਪੇਟ ਕੇ ਅੰਦਰ ਅਤੇ ਬਾਹਰ ਦੋ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਵਾਤਾਵਰਨ ਬਣਾ ਲੈਂਦਾ ਹੈ ਉਸੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧਰਤੀ ਦੇ ਚਾਰੋਂ ਪਾਸੋਂ ਫੈਲਿਆਂ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵੀ ਇਸ ਨੂੰ ਦੋ ਪੱਧਰਾਂ ਤੇ ਵੰਡ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਸੂਰਜ ਵਲੋਂ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਵਿਕਿਰਣਾਂ ਨੂੰ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੇ ਆਉਣ ਤੋਂ ਰੋਕਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ ਗੈਸਾਂ ਨੂੰ ਖਲਾਅ ਅੰਤਰਿਕਸ਼ ਵਿੱਚ ਜਾਣ ਤੋਂ ਰੋਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਹਵਾ ਪ੍ਰਵਾਹ (ਪੌਣ) ਦੇ ਕੀ ਕਾਰਨ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜ ਦੀਆਂ ਕਿਰਣਾਂ ਦਿਨ ਭਰ ਧਰਤੀ ਅਤੇ ਸਮੁੰਦਰ ਤਲ ਨੂੰ ਗਰਮ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਧਰਤੀ ਜਲਦੀ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇਰ ਨਾਲ । ਇਸ ਲਈ ਪਾਣੀ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਧਰਤੀ ਦੇ ਉੱਪਰਲੀ ਹਵਾ ਵੀ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਗਰਮ ਹੋ ਕੇ ਉੱਪਰ ਉੱਠਦੀ ਹੈ ਤੇ ਇਸ ਖਾਲੀਪਣ ਨੂੰ ਭਰਨ ਲਈ ਸਮੁੰਦਰ ਵਲੋਂ ਹਵਾ ਧਰਤੀ ਵੱਲ ਵਹਿਣ ਲੱਗਦੀ ਹੈ । ਰਾਤ ਦੇ ਸਮੇਂ ਧਰਤੀ ਅਤੇ ਸਮੁੰਦਰ ਦੋਵੇਂ ਠੰਡੇ ਹੋਣ ਲੱਗਦੇ ਹਨ ਪਰ ਧਰਤੀ ਜਲਦੀ ਠੰਡੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਠੰਡਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਪਾਣੀ ਦੇ ਉੱਪਰਲੀ ਹਵਾ, ਧਰਤੀ ਦੇ ਉੱਪਰਲੀ ਹਵਾ ਤੋਂ ਵੱਧ ਗਰਮ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਤਦ ਧਰਤੀ ਵਲੋਂ ਸਮੁੰਦਰ ਵਲ ਹਵਾ ਵਹਿਣ ਲੱਗਦੀ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਬੱਦਲਾਂ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਿਵੇਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜ ਦੀ ਗਰਮੀ ਨਾਲ ਜਲੀ ਭਾਗਾਂ ਤੋਂ ਵਾਸ਼ਪ ਕਿਰਿਆ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਵਾਸ਼ਪ ਬਣ ਕੇ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਚਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜਲ-ਵਾਸ਼ਪ ਦੀ ਕੁੱਝ ਮਾਤਰਾ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਜੈਵਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਤੋਂ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਚਲੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਹਵਾ ਨੂੰ ਗਰਮ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਆਪਣੇ ਨਾਲ ਜਲ-ਵਾਸ਼ਪਾਂ ਨੂੰ ਲੈ ਕੇ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਉੱਠਦੀ ਹੈ । ਜਲ-ਵਾਸ਼ਪ ਉੱਪਰ ਜਾ ਕੇ ਠੰਡੇ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਜਲ-ਵਾਸ਼ਪ ਛੋਟੀਆਂ-ਛੋਟੀਆਂ ਪਾਣੀ ਦੀਆਂ ਬੂੰਦਾਂ ਵਿੱਚ ਸੰਘਣਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਜੇ ਕੁੱਝ ਕਣ ਨਾਭਿਕ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕਾਰਜ ਕਰਨ ਤਾਂ ਬੂੰਦਾਂ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਚਾਰੋਂ ਪਾਸੇ ਜੰਮ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਆਮ ਕਰਕੇ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਧੂੜਕਣ ਅਤੇ ਹੋਰ ਨਿਲੰਬਿਤ ਕਣ ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤੋਂ ਬੱਦਲ ਬਣਦੇ ਹਨ । ਉਹਨਾਂ ਤੋਂ ਪਾਣੀ ਦੀਆਂ ਬੂੰਦਾਂ ਸੰਘਣਿਤ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਵੱਡੀਆਂ ਅਤੇ ਭਾਰੀਆਂ ਹੋ ਕੇ ਵਰਖਾ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੇਠਾਂ ਡਿੱਗ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਮਨੁੱਖ ਦੀਆਂ ਤਿੰਨ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ਜਿਹੜੀਆਂ ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦਾ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਲਈ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਜਲਣਾ ।
  2. ਰੁੱਖਾਂ ਦੀ ਅੰਧਾ-ਧੁੰਦ ਕਟਾਈ ।
  3. ਉਦਯੋਗਾਂ ਦੀ ਵਧੇਰੇ ਸਥਾਪਨਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਾਰੇ ਜੀਵਾਂ ਵਿੱਚ ਕੋਸ਼ਿਕਾਵਾਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਕੋਸ਼ਿਕਾਵਾਂ ਜੀਵ ਵ ਤੋਂ ਬਣਦੀਆਂ ਹਨ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਲਗਪਗ 90% ਪਾਣੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਕੋਸ਼ਿਕਾਵਾਂ ਦੀ ਸਾਰੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਪਾਣੀ ਦੇ ਮਾਧਿਅਮ ਨਾਲ ਹੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪਾਣੀ ਦੀ ਗੈਰ-ਮੌਜੂਦਗੀ ਵਿੱਚ ਇਹ ਜੀਵਤ ਨਹੀਂ ਰਹਿ ਸਕਦੀਆਂ । ਇਸ ਲਈ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਜਿਸ ਪਿੰਡ/ਕਸਬੇ/ਸ਼ਹਿਰ ਵਿੱਚ ਤੁਸੀਂ ਰਹਿੰਦੇ ਹੋ ਉੱਥੇ ਉਪਲੱਬਧ ਸ਼ੁੱਧ ਪਾਣੀ ਦਾ ਮੁੱਖ ਸਰੋਤ ਕਿਹੜਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਾਡੇ ਸ਼ਹਿਰ ਵਿੱਚ ਮਿੱਠੇ ਪਾਣੀ ਦਾ ਸੋਤ ਭੁਮੀ ਹੇਠਲਾ ਪਾਣੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਭੂਮੀ ਵਿੱਚੋਂ ਕੱਢ ਕੇ ਟੈਂਕਾਂ ਵਿੱਚ ਸਟੋਰ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਸ਼ਹਿਰ ਵਿੱਚ ਵੰਡਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਕੀ ਤੁਸੀਂ ਕਿਸੇ ਕਿਰਿਆ ਦੇ ਬਾਰੇ ਵਿੱਚ ਜਾਣਦੇ ਹੋ ਜਿਹੜਾ ਇਸ ਪਾਣੀ ਦੇ ਸਰੋਤ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਾਡੇ ਸ਼ਹਿਰ ਵਿੱਚ ਕਈ ਉਦਯੋਗ-ਧੰਦੇ ਹਨ, ਜਿਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਰੰਗਾਂ ਅਤੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਰੰਗ ਅਤੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਪਦਾਰਥ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਸੋਖਿਤ ਹੁੰਦੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਹੁਣ ਤੱਕ ਕਈ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਭੂਮੀਗਤ ਪਾਣੀ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਚੁੱਕਾ ਹੈ ਅਤੇ ਆਉਣ ਵਾਲੇ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਉਦਯੋਗ-ਧੰਦੇ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਸੰਕਟ ਖੜ੍ਹਾ ਕਰ ਦੇਣਗੇ । ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਿਆ ਹੋਇਆ ਪਾਰਾ, ਆਰਸੈਨਿਕ, ਸੀਸਾ ਵਰਗੇ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਤੱਤ ਕਈ ਖ਼ਤਰਨਾਕ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਬਣ ਜਾਣਗੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਮਿੱਟੀ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਿੱਟੀ ਚੱਟਾਨਾਂ ਦੇ ਟੁੱਟਣ-ਫੁੱਟਣ ਨਾਲ ਬਣਦੀ ਹੈ । ਹਜ਼ਾਰਾਂ-ਲੱਖਾਂ ਸਾਲਾਂ ਦੇ ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸੜਾ ਜਾਂ ਉਸਦੇ ਨੇੜੇ ਮਿਲਣ ਵਾਲੇ ਪੱਥਰ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਭੌਤਿਕ, ਰਸਾਇਣਿਕ ਅਤੇ ਕੁੱਝ ਜੈਵਿਕ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਟੁੱਟ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਟੁੱਟਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਸਭ ਤੋਂ ਅੰਤ ਵਿੱਚ ਬਚਿਆ ਬਾਰੀਕ ਕਣ ਮਿੱਟੀ ਹੈ । ਸੂਰਜ, ਪਾਣੀ, ਹਵਾ ਅਤੇ ਜੀਵ ਅਜਿਹੇ ਕਾਰਕ ਹਨ ਜੋ ਮਿੱਟੀ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਭੋਂ-ਖੋਰ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੋਂ-ਖੋਰ (Soil erosion) – ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਹਵਾ ਦੇ ਪ੍ਰਕੋਪ ਕਾਰਨ ਕਈ ਵਾਰ ਭੂਮੀ ਦੀ ਉੱਪਰੀ ਸੜਾ ਪਾਣੀ ਦੇ ਨਾਲ ਰੁੜ੍ਹ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਾਂ ਹਵਾ ਦੁਆਰਾ ਇਕ ਸਥਾਂਨ ਤੋਂ ਦੂਸਰੇ ਸਥਾਨ ਤੇ ਚਲੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਭੂਮੀ ਦਾ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਇੱਕ ਸਥਾਨ ਤੋਂ ਦੂਸਰੇ ਸਥਾਨ ਤੇ ਵਹਿ ਜਾਣਾ ਭੋਂ-ਖੋਰ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਭੋਂ-ਖੋਰ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਅਤੇ ਘੱਟ ਕਰਨ ਦੇ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਤਰੀਕੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੋਂ-ਖੋਰ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਅਤੇ ਘੱਟ ਕਰਨ ਦੇ ਤਰੀਕੇ-ਤੋਂ-ਖੋਰ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਅਤੇ ਘੱਟ ਕਰਨ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਢੰਗ ਅਪਣਾਏ ਜਾ ਸਕਦੇ ਹਨ-

  • ਭੂਮੀ ਨੂੰ ਸਮਤਲ ਕਰਨਾ – ਢਲਾਣਦਾਰ ਭੁਮੀ ਤੋਂ ਵਰਖਾ ਦਾ ਪਾਣੀ ਢਾਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਵਗਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਤੇਜ਼ ਬਹਾਵ ਦੇ ਕਾਰਨ ਮਿੱਟੀ ਕੱਟ ਕੇ ਵਗਦੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਵਹਿ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਭੋਂ-ਖੋਰ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਭੂਮੀ ਨੂੰ ਸਮਤਲ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਮਜ਼ਬੂਤ ਵੱਟਾਂ – ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਮਜ਼ਬੂਤ ਵੱਟਾਂ ਬਣਾ ਦੇਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ ਤਾਂਕਿ ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਪਾਣੀ ਬਾਹਰ ਨਾ ਜਾ ਸਕੇ ਅਤੇ ਮਿੱਟੀ ਦਾ ਕਟਾਵ ਨਾ ਹੋ ਸਕੇ ।
  • ਰੇਤਲੀ ਭੂਮੀ ਵਿੱਚ ਜੀਵਾਂਸ਼ ਖਾਦ ਦਾ ਮਿਲਾਉਣਾ – ਰੇਤਲੀ ਭੂਮੀ ਹਲਕੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਹਲਕੀ ਮਿੱਟੀ ਪਾਣੀ ਦੇ ਨਾਲ ਜਲਦੀ ਰੁੜ੍ਹ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਰੇਤਲੀ ਭੂਮੀ ਵਿੱਚ ਜੀਵਾਸ਼ ਪਦਾਰਥ ਮਿਲਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਕਣ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਜੁੜੇ ਰਹਿਣ ਅਤੇ ਮਿੱਟੀ ਪਾਣੀ ਦੇ ਨਾਲ ਰੁੜਨ ਤੋਂ ਬਚ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  • ਬਨਸਪਤੀ ਦਾ ਉਗਣਾ – ਅਜਿਹੀ ਭੂਮੀ ਜਿਸ ਤੇ ਫ਼ਸਲ ਜਾਂ ਪੌਦੇ ਨਹੀਂ ਉਗਾਏ ਜਾਂਦੇ, ਵਰਖਾ ਦੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਰੁੜ੍ਹ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਪੌਦੇ ਉਗਣ ਨਾਲ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਕਣ ਜੜਾਂ ਦੁਆਰਾ ਮਜ਼ਬੂਤੀ ਨਾਲ ਬੰਨ੍ਹੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਸੌਖਿਆਂ ਹੀ ਵਗਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਨਾਲ ਅਲੱਗ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬਨਸਪਤੀ ਉਗਾ ਕੇ ਭੋਂ-ਖੋਰ ਨੂੰ ਰੋਕਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
  • ਭੂਮੀ ਦੀ ਢਾਲ ਦੇ ਉਲਟ ਫ਼ਸਲ ਉਗਾਉਣਾ – ਪਹਾੜੀ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਭੂਮੀ ਆਮ ਕਰਕੇ ਢਲਾਣਦਾਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਅਜਿਹੀ ਭੂਮੀ ਵਿੱਚ ਖੇਤ ਦੀ ਜੁਤਾਈ ਢਲਾਣ ਦੀ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੀਆਂ ਕਤਾਰਾਂ ਵੀ ਢਲਾਣ ਦੀ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਬੀਜਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ । ਢਲਾਣਦਾਰ ਭੁਮੀ ਤੇ ਪੱਟੀਆਂ ਬਣਾ ਕੇ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਖੇਤੀ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਕਿ ਹਰ ਪੱਟੀ ਇਕ-ਦੂਸਰੇ ਦੇ ਉੱਪਰ ਪੌੜੀਨੁਮਾ ਹੋਵੇ ਤਾਂਕਿ ਪਾਣੀ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਨਾ ਵਹਿ ਸਕੇ ।
  • ਹਵਾ ਰੋਕੂ ਪੌਦੇ ਲਗਾ ਕੇ – ਅਜਿਹੀ ਜਗਾ ਜਿੱਥੇ ਭੂਮੀ ਰੇਤਲੀ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਹਵਾ ਤੇਜ਼ ਚੱਲਦੀ ਹੋਵੇ, ਉਹਨਾਂ ਥਾਂਵਾਂ ਤੇ ਖੇਤਾਂ ਦੇ ਚਾਰੋਂ ਪਾਸੇ ਲੰਬੇ ਅਤੇ ਘਣੇ ਪੌਦੇ ਉਗਾਉਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਕਿ ਹਵਾ ਦਾ ਤੇਜ਼ ਅਸਰ ਭੂਮੀ ਤੇ ਨਾ ਪਵੇ ਅਤੇ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਕਣ ਹਵਾ ਦੇ ਨਾਲ ਨਾ ਉੱਡ ਜਾਣ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਜਲ ਚੱਕਰ ਦੇ ਕੂਮ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਦੀਆਂ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਅਵਸਥਾਵਾਂ ਮਿਲਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਾਸ਼ਪ ਅਵਸਥਾ, ਤਰਲ ਅਵਸਥਾ, ਠੋਸ ਅਵਸਥਾ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਜੈਵਿਕ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਦੋ ਯੌਗਿਕਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦਿਓ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਆਕਸੀਜਨ ਅਤੇ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਦੋਵੇਂ ਮਿਲਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਪ੍ਰੋਟੀਨ,
  2. ਨਿਊਕਲਿਕ ਅਮਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਮਨੁੱਖ ਦੀਆਂ ਕੋਈ ਤਿੰਨ ਗਤੀਵਿਧੀਆਂ ਨੂੰ ਪਛਾਣੋ ਜਿਹਨਾਂ ਨਾਲ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵੱਧਦੀ ਹੈ ?..
ਉੱਤਰ-

