PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 7 पौष्टिक घरेलू बगीचा

Punjab State Board PSEB 7th Class Agriculture Book Solutions Chapter 7 पौष्टिक घरेलू बगीचा Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Agriculture Chapter 7 पौष्टिक घरेलू बगीचा

PSEB 7th Class Agriculture Guide पौष्टिक घरेलू बगीचा Textbook Questions and Answers

(क) एक-दो शब्दों में उत्तर दें :

प्रश्न 1.
भारतीय स्वास्थ्य अनुसंधान के अनुसार सेहतमंद व्यक्ति को प्रतिदिन कितनी सब्जी खानी चाहिए ?
उत्तर-
280-300 ग्राम सब्जी।

प्रश्न 2.
भारतीय स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान के अनुसार स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन कितने फलों का सेवन करना चाहिए ?
उत्तर-
50 ग्राम फल।

प्रश्न 3.
विटामिन ए की कमी से होने वाले रोग का नाम बताएं।
उत्तर-
अन्धराता।

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प्रश्न 4.
मानव शरीर में लोहे की कमी के कारण होने वाले रोग का नाम बताएं।
उत्तर-
अनीमिया।

प्रश्न 5.
घरेलू बगीचे का मॉडल किस कृषि विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किया गया है ?
उत्तर-
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना।

प्रश्न 6.
कद जाति की कोई दो सब्जियों के नाम लिखो।
उत्तर-
कद्, तोरी, करेला, टिंडा।

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प्रश्न 7.
घरेलू बगीचे में उगाए जा सकने वाले कोई दो फलदार पौधों के नाम लिखो।
उत्तर-
अमरूद, पपीता, नाशपाती, अंगूर।

प्रश्न 8.
घरेलू बगीचे में उगाए जा सकने वाले कोई दो जड़ी-बूटियों वाले पौधों के नाम लिखो।
उत्तर-
पुदीना, तुलसी, सौंफ, अजवायन।

प्रश्न 9.
संतुलित भोजन की पूर्ति के लिए आठ पारिवारिक सदस्यों को कितने क्षेत्र पर घरेलू बगीचा बनाना चाहिए ?
उत्तर-
तीन कनाल।

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प्रश्न 10.
घरेलू बगीचा कहाँ बनाना चाहिए ?
उत्तर-
घर के नज़दीक।

(ख) एक-दो वाक्यों में उत्तर दें :

प्रश्न 1.
संतुलित भोजन में कौन-कौन से पौष्टिक तत्त्व विद्यमान होते हैं ?
उत्तर-
संतुलित भोजन में सारे आवश्यक तत्त्व उचित मात्रा में होते हैं; जैसेकार्बोहाइड्रेट्स, खनिज, प्रोटीन, वसा, विटामिन, धातुएं आदि।

प्रश्न 2.
भारतीय स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान की स्वस्थ मनुष्य के लिए भोजन संबंधी सिफ़ारिशें क्या हैं ?
उत्तर-
भारतीय स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान के द्वारा स्वस्थ मनुष्य के लिए प्रतिदिन के आहार में 280-300 ग्राम सब्जियां, 50 ग्राम फल तथा 80 ग्राम दालों की सिफ़ारिश की गई है।

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प्रश्न 3.
घरेलू बगीचा घर के निकट क्यों बनाना चाहिए ?
उत्तर-
घरेलू बगीचा घर के निकट इसलिए बनाना चाहिए ताकि खाली समय में घर का कोई भी सदस्य बगीचे में काम कर सकता है।

प्रश्न 4.
मानव के भोजन में सब्जियों और फलों की क्या महत्ता है ?
उत्तर-
मानव के भोजन में सब्जियों तथा फलों का बहुत महत्त्व है क्योंकि इनमें कुछ ऐसे पोषक तत्त्व पाए जाते हैं जो अन्य भोजन पदार्थों में नहीं मिलते।

प्रश्न 5.
घरेलू बगीचे में कीड़े-मकौड़ों की रोकथाम के लिए कौन-से तरीके अपनाने चाहिएं ?
उत्तर-
गैर-रासायनिक तरीकों का उपयोग करके कीड़े-मकौड़ों की रोकथाम की जाती है।

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प्रश्न 6.
घरेलू बगीचे में किस प्रकार की खाद का प्रयोग करना चाहिए ?
उत्तर-
घरेलू बगीचे में रूड़ी खाद तथा घर के अपशिष्ट से तैयार कम्पोस्ट खाद का प्रयोग करना चाहिए।

प्रश्न 7.
घरेलू बगीचे में उगाई जा सकने वाली दालों के नाम लिखो।
उत्तर-
चने, मसूर, मूंगी, उड़द आदि।

प्रश्न 8.
फल-सब्जियों की बहुलता होने पर उनसे कौन-कौन से पदार्थ बनाए जा सकते हैं ?
उत्तर-
फलों, सब्जियों की बहुलता होने पर शर्बत, जैम, आचार, मुरब्बे आदि बनाए जा सकते हैं।

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प्रश्न 9.
घरेलू बगीचे के लिए स्थान के चुनाव के समय कौन-सी बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-
स्थान का चुनाव, सब्जियों का चयन तथा योजना, खादों का प्रयोग, खरपतवार, कीटों तथा बीमारियों से रोकथाम, सब्जियों की तुड़ाई, जड़ी-बूटियां उगाना आदि को ध्यान में रखना चाहिए।

प्रश्न 10.
सब्जियों से मिलने वाले रेशे मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए किस प्रकार लाभदायक हैं ?
उत्तर-
सब्जियों से मिलने वाले रेशे मनुष्य की पाचन क्रिया को ठीक रखते हैं।

(ग) पाँच-छ: वाक्यों में उत्तर दें:

प्रश्न 1.
संतुलित भोजन से क्या अभिप्रायः है ?
उत्तर-
संतुलित भोजन में भिन्न-भिन्न आहारीय तत्त्व उचित मात्रा में होने चाहिएं, ताकि सभी पोषक तत्त्व; जैसे-कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, चर्बी, विटामिन, खनिज उचित मात्रा में मनुष्य को मिल सकें। इसलिए संतुलित आहार में अनाज, सब्जियां, दालें, दूध, फल, अण्डे, मीट, मछली आदि सारे आहारीय पदार्थ उचित मात्रा में होने चाहिएं। भारतीय स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान की सिफारिशों के अनुसार स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन अपने भोजन में 280-300 ग्राम सब्जियां, 50 ग्राम फल तथा 80 ग्राम दालें शामिल करना आवश्यक है।

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प्रश्न 2.
घरेलू बगीचे का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
घरेलू बगीचे की महत्ता तथा लाभ इस प्रकार हैं—

  1. संतुलित आहार की पूर्ति-घरेलू बगीचे में से आवश्यकता अनुसार सब्जियां, फल तथा दालों की पूर्ति हो जाती है।
  2. रसायनों से मुक्त आहार की प्राप्ति-घरेलू बगीचे में जो भी फसल उगाई जाती है उसमें रासायनिक खादों तथा कीटनाशकों का प्रयोग नहीं किया जाता। इस तरह रसायनों से मुक्त आहार की प्राप्ति होती है।
  3. समय का उचित प्रयोग-घर के सदस्य जब भी खाली समय मिले, अपने समय का उचित प्रयोग कर सकते हैं।
  4. खर्च में कमी-घरेलू बगीचे में से प्राप्त फल, सब्जियां आदि बाज़ार से सस्ती पड़ती हैं।

प्रश्न 3.
घरेलू बगीचे में कीट और बीमारियों की रोकथाम कैसे की जा सकती है ?
उत्तर-
घरेलू बगीचे में खरपतवारनाशक तथा कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग बहुत ही कम किया जाता है तथा कम ही करना चाहिए। खरपतवारों की रोकथाम गुडाई द्वारा करनी चाहिए। कीड़े-मकौड़ों को पैदा होते ही हाथ से ही पकड़ कर मार देना चाहिए। बीज प्रमाणित किस्म के होने चाहिएं। यदि कीड़ों या बीमारी का हमला हो तो कृषि विशेषज्ञों की सिफ़ारिश के अनुसार उचित मात्रा में रसायनों का प्रयोग करें। सुरक्षित रसायनों का ही प्रयोग करना चाहिए जो कोई अपशिष्ट न छोड़ें। यदि रसायनों का प्रयोग किया हो तो तुड़ाई इसका प्रभाव समाप्त होने पर ही करें।

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प्रश्न 4.
घरेलू बगीचा बनाते समय किस प्रकार की ज़रूरी बातें ध्यान में रखनी चाहिएं ?
उत्तर-
घरेलू बगीचा बनाते समय आवश्यक बातें :
1. स्थान का चयन-घरेलू बगीचा घर के निकट ही होना चाहिए ताकि घर का कोई भी सदस्य जब खाली समय मिले बगीचे में काम कर सके। इस तरह घर के फालतू पानी का निकास भी बगीचे में किया जा सकता है।

2. सब्जियों का चयन तथा योजनाबंदी-घरेलू बगीचे में परिवार द्वारा पसंद की जाने वाली सब्जियों को पहल देनी चाहिए। कद्दू जाति की सब्जियों को बगीचे की बाहरी पंक्तियों में लगाया जाना चाहिए ताकि इनको वृक्षों या झाड़ियों पर चढ़ाया जा सके। ताज़ा प्रयोग होने वाली सब्जियां; जैसे—मूली, शलगम आदि को 15-15 दिनों के अंतर पर बोना चाहिए।

3. खादों का प्रयोग–रूड़ी खाद तथा घर में अपशिष्ट से बनी कम्पोस्ट खाद का प्रयोग करना चाहिए।

4. खरपतवार, कीट तथा बीमारियों की रोकथाम-घरेलू बगीचे में रसायनों का प्रयोग न के बराबर ही करना चाहिए। शुरू में कीटों को हाथ से पकड़ कर ही मार दें।
खरपतवार समाप्त करने के लिए गुडाई करें तथा प्रमाणित किस्म के बीज ही बोने चाहिएं। आवश्यकतानुसार विशेषज्ञों द्वारा सिफ़ारिश किए रसायन ही उचित मात्रा में प्रयोग करें।

5. सब्जियों की तुड़ाई-सब्जियों की तुड़ाई समय पर करते रहना चाहिए। अधिक मात्रा में होने पर जैम, आचार, मुरब्बे आदि बना लेने चाहिएं।

6. जड़ी-बूटियां लगाना-घरेलू बगीचे में तुलसी, पुदीना, अजवायन, सौंफ, नीम, कड़ी पत्ता आदि भी लगाने चाहिएं।

प्रश्न 5.
संतुलित भोजन की पूर्ति के लिए तीन कनाल पर विकसित किये गये घरेलू बगीचे के मॉडल का रेखाचित्र तैयार करो।
उत्तर-
स्वयं करें।

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Agriculture Guide for Class 7 PSEB पौष्टिक घरेलू बगीचा Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
तीन कनाल में कितने वर्ग मीटर होते हैं ?
उत्तर-
1500 वर्ग मीटर।

प्रश्न 2.
फरवरी माह में बोई जाने वाली कोई सब्जी बताओ।
उत्तर-
करेला, घीया, तोरी।

प्रश्न 3.
अगस्त में बोई जाने वाली कोई सब्जी बताओ।
उत्तर-
धनिया, छोटे बैंगन।

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प्रश्न 4.
तीन कनाल घरेलू बगीचे में एक कनाल किस काम के लिए है ?
उत्तर-
एक कनाल सब्जी बोने के लिए है।

प्रश्न 5.
घरेलू बगीचे में कौन-सी दिशा में फलदार पौधे लगाने चाहिएं।
उत्तर-
उत्तर-दिशा की तरफ।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
घरेलू बगीचे में फलदार पौधे उत्तर दिशा में क्यों लगाए जाने चाहिएं ?
उत्तर-
इस तरह करने से उनकी छाया का बुरा प्रभाव सब्जियों की पैदावार पर नहीं पड़ता।

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प्रश्न 2.
घरेलू बगीचे में कौन-सी सब्जियों को पहल देनी चाहिए ?
उत्तर-
घरेलू बगीचे में परिवार द्वारा पसंद की जाने वाली सब्जियों को पहल देनी चाहिए।

प्रश्न 3.
कम समय लेने वाली सब्जियों को घरेलू बगीचे में कहां बोना चाहिए ?
उत्तर-
कम समय लेने वाली सब्जियों को लम्बा समय लेने वाली सब्जियों के बीच खाली जगह पर बोना चाहिए।

प्रश्न 4.
कम समय लेने वाली सब्ज़ियां तथा लम्बा समय लेने वाली सब्जियां जो घरेलू बगीचे में होती हैं। कौन सी हैं ?
उत्तर-
कम समय वाली सब्जियां हैं-मूली, पालक, शलगम आदि तथा लम्बा समय लेने वाली सब्जियां हैं-टमाटर, बैंगन, भिंडी आदि।

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बड़े उत्तर वाला प्रश्न

प्रश्न-
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना द्वारा तैयार घरेलू बगीचे के मॉडल की जानकारी दें।
उत्तर-
यह मॉडल पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना द्वारा तीन कनाल स्थान के लिए तैयार किया गया है। इस मॉडल के अनुसार एक परिवार के आठ सदस्यों के लिए आवश्यक दालें, सब्जियां तथा फल पैदा किए जा सकते हैं। इस मॉडल के अनुसार एक कनाल क्षेत्रफल में सब्जियां तथा दो कनाल में दालों की पैदावार की जाती है। घरेलू बगीचे में बिना ज़हर वाली ताज़ी पैदावार मिल जाती है। रबी (आषाढ़ी) में चने, मसूर तथा खरीफ (सावनी) में मूंगी, उड़द आदि की कृषि की जा सकती है। बगीचे में उत्तर दिशा की तरफ दो पंक्तियों में फलदार पौधे लगा कर फलों की आवश्यकता पूरी की जा सकती है।
PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 7 पौष्टिक घरेलू बगीचा 1
चित्र-घरेलू बगीचा

पौष्टिक घरेलू बगीचा PSEB 7th Class Agriculture Notes

  • अच्छी सेहत के लिए संतुलित आहार बहुत आवश्यक है।
  • फलों तथा सब्जियों में ऐसे पौष्टिक तत्त्व होते हैं जो अन्य भोजन पदार्थों में नहीं होते।
  • स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन 280-300 ग्राम सब्जियां, 50 ग्राम फल तथा 80 ग्राम दालों की आवश्यकता होती है।
  • वर्तमान समय में सब्जियों तथा फलों के ऊपर आवश्यकता से अधिक कीटनाशकों का प्रयोग किया जा रहा है।
  • घरेलू बगीचा मनोरंजन का साधन भी बन सकता है।
  • घरेलू बगीचे में पैदा सब्जियां तथा फल बाज़ार से सस्ते पड़ते हैं।
  • पी०ए०यू० लुधियाना द्वारा घरेलू बगीचे का मॉडल तैयार किया गया है जिस के अनुसार एक परिवार के आठ सदस्यों के लिए तीन कनाल क्षेत्रफल में से दालें, सब्जियां तथा फल पैदा किए जा सकते हैं।
  • घरेलू बगीचा घर के पास ही होना चाहिए।
  • कदू जाति की सब्जियां हैं-घीया कद्दू, तोरी, करेले, टिंडे, खरबूजे आदि।
  • मूली, पालक, शलगम आदि कम समय में तैयार होने वाली सब्जियां हैं।
  • घरेलू बगीचे में रूड़ी की खाद का प्रयोग किया जाता है।
  • घरेलू बगीचे में खरपतवार की रोकथाम गुडाई करके करनी चाहिए।
  • सब्जियों की तुड़ाई समय पर करते रहना चाहिए।
  • घरेलू बगीचे में जड़ी-बूटी; जैसे-पुदीना, सौंफ, अजवायन, तुलसी, कड़ी-पत्ता – आदि बोई जा सकती हैं।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 4 महासागर

Punjab State Board PSEB 7th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 4 महासागर Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 4 महासागर

SST Guide for Class 7 PSEB महासागर Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 1-15 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
सागर का जल खारा क्यों होता है?
उत्तर-
सागर के जल में कई लवण घुले होते हैं। इसी कारण सागरीय जल खारा होता है।

प्रश्न 2.
न्यूफाऊण्डलैंड के पास हर समय घनी धुन्ध क्यों रहती है?
उत्तर-
न्यूफाऊण्डलैंड के पास खाड़ी की ऊष्ण धारा तथा लेब्राडोर की शीत धारा आपस में मिलती है। इसी कारण वहां सदा सघन धुन्ध रहती है।

प्रश्न 3.
दक्षिणी अन्ध महासागरीय चक्र की मुख्य धाराओं के नाम बताओ।
उत्तर-
दक्षिणी अन्ध महासागर की प्रमुख धाराएं हैं-फाकलैंड की धारा तथा बैंगुएला की धारा।

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प्रश्न 4.
खाड़ी की धारा के मार्ग का वर्णन करो।
उत्तर-
खाड़ी की धारा मैक्सिको खाड़ी से प्रारम्भ होकर न्यूफाऊण्डलैंड के टापुओं तक पहुंचती है।

प्रश्न 5.
उत्तरी शान्त महासागरीय चक्र की मुख्य धाराओं के नाम लिखो।
उत्तर-

  1. उत्तरी भूमध्य रेखा की धारा
  2. कुरोश्विो की धारा
  3. उत्तरी प्रशान्त महासागरीय धारा
  4. कैलिफोर्निया की धारा।

प्रश्न 6.
सुनामी से क्या भाव है?
उत्तर-
सुनामी एक जापानी शब्द है जो कि दो शब्दों TSO (अर्थात् किनारा) और NAMI (अर्थात् पानी की ऊंची और लम्बी छड़ी) के मेल से बना है। इस प्रकार सुनामी का अर्थ है समुद्र के तटों पर टकराने वाली लम्बी ऊँची समुद्री लहरें।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 4 महासागर

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में दें

प्रश्न 1.
बड़े ज्वार-भाटे तथा लघु ज्वार-भाटे में क्या अन्तर है?
उत्तर-
बड़ा ज्वार-भाटा-जब सागर के जल की ऊंचाई सबसे अधिक होती है तो उसे बड़ा ज्वार-भाटा कहा जाता है। बड़ा ज्वार-भाटा केवल अमावस और पूर्णिमा को आता है। अमावस तथा पूर्णिमा को सूर्य, चन्द्रमा तथा पृथ्वी एक सीधी रेखा में होते हैं और सूर्य तथा चन्द्रमा दोनों मिल कर सागर के जल को अपनी ओर खींचते हैं।
लघु (छोटा) ज्वार-भाटा-लघु (छोटा) ज्वार भाटा चन्द्रमा की सातवीं तथा इक्कीसवीं तिथि को आता है। यह नीचा होता है।

इन तिथियों को सूर्य तथा चन्द्रमा पृथ्वी के साथ 90° का कोण बनाते हैं और दोनों ही अपनी शक्ति से जल को अपनी ओर खींचते हैं। क्योंकि चन्द्रमा जल के अधिक निकट होता है, इसलिए जल चन्द्रमा की ओर ही उछलता है। सूर्य का आकर्षण दूसरी दिशा में होने के कारण जल का उछाल अधिक ऊंचा नहीं होता।

प्रश्न 2.
गर्म धारा और ठण्डी धारा में क्या अन्तर है?
उत्तर-
(1) भूमध्य रेखा की ओर से आने वाली धाराएं गर्म होती हैं और भूमध्य रेखा की ओर आने वाली धाराएं सदा ठण्डी होती हैं।

(2) ऊष्ण (गर्म) जलधारा का जल इतना अधिक गर्म नहीं होता। इसी प्रकार शीत (ठण्डी) जलधारा का जल अधिक शीत नहीं होता। यह केवल अपने समीप के जल की तुलना में अधिक गर्म या ठण्डा लगता है।

(3) गर्म जलधारा जल के ऊपरी भाग में तथा ठण्डी धारा जल के नीचे प्रवाहित होती है।
PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 4 महासागर 1

प्रश्न 3.
हिन्द महासागर की धाराएं इतनी निश्चित तथा नियमित क्यों नहीं?
उत्तर-
इसमें कोई सन्देह नहीं कि हिन्द महासागर में बहने वाली धाराएं नियमित तथा निश्चित नहीं हैं। इसका मुख्य कारण हिन्द महासागर में चलने वाली मौसमी पवनें हैं। ये पवनें गर्मी में दक्षिणी-पश्चिमी दिशा में परन्तु सर्दी में उत्तरपूर्व दिशा में चलती हैं। इस परिवर्तन के कारण सागरीय धाराएं भी ऋतु के अनुसार अपनी दिशा बदल लेती हैं। अतः स्पष्ट है कि ये धाराएं निश्चित एवं नियमित नहीं हो सकती।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 4 महासागर

प्रश्न 4.
“बर्तानिया की पश्चिमी बन्दरगाहें सर्दी की ऋतु में भी खुली रहती हैं, जबकि इन्हीं अक्षांशों पर स्थित उत्तरी अमेरिका की पूर्वी बन्दरगाहें इस ऋतु में बर्फ जमने के कारण बन्द पड़ी रहती हैं।” कारण बताओ।
उत्तर-
धाराओं का किसी देश की जलवायु पर गहरा प्रभाव पड़ता है। शीत ऋतु में बर्तानिया के उत्तर-पश्चिम में सर्दी पड़ती है परन्तु उत्तरी अन्ध महासागरीय धारा पश्चिमी पवनों के प्रभावाधीन पूर्व दिशा की ओर मुड़ जाती है। यह उष्ण धारा बर्तानिया के उत्तर-पश्चिम से होती हुई सुदूर नार्वे, स्वीडन के ठण्डे देशों तक पहुंचती हैं। अपने उष्ण प्रभाव के कारण सर्दी की ऋतु में भी बर्तानिया की पश्चिमी बन्दरगाहें खुली रहती हैं। परन्तु ऐसा वातावरण न मिलने के कारण उत्तरी अमेरिका की पूर्वी बन्दरगाहों में बर्फ जम जाती है और वे बन्द हो जाती हैं।

प्रश्न 5.
‘ज्वार-भाटा जहाजों के लिए बड़ा लाभदायक सिद्ध होता है।’ कैसे?
उत्तर-
1. ज्वार-भाटा के कारण नदियों के मुहानों में से कीचड़ तथा मिट्टी बहती रहती है। परिणामस्वरूप इन तटों पर स्थित बन्दरगाहों पर मिट्टी नहीं जमती और जहाज़ दूर अन्दर तक आ-जा सकते हैं।

2. बड़े तथा भारी जहाज़ दूर गहरे समुद्र में खड़े ज्वार-भाटों की प्रतीक्षा करते हैं। जब जल में चढ़ाव आता है तो जहाज़ भी उसके साथ बन्दरगाहों तक पहुंच जाते हैं। बन्दरगाहों पर माल उतार कर वे फिर ज्वार-भाटों की प्रतीक्षा करते हैं ताकि सागर की ओर सुगमता से वापिस जाया जा सके। कोलकाता तथा लन्दन की बन्दरगाहें इसके अच्छे उदाहरण हैं।

