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PSEB 6th Class Science Guide | Science Guide for Class 6 PSEB

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PSEB 6th Class Home Science Guide | Home Science Guide for Class 6 PSEB

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PSEB 6th Class Home Science Practical in Hindi Medium

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PSEB 6th Class Home Science Practical in Punjabi Medium

  1. ਵੱਖ-ਵੱਖ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਚੁੱਲ੍ਹੇ
  2. ਚਾਹ ਬਣਾਉਣਾ ਅਤੇ ਪਰੋਸਣਾ
  3. ਅੰਡਾ ਉਬਾਲਣਾ
  4. ਨਿਜੀ ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਧੋਣਾ
  5. ਸਿਲਾਈ ਦੇ ਸਾਦਾ ਟਾਂਕੇ
  6. ਪੱਟੀ ਬੰਦ ਕਰਨ ਦੇ ਸਾਧਨ

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PSEB Solutions for Class 6

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Computer Guide for Class 6 PSEB | PSEB 6th Class Computer Science Book Solutions

PSEB 6th Class Computer Book Solutions in Punjabi Medium

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PSEB 6th Class Computer Science Syllabus

Time: 3 hrs.

Theory: 50 Marks
C.C.E.: 10 Marks
Practical: 40 Marks
Total: 100 Marks

Chapter 1 Introduction to Computer
Introduction to Computers, Applications of Computers, Characteristics of Computers, Portable Computing Devices, Limitations of Computers.

Chapter 2 Computer Components
Introduction to Basic/Standard Components of a Computer System, Block Diagram of Computer, Types of Computer Memories, Categories of Computers.

Chapter 3 Basics of Working with Computers
Operating System, Starting Computer System, Desktop and its Components, Working with Windows Applications, Shutting Down Computer.

Chapter 4 MS Paint
What is Paint ?, How to start MS Paint ?, Parts of a Paint Window, Saving the Drawing.

Chapter 5 MS Paint Part-2
Home Tab Ribbon, View Tab Ribbon.

Chapter 6 Hardware and Software
What is Hardware ?, What is Software ?, Types of Software, System Software and Application Software, Relationship between Hardware and Software.

Chapter 7 Input Devices
Input devices, Uses of Input Devices, Keyboard, Mouse, Microphone, Scanner, Web Camera, TouchPad, Bar Code Reader, Light Pen, Joy Stick, Touch Screen, Biometric, Electronic Signature Pad.

Chapter 8 Output Devices
Output Devices, Types of output devices, Monitor, Printer, Speaker, Headphone, Plotter, Projector, Difference between Input and Output Devices.

PSEB 6th Class Social Science SST Book Solutions Guide in Punjabi English Medium

PSEB 6th Class Social Science SST Book Solutions Guide in Punjabi English Medium

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PSEB 6th Class Social Science Guide | SST Social Science Guide for Class 6 PSEB

PSEB 6th Class Social Science SST Book Solutions in English Medium

PSEB 6th Class Social Science Book Solutions Geography: The Earth – Our Habitat

PSEB 6th Class Social Science Guide History: People and Society in the Ancient Period

Social Science Guide for Class 6 PSEB Civics: Community and its Development

PSEB 6th Class Social Science SST Book Solutions in Hindi Medium

PSEB 6th Class Social Science Book Solutions Geography: The Earth – Our Habitat

PSEB 6th Class Social Science Guide History: People and Society in the Ancient Period

Social Science Guide for Class 6 PSEB Civics: Community and its Development

PSEB 6th Class Social Science SST Book Solutions in Punjabi Medium

PSEB 6th Class Social Science Book Solutions Geography: The Earth – Our Habitat (ਭੂਗੋਲ : ਸਾਡਾ ਆਵਾਸ)

PSEB 6th Class Social Science Guide History: People and Society in the Ancient Period (ਇਤਿਹਾਸ : ਪ੍ਰਾਚੀਨ ਕਾਲ ਵਿੱਚ ਲੋਕ ਅਤੇ ਸਮਾਜ)

Social Science Guide for Class 6 PSEB Civics: Community and its Development (ਸਮਾਜਿਕ ਅਤੇ ਰਾਜਨੀਤਿਕ ਜੀਵਨ : ਸਮੁਦਾਇ ਅਤੇ ਇਸ ਦਾ ਵਿਕਾਸ)

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 7 सूती कपड़ों की धुलाई

Punjab State Board PSEB 6th Class Home Science Book Solutions Chapter 7 सूती कपड़ों की धुलाई Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Home Science Chapter 7 सूती कपड़ों की धुलाई

PSEB 6th Class Home Science Guide सूती कपड़ों की धुलाई Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
धोने से पहले वस्त्रों की छंटाई का क्या कारण है ?
उत्तर-
इससे रंगदार कपड़ों का रंग सफेद कपड़ों में न लग जाए तथा अधिक गन्दे तथा कम गन्दे कपड़े भी अलग कर लिए जाते हैं।

प्रश्न 2.
गन्दे वस्त्र पहनने से क्या हानि होती है ?
उत्तर-
गन्दे वस्त्रों में रोगों के जीवाणु वास करते हैं। गन्दे वस्त्र पहनने से रोगों का संक्रमण हमारे शरीर पर हो सकता है।

प्रश्न 3.
वस्त्र धोने से पहले दाग-धब्बे क्यों छुड़ा लेने चाहिएं ?
उत्तर-
दाग-धब्बे का वस्त्र की धुलाई की विधि में और अधिक पक्का होने का भय रहता है।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 7 सूती कपड़ों की धुलाई

प्रश्न 4.
वस्त्रों की धुलाई के लिए पानी कैसा होना चाहिए ?
उत्तर-
मृदु।

लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
कपड़े को भिगोना क्यों चाहिए ?
उत्तर-
सफ़ेद सूती कपड़ों को यदि रात को भिगो कर रख दिया जाए तो मेहनत, समय तथा साबुन की बचत होती है। भिगोने से ऊपर की मैल भी नरम हो जाती है, जिससे उसे साफ़ करना सरल हो जाता है। कई तरह के दाग तथा माया भी साफ़ हो जाती है। कपड़ों को साफ़ प्लास्टिक के टब या बाल्टी में भिगोना चाहिए। लोहे की बाल्टी में जंग लगने का डर रहता है। बाल्टी या टब इतना बड़ा होना चाहिए कि इसमें सारे कपड़े तथा पानी अच्छी तरह समा जाने चाहिए। रसोई के कपड़े तथा दूसरे झाड़न तथा मोटरग्रीज़ वाले एप्रिनों को पानी में सोडा मिलाकर भिगोना चाहिए। इन्हें दूसरे कपड़ों से अलग ही भिगोना चाहिए। बिस्तरों तथा पहनने वाले कपड़ों को भी अलग-अलग भिगोना चाहिए। ज़्यादा गन्दे कपड़ों को काफ़ी नीचे तथा साफ़ कपड़ों को ऊपर रखना चाहिए। ज्यादा गन्दे भागों को साबुन लगाकर भिगोना चाहिए। कपड़ों को 24 घण्टे से अधिक समय तक एक ही पानी में नहीं भिगोना चाहिए, क्योंकि कपड़ों में बैक्टीरिया उत्पन्न हो जाते हैं जो कपड़ों को हानि पहुँचाते हैं।

प्रश्न 2.
सफ़ेद कपड़े पीले या स्लेटी रंग के क्यों हो जाते हैं ? इस दोष को कैसे दूर किया जा सकता है ?
उत्तर-
कई बार जब सफ़ेद कपड़े पुराने हो जाते हैं या धोने वाले साबुन में ज़्यादा क्षार होती है तो कपड़े पीले दिखाई देने लगते हैं। कपड़ों को धोने के बाद यदि उनसे अच्छी तरह साबुन न निकाला जाए या ज्यादा नील लग जाए तो कपड़े स्लेटी रंग के हो जाते हैं। इस दोष को दूर करने के लिए कपड़ों को 20 मिनटों के लिए पानी में उबालते हैं। उबालने के बाद हल्के गर्म पानी में कई बार खंगालते हैं, इसके बाद नील लगाकर धूप में सुखाते है।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 7 सूती कपड़ों की धुलाई

प्रश्न 3.
कपड़ों को नील कैसे तथा क्यों लगाई जाती है ?
उत्तर-
सफ़ेद सूती कपड़ों की नील लगाने के लिए इसका घोल बनाया जाता है। कपड़े को निचोड़ने के बाद इसे घोल में डालते हैं तथा हाथों से दबाते हैं। इसके बाद निचोड़कर धूप में सुखाते हैं। नील से कपड़ों में चमक आ जाती है जिससे व्यक्ति स्मार्ट लगने लगता है और उसके व्यक्तित्व में निखार आ जाता है।

प्रश्न 4.
कपड़ों को कलफ कैसे तथा क्यों लगाई जाती है ?
उत्तर-
माया का घोल बना लिया जाता है। कपड़े को निचोड़कर इसे घोल में डालते हैं तथा दोनों हाथों से दबाया जाता है। इसके बाद धूप में सुखाते हैं। इससे कपड़े में चमक आ जाती है तथा रेशा मज़बूत हो जाता है तथा सिलवटें भी नहीं पड़ती हैं।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कपड़ों को धोने से पहले उनकी क्या तैयारी करोगे ?
उत्तर-
कपड़ों को धोने से पहले तैयारी –

  1. सभी कपड़ों की अच्छी तरह जाँच करनी चाहिए।
  2. कोई भी कपड़ा कहीं से फटा या उधड़ा हों तो उसे ठीक कर लेना चाहिए।
  3. कपड़ों के बटन या हुक टूटे हुए हों तो उन्हें धोने के बाद तथा प्रेस करने से पहले ठीक कर लेना चाहिए।
  4. कपड़े धोने से पहले जेबों को देख लेना चाहिए। उनमें कोई कागज़, पैसे या कुछ और चीजें हों तो उसे निकाल लेना चाहिएं।
  5. कपड़े पर कोई ऐसे बटन या बक्कल आदि हों जिनका पानी से खराब होने का डर हो तो उन्हें उतार कर रख लेना चाहिए।
  6. कपड़ों पर कोई ऐसे दाग हों जो कि पानी तथा साबुन से न उतर सकते हों तो उन्हें पहले ही उसके विशेष प्रतिकारक से साफ़ कर लेना चाहिए।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 7 सूती कपड़ों की धुलाई

प्रश्न 2.
सफ़ेद कपड़ों को नील तथा माया कैसे लगाओगे ?
उत्तर-
सफ़ेद सूती कपड़ों को नील तथा माया एक साथ ही लगाए जाते हैं। माया का घोल बनाकर उसमें ही नील भी अच्छी तरह मिलाना चाहिए। कपड़े को निचोड़ने के बाद इसे घोल में डाल देना चाहिए तथा हाथों से दबाना चाहिए। इसके बाद निचोड़कर धूप में सुखा देना चाहिए।
PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 7 सूती कपड़ों की धुलाई 1

प्रश्न 3.
प्रैस करने के क्या नियम हैं ?
उत्तर–
प्रेस करने के निम्नलिखित नियम हैं –
1. प्रेस करने के लिए ऐसी मेज़ लेनी चाहिए जो न बहुत ऊँची, न बहुत नीची हो और हिलती भी न हो। उस पर कोई पुराना कम्बल या खेस बिछाना चाहिए तथा उसके ऊपर साफ़ चादर बिछा देनी चाहिए। चादर को मेज़ के पायों से बाँध देना चाहिए ताकि वह हिले नहीं।

2. पानी का प्याला तथा मलमल का कपड़ा बाईं ओर ऊपर से रखना चाहिए तथा प्रैस रखने के लिए पत्थर दाईं ओर नीचे की तरफ़ रखना चाहिए। पानी के छींटे मारने के लिए छिद्रों वाले ढक्कन वाला डिब्बा या बोतल भी इस्तेमाल की जा सकती है।

3. कपड़े ठीक तरह नमी युक्त होने चाहिएं। यदि कपड़े कम नमी वाले रह जाएंगे तो कपड़ों पर सिलवटें रह जाएंगी और अधिक ज़्यादा गीले हो जाने पर समय तथा ईंधन अधिक लगेगा।

4. प्रैस को गर्म कर लेना चाहिए। प्रैस सफ़ेद कपड़ों के लिए अधिक गर्म तथा रंगदार के लिए कम गर्म होनी चाहिए।

5. सफ़ेद या हल्के रंग के कपड़ों को सीधी ओर तथा गाढ़े रंग के कपड़ों को उल्टी ओर प्रैस करना चाहिए। सिलाइयों को पहले उल्टी ओर से प्रैस करना चाहिए।

6. कपड़े इकहरे प्रेस करना चाहिए तथा प्रैस को सदा सीधी रेखा में नीचे से ऊपर की ओर या दाईं ओर से बाईं ओर फेरना चाहिए।
PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 7 सूती कपड़ों की धुलाई 2

7. कढ़ाई वाले कपड़े को फलालेन के कपड़े पर उल्टा रखकर प्रेस करना चाहिए।

8. कपड़ों को प्रेस करने के बाद कुछ देर हवा में रखना चाहिए ताकि वे पूरी तरह सूख जाएँ।

9. इलास्टिक वाले भागों पर प्रैस नहीं करना चाहिए।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 7 सूती कपड़ों की धुलाई

प्रश्न 4.
किन-किन बातों का ध्यान रखकर कपड़ों को छांटना चाहिए ?
उत्तर-
कपड़ों को छाँटते समय निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए –

  1. सबसे पहले रंगदार कपड़े तथा सफ़ेद कपड़ों को अलग-अलग छाँटना चाहिए। इसमें से जिन कपड़ों के रंग कच्चे हों, उनको सबसे पहले या सबसे बाद में दूसरे कपड़ों से अलग करके धोना चाहिए ताकि दूसरे कपड़ों को रंग न लगे।
  2. मुलायम कपड़े जैसे-चंदेरी, आरकण्डी, रूबिया, मलमल आदि।
  3. बाहर पहनने वाले कपड़े-सलवार, कमीज़, पैंट, फ्रॉक आदि।
  4. अन्दर पहनने वाले कपड़े-कच्छे, बनियान आदि।
  5. बिस्तरों और घर के अन्य कपड़े-चादरें, सिरहाने के गिलाफ, तौलिए, मेज़पोश, टेबल, मैटस, झाड़न नैपकिन्स आदि।
  6. छोटे बच्चों के लंगोट।
  7. रूमाल-खासकर जुकाम के लिए इस्तेमाल किए गए रूमालों को अलग धोना चाहिए।
  8. एप्रिन, रसोई के और अन्य झाड़न।

Home Science Guide for Class 6 PSEB सूती कपड़ों की धुलाई Important Questions and Answers

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
हमारे वस्त्र गन्दे क्यों हो जाते हैं ?
उत्तर-
धूल व अन्य बाहरी अशुद्धियाँ तथा पसीने के सम्पर्क से।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 7 सूती कपड़ों की धुलाई

प्रश्न 2.
धोने से पूर्व वस्त्रों की छंटाई का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
वस्त्रों को उनकी प्रकृति एवं अवस्था के अनुसार छाँट कर अलग-अलग धोना, जैसे सफ़ेद व रंगीन वस्त्रों को अलग-अलग धोना।

