PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 8 मेहनत

Punjab State Board PSEB 5th Class Hindi Book Solutions Chapter 8 मेहनत Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 5 Hindi Chapter 8 मेहनत (2nd Language)

मेहनत अभ्यास

नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ो और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करो :

  • ਮਿੱਟੀ = मिट्टी
  • ਚੌਥਾ = चौथा
  • ਪ੍ਰਤੀਯੋਗਿਤਾ = प्रतियोगिता
  • ਪਹਿਲਾ = पहला
  • ਕਣੁ = कण
  • ਰੋਟੀ = रोटी

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 8 मेहनत

नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिन्दी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ो और हिन्दी शब्दों को लिखो :

  • ਸਕੂਲ = पाठशाला
  • ਵਿਹੜਾ = आँगन
  • ਕੀੜੀਆਂ = चींटियाँ
  • ਲਾਈਨ = कतार

पढ़ो, समझो और लिखो

(क) ध् + य = ध्य = ध्यान
स् + थ = स्थ = स्थान
म् + ब = म्ब = लम्बी
च् + छ =च्छ = अच्छा

(ख) ट् + ट = ट्ट, ट्ट = मिट्टी
ट् + ठ = ट्ठ, ट्ट = इकट्ठा

(ग) न् + न = न्न = प्रसन्न

(घ) त् + र = त्र = छात्रा
र + स = र्स = रिहर्सल

बताओ

प्रश्न 1.
रानी उदास क्यों हो गई?
उत्तर :
रानी खेल प्रतियोगिता के फाइनल रिहर्सल में चौथे स्थान पर आई थी। इसी कारण वह उदास हो गई।

प्रश्न 2.
दादी माँ ने उसे आँगन में क्या दिखाया?
उत्तर :
दादी माँ ने उसे आँगन में चींटियों की लम्बी कतार दिखाई जो अपने बिल में से निकल कर रोटी के टुकड़े के छोटे-छोटे कणों को खींचकर अपने बिल की ओर ले जा रही थीं।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 8 मेहनत

प्रश्न 3.
दादी माँ ने बिल को कैसे बंद किया?
उत्तर :
दादी माँ ने बिल को गीली मिट्टी से बन्द कर दिया।

प्रश्न 4.
चींटियाँ किस प्रकार चल रहीं थी?
उत्तर :
चींटियाँ कतार में चल रही थीं।

प्रश्न 5.
रानी ने चींटियों से क्या प्रेरणा ली?
उत्तर :
रानी ने चींटियों से प्रेरणा ली कि यदि हिम्मत न हारे, निरन्तर मेहनत करें तो व्यक्ति सफलता अवश्य पाता है।

पढ़ो और समझो

(क) उदास = खुश
अन्दर = बाहर
गीली = सूखी
आगे = पीछे
उत्तर :
उपरोक्त रेखांकित शब्दों के विपरीतार्थक शब्द उनके सामने लिखे गए हैं। विद्यार्थी इन्हें कण्ठस्थ कर लें।

(ख) चींटी = चींटियाँ
रानी = रानियाँ
उत्तर :
उपरोक्त रेखांकित शब्दों के बहुवचन रूप सामने दर्शाए गए हैं।

(ग) छात्रा = छात्र
रानी = राजा
उत्तर :
उपरोक्त रेखांकित शब्दों के पुँल्लिंग रूप दर्शाए गए हैं।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 8 मेहनत

अन्तर समझो

(क) रानी आज उदास है।
चींटियाँ मेहनत करती हैं।

(ख) चींटियाँ रोटी के कणों को बिल की ओर ला रहीं थीं।
रानी और दादी माँ आँगन में गईं।
उत्तर :
उपरोक्त वाक्यों में (क) भाग में (है) और ( हैं) तथा (ख) भाग में ( ओर) और (और) शब्द युग्म शब्द हैं।

अध्यापन निर्देश :

इस पाठ का उद्देश्य बच्चों में परिश्रम का गुण विकसित करना है। चींटियों से प्रेरणा लेकर मेहनत के बल पर निरन्तर आगे बढ़ सकते हैं। यह भावना बच्चों के मन में जाग्रत करें। ‘पढ़ो, समझो और लिखो’ शीर्षक के अन्तर्गत दो तरह के संयुक्ताक्षर सिखाये गये हैं। अध्यापक बच्चों को बताये कि (क) में दिये गये व्यंजनों को खड़ी पाई (लकीर) हटाकर संयुक्त किया गया है। जबकि (ख) के व्यंजनों के नीचे हलन्त लगाकर संयुक्त किया गया है। अध्यापक इनके दोनों रूपों से बच्चों को अवगत करवाये। (ग) में एक ही व्यंजन के दो रूपों (एक आधा और एक पूरा) का ज्ञान दिया गया है। (घ) में ‘र’ व्यंजन के संयुक्त रूप दिये गये हैं।

रचनात्मक अभिव्यक्ति

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 8 मेहनत 1
चित्र को देखकर दिए गए शब्दों की सहायता से वाक्य पूरे करो :

  • मेहनत
  • रस
  • मधुमक्खियाँ
  • शहद
  • छत्ता
  • फूलों

पेड़ पर मधुमक्खियों का ……………………………… लगा हुआ है। पेड़ के आस-पास ……………………………… के कुछ पौधे लगे हुए हैं। फूलों पर ……………………………… मँडरा रही हैं। वे फूलों से ……………………………… चूस रही हैं। इसी रस से वे ……………………………… बनाती हैं। शहद को बनाने में उन्हें बहुत ……………………………… करनी पड़ती है।
उत्तर :
पेड़ पर मधुमक्खियों का छत्ता लगा हुआ है। पेड़ के आस-पास फूलों के कुछ पौधे लगे हुए हैं। फूलों पर मधुमक्खियाँ मंडरा रही हैं। वे फूलों से रस चूस रही हैं। इसी रस से वे शहद बनाती हैं। शहद को बनाने में उन्हें बहुत मेहनत करनी पड़ती है।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 8 मेहनत

मेहनत बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
पंजाबी शब्द ‘भिटी’ का हिन्दी अर्थ है : माटा/मिट्टी/मीठी/मोटा
उत्तर :
मिट्टी

प्रश्न 2.
पंजाबी शब्द ‘टी’ का हिन्दी अर्थ है : मोटी/खोटी/रोटी/छोटी।
उत्तर :
रोटी

प्रश्न 3.
चींटी-चींटिया है तो ‘रानी’ …………………………………….. है।
(i) रानियाँ
(ii) राने
(iii) राणे
(iv) राणी।
उत्तर :
(ii) रानियां

प्रश्न 4.
अगर ‘राजा’ का रानी है तो लड़का’ का है-
(i) लड़की
(ii) लडकी
(iii) लड़ाके
(iv) लढकी।
उत्तर :
(i) लड़की।

मेहनत Summary in Hindi

रानी आज बहुत उदास थी। कल उसकी पाठशाला में खेल-प्रतियोगिता होने जा रही थी, वह कितने ही दिनों से इसकी तैयारी कर रही थी परन्तु जब इसकी फाइनल रिहर्सल हुई तो वह उसमें चौथा स्थान ही प्राप्त कर सकी।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 8 मेहनत

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 8 मेहनत 2

उसे उदास देखकर उसकी दादी माँ ने उदासी का कारण पूछा तो रानी ने उन्हें सब कुछ बता दिया। दादी माँ ने उसकी बात ध्यान से सुनी और फिर उसे अपने साथ आँगन में ले गई। वहाँ उन्होंने रानी को चींटियों की एक लम्बी कतार दिखाई जो रोटी के टुकड़े को खींचकर अपने बिल की ओर ले जा रही थी।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 8 मेहनत 3

दादी माँ ने कहा, “देखो ये चींटियाँ कितनी मेहनत से यह टुकडा लेकर अपने बिल में ले जा रही हैं।

अब देखो क्या होता है ?” इतना कहकर उन्होंने उनके बिल को गीली मिट्टी से बन्द कर दिया।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 8 मेहनत 4

रानी ने देखा कि चींटियों ने उस गीली मिट्टी से भी अपने लिए रास्ता बना लिया था और अपने कार्य में जुट गईं थीं। रानी समझ गई कि हिम्मत न हारने और लगातार मेहनत करने से ही सफलता मिलती है। वह उठी और बाहर पार्क में जाकर प्रतियोगिता की तैयारी में जी-जान से जुट गई और अगले दिन की प्रतियोगिता में उसने पहला स्थान पाया।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 8 मेहनत

मेहनत शब्दार्थ Meanings

  • प्रतियोगिता = होड़
  • नन्ही = छोटी
  • रिहर्सल = ठीक ढंग और समय से पहले काम का अभ्यास
  • कण = छोटा टुकड़ा
  • आँगन = घर की सीमा में आने वाला व खुला स्थान जिसे घर के कामें के लिए उपयोग में लाया  जाता है।
  • कतार = पंक्ति , लाइन
  • बिल = ज़मीन में बनाया हुआ छेद

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति तथा जंगली जीवन

Punjab State Board PSEB 9th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 1a भारत : आकार व स्थिति Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Social Science Geography Chapter 1a भारत : आकार व स्थिति

SST Guide for Class 9 PSEB भारत : आकार व स्थिति Textbook Questions and Answers

(क) नक्शा कार्य (Map Work) :

प्रश्न 1.
भारत के रेखाचित्र में भरें(i) कुदरती वनस्पति के कोई 3 किस्म के क्षेत्र। (ii) किसी पांच राज्यों में राष्ट्रीय पार्क। (iii) पंजाब की सुरक्षित जलगाहें (पंजाब के रेखाचित्र में)।
उत्तर-
यह प्रश्न विद्यार्थी MBD Map Master की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न 2.
निम्न दी गई तस्वीरों में वृक्ष पहचान कर वनस्पति की प्रकार बताएं।
PSEB 9th Class Social Science Guide भारत आकार व स्थिति Important Questions and Answers (1)
उत्तर-
यह प्रश्न विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 3.
अपने क्षेत्र के 10 वृक्षों, 5 जानवरों तथा 5 पक्षियों की तस्वीरें चार्ट पर लगाकर नाम लिखें।
उत्तर-
यह प्रश्न विद्यार्थी स्वयं करें।

(ख) निम्न के उत्तर एक शब्द से एक वाक्य में दें:

  1. पौधे ………. की ……….. से ………… विधि द्वारा अपना भोजन तैयार करते हैं।
  2. पंजाब का ………… फीसदी क्षेत्र वनों के अधीन है जो कि ……….. वर्ग किलोमीटर है।
  3.  …………. मंडल में वनस्पति उगती है और ……… की प्रकार ……… पर असर डालती है।

उत्तर-

  1. सूर्य, किरणें, फोटोसिंथेसिस
  2. 6.07%, 3058.
  3. जीव, मिट्टी, वनस्पति।

प्रश्न 4.
पृथ्वी का वो कौन-सा मंडल है जिसमें जीवन है :
(i) वायु मंडल
(ii) थल मंडल
(iii) जल मंडल
(iv) जीव मंडल।
उत्तर-
(iv) जीव मंडल में।

प्रश्न 5.
इनमें से कौन-से जिले में सबसे अधिक वन मिलते हैं ?
(i) मानसा
(ii) रूपनगर
(iii) अमृतसर
(iv) बठिंडा।
उत्तर-
(ii) रूपनगर में।

प्रश्न 6.
चिंकारा कौन-से जानवर की प्रकार है ?
उत्तर-
चिंकारा एक छल्लेदार सींगों वाला हिरन है।

प्रश्न 7.
बीड़ क्या होती है ?
उत्तर-
कुछ क्षेत्रों में घनी वनस्पति होती थी तथा इसके छोटे बड़े टुकड़ों को बीड़ कहते हैं।

प्रश्न 8.
उप उष्ण झाड़ीदार वनस्पति में मिलती घास का नाम लिखें।
उत्तर-
यहां लंबी प्रकार का घास-सरकंडा मिलता है।

प्रश्न 9.
पंजाब के कुल क्षेत्रफल का कितने फीसदी क्षेत्र वनों के अधीन है ?
उत्तर-
6.07%.

प्रश्न 10.
झाड़ियां व कांटेदार वनस्पति वाले क्षेत्रों में कौन-से जानवर मिलते हैं ?
उत्तर-
यहां ऊंट, शेर, बब्बर शेर, खरगोश, चूहे इत्यादि मिलते हैं।

(ग) इन प्रश्नों के संक्षेप उत्तर दें :

प्रश्न 1.
फलोरा व फौना क्या है ? स्पष्ट करें।
उत्तर-
किसी विशेष क्षेत्र में मिलने वाले पौधों के लिए फलोरा शब्द प्रयोग किया जाता है। उस क्षेत्र के पौधे उस क्षेत्र की जलवायु, मिट्टी, वर्षा इत्यादि पर निर्भर करते हैं। इस प्रकार किसी क्षेत्र में मिलने वाले जानवरों की प्रजातियों को फौना कहा जाता है। प्रत्येक क्षेत्र में मिलने वाले जानवरों की प्रजातियां भी अलग-अलग होती हैं।

प्रश्न 2.
वनों की रक्षा क्यों आवश्यक है, लिखें।
उत्तर-

  1. वन जलवायु पर नियंत्रण रखते हैं। सघन वन गर्मियों में तापमान को बढ़ने से रोकते हैं तथा सर्दियों में तापमान को बढ़ा देते हैं।
  2. सघन वनस्पति की जड़ें बहते हुए पानी की गति को कम करने में सहायता करती हैं। इससे बाढ़ का प्रकोप कम हो जाता है। दूसरे जड़ों द्वारा रोका गया पानी भूमि के अंदर समा लिए जाने से भूमिगत जल-स्तर (Water-table) ऊंचा उठ जाता है। वहीं दूसरी ओर धरातल पर पानी की मात्रा कम हो जाने से पानी नदियों में आसानी से बहता रहता है।
  3. वृक्षों की जड़ें मिट्टी की जकड़न को मज़बूत किए रहती हैं और मिट्टी के कटाव को रोकती हैं।
  4. वनस्पति के सूखकर गिरने से जीवांश के रूप में मिट्टी को हरी खाद मिलती है।
  5. हरी-भरी वनस्पति बहुत ही मनोरम दृश्य प्रस्तुत करती है। इससे आकर्षित होकर लोग सघन वन क्षेत्रों में यात्रा, शिकार तथा मानसिक शांति के लिए जाते हैं। कई विदेशी पर्यटक भी वन-क्षेत्रों में बने पर्यटन केंद्रों पर आते हैं। इससे सरकार को विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है।
  6. सघन वन अनेक उद्योगों के आधार है। इनमें से कागज़, लाख, दियासिलाई, रेशम, खेलों का सामान, प्लाईवुड, गोंद, बिरोजा आदि उद्योग प्रमुख हैं।

प्रश्न 3.
सदाबहार वनों की विशेषताएं लिखें।
उत्तर-

  1. सदाबहार वनों के सभी पत्ते एक साथ नहीं झड़ते तथा हमेशा हरे रहते हैं।
  2. यह वन गर्म तथा नमी वाले क्षेत्रों में मिलते हैं जहां पर 200 सैंटीमीटर से अधिक वर्षा होती है।
  3. सदाबहार वनों के पेड़ 60 मीटर या उससे ऊंचे भी जा सकते हैं।
  4. यह वन घने होने के कारण एक छतरी (Canopy) बना लेते हैं। जहां से कई बार तो सूर्य की किरणें धरातल तक नहीं पहुंच पातीं।
  5. पेड़ों के नीचे बहुत-से छोटे-छोटे पौधे उग जाते हैं तथा आपस में उलझ जाते हैं जिस कारण इनमें निकलना मुश्किल होता है।

प्रश्न 4.
पंजाब की प्राकृतिक वनस्पति से जान-पहचान करवाएं।
उत्तर-
इस समय पंजाब के कुल क्षेत्रफल का केवल 6.07% हिस्सा ही वनों के अंतर्गत आता है। इसका काफी बड़ा भाग मनुष्यों द्वारा उगाया जा रहा है। पंजाब की प्राकृतिक वनस्पति को कई भागों में बांटा जा सकता है

  1. हिमालय प्रकार की सीधी शीत उष्ण वनस्पति
  2. उपउष्ण झाड़ीदार पर्वतीय वनस्पति
  3. उपउष्ण झाड़ीदार वनस्पति वनस्पति
  4. उष्ण शुष्क पतझड़ी वनस्पति
  5. उष्ण कांटेदार वनस्पति।

प्रश्न 5.
आंवला, तुलसी तथा सिनकोना के क्या लाभ हो सकते हैं, लिखें।
उत्तर-

  1. आंवला-आंवला विटामिन सी से भरा होता है तथा यह व्यक्ति की पाचन शक्ति को ठीक करने में सहायता करता है। आंवला कब्ज, शूगर तथा खांसी को दूर करने के लिए भी प्रयोग किया जाता है।
  2. तुलसी-अगर किसी को बुखार, खांसी या जुकाम हो जाए तो तुलसी काफी लाभदायक होती है।
  3. सिनकोना-सिनकोना के पौधे की छाल को कुनीन बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है जिसे मलेरिया ठीक करने के लिए दिया जाता है।

(घ) निम्नलिखित प्रश्नों के विस्तृत उत्तर दें:

प्रश्न 1.
प्राकृतिक वनस्पति मानव समाज के फेफड़े होते हैं, कैसे ?
उत्तर-
इसमें कोई शंका नहीं है कि प्राकृतिक वनस्पति मानवीय समाज के फेफड़े होते हैं। अग्रलिखित बिंदुओं से यह स्पष्ट हो जाएगा

  1. जंगल बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन छोड़ते हैं तथा कार्बन-डाइऑक्साइड का प्रयोग करते हैं। यह ऑक्सीजन जानवरों तथा मनुष्यों को जीवन देती है।
  2. जंगल पृथ्वी में मौजूद पानी के स्तर को ऊंचा करने में काफी सहायता करते हैं।
  3. जंगल के पेड़ों में मौजूद पानी सूर्य की गर्मी के कारण वाष्प बनकर उड़ता रहता है जो वायु के तापमान को कम करने में सहायता करता है।
  4. जंगलों में बहुत-से जीव रहते हैं तथा उन्हें भोजन तथा रहने का स्थान जंगल में ही मिलता है।
  5. हमारे वातावरण को सुंदर तथा स्वस्थ बनाने में भी जंगल काफी सहायक होते हैं।
  6. पवन की गति को कम करने, ध्वनि प्रदूषण को कम करने तथा सूर्य में चमक को कम करने में जंगल काफी सहायता करते हैं।
  7. वृक्ष की जड़ें मिट्टी के कणों को पकड़ कर रखती हैं जिस कारण जंगलों से भूमि क्षरण नहीं होती।
  8. वर्षा करवाने में भी जंगल काफी सहायक होते हैं।
  9. जंगलों से हम कई प्रकार की लकड़ी प्राप्त करते हैं।
  10. जंगलों के कारण ही कई प्रकार के उद्योगों का विकास हो पाया है।

प्रश्न 2.
प्राकृतिक वनस्पति को कौन-से भौगोलिक तत्त्व प्रभावित करते हैं ?
उत्तर-
अलग-अलग क्षेत्रों में बहुत-सी भौगोलिक विभिन्नताएं होती हैं जिस कारण वहां की प्राकृतिक वनस्पति भी अलग-अलग होती है। इस कारण प्राकृतिक वनस्पति को कई तत्त्व प्रभावित करते हैं जिनका वर्णन इस प्रकार है

  1. भूमि अथवा धरातल (Land on Relief)-किसी भी क्षेत्र की भूमि का वनस्पति पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है। मैदानों, पर्वतों, डैल्टा इत्यादि की वनस्पति एक समान नहीं हो सकती। भूमि के स्वभाव का वनस्पति पर प्रभाव पड़ता है। ऊंचे पर्वतों पर लंबे वृक्ष मिलते हैं परंतु मैदानों पर पर्णपाती (Deciduous) वृक्ष मिलते हैं।
  2. मृदा (Soil)-मृदा पर ही वनस्पति पैदा होती है। अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग प्रकार की मिट्टी मिलती है, जो अलग-अलग प्रकार की वनस्पति का आधार है। जैसे कि मरुस्थल में रेतली मिट्टी मिलती है जिस कारण वहां पर कांटेदार झाड़ियां मिलती हैं। नदियों के डैल्टे पर बढ़िया प्रकार की वनस्पति पाई जाती है। पर्वतों की ढलानों पर मिट्टी की परत गहरी होती है जिस कारण वहां पर लंबे पेड़ मिलते हैं।
  3. तापमान (Temperature) वनस्पति की विविधता तथा विशेषता तापमान तथा वायु की नमी पर निर्भर करती है। हिमालय पर्वत की ढलानों तथी दक्षिणी पठार के पर्वतों पर 915 मीटर की ऊंचाई से ऊपर तापमान में नयी वनस्पति के उगने तथा बढ़ने को प्रभावित करती है। इस कारण वहां की वनस्पति मैदानी क्षेत्रों से अलग होती है।
  4. सूर्य की रोशनी (Sunlight) किसी भी क्षेत्र में कितनी सूर्य की रोशनी आती है, इस पर भी वनस्पति निर्भर करती है। किसी भी स्थान पर कितनी सूर्य की रोशनी आएगी यह वहां की अक्षांश रेखाओं (Parallels of Latitudes) तथा भूमध्य रेखा से दूरी, समुद्र तल से ऊंचाई तथा ऋतु पर निर्भर करता है। गर्मियों में अधिक रोशनी मिलने के कारण वृक्ष तेजी से बढ़ते हैं।
  5. वर्षा (Rainfall)-जिन क्षेत्रों में अधिक वर्षा होती है वहां पर सदाबहार वन मिलते हैं। वह घने भी होते हैं। परंतु वहां कम वर्षा होती है जहां पर पर्णपाती वन (Deciduous Forests) मिलते हैं। जहां पर बहुत ही कम वर्षा होती है, जैसे कि मरुस्थल, वहां पर जंगल भी काफी कम या न के समान होते हैं। इस प्रकार वर्षा की मात्रा पर भी वनस्पति का प्रकार निर्भर करता है।

प्रश्न 3.
भारतीय जंगलों को जलवायु के आधार पर बांटें व वृक्षों के नाम भी लिखें।
उत्तर-
भारतीय जंगलों को जलवायु के आधार पर कई भागों में विभाजित किया जा सकता है जिसका वर्णन इस प्रकार है

  1. उष्ण सदाबहार वन (Tropical Evergreen Forests)-इस प्रकार के वन मुख्य रूप से अधिक वर्षा (200 सें०मी० से अधिक) वाले भागों में मिलते हैं। इसलिए इन्हें बरसाती वन भी कहते हैं। ये वन अधिकतर पूर्वी हिमालय के तराई प्रदेश पश्चिमी घाट, पश्चिमी अंडमान, असम, बंगाल तथा ओडिशा के कुछ भागों में पाए जाते हैं। इन वनों में पाए जाने वाले मुख्य वृक्ष महोगनी, ताड़, बांस, रबड़, चपलांस, मैचोलश तथा कदंब हैं।
  2. पतझड़ी अथवा मानसूनी वन (Tropical Deciduous or Monsoon Forests)-पतझड़ी या मानसूनी वन भारत के उन प्रदेशों में मिलते हैं जहां 100 से 200 सें.मी. तक वार्षिक वर्षा होती है। भारत में ये मुख्य रूप से हिमालय के निचले भाग, छोटा नागपुर, गंगा की घाटी, पश्चिमी घाट की पूर्वी ढलानों तथा तमिलनाडु क्षेत्र में पाए जाते हैं। इन वनों में पाए जाने वाले मुख्य वृक्ष सागवान, साल, शीशम, आम, चंदन, महुआ, ऐबोनी, शहतूत तथा सेमल हैं। गर्मियों में ये वृक्ष अपनी पत्तियां गिरा देते हैं, इसलिए इन्हें पतझड़ी वन भी कहते हैं।
  3. झाड़ियां या कांटेदार जंगल (The Scrubs and Thorny Forest)-इस प्रकार के वन उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहां वार्षिक वर्षा का मध्यमान 20 से 60 सें० मी० तक होता है। भारत में ये वन राजस्थान, पश्चिमी हरियाणा, दक्षिणपश्चिमी पंजाब और गुजरात में पाए जाते हैं। इन वनों में रामबांस, खैर, पीपल, बबूल, थोअर और खजूर के वृक्ष प्रमुख हैं।
  4. ज्वारीय वन (Tidal Forests)-ज्वारीय वन नदियों के डेल्टाओं में पाए जाते हैं। यहां की मिट्टी भी उपजाऊ होती है और पानी भी अधिक मात्रा में मिल जाता है। भारत में इस प्रकार के वन महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी आदि के डेल्टाई प्रदेशों में मिलते हैं। यहां की वनस्पति को मैंग्रोव अथवा सुंदर वन भी कहा जाता है। कुछ क्षेत्रों में ताड़, कैंस, नारियल इत्यादि के वृक्ष भी मिलते हैं।
  5. पर्वतीय वन (Mountains Forests) – इस प्रकार को वनस्पति हिमालय पर्वतीय क्षेत्रों तथा दक्षिण में नीलगीर की पहाड़ियों पर पायी जाती हैं। इस वनस्पति में वर्षा की मात्रा तथा ऊंचाई बढ़ने के साथ-साथ अंतर आता है। कम ऊंचाई पर सदाबहार वन पाये जाते हैं, तो अधिक ऊंचाई पर केवल घास तथा कुछ फूलदार पौधे ही मिलते हैं।