प्रश्न 6.
बड़ा ज्वार-भाटा पूर्णिमा तथा अमावस को क्यों आता है?
उत्तर-
बड़ा ज्वार-भाटा के समय सागरीय पानी का चढ़ाव अधिक होता है। यह सदा पूर्णिमा तथा अमावस के दिन ही होता है। इसका कारण यह है कि इन दोनों तिथियों को सूर्य, चन्द्रमा और पृथ्वी एक ही सीध में आ जाते हैं। इस तिथि को सूर्य और चन्द्रमा मिलकर महासागरीय जल को अपनी ओर खींचते हैं। इस दोहरे आकर्षण के कारण लहरों का उछाल बढ़ जाता है जिसे बड़ा ज्वार-भाटा कहते हैं।

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प्रश्न 7.
खाड़ी की धारा यूरोप की जलवायु पर क्या प्रभाव डालती है?
उत्तर-
खाड़ी की धारा को अंग्रेज़ी में गल्फ स्ट्रीम कहते हैं। यह संसार की सबसे महत्त्वपूर्ण उष्ण जलधारा है। इसकी चौड़ाई लगभग 400 किलोमीटर तक है। इसका जल 5 किलोमीटर प्रति घण्टा के वेग से बहता है। न्यूफाऊण्डलैंड के समीप इस धारा में लैब्राडोर की शीत धारा आ मिलती है। परिणामस्वरूप यहां गहन धुन्ध छाई रहती है। यहां मछलियां भी अधिक मात्रा में मिलती हैं। इसके बाद यह यूरोप की ओर मुड़ जाती हैं। इसके कारण उत्तर-पश्चिमी यूरोप में शीत ऋतु अधिक ठण्डी नहीं होती। इसके अतिरिक्त यूरोप के तटीय भागों में वर्षा होती है।

प्रश्न 8.
सारागासो सागर क्या है तथा कैसे बनता है?
उत्तर-
उत्तरी अन्ध महासागर की धाराएं भूमध्य रेखा से आरम्भ होकर उत्तर की ओर जाती हैं। जाते हुए यह अमेरिका के तट के साथ-साथ आगे बढ़ती हैं और लौटते समय यूरोप के तट के साथ होते हुए फिर से भूमध्य रेखा की धारा के साथ मिल कर चक्र पूरा कर लेती हैं। इस प्रकार यह धारा चक्र घड़ीवत् दिशा में ही चलता है। महासागरों का जो भाग इस चक्र के बीच आ जाता है, उसे सारागासो सागर कहा जाता है।

प्रश्न 9.
सागरी लहरों तथा धाराओं में क्या अन्तर है?
उत्तर-
सागर का पानी सदा ऊंचा-नीचा होता रहता है। ऋतु की दशानुसार यह गति कभी तेज़ हो जाती है, कभी मन्द जिससे लहरें या तरंगें पैदा होती हैं। जल-कण ऊपर नीचे दौड़ते हैं जिससे सागर में सिलवटें पड़ी हुई दिखाई देती हैं।

जब सागर का जल किसी निश्चित दिशा की ओर चल पड़ता है तो उसे महासागरीय धारा कहा जाता है। महासागर में बड़े नियमित ढंग से जल एक स्थान को छोड़कर दूसरे स्थान की ओर चलता रहता है। प्रायः धारा की गति 2 कि० मी० प्रति घण्टा से 10 कि० मी० प्रति घण्टा तक हो सकती है।

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प्रश्न 10.
सुनामी से सम्बन्धित किसी स्थान का वृत्तांत लिखो।
उत्तर-
26 दिसम्बर, 2004 को हिन्द महासागर में ज़बरदस्त सुनामी लहरें आईं। ये समुद्र के तल पर 9.0 के रिचर पैमाने पर आए भूकम्प के कारण उत्पन्न हुईं। इस भूकम्प का अधिकेन्द्र इण्डोनेशिया का पश्चिमी तट था। कुछ घण्टों में ही इन समुद्री लहरों ने 11 हिन्द महासागरीय देशों में भारी विनाश ला दिया। इनके कारण. कितने ही लोग बह गए और कितने ही घर डूब गए। इनके कारण समुद्री तट पर अफ्रीका से लेकर थाईलैंड तक अनेक देश बुरी तरह से प्रभावित हुए।

भारत सरकार के अनुमान के अनुसार लगभग 5322 करोड़ की जान-माल की हानि हुई। भारत में सबसे अधिक विनाश तमिलनाडु, केरल, आन्ध्र प्रदेश तथा पाण्डेचेरी में हुआ। इसमें दो लाख से भी अधिक लोग मारे गए और इससे कई गुणा लोग बेघर हो गए।

(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 125-130 शब्दों में दें

प्रश्न 1.
महासागरीय धाराएं क्यों चलती हैं? इनका किसी देश की जलवायु पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
किसी निश्चित दिशा में बहने वाले महासागरीय जल को महासागरीय धारा कहते हैं। ये वास्तव में समुद्र के अन्दर बहने वाली गर्म और ठण्डे जल की नदियां होती हैं जिनके किनारों का जल स्थिर होता है।
चलने के कारण-महासागर धाराओं के चलने के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं –

1. प्रचलित पवनें-प्रचलित पवनें सदा एक ही दिशा में चलती रहती हैं। ये समुद्र के जल को भी अपने साथ बहा कर ले जाती हैं। इस तरह धाराएं उत्पन्न होती हैं।

2. तापमान में अन्तर-भूमध्य रेखीय प्रदेशों में तापमान अधिक होता है। इस कारण वहां सागर का जल फैलता है और फैल कर ध्रुवों की ओर बढ़ता है। दूसरी ओर ध्रुवों पर तापमान कम होता है और वहां का जल भीतर-ही-भीतर भूमध्य रेखा की ओर बढ़ने लगता है। इस प्रकार जल-धाराओं का जन्म होता है।

3. लवणों में अन्तर-समुद्र के जल में अनेक लवण घुले होते हैं। जिस जल में लवण अधिक होते हैं, वह जल भारी होकर नीचे बैठ जाता है। इसका स्थान लेने के लिए कम लवण वाला हल्का जल इसकी ओर बहने लगता है। इस कारण धारा उत्पन्न हो जाती है।

4. महाद्वीपीय तटों की बनावट-जल धाराएं महाद्वीपों के तटों के साथ-साथ बहती हैं। अतः महाद्वीपों के तटों की बनावट धाराओं को नई दिशा देती है। दिशा परिवर्तन के साथ ही एक नई धारा का जन्म होता है।

प्रभाव-समुद्री धाराएं अपने आस-पास के क्षेत्रों की जलवायु पर गहरा प्रभाव डालती हैं। गर्म धारा अपने पास के प्रदेशों की जलवायु को गर्म और ठण्डी धारा ठण्डा बना देती है। दूसरे, जिन देशों के पास से गर्म धाराएं गुज़रती हैं, वहां भारी वर्षा होती है, परन्तु जिन-जिन स्थानों के निकट से शीत धाराएं गुज़रती हैं, वहां कम वर्षा होती है और वे स्थान मरुस्थल बन जाते हैं। इसके अतिरिक्त जहां उष्ण और शीत धाराएं आपस में मिलती हैं, वहां गहरी धुन्ध छा जाती है।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 4 महासागर

प्रश्न 2.
अन्ध महासागरीय धाराओं का वर्णन विश्व के मानचित्र में दर्शा कर करें।
उत्तर-
अन्ध महासागर की धाराओं के दो निश्चित चक्र हैं-(1) उत्तरी चक्र तथा (2) दक्षिणी चक्र।
I. उत्तरी चक्र
PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 4 महासागर 2

1. उत्तरी भूमध्य रेखीय धारा-भूमध्य रेखा के उत्तर में समुद्र का जल व्यापारिक पवनों के कारण पूर्व से पश्चिम की ओर बहने लगता है। इस धारा को उत्तरी भूमध्य रेखीय धारा कहते हैं। यह गर्म पानी की धारा है।

2. गल्फ स्ट्रीम अथवा खाड़ी की धारा-उत्तरी भूमध्य रेखीय धारा अफ्रीका की ओर से अमेरिका की ओर बहती है। जब यह धारा अमेरिका के पूर्वी तट के साथ-साथ उत्तर-पश्चिम की ओर जाती है, तो इसका नाम खाड़ी की धारा पड़ जाता है। अंग्रेज़ी में इसे गल्फ स्ट्रीम कहते हैं। यह धारा मैक्सिको से प्रारम्भ होकर न्यूफाऊण्डलैंड के टापुओं तक पहुंचती है।

3. लैब्राडोर की धारा-यह शीत धारा है। यह उत्तर की ओर से आकर न्यूफाउण्डलैंड के टापुओं के पास खाड़ी की धारा में आ मिलती है।

4. उत्तरी महासागरीय धारा-न्यूफाऊण्डलैंड के पश्चात् खाड़ी की धारा पश्चिमी पवनों के प्रभाव में पूर्व की ओर हो जाती है। यहां इसे उत्तरी महासागरीय धारा कहते हैं।

5. कनेरी की धारा-उत्तरी महासागर की धारा यूरोप के पश्चिमी तट के साथ टकराती है जिससे इसके दो भाग हो जाते हैं। इसका एक भाग दक्षिण की ओर प्रवाहित होता है, जिसे कनेरी की धारा कहते हैं। यह शीत जल की धारा है। यह धारा अन्ततः भूमध्य रेखा की धारा में मिलकर उत्तरी चक्र को पूरा कर देती है।

II. दक्षिणी चक्र

यह चक्र घड़ी की विपरीत दिशा से चलता है।
1. दक्षिणी भूमध्य रेखीय धारा-यह गर्म पानी की धारा है। भूमध्य रेखा के दक्षिण में व्यापारिक पवनों के प्रभाव के कारण समुद्र का जल पूर्व से पश्चिम की ओर बहने लगता है। इसे दक्षिणी भूमध्य रेखीय धारा कहते हैं।

2. ब्राज़ील की धारा–भूमध्य रेखा की दक्षिणी धारा जब ब्राज़ील के तट के साथ टकराती है तो इसके दो भाग हो जाते हैं। इसका जो भाग ब्राजील के तट के साथ दक्षिण की ओर बहता है, उसे ब्राज़ील की धारा कहते हैं।

3. फाकलैंड की धारा-ब्राज़ील की धारा में दक्षिण की ओर से शीतल जल की धारा आकर मिल जाती है। इसी धारा को फाकलैंड की धारा कहते हैं। फिर यह धारा पश्चिमी पवनों के प्रभाव में आकर पूर्व की ओर मुड़ जाती है। इसे पश्चिमी पवनों का झाल कहा जाता है।
उत्तरी भूमध्य रेखीय धारा तथा दक्षिणी भूमध्य रेखीय धारा के बीच विरोधी भूमध्य रेखीय धारा बहती है। यह पश्चिम से पूर्व की ओर चलती है।

4. बेंगुएला की धारा-यह ठण्डे पानी की धारा है। इसकी उत्पत्ति पश्चिमी पवनों के झाल से होती है। यह दक्षिणी अफ्रीका के पश्चिमी तट के साथ-साथ उत्तर की ओर बहती है।

प्रश्न 3.
शांत (प्रशान्त ) महासागर की धाराओं का वर्णन विश्व के मानचित्र में दर्शा कर करें।
उत्तर-
प्रशान्त महासागर संसार का सबसे बड़ा और गहरा महासागर है। इसकी धाराओं को क्रमश: दो मुख्य भागों में बाँटा जा सकता है-1. उत्तरी चक्र
2. दक्षिणी चक्र।
I. उत्तरी चक्र

1. उत्तरी भूमध्य रेखा की धारा-प्रशान्त महासागर के उत्तरी भाग में व्यापारिक पवनें चलती रहती हैं। इन पवनों के प्रभाव के कारण महासागर में पूर्व से पश्चिम की ओर एक जल धारा बहने लगती है। इस धारा को उत्तरी भूमध्य रेखीय धारा कहते हैं, जो गर्म पानी की धारा है।

2. कुरोशीवो की धारा-उत्तरी भूमध्य रेखा की धारा पूर्वी द्वीप के पास पहुँच कर उत्तर की ओर बहती है। यहां इसका नाम कुरोशीवो की धारा है।

3. उत्तरी प्रशान्त महासागरीय धारा-कुरोशीवो की धारा जब एशिया के पूर्वी तटों से टकराती है तो यह उत्तरपूर्व की ओर बहने लगती है। इसे उत्तरी प्रशान्त महासागरीय धारा कहते हैं।

4. कैलीफोर्निया की धारा-उत्तरी प्रशान्त महासागरीय धारा उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तट के साथ टकराती है। यहां इसके दो भाग हो जाते हैं। इसका एक भाग अलास्का की धारा तथा दूसरा भाग कैलीफोर्निया की धारा कहलाता है क्योंकि कैलीफोर्निया की धारा ध्रुवों की ओर से आती है इसलिए यह शीत धारा है।

II. दक्षिणी चक्र
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1. भूमध्य रेखा की दक्षिणी धारा-भूमध्य रेखा के दक्षिण में समुद्र का जल व्यापारिक पवनों के प्रभाव के कारण पूर्व से पश्चिम की ओर बहने लगता है। इसे भूमध्य रेखा की दक्षिणी धारा कहते हैं जो गर्म पानी की धारा है।

2. पूर्वी आस्ट्रेलिया की धारा-यह भी गर्म पानी की धारा है। भूमध्य रेखा की दक्षिणी धारा पूर्वी-द्वीप समूह में पहुंच कर दक्षिण की ओर मुड़ जाती है और आस्ट्रेलिया के पूर्वी तट के पास से बहने लगती है। इसे पूर्वी आस्ट्रेलिया की धारा कहते हैं।

3. दक्षिणी प्रशान्त महासागरीय धारा-यह गर्म पानी की धारा है। पूर्वी आस्ट्रेलिया की धारा पश्चिमी पवनों के कारण पूर्व की ओर बहने लगती है। दक्षिणी गोलार्द्ध में होने के कारण यह धारा पश्चिम की ओर मुड़ जाती है। इसे दक्षिणी प्रशान्त महासागरीय धारा कहते हैं।

4. पीरू की धारा-यह ठण्डे पानी की धारा है। दक्षिणी प्रशान्त महासागरीय धारा का एक भाग दक्षिणी अमेरिका के पश्चिमी तट से टकराता है और दक्षिण से उत्तर की ओर बहने लगता है। इसे पीरू की धारा कहते हैं। यह धारा भूमध्य रेखा की धारा में मिल कर प्रशांत महासागर की धाराओं के चक्र को पूरा कर देती है।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 4 महासागर

प्रश्न 4.
ज्वार भाटा कैसे उत्पन्न होता है? चित्र बनाकर स्पष्ट करें।
उत्तर-
ज्वार-भाटा-समुद्र का पानी दिन में दो बार तट की ओर चढ़ता है तथा दो बार नीचे उतरता है। समुद्र के पानी के इसी उतार-चढ़ाव को ज्वार-भाटा कहते हैं।

ज्वार-भाटा आने का कारण-ज्वार-भाटा सूर्य और चन्द्रमा की आकर्षण शक्ति के कारण आता है। यूं तो सूर्य की आकर्षण शक्ति चन्द्रमा की आकर्षण शक्ति से कई गुना अधिक है, परन्तु चन्द्रमा के पृथ्वी के अधिक निकट होने के कारण सागरीय जल पर इसकी आकर्षण शक्ति का अधिक प्रभाव पड़ता है। इसलिए चन्द्रमा की आकर्षण शक्ति को ही ज्वार-भाटे का मुख्य कारण माना जा सकता है।
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बड़ा ज्वार-भाटा-बड़े ज्वार-भाटे से अभिप्राय लहरों के अत्यधिक ऊंचा उठने से है। ऐसा उस समय होता है जब सूर्य तथा चन्द्रमा दोनों मिल कर सगार के जल को अपनी ओर खींचते हैं। बड़ा ज्वार-भाटा केवल अमावस्या तथा पूर्णिमा को ही आता है। इन दोनों दिनों में सूर्य, चन्द्रमा तथा पृथ्वी एक सीधी रेखा में स्थित होते हैं। अतः चन्द्रमा और सूर्य मिल कर सागर के जल को अपनी ओर खींचते हैं। इसलिए सागर के जल की ऊंचाई अन्य दिनों की तुलना में अधिक होती है। इसे बड़ा ज्वार-भाटा कहते हैं।

छोटा ज्वार-भाटा-चन्द्रमा की सातवीं तथा इक्कीसवीं तिथि को चन्द्रमा और सूर्य दोनों ही पृथ्वी के साथ समकोण (90°) बनाते हैं। अतः वे दोनों ही सागर के जल को अपनी-अपनी ओर खींचते हैं। क्योंकि चन्द्रमा सूर्य की अपेक्षा पृथ्वी के निकट है इसलिए सागर का जल चन्द्रमा की ओर से ही उछलता है। परन्तु जल में सूर्य के खिंचाव के कारण चन्द्रमा
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की आकर्षण शक्ति इतनी कम रह जाती है कि सागर का जल एक साधारण लहर से अधिक ऊंचा नहीं उठ पाता। इसे छोटा ज्वार-भाटा कहते हैं।

प्रश्न 5.
जलधारा (महासागरीय धारा) क्या है? इनकी उत्पत्ति के क्या कारण हैं?
उत्तर-
समुद्र के पानी का वह भाग जो निश्चित क्रम से एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर निश्चित दिशा में चलता है, उसे जलधारा अथवा महासागरीय धारा कहते हैं। ये वास्तव में समुद्र के अन्दर बहने वाली गर्म और ठण्डे जल की नदियां होती हैं जिनके किनारे स्थिर पानी के बने होते हैं।
चलने के कारण-महासागरीय धाराओं के चलने के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं –

1. प्रचलित पवनें-प्रचलित पवनें सदा एक ही दिशा में चलती रहती हैं। ये समुद्र के जल को भी अपने साथ बहा कर ले जाती हैं। इस तरह धाराएं उत्पन्न होती हैं।

2. तापमान में अन्तर-भूमध्य रेखीय प्रदेशों में तापमान अधिक होता है। इस कारण वहां सागर का जल फैलता है और ध्रुवों की ओर बढ़ता है। दूसरी ओर ध्रुवों पर तापमान कम होता है और वहां का जल भीतर-ही-भीतर भूमध्य रेखा की ओर बढ़ने लगता है। इस प्रकार जल-धाराओं का जन्म होता है।

3. लवणों में अन्तर-समुद्र के जल में अनेक लवण घुले होते हैं। जिस जल में लवण अधिक होते हैं, वह जल भारी होकर नीचे बैठ जाता है। इसका स्थान लेने के लिए कम लवण वाला हल्का जल इसकी ओर बहने लगता है। इस कारण धारा उत्पन्न हो जाती है।

4. महाद्वीपीय तटों की बनावट-जल धाराएं महाद्वीपों के तटों के साथ-साथ बहती हैं। अत: महाद्वीपों के तटों की बनावट धाराओं को नई दिशा देती है। दिशा परिवर्तन के साथ ही एक नई धारा का जन्म होता है।

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PSEB 7th Class Social Science Guide महासागर Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
महासागर किसे कहते हैं? महासागर की कोई एक विशेषता बताओ।
उत्तर-
धरातल पर जल के कुछ विशाल भण्डार (खण्ड) पाए जाते हैं। इन्हीं विशाल जल खण्डों को महासागर कहते हैं। इनका जल खारा होता है।

प्रश्न 2.
ज्वार-भाटा किसे कहते हैं?
उत्तर-
समुद्र का पानी दिन में दो बार तट की ओर ऊपर चढ़ता है और नीचे उतरता है। समुद्र के पानी के इस उतार-चढ़ाव को ज्वार-भाटा कहते हैं।

प्रश्न 3.
बड़ा ज्वार-भाटा पूर्णिमा तथा अमावस्या को क्यों आता है?
उत्तर-
पूर्णिमा और अमावस्या को चन्द्रमा के साथ सूर्य का आकर्षण भी मिल जाता है। इस दोहरे आकर्षण के कारण ज्वार-भाटा की ऊंचाई बढ़ जाती है जिसे- बड़ा ज्वार-भाटा कहते हैं।

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प्रश्न 4.
महासागरीय जल की कितनी गतियां हैं और कौन-कौन सी हैं?
उत्तर-
महासागरीय जल की तीन गतियां हैं। इनके नाम हैं-लहरें, सागरीय धाराएं तथा ज्वार-भाटा।

प्रश्न 5.
लहर और सागरीय धारा में कोई एक अन्तर बताओ।
उत्तर-
लहर में जल ऊंचा-नीचा होता रहता है, परन्तु यह गति नहीं करता। इसके विपरीत सागरीय धारा में जल एक दिशा से दूसरी दिशा की ओर गति करता रहता है।

प्रश्न 6.
हमारी पृथ्वी पर कितने महासागर हैं? इनके नाम तथा मुख्य विशेषता बताओ।
उत्तर-हमारी पृथ्वी पर पांच महासागर हैं। इनके नाम हैं –

  1. प्रशान्त महासागर
  2. अन्ध महासागर
  3. हिन्द महासागर
  4. उत्तरी ध्रुव हिम (आर्कटिक) महासागर
  5. दक्षिणी ध्रुव हिम (अंटार्कटिक) महासागर। ये सभी महासागर एक-दूसरे से जुड़े हैं। इनका पानी एक-दूसरे में मिलता रहता है।

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प्रश्न 7.
किन्हीं चार महासागरों का क्षेत्रफल बताओ।
उत्तर-
महासागर – क्षेत्रफल (करोड़ वर्ग कि० मी०)

  1. प्रशान्त महासागर – 16.6
  2. अन्ध महासागर – 8.2
  3. हिन्द महासागर – 7.3
  4. उत्तरी ध्रुव (आर्कटिक) हिम महासागर – 1.3

प्रश्न 8.
ताजे पानी और नमकीन पानी में क्या अन्तर होता है?
उत्तर-
ताज़ा पानी-वर्षा, पिघलती बर्फ, नदियों, नहरों, नल-कूपों आदि द्वारा लाया गया पानी ताज़ा पानी होता है।
नमकीन पानी-झीलों, बन्द सागरों और खुले समुद्रों का पानी नमकीन होता है। सबसे अधिक नमक की मात्रा मृत सागर में है। यह सागर सभी ओर से स्थल से घिरा हुआ है।

प्रश्न 9.
संसार की सबसे महत्त्वपूर्ण उष्ण जलधारा कौन-सी है? यह कहां से कहां तक चलती है?
उत्तर-
संसार की सबसे महत्त्वपूर्ण उष्ण जलधारा खाड़ी की धारा है। यह मैक्सिको की खाड़ी से प्रारम्भ होकर न्यूफाऊण्डलैंड के टापुओं तक पहुंचती है।

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प्रश्न 10.
नार्वे के मछुआरे समुद्र में दूर तक मछलियां पकड़ने क्यों चले जाते हैं?
उत्तर-
नार्वे के समीप से होकर उत्तरी महासागरीय उष्ण धारा बहती है। इसके उष्ण प्रभाव के फलस्वरूप ही नार्वे के मछेरे दूर तक मछलियां पकड़ने चले जाते हैं।

