PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 1 कामना

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 1 कामना Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 1 कामना

Hindi Guide for Class 7 PSEB कामना Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध:

1. शब्दार्थ

शब्दार्थ-शब्दों के अर्थ सरलार्थ के साथ दे दिए गए हैं।
कामना = इच्छा
आधार = सहारा
ज्योतिर्मय = प्रकाशमन
अमित = अत्यधिक
भार = बोझ
मृक्त = आजाद
करुणामय = (करुणा + मय ) दयालु
पतवार = चपपू
संहार = नाश
सुखद = सुख देने वाली
गुणागार = (गुण + आगार ) सब गुणों वाला
निर्द्धद्व = ( द्वन्द रहित) समरस शान्तु स्तिति

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 1 कामना

2. ‘विपरीतार्थक शब्द लिखें:

आधार = निराधार
दुःखी = ……………
गुणी = ……………
मानवता = …………….
सद्गुण = …………….
सुखद = ……………
मुक्त = …………….
द्वन्द्व = …………….
उत्तर:
शब्द विपरीत शब्द
आधार = निराधार
दु:खी = सुखी
गुणी = निर्गुणी
मानवता = दानवता
सद्गुण = दुर्गुण
सुखद = दुःखद
मुक्त   = बद्ध
द्वन्द्व    = निर्द्वन्द्व

3. पर्यायवाची शब्द लिखें:

कामना = ………………
दुःख = ……………….
गुणी = ………………
नौका = ……………..
इन्सान = …………………
उत्तर:
शब्द पर्यायवाची शब्द
कामना = इच्छा, अभिलाषा
दुःख = कष्ट, क्लेश
नौका = नाव, तरणि
इन्सान = मानव,मनुष्य
माँ = माता, जननी

4. नये शब्द बनाएँ:

करुणा+मय = करुणामय
प्रकाश+मय = ……………
ज्योतिः +मय = …………….
अन्धकार+मय = ……………..
दुःख+मय = ……………..
सुख+मय = …………….
पाप+मय = …………….
उत्तर:
नये     शब्द
करुणा+मय = करुणामय
प्रकाश+मय = प्रकाशमय
ज्योतिः+मय = ज्योतिर्मय
अन्धकार+मय = अन्धकारमय
दुःख+मय = दुःखमय
सुख+मय = सुखमय
पाप+मय = पापमय

5. शुद्ध रूप लिखें:

करूणा = ………….
विदवान = ………….
निरदवन्द = ………….
उत्तर
अशुद्ध शुद्ध
करूणा = करुणा
विदवान = विद्वान्
निरदवन्द = निर्द्वन्द्व

6. मानव जातिवाचक संज्ञा शब्द है। इसके अन्त में ‘ता’ लगाने से मानवता भाववाचक संज्ञा शब्द बना ।।

वीर = ……………..
दीन = ……………..
सुन्दर = ………….
मित्र = …………..
दास = …………..
एक = …………..
अमर = …………..
दानव = …………….
उत्तर:
वीर = वीरता
दीन = दीनता
सुन्दर = सुन्दरता
मित्र = मित्रता
दास – दासता
एक = एकता
अमर = अमरता
दानव = दानवता

(ख) विचार-बोध:

1. रिक्त स्थानों में समुचित शब्द भरें:

  1. दुखियों का …………….. बनूँ। (नेता, बन्धु, आसरा)
  2. मैं …………….. इन्सान बनूँ। (मजबूत, सच्चा, ईमानदार)
  3. जग में …………. सुगन्ध भरूं। (सुखद, भारी, मीठी)
  4. शक्तिमान दो …………… शक्ति। (बहुल, भारी, अमित)

उत्तर:

  1. आसरा
  2. सच्चा
  3. सुखद
  4. अमित

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 1 कामना

2. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:

(1) कवि करुणा का वरदान किस लिए माँगता है ?
उत्तर:
कवि करुणा का वरदान इसलिए माँगता है कि वह दीन-दुखियों का सहारा बनकर उनकी सहायता करे और उन के दुःखों को दूर कर सके।

(2) वह सच्चा इन्सान क्यों बनना चाहता है ?
उत्तर:
कवि सच्चा इन्सान बन कर मनुष्य मात्र की सेवा करना चाहता है।

(3) कवि शक्तिमान बनाकर कौन-से तीन काम करना चाहता है ?
उत्तर:
कवि शक्तिमान बन कर दुष्टों का नाश, दीन-दुखियों की सहायता तथा भारत माता के कष्टों के भार को दूर करना चाहता है।

(4) वह सद्गुणों की कामना क्यों करता है ?
उत्तर:
कवि सद्गुणों की कामना इसलिए करता है, जिससे वह संसार में सब को सुखी तथा चिन्ताओं से मुक्त कर सके।

3. इन काव्य-पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या करें:

(1) हे ज्योतिर्मय ज्ञान ज्योति दो,
गुणी और विद्वान बनूं।
मानवता की सेवा करके,
मैं सच्चा इन्सान बनूँ।
उत्तर:
सप्रसंग व्याख्या के लिए सरलार्थ क्रमांक दो देखिए।

(2) कवि की कामनाओं को अपने शब्दों में व्यक्त करें।
उत्तर:
कवि कामना करता है कि परमात्मा उसे करुणा से भर दे, उसे ज्ञान का प्रकाश
दे, उसे बहुत शक्ति दे और उसे सद्गुणों से भर दें; जिससे वह संसार के दीन
दुखियों के दुःख-दर्द को दूर करके उन्हें सुखी कर सके।

(3) भगवान एक है। कवि ने उसे किन-किन नामों से पुकारा है?
उत्तर:
कवि ने भगवान को करुणामय, ज्योतिर्मय, शक्तिमान और गुणागार नामों से पुकारा है।

(ग) आत्म-बोध:

(1) नित्य प्रार्थना करें। भगवान से जो भी माँगें, प्राप्त होने पर उस परम सत्ता का धन्यवाद अवश्य करें।
(2) आप भगवान से क्या मांगेंगे? अपनी कल्पना से लिखें।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

PSEB 7th Class Hindi Guide कामना Important Questions and Answers

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 1.
कवि स्वयं में क्या भरने को कहता है ?
(क) दया
(ख) खून
(ग) पसीना
(घ) अकड़
उत्तर:
(क) दया

प्रश्न 2.
‘कामना’ शब्द का क्या अर्थ है ?
(क) अच्छा
(ख) इच्छा
(ग) करुणा
(घ) काम
उत्तर:
(ख) इच्छा

प्रश्न 3.
कवि मानवता की सेवा करके क्या बनना चाहता है ?
(क) पुलिस
(ख) सैनिक
(ग) सच्चा इंसान
(घ) कोई नहीं।
उत्तर:
(ग) सच्चा इंसान

प्रश्न 4.
कवि सारे संसार को किससे भरना चाहता है ?
(क) पानी से
(ख) काले बादलों से
(ग) दुःख की सुगंध से
(घ) सुख की सुगंध से
उत्तर:
(घ) सुख की सुगंध से

प्रश्न 5.
मनुष्य किससे परेशान है ?
(क) चिंता से
(ख) सुख से
(ग) सैर से
(घ) घर से
उत्तर:
(क) चिंता से

निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित विकल्पों से कीजिए

प्रश्न 1.
जीवन नाव डूब रही लोगों के लिए कवि ……….. बनना चाहता है ?
(क) चप्पू
(ख) बम्बू
(ग) कलम
(घ) दवात
उत्तर:
(क) चप्पू

प्रश्न 2.
कवि ज्ञानी और गुणी बनकर ………. की सेवा करना चाहता है।
(क) कायरता
(ख) मानवता
(ग) बच्चों
(घ) घायलों
उत्तर:
(ख) मानवता

प्रश्न 3.
कवि ………… का नाश करना चाहता है।
(क) कष्टों
(ख) नेत्रों
(ग) दुष्टों
(घ) नाखूनों
उत्तर:
(ग) दुष्टों

प्रश्न 4.
कवि चिंता से परेशान मनुष्य को ………. जीवन व्यतीत करने में मदद करना चाहता है।
(क) आज़ाद
(ख) अमीर
(ग) गरीब
(घ) घायल
उत्तर:
(क) आज़ाद

कामना सप्रसंग व्याख्या

1. हे करुणामय! करुणा भर दो,
दुखियों का आधार बनें।
डूब रही हो जिनकी नौका,
मैं उनकी पतवार बनूँ॥

शब्दार्थ:
करुणामय = दयालु। करुणा = दया। आधार = सहारा । नौका = नाव। पतवार = चप्पू।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद्यांश ‘कामना’ नामक कविता से लिया गया है। इसमें कवि परमात्मा से प्रार्थना करते हुए उन्हें अपनी इच्छा बताता है।

सरलार्थ:
कवि परमात्मा को कहता है कि हे दयालु! मुझे दया से भर दो जिससे मैं दुखियों का सहारा बनूँ। जिन की जीवन की नाव डूब रही हो उन के लिए मैं चप्पू बन जाऊँ।

भाव:
कवि दुखी और जीवन से निराश लोगों का सहारा बन कर उनकी सहायता करने की कामना परमात्मा से करता है।

2. हे ज्योतिर्मय! ज्ञान ज्योति दो,
गुणी और विद्वान बनूँ।
मानवता की सेवा करके,
मैं सच्चा इन्सान बनूँ॥

शब्दार्थ:
ज्योतिर्मय = प्रकाशमान, प्रकाश देने वाले। ज्ञान = जानकारी, बोध। ज्योति = प्रकाश। गुणी = गुणों वाला।

प्रसंग:
यह पद्यांश ‘कामना’ नामक कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने परमात्मा से प्रार्थना करते हुए उन्हें अपने मन की इच्छा बताई है।

सरलार्थ:
कवि परमात्मा से प्रार्थना करता है कि हे प्रकाश देने वाले! मुझे ज्ञान का प्रकाश दीजिए, जिससे मैं गुणी और ज्ञानी बनकर मानवता की सेवा करके सच्चा इन्सान बन जाऊँ।

भाव:
कवि परमात्मा से उसे सद्गुणी तथा ज्ञानी बनाने की प्रार्थना करता है, जिससे वह मानव मात्र की सेवा कर सके।

3. शक्तिमान! दो अमित शक्ति,
मैं दुष्टों का संहार करूँ।
दीन-दुःखी का बनूं आसरा,
भारत माँ का भार हरूँ॥

शब्दार्थ-शक्तिमान = ताकतवाला। अमित = बहुत अधिक। संहार = नाश । दीन = गरीब। भार = बोझ, कष्ट।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद्यांश ‘कामना’ नामक कविता में से लिया गया है। इसमें कवि ने परमात्मा से प्रार्थना करते हुए उन्हें अपनी इच्छा बताई है।

सरलार्थ:
कवि परमात्मा से कहता है कि हे शक्तिशाली! आप मुझे बहुत अधिक शक्ति दो, जिससे मैं दुष्टों का नाश करूँ, गरीबों और दुखियों का सहारा बनूँ और भारत माता के कष्टों को दूर कर सकूँ।

भाव:
कवि परमात्मा से उसे शक्ति प्रदान करने के लिए कहता है, जिससे वह दीनदुखियों की सहायता करते हुए भारत माता के कष्टों को भी दूर कर सके।

4. गुणागार! सब सद्गुण भर दो,
जग में सुखद सुगन्ध भरूँ।
चिन्ता में घुलते मानव को,
मुक्त और निर्द्वन्द्व करूँ॥

शब्दार्थ:
गुणागार = गुणों का भण्डार। सद्गुण = अच्छे गुण। सुखद = सुख देने वाला। सुगन्ध = खुशबू। चिन्ता में घुलते = चिन्ता से परेशान । मानव = मनुष्य। मुक्त = आज़ाद, स्वच्छंद। निर्द्वन्द्व = द्वन्द्व रहित, संघर्ष से रहित, शान्त।

प्रसंग:
यह पद्यांश ‘कामना’ नामक कविता में से लिया गया है। इसमें कवि ने परमात्मा से प्रार्थना करते हुए उन्हें अपनी इच्छा बताई है।

सरलार्थ:
कवि कहता है कि हे गुणों के भंडार! मुझ में सभी अच्छे गुण भर दो जिससे मैं सारे संसार को सुख की सुगन्ध से भर दूं। मैं चिन्ता से परेशान मनुष्य को आज़ाद और शान्त जीवन व्यतीत करने में सहायता कर सकूँ।

भाव:
कवि परमात्मा से अच्छे गुण प्राप्त कर मानव को सुखी बनाना चाहता है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 1 कामना

कामना Summary

कामना कविता का सार

‘कामना’ शब्द का अर्थ है-‘इच्छा’। कवि परमात्मा से प्रार्थना करते हुए कहता है कि हे दयालु! आप मेरे हृदय में दया भर दो जिससे मैं दुखियों का सहारा बन सकूँ। हे प्रकाशमान! आप मुझे ज्ञान दो जिससे मैं गुणी और ज्ञानी बनकर सच्चा इन्सान बन कर मानवता की सेवा कर सकूँ। हे शक्तिशाली ! मुझे असीम शक्ति दो जिससे मैं दुष्टों को नष्ट करके दीनदुखियों का सहारा बनूँ तथा भारत माता के संतापों का भार दूर कर सकूँ। हे गुणों के भंडार! मुझ में अच्छे गुणों को भर दो जिससे मैं संसार में सुख रूपी सुगन्ध भर सकूँ तथा चिन्ताओं से परेशान लोगों को स्वतन्त्र और शान्त जीवन व्यतीत करने की प्रेरणा दे सकूँ।

PSEB 8th Class Hindi रचना पत्र-लेखन

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Rachana Patra Lekhan पत्र-लेखन Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 8th Class Hindi रचना पत्र-लेखन

अनौपचारिक (पारिवारिक या सामाजिक) पत्र की रूप-रेखा

अपने से बड़ों को पत्र-पिता को पत्र

18 लाजपतराय नगर
जी० टी० रोड़,
जालन्धर।
दिसम्बर 18, ……..

पूज्य पिता जी,
सादर प्रणाम।
आपका कृपा पत्र मिला, समाचार ज्ञात हुआ। निवेदन है कि ……………………………………………………………………………………………………………………….. …………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………

पूज्य माता जी को मेरा प्रणाम कहना।

आपका आज्ञाकारी,
…………………
…………………

PSEB 8th Class Hindi रचना पत्र-लेखन

प्रशासनिक पत्र की रूप-रेखा

उच्च अधिकारियों को लिखा जाने वाला पत्र
सेवा में
उपायुक्त महोदय,
ज़िला पंजाब।

विषय – लाउडस्पीकर के प्रयोग पर पाबन्दी लगाये जाने बारे। श्रीमान जी,
सविनय निवेदन है कि ……………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………….
…………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………
2. …………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………….
3. …………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………….
…………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………

धन्यवाद सहित,

आपका आज्ञाकारी,
(हस्ताक्षर) नाम व पता ……………
…………….

दिनांक ……………
आपके पाठ्यक्रम में केवल दो ही प्रकार के पत्र रखे गये हैं। जैसे-
(क) प्रार्थना पत्र या आवेदन पत्र तथा (ख) व्यक्तिगत पत्र या पारिवारिक पत्र ।
प्रार्थना पत्र/आवेदन पत्र प्रशासनिक पत्रों की कोटि में आते हैं-इसमें मुख्याध्यापक। मुख्याध्यापिका को लिखे जाने वाले पत्र, उच्च अधिकारियों को लिखे जाने वाले शिकायत या सुझाव सम्बन्धी पत्र आते हैं। इन्हें अनौपचारिक पत्रों की कोटि में रखा जाता है। हाथ से लिखे बधाई पत्र, निमन्त्रण पत्र, सांत्वना पत्र आदि भी अनौपचारिक पत्रों की कोटि में आते हैं। इनमें और व्यक्तिगत पत्रों में अन्तर यह होता है कि ये बहुत लम्बे नहीं लिखे जाते अर्थात् ऐसे पत्र संक्षेप में ही लिखने चाहिएं-
निमन्त्रण पत्र या शोक पत्र छपे हुए भेजे जाते हैं उन्हें औपचारिक पत्रों की कोटि में रखा जाता है। जैसे किसी बड़े नेता को उसके जन्म दिवस पर या चुनाव में जीत प्राप्त करने पर लिखे जाने वाले पत्र दो चार पंक्तियों में ही होते हैं-इसी कारण इन्हें औपचारिक पत्र कहते हैं-

विशेष रूप से ध्यान देने योग्य बात –
ऊपर दी गई रूप रेखा के अनुसार ही पत्र लिखने चाहिएं, चाहे वे व्यक्तिगत पत्र हों या प्रशासनिक (प्रार्थना पत्र आदि) प्रायः देखने में आता है कि लोग इन नियमों का पालन नहीं करते हैं। हालांकि इस छोटी-सी बात को दफ्तरों का साधारण कर्मचारी जानता है। वह ऊपर दिये गए नियमों के अनुसार ही पत्र लिखता अथवा टाइप करता है। आगे चल कर इन नियमों का पालन करते हुए लिखे गये पत्र को ही अच्छे अंक दिये जाते हैं। आशा है आप पत्र लिखते समय इन नियमों का पूरी तरह पालन करेंगे।

PSEB 8th Class Hindi रचना पत्र-लेखन

(ख) आवश्यक प्रार्थना-पत्र और अन्य पत्र

1. मान लीजिए आपका नाम रेखा है और आप आर्य हाई स्कूल, जालन्धर छावनी में पढ़ती हैं। अपने स्कूल की मुख्याध्यापिका को एक पत्र लिखिए, जिसमें बीमारी के कारण छुट्टी के लिए प्रार्थना की गई हो।

सेवा में
श्रीमती मुख्याध्यापिका जी,
आर्य हाई स्कूल,
जालन्धर छावनी।
श्रीमती जी,

सविनय निवेदन है कि मुझे कल रात को अकस्मात् ज्वर (बुखार) हो गया था और अभी तक उतरा नहीं। डॉक्टर साहिब ने दवा देने के साथ-साथ पूर्ण विश्राम करने के लिए कहा है। इसलिए मैं दो दिन स्कूल में उपस्थित नहीं हो सकती। अत: आप मुझे दो दिन की छुट्टी देकर कृतार्थ करें। आपका अति धन्यवाद होगा। आपकी आज्ञाकारी शिष्या,
रेखा।
आठवीं ‘ए’
19 अप्रैल, 20….

2. मान लीजिए आपका नाम पंकज है और आप राजकीय हाई स्कूल, करतारपुर में आठवीं कक्षा में पढ़ते हैं। अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को प्रार्थना-पत्र लिखिए जिसमें भाई के विवाह के कारण अवकाश दिया जाए।
अथवा
अपने मुख्याध्यापक को भाई या बहन के विवाह के कारण अवकाश लेने के लिए प्रार्थना-पत्र लिखें।

सेवा में
श्रीमान् मुख्याध्यापक जी,
राजकीय हाई स्कूल,
करतारपुर।
श्रीमान् जी,

सविनय प्रार्थना है कि मेरे बड़े भाई का विवाह 12 अक्तूबर को होना निश्चित हुआ है। अत: मेरा इसमें सम्मिलित होना आवश्यक है। बारात 12 तारीख को दिल्ली जाएगी और 14 अक्तूबर की सुबह वापस लौटेगी। इसलिए इन दिनों मैं स्कूल में उपस्थित नहीं हो सकता। कृपया मुझे तीन दिन की छुट्टी देकर अनुगृहीत करें।
धन्यवाद सहित,

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
पंकज।
आठवीं ‘बी’
दिनांक 11 अक्तूबर, 20….

3. मान लीजिए आपका नाम सदेश है और आप डी० ए० वी० हाई स्कूल लुधियाना में पढ़ते हैं। अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को एक प्रार्थना-पत्र लिखें जिसमें जुर्माना मुआफी के लिए प्रार्थना की गई हो।

सेवा
में मुख्याध्यापक जी,
डी० ए० वी० हाई स्कूल,
लुधियाना।
श्रीमान् जी,

सविनय निवेदन है कि कल हमारे अंग्रेजी के अध्यापक महोदय ने हमारी मासिक परीक्षा लेनी थी, किन्तु प्रात: स्कूल आते समय रास्ते में मेरी साइकिल पंक्चर हो गई। इस कारण मैं स्कूल देर से पहुँचा और परीक्षा में भाग न ले सका। अध्यापक महोदय ने मेरी इस सच्ची बात का विश्वास न किया और मुझे 20 रु० जुर्माना कर दिया। मैं यह जुर्माना नहीं दे सकता क्योंकि मेरे पिता जी बड़े ग़रीब हैं। वैसे अंग्रेजी विषय में मैं बहुत अच्छा हूँ। इस बार त्रैमासिक (तिमाही) परीक्षा में मेरे 100 में से 80 अंक आए थे। मैं आज तक स्कूल में अकारण अनुपस्थित नहीं रहा।।
कृपया मेरा जुर्माना माफ़ कर दें। मैं आपका अत्यन्त धन्यवादी हूँगा।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
सुदेश।
आठवीं ‘ए’

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4. मान लीजिए आपका नाम देवेन्द्र है और आप एस० डी० हाई स्कूल, होशियारपुर में पढ़ते हैं। अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को एक प्रार्थना-पत्र लिखें जिसमें शिक्षा शुल्क (फीस) क्षमा करने की प्रार्थना की गई हो।

सेवा में
श्रीमान् मुख्याध्यापक जी,
एस० डी० हाई स्कूल,
होशियारपुर।
मान्यवर महोदय,

सविनय प्रार्थना यह है कि मैं आपके स्कूल में आठवीं श्रेणी में पढ़ता हूँ। मेरे पिता जी एक दुकान पर काम करते हैं। उनकी मासिक आय केवल 2500 रुपये है। हम घर में पाँच सदस्य हैं। आजकल इस महँगाई के समय में निर्वाह होना अति कठिन है। ऐसी दशा में मेरे पिता जी मेरी स्कूल की फीस देने में असमर्थ हैं।

मेरी पढ़ाई में विशेष रुचि है। मैं हमेशा अपनी कक्षा में प्रथम स्थान पर रहता आया हूँ। मैं स्कूल की जूनियर हॉकी टीम का कप्तान भी हूँ। मेरे सभी अध्यापक मेरे आचरण से पूर्णतया सन्तुष्ट हैं। अतः आप से मेरी विनम्र प्रार्थना है है कि आप मेरी पूरी फीस माफ़ कर मुझे आगे पढ़ने का सुअवसर प्रदान करने की कृपा करें।
मैं जीवन भर आपका आभारी रहूँगा।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
देवेन्द्र।
कक्षा आठवीं ‘ए’
रोल नं0 22
11 मई, 20….

5. मान लीजिए आपका नाम कमल मोहन है और आप राजकीय हाई स्कूल, करतारपुर में पढ़ते हैं। अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को प्रार्थना-पत्र लिखें, जिसमें किसी स्कूल फण्ड से पुस्तकें लेकर देने की प्रार्थना की गई हो।

सेवा में
श्रीमान् मुख्याध्यापक जी,
राजकीय हाई स्कूल,
करतारपुर।
श्रीमान् जी,

निवेदन है कि मैं आपके स्कूल में कक्षा आठवीं ‘ए’ का अत्यन्त निर्धन विद्यार्थी हूँ। जैसा कि आप जानते हैं कि पिछले वर्ष मेरे पिता जी की मृत्यु हो गई है। मेरी माँ पढ़ीलिखी नहीं है। आय का अन्य कोई साधन नहीं है। मेरे अलावा मेरे दो छोटे भाई हैं, जिनमें से एक छठी कक्षा में पढ़ता है। माँ हम सब का मेहनत मजदूरी करके पालन-पोषण कर रही है और पढ़ा-लिखा रही है। नवम्बर का महीना बीत रहा है और अभी तक मेरे पास एक भी पाठ्य-पुस्तक नहीं है। अभी तक मैं साथियों से पुस्तकें माँग कर काम चला रहा हूँ। परन्तु परीक्षा के समय मेरे साथी चाह कर भी अपनी पाठ्य-पुस्तकें नहीं दे पाएँगे। यह बात स्मरण करके अपनी बेबसी का बेहद एहसास होता है। वार्षिक परीक्षा दो-तीन महीने बाद शुरू होने वाली है।

अतः आपसे नम्र प्रार्थना है कि आप मुझे निर्धन छात्र कोष या पुस्तकालय से सभी आवश्यक पाठ्य-पुस्तकें दिलाने की कृपा करें। आपके इस उपकार का मैं जीवनभर आभारी रहूँगा।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
कमल मोहन।
कक्षा आठवीं ‘ए’
रोल नं0 20
11 नवम्बर, 20….

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6. मान लीजिए आपका नाम चन्द्रशेखर है और आप डी० ए० वी० हाई स्कूल, अमृतसर में पढ़ते हैं। अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को प्रार्थना-पत्र लिखें जिसमें छात्रवृत्ति (वजीफा) देने की प्रार्थना की हो।
अथवा
अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को आर्थिक सहायता के लिए प्रार्थना-पत्र लिखें।

सेवा में
मुख्याध्यापक जी,
डी० ए० वी० हाई स्कूल,
अमृतसर।
श्रीमान् जी,

सविनय निवेयन है कि मैं आपके स्कूल में कक्षा आठवीं ‘ए’ का विद्यार्थी हूँ। मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार से सम्बन्ध रखता हूँ। मेरे पिता जी एक स्थानीय कार्यालय में केवल 2500 रुपये मासिक पर कार्य करते हैं। हम परिवार में कुल छः सदस्य हैं। महँगाई के समय में इतने कम वेतन में निर्वाह होना अति कठिन है। अत: मेरे पिता जी मुझे आगे पढ़ाने से इन्कार कर रहे हैं।
मेरी पढ़ाई में विशेष रुचि है। मैं सदा अपनी कक्षा में प्रथम रहता आया हूँ। मेरे सभी अध्यापक मुझ से अतीव प्रसन्न हैं। अतः आपसे मेरी विनम्र प्रार्थना है कि आप मुझे स्कूल के आरक्षित कोष (फण्ड) से छात्रवृत्ति प्रदान करने की कृपा करें।
मैं जीवन-भर आपका आभारी रहूँगा।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
चन्द्रशेखर।
कक्षा आठवीं ‘ए’
5 मई, 20….

