PSEB 7th Class Hindi Vyakaran अशुद्ध-शुद्ध

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Ashuddh-Shuddh अशुद्ध-शुद्ध Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 7th Class Hindi Grammar अशुद्ध-शुद्ध

अशुद्ध – शुद्ध
प्रयाप्त – पर्याप्त
आधीन – अधीन
शात्र – छात्र
श्रंगार – श्रृंगार
बहन – बहिन
प्रगट – प्रकट
प्रमात्मा – परमात्मा
प्रमेश्वर – परमेश्वर
पत्नीयों – पत्नियों
जाग्रति – जागृति
श्राप – शाप
परिक्षा – परीक्षा
सूचि – सूची
दुश्ट – दुष्ट

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran अशुद्ध-शुद्ध

शान्ती – शान्ति
पैत्रिक – पैतृक
स्मृद्धि – समृद्धि
स्वयंम्बर – स्वयंवर
कवित्री – कवयित्री
औषधी – औषधि
उज्जवल – उज्ज्वल
परीश्रमी – परिश्रम
नदि – नदी
दुरोपयोग – दुरुपयोग
न्यायधीश – न्यायाधीश
स्वास्थ – स्वास्थ्य
जन्ता – जनता
अनीवार्य – अनिवार्य
अवश्यकता – आवश्यकता
प्रमाणु – परमाणु

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran अशुद्ध-शुद्ध

बुधिमान – बुद्धिमान्
मीठाई – मिठाई
प्रन्तु – परन्तु
शरन – शरण
मिठाईयां – मिठाइयाँ
अनन्द – आनंद/आनन्द
जित – जीत
पैंसल – पेंसिल
कवी – कवि
आश्य – आशय
प्रमान – प्रमाण
आग्या – आज्ञा
दुख – दुःख
परार्थना – प्रार्थना
कृश्ण – कृष्ण
महातमा – महात्मा
प्रतीख्शा – प्रतीक्षा
लक्षमी – लक्ष्मी

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran अशुद्ध-शुद्ध

पंडत – पंडित/पण्डित
मन्दर – मंदिर/मन्दिर
हिरदा – हृदय
सुरेन्द्र – सुरेन्द्र
आमोद-प्रमोद – अमोद-प्रमोद
गुपत – गुप्त
त्यारी – तैयारी
गनेश – गणेश

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran विशेषण रचना

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Visheshan Rachna विशेषण रचना Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 7th Class Hindi Grammar विशेषण रचना

शब्द – विशेषण
अज्ञान – अज्ञात
अन्तर – आन्तरिक
अपमान – अपमानित
अभिमान – अभिमानी
अवश्य – आवश्यक
अन्त – अन्तिम
आदर – आदरणीय
इच्छ – इच्छुक
इतिहास – ऐतिहासिक
ईर्ष्या – ईर्ष्यालु
ईश्वर – ईश्वरीय
उद्यम – उद्यमी
उदास – उदासी
घर – घरेलू
घना – घनिष्ठ
घाव – घायल

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran विशेषण रचना

चमक – चमकीला,चमकदार
चाचा – चचेरा
चिकित्सा – चिकित्सक
चाह – चाहत, चहेता
जंगल – जंगली
जाति – जातीय
जहर – जहरीला
जागना – जागरूक
जोश – जोशीला
झूठ – झगड़ा
झगड़ा – झगड़ालू
डर – डरावना
तप – तपस्वी
तेज – तेजस्वी
दया – दयालु
दान – दानी
एक – अकेला, एकाकी
ऐश्वर्य – ऐश्वर्यवान्
केन्द्र – केन्द्रीय

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran विशेषण रचना

कथन – कथित
कांटा – कंटीला
काल – कालीन
कोढ़ – कोढ़ी
कुल – कुलीन
कृपा – कृपालु
खोज – खोजी
खेलना – खिलाड़ी
गहराई – गहरा
गाना – गवैया
गाँव – गँवार
ग्राम – ग्रामीण दुधारू दूसरा
दुध – दुधारू
दूस – दूसरा
धन – धनी
नागर – नागरिक
नमक – नमकीन
नुक – नुकीला
निन्दा – निन्दनीय

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran विशेषण रचना

नीचे – नीचा
नाटक – नाटकीय
नील – नीला
नशा – नशीला
पतन – पतित
पर्वत – पर्वतीय
परिश्रम – पारिश्रमिक
परिवार – पारिवारिक
पहरा – पहरेदार
पाप – पापी
पाँच – पाँचवाँ
पिता – पैतृक
पूजा – पुजारी
दिन – दैनिक
द्रोह – द्रोही
देश – देशीय
विदेश – विदेशी
भार – भारी
भारत – भारतीय
भागना – भगोड़ा
भीख – भिखारी
भूख – भूखा
भुल – भुलक्कड़
मधु – मधुर
मास – मासिक
सोना – सुनहरी
संसार – सांसारिक
साँप – सपेरा
सेना – सैनिक
स्वभाव – स्वाभाविक
सुर – सुरीला
विदेश – विदेशी
वन – वन्य
विज्ञान – वैज्ञानिक
विष – विषैला
विरोध – विरोधी

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran विशेषण रचना

विष्णु – वैष्णव
वर्ष – वार्षिक
लोभ – लोभी
लूट – लुटेरा
लाज – लजीला
लज्जा – लज्जालु
लड़ना – लड़ाकु
बर्फ – बर्फीला
पालन – पालक
प्यास – प्यासा
मास – मासिक
मुख – मौखिक
मूल – मौलिक
मूल्य – मूल्यवान्
यश – यशस्वी
रस – रसीला
रक्षा – रक्षक
रंग – रंगीन
सम्मान – सम्मानित
सभा – सभ्य

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran विशेषण रचना

स्थान – स्थानीय
सन्तोष – सन्तुष्ट
सच्च – सच्चा
समाज – सामाजिक
सप्ताह – साप्ताहिक
सम्बन्ध – सम्बन्धी
स्वर्ग – स्वर्गीय
स्वदेश – स्वदेशी
स्वाद – स्वादिष्ट
लाख – लखपति
श्री – श्रीमान्
श्रद्धा – श्रद्धालु
शरीर – शारीरिक
शीत – शीतल
शक्ति – शाक्त
वन – वनैला
बात – बातूनी
बल – बलवान
बाहर – बाहरी
बुद्धि – बुद्धिमान
बुराई – बुरा
हँसी – हँसोड़
हिंसा – हिंसक
हत्या – हत्यारा

PSEB 12th Class Hindi Solutions Chapter 7 सुमित्रानन्दन पंत

Punjab State Board PSEB 12th Class Hindi Book Solutions Chapter 7 सुमित्रानन्दन पंत Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 12 Hindi Chapter 7 सुमित्रानन्दन पंत

Hindi Guide for Class 12 PSEB सुमित्रानन्दन पंत Textbook Questions and Answers

(क) लगभग 40 शब्दों में उत्तर दें:

प्रश्न 1.
‘दो लड़के’ कविता के प्रतिपाद्य को अपने शब्दों में लिखो।
उत्तर:
प्रस्तुत कविता कवि की एक प्रगतिवादी रचना है, जिसमे कवि ने मानवतावादी दृष्टिकोण अभिव्यक्त करते हुए मनुष्य को ही ईश्वर मानते हुए उसे धरती पर ही स्वर्ग बसाने के लिए कहा है, जिससे मनुष्य आपस में प्रेम प्यार से रहते हुए अपनी सभी इच्छाओं की पूर्ति कर सके। कोई भेदभाव न रहे, किसी का शोषण न हो, मानवीयता का प्रचार हो।

प्रश्न 2.
‘दो लड़के’ कविता का सार अपने शब्दों में लिखो।
उत्तर:
दो लड़के’ शीर्षक कविता पंत जी की काव्यकृति ‘युगवाणी’ में संकलित है। प्रस्तुत कविता में कवि ने अपनी मानवतावादी दृष्टिकोण को अभिव्यक्त किया है। कविता के आरम्भ में कवि ने यथार्थ का चित्रण करते हुए दो निर्धन निम्न जाति के नंग-धडंग किन्तु सुन्दर गठीले शरीर वाले लड़कों का वर्णन किया है बाद में कविं आत्मा की एकान्तिक उपासना को भौतिक शरीर के सामने नगण्य मानता हुआ कहता है कि संसार में रहने का सबसे अधिक अधिकार उसे है जो अधिक दुर्बल है। संसार में रहने के लिए मनुष्य को उपयुक्त साधनों की आवश्यकता है। मनुष्य एक-दूसरे को मानव-सुलभ प्रेमदान देता हुआ धरती पर स्वर्ग स्थापित कर सके।

PSEB 12th Class Hindi Solutions Chapter 7 सुमित्रानन्दन पंत

प्रश्न 3.
‘सुख-दुःख’ में कवि ने सुख और दुःख को क्या-क्या उपमाएँ दी हैं ? स्पष्ट करें।
उत्तर:
कवि ने सुख और दुःख को आँख-मिचौनी का खेल कहा है। कवि ने सुख और दुःख को उषा और सन्ध्या, मिलन और विरह, आँसू और हँसी तथा चाँद और बादलों से उपमा दी है।

प्रश्न 4.
‘सुख-दुःख’ कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?
उत्तर:
प्रस्तुत कविता से हमें यह शिक्षा मिलती है कि दुःख या सुख का निरन्तर रहना भी कष्टकारक होता है। अतः हमें सुख-दुःखों को आपस में बाँट लेना चाहिए ताकि जीवन में सन्तुलन बना रह सके।

(ख) सप्रसंग व्याख्या करें:

प्रश्न 5.
सुन्दर लगती नग्न देह ………….. सच्चे।
उत्तर:
कवि उन दो निर्धन लड़कों की दीन-हीन दशा का चित्रण करते हुए कहता है कि उन लड़कों का नंगा शरीर सुन्दर लगता है जो व्यक्ति के मन और आँखों को मोह लेता है। मनुष्यता के नाते व्यक्ति के हृदय में अपनापन भर जाता है। ये पासी के बच्चे भी तो मनुष्य के ही बालक हैं। उनका रोम-रोम मनुष्य के सच्चे साँचे में ढला हुआ है।

प्रश्न 6.
यह साँझ उषा का आँगन …….. जीवन का।
उत्तर:
कवि कहते हैं कि यह संसार सन्ध्या और उषा का आँगन है अर्थात् यहाँ सन्ध्या रूपी दुःख भी है तो उषा रूपी सुख भी है। यहाँ विरह और मिलन का मिलाप होता है अर्थात् संसार में लोग मिलते भी हैं और बिछुड़ते भी हैं। इस तरह वे मिलन के सुख और बिछुड़ने के दुःख को झेलते हैं। मनुष्य के जीवन में हँसी भी है और आँसू भी हैं। उसे सुख-दुःख दोनों ही भोगने पड़ते हैं। यही मानव जीवन है।

PSEB 12th Class Hindi Guide सुमित्रानन्दन पंत Additional Questions and Answers

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सुमित्रानंदन पंत का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर:
पंत जी का जन्म अल्मोड़ा जिले के कौसानी नामक गांव में 21 मई, सन् 1900 ई० में हुआ था।

प्रश्न 2.
पंत जी को ‘चिदंबरा’ पर कौन-सा पुरस्कार प्राप्त हुआ था?
उत्तर:
भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार।।

PSEB 12th Class Hindi Solutions Chapter 7 सुमित्रानन्दन पंत

प्रश्न 3.
पंत जी को डी० लिट् की उपाधि किस विश्वविद्यालय ने दी थी?
उत्तर:
कलकत्ता विश्वविद्यालय ने।

प्रश्न 4.
पंत जी का देहांत कब हुआ था?
उत्तर:
सन् 1977 ई० में।

प्रश्न 5.
दो निर्धन बालक प्रायः कहां आ जाते थे?
उत्तर:
लेखक के टीले पर बने घर के आंगन में।

प्रश्न 6.
दोनों बालक कवि को प्रतीत होते थे?
उत्तर:
सांवले रंग की मूर्ति की तरह, साँवले और चुस्त।

प्रश्न 7.
दोनों बालक किसकी तरह किलकारियां मारा करते थे?
उत्तर:
बंदर की तरह।

प्रश्न 8.
उन दोनों बच्चों की लगभग आयु कितनी थी?
उत्तर:
छः सात वर्ष।

प्रश्न 9.
कवि ने समाज में रहने वाले सभी लोगों को कैसा माना है?
उत्तर:
भेदभाव से रहित-पूरी तरह से एक समान।

प्रश्न 10.
कवि जीवन में सदा किसकी खेल-मिचौली देखना चाहता था?
उत्तर:
सुख-दुःख की खेल-मिचौली।

प्रश्न 11.
अधिक सुख और दुःख से यह जंग कैसा लगता है?
उत्तर:
पीड़ित।

प्रश्न 12.
कवि ने इस संसार को किसका आँगन माना है?
उत्तर:
सांझ-उषा का आँगन।

वाक्य पूरे कीजिए

प्रश्न 13.
सुंदर लगती नग्न देह,…………
उत्तर:
मोहती नयन मन।

प्रश्न 14.
जग का अधिकारी है वह,……………….।
उत्तर:
जो है दुर्बलतर।।

PSEB 12th Class Hindi Solutions Chapter 7 सुमित्रानन्दन पंत

प्रश्न 15.
निष्ठुर है जड़ प्रकृति…………………।
उत्तर:
सहज भंगुर जीवित जन।

प्रश्न 16.
मानव का साम्राज्य बने,………
उत्तर:
मानव-हित निश्चय।।

प्रश्न 17.
जग पीड़ित है अति दुःख से,………….
उत्तर:
जग-पीड़ित रे अति-सुख से।

प्रश्न 18.
दुख-सुख की निशा-दिवा में….
उत्तर:
सोता-जगता जग जीवन।

हाँ-नहीं में उत्तर दीजिए

प्रश्न 19.
‘दो लड़के’ एक प्रगतिवादी कविता है।
उत्तर:
हाँ।

प्रश्न 20.
दो लड़के पल्लव में संकलित है।
उत्तर:
नहीं।

प्रश्न 21.
कवि जीवन में चिर सुख-चिर दुख चाहता था।
उत्तर:
हाँ।

बोर्ड परीक्षा में पूछे गए प्रश्न

प्रश्न 1.
कवि पंत का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर:
सुमित्रानंदन पंत।

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

1. हिंदी साहित्य का सर्वप्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार किसको मिला ?
(क) सुमित्रानंदन पंत
(ख) निराला
(ग) महादेवी वर्मा
(घ) प्रसाद
उत्तर:
(क) सुमित्रानंदन पंत

2. सुमित्रानंदन पंत को भारत सरकार ने किस सम्मान से अलंकृत किया ?
(क) पद्मविभूषण
(ख) पद्मभूषण
(ग) ज्ञानपीठ
(घ) भारत रत्न।
उत्तर:
(ख) पद्मभूषण

PSEB 12th Class Hindi Solutions Chapter 7 सुमित्रानन्दन पंत

3. सुमित्रानंदन पंत को किस कृति पर ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला ?
(क) चिदंबरा
(ख) चितकोबरा
(ग) ऋतंबरा
(घ) ऋतुम्बर
उत्तर:
(क) चिदंबरा

4. कवि ने संसार को किसका आंगन माना है ?
(क) सांझ का
(ख) ऊषा का
(ग) सांझ-ऊषा का
(घ) रात का।
उत्तर:
(ग) सांझ-ऊषा का

5. ‘दो लड़के’ कैसी कविता है ?
(क) प्रगतिवादी
(ख) प्रयोगवादी
(ग) छायावादी
(घ) हालावादी।
उत्तर:
(क) प्रगतिवादी

सुमित्रानन्दन पंत सप्रसंग व्याख्या

दो लड़के कविता का सार

‘दो लड़के’ कविता में कवि ने दो निर्धन नाटे, सांवले, मांसल, नंगे तन, छ:सात साल के लड़कों के फुर्तीलेपन, मामूली-सी वस्तुएं प्राप्त करके भी प्रसन्न हो जाने का वर्णन किया है। उन्हें अपने अभावग्रस्त जीवन में भी आनन्द की अनुभूति होती है, वे इस अभाव से चिन्तित नहीं हैं। कवि के मन में उनके प्रति अपनापन जाग उठता है। वह चाहता है कि ये बालक भी मानव की सन्तान हैं। इसलिए मानव-मात्र में कोई भेदभाव न रहे। मानव का कल्याण हो, शोषण न हो। सब परस्पर प्रेमभाव से रहें। सब की इच्छाएं पूर्ण हों तथा धरती पर ही स्वर्ग बन जाए।

