PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 15 झंडा ऊँचा रहे हमारा

Punjab State Board PSEB 3rd Class Hindi Book Solutions Chapter 15 झंडा ऊँचा रहे हमारा Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 3 Hindi Chapter 15 झंडा ऊँचा रहे हमारा

Hindi Guide for Class 3 PSEB झंडा ऊँचा रहे हमारा Textbook Questions and Answers

अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर ।

I. बताओ

1. हमारे देश के झण्डे को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
हमारे देश के झंडे को तिरंगा कहते हैं।

2. इसे तिरंगा क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
हमारा झंडा तीन रंगों का होने के कारण तिरंगा कहलाता है।

3. केसरी रंग की पट्टी किन शहीदों की याद दिलाती है ?
उत्तर-
केसरी रंग की पट्टी हमें उन शहीदों की याद दिलाती है जिन्होंने अपने देश को आजाद करवाने के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे।

4. सफेद रंग किसका प्रतीक है ?
उत्तर-
सफेद रंग शान्ति और सत्य का प्रतीक

5. नीले रंग का चक्र किस सम्राट् का धर्म चक्र है ?
उत्तर-
नीले रंग का चक्र अशोक सम्राट् का धर्म चक्र है।

6. नीले रंग के चक्र में कितने तार हैं ?
उत्तर-
नीले रंग के चक्र में 24 तार हैं.

7. हरा रंग किसका प्रतीक है ?
उत्तर-
हरा रंग हरियाली और समृद्धि का प्रतीक है।

8. सबसे पहले राष्ट्रीय झंडे को किसने, कब और कहाँ फहराया था ?
उत्तर-
स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री पं० जवाहर लाल नेहरू जी ने सर्वप्रथम 15 अगस्त, सन् 1947 को राष्ट्रीय झण्डे को दिल्ली के लाल किले से फहराया था।

9. हमें राष्ट्रीय झण्डे का सम्मान कैसे करना चाहिए ?
उत्तर-
जब भी राष्ट्रीय-ध्वज फहराया जाये या राष्ट्रीय गान गाया जाये, तब हमें इसका सम्मान करते हुए शान्तिपूर्वक खड़े रहना चाहिए।

II. वाक्य पूरे करो

(i) झण्डे में तीन रंग की बराबर ……………………. की पट्टियाँ हैं।
(ii) हम सबके साथ ………………. और …………….. चाहते हैं।
(iii) नीला रंग ……………… आकाश और ………….. समुद्र का प्रतीक है।
(iv) चक्र के 24 तार ……………. और …………….. की ओर संकेत करते हैं।
(v) हमें राष्ट्रीय ध्वज की सदैव …. करनी चाहिए।
उत्तर-
(i) झण्डे में तीन रंगों की बराबर अनुपात की पट्टियाँ हैं।
(ii) हम सबके साथ शान्ति और मित्रता चाहते हैं।
(iii) नीला रंग विशाल आकाश और गहरे समुद्र का प्रतीक है।
(iv) चक्र के 24 तार निरन्तर गति और विकास की ओर संकेत करते हैं।
(v) हमें राष्ट्रीय ध्वज की सदैव रक्षा करनी चाहिए। |

III. पढ़ो, समझो और लिखो

(क) राष्ट + ईय = राष्ट्रीय।
भारत + ईय = …………………………
देश + ईय = …………………………

(ख) मित्र + ता = …………………………
वीर + ता = …………………………
दास + ता = ……………
स्वतन्त्र + ता = …………………………
उत्तर-
‘ईय’ और ‘ता’ प्रत्यय से बने शब्द –
(क)
(i) राष्ट्र + ईय = राष्ट्रीय।
(ii) भारत + ईय = भारतीय।
(ii) देश + ईय = देशीय।

(ख)
(i) मित्र + ता = मित्रता।
(ii) वीर + ता = वीरता।
(iii) दास + ता = दासता।
(iv) स्वतन्त्र + ता = स्वतन्त्रता।

IV. ‘इक’ लगाकर नये शब्द बनाओ

(i) उद्योग + इक = …………………………
(ii) संकेत + इक = …………………………
(iii) व्यापार + इक = …………………………
(iv) धर्म + इक = …………………………
उत्तर-
(i) उद्योग + इक = औद्योगिक।
(ii) संकेत + इक = सांकेतिक।
(iii) व्यापार + इक = व्यापारिक।
(iv) धर्म + इक = धार्मिक।

V. विलोम शब्द मिलान करो

आज़ाद गुप्त युद्ध अनेकता उन्नति अवनति प्रकट गुलाम एकता शान्ति
उत्तर-
विलोम शब्द मिलानआज़ाद गुलाम युद्ध शान्ति उन्नति अवनति प्रकट गुप्त एकता अनेकता

VI. ‘राष्ट्र’ शब्द में ‘ट’ के नीचे ‘र’ का रूप ध्यान से देखें। ‘राष्ट्र’ शब्द से अन्य शब्द बनाओ –

राष्ट्र + पति = राष्ट्रपति।
राष्ट्र + ईय = …………………………
राष्ट्र + पिता = …………………………
राष्ट्र + गान = …………………………
उत्तर
(i) राष्ट्र + पति = राष्ट्रपति।
(ii) राष्ट्र + ईय = राष्ट्रीय।
(iii) राष्ट्र + पिता = राष्ट्रपिता।
(iv) राष्ट्र + गान = राष्ट्रगान।

VII. नीचे राष्ट्रीय और धार्मिक पर्व घुल मिल गए हैं। उन्हें अलग-अलग करके सही स्थान पर लिखो।

दशहरा, पन्द्रह अगस्त, ईद, गणतन्त्र दिवस, गाँधीजयन्ती, दीवाली, होली, वैशाखी।
उत्तर-
राष्ट्रीय पर्व धार्मिक पर्व
1. पन्द्रह अगस्त।
1. दशहरा
2. गणतन्त्र दिवस।
2. ईद
3. गांधी जयन्ती।
3. दीवाली
4. होली।
5. वैशाखी।

VIII. नए शब्द बनाओ-

शान्ति + प्रिय = …………………………
शान्ति + पूर्वक = …………………………
सम्मान + पूर्वक = …………………………
प्रधान + मन्त्री = …………………………
स्व + अभिमान = …………………………
सर्व + प्रथम = …………………………
राष्ट्र + गान = …………………………
राष्ट्रीय + पर्व = …………………………
प्रति + वर्ष =…………………………
उत्तर
(i) शान्ति + प्रिय = | शान्तिप्रिय।
(ii) शान्ति + पूर्वक = शान्तिपूर्वक।
(iii) सम्मान + पूर्वक = सम्मानपूर्वक।
(iv) प्रधान + मन्त्री = प्रधानमन्त्री।
(v) स्व + अभिमान = स्वाभिमान।
(vi) सर्व + प्रथम = सर्वप्रथम।
(vii) राष्ट्र + गान = राष्ट्रगान।
(viii) राष्ट्रीय + पर्व = राष्ट्रीय पर्व।
(ix) प्रति + वर्ष = प्रतिवर्ष।

IX. झण्डे पर एक नारा लिखो

जैसे-
1. झण्डा ऊँचा रहे हमारा, यह है हमें प्राणों से प्यारा।
2. तिरंगा है भारत की शान, रखेंगे हम इसका मान।
उदाहरणस्वरूप उत्तर
मेरा तिरंगा है बड़ा न्यारा। ‘
मुझे है अपनी जान से भी प्यारा॥ (विद्यार्थी इसी प्रकार कुछ और भी नारे लिखने का प्रयास कर सकते हैं।)
करो:-1. राष्ट्रीय झण्डे का चित्र बनाओ। उसमें | रंग भरो और उस पर पाँच वाक्य लिखो।
2. भारत के पड़ोसी देशों के नाम पता करो और उनके झण्डे चिपकाओ।
निर्देश-विद्यार्थी उपरोक्त दोनों कार्य अपने अध्यापक और अभिभावक की सहायता से इन्हें पूरा कर सकते हैं। अध्यापन निर्देश-अध्यापक बच्चों को समझाएं कि ‘इक’ जुड़ने पर पहला स्वर दीर्घ हो जाता है; जैसे ‘अ’ आ में और ‘उ’ औ में बदल जाता है।

झंडा ऊँचा रहे हमारा Summary & Translation in Hindi

पाठ का सार

प्रत्येक देश का अपना एक झंडा होता है। हमारे देश के झंडे का नाम तिरंगा है। सबसे ऊपर की पट्टी का रंग केसरी है। यह रंग वीरता और त्याग का सूचक है। मध्य की पट्टी का रंग सफेद है। यह रंग शान्ति और सत्य का प्रतीक है। सफेद पट्टी के मध्य एक नीले रंग का चक्र है। यह चक्र सम्राट अशोक के धर्म चक्र से लिया गया है। इस चक्र में 24 तार हैं जो निरन्तर गति और विकास की ओर संकेत करते हैं। तीसरी पट्टी हरे रंग की है। यह रंग हरियाली और समृद्धि का सूचक है।

पन्द्रह अगस्त हमारा स्वतंत्रता दिवस है। इस दिन’ हमारा देश अंग्रेज़ों की गुलामी से आज़ाद हुआ था। हमारे देश के पहले प्रधानमन्त्री पं० जवाहर लाल नेहरू ने दिल्ली के लाल किले से तिरंगा 15 अगस्त, सन् 1947 को फहराया था। हर वर्ष 15 अगस्त और राष्ट्रीय पर्वो पर लाल किले तथा पूरे देश में तिरंगा | झंडा फहराया जाता है। हम सबका यह कर्त्तव्य है कि हम सब इसका सम्मान करें। जब राष्ट्र ध्वज फहराया जाए या राष्ट्रगान गाया जाए तब हमें सम्मान देने के लिए शान्तिपूर्वक खड़े रहना चाहिए।

हमारा झण्डा हमारी आज़ादी, हमारी एकता व सम्मान का प्रतीक है। यह तिरंगा हम सबका है। हमारा कर्त्तव्य है कि हम इसकी शान में कोई कमी न आने दें।

कठिन शब्दों के अर्थ

तिरंगा = तीन रंगों का समूह ।
सम्राट अशोक = मौर्य वंश का एक राजा।
महात्मा बुद्ध = बौद्ध धर्म को चलाने वाले।
प्रत्येक = हर-एक, सभी।
बराबर = समान।
शहीदों = देश पर बलिदान होने वाले।
प्राण = जान।
न्यौछावर = बलिदान ।
युद्ध = लड़ाई।
मित्रता = दोस्ती।
शान्तिप्रिय = शान्ति को चाहने वाला।
प्रतीक = चिह्न ।
शरण = आश्रय, पनाह।
निरन्तर = लगातार।
विकास = उन्नति, तरक्की।
मार्ग = रास्ता।
समृद्धि = खुशहाली, उन्नति, तरक्की।
सर्वप्रथम = सबसे पहले।
पर्व = त्योहार।
फहराया = लहराया।
दासता = गुलामी।
स्मृति = याद।
प्रतिवर्ष = हर वर्ष।
मुक्त = आज़ाद।
राष्ट्र-ध्वज = देश का झंडा।
सम्मान = इज़्ज़त।
असीम = सीमा रहित।
स्रोत = धारा।
विकास = उन्नति, प्रगति।
प्रधानमंत्री = किसी देश का सबसे बड़ा मंत्री।
स्वर्गीय = मृत्यु को प्राप्त।
राष्ट्रीय पर्व = देश का त्योहार

PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 14 रास्ते का पत्थर

Punjab State Board PSEB 3rd Class Hindi Book Solutions Chapter 14 रास्ते का पत्थर Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 3 Hindi Chapter 14 रास्ते का पत्थर

Hindi Guide for Class 3 PSEB रास्ते का पत्थर Textbook Questions and Answers

अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर

I. बताओ

1. राजा पेड़ के पीछे क्यों छिप गया ?
उत्तर-
राजा पेड़ के पीछे यह देखने के लिए छिप गया था कि रास्ते के पत्थर को कौन हटाता है।

2. किसान ने पत्थर देखकर क्या किया ?
उत्तर-
किसान ने पत्थर देखकर अपने बैलों का मुँह दूसरी ओर मोड़ लिया और आगे निकल आया।

3. लड़का पहले पत्थर क्यों नहीं हटा सका?
उत्तर-
लड़का पहले पत्थर इसलिए नहीं हटा सका, क्योंकि वह अकेला था।

4. पत्थर रास्ते से कैसे हटा ?
उत्तर-
पत्थर रास्ते से लड़के और राजा के मिलकर ज़ोर लगाने से हटा।

5. राजा ने लड़के को इनाम क्यों दिया ?
उत्तर-
राजा ने लड़के को इनाम इसलिए दिया, क्योंकि केवल उसने ही पत्थर को रास्ते से हटाने का प्रयत्न किया था।

II. किसने कहा ? किससे कहा ? क्यों कहा ?

1. “देखता हूँ, इसे कौन हटाता है ?”
उत्तर-
राजा ने अपने आप से कहा, क्योंकि बहुत दिनों से रास्ते पर पड़े उस पत्थर को किसी हटाया नहीं था।

