PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 2 भूमि

Punjab State Board PSEB 6th Class Agriculture Book Solutions Chapter 2 भूमि Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Agriculture Chapter 2 भूमि

PSEB 6th Class Agriculture Guide भूमि Textbook Questions and Answers

(क) इन प्रश्नों के उत्तर एक-दो शब्दों में दीजिए –

प्रश्न 1.
किस प्रकार की भूमि में कम पानी लेने वाली फसलों की पैदावार की जा जाती है ?
उत्तर-
रेतीली भूमि में।

प्रश्न 2.
किस प्रकार की मिट्टी नदियों और नहरों के पानी द्वारा बिछाए गए मिट्टी के कणों से बनती है ?
उत्तर-
कछारी मिट्टी।

प्रश्न 3.
सेम की समस्या पंजाब के किस भाग में अधिक पाई जाती है ?
उत्तर-
केन्द्रीय पंजाब में।

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प्रश्न 4.
कपास किस प्रकार की मिट्टी में अधिक पैदा की जाती है ?
उत्तर-
काली मिट्टी में।

प्रश्न 5.
किस प्रकार की भूमि में अधिक पानी सोखने की क्षमता होती है ?
उत्तर-
रेतीली भूमि।

प्रश्न 6.
धरती की कौन-सी पर्त पौधों के फलने-फूलने में सहायक होती है ?
उत्तर-
धरती की ऊपरी सतह।

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प्रश्न 7.
भूमि की सबसे ऊपरी पर्त को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
‘ऐ’ होरीजन।

प्रश्न 8.
किस प्रकार की भूमि में बड़े कणों की मात्रा अधिक होती है ?
उत्तर-
रेतीली भूमि में।

प्रश्न 9.
किस प्रकार की मिट्टी अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में पाई जाती है ?
उत्तर-
लैटराइट मिट्टी।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 2 भूमि

प्रश्न 10.
सेम, खारेपन और लवण की समस्या पंजाब के किन क्षेत्रों में पाई जाती
उत्तर-
केन्द्रीय क्षेत्र जैसे-संगरूर, लुधियाना, बरनाला आदि।

(ख) इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में दीजिए

प्रश्न 1.
भूमि की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
धरती की ऊपरी सतह जिसमें खेती हो सकती है। यह चट्टानों के बारीक कणों तथा अन्य जैविक तथा अजैविक वस्तुओं का मिश्रण है।

प्रश्न 2.
भूमि की संरचना में कौन-कौन से कारक सहायता करते हैं ?
उत्तर-
भूमि की रचना में चट्टानें तथा जलवायु के कारक सहायता करते हैं।

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प्रश्न 3.
भूमि को प्रभावित करने वाले कारक कौन-से हैं ?
उत्तर-
हवा, वर्षा, तापमान भूमि को प्रभावित करने वाले कारक हैं।

प्रश्न 4.
भूमि होरीजन (Soil Horizen) के बारे में संक्षेप में लिखें।
उत्तर-
भूमि की भिन्न-भिन्न पर्तों को भूमि होरीजन कहा जाता है। इन पर्तों का रंग, बनावट तथा रासायनिक गुण भिन्न-भिन्न होते हैं। सबसे ऊपरी पर्त को ‘ऐ’ होरीजन कहा जाता है। इस पर्त में मल्लड़ की मात्रा अधिक होने के कारण इसका रंग गहरा होता है।

प्रश्न 5.
रेतीली और डाकर मिट्टी में क्या अंतर है ?
उत्तर –
रेतीली मिट्टी –

  1. इसमें कणों का आकार बड़ा होता है।
  2. इसके कणों में हवा अधिक होती है।
  3. इसमें पानी जल्दी रिस जाता है

डाकर मिट्टी –

  1. इसमें छोटे कणों की मात्रा अधिक होती है।
  2. इसमें हवा की मात्रा कम होती है।
  3. इसमें पानी की मात्रा को रोकने की अधिक समर्था होती है।

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प्रश्न 6.
मल्लड़ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
पौधों के अवशेष, पत्तों आदि का भूमि में गल-सड़ जाना तथा अन्य जैविक पदार्थों का भूमि में होना इसको मल्लड़ कहते हैं।

प्रश्न 7.
भूमि की विभिन्न पर्ते एक-दूसरे से किस आधार पर भिन्न होती हैं ?
उत्तर-
भूमि की भिन्न-भिन्न पर्ते एक-दूसरे से रंग, बनावट (texture) तथा रासायनिक दृष्टिकोण से भिन्न होती हैं।

प्रश्न 8.
मैरा भूमि कृषि के दृष्टिकोण से बेहतर क्यों मानी जाती है ?
उत्तर-
मैरा भूमि कृषि के दृष्टिकोण से बेहतर इसलिए मानी जाती है क्योंकि इसमें पानी सोखने की समर्था अधिक होता है।

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प्रश्न 9.
भूमि की ऊपरी सतह का रंग गहरा क्यों होता है ?
उत्तर-
भूमि की ऊपरी सतह का रंग इसलिए गहरा होता है क्योंकि इसमें मल्लड़ तथा खनिजों की मात्रा अधिक होती है।

प्रश्न 10.
समय के साथ-साथ मिट्टी से सम्बन्धित कौन-सी समस्याएं सामने आ रही हैं ?
उत्तर-
मिट्टी की उपजाऊ शक्ति कम होना, भूमि कटाव तथा सेम आदि समस्याएं सामने आ रही हैं।

(ग) इन प्रश्नों के उत्तर पाँच या छः वाक्यों में दीजिए –

प्रश्न 1.
भूमि में मौजूद कणों के आकार के आधार पर इसको कितने भागों में विभाजित किया जा सकता है ? विस्तारपूर्वक लिखें।
उत्तर-
भूमि में मौजूद कणों के आकार के आधार पर भूमि को तीन भागों में बांटा जा सकता है
1. रेतीली भूमि (Sandy Soil)—इसमें बड़े आकार के कण अधिक होते हैं। इस भूमि में हवा अधिक होती है तथा पानी जल्दी समा जाता है।

2. डाकर चिकनी भूमि (Clay Soil)-इस भूमि में छोटे कणों की अधिक मात्रा होती है। इसमें पानी सोखने का सार्थय अधिक होता है तथा इसमें हवा की मात्रा कम होती है। इसको भारी भूमि भी कहा जाता है।

3. मैरा भूमि (Loam Soil)—इस भूमि में रेत, डाकर तथा सिल्ट के कण होते हैं। इस तरह यह इनका मिश्रण है। यह भूमि कृषि के दृष्टिकोण से अच्छी मानी जाती है क्योंकि इनमें पानी को सोखने का सार्थय अधिक होता है।

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प्रश्न 2.
पंजाब प्रांत को कौन-कौन से भागों में विभाजित किया जा सकता है ?
उत्तर-
भूमि की किस्म के अनुसार पंजाब प्रांत को तीन भागों में बांटा जा सकता है-
1. दक्षिणी-पश्चिमी पंजाब-इस भाग में रेतीली भूमि होती है। यह साधारणतः रेतीली मैरा तथा सिल्ट कणों से बनी होती है। इस भूमि में नाइट्रोजन, फास्फोरस तथा पोटाश की कमी होती है। पंजाब के फ़ाजिल्का, मानसा, बठिण्डा, फिरोज़पुर तथा मुक्तसर के कुछ हिस्से इस क्षेत्र में आते हैं। इन क्षेत्रों में हवा द्वारा भूमि कटाव मुख्य समस्या है। यह भूमि गेहूँ, धान, कपास आदि फसलों के लिए उचित है।

2. केन्द्रीय पंजाब-इस भूमि में रेतीली मैरा तथा चिकनी मिट्टी मिलती है। पंजाब के केन्द्रीय ज़िले जैसे लुधियाना, बरनाला, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब आदि इस हिस्से में आते हैं। यहां कई भागों में सेम, खारापन तथा लवण आदि समस्याएं होती हैं। यह गेहूँ, सब्जी, धान आदि फसलों के लिए उपयोगी है।

3. उत्तर-पूर्वी-इस क्षेत्र में अर्ध-पर्वतीय क्षेत्र जैसे गुरदासपुर के पूर्वी भाग, होशियारपुर तथा रोपड़ के क्षेत्र आते हैं। इनमें मैरा तथा चिकनी मिट्टी मिलती है। यहां पानी द्वारा भूमि कटाव की समस्या अधिक है। यह गेहूँ, मक्का, धान, फलों आदि के लिए उपयोगी है।

प्रश्न 3.
भारत में कितने प्रकार की मिट्टी पाई जाती है ?
उत्तर-
भारत में मिट्टी की भिन्न-भिन्न किस्में हैं-
1. लैटराइट मिट्टी (Laterite Soil)-यह अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में मिलती है जैसे-दक्षिणी महाराष्ट्र, उड़ीसा, केरल, असम आदि। इनमें तेज़ाबी मादा अधिक होता है।

2. काली मिट्टी (Black Soil)-इसको कपास मिट्टी भी कहा जाता है। यह महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिमी मध्य प्रदेश में मिलती है। इसका रंग गहरा काला इसलिए होता है क्योंकि इसमें मल्लड़ की मात्रा तथा लवण की मात्रा अधिक होती है।

3. पठारी मिट्टी (Mountain Soil)—यह मिट्टी उत्तरी भारत के ठण्डे तथा शुष्क क्षेत्रों में होती है।

4. कछारी मिट्टी (Alluvial Soil)-यह नदियों तथा नहरों द्वारा बिछाई गई मिट्टी की पों से बनती है। यह उत्तरी भारत के क्षेत्रों में जैसे पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि में मिलती है।

5. रेतीली मिट्टी (Desert Soil) यह राजस्थान तथा इससे लगते पंजाब तथा हरियाणा में मिलती है।

6. लाल मिट्टी (Red Soil)-यह मिट्टी कम वर्षा वाले क्षेत्रों जैसे कर्नाटक के कुछ भाग, दक्षिणी पूर्वी महाराष्ट्र, पूर्वी आंध्र प्रदेश में मिलती है। इसमें आयरन ऑक्साइड की मात्रा अधिक होती है।

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प्रश्न 4.
भूमि से सम्बन्धित कौन-कौन सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है ?
उत्तर-
भूमि एक प्राकृतिक स्रोत है परन्तु इसका बेसमझी से उपयोग करने के कारण कई समस्याएं पैदा हो रही हैं ; जैसे इसकी उपजाऊ शक्ति का कम होना, हवा, पानी के कारण भूमि कटाव होना, सेम की समस्या आदि। अधिक उपज लेने के लिए मिट्टी में आवश्यकता से अधिक रासायनिक खादों तथा कीटनाशकों के प्रयोग से मिट्टी में विषैले पदार्थों की मात्रा बढ़ती जा रही है जो मिट्टी द्वारा हमारे खाने-पीने की वस्तुओं में शामिल हो जाते हैं।

प्रश्न 5.
भूमि के प्रकार के आधार पर इसमें होने वाली फसलों के बारे में बताओ।
उत्तर-
भूमि के प्रकार के आधार पर इनमें होने वाली फसलें हैं –

  1. लैटराइट मिट्टी-चाय, नारियल।
  2. कछारी मिट्टी-गेहूँ, धान, गन्ना, कपास आदि।
  3. लाल मिट्टी-गेहूँ, कपास, तंबाकू, धान आदि।
  4. काली मिट्टी -गेहूँ, कपास, अलसी।
  5. रेतीली मिट्टी-गेहूँ, मक्की, जौ, कपास।
  6. पठारी मिट्टी-गेहूँ, मक्का, बाजरा, फलदार पौधे, चाय, कोको।

Agriculture Guide for Class 6 PSEB भूमि Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
होरीजन ‘ऐ’ का रंग गहरा क्यों होता है ?
उत्तर-
मल्लड़ तथा खनिजों की मात्रा अधिक होने के कारण।

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प्रश्न 2.
भूमि में मौजूद कणों के आधार पर भूमि कितने प्रकार की है ?
उत्तर–
तीन प्रकार की।

प्रश्न 3.
भारी भूमि किस को कहा जाता है ?
उत्तर-
डाकर चिकनी भूमि को।

प्रश्न 4.
ज्यादा वर्षा वाले क्षेत्रों जैसे उड़ीसा में किस तरह की भूमि होती है ?
उत्तर-
लैटराइट मिट्टी।

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प्रश्न 5.
आयरन आक्साइड की मात्रा कौन-सी मिट्टी में अधिक है ?
उत्तर-
लाल मिट्टी में।

प्रश्न 6.
हिमालय के क्षेत्र में कौन-सी मिट्टी मिलती है ?
उत्तर-
पठारी मिट्टी।

प्रश्न 7.
भूमि की किस्म के अनुसार पंजाब को कितने भागों में बांटा गया है ?
उत्तर-
तीन भागों में।

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प्रश्न 8.
काली मिट्टी देश के लगभग कितने भाग में मिलती है ?
उत्तर-
16.6 प्रतिशत।

प्रश्न 9.
कछारी मिट्टी देश के लगभग कितने हिस्से में मिलती है ?
उत्तर-
45 प्रतिशत।

प्रश्न 10.
कणों के आकार के आधार पर मिट्टी कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर-
चिकनी मिट्टी, रेतीली या मैरा मिट्टी।

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प्रश्न 11.
मैरा रेतीली भूमि में कितने प्रतिशत रेत होती है ?
उत्तर-
इसमें 70-85 प्रतिशत रेत होती है।

प्रश्न 12.
भूमि के भौतिक गुण कौन-से हैं ?
उत्तर-
भूमि की बनावट, भूमि में पानी सोखने की शक्ति तथा भूमि में पानी रोकने की शक्ति आदि भूमि के भौतिक गुण हैं।

प्रश्न 13.
कौन-सी भूमि में जैविक मादा अधिक होता है ?
उत्तर-
मैरा भूमि में।

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छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
मैरा भूमि के बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
यह भूमि रेतीली, डाकर तथा सिल्ट कणों के मिश्रण से बनती है। यह भूमि कृषि के लिए अच्छी मानी जाती है। इसमें पानी सोखने की समर्था अधिक होती है।

प्रश्न 2.
कपास मिट्टी के बारे में क्या जानते हो ?
उत्तर-
काली मिट्टी को कपास की मिट्टी कहा जाता है। यह महाराष्ट्र, कर्नाटक तथा पश्चिमी मध्य प्रदेश में मिलती है। देश के लगभग 16.6 प्रतिशत हिस्से में यह मिट्टी मिलती है। इस मिट्टी में मल्लड़ तथा लवण की मात्रा अधिक होती है। इसलिए इसका रंग काला होता है।

प्रश्न 3.
रेतीली भूमि कम उपजाऊ क्यों होती है ?
उत्तर-
रेतीली भूमि में मोटे कणों की मात्रा 85 प्रतिशत से अधिक होती है। चिकनी मिट्टी तथा मल्लड़ 15 प्रतिशत से कम होते हैं। इसमें पोषक तत्त्व, पानी रोकने की शक्ति तथा जैविक पदार्थ भी कम होते हैं। इसलिए रेतीली भूमि कम उपजाऊ होती है।

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प्रश्न 4.
समय के साथ मिट्टी से संबंधित कौन-सी समस्याएँ सामने आ रही हैं ?
उत्तर-
यह समस्याएँ हैं- उपजाऊ शक्ति का कम होना, भूमि क्षरण तथा सेम आदि। मिट्टी में रसायनों के प्रयोग के कारण यह जहरीले पदार्थ हमारे खाने में भी आ चुके हैं।

बड़े उत्तर वाला प्रश्न

प्रश्न-
जीवांश क्या होता है ? संक्षेप में लिखो।
उत्तर-
धरती पर उगे वृक्ष तथा पौधों के पत्तों, शाखाओं तथा घास आदि गल-सड़ कर धरती में मिल जाते हैं। इसी प्रकार अन्य जीव-जन्तु अपना जीवन चक्र पूरा करके धरती में ही गल कर मिल जाते हैं। वनस्पति तथा जीव जंतुओं के इस गले-सड़े हुए अंश को जीवांश कहते हैं।

किसी भी भूमि में जीवांश की मात्रा वहां की हवा, पानी तथा वातावरण पर निर्भर करती है। घास वाले मैदानों तथा घने जंगलों वाले क्षेत्रों में भूमि के अन्दर जीवांश की मात्रा अधिक होती है, परन्तु मरुस्थल तथा गर्म शुष्क क्षेत्रों की भूमि में बहुत कम जीवांश होता है।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 2 भूमि

भूमि PSEB 6th Class Agriculture Notes

  • धरती की ऊपरी सतह जिसमें खेती की जाती है, को भूमि कहा जाता है।
  • भूमि की भिन्न-भिन्न परतों को भूमि होरीजन कहा जाता है।
  • भूमि की ऊपरी पर्त को ‘ऐ’ होरीजन कहा जाता है।
  • कणों के आकार के अनुसार भूमि रेतीली, डाकर या चिकनी तथा मैरा होती है।
  • भारत में लैटराइट मिट्टी अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में होती है ; जैसे महाराष्ट्र, केरल, असम।
  • कछारी मिट्टी उत्तरी भारत के मैदानी क्षेत्रों में होती है ; जैसे पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा।
  • काली मिट्टी को कपास मिट्टी भी कहा जाता है। यह गुजरात, कर्नाटक आदि में होती है।
  • लाल मिट्टी कम वर्षा वाले क्षेत्रों पूर्वी आंध्र प्रदेश, कर्नाटक के कुछ भागों आदि में है।
  • पठारी मिट्टी हिमालय के क्षेत्रों में होती है।
  • रेतीली मिट्टी राजस्थान तथा इसके साथ लगते क्षेत्रों में मिलती है।
  • भूमि की किस्म के अनुसार पंजाब को तीन भागों में बांटा गया है।
  • यह तीन भाग हैं दक्षिणी-पश्चिमी पंजाब, केन्द्रीय पंजाब, उत्तर-पूर्वी पंजाब ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 7 राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रीय गान

Punjab State Board PSEB 6th Class Physical Education Book Solutions Chapter 7 राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रीय गान Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Physical Education Chapter 7 राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रीय गान

PSEB 6th Class Physical Education Guide राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रीय गान Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
राष्ट्रीय गान ‘जन-गण-मन’ लिखो।
उत्तर-
राष्ट्रीय गीत जन-गण-मन –
जन-गण-मन अधिनायक जय हे
भारत भाग्य विधाता।
पंजाब, सिन्ध, गुजरात, मराठा
द्राविड़, उत्कल, बंग,
विन्ध्य, हिमाचल, यमुना, गंगा,
उच्छल जलधि तरंग।
तब शुभ नामे जागे
तब शुभ आशिष मांगे
गाये तब जय गाथा,
जन-गण-मंगल दायक जय हे
भारत भाग्य विधाता।
जय हे, जय हे, जय हे,
जय, जय, जय हे।

प्रश्न 2.
राष्ट्रीय गीत ‘वन्दे मातरम्’ लिखो।
उत्तर-
राष्ट्रीय गीत ‘वन्दे मातरम्’
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्।
सुजलां, सुफलां, मलयज शीतलां, शस्य श्यामला, मातरम्।
वन्दे मातरम्।।
शुभ्र ज्योत्सना पुलकित यामिनीम्, फुल्ल कुसुमित द्रुमदल शोभिनिम्।
सुहासिनी सुमधुर भाषिणीम्, सुखदां वरदां मातरम्।
वन्दे मातरम्। सप्तकोटि कंठ कलकल निनाद कराले, द्वि सप्तकोटि भुजैधुतखर कर वाले, अमला केनो मां एतो भले।
बहु भलधारिणी, नमामि तारिणी, रिपुदलवारिणी, मातरम्।
वन्दे मातरम्।
तुमि विद्या तुमि धर्म, तुमि हृदि तुमि मर्म, त्वंहिं प्राणाः शरीरे।
बाहुते तुमि मा शक्ति, हृदये तुमि मा भक्ति, तोमारह प्रतिमा गडि मंदिरे मंदिरे।
त्वंहि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी, कमला-कमल-दल विहारिणी, वाणी विद्यादायिनी,
नमामि त्वां, निमामि कमलाम्, अमलां अतुलाम्, सुजलां, सुफलाम् मातरम्।
वन्दे मातरम्।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 7 राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रीय गान

प्रश्न 3.
जन-गण-मन गान से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
जन-गण-मन का अर्थ-हे ईश्वर त असंख्य लोगों के मन का स्वामी है और भारत का भाग्य बनाने वाला है। हमारे प्रान्तों पंजाब, सिन्ध, गुजरात, महाराष्ट्र उड़ीसा, बंगाल और द्रविड़ के लोग, हमारे पहाड़ विन्ध्याचल, हिमालय और पवित्र नदियां, गंगा, यमुना और विशाल समुद्र से उठने वाली लहरें तुम्हारे नाम का जाप करती हैं। हम तुम्हारे शुभ आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं और तुम्हारे अनन्त गुणों की महिमा के गीत गा रहे हैं।
हे ईश्वर ! तू सब लोगों को सुख देने वाला है। तुम्हारी सदा ही जय हो। तू ही भारत का भाग्य बनाने वाला है। हम सदा ही तुम्हारे गुण गाते हैं।

प्रश्न 4.
‘वन्दे मातरम्’ गीत का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
हे भारत माता ! हम तुम्हें नमस्कार करते हैं। तेरा पानी बहुत पवित्र है। तू सुन्दर फूलों से लदी हुई है। दक्षिण की ठण्डी हवा हमारे मन को मोहित करती है। हे मातृभूमि ! मैं तुझे बार-बार नमस्कार करता हूं।

हे मां ! तेरी रातें चंद्रमा के समान सफेद खिले हुए प्रकाश से शोभित होती हैं और हम इससे प्रसन्नता प्राप्त करते हैं। तू पूरे खिले हुए फूलों से लदी हुई है और हरे-भरे वृक्षों के कारण बहुत शोभा दे रही है। तेरी मुस्कान और वाणी हमें मिठास और वरदान देती है। तुझे हम बार-बार नमस्कार करते हैं।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 7 राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रीय गान

प्रश्न 5.
निम्नलिखित रिक्त स्थान भरो –
(क) जन-गण-मन ……… ने लिखा है। (महात्मा गांधी, रवीन्द्र नाथ टैगोर, सुभाष चन्द्र बोस) .
(ख) वन्दे मातरम् ………. ने लिखा है। (सरोजिनी नायडू, जवाहर लाल नेहरू, बंकिम चन्द्र चटर्जी)
उत्तर-
(क) रवीन्द्र नाथ टैगोर
(ख) बंकिम चन्द्र चटर्जी।

प्रश्न 6.
राष्ट्रीय गान की धुन किन-किन अवसरों पर बजाई जाती है ?
उत्तर-
राष्ट्रीय गान की धुन निम्नलिखित अवसरों पर बजाई जाती है –

  1. 15 अगस्त को राष्ट्रीय झण्डा लहराते समय।
  2. 26 जनवरी को राष्ट्रीय झण्डा लहराते समय।
  3. राष्ट्रपति तथा राज्यपाल को सलामी देते समय।
  4. अन्तर्राष्ट्रीय खेल मुकाबलों में विजयी भारतीय खिलाड़ियों को पुरस्कार देते समय।
  5. किसी विशाल राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन के समय।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 7 राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रीय गान

Physical Education Guide for Class 6 PSEB राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रीय गान Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
हमारे दो राष्ट्रीय गीत कौन-से हैं ?
उत्तर-
जन-गण-मन और ‘वन्दे मातरम्’।

प्रश्न 2.
राष्ट्रीय गीत जन-गण-मन की रचना किसने की थी ?
उत्तर-
राष्ट्रीय गीत जन-गण-मन की रचना प्रसिद्ध कवि रवीन्द्र नाथ टैगोर ने की थी।

प्रश्न 3.
राष्ट्रीय गीत ‘वन्दे मातरम्’ की रचना किसने की थी ?
उत्तर-
बंकिम चन्द्र चटर्जी।

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प्रश्न 4.
राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम् कब और कौन-सी पुस्तक में छपा था ?
उत्तर-
1882, आनन्द मठ।

प्रश्न 5.
राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम् की संगीत रचना किस ने की थी ?
उत्तर-
रवीन्द्र नाथ टैगोर ने।

प्रश्न 6.
राष्ट्रीय गीत जन-गण-मन सबसे पहले कब गाया गया ?
उत्तर-
27 दिसम्बर, 1911 ई० को।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 7 राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रीय गान

प्रश्न 7.
जन-गण-मन को राष्ट्रीय गान की मान्यता कब प्राप्त हुई ?
उत्तर-
26 जनवरी, 1950 को।

प्रश्न 8.
राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम् सबसे पहले किस वर्ष कांग्रेस अधिवेशन में गाया गया था ?
उत्तर-
1896 ई० में।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम् पर संक्षेप नोट लिखो।
उत्तर-
राष्ट्रीय गीत ‘वन्दे मातरम्’ की रचना श्री बंकिम चन्द्र चटर्जी ने की थी। यह गीत 1982 ई० में उनकी पुस्तक आनन्द मठ में छपा। 1896 ई० में यह सबसे पहले इण्डियन नैशनल कांग्रेस के अधिवेशन में गाया गया। इसकी संगीत रचना श्री रवीन्द्र नाथ टैगोर ने की।