1. मेरे आंगन में, टीले पर है मेरा घर,
दो छोटे-से लड़के आ जाते हैं अक्सर,
नंगे-तन, गदबदे, साँवले, सहज छबीले
मिट्टी के मटमैले पुतले -पर फुर्तीले।

कठिन शब्दों के अर्थ:
अक्सर = प्रायः । गदबदे = कोमल, भरे हुए शरीर वाले। सहज = स्वाभाविक रूप से। छबीले = सुन्दर, संजीला। पुतला = मूर्ति। फुर्तीला = चुस्त।।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद्यांश आधुनिक युग के प्रसिद्ध छायावादी कवि सुमित्रानन्दन पन्त द्वारा लिखित कविता ‘दो लड़के’ में से लिया गया है। यह कविता कवि की काव्यकृति ‘युगवाणी’ में संकलित है। प्रस्तुत कविता में कवि प्रगतिवादी बन कर समाज के दो असहाय एवं पीड़ित बालकों का चित्रण करते हुए अपने मानवतावादी दृष्टिकोण को व्यक्त कर रहे हैं।

व्याख्या:
कवि अपने आँगन में आने वाले दो निर्धन बालकों का चित्रण करते हुए कहता है कि टीले पर बने मेरे घर के आँगन में दो छोटे-से लड़के प्रायः आ जाते हैं। वे शरीर से नंगे होते हैं, किन्तु भरे हुए शरीर वाले, साँवले रंग के स्वाभाविक रूप से सुन्दर दिखते हैं। वे मिट्टी से लथपथ होते हैं उन्हें देखकर ऐसा लगता है कि वे कोई मिट्टी की मूर्ति हो परन्तु हैं बड़े ही चुस्त अर्थात् वे हर काम बड़ी चुस्ती-फुर्ती से करते हैं।

विशेष:

  1. कवि ने अपने आंगन में आकर खेलने वाले दो बालकों का सजीव चित्रण किया है।
  2. भाषा तत्सम, तद्भव, देशज शब्दों से युक्त भावपूर्ण है।
  3. अनुप्रास तथा उत्प्रेक्षा अलंकार है।

2. जल्दी से, टीले के नीचे, उधर उतर कर
वे चुन ले जाते कूड़े से निधियाँ सुन्दर
सिगरेट के खाली डिब्बे, पन्नी चमकीली
फीतों के टुकड़े, तस्वीरें नीली पीली
मासिक-पत्रों के कवरों की, और बन्दर से
किलकारी भरते हैं, खुश हो-हो अन्दर से।
दौड़ पार आँगन के फिर हो जाते ओझल
वे नाटे छ:-सात साल के लड़के मांसल।

कठिन शब्दों के अर्थ:
टीला = छोटी पहाड़ी, ऊँची जगह । निधियाँ = खज़ाने। पन्नी = चमकीला कागज़ जो सिगरेट की डिबिया में होता है! कवर = मुख्य पृष्ठ। किलकारी भरना = खुशी से ऊँची आवाज़ में चीखना। नाटे = छोटे कद के। मांसल = पुष्ट शरीर वाले तगड़े।
प्रसंग:
प्रस्तुत काव्यांश सुमित्रानन्दन पंत द्वारा रचित कविता ‘दो लड़के’ से लिया गया है। इसमें कवि ने निर्धन वर्ग के दो नंग-धडंग छ:-सात वर्षीय बालकों की अभावों में भी मस्त रहने की दशा का चित्रण करते हुए उनके प्रति मानवीय संवेदना जगाने का प्रयास किया है।

व्याख्या:
अपने घर के आँगन में प्रायः आने वाले दो निर्धन किन्तु सुन्दर लड़कों का वर्णन करता हुआ कवि कहता है कि वे लड़के जल्दी से टीले के नीचे दूसरी तरफ उतर कर कूड़े से अपने लिए खज़ाना समझते हुए कुछ चीजें चुनकर ले जाते थे। जैसे कि सिगरेट के खाली डिब्बे, चमकीली पन्नी, बूटों के फीतों के टुकड़े और मासिक पत्रों के मुख्य पृष्ठों की नीली-पीली रंगीन तस्वीरें। इन चीजों को पाकर वे अन्दर से खुश हो-होकर बन्दरों के समान किलकारियाँ भरते हैं और आँगन को दौड़ कर पार कर आँखों से ओझल हो जाते हैं। वे छोटे कद के पुष्ट शरीर वाले छ: सात साल के लड़के

विशेष:

  1. कवि मानता है कि वे निर्धन बालक छोटी-छोटी चीजें पाकर भी प्रसन्न होते हैं। उन्हें अपनी निर्धनता या अभाव भरे जीवन की कोई चिन्ता नहीं है।
  2. भाषा सहज, तद्भव एवं देशज शब्दों से युक्त चित्रात्मक है।
  3. अनुप्रास तथा उपमा अलंकार हैं।

PSEB 12th Class Hindi Solutions Chapter 7 सुमित्रानन्दन पंत

3. सुन्दर लगती नग्न देह, मोहती नयन-मन,
मानव के नाते उर में भरता अपनापन।
मानव के बालक हैं ये पासी के बच्चे,
रोम-रोम मानव, साँचे में ढाले सच्चे।

कठिन शब्दों के अर्थ:
पासी = एक जाति। उर = हृदय।

प्रसंग:
यह काव्यांश सुमित्रानन्दन पंत द्वारा रचित कविता ‘दो लड़के’ से उद्धृत है। इसमें कवि ने निर्धन वर्ग के दो नंग-धडंग छ:-सात वर्षीय बालकों की अभावों में भी मस्त रहने की दशा का चित्रण करते हुए उनके प्रति मानवीय संवेदना जगाने का प्रयास किया है।

व्याख्या:
कवि उन दो निर्धन लड़कों की दीन-हीन दशा का चित्रण करते हुए कहता है कि उन लड़कों का नंगा शरीर सुन्दर लगता है जो व्यक्ति के मन और आँखों को मोह लेता है। मनुष्यता के नाते व्यक्ति के हृदय में अपनापन भर जाता है। ये पासी के बच्चे भी तो मनुष्य के ही बालक हैं। उनका रोम-रोम मनुष्य के सच्चे साँचे में ढला हुआ है।

विशेष:

  1. कवि के अनुसार वे दोनों लड़के निम्न और निर्धन जाति के होते हुए भी मानव के बच्चे होने के कारण सुन्दर प्रतीत होते हैं। उन्हें देखकर उसके मन में उनके प्रति अपनापन जागता है। कवि ने इन बालकों की चिन्तामुक्त दशा का वर्णन करते हुए इनके प्रति सद्भाव व्यक्त किया है।
  2. भाषा तत्सम प्रधान परन्तु सरल तथा भावपूर्ण है।
  3. अनुप्रास तथा पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।

4. अस्थि-माँस के इन जीवों का ही यह जग घर,
आत्मा का अधिवास न यह, वह सूक्ष्म अनश्वर !
न्योछावर है आत्मा नश्वर रक्त-मॉस पर,
जग का अधिकारी है वह, जो है दुर्बलतर !

कठिन शब्दों के अर्थ:
अस्थि-माँस = हड्डियाँ और माँस। जीव = प्राणी। अधिवास = रहने का स्थान। नश्वर = नाशवान्। दुर्बलतर = अत्यन्त कमज़ोर।

प्रसंग:
प्रस्तुत काव्यावतरण सुमित्रानन्दन पंत द्वारा रचित कविता ‘दो लड़के’ से अवतरित है। इसमें कवि ने दो निर्धन नंगधडंग बालकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।

व्याख्या:
कवि अपने मानवतावादी दृष्टिकोण को अभिव्यक्त करता हुआ कहता है कि यह संसार हाड़ मांस के प्राणियों का ही घर है। यह संसार आत्मा के रहने की जगह नहीं है क्योंकि आत्मा तो सूक्ष्म और न नाश होने वाली अर्थात् अमर है जबकि संसार की प्रत्येक वस्तु तो स्थूल और अनित्य है। कवि कहता है कि इस न नष्ट होने वाली-अमर आत्मा पर यह नाशवान् रक्त माँस का पुतला मानव न्योछावर है तात्पर्य यह है कि इस नाशवान् हाड़-माँस के पुतले मानव के सामने अनश्वर आत्मा क्षुद्र है। इस नाशवान संसार में रहने का वही अधिकारी है जो अत्यन्त कमज़ोर भी है तात्पर्य यह है कि निर्धन, कमज़ोर लोग भी इस संसार में रहने का अधिकार रखते हैं।

विशेष:

  1. कवि आत्मा की एकान्तिक उपासना को भौतिक शरीर के सामने नगण्य मानता है। कवि के लिए पूर्ण मानव ही ईश्वर है।
  2. भाषा सहज, सरल, देशज-तत्सम शब्दों से युक्त भावपूर्ण है।
  3. अनुप्रास अलंकार तथा चित्रमयता है।

5. वह्नि बाढ़, उल्का, झंझा की भीषण भू पर
कैसे रह सकता है कोमल मनुज कलेवर?
निष्ठुर है जड़ प्रकृति, सहज भंगुर जीवित जन,
मानव को चाहिए यहाँ मनुजोचित साधन !

कठिन शब्दों के अर्थ:
वह्नि = आग। उल्का = तारों का टूट कर धरती पर गिरना। झंझा = तूफान। भीषण = भयानक । कलेवर = शरीर। निष्ठुर = निर्दय, कठोर। जड़ = बेजान। सहज भंगुर = आसानी से या स्वाभाविक रूप से नष्ट होने वाला। मनुजोचित = मनुष्य के लिए उचित। साधन = तरीका।

प्रसंग:
प्रस्तुत काव्य-खंड सुमित्रानन्दन पंत द्वारा रचित कविता ‘दो लड़के’ से अवतरित है। इसमें कवि ने दो निर्धन नंगधडंग बालकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।

व्याख्या:
कवि संसार की भीषणता का उल्लेख करता हुआ मनुष्य को जीने के लिए उचित साधन होने की चर्चा करता हुआ कहता है कि इस संसार में आग का डर है बाढ़ का उत्पीड़न है अर्थात् बाढ़ आकर दु:खी करती है। तारों के टूट कर धरती पर गिरने का भय है। यहाँ इस धरती पर भयंकर तूफान आते रहते हैं फिर भला कोमल शरीर वाला मनुष्य इस धरती पर या इस संसार में कैसे रह सकता है। बेजान प्रकृति भी बड़ी निर्दयी है और जीवन सहज ही नाश हो जाने वाला है। अतः इस संसार में रहने के लिए मनुष्य को उचित साधनों की आवश्यकता है।

विशेष:

  1. परोक्ष रूप में कवि प्रकृति द्वारा भी-आग, बाढ़, उल्कापात और तूफान द्वारा ग़रीबों को सताए जाने की बात कह रहा है और समाज से यह आशा करता है कि वह पिछड़ों और ग़रीबों के लिए भी जीने के उचित साधन जुटाए।
  2. तत्सम प्रधान भाषा में उपदेशात्मकता है।
  3. प्रश्न तथा अनुप्रास अलंकार तथा चित्रात्मकता का गुण है।

6. क्यों न एक हों मानव मानव सभी परस्पर
मानवता निर्माण करें जग में लोकोत्तर ?
जीवन का प्रासाद उठे भू पर गौरवमय,
मानव का साम्राज्य बने, मानव-हित निश्चय।

कठिन शब्दों के अर्थ:
परस्पर = आपस में। लोकोत्तर = अलौकिक । प्रासाद = महल। मानव-हित = मनुष्य की भलाई के लिए।

प्रसंग:
प्रस्तुत काव्यांश सुमित्रानन्दन पंत द्वारा रचित कविता ‘दो लड़के’ से उद्धृत है। इसमें कवि ने दो निर्धन बालकों के चिन्तामुक्त जीवन का चित्रण करते हुए मानव मात्र के परस्पर मिलजुल कर तथा भेदभाव से रहित समाज बनाकर रहने की प्रेरणा दी है।

व्याख्या:
कवि भेदभाव भरे, अमीर-गरीब का भेद रखने वाले इस संसार को बदलने का प्रयत्न करने के लिए कहता है कि क्यों न सभी मनुष्य आपस में मिलकर संसार में एक अलौकिक मानवता का निर्माण करें, जिससे पृथ्वी पर जीवन का गौरवशाली महल खड़ा किया जा सके और मनुष्य की भलाई के लिए मनुष्य का एक साम्राज्य बन जाए।

विशेष:

  1. कवि का तात्पर्य यह है कि इस संसार से अमीर-ग़रीब का भेद मिट जाना चाहिए। यह न हो कि एक तो आनन्द से जीवन व्यतीत करे और दूसरा पेट भर रोटी को भी तरसें, इसलिए हमें इस भेदभाव को मिटा कर समता की भावना युक्त संसार का निर्माण करना चाहिए।
  2. तत्सम प्रधान भाषा में प्रवाह तथा भावों का सुन्दर समन्वय है।
  3. अनुप्रास, प्रश्न तथा रूपक अलंकार है।

7. जीवन की क्षण-धूलि रह सके जहाँ सुरक्षित,
रक्त-माँस की इच्छाएँ जन की हों पूरित।
मनुज प्रेम से जहाँ रह सकें-मानव ईश्वर।
और कौन-सा स्वर्ग चाहिए तुझे धरा पर ?