प्रश्न 11.
पश्चिमी यूरोपीय देशों की पश्चिमी बन्दरगाहें सर्दी की ऋतु में भी क्यों खुली रहती हैं?
उत्तर-
उत्तरी महासागरीय धारा के उष्ण प्रभाव के कारण पश्चिमी यूरोपीय देशों की पश्चिमी बन्दरगाहें सर्दियों में भी खुली रहती हैं। उष्ण प्रभाव के कारण ये जमती नहीं हैं।

प्रश्न 12.
“शीत धाराओं के निकटवर्ती प्रदेशों में मरुस्थल पाए जाते हैं।” क्यों?
उत्तर-
जब कोई पवन शीत धारा के ऊपर से गुज़रती है तो यह ठण्डी और शुष्क हो जाती है। अतः शीत धाराओं के निकटवर्ती प्रदेशों में मरुस्थल बन जाते हैं।

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प्रश्न 13.
महासागरीय धाराएं जहाज़रानी पर क्या प्रभाव डालती हैं?
उत्तर-
सागरीय बेड़े प्रायः धाराओं की दिशा में चलते हैं। इससे उनकी गति बढ़ जाती है और ईंधन भी कम लगता है।

प्रश्न 14.
समुद्री धाराओं के पैदा होने के कोई दो कारण लिखो।
उत्तर-
समुद्री धाराओं के पैदा होने के दो कारण हैं –

  1. प्रचलित पवनें महासागरों के जल को अपनी दिशा में बहाकर ले जाती हैं।
  2. महासागरों के जल के तापमान में अन्तर के कारण भी जल में गति उत्पन्न होती है।

प्रश्न 15.
महासागरीय धाराओं का किसी देश की जलवायु पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
(1) महासागरीय धाराओं का अपने पड़ोसी देशों की जलवायु पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। गर्म धाराएं अपने निकटवर्ती क्षेत्रों के तापमान को बढ़ा देती हैं। दूसरी ओर, ठण्डी धाराएं अपने निकट के स्थानों को ठण्डा बना देती हैं।

(2) गर्म धाराओं के ऊपर से गुजरने वाली पवनें नमी सोख लेती हैं और तटवर्ती प्रदेशों में वर्षा करती हैं। परन्तु शीत धारा के ऊपर से गुजरने वाली पवनें ठण्डी और शुष्क हो जाती हैं।

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प्रश्न 16.
महासागर तथा सागर में क्या अन्तर है?
उत्तर-
महासागर तथा सागर दोनों का सम्बन्ध पृथ्वी के जल भाग से है। जल के सबसे बड़े खण्ड महासागर कहलाते हैं। प्रत्येक महासागर फिर कई छोटे-छोटे खण्डों में बंटा हुआ है। इस छोटे खण्ड को सागर कहते हैं। प्रत्येक सागर किसी-न-किसी महासागर का ही भाग होता है। उदाहरण के लिए हिन्द महासागर में दो भाग हैं-अरब सागर तथा खाड़ी बंगाल।

प्रश्न 17.
लहर किसे कहते हैं? इसकी उत्पत्ति कैसे होती है?
उत्तर-
सागर का पानी सदा ऊंचा-नीचा होता रहता है। इसके साथ जल-कण ऊपर-नीचे होते रहते हैं। इस प्रकार सागर के जल में सिलवटें पड़ी हुई दिखाई देती हैं। इसी को लहर कहते हैं। लहरों का जन्म पवन की गति के कारण होता है। जब पवन समुद्र के ऊपर से गुज़रती है तो यह समुद्र के पानी को हिला देती है। पानी के हिलने पर लहरें उत्पन्न हो जाती हैं।

प्रश्न 18.
क्या कारण है कि उत्तर-पश्चिमी यूरोप में दक्षिणी अमेरिका के पश्चिमी तट की अपेक्षा अधिक वर्षा होती है?
उत्तर-
यूरोप के उत्तर-पश्चिमी तट के साथ-साथ उत्तरी अन्ध महासागर की गर्म धारा बहती है। गर्म धारा अपने निकटवर्ती प्रदेशों में वर्षा लाने में सहायक होती है। अतः इस धारा के कारण यूरोप के इस भाग में काफी वर्षा होती है। इसके विपरीत दक्षिणी अमेरिका के पश्चिमी तट के साथ पीरू की धारा बहती है। इस ठण्डी धारा के कारण अमेरिका के पश्चिमी तट के निकटवर्ती भागों में बहुत कम वर्षा होती है।

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प्रश्न 19.
उत्तरी हिन्द महासागर की धाराएं शीत तथा ग्रीष्म ऋतुओं में एक-दूसरे की विपरीत दिशा में क्यों बहती हैं?
उत्तर-
धाराओं की दिशा पर सबसे अधिक प्रभाव प्रचलित पवनों का होता है। पवनें जिस दिशा में लम्बे समय के लिए चलती हैं, वे समुद्र के जल को भी उसी दिशा में बहा कर ले जाती हैं। उत्तरी हिन्द महासागर में मौसमी पवनें शीत तथा ग्रीष्म ऋतुओं में विपरीत दिशा में चलती हैं। फलस्वरूप इस सागर की धाराएं भी विपरीत दिशा में बहने लगती

प्रश्न 20.
छोटा ज्वार-भाटा चन्द्रमा की सातवीं तथा इक्कीसवीं तिथि को ही क्यों आता है? कारण बताओ।
उत्तर-
चन्द्रमा की सातवीं तथा इक्कीसवीं तिथि को चन्द्रमा और सूर्य पृथ्वी के साथ समकोण (90°) बनाते हैं। परिणामस्वरूप चन्द्रमा और सूर्य सागर के जल को विपरीत दिशाओं में खींचने हैं। चूंकि चन्द्रमा पृथ्वी के अधिक निकट है, इसलिए सागर का जल चन्द्रमा की ओर ही उछलता है। परन्तु इस उछाल की ऊंचाई एक साधारण लहर से भी कम होती है। इसी को छोटा ज्वार-भाटा कहते हैं।

प्रश्न 21.
हिन्द महासागर की धाराओं का विस्तारपूर्वक वर्णन करो। इन्हें मानचित्र पर भी दिखाओ।
उत्तर-
हिन्द महासागर की धाराओं का चक्र इतना निश्चित तथा नियमित नहीं है जितना कि प्रशान्त महासागर की धाराओं का। इसका मुख्य कारण इस महासागर की मौसमी पवनें हैं। ये पवनें ऋतु परिवर्तन के साथ अपनी दिशा बदल देती हैं। इसके साथ-साथ हिन्द महासागर की धाराओं की दिशा भी बदलती रहती है। इन धाराओं को दो मुख्य भागों में बांट सकते हैं –
(1) उत्तरी चक्र
(2) दक्षिणी चक्र

1. उत्तरी चक्र

1. दक्षिणी-पश्चिमी मानसून धारा-दक्षिणी-पश्चिमी मानसून पवनों के प्रभाव के कारण हिन्द महासागर का जल पश्चिम से पूर्व की ओर बहने लगता है। इसे दक्षिणी-पश्चिमी मानसून धारा कहते हैं।

2. उत्तरी भूमध्य रेखी धारा-भूमध्य रेखा के उत्तर में दक्षिणी-पश्चिमी मानसून धारा की दिशा पूर्व से पश्चिम की ओर होती है। इसे उत्तरी भूमध्य रेखीय धारा कहते हैं। यह गर्म पानी की धारा है।

3. उत्तरी-पूर्वी मानसून धारा-उत्तरी भूमध्य रेखीय धारा का जल भूमध्य रेखा के उत्तर में पूर्व से पश्चिम की ओर बहने लगता है। इसे उत्तरी-पूर्वी मानसून धारा कहते हैं। यह गर्म पानी की धारा है।
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2. दक्षिणी चक्र

दक्षिणी गोलार्द्ध में धाराओं का चक्र अधिकतर निश्चित है जिसका वर्णन इस प्रकार है –
1. भूमध्य रेखा की दक्षिणी धारा-उष्ण जल की धारा पवनों के प्रभाव के कारण भूमध्य रेखा के दक्षिण में पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है।

2. मौज़म्बीक की धारा-यह धारा भूमध्य रेखा की दक्षिणी धारा का ही एक भाग है। भूमध्य रेखा की दक्षिणी धारा जब अफ्रीका के पूर्वी तट के साथ टकराती है तो इसका पानी दक्षिण की ओर बहने लगता है। यह पानी दक्षिण अफ्रीका के पूर्वी तट के पास से गुज़रता है। यहां इसे मौज़म्बीक की धारा कहते हैं। यह धारा गर्म पानी की धारा है।

3. अगुलहास की धारा-मैलागासी टापू के पूर्व से एक शाखा दक्षिण की ओर बहती है। इसे अगुलहास की धारा कहते हैं।

4. पश्चिमी आस्ट्रेलिया की धारा-दक्षिणी हिन्द महासागर की धारा आस्ट्रेलियां के दक्षिणी-पश्चिमी तटं के साथ टकराती है और इसका एक भाग उत्तर की ओर मुड़ जाता है। इसे पश्चिमी आस्ट्रेलिया की धारा कहते हैं। यह शीत धारा अन्त में उत्तरी भूमध्य रेखीय धारा से जा मिलती है।

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(क) रिक्त स्थान भरो:

  1. ……………….. सबसे बड़ा तथा गहरा महासागर है।
  2. समुद्रों का पानी स्वाद में …………… होता है।
  3. भूमध्य रेखा की ओर जाने वाली जल धाराएं सदा …………… होती हैं।
  4. …………. ज्वारभाटा सदैव पूर्णिमा या अमावस के दिन ही आता है।

उत्तर-

  1. प्रशान्त महासागर,
  2. नमकीन,
  3. ठण्डी,
  4. बड़ा।

(ख) सही जोड़े बनाझर :

  1. चन्द्रमा की आकर्षण शक्ति – अंध महासागर
  2. मौज़म्बीक की धारा – समुद्री धाराओं की उत्पत्ति
  3. खाड़ी की धारा – ज्वारभाटा की उत्पत्ति
  4. पवन की गति – हिन्द महासागर

उत्तर-

  1. चन्द्रमा की आकर्षण शक्ति – ज्वारभाटा की उत्पत्ति
  2. मौज़म्बीक की धारा – हिन्द महासागर
  3. खाड़ी की धारा – अंध महासागर
  4. पवन की गति – समुद्री धाराओं की उत्पत्ति।

(ग) सही उत्तर चुनिए :

प्रश्न 1.
पृथ्वी पर छोटे-बड़े पांच महासागर हैं। बताइए कि निम्नलिखित में से सबसे छोटा महासागर कौन-सा है?
(i) हिम (आर्कटिक) महासागर
(ii) अन्ध महासागर
(iii) हिन्द महासागर।
उत्तर-
(i) हिम (आर्कटिक) महासागर।

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प्रश्न 2.
दिए चित्र में क्या दर्शाया गया है?
PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 4 महासागर 7
(i) महासागरीय धाराओं की उत्पत्ति
(ii) ज्वरभाटा की उत्पत्ति
(iii) पृथ्वी पर जल और थल का वितरण।
उत्तर-
(iii) पृथ्वी पर जल और थल का वितरण।

प्रश्न 3.
संसार की सबसे महत्त्वपूर्ण उष्ण जल धारा कौन-सी है?
(i) ब्राजील की धारा
(ii) न्यूफाऊंडलैण्ड की धारा
(ii) खाड़ी की धारा।
उत्तर-(iii) खाड़ी की धारा।

महासागर PSEB 7th Class Social Science Notes

  • महासागर – पृथ्वी पर जल के विशाल खण्डों को महासागर कहते हैं। प्रशान्त महासागर, अन्ध महासागर तथा हिन्द महासागर पृथ्वी के मुख्य महासागर हैं।
  • प्रशान्त महासागर – प्रशान्त महासागर संसार का सबसे लम्बा और गहरा महासागर है। यह इतना गहरा है कि संसार की सबसे ऊंची पर्वत चोटी एवरेस्ट भी इसमें डूब सकती है।
  • सागर – प्रत्येक महासागर कई छोटे-छोटे खण्डों में बंटा हुआ है। इन छोटे-छोटे खण्डों को सागर कहते हैं।
  • महासागरीय जल की गतियां – महासागरीय जल की तीन गतियां हैं-लहरें, धाराएं तथा ज्वार-भाटा।
  • लहरें – सागर का जल सदा ऊपर-नीचे होता रहता है। इसे लहर कहते हैं।लहरों का जन्म पवन की गति के कारण होता है।
  • धाराएं – जब महासागर का जल एक निश्चित दिशा में बहने लगता है, तो उसे महासागरीय धारा कहते हैं। महासागरीय धारा की गति प्राय: 2 किलोमीटर से 10 किलोमीटर प्रति घण्टा तक हो सकती है।
  • ज्वार-भाटा – समुद्र के जल के नियमित उतार-चढ़ाव को ज्वार-भाटा कहते हैं। यह दिन में दो बार आता है।
  • बड़ा ज्वार-भाटा – पूर्णिमा तथा अमावस के दिन सागर की लहरें सबसे अधिक ऊंची उठती हैं। इसे बड़ा ज्वार-भाटा कहते हैं।
  • छोटा ज्वार-भाटा – शुक्लाष्टमी तथा कृष्णाष्टमी के दिन सागर की लहरें सबसे कम ऊंची उठती हैं। इसे छोटा ज्वार-भाटा कहते हैं।

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 8 सजावटी पौधे

Punjab State Board PSEB 7th Class Agriculture Book Solutions Chapter 8 सजावटी पौधे Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Agriculture Chapter 8 सजावटी पौधे

PSEB 7th Class Agriculture Guide सजावटी पौधे Textbook Questions and Answers

(क) एक-दो शब्दों में उत्तर दें:

प्रश्न 1.
बहूपयोगी वृक्ष का कोई एक उदाहरण दें।
उत्तर-
पैगोड़ा, अमलतास आदि।

प्रश्न 2.
खुशबूदार फूलों वाले किसी एक वृक्ष का नाम बताएं।
उत्तर-
पैगोड़ा, सोनचंपा, बड़ा चम्पा आदि।

प्रश्न 3.
बाड़ बनाने के लिए किसी एक उपयुक्त झाड़ी का नाम बताएं।
उत्तर-
कामिनी, केशिया, पीली कनेर।

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 8 सजावटी पौधे

प्रश्न 4.
दो फूलदार झाड़ियों के नाम बताएं।
उत्तर-
रात की रानी, चांदनी, पीली कनेर।

प्रश्न 5.
खुशबूदार फूलों वाली झाड़ी का नाम लिखें।
उत्तर-
रात की रानी।

प्रश्न 6.
सजावटी पौधे लगाने के लिए उपयुक्त समय कौन-सा होता है ?
उत्तर-
बहार के मौसम में तथा वर्षा के दिनों में।

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 8 सजावटी पौधे

प्रश्न 7.
परदा करने के लिए किस बेल का उपयोग करना चाहिए ?
उत्तर-
परदाबेल (वरनोनिया लता), गोल्डन शावर।

प्रश्न 8.
घरों के अंदर सजावट के लिए उपयोग में लाई जाने वाली किसी एक बेल का नाम बताएं।
उत्तर-
मनी प्लांट।

प्रश्न 9.
मर्मी की ऋतु वाले किसी एक मौसमी फूल का नाम लिखो।
उत्तर-
सूरजमुखी, दोपहर खिली, जीनीया।

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प्रश्न 10.
सर्द ऋतु वाले मौसमी फूलों का बीज कौन-से महीने बीजा जाता है ?
उत्तर-
सितम्बर के मध्य।

(ख) एक-दो वाक्य में उत्तर दें:

प्रश्न 1.
छायादार वृक्ष के क्या गुण होने चाहिएं ?
उत्तर-
इन वृक्षों का फैलाव गोल, छतनुमा तथा पत्ते घने होने चाहिएं।

प्रश्न 2.
चार फूलदान झाड़ियों के नाम लिखें।
उत्तर-
चाइना रोज़, रात की रानी, पीली कनेर, बोगनविलिया, चांदनी आदि।

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प्रश्न 3.
बेलों को कहाँ लगाया जाता है ?
उत्तर-
बेलों को सहारे की आवश्यकता होती है, इनको दीवारों, वृक्षों आदि के पास लगाया जाता है ताकि इनकों सहारे से ऊपर चढ़ाया जा सके।

प्रश्न 4.
खुशबूदार फूलों वाली दो बेलों के नाम लिखें।
उत्तर-
चमेली, माधवी लता खुशबूदार फूल वाली बेलें हैं।

प्रश्न 5.
सजावटी झाड़ियों के क्या गुण होते हैं ?
उत्तर-
जिन स्थानों पर वृक्ष लगाने का स्थान न हो वहां झाड़ियां सरलता से लग जाती

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 8 सजावटी पौधे

प्रश्न 6.
मौसमी फूल कौन-से होते हैं ?
उत्तर-
मौसमी फूल एक साल या एक मौसम में अपना जीवन चक्र पूरा करते हैं।

प्रश्न 7.
सड़कों के पास वृक्ष किस उद्देश्य के लिए लगाए जाते हैं ?
उत्तर-
यह आसपास की सुंदरता में वृद्धि करते हैं तथा मिट्टी क्षरण से बचाते हैं।

प्रश्न 8.
ऊंची बाड़ तैयार करने के लिए कैसे वृक्षों का चुनाव करना चाहिए ?
उत्तर-
ऊंची बाड़ तैयार करने के लिए सीधे तथा लम्बे जाने वाले वृक्ष पास-पास लगाए जाते हैं।

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प्रश्न 9.
श्रृंगार वृक्ष किस उद्देश्य के लिए लगाए जाते हैं ?
उत्तर-
ये वृक्ष खूबसूरत फूलों के लिए लगाए जाते हैं।

प्रश्न 10.
झाड़ियों का प्रयोग आसानी से कहां किया जा सकता है ?
उत्तर-
जहां वृक्ष लगाने के लिए आवश्यकतानुसार स्थान न हो, वहां झाड़ियों का प्रयोग सरलता से हो जाता है।

(ग) पाँच-छ: वाक्यों में उत्तर दें :

प्रश्न 1.
सजावटी वृक्षों को लगाने के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-

  1. सजावटी वृक्ष आसपास की सुंदरता में वृद्धि करते हैं।
  2. सजावटी वृक्ष मिट्टी क्षरण को रोकते हैं।
  3. वृक्ष वातावरण को भी शुद्ध रखने में भूमिका निभाते हैं।
  4. वृक्ष वातावरण को ठण्डा रखने में सहायक हैं।
  5. कई वृक्षों के फूल सुंगध वाले होते हैं जिससे वातावरण महक उठता है।
  6. कई वृक्ष यात्रियों को छाया देते हैं।

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प्रश्न 2.
सजावटी झाड़ियों का चुनाव कैसे किया जाता है ?
उत्तर-
सजावटी झाड़ियों के चुनाव के लिए किस्में इस प्रकार हैं—

  1. फूलदार झाड़ियां-रात की रानी, चाइना रोज़, बोगनविलिया,चांदनी, पीली कनेर आदि।
  2. सुंदर पत्तों वाली झाड़ियां-अलीयर, कामनी, क्लैरोडेंडरौन, पीली कनेर, केशिया आदि। .
  3. भू-ढपनी झाड़ियां-लैंटाना। .
  4. दीवारों के निकट लगने वाली झाड़ियां-टीकोमा, अकलिफा आदि।

प्रश्न 3.
सजावटी बेलों का चुनाव अलग-अलग स्थानों के लिए कैसे किया जाता है ?
उत्तर-
बेलों का चुनाव नीचे लिखे अनुसार किया जाता है’

  1. धूप वाले स्थान के लिए-बोगनविलिया, झुमका बेल, लसन बेल, गोल्डन शावर आदि।
  2. घर के अन्दर रखने के लिए-मनी प्लांट।
  3. बाड़ बनाने के लिए-बोगनविलिया, क्लैरोडेंडरौन, एस्प्रेगस आदि।
  4. हल्की बेलें-लोनीसोरा, मिठी मटरी आदि।
  5. खुशबूदार फूलों वाली बेलें-चमेली, माधवी लता।
  6. गमलों में लगाई जाने वाली-बोगनविलिया।
  7. भारी बेल-बिग़नोनिया, बोगनविलिया, माधवी लता, झुमका बेल, गोल्डन शावर।

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प्रश्न 4.
मौसमी फूलों का मौसम के आधार पर वर्गीकरण करें।
उत्तर-
मौसम के आधार पर फूलों का वर्गीकरण—

  1. गर्मी ऋतु के फूल-इन की बोवाई फरवरी-मार्च में की जाती है तथा खेत में लगाने के लिए पनीरी चार सप्ताह में तैयार हो जाती है। इस मौसम के मुख्य फूल हैंकोचिया, जीनीया, गेलारडिया, दोपहर खिली, गौंफरीना आदि।
  2. वर्षा ऋतु के फूल-इनकी जून के पहले सप्ताह बोवाई की जाती है तथा खेत में लगाने के लिए पनीरी जुलाई के पहले सप्ताह में तैयार हो जाती है। बाल्सम, कुक्कड़ कल्गी इस मौसम के फूल हैं।
  3. सर्दी ऋतु के फूल-इनको सितम्बर के मध्य में बोया जाता है तथा पनीरी अक्तूबर के मध्य में तैयार हो जाती है। इस ऋतु के फूल हैं-कैलैंडूला, डेहलिया, पटूनिया, गेंदा आदि।

प्रश्न 5.
सजावटी वृक्षों का चुनाव किन-किन उद्देश्यों के लिए किया जाता है? उदाहरण सहित लिखें।
उत्तर-
सजावटी वृक्षों का चुनाव अग्रलिखित उद्देश्यों के लिए किया जाता है—

  1. छाया के लिए-इन वृक्षों का फैलाव गोल तथा पत्ते घने तथा छाया देने वाले होते हैं। इनका उदाहरण है-नीम, सत्तपत्तिया, पीपल, पिलकन आदि।
  2. श्रृंगार के लिए-ये वृक्ष सुंदर फूलों के लिए लगाए जाते हैं; जैसे-कचनार, नीली गुलमोहर, लाल गुलमोहर आदि।
  3. सड़कों के आसपास लगाने वाले वृक्ष-ये वृक्ष छाया तथा शृंगार दोनों उद्देश्यों के लिए लगाए जाते हैं; उदाहरण, अमलतास, डेक, पिलकन, सिल्वर ओक आदि।
  4. बाड़ के तौर पर लगाए जाने वाले वृक्ष-इन का उद्देश्य ऊंची बाड़ तैयार करना है। यह मुख्य फसल को तेज़ हवा से बचाते हैं। इनको पास-पास लगाया जाता है तथा यह पर्दे का रूप धारण कर लेते हैं। उदाहरण सिल्वर ओक, सफैदा, पाप्लर, अशोका आदि।
  5. वायु प्रदूषण रोकने के लिए-कारखानों में से निकलता धुआं तथा रासायनिक गैसें वातावरण को दूषित करती हैं। इसलिए इस उद्देश्य के लिए पतझड़ वृक्ष जिनके पत्ते मोटे तथा चमकदार हों, लगाए जाते हैं; जैसे-शहतूत, पाप्लर, पैगोड़ा आदि।
  6. औषधी गुणों वाले वृक्ष-ये दवाई वाले वृक्ष हैं। इनका उदाहरण है-नीम, जामुन, अर्जुन, महुया, अशोका आदि।