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प्रश्न 2.
राष्ट्रीय गीत जन-गण-मन पर संक्षेप नोट लिखो।
उत्तर-
राष्ट्रीय गीत जन-गण-मन की रचना प्रसिद्ध कवि रवीन्द्र नाथ टैगोर ने की। यह 27 दिसम्बर, 1911 ई० को कांग्रेस अधिवेशन में गाया गया। इसे 24 जनवरी, 1950 ई० को संविधान ने राष्ट्रीय गीत के रूप में मान्यता दी। इस गीत के पूरे पाठ में 48 सैकिण्ड से 52 सैकिण्ड का समय लगना चाहिए। इसके संक्षेप पाठ में 20 सैकिण्ड से अधिक समय नहीं लगना चाहिए।

प्रश्न 3.
राष्ट्रीय गीत अथवा इसकी धुन बजाते समय क्या सावधानी रखनी चाहिए ?
उत्तर-

  1. हमें सावधान अवस्था में खड़े रहना चाहिए।
  2. हिलना-डुलना व बातें नहीं करनी चाहिए।

प्रश्न 4.
राष्ट्रीय गीत ‘वन्दे मातरम्’ पर संक्षेप नोट लिखो।
उत्तर-
राष्ट्रीय गीत ‘वन्दे मातरम्’ की रचना श्री बंकिम चन्द्र चटर्जी ने की। यह गीत 1882 में उनकी पुस्तक ‘आनन्द मठ’ में छपा। 1896 ई० में यह सबसे पहले इण्डियन नैशनल कांग्रेस के अधिवेशन में गाया गया। इसकी संगीत रचना श्री रविन्द्र नाथ टैगोर ने की।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 7 राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रीय गान

प्रश्न 5.
राष्ट्रीय गीत जन-गण-मन पर संक्षेप नोट लिखो।
उत्तर-
राष्ट्रीय गीत जन-गण-मन की रचना प्रसिद्ध कवि रवीन्द्र नाथ टैगोर ने की। यह 27 दिसम्बर, 1911 ई० को कांग्रेस अधिवेशन में गाया गया। इसे 24 जनवरी, 1950 ई० को संविधान ने राष्ट्रीय गीत के रूप में मान्यता दी। इस गीत के पूरे पाठ में 48 सैकिण्ड से 52 सैकिण्ड का समय लगना चाहिए। इसके संक्षेप पाठ में 20 सैकिण्ड से अधिक समय नहीं लगना चाहिए।

रिक्त स्थानों की पूर्ति –

प्रश्न-
निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठकों में दिए गए शब्दों से करो –

  1. राष्ट्रीय गीत ‘वन्दे मातरम्’ ………. नाटक पुस्तक में छपा। (गोदान, आनन्द मठ)
  2. 1896 ई० में कांग्रेस अधिवेशन में ……… पहली बार गाया गया। (वन्दे मातरम्, जन-गण-मन)
  3. ‘जन-गण-मन’ को ………. की संविधान द्वारा राष्ट्रीय गीत के रूप में मान्यता प्राप्त हुई। (15 अगस्त, 1947, 24 जनवरी, 1950)
  4. राष्ट्रीय गीत ‘जन-गण-मन’ ……… को कांग्रेस की राजनीतिक सभा में गाया गया। (26 जनवरी, 1950, 27 दिसम्बर, 1911)
  5. जन-गण-मन के पूरे गीत को ………. में गाया जाना चाहिए। (20-48 सैकिण्ड, 48-52 सैकिण्ड)
  6. जन-गण-मन के संक्षेप पाठ को ………. नहीं लगाने चाहिए। (20 सैकिण्ड से अधिक/ 25 सैकिण्ड से अधिक)
  7. राष्ट्रीय गीत गाने और सुनने वालों को …….. खड़ा होना चाहिए। (सावधान, आराम से)
  8. जन-गण-मन की संगीत रचना ………. ने की। (आर० डी० बर्मन, रवीन्द्रनाथ टैगोर)

उत्तर-

  1. आनन्द मठ
  2. वन्दे मातरम्
  3. 24 जनवरी, 1950
  4. 27 दिसम्बर, 1911
  5. 48-52 सैकिण्ड
  6. 20 सैकिण्ड से अधिक
  7. सावधान
  8. रवीन्द्रनाथ टैगोर।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 1 पंजाब में कृषि-एक झलक

Punjab State Board PSEB 6th Class Agriculture Book Solutions Chapter 1 पंजाब में कृषि-एक झलक Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Agriculture Chapter 1 पंजाब में कृषि-एक झलक

PSEB 6th Class Agriculture Guide पंजाब में कृषि-एक झलक Textbook Questions and Answers

(क) एक-दो शब्दों में उत्तर दीजिए

प्रश्न 1.
पंजाब की कुल जी० डी० पी० (Gross Domestic Product) का कितने प्रतिशत खेती में आता है ?
उत्तर-
14 प्रतिशत।

प्रश्न 2.
पंजाब में कितने भूमि क्षेत्रफल पर कृषि होती है ?
उत्तर-
40 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल।

प्रश्न 3.
पंजाब में कितनी भूमि पर कपास की खेती होती है ?
उत्तर-
दक्षिणी-पश्चिमी पंजाब में। (5.60 लाख हेक्टेयर वर्ष 2011-12)

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प्रश्न 4.
पंजाब की कृषि को नई दिशा किसने दी ?
उत्तर-
पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी बनने के बाद हरित क्रांति ने।

प्रश्न 5.
पंजाब के कितने क्षेत्रफल पर सिंचाई होती है ?
उत्तर-
98 प्रतिशत क्षेत्रफल।

प्रश्न 6.
पंजाब दूध के उत्पादन में पूरे भारत में कौन-से स्थान पर है ?
उत्तर-
चौथे स्थान पर है।

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प्रश्न 7.
पंजाब के कितने प्रतिशत लोग कृषि पर निर्भर हैं ?
उत्तर-
दो तिहाई लोग।

(ख) एक-दो वाक्यों में उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1.
पिछले चार दशकों से पंजाब का भारत के अन्न भंडार में क्या योगदान रहा है ?
उत्तर-
पिछले चार दशकों में पंजाब भारत के अन्न भंडार में 22-60 प्रतिशत चावल और 33-75 प्रतिशत गेहूँ का योगदान डाल रहा है।

प्रश्न 2.
पंजाब की कृषि में ठहराव आने का मुख्य कारण क्या है ?
उत्तर-
गेहूँ-धान के फसली चक्र में फंस कर पंजाब के प्राकृतिक स्रोतों, पानी और मिट्टी का भी ज़रूरत से ज्यादा प्रयोग किया गया है जिससे पानी का स्तर नीचे चला गया है और मिट्टी की उपजाऊ शक्ति भी कम हो गई है तथा जलवायु प्रदूषित हो गई है। इन कारणों से पंजाब की कृषि वृद्धि दर कम हो गई है और कृषि में एक ठहराव आ गया है।

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प्रश्न 3.
कृषकों को सिंचाई के लिए गहरे ट्यूबवैलों और सबमरसीबल पम्पों का क्यों सहारा लेना पड़ रहा है ?
उत्तर-
हरित क्रांति लाने के लिए और अधिक कमाई के लिए पंजाब में पानी का प्रयोग बहुत ज्यादा किया गया जिससे भूमिगत पानी का स्तर बहुत नीचे चला गया है। पंजाब में लगभग 50 प्रतिशत क्षेत्रफल में पानी का स्तर 20 मीटर से नीचे हो गया है इसलिए सिंचाई के लिए गहरे ट्यूबवैल और सबमरसीबल पम्प का सहारा लेना पड़ रहा है।

प्रश्न 4.
भूमि को विषैला कौन बना रहा है ?
उत्तर-
कीटनाशकों, खादों, नदीननाशकों आदि रसायनों का अनावश्यक प्रयोग फसल काटने के बाद ; जैसे-धान की पराली को आग लगाना आदि जैसे काम हैं जो मिट्टी को विषैला बना रहे हैं।

प्रश्न 5.
पंजाब के प्राकृतिक स्रोतों को बनाने के लिए क्या आवश्यक है ?
उत्तर-
पंजाब के कुदरती स्रोतों को बचाने के लिए कृषि चक्रों को बदलने और कृषि में विभिन्नता लाने की ज़रूरत है। गेहूँ-धान फसली चक्र के स्थान पर दालें, तेल बीज, सब्जियों और फलों आदि की कृषि की जानी चाहिए।

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प्रश्न 6.
कृषकों की आर्थिक स्थिति क्यों गंभीर हो रही है ?
उत्तर-
मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिए खादों के प्रयोग पर हो रहा खर्च, नदीननाशकों, कीटनाशकों आदि का खर्च, पानी का स्तर नीचे जाने के कारण सबमरसीबल के प्रयोग पर खर्च, इसको चलाने के लिए बिजली का खर्च आदि बहुत बढ़ गए हैं। ऐसा एक ही फसली चक्र में फँसने के कारण हुआ है। गेहूँ-धान के अलावा अन्य फसलों के मण्डीकरण में किसान इतना निपुण नहीं हुआ है और इस कारण उसको फसल का पूरा मूल्य नहीं मिलता। इस तरह किसान का कुल लाभ बहुत ही कम रह गया है और उसकी आर्थिक स्थिति बहुत ही गंभीर हो गई है।

प्रश्न 7.
पंजाब के महत्त्वपूर्ण कृषि सहायक व्यवसाय कौन-से हैं ?
उत्तर-
पशु पालना जैसे गाय, भैंसें दूध के लिए, मुर्गी पालना, खुम्बों की काशत, मधुमक्खी पालना, मछली पालना आदि महत्त्वपूर्ण कृषि सहायक धन्धे हैं।

प्रश्न 8.
धान की पराली को खेतों में आग लगाने से क्या नुकसान होते हैं ?
उत्तर-
धान की पराली को खेतों में आग लगाने से मिट्टी के उपजाऊ तत्त्व समाप्त हो जाते हैं और कई मित्र कीट भी मर जाते हैं और इसके साथ पानी-हवा का प्रदूषण भी होता है।

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प्रश्न 9.
मण्डीकरण की समस्या का समाधान कैसे किया जा सकता है ?
उत्तर-
मण्डीकरण की समस्या किसान अपने संगठन बना कर हल कर सकते हैं।

प्रश्न 10.
कृषकों पर ऋण का बोझ क्यों बढ़ रहा है ?
उत्तर-
कृषि से सम्बन्धित रसायनों जैसे खाद, नदीननाशकों, कीटनाशकों आदि के अनावश्यक प्रयोग के कारण किसानों का खर्च बढ़ा है और किसानों पर कों का बोझ बढ़ता जा रहा है।

(ग) पाँच-छः वाक्यों में उत्तर दीजिए –

प्रश्न 1.
पंजाब में हरित क्रांति का श्रेय किसे जाता है ?
उत्तर-
पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी बनने के बाद हरित क्रांति ने पंजाब की कृषि को एक नई दिशा दी। इस हरित क्रांति का श्रेय मेहनतकश किसानों, कृषि वैज्ञानिकों, कृषि नीतियों जैसे कम-से-कम निश्चित मूल्य और यकीनी मण्डीकरण, कर्जे की आसान उपलब्धता, रासायनिक खादों, कीटनाशकों, सिंचाई साधनों के प्रसार ने भी इसमें बहुत योगदान डाला है। हरित क्रांति के कारण किसानों की आमदन में बहुत फायदा हुआ है। इसमें गेहूँ-चावल की अधिक पैदावार वाली उन्नत किस्मों का भी योगदान है।

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प्रश्न 2.
पंजाब में दूध के मण्डीकरण के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
पंजाब में फसलों की पैदावार के अलावा पशु पालना और दुधारू पशुओं से भी आमदन प्राप्त की जा सकती है। पंजाब दूध की पैदावार में पूरे देश में से चौथे स्थान पर है। पंजाब में दूध के मण्डीकरण के लिए कई सहकारी संस्थाएं और निजी कंपनियां गांवों में अपनी सभाओं द्वारा दूध इकट्ठा करती हैं। मिल्कफैड एक ऐसी संस्था है। दूध की अधिक पैदावार के कारण एक सफेद क्रांति आई और किसान इससे अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।

प्रश्न 3.
बहुभांति कृषि से क्या भाव है ?
उत्तर-
पंजाब में गेहूँ-चावल की पैदावार बहुत हो रही है और किसानों को इससे अच्छी आमदन भी हो रही है, पर बार-बार एक ही फसली चक्र के कारण भूमि, पानी और हवा को बहुत हानि हो रही है और अब कृषि वृद्धि की दर में भी कमी आ रही है। कृषि में आई स्थिरता को दूर करने के लिए कृषि में विभिन्नता लाना समय की मुख्य ज़रूरत है।

कृषि विभिन्नता में कई तरह की फसलों को हर साल बदल-बदल कर बोना होता है। जैसे-दालें, तेल बीज, सब्जियां और फलों की कृषि की जा सकती है। वर्तमान समय में सब्जियों तथा फलों की मांग बढ़ गई है और इससे अच्छी आमदन हो सकती है।

प्रश्न 4.
कृषकों को किस-किस क्षेत्र में निपुणता प्राप्त करने की आवश्यकता
उत्तर-
गेहूँ-चावल की फसल से, दूध की पैदावार से तो कमाई हो रही है परन्तु गेहूँचावल के फसली चक्र से भूमि की उपजाऊ शक्ति कम हो रही है और पानी का स्तर भी नीचे हो रहा है। इसलिए किसानों को बदल-बदल कर साल दर साल विभिन्न-विभिन्न फसलों जैसे दालं, तेल बीज, सब्जियां और फलों की कृषि करनी चाहिए। यह तभी सम्भव है यदि किसान इन फसली पैदावार को बढ़ाने में निपुण हों और उनके मण्डीकरण में भी निपुण हों। रसायनों की सूझ-बूझ से प्रयोग की निपुणता भी ज़रूरी है।

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प्रश्न 5.
पंजाब के प्राकृतिक स्रोतों को किससे खतरा है ?
उत्तर-
पंजाब एक कृषि प्रधान प्रदेश है और हरित क्रांति में भी पंजाब एक अग्रणी प्रदेश रहा है। पर इस दौर में पंजाब गेहूँ-चावल के फसली चक्र में ही फंस गया और कृषि विभिन्नता की तरफ ध्यान नहीं दिया गया। इस कारण पंजाब में 50 प्रतिशत जगह से पानी का स्तर लगभग 20 मीटर तक गहरा हो गया है। भूमि की उपजाऊ शक्ति भी कम हो रही है और अधिक उपज लेने के लिए रासायनिक खादें, कीटनाशकों आदि जैसे रसायनों के ज़्यादा प्रयोग के कारण पंजाब के प्राकृतिक स्रोतों का बहुत नुकसान हो रहा है। इन स्रोतों की अनावश्यक ज़रूरत से इनको बहुत खतरा है।

(घ) एक-दो वाक्यों में उत्तर दीजिए

प्रश्न 1.
पंजाब की कुल आय का कितने प्रतिशत कृषि से आता है ?
उत्तर-
14 प्रतिशत।

प्रश्न 2.
पंजाब में कपास कौन-से क्षेत्र में पाई जाती है ?
उत्तर-
दक्षिणी-पश्चिमी पंजाब में।

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प्रश्न 3.
पंजाब में लगभग कितनी मात्रा में रासायनिक खुराकी तत्त्व कृषि में प्रयोग होते हैं ?
उत्तर-
250 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर।

प्रश्न 4.
पंजाब के प्राकृतिक स्रोतों को बचाने के लिए किस चीज़ की मुख्य आवश्यकता है ?
उत्तर-
कृषि विभिन्नता अथवा बहुभांति कृषि की।

प्रश्न 5.
पंजाब के कुल कृषि योग्य क्षेत्रफल पर कितने प्रतिशत में धान की फसल होती है ?
उत्तर-
60 प्रतिशत भाग।

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Agriculture Guide for Class 6 PSEB पंजाब में कृषि-एक झलक Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पंजाब की कृषि वृद्धि दर टिकाऊ क्यों नहीं है ?
उत्तर-
क्योंकि यह दर 1980 में 4.6 प्रतिशत थी तथा वर्ष 2000 में कम हो कर 2.3 प्रतिशत रह गई।

प्रश्न 2.
वर्ष 2011-12 में गेहूँ की औसतन पैदावार कितनी रही ?
उत्तर-
51 क्विटल प्रति हेक्टेयर।

प्रश्न 3.
वर्ष 2011-12 में धान का औसतन पैदावार बताओ।
उत्तर-
60 क्विटल प्रति हेक्टेयर।

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प्रश्न 4.
कपास पंजाब के किस क्षेत्र की महत्त्वपूर्ण फसल है ?
उत्तर-
दक्षिणी-पश्चिमी पंजाब की।

प्रश्न 5.
1980 में पंजाब की कृषि वृद्धि दर कितनी थी और 2000 में कितनी रह गई ?
उत्तर-
1980 में 4.6 प्रतिशत थी जो 2000 में 2.3 प्रतिशत रह गई।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
खेतों में धान की पुआल को आग लगाने से क्या होता है ?
उत्तर-
इससे मिट्टी के उपजाऊ तत्त्व जल जाते हैं तथा वातावरण प्रदूषित हो जाता है।

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प्रश्न 2.
कृषि सहायक व्यवसाय कौन-से हैं ?
उत्तर-
मुर्गी पालना, खुम्बों की काश्त, मधुमक्खी पालना, मछली पालना आदि।

प्रश्न 3.
हरित क्रान्ति में पदार्थों तथा तकनीकी के अलावा किन का योगदान रहा ?
उत्तर-
इस में किसानों का श्रम, प्रसार कामे तथा विज्ञानिकों का योगदान रहा।

बड़े उत्तर वाला प्रश्न

प्रश्न-
मण्डीकरण की समस्या कैसे हल की जा सकती है ?
उत्तर-
पंजाब में गेहूँ-धान को छोड़ कर अन्य फसलों के मण्डीकरण में बहुत बड़ी समस्याएं आती हैं। इन समस्याओं को सहकारी सभाएं खेती सम्बन्धी अच्छी नीतियां तथा किसान स्तर पर अपने संगठन बना कर समाधान कर सकते हैं। किसानों को मण्डीकरण में निपुण होने की आवश्यकता है तथा व्यापारिक सोच अपनाने की आवश्यकता है।

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पंजाब में कृषि-एक झलक PSEB 6th Class Agriculture Notes

  • पंजाब एक कृषि प्रधान प्रदेश है। इस में दो तिहाई लोग कृषि पर निर्भर हैं।
  • पंजाब की कुल आय का 14 प्रतिशत हिस्सा कृषि से आता है।
  • पंजाब में 40 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल पर कृषि होती है जोकि देश की कुल कृषि योग्य भूमि का 1.5 प्रतिशत बनता है।
  • भारत में गेहूँ के कुल उत्पादन का 22 प्रतिशत और चावल के कुल उत्पादन का 11% भाग पंजाब का होता है।
  • वर्ष 2011-12 में गेहूँ की औसतन उपज 51 क्विटल और धान की औसतन उपज 60 क्विटल प्रति हेक्टेयर रही।
  • हरित क्रांति में पंजाब का बहुत योगदान रहा।
  • आज पंजाब के 98 प्रतिशत क्षेत्रफल में सिंचाई होती है और लगभग 250 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रासायनिक खुराकी तत्त्व कृषि में प्रयोग होते हैं।
  • पूरे देश में पंजाब दूध के उत्पादन में चौथे स्थान पर है।
  • पंजाब में इस समय सहकारी संस्था मिल्कफैड और कई निजी कम्पनियां गांवों में अपनी सभाओं के द्वारा दूध लेती हैं।
  • पंजाब में कृषि वृद्धि दर 1980 में 4.6 प्रतिशत और 2000 के दशक में इसमें कमी आई तथा यह कम हो कर 2.3 प्रतिशत तक आ गई है।
  • पंजाब में 50 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रफल में पानी का स्तर 20 मीटर से गहरा हो गया है।
  • पंजाब में उपजाऊ मिट्टी, बढ़िया सिंचाई साधन परिश्रमी कृषक हैं और समय अनुसार कृषि नज़रिया बदल कर कृषि में आए ठहराव को दूर किया जा सकता है।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 18 भारत तथा विश्व

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions History Chapter 18 भारत तथा विश्व Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 18 भारत तथा विश्व

SST Guide for Class 6 PSEB भारत तथा विश्व Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखें

प्रश्न 1.
रेशमी-मार्ग से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
चीन को यूरोप के साथ जोड़ने वाले मार्ग को रेशमी-मार्ग कहा जाता है। प्राचीन काल में इस मार्ग द्वारा सबसे अधिक रेशम का व्यापार होता था।

प्रश्न 2.
सातवाहन काल की कुछ महत्त्वपूर्ण बन्दरगाहों के नाम बताएं।
उत्तर-
सातवाहन काल में भारत के दक्षिणी तथा पश्चिमी समुद्री तट के साथ-साथ अनेक महत्त्वपूर्ण बन्दरगाहें थीं।
1. दक्षिणी तट की प्रमुख बन्दरगाहें- (1) कावेरीपट्टनम, (2) महाबलिपुरम, (3) पुहार, (4) कोरकई।
2. पश्चिमी तट की प्रमुख बन्दरगाहें-(1) शूरपारक, (2) भृगुकच्छ।

प्रश्न 3.
भारत के ईरान से सम्बन्ध कैसे स्थापित हुए?
उत्तर-
600 ई० पू० में ईरान के वेचेमिनीड वंश के शासकों ने आक्रमण करके भारत के उत्तर-पश्चिमी भागों पर अपना अधिकार जमा लिया। फलस्वरूप भारत के ईरान के साथ सम्बन्ध स्थापित हुए।

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प्रश्न 4.
भारत से रोम को कौन-सी वस्तुएँ निर्यात की जाती थीं?
उत्तर-
भारत से रोम को मसाले, कीमती हीरे, बढ़िया कपड़ा, इत्र, हाथी दांत का सामान, लोहा, रंग, चावल, तोते तथा मोर आदि पक्षियों तथा बन्दर आदि जानवरों का निर्यात किया जाता था।

प्रश्न 5.
यूरोप से कौन-सी वस्तुएं आयात की जाती थीं?
उत्तर-
यूरोप से शीशा तथा शीशे की बनी वस्तुओं का आयात किया जाता था।

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

  1. ……….. ई० पू० में ईरान के …………… वंश के शासकों ने भारत के उत्तरपश्चिमी भागों पर अधिकार कर लिया।
  2. अशोक तथा कनिष्क शासकों के राज्यकाल में बौद्ध भिक्षुओं को बौद्ध धर्म का प्रचार करने ………, ………, ……… तथा …………….. में भेजा गया।
  3. …………. तथा …………… शासकों ने जहाज़ बनाने तथा समुद्रं पार की खोजों को प्रोत्साहित किया।
  4. अरबों ने सिंध पर …………… ई० में अधिकार कर लिया।
  5. कम्पूचिया के …………… मंदिर में भारत के महाकाव्य ………… तथा ………… में से दृश्यों को मूर्ति कला में चित्रण किया गया है।

उत्तर-

  1. 600, वेचेमिनीड
  2. श्रीलंका, बर्मा/चीन/मध्य एशिया
  3. चेर, चोल तथा पाण्डेय
  4. 712
  5. अंगकोरवाट, रामायण, महाभारत।

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III. सही जोड़े बनायें

  1. सोने के सिक्के – (क) शूरपारक
  2. बन्दरगाह – (ख) रेशम
  3. चीन – (ग) स्थल-मार्ग
  4. रेशमी-मार्ग – (घ) रोम

उत्तर-
सही जोड़े

  1. सोने के सिक्के – रोम
  2. बन्दरगाह – शूरपारक
  3. चीन – रेशम
  4. रेशमी-मार्ग – स्थल-मार्ग

IV. सही (✓) अथवा ग़लत (✗) बताएं

  1. भारतीय संस्कृति ने भारतीयों की पहचान बनाई।
  2. भारत के मिस्र के साथ कोई सम्बन्ध नहीं थे।
  3. बुद्ध की पाषाण-तराशी की बड़ी प्रतिमाएँ बामियान (अफ़गानिस्तान) में पाई गई थीं।
  4. भारतीय वस्तुएं रोम की मण्डियों में अधिक दामों पर बिकती थीं।
  5. चेर, चोल तथा पांड्य शासकों ने समुद्र पार जहाज़ बनाने तथा खोजों को प्रोत्साहित किया।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✓)
  4. (✓)
  5. (✗)

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PSEB 6th Class Social Science Guide भारत तथा विश्व Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
चीन को यूरोप के साथ जोड़ने वाला व्यापारिक मार्ग क्या कहलाता था?
उत्तर-
रेशमी मार्ग, सिल्क मार्ग।।

प्रश्न 2.
बामियान (अफगानिस्तान) में प्रसिद्ध बौद्ध स्मारकों को किसने नष्ट किया?
उत्तर-
तालिबान शासकों ने।

प्रश्न 3.
अरबों ने सिंध पर कब अधिकार किया?
उत्तर-
712 ई० में।

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बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अंगकोरवाट का मंदिर कहां स्थित है?
(क) चम्पा
(ख) चीन
(ग) कम्पूचिया।
उत्तर-
(ग) कम्पूचिया