कठिन शब्दों के अर्थ:
पूरित = पूरी।

प्रसंग:
प्रस्तुत काव्यावतरण सुमित्रानन्दन पंत द्वारा रचित कविता ‘दो लड़के’ से अवतरित है। इसमें कवि ने दो निर्धन बालकों के चिन्तामुक्त जीवन का चित्रण करते हुए मानव मात्र के परस्पर मिलजुल कर तथा भेदभाव से रहित समाज बनाकर रहने की प्रेरणा दी है।

व्याख्या:
कवि धरती को ही स्वर्ग बनाने की कामना करते हुए कहता है कि हमें ऐसे संसार का निर्माण करना होगा जहाँ इस क्षणिक जीवन की मिट्टी सुरक्षित रह सके। प्रत्येक मनुष्य की इच्छाएं पूरी हो सकें। मनुष्य एक-दूसरे से प्रेमपूर्वक रह सके। हे मनुष्य रूपी ईश्वर ! तुझे धरती पर फिर किस दूसरे स्वर्ग की कामना होगी.? मनुष्य का साम्राज्य ही तुम्हारा स्वर्ग होगा अर्थात् जिस प्रकार स्वर्ग में सभी सुख सुविधाएँ प्राप्त हैं, धरती पर भी वे सब प्राप्त होगी तो धरती स्वर्ग कहलाएगी।

विशेष:

  1. कवि का तात्पर्य यह है कि मनुष्य मनुष्य से प्रेम करके अपनी सभी इच्छाओं को पूरी कर सकता है तथा धरती को स्वर्ग बना सकता है।
  2. भाषा तत्सम प्रधान तथा भावपूर्ण है।
  3. प्रश्न अलंकार है।

सुख-दुःख कविता का सार

‘सुख-दुःख’ कविता में कवि ने सदा के लिए न सुख चाहा है और न ही दुःख। कवि का मानना है कि सुख-दुःख के मधुर मिलन में ही जीवन की परिपूर्णता है। अत्यधिक सुख अथवा दुःख से लोग परेशान हो जाते हैं। सुख और दुःख का संगम ही उचित है। जैसे रात के बाद दिन अच्छा लगता है, वैसे ही दुःख के बाद सुख में आनन्द आता है। दुःख-सुख तो विरह के बाद मिलन में सुख के समान है। इस कविता में कवि ने सुख-दुःख से सम्बन्धित अपनी दाशनिक मान्यताओं को व्यक्त किया है।

1. मैं नहीं चाहता चिर-सुख,
मैं नहीं चाहता चिर-दुःख,
सुख-दुःख की खेल-मिचौनी,
खोले जीवन अपना मुख।

कठिन शब्दों के अर्थ:
चिर = देर तक रहने वाला। खेल-मिचौनी = आँख मिचौनी का खेल। खोले जीवन अपना मुख = जीवन अग्रसर हो।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद्यांश आधुनिक युग के प्रसिद्ध छायावादी कवि सुमित्रानन्दन पन्त की काव्यकृति ‘गुंजन’ में संकलित ‘सुख-दुःख’ शीर्षक कविता में से लिया गया है। प्रस्तुत कविता में कवि जीवन में सुख-दुःख की समानता होने की कामना करते हैं क्योंकि निरन्तर दुःख हो या सुख सदा मनुष्य को दुःखी करते हैं।

व्याख्या:
कवि कहते हैं कि मैं यह भी नहीं चाहता कि सुख देर तक मेरे जीवन में बना रहे और मैं यह भी नहीं चाहता दुःख देर तक मेरे जीवन में बना रहे। मैं तो यह चाहता हूँ कि मेरे जीवन में, सुख-दुःख आँख-मिचौनी का खेल । खेलते रहें अर्थात् सुख-दुःख मेरे जीवन में आते जाते रहें इस तरह मेरा जीवन चलता रहे।

विशेष:

  1. कवि का मानना है कि सुख-दुःख रथ के पहिये के समान हों कभी पहिए का एक भाग ऊपर आ जाए तो कभी दूसरा। सदा सुख या सदा दुःख बना रहने पर जीवन रुक जाएगा। आँख-मिचौनी के खेल में कभी एक छिपता है तो कभी दूसरा। इसी प्रकार जीवन में भी कभी सुख छिप जाए दूर हो जाए तो कभी दुःख। यही जीवन है।
  2. तत्सम प्रधान सहज भाषा का प्रयोग किया गया है।
  3. अनुप्रास अलंकार तथा लाक्षणिकता विद्यमान है।

PSEB 12th Class Hindi Solutions Chapter 7 सुमित्रानन्दन पंत

2. सुख-दुःख के मधुर मिलन से
यह जीवन हो परिपूरन,
फिर घन में ओझल हो शशि
फिर शशि से ओझल हो घन

कठिन शब्दों के अर्थ:
मिलन = संयोग। ओझल होना = छिप जाना।

प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ सुमित्रानन्दन पंत द्वारा रचित कविता ‘सुख-दुःख’ से ली गई हैं, जिसमें कवि ने सुख-दुःख को समभाव से ग्रहण करने की प्रेरणा दी है।

व्याख्या:
कवि कहते हैं कि सुख और दुःख के उचित संयोग से मेरा जीवन पूर्ण हो अर्थात् जीवन में सुख-दुःख आते जाते रहने चाहिए जैसे कभी बादलों में चाँद छिप जाए और कभी बादल चाँद से दूर हो जाएँ।

विशेष:

  1. चाँद सुख का प्रतीक माना जाता है और बादल दुःख के।
  2. भाषा तत्सम प्रधान लाक्षणिक से युक्त है।
  3. अनुप्रास तथा मानवीकरण अलंकार हैं।

3. जग पीड़ित है अति दुःख से,
जग पीड़ित रे अति-सुख से,
मानव-जग में बँट जावें
दुःख सुख से औ, सुख दुःख से।

कठिन शब्दों के अर्थ:
पीड़ित = दु:खी। अति = अत्यधिक।

प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ सुमित्रानन्दन पंत द्वारा रचित कविता ‘सुख-दुःख’ से ली गई हैं, जिसमें कवि ने सुख-दुःख को समभाव से ग्रहण करने की प्रेरणा दी है।

व्याख्या:
कवि कहता है कि संसार दुःख की अधिकता से भी दु:खी है और सुख की अधिकता से भी दुःखी है अर्थात् मनुष्य निरन्तर दुःख या विपत्तियाँ सहता-सहता भी दुःखी हो जाता है और मनुष्य सुख के निरन्तर बने रहने से भी ऊब जाता है। इसलिए वह चाहता है कि मानव जगत् में दुःख-सुख से और सुख-दुःख से बँट जाएँ अर्थात् दुःखी मनुष्य के दुःखों को सुखी मनुष्य बाँट लें और सुखी मनुष्य के थोड़े सुख दुःखी मनुष्यों में बँट जाएँ। इस तरह जीवन में सुख-दुःख का सन्तुलन बना रहेगा।

विशेष:

  1. कवि ने सुख-दुःख के बराबर बँटवारे की कामना की है। सुखी व्यक्ति दुःखियों के दुःख को दूर करें।
  2. भाषा तत्सम प्रधान तथा भावपूर्ण है।
  3. कवि ने सुख-दुःख को समभाव से स्वीकार करने पर बल दिया है।

4. अविरत दुःख है उत्पीड़न
अविरत सुख भी उत्पीड़न
सुख-दुःख की निशा-दिवा में
सोता-जगता जग-जीवन।

कठिन शब्दों के अर्थ:
अविरत = निरन्तर, लगातार। उत्पीड़न = दुःख का कारण। दिवा = दिन।

प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ सुमित्रानन्दन पंत द्वारा रचित कविता सुख-दुःख से लगी गई हैं, जिसमें कवि ने सुख-दुःख . में समन्वय पर बल दिया है।

व्याख्या:
कवि कहते हैं कि निरन्तर दुःख भी दुःख का कारण बनता है अर्थात् मनुष्य को व्यथित कर देता है और निरन्तर सुख भी दुःख पैदा करने का कारण बनता है अर्थात् लगातार सुख सहते-सहते या भोगते-भोगते मनुष्य उदासीन हो जाता है। इसलिए चाहिए तो यह है कि दुःख-सुख रूपी रात-दिन में मनुष्य जीवन सोता-जागता रहे। क्योंकि लगातार दुःख सहते-सहते मनुष्य व्याकुल हो जाता है और सुख के दिनों में वह उत्सव और उल्लास मनाता है।

विशेष:

  1. मानव जीवन सुख-दुःख का ही मिश्रण है।
  2. भाषा तत्सम प्रधान लाक्षणिक है।
  3. अनुप्रास, रूपक तथा मानवीकरण अलंकार हैं।

5. यह साँझ-उषा का आँगन,
आलिंगन विरह-मिलन का,
चिर हास-अश्रुमय आनन ।
रे इस मानव-जीवन का।

कठिन शब्दों के अर्थ:
आलिंगन = मिलाप। विरह = जुदाई, बिछुड़ना। आनन = चेहरा, मुख। ..

प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ सुमित्रानन्दन पंत द्वारा रचित कविता ‘सुख-दुःख’ से ली गई हैं, जिसमें कवि ने सुख-दुःख में समन्वय पर बल दिया है।

व्याख्या:
कवि कहते हैं कि यह संसार सन्ध्या और उषा का आँगन है अर्थात् यहाँ सन्ध्या रूपी दुःख भी है तो उषा रूपी सुख भी है। यहाँ विरह और मिलन का मिलाप होता है अर्थात् संसार में लोग मिलते भी हैं और बिछुड़ते भी हैं। इस तरह वे मिलन के सुख और बिछुड़ने के दुःख को झेलते हैं। मनुष्य के जीवन में हँसी भी है और आँसू भी हैं। उसे सुख-दुःख दोनों ही भोगने पड़ते हैं। यही मानव जीवन है।

विशेष:

  1. कवि ने सुख-दुःख के समन्वय पर बल दिया है।
  2. भाषा तत्सम प्रधान एवं लाक्षणिक है।
  3. रूपक और मानवीकरण अलंकार हैं।

सुमित्रानन्दन पंत Summary

सुमित्रानन्दन पंत जीवन परिचय

सुमित्रानन्दन पन्त जी का जीवन परिचय दीजिए ।

सुमित्रानन्दन पन्त जी का जन्म अल्मोड़ा जिले के कौसानी नामक गाँव में 21 मई, सन् 1900 ई० को हुआ। इनके पिता का नाम पंडित गंगादत्त तथा माता का नाम सरस्वती था। इन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा अल्मोड़ा तथा बनारस में प्राप्त की थी तथा उच्च शिक्षा के लिए प्रयाग के म्योर सैंट्रल कॉलेज में प्रवेश लिया, किन्तु महात्मा गाँधी के असहयोग आन्दोलन से प्रभावित होकर पढ़ाई छोड़ दी और साहित्य साधना करने लगे। इन्होंने आकाशवाणी, इलाहाबाद में भी कार्य किया था। इन्हें भारत सरकार ने पद्मभूषण से, कलकत्ता विश्वविद्यलय ने डी० लिट् से, साहित्य अकादमी ने ‘कला और बूढ़ा चाँद’ पर सोवियत भूमि नेहरू पुरस्कार तथा भारतीय ज्ञानपीठ ने ‘चिदम्बरा’ पर सम्मानित किया था। सन् 1977 में इनका देहान्त हो गया था। इन्होंने कविता, नाटक, उपन्यास, कहानियां, निबन्ध आदि सभी लिखे हैं। इनकी प्रमुख रचनाएँ वीणा, पल्लव, गुंजन, युगान्त, ग्राम्या, लोकायतन, चिदंबरा, कला और बूढ़ा चांद हैं।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran क्रिया

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Kriya क्रिया Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 8th Class Hindi Grammar क्रिया

प्रश्न 1.
क्रिया की परिभाषा लिखकर कर्म के आधार पर क्रिया के भेद लिखो।
अथवा
क्रिया की परिभाषा सोदाहरण दें।
अथवा
क्रिया किसे कहते हैं ? कर्म के आधार पर क्रिया के कितने भेद हैं ?
उत्तर:
जिस शब्द के द्वारा किसी कार्य के करने या होने का बोध होता है, उसे क्रिया कहते हैं; जैसे-
(i) भगवान् की पूजा करो।
(ii) कृष्ण राधा को देखता है,
(iii) किसान बैल को हाँकता है,
(iv) पानी बहता है।
इन वाक्यों में पूजा करना, देखना, हाँकना तथा बहना क्रियाएँ हैं कि क्योंकि इनसे कार्य करने या होने का बोध होता है।

कर्म के अनुसार क्रिया के दो भेद हैं-
1. अकर्मक :
जिस क्रिया के व्यापार का फल कर्ता पर ही पड़े (कर्म न हो) अकर्मक क्रिया कहलाती है। जैसे-कृष्ण रोता है। मोहन भागता है।

2. सकर्मक :
जिस क्रिया के व्यापार का फल कर्ता को छोड़ कर कर्म पर ही पड़े, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं; जैसे-श्याम पुस्तक पढ़ता है। मोहन पेंसिल देता है।

सकर्मक क्रिया के भेद :
(i) एककर्मक क्रिया-जिन क्रियाओं का एक कर्म होता है, वे एककर्मक क्रियाएँ कहलाती हैं; जैसे-शोभा फूल तोड़ती है। सतीश पुस्तक पढ़ता है। ‘फूल’ तथा ‘पुस्तक’ इन वाक्यों में कर्म हैं।
(ii) द्विकर्मक क्रियाएँ-कुछ सकर्मक क्रियाएँ ऐसी होती हैं जिनमें दो कर्म आ जाते है, उन्हें द्विकर्मक क्रियाएँ कहते हैं; जैसे-राम मुझे पुस्तक देता है। ‘मुझे’ तथा ‘पुस्तक’ दोनों ही वाक्य में कर्म हैं। अतः ‘उक्त वाक्य में’ द्विकमर्क क्रिया है।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran क्रिया

प्रश्न 2.
रचना की दृष्टि से क्रिया के भेद लिखो।
उत्तर:
रचना की दृष्टि से क्रिया के निम्नलिखित भेद हैं
1. सामान्य क्रिया : जहाँ केवल एक क्रिया का प्रयोग किया जाए वह सामान्य क्रिया कहलाती है; जैसे-अनिल आया। सोहन ने पढ़ा। मैंने खाया।
2. संयुक्त क्रिया : दो या दो से अधिक धातुओं से मिलकर बनने वाली क्रियाएँ संयुक्त क्रियाएँ कहलाती हैं; जैसे-लिखना चाहता है, पढ़ सकता है, जा सकता है।
3. नामधातु क्रिया : संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण से बनने वाली क्रियाओं को नाम धातु क्रिया कहते हैं; जैसे-हथियाना, बतियाना, लतियाना आदि।
4. प्रेरणार्थक क्रिया : जो क्रिया या कर्ता स्वयं क्रिया न करके किसी अन्य को क्रिया करने की प्रेरणा देता है, उस क्रिया को प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं; जैसे-सुनाना, लिखाना, पढ़ाना, कराना।

प्रेरणार्थक क्रियाएँ
मूल धातु
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5. पूर्वकालिक क्रिया : जब कोई क्रिया मुख्य क्रिया से पूर्व ही समाप्त हो जाए तो उसे पूर्वकालिक क्रिया कहते हैं; जैसे-सीता खाना खा कर स्कूल जाएगी। यहाँ पर ‘जाएगी’ मुख्य क्रिया है और ‘खा कर’ पूर्वकालिक क्रिया है।

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

1. निम्नलिखित क्रियाओं में से सकर्मक और अकर्मक क्रियाएँ छाँट कर लिखो

प्रश्न 1.
तोड़ना, रोना, मरना, मारना, उबालना, लड़ना, गिरना।
उत्तर:
अकर्मक – तोड़ना, मारना, उबालना।
सकर्मक – रोना, मरना, लड़ना, गिरना।

2. नीचे लिखे वाक्यों में जो क्रियाएँ हैं, उन्हें छाँट कर लिखो

प्रश्न 1.
(क) राम ने पत्र लिखा।
(ख) मोहन अपनी जगह से उठ बैठा।
(ग) रमा पुस्तक पढ़ रही है।
(घ) वह देखो, चन्द्रमा निकल आया।
उत्तर:
(क) लिखा
(ख) उठ बैठा
(ग) पढ़ रही है
(घ) देखो, निकल आया।

3. निम्नलिखित शब्दों के नाम धातु रूप को वाक्यों में प्रयोग करें-

हाथ, बात, दुःख, आप, शर्म।
उत्तर:
1. हाथ = हथियाना – उसने मेरी पुस्तक हथिया ली।
2. बात = बतियाना – शिमला आने से पूर्व मुझे बतिया देना।
3. दुःख = दुखाना – कभी किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए।
4. आप = अपनाना – सदा सद्गुणों को अपनाना चाहिए।
5. शर्म = शर्माना – पेट भर कर खाओ, शर्माओ मत।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran क्रिया

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
क्रिया के कितने भेद हैं ?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर:
दो।

प्रश्न 2.
क्रियापद चुन कर लिखें
(क) राम
(ख) ने
(ग) पत्र
(घ) लिखा।
उत्तर:
लिखा।

प्रश्न 3.
श्याम पुस्तक पढ़ता है-में कौन-सी क्रिया है ?
(क) अकर्मक
(ख) सकर्मक
(ग) द्विकर्मक
(घ) प्रेरणार्थक।
उत्तर:
सकर्मक।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran क्रिया

प्रश्न 4.
पूजा सोती है-में कौन-सी क्रिया है ?
(क) अकर्मक
(ख) सकर्मक
(ग) द्विकर्मक
(घ) प्रेरणार्थक।
उत्तर:
अकर्मक।

प्रश्न 5.
पूनम ने आद्या को हलवा दिया-में कौन-सी क्रिया है ?
(क) सकर्मक
(ख) प्रेरणार्थक
(ग) द्विकर्मक
(घ) अकर्मक।
उत्तर:
द्विकर्मक।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran विशेषण

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Visheshan विशेषण Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 8th Class Hindi Grammar विशेषण