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Agriculture Guide for Class 7 PSEB सजावटी पौधे Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
कांटों की सहायता से ऊपर चढ़ने वाली दो लताओं के नाम बताओ।
उत्तर-
गुलाब और बोगनविलिया।

प्रश्न 2.
खुशबू के लिए लगाई जाने वाली दो लताओं के नाम बताओ।
उत्तर-
जैसमीन, माधवी लता।

प्रश्न 3.
हल्के जामुनी रंग के घंटियों जैसे फूल किस लता पर लगते हैं ?
उत्तर-
एडीन्कोलाइमा।

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प्रश्न 4.
बुरे स्थानों को छिपाने के लिए कौन-सी लता लगाई जाती है ?
उत्तर-
अरिस्टोलोचिया।

प्रश्न 5.
माधवी लता पर किस रंग के फूल होते हैं ?
उत्तर-
सफेद रंग के।

प्रश्न 6.
गोल्डन शावर पर लगने वाले फूल किस रंग के होते हैं ?
उत्तर-
संतरी रंग के।

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प्रश्न 7.
पर्दै जैसा प्रभाव डालने वाली लता कौन-सी है ?
उत्तर-
वरनोनिया (पर्दा लता)।

प्रश्न 8.
छायादार स्थान पर कौन सी लता लगानी ठीक है ?
उत्तर-
फाइक्स रैप्नस।

प्रश्न 9.
पत्ते झड़ने वाली लताएं किस महीने में लगाई जाती हैं ?
उत्तर-
जनवरी-फरवरी में।

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प्रश्न 10.
धूप वाले स्थान पर लगाई जाने वाली दो लताओं के नाम बताओ ।
उत्तर-
गोल्डन शावर, झुमका बेल।

प्रश्न 11.
झुमका लता को और क्या कहते हैं ?
उत्तर-
रंगून क्रीपर।

प्रश्न 12.
बाजा लता कौन-सी है ?
उत्तर-
कैंपसिस ग्रैंडीफ्लोरा।

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प्रश्न 13.
बिना सहारे के उगाई जाने वाली किसी लता का नाम बताओ।
उत्तर-
बाजा लता।

प्रश्न 14.
ईंडरॉन लता किस काम आती है ?
उत्तर-
छायादार स्थान पर बाड़ लगाने के काम आती है।

प्रश्न 15.
गोल्डन शावर लता किस काम आती है ?
उत्तर-
धूप वाले स्थान के लिए, पर्दा लता और र ‘समी लताओं के रूप में काम आती है।

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प्रश्न 16.
भारी लताओं के नाम बताएं ।
उत्तर-
पीली चमेली, रेगमार और गुलाब।

प्रश्न 17.
पर्दा लताएं कौन-सी हैं ?
उत्तर-
गोल्डन शावर व बरनोनिया।

प्रश्न 18.
आन्तरिक सजावट के लिए प्रयोग की जाने वाली लताओं के नाम बताओ।
उत्तर-
एसपैरेगश, सिंगोनियम, मनीप्लांट।

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प्रश्न 19.
सारा वर्ष हरी रहने वाली लताएं कब लगाई जाती हैं ?
उत्तर-
फरवरी-मार्च और जुलाई-सितम्बर में।

प्रश्न 20.
पतझड़ वाली लताएं कब लगाई जाती हैं ?
उत्तर-
जनवरी-फरवरी में।

प्रश्न 21.
सारा वर्ष हरी-भरी रहने वाली लता का नाम बताओ
उत्तर-
वरनोनिया, फाइक्स रैप्नस।

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प्रश्न 22.
इसको बाजा लता क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
इसके फूल बाजों की तरह होते हैं।

प्रश्न 23.
वरनोनिया को पर्दा लता क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
क्योंकि उसको जब बरामदे में लगाया जाता है तो पर्दे की तरह प्रभाव पड़ता है।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
लता किसे कहते हैं ?
उत्तर-
लता ऐसे पौधे हैं जिनका तना कमज़ोर होता है।

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प्रश्न 2.
दीवारों, वृक्षों आदि पर चढ़ने के लिए लताओं द्वारा अपनाई जाने वाली विधियां बताओ।
उत्तर-
इस कार्य के लिए लताएं अपने कांटों, टेंड्रिल और जड़ों की सहायता लेती हैं।

प्रश्न 3.
लताएं किस प्रकार की मिट्टी में लगाई जाती हैं ?
उत्तर-
उपजाऊ और पानी को देर तक समा कर रखने वाली किसी भी ज़मीन में लताओं को लगाया जा सकता है।

प्रश्न 4.
लताएं लगाने के लिए किस आकार के गड्ढे खोदने चाहिएं ?
उत्तर-
लताएं लगाने के लिए 60 सें० मी० चौड़े , लम्बे और गहरे गड्डे खोदने चाहिएं।

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प्रश्न 5.
लताओं की सूखी और बीमार टहनियों को क्यों काटते रहना चाहिए ?
उत्तर-
लताएं अच्छी तरह फल-फूल सकें इसलिए इनकी सूखी और बीमार टहनियों को काट देना चाहिए।

प्रश्न 6.
ब्यूमोनसिया लता के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
इसे मार्च मास में बड़े और सफ़ेद रंग के फूल लगते हैं। इस लता को वृक्षों पर चढ़ाया जाता है। इसे बीज या कलम द्वारा उगाया जा सकता है।

प्रश्न 7.
एडीन्कोलाइमा और एंटीगोनोन लताओं को लगने वाले फूलों की तुलना करो।
उत्तर-
एडीन्कोलाइमा के फूल नवम्बर में हल्के जामुनी रंग के घंटियों जैसे होते हैं। एंटीगोनोन के फूल सितम्बर से मार्च तक सफ़ेद, गुलाबी रंग के होते हैं।

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प्रश्न 8.
अरिस्टोलोचिया लता के फूल किस प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
इसके फूल सितम्बर में बत्तख जैसे बड़े और सफ़ेद रंग के होते हैं और इसके बीच जामुनी रंग के धब्बे भी होते हैं।

प्रश्न 9.
ऊंची इमारतों की सजावट के लिए प्रायः कौन-सी लता लगाई जाती है?
उत्तर-
बिगलोनिया लता ऊंची इमारतों की सजावट के लिए प्रयोग में लाई जाती है। यह हमेशा हरी ही रहती है।

प्रश्न 10.
बोगनविलिया लता की विभिन्न किस्मों के नाम बताओ।
उत्तर-
बोगनविलिया लता की किस्में हैं-विजय, पार्था, ग्लैबरा और सुभरा।

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प्रश्न 11.
एंटीगोनोन लता के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
इसको नवम्बर में जामुनी रंग के घंटियों जैसे फूल लगते हैं। इसके पत्तों को रगड़ने पर लहसुन की सुगन्ध आती है। पत्ते साफ़ और चमकदार होते हैं। इन्हें कलमों के द्वारा बढ़ाया जा सकता है।

प्रश्न 12.
बाजा लता के बारे में क्या जानते हो ?
उत्तर-
इसे कैंपसिस ग्रैंडीफ्लोरा भी कहा जाता है। इसको संतरी रंग के बच्चों के बाजों की तरह फूल मई से अगस्त तक लगते हैं जो कि अक्तूबर से नवम्बर तक रहते हैं। इसके पत्ते सर्दियों में झड़ जाते हैं।
इस लता को कलमों के द्वारा लगाया जाता है। इसकी शाखा सख्त होती है और बिना सहारे चल सकती है।

प्रश्न 13.
अरिस्टोलोचिया के बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
इस लता को खराब स्थानों को ढकने के लिए लगाया जाता है। इसको बत्तख की तरह बड़े और सफेद रंग के फूल लगते हैं। इनके बीच में जामुनी रंग के धब्बे जैसे भी होते हैं। इसके बीज लगाए जाते हैं।

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प्रश्न 14.
बिगलोनिया के बारे में जानकारी दो।
उत्तर-
इसको ऊँची इमारतों को सजाने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह हमेशा हरी रहती है। इसे पीले फूल जनवरी-फरवरी में लगते हैं। इसकी कलमें और बीज दोनों ही लगाए जा सकते हैं।

प्रश्न 15.
पीली चमेली के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
इसे दीवारों पर चढ़ाने के लिए लगाया जाता है। इसको 15-20 दिन के लिए मार्च में पीले फूल लगते हैं। इसकी वृद्धि कलमों के द्वारा की जाती है।

प्रश्न 16.
माधवी लता के बारे में जानकारी दो ।
उत्तर-
इस लता के पत्ते चमकदार होते हैं और फूल फरवरी-मार्च में लगते हैं। फूल सफ़ेद रंग के खुशबूदार होते हैं। इसको बीजों या कलमों द्वारा दोनों विधियों से लगाया जा सकता है।

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प्रश्न 17.
फाइक्स रैजस लता के बारे में जानकारी दो।
उत्तर-
इस लता को शानदार स्थानों के लिए चुना जाता है। यह हमेशा हरी रहती है। यह जड़ों के द्वारा दीवारों पर चिपक जाती है। इसको पत्तों के लिए लगाया जाता है और काट कर कोई भी आकार दिया जा सकता है।

प्रश्न 18.
ब्यूमोनसिया लता के बारे में जानकारी दो ?
उत्तर-
यह लता वृक्षों पर चढ़ाने के लिए लगाई जाती है। इसे मार्च में बड़े सफ़ेद रंग के फूल लगते हैं। यह लता कलमों और बीजों के द्वारा भी लगाई जा सकती है।

प्रश्न 19.
एंटीगोनॉन लता के बारे में आप क्या जानते हो?
उत्तर-
इसको स्थान ढकने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसको सितम्बर से मार्च तक सफेद गुलाबी रंग के फूल लगते हैं। इसको बीज तथा कलमों के द्वारा लगाया जा सकता है।

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प्रश्न 20.
गोल्डन शावर के बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
यह सबसे सुन्दर बेल है। इसको सर्दियों में संतरी रंग के फूल लगते हैं। इसको इमारतों, घरों और बरामदों की सजावट के लिए लगाया जाता है।

प्रश्न 21.
झुमका लता के बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
झुमका लता का दूसरा नाम रंगून क्रीपर भी है। इसको दीवारों, परगलों या वृक्षों पर चढ़ाने के लिए लगाया जाता है। इसको सारा साल ही सफ़ेद, लाल या गुलाबी फूल लगे रहते हैं। इसको कलमों और जड़ों के हिस्सों के साथ उगाया जा सकता है।

प्रश्न 22.
पर्दा लता के बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
इसको बरामदे में लगाया जाता है और पर्दा लगा होने का भ्रम देती है। यह सारा साल ही हरी भरी रहती है। इस लता को दीवारों, बालकोनी पर चढ़ाने के लिए लगाया जाता है।

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बडे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
लताओं का हमारे जीवन में क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
लताओं से घरों, स्कूलों, कोठियों, कार्यालयों और सड़कों की सुन्दरता बढ़ती है। फूलों वाली लताएं बच्चों का मन मोह लेती हैं और उनके कोमल मन पर अच्छा प्रभाव डालती हैं। इससे बच्चों का मानसिक, शारीरिक और सामाजिक विकास भी बढ़िया ढंग से होता है।

प्रश्न 2.
भिन्न-भिन्न स्थानों पर लगाई जाने वाली लताओं का विवरण दो।
उत्तर-
विभिन्न स्थानों पर लगाई जाने वाली लताएं हैं—

  1. धूप वाले स्थान के लिए-गोल्डन शावर, बोगनविलिया, झुमका लता इत्यादि।
  2. छायादार स्थान के लिए-मनीप्लांट, क्लैरोडेंडरॉन, सिंगोनीयम इत्यादि।
  3. बाड़ लगाने के लिए-क्लैरोडेंडरॉन, बोगनविलिया।
  4. मौसमी लताएं-गोल्डन शावर, बोगनविलिया।
  5. सुगन्ध के लिए-माधवी लता, जैसमीन (मोतिया-चमेली) इत्यादि।
  6. पर्दा लताएं-गोल्डन शावर, बरनोनिया।
  7. गमलों के लिए–सिंगोनीयम, बोगनविलिया, मनीप्लांट इत्यादि।
  8. अंदरूनी सजावट के लिए-ऐस्प्रेगस, मनीप्लांट, सिंगोनियम।
  9. भारी लताएं-रेगमार, गुलाब, पीली चमेली इत्यादि।

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प्रश्न 3.
लताएं लगाने की विधि क्या है ? इनकी देखभाल कैसे की जाती है ?
उत्तर-
भूमि-कोई भी उपजाऊ और देर तक पानी समा कर रखने वाली भूमि इन लताओं के लिए ठीक रहती है।
लताएं लगाने का समय-सारा वर्ष हरी रहने वाली लताओं के लिए उचित समय जुलाई-सितम्बर का मास होता है। पत्ते झड़ने वाली लताओं को जनवरी-फरवरी में लगाते हैं।

गड्ढे तैयार करना-लताओं के लिए 60 सें० मी० चौड़े लम्बे और गहरे गड्ढे खोदे जाते हैं और एक गड्ढे में 10 ग्राम बी० एच० सी० का पाऊडर और 8-10 कि० ग्रा० गली रूड़ी गोबर खाद मिला दें।

सिंचाई-लताएं लगाने के बाद ही लगातार पानी लगाएं और इन्हें आवश्यकता अनुसार ही सहारा दें।
देखभाल-बीमार और सूखी शाखाओं को काट दें। अच्छी तरह बढ़ फूल सकें इसके लिए इनकी कांट-छांट भी करते रहें। कीड़े-मकौड़े और रोगों से बचाव के लिए दवाइयों का छिड़काव करें।

प्रश्न 4.
बोगनविलिया लता के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
किस्में-बोगनविलिया की विभिन्न किस्में हैं-ग्लैबरा, पार्था, सुभरा और विजय। लगाने की विधि-सभी किस्मों को कलम के द्वारा लगाया जाता है। लगाने का समय-कलमों को जुलाई-अगस्त या जनवरी से फरवरी तक लगाया जाता है। रंगदार फूलों के लगने का समय-सफेद, जामुनी, लाल, पीले, संतरी रंगों के फूल मार्च-अप्रैल और नवम्बर-दिसम्बर में लगते हैं।

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प्रश्न 5.
रंगून क्रीपर किस लता को कहते हैं ? इसके फूल किस तरह के होते हैं और इसे कौन-से स्थान पर और किस विधि से लगाया जाता है ?
उत्तर-
झुमका लता को रंगून क्रीपर कहा जाता है। इसके फूल सफ़ेद गुलाबी या लाल रंग के होते हैं। फूल खुशबूदार होते हैं और सारा वर्ष लगे रहते हैं। इन लताओं को दीवारों, वृक्षों या परगलों पर चढ़ाने के लिए लगाया जाता है। इसे कलमों या जड़ों के भाग से उगाया जाता है।

प्रश्न 6.
अलग-अलग लताओं के नाम और फूलों के रंग बताओ और फूल कब लगते हैं ?
उत्तर-

  1. एंडीन्कोलाइमा-हल्के जामुनी रंग के घण्टियों के आकार के, नवम्बर में।
  2. व्यूमोनसिया लता-सफ़ेद रंग के, मार्च में।
  3. माधवी लता-सफ़ेद खुशबूदार, फरवरी-मार्च में।
  4. बिगलोनिया-पीले रंग के, जनवरी-फरवरी में।
  5. एंटीगोनान-सफ़ेद, गुलाबी, सितम्बर से मार्च। .
  6. अरिस्टोलोचिया-बत्तख की तरह बड़े और सफ़ेद, इनके बीच में जामुनी रंग के धब्बे होते हैं, सितम्बर में।
  7. झुमका लता-सफ़ेद, गुलाबी या लाल, सारा वर्ष।
  8. गोल्डन शावर-सर्दियों में, संतरी रंग के।
  9. पीली चमेली-मार्च में, पीले रंग के।
  10. बोगनविलिया-सफेद, जामुनी, लाल, नाभी, संतरी, पीले। मार्च-अप्रैल और नवम्बर-दिसम्बर में।
  11. कैम्पसिस ग्रैंडीफ्लोरा-मई से अगस्त में संतरी रंग के।

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प्रश्न 7.
धूप वाली जगह के लिए भारी बेलों, अंदरूनी सजावट वाली बेलों के बारे में बताओ।
उत्तर-

  1. धूप वाली जगह के लिए-गोल्डन शावर, झुमका बेल।
  2. भारी बेल-रेगमार, पीली चमेली।
  3. अंदरूनी सजावट-ऐस्प्रेगस, मनी प्लांट।

सजावटी पौधे PSEB 7th Class Agriculture Notes

  • वृक्ष, झाड़ियां, बेलें और मौसमी फूल आसपास की सुंदरता बढ़ाने में सहायक हैं तथा मिट्टी को क्षरण से भी बचाते हैं।
  • बहुपयोगी वृक्ष हैं-पैगोड़ा, अमलतास, लाल गुलमोहर, ऐरोकेरिया आदि।
  • छायादार वृक्ष हैं-नीम, सातपत्तिया, मोलसरी, सुखचैन, जामुन, पिलकन, पीपल आदि।
  • शृंगार वृक्ष हैं-नीली गुलमोहर, सिल्वर ओक, अमलतास, पिलकन, डेक आदि।
  • बाड़ के तौर पर लगाए जाने वाले वृक्ष हैं-सफैदा, पाप्लर, अशोका आदि।
  • सड़कों के आसपास लगाए जाने वाले वृक्ष हैं-डेक, पिलकन, सिल्वर ओक, नीली गुलमोहर आदि।
  • वायु प्रदूषण रोकने के लिए वृक्ष हैं-शहतूत, पाप्लर, पैगोड़ा आदि।
  • औषधि गुण वाले वृक्ष हैं-नीम, जामुन, अशोका, महुआ, अर्जुन आदि।
  • खुशबूदार फूलों वाले वृक्ष हैं-पैगोड़ा, सोनचंपा, बड़ा चम्पा।
  • फूलदार झाड़ियां हैं-रात की रानी, चांदनी, पीली कनेर, चाइमा रोज़, बोगनविलिया आदि।
  • सुंदर पत्तों वाली झाड़ियां हैं-अलीयर, कामिनी, केशिया आदि।
  • भू-ढपनी झाड़ियां हैं-लैंटाना।
  • दीवारों के निकट लगाने वाली झाड़ियां हैं-टीकोमा, अकलिफा आदि।
  • धूप वाले स्थान के लिए सजावटी बेलें हैं-गोल्डन शावर, झुमका बेल, बोगनविलिया।
  • भारी बेलें हैं-बिगनोनिया, माधवी लता, झुमका बेल, गोल्डन शावर आदि।
  • हल्की बेलें हैं-लोनीसोरा, मीठी मटरी आदि।
  • खुशबूदार फूलों वाली बेलें-चमेली, माधवी लता आदि।
  • बोगनविलिया को गमले में भी लगाया जा सकता है।
  • बाड़ लगाने वाली बेलें हैं-बोगनविलिया, क्लैरोडैडरोन, ऐस्प्रेगस आदि।
  • घर के अन्दर रखने वाली बेलें हैं-मनी प्लांट आदि।
  • पर्दा करने के लिए-परदा बेल, गोल्डन शावर आदि।
  • गर्मी ऋतु के फूल-कोचिया, जीनीया, सूरजमुखी, गेलारडिया, गौंफरीना, दोपहर खिली आदि।
  • वर्षा ऋतु के फूल हैं-बाल्सम, कुक्कड़ कल्गी आदि।
  • सर्दी ऋतु के फूल हैं-कैलेंडुला, डेहलीया, पहूनिया, गेंदा आदि।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी

Punjab State Board PSEB 7th Class Science Book Solutions Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Science Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी

PSEB 7th Class Science Guide अपशिष्ट जल की कहानी Textbook Questions and Answers

1. खाली स्थान भरें :-

(i) मल प्रवाह में घुली हुई तथा ठोस अशुद्धियों को ……………………. कहते हैं।
उत्तर-
प्रदूषक

(ii) चार्जित गार में लगभग …………………… जल होता है।
उत्तर-
97%

(iii) जल शुद्धिकरण टैंक के तल पर बैठे ठोस पदार्थ को ……………………… कहते हैं।
उत्तर-
गार/आपंक

(iv) ……………… ऐसा स्थान होता है, जहाँ अपशिष्ट जल में से दूषकों को अलग किया जाता है।
उत्तर-
जल शुद्धिकरण टैंक

(v) सफाई संबंधी ……………………… आदतें अपनाएं।
उत्तर-
अच्छी।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी

2. निम्नलिखित में से सही या गलत चुनें :-

(i) खुली नालियों (Drain) की गंध तथा दिखावट बहुत मनमोहक होती है।
उत्तर-
ग़लत

(ii) पॉलिथीन के लिफ़ाफे नालियों में फेंकें।
उत्तर-
ग़लत

(iii) खुली नालियाँ, मक्खियों तथा मच्छरों के प्रजनन स्थान होते हैं।
उत्तर-
सही

(iv) खुले में शौच न करें।
उत्तर-
सही

(v) भोजन के बचे हुए ठोस टुकड़े नालियों (Drain) को बंद कर सकते हैं।
उत्तर-
सही

3. कॉलम ‘क’ और कॉलम ‘ख’ का सही मिलान करें :-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) कार्बनिक अशुद्धियाँ (क) मल–प्रवाह उपचार
(ii) अकार्बनिक अशुद्धियाँ (ख) टायफाइड
(iii) अपशिष्ट जल-शोधन (ग) रूड़ी खाद
(iv) जल के साथ होने वाली बीमारी (घ) नाइट्रेट्स तथा फास्फेट
(v) सूखा गार (ङ) मानवीय मल।

उत्तर-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) कार्बनिक अशुद्धियाँ (ङ) मानवीय मल।
(ii) अकार्बनिक अशुद्धियाँ (घ) नाइट्रेट्स तथा फास्फेट
(iii) अपशिष्ट जल-शोधन (क) मल-प्रवाह उपचार
(iv) जल के साथ होने वाली बीमारी (ख) टायफाइड
(v) सूखा गार (ग) रूड़ी खाद।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी

4. बहु-वैकल्पिक उत्तरों में सही उत्तर चुनें :-

प्रश्न (i)
अपशिष्ट जल शोधक यंत्र में होते हैं-
(क) छड़ों वाली जाली
(ख) जल शुद्धिकरण
(ग) गारा तथा रेत अलग करने वाली टंकी
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-(घ) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न (ii)
अपशिष्ट जल शोधक प्लांट के सह उत्पाद होते हैं-
(क) बायोगैस
(ख) गारा
(ग) ‘क’ तथा ‘ख’ दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) ‘क’ तथा ‘ख’ दोनों।

प्रश्न (iii)
इनमें से कौन-सा रासायनिक जल को कीटाणु रहित करने के लिए प्रयोग किया जाता है ?
(क) क्लोरीन
(ख) ओजोन
(ग) ‘क’ तथा ‘ख’ दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) ‘क’ तथा ‘ख’ दोनों।