प्रश्न 2.
शून्य संख्या भारत की देन है। विश्व में इस संख्या का प्रसार निम्न में से किसने किया?
(क) हिन्दुओं ने
(ख) अरबों ने
(ग) बौद्धों ने।
उत्तर-
(ख) अरबों ने

प्रश्न 3.
प्राचीन काल में भारतीय राजाओं के प्रयत्नों से मध्य एशिया तथा एशिया के कुछ अन्य देशों में बौद्ध धर्म का प्रसार हुआ? इस कार्य में निम्न में से किस राजा का योगदान नहीं था?
(क) समुद्रगुप्त
(ख) कनिष्क
(ग) अशोक।
उत्तर-
(क) समुद्रगुप्त

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अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत के दूसरे देशों के साथ सम्बन्धों का मुख्य कारण क्या था?
उत्तर
भारत के दूसरे देशों के साथ सम्बन्धों का मुख्य कारण व्यापार था।

प्रश्न 2.
अंगकोरवाट का मन्दिर कहां है तथा इसका निर्माण किसने करवाया?
उत्तर-
अंगकोरवाट का मन्दिर कम्बुज में है। इस मन्दिर का निर्माण राजा सूर्यवर्मा द्वितीय ने करवाया।

प्रश्न 3.
चम्पा (वियतनाम) के कोई दो भारतीय राजाओं के नाम बताएं।
उत्तर-
चम्पा (वियतनाम) के दो भारतीय राजा थे –

  1. भद्रवर्मा तथा
  2. रुद्रदमन।

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प्रश्न 4.
चम्पा (वियतनाम) की राजधानी का नाम बताएं।
उत्तर-
चम्पा (वियतनाम) की राजधानी माइसन थी।

प्रश्न 5.
इण्डोनेशिया के प्रमुख द्वीपों के नाम लिखें जहां भारतीय सभ्यता का प्रचार हुआ।
उत्तर-
भारतीय सभ्यता का प्रचार इण्डोनेशिया के जावा, सुमात्रा, बाली तथा बोर्नियो द्वीपों में हुआ।

प्रश्न 6.
बोरबुदुर का मन्दिर कहां है?
उत्तर-
बोरबुदुर का मन्दिर जावा में है।

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प्रश्न 7.
चीन में कौन-से बौद्ध विद्वान् को कैद करके ले गए थे?
उत्तर-
चीन में बौद्ध विद्वान् कुमारजीव को कैद करके ले गए थे।

प्रश्न 8.
चीन में प्रमुख रूप से कौन-से भारतीय धर्म का प्रसार हुआ?
उत्तर–
चीन में प्रमुख रूप से बौद्ध धर्म का प्रसार हुआ।

प्रश्न 9.
अरबों के हमले के दो कारण बताएं।
उत्तर-

  1. अरब लोग अपने साम्राज्य का विस्तार करना चाहते थे।
  2. वे भारत में इस्लाम धर्म का प्रचार करना चाहते थे।

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प्रश्न 10.
अरबों के आक्रमण के समय सिन्ध का राजा कौन था?
उत्तर-
अरबों के आक्रमण के समय सिन्ध का राजा दाहिर था।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कम्बोडिया के साथ भारतीय सम्बन्धों की जानकारी दीजिए।
उत्तर-
कम्बोडिया में चौथी शताब्दी में हिन्दू राज्य की स्थापना हुई। 357 ई० में यहां चन्द्रगुप्त नामक राजा सिंहासन पर बैठा। पांचवीं शताब्दी में यहां कौंडन्य नामक एक व्यक्ति ने अपना राज्य स्थापित किया। उसके प्रभावाधीन कम्बोडिया के बहुत-से लोगों ने भारतीय संस्कृति को अपना लिया। कम्बोडिया के एक शासक गुणवर्मन ने एक विष्णु मंदिर बनवाया।

प्रश्न 2.
प्राचीन काल में जावा के भारत के साथ क्या सम्बन्ध थे?
उत्तर-
जावा राज्य की स्थापना 56 ई० में एक हिन्दू राजा ने की। दूसरी शताब्दी में वहां भारतीय उपनिषदों का प्रचार हुआ। चीनी यात्री फाह्यान ने 418 ई० में जावा की यात्रा की। उसने देखा कि वहां हिन्दू धर्म का काफ़ी प्रभाव है। जावा में कई मन्दिर बनवाए गए थे। इन मन्दिरों में शिव, विष्णु तथा ब्रह्मा की पूजा होती थी। वहां हिन्दू धर्म के साथ-साथ बौद्ध धर्म भी लोकप्रिय हआ। वहां का बोरोबुदर का बौद्ध मन्दिर संसार भर में प्रसिद्ध है।

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प्रश्न 3.
बर्मा (म्यांमार) में भारतीय सभ्यता के प्रसार के बारे में बताएं।
उत्तर-
बर्मा (म्यांमार) के साथ भारत के सम्बन्ध महात्मा बुद्ध के समय से ही थे। हिन्दू उपनिवेश की स्थापना के पश्चात् यहां भारतीय सभ्यता तथा संस्कृति का प्रसार होने लगा। यहां के अधिकतर लोग बौद्ध धर्म की हीनयान शाखा के अनुयायी थे। 11वीं शताब्दी में अनिरुद्ध ने बर्मा (म्यांमार) में अपना राज्य स्थापित किया। उसके उत्तराधिकारियों ने यहां प्रसिद्ध आनन्द मन्दिर बनवाया। आज भी बर्मा (म्यांमार) में बौद्ध धर्म प्रचलित है।

प्रश्न 4.
अरबों के हमलों का तात्कालिक कारण क्या था?
उत्तर-
अरबों के कुछ व्यापारियों को देवल (सिन्ध राज्य) बन्दरगाह पर डाकुओं ने लूट लिया था। उनके खलीफा ने सिन्ध के राजा दाहिर से इस घटना का मुआवज़ा मांगा। परन्तु राजा दाहिर ने यह कह कर मुआवजा देने से इन्कार कर दिया कि देवल के डाकू उसके अधीन नहीं हैं। यह सुनकर बसरा के गवर्नर ने राजा दाहिर पर हमला कर दिया, जिसे दाहिर ने हरा दिया।

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निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
इण्डोनेशिया तथा भारत के सम्बन्धों के बारे में बताएं।
उत्तर-
इण्डोनेशिया में जावा, सुमात्रा, बाली, बोर्नियो आदि द्वीप शामिल थे। यहां प्रथम शताब्दी में भारतीयों का आगमन शुरू हो गया था।
1. जावा-जावा में 56 ई० में हिन्दु राज्य की स्थापना हुई थी। वहां कई मन्दिर बने जिनमें शिव, विष्णु, ब्रह्मा आदि भारतीय देवताओं की पूजा होती थी। जावा में 15वीं शताब्दी तक भारतीय संस्कृति का प्रचलन रहा।

2. सुमात्रा-सुमात्रा का पुराना हिन्दू राजा श्री विजय था। इसकी स्थापना चौथी शताब्दी में हुई। चीनी यात्री इत्सिंग लिखता है कि सुमात्रा बौद्ध ज्ञान का केन्द्र था। 684 ई० में सुमात्रा में एक बौद्ध राजा शासन करता था।

3. बाली-बाली भी हिन्दू उपनिवेश था। यहां भी हिन्दू मन्दिर थे। यहां के लोगों को वेदों, महाभारत तथा रामायण का ज्ञान था। समाज में चार जातियां थीं। चीनी वृत्तांत से पता चलता है कि बाली एक सभ्य तथा अमीर हिन्दू समाज था।

4. बोर्नियो-बोर्नियो भी हिन्दू उपनिवेश था। यहां के राजा मूलवर्मा का वर्णन मिलता है कि उसने एक यज्ञ में 20,000 गऊएं दान दी थीं। ब्राह्मणों का समाज में ऊंचा स्थान था। यहां भी मन्दिरों का निर्माण किया गया।

प्रश्न 2.
श्रीलंका, चीन तथा तिब्बत में बौद्ध धर्म का प्रचार किस प्रकार हुआ?
उत्तर-
श्रीलंका, चीन तथा तिब्बत में बौद्ध धर्म के प्रचार का वर्णन इस प्रकार है –
1. श्रीलंका-श्रीलंका में सबसे पहले अशोक ने बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए प्रचारक भेजे। उसने अपने पुत्र महेन्द्र तथा पुत्री संघमित्रा को वहां भेजा। इसके पश्चात् अन्य कई बौद्ध भिक्षु भी श्रीलंका गए तथा उन्होंने वहां बौद्ध धर्म का प्रचार किया। उन्होंने वहां पर कई बौद्ध ग्रन्थ भी लिखे। आज भी श्रीलंका में ज्यादातर लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं।

2. चीन-चीन में बौद्ध भिक्षु प्रथम शताब्दी में गए। भिक्षु कुमारजीव ने यहां बौद्ध धर्म के प्रसार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसने कई बौद्ध ग्रन्थों का चीनी भाषा में अनुवाद किया। धीरे-धीरे यह धर्म सारे देश में फैल गया। इस धर्म से प्रभावित होकर कई चीनी यात्री बौद्ध धर्म के सिद्धान्तों का अध्ययन करने के लिए भारत आए। इनमें से फाह्यान तथा ह्यूनसांग प्रमुख थे।

3. तिब्बत-तिब्बत एक पहाड़ी प्रान्त है जो चीन तथा भारत के मध्य स्थित है। यहां बौद्ध धर्म का प्रचार सातवीं शताब्दी में शुरू हुआ। कुछ तिब्बती विद्वान् भारत आए तथा यहां उन्होंने बौद्ध धर्म का अध्ययन किया। दो भारतीय विद्वानों शांति रक्षक तथा पद्म संभव ने तिब्बत में जाकर बौद्ध धर्म का प्रचार किया। यहां की राजधानी ल्हासा में अनेक बौद्ध मठ बनवाए गए। आज भी तिब्बत के अधिकतर लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 18 भारत तथा विश्व

प्रश्न 3.
अरबों के सिन्ध पर आक्रमण के कारण लिखें।
उत्तर-
मुहम्मद-बिन-कासिम ने 712 ई० में सिन्ध पर आक्रमण किया था।
कारण-
1. अरब के मुसलमान शासक भारत पर आक्रमण करके इसे अरब साम्राज्य का एक भाग बनाना चाहते थे।

2. उन्होंने भारत की अपार धन-दौलत के बारे में सुन रखा था। वे भारत पर हमला करके यहां का धन लूटना चाहते थे।

3. वे भारत में इस्लाम धर्म का प्रसार करना चाहते थे।

4. अरब के कुछ व्यापारी अपने जहाज़ लेकर देवल बन्दरगाह पर रुके। वहां कुछ समुद्री डाकुओं ने उनका माल लूट लिया। खलीफा को जब इस बात का पता चला तो उसे बहुत गुस्सा आया। उसने बसरा के गर्वनर को सिन्ध पर हमला करने की आज्ञा दी। बसरा के गर्वनर ने सिन्ध के राजा दाहिर से लूटेरों द्वारा लूटे गए माल का मुआवजा मांगा। परन्तु दाहिर ने यह कहकर मुआवजा देने से इन्कार कर दिया कि समुद्री लुटेरे उसके अधीन नहीं हैं। यह जवाब मिलते ही बसरा के गर्वनर ने सिन्ध पर आक्रमण कर दिया, लेकिन वह हार गया। इस पराजय के पश्चात् उसने एक विशाल सेना तैयार की तथा 712 ई० में मुहम्मदबिन-कासिम को सिन्ध पर आक्रमण करने के लिए भेज दिया।

प्रश्न 4.
अरबों के सिन्ध पर आक्रमण का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
अरबों के सिन्ध पर आक्रमण का प्रभाव बहुत थोड़े समय के लिए ही रहा क्योंकि उनकी जीत स्थायी नहीं थी। लेकिन इस आक्रमण के कुछ अप्रत्यक्ष परिणाम निकले, जिनका वर्णन इस प्रकार है –

  1. अरब देशों को भारत की राजनीतिक कमज़ोरी का पता चल गया।
  2. भारत तथा पश्चिमी देशों के मध्य एक नवीन रास्ता खुल गया।
  3. भारत में इस्लाम धर्म का प्रवेश तथा प्रचार हुआ।
  4. अरब लोगों ने भारत से बहुत कुछ सीखा, जैसे तारों की विद्या, चित्रकारी, दवाइयां तथा संगीत आदि।
  5. कई भारतीय विद्वानों को बगदाद बुलाया गया। वहां उन्होंने भारतीय संस्कृति का प्रचार किया।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 18 भारत तथा विश्व

भारत तथा विश्व PSEB 6th Class Social Science Notes

  • सातवाहन काल में भारत की महत्त्वपूर्ण बन्दरगाहें – सातवाहन राजाओं के शासन काल में भारत के समुद्र तट के साथ-साथ अनेक महत्त्वपूर्ण बन्दरगाहें थीं। इनमें से प्रमुख बन्दरगाहें कावेरीपट्टनम, महाबलिपुरम, पुहार, कोरकई, शूरपारक तथा भृगुकच्छ आदि थीं।
  • रेशमी-मार्ग – रेशमी-मार्ग एक स्थल मार्ग है जो चीन को यूरोप के साथ जोड़ता है। प्राचीन काल में इस मार्ग द्वारा सबसे अधिक रेशम का व्यापार होता था।
  • पलिनी – पलिनी रोम का एक लेखक था। प्राचीन काल में भारत रोम से अपनी वस्तुओं का मूल्य सोना लेकर वसूल करता था तथा पलिनी को इस बात का बहुत दुःख था।
  • भारत का निर्यात – भारत दूसरे देशों को मसाले, कीमती हीरे, बढ़िया कपड़ा, इत्र, हाथी दांत का सामान, लोहा, रंग, चावल तथा कई प्रकार के जानवरों एवं पक्षियों का निर्यात करता था।
  • भारत का आयात – भारत दूसरे देशों से सोने तथा चांदी के सिक्के, धातुएं, शराब तथा काँच एवं काँच की वस्तुएं आदि आयात करता था।
  • वेचेमिनीड – वेचेमिनीड वंश ईरान का शासक वंश था। 600 ई० पू० में इस वंश के शासकों ने भारत के उत्तर-पश्चिमी भागों पर अपना अधिकार जमा लिया था।
  • अंगकोरवाट – अंगकोरवाट कम्पूचिया में स्थित एक मन्दिर है। इस मन्दिर में रामायण तथा महाभारत में से | दृश्यों को मूर्तिकला में चित्रित किया गया है।
  • अरबों का सिन्ध पर अधिकार – अरबों ने 712 ई० में सिन्ध पर अधिकार कर लिया तथा भारत में अपनी व्यापारिक बस्तियां स्थापित की।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 19 समुदाय और मानवीय आवश्यकताएँ

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 19 समुदाय और मानवीय आवश्यकताएँ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science Civics Chapter 19 समुदाय और मानवीय आवश्यकताएँ

SST Guide for Class 6 PSEB समुदाय और मानवीय आवश्यकताएँ Textbook Questions and Answers

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
समाज की मूलभूत प्राथमिक सामाजिक इकाई कौन-सी है?
(क) परिवार
(ख) शहर।
उत्तर-
परिवार।

प्रश्न 2.
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी क्यों है?
(क) मनुष्य अकेला रह सकता है ।
(ख) मनुष्य अकेला नहीं रह सकता।
उत्तर-
मनुष्य अकेला नहीं रह सकता।

प्रश्न 3.
सांस्कृतिक भाईचारे से कौन-सी भावना पैदा होती है?
(क) देशभक्ति की भावना
(ख) साम्प्रदायिक भावना।
उत्तर-
देशभक्ति की भावना।

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प्रश्न 4.
सबसे पहले मनुष्य ने प्राचीन समय में किस पदार्थ के हथियार बनाए?
(क) पत्थर
(ख) ताँबा।
उत्तर-
पत्थर।

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

प्रश्न 1.
मनुष्य को सामाजिक प्राणी क्यों कहा जाता है?
उत्तर-
मनुष्य वास्तव में ही एक सामाजिक प्राणी है। प्रथम, मनुष्य स्वभाव से अकेला नहीं रह सकता। वह अन्य लोगों के साथ मिलकर रहना पसन्द करता है। दूसरे, मनुष्य की आवश्यकताएं उसे सामाजिक प्राणी बनाती हैं। कोई भी मनुष्य अपनी सभी आवश्यकताओं को स्वयं पूरा नहीं कर सकता। इनकी पूर्ति के लिए उसे कई लोगों के सहयोग की ज़रूरत होती है। इन्हीं कारणों से मनुष्य को सामाजिक प्राणी कहा जाता है।

प्रश्न 2.
समाज की प्रारम्भिक इकाई कौन-सी है?
उत्तर-
परिवार।

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प्रश्न 3.
प्राचीन समाज में मानव का जीवन किस प्रकार का था?
उत्तर-
प्राचीन समाज में मानव जीवन जंगली जीवों जैसा था। आदि मानव जंगलों में रहता था। वह जंगली जानवरों तथा पक्षियों का शिकार करके अपना पेट भरता था। धीरे-धीरे वह पशुओं को पालने लगा और उनसे भोजन प्राप्त करने लगा। इसे ‘पशुपालन अवस्था’ कहा जाता है। इस अवस्था में भी मनुष्य का जीवन स्थायी नहीं था। वह अपने पशुओं के साथ चरागाहों की तलाश में स्थान-स्थान पर घूमता रहता था।

प्रश्न 4.
कबीले के जीवन और शहरी जीवन में क्या अन्तर है?
उत्तर-
कबीले का जीवन-कबीला समाज का एक छोटा रूप है। प्राचीन काल में मानव कबीलों में रहता था। इसमें कई मानव-परिवार शामिल थे। कबीले की आवश्यकताएं बहुत कम थीं और जीवन का ढंग सादा था।

शहरी जीवन-शहरी जीवन से अभिप्राय आधुनिक समाज से है। इसमें लोगों की आवश्यकताएं बढ़ गई हैं। लोगों का जीवन स्तर भी ऊंचा हो गया है। इसमें विज्ञान और तकनीकी को बहुत अधिक महत्त्व दिया जाता है।

प्रश्न 5.
समाज मनुष्य के लिए क्यों ज़रूरी है?
उत्तर-
मनुष्य के लिए समाज निम्नलिखित कारणों से ज़रूरी है –

  1. अपनी सुरक्षा के लिए
  2. अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए
  3. अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए
  4. अपना सुख-दुःख बांटने के लिए
  5. विभिन्न कार्यों में सहयोग पाने के लिए।

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प्रश्न 6.
प्राकृतिक पर्यावरण पर संक्षिप्त नोट लिखो।
उत्तर-
आरंभ में मनुष्य प्रकृति पर निर्भर था। धीरे-धीरे उसने अपने दिमाग का प्रयोग किया, नई-नई खोजें की और मानव सभ्यता का विकास किया। परंतु लंबे समय तक उसका तकनीकी ज्ञान सीमित रहा। अतः वह प्राकृतिक वातावरण के उपहारों का उचित लाभ न उठा सका। परंतु आज मनुष्य ने अपने विकसित तकनीकी ज्ञान द्वारा प्राकृतिक पर्यावरण को अपने अनुकूल बना लिया है और इससे अनेक सुविधाएं प्राप्त कर ली हैं। मनुष्य आज भी नई तकनीकें खोज रहा है। इनके प्रयोग से वह प्राकृतिक पर्यावरण को और अधिक उपयोगी भी बना सकता है और उसे क्षति भी पहुंचा सकता है।

प्रश्न 7.
हमें अपने भारतीय समुदाय पर गर्व क्यों है?
उत्तर-
हमें अपने भारतीय समुदाय अर्थात् भारत देश से बहुत कुछ मिलता है। यह हमें सुरक्षा प्रदान करता है और हमें शिक्षित करके अच्छा नागरिक बनाता है। हमारी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति भी यही समुदाय करता है। इतना ही नहीं यह हम सबमें भाईचारे तथा एकता की भावना का विकास भी करता है। इसलिए हम भारतीय समुदाय पर गर्व करते हैं।

प्रश्न 8.
मनुष्य में अन्य सजीवों की अपेक्षा क्या अन्तर है?
उत्तर-
मनुष्य अपने बच्चों की पूरी देखभाल करता है। वह उन्हें अच्छा भोजन तथा अच्छे वस्त्र देता है। बच्चों के स्वास्थ्य का भी उचित ध्यान रखा जाता है। उन्हें उच्च से उच्च शिक्षा दिलाई जाती है। मानव परिवार के सदस्यों में आपसी प्रेम, सहनशीलता, त्याग आदि नागरिक गुण भी पाये जाते हैं। पशु-पक्षियों तथा अन्य सजीवों के लिए इन बातों का कोई महत्त्व नहीं होता।

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II. निम्नलिखित रिक्त स्थान भरो

  1. प्राचीनकाल में …………% भारतवासी गांवों में रहते थे।
  2. शहरी जनसंख्या दिन-प्रतिदिन ………… जा रही है।
  3. समुदाय को परिवारों का ………… कहा जाता है।
  4. प्रारम्भिक मनुष्य का व्यवसाय ………… था।
  5. परिवार समाज की प्रारंभिक ………… इकाई है।

उत्तर-

  1. 90
  2. बढ़ती
  3. समूह
  4. शिकार करना
  5. सामाजिक।

III. निम्नलिखित वाक्यों पर सही (✓) या ग़लत (✗) का निशान लगाओ

  1. भारत को अनेकता में एकता वाला देश कहा जाता है।
  2. कश्मीर तथा राजस्थान की जलवायु एक जैसी है।
  3. प्रत्येक मनुष्य अपने समुदाय का महत्त्वपूर्ण भाग है।
  4. मनुष्य अकेला रह सकता है।
  5. कृषि व्यवसाय से गांवों का विकास हुआ।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✓)
  4. (✗)
  5. (✓)

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PSEB 6th Class Social Science Guide समुदाय और मानवीय आवश्यकताएँ Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
समुदाय किस सामाजिक इकाई का समूह होता है?
उत्तर-
परिवार।

प्रश्न 2.
किस खोज ने मानव को भोजन पका कर खाने में सहायता की?
उत्तर-
आग।

प्रश्न 3.
भारत देश की संस्कृति विशाल एवं समृद्ध है। देश के लिए इसका क्या महत्त्व है? कोई एक बिन्दु लिखिए।
उत्तर-
यह संस्कृति देश की शक्ति का स्रोत है।

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अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अपने इर्द-गिर्द भिन्न-भिन्न समूहों की सूची बनाओ।
उत्तर-
परिवार, स्कूल, गांव आदि।

प्रश्न 2.
परिवार कौन-कौन सी आवश्यकताओं की पूर्ति करता है?
उत्तर-
परिवार भोजन, वस्त्र, आवास तथा सुरक्षा आदि आवश्यकताओं की पूर्ति करता है।

प्रश्न 3.
परिवार भविष्य के नागरिक कैसे तैयार करता है?
उत्तर-
परिवार बच्चों में सामाजिक गुणों का विकास करके भविष्य के नागरिक तैयार करता है।

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प्रश्न 4.
पहाड़ी तथा मरुस्थलीय क्षेत्रों में जनसमुदायों का मुख्य व्यवसाय क्या है?
उत्तर-
भेड़-बकरियाँ पालना।

प्रश्न 5.
समुदाय किसे कहते हैं?
उत्तर-
एक साथ रहने वाले परिवारों के समूह को समुदाय कहते हैं। समुदाय के परिवार अपने सहयोग से समुदाय की आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं।

प्रश्न 6.
हमारे देश के लोग कौन-कौन से धर्म को मानते हैं?
उत्तर-
हमारे देश के लोग भिन्न-भिन्न धर्मों को मानते हैं। इनमें से मुख्य धर्म हैं— हिन्दू धर्म, इस्लाम, सिक्ख, ईसाई आदि।

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प्रश्न 7.
शहर और कस्बों में रहने वाले लोगों को क्या कहा जाता है?
उत्तर-
शहर में रहने वाले लोगों को नगरवासी तथा कस्बों में रहने वाले लोगों को कस्बा वासी कहा जाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत की सभ्यता पर विदेशी प्रभाव किस प्रकार और क्यों पड़ा?
उत्तर-
भारत में समय-समय पर कई विदेशी जातियां आईं। भारत के लोग इनके साथ-साथ घुल मिल गए। उनमें विवाह-सम्बन्ध भी स्थापित हुए। भारतीयों ने उनकी सभ्यता की कई अच्छी बातें अपना लीं। इस प्रकार भारत की सभ्यता समृद्ध बनी।

प्रश्न 2.
भारत को उपमहाद्वीप क्यों कहा जाता है?
उत्तर-
भारत एशिया महाद्वीप का एक भाग है। परन्तु उत्तर के पर्वत तथा हिन्द महासागर इसे एशिया से एक अलग इकाई बनाते हैं। इसकी एशिया से अलग अपनी विशेष सभ्यता है। इसका विस्तार भी बहुत अधिक है। इसी कारण भारत को ‘उपमहाद्वीप’ कहा जाता है।

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प्रश्न 3.
एक-दूसरे पर निर्भरता से क्या भाव है? उदाहरण देकर समझाओ।
उत्तर-
कोई भी मनुष्य अपनी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति स्वयं नहीं कर सकता। इसके लिए उसे दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है। उदाहरण के लिए हमें अपना मकान बनवाने के लिए राज़ तथा मजदूरों की ज़रूरत होती है। अनाज के लिए हम किसान पर और दूध के लिए ग्वाले पर निर्भर हैं।