प्रश्न 1.
विशेषण किसे कहते हैं ? विशेषण के कितने भेद हैं ?
उत्तर:
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता प्रकट करे, विशेषण कहलाता है; जैसे-वीर पुरुष। इसमें वीर शब्द पुरुष की विशेषता प्रकट करता है। इसलिए यह विशेषण है। विशेषण के चार भेद हैं
(1) गुणवाचक
(2) परिमाणवाचक
(3) संख्यावाचक
(4) निर्देशक या सार्वनामिक।
1. गुणवाचक : जो शब्द किसी पदार्थ के गुण, दोष, आकार, रंग, अवस्था, समय आदि का बोध कराए, उसे ‘गुणवाचक विशेषण’ कहते हैं; जैसे-भला मनुष्य, काला घोड़ा, निचला कमरा।

2. परिमाणवाचक :
जो शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम की माप या तोल सम्बन्धी विशेषता को प्रकट करें, उन्हें ‘परिमाणवाचक विशेषण’ कहते हैं; जैसे-दो मीटर कपड़ा, चार किलो मिठाई। इसके दो भेद हैं
(i) निश्चित परिमाणवाचक-जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित परिमाण का बोध हो; जैसे-दो क्विटल, चार लिटर।
(ii) अनिश्चित परिमाणवाचक-जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित परिमाण का बोध न हो; जैसे-कुछ दूध, थोड़ा घी, बहुत मिठाई।

3. संख्यावाचक :
जो शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम की संख्या (गिनती) का ज्ञान कराए, उसे ‘संख्यावाचक विशेषण’ कहते हैं; जैसे-एक पुस्तक, दस लड़के। इसके भी दो भेद निम्नलिखित हैं
(i) निश्चित संख्यावाचक-जो निश्चित संख्या का ज्ञान कराए; जैसे-पाँच लड़कियाँ, दुगुना बोझ।
(ii) अनिश्चित संख्यावाचक-जो निश्चित संख्या का बोध न कराए; जैसे-सभी छात्र, कुछ लोग, कई दिन।

4. निर्देशन या सार्वनामिक :
जो सर्वनाम संज्ञा के साथ उसके संकेत या निर्देश के रूप में आता है, वह विशेषण बन जाता है; जैसे-यह घोड़ा, वह पुस्तक। निर्देशक विशेषण को निर्देशवाचक, संकेतवाचक, सांकेतिक और सार्वनामिक विशेषण भी कहा जाता है।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran विशेषण

प्रश्न 2.
विशेषण और विशेष्य किसे कहते हैं ?
उत्तर:
विशेषण जिस शब्द की विशेषता बताता है उसे विशेष्य कहते हैं। विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता प्रकट करने वाले शब्द को कहते हैं।
जैसे-मुर्ख लड़का’ में मुर्ख विशेषण है तथा लड़का विशेष्य।

प्रश्न 3.
सर्वनाम और सार्वनामिक विशेषण में क्या अंतर है ? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर-संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्द ‘सर्वनाम’ कहलाते हैं परन्तु यदि वाक्य में वे किसी संज्ञा से पहले प्रयुक्त होकर उसकी ओर संकेत करते हैं तो वे सर्वनाम न रह कर विशेषण बन जाते हैं; जैसे-यह चुप बैठा है। वह रोटी खाता है। (यह, वहसर्वनाम)। ये कपड़े मेरे हैं। वह पुस्तक किसकी है ? (ये, यह–सार्वनामिक विशेषण)।

प्रश्न 4.
विशेषणों की तुलना से क्या अभिप्राय है ? तुलना की दृष्टि से विशेषण की कितनी अवस्थाएँ होती हैं ?
उत्तर-संज्ञाओं के गुण-दोषों की न्यूनता-अधिकता का बोध कराए जाने को विशेषण की तुलना कहा जाता है। तुलना के विचार से विशेषण की तीन अवस्थाएँ हैं
(1) मूलावस्था
(2) उत्तरावस्था
(3) उत्तमावस्था।

1. मूलावस्था : इसमें विशेष्य की किसी से तुलना नहीं की जाती; जैसे–मोहन सुन्दर
2. उत्तरावस्था : इसमें दो पदार्थों की तुलना की जाती है और एक की अधिकता या न्यूनता दिखाई जाती है; जैसे-राम श्याम से अधिक चतुर है।
3. उत्तमावस्था : इसमें एक की तुलना दो से अधिक वस्तुओं से की जाती है और इसे सबसे ऊँचा या सबसे नीचा दर्शाया जाता है; जैसे-राम अपनी श्रेणी में सबसे चतुर है।

आवश्यक जानकारी :
विशेषण की पहली अवस्था (मूलावस्था) में विशेषण शब्द के साथ कोई प्रत्यय नहीं लगता जबकि उत्तरावस्था में ‘तर’ और उत्तमावस्था में ‘तम’ प्रत्यय लगते हैं। कुछ उदाहरण-
मूलावस्था – उत्तरावस्था – उत्तमावस्था
योग्य – योग्यतर – योग्यतम
प्रिय – प्रियतर – प्रियतम
अधिक – अधिकतर – अधिकतम
निकट – निकटतर – निकटतम

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran विशेषण

प्रश्न 5.
परिमाण वाचक विशेषण किसे कहते हैं और ये कितने प्रकार के हैं ?
उत्तर:
परिमाण वाचक विशेषण-जो शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम की मापतोल सम्बन्धी विशेषता को प्रकट करे उन्हें परिमाण वाचक विशेषण कहते हैं; जैसे-दो मीटर कपड़ा, चार किलो मिठाई। इसके दो भेद हैं
(1) निश्चित परिमाण वाचक।
(2) अनिश्चित परिमाण वाचक।

प्रश्न 6.
सार्वनामिक विशेषण किसे कहते हैं ? उदाहरण देकर लिखिए।
उत्तर:
सार्वनामिक विशेषण-जो सर्वनाम संज्ञा के साथ उसके संकेत या निर्देश के रूप में आता है, वह विशेषण बन जाता है; जैसे-यह घोड़ा, वह पुस्तक। इनमें ‘यह’ और ‘वह’ सार्वनामिक विशेषण है।

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न

1. निम्नलिखित वाक्यों में से सार्वनामिक विशेषण छाँटिए

प्रश्न 1.
(क) वे विद्यार्थी लगातार परिश्रम करते हैं।
(ख) यह भारत का सर्वप्रिय फल है।
(ग) वह बच्चा खेल रहा है।
उत्तर:
(क) वे
(घ) यह
(ग) वह।

2. नीचे लिखे वाक्यों में से विशेषण चुनिए

प्रश्न 1.
(1) काला घोड़ा सबसे आगे निकल गया।
(2) मनोहर के घर सफ़ेद गाय है।
(3) वीर पुरुष किसी से नहीं डरता।
(4) पर्वत से भारी चट्टान नीचे जा गिरी।
(5) हमेशा बुरे लोगों से दूर रहो।
(6) हमें अब पता चला कि हममें क्या कमी है ?
(7) वह विकराल डाकू सामने आ खड़ा हुआ।
(8) उसका भाई बहुत निपुण है।
उत्तर:
(1) काला
(2) सफ़ेद
(3) वीर
(4) भारी
(5) बुरे
(6) कमी
(7) विकराल
(8) निपुण।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran विशेषण

3. नीचे लिखे सन्दर्भ में से विशेषण छांटो

प्रश्न 1.
सहसा उन्हें किसी की कठोर आवाज़ सुनाई दी-“ठहरो”। वृद्ध ने रुक कर और पीछे मुड़कर देखा तो जंगल की झाड़ियाँ चीरता हुआ वह विकराल डाकू सामने आ खड़ा हुआ। ऊँचा कद, काला शरीर, विकराल चेहरा, लाल आँखें, उठे हुए केश, बड़ी-बड़ी मूंछे और हाथ में तेज़ कटार। निश्चय ही वह मनुष्य नहीं दैत्य दिखाई देता था।
उत्तर:
कठोर, विकराल, ऊँचा, काला, लाल, बड़ी-बड़ी तेज़।

4. नीचे दिए गए कोष्ठक में से उपयुक्त विशेषण शब्द चुनकर रिक्त स्थानों में भरो

प्रश्न 1.
(उत्साही, क्रूर, हज़ारों, धर्म के रक्षक, विरक्त, निर्भीक) ।
मालाधारी………….. व्यक्ति भी तलवार उठा लेता है। खालसा धर्म के प्रवर्तक तथा ………… गुरु गोबिन्द सिंह जी ने बन्दा बैरागी को तत्कालीन………….. मुग़ल सरकार से …………. बेगुनाहों के खून का बदला लेने के लिए आशीर्वाद देकर भेजा। वह बचपन से ही …………. और …………… प्रकृति का था।
उत्तर:
विरक्त, धर्म के रक्षक, क्रूर, हज़ारों, उत्साही, निर्भीक।

5. निम्नलिखित शब्दों में से संज्ञा, सर्वनाम तथा विशेषण अलग-अलग करें

प्रश्न 1.
कर्तव्य, हम, अधिकार, वे, वृद्ध, अचल।
उत्तर:
संज्ञा – कर्त्तव्य, अधिकार, वृद्ध।
सर्वनाम – हम, वे।
विशेषण – अचल।

6. नीचे लिखे गद्यांश में से संज्ञा, सर्वनाम तथा विशेषण शब्द चुनो

प्रश्न 1.
महापुरुषों के जीवन के आलोक में जब हम अपने आपको पढ़ते हैं तब हमें पता चलता है कि हम में क्या कमी है, हमारी कमजोरियाँ क्या हैं, हमारा जीवन इतना आलोकहीन क्यों है ? हम इस सत्य से परिचित होते हैं कि हमारे अन्दर भी उतनी ही शक्ति छिपी है, जितनी कि महापुरुषों के पास थी।
उत्तर:
संज्ञाएँ-महापुरुषों, शक्ति, जीवन, सत्य। सर्वनाम-हम, अपने। विशेषण-कमी, आलोकहीन।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran विशेषण

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
विशेषण के कितने भेद हैं ?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर:
चार।

प्रश्न 2.
विशेषण छाँट कर लिखें
(क) काला
(ख) घोड़ा
(ग) भाग
(घ) गया।
उत्तर:
काला।

प्रश्न 3.
‘इतिहास’ शब्द का विशेषण क्या है ?
(क) इतिहासिक
(ख) ऐतिहासिक
(ग) इतिहासता
(घ) ऐतिहासिकता।
उत्तर:
ऐतिहासिक।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran विशेषण

प्रश्न 4.
‘साहसी’ का विशेषण नहीं है
(क) साहसिक
(ख) साहस
उत्तर:
साहस।

प्रश्न 5.
चार किलो दूध लाना में रेखांकित विशेषण है
(क) संख्यावाचक
(ख) गुणवाचक
(ग) परिमाणवाचक
(घ) सार्वनाम वाचक।
उत्तर:
परिमाणवाचक।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran सर्वनाम

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Sarvanam सर्वनाम Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 8th Class Hindi Grammar सर्वनाम

प्रश्न 1.
सर्वनाम किसे कहते हैं ? सर्वनाम के कितने भेद हैं ? भेदों के नाम लिखो।
अथवा
सर्वनाम की परिभाषा लिखो और उसके भेद भी बताओ।
उत्तर:
वाक्य में संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले विकारी शब्दों को सर्वनाम कहते हैं; जैसे-सोहन, मोहन के साथ उनके घर गया। इस वाक्य में ‘उसके’ सर्वनाम मोहन के स्थान पर प्रयुक्त हुआ है। सर्वनाम के छः भेद हैं

1. पुरुष वाचक – जिससे वक्ता (बोलने वाला), श्रोता (सुनने वाला) और जिसके सम्बन्ध में चर्चा हो रही है उसका ज्ञान प्राप्त हो।
जैसे- अन्य पुरुष – वह, वे
मध्यम पुरुष – तू, तुम
उत्तम पुरुष – मैं, हम

2. निश्चय वाचक – इस सर्वनाम से वक्ता के समीप या दूर की वस्तु का निश्चय होता है; जैसे-यह, ये, वह, वे।

3. अनिश्चय वाचक – इस सर्वनाम से किसी पुरुष एवं वस्तु का निश्चित ज्ञान नहीं होता है; जैसे-कोई, कुछ।

4. संबंध वाचक – इस सर्वनाम से दो संज्ञाओं में परस्पर संबंध का ज्ञान होता है; जैसे-जो, सो। जो करेगा, सो भरेगा।

5. प्रश्न वाचक – इस सर्वनाम का प्रयोग प्रश्न पूछने और कुछ जानने के लिए होता है; जैसे-कौन, क्या। आप कौन हैं ? मैं क्या करूंगा ?

6. निज वाचक – जिन वाक्यों में सर्वनाम शब्दों का प्रयोग कर्ता स्वयं अपने लिए करता है, उसे निज वाचक सर्वनाम कहते हैं; जैसे-मैं अपने विद्यालय गया। यह अपनी पुत्री है। मोहन ने अपना पाठ याद किया।
यहाँ पर ‘अपने’, ‘अपनी’ और ‘अपना’ शब्द निज वाचक सर्वनाम के रूप में प्रयोग किए गए हैं। इसलिए ये शब्द निज वाचक सर्वनाम कहलाएंगे।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran सर्वनाम

प्रश्न 2.
निजवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं ? उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर:
निजवाचक सर्वनाम-जिन वाक्यों में सर्वनाम शब्दों का प्रयोग कर्ता स्वयं अपने लिए करता है, उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं; जैसे-मैं अपने विद्यालय गया। उसने अपना पाठ याद कर लिया है।

प्रश्न 3.
पुरुष वाचक सर्वनाम किसे कहते हैं ? और ये कितने प्रकार के हैं ? उदाहरण देकर स्पष्ट करें।
उत्तर:
पुरुष वाचक सर्वनाम-जिन सर्वनाम शब्दों के द्वारा वक्ता, श्रोता और जिसके सम्बन्ध में चर्चा हो रही है, उसका ज्ञान प्राप्त हो, वह पुरुषवाचक सर्वनाम कहलाता है। यह तीन प्रकार के हैं-
(1) उत्तम पुरुष : जैसे-मैं, तुम।
(2) मध्यम पुरुष : जैसे-तू, तुम।
(3) अन्य पुरुष : जैसे, वह, वे आदि।

बहुविकल्पीय प्रश्न सही शब्द चुन कर उत्तर लिखें

प्रश्न 1.
सर्वमान के कितने भेद हैं ?
(क) दो
(ख) चार
(ग) छः
(घ) आठ।
उत्तर:
छः।

प्रश्न 2.
‘यह’ कौन सा सर्वनाम है ?
(क) निजवाचक
(ख) निश्चयवाचक
(ग) संबंधवाचक
(घ) प्रश्नवाचक।
उत्तर:
निश्चयवाचक।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran सर्वनाम

प्रश्न 3.
संबंधवाचक सर्वनाम का वाचक है
(क) जो
(ख) कौन
(ग) कोई
(घ) यह।
उत्तर:
जो।

प्रश्न 4.
सर्वनाम छाँट कर लिखें
(क) हम
(ख) कल
(ग) घूमने
(घ) गए।
उत्तर:
हम।

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न

1. नीचे लिखे वाक्यों में से सर्वनाम चुनिए

(क) मैं खेलने जा रहा था।
(ख) हम कल घूमने गए।
(ग) मैं स्कूल जाता हूँ।
(घ) हरीश ने कहा कि वह आज स्कूल नहीं जाएगा।
(ङ) सोहन मोहन के साथ उसके घर को गया।
(च) पूनम तथा उसकी माता अमृतसर गए हैं।
(छ) माता जी ने पुत्रों से कहा, “तुम यहीं बैठे रहो।”
(ज) मुख्याध्यापक जी ने कहा, “हमें सत्य पर डटे रहना चाहिए।”
(झ) मैं छोटा बच्चा थोड़े ही हूँ।
(ञ) हम कल दिल्ली गए।
उत्तर:
(क) मैं
(ख) हम
(ग) मैं
(घ) वह
(ङ) उसके
(च) उसकी
(छ) तुम
(ज) हमें
(झ) मैं
(ञ) हम।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran सर्वनाम

