PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 21 राष्ट्रीय आन्दोलन : 1885-1919 ई०

Punjab State Board PSEB 8th Class Social Science Book Solutions History Chapter 21 राष्ट्रीय आन्दोलन : 1885-1919 ई० Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 21 राष्ट्रीय आन्दोलन : 1885-1919 ई०

SST Guide for Class 8 PSEB राष्ट्रीय आन्दोलन : 1885-1919 ई० Textbook Questions and Answers

I. नीचे लिखे प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लिखें :

प्रश्न 1.
इण्डियन नैशनल कांग्रेस का पहला सम्मेलन कहां तथा किसकी प्रधानगी के अन्तर्गत हुआ तथा इसमें कितने प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था ?
उत्तर-
इण्डियन नैशनल कांग्रेस का पहला सम्मेलन 28 दिसम्बर से 30 दिसम्बर, 1885 तक बोमेश चन्द्र बैनर्जी की प्रधानगी (अध्यक्षता) में हुआ। इसमें 72 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

प्रश्न 2.
बंगाल का विभाजन कब तथा किस गवर्नर-जनरल के समय में हुआ ?
उत्तर-
बंगाल का विभाजन 1905 ई० में लार्ड कर्जन के समय में हुआ।

प्रश्न 3.
मुस्लिम लीग की स्थापना कब तथा किसने की थी ?
उत्तर-
मुस्लिम लीग की स्थापना 30 दिसम्बर, 1906 ई० को मुस्लिम नेताओं ने की थी। इसके मुख्य नेता सर सैय्यद अहमद खां, सलीम-उला खां तथा नवाब मोहसिन आदि थे।

प्रश्न 4.
गदर पार्टी की स्थापना कब, कहां तथा किसके द्वारा की गई ?
उत्तर-
गदर पार्टी की स्थापना 1913 ई० में अमेरिका तथा कनाडा में रहने वाले भारतीयों ने की। इसकी स्थापना सान फ्रांसिस्को में हुई।

प्रश्न 5.
स्वदेशी तथा बहिष्कार आन्दोलन से आप क्या समझते हो ?
उत्तर-
स्वदेशी तथा बहिष्कार आन्दोलन का आरम्भ 1905 ई० में लॉर्ड कर्जन द्वारा बंगाल का विभाजन करने से बंगाल में हुआ। परन्तु शीघ्र ही यह भारत के अन्य भागों में भी फैल गया। इस आन्दोलन का नेतृत्व सुरेन्द्रनाथ बैनर्जी, विपिन चन्द्र पाल तथा बाल गंगाधर तिलक आदि प्रमुख नेताओं ने किया था। भारत में स्थान-स्थान पर सार्वजनिक सभाएँ की गईं। इन सभाओं में स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करने तथा विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने की शपथ ली गई। दुकानदारों को विदेशी माल बेचने तथा ग्राहकों को विदेशी माल न खरीदने के लिए विवश किया गया। भारत में अनेक स्थानों पर विदेशी कपड़े की होली जलाई गई। राष्ट्रवादी समाचार-पत्रों में भी विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए प्रचार किया गया। स्वदेशी एवं बहिष्कार आन्दोलन का लोगों के सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा। इसने भारतीयों के मन में राष्ट्रीय भावनाओं को प्रबल बनाया।

प्रश्न 6.
क्रान्तिकारी आन्दोलन पर नोट लिखो।
उत्तर-
नरम दल के नेताओं की असफलता तथा गरम दल के नेताओं के प्रति सरकार की दमनकारी नीति के कारण भारत में क्रान्तिकारी आन्दोलन का उदय हुआ। क्रान्तिकारी नेताओं का मुख्य उद्देश्य भारत में से ब्रिटिश शासन का अन्त करना था। इसके लिए उन्होंने देश में कई गुप्त संस्थाओं की स्थापना की। इन संस्थाओं में क्रान्तिकारियों को शस्त्र चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता था। इनके मुख्य केन्द्र महाराष्ट्र, बंगाल तथा पंजाब आदि में थे।

पंजाब में क्रान्तिकारी आन्दोलन के मुख्य नेता सरदार अजीत सिंह, पिंडी दास, सूफ़ी अम्बा प्रसाद तथा लाल चन्द फ़लक थे। इनके नेतृत्व में कई नगरों में हिंसक कार्यवाहियां की गईं। भारत के अतिरिक्त विदेशों अर्थात् इंग्लैण्ड, अमेरिका तथा कैनेडा (कनाडा) आदि में भी क्रान्तिकारी आन्दोलन चलाये गए। इंग्लैण्ड में श्याम जी कृष्ण वर्मा ने इण्डियन होमरूल सोसायटी की स्थापना की। यह सोसायटी क्रान्तिकारियों की गतिविधियों का केन्द्र बनीं। अमेरिका में लाला हरदयाल ने गदर पार्टी की स्थापना की।

प्रश्न 7.
इण्डियन नैशनल कांग्रेस के मुख्य उद्देश्य कौन-से थे ?
उत्तर-
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित थे-

  1. देश के भिन्न-भिन्न भागों में देश हित का काम करने वाले लोगों से सम्पर्क एवं मित्रता स्थापित करना।
  2. भारतीयों में जातिवाद, प्रान्तवाद तथा धार्मिक भेदभाव का अन्त करके एकता की भावना पैदा करना।
  3. लोगों के कल्याण के लिए सरकार के सामने मांग-पत्र तथा प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत करना।
  4. देश में सामाजिक तथा आर्थिक सुधार के लिए सुझाव एकत्रित करना।।
  5. आगामी 12 मास के लिए, राष्ट्रवादियों द्वारा देश के हितों के लिए किए जाने वाले कार्यों की रूप-रेखा तैयार करना।

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II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :

1. इंडियन नैशनल कांग्रेस की स्थापना मि० ए० ओ० ह्यूम ने ……….. ई० में बंबई में की।
2. लार्ड कर्जन ने …………. ई० में बंगाल का विभाजन किया।
3. ………. ने कहा था, “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है तथा मैं इसे प्राप्त करके ही रहूंगा।”
4. इंडियन नैशनल कांग्रेस का समागम सूरत में ……………ई० में हुआ।
उत्तर-

  1. 1885
  2. 1905
  3. बाल गंगाधर तिलक
  4. 1907.

III. सही जोड़े बनाएं:

क — ख
1. होमरूल आंदोलन – 1914 ई०
2. मुस्लिम लीग – सोहन सिंह भकना
3. मिंटो-मार्ले सुधार – सर सैयद अहमद खां
4. गदर पार्टी – लार्ड कर्जन
5. पहला विश्व युद्ध – 1916 ई०
उत्तर-
क — ख
1. होमरूल आंदोलन – 1916 ई०
2. मुस्लिम लीग – सर सैयद अहमद खां
3. मिंटो-मार्ले सुधार – लार्ड कर्जन
4. गदर पार्टी – सोहन सिंह भकना
5. पहला विश्व युद्ध – 1914 ई०

PSEB 8th Class Social Science Guide राष्ट्रीय आन्दोलन : 1885-1919 ई० Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Multiple Choice Questions)

(क) सही विकल्प चुनिए :

प्रश्न 1.
इण्डियन नैशनल कांग्रेस का पहला सम्मेलन (1885) की अध्यक्षता में हुआ-
(i) दादा भाई नौरोजी
(ii) जवाहर लाल नेहरू
(iii) बोमेश चन्द्र बैनर्जी
(iv) ए० ओ० ह्यूम।
उत्तर-
बोमेश चन्द्र बैनर्जी

प्रश्न 2.
1905 ई० में बंगाल का विभाजन किया
(i) लार्ड डलहौज़ी
(ii) लार्ड कर्जन
(iii) लार्ड मैकाले
(iv) लार्ड विलियम बैंटिक।
उत्तर-
लार्ड कर्जन

प्रश्न 3.
मुस्लिम लींग का मुख्य नेता है
(i) सर सैय्यद अहमद खाँ
(ii) सलीम-उला खाँ
(ii) नवाब मोहसिन
(iv) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
उपरोक्त सभी

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प्रश्न 4.
गदर पार्टी की स्थापना (1913 ई०) में हुई-
(i) भारत
(ii) पाकिस्तान
(iii) फ्रांसिसको
(iv) भूटान।
उत्तर-
फ्रांसिसको

प्रश्न 5.
होमरूल आन्दोलन के मुख्य नेता थे-
(i) दादा भाई नौरोजी
(ii) बाल गंगाधर तिलक
(iii) लाला हरदयाल सिंह
(iv) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
बाल गंगाधर तिलक।

(ख) सही कथन पर (✓) तथा गलत कथन (✗) पर का निशान लगाएं :

1. 1907 के विभाजन के बाद 1916 में कांग्रेस के दोनों दलों में समझौता हो गया।
2. श्रीमती ऐनी बेसेंट तथा बाल गंगाधर तिलक कांग्रेस के उदारवादी नेता थे।
3. कांग्रेस के पहले सभापति बोमेश चन्द्र बैनर्जी थे।
उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✗)

V. अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (इण्डियन नैशनल कांग्रेस) की स्थापना से पूर्व स्थापित किन्हीं चार राजनीतिक संस्थाओं के नाम बताओ। इनका क्या उद्देश्य था ?
उत्तर-
संस्थाएं-

  • बंगाल ब्रिटिश इण्डियन सोसायटी
  • ब्रिटिश इण्डियन एसोसिएशन
  • इण्डियन एसोसिएशन
  • बॉम्बे प्रेजीडेंसी एसोसिएशन।

उद्देश्य-इन संस्थाओं का उद्देश्य सरकार से भारतीय शासन प्रबन्ध में सुधार की मांग करना तथा भारतीय लोगों के लिए राजनीतिक अधिकार प्राप्त करना था।

प्रश्न 2.
राष्ट्रीय चेतना से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
राष्ट्रीय चेतना से अभिप्राय लोगों के मन में यह भावना पैदा करने से है कि वे सभी एक ही राष्ट्र से सम्बन्ध रखते हैं।

प्रश्न 3.
भारतीयों में राष्ट्रीय चेतना उत्पन्न करने वाले किन्हीं चार समाचार-पत्रों के नाम बताओ।
उत्तर-
बॉम्बे समाचार, अमृत बाजार पत्रिका, द ट्रिब्यून तथा केसरी।

प्रश्न 4.
इलबर्ट बिल किसने और क्यों पेश किया ?
उत्तर-
इलबर्ट बिल लार्ड रिपन ने पेश किया क्योंकि वह भारतीय जजों को अंग्रेज़ जजों के समान दर्जा दिलाना चाहता था।

प्रश्न 5.
भारतीय सभ्यता को महान् बनाने वाले किन्हीं तीन विदेशी विद्वानों के नाम बताओ।
उत्तर-
विलियम जोन्स, मैक्समूलर तथा जैकोबी।

प्रश्न 6.
1885 ई० से 1905 ई० तक के राष्ट्रवादी आन्दोलन को उदारवादी युग क्यों कहा जाता है ? ।
उत्तर-
1885 ई० से 1905 ई० तक के राष्ट्रवादी आन्दोलन को इसलिए उदारवादी युग कहा जाता है क्योंकि इस काल के कांग्रेस के सभी नेता पूरी तरह उदारवादी थे।

प्रश्न 7.
कुछ प्रमुख उदारवादी नेताओं के नाम बताइए।
उत्तर-
फिरोजशाह मैहता, दादा भाई नौरोजी, सुरेन्द्रनाथ बैनर्जी, गोपाल कृष्ण गोखले तथा मदन मोहन मालवीय।

प्रश्न 8.
लॉर्ड कर्जन द्वारा बंगाल का विभाजन क्यों किया गया ? उसका मनोरथ क्या था ?
उत्तर-
लॉर्ड कर्ज़न का कहना था कि यह विभाजन बंगाल की प्रशासनिक सुविधा के लिए आवश्यक है। परन्तु इसका वास्तविक उद्देश्य भारतीयों में फूट डाल कर राष्ट्रीय आन्दोलन को कमज़ोर बनाना था।

प्रश्न 9.
कांग्रेस का विभाजन कब किन दो भागों में हुआ ?
उत्तर-
कांग्रेस का विभाजन नरम दल तथा गरम दल में हुआ। यह विभाजन 1907 ई० में सूरत अधिवेशन में हुआ।

प्रश्न 10.
ग़दर आन्दोलन का प्रधान कौन था ? इस आन्दोलन का उद्देश्य क्या था ?
उत्तर-
ग़दर आन्दोलन का प्रधान बाबा सोहन सिंह भकना था। इस आन्दोलन का उद्देश्य क्रान्तिकारी गतिविधियों द्वारा भारत में अत्याचारी अंग्रेजी शासन का अन्त करना था।

प्रश्न 11.
गर्म दल के तीन प्रमुख नेताओं के नाम बताओ।
उत्तर-
लाला लाजपतराय, बाल गंगाधर तिलक तथा विपिन चंद्र पाल।

प्रश्न 12.
पंजाब में क्रान्तिकारी आन्दोलन के मुख्य नेताओं के नाम लिखिए।
उत्तर-
सरदार अजीत सिंह, पिण्डी-दास, सूफ़ी अम्बा प्रसाद तथा लाल चन्द फलक।

प्रश्न 13.
मिण्टो-मार्ले सुधार कब पास हुए ? इनके पीछे सरकार का क्या उद्देश्य था ?
उत्तर-
मिण्टो-मार्ले सुधार, 1909 में पास हुए। इनके पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य गरम दल के नेताओं को प्रसन्न करना तथा मुसलमानों को विशेष अधिकार देकर उन्हें हिन्दुओं से अलग करना था।

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प्रश्न 14.
ग़दर पार्टी के समाचार-पत्र का क्या नाम था ? लाला हरदयाल ने ग़दर पार्टी की स्थापना कहाँ की ?
उत्तर-
ग़दर पार्टी के समाचार-पत्र का नाम ‘ग़दर’ था। लाला हरदयाल ने ग़दर पार्टी की स्थापना अमेरिका में की।

प्रश्न 15.
होमरूल आन्दोलन के दो मुख्य नेताओं के नाम बताओ।
उत्तर-
बाल गंगाधर तिलक तथा श्रीमती ऐनी बेसेंट।

प्रश्न 16.
इण्डियन नैशनल कांग्रेस की स्थापना किसने, कब तथा कहां की ?
उत्तर-
इण्डियन नैशनल कांग्रेस की स्थापना मि० ए० ओ० ह्यूम ने 28 दिसम्बर, 1885 ई० को मुम्बई के गोकुल दास तेजपाल संस्कृत कॉलेज में की।

प्रश्न 17.
इण्डियन एसोसिएशन की स्थापना किसने और कब की ?
उत्तर-
इण्डियन एसोसिएशन की स्थापना 1876 ई० में सुरेन्द्रनाथ बैनर्जी ने की।

प्रश्न 18.
लखनऊ समझौता कब तथा कौन-से दो राजनीतिक दलों के मध्य हुआ था ?
उत्तर-
लखनऊ समझौता 1916 ई० में कांग्रेस तथा मुस्लिम लीग के मध्य हुआ था।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
उदारवादियों की सफलताएँ क्या थी ?
उत्तर-

  • उदारवादी नेताओं के प्रयत्नों से प्रतिवर्ष कांग्रेस के अधिवेशन होने लगे। इन अधिवेशनों में भारतीयों की मांगें सरकार के सामने रखी जाती थीं।
  • उदारवादियों ने अपने भाषणों तथा समाचार-पत्रों में दिये अपने लेखों द्वारा भारतीयों में राष्ट्रीय भावना पैदा की।
  • दादा भाई नौरोजी, सुरेन्द्र नाथ बैनर्जी, गोपाल कृष्ण गोखले आदि उदारवादी नेता अपनी मांगों का प्रचार करने के लिए इंग्लैण्ड में भी गए।
  • उदारवादियों के प्रयत्नों से 1892 ई० में इंग्लैण्ड की पार्लियामैंट ने इण्डियन कौंसिल्ज़ एक्ट पास किया जिसके अनुसार कानून बनाने वाली परिषदों में भारतीयों को स्थान दिया गया।
  • इनके प्रयत्नों से अंग्रेज़ सरकार ने आई० सी० एस० की परीक्षा लेने का प्रबन्ध भारत में किया।

प्रश्न 2.
बंगाल का विभाजन कब और क्यों किया गया ? भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन पर इसका क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर-
बंगाल का विभाजन 1905 ई० में लॉर्ड कर्जन ने किया। उसका इस विभाजन का वास्तविक उद्देश्य हिन्दुओं तथा मुसलमानों में फूट डाल कर राष्ट्रीय आन्दोलन को कमजोर करना था। बंगाल के विभाजन के विरोध में लोगों ने स्थान-स्थान पर जलसे, जलूस तथा हड़तालें कीं। बंगाल के विभाजन के विरोध में स्वदेशी आन्दोलन भी आरम्भ किया गया।

प्रभाव-इस विभाजन का भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन पर गहरा प्रभाव पड़ा-

  • बंगाल के विभाजन के कारण भारतीय लोगों में राष्ट्रीय चेतना पैदा हुई।
  • बंगाल के विभाजन से कांग्रेस में गरम दल तथा नरम दल नाम के दो शक्तिशाली दल बन गए।
  • बंगाल विभाजन से राष्ट्रीय आन्दोलन का प्रसार हुआ।

प्रश्न 3.
1909 ई० के मिण्टो-मार्ले सुधार एक्ट की प्रमुख धाराएँ क्या थी ?
उत्तर-
मिण्टो-मार्ले सुधार एक्ट की प्रमुख धाराएँ निम्नलिखित थीं-

  • गवर्नर जनरल की कार्यकारिणी परिषद् में एस० पी० सिन्हा नामक एक भारतीय सदस्य नियुक्त किया गया।
  • केन्द्रीय विधान परिषद् के सदस्यों की संख्या 16 से 60 कर दी गई।
  • प्रान्तों की विधान परिषदों के सदस्यों की संख्या 30 से 50 कर दी गई।
  • विधान परिषदों के सदस्यों का चुनाव करने के लिए अप्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली की व्यवस्था की गई। इस चुनाव-प्रणाली के अनुसार सर्वप्रथम लोगों द्वारा नगरपालिकाओं या ज़िला बोर्डों के सदस्यों का चुनाव किया जाता था। ये चुने गये सदस्य आगे प्रान्तों की विधान परिषदों के सदस्यों का चुनाव करते थे।
  • मुसलमानों के लिए अलग निर्वाचन प्रणाली की व्यवस्था की गई। उनके लिए केन्द्रीय विधान परिषद् में 6 स्थान रक्षित किए गए। इन स्थानों के लिए चुनाव केवल मुसलमान मतदाताओं द्वारा ही किया जाता था।

प्रश्न 4.
नरम दल तथा गरम दल की नीतियों में क्या अन्तर था ?
उत्तर-
नरम दल तथा गरम दल की नीतियों में निम्नलिखित अन्तर थे-

  • नरम दल के नेता दादा भाई नौरोजी, सुरेन्द्र नाथ बैनर्जी, फिरोजशाह मेहता तथा गोपाल कृष्ण गोखले ब्रिटिश शासन को भारतीयों के लिए वरदान मानते थे जबकि गरम दल के नेता विपिन चन्द्र पाल, बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपतराय ब्रिटिश शासन को भारतीयों के लिए अभिशाप मानते थे।
  • नरम दल के नेता प्रशासन में सुधार लाने के लिए सरकार को सहयोग देना चाहते थे, जबकि गरम दल के नेता भारत से ब्रिटिश शासन का अन्त चाहते थे।
  • नरम दल के नेता सरकार से अपनी मांगें, प्रस्तावों तथा प्रार्थना-पत्रों द्वारा मनवाना चाहते थे परन्तु गरम दल के नेता अपनी शक्ति द्वारा मांगें मनवाने के पक्ष में थे।