प्रश्न 4.
भारत की भाषा विभिन्नता पर नोट लिखो।
उत्तर-
भारत में भिन्न-भिन्न भाषा बोलने वाले लोग रहते हैं। देश में कुल मिलाकर लगभग 400 भाषाएं बोली जाती हैं। उत्तरी भारत की मुख्य भाषाएं हिन्दी, पंजाबी तथा बांग्ला हैं, जबकि दक्षिणी भारत की मुख्य भाषाएं तेलुगू, तमिल तथा मलयालम हैं।

प्रश्न 5.
परिवार और समाज में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर-
परिवार अपने आप में ही एक समाज है। यह समाज का छोटा रूप है। जिस प्रकार समाज आपसी सहयोग और निर्भरता से चलता है, उसी प्रकार परिवार भी आपसी सहयोग और निर्भरता से चलता है। वास्तव में प्रत्येक बड़े समाज का आधार परिवार ही है।

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प्रश्न 6.
हमारे देश की भौगोलिक विभिन्नता का क्या कारण है?
उत्तर-
हमारे देश की भौगोलिक विभिन्नता का मुख्य कारण देश की विशालता है। देश के भिन्न-भिन्न भागों का धरातल, जलवायु तथा वनस्पति भिन्न-भिन्न है। कहीं ऊंचेऊंचे पर्वत हैं तो कहीं मैदान। कहीं अत्यधिक ठंड पड़ती है, तो कहीं अत्यधिक गर्मी। इसी प्रकार कहीं घने वन पाये जाते हैं, तो कहीं कांटेदार झाड़ियां।

प्रश्न 7.
शहरी जनसंख्या तीव्र गति से क्यों बढ़ रही है?
उत्तर-
शहर जनसंख्या निम्नलिखित कारणों से इतनी तेज़ी से बढ़ रही है –

  1. गाँव का कार्यक्षेत्र सीमित है। वहाँ नौकरियों का अभाव है। इसलिए युवा ग्रामीण रोजी-रोटी कमाने के लिए शहरों की ओर आकर्षित होते हैं।
  2. नगरों में जीवन की सभी सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं। यह बात भी ग्रामीणों को नगरों की ओर आकर्षित करती है।
  3. आज के पढ़े-लिखे ग्रामीण स्वतन्त्र जीवन व्यतीत करना चाहते हैं। अतः विवाह के पश्चात् वे अपने परिवार से अलग होकर नगर में आ बसते हैं।

प्रश्न 8.
समाज परिवारों का परिवार है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
यह बात बिल्कुल सत्य है कि समाज परिवारों का परिवार है। समाज एक बड़ा परिवार है जो छोटे-छोटे परिवारों के मेल से बनता है। उदाहरण के लिए हम ग्रामीण समाज को लेते हैं। यह गाँव में रहने वाले परिवारों का ही समूह होता है। इसी प्रकार शहरी समाज का निर्माण शहरी परिवारों के मेल से होता है।

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प्रश्न 9.
समुदाय के लोगों में सहयोग की भावना क्यों रहती है?
उत्तर-
समुदाय के लोग प्रायः काफ़ी समय तक साथ-साथ रहते हैं। उनका लगभग प्रतिदिन आपस में सम्पर्क होता है। उनके आचार-विचार भी प्रायः समान होते हैं। उनके पढ़ने के लिए एक ही स्कूल और इलाज के लिए समान अस्पताल होते हैं। कई जगह तो उनके कारोबार और उद्योग-धन्धे भी साँझे होते हैं। इन सब बातों के कारण उनमें निकटता आती है और वे एक-दूसरे के समीप आते हैं। फलस्वरूप उनमें सहयोग की भावना बढ़ती है।

प्रश्न 10.
सामुदायिक भावना किन-किन तत्त्वों पर आधारित है?
उत्तर-
सामुदायिक भावना निम्नलिखित तत्त्वों पर आधारित है –

  1. सुरक्षा-मनुष्य अपनी सुरक्षा के लिए समुदाय में रहना पसन्द करता है।
  2. आवश्यकताओं की पूर्ति-मनुष्य अकेला अपनी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकता। इन्हें पूरा करने के लिए वह समुदाय में रहता है।
  3. सुख-शान्ति तथा विकास-मनुष्य सुख-शान्ति से रह कर अपना विकास करना चाहता है। उसकी इस भावना से सामुदायिक भावना को बल मिलता है।

प्रश्न 11.
हमें सामुदायिक जीवन के बारे में जानकारी क्यों प्राप्त करनी चाहिए?
उत्तर-
सामुदायिक जीवन का हमारे लिए बड़ा महत्त्व है। इसलिए इसकी जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है। इसकी जानकारी के निम्नलिखित लाभ हैं –

  1. इसकी जानकारी से हम सरकार तथा अन्य स्रोतों द्वारा मिलने वाली सुविधाओं का पूरा लाभ उठा सकते हैं।
  2. इसकी जानकारी से हम समुदाय में अपने स्थान को पहचान सकते हैं।
  3. इससे हमें अधिकारों तथा कर्तव्यों की जानकारी मिलती है।
  4. सामुदायिक जीवन की जानकारी होने पर हम स्थानीय संस्थाओं को अधिक सफल बना सकते हैं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 19 समुदाय और मानवीय आवश्यकताएँ

प्रश्न 12.
मानव सभ्यता के विकास के बारे में संक्षिप्त नोट लिखो।
उत्तर-
आरम्भ में मानव शिकारी था। समय बीतने पर वह पशुपालक बन गया और पशुओं से भोजन प्राप्त करने लगा। धीरे-धीरे वह कृषि करना भी सीख गया। कृषि ने उसके जीवन को स्थायी बनाया। अब वह एक स्थान पर टिक कर रहने लगा। स्थायी जीवन ही मानव सभ्यता का आधार बना। मनुष्य द्वारा धातुओं की खोज ने सभ्यता एवं संस्कृति के विकास को नई गति दी। आज मानव मशीनी युग में रहता है और तकनीकी के विकास ने उसके जीवन का स्वरूप ही बदल दिया है।

प्रश्न 13.
समाज का विकास क्यों और किस तरह हुआ?
उत्तर-
समाज का विकास मुख्य रूप से दो कारणों से हुआ-सुरक्षा और सहयोग। शिकारी मानव हिंसक जानवरों से अपनी सुरक्षा के लिए झुंड बना कर रहता था। जब वह कृषि करना सीख गया तो उसे दूसरों के सहयोग की आवश्यकता हुई। अतः वह परिवार बना कर रहने लगा। परिवारों से कबीले बने और धीरे-धीरे गांव अस्तित्व में आये। धातुओं की खोज से शहरीकरण का आरम्भ हुआ और समाज का आकार बढ़ने लगा। आज पूरा विश्व एक समाज है।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 19 समुदाय और मानवीय आवश्यकताएँ

समुदाय और मानवीय आवश्यकताएँ PSEB 6th Class Social Science Notes

  • परिवार – समाज तथा समुदाय की मूलभूत सामाजिक इकाई।
  • समुदाय – कई परिवारों का समूह जो आर्थिक अन्त:निर्भरता को बढ़ावा देता है।
  • सामुदायिक जीवन – हमारे परिवार, स्कूल और आस-पास के लोगों में जो गतिविधियाँ चलती हैं, उन्हें सामुदायिक जीवन कहते हैं।
  • मानव की मूलभूत आवश्यकताएँ – मानव की मूलभूत आवश्यकताएँ भोजन, वस्त्र तथा मकान हैं।
  • सहयोग – सहयोग सामुदायिक जीवन का आधार है।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 2 ग्लोब – पृथ्वी का मॉडल

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 2 ग्लोब – पृथ्वी का मॉडल Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science Geography Chapter 2 ग्लोब – पृथ्वी का मॉडल

SST Guide for Class 6 PSEB ग्लोब – पृथ्वी का मॉडल Textbook Questions and Answers

I. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

प्रश्न 1.
ग्लोब को पृथ्वी का मॉडल (नमूना) क्यों कहा जाता है?
उत्तर-
ग्लोब पृथ्वी का बिल्कुल सही प्रतिरूप है। यह पृथ्वी की तरह गोल होता है। इस पर पृथ्वी के महाद्वीपों तथा महासागरों को उनके ठीक आकार में दिखाया जाता है। इस पर दूरियाँ तथा दिशाएं भी सही-सही दर्शायी जाती हैं। इसीलिए ग्लोब को पृथ्वी का मॉडल कहा जाता है।

प्रश्न 2.
ग्लोब की कील के किनारों को क्या नाम दिया जाता है?
उत्तर-
इन्हें क्रमशः उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी किनारे को दक्षिणी ध्रुव कहा जाता है।

प्रश्न 3.
दोनों ध्रुवों को मिलाने वाली अर्द्धगोलाकारों को किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर-
देशान्तर रेखाएं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 2 ग्लोब – पृथ्वी का मॉडल

प्रश्न 4.
गोलार्द्ध का क्या अर्थ है? उस रेखा का नाम बताओ जो पृथ्वी को दो भागों में बांटती है?
उत्तर-
पृथ्वी (गोले) के आधे भाग को गोलार्द्ध कहते हैं। भूमध्य रेखा पृथ्वी को दो समान भागों में बांटती है।

प्रश्न 5.
मुख्य मध्यन (मध्यान्तर) रेखा किसको कहते हैं और यह कहां से गुज़रती
उत्तर-
0° देशान्तर को मुख्य मध्यन रेखा कहते हैं। यह इंग्लैण्ड के ग्रीनविच नामक स्थान से गुज़रती है।

प्रश्न 6.
अक्षांश और देशान्तर में अन्तर बताओ।
उत्तर-

  1. किसी स्थान की भूमध्य रेखा से कोणीय दूरी को अक्षांश कहते हैं। इसके विपरीत देशान्तर किसी स्थान की मुख्य मध्यान्तर रेखा से दूरी को दर्शाते हैं।
  2. अक्षांशों की संख्या 180 है जबकि देशान्तरों की संख्या 360 है।
  3. अक्षांशों के साथ उ० अथवा द० लिखा जाता है, परन्तु देशान्तरों के साथ पू० अथवा प० लिखा जाता है।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 2 ग्लोब – पृथ्वी का मॉडल

प्रश्न 7.
पृथ्वी या ग्लोब को कितने देशान्तरों में बांटा गया है?
उत्तर-
360 देशान्तरों में।

प्रश्न 8.
ग्लोब का सबसे बड़ा चक्र कौन-सा है? नाम बताओ।
उत्तर-
0° अक्षांश का चक्र ग्लोब का सबसे बड़ा चक्र है। इसे भूमध्य रेखा कहा जाता है।

प्रश्न 9.
अक्षांश रेखाओं और देशान्तर रेखाओं में अन्तर बताओ।
उत्तर-
अक्षांश रेखाएं तथा देशांतर रेखाएं ग्लोब (पृथ्वी) पर खींची गई काल्पनिक रेखाएं हैं इनमें निम्नलिखित अंतर है:

अक्षांश रेखाएं

  1. ये भूमध्यरेखा के समानांतर हैं।
  2. ये पूर्व से पश्चिम की ओर जाती हैं।
  3. पूर्व ग्लोब पर 180° अक्षांश हैं। 90° उत्तरी गोलार्द्ध में तथा 90° दक्षिणी गोलार्द्ध में।
  4. भूमध्य रेखा को 0° अक्षांश माना गया है। यह पृथ्वी के मध्य से गुज़रती है।
  5. ये वृत्ताकार हैं।

देशांतर रेखाएं

  1. ये समानान्तर नहीं हैं। ये धुवों पर आपस में मिल जाती हैं।
  2. ये ध्रुवों को आपस में मिलाती हैं।
  3. इनकी संख्या 360 है।
  4. लंदन के समीप ग्रीनविच से गुजरने वाली देशांतर रेखा को 0° देशान्तर माना गया है। इसे प्रधान देशांतर भी कहते हैं।
  5. ये अर्द्ध वृत्ताकार हैं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 2 ग्लोब – पृथ्वी का मॉडल

प्रश्न 10.
देशान्तर का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
देशान्तरों का निम्नलिखित महत्त्व है –
1. स्थिति का ज्ञान-देशान्तरों की सहायता से हम किसी स्थान की स्थिति का पता लगा सकते हैं। उदाहरण के लिए लुधियाना 76° पू० देशान्तर पर स्थित है। इसका अर्थ यह है कि लुधियाना मुख्य मध्यान्तर रेखा से 76° पू० में है।

2. समय का ज्ञान-देशान्तरों की सहायता से हम किसी स्थान के समय की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। प्रत्येक दो देशान्तरों के बीच 4 मिनट के समय का अन्तर होता है। जो स्थान ग्रीनविच के पूर्व में स्थित हैं उनका समय 4 मिनट प्रति देशान्तर आगे होता है। परन्तु जो स्थान ग्रीनविच के पश्चिम दिशा में स्थित हैं उनका समय 4 मिनट प्रति देशान्तर पीछे होता है।

प्रश्न 11.
कौन-सी रेखाएँ तापखंड बनाने में सहायता करती हैं? तापखंड क्यों बनाए जाते हैं? कारण बताओ।
उत्तर-
तापखंड बनाने में अक्षांश रेखाएँ सहायता करती हैं। तापखंड निम्नलिखित कारणों से बनाए जाते हैं –

1. सूर्य की सीधी और तिरछी किरणें-सूर्य की सीधी किरणें पृथ्वी पर कम स्थान घेरती हैं। इसलिए उनमें गर्म करने की शक्ति अधिक होती है। इसके विपरीत सूर्य की तिरछी किरणें अधिक स्थान घेरती हैं। अत: उनमें गर्म करने की शक्ति कम होती है।

2. पृथ्वी का गोल आकार-तापखंड बनाने का दूसरा कारण पृथ्वी का गोल आकार है। पृथ्वी का मध्य भाग उभरा हुआ है। यह अधिक सूर्यातप प्राप्त करता है। ध्रुवों की ओर जाने पर सूर्यातप की तीक्षणता कम होती जाती है। इसलिए कम ऊष्मा का तापखंड बन जाता है।

प्रश्न 12.
स्थानीय तथा भारतीय प्रमाणिक (मानक) समय में अंतर बताओ।
उत्तर-
स्थानीय समय किसी स्थान विशेष के मध्याहन (दोपहर, 12 बजे) के सूर्य के अनुसार होता है। परन्तु भारतीय प्रमाणिक समय ग्रीनविच से गुजरने वाली मुख्य मध्याह्न (देशान्तर) रेखा के अनुसार निश्चित किया गया है। यह समय 82½° पू० देशान्तर रेखा के अनुसार है। यह ग्रीनविच के समय से 5 घंटे 30 मिनट आगे है।

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II. रिक्त स्थान भरो

  1. उष्ण-खण्ड कर्क रेखा और ………… रेखाओं के साथ दर्शाया जाता है।
  2. मकर रेखा ……….. अक्षांश रेखा द्वारा दर्शायी जाती है।
  3. अक्षांश और देशान्तर ग्लोब पर ………… बनाते हैं।
  4. दो समानान्तर रेखाओं के बीच दूरी हमेशा ………… होती है।
  5. ………. को शून्य देशान्तर कहते हैं।
  6. भारत में ………… देशान्तर को प्रमाणिक देशान्तर माना गया है।
  7. ग्रीनविच के औसत समय और भारतीय प्रमाणिक समय में ……….. का अन्तर है।

उत्तर-

  1. मकर
  2. 23½° द०
  3. ग्रिड या जाल
  4. एक समान
  5. मध्यन रेखा
  6. 82½° पू०
  7. 5 घण्टे 30 मिनट।

III. नीचे लिखे तथ्य सहीं है या ग़लत –

प्रश्न 1.
हरेक देशान्तर अर्द्ध-गोला होता है।
उत्तर-
सही

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प्रश्न 2.
जैसे-जैसे भूमध्य रेखा से दूर जाएं, तापमान बढ़ता जाता है।
उत्तर-
ग़लत

प्रश्न 3.
उष्ण-तापखंड कर्क रेखा तथा मकर रेखा के बीच होता है।
उत्तर-
सही

प्रश्न 4.
पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है।
उत्तर-
सही

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PSEB 6th Class Social Science Guide ग्लोब – पृथ्वी का मॉडल Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
ग्लोब पर उत्तर से दक्षिण तक अनेक अर्द्ध गोलाकार रेखाएं खिंची दिखाई देती हैं। क्या आप बता सकते हैं कि इन्हें क्या नाम दिया जाता है?
उत्तर-
देशांतर रेखाएँ।

प्रश्न 2.
आप दो देशांतरों के मध्य दूरी मापने के लिए किस इकाई (Unit) का प्रयोग करेंगे?
उत्तर-
डिग्री।

प्रश्न 3.
भारत तथा इंग्लैंड के बीच भारतीय समय के अनुसार सायं 3.30 बजे मैच शुरू हुआ। उस समय इंग्लैंड में क्या समय होगा?
उत्तर-
प्रातः 10.00
नोट-भारत का मानक समय इंग्लैंड के समय से साढ़े पांच घंटे आगे है।

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बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भूमध्य रेखा पृथ्वी को दो बराबर भागों में बांटती है। इनमें से ऊपर वाला भू-भाग क्या कहलाता है?
(क) दक्षिणी गोलार्द्ध
(ख) उत्तरी गोलार्द्ध
(ग) उष्ण तापखंड।
उत्तर-
(ख) उत्तरी गोलार्द्ध

प्रश्न 2.
पृथ्वी को कितने तापखंडों में बांटा जाता है?
(क) पांच
(ख) चार
(ग) तीन।
उत्तर-
(ग) तीन

प्रश्न 3.
किस देशान्तर को अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा कहते हैं?
(क) 0°
(ख) 90°
(ग) 180° पू० या प० ।
उत्तर-
(ग) 180° पू० या प० ।

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सही (✓) या गलत (✗) कथन

  1. भूमध्य रेखा पृथ्वी पर पश्चिम से पूर्व की ओर खींची गई एक कल्पित रेखा है।
  2. उष्ण तापखंड धुत्रों के निकट पाये जाते हैं।
  3. पृथ्वी को देशान्तरों की सहायता से तापखंडों में बांटा जाता है।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✗)

सही जोड़े

  1. ग्लोब – (क) लुधियाना
  2. 0° देशान्तर – (ख) पृथ्वी का मॉडल
  3. 82 ½° देशान्तर – (ग)भारतीय मानक समय
  4. 76° पू० देशान्तर – (घ) प्रमुख याम्योत्तर।

उत्तर-

  1. ग्लोब-पृथवी का मॉडल,
  2. 0° देशान्तर–प्रमुख याम्योत्तर,
  3. 82½° देशान्तर-भारतीय मानक समय,
  4. 76° पू० देशान्तर-लुधियाना।

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अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी ध्रुव से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
पृथ्वी के अक्ष पर उत्तरी बिन्दु को उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी बिन्दु को दक्षिणी ध्रुव कहते हैं।

प्रश्न 2.
उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी ध्रुव के अक्षांश बताओ।
उत्तर-
क्रमश: 90° उ० तथा 90° द०।

प्रश्न 3.
कर्क वृत्त (रेखा) किस गोलार्द्ध में स्थित है?
उत्तर-
उत्तरी गोलार्द्ध में।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य के लिए कोई एक पारिभाषिक शब्द लिखो –
(क) पृथ्वी के वे ताप कटिबन्ध जिनके एक ओर कर्क या मकर वृत्त हो और दूसरी ओर आर्कटिक या अंटार्कटिक वृत्त हो।
(ख) ग्रीनविच से गुजरने वाली 0° देशान्तर रेखा।
(ग) 66° 30′ दक्षिण अक्षांश।
उत्तर-
(क) शीतोष्ण कटिबन्ध।
(ख) प्रधान मध्याह्न रेखा।
(ग) अंटार्कटिक वृत्त।

प्रश्न 5.
किसी दिए गए बिन्दु की विषुवत् वृत्त से उत्तर या दक्षिण की कोणीय दूरी के माप को क्या कहते हैं?
उत्तर-
अक्षांश।

प्रश्न 6.
कर्क और मकर वृत्त का जो क्षेत्र सबसे अधिक गर्मी प्राप्त करता है, उसे क्या कहते हैं?
उत्तर-
उष्ण तापखंड।

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प्रश्न 7.
अंटार्कटिक वृत्त किस गोलार्द्ध में है?
उत्तर-
दक्षिणी गोलार्द्ध में।

प्रश्न 8.
0° देशान्तर रेखा कहाँ से गुज़रती है?
उत्तर-
ग्रीनविच।

प्रश्न 9.
पृथ्वी 24 घंटे में कितने देशान्तर घूम जाती है?
उत्तर-
360°

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
हम उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी ध्रुव को 90° से ही क्यों व्यक्त करते हैं?
उत्तर-
पृथ्वी गोल है। इसे एक वृत्त भी कहा जा सकता है। एक वृत्त में 360° होते हैं। यदि विषुवत् वृत्त से सीधे चलकर उत्तरी ध्रुव तक जाएं तो पृथ्वी का ¼ भाग (90°) तय हो जाएगा। इसी प्रकार विषुवत् वृत्त से दक्षिणी ध्रुव तक भी 90° का सफ़र तय करना पड़ता है। इसीलिए हम उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी ध्रुव को 90° से व्यक्त करते हैं।

प्रश्न 2.
अक्षांश रेखाओं को समानान्तर रेखाएँ क्यों कहते हैं?
उत्तर-
अक्षांश रेखाएँ, विषुवत् वृत्त के समानान्तर खींची हुई मानी गई हैं। इसलिए इन्हें समानान्तर रेखाएँ भी कहते हैं।

प्रश्न 3.
प्रधान देशान्तर (मध्याहन ) रेखा किसे कहते हैं?
उत्तर-
0° देशान्तर रेखा को प्रधान देशान्तर रेखा कहते हैं। यह रेखा लन्दन के समीप ग्रीनविच नामक स्थान से गुज़रती है।

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प्रश्न 4.
उत्तरी गोलार्द्ध और दक्षिणी गोलार्द्ध से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
विषुवत वृत्त (भूमध्य रेखा) पृथ्वी को दो बराबर भागों में विभाजित करता है। विषुवत् वृत्त के उत्तरी भाग को उत्तरी गोलार्द्ध और दक्षिणी भाग को दक्षिणी गोलार्द्ध कहते हैं।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
देशान्तर रेखाओं और समय में क्या सम्बन्ध है? स्पष्ट करो।
उत्तर-
देशान्तर रेखाओं तथा समय में बड़ा गहरा सम्बन्ध है। यदि हमें किसी स्थान के देशान्तर का पता हो तो हम वहाँ का समय ज्ञात कर सकते हैं। पृथ्वी अपने अक्ष पर सूर्य के सामने घूमती है, जिसके कारण प्रत्येक देशान्तर बारी-बारी से दिन में एक बार सूर्य के सामने आता है। अतः एक देशान्तर पर सूर्य एक ही समय पर उदय होगा और एक ही समय पर अस्त होगा। इसीलिए एक देशान्तर पर स्थित सभी स्थानों का समय एक ही होता है। इस समय को स्थानीय समय कहते हैं। जब किसी समय किसी देशान्तर पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं तो उस समय वहाँ दोपहर होती है।

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पृथ्वी अपने अक्ष पर 24 घण्टों में एक चक्कर पूरा कर लेती है। दूसरे शब्दों में, हम कह सकते हैं कि अक्ष पर घूमती हुई पृथ्वी की 24 घण्टों में 360 देशान्तर रेखाएँ सूर्य के सामने से गुज़र जाती हैं। इस प्रकार 1° देशान्तर घूमने में समय लगेगा :
24 × 60 = 1440 मिनट ÷ 360 = 4 मिनट।

इसका अर्थ यह है कि किन्हीं दो देशान्तरों के बीच 4 मिनट का अन्तर पड़ जाता है क्योंकि पृथ्वी पश्चिम से पूर्व को घूमती है, इसलिए पूर्वी देशान्तर पर सूर्य पहले उदय होता है और पश्चिमी देशान्तरों पर सूर्य बाद में उदय होता है। दो देशान्तरों के बीच 4 मिनट का अन्तर होने के कारण किसी देशान्तर पर इससे पश्चिम वाले देशान्तर की अपेक्षा सूर्य 4 मिनट पहले उदय होगा और इससे पूर्व वाले देशान्तर की अपेक्षा सूर्य 4 मिनट बाद उदय होगा। उदाहरण के लिए एक स्थान 84° पूर्वी देशान्तर पर स्थित है और वहाँ प्रातः के 10 बजकर 20 मिनट हुए हैं तो 85° पूर्वी देशान्तर पर उस समय 10 बजकर 24 मिनट होंगे और 83° पूर्वी देशान्तर पर उस समय 10 बजकर 16 मिनट होंगे।

इस नियम के आधार पर यदि हमें किन्हीं दो स्थानों के देशान्तरों का पता हो और उनमें से किसी एक स्थान का समय ज्ञात हो, तो हम दूसरे स्थान का समय बड़ी सरलता से ज्ञात कर सकते हैं।