PSEB 9th Class Social Science Guide भारत आकार व स्थिति Important Questions and Answers (2)

प्रश्न 4. पंजाब की प्राकृतिक वनस्पति के वर्गीकरण पर प्रकाश डालें।
उत्तर-पंजाब के अलग-अलग भागों में धरातल, जलवायु तथा मिट्टी की प्रकार अलग-अलग होने के कारण यहां अलग-अलग प्रकार की वनस्पति मिलती है तथा इनका वर्णन इस प्रकार है

1. हिमालय प्रकार की आर्द्र शीत-उष्ण वनस्पति (Himalayan Type Moist Temperate Vegetation)पंजाब के पठानकोट की धार कलां तहसील में इस प्रकार की वनस्पति पाई जाती है। पंजाब के इस हिस्से में वर्षा भी अधिक होती है तथा यह पंजाब के अन्य भागों से ऊंचाई पर भी स्थित है। यहां कई प्रकार के वृक्ष मिल जाते हैं जैसे कि कम ऊंचाई वाले चील के वृक्ष, शीशम, शहतूत, पहाड़ी बबूल, आम इत्यादि।

2. उप उष्ण चील वनस्पति (Sub Tropical Pine Vegetation)—पंजाब के कई जिलों की कई तहसीलों में इस प्रकार की वनस्पति मिलती है जैसे कि पठानकोट जिले की पठानकोट तहसील तथा होशियारपुर जिले की मुकेरियां, दसूहा तथा होशियारपुर तहसीलें। यहां चील के वृक्ष काफी कम मिलते हैं तथा उनकी प्रकार भी बढ़िया नहीं होती। यहां शीशम, खैर, शहतूत तथा अन्य कई प्रकार के वृक्ष पाए जाते हैं।

3. उप उष्ण झाड़ीदार पर्वतीय वनस्पति (Sub Tropical Scrub Hill Vegetation)-होशियारपुर तथा रूपनगर ज़िलों के पूर्वी भागों तथा पठानकोट जिले के बाकी बचे भागों में इस प्रकार की वनस्पति मिलती है। इस क्षेत्र में आज से चार-पांच सदियों पहले तक काफी घने जंगल मिलते हैं परंतु काफी अधिक वृक्षों की कटाई, जानवरों के चरने, जंगलों की आग तथा भूमि-क्षरण के कारण यहां की वनस्पति झाड़ीदार हो गई है। यहां कई प्रकार के वृक्ष मिलते हैं जैसे कि शीशम, खैर, बबूल, शहतूत, बकायन, नीम, सिंबल, बांस, अमलतास इत्यादि। यहां लंबी घास भी उगती है जिसे सरकंडा कहते हैं जिसे रस्सियों तथा कागज़ बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।

4. उष्ण-शुष्क पतझड़ी वनस्पति (Tropical Dry Deciduous Vegetation)-पंजाब के शुष्क तथा गर्म क्षेत्रों में इस प्रकार की वनस्पति पाई जाती है। कंडी क्षेत्र के मैदान, पंजाब के लहरदार तथा ऊंचे नीचे मैदान तथा मध्यवर्तीय मैदानों में इस प्रकार की वनस्पति मिलती है। किसी समय यहां पर घनी वनस्पति हुआ करती थी। आज भी घनी वनस्पति के कुछ छोटे बड़े टुकड़े मिल जाते हैं जिन्हें बीड़, झंगीया झिड़ी के नाम से पुकारा जाता है। एस०ए०एस० नगर तथा पटियाला के क्षेत्रों में भी घने वृक्षों वाले क्षेत्र मिलते हैं जिन्हें बीड़ कहा जाता है। बीड़ भादसों, छत्तबीड़, बीड़ भुन्नरहेड़ी, बीड़ मोती बाग इत्यादि इनमें प्रमुख हैं। यहां नीम, टाहली, बरगद, पीपल, आम, बबूल, निम्ब इत्यादि के वृक्ष मिलते हैं। यहां सफैदा तथा पापुलर के पेड़ भी लगाए जाते हैं।

5. उष्ण कांटेदार वनस्पति (Tropical Thorny Vegetation)—पंजाब के कई क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां कम वर्षा होती है तथा वहां इस प्रकार की वनस्पति मिलती है। बठिंडा, मानसा, फाजिलका के कई भागों, फिरोजपुर तथा फरीदकोट के मध्य दक्षिण भागों में कांटेदार वनस्पति मिलती है। यहां के कई क्षेत्रों में तो वनस्पति है ही नहीं। कांटेदार झाड़ियां, थोहर (Cactus), शीशम, जण्ड, बबूल इत्यादि वृक्ष यहां पर मिलते हैं।

प्रश्न 5.
जंगली जीवन व उसकी सुरक्षा विधियों पर विस्तार से लिखें।
उत्तर-
वनस्पति की तरह ही हमारे देश में जीव-जंतुओं की काफी विभिन्नता है। भारत में इनकी 89000 प्रजातियां मिलती हैं। देश के ताज़ा तथा खारे पानी में 2500 से अधिक प्रकार की मछलियां मिलती हैं। इस प्रकार पक्षियों की भी 2000 से ऊपर प्रजातियां पाई जाती हैं। हमारे वनों में काफी महत्त्वपूर्ण पशु-पक्षी मिलते हैं। परंतु अफसोस की बात है कि पक्षियों तथा जानवरों की अनेक प्रजातियां देश में से लुप्त हो चुकी हैं। इस कारण जंगली जीवों की रक्षा करना हमारे लिए बहुत ही आवश्यक है। मनुष्य ने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए वनों को काट कर तथा जानवरों का शिकार करके एक दुखद स्थिति उत्पन्न कर दी है। आज गैंडा, चीता, बंदर, शेर इत्यादि काफी कम संख्या में मिलते हैं।

इस कारण प्रत्येक नागरिक का यह कर्त्तव्य है कि वह जंगली जीवों की रक्षा करे।
PSEB 9th Class Social Science Guide भारत आकार व स्थिति Important Questions and Answers (3)

जंगली जीवों की सुरक्षा विधियां-

  1. वैसे तो सरकार ने कई राष्ट्रीय उद्यान तथा वन्य जीव अभ्यारण्य बनाए हैं परंतु और राष्ट्रीय उद्यान तथा वन्य जीव अभ्यारण्य बनाए जाने की आवश्यकता है।
  2. वन्य जीवों के शिकार पर कठोर पाबंदी लगाई जानी चाहिए तथा इस पाबंदी को कठोरता से लागू किया जाना चाहिए।
  3. राष्ट्रीय उद्यानों तथा वन्य जीव अभ्यारण्यों में जीवों के खाने का उचित प्रबंध होना चाहिए।
  4. जो प्रजातियां खत्म होने की कगार पर पहुंच चुकी हैं उन्हें संभालने तथा बचाने की तरफ विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
  5. जंगलों तथा राष्ट्रीय उद्यानों में शिकारियों तथा चरवाहों को दाखिल होने की आज्ञा नहीं दी जानी चाहिए।
  6. अभ्यारण्यों तथा राष्ट्रीय उद्यानों में जीवों के लिए मैडिकल सुविधाएं भी होनी चाहिए ताकि किसी बिमारी होने की स्थिति में उन्हें बचाया जा सके।
  7. बड़े स्तर पर प्रशासकीय निर्णय लिए जाने चाहिए ताकि इन्हें बचाने के निर्णय जल्दी लिए जा सकें। 8. आम जनता में जंगली जीवों को संभालने के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए सैमीनार करवाए जाने चाहिए।

PSEB 9th Class Social Science Guide भारत : आकार व स्थिति Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न :

प्रश्न 1.
किसी क्षेत्र में मौजूद सभी प्राणियों को ……… कहा जाता है।
(क) फौना
(ख) फलौरा
(ग) वायुमंडल
(घ) जलमंडल।
उत्तर-
(क) फौना

प्रश्न 2.
भारतीय जंगल सर्वेक्षण विभाग का हैडक्वाटर कहां पर है ?
(क) मंसूरी
(ख) देहरादून
(ग) दिल्ली
(घ) नागपुर।
उत्तर-
(ख) देहरादून

प्रश्न 3.
इनमें से कौन-सा तत्त्व प्राकृतिक वनस्पति की भिन्नता के लिए उत्तरदायी है ?
(क) भूमि
(ख) मिट्टी
(ग) तापमान
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 4.
उष्ण सदाबहार वन के पत्ते हमेशा ………….. रहते हैं।
(क) हरे
(ख) पीले
(ग) झड़ते
(घ) लाल।
उत्तर-
(क) हरे

प्रश्न 5.
कौन-से जंगलों के वृक्ष 60 मीटर या उससे ऊपर जा सकते हैं ?
(क) उष्ण पतझड़ी जंगल
(ख) उष्ण सदाबहार जंगल
(ग) ज्वारीय जंगल
(घ) कांटेदार जंगल।
उत्तर-
(ख) उष्ण सदाबहार जंगल

प्रश्न 6.
इनमें से कौन-सा वृक्ष हमें कोणधारी जंगलों में मिलता है ?
(क) स्परूस
(ख) चील
(ग) फर
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 7.
घनी वनस्पति के छोटे-बड़े टुकड़ों को पंजाब में क्या कहते हैं ?
(क) झांगी
(ख) झिड़ी
(ग) बीड़
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 8.
पंजाब का कितना क्षेत्र प्राकृतिक वनस्पति के अंतर्गत आता है ?
(क) 5.65%
(ख) 3.65%
(ग) 4.65%
(घ) 6.65%.
उत्तर-
(ख) 3.65%

प्रश्न 9.
पंजाब के किस जिले में सबसे अधिक प्राकृतिक वनस्पति है ?
(क) बठिंडा
(ख) पटियाला
(ग) रूपनगर
(घ) फरीदकोट।
उत्तर-
(ग) रूपनगर

प्रश्न 10.
पंजाब के जंगलात विभाग में लगभग …… लोग कार्य कर रहे हैं।
(क) 5500
(ख) 6500
(ग) 7500
(घ) 8500.
उत्तर-
(ख) 6500

प्रश्न 11.
भारत में सबसे बड़ा स्तनधारी प्राणी कौन-सा है ?
(क) हाथी
(ख) गैंडा
(ग) हिप्पो
(घ) जिराफ।
उत्तर-
(क) हाथी

प्रश्न 12.
……….. भारत का राष्ट्रीय पक्षी है।
(क) कबूतर
(ख) मोर
(ग) कोयल
(घ) फलैमिंगो।
उत्तर-
(ख) मोर

रिक्त स्थान की पूर्ति करें :

  1. भारत में ………. राष्ट्रीय उद्यान तथा ……… वन्यजीव अभ्यारण्य बनाए गए हैं।
  2.  ………. विटामिन सी से भरपूर होता है।
  3. ……… की गुठलियां शूगर कंट्रोल करने के लिए प्रयोग की जाती हैं।
  4. नीम को संस्कृत में ……… कहा जाता है।
  5. पृथ्वी पर जीवन के चार मंडल-जीव मंडल, …………. , ………….. तथा वायु मंडल के कारण ही संभव है।
  6. मनुष्य के चारों मंडलों का एक-दूसरे पर निर्भर होना ही ……………… कहलाता है।

उत्तर-

  1. 103, 544
  2. आंवला
  3. जामुन
  4. सर्व रोग निवारक
  5. थलमंडल, जलमंडल
  6. ईको सिस्टम।

सही/ग़लत:

  1. जंगली जीव सुरक्षा कानून 1972 में बना था।
  2. किसी क्षेत्र की संपूर्ण वनस्पति को फलौरा कहते हैं।
  3. भारत की प्राकृतिक वनस्पति को आठ श्रेणियों में बांटा गया है।
  4. ऊष्ण पतझड़ी वनस्पति में वृक्ष सारा साल हरे-भरे रहते हैं।
  5. भारत का 21.53% हिस्सा ही जंगलों के अंतर्गत आता है।
  6. ज्वारी जंगल नमकीन पानी में रह सकते हैं।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✗)
  4. (✗)
  5. (✓)
  6. (✓)

अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पृथ्वी के चार मंडल कौन-से हैं ?
उत्तर-
थलमंडल, वायुमंडल, जलमंडल तथा जीवमंडल।

प्रश्न 2.
जीव मंडल क्या है ?
उत्तर-
जीव मंडल पृथ्वी का वह मंडल है जिसमें कई प्रकार के जीव रहते हैं।

प्रश्न 3.
फौना (Fauna) क्या है ?
उत्तर-
किसी भी क्षेत्र में किसी समय पर रहने वाले सभी प्राणियों को फौना कहा जाता है।

प्रश्न 4.
फ्लौरा (Flora) क्या है ?
उत्तर-
किसी क्षेत्र या समय में मौजूद संपूर्ण वनस्पति को फलौरा कहा जाता है।

प्रश्न 5.
ईकोसिस्टम कैसे बनता है ?
उत्तर-
किसी क्षेत्र में प्राणियों तथा पौधों की एक-दूसरे पर निर्भर प्रजातियां ईकोसिस्टम का निर्माण करती है।

प्रश्न 6.
प्राकृतिक वनस्पति क्या होती है ?
उत्तर-
वह वनस्पति जो स्वयं तथा बिना किसी मानवीय प्रभाव के उत्पन्न होती है उसे प्राकृतिक वनस्पति कहते हैं।

प्रश्न 7.
प्राकृतिक वनस्पति कौन-से तत्त्वों पर निर्भर करती है ?
उत्तर-
प्राकृतिक वनस्पति भूमि, मृदा, तापमान, सूर्य की रोशनी का समय, वर्षा इत्यादि पर निर्भर करती है।

प्रश्न 8.
ऊंचे पहाड़ों पर कौन-से वक्ष उगते हैं ?
उत्तर-
ऊंचे पहाड़ों पर चील तथा स्परूस के वृक्ष उगते हैं।

प्रश्न 9.
कौन-सी मिट्टी में बहुत घनी वनस्पति उत्पन्न होती है ?
उत्तर-
डैल्टाई मिट्टी में बहुत घनी वनस्पति उत्पन्न होती है।

प्रश्न 10.
प्रकाश संश्लेषण क्या होता है ?
उत्तर-
पौधों की सूर्य की रोशनी से भोजन तैयार करने की विधि को प्रकाश संश्लेषण कहा जाता है।

प्रश्न 11.
भारतीय वनस्पति को कितनी श्रेणियों में विभाजित किया जाता है ?
उत्तर-
भारतीय वनस्पति को पांच श्रेणियों में विभाजित किया जाता है।

प्रश्न 12.
उष्ण सदाबहार जंगलों की एक विशेषता बताएं।
उत्तर-
यहां वृक्षों के पत्ते एक साथ नहीं झड़ते जिस कारण यह संपूर्ण वर्ष हरे ही रहते हैं।

प्रश्न 13.
ऊष्ण सदाबहार जंगल किन क्षेत्रों में मिलते हैं ?
उत्तर-
जो भाग गर्म तथा नम होते हैं तथा जहां वार्षिक 200-300 सैंटीमीटर वर्षा होती है।

प्रश्न 14.
कौन से जंगलों को वर्षा वन कहा जाता है ?
उत्तर-
ऊष्ण सदाबहार वनों को वर्षा वन कहा जाता है।

प्रश्न 15.
ऊष्ण सदाबहार वनों में कौन-से वृक्ष मिलते हैं ?
उत्तर-
महोगनी, रोज़वुड, ऐबोनी, बांस, शीशम, रबड़, सिनकोना, मैगवोलिया इत्यादि।

प्रश्न 16.
सिनकोना वृक्ष की छाल कहाँ पर प्रयोग की जाती है ?
उत्तर-
सिनकोना वृक्ष की छाल कुनीन की दवा बनाने के लिए प्रयोग की जाती है।

प्रश्न 17.
ऊष्ण सदाबहारी वन किन प्रदेशों में मिलते हैं ?
उत्तर-
पश्चिमी घाट की पश्चिमी ढलानों, उत्तर-पूर्व भारत की पहाड़ियों, तमिलनाडु तट, पश्चिमी बंगाल के कुछ हिस्से, ओडिशा, अंडेमान निकोबार, लक्षद्वीप।

प्रश्न 18.
ऊष्ण पतझड़ी वन कितनी वर्षा वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं ?
उत्तर-
70 से 200 सैंटीमीटर वर्षा वाले क्षेत्रों में।

प्रश्न 19.
ऊष्ण पतझड़ी जंगलों की एक विशेषता बताएं।
उत्तर-
इन जंगलों में ऋतु के हिसाब से पत्ते झड़ते हैं।

प्रश्न 20.
ऊष्ण पतझड़ी जंगल कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
दो प्रकार-नम तथा शुष्क पतझड़ी जंगल।

प्रश्न 21.
नम पतझड़ी जंगल कितनी वर्षा वाले क्षेत्रों में होते हैं ?
उत्तर-
100 से 200 सैंटीमीटर वर्षा वाले क्षेत्रों में।

प्रश्न 22.
नम पतझड़ी जंगल कहां पर मिलते हैं ?
उत्तर-
उत्तर-पूर्वी राज्यों में, पश्चिमी घाट, ओडिशा, छत्तीसगढ़ के कुछ भागों में।

प्रश्न 23.
नम पतझड़ी जंगलों में कौन-से वृक्ष मिलते हैं ?
उत्तर-
साल, टीक, देओदार, संदलवुड, शीशम, खैर इत्यादि।

प्रश्न 24.
शुष्क पतझड़ी जंगलों में कौन-से वृक्ष मिलते हैं ? ।
उत्तर-
पीपल, टीक, नीम, सफ़ेदा, साल इत्यादि।

प्रश्न 25.
झाड़ियां तथा कांटेदार जंगल कहां पर मिलते हैं ?
उत्तर-
यह जंगल उन क्षेत्रों में मिलते हैं जहां 70 सैंटीमीटर से कम वर्षा होती है।

प्रश्न 26.
झाड़ियां तथा कांटेदार जंगल कौन-से राज्यों में मिलते हैं ?
उत्तर-
राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश इत्यादि।

प्रश्न 27.
कौन-सी नदियों के डैल्टा में ज्वारी जंगल होते हैं ?
उत्तर-
गंगा-ब्रह्मपुत्र, महानदी, गोदावरी, कृष्णा तथा कावेरी।

प्रश्न 28.
सुंदरवन क्या है ?
उत्तर-
गंगा तथा ब्रह्मपुत्र नदियों के डैल्टा क्षेत्र में मिलने वाले जंगलों को सुंदरवन कहा जाता है क्योंकि यहां सुंदरी वृक्ष काफी मिलते हैं।

प्रश्न 29. पर्वतीय जंगलों में कौन-से वृक्ष मिलते हैं ?
उत्तर-चील, स्परूस, दियार, फर, ओक, अखरोट इत्यादि।

प्रश्न 30.
पर्वतीय जंगलों में कौन-से जानवर मिलते हैं ?
उत्तर-
हिरन, याक, बर्फ में रहने वाला चीता, बारासिंगा, भालू, जंगली भेड़ें, बकरियां इत्यादि।

प्रश्न 31.
पंजाब में कौन-सी मृदाएं मिलती हैं ?
उत्तर-
जलोढ़ी मृदा, रेतली मृदा, चिकनी मृदा, दोमट मृदा, पर्वतीय मृदा तथा खारी मृदा।

प्रश्न 32.
अंग्रेजों ने प्राकृतिक वनस्पति को बचाने के लिए क्या किया ?
उत्तर-
उन्होंने जंगलों की हदबंदी की तथा पशुओं के चरने पर रोक लगाई।

प्रश्न 33.
पंजाब में कौन-से प्रकार की वनस्पति मिलती है ?
उत्तर-
हिमालय प्रकार की आई शोत ऊष्ण वनस्पति, उप ऊष्णू चील वनस्पति, उप ऊष्ण झाड़ेदार पर्वतीय वनस्पति, ऊष्ण खुष्क पतझड़ी वनस्पति तथा ऊष्ण कांटेदार वनस्पति।

प्रश्न 34.
बीड़ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
मैदानों में घनी वनस्पति के कुछ छोटे-बड़े टुकड़े मिलते हैं जिन्हें बीड़ कहा जाता है।

प्रश्न 35.
पंजाब का कितना क्षेत्र प्राकृतिक वनस्पति के अंतर्गत आता है ?
उत्तर-
केवल 6.07%।

प्रश्न 36.
पंजाब के किस जिले में प्राकृतिक वनस्पति सबसे अधिक है ?
उत्तर-
रूपनगर जिले में – 37.19%.

प्रश्न 37.
जंगलों का एक महत्त्व बताएं।
उत्तर-
वृक्ष कार्बन-डाइऑक्साइड लेकर ऑक्सीजन छोड़ते हैं जो मनुष्य के लिए बहुत आवश्यक है।

प्रश्न 38.
जंगली जीवन क्या होता है ?
उत्तर-
प्राकृतिक अरण्यों अर्थात् वनों में मौजूद जानवरों, पक्षियों तथा कीड़े-मकौड़े इत्यादि को जंगली जीवन कहा जाता है।

प्रश्न 39.
हमारे देश में जानवरों की कितनी प्रजातियां रहती हैं ?
उत्तर-
हमारे देश में जानवरों की 89,000 प्रजातियां रहती हैं जो विश्व के जानवरों की प्रजातियों का 6.5% बनता है।

प्रश्न 40.
भारतीय जंगलों में मिलने वाले जानवरों के नाम लिखें।
उत्तर-
हाथी, गैंडे, बारासिंगा, शेर, बंदर, लंगूर, लोमड़ी, मगरमच्छ, घड़ियाल, कछुए इत्यादि।

प्रश्न 41.
किस जानवर को ‘बर्फ का बैल’ कहा जाता है ?
उत्तर-
याक को।

प्रश्न 42.
कस्तूरी किस जानवर से प्राप्त होती है ?
उत्तर-
कस्तूरी थम्मन नामक हिरन से प्राप्त होती है।

प्रश्न 43.
भारत में पक्षियों की कितनी प्रजातियां रहती हैं ?
उत्तर-
लगभग 2000 प्रजातियां।

प्रश्न 44.
शीत ऋतु में भारत आने वाले कुछ प्रवासी पक्षियों के नाम लिखें।
उत्तर-
साइबेरियाई सास, ग्रेटर फलैमिंगो, स्टालिंग, रफ्फ, रोज़ी पैलीकन, आमटील इत्यादि।

प्रश्न 45.
जंगली जीवों के लिए भारतीय बोर्ड कब तथा क्यों स्थापित किया गया था ?
उत्तर-
1972 में ताकि लोगों को जंगली जानवरों को संभालने के लिए जागृत किया जा सके।

प्रश्न 46.
आरक्षित जीव मंडल क्या है ?
उत्तर-
यह बहुउद्देशीय सुरक्षित क्षेत्र हैं जिनका कार्य ईकोसिस्टम में प्रवृत्ति की अनेकता को संभाल कर रखता है।

प्रश्न 47.
बिल को क्यों प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
बिल को कब्ज तथा दस्त ठीक करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 48.
सर्पगंधा को क्यों प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
रक्त प्रवाह में सुधार करने के लिए।

लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
जीवमंडल पर एक नोट लिखो।
उत्तर-
पृथ्वी के चार मंडल होते हैं तथा उनमें से जीव मंडल ऐसा मंडल है जहां कई प्रकार के जीव रहते हैं। यह एक जटिल क्षेत्र है जहां पर बाकी तीन मंडल आपस में मिलते हैं। क्योंकि इस मंडल में जीवन मौजूद है, इस कारण इसका हमारे जीवन में काफी महत्त्व है। इसमें बैक्टीरिया जैसे सूक्ष्मजीव से लेकर हाथी जैसे बड़े जीव रहते हैं। सभी प्रकार के जीवों को दो भागों में विभाजित किया जाता है तथा वह हैं-वनस्पति जगत् तथा प्राणी जगत्। वनस्पति जगत् को फ्लौरा कहा जाता है जिसमें प्रत्येक प्रकार की वनस्पति आ जाती है। प्राणी जगत् को फौना कहा जाता है जिसमें जीव मंडल में मौजूद सभी प्राणी आ जाते हैं।

प्रश्न 2.
प्राकृतिक वनस्पति अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग क्यों होती है ?
उत्तर-
प्राकृतिक वनस्पति अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग होती है क्योंकि प्राकृतिक वनस्पति को अलगअलग भौगोलिक तत्त्व प्रभावित करते हैं। किसी स्थान पर जिस प्रकार के भौगोलिक तत्त्व होंगे, वहां उस प्रकार की वनस्पति ही उत्पन्न होगी। प्राकृतिक वनस्पति को कई तत्त्व प्रभावित करते हैं जैसे कि:

  1. भूमि (Land)
  2. मृदा (Soil)
  3. तापमान (Temperature)
  4. वर्षा (Rainfall)
  5. सूर्य की रोशनी का समय (Duration of Sunlight)।