प्रश्न 3.
वस्त्रों को धोने से पूर्व उनकी मरम्मत क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
फटे हुए, सिलाई हुई, उधड़े हुए या छेद हुए वस्त्रों को धोने से पूर्व उनकी मरम्मत इसलिए आवश्यक है कि वे और अधिक न फटे या न उधड़े या छेद और बड़ा न हो।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
वस्त्रों में कलफ लगाने से क्या लाभ होता है ?
उत्तर-
वस्त्रों में कलफ लगाने से निम्नलिखित लाभ होते हैं –

  1. वस्त्रों में कलफ लगाने से चमक और नवीनता आ जाती है।
  2. कपड़े में कलफ रहने से कपड़े में कड़ापन आ जाता है।
  3. कल्फ लगे वस्त्रों पर धूल नहीं जमती क्योंकि यह धागों के बीच के रिक्त स्थानों की पूर्ति करती है।
  4. वस्त्रों पर सिलवटें नहीं पड़ती हैं। वस्त्रों का आकार ठीक लगता है।
  5. कलफ लगे वस्त्र पहनने पर व्यक्ति स्मार्ट लगता है, उसके व्यक्तित्व में निखार आ जाता है। कलफ सूती वस्त्र, लिनन के वस्त्र व रेशमी वस्त्र पर किया जाता है।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 7 सूती कपड़ों की धुलाई

प्रश्न 2.
सूती वस्त्रों की धुलाई हम कैसे कर सकते हैं ?
उत्तर-
सूती वस्त्रों की धुलाई के लिए दो विधियाँ काम में लाई जाती हैं –
(अ) रगड़, (ब) हल्का दबाव।
रगड़कर वस्त्र धोने की विधि में साबुन, गर्म पानी, रगड़ने वाला तख्ता तथा ब्रुश की आवश्यकता होती है। इस विधि से वे वस्त्र धोए जाते हैं जो मज़बूत और टिकाऊ धागों से बने होते हैं। पानी में भिगोकर, साबुन लगाकर, रगड़ने वाले तख्ते पर ब्रश से वस्त्र को तब तक रगड़ा जाता है जब तक कि मैल पूरी तरह से दूर न हो जाए।

रंगीन तथा कोमल वस्त्रों को हल्के दबाव की विधि से धोया जाता है। टब में गुनगुना पानी लेकर उसमें साबुन का चूरा या डिटरजेन्ट पाउडर आदि घोलकर उसमें वस्त्र डाल दिए जाते हैं। बाद में हाथों द्वारा हल्के दबाव में मसलकर वस्त्रों को साफ़ किया जाता है।

वस्त्रों की धुलाई में अच्छे साबुन का प्रयोग करना चाहिए। धोते समय वस्त्रों को अधिक पीटने से उनके तन्तु कमज़ोर हो जाते हैं।

प्रश्न 3.
सूती वस्त्रों की विशेषताएं बताइए।
उत्तर-

  1. ये अत्यधिक शक्तिशाली तथा मजबूत होते हैं।
  2. इन्हें रगड़ने तथा पीटने से कोई भी हानिकारक प्रभाव नहीं होते हैं।
  3. ये ग्रीष्म ऋतु के लिए अति उत्तम होते हैं।
  4. इनमें सिलवटें शीघ्र पड़ जाती हैं।
  5. सूती वस्त्र नमी को जल्दी सोखते हैं।
  6. इन्हें धोने में किसी प्रकार की विशेष सावधानी की आवश्यकता नहीं होती।
  7. इनमें ताप-सहन क्षमता सबसे अधिक होती है।
  8. इन पर अम्ल का बुरा प्रभाव पड़ता है और क्षार का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 7 सूती कपड़ों की धुलाई

प्रश्न 4.
सूती वस्त्रों पर इस्तरी करने से क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
सूती वस्त्रों पर इस्तरी करने से निम्नलिखित लाभ हैं –

  1. वस्त्रों पर चमक आ जाती है।
  2. वस्त्रों में सुन्दरता तथा निखार आ जाता है।
  3. सिलवटें समाप्त हो जाती हैं।

एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
भारत में सबसे अधिक कौन-से कपड़े का प्रयोग होता है ?
उत्तर-
सूती कपड़े का।

प्रश्न 2.
रंगदार कपड़ों को कहां सुखाना चाहिए?
उत्तर-
छाया में।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 7 सूती कपड़ों की धुलाई

प्रश्न 3.
कपड़े के कौन-से भाग में प्रेस नहीं करना चाहिए ?
उत्तर-
इलास्टिक वाले भाग में।

प्रश्न 4.
कढ़ाई वाले कपड़े को …………………. के कपड़े पर उल्टा रख कर प्रैस करें।
उत्तर-
फ्लालेन।

प्रश्न 5.
अधिक नील लगने से कपड़े का रंग कैसा हो जाता है ?
उत्तर-
स्लेटी।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 7 सूती कपड़ों की धुलाई

प्रश्न 6.
कौन से पानी में साबुन की झाग नहीं बनती ?
उत्तर-
भारे पानी में।

सूती कपड़ों की धुलाई PSEB 6th Class Home Science Notes

  • भारत में सबसे अधिक सूती कपड़ों को ही प्रयोग में लाया जाता है क्योंकि ये सस्ते तथा अधिक समय तक चलने वाले होते हैं।
  • सूती कपड़े धोते समय नीचे लिखी बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है –
    1. कपड़े की बनावट
    2. कपड़े का रंग (कच्चा या पक्का)
    3. कपड़े की परिसज्जा।
  • कपड़ों को छाँटते समय सबसे पहले रंगदार कपड़े तथा सफ़ेद कपड़ों को अलग-अलग कर लेना चाहिए।
  • सफ़ेद सूती कपड़ों को यदि रातभर भिगोकर रख दिया जाए तो मेहनत, समय तथा साबुन की बचत होती है।
  • रसोई के झाड़न तथा मोटर ग्रीज़ वाले एप्रिनों को पानी में सोडा मिलाकर भिगोना चाहिए।
  • बिस्तरों तथा पहनने वाले कपड़ों को भी अलग-अलग भिगोना चाहिए।
  • कपड़ों को 24 घण्टे से अधिक समय तक एक ही पानी में नहीं भिगोना चाहिए क्योंकि कपड़ों में बैक्टीरिया उत्पन्न हो जाते हैं जो कपड़ों को हानि पहुँचाते है।
  • सभी सफ़ेद कपड़ों को धोने के बाद खंगालना चाहिए।
  • सफ़ेद कपड़ों को धूप में सुखाना चाहिए। इससे कपड़ों में सफ़ेदी तथा ताज़गी आती है।
  • रंगदार कपड़ों को छाँव में सुखाना चाहिए ताकि उनका रंग खराब न हो।
  • सफ़ेद या हल्के रंग के कपड़ों को सीधी ओर तथा गाढ़े रंग के कपड़ों को उल्टी ओर प्रैस करना चाहिए।
  • कपड़ों को प्रेस करने के बाद कुछ देर हवा में रखना चाहिए ताकि वे पूरी तरह सूख जाएँ।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 12 भारत 600 ई. पू. से 400 ई. पू. तक

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions History Chapter 12 भारत 600 ई. पू. से 400 ई. पू. तक Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 12 भारत 600 ई. पू. से 400 ई. पू. तक

SST Guide for Class 6 PSEB भारत 600 ई. पू. से 400 ई. पू. तक Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दें

प्रश्न 1.
महाजनपद से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
600 ई० पू० के लगभग भारत में अनेक गणतंत्र तथा राजतंत्र राज्यों की स्थापना हुई। इसमें से जो राज्य अधिक शक्तिशाली थे, उन्हें महाजनपद कहा जाता था। बौद्ध तथा जैन साहित्य के अनुसार इनकी संख्या 16 थी।

प्रश्न 2.
किन्हीं चार महत्त्वपूर्ण जनपदों के बारे में लिखें।
उत्तर-
मगध, कोशल, वत्स तथा अवन्ति चार महत्त्वपूर्ण जनपद थे।
1. मगध-मगध सबसे अधिक शक्तिशाली जनपद था। इसमें बिहार प्रान्त के गया तथा पटना के प्रदेश शामिल थे। इसकी राजधानी राजगृह थी।

2. कोशल-कोशल की राजधानी अयोध्या (साकेत) थी। इसमें आधुनिक उत्तर प्रदेश का अवध प्रदेश शामिल था।

3. वत्स-वत्स की राजधानी कौशांबी थी। यह जनपद काशी के पश्चिम भाग में प्रयाग के आस-पास के क्षेत्र में फैला हुआ था। इस जनपद का अवन्ति जनपद के साथ संघर्ष चलता रहता था।

4. अवन्ति-अवन्ति जनपद की राजधानी उज्जैन थी। इसमें मालवा तथा मध्य प्रदेश का कुछ भाग शामिल था।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 12 भारत 600 ई. पू. से 400 ई. पू. तक

प्रश्न 3.
हर्यक वंश के अधीन मगध के उत्थान का वर्णन करें।
उत्तर-
मगध राज्य में आरम्भ में केवल बिहार प्रान्त के गया तथा पटना के प्रदेश ही शामिल थे, लेकिन बाद में हर्यक वंश के राजाओं बिम्बिसार तथा अजातशत्रु के अधीन इसका बहुत उत्थान हुआ।

1. बिम्बिसार-बिम्बिसार मगध का सबसे अधिक शक्तिशाली शासक था। उसने 543 ई०पू० से 492 ई०पू० तक शासन किया। उसने गंगा नदी पर अधिकार कर लिया। उसने दक्षिण-पूर्व के अंग राज्य को जीता तथा गंगा तट की मुख्य बन्दरगाह चम्पा पर अधिकार जमाया। उसकी राजधानी नालन्दा के समीप राजगृह थी।

2. अजातशत्रु-अजातशत्रु बिम्बिसार का पुत्र था। उसने 492 ई० पू० से 460 ई० पू० तक राज्य किया। उसने पड़ोसी राज्यों पर हमला करके अपने राज्य का विस्तार किया। उसने काशी, कोशल तथा वैशाली पर विजय प्राप्त करके मगध को उत्तरी भारत का सबसे शक्तिशाली राज्य बना दिया। उसने पाटलिपुत्र (पटना) को अपनी नई राजधानी बनाया।

प्रश्न 4.
इस काल (600 ई० पू० से 400 ई० पू० तक) में जाति-प्रथा एवं चार आश्रमों के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
600 ई० पूर्व से 400 ई० पूर्व तक के भारत में जाति प्रथा समाज की महत्त्वपूर्ण विशेषता थी। जाति प्रथा कठोर थी। समाज मुख्य तौर पर चार जातियों में बंटा हुआ था। ये जातियां ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य तथा शूद्र थीं। समाज में ब्राह्मणों को बहुत सम्मान दिया जाता था, जबकि शूद्रों की स्थिति बहुत ख़राब थी तथा उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता था। जाति प्रथा जन्म पर आधारित थी।

उपरोक्त चार जातियों के अलावा समाज में व्यवसाय पर आधारित अनेक उपजातियां भी थीं। इन उपजातियों में बढ़ई, लोहार, सुनार, रथकार, कुम्हार तथा तेली आदि शामिल थे।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 12 भारत 600 ई. पू. से 400 ई. पू. तक

प्रश्न 5.
आहत-सिक्कों के बारे में एक नोट लिखें।
उत्तर-
600 ई० पूर्व से 400 ई० पूर्व तक के भारत में वस्तुओं के क्रय-विक्रय के लिए तांबे तथा चांदी के बने सिक्कों का प्रयोग किया जाता था। इन सिक्कों का भार तो निश्चित होता था, लेकिन इनका कोई आकार नहीं होता था। इन पर कई प्रकार की आकृतियों के ठप्पे लगाए जाते थे। इन्हें आहत-सिक्के कहा जाता था।

प्रश्न 6.
जैन धर्म के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
जैन धर्म 600 ई० पूर्व में अस्तित्व में आया था। इस धर्म के 24 गुरु हुए हैं, जिन्हें तीर्थंकर कहते हैं। आदिनाथ (ऋषभ नाथ) पहले तीर्थंकर तथा वर्धमान महावीर 24वें तीर्थंकर थे।
शिक्षाएं-जैन धर्म की शिक्षाएं निम्नलिखित हैं –

  1. अहिंसा-अहिंसा जैन धर्म का मुख्य सिद्धान्त है। इसका अर्थ यह है कि मनुष्य को मन, वचन तथा कर्म से किसी को कष्ट नहीं देना चाहिए।
  2. अस्तय-मनुष्य को सत्य बोलना चाहिए और कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए।
  3. चोरी न करना-चोरी करना पाप है। बिना आज्ञा से किसी की वस्तु लेना अथवा धन लेना चोरी है। इससे दूसरों को कष्ट होता है।
  4. अपरिग्रह-आवश्यकता से अधिक संग्रह न करना। सम्पत्ति इकट्ठी करना उचित नहीं है। इससे जीवन में लगाव पैदा होता है तथा मनुष्य सांसारिक बन्धनों में बंध जाता है।
  5. ब्रह्मचर्य-मनुष्य को संयमपूर्वक जीवन व्यतीत करना चाहिए।
  6. कठोर तपस्या-कठोर तपस्या करने से मनुष्य को जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है।
  7. त्रिरत्न-त्रिरत्न मोक्ष प्राप्त करने का मार्ग है। ये त्रिरत्न शुद्ध ज्ञान, शुद्ध दर्शन तथा शुद्ध चरित्र हैं।

जैन धर्म के सम्प्रदाय-श्वेताम्बर तथा दिगम्बर, जैन धर्म के दो सम्प्रदाय हैं।

  1. श्वेताम्बर-जैन धर्म के इस सम्प्रदाय के मुनि सफ़ेद कपड़े पहनते हैं।
  2. दिगम्बर-जैन धर्म के इस सम्प्रदाय के मुनि कोई कपड़ा नहीं पहनते।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 12 भारत 600 ई. पू. से 400 ई. पू. तक

प्रश्न 7.
बौद्ध धर्म की प्रमुख शिक्षाएं कौन-सी हैं?
उत्तर-
बौद्ध धर्म की प्रमुख शिक्षाएं निम्नलिखित हैं –
1. चार महान् सत्य-बौद्ध धर्म के चार महान् सत्य ये हैं –
(i) संसार दुःखों का घर है।
(ii) दुःखों का कारण इच्छाएं (तृष्णा) हैं।
(iii) इच्छाओं (तृष्णा) को नियन्त्रण में करने से दुःखों से छुटकारा मिल सकता है।
(iv) इच्छाओं (तृष्णा) का दमन अष्टमार्ग द्वारा हो सकता है।

2. अष्टांग मार्ग-महात्मा बुद्ध ने दुःखों से छुटकारा पाने तथा निर्वाण प्राप्त करने के लिए अष्टांग मार्ग बताया है। इस मार्ग के आठ सिद्धान्त ये हैं –
(i) सच्ची (सम्यक्) दृष्टि,
(ii) सच्चा संकल्प,
(iii) सत्य वचन,
(iv) सच्चा कर्म,
(v) सच्ची आजीविका,
(vi) सच्चा यत्न,
(vii) सच्ची स्मृति,
(viii) सच्ची समाधि।

3. मध्य मार्ग- महात्मा बुद्ध ने मध्य मार्ग अपनाने की भी शिक्षा दी। उनके अनुसार, मनुष्य को न तो कठोर तपस्या के द्वारा अपने शरीर को अधिक कष्ट देना चाहिए तथा न ही अपने जीवन को व्यर्थ भोग-विलास में डुबोकर रखना चाहिए।

4. नैतिक शिक्षा-बुद्ध धर्म की नैतिक शिक्षाओं में अहिंसा, सत्य बोलना, नशीली वस्तुओं का सेवन न करना, धन से दूर रहना, समय पर भोजन करना तथा किसी की सम्पत्ति पर नज़र न रखना आदि शामिल हैं।

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

  1. बिम्बिसार ने …………… से ……………. ई० पू० तक राज्य किया।
  2. मंत्रियों को …………… भी कहा जाता था।
  3. कृषि एवं पशुपालन …………… मुख्य व्यवसाय थे।
  4. जैन धर्म के कुल ……………… तीर्थंकर हुए हैं।
  5. गौतम बुद्ध का वास्तविक नाम ………. था।
  6. भगवान महावीर ने लगभग …………. वर्षों तक गृहस्थ जीवन व्यतीत किया।

उत्तर-

  1. 543, 492
  2. अमात्य
  3. लोगों का
  4. 24.
  5. सिद्धार्थ
  6. 30.