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प्रश्न 2.
अक्षांश और देशान्तर रेखाओं के क्या लाभ हैं?
अथवा
ग्रिड का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
ग्लोब पर अक्षांश और देशान्तर रेखाएं एक जाल बनाती हैं। इस जाल को ग्रिड कहा जाता है। इसका निम्नलिखित महत्त्व है –
1.  किसी स्थान की स्थिति ज्ञात करना-ग्रिड की सहायता से हम ग्लोब पर किसी स्थान की सही स्थिति का पता लगा सकते हैं। इस प्रकार हम किसी नदी, पर्वत या चोटी को आसानी से ढूँढ़ सकते हैं।

2. तापमान का ज्ञान-अक्षांशों की सहायता से हम किसी स्थान का तापमान जान सकते हैं। यह नियम है कि भूमध्य रेखा के समीप तापमान अधिक होता है। जो स्थान भूमध्य रेखा से दूर उत्तर या दक्षिण अक्षांश पर स्थित होते हैं वहाँ का तापमान कम होता है।

3. स्थानों की दूरी ज्ञात करने में सहायता-अक्षांशों की सहायता से हम दो स्थानों के बीच की दूरी ज्ञात कर सकते हैं। दो अक्षांशों के बीच 111 किलोमीटर की दूरी होती है। यदि कोई स्थान भूमध्य रेखा से 5° उत्तर में है तो उसकी भूमध्य रेखा से दूरी 555 किलोमीटर होगी।

4. समय का ज्ञान देशान्तरों की सहायता से हम किसी स्थान के समय की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। प्रत्येक दो देशान्तरों के बीच 4 मिनट प्रति देशान्तर का अन्तर होता है। जो देश ग्रीनविच के पूर्व में स्थित हैं उनका समय 4 मिनट प्रति देशान्तर आगे होता है। परन्तु जो स्थान ग्रीनविच से पश्चिम दिशा में स्थित है उनका समय 4 मिनट प्रति देशान्तर पीछे होता है।

5. मानचित्र बनाने में सहायता-इन रेखाओं की सहायता से हम विभिन्न देशों के मानचित्र तथा एटलस तैयार कर सकते हैं और बनाए हुए मानचित्र को पढ़ सकते हैं।

6. सीमा ज्ञान-ये रेखाएँ भिन्न-भिन्न देशों की सीमाओं को भी निश्चित करती हैं। हम यह आसानी से जान सकते हैं कि कौन-सा देश किस रेखा से आरम्भ हो रहा है और उसका विस्तार कहाँ तक है।

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प्रश्न 3.
तीन ताप कटिबन्धों (तापखंडों) का उनकी निश्चित सीमाओं के साथ नाम लिखिए।
उत्तर-
तीन ताप कटिबन्ध (तापखंड) निम्नलिखित हैं –
1. उष्ण कटिबन्ध- यह कटिबन्ध कर्क और मकर वृत्त के उत्तरी शीत कटिबन्ध बीच स्थित है। यह क्षेत्र सबसे अधिक गर्मी प्राप्त करता है।

2. शीतोष्ण कटिबन्ध-यह कटिबन्ध कर्क वृत्त के उत्तर में और मकर वृत्त के दक्षिण में फैला हुआ है। उत्तरी गोलार्द्ध में आर्कटिक वृत्त तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में अंटार्कटिक वृत्त इसकी सीमा बनाते हैं। यहाँ न तो अधिक गर्मी पड़ती है और न अधिक सर्दी। इसे शीतोष्ण कटिबन्ध कहते हैं।

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3. शीत कटिबन्ध-यह कटिबन्ध उत्तरी गोलार्द्ध में आर्कटिक वृत्त और उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में अंटार्कटिक वृत्त और दक्षिणी ध्रुव के बीच स्थित है। यह कटिबन्ध विश्व का सबसे अधिक ठंडा भाग है।

प्रश्न 4.
प्रमुख अक्षांश रेखाओं की जानकारी दीजिए।
उत्तर-
ग्लोब की प्रमुख अक्षांश रेखाएं निम्नलिखित हैं –
(क) भूमध्य रेखा-इसका अक्षांश 0° है। यह पृथ्वी के ठीक मध्य में स्थित है और पृथ्वी को दो समान गोलार्डों में बांटती है। इस रेखा पर सूर्य की किरणें सारा वर्ष सीधी पड़ती हैं।

(ख) कर्क रेखा-23½°- उत्तर की अक्षांश रेखा को कर्क रेखा कहते हैं। 12 जून की अवस्था में इस रेखा पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं।
(ग) मकर रेखा-23½°- दक्षिण की अक्षांश रेखा मकर रेखा कहलाती है। 22 दिसम्बर की अवस्था में सूर्य की किरणें इस रेखा पर लम्ब रूप में पड़ती हैं।

(घ) आर्कटिक वृत्त-66½°- उत्तरी अक्षांश रेखा को आर्कटिक वृत्त कहते हैं। 21 जून को इस रेखा पर सूर्य की किरणें उत्तरी ध्रुव को पार करके पड़ती हैं।

(ङ) अंटार्कटिक वृत्त-66½°, दक्षिणी अक्षांश को अंटार्कटिक वृत्त कहते हैं। 22 दिसम्बर को इस रेखा पर सूर्य की किरणें दक्षिण ध्रुव को पार करके पड़ती हैं।

(च) उत्तरी ध्रुव-90° उत्तरी अक्षांश रेखा को उत्तरी ध्रुव कहते हैं। यहां सूर्य की किरणें सारा साल तिरछी पड़ती हैं।

(छ) दक्षिणी ध्रुव-90° दक्षिणी अक्षांश रेखा को दक्षिणी ध्रुव कहते हैं। इस पर सूर्य की किरणें सारा साल तिरछी पड़ती हैं।

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ग्लोब – पृथ्वी का मॉडल PSEB 6th Class Social Science Notes

  • ग्लोब – पृथ्वी के प्रतिरूप (मॉडल) को ग्लोब कहते हैं।
  • अक्ष – अक्ष उत्तरी ध्रुव और दक्षिण ध्रुव को मिलाने वाली वह काल्पनिक रेखा है जिस पर पृथ्वी घूमती है।
  • ध्रुव – पृथ्वी के अक्ष के दोनों सिरे ध्रुव कहलाते हैं।
  • अक्षांश वृत्त – विषुवत् वृत्त के समानान्तर खींचे गए काल्पनिक वृत्तों को अक्षांश वृत्त कहते हैं।
  • देशान्तर रेखाएं (वृत्त) – एक ध्रुव को दूसरे ध्रुव से मिलाने वाले काल्पनिक वृत्तों को देशान्तर रेखाएं कहते हैं।
  • प्रमुख अक्षांश वृत्त – प्रमुख अक्षांश वृत्त इस प्रकार हैं – 1. विषुवत् वृत्त 2. कर्क वृत्त 3. मकर वृत्त 4. आर्कटिक वृत्त 5. अंटार्कटिक वृत्त।
  • पृथ्वी के ताप कटिबन्ध अथवा तापखंड – पृथ्वी के तीन ताप कटिबन्ध हैं-1. उष्ण कटिबन्ध 2. शीतोष्ण कटिबन्ध 3. शीत कटिबन्ध ।
  • प्रधान मध्याह्न रेखा – ग्रीनविच वेधशाला से गुजरने वाली देशान्तर रेखा को प्रधान मध्याह्न रेखा कहते हैं। इस देशान्तर का मान 0° है। इससे हम 180 अंश पूर्व तथा 180 अंश पश्चिम देशान्तर की गणना करते हैं।
  • स्थानीय समय – किसी स्थान पर जब सूर्य आकाश में सबसे अधिक ऊंचाई पर होता है तो दिन के 12 बजते हैं। इस समय को वहां का स्थानीय समय कहते हैं।
  • अक्षांश – किसी स्थान की विषुवत् वृत्त से उत्तर या दक्षिण की कोणीय दूरी अक्षांश कहलाती है।
  • मानक (प्रमाणिक) समय – किसी देश की मानक मध्यन रेखा का स्थानीय समय मानक समय कहलाता है।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 8 व्यक्तिगत स्वास्थ्य विज्ञान

Punjab State Board PSEB 6th Class Home Science Book Solutions Chapter 8 व्यक्तिगत स्वास्थ्य विज्ञान Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Home Science Chapter 8 व्यक्तिगत स्वास्थ्य विज्ञान

PSEB 6th Class Home Science Guide व्यक्तिगत स्वास्थ्य विज्ञान Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
स्वास्थ्य क्या है ?
उत्तर-
मनुष्य के शरीर की रोग-रहित दिशा ही स्वास्थ्य है।

प्रश्न 2.
आँखों के लिए कौन-सा विटामिन महत्त्वपूर्ण है ?
उत्तर-
विटामिन ‘ऐ’।

प्रश्न 3.
दाँतों के लिए भोजन के कौन-से तत्त्व महत्त्वपूर्ण हैं ?
उत्तर-
कैल्शियम, विटामिन डी, फास्फोरस।

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प्रश्न 4.
खाना खाने के बाद कैसे फल खाने चाहिए ?
उत्तर-
ताजे तथा तेजाबी अंश वाले रसदार फल ।

प्रश्न 5.
आँखों को नीरोग रखने के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
आँखों को धुआँ, धूल, धूप तथा तेज़ रोशनी से बचाना चाहिए।

लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
आँखों की सम्भाल करनी क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
आँखें हमारे शरीर में अत्यन्त ही महत्त्वपूर्ण अंग हैं। इनसे ही हम विभिन्न वस्तुओं को देख सकते हैं। इसलिए यह कहावत कि ‘आँखें हैं तो जहान है’ कही जाती है। इनकी संभाल के लिए निम्नलिखित उपाय किए जाने चाहिएं –

  1. आँखों को बाहर की गन्दगी जैसे धूल-मिट्टी, कूड़ा-करकट, कीट-पतंगे आदि से बचाना चाहिए। कुछ धूल तथा जीवाणु तो आँख के द्वारा बाहर निकल जाते हैं। यदि किसी कारण से आँखों में कुछ गिर जाए तो उसको नार्मल सेलाइन या साफ़ जल से धो डालना चाहिए।
  2. मुंह तथा आँखों को कई बार धोने तथा पोंछने से सफ़ाई होती है।
  3. गन्दे हाथों से अथवा गन्दे रूमाल से आँखों को नहीं पोंछना चाहिए, न ही इन्हें रगड़ना या मलना चाहिए।
  4. तौलिया, साबुन, बाल्टी, मग तथा मुँह पोंछने का कपड़ा जिनका उपयोग दूसरे व्यक्ति करते हों, प्रयोग नहीं करना चाहिए। विशेषकर दुखती आँखों वाले व्यक्ति का।
  5. आँखों को तेज़ धूप, चकाचौंध अथवा तेज़ रोशनी से बचाना चाहिए। इसके लिए धूप के चश्मे आदि का प्रयोग किया जा सकता है।
  6. कम प्रकाश में लिखना-पढ़ना अथवा कोई महीन काम करना आँखों के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
  7. आँखों की विभिन्न बीमारियों जैसे-रोहे इत्यादि से आँखों को बचाना चाहिए और यदि इनमें से कोई रोग हो तो तुरन्त ही नेत्र-विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।

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प्रश्न 2.
काम करते समय रोशनी किस तरफ से आनी चाहिए ?
उत्तर-
काम करते समय रोशनी ठीक और बाएँ हाथ की ओर से आनी चाहिए, बाएँ हाथ से काम करने वालों के लिए यह रोशनी दाईं ओर से आनी चाहिए।

प्रश्न 3.
आँखों के व्यायाम के बारे में आप क्या जानते हो ? लिखो।
उत्तर-
प्रत्येक दिन सुबह उठकर ताजे पानी से आँखों को धोना चाहिए और ठण्डे पानी के हल्के-हल्के छींटे मारने चाहिएं। पुतली बाएँ से दाएँ, दाएँ से बाएँ, ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर की तरफ़ बार-बार घुमाना चाहिए। इस व्यायाम में आँखें रुकनी नहीं चाहिएं।

प्रश्न 4.
यदि दाँत ठीक तरह साफ़ न किए जाएं तो क्या होता है ?
उत्तर-
यदि दाँतों को अच्छी तरह साफ़ न किया जाए तो भोजन के कण दाँतों के खोलों में इकट्ठे हो जाते हैं। इससे दाँत कमजोर होने लगते हैं। जीवाणुओं के प्रभाव से ये भोजन कण सड़ते हैं और एक अम्ल बनाते हैं जिनसे दाँतों में सड़न उत्पन्न होने लगती है और पाचन-क्रिया भी खराब हो जाती है। मसूड़ों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

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प्रश्न 5.
मिठाइयां, निशास्ते वाला भोजन और तेज़ गंध वाली चीजें और पान क्यों अधिक नहीं खाने चाहिएं ?
उत्तर–
दाँतों के लिए अधिक मिठाइयां, निशास्ते वाला भोजन जैसे मैदे की बनी चीजें दाँतों से चिपक जाती हैं। तेज़ गंध वाली चीज़ों को खाने से मुँह में गंध आ जाती है, जैसेलहसुन, प्याज, मछली आदि। अधिक पान खाने से दाँत मैले, कुचैले और काले हो जाते हैं और दाँतों पर निकोटीन की तरह जम जाती है। इससे दाँतों को नुक़सान होता है।

प्रश्न 6.
नाखून गन्दे क्यों नहीं रखने चाहिएं और इन्हें कैसे साफ़ रख सकते हों, लिखो।
उत्तर-
नाखूनों के अन्दर किसी प्रकार की गन्दगी नहीं होनी चाहिए क्योंकि भोजन के साथ इनमें उपस्थित रोगों के कीटाणु, जीवाणु आदि आहार नाल में पहुंचकर विकार उत्पन्न करेंगे। इसी कारण कई बार बच्चों की पाचन-क्रिया खराब हो जाती है और छोटी उम्र में बच्चों को दस्त लग जाते हैं और उल्टियां आने लगती हैं। सप्ताह में एक बार नाखून ज़रूर काटने चाहिएं।

प्रश्न 7.
कम रोशनी में क्यों नहीं पढ़ना चाहिए ?
उत्तर-
कम रोशनी में पढ़ने से आँखों पर दबाव पड़ता है इसलिए नहीं पढ़ना चाहिए।

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प्रश्न 8.
नहाने से पहले मालिश क्यों करनी चाहिए ?
उत्तर-
नहाने से पहले मालिश इसलिए करनी चाहिए कि शरीर स्वस्थ और सुन्दर बने।

प्रश्न 9.
सिगरेट पीने से दाँतों पर किस वस्तु की परत जम जाती है ?
उत्तर-
निकोटीन की।

प्रश्न 10.
दाँत काले हो जाने के क्या कारण हैं ?
उत्तर-
नसवार रगड़ने, पान खाने और सिगरेट पीने से दाँत काले हो जाते हैं।

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प्रश्न 11.
दाँतों का रंग सफ़ेद क्यों होता है ?
उत्तर-
दाँतों का रंग सफ़ेद इनैमल के कारण होता है।

प्रश्न 12.
‘आँखें गईं जहान गया’ से क्या भाव है ?
उत्तर-
इसका भाव यह है कि आँखों के बिना सचमुच ही यह संसार अंधकारमय है। यदि आँखें काम न करें तो दुनिया के ये सभी दृश्य व्यर्थ हैं।

प्रश्न 13.
आँखों के लिए कौन-सा विटामिन महत्त्वपूर्ण हैं ?
उत्तर-
विटामिन ‘ए’।

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प्रश्न 14.
भोजन के कौन-से तत्त्व दाँतों के लिए महत्त्वपूर्ण हैं ?
उत्तर-
कैल्शियम, विटामिन ‘डी’ और फॉस्फोरस।

प्रश्न 15.
प्रत्येक व्यक्ति को अपने कपड़े तथा तौलिया अलग क्यों रखने चाहिए?
उत्तर-
प्रत्येक व्यक्ति को अपने कपड़े तथा तौलिया अलग-अलग रखने चाहिए क्योंकि एक साथ रखने पर छूत की बीमारी फैलने का भय रहता है जैसे-आँखों का रोग, खाज, खुजली, दाद आदि।

निबन्धात्मक प्रश्न अब

प्रश्न 1.
दाँत कैसे साफ़ और स्वस्थ रखे जा सकते हैं ?
उत्तर-
1. प्रत्येक भोजन करने के बाद दाँतों को अच्छी प्रकार साफ़ करना चाहिए। कुल्ली करके दाँतों में फंसे भोजन कण निकाल देने चाहिएं।

2. हर सुबह व रात्रि को सोने से पूर्व दाँतों को उँगली या दन्त ब्रुश से मन्जन या पेस्ट की सहायता से साफ़ करना चाहिए। ऐसा करने से दाँतों को रोगमुक्त रखा जा सकता है। दन्त ब्रुश बहुत बड़े बालों का नहीं होना चाहिए अन्यथा मसूड़ों में घाव होने की सम्भावना रहती है।

3. बचपन से ही दाँतों की सफ़ाई की उचित विधि की शिक्षा देनी चाहिए। दाँतों को सब ओर से, दाँतों के भीतर व बाहर आदि भोजन चबाने वाले ऊपर व नीचे के भागों को नियमपूर्वक साफ़ करना आवश्यक है।

4. दाँतों को तिनकों या सुई से कुरेदना नहीं चाहिए।

5. दन्त चिकित्सक से बच्चों के दाँतों का नियमित निरीक्षण करवाना चाहिए।

6. दाँतों की स्वस्थता के लिए उपयुक्त भोजन की आवश्यकता होती है। इससे निम्नलिखित लाभ होते हैं –
(i) दाँतों की सुदृढ़ता शरीर के सामान्य स्वास्थ्य पर बहुत निर्भर करती है। शरीर के उचित स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त भोजन आवश्यक होता है। प्रोटीन, कैल्शियम, फॉस्फोरस तथा विटामिन ‘C’ व ‘D’ दाँतों के निर्माण व स्वास्थ्य में महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं। भोजन में इन तत्त्वों की कमी दाँतों के स्वास्थ्य को बिगाड़ती है। अतः हमें अपने आहार में इन तत्त्वों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

(ii) कच्चे फल व सब्जियाँ चबा-चबाकर खाने से मसूड़ों को व्यायाम का अवसर मिलता है जिससे वे स्वस्थ बने रहते हैं।

(iii) मिठाइयां, मीठी व चिपकने वाली चॉकलेट, टॉफी, लॉलीपॉप आदि बहुत कम खाना चाहिए। मीठी वस्तुएं खाने के पश्चात् मुँह को कुल्ला करके साफ़ करना अत्यन्त आवश्यक है।

(iv) गरम भोजन के तुरन्त बाद ठण्डा पानी या पेय नहीं लेना चाहिए।

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प्रश्न 2.
स्नान के बारे में आप जो भी जानते हो विस्तार से लिखो।
उत्तर-
निरोग जीवन और व्यक्तिगत सफ़ाई के लिए स्नान बहुत ज़रूरी है। विशेष कर कान के पिछले भाग, बगले या जाँघों की सफाई करनी ज़रूरी है नहीं तो बदबू आने लगती है। काम करने से कई कोशिकाएं मरने के बाद चमड़ी पर इकट्ठी हो जाती हैं। इसको स्नान करके दूर करना ज़रूरी है। यदि पसीना बाहर निकलना रुक जाए तो गुर्दे अपना काम ठीक तरह से नहीं कर सकते।

स्नान से शारीरिक ताप भी ठीक रहता है। गर्मियों में खुश्की, फोड़े, फुसियाँ, पित्त आदि हो जाते हैं और गर्मी शरीर को झुलसाती है। ठीक तरह से स्नान करके त्वचा साफ़ रखने से ऐसे रोग नहीं होते। गर्मी में शारीरिक तापमान बढ़ जाता है। स्नान पर खुली हवा में बैठने से शारीरिक तापमान में गर्मी के कारण वृद्धि नहीं होती। यदि हो सके तो स्नान करते समय शरीर की सखी मालिश भी करनी चाहिए। मालिश करने से रक्त का दौरा तेज़ होता है। इससे रक्त साफ़ और शुद्ध होकर बहने लगता है।

हमें सप्ताह में एक बार सिर को मालिश करके बाल अच्छी तरह धो लेने चाहिएं। सुबह का समय स्नान के लिए सबसे अच्छा होता है। यदि हम स्नान नहीं करेंगे या सिर अच्छी तरह साफ़ नहीं करेंगे तो बालों में जुएँ पड़ जाएंगी इससे सिर की खोपड़ी कमजोर हो जाती है और सारा दिन खुजलाने के लिए एक हाथ सिर में ही रहता है। कुछ लोग गर्मियों में ठीक तरह से स्नान नहीं करते। वे अपना शरीर साफ़ नहीं करते। अतः उनके कपड़ों और शरीर पर भी जुएँ पड़ जाती हैं। ऐसे व्यक्ति के पास कोई भी नहीं बैठ सकता।

सर्दियों में गर्म पानी से स्नान करना चाहिए। इससे गर्मी मिलती है और शक्ति संचार होता है। खेलने के बाद गर्म पानी से स्नान करना चाहिए नहीं तो सर्द-गर्म होने का खतरा रहता है। लेकिन स्वस्थ और बलवान मनुष्य ठण्डे पानी से ही स्नान करते हैं। इससे ताजगी और प्रसन्नता की भावना पैदा होती है।

खाना खाने और थक जाने के पश्चात् स्नान करना ठीक नहीं रहता। ठण्डे देशों में भाप स्नान भी किया जाता है।

प्रश्न 3.
आँखों की सम्भाल कैसे करनी चाहिए ?
उत्तर-
कहते हैं आँख है तो जहान है क्योंकि इनसे ही हम संसार को देख सकते हैं। इनकी सम्भाल के लिए निम्न उपाय किए जाने चाहिएं –

  1. आँखों को बाहरी गंदगी, जैसे धूल-मिट्टी, कूड़ा-करकट, कीट-पतंगों आदि से बचाना चाहिए। गन्दी आँखें दुखने लगती हैं। यदि किसी कारण से आँखों में कुछ गिर जाए, तो साफ़ जल से धोकर निकाल देना चाहिए।
  2. गन्दे हाथों से अथवा गन्दे रूमाल से आँखों को नहीं पोंछना चाहिए।
  3. आँखों को रगड़ना या मलना नहीं चाहिए।
  4. आँखों को तेज़ धूप, चकाचौंध अथवा तेज़ रोशनी से बचाना चाहिए। इसके लिए धूप के चश्मे आदि का प्रयोग किया जा सकता है।
  5. कम प्रकाश में लिखना-पढ़ना अथवा कोई महीन काम नहीं करना चाहिए।
  6. आँखों में तकलीफ होने पर नेत्र-चिकित्सक की राय लेनी चाहिए।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 8 व्यक्तिगत स्वास्थ्य विज्ञान

Home Science Guide for Class 6 PSEB व्यक्तिगत स्वास्थ्य विज्ञान Important Questions and Answers

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
शरीर-क्रिया विज्ञान में स्वास्थ्य की परिभाषा क्या होगी ?
उत्तर-
कोशिकाओं, अंगों व तन्त्रों की स्वाभाविक क्रियाशीलता को स्वास्थ्य कहते हैं।

प्रश्न 2.
WHO के विचार से स्वास्थ्य क्या है ?
उत्तर-
WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के विचार से स्वास्थ्य में मनुष्य का सम्पूर्ण शारीरिक, मानसिक व संवेगात्मक कल्याण निहित है।

प्रश्न 3.
जीवन में सुखी रहने के लिए क्या आवश्यक है ?
उत्तर-
शरीर का स्वस्थ और शक्तिशाली होना।

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प्रश्न 4.
त्वचा को नियमित रूप से साफ़ करना आवश्यक क्यों है ?
उत्तर-
त्वचा से पसीना और अपशिष्ट पदार्थ बाहर निकलते हैं। यदि त्वचा को साफ़ नहीं किया जाता है तो मैल जम जाता है जिसके कारण त्वचा के छिद्र बंद हो जाते हैं, इसलिए त्वचा को नियमित रूप से साफ़ करना आवश्यक है।

प्रश्न 5.
दाँतों को साफ़ करना आवश्यक क्यों है ?
उत्तर–
दाँतों को खोखले होने से, गिरने से, दर्द होने से बचाने के लिए दाँतों को साफ करना आवश्यक है।

प्रश्न 6.
कानों में सलाई या तिनका क्यों नहीं फेरना चाहिए ?
उत्तर-
कानों में सलाई या तिनका फेरने से कान में घाव हो जाते हैं और पर्दा भी फट सकता है। इसलिए कानों में सलाई नहीं फेरनी चाहिए।

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प्रश्न 7.
कान का संक्रमण होने पर इसका इलाज तुरन्त क्यों करवाना चाहिए ?
उत्तर-
कान का संक्रमण होने पर यदि इसका इलाज न करवाया जाए तो यह दिमाग़ तक नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए इसका इलाज तुरन्त करवा लेना चाहिए।

प्रश्न 8.
धूप सेंकने से क्या लाभ होता है ?
उत्तर-
धूप सेंकने से शरीर में विटामिन ‘D’ उत्पन्न होता है।

प्रश्न 9.
किस समय की धूप स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है ?
उत्तर-
प्रायः शीतकाल में प्रात:काल की धूप।