2. “यहाँ के लोग बहुत आलसी हैं।”
उत्तर-
घोड़े पर बैठे सिपाही ने अपने आप में कहा, क्योंकि घोड़े को ठोकर लगने से उसने देख कि रास्ते में पत्थर पड़ा था।

3. “बाबा, कहीं चोट तो नहीं लगी ?”
उत्तर-
लड़के ने बूढ़े आदमी से कहा, क्योंकि पत्थर से ठोकर खाकर वह गिर पड़ा था।

4. “बेटा, तुम कौन हो ?”
उत्तर-
राजा ने लड़के से कहा, क्योंकि वह उन जानता नहीं था।

III. पढ़ो, समझो और लिखो

(क) न्यायप्रिय = न्याय + प्रिय
राजकुमार = ……………………………….
राजमहल = ……………………………….
राष्ट्रपति = ……………………………….
पाठशाला = ……………………………….
उत्तर-
(क) राजकुमार = राज + कुमार
राजमहल = राज + महल
राष्ट्रपति = राष्ट्र + पति
पाठशाला = पाठ + शाला

(ख) भला = भलाई
बुरा = ……………………………….
लम्बा = ……………………………….
चौड़ा गहरा = ……………………………….
उत्तर-
(ख) बुरा = बुराई
लम्बा = लम्बाई
चौड़ा = चौड़ाई
गहरा = गहराई
उपरोक्त शब्द विशेषण शब्द हैं।

IV. श्रुतलेख

प्रजा, भ्रमण, न्यायप्रिय, भलाई, विद्यार्थियों, आशीर्वाद, प्रातः, पुरस्कार, अध्यापक, प्रशंसा, पत्थर, वृद्ध।
नोट-विद्यार्थी इन्हें सुन्दर लिखाई करते हुए अपनी कॉपियों पर लिखें।

V. निम्नलिखित शब्दों के विपरीत शब्द सामने बने घड़े में दिए गए हैं। घड़े में से विपरीत शब्द ढूँढ़कर सही जगह लिखो –

भलाई = बुराई
दयालु = ……………………………….
पीछे = ……………………………….
प्रातःकाल = ……………………………….
मुश्किल = ……………………………….
रुकिए = ……………………………….
वृद्ध = ……………………………….
आशीर्वाद = ……………………………….
प्रशंसा = ……………………………….
पुरस्कार = ……………………………….
PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 14 रास्ते का पत्थर 1
उत्तर –
शब्द
विपरीत शब्द
(i) भलाई बुराई।
(ii) दयालु निर्दय।
(iii) पीछे आगे।
(iv) प्रातःकाल सायंकाल।
(v) मुश्किल सरल।
(vi) रुकिए = चलिए।
(vii) वृद्ध = जवान।
(vii) आशीर्वाद = श्राप।
(ix) प्रशंसा निन्दा।
(x) पुरस्कार = दंड।

VI. वाक्यों को पाठ के आधार पर शुद्ध करके लिखो-

1. थोड़ी देर में किसान को एक राजा दिखाई दिया।
उत्तर-
थोड़ी देर में राजा को एक किसान दिखाई दिया।

2. अचानक पत्थर को घोड़े से ठोकर लगी।
उत्तर-
अचानक घोड़े को पत्थर से ठोकर लगी।

3. वृद्ध का आशीर्वाद देते हुए बालक चला गया।
उत्तर-
बालक को आशीर्वाद देते हुए वृद्ध चला गया।

4. एक बूढ़ा दौड़ता हुआ आया और लड़के को उठाते हुए बोला, कहीं चोट तो नहीं लगी।
उत्तर-
एक लड़का दौड़ता हुआ आया और बूढ़े को उठाते हुए बोला, ‘कहीं चोट तो नहीं लगी ?’

5. दूसरे दिन शंकर अस्पताल पहुँचा।
उत्तर-
दूसरे दिन शंकर पाठशाला पहुँचा।

6. राजा लंगड़ाता हुआ अपने रास्ते चला गया।
उत्तर-
राजा आराम से अपने रास्ते चला गया।

VII. शब्दों के दो-दो छोटे और शब्द बनाएँ-

PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 14 रास्ते का पत्थर 2

मोड़कर, बड़बड़ाता, सुनाई, सहायता।
उत्तर-

  • मोड़कर = मोड़, मोर।
  • बड़बड़ाता = बड़, बड़बड़ा।
  • सुनाई = सुन, सुई।
  • सहायता = सहा, हाय।

VIII. (क) पाठ में आए इन संयुक्त अक्षरों से एक-एक शब्द बनाओ- 

प्र + र = प्र → प्रजा
भ् + र = भ्र → ……………………….
ग् + र = ग्र → ……………………….
ग् + व = ग्व → ……………………….
स् + व = स्व → ……………………….
प् + य = प्य → ……………………….
स् + त = स्त → ……………………….
द् + ध = द्ध → ……………………….
उत्तर –
(i) प्र + र = प्र → प्रजा
(ii) भ् + र = भ्र → भ्रम।
(iii) ग् + र = ग्र → ग्रह।
(iv) ग् + व = ग्व → ग्वाला।
(v) स् + व = स्व → स्वर।
(vi) प् + य = प्य → प्यार।
(vii) स् + त = स्त → स्तर।
(vii) द् + ध = द्ध→ वृद्ध ।

(ख) पाठ में आए इन संयुक्त अक्षरों को छाँटकर अलग करके लिखो-

प्रातः → प्र
पत्थर: → ……………………….
मस्ती: → ……………………….
वृद्ध : → ……………………….
पुरस्कार : → ……………………….
क्या : → ……………………….
उत्तर
(i) प्रातः → प्र
(ii) पत्थर : →त्थ
(iii) मस्ती : → स्त।
(iv) वृद्ध : → द्ध।
(v) पुरस्कार : → स् + क।
(vi) क्या : → क् + य।

(ग) सही शब्दों पर (✓) लगाओ –

1. उसने देखा की कि रास्ते में पत्थर पड़ा है।
2. बूढ़ा आदमी अपने सिर पर फलों कि/की टोकरी लिए आया।
3. उसने पत्थर नहीं देखा और/ओर ठोकर खाकर गिर पड़ा।
4. उन्होंने पत्थर को रास्ते से हटाकर एक और/ ओर कर दिया।
उत्तर-
(i) उसने देखा कि रास्ते में पत्थर पड़ा है।
(ii) बूढ़ा आदमी अपने सिर पर फलों की टोकरी लिए आया।
(iii) उसने पत्थर नहीं देखा और ठोकर खाकर गिर पड़ा।
(iv) उन्होंने पत्थर को रास्ते से हटाकर एक ओर कर दिया।

IX. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखो-

PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 14 रास्ते का पत्थर 3

उत्तर-
1. सुबह का समय = प्रातःकाल।
2. खेती बाड़ी करने वाला = किसान।
3. जहाँ विद्यार्थियों को पढ़ना-लिखना सिखाया जाता है = पाठशाला।
4.स्कूल का प्रधान अध्यापक = प्रधानाध्यापक।
5.जो पढ़ना-लिखना सिखाता है = अध्यापक।
6. दूसरों पर दया करने वाला = दयालु।
7. जो निकम्मा और सुस्त हो = आलसी।
8. जो आसान न हो = कठिन।
9. दूध दुहने वाला = ग्वाला।
10. घोड़े पर सवार = घुड़सवार।

रास्ते का पत्थर Summary & Translation in Hindi

पाठ का सार

प्राचीन काल में एक राजा था। उसे अपनी प्रजा से बहुत प्यार था। वह दयालु और न्यायप्रिय भी था। एक दिन जब वह प्रातः भ्रमण के लिए निकला तो अचानक उसे ठोकर लगी। उसने देखा कि रास्ते में पत्थर पड़ा था। उस रास्ते से कई लोग आते जाते थे। राजा ने सोचा कि देखता हूँ कौन इस पत्थर को यहाँ से हटाता है। इस उद्देश्य से वह एक पेड़ के पीछे छिप गया।

थोड़ी देर बाद राजा ने देखा कि एक किसान | अपने हल-बैल के साथ उस रास्ते से जा रहा था, लेकिन पत्थर को देखकर उसने अपने बैलों को मोड़ | लिया और आगे निकल गया। उसके जाने के बाद एक ग्वाला डिब्बे में दूध लेकर उधर से निकला। वह पत्थर से ठोकर खाकर गिर पड़ा और उसका | सारा दूध गिर पड़ा, लेकिन उसने भी उसे हटाया नहीं। इतने में घोड़े पर बैठा एक सिपाही वहाँ आया। घोड़े को पत्थर से टकराने पर वह सिपाही गिरते-गिरते बचा, लेकिन वह भी इतना कह कर आगे चल दिया कि यहाँ के लोग बहुत आलसी हैं।

कुछ ही देर में एक बूढ़ा आदमी अपने सिर पर फलों की टोकरी लिए आया और पत्थर से ठोकर खाकर गिर पड़ा। उसके सारे फल बिखर गए। इतने में एक लड़का वहाँ आया। उसने सभी फल उठाकर वृद्ध की टोकरी में रख दिए और रास्ते का पत्थर हटाने लगा। राजा ने भी उसकी सहायता की और पत्थर एक ओर हट गया। वह लड़का शंकर था। राजा ने उसे इनाम दिया।

कठिन शब्दों के अर्थ

मुख्य = प्रधान, बड़ा।
प्रजा = जनता।
दयालु = दया करने वाला।
न्यायप्रिय = न्याय से प्यार करने वाला।
प्रातःकाल = सुबह के समय।
भ्रमण = सैर।
ग्वाला = दूध बेचने वाला।
ग्राहक = खरीदने वाला।
टाप = घोड़े के पैर की आवाज़।
ऊँचे स्वर = ज़ोर से।
आलसी = सुस्त।
वृद्ध = बूढ़ा।
आशीर्वाद = आशीष।
प्रयत्न = कोशिश।
पाठशाला = स्कूल, विद्यालय।
प्रशंसा = तारीफ़।

PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 13 किसान

Punjab State Board PSEB 3rd Class Hindi Book Solutions Chapter 13 किसान Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 3 Hindi Chapter 13 किसान

Hindi Guide for Class 3 PSEB किसान Textbook Questions and Answers

अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर

I. बताओ

1. किसान कब उठ जाता है ?
उत्तर-
चिड़ियों के जगने से पहले ही किसान उठ जाता है।

2. किसान की दिनचर्या क्या है ?
उत्तर-
सूर्य के उदय होने से पहले किसान उठ कर बैलों को चारा खिलाकर खेतों में चला जाता है।

3. गर्मियों में धरती की क्या दशा होती है ?
उत्तर-
गर्मियों में धरती तवे के समान गर्म तपती है।

4. सर्दियों में किसान अपने खेतों की रखवाली कैसे करता है ?
उत्तर-
सर्दियों में किसान आग जला कर अपने खेतों की रखवाली करता है।

5. किसान को चैन क्यों नहीं मिलता ?
उत्तर-
किसान को आराम नहीं काम पसन्द है। दिन-रात उसे अपने खेतों और फसलों का ध्यान रहता है। इसीलिए उसे चैन नहीं मिलता।

II. पंक्तियाँ पूरी करो

1. चिड़ियों के जगने से पहले ……………………………… .
उत्तर-
चिड़ियों के जगने से पहले खाट छोड़ उठ गया किसान

2. नहीं कभी त्योहार, न ………………………. है उसको आराम ……………………..
उत्तर-
नहीं कभी त्योहार, न छुट्टी है उसको आराम हराम

3. फिर भी आग जला, खेतों की …………………….. |
उत्तर-
फिर भी आग जला, खेतों की रखवाली करता वह मौन

III. सही अर्थ ढूँढ़ो –

(क) नीचे लिखे (क) और (ख) वाक्यों को पढ़ो और उसके आगे दिए गए सही अर्थ वाले खाने (वाक्य) पर सही (✓) का निशान लगाओ-

(क) धरती जलती तवा समान ………………. धरती बहुत गरम हो जाती है। …………….. धरती पर आग जलने लगती है।

(ख) हाथ-पाँव ठिठुरे जाते हैं। ………….. हाथ-पाँव काम करना बन्द कर देते हैं। ……………… बहुत सर्दी लगती है।
उत्तर-
(क) धरती जलती तवा समान।
धरती बहुत गरम हो जाती है। (✓)
धरती पर आग जलने लगती है।

(ख) हाथ-पाँव ठिठुरे जाते हैं।
हाथ-पाँव काम करना बन्द कर देते
बहुत सर्दी लगती है। (✓)

(ख) किसका सम्बन्ध किसके साथ है। इनके जवाब बैल के पेट में छिपे हैं। उन्हें ढूँढ़ो और सही जगह पर लिखो –

किसका सम्बन्ध किससे
किसान खेत
बादल …………………………….
धरती …………………………….
मूसलाधार …………………………….
बिजली …………………………….
पूरब सर्दी …………………………….

PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 13 किसान 1
उत्तर-

किसका सम्बन्ध किससे
किसान खेत
बादल गरज
धरती जलती
मूसलाधार बारिश
बिजली चमक
पूरब लाली
सर्दी ठिठुरना

(ग) शब्दों के तीन-तीन समान अर्थ वाले शब्द नीचे बहते हुए पानी में दिए गए हैं, उन्हें ढूँढ़कर सही जगह लिखिए-
PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 13 किसान 2
शब्द : समान अर्थ वाले शब्द

(i) खाट : शय्या चारपाई पलंग
(ii) बिजली : ……………….. ……………….. ………………..
(iii) आग : ……………….. ……………….. ………………..
(iv) धरती: ……………….. ……………….. ………………..
(v) पानी: ……………….. ……………….. ………………..
(vi) कमल : ……………….. ……………….. ………………..
(vii) बादल : ……………….. ……………….. ………………..
(viii) समुद्र : ……………….. ……………….. ………………..

उत्तर-
शब्द समान अर्थ वाले (पर्यायवाची) शब्द

(i) खाट : शय्या चारपाई पलंग
(ii) बिजली : चंचला चपला तड़ित।
(iii) आग : अग्नि अनल पावक।
(iv) धरती : भू भूमि वसुधा।
(v) पानी : नीर जल वारि।
(vi) कमल : नीरज पंकज जलज।
(vii) बादल : वारिद जलद नीरद।
(viii) समुद्र : नीरधि वारिधि उदधि।

(घ) क्या आप दिशाओं के नाम जानते हैं ? यदि आप नहीं जानते तो अपने अध्यापक/ अभिभावक से जानकारी प्राप्त करके नीचे बने चित्र में लिखिए
PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 13 किसान 3
उत्तर-
PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 13 किसान 4

किसान Summary & Translation in Hindi

पद्यांशों के सरलार्थ

1. नहीं हुआ है अभी सवेरा, पूरब की लाली पहचान। चिड़ियों के जगने से पहले, खाट छोड़ उठ गया किसान।
सरलार्थ-
इसमें कवि किसान के जीवन के बारे में बता रहा है कि अभी सुबह नहीं हुई है, लेकिन पूर्व दिशा में सूरज की लाली को देख कर, चिड़ियों के जागने से पहले ही किसान अपनी चारपाई छोड़कर उठ गया है।

2. खिला-पिलाकर, बैलों को ले करने चला खेत पर काम। नहीं कभी त्योहार, न छुट्टी है उसको आराम हराम।
सरलार्थ-
किसान बैलों को खिला-पिलाकर खेतों पर काम करने के लिए ले चला है। उसके लिए कोई त्योहार नहीं और न ही छुट्टी है। उसके लिए आराम हराम है।

3. गरम-गरम लू चलती सन-सन धरती जलती तवा समान। तब भी करता काम खेत पर बिना किए आराम किसान।
सरलार्थ-
कवि कहता है कि जब सन-सन करती हुई गर्म हवाएँ चलती हैं, धरती तवे के समान जल रही होती है तब भी किसान बिना आराम किए खेत पर काम करता है।

4. बादल गरज रहे गड़-गड़-गड़ बिजली चमक रही चम-चम। मूसलाधार बरसता पानी ज़रा न रुकता लेता दम।
सरलार्थ-
कवि कहता है कि चाहे बादल गरज रहे हों, बिजली चमक रही हो, बहुत तेज़ वर्षा हो रही हो तब भी किसान काम करता रहता है, आराम नहीं करता।

5. हाथ-पाँव ठिठुरे जाते हैं | घर से बाहर निकले कौन ? फिर भी आग जला, खेतों की रखवाली करता वह मौन।
सरलार्थ-
सर्दी में जब हाथ-पैर ठिठुरते हैं, कोई बाहर नहीं निकलना चाहता तब भी किसान आग जलाकर चुपचाप खेतों की रखवाली करता है।

6. है किसान को चैन कहाँ, वह करता रहता हरदम काम। सोचा नहीं कभी भी उसने घर पर रह करना आराम।
सरलार्थ-
किसान को कभी भी आराम नहीं मिलता। वह हर समय काम ही करता रहता है। वह कभी भी यह नहीं सोचता कि घर पर रह कर आराम करे।

कठिन शब्दों के अर्थ

सवेरा = सुबह, प्रात:काल।
पूरब = पूर्व दिशा।
खाट = खटिया, चारपाई।
मूसलाधार = बहुत अधिक वर्षा ।
ठिठुरे जाते = काँप जाते।
हरदम = हर समय।
रखवाली = देख-रेख।
मौन = चुपचाप।
लू = गर्म हवा।

PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 12 एडीसन

Punjab State Board PSEB 3rd Class Hindi Book Solutions Chapter 12 एडीसन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 3 Hindi Chapter 12 एडीसन

Hindi Guide for Class 3 PSEB एडीसन Textbook Questions and Answers

अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर

I. बताओ

1. बल्ब का आविष्कार किसने किया और उसका जन्म कब हुआ ?
उत्तर-
बल्ब का आविष्कार थामस एलवा एडीसन ने किया था और एडीसन का जन्म 11 फरवरी, सन् 1847 ई० को हुआ।

2. थॉमस एडीसन कहाँ का रहने वाला था ?
उत्तर-
वह अमेरिका का रहने वाला था। 3. थामस एडीसन का स्वभाव कैसा था ?
उत्तर-
थामस एडीसन बचपन से ही विचारशील था। कक्षा में हो या घर में, वह सदा अपने विचारों में ही खोया रहता था। एडीसन के अध्यापक उसे बुद्ध समझते लेकिन उसकी माँ उसे बुद्धिमान समझती थी।

4. खोज करने के लिए थॉमस एडीसन पैसा कहाँ से लाता था ?
उत्तर-
वह रेलगाड़ी में अख़बार बेचता और सब्जी आदि बेचकर जो भी पैसा कमाता उन्हें वह अपनी खोजों में लगा देता।

5. थामस एडीसन की माँ उसे कैसा बालक समझती थी ?
उत्तर-
एडीसन की माँ उसे बुद्धिमान बालक समझती थी।

6. थामस एडीसन की मृत्यु कब हुई ?
उत्तर-
18 अक्तूबर, सन् 1931 को महान् वैज्ञानिक थामस एडीसन की मृत्यु हुई।

II. समान अर्थ वाले शब्दों को चुनकर सही| जगह लिखो।

PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 12 एडीसन 1

उत्तर-
(i) शौक – पसंद।
(ii) रोज़ – प्रतिदिन।
(iii) अखबार – समाचार पत्र।
(iv) परिश्रम – मेहनत।
(v) तस्वीर – चित्र।
(vi) धैर्य – हाँसला।
(vii) बुद्धिमान – समझदार
(viii) दृढ़ – मज़बूत।
(ix) अधिक – ज्यादा।

III. विपरीत अर्थ वाले वाक्यों का मिलान करो।

1. वह मूर्ख बालक है। 1. वह धैर्यहीन बालक है।
2. वह परिश्रमी बालक है। 2. वह कामचोर बालक है।
3. वह काम में ध्यान लगाने वाला बालक है। 3. वह आलसी बालक है।
4. वह धैर्यवान बालक है। 4. वह सफल बालक है।
5. वह असफल बालक है। 5. वह बुद्धिमान बालक है।

उत्तर-
विपरीत अर्थ वाले वाक्य –
1. वह मूर्ख बालक है = वह बुद्धिमान बालक है।
2. वह परिश्रमी बालक है = वह आलसी बालक है।
3. वह काम में ध्यान लगाने वाला बालक है = वह कामचोर बालक है।
4. वह धैर्यवान बालक है = वह धैर्यहीन बालक है।
5. वह असफल बालक है = वह सफल बालक है।

IV. संयुक्त अक्षर से बने शब्द पाठ में से चुनकर लिखो –

प् + र = प्र = प्रयोग
ल् + ब = ल्ब = ………………………….
न् + ध = न्ध = ………………………….
ग् + न = ग्न = ………………………….
ध् + य = ध्य = ………………………….
क् + य = क्य = ………………………….
ट् + र = ट्र = ………………………….
ष् + ट = ष्ट = ………………………….
द् + व = द्व = ………………………….
उत्तर-
(i) प् + र = प्र = प्रयोग
(ii) ल् + ब = ल्ब = बल्ब
(iii) न् + ध = न्ध = अन्धेरा
(iv) ग् + न = ग्न = मग्न
(v) ध् + य = ध्य = ध्यान
(vi) क् + य = क्य = क्या
(vii) ट् + र = ट्र = ट्रक
(viii) ष् + ट = ष्ट = इष्ट
(ix) द् + व = व = द्वारा।

एडीसन Summary & Translation in Hindi

 

पाठ का सार

उदय को नई-नई बातें जानने का बड़ा शौक था। वह रात को खाना खाकर दादा जी के पास चला जाता और कहानियाँ सुनता। एक दिन जैसे ही वह दादा जी के कमरे में गया तो एकदम बिजली चली गई। दादा जी ने उदय से पछा कि क्या तुमने कभी सोचा कि बिजली का बल्ब किसने बनाया ? दादा जी ने ही बताया कि बल्ब बनाने वाले का नाम था-थॉमस एलवा एडीसन। वह अमेरिका का रहने वाला था। वह बचपन से ही विचारों में खोया रहता था।

अध्यापक उसे बुद्ध समझते थे। लेकिन उसकी माँ ही उसे बुद्धिमान समझती थी। वह सबको कहती कि मेरा बेटा एक दिन बड़ा व्यक्ति बनेगा। इससे एडीसन को बहुत हिम्मत मिलती। वह रेलगाड़ी में अख़बार बेचता, सब्जी आदि बेचता और जो भी पैसे बचाता उसे अपनी खोजों में लगा देता। उदय ने पूछा कि क्या वह इतना होशियार और | मेहनती था ?  इस पर उसके दादा जी ने कहा कि वह होशियार और मेहनती ही नहीं बल्कि वह अपनी धुन का भी पक्का था।

वह लगातार अपने काम में ही लगा रहता था। आराम तो वह जानता ही नहीं था। एडीसन ने ही बिजली को प्रकाश में बदलने का आविष्कार किया। इसके साथ-साथ ग्रामोफोन तथा मूक सिनेमा में आवाज़ भरने का आविष्कार भी किया। इस महान् वैज्ञानिक का जन्म 11 फरवरी, सन् 1847 ई० को हुआ और 18 अक्तूबर, सन् 1931 ई० में उस महान् वैज्ञानिक का देहान्त हो गया।

कठिन शब्दों के अर्थ

मग्न = तल्लीन।
ढेरों = बहुत सारी।
गौर से = ध्यान से।
एकदम = अचानक।
स्वभाव = आदत।
विचारशील = विचारों में खोए रहना।
मग्न = लीन।
बुद्ध = नासमझ, मूर्ख।
बुद्धिमान = समझदार।
व्यक्ति = आदमी।
उत्साह = हौसला।
परिश्रमी = मेहनती।
धुन का पक्का = पक्के इरादों वाला।
आविष्कार = खोज।
समाचार = खबरें।
मूक = मौन।
असफल = सफल न होना, फेल।
दृढ़ संकल्प = पक्का इरादा।
मानवता = मनुष्यता, लोगों।
देहावसान = मृत्यु।
वैज्ञानिक = आविष्कारक, खोजी।
धैर्य = हौंसला।
दृष्टिकोण = देखने और सोचने का तरीका।
तथास्तु = ऐसा ही हो।
ग्रामोफोन = एक यंत्र जिसमें शब्द ध्वनि भरकर जब चाहे प्रायः ठीक उसी रूप में सुन सकते हैं।

PSEB 3rd Class Hindi रचना-भाग

Punjab State Board PSEB 3rd Class Hindi Book Solutions रचना-भाग Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB 3rd Class Hindi रचना-भाग

प्रस्ताव

1. मेरी गाय

यह मेरी गाय है। मैंने इसका नाम श्यामा रखा हुआ है। यह बहुत ही सुशील है। इसके छोटे-छोटे दो सींग हैं। इसके दो बड़े-बड़े कान तथा एक लम्बी पूँछ है। यह घास और चारा खाती है। इसे खली भी डाली जाती है। मेरी गाय का बछड़ा 2577 बहुत ही सुन्दर है। मैंने उसका नाम सोनू रख दिया है। मेरी गाय दूध बहुत अधिक देती है। इसका दूध पीकर मैं बलवान् बना हूँ। इसके दूध से हमें दही, मक्खन, छाछ भी मिलता है। भगवान् ऐसी गाय सब को प्रदान करे।
PSEB 3rd Class Hindi रचना-भाग 1

2. मेरा घर

मेरा घर मुझे बहुत प्यारा है। यह मोहल्ले के बीचोंबीच स्थित है। मेरा घर पक्की ईंटों से बना है। इसमें चार कमरे हैं। एक रसोई घर है। मेरे घर का स्नानगृह भी बहुत खूबसूरत है। मेरे घर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह हवादार है और यहाँ सूर्य की पूरी रोशनी मिलती है। मैं अपने घर में अपने मातापिता के साथ रहता हूँ। मेरा घर एक आदर्श घर है। मुझे इस पर गर्व है।