प्रश्न (iv)
विश्व टॉयलेट दिवस मनाया जाता है-
(क) 29 नवंबर
(ख) 19 अक्तूबर
(ग) 19 नवंबर
(घ) 29 अक्तूबर।
उत्तर-
(ग) 19 नवम्बर।

प्रश्न (v)
इनमें से कौन-सी कम खर्चीली मल-प्रवाह निपटान की प्रणाली नहीं है ?
(क) सेप्टिक टंकी
(ख) कंपोस्टिंग टंकी
(ग) रासायनिक टॉयलेट
(घ) छड़ों वाली जाली।
उत्तर-
(घ) छड़ों वाली जाली।

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5. अति लघूत्तर प्रश्न :-

प्रश्न (i)
मल-प्रवाह क्या होता है ?
उत्तर-
मल-प्रवाह – यह वह गंदा जल होता है जिसमें घुली हुई तथा लटकती हुई ठोस अशुद्धियाँ होती हैं। यह घरों, उद्योगों, खेतों तथा अस्पतालों द्वारा पैदा किया जाता है।

प्रश्न (ii)
गार किसे कहते हैं ?
उत्तर-
गार – जो ठोस पदार्थ जल शुद्धिकरण टैंक के तल पर बैठ जाता है, उसे गार अथवा आपंक कहते हैं।

प्रश्न (iii)
निर्मल जल /शुद्ध जल (Clarified Water) क्या होता है ?
उत्तर-
निर्मल जल या शुद्ध जल – शुद्ध जल रंगहीन, गंधहीन तथा स्वादरहित होता है। शुद्ध जल का pH लेवल 7 होता है। वर्षा जल शुद्ध जल होता है। शुद्ध जल का उबाल दर्जा 100°C होता है। शुद्ध जल में कोई घुलनशील अथवा लटकती हुई कोई अशुद्धि नहीं होती तथा यह कीटाणु रहित होता है।

प्रश्न (iv)
सेप्टिक टंकी किसे कहते हैं ?
उत्तर-
सेप्टिक टैंकी – यह एक कम खर्चे वाली मल प्रवाह शोध की ऐसी प्रणाली है जिसमें ऑक्सीजन रहित जीवाणु होते हैं जो अपशिष्ट पदार्थों का अपघटन करते हैं। इसका मुख्य मल-विसर्जन पाइपों से कोई संबंध नहीं होता है। मानवीय मल प्रवाह की यह तकनीक वहाँ प्रयोग होती है जहाँ मल को शौचालय के बंद पाइपों के रास्ते सीधा ही बायोगैस प्लांट में भेजा जाता है।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी 1

प्रश्न (v)
अपशिष्ट जल शोधन-प्रणाली क्या होती है ?
उत्तर-
अपशिष्ट जल – शोधन प्रणाली-अशुद्धियों को अलग करने के लिए मल प्रवाह को बंद पाइपों द्वारा व्यर्थ जल शोधक प्रणाली तक लेकर जाते हैं तथा शोध के बाद इस जल को नदियों या समद्रों में बहा दिया जाता है। अपशिष्ट जल शोधक प्रणाली वहीं होती है जहाँ इसमें से अशुद्धियाँ अलग की जाती हैं। अपशिष्ट जल में से अशुद्धियाँ अलग करने को जल स्वच्छ करना या जल शोधन या उपचार कहते हैं। जल शोधन में पानी में से अशुद्धियाँ दूर करने के लिए भौतिक, रासायनिक तथा जैविक क्रियाएँ की जाती हैं। अपशिष्ट जल शोधन को साधारणतः से मल-प्रवाह शोधन कहते हैं।

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6. लघूत्तर प्रश्न :-

प्रश्न (i)
तेल, घी आदि को नाली में क्यों नहीं फेंकना चाहिए ? टिप्पणी दें।
उत्तर-
खाना/भोजन पकाते समय बचे हुए तेल/घी को ड्रेन में फेंकने के स्थान पर कूड़ेदान में फेंकना चाहिए क्योंकि यह सख्त होकर निकासी वाली पाइपों को बंद कर सकते हैं। खुले स्थान पर यह मिट्टी के मुसामों/छिद्रों को भी बंद कर सकते हैं जिससे मिट्टी की पानी को फिल्टर करने की क्षमता कम हो जाती है।

प्रश्न (ii)
अपशिष्ट जल शोधक प्रणाली में छड़ों वाली जाली का क्या काम है ?
उत्तर-
अपशिष्ट जल शोधक प्रणाली में सबसे पहले इस जल में से ठोस अशुद्धियों जैसे डिब्बे, कपड़े के टुकड़े नैपकिन, प्लास्टिक की वस्तुएँ आदि को अलग करने के लिए जल को लोहे वाले जाल में से गुजारा जाता है जहाँ यह वस्तुएँ रुककर अलग हो जाती हैं।
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प्रश्न (iii)
कूड़े को केवल कूड़ेदान में फेंके। टिप्पणी करें।
उत्तर-
कूड़े के बिखेरने से न केवल हमारा इर्द-गिर्द ही गंदा होगा बल्कि वातावरण भी दूषित होगा तथा गंदी बदबू भी आएगी जो कीड़े-मकौड़ों तथा तिलचट्टे पैदा होने में सहायक होगी। इससे कई बिमारियाँ भी होंगी। इसलिए कूडे को कूड़ेदान में फेंकना चाहिए।

Science Guide for Class 7 PSEB अपशिष्ट जल की कहानी Intext Questions and Answers

सोचें तथा उत्तर दें:- (पेज 216)

प्रश्न 1.
साफ जल तथा दूषित जल के रंग में क्या अंतर होता है ?
उत्तर-
साफ जल – साफ जल रंगहीन होता है, परंतु इसमें घुली अशुद्धियाँ तथा सूक्ष्मजीव उपस्थित हो सकते हैं। यह जल शुद्ध नहीं होता तथा पीने योग्य नहीं है।

दूषित जल – जल जिसमें सूक्ष्मजीव उपस्थित हो वह भी रंगहीन हो सकता है। इसके अतिरिक्त यदि जल में कोई रंगदार घुली हुई मिट्टी या अशुद्धि है तो यह काले या भूरे रंग का भी हो सकता है।

प्रश्न 2.
गंदे जल में विद्यमान कोई दो कार्बनिक संदूषकों के नाम बताएं।
उत्तर-
गंदे पानी में उपस्थित कार्बनिक संदूषक-

  1. कीटनाशक
  2. नदीन नाशक
  3. फल सब्जियाँ
  4. मानवीय तथा पशु मल।

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सोचें तथा उत्तर दें:- (पेज 217)

प्रश्न 1.
मल-प्रवाह मार्ग में मैनहोल क्यों बनाए जाते हैं ?
उत्तर-
मल-प्रवाह मार्ग के प्रत्येक 50-60 मीटर की दूरी पर या दो मल विसर्जनों के जोड़ पर जहाँ दिशा बदलनी हो, वहाँ मैनहोल बनाए जाते हैं ताकि इसमें दाखिल होकर व्यक्ति जल-मल निकास की समस्या का पता तथा निवारण कर सके।

प्रश्न 2.
किसी खुले जल-निकास में या समीप पाए जाने वाले दो जीवों के नाम बताएं।
उत्तर-

  1. काकरोच (तिलचट्टा) तथा
  2. बिच्छू।

सारी परखनलियों का ध्यानपूर्वक अध्ययन करें तथा निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें:-(पेज 220)

प्रश्न 1.
हवा प्रवाहित करने के बाद तरल दिखावट (Appearance) में क्या परिवर्तन आया ?
उत्तर-
द्रव का रंग थोड़ा साफ तथा हल्के रंग का दिखाई देता है।

प्रश्न 2.
रेत फिल्टर होने से क्या अलग हुआ ?
उत्तर-
रेत फिल्टररेशन द्वारा अघुलनशील ठोस कण अलग हो गए।

PSEB Solutions for Class 7 Science अपशिष्ट जल की कहानी Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(i) जल को स्वच्छ करना ………………… को दूर करने का प्रक्रम है।
उत्तर-
संदूषक

(ii) घरों द्वारा मुक्त किए जाने वाला अपशिष्ट जल …………………… कहलाता है।
उत्तर-
वाहित मल

(iii) शुष्क ……………………….. का उपयोग खाद के रूप में किया जाता है।
उत्तर-
आपंक

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(iv) नालियाँ …………………. और ……………………. के द्वारा अवरूद्ध हो जाती हैं।
उत्तर-
तेल, वसा

(v) ढक्कन से ढका हुआ वह खुला स्थान जिस रास्ते व्यक्ति अंदर जाकर मल-प्रवाह प्रणाली को चैक कर सकता है, को ……………….. कहते हैं।
उत्तर-
मैनहोल।

प्रश्न 2.
कॉलम ‘क’ में दिए गए शब्दों का कालम ‘ख’ के साथ मिलान कीजिए-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख
(i) व्यर्थ जल शोध के सह-उत्पाद (क) 19 दिसम्बर
(ii) विश्व जल दिवस (ख) मक्खियां तथा मच्छरों का प्रजनन स्थल
(iii) खुले मल-प्रवाह (ग) गार, बायोगैस
(iv) विश्व टायलेट दिवस (घ) 22 मार्च।

उत्तर-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) व्यर्थ जल शोध के सह-उत्पाद (ग) गार, बायोगैस
(ii) विश्व जल दिवस (घ) 22 मार्च
(iii) खुले मल-प्रवाह (ख) मक्खियां तथा मच्छरों का प्रजनन स्थल
(iv) विश्व टायलेट दिवस (क) 19 दिसम्बर।

प्रश्न 3.
सही विकल्प चुनें-

(i) धरती के नीचे छोटे तथा बढ़े पाइपों के जाल को कहते हैं।
(क) गार
(ख) मल-प्रवाह
(ग) मल विसर्जन प्रणाली
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) मल विसर्जन प्रणाली।

(ii) विश्व जल दिवस मनाया जाता है-
(क) 22 मार्च
(ख) 22 फरवरी
(ग) 22 अप्रैल
(घ) 22 जून।
उत्तर-
(क) 22 मार्च।

(iii) पराबैंगनी विकिरणों को कौन-सी गैस अवशोषित करती है ?
(क) नाइट्रोजन
(ख) ऑक्सीजन
(ग) ओज़ोन
(घ) हाइड्रोजन।
उत्तर-
(ग) ओज़ोन।

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(iv) प्रदूषित पानी से रोग होते हैं ?
(क) पीलिया
(ख) पेचिश
(ग) हैजा
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

(v) मलेरिया फैल सकता है-
(क) खुली नालियों से-
(ख) बंद नालियों से
(ग) नल से
(घ) पानी की पाइपों से।
उत्तर-(क) खुली नालियों से।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से ठीक या गलत बताओ-

(i) अवशोषित मल प्रवाह को जल भंडारों में फेंक देना चाहिए।
उत्तर-
ग़लत

(ii) बचे हुए तेल तथा घी को ड्रेन में बहा देना चाहिए।
उत्तर-
ग़लत

(iii) पॉलीथीन के लिफ़ाफे या टुकड़े नालियों में फेंकने से नालियों को बंद कर सकते हैं।
उत्तर-
ठीक

(iv) कचरे को केवल कूड़ेदान में ही फेंकना चाहिए।
उत्तर-
ठीक

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(v) जल शुद्धिकरण टैंक के तल में बैठे ठोस पदार्थ को गार कहते हैं।
उत्तर-
ठीक।

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कौन-सा दिन विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाता है ?
उत्तर-
22 मार्च।

प्रश्न 2.
जल की सफ़ाई से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
जल की सफ़ाई : अपशिष्ट जल से संदूषकों को पृथक् करने के प्रक्रम को जल की सफ़ाई कहते हैं।

प्रश्न 3.
अपशिष्ट जल को साफ़ करने के प्रक्रम को किस नाम से जाना जाता है ?
उत्तर-
वाहित मल उपचार।

प्रश्न 4.
‘वाहित मल’ कैसे बनता है ?
उत्तर-
वाहित मल घरों, उद्योगों, अस्पतालों, कार्यालयों और अन्य उपयोगों के बाद प्रवाहित किया जाने वाला जल अपशिष्ट या वाहित मल होता है।

प्रश्न 5.
पेचिश फैलाने वाले जीव कौन-से हैं ?
उत्तर-
सूक्ष्म रोगाणु।

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प्रश्न 6.
सीवर किसे कहते हैं ?
उत्तर-
सीवर (Sewerage) – भूमि के अंदर छोटे और बड़े पाइपों का जाल, सीवर कहलाता है।

प्रश्न 7.
पानी के सूक्ष्म जीव कौन-से रसायनों से नष्ट होते हैं ?
उत्तर-
पेंट, तेल, दवाइयां आदि। ।

प्रश्न 8.
ठोस व्यर्थ नालियों में क्यों नहीं फेंकने चाहिए ?
उत्तर-
क्योंकि यह नालियों को प्रदूषित करते हैं तथा ऑक्सीजन के मुक्त प्रवाह को रोकते हैं।

प्रश्न 9.
ऑक्सीजन व्यर्थ जल को किस प्रकार शुद्ध करती है ?
उत्तर-
ऑक्सीजन व्यर्थ जल का निम्नीकरण करती है।

प्रश्न 10.
रोगों के फैलने के दो कारणों के नाम लिखो।
उत्तर-

  1. सफाई ना करना
  2. प्रदूषित जल।

प्रश्न 11.
जिन स्थानों पर मल वाहन की व्यवस्था नहीं है वहां किस प्लांट का उपयोग उपयुक्त है ?
उत्तर-
सेप्टिक टैंक (Septic Tank)।

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लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वाहित मल निपटान की प्रणाली पर नोट लिखिए।
उत्तर-
सेप्टिक टैंक, रासायनिक शौचालय, कपोस्टिंग पिट आदि वाहित मल निपटान की वैकल्पिक व्यवस्थाएँ हैं। यह सारी व्यवस्था साधन की कम लागत से तैयार होती है और उन सभी जगहों के लिए उपयुक्त है जहाँ सीवर साधन उपलब्ध नहीं हैं जैसे अस्पताल, अलग-थलग बने भवन अथवा 4 से 5 घरों का समूह।

प्रश्न 2.
घरों में अपशिष्ट जल की मात्रा को कम करने के कुछ उपाय समझाइए।
उत्तर-घरों में अपशिष्ट जल की मात्रा को नियंत्रण करने के उपाय-

  1. नालियों में तेलीय वस्तुएँ, वसा आदि को नहीं बहने देना चाहिए क्योंकि ये वस्तुएँ नालियों को अवरूद्ध कर देती हैं।
  2. पेंट, रसायन, कीटनाशी आदि जल में प्रवाहित नहीं करने चाहिए क्योंकि ये जल शोधन के सूक्ष्मजीव को नष्ट कर देते हैं।
  3. प्रयुक्त चाय पत्ती, बचे हुए ठोस खाद्य पदार्थ, खिलौने, सैनिटरी टावल आदि कूड़ेदान में डालने चाहिए क्योंकि यह ठोस नालियों को अवरूद्ध कर देते हैं।

प्रश्न 3.
वाहित मल क्या है ? अनुपचारित वाहित मल को नदियों अथवा समुद्र में विसर्जित करना हानिकारक क्यों है ? समझाइए। . .
उत्तर-
वाहित मल – यह द्रव रूपी अपशिष्ट है जिसमें अधिकांश घुले हुए और निलंबित अपद्रव्य (संदूषक) होते हैं। यह प्रकृति में जटिल होता है। वाहित मल घरों, उद्योगों, कृषि क्षेत्रों तथा मानव क्रियाकलापों द्वारा उत्पन्न होता है। यह जल तथा भूमि के प्रदूषण का मुख्य कारण है।

अनुपचारित प्रदूषित जल के हानिकारक प्रभाव-

  1. इससे स्वास्थ्य संबंधी खतरे होते हैं।
  2. भूमिगत जल तथा भूमि जल प्रदूषित हो जाते हैं।
  3. जलवाहक रोगों के लिए वाहक का कार्य करता है।

प्रश्न 4.
तेल और वसाओं को नाली में क्यों नहीं बहाना चाहिए ? समझाइए।
उत्तर-
तेल तथा वसा जम कर ठोस बन जाने से पाइप तथा नालियों को बंद कर देते हैं। खुली नालियों में तेल मिट्टी के कणों को जकड़ लेते हैं जिससे उनकी फिल्टर करने की शक्ति कम हो जाती है।

प्रश्न 5.
अपशिष्ट जल से स्वच्छ जल प्राप्त करने के प्रक्रम में सम्मिलित चरणों का वर्णन करें।
उत्तर-
अपशिष्ट जल से स्वच्छ जल प्राप्त करने में चरण-

  1. अपशिष्ट जल में उपस्थित कपड़ों के टुकड़े, डंडियाँ, डिब्बे तथा प्लास्टिक आदि को पृथक् करने के लिए
    अपशिष्ट जल को उर्ध्वाकार लगी छड़ों से बने शलाका छन्ने (बार स्क्रीन) में से गुज़ारा जाता है।
  2. अपशिष्ट जल को ग्रिट तथा रेत अलग करने वाली टैंकी में से गुज़ारा जाता है जहाँ अपशिष्ट जल को कम प्रवाह से छोड़ा जाता है। यहाँ जल में उपस्थित रेत, ग्रिट और कंकड़-पत्थर नीचे बैठ जाते हैं।
  3. अब जल को बड़ी टैंकी में ले जाया जाता है, जिसका पैंदा मध्य भाग में ढलान वाला होता है। इस टैंकी के मध्य भाग में मल तथा तैरने वाले तेल जैसे ठोस टैंकी की तपैंदी के मध्य भाग में बैठ जाते हैं।
  4. अब निर्मलीकृत जल में से पंप द्वारा वायु को गुज़ारा जाता है जिससे उसमें वायकीय जीवाणुओं की वृद्धि होती है। इस प्रकार साफ़ किया गया जल निर्मलीकृत जल कहलाता है।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी

प्रश्न 6.
आपंक क्या है ? समझाइए कि इसे कैसे उपचारित किया जाता है ?
उत्तर-
आपंक (Sludge) – यह अपशिष्ट जल को बार स्क्रीन लगी टैंकी जिससे ग्रिट तथा रेत पृथक् की जाती है, में से गुज़ार कर एकत्रित किया गया ठोस मल है।

आपंक का उपचार – आपंक को एक टैंकी में एकत्रित किया जाता है, जहाँ यह अवायवीय जीवाणुओं द्वारा अपघटित हो जाता है। इस प्रक्रम में उत्पन्न होने वाली बायोगैस (जैव गैस) का उपयोग ईंधन के रूप में या बिजली उत्पादन में किया जाता है। शुष्क आपंक को खाद के रूप में उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 7.
अनुपचारित मानव मल एक स्वास्थ्य संकट है। समझाइए।
उत्तर-

  1. अनुपचारित मानव मल मच्छर, मक्खी तथा अन्य कीटों का जनन केंद्र बन जाता है।
  2. यह दुर्गंध से भरपूर होता है।
  3. यह भूमि तथा जल को प्रदूषित करता है।
  4. यह अनेक प्रकार के रोगों का वाहक है।

प्रश्न 8.
जल को रोगाणुनाशित (रोगाणु मुक्त) करने के लिए उपयोग किए जाने वाले दो रसायनों के नाम बताइए।
उत्तर-

  1. क्लोरीन और
  2. ओज़ोन।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वाहित मल उपचार संयंत्र का विवरण दीजिए।
उत्तर-
वाहित मल उपचार संयंत्र – वाहित मल के उपचार में भौतिक, रासायनिक और जैविक प्रक्रम सम्मिलित हैं जो जल को संदूषित करने वाले भौतिक, रासायनिक और जैविक द्रव्यों को पृथक करने में सहायता करते हैं।

(i) शलाका छन्नों में से गुज़ारना – अपशिष्ट जल उर्ध्वाकार लगी छड़ों से बने शलाका छन्नों में से गुज़ारा जाता है ताकि बड़े आकार की अशुद्धियां जैसे कपड़ों के टुकड़े, डिब्बे, प्लास्टिक के थैले आदि पृथक् हो सकें।

(ii) ग्रिट और बालू उपचार टैंक – अपशिष्ट जल को इन टैंकों में से बड़ी से धीमी गति से प्रवाहित किया जाता है ताकि धूल, कंकड़, पत्थर आदि नीचे तल में बैठ जाएँ।

(iii) आपंक को पृथक् करना – अपशिष्ट जल को एक ऐसी टैंकी में डाला जाता है जिसका मध्य भाग ढलान वाला होता है ताकि अपशिष्ट जल में ठोस इस ढलान वाली तली में बैठ जाए। यह तली पर जमा ठोस आपंक कहलाता

इसे खुरच कर बाहर निकाला जाता है। अपशिष्ट जल में तैरने वाली अशुद्धियों (तेल, वसा) को अपमथित्र (स्किमर) द्वारा पृथक् किया जाता है। यह जल निर्मलीकृत जल होता है।

अब दो विभिन्न प्रक्रम अपनाए जाते हैं-
(क) आपंक को एक ऐसी टंकी में स्थानांतरित किया जाता है जहाँ अवायवीय अपघटन हो सके। इस अपघटन में बायोगैस उत्पन्न होती है।

(ख) निर्मलीकृत जल में वायवीय सूक्ष्मजीव बचे हुए मानव अपशिष्ट पदार्थों, खाद्य पदार्थों, साबुन आदि का उपयोग करते हैं। इन जीवों की वद्धि के लिए निर्मलीकृत जल में वायु का प्रवाह किया जाता है। यह सूक्ष्मजीव उपभोग किए हुए पदार्थों के साथ टंकी की तली में बैठ जाते हैं। ऊपर से जल को निकाल दिया जाता है। जमे हुए आपंक को सुखा कर खाद के रूप में उपयोग किया जाता है।

(iv) उपरोक्त जल को या तो किसी जल स्रोतों में डाल दिया जाता है अथवा क्लोरीन या ओज़ोन से उपचारित किया जाता है।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 17 वन: हमारी जीवन रेखा

Punjab State Board PSEB 7th Class Science Book Solutions Chapter 17 वन: हमारी जीवन रेखा Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Science Chapter 17 वन: हमारी जीवन रेखा

PSEB 7th Class Science Guide वन: हमारी जीवन रेखा Textbook Questions and Answers

1. खाली स्थान भरें :-

(i) पौधों द्वारा प्रकाश संश्लेषण क्रिया के दौरान …………………….. गैस छोड़ी जाती है।
(ii) ………………… तथा …………………… वनों के लिए दो प्रमुख खतरे हैं।
(iii) बड़े स्तर पर पौधों की पनीरी (Saplings) के रोपण को ………………….. कहते हैं।
उत्तर-
(i) ऑक्सीजन,
(ii) आग, प्रदूषण,
(iii) वन लगाना।

2. निम्नलिखित में सही (√) या गलत (×) लिखें :-

(i) जंतु पौधों को पोषक तत्व (Nutriants) देते हैं।
उत्तर-
ग़लत

(ii) भारत में कुल क्षेत्रफल का केवल 15% ही वन्य क्षेत्र है।
उत्तर-
ग़लत

(iii) घर बनाने के लिए तथा कृषि के लिए वृक्ष काटने को वनों का कटाव (Deforestation) कहते हैं।
उत्तर-
सही