2. नीचे के रिक्त स्थानों में सर्वनाम की पूर्ति करें

(क) हरि ने …………माँ से कहा कि …………. आज व्रत रमूंगा।
(ख) मोहन ने …………… मित्र से कहा कि ………….. आज घर पर रहेगा।
(ग) दुष्ट ………… दुष्टता नहीं छोड़ता।
(घ) पिता ने …………. पुत्र से कहा बेटा ………….. सच बोलना चाहिए।
(ङ) सेठ ने …………… नौकर को डाँटकर कहा …………… सीधे हो जाओ।
उत्तर:
(क) अपनी, मैं
(ख) अपने, वह
(ग) अपनी
(घ) अपने, तुम्हें
(ङ) अपने, तुम।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran संज्ञा के विकार (लिंग, वचन, करक)

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Sangya ke Vikar (ling, vachan, karak) संज्ञा के विकार (लिंग, वचन, करक) Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 8th Class Hindi Grammar संज्ञा के विकार (लिंग, वचन, करक)

प्रश्न 1.
संज्ञा शब्दों में विकार किनके कारण होता है ?
उत्तर:
लिंग, वचन और कारक के कारण संज्ञा शब्दों में विकार होता है। इनको विकारक तत्व भी कहते हैं।

(अ) लिंग

प्रश्न 1.
लिंग किसे कहते हैं ? उसके भेद बताओ।
उत्तर:
संज्ञा के जिस रूप से स्त्री या पुरुष जाति का बोध हो उसे लिंग कहते हैं। हिन्दी में दो लिंग हैं-
(i) पुल्लिग
(ii) स्त्रीलिंग।
1. पुल्लिग : संज्ञा के जिस रूप से पुरुष जाति का बोध हो, उसे पुल्लिग कहते हैं; जैसे-लड़का, शेर, धोबी।
2. स्त्रीलिंग : संज्ञा के जिस रूप से स्त्री जाति का बोध हो, उसे स्त्रीलिंग कहते हैं; जैसे-लड़की, शेरनी, धोबिन।
आवश्यक निर्देश-लिंग परिवर्तन और उसके नियम स्मरण तालिका (Memory Chart) में देखें।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran संज्ञा के विकार (लिंग, वचन, करक)

(आ) वचन

प्रश्न 1.
वचन किसे कहते हैं और वचन कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर:
संज्ञा के जिस रूप से किसी वस्तु के एक अथवा अनेक होने का बोध हो, उसे वचन कहते हैं।
हिन्दी में दो वचन हैं-
(i) एकवचन
(ii) बहुवचन।

1. एकवचन : संज्ञा का जो रूप एक ही वस्तु का बोध कराए, उसे एकवचन कहते हैं; जैसे-लड़का, घोड़ा, बहन आदि।
2. बहवचन : संज्ञा का जो रूप एक से अधिक वस्तुओं का बोध कराए, उसे बहुवचन कहा जाता है; जैसे-लड़कियाँ, घोड़े, बहनें आदि।
आवश्यक निर्देश : वचन परिवर्तन सम्बन्धी नियम स्मरण तालिका (Memory Chart) में विस्तार से देखिए।

(इ) कारक

प्रश्न 1.
कारक किसे कहते हैं ? इसके कितने भेद हैं ? उदाहरण सहित लिखें।
उत्तर:
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उस वाक्य का दूसरे शब्दों से सम्बन्ध जाना जाता है उस रूप को कारक कहते हैं; जैसे-मोहन ने पुस्तक को मेज़ पर रख दिया।
विभक्ति : कारक प्रकट करने के लिए संज्ञा अथवा सर्वनाम के साथ ‘ने’, ‘को’, ‘से’ आदि जो चिह्न लगाए जाते हैं, उन्हें विभक्ति कहा जाता है। हिन्दी में आठ कारक हैं। इनके नाम और विभक्ति चिह्न इस प्रकार हैं
कारक – विभक्ति चिह्न
(1) कर्ता – ने
(2) कर्म – को
(3) करण – से, के द्वारा, के साथ
(4) सम्प्रदान – को, के लिए, वास्ते
(5) अपादान – से (पृथक्त्व बोधक)
(6) सम्बन्ध – का, के, की
(7) अधिकरण – में, पर
(8) सम्बोधन – हे, अरे, रे।
1. कर्ता : संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया के करने वाले का बोध होता है, उसे कर्ता कारक कहा जाता है; जैसे-(i) मोहन पुस्तक पढ़ता है। (ii) सोहन ने दूध पीया।
2. कर्म : संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप पर क्रिया के व्यापार का फल पड़ता हो, उसे कर्म कारक कहते हैं; जैसे-श्याम पाठशाला जाता है।
3. करण : संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से कर्ता के काम करने के साधन का बोध हो उसे करण कारक कहा जाता है; जैसे-राम ने बाण से बाली को मारा।
4. सम्प्रदान : संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप के लिए क्रिया की जाए, उसे सम्प्रदान कारक कहा जाता है; जैसे-अध्यापक विद्यार्थियों के लिए पुस्तकें लाया।
5. अपादान : संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से पृथक्कता, आरम्भ, भिन्नता आदि का बोध होता हो, उसे अपादान कारक कहा जाता है; जैसे-वृक्ष से पत्ते गिरते हैं।
6. सम्बन्ध : संज्ञा या सर्वनाम का जो रूप एक वस्तु का दूसरी वस्तु के साथ सम्बन्ध प्रकट करे, उसे सम्बन्ध कारक कहते हैं; जैसे-यह मोहन का घर है।
7. अधिकरण : संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया के आधार का बोध हो उसे अधिकरण कारक कहते हैं; जैसे-वीर सैनिक युद्ध भूमि में मारा गया।
8. सम्बोधन : संज्ञा का जो रूप चेतावनी या किसी को पुकारने का सूचक हो; जैसेहे ईश्वर ! हमारी रक्षा करो। .

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran संज्ञा के विकार (लिंग, वचन, करक)

प्रश्न 2.
कर्ता कारक की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर:
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया के करने वाले का बोध होता है, उसे कर्ता कारक कहा जाता है; जैसे-मोहन पुस्तक पढ़ता है-इस वाक्य में कर्ता कारक है।

प्रश्न 3.
नीचे लिखे कारकों में क्या भेद हैं ? स्पष्ट कीजिए
(क) कर्ता और कर्म।
(ख) करण और अपादान में अन्तर।
(ग) संबंध और सम्प्रदान।
उत्तर:
(क) कर्ता और कर्म कर्ता :

कर्ता कर्म
(1) कर्ता कारक में संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया को करने वाले का बोध कराया जैसे-देव ने कविता पढ़ी। (1) कर्म कारक में किसी वस्तु या व्यक्ति पर क्रिया के व्यापार का फल पड़ता है; जैसे-अध्यापक छात्र को पढ़ाता है|
(2) कर्ता कारक का सामान्य विभक्ति चिह्न ‘ने’ होता है। (2) कर्म कारक का विभक्ति चिह्न ‘को’ होता है।

(ख) करण और अपादान :

करण अपादान
(1) करण कारक क्रिया के साधन का बोध कराने वाले संज्ञा के रूप को कहते हैं; जैसे-सुनील कलम से लिखता है। (1) अपादान कारक संज्ञा के किसी रूप से किसी वस्तु के दूसरी वस्तु से अलग होने का बोध कराता है; जैसे-वृक्ष से पत्ता गिरता है।
(2) इसके विभक्ति चिह्न ‘से’, ‘के साथ’, ‘के द्वारा’ आदि होते हैं। (2) इसका विभक्ति चिह्न ‘से’ है।

(ग) संबंध और सम्प्रदान :

संबंध सम्प्रदान
(1) संबंध कारक में संज्ञा के किसी रूप का दूसरी वस्तु से संबंध सूचित किया जाता है; जैसेराम चरित मानस तुलसी कृत महाकाव्य है। (1) सम्प्रदान कारक में किसी वस्तु के लिए कोई क्रिया की जाती है; जैसे-वह स्नान के लिए नदी पर जाता है।
(2) इसके विभक्ति चिह्न ‘के’, ‘की’, ‘रा’, ‘रे’, ‘री’, ‘ना’, ‘ने’, ‘नी’ आदि हैं। (2) इसके विभक्ति चिहन ‘का’, ‘को’ तथा ‘के लिए’ हैं।
(3) संबंध कारक का रूप, लिंग और वचन आदि के कारण बदल जाता है। (3) सम्प्रदान कारक का रूप, लिंग और वचन आदि के कारण नहीं बदलता है।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran संज्ञा के विकार (लिंग, वचन, करक)

प्रश्न 4.
सम्प्रदान और कर्म कारक में क्या अंतर है ? उदाहरण देकर स्पष्ट करें।
उत्तर:
सम्प्रदान कारक-सम्प्रदान कारक में किसी वस्तु के लिए’ क्रिया की जाती है; जैसे-वह पढ़ने के लिए विद्यालय गया। इसका विभक्ति चिह्न ‘के लिए’ है।
कर्म कारक : कर्म कारक में किसी व्यक्ति या वस्तु पर क्रिया के व्यापार का फल पड़ता है; जैसे-पुलिस ने चोर को पकड़ा। इसका विभक्ति चिहन ‘को’ है।

प्रश्न 5.
करण और अपादान कारक में अंतर बताइए। उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
करण और अपादान कारक में अंतर :
करण कारक : करण कारक क्रिया के साधन का बोध कराने वाले संज्ञा के रूप को कहते हैं; जैसे-वह साइकिल से स्कूल गया। सोहन कलम से लिखता है। इसका विभक्ति चिह्न ‘से’ है लेकिन इसका अर्थ के साथ या के द्वारा होता है।
अपादान कारक : अपादान कारक संज्ञा के किसी रूप से किसी वस्तु के दूसरी वस्तु से अलग होने का बोध कराता है; जैसे-वृक्षों से पत्ते गिरते हैं। इसका विभक्ति चिह्न ‘से’ है लेकिन इसका अर्थ वस्तु से अलग होने का भाव दर्शाता है।

प्रश्न 6.
अपादान कारक किसे कहते हैं ? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
संज्ञा का सर्वनाम के जिस रूप से पृथक्कता, आरम्भ, भिन्नता आदि का बोध होता हो, उसे अपादान कारक कहा जाता है। जैसे-वृक्ष से पत्ते गिरते हैं-इस वाक्य में से अपादान कारक है।

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

1. प्रत्येक का सही उत्तर छाँट कर लिखिए

प्रश्न (क)
नदी का बहुवचन क्या है ?
(क) नदियाँ
(ख) नदीयाँ
(ग) नदियों।
उत्तर:
(क) नदियाँ

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran संज्ञा के विकार (लिंग, वचन, करक)

प्रश्न (ख)
नीति का बहुवचन क्या है ?
(क) नीतीयाँ
(ख) नीतियों
(ग) नीतियाँ।
उत्तर:
(ख) नीतियाँ

प्रश्न (ग)
खिड़की का बहुवचन क्या है ?
(क) खिड़कियों
(ख) खिड़कीयाँ
(ग) खिड़कियाँ।
उत्तर:
(ग) खिड़कियाँ।

2. निम्नलिखित के स्त्रीवाचक रूप बनाओ और उस स्त्रीवाचक रूप को बहुवचन में बदलो-

शब्द – स्त्रीवाचक – बहुवचन
कवि – …………….. – ………….
नर – …………….. – ………….
चूहा – …………….. – ………….
वर – …………….. – ………….
बेटा – …………….. – ………….
लड़का – …………….. – ………….
पति – …………….. – ………….
छात्र – …………….. – ………….
उत्तर:
शब्द – स्त्रीवाचक – बहुवचन
(i) कवि – कवयित्री – कवयित्रियाँ
(ii) नर – नारी – नारियाँ
(ii) चूहा – चुहिया – चुहियाँ
(iv) वर – वधू – वधुएँ
(v) बेटा – बेटी – बेटियाँ
(vi) लड़का – लड़की – लड़कियाँ
(vii) पति – पत्नी – पत्नियाँ
(viii) छात्र – छात्रा – छात्राएँ

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran संज्ञा के विकार (लिंग, वचन, करक)

3. नीचे लिखे वाक्यों को कारक चिहनों से भरो

(क) उस ……………अपनी बेटी ऋतु के लिए पुस्तकें खरीदीं।
(ख) पेड़………….. पत्ता गिरता है।
(ग) दूध ………… सेहत अच्छी रहती है।
(घ) अध्यापक कुर्सी………………. बैठता है।
(ङ) तुम यह कोट लेकर किस ………… देना चाहते हो ? ।
उत्तर:
(क) ने
(ख) से
(ग) से
(घ) पर
(ङ) को।

4. निम्नलिखित वाक्यों में से कारक छाँटिये तथा कारक का नाम भी लिखिए

(i) मनुष्य धन के लिए देश विदेश भटकता है।
(ii) चोर चलती गाड़ी से कूद गया।
(iii) राम ने मोहन को पुस्तक दी।
(iv) वह घोड़े से गिर गया।
(v) वृक्ष से पत्ते गिरते हैं।
(vi) हे वीरो ! देश की रक्षा करो।
(vii) प्रकाश से अन्धकार नष्ट होता है।
(viii) रोगियों की सेवा करो।
(ix) समुद्र में लहरें उठती हैं।
(x) पीड़ितों को दान दो।
(xi) मोहन का ज्वर उतर गया।
(xii) भिखारी को भिक्षा दे दो।
(xiii) भिखारी को भगा दो।
(xiv) बच्चे छत पर खेल रहे हैं।
उत्तर:
(i) धन के लिए-सम्प्रदान कारक।
(ii) गाड़ी से-अपादान कारक।।
(iii) राम ने-कर्ता कारक, मोहन को-कर्म कारक।
(iv) घोड़े से-अपादान कारक।
(v) वृक्ष से-अपादान कारक।
(vi) हे वीरो-संबोधन कारक, देश की-संबंध कारक।
(vii) प्रकाश से-करण कारक।
(viii) रोगियों की-संबंध कारक।
(ix) समुद्र में-अधिकरण कारक।
(x) पीड़ितों को-कर्म कारक।
(xi) मोहन का संबंध कारक।
(xii) भिखारी को-कर्मकारक।
(xiii) भिखारी को-कर्मकारक।
(xiv) छत पर-अधिकरण।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran संज्ञा के विकार (लिंग, वचन, करक)

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
संज्ञा के कितने भेद हैं ?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर:
तीन।

प्रश्न 2.
लिंग कितने होते हैं ?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर:
दो।

प्रश्न 3.
वचन कितने होते हैं ?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर:
दो।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran संज्ञा के विकार (लिंग, वचन, करक)

प्रश्न 4.
कारक के कितने भेद हैं ?
(क) दो
(ख) चार
(ग) सात
(घ) आठ।
उत्तर:
आठ।

प्रश्न 5.
वृक्ष से पत्ते गिरते हैं, रेखांकित में कारक है
(क) संप्रदान
(ख) अपादान
(ग) करण
(घ) कर्म।
उत्तर:
अपादान।

प्रश्न 6.
‘नदी’ का बहुवचन है
(क) नदियाँ
(ख) नदीयाँ
(ग) नदियों
(घ) नदीयों
उत्तर:
नदियाँ।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran संज्ञा के विकार (लिंग, वचन, करक)

प्रश्न 7.
‘शेर’ का स्त्रीलिंग है
(क) शेरि
(ख) शेरी
(ग) शेरिनी
(घ) शेरनी।
उत्तर:
शेरनी।

प्रश्न 8.
संज्ञा शब्द चुनें
(क) घोड़ा
(ख) बहुत
(ग) तेज़
(घ) दौड़ा।
उत्तर;
घोड़ा।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 10 परोपकार

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 10 परोपकार Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 10 परोपकार

Hindi Guide for Class 7 PSEB परोपकार Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध

1. शब्दार्थ

सराहना = प्रशंसा करना
दयावान = दयालु
द्रवित = पिघलना
नि:स्वार्थ = स्वार्थ से रहित
वेदना = पीड़ा, कष्ट, दुःख
उदार = दाता, दयालु
ऊर्जा = शक्ति
वरुण = जल का देवता
स्तुति = पूजा
सम्पदा = दौलत, सम्पत्ति
परहित = दूसरों का भला
तरुवर = श्रेष्ठवृक्ष
सरवर = सरोवर
सहर्ष = खुशी-खुशी
तृप्ति = सन्तोष, तसल्ली
भूस्खलन = भूकंप
मूसलाधार = लगातार ज़ोर की वर्षा
विपत्ति = मुसीबत
कर्म = कार्य
शोकग्रस्त = दुःख से पीड़ित
नेक = अच्छे