  1. ਉਦਯੋਗ ਧੰਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਕੋਲੇ ਦਾ ਬਾਲਣ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ।
  2. ਪੈਟਰੋਲ ਅਤੇ ਡੀਜ਼ਲ ਦਾ ਵਾਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ।
  3. ਬਿਜਲੀ ਉਤਪਾਦਨ ਲਈ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਸ੍ਰੀਨ ਹਾਊਸ ਪ੍ਰਭਾਵ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸ਼੍ਰੀਨ ਹਾਊਸ ਪ੍ਰਭਾਵ (Green House Effect) – ਸਾਡੇ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦੀ ਪ੍ਰਤੀਸ਼ਤ ਮਾਤਰਾ 0.04% ਹੈ ਜੋ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦੀ ਇਸ ਮਾਤਰਾ ਨੂੰ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਬਣਾ ਕੇ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਇਸ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਹਰੇ ਪੌਦੇ ਅਤੇ ਮਹਾਂਸਾਗਰ ਵੀ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਕਾਰਬਨਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦੇ ਅਣੂਆਂ ਵਿੱਚ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸੜਾ ਤੋਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਵਿਕਿਰਣਾਂ ਨੂੰ ਸੋਖਣ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੋਖਿਤ ਵਿਕਿਰਣਾਂ ਕਾਰਨ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਦੇ ਗਰਮ ਹੋਣ ਨੂੰ ਸ੍ਰੀਨ ਹਾਊਸ ਪ੍ਰਭਾਵ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦੀ ਵਧੇਰੇ ਮਾਤਰਾ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਜਲਵਾਸ਼ਪ ਅਤੇ ਓਜ਼ੋਨ ਵਿੱਚ ਵੀ ਤਾਪ ਵਿਕਿਰਣਾਂ ਨੂੰ ਸੋਖਣ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਗ੍ਰੀਨ ਹਾਊਸ ਗੈਸਾਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮੰਨਿਆਂ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ CO, ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵਿਤਰਿਤ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਸ਼੍ਰੀਨ ਹਾਊਸ ਪ੍ਰਭਾਵ ਨੂੰ ਜਲ-ਵਾਸ਼ਪਾਂ ਅਤੇ ਓਜ਼ੋਨ ਤੋਂ ਵਧੇਰੇ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੇ ਆਕਸੀਜਨ ਦੇ ਰੂਪ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਆਕਸੀਜਨ (O2)
  2. ਓਜ਼ੋਨ (O3)।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 13 ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 13 ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 13 ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ

PSEB 9th Class Science Guide ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ Textbook Questions and Answers

ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਪਿਛਲੇ ਇੱਕ ਸਾਲ ਵਿੱਚ ਤੁਸੀਂ ਕਿੰਨੀ ਵਾਰ ਬਿਮਾਰ ਹੋਏ ? ਕੀ ਬਿਮਾਰੀ ਸੀ ?
(a) ਇਨ੍ਹਾਂ ‘ਚੋਂ ਕੋਈ ਜਾਂ ਸਾਰੀਆਂ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਹਟਾਉਣ ਲਈ ਤੁਸੀਂ ਆਪਣੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜੀ ਤਬਦੀਲੀ ਕਰੋਗੇ ?
(b) ਇਨ੍ਹਾਂ ‘ਚੋਂ ਕੋਈ ਜਾਂ ਸਾਰੀਆਂ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਹਟਾਉਣ ਲਈ ਤੁਸੀਂ ਆਪਣੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ’ ਚ ਕੀ ਤਬਦੀਲੀ ਕਰਨੀ ਚਾਹੋਗੇ ? |
ਉੱਤਰ-
ਪਿਛਲੇ ਇੱਕ ਸਾਲ ਵਿੱਚ ਮੈਂ ਦੋ ਵਾਰ ਬਿਮਾਰ ਹੋਇਆ । ਪਹਿਲੀ ਵਾਰ ਮੈਨੂੰ ਵਾਇਰਲ ਬੁਖ਼ਾਰ ਹੋਇਆ ਅਤੇ ਦੂਜੀ ਵਾਰ ਮਲੇਰੀਆ ਹੋਇਆ ਸੀ ।

(a) ਬਿਮਾਰੀ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਰੋਗ ਸੁਰੱਖਿਆ-ਤੰਤਰ ਮਜ਼ਬੂਤ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਪੌਸ਼ਟਿਕ ਅਤੇ ਸੰਤੁਲਿਤ ਭੋਜਨ ਖਾਣਾ ਪਸੰਦ ਕਰਾਂਗਾ | ਮਲੇਰੀਆ ਤੋਂ ਬਚਾਓ ਲਈ ਮੱਛਰਦਾਨੀ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਾਂਗੇ । ਮੱਛਰ ਘਰ ਵਿਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਨਾ ਕਰੇ ਅਜਿਹਾ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕਰਾਂਗੇ ।

(b) ਮੈਂ ਆਪਣੇ ਆਂਢ-ਗੁਆਂਢ ਵਿਚ ਰੁਕੇ ਹੋਏ ਪਾਣੀ ਦੇ ਸਰੋਤਾਂ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਾਂਗਾ । ਬੰਦ ਪਏ ਕੁਲਰਾਂ ਵਿੱਚ ਭਰਿਆ ਹੋਇਆ ਪਾਣੀ, ਥਾਂ-ਥਾਂ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਭਰੇ ਬਰਤਨਾਂ ਨੂੰ ਖ਼ਾਲੀ ਕਰਵਾਉਣਾ ਚਾਹਾਂਗਾ | ਘਰ ਦੇ ਬਾਹਰ ਰੁਕੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਗੰਦੀਆਂ ਨਾਲੀਆਂ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਕਰਨਾ ਚਾਹਾਂਗਾ ਤਾਂਕਿ ਉਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਮੱਛਰ ਪੈਦਾ ਨਾ ਹੋ ਸਕੇ | ਘਰ ਤੋਂ ਕੁੱਝ ਦੁਰ ਛੱਪੜ ਤੇ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਤੇਲ ਦਾ ਛਿੜਕਾਅ ਕਰਨਾ ਚਾਹਾਂਗਾ ਤਾਂਕਿ ਮੱਛਰਾਂ ਦਾ ਲਾਰਵਾ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਵੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਸਮੁਦਾਇ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਡਾਕਟਰ/ਨਰਸ/ਹੈਲਥ ਵਰਕਰ ਆਮ ਲੋਕਾਂ ਨਾਲੋਂ ਰੋਗੀਆਂ ਦਾ ਜ਼ਿਆਦਾ ਸਾਹਮਣਾ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਉਹ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਬਿਮਾਰ ਹੋਣ ਤੋਂ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬਚਾਉਂਦਾ/ਬਚਾਉਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਿਸਚਿਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਡਾਕਟਰ/ਨਰਸ/ਹੈਲਥ ਵਰਕਰ ਆਮ ਲੋਕਾਂ ਨਾਲੋਂ ਰੋਗੀਆਂ ਦੇ ਸੰਪਰਕ ਵਿੱਚ ਵਧੇਰੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਤੇ ਇਸ ਕਾਰਨ ਜਲਦੀ ਬਿਮਾਰ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਬਿਮਾਰੀ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਰੋਗ ਪਤੀਰੱਖਿਆ ਦੇ ਤਰੀਕਿਆਂ ਨੂੰ ਅਪਣਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਵਧੀਆ ਪੌਸ਼ਟਿਕ ਭੋਜਨ ਖਾਂਦੇ ਹਨ । ਵਿਅਕਤੀਗਤ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਆਪਣੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਨੂੰ ਸਾਫ਼-ਸੁਥਰਾ ਰੱਖਦੇ ਹਨ । ਰੋਗੀ ਦੀ ਚੈਕਿੰਗ ਕਰਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਹੱਥ ਧੋਦੇ ਹਨ । ਛੂਤ ਵਾਲੇ ਰੋਗੀ ਦੇ ਨੇੜੇ ਜਾਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਨੱਕ ਮੂੰਹ ਢੱਕ ਲੈਂਦੇ ਹਨ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 13 ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਆਪਣੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਵਿਚ ਇੱਕ ਸਰਵੇਖਣ ਕਰੋ ਅਤੇ ਪਤਾ ਲਗਾਓ ਕਿ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਤਿੰਨ . ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਆਮ ਤੌਰ ‘ ਤੇ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਫੈਲਣ ਤੋਂ ਰੋਕਣ ਲਈ ਆਪਣੇ ਸਥਾਨਿਕ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਨ ਨੂੰ ਤਿੰਨ ਸੁਝਾਅ ਦਿਉ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਾਡੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਆਮ ਕਰਕੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਦਸਤ, ਮਲੇਰੀਆ ਅਤੇ ਵਾਇਰਲ ਬੁਖ਼ਾਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਰੋਗਾਂ ਨੂੰ ਫੈਲਣ ਤੋਂ ਰੋਕਣ ਲਈ ਸਥਾਨਿਕ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਨ ਲਈ ਸੁਝਾਅ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹਨ-

  1. ਸੜਕ ਕਿਨਾਰੇ ‘ਤੇ ਬਣੀਆਂ ਨਾਲੀਆਂ ਦੀ ਨਿਯਮਿਤ ਸਫ਼ਾਈ ਕਰਵਾਓ । ਉਹਨਾਂ ਵਿਚ ਗੰਦਾ ਪਾਣੀ ਖੜ੍ਹਾ ਨਾ ਹੋਣ ਦਿਓ ।
  2. ਨਾਗਰਿਕਾਂ ਨੂੰ ਦਿੱਤੀ ਜਾਣ ਵਾਲੀ ਪਾਣੀ ਦੀ ਪੂਰਤੀ ਕਲੋਰੀਨ ਯੁਕਤ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  3. ਜਗ੍ਹਾ-ਜਗ੍ਹਾ ਖੜ੍ਹੇ ਪਾਣੀ ਤੇ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਤੇਲ ਦਾ ਛਿੜਕਾਅ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਕਿ ਮੱਛਰਾਂ ਦਾ ਵਾਧਾ ਰੋਕਿਆ ਜਾ ਸਕੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਇੱਕ ਬੱਚਾ ਆਪਣੀ ਬਿਮਾਰੀ ਦੇ ਬਾਰੇ ਵਿੱਚ ਆਪਣੇ ਘਰਦਿਆਂ ਨੂੰ ਦੱਸ ਸਕਣ ਦੇ ਯੋਗ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਸਾਨੂੰ ਕਿਸ ਗੱਲ ਤੋਂ ਪਤਾ ਲੱਗੇਗਾ ਕਿ :
(a) ਕੀ ਬੱਚਾ ਬਿਮਾਰ ਹੈ?
(b) ਕੀ ਬਿਮਾਰੀ ਹੈ?
ਉੱਤਰ-
(a) ਬੱਚੇ ਦਾ ਰੰਗ ਪੀਲਾ ਪੈ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬੱਚੇ ਨੂੰ ਭੁੱਖ ਘੱਟ ਲਗਦੀ ਹੈ, ਬੱਚੇ ਨੂੰ ਵਧੇਰੇ ਥਕਾਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਉਸਦਾ ਭਾਰ ਵੀ ਘੱਟ ਹੋਣ ਲੱਗਦਾ ਹੈ ।