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III. सही जोड़े बनायें –

(1) मगध – (क) गणतन्त्र
(2) अजातशत्रु – (ख) महाजनपद
(3) वज्जि – (ग) निगम (शिल्प संस्था)
(4) श्रेणी – (घ) राजा
(5) पार्श्वनाथ – (ङ) तीर्थंकर।
उत्तर-
सही जोड़े –
(1) मगध – महाजनपद
(2) अजातशत्रु – राजा
(3) वज्जि – गणतन्त्र
(4) श्रेणी – निगम (शिल्प संस्था)
(5) पार्श्वनाथ – तीर्थंकर

IV. निम्नलिखित में से सही (✓) अथवा (✗) ग़लत बतायें –

  1. शोडष जनपदों का उल्लेख बौद्ध साहित्य में है।
  2. बिम्बिसार ने 543 से 492 ई० तक राज्य किया।
  3. मन्त्रियों को चेर के नाम से जाना जाता था।
  4. कृषि-कर प्रायः उपज का 1/4 भाग होता था।
  5. सार्थवाह व्यापारियों का नेता था।
  6. जैनियों का विश्वास है कि 24 तीर्थंकर थे।
  7. गौतम बुद्ध सिद्धार्थ का पुत्र था।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✗)
  4. (✗)
  5. (✗)
  6. (✓)
  7. (✗)

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PSEB 6th Class Social Science Guide भारत 600 ई. पू. से 400 ई. पू. तक Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
जैनियों के 24 तीर्थंकर थे? क्या आप 23वें तीर्थंकर का नाम बता सकते
उत्तर-
भगवान पार्श्वनाथ।

प्रश्न 2.
बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध थे। क्या आप ‘बुद्ध’ शब्द का अर्थ बता सकते हैं?
उत्तर-
ज्ञानवान् पुरुष।

प्रश्न 3.
महात्मा बुद्ध के अनुसार दुःखों का कारण क्या है? ।
उत्तर-
तृष्णा।

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बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
महात्मा बुद्ध की माता का नाम क्या था?
(क) यशोधरा
(ख) महामाया
(ग) विश्ववारा।
उत्तर-
(ख) महामाया

प्रश्न 2.
महावीर स्वामी को कठोर तप के पश्चात् कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई। निम्न में से इसका क्या अर्थ है?
(क) स्वर्ग नरक का ज्ञान
(ख) मानव जाति का सम्पूर्ण ज्ञान
(ग) ब्राह्माण्ड का सम्पूर्ण ज्ञान।
उत्तर-
(ग) ब्राह्माण्ड का सम्पूर्ण ज्ञान

प्रश्न 3.
‘त्रिपिटक’ एक महान पुरुष की शिक्षाओं का संग्रह है। उस महान पुरुष का नाम निम्न में से क्या था?
(क) महावीर स्वामी
(ख) भक्त कबीर
(ग) भगवान बुद्ध।
उत्तर-
(ग) भगवान बुद्ध

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अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मगध राज्य सबसे पहले किस शासक के समय में अत्यधिक शक्तिशाली बना?
उत्तर-
बिंबिसार के समय में।

प्रश्न 2.
बिंबिसार के समय मगध की राजधानी कौन-सी थी?
उत्तर-
बिंबिसार के समय मगध की राजधानी राजगृह थी।

प्रश्न 3.
बिंबिसार ने कौन-से राज्यों के साथ वैवाहिक सम्बन्ध स्थापित किए?
उत्तर-
बिंबिसार ने कोशल, वैशाली तथा मादरा राज्यों के साथ वैवाहिक सम्बन्ध स्थापित किए।

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प्रश्न 4.
नन्द वंश का संस्थापक कौन था?
उत्तर-
नन्द वंश का संस्थापक महापदमनन्द था।

प्रश्न 5.
महावीर स्वामी का आरम्भिक नाम क्या था?
उत्तर-
महावीर स्वामी का आरम्भिक नाम वर्धमान था।

प्रश्न 6.
महावीर स्वामी के माता-पिता का नाम बताएं।
उत्तर-
महावीर स्वामी की माता का नाम त्रिशला तथा पिता का नाम सिद्धार्थ था।

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प्रश्न 7.
महावीर स्वामी को किस आयु में ज्ञान की प्राप्ति हुई?
उत्तर-
महावीर स्वामी को 42 वर्ष की आयु में ज्ञान की प्राप्ति हुई।

प्रश्न 8.
जैन धर्म के त्रिरत्नों के बारे में लिखें।
उत्तर-
जैन धर्म के त्रिरत्न सत्य विश्वास, सत्य ज्ञान तथा सत्य कर्म हैं। महावीर स्वामी के अनुसार मनुष्य इनका पालन करके मुक्ति प्राप्त कर सकता है।

प्रश्न 9.
महात्मा बुद्ध का जन्म कब तथा कहां हुआ?
उत्तर-
महात्मा बुद्ध का जन्म 567 ई० पू० में कपिलवस्तु में हुआ।

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प्रश्न 10.
महात्मा बुद्ध के माता-पिता का नाम बताएँ।
उत्तर-
महात्मा बुद्ध की माता का नाम महामाया तथा पिता का नाम शुद्धोधन था।

प्रश्न 11.
महात्मा बुद्ध ने अपना पहला उपदेश कहां दिया? इसे क्या कहते हैं?
उत्तर-
महात्मा बुद्ध ने अपना पहला उपदेश सारनाथ के हिरण पार्क में दिया। इसे “धर्म चक्र परिवर्तन” कहते हैं।

प्रश्न 12.
अष्टमार्ग के आठ सिद्धान्त लिखें।
उत्तर-
सच्ची दृष्टि, सच्चा संकल्प, सच्चा वचन, सच्चा कर्म, सच्चा रहन-सहन, सच्चा यत्न, सच्ची स्मृति, सच्चा ध्यान।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
गणराज्य से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
600 ई० पूर्व के महाजनपदों में से कई गणराज्य थे। गणराज्य की राजनीतिक स्थिति राजतन्त्र से अलग थी। इनकी सरकार में कोई राजा नहीं होता था। इनकी सरकार लोगों द्वारा चुने हुए किसी मुखिया के हाथ में होती थी। इनका पद भी पैतृक नहीं होता था। सरकार का सारा काम चुने हुए व्यक्ति आपस में सलाह से करते थे।

प्रश्न 2.
राजतन्त्र की सरकार के बारे में लिखें।
उत्तर-
राजतन्त्र में राजा की सरकार थी। राजा का पद पैतृक था। राजा अपने मन्त्रियों की सहायता से शासन करता था। कानून बनाने, कानून को लागू करने तथा न्याय करने की सभी शक्तियां उसी के हाथों में थीं। वह जनता की समृद्धि, सुख-शान्ति तथा राज्य की उन्नति करने के लिए प्रयत्न करना अपना कर्त्तव्य समझता था। राज्य की आय का मुख्य स्रोत कर थे।

प्रश्न 3.
नन्द वंश का संस्थापक कौन था? उसके बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
नन्द वंश का संस्थापक महापदमनन्द था। उसके पास एक शक्तिशाली स्थायी सेना थी। उसकी शक्ति का बहुत अधिक दबदबा था। यहां तक कि यूनानी शासक सिकन्दर भी उससे डर कर ब्यास नदी को पार करने की हिम्मत न कर सका।

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प्रश्न 4.
नंद वंश के शासक धनानन्द पर संक्षिप्त नोट लिखें।
उत्तर-
महापदमनन्द का पुत्र धनानन्द नंद वंश का अन्तिम शासक था। उसके पास एक बहुत बड़ी सेना थी। लेकिन वह आलसी, क्रोधी, विलासी तथा निर्दयी राजा था। वह प्रजा में बदनाम था। उसे चन्द्रगुप्त मौर्य ने हराकर नन्द वंश का अन्त कर दिया।

प्रश्न 5.
वर्धमान महावीर के बचपन तथा विवाह के बारे में लिखें।
उत्तर-
वर्धमान महावीर जैन धर्म के 24वें तथा अन्तिम तीर्थंकर थे। इनका जन्म 599 ई० पूर्व में वर्तमान बिहार के वैशाली के समीप कुण्डग्राम में हुआ। इनके पिता का नाम सिद्धार्थ तथा माता का नाम त्रिशला था। इनके पिता लिच्छवी कबीले के सरदार थे। राज परिवार से सम्बन्ध होते हुए भी महावीर जी ने बहुत सादा जीवन व्यतीत किया। उनका विवाह यशोदा नाम की राजकुमारी के साथ हुआ तथा इनके घर एक पुत्री का भी जन्म हुआ।

प्रश्न 6.
600 ई० पू० से 400 ई० पू० तक आश्रम व्यवस्था की जानकारी दीजिए।
उत्तर-
इस काल में मनुष्य के जीवन को चार भागों में बांटा गया था। इन भागों को आश्रम कहते थे। ये आश्रम इस प्रकार थे-

  1. ब्रह्मचर्य आश्रम,
  2. गृहस्थ आश्रम,
  3. वानप्रस्थ आश्रम,
  4. संन्यास आश्रम।

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निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
बौद्ध धर्म का विकास क्यों हुआ?
उत्तर–
बौद्ध धर्म के विकास के मुख्य कारण निम्नलिखित थे –
(1) बौद्ध धर्म एक सरल धर्म था। इसकी शिक्षाएं बहुत सरल थीं।
(2) महात्मा बुद्ध ने अपने धर्म का प्रचार साधारण लोगों की भाषा में किया।
(3) लोग यज्ञों आदि से तंग आ चुके थे। बौद्ध धर्म ने उन्हें यज्ञों से छुटकारा दिलाया।
(4) बौद्ध धर्म में जाति-पाति का कोई भेदभाव नहीं था। इसलिए शूद्र जाति के लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी बन गए।
(5) महात्मा बुद्ध ने मठों की स्थापना की। इन मठों में बौद्ध भिक्षु रहते थे। उनके शुद्ध जीवन से प्रभावित होकर अनेक लोगों ने बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया।
(6) बौद्ध धर्म को कई राजाओं ने भी अपनाया। अशोक तथा कनिष्क जैसे राजाओं ने बौद्ध धर्म का प्रचार न केवल अपने राज्य में किया, बल्कि उन्होंने इसका प्रचार विदेशों में भी करवाया।
(7) लोग महात्मा बुद्ध के.ऊंचे चरित्र से भी प्रभावित हुए।
इन सभी कारणों से बौद्ध धर्म भारत, चीन, कोरिया, तिब्बत, जापान, श्रीलंका आदि अनेक देशों में फैल गया।

प्रश्न 2.
बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म में क्या अन्तर था?
उत्तर-
बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म, दोनों 600 ई० पू० के धार्मिक आन्दोलन थे। दोनों धर्मों की उत्पत्ति उस समय हुई जब भारतीय समाज में बहुत-सी बुराइयां आ गई थीं। दोनों धर्म जाति-पाति के विरुद्ध तथा अहिंसा के पक्ष में थे। लेकिन इनमें कई भिन्नताएं भी थीं –

1. दोनों धर्म अहिंसा में विश्वास रखते थे, लेकिन जैन धर्म अहिंसा.पर बौद्ध धर्म से भी अधिक ज़ोर देता था। इसलिए जैन धर्म के अनुयायी पानी छानकर पीते हैं तथा नंगे . पांव चलते हैं।

2. बौद्ध धर्म में मुक्ति का मार्ग अष्टमार्ग है जबकि जैन धर्म में मुक्ति का मार्ग कठोर तपस्या तथा अपने शरीर को घोर कष्ट देने का रास्ता है।

3. बौद्ध धर्म ईश्वर के अस्तित्व के बारे में मौन है। जबकि जैन धर्म तो ईश्वर के अस्तित्व में बिल्कुल विश्वास नहीं रखता।

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भारत 600 ई. पू. से 400 ई. पू. तक PSEB 6th Class Social Science Notes

  • जनपद का अर्थ – उत्तर भारत में लगभग 600 ई० पूर्व अस्तित्व में आए। गणतन्त्र तथा राजतन्त्र राज्यों को जनपद कहा जाता था।
  • जनपदों की संख्या – बौद्ध तथा जैन साहित्य में जनपदों की संख्या 16 बताई गई है।
  • महत्त्वपूर्ण जनपद – काशी, कोशल, अंग, वत्स, अवन्ति तथा मगध अधिक महत्त्वपूर्ण जनपद थे।
  • प्रसिद्ध गणराज्य – प्रसिद्ध गणराज्य मल्ल तथा वजी थे।
  • सबसे शक्तिशाली जनपद – मगध सबसे शक्तिशाली जनपद था।
  • नंद वंश – मगध के नंद वंश ने सम्पूर्ण गंगा के मैदान को अपने अधीन कर लिया था।
  • 600 ई० पूर्व से 400 ई० पूर्व तक के भारत के प्रसिद्ध नगर – वाराणसी, राजगृह, श्रावस्ती, कौशांबी, वैशाली, चम्पा, उज्जैन, तक्षशिला, अयोध्या, मथुरा तथा पाटलिपुत्र 1600 ई० पूर्व से 400 ई० पूर्व तक के भारत के प्रसिद्ध नगर थे।
  • 1600 ई० पूर्व से 400 ई० पूर्व तक के भारत में जाति प्रथा की स्थिति – 1600 ई० पूर्व से 400 ई० पूर्व तक के भारत में जाति प्रथा कठोर हो गई थी।
  • जीवन के चार आश्रम – जीवन के चार आश्रम ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ तथा संन्यास आश्रम थे।
  • 1600 ई० पूर्व से 400 ई० पूर्व तक के भारत में लोगों के मुख्य व्यवसाय – 600 ई० पूर्व से 400 ई० पूर्व तक के भारत में लोगों के मुख्य व्यवसाय कृषि तथा पशुपालन थे।
  • 600 ई० पूर्व में भारत में आरंभ हुए दो धार्मिक आन्दोलन – 600 ई० पूर्व में भारत में दो धार्मिक आन्दोलन आरम्भ हुए । ये आन्दोलन जैन धर्म तथा बौद्ध धर्म थे।
  • जैन धर्म के गुरु – जैन धर्म के गुरुओं को तीर्थंकर कहते हैं। कुल 24 तीर्थंकर हुए हैं। पहले तीर्थंकर आदिनाथ तथा अन्तिम वर्धमान महावीर थे।
  • बौद्ध धर्म के संस्थापक – बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध थे।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 14 भारत 200 ई. पू. से 300 ई. तक