3. मेरा अध्यापक

मेरे स्कूल में बहुत-से अध्यापक हैं, लेकिन उन सब में से मुझे श्री वेद प्रकाश जी बहुत अच्छे लगते हैं। वे हमें हिंदी पढ़ाते हैं। उनके पढ़ाने का ढंग बहुत अच्छा है उन्होंने एम० ए०, बी० एड० पास किया हुआ है। वे सभी विद्यार्थियों से स्नेह का व्यवहार करते हैं और पाठ को बड़ी अच्छी तरह समझाते हैं। वे नम्र स्वभाव के व्यक्ति हैं। वे सादगी को बहुत पसन्द करते हैं और बच्चों को भी सादा रहने का उपदेश देते हैं। वे सदा सच बोलते हैं । वे हमेशा समय पर स्कूल आते हैं। वे अन्य सभी अध्यापकों का तथा मुख्याध्यापक का बहुत सम्मान करते हैं। उनकी वाणी में मिठास है। वे किसी बच्चे को डांटते-पीटते नहीं हैं बल्कि उन्हें प्यार से समझाते हैं। ईश्वर उन्हें लम्बी आयु प्रदान करे।

4. मेरी साइकिल

यह मेरी साइकिल है। इसका रंग काला है। यह बहुत तेज़ चलती है। यह मुझे समय पर स्कूल पहुँचाती है। शाम के समय मैं इस पर घूमने जाता हूँ। अपनी साइकिल पर मैंने सुन्दर घंटी भी लगवा रखी है। जब भी कोई सामने आता है तो मैं घंटी बजा देता हूँ। मेरी साइकिल की ब्रेक भी ठीक है। मेरे पिता जी ने मुझे मेरे जन्मदिन पर यह साइकिल दी थी। मेरे मित्र भी इसकी खूब तारीफ करते हैं। मैं इसको खूब संभाल कर रखता हूँ। मैं इस पर ज़रा भी धूल नहीं जमने देता।
PSEB 3rd Class Hindi रचना-भाग 2

5. मेरी कक्षा

मैं तीसरी कक्षा का छात्र हूँ। मेरी कक्षा में लगभग 50 छात्र हैं। मैं अपने सभी साथी छात्रों से बेहद प्यार करता हूँ। मेरी कक्षा में दो पंखे लगे हुए हैं। कक्षा में रोशनी का भी पूरा प्रबन्ध है। कक्षा में लगी खिड़कियों से रोशनी और हवा आती है। मेरी कक्षा में बच्चों के बैठने के लिए पूरा प्रबन्ध है। मेरी कक्षा में हमारे अध्यापक के बैठने के लिए कुर्सी तथा मेज़ भी है। हमारी कक्षा में एक काला श्याम पट्ट भी है। कक्षा में सुन्दर-सुन्दर चार्ट भी लगे हुए हैं। कक्षा की दीवारों पर रंग भी सुन्दर ढंग से किया गया है। मुझे अपनी क क्षा का कमरा बड़ा अच्छा लगता है।

6. प्रातःकाल की सैर

प्रातःकाल की सैर स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। इससे शरीर नीरोग व स्वस्थ बना रहता है। शरीर चुस्त रहता है और काम करने में मन लगता है। मैं हर रोज़ सुबह अपने मित्र के साथ सैर करने के लिए जाता हूँ। हम दोनों सुबह पाँच बजे सैर के लिए निकल जाते हैं। हम एक पार्क में सैर करते हैं। वहाँ बहुत से लोग सैर के लिए आते हैं। सुबह के समय हवा भी ठण्डी और शुद्ध होती है। हम हरी घास पर तेज़-तेज़ चलते हैं। हरी घास पर चलने से आँखों की रोशनी बढ़ती है। फूलों और घास पर पड़ी ओस की बूंदें बड़ी अच्छी लगती हैं । थोड़ी देर बाद सूर्य देवता के दर्शन होने लगते हैं। तब हम अपने घर को लौट आते हैं।

7. मेरी पाठशाला

( मेरा स्कूल) मैं लब्भू राम दोआबा प्राइमरी स्कूल में पढ़ता हूँ। यह शहर के बीच में स्थित है। हमारे स्कूल में 15 कमरे हैं। सभी कमरे खुले और हवादार हैं। सभी कमरों में रोशनदान भी हैं। हमारे स्कूल में दो खेल के मैदान भी हैं। हमारे स्कूल में एक बगीचा भी है। उसमें रंग-बिरंगे फूल खिले रहते हैं। हमारे स्कूल में 15 अध्यापक हैं। सभी अध्यापक बड़े योग्य और परिश्रमी हैं। सभी अध्यापक सुशिक्षित हैं । हमारे स्कूल में लगभग 600 विद्यार्थी पढ़ते हैं। हमारे स्कूल का परिणाम हर वर्ष बहुत अच्छा निकलता है। मुझे अपने स्कूल पर बड़ा गर्व है। ईश्वर करे मेरा स्कूल खूब उन्नति करे।

8. मेरा मित्र

मेरे कई मित्र हैं परंतु विशाल शर्मा मेरा प्रिय मित्र | है। उसका घर मेरे घर के पास ही है। उसके पिता जी सरकारी दफ्तर में काम करते हैं। उसकी माता जी भी स्कूल में पढ़ाती है। वे विशाल से खूब प्रेम करते हैं। विशाल अपने माता-पिता की आज्ञा मानता है। हम दोनों एक ही स्कूल तथा एक ही कक्षा में पढ़ते हैं। वह बड़ा योग्य तथा परिश्रमी है। वह अपनी श्रेणी में सदा प्रथम आता है। वह सभी अध्यापकों का सम्मान करता है। सब अध्यापक उससे प्रसन्न हैं। हम दोनों हर रोज़ प्रातः इकट्ठे सैर करने जाते हैं। हम शाम को इकट्ठे ही खेलते हैं। वह सदा बढ़िया और साफ़-सुथरे कपड़े पहनता है। वह अपने मित्रों की सहायता भी करता है। अपने इन गुणों के कारण ही वह मुझे बहुत अच्छा लगता है।

9. चिड़ियाघर की सैर

चिड़ियाघर में अनेक प्रकार के पशु-पक्षी होते हैं। चिड़ियाघर देखने की मेरी बहुत देर से चाह थी। इस बार छुट्टियों में चिड़ियाघर देखने की मेरी चाह पूरी हो गई। मैं मामा जी से मिलने दिल्ली गया था। वहाँ | सुन्दर चिड़ियाघर होने की चर्चा सुनी। मन देखने को मचल उठा मैं अपने मामा जी के साथ चिड़ियाघर के लिए रवाना हुआ। बस द्वारा थोड़ी ही देर में हम चिड़ियाघर पहुँच गए। हम दोनों टिकट लेकर अंदर दाखिल हो गए। सबसे पहले हमने शेर को दहाडते हए देखा। (फिर एक बड़े पिंजरे में बंद बाघ को देखा। उछलते| कूदते बंदर और लंगूर भी देखे। बाद में अनेक रंगों के पक्षी भी देखे। चिड़ियाघर में अनेक जीव-जन्तुओं को देखकर मैं तो आश्चर्यचकित रह गया।

10: दीपावली

दीपावली हमारा प्रसिद्ध त्योहार है। इस दिन श्री राम 14 वर्ष पश्चात् अयोध्या लौट कर आए थे। लोगों ने इस दिन खुशी से भर कर घर पर घी के दीए जलाए थे। लोग इस दिन अपने घरों और दुकानों की सफाई करते हैं और सजाते हैं। बाजारों में खूब रौनक होती है। मिठाइयों व पटाखों की दुकानें लगती हैं। बच्चे नए-नए कपड़े पहनते हैं। बच्चे बाज़ारों से पटाखे खरीदते हैं। शाम को लोग लक्ष्मी की पूजा करते हैं और मोमबत्तियाँ जलाते हैं। लोग एक दूसरे को मिठाइयाँ खिलाते हैं। बच्चे तथा जवान सभी बड़े खुश होते हैं और बच्चे रात को पटाखे चलाते हैं।

11. रंगों का त्योहार

होली होली का त्योहार हमारा प्रसिद्ध त्योहार है। यह फरवरी या मार्च महीने में आता है। यह त्योहार खुशियों का त्योहार है। बच्चे, बूढ़े तथा जवान सभी इस दिन एक दूसरे पर रंग लगाते हैं। कहीं पानी के गुब्बारे भी मारे जाते हैं। हर तरफ से ‘होली है-होली है’ का शोर आता है। सभी के कपड़े रंग-बिरंगे हो जाते हैं। लोग आपस में गले मिलते हैं। यह त्योहार प्रेम का त्योहार है। हमें यह त्योहार अच्छा लगता है। इस दिन घर में खूब पकवान बनते हैं।

12. मेरे पिता जी

मेरे पिता जी का नाम श्री मोहन राम है।
वह एक डॉक्टर हैं।
उनकी आयु तीस वर्ष है।
उनका कद 5 फुट 7 इंच है।
उनका रंग साफ है।
वह अपने मरीजों से हँसकर बोलते हैं।
उन्हें कभी गुस्सा नहीं आता।
वह अपने परिवार से भी बहुत प्यार करते हैं।
शाम को वह हमारे साथ होते हैं।
वह हमारी हर इच्छा पूरी करते हैं।
उन्हें अपने काम से बहुत प्यार हैं।
वह सदा सच बोलते हैं।
वह ग़रीबों की सहायता करते हैं।
मुझे अपने पिता जी पर गर्व है।
ईश्वर उन्हें लम्बी आयु दें।

13. महात्मा गाँधी

राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी को सारे भारत में बापू के नाम से पुकारा जाता है। आपका जन्म 2 अक्तूबर, सन् 1869 को गुजरात प्रान्त में पोरबन्दर नामक नगर में हुआ था। आपका पूरा नाम मोहन दास कर्मचन्द गाँधी था। आपके पिता राजकोट रियासत के दीवान थे। आप बच्चों से बहुत प्यार करते थे। आप सदा सत्य बोलते थे। आप अपने देश तथा देशवासियों से बहत प्रेम करते थे। आप हर समय देश की सेवा में लगे रहते थे। देश को स्वतंत्र करवाने में आपका बहुमूल्य | योगदान रहा है। आपके प्रयासों से ही हमारा देश 15 अगस्त, सन् 1947 को स्वतंत्र हुआ। आपका जीवन सादा था। 30 जनवरी, सन् 1948 को नाथू राम गोडसे ने आपको गोली मार दी। गोली लगने पर तीन बार आपके मुँह से ‘हे राम’ शब्द निकला। उसके बाद आपने प्राण त्याग दिए।
PSEB 3rd Class Hindi रचना-भाग 3

14. श्री गुरु नानक देव जी

श्री गुरु नानक देव जी सिक्खों के पहले गुरु कहलाते हैं। आपका जन्म सन् 1469 ई० में तलवंडी गाँव (पाकिस्तान) में हुआ। आपके पिता का नाम मेहता | कालू राय जी और माता का नाम तृप्ता देवी जी था। आप बचपन से ही प्रभु भक्ति में लीन रहते थे। आपने साधुओं को खाना खिलाकर सच्चा सौदा किया। आपके | दो पुत्र श्रीचन्द जी और लखमीदास जी थे। आप स्थान-स्थान पर घूमे और अपना सारा जीवन लोगों की भलाई में लगा दिया। आप मक्का-मदीना भी गए। आपने कहा, “ईश्वर एक है। हम सब भाई-भाई हैं। सदा सच बोलना’ चाहिए।” अन्त में आप करतारपुर (पाकिस्तान) में आ गए और वहीं ईश्वर का भजन करते हुए ज्योति-जोत समा गए।

15. श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी

श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी सिक्खों के दसवें और अन्तिम गुरु कहलाते हैं। आपका जन्म सन् 1666 ई० में पटना में हुआ। आपके पिता का नाम श्री गुरु तेग़ बहादुर जी और माता का नाम गुजरी जी था। नौ वर्ष की आयु में आपने गुरु की पदवी प्राप्त की। आपको बचपन से ही तीर चलाने और घुड़सवारी का शौक था। आपने मुग़लों का जुल्म रोकने के लिए सन् 1699 ई० में खालसा पंथ की स्थापना करते हुए सिक्खों को तैयार किया। आपके पुत्रों ने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राण तक दे दिए। आप सारे सिक्खों को अपने पुत्रों के समान समझते थे तथा उनसे प्रेम का व्यवहार करते थे। सन् 1708 ई० में आप ज्योति-जोत समा गये।

कहानियाँ

1. प्यासा कौआ

गर्मियों के दिन थे। एक कौवे को बहुत प्यास लगी। वह पानी की तलाश में काफ़ी देर इधर-उधर घूमता रहा। अन्त में उसे एक बाग में पानी का घड़ा दिखाई दिया, परन्तु घड़े में पानी बहुत कम था। उसकी चोंच पानी तक नहीं पहुँच सकती थी।
PSEB 3rd Class Hindi रचना-भाग 4
उसने घड़े के समीप ही कुछ कंकर पड़े हुए देखे। अब उसे एक उपाय सूझा। उसने कंकर उठाकर घड़े में डालने शुरू कर दिए। इस प्रकार पानी घड़े के ऊपर तक आ गया। कौवे ने जी भर कर पानी पीया और अपनी राह ली।
शिक्षा-जहाँ चाह वहाँ राह।
अथवा
युक्ति से मुक्ति मिलती है।

