PSEB 8th Class Welcome Life Book Solutions Guide in Punjabi English Medium

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PSEB 8th Class Welcome Life Guide | Welcome Life Guide for Class 8 PSEB

Welcome Life Guide for Class 8 PSEB | PSEB 8th Class Welcome Life Book Solutions

PSEB 8th Class Welcome Life Book Solutions Guide in Hindi Medium

PSEB 8th Class Welcome Life Structure of Question Paper

कक्षा – आठवीं (पंजाब)
स्वागत ज़िन्दगी

समय : 2 घंटे

लिखित : 50
सी.सी.ई. : 10
प्रयोगी : 40
कुल अंक : 100

प्रश्न-पत्र की रूप-रेखा

1. सभी प्रश्न करने अनिवार्य होंगे।
2. प्रश्न-पत्र चार भागों में बंटा होगा। प्रत्येक भाग सारे पाठ्यक्रम पर आधारित होगा।
भाग – क में प्रश्न नं. 1 (i – xv) में 15 बहु-विकल्पीय प्रश्न होंगे। प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होगा। (15 × 1 = 15)

भाग – ख में प्रश्न नं. 2 – 11 तक 10 वस्तुनिष्ठ प्रश्न (जैसे कि एक शब्द से एक वाक्य वाले प्रश्न/रिक्त स्थान भरना/सही-गलत बताना) होंगे। प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होगा। (10 × 1 = 10)

भाग – ग में प्रश्न नं. 12 – 16 तक 5 छोटे उत्तरों वाले प्रश्न होंगे। प्रत्येक प्रश्न दो अंकों का होगा। (5 × 2 = 10)

भाग – घ में प्रश्न नं. 17 के दो भाग होंगे। भाग (i) में 2 काल्पनिक (Hypothetical) स्थिति पर आधारित प्रश्न होंगे तथा भाग (ii) में 1 वास्तविक जीवन से जुड़ी समस्या को हल करने से सम्बन्धित प्रश्न होगा। प्रत्येक प्रश्न पांच अंकों का होगा। सभी प्रश्नों में आन्तरिक छूट होगी। (3 × 5 = 15)

प्रश्न-पत्र की बनावट

भाग प्रश्नों की किस्म अंकों का विभाजन
भाग – क 15 बहुविकल्पी प्रश्न 15 × 1 = 15 अंक
भाग – ख 10 वस्तुनिष्ठ प्रश्न (एक शब्द से एक वाक्य वाले प्रश्न/रिक्त स्थान भरें/सही-ग़लत बताना) 10 × 1 = 10 अंक
भाग – ग 5 छोटे उत्तरों वाले प्रश्न (20-25 शब्दों में) (5 × 2 = 10 अंक)
भाग – घ (i) 2 (तीन में से) काल्पनिक परिस्थिति के आधार पर प्रश्न 5 × 2 = 10 अंक
(ii) 1 (दो में से) वास्तविक जीवन से जुड़ी समस्या को हल करने से सम्बन्धित प्रश्न 1 × 5 = 5 अंक
कुल 50 अंक

प्रयोगी परीक्षा का अंक विभाजन : 40 अंक

  • प्रोजेक्ट/एक्टीविटी वर्क : 10 अंक
  • विद्यार्थी का सामाजिक योगदान : 10 अंक
  • स्थिति आधारित मौखिक परीक्षा : 10 अंक
  • पाठ्य-पुस्तक पर आधारित क्रिया : 10 अंक

पाठ्यक्रम

  • पाठ 1 शरीर की सफ़ाई
  • पाठ 2 स्व: नियंत्रण
  • पाठ 3 बुजुर्गों से प्रेम तथा धन्यवाद
  • पाठ 4 हमारी कीमती ज़िन्दगी की सुरक्षा
  • पाठ 5 पशुओं के प्रति नैतिकता
  • पाठ 6 निर्णय लेना
  • पाठ 7 खेल भावना
  • पाठ 8 स्कूल तथा सार्वजनिक सम्पत्तियों का सम्मान
  • पाठ 9 लिंग समानता

PSEB 8th Class Social Science SST Book Solutions Guide in Punjabi English Medium

PSEB 8th Class Social Science SST Book Solutions Guide in Punjabi English Medium

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PSEB Solutions for Class 8

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PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 7 खेल भावना

Punjab State Board PSEB 8th Class Welcome Life Book Solutions Chapter 7 खेल भावना Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Welcome Life Chapter 7 खेल भावना

Welcome Life Guide for Class 8 PSEB खेल भावना InText Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
बढ़िया खेल भावना सीखने का सही समय कौन-सा है?
उत्तर-
बढ़िया खेल भावना अमूल्य गुण है जिसे हमें अपने जीवन के आरम्भिक दिनों में सीखना चाहिए।

प्रश्न 2.
जब हम हार जाएं तो क्या हमें चिल्लाना चाहिए?
उत्तर-
नहीं, जब हम हार जाएं तो हमें चिल्लाना नहीं चाहिए।

प्रश्न 3.
यदि विरोधी खिलाड़ी जीत जाए तो क्या हमें उसे बधाई देनी चाहिए?
उत्तर-
हाँ, हमें विरोधी खिलाड़ी को जीत की बधाई देनी चाहिए।

PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 7 खेल भावना

प्रश्न 4.
वास्तव में विजेता कौन है?
उत्तर-
वास्तव में विजेता वह है जो जानता है कि कैसे हारना है, नहीं तो आप जीत कर भी हार जाएंगे।

प्रश्न 5.
क्या जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में शान के साथ हारने और जीतने के लिए हमारे लिए खेल भावना आवश्यक है?
उत्तर-
हाँ, जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में खेल भावना हमारे लिए जीतने और शान से हारने के लिए आवश्यक है।

प्रश्न 6.
क्या हमेशा ईमानदारी हमारे लिए बढ़िया है?
उत्तर-
हाँ, ईमानदारी हमारे लिए हमेशा बढ़िया है।

प्रश्न 7.
क्या हमें हारने वालों का मजाक उड़ाना चाहिए?
उत्तर-
नहीं, हमें हारने वालों का मज़ाक नहीं उड़ाना चाहिए।

प्रश्न 8.
क्या हमें विजेता के साथ लड़ना चाहिए?
उत्तर-
नहीं, हमें विजेता को बधाई देनी चाहिए।

प्रश्न 9.
क्या निर्णय लेने से पूर्व हमें सभी सम्भावित विकल्पों पर विचार करना चाहिए?
उत्तर-
हां, निर्णय लेने से पूर्व हमें सभी सम्भावित विकल्पों पर विचार करना चाहिए।

प्रश्न 10.
क्या हमें हमारी कमजोरी और हार के लिए बहाना बनाना चाहिए?
उत्तर-
नहीं, हमें हमारी कमजोरी और हार के लिए बहाना नहीं बनाना चाहिए।

प्रश्न 11.
क्या प्रत्येक विकल्प/समाधान सम्बन्धी पूर्ण जानकारी एकत्र करना बढ़िया है?
उत्तर-
हाँ, प्रत्येक विकल्प/समाधान सम्बन्धी पूर्ण जानकारी एकत्र करना बढ़िया है।

प्रश्न 12.
क्या हमें लगातार जीत पर अभिमानी बनना चाहिए?
उत्तर-
नहीं, अगर हम लगातार जीत रहे हैं तो हमें अभिमानी नहीं बनना चाहिए क्योंकि भविष्य में हमें हराया भी जा सकता है।

प्रश्न 13.
यदि हम हार जाएं तो क्या हमें प्रेरणाहीन अनुभव करना चाहिए?
उत्तर-
नहीं, यदि हम हार जाएं तो भी हमें प्रेरणाहीन अनुभव नहीं करना चाहिए।

प्रश्न 14.
यदि हम जीतने में असफल हों तो क्या हमें खेल रोक देना चाहिए?
उत्तर-
नहीं, हमें अपनी गलतियों और असफलताओं से सीखना चाहिए और अगली बार जीतने के लिए कठिन प्रयास करना चाहिए।

PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 7 खेल भावना

प्रश्न 15.
हमें जीत के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर-
हमें जीत के लिए सर्वोत्तम खेलना चाहिए। यदि हमारा खेल सर्वोत्तम नहीं है तो हमें अपने आप को सुधारने का यत्न करना चाहिए।

प्रश्न 16.
यदि हमें लगता है कि रैफरी या अम्पायर का निर्णय हमारे विरुद्ध है तो क्या हमारा रैफरी या अम्पायर से लड़ना उचित है?
उत्तर-
नहीं, हमारा रैफरी या अम्पायर के साथ लड़ना उचित नहीं है चाहे हमें लगता है कि उसका निर्णय हमारे विरुद्ध है।

प्रश्न 17.
क्या सभी परिस्थितियों में हमें खेल के नियमों का पालन करना चाहिए?
उत्तर-
हाँ, हमें सभी परिस्थितियों में खेल के नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए।

प्रश्न 18.
बढ़िया खिलाड़ी की बढ़िया पहचान क्या है?
उत्तर-
शान से हार को स्वीकार करना बढ़िया खिलाड़ी की पहचान है।

प्रश्न 19.
क्या हमें सभी समाधानों के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं पर विचार करना चाहिए?
उत्तर-
हाँ, हमें सभी समाधानों के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं पर विचार करना चाहिए।

प्रश्न 20.
क्या हमें जीतने के लिए गलत ढंगों का उपयोग करना चाहिए?
उत्तर-
नहीं, हमें जीतने के लिए गलत ढंगों का उपयोग नहीं करना चाहिए।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
बढ़िया खेल भावना को संक्षेप में परिभाषित करें।
उत्तर-
बढ़िया खेल भावना एक अमूल्य गुण है जो विद्यार्थी जीवन के दौरान सीखा जाना चाहिए। यह एक पाठ है जो हम खेल के मैदान में सीखते हैं परन्तु जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में हमारा मार्गदर्शन करता है।

प्रश्न 2.
बढ़िया खेल भावना दिखाने के लिए हमें क्या चाहिए?
उत्तर-
बढ़िया खेल भावना दिखाने के लिए हमें यह करना चाहिए

  1. हमें शान के साथ हार को स्वीकार करना चाहिए।
  2. हमें हारने वाले व्यक्ति का मज़ाक नहीं उड़ाना चाहिए।
  3. हमें हमारी हार के लिए बहाने नहीं बनाने चाहिए।
  4. हमें हमारी हार की डींग हांकनी चाहिए।

प्रश्न 3.
हार के पश्चात् आपको अपनी भावनाओं को किस प्रकार प्रकट करना चाहिए?
उत्तर-
हमें जीत और हार को सिक्के के दो पहलुओं की भान्ति लेना चाहिए। जब कभी भी मैच होता है तो केवल एक ही जीत सकता है। जो व्यक्ति बढ़िया खेलता है वही जीतता है। हमें खेलते समय सोचना चाहिए कि हमने कोई गलती की है जिसके कारण हमें हार का सामना करना पड़ा। हमें अपने आप से प्रण करना चाहिए कि अगली बार हम अपने प्रयत्नों में सुधार करेंगे और गलतियों को पुनः नहीं दुहराएंगे ताकि जीत सकें।

प्रश्न 4.
हमें अच्छा खिलाड़ी बनने के लिए अपने आप से क्या प्रतिज्ञा करनी चाहिए?
उत्तर-
हम अच्छा खिलाड़ी बनने के लिए निम्नलिखित प्रतिज्ञा कर सकते हैं

  1. हम शान के साथ हार को स्वीकार करेंगे।
  2. हम हमेशा खेल के नियमों का पालन करेंगे।
  3. हम जीत के लिए बढ़िया प्रयत्न करेंगे।
  4. हम जीतने के लिए गलत ढंगों का उपयोग नहीं करेंगे।

PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 7 खेल भावना

प्रश्न 5.
दो बातें लिखो जो तुम्हें तब करनी चाहिए जब आप (i) जीतते हैं और (ii) हारते हैं।
उत्तर-
जीतने पर मैं

  1. हारने वाले का मजाक नहीं उड़ाऊँगा
  2. मैं घमंडी नहीं बनूंगा और स्नेही जैसे कि सभी के लिए विनीत रहूँगा।

हारने पर मैं

  1. हार को शान से स्वीकार करूँगा
  2. मैं अपने आप में हार के लिए बहाने बनाने के स्थान पर सुधार करने का यत्न करूँगा।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों को अच्छी और बुरी खेल भावना में बांटो, ईमानदारी, मज़ाक उड़ाना, बधाई देना, लड़ना, चिल्लाना, हाथ मिलाना, खुशी मनाना, धोखा देना, शोर करना, विनम्रता, आदर, शान्ति, तर्क वितर्क, डींग हांकना, निर्देशों का पालन, आलोचना करना।
उत्तर-
अच्छी खेल भावना-ईमानदारी, बधाई देना, हाथ मिलाना, खुशी मनाना, विनम्रता, आदर, शान्ति, निर्देशों का पालन।
बुरी खेल भावना-मज़ाक उड़ाना, लड़ना, चिल्लाना, धोखा देना, शोर करना, तर्क-वितर्क, डींग हांकना, आलोचना करना।

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
व्यक्ति के जीवन में खेल भावना के महत्त्व का वर्णन करें।
उत्तर-
खेल भावना एक गुण है जो न केवल हमें अच्छा खिलाड़ी बनाती है बल्कि हमें अच्छा व्यक्ति बनने में सहायता करती है।

  1. अच्छी खेल भावना हमें सिखाती है कि सामुदायिक कार्य हमेशा व्यक्तिगत यत्नों से बढ़िया होता है।
  2. अच्छी खेल भावना हमें नैतिकता सिखाती है।
  3. अच्छी खेल भावना हमें सबसे शान्त और विनीत रहना सिखाती है चाहे हम जीत न पाएं।
  4. अच्छी खेल भावना हमें सभी परिस्थितियों में अनुशासित रहना सिखाती है।
  5. अच्छी खेल भावना हमें सिखाती है कि हमें जीत पर दूसरों को बधाई देना और हारने वालों का कभी भी मज़ाक नहीं उड़ाना चाहिए।
  6. अच्छी खेल भावना हमें आत्म-विश्लेषण करने और अपने आप को सुधारने के लिए यत्न करने में सहायता करती है।

प्रश्न 2.
अच्छे खिलाड़ी में कौन-कौन से गुण होते हैं?
उत्तर-
अच्छा खिलाड़ी बनने के लिए इन गुणों की आवश्यकता होती है

  1. आत्म-विश्वास
  2. आत्म-अनुशासन और आत्म-नियन्त्रण
  3. लक्ष्य का होना
  4. सम्मिलित कार्य
  5. बढ़िया समय प्रबन्ध
  6. लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित करना और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अच्छे यत्न करना
  7. अपनी और दूसरों की उन्नति के लिए कार्य करने की भावना
  8. हार का सामना करने का साहस और कभी साहस न छोड़ना।

प्रश्न 3.
अच्छा खिलाड़ी बनने के क्या लाभ हैं?
उत्तर-
अच्छा खिलाड़ी बनने के निम्नलिखित लाभ हैं

  1. हम अच्छे खिलाड़ी बनकर स्वस्थ और बलवान ही नहीं बनते बल्कि हम अच्छे व्यक्ति बनते हैं।
  2. यदि हम अच्छे खिलाड़ी बनते हैं तो हम अच्छे और बुरे समय का सामना करना सीखते हैं। हम कठिन परिस्थितियों में शांत बने रहना भी सीखते हैं।
  3. हम दूसरों की सफलता में खुश होना सीखते हैं।
  4. हम घमण्डी और बेईमान बनना नहीं सीखते।
  5. हम दूसरों की खुशी के लिए त्याग करना सीखते हैं।
  6. हम सबसे प्यार और सम्मान करना शुरू कर देते हैं।
  7. हम उन्नति करने वाले बनते हैं और उन्नति करना कभी बन्द नहीं करते और प्रगतिशील रहते हैं।

प्रश्न 4.
दी गई स्थिति का विश्लेषण करो और पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दें।
आप क्रिकेट के खिलाड़ी हो। अन्तर-स्कूल खेल प्रतियोगिता में, आपकी टीम का फाईनल मैच चल रहा है। यह मैच की अन्तिम गेंद है। आपके कोच को एक खिलाड़ी को मैदान में भेजना है। उसने आप पर विश्वास न करके दूसरे खिलाड़ी को भेज दिया। यदि आपका साथी खिलाड़ी चार दौड़ बनाने के योग्य है तो आप जीत जाओगे। परन्तु वह आऊट हो गया और आप मैच हार गए। अपनी भावनाओं और परिस्थितियों को दर्शाते हुए बताओ कि आप निम्न व्यक्तियों को क्या कहोगे?

  1. अपने साथी खिलाड़ी को
  2. कोच को
  3. विजेता टीम के कप्तान को
  4. अपने मित्रों को
  5. परिजनों को।

उत्तर-
ऊपर दी गई स्थिति को पढ़ने के पश्चात् प्रश्नों के मेरे उत्तर निम्नानुसार हैं

  1. अपने साथी खिलाड़ी से-मैं अपने साथी खिलाड़ी का मज़ाक नहीं उड़ाऊँगा जो जीतने में हमारी सहायता न कर सका। मैं उसका हौंसला बढ़ाऊँगा और उसे भविष्य में बढ़िया करने के लिए उत्साहित करूँगा।
  2. कोच को-मैं अपने कोच का अनादर नहीं करूंगा और कहूंगा कि यदि मैं बिना किसी स्कोर के आऊट हो जाता। अतः दूसरे व्यक्ति को भेजने का उसका निर्णय समय की मांग थी।
  3. विजेता टीम के कप्तान को-मैं विजेता टीम के कप्तान को बधाई दूंगा कि आपकी टीम ने हमारी टीम से अच्छा खेला।
  4. अपने मित्रों को-मैं अपने मित्रों और साथी खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाऊंगा कि आज का दिन हमारा नहीं था। हम अच्छा खेलें परन्तु भाग्य ने हमारा साथ नहीं दिया। हम अवश्य ही अगला मैच जीतेंगे।
  5. परिजनों को-मैं अपने परिजनों को कहूंगा कि हमारी टीम ने अच्छा खेला परन्तु हम हार गए। हम आत्मनिरीक्षण करेंगे और अपनी कमियों को सुधारेंगे ताकि अगली बार जीत सकें।

PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 7 खेल भावना

वस्तनिष्ठ प्रश्न

बहविकल्पीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
विद्यार्थी जीवन के समय कौन-सा गुण सीखना चाहिए?
(क) बहस करना
(ख) जीतना
(ग) बढ़िया खेल भावना
(घ) ये सभी।
उत्तर-
(ग) बढ़िया खेल भावना।

प्रश्न 2.
वह कौन-सी शिक्षा है जो हम खेल के मैदान में सीखते हैं परन्तु जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में हमारा नेतृत्व करती है?
(क) बढ़िया खेल भावना
(ख) जीतना
(ग) लड़ना
(घ) ये सभी।
उत्तर-
(क) बढ़िया खेल भावना।

प्रश्न 3.
बढ़िया खिलाड़ी वह है जो
(क) केवल जीतने के लिए खेलता है।
(ख) हार को खेल के भाग के अतिरिक्त स्वीकार करता है।
(ग) बदलापूर्ण सोच रखता है।
(घ) ये सभी सही हैं।
उत्तर-
(ख) हार को खेल के भाग के अतिरिक्त स्वीकार करता है।

प्रश्न 4.
वास्तविक विजेता जानता है कि किसे स्वीकार करना है?
(क) चुनौतियों को
(ख) आत्म-प्रशंसा को
(ग) दूसरों के क्रोध को
(घ) हार को।
उत्तर-
(घ) हार को।

प्रश्न 5.
हमें खेलना चाहिए और खेल को जीतने का कैसे यत्न करना चाहिए?
(क) धोखा दिए बिना
(ख) किसी भी कीमत पर
(ग) दोनों (क) तथा (ख) सही हैं
(घ) कोई भी सही नहीं है।
उत्तर-
(क) धोखा दिए बिना।

प्रश्न 6.
बढ़िया खिलाड़ी हमेशा हारी हुई टीम के यत्नों की प्रशंसा करता है।
(क) सही
(ख) ग़लत
(ग) कभी-कभी सही और कभी-कभी गलत
(घ) कभी भी सही नहीं।
उत्तर-
(क) सही।

PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 7 खेल भावना

प्रश्न 7.
……….. से हारना और …….. से जीतना खेल भावना के मुख्य लक्ष्य हैं।
(क) नम्रता, नम्रता
(ख) नम्रता, सम्मान
(ग) सम्मान, नम्रता
(घ) सम्मान, सम्मान।
उत्तर-
(ग) सम्मान, नम्रता।

प्रश्न 8.
बढ़िया खिलाड़ी
(क) कभी भी अपनी असफलता के लिए बहाना नहीं बनाता बल्कि अपनी जीत की डींग हांकता है।
(ख) अपनी जीत की कभी डींग नहीं हांकता बल्कि अपनी हार के लिए बहाना बनाता है।
(ग) अपनी हार के लिए न तो बहाना बनाता है और न ही जीत पर डींग हांकता है।
(घ) कोई भी सही नहीं।
उत्तर-
(ग) अपनी हार के लिए न तो बहाना बनाता है और न ही जीत पर डींग हांकता है।

प्रश्न 9.
बढ़िया खिलाड़ी वह है जो
(क) अपनी और विरोधी टीम के प्रति स्नेह और सम्मान रखता है।
(ख) केवल अपनी टीम के प्रति स्नेह और सम्मान रखता है।
(ग) केवल विरोधी टीम के प्रति स्नेह और सम्मान रखता है।
(घ) कभी भी अपनी या विपक्षी टीम के प्रति स्नेह और सम्मान नहीं रखता।
उत्तर-
(क) अपनी और विरोधी टीम के प्रति स्नेह और सम्मान रखता है।

प्रश्न 10.
कथन क : बढ़िया खिलाड़ी अपनी और विपक्षी टीम के प्रति स्नेह और सम्मान रखता है।
कथन ख : एक व्यक्ति जो अपनी हार के लिए कभी बहाना नहीं बनाता और कभी अपनी जीत की डींग नहीं हांकता। निम्न विकल्पों में से कौन-सा सही है?
(क) कथन क सही है और कथन ख गलत है
(ख) कथन क गलत है और कथन ख सही है
(ग) दोनों कथन सही हैं
(घ) इनमें से कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ग) दोनों कथन सही हैं।

प्रश्न 11.
निम्न में से कौन-सा बढ़िया खिलाड़ी का लक्षण नहीं है?
(क) विजेता टीम को मुबारकबाद देना
(ख) हारी हुई टीम का मज़ाक उड़ाना
(ग) किसी भी कीमत पर जीतना
(घ) खेल के नियमों की पालना न करना।
उत्तर-
(ख) हारी हुई टीम का मजाक उड़ाना।

प्रश्न 12.
खेल में हम सब को क्या करना चाहिए?
(क) खेल को बढ़िया खिलाड़ी की भांति खेलना चाहिए
(ख) बढ़िया खिलाड़ी के साथ खेलना चाहिए
(ग) खेल के नियमों का पालन करना चाहिए
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

PSEB 8th Class Welcome Life Solutions Chapter 7 खेल भावना

रिक्त स्थान भरो:

  1. बढ़िया खिलाड़ी हमेशा ……………. अपनी टीम के प्रत्येक सदस्य के साथ खेलता है।
  2. बढ़िया खिलाड़ी हमें संयमी बनाता है और हमारे व्यवहार को …………… नियंत्रित करता है।
  3. सम्मान से हारना और ……………… से जीतना खेल भावना का मुख्य बिन्दु है।
  4. बढ़िया खिलाड़ी कभी भी अपनी हार के लिए …………… नहीं बनाता।
  5. बढ़िया खिलाड़ी अपनी जीत की ……………… कभी नहीं हांकता।
  6. बढ़िया खिलाड़ी हमेशा अपनी और विपक्षी टीम के लिए ……………….. और सम्मान रखता है।
  7. किसी भी कीमत पर जीतना ………….. खिलाड़ी का लक्षण नहीं है।
  8. ………………… से जीतना खेल भावना के विरुद्ध है।
  9. बढ़िया खिलाड़ी नियमों की …………… द्वारा दूसरों के लिए उदाहरण प्रस्तुत करता है।
  10. हमें जीत और ……. को सिक्के के दो पहलुओं की भांति समझना चाहिए।

उत्तर-

  1. सहकारिता से
  2. अनुशासित
  3. नम्रता
  4. बहाना
  5. डींग
  6. स्नेह
  7. बढ़िया
  8. धोखे
  9. पालना
  10. हार।

सही/ग़लत:

  1. हमें किसी भी कीमत पर जीतने के लिए खेलना चाहिए।
  2. धोखे से जीतना और दूसरों को दु:खी करना बढ़िया समझा जाता है।
  3. हमें दूसरी टीम के खिलाड़ियों के प्रति स्नेह और सम्मान नहीं रखना चाहिए।
  4. हमें खेल के नियमों का पालन तब तक करना चाहिए जब तक हम जीत नहीं जाते।
  5. हमें विपक्षी टीम के खिलाड़ियों के प्रति नहीं परन्तु अपनी टीम के सदस्यों के प्रति भी आक्रमक होना चाहिए।
  6. बढ़िया खिलाड़ी टीम की प्राप्ति से ज्यादा व्यक्तिगत प्राप्ति को पहल देता है।
  7. बढ़िया खिलाड़ी कभी भी अपनी असफलता के लिए विभिन्न बहाने नहीं बनाता और न ही अपनी जीत की डींग हांकता है।
  8. एक व्यक्ति जो अपनी टीम के साथ सहकारिता के साथ खेलता है, ईमानदारी से पूर्ण समर्पण के साथ नियमों का पालन करता है, वास्तविक विजेता है।
  9. हमें दूसरे खिलाड़ियों के साथ लड़ना चाहिए या खेलते समय अभद्र भाषा का उपयोग करना चाहिए।
  10. जब हार निश्चित हो तब भी हमें खेल खत्म करना चाहिए।

उत्तर-

  1. ग़लत
  2. ग़लत
  3. ग़लत
  4. ग़लत
  5. ग़लत
  6. ग़लत
  7. सही
  8. सही
  9. ग़लत
  10. सही।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 11 फलों एवम् सब्जियों से अचार, मुरब्बे एवम् शर्बत बनाना

Punjab State Board PSEB 8th Class Agriculture Book Solutions Chapter 11 फलों एवम् सब्जियों से अचार, मुरब्बे एवम् शर्बत बनाना Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Agriculture Chapter 11 फलों एवम् सब्जियों से अचार, मुरब्बे एवम् शर्बत बनाना

PSEB 8th Class Agriculture Guide फलों एवम् सब्जियों से अचार, मुरब्बे एवम् शर्बत बनाना Textbook Questions and Answers

(अ) एक-दो शब्दों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
भारत में फलों एवम् सब्जियों की कुल उपज कितनी है ?
उत्तर-
भारत का फलों तथा सब्जियों की उपज के हिसाब से दुनिया में दूसरा स्थान है

प्रश्न 2.
पंजाब में सब्जियों की वार्षिक उपज कितनी है ? एवम् इसके अन्तर्गत कितना क्षेत्रफल है ?
उत्तर-
सब्जियों की उपज 40.11 लाख टन है तथा इसकी काश्त के अन्तर्गत क्षेत्रफल 203.7 हज़ार हैक्टेयर है।

प्रश्न 3.
पंजाब में फलों की वार्षिक उपज कितनी है एवम् इसके अन्तर्गत कितना क्षेत्रफल है ?
उत्तर-
फलों की पैदावार 15.41 लाख टन है तथा इनकी कृषि के अन्तर्गत क्षेत्रफल 76.5 हज़ार हैक्टेयर है।

प्रश्न 4.
नींबू के आचार में कितने प्रतिशत नमक पाया जाता है ?
उत्तर-
\(\frac{1}{5}\) भाग अर्थात् 20%.