प्रश्न 5.
मुस्लिम लीग की स्थापना कब हुई ? इसकी स्थापना के क्या कारण थे ?
उत्तर-
30 दिसम्बर, 1906 ई० को मुस्लिम नेताओं ने ‘मुस्लिम लीग’ नाम की अपनी एक अलग राजनीतिक संस्था स्थापित कर ली। इसके मुख्य नेता सर सैय्यद अहमद खां, सलीम-उला-खां तथा नवाब मोहसिन आदि थे।
कारण-मुस्लिम लीग की स्थापना मुख्य रूप से साम्प्रदायिक राजनीति का परिणाम थी। इस संस्था की स्थापना के मुख्य कारण निम्नलिखित थे-

  • मुसलमान अपने हितों की रक्षा के लिए कोई अलग संस्था बनाना चाहते थे।
  • मुस्लिम लीग की स्थापना से अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति सफल होती थी।
  • अरब देशों में वहाबी आन्दोलन आरम्भ होने के साथ भारत में साम्प्रदायिकता की भावना पैदा हो गई थी।
  • मोहम्मडन ऐंग्लो-ओरियंटल कॉलेज के प्रिंसीपल बेक ने साम्प्रदायिकता की भावना को भड़काने के लिए लेख लिखे तथा सर सैय्यद अहमद खाँ ने इस संबंध में प्रचार किया।
  • लार्ड कर्जन ने भी मुसलमानों के मन में साम्प्रदायिकता की भावना पैदा की।

प्रश्न 6.
गरमपंथियों के प्रमुख उद्देश्य लिखो।
उत्तर-
गरमपंथियों के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित थे-

1. पूर्ण स्वराज की प्राप्ति-गरमपंथी नेताओं का मुख्य उद्देश्य पूर्ण स्वराज प्राप्त करना था। इसकी मांग बाल गंगाधर तिलक ने की थी। उन्होंने कहा था, “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे प्राप्त करके ही रहूँगा।” उनका विचार था कि शासन प्रबन्ध भारतीय परम्पराओं तथा संस्कृति पर आधारित होना चाहिए।

2. भारत तथा इंग्लैण्ड के बीच सम्बन्ध समाप्त करना-गरमपंथियों का दूसरा मुख्य उद्देश्य भारत तथा इंग्लैण्ड के बीच सम्बन्धों को समाप्त करना था। विपिन चन्द्र पाल का कहना था, “हम अंग्रेजों के साथ कोई सम्बन्ध नहीं रखना चाहते। हम भारत में अपनी सरकार चाहते हैं।”

प्रश्न 7.
मुस्लिम लीग के प्रमुख उद्देश्य लिखो।
उत्तर-
मुस्लिम लीग के निम्नलिखित मुख्य उद्देश्य थे-

  • भारतीय मुसलमानों के हितों की रक्षा करना।
  • अंग्रेज़ी सरकार के प्रति वफ़ादार (राजभक्त) रहना, ताकि अंग्रेज़ उन्हें अधिक-से-अधिक सुविधाएं प्रदान करें।
  • भारतीय मुसलमानों को इण्डियन नैशनल कांग्रेस के प्रभाव से मुक्त करना।
  • मुसलमानों के लिए अलग निर्वाचन मण्डल स्थापित करना।
  • मुसलमानों के लिए अलग राज्य (पाकिस्तान) की मांग करना।

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प्रश्न 8.
अंग्रेजी भाषा का राष्ट्रीयता के विकास पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर-
प्रशासन की भाषा बन जाने के कारण भारत के लोगों ने अंग्रेजी भाषा का अध्ययन किया। अंग्रेज़ी के माध्यम से पंजाबी, मद्रासी, बंगाली, गुजराती तथा हरियाणवी एक-दूसरे से अपने विचारों का आदान-प्रदान कर सकते थे। इस प्रकार अंग्रेजी भाषा ने देश के विभिन्न प्रान्तों के लोगों को एक-दूसरे के समीप लाने में बहुत सहायता की। अंग्रेज़ी भाषा के कारण भारत के लोग पश्चिमी साहित्य से परिचित हो गए। इस साहित्य से उन्हें स्वतन्त्रता, समानता तथा लोकतंत्र के महत्त्व का पता चला। फलस्वरूप वे राष्ट्रीय एकता के सूत्र में बंध गए और वे अपने देश में स्वतन्त्रता का वातावरण उत्पन्न करने के विषय में सोचने लगे।

प्रश्न 9.
अंग्रेजों द्वारा भारतीयों से असमानता का व्यवहार करने का भारतीय भाषाओं व समाचार-पत्रों पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर-
अंग्रेज़ भारतीयों से असमानता का व्यवहार करते थे। भारतीयों को केवल निम्न सरकारी पद ही दिए जाते थे और वे भी कम वेतन पर। उन्हें ऐसा कोई पद नहीं दिया जाता था जो उत्तरदायित्व से जुड़ा हो। उनके साथ जातीय आधार पर भी भेदभाव किया जाता था। भारतीय भाषाओं में छपने वाले समाचार-पत्र इस अन्याय को सहन न कर सके। अत: उन्होंने ऐसे लेख प्रकाशित करने आरम्भ कर दिए जिनमें जनता के कष्टों का वर्णन किया जाता था। इसे रोकने के लिए सरकार ने कठोर कदम उठाए। फलस्वरूप भारतीय जनता में जागृति आई और राष्ट्रीयता की भावना का विकास हुआ।

प्रश्न 10.
इण्डियन नेशनल (भारतीय राष्ट्रीय) कांग्रेस में 1907 ई० में किस प्रकार फूट पड़ी ?
उत्तर-
1907 ई० में इण्डियन नेशनल कांग्रेस का सूरत में अधिवेशन हुआ। इस अधिवेशन में उदारवादी नेताओं ने स्वदेशी तथा बहिष्कार के प्रस्तावों की निन्दा की। इसके अतिरिक्त सम्मेलन में इण्डियन नेशनल कांग्रेस संस्था के प्रधान पद के चुनाव के प्रश्न पर नरमपंथी तथा गरमपंथी नेताओं में विवाद भी हो गया। नरमपंथी नेता रास बिहारी बोस को प्रधान बनाना चाहते थे परन्तु गरमपंथी नेताओं की पसन्द लाला लाजपतराय थे। वे नरमपंथियों की नीतियों तथा उनके संवैधानिक तरीकों के भी विरुद्ध थे।

अतः उन्होंने इण्डियन नेशनल कांग्रेस से अलग होकर अपना उद्देश्य पूरा करने के लिए कार्य करना आरम्भ कर दिया। इस प्रकार कांग्रेस में फूट पड़ गई।

प्रश्न 11.
ग़दर पार्टी पर एक नोट लिखो।
उत्तर-
बहुत से भारतीय अमेरिका तथा कनाडा आदि देशों में रहना चाहते थे। परन्तु यहाँ उनके साथ बुरा व्यवहार किया जाता था। अतः उन्होंने यह अनुभव किया कि जब तक वे अपने देश को ब्रिटिश शासन से मुक्त नहीं करा लेते, तब तक उन्हें विदेशों में सम्मान प्राप्त नहीं हो सकता। अतः उन्होंने भारत को स्वतन्त्र कराने की योजना बनाई। 1913 ई० में उन्होंने एकत्रित होकर सानफ्रांसिस्को (अमेरिका) में ग़दर पार्टी की स्थापना की। सोहन सिंह भकना को इस संस्था का प्रधान बनाया गया। लाला हरदयाल को इस संस्था का सचिव चुना गया।
ग़दर पार्टी का मुख्य उद्देश्य क्रान्तिकारी गतिविधियों द्वारा भारत को स्वतन्त्र कराना था। पार्टी ने अपने विचारों का प्रचार करने के लिए ‘ग़दर’ नाम का एक समाचार-पत्र भी निकाला। इसमें अंग्रेजों के समर्थकों की हत्या, सरकारी कोष लूटना, बम बनाना, रेलवे लाइनों को तोड़ना, टेलिफोन तारों को काटना तथा सैनिकों को विद्रोह करने के लिए प्रोत्साहित करना आदि के बारे में सामग्री छापी जाती थी।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
इण्डियन नैशनल कांग्रेस ( 1885-1905 ई०) की मांगों, कार्यक्रम तथा सरकार के कांग्रेस के प्रति व्यवहार का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
इण्डियन नैशनल कांग्रेस की प्रमुख मांगें-इण्डियन नैशनल कांग्रेस की मुख्य मांगें निम्नलिखित थीं-

  • केन्द्रीय तथा प्रान्तीय विधान सभाओं में भारतीय लोगों को अपने प्रतिनिधि चुनने का अधिकार दिया जाये।
  • भारतीयों को उनकी योग्यता के अनुसार उच्च पदों पर नियुक्त किया जाए।
  • देश में शिक्षा का प्रसार किया जाए।
  • प्रेस पर लगाए गए अनुचित प्रतिबन्धों को हटाया जाए।
  • कार्यपालिका तथा विधानपालिका को एक-दूसरे से अलग किया जाए।
  • स्थानीय संस्थाओं का विकास किया जाए और उन्हें पहले से अधिक शक्तियां दी जाएं।
  • भारत में भी इंग्लैण्ड के समान आई० सी० एस० की परीक्षा लेने का प्रबन्ध किया जाए।
  • सेना पर किये जा रहे व्यय में कमी की जाए।
  • किसानों से लिए जा रहे भूमि-कर की राशि कम की जाए।
  • सिंचाई की समुचित व्यवस्था की जाए।

इण्डियन नैशनल कांग्रेस का कार्यक्रम-1885 ई० से 1905 तक इण्डियन नैशनल कांग्रेस के सभी नेता उदारवादी सरकार से अपनी मांगें मनवाने के लिए क्रान्तिकारी या हिंसात्मक कार्यवाहियां करना पसन्द नहीं करते थे। वे भाषणों, प्रस्तावों तथा प्रार्थना-पत्रों द्वारा अपनी मांगें सरकार के सामने रखते थे। वे कांग्रेस के प्रत्येक अधिवेशन में प्रस्ताव पास करके सरकार को भेजते थे। उन्हें विश्वास था कि सरकार उनकी मांगों को अवश्य स्वीकार कर लेगी।

सरकार का इण्डियन नैशनल कांग्रेस के प्रति व्यवहार-सरकार चाहती थी कि कांग्रेस उसके अधीन रहे परन्तु ऐसा न हो पाने के कारण सरकार कांग्रेस के विरुद्ध हो गई। सरकार ने सरकारी प्रतिनिधियों के कांग्रेस के अधिवेशनों में भाग लेने पर रोक लगा दी। सरकार द्वारा मुसलमानों को कांग्रेस से अलग करने के भी प्रयास किये जाने लगे। इस प्रकार सरकार ने कांग्रेस के प्रति उपेक्षा की नीति अपनायी।

प्रश्न 2.
इण्डियन नैशनल कांग्रेस की स्थापना का वर्णन करो।
उत्तर-
19वीं शताब्दी में भारतीय लोगों में राष्ट्रीय चेतना पैदा हो गई थी। फलस्वरूप उन्होंने अंग्रेज़ी सरकार की दमनकारी नीतियों का विरोध करने के लिए अनेक संस्थाओं की स्थापना की। इन संस्थाओं में से ज़मींदार सभा (1838 ई०), बम्बई सभा (1852 ई०), पूना सार्वजनिक सभा (1870 ई०), मद्रास (चेन्नई) नेटिव एसोसिएशन (1852 ई०) आदि प्रमुख थीं। इनकी स्थापना अपने-अपने प्रान्तों के हितों की रक्षा करने के लिए की गई थी। धीरे-धीरे भारत के बुद्धिजीवियों ने राष्ट्रीय स्तर के संगठन की आवश्यकता अनुभव की। अत: 1876 ई० में सुरेन्द्र नाथ बनर्जी ने इण्डियन एसोसिएशन की स्थापना की।

आई० सी० एस० पास सुरेन्द्र नाथ बैनर्जी ने राष्ट्रीय स्तर की संस्था की स्थापना के लिए समस्त भारत में स्वराज प्राप्त करने के लिए प्रचार किया तथा अनेक संस्थाएं स्थापित की। इसी समय एक अंग्रेज़ अधिकारी ए० ओ० ह्यूम ने सुरेन्द्र नाथ बैनर्जी का साथ दिया। उसने लोगों को सलाह दी कि वे अपनी समस्याएं सरकार के आगे प्रस्तुत करें।

इण्डियन नैशनल कांग्रेस की स्थापना-मिस्टर ए० ओ० ह्यूम ने दिसम्बर 1885 ई० में बम्बई (मुम्बई) में गोकुल दास तेजपाल संस्कृत कॉलेज में इण्डियन नैशनल कांग्रेस की स्थापना की। वह एक सेवा मुक्त अंग्रेज़ आई० सी० एस० अधिकारी था। उसे इण्डियन नैशनल कांग्रेस का पिता भी कहा जाता है। इण्डियन नैशनल कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन 28 दिसम्बर से 30 दिसम्बर 1885 ई० तक मुम्बई में गोकुल दास तेजपाल संस्कृत कॉलेज में ही हुआ। इसके सभापति वोमेश चन्द्र बैनर्जी थे। इस अधिवेशन में देश के भिन्न-भिन्न प्रान्तों से आए 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

प्रश्न 3.
गरम राष्ट्रवाद के उत्थान के बारे में संक्षिप्त वर्णन करो।
उत्तर-
1905 ई० से 1919 ई० तक राष्ट्रीय आन्दोलन का नेतृत्व गरमपंथी नेताओं के हाथों में रहा। गरम दल के उत्थान के अनेक कारण थे जिनका संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार हैं-

  • उदारवादियों की असफलता-उदारवादी नेता सरकार से अपनी मांगें पूरी कराने में असफल रहे थे। अतः नवयुवकों ने ठोस राजनीतिक कार्यवाही करने की मांग की।
  • बेरोज़गारी-बहुत से भारतीयों ने उच्च शिक्षा प्राप्त की थी परन्तु वे बेरोज़गार थे। अत: उनमें निराशा की भावनाएं पैदा होने लगी और उन्होंने सरकार का विरोध करने के लिए कठोर पग उठाने का निर्णय किया।
  • अंग्रेजों की आर्थिक नीति-अंग्रेजों द्वारा भारत में अपनाई गई आर्थिक नीति भी गरम राष्ट्रवाद को उत्साहित करने में सहायक हुई।
  • अकाल तथा प्लेग-1896-97 ई० में भारत में अनेक स्थानों पर अकाल पड़ गया। 1897 ई० में पुणे (पूने) के आस पास के क्षेत्रों में प्लेग भी फैल गया। इससे लाखों लोगों की मौत हो गई। ब्रिटिश सरकार ने इस विपत्ति में भारतीयों की कोई सहायता नहीं की। अतः भारतीयों ने गरम नीति पर आधारित आन्दोलन का समर्थन किया।
  • विदेशों में भारतीयों से दुर्व्यवहार- इंग्लैण्ड तथा दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले भारतीयों के साथ उचित व्यवहार नहीं किया जाता था। अतः भारत के राष्ट्रवादियों ने भारत को अंग्रेजी शासन से स्वतन्त्र कराने के लिए शक्तिशाली आन्दोलन चलाया।
  • विदेशी क्रान्तियों से प्रेरणा-फ्रांस की क्रान्ति, अमेरिका का स्वतन्त्रता-संग्राम, इटली का एकीकरण आदि घटनाओं से भारतीयों को अपना देश स्वतन्त्र कराने की प्रेरणा मिली। अत: उन्होंने गरम राष्ट्रवाद की राह अपनाई।
  • जापान के हाथों रूस की पराजय-1904-05 ई० में जापान तथा रूस के बीच युद्ध हुआ। इस युद्ध में रूस जैसा बड़ा देश जापान जैसे छोटे से देश के हाथों पराजित हो गया। जापान की इस जीत ने भारतीयों के मन में अंग्रेज़ों से स्वतन्त्र होने की भावना पैदा की। इससे गर्म राष्ट्रवाद को बल मिला।
  • गरमपंथी नेताओं के भाषण-लाला लाजपतराय, बाल गंगाधर तिलक तथा विपिन चन्द्र पाल जैसे नेताओं ने गरमपंथी आन्दोलन आरम्भ किया। उन्होंने भारतीयों में राष्ट्रीय भावना पैदा करने के लिए स्थान-स्थान पर जलसे किए तथा भाषण दिए। बाल गंगाधर तिलक ने कहा था, “स्वराज मेरा जन्म-सिद्ध अधिकार है और मैं इसे प्राप्त करके रहूँगा।” इसी प्रकार के विचार लाला लाजपतराय तथा विपिन चन्द्र पाल ने भी प्रकट किए। इन विचारों के कारण गरम राष्ट्रवाद को और अधिक प्रोत्साहन मिला।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 21 राष्ट्रीय आन्दोलन : 1885-1919 ई०

प्रश्न 4.
लखनऊ समझौते तथा होमरूल आन्दोलन का वर्णन करो।
उत्तर-
लखनऊ समझौता-1914 ई० में यूरोप में प्रथम विश्व युद्ध आरम्भ हुआ। इस युद्ध में अंग्रेज़ मुसलमानों के देश तुर्की के विरुद्ध लड़े। तुर्की का सुल्तान संसार के सभी मुसलमानों का धार्मिक नेता था। अतः मुस्लिम लीग के नेता अंग्रेजों से नाराज होकर इण्डियन नैशनल कांग्रेस के साथ मिल गए। 1916 ई० में दोनों पार्टियों के बीच लखनऊ में एक समझौता हुआ जिसके अनुसार इण्डियन नैशनल कांग्रेस ने मुसलमानों के लिए अलग प्रतिनिधित्व को स्वीकार कर लिया। अत: दोनों संस्थाओं ने मिल कर राष्ट्रीय आन्दोलन में भाग लेना आरम्भ कर दिया। इससे राष्ट्रीय आन्दोलन को नई शक्ति मिली।

होमरूल आन्दोलन-1916 ई० में श्रीमती ऐनी बेसेंट ने मद्रास में तथा बाल गंगाधर तिलक ने पुणे में होमरूल लीग की स्थापना की। इसका मुख्य उद्देश्य भारत में होमरूल या स्वराज की स्थापना करना तथा भारतीयों के मन में स्वराज के प्रति जागरूकता पैदा करना था। बाल गंगाधर तिलक ने कहा था……. स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है तथा मैं इसे प्राप्त करके ही रहूँगा।’ परिणामस्वरूप भारत मन्त्री मि० मांटेगू ने अगस्त, 1917 ई० में घोषणा की कि अंग्रेज़ सरकार भारत में स्व-शासन की संस्थाएं स्थापित करेगी तथा धीरे-धीरे स्वशासन की स्थापना की जाएगी। इस आश्वासन के कारण होमरूल आन्दोलन धीरे-धीरे शान्त हो गया।

प्रश्न 5.
भारतीय लोगों में राष्ट्रीय चेतना पैदा होने के कारणों का वर्णन करो।
उत्तर-
19वीं सदी के उत्तरार्ध में भारतीय लोगों में राष्ट्रीय चेतना पैदा हुई। राष्ट्रीय चेतना से अभिप्राय किसी राष्ट्र के नागरिकों में पाई जाने वाली उस भावना से है जिससे उन्हें यह अनुभव हो कि वे सब एक ही राष्ट्र से सम्बन्ध रखते हैं। भारतीय लोगों में राष्ट्रीय चेतना पैदा होने के अनेक कारण थे जिनमें से प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-

1. 1857 ई० के महान् विद्रोह का प्रभाव-भारतीय लोगों ने अंग्रेजी शासन को समाप्त करने के लिए 1857 ई० में अंग्रेज़ी शासन के विरुद्ध विद्रोह किया था। इस विद्रोह को अंग्रेज़ों ने कठोरता से दबा दिया था। इसके बाद वे भारतीय लोगों पर अत्याचार करने लगे। इस कारण भारतीय लोगों के मन में अपने देश को अंग्रेजी शासन से मुक्त कराने की भावना उत्पन्न हुई।

2. प्रशासनिक एकता-अंग्रेज़ी सरकार ने समस्त भारत में एक सी शासन प्रणाली एवं कानून व्यवस्था लागू की। इसके फलस्वरूप भारत के भिन्न-भिन्न भागों में रहने वाले लोग अपने आपको एक देश के नागरिक समझने लगे जिससे उनमें राष्ट्रीय चेतना उत्पन्न हुई।