7. मान लीजिए आपका नाम संजीव है और आप राजकीय हाई स्कल, फाजिल्का में पढ़ते हैं। अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को एक प्रार्थना-पत्र लिखें जिसमें उचित कारण बताते हुए सैक्शन बदलने की प्रार्थना की गई हो।

सेवा में
श्रीमान् मुख्याध्यापक जी,
राजकीय हाई स्कूल,
फाजिल्कां।
मान्यवर महोदय,

सविनय निवेदन है कि मैं आपके स्कूल में आठवीं श्रेणी ‘सी’ सैक्शन में पढ़ रहा हूँ। मैं अपना सैक्शन बदलना चाहता हूँ। मेरे सैक्शन ‘सी’ में अधिकतर छात्र ड्राइंग विषय के हैं, जबकि मैंने संस्कृत विषय ले रखा है। पढ़ाई की सुविधा के विचार से मैं ‘ए’ सैक्शन में जाना चाहता हूँ। इसी सैक्शन में मेरे मुहल्ले के सभी छात्र पढ़ते हैं। सैक्शन अलगअलग होने से मेरे लिए पढ़ाई में कुछ रुकावट पड़ जाती है क्योंकि मैं उनसे पूर्ण सहयोग प्राप्त नहीं कर पा रहा।

इसके अतिरिक्त ‘ए’ सैक्शन में पढ़ने वाले छात्रों को योग्यता के आधार पर रखा जाता है। मैं इस त्रैमासिक परीक्षा में अपनी श्रेणी में प्रथम आया हूँ। इस कारण मुझे ‘ए’ सैक्शन के उन योग्य छात्रों में बैठ कर पढ़ने की अनुमति दी जाए, ताकि मेरा ठीक से विकास हो सके। मेरी प्रार्थना है कि मुझे आठवीं ‘सी’ सैक्शन से ‘ए’ सैक्शन में जाने की अनुमति प्रदान की जाए। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि पढ़ाई में मैं किसी भी छात्र से पीछे नहीं रहूँगा।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
संजीव।
आठवीं ‘सी’
रोल नं० 40
तिथि 25 सितम्बर, 20….

PSEB 8th Class Hindi रचना पत्र-लेखन

8. मान लीजिए आपका नाम रोहित है और आप सरकारी हाई स्कूल लुधियाना में आठवीं कक्षा में पढ़ते हैं। अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को एक प्रार्थना-पत्र लिखिए, जिसमें स्कूल में पीने के पानी की कमी की ओर ध्यान दिलाते हुए नया नल लगवाने की प्रार्थना की गई हो।

सेवा में
मुख्याध्यापक जी,
सरकारी हाई स्कूल,
लुधियाना।
श्रीमान् जी,

सविनय प्रार्थना है कि स्कूल में पीने के पानी की उचित व्यवस्था नहीं है। एक ही नल है, जो स्कूल के सभी विद्यार्थियों के लिए काफ़ी नहीं है। जब दोपहर के समय आधी छुट्टी होती है तो विद्यार्थी नल की ओर दौड़ते हैं। वहाँ इतनी भीड़ हो जाती है कि आधी छुट्टी का सारा समय पानी पीने की धक्का-मुक्की में ही बीत जाता है। बहुत से विद्यार्थी फिर भी पानी प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं। इसलिए विद्यार्थियों की इस उचित कठिनाई को ध्यान में रखते हुए स्कूल में एक नया नल लगवाने की कृपा की जाए। गर्मियों के मौसम में तो हर विद्यार्थी पानी पीने की इच्छा रखता है। आपका

आज्ञाकारी शिष्य,
रोहित।
आठवीं ‘बी’
रोल नं० 28
तिथि 5 अप्रैल, 20….

9. मान लीजिए आपका नाम अशोक कुमार है और आप सरकारी हाई स्कूल, मानसा में पढ़ते हैं। अपने मुख्याध्यापक को प्रार्थना-पत्र लिखिए, जिसमें स्कूल छोड़ने का प्रमाण-पत्र (सर्टीफिकेट) देने की प्रार्थना की गई हो।
सेवा में
मुख्याध्यापक महोदय,
सरकारी हाई स्कूल,
मानसा।
महोदय,

निवेदन है कि मेरे पिता जी का स्थानांतरण मानसा से अमृतसर हो गया है वे कल यहाँ से अमृतसर जा रहे हैं और साथ में परिवार भी जा रहा है। इस अवस्था में मेरा यहाँ अकेला रहना बहुत मुश्किल है। इसलिए आपसे अनुरोध है कि आप कृपा करके मुझे स्कूल छोड़ने का प्रमाण-पत्र प्रदान कीजिए ताकि मैं वहाँ जाकर स्कूल में प्रविष्ट हो सकूँ।

आपका विनीत शिष्य,
अशोक कुमार।
आठवीं ‘ख’
रोल नं० 10
तिथि 11 जुलाई, 20….

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10. अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को प्रार्थना-पत्र लिखिए जिसमें उन्हें स्कूल के पुस्तकालय में हिन्दी की पुस्तकें मंगवाने के लिए कहा गया हो।

सेवा में
श्रीमान् मुख्याध्यापक जी,
राजकीय हाई स्कूल,
करतारपुर।
श्रीमान् जी,

सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके स्कूल में कक्षा दसवीं ‘बी’ छात्र हूँ। मैं आपको यह सूचित करना चाहता हूँ कि हमारे स्कूल के पुस्तकालय में हमारे लिए उपयोगी हिन्दी विषय की पुस्तकें बहुत कम हैं। पिछले तीन-चार वर्षों से हिन्दी विषय की पुस्तकें नहीं खरीदी गई हैं। सभी पुरानी किताबें ही हैं। अतः आपसे निवेदन है कि हिन्दी विषयों से । सम्बन्धित ज्ञान वर्धक पुस्तकें तथा रसाले शीघ्र मंगवा दें।

इस कार्य के लिए हम सब छात्र-छात्राएँ आपके अत्यन्त आभारी होंगे।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
शुभम
कक्षा आठवीं।

11. आप अपनी गली की सफाई के लिए स्वास्थ्य अधिकारी को एक पत्र लिखो।
अथवा
नगरपालिका (म्युनिसिपल कमेटी) पटियाला के स्वास्थ्य अधिकारी को अपनी गली की सफ़ाई के विषय में शिकायत पत्र लिखो।
अथवा
अपने नगर की नगरपालिका के स्वास्थ्याधिकारी को पत्र लिखें, जिसमें ठीक प्रकार से सफ़ाई न करने के कारण मुहल्ले के सफ़ाई कर्मचारी की शिकायत करें।
अथवा
नगरपालिका के महापौर को अपने क्षेत्र की सफाई ठीक ढंग से न होने की शिकायत करते हुए पत्र लिखिए।

सेवा में
स्वास्थ्याध्यक्ष महोदय,
नगरपालिका,
पटियाला।
महोदय,

मैं आपका ध्यान एक आवश्यक बात की ओर आकृष्ट करवाना अपना कर्त्तव्य समझते हैं। मेन रोड के दाहिने मोड़ के साथ लगे हुए भट्टाँ मुहल्ला का जमादार मोहन लाल अपने कर्त्तव्य का पूरी तरह से पालन नहीं कर रहा है। बार-बार रोकने पर भी वह बाहर से लाई हुई गन्दगी को मकान नं0 70 की नुक्कड़ पर डाल देता है। सारे मुहल्ले का कूड़ाकर्कट भी वहीं फेंकता है, कई-कई दिन तक वहाँ कूड़ा-कर्कट पड़ा रहता है जिससे बदबू उत्पन्न हो जाती है। चलने-फिरने वालों को नाक बन्द करके जाना पड़ता है। दुर्गन्ध के अतिरिक्त 24 घंटे मक्खी-मच्छरों के झुंड उस पर मँडराते रहते हैं। नालियों का पानी खड़ा हो जाता है और आने-जाने में बाधा पड़ती है। रात के समय अन्धेरे में तो यह स्थान नरक बन जाता है। गन्दी वायु के कारण रोग फूटने का भय बना रहता है। हमने उसे कई बार समझाया, किन्तु उसके कानों पर तक नहीं रेंगती। उल्टे गाली-गलौच पर उतर आता है।

आशा है कि आप यथाशीघ्र कोई कठोर कार्यवाही करेंगे।

सधन्यवाद
भवदीय
अमरजीत सिंह
तिथि 6 मई, 20….

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12. पत्रों के सही वितरण न होने पर आप अपने स्थानीय पोस्टमास्टर को प्रार्थनापत्र लिखो।
अथवा
पोस्टमास्टर को डाकिए की शिकायत का पत्र लिखें।

रेलवे कालोनी,
होशियारपुर।
30 अप्रैल, 20….
सेवा में
पोस्टमास्टर महोदय,
होशियारपुर।
श्रीमान् जी,

निवेदन है कि हमारी रेलवे कालोनी का डाकिया सुन्दर दास बहुत आलसी और लापरवाह है। वह ठीक समय पर पत्र नहीं पहुँचाता। जिस कारण कई बार तो हमें पत्रों का उत्तर देने से भी वंचित रहना पड़ता है। इसके अतिरिक्त वह बच्चों के हाथ पत्र देकर चला जाता है। वे पत्र इधर-उधर फेंक देते हैं। कल ही रामनाथ का पत्र नाली में गिरा हुआ पाया गया। हमने उसे कई बार सावधान किया है पर वह आदत से मजबूर है।
अतः आप से सनम्र प्रार्थना है कि या तो उसे आगे के लिए समझा दें या कोई और डाकिया नियुक्त कर दें ताकि हमें और हानि न उठानी पड़े।
सधन्यवाद,
भवदीय
सिमरन कौर

13. जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी को एक प्रार्थना-पत्र लिखो जिसमें अपने गाँव में एक डिस्पैंसरी खोलने की प्रार्थना की गई हो।

सेवा में
मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी,
जिला होशियारपुर।
श्रीमान् जी,

निवेदन है कि हमारा गाँव गढ़दीवाला होशियारपुर से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसकी जनसंख्या लगभग चार हज़ार है। परन्तु बड़े खेद की बात है कि इस गाँव में कोई डिस्पैंसरी नहीं है। गाँववासियों को छोटी-छोटी बीमारियों के इलाज के लिए शहर भागना पड़ता है। इससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है सर्दी के मौसम में छोटे बच्चों व बूढ़ों को बीमारी की हालत में शहर ले जाना बहुत ही कठिन है।
इस गाँव में डिस्पैंसरी की बहुत आवश्यकता है। हमारा आपसे निवेदन है कि इस पिछड़े क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य की ओर भी ध्यान दिया जाए। हमारे गाँव में यदि डिस्पैंसरी खुल जाती है तो इससे आसपास के गाँवों को भी लाभ पहुँच सकता है। आशा है कि आप हमारी इस प्रार्थना की ओर तुरन्त ध्यान देकर डिस्पैंसरी खोलने के लिए शीघ्र उचित पग उठायें।

सधन्यवाद,
भवदीय
अजीत सिंह
तिथि 17 मई, 20….

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14. अपने पिता जी को पत्र लिखो जिसमें आपके स्कूल का वर्णन हो।

सत्य निवास,
होशियारपुर।
17 मई, 20….
पूज्य पिता जी,
सादर प्रणाम।

ईश्वर की कृपा और आपके आशीर्वाद से मैं आठवीं कक्षा में अच्छे अंकों से पास हो गया हूँ। अब मेरा दाखिला अपने ही स्कूल के सैकण्डरी शाखा में हो गया है। मैं संक्षेप में आपको अपने स्कूल के विषय में बता रहा हूँ। मेरे स्कूल का वातावरण मेरे अनुकूल है। यहाँ पर छात्रों की संख्या बहुत है। यहाँ पर लगभग एक हजार छात्र पढ़ते हैं। प्रत्येक श्रेणी के चार-चार विभाग हैं। स्कूल का भवन बड़ा आकर्षक है। इसके अगले भाग में बड़ी सुन्दर फुलवाड़ी है।

हमारे स्कूल के कमरे स्वच्छ तथा विशाल हैं। उनमें बिजली के पंखों का प्रबन्ध है। सफ़ाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। यहाँ के अध्यापकों का चरित्र बड़ा ऊँचा है। वे अपने-अपने विषय के विद्वान् हैं। मुख्याध्यापक जी बड़े परिश्रमी तथा छात्रों के साथ सहानुभूति रखने वाले हैं। विद्यार्थियों के खेलने के लिए एक विशाल क्रीड़ा क्षेत्र है, जिसमें शाम को विद्यार्थी खेलते हैं। हमारे स्कूल में एक पुस्तकालय भी है, जिसमें भिन्न-भिन्न विषयों पर हज़ारों पुस्तकें हैं। इसके अतिरिक्त एक विज्ञानशाला है, जिसमें विज्ञान का सारा सामान है। स्कूल पढ़ाई, खेलों तथा अन्य विषयों में अपने शहर में एक उन्नत स्कूल है। इसका परिणाम हर वर्ष बहुत बढ़िया रहता है। मैं सब प्रकार से ठीक हूँ। कुशल समाचार लिखते रहा करें। माता जी को प्रमाण।

आपका सुपुत्र,
अरुण।

15. अपने मित्र को पत्र लिखो, उससे पूछो कि तुम गर्मियों की छुट्टियाँ कहाँ और कैसे बिताओगे। अपना विचार भी उसे बताओ।
अथवा
अपने मित्र/सखी को गर्मियों के अवकाश में अपने पास बुलाने के लिए पत्र लिखिए।
362, माडल टाउन,
जालन्धर।
18 जून, 20….
प्रिय विनोद,
सप्रेम नमस्ते।

बहुत समय से आपका पत्र नहीं आया, क्या कारण है ? स्वास्थ्य तो ठीक है ? आपको याद होगा कि जब इस बार शिशिर के अवकाश में मैं आपके पास आया था तो आपने ग्रीष्मावकाश एक साथ यहाँ बिताने का वचन दिया था। अब उस वचन को पूरा करने का समय आ गया है। यहाँ मेरे पास अलग दो कमरे हैं। स्थान बिल्कुल एकान्त है। बिजली तथा पंखा लगा हुआ है। साथ ही खेलने के लिए अलग एक छोटा-सा क्रीडांगन है। यहाँ शाम को टैनिस खेला करेंगे और प्रात:काल दौड़ा करेंगे जिससे हमारा शरीर बलवान् और सुन्दर बनेगा।

मेरे अभिन्न मित्र राकेश ने भी मेरा साथ देने का वचन दिया है। उसके पिता जी यहाँ एक स्कूल के प्रधानाध्यापक हैं। उनसे भी समय-समय पर सहायता ली जा सकेगी। इस विषय में मैंने उनसे बात कर ली है। उन्होंने सहर्ष सहायता देना स्वीकार कर लिया है। मेरे पिता जी तथा माता जी का भी आपको यहाँ बुलाने का आग्रह है। आशा है, हमारा कार्यक्रम बहुत ही सुन्दर और रुचिकर होगा। आप कब आने का कष्ट कर रहे हैं, लिखें। माता-पिता को मेरा सादर प्रणाम कहना।

आपका प्रिय मित्र,
राजीव।

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16. ‘मेरे जीवन का उद्देश्य’ विषय पर अपने विचार अपने पिता जी को एक पत्र द्वारा सूचित करो।

कबीर भवन,
गांधी नगर।
गुरदासपुर।
20 अप्रैल, 20….
पूज्य पिता जी,
सादर प्रणाम।

अब मैं अपने स्कूल की परीक्षा से प्रायः निपट चुका हूँ। अब आगे मुझे क्या करना चाहिए। मेरे जीवन का उद्देश्य क्या होगा ? मैं अपने जीवन में क्या बन पाऊँगा ? इसका उत्तर देना कठिन है। फिर भी मैं अपने मन के विचार लिख रहा हूँ।

पिता जी, आप मेरी स्वाभाविक रुचियों और प्रवृत्तियों से परिचत ही हैं। उन्हीं के अनुसार मैं अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करना चाहता हूँ। .मेरा विचार एक अच्छा डॉक्टर बनने का है। आप जानते हैं कि हमारा देश स्वास्थ्य की दृष्टि से पिछड़ा हुआ है। प्रति वर्ष लाखों लोग विभिन्न रोगों का शिकार हो जाते हैं। चिकित्सा के अभाव में असमय ही मृत्यु का ग्रास बन जाते हैं। सरकार ने रोगों को दूर करने के लिए अनेक कदम उठाये हैं। फिर भी इतने बड़े देश के लिए यह ऊँट के मुँह में जीरा के समान हैं। हमारे देश में डॉक्टरों और वैद्यों की कमी तो नहीं, फिर भी निर्धन लोग अर्थाभाव के कारण उनकी सेवा से लाभ उठाने से वंचित रह जाते हैं। कस्बों और ग्रामों के चिकित्सालयों में बड़े-बड़े रोगों की दवाएँ नहीं मिलती। इसलिए ग्रामीण भाई चिकित्सा के अभाव में तड़प-तड़प कर जीवन-यात्रा पूरी करते हैं। पिता जी, ऐसी शोचनीय अवस्था देखकर मेरा संकल्प डॉक्टर बनने का है। इससे देश-सेवा होगी और जीवन का लक्ष्य पूरा होगा। आशा है कि आप मेरे विचारों से सहमत होंगे। मुझे इस कार्य में मनसा-वाचा-कर्मणा अधिकाधिक सहायता देंगे।

माता जी को प्रणाम।
आपका आज्ञाकारी पुत्र,
सुखदेव।

17. अपने छोटे भाई को पत्र लिखिए जिसमें प्रतिदिन समाचार-पत्र पढ़ने की आवश्यकता पर बल दिया हो।
अथवा
अपने छोटे भाई को पत्र लिखकर उसे समाचार-पत्र पढ़ने की प्रेरणा दीजिए।
परीक्षा भवन,
……….शहर।
15 मार्च, 20….
प्रिय संजीव,
चिरंजीव रहो।

तुम्हारा पत्र आज ही प्राप्त हुआ। यह जानकर मुझे अत्यन्त प्रसन्नता हुई है कि तुम अपनी श्रेणी में प्रथम आए हो। मैं समझता हूँ कि तुम अपने पुस्तकीय ज्ञान को पाने में काफ़ी मेहनत करते हो, परन्तु तुम्हें आज के संसार के विषय में भी ज्ञान रखना चाहिए। इसके लिए तुम प्रतिदिन समाचार-पत्र पढ़ने की आदत डालो। समाचार-पत्र पढ़ने से देशदेशान्तर की राजनीतिक एवं आर्थिक स्थिति का ज्ञान प्राप्त होता है। समाचार-पत्र दुनिया के व्यापारिक एवं आर्थिक हालात की अच्छी जानकारी देते हैं। उनमें बाजार भाव, वस्तुओं के विज्ञापन, रोज़गार सम्बन्धी सूचनाएँ आदि मिलती हैं।

समाचार-पत्रों में साहित्यिक चर्चा भी होती है तथा इतिहास सम्बन्धी खोजपूर्ण लेख भी मिलते हैं। समाचार-पत्र पढ़ने से हमारा मस्तिष्क वर्तमान के प्रति सजग हो जाता है। हम यह जान जाते हैं कि हमारे चारों तरफ क्या हो रहा है? जो व्यक्ति समाचार-पत्र नहीं पढ़ते, वे आज के युग के क्रिया-कलाप नहीं जान पाते तथा कुएँ में मेंढक की तरह पड़े रहते हैं।

इसलिए मेरा तुमसे यही कहना है कि तुम प्रतिदिन समाचार-पत्र पढ़ा करो और आम जानकारी में वृद्धि किया करो। मुझे पूर्ण विश्वास है कि तुम मेरे विचारों की तरफ ध्यान दोगे।
तुम्हारा अग्रज,
राजीव।

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18. हाथ का कोई काम सीखने की इच्छा व्यक्त करते हुए एक पत्र लिखकर अपने पिताजी से उसकी अनुमति माँगिए।

केंद्रीय विद्यालय,
अमृतसर।
17 मार्च, 20….
आदरणीय पिता जी,
सादर नमस्कार।

इस वर्ष हमारे विद्यालय में दस्तकारी-शिक्षा नाम से एक नया पाठ्यक्रम शुरू हो रहा है। इस पाठ्यक्रम में हाथ से काम करने की व्यवस्था है। विद्यालय में एक वर्कशॉप भी स्थापित है। यहाँ रेडियो बनाने, टेलीविज़न के पुों को अलग करने और जोड़ने, फोटोग्राफ़ी तथा बढ़ई आदि के काम की शिक्षा दी जाएगी। पिताजी, आप जानते हैं कि हाथ से काम करने की कला में कुशल होना कितना उपयोगी है। इससे व्यक्ति की आजीविका की समस्या का समाधान हो जाता है। यदि आप आज्ञा दें तो मैं भी इस नए पाठ्यक्रम के लिए अपना नाम लिखवा दूं। यह अतिरिक्त शिक्षा अवश्य ही जीवन में उपयोगी साबित
होगी।

कृपया उत्तर शीघ्र दें क्योंकि 31 मार्च तक नाम लिखवा देना ज़रूरी है।
आपका पुत्र
राकेश कुमार।

19. अपने चाचा जी को अपने जन्मदिन पर घड़ी भेजने के लिए धन्यवाद पत्र लिखें।

परीक्षा भवन,
……….शहर।
12 अगस्त, 20….
पूज्य चाचा जी,
सादर प्रणाम।

मेरे जन्म-दिन पर आपका भेजा हुआ पार्सल प्राप्त हुआ। जब मैंने इस पार्सल को खोल कर देखा तो उसमें एक सुन्दर घड़ी देखकर मन अतीव प्रसन्न हुआ। कई वर्षों से इसका अभाव मुझे खटक रहा था।
कई बार विद्यालय जाने में भी विलम्ब हो जाता था। निस्सन्देह अब मैं अपने आपको नियमित बनाने का प्रयत्न करूँगा। इसको पाकर मुझे असीम प्रसन्नता हुई। इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। पूज्य चाची जी को चरण वन्दना। रमेश को नमस्ते। मुझे शैली बहुत याद आती है। उसे मेरी प्यार भरी चपत लगाइए। आपका प्रिय भतीजा, रोहित।

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20. अपनी बहन को पत्र लिख कर रक्षा-बन्धन की शुभ कामनाएँ भेजिए।

49, माल रोड,
अमृतसर।
11 जुलाई, 20….
प्रिय बहन रमा,
सप्रेम नमस्ते।

आज ही तुम्हारा पत्र मिला और उसमें प्रेम का प्रतीक रक्षा-सूत्र भी प्राप्त हो गया। रक्षा-बन्धन हमारा अनादि काल से चला आ रहा एक पवित्र त्योहार है। राखी के एक-एक तार में से बहन का भाई के प्रति पवित्र प्यार झाँकता हुआ दिखाई देता है। तुम्हारा भेजा हुआ रक्षा-सूत्र कल प्रातः जब मैं अपनी कलाई पर बाँधूंगा तो मैं अपना अहो भाग्य समझूगा। ईश्वर का लाख-लाख धन्यवाद है, जिसने मुझे तुम्हारी जैसी कोमल हृदय वाली बहन दी है।
मैं सोचता हूँ कि मैं राखी के बदले तुम्हें क्या शुभ कामना भेजूं ? मैं यही चाहता हूँ कि नन्हीं बहन जीवन भर सुख शान्ति से भरपूर रहे। साथ ही रक्षा-बन्धन का त्योहार हमारे पावन-प्रेम को बढ़ाता रहे।
मैं तो चाहता था कि इस बार रक्षा-बन्धन का त्योहार तुम्हारे पास ही आकर मनाता पर अचानक एक आवश्यक काम आ पड़ा। अतः पत्र द्वारा भेजी गई मेरी शुभ कामनाएँ स्वीकार करो। घर में सब को यथायोग्य प्रणाम। तुम्हारा भाई, राकेश कुमार।

21. रक्षाबन्धन के पवित्र त्योहार पर आप के भाई ने उपहार भेजा है। उस उपहार की उपयोगिता बताते हुए उसका धन्यवाद पत्र के द्वारा करें।

19 लाजपतराय नगर,
जालन्धर।
दिनांक 12 अगस्त, 20…..
आदरणीय भाई संजीव,
नमस्ते।

मेरे द्वारा भेजी गई राखी की पावती भेजते समय आपने जो मुझे पण्डित जवाहर लाल नेहरू जी द्वारा लिखित पुस्तक डिस्कवरी ऑफ इण्डिया का हिन्दी संस्करण ‘भारत की खोज’ भेजा है, उसके लिए मेरे पास आप का धन्यवाद करने के लिए शब्द नहीं हैं।’
आदरणीय भाई यदि आप मुझे कोई सोने की चीज़ भेजते तो भी मुझे इतनी खुशी न होती जितनी इस पुस्तक को प्राप्त कर हुई है। वैसे तो पुस्तकें अमूल्य निधि होती हैं किन्तु इस पुस्तक को पढ़कर आठवीं की इस छोटी कक्षा में अपने देश के प्राचीन इतिहास के बारे में पूरी जानकारी मुझे प्राप्त हो जाएगी। मैंने पहली बार किसी राजनीतिज्ञ द्वारा लिखी साहित्यिक कृति देखी है। मेरी रुचि को ध्यान में रखते हुए आपने जो यह उपहार भेजा है इसके लिए मैं एक बार फिर आपका धन्यवाद करती हूँ।

आशा है आपका स्नेह और आशीर्वाद सदा बना रहेगा।

आपकी बहन
सुमन।

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22. अपनी छोटी बहन/अपने छोटे भाई को आठवीं की परीक्षा में असफल रहने पर सांत्वना पत्र लिखें।
519, राम कुटीर,
बटाला।
5 जुलाई, 20…..
प्रिय सुमन,
प्रसन्न रहो।