प्रश्न 3.
ऊष्ण सदाबहार जंगलों की विशेषताएं लिखें।
उत्तर-

  1. ऊष्ण सदाबहार जंगल वह क्षेत्र होते हैं जहां 200 सैंटीमीटर से अधिक वर्षा होती है।
  2. वृक्षों के पत्ते इकट्ठे नहीं झड़ते जिस कारण यह संपूर्ण वर्ष हरे रहते हैं।
  3. यह घने जंगल गर्म तथा नम क्षेत्रों में मिलते हैं।
  4. इन जंगलों के वृक्ष 60 मीटर से भी ऊंचे हो जाते हैं तथा घने होने के कारण यह एक छतरी (Canopy) बना लेते हैं। इस कारण कई स्थानों पर सूर्य की रोशनी भूमि तक भी नहीं पहुंच पाती।
  5. महोगनी, रोज़वुड, ऐबोनी, बांस, शीशम, सिनकोना रबड़ इत्यादि इस क्षेत्र में मिलने वाले वृक्ष हैं।
  6. यह पश्चिमी घाट की ढलानों, उत्तर पूर्वी भारत की पहाड़ियों, पश्चिमी बंगाल तथा ओडिशा के कुछ भागों, लक्षद्वीप तथा अंडमान निकोबार में मिलते हैं।

प्रश्न 4.
ऊष्ण पतझड़ी अथवा मानसूनी जगलों की कुछ विशेषताएं बताएं।
उत्तर-

  1. ऊष्ण पतझड़ी जंगल उन क्षेत्रों में होते हैं जहां 70 से 200 सैंटीमीटर तक वर्षा होती है।
  2. इन जंगलों के वृक्षों के पत्ते मौसम के अनुसार झड़ते हैं जो गर्मियों में लगभग छ: से आठ हफ्तों के बीच होता है।
  3. यह जंगल दो प्रकार के होते हैं-नम पतझड़ी जंगल (100 से 200 सैंटीमीटर वर्षा) तथा शुष्क पतझड़ी जंगल (70-100 सैंटीमीटर वर्षा)।
  4. यहां टीक, संदलवुड, साल, शीशम, देओदार, खैर, पीपल, नीम, टीक, सफैदा इत्यादि वृक्ष उगते हैं।
  5. यह सदाबहार जंगलों की तरह घने तो नहीं होते परंतु फिर भी काफी घने होते हैं।

प्रश्न 5.
पंजाब में मिलने वाली मिट्टियों (मृदाओं) के नाम बताएं।
उत्तर-
पंजाब के अलग-अलग क्षेत्रों में मिट्टी के कई प्रकार मिलते हैं जिनके नाम निम्नलिखित हैं :

  1. जलोढ़ या दरियाई मिट्टी (Alluvial or River Soil)
  2. रेतली मिट्टी (Sandy Soil)
  3. चिकनी मिट्टी (Clayey Soil)
  4. दोमट मिट्टी (Loamy Soil)
  5. पर्वतीय मिट्टी अथवा कंडी की मिट्टी (Hill Soil or Kandi Soil)
  6. सोडिक अथवा ख़ारी मिट्टी. (Sodic and Saline Soil)।

प्रश्न 6.
अंग्रेजों ने प्राकृतिक वनस्पति को बचाने के लिए कौन-से प्रयास किए ?
उत्तर-
वृक्षों की लगातार कटाई के कारण, पशुओं के चरने तथा कानूनों की कमी के कारण पंजाब में वनस्पति का क्षेत्र काफी तेजी से कम हो रहा था। इस कारण अंग्रेजों ने वनस्पति को बचाने के लिए कुछ प्रयास किए जैसे कि :

  1. जंगलों की हदबंदी की गई तथा जंगलों को कई भागों में विभाजित किया गया।
  2. जंगलों में पशुओं के चरने पर रोक लगा दी गई ताकि प्राकृतिक वनस्पति बची रह सके।
  3. कृषि को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त वनस्पति को साफ किया गयाँ तथा भूमि को कृषि योग्य बनाया गया। इससे अधिक अनाज पैदा करके जनता की आवश्यकताओं की पूर्ति की गई।

प्रश्न 7.
भारत के जंगली जीवन पर एक नोट लिखें।
उत्तर-
जो जंगली जीव, पक्षी तथा कीड़े-मकौड़े, प्राकृतिक आरण्य अर्थात् जंगलों में रहते हैं, उन्हें जंगली जीवन कहा जाता है। भारत में कई प्रकार की प्राकृतिक स्थितियों के मिलने के कारण तथा मिट्टी के प्रकार के अंतर होने के कारण यहां कई प्रकार के प्राकृतिक आरण्य मिलते हैं। इस कारण यहां जंगली जीवन भी कई प्रकार का मिलता है। भारत में 89,000 से अधिक जानवरों की प्रजातियां मिलती हैं जोकि संसार में मिलने वाले जानवरों की प्रजातियों का लगभग 6.5% बनता है। इस प्रकार हमारे देश में पक्षियों की 2000 प्रजातियां, मछलियों की 2546 प्रजातियां, रेंगने वाले जीवों की 458 प्रजातियां तथा कीड़े-मकौड़ों की 60,000 से भी अधिक प्रजातियां मिल जाती हैं।

प्रश्न 8.
भारत में सर्दियों में कौन-से प्रवासी पक्षी आते हैं ?
उत्तर-
सर्दियों में कई अन्य देशों से प्रवासी पक्षी हमारे देश में आते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं :

  1. ग्रेटर फलैमिंगो
  2. साइबेरिआई सारस
  3. काले पंखों वाली स्टिलट
  4. आम ग्रीन सारक
  5. रफ़ल
  6. रोज़ी पैलीकन
  7. लांगबिल्ड।
  8. आम टील
  9. गढ़वाल।

प्रश्न 9.
भारत में गर्मियों में आने वाले प्रवासी पक्षियों के नाम लिखें।
उत्तर-
भारत में गर्मियों में कई प्रकार के प्रवासी पक्षी आते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं :

1. ब्लु चीकड बी ईटर
2. कूम्ब डक
3. कुकु (कोयल)
4. ब्लु टेल्ड बी ईटर
5. युरेशियन गोलफन ओरीओल
6. एशियन कोयल।
7. ब्लैक क्राऊनड नाइट हैरोन।

प्रश्न 10.
जंगली जीवों को बचाने के सरकारी प्रयासों का वर्णन करें।
उत्तर-

  1. 1952 में सरकार ने जंगली जीवों के लिए भारतीय बोर्ड का गठन किया जिसका कार्य सरकार को जीवों को संभालने की सलाह देना, लोगों को जंगली जानवरों को संभालने के लिए जागृत करना तथा जंगली जीव अभ्यारण्य इत्यादि का निर्माण करना है।
  2. 1972 में जंगली जीव सुरक्षा कानून बनाया गया ताकि खत्म होने की कगार तक पहुंच चुके जंगली जीवों की संभाल तथा उनका शिकारियों से बचाव किया जा सके।
  3. देश में कई आरक्षित जीव मंडल (Biosphere Reserves) का निर्माण किया गया ताकि जानवरों की अनेकता को संभाल कर रखा जा सके। अब तक 18 आरक्षित जीव मंडल बनाए जा चुके हैं।
  4. जंगली जीवों को बचाने के लिए तथा उन्हें संभालने के लिए देश में 103 राष्ट्रीय उद्यान तथा 555 जंगली जीव अभ्यारण्य बन चुके हैं जहां शिकार करना गैर कानूनी है।

प्रश्न 11.
हमारी प्राकृतिक वनस्पति का वास्तव में प्राकृतिक न रहने के क्या कारण हैं ?
उत्तर-
हमारी प्राकृतिक वनस्पति वास्तव में प्राकृतिक नहीं रही। यह केवल देश के कुछ ही भागों में दिखाई पड़ती है। अन्य भागों में इसका बहुत बड़ा भाग या तो नष्ट हो गया है या फिर नष्ट हो रहा है। इसके निम्नलिखित कारण हैं

  1. तेजी से बढ़ती हुई हमारी जनसंख्या
  2. परंपरागत कृषि विकास की प्रथा
  3. चरागाहों का विनाश या अति चराई
  4. ईंधन व इमारती लकड़ी के लिए वनों का अंधाधुंध कटाव
  5. विदेशी पौधों में बढ़ती हुई संख्या।

प्रश्न 12.
देश के वन क्षेत्र का क्षेत्रीय तथा राज्यों के स्तर पर वर्णन कीजिए।
उत्तर-
देश के विकास तथा वातावरण के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए देश की कम-से-कम 33 प्रतिशत भूमि पर वन अवश्य होने चाहिएं। परंतु भारत की केवल 22.7 प्रतिशत भूमि ही वनों के अधीन है। राज्यों के स्तर पर इसका वितरण बहुत ही असमान है, जो निम्नलिखित ब्योरे से स्पष्ट है-

  1. त्रिपुरा (59.6%), हिमाचल प्रदेश (48.1%), अरुणाचल प्रदेश (45.8%), मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ (32.9%) तथा असम (29.3%) में अपेक्षाकृत अधिक वन क्षेत्र हैं।
  2. पंजाब (2.3%), राजस्थान (3.6%), गुजरात (8.8%), हरियाणा (12.1%), पश्चिमी बंगाल (12.5%) तथा उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में 15% से भी कम भूमि वनों के अधीन है।
  3. केंद्रीय शासित प्रदेशों में अंडमान व निकोबार द्वीप समूह में सबसे अधिक (94.6%) तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में सबसे कम (2.1%) वन क्षेत्र हैं।

PSEB 9th Class Social Science Guide भारत आकार व स्थिति Important Questions and Answers (4)

प्रश्न 13.
पतझड़ या मानसूनी वनस्पति पर संक्षेप में टिप्पणी लिखें।
उत्तर-
वह वनस्पति जो ग्रीष्म ऋतु के शुरू होने से पहले अधिक वाष्पीकरण को रोकने के लिए अपने पत्ते गिरा देती है, पतझड़ या मानसून की वनस्पति कहलाती है। इस वनस्पति को वर्षा के आधार पर आई व आर्द्र-शुष्क दो उपभागों में बांटा जा सकता है।

  1. आई पतझड़ वन-इस तरह की वनस्पति उन चार बड़े क्षेत्रों में पाई जाती है, जहां पर वार्षिक वर्षा 100 से 200 से० मी० तक होती है।
    इन क्षेत्रों में पेड़ कम सघन होते हैं परंतु इनकी ऊंचाई 30 मीटर तक पहुंच जाती है। साल, शीशम, सागौन, टीक, चंदन, जामुन, अमलतास, हलदू, महुआ, शारबू, ऐबोनी, शहतूत इन वनों के प्रमुख वृक्ष हैं। .
  2. शुष्क पतझड़ी वनस्पति-इस प्रकार की वनस्पति 50 से 100 सें. मी. से कम वर्षा वाले क्षेत्रों में मिलती है।
    इसकी लंबी पट्टी पंजाब से आरंभ होकर दक्षिण के पठार के मध्यवर्ती भाग के आस-पास के क्षेत्रों तक फैली हुई है। बबूल, बरगद, हलदू यहां के मुख्य वृक्ष हैं।

प्रश्न 14.
पूर्वी हिमालय में किस प्रकार की वनस्पति मिलती है ?
उत्तर-
पूर्वी हिमालय में 4000 किस्म के फूल और 250 किस्म की फर्न मिलती है। यहां की वनस्पति पर ऊंचाई के बढ़ने से तापमान और वर्षा में आए अंतर का गहरा प्रभाव पड़ता है।

  1. यहां 1200 मीटर की ऊंचाई तक पतझड़ी वनस्पति के मिश्रित वृक्ष अधिक मिलते हैं।
  2. यहां 1200 से लेकर 2000 मीटर की ऊंचाई तक घने सदाबहार वन मिलते हैं। साल और मैंगनोलिया इन वनों के प्रमुख वृक्ष हैं। इनमें दालचीनी, अमूरा, चिनोली तथा दिलेनीआ के वृक्ष भी मिलते हैं। .
  3. यहां पर 2000 से 2500 मीटर की ऊंचाई तक तापमान कम हो जाने के कारण शीतोष्ण प्रकार (Temperate type) की वनस्पति पाई जाती है। इसमें ओक, चेस्टनट, लॉरेल, बर्च, मैपल तथा ओलढर जैसे चौड़ी पत्ती वाले वृक्ष मिलते हैं।

प्रश्न 15.
प्राकृतिक वनस्पति के अंधाधुंध कटाव से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
प्राकृतिक वनस्पति का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है। परंतु पिछले कुछ वर्षों में प्राकृतिक वनस्पति की अंधाधुंध कटाई की गई है। इस कटाई से हमें निम्नलिखित हानियां हुई हैं

  1. प्राकृतिक वनस्पति की कटाई से वातावरण का संतुलन बिगड़ गया है।
  2. पहाड़ी ढलानों और मैदानी क्षेत्रों के वनस्पति विहीन होने के कारण बाढ़ व मृदा अपरदन की समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं।
  3. पंजाब के उत्तरी भागों में शिवालिक पर्वतमालाओं के निचले भाग में बहने वाले बरसाती नालों के क्षेत्रों में वनकटाव से भूमि कटाव की समस्या के कारण बंजर जमीन में वृद्धि हुई है।
  4. मैदानी क्षेत्रों का जल-स्तर भी प्रभावित हुआ है जिससे कृषि को सिंचाई की समस्या से जूझना पड़ रहा है।

प्रश्न 16.
मिट्टी कटाव के कारणों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-
मिट्टी का कटाव मुख्य रूप से दो कारणों से होता है-

  1. भौतिक क्रियाओं द्वारा तथा मानव क्रियाओं द्वारा। आज के समय में मानव क्रियाओं से मिट्टियों के कटाव की प्रक्रिया बढ़ती जा रही है।
  2. भौतिक तत्त्वों में उच्च तापमान, बर्फीले तूफान, तेज़ हवाएं, मूसलाधार वर्षा तथा तीव्र ढलानों की गणना होती है। ये मिट्टियों के कटाव के प्रमुख कारक हैं। मानवीय क्रियाओं में जंगलों की कटाई, पशुओं की बेरोकटोक चराई, स्थानांतरी कृषि की दोषपूर्ण पद्धति, खानों की खुदाई आदि तत्त्व आते हैं।

प्रश्न 17.
शुष्क पतझड़ी वनस्पति पर संक्षिप्त नोट लिखो।
उत्तर-
इस प्रकार की वनस्पति 50 से 100 से० मी० से कम वर्षा वाले क्षेत्रों में मिलती है।
क्षेत्र-इसकी एक लंबी पट्टी पंजाब से लेकर हरियाणा, दक्षिण-पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, काठियावाड़, दक्षिण के पठार के मध्यवर्ती भाग के आस-पास के क्षेत्रों में फैली हुई है।
प्रमुख वृक्ष-इस वनस्पति में शीशम या टाहली, बबूल, बरगद, हलदू जैसे वृक्ष प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें चंदन, महुआ, सीरस तथा सागवान जैसे कीमती वृक्ष भी मिलते हैं। ये वृक्ष प्रायः गर्मियां शुरू होते ही अपने पत्ते गिरा देते हैं।

प्रश्न 18.
वन्य प्राणियों की रक्षा करना प्रत्येक नागरिक का कर्त्तव्य क्यों है ?
उत्तर-
हमारे वनों में बहुत-से महत्त्वपूर्ण पशु-पक्षी पाए जाते हैं। परंतु खेद की बात यह है कि पक्षियों और जानवरों की अनेक जातियां हमारे देश से लुप्त हो चुकी हैं। अत: वन्य प्राणियों की रक्षा करना हमारे लिए बहुत आवश्यक है। मनुष्य ने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए वनों को काटकर तथा जानवरों का शिकार करके दुःखदायी स्थिति उत्पन्न कर दी है। आज गैंडा, चीता, बंदर, शेर और सारंग नामक पशु-पक्षी बहुत ही कम संख्या में मिलते हैं। इसलिए प्रत्येक नागरिक का यह कर्त्तव्य है कि वह वन्य प्राणियों की रक्षा करे।

प्रश्न 19.
हमारे जीवन में पशुओं का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
हमारे देश में विशाल पशु धन पाया जाता है, जिन्हें किसान अपने खेतों पर पालते हैं। पशुओं से किसान को गोबर प्राप्त होता है, जो मृदा की उर्वरता को बनाए रखने में उसकी सहायता करता है। पहले किसान गोबर को ईंधन के रूप में प्रयोग करते थे, परंतु अब प्रगतिशील किसान गोबर को ईंधन और खाद दोनों रूपों में प्रयोग करते हैं। खेत में गोबर को उर्वरक के रूप में प्रयोग करने से पहले वे उससे गैस बनाते हैं जिस पर वे खाना बनाते हैं और रोशनी प्राप्त करते हैं। पशुओं की खालें बड़े पैमाने पर निर्यात की जाती हैं। पशुओं से हमें ऊन प्राप्त होती है।

प्रश्न 20.
वन्य जीवों के संरक्षण पर एक संक्षेप टिप्पणी लिखें।
उत्तर-
वन्य जीवों का संरक्षण-भारत में विभिन्न प्रकार के वन्य जीव पाए जाते हैं। उनकी उचित देखभाल न होने से जीवों की कई एक जातियां या तो लुप्त हो गई हैं या लुप्त होने वाली हैं। इन जीवों के महत्त्व को देखते हुए अब इनकी सुरक्षा और संरक्षण के उपाय किये जा रहे हैं। नीलगिरि में भारत का पहला जीव आरक्षित क्षेत्र स्थापित किया गया। यह कर्नाटक, तमिलनाडु तथा केरल के सीमावर्ती क्षेत्रों में फैला हुआ है। इसकी स्थापना 1986 में की गई थी। नीलगिरि के पश्चात् 1988 ई० में उत्तराखंड (वर्तमान) में नंदा देवी का जीव आरक्षित क्षेत्र बनाया गया। उसी वर्ष मेघालय में तीसरा ऐसा ही क्षेत्र स्थापित किया गया। एक और जीव आरक्षित क्षेत्र अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह में स्थापित किया गया है। इन जीव आरक्षित क्षेत्रों के अतिरिक्त भारत सरकार द्वारा अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, गुजरात तथा असम में भी जीव आरक्षित क्षेत्र स्थापित किए गए हैं।

दीर्घ उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
“देश में उष्ण सदाबहार वनस्पति से लेकर अल्पाइन वनस्पति तक का क्रम मिलता है।” इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर-
भारत की वनस्पति में व्यापक विविधता देखने को मिलती है। इसका मुख्य कारण है-देश में पाई जाने वाली विविध प्रकार की जलवायु दशाएं तथा धरातलीय असमानता। केवल पर्वतीय क्षेत्रों में ही ऊंचाई के साथ-साथ एक के बाद एक वनस्पति क्षेत्र पाए जाते हैं। यहां उष्ण सदाबहार वनस्पति से लेकर अल्पाइन वनस्पति तक देखने को मिलती है। निम्नलिखित विवरण से यह बात स्पष्ट हो जाएगी-

  1. शिवालिक श्रेणियों के वन-हिमालय की गिरिपाद शिवालिक श्रेणियों में ऊष्ण कटिबंधीय आर्द्र पर्णपाती वन पाए जाते हैं। आर्थिक दृष्टि से इन वनों का सबसे महत्त्वपूर्ण वृक्ष साल हैं। यहां पर बांस भी बहुत होता है।
  2. 1200 से 2000 मीटर की ऊंचाई पर पाए जाने वाले वन-समुद्र तल से 1200 से लेकर 2000 मीटर तक की ऊंचाई पर घने सदाबहार वन पाए जाते हैं। इन वनों में सदा हरित चौड़ी पत्ती वाले साल तथा चेस्टनट के वृक्ष सामान्य रूप में मिलते हैं। ऐश तथा बीच इन वनों के अन्य वृक्ष हैं।
  3. 2000 से 2500 मीटर की ऊंचाई पर पाये जाने वाले वन-समुद्र तल से 2000 से लेकर 2500 मीटर की ऊंचाई तक शीतोष्ण कटिबंध के शंकुधारी वन पाए जाते हैं। इन वनों में मुख्य रूप से बीच, चीड़, सीडर, सिल्वर, फ़र तथा स्परूस के वृक्ष मिलते हैं। हिमालय की आंतरिक श्रेणियों में तथा अपेक्षाकृत शुष्क भागों में देवदार का वृक्ष भलीभांति पनपता है।
  4. 2500 मीटर से अधिक ऊंचाई पर पाये जाने वाले वन-समुद्र तल से 2500 मीटर से अधिक ऊंचाई पर अल्पाइन वन पाये जाते हैं। सिल्वर, फ़र, चीड़, भुर्ज (बर्च) तथा जूनिपर (हपूशा) इन वनों के प्रमुख वृक्ष हैं। इसके पश्चात् अल्पाइन वनों का स्थान झाड़ियां, गुल्म तथा घास-भूमियां ले लेती हैं।
    दक्षिणी पठार के पहाड़ी भागों में भी पर्वतीय वनस्पति मिलती है। यहां के नीलगिरि पर्वतीय क्षेत्रों में 200 सें० मी० से अधिक वर्षा होती है। इसी कारण यहां पर चौड़े-पत्तों वाले सदाबहार वन 1800 मीटर तक की ऊंचाई पर मिल जाते हैं। दक्षिण भारत में इनको ‘शोला वन’ कहा जाता है। इनमें जामुन, मैचीलस, मैलियोसोमा, सैलटिस आदि प्रमुख वृक्ष हैं। परंतु 1800 से 3000 की ऊंचाई पर शीतोष्ण कोणधारी वनस्पति मिलती है। इसमें सिल्वर, फर, चीड़, बर्च, पीला चम्पा जैसे वृक्ष मिलते हैं। इससे अधिक ऊंचाई पर छोटी-छोटी घास मिलती है।

प्रश्न 2.
प्राकृतिक वनस्पति (वनों) के लाभों का वर्णन करो।
उत्तर-
प्राकृतिक वनस्पति से हमें कई प्रत्यक्ष तथा परोक्ष लाभ होते हैं।
प्रत्यक्ष लाभ-प्राकृतिक वनस्पति से होने वाले प्रत्यक्ष लाभों का वर्णन इस प्रकार है-

  1. वनों से हमें कई प्रकार की लकड़ी प्राप्त होती है, जिसका प्रयोग इमारतें, फ़र्नीचर, लकड़ी-कोयला इत्यादि बनाने में होता है। इसका प्रयोग ईंधन के रूप में भी होता है।
  2. खैर, सिनकोना, कुनीन, बहेड़ा व आंवले से कई प्रकार की औषधियां तैयार की जाती हैं।
  3. मैंग्रोव, कंच, गैंबीअर, हरड़, बहेड़ा, आंवला और बबूल इत्यादि के पत्ते, छिलके व फलों को सूखाकर चमड़ा रंगने का पदार्थ तैयार किया जाता है।
  4. पलाश व पीपल से लाख, शहतूत से रेशम, चंदन से तुंग व तेल और साल से धूपबत्ती व बिरोज़ा तैयार किया जाता है।

परोक्ष लाभ-प्राकृतिक वनस्पति से हमें निम्नलिखित परोक्ष लाभ होते हैं-

  1. वन जलवायु पर नियंत्रण रखते हैं। सघन वन गर्मियों में तापमान को बढ़ने से रोकते हैं तथा सर्दियों में तापमान को बढ़ा देते हैं।
  2. सघन वनस्पति की जड़ें बहते हुए पानी की गति को कम करने में सहायता करती हैं। इससे बाढ़ का प्रकोप कम हो जाता है। दूसरे जड़ों द्वारा रोका गया पानी भूमि के अंदर समा लिए जाने से भूमिगत जल-स्तर (Water-table) ऊंचा उठ जाता है। वहीं दूसरी ओर धरातल पर पानी की मात्रा कम हो जाने से पानी नदियों में आसानी से बहता रहता है।
  3. वृक्षों की जड़ें मिट्टी की जकड़न को मज़बूत किए रहती हैं और मिट्टी के कटाव को रोकती हैं।
  4. वनस्पति के सूखकर गिरने से जीवांश के रूप में मिट्टी को हरी खाद मिलती है।
  5. हरी-भरी वनस्पति बहुत ही मनोरम दृश्य प्रस्तुत करती है। इससे आकर्षित होकर लोग सघन वन क्षेत्रों में यात्रा, शिकार तथा मानसिक शांति के लिए जाते हैं। कई विदेशी पर्यटक भी वन-क्षेत्रों में बने पर्यटन केंद्रों पर आते हैं। इससे सरकार को विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है।
  6. सघन वन अनेक उद्योगों के आधार हैं। इनमें से कागज़, लाख, दियासिलाई, रेशम, खेलों का सामान, प्लाईवुड, गोंद, बिरोज़ा इत्यादि उद्योग प्रमुख हैं।

प्रश्न 3.
भारतीय मिट्टियों की किस्मों एवं विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
भारत में कई प्रकार की मिट्टियां पाई जाती हैं। इनके गुणों के आधार पर इन्हें निम्नलिखित वर्गों में बांटा जा सकता है-