3. सामाजिक-धार्मिक सुधार आन्दोलन-19वीं शताब्दी में भारत के विभिन्न प्रान्तों में अनेक सामाजिक-धार्मिक सुधार आन्दोलन चले। राजा राममोहन राय (ब्रह्म समाज), स्वामी दयानन्द (आर्य समाज), श्री सद्गुरु राम सिंह जी (नामधारी लहर) आदि सभी समाज-सुधारकों ने समाज में फैली हुई बुराइयों की निन्दा की। उन्होंने भारतीय लोगों में इन बुराइयों का अन्त करने के लिए सामाजिक-धार्मिक जागृति उत्पन्न की जिसने राष्ट्रवाद की भावना को जन्म दिया।

4. पश्चिमी शिक्षा एवं साहित्य-भारतीय लोगों ने विदेशी लेखकों जैसे कि मिल्टन, मिल तथा बर्न आदि की पुस्तकें पढ़ीं और अपने राजनीतिक अधिकारों के बारे में जानकारी प्राप्त की। रूसो, वाल्टेयर तथा मैकाले आदि विद्वानों के विचारों ने भारतीय लोगों में स्वतन्त्रता, समानता तथा भ्रातृ-भाव की भावना एवं राष्ट्रीय-चेतना पैदा की।

5. भारतीय लोगों का आर्थिक शोषण-अंग्रेज़ व्यापारी अधिक-से-अधिक धन कमाने के लिए भारतीय लोगों से कम कीमत पर कच्चा माल खरीद कर इंग्लैंड भेजते थे तथा वहां के कारखानों में तैयार माल भारत में लाकर ऊंचे दामों पर बेचते थे। इससे भारत के लघु उद्योगों में तैयार की गई वस्तुओं की बिक्री बन्द हो गई। कच्चा माल न मिलने के कारण लघु उद्योगों का पतन होने लगा। परिणामस्वरूप भारतीय कारीगर बेरोज़गार हो गए। किसानों से भी भारी भूमि-कर लिया जाता था जिसके कारण किसानों को अपनी भूमियां बेचनी पड़ गईं। इस प्रकार वे भी बेरोज़गार हो गए।

6. भारतीयों को उच्च पदों पर नियुक्त न करना-अंग्रेजी सरकार भारतीय लोगों को योग्यतानुसार उच्च पदों पर नियुक्त नहीं करती थी। अतः उनमें अंग्रेजों के प्रति रोष पैदा हो गया। इसके अतिरिक्त समान स्तर की नौकरी करने वाले अंग्रेज़ कर्मचारियों की अपेक्षा भारतीय कर्मचारियों को कम वेतन तथा भत्ते दिए जाते थे। अतः भारतीय कर्मचारियों का मन दुखी था। इस बात ने भारतीयों में राष्ट्रीय चेतना पैदा करने में सहायता दी।

7. भारतीय समाचार-पत्र एवं साहित्य-भारत में अंग्रेज़ी तथा देशी भाषाओं में अनेक प्रकार के समाचार-पत्र, पत्रिकाएं तथा पुस्तकें छपने से लोगों की जानकारी में वृद्धि हुई। बॉम्बे समाचार, अमृत बाज़ार पत्रिका, द ट्रिब्यून, केसरी आदि के माध्यम से देश-विदेश के समाचारों की जानकारी प्राप्त होने से लोगों में राष्ट्रीय चेतना पैदा हुई। इसके अतिरिक्त अनेक देश-भक्ति की रचनाएं जैसे कि बंकिम चन्द्र चैटर्जी का ‘आनन्द मठ’ तथा उसका गीत ‘वन्दे मातरम्’ लोगों में अत्यधिक लोकप्रिय हो गए। रवीन्द्र नाथ टैगोर, हेमचन्द्र बैनर्जी तथा केशव चन्द्र सेन की कविताओं तथा लेखों द्वारा भी भारतीयों में राष्ट्रीय चेतना उत्पन्न हुई।

8. यातायात तथा संचार के साधन-रेल, डाक एवं तार आदि यातायात तथा संचार के साधनों का विकास होने से देश के एक भाग से दूसरे भाग में जाना अति सरल हो गया था। इससे भारतीय लोगों में विचारों का आदान-प्रदान हुआ। वे अपनी कठिनाइयों का समाधान करने के लिए मिल कर प्रयत्न करने की सोचने लगे।

9. इलबर्ट बिल का विरोध-गवर्नर जनरल लार्ड रिपन प्रथम अंग्रेज़ अधिकारी था जो भारतीयों के प्रति सहानुभति रखता था। वह भारतीय जजों को अंग्रेजों के समान अधिकार दिलाना चाहता था। अतः उसने इलबर्ट बिल पास कराना चाहा। परन्तु अंग्रेजों ने इस बिल का विरोध किया। इससे भारतीय लोग अंग्रेजों के विरुद्ध हो गए।

10. प्राचीन साहित्य का अध्ययन-विलियम जोन्स, मैक्समूलर, जैकोबी आदि प्रसिद्ध यूरोपियन विद्वानों ने प्राचीन भारतीय साहित्य का अध्ययन किया। इन विद्वानों ने सिद्ध कर दिया कि भारतीय संस्कृति महान् है। अत: भारतीय लोगों को अपने देश तथा अपनी संस्कृति पर गर्व होने लगा। इससे भारतीय लोगों में राष्ट्रीय भावना पैदा हुई।

राष्ट्रीय आन्दोलन : 1885-1919 ई० PSEB 8th Class Social Science Notes

  • राष्ट्रवादी आन्दोलन -1857 के विद्रोह के पश्चात् भारत में एक राष्ट्रवादी आन्दोलन का आरम्भ हुआ। इस आन्दोलन के प्रमुख लक्ष्य राष्ट्रीय स्वाधीनता, लोकतन्त्र, सामाजिक समानता और राष्ट्रीय विकास थे।
  • आरम्भिक चरण (1885-1905) – उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में अनेक राजनीतिक संगठनों की स्थापना हुई-बाम्बे एसोसिएशन, इंडियन एसोसिएशन, मद्रास (चेन्नई) नैटिव एसोसिएशन, पूना सार्वजनिक सभा और मद्रास (चेन्नई) महाजन सभा। 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई। आरम्भिक वर्षों में कांग्रेस ने नरम नीतियां अपनाईं-शिक्षा प्रसार, औद्योगिक विकास, किसानों के कर्मों में राहत इत्यादि।
  • भारतीय राष्ट्रवादी आन्दोलन (1905-1919) – ब्रिटिश शासकों ने कांग्रेस की मामूली साधारण मांगें भी नहीं मानीं। जनता की चेतना बढ़ी और कांग्रेस के भीतर एक गरमपंथी दल का जन्म हुआ।
  • गरमपंथ का उदय – कर्जन द्वारा बंगाल विभाजन, जापान के हाथों रूस की हार, 1905 की रूसी क्रान्ति तथा
    लाल-बाल-पाल के नेतृत्व ने गरमपंथ को बढ़ावा दिया। गरमपंथी भारी दबाव डालकर अपनी मांगें मनवाना चाहते थे।
  • बहिष्कार और स्वदेशी आन्दोलन – बंगाल विभाजन के परिणामस्वरूप जन्मी गुस्से की लहर ने स्वदेशी और बहिष्कार आन्दोलन को जन्म दिया। इस आन्दोलन का उद्देश्य देशी उद्योगों को प्रोत्साहन देना और ब्रिटिश माल का बहिष्कार करना था।
  • गर्म दल के नेता लाल-बाल-पाल कांग्रेस के गर्म दलीय नेता थे जो संघर्ष, बहिष्कार और स्वदेशी द्वारा स्वराज्य प्राप्त करना चाहते थे। 1905 के बाद देश की राजनीति में उनका बड़ा प्रभुत्व रहा।
  • क्रान्तिकारी – पंजाब, उत्तर प्रदेश, बंगाल आदि प्रान्तों में अनेक नवयुवकों ने क्रान्तिकारी आन्दोलन चलाये। वे अंग्रेजों की हत्या, शस्त्र-प्रयोग तथा आत्म-बलिदान में विश्वास करते थे।
  • ग़दर आन्दोलन – ग़दर पार्टी की स्थापना 1913 ई० में सान फ्रांसिस्को (अमेरिका) में हुई। इसका प्रधान बाबा सोहन सिंह भकना को बनाया गया। इस संस्था ने रास बिहारी बोस तथा करतार सिंह सराभा के नेतृत्व में सशस्त्र क्रान्ति द्वारा अंग्रेज़ों को भारत से बाहर निकालने का प्रयास किया।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 19 बस्तीवाद तथा शहरी परिवर्तन

Punjab State Board PSEB 8th Class Social Science Book Solutions History Chapter 19 बस्तीवाद तथा शहरी परिवर्तन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 19 बस्तीवाद तथा शहरी परिवर्तन

SST Guide for Class 8 PSEB बस्तीवाद तथा शहरी परिवर्तन Textbook Questions and Answers

I. नीचे लिखे प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लिखें :

प्रश्न 1.
बस्तीवाद से क्या भाव है ?
उत्तर-
बस्तीवाद से भाव है- किसी देश पर किसी दूसरे देश द्वारा राजनीतिक, आर्थिक तथा सामाजिक रूप से अधिकार करना।

प्रश्न 2.
भारत में ईस्ट इण्डिया कम्पनी की स्थापना होने से कौन-से नये कस्बों का उत्थान हुआ ?
उत्तर-
बम्बई कलकत्ता तथा मद्रास

प्रश्न 3.
मद्रास शहर में दर्शनीय स्थान कौन-से हैं ?
उत्तर-
गिरजाघर, भवन, स्मारक, सुन्दर मन्दिर तथा समुद्री तट।

प्रश्न 4.
बम्बई (मुम्बई) शहर के दर्शनीय स्थानों के नाम लिखो।
उत्तर-
जुहू बीच, चौपाटी, कोलाबा, मालाबार हिल, जहांगीरी आर्ट गैलरी, अजायब घर, बम्बई यूनिवर्सिटी, महालक्ष्मी मन्दिर, विक्टोरिया बाग़, कमला नेहरू पार्क इत्यादि।

प्रश्न 5.
अंग्रेजों ने भारत में अपनी पहली व्यापारिक फैक्टरी कब तथा कहां स्थापित की ?
उत्तर-
अंग्रेज़ों ने भारत में अपनी पहली व्यापारिक फैक्टरी 1695 ई० में कलकत्ता में स्थापित की।

प्रश्न 6.
अंग्रेजी राज्य के समय भारत में सबसे पहले कौन-से तीन शहरों में नगरपालिकाएं स्थापित की गईं ?
उत्तर-
अंग्रेजी राज्य के समय भारत में नगरपालिकाएं सबसे पहले मद्रास, बम्बई तथा कलकत्ता में स्थापित की गईं।

प्रश्न 7.
भारत में सार्वजनिक कार्य निर्माण की स्थापना किस अंग्रेज़ अफ़सर ने की ?
उत्तर-
भारत में सार्वजनिक कार्य निर्माण विभाग की स्थापना लार्ड डल्हौजी ने की।

प्रश्न 8.
अंग्रेज़ी राज्य के समय भारत में पुलिस की व्यवस्था किस गवर्नर-जनरल ने शुरू की ?
उत्तर-
अंग्रेजी राज्य के समय भारत में पुलिस की व्यवस्था लार्ड कार्नवालिस ने शुरू की।

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प्रश्न 9.
भारत में प्रथम रेलवे लाइन किसके द्वारा, कब तथा कहां से कहां तक बनाई गई ?
उत्तर-
भारत में प्रथम रेलवे लाइन 1853 ई० में लार्ड डल्हौजी द्वारा बनाई गई। यह बम्बई से लेकर थाना शहर तक बनाई गई थी।

प्रश्न 10.
मद्रास शहर के बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
मद्रास शहर भारत के पूर्वी तट पर स्थित है। इसका वर्तमान नाम चेन्नई है और यह तमिलनाडु राज्य की राजधानी है। यह नगर भारत में अंग्रेज़ी ईस्ट इंडिया कम्पनी द्वारा स्थापित तीन केन्द्रों-बम्बई, कलकत्ता तथा मद्रासमें से एक था। यह ईस्ट इंडिया कम्पनी की प्रेजीडेंसी का भी एक केन्द्र था। कम्पनी के इस केन्द्र की स्थापना 1639 में फ्रांसिस डे ने की थी। पहले कर्नाटक युद्ध में फ्रांसीसियों ने अंग्रेजों से मद्रास शहर छीन लिया था। परन्तु युद्ध की समाप्ति पर अंग्रेजों को यह शहर वापस मिल गया था। कर्नाटक के युद्ध में अंग्रेजों की अन्तिम जीत के कारण मद्रास एक महत्त्वपूर्ण तथा समृद्ध नगर बन गया था।

शीघ्र ही यह नगर एक बन्दरगाह नगर तथा औद्योगिक केन्द्र के रूप में विकसित हो गया। यहां अनेक दर्शनीय स्थल (देखने योग्य स्थान) हैं। इनमें गिरजाघर, भवन, स्मारक, सुन्दर मन्दिर तथा समुद्री तट शामिल हैं।

प्रश्न 11.
अंग्रेजी शासन काल में पुलिस व्यवस्था किस प्रकार की थी ?
उत्तर-
अंग्रेज़ों के शासनकाल में लार्ड कार्नवालिस ने देश में कानून एवं व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस विभाग की स्थापना की। उसने ज़मींदारों से पुलिस के अधिकार छीन लिये। 1792 ई० में उसने बंगाल के जिलों को थानों में बांट दिया। प्रत्येक थाने का मुखिया दरोगा नामक पुलिस अधिकारी होता था। वह ज़िला मैजिस्ट्रेट के अधीन काम करता था। 1860 ई० में अंग्रेज़ी सरकार ने देश के सभी प्रान्तों में एक जैसा पुलिस प्रबन्ध स्थापित करने के लिए एक पुलिस कमीशन नियुक्त किया। उसकी सिफ़ारिशों पर सिविल पुलिस, इन्सपेक्टर जनरल पुलिस तथा प्रत्येक जिले में पुलिस सुपरिंटेंडेंट तथा सहायक पुलिस सुपरिटेंडेंट नियुक्त किये गए। उनके अधीन पुलिस इंस्पेक्टर, हैड कान्सटेबल आदि अधिकारी काम करते थे। इन पदों पर प्रायः अंग्रेज़ अधिकारी ही नियुक्त किये जाते थे। पुलिस का यह ढांचा थोड़ेबहुत परिवर्तनों के साथ आज भी जारी है।

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :

1. प्राचीनकाल में ………. तथा मोहनजोदड़ो दो प्रसिद्ध उन्नत शहर थे।
2. …………… मुग़ल बादशाह अकबर की राजधानी थी
3. ………… का वर्तमान नाम चेन्नई है।
4. लार्ड ……… ने देश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस विभाग की स्थापना की।
उत्तर-

  1. हड़प्पा
  2. फतेहपुर सीकरी
  3. मद्रास
  4. कार्न-वालिस।

III. सही जोड़े बनाएं :

क – ख

1. शाहजहाँ के राज्यकाल में दिल्ली – इंद्रप्रस्थ
2. इंजीनियरिंग कॉलेज – कोलकाता
3. पश्चिम बंगाल की राजधानी – रूड़की
4. महाकाव्य काल में दिल्ली – शाहजहानाबाद
उत्तर-
1. शाहजहाँ के राज्यकाल में दिल्ली – शाहजहानाबाद
2. इंजीनियरिंग कॉलेज – रूड़की
3. पश्चिम बंगाल की राजधानी – कोलकाता
4. महाकाव्य काल में दिल्ली – इंद्रप्रस्थ

PSEB 8th Class Social Science Guide बस्तीवाद तथा शहरी परिवर्तन Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Multiple Choice Questions)

(क) सही विकल्प चुनिए :

प्रश्न 1.
जुहू बीच, चौपाटी, कोलाबा, जहाँगीरी आर्ट गैलरी आदि दर्शनीय स्थल हैं-.
(i) मद्रास
(ii) बम्बई
(iii) कलकत्ता
(iv) दिल्ली ।
उत्तर-
बम्बई

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प्रश्न 2.
अंग्रेजों ने भारत में अपनी पहली व्यापारिक फैक्टरी (1695 ई० में) स्थापित की
(i) मद्रास
(ii) बम्बई
(iii) कलकत्ता
(iv) दिल्ली ।
उत्तर-
कलकत्ता

प्रश्न 3.
भारत में सार्वजनिक कार्य निर्माण विभाग की स्थापना की-
(i) लार्ड कार्नवालिस
(i) लार्ड विलियम बैंटिक
(iii) लार्ड डलहौज़ी
(iv) लार्ड मैकाले।
उत्तर-
लार्ड डलहौज़ी

प्रश्न 4.
भारत में अंग्रेज़ी राज्य के समय पुलिस व्यवस्था आरम्भ की
(i) लार्ड कार्नवालिस
(ii) लार्ड डलहौज़ी
(iii) लार्ड विलियम बैंटिक
(iv) लार्ड मैकाले।
उत्तर-
लार्ड कार्नवालिस

प्रश्न 5.
अंग्रेज़ी सरकार ने (1687-88 ई० में) सबसे पहले नगरपालिका कार्पोरेशन की स्थापना की –
(i) बम्बई नगर
(ii) दिल्ली नगर
(iii) कलकत्ता नगर
(iv) मद्रास नगर।
उत्तर-
मद्रास नगर

(ख) सही कथन पर (✓) तथा गलत कथन (✗) पर का निशान लगाएं :

1. अंग्रेजों ने 1911 में कलकत्ता को अपनी राजधानी बनाया।
2. मध्यकाल में अकबर ने दिल्ली को अपनी राजधानी बनाया।
3. भारत में पहली रेलवे लाइन 1853 ई० में बनी।
उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✗)
  3. (✓)

V. अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
शहरी परिवर्तन से क्या भाव है ?
उत्तर-
जब किसी देश की राजनीतिक दशा में परिवर्तन होता है, तो उस देश के कस्बों तथा शहरों की स्थिति और महत्त्व में बदलाव आ जाता है। इसे शहरी परिवर्तन कहते हैं।

प्रश्न 2.
प्राचीन काल के किन्हीं दो उन्नत शहरों के नाम बताओ जो अब पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं।
उत्तर-
हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो।

प्रश्न 3.
व्यापारिक केन्द्र के रूप में सूरत का महत्त्व क्यों कम हो गया ?
उत्तर-
व्यापारिक केन्द्र के रूप में सूरत का महत्त्व बम्बई के बंदरगाह तथा ईस्ट इण्डिया कम्पनी की राजनीतिक शक्ति का केन्द्र बनने से कम हुआ। अब सूरत के अधिकतर व्यापारी मुम्बई में चले गये।

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प्रश्न 4.
मद्रास नगर कहां स्थित है और इसका वर्तमान नाम क्या है ?
उत्तर-
मद्रास नगर भारत के पूर्वी तट पर स्थित है। इसका वर्तमान नाम चेन्नई है।

प्रश्न 5.
बंबई नगर कहां स्थित है और इसका वर्तमान नाम क्या है ?
उत्तर-
बंबई नगर महाराष्ट्र राज्य में अरब सागर के पूर्वी तट पर स्थित है। इसका वर्तमान नाम मुम्बई है।

प्रश्न 6.
कलकत्ता का वर्तमान नाम क्या है ?
उत्तर-
कलकत्ता का वर्तमान नाम कोलकाता है।

प्रश्न 7.
तमिलनाडु, महाराष्ट्र तथा पश्चिमी बंगाल राज्यों की राजधानियों के नाम बताओ।
उत्तर-
क्रमशः चेन्नई, मुम्बई तथा कोलकाता।