2. इन मुहावरों और शब्दों का वाक्यों में प्रयोग करें :

फूले न समाना ______________ ______________________
हक्के-बक्के होना ________________ ______________________
मूसलाधार ______________ _____________________
प्राचीन ________________ ______________________
ऊर्जा __________________ __________________
सहानुभूति _________________ ______________________
महर्षि ____________ _________________
बलिदान ________________ ___________________
उत्तर:
फूले न समाना (बहुत प्रसन्न होना) – परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त कर सुजाता फूली नहीं समा रही थी।
हक्के-बक्के होना (हैरान होना) – दीदी ने जब बच्चों की शरारत पकड़ ली, तो वे हक्के-बक्के रह गए।
मूसलाधार (बहुत तेज़) – बाहर मूसलाधार वर्षा हो रही है।
प्राचीन (पुराना) – दिल्ली में पांडवों के ज़माने का एक प्राचीन किला है।
ऊर्जा (गर्मी, शक्ति) – सूर्य हमें ऊर्जा प्रदान करता है।
सहानुभूति (हमदर्दी) – हमें दीन-दुखियों से सहानुभूति होनी चाहिए।
महर्षि (महान् ऋषि) – महर्षि वेदव्यास ने महाभारत की रचना की थी।
बलिदान (कुर्बानी) – वीर मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना बलिदान दे देते हैं।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 10 परोपकार

3. विपरीत अर्थ वाले शब्द लिखें:

उपकार = ………………..
परहित = ………………..
दयालु = ………………..
उदार = ……………….
देवता = ……………….
सुर = ………………….
उत्साह = ……………..
उत्तर-शब्द विपरीत शब्द
उपकार अपकार
परहित = स्वहित
दयालु = क्रूर
उदार = अनुदार
देवता = दानव
सुर = असुर
उत्साह = निरुत्साह

4. मन, वाणी और कर्म से परोपकार के कोई दो-दो उदाहरण लिखें:
मन = _____________ , _______________
वाणी = ____________ , _______________
कर्म = ____________ , ________________
उत्तर:
मन से बीमार की सेवा करना, दुखी को दिलासा देना।
वाणी से अच्छे बोल बोलना, निराश को उत्साहित करना।
कर्म से अपंगों-अंधों को सहारा देना, पढ़ाई में पिछड़े साथियों की सहायता करना।

5. प्रयोगात्मक व्याकरण

(1) पर + उपकार = परोपकार
अ + उ = ओ
सुर + ईश = सुरेश
अ + ई = ए
महा + ऋषि = महर्षि
आ + ऋ = अर्
अतः ‘अ’ और ‘आ’ स्वरों के बाद यदि ह्रस्व या दीर्घ ‘उ’, ‘इ’ या ‘ऋ’ स्वर आते हैं तो दोनों के स्थान पर क्रमशः ‘ओ’, ‘ए’ तथा ‘अर्’ हो जाता है। इसे गुण संधि कहते हैं।
नीचे लिखे शब्दों की संधि करें।
सर्व + उत्तम = …………………….
महा + ईश = …………………….
नर + ईश = ………………….
शुभ + इच्छा = …………………
परम + ईश्वर = …………………..
सप्त + ऋषि
उत्तर: संधि
सर्व + उत्तम = सर्वोत्तम
महा + ईश = महेश
नर + ईश = नरेश
शुभ + इच्छा = शुभेच्छा
परम + ईश्वर = परमेश्वर
सप्त + ऋषि = सप्तर्षि

(2) नि:स्वार्थ = निस्स्वार्थ

विसर्ग के बाद ‘स’ होने से विसर्ग को ‘स्’ हो गया तथा शब्द बन गया। निस्स्वार्थ। यह विसर्ग संधि का उदाहरण है।

6. निम्नलिखित समस्त पदों का विग्रह करें

समस्त पद विग्रह समास का नाम
राष्ट्रपति …………. ………………
पशुपक्षी …………. ……………….
रोगपीड़ित ……………. ………………….
शोकग्रस्त …………….. ……………….
पाप-पुण्य ………….. …………………..
उत्तर:
समस्त पद विग्रह समास का नाम
राष्ट्रपति राष्ट्र का पति तत्पुरुष
पशुपक्षी पशु और पक्षी द्वंद्व
रोगपीड़ित रोग से पीड़ित तत्पुरुष
शोकग्रस्त शोक से ग्रस्त तत्पुरुष
शरीरत्याग शरीर का त्याग तत्पुरुष
पाप-पुण्य पाप और पुण्य द्वंद्व

(ख) विचार-बोध

1. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
अब्राहम लिंकन ने सुअर को कीचड़ में फंसा हुआ देखकर क्या किया ?
उत्तर:
अब्राहम लिंकन सुअर को कीचड़ में फंसा हुआ देखकर उसे कीचड़ से बाहर निकालने के लिए पहने हुए कपड़ों सहित कीचड़ में कूद गया।

प्रश्न 2.
सीनेट के सदस्यों ने लिंकन की सराहना क्यों की ?
उत्तर:
सीनेट के सदस्यों ने लिंकन की सराहना इसलिए की क्योंकि उसने अपनी परवाह न करते हुए कीचड़ में फंसे हुए सुअर को बाहर निकाल दिया था।

प्रश्न 3.
राष्ट्रपति ने अपनी प्रशंसा सुनकर क्या उत्तर दिया ?
उत्तर:
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने सुअर पर दया नहीं की बल्कि उसे कीचड़ में फंसा देखकर उन्हें बहुत कष्ट हुआ था, इसलिए उसे बाहर निकाला।

प्रश्न 4.
महर्षि वेद व्यास ने परोपकार का महत्त्व कैसे बताया है ?
उत्तर:
महर्षि वेद व्यास ने परोपकार को सबसे बड़ा पुण्य और परपीड़ा को सब से बड़ा पाप माना है।

प्रश्न 5.
प्राचीन काल में सूर्य, अग्नि आदि को देवता क्यों मानते थे ?
उत्तर:
प्राचीन काल में सूर्य, अग्नि आदि को देवता इसलिए मानते थे क्योंकि वे प्राकृतिक पदार्थों को नि:स्वार्थ भाव से दान में देते थे।

प्रश्न 6.
परोपकारी मनुष्य का लक्ष्य क्या होता है ?
उत्तर:
परोपकारी मनुष्य का लक्ष्य सदा बिना किसी स्वार्थ और भेदभाव के दूसरों का उपकार करना होता है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 10 परोपकार

प्रश्न 7.
प्राचीन काल के तीन महान् दानियों के नाम बताइए।
उत्तर:
प्राचीनकाल के तीन महादानी महर्षि दधीचि, महाराज शिवि और दानवीर कर्ण है।

प्रश्न 8.
धन की कौन-सी तीन गतियाँ होती हैं ?
उत्तर:
धन की तीन गतियाँ-दान, भोग और नाश हैं।

2. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
प्रकृति का स्वभाव दूसरों का उपकार करना है।
उत्तर:
प्रकृति बिना किसी स्वार्थ के सबका सदा उपकार करती है। सूर्य ऊर्जा देता है, नदियाँ जल देती हैं, शीतल हवा बहती है। वृक्ष अपने फल और छाया देते हैं। धरती अन्न पैदा करके हमारा पोषण करती है। इस प्रकार प्रकृति का स्वभाव ही दूसरों का उपकार करना है।

प्रश्न 2.
परोपकार में सबसे बड़ी बाधा लालच है |
उत्तर:
परोपकार करने में लालच बाधक बनता है। मनुष्य धन कमाने की लालसा में सदा लगा रहता है। सौ वाला हज़ार, हज़ार वाला लाख और लाखों वाला करोड़ चाहता है। इसी लालच में फंस कर वह परोपकार नहीं करता क्योंकि परोपकार करने में उसका धन खर्च हो जाएगा। वह अपनों को भी पराया कर देता है और उसका जीवन नरक बन जाता
है।

प्रश्न 3.
धन से ही नहीं, प्रत्येक व्यक्ति अपने ढंग से परोपकार कर सकता है। इस पंक्ति की अपने शब्दों में उदाहरण देकर व्याख्या करें।
उत्तर:
परोपकार केवल धन से ही नहीं, मन, वचन और कर्म से भी किया जा सकता है। दुःखियों के प्रति सहानुभूति दिखा कर तथा अपंगों को सहारा दे कर परोपकार किया जा सकता है। पढ़ाई में पिछड़े साथियों को सहयोग देकर तथा निराश व्यक्ति को उत्साहित करना भी परोपकार है। बीमार की सेवा करना भी परोपकार है।

(ग) भाव-बोध

प्रश्न 1.
तब ही लग जीवो भले, दीबो परै न धीम।
महान् कवि रहीम के इस कथन से उनके जीवन (दान-महिमा/दयनीय दशा) पर प्रकाश पड़ता है-अपने शब्दों में स्पष्ट करें।
उत्तर:
इस कथन से कवि यह कहना चाहता है कि मनुष्य का जीना तब तक सफल है तब तक वह दान देता रहता है क्योंकि दान देने से धन कभी कम नहीं होता, इसलिए धन दान देना चाहिए।

प्रश्न 2.
परहित सरिस धरम नहि भाई।
इस कथन को स्पष्ट करें।
उत्तर:
इस कथन का अर्थ है कि हे भाई! इस संसार में दूसरे का कल्याण करने से बढ़ कर कोई धर्म नहीं है, इसलिए परोपकार करते रहो।

PSEB 7th Class Hindi Guide परोपकार Important Questions and Answers

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 1.
सबसे बड़ा धर्म किसे माना जाता है ?
(क) लड़ाई
(ख) ईर्ष्या
(ग) परोपकार
(घ) संघर्ष
उत्तर:
(ग) परोपकार

प्रश्न 2.
राष्ट्रपति लिंकन कहाँ जा रहे थे ?
(क) सीनेट
(ख) संसद
(ग) विधानसभा
(घ) विधान परिषद्
उत्तर:
(क) सीनेट

प्रश्न 3.
कर्ण किस प्रकार के व्यक्ति थे ?
(क) महादानी
(ख) कंजूस
(ग) तलवार बाज
(घ) कोई नहीं
उत्तर:
(क) महादानी

प्रश्न 4.
लेखक ने किसके समान व्यक्ति को परोपकारी बनने को कहा है ?
(क) असुरों के समान
(ख) सुरों के समान
(ग) प्रकृति के समान
(घ) कोई नहीं
उत्तर:
(ग) प्रकृति के समान

प्रश्न 5.
कबूतरों के प्राणों की रक्षा करने के लिए किसने अपने शरीर का माँस दे दिया था ?
(क) महाराजा शिवि
(ख) महाराजा दशरथ
(ग) महाराजा लव
(घ) महाराजा कुश
उत्तर:
(क) महाराजा शिवि

2. निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित विकल्पों से कीजिए

प्रश्न 1.
परोपकार करने में ………… बाधा डालता है।
(क) धन का लालच
(ख) शरीर का कष्ट
(ग) मनोविकार
(घ) झूठ
उत्तर
(क) धन का लालच

प्रश्न 2.
महिर्ष वेदव्यास ने ……….को सबसे बड़ा पुण्य माना है।
(क) परपीड़ा
(ख) स्वार्थ
(ग) झूठ
(घ) परोपकार
उत्तर:
(घ) परोपकार

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 10 परोपकार

प्रश्न 3.
………. ने असुरों का नाश करने के लिए अपना शरीर दान दे दिया था।
(क) महर्षि दधीचि
(ख) कर्ण
(ग) अर्जुन
(ग) रावण
उत्तर:
(क) महिर्ष दधीचि

प्रश्न 4.
दूसरों को ………….सबसे बड़ा पाप है।
(क) सुख देना
(ख) कष्ट देना
(ग) किताब
(घ) कलम
उत्तर:
(ख) कष्ट देना

प्रश्न 5.
परोपकारी व्यक्ति सदा ………… से सबका भला करता है।
(क) उदारता
(ख) अज्ञानता
(ग) स्वार्थ
(घ) कलम
उत्तर:
(क) उदारता

3. दिए गए शब्द का सही अर्थ से मिलान कीजिए

प्रश्न 1.
परोपकार:
दया
ईष्या
संघर्ष
उत्तर:
दया

प्रश्न 2.
परपीड़ा:
परि की पीड़ा
दूसरे का दर्द
परी का पेड़
उत्तर:
दूसरे का दर्द

प्रश्न 3.
सरोवर:
सिर को वारना
सिर पर वार
तालाब
उत्तर:
तालाब

प्रश्न 4.
दीन:
गरीब
अमीर
उत्तर:
गरीब

परोपकार Summary

परोपकार पाठ का सार

‘परोपकार’ नामक पाठ में लेखक ने परोपकार की महिमा का गुणगान किया है। लेखक अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राह्म लिंकन के जीवन की एक घटना का वर्णन करता है कि एक दिन वे सीनेट जा रहे थे कि रास्ते में उन्हें एक सुअर कीचड़ में फंसा हुआ दिखाई दिया, जो कोशिश करने पर भी कीचड़ से निकल नहीं पा रहा था। वे पहने हुए कपड़ों समेत कीचड़ में कूद कर सुअर को कीचड़ से बाहर निकाल लाए और कीचड़ से सने हुए सीनेट में जा पहुँचे। वहाँ सभी सदस्य उन्हें इस दशा में देखकर हैरान रह गए परन्तु उनसे सारी घटना सुनकर उनकी दयालुता की प्रशंसा करने लगे।

इस घटना से पता चलता है कि मन परोपकार से कोमल होकर दूसरों की हीन दशा देख कर पिघलता है तथा बिना किसी स्वार्थ के उसकी सहायता करता है। इस प्रकार मन की सरलता, कोमलता, करुणा, सहानुभूति, त्याग और बलिदान की भावना से परोपकार होता है। इसलिए परोपकार सबसे बड़ा धर्म माना जाता है। महर्षि वेदव्यास ने परोपकार को सबसे बड़ा पुण्य और दूसरों को कष्ट पहुँचाने अथवा परपीड़ा को सबसे बड़ा पाप माना प्रकृति भी सदा परोपकार करती है। सूर्य का प्रकाश, वर्षा का जल, शीतल वायु, वृक्ष पथिकों छाया देने के साथ पत्थर मारने वाले को फल देते हैं। सूर्य, अग्नि, वायु, वरुण आदि इसी परोपकार की भावना के कारण पूज्य माने जाते हैं। धरती माता के समान हमारा पोषण करती है। कवि रहीम ने भी कहा है कि जैसे पेड़ फल नहीं खाते, सरोवर जल नहीं पीते, वैसे ही परोपकार के लिए अच्छे लोग धन जोड़ते हैं। परोपकारी व्यक्ति सदा उदारता पूर्वक सबका भला करता है। महर्षि दधीचि ने देवताओं को असुरों का नाश करने के लिए अपना शरीर दे दिया था और महाराजा शिवि ने कबूतरों की प्राण रक्षा के लिए अपने शरीर का माँस दे दिया था ! कर्ण महादानी थे जिन्होंने अपने कवच-कुण्डल तक दान में दे दिए थे।

परोपकार करने में धन का लालच बाधा डालता है। इसलिए धन का लालच नहीं करना चाहिए तथा दीनों, अनाथों, अपंगों, रोगियों की सदा सहायता करनी चाहिए। परोपकार केवल धन से ही नहीं मन, वाणी और कर्म द्वारा भी किया जा सकता है। दुखी को दिलासा देना, अपंगों को सहारा देना, अनपढ़ों को पढ़ाना आदि भी परोपकार है। इसलिए तुलसीदास जी कहते हैं कि संसार में परोपकार से बढ़ कर कोई धर्म नहीं है और परपीड़ा अथवा दूसरों को कष्ट देने के समान कोई पाप नहीं है।

PSEB 9th Class English Reading Comprehension Picture/Poster Based

Punjab State Board PSEB 9th Class English Book Solutions English Reading Comprehension  Picture/Poster Based Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 9th Class English Reading Comprehension Picture/Poster Based

Answers have been given at the end of this set.