  1. जलोढ़ मिट्टी (Alluvial Soil) भारत में जलोढ़ मिट्टी उत्तरी मैदान, राजस्थान, गुजरात तथा दक्षिण के तटीय मैदानों में सामान्य रूप से मिलती है। इसमें रेत, गाद तथा मृत्तिका मिली होती है। जलोढ़ मिट्टी दो प्रकार की होती हैखादर तथा बांगर।
    जलोढ़ मिट्टियां सामान्यतः सबसे अधिक उपजाऊ होती हैं। इन मिट्टियों में पोटाश, फॉस्फोरस अम्ल तथा चूना पर्याप्त मात्रा में होता है। परंतु इनमें नाइट्रोजन तथा जैविक पदार्थों की कमी होती है।-
  2. काली अथवा रेगड़ मिट्टी (Black Soil)—इस मिट्टी का निर्माण लावा के प्रवाह से हुआ है। यह मिट्टी कपास की फसल के लिए बहुत लाभदायक है। अतः इसे कपास वाली मिट्टी भी कहा जाता है। इस मिट्टी का स्थानीय नाम ‘रेगड़’ है। यह मिट्टी दक्कन ट्रैप प्रदेश की प्रमुख मिट्टी है। यह पश्चिम में मुंबई से लेकर पूर्व में अमरकंटक पठार, उत्तर में गुना (मध्य प्रदेश) और दक्षिण में बेलगाम तक त्रिभुजाकार क्षेत्र में फैली हुई है।
    काली मिट्टी नमी को अधिक समय तक धारण कर सकती है। इस मृदा में लौह, पोटाश, चूना, एल्यूमीनियम तथा मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है। परंतु नाइट्रोजन, फॉस्फोरस तथा जीवांश की मात्रा कम होती है।
  3. लाल मिट्टी (Red Soil)-इस मिट्टी का लाल रंग लोहे के रवेदार तथा परिवर्तित चट्टानों में बदल जाने के कारण होता है। इसका विस्तार तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, दक्षिणी बिहार, झारखंड, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा उत्तरी-पूर्वी पर्वतीय राज्यों में है। लाल मिट्टी में नाइट्रोजन तथा चूने की कमी, परंतु मैग्नीशियम, एल्यूमीनियम तथा लोहे की मात्रा अधिक होती है।।
  4. लैटराइट मिट्टी (Laterite Soil) इस मिट्टी में नाइट्रोजन, चूना तथा पोटाश की कमी होती है। इसमें लोहे तथा एल्यूमीनियम ऑक्साइड की मात्रा अधिक होने के कारण इसका स्वभाव तेज़ाबी हो जाता है। इसका विस्तार विंध्याचल, सतपुड़ा के साथ लगे मध्य प्रदेश, ओडिशा पश्चिमी बंगाल की बैसाल्टिक पर्वतीय चोटियों, दक्षिणी महाराष्ट्र तथा उत्तर-पूर्व में शिलांग के पठार के उत्तरी तथा पूर्वी भाग में है।
  5. मरुस्थलीय मिट्टी (Desert Soil)—इस मिट्टी का विस्तार पश्चिम में सिंधु नदी से लेकर पूर्व में अरावली पर्वतों तक है। यह राजस्थान, दक्षिणी पंजाब व दक्षिणी हरियाणा में फैली हुई है। इसमें घुलनशील नमक की मात्रा अधिक होती है। परंतु इसमें नाइट्रोजन तथा ह्यूमस की बहुत कमी होती है। इसमें 92% रेत व 8% चिकनी मिट्टी का अंश होता है। इसमें सिंचाई की सहायता से बाजरा, ज्वार, कपास, गेहूं, सब्जियां आदि उगाई जा रही हैं।
  6. खारी व तेजाबी मिट्टी (Saline & Alkaline Soil)—यह उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा व पंजाब के दक्षिणी भागों में छोटे-छोटे टुकड़ों में मिलती है। खारी मिट्टियों से सोडियम भरपूर मात्रा में मिलता है। तेज़ाबी मिट्टी में कैल्शियम व नाइट्रोजन की कमी होती है। इसी लवणीय मिट्टी को उत्तर प्रदेश में औसढ़’ या ‘रेह’, पंजाब में ‘कल्लर’ या ‘थुड़’ तथा अन्य भागों में ‘रक्कड़’ कार्ल और ‘छोपां’ मिट्टी भी कहा जाता है।
  7. पीट एवं दलदली मिट्टी (Peat & Marshy Soil)-इसका विस्तार सुंदरवन डेल्टा, उड़ीसा के तटवर्ती क्षेत्र, तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी तटवर्ती भाग, मध्यवर्ती बिहार तथा उत्तराखंड के अल्मोड़ा में है। इसका रंग जैविक पदार्थों की अधिकता के कारण काला तथा तेजाबी स्वभाव वाला होता है। जैविक पदार्थों की अधिकता के कारण कहीं-कहीं इसका रंग नीला भी है।
  8. पर्वतीय मिट्टी (Mountain Soil)—इस मिट्टी में रेत, पत्थर तथा बजरी की मात्रा अधिक होती है। इसमें चूना कम लेकिन लोहे की मात्रा अधिक होती है। यह चाय की खेती के लिए अनुकूल होती है। इसका विस्तार असम, लद्दाख, लाहौल-स्पीति, किन्नौर, दार्जिलिंग, देहरादून, अल्मोड़ा, गढ़वाल व दक्षिण में नीलगिरि के पर्वतीय क्षेत्र में है।

प्रश्न 4.
भारत में पाये जाने वाले वन्य प्राणियों का वर्णन करो।
उत्तर-
वनस्पति की भांति ही हमारे देश के जीव-जंतुओं में भी बड़ी विविधता है। भारत में इनकी 81,000 जातियां पाई जाती हैं। देश के ताज़े और खारे पानी में 2500 जातियों की मछलियां मिलती हैं। इसी प्रकार यहां पर पक्षियों की भी 2000 जातियां पाई जाती हैं। मुख्य रूप से भारत के वन्य प्राणियों का वर्णन इस प्रकार है-

  1. हाथी-हाथी राजसी ठाठ-बाठ वाला पशु है। यह ऊष्ण आर्द्र वनों का पशु है। यह असम, केरल तथा कर्नाटक के जंगलों में पाया जाता है। इन स्थानों पर भारी वर्षा के कारण बहुत घने वन मिलते हैं।
  2. ऊंट-ऊंट गर्म तथा शुष्क मरुस्थलों में पाया जाता है।
  3. जंगली गधा-जंगली गधे कच्छ के रण में मिलते हैं।
  4. एक सींग वाला गैंडा-एक सींग वाले गैंडे असम और पश्चिमी बंगाल के उत्तरी भागों के दलदली क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
  5. बंदर-भारत में बंदरों की अनेक जातियां मिलती हैं। इनमें से लंगूर सामान्य रूप से पाया जाता है। पूंछ वाला बन्दर (मकाक) बड़ा ही विचित्र जीव है। इसके मुंह पर चारों ओर बाल उगे होते हैं जो एक प्रभामण्डल के समान दिखाई देते हैं।
  6. हिरण-भारत में हिरणों की अनेक जातियां पाई जाती हैं। इनमें चौसिंघा, काला हिरण, चिंकारा तथा सामान्य हिरण प्रमुख हैं। यहां हिरणों की कुछ अन्य जातियां भी मिलती हैं। इनमें कश्मीरी बारहसिंघा, दलदली मृग, चित्तीदार मृग, कस्तूरी मृग तथा मूषक मृग उल्लेखनीय हैं।
  7. शिकारी जंतु-शिकारी जंतुओं में भारतीय सिंह का विशिष्ट स्थान है। अफ्रीका के अतिरिक्त यह केवल भारत में ही मिलता है। इसका प्राकृतिक आवास गुजरात में सौराष्ट्र के गिर वनों में है। अन्य शिकारी पशुओं में शेर, तेंदुआ, लामचिता (क्लाउडेड लियोपार्ड) तथा हिम तेंदुआ प्रमुख हैं।
  8. अन्य जीव-जंतु-हिमालय की श्रृंखलाओं में भी अनेक प्रकार के जीव-जंतु रहते हैं। इनमें जंगली भेड़ें तथा पहाड़ी बकरियां विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। भारतीय जंतुओं में भारतीय मोर, भारतीय भैंसा तथा नील गाय प्रमुख हैं। भारत सरकार कुछ जातियों के जीव-जंतुओं के संरक्षण के लिए विशेष प्रयत्न कर रही है।

प्राकृतिक वनस्पति तथा जंगली जीवन Notes

  • पृथ्वी के चार मंडल – पृथ्वी एक ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन मौजूद है। इसके चार मंडल हैं थलमंडल, वायुमंडल, जलमंडल तथा जीवमंडल। जीवमंडल में कई प्रकार के जीव रहते हैं। किसी क्षेत्र में मौजूद सभी प्राणियों को फौना तथा वनस्पति को फलौरा कहा जाता है।
  • प्राकृतिक वनस्पति – मनुष्य में हस्तक्षेप के बिना उगने वाली वनस्पति को प्राकृतिक वनस्पति कहा जाता है। यह स्वयं ही अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार विकसित हो जाती है।
  • प्राकृतिक वनस्पति के लिए उत्तरदायी तत्व – किसी भी क्षेत्र की प्राकृतिक वनस्पति के लिए कई प्रकार के भौगोलिक तत्व उत्तरदायी होते हैं जैसे कि भूमि, मिट्टी, तापमान, सूर्य की रोशनी, वर्षा इत्यादि।
  • पौधों की विविधता – भारत की प्राकृतिक वनस्पति में वन, घास-भूमियां तथा झाड़ियां सम्मिलित हैं। भारत में पौधों की 45,000 जातियां पाई जाती हैं।
  • वनस्पति प्रदेश – हिमालय प्रदेश को छोड़कर भारत के चार प्रमुख वनस्पति क्षेत्र हैं-उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन, उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन, कंटीले वन और झाड़ियां तथा ज्वारीय वन|
  • पर्वतीय प्रदेशों में वनस्पति की पेटियां – पर्वतीय प्रदेशों में उष्णकटिबंधीय वनस्पति से लेकर ध्रुवीय वनस्पति तक सभी प्रकार की वनस्पति बारी-बारी से मिलती है। ये सभी पेटियां केवल छ: किलोमीटर की ऊंचाई में ही समाई हुई हैं।
  • जीव-जंतु – हमारे देश में जीव-जंतुओं की लगभग 89000 जातियां मिलती हैं। देश के ताज़े और खारे पानी में 2546 प्रकार की मछलियां पाई जाती हैं। यहां पक्षियों की भी 2,000 जातियां हैं।
  • जैव-विविधता की सुरक्षा और संरक्षण – जैव सुरक्षा के उद्देश्य से देश में 103 राष्ट्रीय उद्यान, 544 वन्य प्राणी अभ्यारण्य तथा 177 प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) बनाए गए हैं।
  • मृदा (मिट्टी) – मूल शैलों के विखंडित पदार्थों से मिट्टी बनती है। तापमान, प्रवाहित जल, पवन इत्यादि तत्त्व इसके विकास में सहायता करते हैं।
  • पंजाब की मृदाएं – पंजाब में कई प्रकार की मृदाएं या मिट्टियां पाई जाती हैं जैसे कि जलोढ मिट्टी, चिकनी मिट्टी, दोमट मिट्टी, पर्वतीय मिट्टी, सोडिक और खारी मिट्टी इत्यादि।
  • पंजाब की प्राकृतिक वनस्पति – पंजाब में कई प्रकार की मिट्टी मिलने के कारण यहां पर कई प्रकार की वनस्पति भी मिल जाती है जैसे कि हिमालय प्रकार की आर्द्र शीत उष्ण वनस्पति, उपउष्णचील वनस्पति, उपउष्ण झाड़ीदार पर्वतीय वनस्पति, उष्ण शुष्क पतझड़ी वनस्पति तथा उष्ण कांटेदार वनस्पति।
  • जंगलों का महत्त्व – जंगलों का हमारे लिए काफी महत्त्व है जैसे कि जंगलों से हमें लकड़ी मिलती है, जंगल वर्षा करवाने तथा भूमि क्षरण को रोकते हैं, यह हमें आक्सीजन देते हैं, यह हमारे वातावरण को स्वस्थ बनाते हैं इत्यादि।
  • प्रवासी पक्षी – हमारे देश में कई प्रकार के प्रवासी पक्षी भी आते हैं जैसे कि साइबेरिआई सारस, आमटील, गड़वाल, स्टालिंग, कुंब डक, ऐशियाई कोयल इत्यादि।
  • औषधिक पौधे – हमारे देश में बहुत-से ऐसे पौधे मिलते हैं जो दवाइयां बनाने में सहायता करते हैं जैसे कि आंवला, सर्पगंधा, तुलसी, नीम, चंदन, बिल, जामुन इत्यादि।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 14 हस्तशिल्प तथा उद्योग

Punjab State Board PSEB 8th Class Social Science Book Solutions History Chapter 14 हस्तशिल्प तथा उद्योग Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 14 हस्तशिल्प तथा उद्योग

SST Guide for Class 8 PSEB हस्तशिल्प तथा उद्योग Textbook Questions and Answers

I. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखें :

प्रश्न 1.
भारत के लघु (छोटे) उद्योगों के पतन के कोई दो कारण लिखें।
उत्तर-

  1. इन उद्योगों के मुख्य संरक्षक देशी रियासतों के राजा, उनके परिवार के सदस्य तथा उनके अधिकारी और कर्मचारी थे। जब देशी रियासतों की समाप्ति शुरू हो गई तो पुराने उद्योगों को स्वाभाविक रूप से धक्का लगा।
  2. भारत के लघु उद्योगों में बनी वस्तुएं नई श्रेणी के लोगों को पसन्द नहीं थीं। वे अंग्रेज़ों के प्रभाव में थे। अत: इन्हें यूरोप की वस्तुएं भारत की वस्तुओं की अपेक्षा अधिक अच्छी लगती थीं।

प्रश्न 2.
भारत के लघु उद्योगों के द्वारा तैयार की गई वस्तुओं का मूल्य अधिक क्यों होता था ? .
उत्तर-
भारत के लघु उद्योगों द्वारा तैयार की गई वस्तुओं का मूल्य इसलिए अधिक होता था, क्योंकि इन्हें तैयार करने के लिए अधिक परिश्रम करना पड़ता था।

प्रश्न 3.
भारत में सूती कपड़े का प्रथम उद्योग कब तथा कहां स्थापित हुआ ?
उत्तर-
भारत में सूती कपड़े का प्रथम उद्योग (कारखाना) 1853 ई० में मुम्बई में स्थापित हुआ।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 14 हस्तशिल्प तथा उद्योग

प्रश्न 4.
भारत में पहला पटसन उद्योग कब तथा कहां लगाया गया ?
उत्तर-
भारत में पहला पटसन उद्योग 1854 ई० में सीरमपुर (बंगाल) में लगाया गया।

प्रश्न 5.
भारत में कॉफी का पहला बाग कब तथा कहां लगाया गया ?
उत्तर-
भारत में कॉफी का पहला बाग 1840 ई० में दक्षिण भारत में लगाया गया।

प्रश्न 6.
चाय का पहला बाग कब तथा कहां लगाया गया ?
उत्तर-
चाय का पहला बाग़ 1852 ई० में असम में लगाया गया।

प्रश्न 7.
19वीं सदी में लघु उद्योगों के पतन के बारे में लिखें।
उत्तर-
भारत में अंग्रेजी शासन की स्थापना से पहले भारत के गांव आत्म-निर्भर थे। गांवों के लोग जैसे कि लोहार, जुलाहे, किसान, बढ़ई, चर्मकार, कुम्हार आदि मिलकर गांव की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वस्तुएं तैयार कर लेते थे। उनकी दस्तकारियां या लघु उद्योग उनकी आय के साधन होते थे। परन्तु अंग्रेज़ी शासन की स्थापना होने के कारण गांवों के लोग भी अंग्रेज़ी कारखानों में तैयार की गई वस्तुओं का उपयोग करने लगे क्योंकि वे बढ़िया एवं सस्ती होती थीं। अतः भारत के नगरों एवं गांवों के लघु उद्योगों का पतन होने लगा और कारीगर (शिल्पकार) बेकार हो गये।

प्रश्न 8.
आधुनिक भारतीय उद्योगों के महत्त्व के बारे में लिखें।
उत्तर-
भारत में आधुनिक उद्योगों के विकास से आर्थिक एवं सामाजिक जीवन पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़े। इसके परिणामस्वरूप समाज में दो श्रेणियों का जन्म हुआ-पूंजीपति तथा मज़दूर। पूंजीपति मजदूरों का अधिक-से-अधिक शोषण करने लगे। वे मजदूरों से अधिक-से-अधिक काम ले कर कम-से-कम पैसे देते थे। अत: सरकार ने मजदूरों की दशा सुधारने के लिए फैक्टरी-एक्ट पास किये। औद्योगिक विकास होने के कारण कई नये नगरों का निर्माण भी हुआ। ये नगर आधुनिक जीवन एवं संस्कृति के केन्द्र बने।

प्रश्न 9.
नील उद्योग पर नोट लिखें।
उत्तर-
अंग्रेजों को इंग्लैंड में अपने कपड़ा उद्योग के लिए नील की आवश्यकता थी। अतः उन्होंने भारत में नील की खेती को बढ़ावा दिया। इसका आरम्भ 18वीं शताब्दी के अन्त में बिहार तथा बंगाल में हुआ। नील के अधिकतर बड़े-बड़े बाग यूरोप वालों ने लगाए, जहां भारतीयों को काम पर लगाया गया। 1825 में नील की खेती के अधीन 35 लाख बीघा भूमि थी। परन्तु 1879 ई० में नकली नील तैयार होने के कारण नील की खेती में कमी आने लगी। परिणामस्वरूप 1915 ई० तक नील की खेती के अधीन केवल 3-4 लाख बीघा जमीन ही रह गई।

प्रश्न 10.
कोयले की खानों पर नोट लिखें।
उत्तर-
भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित सभी नये कारखाने कोयले से चलते थे। रेलों के लिए भी कोयला चाहिए था। इसलिए कोयला खानों में से कोयला निकालने की ओर विशेष ध्यान दिया गया। 1854 ई० में बंगाल के रानीगंज जिले में कोयले की केवल 2 खानें थीं। परन्तु 1880 तक इनकी संख्या 56 तथा 1885 तक 123 हो गई।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 14 हस्तशिल्प तथा उद्योग

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:

1. देशी रियासतों के राजा महाराजा …………. उद्योगों द्वारा तैयार की गई वस्तुओं का प्रयोग करते थे।
2. नई पीढ़ी के लोग लघु उद्योगों द्वारा तैयार किए गए माल को ………… नहीं करते थे।
3. सभी नए कारखाने ……………. से चलते थे।
उत्तर-

  1. लघु
  2. पसंद
  3. कोयले।।

III. प्रत्येक वाक्य के सामने ‘सही’ (✓) या ‘गलत’ (✗) का चिन्ह लगाएं:

1. भारतीय नगरों एवं गांवों के लघु उद्योगों के पतन से कारीगर बेकार हो गए। – (✓)
2. इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति 19वीं सदी में आई। – (✗)
3. मशीनों द्वारा तैयार की गई वस्तुओं का दाम अधिक होता था। – (✗)
4. 18वीं सदी में भारत का कच्चा माल इंग्लैंड जाने लगा। – (✓)

IV. सही जोड़े बनाएं :

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 14 हस्तशिल्प तथा उद्योग 1
उत्तर-

  1. टी (चाय) कंपनी
  2. सेरमपुर (बंगाल)
  3. रानीगंज।

PSEB 8th Class Social Science Guide हस्तशिल्प तथा उद्योग Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Multiple Choice Questions)

सही विकल्प चुनिए :

प्रश्न 1.
कॉफी का पहला बाग़ कब लगाया गया ?
(i) 1834 ई०
(ii) 1839 ई०
(iii) 1840 ई०
(iv) 1854 ई०।
उत्तर-
1840 ई०

प्रश्न 2.
भारत में नील उद्योग कहां से शुरू हुआ ?
(i) बिहार तथा बंगाल
(ii) कर्नाटक तथा तमिलनाडु
(iii) पंजाब तथा हरियाणा
(iv) मध्य भारत।
उत्तर-
बिहार तथा बंगाल

प्रश्न 3.
भारत में पटसन उद्योग का पहला कारखाना कब लगाया गया ?
(i) 1820 ई०
(ii) 1824 ई०
(iii) 1834 ई०
(iv) 1854 ई०।
उत्तर-
1854 ई० ।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 14 हस्तशिल्प तथा उद्योग

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
अंग्रेजी शासन की स्थापना से पहले आर्थिक दृष्टि से गांवों की स्थिति कैसी थी ?
उत्तर-
अंग्रेजी शासन की स्थापना से पहले गांव आर्थिक दृष्टि से आत्म-निर्भर थे।

प्रश्न 2.
भारतीय दस्तकारों द्वारा बनी वस्तुएं मशीनों द्वारा बनी वस्तुओं का मुकाबला क्यों न कर सकीं ?
उत्तर-
भारतीय दस्तकारों द्वारा बनी वस्तुएं मशीनों द्वारा बनी वस्तुओं का मुकाबला इसलिए न कर सकी क्योंकि मशीनी वस्तुएं साफ़ तथा सुन्दर होने के साथ-साथ सस्ती भी थीं।

प्रश्न 3.
नई श्रेणी के लोगों को भारत के लघु उद्योगों द्वारा बनी वस्तुएं क्यों पसन्द नहीं थीं ?
उत्तर-
क्योंकि वे पश्चिमी-सभ्यता के प्रभाव में थे।

प्रश्न 4.
पटसन उद्योग में क्या-क्या वस्तुएं बनाई जाती थीं ?
उत्तर-
टाट तथा बोरियां।

प्रश्न 5.
भारत के कॉफी उद्योग को हानि क्यों पहंची ?
उत्तर-
भारत की कॉफी का मुकाबला ब्राज़ील की कॉफी से था जो बहुत अच्छी थी। इसलिए भारत के कॉफी उद्योग को हानि पहुंची।

प्रश्न 6.
भारत में अंग्रेज़ी काल में विकसित किन्हीं छः आधुनिक उद्योगों के नाम बताओ।
उत्तर-

  • सूती कपड़ा उद्योग
  • पटसन उद्योग
  • कोयला उद्योग
  • नील उद्योग
  • चाय
  • कॉफी।

प्रश्न 7.
फैक्टरी एक्ट क्यों पास किए गए ?
उत्तर-
फैक्टरी एक्ट मज़दूरों की दशा सुधारने के लिए पास किए गए।

प्रश्न 8.
आदि मानव अपने आप को गर्म रखने के लिए किस चीज़ से बने वस्त्र पहनता था ?
उत्तर-
पशुओं की खाल से बने वस्त्र।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में कपड़ा बुनने का विकास कैसे हुआ ? खुदाइयों से कपड़े की बुनाई के बारे में क्या प्रमाण मिले हैं ?
उत्तर-
आदि मानव अपने आप को गर्म रखने के लिए पशुओं की खाल से बने कपड़े पहनता था। कताई एवं बुनाई . की खोज इसके बहुत समय पश्चात् हुई थी। ऐसा माना जाता है कि भारत में जुलाहों ने कपड़ा तैयार करने के लिए सबसे पहले घास के रेशों का उपयोग किया था। तत्पश्चात् उन्होंने इस पर नमूने बनाने और करघे पर धागों का उपयोग करना सीखा। समय बीतने पर रेशों और नमूनों में और अधिक सुधार हुआ।

प्रमाण-प्राचीन वस्तुओं का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों को मोहनजोदड़ो तथा हड़प्पा की खुदाइयों से सूत की कताई तथा रंगदार सूती कपड़े के अवशेष मिले हैं। इस के अतिरिक्त उन्हें कश्मीर में कई स्थानों की खुदाई से चरखे, दरियां आदि प्राप्त हुए हैं। इनसे संकेत मिलता है कि लगभग 4,000 साल.पूर्व लोग कपड़ा बुनना जानते थे।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 14 हस्तशिल्प तथा उद्योग

प्रश्न 2.
भारत में कपड़ा उद्योग का पतन क्यों हुआ ? इसे नया जीवन कैसे मिला ?
उत्तर-
भारतीय कपड़े संसार-भर में प्रसिद्ध थे। यूरोप के व्यापारी कपड़े एवं मसालों का व्यापार करने के लिए ही भारत में आये थे। उन्होंने भारत में सूती कपड़े के कारखाने लगाए थे। इन उद्योगों में साधारण हथकरघों की अपेक्षा अधिक कपड़े का उत्पादन किया जाता था। परन्तु इंग्लैंड में औद्योगिक क्रान्ति आने के कारण भारत में कपड़ा-व्यापार का पतन आरम्भ हो गया। परन्तु 20वीं शताब्दी में महात्मा गांधी के मार्गदर्शन में भारत में फिर से हाथ से बुने सूती एवं – रेशमी कपड़े तैयार किये जाने लगे, जिससे भारतीय कपड़ा-उद्योग पुनः अस्तित्व में आया।
सरकार की नई आर्थिक नीति से भी कपड़ा-उद्योग ने पहले से कहीं अधिक उन्नति की। सरकार ने कपड़े का आयात-निर्यात करने के लिए बहुत-सी सुविधाएं प्रदान की।