प्रश्न 8.
अंग्रेजों ने दिल्ली को अपने भारतीय साम्राज्य की राजधानी कब बनाया था ? इससे पहले उनकी राजधानी कौन-सी थी ?
उत्तर-
अंग्रेज़ों ने 1911 ई० में दिल्ली को अपने भारतीय साम्राज्य की राजधानी बनाया था। इससे पहले उनकी राजधानी कलकत्ता थी।

प्रश्न 9.
अंग्रेजी सरकार ने सबसे पहले नगरपालिका कार्पोरेशन की स्थापना किस नगर में और कब की ?
उत्तर-
मद्रास नगर में, 1687-88 ई० में।

प्रश्न 10.
गंगा नहर में पानी कब छोड़ा गया ?
उत्तर-
8 अप्रैल, 1853 ई० को।।

प्रश्न 11.
अंग्रेजी राज में नगर-योजना के अधीन नगरों को दी गई कोई तीन सुविधाएं लिखो।
उत्तर-

  1. पाइप द्वारा पानी की सप्लाई,
  2. गलियों में रोशनी,
  3. पार्क तथा खेल के मैदान।

प्रश्न 12.
कलकत्ता से रानीगंज तक रेलवे लाइन का निर्माण कब किया गया ?
उत्तर-
1854 ई० में।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
अंग्रेजों के शासन काल में सार्वजनिक कार्य-निर्माण विभाग पर एक नोट लिखो।
उत्तर-
अंग्रेजों के शासन काल में भारत में सर्वप्रथम लार्ड डल्हौज़ी ने जनता की भलाई का काम करने के लिए सार्वजनिक कार्य-निर्माण विभाग की स्थापना की। इस विभाग ने सड़कें, नहरें तथा पुल आदि बनवाये।

  • इस विभाग ने कलकत्ता से पेशावर तक जी० टी० रोड तैयार करवाया।
  • 8 अप्रैल, 1853 ई० को गंगा नहर तैयार करवा कर उसमें पानी छोड़ा गया।
  • उसने रुड़की में एक इंजीनियरिंग कॉलेज स्थापित किया।
  • इस विभाग ने प्रजा के कल्याण के लिए कई अन्य कार्य भी किये।

प्रश्न 2.
अंग्रेजों के शासनकाल में रेलवे लाइनें बिछाने के काम पर एक नोट लिखो। यह भी बताओ कि रेलवे लाइनें क्यों बिछाई गईं ?
उत्तर-
भारत में पहली रेलवे लाइन लार्ड डल्हौज़ी के समय 1853 ई० में बम्बई से थाना शहर तक बनाई गई। 1854 ई० में कलकत्ता से रानीगंज तक रेलवे लाइन का निर्माण किया गया। भारत में अंग्रेज़ शासकों द्वारा रेलवे लाइनों का निर्माण करने के कई कारण थे। इनमें से प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं :

  • अंग्रेजी सरकार अपने साम्राज्य की रक्षा करने तथा सेना के आने-जाने के लिए रेलवे लाइनें बिछाना आवश्यक समझती थी।
  • इंग्लैंड की मिलों में तैयार की गई वस्तुएं रेल द्वारा भारत के भिन्न-भिन्न भागों में भेजी जा सकती थीं।
  • अंग्रेज़ी कंपनियों तथा अंग्रेज़ पूँजीपतियों को अपना अतिरिक्त धन रेलें बनाने में खर्च करके पर्याप्त लाभ हो सकता था।
  • रेलों हारा देश के भिन्न-भिन्न भागों से इंग्लैंड के कारखानों के लिए कच्चा माल इकट्ठा किया जा सकता था।

निबन्धातक प्रश्न

प्रश्न 1.
उपनिवेशवादी (बस्तीवादी) संस्थाओं तथा नीतियों के बारे में लिखो जिन्होंने नगरों के विकास में सहायता पहुंचाई ?
उत्तर-
अंग्रेज़ी सरकार ने अपने साम्राज्य को संगठित करने के लिए कई स्थानीय संस्थाएँ स्थापित की जिनसे नगरों के विकास में सहायता मिली। इनमें नगरपालिकाएं, सार्वजनिक कार्य निर्माण विभाग, रेल मार्ग का जाल बिछाना आदि कार्य शामिल थे। इनका संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है-

1. नगरपालिकाएं-ब्रिटिश (अंग्रेज़ी) ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने सबसे पहले 1687-88 ई० में मद्रास में नगरपालिका कार्पोरेशन की स्थापना की। इसके सदस्य मनोनीत किये जाते थे। कुछ समय बाद बम्बई तथा कलकत्ता में भी नगरपालिका कार्पोरेशन स्थापित की गईं। धीरे-धीरे विभिन्न प्रान्तों के नगरों तथा ग्रामों के लिए नगरपालिकाएं एवं जिला बोर्ड स्थापित किये गये। इन संस्थाओं के माध्यम से काफी संख्या में प्राइमरी, मिडल तथा हाई स्कूल खोले गये। नगरपालिकाओं द्वारा नगरों की सफ़ाई तथा रात को प्रकाश का प्रबन्ध किया जाता था। लोगों को पानी की सुविधाएं मिलने लगीं। नगरों में डिस्पेंसरियां खोली गईं, जिनमें बीमारियों की रोकथाम के लिए निःशुल्क दवाएँ देने तथा टीके लगाने की व्यवस्था थी।

2. सार्वजनिक कार्य निर्माण विभाग- अंग्रेज़ी शासन-काल में भारत में सर्वप्रथम लार्ड डल्हौज़ी ने जनता की भलाई के लिए सार्वजनिक कार्य निर्माण विभाग की स्थापना की। इस विभाग ने सड़कें, नहरें तथा पुल आदि बनवाए। इस विभाग ने कलकत्ता से पेशावर तक जी० टी० रोड का निर्माण करवाया। 8 अप्रैल, 1853 ई० को गंगा नहर तैयार करवा कर उसमें पानी छोड़ा गया। रुड़की में एक इंजिनियरिंग कॉलेज स्थापित किया गया। इस विभाग ने प्रजा के कल्याण के लिए कई अन्य कार्य भी किये।

3. योजना-अंग्रेजों के शासन काल में भारत के कई प्रमुख नगरों में नगर सम्बम्धी सुविधाओं में विस्तार हुआ। भारत के अधिकतर नगरों में पाइप द्वारा पानी की सप्लाई तथा सीवरेज़ की व्यवस्था की गई। इसके अतिरिक्त नगरों में आधुनिक बाज़ार, पार्क तथा खेल के मैदान बनवाए गए।

4. रेलवे लाइनें-भारत में पहली रेलवे-लाइन लार्ड डल्हौज़ी के समय 1853 ई० में बम्बई से थाना शहर तक बनाई गई। 1854 ई० में कलकत्ता से रानीगंज तक की रेलवे लाइन का निर्माण किया गया। भारत में अंग्रेज़ शासकों द्वारा रेलवे-लाइनों का निर्माण करने के कई कारण थे। इनमें से प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं :

  • अंग्रेज़ी सरकार अपने साम्राज्य की रक्षा करने तथा सेना के आने-जाने के लिए रेलवे लाइनें स्थापित करना आवश्यक मानती थी।
  • इंग्लैंड की मिलों में तैयार की गई वस्तुएँ रेलों द्वारा भारत के भिन्न-भिन्न भागों में भेजी जा सकती थीं।
  • अंग्रेज़ी कम्पनियों तथा अंग्रेज़ पूंजीपतियों को अपना अतिरिक्त धन रेलें बनाने में खर्च करके पर्याप्त लाभ हो सकता था।

प्रश्न 2.
नये कस्बों के उत्थान पर नोट लिखो।
उत्तर-
नये कस्बों का उत्थान शहरी परिवर्तनों के परिणामस्वरूप होता है। दूसरे शब्दों में नये कस्बों तथा शहरों का उत्थान तब होता है जब कोई स्थान राजनीतिक शक्ति तथा आर्थिक अथवा धार्मिक गतिविधियों का केंद्र हो। राजनीतिक शक्ति में परिवर्तन होने से प्रायः राजधानियां बदलती हैं। इससे पुरानी राजधानियां अपना महत्त्व खो बैठती हैं जबकि नये राजनीतिक केन्द्रों का महत्त्व बढ़ जाता है। अत: वहां नये कस्बों का विकास होता है। उदाहरण के लिए मुग़लों तथा मराठों के केन्द्र राजनीतिक संरक्षण के अभाव में अपना महत्त्व खो बैठे। इसके विपरीत नई शक्तियों के उदय से नये कस्बे तथा केन्द्र समृद्ध हो गये। अंग्रेजी काल में मद्रास, कलकत्ता तथा बम्बई जैसे नए नगरों का उत्थान भी इसी प्रकार हुआ था।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 19 बस्तीवाद तथा शहरी परिवर्तन

प्रश्न 3.
अंग्रेजों के राज्य के समय कलकत्ता शहर के महत्त्व का वर्णन करें।
उत्तर-
कलकत्ता पश्चिम बंगाल की राजधानी है। आजकल इसका नाम कोलकाता है। यह भारत में अंग्रेज़ी शासन के समय एक प्रसिद्ध व्यापारिक बस्ती थी। 1695 ई० में अंग्रेजों ने यहां अपनी पहली व्यापारिक फैक्टरी (कारखाना) स्थापित की तथा उसके चारों ओर एक किला बनाया। 1757 ई० तक अंग्रेज़ी ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने अपना सारा समय व्यापारिक गतिविधियों में लगाया। जब बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला तथा ईस्ट इण्डिया कम्पनी के मध्य युद्ध आरम्भ हो गया तो भारत में उनकी भिन्न-भिन्न बस्तियां-मद्रास, बम्बई तथा कलकत्ता आदि विकसित नगर बन गये। भारत के अधिकांश व्यापारी इन नगरों में रहने लगे, क्योंकि यहां उन्हें अत्यधिक व्यापार सम्बन्धी सुविधाएं प्राप्त हो सकती थीं। 1757 ई० में प्लासी तथा 1764 ई० में बक्सर की लड़ाई में बंगाल के नवाबों की हार तथा अंग्रेजों की विजय के कारण कलकत्ता नगर की महत्ता और अधिक बढ़ गई।

आजकल यहां अनेक दर्शनीय स्थल हैं। इनमें हावड़ा पुल, विक्टोरिया मेमोरियल (स्मारक), बोटैनिकल गार्डन, भारतीय अजायब घर, अलीपुर चिड़िया घर, वैलूर मठ, राष्ट्रीय पुस्तकालय आदि शामिल हैं जो कि कलकत्ता के महत्त्व को बढ़ाते हैं।

प्रश्न 4.
दिल्ली शहर के विस्तार का वर्णन करो।
उत्तर-
दिल्ली भारत का एक प्रसिद्ध नगर है। यह भारत की राजधानी है। यह यमुना नदी के तट पर स्थित है। महाभारत काल में दिल्ली को इन्द्रप्रस्थ के नाम से जाना जाता था। तत्पश्चात मुग़ल बादशाह शाहजहां ने इसे शाहजहानाबाद का नाम दिया। 1911 ई० में अंग्रेजों ने इसे अपनी राजधानी बनाया और इसे नई दिल्ली का नाम दिया।

दिल्ली का महत्त्व-दिल्ली आरम्भ से ही भारत की राजनीतिक, व्यापारिक तथा सांस्कृतिक गतिविधियों का केन्द्र रही है। मध्यकाल में यह नगर बहुत अधिक प्रसिद्ध हो गया था, क्योंकि इल्तुतमिश ने इसे अपनी राजधानी बना लिया था। इसके पश्चात् दिल्ली सभी सुल्तानों की राजधानी बना रहा।

मुग़ल बादशाह अकबर महान् के काल में कुछ समय के लिए आगरा तथा फतेहपुर सीकरी मुग़लों की राजधानी रहे। अन्य सभी मुग़ल शासकों ने दिल्ली को ही अपनी राजधानी बनाये रखा। इस कारण दिल्ली नगर की महत्ता बहुत अधिक बढ़ गई थी।

प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल-दिल्ली के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल पुराना किला, चिड़िया घर, अप्पू घर, इंडिया गेट, किला राए पिथौर, फ़तेहपुरी मस्जिद, निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह, जन्तर-मन्तर. बहलोल लोधी तथा सिकंदर लोधी के मकबरे, कुतुबुद्दीन बख्तयार काकी की दरगाह, पार्लियामेंट हाऊस, राष्ट्रपति भवन, अजायब घर, राजघाट, तीन मूर्ति भवन, शक्ति स्थल, शान्ति वन, दिल्ली यूनिवर्सिटी, जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी, बिरला मन्दिर, गुरुद्वारा सीस गंज, गुरुद्वारा बंगला साहिब आदि हैं।

प्रश्न 5. शहरों के परिवर्तन द्वारा कौन-से नये शहरों की उत्पत्ति हुई ? वर्णन करें।
उत्तर-अंग्रेज़ी काल में शहरी परिवर्तन से मुख्य रूप से तीन नये शहरों की उत्पत्ति हुई। ये नगर थे-मद्रास, बम्बई तथा कलकत्ता। इन शहरों का संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है-

1. मद्रास-मद्रास नगर भारत के पूर्वी तट पर स्थित है। इसका वर्तमान नाम चेन्नई है और यह तमिलनाडु राज्य की राजधानी है। मद्रास भारत में विकसित होने वाले अंग्रेज़ी ईस्ट इण्डिया कम्पनी के तीन प्रमुख केन्द्रों-कलकत्ता, बम्बई तथा मद्रास में से एक था। यहां पर ईस्ट इण्डिया कम्पनी की प्रेज़िडेंसी का एक केन्द्र भी था। कम्पनी के इस केन्द्र की स्थापना 1639 ई० में फ्रांसिस डे ने की थी। फ्रांसीसी सेनापति ला-बरोदानिस ने पहले कर्नाटक युद्ध (1746-1748) में मद्रास अंग्रेज़ों से छीन लिया था। परन्तु युद्ध के समाप्त होने पर 1748 ई० में मद्रास अंग्रेज़ों को लौटा दिया गया था। कर्नाटक के तीन युद्धों में अंग्रेजों की अंतिम विजय के कारण मद्रास एक महत्त्वपूर्ण एवं खुशहाल (सम्पन्न) नगर बन गया।

शीघ्र ही मद्रास एक बन्दरगाह नगर तथा प्रसिद्ध औद्योगिक केन्द्र के रूप में विकसित हो गया। यहां अनेक दर्शनीय स्थल हैं। यहां के गिरजाघर, भवन, स्मारक, आकर्षक मन्दिर तथा समुद्री तट इस नगर की शान में चार चांद लगा रहे हैं।

2. बम्बई-बम्बई नगर महाराष्ट्र में अरब सागर के पूर्वी तट पर स्थित है। आजकल इसका नाम मुम्बई है। यह एक प्रसिद्ध व्यापारिक केन्द्र होने के साथ-साथ औद्योगिक एवं संस्कृति का केन्द्र भी है। 1661 ई० में पुर्तगाली राजकुमारी कैथरीन के इंग्लैंड के शासक चार्ल्स द्वितीय के साथ विवाह में यह नगर पुर्तगालियों ने दहेज़ के रूप में इंग्लैंड को दिया था। उसने यह नगर ईस्ट इण्डिया कम्पनी को किराये पर दे दिया। धीरे-धीरे बम्बई अंग्रेज़ों की प्रेज़िडेंसी बन गया। इस नगर के प्रसिद्ध स्थान जुहू बीच, चौपाटी, कोलाबा, मालाबार हिल, जहांगीरी आर्ट-गैलरी, अजायबघर (संग्रहालय), बम्बई यूनिवर्सिटी, महालक्ष्मी मन्दिर, विक्टोरिया बाग, क्रमला नेहरू पार्क आदि हैं।

3. कलकत्ता-कलकत्ता पश्चिम बंगाल की राजधानी है। आजकल इसका नाम कोलकाता है। यह भारत में अंग्रेज़ी शासन के समय एक प्रसिद्ध व्यापारिक बस्ती थी। 1695 ई० में अंग्रेज़ों ने यहां अपनी पहली व्यापारिक फैक्टरी (कारखाना) स्थापित की तथा उसके चारों ओर एक किला बनाया। 1757 ई० तक अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कम्पनी ने अपना सारा समय व्यापारिक गतिविधियों में लगाया। जब बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला तथा ईस्ट इण्डिया कम्पनी के मध्य युद्ध आरम्भ हो गया तो भारत में उनकी भिन्न-भिन्न बस्तियां-मद्रास, बंबई तथा कलकत्ता आदि विकसित नगर बन गईं। भारत के अधिकतर व्यापारी इन राज्यों में रहने लगे क्योंकि यहां उन्हें अत्यधिक व्यापार-सम्बन्धी सुविधाएं प्राप्त हो सकती थीं। 1757 ई० में प्लासी तथा 1764 ई० में बक्सर की लड़ाई में बंगाल के नवाबों की हार तथा अंग्रेजों की विजय के कारण कलकत्ता नगर की महत्ता और अधिक बढ़ गई। . .
आजकल यहां अनेक दर्शनीय स्थल हैं। इनमें हावड़ा पुल, विक्टोरिया मेमोरियल (स्मारक), बोटेनिकल गार्डन, भारतीय अजायब घर, अलीपुर चिड़ियाघर, वैलूर मठ, राष्ट्रीय पुस्तकालय आदि शामिल हैं जो कलकत्ता के महत्त्व को बढ़ाते हैं।

बस्तीवाद तथा शहरी परिवर्तन PSEB 8th Class Social Science Notes

  • बस्तीवाद – बस्तीवाद का भावार्थ है किसी देश पर किसी अन्य देश या देशों द्वारा राजनीतिक, आर्थिक तथा सामाजिक रूप में अधिकार करना।
  • नगर-परिवर्तन – नगरीय परिवर्तन से तात्पर्य (भाव) है किसी देश की राजनीतिक सत्ता में परिवर्तन होने के कारण कस्बों एवं नगरों की स्थिति एवं महत्ता में परिवर्तन होना।
  • नगरों का समाप्त (अन्त) होना तथा नये कस्बों का उत्थान – नये नगरों और कस्बों का उत्थान तब होता है जब वे राजनीतिक शक्ति, आर्थिक गतिविधियों या फिर धार्मिक गतिविधियों के केन्द्र होते हैं। किसी देश की राजनीतिक शक्ति में परिवर्तन होने के कारण यदि सम्बन्धित शासक अपनी राजधानियां बदलते हैं
    तो कई नगर अपनी महत्ता खो बैठते हैं तथा नये नगर उनका स्थान ले लेते हैं।
  • अंग्रेज़ी काल के नये नगर – अंग्रेज़ी काल में तीन महत्त्वपूर्ण नगरों का विकास हुआ-मद्रास, बम्बई तथा कलकत्ता। ये नगर प्रेजीडेंसियों के केन्द्र भी थे।
  • दिल्ली का विस्तार | 1911 ई० में अंग्रेजों ने दिल्ली को अपने भारतीय साम्राज्य की राजधानी बनाया फलस्वरूप दिल्ली का तेजी से विस्तार हुआ।
  • नगरों को सुविधाएं | नगरों के विकास के लिए लोगों को विभिन्न सफ़ाई, पानी, सड़कों, रोशनी आदि की सुविधाएं दी गईं। इसके लिए विभिन्न स्थानीय संस्थाएं स्थापित की गईं।
  • कानून एवं व्यवस्था नगरों में कानून एवं व्यवस्था के लिए पुलिस विभाग की स्थापना की गई।

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 2 गृह-व्यवस्था-अर्थ, महत्त्व तथा क्षेत्र

Punjab State Board PSEB 9th Class Home Science Book Solutions Chapter 2 गृह-व्यवस्था-अर्थ, महत्त्व तथा क्षेत्र Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Home Science Chapter 2 गृह-व्यवस्था-अर्थ, महत्त्व तथा क्षेत्र

PSEB 9th Class Home Science Guide गृह-व्यवस्था-अर्थ, महत्त्व तथा क्षेत्र Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
घर से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
घर वह स्थान है जहां हम अपनी ज़िन्दगी का काफ़ी समय तनाव रहित होकर बिताते हैं।