प्रश्न 5.
टमाटरों की चटनी में कौन-सा प्रिज़रवेटिव (परिरक्षक) कितनी मात्रा में डाला जाता है ?
उत्तर-
सोडियम बैन्जोएट की 700 मि० ग्राम मात्रा को 1 किलो के हिसाब से।

प्रश्न 6.
आम के शर्बत में कौन-सा परिरक्षक कितनी मात्रा में डाला जाता है ?
उत्तर-
एक किलो आम के गुद्दे के लिए 2.8 ग्राम पोटाशियम मैटावाइसल्फाइट प्रिजेरवेटिव डाला जाता है।

प्रश्न 7.
पंजाब के मुख्य फल का नाम बताएं।
उत्तर-
पंजाब में किन्नू की कृषि सभी फलों से अधिक होती है। इसके लिए मुख्य फल किन्नू है।

प्रश्न 8.
आंवले का मुरब्बा बनाने के लिए आँवलों को कितने प्रतिशत नमक के घोल में रखा जाता है ?
उत्तर-
2 प्रतिशत सादा नमक के घोल में।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 11 फलों एवम् सब्जियों से अचार, मुरब्बे एवम् शर्बत बनाना

प्रश्न 9.
भारत में फलों की वार्षिक उपज कितनी है ?
उत्तर-
लगभग 320 लाख टन से अधिक।

प्रश्न 10.
भारत में सब्जियों की वार्षिक उपज कितनी है ?
उत्तर-
लगभग 700 लाख टन से अधिक।

(आ) एक-दो वाक्यों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
सब्ज़ियों एवम् फलों के कौन-कौन से पदार्थ बनाए जाते हैं ?
उत्तर-
फलों तथा सब्जियों से शर्बत, जैम, अचार, चटनी आदि पदार्थ बनाए जाते हैं; जैसे-नींबू का शर्बत, आंवले का मुरब्बा, टमाटर की चटनी (कैचअप), सेब का जैम आदि।

प्रश्न 2.
फल एवम् सब्जियों के संसाधन के किसानों को क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
फलों तथा सब्जियों के संसाधन के नीचे लिखे लाभ हैं—

  1. इनकी तुड़वाई, कटाई, स्टोर करते समय दर्जाबंदी करते समय, ढुलाई आदि कार्यों में उपज की बहुत हानि होती है। इस हानि को संसाधन करके घटाया जा सकता है। यह हानि लगभग 30-35% होता है।
  2. संसाधन किए पदार्थ से अधिक आय प्राप्त की जा सकती है।

प्रश्न 3.
टमाटर के रस एवम् चटनी में क्या अंतर है ?
उत्तर-
टमाटर के रस में केवल टमाटर, चीनी तथा नमक ही होते हैं तथा यह पतला होता है। टमाटरों की चटनी में टमाटर के अलावा प्याज, लहसुन, मिर्च तथा अन्य मसाले भी होते हैं तथा यह सांद्र होता है।

प्रश्न 4.
फल एवम् सब्ज़ियों को सुखाने के कौन-कौन से ढंग हैं ?
उत्तर-
फलों एवम् सब्जियों को धूप में तथा सोलर ड्रायर की सहायता से सुखाया जाता है। व्यापारिक स्तर पर मशीनी यूनिट लगाने पड़ते हैं।

प्रश्न 5.
फल एवम् सब्जियों को किस तापमान पर सुखाया जाता है और क्यों ?
उत्तर-
साधारणत: 50 से 70 डिग्री सैल्सियस तापमान पर सुखाया जाता है। शुरू में सुखाने के लिए 70 डिग्री तथा अंतिम समय पर 50 डिग्री तापमान पर सुखाया जाता है।

प्रश्न 6.
आंवले के मुरब्बे में कितनी चीनी डाली जाती है और क्यों ?
उत्तर-
एक किलो आंवले में कुल एक किलो चीनी डाली जाती है। एक तो यह मिठास पैदा करती है तथा अधिक चीनी प्रिजेरवेटिव का काम भी करती है तथा आंवले के मुरब्बे को कई माह तक संभाल कर रखने में सहायक है।

प्रश्न 7.
टमाटर का रस बनाने की विधि लिखो।
उत्तर-
एलमीनीयम या स्टील के बर्तन में डालकर पके टमाटरों को उबाल लें। उबले हुए टमाटरों का रस निकाल लें। फिर रस को 0.7 प्रतिशत नमक, 4 प्रतिशत चीनी, 0.02 प्रतिशत सोडियम बैन्जोएट तथा 0.1 प्रतिशत सिट्रिक अमल मिला कर अच्छी तरह उबाल लें। रस को साफ बोतलों में भर कर अच्छी तरह हवा बंद ढक्कन लगा दें। गर्म बन्द बोतलों को पहले उबलते पानी में 20 मिन्टों के लिए उबालें तथा फिर थोड़ा-थोड़ा ठण्डा पानी डाल कर ठण्डा करें। इस रस को ठण्डा करके पीने के लिए, सब्जी में टमाटरों के स्थान पर डालने तथा सूप आदि बनाने के लिए प्रयोग किया जा सकता है।

प्रश्न 8.
नींबू, आम एवम् जौं के शर्बत में कितनी-कितनी मात्रा में कौन-सा प्रिज़रवेटिव डाला जाता है ?
उत्तर-
नींबू के शर्बत में 1 किलो नींबू का रस होने पर 3.5 ग्राम पोटाशियम मैटावाइसल्फेट के घोल का प्रयोग किया जाता है।
आम के शर्बत में एक किलो आम के गुद्दे के लिए 2.8 ग्राम पोटाशियम मैटावाइसल्फाइट मिलाया जाता है।
नींबू, जौ के शर्बत में भी 3 ग्राम पोटाशियम मैटावाइसल्फाइट डाला जाता है।

प्रश्न 9.
भारत की फलों एवम् सब्जियों की उपज में सबसे विलक्षण विशेषता क्या है ?
उत्तर-
फलों तथा सब्जियों को संसाधन करके कई प्रकार के पदार्थ बनाए जाते हैं ; जैसे-शर्बत, चटनी, जैम, मुरब्बा आदि। कुछ उदाहरण हैं-नींबू का शर्बत, आम का शर्बत, सत्तु का शर्बत, मालटे, संगतरे का शर्बत, टमाटरों का रस, नींबू का अचार, आम का अचार, आंवले का अचार, गाजर का अचार, नींबू, हरी मिर्च तथा अदरक का अचार, टमाटरों की चटनी, आंवले का मुरब्बा, सेब का जैम आदि।।

प्रश्न 10.
फल एवम् सब्जियों की पैकिंग के क्या ढंग हैं ?
उत्तर-
फल एवम् सब्जियों को उनके प्रकार के अनुसार लकड़ी की पेटियों, बांस की टोकरियों, बोरियों, प्लास्टिक के क्रेट, गत्ते के डिब्बे, सरिक/कलिंग फिल्मों का प्रयोग करके पैक किया जाता है।

(इ) पाँच-छः वाक्यों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
पंजाब में फल एवम् सब्जियों की कृषि पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर-
पंजाब में फलों तथा सब्जियों की कृषि करने की बहुत संभावनाएं हैं। फलों के बाग एक बार लगाकर तथा कई-कई वर्षों तक उपज देते रहते हैं। सब्जियां कम समय में ही तैयार हो जाती हैं तथा उपज बेच कर लाभ लिया जा सकता है। पंजाब में फलों की कृषि के अधीन क्षेत्रफल 78 हज़ार हैक्टेयर है तथा इससे 14 लाख टन पैदावार हो रही है। इसी तरह सब्जियों की कृषि के अधीन क्षेत्रफल 109 हज़ार हैक्टेयर है तथा इससे 36 लाख टन पैदावार होती है। प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन 300 ग्राम सब्जियां तथा 80 ग्राम फलों की आवश्यकता होती है। यह तथ्य भारतीय मैडीकल खोज संस्था के अनुसार है। जब कि भारत में अभी केवल 30 ग्राम फल तथा 80 ग्राम सब्जियां ही प्रति व्यक्ति हिस्से आती हैं। इस लिए सारे भारत में तथा पंजाब में भी सब्जियों तथा फलों की अधिक कृषि करने की आवश्यकता है।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 11 फलों एवम् सब्जियों से अचार, मुरब्बे एवम् शर्बत बनाना

प्रश्न 2.
फल एवम् सब्जियों के संसाधन की क्या महत्ता है?
उत्तर-
फलों तथा सब्जियों के संसाधन के निम्नलिखित लाभ हैं—

  1. इनकी तुड़वाई, कटाई, स्टोर करते समय दर्जाबंदी करते समय, ढुलाई आदि कार्यों में उपज की बहुत हानि होती है। इस हानि को प्रोसेसिंग करके कम किया जा सकता है। यह हानि लगभग 30-35% होती है।
  2. संसाधन किए पदार्थों से अधिक आय प्राप्त की जा सकती है। केवल 2% उपज को ही पदार्थ बनाने के लिए संसाधन की जाती है। बिना मौसम प्राप्ति तथा भण्डारीकरण करने के लिए फलों तथा सब्जियों के संसाधन की बहुत आवश्यकता है ताकि इस व्यवसाय को छोटे तथा बड़े स्तर पर अपना कर अधिक कमाई की जा सके। संसाधन करके बनाए गए पदार्थ हैं-शर्बत, जैम, अचार, चटनी आदि।

प्रश्न 3.
भारत में फल एवम् सब्जियों की उपज पर नोट लिखो।
उत्तर-
भारत फलों तथा सब्जियों की पैदावार के हिसाब से दुनिया में दूसरे स्थान पर है। सब्जियों की फसल थोड़े समय में तैयार हो जाती है तथा वर्ष में दो से चार फसलें मिल जाती हैं। पैदावार अधिक होती है तथा कमाई भी अधिक होती है तथा प्रतिदिन हो जाती है। फलों की कृषि करने के लिए बाग लगाए जाते हैं जो कई वर्षों तक थोड़ी संभाल, देख रेख पर ही अच्छी उपज दे देते हैं। भारत में फलों तथा सब्जियों की पैदावार काफी हो रही है, परन्तु बढ़ती जन-संख्या के कारण इनकी मांग पूरी नहीं हो सकती, इसलिए इन फलों तथा सब्जियों की पैदावार को बढ़ाने की बहुत आवश्यकता है।

प्रश्न 4.
भारत में फलों एवम् सब्जियों का प्रसंस्करण कैसे किस स्तर पर किया जाता है ?
उत्तर-
भारत में फलों तथा सब्जियों का प्रसंस्करण छोटे स्तर से लेकर बड़े व्यापारिक स्तर पर किया जाता है। फलों तथा सब्जियों की पैदावार में भारत दुनिया में दूसरे स्थान पर है। परन्तु कुल उपज के केवल 2% को ही तैयार पदार्थ बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसलिए भारत में फलों तथा सब्जियों के प्रसंस्करण की तरफ विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। किसान गांव स्तर पर इनका प्रसंस्करण करके अच्छा लाभ ले सकते हैं तथा कई बड़ी कम्पनियों के साथ संबंध बनाए जा सकते हैं तथा अपनी उपज को प्रसंस्करण के लिए भी दे सकते हैं।

प्रश्न 5.
फल एवम् सब्जियों की खराबी के क्या कारण हैं ?
उत्तर-
सब्जियों तथा फलों की खराबी के कई कारण हैं। सब्जियां तथा फलों की तुड़वाई, कटाई, इनको भण्डार करना, इनकी दर्जाबंदी करना, इनकी डिब्बाबंदी करना तथा ढुलाई करना ऐसे कई काम हैं जो सब्जियों तथा फलों के खेत से हमारे घर तक पहुंचने के समय किए जाते हैं। इन कार्यों में फलों तथा सब्जियों की 30-35% हामि हो जाती है।
भण्डार किए फलों तथा सब्जियों को कोई बीमारी या कीड़े-मकौड़े भी खराब कर सकते हैं। कई बार सूक्ष्म जीव तथा उल्लियां भी उपज को खराब करती हैं। कई पक्षी या जानवर फलों आदि को वृक्षों पर ही कुतर देते हैं। इस तरह सब्जियों तथा फलों की खराबी के भिन्न-भिन्न कारण हैं।

Agriculture Guide for Class 8 PSEB फलों एवम् सब्जियों से अचार, मुरब्बे एवम् शर्बत बनाना Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
आम का अचार कितने सप्ताह में तैयार हो जाता है ?
उत्तर-
2-3 हफ्तों में।

प्रश्न 2.
सब्जियों को धूप में सुखाना चाहिए या छाया में ?
उत्तर-
धूप में।

प्रश्न 3.
सेब को सुरक्षित रखने की एक विधि बताओ।
उत्तर-
सेब का मुरब्बा, जैम आदि।

प्रश्न 4.
कुल उपज के कितने प्रतिशत की प्रोसेसिंग की जा रही है ?
उत्तर-
2%.

प्रश्न 5.
पोटाशियम मैटावाइसल्फाइट का क्या काम है ?
उत्तर-
यह एक प्रिज़ेरवेटिव है।

प्रश्न 6.
नींबू का अचार कितने दिनों में तैयार हो जाता है ?
उत्तर-
2-3 सप्ताह में।

प्रश्न 7.
आम के अचार में कौन-सा तेल प्रयोग होता है ?
उत्तर-
सरसों का तेल।

प्रश्न 8.
एक किलो गाजर के आचार के लिए कितने ग्राम सरसों का तेल ठीक है ?
उत्तर-
250 ग्राम।

इस छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
नींबू का शर्बत बनाने का तरीका बताओ।
उत्तर-
बाज़ार से सस्ते नींबू खरीद लेने चाहिएं तथा इनका शर्बत बनाकर महंगे दाम पर बेचा जा सकता है। शर्बत बनाने के लिए नींबू निचोड़ कर इनका रस निकालकर चीनी के बर्तन में रख लो। चीनी का घोल बनाने के लिए 1 लिटर पानी में दो किलो चीनी डालकर गर्म करो तथा सारी चीनी घुल जाने के पश्चात् घोल को बारीक तथा साफ़ कपड़े से छानें। ठण्डा होने पर इसमें एक लिटर नींबू का रस तथा 4 ग्राम एसेंस तथा 3.5 ग्राम पोटाशियम मैटाबाइसल्फाइट घोल भी मिला लो। शर्बत को बोतलों में भर लें तथा बोतलों के मुँह को मोम से हवाबन्द कर लो।

प्रश्न 2.
माल्टे अथवा संगतरे का शर्बत कैसे तैयार किया जाता है ?
उत्तर-
माल्टे अथवा संगतरे का शर्बत तैयार करने के लिए ताजे फल लेकर मशीन से इनका रस साफ़-सुथरे बर्तन में निकालो। 2 किलो चीनी तथा 25-30 ग्राम सिट्रिक एसिड को एक लिटर पानी में डालकर गर्म करो तथा घोल को बारीक कपड़े अथवा छननी से छानें। जब घोल ठण्डा हो जाए तो इसमें एक लीटर माल्टे का रस, 2-3 ग्राम एसेंस तथा 5 ग्राम पोटाशियम मैटाबाइसल्फाइट का घोल भी मिलाओ। शर्बत को बोतलों में भरकर बोतलों के मुँह पिघले हुए मोम में डुबो कर हवाबन्द करके सम्भाल लो।

प्रश्न 3.
आम का शर्बत कैसे तैयार किया जाता है ?
उत्तर-
आम का शर्बत बनाने के लिए अच्छी तरह पके हुए रसदार फल लेकर चाकू से इसका गूदा उतार लें। कड़छी आदि से इस गूदे को अच्छी तरह पीस कर बारीक छननी अथवा कपड़े से छान लो। 1.4 किलो चीनी को 1.6 लिटर पानी में डालकर गर्म करो तथा घोल को बारीक कपड़े से छानो। ठण्डा हो जाने पर इसमें एक किलो आम का गूदा तथा 20-30 ग्राम सिट्रिक एसिड मिला दो। इसके बाद इसमें 2-3 ग्राम पोटाशियम मैटाबाइसल्फाइट भी मिला दो। शर्बत को बोतलों में भरकर बोतलों के मुँह को मोम से सील कर दो।

प्रश्न 4.
नींबू तथा जौ का शर्बत कैसे बनाया जाता है ?
उत्तर-
पके हुए नींबू लेकर तथा दो-दो टुकड़ों में काटकर नींबू-निचोड़ से इनका रस निकाल के छान लें। जौ के 15 ग्राम आटे में 0.3 लिटर पानी डालकर लेटी सी बनाएं। 50-60 मिलीलिटर लेटी को एक लिटर पानी में डालकर थोड़ासा गर्म करें, फिर लेटी को छानो तथा ठण्डा होने के लिए रख दो। अतिरिक्त पानी में 1.70 किलो चीनी डालकर गर्म करो तथा फिर घोल को छानो तथा ठण्डा करने के लिए रख दो। अब आटे की लेटी, चीनी के घोल तथा नींबू के 1 लिटर रस को इकट्ठा करके अच्छी तरह मिलाओ। शर्बत में 3.5 ग्राम पोटाशियम मैटाबाइसल्फाइट भी डाल कर मिलाओ। बोतलों में गले तक शर्बत भरकर मोम से बोतलों का मुँह बंद कर दो।

प्रश्न 5.
आम का अचार बनाने का तरीका बताएं।
उत्तर-
पूरे तैयार कच्चे, खट्टे तथा सख्त आम लेकर इन्हें धो लो तथा लम्बी तरफ टुकड़े करके गुठलियां बाहर निकाल लो तथा कटे टुकड़ों को धूप में सुखा लो। फिर अचार के लिए आवश्यक सामग्री इकट्ठी करो जैसे आम के टुकड़े 1 किलो, नमक 250 ग्राम, मेथी 50 ग्राम, सौंफ 65 ग्राम, कलौंजी 30 ग्राम, लाल मिर्च 25 ग्राम तथा हल्दी 30 ग्राम लो। अब टुकड़ों तथा नमक को मिलाओ तथा एक कांच के मर्तबान में डाल दो। बाद में बाकी सामग्री भी डाल दो तथा सरसों का तेल इतनी मात्रा में डालें कि एक पतली सी परत आम. के टुकड़ों के ऊपर आ जाए। फिर मर्तबान को धूप में रख दो, 2-3 हफ्तों में अचार तैयार हो जाएगा।

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प्रश्न 6.
आंवले का अचार बनाने का तरीका बताओ।
उत्तर-
1 किलो ताज़ा तथा.साफ़ आंवले लेकर रात भर पानी में डुबो कर रखो। फिर इनको साफ़ कपड़े पर बिछा कर सुखा लो। आंवलों को 100 मिलीलिटर तेल में पाँच मिनट तक पकाओ तथा इनमें 100 ग्राम नमक तथा 50 ग्राम हल्दी डालकर और 5 मिनट के लिए पकाएं, फिर आग से उतार कर इन्हें ठण्डा होने के लिए रख दो, अचार तैयार है। फिर इन्हें साफ़ हवाबन्द बर्तनों में भरकर सम्भाल लें।

प्रश्न 7.
गाजर का अचार कैसे बनता है ?
उत्तर-
एक किलो गाजरों को खुले तथा साफ़ पानी से धोकर इनकी हल्की छील उतार लें। टुकड़े काटकर 2 घण्टे तक सुखा लो। इन कटी हुई गाजरों को कुछ मिनट के लिए 250 ग्राम सरसों के तेल में पकाओ। पकी गाजरों में 100 ग्राम नमक तथा 20 ग्राम लाल मिर्च डाल दो तथा फिर आग से उतार लें। ठण्डा होने पर पिसे हुए 100 ग्राम राई के बीज इसमें मिला दो। अचार तैयार है। इसको बर्तनों में सम्भाल लो।

प्रश्न 8.
फल तथा सब्जियों को तोड़ने के पश्चात् सम्भाल के विषय में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
फल तथा सब्जियों को उनके भरे मौसम में सम्भाल कर रख लेना चाहिए। इस तरह करने से फलों तथा सब्जियों को खराब होने से तो बचाया जा सकता है साथ ही उन्हें बे-मौसम में बेचकर मुनाफा भी लिया जा सकता है तथा इनका स्वाद लिया जा सकता है। इसीलिए फल तथा सब्जियों को शर्बत, अचार, मुरब्बा, जैम, जैली, चटनी आदि रूप में सम्भाल लिया जाता है।

प्रश्न 9.
नींबू का अचार तैयार करने की विधि का वर्णन करो।
उत्तर-
अचार डालने के लिए साफ़-सुथरे तथा पके हुए नींबुओं को धोकर साफ़ कपड़े से सुखा लो। जितने नींबू हों उनसे चौथा हिस्सा नमक ले लें। एक किलो नींबू के अचार के लिए 7 ग्राम जीरा, 2 ग्राम लौंग तथा 20 ग्राम अजवाइन लो। प्रत्येक नींबू को एक ही रखते हुए चार-चार हिस्सों में काटो तथा फिर इस मिश्रण को चार-चार हिस्से किए नींबुओं में भर दो। बाकी बची हुई सामग्री मर्तबान में अचार पर डाल दो। नींबुओं को मर्तबान में डालकर धूप में रखकर हिलाते रहें तथा इस तरह 2-3 हफ्ते में आचार तैयार हो जाएगा।

प्रश्न 10.
पोटाशियम मैटावाइस्लफाइट कई पदार्थ बनाने में प्रयोग किया जाता है, इसका महत्त्व बताओ। .
उत्तर-
पोटाशियम मैटावाइसल्फाइट एक प्रिजेरवेटिव का काम करता है। यह तैयार किए पदार्थों को कई महीने तक खराब होने से बचाता है। इस प्रकार हम फलों, सब्जियों से बने पदार्थों का प्रयोग लम्बे समय तक कर सकते हैं। इस तरह तैयार पदार्थों को कई महीनों तक दुकानों पर बेचा जा सकता है।

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
नींबू, हरी मिर्च तथा अदरक का अचार कैसे बनाते हैं ?
उत्तर-
हरी मिर्चे, नींबू तथा अदरक को खुले साफ पानी में अच्छी तरह धोकर सुखाने के पश्चात् 250 ग्राम नींबूओं को दो अथवा चार टुकड़ों में काटो, 300 ग्राम अदरक को छीलकर बराबर लम्बे टुकड़ों में काटो, 200 ग्राम हरी मिर्चों में हल्का सा कटाव लगा दें। अब इन सभी को इकट्ठा करके 250 ग्राम नमक डालकर हिलाओ। अब इस सामग्री को खुले मुँह वाले साफ़ मर्तबानों में डालो। बाकी बचे 250 ग्राम नींबूओं का रस निकाल कर नमक वाले नींबू, अदरक तथा हरी मिर्चों पर डाल दो। ध्यान रखें कि यह सारी सामग्री रस से ढकी जाए। मर्तबान को हवा बन्द ढक्कनों से बन्द करके एक सप्ताह धूप में रखें। जब मिर्गों तथा नींबूओं का रंग हल्का भूरा तथा अदरक का रंग गुलाबी हो जाए तो अचार खाने के लिए तैयार है।

प्रश्न 2.
टमाटरों की चटनी कैसे बनाई जाती है ?
उत्तर-
पके टमाटरों को धोने के पश्चात् छोटे-छोटे टुकड़ों में काटो तथा फिर आग पर गर्म कर के छान कर जूस निकाल लें। निम्नलिखित विधि अनुसार अन्य सामग्री इकट्ठी करो टमाटरों का रस (1 लिटर), कटे हुए प्याज (15 ग्राम), कटा हुआं लहसुन (2-3 टुकड़े), बिना सर के लौंग (4-5), काली मिर्च (2-3 मि.), इलायची (2), जीरा (1-2 ग्राम), बिना पिसी जलवत्री (1-2 ग्राम), दालचीनी (टूटी हुई) (3-4 ग्राम); सिरका (40 मिलीलिटर), चीनी (30 ग्राम), नमक (12-15 ग्राम), लाल मिर्च (1-2 ग्राम) अथवा आवश्यकतानुसार।

सिरका, चीनी तथा नमक को छोड़ कर अन्य सारी सामग्री को एक मलमल की पोटली में बांधो। रस में आधी चीनी डालकर इसे धीमी आग पर गर्म करो तथा इसमें मसाले की पोटली रख दो। रस को तब तक गर्म करो जब तक कि आवश्यक गाढ़ापन न आ जाए। इस तरह रस का लगभग आधा हिस्सा ही बाकी बचता है। मसाले वाली पोटली निकालकर इसमें रस निचोड़ दो। अब अतिरिक्त चीनी, नमक तथा सिरका भी इसमें डाल दो। अगर सिरके से पतलापन आ जाए तो थोड़ी देर और गर्म करें, परन्तु अब देर तक इसे आग पर न रखें। गर्म-गर्म चटनी को साफ़ की हुई बोतलों में भर लो।

प्रश्न 3.
सब्जियों को सुखाने के बारे में आप क्या जानते हैं ? किन्हीं चार सब्जियों को सुखाने का तरीका बताओ।
उत्तर-

  1. सब्जी को धोकर इसके चाकू से टुकड़े कर लेने चाहिएं।
  2. सब्जी के टुकड़ों को मलमल के कपड़े में बांध कर 2-3 मिनट तक उबलते पानी में डुबो कर रखो।
  3. उबलते पानी में से निकालने के पश्चात् सब्जी के इन टुकड़ों को 0.25% पोटाशियम मैटाबाइसल्फाइट के घोल (एक लिटर पानी में अढाई ग्राम दवाई) में 10 मिनट तक रखो। इस तरह सब्जी के खराब होने का कोई डर नहीं रहता। एक किलो सब्जी के लिए एक लिटर घोल का प्रयोग करो।
  4. सब्जी को घोल में से निकालकर एल्यूमीनियम की ट्रेओं को सुखाने के लिए रख देना चाहिए।
  5. बाद में सब्जी वाली ट्रेओं को सुखाने के लिए रख देना चाहिए।

सब्जियों को सुखाना—

  1. गाजर-गाजर को छील कर एक सें० मी० मोटे टुकड़े काटकर धूप में तीन दिन के लिए सुखाया जाता है।
  2. प्याज़-प्याज़ को छीलकर साफ करके अच्छी तरह बारीक काट कर धूप में सुखाओ।
  3. लहसुन-इसकी तुरियां (गांठों) को छील कर बारीक-बारीक काटकर दो दिन तक धूप में सुखाओ।
  4. भिण्डी नं0 2 तथा करेला-उन्हें छोटे आकार की होने की सूरत में इनके दोनों सिरे चाकू से उतार दें तथा बारीक काट लें।

फिर उबलते पानी में 6-7 मिनट के लिए ब्लीच तथा फिर 0.25% पोटाशियम मैटाबाइसल्फाइट के घोल से सुधारें तथा दो दिन के लिए धूप में सुखाएं।