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions History Chapter 14 भारत 200 ई. पू. से 300 ई. तक Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 14 भारत 200 ई. पू. से 300 ई. तक

SST Guide for Class 6 PSEB भारत 200 ई. पू. से 300 ई. तक Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखें

प्रश्न 1.
सातवाहनों के प्रशासन के बारे में लिखें।
उत्तर-
सातवाहनों ने दक्कन में लगभग 300 वर्षों तक राज्य किया। इनका प्रशासन बहुत उत्तम था, जिस कारण राज्य में सुख-शान्ति तथा समृद्धि थी। इनके प्रशासन का वर्णन इस प्रकार है –

  1. राजा-सातवाहन साम्राज्य में राजा को सर्वोच्च स्थान प्राप्त था। उसे धर्म का रक्षक तथा दैवी शक्तियों का मालिक माना जाता था। चाहे राजा निरंकुश था, फिर भी स्थानीय संस्थाओं को पूर्ण स्वतन्त्रता प्राप्त थी।
  2. अधिकारी-अमात्य तथा महामात्र आदि अधिकारी शासन चलाने में राजा की सहायता करते थे।
  3. प्रान्त-साम्राज्य प्रान्तों में बंटा हुआ था। प्रान्त का प्रशासन सेनापति द्वारा चलाया जाता था।
  4. जिले-प्रान्तों को जिलों में बांटा हुआ था। ज़िलों को अहारास कहा जाता था।
  5. गांवों का प्रशासन-गांवों का प्रशासन गांव के मुखिया द्वारा चलाया जाता था जो ‘गोलमिकास’ कहलाता था।
  6. न्याय तथा सेना-सातवाहनों की न्याय व्यवस्था कठोर थी। सेना में घोड़ों, पैदल सैनिकों, रथों, हाथियों तथा नौकाओं का प्रयोग किया जाता था।
  7. आय के साधन-सातवाहनों की आय का मुख्य साधन शायद भूमिकर था।

प्रश्न 2.
प्रथम महान् चोल शासक कौन था तथा उसकी प्राप्तियां कौन-सी थीं?
उत्तर-
प्रथम् महान् चोल शासक कारीकल था।
प्राप्तियां-

  1. कारीकल ने अपने पड़ोसी चेर तथा पांड्य राजाओं को बुरी तरह से हराया।
  2. उसने श्रीलंका पर आक्रमण किया।
  3. उसने जंगलों को साफ़ करके भूमि को कृषि योग्य बनाया और सिंचाई के लिए नहरों तथा तालाबों का प्रबन्ध किया।
  4. उसने बाढ़ों को रोकने के लिए कावेरी नदी पर बांध बनवाया।

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प्रश्न 3.
200 ई० पू० से 300 ई० तक दक्षिण भारत के लोगों के जीवन बारे में लिखें।
उत्तर-
200 ई० पू० से 300 ई० तक दक्षिण भारत के लोगों का जीवन बहुत साधारण था। अधिकतर लोग किसान थे तथा गांवों में रहते थे।

  1. लेकिन शाही घराने के लोग तथा अमीर लोग शहरों के भीतरी भागों में रहते थे।
  2. बहुत-से व्यापारी तथा कारीगर समुद्री तटों के साथ लगते शहरों में बसे हए थे ताकि उन्हें व्यापार करने में आसानी रहे।
  3. लोग परिवार में मिल-जुल कर रहते थे। दिन भर काम करने के पश्चात् लोग अपना मनोरंजन करने के लिए संगीत, नृत्य, कविता-पाठ तथा जुआ आदि मनोरंजन के साधनों का प्रयोग करते थे।
  4. संगीत-यन्त्रों के रूप में वीणा, बांसुरी, तारों के तरंग वाले यन्त्रों तथा ढोल का प्रयोग किया जाता था। संगीत बहुत विकसित था। लोग रात तथा दिन के लिए अलगअलग राग बजाते-गाते थे।
  5. किसान, व्यापारी, पशु-पालक तथा कारीगर सरकार को टैक्स देते थे।

प्रश्न 4.
महापाषाण संस्कृति के बारे में आप क्या जानते हो?
उत्तर-
दक्षिणी भारत में महापाषाण संस्कृति लगभग 1000 ई० पू० अस्तित्व में आई थी। इस भाग में वे लोग निवास करते थे, जिन्हें महापाषाण-निर्माता कहा जाता है। किसी विशाल पत्थर को महापाषाण कहते हैं। इस संस्कृति के लोग अपनी कब्रों को बड़े-बड़े पत्थरों के टुकड़ों से घेर देते थे। इसी कारण उनकी संस्कृति को महापाषाण संस्कृति का नाम दिया गया है।

महापाषाण संस्कृति की जानकारी हमें महाराष्ट्र में इनामगांव, तकलाघाट, म्यूरभाटी तथा दक्षिणी भारत में मास्की, कोपब्ल तथा ब्रह्मगिरि आदि स्थानों से मिले खण्डहरों से प्राप्त होती है। इन खण्डहरों से पता चलता है कि महापाषाण संस्कृति के लोग काले तथा लाल रंग के मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग करते थे। इन बर्तनों में भिन्न-भिन्न प्रकार के मटके तथा अन्य बर्तन शामिल होते थे। कई बर्तन चाक पर बनाए जाते थे।

लोग कृषि तथा शिकार, दोनों प्रकार के व्यवसाय करते थे। कृषि का व्यवसाय काफ़ी उन्नत था, परन्तु अधिकतर लोग शिकार करना पसन्द करते थे।

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प्रश्न 5.
महापाषाण संस्कृति के दफ़नाने के ढंग सम्बन्धी लिखें।
उत्तर-
महापाषाण संस्कृति के लोग मृतकों को दफनाने के लिए एक विशेष रिवाज का पालन करते थे। वे मृतकों को दफ़नाकर उनके चारों ओर बड़े-बड़े पत्थरों का एक घेरा बनाते थे। इसके अतिरिक्त वे लोग मृतकों के बर्तन, औज़ार तथा हथियार आदि उनके साथ ही दफ़ना देते थे। शायद उन लोगों को विश्वास था कि मृत्यु के पश्चात् मनुष्य दूसरे संसार में चला जाता है तथा उसे वहाँ भी अपनी वस्तुओं की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 6.
डिमिट्रियस तथा मिनेन्द्र कौन थे?
उत्तर-
1. डिमिट्रियस-डिमिट्रियस पहला हिन्द-यूनानी हमलावर था जिसने मौर्य साम्राज्य के पतन के बाद भारत पर हमला करके अफ़गानिस्तान, पंजाब तथा सिन्ध के एक बड़े भाग पर कब्जा कर लिया था। लेकिन डिमिट्रियस को मध्य एशिया के बलख प्रान्त से हाथ धोने पड़े थे क्योंकि वहां यूकेटाइस ने सफल विद्रोह किया था।

2. मिनेन्द्र-मिनेन्द्र हिन्द-यूनानियों का एक महान् शासक था। उसने बौद्ध धर्म अपना लिया था। बौद्ध साहित्य में यह मिलिन्द के नाम से प्रसिद्ध है। वह बहुत योग्य तथा वीर शासक था। उसने पुष्यमित्र शुंग के काल में भारत पर आक्रमण करके पंजाब (आधुनिक पाकिस्तान सहित) तथा कश्मीर के कुछ भागों पर अधिकार कर लिया।

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प्रश्न 7.
शकों (सिथियन्ज) के बारे में आप क्या जानते हो?
उत्तर-
सिथियन्ज़ अथवा शक अथवा मध्य एशिया के मूल निवासी थे। ये 200 ई० पू० के मध्य में भारत में आक्रमणकारी के रूप में आए थे तथा यहां ही स्थायी रूप में रहने लग पड़े। आरम्भ में इन लोगों की बस्तियां उत्तर-पश्चिमी पंजाब, उत्तर प्रदेश में मथुरा तथा मध्य भारत में थीं। परन्तु बाद में पश्चिमी भारत का गुजरात तथा मध्य प्रदेश का उज्जैन क्षेत्र उनकी शक्ति के केन्द्र बन गए। रुद्रदमन प्रथम, सिथियन्ज़ वंश का बहुत प्रसिद्ध शासक था, जिसने 200 ई० में राज्य किया। चौथी शताब्दी के अन्त में गुप्त सम्राट चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य (चन्द्रगुप्त द्वितीय) ने सिथियन्ज़ को हरा कर उनके शासन का अन्त कर दिया।

प्रश्न 8.
कनिष्क पर एक नोट लिखें।
उत्तर-
कनिष्क कुषाण वंश का सबसे प्रसिद्ध शासक था। उसने 78 ई० से 102 ई० तक शासन किया। वीरता की दृष्टि से उसकी तुलना समुद्रगुप्त के साथ की जाती है।
राज्य का विस्तार-कनिष्क के शासन काल में कुषाण राज्य का सबसे अधिक विस्तार हुआ। उसका राज्य बिहार तक फैला हुआ था, जिसमें मध्य भारत, गुजरात, सिन्ध, पंजाब, अफ़गानिस्तान तथा बलख शामिल थे। उसने चीनी सेनापति पान चाओ से भी युद्ध किया था।

बौद्ध धर्म तथा कनिष्क-बौद्ध धर्म के अनुयायी के रूप में कनिष्क की तुलना सम्राट अशोक से की जाती है। उसने बौद्ध धर्म के मठों तथा विहारों की मरम्मत करवाई तथा कई नवीन मठों तथा विहारों का निर्माण करवाया। उसने कश्मीर में बौद्ध धर्म के विद्वानों की एक सभा बुलाई थी, जिसे चतुर्थ बौद्ध सभा कहा जाता है। उसने अश्वघोष, नागार्जुन तथा वसुमित्र जैसे बौद्ध विद्वानों को आश्रय दिया।

कला-प्रेमी-कनिष्क एक महान् कला-प्रेमी था। उसके समय में महात्मा बुद्ध की अनेक सुन्दर मूर्तियां बनाई गईं। उसके काल में गंधार कला के अलावा मथुरा कला का भी विकास हुआ। उसने बहुत-से सोने-चांदी के सिक्के भी चलाए।

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

  1. गौतमीपुत्र शातकर्णी ने ……….. से ………….. तक राज्य किया।
  2. सातवाहनों ने नगरों तथा गाँवों को जोड़ने के लिए …………. बनवाई।
  3. सातवाहन शासक ………….. के अनुयायी थे।
  4. पाण्डेय राज्य की राजधानी …………. थी।
  5. पल्लव जिन्हें अंग्रेज़ी में ………….. कहते थे, ईरान से भारत आने वाला एक विदेशी कबीला था।
  6. कुषाण वंश का सबसे प्रसिद्ध राजा …………… था।

उत्तर-

  1. 106 ई०, 130
  2. सड़कें
  3. हिंदू धर्म
  4. मदुरै
  5. पार्थियन
  6. कनिष्क।

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III. निम्नलिखित के ठीक जोड़े बनायें

  1. गौतमीपुत्र शातकर्णी का उत्तराधिकारी – (क) यज्ञश्री शातकर्णी
  2. सातवाहनों का अन्तिम महान् शासक – (ख) वशिष्ठीपुत्र पुलमावि
  3. काले तथा लाल बर्तन – (ग) कुम्हार का काम
  4. दरांती और कस्सी – (घ) कुषाण शासक
  5. मिनेन्द्र – (ङ) चीनी सेनापति
  6. कुजुल कैडफिसिज़ – (च) हिन्द-यूनानी आक्रमणकारी
  7. पान चाओ – (छ) बौद्ध विद्वान्
  8. अश्वघोष – (ज) औज़ार

उत्तर-
सही जोड़े

  1. गौतमीपुत्र शातकर्णी का उत्तराधिकारी – वशिष्ठीपुत्र पुलमावि
  2. सातवाहनों का अन्तिम महान् शासक – यज्ञश्री शतकर्णी
  3. काले तथा लाल बर्तन – कुम्हार का काम
  4. दरांती तथा कस्सी – औज़ार
  5. मिनेन्द्र – हिन्द-यूनानी आक्रमणकारी
  6. कुजुल कैडफिसिज़ – कुषाण शासक
  7. पान चाओ – चीनी सेनापति
  8. अश्वघोष – बौद्ध विद्वान्।

IV. सही (✓) अथवा ग़लत (✗) बताएं

  1. दक्कन में पाण्डेय मौर्यों के प्रसिद्ध उत्तराधिकारी थे।
  2. गौतमीपुत्र शातकर्णी ने 106 ई० से 131 ई० तक राज्य किया।
  3. संगीत, नाच, कविता-उच्चारण तथा जुआ आदि मनोरंजन की प्रसिद्ध किस्में थीं।
  4. शकों को चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य ने पराजित नहीं किया था।
  5. गोडोफ़र्नीज़ एक सिथियन शासक था।
  6. कनिष्क ने चौथी बौद्ध-सभा बुलाई थी।
  7. हुविष्क एक पार्थियन शासक था।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✓)
  4. (✗)
  5. (✗)
  6. (✓)
  7. (✗)

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PSEB 6th Class Social Science Guide भारत 200 ई. पू. से 300 ई. तक Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
गौतमी पुत्र शातकर्णी दक्कन राजवंश का एक प्रसिद्ध शासक था। उस वंश का नाम बताएं।
उत्तर-
सातवाहन।

प्रश्न 2.
सातवाहन शासक हिन्दू धर्म के अनुयायी थे। परंतु उनका व्यापारी वर्ग . एक अन्य धर्म को मानता था। वह धर्म कौन-सा था?
उत्तर-
बौद्ध धर्म।

प्रश्न 3.
भारत का प्रसिद्ध यूनानी शासक मिनेंद्र बौद्ध साहित्य में किस नाम से प्रसिद्ध है? .
उत्तर-
सम्राट् मिलिन्द।

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बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कुषाण शासक कनिष्क ने निम्न में से किस चीनी सेनापति से युद्ध किया?
(क) पान चाओ
(ख) चिन पिंग
(ग) पिंग चिन।
उत्तर-
(क) पान चाओ

प्रश्न 2.
गांधार कला शैली किन दो कला शैलियों का मिश्रण थी?
(क) यूनानी तथा ईरानी
(ख) यूनानी तथा भारतीय
(ग). मथुरा तथा द्रविड़।
उत्तर-
(ख) यूनानी तथा भारतीय

प्रश्न 3.
अश्वघोष एक प्रसिद्ध बौद्ध विद्वान था। बताएं कि निम्न में से वह किस शासक का दरबारी था?
(क) हुविष्क
(ख) मिनेंद्र
(ग) कनिष्क।
उत्तर-
(ग) कनिष्क