2. अंगूर खट्टे हैं

एक बार एक लोमड़ी बहुत भूखी थी। वह भोजन की तलाश में इधर-उधर भटकती रही पर कहीं से भी उसे भोजन न मिला। अन्त में वह एक बाग में पहुँची। वहां उसने अंगूरों के गुच्छे लगे देखे। अंगूर देखकर उसके मुँह में पानी भर आया। वह उन्हें खाना चाहती थी। अंगूर थोड़ी ऊँचाई पर लगे हुए थे। वह उन्हें पाने के लिए उछली। बार-बार उछलने पर भी वह अंगूर पा नहीं सकी। अन्त में थक हार कर वह निराश होकर बाग से यह कहते हुए चली गई, अंगूर खट्टे हैं। यदि मैं इन्हें खाऊँगी तो बीमार पड़ जाऊँगी।
शिक्षा-हाथ न पहुँचे थू कौड़ी।

3. लोभ का फल

किसी नगर में एक गरीब व्यक्ति रहता था। मजदूरी से उसके परिवार का गुज़ारा बड़ी ही मुश्किल से होता था। उसकी गरीबी पर दया करके एक यक्ष ने उसे मुर्गी दी और कहा कि यह मुर्गी रोज़ाना सोने का एक अंडा देगी। तुम इस अंडे को बाज़ार में बेच कर अपना गुजारा कर सकते हो। ऐसा कह कर वह चले गए। मुर्गी रोज़ाना सोने का एक अंडा देने लगी। वह इसे बाज़ार में बेच आता और अपना परिवार चलाता। धीरे-धीरे वह परिवार धनी होने लगा। एक बार उसके मन में लालच आ गया। सोचने लगा कि क्या रोज़- रोज़ एक अंडे का इंतजार करो और फिर उसे जाकर बाज़ार में बेचो । क्यों न मैं इसे मार कर एक ही बार में सारे अंडे निकाल लूँ ताकि जल्दी ही अमीर बन जाऊँ। ऐसा सोचकर उसने छुरे से मुर्गी का पेट काट डाला। लेकिन उसे कोई भी अंडा नहीं मिला बल्कि मुर्गी मारी गई। अब वह अपने किए पर पछताने लगा कि लोभ में पड़कर रोजाना मिलने वाले अंडे से भी हाथ धोना पड़ा। शिक्षा-लालच का फल बुरा होता है।

4. चालाक लोमड़ी

गर्मियों के दिन थे। एक लोमड़ी भूख के कारण भोजन की तलाश में इधर-उधर भटक रही थी। थक हार कर वह बाग में पहुँची और वृक्ष की छाया में आराम करने लगी। अचानक उसकी नज़र वृक्ष पर बैठे एक कौए पर पड़ी। उसने देखा कौए के मुँह में रोटी का टुकड़ा है। रोटी देखकर उसकी भूख जाग पड़ी। उसने कौए से रोटी का टुकड़ा लेने की सोची। उसने कौए को कहा, “कौए भैया! कौए भैया ! तुम कितने सुन्दर हो। तुम्हारा रंग भी कितना प्यारा है।

तुम्हारी आवाज़ भी बहुत मीठी है। क्या तुम मुझे अपनी मीठी आवाज़ में एक गाना सुनाओगे ?” अपनी तारीफ सुनकर कौआ बहुत खुश हुआ। जैसे ही उसने काँव-काँव करने के लिए मुँह खोला कि चोंच में पकड़ा हुआ रोटी का टुकड़ा नीचे गिर गया। लोमड़ी ने झट से टुकड़ा उठाया और खा गई। फिर जाते-जाते कहने लगी. “आज तो तुम्हारी आवाज़ ठीक नहीं है। तुम्हारा गाना फिर कभी सुनूँगी। कौआ मुँह देखता रह गया।”
शिक्षा-किसी की चिकनी-चुपड़ी बातों में नहीं आना चाहिए।

5. झूठा गडरिया

किसी गाँव में एक गडरिया रहता था। वह रोजाना सवेरे भेड़-बकरियों को चराने के लिए पास के जंगल में ले जाता था और शाम को लौट आता। एक बार उसे गाँव वालों से मज़ाक करने की सूझी। उसने शोर मचाना शुरू किया, “बचाओ। बचाओ। भेड़िया आया, भेड़िया आया।” उसका शोर सुनकर गाँव वाले इकट्ठे होकर आ गए। उन्हें देखकर वह हँसने लगा। गाँव वाले समझ गए कि वह मज़ाक कर रहा है। वे वापिस लौट गए। एक बार सचमुच में ही भेड़िया उधर आ निकला। भेड़िये को देखकर गडरिया चिल्लाया, “बचाओ। बचाओ। भेड़िया आया, भेड़िया आया।” गाँव वालों ने इस आवाज़ को सुनकर सोचा कि वह फिर मज़ाक कर रहा होगा और कोई भी उसकी सहायता को न आया। भेड़िया उसकी कुछ बकरियाँ मार कर खा गया। गडरिये ने छिप कर अपनी जान बचाई। शिक्षा-झूठे पर कोई विश्वास नहीं करता ।

6. परिश्रम का फल

किसी गाँव में एक बूढ़ा किसान रहता था। उसके चार पुत्र थे। वे चारों ही निकम्मे थे। वे खेती-बाड़ी में अपने पिता का हाथ नहीं बँटाते थे। किसान अपने पुत्रों से बहुत दुखी था। बूढ़े पिता ने अपने बेटों को बहुत समझाया, परन्तु उन पर कोई असर न पड़ा। एक दिन किसान बहुत बीमार हो गया। उसने अपने चारों बेटों को पास बुलाया। उसने उन्हें कहा कि अब मेरे बचने की कोई आशा नहीं। मैं मरने से | पहले तुम्हें एक पते की बात बताना चाहता हूँ। मेरे पिता ने अपने खेत में एक खज़ाना छिपा कर रखा था। वह स्थान जहाँ उन्होंने उस खज़ाने को दबाया था मैं भूल गया हूँ। तुम खेत खोद कर उस खज़ाने को निकाल लेना। इन शब्दों के साथ ही बूढ़ा परलोक सिधार गया।

पिता की मृत्यु के बाद बेटों ने खेत खोदना शुरू | कर दिया, परन्तु उन्हें कहीं भी छिपा हुआ खज़ाना दिखाई न दिया। एक दिन निराश होकर उन्होंने खेत को खोदना बन्द कर दिया। गाँव के सरपंच ने उन्हें बताया कि तुम खेत में अनाज बो दो। उस वर्ष उनके खेत में बहुत फसल हुई। उनका घर अनाज से भर गया। उन्होंने फसल बाज़ार में बेचकर खूब धन कमाया। अब उनकी समझ में आया कि अच्छी फसल ही भूमि में दबा हुआ खज़ाना था। इस प्रकार परिश्रम करतेकरते चारों भाई खूब अमीर हो गए।
शिक्षा-परिश्रम का फल मीठा होता है।

7. जैसे को तैसा

एक राजा के पास एक हाथी था। महावत उस हाथी को नहलाने के लिए नदी पर ले जाता था। रास्ते में एक दर्जी की दुकान पड़ती थी। दर्जी उस हाथी को हमेशा कुछ न कुछ खाने को अवश्य देता था। इससे हाथी और दर्जी में दोस्ती हो गई। एक बार दर्जी किसी कारण से गुस्से में था। उसी समय हाथी आ गया। उसने अपनी सूंड दर्जी की दुकान के अन्दर कर दी। गुस्से से भरे दर्जी ने उसकी सूंड में सुई चुभो दी। हाथी को दर्द हुआ पर वह चुपचाप वहाँ से चला गया। नदी में नहाने के बाद उसने अपनी सूंड में नदी के किनारे का कीचड़ भरा गंदा पानी भर लिया और आकर दर्जी की दुकान पर सारा गंदा पानी फेंक दिया। दर्जी के सिलाई किए हुए सारे कपड़े गंदे हो गए। वह अपनी करनी पर पछताने लगा।
शिक्षा-कर बुरा हो बुरा।

8. मूर्ख सेवक

किसी नगर में एक सेठ रहता था। उसने राजू नाम का एक सेवक रखा । वह बड़ा परिश्रमी और स्वामिभक्त था, परन्तु वह बहुत मूर्ख था। सेठ जी उसके काम से खुश नहीं थे। गर्मियों के दिन थे। एक दिन दोपहर के समय सेठ जी आराम कर रहे थे। राजू उनकी सेवा कर रहा था।इतने में सेठ जी की आँख लग गई। एक मक्खी सेठ जी के मुँह पर आ बैठी। राजू मक्खी को उड़ाता, परन्तु वह फिर सेठ जी के मुँह पर आ बैठती। अन्त में राजू मक्खी से तंग आ गया। उसे एक उपाय सूझा।

उसके पास ही एक डण्डा पड़ा था। मक्खी सेठ जी के | मुँह पर फिर आ बैठी। राजू ने मक्खी पर ज़ोर से डंडा | दे मारा। मक्खी तो उड़ गई पर डंडा सेठ जी के मुँह पर जोर से लगा। उनकी आँखें खुल गईं। सेठ जी दर्द के मारे कराहने लगे। अब उन्हें राजू की मूर्खता का पता चला। उन्होंने राजू को नौकरी से निकाल दिया।
शिक्षा-मूर्ख मित्र या सेवक से बुद्धिमान् शत्रु अच्छा होता है।

PSEB 3rd Class Hindi Grammar Vyakaran

Punjab State Board PSEB 3rd Class Hindi Book Solutions  Grammar Vyakaran Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB 3rd Class Hindi Grammar Vyakaran

चार्ट नं० 1
लिंग बदलना

पुल्लिग स्त्रीलिंग
नर नारी
मामा मामी
बेटा बेटी
दादा दादी
बकरा बकरी
नाना नानी
पिता माता
गायक गायिका
सेवक सेविका
दास दासी
भाई भाभी
नौकर नौकरानी
ऊँट ऊँटनी
लेखक लेखिका
शेर शेरनी
मोर मोरनी
पुरुष स्त्री
युवक युवती
ससुर सास
घोड़ा घोड़ी
सिंह सिंहनी
कुत्ता कुतिया
चाचा चाची
लड़की लड़का
मुर्गा मुर्गी
बालक बालिका
ताया ताई
माली मालिन
बूढ़ा बुढ़िया
अध्यापक अध्यापिका
पति पत्नी
देवर देवरानी
राजा रानी
श्रीमान श्रीमती
नायक नायिका
गायक गायिका
सेठ सेठानी
ग्वाला ग्वालिन
चूहा चुहिया
गाय बैल
हाथी हथिनी
पोता पोती
पुत्र पुत्री
देव देवी।

चार्ट नंo 2
वचन बदलना

पुस्तक पुस्तकें
दिशा दिशाएँ
बहू बहुएँ
बकरा बकरे
कपड़ा कपड़े
आँख आँखें
कन्या कन्याएँ
बेटा बेटे
बच्चा बच्चे
रात रातें
शत्रु शत्रुओं
नदी नदियाँ
लड़की लडकियाँ
चाबी चाबियाँ
गुड़िया गुड़ियाँ
बुढ़िया बुढ़ियाँ
तोता तोते
गुरु गुरुजन
डिब्बा डिब्बे
मुगल मुगलों
पुरुष पुरुषों
मिठाई मिठाइयाँ
दवाई दवाइयाँ
मक्खी मक्खियाँ
बिल्ली बिल्लियाँ
कलम कलमें
शाखा शाखाएँ
कथा कथाएँ
लेखक लेखकों
बात बातें
चिड़िया चिड़ियाँ
बकरी बकरियाँ
माला मालाएँ
लड़का लड़के
लोटा लोटे
बात बातें
राजा राजाओं
टोपी टोपियाँ
प्याली प्यालियाँ
सहेली सहेलियाँ
बेटी बेटियाँ
श्रेणी श्रेणियाँ
स्त्री स्त्रियाँ
परी परियाँ
पंखा पंखे
प्रजा प्रजाजन
वृक्ष वृक्षों
चार चारों
सब्जी सब्जियाँ
पत्ती पत्तियाँ
दीया दीए
बच्चा बच्चे