पिता जी का अभी-अभी पत्र आया है। तुम्हारे असफल होने का समाचार मिला। मुझे तो पहले ही तुम्हारे पास होने की आशा नहीं थी। इसमें तुम्हारा कोई दोष नहीं। जिन परिस्थितियों में तुमने परीक्षा दी, उसमें असफल रहना स्वाभाविक ही था। पहले माता जी बीमार हुए। फिर तुम स्वयं बुखार में फँस गई। जिस कष्ट को सहन करके तुमने परीक्षा दी वह मुझ से छिपा नहीं। इस पर तुम्हें रंच मात्र भी खेद नहीं करना चाहिए। तुम अपने मन से यह बात निकाल दो कि हम तुम्हारे असफल होने पर नाराज़ हैं। हाँ, अब अगले वर्ष की परीक्षा के लिए अभी से तैयार हो जाओ। किसी पुस्तक की आवश्यकता हो तो लिखो। डट कर पढ़ाई करो। माता जी व पिता जी को प्रणाम।

तुम्हारा प्यारा भाई,
राजू।

23. मित्र की दादा जी के निधन पर संवेदना पत्र।

201, मॉडल टाऊन,
पठानकोट।
29 मई, 20…..
प्रिय सुनील,

अभी-अभी तुम्हारा पत्र मिला। पूज्य दादा जी की मृत्यु का दुखद समाचार पाकर आँखों में अन्धकार-सा छा गया। पैरों तले जमीन खिसक गई। बार-बार सोचता हूँ-कहीं यह स्वप्न तो नहीं। थोड़े दिन हुए मैं उनको कश्मीर-मेल पर चढ़ा कर आया था। न कोई दुःख न कष्ट। उनका हँसता हुआ चेहरा अभी तक मेरे सामने मँडरा रहा है। उनके आशीर्वाद कानों में गूंज रहे हैं। उनकी मधुर वाणी समुद्र समान गम्भीर और शान्त स्वभाव, सबके साथ स्नेहपूर्ण व्यवहार सदा स्मरण रहेगा।

प्रिय मित्र, भाग्य रेखा मिटाई नहीं जा सकती। मनुष्य सोचता कुछ है, होता कुछ और ही है। ईश्वरीय कार्यों में कौन दखल दे सकता है। इसलिए धैर्य के सिवा और कोई चारा नहीं। मेरी प्रार्थना है कि अब शोक को छोड़ कर कर्त्तव्य की चिन्ता करो। रोने-धोने से कुछ नहीं बनेगा। इससे स्वास्थ्य ही बिगड़ता है। अनिल और नलिनी को सान्त्वना दो। अन्त में मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि वह दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करे।

तुम्हारा अपना,
नरेश शर्मा।

24. मित्र को नव-वर्ष का बधाई पत्र।

102, गांधी नगर,
फिरोजपुर।
31 दिसम्बर, 20…..
प्रिय राज,
नमस्ते।

कल नव वर्ष का शुभागमन हो रहा है। इस शुभ अवसर पर मैं आपको बहुतबहुत बधाई देता हूँ। कामना करता हूँ कि यह नूतन वर्ष आपको सुख और समृद्धि देने वाला हो। परिवार में सुख और शान्ति का प्रसार हो। शारीरिक आरोग्यता के साथ लक्ष्मी अपनी कृपा की वर्षा करती रहे।
अन्त: में पुनः पुनः मंगल कामना।

आपका प्रिय मित्र,
विजय कुमार।

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25. पुस्तकें मँगवाने के लिए पुस्तक विक्रेता को पत्र।

आर्य हाई स्कूल,
अबोहर।
12 जुलाई, 20…..
सेवा में
प्रबन्धक महोदय,
मल्होत्रा बुक डिपो,
रेलवे रोड,
जालन्धर।
महोदय,
कृपया निम्नलिखित पुस्तकें वी० पी० पी० द्वारा शीघ्रातिशीघ्र भेज कर अनुगृहीत करें। पुस्तकें भेजते समय इस बात का ध्यान रखें कि कोई पुस्तक मैली व फटी न हो। आपके नियमानुसार पाँच सौ रुपये मनीआर्डर द्वारा पेशगी भेज रहा हूँ।
ये पुस्तकें आठवीं श्रेणी के लिए पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के नये पाठ्यक्रम पर आधारित होनी चाहिएँ। पुस्तकें
1. MBD हिन्दी गाइड               8 प्रतियाँ
2. MBD इतिहास गाइड           5 प्रतियाँ
3. MBD संस्कृत गाइड            6 प्रतियाँ
4. MBD इंग्लिश गाइड            8 प्रतियाँ

भवदीय,
मोहन लाल।

26. अपने मित्र को पत्र लिखें, जिसमें पढ़ाई के साथ-साथ जीवन में खेलों के महत्त्व पर प्रकाश डाला गया हो।

परीक्षा भवन,
………. शहर।
15 नवम्बर, 20 ….
प्रिय कृष्ण,
नमस्कार।

परीक्षा में तुम्हारी शानदार सफलता ने मेरा मन प्रसन्नता से भर दिया। पर यह जानकर मुझे दुःख भी हुआ कि यह सफलता तुम्हें स्वास्थ्य गंवा कर मिली है। कैसा महँगा व्यवसाय रहा। मुझे पता लगा कि तुम पहले से भी अधिक किताबी कीड़े बन गए हो। न तुम खेलों में भाग लेते हो और न तुम बाहर भ्रमण के लिए ही जाते हो।

केवल पढ़ना व्यर्थ है। उसका मनन भी करना पड़ता है। उसके लिए समय पर मस्तिष्क को विश्राम देना अनिवार्य है। मैं तुम्हें सत्परामर्श देता हूँ कि तुम खेलों में भाग लिया करो। तुम जानते हो कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है।

खेल शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ हमारे अन्दर और भी कई गुण पैदा करते हैं। जब हम एक टीम के रूप में खेलते हैं तो हमारे अन्दर अनुशासन और सहयोग की भावना का भी विकास होता है।
पुस्तकीय शिक्षा से जहाँ हमारे अन्दर ज्ञान की वृद्धि और अच्छे-बुरे की पहचान करने के गुण उत्पन्न होते हैं, वहाँ खेल हमारे अन्दर प्रत्येक कार्य को खेल की भावना से करने के संस्कार उत्पन्न करती है। इसलिए विद्यार्थी के व्यक्तित्व के पूर्ण विकास के लिए खेलों का बड़ा महत्त्व है। अत: मेरी सम्मति के अनुसार खेलों में भाग लेने के लिए कुछ समय अवश्य निकाल लेना।

तुम्हारा मित्र,
बलदेव।

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27. आपके शहर मोहाली के क्रिकेट स्टेडियम में भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच खेला जा रहा है। अपने दोस्त को पत्र लिखें कि वह उस दिन उसके घर आ जाए ताकि वे मिलकर क्रिकेट मैच का आनंद उठा सकें।

डी० ए० वी० हाई स्कूल,
लुधियाना
16 अगस्त, 20….
प्रिय अनूप,
नमस्ते।

कुछ दिनों से तुम्हारा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ और तुम्हें मिले.हुए भी काफ़ी समय हो गया है। मैं यह सोच ही रहा था कि तुम्हारे साथ किस प्रकार भेंट हो। मुझे पता चला कि हमारे शहर मोहाली के क्रिकेट स्टेडियम में भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच खेला जा रहा है। इससे बढ़िया अवसर तुम्हें मिलने का और क्या हो सकता है क्योंकि मुझे ज्ञात है कि मेरी तरह तुम भी क्रिकेट मैच देखने के बहुत शौकीन हो। यह मैच 3 सितंबर होने जा रहा है। मेरा सुझाव है कि तुम मेरे घर आ जाओ ताकि हम दोनों मिलकर क्रिकेट मैच का आनंद उठा सकें। अतः पत्र द्वारा भेजी मेरी प्रार्थना स्वीकार करो। घर में सबको प्रणाम।

तुम्हारा मित्र
सुखदेव

28. आपके नगर में विश्व पुस्तक मेले का आयोजन किया जा रहा है। दूसरे शहर में रहने वाले अपने किसी मित्र को पत्र लिखकर पुस्तक मेले में आने का निमंत्रण दीजिए।

19, लाजपतराय नगर,
जालन्धर।
दिनांक 12 अगस्त, 20……
प्रिय राजेश,
नमस्ते।

तुम्हारा पत्र आज ही प्राप्त हुआ। यह जानकर प्रसन्नता हुई कि सब कुशल मंगल है तथा तुमने मेरे द्वारा भेजी गई किताबें भी पढ़ ली हैं। हमारे शहर में 18 अगस्त से 24 अगस्त तक विश्व पुस्तक सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है। हमारे शहर से तथा विदेशों से भी कई प्रकाशक इस पुस्तक मेले में भाग ले रहे हैं। यहां पर कई पुरानी किताबों के स्टॉल भी लगे होंगे। पुस्तक प्रेमियों के लिए यह एक अच्छा मौका है। मुझे पता है कि तुम भी पुस्तक पढ़ने के शौकीन हो। तुम अपनी पसन्द की पुस्तकें, वाजिब दाम में यहां से खरीद सकते हो। इसीलिए मैं तुम्हें भी इस पुस्तक मेले में आने के लिए आमन्त्रित कर रहा हूँ। तुम्हारे उत्तर की प्रतीक्षा में।

तुम्हारा प्रिय मित्र
सुधीर।

29. कुसंगति में फँसे अपने छोटे भाई को पत्र लिखें, जिसमें सदाचार के गुण बताते हुए सत्संगति की ओर प्रेरित किया गया हो।

परीक्षा भवन,
शहर।
15 मार्च, 20 ….
प्रिय भाई राजीव,
चिरंजीव रहो।

पन्द्रह-बीस दिन से तुम्हारा कोई पत्र नहीं मिला। हमारा सब का ध्यान तुम्हारी ओर ही लगा रहता है। हमें डर लगा रहता है कि तुम कहीं पढ़ाई से विमुख होकर कुसंगति का शिकार न हो जाओ। जीवन की उन्नति का आधार सदाचार है। सदाचार का अर्थ हैश्रेष्ठ आचरण । इसमें सत्य, उच्च विचार, नैतिकता आदि गुण आते हैं। वस्तुतः नैतिक मूल्यों के बिना, मनुष्य-जीवन ही व्यर्थ है। सदाचारहीन व्यक्ति अपना तो सर्वनाश कर ही लेता है, वह अपने समाज और राष्ट्र को भी कलंकित कर देता है। उसका विवेक नष्ट हो जाता है। उसे भले-बुरे का ज्ञान ही नहीं रहता।

प्रिय राजीव ! विद्या की देवी सदाचारी पर ही रीझती है। आज तक जितने भी महापुरुष हुए हैं, वे सदाचार के बल पर ही ऊँचे उठे हैं। विद्या प्राप्ति के लिए जीवन में कठोर तप और साधना करनी पड़ती है। तप और साधना सदाचारी ही कर सकता है। आचारहीन तो हाथ ही मलता रह जाता है, विद्या रूपी सुवासित फूल उसे कभी प्राप्त नहीं हो पाता। वह प्रख्यात उक्ति एक बार फिर तुम्हें याद दिलाना चाहता हूँ कि-‘आचारहीन न पुनन्ति वेदाः’ अर्थात् चरित्रहीन व्यक्ति को देव भी पवित्र नहीं कर सकते।

प्रिय भाई ! शिक्षा-काल में तो सदाचार की महती आवश्यकता रहती है क्योंकि संयम, धैर्य, सहिष्णुता, गुरु सेवा, व्रत आदि गुणों से ही पूर्ण शिक्षा उपलब्ध होती है। सदाचार का सूर्य शिक्षा का प्रकाश फैला सकता है। इसलिए मेरा बार-बार तुम से यही अनुरोध है कि जीवन में सदाचार को अपनाओ। गुरुजनों की आज्ञा से सदाचारी रहते हुए विद्या प्राप्ति के लिए जुट जाओ। किसी चीज़ की आवश्यकता हो तो नि:संकोच लिख भेजो। पत्र का उत्तर शीघ्र दे दिया करो।

तुम्हारा बड़ा भाई,
राकेश।

PSEB 8th Class Hindi रचना पत्र-लेखन

30. अपनी सखी को भाई के विवाह में शामिल होने के लिए निमन्त्रण पत्र लिखो।

13, विकास नगर,
खन्ना मण्डी।
18 मार्च, 20 …
प्रिय अनु सप्रेम नमस्ते।

तुम्हें यह जान कर अत्यन्त प्रसन्नता होगी कि मेरे बड़े भाई विजय कुमार का शुभ विवाह दिल्ली में सेठ राम लाल की सुपुत्री सीमा से इसी मास की 24 तारीख को होना निश्चित हुआ है। इस विवाह में आप जैसे सभी इष्ट-मित्र तथा बन्धुओं का शामिल होना अत्यावश्यक है। अतः आपको भाई साहब की बारात में भी चलना पड़ेगा। विवाहोत्सव का कार्यक्रम आगे दिया जा रहा है
23 तारीख             दोपहर                                    1 बजे प्रीतिभोज।
23 तारीख             सायं                                        6 बजे घुड़चढ़ी।
24 तारीख             बारात का दिल्ली प्रस्थान            प्रात: 5 बजे।

आशा है कि तुम 22 तारीख को पहुँच जाओगी। मीना और मंजू भी 22 तारीख को यहाँ पहुँच जायगी।

तुम्हारी अनन्य सखी,
सुमन।

31. अपने छोटे भाई को एक पत्र लिखो जिसमें “मानव जीवन पर सिनेमा का प्रभाव” विषय पर विचार प्रकट किये गए हों।

113, मोहन मोहल्ला,
सरहिन्द।
14 मार्च, 20 ….
प्रिय राजीव,
सप्रेम नमस्ते।

तुम्हारा पत्र मिला जिसमें तुमने अपने आजकल के दैनिक कार्यकाल की एक झलक प्रस्तुत की है। मुझे यह जानकर अचम्भा हुआ कि सिनेमा देखना भी तुम्हारे दैनिक कार्यक्रम में सम्मिलित है। सिनेमा मानव जीवन के लिए सर्वथा अहितकर है। तुम मनोविनोद के लिए सिनेमा जाते हो और सिनेमा के मानसिक प्रभाव पर विचार करते हो। किन्तु मैं तो सिनेमा के दुष्परिणामों को सदा सम्मुख रखता हूँ और यही कारण है कि मैंने अपनी आयु में कुछ बार ही सिनेमा देखा और अब देखने का विचार नहीं है। सिनेमा के प्रति मेरी यह अटल धारणा क्यों बनी है, इसके कई कारण हैं

(1) फिल्म कम्पनियों का मुख्य उद्देश्य धन बटोरना है। अतः वे दर्शकों की रुचि अनुसार सदा प्रेम कहानियाँ ही प्रस्तुत करते हैं। आज की फिल्मों के प्रायः गाने, कथोपकथन, नृत्य तथा अभिनय आदि अश्लील और वासना भड़काने वाले हैं।
(2) सिनेमा हॉल का वातावरण भी प्रायः दूषित हो जाता है। यहाँ अनेक प्रकार के संक्रामक रोगों के कीटाणु होते हैं, जो कई प्रकार के रोग उत्पन्न करते हैं।
(3) सिनेमा देखने से धन का भी नाश होता है।
(4) इन दिनों सिनेमा का एक और विचित्र प्रभाव भी हमारे सम्मुख आ रहा है। वह यह कि आज का प्रत्येक युवक अभिनेता और अभिनेत्री बनने का इच्छुक हो रहा है। पिछले दिनों हमारे स्कूल की दशम कक्षा के दो विद्यार्थी अचानक घर से पैसे लेकर मुम्बई भाग निकले।
आशा है, तुम मेरे विचारों पर अवश्य ध्यान दोगे। पूज्य पिता जी और माता जी जी सेवा में चरण वन्दना। रेणु को प्यार।

तुम्हारा स्नेहभाजक,
प्रेमनाथ।

PSEB 8th Class Hindi रचना पत्र-लेखन

32. अपने मित्र को एक पत्र लिखो जिसमें दहेज प्रथा की बुराइयाँ बताई गई हों।

डी० ए० वी० हाई स्कूल,
होशियारपुर।
1 मार्च, 20 ….
प्रिय मित्र सुशील,
सप्रेम नमस्ते।

आपका प्रेम पत्र मिला। तदर्थ धन्यवाद। बहन रमा की मँगनी के विषय में आपने मुझसे परामर्श माँगा है। दहेज के सम्बन्ध में मेरी सम्मति मांगी है। इसके लिए कुछ शब्द प्रस्तुत हैं- मैं मनु के इस उपदेश का प्रचारक हूँ कि जिस घर में नारियों की पूजा होती है, उस घर में देवता निवास करते हैं। आज इस आदर्श पर पोचा फिर गया है। जिस गृहस्थ के घर में कन्या पैदा होती है वह समझता है कि मुझ पर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा है। मेरी सम्मति में इन सब बुरी भावनाओं का मूल कारण केवल मात्र दहेज प्रथा है।

आज की प्रचलित दहेज प्रथा ने कई सुन्दर देवियों को पतित होने पर विवश किया है। कइयों ने अपने माता-पिता को कष्ट में देख कर आत्महत्याएँ कर ली। क्या आपको अमृतसर की प्रेमलता की आत्महत्या की घटना स्मरण नहीं है। माता-पिता की इज्जत की रक्षा के लिए उसने अपने प्राणों की बलि दे दी। इस कारण से समाज सुधारकों की आँखें खुलीं। समाज सुधारकों ने इस कुप्रथा का अन्त करने का बीड़ा उठाया।

मेरी अपनी सम्मति में कन्यादान ही महान् दान है। जिस व्यक्ति ने अपने हृदय का टुकड़ा दे दिया उसका यह दान तथा त्याग क्या कम है? आज के नवयुवकों की बढ़ती हुई दहेज की लालसा मुझे बिल्कुल पसन्द नहीं है। वरों की इस प्रकार से बढ़ती हुई कीमतें समाज के भविष्य के लिए महान् संकट बन रही हैं।

मेरी सम्मति में आप रमा बहन के लिए एक ऐसा वर ढूँढ़ें जो हर प्रकार से योग्य, स्वस्थ, समुचित रोज़गार वाला और शिक्षित हो। धनी-मानी और लालची लोगों की ओर एक बार भी नज़र न डालें। समय आ रहा है जबकि स्वतन्त्र भारत के कर्णधार कानून दहेज प्रथा को बन्द कर देंगे। इस सम्बन्ध में बहुत सोचने और घबराने की आवश्यकता नहीं है।

योग्य सेवा से सूचित करें।

आपका अभिन्न हृदय,
मनोहर लाल।

33. अपने छोटे भाई को पत्र लिखो जिसमें प्रातः भ्रमण के लाभ बताए गए हों।

208, कृष्ण नगर,
फगवाड़ा।
1 जून, 20 ….
प्रिय सुरेश,
प्रसन्न रहो।

कुछ दिनों से तुम्हारा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ। तुम्हारे स्वास्थ्य की बहुत चिन्ता है। व्यक्ति का स्वास्थ्य उसकी पूंजी होता है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ आत्मा निवास करती है। गत वर्ष के टाइफाइड का प्रभाव अभी तक तुम्हारे ऊपर बना हुआ है। मेरा एक ही सुझाव है कि तुम प्रातः भ्रमण अवश्य किया करो। यह स्वास्थ्य सुधार के लिए अनिवार्य है। इससे मनुष्य को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं।
प्रातः भ्रमण से शरीर चुस्त रहता है। कोई बीमारी पास नहीं फटकती। प्रातः बस्ती के बाहर की वायु बहुत ही शुद्ध होती है। इसके सेवन से स्वच्छ रक्त का संचार होता है। मन खिल उठता है। माँस पेशियाँ बलवान् बनती हैं। स्मरण शक्ति बढ़ती है। प्रात:काल की खेतों की हरियाली से आँखें ताज़ा हो जाती हैं। मुझे पूर्ण आशा है कि तुम मेरे आदेश का पालन

करोगे। नित्य प्रात: उठ कर सैर के लिए जाया करोगे। अधिक क्या कहूँ? तुम्हारे स्वास्थ्य का रहस्य प्रातः भ्रमण में ही छिपा है। पूज्य माता जी को प्रणाम। अनु व शुकील को प्यार।

तुम्हारा अग्रज,
प्रमोद कुमार।

34. मित्र को पास होने की बधाई देते हुए एक पत्र लिखो।
अथवा
मित्र को उसकी परीक्षा में सफलता पर बधाई पत्र लिखो।

108, मॉडल टाऊन,
जालन्धर।
29 अप्रैल, 20 ….
प्रिय मित्र सुधीर,
सप्रेम नमस्ते।

कल तुम्हारा पत्र मिला। यह पढ़ कर बहुत ही प्रसन्नता हुई कि तुम आठवीं श्रेणी में पास हो गए हो। वर्ष भर की मेहनत का ही यह शुभ फल प्राप्त हुआ है। इसके लिए मैं तुम्हें हार्दिक बधाई देता हूँ। जैसे ही मैंने तुम्हारी परीक्षा में सफलता की खबर माता जी को सुनाई, वे हर्ष-विभोर हो उठीं। उन्होंने तुम्हें आशीर्वाद दिया है और कामना की है कि भविष्य में भी तुम इसी प्रकार शानदार सफलता प्राप्त करते रहो।

हाँ, तो मैं आपके पास एक सप्ताह के अन्दर पहुँच जाऊँगा। उसी समय मित्रों को जलपान कराने का कार्यक्रम बना लिया जाएगा। इस बार ठाठ का प्रोग्राम होना चाहिए। इस हर्ष के मौके पर मित्र-मंडली सचमुच ही खुशी से झूम उठेगी। एक बात और लिखना आवश्यक जान पड़ता है कि अब अगली परीक्षा में प्रथम श्रेणी प्राप्त करने का अभी से प्रयास करना शुरू कर दो।

अपने पूज्य माता जी और पिता जी को मेरी चरण वन्दना। शेष मिलने पर।

तुम्हारा मित्र,
राजीव शर्मा।

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35. टी-20 क्रिकेट मैच देखते हुए अपने रोमांच को अपने मित्र को एक पत्र लिखकर व्यक्त कीजिए।

212-पंडित पंतमार्ग,
क, ख, ग नगर।
दिनांक 25 मई, 20…..
प्रिय मित्र सुमित,
नमस्ते।

तुम्हारा पत्र प्राप्त कर अत्यन्त प्रसन्नता हुई कि तुम ग्रीष्मावकाश में यहाँ आ रहे हो। मैं तुम्हारे स्वागत के लिए तैयार हूँ। इस समय मैं आई० पी० एल० का टी-20 क्रिकेट मैच देख रहा हूँ। राजस्थान रॉयल और मुंबई के बीच चल रहा यह मैच हर गेंद पर मेरे दिल की धड़कनें बढ़ा रहा है। चौकों-छक्कों की बरसात हो रही है। मुम्बई को हराने के लिए राजस्थान की टीम ने कमर कस ली और अन्त में राजस्थान ने पाँच विकेट से मुम्बई को हरा ही दिया। दिन-भर तथा कई दिनों तक चलने वाले क्रिकेट मैचों की बजाए मुझे इन टी-20 क्रिकेट मैचों में बहुत आनन्द आ रहा है। आशा है तुम भी देख रहे होंगे। शेष मिलने पर।

तुम्हारे आने की प्रतीक्षा में।

तुम्हारा अभिन्न मित्र,
मानव उनियाल।

36. अपने मित्र को एक पत्र लिखो जिसमें किसी पर्वतीय यात्रा का वर्णन हो।

18, माल रोड,
शिमला।
15 जून, 20 ….
प्रिय मित्र विनोद
सप्रेम नमस्ते।

मैंने आपको दो पत्र लिखे, परन्तु तुम्हारा कोई जवाब नहीं मिला क्या कोई नाराज़गी है ? इस बार हमें गर्मियों की छुट्टियाँ 6 जून को हो गई थीं। मेरा इरादा आप के पास कुछ दिन ठहरने का था, पर अचानक 7 तारीख को शिमला से मामा जी आ गए। वे मुझे शिमला ले गए। जालन्धर से शिमला तक मेरी यात्रा बड़ी ही रोमांचक रही। इसी के सम्बन्ध में शिमला से तुम्हें पत्र लिख रहा हूँ।

मैं और मामा जी सुबह 6 बजे जालन्धर से बस में सवार हुए। बस नॉन स्टाप थी। हम अढ़ाई घण्टे में चण्डीगढ़ पहुँच गए। इसे बाद हम चण्डीगढ़ से कालका पहुँच गए। वहाँ से हमें 12 बजे की ट्रेन पकड़नी थी। कालका से शिमला रेलवे की छोटी लाइन है। वहाँ से शिमला को जाने वाली रेलगाड़ी छोटी है। गाड़ी के डिब्बे छोटे-छोटे हैं। हमारे गाड़ी में बैठने के कुछ ही मिनट बाद गाड़ी चल पड़ी। उसकी रफ्तार बड़ी हल्की थी। वह साँप की तरह बल खाती हुई चल रही थी। सामने पहाड़ी दृश्य बड़े सुहावने लग रहे थे। हिमालय की ऊँची-ऊँची चोटियाँ दिखाई दे रही थीं। हरे-भरे वृक्ष और पर्वतीय नाले मन को मोह रहे थे। इस रास्ते पर एक और मज़ेदार बात थी कि हमें छोटी-बड़ी एक सौ से अधिक सुरंगों के बीच में से गुजरना पड़ा। सुरंगों में पहुँचते ही एक दम अन्धेरा हो जाता था और गाड़ी में बिजली जलने लग जाती थी। अब हम 4 बजे के लगभग शिमला पहुँच गए।

शिमला बहुत ही सुन्दर और स्वास्थ्यवर्धक स्थान है। यहाँ की माल रोड की शोभा दर्शनीय है। चारों तरफ हरियाली छाई रहती है। मुझे यह यात्रा सदैव अविस्मरणीय रहेगी। अपने माता-पिता को मेरा सादर प्रमाण कहना।

तुम्हारा मित्र,
अशोक।

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37. अपने पिता जी को पत्र लिखो जिसमें अपनी परीक्षा में उत्तीर्ण होने की सूचना देते हुए खर्चे के लिए रुपए मँगवाओ।