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अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सातवाहन वंश का संस्थापक कौन था?
उत्तर-
सातवाहन वंश का संस्थापक सिमुक था।

प्रश्न 2.
गौतमीपुत्र शतकर्णी का राज्यकाल लिखें।
उत्तर–
गौतमीपुत्र शतकर्णी ने 106 ई० से 130 ई० तक राज्य किया।

प्रश्न 3.
चोल वंश का प्रथम राजा कौन था?
उत्तर-
चोल वंश का प्रथम राजा कारीकल था।

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प्रश्न 4.
नेडूनचयशान किस वंश का प्रसिद्ध राजा था?
उत्तर-
पांड्य वंश का।

प्रश्न 5.
पल्लव शासक अंग्रेज़ी में किस नाम से जाने जाते हैं?
उत्तर-
पार्थियन।

प्रश्न 6.
क्षत्रप का क्या अर्थ है?
उत्तर-
शक जाति के कुछ लोग पल्लव राजाओं के अधीन प्रान्तों के मवर्नर बन गए थे। इन गवर्नरों को क्षत्रप कहा जाता था।

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प्रश्न 7.
कुषाण वंश का संस्थापक कौन था?
उत्तर-
कुषाण वंश का संस्थापक कुजुल कैडफीसिज़ था।

प्रश्न 8.
कनिष्क की राजधानी का नाम बताएं।
उत्तर-
कनिष्क की राजधानी पुरुषपुर (वर्तमान पेशावर) थी।

प्रश्न 9.
कनिष्क किस बौद्ध विद्वान् के प्रभावाधीन बौद्ध धर्म का अनुयायी बना?
उत्तर-
कनिष्क बौद्ध विद्वान् अश्वघोष के प्रभावाधीन बौद्ध धर्म का अनुयायी बना।

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प्रश्न 10.
कनिष्क ने कौन-सा नगर बसाया?
उत्तर-
कनिष्क ने बारामूला के निकट कनिष्कपुर नगर बसाया।

प्रश्न 11.
कनिष्क ने चौथी बौद्ध सभा का आयोजन कहां किया?
उत्तर-
कनिष्क ने चौथी बौद्ध सभा का आयोजन कश्मीर में किया।

प्रश्न 12.
अश्वघोष की पुस्तक का नाम बताएं।
उत्तर-
अश्वघोष की पुस्तक बुद्धचरित्रम् थी।

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प्रश्न 13.
200 ई० पू० से 300 ई० तक भारत में कला की कौन-सी दो शैलियों का आरम्भ हुआ?
उत्तर-
गन्धार शैली तथा मथुरा शैली का आरम्भ हुआ।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
शक जाति के आक्रमण के बारे में बताएँ।
उत्तर-
शक जाति मध्य एशिया की रहने वाली थी। लगभग 165 ई० पूर्व में चीन के उत्तर-पश्चिमी भाग में रहने वाली यू-ची जाति ने शक जाति को मध्य एशिया से खदेड़ दिया। अत: शकों ने मध्य एशिया से निकलकर कई यूनानी प्रदेशों को विजित कर लिया। इन्होंने अपने छोटे-छोटे राज्य स्थापित कर लिए।

प्रश्न 2.
कनिष्क की दो विजयों के बारे में बताएं।
उत्तर-
कनिष्क की दो विजयों का वर्णन इस प्रकार है –
1. कश्मीर की विजय-कश्मीर की विजय कनिष्क की प्रसिद्ध विजय थी। वहां उसने कई नये नगरों की स्थापना की। वर्तमान बारामूला के निकट स्थित कनिष्कपुर इन नगरों में से एक था।
2. मगध से युद्ध-उसने मगध के शासक के साथ भी युद्ध किया। वहां से वह पाटलिपुत्र के प्रसिद्ध भिक्षु अश्वघोष को अपने साथ ले आया।

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प्रश्न 3.
विदेशी आक्रमणों का समाज पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तरा-
विदेशी आक्रमणों के कारण भारत के सामाजिक तथा सांस्कृतिक जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ा।

  1. शक, हिन्द-यूनानी, पल्लव, कुषाण आदि अनेक विदेशी जातियों के लोग भारतीय समाज में शामिल हो गए। वे हिन्दू देवी-देवताओं की पूजा करने लगे।
  2. अनेक विदेशी लोगों ने भारतीयों के साथ विवाह सम्बन्ध स्थापित करके भारतीय संस्कृति को अपना लिया।
  3. कनिष्क आदि विदेशी राजाओं ने बौद्ध धर्म को अपनाया और इसका विदेशों में प्रचार करवाया।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सातवाहनों का इतिहास लिखें।
उत्तर-
सातवाहनों की जानकारी वैदिक साहित्य से भी मिलती है। सातवाहनों ने कृष्णा नदी तथा गोदावरी नदी के बीच का प्रदेश (आंध्र) जीत लिया। इसलिए सातवाहनों को आन्ध्र भी कहा जाता है। सातवाहन ब्राह्मण जाति के थे।
1. सिमुक तथा कृष्ण-सिमुक सातवाहन वंश का संस्थापक था। सिमुक के बाद उसका छोटा भाई कान्हा या कृष्ण राजगद्दी पर बैठा।

2. शातकर्णी प्रथम-शातकर्णी प्रथम कृष्ण का पुत्र था। वह एक महान् विजेता था। उसने मध्य भारत में मालवा तथा बरार को जीत लिया और हैदराबाद को भी अपने साम्राज्य में मिलाया। उसने अश्वमेध यज्ञ भी किया तथा कई उपाधियां धारण कीं। शातकर्णी के राज्य की सीमाएं सौराष्ट्र, मालवा, बरार, उत्तरी कोंकण, पूना तथा नासिक तक फैली हुई थीं।

3. गौतमीपुत्र शातकर्णी-गौतमीपुत्र शातकर्णी सातवाहनों का बहुत ही शक्तिशाली राजा था। उसने 106 ई० से 130 ई० तक राज्य किया। उसने शक, यूनानी तथा पार्थियन्ज़ जाति की विदेशी शक्तियों का मुकाबला किया।

4. यज्ञश्री शातकर्णी-यज्ञश्री शातकर्णी सातवाहनों का अन्तिम महान् राजा था। उसके समय में शक जाति के बार-बार हमलों के कारण सातवाहनों की शक्ति को भारी हानि पहुंची।

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प्रश्न 2.
कनिष्क की प्रमुख विजयों के बारे में लिखें।
उत्तर-
कनिष्क कुषाण जाति का सबसे प्रसिद्ध राजा था। वह 78 ई० के लगभग राजगद्दी पर बैठा। उसने पुरुषपुर (पेशावर) को अपनी राजधानी बनाया। उसने अनेक प्रदेश जीते, जिनका वर्णन इस प्रकार है –

  1. शक क्षत्रपों पर विजय-उसने उज्जैन, मथुरा तथा पंजाब के शक क्षत्रपों को हराया तथा उनका राज्य अपने राज्य में मिला लिया।
  2. कश्मीर की जीत-कश्मीर कनिष्क की प्रसिद्ध विजय थी। वहां पर उसने कई नगरों की स्थापना की।
  3. मगध से युद्ध-उसने मगध के शासक के साथ भी युद्ध किया। वहां से वह पाटलिपुत्र के प्रसिद्ध भिक्षु अश्वघोष को अपने साथ ले आया।
  4. चीन की जीत-कनिष्क ने चीन पर दो बार आक्रमण किया। उसे दूसरी बार सफलता मिली। इस प्रकार उसे काश्गर, यारकन्द तथा खोतान प्रदेश चीन से मिल गए।

प्रश्न 3.
गंधार कला तथा मथुरा कला शैलियों के बारे लिखें।
उत्तर-
गंधार कला तथा मथुरा कला शैलियों का जन्म 200 ई० पूर्व से 300 ई० के बीच के समय में हुआ। इन शैलियों की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन इस प्रकार है –

1. गंधार कला-इस कला का जन्म गंधार में हुआ, इसलिए इसका नाम गंधार कला रखा गया। इस कला का विकास कुषाण युग में हुआ। इस कला में मूर्तियों का विषय भारतीय था जबकि मूर्तियां बनाने का ढंग यूनानी था। गंधार शैली में मुख्य रूप से महात्मा बुद्ध की मूर्तियां बनाई गई थीं। इन मूर्तियों में चेहरे के भावों को बहुत ही आकर्षक रूप से दर्शाया गया है। उदाहरण के लिए, बुद्ध की मूर्ति के चेहरे पर शान्त भावों को आसानी से पढ़ा जा सकता है।

2. मथुरा शैली-कनिष्क के समय मथुरा में कुछ भारतीय कलाकार रहते थे। उन्होंने एक नवीन कला शैली को जन्म दिया, जिसे मथुरा शैली कहते हैं। यह शुद्ध भारतीय कला थी। इस पर विदेशी कला का कोई प्रभाव नहीं था। इसमें अधिकतर मूर्तियां महात्मा बुद्ध की बनाई जाती थीं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 14 भारत 200 ई. पू. से 300 ई. तक

भारत 200 ई. पू. से 300 ई. तक PSEB 6th Class Social Science Notes

  • दक्कन अथवा दक्षिणापथ – विंध्याचल पर्वत तथा नर्मदा नदी के दक्षिणी प्रदेश को ‘दक्कन’ कहा जाता था । प्राचीन काल में दक्कन को दक्षिणापथ के नाम से पुकारा जाता था।
  • सातवाहन – दक्कन में मौर्य साम्राज्य के प्रसिद्ध उत्तराधिकारी सातवाहन थे।
  • गौतमीपुत्र शातकर्णी तथा यज्ञश्री शातकर्णी – गौतमीपुत्र शातकर्णी सातवाहनों का प्रथम शासक तथा यज्ञश्री शातकर्णी अन्तिम शासक था।
  • महापाषाण – विशाल पत्थर को महापाषाण कहते हैं।
  • दक्षिणी भारत में महापाषाण संस्कृति का आरम्भ – दक्षिणी भारत में महापाषाण संस्कृति का आरम्भ लगभग 1000 ई० पू० में हुआ।
  • चोल, पांड्य तथा चेर – चोल, पांड्य तथा चेर दक्षिणी भारत के प्रसिद्ध राज्य थे।
  • दक्षिणी भारत के राज्यों के विदेशों के साथ व्यापारिक सम्बन्ध – दक्षिणी भारत के राज्यों के मिस्र, अरब, रोमन साम्राज्य, मलाया तथा चीन के साथ व्यापारिक सम्बन्ध थे।
  • भारत में ईसाई धर्म के प्रसार के प्रारम्भिक केन्द्र – भारत में ईसाई धर्म के प्रसार के प्रारम्भिक केन्द्र मालाबार तट तथा चेन्नई थे।
  • इण्डो-ग्रीक – भारत तथा सीमावर्ती प्रदेशों में सिकन्दर के गर्वनरों को इण्डो-ग्रीक नाम से जाना जाता था।
  • शक, पल्लव तथा कुषाण – शक, पल्लव तथा कुषाण भारत में मध्य एशिया से आने वाले कबीले थे।
  • कनिष्क – कनिष्क कषाण वंश का सबसे प्रसिद्ध राजा था।
  • वसिष्क, हुविष्क तथा वासुदेव आदि – कनिष्क के पश्चात् शासन करने वाले राजा वसिष्क, हुविष्क तथा वासुदेव आदि थे।
  • कुषाण राज्य का अन्त – कुषाण राज्य का अन्त 300 ई० में हुआ।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 13 मौर्य और शुंग काल

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions History Chapter 13 मौर्य और शुंग काल Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 13 मौर्य और शुंग काल

SST Guide for Class 6 PSEB मौर्य और शुंग काल Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दें –

प्रश्न 1.
सिकन्दर के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
सिकन्दर मकदूनिया के राजा फिलिप का पुत्र था। वह अपने पिता की मृत्यु के बाद मकदूनिया का शासक बना। उसकी इच्छा सारे संसार को जीतने की थी। इसलिए राज- गद्दी पर बैठते ही उसने संसार को जीतने का कार्य शुरू कर दिया। पहले दो वर्ष उसने मकदूनिया के आस-पास के प्रदेशों पर विजय प्राप्त की। फिर वह विशाल सेना को लेकर फारस (ईरान) को जीतने के लिए चल पड़ा। उसने एशिया माइनर, सीरिया, मिस्र तथा अफ़गानिस्तान को भी जीत लिया।

326 ई० पू० में सिकन्दर ने भारत पर आक्रमण किया तथा ब्यास नदी तक पंजाब में उत्तर-पश्चिम के कई राजाओं को हरा दिया। पहले उसने तक्षशिला के राजा अंभी तथा फिर जेहलम तथा चिनाब नदी के मध्य के प्रदेश के शासक पोरस को हराया। पोरस ने सिकन्दर का डट कर मुकाबला किया था। सिकन्दर के सैनिक पंजाब के लोगों की वीरता को देखकर डर गए थे। वे लगातार युद्ध तथा यात्रा करने से भी थक गए थे। इस कारण सिकन्दर को ब्यास नदी से ही वापिस जाना पड़ा। लेकिन वह अपने देश में न पहुंच सका। रास्ते में ही बुखार के कारण उसकी मृत्यु हो गई।

प्रश्न 2.
कौटिल्य के बारे में एक नोट लिखें।
उत्तर-
कौटिल्य को चाणक्य भी कहा जाता है। वह एक महान् विद्वान् तथा तक्षशिला विश्वविद्यालय में अध्यापक था। चन्द्रगुप्त मौर्य उसे अपना गुरु मानता था। उसकी सहायता से ही चन्द्रगुप्त मौर्य नन्द वंश को समाप्त करके मौर्य साम्राज्य स्थापित करने में सफल हुआ था। चन्द्रगुप्त के सम्राट् बनने के बाद कौटिल्य मौर्य साम्राज्य का प्रधानमन्त्री बन गया। कौटिल्य एक महान् लेखक भी था। उसकी पुस्तक ‘अर्थशास्त्र’ मौर्य शासन की जानकारी का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 13 मौर्य और शुंग काल

प्रश्न 3.
अशोक को ‘महान’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर-
अशोक को केवल भारत का ही नहीं, बल्कि संसार का एक महान् सम्राट माना जाता है। वह एक शक्तिशाली तथा महान् विजेता होते हुए भी शान्ति का पुजारी, मानवता प्रेमी तथा बेसहारों का मसीहा था। उसकी महानता उसके निम्नलिखित गुणों पर आधारित थी –

1. 261 ई० पू० में अशोक ने कलिंग (उड़ीसा) को जीता। इस लड़ाई में लाखों लोग मारे गए तथा अनेक घायल हुए। बहुत-से लोगों को कैद कर लिया गया। इस खून-खराबे से अशोक को बहुत दुःख हुआ। उसने हमेशा के लिए युद्ध करना छोड़ दिया तथा बौद्ध धर्म को अपना लिया।

2. कलिंग के युद्ध के बाद अशोक ने अपना शेष जीवन मानवता की भलाई में व्यतीत किया। उसने यात्रियों के लिए सड़कें तथा सरायें बनवाईं, कुएं खुदवाए तथा मनुष्यों एवं पशुओं के लिए अस्पताल खोले।