चार्ट नंo3
अशुद्ध-शुद्ध

शुद्ध अशुद्ध
आपना अपना
आगियाकारी आज्ञाकारी
आतमा आत्मा
आवशयक आवश्यक
अवशय अवश्य
अमरितसर अमृतसर
चालाक चलाक
चतुर चतूर
चश्मा चशमा
चबूतरा चबुतरा
चितर चित्र
छमा क्षमा
छात्र छातर
जनावर जानवर
अधियापक अध्यापक
असमानी आसमानी
असमान आसमान
अकाश आकाश
अर्शीवाद आशीर्वाद
ईस्टेशन स्टेशन
ईशवर ईश्वर
ईष्या ईर्ष्या
इसतरी स्त्री
इन्दू इन्दु
उन्नती उन्नति
ऊधार उधार
ऐक एक
ऐकता एकता
ओरत औरत
कूत्ता कुत्ता
कियोंकि क्योंकि
क्योंकी क्योंकि
कूल्लू कुल्लू
कबुतर कबूतर
गर्मीयाँ गर्मियाँ
गिध गीध
दांत दाँत
धनूष धनुष
धिरज धीरज
नूतन नुतन
नविन नवीन
नावक नाविक
नीकल निकल
जिवन जीवन
जनम जन्म
जोबन यौवन
झाड़ियाँ झाड़ीयाँ
झनडा झंडा
झनकार झंकार
ठाकुर ठाकूर
ठगि ठगी
तिथी तिथि
तकड़ा तगड़ा
तुमहारा तुम्हारा
तिसरा तीसरा
दोखा धोखा
दरशन दर्शन
दुसरा दूसरा
दयालू दयालु
लाटरी लॉटरी
लगन लग्न
वस्तू वस्तु
विद्यारथी विद्यार्थी
विशवास विश्वास
विग्यान विज्ञान
शिक्शा शिक्षा
शीकारी शिकारी
पथ्थर पत्थर
पृथ्वी पृथवी
सहास साहस
प्रतीक्षा प्रतीक्षा
सकूल स्कूल
पत्नि पत्नी
प्रवत पर्वत
प्राताकाल प्रातःकाल
परिक्षा परीक्षा
परीणाम परिणाम
परसन्न प्रसन्न
पयारा प्यारा
परधान प्रधान
भाईयों भाइयों
भगत भक्त
मन्दर मन्दिर
मनुशय मनुष्य
माहाराज महाराज
रितु ऋतु
रिषि ऋषि
सुन्द्र सुन्दर
सूची सुचि
हानि हानी
हिन्दु हिन्दू
हीमाचल हिमाचल
परसिद्ध प्रसिद्ध
परिक्षा परीक्षा

चार्ट नंo4
विपरीतार्थक शब्द
(विलोम शब्द) (उल्टे अर्थ वाले शब्द)

शब्द विपरीतार्थक
सुर असुर
अमृत विष
गरीब अमीर
प्रकाश अंधकार
आकाश पाताल
उन्नति पतन
जीवन मृत्यु
दोष निर्दोष
जीत हार
घटिया बढ़िया
पास
आशा निराशा
आरंभ अंत
अधिक कम
आय व्यय
आज्ञा अवज्ञा
उदय अस्त
उन्नति पतन
उतार चढ़ाव
जन्म मरण
डर निडर
अच्छा बुरा
अपना पराया
दुःख सुख
आना जाना
आदि अन्त
सफलता असफलता
उत्तर प्रश्न
रोगी नीरोगी.
यश अपयश
प्रश्न उत्तर
सुलभ दुर्लभ
शान्ति अशान्ति
हंसना रोना
राजा रंक
शत्रु मित्र
अन्त शुरू
पाप पुण्य
उधार नकद
कृतज्ञ कृतघ्न
कम अधिक
जय पराजय
सुगन्ध दुर्गन्ध
ऊपर नीचे
विजय पराजय
उपकार अपकार
आजाद गुलाम
गरीब अमीर
प्रशंसा निन्दा
संयम असंयम
सरस नीरस
धूप छाँव
सत्य झूठ
प्यार नफरत
सम्मान अपमान
सरल कठिन
ज्ञान अज्ञान
सुन्दर कुरूप
खुला बन्द
दिन रात
सुबह शाम
एक अनेक
सवाल जवाब
रोना हंसना
गर्मी सर्दी
गुण अवगुण
पुरानी नई
खशी गमी
दयालु निर्दयी
पीछे आगे
मुश्किल आसान
रुकना चलना
बूढ़ा जवान
प्रशंसा निंदा
पुरस्कार दंड
आशीर्वाद श्राप
एकता अनेकता
उन्नति अवनति

चार्ट नंo5
वाक्यांश के लिए एक शब्द

ईश्वर को मानने वाला – आस्तिक।
ईश्वर को न मानने वाला – नास्तिक।
जिसका कोई आकार हो – साकार।
जिसका आकार न हो – निराकार।
ग्राम में रहने वाला – ग्रामीण।
नगर में रहने वाला – नागरिक।
जिसमें कम बल हो – निर्बल।
जिसमें बहुत बल हो – बलवान।
जो डरता न हो – निडर।
जो डरता हो – कायर/डरपोक।
प्रतिदिन होने वाला – दैनिक।
सप्ताह में होने वाला – साप्ताहिक
मास में होने वाला – मासिक।
माँस खाने वाला – माँसाहारी।
माँस न खाने वाला – शाकाहारी।
पढ़ाई करने वाला – विद्यार्थी।
दूसरे देश का – विदेशी।
भारत का रहने वाला – भारतीय
जहाँ चार रास्ते मिलते हों – चौराहा।
सिक्खों के पूजा का स्थान – गुरुद्वारा।
हिन्दुओं के पूजा का स्थान – मन्दिर।
मुसलमानों के पूजा का स्थान – मस्जिद।
घोड़े पर सवार – घुड़सवार।
सच बोलने वाला – सत्यवादी।
गीत गाने वाला – गायक।
जो दूसरों पर दया करे – दयालु।
दूसरों पर दया न करने वाला – निर्दयी।
जहाँ पहुँचना कठिन हो – दुर्गम।
जहाँ पहुँचना सरल हो – सुगम।
आसानी से प्राप्त होने वाला – सुलभ।
मुश्किल से मिलने वाला – दुर्लभ।
धोखा देने वाला – धोखेबाज़।
जो दूसरों का भला करता हो। – परोपकारी।

पत्र-लेखन

1. आवश्यक काम के कारण अपने स्कूल के मुख्याध्यापक महोदय को प्रार्थना-पत्र लिखो।

सेवा में

श्रीमान् मुख्याध्यापक जी,
लब्भू राम दोआबा प्राइमरी स्कूल,
जालन्धर।

श्रीमान् जी,

प्रार्थना यह है कि मेरी माता जी बीमार हैं। उनकी देखभाल करने के लिए मेरा घर पर रहना ज़रूरी है। इसलिए मैं आज स्कूल नहीं आ सकता। कृपया मुझे एक दिन की छुट्टी देकर कृतार्थ करें।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
विकास
कक्षा तीसरी ‘क’

तिथि : 12 अप्रैल, 20…….

2. बीमारी के कारण छुट्टी के लिए प्रार्थना-पत्र।

सेवा में

श्रीमती मुख्याध्यापिका जी,
साईं दास प्राइमरी स्कूल,
जालन्धर।

श्रीमती जी,

नम्र निवेदन यह है कि मुझे कल रात से तेज़ बुखार है। अत: मैं स्कूल में उपस्थित नहीं हो सकती। कृपया मुझे दो दिन 13 तथा 14 मई की छुट्टी देकर कृतार्थ करें।

आपकी विनीत शिष्या,
ललिता
कक्षा तीसरी ‘ग’

तिथि : 13 मई, 20…………….

3. अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को विवाह के कारण अवकाश के लिए प्रार्थना-पत्र लिखो।

सेवा में

श्रीमान् मुख्याध्यापक जी,
सरकारी प्राइमरी स्कूल,
अमृतसर।

श्रीमान् जी,
सविनय निवेदन है कि मेरे बड़े भाई (बड़ी बहन) का विवाह 11 दिसम्बर, 20……… को होना निश्चित हुआ है। अत: मुझे 10 दिसम्बर से 13 दिसम्बर, 20………. तक का अवकाश देकर कृतार्थ करें।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
अशोक कुमार
कक्षा तीसरी ‘क’

तिथि : 10 दिसम्बर, 20…………

4. अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को फीस माफ़ी के लिए प्रार्थना-पत्र लिखो ।

सेवा में

श्रीमती मुख्याध्यापिका जी,
देवराज कन्या शाखा विद्यालय,
जालन्धर।

श्रीमती जी,

सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके स्कूल की तीसरी ‘क’ श्रेणी में पढ़ती हूँ। मेरे पिता जी का मासिक वेतन केवल 3,000 रुपए है। महँगाई के दिनों में इतने कम वेतन में गुज़ारा करना बड़ा मुश्किल है। अतः मैं स्कूल की फीस नहीं दे सकती। कृपया आप मेरी पूरी फीस माफ़ कर दें। मैं आपकी अति धन्यवादी हूँगी।

आपकी विनीत शिष्या,
श्वेता
कक्षा तीसरी ‘क’

तिथि : 5 अप्रैल, 20…………….

5. पिता जी से रुपये मँगवाने के लिए पत्र।

297, विक्रमपुरा,
जालन्धर।
2 अप्रैल, 20…..

  पूज्य पिता जी,

              सादर प्रणाम !

आपको यह समाचार पढ़ कर बहुत खुशी होगी कि मैं दूसरी श्रेणी में पास हो गया हूँ। अब मुझे तीसरी कक्षा के लिए नई पुस्तकें व कापियाँ खरीदनी हैं। इसलिए आप जल्दी-से-जल्दी 350 रुपए मनीआर्डर द्वारा भेज दीजिए।

मुन्ना को प्यार, माता जी को प्रणाम।

आपका प्रिय पुत्र,
विश्वप्रिय

6. पिता की ओर से पुत्र को पत्र।

189, आदर्श नगर,
जालन्धर।
18 अप्रैल, 20…………….

प्रिय पुत्र परमजीत,
सदा प्रसन्न रहो ।

तुम्हारा पत्र कल मिला। पढ़ कर बड़ी खुशी हुई कि तुम दूसरी श्रेणी में पास हो गए हो। मुझे आशा है कि तुम इसी तरह मेहनत करते रहोगे। अपनी सेहत का ध्यान रखना। मैं तुम्हें 350 रुपए मनीआर्डर द्वारा भेज रहा हूँ। मिलने पर पता देना।

तुम्हारा पिता,
राम सहाय

7. अपने बड़े भाई को पत्र लिखकर अपनी दिनचर्या के बारे में बताएं।

271, मॉडल टाऊन,
फगवाड़ा।
14 अगस्त, 20…………….

आदरणीय भाई साहब,
सादर नमस्ते।

आज आपका पत्र मिला। पढ़कर हाल मालूम हुआ। आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि मैं तिमाही परीक्षा में अपनी श्रेणी में प्रथम रहा हूँ। मैं हर रोज़ | सुबह सैर को जाता हूँ। सायंकाल खेलों में भी भाग लेता हूँ। मैं मन लगाकर अपनी पढ़ाई कर रहा हूँ। दशहरे की छुट्टियों में मैं आपके पास ज़रूर आऊँगा। भाभी जी को प्रणाम ।

आपका छोटा भाई,
कमल किशोर
तीसरी कक्षा

8. अपनी सखी को पत्र लिखकर बताओ कि परीक्षा कैसी हुई।

632, विकास नगर,
लुधियाना।
25 मार्च, 20………..

प्रिय सखी अर्चना,
नमस्ते।

कई दिनों से तुम्हारा कोई पत्र नहीं आया। मैं तो हर समय तुम्हें याद करती रहती हूँ। लगता है तुम शायद मुझे भूल गई हो। मैं अपनी वार्षिक परीक्षा के कारण तुम्हें कोई पत्र न लिख सकी। मेरे सभी पेपर अच्छे हो गए हैं। मैं अपनी श्रेणी में प्रथम आने की आशा रखती हूँ। तुम भी लिखना कि तुम्हारे पेपर कैसे हुए हैं। माता जी की तरफ से तुम्हें बहुत-बहुत प्यार।

तुम्हारी सहेली,
साधना

PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 24 हिम्मत

Punjab State Board PSEB 3rd Class Hindi Book Solutions Chapter 24 हिम्मत Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 3 Hindi Chapter 24 हिम्मत

Hindi Guide for Class 3 PSEB हिम्मत Textbook Questions and Answers

अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर

I. बताओ

1. महाभारत के युद्ध में कौरवों की संख्या कितनी थी ?
उत्तर-
महाभारत के युद्ध में कौरवों की संख्या एक सौ थी।

2. पाँडव कितने थे ? उनके नाम लिखो।
उत्तर–
पाँडव पाँच थे। युधिष्ठिर, अर्जुन, भीम, नकुल और सहदेव।

3. अभिमन्यु वीरगति को कैसे प्राप्त हुआ ?
उत्तर-
सोलह वर्ष के बालक अभिमन्यु ने अकेले ही कौरवों की विशाल सेना को चीरते हुए चक्रव्यूह को नष्ट किया। इस कार्य में वह घायल हो गया था। कौरवों ने उसे घेर लिया और अभिमन्यु लड़तेलड़ते वीरगति को प्राप्त हुआ।

4. किस घटना से पता चलता है कि महाराजा रणजीत सिंह एक साहसी व्यक्ति थे ?
उत्तर-
तेज गति से बहती नदी की धारा में से घोड़े को लेकर नदी पार कर जाना बताता है कि महाराजा रणजीत सिंह एक साहसी व्यक्ति थे।

5. चींटी से आप क्या प्रेरणा ले सकते हैं ?
उत्तर-
चींटी हमें जीवन में हिम्मत से आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।