प्रश्न 4.
आंवले का मुरब्बा कैसे तैयार किया जाता है ?
उत्तर-
मुरब्बे के लिए बनारसी किस्म के बड़े-बड़े साफ़-सुथरे आंवले ठीक रहते हैं। एक रात के लिए इन्हें 2% सादा नमक के घोल में डुबो कर रखो। आंवलों को अगले दिन इस घोल से निकालकर फिर से 2% नमक के सादा घोल में फिर रात भर के लिए रखो। इसी तरह तीसरे दिन भी करो। चौथे दिन आंवलों को घोल से निकालकर अच्छी तरह धो लो। स्टील के कांटे से फलों में कई स्थानों पर छिद्र कर दें। इन आंवलों को साफ मलमल के कपड़े में बांधो। एक लिटर पानी में 2 ग्राम फिटकड़ी घोल कर बंधे हुए आंवलों को इस पानी में उबालो। इस तरह आंवले अच्छी तरह नर्म हो जाएंगे।
एक किलो फलों के लिए डेढ़ किलो चीनी लो तथा इसमें से आधी चीनी 750 ग्राम को एक लिटर पानी में घोलो। इसे उबालकर मलमल के कपड़े में छान लो। इस चीनी के घोल में उबले हुए आंवले डालो तथा रात भर पड़े रहने दो। अगले दिन चीनी का घोल निकाल लो तथा इसमें बाकी 750 ग्राम चीनी डालकर उबालो। मलमल के कपड़े से उसे छानें। अब इसमें फिर आंवले डाल दें। दो दिन पश्चात् फिर उबालो ताकि चीनी का घोल गाढ़ा हो जाए। फिर ठण्डा करके बर्तन में डालकर सम्भाल लो।

प्रश्न 5.
गाजर का अचार बनाने का तरीका बताएं।
उत्तर-
गाजर को छील कर, धोकर इनके छोटे-छोटे पतले टुकड़े काट लें। इन्हे धूप में सुखा लें। एक किलो गाजर को 250 ग्राम सरसों के तेल में पकाएं। इनमें 100 ग्राम नमक तथा 20 ग्राम लाल मिर्च डालें। ठण्डा होने पर इसमें 100 ग्राम राई पीस कर मिलाएं। बोतल में डाल कर संभाल लें।

प्रश्न 6.
आंवले का अचार तथा मुरब्बा बनाने का ढंग बताएं।
उत्तर-
स्वयं करें।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 11 फलों एवम् सब्जियों से अचार, मुरब्बे एवम् शर्बत बनाना

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

ठीक/गलत

  1. पंजाब में आम की पैदावार सबसे अधिक होती है।
  2. भारत में फलों की वार्षिक पैदावार 500 लाख टन है।
  3. पोटाशियम मैटावाइसल्फाइट एक प्रिज़रवेटिव है।

उत्तर-

बहुविकल्पीय

प्रश्न 1.
पंजाब में कौन-सी सब्जी की पैदावार सबसे अधिक है ?
(क) भिण्डी
(ख) आलू
(ग) पालक
(घ) प्याज़
उत्तर-
(ख) आलू

प्रश्न 2.
निंबू का अचार कितने दिनों में तैयार हो जाता है ?
(क) 2-3 सप्ताह
(ख) 6-7 सप्ताह
(ग) 10 सप्ताह
(घ) 15-16 सप्ताह।
उत्तर-
(क) 2-3 सप्ताह

प्रश्न 3.
एक किलो गाजर के अचार के लिए कितने ग्राम सरसों का तेल ठीक है?
(क) 100 ग्राम
(ख) 250 ग्राम
(ग) 500 ग्राम
(घ) 1000 ग्राम।
उत्तर-
(ख) 250 ग्राम

रिक्त स्थान भरें

  1. पोटाशियम मैटावाइसल्फाइट एक ……………है।
  2. नींबू के अचार में ……………. प्रतिशत नमक डाला जाता है।
  3. पंजाब में …………… की कृषि सभी फलों से अधिक होती है।

उत्तर-

  1. प्रिज़रवेटिव,
  2. 20,
  3. किन्नू।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 11 फलों एवम् सब्जियों से अचार, मुरब्बे एवम् शर्बत बनाना

फलों एवम् सब्जियों से अचार, मुरब्बे एवम् शर्बत बनाना PSEB 8th Class Agriculture Notes

  • भारत में फल तथा सब्जियों की पैदावार बड़े स्तर पर होती है तथा भारत दुनिया में इसलिए दूसरे स्थान पर है।
  • पंजाब में फलों की पैदावार के नीचे 76.5 हज़ार हैक्टेयर क्षेत्रफल है।
  • पंजाब में फलों की पैदावार 15.41 लाख टन है।
  • पंजाब में सब्जियों की पैदावार के लिए 203.7 हज़ार हैक्टेयर क्षेत्रफल है।
  • पंजाब में सब्जियों की पैदावार 36 लाख टन है।
  • पंजाब में फलों में किन्नू की पैदावार सबसे अधिक तथा सब्जियों में आलू की पैदावार सबसे अधिक है।
  • लगभग 2% पैदावार को ही पदार्थ बनाने के लिए प्रोसेस किया जाता है।
  • फलों सब्जियों को भिन्न-भिन्न तरह के पदार्थ बनाने के लिए प्रोसेस किया जाता है।
  • भिन्न-भिन्न पदार्थ जो बनाए जा सकते हैं-नींबू का शर्बत, आम का शर्बत, माल्टे, संगतरे या किन्नू का शर्बत, सत्तु का शर्बत, टमाटरों का रस, नींबू का अचार, आम का अचार, आंवले का अचार, गाजर का अचार, नींबू, हरी मिर्च तथा अदरक, टमाटरों का कैचअप, आंवले का मुरब्बा।
  • गोभी, शलगम, गाजर, आलू, करेला, मेथी, पालक आदि को पतले-पतले टुकड़ों में काट कर सुखा कर रखा जाता है।
  • सुखाने के लिए सोलर ड्रायर का प्रयोग किया जा सकता है।
  • फलों सब्जियों की तुड़ाई या कटाई के बाद प्रोसेसिंग करने से अधिक कमाई की जा सकती है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव : मित्र एवं शत्रु

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव : मित्र एवं शत्रु Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 2 सूक्ष्मजीव : मित्र एवं शत्रु

PSEB 8th Class Science Guide सूक्ष्मजीव : मित्र एवं शत्रु Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(क) सूक्ष्मजीवों को ……………………. की सहायता से देखा जा सकता है।
उत्तर-
सूक्ष्मदर्शी

(ख) नीले-हरे शैवाल वायु से …………………….. का स्थिरीकरण करते हैं, जिससे मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि होती है।
उत्तर-
नाइट्रोजन

(ग) एल्कोहल का उत्पादन ……………………… नामक सूक्ष्मजीव की सहायता से किया जाता है।
उत्तर-
खमीर

(घ) हैज़ा ……………………. के द्वारा होता है।
उत्तर-
जीवाणु।

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प्रश्न 2.
सही शब्द के आगे (√) का निशान लगाइए-

(क) यीस्ट का उपयोग निम्न के उत्पादन में होता है :

(i) चीनी
(ii) एल्कोहल
(iii) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
(iv) ऑक्सीजन।
उत्तर-
(ii) एल्कोहल (√)

(ख) निम्न में से कौन-सा प्रतिजैविक है ?
(i) सोडियम बाइकार्बोनेट
(ii) स्ट्रेप्टोमाइसिन
(iii) एल्कोहल
(iv) यीस्ट।
उत्तर-
(ii) स्ट्रेप्टोमाइसिन (√)

(ग) मलेरिया परजीवी का वाहक है :
(i) मादा एनॉफ्लीज़ मच्छर
(ii) कॉकरोच
(iii) घरेलू मक्खी
(iv) तितली।
उत्तर-
(i) मादा एनॉफ्लीज़ मच्छर (√)

(घ) संचरणीय रोगों का सबसे मुख्य कारक है :
(i) चींटी
(ii) घरेलू मक्खी
(iii) ड्रेगन मक्खी
(iv) मकड़ी।
उत्तर-
(ii) घरेलू मक्खी (√)

(ङ) ब्रेड अथवा इडली फूल जाती है इसका कारण है : .
(i) उष्णता
(ii) पसीना
(iii) यीस्ट कोशिकाओं की वृद्धि
(iv) माढ़ने के कारण।
उत्तर-
(iii) यीस्ट कोशिकाओं की वृद्धि (√)

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(च) चीनी को एल्कोहल में परिवर्तित करने के प्रक्रम का नाम है :
(i) नाइट्रोजन स्थिरीकरण
(ii) मोल्डिंग
(iii) किण्वन
(iv) संक्रमण।
उत्तर-
(iii) किण्वन। (√)

प्रश्न 3.
कॉलम-I के जीवों का मिलान कॉलम-II में दिए गए उनके कार्य से कीजिए-

कॉलम-I कॉलम-II
(क) जीवाणु (i) नाइट्रोजन स्थिरीकरण
(ख) राइजोबियम (ii) दही का जमना
(ग) लैक्टोबेसिलस (iii) ब्रेड की बेकिंग
(घ) यीस्ट (iv) मलेरिया का कारक
(ङ) एक प्रोटोजोआ (v) AIDS का कारक
(च) एक विषाणु (vi) प्रतिजैविक उत्पादित करना।

उत्तर-

कॉलम-I कॉलम-II
(क) जीवाणु (v) AIDS का कारक
(ख) राइजोबियम (i) नाइट्रोजन स्थिरीकरण
(ग) लैक्टोबेसिलस (ii) दही का जमना
(घ) यीस्ट (iii) ब्रेड की बेकिंग
(ङ) एक प्रोटोजोआ (iv) मलेरिया का कारक
(च) एक विषाणु (vi) प्रतिजैविक उत्पादित करना।

प्रश्न 4.
क्या सूक्ष्मजीव बिना यंत्र की सहायता से देखे जा सकते हैं ? यदि नहीं, तो वे कैसे देखे जा सकते हैं ?
उत्तर-
सूक्ष्मजीव बहुत ही छोटे जीव हैं जिन्हें बिना यंत्र देखना संभव नहीं। कुछ सूक्ष्मजीव आवर्धन लेंस द्वारा देखे जा सकते हैं, परंतु आमतौर पर सूक्ष्मदर्शी द्वारा ही इन्हें देखना संभव है।

प्रश्न 5.
सूक्ष्मजीवों के मुख्य वर्ग कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
सूक्ष्मजीवों के मुख्य वर्ग हैं-

  1. जीवाणु,
  2. कवक,
  3. प्रोटोजोआ,
  4. शैवाल,
  5. विषाणु।

प्रश्न 6.
वायुमंडलीय नाइट्रोजन का मिट्टी में स्थिरीकरण करने वाले सूक्ष्मजीवों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. राइजोबियम जीवाणु
  2. नीले-हरे शैवाल।

प्रश्न 7.
हमारे जीवन में उपयोगी सूक्ष्मजीवों के बारे में 10 पंक्तियाँ लिखिए।
उत्तर-
सूक्ष्मजीव जीवाणु, कवक, शैवाल, प्रोटोजोआ आदि के रूप में हैं। इनके उपयोग निम्नलिखित हैं-

जीवाणु के उपयोग-
(i) दही और पनीर बनाने के लिए
(ii) शराब और सिरका बनाने के लिए
(iii) चमड़े की सफाई के लिए।

कवक के उपयोग-
(iv) डबल रोटी और केक बनाने के लिए
(v) मशरूम कवक खाने के लिए
(vi) दवाइयों के लिए।

शैवाल के उपयोग-
(vii) डायटम की कोशिका भित्ति सिलिका का प्राकृतिक रूप है।
(viii) कई शैवाल, समुद्री भोजन के रूप में उपयोग किए जाते हैं।

प्रोटोज़ोआ के उपयोग-
(ix) खाद्य श्रृंखला में
(x) उत्तक प्रवर्धन के लिए।

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प्रश्न 8.
सूक्ष्मजीवों द्वारा होने वाली हानियों का विवरण दीजिए।
उत्तर-
सूक्षमजीवों द्वारा होने वाली हानियाँ-

  1. पौधों और जानवरों में बीमारियों का कारण।
  2. खाद्य पदार्थ के संदूषण का कारण।
  3. कपड़े, चमड़े आदि के भ्रष्ट होने का कारण।
  4. सूक्ष्म जीव खाद्य पदार्थ को निम्न तरीकों से संदूषित करते हैं-
    (क) अणुओं को अपघटित कर दुर्गंध वाले यौगिक पैदा करते हैं।
    (ख) विषैले पदार्थ उत्पन्न करते हैं।
    (ग) खाद्य विषाक्तता का कारण बनते हैं।

प्रश्न 9.
प्रतिजैविक क्या हैं ? प्रतिजैविक लेते समय कौन-सी सावधानियाँ रखनी चाहिएं ?
उत्तर-
प्रतिजैविक (Antibiotics) – प्रतिजैविक एक ऐसी औषधि है जो रक्त के अंदर शरीर की कोशिकाओं को बिना हानि पहुँचाए जीवाणुओं को मारती है। प्रतिजैविक औषधियाँ जीवाणुओं, कवकों तथा सूक्ष्मजीवों से प्राप्त होती हैं।

उदाहरण – पेनसिलीन, टैट्रासाइकलिन, स्ट्रोप्टोमाइसिन आदि। अल्गर्जेंडर फ्लेमिंग, एक अंग्रेज़ वैज्ञानिक ने 1929 में पेनसिलीन की खोज की। सावधानियाँ – प्रतिजैविक लेते समय निम्न सावधानियों को ध्यान में रखना चाहिए-

  1. प्रतिजैविक डॉक्टर की सलाह पर लेने चाहिए।
  2. डॉक्टर द्वारा लिखी दवाइयों का कोर्स पूरा करना चाहिए।
  3. प्रतिजैविक खाँसी और सर्दी पर प्रभाव नहीं डालते क्योंकि यह विषाणु द्वारा संचारित होती है।

PSEB Solutions for Class 8 Science फसल उत्पादन एवं प्रबंध Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थान भरो-

(क) सूक्ष्मजीवों को ……………………….. की सहायता से देखा जा सकता है।
उत्तर-
सूक्ष्मदर्शी

(ख) जीवाणु प्रायः ……………………….. विधि द्वारा गुणन करते हैं।
उत्तर-
द्विविखंडन

(ग) रोग पैदा करने वाले सूक्ष्मजीव …………………… कहलाते हैं।
उत्तर-
रोगाणु अथवा रोगवाहक

(घ) रोगाणुओं द्वारा उत्पन्न किए गए विषैले पदार्थ ……………………. कहलाते हैं।
उत्तर-
टॉक्सिन

(ङ) शैवाल अपना भोजन स्वयं तैयार करते हैं क्योंकि यह …………………….. क्रिया कर सकते हैं।
उत्तर-
प्रकाशसंश्लेषण

(च) शैवाल उत्पाद जो जीवाणु प्रवर्धन में सहायक है, …………………. कहलाता है।
उत्तर-
अगार

(छ) शैवाल पौधों जैसे होते हैं, परंतु ……………………………. जानवर जैसे होते हैं।
उत्तर-
प्रोटोज़ोआ

(ज) वे सूक्ष्मजीव जो सजीव और निर्जीव की सीमा पर हैं, ……………………… कहलाते हैं।
उत्तर-
विषाणु

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(झ) मशरूम एक ……………………. है।
उत्तर-
शैवाल

(ब) मछलियों के भोजन का मुख्य स्रोत ……………………….. है
उत्तर-
कवक।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थान भरो

(1) एंटअमीबा ……………………. रोग फैलाता है।
उत्तर-
अमीबी पेचिश

(2) ………………………… द्वारा त्वचा रोग रिंग-वारम फैलता है।
उत्तर-
कवक

(3) ग्रंथिकाओं युक्त पौधों की जड़ों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण जीवाणु पाए जाते हैं, उन्हें ………………….. कहते हैं।
उत्तर-
राइजोबियम

(4) गेहूँ के पौधों में कवक द्वारा फैला रोग ……………………….. है।
उत्तर-
रस्ट (Rust)

(5) सभी मशरूम …………………………. नहीं होते।
उत्तर-
खाने योग्य

(6) दही जमाने वाले जीवाणु ………………………… है।
उत्तर-
लैक्टोबेसिलस

(7) सामान्य जुकाम …………………………. संक्रमण द्वारा फैलता है।
उत्तर-
विषाणु

(8) पेनसिलीन की खोज ………………………….. ने की।
उत्तर-
अलेक्झेंडर फ्लेमिंग

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(9) सजीवों का वर्गीकरण ………………………. विशेषताओं पर निर्भर करता है।
उत्तर-
समान

(10) कीट जो वाहन का काम करते हैं, …………………………. कहलाते हैं।
उत्तर-
वाहक।

प्रश्न 3.
सूक्ष्मदर्शी को परिभाषित करें।
उत्तर-
सूक्ष्मदर्शी – यह एक प्रकाशीय यंत्र है जिसके द्वारा बहुत ही छोटे जीव, सूक्ष्मजीव देखे जा सकते हैं।

प्रश्न 4.
कौन-से सूक्ष्मजीव सजीव और निर्जीव की सीमा पर उपस्थित हैं ?
उत्तर-
विषाणु।

प्रश्न 5.
किन्हीं चार प्रतिजैविकों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. पेनसिलीन,
  2. स्ट्रैप्टोमाइसिन,
  3. ट्रैट्रासाइकलिन,
  4. ग्रैमेसींडिन।

प्रश्न 6.
सूक्ष्मजीव क्या हैं ?
उत्तर-
सूक्ष्मजीव – ये छोटे जीव हैं जिन्हें नंगी आँखों से नहीं देखा जा सकता।

प्रश्न 7.
क्या सभी सूक्ष्मजीवों का आकार समान है ?
उत्तर-
नहीं, सभी सूक्ष्मजीवों का आकार समान नहीं होता।

प्रश्न 8.
सूक्ष्मजीवों के मुख्य वर्गों के नाम लिखो।
उत्तर-
सूक्ष्मजीवों के मुख्य वर्ग हैं-

  1. जीवाणु,
  2. कवक,
  3. प्रोटोजोआ,
  4. शैवाल,
  5. विषाणु।

प्रश्न 9.
धीमी गति से वृद्धि करने वाले सूक्ष्मजीवों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

  1. माइकोबैक्टीरियम ट्यूबकुली (Mycobacterium tuberculi)
  2. माइकोबैक्टीरियम लेपरेई (Mycobacterium laprae)।

प्रश्न 10.
तेज़ गति से वृद्धि करने वाले सूक्ष्मजीवों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

  1. सियडोमोनास (Pseudomonas)
  2. एंटअमीबा कोली (Entamoeba Coli)।

प्रश्न 11.
कवकों के दो वर्ग कौन-से हैं ?
उत्तर-
कवकों के मुख्य दो वर्ग हैं-
(क) खमीर (ख) उल्ली (mould)।

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प्रश्न 12.
अमीबा सूक्ष्मजीवों के किस वर्ग में आता है ?
उत्तर-
अमीबा सूक्ष्मजीवों के प्रोटोजोआ वर्ग में आता है।

प्रश्न 13.
जीवाणु द्वारा फैलने वाले रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर-
जीवाणु द्वारा फैलने वाले रोग-

  1. पोलियो माइलिटिस,
  2. पेचिश,
  3. सर्दी और बुखार,
  4. फ्लू (इनफ्लूएंजा),
  5. खसरा।

प्रश्न 14.
रोगजनक सूक्ष्मजीव क्या हैं ?
उत्तर-
रोगजनक सूक्ष्मजीव – मनुष्य, पौधों और जानवरों में रोग फैलाने वाले सूक्ष्मजीवों को रोगाणु अथवा रोग जनक सूक्ष्मजीव कहते हैं।

प्रश्न 15.
जानवरों के शरीर में सूक्ष्मजीव कहाँ रहते हैं ?
उत्तर-
सूक्ष्मजीव जानवरों के नाक, गले, मुँह और पाचन तंत्र में रहते हैं।

प्रश्न 16.
सबसे पहले जीवाणु किसने और कब देखा ?
उत्तर-
एनटान वैन लियुवन हॉक ने 1675 ई० में।

प्रश्न 17.
एक जीवाणु का सामान्य आकार क्या है ?
उत्तर-
1.25μm (1μm = 1000 mm) व्यास।

प्रश्न 18.
सबसे छोटा जीवाणु कौन-सा है ?
उत्तर-
सबसे छोटा जीवाणु छड़ नुमा जीवाणु है जिसका आकार 0.15 mm है।

प्रश्न 19.
सबसे बड़े जीवाणु का नाम लिखिए।
उत्तर-
स्पाइरल जीवाणु जिनका आकार 15 mm लंबा और 1.5 μm व्यास होता है।

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प्रश्न 20.
जीवाणुओं के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
लैक्टोबेसिलस, सियोडोमोनास।

प्रश्न 21.
नीले-हरे शैवाल का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
नॉस्टक, एनाबीना, आसीलैटोरिया।

प्रश्न 22.
नीले-हरे शैवाल उर्वरकों के रूप में क्यों उपयोग किए जाते हैं ?
उत्तर-
वे वायुमंडलीय नाइट्रोजन को लाभदायक यौगिक में बदलते हैं।

प्रश्न 23.
एक वर्ष में नीले-हरे शैवाल धान के खेत में कितनी नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करते हैं ?
उत्तर-
लगभग 625 kg नाइट्रोजन/प्रतिवर्ग किलोमीटर।

प्रश्न 24.
तीन डायटमों के नाम लिखिए।
उत्तर-
पीनूलेरिया, साइकलोटैला और नैवीकुला।

प्रश्न 25.
सड़क के किनारों पर उगी कवकों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
मशरूम, पफ बाल्स (Puff balls), टोड बाल्स (Toad balls)।

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प्रश्न 26.
उस सूक्ष्मजीव का नाम लिखिए जो प्रतिजैविकता रोधक है।
उत्तर-
माइकोप्लाज़म।

प्रश्न 27.
किण्वन क्रिया में खमीर क्या उत्पन्न करते हैं ?
उत्तर-
इथाइल एल्कोहल और कार्बन डाइऑक्साइड की अधिक मात्रा।

प्रश्न 28.
विषाणुओं पर प्रतिजैविकों का प्रभाव क्यों नहीं पड़ता ?
उत्तर-
क्योंकि उनका अपना उपापचय (metabolism) नहीं होता।

प्रश्न 29.
वीषाणुओं द्वारा फैलने वाले कुछ रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर-
रेबीज, पोलियो, चेचक, सामान्य जुकाम, इन्फ्लूएंजा, एडज़, तंबाकू और आलू का मोसेक।

प्रश्न 30.
कौन-सा शैवाल खाने के काम आता है ?
उत्तर-
लाल शैवाल पोरिफाइरा (Poriphyra) ।

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प्रश्न 31.
जीवाणु विज्ञान (Bacteriology) के जनक कौन हैं ?
उत्तर-
लुईस पास्चर।

प्रश्न 32.
सूक्ष्मदर्शी द्वारा जीवाणु को देखने का काम सबसे पहले किसने किया?
उत्तर-
एनटान वैन लियुवन हॉक।

प्रश्न 33.
जीवाणु द्वारा फैलने वाले तीन रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर-
टायफाइड, हैजा, तपेदिक (TB)।

प्रश्न 34.
प्रोटोज़ोआ दवारा फैलने वाले तीन रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर-
मलेरिया, पेचिश, काला अज़ार।

प्रश्न 35.
दूध को दही में परिवर्तित करने वाले सूक्ष्मजीव का नाम और वर्ग बताइए।
उत्तर-
लैक्टोबेसिलस-जीवाणु।

प्रश्न 36.
अगार के स्रोत क्या हैं ?
उत्तर-
लाल-शैवाल।

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प्रश्न 37.
मलेरिया फैलाने वाले प्रोटोज़ोआ का नाम लिखिए।
उत्तर-
प्लाज़मोडियम वावैक्स (Plasmodium Vivax)।

प्रश्न 38.
प्रोटोज़ोआ के तीन उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
अमीबा, पैरामीशियम, यूगलिना।

प्रश्न 39.
शैवाल और कवक में एक अंतर लिखिए।
उत्तर-
शैवाल स्वपोषी है जबकि कवक परपोषी।

प्रश्न 40.
ब्रेड और एल्कोहल बनाने के लिए कौन-से सूक्ष्मजीव उपयोग में आते हैं ?
उत्तर-
खमीर (Yeast)।

प्रश्न 41.
दो नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले शैवालों के नाम लिखिए।
उत्तर-
नास्टॉक और एनाबीना।

प्रश्न 42.
कवक के दो मुख्य वर्ग कौन-से हैं ?
उत्तर-
खमीर और उल्ली (moulds)।

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प्रश्न 43.
अमीबा किस सूक्ष्मजीव वर्ग से आता है ?
उत्तर-
प्रोटोज़ोआ।

प्रश्न 44.
दो प्रतिजैविकों के नाम लिखो।
उत्तर-
बी० सी० जी० (BCG), ट्रिपल वैक्सीन।

प्रश्न 45.
टीकाकरण की खोज किसने की ?
उत्तर-
लुईस पास्चर।

प्रश्न 46.
विषाणुओं की सबसे पहले खोज किसने की ?
उत्तर-
रूसी वैज्ञानिक इबानवोअसकी।

प्रश्न 47.
क्या सभी विषाणु एक ही आकार के होते हैं ?
उत्तर-
नहीं।

प्रश्न 48.
रिंग वर्म (Ring Worm) रोग का कारक कौन है ?
उत्तर-
कवक।

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प्रश्न 49.
किस मच्छर के काटने से मलेरिया फैलता है ?
उत्तर-
मादा मच्छर एनाफ्लीज़ (Female Anopheles Mosquito) ।

प्रश्न 50.
अमीबी पेचिश कौन फैलाता है ?
उत्तर-
एंटअमीबा (Entamoeba)।

प्रश्न 51.
सूक्ष्मजीव किसे कहते है ?
उत्तर-
सूक्ष्मजीव (Micro-Organism) – जो जीव अति सरल रचना वाले और आकार में काफ़ी सूक्ष्म हों और जिन्हें केवल सूक्ष्मदर्शी यंत्र द्वारा देखा जा सकता है सूक्ष्मजीव कहलाते हैं।

प्रश्न 52.
सूक्ष्मजीव कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
पाँच प्रकार के जीवाणु, कवक, प्रोटोज़ोआ, शैवाल और विषाणु।

प्रश्न 53.
सूक्ष्मजीव कहाँ पाए जाते हैं ?
उत्तर-
सूक्ष्मजीव हर स्थान पर पाए जाते हैं।

प्रश्न 54.
दो ऐसी बीमारियों के नाम लिखो जिनकी रोकथाम टीके द्वारा की जा सकती है ?
उत्तर-
हैज़ा, क्षय, पोलियो, हैपेटाइटिस।

प्रश्न 55.
नील-हरित शैवाल का दूसरा नाम क्या है ?
उत्तर-
साइनोबैक्टीरिया।

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प्रश्न 56.
नील-हरित शैवाल के दो उदाहरण दो।
उत्तर-
नॉस्टॉक, ऐनाबीना, ऑसिलैटोरिया।

प्रश्न 57.
हमारे वायुमंडल में कितने प्रतिशत नाइट्रोजन है ?
उत्तर-
हमारे वायुमंडल में 78% नाइट्रोजन है।