मॉडल टाऊन,
लुधियाना।
27 अप्रैल, 20 ….
पूजनीय पिता जी,
सादर प्रणाम,

आपको यह जानकर हर्ष होगा कि हमारा परीक्षा परिणाम निकल आया है। मैं 540 अंक लेकर प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हो गया हूँ। अपनी कक्षा में मेरा दूसरा स्थान है। मुझे स्वयं इस बात का दुःख है कि मैं प्रथम स्थान प्राप्त न कर सका। इसका कारण यह है कि मैं दिसम्बर मास में बीमार हो गया था और लगभग 20-25 दिन स्कूल न जा सका। यदि मैं बीमार न हुआ होता तो सम्भवतः छात्रवृत्ति (वज़ीफा) प्राप्त करता। अब मैं मैट्रिक में अधिक अंक प्राप्त करने का यत्न करूँगा।

अब मुझे नई कक्षा के लिए नई पुस्तकें आदि खरीदनी हैं। इधर कुछ दिनों से मेरे पास अच्छे वस्त्र भी नहीं हैं। कुछ मित्र मेरी इस सफलता पर पार्टी भी माँग रहे हैं। इसलिए आप मुझे पाँच सौ रुपए शीघ्र ही भेजने की कृपा करें ताकि मैं अगली कक्षा की पुस्तकें खरीद सकूँ और मित्रों को भी पार्टी दे सकूँ।

आपका आज्ञाकारी बेटा,
दिनेश।

38. बड़े भाई को पत्र लिख कर किसी आँखों देखे मैच का वर्णन करो।

20, आदर्श नगर,
जालन्धर।
16 फरवरी, 20 ….
आदरणीय भाई साहब,
सादर प्रणाम,

ईश्वर की कृपा से आप स्वस्थ और सानन्द होंगे। इस बार पत्र लिखने में इसलिए देर हो गई क्योंकि हमारे स्कूल में जिला टूर्नामैंट हो रहे थे। मैं उसमें व्यस्त था। इस बार हमारे स्कूल की फुटबाल टीम ने कमाल कर दिखाया। उसने जिला भर में प्रथम रह कर ट्राफी प्राप्त की। मैं भी इस टीम का सदस्य था। फाइनल में हमारी टीम का मुकाबला नकोदर के गवर्नमैंट स्कूल की टीम से हुआ। इस रोमांचकारी मैच का संक्षिप्त-सा वर्णन पत्र द्वारा कर रहा हूँ।

फुटबाल प्रतियोगिता में कुल आठ टीमें शामिल हुई थीं। सेमी फाइनल में हमारी टीम की भिड़न्त नूरमहल की टीम से हुई, जिसमें हमारी टीम 2-0 से विजयी रही और उसने फाइनल में प्रवेश किया। दूसरी ओर नकोदर की टीम ने आदमपुर की टीम को 4-0 से रौंद कर फाइनल में प्रवेश किया था। पिछले रविवार को फाइनल मैच हुआ। इस अवसर पर लगभग दस हज़ार दर्शक मैच देखने के लिए उमड़ पड़े थे।

मैच ठीक दोपहर दो बजे शुरू हुआ। रैफ्री की हिसल हुई, दोनों टीमों में एक जोश ठाठे मारने लगा। दोनों टीमों के खिलाड़ियों का गेंद पर पूरा नियन्त्रण था। दोनों ओर के खिलाड़ी आपसी तालमेल के साथ छोटे-छोटे पास देकर खेल रहे थे। मध्यान्तर तक हमारी टीम को गोल करने के दो शानदार अवसर प्राप्त हुए परन्तु सफलता प्राप्त न हो सकी। क्योंकि प्रतिपक्षी टीम की रक्षा पंक्ति बहुत ही चौकन्नी थी। मध्यान्तर तक दोनों टीमें बराबर रहीं। रैफ्री ने जैसे ही मध्यान्तर की ह्विसल दी हज़ारों दर्शक खेल के मैदान में घुस आए। वे अपने-अपने प्रिय खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ा रहे थे।

कुछ देर के बाद खेल फिर शुरू हुआ। दोनों ओर के खिलाड़ियों ने सिर-धड़ की बाजी लगा रखी थी। दोनों ओर अद्भुत जोश था, दोनों टीमों की रक्षा पंक्तियाँ किले की दीवारें सिद्ध हो रही थीं। खेल समाप्त होने में केवल दस मिनट शेष रह गए थे। इतने में हमारी टीम को एक पैनल्टी किक मिल गई। हमारी टीम के कैप्टन राकेश ने ऐसा शानदार शॉट लगाया कि विपक्षी टीम का गोल कीपर देखता ही रह गया और गेंद गोली की तरह गोल में जा पहुँची। इस गोल से टीम के हौंसले बढ़ गए फिर हम ने रक्षात्मक खेलना शुरू कर दिया। अन्त में एक गोल से हमें जीत प्राप्त हो गई। खेल समाप्ति की हिसल के साथ ही जिन्दाबाद के नारे लगने शुरू हो गए। हम सब को बढ़िया इनाम मिले। जिला शिक्षा अधिकारी ने हमारी टीम को चमचमाती ट्रॉफी प्रदान की। हम सभी खिलाड़ी खुशी से झूम रहे थे।

पूज्य भाभी जी को प्रणाम। रेणु व कुक्कू को प्यार। कृपया पत्र का उत्तर शीघ्र दें।

आपका छोटा भाई.
विनोद कुमार।
कक्षा आठवीं-सी।

PSEB 8th Class Hindi रचना पत्र-लेखन

39. अपने छोटे भाई को एक पत्र लिखिए जिसमें व्यायाम के महत्त्व पर प्रकाश डाला गया हो।

105 डी० ए० वी० हाई स्कूल,
अमृतसर।
20 मार्च 20 ….
प्रिय अनूप,
चिरंजीव रहो।

माता जी ने अपने पत्र में लिखा है कि तुम्हारा स्वास्थ्य निरंतर गिर रहा है, इससे मुझे बड़ी चिन्ता हुई है। प्रिय भाई। स्वास्थ्य ही मनुष्य की सबसे बड़ी सम्पत्ति है। इसके अभाव में जीवन का कोई भी कार्य सफल नहीं हो सकता है। खाने-पीने का आनन्द भी स्वस्थ व्यक्ति ही उठा सकता है। यह ठीक है कि तुम्हारा अध्ययन पूर्ववत् चल रहा है, परन्तु शीघ्र ही इस गिरते हुए स्वास्थ्य का प्रभाव तुम्हारे अध्ययन पर भी पड़ सकता है। मन एवं मस्तिष्क को बलवान् बनाने में भी स्वास्थ्य का बड़ा योगदान रहता है।

दुर्बलता एक प्रकार का अभिशाप है। शरीर को स्वस्थ एवं सुगठित बनाने के लिए व्यायाम की अत्यन्त आवश्यकता है। शरीर की दुर्बलता को दूर करने के लिए व्यायाम एक औषधि है। व्यायाम से शरीर सुन्दर तथा बलवान् बनता है। कोई बीमारी पास नहीं फटकती। व्यायाम से माँसपेशियों में नए रक्त का संचार होता है तथा पाचन शक्ति बढ़ती है। मुझे पूर्ण आशा है कि तुम मेरे कथन का पालन करोगे। नित्य प्रातः उठकर व्यायाम करोगे। अधिक क्या कहूँ तुम्हारे स्वास्थ्य का रहस्य व्यायाम में ही छिपा है।

पूज्य पिता जी को प्रणाम।

तुम्हारा हितैषी,
मुनीष शर्मा।

PSEB 8th Class Hindi रचना पत्र-लेखन

40. अपने मित्र को पत्र लिखकर अपने स्कूल में होने वाले ‘वन महोत्सव’ का । वर्णन करें।

12 प्रोफैसर कालोनी
बरनाला
15 जनवरी, 20……
प्रिय मित्र सुरेश,

इस पत्र द्वारा मैं तुम्हें अपने स्कूल में मनाये गए वन महोत्सव’ का विवरण लिख रहा हूँ। आशा है इसे पढ़कर और प्रेरणा लेते हुए तुम अपने आस-पड़ोस में पेड़ लगाने का प्रयत्न करेंगे। गत सप्ताह हमारे स्कूल में ‘वन महोत्सव’ मनाया गया। समारोह से पूर्व हमारे क्षेत्र के विधायक महोदय ने वृक्षरोपण का महत्त्व हमें समझाया। उन्होंने बताया कि वृक्ष ही हमें वायु प्रदूषण से सुरक्षित रखते हैं। वर्षा करने में सहायता करते हैं। विधायक महोदय ने बताया कि यदि हम चाहते हैं कि धरती हरी-भरी रहे, नदियाँ अमृत जल बहाती रहें और सबसे बढ़कर मानवता की रक्षा सम्भव हो सके तो हमें पेड़-पौधे लगाने चाहिएं।

विधायक महोदय के भाषण के बाद स्कूल प्रांगण में एक वृक्ष लगाकर वन महोत्सव का श्री गणेश किया। उनके बाद स्कूल के विद्यार्थियों ने खेल मैदान के इर्द-गिर्द पेड़ लगाए और उन्हें थोड़ा जल से सींचा। हमारे प्रधानाचार्य और स्कूल के अध्यापकों ने भी स्कूल परिसर में एक-एक पेड़ लगाया। सब ने इन लगाये पेड़ों के पालन पोषण का भी व्रत लिया। समारोह के अन्त में बच्चों में मिठाई बांटी गई और विद्यार्थी पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ के नारे लगाते हुए अपने-अपने घरों में चले गए।

तुम्हारा मित्र
रमेश।

PSEB 9th Class English Vocabulary Homonyms

Punjab State Board PSEB 9th Class English Book Solutions English Vocabulary Homonyms Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 9th Class English Vocabulary Homonyms

Homonyms

जिन शब्दों का उच्चारण एक जैसा हो परन्तु उनके अर्थ तथा हिज्जे (spellings) अलग-अलग हों, उन्हें Homonyms कहते है, जैसे
break, brake; write, right; sight, site; weight, wait; etc.

List Of Homonyms

1. Berth – Please get a berth reserved for me in the Flying Mail.
Birth – She gave birth to a male child.

2. Brake – The driver applied brakes to save the child.
Break – Glass breaks easily.

3. Cell – This remote control works on two pencil cells.
Sell – We want to sell our old furniture.

4. Died – His father died at the age of eighty.
Dyed – She dyed her hair dark brown.

5. Dose – This bottle contains six doses.
Doze – He was dozing in the class.

6. Hair – She was combing her hair.
Hare – The hare can run very fast.

7. Heal – The wound healed slowly.
Heel – The thief took to heels.

PSEB 9th Class English Vocabulary Homonyms

8. Pain – I have pain in my stomach.
Pane – Who has broken the window pane ?

9. Pair – I have bought a pair of shoes.
Pare – Pare your nails.

10. Peace – Who does not want peace ?
Piece – I gave him a piece of bread.

11. Pray – I pray to God for your health and happiness.
Prey – The tiger jumped on its prey.

12. Principal – My mother went to the school to meet the principal.
Principle – He is a man of high principles.

13. Root – This tree has very deep roots.
Route – We took the shortest route.

14. Stair – The man slipped while climbing the stairs.
Stare – It is a bad habit to stare at anyone.

15. Storey – This house has three storeys.
Story – My grandmother told me a very interesting story.

16. Their – Their house is small but comfortable.
There – We went there in a group.

17. Wait – I had to wait for a long time.
Weight – My weight is fifty kilograms.

18. Waist – The water in the river soon rose above his waist.
Waste – Don’t waste your time.

19. Weather – The weather has suddenly turned cold.
Whether – I want to know whether this answer is correct.

PSEB 9th Class English Vocabulary Homonyms

20. Heir – Kanwar Mahendra Singh is the next heir to the throne.
Air – Go out for a walk in the fresh air.

Choose the word from the pairs of words given and complete the sentences. You may have to change the form of the word in some cases.

fair, fare; groan, grown; practise, practice; principle, principal; feet, feat; vain, vein; stationery, stationary; wait, weight.

1. It is my ………… not to lend money to anyone.
2. The player was badly hurt and was ………… with pain.
3. Can you ………… for some time? The officer is very busy at the moment.
4. A passenger train hit a ………… goods train near Pune.
5. The ………… of buses may go up by 10% next month.
6. Have you done enough ………… to win the match ?
7. Mamta tried in ………… to climb to the top of the building.
8. The Lotus Temple in Delhi is a great ………… of engineering.
Answers
1. principle
2. groaning
3. wait
4. stationary
5. fare
6. practice
7. vain
8. feat.

PSEB 12th Class Hindi Solutions Chapter 26 रीढ़ की हड्डी

Punjab State Board PSEB 12th Class Hindi Book Solutions Chapter 26 रीढ़ की हड्डी Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 12 Hindi Chapter 26 रीढ़ की हड्डी

Hindi Guide for Class 12 PSEB रीढ़ की हड्डी Textbook Questions and Answers

(क) लगभग 60 शब्दों में उत्तर दें:

प्रश्न 1.
‘रीढ़ की हड्डी’ किसका प्रतीक है ? इसका अपने शब्दों में वर्णन करें।
उत्तर:
प्रस्तुत एकांकी में रीढ़ की हड्डी’ स्त्री को समाज रूपी शरीर का आधार माना गया है जो आज नारी उपेक्षा और सामाजिक विसंगतियों का शिकार हो रही है। रीढ़ की हड्डी’ शील और चरित्र का भी पर्याय है, जिसकी आज के युवा वर्ग में दिन-ब-दिन कमी आती जा रही है।

प्रश्न 2.
‘लेकिन घर जाकर ज़रा यह तो पता लगाइए कि आपके लाडले बेटे की रीढ़ की हड्डी है भी या नहीं।’ उमा के इन शब्दों का क्या अर्थ है ? स्पष्ट करें।
उत्तर:
उमा के प्रस्तुत शब्दों का अर्थ यह है कि मैडिकल कॉलेज में शिक्षा प्राप्त कर रहा उनका बेटा शंकर किस कारण से कम पढ़ी-लिखी लड़की चाहता है तथा उनका बेटा लड़कियों के होस्टल में तांक-झाँक क्यों कर रहा था। क्या उसका चरित्र साफ़-सुथरा है ? क्या उसकी रीढ़ की हड्डी है भी या नहीं ?

प्रश्न 3.
‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी में लेखक क्या कहना चाहता है ? अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर:
प्रस्तुत एकांकी में उमा के सशक्त चरित्र के माध्यम से लेखक नारी सशक्तिकरण का सन्देश देना चाहते हैं। उमा का यह कहना है कि ‘अब मुझे कह लेने दीजिए बाबू जी’ एक वैचारिक क्रान्ति के आने का सूचक है और उमा का कहना-‘इनसे ज़रा पूछिए कि क्या लड़कियों के दिल नहीं होते ? क्या उनके चोट नहीं लगती ? युवक समाज के ऊपर एक करारा व्यंग्य है।

PSEB 12th Class Hindi Solutions Chapter 26 रीढ़ की हड्डी

प्रश्न 4.
‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी के नाम की सार्थकता अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर:
रीढ़ की हड्डी’ एकांकी का नामकरण अत्यन्त सार्थक बन पड़ा है क्योंकि रीढ़ की हड्डी’ एकांकीकार के अनुसार समाज रूपी शरीर की स्त्री रीढ़ की हड्डी है तथा रीढ़ की हड्डी शील और चरित्र का भी पर्याय है। स्त्री समस्या से जुड़े हुए इस एकांकी में नारी के बदलते हुए क्रान्तिकारी विचारों की भी सूचना दी गई है साथ ही युवकों की चरित्रहीनता पर भी प्रकाश डाला गया है।

(ख) लगभग 150 शब्दों में उत्तर दें:

प्रश्न 5.
उमा का चरित्र-चित्रण लिखें।
उत्तर:
उमा एक पढ़ी-लिखी लड़की है। किन्तु समाज में प्रचलित रूढ़ियों के गुलाम उसके माता-पिता उसे मैट्रिक पास बताकर उसकी शादी करना चाहते हैं। यदि यह शादी हो जाती तो क्या उसकी सारी पढ़ाई बेकार न जाती ? उमा कृत्रिमता की घोर विरोधी है। वह एक लड़की की सुन्दरता उसके गुणों से देखी जाने के पक्ष में है। इसलिए उसे देखने आने वाले लड़के और उसके बाप के सामने वह किसी प्रकार का मेकअप करके नहीं जाना चाहती।

उमा जीवन के प्रति यथार्थवादी दृष्टिकोण रखती है। उसे देखने आए लड़के के पिता गाने को कहते हैं तो वह गा देती है किन्तु जब उसे पूछा जाता है कि उसे चित्रकारी आती है ? सिलाई आती है ? कोई इनाम-विनाम भी जीता है ? तो उसका मन अन्दर-ही-अन्दर दुःखी हो उठता है। उसके भीतर की आधुनिक नारी जाग उठती है।

वह हल्की किन्तु मज़बूत आवाज़ में कहती है-जब कुर्सी मेज़ बिकती है तब दुकानदार कुर्सी-मेज़ से कुछ नहीं पूछता, सिर्फ खरीददार को दिखला देता है। पसन्द आई गई तो अच्छा वरना पिता के डाँटने पर वह कहती है, “अब मुझे कह लेने दीजिए बाबू जी ……….. यह जो महाशय मेरे खरीददार बनकर आए हैं इनसे ज़रा पूछिए कि क्या लड़कियों के दिल नहीं होता ? क्या उनके दिल को चोट नहीं लगती ? क्या वे बेबस भेड़-बकरियाँ हैं, जिन्हें कसाई अच्छी तरह देखभाल कर खरीदते हैं ?”

वह डंके की चोट पर लड़के के पिता से कहती है कि मैंने बी०ए० पास किया है। कोई पाप नहीं किया। मुझे अपने मान और इज्ज़त का ध्यान है। आपके बेटे की तरह लड़कियों के होस्टल में तांक-झाँक करने पर पकड़े जाने पर नौकरानी के पाँव पकड़ कर छूटा था। फिर उसी बेटे के लिए मेरा तथा मेरे माता-पिता का अपमान किया जा रहा है। जिसकी बैक बॉन ही नहीं है। इस प्रकार उमा के रूप में हम एक आधुनिक नारी के चरित्र को देखते हैं जो आज अबला नहीं है, वह धीरे-धीरे सबला हो रही है। अपने अस्तित्व के लिए वह बड़े से बड़ा संघर्ष तथा त्याग कर सकती है।

प्रश्न 6.
‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी में किस सामाजिक समस्या को छुआ गया है ? आपके अनुसार इस समस्या का क्या हल है ?
उत्तर:
प्रस्तुत एकांकी एक सामाजिक एकांकी है। इस एकांकी में आज की बहुचर्चित समस्या, लड़की के विवाह की समस्या को चित्रित किया गया है। आज हमारी विवाह प्रणाली इतनी दोषपूर्ण और विकृत हो गई है कि लड़की का बाप होना एक मुसीबत से कम नहीं माना जाता। इसका प्रमाण हमें रामस्वरूप के उस कथन से लगता है जब वह कहता है, “क्या करूँ मजबूरी है। वह लड़की वाला है। मतलब अपना है नहीं तो इन लड़कों और इनके बापों को ऐसी-ऐसी कोरी-कोरी सुनाता कि यह भी …………..

लड़की के पिता की मजबूरी यह है कि वह लड़की के विवाह के लिए उसे सज़ा संवार कर प्रस्तुत करना चाहता है। इसके लिए चाहे उसकी लड़की कृत्रिम सौन्दर्य प्रसाधनों का सहारा ही क्यों न लें। . समाज में लड़के वालों की मनोवृत्ति पर भी प्रस्तुत एकांकी में प्रकाश डाला गया है। उमा को देखने आने वाले लड़के के पिता का विचार है कि मर्दो का काम है पढ़ना और काबिल बनना। अगर औरतें भी यही करने लगी तब तो हो चुकी गृहस्थी। मोर के पंख होते हैं, मोरनी के नहीं। लड़की के पिता को लड़की सजा संवार कर पेश करने की भावना के पीछे लड़कों की यह मनोवृत्ति है कि उनकी पत्नी सुन्दर हो। इसी कारण उमा का चश्मा पहनना लड़के और उसके बाप को अखरता है।

लेखक ने विवाह संस्था में दोषों की समस्या को उठाते हुए उमा की स्पष्टवादिता से इनका समाधान भी कर दिया है। हमारे विचार में विवाह सम्बन्धी समस्या का हल केवल नारी के पास है। उसे पटियाला की डॉक्टर लड़की की तरह जागरूक होकर वैचारिक क्रान्ति लाने की आवश्यकता है। उसे दबना छोड़कर दबाने की शक्ति अपने में पैदा करनी होगी।

प्रश्न 7.
‘शंकर’ शारीरिक व चरित्र की दृष्टि से रीढ़ की हड्डी से विहीन है, आपका इसके बारे में क्या विचार है-शंकर का चरित्र-चित्रण करें।
उत्तर:
शंकर वकील गोपाल प्रसाद का बेटा है। वह अपने पिता के साथ उमा को देखने आया है। अपने पिता के साथ-साथ वह भी इस बात में विश्वास करता है कि लड़की सुन्दर तो हो किन्तु कम पढ़ी-लिखी हो। किन्तु जब पिता के उमा से उल-जलूल सवाल पूछने के पश्चात् उमा उसकी पोल खोल देती है कि वह पिछली फरवरी में लड़कियों के होस्टल के इर्द-गिर्द घूमता हुआ पकड़ा गया था और वहाँ वह नौकरानी के पैरों को पड़कर अपना मुँह छिपाकर भागा था।

हमारे विचार से शंकर शारीरिक और चरित्र की दृष्टि से रीढ़ की हड्डी से विहीन है। इसीलिए वह अपने पिता के सामने मिट्टी का माधो बना बैठा रहता है। चरित्र की दृष्टि से ही नहीं पढ़ाई की दृष्टि से भी वह रीढ़ की हड्डी से विहीन है। जब उससे रामस्वरूप पूछते हैं कि उसका कोर्स खत्म होने में अब सालभर रह गया होगा तो वह खींसे निपोरता हुआ उत्तर देता है-जी यही कोई साल दो साल। पूछने पर वह कहता है-जी एकाध साल का मार्जन रखता हूँ।

उसके शारीरिक रूप से रीढ़ की हड्डी से विहीन होने का प्रमाण हमें उनके पिता के इस वाक्य से मिल जाता हैझुककर क्यों बैठते हो ? ब्याह तय करने आए हो, कमर सीधी करके बैठो। तुम्हारे. दोस्त ठीक कहते हैं कि शंकर के बैक बोन ……………..