3. उसने शिकार करना छोड़ दिया तथा पशु-पक्षियों के मारने पर रोक लगा दी।

4. उसने अपनी प्रजा को अहिंसा का पालन करने, बड़ों का आदर करने तथा अपने से छोटों, नौकरों और सभी जीव-जन्तुओं के साथ प्रेम करने तथा दया का भाव रखने का सन्देश दिया।

5. उसने अपनी प्रजा को ग़रीबों को दान देने तथा सभी धर्मों का सम्मान करने का सन्देश दिया।

6. उसने अपने सन्देश चट्टानों और पत्थर के स्तम्भों पर खुदवा दिए तथा लोगों को उनका पालन करने के लिए कहा।

7. उसने लोगों में जन-कल्याण का सन्देश फैलाने के लिए विशेष अधिकारियों की नियुक्ति की।

प्रश्न 4.
मौर्य कला के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
मौर्य शासक कला प्रेमी थे तथा उन्होंने कला के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। उनके इस योगदान का वर्णन इस प्रकार है –
(1) चन्द्रगुप्त मौर्य ने एक विशाल राजमहल बनवाया। यह राजमहल बहुत सुन्दर था तथा अनेक स्तम्भों पर खड़ा था। अशोक का महल भी बहुत शानदार था।
(2) चन्द्रगुप्त मौर्य ने गुजरात में सुदर्शन नामक एक विशाल झील का निर्माण करवाया था।
(3) अशोक ने बहुत-से स्तूपों का निर्माण करवाया। मध्य प्रदेश में सांची का स्तूप बहुत प्रसिद्ध है।
(4) अशोक ने श्रीनगर तथा ललित पाटन नामक दो नए नगर बसाए।
(5) अशोक ने भिक्षुओं तथा निर्ग्रन्थों के लिए बिहार के नागार्जुनी तथा बारबरा की पहाड़ियों में सुन्दर गुफ़ाएं बनवाईं।
(6) अशोक ने पत्थर के बड़े-बड़े स्तम्भ बनवाए। ये स्तम्भ 34 फुट ऊंचे हैं। इन पर बहुत बढ़िया पालिश की हुई है, जो शीशे की तरह चमकती है। इन स्तम्भों पर अशोक ने अपने लेख खुदवाए।
7) अशोक ने अपने स्तम्भों पर बैल, हाथी, शेर आदि की मूर्तियां लगवाईं। एक मूर्ति में चार शेर पीठ के साथ पीठ लगाकर बैठे दिखाए गए हैं। यह मूर्ति सारनाथ (उत्तर प्रदेश) से प्राप्त हुई है। यही मूर्ति हमारा राष्ट्रीय चिन्ह है।
(8) मौर्य काल में यक्ष-यक्षियों की सुन्दर मूर्तियां भी बनवाई गईं थीं। ऐसी एक मूर्ति पटना के समीप दीदारगंज से प्राप्त हुई है।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 13 मौर्य और शुंग काल

II. रिक्त स्थानों की पर्ति करें

  1. सिकंदर के सैनिक पंजाब के लोगों की …………… से भयभीत हो गए।
  2. चंद्रगुप्त ने …………… ई० पू० तक राज्य किया।
  3. ……………. सैल्यूकस का यूनानी राजदूत था।
  4. कौटिल्य के ……….. तथा मैगस्थनीज़ की ……….. पुस्तक से हमें मौर्य साम्राज्य के राज्य प्रबंध की जानकारी मिलती है।
  5. मध्य प्रदेश में ……………. का स्तूप बहुत प्रसिद्ध है।

उत्तर-

  1. बहादुरी (वीरता)
  2. 297
  3. मैगस्थनीज़
  4. अर्थशास्त्र, इण्डिका
  5. सांची।

III. सही जोड़े बनायें

(1) मैगस्थनीज़ – (क) अर्थशास्त्र
(2) कौटिल्य – (ख) स्तूप
(3) साँची – (ग) मन्त्री
(4) अमात्य – (घ) इण्डिका।
उत्तर-
सही जोड़े
(1) मैगस्थनीज़ – इण्डिका
(2) कौटिल्य – अर्थशास्त्र
(3) साँची – स्तूप
(4) अमात्य – मन्त्री।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 13 मौर्य और शुंग काल

IV. सही (✓) अथवा ग़लत (✗) बताएं

  1. सैल्यूकस ने चन्द्रगुप्त मौर्य को पराजित किया।
  2. अशोक ने लोहे के विशाल स्तम्भ बनवाए।
  3. महामात्र सिकन्दर के अफ़सर थे।
  4. अशोक ने कलिंग-युद्ध के पश्चात् बौद्ध धर्म अपनाया।
  5. चन्द्रगुप्त ने सुदर्शन झील का निर्माण करवाया।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✗)
  3. (✗)
  4. (✓)
  5. (✓)

PSEB 6th Class Social Science Guide मौर्य और शुंग काल Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
सिकंदर मकदूनिया का एक महान् यूनानी विजेता था। उसने भारत पर कब आक्रमण किया ?
उत्तर-
326 ई० पू० में।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 13 मौर्य और शुंग काल

प्रश्न 2.
महान् सम्राट अशोक किसका पुत्र था ?
उत्तर-
बिंदुसार का।

प्रश्न 3.
अशोक भारत का पहला सम्राट् था जिसने एक युद्ध के पश्चात् सदा के लिए युद्ध करने का त्याग कर दिया। बताएं कि वह कौन-सा युद्ध था ?
उत्तर-
कलिंग का युद्ध।

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अंतिम मौर्य सम्राट् बृहद्रथ का वध उसके सेनापति ने किया था। निम्न में से वह सेनापति कौन था ?
(क) पुण्यमित्र शुंग
(ख) शैल्युकस निकातोर
(ग) मिनांडर।
उत्तर-
(क) पुण्यमित्र शुंग

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 13 मौर्य और शुंग काल

प्रश्न 2.
किस मौर्य सम्राट् ने लोगों में नैतिक मूल्यों के प्रचार के लिए विशेष अधिकारी नियुक्त किए ?
(क) चन्द्रगुप्त मौर्य
(ख) बिंदुसार
(ग) अशोक।
उत्तर-
(ग) अशोक

प्रश्न 3.
नीचे तीन चित्र क, ख, तथा ग दिए गए हैं। इनमें से कौन-सा चित्र हमारा राष्ट्र चिह्न है?
PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 12 मौर्य और शुंग काल 1
उत्तर-
(ग)

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सिकन्दर ने भारत पर आक्रमण क्यों किया?
उत्तर-
सिकन्दर सम्पूर्ण संसार का राजा बनना चाहता था। इसलिए उसने कई प्रदेश जीतने के पश्चात् भारत पर आक्रमण कर दिया।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 13 मौर्य और शुंग काल

प्रश्न 2.
तक्षशिला के राजा का क्या नाम था?
उत्तर-
तक्षशिला के राजा का नाम अंभी था।

प्रश्न 3.
कौन-से राजा ने सिकन्दर का डटकर मुकाबला किया?
उत्तर-
पोरस ने सिकन्दर का डटकर मुकाबला किया।

प्रश्न 4.
सिकन्दर के आक्रमण के समय मगध का राजा कौन था?
उत्तर-
सिकन्दर के आक्रमण के समय मगध का राजा महापदमनंद था।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 13 मौर्य और शुंग काल

प्रश्न 5.
मौर्य साम्राज्य की जानकारी देने वाले दो स्रोतों के नाम लिखें।
उत्तर-
यूनानी यात्री मैगस्थनीज़ की इंडिका तथा चाणक्य का अर्थशास्त्र।

प्रश्न 6.
चन्द्रगुप्त द्वारा मगध की विजय के समय नन्द वंश का राजा कौन था?
उत्तर-
चन्द्रगुप्त द्वारा मगध की विजय के समय नन्द वंश का राजा धनानन्द था।

प्रश्न 7.
चन्द्रगुप्त मौर्य का राजतिलक कब हुआ?
उत्तर-
चन्द्रगुप्त मौर्य का राजतिलक 321 ई० पू० में हुआ।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 13 मौर्य और शुंग काल

प्रश्न 8.
चन्द्रगुप्त मौर्य को सैल्युकस को पराजित करने के पश्चात् कौन-से चार प्रान्त मिले?
उत्तर-
सैल्युकस को पराजित करने के पश्चात् चन्द्रगुप्त मौर्य को काबुल, कंधार, हैरात तथा बलुचिस्तान के प्रान्त मिले।

प्रश्न 9.
चन्द्रगुप्त मौर्य का राज्यकाल बताएँ।
उत्तर-
चन्द्रगुप्त मौर्य का राज्यकाल 321 ई० पूर्व से 297 ई० पू० तक था।

प्रश्न 10.
अशोक का राजतिलक कब हुआ?
उत्तर-
अशोक का राजतिलक 269 ई० पू० में हुआ।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 13 मौर्य और शुंग काल

प्रश्न 11.
अशोक ने कलिंग पर आक्रमण क्यों किया?
उत्तर-
अशोक को विरासत में प्राप्त विशाल साम्राज्य में कलिंग का प्रदेश शामिल नहीं था। इसलिए उसने 261 ई० पू० में कलिंग पर आक्रमण कर दिया।

प्रश्न 12.
अशोक के धर्म के कोई दो सिद्धान्त लिखें।
उत्तर-
अशोक के धर्म के दो सिद्धान्त थे –

  1. बड़ों का आदर तथा छोटों से प्यार करो,
  2. सदा सत्य बोलो।

प्रश्न 13.
अशोक का राज्यकाल बताएं।
उत्तर-
अशोक का राज्यकाल 269 ई० पूर्व से 232 ई० पूर्व तक था।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 13 मौर्य और शुंग काल

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मौर्य राज्य की जानकारी देने वाले स्त्रोतों के नाम बताएं।
उत्तर-
मौर्य राज्य की जानकारी हमें निम्नलिखित स्रोतों से मिलती है –
(1) यूनानी यात्री मैगस्थनीज़ की इण्डिका,
(2) चाणक्य का अर्थशास्त्र,
(3) विशाखदत्त का नाटक मुद्राराक्षस,
(4) जैन तथा बौद्ध धर्म के ग्रन्थ,
(5) पुराण तथा अभिलेख,
(6) मूर्तियां, स्मारक, खण्डहर तथा सिक्के।

प्रश्न 2.
चन्द्रगुप्त मौर्य के जीवन की जानकारी दीजिए।
उत्तर-
चन्द्रगुप्त मौर्य का जन्म 345 ई० पूर्व में हुआ। उसके जीवन के सम्बन्ध में कई विचारधाराएं हैं। कई इतिहासकारों का विचार है कि चन्द्रगुप्त की माँ मुरा एक शूद्र घराने की थी। उसके नाम पर मौर्य शब्द का प्रयोग किया गया। लेकिन जैन परम्पराओं के अनुसार चन्द्रगुप्त की माँ मोर पालने वाले गांव के मुखिया की बेटी थी। कुछ इतिहासकार चन्द्रगुप्त का सम्बन्ध नन्द वंश के साथ जोड़ते हैं।

प्रश्न 3.
चन्द्रगुप्त मौर्य की पंजाब विजय के समय पंजाब की राजनीतिक दशा कैसी थी?
उत्तर-
चन्द्रगुप्त मौर्य की पंजाब विजय से पहले सिकंदर ने भारत पर आक्रमण किया था। इस आक्रमण के कारण पंजाब की राजनीतिक दशा बहुत कमजोर हो चुकी थी। सिकन्दर यहां अपना राज्य स्थापित करके, अपने प्रतिनिधि को गवर्नर बनाकर छोड़ गया था। परन्तु पंजाब के लोग विदेशी राज्य के विरुद्ध थे। परिणामस्वरूप पंजाब में अराजकता फैल गई।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 13 मौर्य और शुंग काल

प्रश्न 4.
चन्द्रगुप्त मौर्य की मगध विजय के बारे में लिखें।
उत्तर-
पंजाब पर विजय प्राप्त करने के पश्चात् चन्द्रगुप्त ने चाणक्य की नीति के अनुसार मगध पर आक्रमण कर दिया। मगध का राजा धनानंद अत्याचारी था। इसलिए मगध की जनता उससे घृणा करती थी। चाणक्य भी नन्द राजा से अपने अपमान का बदला लेना चाहता था। चन्द्रगुप्त को इस स्थिति का बहुत लाभ हुआ। इसलिए उसने 321 ई० पू० में मगध पर अपना अधिकार कर लिया।

प्रश्न 5.
अशोक ने राजगद्दी कैसे प्राप्त की?
उत्तर-
अशोक मौर्य शासक बिन्दुसार का पुत्र था। बिन्दुसार की 273 ई० पू० में मृत्यु हो गई। कहा जाता है कि अशोक ने अपने 99 भाइयों को मारकर मौर्य साम्राज्य की राजगद्दी प्राप्त की। अशोक का राजतिलक 269 ई० पू० में हुआ। हो सकता है कि 273 ई० पू० से 269 ई० पू० के बीच के समय में राजगद्दी के लिए गृह-युद्ध हुआ हो।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
चन्द्रगुप्त मौर्य की विजयों का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर-
चन्द्रगुप्त मौर्य की विजयों का संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है –
1. मगध पर विजय-चन्द्रगुप्त ने मगध पर एक बड़ी सेना सहित आक्रमण कर दिया। उस समय मगध पर धनानन्द राज्य करता था। युद्ध में धनानन्द हार गया तथा मगध के राज्य पर चन्द्रगुप्त मौर्य का अधिकार हो गया। इस प्रकार चन्द्रगुप्त लगभग सारे उत्तरी भारत का मालिक बन गया। मगध की राजधानी पाटलिपुत्र उसके राज्य की राजधानी बनी।

2. सैल्यूकस के साथ युद्ध-सैल्यूकस सिकन्दर का सेनापति था। सिकन्दर की मृत्यु के पश्चात् वह काबुल, कन्धार, बलख तथा बुखारा का शासक बन बैठा था। उसने पंजाब के पश्चिमी भाग पर आक्रमण कर दिया। इन क्षेत्रों पर चन्द्रगुप्त मौर्य का राज्य था। उसने सैल्यूकस को बुरी तरह हराया। सैल्युकस ने चन्द्रगुप्त मौर्य को काबुल, कन्धार तथा बलुचिस्तान के क्षेत्र दे दिए।

3. अन्य विजयें-उत्तरी भारत पर अधिकार करने के पश्चात् चन्द्रगुप्त ने गुजरातकाठियावाड़ पर हमला करके उसे अपने राज्य में मिलाया। दक्षिण के कुछ भागों पर भी चन्द्रगुप्त मौर्य का प्रभुत्व स्थापित हो गया।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 13 मौर्य और शुंग काल

प्रश्न 2.
चन्द्रगुप्त मौर्य के राज्य प्रबन्ध की जानकारी दीजिए।
उत्तर-
चन्द्रगुप्त मौर्य का राज्य प्रबन्ध उच्चकोटि का था। इसकी मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित थीं –