(iv) पशुओं को अधिक चराने (Grazing) से वनों का कटाव होता है।
उत्तर-
सही

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 17 वन: हमारी जीवन रेखा

3. निम्नलिखित कॉलमों में ठीक उत्तरों से मिलान करें :-

कॉलम क कॉलम ख
(i) पौधे (क) जंगल
(ii) नवीनीकरण प्राकृतिक स्रोत (ख) बड़े स्तर पर वृक्ष लगाने की प्रक्रिया
(iii) वृक्ष/वन उगाने (ग) वृक्ष काटना
(iv) वनों का सफाया (घ) उत्पादक

उत्तर-

कॉलम क कॉलम ख
(i) पौधे (घ) उत्पादक
(ii) नवीनीकरण प्राकृतिक स्रोत (क) जंगल
(iii) वृक्ष/वन उगाने (ख) बड़े स्तर पर वृक्ष लगाने की प्रक्रिया
(iv) वनों का सफाया (ग) वृक्ष काटना

4. निम्नलिखित प्रश्नों के बहुवैकल्पिक उत्तरों में सही विकल्प चुनें :-

प्रश्न (i)
इनमें से एक पौधा उत्पाद नहीं है-
(क) प्लाइवुड
(ख) लाख
(ग) कैरोसीन (मिट्टी का तेल)
(घ) गोंद।
उत्तर-
(ग) कैरोसीन (मिट्टी का तेल)।

प्रश्न (ii)
भोजन-श्रृंखला में होते हैं-
(क) उत्पादक तथा शाकाहारी ।
(ख) उत्पादक तथा मांसाहारी
(ग) उत्पादक तथा अपघटक
(घ) उत्पादक, शाकाहारी तथा मांसाहारी।
उत्तर-
(घ) उत्पादक, शाकाहारी तथा मांसाहारी।

प्रश्न (iii)
जीवाणु तथा फफूंदी होते हैं-
(क) अपघटक
(ख) शाकाहारी
(ग) सर्वाहारी
(घ) मांसाहारी।
उत्तर-
(क) अपघटक।

प्रश्न (iv)
सूक्ष्म-जीव, मृतजीवों पर क्रिया करके पैदा करते हैं-
(क) ह्यूमस
(ख) लकड़ी
(ग) रेत
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-
(क) ह्यूमस।

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5. अति लघूत्तर प्रश्न :-

प्रश्न (i)
धरती के थल भाग का लगभग कितना क्षेत्र वनों से ढका हुआ है ?
उत्तर-
लगभग 13% पृथ्वी का थल भाग जंगलों से भरा हुआ है।

प्रश्न (ii)
परिस्थितिक परितंत्र क्या होता है ?
उत्तर-
परिस्थितिक परितंत्र – सजीव तथा उनका पर्यावरण/वातावरण मिलकर परिस्थितिक परितंत्र बनाते हैं। पौधे, जंतु तथा सूक्ष्मजीव परिस्थितिक परितंत्र के जैविक अंश हैं।

प्रश्न (iii)
वृक्ष/वन उगाना क्या होता है ?
उत्तर-
वृक्ष या वन उगाना – काटे गए वृक्षों की प्रति पूर्ति करने के लिए बड़े स्तर पर वृक्ष लगाने की प्रक्रिया को वन उगाना कहते हैं।

प्रश्न (iv)
विश्व तापन किस कारण होता है ?
उत्तर-
विश्व तापन का कारण – विश्व तापन का मुख्य कारण मानव की गतिविधियां हैं जिसके कारण वातावरण में ग्रीन हाऊस गैसों का प्रभाव बढ़ जाता है। ग्रीन हाऊस गैसों में मुख्य गैसें-कार्बन डाईआक्साइड, मीथेन, नाइट्रस आक्साइड, ओजोन तथा क्लोरोफ्लोरो कार्बन आदि गैसें शामिल हैं।

6. लघूत्तर प्रश्न :-

प्रश्न (i)
भोजन श्रृंखला के आधार पर पौधों तथा जंतुओं की पारस्परिक निर्भरता का वर्णन करो।
उत्तर-
पौधों तथा जंतुओं की पारस्परिक निर्भरता – पौधों की भांति मनुष्य तथा जंतु अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकते। पौधे ही मनुष्यों तथा जंतुओं के लिए भोजन उत्पन्न करते हैं। इससे छोटे पौधे जंगली जंतुओं जैसे-चमगादड़, गिलहरी तथा चींटियों के लिए आवास तथा सुरक्षा प्रदान करते हैं। उदाहरण के तौर पर गर्मी के मौसम में पौधे तथा वृक्ष बहुत-से जंतुओं को छाया प्रदान करते हैं।

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प्रश्न (ii)
भूमि-संरक्षण में वन कैसे मदद करते हैं ?
उत्तर-
जंगलों में बहुत-से पौधे, झांड़ियां तथा वृक्ष हैं जो अपनी जड़ों से जंगल की मिट्टी की ऊपरी परत को जकड़ कर रखते हैं। यह प्राकृतिक शक्तियां जैसे पवन तथा बाढ़ को ऊपरी उपजाऊ परत को बहाकर अपने साथ नहीं ले जाने देती तथा मिट्टी की पानी रोकने की क्षमता बनी रहती है। इसलिए भूमि-संरक्षण में जंगल सहायक हैं।

प्रश्न (iii)
ऐसे दो उदाहरण दें जिनसे यह पता चले कि पौधे जंतुओं पर निर्भर करते हैं।
उत्तर-

  1. जंतुओं द्वारा श्वास क्रिया दौरान छोड़ी गई कार्बनडाइआक्साइड पौधों द्वारा प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया के लिए प्रयोग की जाती है। इस प्रक्रिया में पौधे कार्बनडाइऑक्साइड से सूर्य प्रकाश की उपस्थिति में अपना भोजन तैयार करते हैं।
  2. एक स्थान पर ज्यादा पौधे उगने के कारण पौधों का भोजन के लिए मुकाबला होता है। जिससे पौधों को बाधा तथा जीवन खतरे में आ जाता है। इसलिए एक-एक स्थान पर पौधे न उगाएं। जंतु उनके फल तथा बीजों को दूर-दूर तक खिलारने में मदद करते हैं।

प्रश्न (iv)
वन बाढ़ों को कैसे रोकते हैं ? व्याख्या करें।
उत्तर-
वन, वर्षा जल को प्राकृतिक रूप से अवशोषित करने का कार्य करते हैं। यह वर्षा के जल को सीधा धरती पर नहीं गिरने देते जिसमें जल धरती में समाता नहीं परंतु धीरे-धीरे रिसाव होता रहता है। जिस कारण नदियों के पानी के बहाव पर नियंत्रण रहता है। इस प्रकार वन के आस-पास के क्षेत्रों में वृक्ष वर्षा का अनुकूल सन्तुलन बना कर रखते हैं जिस कारण बाढ़ों पर रोक लगती है।

प्रश्न (v)
ऐसे पाँच उत्पादों के नाम लिखें जो हम वनों से प्राप्त करते हैं ?
उत्तर-
वनों से प्राप्त होने वाले उत्पाद-

  1. वनों में उगने वाले पौधों से हमें कई प्रकार सूखे मेवे तथा मसाले मिलते हैं।
  2. हम बनों में साल, टीक, रोजवुड आदि वृक्षों से इमारती लकड़ी प्राप्त करते हैं।
  3. वनों से हम ईंधन प्राप्त करते हैं तथा गत्ता तथा कागज उद्योग वनों पर निर्भर है।
  4. वनों से हम पेंट बनाने के लिए बरोजा, रबड़ बनाने के लिए लेटेक्स प्राप्त करते हैं।
  5. वनों से हम घास की कई प्रजातियां प्राप्त करते हैं।

7. निबंधात्मक प्रश्न :-

प्रश्न (i)
वन काटना/ नष्ट करना क्या है ? वन नष्ट होने के अलग-अलग कारणों की व्याख्या करो।
उत्तर-
मानव आबादी की ज़रूरतें जैसे-रोटी, कपड़ा, मकान, सड़कें, रेलवे लाइनें बनाने के लिए बड़े स्तर पर वृक्षों को काटना जंगलों को स्थायी तौर पर नष्ट करना है।

वन नष्ट होने के कारण-

  1. बढ़ती जनसंख्या के लिए भोजन की मांग पूरी करने के लिए कृषि योग्य भूमि को बड़े क्षेत्रफल की आवश्यकता होती है जिसके लिए बड़े स्तर पर वृक्षों या जंगलों को काटा जाता है।
  2. पालतू पशुओं को अधिक चराना।
  3. खदानों की अधिक खुदाई करना।
  4. जल भराव तथा अधिक सिंचाई करने से पृथ्वी के नीचे के पानी का स्तर नीचे जाने से वृक्ष मुरझा जाते हैं तथा अंत में मर कर सूख जाते हैं।
  5. ईंधन के लिए लकड़ी कागज़ निर्माण के लिए वृक्षों को काटने से।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 17 वन: हमारी जीवन रेखा

प्रश्न (ii)
वनों के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
वनों के लाभ – मनुष्य अपनी आवश्यकता की पूर्ति करने के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर वनों पर निर्भर है। इसलिए वन हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं। –

  1. पौधों तथा वृक्षों की जड़ें मिट्टी के कणों को जकड़ कर रखती हैं और मिट्टी को बहने और उड़ने से बचाती हैं। फलस्वरूप वन भूमि-अपरदन और बाढ़ को रोकते हैं।
  2. वनों में उगने वाले पौधों से हमें अनेक प्रकार के सूखे मेवे और मसाले प्राप्त होते हैं।
  3. जंगली वृक्षों और पौधों द्वारा वाष्पोत्सर्जन होने के कारण हवा में जलवाष्पों की मात्रा बढ़ती है। जिससे इर्द-गिर्द की वायु ठंडी रहती है। यह वर्षा लाने में सहायक होते हैं।
  4. वनों से हमें बोजा, रबड़ बनाने के लिए लेटैक्स, पशुओं के लिए चारा, टोकरी उद्योग के लिए बांस और कागज़ उद्योग और पशुओं के चारे के लिए घास प्राप्त होती है।
  5. वन हमें आयुर्वेदिक दवाइयां तैयार करने के लिए नीम, सफेदा, आंवले तथा सिनकोना प्रदान करते हैं।
  6. वन के पौधे तथा वृक्ष प्रकाश-संश्लेषण प्रक्रिया दौरान हवा में उपस्थित कार्बन-डाइऑक्साइड की मात्रा कम करके हरा-गृह प्रभाव कम करते हैं फलस्वरूप विश्व-तापन भी कम होता है।
  7. वनों से हमें फर्नीचर और घर की खिड़कियां, दरवाज़े बनाने के लिए लकड़ी उपलब्ध होती है।

प्रश्न (ii)
जंतु, पौधों पर कैसे निर्भर करते हैं ? व्याख्या करें।
उत्तर-
जंतुओं की पौधों पर निर्भरता-

  1. भोजन जो ऊर्जा का स्रोत है, पौधों की पत्तियों, फूलों और अन्य पौधे के उत्पादों से प्राप्त होता है।
  2. जंतुओं को श्वास क्रिया के लिए आवश्यक ऑक्सीजन पौधों से प्राप्त होती है जो पौधे प्रकाश-संश्लेषण क्रिया के दौरान छोड़ते हैं।
  3. जंतु धूप और वर्षा से बचाव के लिए बड़े वृक्षों से निवास स्थान प्राप्त करते हैं।
  4. पक्षी, वृक्षों पर अपने आश्रय के लिए घोंसले बनाते हैं तथा छोटे पक्षियों को आश्रय प्रदान करते हैं।
  5. जंगली जीव घनी झाड़ियों तथा घनी झाड़ियों में छुप कर स्वयं को शिकार से बचाते हैं।

प्रश्न (iv)
वनों के संरक्षण के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जा सकते हैं ?
उत्तर-
वनों के संरक्षण के लिए उठाने योग्य कदम-

  1. ईंधन के रूप में लकड़ी का उपयोग कम करना चाहिए तथा खाना पकाने के लिए एल०पी०जी० या बायोगैस का उपयोग करना चाहिए।
  2. फ़र्नीचर या इमारत बनाने के लिए काटे गए वृक्षों की प्रति पूर्ति के लिए अधिक-से-अधिक नये वृक्ष लगाने चाहिए ताकि भविष्य में वनों की कमी महसूस न हो।
  3. वनों में लगने वाली आग से बचने के लिए अच्छे आग बुझाने वाले यंत्र/उपकरण प्रयोग करने चाहिए।
  4. सरकार को हर वर्ष बड़े स्तर पर वृक्ष लगाने के लिए कदम उठाने चाहिए।

PSEB Solutions for Class 7 Science वन: हमारी जीवन रेखा Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(i) कीट, तितलियाँ, मधुमक्खियाँ और पक्षी, पुष्पीय पादपों की ……………………… में सहायता करते हैं।
उत्तर-
परागण

(ii) वन परिशुद्ध करते हैं …………………. और ……………………. को।
उत्तर-
जल, वायु

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(iii) शाक वन में ……………………… परत बनाते हैं।
उत्तर-
निम्न

(iv) वन में क्षयमान पत्तियाँ और जंतुओं की लीद …………….. को समृद्ध करते हैं।
उत्तर-
धरती

(v) वृक्ष प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया के समय हवा में …………….. की मात्रा घटा कर हरित गृह प्रभाव कम करते
उत्तर-
कार्बनडाइऑक्साइड।

प्रश्न 2.
कॉलम क में दिए गए शब्दों का कॉलम ख के साथ मिलान कीजिए-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) वृक्ष नियंत्रित करते हैं (क) भोजन श्रृंखला
(ii) जन्तु (ख) भूमि-अपरदन तथा बाढ़ रोकते हैं
(iii) वृक्ष (ग) प्रकाश संश्लेषण
(iv) जन्तुओं द्वारा श्वास क्रिया दौरान कार्बन डाइऑक्साइड (घ) जलवायु
(v) भोजन जाल (ङ) फूलों का परागण।

उत्तर-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) वृक्ष नियंत्रित करते हैं (घ) जलवायु
(ii) जन्तु (ङ) फूलों का परागण
(iii) वृक्ष (ख) भूमि-अपरदन तथा बाढ़ रोकते हैं
(iv) जन्तुओं द्वारा श्वास क्रिया दौरान कार्बन डाइऑक्साइड (ग) प्रकाश संश्लेषण कार्बन डाइऑक्साइड
(v) भोजन जाल (क) भोजन श्रृंखला

प्रश्न 3.
सही विकल्प चुनें-

(i) जंगल में मिलने वाले जंतु सहायक होते हैं-
(क) जंगलों की वृद्धि के लिए
(ख) बाढ़ से बचाव के लिए
(ग) ऑक्सीजन तथा कार्बनडाइऑक्साइड का संतुलन बनाने के लिए
(घ) इसमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) जंगलों की वृद्धि के लिए।

(ii) वातावरण में आक्सीजन तथा कार्बन डाइआक्साइड बनाते हैं-
(क) जंतु
(ख) पौधे तथा वृक्ष
(ग) अपघटक
(घ) केवल मांसाहारी।
उत्तर-
(ख) पौधे तथा वृक्ष।

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(iii) जंगलों की तबाही बढ़ाएगी-
(क) ऑक्सीजन की मात्रा
(ख) कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा
(ग) नाइट्रोजन की मात्रा
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा।

(iv) जंगल सफाई तथा शुद्धिकरण करते हैं-
(क) जल का
(ख) हवा
(ग) जल तथा हवा दोनों का
(घ) जल, हवा तथा मिट्टी का।
उत्तर-
(ग) जल तथा हवा दोनों का।

(v) निम्नलिखित में से कौन-सा वन उत्पाद नहीं है ?
(क) गोंद
(ख) प्लाईवुड
(ग) सील करने की लाख
(घ) कैरोसीन।
उत्तर-
(घ) कैरोसीन।

(vi) निम्नलिखित में से कौन-सा वक्तव्य सही नहीं है ?
(क) वन, मृदा को अपरदन से बचाते हैं।
(ख) वन में पादप और जंतु एक-दूसरे पर निर्भर नहीं होते हैं।
(ग) वन जलवायु और जल चक्र को प्रभावित करते हैं।
(घ) मृदा, वनों की वृद्धि और पुनर्जनन में सहायक होती है।
उत्तर-
(ख) वन में पादप और जंतु एक-दूसरे पर निर्भर नहीं होते हैं।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित कथनों में से ठीक/गलत बताएं-

(i) वन ऐसे क्षेत्र हैं जहां जीव-जंतु तथा घने पौधे तथा वृक्ष होते हैं।
उत्तर-
ठीक

(ii) भारत का 11 प्रतिशत क्षेत्र जंगलों के अधीन है।
उत्तर-
ग़लत,

(iii) पौधे, जंतु तथा सूक्ष्म जीव पारिस्थितिक प्रबंध के जैविक (तत्व) घटक हैं।
उत्तर-
ठीक

(iv) उत्पादक → शाकाहारी → मांसाहारी एक भोजन श्रृंखला (चक्र) है।
उत्तर-
ठीक

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(v) वृक्ष किसी स्थान के जलवायु को नियंत्रित नहीं करते हैं।
उत्तर-
ग़लत,

(vi) वन भूमि अपरदन तथा बाढ़ को रोकने के लिए सहायता करते हैं।
उत्तर-
ठीक।

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वन का व्यापक दृश्य क्या है ?
उत्तर-
वन – ऐसा क्षेत्र, जहाँ भूमि दिखाई न दे और वृक्षों के शिखरों से ढका हुआ हरा क्षेत्र ही दिखाई दे।

प्रश्न 2.
वनों में कैसी परिस्थितियां पाई जाती हैं ?
उत्तर-
शांत और ठंडी हवा से भरी हुई।

प्रश्न 3.
कौन-सी मानव गतिविधियाँ जंतुओं को परेशान करती हैं ?
उत्तर-
शोर (Noise)।

प्रश्न 4.
जंतुओं का मानव के वन में प्रवेश समय कैसा व्यवहार होता है ?
उत्तर-
जंतु परेशान हो जाते हैं।

प्रश्न 5.
वनों में कौन-से जंतु पाए जाते हैं ?
उत्तर-
कीट, मकड़ियाँ, गिलहरियाँ, चीटियां, सूक्ष्मजीव।

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प्रश्न 6.
प्रो० अहमद कौन थे ?
उत्तर-
विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक।

प्रश्न 7.
वन में पाए जाने वाले जंतुओं के नाम बताओ।
उत्तर-
बंदर, पक्षी, गीदड़, भालू आदि।

प्रश्न 8.
वन में पाए जाने वाले विभिन्न वृक्षों के नाम लिखिए।
उत्तर-
साल, टीक, सेमल, शीशम, नीम, पलाश, अंजीर, रैता, आँवला, बाँस, कचनार आदि।

प्रश्न 9.
वन में पाए जाने वाले पादप कैसे वर्गीकृत किए जाते हैं ?
उत्तर-
वृक्ष, शाक, झाड़ियाँ, घास, लताएँ आदि।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वनों में पानी का जमाव नहीं होता क्यों ?
उत्तर-
वन वर्षा के जल के प्राकृतिक अवशोषक के रूप में कार्य करते हैं और जल को अवस्रावित होने देते हैं। यह वर्ष भर भौम स्तर को बनाए रखने में सहायक होते हैं, बल्कि नदियों में जल के प्रवाह को बनाए रखने में भी सहायक होते हैं, जिससे हमें जल की सतत् आपूर्ति मिलती है। इसलिए वनों में जल का जमाव नहीं होता।

प्रश्न 2.
वनों की मृदा में पोषक तत्त्व अधिक क्यों होते हैं ?
उत्तर-
वनों की मृदा पोषकों से भरपूर होती है, क्योंकि मृत और गले-सड़े जीव-जंतुओं और पादपों के अपघटन से पूरी सतह पोषकों से भरपूर बनती है।

प्रश्न 3.
समझाइए कि वनों में कुछ व्यर्थ नहीं होता है।
उत्तर-
वन कई प्रकार के जीव-जंतुओं के आवास हैं। वे मलमूत्र विसर्जित करते हैं और मरते हैं, फिर भी वनों में कुछ व्यर्थ नहीं जाता। क्योंकि ये मृत शरीर बाज़ों, चीलों आदि के भोजन हैं, जबकि अपशिष्ट व्यर्थ (मलमूत्र और मृत शरीरों के अवशेष) सूक्ष्मजीवों और कवकों द्वारा सरल पोषकों में परिवर्तित हो जाते हैं, जिनकी धरती को अति आवश्यकता है।

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प्रश्न 4.
ऐसे पाँच उत्पादों के नाम बताइए, जिन्हें हम वनों से प्राप्त करते हैं।
उत्तर-
वनों के उत्पाद-

  1. लकड़ी
  2. ऑक्सीजन
  3. दवाइयाँ (जड़ी-बूटियाँ)
  4. वर्षा
  5. लाख, गूंद, रेजिन आदि।

प्रश्न 5.
समझाइए कि वन में रहने वाले जंतु किस प्रकार वनों की वृद्धि करने और पुनर्जनन में सहायक होते हैं ?
उत्तर-
जंतु वनों में रहते हैं। वे इन पर प्रत्यक्ष (शाकाहारी) या अप्रत्यक्ष (माँसाहारी) रूप से निर्भर करते हैं। दोनों ही तरह वे पौधों का उपयोग करते हैं और उनके शरीरों द्वारा निकाला गया मलमूत्र अपघटकों द्वारा अपघटित होकर सरल पदार्थों में परिवर्तित हो जाता है। सरल पदार्थ पुनः धरती में शोषित हो जाते हैं और पादपों की वृद्धि में सहायक होते हैं।

जीव-जंतु परागकणों और बीजों को वन के विभिन्न भागों में फैलाने में सहायक होते हैं, जिससे विभिन्न प्रकार के पौधे विभिन्न क्षेत्रों में उगते हैं। इस तरह वन पुनः जीवन में सहायक होते हैं।

प्रश्न 6.
अपघटक किन्हें कहते हैं ? इनमें से किसी दो के नाम बताइए। वे वन में क्या करते हैं ?
उत्तर-
अपघटक – वे सूक्ष्मदर्शी जीव जो मृत जीव-जंतुओं और पादपों के शरीरों को सरल पदार्थों में परिवर्तित करते हैं, अपघटक (Decomposers) कहलाते हैं।
जीवाणु कवक अपघटकों का मुख्य कार्य वनों में वृद्धि करते पादपों को पोषक तत्त्व उपलब्ध कराना है।

प्रश्न 7.
वायुमंडल में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के बीच संतुलन को बनाए रखने में वनों की भूमिका को समझाइए।
उत्तर-
वन, एक विशाल क्षेत्र है, जो विभिन्न प्रकार के वृक्षों से ढका हुआ है। वृक्ष हरे रंग के होते हैं। उनकी पत्तियाँ सूर्य की किरणें, वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड जल से प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा ऑक्सीजन उत्सर्जित करती हैं, जो जंतुओं द्वारा उपयोग की जाती हैं। इस तरह वायुमंडल में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का संतुलन बना रहता है।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 17 वन हमारी जीवन रेखा 1