प्रश्न 3.
अंग्रेज़ी काल में भारत में पटसन उद्योग पर एक नोट लिखो।
उत्तर-
पटसन उद्योग में मुख्य रूप से टाट तथा बोरियां बनाई जाती थीं। इस उद्योग पर यूरोप के लोगों का अधिकार था। इस उद्योग का पहला कारखाना 1854 ई० में सीरमपुर (बंगाल) में लगाया गया। इसके बाद भी पटसन उद्योग के अधिकतर कारखाने बंगाल में ही लगाये गए। 20वीं शताब्दी के आरम्भ तक इन कारखानों की संख्या 36 हो गई थी।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में लघु उद्योगों के पतन के कारणों का वर्णन करें।
उत्तर-
भारत में लघु-उद्योगों के पतन के मुख्य कारण निम्नलिखित थे

1. भारत की देशी रियासतों की समाप्ति-अंग्रेजों ने बहुत-सी भारतीय रियासतों को समाप्त कर दिया था। इस कारण लघु उद्योगों को बहुत हानि पहुंची क्योंकि इन रियासतों के राजा-महाराजा तथा उनके परिवार के सदस्य लघु उद्योगों द्वारा तैयार की गई वस्तुओं का उपयोग करते थे।

2. भारतीय लघु उद्योगों द्वारा तैयार वस्तुओं का महंगा होना-भारतीय लघु उद्योगों द्वारा तैयार की गई वस्तुओं का मूल्य अधिक होता था, क्योंकि उन्हें तैयार करने के लिए अधिक परिश्रम करना पड़ता था। दूसरी ओर मशीनों द्वारा तैयार की गई वस्तुओं का मूल्य कम होता था। अत: लोग लघु उद्योगों द्वारा तैयार की गई वस्तुओं को नहीं खरीदते थे। परिणामस्वरूप भारतीय लघु उद्योगों का पतन आरम्भ हो गया।

3. मशीनी वस्तुओं की सुन्दरता-इंग्लैंड के कारखानों में मशीनों द्वारा तैयार वस्तुएं भारत के लघु उद्योगों द्वारा तैयार वस्तुओं की अपेक्षा अधिक साफ तथा सुन्दर होती थीं। अतः भारतीय लोग मशीनों द्वारा तैयार वस्तुओं को अधिक पसन्द करते थे। यह बात भारत के लघु उद्योगों के पतन का कारण बनी।

4. नई श्रेणी के लोगों की रुचि-नई श्रेणी के लोगों पर पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव था। दूसरे, मशीनों द्वारा तैयार वस्तुएं बहुत साफ और सुन्दर होती थीं। अतः नई पीढ़ी के लोग लघु उद्योगों द्वारा तैयार वस्तुओं को पसन्द नहीं करते थे।

5. भारत से कच्चा माल इंग्लैंड भेजना-18वीं शताब्दी में यूरोप में औद्योगिक क्रान्ति आई। इसके कारण वहां बहुत बड़े-बड़े कारखाने स्थापित किये गये। इन कारखानों में माल तैयार करने के लिए कच्चे माल की बहुत आवश्यकता थी, जिसे इंग्लैंड का कच्चा माल पूरा न कर सका। इस कारण भारत का कच्चा माल इंग्लैंड भेजा जाने लगा। इससे भारतीय कारीगरों के पास कच्चे माल की कमी हो गई। फलस्वरूप देश के लघु उद्योग पिछड़ गये।

प्रश्न 2.
प्रमुख आधुनिक भारतीय उद्योगों का वर्णन करें।
उत्तर-
अंग्रेजी शासन के समय भारत में बहुत-से नये उद्योगों की स्थापना हुई जिनमें प्रमुख उद्योग निम्नलिखित थे
1. सूती कपड़ा उद्योग-भारत में सूती कपड़े का पहला उद्योग (कारखाना) 1853 ई० में मुम्बई में लगाया गया। इसके पश्चात् 1877 ई० में कपास उगाने वाले बहुत से क्षेत्रों जैसे कि अहमदाबाद, नागपुर आदि में कपड़ा मिलें स्थापित की गईं। 1879 ई० तक भारत में लगभग 59 सूती कपड़ा मिलें स्थापित की जा चुकी थीं। जिनमें लगभग 43,000 लोग काम करते थे। 1905 ई० में कपड़ा मिलों की संख्या 206 हो गई थी। इनमें लगभग 1,96,000 मजदूर काम करते थे।

2. पटसन का उद्योग-पटसन का उद्योग बोरियां तथा टाट बनाने का काम करता था। इस उद्योग पर यूरोप के लोगों का अधिकार था। इस उद्योग का पहला कारखाना 1854 ई० में सैरमपुर अथवा सीरमपुर (बंगाल) में खोला गया। इसके बाद भी पटसन उद्योग के सबसे अधिक कारखाने बंगाल प्रान्त में ही खोले गये। 20वीं शताब्दी के आरम्भ तक इन कारखानों की संख्या 36 हो गई थी।

3. कोयले की खानें-भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित सभी नये कारखाने कोयले से चलते थे। रेलों के लिए भी कोयला चाहिए था। इसलिए कोयला खानों में से कोयला निकालने की ओर विशेष ध्यान दिया गया। 1854 ई० में बंगाल के रानीगंज जिले में कोयले की केवल 2 खानें थीं। परन्तु 1880 तक इनकी संख्या 56 तथा 1885 तक 123 हो गई।

4. नील उद्योग-अंग्रेजों को इंग्लैंड में अपने कपड़ा उद्योग के लिए नील की आवश्यकता थी। अत: उन्होंने भारत में नील की खेती को बढ़ावा दिया। इसका आरम्भ 18वीं शताब्दी के अन्त में बिहार तथा बंगाल में हुआ। नील के अधिकतर बड़े-बड़े बाग यूरोप वालों ने लगाए, जहां भारतीयों को काम पर लगाया गया। 1825 में नील की खेती के अधीन 35 लाख बीघा भूमि थी। परन्तु 1879 ई० में नकली नील तैयार होने के कारण नील की खेती में कमी आने लगी। परिणामस्वरूप 1915 ई० तक नील की खेती के अधीन केवल 3-4 लाख बीघा जमीन ही रह गई।

5. चाय-1834 ई० में असम में एक कम्पनी की स्थापना की गई। 1852 ई० में अंग्रेजों ने असम में चाय का पहला बाग लगाया। 1920 ई० तक चाय की खेती लगभग 7 लाख एकड़ भूमि में होने लगी। उस समय 34 करोड़ पाऊंड मूल्य की चाय भारत से बाहर के देशों में भेजी जाती थी। तत्पश्चात् कांगड़ा तथा नीलगिरि की पहाड़ियों में भी चाय के बाग लगाए गए।

6. कॉफी-कॉफी का पहला बाग़ 1840 ई० में दक्षिण भारत में लगाया गया। तत्पश्चात् मैसूर, कुर्ग, नीलगिरि और मालाबार क्षेत्रों में भी कॉफी के बाग लगाये गये। ब्राज़ील की कॉफी के साथ इसका मुकाबला होने के कारण इस उद्योग को बहुत हानि पहुंची।

7. अन्य उद्योग-19वीं शताब्दी के अन्त से लेकर 20वीं शताब्दी के आरम्भ तक बहुत से नये कारखाने स्थापित किये गये। इनमें लोहा-इस्पात, चीनी, कागज, दियासलाई बनाने और चमड़ा रंगने के कारखाने प्रमुख थे।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 14 हस्तशिल्प तथा उद्योग

हस्तशिल्प तथा उद्योग PSEB 8th Class Social Science Notes

  • भारत के लघु उद्योग – भारत प्राचीनकाल से ही अपने लघु उद्योगों के लिए जाना जाता रहा है। परन्तु अंग्रेज़ी काल में इन उद्योगों का पतन हो गया।
  • लघु-उद्योगों के पतन के कारण – (1) देशी रियासतों की समाप्ति (2) मशीनी माल का साफ़-सुथरा तथा सस्ता होना (3) नई श्रेणी के लोगों को मशीनी माल पसन्द होना, लघु उद्योगों में तैयार माल का महंगा होना, भारत से कच्चा माल इंग्लैंड में भेजा जाना आदि।
  • आधुनिक उद्योगों की स्थापना – अंग्रेज़ी काल में स्थापित नए (आधुनिक) उद्योग थे-सूती कपड़ा, पटसन, कोयला, चाय, कॉफ़ी, लौह-इस्पात, दियासलाई आदि।
  • फैक्टरी एक्ट्स – नये उद्योगों में मजदूरों का शोषण होने लगा। उनकी दशा सुधारने के लिए सरकार ने
    फैक्टरी एक्ट्स पास किये।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 3b पंजाब : जलतन्त्र

Punjab State Board PSEB 9th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 3b पंजाब : जलतन्त्र Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Social Science Geography Chapter 3b पंजाब : जलतन्त्र

SST Guide for Class 9 PSEB पंजाब : जलतन्त्र Textbook Questions and Answers

(क) नक्शा कार्य (Map Work):

प्रश्न 1.
पंजाब के रेखाचित्र में दिखाएं :
(i) रावी, ब्यास, सतलुज तथा घग्गर
(ii) कोई चार नहरें
(iii) कोई चार चो।
उत्तर-
यह प्रश्न विद्यार्थी MBD Map Master की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न 2.
नदियों का प्रदूषण कैसे रोका जाए, इस विषय पर कक्षा में अध्यापक से चर्चा करें।
उत्तर-
यह प्रश्न विद्यार्थी स्वयं करें।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 3b पंजाब : जलतन्त्र

प्रश्न 3.
अपने समीप नदी या नहर में हो रहे प्रदूषण के लिए अध्यापक व अधिकारियों को सूचना दें।
उत्तर-
यह प्रश्न विद्यार्थी स्वयं करें।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 3a भारत : जलप्रवाह

(ख) निम्न वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर दें:

प्रश्न 1.
कौन-सी नदी का उद्गम स्थान मान सरोवर के पास रक्षताल झील है ?
(i) घग्गर
(ii) ब्यास
(iii) सतलुज
(iv) ब्रह्मपुत्र।
उत्तर-
(iii) सतलुज।

प्रश्न 2.
पंजाब में कितनी नदियां हैं-
(i) तीन
(ii) चार
(iii) पाँच
(iv) आठ।
उत्तर-(i) तीन।

प्रश्न 3.
रणजीत सागर अथवा थीन डैम का निर्माण कौन-सी नदी पर हुआ है ?
(i) ब्यास
(ii) रावी
(iii) सतलुज
(iv) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ii) रावी।

प्रश्न 4.
भंगी और बाशा चोअ कौन-से जिले में पड़ते हैं ?
(i) फिरोज़पुर
(ii) गुरदासपुर
(iii) होशियारपुर
(iv) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(iii) होशियारपुर।

प्रश्न 5.
कौन-सा कथन गलत है और कौन-सा सही है
(i) रावी, ब्यास व सतलुज बारामारसी नदियां हैं।
(ii) काली बेई व पावर्ती, ब्यास की सहायक नदियां हैं।
(iii) प्राकृतिक जल का शुद्धतम रूप वर्षा का जल है। .
(iv) पंजाब में 10 हैडवर्क्स तथा 20,786 किलोमीटर नहरें हैं।
उत्तर-

  1. सही,
  2. सही,
  3. सही,
  4. गलत।

प्रश्न 6.
बिस्त दोआब में बिस्त से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
ब्यास तथा सतलुज दरियाओं के पहले शब्दों ‘बि’ तथा ‘सत’ को मिला. कर बिस्त शब्द बना है।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 3b पंजाब : जलतन्त्र

प्रश्न 7.
हरीके झील से राजस्थान को पानी ले जाने वाली दो नहरें कौन-कौन सी हैं ?
उत्तर-
राजस्थान फीडर नहर जिसे इंदिरा गांधी कमांड नहर भी कहा जाता है।

प्रश्न 8.
पंजाब की कौन-सी नहर हरियाणा को जल प्रदान करती है ?
उत्तर-
घग्गर नदी।

प्रश्न 9.
अपर बारी दोआब नहर का स्त्रोत क्या है ?
उत्तर-
माधोपुर हैडवर्कस।

प्रश्न 10.
पौंग डैम का निर्माण कौन-सी नदी पर किया गया है ?
उत्तर-
ब्यास दरिया।

(ग) प्रश्नों के संक्षेप उत्तर दें:

प्रश्न 1.
ब्यास व रावी की सहायक नदियों की सारणी बनाएं।
उत्तर-
व्यास-ब्यास की सहायक नदियां हैं-सुकन्तरी, पार्वती, सोहां, उहल तथा काली बेईं।
रावी-ऊज, सक्की किरन नाला रावी की प्रमुख नदियां हैं।

प्रश्न 2.
चोअ क्या होते हैं ? किन्हीं चार के नाम लिखें।
उत्तर-
चोअ छोटी मौसमी नदियां होती हैं जो वर्षा की ऋतु में पानी से पूर्णतया भर जाती हैं। बहुत सी चौएं कटारधार तथा सोलहासिंगी पहाड़ियों से शुरू होती हैं। पंजाब के कण्डी क्षेत्र में बहुत सी मौसमी चौएं हैं। बाणा चोअ, टोसां चोअ, बलाचौर चोअ, गढ़शंकर चोअ, नरियाला चोअ, मैली चोअ इत्यादि कुछ प्रमुख चौ हैं।

प्रश्न 3.
पंजाब के नदी, नहरों के प्रदूषण से अवगत करवायें।
उत्तर-
जब पानी में अनावश्यक वस्तुएं मिला दी जाती हैं जिस से पानी प्रयोग करने लायक नहीं रहता, इसे जल प्रदूषण कहते हैं। इसमें कोई शंका नहीं है कि पंजाब की सभी नदियों तथा नहरों में काफ़ी अधिक जल प्रदूषण है। भारत सरकार के कई विभागों तथा मन्त्रालयों का भी मानना है कि पंजाब की नहरों में काफ़ी अधिक जल प्रदूषण है तथा इनमें खतरनाक ज़हर भर रहा है। यह ज़हर पानी की सहायता से हमारी भोजन प्रणाली में पहुँच रहा है तथा लोग इससे खतरनाक बिमारियों का शिकार हो रहे हैं। उदाहरण के लिए बुड्ढा नाला पूर्णतया तेजाबी हो चुका है। हमें सभी नदियों को बचाने की आवश्यकता है ताकि हम पानी के साथ-साथ अपने जीवन को बचा कर रख सकें।

(घ) निम्न प्रश्नों के विस्तृत उत्तर दें

प्रश्न 1.
सतलुज नदी, उस पर बनाये डैमों तथा उसकी सहायक नदियों की जानकारी दें।
उत्तर-
सतलुज नदी तिब्बत में 4630 मीटर की ऊँचाई पर स्थित मानसरोवर झील से रक्षताल नामक स्थान से शुरू होता है। जब यह हिमालय पर्वत को पार कर रहा होता है तो गहरी खाइयां बनाता है। सतलुज मैदानों में भाखड़ा में दाखिल होता है तथा यहां ही भाखड़ा डैम बनाया गया है। नंगल से सतलुज दरिया दक्षिण दिशा की तरफ बढ़ता है तथा जब यह रोपड़ पहुँचता है तो इसमें सुआं, सरसा नदियां, मौसमी चोअ मिल जाते हैं। फिरोजपुर जिले में यह हरीके पत्तण से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सुलेमानकी नामक स्थान से पाकिस्तान में चला जाता है। सतलुज दरिया पर भाखड़ा बाँध के साथ-साथ कोटला बाँध, नाथपा झाखड़ी तथा नंगल बाँध भी बनाए गए हैं। सुआं, ब्यास तथा चिट्टी बेईं सतलुज की सहायक नदियां हैं। मक्खु में गिद्दड़ पिण्डी तथा चिट्टी बेईं सतलुज में मिल जाती है। सतलुज दरिया पर कई बाँधों के साथ-साथ रोपड़ तथा हरीके हैडवर्क्स भी बनाए गए हैं।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 3b पंजाब : जलतन्त्र

प्रश्न 2.
पंजाब के नहर प्रबन्ध के विषय में लिखें। इससे कृषि को क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
पंजाब की अधिकतर जनता कृषि या इससे संबंधित कार्यों में लगी हुई है तथा पंजाब में ही 1960 के दशक में हरित क्रान्ति की शुरूआत हुई। हरित क्रान्ति में सिंचाई की बहुत बड़ी भूमिका थी क्योंकि किसान फसलों की सिंचाई के लिए केवल वर्षा पर निर्भर नहीं रह सकता। इस कारण पंजाब ने समय-समय पर अपनी नहरी व्यवस्था को काफी विकसित किया। पंजाब में 14500 किलोमीटर लंबी नहरें तथा 5 हैडवर्क्स हैं। यहां 10 नहरें भी हैं जिनके नाम हैंसरहिन्द नहर, अपर बारी दोआब नहर, बिस्त दोआब नहर, भाखड़ा मेन लाइन नहर, फिरोज़पुर/सरहिन्द फीडर प्रबन्ध, कश्मीर नहर, मक्खु, नहर, शाह नहर, राजस्थान फीडर तथा बीकानेर नहर। इन 10 नहरों में से 8 नहरों का वर्णन इस प्रकार है-

नहर उत्पात का स्थान लंबाई
1. भाखड़ा मेन लाइन नंगल बैराज 161.36 कि०मी०
2. राजस्थान फीडर हरीके हैडवर्क्स 149.53 कि०मी०
3. सरहिन्द फीडर II हरीके हैडवर्क्स 136.53 कि०मी०
4. सरहिन्द रोपड़ हैडवर्क्स 59.44 कि०मी०
5. बिस्त दोआब रोपड़ हैडवर्क्स 43.00 कि०मी०
6. अपर बारी दोआब माधोपुर हैडवर्क्स 42.35 कि०मी०
7. पूर्वी नहर हुसैनीवाला हैडवर्क्स 8.02 कि०मी०
8. शाह नहर मुकेरियां हाईडल चैनल 2.23 कि०मी०

कृषि को लाभ-इस नहरी व्यवस्था से पंजाब की कृषि को काफी लाभ हुआ जिसका वर्णन इस प्रकार है-

  1. इन नहरों से पंजाब की कृषि को सारा साल पानी मिलता रहता है।
  2. सिंचाई के साधन बढ़ने से किसान साल में दो या अधिक फसलें उगाने में सफल हो गए हैं।
  3. अधिक फसलें उगाने से किसानों को काफ़ी फायदा हुआ है तथा उनकी आय भी बढ़ गई है।
  4. दरियाओं तथा नहरों पर डैम बना कर पानी को रोका गया ताकि वर्षा न होने की स्थिति में किसानों तक पानी पहुँचाया जा सके।
  5. डैमों से बिजली तैयार की गई जिससे उद्योगों तथा घरों को 24 घण्टे बिजली प्राप्त हुई।

प्रश्न 3.
पंजाब के चोअ और रौअ कौन-कौन से हैं ? विस्तत नोट लिखें।
उत्तर-
चौएं छोटी छोटी वर्षा पर आधारित तथा मौसमी नदियां होती हैं जो वर्षा के मौसम में पानी से भर जाती हैं। पंजाब में एक कण्डी क्षेत्र है जहां बहुत-सी चौएं मौजूद हैं। इनमें से कई चौओं का जन्म कटारधार तथा सेलासिंगी की पहाड़ियों में होता है। जब वर्षा आती है तो इन चौओं में पानी भर जाता है। पंजाब सरकार ने इनमें से कई चौओं को बंद करने में सफलता प्राप्त कर ली है तथा इनमें आने वाले वर्षा के पानी को कृषि अथवा अन्य कार्यों के लिए प्रयोग किया जा रहा है।

होशियारपुर जिले के दक्षिण पश्चिम में 93 चौएं मौजूद हैं जिनमें से बहुत से काली बेईं तथा चिट्टी बेईं में जाकर मिल जाते हैं। होशियारपुर में बहुत से चौएं हैं जिनमें कुछ काफी प्रमुख हैं जैसे कि टोसां चौ, बणा चौ, गढ़शंकर चौ, बलाचौर चौ, मैली चौ, नरियाला चौ, नंगल शहीदां चौ, गोंदपुर चौ, दसूहा चौ इत्यादि। इन पर नियन्त्रण रखने के लिए पंजाब सरकार ने कण्डी क्षेत्र विकास (Kandi Area Development) को भी शुरू किया है। पंजाब में कुछ बरसाती नाले भी हैं जैसे कि पटियाला की राव, जैंतिया देवी की रौ, बुड्ढ़ा नाला इत्यादि।

PSEB 9th Class Social Science Guide पंजाब : जलतन्त्र Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

प्रश्न 1.
पंजाब कौन-से दो शब्दों से मिलकर बना है ?
(क) पंज + आब
(ख) पंजा + आहब
(ग) पंज + अहाब
(घ) पं + जाहब।
उत्तर-
(क) पंज + आब

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 3b पंजाब : जलतन्त्र

प्रश्न 2.
अब पंजाब में कितने दरिया हैं ?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच।
उत्तर-
(ख) तीन

प्रश्न 3.
इनमें से कौन-सा मौसमी दरिया है ?
(क) घग्गर
(ख) सकी किरन
(ग) काली बेई
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 4.
इनमें से कौन-सा बारहमासी दरिया है ?
(क) रावी
(ख) ब्यास
(ग) सतलुज
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 5.
रणजीत सागर डैम किस दरिया पर बना है ?
(क) रावी
(ख) सतलुज
(ग) ब्यास
(घ) चिनाब।
उत्तर-
(क) रावी

प्रश्न 6.
पौंग डैम किस दरिया पर बना है ?
(क) रावी
(ख) सतलुज
(ग) ब्यास
(घ) जेहलम।
उत्तर-
(ग) ब्यास

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 3b पंजाब : जलतन्त्र

प्रश्न 7.
होशियारपुर में कितने चौएं हैं ?
(क) 70
(ख) 93
(ग) 84
(घ) 54.
उत्तर-
(ख) 93

रिक्त स्थान की पूर्ति करें (Fill in the Blanks)

1. सन् …………. में भारत तथा पाकिस्तान के विभाजन का सबसे बड़ा नुकसान …….. को हुआ।
2. रावी, ब्यास तथा सतलुज ……….. दरिया हैं।
3. रणजीत सागर डैम का कार्य ………… में पूर्ण हुआ था।
4. सुकन्तरी ………. की प्रमुख सहायक नदी है।
5. ………… किसी समय सरस्वती नदी का हिस्सा थी।

उत्तर-

  1. 1947, पंजाब,
  2. बारहमासी,
  3. 2001,
  4. ब्यास,
  5. घग्गर

सही/ग़लत (True/False)

1. जेहलम, चिनाब तथा सिन्धु पाकिस्तान वाले पंजाब में रह गए।
2. रावी ककझ मंझ नाम के स्थान पर पाकिस्तान में प्रवेश करता है।
3. रणजीत सागर डैम से 1600 वाट बिजली उत्पन्न होती है।
4. ब्यास दरिया पर पौंग डैम बनाया गया है।
5. रावी दरिया से राजस्थान फीडर नहर निकाली गई है।

उत्तर-

अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न।।

प्रश्न 1.
पंजाब शब्द का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
पंजाब शब्द दो शब्दों ‘पंज-आब’ से मिलकर बना है जिसका अर्थ है पाँच दरियाओं की धरती।

प्रश्न 2.
1947 के पश्चात् कौन-से दरिया पंजाब में रह गए।
उत्तर-
सतलुज, रावी तथा ब्यास।

प्रश्न 3.
1947 के पश्चात् कौन-से दरिया पाकिस्तान वाले पंजाब में चले गए ?
उत्तर-
जेहलम, चिनाब तथा सिन्धु।

प्रश्न 4.
बारहमासी दरिया कौन-से होते हैं ?
उत्तर-
वह दरिया जिनमें सम्पूर्ण वर्ष पानी रहता है उन्हें बारहमासी दरिया कहते हैं।

प्रश्न 5.
बारहमासी दरियाओं में सम्पूर्ण वर्ष पानी कहां से आता है ?
उत्तर-
बारहमासी दरियाओं में पहाड़ों से पिघली बर्फ का पानी सम्पूर्ण वर्ष आता रहता है।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 3b पंजाब : जलतन्त्र

प्रश्न 6.
पंजाब के कुछ मौसमी दरियाओं के नाम लिखो।
उत्तर-
घग्गर, काली बेईं, चिट्टी बेईं, ऊज, चक्की खड्ड, स्वात इत्यादि।

प्रश्न 7.
किन्हीं दो अवशेषी दरियाओं के नाम लिखें।
उत्तर-
बुड्डा नाला तथा सक्की किरन नाला।

प्रश्न 8.
रावी दरिया का जन्म कहां पर होता है ?
उत्तर-
रावी दरिया कुल्लू की पहाड़ियों में स्थित रोहतांग दर्रे के उत्तर में 4116 मीटर की ऊंचाई से शुरू होता है।

प्रश्न 9.
रावी दरिया पर कौन-सा डैम बनाया गया है तथा इसमें से कौन-सी नहर निकाली गई है ?
उत्तर-
रावी दरिया पर रणजीत सागर डैम बनाया गया है तथा इससे अपर बारी दोआब नहर निकाली गई है।