1. केन्द्रीय शासन-राजा राज्य का सर्वोच्च अधिकारी था। उसकी शक्तियां असीमित थीं। वह सेना का मुखिया तथा न्याय का अन्तिम न्यायालय था। उसकी सहायता के लिए कई मन्त्री होते थे। उसके कुछ अन्य अधिकारी प्रधान, अमात्य, महामात्र आदि थे।

2. प्रान्त का शासन-सम्पूर्ण साम्राज्य प्रान्तों में बंटा हुआ था। प्रत्येक प्रान्त का प्रबन्ध राज परिवार का कोई राजकुमार करता था। उसका कर्तव्य प्रान्त में शान्ति-व्यवस्था बनाए रखना था। प्रान्त जिलों में बंटे हुए थे। जिले के मुखिया को स्थानिक कहते थे।

3. बड़े नगरों का प्रबन्ध-पाटलिपुत्र, तक्षशिला तथा उज्जैन जैसे बड़े-बड़े नगरों के प्रबन्ध के लिए समितियां स्थापित की गई थीं। प्रत्येक समिति में 30 सदस्य होते थे। समितियां पांच-पांच सदस्यों के छ: बोर्डों में बंटी हुई थीं।

4. न्याय-न्याय का सर्वोच्च अधिकारी राजा स्वयं था। न्याय सम्बन्धी सभी अन्तिम अपीलें वह स्वयं ही सुनता था। सभी को उचित न्याय मिलता था। दण्ड काफ़ी कठोर थे। लोग शान्तिप्रिय थे। अपराध काफ़ी कम होते थे।

5. प्रजा की भलाई के कार्य-चन्द्रगुप्त मौर्य प्रजा की भलाई का विशेष ध्यान रखता था। उसने कृषि की उन्नति के लिए सिंचाई की उचित व्यवस्था की हुई थी। यात्रियों की सुविधा तथा व्यापार की उन्नति के लिए सभी राज्यों में सड़कों का जाल बिछा हुआ था। इसके अतिरिक्त उसने सड़क के दोनों ओर छायादार वृक्ष लगवाए, धर्मशालाएं बनवाईं तथा कुएं खुदवाए।

6. आय-सरकार को आय करों से प्राप्त होती थी। भूमि कर आमतौर पर उपज का 1/6 भाग लिया जाता था। जन्म तथा मृत्यु कर, उत्पादन कर तथा बिक्री कर सरकार की आय के मुख्य साधन थे।

प्रश्न 3.
अशोक की कलिंग विजय का वर्णन करें।
उत्तर-
अशोक के दादा चन्द्रगुप्त मौर्य की दक्षिण विजय अधूरी रह गई थी क्योंकि कलिंग का राज्य अभी तक स्वतन्त्र था। इसलिए अशोक ने कलिंग पर विजय प्राप्त करने का निश्चय किया तथा 261 ई० पू० में एक विशाल सेना के साथ कलिंग पर आक्रमण कर दिया। कलिंग के राजा के पास भी एक विशाल सेना थी। अशोक तथा कलिंग के राजा के बीच बहुत घमासान युद्ध हुआ। इस युद्ध में अशोक की जीत हुई। अशोक के एक अभिलेख से पता चलता है कि इस युद्ध में लगभग एक लाख व्यक्ति मारे गए तथा उससे भी कहीं अधिक घायल हुए थे। कई लोग लापता हो गए। कलिंग युद्ध में हुए रक्तपात को देखकर अशोक का जीवन ही बदल गया। उसने युद्धों का हमेशा के लिए त्याग करके धर्म विजय की नीति अपनाई। इसी कारण वह बौद्ध धर्म का अनुयायी बन गया।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 13 मौर्य और शुंग काल

प्रश्न 4.
अशोक के धर्म के सिद्धान्तों के बारे में लिखें। उसने बौद्ध धर्म का प्रचार करने के लिए क्या किया?
उत्तर-
कलिंग के युद्ध के पश्चात् अशोक ने बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया। परन्तु जो धर्म उसने जनता के सामने रखा, वह बौद्ध धर्म नहीं था। उसने सभी धर्मों की अच्छी बातें अपने धर्म में शामिल की। उसके धर्म की शिक्षाएं इस प्रकार थीं –

  1. बड़ों का आदर करो तथा छोटों से प्रेम करो।
  2. गुरुओं का आदर करो।
  3. पापों से दूर रहो तथा पवित्र जीवन व्यतीत करो।
  4. हमेशा सत्य बोलो। अन्त में सत्य की ही जीत होती है।
  5. अहिंसा में विश्वास रखो तथा किसी जीव की हत्या न करो।
  6. अपने सामर्थ्य के अनुसार साधुओं, विद्वानों तथा ग़रीबों को दान दो।
  7. अपने धर्म का पालन करो, लेकिन किसी दूसरे धर्म की निन्दा न करो।

अशोक द्वारा बौद्ध धर्म का प्रचार-अशोक ने बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए निम्नलिखित कार्य किए –

  1. उसने बौद्ध धर्म के नियमों को पत्थर के स्तम्भों तथा शिलाओं पर खुदवाया। ये नियम आम बोलचाल की भाषा में खुदवाए गए ताकि साधारण लोग भी इन्हें पढ़ सकें।
  2. उसने अनेक स्तूप तथा विहार बनवाए, जो बौद्ध धर्म के प्रचार का केन्द्र बने।
  3. उसने बौद्ध भिक्षुओं को आर्थिक सहायता दी।
  4. उसने बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए विदेशों में प्रचारक भेजे।।

मौर्य और शुंग काल PSEB 6th Class Social Science Notes

  • मौर्य साम्राज्य की स्थापना – मौर्य साम्राज्य की स्थापना चन्द्रगुप्त मौर्य ने लगभग 321 ई० पू० में की थी।
  • सिकन्दर – सिकन्दर यूनान की रियासत मकदूनिया के राजा फिलिप का पुत्र था।
  • सिकन्दर द्वारा भारत पर आक्रमण – सिकन्दर ने 326 ई० पू० में भारत पर आक्रमण किया था।
  • चन्द्रगुप्त मौर्य का गुरु – चन्द्रगुप्त मौर्य का गुरु चाणक्य था। उसे कौटिल्य भी कहते हैं।
  • अर्थशास्त्र का लेखक – अर्थशास्त्र का लेखक चाणक्य (कौटिल्य)था।
  • इण्डिका का लेखक – इण्डिका का लेखक मैगस्थनीज़ था।
  • मौर्य वंश का सबसे महान् राजा – मौर्य वंश का सबसे महान् राजा अशोक था।
  • अशोक द्वारा युद्धों का त्याग – अशोक ने कलिंग के युद्ध के पश्चात् सदा के लिए युद्धों का त्याग कर बौद्ध धर्म को अपना लिया। इस प्रकार वह अहिंसा का पुजारी बन गया।
  • अशोक की शिक्षाएं – अशोक की शिक्षाओं को अशोक का धम्म (धर्म) कहा जाता है।
  • अमात्य – मौर्य शासन में मन्त्रियों को अमात्य कहते थे।
  • मौर्य काल में शिक्षा के प्रमुख केन्द्र – मौर्य काल में शिक्षा के प्रमुख केन्द्र तक्षशिला, पाटलिपुत्र तथा वाराणसी थे।
  • बृहद्रथ – बृहद्रथ अन्तिम मौर्य सम्राट् था।
  • मौर्य साम्राज्य का अन्त – मौर्य साम्राज्य का अन्त 184 ई० पू० में हुआ।
  • शुंग वंश का संस्थापक – शुंग वंश का संस्थापक पुष्यमित्र शुंग था।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 20 ग्रामीण विकास और स्थानीय सरकार

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 20 ग्रामीण विकास और स्थानीय सरकार Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science Civics Chapter 20 ग्रामीण विकास और स्थानीय सरकार

SST Guide for Class 6 PSEB ग्रामीण विकास और स्थानीय सरकार Textbook Questions and Answers

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न I.
ग्रामीण स्थानीय सरकार की इकाइयों का चुनाव लड़ने के लिए कम से कम कितनी आयु होनी चाहिए?
(क) 20 साल
(ख) 22 साल
(ग) 21 साल।
उत्तर-
21 साल।

प्रश्न II.
मतदाताओं (वोटरों) द्वारा पंचायत समिति में सीधे चुने जाने वाले सदस्यों की कम से कम तथा अधिक से अधिक संख्या कितनी हो सकती है?
(क) 9 से 25
(ख) 15 से 25
(ग) 6 से 29।
उत्तर-
15 से 251

प्रश्न III.
मतदाताओं (वोटरों) द्वारा जिला परिषद् में सीधे चुने जाने वाले सदस्यों की कम से कम तथा अधिक से अधिक संख्या कितनी हो सकती है?
(क) 10 से 25
(ख) 12 से 25
(ग) 14 से 25।
उत्तर-
10 से 25।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 20 ग्रामीण विकास और स्थानीय सरकार

प्रश्न IV.
पंचायत की आय-व्यय का हिसाब रखने वाले कर्मचारी को क्या कहते हैं?
(क) अधीक्षक (सुपरिन्टेंडेंट)
(ख) सचिव।
उत्तर-
सचिव।

I. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखो

प्रश्न 1.
भारत में गाँवों की संख्या कितनी है?
उत्तर-
लगभग 6 लाख।

प्रश्न 2.
पंचायती राज्य का क्या अर्थ है?
उत्तर-
गाँवों की तीन स्तरों वाली स्थानीय शासन व्यवस्था को पंचायत राज्य अथवा पंचायती राज कहते हैं। सबसे निचले स्तर पर ग्राम पंचायत होती है। यह गाँव की स्थानीय सरकार है। इससे ऊपर पंचायत समिति और सबसे ऊपर जिला परिषद् होती है। पंचायत समिति जिला परिषद् तथा ग्राम पंचायत के बीच कड़ी का काम करती है।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 20 ग्रामीण विकास और स्थानीय सरकार

प्रश्न 3.
पंचायती राज्य की प्रारम्भिक तथा उच्च संस्था के नाम लिखो।
उत्तर-
पंचायती राज की प्रारम्भिक संस्था ग्राम पंचायत है। इसकी उच्च संस्था ज़िला परिषद् है।

प्रश्न 4.
पंजाब में ग्राम पंचायत के सदस्यों की (कम-से-कम और अधिक-सेअधिक) संख्या कितनी होती है?
उत्तर-
कम-से-कम 5 और अधिक-से-अधिक 13

प्रश्न 5.
ज़िला परिषद् के दो कार्य लिखो।
उत्तर-
जिला परिषद् की स्थापना ग्राम विकास के लिए की जाती है।

  1. इसका मुख्य कार्य पंचायत समितियों की देखभाल करना तथा उनमें तालमेल बनाए रखना है। यह सरकार तथा पंचायत समितियों के बीच कड़ी का काम करती है।
  2. यह सरकार को विकास कार्यों के बारे में राय देती है।

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प्रश्न 6.
वर्तमान समय में गांवों में कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध हैं?
उत्तर-
वर्तमान समय में भारत सरकार के प्रयत्नों से गाँवों में निम्नलिखित अनेक सुविधाएं उपलब्ध हैं –

1. शिक्षा का प्रसार-शिक्षा के प्रसार के लिए स्कूल और कॉलेज खोले गए हैं। 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गई है। अशिक्षित प्रौढ़ों के लिए ‘प्रौढ़ शिक्षा केन्द्र’ स्थापित किए गए हैं।

2. कृषि का विकास-ग्रामीणों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। आजादी के बाद कृषि के विकास के लिए कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की गई । यहाँ कृषि के लिए उत्तम बीजों की खोज की जाती है। कृषकों के लिए वर्ष में एक बार प्रदर्शनी लगाई जाती है। इसमें कृषि वैज्ञानिक किसानों को उन्नत कृषि के लिए परामर्श देते हैं। किसानों को उत्तम किस्म के बीजों और फ़सलों के लिए आवश्यक कीटनाशक दवाइयों का वितरण किया जाता है। इससे उपज में वृद्धि हुई है।
भारत सरकार ने भूमि के छोटे-छोटे टुकड़ों को इकट्ठा करके चकबन्दी भी कर दी है ताकि मशीनों द्वारा कृषि की जा सके।

3. स्त्री शिक्षा तथा स्वास्थ्य-गाँवों में स्त्री शिक्षा में विस्तार के लिए लड़कियों को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं। लोगों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए प्राइमरी स्वास्थ्य केन्द्र खोले गए हैं। इन केन्द्रों में ग्रामीण लोगों को हर प्रकार की डॉक्टरी सहायता दी जाती है।

4. अन्य परिवर्तन –
(i) फ़सलों के मंडीकरण के लिए देश के लगभग सभी गाँवों को पहुँच मार्ग द्वारा राजमार्गों से जोड़ने के प्रयत्न किए गए हैं।
(ii) केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा गाँवों की आर्थिक स्थिति सुधारने के उद्देश्य से ग्रामीणों को लघु उद्योग लगाने के लिए सस्ते दर पर ऋण दिए जाते हैं।
(iii) गांवों में पीने के पानी का प्रबन्ध और विद्युतीकरण करने के हर सम्भव प्रयत्न किए जा रहे हैं।
(iv) सहकारी कृषि और सरकारी बैंकों के खुलने से भी कई गाँवों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।

प्रश्न 7.
पंचायत की बनावट के बारे में संक्षेप नोट लिखो।
उत्तर-
ग्राम पंचायत 200 से अधिक जनसंख्या वाले प्रत्येक गांव में बनाई जाती है। पंजाब में ग्राम पंचायत के सदस्यों की संख्या 5 से 13 तक हो सकती है।
पंचों का चुनाव-ग्राम पंचायत के सदस्यों का चुनाव ग्राम सभा के सदस्यों (जिनकी आयु 18 वर्ष या इससे अधिक हो) द्वारा प्रत्यक्ष रूप से किया जाता है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में स्त्रियों के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित रखी जाती हैं। इसके अतिरिक्त पिछड़ी जातियों तथा कबीलों के सदस्यों की संख्या उनकी जनसंख्या तथा गांव की कुल जनसंख्या के अनुपात के अनुसार निश्चित की जाती है।

सरपंच – प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक सरपंच होता है। उसका चुनाव भी ग्राम सभा के सदस्य प्रत्यक्ष रूप से करते हैं।
पंचायत सचिव-पंचायत के कार्यों में सहायता के लिए एक सरकारी कर्मचारी भी होता है जिसे पंचायत सचिव कहते हैं। वह पंचायत के आय व्यय का हिसाब रखता है। वह पंचायत के कार्यों की रिपोर्ट तैयार करके ब्लॉक पंचायत के अधिकारी को देता है।

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प्रश्न 8.
ग्राम सभा से क्या तात्पर्य है? ग्राम सभा और ग्राम पंचायत में क्या अंतर है?
उत्तर-
ग्राम सभा ग्राम पंचायत का चुनाव करने वाली एक सभा होती है। 18 वर्ष या इससे अधिक आयु वाले सभी ग्रामीण इसके सदस्य होते हैं। इसके सदस्य ही मतदान द्वारा ग्राम पंचायत के सदस्यों का चुनाव करते हैं। इसके विपरीत ग्राम पंचायत, ग्राम सभा द्वारा चुनी गई एक समिति होती है। यह गाँव की उन्नति के लिए कार्य करती है। इसे अपने हिसाब-किताब को हर साल ग्राम सभा के सामने रखना पड़ता है।