इस तरह हम देखते हैं कि शंकर शारीरिक एवं चारित्रिक दृष्टि से रीढ़ की हड्डी से विहीन है। जैसे बे पेंदे का लोटा।

PSEB 12th Class Hindi Solutions Chapter 26 रीढ़ की हड्डी

प्रश्न 8.
रीढ़ की हड्डी एकांकी के पुरुष पात्रों की तीन-तीन चारित्रिक विशेषताएँ लिखें।
उत्तर:
प्रस्तुत एकांकी में तीन ही पुरुष पात्र हैं। रामस्वरूप, गोपाल प्रसाद और शंकर। इन पात्रों की तीन-तीन चारित्रिक विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

1. रामस्वरूप

  • लड़की का पिता-पुत्री का पिता होने के कारण वह अपनी लड़की के विवाह के लिए लड़के वालों से झूठ भी बोलता है कि उसकी लड़की मैट्रिक पास है जबकि उसकी लड़की बी०ए० पास है।
  • दिखावे में विश्वास रखने वाला-अन्य मध्यम वर्गीय लोगों की तरह रामस्वरूप भी दिखावे में विश्वास रखता है। लड़के वालों के आने पर वह घर को सजाता है उनके खान-पान के लिए दिखावे की वस्तुएँ जुटाता है और यहाँ तक कि वह अपनी लड़की को भी अच्छे ढंग के कपड़े पहन कर लड़के के सामने आने और तरीके से चल कर आने को कहता है।
  • विनोदी प्रिय-रामस्वरूप विनोदी प्रिय है। अपनी पत्नी को वह ग्रामोफोन बाजा कहता है जिसका रिकार्ड एक बार चढ़ा तो रुकने का नाम नहीं लेता। अपनी बेटी के पाउडर आदि न लगाने की बात पर वह हँसी में कहता है आजकल की लड़कियों के सहारे तो पाउडर का कारोबार चलता है।

2. गोपाल प्रसाद:

  • घोर स्वार्थी-गोपाल प्रसाद इतना स्वार्थी है कि लड़की वालों से हँसी-मज़ाक की बातें करता हुआ भी ध्यान अपने मतलब की ओर रखता है। वह बात काट कर कहता है कि अब ‘बिजनेस’ की बात हो जाए। रामस्वरूप के अन्दर नाश्ते का प्रबन्ध करने जाने पर वह उसके मकान को गहरी दृष्टि से देखता है। उसका विचार है कि लड़की ठीक-ठाक हो, उसका घर-बार भी ठीक से तो जन्मपत्री अपने आप मिल जाती है।
  • दकियानूसी-गोपाल प्रसाद एक वकील है। सभा-सोसाइटी में जाता है। किन्तु बेटे के लिए कम पढ़ी-लिखी लड़की चाहता है। उसका विचार है कि पढ़ाई-लिखाई केवल मर्दो का अधिकार है यदि औरतें भी यही काम करने लगीं, तो हो चुकी गृहस्थी। उसका विचार है कि दुनिया में कुछ चीजें ऐसी हैं जो सिर्फ मर्दो के लिए हैं।
  • अपनी चारपाई के नीचे लाठी नहीं फेरता-गोपाल प्रसाद को पता है कि उसके बेटे की बैकबोन नहीं है, उसमें स्थिरता नहीं है किन्तु लड़की के चश्मा लगाने पर उसे आपत्ति होती है। वे लड़की की चाल भी देखते हैं, उससे गाना भी सुनते हैं। वे चाहते हैं कि लड़की चित्रकारी भी जानती हो, सिलाई आदि भी करती हो। अपने लड़के की चरित्रहीनता की बात सुनकर वे जूं तक नहीं करते।

3. शंकर:

  • पढ़ाई में कमज़ोर-शंकर मैडिकल का छात्र है किन्तु वह स्वयं मानता है कि एक साल का कोर्स दो सालों में पास करेगा। उसके अनुसार-जी, एकाध साल का मार्जिन रखता हूँ।
  • बैक बोन विहीन-शंकर जानता है कि उसकी बैकबोन नहीं है जिसके कारण वह सीधा होकर बैठ नहीं सकता किन्तु अपने लिए लड़की वह सुन्दर किन्तु कम पढ़ी-लिखी चाहता है क्योंकि उसी के अनुसार-कोई नौकरी तो करानी नहीं है।
  • चरित्रहीन-शंकर का चरित्र भी ठीक नहीं। वह पिछली फरवरी में लड़कियों के होस्टल के इर्द-गिर्द चक्कर लगाता पकड़ा गया था और नौकरानी के पैर पकड़कर छूटा था।

(ग) सप्रसंग व्याख्या करें :

(1) जनाब मोर के पंख होते हैं, मोरनी के नहीं, शेर के बाल होते हैं, शेरनी के नहीं।
उत्तर:
प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियाँ जगदीशचन्द्र माथुर द्वारा लिखित सामाजिक एकांकी रीढ़ की हड्डी’ में से ली गई हैं। प्रस्तुत पंक्तियाँ गोपाल प्रसाद लड़की के पिता रामस्वरूप से पुरुष प्रधान समाज की बात करता हुआ कहता है।

व्याख्या:
गोपाल प्रसाद तर्क देता हुआ कहता है कि मर्दो का काम है पढ़ना और काबिल होना। यदि यही काम औरतें करने लगेंगी तो हो चुकी गृहस्थी। जैसे मोर के पंख होते हैं, मोरनी के नहीं और शेर के बाल होते हैं, शेरनी के नहीं। गोपाल प्रसाद यह तर्क देकर कहना चाहता है कि पढ़ाई और लियाकत मर्दो का ही अधिकार है।

विशेष:
गोपाल प्रसाद के दकियानूसी विचारों का पता चलता है।

(2) जब कुर्सी-मेज़ बिकती है, तब दुकानदार कुर्सी-मेज़ से कुछ नहीं पूछता, केवल खरीददार को दिखला देता है। पसन्द आ गई तो अच्छा है, वरना ……
उत्तर:
प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियाँ श्री जगदीशचन्द्र माथुर द्वारा लिखित सामाजिक एकांकी रीढ़ की हड्डी’ में से ली गई हैं। प्रस्तुत पंक्तियाँ उमा ने अपने को देखने आए गोपाल प्रसाद को उस समय कही हैं जब वह उसे कुछ बोलने के लिए कहते हैं।

व्याख्या:
जब उमा के पिता गोपाल प्रसाद को कुछ बोलकर कहने की बात कहते हैं तो उमा कहती है कि वह क्या जवाब दे। जब मेज़-कुर्सी बिकती है, तब दुकानदार कुर्सी-मेज़ से कुछ नहीं पूछता, केवल खरीददार को दिखला देता है। पसन्द आ गई तो खरीददार उसे खरीद लेता है नहीं तो चला जाता है।

विशेष:
भारतीय समाज में लड़की की स्थिति पर प्रकाश डाला गया है। विवाह के लिए दिखावे के समय उससे उसकी राय नहीं ली जाती। यही सामाजिक विडम्बना है।

(3) जी हाँ, और मेरी बेइज्जती नहीं होती तो आप इतनी देर से नाप-तोल कर रहे हैं ?
प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ श्री जगदीशचन्द्र माथुर द्वारा लिखित सामाजिक एकांकी रीढ़ की हड्डी’ में से ली गई हैं। प्रस्तुत पंक्ति उमा ने गोपाल प्रसाद को उस समय कहीं हैं जब वह उससे स्पष्ट और यथार्थ उत्तर सुनकर उसे अपनी इज्जत उतारने की बात कहता है।

व्याख्या:
जब उमा की खरी-खरी सुनकर गोपाल प्रसाद उमा के पिता से कहते हैं कि क्या उन्होंने उसकी इज्जत उतारने के लिए यहाँ बुलाया था तो उमा उत्तर देती हुई कहती है क्या हमारी बेइज्जती नहीं होती जो आप इतनी देर से नाप-तोल की बातें कर रहे हैं।

विशेष:
उमा के चरित्र की एक विशेषता–नारी की तेजस्विता की ओर संकेत किया गया है।

(4) अब मुझे कह लेने दीजिए बाबू जी। यह जो महाराज मेरे खरीददार बनकर आये हैं, इनसे ज़रा पूछिए कि क्या लड़कियों के दिल नहीं होता ? क्या उनके चोट नहीं लगती ?

प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ श्री जगदीश चन्द्र माथुर द्वारा लिखित एकांकी रीढ़ की हड्डी’ से ली गई हैं। ये शब्द उमा ने लड़के के पिता के उससे बार-बार प्रश्न पूछने से तंग आकर तथा पिता के डांटने पर कहे हैं।

व्याख्या:
उमा लड़के के पिता के प्रश्नों से परेशान होकर उत्तर देती है तो उसके पिता उसे डांट कर रोकते हैं। इस पर उमां कहती है कि उसे अपने मन की बात कहने के लिए बोलने दीजिए। वह लड़के के पिता की ओर संकेत करके जानना चाहती है कि वे जो उसे खरीदने आए हैं, क्या वे ये नहीं जानते कि लड़कियों का भी दिल होता है ? जब उन्हें कोई अपमानजनक बात कही जाती है। तो उनके दिल को भी ठेस पहुँचती है। विशेष-उमा अपने स्वाभिमान पर आँच नहीं आने देना चाहती।

PSEB 12th Class Hindi Solutions Chapter 26 रीढ़ की हड्डी

PSEB 12th Class Hindi Guide रीढ़ की हड्डी Additional Questions and Answers

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी के रचयिता कौन हैं ?
उत्तर:
जगदीश चंद्र माथुर।

प्रश्न 2.
जगदीश चंद्र माथुर का जन्म कब और कहां हुआ था?
उत्तर:
जगदीश चंद्र माथुर का जन्म 16 जुलाई, सन् 1917 ई० में शाहजहांपुर में हुआ था।

प्रश्न 3.
जगदीश चंद्र माथुर के अधिकतर नाटक किस आधार पर रचे गए हैं ?
उत्तर:
इतिहास के आधार पर।

प्रश्न 4.
जगदीश चंद्र माथुर की प्रमुख रचनाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
कोणार्क, शारदीया, पहला राजा, दशरथ नंदन, भोर का तारा, ओ मेरे सपने।

प्रश्न 5.
रीढ़ की हड्डी’ किस तरह की एकांकी हैं ?
उत्तर:
सामाजिक एकांकी।

प्रश्न 6.
लेखक ने एकांकी में किस समस्या को पाठकों/दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत किया है?
उत्तर:
मध्यवर्गीय समाज की शिक्षित लडकियों के विवाह से संबंधित।

प्रश्न 7.
विवाह के लिए लड़की देखने आए बाप-बेटा दोनों एकदम क्यों घबरा गए थे?
उत्तर:
क्योंकि लड़की ने चश्मा लगाया हुआ था।

प्रश्न 8.
लड़के के पिता लड़की से कैसे प्रश्न कर रहे थे?
उत्तर:
उल्टे-सीधे और बेहूदा।

प्रश्न 9.
लड़की ने लड़के के पिता के सामने किसकी चरित्रहीनता का पर्दाफाश कर दिया था?
उत्तर:
उनके बेटे शंकर की चरित्रहीनता का।

प्रश्न 10.
‘रीढ़ की हड्डी’ किसकी प्रतीक है?
उत्तर:
समाज रूपी शरीर का आधार और युवा पीढ़ी के चरित्र की।

प्रश्न 11.
शंकर किस कारण कम पढी-लिखी लड़की से विवाह करना चाहता था?
उत्तर:
क्योंकि उसका अपना चरित्र साफ-सुथरा नहीं था।

प्रश्न 12.
उमा का जीवन के प्रति कैसा दृष्टिकोण था?
उत्तर:
पूर्णरूप से यथार्थवादी दृष्टिकोण ।

प्रश्न 13.
उमा ने कहाँ तक शिक्षा प्राप्त की थी?
उत्तर:
बी० ए० तक।

प्रश्न 14.
उमा स्वभाव से कैसी थी?
उत्तर:
उमा स्वभाव से सीधी-सादी यथार्थवादी और कृत्रिमता की घोर विरोधी थी।

PSEB 12th Class Hindi Solutions Chapter 26 रीढ़ की हड्डी

प्रश्न 15.
राम स्वरूप की दो विशेषाताएं लिखिए।
उत्तर:
रामस्वरूप दिखावे में विश्वास रखने वाला, मध्यवर्गीय परिवार का विनोदप्रिय व्यक्ति है।

प्रश्न 16.
गोपाल प्रसाद कैसा व्यक्ति है?
उत्तर:
गोपाल प्रसाद घोर स्वार्थी, दकियानूसी और सभा-सोसाइटी में आने-जाने वाला व्यक्ति है।

वाक्य पूरे कीजिए

प्रश्न 17.
जब कुर्सी-मेज़ बिकती है, तब दुकानदार कुर्सी-मेज़ से…………..
उत्तर:
कुछ नहीं पूछता केवल खरीददार को खिला देता है।

प्रश्न 18.
जी हाँ, और मेरी बेइज्जती नहीं होती तो……….।
उत्तर:
आप इतनी देर से नाप-तोल कर रहे हैं।

प्रश्न 19.
क्या करूँ मजबूरी हैं। वह……………।
उत्तर:
लड़की वाला है।

प्रश्न: 20.
जी हाँ, ज़रूर चले जाइए। लेकिन घर जाकर…………….।
उत्तर:
यह पता लगाइएगा कि आप के लाडले बेटे की रीढ़ की हड्डी है भी कि नहीं। हाँ-नहीं में उत्तर दीजिए

प्रश्न 21.
उमा ने कमरे में पान की तश्तरी लेकर प्रवेश किया था। उत्तर-हाँ। प्रश्न 22. उमा ने गोपाल प्रसाद को करारा जवाब दिया था।
उत्तर:
हाँ।

बोर्ड परीक्षा में पूछे गए प्रश्न

प्रश्न 1.
‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी की नायिका का नाम लिखें।
उत्तर:
उमा।

प्रश्न 2.
रीढ़ की हड्डी’ एकांकी में गोपाल प्रसाद के बेटे का नाम लिखें।
उत्तर:
शंकर।

प्रश्न 3.
‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी में उमा के पिता का नाम लिखें।
उत्तर:
रामस्वरूप।

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

1. ‘रीढ़ की हड्डी’ के लेखक कौन हैं ?
(क) जगदीश चन्द्र माथुर
(ख) सतीशचन्द्र
(ग) गिरीशचन्द्र
(घ) गिरिजा कुमार
उत्तर:
(क) जगदीश चन्द्र माथुर

2. रीढ़ की हड्डी कैसी एकांकी है ?
(क) प्रतीकात्मक
(ख) सामाजिक
(ग) राजनीतिक
(घ) सांस्कृतिक
उत्तर:
(ख) सामाजिक

3. ‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी में रीढ़ की हड्डी किसकी प्रतीक है ?
(क) मानवीय चरित्र की
(ख) जीवन की
(ग) समाज की
(घ) संसार की
उत्तर:
(क) मानवीय चरित्र की

4. गोपाल प्रसाद कैसा व्यक्ति था ?
(क) दकियानुसी
(ख) सैनिक
(ग) तेजस्वी
(घ) बलशाली
उत्तर:
(क) दकियानुसी

5. ‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी का प्रमुख पात्र कौन है ?
(क) रामस्वरूप
(ख) देवस्वरूप
(ग) प्रसाद स्वरूप
(घ) हरिराय।
उत्तर:
(क) रामस्वरूप

रीढ़ की हड्डी Summary

रीढ़ की हड्डी जीवन परिचय

जगदीशचन्द्र माथुर जी का जीवन परिचय लिखिए।

जगदीशचन्द्र माथुर का जन्म 16 जुलाई, सन् 1917 में शाहजहाँपुर में हुआ था। आपने प्रयाग विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी में एम० ए०, और बाद में आई०सी०एस० की परीक्षा उत्तीर्ण की और बिहार के शिक्षा आयुक्त नियुक्त हुए। भारत सरकार के विभिन्न पदों पर कार्य करने के बाद सन् 1978 में आपका निधन हो गया। आपने ऐतिहासिक नाटकों के साथ-साथ सामाजिक एकांकी भी लिखे हैं। इनकी प्रमुख रचनाएँ कोणार्क, शारदीया, पहलाराजा, दशरथ नन्दन नाटक भोर का तारा तथा ओ मेरे सपने एकांकी संग्रह हैं।

रीढ़ की हड्डी एकांकी का सार

रीढ़ की हड्डी श्री जगदीशचन्द्र माथुर का एक प्रसिद्ध सामाजिक एकांकी है, जिसमें आजकल के मध्यवर्गीय समाज में शिक्षित लड़की के विवाह की समस्या का चित्रण बड़े कलात्मक ढंग से किया गया है। – रामस्वरूप एक मध्यवर्गीय समाज का व्यक्ति है। उसने अपनी लड़की उमा को बी०ए० तक शिक्षा दिलाई है। उसका अधिक पढ़ जाना उसके विवाह में बाधक बन गया है। उमा को देखने के लिए गोपाल प्रसाद नाम का व्यक्ति अपने लड़के शंकर के साथ आता है। आरम्भ में कुछ औपचारिक बातें होती हैं। कुछ समय बाद लड़के का बाप बताता है कि उसे अपने बेटे के लिए अधिक पढ़ी-लिखी लड़की नहीं चाहिए। लड़की के बाप ने उससे झूठ ही कहा था कि उसकी लड़की मैट्रिक तक ही पढ़ी है। . उमा कमरे में पान की तश्तरी लेकर प्रवेश करती है।

उसके चश्मा पहने होने पर दोनों बाप-बेटा घबरा जाते हैं। उसके बाद शंकर के पिता उमा से उल्टे-सीधे प्रश्न करते हैं जिससे उमा की सहनशीलता जवाब दे देती है। वह गोपाल प्रसाद को करारा जवाब देती है। साथ ही वह उनके बेटे शंकर की चरित्रहीनता का भी पर्दाफाश करती है। वह बताती है कि पिछली फरवरी में उनका बेटा लड़कियों के होस्टल के इर्द-गिर्द चक्कर लगाते हुए पकड़ा गया था और नौकरानी के पैर पकड़ कर इसने अपनी जान बचाई थी। यह सुनकर गोपाल प्रसाद तिलमिला उठता है और वहाँ से चलने को होता है। उमा तब व्यंग्य करती हुई उसे कहती है, “जी हाँ, ज़रूर चले जाइए। लेकिन घर जाकर यह पता लगाइएगा कि आपके लाड़ले बेटे की रीढ़ की हड्डी है भी कि नहीं।”

PSEB 9th Class English Grammar Non-Finites

Punjab State Board PSEB 9th Class English Book Solutions English Grammar Non-Finites Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 9th Class English Grammar Non-Finites

(a) Fill up the blanks, selecting suitable to-infinitives from the following list :

(to see, to implement, to do, to announce, to show, to join, to let, to waste, to play, to do, to go, to solve, to post, to ask, to remember)

1. It is time ………………
2. That was a sight …..
3. The judge has a judgement ………
4. That is something ………………..
5. I have a new plan ……………
6. I have a nice picture ……….
7. Have you any plan ……………… the college ?
8. I have some questions ……………… you.
9. Have you any work ……………. ?
10. I have a house 11. She has no problem ………………
12. I have no time …………….
13. Do you have any letters …………..
14. He has some homework …………..
15. Bedi has a match ……………… on Sunday.
Answer:
1. to go
2. to see
3. to announce
4. to remember
5. to implement
6. to show
7. to join
8. to ask
9. to do
10. to let
11. to solve
12. to waste
13. to post
14. to do
15. to play.

PSEB 9th Class English Grammar Non-Finites

(b) Frame seven meaningful sentences from the table below :

I have some letters
some homework
some good news
a question
some pictures
a match
no time
to ask you
to waste
to play on Sunday
to show you
to do
to tell you
to post

1. I have some letters to post.
2. I have some homework to do.
3. I have some good news to tell you.
4. I have a question to ask you.
5. I have some pictures to show you.
6. I have a match to play on Sunday.
7. I have no time to waste.

Fill up the blanks with the Present Participle form of the following Verbs :

(a) (smoke, look, spit, swim, read, wait, go, read, eat, see)

1. …………… is a very good exercise.
2. No …………….. in this compartment.
3. ……………. French is easier than to speak it.
4. ………….. after children requires patience.
5. ………….. between meals is bad.
6. No ……………….
7. He insisted on ……………. her.
8. I am quite used to ……………… in queues.
9. Do you feel like …………….. for a swim ?
10. I am looking forward to ……………… that book.
Answer:
1. Swimming
2. smoking
3. Reading
4. Looking
5. Eating
6. spitting
7. seeing
8. waiting
9. going
10. reading.

PSEB 9th Class English Grammar Non-Finites

(b) (travel, talk, work, walk, ride, see, wait, steal, drop, smoke, cut)

1. He is used to …………….. at night.
2. Try to avoid ……………. in the rush hour.
3. There’s nothing here worth ………….
4. Stop ……..
5. Would you mind ……………… a moment ?
6. He prefers …………….. to …………
7. The grass needs …………..
8. I don’t allow ……………… here.
9. I heard the cork ………..
10. I caught him ……………… my apples.
Answer:
1. working
2. travelling
3. seeing
4. talking
5. waiting
6. walking, riding
7. cutting
8. smoking
9. dropping
10. stealing.

Put the – ing forms (Participles) of the following Verbs in the blanks in the following sentences :

(please, write, rise, run, tire, drip, bore, work, grow, amuse.)
1. I caught a …………….. dog.
2. It was a ……………… sight.
3. We had a …………….. journey.
4. Give him a …………… pad.
5. …………… crops need care.
6. I do not like ……………… taps.
7. Did you see the …………….. flames ?
8. It was a ……………….. play.
9. We had an ……………… talk.
10. The government is looking after the …………… classes.
Answer:
1. running
2. pleasing
3. tiring
4. writing
5. Growing
6. dripping
7. rising
8. boring
9. amusing
10. working.

Given below are some pairs of sentences. Combine them into single sentences, using the Participle Phrases :

1. I saw a thief.
He was running away towards the station.

2. You can see the child.
She is sleeping peacefully.

3. His brother came home.
He brought an English wife with him.

4. Kindly give something to the poor beggar.
He is crying for alms.

5. The prince slept soundly.
He dreamt of his bright future.

6. My father came back home.
He brought some fruit for use.

7. Ram killed the witness.
He was giving a statement.

8. A police officer came to my house today.
He brought my missing bicycle with him.

9. I can hear my son.
He is saying prayers.

PSEB 9th Class English Grammar Non-Finites

10. Could you bring me a pen ?
It is lying on the shelf.
Answers
1. I saw a thief running away towards the station.
2. You can see the child sleeping peacefully.
3. His brother came home bringing an English wife with him.
4. Kindly give something to the poor crying beggar.
5. The prince slept soundly dreaming of his bright future.
6. My father came back home bringing some fruit for use.
7. Ram killed the witness giving a statement.
8. A police officer came to my house today bringing my missing bicycle with him.
9. I can hear my son saying prayers.
10. Could you bring me a pen lying on the shelf?

Fill in the blanks with correct Past Participle form of the given verbs :

(wound, cook, burn, break, write, build, rot, lose, unlock, fade, close, paint, translate, finish, fail)

1. I got my house ……………
2. He got the book …………
3. The …………… soldier was taken to the hospital.
4. The overseer is getting this house ……..
5. The ……………… rose was thrown out.
6. You must get the room ……………..
7. The …………….. food got spoilt.
8. Give a ……………… statement.
9. A ……………. child dreads the fire.
10. This college does not admit ……….. students.
11. He died of a …………….. heart.
12. The officer wants this work ………….. by today.
13. Who likes ……………. vegetables ?
14. That lady found her ……………… purse.
15. I found all the doors
Answer:
1. built
2. translated
3. wounded
4. unlocked
5. faded
6. painted
7. cooked
8. written
9. burnt
10. failed
11. broken
12. finished
13. rotten
14. lost
15. closed.

Combine the following sentences, using Participles or Gerunds or Infinitives :

1. I made a journey to Mumbai yesterday. I went there to get the best financial advice.
2. Your parcel never reached me. It had been addressed to the wrong place.
3. Turn to the right. You will find the office.
4. He drew his sword. He rushed at the king.
5. It was my purse. It had been lost.
6. He made a promise. He kept it also.
7. One must serve twenty years. After that one can retire.
8. He said he would come today. I was pleased at this.
9. I promise to help you in time of need. You can rely on this.
10. She was praised by all. She grew proud.
Answer:
1. I made a journey to Mumbai to get the best financial advice.
2. Having been addressed to the wrong place, your parcel never reached me.
3. Turning to the right, you will find the office.
4. Drawing his sword he rushed at the king.
5. It was my lost purse.
6. Having made a promise he kept it also.
7. After serving for twenty years one can retire.
8. I was pleased to hear of his coming today.
9. You can rely on my promise to help you in times of need.
10. Being praised by all, she grew proud.

PSEB 9th Class English Grammar Non-Finites

The Infinitive

क्रिया के मूल रूप को Infinitive कहा जाता है। इस पर कर्ता के Number और Person का कोई प्रभाव नहीं होता है।
Infinitive दो प्रकार के होते हैं :
Bare Infinitive : यह क्रिया का वह मूल रूप होता है जिसके साथ to नहीं लगता है।
I saw her weep. — We made her sing.

To-Infinitive : यह क्रिया का वह मूल रूप होता है जिसके साथ to लगा होता है।
I want to go now. — We have to pay taxes.

The Use of Bare-Infinitive

Bare-Infinitive का प्रयोग निम्नलिखित हालतों में किया जाता है :

1. निम्नलिखित सहायक क्रथाओ के बाद
do, does, did, can, could, will, would, shall, should, may, might, need, must, dare.
1. I shall accompany you.
2. He may come today.
3. You need not do it.

2. निम्नलिखित सकर्मत (Transitive) कियाओं के बाद :

make, let, bid, feel, hear, see, watch, notice, observe, if I
1. ‘I heard him go up the stairs.
2. I saw him steal my pen.
3. I felt the cold air strike against my face.
4. He made her weep every day.

3. had और would वाले निम्नालिखित phrases के बाद :

had better, had rather, would rather, had sooner, would sooner.
1. I would rather die than beg.
2. You had better stop smoking.

4. than (conjunction) it but (preposition) etc are :

1. I would rather walk than ride your scooter.
2. He did nothing but laugh.
नोट : but के बाद ‘bare-infinitive’ का प्रयोग केवल तभी किया जाता है जब but से पूर्व मुख्य क्रिया के रूप में do, does, did का प्रयोग किया गया हो।

The Use of To-Infinitive.

To-infinitive का प्रयोग निम्नलिखित हालतों में किया जाता है :

1. ought और have के साथ to-infinitive का प्रयोग किया जाता है यदि इन शब्दों का प्रयोग किसी जिम्मेदारी (obligation) अथवा कर्त्तव्य को प्रकट करने के लिए किया गया हो।

1. You ought to respect your elders.
2. We ought to help the poor.
3. I have to support my family.
4. She has to live with her parents.
5. Boys had to pay their fees.

2. किसी कारण अथवा उद्देश्या के प्रकट करने के लिए भी to-invinitive का प्रयोग किया जाता ह

1. She came here to consult you.
2. I went to Delhi to meet my brother.
3. They stopped at the market to buy some apples.
4. We did not go there to earn money.

निम्नलिखित क्रियाओं के साथ to-infinitive लगाया जाता है यदि उनका प्रयोग किसी मनोरथ, इच्छा अथवा तत्परता को प्रकट करने के लिए किया गया हो :

want, hope, like, love, hate, promise, intend, propose, decide, swear, learn, remember, forget, agree, consent, neglect, refuse, attempt, fail, hesitate, prepare, care, pretend, determine, arrange, seem.
1. I want to go now.
2. She decided to marry him.
3. I forgot to answer this question.
4. They promised to pay all the taxes.

PSEB 9th Class English Grammar Non-Finites

निम्नलिखित सकर्मक क्रियाओं के साथ कर्म (object) लगाने के बाद to-infinitive का प्रयोग किया जाता है :

ask, advise, allow, beg, compel, courage, force, instruct, invite, order, permit, request, tell, teach, warn, Bici
1. I begged him to help me.
2. My mother asked me to work hard.
3. The teacher allowed him to go.
4. The boys requested the teacher to forgive them.

Fill in the blanks with the correct form of the verbs given in brackets :

1. Mohan wants ………………. (swim) in the river.
2. The teacher asked him ……………….. (get) out of the room.
3. I forgot ……………….. (bring) my purse.
4. Let him ……………….. (go) now.
5. I have come ……………….. (see) the Principal.
6. It began ……………….. (rain) and we couldn’t go out.
7. We saw him ……………. (arrive) at the station.
8. The book was easy …………….. (read).
9. We didn’t expect Ram …………. (win).
10. They heard her ………………. (sing) a sweet song.
11. Mohan knows how ……………….. (answer) this question.
12. He was too tired ……………….. (walk).
13. He made me …………….. (do) it.
14. They stopped ……………… (have) some rest.
15. He is saving money ………….. (buy) a scooter.
16. Would you like …….. (have) dinner with us?

The Gerund

-ing प्रत्यय वाली ऐसी क्रिया जो Noun का काम कर रही हो उसे Gerund कहा जाता है। इसका प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में किया जा सकता है :

1. Subject to a Verb 1. Swimming improves one’s health.
2. Smoking causes cancer.
2. Object to a Verb 1. I dislike smoking.
2. I love swimming.
3. Object to a Preposition 1. He is fond of playing.
2. She was fined for coming late.
4. Complement to a Linking Verb 1. His only aim was cheating.
2. My favourite hobby is gardening.
5. In apposition to a Pronoun 1. It is no use crying.
2. It is foolish saying that.