प्रश्न 8.
हमें अपने से दूर स्थित वनों से संबंधित परिस्थितियों और मृदा के विषय में चिंतित होने की क्यों आवश्यकता है ?
उत्तर-
वन, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मनुष्य जीवन को प्रभावित करते हैं। वे बाढ़ को रोकते हैं और वर्षा लाने में सहायक हैं। यह वायुमंडल में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का संतुलन बनाए रखते हैं। वे जीवन के कई महत्त्वपूर्ण उत्पादों के दाता हैं। वे कई जीव-जंतुओं को आवास, भोजन और सुरक्षा प्रदान करते हैं। वे भोजन श्रृंखला का एक भाग हैं। इसलिए हमें अपने से दूर स्थित वनों से संबंधित परिस्थितियों और मुद्दों के विषय में चिंतित होने की आवश्यकता है।

प्रश्न 9.
समझाइए कि वनों में विभिन्न प्रकार के जंतुओं और पादपों के होने की आवश्यकता क्यों है ?
उत्तर-
वनों में विभिन्न प्रकार के पादप शाकाहारी जीवों को भोजन और आवास के अवसर प्रदान करते हैं। शाकाहारियों की अधिक संख्या का अर्थ है, विभिन्न प्रकार के माँसभक्षियों के लिए भोजन की अधिक उपलब्धता। जंतुओं की विविध किस्में वन के पुनर्जनन और वृद्धि में सहायक होती हैं। अपघटक वन में उगने वाले पादपों के लिए पोषक तत्त्वों की आपूर्ति को बनाए रखते हैं। इस प्रकार वन एक गतिक सजीव इकाई है जो जीवन और जीवन क्षमता से भरपूर है।

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दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वनों के महत्त्व का वर्णन करो और वन अपरोपण के दुष्प्रभाव लिखो।
उत्तर-
वन एक प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र है। वन पृथ्वी पर जीवन बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं। वनों के लाभ

  1. पादप और जंतुओं का आवास।
  2. सूक्ष्म जीवों और जंतुओं को भोजन प्रदान करता है।
  3. जल-चक्र का नियंत्रण।
  4. पृथ्वी का तापमान संतुलन करना।
  5. मृदा अपरदन रोकना।
  6. ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का संतुलन बनाए रखना।

वन अपरोपण के दुष्प्रभाव-

  1. अनियमित वर्षा।
  2. भू-सपंदन।
  3. जंगली वन्य जीवन का अलोप होना।
  4. मृदा किस्म में कमी।
  5. हरित ग्रह प्रभाव में वृद्धि और विश्व तापन में वृद्धि।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 16 जल: एक बहुमूल्य संसाधन

Punjab State Board PSEB 7th Class Science Book Solutions Chapter 16 जल: एक बहुमूल्य संसाधन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Science Chapter 16 जल: एक बहुमूल्य संसाधन

PSEB 7th Class Science Guide जल: एक बहुमूल्य संसाधन Textbook Questions and Answers

1. रिक्त-स्थानों की पूर्ति कीजिए :-

(i) जो जल हम पीते हैं वह ………………….. अवस्था में होता है।
उत्तर-
द्रव

(ii) भूमि में जल के रिस कर जाने के प्रक्रम को …………………… कहते हैं।
उत्तर-
इनफिल्ट्रेशन

(iii) भौम-जल का ऊपरी सतह को ………………… कहते हैं।
उत्तर-
असंतृप्त क्षेत्र

(iv) ………………….. का अर्थ है जल का हर संभव बढ़िया ढंग से प्रयोग।
उत्तर-
प्रबन्धन

(v) किसान ……………………. प्रयोग करके जल को किफायती ढंग से प्रयोग कर सकते हैं।
उत्तर-
बूंद सिंचाई प्रणाली।

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2. निम्नलिखित में से सही या गलत बताएँ :-

(i) जल चक्र पृथ्वी पर जल की उपस्थिति को कायम रखने में मददगार है।
उत्तर-
सही

(ii) धरती पर मौजूद कुल जल का लगभग 97% जल खारा है।
उत्तर-
ग़लत

(iii) जल की रिसती पाइपों और नलों की शीघ्र मरम्मत करनी चाहिए।
उत्तर-
सही

(iv) हम बहुत तीव्रता से विश्व-स्तरीय जल संकट की ओर बढ़ रहे हैं।
उत्तर-
सही

(v) ब्रुश करते समय नल को निरंतर न चलाएँ।
उत्तर-
सही

3. निम्नलिखित में सही विकल्पों का मिलान कीजिए :-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) बर्फ (क) समुद्र एवं महासागर
(ii) खारा पानी (ख) नदियाँ और छप्पड़
(iii) ताज़ा पानी (ग) जल की गैसीय अवस्था
(iv) जल वाष्प (घ) जल का सबसे शुद्ध रूप
(v) वर्षा का जल (ङ) जल की ठोस अवस्था ।

उत्तर-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) बर्फ (ङ) जल की ठोस अवस्था
(ii) खारा पानी (क) समुद्र एवं महासागर
(iii) ताज़ा पानी (घ) जल का सबसे शुद्ध रूप
(iv) जल वाष्प (ग) जल की गैसीय अवस्था
(v) वर्षा का जल (ख) नदियाँ और छप्पड़

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4. बहु-विकल्पों (MCQ) में से सही उत्तर चुनिए :-

प्रश्न (i)
इनमें से भौम जल की कमी के लिए कौन सा कारक उत्तरदायी है ?
(क) बढ़ती जनसंख्या
(ख) बढ़ते हुए उद्योग
(ग) जंगलों की कटाई ।
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

प्रश्न (ii)
पंजाब में भौम-जल संरक्षण कानून कब पास हुआ ?
(क) 2009
(ख) 2010
(ग) 2008
(घ) 2015.
उत्तर-
(क) 2009.

प्रश्न (iii)
प्रत्येक वर्ष विश्व-जल दिवस कब मनाया जाता है ?
(क) 22 अप्रैल
(ख) 24 मार्च
(ग) 22 मार्च
(घ) 22 मई।
उत्तर-
(ख) 24 मार्च।

प्रश्न (iv)
धरती पर मौजूद कुल जल का लगभग …………………………. जल समुद्रों एवं महासागरों में है।
(क) 75%
(ख) 71%
(ग) 81%
(घ) 29%.
उत्तर-
(ख) 71%.

प्रश्न (v)
……………………. करते समय नल को चलता न रखें।
(क) ब्रुश करते समय
(ख) शेव करते समय
(ग) नहाते समय
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

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5. अति लघूत्तर प्रश्न :-

प्रश्न (i)
भौम जल क्या है ?
उत्तर-
भौम-जल – यह पृथ्वी की ऊपरी पर्त के नीचे मिट्टी के कणों में दरारों, टूटी चट्टानों के भीतर इक्ट्ठा हुआ जल है। यह जल अपने आप झरने के रूप में ऊपर पृथ्वी पर आ जाता है। इस जल को ट्यूबवैल द्वारा पृथ्वी की ऊपरी सतह पर लाया जा सकता है।

प्रश्न (ii)
समुद्रों एवं महासागरों का जल पीने योग्य क्यों नहीं होता ?
उत्तर-
समुद्रों तथा महासागरों का जल पीने योग्य नहीं होता क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में नमक घुला होता है। एक लीटर समुद्री पानी में 35 ग्राम नमक घुला होता है। इस पानी को पीने से निर्जलीकरण, गुर्दे फेल, बेहोशी तथा मौत भी हो सकती है।

प्रश्न (iii)
जलीय चट्टानी परतें क्या होती हैं ?
उत्तर-
जलीय चट्टानी परतें – कई स्थानों पर वॉटर लेबल से भी नीचे सख़्त चट्टानों की पर्ते होती हैं जिनके बीच में भूमि-जल इकट्ठा होता है। इन चट्टानों की पर्तों को जलीय चट्टानी परतें कहते हैं।

प्रश्न (iv)
जल की कौन-सी अवस्थाएँ हैं ?
उत्तर-
जल निम्नलिखित तीन अवस्थाओं में पाया जाता है :

  1. ठोस (बर्फ रूप में)
  2. द्रव (साधारण जल)
  3. गैस (वाष्पों के रूप में)।

प्रश्न (v)
भौम-जल की प्रतिपूर्ति कैसे होती है ?
उत्तर-
भौम जल की प्रतिपूर्ति-

  1. वर्षा के जल का प्रयोग पृथ्वी के निचले भूमि-जल की प्रतिपूर्ति के लिए किया जा सकता है।
  2. खेतों में किसान, बूंद सिंचाई प्रणाली द्वारा जल की बचत कर सकते हैं। ऐसा करने से भी भूमि-जल की प्रतिपूर्ति हो सकती है।
  3. प्रशासनिक अधिकारी जल-सप्लाई की पाइपों में से जल रिसाव रोकने से भूमि-जल की प्रतिपूर्ति हो सकती है।

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6. लघूत्तर प्रश्न :-

प्रश्न (i)
कुछ ऐसी मानवीय गतिविधियाँ लिखें, जिनसे जल बर्बाद होता है ?
उत्तर-
निम्नलिखित मानवीय गतिविधियों से जल बर्बाद होता है-

  1. बहते हुए नल को छोड़कर दाँत साफ़ करने के लिए ब्रश करना तथा शेव करना।
  2. गर्मियों के मौसम में दोपहर को पौधों को पानी देना। यदि प्रात:काल 5 से 7 के बीच पानी दिया जाए तो जल का वाष्पीकरण कम होगा।
  3. रसोई के बर्तनों को बहते नल के नीचे धोने से अधिक जल की आवश्यकता होगी।
  4. डिश वॉशर से बर्तन धोना जबकि डिशवॉशर पूरी तरह बर्तनों से नहीं भरी है।
  5. कपड़ों को धोना जब कपड़े धोने वाली मशीन पूरी तरह कपड़ों से नहीं भरी हुई है।
  6. बहते नल के नीचे बैठकर नहाना या फिर लंबे समय तक फुहारे के नीचे बैठ कर नहाना।

प्रश्न (ii)
आप बगीचे में जल की खपत कैसे कम करोगे ? .
उत्तर-

  1. अपने बगीचे में सिंचाई गर्मियों के मौसम में सुबह या शाम को अर्थात् दोपहर के बाद करने से पानी की खपत कम हो जाएगी क्योंकि इस समय जल का वाष्पीकरण कम होगा।
  2. बगीचे की सिंचाई बूंद सिंचाई प्रणाली या सप्रिंकलर से करने से अधिक जल की आवश्यकता नहीं होती तथा जल की बर्बादी नहीं होगी।

प्रश्न (iii)
जल हमारे लिए कैसे महत्त्वपूर्ण है ? ।
उत्तर-
जल की महत्ता – पृथ्वी के सबसे महत्त्वपूर्ण स्रोतों में एक जल है। सभी जीवों के जीवित रहने के लिए जल की आवश्यकता होती है। पीने के अतिरिक्त मनुष्य को खाना बनाने के लिए, नहाने, कपड़े धोने, बर्तन धोने, दाँत साफ़ करने, घर तथा अन्य स्थान साफ़ करने तथा पौधों को जल देने जैसे अनेकों कार्य करने के लिए जल की आवश्यकता होती है। जल का उपयोग बिजली पैदा करने, खेतीबाड़ी के कार्यों में, उद्योगों में सामान तैयार करने के लिए, तैराकी जैसी मनोरंजक क्रियाओं के लिए जल की आवश्यकता होती है।

प्रश्न (iv)
जनसंख्या में वृद्धि भौम-जल की कमी के लिए कैसे ज़िम्मेदार है ?
उत्तर-
मनुष्य की आबादी (जनसंख्या) तीव्रता से बढ़ रही है। जैसे-जैसे आबादी बढ़ रही है उसी प्रकार रोज़मर्रा की आवश्यकताओं के लिए पृथ्वी जल की मांग बढ़ती जा रही है। प्रायः पृथ्वी के निचले जल का प्रयोग घरों, दुकानों, दफ्तरों, सड़कों तथा रेल पटड़ियों के निर्माण तथा अन्य कई कामों में किया जाता है। ऐसे निर्माण से वर्षा के जल का पृथ्वी में रिसाव होने वाले क्षेत्र भी कम हो रहे हैं। इस प्रकार हम पृथ्वी के निचले जल का उपयोग ही नहीं कर रहे बल्कि पृथ्वी के नीचे रिसने वाले जल को भी कम कर रहे हैं। फलस्वरूप भूमि-जल स्तर नीचे चला जाता है। बढ़ती आबादी की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अधिक उद्योग स्थापित करने की आवश्यकता होती है तथा इसके लिए पृथ्वी के निचले जल (भूमि-जल) की आवश्यकता अधिक होती है जिससे भूमि-जल स्तर गिरता चला जाता है। बढ़ती आबादी की ज़रूरतों की पूर्ति के लिए ही वृक्ष काटे जाते हैं जिससे जल-चक्र बिगड़ जाता है। यही कारण है कि पृथ्वी के नीचे जल की मात्रा कम हो रही है तथा भूमि-जल स्तर में कमी हो रही है।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 16 जल: एक बहुमूल्य संसाधन

प्रश्न (v)
यदि पौधों को कुछ दिन जल न मिले तो वे पहले मुरझाते और बाद में क्यों सूख जाते हैं ?
उत्तर-
कई दिनों के बाद जब वर्षा नहीं हो रही, एक गर्म दिन में जितना जल पौधे को मिल रहा है उससे अधिक उससे वाष्प-उत्सर्जन के कारण नुकसान हो रहा है। पौधे के पत्तों के सैलों तथा तने का निर्जलीकरण होता है, जिससे पौधा सीधा न रहकर मुरझा जाता है तथा कुछ समय बाद वह मर जाता है।

7. निबंधात्मक प्रश्न :-

प्रश्न (i)
जल संरक्षण के लिए आप क्या कदम उठाएंगे ?
उत्तर-
जल संरक्षण के लिए कदम-

  1. पाइपों तथा नल में से रिसते जल को रोकना।
  2. दाँतों को ब्रश करते समय या शेव करते समय जल के नल को बंद रखें।
  3. फ़र्श को जल से धोने की बजाय पोचा लगाकर तथा इस प्रकार प्रयोग किए जल को पौधों में डालना या फिर उस जल को टॉयलट में डालना चाहिए।
  4. सब्ज़ियों तथा फलों को बहते नल के नीचे धोने की बजाय बड़े बर्तन में जल डालकर धोने तथा बाद में उस जल को पौधों में डालना चाहिए।
  5. अपने वाहनों (कार-स्कूटर) को बहते जल से धोने के स्थान पर बाल्टी में जल लेकर धोना चाहिए।
  6. वर्षा जल को इकट्ठा करके उस जल का प्रयोग भिन्न कार्यों के प्रयोग में करना चाहिए।
  7. नये पौधों को वर्षा की ऋतु में लगाना चाहिए।
  8. लोगों को जल संरक्षण के बारे में जागरूक करके जल की संभाल के ढंगों तथा जल को प्रदूषित न करने के बारे में सचेत करना चाहिए।

Science Guide for Class 7 PSEB जल: एक बहुमूल्य संसाधन Intext Questions and Answers

सोचें और उत्तर दें :-(पेज़ 195)

प्रश्न 1.
ऐसी तीन गतिविधियाँ लिखो जिनके दौरान सबसे अधिक जल बर्बाद होता है।
उत्तर-

  1. जल के पाइप का लीक होना।
  2. बर्तनों को बहते पानी से धोना।
  3. कम कपड़ों के लिए कपड़े धोने वाली मशीन का प्रयोग करना।

प्रश्न 2.
क्या हमें जल की बर्बादी पर नियंत्रण करना चाहिए ? यदि हाँ, तो क्यों ?
उत्तर-
हमें पानी की बर्बादी पर नियंत्रण करना चाहिए। पानी के उपयोग को कम करने से पानी को साफ़ करके घरों, व्यापारिक स्थानों, खेती के फार्मों तथा सामाजिक संस्थानों को पहुँचाने के लिए ऊर्जा कम लगती है। ऐसा करने से प्रदूषण कम होता है तथा ईंधन की भी बचत होती है। इससे मनोरंजक क्रियाओं के लिए भी जल उपलब्ध हो जाता है।

सोचें और उत्तर दें:-(पेज़ 196)

प्रश्न 1.
………………….. ऐसी प्रक्रिया है जिसके दौरान जल द्रव अवस्था से गैसीय अवस्था में परिवर्तित होता है।
उत्तर-
वाष्पीकरण।

प्रश्न 2.
…………………….. ऐसी प्रक्रिया है जिसके दौरान जल गैसीय अवस्था से द्रव अवस्था में परिवर्तित होता है।
उत्तर-
संघनन

सोचें और उत्तर दें:-(पेज 197)

प्रश्न 1.
कौन सा बीकर भौम जल को प्रदर्शित करता है ?
उत्तर-
बीकर में लिया गया जल।

प्रश्न 2.
कौन-सा बीकर पृथ्वी के थल पर उपस्थित सतही जल की मात्रा को प्रदर्शित करता है ?
उत्तर-
बीकर (घ) में लिया गया जल धरती तल पर सतही जल दर्शाता है।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 16 जल: एक बहुमूल्य संसाधन

PSEB Solutions for Class 7 Science जल: एक बहुमूल्य संसाधन Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की उचित शब्द भरकर पूर्ति कीजिए-

(क) भौम जल प्राप्त करने के लिए …………………. तथा ……………….. का उपयोग होता है।
उत्तर-
ट्यूबवैल, संछिद्रण पाइप

(ख) जल की तीन अवस्थाएं ……………………….., ………………………. और …………………….. हैं।
उत्तर-
ठोस, द्रव, गैस

(ग) भूमि की जल वाली परत ………………….. कहलाती है।
उत्तर-
भौम जल स्तर

(घ) भूमि में जल के अवस्रवण के प्रक्रम को …………………. कहते हैं।
उत्तर-
अतःस्पंदन

(v) मनुष्य के शरीर का ……………………………. भाग जल है।
उत्तर-
70%

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 16 जल: एक बहुमूल्य संसाधन

(vi) पृथ्वी पर मौजूद कुल जल का लगभग ……………. प्रतिशत जल खारा है।
उत्तर-
97%

रश्न 2.
कॉलम क में दिए शब्दों को कॉलम ख में दिए गए वाक्यों से मिलाइए-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) भूमि जल स्तर का गिरना (क) खेतों में किसान जल की बचत कर सकते हैं
(ii) पृथ्वी पर जल की कुल मात्रा कायम रखना (ख) जलीय चट्टानी परत
(iii) तुष्का सिंचाई प्रणाली (ग) जल चक्र
(iv) वॉटर टेबल के नीचे चट्टानों की परतों के बीच पानी (घ) बढ़ती आबादी, बढ़ते उद्योग, जंगलों का कटना।

उत्तर-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) भूमि जल स्तर का गिरना (घ) बढ़ती आबादी, बढ़ते उद्योग, जंगलों का कटना
(ii) पृथ्वी पर जल की कुल मात्रा कायम रखना (ग) जल चक्र
(iii) तुष्का सिंचाई प्रणाली (क) खेतों में किसान जल की बचत कर सकते हैं
(iv) वॉटर टेबल के नीचे चट्टानों की परतों के बीच पानी (ख) जलीय चट्टानी परत ।

3. सही उत्तर के सामने (√) का निशान लगाएं-

(i) पानी की कुल मात्रा कहां स्थिर होती है ?
(क) संसार की सभी झीलों और नदियों में पानी की कुल मात्रा नियत/स्थिर रहती है।
(ख) भूमि के नीचे जल की कुल मात्रा स्थिर रहती है।
(ग) संसार के समुद्रों और महासागरों में जल की कुल मात्रा स्थिर है।
(घ) संसार में जल की कुल मात्रा स्थिर है।
उत्तर-
(घ) संसार में जल की कुल मात्रा स्थिर है।

(ii) नीचे लिखे में से कौन-सा कारक जल की कमी के लिए जिम्मेवार नहीं है ?
(क) औद्योगिकरण में वृद्धि
(ख) बढ़ती जनसंख्या
(ग) बहुत अधिक वर्षा
(घ) जल के साधनों का बुरा प्रबंध।
उत्तर-
(ग) बहुत अधिक वर्षा ।

(iii) धरती की सतह की प्रतिशत भाग जो जल से ढ़का हुआ है-
(क) 20%
(ख) 29%
(ग) 71%
(घ) 30%.
उत्तर-
(ग) 71%.

(iv) दुनिया के कुल ताजे जल की प्रतिशत मात्रा मानवीय प्रयोग के लिए उपलब्ध हैं।
(क) 0.003%
(ख) 1%
(ग) 71%
(घ) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर-
(ख) 1%.