प्रश्न 9.
पंचायत समिति का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य कौन-सा है?
उत्तर-
पंचायत समिति का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य सम्बन्धित ग्राम पंचायतों के लिए आवश्यक नियम बनाना और गांवों में नागरिक सुविधाएं प्रदान करना है।

प्रश्न 10.
आपके क्षेत्र की पंचायत समिति अपने ब्लॉक के वातावरण को सुधारने के लिए क्या करती है?
उत्तर-
पंचायत समिति अपने ब्लॉक की पंचायतों के विकास तथा ब्लॉक के वातावरण को सुधारने के लिए कई प्रकार के कार्य करती है। इसके मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं –

1. कृषि का विकास-(i) पंचायत समिति अपने क्षेत्र में कृषि की उपज बढ़ाने के लिए उत्तम बीजों और खाद वितरण का कार्य करती है। (ii) इसके अतिरिक्त यह कृषि कार्यों के लिए ऋण देने, अधिक भूमि को सिंचाई योग्य बनाने तथा कृषि के लिए अधिक बिजली देने के कार्य भी करती है।

2. पशु एवं मत्स्य पालन-पंचायत समिति अपने क्षेत्र में पशु एवं मत्स्य पालन को बढ़ावा देती है। इसका उद्देश्य दूध, अण्डे, मांस आदि की आपूर्ति को बढ़ाना है।

3. यातायात-पंचायत समिति सड़कों तथा पुलियों को बनवाने तथा उनकी मुरम्मत , कार्य करती है।

4. स्वास्थ्य तथा सफ़ाई-पंचायत समिति गांवों में स्वास्थ्य तथा स्वच्छता के कार्य ती है। यह ग्रामीणों को पीने के लिए स्वच्छ जल की सुविधाएं प्रदान करती है और उन्हें स्थ्य सम्बन्धी शिक्षा देती है।
(1) इसके अतिरिक्त यह हानिकारक कीटों को नष्ट करती है।
(2) यह ग्रामीणों को धुआं रहित चूल्हों का प्रयोग करने के लिए भी प्रेरित करती है।

5. सामाजिक शिक्षा-पंचायत समिति लोगों को नागरिक शिक्षा देने के लिए मनोरंजन न्द्रों तथा पुस्तकालयों की व्यवस्था करती है। यह शारीरिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों को प्रोत्साहन देती है।

6. ग्रामीण एवं लघु उद्योग-इनमें हथकरघा, विद्युत् करघा, खादी, रेशम के कीड़े लना आदि लघु उद्योग आते हैं। पंचायत समिति इन उद्योगों को उन्नत बनाने का प्रयास रती है।

7. प्रशासनिक कार्य-पंचायत समिति अपने क्षेत्र की पंचायतों के कार्यों की ख-रेख करती है। ये उन्हें आदेश भी दे सकती है और सलाह भी दे सकती है।

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I. नीचे लिखे रिक्त स्थान भरो

  1. भारत में ……… राज्य और ……… केन्द्र प्रशासित क्षेत्र हैं।
  2. पंचायत समिति पंचायती राज्य की ……… संस्था है।
  3. ग्राम पंचायत और पंचायत समिति का कार्यकाल ……… साल होता है।
  4. पंजाब में ……… जिला परिषद् हैं।
  5. पंचायती राज्य की सबसे ऊंची संस्था ……… है।

उत्तर-

  1. 28, 8
  2. मध्य की
  3. 5
  4. 22
  5. जिला परिषद्।

II. निम्नलिखित वाक्यों पर सही (✓) या ग़लत (✗) का निशान लगाओ

  1. अंग्रेज़ी राज्य के समय गांवों की आर्थिक दशा बहुत खराब थी।
  2. ग्राम पंचायत में स्त्रियों के लिए सीटें आरक्षित नहीं होती।
  3. जिला प्रबन्ध को ठीक प्रकार से चलाने के लिए अलग-अलग विभागों के जिला अधिकारी होते हैं।
  4. जिला परिषद् को जिला पंचायत भी कहा जाता है।
  5. पंचायत/ब्लॉक समिति 100 गांवों के लिए बनाई जाती है।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✓)
  4. (✓)
  5. (✓)

PSEB 6th Class Social Science Guide ग्रामीण विकास और स्थानीय सरकार Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पंचायती राज का क्या उद्देश्य है?
उत्तर-
ग्रामीण विकास।

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प्रश्न 2.
भारत में अक्तूबर 2019 में एक राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदिया गया है। उस राज्य का क्या नाम था?
उत्तर-
जम्मू कश्मीर।

प्रश्न 3.
ग्राम पंचायत का मुखिया सरपंच कहलाता है। उसका चुनाव कौन कर है?
उत्तर-
मतदाता (वोटर)।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पंचायती राज के अन्तर्गत महिलाओं के लिए आरक्षित अंश कितना है
उत्तर-
पंचायती राज के अन्तर्गत महिलाओं के लिए कम-से-कम एक तिहाई (1/3 4 स्थान आरक्षित होते हैं।

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प्रश्न 2.
पंचायतों की आय के दो प्रमुख साधन बताओ।
उत्तर-
सरकारी अनुदान और सार्वजनिक सम्पत्ति की बिक्री से प्राप्त आय।

प्रश्न 3.
गांवों में छोटे-छोटे झगड़ों का फैसला किस संस्था द्वारा किया जाता है ।
उत्तर-
गांवों में छोटे-छोटे झगड़ों का फैसला न्याय पंचायत द्वारा किया जाता है।

प्रश्न 4.
ग्राम पंचायत के प्रधान को क्या कहते हैं?
उत्तर-
सरपंच।

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प्रश्न 5.
पंचायत समिति के अध्यक्ष का चनाव कौन करता है?
उत्तर-
पंचायत समिति के सभी सदस्य मिलकर एक अध्यक्ष का चुनाव करते हैं।

प्रश्न 6.
सामुदायिक विकास का सबसे महत्त्वपूर्ण अधिकारी किसे माना जातः ।
उत्तर-
खण्ड विकास अधिकारी (बी० डी० ओ०) सामुदायिक विकास का सब महत्त्वपूर्ण अधिकारी होता है।

प्रश्न 7.
जिला परिषद् के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को उनके कार्यकाल के दौरा किस प्रकार हटाया जा सकता है?
उत्तर-
जिला परिषद् के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को अविश्वास प्रस्ताव द्वारा हटाया जा सकता है।

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प्रश्न 8.
अंग्रेज़ी राज्य में गांवों की अवस्था कैसी थी?
उत्तर-
अंग्रेजी राज्य में भारत के गांवों की दशा दयनीय थी। सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण गांवों की आत्मनिर्भरता भंग हो गई और गांव पिछड़ गए। उनकी आर्थिक स्थिति डावांडोल हो गई। किसान ऋण से घिर गया।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
ग्राम पंचायत के प्रधान का चुनाव कैसे होता है? उसके दो प्रमुख कार्यों “का उल्लेख करो।
उत्तर-
पंचायतों के प्रधान को कुछ राज्यों में गांव की वयस्क जनता चुनती है। परन्तु कुछ स्थानों पर इसका चुनाव ग्राम पंचायत द्वारा किया जाता है। उसे प्रायः सरपंच कहा जाता है। पंचायत का प्रधान मुख्य रूप से दो कार्य करता है –

  1. वह पंचायत की बैठकें बुलाता है।
  2. वह पंचायत की बैठकों का सभापतित्व करता है।

प्रश्न 2.
ग्राम पंचायतों की आय के साधन कौन-कौन से हैं? वे इस धन को किस प्रकार खर्च करती हैं?
उत्तर-
आय के साधन-पंचायतों की आय के अनेक साधन हैं –

  1. मेलों और दुकानों से प्राप्त कर।
  2. पशु-मेलों में पशुओं के क्रय-विक्रय की रजिस्ट्री फीस।
  3. गांव के मकानों पर कर।
  4. सरकार से प्राप्त अनुदान।
  5. सार्वजनिक सम्पत्ति का विक्रय।
    धन का व्यय-ग्राम पंचायतें अपनी आय को गांवों के विकास कार्यों पर खर्च करती हैं।

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प्रश्न 3.
न्याय पंचायत में किस प्रकार के मुकद्दमों की सुनवाई होती है?
उत्तर-
न्याय पंचायत में केवल निम्न स्तर के दीवानी और फौजदारी मुकद्दमों की सुनवाई होती है। न्याय पंचायतों को जुर्माना करने का अधिकार है परन्तु जेल भेजने का अधिकार नहीं है। न्याय पंचायतों में वकील आदि की आवश्यकता नहीं होती। यदि कोई व्यक्ति न्याय पंचायत के फैसले से सन्तुष्ट न हो तो वह ऊपरी अदालतों में जा सकता है।

प्रश्न 4.
पंचायतें गांव की भलाई के लिए कौन-कौन से कार्य करती हैं?
उत्तर-
पंचायतें मुख्य रूप से निम्नलिखित कार्य करती हैं –
PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 20 ग्रामीण विकास और स्थानीय सरकार 1

  1. गांव की गलियां पक्की करवाना तथा उनकी मरम्मत करवाना।
  2. पीने के पानी का प्रबन्ध करना।
  3. गांव में सफ़ाई का प्रबन्ध करना तथा बीमारियों की रोकथाम करना।
  4. गांव में प्रकाश का प्रबन्ध करना।
  5. गांव के छोटे-छोटे झगड़ों का निपटारा करना।

प्रश्न 5.
खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी (बी० डी० पी० ओ०) की ग्राम विकास में क्या भूमिका है?
उत्तर-
खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी निम्नलिखित कार्य करता है –

  1. वह पंचायत समिति के निर्णयों को लागू करता है।
  2. वह विकास योजनाओं को कार्य रूप देता है।
  3. वह ग्रामीण विकास कार्यों में मार्ग-दर्शन करता है।

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प्रश्न 6.
जिला परिषद् के कार्यों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
ज़िला-परिषद् की स्थापना ग्राम विकास के लिए की जाती है। इसका मुख्य कार्य पंचायत समितियों की देखभाल करना तथा उनमें तालमेल बनाए रखना है। यह सरकार तथा पंचायत समितियों के बीच कड़ी का काम करती है। यह सरकार को विकास कार्यों के बारे में राय देती है।

प्रश्न 7.
ग्राम सभा से क्या अभिप्राय है? यह कौन-कौन से कार्य करती है?
उत्तर-
ग्राम सभा में गांव के 18 वर्ष या इससे अधिक आयु के सदस्य शामिल होते हैं। इन सभी सदस्यों के नाम पंचायत क्षेत्र की मतदाता सूची में दर्ज होते हैं। गांव की सभी स्त्रियां तथा पुरुष जिनकी आयु 18 वर्ष अथवा इस से अधिक हो, ग्राम सभा के सदस्य होते हैं।
ग्राम सभा के कार्य –

  1. गाँव का बजट तैयार करना।
  2. पंचायत की वार्षिक रिपोर्ट की समीक्षा करना।
  3. आगामी वर्ष के लिए विकास योजनाएं बनाना।

प्रश्न 8.
पंचायत को विशेष अनुदान क्यों मिलता है?
उत्तर-
पंचायतों को ग्रामीण विकास के लिए अनेक कार्य करने पड़ते हैं। परन्तु उनकी आय के स्रोत कम हैं। इसलिए पंचायत को राज्य सरकार की ओर से विशेष अनुदान दिया जाता है।

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प्रश्न 9.
पंचायती राज प्रणाली में राज्य सरकार क्या भूमिका निभाती है?
उत्तर-
राज्य सरकारें पंचायतों तथा पंचायती राज को शक्तिशाली बनाने के लिए हर प्रकार की सहायता करती हैं। हमारे गांवों में अधिकतर लोग निर्धन तथा अशिक्षित हैं। अतः राज्य सरकार को पंचायती राज पर अधिक कठोरता से नियन्त्रण रखना पड़ता है। वह इसके कार्यों पर कड़ी निगरानी रखती है।

प्रश्न 10.
जिला परिषद् की रचना पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर-
ज़िला परिषद् की रचना इस प्रकार होती है –

1. सदस्यता-(1) ज़िला परिषद् के क्षेत्र में आने वाली सभी पंचायत समिति के अध्यक्ष जिला परिषद् के सदस्य होते हैं। (2) सम्बन्धित जिले में पड़ने वाली विधान सभा, विधान परिषद् तथा संसद् के सदस्य भी जिला परिषद् के सदस्य होते हैं। (3) अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जन-जातियों तथा इनसे सम्बन्धित महिलाओं के लिए जिला परिषद में कुछ स्थान आरक्षित होते हैं।

2. अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष-ज़िला परिषद् के सदस्य निर्वाचित सदस्यों में से एक अध्यक्ष तथा एक उपाध्यक्ष का चुनाव करते हैं। जिला परिषद् उनके विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित करके उन्हें पदच्युत भी कर सकती है।

3. जिला परिषद की कार्यावधि-ज़िला परिषद् की कार्यावधि 5 वर्ष की होती है। परन्तु यदि जिला परिषद् शक्तियों का दुरुपयोग करे अथवा राज्य सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का उल्लंघन करे तो राज्य सरकार उसे समय से पूर्व भी भंग कर सकती है।

प्रश्न 11.
जिला परिषद् की आय के स्रोत कौन-कौन से हैं?
उत्तर-
जिला परिषद् की आय के मुख्य स्रोत निम्नलिखित हैं –

  1. कर तथा अनुदान-पंचायत समितियों की भान्ति जिला परिषद् की आय भी करों तथा राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त अनुदान पर निर्भर करती है।
  2. प्रशासन न्यास तथा दान-जिला परिषदों को प्रशासन न्यासों अथवा दान से आय होती है।
  3. किराए-ज़िला परिषदों को घरों अथवा दुकानों से किराए के रूप में कुछ आय प्राप्त हो जाती है।
  4. उद्योग चलाने के लिए अनुदान-ज़िला परिषदों को घरेलू, ग्रामीण तथा छोटे पैमाने के उद्योग चलाने के लिए सर्व भारतीय संस्थाओं से अनुदान मिल जाते हैं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 20 ग्रामीण विकास और स्थानीय सरकार

ग्रामीण विकास और स्थानीय सरकार PSEB 6th Class Social Science Notes

  • गांवों का देश – भारत में लगभग 6 लाख गांव हैं। यहां की 75% जनसंख्या गांवों में रहती है।
  • पंचायती राज – गाँवों के विकास के लिए त्रि-स्तरीय व्यवस्था।
  • ग्राम पंचायत – पंचायती राज का सबसे निचला स्तर जो अपने गाँव के विकास के लिए कार्य करती है।
  • ग्राम सभा – गाँव के वयस्क नागरिकों का समूह जो पंचायत के सदस्यों का चुनाव करते हैं।
  • न्याय पंचायत – गाँव में न्याय का कार्य करने वाली संस्था।
  • पंचायत समिति – यह संस्था ब्लॉक स्तर पर ग्रामीण विकास का कार्य करती है।
  • जिला परिषद् – यह संस्था जिला स्तर पर ग्रामीण विकास का कार्य करती है।