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प्रश्न 10.
घर में धूप का आना किसलिए आवश्यक है ?
उत्तर-
धूप जीवाणुओं को नष्ट करती है।

प्रश्न 11.
गूढ़ निद्रा शरीर के लिए क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
शरीर की थकावट दूर करने के लिए।

प्रश्न 12.
नियमित व्यायाम व उत्तम आसन शरीर के लिए क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
शरीर को सुन्दर, सुगठित व स्वस्थ रखने के लिए।

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प्रश्न 13.
दाँतों को केरीज रोग से बचाने के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिएं ?
उत्तर-

  1. भोजन के बाद कुल्ला करना चाहिए।
  2. दाँतों को अँगुली से साफ़ करना चाहिए।

प्रश्न 14.
दाँतों का केरीज रोग क्या होता है ?
उत्तर–
दाँतों में कार्बोहाइड्रेट युक्त तथा मीठे पदार्थों के सड़ने से जीवाणुओं की क्रिया से एसिड बनता है जो दाँतों के एनेमल को क्षीण कर देता है।

प्रश्न 15.
पायरिया रोग के क्या लक्षण हैं ?
उत्तर-

  1. मसूड़े सूजने लगते हैं,
  2. मसूड़ों में पीड़ा होती है,
  3. मसूड़ों से दाँत अलग होने लगते हैं,
  4. मुँह से दुर्गन्ध आती है।

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प्रश्न 16.
स्वस्थ बाल कैसे होते हैं ?
उत्तर-
चमकीले और साफ़।

प्रश्न 17.
स्वस्थ आँखें कैसी होती हैं ?
उत्तर-
चौकन्नी, साफ़ और मलविहीन।

प्रश्न 18.
स्वस्थ त्वचा की क्या पहचान है ?
उत्तर-
चिकनी, ठोस और जगह पर होती है।

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प्रश्न 19.
स्वस्थ नाक की क्या पहचान है ?
उत्तर-
साफ़ और सांस लेती हुई होती है।

प्रश्न 20.
स्वस्थ मुख और होंठ कैसे होते हैं ?
उत्तर-
स्वस्थ मुख प्रसन्न और आनन्दित तथा स्वस्थ होंठ लाल और गीले होते हैं।

प्रश्न 21.
स्वस्थ गला किसे कहते हैं ?
उत्तर-
साफ़, गीला तथा बाधा विहीन गले को।

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प्रश्न 22.
स्वस्थ दाँत कैसे होते हैं ?
उत्तर-
साफ, सही और कष्टविहीन।

प्रश्न 23.
स्वस्थ मसूड़े कैसे होने चाहिएं ?
उत्तर-
ठोस तथा लाल।

प्रश्न 24.
स्वस्थ तथा अस्वस्थ हाथ में क्या अन्तर होता है ?
उत्तर-
हाथ की हथेलियाँ लाल होने पर स्वस्थ तथा पीली होने पर अस्वस्थ मानी जाती हैं।

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प्रश्न 25.
सोने से पहले कोई परिश्रम या अधिक दौड़ भाग का काम क्यों नहीं करना चाहिए ?
उत्तर-
इससे निद्रा अच्छी नहीं आती।

प्रश्न 26.
छुट्टी वाले दिन क्या कार्य करने चाहिए ?
उत्तर-
हल्के और मनोरंजक कार्य करने चाहिएं।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
व्यायाम शरीर के लिए क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
व्यायाम हमारे स्वास्थ्य के लिए तथा शरीर को निरोग रखने के लिए अत्यन्त आवश्यक है। इसके विभिन्न कारण हैं –

  1. व्यायाम करने से भोजन शीघ्र पच जाता है था भूख खुलकर लगती है।
  2. व्यायाम करने से शरीर की गन्दगी शीघ्र बाहर निकल जाती है।
  3. व्यायाम करने से शरीर की मांसपेशियां मज़बूत हो जाती हैं जिससे शरीर मजबूत होता है।
  4. व्यायाम करने से शरीर के सब अंग खुल जाते हैं। फेफड़े बड़े हो जाते हैं। श्वास की क्रिया तेजी से होती है।
  5. रक्त शुद्ध हो जाता है।
  6. व्यायाम करने से अधिक शुद्ध रक्त मिलता है जिससे वह तरोताज़ा रहता है।
  7. रोग रोधन क्षमता बढ़ जाती है।

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प्रश्न 2.
व्यायाम के सामान्य नियम क्या हैं ?
उत्तर-
व्यायाम (Exercise) करते समय व्यायाम के नियमों का पालन करना चाहिए। व्यायाम के नियम निम्नलिखित हैं –

  1. व्यायाम शुद्ध वायु तथा खुले स्थान पर करना चाहिए।
  2. व्यायाम बीमारी से तुरन्त उठने, भोजन के पश्चात् अथवा चिन्ता की दिशा में नहीं करना चाहिए।
  3. व्यायाम आयु तथा स्वास्थ्य के आधार पर करना चाहिए।
  4. व्यायाम को धीरे-धीरे बढ़ाइए। एकदम अधिक व्यायाम नहीं करना चाहिए।
  5. व्यायाम के तुरन्त बाद जल नहीं पीना चाहिए और न ही नहाना चाहिए।
  6. व्यायाम करते समय सर्दी से बचने के लिए शरीर पर कोई ढीला वस्त्र अवश्य रहना चाहिए।
  7. मस्तिष्क के कार्य करने वालों के लिए सैर करना, हल्की दौड़, ओस पर चलना ही उचित व्यायाम है।
  8. पेट के रोगियों को झुकने वाले व्यायाम करने चाहिएं।
  9. व्यायाम करते समय मुख से सांस नहीं लेना चाहिए।

प्रश्न 3.
नियमित स्नान के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
नियमित स्नान से शरीर को निम्न लाभ होते हैं –

  1. त्वचा की स्वच्छता होती है।
  2. रोमकूपों के मुँह खुल जाते हैं।
  3. ठण्डे पानी से नहाने से त्वचा के तापमान को सामान्य बनाने के लिए रक्त अधिक मात्रा में तथा तीव्र गति से त्वचा की ओर प्रवाहित होता है।
  4. नहाने के बाद तौलिए से शरीर रगड़ने से रक्त संचरण उत्तम होता है।
  5. स्नान से हानिकारक पदार्थों तथा रोगाणुओं से मुक्ति मिलती है।
  6. धुलकर बह जाने से पसीने की दुर्गन्ध जाती रहती है।

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बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
विश्राम और निद्रा से स्वास्थ्य को क्या लाभ होता है ?
उत्तर-
विश्राम और निद्रा से स्वास्थ्य को लाभ-विश्राम नितान्त आवश्यक होता है। हम जो भी शारीरिक अथवा मानसिक कार्य करते हैं, उससे हमारे शरीर में थकान आ जाती है। वास्तव में, शारीरिक परिश्रम करते समय हमारे शरीर में अनेक विषैले पदार्थ एकत्र हो जाते हैं। ये पदार्थ ही हमारी माँसपेशियों को थकाते हैं। इसके अतिरिक्त कार्य करते समय हमारे शरीर के ऊतक अधिक टूटते-फूटते रहते हैं। कार्य करते समय इनकी मरम्मत नहीं हो पाती। अतः शरीर के स्वास्थ्य के लिए इन ऊतकों की मरम्मत तथा विषैले पदार्थों का बाहर निकलना अनिवार्य होता है। इन क्रियाओं के लिये विश्राम आवश्यक होता है।

विश्राम का सबसे उत्तम उपाय नींद है। नींद व्यक्ति के लिए वरदान है। निद्रा के समय हमारे शरीर में कार्य करने के परिणामस्वरूप हुई टूट-फूट ठीक हो जाती है तथा शरीर नई शक्ति अर्जित कर लेता है। पर्याप्त नींद ले लेने से व्यक्ति एकदम तरोताज़ा एवं स्वस्थ हो जाता है। नींद के समय हमारे शरीर के सभी अंगों को आराम मिलता है। इस समय हमारी नाड़ी एवं श्वास की गति भी कुछ मन्द हो जाती है तथा रक्तचाप भी घट जाता है, अतः सम्बन्धित अंगों को भी कुछ आराम मिलता है। यदि किसी व्यक्ति को पर्याप्त नींद नहीं आती तो उसका स्वास्थ्य बिगड़ जाता है। नींद के अभाव में व्यक्ति दुर्बल हो जाता है, स्वभाव में चिड़चिड़ाहट आ जाती है तथा चेहरे पर उदासी छा जाती है।

प्रश्न 2.
स्नान करने का महत्त्व स्पष्ट करें। किन देशों में नहाने का महत्त्व है ?
उत्तर-
स्वयं करें।

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एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
दाँतों के किसी रोग का नाम बताओ।
उत्तर-
केरीज़।

प्रश्न 2.
आँख गई ……………….. गया।
उत्तर-
जहान।

प्रश्न 3.
ठण्डे देश में …………………… स्नान भी किया जाता है।
उत्तर-
भाप।

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प्रश्न 4.
निरोगी जीवन के लिए …………………… बहुत आवश्यक है।
उत्तर-
स्नान।

प्रश्न 5.
खेलने के बाद ………………………. से नहाना चाहिए।
उत्तर-
गर्म पानी।

प्रश्न 6.
शारीरिक या मानसिक कार्य करने से क्या होता है ?
उत्तर-
थकावट।

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प्रश्न 7.
डैनटीन के अन्दर एक खोल होता है उसे क्या कहते हैं ?
उत्तर-
पलम खोल।

प्रश्न 8.
हमारे नाखून सफेद क्यों हो जाते हैं ?
उत्तर-
कैल्शियम, लोहे या खनिज पदार्थों की कमी के कारण।

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व्यक्तिगत स्वास्थ्य विज्ञान PSEB 6th Class Home Science Notes

  • व्यक्तिगत स्वास्थ्य विज्ञान वह विज्ञान है जो हमारे शरीर को स्वस्थ एवं सुचालित रखने में हमारी सहायता करता है।
  • निरोग और बलिष्ठ मनुष्य ही देश की उन्नति में सहायता कर सकते हैं।
  • स्वस्थ और स्वच्छ रहने के लिए यह आवश्यक है कि हम अपने शरीर को स्वच्छ रखें और उसकी उचित देखभाल करें।
  • आँखें हमारे शरीर की बहुत ही महत्त्वपूर्ण और नाजुक अंग हैं। इनकी देखभाल बहुत ज़रूरी है। बड़ों का कहना है कि “आँखें गईं जहान गया।”
  • आँखों की स्वस्थता के लिए विटामिन ‘ए’ बहुत ज़रूरी है।
  • आँखों का दुखना एक छूत की बीमारी है।
  • आँखों के रोगी को अपना तौलिया, रूमाल और अन्य कपड़े दूसरों से अलग रखने चाहिएं।
  • मध्यम रोशनी में बारीक अक्षर पढ़ने से, सूर्यास्त के समय सिलाई-कढाई का काम करने से आँखों पर काफ़ी दबाव पड़ता है।
  • जब कभी रात के समय काम करना हो तो रोशनी ठीक और बाएँ हाथ की ओर होनी चाहिए, लेकिन बाएँ हाथ से काम करने वालों के लिए यह रोशनी दाईं ओर से आनी चाहिए।
  • प्रत्येक दिन सुबह उठकर ताजे पानी से आँखों को धोना चाहिए और ठण्डे पानी के हल्के-हल्के छींटे मारने चाहिएं।
  • यदि आँखों पर दबाव पड़ने वाला काम अधिक देर तक करना पड़े तो थोड़ी देर बाद कुछ पलों के लिए आँखों को धीरे से बन्द कर लेना चाहिए। इससे आँखों को आराम मिलता है।
  • दाँत मनुष्य की सुन्दरता को बढ़ाते हैं।
  • भोजन का सही स्वाद लेने के लिए दाँत बहुत ज़रूरी हैं।
  • यदि दाँतों को अच्छी तरह साफ़ न किया जाए तो भोजन का कुछ भाग दाँतों के खोलों में इकट्ठा हो जाता है। जिससे दाँतों में कई प्रकार की बीमारियाँ हो जाती है।
  • खाना खाने के बाद गर्म या नमक मिले पानी या लाल दवाई से घोल के साथ कुल्ली करना लाभदायक है।
  • दाँतों को दिन में कम-से-कम दो बार ब्रुश या दातुन से साफ़ करना चाहिए।
  • दाँतों से सख्त चीजें जैसे बादाम, अखरोट आदि नहीं तोड़ने चाहिएं।
  • छोटे बच्चे जब दाँत निकाल रहे हों तो उनके भोजन में विटामिन ‘डी’, कैल्शियम और फॉस्फोरस की मात्रा का ध्यान रखना चाहिए।
  • कैल्शियम, विटामिन ‘डी’ और फॉस्फोरस की कमी के कारण दंतासिन नामक रोग हो जाता है।
  • साफ़ नाखून हाथों की सुन्दरता को बढ़ा देते हैं।
  • गन्दे हाथों से तैयार किया और खाया भोजन कई बीमारियाँ पैदा करता है, जैसे बदहज़मी, जी मितलाना, दस्त लगना, उल्टी आना आदि।
  • नींबू काटकर नाखूनों पर रगड़ने से चमक आ जाती है।
  • हमारे शरीर में विटामिन या किसी खनिज पदार्थ की कमी हो जाने से नाखून सफ़ेद हो जाते हैं या उन पर सफ़ेद निशान पड़ जाते हैं।
  • पसीने की ग्रंथियों से पसीना बाहर निकलता है।
  • नहाने से शारीरिक ताप भी ठीक रहता है।
  • सुबह का समय स्नान के लिए सबसे अच्छा होता है।
  • सर्दियों में गर्म पानी से स्नान करने पर गर्मी मिलती है।
  • ठण्डे देशों में भाप स्नान भी किया जाता है।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 15 गुप्त साम्राज्य

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions History Chapter 15 गुप्त साम्राज्य Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 15 गुप्त साम्राज्य

SST Guide for Class 6 PSEB गुप्त साम्राज्य Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

प्रश्न 1.
समुद्रगुप्त की विजयों का वर्णन करें।
उत्तर-
समुद्रगुप्त एक महान् विजेता था। उसकी प्रमुख विजयों का वर्णन इस प्रकार है –
1. समुद्रगुप्त ने सबसे पहले उत्तरी भारत के तीन राजाओं को हराया और उनके राज्य . को गुप्त साम्राज्य में मिला लिया।

2. समुद्रगुप्त की सबसे बड़ी विजय दक्षिणी भारत की विजय थी। उसने दक्षिण के 12 राजाओं को हराया। परन्तु उनके द्वारा अधीनता स्वीकार करने पर उसने उनके राज्य लौटा दिए।

3. कुछ जंगली जातियों ने राज्य में अशांति फैला रखी थी। ये जातियां आमतौर पर उड़ीसा के जंगलों में रहती थीं। समुद्रगुप्त ने इन जातियों को युद्ध में हरा कर शान्ति स्थापित की।

वास्तव में समुद्रगुप्त ने फ्रांस के शासक तथा सेनापति नेपोलियन की तरह अनेक प्रदेशों पर विजय प्राप्त की। इसलिए उसे भारत का नेपोलियन भी कहा जाता है।

प्रश्न 2.
चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य समुद्रगुप्त का पुत्र था। उसे चन्द्रगुप्त द्वितीय भी कहा जाता है। वह गुप्त वंश का एक प्रतापी राजा था। उसने लगभग 380 ई० से 412 ई० तक राज्य किया।

  1. उसने पश्चिमी भारत के शकों को हराया। उसने अपनी सैनिक शक्ति द्वारा अपने साम्राज्य को अरब सागर तक बढ़ाया तथा सौराष्ट्र और काठियावाड़ को जीता।
  2. उसने दिल्ली में कुतुबमीनार के समीप लोहे का विशाल स्तम्भ बनवाया, जिस पर लिखे लेख में उसकी सफलताओं का वर्णन है।
  3. उसने कला तथा साहित्य को प्रोत्साहन दिया। उसके दरबार में नौ विद्वान् थे जिन्हें ‘नवरत्न’ कहा जाता था।
  4. वह धार्मिक दृष्टि से बहुत सहनशील था। वह स्वयं भगवान् विष्णु का भक्त था लेकिन वह सभी धर्मों का सम्मान करता था।
  5. उसने बड़ी मात्रा में सोने, चांदी तथा तांबे के सिक्के चलाए।
  6. उसके शासन काल में ही चीनी यात्री फाह्यान भारत आया था।
  7. चन्द्रगुप्त द्वितीय ने विक्रमादित्य की उपाधि धारण की थी, जिसका अर्थ है ‘वीरता का सूर्य’।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 15 गुप्त साम्राज्य

प्रश्न 3.
कालिदास के बारे में एक नोट लिखें।
उत्तर-
कालिदास संस्कृत के एक प्रसिद्ध कवि थे। वह गुप्त सम्राट चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के दरबार के ‘नवरत्नों’ में से एक थे। उन्होंने बहुत-से नाटकों तथा कविताओं की रचना की। शकुन्तला, रघुवंश, कुमारसम्भव तथा मेघदूत आदि उनकी अमर रचनाएं हैं। शकुन्तला नाटक संसार भर में प्रसिद्ध है।

प्रश्न 4.
गुप्तकाल में आर्थिक जीवन के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
गुप्तकाल में आर्थिक जीवन बहुत समृद्ध था।

  1. कर बहुत कम थे तथा दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुएं बहुत सस्ती थीं। आम लोग इन्हें ख़रीदने के लिए कौड़ियों अथवा तांबे के सिक्कों का प्रयोग करते थे। लेकिन इस काल में सबसे अधिक सोने के सिक्के चलाए गए। ऐसे सिक्कों को दीनार कहते थे।
  2. लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि था। कई प्रकार के अनाजों के अतिरिक्त फलों, तथा तेल-बीजों की कृषि भी की जाती थी।
  3. देशी तथा विदेशी, दोनों प्रकार का व्यापार उन्नत था। भारत के दक्षिण-पूर्वी एशिया, चीन, मध्य एशिया तथा यूरोपीय देशों के साथ व्यापारिक सम्बन्ध थे।
  4. साहूकारों, व्यापारियों तथा उत्पादकों के अपने-अपने संगठन थे, जिन्हें श्रेणी अथवा निगम कहा जाता था।
  5. पशु-पालन तथा औद्योगिक-धन्धे अन्य प्रसिद्ध व्यवसाय थे।

प्रश्न 5.
गुप्तकाल को भारत का ‘स्वर्ण युग’ क्यों कहते हैं?
उत्तर-
गुप्तकाल में जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में बहुत उन्नति हुई थी, जिस कारण इसे भारत का ‘स्वर्ण युग’ कहा जाता है।

  1. गुप्त साम्राज्य का शासन प्रबन्ध बहुत उत्तम था। राजा मन्त्रियों तथा अधिकारियों की सहायता से शासन चलाता था।
  2. लोग समृद्ध, सुखी तथा ईमानदार थे। कर बहुत कम थे। दैनिक प्रयोग की चीजें बहुत सस्ती थीं। इस काल में सोने के सिक्के बड़ी मात्रा में चलाए गए।
  3. कृषि तथा व्यापार का बहुत विकास हुआ था।
  4. गुप्तकाल में उच्चकोटि के साहित्य तथा कला की रचना हुई। साहित्यकारों तथा कलाकारों को राजाओं का संरक्षण प्राप्त था।
  5. सभी धर्मों का सम्मान किया जाता था। चाहे गुप्त राजा स्वयं हिन्दू धर्म को मानते थे लेकिन वे सभी धर्मों के लोगों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करते थे।सभी लोगों को पूर्ण धार्मिक स्वतन्त्रता प्राप्त थी।
  6. गुप्तकाल में विज्ञान तथा तकनीकी का बहुत विकास हुआ था। आर्यभट्ट, वराहमिहिर, ब्रह्मगुप्त तथा बाणभट्ट इस काल के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे।
  7. शिक्षा के क्षेत्र में भी बहुत विकास हुआ था। ब्राह्मण तथा भिक्षु अध्यापक होते थे जो आमतौर पर मन्दिरों तथा मठों में शिक्षा देते थे। तक्षशिला, सारनाथ तथा नालन्दा गुप्तकाल के विश्वविद्यालय थे।
  8. गुप्तकाल में भारतीय संस्कृति तथा सभ्यता का विदेशों में प्रचार किया गया।

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II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

  1. समुद्रगुप्त एक ………….. एवं ………….. था।
  2. कालिदास द्वारा लिखित नाटक …………. तथा काव्य ……….. बहुत प्रसिद्ध हैं।
  3. चन्द्रगुप्त द्वितीय ने बड़ी संख्या में ……….. और ……… के सिक्के जारी . किए।
  4. गुप्त साम्राज्य कई प्रांतों में बंटा हुआ था जिन्हें ………. कहा जाता है।
  5. (गुप्तकाल में) जिलों को …………… कहते थे।

उत्तर-

  1. महान् योद्धा, शासक
  2. सोने, चांदी
  3. भुक्ति
  4. विषय
  5. शकुंतला, मेघदूत।

III. सही जोड़े बनायें

  1. आर्यवर्त – (क) पंजाब
  2. मुद्रक – (ख) उत्तरी भारत
  3. लौह स्तम्भ – (ग) एक अधिकारी
  4. कुमारामात्य – (घ) दिल्ली

उत्तर-सही जोड़े

  1. आर्यवर्त – उत्तरी भारत
  2. मुद्रक – पंजाब
  3. लौह स्तम्भ – दिल्ली
  4. कुमारामात्य – एक अधिकारी

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IV. सही (✓) अथवा ग़लत (✗) बताएं

  1. महाराज गुप्त प्रथम गुप्त राजा था।
  2. विक्रमादित्य ने समुद्रगुप्त की उपाधि धारण की थी।
  3. योद्येय दक्षिण भारत पर राज्य करते थे।
  4. फाह्यान यूनानी लेखक था।
  5. गुप्तों ने सोने के सिक्के जारी किए।
  6. आर्यभट्ट एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक था।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✗)
  4. (✗)
  5. (✓)
  6. (✓)

PSEB 6th Class Social Science Guide गुप्त साम्राज्य Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
गुप्तवंश के पहले महान् शासक चन्द्रगुप्त प्रथम ने एक लिच्छवी राजकुमारी से विवाह किया था। उसका क्या नाम था?
उत्तर-
कुमार देवी।

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प्रश्न 2.
समुद्रगुप्त की उपलब्धियों से जुड़े इलाहाबाद स्तंभ लेख का लेखक कौन था?
उत्तर-
हरिषेण।

प्रश्न 3.
महरौली में कुतुबमीनार के समीप लौह स्तम्भ इतिहास में किस राजवंश के काल में बना था?
उत्तर-
गुप्त वंश।

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
गुप्तवंश के पतन में निम्न में से किन आक्रमणकारियों की विशेष भूमिका रही?
(क) ह्यूण
(ख) मंगोल
(ग) आर्य।
उत्तर-
(क) ह्यूण

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प्रश्न 2.
अजन्ता की गुफ़ाएं अपनी किस विशेषता के लिए प्रसिद्ध हैं?
(क) सुंदर भित्ति-चित्र
(ख) हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियां
(ग) विशाल तोरण द्वार।
उत्तर-
(क) सुंदर भित्ति-चित्र

प्रश्न 3.
कालिदास ने मेघदूत तथा शकुंतला जैसे प्रसिद्ध ग्रंथों की रचना की। वह निम्न में से किस भाषा का कवि था?
(क) ब्रज
(ख) संस्कृत
(ग) पालि।
उत्तर-
(ख) संस्कृत

अति लघ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
गुप्त वंश की जानकारी देने वाले चार स्रोतों के नाम लिखें।
उत्तर-
गुप्त वंश की जानकारी देने वाले चार स्रोत हैं –

  1. पुराण,
  2. कालिदास के नाटक,
  3. चीनी यात्री फाह्यान का वृत्तान्त,
  4. अभिलेख।

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प्रश्न 2.
गुप्त वंश का प्रथम स्वतन्त्र राजा कौन था?
उत्तर-
गुप्त वंश का प्रथम स्वतन्त्र राजा चन्द्रगुप्त प्रथम था।

प्रश्न 3.
चन्द्रगुप्त प्रथम ने कौन-से राज्यवंश के साथ वैवाहिक सम्बन्ध बनाए?
उत्तर-
चन्द्रगुप्त प्रथम ने लिच्छवी वंश के साथ वैवाहिक सम्बन्ध बनाए।

प्रश्न 4.
चन्द्रगुप्त प्रथम का राज्यकाल बताएं।
उत्तर-
चन्द्रगुप्त प्रथम का राज्यकाल 320 ई० से 335 ई० तक था।

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प्रश्न 5.
समुद्रगुप्त राजगद्दी पर कब बैठा?
उत्तर-
समुद्रगुप्त 335 ई० में राजगद्दी पर बैठा।

प्रश्न 6.
समुद्रगुप्त ने कौन-से नाग राजाओं को पराजित किया?
उत्तर-
समुद्रगुप्त ने जिन नाग राजाओं को पराजित किया उनके नाम थे-अच्युत नाग, नागसेन तथा गणपति नाग।

प्रश्न 7.
भारत का नेपोलियन किस राजा को कहा जाता है?
उत्तर-
समुद्रगुप्त को भारत का नेपोलियन कहा जाता है।