Look at these pictures and answer the questions given below :
PSEB 9th Class English Reading Comprehension Unseen Picture Poster Based 1

Choose the correct option to answer each question.

Question 1.
Who did the fox invite to dinner ?
(a) The duck.
(b) The crane.
(c) The vixen.
(d) The deer.
Answer:
(b) The crane.

Question 2.
What did he serve his guest in the dinner ?
(a) Fruits.
(b) Meat.
(c) Soup.
(d) Eggs.
Answer:
(c) Soup.

PSEB 9th Class English Reading Comprehension Unseen Picture/Poster Based

Question 3.
The fox was very cunning. He placed a …….. before his guest.
(a) deep bowl
(b) flat dish
(c) narrow jar
(d) sound pitcher.
Answer:
(b) flat dish

Question 4.
What did the crane serve the fox when he invited the fox to dinner ?
(a) Cake.
(b) Milk.
(c) Rice.
(d) Chicken Curry
Answer:
(c) Rice.

Question 5.
The fox had to go hungry. Why ?
(a) Because the crane served the rice in a narrrow jar.
(b) Because the fox could not put his mouth in the narrow jar.
(c) Both (a) and (b).
(d) Neither (a) nor (b).
Answer:
(c) Both (a) and (b).

PSEB 9th Class English Reading Comprehension Unseen Picture/Poster Based

Look at these pictures and answer the questions given below :

PSEB 9th Class English Reading Comprehension Unseen Picture Poster Based 2

Choose the correct option to answer each question.

Question 1.
An elephant and a ………. were very good friends.
(a) barber
(b) carpenter
(c) tailor
(d) cobbler
Answer:
(c) tailor

Question 2.
While going to the pond for water, the elephant would daily ………….
(a) stop at the tailor’s shop
(b) have a banana from the tailor
(c) both (a) and (b)
(d) neither (a) nor (b).
Answer:
(c) both (a) and (b)

Question 3.
One day when the elephant put his trunk into the shop,
(a) the tailor gave him a banana
(b) the tailor’s son gave him a banana
(c) the tailor pricked a needle into it
(d) the tailor’s son pricked a needle into it.
Answer:
(d) the tailor’s son pricked a needle into it.

Question 4.
The elephant had his revenge by ……….
(a) filling his trunk with muddy water
(b) throwing muddy water in the tailor’s shop
(c) both (a) and (b)
(d) neither (a) nor (b).
Answer:
(b) throwing muddy water in the tailor’s shop

PSEB 9th Class English Reading Comprehension Unseen Picture/Poster Based

Question 5.
The moral conveyed through these picture is ……….
(a) Might is right.
(b) Tit for tat.
(c) Do good have good.
(d) No pains no gains.
Answer:
(b) Tit for tat.

Look at these pictures and answer the questions given below :
PSEB 9th Class English Reading Comprehension Unseen Picture Poster Based 3

Choose the correct option to answer each question :

Question 1.
The man is this picture is the famous cricketer
(a) Virat Kohli
(b) Irfan Pathan
(c) Sachin Tendulkar
(d) Mahendra Singh Dhoni.
Answer:
(c) Sachin Tendulkar

Question 2.
He is popularly known as ……. of cricket.
(a) Master Bowler
(b) Master Blaster
(c) Master Batsman
(d) Master Crickter.
Answer:
(b) Master Blaster

PSEB 9th Class English Reading Comprehension Unseen Picture/Poster Based

Question 3.
At the age of sixteen, he made his international debut against
(a) England
(b) Australia
(c) Sri Lanka
(d) Pakistan.
Answer:
(d) Pakistan.

Question 4.
Sachin took retirement from cricket in
(a) 2005
(b) 2018
(c) 2020
(d) 2013.
Answer:
(d) 2013.

Question 5.
Sachin Tendulkar was honoured with many prestigious awards like
(a) Arjuna Award and Rajiv Khel Ratna
(b) Padma Shri and Bharat Ratna
(c) Both (a) and (b)
(d) Neither (a) nor (b)
Answer:
(c) Both (a) and (b)

Look at this poster and answer the questions given below :
PSEB 9th Class English Reading Comprehension Unseen Picture Poster Based 4
Choose the correct option to answer each question :

Question 1.
For what purpose is this poster designed ?
(a) To promote education for boys.
(b) To promote education for girls.
(c) To provide employment for boys.
(d) To provide employment for girls.
Answer:
(b) To promote education for girls.

Question 2.
Girls and boys have ……….. to education.
(a) no right
(b) equal right
(c) no interest
(d) equal interest.
Answer:
(b) equal right

PSEB 9th Class English Reading Comprehension Unseen Picture/Poster Based

Question 3.
How can the nation’s progress be accelerated ?
(a) By educating the boys.
(b) By educating the girls
(c) Both (a) and (b).
(d) Neither (a) nor (b).
Answer:
(c) Both (a) and (b).

Question 4.
We should not …….. the girls their rights.
(a) excuse
(b) give
(c) accept
(d) deny.
Answer:
(d) deny.

Question 5.
This poster teaches us to stop ……….
(a) the evil of dowry
(b) the evil of female foeticide
(c) the evil of bride burning
(d) the evil of gender discrimation.
Answer:
(b) the evil of female foeticide

Look at these pictures and answer the questions given below :
PSEB 9th Class English Reading Comprehension Unseen Picture Poster Based 5

Choose the correct option to answer each question :

Question 1.
Why did the fox jump into the well to drink water ?
(a) Because the water was very low.
(b) Because he wanted to eat the goat.
(c) Because he wanted to have a bath.
(d) None of these three.
Answer:
(a) Because the water was very low.

PSEB 9th Class English Reading Comprehension Unseen Picture/Poster Based

Question 2.
The fox drank water and ……….
(a) drenched his thirst
(b) quenched his thirst
(c) satisfied his thirst
(d) toasted his thirst.
Answer:
(b) quenched his thirst

Question 3.
How did the fox succeed in be fooling the goat who was passing that way ?
(a) He told the goat that it was very hot outside.
(b) He told the goat that it was very cold inside the well.
(c) He told that the water was very sweet.
(d) All of these three.
Answer:
(d) All of these three.

Question 4.
What happened when the foolished goat jumped into the well ?
(a) The fox at once climbed over her back.
(b) The fox jumped out of the well.
(c) Both (a) and (b).
(d) Neither (a) nor (b).
Answer:
(c) Both (a) and (b).

Question 5.
The moral of this story is
(a) As you sow so shall you reap
(b) Think before you speak.
(c) Look before you leap.
(d) All that glitters is not gold.
Answer:
(c) Look before you leap.

Look at these pictures and answer the questions given below :
PSEB 9th Class English Reading Comprehension Unseen Picture Poster Based 6

Choose the correct option to answer each question :

Question 1.
Once upon a time a shepherd-boy ……… the sheep of the villagers.
(a) looked into
(b) looked after
(c) looked at
(d) looked for.
Answer:
(b) looked after

PSEB 9th Class English Reading Comprehension Unseen Picture/Poster Based

Question 2.
What mischief did he make one day ?
(a) He climbed up a tree.
(b) He started crying, “Wolf! Wolf!’’
(c) He shouted for help.
(d) All of these three.
Answer
(d) All of these three.

Question 3.
Why did the villagers who came to help the boy become cross with him ?
(a) Because they found no wolf there.
(b) Because the boy told them that he had shouted in fun only.
(c) Both (a) and (b).
(d) Neithor (a) nor (b).
Answer:
(c) Both (a) and (b).

Question 4.
What happened when a wolf really came there.
(a) The boy shouted for help but nobody came.
(b) The villagers didn’t believe the boy’s cries as he had be fooled them once.
(c) The wolf sprang upon the boy and. tore him to pieces.
(d) All of these three.
Answer:
(d) All of these three.

Question 5.
The moral of the story is —
(a) No pain no gain.
(b) Never give up hope in the hour of difficulty.
(c) Once a liar, always a liar
(d) Think before you speak.
Answer:
(c) Once a liar, always a liar

Look at these pictures and answer the questions given below :

PSEB 9th Class English Reading Comprehension Unseen Picture Poster Based 7
Choose die correct option to answer each question:

Question 1.
An old farmer had three sons who were ………..
(a) very active
(b) very idle
(c) very naughty
(d) very hardworking.
Answer:
(b) very idle

Question 2.
What did the farmer said to sons before his death?
(a) He asked them to work hard in their uk.
(b) He asked them not to fight with each other after his death.
(c) He told them that there was a big treasure in his field.
(d) He asked them to live together happily.
Answer:
(c) He told them that there was a big treasure in his field.

PSEB 9th Class English Reading Comprehension Unseen Picture/Poster Based

Question 3.
What happened when the sons dig their field ?
(a) They found there a big treasure.
(b) They found there no treasure.
(c) They found there tools of farming.
(d) None of these three.
Answer:
(b) They found there no treasure.

Question 4.
What did the old man ask them to do?
(a) He asked them to sell that field to him.
(b) He asked them to sow seeds in their field.
(c) He asked them to dig their field more deeply.
(d) Any of these three.
Answer:
(b) He asked them to sow seeds in their field.

Question 5.
What happened when the Sons sow seeds in their field?
(a) There was a good crop that year.
(b) They got a lot of money for it.
(c) Both (a) and (b).
(d) Neither (a) nor (b).
Answer:
(c) Both (a) and (b).

Question 6.
The moral of this story is ……
(a) Do good find good.
(b) As you sow, so shall you reap.
(c) Hard work is the key to success.
(d) Hard work is man’s greatest treasure.
Answer:
(d) Hard work is man’s greatest treasure.

Look at these pictures and answer the questions given below:

PSEB 9th Class English Reading Comprehension Unseen Picture Poster Based 8

Choose the correct option to answer each question :

Question 1.
What was the capseller doing in a forest ?
(a) He was passing through the forest to reach a village.
(b) He lay down under a tree to take some rest.
(c) He went there to sell his caps.
(d) Both (a) and (b).
Answer:
(d) Both (a) and (b).

PSEB 9th Class English Reading Comprehension Unseen Picture/Poster Based

Question 2.
What happened when the capseller fell asleep ?
(a) Some monkeys came there.
(b) The monkeys untied the bundle of caps.
(c) The monkeys took away all the caps.
(d) All of these three.
Answer:
(d) All of these three.

Question 3.
What did the capseller see when he woke up ?
(a) He found all his caps missing.
(b) He found the monkeys wearing his caps.
(c) Both (a) and (b).
(d) Neither (a) nor (b).
Answer:
(c) Both (a) and (b).

Question 4.
What did he do to recover his caps ?
(a) He took off his caps and threw it down.
(b) The monkeys imitated him.
(c) The monkey threw down their caps.
(d) All of these three.
Answer:
(d) All of these three.

Question 5.
The moral of the story is ………
(a) Tit for tat.
(b) A stitch in time saves nine.
(c) God helps those who help themselves.
(d) Never give up hope in the hour of difficulty.
Answer:
(d) Never give up hope in the hour of difficulty.

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 13 नमन देश के जवानों को

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 13 नमन देश के जवानों को Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 13 नमन देश के जवानों को

Hindi Guide for Class 7 PSEB नमन देश के जवानों को Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध

1. शब्दार्थ

सरलार्थों के साथ शब्दार्थ दे दिए गए हैं।

इच्छा = आकंशा
व्यवधान = रुकावटें
जज्बा = जोश
अहमान = उपकार
रणभूमि = युद्घ का मैदान
कारनामे = कार्य

2. इन मुहावरों के अर्थ समझते हुए वाक्यों में प्रयोग करें:

खाक में मिलाना = नष्ट करना = _____________________
सर झुकाना = सम्मान करना/नमन करना/अधीनता स्वीकार करना। _______________________
अपना आज मिटाना = अपने सुख-दुःख की परवाह न करना। ____________________________
छठी का दूध याद दिलाना = बहुत घबरा जाना, बहुत कष्ट होना। ________________________
माथा चमकना = नाम रोशन करना। ______________________
फर्ज़ निभाना = कर्त्तव्य पूरा करना। _________________________
उत्तर:
जापान में आई सुनामी ने अनेक शहरों को खाक में मिला दिया था। हमें अपने से बड़ों के सम्मुख सर झुकाना चाहिए।
अपना आज मिटा कर दुखियों की सेवा करना परोपकार है।
भारतीय सेना के आक्रमण ने शत्रु को छठी का दूध याद दिला दिया।
आद्या ने कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त कर माता-पिता का माथा चमका दिया।
हमें पूरी ईमानदारी से अपना फर्ज़ निभाना चाहिए।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 13 नमन देश के जवानों को

(ख) विचार-बोध

1. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
इस कविता में किन्हें नमन किया गया है ?
उत्तर:
इस कविता में भारत के वीर सैनिकों को नमन किया गया है।

प्रश्न 2.
देश के जवान सीमाओं की रक्षा कैसे करते हैं ?
उत्तर:
देश के जवान सीमाओं की रक्षा डट कर करते हैं तथा दुश्मनों को मार भगाते हैं।

प्रश्न 3.
वे चुनौती के रूप में किन्हें स्वीकार करते हैं ?
उत्तर:
वे चुनौती के रूप में हर प्रकार की बाधा-पहाड़, नदी, रेगिस्तान, खाई, समुद्र, जंगल आदि में आने वाली कठिनाइयों को स्वीकार करते हैं।

प्रश्न 4.
भारत के उज्ज्वल कल के लिए वे क्या करते हैं ?
उत्तर:
भारत के उज्ज्वल कल के लिए वे अपना आज कुर्बान कर देते हैं।

प्रश्न 5.
उन्हें कौन-कौन से पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है ?
उत्तर:
उन्हें परमवीर, महावीर, वीरचक्र पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है।

2. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
चुनौती ही स्वीकारते हैं वो व्यवधानों को, इस काव्य पंक्ति का अर्थ स्पष्ट करें।
उत्तर:
इस पंक्ति में कवि यह कहता है कि भारत के वीर सैनिकों के सामने जो भी चुनौती आती है, उसे वे स्वीकार कर उस का बहादुरी से मुकाबला करते हैं। वे अपने कर्त्तव्य के मार्ग में आने वाली सभी बाधाओं को पार कर अपना लक्ष्य प्राप्त कर लेते हैं। उन्हें रोकने की शक्ति किसी में नहीं होती है। वे जो सोचते हैं, करके दिखाते हैं।

प्रश्न 2.

सप्रसंग व्याख्या करें:

भारत के उज्ज्वल ………………… परवानों को

प्रसंग:
यह पद्यांश ‘नमन देश के जवानों को’ कविता से लिया गया है। इसमें देश के वीर सैनिकों की वंदना की गई है।

सरलार्थ:
कवि वीर सैनिकों की प्रशंसा करते हुए कहता है कि देश के वीर सैनिक भारत का भविष्य श्रेष्ठ बनाने के लिए अपना आज समाप्त कर देते हैं। वे युद्ध क्षेत्र से कभी भागते नहीं हैं। ऐसे वीर सैनिकों के अहसानों को हम क्यों नहीं याद रखें? हम देश के जवानों, सपूतों तथा पतंगों के समान बलिदानी वीरों को नमन करते हैं।

3. विपरीत शब्द लिखें:

सपूत = …………………
शत्रु = ……………..
अनजान = ………………..
आज = ………………….
उत्तर:
शब्द विपरीत शब्द
सपूत = कपूत
शत्रु = मित्र
अनजान = परिचित
आज = कल

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 13 नमन देश के जवानों को

4. इन शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखें:

सपूत = …………….
सीमा = ……………..
दुश्मन = ………………..
अरमान = ………………..
व्यवधान = …………………
पहाड़ = ………………..
रेगिस्तान = ……………….
समुद्र = …………………
जंगल = ……………..
उत्तर:
शब्द पर्यायवाची शब्द
सपूत = सुपुत्र, सुतनय।
सीमा = सरहद, हद।
दुश्मन = शत्रु, वैरी।
अरमान = इच्छा, कामना।
व्यवधान = बाधा, रुकावट।
पहाड़ = पर्वत, गिरि।
रेगिस्तान = मरुस्थल, मरुभूमि
समुद्र = जलधि, सागर
जंगल = वन, अरण्य।

5. प्रयोगात्मक व्याकरण

(1) उत् + ज्वल = उज्ज्व ल (त् को ज्)
यदि ‘त्’ के बाद ‘ज्’ हो तो ‘त्’ को ‘ज’ हो जाता है
अन्य उदाहरण :- सत् + जन = सज्जन

(2) उत् + चारण = उच्चारण (त् को च्)
यदि त्’ के बाद ‘च’ हो तो ‘त्’ को ‘च’ हो जाता है
अन्य उदाहरण :- सत् + चरित्र = सच्चरित्र

(3) तत् +लीन = तल्लीन (त् को ल्)
यदि ‘त्’ के बाद ‘ल’ हो तो ‘त्’ को ‘ल’ हो जाता है
अन्य उदाहरण :- उत् + लेख = उल्लेख

6. बेमिसाल शब्द बे + मिसाल से बना है, जिसका अर्थ है जिसका कोई उदाहरण न हो इसी प्रकार बे लगाकर नये शब्द बनाएं और उनके अर्थ भी लिखें:

शब्द अर्थ
बे + कसूर …………………. ………………….
बे + रोजगार …………………. ………………….
बे + रोक-टोक …………………. ………………….
बे + बुनियाद …………………. ………………….