6. वीरता पुरस्कार किन बच्चों को दिया जाता है ?
उत्तर-
जो बच्चे अपने जीवन में साहस से भरा कोई काम करते हैं उन्हें वीरता पुरस्कार दिया जाता है।

7. यदि आपने जीवन में कोई साहस वाला | कार्य किया हो तो उसे लिखो।
उत्तर-
मैंने जीवन में साहस का परिचय देकर नदी में डूब रहे दो बच्चों को बचाया है।

II. वाक्य बनाओ

छक्के छुड़ाना = हौंसला ढह जाना = …………………………..
वीरगति को प्राप्त होना = युद्धभूमि में मारा जाना = …………………………..
धूल चटाना = हराना = …………………………..
दाँत खट्टे करना = हराना = …………………………..
उत्तर-
(i) छक्के छुड़ाना = हौंसला ढह जाना → अभिमन्यु ने अपनी वीरता से शत्रुओं के छक्के छुड़ा दिए।
(ii) वीरगति को प्राप्त होना = युद्धभूमि में मारा जाना→ युद्ध में हमारे कई सैनिक साहसपूर्वक लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए।
(iii) धूल चटाना = हराना → अकबर ने अपने साहस के बल पर अपने शत्रुओं को धूल चटा दी।
(iv) दाँत खट्टे करना = हराना → महाराजा रणजीत सिंह ने शत्रुओं के दाँत खट्टे कर दिए।

III. समान अर्थ वाले शब्द लिखो

हिम्मत = हौंसला
संकट = …………………………..
पराजित = …………………………..
युद्ध = …………………………..
शासक = …………………………..
पुरस्कार = …………………………..
नदी = …………………………..
घोड़ा = …………………………..
उत्तर-
(i) हिम्मत = हौंसला
(ii) संकट = मुसीबत।
(iii) पराजित = हराना।
(iv) युद्ध = लड़ाई।
(v) शासक = राजा।
(vi) पुरस्कार = ईनाम।
(vii) नदी = सरिता।
(viii) घोड़ा = अश्व।

IV. मिलान करो

हार – ज्यादा
फूल – अनिश्चित
कम – चलना
रुकना – जीत
निश्चित – काँटा
उत्तर-
विपरीतार्थक शब्दों का मिलान
(i) हार – जीत।
(ii) फूल – काँटा।
(iii) कम – ज्यादा।
(iv) रुकना – चलना।
(v) निश्चित – अनिश्चित।

V. नये शब्द बनाओ –

हिम्मत = म्म = चम्मच।
युद्ध = दूध = …………………………
संख्या = ख्य = …………………………
अन्त = न्त = …………………………
अवस्था = स्थ = …………………………
रास्ता = स्त = …………………………
प्रबन्ध = न्ध = …………………………
उत्तर-
शब्द
संयुक्त नया शब्द शब्द

  • हिम्मत = म्म = चम्मच।
  • युद्ध = द्ध = बुद्ध।(बुद्ध)
  • संख्या = ख्य = व्याख्या।
  • अन्त = न्त = सन्त।
  • अवस्था = स्थ = स्वस्थ।
  • रास्ता = स्त = अस्त।
  • प्रबन्ध = न्ध = अन्धा।

VI. दिए गए शब्दों को पढ़ो और बताओ कि वे किन-किन अक्षरों के मेल से बने हैं-

शत्रु, आज्ञा, दृढ़, श्री, चक्र, मार्ग।

  • शत्रु = श् + अ + त् + र् + उ।
  • आज्ञा = आ + ग् + य् + आ।
  • दृढ़ = द् + अ + अर् + टू + अ।
  • श्री = श् + र् + ई।
  • चक्र = च् + अ + क् + अ + र्।
  • मार्ग = म् + आ + र् + ग् + अ।

VII. शब्द में शब्द ढूंढकर लिखो

महाभारत, सामना, श्रीराम, सेनापतियों, महाराज।
उत्तर-

  • महाभारत = महा, भारत, भार, भात, मात।
  • सामना = साम, मना, नाम।
  • श्रीराम = श्री, राम।
  • सेनापतियों = सेना, पतियों।
  • महाराज = महा, राज, हारा,मरा, जरा।

VIII. पाठ में आए व्यक्तियों और ग्रंथों के नाम छाँट कर लिखेंउत्तर-व्यक्तियों के नाम –

  • श्रीराम।
  • अभिमन्यु।
  • अकबर।
  • महाराजा रणजीत सिंह।
  • झाँसी की रानी।
  • कल्पना चावला।
  • रावण।

ग्रंथों के नाम-

  1. रामायण।
  2. महाभारत।

हिम्मत Summary & Translation in Hindi

पाठ का सार

‘हिम्मत’ पाठ के लेखक विक्रमजीत नूर ने अपने पाठ में कुछ शूरवीरों की गाथाओं को बताते हुए कहा हमें मुश्किल के समय में हिम्मत से काम लेना चाहिए। मुसीबत के समय हिम्मत से काम लिया जाए तो कभी भी हार का मुँह नहीं देखना पड़ता। हिम्मत, हाँसला और दिलेरी ऐसे महान् गुण हैं, जिनके होते हुए हार कहीं नज़र नहीं आती। हमारे इतिहास में ऐसे अनेक शूरवीर हुए हैं जिन्होंने संकट के समय हिम्मत से काम लिया और जीत प्राप्त की।

रामायण में रावण जैसे पराक्रमी योद्धा, जिसके पास विशाल सेना थी को श्री राम ने अपने साहस व वानरों की सेना के साथ पराजित किया। महाभारत के युद्ध में पाँच पांडवों ने एक सौ कौरवों पर साहस के बल पर ही विजय पाई थी। सौलह वर्ष के वीर अभिमन्यू ने अपने साहस के बल पर ही दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे। तेरह वर्ष के अकबर ने अपने साहस के बल पर ही शत्रुओं को धूल चटा दी थी।

पंजाब के वीर महाराजा रणजीत सिंह भी न केवल एक वीर योद्धा थे बल्कि जीवन में हर मुश्किल का सामना अपने साहस के बल पर किया। बल्कि उनकी वीरता का परिचय अटक की इस घटना से भी चलता है। आपकी सेना पठानों की सेना से बहुत कम थी। महाराजा रणजीत सिंह सेना लेकर स्वयं युद्ध के मैदान की तरफ चल पड़े। मार्ग में अटक नदी बड़ी तेज़ गति से बह रही थी। शत्रुओं ने पुल तोड़ दिया था। नदी को पार करने का कोई रास्ता नहीं था। सैनिक रुक गए। रणजीत सिंह ने आज्ञा दी, “सेना को दूसरी ओर पहुँचाने का शीघ्र प्रबन्ध किया जाए।” सरदारों ने कहा, “महाराज! नदी का पानी बड़े वेग | से बह रहा है, पुल टूट चुका है, आगे जाने का कोई रास्ता ही नहीं है।”

यह सुनकर महाराजा रणजीत सिंह ने कहा, “रणजीत सिंह के लिए अटक-अटक नहीं बन सकता।” यह कहकर उन्होंने अपने घोड़े को एड़ी | लगायी। घोड़ा नदी में कूद पड़ा और देखते ही देखते | वे दूसरे किनारे पर पहुंच गए। उनका हौंसला देखकर सभी सैनिकों में भी साहस जाग उठा। वे भी अपने महाराज के पीछे नदी में कूद पड़े। सारी सेना नदी पार कर गई। इस प्रकार समय पर पहुँचकर उन्होंने अपने शत्रुओं के दाँत खट्टे किये।

बच्चो! हिम्मत के बल पर बड़े से बड़े संकट का सामना किया जा सकता है। जीवन में तुम हारोगे भी और जीतोगे भी। तुम्हें जीत का सपना लेकर चलना चाहिए। चींटी अपने हिम्मत के बल पर ही अपने भार से दस गुणा भार उठा लेती है। चलने में ही जीत निहित होती है। इसलिए जीतने के लिए चलते रहना चाहिए। रुक जाना तो मौत की निशानी है। जो बच्चे साहस से भरा कार्य करते हैं भारत सरकार उन्हें ‘वीरता पुरस्कार’ से सम्मानित करती है।

कठिन शब्दों के अर्थ ।

मुसीबत = संकट, मुश्किल, कठिन समय।
हिम्मत = संयम, धैर्य, हौंसला।
दिलेरी = बहादुरी, साहस।
शूरवीर = बहादुर।
संकट = मुश्किल।
पराक्रमी = वीर, बहादुर।
विशाल = बहुत बड़ी।
बल = ताकत, ज़ोर।
जूझना = लड़ना।
शक्ति = ताकत।
जिन्दगी = जीवन।
चक्रव्यूह = चक्र के आकार में सेना की स्थापना।
भेदन = काटना, तोड़ना, नष्ट करना।
शत्रु = दुश्मन।
लोहा लेना =, टक्कर लेना, लड़ना।
वीरगति = शहीद, मारे जाना।
अबोध = नादान, नासमझ।
धूल चटाना = हरा देना।
मार्ग = रास्ता।
शीघ्र = जल्दी।
प्रबन्ध = व्यवस्था, उपाय।
तट = किनारा ।
अद्भुत = अनोखा।
दाँत खट्टे करना = हरा देना।
दृढ़-इरादा = पक्का इरादा।
निहित = रखी हुई।
पुरस्कार = इनाम।
उद्देश्य = लक्ष्य।
निश्चित = पक्का।
शासक = राजा, शासन करने वाला।
अद्भुत = अनोखा।
साम्राज्य = विशाल राज्य।
निहित = रखा हुआ।

PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 23 सत्यं वद

Punjab State Board PSEB 3rd Class Hindi Book Solutions Chapter 23 सत्यं वद Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 3 Hindi Chapter 23 सत्यं वद

Hindi Guide for Class 3 PSEB सत्यं वद Textbook Questions and Answers

अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर

I. बताओ

1. गुरु जी ने शिष्यों को पहले दिन कौन-सा पाठ पढ़ाया ?
उत्तर-
गुरु जी ने शिष्यों को पहले दिन ‘सत्यम् वद’ अर्थात् सच बोलो का पाठ पढ़ाया।

2. गुरु जी द्वारा पढ़ाए गए पाठ को किसने नहीं सुनाया और क्यों ?
उत्तर-
गुरु जी द्वारा पढ़ाए गए पाठ को युधिष्ठिर ने नहीं सुनाया क्योंकि उसे पाठ याद नहीं हुआ था।

3. कक्षा में बैठे सभी शिष्य युधिष्ठिर का मज़ाक क्यों उड़ाते थे ?
उत्तर-
युधिष्ठिर से एक सरल सा पाठ भी याद नहीं हो रहा था। इसी कारण कक्षा में बैठे सभी शिष्य युधिष्ठिर का मज़ाक उड़ाते थे।

4. युधिष्ठिर को गुरु द्वारा पढ़ाए गए पाठ को याद करने में ज्यादा दिन क्यों लगे ? ..
उत्तर-
युधिष्ठिर जब भी गुरु जी द्वारा दिए गए पाठ को याद करके सच बोलने की कोशिश करता तो कहीं न कहीं कुछ झूठ बोला जाता, इससे उसे लगता कि अभी मुझे पाठ अच्छी तरह याद नहीं हुआ।

5. गुरु जी ने युधिष्ठिर को गले क्यों लगाया ?
उत्तर-
गुरु जी द्वारा सिखाए गए पाठ के प्रति युधिष्ठिर की सच्ची निष्ठा और लग्न देखकर गुरु जी ने प्रसन्न होकर उसे गले से लगा लिया।

II. सही शब्दों पर गोले लगाओ

कोरव/कौरव असान/आसान
गुरु/गुरू हँसने/हसने
शिष्य/शिश्य युधिष्ठर/युधिष्ठिर
हेरान/हैरान प्रन्तु/परन्तु
उत्तर-
सही शब्द
(i) कौरव।
(ii) आसान।
(iii) गुरु।
(iv) हँसने।
(v) शिष्य।
(vi) युधिष्ठिर।
(vii) हैरान।
(viii) परन्तु।

III. समान अर्थ वाले शब्द जोड़ो

PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 23 सत्यं वद 1

उत्तर-
समान अर्थ वाले शब्द
(i) सौ एक सौ/सैंकड़ा।
(ii) गुरु अध्यापक।
(iii) वद बोलना।
(iv) शिष्य
(viii) दिन दिवस।
(ix) सरल आसान।
(x) झूठ – मिथ्या।

IV. संयुक्त अक्षरों से बने शब्द पाठ में से चुनकर लिखो

क् + ष = क्ष = कक्षा
द् + व = द्व = ………………………………
क् + य = क्य = ………………………………
प् + र = प्र = ………………………………
उत्तर-
(i) क् + ष = क्ष = कक्षा
(ii) द् + व = व = विद्वान्
(iii) क् + य = क्य = क्या
(iv) प् + र = प्र = प्रबल

V. इस जाल में पाँच पाँडवों के नाम छिपे हैं। उन्हें ढूँढ़ो उन पर गोला लगाओ और उनके नाम लिखो।
PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 23 सत्यं वद 2
उत्तर-
(i) युधिष्ठिर।
(ii) अर्जुन।
(iii) भीम।
(iv) नकुल।
(v) सहदेव।