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प्रश्न 8.
समुद्रगुप्त ने कौन-से विदेशी राजा के साथ मित्रता स्थापित की?
उत्तर-
समुद्रगुप्त ने श्रीलंका के राजा मेघवर्मन के साथ मित्रता स्थापित की।

प्रश्न 9.
चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य का राज्यकाल बताएं।
उत्तर-
चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य का राज्यकाल 380 ई० से 415 ई० तक था।

प्रश्न 10.
पंचतन्त्र के लेखक का क्या नाम था?
उत्तर-
पंचतन्त्र का लेखक विष्णु शर्मा था।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
चन्द्रगुप्त प्रथम की विजयों के बारे में लिखें।
उत्तर-
चन्द्रगुप्त प्रथम ने लिच्छवी वंश की राजकुमारी कुमार देवी से विवाह किया। लिच्छवी वंश राजनीतिक रूप से शक्तिशाली था। इस वंश की सहायता से चन्द्रगुप्त प्रथम ने मगध, बिहार तथा इलाहाबाद के समीपवर्ती प्रदेशों को जीत लिया। उसने अपने नाम पर एक संवत् भी चलाया।

प्रश्न 2.
समुद्रगुप्त की कला के क्षेत्र में क्या देन थी?
उत्तर-
समुद्रगुप्त ने कला तथा साहित्य को पूर्ण सुरक्षा दी। उसको संगीत से बड़ा लगाव था। उसके राज्य के कुछ सिक्कों पर उसको वीणा बजाते हुए दिखाया गया है। हरिषेन उसका दरबारी कवि था।

प्रश्न 3.
गुप्तकाल की वैज्ञानिक उन्नति का ब्योरा दीजिए।
उत्तर-
गुप्तकाल में विज्ञान के क्षेत्र में बहुत उन्नति हुई। आर्यभट्ट इस काल का प्रसिद्ध ज्योतिषी तथा गणित का विद्वान् था। उसने संसार को शून्य, सूर्य ग्रहण तथा चन्द्र ग्रहण की जानकारी दी। ब्रह्मगुप्त गणित तथा बीज गणित का विद्वान् था। वराहमिहिर वनस्पति विज्ञान । तथा भूगोल का विद्वान् था।

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प्रश्न 4.
समुद्रगुप्त की दक्षिण विजयों का वर्णन करें।
उत्तर-
समुद्रगुप्त की सबसे महान् विजय दक्षिणी भारत की विजय थी। उसने दक्षिण – भारत के 12 राजाओं को पराजित किया । उसने उत्तरी भारत में सभी जीते हुए प्रदेशों को अपने राज्य में मिला लिया, परन्तु दक्षिण भारत के सभी विजित प्रदेश उसने वहां के राजाओं को लौटा दिए। उनसे वह केवल कर वसूल करता रहा।

प्रश्न 5.
चन्द्रगुप्त द्वितीय के दूसरे देशों के साथ सम्बन्धों की जानकारी दें।
उत्तर-
चन्द्रगुप्त ने एक शक्तिशाली साम्राज्य की स्थापना करके विक्रमादित्य की उपाधि धारण की। उसने अपने साम्राज्य को दृढ़ करने के लिए पड़ोसी राजाओं के साथ वैवाहिक सम्बन्ध स्थापित किए। उसने अपनी पुत्री प्रभावती का विवाह वाकाटक राज्य के राजकुमार रुद्रसेन द्वितीय के साथ किया। परन्तु दुर्भाग्य से रुद्रसेन द्वितीय की शीघ्र ही मृत्यु हो गई। अतः चन्द्रगुप्त ने प्रभावती तथा अपने अवयस्क दोहतों की वाकाटक राज्य को सम्भालने में सहायता की। चन्द्रगुप्त की इस नीति के कारण वाकाटक राज्य की जनता चन्द्रगुप्त की आभारी हो गई। गुप्त राजाओं के कुन्तल के कांदव शासक की पुत्रियों से भी विवाह हुए। इस प्रकार चन्द्रगुप्त द्वितीय ने अपनी शक्ति को और भी दृढ़ कर लिया।

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निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
फाह्यान के वृत्तांत का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
फाह्यान एक चीनी यात्री था। वह चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के शासनकाल में भारत आया। वह भारत में बौद्ध तीर्थ स्थानों की यात्रा करने तथा बौद्ध ग्रन्थों की खोज के लिए भारत आया था। उसने अपने वृत्तांत में निम्नलिखित बातों का वर्णन किया है –

1. चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के शासन के बारे में-फाह्यान ने चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के उदारवादी राज्य प्रबन्ध का वर्णन किया है। वह लिखता है कि दण्ड नर्म थे, फिर भी अपराध नहीं होते थे। सड़कें सुरक्षित थीं। राज्य प्रबन्ध को सुचारु रूप से चलाने के लिए साम्राज्य को प्रान्तों में बांटा हुआ था। प्रान्तों का प्रबन्ध गर्वनरों के हाथ में था।

2. लोगों के बारे में-फाह्यान के अनुसार गुप्त साम्राज्य में लोग समृद्ध, ईमानदार तथा अच्छे नागरिक थे। वे कानून का पालन करते थे। उनका नैतिक जीवन ऊंचा था। लोग मुख्य रूप में शाकाहारी थे। चण्डालों को घृणा की दृष्टि से देखा जाता था। इसलिए वे नगर से बाहर रहते थे।

3. धर्म के बारे में – फाह्यान के वृत्तांत से पता चलता है कि गुप्तकाल में बौद्ध धर्म बहुत विकसित था। लेकिन गुप्त शासक स्वयं हिन्दू धर्म को मानते थे। वे विष्णु के पुजारी थे। लेकिन वे दूसरे धर्मों के प्रति उदारवादी थे।

प्रश्न 2.
गुप्तकाल के साहित्य की जानकारी दीजिए।
उत्तर-
गुप्तकाल में राज दरबार की भाषा संस्कृत थी। इसलिए संस्कृत भाषा तथा साहित्य ने इस काल में विशेष उन्नति की।

  1. इस काल के प्रसिद्ध लेखक कालिदास ने संस्कृत भाषा में अनेक नाटक तथा कविताएं लिखीं। शकुन्तला, रघुवंश, मेघदूत तथा ऋतुसंहार उनके द्वारा रचित मुख्य नाटक हैं। कालिदास, चन्द्रगुप्त द्वितीय के नवरत्नों में से एक थे। उन्हें भारतीय शेक्सपीयर भी कहा जाता है।
  2. समुद्रगुप्त के समय हरिषेन एक प्रसिद्ध साहित्यकार था।
  3. विष्णु शर्मा का पंचतन्त्र, विशाखादत्त का मुद्राराक्षस तथा अमर सिंह का अमरकोष भी संस्कृत भाषा की अनमोल रचनाएं हैं।
  4. गुप्तकाल में नालन्दा, सारनाथ, तक्षशिला, पाटलिपुत्र, बनारस, मथुरा आदि शिक्षा के महत्त्वपूर्ण केन्द्र थे। इन केन्द्रों में साहित्य, धर्म, दर्शन, वेदों आदि की शिक्षा दी जाती थी।

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गुप्त साम्राज्य PSEB 6th Class Social Science Notes

  • गुप्त साम्राज्य की स्थिति – गुप्त साम्राज्य पूर्वी उत्तर प्रदेश में स्थित था।
  • महाराज गुप्त – महाराज गुप्त, गुप्त साम्राज्य का संस्थापक था।
  • चन्द्रगुप्त प्रथम – चन्द्रगुप्त प्रथम गुप्त साम्राज्य का प्रथम महान् शासक था।
  • समुद्रगुप्त – समुद्रगुप्त गुप्त साम्राज्य का सबसे महान् विजेता था।
  • हरिषेन – हरिषेन समुद्रगुप्त का राजकवि था जिसने इलाहाबाद के स्तम्भ लेख में समुद्रगुप्त की सफलताओं का वर्णन किया है।
  • अश्वमेध यज्ञ – समुद्रगुप्त ने चक्रवर्ती सम्राट् बनने के लिए अश्वमेध यज्ञ किया था। इस यज्ञ में एक घोड़ा छोड़ दिया जाता था और जहां तक घोड़ा जाता था वहां तक के प्रदेश पर राजा का अधिकार माना जाता था।
  • विक्रमादित्य की उपाधि – विक्रमादित्य का अर्थ वीरता का सूर्य है। चन्द्रगुप्त द्वितीय ने विक्रमादित्य की उपाधि धारण की थी।
  • पाटलिपुत्र (पटना) – पाटलिपुत्र (पटना) गुप्त साम्राज्य की राजधानी थी।
  • गुप्त साम्राज्य का अन्त – गुप्त साम्राज्य का अन्त लगभग 550 ई० में हुआ।
  • फाह्यान – फाह्यान एक चीनी यात्री था जो गुप्त शासक चन्द्रगुप्त द्वितीय के शासन काल में भारत आया था।
  • दीनार – गुप्त काल में सोने के सिक्कों को दीनार कहते थे।
  • कालिदास – कालिदास गुप्तकाल के संस्कृत के महान् कवि थे।
  • अजंता की गुफाएं – अजंता की गुफ़ाएं महाराष्ट्र में औरंगाबाद के समीप स्थित हैं।
  • आर्यभट्टियम – आर्यभट्ट की पुस्तक का नाम आर्यभट्टियम है।\
  • गुप्तकाल का विशाल स्तम्भ – गुप्तकाल में दिल्ली में कुतुबमीनार के समीप लोहे का विशाल स्तम्भ बनवाया गया था।

PSEB 6th Class Home Science Practical अण्डा उबालना

Punjab State Board PSEB 6th Class Home Science Book Solutions Practical अण्डा उबालना Notes.

PSEB 6th Class Home Science Practical अण्डा उबालना

पूरा अण्डा उबालना—

सामग्री—

  1. पानी — 2 कप
  2. अण्डा —एक

विधि—पानी को साफ़ बर्तन में उबाले। जब पानी उबलने लग जाए तो पानी में अण्डा रख दें और तीन से चार मिनट तक उबालें।
उबालने के पश्चात् 15 सेकिण्ड के लिए ठण्डे पानी में रख दें। ठण्डे पानी से अण्डा निकालकर इसे छील लें। लम्बाई की तरफ़ से काटकर नमक तथा काली मिर्च लगाकर परोसें।

PSEB 6th Class Home Science Practical अण्डा उबालना

2. आधा उबला अण्डा—

उपरोक्त विधि में सिर्फ उबालने का समय एक से डेढ मिन्ट तक का रखा जाता है। उबले अण्डे को पूरा न छील कर कम छीला जाता है तथा इसमें नमक, काली मिर्च डाल कर चम्मच से खाया जाता है।
नोट-

  1.  बहुत हल्का उबालने के लिए एक मिनट उबालना ठीक रहता है।
  2. बर्तन में इतना पानी लें कि अण्डा डूब जाए।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 1 स्वास्थ्य

Punjab State Board PSEB 6th Class Physical Education Book Solutions Chapter 1 स्वास्थ्य Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Physical Education Chapter 1 स्वास्थ्य

PSEB 6th Class Physical Education Guide स्वास्थ्य Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
स्वास्थ्य कितने प्रकार का होता है ?
उत्तर-
स्वास्थ्य (Health)-आमतौर पर रोगों से बचने वाले आदमी को स्वस्थ माना जाता है पर यह पूरी तरह ठीक नहीं। वर्ल्ड हैल्थ ओरगनाइस के अनुसार स्वास्थ्य मनुष्य के शरीर के साथ ही सीमित नहीं है। स्वास्थ्य का सम्बन्ध आदमी के मन, समाज और भावना के साथ जुड़ा है। स्वास्थ्य शिक्षा का वह भाग है जिसके साथ मनुष्य सारी जगह से वातावरण के साथ सुमेल कायम करके शारीरिक और मानसिक विकास कायम कर सके और उसका विकास कर सके। एक व्यक्ति के लिए स्वास्थ्य उतना ही ज़रूरी है जितनी कि फूल के लिए खुशबू। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार “स्वास्थ्य से भाव व्यक्ति का शारीरिक, मानसिक और सामाजिक की तरफ से स्वस्थ होना है। रोग या कमजोरी रहित होना ही स्वास्थ्य की निशानी नहीं है।”

According to W.H.O. “Health is a state of complete physical, mental and social well being, and not merely the absence of disease or infirmity.”
स्वस्थ व्यक्ति वह होता है जो अपने जीवन में शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, भावनात्मक आदि सारे पहलुओं में सन्तुलन रखता है।

स्वास्थ्य की किस्में
यह चार प्रकार की होती हैं –

  1. शारीरिक स्वास्थ्य (Physical Health)
  2. मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health)
  3. सामाजिक स्वास्थ्य (Social Health)
  4. भावनात्मक स्वास्थ्य (Emotional Health)

1. शारीरिक स्वास्थ्य (Physical Health) शारीरिक स्वास्थ्य से भाव व्यक्ति के सभी अंग ठीक ढंग से काम करते हैं। शरीर फुर्तीला और तंदुरुस्त और हर रोज़ क्रियाएं करने के लिए तैयार रहना चाहिए। स्वस्थ व्यक्ति का शारीरिक ढांचा सुडौल, मज़बूत और सुन्दर होना चाहिए। उसकी सभी कार्य प्रणाली जैसे-सांस प्रणाली, पाचन प्रणाली, रक्त प्रणाली, अपना-अपना काम ठीक ढंग से करते हैं।

2. मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) इसका मतलब मनुष्य दिमागी तौर से सही और समय से फैसला लेता है और हमेशा ही अपने विश्वास को कायम रखता है। मानसिक तौर पर व्यक्ति हालात के साथ अपने-आप को ढाल लेता है।

3. सामाजिक स्वास्थ्य (Social Health) इससे भाव व्यक्ति अपने समाज के साथ सम्बन्धित है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, जिसको अपने हर रोज़ के कामों की पूर्ति के लिए परिवार और समाज के साथ चलना पड़ता है। मिलनसार व्यक्ति की समाज में इज्जत होती है।

4. भावनात्मक स्वास्थ्य (Emotional Health)-हमारे मन में अलग-अलग तरह की भावनाएँ जैसे-डर, खुशी, गुस्सा, ईर्ष्या आदि पैदा होती हैं। यह सारी भावनाओं को संतुलित करना ज़रूरी है। जिसके साथ हम अपना जीवन अच्छी तरह गुजार सकते हैं।

निजी स्वास्थ्य विज्ञान (Personal Hygiene)–शरीर की रक्षा को निजी शरीर सुरक्षा (Personal Hygiene) कहते हैं। यह दो शब्दों के मेल से बना है । Personal और Hygiene । ‘Personal’ अंग्रेजी का शब्द है जिसका अर्थ है निजी या व्यक्तिगत ‘Hygiene’ यूनानी भाषा के शब्द Hygeinous से बना है, जिसका भाव है आरोग्यता की देवी। आजकल Hygiene का अर्थ जीवन जांच से लिया जाता है। आरोग्यता कायम रखने के लिए शरीर विज्ञान प्राप्त करना ज़रूरी है।

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प्रश्न 2.
बच्चों को किस तरह का भोजन करना चाहिए ?
उत्तर-

  1. बच्चों को संतुलित एवं साफ़-सुथरा भोजन खाना चाहिए। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेटस, चिकनाई, खनिज लवण, विटामिन और पानी जैसे सारे तत्व होने चाहिए।
  2. खाना खाने से पहले हाथ और मुँह साबुन के साथ अच्छी तरह से धो लेना चाहिए।
  3. ज़रूरत से ज़्यादा गर्म या ठंडा भोजन नहीं करना चाहिए।
  4. कम्प्यूटर या टी०वी० देखते हुए खाना नहीं खाना चाहिए।
  5. खाना सीधे बैठकर खाना चाहिए और लेटकर नहीं खाना चाहिए।
  6. फास्टफूड जैसे पीज़ा, बर्गर, न्यूडल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। बच्चों को ज़्यादातर घर का बना खाना ही खाना चाहिए।
  7. भोजन को मिट्टी, धूल और मक्खियों से बचाव के लिए ढक कर रखना चाहिए।
  8. फल हमेशा धोकर खाने चाहिए।

प्रश्न 3.
हमें स्वस्थ रहने के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-
1. डाक्टरी जांच-

  • बच्चों को अपने शरीर की जांच समय पर करवानी चाहिए और समय पर टीके भी लगवाते रहना चाहिए।
  •  किसी तरह की चोट लगने पर इलाज ज़रूर करवाना चाहिए।

2. स्वभाव-

  • बच्चों को हर समय खुश रहना चाहिए।
  • चिड़चिड़ा स्वभाव स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है।
  • अच्छा स्वभाव स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है।

3 आदतें-

  • समय पर उठना, खाना, पढ़ना और खेलना और आराम करना।
  • अपने शरीर और आस-पास की सफाई रखना।
  • पढ़ते समय रोशनी का उचित प्रबन्ध करना। कम रोशनी में पढ़ने से आँखें कमज़ोर हो जाती हैं।
  • बैठने और सोने के लिए ठीक तरह का फर्नीचर होना ज़रूरी है।

4. कसरत, खेलें और योगा-

  • अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कसरत या योगा करना ज़रूरी है।
  • कसरत अथवा योगा हमेशा खाली पेट करना चाहिए।
  • कसरत अथवा योगा के लिए खुला वातावरण होना ज़रूरी है।
  • बच्चों को ज्यादा से ज्यादा खेलों में भाग लेना चाहिए और पहले शरीर को गर्माना उचित होता है।

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प्रश्न 4.
भोजन खाने के समय कौन-सी बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-

  • भोजन खाने से पहले हाथ अच्छी तरह साबुन के साथ धोने चाहिए।
  • साफ़-सुथरा और संतुलित भोजन खाना चाहिए।
  • फास्टफूड से हमेशा बचना चाहिए और घर का बना भोजन ही खाना चाहिए।
  • बहुत गर्म या बहुत ठंडा भोजन नहीं खाना चाहिए।
  • भोजन ज़रूरत के अनुसार ही खाना चाहिए। भोजन अच्छी तरह चबा कर खाना चाहिए।
  • कम्प्यूटर या टी०वी० देखते हुए खाना नहीं खाना चाहिए।
  • खाना कभी भी लेटकर नहीं खाना चाहिए।
  • फल अच्छी तरह धोकर खाने चाहिए।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित पर नोट लिखें
(क) चमड़ी की सफ़ाई, (ख) बालों की सफ़ाई, (ग) आंखों की सफ़ाई, (घ) कानों की सफाई, (ङ) नाक की सफ़ाई, (च) दांतों की सफ़ाई, (छ) नाखूनों की सफ़ाई।
उत्तर-
(क) चमड़ी की सफ़ाई (Cleanliness of Skin)-चमड़ी की दो परतें होती हैं। बाहरी परत (EPIDERMIS) और अन्दरूनी परत (DERMIS) बाहरी परत में न तो खून की नालियां होती हैं और न ही परतें और गिल्टियां तन्तु (Glands) होते हैं। अन्दरूनी परत जुड़वां तन्तुओं की बनी होती है। इसमें रक्त की नालियां होती हैं। यह नालियां चमड़ी को खुराक पहुंचाने का काम करती हैं।

चमड़ी शरीर के अन्दरूनी अंगों को ढक कर रखती है। जहरीले पदार्थों को बाहर निकालती है और शरीर के तापमान को ठीक रखती है। त्वचा हमारे शरीर को सुन्दरता प्रदान करती है। इसलिए हमें अपनी चमड़ी की सफ़ाई खूब अच्छी तरह करनी चाहिए। त्वचा की सफ़ाई का सबसे अच्छा ढंग नहाना है। नहाते समय हमें नीचे लिखी बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए –

  • प्रतिदिन प्रातः साफ़ पानी से नहाना चाहिए।
  • नहाने से पहले पेट साफ़ और खाली होना चाहिए।
  • भोजन करने के तुरन्त बाद नहीं नहाना चाहिए।
  • व्यायाम (कसरत) करने या काम की थकावट के तुरन्त बाद भी नहीं नहाना चाहिए।
  • सर्दियों में नहाने से पहले धूप में बैठकर शरीर की अच्छी तरह मालिश करनी चाहिए।
  • साबुन के साथ नहाने की बजाए बेसन तथा संगतरे के छिलके से बने ऊबटन का प्रयोग करना चाहिए।
  • नहाने के बाद शरीर को साफ़ तथा खुरदरे तौलिए के साथ पोंछना चाहिए।
  • नहाने के बाद मौसम के अनुसार साफ़-सुथरे कपड़े पहनने चाहिएं।

चमड़ी की सफ़ाई के लाभ (Advantages of Cleanliness of Skin) चमड़ी की सफ़ाई के निम्नलिखित लाभ हैं –

  • चमड़ी हमारे शरीर को सुन्दरता प्रदान करती है।
  • यह हमारे शरीर के आन्तरिक भागों को ढांप कर रखती है तथा इनकी रक्षा करती है।
  • चमड़ी के द्वारा शरीर से पसीना तथा अन्य दुर्गन्ध वाली चीज़ों का निकास होता है।
  • यह हमारे शरीर के तापमान को ठीक रखती है।
  • इसको छूने से किसी चीज़ का गुण पता चलता है।

(ख) बालों की सफाई (Cleanliness of Hair) बाल हमारे शरीर और व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाते हैं। बालों की सुन्दरता उनके घने, मज़बूत और चमकदार होने में छुपी होती है।
बालों की सफाई और सम्भाल-बालों की सफ़ाई और सम्भाल अग्रलिखित ढंग से करनी चाहिए-

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  • बालों को साबुन, रीठे, आंवले, अण्डे की जर्दी या किसी बढ़िया शैम्पू के साथ धोना चाहिए।
  • रात्रि को सोने से पहले बालों में कंघी या ब्रुश करना चाहिए। सारा दिन बाल जिस ओर रहे हों इसकी उलट और बालों की जड़ों से लेकर अन्त तक कंघी करनी चाहिए।
  • खाली समय में सिर में सूखे हाथों से मालिश करनी चाहिए।
  • प्रात: उठकर बालों को कंघी करके संवारना चाहिए।
  • बालों को न ही अधिक खुश्क और न ही अधिक चिकना रखना चाहिए।
  • बालों में तीखी पिनें नहीं लगानी चाहिए। नहाने के बाद बालों को तौलिए के साथ रगड़ कर साफ करना चाहिए।
  • अच्छी खुराक जिसमें मक्खन, पनीर, सलाद, हरी सब्जियां तथा फलों आदि का प्रयोग करना चाहिए।
  • बालों में खुशबूदार तेल नहीं लगाना चाहिए। सिर की कभी-कभी मालिश करनी चाहिए।

(ग) आंखों की सफ़ाई (Cleanliness of Eyes)—आंखें मानव शरीर का कोमल तथा महत्त्वपूर्ण अंग हैं। इनसे हम देखते हैं। इनके बिना संसार अन्धेरा और जीवन बोझ बन जाता है। किसी ने ठीक ही कहा है कि आंखें गईं तो जहान गया। इसलिए हमें आंखों की सफ़ाई और देखभाल की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। यदि आंखों की सफ़ाई न रखी जाए तो आंखों के कई प्रकार के रोग हो सकते हैं। जैसे आंखों का फ्लू, कुकरे, आंखों में जलन आदि।
PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 1 स्वास्थ्य 2

आंखों की सफाई और सम्भाल के लिए हमें निम्नलिखित बातों की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए।

  • बहुत तेज़ या बहुत कम रोशनी में आंखों से काम नहीं लेना चाहिए, नंगी आंखों से सूर्य ग्रहण नहीं देखना चाहिए।
  • लेट कर या बहुत नीचे झुक कर पुस्तक नहीं पढ़नी चाहिए।
  • पढ़ते समय पुस्तक को आंखों से कम-से-कम 30 सेंटीमीटर दूर रखना चाहिए।
  • आंखों को गन्दे रूमाल या कपड़े से साफ नहीं करना चाहिए।
  • किसी एक स्थान पर नज़र टिका कर नहीं रखनी चाहिए।
  • आंख में मच्छर आदि पड़ जाने पर आंख को मलना नहीं चाहिए। इसे साफ़ रूमाल से आंखों में से निकालना चाहिए या आंखों में ताजे पानी के छींटे मारने चाहिएं।
  • आंखों में पसीना नहीं गिरने देना चाहिए।
  • पढ़ते समय अपने कद के अनुसार कुर्सी और मेज़ का प्रयोग करना चाहिए।
  • खट्टी चीज़, तेल, शराब, तम्बाकू, चाय, लाल मिर्च, अफीम आदि चीज़ों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • आंखों की बीमारी होने पर किसी योग्य आंखों के चिकित्सक को दिखाना चाहिए।
  • एक ही अंगुली या सलाई के साथ आंखों में दवाई या काजल नहीं डालना चाहिए।
  • चलती हुई गाड़ी या बस में या पैदल चलते हुए पुस्तक नहीं पढ़नी चाहिए।
  • सिनेमा या टेलीविज़न दूर से देखना चाहिए।
  • प्रतिदिन आंखों को साफ़ पानी के छींटे मारने चाहिए।

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(घ) कानों की सफ़ाई (Cleanliness of Ear)-कानों के द्वारा हम सुनते हैं। कान का पर्दा बहुत नाजुक होता है। यदि इसमें कोई नोकीली चीज़ लग जाए तो वह फट जाता है तथा मनुष्य की सुनने की शक्ति नष्ट हो जाती है। हमें कानों की सफ़ाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