(b) ਉਸ ਨੂੰ ਪੀਲੀਆ ਰੋਗ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ‘ ਚੋਂ ਕਿਹੜੇ ਹਾਲਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਵਿਅਕਤੀ ਦੇ ਬਿਮਾਰ ਹੋਣ ਦੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਸੰਭਾਵਨਾ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਉਂ ?
(a) ਜਦੋਂ ਉਹ ਮਲੇਰੀਏ ਤੋਂ ਠੀਕ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੈ ?
(b) ਜਦੋਂ ਉਹ ਮਲੇਰੀਏ ਤੋਂ ਠੀਕ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਸੇ ਚੇਚਕ (Chicken pox) ਦੇ ਰੋਗੀ ਦੀ ਦੇਖਭਾਲ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ ?
(c) ਜਦੋਂ ਉਸਨੇ ਮਲੇਰੀਏ ਤੋਂ ਠੀਕ ਹੋਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਚਾਰ ਦਿਨ ਦਾ ਵਰਤ ਰੱਖਿਆ ਅਤੇ ਕਿਸੇ ਚੇਚਕ ਦੇ ਰੋਗੀ ਦੀ ਦੇਖਭਾਲ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਮਲੇਰੀਏ ਤੋਂ ਠੀਕ ਹੋਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਚਾਰ ਦਿਨ ਦਾ ਵਰਤ ਰੱਖਿਆ ਅਤੇ ਕਿਸੇ ਚੇਚਕ ਦੇ ਰੋਗੀ ਦੀ ਸੇਵਾ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ ।

ਕਾਰਨ – ਬਿਮਾਰੀ ਦੇ ਬਾਅਦ ਉਸਦੇ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਸੁਭਾਵਿਕ ਕਮਜ਼ੋਰੀ ਆ ਜਾਵੇਗੀ । ਇਸ ਕਮਜ਼ੋਰੀ ਕਾਰਨ ਉਸਦੇ ਸਰੀਰ ਦੇ ਰੋਗ ਸੁਰੱਖਿਆ ਤੰਤਰ ਵਿਚ ਕਮਜ਼ੋਰੀ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਦੀ ਪੂਰਤੀ ਪੌਸ਼ਟਿਕ ਅਤੇ ਵਧੀਆ ਭੋਜਨ ਤੋਂ ਹੋਣੀ ਸੀ ਪਰ ਚਾਰ ਦਿਨ ਵਰਤ ਕਰਨ ਨਾਲ ਪ੍ਰਤੀਰੱਖਿਆ ਸਮਰੱਥਾ ਹੋਰ ਵੀ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ । ਚੇਚਕ ਇਕ ਛੂਤ ਦਾ ਰੋਗ ਹੈ ਜਿਸਦੀ ਲਾਗ ਜਲਦੀ ਲਗ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਰੋਗ ਉਸ ਕਮਜ਼ੋਰ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਆਪਣਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਬਣਾ ਲਵੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਤੋਂ ਤੁਹਾਡੀ ਕਿਹੜੇ ਹਾਲਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਬਿਮਾਰ ਹੋਣ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਉਂ ?
(a) ਜਦੋਂ ਤੁਹਾਡੇ ਪੇਪਰ ਹੋ ਰਹੇ ਹੋਣ ।
(b) ਜਦੋਂ ਤੁਸੀਂ ਬੱਸ ਜਾਂ ਟੇਨ ਵਿੱਚ ਦੋ ਦਿਨ ਦਾ ਸਫ਼ਰ ਕਰ ਕੇ ਹਟੇ ਹੋਏ ਹੋ ।
(c) ਜਦੋਂ ਤੁਹਾਡਾ ਦੋਸਤ ਖਸਰੇ (Measles) ਤੋਂ ਪੀੜਿਤ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਜਦੋਂ ਤੁਹਾਡਾ ਦੋਸਤ ਖਸਰੇ ਤੋਂ (Measles) ਪੀੜਿਤ ਹੈ ।

ਖਸਰਾ ਇਕ ਛੂਤ ਦਾ ਰੋਗ ਹੈ । ਦੋਸਤ ਨਾਲ ਖੇਡਣ, ਬੈਠਣ-ਉੱਠਣ, ਗੱਲਾਂ ਕਰਨ, ਇੱਕ ਸਾਥ ਖਾਣਾ, ਉਸਦੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਛੂਹਣਾ ਆਦਿ ਨਾਲ ਖਸਰਾ ਦੇ ਵਾਇਰਸ ਸਾਨੂੰ ਲਾਗ ਲਗਾ ਸਕਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਸਾਨੂੰ ਰੋਗੀ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ ।

Science Guide for Class 9 PSEB ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ InText Questions and Answers

ਪਾਠ-ਪੁਸਤਕ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਚੰਗੀ ਸਿਹਤ ਦੀਆਂ ਕੋਈ ਦੋ ਨਿਸ਼ਾਨੀਆਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਚੰਗੀ ਸਿਹਤ ਲਈ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਸਰੀਰਕ, ਮਾਨਸਿਕ ਅਤੇ ਸਮਾਜਿਕ ਸਥਿਤੀਆਂ ਦਾ ਵਧੀਆ ਹੋਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 13 ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਰੋਗ ਮੁਕਤ ਹੋਣ ਦੀਆਂ ਦੋ ਨਿਸ਼ਾਨੀਆਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਸਮੁਦਾਇਕ ਸਵੱਛਤਾ,
  2. ਵਧੀਆ ਭੋਜਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕੀ ਉਪਰੋਕਤ ਦੋਨਾਂ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ ਇੱਕ ਹੀ ਹਨ ਜਾਂ ਵੱਖ-ਵੱਖ ? ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਸਲ ਵਿਚ ਵਧੀਆ ਸਿਹਤ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਸਥਿਤੀਆਂ ਅਤੇ ਪਰਿਸਥਿਤੀਆਂ ਵਿੱਚ ਵੱਡਾ ਅੰਤਰ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਇਹ ਦੋਨੋਂ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਨਾਲ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਜੁੜੇ ਹੋਏ ਹਨ ਕਿ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਵੱਖ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ । ਜੇ ਸਮੁਦਾਇਕ ਸਵੱਛਤਾ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਖਾਣ ਲਈ ਪੌਸ਼ਟਿਕ ਭੋਜਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੇ ਰਹੇ ਤਾਂ ਸਰੀਰਕ ਸਿਹਤ ਦੇ ਨਾਲ ਮਾਨਸਿਕ ਸਿਹਤ ਵੀ ਠੀਕ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਵਾਤਾਵਰਨ ਦੂਸ਼ਿਤ ਹੋਵੇ, ਸਭ ਪਾਸੇ ਗੰਦਗੀ ਫੈਲੀ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਸਰੀਰਕ ਰੋਗ ਤਾਂ ਪਰੇਸ਼ਾਨ ਕਰਨਗੇ ਹੀ ਤੇ ਨਾਲ ਹੀ ਮਾਨਸਿਕ ਤਕਲੀਫ਼ ਵੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਗਰੀਬੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਜੇ ਭੋਜਨ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਨਾ ਹੋਵੇ, ਪੇਟ ਖ਼ਾਲੀ ਰਹੇ ਤਾਂ ਮਾਨਸਿਕ ਕਲੇਸ਼ ਦੇ ਨਾਲ ਅਲਪਪੋਸ਼ਣ ਅਤੇ ਕੁਪੋਸ਼ਣ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਰੋਗ ਵੀ ਸਤਾਉਣਗੇ । ਉਪਰੋਕਤ ਦੋਨਾਂ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ ਇੱਕ ਹੀ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਮੌਲਿਕ ਅੰਤਰ ਨਹੀਂ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਅਜਿਹੇ ਤਿੰਨ ਕਾਰਨ ਲਿਖੋ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਤੁਸੀਂ ਸੋਚਦੇ ਹੋ ਕਿ ਤੁਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਹੋ ਅਤੇ ਡਾਕਟਰ ਕੋਲ ਜਾਣਾ ਚਾਹੁੰਦੇ ਹੋ । ਜੇਕਰ ਇਹਨਾਂ ‘ਚੋਂ ਕੋਈ ਇੱਕ ਵੀ ਲੱਛਣ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਕੀ ਤੁਸੀਂ ਫਿਰ ਵੀ ਡਾਕਟਰ ਕੋਲ ਜਾਣਾ ਚਾਹੋਗੇ ? ਕਿਉਂ ਜਾਂ ਕਿਉਂ ਨਹੀਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਤਿੰਨ ਕਾਰਨ ਹਨ-

  1. ਤੱਤਕਾਲੀਨ ਕਾਰਨ
  2. ਭਰਪੂਰ ਪੋਸ਼ਣ ਦਾ ਨਾ ਹੋਣਾ
  3. ਗ਼ਰੀਬੀ ਅਤੇ ਸਮੁਦਾਇਕ ਸੇਵਾਵਾਂ ਦਾ ਉਪਲੱਬਧ ਨਾ ਹੋਣਾ ।

ਜੇ ਇਹਨਾਂ ਤਿੰਨਾਂ ਵਿਚੋਂ ਕੋਈ ਇੱਕ ਵੀ ਕਾਰਨ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਅਸੀਂ ਡਾਕਟਰ ਕੋਲ ਜਾਣਾ ਚਾਹਾਂਗੇ ।
ਮੰਨ ਲਓ ਇੱਕ ਬੱਚੇ ਨੂੰ ਪਤਲੇ ਦਸਤ ਲੱਗੇ ਹੋਏ ਹਨ ਇਸਦਾ ਕਾਰਨ ਵਿਸ਼ਾਣੁ ਹੈ ਜੋ ਤਤਕਾਲਿਕ ਕਾਰਨ ਹੈ । ਇਸਦਾ ਕਾਰਨ ਇਹ ਵੀ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਕਿ ਬੱਚਾ ਜਾਂ ਉਸਦਾ ਪਰਿਵਾਰ ਗ਼ਰੀਬ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਭਰਪੂਰ ਭੋਜਨ ਨਾ ਲੈ ਸਕਦਾ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਬਿਮਾਰ ਹੋ ਗਿਆ ਹੋਵੇ । ਜਿੱਥੇ ਬੱਚੇ ਦਾ ਪਰਿਵਾਰ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ਉੱਥੇ ਖ਼ਰਾਬ ਸਮੁਦਾਇਕ ਸੇਵਾਵਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਸਾਫ਼ ਪਾਣੀ ਉਪਲੱਬਧ ਨਾ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਸਾਰੇ ਕਾਰਨ ਕਿਸੇ ਨਾ ਕਿਸੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਸੰਬੰਧਿਤ ਹਨ ।ਵਿਸ਼ਾਣੂ ਜੈਵ ਸਮੁਦਾਇਕ ਵਿਚ ਫੈਲ ਸਕਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਰੋਗ ਵੀ ਫੈਲ ਸਕਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ‘ਚੋਂ ਕਿਸੇ ਦੇ ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਤਕ ਰਹਿਣ ਕਾਰਨ ਤੁਸੀਂ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ਕਿ ਤੁਹਾਡੀ ਸਿਹਤ ਤੇ ਬੁਰਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪਵੇਗਾ ਅਤੇ ਕਿਉਂ ?
• ਜੇਕਰ ਤੁਸੀਂ ਪੀਲੀਏ ਦੇ ਰੋਗ ਤੋਂ ਪੀੜਿਤ ਹੋ ?
• ਜੇਕਰ ਤੁਹਾਡੇ ਸਰੀਰ ਤੇ ਨੂੰ ਹੈ ।
• ਜੇਕਰ ਤੁਸੀਂ ਮੁਹਾਸਿਆਂ ਤੋਂ ਪੀੜਿਤ ਹੋ ਅਤੇ ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੇ ਤੁਸੀਂ ਪੀਲੀਏ ਤੋਂ ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਤਕ ਪੀੜਿਤ ਹੋ ਤਾਂ ਇਹ ਸਿਹਤ ਲਈ ਬਹੁਤ ਖ਼ਰਾਬ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਇਸਦਾ ਸੰਬੰਧ ਜਿਗਰ ਨਾਲ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਹੈਪੇਟਾਈਟਸ ਦੀ ਜਾਂਚ ਅਤੇ ਇਲਾਜ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਜੂ ਅਤੇ ਮੁਹਾਸੇ ਥੋੜ੍ਹੇ ਸਮੇਂ ਲਈ ਅਸਰ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਚਮੜੀ ਦੇ ਰੋਗ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਸਰਲਤਾ ਨਾਲ ਦੂਰ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਦਾ ਅਸਰ ਸਰੀਰ ‘ਤੇ ਦੇਰ ਤਕ ਨਹੀਂ ਰਹਿੰਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਜਦੋਂ ਤੁਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਹੁੰਦੇ ਹੋ ਤੁਹਾਨੂੰ ਅਕਸਰ ਹੀ ਵਧੀਆ ਤੇ ਪੋਸ਼ਕ ਭੋਜਨ ਖਾਣ ਦੀ ਸਲਾਹ ਕਿਉਂ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ
ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਧੀਆ ਤੇ ਪੋਸ਼ਕ ਭੋਜਨ ਕਿਸੇ ਵੀ ਬਿਮਾਰ ਵਿਅਕਤੀ ਲਈ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਕੁਦਰਤੀ ਪ੍ਰਤੀਰੱਖਿਅਕ ਤੰਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜੋ ਰੋਗਾਣੂਆਂ ਨਾਲ ਲੜਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਮਾਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਜੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਬਿਮਾਰੀ ਜਾਂ ਭੋਜਨ ਦੀ ਕਮੀ ਨਾਲ ਪ੍ਰਤੀਰੱਖਿਅਕ ਤੰਤਰ ਕਮਜ਼ੋਰ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਹ ਸ਼ਰੀਰ ਸੁਰੱਖਿਆ ਦੇ ਆਪਣੇ ਕਾਰਜ ਵਿੱਚ ਸਫ਼ਲ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕੇਗਾ । ਕੋਸ਼ਿਕਾਵਾਂ, ਪ੍ਰੋਟੀਨ, ਕਾਰਬੋਹਾਈਡੇਟ, ਵਸਾ ਆਦਿ ਤੋਂ ਬਣਦੀਆਂ ਹਨ ਜੋ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਭੋਜਨ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ ਫੈਲਣ ਦੇ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਤਰੀਕੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 13 ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ 1
ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ ਮੁੱਖ ਰੂਪ ਵਿਚ ਹਵਾ, ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਲਿੰਗੀ ਸੰਪਰਕ ਦੇ ਮਾਧਿਅਮ ਰਾਹੀਂ ਫੈਲਦੇ ਹਨ । ਸੂਖ਼ਮਜੀਵੀ ਕਾਰਕ ਕਈ ਤਰੀਕਿਆਂ ਨਾਲ ਕਿਸੇ ਰੋਗੀ ਵਿਅਕਤੀ ਤੋਂ ਸਿਹਤਮੰਦ ਵਿਅਕਤੀ ਤਕ ਫੈਲਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ-