उत्तर:

शब्द अर्थ
बे + कसूर बेकसूर निर्दोष बिना किसी कसूर के।
बे + रोजगार बेरोज़गार बेकार बिना किसी रोज़गार के।
बे + रोक-टोक बेरोकटोक बिना किसी रुकावट के
बे + बुनियाद निर्मूल बिना किसी बुनियाद के।

(ग) रचना-बोध

प्रश्न 1.
वीर जवान पर काव्य-पंक्तियाँ लिखें।
या
प्रश्न 2.
वीर जवान पर दस वाक्य लिखें।
उत्तर:
(1), (2) वीर जवान
भारत माता की आन-शान के रक्षक सदा से ही वीर जवान रहे हैं। एक समय था जब वे तलवारों, तीरों, भालों से अपने देश की सीमा की रक्षा करते थे। अब वे उसी काम को तोपों, बंदूकों और टैंकों से करते हैं। वीर जवान अपने जीवन की परवाह किए बिना देशवासियों की जान की रक्षा करते हैं। उन का जीवन बहुत कठोर परिस्थितियों से गुज़रता है। वे हिमालय की ‘बर्फ’, रेगिस्तान की तपती रेत और समुद्रों की गहराइयों को ही अपना बिस्तर बनाने की हिम्मत रखते हैं। अपने घर और प्रियजनों से सैंकड़ों-हज़ारों किलोमीटर दूर रह कर अपने कर्तव्य का पालन करते हैं। उन का जीवन हर समय कष्टों से घिरा रहता है पर हँसते-खिलखिलाते हुए मौत को अपनी ठोकर पर रखते हैं। सारे देशवासी सदा उन के कृतज्ञ रहते हैं। उन्हीं के कारण वे अपना जीवन सुख से जी पाते हैं।

प्रश्न 3.
सीमाओं पर लगाए जाने वाले नारे लिखें।
उत्तर:
(क) भारत माता की जय
(ख) हर-हर महादेव
(ग) जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल
(घ) जय भवानी
(ङ) वंदे मातरम्

प्रश्न 4.
युद्ध के अतिरिक्त अन्य कौन-सी स्थितियों में वीर जवानों की सहायता ली जाती है ? लिखें।
उत्तर:
बाढ़, तूफान, कोई भी प्राकृतिक आपदा, देश के भीतर सरकार विरोधी समस्याएँ, मित्र देशों/यू०एन०ओ० की सहायता।

PSEB 7th Class Hindi Guide नमन देश के जवानों को Important Questions and Answers

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 1.
‘नमन देश के जवानों को’ कविता में कवि ने किसे नमन किया है ?
(क) वीर जवानों को
(ख) नेताओं को
(ग) नदियों को
(घ) शत्रुओं को
उत्तर:
(क) वीर जवानों को।

प्रश्न 2.
सैनिक किसके सम्मान में सैल्यूट करते हैं ?
(क) नौजवानों
(ख) तिरंगे
(ग) नेताओं
(घ) विद्यालयों
उत्तर:
(ख) तिरंगे

प्रश्न 3.
सैनिक भारत के सुनहरे भविष्य के लिए अपना क्या मिटा देते हैं ?
(क) घर
(ख) पुत्र
(ग) पुत्री
(घ) आज
उत्तर:
(घ) आज

प्रश्न 4.
सैनिक अपनी वीरता से दुश्मनों को क्या याद दिलाते हैं ?
(क) छठी का दूध
(ख) दसवीं का दूध
(ग) सातवीं का दूध
(घ) पांचवीं का दूध
उत्तर:
(क) छठी का दूध

प्रश्न 5.
वीर चक्र किन्हें दिया जाता है ?
(क) शत्रुओं को
(ख) सैनिकों को
(ग) विद्यार्थियों को
(घ) अध्यापकों को।
उत्तर:
(ख) सैनिकों को।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 13 नमन देश के जवानों को

2. निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित विकल्पों से कीजिए

प्रश्न 1.
कवि ने ………… की वीरता का गुणगान किया है।
(क) शत्रुओं
(ख) बालकों
(ग) सैनिकों
(घ) अध्यापकों
उत्तर:
(ग) सैनिकों

प्रश्न 2.
डटे हैं जो देश की …………………..
(क) दहलीज
(ख) सीमाओं पर
(ग) राजधानी
(घ) बाहरी जगह
उत्तर:
(ख) सीमाओं पर

प्रश्न 3.
सैनिक युद्ध क्षेत्र में कभी ………… नहीं दिखाते।
(क) पीठ
(ख) दाँत
(ग) मुख
(घ) सिर
उत्तर:
(क) पीठ

प्रश्न 4.
वीर सैनिक अपने मरने की ……… नहीं करते।
(क) पूजा
(ख) परवाह
(ग) वंदना
(घ) अर्चना
उत्तर:
(ख) परवाह

प्रश्न 5.
वीर सैनिक बाधाओं को पार कर अपना ………… प्राप्त करते हैं।
(क) लक्ष्य
(ख) घर
(ग) स्कूल
(घ) जिला
उत्तर:
(क) लक्ष्य

3. दिए गए शब्द का सही अर्थ से मिलान कीजिए

प्रश्न 1.
परवाना:
पतंगा
पतंग
पलंग
उत्तर:
पतंगा।

प्रश्न 2.
बंदगी
बंदा
सलाम
बंदा गाएगा
उत्तर:
सलाम

प्रश्न 3.
बलिदान:
बलि का दान
बलि देना
कुर्बानी
उत्तर:
कुर्बानी।

प्रश्न 4.
वीरचक्र:
पुरस्कार का नाम
वीर का चक्र
वीरों का चक्र
उत्तर:
पुरस्कार का नाम

सप्रसंग सरलार्थ

1. नमन देश के जवानों को, सपूतों को, परवानों को
डटे है जो देश की सीमाओं पर,
भारी है जो दुश्मनों की सेनाओं पर,
खाक में मिलाते है वो शत्रुओं के अरमानों को ।
नमन देश के जवानों को, सपूतों को, परवानों को

शब्दार्थ:
नमन = नमस्कार। सपूत = अच्छा पुत्र। परवाना = पतंगा। सीमा = सरहद। खाक में मिलाना = नष्ट करना। अरमान = इच्छा, इरादा, कामना।

प्रसंग:
यह पद्यांश नमन देश के जवानों को’ कविता में से लिया गया है। इसमें कवि ने देश में वीर सैनिकों को श्रद्धापूर्वक प्रणाम किया है।

सरलार्थ:
कवि कहता है कि हम देश के वीर जवानों, सुपुत्रों तथा देश पर पतंगे के समान कुर्बान हो जाने वाले सैनिकों को नमस्कार करते हैं। वे सदा देश की सरहदों पर डटे रहते हैं और दुश्मनों की सेना पर भारी पड़ कर उनके इरादों को नष्ट कर देते हैं। हम देश के वीर जवानों, सपूतों और पतंगे के समान अपना बलिदान देने वाले सैनिकों को नमस्कार करते हैं।

भाव:
कवि सीमा पर देश की रक्षा करने वाले वीर सैनिकों की वीरता का गुणगान करते हुए उन्हें नमन कर रहा है।

2. पहाड़ हो, नदी हो, रेगिस्तान हो।
खाई हो, समुद्र हो, जंगल अनजान हो।
चुनौती ही स्वीकारते हैं वो व्यवधानों को।
नमन देश के जवानों को, सपूतों को, परवानों को।

शब्दार्थ:
अनजान = बिना जाना-पहचाना। चुनौती = ललकार। व्यवधान = बाधा, रुकावट। प्रसंग-यह पद्यांश ‘नमन देश के जवानों को’ कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने देश के वीर सैनिकों की वंदना की है।

सरलार्थ:
कवि वीर सैनिकों की वीरता का वर्णन करते हुए कहता है कि चाहे पहाड़ हो, नदी हो, रेगिस्तान हो, समुद्र हो या बिना जाना-पहचाना जंगल हो वे वीर सैनिक सभी बाधाओं को चुनौती के समान स्वीकार कर उस का सामना करते हैं। ऐसे देश के जवानों, सपूतों तथा परवाने के समान देश पर बलिदान होने वाले वीर सैनिकों को कवि नमन करता है।

भाव:
भारत के वीर सैनिक हर चुनौती का वीरता से सामना करते हैं।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 13 नमन देश के जवानों को

3. तिरंगे के सम्मान में, हम सिर झुकाते हैं
तिरंगे की शान में वो सैल्यूट बूट ठोक कर लगाते हैं
सलाम उनके जोश, जज्बों की उड़ानों को
नमन देश के जवानों को, सपूतों को, परवानों को।

शब्दार्थ:
तिरंगा-भारत का तिरंगा झंडा। सम्मान = आदर । सिर झुकाना = नमस्कार करना। सलाम = प्रणाम, बन्दगी। सैल्यूट = नमस्कार, प्रणाम।

प्रसंग:
यह पद्यांश ‘नमन देश के जवानों को’ कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने देश के वीर सैनिकों की वन्दना की है।

सरलार्थ:
कवि कहता है कि हम भारतीय अपने तिरंगे झंडे को आदर देने के लिए प्रणाम करते हैं तो वीर सैनिक भी तिरंगे झंडे को आदर देने के लिए सावधान होकर सैल्यूट करते हैं। कवि उन वीर सैनिकों के अपने राष्ट्रीय ध्वज के प्रति जोश और ऊँची भावनाओं को प्रणाम करता है। वह देश के जवानों, सपूतों और परवानों के समान देश पर कुर्बान होने वाले सैनिकों को नमन करता है।

भाव:
देश वासियों तथा सैनिकों के अपने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के प्रति आदर भाव का वर्णन किया गया है।

4. भारत के उज्वल कल के लिए अपना आज मिटाते हैं
रणभूमि में कभी पीठ नहीं दिखलाते हैं।
कैसे याद नहीं रखें, उनके अहसानों को
नमन देश के जवानों को, सपूतों को, परवानों को।

शब्दार्थ:
उज्वल – प्रकाशमान्, शुभ, बेदाग। रणभूमि – युद्ध का मैदान। पीठ नहीं दिखाना = हार नहीं मानना, मैदान छोड़ कर नहीं भागना।
प्रसंग:
यह पद्यांश ‘नमन देश के जवानों को’ कविता से लिया गया है। इसमें देश के वीर सैनिकों की वंदना की गई है।

सरलार्थ:
कवि वीर सैनिकों की प्रशंसा करते हुए कहता है कि देश के वीर सैनिक भारत का भविष्य श्रेष्ठ बनाने के लिए अपना आज समाप्त कर देते हैं। वे युद्ध क्षेत्र से कभी भागते नहीं हैं। ऐसे वीर सैनिकों के अहसानों को हम क्यों नहीं याद रखें? हम देश के जवानों, सपूतों तथा पतंगों के समान बलिदानी वीरों को नमन करते हैं।

भाव:
वीर सैनिक अपने वर्तमान की चिन्ता नहीं करते तथा भारत का भविष्य अच्छा बनाने में लगे रहते हैं।

5. शत्रु को पस्तकर, छठी का दूध याद दिलाते हैं
अपना सर न रहे, भारत का माथा चमकाते हैं
कैसे भूल जाए उनके बलिदानों को?
नमन देश के जवानों को, सपूतों को, परवानों को।

शब्दार्थ:
शत्रु = दुश्मन । पस्तकर = हराकर, थका कर। छठी का दूध याद दिलाना = पराजित करना। सर न रहना = मर जाना। माथा चमकाना = नाम रोशन करना। बलिदान = कुर्बानी।

प्रसंग:
यह पद्यांश ‘नमन देश के जवानों को’ कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने देश के वीर सैनिकों की वन्दना की है।

सरलार्थ:
कवि भारतीय सैनिकों की वीरता का वर्णन करते हुए लिखता है कि वे शत्र को हरा कर, थका कर उसे छठी का दूध याद दिला देते हैं। वे अपने मरने की परवाह नहीं करते हुए भारत माता का माथा ऊँचा उठा देते हैं। उन वीर सैनिकों के बलिदानों को नहीं भुलाया जा सकता। कवि उन देश के जवानों, सपूतों, परवानों को नमन करता है।

भाव:
भारतीय सैनिक शत्रु को हरा कर देश का नाम ऊँचा करते हैं।

6 शौर्य और वीरता से फर्ज निभाते हैं।
परमवीर, महावीर, वीरचक्र पुरस्कार पाते हैं।
करते हैं ज़ाबाज़ बेमिसाल कारनामों को
नमन देश के जवानों को, सपूतों को, परवानों को।

शब्दार्थ:
शौर्य = वीरता, पराक्रम । फर्ज = कर्त्तव्य । जाबाज़ = बहादुर। बेमिसाल – जिस की मिसाल न हो, जिस की तुलना न हो सके।

प्रसंग:
यह पद्यांश ‘नमन देश के जवानों को’ कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने देश के वीर सैनिकों की वन्दना की है।

सरलार्थ:
कवि कहता है कि भारत के वीर सैनिक अपने पराक्रम और बहादुरी से अपने कर्त्तव्य का पालन करते हैं और उन्हें उनकी वीरता के लिए परमवीर, महावीर, वीरचक्र पुरस्कार प्राप्त होते हैं। वे अपने कार्यों को अपनी वीरता से बेमिसाल बना देते हैं। देश के इन जवानों, सपूतों तथा परवानों के समान अपना बलिदान देने वालों को नमन है।

भाव:
भारतीय सैनिक पराक्रम और वीरता से अपने कर्त्तव्य का पालन करते हैं।

नमन देश के जवानों को Summary

नमन देश के जवानों को कविता का सार

‘नमन देश के जवानों को’ कविता में कवि ने देश के रक्षक वीर जवानों को नमन किया है। कवि कहता है कि वह देश के उन वीर सैनिकों को प्रणाम करता है जो देश की रक्षा के लिए देश की सीमा पर डटे रहते हैं और शत्रु-सेना का सामना करते हुए उसे उसके अरमानों को पूरा नहीं करने देते। वे पहाड़, नदी, रेगिस्तान, खाई, समुद्र, जंगल हर स्थान पर चुनौतियों को स्वीकार करते हैं। वे तिरंगे के सम्मान की रक्षा करते हुए उसे सैल्यूट करते हैं जो उनके उत्साह का उदाहरण है। वे भारत के सुनहरे भविष्य के लिए अपना आज मिटा देते हैं और युद्ध क्षेत्र में कभी पीठ नहीं दिखाते। वे शत्रु को पराजित कर उसे छठी का दूध याद दिला देते हैं। अपना बलिदान देकर वे भारत माता की रक्षा करते हैं। वे बहादुरी से अपने कर्तव्य का पालन करते हुए परमवीर, महावीर, वीरचक्र पुरस्कार में प्राप्त करते हैं। ऐसे देश के सपूतों, वीर जवानों को हमारा नमस्कार है।