प्रश्न 10.
रावी दरिया पर कौन-से हैडवर्क्स बनाए गए हैं ?
उत्तर-
शाहपुर कण्डी के नज़दीक धाना या बसन्तपुर, कटारधार, माधोपुर हैडवर्क्स तथा माधोपुर ब्यास लिंक पर कठुआ फीडर।

प्रश्न 11.
रणजीत सागर डैम के बारे में बताएं।
उत्तर-
यह रावी दरिया पर बनाया गया डैम है जिससे 600 मेगावाट बिजली पैदा होती है। यह 1981 में शुरू हुआ था तथा मार्च 2011 में इसका कार्य पूर्ण हुआ था।

प्रश्न 12.
ब्यास दरिया कहां से निकलता है ?
उत्तर-
ब्यास दरिया ब्यास कुण्ड से निकलता है जो हिमाचल प्रदेश में रोहतांग दर्रे के पास 4060 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

प्रश्न 13.
व्यास दरिया पर कौन-से डैम बनाए गए हैं ?
उत्तर-
हिमाचल प्रदेश में पंडोह तथा पंजाब में पौंग डैम।

प्रश्न 14.
ब्यास से कौन सी नहर निकाली गई है ?
उत्तर-
ब्यास से राजस्थान फीडर नहर निकाली गई है जिसे इंदिरा गांधी कमांड नहर का नाम भी दिया गया है।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 3b पंजाब : जलतन्त्र

प्रश्न 15.
ब्यास की सहायक नदियों के नाम लिखें।
उत्तर–
पार्वती, सुकन्तरी, सौहां, उम्मन तथा काली बेईं।

प्रश्न 16.
सतलुज दरिया कहां पर शुरू होता है ?
उत्तर-
सतलुज दरिया तिब्बत में मानसरोवर झील के नज़दीक स्थित रक्षताल से शुरू होता है।

प्रश्न 17.
सतलुज दरिया कहां पर पाकिस्तान में प्रवेश करता है ?
उत्तर-
सतलुज दरिया फिरोज़पुर में सुलेमान की नामक स्थान से पाकिस्तान में प्रवेश करता है।

प्रश्न 18.
सतलुज दरिया पर कौन-से डैम बनाए गए हैं ?
उत्तर-
नाथपा झाखड़ी, नंगल डैम, कौटला डैम।

प्रश्न 19.
घग्गर किस प्रकार की नदी है ?
उत्तर-
घग्गर दक्षिणी पंजाब में बहने वाली एक मौसमी नदी है ।

प्रश्न 20.
घग्गर कहां से निकलती है ?
उत्तर-
घग्गर नदी सिरमौर की पहाड़ियों से निकलती है।

प्रश्न 21.
पंजाब के किस क्षेत्र में बहुत से चोअ मिलते हैं ?
उत्तर-
कण्डी क्षेत्र में।

प्रश्न 22.
चोअ क्या होता है ?
उत्तर-
चोअ एक छोटी सी नदी होती है जो वर्षा के मौसम में पानी से भर जाती है।

प्रश्न 23.
पंजाब के किस जिले में बहुत से चोअ हैं ?
उत्तर-
होशियारपुर जिले में।

प्रश्न 24.
पंजाब की नहरों की लंबाई बताएं।
उत्तर-
पंजाब की नहरों की लंबाई 14500 किलोमीटर है।

प्रश्न 25.
पंजाब की सबसे लंबी नहर कौन-सी है ?
उत्तर-
भाखड़ा मेन लाइन जिसकी लंबाई 161.36 किलोमीटर है।

प्रश्न 26.
कौन-सा दरिया किसी समय सरस्वती नदी का सहायक होता था ?
उत्तर-
घग्गर दरिया किसी समय सरस्वती नदी का सहायक होता था।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 3b पंजाब : जलतन्त्र

लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पंजाब के जलतन्त्र के बारे में बताएं।
उत्तर-
पंजाब दो शब्द ‘पंज’ तथा ‘आब’ से मिलकर बना है जिसका अर्थ है पाँच दरियाओं की धरती। पंजाब में 1947 से पहले कई दरिया होते थे परन्तु देशों के विभाजन के कारण जेहलम, चिनाब, सिन्धु तथा बहुत सी नदियां पाकिस्तान में चली गईं। अब पंजाब में केवल तीन दरिया रावी, ब्यास तथा सतलुज ही हैं। यह तीनों दरिया बारहमासी हैं जिनमें पहाड़ों की बर्फ पिघलने के कारण सारा साल पानी रहता है। यहां बहुत से मौसमी दरिया भी हैं जैसे कि घग्गर, ऊज, काली बेईं, चिट्टी बेईं, स्वान, नूरपुर बेदी चोअ इत्यादि। यहां अवशेषी दरिया, जैसे कि बुड्ढा नाला तथा सक्की किरन नाला भी मिलते हैं।
PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 3b पंजाब जलतन्त्र 1

प्रश्न 2.
रावी की सहायक नदियों के बारे में बताएं।
उत्तर-
जब रावी दरिया माधोपुर पहुँचता है तो इसमें कई सहायक नदियां आकर मिल जाती हैं। इनमें सबसे महत्त्वपूर्ण ऊज नदी है। इसके साथ ही सक्की किरन नाला रावी के साथ-साथ चलता है तथा भारत और पाकिस्तान की सरहद पर इसमें मिल जाता है। रावी दरिया पर चार हैडवर्क्स भी बनाए गए हैं जिनके नाम हैं माधोपुर ब्यास लिंक पर कठुआ फीडर, शाहपुर कण्डी के नज़दीक धाना या बसन्तपुर, माधोपुर हैडवर्क्स तथा कटारधार।

प्रश्न 3.
ब्यास दरिया की सहायक नदियों के बारे में बताएं।
उत्तर-
सुकन्तरी-उग्मन, पारबती, काली बेईं तथा सौहां ब्यास की कुछ सहायक नदियां हैं। तलवाड़ा पहुँच कर सौहां ब्यास में मिल जाती हैं। हरीके के नज़दीक काली बेईं होशियारपुर तथा कपूरथला से होते हुए ब्यास में मिल जाती है। ब्यास दरिया पर पौंग डैम तथा पंडोह डैम को भी बनाया गया है।

प्रश्न 4.
घग्गर पर एक नोट लिखें।
उत्तर-
पंजाब में काफी पहले सरस्वती नदी बहती थी तथा घग्गर भी उसका ही हिस्सा थी। परन्तु अब घग्गर एक मौसमी नदी है जो दक्षिण पंजाब में बहती है। यह सिरमौर की पहाड़ियों से निकलती है। मुबारकपुर नाम के स्थान पर यह मैदानी इलाकों में आ जाती है। इसके पश्चात् यह पटियाला, घनौर तथा हरियाणा के इलाकों को पार करती हैं। इसके पश्चात् यह राजस्थान के रेगिस्तान में जाकर खत्म हो जाती है।

दीर्घ उत्तर वाला प्रश्न

प्रश्न-रावी दरिया पर एक नोट लिखें।
उत्तर-रावी पंजाब का एक बारहमासी दरिया है जिसमें सारा साल पानी रहता है क्योंकि पहाड़ों की बर्फ पिघलने के कारण इसमें लगातार पानी आता रहता है। रावी दरिया कुल्लू की पहाड़ियों में रोहतांग दर्रे के उत्तर से शुरू होता है जिसकी ऊंचाई 4116 मीटर है। रावी दरिया अपने आरंभिक स्थान (Place of Origin) से लगातार बहते हुए धौलाधार तथा पीर पंजाल की पहाड़ियों को पार करता है तथा वहां बनी हुई गतॊ (Depressions) से बहते हुए चम्बा तथा डलहौजी को पार करता है। पठानकोट में माधोपुर नाम के स्थान पर यह मैदानों में प्रवेश कर जाता है। रावी के ऊपर रणजीत सागर डैम तथा थीन डैम बनाए गए हैं तथा इनके लिए माधोपुर हैडवर्क्स बनाया गया है। यहां से अपर बारी दोआब नहर भी निकाली गई है। इसके पश्चात् रावी दरिया पठानकोट, गुरदासपुर तथा अमृतसर जिलों में से निकलता है। यह भारत व पाकिस्तान की सरहद निश्चित करता है। कलझ मंझ नाम के स्थान पर यह पाकिस्तान में चला जाता है। पाकिस्तान में यह सिधानी नाम के स्थान पर चिनाब में मिल जाता है। ऊज नदी तथा सक्की किरन वाला रावी की प्रमुख सहायक नदियां हैं।

पंजाब : जलतन्त्र PSEB 9th Class Geography Notes

  • पंजाब-पंजाब को पाँच दरियाओं की धरती कहा जाता है। समय के साथ-साथ पंजाब का कई बार विभाजन हुआ तथा अब इसमें केवल तीन दरिया रावी, ब्यास तथा सतलुज ही रह गए हैं। यह तीनों दरिया सम्पूर्ण वर्ष पानी से भरे रहते हैं।
  • पंजाब का जलतन्त्र-पंजाब में तीन प्रकार के दरिया हैं-बारहमासी दरिया, मौसमी दरिया तथा अवशेषी दरिया।
  • रावी दरिया-रावी दरिया रोहतांग दर्रे के उत्तर की तरफ 4116 मीटर की ऊंचाई पर शुरू होता है। इसके ऊपर रणजीत सागर डैम तथा थीन डैम के लिए माधोपुर हैड वर्कस को बनाया गया है। इसकी कई सहायक नदियां भी हैं जिनमें ऊज नदी सबसे महत्त्वपूर्ण है।
  • ब्यास नदी-ब्यास दरिया हिमाचल प्रदेश के नज़दीक 4060 मीटर की ऊंचाई पर ब्यास कुण्ड से शुरू होता है। यह पंजाब में 160 किलोमीटर का फासला तय करके सतलुज में मिल जाता है। इससे ही राजस्थान फीडर नहर निकाली गई है जो राजस्थान के एक बड़े हिस्से की पानी की आवश्यकताएं पूर्ण करती है।
  • सतलुज-सतलुज मानसरोवर झील के नज़दीक रक्षताल से निकलता है। इस पर भाखड़ा डैम बनाया गया है। यह फिरोजपुर जिले में से पाकिस्तान में चला जाता है।
  • घग्गर-घग्गर एक मौसमी नदी है जो सिरमौर की पहाड़ियों में से निकल कर पटियाला, घनौर तथा हरियाणा में से होते हुए राजस्थान के रेगिस्तान में खत्म हो जाती है।
  • पंजाब की नहरी व्यवस्था-पंजाब में काफी विकसित नहरी व्यवस्था है जिसमें 5 हैडवर्क्स तथा 14500 किलोमीटर लंबी नहरें हैं।3

PSEB 9th Class Physical Education Solutions Chapter 1 शारीरिक शिक्षा-इसके गुण एवं उद्देश्य

Punjab State Board PSEB 9th Class Physical Education Book Solutions Chapter 1 शारीरिक शिक्षा-इसके गुण एवं उद्देश्य Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Physical Education Chapter 1 शारीरिक शिक्षा-इसके गुण एवं उद्देश्य

PSEB 9th Class Physical Education Guide शारीरिक शिक्षा-इसके गुण एवं उद्देश्य Textbook Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
शारीरिक शिक्षा का लक्ष्य क्या है ?
उत्तर-
शारीरिक शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति के लिए ऐसा वातावरण प्रदान करना है जो उसके शरीर, दिमाग तथा समाज के लिए लाभदायक हो।

प्रश्न 2.
शारीरिक शिक्षा क्या है ?
उत्तर-
शारीरिक शिक्षा बच्चे के सम्पूर्ण व्यक्तित्व के विकास के लिए शारीरिक कार्यक्रम द्वारा, शरीर, मन तथा आत्मा को पूर्णता की ओर ले जाती है।

प्रश्न 3.
शारीरिक शिक्षा के कोई दो उद्देश्यों के नाम लिखो।
उत्तर-
(1) शारीरिक विकास (2) मानसिक विकास।

PSEB 9th Class Physical Education Solutions Chapter 1 शारीरिक शिक्षा-इसके गुण एवं उद्देश्य

प्रश्न 4.
व्यक्ति और समाज के विकास में शारीरिक शिक्षा के कोई दो योगदानों के नाम लिखें।
उत्तर-
(1) खाली समय का उचित प्रयोग, (2) जीवन के लक्ष्य की प्राप्ति में सहायक, 3. सामाजिक भावना।

प्रश्न 5.
खेल के मैदान में आप कौन-कौन से शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य ग्रहण करते हो ? किसी दो के नाम लिखें।
उत्तर-
(1) सहनशीलता, (2) अनुशासन, (3) चरित्र विकास ।

प्रश्न 6.
खेलें व्यक्ति में कैसे गुण विकसित करती हैं ?
उत्तर-
नेतृत्व के गुण।

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
शारीरिक शिक्षा का क्या लक्ष्य है ?
(What is the aim of Physical Education ?)
उत्तर-
शारीरिक शिक्षा का लक्ष्य (Aim of Physical Education)-शारीरिक शिक्षा साधारण शिक्षा की भान्ति उच्च मंजिल पर पहुंचने के लिए शिक्षा प्रदान करती है।
सुप्रसिद्ध शारीरिक शिक्षा शास्त्री जे० एफ० विलिअम्ज (J.F. Williams) का कहना है .. कि यदि हमें शारीरिक शिक्षा की मंजिल प्राप्त करनी है तो यह हमारा उद्देश्य होना चाहिए। शारीरिक शिक्षा का उद्देश्य एक कुशल तथा योग्य नेतृत्व देना तथा ऐसी सुविधाएं प्रदान करना है जो किसी एक व्यक्ति या समुदाय को कार्य करने का अवसर दें तथा ये सभी क्रियाएं शारीरिक रूप से सम्पूर्ण, मानसिक रूप से उत्तेजक तथा सन्तोषजनक तथा सामाजिक रूप से निपुण हों। इसके अनुसार व्यक्ति के लिए केवल उन्हीं क्रियाओं का चयन करना चाहिए जो शारीरिक रूप से लाभदायक हों।

प्रत्येक व्यक्ति केवल वे क्रियाएँ करे जो शरीर को तेज़ करने वाली हों तथा उसकी चिन्तन शक्ति बढ़ाने वाली हों। खेलों में कुछ उलझनें तथा प्रतिबन्ध इस प्रकार लगाये जाते हैं कि व्यक्ति का दिमाग ताज़ा रहे और उसे मानसिक सन्तोष मिले। इन क्रियाओं को समाज का समर्थन भी प्राप्त होना चाहिए। इसके अतिरिक्त समाज के अन्य सदस्य भी इन्हें आदर की दृष्टि से देखें। . संक्षेप में, समूचे तौर पर शारीरिक शिक्षा का लक्ष्य व्यक्ति के लिए ऐसा वातावरण प्रदान करना है जो उसके शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक पक्ष के लिए उपयोगी हो। इस प्रकार व्यक्ति का सर्वपक्षीय विकास (All-round Development) ही शारीरिक शिक्षा का एकमात्र लक्ष्य है।

प्रश्न 2.
खाली समय का उचित प्रयोग किस प्रकार किया जा सकता है ? संक्षेप में लिखो।
(How can Leisure time be usefully spent ? Describe in brief.)
उत्तर-
किसी ने ठीक ही कहा है कि “खाली मन शैतान का घर होता है।” (“An idle brain is a devil’s workshop.”) यह प्रायः देखा भी जाता है कि बेकार आदमी को शरारतें ही सूझती हैं। कई बार तो वह ऐसे गलत काम करने लगता है जो सामाजिक तथा नैतिक दृष्टि से उचित नहीं ठहराये जा सकते। इसका कारण यह है कि उसके पास फालतू समय तो है परन्तु उसके पास इसे व्यतीत करने का ढंग नहीं है। फालतू समय का उचित प्रयोग न होने के कारण उसका दिमाग कुरीतियों में फंस जाता है और कई बार अनेक उलझनों में उलझ कर रह जाता है जिनसे बाहर निकलना उसके वश से बाहर होता है।

यदि व्यक्ति इस फालतू समय का सदुपयोग जानता हो तो वह जीवन में उच्च शिखरों को छू सकता है। संसार के अनेक आविष्कार उन व्यक्तियों ने किये जो फालतू समय को कुशल ढंग से व्यतीत करने की कला से परिचित थे। इस प्रकार संसार के अनेक आविष्कार फालतू समय की ही देन हैं।।

यदि बच्चों के फालतू समय व्यतीत करने के लिए कोई उचित प्रबन्ध न हो तो वे बुरी आदतों का शिकार हो जाएंगे। इस प्रकार वे समाज पर बोझ बनने के साथ-साथ इसके लिए कलंक भी बन जाएंगे। इसलिए उनके फालतू समय के उचित प्रयोग की अच्छी व्यवस्था करनी चाहिए। स्कूलों, कॉलेजों, पंचायतों या नगरपालिकाओं या सरकार को अच्छे खेल के मैदानों तथा खेलों के सामान का पूरा प्रबन्ध करना चाहिए ताकि बच्चे खेलों में भाग लेकर अपने खाली समय का उचित प्रयोग कर सकें। इस प्रकार हम देखते हैं कि फालतू समय के प्रभावशाली उपयोग का सर्वोत्तम साधन खेलें हैं।

PSEB 9th Class Physical Education Solutions Chapter 1 शारीरिक शिक्षा-इसके गुण एवं उद्देश्य

प्रश्न 3.
‘खेलें अच्छे नेता बनाती हैं।’ कैसे ?
(Games make good Leader. How ?)
अथवा
खेलें एक अच्छे नेता के गुण कैसे पैदा करती हैं?
(How sports produce the qualities of a good Leader ?)
उत्तर-
खेलें व्यक्ति में अच्छे नेतृत्व के गुण विकसित करती हैं। शारीरिक शिक्षा का क्षेत्र अत्यधिक विशाल है। खेलों में एक खिलाड़ी को अनेक ऐसे अवसर मिलते हैं जब उसे टीम के कप्तान, सैक्रेटरी, रैफरी या अम्पायर की भूमिका निभानी पड़ती है। इन परिस्थितियों में वह अपनी योग्यता के अनुसार आचरण करता है। एक कप्तान के रूप में वह अपनी टीम के खिलाड़ियों को समय-समय पर निर्देश देकर उन्हें उचित ढंग से तथा पूर्ण विश्वास के साथ खेलने की प्रेरणा देता है। एक रैफरी या अम्पायर के रूप में वह निष्पक्ष रूप से उचित निर्णय देता है। सैक्रेटरी के रूप में वह टीम का ठीक ढंग से गठन एवं संचालन करता है। इस प्रकार उसमें एक सफल और अच्छे नेता के गुण विकसित हो जाते हैं।

एक नेता में अच्छे चारित्रिक गुणों का होना आवश्यक है। उसमें आज्ञा-पालन, समय की पाबन्दी, सभी के साथ समान व्यवहार, प्रेम, सहानुभूति, सहनशीलता आदि गुण प्रचुर मात्रा में होने चाहिएं। ये सभी गुण वह खेल के मैदान से ग्रहण कर सकता है। एक नेता को अपने आस-पास के लोगों के साथ सद्भावना से रहना चाहिए। खेलें उसमें यह गुण विकसित करती हैं। जब एक खिलाड़ी अन्य स्थानों के खिलाड़ियों के साथ मिल-जुल कर खेलता है, वह उनके स्वभाव तथा सभ्यता के साथ भली-भान्ति परिचित हो जाता है। उसमें उनके प्रति सद्भावना उत्पन्न हो जाती है। यह सद्भावना ही एक नेता का महत्त्वपूर्ण गुण है।

नेता को चुस्त और फुर्तीला होना चाहिए। खेलों में भाग लेने से व्यक्ति में चुस्ती और स्फूर्ति आती है। इस प्रकार खेलें अच्छे नेताओं के निर्माण में विशेष योगदान देती हैं।

बड़े स्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
शारीरिक शिक्षा के मुख्य उद्देश्य कौन-कौन से हैं ?
(Describe the main objectives of Physical Education.)
उत्तर-
शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य (Objectives of Physical Education)किसी भी कार्य को आरम्भ करने से पहले उसके उद्देश्य निर्धारित कर लेना आवश्यक है। बिना उद्देश्य के किया गया काम छाछ को मथने के समान है। उद्देश्य निश्चित कर लेने से
हमारे यत्नों को प्रोत्साहन मिलता है और उस काम को करने में लगाई गई शक्ति व्यर्थ नहीं जाती है। आज तो शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य की जानकारी प्राप्त करना और भी ज़रूरी हो गया है क्योंकि अब तो स्कूलों में एक विषय (Subject) के रूप में इसका अध्ययन किया जाता है।

साधारणतया शारीरिक शिक्षा के निम्नलिखित उद्देश्य हैं-

  • शारीरिक वृद्धि एवं विकास (Physical Growth and Development)
  • मानसिक विकास (Mental Development) (3) सामाजिक विकास (Social Development)
  • चरित्र निर्माण या नैतिक विकास (Formation of Character or Moral Development)
  • नाड़ियों और मांसपेशियों में समन्वय (Neuro-muscular Co-ordination )
  • बीमारियों से बचाव (Prevention of Diseases)

1. शारीरिक वृद्धि एवं विकास (Physical Growth and Development)अच्छा, सफल तथा सुखद जीवन व्यतीत करने के लिए सुदृढ़, सुडौल तथा स्वस्थ शरीर का होना परमावश्यक है। हमारे शरीर का निर्माण मज़बूत हड्डियों से हुआ है। इसमें काम करने वाले सभी अंग उचित रूप से अपने कर्तव्य का पालन कर रहे हैं। शरीर के अंगों के सुचारु रूप से कार्य करते रहने से शरीर का निरन्तर विकास होता है। इसके विपरीत इनके भलीभान्ति काम न करने से शारीरिक विकास भी रुक जाता है। इस प्रकार शारीरिक प्रफुल्लता के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए शारीरिक शिक्षा सुखद वातावरण जुटाती है।
PSEB 9th Class Physical Education Solutions Chapter 1 शारीरिक शिक्षा-इसके गुण एवं उद्देश्य 1

2. मानसिक विकास (Mental Development)- शारीरिक विकास के साथसाथ मानसिक विकास की भी आवश्यकता है। शारीरिक शिक्षा ऐसी क्रियाएं प्रदान करती हैं जो व्यक्ति के मस्तिष्क को उत्तेजित करती हैं। उदाहरणस्वरूप, बास्केटबाल के खेल में एक टीम के खिलाड़ियों को विरोधी टीम के खिलाड़ियों से गेंद (बॉल) को बचा कर रखना होता है तथा इसके साथ-साथ अपना लक्ष्य भी देखना पड़ता है । अपनी शक्ति का अनुमान लगा कर बॉल को ऊपर लगी बास्केट में भी डालना होता है। कोई भी खिलाड़ी जो शारीरिक रूप से हृष्ट-पुष्ट है, परन्तु मानसिक रूप में विकसित नहीं है, कभी भी अच्छा खिलाड़ी नहीं बन सकता है। शारीरिक शिक्षा मानसिक विकास के लिए उचित वातावरण प्रदान करती है। इसलिए खेलों में भाग लेने वाले व्यक्ति का शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास भी हो जाता है।

प्रायः शारीरिक रूप से अस्वस्थ तथा मानसिक रूप से सुस्त व्यक्ति बहुत ही भावुक हो जाते हैं। वे जीवन की साधारण समस्याओं को हंसी-हंसी में सुलझा लेने के स्थान पर उनमें उलझ कर रह जाते हैं। वे अपनी खुशी, गम, पसन्द तथा नफ़रत को आवश्यकता से कहीं अधिक महत्त्व देने लगते हैं और वे अपना कीमती समय तथा शक्ति व्यर्थ ही गंवा देते हैं। इस प्रकार कोई महान् सफलता प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं। शारीरिक शिक्षा इन भावनाओं पर नियन्त्रण पाने की कला सिखाती है।

3. सामाजिक विकास (Social Development) शारीरिक शिक्षा व्यक्ति को अपने इर्द-गिर्द के लोगों के साथ सद्भावना से रहने की शिक्षा प्रदान करती है। जब एक व्यक्ति विभिन्न स्थानों के खिलाड़ियों के साथ मिल कर खेलता है तो सामाजिक विकास का अच्छा वातावरण पनपता रहता है। प्रत्येक खिलाड़ी अन्य खिलाड़ियों के स्वभाव, रीति-रिवाज, पहनावा, सभ्यता तथा संस्कृति से भली-भान्ति परिचित हो जाता है। कई बार दूसरों की अच्छी बातें तथा गुण ग्रहण कर लिए जाते हैं। देखने में आता है कि यूनिवर्सिटी, राज्यीय, राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तरों पर खेल मुकाबलों का आयोजन किया जाता है। इनका मुख्य उद्देश्य लोगों में प्रेम तथा आदर की भावनाएं विकसित करना होता है।