1. ਹਵਾ ਰਾਹੀਂ-ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਰੋਗੀ ਵਿਅਕਤੀ ਖ਼ਾਸੀ ਕਰਦਾ ਹੈ ਜਾਂ ਛਿੱਕ ਮਾਰਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਦੇ ਮੂੰਹ ਅਤੇ ਨੱਕ ਵਿਚੋਂ ਛੋਟੀਆਂ-ਛੋਟੀਆਂ ਬੂੰਦਾਂ ਬਹੁਤ ਵੇਗ ਨਾਲ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲਦੀਆਂ ਹਨ । ਜੋ ਵਿਅਕਤੀ ਉਸ ਦੇ ਨੇੜੇ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਇਹ ਸਾਹ ਰਸਤੇ ਉਸਦੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਤੇ ਉਸ ਨੂੰ ਵੀ ਲਾਗ
ਲਗਾ ਕੇ ਰੋਗੀ ਬਣਾ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਖਾਂਸੀ, ਜ਼ੁਕਾਮ, ਨਿਮੋਨੀਆਂ, ਟੀ. ਬੀ. ਆਦਿ ਰੋਗ ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਫੈਲਦੇ ਹਨ ।

ਹਨ । ਜਿੱਥੇ ਵਧੇਰੇ ਭੀੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਉੱਥੇ ਹਵਾ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਣ ਵਾਲੇ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਫੈਲਣ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਉੱਨੀ ਹੀ ਵੱਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਵਧੇਰੇ ਭੀੜ ਵਾਲੇ ਅਤੇ ਘੱਟ ਰੋਸ਼ਨਦਾਨਾਂ ਵਾਲੇ ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਹਵਾ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਣ ਵਾਲੇ ਰੋਗਾਂ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਵਧੇਰੇ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

2. ਪਾਣੀ ਰਾਹੀਂ – ਕਈ ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ ਪਾਣੀ ਰਾਹੀਂ ਫੈਲਦੇ ਹਨ । ਜਦੋਂ ਰੋਗੀ ਵਿਅਕਤੀ ਦਾ ਮਲ-ਮੂਤਰ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਮਿਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤੇ ਕੋਈ ਸਿਹਤਮੰਦ ਵਿਅਕਤੀ ਗਲਤੀ ਨਾਲ ਅਜਿਹੇ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਪੀ ਲੈਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਸੂਖ਼ਮਜੀਵ ਉਸ ਦੇ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਉਹ ਵੀ ਰੋਗੀ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਹੈਜ਼ਾ, ਪੇਚਿਸ਼ ਆਦਿ ਰੋਗ ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਫੈਲਦੇ ਹਨ ।

3. ਲਿੰਗੀ ਸੰਪਰਕ ਰਾਹੀਂ – ਜਦੋਂ ਦੋ ਵਿਅਕਤੀ ਸਰੀਰਕ ਰੂਪ ਵਿਚ ਲਿੰਗੀ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਇੱਕ-ਦੂਸਰੇ ਦੇ ਸੰਪਰਕ ਵਿਚ ਆਉਂਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਸੂਖ਼ਮਜੀਵੀ ਰੋਗ ਲਾਗ ਵਾਲੇ ਵਿਅਕਤੀ ਤੋਂ ਦੂਸਰੇ ਸਾਥੀ ਨੂੰ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਸਿਫਿਲਿਸ ਗਨੋਰੀਆ, ਏਡਜ਼ ਆਦਿ ਰੋਗ ਇਸੇ ਪ੍ਰਕਾਰ ਇੱਕ ਤੋਂ ਦੂਸਰੇ ਵਿਅਕਤੀ ਵਿੱਚ ਫੈਲਦੇ ਹਨ ।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 13 ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ 2
4. ਜੰਤੂਆਂ ਰਾਹੀਂ – ਮੱਛਰ, ਮੱਖੀ, ਪਿੱਸੂ ਆਦਿ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਕਾਰਕ ਹਨ ਤੇ ਵਾਹਕ ਹਨ ਜੋ ਰੋਗਾਣੂਆਂ ਨੂੰ ਇਕ ਵਿਅਕਤੀ ਤੋਂ ਦੂਸਰੇ ਵਿਅਕਤੀ ਤਕ ਪਹੁੰਚਾ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਲਾਗ ਲੱਗਿਆ ਕੁੱਤਾ, ਬਾਂਦਰ, ਨੇਵਲਾ ਆਦਿ ਜੰਤੁ ਵੀ ਰੇਬੀਜ਼ ਫੈਲਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਲਾਰ ਤੋਂ ਇਹ ਰੋਗ ਫੈਲਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗਾਂ ਨੂੰ ਫੈਲਣ ਤੋਂ ਰੋਕਣ ਲਈ ਤੁਹਾਡੇ ਸਕੂਲ ਵਿਚ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਸਾਵਧਾਨੀਆਂ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗਾਂ ਨੂੰ ਫੈਲਣ ਤੋਂ ਰੋਕਣ ਦੀਆਂ ਸਾਵਧਾਨੀਆਂ-

  1. ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਸਾਫ਼-ਸੁਥਰੇ ਰਹਿਣਾ, ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਨਹਾਉਣਾ, ਸਰੀਰਕ ਸਵੱਛਤਾ ਅਤੇ ਵਿਅਕਤੀਗਤ ਸਫ਼ਾਈ ਲਈ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਸੰਤੁਲਿਤ ਅਤੇ ਪੌਸ਼ਟਿਕ ਆਹਾਰ ਲੈਣ ਦੀ ਸਿੱਖਿਆ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਤਾਂਕਿ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਸਰੀਰ ਦੀ ਕੁਦਰਤੀ ਪ੍ਰਤੀਰੱਖਿਆ ਰੋਗ-ਸੁਰੱਖਿਆ ਵਧੀਆ ਬਣੀ ਰਹੇ ।
  3. ਮਲ-ਮੂਤਰ ਅਤੇ ਹੋਰ ਫਾਲਤੂ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦਾ ਨਿਪਟਾਰਾ ਠੀਕ ਢੰਗ ਨਾਲ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਖੁੱਲ੍ਹੀਆਂ ਥਾਂਵਾਂ ‘ਤੇ ਮਲ ਤਿਆਗ ਤੇ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਰੋਕ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  5. ਸੀਵਰੇਜ਼ ਵਿਵਸਥਾ ਬਹੁਤ ਵਧੀਆ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  6. ਸਕੂਲ ਦੀ ਕੈਂਟੀਨ ਵਿਚ ਕੱਟੇ ਹੋਏ ਫਲ, ਬਿਨਾਂ ਢੱਕੀ ਖਾਧ-ਸਮੱਗਰੀ ਆਦਿ ਤੇ ਰੋਕ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  7. ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ ਤੋਂ ਪੀੜਿਤ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਉਦੋਂ ਤਕ ਸਕੂਲ ਆਉਣ ਤੇ ਰੋਕ ਲਗਾ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਤਕ ਉਹ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਠੀਕ ਨਾ ਹੋ ਜਾਣ ।
  8. ਮੱਛਰ, ਮੱਖੀ ਆਦਿ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  9. ਸਮੇਂ-ਸਮੇਂ ਤੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਟੀਕਿਆਂ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਰੋਗ-ਸੁਰੱਖਿਆ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਰੋਗ-ਸੁਰੱਖਿਆ – ਵੱਖ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਸੰਕਰਮਣਕਾਰੀ ਰੋਗਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਤਰ੍ਹਾਂ-ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ਾਂ ਸਦਾ ਹੀ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਰਹੀਆਂ ਹਨ । ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਪ੍ਰਤੀਰੱਖਿਆ ਤੰਤਰ ਕੁਦਰਤ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ਜੋ ਬਾਹਰ ਤੋਂ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਰੋਗਾਣੂਆਂ ਨੂੰ ਮਾਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ | ਤੀਰੱਖਿਆ ਸੈੱਲ ਸੰਕਰਮਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਹੀ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਟੀਕੇ ਦੁਆਰਾ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਖ਼ਾਸ ਸੰਕਰਮਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰਵਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜੋ ਅਸਲ ਵਿਚ ਰੋਗ ਪੈਦਾ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ਬਲਕਿ ਰੋਗ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਰੋਗਾਣੂਆਂ ਨੂੰ ਰੋਕਦੇ ਹਨ ।

ਜਦੋਂ ਰੋਗਾਣੂ ਰੋਗ-ਸੁਰੱਖਿਆ ਤੰਤਰ ਤੇ ਪਹਿਲੀ ਵਾਰ ਹਮਲਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ਤੇ ਇਹ ਤੰਤਰ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਵਿਰੋਧ ਕਰਕੇ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਖ਼ਾਸ ਰੂਪ ਨੂੰ ਯਾਦ ਕਰ ਲੈਂਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਦੁਬਾਰਾ ਇਹੀ ਰੋਗਾਣੂ ਜਾਂ ਉਸ ਨਾਲ ਮਿਲਦਾ-ਜੁਲਦਾ ਰੋਗਾਣੂ ਸੰਪਰਕ ਵਿਚ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਪੂਰੀ ਸ਼ਕਤੀ ਨਾਲ ਉਸ ‘ਤੇ ਹਮਲਾ ਕਰਕੇ ਉਸ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਨਾਲ ਪਹਿਲਾਂ ਸੰਕਰਮਣ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿਚ ਦੁਸਰੀ ਵਾਰ ਸੰਕਰਮਣ ਜਲਦੀ ਹੀ ਸਮਾਪਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 13 ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਤੁਹਾਡੇ ਪਿੰਡ ਦੀ ਡਿਸਪੈਂਸਰੀ ਵਿਚ ਟੀਕਾਕਰਣ ਦੇ ਕਿਹੜੇ ਕਾਰਜਕ੍ਰਮ ਉਪਲੱਬਧ ਹਨ । ਤੁਹਾਡੇ ਖੇਤਰ ਵਿਚ ਸਿਹਤ ਸੰਬੰਧੀ ਕਿਹੜੀ ਸਮੱਸਿਆ ਮੁੱਖ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਾਡੇ ਪਿੰਡ ਦੀ ਡਿਸਪੈਂਸਰੀ ਵਿਚ ਅਜਿਹੇ ਕਈ ਕਾਰਜਕ੍ਰਮ ਉਪਲੱਬਧ ਹਨ, ਜਿੱਥੇ ਟੀਕਾਕਰਣ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਛੋਟੇ ਬੱਚਿਆਂ ਲਈ ਟਰਿਪਲ ਵੈਕਸਿਨ, DPT, ਕਾਲੀ ਖਾਂਸੀ, ਡਿਪਥੀਰੀਆ, ਟੈਟਨਸ, ਚਿਕਨ ਪਾਕਸ, ਤਪੇਦਿਕ ਦੇ ਟੀਕਿਆਂ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ ਹੈ । ਤੀਰੇਬੀਜ਼, ਹਿਪੇਟਾਈਟਸ, ਟਾਈਫਾਈਡ ਆਦਿ ਦਾ ਟੀਕਾਕਰਣ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਸਾਡੇ ਖੇਤਰ ਵਿਚ ਸਿਹਤ ਸੰਬੰਧੀ ਮੁੱਖ ਸਮੱਸਿਆ ਮਲੇਰੀਆ, ਖਸਰਾ ਅਤੇ ਰੇਬੀਜ਼ ਦੀ ਹੈ । ਜਗਾ-ਜਗਾ ਰੁਕਿਆ ਹੋਇਆ ਪਾਣੀ ਮੱਛਰਾਂ ਨੂੰ ਵਧਾਉਣ ਦਾ ਕਾਰਨ ਹੈ ਅਤੇ ਸੜਕਾਂ-ਗਲੀਆਂ ਵਿਚ ਅਵਾਰਾ ਕੁੱਤਿਆਂ ਦੀ ਭੀੜ ਰੇਬੀਜ਼ ਦਾ ਕਾਰਨ ਬਣਦੀ ਹੈ । ਸਥਾਨਿਕ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਨ ਇਸ ਵਿਸ਼ੇ ਵਿਚ ਕੁੱਝ ਨਹੀਂ ਕਰ ਰਿਹਾ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 12 ਧੁਨੀ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 12 ਧੁਨੀ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 12 ਧੁਨੀ