प्रश्न 2.
गृह-व्यवस्था की परिभाषा लिखें।
उत्तर-
पी० निक्कल तथा जे० एम० डोरसी के अनुसार, “गृह प्रबन्ध परिवार के उद्देश्यों को प्राप्त करने के इरादे से परिवार में मिलते साधनों को योजनाबद्ध तथा संगठित करके उसे व्यवहार में लाने का नाम है।

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 2 गृह-व्यवस्था-अर्थ, महत्त्व तथा क्षेत्र

लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 3.
गृह-व्यवस्था को गृह विज्ञान का आधार क्यों माना जाता है ?
उत्तर-
गृह-व्यवस्था को गृह विज्ञान का आधार माना जाता है क्योंकि इसमें घर तथा घर की व्यवस्था के सभी पहलू आते हैं। जैसे अच्छा जीवन गुजारने के सिद्धान्त, परिवार के सदस्यों के लिए शिक्षा का उचित प्रबन्ध, परिवार की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए भोजन तथा घर के सामान की खरीद, सम्भाल तथा प्रयोग के बारे में जानकारी दी जाती है। इसी तरह घर में प्रयोग किये जाने वाले हर प्रकार के सामान की सफ़ाई तथा सम्भाल तथा समाज में मनुष्य के जीवन को अनुशासनमय बनाने के लिए आत्मिक तथा धार्मिक पक्ष को भी गृहव्यवस्था के क्षेत्र में शामिल किया गया है।

प्रश्न 4.
गृह और व्यवस्था शब्दों से आप क्या समझते हो ?
उत्तर-
गृह से अभिप्राय वह स्थान है जहां परिवार के सभी सदस्य मिलकर रहते हैं। विद्वानों ने गृह की परिभाषा इस प्रकार दी है, “घर एक ऐसी इकाई है जहां कुछ व्यक्ति रहते हैं तथा उनमें कोई आपसी रिश्ता होता है।”

व्यवस्था शब्द से अभिप्राय है कि अपने अनिवार्य उद्देश्यों के लिए इस ढंग से कार्य करना कि हमारे भौतिक साधन अच्छी तरह संगठित तथा आयोजित हो सकें, अच्छी तरह सम्पर्क पैदा करके किसी विचारधारा को क्रियान्वित करके उसका उचित मूल्यांकन कर सकें।

प्रश्न 5.
गृह-व्यवस्था कैसी प्रक्रिया है और इसका मुख्य उद्देश्य क्या है ?
उत्तर-
गृह-व्यवस्था एक मानसिक प्रक्रिया है। यह मानसिक उपज है, दिल की नहीं। इसलिए बड़ी सूझ-बूझ तथा समझदारी की आवश्यकता है। गृह-व्यवस्था जीवन व्यतीत करने की कला है तथा इसका मुख्य उद्देश्य पारिवारिक उद्देश्यों की पूर्ति करना है।

आज के युग में साधन काफ़ी बढ़ गये हैं तथा मानवीय आवश्यकताओं के साथ उद्देश्य भी बढ़ गये हैं। इन उद्देश्यों तथा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए मानवीय साधनों जैसे-ज्ञान, शक्ति आदि तथा भौतिक साधनों जैसे-समय, धन, वस्तु, जायदाद आदि का प्रयोग बड़ी सावधानी से किया जाता है।

प्रश्न 6.
गृह-व्यवस्था के क्षेत्र से आप क्या समझते हो ?
उत्तर-
गृह-व्यवस्था का क्षेत्र काफ़ी विशाल है। इसमें घर बनाने से लेकर परिवार के सदस्यों की अन्तिम समय की सभी क्रियाएं शामिल हैं। इसके क्षेत्र में अच्छा जीवन व्यतीत करने के सिद्धान्त, जीवन स्तर ऊंचा उठाने, परिवार की ज़रूरतों की पूर्ति करने, परिवार के सदस्यों की शिक्षा का प्रबन्ध, घर में प्रयोग किये जाने वाले हर प्रकार के सामान की सफ़ाई तथा सम्भाल करना आदि सभी कुछ गृह-व्यवस्था के क्षेत्र में आते हैं।

प्रश्न 7.
समय के सदुपयोग से घर को खुशहाल कैसे बनाया जा सकता है ?
उत्तर-
जब घर का सारा कार्य समय का सही प्रयोग करके योजनाबद्ध तरीके से किया जाये तो घर में खुशी की वृद्धि होती है। घर का काम-काज निश्चित समय सारणी अनुसार करके तथा घर के सभी सदस्य अपनी क्षमता अनुसार सौंपा कार्य ठीक समय पर करें तो घर में खुशी का वातावरण पैदा होता है तथा घर समृद्ध बनता है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 8.
गृह-व्यवस्था से आप क्या समझते हैं ? गृह-व्यवस्था ही गृह विज्ञान का आधार है, कैसे ?
उत्तर-
गृह-व्यवस्था पारिवारिक ज़िन्दगी के प्रत्येक पक्ष से सम्बन्धित है। समय के प्रयोग, पैसे के प्रयोग, खाने, शक्ति, श्रम तथा ज़िन्दगी की ज़रूरतों तथा उद्देश्यों से गृहव्यवस्था का सम्बन्ध है। , .
पी० निक्कल तथा जे० डोरसी के अनुसार, “गृह-व्यवस्था परिवार के साधनों का प्रयोग करके किया गया आयोजन, संगठन तथा मूल्यांकन है जिस द्वारा परिवार के उद्देश्यों की पूर्ति की जाती है।”
ग्रास तथा करंडल के अनुसार, “गृह-व्यवस्था निर्णय करने सम्बन्धी क्रियाओं की वह शाखा है जिसमें परिवार के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए परिवार के साधनों को प्रयोग किया जाता है।”

गृह-व्यवस्था को गृह विज्ञान का आधार माना जाता है क्योंकि इसमें घर तथा घर की व्यवस्था के सभी पहलू आते हैं। जैसे-अच्छा जीवन गुजारने के सिद्धान्त, परिवार के सदस्यों के लिए शिक्षा का सही प्रबन्ध, परिवार की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए भोजन तथा घर के सामान की खरीद, सम्भाल तथा प्रयोग के बारे में जानकारी दी जाती है। इसी तरह घर में प्रयोग किये जाने वाले हर प्रकार के सामान की सफ़ाई तथा सम्भाल तथा समाज में मनुष्य के जीवन को अनुशासनमय बनाने के लिए आत्मिक तथा धार्मिक पक्ष को भी गृह-व्यवस्था के क्षेत्र में शामिल किया जाता है।

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 2 गृह-व्यवस्था-अर्थ, महत्त्व तथा क्षेत्र

प्रश्न 9.
आधुनिक जीवन में गृह-व्यवस्था का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
गृह-व्यवस्था घर में रहने वाले सदस्यों के जीवन को सुखी, समृद्ध तथा उन्नत बनाने में सहायक होती है।

  • परिवारकी जरूरतों की पूर्ति-सभी सदस्यों की कुछ ज़रूरतें होती हैं जिनकी पूर्ति का आधार घर की आय होती है। घर की आय को बढ़ाने के लिए कुछ लघु उद्योग आरम्भ किये जा सकते हैं।
  • पारिवारिक स्तर को ऊंचा उठाना-सुचारु ढंग से घर का प्रबन्ध करके अपने सीमित साधनों द्वारा कुशल गृहिणी पारिवारिक स्तर को ऊंचा उठा सकती है।
  • बच्चों की सम्भाल तथा शिक्षा-बच्चों की सम्भाल तथा शिक्षा में भी गृह प्रबन्ध का विशेष महत्त्व है। बच्चे को अच्छी विद्या, पौष्टिक भोजन तथा अच्छे-से-अच्छे ढंग से बच्चे का पालन-पोषण गृह-व्यवस्था से ही हो सकता है।
  • व्यक्तित्व का विकास-बढ़िया गृह प्रबन्ध से ही बच्चे के व्यक्तित्व का सही विकास हो सकता है। जितने भी महान् व्यक्ति हुए हैं उन सभी को अपने घर से ही यह नियामत प्राप्त हुई है।
  • घरेलू कार्य को वैज्ञानिक ढंग से करना-आज का युग मशीनी युग है तथा पारिवारिक आवश्यकताओं तथा उद्देश्यों की पूर्ति के लिए शक्ति तथा समय दोनों की ज़रूरत है। घर के कार्य में मशीनों तथा अन्य नई खोजों का प्रयोग करके शक्ति तथा समय दोनों की बचत हो जाती है।
  • समय का ठीक उपयोग- यदि घर के कार्य एक नियत की हुई समय सारणी के अनुसार किये जाएं तो समय की काफ़ी बचत हो जाती है तथा कार्य भी जल्दी पूरे हो जाते है।
  • मानसिक सन्तुष्टि-अच्छी गह-व्यवस्था से घर के उद्देश्यों की पूर्ति आसानी से हो जाती है तथा घर के सदस्यों की शारीरिक तथा मानसिक सेहत ठीक रहती है। इस तरह एक मानसिक सन्तुष्टि प्राप्त होती है।
  • सेहत सम्भाल-घर का प्रबन्ध ठीक तथा सुचारु ढंग से चलाकर पौष्टिक भोजन तथा ठीक पालन-पोषण से घर के सदस्यों की सेहत ठीक रहती है।

Home Science Guide for Class 9 PSEB गृह-व्यवस्था-अर्थ, महत्त्व तथा क्षेत्र Important Questions and Answers

रिक्त स्थान भरें

  1. ज्ञान ……………… साधन है।
  2. गृह व्यवस्था एक …………………. प्रक्रिया है।
  3. सभी सदस्यों की आवश्यकताओं की पूर्ति का आधार घर की ………………. होती है।
  4. …………………. परिवार में पति-पत्नी तथा बच्चे ही होते हैं।

उत्तर-

  1. मानवीय,
  2. मानसिक,
  3. आय,
  4. इकाई।

एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
ऐसा परिवार जिसमें माता-पिता तथा अन्य रिश्तेदार मिलकर रहते हैं, को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
संयुक्त परिवार।

प्रश्न 2.
पैसा कैसा साधन है ?
उत्तर-
भौतिक।

प्रश्न 3.
शक्ति, रुचियां कैसा साधन है ?
उत्तर-
मानवीय।

ठीक/ग़लत बताएं

  1. गृह व्यवस्था से भाव है घर के सभी कार्यों को अच्छी प्रकार से पूरा करके परिवार को खुशहाल बनाना।
  2. पैसा मानवीय साधन है।
  3. सुविधाएं, जायदाद भौतिक साधन हैं।
  4. इकाई परिवार में पति-पत्नी तथा बच्चे होते हैं।
  5. गृह निर्माता का कर्तव्य प्रायः गृहिणी को ही निभाना पड़ता है।

उत्तर-

  1. ठीक,
  2. ग़लत,
  3. ठीक,
  4. ठीक,
  5. ठीक।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मानवीय साधन नहीं है –
(A) पैसा
(B) ज्ञान
(C) शक्ति
(D) रुचि।
उत्तर-
(A) पैसा

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प्रश्न 2.
भौतिक साधन हैं –
(A) पैसा
(B) जायदाद
(C) सामान
(D) सभी ठीक।
उत्तर-
(D) सभी ठीक।

प्रश्न 3.
निम्न में ठीक है –
(A) गृह व्यवस्था को गृह विज्ञान का आधार माना जाता है
(B) मानवीय तथा भौतिक साधनों का प्रयोग करके पारिवारिक उद्देश्यों की पूर्ति की जाती है
(C) कुशलता मानवीय साधन हैं।
(D) सभी ठीक।
उत्तर-
(D) सभी ठीक।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मानवीय तथा भौतिक साधन कौन-से हैं ?
उत्तर-
मानवीय साधन हैं-ज्ञान, शक्ति, रुचियां, योग्यताएं आदि। भौतिक साधन हैं-समय, पैसा, सामान, जायदाद, सुविधाएं आदि।

प्रश्न 2.
संयुक्त तथा इकाई परिवार क्या होते हैं ?
उत्तर-
संयुक्त परिवार-इनमें मां-बाप तथा अन्य रिश्तेदार रहते हैं। घर की आय साझी होती है तथा खर्च भी साझा होता है तथा साझे खाते में से ही किया जाता है।
इकाई परिवार- इसमें केवल पति-पत्नी तथा बच्चे ही होते हैं। इस तरह सारे परिवार की ज़िम्मेवारी पति-पत्नी पर होती है।

प्रश्न 3.
गृह-व्यवस्था में गृहिणी का क्या योगदान होता है ?
उत्तर-
आज के युग में इकाई परिवारों का चलन बढ़ रहा है तथा गृहिणी के सिर पर घर सम्भालने की ज़िम्मेवारी होती है। वही गृह निर्माता है। बच्चों की सही देख-रेख, स्वास्थ्य का ध्यान, परिवार की आय तथा खर्च, समय की बचत, शक्ति की बचत आदि इन सभी बातों की ओर ध्यान देकर गृह-व्यवस्था करके एक समझदार गृहिणी घर को समृद्ध बना सकती है।

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 2 गृह-व्यवस्था-अर्थ, महत्त्व तथा क्षेत्र

प्रश्न 4.
घर तथा मकान में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
मकान एक इमारत होती है जो ईंटों, गारे, सीमेंट आदि से बनी होती है। जब एक परिवार इस इमारत में बसेरा कर लेता है तो यह मकान घर बन जाता है। घर आशाओं, उमंगों, भावनाओं तथा प्यार से भरा होता है।

गृह-व्यवस्था-अर्थ, महत्त्व तथा क्षेत्र PSEB 9th Class Home Science Notes

  • मकान ईंटों, पत्थरों तथा सीमेंट से बनी इमारत है। जब इसमें परिवार के सभी सदस्य मिलकर रहते हैं तथा साझे उद्देश्यों के लिए एकजुट होकर कार्य करते हैं तो यह मकान घर बन जाता है।
  • व्यवस्था से अभिप्राय है घर के सब कार्यों को सही तथा उचित ढंग से पूरा करके परिवार को समृद्ध बनाना।
  • गृह – व्यवस्था एक मानसिक प्रक्रिया है । इसके लिये बड़ी सूझ-बूझ तथा समझदारी की आवश्यकता है।
  • गृह – व्यवस्था द्वारा परिवार के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए आयोजन, नियन्त्रण तथा मूल्यांकन किया जाता है।
  • मानवीय साधन हैं – ज्ञान, शक्ति, योग्यताएं, रुचियां आदि।
  • भौतिक साधन हैं – पैसा, सामान, सुविधाएं, जायदाद, समय आदि।
  • मानवीय और भौतिक साधनों का प्रयोग करके पारिवारिक उद्देश्यों की पूर्ति की जाती है।
  • अच्छे घर का गृह-निर्माता अपने कार्यशील व्यक्तित्व से पारिवारिक उद्देश्यों को पूरा करने में सक्षम होता है।
  • संयुक्त परिवार में माता-पिता, बच्चे तथा अन्य रिश्तेदार मिलकर रहते हैं।
  • आज के युग में संयुक्त परिवार का स्थान इकाई परिवारों ने ले लिया है जिसमें पति-पत्नी तथा बच्चे ही होते हैं।
  • गृह-निर्माता का कर्त्तव्य साधारणत: घर की गृहिणी को ही निभाना पड़ता है।
  • परिवार की आवश्यकताओं को पूरा करने का आधार घर की आय है। आय बढ़ाने के लिए कोई लघु उद्योग आरम्भ किया जा सकता है अथवा गृहिणी घर से बाहर जाकर नौकरी भी कर सकती है।
  • पारिवारिक स्तर ऊंचा उठाना, परिवार का जीवन रसदायक तथा आनन्दमय बनाना, व्यक्तित्व का विकास, बच्चों की देख-रेख तथा शिक्षा, घरेलू कार्य को अधिक वैज्ञानिक ढंग से करने की आदत, मानसिक संतोष, समय का सदुपयोग, घर को समृद्ध बनाना, सेहत सम्भाल आदि में गृह-व्यवस्था का विशेष महत्त्व है।

PSEB 9th Class Physical Education Solutions Chapter 5 1947 के पश्चात् पंजाब में खेलों की प्रगति

Punjab State Board PSEB 9th Class Physical Education Book Solutions Chapter 5 1947 के पश्चात् पंजाब में खेलों की प्रगति Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Physical Education Chapter 5 1947 के पश्चात् पंजाब में खेलों की प्रगति

PSEB 9th Class Physical Education Guide 1947 के पश्चात् पंजाब में खेलों की प्रगति Textbook Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या देश के विभाजन ने पंजाब में खेलों के विकास को प्रभावित किया था ?
उत्तर-
हां, किया था।

प्रश्न 2.
पंजाब में ओलिम्पिक एसोसिएशन की पुनः स्थापना कब हुई ?
उत्तर-
1948 में।

प्रश्न 3.
किन्हीं दो संस्थाओं के नाम लिखो जिन का खेलों की प्रगति में योगदान हो।
उत्तर-

  1. पंजाब पुलिस
  2. सीमा सुरक्षा बल।

प्रश्न 4.
क्या पंचायती राज खेल परिषद् लड़कियों के फुटबाल मुकाबले करवाती है अथवा नहीं ?
उत्तर-
नहीं करवाती।

प्रश्न 5.
रस्सा-कशी (Tug of War) के मुकाबले दोनों लड़के और लड़कियों के लिए करवाए जाते हैं। सही अथवा ग़लत ।
उत्तर-
सही।

प्रश्न 6.
क्या लीडर इंजीनियरिंग वर्क्स, जालन्धर खेलों की प्रगति में योगदान दे रहा है अथवा नहीं ?
उत्तर-
नहीं।

प्रश्न 7.
पंजाब शिक्षा विभाग स्कूलों में खेलों की प्रगति की कौन देखभाल करता है ?
उत्तर-
डी० पी० आई० स्कूल्ज़।

प्रश्न 8.
पंजाब शिक्षा विभाग कॉलिजों में खेलों की देखभाल कौन करता है ?
उत्तर-
डी० पी० आई० कॉलिजिज़।

प्रश्न 9.
क्या पंजाब स्पोर्ट्स विभाग का खेलों में योगदान है ?
उत्तर-
हां, पंजाब स्पोर्ट्स विभाग का योगदान है।

प्रश्न 10.
लड़कियों के लिए पंचायती राजखेल परिषद् कौन-कौन सी प्रतियोगिताएं करवाती है ?
उत्तर-

  • कबड्डी
  • हॉकी
  • खो-खो
  • रस्सा-कशी।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
देश के विभाजन ने पंजाब में किस प्रकार खेलों के विकास को प्रभावित किया ?
(Describe the effects of Partition of India on the sports development of Punjab.)
उत्तर-
15 अगस्त, 1947 को भारत अंग्रेजों से मुक्त हुआ। परन्तु इसके साथ ही देश का भारत तथा पाकिस्तान नामक दो देशों में विभाजन हो गया। इस विभाजन ने पंजाब की खेलों के विकास पर गहरी चोट मारी। खेलों के अच्छे-अच्छे मैदान तथा खेलों का सामान बनाने वाला नगर स्यालकोट पाकिस्तान में चला गया। खेल एसोसिएशनें टूट गईं। इस प्रकार पंजाब खेलों के क्षेत्र में शरणार्थी बन गया।

प्रश्न 2.
पंजाब में ओलम्पिक एसोसिएशन की पुनः स्थापना किस प्रकार हुई ? (How did the Punjab Olympic Association come into existence ?)
उत्तर-
भारत के विभाजन रूपी तूफान ने पंजाब के खेलों के विकास को अपनी लपेट में ले लिया। इस तूफान के गुजर जाने के पश्चात् पंजाब के खेल प्रेमियों ने अपना होश सम्भाला। उन्होंने 1948 ई० में शिमला में एक सभा बुलाई। इसके साथ ही पंजाब ओलम्पिक एसोसिएशन की स्थापना हुई। इस संस्था के प्रधान श्री जी० डी० सोंधी नियुक्त हुए।