Gerunds के प्रयोग के सम्बन्ध में ध्यान रखने योग्य बातें :

1. निम्नलिखित क्रियाओं के साथ कर्म (object) के रूप में to-infinitive तथा gerund में से किसी का भी प्रयोग किया जा सकता है।
advise, allow, attempt, begin, continue, hate, intend, learn, like, love, remember, start.

To-infinitive Gerund
1. He intends to live here.
2. I love to hear this song.
3. I remembered to see him.
4. We prefer to travel by air.
5. He continued to write letters.
1. He intends living here.
2. Move hearing this song.
3. I remembered seeing him.
4. We prefer travelling by air.
5. He continued writing letters.

2. अनुभूति सम्बन्धी निम्नलिखित क्रियाओं के साथ bare-infinitive अथवा gerund में से किसी का भी प्रयोग किया जा सकता है :
feel, hear, notice, observe, see, watch.

Bare-Infinitive Gerund
1. I heard her come in.
2. She saw me cross the road.
3. I heard you shout in the class.
1. I heard her coming in.
2. She saw me crossing the road.
3. I heard you shouting in the class.

3. निम्नलिखित क्रियाओं के साथ केवल gerund का ही प्रयोग किया जा सकता है। इनके साथ infinitive का प्रयोग कभी नहीं किया ‘
जाना चाहिए।
avoid, delay, deny, dislike, enjoy, finish, forget, imagine, keep (जारी रखना), mind (बुरा मनाना), pardon, postpone, risk, stop, suggest, try (परखना), understand.

4. निम्नलिखित क्रियाओं के साथ भी gerund का ही प्रयोग किया जाता है :

be worth, can’t bear, be no use, can’t stand, be no good, can’t help.

1. This table is worth buying.
2. It is no use crying over spilt milk.
3. It is no good imitating others.
4. She can’t bear living away from her children.
5. I can’t stand smoking in my room.
6. We couldn’t help laughing at him.

PSEB 9th Class English Grammar Non-Finites

5. यदि किसी gerund से पूर्व कोई संज्ञा अथवा सर्वनाम लगा हो, तो यह अवश्य ही सम्बन्धवाचक रूप में होना चाहिए, जैसे

1. I dislike Mohan’s coming late daily.
2. Your father depends on your working hard.
3. Do you mind my smoking here?

Fill in the blanks with the correct form of the given verbs (Gerund or Infinitive) :

1. I don’t mind …………. (give) my book to you.
2. My father has stopped ………… (talk) to him.
3. We enjoyed …………… (swim) in the river.
4. She likes …………. (walk) in her garden.
5. He has given up …………. (smoke).
6. The tailor has completed ………….. (sew) the shirt.
7. He refused ………….. (accept) my advice.
8. When the bell rang, the students came
9. I decided ………. (see) the Principal.
10. She offered …………… (bring) flowers for me.
11. I want …………… (play) cricket.
12. Do you really enjoy …………. (play) football ?
13. My father can’t afford ………….. (buy) a T.V. set.
14. They will not permit you …………… (talk) in the library.
15. I advised my brother ………….. (work) hard for the test.

The participle

क्रिया के जिस रूप में Verb तथा Adjective दोनों के ही गुण हों, उसे Participle कहा जाता है। Participle तीन प्रकार के होते हैं :

Present Participle Past Participle Perfect Participle
Drowning Drowned Having drowned
Seeing Seen Having seen
Finishing Finished Having finished

1. Present Participle के कुछ उदाहरण

  • A drowning man catches at a straw.
  • The results were encouraging.
  • Taking a walking stick, the old lady came out of the cottage.
  • Seeing the police, the thief ran away.
  • Naresh went into the bathroom singing.

2. Past Participle के कुछ उदाहरण

  • His spoken English is much better than yours.
  • These solved papers are very helpful.
  • I boarded a crowded bus.
  • I saw a faded rose.

3. Perfect Participle के कुछ उदाहरण

  • Having bought a book, I came back from the market.
  • Having done his homework, John went out to play.
  • Having attended a meeting of the club, I came back.
  • Having won a prize, Neelu felt happy.

4. Participle Phrases के कुछ उदाहरण
याद रखिए कि
(1) जब कोई क्रिया वाक्य की मुख्य क्रिया के समय पर ही हो रही हो तो उसके लिए Present Participle (V1-ing) का प्रयोग किया जाना चाहिए :
I looked through some old papers and came across this letter.
= Looking through some old papers, I came across this letter.

The students saw the Headmaster and they stopped talking.
= Seeing the Headmaster, the students stopped talking.

PSEB 9th Class English Grammar Non-Finites

(2) जब कोई क्रिया वाक्य की मुख्य क्रिया से पहले हो चुकी हो, तो उसके लिए Past Participle (having + V3) का प्रयोग किया जाता है :
I met my friend and went back with him to his house.
= Having met my friend, I went back with him to his house.

The match ended and the spectators went away.
= The match having ended, the spectators went away.

Fill in the blanks with the correct non-finite form (Infinitive, Gerund or Participle) of the verbs given in the brackets :

1. The rice will grow well in the ………… (come) rains.
2. We heard of his ………… (come) back today.
3. We hope …………… (see) him back soon.
4. …………… (Believe) him to be right, I trusted him.
5. Night ………….. (come) on, the men went home.
6. Did you hear of his ………. (win) a prize ?
7. I am tired of …………. (do) this work.
8. Generally ……… (speak), we get what we deserve.
9. We saw him …………( leave) the house.
10. I was very happy ………… (see) you.
11. I shall be glad …….. (help) you.
12. My wife ……………… (expect) my return, did not leave the house.
13. ………….. (Spelt) is more difficult than …………. (write).
14. I am …………… (blame), not you.
15. The coach made us … (run).

Miscellaneous Sentences For Practice

Use the proper form of Non-finites in the following sentences

I.

1. ………………. (Teach) correct English needs great care.
2. People assembled ………………. (hear) the Minister.
3. I saw him ………………. (leave) his house.
4. Some people love ……………….(climb) mountains.
5 ……………….(Walk) is a good exercise.
6. It is easy ………………. (advise) others.
7. People worship the ………………. (rise) sun.
8. I made him ………………. (laugh).
9. A ………………. (drown) man catches at a straw.
10. I intend ……………….(spend) my vacation with my uncle.

II.

1. We are busy ………………. (pack).
2. He refused ………………. (obey) me orders.
3. I hope ………………. (succeed) in my plans.
4. The ………………. (steal) money did not last long.
5. He insisted on ………………. (see) him.
6. These days it is not easy ………………. (get) a job.
7. We were too ……………….(tire) to work.
8. I enjoy ………………. (piny) with small children.
9. ………………. (Smoke) is injurious to health.
10. She agreed ………………. (marry) the poor shepherd.

PSEB 9th Class English Grammar Non-Finites

III.

1. They all heard him ………………. (sing).
2. The runner is ………………. (exhaust).
3. It is no use ………………. (wait) here now.
4. Are you interested in ………………. (paint) ?
5. Dogs are not allowed ………………. (enter) the garden.
6. ………………. (Swim) is a good exercise.
7. I heard him ………………. (cry) for help. .
8. Are you interested in ………………. (boat) ?
9. She was too tired ………………. (walk).
10. No ………………. (park) here.

IV.

1. I wonder why he avoids ………………. (meet) me.
2. It is no use ………………. (argue) with him.
3. I made him ………………. (feel!) sorry.
4. ………………. (Drink) ruins our health.
5. I don’t mind ………………. (wait).
6. He did not let me ………………. (play) in his garden.
7. I hope ………………. (get) first division in the examination.
8. I don’t want ………………. (swim) in the river.
9. I enjoy ………………. (sing) patriotic songs.

V.

1. His story made the listeners ………………. (weep).
2. Dancing is difficult ………………. (learn).
3. We enjoyed ………………. (boat) in the lake.
4. I saw the ball ………………. (roll) into the well.
5. We are looking forward to ………………. (see) her.
6. He used ………………. (smoke) in his youth.
7. How dare you ………………. (talk) like that ?
8. They found her ………………. (sleep).
9. They made her ………………. (sing) a song.
10. She refused ………………. (help).

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran लोकोक्तियाँ

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Lokoktiyan लोकोक्तियाँ Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 8th Class Hindi Grammar लोकोक्तियाँ

वाक्य प्रयोग सहित लोकोक्तियाँ

1. अन्धों में काना राजा = मूों में थोड़ा पढ़ा (सयाना) ।
प्रयोग – हमारे गाँव की अनपढ़ जनता को पोस्टमैन ही पत्र पढ़कर और सुनाकर आदर पाते हैं क्यों न हो ‘अन्धों में काना राजा’।

2. अधजल गगरी छलकत जाए = कम ज्ञान या धन वाला दिखावा अधिक करता है।
प्रयोग-कृष्णलाल है तो कमेटी में चपरासी लेकिन बातें ऐसी करता है, जैसे कहीं सचिव हो। ठीक है ‘अधजल गगरी छलकत जाए’।

3. अन्त भले का भला = अच्छे काम का फल अच्छा होता है।
प्रयोग – मैं तो सच्चाई और ईमानदारी पर चलने वाला हूँ। मेरा ‘अन्त भले का भला’ में दृढ़ विश्वास है।

4. अन्धी पीसे कुत्ता खाए = कमाए कोई, खाए कोई। प्रयोग-लाला सोहन लाल दिन-रात कोल्हू के बैल की तरह पिसते रहते हैं
और थोड़ी – सी पूँजी जमा करते हैं लेकिन उनके सम्बन्धी हितैषी वनकर गुलछर्रे उड़ाते हैं। ठीक ही कहा है अँधी पीसे कुत्ता खाए।

5. अक्ल बड़ी या भैंस = शारीरिक बल से बुद्धि बल बड़ा होता है।
प्रयोग – मोहन चाहे शारीरिक रूप से हृष्ट-पुष्ट है, परन्तु परीक्षा में सुधा के मुकाबले में उसे बहुत कम नम्बर मिलते हैं। इसीलिए कहा गया है कि अक्ल बड़ी या भैंस।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran लोकोक्तियाँ

6. अब पछताए क्या होत जब चिड़ियाँ चुग गई खेत = हानि होने पर पछताने से क्या लाभ।
प्रयोग – भाई मोहन परिश्रम करते तो पास होते। अब रोने से क्या होगा ? सच है ‘अब पछताए क्या होत जब चिड़िया चुग गई खेत।’

7. आम के आम गुठलियों के दाम = सब प्रकार से लाभदायक सौदा।
प्रयोग – रामदास हरिद्वार जाकर पुराने कपड़े भी बेच आया और गंगा स्नान भी कर आया। इसे कहते हैं-आम के आम गुठलियों के दाम।

8. आँख का अन्धा नाम नयन सुख = काम के प्रतिकूल नाम होना।
प्रयोग – उसका नाम तो भीमसेन है लेकिन है हड्डियों का ढाँचा। इसे कहते हैं ‘आँख का अन्धा नाम नयन सुख’।

9. आ बैल मुझे मार = जान बूझकर मुसीबत मोल लेना।
प्रयोग – अगले स्टेशन पर टी० टी० टिकट चैक कर रहा है। तुम बिना टिकट यात्रा करने की सोच रहे हो। इसे कहते हैं ‘आ बैल मुझे मार’।

10. आसमान से गिरा और खजूर पर अटका = एक मुसीबत से बचकर दूसरी मुसीबत में फँसना।
प्रयोग – चोर ने जब पुलिस को आते देखा तो अन्धेरे की ओर भागा और गड्ढे में गिर जाने से उसकी टाँग टूट गई। बेचारा ‘आसमान से गिरा और खजूर में अटका’।

11. आगे कुआँ पीछे खाई = दोनों ओर मुसीबत।
प्रयोग – सोहन ने आगे शेर आते देखा, पीछे साँप फुकारता, उसकी दशा तो ‘आगे कुआँ पीछे खाई’ वाली हो गई।

12. उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे = स्वयं का अपराध अन्य निर्दोष पर लगाना।
प्रयोग – राम की किताब रमेश ने चुराई तो रमेश उल्टे राम पर चोरी का इल्जाम लगाता है। ठीक है ‘उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे’।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran लोकोक्तियाँ

13. ऊँट के मुँह में जीरा = अधिक खाने वाले को कम मिलना,
प्रयोग – उस पहलवान के लिए एक चपाती ऊँट के मुँह में जीरे के समान ही है।

14. ऊँची दुकान फीका पकवान = बड़ा दिखावा पर भीतर से खोखला।
प्रयोग – स्कूल का नाम तो रखा ‘तक्षशिला विद्यालय’ परन्तु वहाँ जाकर देखा तो तीन-चार टूटे-फूटे कमरे थे। वही बात है ‘ऊँची दुकान फीका पकवान’।

15. एक अनार सौ बीमार = वस्तु एक, ग्राहक अनेक।
प्रयोग – गाँव में डॉक्टर तो एक है परन्तु बीमारी घर-घर फैली है। वहाँ एक अनार सौ बीमार’ वाली हालत है।

16. एक हाथ से ताली नहीं बजती = दो लड़ने वालों के कारण ही लड़ाई आरम्भ होती है।
प्रयोग – सुधा ने सारा दोष जब अपनी सास पर लगाया तो उसके पति ने कहा यह कैसे हो सकता है, भला एक हाथ से ताली बजती है।

17. एक पंथ दो काज = एक ही उपाय से दो काम निकालना।
प्रयोग – मैं गुरु नानक देव विश्वविद्यालय से फार्म लेने अमृतसर गया था और वहाँ दरबार साहिब और दुर्याणा मन्दिर भी देख आया। इस प्रकार ‘एक पंथ दो काज’ हो गए।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran लोकोक्तियाँ

18. एक ही थैली के चट्टे-बट्टे = सब एक जैसे बुरे।
प्रयोग – इस विभाग के सभी कर्मचारी एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं, तुम किसी को भी रिश्वत देकर काम निकाल सकते हो।

19. एक करेला दूसरा नीम चढ़ा = एक बुराई स्वाभाविक हो, दूसरी संगतिजन्य बुराई और इकट्ठी हो जाए।
प्रयोग – दिलीप पढ़ता-लिखता तो था नहीं अब सोहन जुआरिये के साथ जुआ भी खेलने लग पड़ा है। उस पर यह लोकोक्ति चरितार्थ होती है कि “एक करेला, दूसरा नीम चढ़ा।”

20. एक मछली सारे तालाब को गन्दा करती है = एक बुरा व्यक्ति सारे परिवार और समाज को बदनाम कर देता है।
प्रयोग-हमारे स्कूल का नाम सारे राज्य में है लेकिन राम बेकार की शरारतें करता है। वही नहीं जानता कि “एक मछली सारे तालाब को गन्दा करती है।”

21. ओखली में सिर दिया तो मसल से क्या डर = कठिन काम में कष्टों को सहना पड़ता है।
प्रयोग – कृपाराम ने जब चोरी कर ही ली है तो पुलिस का क्या डर ? क्योंकि “ओखली में सिर दिया तो मूसल से क्या डर ?”

22. कंगाली में आटा गीला = एक कष्ट पर दूसरा कष्ट।
प्रयोग – जगदीश पहले तो कठिनाई से गुजारा करता था। अब उसका लड़का बीमार हो गया है। सच है ‘कंगाली में आटा गीला’।

23. करनी और कथनी में अन्तर = कहने और करने में अन्तर।
प्रयोग – आतंकवादियों के विरुद्ध की जाने वाली कार्यवाही में पाकिस्तान के मन्त्री की करनी और कथनी में अन्तर साफ दिखाई पड़ता है।

24. काला अक्षर भैंस बराबर = अनपढ़ व्यक्ति।
प्रयोग – भारत के अधिकतर-ग्रामीणों के लिए काला अक्षर भैंस बराबर है।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran लोकोक्तियाँ

25. काठ की हाँडी बार-बार नहीं चढ़ती = छल-कपट का काम सदा सम्भव नहीं होता।
प्रयोग – मोहन मुझसे रुपए लेकर मुकर गया। जब दुबारा माँगने आया तो मैंने उसे साफ़ कह दिया भाई ‘काठ की हाँडी बार-बार नहीं चढ़ती’।

26. कोयले की दलाली में मुँह काला = बुरी संगति का बुरा प्रभाव।
प्रयोग – जगदीश ने दुष्ट प्रमोद से दोस्ती करके बदनामी प्राप्त की। उसे क्या मालूम था कि ‘कोयले की दलाली में मुँह काला’ होता है।

27. कुत्ते को घी हज़म नहीं होता = नीच आदमी उच्च पदवी मिल जाने पर इतराने लगता है।
प्रयोग – जब से आवारा देव की लाटरी निकली है उसने नौकरी छोड़कर जुआ खेलना शुरू कर दिया है क्योंकि ‘कुत्ते को घी हज़म नहीं होता’।

28. कौआ चला हंस की चाल अपनी चाल भी भूल गया = दूसरों की नकल में अपना गुण भी खो देना।
प्रयोग – धनी राम की नकल करके गरीबू अपनी थोड़ी-सी पूंजी भी गवां बैठा। इसलिए किसी ने कहा है ‘कौआ चला हंस की चाल अपनी चाल भी भूल गया।

29. खोदा पहाड़ निकली चुहिया = परिश्रम अधिक किन्तु लाभ थोड़ा।
प्रयोग – जब हम कांगड़ा का किला देखने चार किलोमीटर पैदल चलकर गए तो वहाँ पर देखा कि सब कुछ खंडहर हो चुका है। तब सब ने कहा कि ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran लोकोक्तियाँ

30. गंगा गए गंगाराम, जमुना गए जमुनादास = परिस्थिति के अनुसार बदलना।
प्रयोग – आजकल के विधायक तो लोभवश दल बदल लेते हैं। उनकी हालत तो ‘गंगा गए गंगाराम, जमुना गए जमुनादास’ जैसी ही है।

31. धूप में बाल सफ़ेद करना = अनुभव प्राप्त करना।
प्रयोग – बड़ों ने धूप में बाल सफ़ेद नहीं किए होते, हमें उनकी बात माननी चाहिए।

32. घर की मुर्गी दाल बराबर = अपने घर की वस्तु या चीज़ का आदर न होना।
प्रयोग – राम के घर तो पकौड़े भी देसी घी के बनते हैं, घर में चार दुधारू भैंसें हैं। ठीक ही कहा है ‘घर की मुर्गी दाल बराबर’।

33. चिराग तले अन्धेरा = खुद की बुराई नहीं देखना।
प्रयोग-मास्टर जी कहते हैं कि भाइयों से प्रेम करो और खुद भाइयों को पीटते हैं। इसे कहते हैं ‘चिराग तले अन्धेरा’।

34. चार दिन की चाँदनी फिर अन्धेरी रात = सुख सदैव नहीं रहता।
प्रयोग – धन सदा स्थिर नहीं रहता लाला जी, यह तो ‘चार दिन की चाँदनी फिर अन्धेरी रात, सिद्ध होता है।

35. जल में रहकर मगर से वैर = जिस जगह पर रहना हो वहाँ के अधिकारियों से बिगाड़ लेना।
प्रयोग – मैंने मोहन से कहा कि भाई, तूने तो सोहन से झगड़ा करके नौकरी खतरे में डाल ली है। इस तरह ‘जल में रहकर मगर से वैर’ नहीं हो सकता।

36. जिस थाली में खाना उसी में छेद करना = कृतघ्न व्यक्ति।
प्रयोग – सेठ जी ने अपने नौकर की लड़की की शादी के लिए चार हज़ार रुपए तो दे दिए किन्तु जाते समय वह हार भी चुरा कर ले गया। इस प्रकार ‘जिस थाली में खाया, उसी में छेद किया।

37. जिसकी लाठी उसकी भैंस = शक्तिशाली की जीत होती है।
प्रयोग – शिवाजी के शक्तिशाली होने पर उन्होंने दक्षिणी प्रदेश जीत लिया। इसको कहते हैं ‘जिसकी लाठी उसकी की भैंस’।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran लोकोक्तियाँ

38. जहाँ चाह वहाँ राह = तीव्र इच्छा हो तो काम बन जाता है।
प्रयोग – अरे बलदेव, पैसों की परवाह न करो, दिल से मेहनत करो सफलता तुम्हारे कदम चूमेगी, क्योंकि कहा है कि ‘जहाँ चाह वहाँ राह’।

39. जो गरजते हैं वे बरसते नहीं = डींग मारने वाले कुछ करते नहीं।
प्रयोग – अरे जाओ, बड़-बड़ न करो, मैंने बहुत देखे हैं तुम्हारे जैसे जो गरजते हैं, वे बरसते नहीं।

40. झोंपड़ी में रहकर महलों से नाता जोड़ना = अपनी पहुंच से बाहर की इच्छा करना।
प्रयोग – आज मध्यम वर्गीय लोग झोंपड़ी में रहकर महलों से नाता जोड़ने की बात सोच रहे हैं अमीर वे हो नहीं सकते, ग़रीब वे कहाना नहीं चाहते।

41. थोथा चना बाजे घना = कम योग्यता वाला ज्यादा डींगें मारता है।
प्रयोग – मोहन है तो पाँचवीं पास, पर कहता है अपने को साहित्यकार। सच है ‘थोथा चना बाजे घना’।

42. दूर के ढोल सुहावने = बिन देखी वस्तु प्रिय लगती है।
प्रयोग – हमने मंसूरी के बारे में खूब सुन रखा था कि यह तो पहाड़ों की रानी है लेकिन जब उसे देखने गए तो ऐसा कुछ भी न दिखाई दिया जिससे हम भी कह सकें कि मंसूरी बहुत सुन्दर नगर है। सच है ‘दूर के ढोल सुहावने’ लगते हैं।

43. दूध का जला छाछ को फूंक-फूंक कर पीता है = एक बार धोखा खाने वाला हमेशा आशंकित रहता है।
प्रयोग – रामचन्द्र ने जब से लोहे में घाटा खाया, तब से होशियारी से काम करता है। सच है कि ‘दूध का जला छाछ को फूंक-फूंक कर पीता है’।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran लोकोक्तियाँ

44. दूध का दूध पानी का पानी = सच्चा न्याय।
प्रयोग – न्यायाधीश ने प्रवीण और गौतम के झगड़े में निर्णय देते हुए ‘दूध का दूध, पानी का पानी’ करके दिखला दिया।

45. धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का = अस्थिर चित्त का व्यक्ति कहीं का नहीं रहता।
प्रयोग – इधर तो तुमने व्यापार में भी घाटा खा लिया और उधर नौकरी भी गई। तुम्हारी तो वही हालत है, ‘धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का।

46. न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी = कारण को ही समाप्त कर देना।
प्रयोग – अभिमन्यु की वीरता देखकर दुर्योधन ने कहा कि इसे जान से मार डालो। ‘न रहेगा बांस न बजेगी बाँसुरी’।

47. न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी = अपनी असमर्थता को छिपाने के लिए असम्भव शर्त लगाना।
प्रयोग – सुधा को गीत सुनाने को कहा गया तो वह कहने लगी-आर्केस्ट्रा, हारमोनियम, तबला बजाने वाले हों तो गा सकती हूँ। इस पर सबके मुँह से निकला ‘न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी’।

48. नाच न जाने आँगन टेढ़ा = कार्यविधि न जानने पर इधर-उधर के बहाने करना।
प्रयोग – तुलसीदास की चौपाइयों का अर्थ नन्दलाल को आता नहीं। कहने लगे यहाँ श्रोता ही बहुत कम हैं। वाह ! ‘नाच न जाने आँगन टेढ़ा’।

49. नौ नकद न तेरह उधार = ज्यादा उधार की बजाय थोड़ा नकद ही अच्छा है।
प्रयोग – लोभवश रमेश अधिक लाभ लेकर माल उधार बेचता है और लोग पैसे देते नहीं। इससे अच्छा है-नकद बेचो चाहे थोड़ा बेचो। सच है ‘नौ नकद न तेरह उधार’।

50. पाँचों उँगलियाँ बराबर नहीं होती = सब लोग एक जैसे नहीं होते।
प्रयोग – राम ने तो गंगू तेली की लड़की की शादी के लिए उसे तीन हजार रुपए दिए, लेकिन उसके भाई ने श्याम का मकान कुर्क करा लिया । तभी तो कहा है कि ‘पाँचों उँगलियाँ बराबर नहीं होतीं’।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran लोकोक्तियाँ

51. बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद = कदर करने की योग्यता न होना।
प्रयोग – जब मैंने कलावती को खाने के लिए काजू दिए तो उसने फीके हैं कहकर फेंक दिए। सच है, ‘बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद’।

52. भैंस के आगे बीन बजाना = मूर्ख को ज्ञानोपदेश देना।
प्रयोग – कवि सम्मेलन में कविताओं का स्तर बहुत अच्छा था मगर श्रोताओं में आधे व्यक्ति तो अनपढ़ ही थे, तो मुझे लगा कि यहाँ पर तो ‘भैंस के आगे बीन बजाना’ है।

53. मान न मान मैं तेरा मेहमान = जबरदस्ती मेहमान बनना।
प्रयोग – मेरा मित्र महीने भर से मेरे घर ठहरा हुआ है जाने का नाम ही नहीं लेता। इसे कहते हैं मान न मान मैं तेरा मेहमान।

54. मन चंगा तो कठौती में गंगा = यदि मन शुद्ध है, तो तीर्थ घर में ही है।
प्रयोग – पिता जी ने भीम से कहा कि बेटा मन्दिर में जाकर आडम्बर करने से तो अच्छा है कि घर में ही पूजा कर लो और माँ-बाप का आदर करो। जानते हो कि ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’।

55. मुद्दई सुस्त गवाह चुस्त = खुद तो कुछ भी न करना और साथियों से अधिक मदद मिलना।
प्रयोग – रवीन्द्र ने स्वयं तो आवेदन-पत्र तक नहीं भरा था कि चाचा जी उसकी नौकरी के लिए मुख्याध्यापक महोदय से मिल आए। वहीं बात सुनी हुई कि ‘मुद्दई सुस्त गवाह चुस्त’।

56. रस्सी जल गई पर बल न गया = दुर्दशा होने पर भी घमण्डी रहना।
प्रयोग – कत्ल के आरोप में नन्द किशोर की नौकरी तो छूट गई, पर अब भी घर वालों पर पैसे लेने के लिए रौब डालता है। सच है कि ‘रस्सी तो जल गई, पर बल नहीं गया।