प्रश्न 58.
पौधों में पाए जाने वाले किन-किन पदार्थों में नाइट्रोजन पाई जाती है ?
उत्तर-
प्रोटीन, पर्णहरित, न्यूक्लिक एसिड व विटामिन में।

प्रश्न 59.
कौन-से जीवाणु वायुमंडल की नाइट्रोजन के स्थिरीकरण में सहायक होते हैं ?
उत्तर-
लैग्यूम पौधों (Leguminous plants) की जड़ों की गाँठों में पाए जाने वाले राइजोबियम नामक जीवाणु।

प्रश्न 60.
एककोशीय सूक्ष्मजीवों के नाम दें।
उत्तर-
जीवाणु, नीली हरी शैवाल, प्रोटोजोआ।

प्रश्न 61.
बहुकोशीय सूक्ष्मजीवों के नाम दें।
उत्तर-
शैवाल तथा कवक।

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प्रश्न 62.
अकेले रह सकने वाला सूक्ष्मजीव कौन-सा है ?
उत्तर-
अमीबा अकेले रह सकने वाला सूक्ष्मजीव है।

प्रश्न 63.
समूह में पाया जाने वाला सूक्ष्मजीव कौन-सा है ?
उत्तर-
कवक व जीवाणु।

प्रश्न 64.
प्रतिजैविक किस काम आते हैं ?
उत्तर-
ये रोगों के उपचार में काम आते हैं।

प्रश्न 65.
प्रतिजैविक किन सूक्ष्मजीवों से बनते हैं ?
उत्तर-
जीवाणु एवं कवक से।

प्रश्न 66.
प्रथम ऐंटीबायोटिक कब व किसने बनाई ?
उत्तर-
1929 में, अलेक्जेंडर फ्लेमिंग ने।

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TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या सभी सूक्ष्मजीव एक ही आकार के होते हैं ?
उत्तर-
नहीं, सभी सूक्ष्मजीव एक ही आकार के नहीं होते। जीवाणुओं का आकार 0.2 से 100μ है। खमीर का आकार 5 से 10μ तक होता है। शैवाल का आकार 1μ से कई मीटर तक होता है। प्रोटोजोआ का आकार 2 से 200μ होता है। विषाणुओं का आकार 0.015 से 0.2μ ही होता है।

प्रश्न 2.
तीव्र और धीमी गति से वृद्धि करने वाले जीवाणुओं के नाम लिखिए।
उत्तर-
तीव्र गति से वृद्धि करने वाले जीवाणुओं के उदाहरण-

  1. सियोडोमोनास (Pseudomonas)
  2. ई० कोली (E. Coli)।

धीमी गति से वृद्धि करने वाले जीवाणुओं के उदाहरण

  1. माइकोबैक्टीरियम टुबरकुली (Mycobacterium tuberculi)
  2. माइकोबैक्टीरियम लेपरेई (Mycobacterium laprae) ।

प्रश्न 3.
कवक के वर्गों के बारे लिखिए।
उत्तर-
कवक के दो मुख्य वर्ग हैं-
(i) खमीर
(ii) उल्ली (moulds)

(i) खमीर (Yeast)—यह एक कोशिका होते हैं।
(ii) उल्ली (Moulds)—यह बहुकोशिका होते हैं और इनका आकार तंतु जैसा होता है।

प्रश्न 4.
सूक्ष्मजीव प्रतिकूल परिस्थितियों में कैसे जीवित रहते हैं ?
उत्तर-
सूक्ष्मजीव बहुत सख्त होते हैं। यह ऊष्मा की अधिकता और सूखे में अपने इर्द-गिर्द सख्त आवरण या कवच (cyst) बनाकर जिंदा रहते हैं। आवरण के भीतर यह अक्रियाशील होते हैं और अनुकूल परिस्थितियों का इंतजार करते हैं। समय आने पर यह बहुविखंडन से गुणन करते हैं और जीवनकाल पूरा करते हैं।

प्रश्न 5.
विषाणु सूक्ष्मजीवों से कैसे भिन्न हैं ? किन्हीं दो पादप विषाणुओं और दो जंतु विषाणुओं के नाम लिखें।
उत्तर-
विषाणु सूक्ष्मजीवों से निम्न कारणों से भिन्न हैं-

  1. यह सबसे छोटे सूक्ष्मजीव हैं।
  2. यह संपूर्ण तौर पर सजीव नहीं हैं क्योंकि इनकी वृद्धि अपने आप नहीं होती।
  3. यह अति हानिकारक हैं और कई रोगों के कारक हैं।

पादप विषाणु-

  1. तंबाकू मोसेक विषाणु (TMV)
  2. जीवाणुभोजी (Bacteriophage)।

जंतु विषाणु-

  1. मुख और पाँव रोग विषाणु (FMDV)
  2. खसरा विषाणु।

प्रश्न 6.
विषाणुओं को सजीव और निर्जीव वस्तुओं की सीमा रेखा पर क्यों रखा गया है ?
उत्तर-
विषाणुओं की सजीवों से समानता-

  1. इनमें न्यूक्लीय अम्ल पाए जाते हैं।
  2. इनमें सजीवों की भांति वृद्धि और प्रजनन होता है।

विषाणुओं की निर्जीवों से समानता-

  1. इनमें जीव द्रव्य और केंद्रक नहीं होते।
  2. नमक और चीनी के दानों की तरह इन्हें भी दानों में बदला जा सकता है।

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प्रश्न 7.
खमीर और उल्ली (mould) में अंतर करें।
उत्तर-
खमीर और उल्ली (mould) में अंतर-

खमीर (Yeast) उल्ली (Mould)
(1) यह एक कोशिक है। (1) यह बहुकोशिक है।
(2) इनका आकार 5-10μ है। (2) इनका आकार 2-10μ है।
(3) ये वायुवयी और अवायुवयी होते हैं। (3) ये वायुवयी होते हैं।

प्रश्न 8.
कवक से प्राप्त उत्पादों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
कवक से प्राप्त उत्पाद-

  1. कुछ कवकों का इस्तेमाल सीधे-ही खाने वाली वस्तुओं में होता है।
  2. कुछ कवकों से प्रतिजैविक तैयार किए जाते हैं।
  3. ब्रेड और एल्कोहल बनाने में कवक काम आती है।
  4. शराब, बियर के उत्पादन में कवक काम आती है।

प्रश्न 9.
जीवाणुभोजी क्या होते हैं ?
उत्तर-
जीवाणुभोजी (Bacteriophages) – विषाणु परपोषी होते हैं। जो विषाणु जीवाणुओं पर निर्भर करते हैं, उन्हें जीवाणुभोजी या जीवाणुरूपी विषाणु कहते है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु 1

जीवाणुभोजी छड़ आकार के होते हैं। इनमें से कुछ में स्पष्ट सिर, धड तथा पूँछ होती हैं और यह कण्डलित सममिति दर्शाते हैं। जीवाणुभोजी हमारे लिए लाभदायक हैं क्योंकि ये ऐसे जीवाणुओं को नष्ट करते हैं जो कार्बनिक पदार्थों को खत्म करते हैं।

यह गंगा के पानी में पाए जाते हैं इसलिए यह पानी कई वर्षों तक बिना खराब हुए रखा जा सकता है।

प्रश्न 10.
कवक की क्रिया से उत्पन्न होने वाले उत्पादों के नाम लिखो।
उत्तर-
कवक की क्रिया से उत्पन्न होने वाले विभिन्न उत्पाद निम्न हैं-

  1. बेकरी उत्पाद : गेहूँ के आटे से डबलरोटी और केक बनाना।
  2. खाद्य पदार्थ : जौ और फलों के रस से शराब और वियर बनाना. पिसे हुए चावल और दाल से इडली और डोसा बनाना।
  3. पाश्चरीकरण पनीर।
  4. कुछ कवक जैसे मशरूम सीधे ही भोजन के रूप में उपयोग होते हैं।
  5. कुछ महत्वपूर्ण दवाइयाँ जैसे पेनसिलीन भी कवकों द्वारा तैयार की जाती है।
  6. उल्ली के बीजाणु भोजन नष्ट करते हैं, आलू और कपास, मक्का और गेहूँ की फसलों को नष्ट करता है। ये कपड़े, जूते और लकड़ी के पदार्थों को भी नष्ट करते हैं।
  7. एथलीट फुट (Athlete’s foot) और रिंग वर्म (Ring Worm) जैसे रोग कवकों द्वारा फैलते हैं।

प्रश्न 11.
डबलरोटी कैसे बनती है ?
उत्तर-
आटे में जब खमीर के साथ थोड़ी चीनी और गर्म पानी डालकर मिश्रण तैयार किया जाता है, तो यह मिश्रण कुछ देर बाद फूलना आरंभ कर देता है। चीनी और गर्म पानी की उपस्थिति खमीर कोशिकाओं की तेजी से वृद्धि में सहायता करती है। प्रजनन दौरान, खमीर CO2 पैदा करती है। CO2 के बुलबुले दे आटे को फैलाने का काम करते हैं। जब इसे पकाया जाता है तो डबलरोटी नर्म और हल्की बनती है।

प्रश्न 12.
पिसे हुए चावल और दाल का मिश्रण खट्टा कैसे बनाया जाता है ?
उत्तर-
पिसे हुए चावल और दाल के मिश्रण को कुछ देर पड़ा रहने देने से, वह खट्टा हो जाता है। यह खमीर कोशिकाओं की वृद्धि करता है जो मिश्रण को फूलने और खट्टा करने में सहायक है।

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प्रश्न 13.
उल्ली (moulds) की वृद्धि को रोकने के कुछ तरीके सुझाइए।
उत्तर-
उल्ली की वृद्धि रोकने के उपाय-

  1. वस्तुओं को निम्न ताप पर रखें।
  2. वस्तुओं को साफ बंद पात्रों में रखें।
  3. शुष्क भंडारण में सूखी वस्तुओं को रखें।
  4. खाद्य पदार्थ को आचार के रूप में प्रतिरक्षित करें।
  5. वस्तुओं को वायु में उपस्थित सूक्ष्मजीवों से बचा कर रखें।

प्रश्न 14.
दवाइयों में कवक की महत्ता के बारे में लिखें।
उत्तर-
कवकों से प्रतिजैविक उपलब्ध होती है। पेनसिलीन एक कवक से प्राप्त की जाती है।

प्रश्न 15.
कवक और शैवाल में मुख्य अंतर क्या है ?
उत्तर-
कवक और शैवाल में अंतर-

कवक (Fungi) शैवाल (Algae)
(1) रंगरहित और या हरी नहीं (1) हरा रंग
(2) बाह्य कोशिका भित्ति कवक सेलूलोज से बनी हुई (2) बाहय कोशिका भित्ति सेलुलोज से बनी हई
(3) परपोषी (3) स्वपोषी
(4) मृतजीवी या परजीवी (4) जलीय आवास
(5) आर्द्र जैविक सतह पर वृद्धि। (5) आर्द्र सतह पर वृद्धि।

प्रश्न 16.
टीका (Vaccine) क्या है ?
उत्तर-
टीका-एक टीका में किसी विशेष रोग के मृत या कमज़ोर प्रति (antigen) होते हैं। इन्हें जब शरीर में प्रवेश कराते हैं तो श्वेत रक्त कोशिकाएँ प्रतिरक्षी (antibody) पैदा करना आरंभ कर देती हैं।

प्रश्न 17.
नीले हरे शैवाल की भूमि की उर्वरता से क्या महत्ता है ?
उत्तर-
भूमि की उर्वरता में नीले हरे शैवाल की महत्ता निम्न कारणों से है-

  1. ये मिट्टी में नाइट्रोजन की आपूर्ति करते हैं।
  2. ये मिट्टी में ह्यूमस की वृद्धि करते हैं।
  3. ये उपज वृद्धि में सहायक हैं।
  4. ये मिट्टी की पानी रोकने की क्षमता बढ़ाते हैं।

प्रश्न 18.
सूक्ष्मजीवों के अध्ययन में कुछ महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों का वर्णन करें।
उत्तर-
सूक्ष्मजीवों के अध्ययन में कुछ महत्त्वपूर्ण उपलब्धियाँ

वैज्ञानिक वर्ष उपलब्धि
राबर्ट हुक 1665 सूक्ष्मदर्शी द्वारा कार्क कोशिका, स्परमेटो जोआ और जीवाणु को देखा और उन्हें सूक्ष्म जीवाणु नाम दिया।
लुई पास्चर 1857, 1859 किण्वण एक जैव रासायनिक क्रिया है। सूक्ष्मजीव पहले से उपस्थित सूक्ष्मजीवों के विभाजन द्वारा पैदा होते हैं।
राबर्ट कोच 1872, 1889 तपेदिक का कारक टयूबकुली बैसीलस है।
अलेक्जेंडर फ्लेमिंग 1929 टैटनस रोग टेटनस बेसीलस के कारण है।
प्रतिजैविक पेनसिलीन कवक पेनसिलीन नोटैटम से प्राप्त की।

प्रश्न 19.
खाद्य विषाक्तन किसे कहते हैं?
उत्तर-
खाद्य विषाक्तन – कई बार सूक्ष्मजीव भोजन में विषैले पदार्थ उत्पन्न करते हैं और भोजन को नष्ट कर देते हैं। यह भोजन को विषाक्त बना देते हैं। इसे खाद्य विषाक्तन कहते हैं। इसके सेवन से व्यक्ति गंभीर रूप से रोगी हो सकता है और कभी-कभी मृत्यु भी हो सकती है।

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प्रश्न 20.
निम्न शब्दों का संक्षेप में वर्णन करो।
(क) प्रतिरोध क्षमता (Immunity)
(ख) प्रतिरक्षी (Antibody)
(ग) टीकाकरण (Vaccination)
उत्तर-
(क) प्रतिरोध क्षमता (Immunity) – शरीर के रोगों से बचाव प्रबंध को प्रतिरोध क्षमता कहते हैं। प्रतिरोध क्षमता हमारे शरीर में प्रवेश होने वाले बाह्य पदार्थों जैसे जीवाणु, विषाणु, विष आदि से मुकाबला करने की समर्था है तथा यह रोग पैदा करने वाले रोगाणुओं से सुरक्षा प्रदान करती है। यदि रोगाणु का शरीर में प्रवेश हो जाए तो शरीर उनका मुकाबला करता है। हमारे शरीर का सुरक्षा प्रबंध दो भागों में विभाजित होता है- स्थानीय सुरक्षा प्रबंध तथा प्रतिरक्षा प्रबंध।

(ख) प्रतिरक्षी (Antibody) – कुछ सूक्ष्मजीवों या उनके द्वारा पैदा किए विष (Toxin) उनकी विशेष क्रियाओं द्वारा गहरे चले जाते हैं। ऐसी अवस्था में शरीर के भीतरी द्रव तथा रक्त रोगाणुओं या विष (Toxin) या अन्य बाहरी पदार्थों का मुकाबला करना शुरू कर देते हैं। इन द्रवों में विशेष प्रकार की प्रोटीनज़ (Proteins) होती है जिसे प्रतिरक्षी (Antibody) कहते हैं। ये प्रतिरक्षी रोगाणुओं या विष (Toxin) के साथ प्रतिक्रिया करते हैं।

(ग) टीकाकरण (Vaccination) – यह कृत्रिम ढंग से शरीर में रोगाणु या रोगाणु पदार्थ प्रवेश कराने की वह विधि है, जो एक विशेष रोग के प्रति प्रतिरोध पैदा करती है।

प्रश्न 21.
शरीर में सूक्ष्मजीवों के संचारण की तीन विधियाँ लिखिए।
उत्तर-
शरीर में सूक्ष्मजीवों के संचारण के कारण-

  1. अंदर लेने वाली साँस द्वारा
  2. पीने वाले पानी और भोजन द्वारा
  3. त्वचा द्वारा।

प्रश्न 22.
टीका (Vaccine) क्या है ? टीकाकरण (Vaccination) की क्या महत्ता है ?
उत्तर-
टीका (Vaccine) – देखो प्रश्न 15 (लघु उत्तरात्मक प्रश्न)।
टीका शरीर में टीकाकरण या कभी-कभी मुँह द्वारा (जैसे पोलियो बूंदें) प्रवेश कराया जाता है जो सफ़ेद रक्ताणुओं को किसी विशेष रोग के रोगाणुओं के विरुद्ध प्रतिपिंड पैदा करने के लिए प्रेरित करता है। टीका या टीकाकरण का प्रयोग सर्वप्रथम चेचक के टीकाकरण के लिए किया गया था। परंतु अब यह अनेक रोगों के लिए प्रयोग किया जाता है। ऐडवर्ड जेनर नामक डॉक्टर ने 1798 ई० में टीकाकरण विधि विकसित की थी।

प्रश्न 23.
चित्र की सहायता से एक सामान्य साइनोजीवाणु कोशिका की संरचना समझाओ।
उत्तर-
सामान्य साइनोजीवाणु कोशिका – एक सामान्य साइनोजीवाणु कोशिका की कोशिका भित्ति (Cell Wall) चार परतों की बनी होती है जिसके अन्दर प्लाज्मा झिल्ली (Plasma Membrane) होती है। प्लाज्मा झिल्ली के अन्दर साइटोप्लाज्म (Cytoplasm) होता है।
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साइनोजीवाणु कोशिका साइटोप्लाज्म में रसधानियाँ, राइबोसोमज़, प्रकाश-संश्लेषण वर्णक जैसे क्लोरोफिल, कैरोटिनॉयडज़ तथा गोल दोहरे बन्धन तथा बिना ढका हुआ डी० एन० ए० होता है। सुरक्षित भोजन साइनोफाइसियन स्टॉर्च, स्टार्चलिपिड की गोली और साइनोफाइसियन प्रोटीन कणों के रूप में होता है।

प्रश्न 24.
डॉयटम क्या हैं ? इनकी विभिन्न किस्मों के चित्र बनाओ।
उत्तर-
डॉयटम (Diatoms) – ये सूक्ष्मजीवी एककोशीय शैवाल हैं। ये ताजे पानी के चश्मों तथा समुद्र के खारे पानी में मिलते हैं। ये आमतौर पर अकेले-अकेले कोशिकाओं के रूप में मिलते हैं, परन्तु कुछ एक-दूसरे के साथ जुड़े रहते हैं और समूहों या छड़ाकार रूप में मिलते हैं। इनमें जनन क्रिया अलैंगिक या लैंगिक दोनों होती हैं।
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TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कुछ सूक्ष्मजीवों के चित्र बनाइए।
उत्तर-
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प्रश्न 2.
कुछ सामान्य रोग, उनके फैलने के तरीके और बचने के उपाय का चार्ट बनाइए।
उत्तर-
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प्रश्न 3.
सूक्ष्मजीव द्वारा पैदा होने वाले तीन सामान्य पादप रोगों के नाम लिखो।
उत्तर-
सूक्ष्मजीवों द्वारा पैदा होने वाले सामान्य पादप रोग-

पादप रोग सूक्ष्मजीव संचारण का तरीका
नींबू कैंकर जीवाणु (Bacteria) वायु
गेहूँ की रस्ट कवक (Fungi) वायु एवं बीज
भिंडी की पीत विषाणु (Virus) कीट

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प्रश्न 4.
खाद्य परिरक्षण से क्या अभिप्राय है ? खाद्य परिरक्षण की विविध विधियों का वर्णन करें।
उत्तर-
खाद्य परिरक्षण (Food Preservation) – वह विधि जिस द्वारा खाद्य पदार्थ को संदूषित होने से बचाया जा सके और लंबे समय तक उसके पोषक तत्त्व ठीक रखे जा सकें, खाद्य परिरक्षण कहलाती है।

खाद्य परिरक्षण की विधियाँ-
(1) निर्जलीकरण और धूप में सुखाना (Dehydration & Drying in Sun light) – फलों और सब्जियों में पानी की मात्रा को कम करना, निर्जलीकरण कहलाता है। इससे भोजन में नमी कम हो जाती है और वह जल्दी संदूषित नहीं होता। फलों तथा सब्जियों को धूप में सुखाना सबसे पुरानी विधि है।

(2) नमक और चीनी द्वारा परिरक्षण (Preservation by Salt and Sugar) – नमक और चीनी अच्छे परिरक्षक (Preservative) हैं।
यह खाद्य पदार्थ में सूक्ष्मजीवों की वृद्धि को रोकते हैं। अचार, जैम, जैली, केटचअप, स्कवैश आदि का परिरक्षण नमक और चीनी डाल कर किया जाता है।

(3) अति ठंडा करना (Deep freezing) – यह सूक्ष्मजीवों की वृद्धि को रोकने का सीधा तरीका है। इस विधि में खाद्य पदार्थ को 0°C से निम्न ताप तक ठंडा किया जाता है। फल, सब्जियाँ, माँस, मछली आदि इस विधि से परिरक्षित किए जाते हैं।

(4) रासायनिक परिरक्षण (Chemical Preservation) – कुछ रसायन खाद्य परिरक्षण में उपयोग होते हैं जो पदार्थ खाद्य पदार्थ को संदूषित होने से बचाते हैं, खाद्य परिरक्षण कहलाते हैं।

बेनजोइक अम्ल, पोटाशियम-मेटा बाइसल्फाइट आदि उपयोग में लाए जा सकते हैं। डिब्बा बंद और बोतलों में सील करके भी परिरक्षण किया जाता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

PSEB 8th Class Science Guide फसल उत्पादन एवं प्रबंध Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
उचित शब्द छांटकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
तैरने, जल, फसल, पोषक, तैयारी।

(क) एक स्थान पर एक ही प्रकार के बड़ी मात्रा में उगाए गए पौधों को …………………… कहते हैं।
उत्तर-
फसल

(ख) फसल उगाने से पहले प्रथम चरण मिट्टी की …………………….. होती है।
उत्तर-
तैयारी

(ग) क्षतिग्रस्त बीज जल की सतह पर ……………………… लगेंगे।
उत्तर-
तैरने

(घ) फसल उगाने के लिए पर्याप्त सूर्य का प्रकाश एवं मिट्टी से ……………………… तथा …………………….. आवश्यक हैं।
उत्तर-
जल, पोषक।

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प्रश्न 2.
‘कॉलम A’ में दिए गए शब्दों का मिलान कॉलम B से कीजिए।

कॉलम A कॉलम B
(i) खरीफ़ फसल (a) मवेशियों का चारा
(ii) रबी फसल (b) यूरिया एवं सुपर फॉस्फेट
(iii) रासायनिक उर्वरक (c) पशु अपशिष्ट, गोबर, मूत्र एवं पादप अवशेष
(iv) कार्बनिक खाद (d) गेहूं, चना, मटर
(e) धान एवं मक्का ।

उत्तर-

कॉलम A कॉलम B
(i) खरीफ़ फसल (e) धान एवं मक्का
(ii) रबी फसल (d) गेहूँ, चना, मटर
(iii) रासायनिक उर्वरक (b) यूरिया एवं सुपर फॉस्फेट
(iv) कार्बनिक खाद (c) मवेशियों का चारा।

प्रश्न 3.
निम्न के दो-दो उदाहरण दीजिए-
(क) खरीफ़ फसल
(ख) रबी फसल।
उत्तर-
(क) खरीफ़ फसल-

  1. धान
  2. मक्का

(ख) रबी फसल-

  1. गेहूँ
  2. चना।

प्रश्न 4.
निम्न पर अपने शब्दों में एक-एक पैराग्राफ लिखिए-
(क) मिट्टी तैयार करना
(ख) बुआई
(ग) निराई
(घ) थ्रेशिंग।
उत्तर-
(क) मिट्टी तैयार करना – मिट्टी को पलटना और पोला बनाना ताकि इसमें पौधे वृद्धि कर सकें और साँस ले सकें। इससे सूक्ष्मजीवों की वृद्धि भी उचित होती है। इस प्रक्रिया को जुताई कहते हैं।

जुते हुए खेत में सूखी मिट्टी के बड़े-बड़े ढेलों को पाटल की सहायता से तोड़ते हैं। मिट्टी का पानी और वायु द्वारा अपरदन रोकने के लिए मिट्टी को समतल करना भी ज़रूरी है।

(ख) बुआई – खेत में बीज बोने की विधि को बुआई कहते हैं। यह फसल उत्पादन का महत्त्वपूर्ण चरण है। बोने से पहले अच्छी गुणवत्ता वाले स्वस्थ बीजों का चयन किया जाता है। बीजों को हाथों द्वारा या सीड-ड्रिल द्वारा खेतों में बोया जाता है।

(ग) निराई – यह खेतों में से अवांछित पौधे (खरपतवार) हटाने की विधि है। यह विधि बहुत आवश्यक है क्योंकि खरपतवार जल, पोषक, स्थान और प्रकाश के लिए फसल से स्पर्धा रखती है।

खरपतवार पौधों को हाथ से जड़ सहित उखाड़ कर अथवा भूमि के निकट से काट कर हटाया जाता है। खरपतवार हटाने का सर्वोत्तम समय उनमें पुष्प एवं बीज बनने से पहले का होता है। यह कार्य खुरपी या हैरो से करते हैं। कुछ रसायनों का उपयोग खरपतवार नियंत्रण के लिए किया जाता है, जिन्हें खरपतवारनाशी कहते हैं। इनका उपयोग जल में घोल कर फसल पर छिड़काव द्वारा किया जाता है।

उदाहरण-2-4 D
(घ) श्रेशिंग – कटी हुई फसल में से अनाज को भूसे से अलग करने की विधि को थ्रेशिंग कहते हैं। श्रेशिंग के लिए पशुओं का अत्यधिक उपयोग किया जाता है। बड़े-बड़े खेतों में थ्रेशर या कंबाइन मशीन उपयोग में लाई जाती है। कंबाइन कटाई और थ्रेशिंग दोनों कार्य करती है।

प्रश्न 5.
स्पष्ट कीजिए कि उर्वरक खाद से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर-
उर्वरक और खाद में भिन्नता

उर्वरक (Fertilizers) GIG (Manures)
(1) एक अकार्बनिक लवण है। (1) एक कार्बनिक पदार्थ है।
(2) इसका उत्पादन फैक्ट्रियों में होता है। (2) इसे खेतों में गोबर, अपशिष्ट के अपघटन से बनाया जाता है।
(3) इससे मिट्टी में हयूमस की वृद्धि नहीं होती। (3) इसमें ह्यूमस प्रचुर मात्रा में होती है।
(4) इसमें पादप पोषक प्रचुर मात्रा में होते हैं। (4) इसमें पादप पोषक की मात्रा अल्प होती है।

प्रश्न 6.
सिंचाई किसे कहते हैं ? जल संरक्षित करने वाली सिंचाई की दो विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
सिंचाई – विभिन्न अंतराल पर खेत में नियमित जल देना सिंचाई कहलाता है। सिंचाई का समय एवं बारंबारता फसलों, मिट्टी एवं ऋतु में भिन्न होता है।
सिंचाई की आधुनिक विधियों द्वारा जल का उपयोग मितव्ययता से होता है । जल संरक्षित करने वाली मुख्य विधियां हैं-

(i) छिड़काव तंत्र (Sprinkler System) – इस विधि का उपयोग असमतल भूमि जहां जल की मात्रा कम होती है, पर किया जाता है। सारे खेत में उर्ध्व पाइपों का जाल बिछा होता है, जिनके ऊपरी सिरों पर घूमने वाले नोजल लगे रहते हैं। यह पाइप निश्चित दूरी पर मुख्य पाइप से जुड़े होते हैं। पंप की सहायता से भेजा गया जल मुख्य पाइप से होता हुआ नोज़ल से वर्षा के रूप में पौधों पर गिरता है। यह छिड़काव रेतली (Sands) मिट्टी के लिए उपयोगी है।
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(ii) ड्रिप-तंत्र (Drip System) – इस विधि में पौधों की जड़ों पर जल बूंद-बूंद करके गिरता है, इसलिए इसे ड्रिप-तंत्र कहते हैं। फलदार पौधों, बगीचों और वृक्षों को जल देने की यह सर्वोत्तम विधि है।

ड्रिप तंत्र में एक मुख्य नली होती है जिसकी सहायक नलियां होती हैं । इन सहायक नलियों के सिरे पर विशेष नोजल लगी होती है। इनसे जड़ों को बूंद-बूंद पानी मिलता है और पानी व्यर्थ नहीं जाता। यह विधि जल की कमी वाले क्षेत्रों के लिए वरदान है।
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प्रश्न 7.
यदि गेहूँ को खरीफ ऋतु में उगाया जाए तो क्या होगा? चर्चा कीजिए।
उत्तर-
गेहूँ एक रबी फसल है अर्थात् यह सर्दी की ऋतु में होती है और इसे कम तापमान और कम पानी की आवश्यकता होती है। यदि गेहूँ को खरीफ या वर्षा ऋतु में बोया जाएगा तो इसे अधिक पानी मिलने से गेहूँ की फसल मर जाएगी या अस्वस्थ पौधे उगेंगे।

प्रश्न 8.
खेत में लगातार फसल उगाने से मिट्टी पर क्या प्रभाव पड़ता है ? व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
फसल के अच्छे उत्पादन के लिए खेतों में खाद व उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग किया जाता है। खाद और उर्वरकों में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाशियम आदि पोषक तत्त्व भरपूर होते हैं, परंतु यह मिट्टी की प्रकृति बदल देते हैं। मिट्टी क्षारीय अथवा अम्लीय बन सकती है।

प्रश्न 9.
खरपतवार क्या हैं? हम उनका नियंत्रण कैसे कर सकते हैं ?
उत्तर-
खरपतवार – उपज के साथ उगे हुए अवांछित पौधे खरपतवार कहलाते हैं। खरपतवार हटाने को निराई कहते हैं। खरपतवार को हटाने और उनकी वृद्धि को नियंत्रण करने की विधियां निम्नलिखित हैं-

  1. जताई – मिट्टी को पलटना और पोला करना जुताई कहलाता है। जुताई हल से की जाती है। इससे खरपतवार उखड़ जाती और मिट्टी में मिल जाती है।
  2. उखाड़ना – इस विधि में खरपतवार को भौतिक रूप से हाथों द्वारा उखाड़कर अथवा मिट्टी के समीप से काटकर अलग किया जाता है। इसके लिए खुरपा या हैरो उपयोग में लाए जाते हैं।
  3. रासायनिक विधि – इस विधि में कुछ रासायनिक पदार्थ, जिन्हें खरपतवार-नाशक कहते हैं, उपज पर छिड़के जाते हैं। उदाहरण-2-4 D.