सत्यं वद Summary & Translation in Hindi

पाठ का सार

पाण्डव और कौरव शिक्षा प्राप्त करने के लिए जब अपने गुरु जी के पास गए तो गुरु जी ने उन्हें पहले दिन पाठ पढ़ाया-‘सत्यम् वद’ अर्थात् सच बोलो। गुरु जी ने अपने शिष्यों से इस पाठ को याद करने के लिए कहा। अगले दिन जब गुरु जी ने पाठ सुना तो सिवाय युधिष्ठिर के सभी ने पाठ सुना दिया। युधिष्ठिर से जब गुरु जी ने पूछा तो उन्होंने कहा मुझे पाठ याद नहीं हुआ है। गुरु जी ने उसे अगले दिन पाठ याद करने को कहा। अगले दिन भी गुरु जी के पूछने पर युधिष्ठिर ने यही कहा कि गुरु जी मुझे पाठ याद नहीं हुआ।

इस पर सारी कक्षा हँसने लगी। गुरु जी ने उन्हें कहा कि जब तुम्हें अच्छी तरह पाठ याद हो जाए तभी कक्षा में आना। इस तरह काफी दिन बीत गए। फिर एक दिन युधिष्ठिर कक्षा में आया। गुरु जी के पूछने पर युधिष्ठिर ने कहा, “गुरु जी मुझे पाठ याद हो गया है।” गुरु जी के कहने पर उन्होंने कह दिया “सत्यम् वद” अर्थात् सच बोलो।

गुरु जी ने फिर कहा कि इतना सरल पाठ याद करने में तुमने इतने दिन लगा दिए। युधिष्ठिर ने कहा कि गुरु जी रोज़ाना सत्य बोलने की बात सोच कर भी कभी-कभी रोज़ झूठ निकल जाता था। ऐसे में फिर मैं आपसे कैसे कह देता कि मुझे पाठ याद हो गया है। आज मैंने मन से सच बोलने का प्रण लिया है। मैं जीवन भर सच बोलूँगा। गुरु जी ने युधिष्ठिर को गले से लगा लिया और कहने लगे, “बेटा ! सचमुच सच बोलने का पाठ सारी कक्षा में से तुमने ही सबसे अच्छी तरह याद किया है।”

कठिन शब्दों के अर्थ

सत्यम् = सत्य, सच ।
वद = बोलना।
शिष्य = चेला, शिक्षा पाने वाला।
पाठशाला = विद्यालय, स्कूल ।
शान्त = चुप।
सरल = आसान।
प्रण = प्रतिज्ञा, संकल्प, व्रत।
मज़ाक उड़ाना = हँसी उड़ाना।

PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 22 गुरु गोबिंद सिंह को शीश झुकाएँ

Punjab State Board PSEB 3rd Class Hindi Book Solutions Chapter 22 गुरु गोबिंद सिंह को शीश झुकाएँ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 3 Hindi Chapter 22 गुरु गोबिंद सिंह को शीश झुकाएँ

Hindi Guide for Class 3 PSEB गुरु गोबिंद सिंह को शीश झुकाएँ Textbook Questions and Answers

अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर

I. बताओ

1. कविता में इतिहास पुरुष किसे कहा गया
उत्तर-
कविता में इतिहास पुरुष गुरु गोबिन्द सिंह जी को कहा गया है।

2. गुरु गोबिन्द सिंह जी को वंश दानी क्यों कहा जाता है ?
उत्तर-
गुरु गोबिन्द सिंह जी ने अपने पिता और अपने चारों पुत्रों को देश और धर्म की रक्षा की खातिर न्योछावर कर दिया। इस प्रकार उन्होंने अपने वंश को ही देश पर लुटा दिया। इसी कारण उन्हें ‘वंशदानी’ कहा जाता है।

3. खालसा पंथ की स्थापना किसने की थी ?
उत्तर-
खालसा पंथ की स्थापना श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी ने की थी।

4. गुरु गोबिन्द सिंह जी का अन्य क्या नाम प्रसिद्ध है ?
उत्तर-
गुरु गोबिन्द सिंह जी को ‘दशम गुरु’ के नाम से भी जाना जाता है।

5. गुरु गोबिन्द सिंह जी ने अपने देश और धर्म की खातिर कितने पुत्रों का बलिदान दिया था ?
उत्तर-
गुरु गोबिन्द सिंह जी ने अपने देश और धर्म की खातिर अपने चारों पुत्रों का बलिदान दिया था।

II. कविता की पंक्तियाँ पूरी करो

देश-धर्म पर वार दिए सुत,
…………………………..
चिड़ियों से जो बाज लड़ाए,
…………………………..
वंश दान करने वाले,
…………………………..
उत्तर-
(i) देश-धर्म पर वार दिए सुत, उस दानी को शीश झुकाएँ।
(ii) चिड़ियों से जो बाज लड़ाए, उस योद्धा पर बलि-बलि जाएँ।
(iii) वंश दान करने वाले, गुरु गोबिन्द सिंह पर बलि-बलि जाएँ।

III. वाक्यों में प्रयोग करो

इतिहास पुरुष = …………………………..
वंश दानी = …………………………..
देश धर्म = …………………………..
संत सिपाही = …………………………..
उत्तर-
(i) इतिहास पुरुष = श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी एक इतिहास पुरुष हैं।
(ii) वंश दानी = अपने पूरे वंश को धर्म की वेदी पर न्योछावर करने के कारण श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी वंश दानी कहलाते हैं।
(iii) देश-धर्म = हमारे लिए देश-धर्म पहले है।
(iv) संत सिपाही = संत सिपाही गुरु गोबिन्द सिंह जी का जन्म पटना में हुआ।

IV. तुक मिलाओ

सुनायें कहलाये।
उठाता झुकायें
आना बनाता।
आये जाना।

उत्तर-
(i) सुनायें = झुकायें।
(ii) उठाता = बनाता।
(iii) आना = जाना।
(iv) आये = कहलाये।

V. दो-दो पर्यायवाची लिखो

शीश = ………………………….. …………………………..
सुत = ………………………….. …………………………..
तलवार =………………………….. …………………………..
कथा= ………………………….. …………………………..
पितागुरु = ………………………….. …………………………..
उत्तर
(i) शीश = सिर, माथा।
(ii) सुत = बेटा, तनय।
(iii) तलवार कृपाण, खड्ग।
(iv) कथा = कहानी, गाथा।
(v) पिता = तात, बाप।
(vi) गुरु = शिक्षक, अध्यापक।

VI. ‘इतिहास’ शब्द में ‘इक’ लगाकर नया शब्द ‘ऐतिहासिक बना। इसी प्रकार ‘इक’ लगाकर नए शब्द बनाओ –

धर्म + इक = …………………………..
समाज + इक = …………………………..
परिवार + इक = …………………………..
अन्तर + इक = …………………………..
उत्तर-
(i) धर्म + इक = धार्मिक।
(ii) समाज + इक = सामाजिक।
(iii) परिवार + इक = पारिवारिक।
(iv) अन्तर + इक = .. आन्तरिक।

VII. चौखाने में सिक्खों के दस गुरुओं के नाम छिपे हैं। उन पर गोला लगाओ और सामने क्रम अनुसार उनके नाम लिखो –
PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 22 गुरु गोबिंद सिंह को शीश झुकाएँ 1
उत्तर-
दस गुरुओं के नाम

  1. श्री गुरु नानक देव जी
  2. श्री गुरु अंगद देव जी
  3. श्री गुरु अमरदास जी
  4. श्री गुरु रामदास जी
  5. श्री गुरु अर्जुन देव जी
  6. श्री गुरु हर गोबिन्द जी
  7. श्री गुरु हरिराय जी
  8. श्री गुरु हरि कृष्ण जी
  9. श्री गुरु तेग़ बहादुर जी
  10. श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी।

गुरु गोबिंद सिंह को शीश झुकाएँ Summary & Translation in Hindi

पद्यांशों के सरलार्थ

1. आओ तुम्हें इतिहास पुरुष के, बलिदानों की कथा सुनाएँ। देश धर्म पर वार दिए सुत, उस दानी को शीश झुकाएँ। जीती कौमें बलिदानों पर, यह इतिहास बताता है। देश धर्म की रक्षा करने, सन्त सिपाही आता भेज पिता को धर्म की खातिर, खुद तलवार उठाता है। पंथ खालसा का सिरजन कर, इक इतिहास बनाता है। चिड़ियों से जो बाज लड़ाए, उस योद्धा पर बलि-बलि जाएँ। देश धर्म पर वार दिए सुत, उस दानी को शीश झुकाएँ। सरलार्थ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिन्दी पाठ्यपुस्तक से कविता “गुरु गोबिन्द सिंह को शीश झुकाएँ” से ली गई हैं। इसमें कवि ने सिक्खों के दसवें गुरु गोबिन्द सिंह जी के त्याग और बलिदान का वर्णन किया है। कवि कहता है कि आओ आज तुम्हें एक ऐसे वीर की कहानी सुनाएँ जिसने अपने त्याग, और बलिदान से इतिहास ही लिख दिया। जिस वीर ने अपने देश और अपने धर्म के लिए अपने बेटों को न्योछावर कर दिया, उस महादानी को अपना शीश नमन करें।

कवि बताता है कि बलिदान के बल पर ही राष्ट्र जीता है और इन्हीं बलिदानों से इतिहास बनता है। इतिहास तो यही बताता है कि देश और धर्म की रक्षा करने के लिए सन्त सिपाही गुरु गोबिन्द सिंह जी इस संसार में आए जिन्होंने अपने पिता को भी धर्म की खातिर बलिदान देने को भेज दिया और जुल्मों को रोकने के लिए खुद तलवार भी उठा ली। पंथ की सृजना (खालसा पंथ की स्थापना) करके जिसने एक इतिहास लिख दिया। वह योद्धा, जिसने चिड़ियों से बाज़ों को लड़वा दिया। उस वीर योद्धा पर बलिहारी जाएँ। जिस वीर ने अपने देश और धर्म की खातिर अपने बेटों को भी न्योछावर कर दिया, उस दानी, वीर को अपना शीश झुकाएँ। भाव-विशेष-कवि ने वीर सिपाही गुरु गोबिन्द सिंह जी के प्रति अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए हैं।

2. धर्म है पहले देश है पहले, बाकी आना जाना है। कुर्बानी की अजब कहानी, को फिर से दोहराना है। दीवारों में चिने लाल दो, धर्म-युद्ध में काम दो आए। पिता दान-फिर पुत्र दान कर, वंशदानी जो कहलाए॥ वंश दान करने वाले, गुरु गोबिन्द सिंह पर बलि-बलि जाएँ। देश धर्म पर वार दिए सुत, उस दानी को शीश झुकाएँ।

सरलार्थ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिन्दी पाठ्यपुस्तक से कविता ‘गुरु गोबिन्द सिंह को शीश झुकाएँ’ से ली गई हैं। इसमें कवि ने सिक्खों के दसवें गुरु गोबिन्द सिंह जी के त्याग और बलिदान की गाथा का वर्णन किया है। कवि बताते हैं कि गुरु गोबिन्द सिंह जी के लिए देश और धर्म पहले था। उनके बलिदान की कहानी को आज फिर दोबारा से सुनना है। उनके दो वीर बेटे दीवारों में चिनवा दिए गए और दो बेटे धर्म की रक्षा करते काम आए। इस वीर पुरुष ने पहले अपने पिता और फिर अपने चारों पुत्रों को देश के लिए, अपने धर्म की रक्षा के लिए दान में दे दिया और ऐसा करके वे अनूठे वीर पुरुष कहलाए जिन्होंने अपने वंश का ही दान दे दिया। ऐसे वंश-दानी, गुरु गोबिन्द सिंह जी पर आओ बलिहार जाएँ। जिस वीर पुरुष ने अपने देश और धर्म की रक्षा के लिए अपने बेटों तक को न्योछावर कर दिया, आओ उस महादानवीर को सिर झुकाएं। भाव-विशेष-कवि ने सन्त सिपाही गुरु गोबिन्द सिंह जी के प्रति अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित किए हैं।

कठिन शब्दों के अर्थ

इतिहास-पुरुष = इतिहास रच देने वाले व्यक्ति।
सुत = बेटा।
बलिदान = कुर्बानी।
वार दिए = न्यौछावर कर दिए, कुर्बान कर दिए।
दानी = दान देने वाला।
शीश झुकाना = नमन करना।
कौम = राष्ट्र।
रक्षा करना = बचाना।
खातिर = के लिए।
खुद = स्वयं।
सिरजन = निर्माण, बनाना।
बाज = पक्षी का नाम।
यौद्धा = युद्ध करने वाला।
अजब = अद्भुत।
दोहराना = दोबारा से।
चिने = चिनवाए।
लाल = बेटे।
धर्म-युद्ध = धर्म की, न्याय की लड़ाई।
काम आए = मारे गए।
वंशदानी = वंश को दान करने वाला (यहाँ गुरु गोबिन्द सिंह जी को वंशदानी कहा गया है )

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