PSEB 9th Class Science Guide ਧੁਨੀ Textbook Questions and Answers

ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਧੁਨੀ ਕੀ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਵੇਂ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ (Sound) – ਧੁਨੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਇੱਕ ਰੂਪ ਹੈ ਜੋ ਸਾਡੇ ਕੰਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਣਨ ਦਾ ਅਨੁਭਵ ਪੈਦਾ ਕਰਦੀ ਹੈ ।
ਧੁਨੀ ਉਤਪੰਨ ਕਰਨਾ – ਅਸੀਂ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਵਸਤੁਆਂ ਵਿੱਚ ਤੁਣਕਾ ਮਾਰ ਕੇ, ਰਗੜ ਕੇ, ਫੁਕ-ਮਾਰ ਕੇ ਜਾਂ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਹਿਲਾ ਕੇ ਧੁਨੀ ਉਤਪੰਨ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ਅਰਥਾਤ ਵਸਤੁਆਂ ਵਿੱਚ ਕੰਪਨ ਪੈਦਾ ਕਰਕੇ ਧੁਨੀ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਕੰਪਨ ਦਾ ਅਰਥ ਹੈ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਬਾਰ-ਬਾਰ ਇੱਧਰ-ਉੱਧਰ ਗਤੀ ਕਰਨਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਇੱਕ ਚਿੱਤਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ਕਿ ਧੁਨੀ ਦੇ ਸ੍ਰੋਤ ਨੇੜੇ ਵਾਯੂ ਵਿੱਚ ਨਪੀੜਨ (Compressions) ਅਤੇ ਵਿਰਲਾਂ (Rarefactions) ਕਿਵੇਂ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਸ੍ਰੋਤ ਦੇ ਨੇੜੇ ਵਾਯੂ ਵਿੱਚ ਨਪੀੜਨ ਅਤੇ ਵਿਰਲਾਂ (ਨਿਖੇੜਨ) ਦਾ ਉਤਪੰਨ ਹੋਣਾ – ਧੁਨੀ ਦੇ ਸੰਚਾਰ ਲਈ ਹਵਾ ਸਭ ਤੋਂ ਸਾਧਾਰਨ ਮਾਧਿਅਮ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਵਸਤ ਕੰਪਨ ਕਰਦੀ ਹੋਈ ਅੱਗੇ ਵੱਲ ਵੱਧਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਆਪਣੇ ਸਾਹਮਣੇ ਦੀ ਹਵਾ ਨੂੰ ਧੱਕਦੀ ਹੋਈ ਨਪੀੜਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਇੱਕ ਉੱਚ ਦਬਾਅ ਵਾਲਾ ਖੇਤਰ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਨਪੀੜਨ (C) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਨਪੀੜਨ ਕੰਪਨ ਕਰ ਰਹੀ ਵਸਤੁ ਤੋਂ ਦੁਰ ਅੱਗੇ ਵੱਲ ਗਤੀ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਕੰਪਨ ਕਰਦੀ ਵਸਤੁ ਪਿੱਛੇ ਵੱਲ ਕੰਪਨ ਕਰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਇੱਕ ਘੱਟ ਦਬਾਅ ਵਾਲਾ ਖੇਤਰ ਉਤਪੰਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਸਨੂੰ ਨਿਖੇੜਨ ਜਾਂ ਵਿਰਲਨ (R) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਜਦੋਂ ਵਸਤੁ ਕੰਪਨ ਕਰਦੀ ਹੈ (ਅਰਥਾਤ ਅੱਗੇ ਅਤੇ ਪਿੱਛੇ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਗਤੀ ਕਰਦੀ ਹੈ। ਤਾਂ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਨਪੀੜਨ ਅਤੇ ਨਿਖੇੜਨ ਦੀ ਇੱਕ ਲੜੀ ਬਣ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹੋ ਨਪੀੜਨ (C) ਅਤੇ ਨਿਖੇੜਨ (R) ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ਜਿਹੜੀ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਦੀ ਹੋ ਕੇ ਅਗਾਂਹ ਸੰਚਾਰ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਨਪੀੜਨ (C) ਉੱਚ ਦਬਾਅ ਦਾ ਖੇਤਰ ਅਤੇ ਨਿਖੇੜਨ (R) ਘੱਟ ਦਬਾਅ ਦਾ ਖੇਤਰ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 12 ਧੁਨੀ 1

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕਿਹੜੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਨਾਲ ਇਹ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਕਿ ਧੁਨੀ ਸੰਚਾਰਣ ਦੇ ਲਈ ਪਦਾਰਥਮਈ ਮਾਧਿਅਮ (material medium) ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਸੰਚਾਰਣ ਲਈ ਪਦਾਰਥਮਈ ਮਾਧਿਅਮ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ – ਧੁਨੀ ਇੱਕ ਯੰਤ੍ਰਿਕ ਤਰੰਗ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸਦੇ ਸੰਚਾਰ ਲਈ ਕਿਸੇ ਪਦਾਰਥ ਜਿਵੇਂ ਹਵਾ, ਪਾਣੀ, ਸਟੀਲ ਆਦਿ ਦਾ ਹੋਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਧੁਨੀ ਨਿਰਵਾਤ (ਨਿਰਵਾਯੂ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਚਲ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਇਸਨੂੰ ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੁਆਰਾ ਸਿੱਧ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ-

ਪ੍ਰਯੋਗ – ਇੱਕ ਬਿਜਲਈ ਘੰਟੀ ਅਤੇ ਇੱਕ ਕੱਚ ਦਾ ਹਵਾ ਰੋਧੀ ਬੈਲਜਾਰ ਲਓ । ਬਿਜਲਈ ਘੰਟੀ ਨੂੰ ਬੈਲਜਾਰ ਵਿੱਚ ਲਟਕਾਓ । ਬੈਲਜਾਰ ਨੂੰ ਚਿੱਤਰ ਵਾਂਗ ਹਵਾ-ਨਿਕਾਸੀ ਪੰਪ ਨਾਲ ਜੋੜੋ । ਘੰਟੀ ਦਾ ਸਵਿੱਚ ਦਬਾਉਣ ਤੇ ਤੁਹਾਨੂੰ ਉਸਦੀ ਧੁਨੀ ਸੁਣਾਈ ਦੇਵੇਗੀ । ਹੁਣ ਹਵਾ-ਨਿਕਾਸੀ ਪੰਪ ਨੂੰ ਚਲਾਓ । ਜਦੋਂ ਬੈਲਜਾਰ ਦੀ ਹਵਾ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲਦੀ ਹੈ, ਘੰਟੀ ਦੀ ਧੁਨੀ ਹੌਲੀ ਹੁੰਦੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਦੋਂ ਕਿ ਉਸ ਵਿਚੋਂ ਉਹੀ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਗੁਜ਼ਰ ਰਹੀ ਹੈ । ਕੁਝ ਸਮੇਂ ਬਾਅਦ ਜਦੋਂ ਬੈਲਜਾਰ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹਵਾ ਬਾਕੀ ਰਹਿ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਤੁਹਾਨੂੰ ਬਹੁਤ ਮੱਧਮ ਧੁਨੀ ਸੁਣਾਈ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਬੈਲਜਾਰ ਦੀ ਸਾਰੀ ਹਵਾ ਬਾਹਰ ਕੱਢ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਤੁਸੀਂ ਘੰਟੀ ਦੀ ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਸੁਣ ਨਹੀਂ ਪਾਉਗੇ । ਇਸ ਤੋਂ ਸਿੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਧੁਨੀ ਲਈ ਪਦਾਰਥਮਈ ਮਾਧਿਅਮ ਦਾ ਹੋਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਲੰਮੇ-ਦਾਅ ਜਾਂ ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗ ਕਿਉਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਲੰਮੇ-ਦਾਅ ਜਾਂ ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗਾਂ ਕਹਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ਕਿਉਂਕਿ ਇਹਨਾਂ ਤਰੰਗਾਂ ਵਿੱਚ ਮਾਧਿਅਮ (ਹਵਾ) ਦੇ ਕਣਾਂ ਦਾ ਵਿਸਥਾਪਨ ਹਲਚਲ ਦੇ ਸੰਚਰਣ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਸਮਾਨੰਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਕਣ ਇੱਕ ਸਥਾਨ ਤੋਂ ਦੂਜੇ ਸਥਾਨ ਤੱਕ ਗਤੀ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ਪਰੰਤੁ ਆਪਣੀ ਮੱਧ ਸਥਿਤੀ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਵਾਲੀ ਸਥਿਤੀ ਦੇ ਅੱਗੇ-ਪਿੱਛੇ ਡੋਲਨ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਕਿਸੇ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਨਿਖੇੜਨਾਂ (C) ਅਤੇ ਵਿਰਲਨਾਂ (R) ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਅਗਾਂਹ ਵੱਲ ਤੁਰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਧੁਨੀ ਦਾ ਕਿਹੜਾ ਗੁਣ ਕਿਸੇ ਹਨੇਰੇ ਕਮਰੇ ਵਿੱਚ ਹੋਰ ਸਾਥੀਆਂ ਨਾਲ ਬੈਠੇ ਤੁਹਾਡੇ ਮਿੱਤਰ ਦੀ ਅਵਾਜ਼ ਪਹਿਚਾਣਨ ਵਿੱਚ ਤੁਹਾਡੀ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਵਾਲੇ ਲੱਛਣ ਦੇ ਅਧਾਰ ‘ਤੇ ਅਸੀਂ ਹਨੇਰੇ ਵਿੱਚ ਬੈਠੇ ਮਿੱਤਰਾਂ ਦੀ ਅਵਾਜ਼ ਦੀ ਪਹਿਚਾਣ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਬੱਦਲ ਦੀ ਗਰਜ ਅਤੇ ਚਮਕ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਇੱਕੋ ਸਮੇਂ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਪਰੰਤੂ ਚਮਕ ਦਿਖਾਈ ਦੇਣ ਦੇ ਕੁਝ ਸੈਕਿੰਡ ਬਾਅਦ ਗਰਜ ਸੁਣਾਈ ਦੇਂਦੀ ਹੈ | ਅਜਿਹਾ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? |
ਉੱਤਰ-
ਅਕਾਸ਼ੀ ਬਿਜਲੀ ਦੀ ਚਮਕ ਅਤੇ ਬੱਦਲ ਦੀ ਗਰਜ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਚਾਲ (3 × 108 m/s) ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ (340 m/s) ਨਾਲੋਂ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਧੁਨੀ ਦੀ ਅਵਾਜ਼ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਬਹੁਤ ਪਹਿਲਾਂ ਪਹੁੰਚ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਕਿਸੇ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਔਸਤ ਸੁਣਨਯੋਗ ਸੀਮਾ (Hearing Range) 20 Hz ਤੋਂ 20 kHz ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਦੋ ਆਤੀਆਂ ਦੇ ਲਈ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਪਤਾ ਕਰੋ । ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦਾ ਵੇਗ 344 ms-1 ਹੈ ।
ਹੱਲ:
(i) ਪਹਿਲੀ ਸਥਿਤੀ ਜਦੋਂ ਸਣਨਯੋਗ ਰੰਜ ਦੀ ਹੇਠਲੀ ਸੀਮਾ ਹੈ
ਇੱਥੇ ਧੁਨੀ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ (v1 ) = 20 Hz
ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦਾ ਵੇਗ (υ1 ) = 344 ms-1
ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (λ1) = ?
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, υ1 = v1 × λ1
ਜਾਂ λ1 = \(\frac{v_{1}}{v_{1}}\)
= \(\frac{344}{20}\)
∴ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (λ1) = 17.2 m ……………… (1)

(ii) ਦੂਸਰੀ ਸਥਿਤੀ ਜਦੋਂ ਸੁਣਨਯੋਗ ਰੇਂਜ ਦੀ ਉਪਰਲੀ ਸੀਮਾ ਹੈ
ਹੁਣ, ਧੁਨੀ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ (v2) = 20 kHz
= 20 × 1000 Hz
= 2 × 104 Hz
ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦਾ ਵੇਗ (V2 = V1) = 344 ms-1
ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (λ2) = ?
2 = \(\frac{344}{2 \times 10^{4}}\)
= \(\frac{172}{10000}\)
= 0.0172 m …………………. (2)

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਦੋ ਬੱਚੇ ਕਿਸੇ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਪਾਈਪ ਦੇ ਦੋਵੇਂ ਸਿਰਿਆਂ ‘ਤੇ ਹਨ । ਇੱਕ ਬੱਚਾ ਪਾਈਪ ਦੇ ਸਿਰੇ ‘ਤੇ ਪੱਥਰ ਨਾਲ ਸੱਟ ਮਾਰਦਾ ਹੈ । ਦੂਜੇ ਸਿਰੇ ‘ਤੇ ਬੈਠੇ ਬੱਚੇ ਤੱਕ ਹਵਾ ਅਤੇ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਵਿੱਚ ਵੀ ਜਾਣ ਵਾਲੀ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦੁਆਰਾ ਲਏ ਗਏ ਸਮੇਂ ਦਾ ਅਨੁਪਾਤ (Ratio) ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਮੰਨ ਲਓ ਪਾਈਪ ਦੀ ਲੰਬਾਈ = l
ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦਾ ਵੇਗ (Va) = 346 ms-1
ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦਾ ਵੇਗ (VAl) = 6420 ms-1
∴ ਹਵਾ ਵਿੱਚੋਂ ਹੋ ਕੇ ਜਾਣ ਲਈ ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ (ta) = PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 12 ਧੁਨੀ 3
= \(\frac{l}{346}\)s
ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਵਿੱਚੋਂ ਹੋ ਕੇ ਜਾਣ ਲਈ ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ (tAl) = \(\frac{l}{V_{\mathrm{Al}}}\)
= \(\frac{l}{6420}\)s
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= \(\frac{6420}{346}\)
= \(\frac{18.55}{1}\)
∴ ta : tAl = 18.55 : 1

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਕਿਸੇ ਧੁਨੀ ਸ੍ਰੋਤ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ 100 Hz ਹੈ । ਇੱਕ ਮਿੰਟ ਵਿੱਚ ਇਹ ਕਿੰਨੀ ਵਾਰ ਕੰਪਨ ਕਰੇਗਾ ?
ਹੱਲ:
ਸੋਤ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ = 100 Hz
ਅਰਥਾਤ ਸ੍ਰੋਤ ਦੁਆਰਾ 1 ਸੈਕੰਡ ਵਿੱਚ ਕੀਤੇ ਗਏ ਕੰਪਨਾਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ = 100
∴ 1 ਮਿੰਟ = 60 ਸੈਕੰਡ ਵਿੱਚ ਕੀਤੇ ਗਏ ਕੰਪਨਾਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ = 100 × 60
= 6000