प्रश्न 3.
कौन-सी संस्थाओं ने खेलों की प्रगति में योगदान दिया है ?
(Name the various organisations which promotes sports in our state.)
उत्तर-
निम्नलिखित संस्थाओं ने खेलों की प्रगति में योगदान दिया है—

  • पंजाब पुलिस।
  • सीमा सुरक्षा बल।
  • लीडर इंजीनियरिंग वर्क्स, जालन्धर।
  • जगतजीत कॉटन एवं टैक्सटाइल्ज़ मिल्ज़ फगवाड़ा।
  • पंजाब राज्य बिजली बोर्ड।
  • पैप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन।

प्रश्न 4.
पंचायती राज खेल परिषद कौन-से खेल मकाबले करवाती है ?
(Mention the various sports competitions which are organized by the Panchayati Raj Khel Parishad.)
उत्तर-
पंचायती राज खेल परिषद निम्नलिखित खेल मुकाबले करवाती हैलड़कों के लिए –

  1. फुटबाल
  2. हॉकी
  3. कबड्डी
  4. वालीबाल
  5. रस्साकशी
  6. एथलेटिक्स
  7. भार उठाना
  8. कुश्ती
  9. जिम्नास्टिक।

लड़कियों के लिए –

  • कबड्डी
  • खो-खो
  • हॉकी आदि।

प्रश्न 5.
पंजाब के खेल विकास में पंजाब स्पोर्ट्स विभाग का क्या स्थान है ? पंजाब स्पोर्ट्स विभाग के योगदान पर प्रकाश डालो।
(The Punjab Sports Department has a special place in the promotion of Games and Sports. Do you agree with the statement ?)
अथवा
पंजाब स्पोर्ट्स विभाग के योगदान का वर्णन करें। (Discuss the contribution of Punjab Sports Department.)
उत्तर-
पंजाब खेल विभाग (Punjab Sports Department) पंजाब सरकार ने . प्रान्त में खेलों की प्रगति के लिए 1961 में पंजाब खेल विभाग की स्थापना की। इस विभाग ने प्रान्त के प्रत्येक जिले में जिला स्पोर्ट्स विभाग खोला है। इसके प्रबन्ध का उत्तरदायित्व जिला स्पोर्ट्स अधिकारी को सौंपा गया है। प्रत्येक जिले को तहसील तथा तहसील को आगे उप-केन्द्रों (Sub-centres) में बांटा गया है। इन उप-केन्द्रों में विभिन्न खेलों के विकास के लिए तथा प्रशिक्षण के लिए कुशल कोचों की व्यवस्था की गई है।

खिलाड़ियों की सुविधा के लिए विभिन्न स्थानों पर स्पोर्ट्स होस्टल खोले गए हैं। इन होस्टलों में रहने वाले विद्याथियों के लिए सामान, फ़ीस तथा खान-पान का प्रबन्ध स्पोटर्स विभाग द्वारा किया जाता है। अच्छे खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिए और उनको उत्तम खेल के लिए प्रेरित करने के लिए वार्षिक वज़ीफे दिए जाते हैं। इतना ही नहीं पंजाब स्पोटर्स विभाग प्रति वर्ष राज्य स्तर पर सभी खेलों के मुकाबले का आयोजन करता है। ये मुकाबले ‘मैन स्पोर्टस फैस्टीक्ल’ तथा ‘विमैन स्पोर्ट्स फैस्टीवल’ के नाम से जाने जाते हैं। विभाग अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उच्च स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को सम्मान-पत्र तथा वजीफे देता है। यह विभाग प्रति वर्ष अमृतसर में महाराजा रणजीत सिंह हॉकी टूर्नामैंट का आयोजन करता है। पंजाब स्पोर्ट्स विभाग पेशावर कॉलेजों (Professional Colleges) में विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित सीटों के लिए ग्रेडेशन करता है।

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
1947 के पश्चात् पंजाब में खेलों की प्रगति के विषय में विवरण दो। (Describe the development of sports in Punjab since 1947.)
उत्तर-
15 अगस्त, 1947 को भारत आजाद हुआ। अंग्रेज़ लगभग 200 साल तक शासन करने के पश्चात् भारत छोड़ कर तो चले गए परन्तु जाते-जाते इसका विभाजन कर पाकिस्तान का निर्माण भी कर गए। इस विभाजन ने पंजाब की खेलों को बुरी तरह आघात पहुंचाया। खेलों के अच्छे-अच्छे मैदान पाकिस्तान में चले गए। पंजाब सरकार तथा लोगों की तरह पंजाब खेलों के क्षेत्र में बहुत ही पिछड़ गया। पंजाब अच्छे क्रीड़ा-क्षेत्रों से वंचित हो गया। खेलों के सामान का उत्पादन करने वाला शहर स्यालकोट (Sialkot) भी पाकिस्तान में चला गया। खेल एसोसिएशनें टूट गईं। संक्षेप में विभाजन रूपी तूफान से सम्पूर्ण वातावरण ही इस प्रकार का बन गया कि पंजाब में खेलों की स्थिति, अत्यन्त शोचनीय हो गई।

विभाजन रूपी तूफान के गुज़र जाने के बाद पंजाब के क्रीडा-प्रेमियों ने होश सम्भाला और उन्होंने पंजाब में खेलों का जीवन दान देने का निश्चय किया। परिणामतः 1948 में उन्होंने शिमला (Shimla) में एक सभा का आयोजन किया और इसी वर्ष पंजाब ओलम्पिक एसोसिएशन (Punjab Olympic Association) की पुनर्स्थापना हुई। इस संस्था के प्रथम प्रधान श्री जी० डी० सोंधी (G. D. Sondhi) तथा सचिव श्री एफ० सी० अरोड़ा (E.C. Arora) चुने गए। जल्द ही इस संस्था ने अपना कार्य शुरू कर दिया। 1948 और 1951 में हॉकी तथा वालीबाल एसोशिएशनें अस्तित्व में आईं। तत्पश्चात् धीरे-धीरे बास्केटबाल, कबड्डी, बॉक्सिग, साइकलिंग एसोसिएशनें स्थापित हुईं। विभिन्न प्रान्तों की एसोसिएशनों की स्थापना के बाद खेलों के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए पहले जिला स्तर और फिर प्रान्तीय स्तर पर मुकाबलों का आयोजन किया गया।

1948 ई० के पश्चात् पंजाब हॉकी और वालीबाल एसोसिएशन ने पाकिस्तान और अन्य देशों से टीमों को मुकाबलों के लिए आमन्त्रित किया। इसके अतिरिक्त खेलों के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए अखिल भारतीय स्तर (All India Level) पर टूर्नामैंटों का आयोजन किया गया। इनमें से महाराजा रणजीत सिंह टूर्नामैंट, अमृतसर, मेजर भूपेन्दर सिंह टूर्नामेंट लुधियाना, शहीद करनैल सिंह मैमोरियल टूर्नामैंट, के नाम उल्लेखनीय हैं। 1957 में पंजाब में प्रथम बार राज्य स्तर पर ओलम्पिक एसोसिएशन ने खेल मुकाबलों का आयोजन किया।

पंजाब सरकार ने भी राज्यों में खेलों के स्तर को उन्नत करने के लिए विशेष रुचि ली है। यह राज्य की यूनिवर्सिटियों को खेल का मैदान, जिमनेज़ियम, स्विमिंग-पूल आदि के निर्माण के लिए आर्थिक सहायता देती है। पंजाब में खेलों के विकास के लिए पंजाब पुलिस, बी० एस० एफ०, लीडर इंजीनीयरिंग वर्क्स जालन्धर, जगतजीत कॉटन एण्ड टैक्सटाइल्ज़ मिल्ज़, फगवाड़ा आदि ने विशेष योगदान दिया है। इनकी टीमों ने भारतीय ड्यूरांड कप दिल्ली, मुम्बई स्वर्ण कप, मुम्बई नेहरू हॉकी प्रतियोगिता, दिल्ली जैसे महत्त्वपूर्ण टूर्नामैंटों में शानदार सफलता प्राप्त की।

पंजाब सरकार ने खेलों के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए तथा अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए गवर्नमैंट कॉलेज ऑफ़ फ़िजीकल एजूकेशन की स्थापना पटियाला में की है। इतनी ही नहीं पंजाब सरकार ने शारीरिक शिक्षा के विषय को अन्य विषयों की भान्ति अनिवार्य घोषित कर दिया है। इस प्रकार पंजाब सरकार की खेलों में विशेष रुचि लेने के कारण पंजाब खेलों के क्षेत्र में आश्चर्यजनक प्रगति कर रहा है। पंजाब ने देश को ऐसे सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी एवं महान् प्रबन्धक प्रदान किये हैं जिन्होंने अपने सर्वोत्तम खेल से पंजाब के ही नहीं बल्कि भारत के नाम को चार चांद लगा दिए हैं।

प्रश्न 2.
पंजाब शिक्षा विभाग ने खेलों की प्रगति में क्या योगदान दिया है ?
(Describe the contribution of the Punjab Education Department in the promotion of sports.)
उत्तर-
पंजाब शिक्षा विभाग ने खेलों की प्रगति में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। इसका संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है –

  • पंजाब सरकार ने खेलों को उन्नत करने के लिए डी० पी० आई० (स्कूल्ज़) तथा डी० पी० आई० (कॉलेजों) की निगरानी में एक विशेष विभाग की स्थापना की है। यह विभाग स्कूलों तथा कॉलेजों में खेलों का स्तर उन्नत करने के लिए पूरा प्रयत्न कर रहा है।
  • खेलों के विकास के लिए पंजाब शिक्षा विभाग ने 1961 में जालन्धर में स्टेट स्कूल ऑफ़ स्पोर्ट्स तथा स्टेट कॉलेज ऑफ़ स्पोर्ट्स स्थापित किए हैं। इन संस्थाओं में प्रसिद्ध खिलाड़ी प्रवेश पा कर पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। इन संस्थाओं में विद्या प्राप्त करने वाले लड़कों तथा लड़कियों के लिए भोजन, निवास तथा फ़ीस आदि का प्रबन्ध पंजाब शिक्षा विभाग करता है।
  • पंजाब शिक्षा विभाग ने प्रत्येक जिले में खेलों की देखभाल का उत्तरदायित्व जिला शिक्षा अधिकारियों को सौंप रखा है। प्रत्येक जिले में जोन (Zone) तथा ज़िले (District) स्तर पर मुकाबलों का प्रबन्ध किया जाता है। शिक्षा विभाग कुछ मुकाबले ग्रीष्म ऋतु में और कुछ मुकाबले सर्दी की ऋतु में करवाता है।
  • पंजाब शिक्षा विभाग ने खेलों के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए विभिन्न आयु के बच्चों के लिए खेल मुकाबलों का आयोजन किया है। अब प्राइमरी, मिनी तथा जूनियर स्तर पर मुकाबले करवाए जाते हैं।
  • शिक्षा विभाग ने पटियाला, जालन्धर तथा फिरोज़पुर में सर्विस ट्रेनिंग सैंटर खोले हैं। यहां शारीरिक शिक्षा तथा खेलों में आई नवीन प्रवृत्तियों की जानकारी प्रदान की जाती है।
  • पंजाब शिक्षा विभाग ने अन्य विषयों की भान्ति शारीरिक शिक्षा को स्कूलों तथा कॉलेजों में लागू किया है।
  • शिक्षा विभाग प्रति वर्ष गर्मी की छुट्टियों में उभरते हुए नवयुवक खिलाड़ियों को उच्च स्तर के प्रशिक्षण के लिए प्रबन्ध करता है।
  • शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों तथा कालेजों को खेलों में उच्च-स्तर से प्रशिक्षण के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। इससे खेल के मैदान बनाए जाते हैं और खेल का सामान खरीदा जाता है।
  • पंजाब शिक्षा विभाग राष्ट्रीय शारीरिक योग्यता लहर के लिए मुकाबलों का आयोजन करता है।
  • इस विभाग ने राज्य के विभिन्न कॉलेजों, इंजीनियरिंग तथा मैडकिल कॉलेजों के श्रेष्ठ खिलाड़ियों के लिए स्थान सुरक्षित रखे हैं। इससे उच्च-स्तर के खिलाड़ियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलता है।
    इस प्रकार पंजाब शिक्षा विभाग खेलों की प्रगति के लिए विशेष भूमिका निभा रहा है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित का खेल प्रगति में योगदान पर नोट लिखो
(क) पंजाब राज्य के विश्वविद्यालय
(ख) पंजाब स्टेट स्पोर्ट्स कौंसिल
(ग) पंचायती राज्य खेल परिषद्
(घ) पंजाब ओलिम्पक एसोसिएशन
(ङ) पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड।
[Write the contribution of the following in the field of sports (A) The Universities of Punjab State (B) The Punjab State Council of Sports (C) The Panchayati Raj Khel Parishad (D) The Punjab Olympic Association (E) The Punjab School Education Board.]
उत्तर-
(क)पंजाब राज्य के विश्वविद्यालय
(Punjab State Universities) जब भारत का विभाजन हुआ तब पंजाब में एक ही विश्वविद्यालय पंजाब विश्वविद्यालय लाहौर में था। 1947 के विभाजन के पश्चात् विश्वविद्यालय पहले सोलन (हिमाचल प्रदेश) और बाद में यह विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में स्थापित हो गया। इस समय पंजाब में चार विश्वविद्यालय हैं- पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़; पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला; पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना तथा गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर। इनमें से पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के साथ केवल कृषि के ही कॉलेज हैं, जबकि पंजाब के अन्य कॉलेज बाकी के तीन विश्वविद्यालयों के साथ संलग्न हैं।

सभी विश्वविद्यालयों में खेलों के लिए एक डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। डायरेक्टर विश्वविद्यालय के साथ संलग्न कॉलेजों में खेल मुकाबलों का आयोजन करता है। इसके पश्चात् वह अन्तर-विश्वविद्यालय मुकाबलों के लिए अच्छी प्रकार से प्रशिक्षित लड़कों और लडकियों की टीमें भेजता है। प्रत्येक विश्वविद्यालय में खेलों के प्रबन्धकीय विभाग बनाए गए हैं। इनका काम विश्वविद्यालय में खेल के मैदान खेल के सामान तथा खेल के मुकाबलों की व्यवस्था करना है। कृषि विश्वविद्यालय को छोड़कर अन्य विश्वविद्यालयों में बाकी विषयों की भान्ति शारीरिक शिक्षा का विषय पढ़ाया जाता है और इस विषय में परीक्षाएं भी ली जाती हैं। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय के हर विभाग में अच्छे खिलाड़ियों के लिए सीटें सुरिक्षत रखी जाती हैं। इससे खिलाड़ियों को भी उच्च शिक्षा प्राप्त करके इंजीनियर, डॉक्टर तथा वैज्ञानिक बनने का अवसर मिलता है।

सभी विश्वविद्यालयों में खेलों की प्रगति के लिए खेल के मैदानों, स्विमिंग पूलों, स्टेडियमों, जिमनेज़ियमों की व्यवस्था की गई है। पंजाब विश्वविद्यालय तथा गुरु नानक देव विश्वविद्यालय में विशेष विभाग खोले गए हैं जहां शारीरिक शिक्षा के अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाता है। संक्षेप में, हम कह सकते हैं कि विश्वविद्यालय विभिन्न क्षेत्रो में श्रेष्ठ खिलाड़ी पैदा करने में प्रशंसनीय भूमिका निभा रहे हैं।

(ख) पंजाब स्टेट स्पोर्ट्स कौंसिल (Punjab State Sports Council)-
पंजाब सरकार ने 1961 में खेलों की प्रगति के लिए संस्था की स्थापना की जिसे पंजाब स्टेट स्पोर्ट्स कौंसिल का नाम दिया गया। इस कौंसिल का प्रमुख काम प्रान्त के युवकों और युवितयों में खेल भावना का संचार करना है। राज्य में बढ़िया खेल का सामान, जिमनेज़ियम, स्टेडियम, स्विमिंग पूल आदि बनाने का उत्तरदायित्व इस संस्था के ज़िम्मे है। इस काम के लिए पंजाब सरकार तथा भारत सरकार हर साल वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

पंजाब स्टेट स्पोर्ट्स कौंसिल ने प्रत्येक जिले में जिला स्पोर्ट्स कौंसिल (District Sports Council) स्थापित की है। यह कौंसिल ज़िले के डिप्टी कमिश्नर के अधीन काम करती है। इसके सचिव के रूप में जिला स्पोर्ट्स अधिकारी काम करता है। पंजाब स्टेट स्पोर्ट्स कौंसिल का अध्यक्ष राज्य का मुख्यमन्त्री होता है तथा राज्य का डायरेक्टर स्पोर्ट्स इसका सचिव होता है। यह कौंसिल खेलों की प्रगति के लिए विशेष प्रयत्न करती है।

यह कौंसिल प्रसिद्ध खिलाड़ियों को, जिन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त की हो, ‘महाराजा रणजीत सिंह एवार्ड’ से सम्मानित करती है। यह पुराने और रिटायर्ड वृद्ध खिलाड़ियों को जिन्होंने राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में भाग लिया है, पेन्शनें देती है। यह कौंसिल राष्ट्रीय मुकाबलों में भाग लेने वाली टीमों का सारा खर्च सहन करती है। इसके अतिरिक्त यह कौंसिल अन्तर्राष्ट्रीय मुकाबलों में भाग लेने वाले पंजाबी खिलाडियों को विदेशों में जाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की है।

(ग) पंचायती राज खेल परिषद् (Panchayati Raj Sports Council) –
पंजाब सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों की प्रगति के लिए 1967 में पंचायती राज खेल परिषद् की स्थापना की। इस परिषद् ने ग्रामीण नवयुवकों में खेल भावना तथा खेल मुकाबलों में रुचि तथा भ्रातृत्व के गुणों का संचार करने के विशेष प्रयत्न किए। इस परिषद् ने सभी जिलों में पंचायत समितियों की स्थापना की है जो अपने जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबलों का आयोजन करती है। प्रत्येक पंचायत समिति इन मुकाबलों के लिए 250 रु० ज़िला समितियों को देती है। पंचायती राज खेल परिषद् लड़कों के लिए फुटबाल, हॉकी, कबड्डी, वालीबाल, रस्साकशी, एथ्लैटिक्स, भार उठाने, जिमनास्टिक तथा लड़कियों के लिए कबड्डी, खो-खो, हॉकी आदि खेलों के मुकाबलों का आयोजन करती है।

(घ) पंजाब ओलम्पिक एसोसिएशन (Punjab Olympic Association) –
पंजाब ओलम्पिक एसोसिएशन की स्थापना देश के विभाजन से पूर्व 1942 में श्री जी० डी० सोंधी के प्रयत्नों के फलस्लरूप हुई थी। परन्तु 1947 में देश के विभाजन के साथ ही इस संस्था का अस्तित्व मिट गया। 1948 में श्री जी० डी० सोंधी के यत्नों से पंजाब के खेल प्रेमियों की शिमला में एक सभा हुई जिसके फलस्वरूप पंजाब ओलम्पिक एसोसिएशन का पुनर्गठन हुआ। पंजाब की सभी खेल एसोसिएशनें भी इस संस्था की सदस्य बनीं।

इस संस्था का मुख्य काम न केवल विभिन्न खेल एसोसिएशनों के कार्य की देखरेख करना है, बल्कि इसके वित्तीय व्यय पर भी नज़र रखना है। यह समय-समय पर प्रान्तीय एसोसिएशनों को खेल की प्रगति के लिए सुझाव देती है और उनके परस्पर विवादों का निपटारा करती है। यह वर्ष में एक बार ओलम्पिक दिवस मनाती है और ओलिम्पिक लहर के विषय में जानकारी प्रदान करती है।

ओलम्पिक नियमों का पालन करवाना तथा खेल मुकाबलों में पेशेवर खिलाडियों (Professional Players) को भाग लेने से रोकना इस संस्था की ज़िम्मेवारी है। इसके अतिरिक्त यह संस्था साल में एक बार प्रान्तीय स्तर पर खेल मुकाबलों का आयोजन करती है।