प्रश्न 10.
निम्न बॉक्स को सही क्रम से इस प्रकार लगाइए कि गन्ने की फसल उगाने का रेखाचित्र तैयार हो जाए।
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उत्तर-
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PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

प्रश्न 11.
नीचे दिए गए संकेतों की सहायता से पहेली को पूरा कीजिए-
ऊपर से नीचे की ओर
1. सिंचाई का एक पारंपरिक तरीका।
2. बड़े पैमाने पर पालतू पशुओं की उचित देखभाल करना।
3. फसल जिन्हें वर्षा ऋतु में बोया जाता है।
6. फसल पक जाने के बाद काटना।

बाईं से दाईं ओर
1. शीत ऋतु में उगाई जाने वाली फसलें।
4. एक ही किस्म के पौधे जो बड़े पैमाने पर उंगाए जाते हैं।
5. रासायनिक पदार्थ जो पौधों को पोषक प्रदान करते हैं।
7. खरपतवार हटाने की प्रक्रिया।
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उत्तर-
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PSEB Solutions for Class 8 Science फसल उत्पादन एवं प्रबंध Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थान भरो-

(1) पौधे को खेत के टुकड़े में ……………………… किया जाता है।
उत्तर-
रोपित

(2) बीज बोने के लिए ……………………. का उपयोग किया जाता है।
उत्तर-
सीड-ड्रिल

(3) सिंचाई के लिए ……………………… उपयोग में आता है।
उत्तर-
रहट

(4) …………………………. कटाई के काम आती है।
उत्तर-
दरांती

(5) ………………………. रसायन खरपतवार को नष्ट करते हैं।
उत्तर-
खरपतवार-नाशक

(6) खेतों को पानी देने की विधि को ……………………….. कहते हैं।
उत्तर-
सिंचाई

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(7) जब पौधे मुरझाने लगते हैं, तो ………………………. की आवश्यकता होती है।
उत्तर-
सिंचाई

(8) पौधों का मुरझाना ……………………. के अभाव से होता है।
उत्तर-
पानी

(9) वह भूमि जहां फसल उगाई जाती है, ……………………. कहलाती है।
उत्तर-
कृषि भूमि/खेत

(10) पानी मिट्टी के छिद्रों में से नीचे की ओर ……………………….. है।
उत्तर-
रिसता।

प्रश्न 2.
कृषि को परिभाषित करें।
उत्तर-
कृषि (Agriculture) – खेतों में फसलों के उगाने की प्रक्रिया को कृषि कहते हैं।

प्रश्न 3.
मुख्य खाद्य (Staple Food) क्या है ?
उत्तर-
मुख्य खाद्य (Staple Food) – वे खाद्य पदार्थ जो हमारे आहार का मुख्य अंश हैं, मुख्य खाद्य (Staple food) कहलाते हैं।
जैसे – गेहूँ और चावल। यह बड़े-बड़े खेतों में अत्यधिक मात्रा में उगाए जाते हैं क्योंकि इनका अत्यधिक उपयोग होता है।

प्रश्न 4.
पौधे की उचित वृद्धि के लिए कौन-से कारक आवश्यक हैं ?
उत्तर-
पौधे की उचित वृद्धि के लिए कारक-

  1. वायु
  2. सूर्य का प्रकाश
  3. जल एवं पोषक तत्त्व।

प्रश्न 5.
एक उपज पकने में प्रायः कितना समय लेती है ?
उत्तर-
एक उपज को पकने में प्राय: 3-4 मास लगते हैं।

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प्रश्न 6.
कटाई ऋतु से संबंधित त्योहारों के नाम लिखिए।
उत्तर-
कटाई ऋतु से संबंधित त्योहार-

  1. पोंगल
  2. बैसाखी
  3. होली
  4. दीवाली
  5. नबान्या
  6. बीहूं।

प्रश्न 7.
खरपतवार-नाशक (Weedicides) क्या हैं ?
उत्तर-
खरपतवार-नाशक – वे रासायनिक पदार्थ जो खरपतवार को हटाने और उनकी वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए खेत पर छिड़के जाते हैं, खरपतवार-नाशक कहलाते हैं।

प्रश्न 8.
पशुपालन (Animal Husbandry) क्या है ?
उत्तर-
पशुपालन – पालतू पशुओं के लिए भोजन, आवास और उचित देखभाल के अध्ययन को पशुपालन कहते हैं।

प्रश्न 9.
फसल (Crop) क्या है ?
उत्तर-
फसल (Crop) – एक ही किस्म के पौधे एक स्थान पर उगाने को फसल कहते हैं।

प्रश्न 10.
देश की दो मुख्य फसलों के नाम लिखो।
उत्तर-
गेहूँ, चावल।

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प्रश्न 11.
उत्पाद (Produce) क्या है ?
उत्तर-
उत्पाद – खेतों अथवा जल में फसल को उगाने के पश्चात् जो पदार्थ मिलते हैं, उन्हें उत्पाद कहते हैं।

प्रश्न 12.
ऋतुओं के आधार पर उपज कैसे वर्गीकृत की जाती है ?
उत्तर-
उपज का वर्गीकरण है- रबी और खरीफ उपज।

प्रश्न 13.
खरीफ फसल किस मानसून पर निर्भर करती है ?
उत्तर-
दक्षिण-पश्चिम मानसून।

प्रश्न 14.
खरीफ फसल (Kharif Crop) क्या है ?
उत्तर-
खरीफ फसल – जून-अक्तूबर में उगाई जाने वाली फसल, खरीफ फसल है। जैसे- धान, मक्का।

प्रश्न 15.
रबी फसल (Rabi Crop) क्या है ?
उत्तर-
रबी फसल – नवंबर-अप्रैल में उगाई जाने वाली फसल, रबी फसल है। यह मानसून पर निर्भर नहीं करती।
उदाहरण – गेहूँ, फलीदार पौधे जैसे-चना (Gram)।

प्रश्न 16.
कृषि पद्धतियां (Agricultural Practices) क्या हैं ?
उत्तर-
कृषि पद्धतियां – फसल उगाने के लिए सामयिक अवधि में किसान द्वारा किए गए क्रिया-कलाप, कृषि पद्धतियां कहलाते हैं।

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प्रश्न 17.
कृषि औज़ार (Impliments) क्या हैं?
उत्तर-
कृषि औज़ार- कृषि पद्धतियों में उपयोग आने वाले औज़ार, कृषि औज़ार कहलाते हैं।

प्रश्न 18.
पौधे मिट्टी में से क्या ग्रहण करते हैं ?
उत्तर-
जल और खनिज।

प्रश्न 19.
फसल उगाने से पहले जुताई क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
जुताई से मिट्टी पोली होती है। इसमें वायु का फैलाव हो जाता है और नमी रखने की क्षमता बढ़ती है।

प्रश्न 20.
भूमि को समतल करने के लिए कौन-सा औज़ार उपयोग में आता है ?
उत्तर-
पाटल।

प्रश्न 21.
बीजों द्वारा उगने वाली तीन फसलों के नाम लिखो।
उत्तर-
गेहूँ, मक्का, जौ।

प्रश्न 22.
पौधे के कायिक भागों से उगने वाली दो फसलों के नाम लिखो।
उत्तर-
आलू, गन्ना।

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प्रश्न 23.
मिट्टी में अधिक गहराई पर बीजे गए बीज क्यों नहीं पनपते ?
उत्तर-
क्योंकि गहराई में नमी और वायु उपलब्ध नहीं होती।

प्रश्न 24.
बुआई क्या है?
उत्तर-
बुआई – हाथों द्वारा बीजों को खेत में छिड़कना बुआई कहलाता है।

प्रश्न 25.
बुआई के लिए सीड-ड्रिल कैसे मददगार है ?
उत्तर-
सीड-ड्रिल से बीज उचित गहराई में बोए जाते हैं।

प्रश्न 26.
पौधशाला (Nursery) क्या है ?
उत्तर-
पौधशाला – एक छोटे क्षेत्र में बीजों से उगाए छोटे पौधों को उखाड़कर खेतों में रोपित करते हैं। इस क्षेत्र को पौधशाला कहते हैं।

प्रश्न 27.
बुआई के समय किस फसल के लिए खड़ा पानी आवश्यक है ?
उत्तर-
धान।

प्रश्न 28.
सिंचाई (Irrigation) की परिभाषा लिखें।
उत्तर-
सिंचाई – उचित समय अंतराल पर पौधों का पानी देने की प्रक्रिया सिंचाई कहलाती है।

प्रश्न 29.
फसल को अधिक पानी देने से क्या हानि होती है ?
उत्तर-
अधिक पानी से मिट्टी में वायु की मात्रा कम हो जाती है, जिससे जड़ें नष्ट हो जाती हैं।

प्रश्न 30.
जल मग्नता (Water logging) का क्या कारण है?
उत्तर-
अधिक सिंचाई।

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प्रश्न 31.
पतन क्या है?
उत्तर-
पतन – वर्षा के साथ तेज़ हवाओं से उपज का गिरना पतन कहलाता है।

प्रश्न 32.
खेत खाली छोड़ना (Field Fallowing) क्या है ?
उत्तर-
खेत पर उपज न बोना खेत खाली छोड़ना कहलाता है।

प्रश्न 33.
जैविक खाद (Organic Manure) क्या है ?
उत्तर-
जैविक खाद – पौधों और पशु अपशिष्ट से प्राप्त जैविक पदार्थ, जैविक खाद कहलाता है।

प्रश्न 34.
फसल-चक्रण (Crop Rotation) कैसे किया जाता है ?
उत्तर-
फसल चक्रण – मिट्टी के पोषक तत्त्वों की पूर्ति के लिए एक फसल के बाद दूसरी अन्य फसल को उगाया जाता है।

प्रश्न 35.
किस फसल को नाइट्रोजन उर्वरक की आवश्यकता नहीं होती और क्यों?
उत्तर-
फलीदार पौधों को नाइट्रोजन उर्वरक की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि उनकी जड़ों में उपस्थित बैक्टीरिया वायु की नाइट्रोजन को स्थिर कर सकते हैं।

प्रश्न 36.
दो फलीदार पौधों के नाम लिखिए।
उत्तर-
बरसीम और चना।

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प्रश्न 37.
खरपतवार (Weeds) क्या है ?
उत्तर-
खरपतवार – उपज के अतिरिक्त सभी पौधे जो अवांछित हैं खरपतवार कहलाते हैं।

प्रश्न 38.
निराई (Weeding) क्या है ?
उत्तर-
खरपतवार हटाने की प्रक्रिया निराई है।

प्रश्न 39.
निराई क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
खरपतवार मिट्टी से पोषक तत्त्व ग्रहण करती है। यह पौधे जल और प्रकाश की स्पर्धा से फसल की वृद्धि रोकते हैं।

प्रश्न 40.
खरपतवारी नाशकों के स्थान पर कौन-से रसायन उपयोग में आ रहे हैं ?
उत्तर-
शाकनाशी (Herbicides)।

प्रश्न 41.
कीट (Pests) क्या हैं ?
उत्तर-
कीट – फसलों को नष्ट करने वाले जीव, कीट कहलाते हैं।

प्रश्न 42.
कीटनाशक (Pesticides) क्या हैं ?
उत्तर-
कीटनाशक – कीटों को नष्ट करने वाले रसायन कीटनाशक हैं।

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प्रश्न 43.
किन्हीं दो कीटों के नाम लिखो।
उत्तर-
टिड्डी (Locust), घास का टिड्डा (Grass hopper)।

प्रश्न 44.
कटाई (Harvesting) क्या है ?
उत्तर-
कटाई – पकी हुई फसल को काटना, कटाई कहलाता है।

प्रश्न 45.
उपज उत्पादन से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
उपज उत्पादन – कटी हुई फसल के दानों की मात्रा उपज उत्पादन है।

प्रश्न 46.
कंबाइन (Combine) क्या है ?
उत्तर-
कंबाइन – मशीनी कटाई यंत्र कंबाइन कहलाते हैं। इनसे कटाई और श्रेशिंग साथ-साथ और आसानी से हो जाती हैं।

प्रश्न 47.
भंडारण में नमी क्यों नियंत्रित की जाती है ?
उत्तर-
कवक की वृद्धि रोकने के लिए।

प्रश्न 48.
उपज-उत्पाद (Crop Yield) क्या है ?
उत्तर-
उपज-
उत्पाद – अनाज के बीजों की कुल मात्रा को उपज उत्पाद कहते हैं।

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प्रश्न 49.
जुताई के लिए उपयुक्त होने वाले औज़ारों के नाम लिखिए।
उत्तर-
हल, कुदाली, कल्टीवेटर।

प्रश्न 50.
कल्टीवेटर (Cultivator) से क्या लाभ है ?
उत्तर-
इससे समय और बल कम लगता है।

प्रश्न 51.
उर्वरक की अधिक मात्रा से क्या हानि होती है ?
उत्तर-
भूमि की उपजाऊ शक्ति कम होती है। ये जल प्रदूषण का भी कारण बनते हैं।

प्रश्न 52.
सिंचाई के विभिन्न साधन क्या हैं ?
उत्तर-
कुएँ, ट्यूबवैल, तालाब, झीलें, नदियाँ, बाँध और नहरें।

प्रश्न 53.
सिंचाई के परंपरागत साधन कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-

  1. मोट (घिरनी),
  2. चेन पंप,
  3. ढेकली,
  4. रहट।

प्रश्न 54.
घर में भंडारण समय किस पौधे की पत्तियाँ उपयोग में लाई जाती हैं ?
उत्तर-
नीम की पत्तियाँ ।

प्रश्न 55.
अनाज का उचित भंडारण क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
कीटों और सूक्ष्मजीवों के हमले से बचाने के लिए अनाज का उचित भंडारण आवश्यक है।

प्रश्न 56.
फ़सल कटाई के लिए हम कौन-सा कृषि औज़ार प्रयोग करते हैं ?
उत्तर-
दरांती, हार्वेस्टर ।

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प्रश्न 57.
हमें भोजन की आवश्यकता क्यों होती है ?
उत्तर-
हमें ऊर्जा के लिए, वृद्धि के लिए, जीवन प्रक्रियाओं के लिए भोजन की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 58.
खराब बीज की जाँच कैसे की जाती है ?
उत्तर-
खराब बीज हल्के होते हैं तथा पानी पर तैरते रहते हैं।

प्रश्न 59.
नर्सरी द्वारा उगाई जाने वाली फसलों के नाम दें।
उत्तर-
धानी, टमाटर आदि।

प्रश्न 60.
कुछ उर्वरकों के नाम लिखें।
उत्तर-
यूरिया, सुपर फास्फेट आदि।

प्रश्न 61.
नाइट्रोजन स्थिरीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
नाइट्रोजन स्थिरीकरण-दाल वाले पौधों की जड़ों में सूक्ष्मजीव (जीवाणु) द्वारा वायुमंडल की नाइट्रोजन को नाइट्रेट में बदलने की प्रक्रिया को नाइट्रोजन स्थिरीकरण कहते हैं।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
बीज बोने से पहले मिट्टी को पलटा और पोला क्यों किया जाता है ?
उत्तर-
बीज बोने से पहले मिट्टी को पलटा और पोला करने के कारण हैं-

  1. इससे जड़ें आसानी से गहराई तक फैल सकती हैं।
  2. जड़ें आसानी से श्वास ले सकती हैं।
  3. पौधा मज़बूती से मिट्टी में खड़ा रह सकता है।
  4. कृमियों और सूक्ष्मजीवों की वृद्धि में सहायक है।

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प्रश्न 2.
बुआई (Broadcasting) और रोपण (Transplanting) क्या है ?
उत्तर-
बुआई (Broadcasting) – मिट्टी की तैयारी के बाद बीज बोया जाता है। वीज बोने की क्रिया को बुआई कहते हैं। बीज बोने के दो तरीके हैं
हाथों दवारा अथवा सीड-ड्रिल दवारा।
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रोपण (Transplanting) – इस क्रिया द्वारा पौधशाला से पौध लेकर उसे पानी और खनिज युक्त उचित स्थान पर रोपित किया जाता है।

प्रश्न 3.
कीटनाशक (Insecticides) क्या है ? संक्षिप्त वर्णन करो।
उत्तर-
कीटनाशक – कुछ विशेष रसायन जो कीट और हानिकारक सूक्ष्मजीव और उनके लारवा को नष्ट करते हैं, परंतु पौधे पर कोई प्रभाव नहीं डालते, कीटनाशक कहलाते हैं।

प्रश्न 4.
कटी हुई फसल अथवा अनाज को नमी से क्यों बचाना चाहिए ?
उत्तर-
नमी से कवक और पीड़कों की वृद्धि में बढ़ौतरी होती है। कुछ सूक्ष्मजीव ज़हरीले भी होते हैं। इसलिए अनाज को सुखाकर उसका भंडारण करना चाहिए।

प्रश्न 5.
किसान फसल चक्रण कैसे करता है ?
उत्तर-
फसल चक्रण-फसल चक्रण से अभिप्राय है प्रति वर्ष फसल का बदलना अर्थात् एक फसल के बाद दूसरी फसल को उगाना ताकि कीट पीड़क न पनप सकें।

एक ही फसल बार-बार उगाने से मिट्टी के विशेष पोषक तत्त्व खत्म हो जाते हैं। इस समस्या से बचने के लिए दो विभिन्न किस्मों को एक-के बाद उगाना चाहिए। उदाहरण के लिए मक्का और गेहूँ, मूंगफली के साथ बदल-बदल कर उगाई जाती है। मूंगफली के पौधे की जड़ें नाइट्रोजन को स्थिर कर मिट्टी के पोषक तत्त्वों की पूर्ति करती हैं। यह पोषक तत्त्व गेहूँ के लिए लाभकारी होते हैं। फसल चक्रण से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बनी रहती है।

प्रश्न 6.
खेत में पीड़कों की रोकथाम कैसे की जाती है ? ।
उत्तर-
पीड़कों की रोकथाम – पीड़क सजीव हैं, जो फसल के रोग फैलाते हैं अथवा फसल नष्ट करते हैं। इनकी रोकथाम के लिए Mira पीड़कनाशक जैसे मैलाथिओन, डाइसिस्टोन, बी० एच० सी० आदि का उपयोग किया जाता है। इनका फसल पर छिड़काव करते हैं जिससे पीड़क मर जाते हैं और पौधों और मनुष्य पर इनका कुप्रभाव नहीं पड़ता।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध 8

प्रश्न 7.
खेत में अधिक पानी से क्या हानि होती है ?
उत्तर-
खेत में अधिक पानी से हानि-

  1. फसल नष्ट हो सकती है।
  2. लगातार जल मग्नता से मिट्टी में लवणों की मात्रा में वृद्धि हो सकती है। जिससे मिट्टी की प्रकृति सदा के लिए नष्ट हो सकती है।
    अधिक पानी को उचित नालियों द्वारा निकाल देना चाहिए।

प्रश्न 8.
फल, सब्ज़ियों अथवा अनाज को उपयोग में लाने से पहले क्यों धोना चाहिए ?
उत्तर-
खेत से प्राप्त फल, सब्जियाँ, अनाज उपयोग में लाने से पहले इसलिए धोए जाते हैं क्योंकि इन पर पीड़कनाशकों की तह हो सकती है जो हानिकारक हो सकती है।

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प्रश्न 9.
खेत को खाली छोड़ने से (Field Fallow) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
कुछ खेतों को कम-से-कम एक ऋतु के लिए बिना फसल छोड़ा जाता है ताकि पोषक तत्त्वों की प्राकृतिक रूप से आपूर्ति हो सके। इस क्रिया को खेत खाली छोड़ना कहते हैं।

इससे ह्यूमस की वृद्धि बढ़ती है जिससे सूक्ष्मजीवों की भी वृद्धि होती है। इसके साथ पोषक तत्त्वों की भी आपूर्ति होती है।

प्रश्न 10.
भंडारित अनाज कैसे नष्ट होता है ?
उत्तर-
चूहे, कीट आदि भंडारित अनाज को नष्ट करते हैं। अनुमानित 25% अनाज चूहों द्वारा नष्ट हो जाता है। कीट और कवक भी अनाज को नष्ट करते हैं। इन ग्रसित अनाजों के सेवन से कई रोग उत्पन्न हो सकते हैं।

प्रश्न 11.
खरपतवार (Weeds) क्या हैं ? इन्हें कैसे दूर किया जाता है ?
उत्तर-
खरपतवार (Weeds) – खेत में उपज के साथ उगने वाले अवांछित पौधे ही खरपतवार कहलाते हैं। खरपतवार को हटाने के लिए खुरपे एवं हैरो (Harrow) का उपयोग किया जाता है।
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प्रश्न 12.
हैरो (Harrow) की बनावट बताएँ। इसका मुख्य उपयोग क्या है ?
उत्तर-
हैरो की बनावट – इसमें नोक वाली लोहे की छड़ या लकड़ी का तख्ता होता है। यह खेत में से हल की तरह खरपतवार को उखाड़ फेंकता है। .
चित्र-बैल द्वारा चलित हैरो उपयोग-यह खरपतवार को उखाड़ने के काम आता है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध 10

प्रश्न 13.
बीज बोने या उपज उगाने से पहले मिट्टी पर हल क्यों चलाया जाता है ?
उत्तर-
बीज बोने से पहले मिट्टी पर हल चलाने के निम्नलिखित कारण हैं-

  1. हल चलाने से मिट्टी गहराई तक हिल जाती है। इससे आंशिक या पूर्ण मिट्टी पलटी जा सकती है।
  2. हल चलाने से पहली उपज के अवशेष बाहर निकल जाते हैं और मिट्टी पोली हो जाती है।
  3. बार-बार हल चलाने से खरपतवार हट जाती है।
  4. हानिकारक सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाते हैं।
  5. हल चलाने से मिट्टी छिद्र युक्त हो जाती है।
  6. हल चलाने से मिट्टी नर्म, साफ और उपज उगाने हेतु योग्य बन जाती है।

प्रश्न 14.
खेतों में खाद क्यों डाली जाती है ?
उत्तर-
पौधे पोषक मिट्टी में से ग्रहण करते हैं। यदि फसल लगातार उगाई जाएगी तो मिट्टी के पोषक तत्त्वों में कमी आ जाएगी। इस कमी की पूर्ति के लिए खादें खेत में डाली जाती हैं।

प्रश्न 15.
कटाई (Harvesting) और थ्रेशिंग (Threshing) क्या है ?
उत्तर-
कटाई (Harvesting) – उपज के पकने पर उसे काटा जाता है, इस क्रिया को कटाई कहते हैं। अधिकतर फसलें दराँती या बड़ी कंबाइनों (Combines) से काटी जाती हैं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध 11

थ्रेशिंग (Threshing) – भूसे से अनाज के दानों को पृथक् करने की विधि, थ्रेशिंग कहलाती है। बड़े पैमाने पर जंतुओं को थ्रेशिंग के लिए उपयोग में लाया जाता है।

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प्रश्न 16.
ऋतुओं के आधार पर पौधों का वर्गीकरण क्या है ? प्रत्येक किस्म के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
ऋतुओं के आधार पर पौधे दो भागों में वर्गीकृत होते हैं-
(i) खरीफ फसल
(ii) रबी फसल।

(i) खरीफ फसल – मानसून ऋतु में उगने वाली फसल, खरीफ फसल कहलाती है। उदाहरण-मक्का, बाजरा और कपास आदि।

(ii) रबी फसल – शरद ऋतु में उगाई जाने वाली फसल, रबी फसल कहलाती है।
उदाहरण – गेहूँ, चना और सरसों आदि।

प्रश्न 17.
मिश्रित उपज (Mixed Cropping) क्या है ?
उत्तर-
मिश्रित उपज – समय और ऊर्जा की बचत हेतु दो फसलों को एक साथ उगाने की प्रक्रिया मिश्रित उपज कहलाती है।
उदाहरण – कपास के साथ मूंगफली की फसल उगाना।

प्रश्न 18.
मिट्टी में बीज उचित गहराई पर क्यों डालने चाहिएं ?
उत्तर-
मिट्टी में बीज उचित गहराई पर डालने चाहिएं क्योंकि यदि वह अधिक गहराई पर होंगे तो वे पनप नहीं सकेंगे अथवा यदि वे कम गहराई पर होंगे तो पक्षियों एवं जीवों द्वारा खा लिए जाएंगे।