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਕੀ ਧੁਨੀ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੇ ਉਹਨਾਂ ਨਿਯਮਾਂ ਦਾ ਪਾਲਣ ਕਰਦੀ ਹੈ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪਾਲਣ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ? ਇਹਨਾਂ ਨਿਯਮਾਂ ਨੂੰ ਸਮਝਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਦੇ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੇ ਨਿਯਮ ਪੂਰਣ ਰੂਪ ਨਾਲ ਉਹੀ ਹਨ ਜਿਹੜੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ | ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਾਂਗ ਧੁਨੀ ਵੀ ਠੋਸ ਜਾਂ ਦ੍ਰਵ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਨਿਯਮ ਹਨ-
ਨਿਯਮ 1 – ਪਰਾਵਰਤਕ ਤਲ ਦੇ ਕਿਸੇ ਬਿੰਦੂ ‘ਤੇ ਆਪਤਿਤ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਅਤੇ ਅਭਿਲੰਬ ਦੇ ਵਿਚਾਲੇ ਦਾ ਕੋਣ ਅਤੇ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਅਤੇ ਅਭਿਲੰਬ ਵਿਚਾਲੇ ਬਣਿਆ ਕੋਣ ਹਮੇਸ਼ਾ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਨਿਯਮ 2 – ਅਪਾਤੀ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ, ਅਭਿਲੰਬ ਅਤੇ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਤਿੰਨੋਂ ਇੱਕ ਹੀ ਧਰਾਤਲ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਕਿਸੇ ਦੂਰ ਪਈ ਵਸਤੂ ਤੋਂ ਧੁਨੀ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਹੋਣ ਕਰਕੇ ਗੂੰਜ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਮੰਨ ਲਉ ਧੁਨੀ ਸ੍ਰੋਤ ਅਤੇ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਸਤ੍ਹਾ (ਦੂਰ ਪਈ ਵਸਤੂ) ਵਿੱਚਕਾਰ ਦੂਰੀ ਸਥਿਰ ਰਹੇ ਤਾਂ ਕਿਸ ਦਿਨ ਗੂੰਜ (echo) ਜਲਦੀ ਸੁਣਾਈ ਦੇਵੇਗੀ
(i) ਜਿਸ ਦਿਨ ਤਾਪਮਾਨ ਵੱਧ ਹੈ ?
(i) ਜਿਸ ਦਿਨ ਤਾਪਮਾਨ ਘੱਟ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਿਸ ਦਿਨ ਤਾਪਮਾਨ ਵੱਧ ਹੈ ਉਸ ਦਿਨ ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ ਵੱਧ ਹੋਵੇਗੀ । ਇਸ ਲਈ ਉਸ ਦਿਨ ਗੂੰਜ (ਪ੍ਰਤੀ ਧੁਨੀ) ਜਲਦੀ ਸੁਣਾਈ ਦੇਵੇਗੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦੇ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੇ ਦੋ ਵਿਹਾਰਕ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦੇ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੇ ਵਿਵਹਾਰਕ ਉਪਯੋਗ-
(i) ਸਟੈਥੋਸਕੋਪ ਇੱਕ ਡਾਕਟਰੀ ਯੰਤਰ ਹੈ ਜਿਹੜਾ ਸਰੀਰ ਦੇ ਅੰਦਰ ਮੁੱਖ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਦਿਲ ਅਤੇ ਫੇਫੜਿਆਂ ਵਿੱਚ ਉਤਪੰਨ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਸੁਣਨ ਦੇ ਕੰਮ ਆਉਂਦਾ ਹੈ । ਸਟੈਥੋਸਕੋਪ ਵਿੱਚ ਮਰੀਜ਼ ਦੇ ਦਿਲ ਦੀ ਧੜਕਣ ਦੀ ਧੁਨੀ, ਵਾਰ-ਵਾਰ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੇ ਕਾਰਣ ਡਾਕਟਰ ਦੇ ਕੰਨਾਂ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਦੀ ਹੈ ।
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(ii) ਮੈਗਾਫੋਨ ਜਾਂ ਲਾਊਡ-ਸਪੀਕਰ, ਹਾਰਨ, ਤੂਤੀ, ਸ਼ਹਿਨਾਈ ਵਰਗੇ ਸੰਗੀਤਕ ਯੰਤਰਾਂ ਦਾ ਅੱਗੇ ਵਾਲਾ ਖੁੱਲਾ ਭਾਗ ਸ਼ੰਕੂ ਆਕਾਰ ਦਾ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਸ੍ਰੋਤ ਤੋਂ ਉਤਪੰਨ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਬਾਰ-ਬਾਰ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਕਰਕੇ ਸ੍ਰੋਤਿਆਂ ਵੱਲ ਅੱਗੇ ਵਾਲੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਭੇਜਿਆ ਜਾ ਸਕੇ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
500 ਮੀਟਰ ਉੱਚੀ ਕਿਸੇ ਮੀਨਾਰ ਦੀ ਚੋਟੀ ਤੋਂ ਇੱਕ ਪੱਥਰ ਮੀਨਾਰ ਦੇ ਅਧਾਰ ਉੱਪਰ ਸਥਿਤ ਇੱਕ ਪਾਣੀ ਦੇ ਤਲਾਬ ਵਿੱਚ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਇਸਦੇ ਡਿੱਗਣ ਦੀ ਧੁਨੀ ਚੋਟੀ ਉੱਤੇ ਕਦੋਂ ਸੁਣਾਈ ਦੇਵੇਗੀ ? g = 10 m/s2 ਅਤੇ ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ = 340 ms) .
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ ਆਰੰਭਿਕ ਵੇਗ (u) = 0
ਮੀਨਾਰ ਦੀ ਉੱਚਾਈ (ਅਰਥਾਤ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ) (S) = 500 ਮੀਟਰ
| ਗੁਰੂਤਵੀ ਪ੍ਰਵੇਗ (g) = 10 m/s2
ਸਮੀਕਰਣ
S = ut +\(\frac { 1 }{ 2 }\)gt2 ਤੋਂ
500 = 0 × t + \(\frac { 1 }{ 2 }\) × 10 × t2
500 = 0 + 5 × t2
t2 = \(\frac{500}{5}\)
= 100
t = \(\sqrt{100}\)
∴ t = 10 ਸੈਕਿੰਡ

ਹੁਣ ਧੁਨੀ ਨੇ ਉੱਪਰ ਚੋਟੀ ਵੱਲ ਜਾਣਾ ਹੈ ਅਤੇ ਧੁਨੀ ਦਾ ਵੇਗ ‘g’ ਤੋਂ ਸੁਤੰਤਰ ਹੈ
∴ t’ = PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 12 ਧੁਨੀ 8
= \(\frac{500}{340}\)
= 1.47 ਸੈਕਿੰਡ
ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਉੱਪਰ ਆਉਣ ਲਈ ਲੱਗਿਆਂ ਕੁੱਲ ਸਮਾਂ = t + t’
= (10 +1.47) ਸੈਕਿੰਡ
= 11.47 ਸੈਕਿੰਡ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਇੱਕ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ 339 m/s ਦੀ ਚਾਲ ਨਾਲ ਚੱਲ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਇਸਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ 1.5 m ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਤਰੰਗ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਕਿੰਨੀ ਹੋਵੇਗੀ ? ਕੀ ਇਹ ਸੁਣਨਯੋਗ ਹੋਵੇਗੀ ?
ਹੱਲ:
ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਦੀ ਚਾਲ (V) = 339 m/s
ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (λ) = 1.5 m
ਤਰੰਗ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ (v) = ?
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, ਆਤੀ (v) = \(\frac{\mathrm{V}}{\lambda}=\frac{339}{1.5}\)
= 226 Hz
ਹਾਂ, ਇਹ ਸੁਣਨਯੋਗ ਹਨ ਕਿਉਂਕਿ ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਆਤੀ ਸੁਣਨ ਸੀਮਾ (20 Hz ਤੋਂ 20,000 Hz) ਦੇ ਵਿੱਚ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਬਹੁਗੂੰਜ (reverberation) ਕੀ ਹੈ ? ਇਸਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਘੱਟ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਹੁਗੂੰਜ (reverberation) – ਧੁਨੀ ਦਾ ਪਰਾਵਰਤਨ ਬਹੁਗੂੰਜ ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਕਿਸੇ ਵੱਡੇ ਹਾਲ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦੇ ਉਤਪੰਨ ਹੋਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਧੁਨੀ ਦਾ ਦੀਵਾਰਾਂ ਅਤੇ ਛੱਤ ਤੋਂ ਬਾਰ-ਬਾਰ ਪਰਾਵਰਤਨ, ਜਿਸਦੇ ਕਾਰਣ ਧੁਨੀ ਲਗਾਤਾਰ ਬਣੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ, ਨੂੰ ਬਹੁਗੂੰਜ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ | ਬਹੁਗੰਜ ਬੇਲੋੜੀ ਧੁਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਇਸ ਕਾਰਣ ਸਪੱਸ਼ਟ ਸੁਣਾਈ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਸਨੂੰ ਘੱਟ ਕਰਨ ਲਈ ਹਾਲ ਦੀਆਂ ਦੀਵਾਰਾਂ ਅਤੇ ਛੱਤ ਉੱਪਰ ਧੁਨੀ ਸੋਖਕ ਪਦਾਰਥ ਜਿਵੇਂ ਨਪੀੜੇ ਹੋਏ ਫਾਈਬਰ ਬੋਰਡ, ਖੁਰਦਰਾ ਪਲਸਤਰ ਜਾਂ ਭਾਰੀ ਪਰਦੇ ਲਗਾ ਕੇ ਢੱਕਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਧੁਨੀ ਦੇ ਉੱਚੇਪਨ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਇਹ ਕਿਹੜੇ ਕਾਰਕਾਂ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਦਾ ਉੱਚਾਪਨ ਕੰਨਾਂ ਦੀ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲਤਾ ਦਾ ਮਾਪ ਹੈ । ਇਹ ਤੀਬਰਤਾ ਦੇ ਸਮਾਨ ਕਿਸੇ ਇਕਾਈ ਖੇਤਰਫਲ ਵਿੱਚੋਂ 1 ਸੈਕਿੰਡ ਵਿੱਚ ਗੁਜ਼ਰਨ ਵਾਲੀ ਧੁਨੀ ਉਰਜਾ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਦੋ ਧੁਨੀਆਂ ਸਮਾਨ ਤੀਬਰਤਾ ਦੀਆਂ ਹੋ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ ਪਰ ਫਿਰ ਵੀ ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਇੱਕ ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਦੂਸਰੀ ਧੁਨੀ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਵੱਧ ਉੱਚੀ ਧੁਨੀ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਸੁਣਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਕੰਨ ਇਸ ਧੁਨੀ ਲਈ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਚਮਗਾਦੜ ਆਪਣਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਫੜਨ ਲਈ ਪਰਾਧੁਨੀ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਿਵੇਂ ਕਰਦਾ ਹੈ ? ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਚਮਗਾਦੜ ਹਨੇਰੀ ਰਾਤੀ ਵਿੱਚ ਆਪਣੇ ਭੋਜਨ ਨੂੰ ਖੋਜਣ ਦੇ ਲਈ ਉੱਡਦੇ ਵਕਤ ਪਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਉਤਸਰਜਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਪਰਿਵਰਤਨ ਦੇ ਬਾਅਦ ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਟੋਹ (detect) ਲਗਾ ਲੈਂਦੀ ਹੈ । ਚਮਗਾਦੜ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਉੱਚ ਤਿੱਖਾਪਣ ਵਾਲੀ ਪਰਾਧੁਨੀ ਚਿੱਚੋਂ ਦੀਆਂ ਅਵਾਜ਼ਾਂ, ਰੁਕਾਵਟਾਂ ਜਾਂ ਪਤੰਗਿਆਂ ਤੋਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਹੋ ਕੇ ਚਮਗਾਦੜ ਦੇ ਕੰਨਾਂ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਅਵਾਜ਼ਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਤੋਂ ਚਮਗਾਦੜ ਨੂੰ ਪਤਾ ਚਲਦਾ ਹੈ ਕਿ ਰੁਕਾਵਟ ਜਾਂ ਪਤੰਗਾ (ਸ਼ਿਕਾਰ) ਕਿੱਥੇ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦਾ ਹੈ । ਉਹ ਸਹਿਜੇ ਹੀ ਉਸ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਕਰ ਲੈਂਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਸਾਫ ਕਰਨ ਲਈ ਪਰਾਸਰਵਣ ਧੁਨੀ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਿਵੇਂ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਰਾਧੁਨੀ ਨੂੰ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਭਾਗਾਂ ਨੂੰ ਸਾਫ ਕਰਨ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਣਾ ਕਠਿਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਿਵੇਂ ਸਪਿਰਲਾਕਾਰ ਨਲੀ, ਟੇਢੇ-ਮੇਢੇ ਅਕਾਰ ਵਾਲੇ ਪੁਰਜ਼ੇ, ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨਿਕ ਉਪਕਰਣ ਆਦਿ । ਜਿਹੜੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਸਾਫ ਕਰਨਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਸਾਫ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਪਰਾਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਭੇਜੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਉੱਚ ਆਵਤੀ ਦੇ ਕਾਰਣ, ਧੂੜ, ਚਿਕਨਾਈ ਅਤੇ ਗੰਦਗੀ ਦੇ ਕਣ ਅਲੱਗ ਹੋ ਕੇ ਹੇਠਾਂ ਡਿੱਗ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਵਸਤੂ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਾਫ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਸੋਨਾਰ ਦੀ ਕਾਰਜ-ਵਿਧੀ (working) ਅਤੇ ਉਪਯੋਗਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
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ਸੋਨਾਰ (SONAR) – ਸੋਨਾਰ ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਜਗਤ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ, ਪਾਣੀ ਅੰਦਰ ਪਈਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦੀ ਦੁਰੀ, ਦਿਸ਼ਾ ਅਤੇ ਚਾਲ ਮਾਪਣ ਦੇ ਲਈ ਪਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਕਾਰਜਵਿਧੀ – ਸੋਨਾਰ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਟਰਾਂਸਮੀਟਰ ਅਤੇ ਇੱਕ ਸੂਚਕ ਯੰਤਰ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਕਿਸ਼ਤੀ ਜਾਂ ਜਹਾਜ਼ ਵਿੱਚ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਟਰਾਂਸਮੀਟਰ ਪਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦਾ ਅਤੇ ਛੱਡਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਤਰੰਗਾਂ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਚਲਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਸਮੁੰਦਰੀ ਤਲ ਵਿੱਚ ਪਈ ਵਸਤੂ ਦੇ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਹੋ ਕੇ ਸੂਚਕ ਯੰਤਰ ਦੁਆਰਾ ਹਿਣ ਕਰ ਲਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਸੂਚਕ ਯੰਤਰ ਪਰਾਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਸੰਕੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ ਅਤੇ ਧੁਨੀ ਦੇ ਧੁਨੀ-ਸੋਤ (Transmitter) ਤੋਂ ਜਾਣ ਅਤੇ ਆਉਣ ਦਾ ਸਮਾਂ-ਅੰਤਰਾਲ ਪਤਾ ਕਰਕੇ ਉਸ ਵਸਤੂ ਦੀ ਦੁਰੀ ਪਤਾ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਮੰਨ ਲਓ ਪਰਾਧੁਨੀ ਸੰਕੇਤ ਦੇ ਭੇਜਣ ਅਤੇ ਵਾਪਸ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਦਾ ਸਮਾਂ ਅੰਤਰਾਲ ‘t’ ਹੈ ਅਤੇ ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ V ਹੈ ਤਾਂ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ ਵਸਤੂ ਦੀ ਦੂਰੀ 2 d ਹੋਵੇਗੀ
∴ 2 d = V × t