4. चरित्र-निर्माण अथवा नैतिक विकास (Character Formation or Moral Development)-खेल का मैदान चरित्र-निर्माण की पाठशाला है। इसका कारण यह है कि खेल के मैदान में ही व्यक्ति खेल के नियमों को निभाते हैं। यहीं से वे अच्छा जीवन व्यतीत करने की कला सीखते हैं तथा सुलझे हुए इन्सान बन जाते हैं। खेल खेलते समय यदि रैफरी कोई ऐसा निर्णय दे देता है जो उन्हें पसन्द नहीं तो भी वे खेल जारी रखते हैं और कोई अभद्र व्यवहार नहीं करते। खेल के मैदान में ही आज्ञा-पालन, अनुशासन, प्रेम तथा दूसरों से सहयोग आदि के गुण सीखे जाते हैं। इस प्रकार प्रत्येक व्यक्ति का चरित्र-निर्माण और नैतिक विकास होता है।

5. नाड़ियों और मांसपेशियों में समन्वय (Neuro-muscular Coordination)-हमारी प्रतिदिन की क्रियाओं को समुचित ढंग से पूर्ण करना अनिवार्य है ताकि नाड़ियों और मांसपेशियों में समन्वय पैदा हो। शारीरिक शिक्षा इनमें समन्वय पैदा करने में सहायता देती है।

6. बीमारियों से बचाव (Prevention from Diseases) शारीरिक शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों को बीमारी से बचाना भी है। बहुत-सी बीमारियां अज्ञानता के कारण लग जाती हैं। शारीरिक शिक्षा का उद्देश्य बच्चों की बीमारियों के कारणों का ज्ञान देना है। वे इन कारणों से बच कर स्वयं भी बीमारियों से बच सकते हैं।

अन्त में, हम कह सकते हैं कि शारीरिक शिक्षा मनुष्य के सर्वपक्षीय विकास के लिए, नागरिकता के लिए, मानवीय भावनाओं के निर्माण तथा राष्ट्रीय एकता के लिए बहुत ही उपयोगी है।

प्रश्न 2.
हॉकी के खेल के मैदान में आप कौन-कौन से शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य ग्रहण करते हो ?
(What are the objectives of Physical Education that one acquires in the game of Hockey ?)
उत्तर-
हॉकी का मैदान भी एक तरह की पाठशाला है जहां से विद्यार्थी शारीरिक शिक्षा के अनेक गुण ग्रहण करता है जिनसे वह जीवन में उन्नति के उच्च शिखर को छूता है और जीवन का हर पक्ष से भरपूर आनन्द उठाता है। हॉकी के क्रीड़ा-क्षेत्र में हम शारीरिक शिक्षा के निम्नलिखित गुणों को ग्रहण करते हैं –

1. सहनशीलता (Toleration) खेल के मैदान में हम सहनशीलता का पाठ पढ़ते हैं। वैसे तो सभी खिलाड़ी चाहते हैं कि जीत उनकी टीम की ही हो। परन्तु कई बार लाख चाहने पर भी विरोधी टीम विजयी हो जाती है। ऐसी स्थिति में पराजित टीम के खिलाड़ी दिल छोड़ कर नहीं बैठ जाते बल्कि अपना मनोबल ऊंचा रखते हैं। वे हार-जीत को एक ही समान समझते हैं। इस प्रकार खेल के मैदान से विद्यार्थियों को सहनशीलता की व्यावहारिक ट्रेनिंग मिलती है।

2. अनुशासन (Discipline)-खेल के मैदान में खिलाड़ी अनुशासन में रहने की कला सीखते हैं। उन्हें पता चलता है कि अनुशासन ही सफलता की कुंजी है। वे खेल में भाग लेते समय अनुशासन का पालन करते हैं। वे अपने कप्तान की आज्ञा मानते हैं तथा रैफरी के निर्णयों को सहर्ष स्वीकार करते हैं। खेल में पराजय को सामने स्पष्ट शारीरिक शिक्षा-इसके गुण एवं उद्देश्य देखते हुए भी वे कोई ऐसा अभद्र व्यवहार नहीं करते जिससे कोई उन्हें अनुशासनहीन – कह सके।

3. चरित्र विकास (Character Development) हॉकी के खेल में भाग लेने से विद्यार्थियों में सहयोग, प्रेम, सहनशीलता, अनुशासन आदि गुणों का विकास होता है जिनसे उनके चरित्र का विकास होता है। इस खेल में भाग लेने से उनमें सहयोग की भावना विकसित होती है। वे निजी हितों को समूचे हितों पर न्योछावर कर देते हैं।

4. व्यक्तित्व का विकास (Development of Personality) हॉकी के खेल में भाग लेने से विद्यार्थियों में कुछ ऐसे गुण विकसित हो जाते हैं, जिनसे उनके व्यक्तित्व का विकास हो जाता है। उनमें सहयोग तथा सहनशीलता आदि गुण विकसित होते हैं तथा उनका शरीर सुन्दर एवं आकर्षक बन जाता है। ये सभी अच्छे व्यक्तित्व के चिन्ह हैं।

5. अच्छे नागरिक बनाना (Creation of Good Citizens)-हॉकी के मैदान में खिलाड़ी में कर्त्तव्य-पालन, आज्ञा पालन, सहयोग, सहनशीलता आदि गुण विकसित हो जाते हैं जो उन्हें एक अच्छा नागरिक बनने में पर्याप्त सहायता पहुंचाते हैं। वे नागरिकता के सभी कर्तव्यों का भली-भान्ति पालन करते हैं। इस प्रकार हॉकी का मैदान अच्छे नागरिकों के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

6. सहयोग (Co-operation) हॉकी के खेल में भाग लेने वाला खिलाड़ी प्रत्येक खिलाड़ी का कहना मानता है। वह अपना विचार दूसरों पर बलात् लागू नहीं करवाता है, अपितु अपने विचार विनिमय के द्वारा खेल के मैदान में संयुक्त विचारधारा बनाता है। इस प्रकार सहयोग की भावना उत्पन्न होती है।

7. राष्ट्रीय भावना (National Spirit)-हॉकी का मैदान एक ऐसा स्थान है जहां हम बिना धर्म और वर्ग के आधार पर भाग ले सकते हैं। कोई भी खिलाड़ी खेल के मैदान में से किसी खिलाड़ी को धर्म के आधार पर टीम से बाहर नहीं निकाल सकता। इस प्रकार . खेल के मैदान में समानता और राष्ट्रीय एकता की भावना पैदा होती है।

8. आत्म-विश्वास की भावना (Self-Confidence) हॉकी के खेल के मैदान में खिलाड़ियों में आत्म-विश्वास की भावना पैदा होती है। जैसे, वह विजय-पराजय को एक समान समझता है। वही खिलाड़ी खेल के मैदान में सफल होता है जो धैर्य
और विश्वास के साथ खेले। इससे सिद्ध होता है कि हॉकी के खेल के द्वारा खिलाड़ियों में आत्म-विश्वास की भावना पैदा होती है।

9. विजय-पराजय को समान समझने की भावना (Spirit of giving equal importance to Victory of Defeat) हॉकी के खेल के द्वारा खिलाड़ियों में विजय-पराजय को एक समान समझने की भावना पैदा होती है।

हमें कभी भी विरोधी टीम का मज़ाक नहीं उड़ाना चाहिए या विजय की प्रसन्नता में पागल नहीं होना चाहिए। पराजित टीम को सदैव प्रोत्साहन देना चाहिए। यदि उसकी पराजय होती है तो उसे निराश और उत्साहहीन नहीं होने देना चाहिए अपितु उसका हौसला बढ़ाना चाहिए।

10. त्याग की भावना (Spirit of Sacrifice)-हॉकी के खेल के मैदान में त्याग की भावना अत्यावश्यक है। जब हम खेल में भाग लेते हैं तो हम अपने स्कूल, प्रान्त, क्षेत्र और सारे राष्ट्र के लिए अपने हित का त्याग करके उसकी विजय का श्रेय राष्ट्र को देते हैं। अत: यह सिद्ध होता है कि खेलें सदैव त्याग चाहती हैं। – ड्यूक ऑफ़ विलिंग्टन ने नेपोलियन को वाटरलू (Waterloo) के युद्ध में पराजित करने के पश्चात् कहा था, “वाटरलू का युद्ध एटन और हैरो के खेल के मैदानों में जीता गया।” (“The Battle of Waterloo was won at the playing-fields of Eton and Harrow.”)
इससे यह सिद्ध होता है कि खेलें अच्छे नेता पैदा करने में सहायक होती हैं।

PSEB 9th Class Physical Education Solutions Chapter 1 शारीरिक शिक्षा-इसके गुण एवं उद्देश्य

शारीरिक शिक्षा-इसके गुण एवं उद्देश्य PSEB 9th Class Physical Education Notes

  • .शारीरिक शिक्षा-शारीरिक क्रियाओं से हमें जो अनुभव प्राप्त होता है, उसे शारीरिक शिक्षा कहते हैं।
  • शारीरिक शिक्षा का लक्ष्य-मनुष्य का सर्वोन्मुखी विकास ही शारीरिक शिक्षा का लक्ष्य है।
  • शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य-शारीरिक, मानसिक और नैतिक विकास ही शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य हैं।
  • खेल के मैदान में शारीरिक शिक्षा का उद्देश्य-खेल के मैदान से सहनशीलता, अनुशासन और चरित्र का विकास होता है।
  • खाली समय का उचित प्रयोग-खेलों में भाग लेने से बच्चे खाली समय का उचित प्रयोग करते हैं जिससे उनमें बुरी आदतें नहीं पनपती हैं।
  • खेलों के नेतृत्व का गुण-एक नेता में अच्छे चारित्रिक गुणों का होना आवश्यक है और ये खेलें मनुष्य में नेतृत्व के गुण पैदा करती हैं।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 7 बुराई नहीं, भलाई

Punjab State Board PSEB 5th Class Hindi Book Solutions Chapter 7 बुराई नहीं, भलाई Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 5 Hindi Chapter 7 बुराई नहीं, भलाई (2nd Language)

बुराई नहीं, भलाई अभ्यास

नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ो और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करो :

  • ਬੁਰਾਈ = बुराई
  • ਜੋੜਾ = जोड़ा
  • ਬੰਦਰ = बंदर
  • ਹਿਰਣ = हिरण
  • ਭਲਾਈ = भलाई
  • ਭੋਲੂ = भोलू

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 7 बुराई नहीं, भलाई

नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ो और हिंदी शब्दों को लिखो :

  • ਇੱਕ = एक
  • ਵੇਲ = लता
  • ਸ਼ਰਮਿੰਦਾ = लज्जित
  • ਵਰਤਾਵ = व्यवहार
  • ਮਾਂ-ਪਿਓ = माता-पिता
  • ਸ਼ਰਾਰਤੀ = नटखट

पढ़ो, समझो और लिखो

(क) म् + ह = म्ह = तुम्हारा
व् + य = व्य = व्यवहार
न् + ह = न्ह = नन्हा
च् + च = च्च = बच्चा
ल् + ल = ल्ल = चिल्ला
म् + म = म्म = हिम्मत
ज् + ज = ज्ज = लज्जित
उत्तर :
विद्यार्थी उपरोक्त शब्दों के सही और शुद्ध उच्चारण का अभ्यास करें।

बताओ

प्रश्न 1.
पेड़ पर कौन रहता था?
उत्तर :
पेड़ पर बन्दर और बंदरिया, अपने नटखट बेटे भोलू के साथ रहते थे।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 7 बुराई नहीं, भलाई

प्रश्न 2.
भोलू का स्वभाव कैसा था?
उत्तर :
भोलू बड़ा ही नटखट स्वभाव का था। वह अपनी शरारतों से हमेशा दूसरों को दु:खी करता था।

प्रश्न 3.
भोलू ने हिरण के साथ क्या शरारत की?
उत्तर :
भोलू ने हिरण को देखकर उसे अपने को पकड़ने के लिए कहा। जब हिरण तेज़ी से दौड़ कर उसे पकड़ने लगा तो वह झट से पेड़ पर चढ़ गया और हिरण दलदल में गिर गया।

प्रश्न 4.
भोलू के माता-पिता ने लाली को कैसे बचाया?
उत्तर :
भोलू के पिता ने पेड़ पर लिपटी एक मज़बूत लता को खींचा और उसे लाली की ओर फेंका। लाली ने उसे मुँह से पकड़ लिया और भोलू के पिता ने उसे खींच कर बाहर निकाल लिया। इस प्रकार उन्होंने लाली को बचा लिया।

प्रश्न 5.
हमें दूसरों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए?
उत्तर :
हमें दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए।

पढ़ो और समझो

(क) पेड़ = वृक्ष
मुँह = मुख
हिरण = मृग
डर = भय
उत्तर :
उपरोक्त रेखांकित शब्दों के पर्यायवाची शब्द उनके सामने लिखे गए हैं। विद्यार्थी इन्हें कण्ठस्थ कर लें।

(ख) बंदर = बंदरिया
माता = पिता
उत्तर :
उपरोक्त रेखांकित शब्दों के विपरीत लिंगी शब्द सामने लिखे गए हैं।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 7 बुराई नहीं, भलाई

(ग) बुराई = भलाई
बुरा व्यवहार = भला व्यवहार
अन्दर = बाहर
धीरे-धीरे = तेजी से
दुःखी= सुखी
एक = अनेक
उत्तर :
उपरोक्त रेखांकित शब्दों के विपरीतार्थक शब्द सामने दिए गए हैं। विद्यार्थी इन्हें स्मरण रखें।

इनसे नये शब्द बनाओ

च्च, ल्ल, म्म, ज्ज
उत्तर :
च्च = बच्चा, कच्चा।
ल्ल = हल्ला, बल्ला।
म्म = अम्मा, निकम्मा।
ज्ज = लज्जा, सज्जा।

रचनात्मक अभिव्यक्ति

चित्र में दिखाई गई बातों के आधार पर चित्र के नीचे भली आदत/बुरी आदत लिखें।
PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 7 बुराई नहीं, भलाई 1

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 7 बुराई नहीं, भलाई

बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
अगर ‘बंदर’ का ‘बंदरिया’ है तो ‘माता’ का है:
(i) पिता
(ii) दादा
(iii) दादी
(iv) रानी।
उत्तर :
(i) पिता

प्रश्न 2.
अगर ‘बुराई’ ‘भलाई’ है ‘अन्दर’ का है
(i) बंदर
(ii) सुंदर
(iii) बाहर
(iv) शहर।।
(iv) रोक।
उत्तर :
(iii) बाहर

प्रश्न 3.
अगर दुखी’ का ‘सुखी है तो ‘एक’ का है
(i) अनेक
(ii) शेर
(iii) शेर
उत्तर :
(i) अनेक

प्रश्न 4.
भोलू का स्वभाव कैसा था?
(i) नटखट
(ii) खटपट
(iii) शैतानी
(iv) निडर।
उत्तर :
(i) नटखट।

बुराई नहीं, भलाई Summary in Hindi

किसी पेड़ पर बन्दर और बन्दरिया का जोड़ा रहता था। उनका एक छोटा बच्चा भी था, जिसका नाम भोलू था। वह बड़ा ही नटखट था। वह ऐसी शरारतें करता था जिससे दूसरों को परेशानी होती थी। उसकी इस आदत से सभी दुखी थे। एक बार की बात है कि भोल और उसके मातापिता आपस में बातें कर रहे थे तभी अचानक भोलू उनसे नज़रें बचाकर चला गया। उसने एक दलदल देखी।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 7 बुराई नहीं, भलाई

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 7 बुराई नहीं, भलाई 2

इसे देख उसके मन में शरारत सूझी। उसने देखा कि सामने से हिरण का बच्चा ‘लाली’ आ रहा है। उसने लाली को कहा, “लाली ! मुझे पकड़ो।” लाली भोलू को पकड़ने के लिए दौड़ा। भोलू दौड़ता हुआ जैसे ही दलदल के समीप पहुँचा वह झट से – पेड़ पर. चढ़ गया लेकिन उसके पीछे आ रहा लाली – संभल न पाया और दलदल में गिर गया। लाली दलदल में फँसता जा रहा था। यह देखकर भोलू भी घबरा गया और सहायता के लिए चिल्लाने लगा।

उसकी आवाज़ सुनकर उसके माँ-बाप दौड़ते हुए आए। उन्होंने जल्दी से पेड़ से लिपटी एक मज़बूत लता को खींचा और उसे लाली की ओर फेंका। लाली ने उसे पकड़ लिया और इधर इन्होंने उसे खींच कर दलदल से बाहर निकाल लिया। इस तरह लाली की जान बच गई।

भोलू अपने किए पर शर्मिंदा था। उसके पिता जी ने उसे समझाते हुए कहा कि बेटा, हमें दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे दूसरों को नुकसान हो। भोलू के मन पर इन बातों का बहुत असर हुआ और उसने शरारतें करनी करनी छोड़ दीं। अब वह बदल गया था।

शब्दार्थ

  • नटखट = शरारती
  • लता = बेल
  • दलदल = कीचड़
  • नुकसान = हानि
  • धड़ाम = ज़ोर की आवाज़
  • व्यवहार = बर्ताव
  • लजित = शर्मिदा
  • भलाई – दूसरे का हित करना
  • लपककर = सहसा तेज़ी से आगे बढ़ना

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 6 ईमानदार बालक

Punjab State Board PSEB 5th Class Hindi Book Solutions Chapter 6 ईमानदार बालक Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 5 Hindi Chapter 6 ईमानदार बालक (2nd Language)

ईमानदार बालक अभ्यास

नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ो और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करो :

  • ਹੱਲ = हल
  • ਕ੍ਰਿਸ਼ਣਪੁਰ = कृष्णपुर
  • ਮਿੱਤਰ = मित्र
  • ਗੁਰੁ = गुरु
  • ਸੱਚਾ = सच्चा
  • ਦੰਡ = दंड

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 6 ईमानदार बालक

नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ो और हिंदी शब्दों को लिखो :

  • ਘਰ = गृह
  • ਪਿੰਡ = गाँव
  • ਕੰਮ = कार्य
  • ਘਰ = योग्य
  • ਹਿਰਦਾ = हृदय
  • ਹਿੰਮਤੀ = साहसी

पढ़ो, समझो और लिखो

(क) कृ + ष् = कृष् = कृष्ण
स् + ट = स्ट = मास्टर
स् + त = स्त = वास्तव
त् + र = त्र = मित्र
स् + क = स्क = मुस्कराते
ग् + य = ग्य = योग्य

(ख) च् + च = च्च = सच्चाई
ज् + ज = ज्ज = ताज्जुब

बताओ

प्रश्न 1.
गुरु जी ने किस विषय का गृह कार्य दिया था?
उत्तर :
गुरु जी ने गणित विषय का गृह-कार्य दिया था।

प्रश्न 2.
जिस बालक के सारे सवाल ठीक थे, उसका क्या नाम था?
उत्तर :
जिस बालक के सारे सवाल ठीक थे, उसका नाम गोपाल था।

प्रश्न 3.
गोपाल रोने क्यों लगा?
उत्तर :
गोपाल को लगा कि वह वास्तव में उस तारीफ़ के लायक नहीं था जो अध्यापक ने की थी, इसीलिए वह रोने लगा।

प्रश्न 4.
गोपाल ने मास्टर जी के सामने क्या कहा?
उत्तर :
गोपाल ने मास्टर जी से सच कहा कि उसने कुछ सवाल अपने मित्र की कापी से उतारे थे।

प्रश्न 5.
मास्टर जी ने गोपाल के किन गुणों की प्रशंसा की?
उत्तर :
मास्टर जी ने गोपाल की सच्चाई, ईमानदारी और साहसी होने की प्रशंसा की।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 6 ईमानदार बालक

वाक्य बनाओ

पीठ थपथपाना, फूट पड़ना, मंद-मंद मुस्कराना, रोमांचित होना
उत्तर :

  1. पीठ थपथपाना (शाबाशी देना)परीक्षा में रमेश के प्रथम स्थान पर आने पर उसके माता-पिता ने उसकी पीठ थपथपाई।
  2. फूट पड़ना (प्रकट होना)-गिलास टूट जाने पर मालिक का गुस्सा फूट पड़ा।
  3. मंद-मंद मुस्कराना (धीमे-धीमे मुस्कराना)छोटे बच्चे के मुँह से तुतलाती बातें सुन कर माँ मंदमंद मुस्कराने लगी।
  4. रोमांचित होना (खुश होना)-सैनिकों के बहादुरी के कारनामे देखकर मन रोमांचित हो उठा।

समझो

सवाल = प्रश्न
तारीफ = प्रशंसा
ताज्जुब = हैरान
मास्टर गुरु
उत्तर :
उपरोक्त रेखांकित शब्दों के अर्थ उनके सामने दिए गए हैं। विद्यार्थी इन अर्थों को याद करके लिखने का अभ्यास करें।

समझो और लिखो

सच्चा = सच्चाई
ईमानदार = ईमानदारी
खूबसूरत = खूबसूरती
साहस = साहसी
उत्तर :
उपरोक्त वाक्यों में ‘ई’ प्रत्यय लगाकर भाववाचक संज्ञा शब्द बनाए गए हैं।

समझो

ईमानदार = बेईमान
सच्चा = झूठा
दण्ड = इनाम
प्रश्न = उत्तर
ठीक = गलत
लायक = नालायक
उत्तर :
ऊपर दिए गए शब्दों के सामने वाले शब्दों के कार्य उनके उलट हैं। ऐसे शब्दों को विपरीतार्थक शब्द कहते हैं।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 6 ईमानदार बालक

नये शब्द बनाओ

स्ट, त्र, न्ह, च्च, न्न
उत्तर :
स्ट = स्टेशन, स्टोर।
त्र = पत्र, मित्र।
न्ह = मध्यान्ह, उन्हें।
च्च = उच्च, सच्चा।
न = अन्न, संपन्न।

विराम चिह्न लगाओ

मास्टर जी आपने मेरी इतनी तारीफ की लेकिन मैं इसके लायक नहीं
उत्तर :
“मास्टर जी ! आपने मेरी इतनी तारीफ़ की, लेकिन मैं इसके लायक नहीं।”

रचनात्मक कौशल

इस कहानी से मिलने वाली शिक्षा के सूत्र वाक्यों ‘ईमानदार बनो’, ‘सच बोलो’, ‘साहसी बनो’ को चार्ट पर लिखकर कक्षा में टाँगो।

बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
गुरु जी ने किस विषय का गृहकार्य दिया था?
(i) गणित
(ii) हिंदी
(iii) विज्ञान
(iv) संस्कृत।
उत्तर :
(i) गणित

प्रश्न 2.
पंजाबी शब्द “विमलयन’ का हिन्दी में अर्थ
कृष्ण/कृष्णपुर/कृष्णानगर/कान्हा
उत्तर :
कृष्णपुर

प्रश्न 3.
पंजाबी शब्द “थिंड’ का हिन्दी अर्थ है।
नगर/गाँव/बसेरा/तेरा
उत्तर :
गाँव

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 6 ईमानदार बालक

प्रश्न 4.
‘फूट पड़ना’ का अर्थ है
(i) प्रकट होना
(ii) प्रकट आना
(iii) ओझल होना
(iv) दिखना।
उत्तर :
(i) प्रकट होना

प्रश्न 5.
रोमांचित होना का अर्थ हैं –
(i) रोमांच होना
(ii) रोमांच करना
(ii) खुश होना
(iv) खुशी करना।
उत्तर :
(ii) खुश होना।

प्रश्न 6.
अगर ईमानदार’ का बेईमान है तो ‘सच्चा’ का है
(i) झूठ
(ii) झूठा
(iii) सत्य
(iv) असत्य।
उत्तर :
(ii) झूठा

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 6 ईमानदार बालक

प्रश्न 7.
अगर प्रश्न का उत्तर है तो ‘लायक’ का
(i) नालायक
(ii) नाकाबिल
(iii) नाबालिग
(iv) नागुज़ार।
उत्तर :
(i) नालायक।

ईमानदार बालक Summary in Hindi

कृष्णपुर गाँव की पाठशाला में गुरु जी गणित की कापियाँ जाँच रहे थे। वह गोपाल की कापी देखकर बहुत खुश हुए क्योंकि उसने सारे सवाल ठीक हल किए थे। उन्होंने कक्षा के सामने उसकी तारीफ़ की लेकिन अपनी तारीफ़ सुनकर प्रसन्न होने की जगह गोपाल रोने लगा।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 6 ईमानदार बालक 1

अध्यापक और बच्चे सभी हैरान थे कि गोपाल रोने क्यों लगा। अध्यापक के पूछे जाने पर गोपाल ने कहा कि गुरु जी आपने तो मेरी तारीफ़ की है लेकिन मैं तो सज़ा का हकदार हूँ क्योंकि ये सवाल मैंने स्वयं नहीं हल किए बल्कि अपने मित्र की कापी से उतारे हैं।

उसकी सच्ची बातों को सुनकर गुरु जी बहुत प्रसन्न हुए और वह बोले कि गोपाल तुम सच में। प्रशंसा के योग्य हो क्योंकि तुम सच्चे और ईमानदार ही नहीं बल्कि साहसी भी हो। सच को बोलने का साहस तुम में है। गोपाल गुरु जी की बात सुनकर रोमांचित हो गया।

शिक्षा-हमें सदा सत्य बोलना चाहिए।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 6 ईमानदार बालक

शब्दार्थ

  • गृह कार्य = घर से हल करके लाया जाने वाला काम
  • ताज्जुब = हैरानी
  • सुबकना = धीमी आवाज़ में रोना
  • दण्ड = सज़ा
  • मंद-मंद = धीरे-धीरे
  • रोमांचित = जिसके रोयें खड़े हों, पुलकित, खुश।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 5 ठीक समय (कविता)