57. सहज पके सो मीठा होय = धीरे-धीरे किया जाने वाला काम दृढ़ तथा फलदायक होता है।
प्रयोग – अरे महेश ! परीक्षा की शुरू से ही तैयारी करोगे, तब ही प्रथम स्थान प्राप्त कर सकोगे क्योंकि ‘सहज पके सो मीठा होय’।

58. साँप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे = काम भी हो जाए और हानि भी न हो।
प्रयोग – पिता जी ने दिनेश से कहा कि बेटा, उससे झगड़ा करना ठीक नहीं। कुछ ऐसी तरकीब सोचो कि ‘साँप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे’।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran लोकोक्तियाँ

59. सावन हरे न भादों सूखे = सदा एक-सी अवस्था में रहना।।
प्रयोग – सुरेश निर्धन होने के कारण पाई-पाई के लिए मरता था। लेकिन अब जबकि उसका व्यापार चमक उठा है, अब भी उसकी पाई-पाई के लिए मरने की आदत नहीं गई। उसकी तो ‘सावन हरे न भादों, सूखे’ वाली बात है।

60. सौ सुनार की एक लोहार की = कमज़ोर की सौ चोटों से बलवान की एक चोट ही करारी होती है।
प्रयोग – प्रतिदिन तंग किये जाने पर प्रमोद ने बलदेव से कहा-ध्यान से सुन लो किसी दिन इतना पीढूँगा कि नानी याद आ जाएगी। तुम शायद जानते नहीं कि “सौ सुनार की, एक लोहार की” होती है।

61. होनहार बिरवान के होत चीकने पात = योग्य व्यक्ति की योग्यता का बचपन में ही पता चल जाता है।
प्रयोग – भारत केसरी विजय का बचपन से ही कुश्ती में इतना लगाव था कि गुरु गिरधारी ने कह दिया था कि यह कभी भारत का सर्वश्रेष्ठ पहलवान होगा, क्योंकि ‘होनहार बिरवान के होत चीकने पात’।

62. हाथी के दाँत, खाने के और दिखाने के और = कपटी व्यक्ति।
प्रयोग – आजकल के नेताओं की कथनी और करनी में दिन-रात का अन्तर होता है, क्योंकि वे तो ‘हाथी के दाँत, खाने के और दिखाने के और’ की लोकोक्ति को चरितार्थ करते हैं।

63. हाथ कंगन को आरसी क्या = प्रत्यक्ष को प्रमाण की क्या आवश्यकता है
प्रयोग – कठोर परिश्रम सफलता की गारंटी है आज से ही परिश्रम करना शुरू करें और परिणाम स्वयं देख लें- हाथ कंगन को आरसी क्या’।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Muhavare  मुहावरे Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 8th Class Hindi Grammar मुहावरे

मुहावरे :
जब कोई वाक्य या वाक्यांश अपने साधारण अर्थ को छोड़कर विलक्षण अर्थ प्रकट करे, उसे मुहावरा या वाग्धारा कहा जाता है।
वाक्य प्रयोग सहित मुहावरे

1. अपनी खिचड़ी अलग पकाना = सबसे अलग रहना,
प्रयोग – सबके साथ मिलकर रहना चाहिए, अपनी खिचड़ी अलग पकाने से कोई लाभ नहीं होता।

2. अन्धे की लकड़ी = एकमात्र सहारा,
प्रयोग – राकेश ही बुढ़ापे में मुझ अन्धे की लकड़ी है।

3. अन्धेरे घर का उजाला = इकलौता बेटा,
प्रयोग – रमन अन्धेरे घर का उजाला है, उसका ध्यान रखो।

4. अंग-अंग ढीला होना = थक जाना,
प्रयोग – दिन भर के परिश्रम से मजदूरों का अंग-अंग ढीला हो जाता है।

5. अन्तिम दीपक बुझना = आखिरी सहारा भी खत्म होना,
प्रयोग – पहले बड़े पुत्र की मौत हो गई और अब छोटे की, लाला राम नाथ का अन्तिम दीपक भी बुझ गया।

6. अँगूठा दिखाना = इन्कार कर देना,
प्रयोग – नेता लोग चुनाव के दिनों में बीसों वायदे करते हैं, परन्तु बाद में अँगूठा दिखा देते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

7. अंगुली उठाना = दोष लगाना, निन्दा करना,
प्रयोग – कर्त्तव्यपरायण व्यक्ति पर कोई अंगुली नहीं उठा सकता।

8. अंगारे उगलना = क्रोध में जली-कटी बातें कहना,
प्रयोग – रावण को जब अंगद ने खरी-खरी सुनाई तो वह भरी सभा में अंगारे उगलने लगा।

9. अपना उल्लू सीधा करना = स्वार्थ निकालना,
प्रयोग-आज हर कोई अपना उल्लू सीधा करना चाहता है।

10. अगर-मगर करना = टाल मटोल करना,
प्रयोग-कभी भी अगर-मगर नहीं करना चाहिए सदैव हाँ या नहीं में उत्तर देना ही उचित है।

11. अपना खून देना = कुर्बानी करना,
प्रयोग – आजादी के लिए अनेक देशभक्तों ने अपना खून दिया था।

12. आँख उठाना-बुरी नज़र से देखना,
प्रयोग – पाकिस्तान की क्या हिम्मत जो भारत की ओर आँख उठा सके।

13. आँख मूंदना = मर जाना,
प्रयोग – लम्बी बीमारी के बाद बिन्दा ने सदा के लिए आँख मूंद ली।

14. आँखें बिछाना = प्रेम से स्वागत करना,
प्रयोग – प्रधानमन्त्री के आगमन पर नगरवासियों ने आँखें बिछा दीं।

15. आँखें मलना = जागना,
प्रयोग – पिता के उठाने पर मनोहर आँखें मलता हुआ बाहर आया तो दिन चढ़ चुका था।

16. आकाश से बातें करना = बहुत ऊँचे होना,
प्रयोग – राजधानी दिल्ली के कई भवन आकाश से बातें करते दिखाई देते हैं।

17. आड़े हाथों लेना = खरी-खरी सुनाना,
प्रयोग – सोहन के लगातार बोलने पर मैंने उसे आड़े हाथों लिया।

18. आग बबूला होना = बहुत कुद्ध होना,
प्रयोग – अंगद की खरी-खोटी सुनकर रावण आग-बबूला हो गया।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

19. आँखों का तारा = बहुत प्यारा,
प्रयोग – सुनील तो अपनी माता-पिता की आँखों का तारा है।

20. आकाश-पाताल एक करना = बहुत प्रयत्न करना,
प्रयोग – चोर ने बचने के लिए आकाश-पाताल एक कर दिया लेकिन उसकी एक न चली।

21. आँखों में खून उतरना = बहुत गुस्सा आना-नौकर को अपने साथ जुबान लड़ाते देख सेठ जी की आँखों में खून उतर आया।

22. आग भड़क उठना = फैल जाना,
प्रयोग – छोटी-सी बात पर मुरादाबाद में साम्प्रदायिक दंगों की आग भड़क उठी।

23. आगे-पीछे घूमना = चापलूसी करना,
प्रयोग – आजकल बहुत से नेता मन्त्रियों के आगे-पीछे घूमते हैं।

24. आँखों में धूल झोंकना = धोखा देना,
प्रयोग – ठग राम की आँखों में धूल झोंक कर पाँच सौ रुपए ले गया।

25. आँखों में रात काटना = चिन्ता के कारण सो न सकना,
प्रयोग – कब तक आँखों में रात काटोगे ? यह मत भूलो कि हर रात के बाद सवेरा होता है।

26. आँखें भर आना = आँसू निकलना,
प्रयोग – भिखारी की दर्द भरी कहानी सुनकर मेरी आँखें भर आईं।

27. आँखें फेर लेना = बदल जाना, प्रतिकूल होना,
प्रयोग – अक्सर काम निकल जाने पर लोग आँखें फेर लेते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

28. आँखों में चर्बी छा जाना = बहुत घमण्ड होना,
प्रयोग – लाटरी निकलने पर हर किसी की आँखों में चर्बी छा जाती है।

29. आँधी की भाँति बढ़ना = बड़ी तेजी से आगे जाना,
प्रयोग – स्यालकोट क्षेत्र में भारतीय सेना, आँधी की भाँति आगे बढ़ गई थी।

30. इधर-उधर की हाँकना = व्यर्थ की गप्पें मारना,
प्रयोग – राम सदैव इधर-उधर की हाँकता रहता है।

31. ईद का चाँद होना = बहत दिनों के बाद दिखाई देना,
प्रयोग – अरे सुरेश ! तुम तो ईद के चाँद हो गए हो, कहाँ रहते हो ?

32. उत्साह मन्द पड़ जाना = हौसला ठण्डा पड़ना,
प्रयोग – परीक्षा में एक बार असफल रहने पर दिनेश का उत्साह मन्द पड़ गया।

33. उल्टी गंगा बहाना = उल्टी बातें करना,
प्रयोग – आजकल माता-पिता बच्चों से डरने लगे हैं, अब उल्टी गंगा बह रही है।

34. उड़ती चिड़िया पहचानना-चालाक होना, दूर की बात जान लेना,
प्रयोग – मोहन ने धूप में बाल सफ़ेद नहीं किए, वह उड़ती चिड़िया पहचानता है।

35. उन्नीस-बीस का अन्तर = बहुत कम अन्तर,
प्रयोग – मोहन तथा सोहन के कद में उन्नीस-बीस का अन्तर है।

36. एक न चलना = कोई युक्ति सफल न होना,
प्रयोग – रावण की श्री रामचन्द्र के आगे युद्ध में एक न चली।

37. एक आँख से देखना = बराबर का बर्ताव,
प्रयोग – माता-पिता अपने सभी बच्चों को एक आँख से देखते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

38. एड़ी चोटी का जोर लगाना = पूरा जोर लगाना।
प्रयोग – औरंगज़ेब ने शिवाजी को पकड़ने के लिए एडी चोटी का जोर लगा दिया, लेकिन सफल न हो सका।

39. कमर कसना = तैयार होना,
प्रयोग – आज देश की ग़रीबी दूर करने के लिए सबको कमर कसनी चाहिए।

40. काम आना = युद्ध में मारा जाना,
प्रयोग – कारगिल के युद्ध में अनेक भारतीय वीर काम आए।

41.कान में तेल डालना = किसी बात को न सुनना,
प्रयोग – अरे राकेश, क्या तूने कान में तेल डाल रखा है, जो इतना ऊँचा बोलने पर भी नहीं सुनता।

42. कोलाहल मचाना = बहुत शोर करना,
प्रयोग – स्कूल में छुट्टी होते ही बच्चे कोलाहल मचाने लगते हैं।

43. नकोरा जवाब देना = साफ़ इन्कार करना,
प्रयोग – जब मैंने सोहन से साइकिल माँगी तो उसने मुझे कोरा जवाब दे दिया।

44. कसौटी पर कसना = बहुत परखना,
प्रयोग – मैं पहले व्यक्ति को कसौटी पर कस लेने के पश्चात् ही मित्र बनाता

45. कुत्ते की मौत मरना = बुरी हालत में मरना,
प्रयोग – बुरे कार्यों में लिप्त रहने वाले सदैव कुत्ते की मौत मरते हैं।

46. कोल्हू का बैल – रात-दिन काम करने वाला,
प्रयोग – कोल्हू का बैल बनने पर भी आजकल निर्वाह कठिनता से होता है।

47. खून खौलना = बहुत क्रोधित होना,
प्रयोग – भरी सभा में द्रौपदी का अपमान होते देखकर भीम का खून खौलने लगा।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

48. खून का प्यासा = कट्टर शत्रु,
प्रयोग – आज भाई-भाई के खून का प्यासा बन गया है।

49. खून का घूट पीना = क्रोध को दिल में दबाए रखना,
प्रयोग – हरगोपाल की पुत्रवधू उसकी गालियाँ सुनकर खून का चूंट पीये रहती है।

50. खून की नदियाँ बहाना = बहुत मार काट करना,
प्रयोग – सरहिन्द में बन्दा बहादुर ने खून की नदियाँ बहा दीं।

51. खून पसीना एक करना = बहुत परिश्रम करना,
प्रयोग – इस महँगाई के ज़माने में खून पसीना एक करना पड़ता है, तब कहीं जाकर निर्वाह होता है।

52. खाला जी का घर = आसान काम,
प्रयोग – दसवीं श्रेणी उत्तीर्ण करना खाला जी का घर नहीं है।

53. खरी-खरी सुनाना = सच्ची बात कहना,
प्रयोग – अंगद ने रावण को खरी-खरी सुनाई तो वह अंगारे उगलने लगा।

54. खेल बिगाड़ना = बने काम को खराब करना,
प्रयोग – अनिल तुमने बीच में पकड़कर हमारा सारा खेल बिगाड़ दिया। वह अभी मेरे साथ चलने वाला था।

55. खाक छानना = मारे-मारे फिरना,
प्रयोग – बचपन में राम पढ़ा नहीं, अब खाक छानता फिरता है।

56. गुदड़ी का लाल = बहुत प्यारा
प्रयोग-सचमुच सुनील गुदड़ी का लाल है। निर्धनता की अवस्था में भी
परीक्षा में जिले भर में प्रथम आया है।

57. गले लगाना = बहुत प्यार करना, आलिंगन करना,
प्रयोग – बुढ़िया ने देर से बिछुड़े पुत्र के मिलने पर उसे गले लगा लिया।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

58. गले का हार = बहुत प्रिय,
प्रयोग – रीता इकलौती बेटी होने के कारण अपने माता-पिता के गले का हार है।

59. गागर में सागर भरना-संक्षेप में बहुत कुछ कह देना,
प्रयोग – रीतिकालीन कवि बिहारी जी ने अपने दोहों में गागर में सागर भर दिया है।

60. घर में गंगा = सहज प्राप्ति,
प्रयोग – अरे सुरेश ! तुम्हें पढ़ाई की क्या चिन्ता ? तुम्हारा भाई अध्यापक है, तुम्हारे घर में गंगा बहती है।

61. घुटने टेकना = आत्म-समर्पण करना,
प्रयोग – सन् 1971 के भारत-पाक युद्ध में पकिस्तान की सेना ने शीघ्र ही भारतीय सेना के आगे घुटने टेक दिए थे।

62. घाव पर नमक छिड़कना = दुःखी को और दुखाना,
प्रयोग – उसने मुझसे ऐसी बातें कह-कह कर मेरे दुःख को कम नहीं किया बल्कि मेरे घावों पर नमक छिड़क दिया है।

63. घी के दीये जलाना = खुशी मनाना,
प्रयोग – जब अयोध्या में श्री रामचन्द्र वापस पहुँचे तो लोगों ने घी के दीये
जलाए।

64. घाट-घाट का पानी पीना = अनुभवी होना,
प्रयोग – अनिल को कोई धोखा नहीं दे सकता क्योंकि उसने तो घाट-घाट का पानी पीया है।

65. चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना = भयभीत होना,
प्रयोग-पुलिस को पहुँचा देखकर चोर के चेहरे पर हवाइयाँ उड़ गईं।

66. चकमा देना = धोखा देना,
प्रयोग – डाकू पुलिस को चकमा देकर चम्पत हो गए।

67. चलती गाड़ी में रोड़ा अटकाना = बनते काम में रुकावट डालना,
प्रयोग – आजकल चलती गाड़ी में रोड़ा अटकाने वाले बहुत हैं।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

68. चल बसना = मर जाना,
प्रयोग – श्याम के पिता दो वर्ष की लम्बी बीमारी के बाद चल बसे।

69. चार चाँद लगना = मान बढ़ना,
प्रयोग – नवनीत ने आठवीं की परीक्षा में सर्वप्रथम आकर अपने कुल को चार चाँद लगा दिए।

70. चाँदी होना-बहुत लाभ होना,
प्रयोग – जब से तुमने व्यापार आरम्भ किया है, तुम्हारी तो चाँदी हो गई है।

71. चाल में आना = धोखे में फँसना,
प्रयोग – तुम्हें राम की चाल में नहीं आना चाहिए, वह ठग है।

72. चम्पत होना = खिसक जाना,
प्रयोग – सिपाही का जैसे ही ध्यान दूसरी तरफ हुआ कि चोर चम्पत हो गया।

73. चादर से बाहर पैर पसारना = आमदनी से बढ़ कर खर्चा करना,
प्रयोग – चादर से बाहर पैर पसारने वाले लोग अन्त में पछताते हैं।

74. चीत्कार कर उठना = ज़ोर से चीखना,
प्रयोग – कलिंग के युद्ध में भीषण मार-काट देखकर महाराजा अशोक चीत्कार कर उठा।

75. चुल्लू भर पानी में डूब मरना = बहुत लज्जित होना,
प्रयोग – अरे अनिल ! इस छोटे से पिट गए , चुल्लू भर पानी में डूब मरो।

76. छाती पर पत्थर रखना = चुपचाप दुःख सहना,
प्रयोग – शीला जिस दिन से अपने ससुराल आई थी, उसी दिन से उसने अपनी छाती पर पत्थर रख लिया था।

77. छक्के छूटना = हिम्मत हारना, घबरा जाना,
प्रयोग – महात्मा गाँधी के आन्दोलनों के समय अंग्रेजों के छक्के छूट गए।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

78. छक्के छुड़ाना = बुरी तरह हराना,
प्रयोग – सन् 1971 के युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सेना के छक्के छुड़ा दिए।

79. छठी का दूध याद आना = भारी संकट पड़ना, कठिनाई अनुभव होना,
प्रयोग – श्री रामचन्द्र ने तीक्ष्ण बाणों के प्रहार से रावण को छठी का दूध याद दिला दिया।

80. जंगल में मंगल होना = निर्जन स्थान में रौनक होना,
प्रयोग – जब से विद्यार्थियों की टोली ने इस स्थान पर अपना कैम्प लगाया है, तब से यहाँ जंगल में मंगल हो गया है।

81. जूतियाँ चाटना = खुशामद करना,
प्रयोग – मोहन दूसरों की जूतियाँ चाटकर अपना काम निकालने में निपुण है।

82. जूं तक न रेंगना = कुछ प्रभाव न होना,
प्रयोग – मैंने मोहन को कई बार चोरी करने से मना किया, लेकिन उस पर जूं तक न रेंगी।

83. जान हथेली पर रखना = मरने की बिल्कुल परवाह न करना,
प्रयोग – रणक्षेत्र में भारत के वीर सदा जान हथेली पर रख कर लड़ते हैं।

84. जलती आग में घी डालना = क्रोध को अथवा लड़ाई को बढ़ाना,
प्रयोग – अनि पहले से ही सोहन से नाराज़ था ऊपर से कमल ने सोहन के विरुद्ध भड़का कर जलती आग में घी डाल दिया।

85. ज़हर का पूंट पीना = क्रोध को दबाना,
प्रयोग – देवर की बातें सुन कर शीला को क्रोध तो बहुत आया लेकिन वह ज़हर का चूंट पीकर रह गई।

86. जादू का सा प्रभाव पड़ना-अच्छा प्रभाव पड़ना,
प्रयोग- महात्मा जी की बातों का श्रद्धालुओं पर जादू का सा प्रभाव पड़ा।

87. जान पर खेलना = खुशी से जान देना, प्राणों की परवाह न करना,
प्रयोग-भगत सिंह जैसे देशभक्त भारत की स्वतन्त्रता के लिए जान पर खेल गए।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

88. जिगर का टुकड़ा = बहुत प्यारा,
प्रयोग – इकलौता बेटा अपने माँ-बाप के जिगर का टुकड़ा होता है।

89. जी चुराना = परिश्रम से भागना,
प्रयोग – अच्छे विद्यार्थी कभी भी पढ़ाई से जी नहीं चुराते।

90. टाँग अड़ाना = व्यर्थ दखल देना, रुकावट डालना,
प्रयोग – अरे प्रमोद ! अगर तुम सुरेश की सहायता नहीं कर सकते तो उसके काम में टाँग क्यों अड़ाते हो ?

91. टका-सा जवाब देना = साफ इन्कार कर देना,
प्रयोग – मैंने जब सुनील से 20 रुपए उधार माँगे तो उसने मुझे टका-सा जवाब दे दिया।

92. टेढ़ी खीर = कठिन कार्य,
प्रयोग – आजकल शिक्षित के लिए भी सरकारी नौकरी ढूँढ़ना टेढ़ी खीर है।

93. टक्कर लेना = मुकाबला करना,
प्रयोग – महाराणा प्रताप ने मुग़लों से टक्कर ली।

94. टस से मस न होना = ज़रा भी प्रभाव न होना, बात पर डटे रहना,
प्रयोग – बहुत समझाने पर भी जब वह टस से मस न हुआ तो मैंने उससे बोलना बन्द कर दिया।

95. ठोकरें खाना = धक्के खाना,
प्रयोग – प्रमोद पहले बचपन में पढ़ा नहीं और अब ठोकरें खाता फिरता है।

96. ठिकाने लगाना = मार देना, नाश कर देना,
प्रयोग-शिवाजी ने कितने ही मुग़लों को ठिकाने लगा दिया।

97. ठन-ठन गोपाल = जेब खाली होना,
प्रयोग – तुझे पैसे कहाँ से दूँ आज तो मैं भी ठन-ठन गोपाल हूँ।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

98. डींग मारना = शेखी मारना,
प्रयोग – राकेश डींगें मारता है लेकिन वैसे पाई-पाई के लिए मरता है।

99. डंका बजना = प्रभाव होना, अधिकार होना, विजय पाना,
प्रयोग – आज विश्व भर में रूस की शक्ति का डंका बज रहा है।

100. डूबते को तिनके का सहारा = संकट में थोड़ी-सी सहायता मिलना,
प्रयोग – इस मुसीबत में तुम्हारे दस रुपए ही मेरे लिए डूबते को तिनके का सहारा सिद्ध होंगे।

101. ढाढस बंधाना = हौसला देना,
प्रयोग – शाम के पिता की मृत्यु पर सभी उसे ढाढस बंधाने लगे।

102. तलवे चाटना = चापलूसी करना,
प्रयोग – मुनीश दूसरों के तलवे चाट कर काम निकालने में बड़ा चुस्त है।

103. ताक में रहना = अवसर देखते रहना,
प्रयोग – डाकू सदैव डाका मारने की ताक में रहते हैं।

104. तिल का ताड़ बनाना = बात बढ़ाना,
प्रयोग – क्यों तिल का ताड़ बनाते हो ? इतनी छोटी-सी लड़ाई पर मुख्याध्यापक के पास जाकर शिकायत करना ठीक नहीं है।

105. तिल धरने की जगह न होना = बहुत अधिक भीड़ होना,
प्रयोग – वार्षिक परीक्षा के नतीजे के दिन पाठशाला में इतनी भीड़ थी कि तिल धरने की जगह न थी।

106. तिलाञ्जलि देना = त्याग देना, छोड़ना,
प्रयोग – तुम्हें मोहन जैसे स्वार्थी तथा शरारती मित्र को दूर से ही तिलाञ्जलि दे देनी चाहिए।

107. तूती बोलना = प्रभाव होना, बात का माना जाना,
प्रयोग – आजकल धनी व्यक्ति की प्रत्येक स्थान पर तूती बोलती है।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

108. थाह लेना = पता लगाना, रहस्य पाना,
प्रयोग – किसी के दिल की थाह लेना बहुत कठिन काम है।

109. दम घुटने लगना = श्वास लेने में कठिनाई होना,
प्रयोग – आजकल यात्रा के समय इतनी भीड़ का सामना करना पड़ता है कि कई बार दम घुटने लगता है।

110. दंग रह जाना = हैरान रह जाना,
प्रयोग – अनिल के द्वारा चोरी किए जाने का समाचार सुनकर सभी दंग रह गए।

111. दिन में तारे नज़र आना = कोई अनहोनी घटना होने से घबरा जाना,
प्रयोग – जंगल में शेर को अपनी ओर लपकते देखकर प्रमोद को दिन में तारे नज़र आ गए।

112. दिन फिरना = अच्छे दिन आना,
प्रयोग – मित्रवर ! निर्धनता में इतना घबराओ नहीं, दिन फिरते देर नहीं लगती।

113. दाँत खट्टे करना = हराना,
प्रयोग – महाराणा प्रताप ने युद्ध में कई बार मुग़लों के दाँत खट्टे किए।

114. दिन दुगुनी रात चौगुनी = अत्यधिक,
प्रयोग – भूतपूर्व प्रधानमन्त्री श्री लाल बहादुर शास्त्री के नेतृत्व में भारत ने दिन दुगुनी रात चौगुनी उन्नति की।

115. दाल न गलना = वश न चलना,
प्रयोग – सुधीर ने अनिल तथा सुनील की मित्रता तो तोड़ने के लिए उनको लड़ाने का बहुत प्रयास किया लेकिन उसकी दाल न गली।

116. दांतों तले उंगली दबाना = आश्चर्य प्रकट करना,
प्रयोग – ताजमहल की सुन्दरता देखकर विदेशी दांतों तले उंगली दबा लेते

117. दौड़ धूप करना = खूब परिश्रम करना,
प्रयोग – बहुत दौड़-धूप की, तब कहीं छोटी-सी नौकरी मिल सकी।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

118. दिल बाग-बाग होना = प्रसन्न होना,
प्रयोग – परीक्षा में प्रथम श्रेणी पाने पर मेरा दिल बाग-बाग हो गया।

119. धाक जमाना = रौब या प्रभाव पैदा करना,
प्रयोग – सिकन्दर की वीरता की धाक शीघ्र ही सारे संसार में जम गई।

120. धावा बोलना = हमला करना, .
प्रयोग – शिवाजी की सेना ने एकदम मुग़लों पर धावा बोल दिया।

121. धज्जियाँ उड़ाना = पूरी तरह खंडन करना,
प्रयोग – महात्मा गाँधी ने अंग्रेज़ों के अत्याचारों की धज्जियाँ उड़ा दीं।

122. धूप में बाल सफ़ेद न करना = अनुभवी होना,
प्रयोग – इस विषय में मेरी भी राय लेनी चाहिए थी; मैंने भी दुनिया देखी है, धूप में बाल सफ़ेद नहीं किये।