ਇਸ ਵਿਧੀ ਨੂੰ ਪਰਾਧੁਨੀ ਗਸ਼ਤ (Echo-Ranging) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਉਪਯੋਗ – ਸੋਨਾਰ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਸਮੁੰਦਰ ਦੀ ਡੂੰਘਾਈ ਪਤਾ ਕਰਨ ਅਤੇ ਸਮੁੰਦਰ ਅੰਦਰ ਸਥਿਤ ਚੱਟਾਨਾਂ, ਪਣਡੁੱਬੀਆਂ, ਬਰਫ ਦੇ ਤੋਦੇ (lceberg), ਡੁੱਬੇ ਹੋਏ ਜਹਾਜ਼ ਆਦਿ ਦੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਦੇ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਇੱਕ ਪਣਡੁੱਬੀ ਉੱਪਰ ਲੱਗੀ ਸੋਨਾਰ ਯੁਕਤੀ ਸੰਕੇਤ ਭੇਜਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਗੂੰਜ (echo) 5 s ਬਾਅਦ ਗ੍ਰਹਿਣ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਪਣਡੁੱਬੀ ਤੋਂ ਵਸਤੁ ਦੀ ਦੂਰੀ 3625 m ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ ਦਾ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਅਤੇ ਟੋਹੇ ਜਾਣ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ t = 5 s.
ਸਮੁੰਦਰ ਦੀ ਡੂੰਘਾਈ (d) = 3625 m
ਪਰਾਸਰਵਣ ਧੁਨੀ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ (24) = 2 × 3625 m
= 7250 m
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, 2d = ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ × ਸਮਾਂ
7250 = ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ × 5
∴ ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ (υ) = \(\frac{7250}{5}\)
= 1450 m/s

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਕਿਸੇ ਧਾਤ ਦੇ ਬਲਾਕ ਵਿੱਚ ਦੋਸ਼ਾਂ (defects) ਦਾ ਪਤਾ ਲਗਾਉਣ ਦੇ ਲਈ ਪਰਾਸਰਵਣ ਧੁਨੀ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਿਵੇਂ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਰਾਧੁਨੀ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਧਾਤ ਦੇ ਬਲਾਕਾਂ ਵਿੱਚ ਦਰਾਰਾਂ ਅਤੇ ਹੋਰ ਦੋਸ਼ਾਂ ਦਾ ਪਤਾ ਲਗਾਉਣ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਧਾਤਵੀ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਅਕਸਰ ਵੱਡੇ-ਵੱਡੇ ਭਵਨਾਂ, ਪੁਲਾਂ, ਮਸ਼ੀਨਾਂ ਅਤੇ ਵਿਗਿਆਨਕ ਉਪਕਰਨਾਂ ਬਣਾਉਣ ਵਾਸਤੇ ਵਰਤੋਂ ਵਿੱਚ ਲਿਆਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਬਲਾਕਾਂ ਵਿੱਚ ਦਰਾਰਾਂ ਜਾਂ ਛੇਕ ਜੋ ਬਾਹਰ ਤੋਂ ਦਿਖਾਈ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦੇ ਢਾਂਚੇ ਦੀ ਬਣਤਰ ਦੀ ਮਜ਼ਬੂਤੀ ਘੱਟ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਪਰਾਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਧਾਤ ਦੇ ਬਲਾਕ ਵਿੱਚੋਂ ਦੀ ਲੰਘਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਆਰ-ਪਾਰ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਦਾ ਪਤਾ ਲਗਾਉਣ ਲਈ ਸੂਚਕ ਯੰਤਰ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਥੋੜ੍ਹਾ ਜਿਹਾ ਹੀ ਨੁਕਸ ਹੈ ਤਾਂ ਪਰਾਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਜੋ ਦੋਸ਼ ਹੋਣ ਦੀ ਪਰਿਸਥਿਤੀ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦੀ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਮਨੁੱਖੀ ਕੰਨ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕੰਮ ਕਰਦਾ ਹੈ ? ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਮਨੁੱਖੀ ਕੰਨ ਦੀ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ- ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਬਾਹਰੀ ਕੰਨ ਨੂੰ “ਪਿੰਨਾਂ’ ਜਾਂ” ‘‘ਕੰਨ ਪਲੱਵ’’ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦੇ ਵਾਤਾਵਰਣ ਤੋਂ ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਇਕੱਠਾ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਇਕੱਠੀ ਕੀਤੀ ਧੁਨੀ ਕੰਨ ਨਲੀ ਵਿੱਚੋਂ ਗੁਜ਼ਰਦੀ ਹੋਈ ਕੰਨ ਨਲੀ ਦੇ ਸਿਰੇ ਉੱਪਰ ਲੱਗੀ ਪਤਲੀ ਝਿੱਲੀ ’ਤੇ ਡਿੱਗਦੀ ਹੈ । ਇੱਥੇ ਮਾਧਿਅਮ ਦੀ ਨਪੀੜਨ ਕਾਰਣ ਤਿੱਲੀ ਦੇ ਬਾਹਰ ਵੱਲ ਦਬਾਅ ਵੱਧ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜੋ ਕੰਨ ਨੂੰ ਅੰਦਰ ਵੱਲ ਧੱਕਦਾ ਹੈ । ਨਿਖੇੜਨਾਂ ਦੇ ਪਹੁੰਚਣ ‘ਤੇ ਕੰਨ ਦਾ ਪਰਦਾ ਬਾਹਰ ਵੱਲ ਗਤੀ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪਰਦਾ ਕੰਪਨ ਕਰਨ ਲੱਗਦਾ ਹੈ । ਕੰਨ ਦੇ ਮੱਧ ਭਾਗ ਵਿੱਚ ਲੱਗੀਆਂ ਤਿੰਨ ਹੱਡੀਆਂ (ਹਥੌੜੀ, ਐਨਵਿਲ ਅਤੇ ਸਟਰਿੱਪ) ਇਹਨਾਂ ਕੰਪਨਾਂ ਨੂੰ ਕਈ ਗੁਣਾਂ ਵੱਡਾ ਕਰ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਇਹਨਾਂ ਦਬਾਅ ਪਰਿਵਰਤਨਾਂ ਨੂੰ ਕੰਨ ਦੇ ਅੰਦਰਲੇ ਭਾਗ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਾ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇੱਥੇ ਇਹਨਾਂ ਦਬਾਅ ਪਰਿਵਰਤਨਾਂ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਸੰਕੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਸੁਣਨ ਤੰਤੂਆਂ ਰਾਹੀਂ ਦਿਮਾਗ ਤੱਕ ਭੇਜ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਦਿਮਾਗ ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਧੁਨੀ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
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PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 12 ਧੁਨੀ

Science Guide for Class 9 PSEB ਧੁਨੀ InText Questions and Answers

ਪਾਠ-ਪੁਸਤਕ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ 

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਕਿਸੇ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਕੰਪਨ ਕਰਦੀ ਵਸਤੂ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਹੋਈ ਧੁਨੀ ਤੁਹਾਡੇ ਕੰਨਾਂ ਤੱਕ ਕਿਵੇਂ ਪਹੁੰਚਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦਾ ਕੰਨਾਂ ਤੱਕ ਸੰਚਾਰ-ਜਦੋਂ ਵਸਤੁ ਕੰਪਨ ਕਰਦੀ ਹੋਈ ਅੱਗੇ ਵੱਲ ਵੱਧਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਆਪਣੇ ਸਾਹਮਣੇ ਦੇ ਹਵਾ ਕਣਾਂ ਨੂੰ ਨਪੀੜਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਉੱਚ ਦਬਾਅ ਵਾਲਾ ਖੇਤਰ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਨਪੀੜਨ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਦਾਬ ਕੰਪਨ ਕਰ ਰਹੀ ਵਸਤੁ ਤੋਂ ਅੱਗੇ ਵੱਲ ਗਤੀ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਇਹ ਕੰਪਨ ਕਰ ਰਹੀ ਵਸਤੁ ਪਿੱਛੇ ਵੱਲ ਕੰਪਨ ਕਰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਇਕ ਘੱਟ ਦਬਾਅ ਵਾਲਾ ਖੇਤਰ ਉਤਪੰਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸਨੂੰ ਨਿਖੇੜਨ (ਵਿਰਲਨ) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 12 ਧੁਨੀ 13
ਜਦੋਂ ਕੰਪਨ ਕਰ ਰਹੀ ਵਸਤੂ ਅੱਗੇ ਅਤੇ ਪਿੱਛੇ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਗਤੀ ਕਰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਨਪੀੜਨ ਅਤੇ ਨਿਖੇੜਨ ਦੀ ਇੱਕ ਲੜੀ ਬਣ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਬਣ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਇੱਕ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਸੰਚਾਰ ਘਣਤਾ ਦੇ ਪਰਿਵਰਤਨ ਦੇ ਸੰਚਾਰ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜੋ ਸਾਡੇ ਕੰਨ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚ ਕੇ ਪੇਸਕ ਝਿੱਲੀ ਨੂੰ ਧੱਕਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਉਸ ਵਿੱਚ ਕੰਪਨ ਪੈਦਾ ਕਰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਧੁਨੀ ਦਾ ਅਨੁਭਵ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਤੁਹਾਡੇ ਸਕੂਲ ਦੀ ਘੰਟੀ ਧੁਨੀ ਕਿਵੇਂ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦੀ ਹੈ, ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਸਕੂਲ ਦੀ ਘੰਟੀ ਨੂੰ ਹਥੌੜੇ ਨਾਲ ਸੱਟ ਮਾਰੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਕੰਪਨ ਕਰਨ ਲੱਗਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਹੁਣ ਜੇਕਰ ਘੰਟੀ ਨੂੰ ਹੌਲੀ ਜਿਹਾ ਛੂਹ ਦਿੱਤਾ ਜਾਏ ਤਾਂ ਸਾਨੂੰ ਇਹਨਾਂ ਕੰਪਨਾਂ ਦਾ ਅਨੁਭਵ ਹੋਵੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਯੰਤਰਿਕ ਤਰੰਗਾਂ ਕਿਉਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਇੱਕ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਉਰਜਾ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨਹੀਂ ਪੈਦਾ ਹੋ ਸਕਦੀ । ਇਸ ਨੂੰ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਲਈ ਯੰਤਰਿਕ ਉਰਜਾ ਦੀ ਲੋੜ ਪੈਂਦੀ ਹੈ ਭਾਵੇਂ ਉਹ ਤਾਲੀ ਵਜਾ ਕੇ ਜਾਂ ਫਿਰ ਹਥੌੜੇ ਨਾਲ ਘੰਟੀ ਤੇ ਸੱਟ ਮਾਰ ਕੇ ਹੈ । ਇਹ ਧੁਨੀ ਉਰਜਾ ਤਰੰਗਾਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਣਾਂ ਵਿੱਚ ਹਿਲ-ਜੁਲ ਪੈਦਾ ਕਰਕੇ ਸੰਚਾਰਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਸਨੂੰ ਯੰਤਰਿਕ ਤਰੰਗਾਂ ਦਾ ਨਾਂ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਮੰਨ ਲਉ ਕਿ ਤੁਸੀਂ ਆਪਣੇ ਮਿੱਤਰ ਨਾਲ ਚੰਦਰਮਾ ਉੱਤੇ ਗਏ ਹੋਏ ਹੋ । ਕੀ ਤੁਸੀਂ ਆਪਣੇ ਮਿੱਤਰ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਧੁਨੀ ਸੁਣ , ਸਕਦੇ ਹੋ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਦੇ ਸੰਚਰਣ ਲਈ ਹਵਾ ਜਾਂ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਪਦਾਰਥਕ ਮਾਧਿਅਮ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਚੰਦਰਮਾ ਤੇ ਅਜਿਹਾ ਕੋਈ ਮਾਧਿਅਮ ਨਹੀਂ ਹੈ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਨਿਰਵਾਤ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਇੱਕ ਥਾਂ ਤੋਂ ਦੂਜੀ ਥਾਂ ਤੱਕ ਨਹੀਂ ਜਾ ਸਕਦੀ । ਇਸ ਲਈ ਤੁਸੀਂ ਆਪਣੇ ਮਿੱਤਰ ਨਾਲ ਗੱਲਬਾਤ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹੋ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਤਰੰਗ ਦਾ ਕਿਹੜਾ ਗੁਣ ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੀਆਂ ਨੂੰ ਨਿਰਧਾਰਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
(a) ਉੱਚਾਪਨ (Loudness)
(b) ਤਿੱਖਾਪਣ ((Pitch)
ਉੱਤਰ-
(a) ਉੱਚਾਪਨ (Loudness) – ਕਿਸੇ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਦੀ ਪ੍ਰਬਲਤਾ (ਉੱਚਾਪਨ) ਦਾ ਅਨੁਮਾਨ ਉਸਦੇ ਆਯਾਮ ਤੋਂ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਦਾ ਆਯਾਮ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਕੰਪਨ ਕਰਾਉਣ ਲਈ ਬਲ ਦੇ ਪਰਿਮਾਣ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਜ਼ਿਆਦਾ ਬਲ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਲਗਾਉਣ ਨਾਲ ਪ੍ਰਬਲ ਧੁਨੀ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪ੍ਰਬਲ ਧੁਨੀ ਵੱਧ ਦੂਰੀ ਚੱਲ ਸਕਦੀ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਇਸ ਵਿੱਚ ਵੱਧ ਊਰਜਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਿਉਂ-ਜਿਉਂ ਧੁਨੀ ਸੋਤ ਤੋਂ ਦੂਰ ਫੈਲਦੀ ਹੈ ਇਸਦਾ ਉੱਚਾਪਨ ਘੱਟ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(b) ਤਿੱਖਾਪਣ (Pitch) – ਕਿਸੇ ਉਤਸਰਜਿਤ ਧੁਨੀ ਦੀ ਆਵਿਤੀ ਨੂੰ ਤਿੱਖਾਪਣ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਧੁਨੀ ਦਾ ਤਿੱਖਾਪਣ ਉਸਦੀ ਆਵਤੀ ਨਿਰਧਾਰਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਕਿਸੇ ਸੋਤ ਦਾ ਕੰਪਨ ਜਿੰਨਾ ਜ਼ਿਆਦਾ ਜਲਦੀ ਹੋਵੇਗਾ ਉਸ ਦੀ ਆਤੀ ਓਨੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੋਵੇਗੀ ਅਤੇ ਉਸ ਦਾ ਤਿੱਖਾਪਣ ਵੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੋਵੇਗਾ । ਇਸੇ
ਘੱਟ ਤਿੱਖੇਪਣ ਵਾਲੀ ਤਰੰਗ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧੁਨੀ ਦਾ ਤਿੱਖਾਪਣ ਘੱਟ ਹੋਵੇਗਾ ਜੇਕਰ ਉਸਦੀ ਆਵਿਤੀ ਘੱਟ ਹੋਵੇਗੀ । ਜ਼ਿਆਦਾ ਤਿੱਖੇਪਣ ਵਾਲੀ ਧੁਨੀ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਬਿੰਦੂ ਤੋਂ ਇਕਾਈ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਲੰਘ ਰਹੇ ਨਪੀੜਨਾਂ ਦੀ ਸਮਾਂ ਸੰਖਿਆ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੋਵੇਗੀ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਅਨੁਮਾਨ ਲਗਾਓ ਕਿ ਹੇਠ ਦਿੱਤੀਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਹੜੀ ਧੁਨੀ ਦਾ ਤਿੱਖਾਪਣ (Pitch) ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੈ ?
(a) ਗਿਟਾਰ (Guitar)
(b) ਕਾਰ ਦਾ ਹਾਰਨ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਗਿਟਾਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਕਿਸੇ ਧੁਨੀ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ, ਆਕ੍ਰਿਤੀ, ਆਵਰਤਕਾਲ (Time Period) ਅਤੇ ਆਯਾਮ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
(i) ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (Wave Length) – ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਿਸੇ ਕਣ ਨੂੰ ਇੱਕ ਕੰਪਨ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਲੱਗੇ ਸਮੇਂ ਦੌਰਾਨ ਤਰੰਗ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
ਜਾਂ
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ਇਹ ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗ ਦੀਆਂ ਦੋ ਲਾਗਲੀਆਂ ਨਪੀੜਨਾਂ ਜਾਂ ਦੋ ਲਾਗਲੀਆਂ ਨਿਖੇੜਨਾਂ ਦੇ ਵਿਚਾਲੇ ਦੀ ਦੂਰੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਨੂੰ ‘λ’ (ਗੀਕ ਅੱਖਰ ਲੈਮਡਾ) ਨਾਲ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ S.I. ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਮੀਟਰ (m) ਹੈ ।