Punjab State Board PSEB 5th Class Hindi Book Solutions Chapter 5 ठीक समय (कविता) Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 5 Hindi Chapter 5 ठीक समय (कविता) (2nd Language)

ठीक समय (कविता) अभ्यास

नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ो और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करो :

  • ਨਿਤ = नित
  • ਮੌਜ = मौज
  • ਗਾਨਾ = गाना
  • ਨਹਾਓ = नहाओ
  • ਠੀਕ = ठीक
  • ਖਾਓ = खाओ

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 5 ठीक समय (कविता)

बताओ

इस कविता में क्या बताया गया है?
उत्तर :
इस कविता में बताया गया है कि जीवन में ‘बड़ा’ बनने और सफलता पाने के लिए आवश्यक है कि प्रत्येक काम सही समय पर करें।

कविता की पंक्तियाँ पूरी करो :

  1. ठीक समय पर ………………………………. उठ जाओ।
  2. ………………………………. खाना खाओ।
  3. ठीक समय पर ………………………………. जाओ।

उत्तर :

  1. ठीक समय पर नित उठ जाओ।
  2. ठीक समय पर खाना खाओ।
  3. ठीक समय पर पढ़ने जाओ।

तुक मिलाओ

जाओ ………………………………. खाना ……………………………….
उत्तर :
जाओ – खाओ।
खाना – गाना।

लिखो

समय खाना पढ़ने मौज पाओ
उत्तर :
विद्यार्थी उपरोक्त शब्दों को अपनी उत्तरपुस्तिका में लिखने का अभ्यास करें।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 5 ठीक समय (कविता)

रचनात्मक कौशल

घड़ी का चित्र बनाओ। एक से बारह तक अंक लिखो। घड़ी की सभी सुइयों के बारे में पता करो। अपने माता-पिता तथा अध्यापक की सहायता से समय देखना सीखो।
PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 5 ठीक समय (कविता) 1

अध्यापन निर्देश :
अध्यापक इस कविता का सस्वर वाचन करवाये तथा बच्चों में सभी काम समय पर करने की आदत विकसित करे।

(i) ठीक समय पर
नित उठ जाओ।
ठीक समय पर
चलो नहाओ।
ठीक समय पर
खाना खाओ।
ठीक समय पर
पढ़ने जाओ।
उत्तर :
सरलार्थ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक से कविता ‘ठीक समय’ से ली गई हैं। इसमें कवि ने समय के महत्त्व को बताते हुए कहा है कि हमें प्रत्येक कार्य ठीक समय पर करना चाहिए। सुबह ठीक समय पर उठना चाहिए। हमें नहाना चाहिए और खाना खाना चाहिए। हमें ठीक समय पर पढ़ने के लिए जाना चाहिए।

(ii) ठीक समय पर
मौज उड़ाओ।
ठीक समय पर
गाना गाओ।
ठीक समय पर
सब कर पाओ।
तो तुम बहुत
बड़े कहलाओ।
उत्तर :
सरलार्थ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक से कविता ‘ठीक समय’ से ली गई हैं। इसमें कवि ने बच्चों को समय का महत्त्व बताते हुए उन्हें प्रत्येक काम समय पर करने को कहा है। कवि कहता है कि हमें उचित समय पर ही मौज-मस्ती (खेलना-कूदना) करनी चाहिए और जब गाने का उचित समय हो तभी गाना चाहिए। यदि सभी काम तुम अपने ठीक समय पर करोगे तभी तुम ‘बड़े’ कहलाओगे।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 5 ठीक समय (कविता)

बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
‘खाओ’ से तुकबन्दी करते हुए शब्द मिलाएँ/सही पर गोला लगाओ।
(i) मिलाओ
(ii) जाओ
(iii) बताओ
(iv) मिलना।
उत्तर :
(i) जाओ

प्रश्न 2.
पंजाबी शब्द ‘मैन’ का हिन्दी अर्थ है-
मौज़/रोम/फर्ज/तर्ज
उत्तर :
मौज

प्रश्न 3.
पंजाबी शब्द ‘गाटा’ का हिन्दी में अर्थ है। रोना/गाना/जाना/रहना।
उत्तर :
गाना।

शब्दार्थ

  • नित = (नित्य) हर रोज़
  • ठीक = सही
  • समय = वक्त

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 4 मीठे फल

Punjab State Board PSEB 5th Class Hindi Book Solutions Chapter 4 मीठे फल Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 5 Hindi Chapter 4 मीठे फल (2nd Language)

मीठे फल अभ्यास

नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ो और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करो –

  • गुरुमुखी लिपि = देवनागरी लिपि
  • ਮਹਾਰਾਜ = महाराज
  • ਬੇਰੀ = बेरी
  • ਕੰਨਪਟੀ = कनपटी
  • ਸ਼ਿਕਾਰ = शिकार

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 4 मीठे फल

नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिन्दी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ो और हिंदी शब्दों को लिखो –

  • पंजाबी शब्द – हिन्दी भाषा के शब्द
  • ਸਿੰਘ = सिंह
  • ਸਮਾਂ = समय
  • ਅੰਗ-ਰੱਖਿਅਕ = अंगरक्षक
  • ਮਾਫ਼ = क्षमा
  • ਪੱਥਰ = पत्थर
  • ਇੱਕ = एक

पढ़ो, समझो और लिखो

(क) त् + थ = त्थ = पत्थर
म् + ह = म्ह = तुम्हें
न् + ह = न्ह = उन्हें, उन्होंने
(ख) च् + च = च्च = बच्चे

बताओ

प्रश्न 1.
महाराजा रणजीत सिंह कहाँ जा रहे थे?
उत्तर :
महाराजा रणजीत सिंह शिकार खेलने जा रहे थे।

प्रश्न 2.
बच्चे पत्थर मारकर क्या तोड़ रहे थे?
उत्तर :
बच्चे पत्थर मार कर बेर तोड़ रहे थे।

प्रश्न 3.
महाराजा को पत्थर कहाँ पर लगा?
उत्तर :
महाराजा को पत्थर कनपटी पर लगा।

प्रश्न 4.
महाराजा ने बच्चों से क्या कहा?
उत्तर :
महाराजा ने बच्चों से कहा कि डरने की कोई बात नहीं। जब एक बेरी पत्थर खाकर तुम्हें मीठे-मीठे बेर देती है तो आपका महाराजा पत्थर खाकर भला आपको सज़ा क्यों देगा ?

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 4 मीठे फल

प्रश्न 5.
महाराजा ने बच्चों को क्या दिया?
उत्तर :
महाराजा ने बच्चों को मीठे बेर और मिठाइयाँ खाने को दी।

वाक्य बनाओ

  1. मार-मार,
  2. डरते-डरते,
  3. मीठे-मीठे,
  4. हँसते-खेलते

उत्तर :

  1. मार-मार-पुलिस ने चोर को मार-मार कर अधमरा कर दिया।
  2. डरते-डरते-बच्चा डरते-डरते मेरे सामने आया।
  3. मीठे-मीठे-चाचा जी ने मुझे मीठे-मीठे बेर खाने को दिए।
  4. हँसते-खेलते-बच्चे हँसते-खेलते ही अच्छे लगते हैं।

समझो

तुम = तुम्हें
यह = ये
उन = उन्हें/उन्होंने
वह = वे
उत्तर :
निर्देश- उपरोक्त सर्वनाम शब्दों के एकवचन और बहुवचन रूप को दिखाया गया है।

(क) अन्तर समझो

जज ने चोर को एक साल जेल की [सज़ा] दी। (दंड)
मैंने अपना कमरा [सजा] दिया है। (सजाना)
उत्तर :
सजा, सजा शब्दों के अर्थ में अन्तर हैं। ऐसे शब्द युग्म शब्द कहलाते हैं।

(ख) बॉक्स में दिये गये चिह्नों की पहचान करो

(1) बच्चे बेर तोड़ रहे थे। [ । ]
(2) महाराजा ने पूछा [ , ] [ ” ] बच्चो [ ! ] आपने मुझे पत्थर क्यों मारा [ ? ] [ ” ]
उत्तर :
(i) [ । ] पूर्ण विराम कहलाता है।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 4 मीठे फल

अध्यापन निर्देश :

  1. अध्यापक बच्चों को महाराजा के प्रजा के प्रति प्रेम के बारे में बताते हुए बताये कि प्राचीन काल में राजा अपनी प्रजा के हित का पूरा ध्यान रखते थे। प्रजा भी अपने राजा के गुणों की प्रशंसा करती थी।
  2. अध्यापक विराम चिह्नों।, , ? ” ” के बारे में बच्चों को जानकारी दे।
  3. द्वित्व व्यंजन : जब एक व्यंजन दो बार आए तो उसे द्वित्व रूप में लिखा जाता है। द्वित्व व्यंजन लिखते समय पहला व्यंजन स्वर रहित और दूसरा व्यंजन स्वर सहित होता है। जैसे ‘बच्चा’ शब्द में ‘च’ व्यंजन दो बार (एक बार आधा और दूसरी बार पूरा) आया है।

नोट : किसी भी वर्ग के दूसरे तथा चौथे व्यंजन का वित्व नहीं होता परन्तु जहाँ इनके वित्व होने का आभास मिलता है वहाँ वर्ग के पहले और दूसरे तथा तीसरे और चौथे व्यंजन का संयोग होता है। जैसे ‘पत्थर’ शब्द में ‘थ’ व्यंजन के द्वित्व होने का आभास मिलता है परन्तु दूसरे व्यंजन (थ) के साथ पहला व्यंजन (त्) जोड़ा जाता है। इसी प्रकार ‘शुद्ध’ शब्द में ‘ध’ व्यंजन के द्वित्व होने का आभास मिलता है। परन्तु चौथे व्यंजन ‘ध’ के साथ तीसरे व्यंजन ‘द्’ का संयोग होता है।

रचनात्मक कौशल
फलों के नाम लिखें व रंग भरें:
PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 4 मीठे फल 1
अध्यापक बच्चों को फल धोकर खाने को कहे।

अध्यापन निर्देश : ‘सजा’ शब्द का अर्थ है- दंड। इसमें उर्दू क ध्वनि ‘ज’ का प्रयोग हुआ है। हिंदी में एक शब्द है ‘सजा’ जिसका अर्थ है- आकर्षक व सुंदर। इसमें – ‘ज’ ध्वनि है। विद्यार्थियों को बताया जाये कि उर्दू से आए अरबी-फारसी मूलक वे शब्द जो अब हिंदी के अंग बन चके हैं व जिनकी विदेशी ध्वनियों का हिंदी ध्वनियों में रूपांतर हो चुका है, हिंदी रूप में ही स्वीकार किये जा सकते हैं। जैसे -कलम, किला, दाग आदि (क़लमए क़िला, दाग़ नहीं) किंतु ‘सजा’ जैसे कुछ ऐसे अन्य शब्द भी हैं जिनमें ध्वनि भेद (ज़-ज) के कारण अर्थ बदल जाता है। अतः शुद्ध विदेशी रूप में प्रयोग करने या उच्चारण-भेद स्पष्ट करते समय कई बार नुक्ता लगाना पड़ जाता है और लगाना भी चाहिए। अन्य उदाहरण- राज (शासन) राज (रहस्य)।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 4 मीठे फल

बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
‘तुम’ तुम्हे है तो यह …….. है।
(i) ये
(ii) वे
(iii) उन्हें
(iv) उनसे।
उत्तर :
(i) ये,

प्रश्न 2.
‘वह’ …………………….. वे है तो ‘उन’ …………………….. है।
(i) तुम्हे
(ii) उन्हें
(iii) किन्हें
(iv) तुमने।
उत्तर :
(ii) उन्हें,

प्रश्न 3.
पंजाबी शब्द ‘मिथ’ का हिन्दी में अर्थ है- शेर/सिंह/सिघ्म/भरत
उत्तर :
सिंह

प्रश्न 4.
पंजाबी शब्द ‘अंग-धिभव’ का हिन्दी अर्थ है-
सेना नायक/अंग-रक्षक/सार्थक/अंगीकार।
उत्तर :
अंगरक्षक

प्रश्न 5.
राजा अपने …………. के साथ शिकार पर गया।
(i) अगंरक्षक
(ii) अंगरक्षक
(iii) अगरक्षक
(iv) अगरक्षक
उत्तर :
(i) अंगरक्षक।

मीठे फल Summary in Hindi

एक बार महाराजा रणजीत सिंह अपने अंगरक्षकों के साथ शिकार पर गए। वहीं एक पत्थर उनकी कनपटी पर आकर लगा। पता करने पर पता चला कि बच्चे बेरी पर पत्थर मार-मार कर बेर तोड़ रहे थे। उनमें से एक पत्थर महाराजा के आ लगा। बच्चों ने उन से क्षमा माँगी।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 4 मीठे फल

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 4 मीठे फल 2

महाराजा ने कहा यदि बेरी तुम्हें पत्थर मारने पर मीठे-मीठे फल देती है तो मैं भी तुम्हें कुछ दूंगा। यह कहकर महाराजा ने बच्चों को मीठे-मीठे बेर और मिठाइयाँ दिलवाईं।

शब्दार्थ

  • अंगरक्षक = राजा-महाराजा की रक्षा के लिए नियुक्त सैनिक
  • कनपटी = कान और आँख के बीच का स्थान
  • क्षमा = माफ़ी

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 3 आत्मविश्वास

Punjab State Board PSEB 5th Class Hindi Book Solutions Chapter 3 आत्मविश्वास Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 5 Hindi Chapter 3 आत्मविश्वास (2nd Language)

Hindi Guide for Class 5 PSEB आत्मविश्वास Textbook Questions and Answers

आत्मविश्वास अभ्यास

नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ो और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करो :

  • मप्ल = स्कूल
  • ਪਾਸ = पास
  • हिरिभातपी = विद्यार्थी
  • भाउभ-दिप्तराम = आत्मविश्वास
  • ताप्लटतथी = राष्ट्रपति
  • ਨਾਖੁਸ਼ = नाखुश
  • ਭਾਰਤ = भारत
  • ਤੁਰੰਤ = नाखुश

निर्देश-विद्यार्थी हिन्दी के इन शब्दों को लिखने का अभ्यास करें।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 3 आत्मविश्वास

नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ो और हिंदी शब्दों को लिखो :

माप्लाठा = वार्षिक
ठीसा = परिणाम
पीधिभा = परीक्षा
भलाठ = घोषित
मेटी = कक्षा
उत्तर :
विद्यार्थी हिन्दी में लिखे गए शब्दों को लिखने का अभ्यास करें।

पढ़ो, समझो और लिखो

त् + म = त्म = आत्म
क + ष = क्ष = क्षमा, परीक्षा
स् + क = स्क = स्कूल
ष् + ट् + र = ष्ट्र = राष्ट्र
द् + व = व = द्वारा
न् + द् + र = न्द्र = राजेन्द्र
क् + य = क्य = क्योंकि
प् + र = प्र= प्रसाद, प्रिंसिपल
न् + त = न्त = तुरन्त
द् + य = द्य = विद्यार्थी
क् + ल = क्ल = क्लर्क
उत्तर :
हिन्दी भाषा में आधे व्यंजन को लिखने के लिए हलन्त (.) का प्रयोग किया जाता है। विद्यार्थी इनकी पहचान करना सीखें और शुद्ध-उच्चारण करना सीखें।

बताओ

प्रश्न 1.
वार्षिक परिणाम सुनकर एक विद्यार्थी खुश क्यों नहीं था?
उत्तर :
वार्षिक परिणाम सुनकर एक विद्यार्थी खुश इसलिए नहीं था क्योंकि पास होने वाले विद्यार्थियों में उसका नाम नहीं बोला गया था।

प्रश्न 2.
उस विद्यार्थी ने प्रिंसिपल से क्या कहा?
उत्तर :
उस विद्यार्थी ने प्रिंसीपल से निवेदन किया कि उसका नाम नहीं बोला गया था।

प्रश्न 3.
प्रिंसिपल को अपनी गलती का अनुभव कब हुआ?
उत्तर :
जब स्कूल के क्लर्क ने आकर प्रिंसीपल को बताया कि गलती से एक विद्यार्थी का नाम टाइप होने से रह गया है कृपया इस नाम को भी सूची में शामिल कर लें, तब प्रिंसीपल को अपनी गलती का अनुभव हुआ।

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प्रश्न 4.
जिसका नाम पास विद्यार्थियों में नहीं बोला गया, उस बालक का क्या नाम था?
उत्तर :
उस बालक का नाम राजेन्द्र प्रसाद था।

प्रश्न 5.
बड़ा होकर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद किस तरह प्रसिद्ध हुए?
उत्तर :
बड़े होकर डॉ० राजेन्द्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में प्रसिद्ध हुए।

वाक्य बनाओ

  1. आत्मविश्वास
  2. जुर्माना
  3. सूची
  4. नाखुश
  5. निवेदन
  6. तुरंत
  7. राष्ट्रपति
  8. कृपया

उत्तर :

  1. आत्म-विश्वास – बालक राजेन्द्र प्रसाद ने बड़े आत्म-विश्वास के साथ प्रिंसीपल को कहा कि वह कभी फेल नहीं हो सकता।
  2. सूची-वार्षिक परीक्षा के घोषित परिणाम की सूची बोर्ड पर लगा दी गई थी।
  3. नाख़ुश-बालक घोषित परीक्षा परिणाम से नाखुश था।
  4. निवेदन-राघव ने कक्षा बदलने के लिए अध्यापक से निवेदन किया।
  5. जुर्माना-अध्यापक ने उसे दस रुपए जुर्माना किया।
  6. राष्ट्रपति-डॉ० राजेन्द्र प्रसाद हमारे देश के प्रथम राष्ट्रपति थे।
  7. कृपया-कृपया, यहां बैठ जाएं।
  8. तुरंत-मोहन ने अध्यापक द्वारा पूछे प्रश्नों का तुरंत जवाब दिया।

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इन्हें जानो

स्कूल = पाठशाला
परिणाम = नतीजा
वार्षिक = सालाना
विद्यार्थी = छात्र
बधाई = मुबारक
अंक = नंबर
उत्तर :
उपरोक्त शब्दों के सामने उनके समान अर्थ वाले शब्द लिखे गए हैं। अतः एक समान अर्थ वाले शब्दों को समानार्थी या समानार्थक शब्द कहते हैं।

जानो

फेल = पास
अधिक = कम
पास = दूर
जोड़ = घटा
उत्तर :
उपरोक्त विपरीत अर्थ दर्शाने वाले शब्दार्थ विपरीतार्थक शब्द कहलाते हैं।

अन्तर समझो

(क) क्लर्क ने प्रिंसिपल के [ पास ] आकर कहा। (निकट)
वह बालक अपने [ पास ] होने का दावा कर रहा था। (उत्तीर्ण)
(ख) उस बालक के सबसे अधिक [ अंक ] थे। (नंबर)
बालक माँ के [ अंक ] में बैठा था। (गोदी)
उत्तर :
उपरोक्त पंक्तियों में पास और अंक शब्दों के एक से अधिक अर्थ देखे गए हैं। जहाँ पर एक शब्द के एक से अधिक अर्थ हों उन्हें अनेकार्थी या अनेकार्थक शब्द कहते हैं।

रचनात्मक अभिव्यक्ति-लंगड़े व्यक्ति द्वारा बैसाखी की सहायता से पहाड़ पर चढ़ना, अंधे व्यक्ति को ब्रेल लिपि से पुस्तक पढ़ते हुए दिखाया जाए, एक हाथ से अपाहिज व्यक्ति द्वारा बोझा उठाना, स्कूल के खेल के मैदान में एक अपाहिज विद्यार्थी E द्वारा दौड़ में भाग लेना।

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अध्यापन निर्देश :

  1. अध्यापक बच्चों में आत्मविश्वास के गुण को विकसित करे। भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद की जीवनी पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करे।
  2. अध्यापक ‘र’ व्यंजन के विभिन्न रूप बच्चों को समझाये।
    • हलंत ‘र’ अर्थात् स्वर रहित ‘र’ अपने से अगले व्यंजन पर ‘रेफ’ (‘) के रूप में प्रयुक्त होता है जैसे ‘क्लर्क’ शब्द में हलंत ‘र’ अपने से अगले व्यंजन ‘क’ पर ‘क’ के रूप में आया है।
    • यदि हलत ‘र’ के बाद वाले व्यंजन के साथ मात्रा लगी हो तो हलंत ‘र’ मात्रा के ऊपर या बाद में लगता है। जैसे ‘जुर्माना’ शब्द में रेफ ‘ ‘ ‘ मात्रा के ऊपर () आया है।
    • जब ‘र’ से पहले हलंत व्यंजन (अर्थात् स्वर रहित व्यंजन) हो तो ‘र’ उस व्यंजन के नीचे लिखा जाता है और उस व्यंजन का हलंत हट जाता है। जैसे ‘प्रसाद’ शब्द में ‘र’ ‘प्’ व्यंजन के नीचे ‘प्र’ लगा है।
    • टवर्ग व्यंजनों में ‘ट्’ और ‘इ’ के साथ ‘र’ ट, ड रूप में लिखा जाता है। जैसे ‘राष्ट्र’।

रचनात्मक अभिव्यक्ति
PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 3 आत्मविश्वास
चित्र देखकर नीचे दिए गए शब्दों की सहायता से वाक्य पूरे करें

भार
पुस्तक
खेल
आत्मविश्वास के बल पर एक हाथ से अपाहिज व्यक्ति ………………………….. उठा सकता है, अंधा व्यक्ति ………………………….. पढ़ सकता है। एक पैर से अपाहिज व्यक्ति ………………………….. भी सकता है।
उत्तर :
आत्मविश्वास के बल पर एक हाथ से अपाहिज व्यक्ति भार उठा सकता है, अंधा व्यक्ति पुस्तक पढ़ सकता है। एक पैर से अपाहिज व्यक्ति खेल भी सकता है।

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बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
अगर फेल का पास है तो अधिक का है
(i) कम
(ii) ज्यादा
(iii) शून्य
(iv) ज़ीरो।
उत्तर :
(i) कम

प्रश्न 2.
अगर ‘पास का दूर है तो ‘जोड़’ का है
(i)कम
(ii) ज्यादा
(iii) तोड़
(iv) घटा।
उत्तर :
(iv) घटा

प्रश्न 3.
पंजाबी शब्द ‘मल’ का हिन्दी अर्थ है।
स्कूल/कमरा/अंदर/बड़ा।
उत्तर :
स्कूल

प्रश्न 4.
पंजाबी शब्द ‘डाउ’ का हिन्दी अर्थ है।
भरत/भारत/परत/भगत।
उत्तर :
भारत

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 3 आत्मविश्वास

प्रश्न 5.
नीचे दिए गए शब्दों को सही क्रम में लिखते हुए वाक्य बनाओ।

(i) राजेन्द्र/बालक/प्रसाद/उस/का/ नाम/था।
(ii) भारत/ राजेन्द्र /डॉ०/प्रसाद/ राष्ट्रपति/प्रथम/प्रसिद्ध/हुए/के/रूप में।
उत्तर :
(i) उस बालक का नाम राजेन्द्र प्रसाद था।
(ii) डॉ० राजेन्द्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में प्रसिद्ध हुए।

आत्मविश्वास Summary in Hindi

एक बार किसी स्कूल का वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषित किया गया। प्रिंसीपल ने पास हुए विद्यार्थियों के नाम बताए और उन्हें बधाई दी। एक विद्यार्थी, जिसका नाम नहीं बोला गया, वह कुछ उदास हो गया और प्रिंसीपल को उसने बताया कि मेरा नाम नहीं बोला गया।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 3 आत्मविश्वास 2

प्रिंसीपल ने उसे बताया कि जिसका नाम नहीं बोला गया वह फेल है। लड़के को अपने पर पूरा विश्वास था कि ,वह फेल नहीं हो सकता। उसने प्रिंसीपल से कहा तो उन्होंने उसे पाँच रुपए जुर्माना कर दिया। इस पर भी लड़का चुप नहीं हुआ तो उन्होंने उसका जुर्माना बढ़ा कर दस रुपए कर दिया।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 3 आत्मविश्वास

लड़का तब भी अपनी बात पर अड़ा रहा कि वह फेल नहीं हो सकता। इतने में प्रिंसीपल के पास स्कूल का क्लर्क आया और उन्हें बताया कि पास हुए विद्यार्थियों में गलती से एक नाम टाइप होना रह गया था। आप कृपया वह नाम भी उस सूची में शामिल कर लें।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 3 आत्मविश्वास 3

यह नाम उसी विद्यार्थी का था जिसे पहले फेल माना गया था और दस रुपए जुर्माना किया गया था। यह बालक और कोई नहीं बल्कि भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ० राजेन्द्र प्रसाद थे।

आत्मविश्वास शब्दार्थ

  • आत्म-विश्वास = अपने ऊपर भरोसा होना
  • वार्षिक = प्रति वर्ष होने वाला, सालाना
  • घोषित = ऐलान
  • प्रिंसिपल = सीनियर सेकंडरी स्कूल का मुखिया
  • अडिग = न डिगने वाला
  • क्षमा = माफ़ी