(ङ) पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड – (Punjab School Education Board) –
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की स्थापना पंजाब विश्वविद्यालय की परीक्षाओं के अधिक बोझ को कम करने के लिए, परीक्षाओं को अच्छी तरह से आयोजित करने तथा शीघ्र परिणाम निकालने के लिए की गई। इस बोर्ड का काम स्कूलों की विभिन्न श्रेणियों के लिए पाठ्यक्रम तथा पुस्तकें तैयार करना है।

पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने एक प्रशंसनीय काम किया है। वह यह कि अन्य विषयों की भान्ति शारीरिक शिक्षा को भी विद्यार्थियों को पढ़ाने का विषय बनाया और इस विषय पर परीक्षाएं भी ली जाती हैं। पंजाब शिक्षा बोर्ड हॉकी की खेल को विशेष रूप से उन्नत करने के लिए मुकाबलों का आयोजन करता है। यह प्राइमरी स्तर पर खेलों की प्रगति के लिए ब्लॉक स्तर पर स्कूल के बच्चों के लिए खेल मुकाबले आयोजित करता है।

1947 के पश्चात् पंजाब में खेलों की प्रगति PSEB 9th Class Physical Education Notes

  • देश के विभाजन का खेलों पर प्रभाव-पंजाब का 1947 में विभाजन हुआ। जिसका खेलों पर बहुत प्रभाव पड़ा क्योंकि इससे खेलों के बहुत-से मैदान पाकिस्तान में चले गए।
  • पंजाब में ओलम्पिक एसोसिएशन की स्थापना-इस एसोसिएशन की स्थापना 1948 में हुई जिसके प्रथम प्रधान जी० डी० सौन्धी और सैक्रेटरी प्रो० एफ० सी० अरोड़ा बने।
  • संस्थाओं का खेलों की प्रगति में योगदान-पंजाब पुलिस विभाग, सीमा सुरक्षा बल, पंजाब राज्य बिजली बोर्ड आदि संस्थानों ने खेलों की प्रगति में योगदान दिया।
  • पंजाब खेल विभाग-1961 में पंजाब ने खेल विभाग की स्थापना की जिस द्वारा प्रत्येक जिले में जिला स्पोर्ट्स विभाग की स्थापना की गई और खिलाड़ियों के लिए स्पोर्ट्स होस्टल बनाए गए।
  • पंजाब राज्य की यूनिवर्सिटियां-पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़, पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी लुधियाना, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर हैं। जिनमें डायरेक्टर स्पोर्ट्स नियुक्त किए गए हैं, जो खेलों का संचालन करते हैं।
  • पंजाब स्टेट स्पोर्ट्स कौंसिल-यह कौंसिल 1971 में खेलों की प्रगति के लिए आरम्भ हुई, जिसका मुख्य कार्य पंजाब के युवकों और युवतियों में खेल भावना का संचार करना है।
  • पंचायती राज्य खेल परिषद्-पंजाब सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों की प्रगति के लिए 1967 में पंचायती राज खेल परिषद् की स्थापना की। जिसे अब पंजाब राज्य खेल विभाग में मिलाया गया है।
  • पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड-पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने दूसरे विषयों की तरह शारीरिक शिक्षा को विषय के रूप में अपनाया और ये खेलों का संगठन सभी पंजाब के स्कूलों में करता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव

PSEB 8th Class Science Guide विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(a) विद्युत् चालन करने वाले अधिकांश द्रव ……………….., ………………… तथा ………………. के विलयन होते हैं।
(b) किसी विलयन से विद्युत् धारा प्रवाहित होने पर …………………… प्रभाव उत्पन्न होता है।
(c) यदि कॉपर सल्फेट विलयन से विद्युत् धारा प्रवाहित की जाए तो कॉपर बैटरी के ………………………….. टर्मिनल से संयोजित प्लेट पर निक्षेपित होता है।
(d) विद्युत् धारा द्वारा किसी पदार्थ पर वांछित धातु की परत निक्षेपित करने की प्रक्रिया को ………………… कहते हैं।
उत्तर-
(a) अम्ल, क्षार, लवण
(b) रासायनिक
(c) -ve (ऋण)
(d) विद्युत् लेपन।

प्रश्न 2.
जब किसी संपरीक्षित्र के स्वतंत्र सिरों को किसी विलयन में डुबोते हैं तो चुंबकीय सुई विक्षेपित होती है। क्या आप ऐसा होने के कारण की व्याख्या कर सकते हैं ?
उत्तर-
विलयन में विद्युत् धारा के प्रवाहित होने से चुंबकीय सुई विक्षेपित होती है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव

प्रश्न 3.
ऐसे तीन द्रवों के नाम लिखिए जिनका परीक्षण चित्र में दर्शाए अनुसार करने पर चुंबकीय सुई विक्षेपित हो सके।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव 1
उत्तर-
अम्ल, क्षार और लवण के विलयन।

प्रश्न 4.
चित्र में दर्शायी गई व्यवस्था में बल्ब नहीं जलता। क्या आप संभावित कारणों की सूची बना सकते हैं ? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव 2
उत्तर-
चित्र में दर्शाई गई व्यवस्था में बल्ब प्रदीप्त नहीं होता है परंतु इसका अर्थ यह नहीं कि द्रव में से धारा प्रवाहित नहीं हो रही। हो सकता है कि द्रव इतना दुर्बल हो कि बल्ब को प्रदीप्त करने में समर्थ न हो। इसलिए विश्वसनीय जाँच के लिए, LED का उपयोग किया जा सकता है, जो बहुत ही दुर्बल विद्युत् धारा से भी प्रदीप्त हो उठता है।

प्रश्न 5.
दो द्रवों A तथा B के विद्युत् चालन की जाँच करने के लिए एक संपरीक्षित्र का प्रयोग किया गया। यह देखा गया कि संपरीक्षित का बल्ब द्रव A के लिए चमकीला दीप्त हुआ जबकि द्रव B के लिए अत्यंत धीमा दीप्त हुआ। आप निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि :
(i) द्रव A, द्रव B से अच्छा चालक है।
(ii) द्रव B, द्रव A से अच्छा चालक है।
(iii) दोनों द्रवों की चालकता समान है।
(iv) द्रवों की चालकता के गुणों की तुलना इस प्रकार नहीं की जा सकती।
उत्तर-
(i) द्रव A, द्रव B से अच्छा चालक है।

प्रश्न 6.
क्या शुद्ध जल विद्युत् का चालन करता है ? यदि नहीं, तो इसे चालन बनाने के लिए हम क्या कर सकते हैं ?
उत्तर-
शुद्ध जल विद्युत् का चालन नहीं करता। इसको चालक बनाने के लिए इसमें कुछ बूंदें तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की डालनी चाहिए।

प्रश्न 7.
आग लगने के समय, फायरमैन पानी के हौज़ (पाइपों) का उपयोग करने से पहले उस क्षेत्र की मुख्य विद्युत् आपूर्ति को बन्द कर देते हैं। व्याख्या कीजिए कि वे ऐसा क्यों करते हैं ?
उत्तर-
शुद्ध जल विद्युत्हीन चालक है, परंतु नल का जल विद्युत् का अच्छा चालक है। विद्युत् के झटके से बचने के लिए फायरमैन पानी के हौज (पाइपों) का उपयोग करने से पहले मुख्य विद्युत् आपूर्ति को बंद कर देते हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव

प्रश्न 8.
तटीय क्षेत्र में रहने वाला एक बालक अपने संपरीक्षित से पीने के पानी तथा समुद्र के पानी का परीक्षण करता है। वह देखता है कि समुद्र के पानी के लिए चुंबकीय सुई अधिक विक्षेप दर्शाती है। क्या आप इसके कारण की व्याख्या कर सकते हैं ? ।
उत्तर-
समुद्र के पानी में लवणों की सघनता अधिक होती है। इसी कारण चुंबकीय सुई अधिक विक्षेपित होती है।

प्रश्न 9.
क्या तेज़ वर्षा के समय किसी लाइनमैन के लिए बाहरी मुख्य लाइन के विद्युत् तारों की मरम्मत .. करना सुरक्षित होता है ? व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
नहीं, लाइनमैन के लिए वर्षा के समय, बाहरी मुख्य लाइन के विद्युत् तारों की मरम्मत करना सुरक्षित नहीं है क्योंकि वर्षा का जल विद्युत् का चालक है, जिससे लाइनमैन को विद्युत् झटका लग सकता है।

प्रश्न 10.
पहेली ने सुना था कि वर्षा का जल उतना ही शुद्ध है जितना कि आसुत जल। इसलिए उसने एक स्वच्छ काँच के बर्तन में कुछ वर्षा का जल एकत्रित करके संपरीक्षित्र से उसका परीक्षण किया। उसे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि चुंबकीय सुई विक्षेप दर्शाती है। इसका क्या कारण हो सकता है ?
उत्तर-
निसंदेह वर्षा का जल आसुत जल की तरह ही शुद्ध होता है, परंतु वातावरण अशुद्धियों से भरा पड़ा है। ये अशुद्धियाँ वर्षा के जल में घुल कर इसे विद्युत् चालक बना देती हैं।

प्रश्न 11.
अपने आस-पास उपलब्ध विद्युत्लेपित वस्तुओं की सूची बनाइए।
उत्तर-
विद्युत् लेपित वस्तुएँ-

  1. साइकिल का हैंडल
  2. कार के पहिए
  3. कृत्रिम गहने
  4. स्नानगृह के नल
  5. गैस चुल्हे के बर्नर।

प्रश्न 12.
जो प्रक्रिया आपने पाठ्य-पुस्तक के क्रियाकलाप 14.7 में देखी वह कॉपर के शोधन में उपयोग होती है। एक पतली शुद्ध कॉपर छड़ एवं एक अशुद्ध कॉपर की छड़ इलेक्ट्रोड के रूप में उपयोग की जाती है। कौन-सा इलेक्ट्रोड बैटरी के धन टर्मिनल से संयोजित किया जाए ? कारण भी लिखिए।
उत्तर-
जब कॉपर सल्फेट विलयन में विद्युत् धारा प्रवाहित की जाती है, तो कॉपर सल्फेट, कॉपर और सल्फेट में नियोजित होता है। कॉपर ऋण टर्मिनल पर जुड़े अशुद्ध कॉपर इलेक्ट्रोड पर निक्षेपित हो जाता है जबकि धन टर्मिनल पर जुड़ा शुद्ध कॉपर इलेक्ट्रोड विलयन में कॉपर की आपूर्ति करता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव

PSEB Solutions for Class 8 Science विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या मानव शरीर विद्युत् चालक है या विद्युत् प्रतिरोधक ?
उत्तर-
विद्युत् चालक।

प्रश्न 2.
विद्युत चालक (Conductors) क्या है ?
उत्तर-
विद्युत् चालक – पदार्थ जो अपने में से विद्युत् धारा प्रवाहित होने देते हैं, विद्युत् चालक कहलाते हैं। उदाहरण-चाँदी, ताँबा, एल्यूमीनियम, लोहा, मानव शरीर आदि।

प्रश्न 3.
विद्युतरोधक (Insulators) क्या है ?
उत्तर-
विद्युतरोधक-वे पदार्थ जो अपने से विद्युत् धारा प्रवाहित नहीं होने देते, विद्युत्रोधक कहलाते हैं। उदाहरण-लकड़ी, रबड़, रेशम तथा प्लास्टिक आदि।

प्रश्न 4.
क्या सभी द्रव विद्युत् प्रवाहित होने देते हैं ?
उत्तर-
नहीं।

प्रश्न 5.
एल० ई० डी० (LED) क्या है ?
उत्तर-
एल० ई० डी०-प्रकाश उत्सर्जक डायोड।

प्रश्न 6.
उस प्रक्रम का नाम बताओ जिसमें कोई भी रासायनिक पदार्थ विद्युत् धारा के प्रवाह से अपघटित हो जाता है ?
उत्तर-
विद्युत् अपघटन (Electrolysis)।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव

प्रश्न 7.
अम्लयुक्त जल के विद्युत् अपघटन से क्या उत्पाद मिलते हैं ?
उत्तर-
हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन।

प्रश्न 8.
विद्युत् लेपन में विद्युत् धारा का कौन-सा प्रभाव उपयोग में आता है ?
उत्तर-
रासायनिक प्रभाव।

प्रश्न 9.
विद्युत् धारा का कौन-सा प्रभाव बल्ब जलाने में सहायक होता है ?
उत्तर-
ऊष्मीय प्रभाव।

प्रश्न 10.
दुर्बल और थोड़ी विद्युत् धारा का परीक्षण कैसे होता है ?
उत्तर-
एल० ई० डी० के उपयोग से।

प्रश्न 11.
विद्युत् धारा के विभिन्न प्रभावों के नाम लिखो।
उत्तर-
ऊष्मीय प्रभाव, रासायनिक तथा चुंबकीय प्रभाव।

प्रश्न 12.
क्या वायु विद्युत्रोधक है ?
उत्तर-
हाँ।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव

प्रश्न 13.
कुछ द्रवों के नाम बताइए जो विद्युत् चालक हैं ?
उत्तर-
नींबू का रस, चूने का पानी, सिरका, नल का जल।

प्रश्न 14.
क्या विद्युत् चालकों को विद्युत्हीन चालकों में, विशेष परिस्थितियों में वर्गीकृत कर सकते
उत्तर-
हाँ।

प्रश्न 15.
कौन-से द्रव विद्युत् चालन कर सकते हैं ?
उत्तर-
म्ल, क्षार और लवण के विलयन।

प्रश्न 16.
इलेक्ट्रोड (Electrodes) क्या है ?
उत्तर-
इलेक्ट्रोड – बैटरी से जोड़ने के लिए विद्युत् चालक द्रव में उपयुक्त की जाने वाली धातु की छड़ें, इलेक्ट्रोड कहलाती हैं।

प्रश्न 17.
किस प्रक्रम द्वारा सस्ती धातु को सोने अथवा महँगी धातु से ढका जाता है ?
उत्तर-
विद्युत् लेपन।

प्रश्न 18.
क्या विद्युत् लेपन लाभकारी प्रक्रम है ?
उत्तर-
हाँ।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वायु विद्युत् की अच्छी चालक नहीं है। प्रयोग द्वारा दर्शाइए।
उत्तर-
वायु विद्युत्हीन चालक – एक बल्ब लेकर एक सैल और स्विच से इसे जोड़ो। जब स्विच में पिन का उपयोग होता है तो बल्ब प्रकाशमान हो जाता है। परंतु पिन को हटाने से स्विच के बीच वायु होती है और विद्युत् धारा नहीं बहती। इससे सिद्ध होता है कि वायु विद्युत् की अच्छी चालक नहीं है।

प्रश्न 2.
विद्युत् अपघटन (Electrolysis) क्या है ?
उत्तर-
विद्युत् अपघटन – विद्युत् के प्रवाह से रासायनिक यौगिकों के विलयन का अपघटित होना, विद्युत् अपघटन कहलाता है। जब अम्लीय जल में से विद्युत् धारा प्रवाहित होती है तो यह अपने संघटक-हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में टूट जाता है। हाइड्रोजन कैथोड पर और ऑक्सीजन एनोड पर एकत्रित होती है।

प्रश्न 3.
विद्युत् लेपन (Electroplating) क्या है ?
उत्तर-
विद्युत् लेपन – विद्युत् अपघटन के प्रक्रम द्वारा किसी सस्ती धातु पर मूल्यवान धातु (जैसे जस्त, चाँदी और सोने) की पतली परत चढ़ा कर संक्षरण से बचाया जा सकता है। इस प्रक्रम को विद्युत् लेपन कहते हैं।

प्रश्न 4.
LED पर एक संक्षिप्त नोट लिखो।
उत्तर-
एल० ई० डी० (LED) – यह प्रकाश उत्सर्जक डायोड है। यह अति दुर्बल विद्युत् धारा से भी दीप्त हो उठता है।

इसमें एक बल्ब और दो तारें होती हैं। तारों को लीड्स कहते हैं। एक तार दूसरे की अपेक्षा थोड़ी लंबी होती है। लंबी तार, बैटरी के धन (+ve) टर्मिनल से तथा छोटी तार बैटरी के ऋण (-ve) टर्मिनल से जोडते हैं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव 3

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या जल विद्युत् का अच्छा चालक है ? क्या होता है जब जल में साधारण नमक मिलाया जाता है ?
उत्तर-
प्रयोग – शुद्ध अथवा आसुत जल विद्युत् के रोधक हैं। दो कार्बन की छड़ें आसुत जल में डुबोएँ और उन्हें बल्ब, 6V बैटरी और स्विच से जोड़ें, बल्ब दीप्त नहीं होगा। इसका निष्कर्ष है कि आसुत जल विद्युत्हीन चालक है।

अब आसुत जल के स्थान पर साधारण नमक का विलयन उपयोग में लाएँ। स्विच दबाते ही बल्ब दीप्त हो जाएगा। इससे सिद्ध होता है कि आसुत जल विद्युत्रोधक है, परंतु अशुद्ध जल विशेष तौर पर साधारण नमक मिश्रित जल विद्युत् का अच्छा चालक है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव 4

प्रश्न 2.
विद्युत् लेपन क्या है ? इसके उपयोग लिखिए।
उत्तर-
विद्युत् लेपन – इस प्रक्रिया में सस्ती धातु पर महँगी धातु की पतली परत, विद्युत् धारा के प्रवाह से रोपित की जाती है। जब विद्युत् धारा रासायनिक यौगिक अथवा द्रव में से प्रवाहित होती है तो यह अपने संघटकों से टूट जाता है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव 5

धन-आयन, ऋण इलेक्ट्रोड की तरफ और ऋण-आयन-धन इलेक्ट्रोड की ओर आकर्षित होते हैं। इस प्रक्रिया का उपयोग घटिया वस्तुओं पर धातुओं की पतली परत विलोपित करने के लिए किया जाता है।

विद्युत् लेपन के उपयोग

  1. लोहे को संक्षरण से बचाने के लिए निकिल अथवा क्रोमियम से विलोपित किया जाता है।
  2. कृत्रिम आभूषण, जो सस्ती धातुओं से बनते हैं, उन्हें आकर्षित बनाने के लिए सोने अथवा चाँदी से विलोपित करते हैं।
  3. साइकिल के हैंडल, पहिए के रिम, कारों के भाग क्रोमियम से विलोपित होते हैं ताकि वे चमकदार तथा आकर्षक बन सकें।
  4. लोहे पर टीन की पतली परत विलोपित करने से टीन के डिब्बे तैयार किये जाते हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव

प्रश्न 3.
एक चम्मच कॉपर से कैसे विलोपित किया जा सकता है ?
उत्तर-
प्रयोग – एक चम्मच लो जिसका कॉपर से विद्युत् लेपन करना है। एक कॉपर प्लेट लो और उसे एनोड इलेक्ट्रोड की जगह बैटरी के धन (+ve) टर्मिनल से जोड़ो। चम्मच को ऋण (-ve) टर्मिनल से जोड़ो। एक रियोस्टेट (Rheostat), स्विच और एममीटर (Ammetre) को भी धारा में जोड़ो जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव 6

काँच के जार में कॉपर सल्फेट (CuSO4) का विलयन लो। रियोस्टेट (Rheostat) को इस तरह स्थापित करो कि विलयन में से उचित धारा का प्रवाह हो। (प्रायः 1A धारा 100 cm2 क्षेत्रफल के लिए पर्याप्त होती है अर्थात् यदि चम्मच का क्षेत्रफल दोनों तरफ से 60 cm2 है तो 0.6 A धारा का प्रवाह होना अनिवार्य है।) अब विद्युत् धारा का प्रवाह 5-10 मिनट तक होने दें ताकि चम्मच पर चमकता हुआ कॉपर विलोपित हो जाए।

PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 5 Love the Trees

Punjab State Board PSEB 3rd Class Welcome Life Book Solutions Chapter 5 Love the Trees Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 3 Welcome Life Chapter 5 Love the Trees

Welcome Life Guide for Class 3 PSEB Love the Trees Textbook Questions and Answers

Verbal Questions

Question 1.
Which class did Sukhan take?
Answer:
Sukhan had appeared for the first class examination.