(ii) ਆਕ੍ਰਿਤੀ (Frequency) – ਕਿਸੇ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਤਰੰਗ ਸੰਚਰਣ ਦੌਰਾਨ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਿਸੇ ਕਣ ਦੁਆਰਾ ਇੱਕ ਸੈਕੰਡ ਵਿੱਚ ਪੂਰੀਆਂ ਕੀਤੀਆਂ ਗਈਆਂ ਕੰਪਨਾਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸਨੂੰ ਤਾਂ ਨਾਲ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਆੜੀ ਦਾ S.I. ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਹਰਟਜ਼ (Hz) ਹੈ । ਆਤੀ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਬਿੰਦੂ ਤੋਂ ਗੁਜ਼ਰਨ ਵਾਲੀਆਂ ਨਪੀੜਨਾਂ ਜਾਂ ਨਿਖੇੜਨਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਦੁਆਰਾ ਮਾਪਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(iii) ਆਵਰਤ ਕਾਲ (Time Period) – ਤਰੰਗ ਸੰਚਰਣਾ ਦੌਰਾਨ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਿਸੇ ਕਣ ਦੁਆਰਾ ਇੱਕ ਕੰਪਨ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਕਰਨ ਲਈ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸਨੂੰ ‘T’ ਨਾਲ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਦਾ S.I. ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਸੈਕੰਡ ਹੈ ।
ਜਾਂ
ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਦੀਆਂ ਦੋ ਲਾਗਲੀਆਂ ਨਪੀੜਨਾਂ ਜਾਂ ਨਿਖੇੜਨਾਂ ਨੂੰ ਇੱਕ ਬਿੰਦੂ ਤੋਂ ਲੰਘਣ ਲਈ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

(iv) ਆਯਾਮ (Amplitude) – ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਿਸੇ ਕਣ ਦਾ ਮੱਧ ਸਥਿਤੀ ਦੇ ਦੋਨਾਂ ਪਾਸੇ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਵਿਸਥਾਪਨ ਨੂੰ ਆਯਾਮ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸਨੂੰ ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ‘A’ ਅੱਖਰ ਨਾਲ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਲਈ ਇਸ ਦਾ ਮਾ ਦਬਾਅ ਜਾਂ ਘਣਤਾ ਦਾ ਮਾਕ ਹੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਧੁਨੀ ਦੀ ਪ੍ਰਬਲਤਾ ਜਾਂ ਤਿੱਖਾਪਣ ਇਸਦੇ ਆਯਾਮ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਕਿਸੇ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ λ ਅਤੇ ਆਕ੍ਰਿਤੀ (υ) ਉਸਦੇ ਵੇਗ ( v) ਨਾਲ ਕਿਵੇਂ ਸੰਬੰਧਿਤ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਦਾ ਵੇਗ = ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ × ਆਕ੍ਰਿਤੀ
ਜਾਂ v = λ × υ (frequency)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਕਿਸੇ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ 220 Hz ਅਤੇ ਵੇਗ (velocity) 440 m/s ਹੈ । ਤਰੰਗ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਧੁਨੀ ਦਾ ਵੇਗ υ = 440 ms
ਧੁਨੀ ਦੀ ਆਵਿਤੀ (v) = 220 Hz
ਧੁਨੀ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (λ) = ?
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ
υ = v × λ
440 = 220 × λ
∴ λ = \(\frac{440}{220}\)
ਅਰਥਾਤ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (λ) = 2 m

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਕਿਸੇ ਧੁਨੀ ਸ੍ਰੋਤ ਤੋਂ 450 m ਦੀ ਦੂਰੀ ‘ਤੇ ਬੈਠਾ ਹੋਇਆ ਕੋਈ ਮਨੁੱਖ 50 Hz ਦੀ ਧੁਨੀ ਸੁਣਦਾ ਹੈ । ਸੋਤ ਤੋਂ ਮਨੁੱਖ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਣ ਵਾਲੇ ਦੋ ਕੁਮਵਾਰ ਨਪੀੜਨਾਂ (two successive compressions) ਵਿੱਚ ਕਿੰਨਾ ਸਮਾਂ-ਅੰਤਰਾਲ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਹੱਲ:
ਦਿੱਤਾ ਹੈ, ਧੁਨੀ ਦੀ ਆਤੀ (v) = 500 ਹਰਟਜ਼ (Hz)
ਕੁਮਵਾਰ ਦੋ ਨਪੀੜਨਾਂ ਦੇ ਵਿਚਾਲੇ ਦੀ ਦੂਰੀ ਨੂੰ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ ਅੰਤਰਾਲ (ਆਵਰਤ ਕਾਲ (T) = ?
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, ਆਵਰਤਕਾਲ (T) = PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 12 ਧੁਨੀ 16
= \(\frac{1}{500}\)
= 0.002 ਸੈਕਿੰਡ

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਧੁਨੀ ਦਾ ਉੱਚਾਪਨ ਅਤੇ ਤੀਬਰਤਾ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਦੇ ਉੱਚਾਪਨ ਅਤੇ ਤੀਬਰਤਾ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਉੱਚਾਪਨ ਤੀਬਰਤਾ
1. ਧੁਨੀ ਲਈ ਉੱਚਾਪਨ ਕੰਨਾਂ ਦੀ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲਤਾ ਦਾ ਮਾਪ ਹੈ । 1. ਇਹ ਇਕਾਈ ਖੇਤਰਫਲ ਵਿੱਚੋਂ ਇੱਕ ਸੈਕਿੰਡ ਵਿੱਚ ਲੰਘਣ ਵਾਲੀ ਉਰਜਾ ਹੈ ।
2. ਧੁਨੀ ਦੇ ਉੱਚੇਪਨ ਨੂੰ ਮਾਪਿਆ ਨਹੀਂ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । 2. ਧੁਨੀ ਦੀ ਤੀਬਰਤਾ ਨੂੰ ਮਾਪਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
3. ਵੱਖ-ਵੱਖ ਸੁਣਨ ਵਾਲਿਆਂ ਲਈ ਉੱਚਾਪਨ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ । 3. ਸਾਰਿਆਂ ਲਈ ਧੁਨੀ ਦੀ ਤੀਬਰਤਾ ਇੱਕੋ ਜਿਹੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
4. ਪਰਾਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦਾ ਸੁਣਾਈ ਨਾ ਦੇਣ ਕਾਰਨ ਉੱਚਾਪਨ ਸਿਫਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । 4. ਪਰਾਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਲਈ ਤੀਬਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਹਵਾ, ਪਾਣੀ ਜਾਂ ਲੋਹੇ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਸ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਸਭ ਤੋਂ ਤੇਜ਼ ਚਲਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਲੋਹੇ ਵਿੱਚੋਂ ਧੁਨੀ ਹਵਾ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਮੁਕਾਬਲੇ ਸਭ ਤੋਂ ਤੇਜ਼ ਚਲਦੀ ਹੈ । ਲੋਹੇ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦਾ ਵੇਗ 5950ms-1 ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਕੋਈ ਗੂੰਜ 3s ਬਾਅਦ ਸੁਣਾਈ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ 342 ms-1 ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਸੋਤ ਅਤੇ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਸੜਾ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਕਿੰਨੀ ਦੂਰੀ ਹੋਵੇਗੀ ?
ਹੱਲ:
ਧੁਨੀ ਦਾ ਵੇਗ (v) = 342 ms-1
ਗੂੰਜ ਸੁਣਾਈ ਦੇਣ ਲਈ ਲੱਗਾ ਸਮਾਂ (t) = 3 s
ਧੁਨੀ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ (S) = v × t
= 342 × 3
= 1026 m
3 s ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਨੇ ਸੋਤ ਤੋਂ ਪਰਾਵਰਤਕ ਸੜਾ ਅਤੇ ਫਿਰ ਪਰਾਵਰਤਕ ਸੜਾ ਤੋਂ ਸ੍ਰੋਤ ਤੱਕ ਵਾਪਸ ਆਉਣਾ ਹੈ ।
∴ ਸ੍ਰੋਤ ਅਤੇ ਪਰਾਵਰਤਕ ਸੜਾ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ = \(\frac{1026}{2}\)
= 513 m

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਕਨਸਰਟ ਹਾਲ ਦੀਆਂ ਛੱਤਾਂ ਵਕਰਾਕਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਨਸਰਟ ਹਾਲ ਦੀਆਂ ਛੱਤਾਂ ਵਕਰਾਕਾਰ ਬਣਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਤਾਂ ਜੋ ਧੁਨੀ ਪਰਾਵਰਤਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਧੁਨੀ ਹਾਲ ਦੇ ਸਾਰੇ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਪਹੁੰਚ ਕੇ ਸਪੱਸ਼ਟ ਸੁਣਾਈ ਦੇਵੇ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਆਮ ਮਨੁੱਖ ਲਈ ਸੁਣਨ ਸੀਮਾ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਆਮ ਮਨੁੱਖ ਲਈ ਧੁਨੀ ਦੀ ਸੁਣਨ ਸੀਮਾ ਲਗਭਗ 20 Hz ਤੋਂ 20,000 Hz ਤੱਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਹੇਠ ਦਿੱਤਿਆਂ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਆਕ੍ਰਿਤੀਆਂ ਦੀ ਸੀਮਾ ਕੀ ਹੈ ?
(a) ਨੀਮ ਧੁਨੀ
(b) ਪਰਾਧੁਨੀ
ਉੱਤਰ-
(a) ਨੀਮ ਧੁਨੀ (infrasonic sound) ਲਈ ਧੁਨੀ ਦੀ ਆਵਿਤੀ ਸੀਮਾ 20 Hz ਹੈ ।
(b) ਪਰਾਧੁਨੀ (ultrasonic sound) ਲਈ ਧੁਨੀ ਦੀ ਆਤੀ ਸੀਮਾ 20 kHz (ਅਰਥਾਤ 20,000 Hz) ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਇੱਕ ਪਣਡੁੱਬੀ ਸੋਨਾਰ ਪਰਾ-ਸਰਵਣ ਧੁਨੀ ਛੱਡਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਪਾਣੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਇੱਕ ਖੜੀ ਚੱਟਾਨ ਨਾਲ ਟਕਰਾ ਕੇ 1.02 s ਮਗਰੋਂ ਵਾਪਸ ਆਉਂਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਖਾਰੇ ਪਾਣੀ (sea water) ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ 1531 ms ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਚੱਟਾਨ ਦੀ ਦੂਰੀ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਪਣਡੁੱਬੀ ਤੋਂ ਚੱਟਾਨ ਤੱਕ ਅਤੇ ਵਾਪਸ ਪਹੁੰਚਣ ਲਈ ਲੱਗਾ ਸਮਾਂ = 1.02 s
ਖਾਰੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਪਰਾਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ = 1531 m/s
ਧੁਨੀ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ 2 d = ਧੁਨੀ ਚਾਲ × ਸਮਾਂ
= 1531 × 1.02
= 1561.62 m
∴ ਪਣਡੁੱਬੀ ਅਤੇ ਚੱਟਾਨ ਵਿੱਚ ਦੂਰੀ, d = \(\frac{1561.62}{2}\)
= 780.81 m
ਅਰਥਾਤ ਪਣਡੁੱਬੀ ਤੋਂ ਚੱਟਾਨ ਦੀ ਦੂਰੀ = 780.81 m