प्रश्न 19.
फसल को कैसे भंडारित किया जाता है ?
उत्तर-
फसल का भंडारण बड़े गोदामों में भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India) और राज्य गोदाम निगम (State Warehousing Corporation) जैसी संस्थाओं द्वारा किया जाता है।

प्रश्न 20.
उर्वरक की परिभाषा लिखें।
उत्तर-
उर्वरक – मानव निर्मित रसायन जिनमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाशियम अर्थात् जैविक पोषक तत्त्व से भरपूर होता है, उर्वरक कहलाते हैं।

प्रश्न 21.
जैविक खाद का उपयोग क्यों करना चाहिए ?
उत्तर-
जैविक खाद के उपयोग से मिट्टी को कोई हानि नहीं पहुँचती परंतु पोषक तत्त्वों की पूर्ति हो जाती है। यह खाद उर्वरकों से बेहतर है। सब्जियां और फल जो जैविक खाद से वृद्धि करते हैं, खाने के लिए सुरक्षित होते हैं। जबकि सब्जियां और फल उर्वरकों द्वारा वृद्धि करने में सहायक हो सकते हैं।

प्रश्न 22.
आपको कुछ बीज बोने के लिए दिए गए हैं। आप किन कारकों को ध्यान में रखोगे ?
उत्तर-
हमें बीज बोते समय निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिए-

  1. उचित गहराई पर बोना।
  2. नियमित सिंचाई।
  3. उचित समय पर खाद देना।
  4. खरपतवार को न उगने देना।
  5. पीड़कनाशी का छिड़काव ।
  6. उचित प्रकाश का प्रबंध।

प्रश्न 23.
रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम क्यों करना चाहिए ?
उत्तर-
रासायनिक उर्वरक. हानिकारक हो सकते हैं क्योंकि-

  1. मिट्टी की प्राकृतिक उपजाऊ शक्ति नष्ट करते हैं।
  2. मिट्टी की रसायन प्रकृति बदल देते हैं।
  3. रसायन मिट्टी में रिस कर उपज में शोषित हो जाते हैं और भोजन श्रृंखला में पहुँच कर पौधों और जानवरों को नष्ट करते हैं।

प्रश्न 24.
हम अनाज कैसे भंडारित करते हैं ? शीत भंडारण (Cold Storage) क्या है ?
उत्तर-
अनाज भंडारण की विधियां-

  1. किसान धातु अथवा मिट्टी के छोटे डिब्बों में अनाज का भंडारण करता है। इन्हें अनाज घर (Granaries) कहते हैं।
  2. सूखे अनाज को उचित हवादार सीमेंट के कमरों में स्थानांतरित किया जाता है। इन्हें गोदाम कहते हैं।
  3. कुछ फलों और सब्जियों को निम्न ताप पर भंडारित किया जाता है। इसे शीत भंडारण कहते हैं।

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प्रश्न 25.
एक क्षेत्र में उपज उगाने की मूल आवश्यकताएँ क्या हैं ?
उत्तर-
एक क्षेत्र में उपज उगाने की मूल आवश्यकताएँ-

  1. उचित किस्म की मिट्टी
  2. खाद का उपयोग
  3. सिंचाई
  4. बीजों की उत्तम किस्में
  5. कृषि औजार
  6. उपज के रोगों की रोकथाम के लिए रसायन।

प्रश्न 26.
सभी फसलें एक ही ऋतु में क्यों नहीं उगती हैं ?
उत्तर-
सभी फसलें एक ही ऋतु में नहीं उगती क्योंकि प्रत्येक फसल की वृद्धि के लिए विशेष प्रकार की मिट्टी _ और पर्यावरणीय परिस्थितियाँ जैसे प्रकाश, ताप और वाय चाहिए।

प्रश्न 27.
क्या सभी फसलों को समान खाद और उर्वरक की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
नहीं, प्रत्येक फसल की वृद्धि के लिए विशेष प्रकार की खाद तथा उर्वरक की ज़रूरत होती है। धान की फसल के लिए जैविक खाद (Farmyard Manure) उत्तम है। मूंगफली की फसल को कोई खाद व उर्वरक नहीं चाहिए क्योंकि इसकी जड़ों में ग्रंथिकाएँ (Nodules) होती हैं, जिनमें नाइट्रोजन स्थिर करने वाले बैक्टीरिया होते हैं। यह वायुमंडलीय नाइट्रोजन को स्थिर करके नाइट्राइट और नाइट्रेट में परिवर्तित कर देते हैं। गेहूँ की फसल के लिए हरी खाद (Green Malure) और जैविक खाद (Farmyard Manure) का मिश्रण उपयोग में लाया जाता है।

प्रश्न 28.
कीटनाशकों तथा खरपतवार नाशकों में दो अन्तर बताओ।
उत्तर-
कीटनाशकों और खरपतवार नाशकों में अन्तर-

 

कीटनाशक (Insecticides) खरपतवार नाशक (Weedicides)
(i) यह रसायन उपज को नुकसान पहँचा रहे कीटों का नाश करती है। (i) यह रसायन उपज के साथ उगे अवांछित पौधों (खरपतवारों) का नाश करती है।
(ii) यह रसायन मानवीय शरीर पर प्रभाव डालते हैं। उदाहरण D.D.T. (ii) यह रसायन मानवीय शरीर पर प्रभाव डालते हैं और भोजन श्रृंखला में भी सम्मिलित हो जाते हैं। उदाहरण 2-+ D, बूटाकलौर

प्रश्न 29.
पनीरी लगाने से क्या भाव है ?
उत्तर-
पनीरी लगाना-धान, मिर्च, टमाटर तथा गोभी आदि ऐसी फसलें हैं जिनको सीधे ही खेत में नहीं लगाया जाता। इनके बीजों को एक छोटे-से भू-खण्ड में बीज कर जो पनीरी तैयार की जाती है, उसे पनीरी (Seedling) कहते हैं।

जब पनीरी अच्छी तरह तैयार हो जाती है तो भू-खण्ड में से उखाड़कर खेतों में एक विशेष दूरी पर लगा दिया जाता है। इस विधि को पनीरी लगाना कहते हैं।

प्रश्न 30.
सिंचाई के पारंपरिक तरीकों का चित्रों द्वारा वर्णन करो।
उत्तर-
सिंचाई के पारंपरिक तरीके
(a) मोट
(b) चेन पंप
(c) ढेकली
(d) रहट।
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PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध 13
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पानी खींचने के लिए प्रायः पंपों का उपयोग किया जाता है। डीज़ल, बायोगैस, विद्युत् और सौर ऊर्जा से पंप चलाए जाते हैं। पंपों की विभिन्न शक्ति होती है। उनका चयन क्षेत्र की आवश्यकता के आधार पर किया जाता है।

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TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मुख्य कृषि पद्धतियों का वर्णन करें।
उत्तर-
मुख्य कृषि पद्धतियाँ-

  • हल चलाना – इससे मिट्टी पोली और पतली हो जाती है। यह लकड़ी या लोहे के बने होते हैं। हल चलाने के बाद मिट्टी समतल की जाती है ताकि हवा और पानी से मिट्टी उड़ न सके।
  • बुआई – मिट्टी की तैयारी के बाद खेतों में बीज हाथों अथवा सीड-ड्रिल द्वारा डाला जाता है। इसे बुआई __ कहते हैं।
  • सिंचाई – फसली पौधे मिट्टी में से जड़ों द्वारा जल ग्रहण करते हैं। पौधे की वृद्धि के लिए पानी आवश्यक है। सिंचाई के विभिन्न ढंगों जैसे-पानी चक्की, छिड़काव, ट्यूवबैल, दोलित टोकरियों आदि का उपयोग किया जाता है।
  • खाद डालना – प्रत्येक फसल मिट्टी में से काफ़ी मात्रा में पोषक अवशोषित करती है। इन पोषकों की पूर्ति के लिए खाद डालना आवश्यक है।
  • निराई – खेतों में फसल के साथ कई अन्य पौधे भी उग जाते हैं। यह फसल के साथ जल, प्रकाश और पोषकों की स्पर्धा रखते हैं। अतः इनका खेतों में से हटाना अति आवश्यक है। इस क्रिया को निराई कहते हैं।
  • फसल की सुरक्षा – कीट, कवक, बैक्टीरिया, चूहे आदि फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। कीटनाशी और खरपतवारनाशी का उपयोग करके इन्हें नष्ट किया जाता है।
  • कटाई और भंडारण – जब फसल तैयार हो जाती है तो उचित समय पर इसे काटा जाता है। फसलों की कटाई हाथों से, दराँती से अथवा हारवेस्टर से की जाती है। अनाज को भूसे से अलग किया जाता है और अनाज का भंडारण बड़े-बड़े भंडार ग्रहों में किया जाता है। अनाज में नमी की मात्रा 14% से अधिक नहीं होनी चाहिए।

प्रश्न 2.
फसल की उपज बढ़ाने के लिए कौन-सी पद्धतियाँ इस्तेमाल में लाई जाती हैं ?
उत्तर-
फसल की उपज बढ़ाने की पद्धतियाँ हैं-
(i) मिट्टी में उर्वरकों का मिलाना
(ii) चयनित बीजों का उपयोग
(iii) खरपतवार नियंत्रण
(iv) पौधों के रोगों का नियंत्रण।

(i) उर्वरक (Fertilizers) – यह रासायनिक पदार्थ, खेतों में मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिए डाले जाते हैं। यह पोषक तत्त्वों की आपूर्ति करके फसल की उपज बढ़ाने में सहायक होते हैं।

(ii) चयनित बीजों का उपयोग (Selective Breeding) – रोग निरोधक बीजों का निर्माण किया जाता है। उच्च किस्म के बीजों के नियमित उपयोग से फसल में वृद्धि होती है।

(iii) खरपतवार नियंत्रण (Weed Control) – खरपतवार-नाशकों के उपयोग से खरपतवार को नष्ट किया जाता है।

(iv) पौधों के रोगों का नियंत्रण (Control of Plant Diseases) – फसल को कीटों, कवक, जंतुओं और रोगों से बचाना चाहिए। फसल की उपज के लिए यह अति आवश्यक प्रक्रम है। कीटों को नष्ट करने के लिए कीटनाशी का उपयोग करना चाहिए।

प्रश्न 3.
उर्वरक क्या है ? मिश्रित उर्वरक क्या है ? किसान खेतों में उर्वरक क्यों डालते हैं ? हमें उर्वरक कैसे भंडारित करने चाहिएं ?
उत्तर-
उर्वरक – खेत अथवा मिट्टी की उपजाऊ शक्ति कायम रखने के लिए उपयोग किए जाने वाले रसायन, उर्वरक कहलाते हैं।

मिश्रित उर्वरक-उर्वरक जो एक साथ कई पोषक तत्त्वों की आपूर्ति करें, मिश्रित उर्वरक कहलाते हैं ; जैसे-
(i) NPK में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाशियम है।
(ii) CAN – कैल्शियम, अमोनियम नाइट्रेट का मिश्रित उर्वरक है।

उर्वरकों की महत्ता – खेतों में खनिज तत्त्व जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाशियम की आपूर्ति के लिए रासायनिक उर्वरक और मिश्रित उर्वरक डाले जाते हैं। मिट्टी में तत्त्वों की कमी लगातार उपज उगाने से होती है। इसलिए किसान खेतों में उर्वरक डालते हैं।

उर्वरकों का भंडारण – कई उर्वरक नमी प्रिय होते हैं अर्थात् यह जल शोषित करते हैं। यदि उर्वरकों को नमी युक्त स्थानों पर भंडारित किया जाए तो यह खेतों में डालने योग्य नहीं रहते। कुछ उर्वरक थैलों को नष्ट कर देते हैं जिनमें वे रखे जाते हैं। इनका भंडारण शुष्क स्थानों पर होना चाहिए।

प्रश्न 4.
जुताई (Ploughing) के लिए कौन-कौन से औज़ार उपयुक्त होते हैं, वर्णन करो।
उत्तर-
जुताई (Ploughing) के लिए उपयोग में आने वाले औज़ार-हल, कुदाली (Hoe), कल्टीवेटर (Cultivator)।

(i) हल – इसका उपयोग मिट्टी के पलटने, उर्वरक डालने, खरपतवार हटाने, मिट्टी को छांटने आदि के लिए किया जाता है। यह लकड़ी से बना होता है और बैलों के एक जोड़े से खींचा जाता है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध 15

इसमें लोहे की मज़बूत तिकोनी पत्ती होती है, जिसे फाल कहते हैं। हल का मुख्य भाग लंबी लकड़ी का बना होता है जिसे हल शैफ्ट कहते हैं। इसके एक सिरे पर हैंडल होता है तथा दूसरा सिरा जोत के डंडे से जुड़ा होता है जिसे बैलों की गरदन के ऊपर रखा जाता है। एक जोड़ी बैल एवं एक आदमी इसे सरलता से चला सकता है।

(ii) कुदाली (Hoe) – यह एक सरल औज़ार है जिसका उपयोग खरपतवार निकालने और मिट्टी को पोला करने के लिए किया जाता है। इसमें लकड़ी अथवा लोहे की छड़ होती है जिसके सिरे पर लोहे की चौड़ी और मुड़ी प्लेट लगी होती है जो ब्लेड का कार्य करती है। इसका दूसरा सिरा पशुओं द्वारा खींचा जाता है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध 16

(iii) कल्टीवेटर (Cultivator) – आजकल जुताई ट्रैक्टरों द्वारा संचालित कल्टीवेटर से की जाती है। इनके उपयोग से श्रम और समय दोनों की बचत होती है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध 17

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

PSEB 8th Class Science Guide किशोरावस्था की ओर Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
शरीर में होने वाले परिवर्तनों के लिए उत्तरदायी अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा स्त्रावित पदार्थ का क्या नाम है ?
उत्तर-
हार्मोन (Hormone) ।

प्रश्न 2.
किशोरावस्था को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
किशोरावस्था (Adolescence) – जीवनकाल की वह अवधि, जब जनन विकास के कारण शरीर में परिवर्तन होते हैं, किशोरावस्था कहलाती है। यह अवस्था 11 वर्ष की आयु से 18 या 19 वर्ष की आयु तक रहती है। किशोरावस्था को टीनेजर्स (Teenagers) भी कहते हैं। लड़कियों में यह अवस्था लड़कों की अपेक्षा एक या दो वर्ष पूर्व प्रारंभ हो जाती है। यह अवस्था की अवधि विभिन्न व्यक्तियों में भिन्न होती है।

प्रश्न 3.
ऋतुस्त्राव क्या है ? वर्णन कीजिए।
उत्तर-
ऋतुस्त्राव (Monstrual Cycle) – स्त्री में रजोधर्म चक्र अथवा ऋतुस्राव किशोरावस्था से प्रारंभ होता है, जो सामान्य रूप से प्रत्येक 28 दिनों के बाद स्त्री के सारे जनन जीवन (गर्भ धारण अवस्था छोड़कर) में नियमित चलता रहता है। इस चक्र की एक अवस्था में गर्भाशय से रुधिर प्रवाह होता है। इसको मासिक धर्म अथवा ऋतुस्त्राव कहते हैं। इस चक्र में लिंग हार्मोन गर्भाशय की दीवार को अंडे के चिपकने के लिए तैयार करते हैं। जब गर्भ धारण नहीं होता तो दीवार की तरह वह टूट जाती है और डिसचार्ज हो जाती है। यह ऋतु स्त्राव सामान्यतः 10 से 14 वर्ष की आयु में शुरू होता है और 45-50 वर्ष तक चलता है।

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प्रश्न 4.
यौवनारंभ के समय होने वाले शारीरिक परिवर्तनों की सूची बनाइए।
उत्तर-
यौवनारंभ की अवधि 11 से 19 वर्ष के बीच की है। इस अवस्था में निम्न परिवर्तन आते हैं-
यौवनारंभ में लड़कों में परिवर्तन-

  1. अचानक लंबाई में वृद्धि होना। बाजू और टाँगों की अस्थियाँ लंबी हो जाती हैं और लड़का लंबा हो जाता है।
  2. कंधे और वक्ष दोनों ही चौड़े हो जाते हैं।
  3. शरीर की माँसपेशियाँ विकसित हो जाती हैं।
  4. आवाज़ भारी हो जाती है। ऐडम्स (Adams Apple) ऐपल, सुस्पष्ट उभरा भाग गले में दिखाई देता है। आवाज़ भर्राने लगती है।
  5. पसीना और स्वैद ग्रंथियों के स्त्राव में वृद्धि के कारण चेहरे पर कुंसियाँ और मुँहासे हो जाते हैं।
  6. नर जननांग जैसे शिश्न एवं वृषण पूर्णतः विकसित हो जाते हैं।
  7. लड़कों के सीने, बगल एवं जाँघ के ऊपरी भाग में बाल आ जाते हैं।

यौवनारंभ में लड़कियों में परिवर्तन-

  1. लंबाई में वृद्धि तुलनात्मक कम होती है।
  2. कमर के नीचे का भाग चौड़ा हो जाता है।
  3. लड़कियों का स्वरयंत्र नज़र नहीं आता। उनकी आवाज़ उच्च तारत्व वाली होती है।
  4. लड़कों की तरह, चेहरे पर मुँहासे हो जाते हैं।
  5. अंडाशय बड़े हो जाते हैं और अंडाणु विकसित होने लगते हैं।
  6. स्तन विकसित हो जाते हैं।
  7. बगल और जाँघों में बाल आ जाते हैं।

प्रश्न 5.
दो कॉलम वाली एक सारणी बनाइए जिसमें अंतःस्रावी ग्रंथियों के नाम तथा उनके द्वारा स्रावित हार्मोन के नाम दर्शाए गए हों।
उत्तर-अग्र सारणी में अंत:स्त्रावी ग्रंथियों के नाम और उनके हार्मोन दर्शाए गए हैं-

अंत:स्त्रावी ग्रंथि (Endocrine Glands) हार्मोन (Hormones)
(1) पीयूष (Pituitary gland) (1) वृद्धि हार्मोन (Growth Hormone)
(2) थायराइड (Thyroid) (2) थायराक्सिन हार्मोन (Thyroxin Hormone)
(3) एड्रीनल (Adrenal) (3) एड्रिनेलिन (Adrenal)
(4) अग्न्याशय (Pancreas) (4) इंसुलिन (Insulin)
(5) वृषण (Testis) (5) एंड्रोजन (टैस्टोस्टीरॉन) (Endrogen)
(6) अंडाशय (Ovaries) (6) एस्ट्रोजन (Estrogen)

प्रश्न 6.
लिंग हार्मोन क्या हैं ? उनका नामकरण इस प्रकार क्यों किया गया ? उनके प्रकार्य बताइए।
उत्तर-
लिंग हार्मोन – नर में वृषण द्वारा और मादा में अंडाशय द्वारा स्त्रावित हार्मोन, लिंग हार्मोन कहलाते हैं। इन्हें यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि यह नर और मादा लिंग में भिन्न-भिन्न होते हैं।

नर लिंग हार्मोन (टेस्टोस्टरॉन) वृषण द्वारा स्त्रावित होता है। इससे लड़के में चेहरे के बालों में वृद्धि होती है। यह शुक्राणु उत्पन्न करने की क्षमता उत्पन्न करता है।

मादा लिंग हार्मोन (एस्ट्रोजन) अंडाशय द्वारा स्त्रावित होते हैं। यह मादा में गौण जनन लक्षण जैसे स्तनों की वृद्धि आदि को नियंत्रित करते हैं। यह गर्भधारण में सहायक है।

प्रश्न 7.
सही विकल्प चुनिए-

(क) किशोरों को सचेत रहना चाहिए कि वे क्या खा रहे हैं, क्योंकि
(i) उचित भोजन से उनके मस्तिष्क का विकास होता है।
(ii) शरीर में तीव्र गति से होने वाली वृद्धि के उचित आहार की आवश्यकता होती है।
(iii) किशोर को हर समय भूख लगती रहती है।
(iv) किशोर में स्वाद कलिकाएँ (ग्रंथियाँ) भली-भाँति विकसित होती हैं।
उत्तर-
(ii) शरीर में तीव्र गति से होने वाली वृद्धि के लिए उचित आहार की आवश्यकता होती है।

(ख) स्त्रियों में जनन आयु (काल) का प्रारंभ उस समय होता है जब उनके :
(i) ऋतुस्त्राव प्रारंभ होता है।
(ii) स्तन विकसित होना प्रारंभ करते हैं।
(iii) शारीरिक भार में वृद्धि होने लगती है।
(iv) शरीर की लंबाई बढ़ती है।
उत्तर-
(i) ऋतुस्त्राव प्रांरभ होता है।

(ग) निम्न में से कौन-सा आहार किशोर के लिए सर्वोचित है ?
(i) चिप्स, नूडल्स, कोक
(ii) रोटी, दाल, सब्ज़ियाँ
(iii) चावल, नूडल्स, बर्गर
(iv) शाकाहारी टिक्की, चिप्स तथा लेमन पेय।
उत्तर-
(ii) रोटी, दाल, सब्जियाँ।

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प्रश्न 8.
निम्न पर टिप्पणी लिखिए-
(i) ऐडम्स ऐपॅल
(ii) गौण लैंगिक लक्षण
(ii) गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण।
उत्तर-
(i) ऐडम्स ऐप्पल (Adam’s Apple) – यौवनारंभ में लड़कों में स्वरयंत्र के बढ़ने से जो अंग गले में सुस्पष्ट उभरा हुआ नज़र आता है, इसे ऐडम्स ऐप्पल कहते हैं।
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(ii) गौण लैंगिक लक्षण (Secondary Sexual Characters) – वृषण और अंडाशय जननांग हैं। वे युग्मक उत्पन्न करते हैं जैसे शुक्राणु और अंडाणु/लड़कियों में स्तनों का विकास होता है और लड़कों में चेहरे पर दाड़ी, मूंछ आने लगती है। यह लक्षण लड़की और लड़के को भिन्न करने में मदद करते हैं। इसलिए इन्हें गौण लैंगिक लक्षण कहते हैं। लड़कों के सीने पर बाल आ जाते हैं। दोनों, लड़कों और लड़कियों के बगल और जांघों के ऊपरी भाग अथवा प्यूबिक क्षेत्र में बाल आ जाते हैं।

(ii) गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण-
लिंग निर्धारण विशेष लिंग गुणसूत्रों के आधार पर होता है। नर में XY गुणसूत्र होते हैं और मादा में XX गुणसूत्र विद्यमान होते हैं। इससे स्पष्ट है कि मादा के पास Y गुणसूत्र होता ही नहीं है। जब नर-मादा के संयोग से संतान उत्पन्न होती है तो मादा किसी भी अवस्था में नर शिशु को उत्पन्न करने में समर्थ हो ही नहीं सकती क्योंकि नर शिशु में XY गुणसूत्र होने चाहिए।
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निषेचन क्रिया में यदि पुरुष का X लिंग गुणसूत्र स्त्री के X लिंग गुणसूत्र से मिलता है तो इससे XX जोड़ा बनेगा। अत: संतान लड़की के रूप में होगी लेकिन जब पुरुष का Y लिंग गुणसूत्र स्त्री के X लिंग गुणसूत्र से मिलकर निषेचन करेगा तो XY बनेगा। इससे लड़के का जन्म होगा। किसी भी परिवार में लड़के या लड़की का जन्म पुरुष के गुणसूत्रों पर निर्भर करता है, क्योंकि Y गुणसूत्र तो केवल उसी के पास होता है।

प्रश्न 9.
शब्द पहेली : शब्द बनाने के लिए संकेत संदेश का प्रयोग कीजिए-
बाईं से दाईं ओर
3. एड्रिनल ग्रंथि से स्रावित हार्मोन
4. मेंढक में लारवा से वयस्क तक होने वाला परिवर्तन
5. अंत: स्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित पदार्थ
6. किशोरावस्था को कहा जाता है।

ऊपर से नीचे की ओर
1. अंत: स्रावी ग्रंथियों का दूसरा नाम
2. स्वर पैदा करने वाला अंग
3. स्त्री हार्मोन।
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उत्तर-
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प्रश्न 10.
नीचे दी गई सारणी में आयु वृद्धि के अनुपात में लड़कों एवं लड़कियों की अनुमानित लंबाई के आँकडे दर्शाए गए हैं। लड़के एवं लड़कियां दोनों की लंबाई एवं आयु को प्रदर्शित करते हुए एक ही कागज़ – पर ग्राफ खींचिए। इस ग्राफ से आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं ?
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उत्तर-
उपरोक्त ग्राफ से पता लगता है कि लड़कों और लड़कियों दोनों में लंबाई वृद्धि लगभग एक समान होती है। यह वृद्धि पहले 8 वर्षों तक लड़कियों में कम और फिर 20 वर्ष तक समान होती है।

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PSEB Solutions for Class 8 Science किशोरावस्था की ओर Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कॉलम I में दी गई हार्मोन ग्रंथि को कॉलम II में दिए गए हार्मोनों से मिलाइए।

कॉलम I कॉलम I
(क) थाइरॉयड 1. थाइरोट्रापिक
(ख) वृषण 2. थायराक्सिन
(ग) अंडाशय 3. टेस्टोस्टरॉन
(घ) पीयूष 4. एस्ट्रोजन।

उत्तर-

कॉलम I कॉलम I
(क) थाइरॉयड 2. थायराक्सिन
(ख) वृषण 3. टेस्टोस्टरॉन
(ग) अंडाशय 4. एस्ट्रोजन
(घ) पीयूष 1. थाइरोट्रापिक।

प्रश्न 2.
मानव में दो अंतःस्त्रावी ग्रंथियों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. पीयूष
  2. थाइरॉयड।

प्रश्न 3.
कौन-सी अंतःस्त्रावी ग्रंथि वृद्धि हार्मोन उत्पन्न करती है ?
उत्तर-
पीयूष ग्रंथि (Pituitary gland)।

प्रश्न 4.
मादा जनन कोशिका को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
अंडा (Ova).