यदि कानों की सफ़ाई करनी हो तो किसी मोटे तिनके पर सख्त रूई लपेटो। इसे हाइड्रोजन परॉक्साइड में भिगोकर कान में फेरो। इससे कान साफ़ हो जाएगा। ऐसा सप्ताह में एक या दो बार करो।

यदि कानों में से पीव बह रही हो तो एक ग्राम बोरिक एसिड को दो ग्राम ग्लिसरीन में घोलो। रात्रि को सोते समय इस घोल की दो बूंदें कानों में डालो। इसके अतिरिक्त प्रतिदिन नहाने के बाद कान के बाहर के भाग को पानी से साफ़ करके अच्छी तरह पोंछो।

  • कानों में कोई तीखी या नोकदार वस्तु नहीं घुमानी चाहिए। इस तरह करने से कान का पर्दा फट जाता है और अच्छा भला मनुष्य बहरा हो सकता है।
  • कान में फिन्सी होने से कान में पीव बहने लगती है। इस अवस्था में कानों के डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए।
  • कानों की सफ़ाई कानों के डॉक्टर से ही करवानी चाहिए।
  • यदि कान बहने लग जाए तो छप्पर, तालाबों आदि में नहाना नहीं चाहिए।
  • अधिक शोर वाले स्थान पर काम नहीं करना चाहिए।
  • कान पर जोरदार चोट जैसे मुक्का आदि नहीं मारना चाहिए।
  • किसी बीमारी के कारण यदि कान भारी लगे तो डॉक्टर की सलाह अनुसार ही दवाई डालनी चाहिए।

(ङ) नाक की सफ़ाई (Cleanliness of Nose)-प्रतिदिन प्रात:काल और सायंकाल नाक को पानी से साफ़ करना चाहिए। एक नासिका में से जल अन्दर ले जाकर दूसरी नासिका द्वारा बाहर निकाल देना चाहिए।

(च) दांतों की सफ़ाई (Clean-liness of Teeth)-दांत भोजन के खाने में महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं। अच्छी तरह से चबा कर खाया भोजन शीघ्र हजम हो जाता है। जब बच्चा पैदा होता है तो कुछ महीने के बाद उसके दांत निकलने आरम्भ हो जाते हैं। ये दांत स्थायी नहीं होते। कुछ वर्षों के बाद दांत टूट जाते हैं। इनको दूध के दांत कहा जाता है। 6 से 12 वर्ष की आयु तक पक्के या स्थायी दांत निकल आते हैं। दांत भी हमारे शरीर का महत्त्वपूर्ण अंग हैं। किसी ने ठीक ही कहा है, ‘दांत गए तो स्वाद गया।’ दांतों के खराब होने से दिल का रोग भी हो सकता है और मौत भी हो सकती है। इसके अतिरिक्त मुंह से दुर्गन्ध आती रहती है और स्वभाव भी चिड़चिड़ा हो जाता है। यदि दांतों को साफ़ न रखा जाए तो पायोरिया नामक दांतों का रोग लग जाता है। इसलिए दांतों की सम्भाल की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए।

दांतों की सफाई तथा देखभाल इस प्रकार की जानी चाहिए –

  • प्रतिदिन प्रात: उठकर और रात को सोने से पहले दांतों को ब्रुश से साफ़ करना चाहिए। भोजन करने के बाद कुल्ला करना चाहिए।
  • गर्म दूध या चाय नहीं पीनी चाहिए तथा न ही बर्फ और ठण्डी चीज़ों का प्रयोग करना चाहिए।
  • दांतों में पिन आदि कोई तीखी चीज़ नहीं मारनी चाहिए।
  • दांतों के साथ न ही किसी शीशी का ढक्कन खोलना चाहिए तथा न ही बादाम या अखरोट जैसी कठोर चीज़ तोड़नी चाहिए।
  • ब्रुश मसूड़ों के एक ओर से दूसरी ओर करना चाहिए।
  • बिल्कुल खराब दांतों को निकलवा देना चाहिए।
  • भुने हुए दाने, गाजर, मूली आदि चीजें खानी चाहिएं। गन्ना चूसना भी दांतों के लिए लाभदायक है।
    PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 1 स्वास्थ्य 4
  • दूध का अधिक प्रयोग करना चाहिए।
  • दांत खराब होने पर किसी योग्य दांतों के डॉक्टर से इलाज करवाना चाहिए।
  • मिठाइयां, टॉफियां तथा चीनी नहीं खानी चाहिए।

(छ) नाखूनों की सफ़ाई (Cleanliness of Nails) शरीर के बाकी अंगों की सफ़ाई की तरह ही नाखून की सफ़ाई की भी बहुत आवश्यकता है। नाखूनों की सफ़ाई न रखने का अभिप्राय कई रोगों को निमन्त्रण देना है। नाखून की सफ़ाई के लिए निम्नलिखित बातों की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए

(1) नाखून बढ़ाने नहीं चाहिए। (2) भोजन खाने के पहले और बाद में हाथों को अच्छी तरह धोना चाहिए। (3) नाखूनों को दांतों से नहीं काटना चाहिए। नाखूनों को नेल कटर से काटना चाहिए। (4) नाखूनों को सोडियम कार्बोनेट तथा पानी के घोल में डुबोना चाहिए। (5) हाथों के साथ-साथ पैरों के नाखून भी काटने चाहिएं।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 1 स्वास्थ्य

प्रश्न 6.
स्वास्थ्य की दृष्टि से कोई पांच अच्छी आदतों के बारे में लिखिए।
उत्तर-

  • हमेशा साफ़ सुथरा और संतुलित भोजन करना चाहिए।
  • शरीर के अंदरूनी अंग (जैसे : दिल, फेफड़े आदि) और बाहरी अंग (हाथ, पैर, आंखें आदि) के बारे जानकारी हासिल करनी और इसकी संभाल करनी चाहिये।
  • आपनी उम्र अनुसार ही संभाल करनी चाहिये।
  • समय-समय पर शरीर की डॉक्टरी जांच करवानी चाहिये।
  • शरीर की ज़रूरत और उम्र अनुसार सैर या कसरत करनी चाहिये।
  • हमेशा नाक से सांस लेनी चाहिए।
  • खुली हवा में रहना चाहिये।
  • ऋतु और मौसम के अनुसार कपड़े पहनने चाहिये।
  • हमेशा खुश रहना चाहिये।
  • हमेशा ठीक तरीके के साथ खड़े होना, बैठना और चलना चाहिये।
  • घर के कपड़ों की सफाई रखनी चाहिये।

Physical Education Guide for Class 6 PSEB स्वास्थ्य Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
विज्ञान की उस शाखा को क्या कहते हैं जो हमें स्वस्थ रहने की शिक्षा देती है ?
उत्तर-
व्यक्तिगत स्वास्थ्य विज्ञान।

प्रश्न 2.
स्वस्थ मन का किस स्थान पर निवास होता है ?
उत्तर-
स्वस्थ शरीर में।

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प्रश्न 3.
यदि चमड़ी (त्वचा) की सफ़ाई न रखी जाए तो कौन-से रोग लग सकते हैं ?
उत्तर-
अन्दरूनी व बाहरी रोग।

प्रश्न 4.
आंखों को शरीर का कैसा अंग माना जाता है ?
उत्तर-
कोमल और कीमती।

प्रश्न 5.
आंखों की सफाई के लिए दिन में कई बार क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
ताज़े पानी के छींटे मारने चाहिए।

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प्रश्न 6.
दांतों की सफाई के लिए हमें प्रतिदिन क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
दातुन अथवा मंजन।

प्रश्न 7.
पढ़ते समय हमें पुस्तक को आंखों से कितनी दूरी पर रखना चाहिए ?
उत्तर-
30 सेंटीमीटर अथवा एक फुट।

प्रश्न 8.
दांतों की सफ़ाई न करने से कौन-सा रोग लग सकता है ?
उत्तर–
पाइरिया।

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प्रश्न 9.
बालों की सफ़ाई न रखने से सिर में क्या पड़ जाता है ?
उत्तर-
जुएं और सीकरी।

प्रश्न 10.
चमड़ी की सफ़ाई के लिए हमें हर रोज़ क्या करना चाहिए?
उत्तर-
नहाना चाहिए।

प्रश्न 11.
नहाने के पश्चात् हमें कैसे कपड़े पहनने चाहिए ?
उत्तर-
साफ़-सुथरे।

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प्रश्न 12.
क्या हमें चलती गाड़ी या बस में बैठ कर पुस्तक आदि पढ़नी चाहिए ?
उत्तर-
नहीं।

प्रश्न 13.
हमें अपने कानों को कैसी वस्तु से साफ़ करने का प्रयत्न नहीं करना चाहिए ?
उत्तर-
पिन अथवा किसी नुकीली तीली से।

प्रश्न 14.
यदि आंख में कोई वस्तु पड़ जाए तो हमें क्या नहीं करना चाहिए ?
उत्तर-
आंखों को मलना नहीं चाहिए।

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प्रश्न 15.
कौन-से पोस्चर में पढ़ना हानिकारक है ?
उत्तर-
लेट कर या नीचे झुक कर।

प्रश्न 16.
कौन-से रोग होने से विशेष ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-
खसरा और छोटी माता (चेचक)।

प्रश्न 17.
हमें श्वास मुख अथवा नाक द्वारा लेना चाहिए।
उत्तर-
नाकं द्वारा।

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प्रश्न 18.
दांतों के गिरने के बाद कौन-सी वस्तु चली जाती है ?
उत्तर-
स्वाद।

प्रश्न 19.
कौन-सी आयु में बच्चों के दूध के दांत गिर कर स्थायी दांत आते
उत्तर-
6 से 12 वर्ष तक।

प्रश्न 20.
यदि कानों में मैल जम जाए तो किस वस्तु का प्रयोग करना चाहिए?
उत्तर-
हाइड्रोजन परॉक्साइड।

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प्रश्न 21.
नाखूनों को कौन-सी वस्तु से नहीं काटना चाहिए ?
उत्तर-
मुख से।

प्रश्न 22.
यदि कानों में पीव बहने लगे तो कानों में कौन-से घोल की बूंदें डालनी चाहिए ?
उत्तर-
बोरिक ऐसिड और ग्लिसरीन।

प्रश्न 23.
बढ़े हुए नाखूनों को कैसे काटना चाहिए ?
उत्तर-
नेल कटर के साथ।

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प्रश्न 24.
नाक में छोटे-छोटे बाल कौन-सी वस्तु का काम धूल के लिए करते ।
उत्तर-
जाली का।

प्रश्न 25.
सुन्दर बाल मनुष्य के व्यक्तित्व को कैसा बनाते हैं ?
उत्तर-
अच्छा और प्रभावशाली।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
स्वस्थ रहने के लिए कोई पांच नियम लिखें।
अथवा
व्यक्तिगत स्वास्थ्य विज्ञान के कोई पांच नियम लिखें।
उत्तर-

  1. साफ़-सुथरा व सन्तुलित भोजन खाना चाहिए।
  2. श्वास हमेशा नाक द्वारा लेना चाहिए।
  3. आयु अनुसार नींद लेनी चाहिए।
  4. हमेशा खुश रहना चाहिए।
  5. समय-समय पर डॉक्टरी परीक्षण करवाते रहना चाहिए।

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प्रश्न 2.
हमें हमेशा नाक द्वारा श्वास क्यों लेना चाहिए ?
उत्तर-
हमें हमेशा नाक द्वारा श्वास लेना चाहिए। इसका कारण है कि नाक में छोटेछोटे बाल होते हैं। वायु में रोग कीटाणु और धूल कण इनमें अटक जाते हैं और शुद्ध वायु अन्दर जाती है। यदि हम नाक की बजाए मुंह द्वारा श्वास लेंगे तो रोग के कीटाणु हमारे शरीर में प्रवेश करके हमें रोगी बना देंगे। इसलिए हमें नाक द्वारा श्वास लेना चाहिए।

प्रश्न 3.
चमड़ी की सफ़ाई न करने से हमें क्या नुकसान हो सकते हैं ?
उत्तर-
चमड़ी हमारे शरीर के अन्दरूनी अंगों की रक्षा करती है। यदि चमड़ी की सफ़ाई न की जाए तो पसीना और इसकी बदबूदार वस्तुएं शरीर में जमा हो जाएंगी जिनके कारण अन्दरूनी और बाहरी रोग हो जाते हैं। इसलिए चमड़ी की सफ़ाई रखनी बहुत ज़रूरी है।

प्रश्न 4.
यदि आप के सिर में सीकरी पड़ जाए तो आप उसका क्या उपाय करेंगे ?
उत्तर-
सीकरी का इलाज-यदि सिर में सीकरी पड़ जाए तो 250 ग्राम पानी में एक चम्मच बोरिक पाऊडर डालकर सिर धोना चाहिए। नहाने से पहले बालों में नारियल का तेल लगाना चाहिए। ग्लिसरीन और नींबू लगाकर भी सीकरी से छुटकारा पाया जा सकता है। शिकाकाई और आंवलों को भिगोकर बने घोल के प्रयोग से भी सीकरी समाप्त हो जाती है।

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प्रश्न 5.
दांतों की सफ़ाई हमारे लिए क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
दांत हमारे शरीर का महत्त्वपूर्ण भाग हैं। दांतों के खराब होने से हृदय रोग हो सकता है और मृत्यु भी हो सकती है। इसके अलावा मुंह से बदबू आने लगती है और मनुष्य चिड़चिड़ा हो जाता है। दांतों की सफ़ाई न रखने से पाइरिया रोग नाम की बीमारी लग जाती है। इसलिए दांतों की सफ़ाई ज़रूरी है।

प्रश्न 6.
कपड़ों की सफ़ाई किस तरह की जा सकती है ? इसके क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
कपड़ों की सफ़ाई साबुन, सोडा, सर्फ़ तथा अन्य डिटर्जेंट पाऊडरों से की जा सकती है।
लाभ-कपड़ों की सफ़ाई हो तो मैल के कीटाणु हमारे शरीर से नहीं चिपकते जिससे कि हमारे शरीर के मुसाम बन्द नहीं होते। इस तरह शरीर अपने व्यर्थ पदार्थों का कुछ भाग पसीने आदि से निकालता रहता है, जिससे शरीर निरोग रहता है।

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
व्यक्तिगत स्वास्थ्य विज्ञान किसे कहते हैं ?
उत्तर—
Personal Hygiene शरीर की रक्षा को निजी शरीर सुरक्षा (Personal Hygiene) कहते हैं। यह दो शब्दों के मेल से बना है। Personal और Hygiene | ‘Personal’ अंग्रेज़ी का शब्द है जिसका अर्थ है निजी या व्यक्तिगत । ‘Hygiene’ यूनानी भाषा के शब्द Hygeineous से पैदा हुआ है। जिसका भाव है आरोग्यता की देवी। आजकल Hygiene का अर्थ जीवन जांच से लिया जाता है। आरोग्यता कायम रखने के लिए शरीर विज्ञान का ज्ञान प्राप्त करना ज़रूरी है।

“निजी स्वास्थ्य, स्वास्थ्य शिक्षा का वह भाग है जिससे मनुष्य सारे पक्षों से वातावरण के साथ सुमेल कायम करके शारीरिक और मानसिक विकास कायम कर सके और उनका विकास कर सके।” एक व्यक्ति के लिए स्वास्थ्य उतना ही आवश्यक है जितनी कि पुष्प (फूल) के लिए सुगन्ध । इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। हमें स्वस्थ रहने में व्यक्तिगत स्वास्थ्य विज्ञान बहुत सहायता देता है। व्यक्तिगत स्वास्थ्य विज्ञान, विज्ञान की वह शाखा है जो हमें नीरोग रहने के नियमों के बारे में जानकारी देती है। सत्य तो यह है कि इसमें व्यक्तिगत नीरोगता की वह अमृत धारा है जिसके नियमों का पालन करके मनुष्य स्वस्थ रह सकता है।

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प्रश्न 2.
व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए किन-किन नियमों का पालन करना चाहिए ?
उत्तर-
व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए हमें निम्नलिखित नियमों का पालन करना चाहिए –

  • सदा साफ-सुथरा और सन्तुलित भोजन करना चाहिए।
  • शरीर के आन्तरिक अंगों (जैसे दिल, फेफड़े आदि) तथा बाह्य अंगों (हाथ, पैर, आंखें आदि) के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए तथा इनकी संभाल करनी चाहिए।
  • अपनी आयु के अनुसार पूरी नींद लेनी चाहिए।
  • समय-समय पर शरीर की डॉक्टरी परीक्षा करवानी चाहिए।
  • शरीर की आवश्यकता तथा आयु के अनुसार सैर या व्यायाम (कसरत) करनी चाहिए।
  • सदा नाक के द्वारा ही सांस लेनी चाहिए।
  • खुली हवा में रहना चाहिए।
  • ऋतु और मौसम के अनुसार वस्त्र पहनने चाहिए।
  • सदा प्रसन्न रहना चाहिए।
  • सदा ठीक प्रकार से खड़े होना, बैठना तथा चलना चाहिए।
  • घर और कपड़ों की सफ़ाई रखनी चाहिए।

प्रश्न 3.
बालों को साफ़ न रखने से क्या हानियां होती हैं ?
उत्तर-
बालों को साफ़ न रखने से हानियां-यदि बालों को अच्छी तरह साफ़ न. रखा जाए तो कई प्रकार के बालों और त्वचा के रोग लग जाते हैं। ये रोग नीचे लिखे हैं
1. सिकरी (Dandruf)-सिकरी खुश्क त्वचा के मरे हुए अंश होते हैं। इन अंशों में साबुन और मिट्टी इकट्ठे हो जाते हैं। सिकरी से सिर की त्वचा में रोगाणु पैदा हो जाते हैं।

इलाज (Treatment)-सिर में सिकरी अधिक होने की दशा में 250 ग्राम पानी में एक चम्मच बोरिक पाऊडर डालकर सिर को धोना चाहिए। नहाने से पहले बालों में नारियल का तेल लगाना चाहिए। नींबू तथा ग्लिसरीन लगाकर भी सिकरी से छुटकारा पाया जा सकता है। शिकाकाई और ओलों को भिगोकर बने घोल के प्रयोग से भी सिकरी समाप्त हो जाती है।

2. जुएं पैदा होना (Lice) बालों की सफ़ाई न रखने पर सिर में जुएं पैदा हो जाती हैं। एक जूं एक बार कोई 300 अंडे देती है। दो सप्ताहों के बाद ये जुएं और अण्डे देने के योग्य हो जाती हैं। दैनिक सफ़ाई के अतिरिक्त नीचे लिखी बातों का ध्यान रखने से सिर में जुएं नहीं पैदा होंगी –

  • किसी दूसरे व्यक्ति की कंघी, ब्रुश, सिर की जाली, रूमाल, पगड़ी, टोपी आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • बस की सीट या सिनेमा हाल की कुर्सी की पीठ के साथ अपना सिर लगा कर नहीं बैठना चाहिए।
  • बालों को कंघी करने के बाद कंघी,को किसी ऐसी जगह रखना चाहिए जहां मिट्टी न पड़े।

3. बालों का गिरना (Felling of Hair) बालों की सफ़ाई न रखने से बाल कमज़ोर होकर गिरने लगते हैं। बालों के गिरने की रोकथाम के लिए प्रतिदिन बालों की सफ़ाई रखनी चाहिए तथा साथ ही अच्छा भोजन खाना चाहिए। इसके अतिरिक्त सख्त साबुन या सुगन्धित तेल का कम प्रयोग करना चाहिए।

4. बालों का सफ़ेद होना (Change in Colour)-जुकाम या अच्छी खुराक की कमी के कारण बाल जल्दी ही सफ़ेद हो जाते हैं। इसलिए बालों को सफ़ेद होने से रोकने के लिए सन्तुलित और पौष्टिक भोजन करना चाहिए। रोज़ शारीरिक सफ़ाई रखनी चाहिए।

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प्रश्न 4.
नाक के बालों के क्या लाभ हैं और नाक की सफ़ाई कैसे की जाती है ?
उत्तर-
नाक के बालों के लाभ (Advantages of Hair in Nostril)-हम नाक द्वारा श्वास लेते हैं। नाक में छोटे-छोटे बाल होते हैं। इन बालों के अधिक लाभ होते हैं। ये बाल धूल आदि के लिए जाली का काम करते हैं। वायु में धूल कण और बीमारी के जर्म होते हैं। जब हम नाक द्वारा सांस लेते हैं तो यह धूल, कण और जर्म नाक के बालों में अटक जाते हैं और हमारे भीतर शुद्ध वायु प्रवेश करती है। यदि नाक में यह बाल न हों तो वायु में मिली धूलकण और जर्म हमारे भीतर चले जाएंगे जिस से हमें कई प्रकार के रोग लग सकते हैं। इसलिए नाक के बालों को काटना या उखाड़ना नहीं चाहिए।

नाक की सफाई (Cleanliness of Nose)-प्रतिदिन प्रातःकाल और सायंकाल नाक को पानी से साफ़ करना चाहिए। एक नासिका में से जल अन्दर ले जाकर दूसरी नासिका द्वारा बाहर निकाल देना चाहिए।

प्रश्न 5.
पैरों की सफाई कैसे की जाती है ?
उत्तर-
पैरों की सफाई (Cleanliness of Feet)

  • पैरों की सफाई की तरफ़ भी विशेष ध्यान रखना चाहिए जैसे हम अपने शरीर के दूसरे अंगों की सफाई की तरफ ध्यान देते हैं। सुबह नहाते समय पैरों को और उंगलियों के बीच स्थान को अच्छी तरह साफ़ कर लेना चाहिए।
  • रात को सोने से पहले भी पैरों को धो कर अच्छी तरह साफ़ कर लेना चाहिए।
  • पैरों के लिए बूट या चप्पल लेते समय पैरों की बनावट और माप का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जूती या बूट आरामदायक और ठीक साइज़ के खुले होने चाहिए।
  • यदि पैरों में खारिश, दाद, चंबल आदि के रोग लगे हों तो नाइलोन की जुराबें नहीं पहननी चाहिए।
  • नंगे पांव कभी घूमना नहीं चाहिए।
  • पांवों के नाखून भी समय समय काटते रहना चाहिए।
  • पांवों के नीचे और ऊपर ग्लिसरीन अथवा सरसों के तेल का प्रयोग करना चाहिए।

प्रश्न 6.
हाथों की सफ़ाई कैसे रखी जा सकती है ?
उत्तर-
हाथों की सफ़ाई (Clealiness of Hands)

  • हाथों को साबुन और पानी के साथ दो बार धोकर भोजन खाना चाहिए।
  • हाथों को सदा नर्म और मुलायम रखने का यत्न करना चाहिए।
  • हाथों या उंगलियों में लाइनों या खुरदरेपन को ग्लेसरीन या किसी अच्छी किस्म की क्रीम से दूर करने का प्रयत्न करना चाहिए।
  • हाथों को साबुन और साफ़ पानी से धोना चाहिए जिस से छूत की बीमारियों जैसे टाइफाइड, पेचिश और हैज़ा आदि हाथों से न फैल सकें। अगर हाथ साफ़ न किए जाएं तो हाथों की मैल जिसमें कई तरह के कीटाणु होते हैं, पेट में चले जाते हैं।

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रिक्त स्थानों की पूर्ति-

प्रश्न-
निम्नलिखित वाक्यों में दिए गए खाली स्थानों की कोष्ठक (ब्रैकट) में दिए शब्दों में से उचित शब्द चुन कर भरो –

(1) आंखों की सफ़ाई के लिए हमें दिन में कई बार ……. के छींटे मारने चाहिएं। . (ठण्डे पानी, कोसे पानी)
(2) पढ़ते समय पुस्तक को आंखों से कम-से-कम …….. दूर रखना चाहिए। (45 सेंटीमीटर, 30 सेंटीमीटर)
(3) हमें सदा …….. द्वारा सांस लेनी चाहिए। (मुंह, नाक)
(4) कानों में जमी हुई मैल को निकालने के लिए …….. का प्रयोग करना चाहिए। (सोडियम क्लोराइड, हाइड्रोजन परॉक्साइड)
(5) नाखूनों को ……… काटना नहीं चाहिए। (मुंह से, नेल कटर से)
(6) ……… की आयु तक के बच्चों के दूध के दांत गिर जाते हैं। (3 साल से, 5 साल से, 6 साल से, 12 साल)
(7) हमें कभी भी ………. नहीं पढ़ना चाहिए। (बैठ कर, लेट कर)
(8) नाक के बीच वाले छोटे-छोटे बाल ………. का काम करते हैं। (नाली, जाली)
(9) दांतों की सफ़ाई न रखने पर ………. नामक रोग हो जाता है। (हिस्टीरिया, पाइरिया)
(10) नहाने के बाद हमें ………. कपड़े से पहनने चाहिएं। (गन्दे, साफ़-सुथरे)
उत्तर-

  1. ठण्डे पानी
  2. 30 सेंटीमीटर
  3. नाक
  4. हाइड्रोजन परॉक्साइड
  5. मुंह से
  6. 6 साल से 12 साल
  7. लेट कर
  8. जाली
  9. पाइरिया
  10. साफ़ सुथरे