123. नाक में दम करना = बहुत तंग करना,
प्रयोग – वर्षा ने नाक में दम कर दिया है, कहीं जाना भी कठिन हो गया है।

124. नाक कट जाना = बदनामी होना, मान नष्ट होना,
प्रयोग – बेटे के कुकर्मों ने पिता की नाक कटवा दी। अथवा यदि तुम इस उत्सव में शामिल न हुए तो मेरी नाक कट जाएगी।

125. नाम कमाना = प्रसिद्ध होना,
प्रयोग – घर बैठे-बैठे नाम नहीं कमाया जा सकता।

126. नमक-मिर्च लगाना = छोटी बात को बढ़ा-चढ़ा कर कहना,
प्रयोग – हरीश के स्कूल से भागने पर सुरेश ने मुख्याध्यापक के सम्मुख खूब नमक मिर्च लगाकर उसकी शिकायत की।

127. नाकों चने चबाना = खूब तंग करना, भारी कष्ट पहुँचाना,
प्रयोग – सुभाष चन्द्र बोस जैसे वीरों ने अंग्रेज़ी सेना से टक्कर लेकर उनको नाकों चने चबा दिए थे।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

128. नाक भौं सिकोड़ना = घृणा करना,
प्रयोग – युवतियों को आधुनिक ढंग के कपड़े पहने देख बुजुर्ग नाक भौं सिकोड़ते हैं।

129. नौ दो ग्यारह होना = भाग जाना,
प्रयोग – सिपाही को देखते ही चोर नौ दो ग्यारह हो गया।

130. नीचा दिखाना = हराना, घमंड तोड़ना,
प्रयोग – पाकिस्तान सदैव भारत को नीचा दिखाने की ताक में रहता है।

131. प्राण पखेरू उड़ना = मृत्यु होना,
प्रयोग – मोटर के नीचे आकर लड़के के प्राण पखेरू उड़ चुके थे।

132. पासा पलटना = उलटफेर होना,
प्रयोग – राम ने यह चाल सोच समझकर चली थी, परन्तु पासा पलट गया।

133. पैरों में पर लगना = बहुत तेज़ भागना,
प्रयोग – अपने चाचा के अमेरिका से आने का समाचार पाकर वह उनसे मिलने ऐसे दौड़ा जैसे उसके पैरों में पंख लग गए हों।

134. पैरों पर गिरना = क्षमा माँगना,
प्रयोग – सेठ का क्रोध बढ़ता देखकर नौकर उसके पैरों पर गिर पड़ा।

135. पानी में आग लगाना = क्रोध दिलवाना,
प्रयोग – अपने बॉस से राजेश की शिकायत करके मोहन ने तो पानी में आग लगाने का काम किया।

136. पेट में चूहे कूदना = बड़े ज़ोरों की भूख लगना,
प्रयोग – जल्दी से खाना दे दो भई, पेट में तो चूहे कूद रहे हैं।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

137. पाँचों उंगलियाँ घी में होना = खूब फायदे में होना,
प्रयोग – भाई रमेश ! आजकल तो तुम्हारा व्यापार खूब चल रहा है, तुम्हारी तो पाँचों उंगलियाँ घी में हैं।

138. पानी-पानी होना = बहुत लज्जित होना,
प्रयोग – मेरे द्वारा सच्ची बात कहने पर राकेश पानी-पानी हो गया।

139. पानी फेरना = मेहनत बरबाद कर देना,
प्रयोग – बड़ी मेहनत से लेख लिखा था, मधु ने स्याही गिराकर उस पर पानी फेर दिया।

140. पीठ पर हाथ होना = पूरा सहायक होना,
प्रयोग – मोहन से झगड़ा मोल न लो, उसकी पीठ पर एक मन्त्री का हाथ

141. पीठ दिखाना = युद्ध से भाग जाना,
प्रयोग – युद्ध में पीठ दिखाना कायरों का काम है, वीरों का नहीं।

142. पट्टी पढ़ाना = बुरी सलाह देना,
प्रयोग – शीला ने अपने पति को ऐसी पट्टी पढ़ाई है कि वह अपने माता पिता की एक नहीं सुनता।

143. पलकें बिछाना = प्रेम से स्वागत करना,
प्रयोग – प्रधानमन्त्री के आगमन पर नगरवासियों ने पलकें बिछा दीं।

144. पसीना छूटना = घबरा जाना,
प्रयोग – कठिन प्रश्न-पत्र देखकर परीक्षार्थियों के पसीने छूट गए।

145. पगड़ी उछालना = अपमान करना,
प्रयोग – बड़ों की पगड़ी उछालना सज्जन पुरुषों को शोभा नहीं देता।

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146. पाँव की जूती = गुलाम, तुच्छ वस्तु,
प्रयोग – नारी को पाँव की जूती समझना बड़ी मूर्खता है।

147. पत्थर की लकीर = अटल बात,
प्रयोग – श्री जयप्रकाश नारायण का कथन पत्थर की लकीर सिद्ध हुआ था।

148. पापड़ बेलना = कई तरह के काम करना,
प्रयोग-कमल कान्त ने कई पापड़ बेले हैं लेकिन टिक कर कहीं भी काम नहीं किया।

149. प्राणों के लाले पड़ना = जान जोखिम में होना,
प्रयोग – दुर्घटनाग्रस्त बस के सभी यात्रियों को अपने-अपने प्राणों के लाले पड़े थे।

150. प्राणों पर खेल जाना = बलिदान देना,
प्रयोग – देश को स्वतन्त्र कराने के लिए सैंकड़ों देश-भक्त प्राणों पर खेल गए।

151. फूला न समाना = बहुत प्रसन्न होना,
प्रयोग- श्री रामचन्द्र जी के अयोध्या लौटने पर उनका छोटा भाई भरत फूला न समाया।

152. बाट जोहना = प्रतीक्षा करना,
प्रयोग – अरे मोहन । तुमने बहुत देर कर दी, मैं कब से तुम्हारी बाट जोह रहा

153. बात का धनी = वचन का पक्का ,
प्रयोग – सतीश बात का धनी है। वह अवश्य आपकी सहायता करेगा।

154. बन्दर घुड़की = प्रभावहीन धमकी,
प्रयोग-भगत सिंह जैसे वीर अंग्रेजों की बन्दर घुड़कियों से डरने वाले नहीं थे।

155. बहती गंगा में हाथ धोना = सुधरी हालत में लाभ उठाना,
प्रयोग – जनता पार्टी के राज में अनेक लोग बहती गंगा में हाथ धोकर मालामाल हो गए।

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156. बगुला भगत = कपटी,
प्रयोग – मोहन को अपनी कोई बात न बताना; वह धोखा देने वाला बगुला भगत है।

157. बांछे खिल जाना = बहुत खुश होना,
प्रयोग – अपने पास होने का समाचार सुनकर उसकी बांछे खिल गईं।

158. बाल की खाल निकालना = बहुत छानबीन करना, बहुत अधिक तर्क।
प्रयोग – विद्यार्थी को अपनी पढ़ाई में दत्तचित्त होना चाहिए। उसे बाल की खाल नहीं निकालनी चाहिए।

159. बाएँ हाथ का खेल = आसान काम,
प्रयोग – पी एच० डी० की उपाधि प्राप्त करना बाएँ हाथ का खेल नहीं है।

160. बाल बांका न करना = हानि न पहुँचाना,
प्रयोग – मेरे होते हुए कोई रमा का बाल बांका नहीं कर सकता।

161. बीड़ा उठाना-ज़िम्मेवारी लेना,
प्रयोग – श्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने किसानों को ऊँचा उठाने का बीड़ा उठाया था।

162. बाल-बाल बच जाना = बड़ी कठिनाई से बचना,
प्रयोग – टक्कर तो बड़ी भयानक हुई थी पर रमेश बाल-बाल बच गया।

163 बैल के से दीदे निकालना = क्रोध से देखना,
प्रयोग – मालकिन ने नौकरानी से कहा, “अरी, बैल के से दीदे क्यों निकाल रही हो ? जाकर अपना काम करो।”

164. भंडा फोड़ना = भेद प्रकट करना, भेद खोलना,
प्रयोग – प्रवीण के वास्तविक बात न बतलाने पर राजेश ने उसका भंडा फोड़ दिया।

165. भूत सवार होना = धुन-सवार होना,
प्रयोग – उस कंजूस सेठ को तो धन कमाने का ही भूत सवार रहता है।

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166. भाड़े के टट्ट = किराये का आदमी,
प्रयोग – आजकल सच्चा देशभक्त मिलना कठिन है। सभी भाड़े के टट्ट हैं।

167. मात खाना = हारना,
प्रयोग – कारगिल के युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह मात खानी पड़ी।

168. मात देना = हरा देना,
प्रयोग – भारत ने अपने पड़ोसी देश को सभी क्षेत्रों में मात दी है।

169. मन में लड्डू फूटना = काल्पनिक आनन्द,
प्रयोग – भाई के विदेश से आने की खबर सुनकर सुधा के मन में लड्डू फूटने लगे।

170. माथा ठनकना = संदेह उत्पन्न होना,
प्रयोग – उसके घर पर ताला देख मेरा माथा ठनक गया।

171. मोती चुगना = अच्छी बात ग्रहण करना,
प्रयोग – सज्जनों की संगति से व्यक्ति मोती चुगना सीखता है।

172. मन मारना = इच्छा रोकना, मन को काबू में करना,
प्रयोग – सच्चा देशभक्त बनने के लिए मन मारना पड़ता है।

173. मिट्टी का माधो = निरा-मूर्ख,
प्रयोग – सभी विद्यार्थी रमेश को मिट्टी का माधो समझते थे लेकिन वह बहुत चालाक निकला।

174. मिट्टी खराब करना = बेइज्जत करना,
प्रयोग – अरे भाई साधारण-सी बात पर किसी की मिट्टी खराब करना अच्छा नहीं।

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175. मुँह की खानी = बुरी तरह हारना,
प्रयोग – सन् 1971 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान को मुँह की खानी पड़ी थी।

176. मैदान मारना = जीतना,
प्रयोग – भारतीय फ़ौज ने देखते ही देखते छम्ब क्षेत्र में मैदान मार लिया।

177. रंग लाना = प्रभाव दिखलाना,
प्रयोग – विद्यार्थी की मेहनत एक-न-एक दिन रंग अवश्य लाती है।

178. रंग जमना = प्रभाव पड़ना,
प्रयोग – मुकेश के गीतों ने महफिल में रंग जमा दिया।

179. रंग उड़ना = डर जाना, हैरान होना,
प्रयोग – रीछ को देखते ही दोनों का रंग उड़ गया।

180. रंगा सियार = धोखेबाज़,
प्रयोग – तुम्हें सतीश की बातों में नहीं आना चाहिए, वह तो निरा रंगा सियार है।

181. रंग में भंग पड़ना = मजा किरकिरा होना,
प्रयोग – जलसा शुरू ही हुआ था कि रंग में भंग पड़ गया।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

182. राई का पहाड़ बनाना = ज़रा-सी बात को बहुत बढ़ा-चढ़ा कर कहना,
प्रयोग – अपनी चालाकी से राई का पहाड़ बनाना तो कोई लीला से ही सीखे।

183. रोंगटे खड़े होना = रोमांच होना,
प्रयोग – सर्कस में शेर को दहाड़ता देख हमारे रोंगटे खड़े हो गए।

184. रफूचक्कर होना = भाग जाना,
प्रयोग – डाकू पुलिस को देखते ही रफूचक्कर हो गए।

185. लपेट में आना = वश में आना, घिर जाना,
प्रयोग – बेचारा निर्दोष राम चोरी की लपेट में आ गया।

186. लोहा लेना = मुकाबला करना,
प्रयोग – पाकिस्तानी सेना से लोहा लेने को हमारी सेना सदा तैयार रहती है।

187. लात पर लात रखना = बेकार बैठे रहना,
प्रयोग – इस कार्यालय में सब कर्मचारी लात पर लात रख कर बैठे रहते हैं।

188. लाल पीला होना = क्रुद्ध होना,
प्रयोग – अरे सुरेश ! क्यों लाल पीले हो रहे हो? कसूर तुम्हारा ही है।

189. लोहा लेना = युद्ध करना, मुकाबला करना,
प्रयोग – अधिकतर मुग़ल सम्राट राजपूतों से लोहा लेना नहीं चाहते थे।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

190. लोहा मानना = शक्ति मानना,
प्रयोग – सम्पूर्ण एशिया भारत का लोहा मानता है।

191. लेने के देने पड़ जाना = लाभ के बदले हानि होना,
प्रयोग – भारत पर आक्रमण करके पाकिस्तान को लेने के देने पड़ गए।

192. लोहे के चने चबाना = अति कठिन काम, कष्ट अनुभव करना,
प्रयोग – भारत पर आक्रमण करके चीन को लोहे के चने चबाने पड़े।

193. लहू पसीना एक करना = बहुत परिश्रम करना,
प्रयोग – आजकल अच्छी तरह जीवन निर्वाह करने के लिए लहू पसीना एक करना पड़ता है।

194. सोने पर सुहागा = दोहरी अच्छाई या गुण,
प्रयोग – रमेश की पत्नी सुन्दर भी है और पढ़ी-लिखी भी उसके लिए सोने पर सुहागा वाली उक्ति ठीक बैठती है।

195. सिर पर भूत सवार होना = अत्यधिक क्रोध में आ जाना,
प्रयोग – अरे सुनील राम के तो सिर पर भूत सवार है, तुम्हारी वह एक न मानेगा।

196. सिंहासन डोल जाना = राज्य जाने का खटका होना,
प्रयोग – महात्मा गाँधी के आन्दोलन से अंग्रेज़ों का सिंहासन डोल गया।

197. हवा लगना = बुरा प्रभाव पड़ना,
प्रयोग – अब तो सुधा को भी शहर की हवा लग गई है, उसने बाल तराश लिए हैं।

198. हवा से बातें करना = तेज़ भागना,
प्रयोग – शीघ्र ही हमारी गाड़ी हवा से बातें करने लगी।

199. हक्का बक्का रह जाना = हैरान रह जाना,
प्रयोग – संजय गाँधी की मौत का समाचार सुनकर सभी लोग हक्के बक्के रह गए।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

200. हँसी-खेल नहीं = आसान काम नहीं,
प्रयोग – इस नदी को तैर कर पार करना कोई हँसी-खेल नहीं।

201. हवा हो जाना = भाग जाना,
प्रयोग – पहरेदार को अपनी तरफ आते देखकर चोर हवा हो गया।

202. हृदय पर साँप लोटना = ईर्ष्या में जलना,
प्रयोग – हरीश की लाटरी निकलने का समाचार सुनकर सुरेश के हृदय पर साँप लोटने लगा।

203. हृदय टूट जाना = हताश हो जाना,
प्रयोग – पुत्र की मृत्यु पर वृद्ध का हृदय टूट गया।

204. हाथों के तोते उड़ जाना = बुरा समाचार सुनकर डर जाना,
प्रयोग – कारखाने में आग लगने की खबर सुनकर सेठ हरिदत्त के हाथों के तोते उड़ गए।

205. हाथ तंग होना = पैसे का अभाव होना,
प्रयोग – हमारा आजकल हाथ बहुत तंग है, कृपया नकद रुपया दें।

206. हाथ मलना = पछताना,
प्रयोग – अब फेल होने पर हाथ मलने से क्या लाभ, पहले डटकर परिश्रम करते।

207. हाथ धो बैठना = खो देना, छिन जाना,
प्रयोग – पाकिस्तान युद्ध में कई युद्धपोतों तथा पनडुब्बियों से हाथ धो बैठा।

208. हाथ पैर मारना = प्रयत्न करना,
प्रयोग – आजकल बहुत हाथ पैर मारने पर भी कठिनता से निर्वाह होता है।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

209. हाथ पसारना = माँगना,
प्रयोग – स्वाभिमान शून्य व्यक्ति हर किसी के सामने हाथ पसारने लगता है।

210. हथियार डालना = हार मान लेना,
प्रयोग – बंगलादेश में पाकिस्तानी सेना ने साधारण युद्ध के बाद हथियार डाल दिए।

211. आँख लगना = नींद आना,
प्रयोग – वह ज्यों ही बिस्तर पर लेटा उसकी आँख लग गई।

212. आँखों से ओझल होना = गायब होना,
प्रयोग – देखते ही देखते चोर पुलिस की आँखों से ओझल हो गया।

213. ईंट से ईंट बजाना = नष्ट करना,
प्रयोग – युद्ध में भारत ने दुश्मन की ईंट से ईंट बजायी।

214. साँस फूलना = हाँफना,
प्रयोग – इतनी सीढ़ियाँ चढ़कर मेरी साँस फूलने लगी।

PSEB 9th Class English Vocabulary Synonyms

Punjab State Board PSEB 9th Class English Book Solutions English Vocabulary Synonyms Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 9th Class English Vocabulary Synonyms

Match the words in column A with their synonyms in column B :

A — B
just — reach
leave — wrath
permit — refuge
brave — fearless
certain — vanish
disappear — sure
anger — prevent
forbid — fair
shelter — inactive
attempt — depart
lazy — allow
arrive — try
Answer:
just = fair ; leave = depart ; permit = allow ; brave = fearless ; certain = sure ; disappear = vanish; anger = wrath ; forbid = prevent; shelter = refuge; attempt = try; lazy = inactive; arrive = reach.

PSEB 9th Class English Vocabulary Synonyms

Complete the sentences with the words given in the box. The italicized words will help you to choose the right words 

inactive ; pouring ; bright ; finish ; annoyed ; enormous ; collect ; wear ; try

1. Is the new student intelligent ? Yes, he is very ……………..
2. It was raining heavily. In fact, it was ………………
3. The show stopped at 10 p.m. because the policemen asked us to ………….. early.
4. She was very angry with my brother. I don’t know why she was so …………….. with him.
5. It was a very huge animal. We had never seen such an ……………. animal before.
6. He likes to assemble photographs. He has decided to …………….. about one thousand rare ones.
7. Don’t put on the red cap, …………….. the black one.
8. She is quite lazy. I don’t know why she is so ……………..
Answer:
1. bright
2. pouring
3. finish
4. annoyed
5. enormous
6. collect
7. wear
8. inactive.

Synonyms

जिन शब्दों का अर्थ एक ही हो अथवा मिलता-जुलता हो, उन्हें Synonyms कहते हैं; जैसे
hard = difficult
pray = request
fact = truth

PSEB 9th Class English Vocabulary Synonyms

List Of Synonyms

PSEB 9th Class English Vocabulary Synonyms 1
PSEB 9th Class English Vocabulary Synonyms 2

PSEB 9th Class English Vocabulary Words as different Parts of Speech

Punjab State Board PSEB 9th Class English Book Solutions English Vocabulary Words as different Parts of Speech Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 9th Class English Vocabulary Words as different Parts of Speech

Write n’ for noun, ‘adj.’ for adjective, ‘adv.’ for adverb and ‘ for verb for the italicized word given in the sentences :

1. One must travel light while travelling by air.
2. This clock is ten minutes fast.
3. The chief guest’s speech was brief and to the point.
4. The officer was briefed about the facts of the case.
5. This bicycle cost him twelve hundred rupees.
6. Manvinder ran fast enough to reach the school in time.
7. What is your examiner’s schedule for tomorrow ?
8. You can buy many fancy items from Meena Bazar.
9. That tastes real good. Where did you get it from ?
10. What is the cost of this pair of socks ?
Answer:
1. adv.
2. adj.
3. adj.
4. v
5. v
6. adv.
7. n
8. adj.
9. adv.
10. n.

PSEB 9th Class English Vocabulary Words as different Parts of Speech

Use the given words in sentences as directed :

1. Fare (noun) – He has not paid the bus fare.
Fare (verb) – Ram has fared well in the examination.

2. Bear (noun) – There are many types of bear in the zoo.
Bear (verb) – He has borne much suffering in his life.

3. Wound (noun) – My wound has healed.
Wound (verb) – He was wounded seriously.

4. Round (adjective) – The earth is round.
Round (preposition)- The earth goes round the sun.
Round (adverb) – Everybody joins hands and dances round.

5. Fast (adjective) – He is a fast friend of mine.
Fast (adverb) – She is running very fast.
Fast (noun) – I observe fast on every Monday.

6. Stand (noun) – I saw him near the cycle-stand.
Stand (verb) – Will you please stand up?

7. Produce (noun) – This shop sells only fresh local produce.
Produce (verb) – She produced a hot meal for us within 20 minutes.

PSEB 9th Class English Vocabulary Words as different Parts of Speech

एक ही शब्द को भाषा के विभिन्न रूपों में इस्तेमाल किया जा सकता है। उदाहरण के रूप में निम्नलिखित वाक्यों को देखिए

They fought to the last. (Noun)
The war lasted one month. (Verb)
He was the last man to come. (Adjective)
He spoke last at the meeting. (Adverb)

यहां शब्द ‘last’ को पहले वाक्य में Noun के रूप में, दूसरे वाक्य में एक Verb के रूप में, तीसरे वाक्य में एक Adjective तथा चौथे वाक्य में एक Adverb के रूप में इस्तेमाल किया गया है।
Examples :

Act
Verb : He acted upon my advice.
Noun : It was an act of kindness.

All
Noun : I lost my all in this business.
Adjective : All the boys reached the playground.

Bail
Verb : He will be bailed out today.
Noun : He was set free on bail.

Back
Verb : He becked my proposal.
Noun: He has pain in his back.
Adjective : He came through the back door.

PSEB 9th Class English Vocabulary Words as different Parts of Speech

Better
Adjective : This book is better than that.
Adverb: He fared better in the test than he had hoped.
Verb : We hope to better the conditions of our workers.
Noun (pl.) : Follow your betters.

Book
Verb : Get your luggage booked.
Noun : I have read this book.

Close
Noun : The meeting came to a close in time.
Verb : The school is closed for summer vacation.

Dawn
Verb : The truth dawned upon him yesterday.
Noun : I always get up before dawn.

Drive
Verb : Suresh is driving the car at top speed.
Noun : He had a good drive in the morning.

Effect
Verb : The prisoner effected his escape.
Noun : My advice had the desired effect.

Fare
Verb : I have fared badly in my test.
Noun : We paid the bus fare.

Fix
Noun : We are in a fix now.
Verb : Let us fix the programme.

Face :
Verb: He has faced many difficulties in his life.
Noun Wash your face.

Fast
Noun: They keep a fast every Friday.
Adjective: This is a fast train.
Verb: I fast once every week.

PSEB 9th Class English Vocabulary Words as different Parts of Speech

Hand
Verb: The thief was handed over to the police.
Noun: Wash your hands.

Iron
Verb: Iron your clothes.
Noun: Iron is a useful metal.
Adjective: This knife has an iron handle.

Idle :
Verb: Do not idle away your precious time.
Noun: The idle fail in their life.
Adjective: Sohan is an idle boy.

Like
Verb: I like her ways.
Noun: Everybody has his likes and dislikes.
Adjective: Like poles repel each other.

Light
Noun: There was no light in the room.
Adjective: Always take a light diet to keep fit.
Verb: Light the lamp.
Adverb: Travel light if you must.

Less
Adjective: He is paying less attention to studies these days.
Verb: He is less intelligent than his brother.
Noun: He won’t be satisfied with less.

Near :
Adjective: He is a near relation of the headmaster.
Verb: He is nearing his end.
Adverb: Come near

Right
Noun: We must fight for our rights.
Adjective: This is my right hand.
Verb: Every wrong should be righted.

Round
Noun: Let us have a round of cards.
Adjective: The earth is round.
Verb: He rounded his lips in anger.
Adjective: He turned round.
Preposition: She wore a necklace round her neck.

Second :
Verb: I will second your proposal.
Noun: I will come back in a second.
Adjective: February is the second month of the year.

Still
Noun: In the still of the night, a thief entered our house.
Adjective: The night was still.

PSEB 9th Class English Vocabulary Words as different Parts of Speech

Stone
Adjective: It is a stone wall.
Verb: The boys stoned the dog to death.
Noun: The boys threw stones at the beggar.

Time
Noun: What is the time by your watch ?
Verb: The train is timed to reach here at 5 p.m.

Well
Noun: We have a well in our garden.
Adjective: The patient is now well.
Adverb: He has fared well in the examination.
Verb: Tears welled up in her eyes.

While
Noun: Rest a little while.
Verb: He is whiling away his time.

Will
Noun: Where there is a will, there is a way.
Verb: Have what you will.

PSEB 9th Class English Vocabulary Nature of Words

Punjab State Board PSEB 9th Class English Book Solutions English Vocabulary Nature of Words Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 9th Class English Vocabulary Nature of Words

Read the words and phrases that convey different meanings of the word ‘set given below :

Fixed, started, a group of same things, arranged, written or done, a piece of equipment, put. Now write the word / group of words that give the meaning of ‘set’ against each sentence.

1. My mother gifted a set of handkerchiefs to my younger sister.
2. The jewels were set beautifully in gold.
3. Raghu is well set in his new job.
4. Several TV sets have been stolen from his shop.
5. Let’s start wearing woollen clothes; the winter has set in.
6. The date of the test has not been set yet.
7. She has set the alarm for 5 o’clock, so that she is not late.
8. The surgeon who set my uncle’s hip bone is very popular.
9. Old people have set views about everything.
10. The table has been set for the tea party.
Answer:
1. a group of same things
2. fixed
3. settled
4. a piece of equipment
5. started
6. fixed
7. put fixed
9. fixed
10. arranged.

PSEB 9th Class English Vocabulary Nature of Words)

किसी एक शब्द के विभिन्न प्रयोगों के विभिन्न अर्थ हो सकते हैं। उदाहरण के रूप में नीचे दिए वाक्यों में run शब्द के आथों को देखिए

1. He can run very fast and win the prize. (race)
2. Don’t you think that the film will run at least for 6 weeks? (continue)
3. Suman runs from one table to another to finish her work in time. (hurries)
4. It is strange that Mr. Sahay is able to run two businesses effortlessly. (manages)
5. Our school will run Spoken English classes during the summer vacation. (provide)
6. Trains often run late in winter. (travel)
7. I can’t run on my small salary. (afford)
8. When she peels onions, tears run down her cheeks. (flow)