प्रश्न 5.
मानव में वृद्धि किस आयु में रुक जाती है ?
उत्तर-
20-25 वर्ष की आयु में।

प्रश्न 6.
थाइराक्सिन हार्मोन का मुख्य तत्त्व क्या है ?
उत्तर-
आयोडीन (Iodine)।

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प्रश्न 7.
कौन-सी ग्रंथि से एडीनेलिन उत्पन्न होती है ?
उत्तर-
एड्रीनल ग्रंथि (Adrenal gland)।

प्रश्न 8.
नर और मादा जनन हार्मोनों के नाम लिखिए।
उत्तर-
टेस्टोस्टरॉन और एस्ट्रोजन।

प्रश्न 9.
निम्न के नाम लिखिए-
(i) ग्रंथियाँ जो हार्मोन उत्पन्न करती हैं।
(ii) हार्मोन की प्रकृति।
(iii) मास्टर ग्रंथि।
(iv) थाइरॉयड ग्रंथि से स्त्रावित हार्मोन।
(v) आयोडीन की कमी से होने वाला रोग।
(vi) हार्मोन जो शक्कर का स्तर नियंत्रित करता है।
(vii) ‘आपातकालीन हार्मोन’ उत्पन्न करने वाली ग्रंथि।
उत्तर-
(i) अंत: स्त्रावी ग्रंथियाँ अथवा नलिकाविहीन ग्रंथियाँ ।
(ii) रासायनिक स्त्राव
(iii) पीयूष ग्रंथि
(iv) थाइराक्सिन
(v) घेघा (Goitre)
(vi) इंसुलिन तथा ग्लूकोज़न
(viii) एड्रीनल।

प्रश्न 10.
लिंग गुणसूत्रों (Sex Chromosomes) को परिभाषित करें।
उत्तर-
लिंग गुणसूत्र (Sex Chromosomes) – वे गुणसूत्र जो लिंग निर्धारण से संबंध रखते हैं, लिंग गुणसूत्र कहलाते हैं। मादा में XX और नर में XY गुणसूत्र है।

प्रश्न 11.
मानव कोशिका में कितने गुणसूत्र पाए जाते हैं ?
उत्तर-
46 (44 सामान्य गुणसूत्र और एक जोड़ी लिंग गुणसूत्र)।

प्रश्न 12.
किशोरावस्था कब आरंभ और खत्म होती है ?
उत्तर-
किशोरावस्था 11 वर्ष की आयु से आरंभ होकर 18 अथवा 19 वर्ष की आयु तक रहती है।

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प्रश्न 13.
ग्रंथियां जो अपना स्त्राव सीधा रक्त प्रवाह में बहने देती हैं …………………….. कहलाती हैं।
उत्तर-
अतःस्त्रावी ग्रंथियाँ (Endocrine glands) |

प्रश्न 14.
‘लक्ष्य स्थल’ क्या है ?
उत्तर-
लक्ष्य स्थल – शरीर का वह भाग जहाँ हार्मोन प्रभावित होते हैं।

प्रश्न 15.
मादा मानव में जनन प्रक्रिया की अवधि क्या है ?
उत्तर-
मादा में जनन प्रक्रम 10-12 वर्ष की आयु में विकसित होता है और 45-50 वर्ष की आयु में खत्म हो जाता है।

प्रश्न 16.
रजोदर्शन (Menarche) की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
रजोदर्शन : यौवनारंभ का पहला ऋतु स्राव रजोदर्शन कहलाता है।

प्रश्न 17.
रजोनिवृत्ति (Menopause) क्या है ?
उत्तर-
रजोनिवृत्ति : ऋतु स्त्राव का रुक जाना रजोनिवृत्ति कहलाता है।

प्रश्न 18.
नर और मादा के लैंगिक गुण सूत्र कौन-से हैं ?
उत्तर-
मादा में दो X-गुणसूत्र (XX) होते हैं जबकि नर में एक X-गुणसूत्र और दूसरा Y-गुणसूत्र होता है। (XY).

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प्रश्न 19.
पीयूष ग्रंथि कहाँ होती है ?
उत्तर-
मस्तिष्क के पास।

प्रश्न 20.
कीटों और मेढकों के कायांतरण में से कौन-से हार्मोन उपयोग में आते हैं ?
उत्तर-
कीट हार्मोन।

प्रश्न 21.
AIDS को विस्तृत रूप में लिखें।
उत्तर-
AIDS : एक्वायरड इम्यूनो डैफीशेंसी सिंड्रॉम। (Acquired Immuno Deficiency Syndrome).

प्रश्न 22.
भारतीय संविधान के अनुसार विवाह की आयु क्या है ?
उत्तर-
लड़की की न्यूनतम आयु-18 वर्ष
लड़के की न्यूनतम आयु-21 वर्ष।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
लड़की के 10-15 वर्ष की आयु में हार्मोन क्या करते हैं ?
उत्तर-
10-15 वर्ष की आयु में लड़की के स्तन विकसित होते हैं और नितंब गोल हो जाते हैं।

प्रश्न 2.
लड़के की 10-15 वर्ष की आयु में हार्मोन क्या प्रभाव डालते हैं ?
उत्तर-
लड़के के शरीर में हार्मोन का प्रभाव-

  1. उसकी आवाज़ भर्राने लगती है और गहरी हो जाती है।
  2. चेहरे और सीने पर बाल आ जाते हैं।
  3. शरीर की माँसपेशियाँ विकसित हो जाती हैं।
  4. वृषण शुक्राणु पैदा करना आरंभ कर देते हैं।

प्रश्न 3.
संक्षिप्त नोट लिखें-
(i) ऋतुस्त्राव
(ii) रजोनिवृत्ति।
उत्तर-
(i) ऋतुस्त्राव – भ्रूण की म्यूक्स झिल्ली का नष्ट होना और प्रति माह रक्त स्त्राव होना ऋतुस्त्राव कहलाता है। यह प्रक्रम मादा मानव और मादा स्तनधारी में होता है।

(ii) रजोनिवृत्ति – ऋतु स्त्राव का रुकना रजोनिवृत्ति है। यह 45-55 वर्ष की आयु में होता है।

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प्रश्न 4.
मादा मानव में जनन चक्र समझाइए।
उत्तर-
ऋतुस्त्राव (Monstrual Cycle) – स्त्री में रजोधर्म चक्र अथवा ऋतुस्राव किशोरावस्था से प्रारंभ होता है, जो सामान्य रूप से प्रत्येक 28 दिनों के बाद स्त्री के सारे जनन जीवन (गर्भ धारण अवस्था छोड़कर) में नियमित चलता रहता है। इस चक्र की एक अवस्था में गर्भाशय से रुधिर प्रवाह होता है। इसको मासिक धर्म अथवा ऋतुस्त्राव कहते हैं। इस चक्र में लिंग हार्मोन गर्भाशय की दीवार को अंडे के चिपकने के लिए तैयार करते हैं। जब गर्भ धारण नहीं होता तो दीवार की तरह वह टूट जाती है और डिसचार्ज हो जाती है। यह ऋतु स्त्राव सामान्यतः 10 से 14 वर्ष की आयु में शुरू होता है और 45-50 वर्ष तक चलता है।

यदि अंडाणु शुक्राणु से निषेचित हो जाता है, तो युग्मनज गर्भाशय में विकसित होता है और विकसित होता भ्रूण, गर्भ कहलाता है और अपरा (Placenta) से पोषण ग्रहण करता है। इस अवधि में अंडोत्सर्जन और ऋतुस्त्राव नहीं होता परंतु यह सभी कार्यविधियाँ बच्चे के जन्म के बाद पुनः आरंभ हो जाती हैं।

प्रश्न 5.
प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य से क्या भाव है ?
उत्तर-
प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य (Reproductive Health) – जनन अंगों की संभाल तथा सफ़ाई की आवश्यकता होती है। यदि हम ऐसा नहीं करते, तो हमें कई प्रकार के संक्रमण रोग हो सकते हैं। इनकी सही संभाल जानकारी की आवश्यकता है। इसलिए प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य भी व्यक्तिगत स्वास्थ्य का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। जनन अंगों के कारण होने वाले रोगों को सैक्सूयली ट्रांसमिटड रोग (S.T.D.) कहते हैं।

प्रश्न 6.
AIDS फैलने के तरीके लिखिए।
उत्तर-
AIDS (Acquired Immuno Deficiency Syndrome)
फैलने के तरीके – संक्रमित रक्त देने से, संक्रमित सूइयों के उपयोग से, कृत्रिम गर्भारोधन से और संक्रमित व्यक्ति से लैंगिक संपर्क रखने से।

प्रश्न 7.
रजोदर्शन और रजोनिवृत्ति में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर-
रजोदर्शन और रजोनिवृत्ति में अंतर-

रजोदर्शन (Menarche) रजोनिवृत्ति (Menopause)
(i) यौवनारंभ में पहला ऋतु स्राव (i) ऋतु स्राव का रुकना
(ii) 11-12 वर्ष की आयु में (ii) 40-45 वर्ष की आयु में।

प्रश्न 8.
सत्य (T) और असत्य (F) कथन अंकित करें-
(i) निषेचन क्रिया में शुक्राणु और अंडाणु का युग्म होता है।
(ii) ऋतुस्त्राव की मानव मादा में अवधि 20 दिन होती है।
(iii) ऋतुस्त्राव के शुरू होने को रजोनिवृत्ति कहते हैं।
(iv) मानव में नर मादा से कुछ देर में किशोरावस्था में आते हैं।
उत्तर-
(i) सत्य (T)
(ii) असत्य (F)
(iii) असत्य (F)
(ii) सत्य (T).

प्रश्न 9.
अंतःस्त्रावी ग्रंथियों को नलिका रहित ग्रंथियाँ क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
हार्मोन का स्थानांतरण नलियों द्वारा नहीं होता बल्कि द्रव्यों द्वारा होता है। इसलिए अंत: स्त्रावी ग्रंथियों को नलिका रहित ग्रंथियाँ भी कहते हैं।

प्रश्न 10.
किस ग्रंथि का स्त्राव पीयूष ग्रंथि के स्त्राव को कम कर देता है ?
उत्तर-
थाइरॉइड ग्रंथि का स्त्राव थाइरॉक्सिन की अधिक मात्रा पीयूष ग्रंथि के स्त्राव (हार्मोन) को कम करता है।

प्रश्न 11.
एडीनेलिन स्त्राव भयभीत स्थिति में बढ़ जाता है ? यह कौन-सी उत्तेजना है ?
उत्तर-
भयभीत दृश्य एक ऐसी उत्तेजना है जिसके कारण एड्रिनेलिन स्त्राव बढ़ जाता है। इसलिए एड्रिनेलिन स्त्राव उत्तेजना का परिणाम है।

प्रश्न 12.
एक चित्र बनाइए जिसमें सभी अंत:स्त्रावी ग्रंथियाँ दर्शाइए।
उत्तर-
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प्रश्न 13.
पीयूष ग्रंथि के कुछ कार्य लिखिए।
उत्तर-
पीयूष ग्रंथि के कार्य-

  1. वृद्धि का नियंत्रण
  2. थाइरॉयड, एड्रीनल और लैंगिक ग्रंथियों को प्रभावित करती है।
  3. जलचर और मछलियों में रंग परिवर्तित करना।

प्रश्न 14.
किसी किशोर को उचित आहार क्यों खाना चाहिए ?
उत्तर-
किशोर की आयु में वृद्धि हो रही होती है। उचित आहार वृद्धि करती हड्डियों, पेशियों और दूसरे भागों के लिए आवश्यक है।

प्रश्न 15.
किशोर आत्मनिर्भर कैसे हो जाते हैं ?
उत्तर-
किशोर आत्मनिर्भर और सचेत होते हैं। यह अवधि उनकी सोच में परिवर्तन लाती है। विचारों में बदलाव आते हैं और किशोर कल्पनाओं में अपना समय व्यतीत करता है। सच्चाई यह है कि इस अवधि में मस्तिष्क की सीखने की क्षमता अत्यधिक होती है। कभी-कभी, किशोर अपने आप को अपने शरीर और मन के बदलावों के अनुरूप नहीं ढाल पाते और स्वयं को असुरक्षित समझते हैं।

प्रश्न 16.
वर्णन करो कि लैंगिक हार्मोन पीयूष ग्रंथि पर निर्भर करते हैं ?
उत्तर-
लैंगिक हार्मोन पीयूष ग्रंथि द्वारा नियंत्रित होते हैं। पीयूष ग्रंथि कई हार्मोन स्त्रावित करता है। उनमें से एक हार्मोन FSH है। यह अंडाणु और शुक्रास्त्राणु को अंडाशय और वृषण में क्रमशः विकसित करते हैं। जैसे- पीयूष ग्रंथि से स्त्रावित हार्मोन टेस्टोस्टरॉन और एस्ट्रोजन को उत्तेजित करते हैं। हार्मोन स्त्रावित होकर लक्ष्य स्थल पर पहुँचते हैं। शरीर में परिवर्तन लाते हैं और यौवनारंभ हो जाता है।

प्रश्न 17.
किशोरों को नशीले पदार्थों को ‘न’ कहना चाहिए। क्यों ?
उत्तर-
किशोर अवस्था में मन और शरीर अत्यधिक क्रियाशील होता है। इसलिए असुरक्षित और बेचैन नहीं होना चाहिए और किसी द्वारा सुझाया गया तरीका अर्थात् नशा करने से आराम मिल सकता है, कभी न अपनाएँ। यदि किसी डॉक्टर ने दवाई के रूप में दिया है तो अवश्य ग्रहण करें। जब एक बार नशा करने की लत लग जाती है तब बार-बार नशा करने को मन करता है। नशे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। यह स्वास्थ्य और खुशियों को खत्म कर देते हैं।

प्रश्न 18.
किशोरों में कुछ भ्रांतियाँ लिखिए।
उत्तर-
किशोरों में कुछ भ्रांतियाँ-

  1. लड़की यदि ऋतुस्त्राव में लड़कों की तरफ देखे तो गर्भधारण हो जाता है।
  2. वीर्य की एक बूंद नष्ट होने का अर्थ है, 10 बूंदें रुधिर की नष्ट होना, जिससे लड़का कमज़ोर हो जाता है।
  3. माता शिशु के लिंग को निर्धारित करती है।
  4. ऋतुस्त्राव के दिनों में लड़की को रसोई में नहीं जाने दिया जाता।

प्रश्न 19.
यौवनारंभ के समय आवाज में किस प्रकार का परिवर्तन आता है ?
उत्तर-
यौवनारंभ के समय लड़कों का स्वरयंत्र अपेक्षाकृत बड़ा होकर बाहर की ओर उभरा हुआ दिखाई देता है। लड़कों की आवाज स्वरयंत्र में वृद्धि के कारण भारी या फटी हुई हो जाती है। लड़कियों के स्वरयंत्र में इस प्रकार का अंतर दिखाई नहीं देता। लड़कियों के स्वरयंत्र के छोटा होने के कारण इनकी आवाज पतली व सुरीली होती है।

प्रश्न 20.
हार्मोन के लक्षण लिखें।
उत्तर-
हार्मोन के प्रमुख लक्षण-

  1. हार्मोन अन्तः-स्त्रावी ग्रंथियों द्वारा स्त्रावित होते हैं। इनके कार्य विशिष्ट होते हैं।
  2. ये केवल कार्यक्षेत्र बिंदु पर ही प्रभावी होते हैं, अन्यत्र कहीं नहीं।
  3. इनकी आवश्यकता बहुत कम मात्रा में होती है।

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प्रश्न 21.
पीयूष ग्रंथि (Pituitary Gland) को मास्टर ग्रंथि क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
यह ग्रंथि मस्तिष्क के निचले भाग में स्थित होती है। इसके द्वारा स्त्रावित हार्मोन से हड्डी तथा ऊतकों की वृद्धि को नियंत्रित किया जाता है। यह ग्रंथि ऐसे हार्मोन स्त्रावित करती है, जो अन्य ग्रंथियों के कार्यों को नियंत्रित करते हैं। इसलिए इसे ‘मास्टर ग्रंथि’ कहा जाता है।

प्रश्न 22.
लड़के-लड़कियों का विवाह कम उम्र में क्यों नहीं करना चाहिए ?
उत्तर-
कम उम्र में किशोरों के शरीर, विशेष कर जनन अंग मातृत्व का बोझ सहन करने के लिए भली-भाँति तैयार नहीं होते। यदि ऐसी अवस्था में विवाह हो भी जाए तो ऐसे युगलों में स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं जिनसे युवा तनाव में आ सकते हैं और इनका भविष्य इससे प्रभावित हो सकता है। हमारे देश के कानून के अनुसार लड़कियों की 18 वर्ष और लड़कों की 21 वर्ष आयु ऐसी अवस्था है जब किशोरों को विवाह करने की अनुमति होती है।

प्रश्न 23.
किशोरों में HIV-AIDS के होने की संभावना प्रबल क्यों होती है ?
उत्तर-
काफी संख्या में किशोर तनाव से मुक्ति पाने हेतु ड्रग्स लेना आरंभ कर देते हैं। HIV की संदूषित इंजेक्शन की सूई से ड्रग्स लेने पर यह खतरनाक विषाणु अन्य किशोरों में फैल जाता है। इस विषाणु के फैलने का अन्य कारण असुरक्षित लैंगिक संपर्क भी है। कई मामलों में यह विषाणु पीड़ित (रोगी) माँ से दूध द्वारा शिशु में भी फैल सकता है।
अत: किशोरों को अपने बहुमूल्य जीवन को HIV से बचाने के लिए सचेत रहने की अति आवश्यकता है।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
एक सारणी बनाओ जिसमें आयु में वृद्धि के साथ लंबाई में औसतन दर से वृद्धि दर्शाएँ।
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर 7
उदाहरण के लिए – एक लड़के की आयु 8 वर्ष है और लंबाई 108 cm है। वृद्धि अवधि के पश्चात् उसकी लंबाई-
= \(\frac{108}{72}\) × 100 = 150 cm.

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

प्रश्न 2.
किशोरावस्था में स्वस्थ शरीर के लिए कौन-से कारक उत्तरदायी हैं ?
उत्तर-
किशोरावस्था में निम्न परिस्थितियां अथवा कारक उत्तरदायी हैं-

(i) पाचन संबंधी – किशोरावस्था में तीव्र वृद्धि और विकास होता है, इसलिए आहार नियमित और सुचारु ढंग से करना चाहिए। एक संतुलित आहार जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेटस, वसा, विटामिन और खनिज उचित अनुपात में होते हैं। भारतीय भोजन जिसमें रोटी, चावल, दाल और सब्जियाँ, दूध, फल एक संतुलित आहार है।
चिप्स और डिब्बाबंद नाश्ते स्वादिष्ट तो होते हैं परंतु नियमित रूप से सेवन नहीं करने चाहिएं क्योंकि उनमें पोषक तत्त्वों की कमी होती है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर 8

(ii) व्यक्तिगत सफ़ाई – प्रतिदिन स्नान आवश्यक है क्योंकि तेलीय ग्रंथियों से स्त्रावित द्रव्य शरीर में बदबू पैदा करते हैं। शरीर के सभी भागों की नित्यप्रति सफ़ाई आवश्यक है। यदि सफ़ाई पर ध्यान न दिया गया तो जीवाणु संरक्षण हो सकता है। लड़कियों को ऋतुस्त्राव अवधि का ध्यान रखना चाहिए।

(iii) व्यायाम – टहलना और खेलना शरीर को स्वस्थ रखता है। किशोरों को खेल में टहलना, व्यायाम करना और खेलना चाहिए।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 9 जंतुओं में जनन

PSEB 8th Class Science Guide जंतुओं में जनन Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
सजीवों के लिए जनन क्यों महत्त्वपूर्ण है ? समझाइए।
उत्तर-
सजीवों में जनन की महत्ता – यह जीवों में योग्यता है जिस द्वारा वे अपने जैसे जीव पैदा करते हैं । जनन से प्रजाति की वृद्धि होती है। यह जैविक प्रक्रम उत्तरजीविता और निरंतरता बनाए रखने के लिए आवश्यक है। इससे आनुवंशिकता और गुणों का अगली पीढ़ी में स्थानांतरण भी होता है।

प्रश्न 2.
मनुष्य में निषेचन प्रक्रम को समझाइए।
उत्तर-
निषेचन-वृषण, नर युग्मक, शुक्राणु पैदा करते हैं। वृषण द्वारा लाखों शुक्राणु उत्पन्न होते हैं। शुक्राणु चाहे बहुत सूक्ष्म होते हैं, परंतु प्रत्येक में एक सिर, मध्यभाग और एक पूंछ होती है।

जनन प्रक्रम का पहला चरण शुक्राणु और अंडाणु का संलयन है। नर से लाखों शुक्राणु मादा शरीर में डाले जाते हैं। शुक्राणु पूंछ द्वारा अंडाणु तक पहुंचने के लिए अंडवाहिनी में तैरते हैं। जब ये अंडाणु के निकट आते हैं तो एक शुक्राणु अंडाणु से संलयन करता है। इसे निषेचन कहते हैं। निषेचन के परिणामस्वरूप युग्मनज (Zygote) का निर्माण होता है। युग्मनज नए जीव का निर्माण करता है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन 1
निषेचन प्रक्रम में नर से शुक्राणु और मादा से अंडाणु का युग्म होता है। इसलिए नयी संतति में कुछ लक्षण माता के और कुछ लक्षण पिता के होते हैं।

प्रश्न 3.
सर्वोचित उत्तर चुनिए-
(क) आंतरिक निषेचन होता है-
(i) मादा के शरीर में
(ii) मादा के शरीर से बाहर
(iii) नर के शरीर में
(iv) नर के शरीर से बाहर।
उत्तर-
(i) मादा के शरीर में

(ख) एक टैडपोल जिस प्रक्रम द्वारा वयस्क में विकसित होता है, वे हैं-
(i) निषेचन
(ii) कायांतरण
(iii) रोपण
(iv) मुकुलन।
उत्तर-
(ii) कायांतरण

(ग) एक युग्मनज में पाए जाने वाले केंद्रकों की संख्या होती है-
(i) कोई नहीं
(ii) एक
(iii) दो
(iv) चार।
उत्तर-
(iii) एक।

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प्रश्न 4.
निम्न कथन सत्य (T) है अथवा असत्य (F) संकेतित कीजिए-

(क) अंडप्रजनक जंतु विकसित शिशु को जन्म देता है।
उत्तर-
असत्य (F)

(ख) प्रत्येक शुक्राणु एक एकल कोशिका है।
उत्तर-
सत्य (T)

(ग) मेंढक में बाह्य निषेचन होता है।
उत्तर-
सत्य (T)

(घ) वह कोशिका, जो मनुष्य में नए जीवन का प्रारंभ है, युग्मक कहलाती है।
उत्तर-
असत्य (F)

(ङ) निषेचन के पश्चात् दिया गया अंडा एक एकल कोशिका है।
उत्तर-
सत्य (T)

(च) अमीबा मुकुलन द्वारा जनन करता है।
उत्तर-
असत्य (F)

(छ) अलैंगिक जनन में भी निषेचन आवश्यक है।
उत्तर-
असत्य (F)

(ज) द्विखंडन अलैंगिक जनन की एक विधि है।
उत्तर-
सत्य (T)

(झ) निषेचन के परिणामस्वरूप युग्मनज बनता है।
उत्तर-
सत्य (T)

(ज) भ्रूण एक एकल कोशिका का बना होता है।
उत्तर-
असत्य (F)।

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प्रश्न 5.
युग्मनज और गर्भ में दो भिन्नताएँ दीजिए।
उत्तर-
युग्मनज और गर्भ में दो भिन्नताएँ-

युग्मनज (Zygote) गर्भ (Foetus)
(1) शुक्राणु और अंडाणु का संलयन युग्मनज कहलाता है। (1) भ्रूण की वह अवस्था जिसमें विभिन्न अंग पहचानने योग्य होते हैं।
(2) यह एक एकल कोशिका है। (2) यह बहु-कोशिका है।

प्रश्न 6.
अलैंगिक जनन की परिभाषा लिखिए। जंतुओं में अलैंगिक जनन की दो विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
अलैंगिक जनन – जनन की वह किस्म जिसमें केवल एक ही जीव भाग लेता है, अलैंगिक जनन कहलाता है। जंतुओं में अलैंगिक जनन की विधियाँ निम्नलिखित हैं-
1. विखंडन (Binary Fission) – द्विखंडन में जीव का शरीर लंबवत् अनुप्रस्थ खांच से दो बराबर भागों में विभाजित हो जाता है। प्रत्येक भाग जनक के समान हो जाता है। जनन की यह विधि प्रोटोज़ोआ (अमीबा, पैरामिशियम आदि) में होती है, जिन में यही विधि आवश्यक रूप से कोशिका विभाजन की विधि है जिसके परिणामस्वरूप संतति कोशिकाओं का पृथक्करण होता है। बहु- कोशिकीय जंतुओं में भी इस विधि को देखा गया है। जैसे-सी-ऐनीमोन में लंबवत् खंडन तथा प्लेनेरिया में अनुप्रस्थ खंडन।
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2. मुकुलन (Budding) – मुकुलन एक प्रकार की अलैंगिक जनन क्रिया है जिसमें नया जीव जो अपेक्षाकृत छोटे पुंज की कोशिकाओं से निकलता है, आरंभ में जनक जीव में मुकुल बनाता है। मुकुल अलग होने से पहले जनक का रूप धारण कर लेता है जैसे-बाह्य मुकुलन में या जनक से अलग होने के पश्चात् आंतरिक मुकुलन में। बाह्य मुकुलन स्पंज, सीलेंट्रेटा (जैसे हाइड्रा), चपटे कृमि और ट्यूनीकेट में मिलता है, लेकिन कुछ सीलेंट्रेट जैसे ओबलिया पोलिप की अपेक्षा मैड्रयूसी पैदा करते हैं।
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प्रश्न 7.
मादा के किस जनन अंग में भ्रूण का रोपण होता है ?
उत्तर-
गर्भाशय (Uterus)।

प्रश्न 8.
कायांतरण किसे कहते हैं ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
कायांतरण (Metamorphosis) लारवा के कुछ उग्र-परिवर्तनों द्वारा वयस्क जंतु में बदलने की प्रक्रिया को कायांतरण कहते हैं।
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उपरोक्त चित्र में मेंढक के विकास के विभिन्न चरण हैं। तीन स्पष्ट चरण हैं-

  1. अंडा
  2. टैडपोल लारवा
  3. वयस्क।

मेंढक व टैडपोल वयस्क एक-दूसरे से बिल्कुल भिन्न होते हैं। मेंढक में एक विशेष परिवर्तन है-
गलफड़ों का फेफड़ों में परिवर्तित होना। जिन जंतुओं में कायांतरण होते हैं वे हैं मेंढक, रेशमकीट।

प्रश्न 9.
आंतरिक निषेचन एवं बाह्य निषेचन में भेद कीजिए।
उत्तर-
आंतरिक निषेचन एवं बाह्य निषेचन में भेद-

आंतरिक निषेचन (Internal Fertilization) बाह्य निषेचन (External Fertilization)
(1) नर युग्मक और मादा युग्मक का संलयन शरीर के अंदर होता है। (1) नर युग्मक (शुक्राणु) और मादा युग्मक (अंडे) का संलयन शरीर के बाहर होता है।
(2) नर मादा के शरीर में शुक्राणुओं का उत्सर्जन करता है। (2) दोनों व्यष्टि युग्मकों को शरीर के बाहर फेंकते हैं।
(3) विकास शरीर के अंदर हो सकता है। (3) विकास शरीर के बाहर ही होता है।
(4) उदाहरण-मनुष्य, पशु, शार्क, पक्षी। (4) उदाहरण- मेंढ़क।

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प्रश्न 10.
नीचे दिए गए संकेतों की सहायता से क्रॉस शब्द पहेली को पूरा कीजिए।
बाईं से दाईं ओर
(1) यहाँ अंडाणु उत्पादित होते हैं।
(2) वृषण में उत्पादित होते हैं।
(3) हाइड्रा का अलैंगिक जनन है।

ऊपर से नीचे की ओर
(1) यह मादा युग्मक है।
(2) नर और मादा युग्मक का मिलना।
(3) एक अंडप्रजनक जंतु।
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उत्तर-
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PSEB Solutions for Class 8 Science जंतुओं में जनन Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थान भरिए-

(i) ……………………… प्रक्रम जाति की निरंतरता बनाए रखता है।
उत्तर-
जनन

(ii) फूल में नर और मादा युग्मक, ……………………….. और …………………….. कहलाते हैं।
उत्तर-
परागकण, अंडा