Question 2.
Who planted the guava plant?
Answer:
The guava plant was planted by Dada Ji.

Question 3.
Why should guava plant not be given soapy water?
Answer:
It is dirty water so the plant should not be poured.

PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 5 Love the Trees

Question 4.
Where is the guava plant planted?
Answer:
Guava plant was planted in the kitchen garden of the house.

Fill in the blanks
1. The guava plant shook leaning towards ……………………… .
Answer:
both

2. You ……………………….. my mom.
Answer:
like

3. His mother called him to eat ………………………. from the kitchen.
Answer:
bread.

Some other actions

Question 1.
Have you ever talked to a tree? How did you feel talking to the guava plant?
Answer:
We enjoyed talking to the guava plant because they also feel the same as us.

Question 2.
Which tree do you like? If you want to name a tree what name would you like?
Answer:
We love the mango tree. My mango tree’s name is Aman Singh that’s why we like this name.

Question 3.
Try talking with any tree in your school, they will be very happy to talk to you.
Answer:
Yes, I talk to my school tree daily and ask about their condition. They also make us feel great.

PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 5 Love the Trees

Welcome Life Guide for Class 3 PSEB Love the Trees Important Questions and Answers

(i) Multiple Choice Questions:

Question 1.
What is our relationship with trees?
(A) Like mother and father
(B) Like grandparents
(C) As uncle and aunt
(D) As sister and brother.
Answer:
(A) Like mother and father.

Question 2.
From where do you get fruit?
(A) From trees
(B) From fields
(C) From plants
(D) Not from anyone.
Answer:
(A) From trees.

Question 3.
What do plants and trees give us?
(A) Oxygen
(B) Water
(C) Soil
(D) Everything (A), (B), (C).
Answer:
(A) Oxygen.

Question 4.
What is the basic requirement?
(A) Home
(B) Come clothes
(C) Bread
(D) All these.
Answer:
(D) All these.

PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 5 Love the Trees

Question 5.
The Plant shakes very loudly as if saying.
(A) “Very good very good”
(B) Very bad
(C) Wind.
(D) Was shaking anyway.
Answer:
(A) “Very good, very good”.

(ii) Questions short of one sentence:

Question 1.
With whom did Sukhn talk?
Answer:
With Guava plants.

Question 2.
What does mummy feel about Guava Plant?
Answer:
Best.

Question 3.
What does dada Ji feel about Guava Plant?
Answer:
Very good, very good.

Question 4.
How did those children feel talking to the trees?
Answer:
Good.

Question 5.
What do trees give us in summer?
Answer:
The wind bubble.

PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 5 Love the Trees

Question 6.
What else do we get from trees?
Answer:
Fruits and vegetables.

Question 7.
What should we do with trees?
Answer:
Friendship.

(iii) Brain Exercise
PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 5 Love the Trees 1
Answer:
PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 5 Love the Trees 2

(iv) Questions with big answers

Question 1.
Why are trees and plants are important?
Answer:
Trees give us favorite fruits like mango, apple, orange, pomegranate, Chiku, plum and guava, etc. We get wood to build houses from trees. We get lots of vegetables and food items from the trees. That is why everyone says:
“Plant trees, save yourself.”

PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 5 Love the Trees

Question 2.
What do simplicity and comfort explain to us?
Answer:
Plants are also like our relatives. Talk with them, take care of them, give them cold water and clean their leaves with water. By doing this, they feel fresh. They gives us fresh fruits and vegetables to eat.

PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 4 Let us, Love – Be Faithful

Punjab State Board PSEB 3rd Class Welcome Life Book Solutions Chapter 4 Let us, Love – Be Faithful Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 3 Welcome Life Chapter 4 Let us, Love – Be Faithful

Welcome Life Guide for Class 3 PSEB Let us, Love – Be Faithful Textbook Questions and Answers

Verbal questions

Question 1.
What is the place where we are born?
Answer:
It is called the motherland.

Question 2.
Will you stop your parents from throwing dirt in the river?
Answer:
Yes.

Question 3.
Have you really seen the mountains or seen on television?
Answer:
Yes, we really seen the mountain.

PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 4 Let us, Love - Be Faithful

Question 4.
Which crop field have you seen?
Answer:
We have seen fields of wheat, sugarcane and mustard.

Question 5.
Have you ever heard the love songs for motherland or Punjab?
Answer:
Yes, The song “ mere desh ki dharti”, is my favorite song.

Verbal questions

Question 1.
Who are the great people?
Answer:
Those who never worry about their happiness. They live and die for the people. They are great people.

Question 2.
Why should the great people of our country be remembered?
Answer:
Our country is on the path of progress because of the great people of our country.

Fill in the blanks:

Question 3.
They never worry about their happiness.
……………………………….
Answer:
They never worry about their happiness.

Live for People Die for People
Question 4.
Match
Constitution APJ. Abdul Kalam
Seva (Sevice) Dr. B.R. Ambedkar
Hanging Mother Teresa
Science Shaheed Bhagat Singh
Answer:
PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 4 Let us, Love - Be Faithful 1

Question 5.
Apart from these great people, what other great people of the country can you name?
Answer:
They are Mahatma Gandhi, Lala Lajpat Rai, Rani Lakshmi Bai of Jhansi, Pandit Jawaharlal Nehru, etc. are many great people.

PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 4 Let us, Love - Be Faithful

Verbal questions

Question 1.
How should the whole world be?
(A) Where love is love.
(B) Those who work for themselves.
(C) Just about your family.
(D) Those who don’t think of anyone.
Answer:
(A) Where love is love.

Question 2.
What should we say?
(A) That which comes in the mouth
(B) Only good words.
Answer:
(B) Only good words.

Question 3.
When will this world be like a family?
(A) When everyone will live in love.
(B) When people don’t care about each other.
Answer:
(A) When everyone will live in love.

Welcome Life Guide for Class 3 PSEB Let us, Love – Be Faithful Important Questions and Answers

(i) Multiple Choice Questions :

Question 1.
What should we not do?
(A) Cutting down the mountain
(B) Throwing garbage in the river
(C) Deforestation
(D) All these.
Answer:
(D) All these.

Question 2.
Pandit Jawaharlal :
(A) Loved the country
(B) Come just love yourself
(C) Only with your love
(D) Did not love anyone.
Answer:
(D) Loved the country.

PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 4 Let us, Love - Be Faithful

Question 3.
Who are the great people?
(A) Those who do great things for others.
(B) Who work for themselves.
(C) Who think only about their family.
(D) Who doesn’t think of anyone.
Answer:
(A) Those who do great things for others.

Question 4.
Who were the martyrs?
(A) Dr. Ambedkar
(B) Bhagat Singh
(C) Mother Teresa
(D) None.
Answer:
(B) Bhagat Singh

Question 5.
Who were Bhagat Singh’s associates?
(A) Poor
(B) Labour
(C) Women
(D) Rajguru and Sukhdev.
Answer:
(D) Rajguru and Sukhdev.

Question 6.
How should we live?
(A) By mutual consent
(B) By fighting
(C) Together.
Answer:
(C) Together.

(ii) Questions and answers shorter than one sentence:

Question 1.
Who are the great people?
Answer:
Those people who do great things.

Question 2.
Whom had the spirit of service?
Answer:
Mother Teresa.

Question 3.
Who drafted the Constitution?
Answer:
Dr. Ambedkar.

PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 4 Let us, Love - Be Faithful

Question 4.
Who had the passion to die for the country?
Answer:
Sardar Bhagat Singh Ji.

(iii) Brain Exercise :
PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 4 Let us, Love - Be Faithful 2
Answer:
PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 4 Let us, Love - Be Faithful 3

(iv) Question with big answer :

Question 1.
What kind of love should we all have? How should we be loved?
Answer:
The one who lives in harmony, the one who gives happiness, the one who trusts in each other, one who speaks
sweetly with everyone. This world is like a family. We must all live together.

Question 2.
What inspirations are provided to us by the stories of great persons?
Answer:
The stories of great, persons give us the inspiration to serve the country and its people. It also gives us inspiration to work hard, simplicity and high thinking.

PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 3 We are All Equal

Punjab State Board PSEB 3rd Class Welcome Life Book Solutions Chapter 3 We are All Equal Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 3 Welcome Life Chapter 3 We are All Equal

Welcome Life Guide for Class 3 PSEB We are All Equal Textbook Questions and Answers

Page-21

Question 1.
Should there be a difference between boys and girls?
Answer:
No, there should be no difference between boys and girls.

Question 2.
Is there a difference between boys and girls?
Answer:
No, Both are equal.

Mark who can do what:
PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 3 We are All Equal 1

Verbal questions

(A) If right, then tick on the smile face? If Wrong then tick on a sad face.
PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 3 We are All Equal 3
Answer:
PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 3 We are All Equal 4

PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 3 We are All Equal 5

PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 3 We are All Equal 7

PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 3 We are All Equal

True or False

Question 1.
Whatcangirisdo?
(A) Education
(B) Job
(C) Homework
(D) All.
Answer:
(D) All.

Question 2.
‘If sons are sweet fruits and then daughters are also sweet cancels. Who said this saying?
(A) Mother
(B) Father
(C) Grandpa
(D) Grandmother.
Answer:
(D) Grandmother.

Question 3.
Why should not we discriminate against?
(A) Appearance
(B) Caste
(C) Religion
(D) Not with anyone.
Answer:
(D) Not with anyone.

Question 4.
Whom should we love?
(A) Birds
(B) Animals
(C) Human beings
(D) With all these.
Answer:
(D) With all these.

Question 5.
Whom should we respect?
(A) Colleges
(B) Elders
(C) Little ones.
(D) All of above.
Answer:
(D) All of above.

Welcome Life Guide for Class 3 PSEB We are All Equal Important Questions and Answers

(i) Multiple Choice Questions :

Question 1.
Who can become a doctor, lawyer, and teacher?
(A) Boys
(B) Girls
(C) Both
(D) Not for anyone.
Answer:
(C) Both.

Question 2.
Flowers from the same garden :
(A) Boys
(B) Girls
(C) Both
(D) None.
Answer:
(C) Both.

Question 3.
With whom we should live with love and respect?
(A) With adults
(B) With the little one
(C) With animals
(D) With all.
Answer:
(D) With all.

PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 3 We are All Equal

(ii) Questions and answers shorter than one sentence :

Question 1.
Should we respect elders?
Answer:
Yes, we should always respect elders.

Question 2.
Are all members of the household equal?
Answer:
Yes.

Question 3.
Are only girls smarter in studies?
Answer:
No.

Question 4.
Do we get justice with equality?
Answer:
Yes.

(iii) Fill in the blanks :

1. Human beings should not ……………………… against anyone.
Answer:
Discrimination,

2. Mandeep and Karamvir were ………………………… .
Answer:
Siblings,

3. With equality everyone gets …………………………… .
Answer:
Honor,

4. There should be no ……………………… between boy and girl.
Answer:
Differences,

5. …………………… have equal rights.
Answer:
Animals and humans.

PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 3 We are All Equal

(iv) A question with long answer :

Question 1.
What motivations do teachers give to children?
Answer:
Teachers inspire children that all the members living in the house, animals, and birds have equal rights. Everyone gets justice and dignity only by living together. There should be no difference between boys and girls.

PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 2 Be Honest

Punjab State Board PSEB 3rd Class Welcome Life Book Solutions Chapter 2 Be Honest Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 3 Welcome Life Chapter 2 Be Honest

Welcome Life Guide for Class 3 PSEB Be Honest Textbook Questions and Answers

Page-14

Verbal questions

Question 1.
Who found the hundred rupees?
Answer:
Harjot Singh found hundred rupees.

Question 2.
To whom did Harjot hand over a hundred rupee note?
Answer:
Harjot handed over a hundred rupee note to the shopkeeper.

PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 2 Be Honest

Question 3.
Whose name was the Rupees 100?
Answer:
One hundred rupees note was by Sham Singh Ji.

Question 4.
Do you think Harjot Singh did the right thing or the wrong thing?
Answer:
Harjot Singh did a good and commendable job. He made everyone proud.

Welcome Life Guide for Class 3 PSEB Be Honest Important Questions and Answers

(i) Multiple Choice Questions:

Question 1.
Honest child :
(A) increases the pride of all.
(B) is mean.
(C) always think your own.
(D) all these things happen.
Answer:
(A) increases the pride of all.

Question 2.
What did the honest child get?
(A) Well done.
(B) Nothing.
(C) Fighting.
(D) All correct.
Answer:
(A) Well done.

(ii) Questions short of one sentence:

Question 1.
Who is Harjot Singh?
Answer:
Harjot Singh is a third-class student in Elementary School, Asarpur.

Question 2.
How much money did Harjot Singh get?
Answer:
100 rupees.

PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 2 Be Honest

Question 3.
To whom did Harjot- give 100 rupees?
Answer:
To shopkeeper.

Question 4.
What did the shopkeeper say?
Answer:
Well done.

Question 5.
In which class did Harjot study?
Answer:
Third class.

Question 6.
Who explained honesty to him?
Answer:
Teachers.

Question 7.
Whose pride did Harjit Singh raise?
Answer:
Parents, teachers and the school.

Question 8.
To whom did the shopkeeper return the hundred rupees?
Answer:
To Sham Singh.

(ii) Brain Exercise:
PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 2 Be Honest 1
Answer:
PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 2 Be Honest 2

(iii) Questions with big answers

Question 1.
What do we learn from the story of Harjot Singh?
Answer:
Haijot Singh is a wise child. From him, we learn to be honest. His honesty makes us very happy. He will increase the pride of his parents, teachers and the school and make the name bright.

PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 2 Be Honest

Question 2.
Tell the story of Kirpal Singh.
Answer:
Kripal Singh was very upset: -because someone had stolen his car lease. He, along with his friend, thought of stealing someone else’s car lease. When he was stealing someone else’s car lease, he felt that he was also doing wrong.

PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 1 Our Food and Water

Punjab State Board PSEB 3rd Class Welcome Life Book Solutions Chapter 1 Our Food and Water Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 3 Welcome Life Chapter 1 Our Food and Water

Welcome Life Guide for Class 3 PSEB Our Food and Water Textbook Questions and Answers

Question 1.
Which food items go spoil in the house?
Answer:

  • Milk,
  • Vegetables,
  • Fruit,
  • Pulses,
  • Rice.

Question 2.
How do we know that food is not edible?
Answer:
From the following we can get food is not edible :

  • By the smell of seeing.
  • The date written on the packet.
  • By colour.
  • By taste.

Question 3.
How does food spoil?
Answer:
By Germs, fungi, bacteria and smell etc.

Question 4.
What happens by eating old food?
Answer:
Children can have abdominal pain, vomiting, diarrhea, and dysentery.

Question 5.
What should be take care of?
Answer:
We should take care of that we should never eat old food.

Question 6.
How does bread get mold?
Answer:
We wet a piece of a bread and keep it in a closed box for a few days and after a few days, we see that it gets moldy.

Verbal questions

Question 1.
What will you do to check if canned/packaged food is bad or not?
(A) The colour of the packet.
(B) Date written on the packet.
(C) Packet / box size.
(D) All these.
Answer:
(D) All these.

Question 2.
As soon as Sukhman opened the tiffin today, lie said, “Today the vegetable seem to be spoiled. Tell how did Sukhman know that the vegetable is spoiled.
(A) By smell
(B) By change of colour
(C) By taste
(D) None of these.
Answer:
(A) By smell.

 

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Activity-1
Students, according to the above picture, some pictures are given below as a solution to the causes of contamination of food. Looking at those pictures, write the solution in your own words.
PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 1 Our Food and Water 1
Answer:
PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 1 Our Food and Water 2

 

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Activity-2
Make a list of things to remember based on the above information.
Answer:
1. Food should be kept covered.
2. The toilet door should be closed.
3. Hands should be washed with clean; water.
4. The house should be clean.
5. Keeping food in the fridge can also prevent spoilage.

Let’s try to understand :

Question 1.
According to the above information, what is the main cause of food contamination?
(A) Open stool
(B) Flies
(C) Water
(D) Plants.
Answer:
(B) Flies.

Question 2.
What should be done to protect the food from the Flies?
(A) Flies should be killed.
(B) Food should be kept covered.
(C) The stool should be in the toilet.
(D) Both “A” and “B”.
Answer:
(B) Food should be kept covered.

 

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Activity-2
Amit is talking to his grandfather about the homework given by the teacher. The information collected with Dada Ji’s advice is to be filled in the table below, what does Dada ji tell him?
Answer:

Water resources Reason of spoil
1. River Wastage throw
2. Pond Wastage throw
3. Well Wastage throw
4. Tap Not well way to use
5. Sea By throwing dirty chemicals of factories

 

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Activity-2
Based on the reasons given by the teacher for the contamination of water, what can you do to prevent water contamination?
Answer:
Some methods of water contamination are as follows :

  1. Keep the water covered.
  2. Do not throw dirt, garbage in die water.
  3. Do not bath animals in the pond.
  4. Protecting from dirty chemicals of factories.

Verbal questions

Question 1.
How do you estimate water contamination?
(A) From its colour.
(B) From its taste.
(C) From its smell.
(D) From all these.
Answer:
(D) From all these.

Question 2.
What is the natural cause of water contamination?
(A) Garbage
(B) Water from factories discharges river waste
(C) Throwing dirt
(D) Dust.
Answer:
(D) Dust.

 

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Question 1.
What can you learn from this story, “Water never runs out”?
Answer:
We learnt that the Tulu pumps have drawn all the water from our taps as we run to fill the taps and tanks. Truly, man has raised his standard of living and lowered the level of water.

 

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Multiple Choice Questions
Question 1.
How can water be saved?
(A) By putting it in the bucket.
(B) By using water wisely.
(C) Not using water.
(D) By all these.
Answer:
(B) By using water wisely.

Question 2.
What do you think will drain the water?
(A) By playing with water.
(B) Washing clothes.
(C) With sunshine.
(D) By losing in vain.
Answer:
(D) By losing in vain.

Welcome Life Guide for Class 3 PSEB Our Food and Water Important Questions and Answers

(i) Multiple Choice Questions:

Question 1.
Why didn’t Avatar come to school?
(A) He had Diarrhoea, vomiting, and fever.
(B) He was going for a walk.
(C) He has some work at home.
(D) None of these.
Answer:
(A) Diarrhoea, vomiting, and fever.

Question 2.
How does food spoil?
(A) By Germs, fungi, and bacteria
(B) By keeping in the fridge
(C) By covering the food.
(D) By all of them.
Answer:
(A) By Germs, fungi, and bacteria.

Question 3.
How does water get dirty?
(A) The tank has not been cleaned for several days.
(B) If the pipe fit right.
(C) By touching the water.
(D) By using the water properly.
Answer:
(A) The tank has not been cleaned for several days.

(ii) Answers shorter than one sentence:

Question 1.
Should we drink contaminated water?
Answer:
No, w should not drink contaminated water.

Question 2.
What Is the natural reason for the contamination of water?
Answer:
Dust.

Question 3.
Water is a precious stone of life. Is it true?
Answer:
Yes, absolutely right.

Question 4.
How can we conserve water?
Answer:
By not wasting water.

(iii) Fill in the blanks:

1. …………………………. are also a cause of food contamination.
Answer:
Flies,

2. Flies can make us ………………………. .
Answer:
Sick,

3. Keep the water ……………………… .
Answer:
Cover,

4. Water sources are ……………………….. .
Answer:
River pond, sea.

(iv) Brain Exercise:

(a)
PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 1 Our Food and Water 3
Answer:
PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 1 Our Food and Water 4
(b)

PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 1 Our Food and Water 5
Answer:
PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 1 Our Food and Water 6

(v) Question with big answer

Question 1.
How many diseases are caused by drinking contaminated water?
Answer:
By drinking contaminated water can lead to many diseases. Such as:
PSEB 3rd Class Welcome Life Solutions Chapter 1 Our Food and Water 7