(iii) ……………….. जनन में, एक जीव अपने शरीर के भागों से नए जीव उत्पन्न करता है
उत्तर-
कायिक

(iv) ……………………… सारा जीवन काल वृद्धि करते हैं, परंतु …………………………… कुछ ही आयु तक वृद्धि करते हैं।
उत्तर-
पौधे, जीव

(v) एक बहुकोशिक जंतु अपना जीवन प्रक्रम एक …………………….. से करता है, जो लैंगिक जनन द्वारा बनता है।
उत्तर-
युग्मनज।

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प्रश्न 2.
कौन-सा शरीर का भाग-
(क) शुक्राणु उत्पादित करता है?
(ख) अंडाणु उत्पादित करता है?
(ग) आदमी से शुक्राणु मादा में भेजता है?
उत्तर-
(क) वृषण
(ख) अंडाशय
(ग) शिश्न।

प्रश्न 3.
स्तंभ ‘क’ और स्तंभ ‘ख’ के शब्दों का मिलान करें-

स्तंभ ‘क’ स्तंभ ‘ख’
शुक्राणु मादा जननांग
अंडाशय वृद्धि
कोशिका नर युग्मक

उत्तर-

स्तंभ ‘क’ स्तंभ ‘ख’
शुक्राणु नर युग्मक
अंडाशय मादा जननांग
कोशिका वृद्धि।

प्रश्न 4.
पौधों और जंतुओं में जनन के कितने तरीके हैं ?
उत्तर-
दो-(क) लैंगिक (ख) अलैंगिक।

प्रश्न 5.
अलैंगिक जनन में कितने जीवों की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
एक।

प्रश्न 6.
लैंगिक जनन में कितने सजीवों की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
दो।

प्रश्न 7.
जननांगों में विशेष कोशिकाएं कौन-सी होती हैं ?
उत्तर-
युग्मक (Gametes) ।

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प्रश्न 8.
द्विखंडन विधि से जनन करने वाले दो जंतुओं के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. अमीबा
  2. पैरामीशियम।

प्रश्न 9.
कौन-से जीवों में मुकुल जनक के शरीर पर लगी रहती है?
उत्तर-
स्पंज, कोरल (Corals)।

प्रश्न 10.
युग्मनज (Zygote) क्या है ?
उत्तर-
युग्मनज – युग्मनज, नर और मादा युग्मकों के संलयन से बनने वाली पहली संरचना है।

प्रश्न 11.
निषेचन (Fertilization) क्या है?
उत्तर-
निषेचन – नर और मादा युग्मकों का संलयन।

प्रश्न 12.
दो उभयलिंगी जंतुओं (Hermaphrodite) के उदाहरण दो।
उत्तर-

  1. केंचुआ
  2. जोंक (leech)।

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प्रश्न 13.
कौन-सा बड़ा है-अंडाणु अथवा शुक्राणु।
उत्तर-
अंडाणु।

प्रश्न 14.
दो उदाहरण दो जिन जीवों में बाहय निषेचन होता है।
उत्तर-

  1. मेंढक
  2. मछली।

प्रश्न 15.
कायांतरण की परिभाषा दो।
उत्तर-
कायांतरण – लारवा के कुछ उग्र परिवर्तनों द्वारा वयस्क जंतु में बदलने की प्रक्रिया कायांतरण .कहलाती है।

प्रश्न 16.
रिक्त स्थान भरो-
(i) जनन प्रक्रम में भाग लेने वाली कोशिकाएँ ……………………. कहलाती हैं।
(ii) युग्मकों के संलयन से एक कोशिक संरचना ………………………. उत्पन्न होती है।
(iii) पौधों और जंतुओं में युग्मकों का संलयन …………………………. कहलाता है।
(iv) जीव जिनमें दोनों नर और मादा जनन अंग पाए जाते हैं, ………………………… कहलाते हैं।
उत्तर-
(i) युग्मक
(ii) युग्मनज
(ii) निषेचन
(iv) उभयलिंगी।

प्रश्न 17.
जननांग (Gonads) क्या है ? मानव में नर और मादा जननांग के नाम लिखो।
उत्तर-
जननांग – जो विशेष कोशिकाएँ युग्मक उत्पन्न करते हैं, जननांग कहलाते हैं।
मानव नर जननांग – वृषण मानव मादा जननांग-अंडाशय।

प्रश्न 18.
नर और मादा युग्मकों के नाम लिखिए।
उत्तर-
नर युग्मक-शुक्राण, मादा युग्मक-अंडाणु।

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प्रश्न 19.
बाह्य निषेचन और आंतरिक निषेचन का एक-एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
बाह्य निषेचन-मेंढक।
आंतरिक निषेचन-मानव।

प्रश्न 20.
शुक्राणु नली (Vas deferens) का क्या कार्य है ?
उत्तर-
शुक्राणु नली वृषण से शुक्राणु गर्भाशय में स्थानांतरण करती है।

प्रश्न 21.
हाईमन (Hymen) किसे कहते हैं?
उत्तर-
हाईमन – योनि (Vagina) के बाहर पतली झिल्ली का डायफ्राम हाइमन कहलाता है। यह रजोनवृत्ति के लिए सरंध्र होता है।

प्रश्न 22.
निम्न कथन सही अथवा गलत अंकित करें-
(i) मानव अंडे का निषेचन गर्भाशय में होता है।
(ii) औरतों में नसबंदी शिशु नियंत्रण की विधि है।
(iii) अंडाणु का निषेचन योनि में होता है।
(iv) शुक्राणु एक एकलकोशिक है।
(v) वृषण पेट गुहा में पाए जाते हैं।
(vi) शुक्राणु मानव ताप (37°C) पर उत्पन्न होते हैं।
उत्तर-
(i) गलत
(ii) गलत
(iii) गलत
(iv) सही
(v) गलत
(vi) सही।

प्रश्न 23.
हाइड्रा में किस प्रकार का अलैंगिक जनन होता है ?
उत्तर-
मुकुलन (Budding)।

प्रश्न 24.
क्लोनिंग की परिभाषा दें।
उत्तर-
क्लोनिंग – किसी समरूप कोशिका, किसी अन्य जीवित भाग अथवा संपूर्ण जीव को कृत्रिम रूप से उत्पन्न करना।

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प्रश्न 25.
किस जंतु की सफलतापूर्वक क्लोनिंग सर्वप्रथम इयान विलमट ने एडिनबर्ग, स्काटलैंड के रोजलिन इंस्टीच्यूट में की।
उत्तर-
डोली भेड की।

प्रश्न 26.
पहले स्तनधारी का नाम लिखें, जिसे क्लोन किया गया?
उत्तर-
5 जुलाई, 1996 में पैदा हुई डॉली भेड़।

प्रश्न 27.
जनन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जनन – जीवों द्वारा अपने जैसे जीव उत्पन्न करने की क्रिया को जनन कहते हैं।

प्रश्न 28.
मानव के शुक्राणु में पूंछ का कार्य क्या है ?
उत्तर-
गति प्रदान करना।

प्रश्न 29.
अंडोत्सर्ग किसे कहते हैं ?
उत्तर-
अंडोत्सर्ग – अंडाशय द्वारा अंडाणु निकालने की क्रिया को अंडोत्सर्ग कहते हैं।

प्रश्न 30.
परखनली शिशु क्या होता है ?
उत्तर-
वह शिशु जो शरीर से बाहर कृत्रिम निषेचन द्वारा उत्पन्न होता है परखनली शिशु कहलाता है।

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प्रश्न 31.
IVF का पूरा नाम लिखें।
उत्तर-
इनविट्रो निषेचन।

प्रश्न 32.
परखनली शिशु का विकास कहाँ होता है ?
उत्तर-
गर्भाशय में।

प्रश्न 33.
अंडप्रजक जंतु क्या होते हैं ?
उत्तर-
वे जंतु जो अंडे देते हैं अण्डप्रजक जन्तु कहलाते है।

प्रश्न 34.
जरायुज जंतु क्या होते हैं ?
उत्तर-
वे जंतु जो बच्चों को जन्म देते हैं जरायुज जंतु कहलाते है।

प्रश्न 35.
डॉली क्लोन की मौत कब हुई ?
उत्तर-
14 फरवरी, 2003 में।

प्रश्न 36.
किस जनन में नर तथा मादा की आवश्यकता नहीं होती ?
उत्तर-
अलैंगिक जनन में।

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प्रश्न 37.
पहला परखनली शिशु कौन था ?
उत्तर-
लुईस जाय ब्राऊन।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
लैंगिक और अलैंगिक जनन में क्या अंतर है?
उत्तर-
लैंगिक और अलैंगिक में अंतर-

लैंगिक जनन (Sexual Reproduction) अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction)
(1) नए जीव की उत्पत्ति के लिए दोनों नर और मादा जीवों की आवश्यकता होती हैं। (1) नए जीव केवल एक ही जीव से उत्पन्न होते हैं।
(2) जनन अंगों की आवश्यकता होती है। (2) जनन अंग विकसित नहीं होते।
(3) अर्धसूत्री विभाजन किसी एक चरण में आवश्यक है। (3) इसमें अर्धसूत्री विभाजन नहीं होता।
(4) युग्मकों का संलयन होता है। (4) कोशिकाओं का संलयन नहीं होता।
(5) नया जीव युग्मकों के संयोजन से विकसित होता है। (5) नया जीव एक कोशिका से विकसित होता है।
(6) नया जीव प्रायः भिन्न होता है। (6) नया जीव जनक जैसा होता है।
(7) इससे विविधता आती है। (7) इससे विविधता नहीं आती।

प्रश्न 2.
लैंगिक जनन क्या है ? जंतुओं में लैंगिक जनन की चर्चा कीजिए।
उत्तर-
लैंगिक जनन – नर और मादा के संयोजन से निषेचन होने की क्रिया को लैंगिक जनन कहते हैं।
जंतुओं में लैंगिक जनन – लैंगिक जनन में दो जीव होते हैं। जीवों में जनन अंग होते हैं, जो जनन कोशिकाएँ पैदा करते हैं । मादा अंडाणु और नर शुक्राणु उत्पन्न करते हैं। शुक्राणु जननांग वृषण में और अंडाणु जननांग अंडाशय में उत्पन्न होते हैं। शुक्राणु अंडाणु से संलयन करता है, इसे निषेचन कहते हैं। निषेचित अंडा निरंतर विभाजित होता है और भ्रूण में विकसित होता है। भ्रूण से वयस्क बनता है।

प्रश्न 3.
मानव में कौन-से अंग युग्मक उत्पन्न करते हैं ?
उत्तर-
नर में जनन अंग, एक जोड़ी वृषण है और मादा में जनन अंग, एक जोड़ी अंडाशय है।

प्रश्न 4.
उन दो जीवों के उदाहरण दें जो दो प्रकार की अलैंगिक जनन विधियों से उत्पन्न होते हैं ? विधियों के नाम भी लिखिए। .
उत्तर-
जीव का नाम – अलैंगिक जनन
(1) हाइड्रा – (क) मुकुलन (ख) पुनर्जनन
(2) खमीर – (क) मुकुलन (ख) बीजाणु बनना।

प्रश्न 5.
युग्मक (Gamete) क्या है ? एक लिंगी और उभयलिंगी में क्या अंतर है?
उत्तर-
युग्मक (Gamete) – जनन कोशिकाएँ जिनको जनन अंग उत्पन्न करते हैं, युग्मक कहलाते हैं । युग्मक दो तरह के होते हैं-नर और मादा। युग्मकों के संलयन से निषेचन होता है।

एक-लिंगी जीव – वे जीव जिनमें एक ही प्रकार के जननांग हों; नर अथवा मादा।
उभयलिंगी जीव – वे जीव जिनमें दोनों जननांग हों।

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प्रश्न 6.
‘उभयलिंगी जीव’ क्या है ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
वे जीव जो दोनों नर और मादा युग्मक उत्पन्न कर सकते हैं, उभयलिंगी अथवा द्वि-लिंगी कहलाते हैं।
उदाहरण-

  1. केंचुआ
  2. हाइड्रा।

प्रश्न 7.
एक ऊतक आकार में किन विधियों से वृद्धि करता है ?
उत्तर-
वृद्धि का अर्थ है आकार में बढ़ना।
एक ऊतक के बढ़ने में-

  1. कोशिकाओं की संख्या बढ़ती है।
  2. कोशिकाओं का आकार बढ़ता है।

प्रश्न 8.
अलैंगिक जनन की मूल विशेषताएँ क्या हैं ?
उत्तर-
अलैंगिक जनन की मूल विशेषताएँ-

  1. केवल एक जीव की उपस्थिति
  2. सभी कोशिकाओं में सूत्री विभाजन
  3. जनक के समरूपी नए जीव
  4. जनक इकाई जीव का विशेष भाग।

प्रश्न 9.
विखंडन प्रक्रम मुकुलन से कैसे भिन्न है ?
उत्तर-
द्विखंडन और मुकुलन में भिन्नता-

द्विखंडन (Binary Fission) मुकुलन (Budding)
(1) केवल दो नए जीव उत्पन्न होते हैं। (1) बड़ी संख्या में मुकुल उत्पन्न हो सकते हैं और प्रत्येक मुकुल नया जीव पैदा करता है।
(2) उदाहरण-अमीबा, यूगलीना। (2) उदाहरण-स्पंज, हाइड्रा।

प्रश्न 10.
अंडोत्सर्ग (Ovulation) को परिभाषित करें।
उत्तर-
अंडोत्सर्ग (Ovulation) – अंडाशय द्वारा अंडा छोड़ने की प्रक्रिया अंडोत्सर्ग कहलाती है। अंडा 28 दिन वाले आतर्व चक्र के 14वें दिन छोड़ा जाता है।

प्रश्न 11.
जनन क्या है ? इसकी किस्में कौन-सी हैं ?
उत्तर-
जनन – सभी सजीव जो धरती पर उत्पन्न होते हैं, एक विशेष जीवन चक्र दर्शाते हैं जिसमें जन्म, वृद्धि, परिपक्वता, जनन और मौत अवस्थाएँ हैं। जनन एक महत्त्वपूर्ण प्रक्रम है जिससे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक निरंतरता बनी रहती है। वयस्क और वृद्ध जीव का स्थान नए और छोटे जीव प्रजनन द्वारा ग्रहण करते हैं। दो प्रकार की जनन विधियाँ हैं-

  1. अलैंगिक जनन
  2. लैंगिक जनन।

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प्रश्न 12.
मानव नर के जनन तंत्र के विभिन्न अंगों के नाम लिखो।
उत्तर-
मानव नर जनन तंत्र के अंग-

  1. एक जोड़ी वृषण (Testes)
  2. एक जोड़ी शुक्रवाहिनी (Vas deferentia)
  3. मूत्र वाहिनी (Urethra)
  4. शिश्न (Penis)
  5. नर जनन ग्रंथियां (Cowpers and Prostate glands)।

प्रश्न 13.
मानव मादा जनन तंत्र विभिन्न अंगों के नाम लिखिए।
उत्तर-
मानव मादा जनन तंत्र के अंग-

  1. एक जोड़ी अंडाशय (Ovaries)
  2. एक जोड़ी फैलोपियन नलिका (Fallopian Tubes)
  3. गर्भाशय (Uterus)
  4. योनि (Vagina)
  5. भग (Vulva)।

प्रश्न 14.
अंतर स्पष्ट करें-
(i) शुक्राणु एवं अंडाशय
(ii) शुक्रवाहिनी एवं फैलोपियन नलिका
(iii) नर मूत्रवाहिनी एवं मादा मूत्र वाहिनी।
(iv) भ्रूण एवं गर्भ।
उत्तर-
(i) शुक्राणु एवं अंडाणु में अंतर-

शुक्राणु (Sperm) अंडाणु (Ovum)
(1) यह चुस्त होता है। (1) यह अक्रियाशील होता है।
(2) यह चलने में समर्थ है। (2) यह गतिहीन अथवा स्थिर है।
(3) इसकी पूंछ है, जो चलने का अंग है। (3) इसका कोई चलन अंग नहीं है।
(4) यह आकार में छोटी है। (4) यह आकार में बड़ा है क्योंकि इसमें योक (Yok) होता है।

(ii) शुक्रवाहिनी और फैलोपियन नलिका में अंतर-

शुक्रवाहिनी (Vas Deferens) फैलोपियन नलिका (Fallopian Tube)
(1) यह नर जनन अंग का एक भाग है। (1) यह मादा जनन अंग का एक भाग है।
(2) यह वृषण से शुक्राणु मूत्रवाहिनी में लाती है। (2) यह अंडाशय से अंडाणु गर्भाशय तक लाती है।

(iii) नर मूत्रवाहिनी और मादा मूत्रवाहिनी में अंतर-

नर मूत्रवाहिनी (Male Urethra) मादा मूत्रवाहिनी (Female Urethra)
नर मूत्रवाहिनी मूत्र और वीर्य दोनों को बाहर निकालती है। मादा मूत्रवाहिनी केवल मूत्र लेकर आती है क्योंकि गर्भाशय और योनि मार्ग भिन्न होते हैं।

(iv) भ्रूण एवं गर्भ में अंतर-

भ्रूण (Embryo) गर्भ (Foetus)
(1) निषेचित अंडे के विकास से भ्रण बनता है। (1) स्तनधारी गर्भ वह अवस्था है जिसमें विकसित अंग पहचानने योग्य हो जाते हैं।
(2) यह पहला चरण है जिसमें विकास प्रारंभ होता है। (2) मनुष्य में दो महीने के विकास के बाद भ्रण गर्भ कहलाता है।

प्रश्न 15.
‘परखनली शिशु’ पर एक नोट लिखिए।
उत्तर-
परखनली शिशु – यह एक मिथ्या नाम है क्योंकि शिशु का विकास परखनली में नहीं होता। कुछ मादाओं की अंडवाहनियाँ अवरुद्ध होती हैं। यह मादा शिशु उत्पन्न नहीं कर सकती क्योंकि शुक्राणु, अंडाणु तक नहीं पहुँच पाते। ऐसी स्थिति में डॉक्टर ताज़ा अंडाणु और शुक्राणु एकत्र करके कुछ घंटों के लिए एक साथ रखते हैं ताकि इनविट्रो निषेचन (IVF) [शरीर के बाहर कृत्रिम निषेचन] हो सके। निषेचन के एक सप्ताह बाद युग्मनज को माता के गर्भाशय में स्थापित किया जाता है। माता के गर्भाशय में पूर्ण विकास के बाद सामान्य शिशु की तरह शिशु जन्म लेता है।

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प्रश्न 16.
मेंढक में निषेचन कैसे होता है ?
उत्तर-
मेंढक में निषेचन – मेंढक में निषेचन मादा शरीर के बाहर होता है इसलिए इसे बाह्य निषेचन कहते हैं। बसंत अथवा वर्षा ऋतु में मेंढक और टोड तालाबों की ओर जाते हैं। जब अंडे छोड़े जाते हैं तो नर उन पर शुक्राणु छोड़ देता है। प्रत्येक शुक्राणु अपनी लंबी पूंछ की सहायता से जल में तेज़ गति से तैरता है। शुक्राणु अंडों के संपर्क में आते हैं। फलस्वरूप निषेचन होता है।

प्रश्न 17.
वे जीव जिनमें बाहय निषेचन होता है जैसे मछली और मेंढक एक साथ सैंकड़ों अंडे देते हैं जबकि मुर्गी केवल एक समय में एक ही अंडा देती है। क्यों ?
उत्तर-
मछली और मेंढक सैंकड़ों अंडे और करोड़ों शुक्राण छोड़ते हैं पर प्रत्येक अंडा निषेचित नहीं होता क्योंकि अंडे और शुक्राणु जल की गति, वायु और वर्षा से प्रभावित होते हैं। कुछ जलीय जंतु अंडे खा लेते हैं। इसलिए सुनिश्चित निषेचन के लिए बड़ी संख्या में अंडों का होना आवश्यक है।

प्रश्न 18.
अंडप्रजनक और जरायुज जंतु किन्हें कहते हैं ?
उत्तर-
अंडप्रजनक जंतु (Oviparous Organisms) – वे जीव जो अंडे देते हैं। जैसे मेंढक, तितली, मुर्गी, कौआ आदि।
जरायुज जंतु (Viviparous Organisms) – वे जीव जो शिशु को जन्म देते हैं। जैसे मानव, कुत्ता, गाय, बिल्ली आदि।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जननांग क्या हैं ? मनुष्य में नर के प्रजनन अंगों का संक्षेप में वर्णन करो।
उत्तर-
जननांग (Gonads) – प्राथमिक जनन अंग जो युग्मक पैदा करते हैं, जननांग कहलाते हैं। नर में इनको वृषण (Testis) तथा मादा में इनको अंडाशय (Ovary) कहते हैं। यह जननांग यौवनारंभ अवस्था के बाद ही क्रियाशील होते हैं।

मानव के नर प्रजनन अंग-
1. वृषण (Testis) – नर मनुष्य (पुरुष) में जंघनास्थि क्षेत्र में एक मांसल संरचना शिश्न होता है जिसके बीच में मूत्रवाहिनी होती है। शिश्न के नीचे उसकी जड़ में एक मांसल थैली वृषण कोष होता है जिसमें अंडाकार संरचनाएँ वृषण होते हैं। वृषण नर युग्मक शुक्राणु का निर्माण करते हैं । वृषण में एक विशिष्ट संरचना शुक्राणु पाया जाता है जिसमें शुक्राणु के पोषण के लिए चिपचिपा पदार्थ स्रावित होता है।

2. शुक्र वाहिनी (Vas Deferens) – प्रत्येक वृषण में से एक वाहिनी निकलती है जिसे शुक्र वाहिनी कहते हैं। ये वाहिनियां वृषण में से वीर्य को लाती हैं जिनमें शुक्राणु होते हैं।
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3. मूत्रवाहिनी (Urethra) – शुक्र वाहिनी मूत्र मार्ग या मूत्र वाहिनी में खुलती है। चिपचिपा पदार्थ (वीर्य) के साथ शुक्राणु एक संकरी नली द्वारा मूत्र वाहिनी में पहुँचते हैं, जहां से शिश्न की सहायता से मादा की योनि में छोड़ दिए जाते हैं। शिश्न मूत्र एवं शुक्राणु युक्त वीर्य दोनों को बाहर निकालता है।

4. उपग्रंथियां (Accessory Glands) – ये ग्रंथियां शुक्राणुओं के आहार के लिए विभिन्न घटकों का रिसाव करती हैं। ये ग्रंथियां हैं-प्रोस्ट्रेट, काऊपर्स ग्रंथियाँ तथा वीर्य थैली।

प्रश्न 2.
मनुष्य में मादा प्रजनन अंगों का संक्षेप में वर्णन करो।
उत्तर-
मानव मादा प्रजनन अंग (Female Reproductive Organs) – मनुष्य के मादा प्रजनन अंग निम्नलिखित हैं-

1. अंडाशय (Ovary) – श्रोणिय गुहिका में दो अंडाशय होते हैं जो बहुत छोटे आकार के होते हैं। अंडाशय में अंडे बनते हैं। अंडाशय की अंदर की सतह पर एपीथीलियम कोशिकाओं की पतली परत होती है जिसे जनन एपीथीलियम कहते हैं। इसकी कोशिकायें विभाजित होकर फोलिकल तथा अंडा बनाती हैं। अंडाशय की गुहा में संयोजी ऊतक होते हैं जिन्हें स्ट्रोमा कहते हैं। प्रत्येक फोलिकल में एक जनन कोशिका होती है जिसके चारों ओर स्ट्रोमा की कोशिकाएँ रहती हैं। अर्ध सूत्री विभाजन के फलस्वरूप जनन कोशिकाएँ अंडे का निर्माण करती हैं।
ओस्ट्रोजिन तथा प्रोजिस्ट्रॉन नामक दो हार्मोन अंडाशय द्वारा स्रावित होते हैं जो मादा में जनन संबंधी विभिन्न क्रियाओं का नियंत्रण करते हैं।

2. फैलोपियन नलिका (Fallopian Tube) – यह रचना में नलिका समान होती है। इसका एक सिरा गर्भाशय से जुड़ा रहता है और दूसरा सिरा अंडाशय के पास खुला रहता है। इसके सिरे पर झालदार रचना होती है जिसे फिंब्री कहते हैं। अंडाशय से जब अंडा निकलता है तो फिंब्री की संकुचन क्रिया के कारण फैलोपियन नलिका में आ जाता है। यहाँ से गर्भाशय की ओर बढ़ता है। अंड निषेचन फैलोपियन नलिका में ही होता है। यदि अंडे का निषेचन नहीं होता तो यह गर्भाशय से होकर योनि में और ऋतु स्राव के समय योनि से बाहर निकल जाता है।
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3. गर्भाशय (Uterus) – यह मूत्राशय तथा मलाशय के बीच स्थित एक मांसल रचना है। फैलोपियन नलिकाएँ इसके दोनों ओर ऊपर के भागों में खुलती हैं। गर्भाशय का निचला सिरा कम चौड़ा होता है और योनि में खुलता है। गर्भाशय के अंदर की दीवार एंड्रोमीट्रियम की बनी होती है। गर्भाशय का मुख्य कार्य निषेचित अंडे को परिवर्धन काल में जब तक कि गर्भ विकसित होकर शिशु के रूप में जन्म न ले ले, आश्रय तथा भोजन प्रदान करना है।

4. योनि (Vagina) – यह मांसल नलिका समान रचना है। इसका पिछला भाग गर्भाशय की ग्रीवा में खुलता है। मादा में मूत्र निष्कासन के लिए अलग छिद्र होता है जो योनि में खुलता है।

5. भग (Vulva) – योनि बाहर की ओर एक सुराख से खुलती है जिसे भग कहते हैं।

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प्रश्न 3.
क्लोनिंग पर एक नोट लिखो।
उत्तर-
क्लोनिंग – यह समरूप कोशिका अथवा संपूर्ण जीव उत्पन्न करने की विधि है। डॉली, एक भेड़ को सफलतापूर्वक क्लोन किया गया। यह पहला स्तनधारी 1996 में क्लोन किया गया।
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फिन डारसेट नामक मादा भेड़ की स्तन ग्रंथि से एक कोशिका एकत्र की गई। उसी समय स्काटिश ब्लैक फेस ईव से एक अंडकोशिका एकत्र की गई। अंडकोशिका का केंद्रक हटा दिया गया। तत्पश्चात् फिनडारसेट से एकत्र कोशिका का केंद्रक, दूसरी केंद्रक विनि कोशिका में स्थापित किया गया। इस प्रकार उत्पन्न अंड कोशिका को स्काटिश ब्लैक फेस ईव में रोपित किया गया। अंड कोशिका का विकास एवं परिवर्धन सामान्य रूप से हुआ और अंततः डॉली का जन्म हुआ। यद्यपि स्काटिश ब्लैकफेस ईव ने डॉली को जन्म दिया परंतु डॉली फिन डारसेट भेड़ के समरूप थी, जिससे केंद्रक लिया गया था। डॉली में स्काटिश ईव के कोई लक्षण परिलक्षित नहीं हुए क्योंकि इसका केंद्रक हटा दिया गया | था। दुर्भाग्य से फेफड़ों के रोग के कारण डॉली की 14 फरवरी, 2003 में मृत्यु हो गई।
क्लोन वाले जंतुओं में अक्सर जन्म के समय अनेक विकृतियाँ होती हैं।