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 16 जल: एक बहुमूल्य संसाधन

प्रश्न 4.
नीचे लिखे कथन ठीक हैं या गलत-

(i) भूमि संसार भर की नदियों और झीलों में मिलने वाले जल से बहुत ज्यादा है।
उत्तर-
ठीक

(ii) जल की कमी की समस्या का सामना केवल गांवों के निवासी करते हैं।
उत्तर-
गलत

(iii) नदियों का जल खेतों में सिंचाई का एक मात्रा साधन है।
उत्तर-
गलत

(iv) वर्षा शुद्ध जल की एकमात्र साधन है।
उत्तर-
ठीक।

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
विश्व का जल किन स्थानों पर मिलता है ?
उत्तर-
महासागरों और समुद्रों में।

प्रश्न 2.
जल के विभिन्न स्रोतों के नाम लिखिए।
उत्तर-
जल के विभिन्न स्रोत-

  1. वर्षा जल,
  2. कुएँ,
  3. नदियाँ,
  4. तालाब,
  5. झीलें,
  6. समुद्र,
  7. महासागर।

प्रश्न 3.
कौन-सा दिवस विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाता है ?
उत्तर-
22 मार्च।

प्रश्न 4.
जल दिवस का महत्त्व क्या है ?
उत्तर-
लोगों का जल संरक्षण के महत्त्व की ओर ध्यान आकर्षित करना।

प्रश्न 5.
क्या जल हर जगह उपलब्ध है ?
उत्तर-
नहीं, जल का वितरण विश्व में समान नहीं है।

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प्रश्न 6.
जलवाष्य क्या है ?
उत्तर-
जलवाष्प-जल का गैसीय रूप।

प्रश्न 7.
शहरों में जल की आपूर्ति कैसे होती है ?
उत्तर-
पाइपों के विशेष क्रम से बिछाए जाल द्वारा।

प्रश्न 8.
भौम जल स्तर क्या है ?
उत्तर-
भौम जल स्तर – चट्टानों की दरारों में अथवा चट्टानों के ऊपर एकत्रित जल की ऊपरी परत को भौम जल स्तर कहते हैं।

प्रश्न 9.
वनोन्मूलन जल स्तर के नीचे गिरने में कैसे सहाई है ?
उत्तर-
वनोन्मूलन से जल रिसाव का क्षेत्र कम हो जाता है।

प्रश्न 10.
कच्ची सतह अथवा पक्की सतह में कौन-सी जल का रिसाव आजल से होने देती है ?
उत्तर-
कच्ची सतह।

प्रश्न 11.
रेगिस्तान क्या है ?
उत्तर-
रेगिस्तान वे क्षेत्र हैं, जहाँ वर्षा अल्प मात्रा में होती है।

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प्रश्न 12.
बाढ़ के क्या कारण हैं ?
उत्तर-
अत्यधिक वर्षा।

प्रश्न 13.
जब वर्षा नहीं होती तो क्या होता है ?
उत्तर-
वर्षा न होने के कारण सूखा पड़ जाता है।

प्रश्न 14.
बाहर में कीमती जल के नुक्सान को रोकने में कौन जिम्मेदार है ?
उत्तर-
नागरिक प्राधिकरण।

प्रश्न 15.
NGO का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर-
NGO – गैर सरकारी संगठन (Non Government Organisation)

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रकृति में जल कैसे पाया जाता है ?
उत्तर-
जल धरती पर पाई जाने वाली सभी वस्तुओं में से सबसे अधिक मात्रा और विभिन्न क्षेत्रों में पाया जाने वाला पदार्थ हैं। यह प्रकृति में निम्न जगहों में पाया जाता है-

  1. कुओं, सागरों, झीलों, नदियों आदि में।
  2. वर्षा जल और भौम जल के रूप में।
  3. ठंडे क्षेत्रों में बर्फ और हिम के रूप में।
  4. वायुमंडल में जल वाष्पों के रूप में।

प्रश्न 2.
वर्षा जल संग्रहण क्या है ? इसकी क्या आवश्यकता है ?
उत्तर-
वर्षा जल संग्रहण – वर्षा जल को बड़े टैंकों में एकत्रित करने के प्रक्रम को वर्षा जल संग्रहण कहते हैं।

आवश्यकता-

  1. जल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए।
  2. उचित समय पर उपयोग करने के लिए।

प्रश्न 3.
जल की क्षति के कौन-कौन से कारण हैं ?
उत्तर-

  1. निरंतर नलों का जल बहता रहना।
  2. पाइपों के जाल द्वारा जल की आपूर्ति ।

प्रश्न 4.
यदि पादपों की कुछ दिन सिंचाई न की जाए तो क्या होगा ?
उत्तर-
पादप सूख कर मर जाएँगे।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
चित्र की सहायता से जलचक्र प्रक्रिया को समझाओ।
उत्तर-
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 16 जल एक बहुमूल्य संसाधन 1
जल चक्र – भिन्न-भिन्न प्राकृतिक विधियों द्वारा पृथ्वी के ऊपर जल की लगातार उपल्ब्धता बनी रहती है। यह सभी विधियां इकट्ठे रूप में जल चक्र का निर्माण करती हैं। जल चक्र के दौरान जल अपनी तीनों अवस्थाओं- (i) ठोस (ii) द्रव (iii) गैस में से किसी भी अवस्था में पृथ्वी पर मिल जाता है। पृथ्वी पर उपलब्ध भूमि जल स्रोतों-समुद्र, तलाब, नदियों, झीलों आदि से जल सूरज के ताप द्वारा वाष्प बन कर ऊपर उठता है तथा वायुमंडल में मौजूद रहता है। यह जल वाष्प संघनित होकर बादल का जल बनाते हैं तथा पृथ्वी पर वर्षा के रूप में पृथ्वी के ध्रुवों पर तथा पहाड़ों पर गलेशियरों के रूप में होता है। यह इकट्ठे होकर सारी प्रक्रिया जल चक्र का निर्माण करती है।

  1. भौमिक जल
  2. वाष्पीकरण
  3. संघनन
  4. बादल
  5. वाष्प उत्सर्जन
  6. वर्षा।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 16 जल: एक बहुमूल्य संसाधन

प्रश्न 2.
भूमि जल स्तर के नीचे गिरने के लिए ज़िम्मेदार कारकों के बारे में समझए।
उत्तर-
भूमि जल स्तर के नीचे गिरने के लिए ज़िम्मेदार कारक-

  1. जनसंख्या में वृद्धि
  2. औद्योगिक तथा कृषि गतिविधियां
  3. कम वर्षा
  4. जंगलों का कटना
  5. जल के सोखने के लिए आवश्यक क्षेत्र की कमी आदि।

कुछ कारक है जो भूमि जल स्तर को नीचे करने के लिए ज़िम्मेदार हैं-

1. जनसंख्या में वृद्धि – जनसंख्या बढ़ने में इमारतों, दुकानों, दफ्तरों, सड़कों तथा अन्य कई संस्थानों के निर्माण की मांग बढ़ जाती हैं। इससे कृषि योग्य भूमि तथा खेलों के मैदान जैसे खुले क्षेत्रों में कमी आ जाती है। इस कारण भूमि में वर्षा के जल की अवशोषित दर कम होती है। इस कारण भूमि जल स्तर कम हो रहा है।

2. बढ़ते उद्योग – सब उद्योगों द्वारा जल का उपयोग हो रहा है। उपयोग में आने वाली हर वस्तु के उत्पादन में जल
की आवश्यकता होती है। अधिकतर उद्योगों द्वारा उपयोग किया जाने वाला जल भूमि में से निकाला जाता है।

3. कृषि कार्य – बहुत सारे किसान फसलों की सिंचाई के लिए वर्षा पर निर्भर करते हैं। अनियमित वर्षा के कारण जल की उपलब्धता में कमी हो जाती है। इसलिए किसानों को सिंचाई के लिए भूमि जल का प्रयोग करना पड़ता है। जनसंख्या की वृद्धि के कारण कृषि के लिए भूमि जल का प्रयोग दिन-प्रति-दिन बढ़ता जा रहा है। इसके फलस्वरूप भूमि जल स्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है।

4. जल का अनुचित प्रबंध – पाइपों द्वारा जल की सप्लाई करते समय पाइपों में रिसाव होता रहता है जिस कारण काफी जल का नुक्सान हो जाता है तथा भूमि जल स्तर में गिरावट का कारण होता है। अनुचित जल प्रबंध या बर्बादी व्यक्तिगत स्तर पर भी हो सकती है जैसे लीक कर रहे नलके को ठीक न करवाने से भी जल का रिसाव होता है।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 15 प्रकाश

Punjab State Board PSEB 7th Class Science Book Solutions Chapter 15 प्रकाश Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Science Chapter 15 प्रकाश

PSEB 7th Class Science Guide प्रकाश Textbook Questions and Answers

1. खाली स्थान भरें:-

(i) ……………….. दर्पण द्वारा बनाए गए प्रतिबिम्ब का आकार वस्तु के आँख के बराबर होता है।
उत्तर-
समतल

(ii) समतल दर्पण में व्यक्ति का बायाँ हाथ प्रतिबिम्ब का ……………………. हाथ नज़र आता है तथा …………………….. हाथ प्रतिबिम्ब का बायाँ हाथ नज़र आता है।
उत्तर-
दायाँ, दायाँ

(iii) उत्तल दर्पण के लिए सदैव ………………………. तथा आकार में वस्तु से …………………… प्रतिबिम्ब प्राप्त होगा।
उत्तर-
सीधा, छोटा

(iv) उत्तल लेंस किनारों की अपेक्षा बीच में से …………………… होता है। अवतल लेंस किनारों की अपेक्षा बीच में से ………………….. होता है।
उत्तर-
मोटा, पतला

(v) प्रिज्म सफेद प्रकाश को …………………….. रंगों में अलग कर देता है।
उत्तर-
सात।

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2. निम्नलिखित के लिए ठीक या ग़लत लिखें :-

(i) एक लेंस में से प्रकाश का परावर्तन होता है।
उत्तर-
ग़लत

(ii) समतल दर्पण की ओर आ रही प्रकाश की किरण को परावर्तित किरण कहते हैं।
उत्तर-
ग़लत

(iii) समतल दर्पण द्वारा बनाया गया प्रतिबिम्ब सदैव दर्पण के सामने बनता है।
उत्तर-
ग़लत

(iv) एक अवतल दर्पण काँच के खोखले गोले का एक भाग है, जिसकी बाहरी उभरी हुई सतह पर एक चमकीली चाँदी के रंग की परत होती है तथा इसकी भीतरी सतह से परावर्तन होता है।
उत्तर-
ठीक

(v) अवतल लेंस सदैव वस्तु का सीधा, आभासी तथा वस्तु से छोटा प्रतिबिम्ब बनाता है।
उत्तर-
ठीक

3. कॉलम मिलान करें :-

कॉलम-I कॉलम-II
(i) दाँतों के डॉक्टर द्वारा प्रयोग किए जाने वाला दर्पण (क) ऐनकें
(ii) पीछे देखने वाला दर्पण (ख) सूक्ष्मदर्शी
(iii) आवर्धक लेंस (ग) वाहन
(iv) अवतल लेंस (घ) अवतल।

उत्तर-

कॉलम-I कॉलम-II
(i) दाँतों के डॉक्टर द्वारा प्रयोग किए जाने वाला दर्पण (घ) अवतल
(ii) पीछे देखने वाला दर्पण (ग) वाहन
(iii) आवर्धक लेंस (ख) सूक्ष्मदर्शी
(iv) अवतल लेंस (क) ऐनकें

4. बहु वैकल्पिक उत्तरों वाले प्रश्न :-

प्रश्न (i)
इनमें से कौन-सा प्रकाश का परिवर्तन नहीं करता ?
(क) समतल दर्पण
(ख) अवतल दर्पण
(ग) उत्तल दर्पण
(घ) गत्ते का टुकड़ा।
उत्तर-
(घ) गत्ते का टुकड़ा।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 15 प्रकाश

प्रश्न (ii)
इनमें से क्या कारों तथा अन्य वाहनों में पीछे देखने वाले दर्पण के रूप में प्रयोग किया जाता है ?
(क) अवतल दर्पण
(ख) उत्तल दर्पण
(ग) उत्तल लेंस
(घ) अवतल लेंस।
उत्तर-
(ख) उत्तल दर्पण।

प्रश्न (iii)
अवतल लेंस वस्तु का कौन-सा प्रतिबिम्ब बनाता है ?
(क) वास्तविक तथा छोटा
(ख) आभासी तथा बड़ा
(ग) वास्तविक तथा बड़ा
(घ) आभासी तथा छोटा।
उत्तर-
(घ) आभासी तथा छोटा।

प्रश्न (iv)
सफ़ेद प्रकाश के किसी प्रिज्म में से प्रवाहित होकर सात रंगों में अलग होने की प्रक्रिया को क्या कहते हैं ?
(क) प्रकाश का परावर्तन
(ख) प्रकाश का अपवर्तन
(ग) प्रकाश का मुड़ना
(घ) प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण।
उत्तर-
(घ) प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण।

5. अति लघूत्तर प्रश्न :-

प्रश्न (i)
समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब वास्तविक होता है या आभासी ?
उत्तर-
समतल दर्पण द्वारा बनाया प्रतिबिम्ब आभासी होता है।

प्रश्न (ii)
कौन-सा लेंस वस्तु का वास्तविक प्रतिबिम्ब बनाता है ?
उत्तर-
उत्तल लेंस वस्तु का वास्तविक प्रतिबिम्ब बनाता है।

प्रश्न (iii)
उत्तल लेंस किस यन्त्र में प्रयोग होता है ?
उत्तर-
उत्तल लेंस सूक्ष्मदर्शी में प्रयोग होता है।

प्रश्न (iv)
सतरंगी झूले वाले सात रंगों की डिस्क को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
सतरंगी झूले वाले सात रंगों वाली डिस्क को ‘न्यूटन डिस्क’ कहते हैं।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 15 प्रकाश

6. लघूत्तर प्रश्न :-

प्रश्न (i)
वास्तविक तथा आभासी प्रतिबिम्ब में अन्तर बताएं तथा उदाहरण दें।
उत्तर-
वास्तविक तथा आभासी प्रतिबिम्ब में अन्तर-
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 15 प्रकाश 1

प्रश्न (ii)
एक व्यक्ति समतल दर्पण से 5 मीटर दूरी पर खड़ा है। उसका प्रतिबिम्ब कितनी दूरी पर बनेगा ?
(क) दर्पण से
(ख) व्यक्ति से।
हल :
हम जानते हैं कि समतल दर्पण में बन रहा प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे उतनी ही दूरी पर बनता है जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के सामने होती हैं। इसलिए-

(क) प्रतिबिम्ब की समतल दर्पण से दूरी = व्यक्ति की समतल दर्पण से दूरी
∴ प्रतिबिम्ब की समतल दर्पण से दूरी = 2 मीटर उत्तर।

(ख) प्रतिबिम्ब की व्यक्ति से दूरी = व्यक्ति की समतल दर्पण से दूरी + प्रतिबिम्ब की समतल दर्पण से दूरी।
= 2 मीटर + 2 मीटर
∴ प्रतिबिम्ब की व्यक्ति से दूरी = 4 मीटर उत्तर।

प्रश्न (iii)
अवतल दर्पण के दो उपयोग लिखें।
उत्तर-
अवतल दर्पण के दो उपयोग –

  1. अवतल दर्पण को शेविंग दर्पण के रूप में प्रयोग किया जाता है। दाढ़ी बनाते समय, अवतल दर्पण बड़ा तथा सीधा प्रतिबिम्ब बनाता है जब इसे चेहरे के पास लाया जाता है।
  2. अवतल दर्पण को अधिकतर वाहनों की अग्र-बत्ती (हैड लाइट) के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसमें बल्ब प्रकाश स्रोत को अवतल दर्पण के मुख्य फोकस पर रखा जाता है, जिससे परावर्तन के बाद प्रकाश किरणें समानान्तर किरणों का पुंज बन जाता है।

प्रश्न (iv)
उत्तल तथा अवतल लेंस में अन्तर बताएं।
उत्तर-
उत्तल तथा अवतल लेंस में अन्तर-

उत्तल लैंस अवतल लैंस
(1) यह बीच में से मोटा तथा किनारों से पतला होता है। (1) यह बीच में से पतला तथा किनारों से मोटा होता है।
(2) इसमें वस्तु का वास्तविक तथा बड़ा प्रतिबिम्ब बनता है। (2) इसमें छोटा तथा आभासी प्रतिबिम्ब बनता है।

प्रश्न (v)
सफ़ेद प्रकाश में कितने रंग होते हैं ? उनके नाम बताएं।
उत्तर-
सफ़ेद प्रकाश में सात रंग होते हैं। इनके नाम इस प्रकार हैं-

  1. बैंगनी (Violet),
  2. जामुनी (Indigo),
  3. नीला (Blue),
  4. हरा (Green),
  5. पीला (Yellow),
  6. संतरी (Orange),
  7. लाल (Red)।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 15 प्रकाश

7. निबंधात्मक प्रश्न :-

प्रश्न (i)

समतल दर्पण द्वारा बनाए गए प्रतिबिम्ब के लक्षणों के बारे में व्याख्या करें।
उत्तर-
समतल दर्पण द्वारा बनाए गए प्रतिबिम्ब के लक्षण-

  1. जलती हुई मोमबत्ती (वस्तु) का प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे दिखाई देता है। इसलिए, समतल दर्पण द्वारा बनाया प्रतिबिम्ब हमेशा दर्पण के पीछे बनता है।
  2. हम मोमबत्ती का प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे रखी हुई स्क्रीन पर प्राप्त नहीं कर सकते क्योंकि समतल दर्पण द्वारा बनाया गया प्रतिबिम्ब आभासी होता है।
  3. जब हम जलती हुई मोमबत्ती को सीधा खड़ी करते हैं तथा प्रतिबिम्ब भी सीधा बनता है। इससे पता लगता है कि समतल दर्पण में बना प्रतिबिम्ब सीधा होता है।
  4. जब हम मोमबत्ती तथा समतल दर्पण द्वारा बने उसके प्रतिबिम्ब के आकार की तुलना करते हैं तो दोनों ही एक जैसे होते हैं। इससे पता लगता है कि समतल दर्पण द्वारा बनाये प्रतिबिम्ब का आकार वस्तु के आकार के बराबर होता है।
  5. मोमबत्ती तथा दर्पण के मध्य दूरी मोमबत्ती के प्रतिबिम्ब तथा दर्पण के मध्य दूरी के बराबर होती है अर्थात् समतल दर्पण द्वारा बनाया गया प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे उतनी ही दूरी पर बनता है, जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के सामने रखी होती है।
  6. समतल दर्पण द्वारा बनाया गया प्रतिबिम्ब उल्टा होता है। अर्थात् वस्तु का बायाँ भाग प्रतिबिम्ब का दायां तथा वस्तु के दाएं भाग का प्रतिबिम्ब बायाँ भाग बन जाता है।

प्रश्न (ii)
प्रकाश के वर्ण-विक्षेपण से क्या अभिप्राय है ? प्रिज्म का प्रयोग करके व्याख्या करें। कौन-सा प्राकृतिक व्यवहार प्रकाश के वर्ण-विक्षेपण के साथ जुड़ा है ?
उत्तर-
वर्ण-विक्षेपण- सफेद प्रकाश का किसी पारदर्शी पदार्थ (कांच के प्रिज्म) में से गुजरने के बाद उसका सात रंगों में विभाजित होने की प्रक्रिया को वर्ण-विक्षेपण कहते हैं।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 15 प्रकाश 2
एक सफेद प्रकाश किरण पुंज को प्रिज्म में से गुजारो जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है। प्रिज्म के दूसरी तरफ एक सफेद पर्दा (स्क्रीन) रखो। आप देखोगे कि सफेद प्रकाश सात रंगों में विभाजित हो गया है। इन रंगों से स्क्रीन पर प्राप्त हुई सात रंगों की पट्टी (Band) बन गई है, जिसको
पीला स्पैक्ट्रम कहते हैं। सात रंगों की तरंग लंबाई अलग-अलग होने के कारण यह सातों रंग भिन्न-भिन्न कोणों पर मुड़ते कांच का प्रिज्म हैं। यह सात रंग हैं-

  1. बैंगनी (Violet),
  2. जामुनी (Indigo),
  3. नीला (Blue),
  4. हरा (Green),
  5. पीला (Yellow),
  6. संतरी (Orange),
  7. लाल (Red)।

हम इन नामों को इनके पहले अक्षरों से बने शब्द द्वारा याद रख सकते हैं। जैसे—(VIBYGOR)।

वर्ण-विक्षेपण पर आधारित प्राकतिक व्यवहार – आपने वर्षा के बाद आकाश में बनता इन्द्रधनुष देखा होगा। यह सूर्य के सफेद प्रकाश की किरणों का वायुमण्डल में लटकती पानी की बूंदों में से हुए वर्ण-विक्षेपण के कारण बनता है। इसमें पानी की बूंदें प्रिज्म की तरह कार्य करती हैं तथा सफेद प्रकाश को सात रंगों में विभाजित कर देती हैं।

Science Guide for Class 7 PSEB प्रकाश Intext Questions and Answers

सोचें तथा उत्तर दें :-(पृष्ठ 180)

प्रश्न 1.
दर्पण पर टकराने के बाद प्रकाश द्वारा अपनी दिशा बदलने की क्रिया को ………………… कहते हैं।
उत्तर-
परावर्तन।

प्रश्न 2.
आपतन कोण, परावर्तन कोण के बराबर होता है। (सही/ग़लत)
उत्तर-
सही।

सोचें तथा उत्तर दें:-(पृष्ठ 183)

प्रश्न 1.
दर्पण के सामने रखी वस्तु की दर्पण से दूरी तथा दर्पण के पीछे प्रतिबिम्ब की दर्पण से दूरी …………………. होती है।
उत्तर-
बराबर।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 15 प्रकाश

प्रश्न 2.
एक ग्राफ़ पेपर के वर्गों के आकार भिन्न-भिन्न होते हैं। (सही/ग़लत)
उत्तर-
ग़लत।

प्रश्न 3.
समतल दर्पण को ग्राफ़ पेपर से सीधा खड़ा करना चाहिए। (सही/ग़लत)
उत्तर-
सही।

सोचें तथा उत्तर दें:-(पृष्ठ 185)

प्रश्न 1.
अवतल दर्पण द्वारा दीवार पर बनाया सूर्य का प्रतिबिम्ब एक ………………………. प्रतिबिम्ब है। (वास्तविक/आभासी)
उत्तर-
वास्तविक।

प्रश्न 2.
हम एक मोमबत्ती का प्रतिबिम्ब एक स्क्रीन पर प्राप्त कर सकते हैं। (सही/ग़लत)
उत्तर-
सही।

सोचें तथा उत्तर दें:-(पृष्ठ 186)

प्रश्न 1.
जब वस्तु अवतल दर्पण से बहुत ज्यादा दूर हो तो प्रतिबिम्ब तथा ………………………. होता है।
उत्तर-
वास्तविक, उल्टा।

प्रश्न 2.
स्क्रीन पर बना प्रतिबिम्ब वास्तविक होता है। (सही/ग़लत)
उत्तर-
सही।

प्रश्न 3.
अवतल दर्पण के लिए सदैव वास्तविक प्रतिबिम्ब बनता है। (सही/ग़लत)
उत्तर-
ग़लत।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 15 प्रकाश

सोचें तथा उत्तर दें:-(पृष्ठ 188)

प्रश्न 1.
कागज़ पर मिलने वाला प्रकाश का चमकदार निशान …………………. का प्रतिबिम्ब है।
उत्तर-
सूरज।

प्रश्न 2.
कागज़ पर मिलने वाला प्रतिबिम्ब आभासी प्रतिबिम्ब है। (सही/ग़लत)
उत्तर-
ग़लत।

सोचें तथा उत्तर दें :-(पृष्ठ 189)

प्रश्न 1.
उत्तल लेंस को वस्तु तथा स्क्रीन के बीच रखा जाता है। (सही/ग़लत)
उत्तर-
सही।

प्रश्न 2.
उत्तल लेंस के लिए बनने वाला प्रतिबिम्ब सदैव वास्तविक होता है। (सही/ग़लत)
उत्तर-
ग़लत।

सोचें तथा उत्तर दें:-(पृष्ठ 191)

प्रश्न 1.
सफ़ेद प्रकाश ……………………… रंगों का बना होता है।
उत्तर-
सात।

प्रश्न 2.
जब सात रंगों वाली डिस्क को घुमाया जाता है, तो यह लाल नज़र आती है। (सही/ग़लत)
उत्तर-
ग़लत।

प्रश्न 3.
सात रंगों के नाम क्रमशः बताओ, जिनसे मिलकर सफ़ेद प्रकाश बनाता है।
उत्तर-
सफ़ेद प्रकाश के सात रंग-

  1. बैंगनी (Violets),
  2. जामुनी (Indigo),
  3. नीला (Blue),
  4. हरा (Green),
  5. पीला (Yellow),
  6. संतरी (Orange),
  7. लाल (Red)।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 15 प्रकाश

PSEB Solutions for Class 7 Science प्रकाश Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(i) प्रकाश …………………… रेखा में चलता है।
उत्तर-
सीधी

(ii) आपतन कोण तथा …………………… आपस में सदैव समान होता है।
उत्तर-
परावर्तन कोण

(iii) जिस प्रतिबिम्ब को पर्दे पर प्राप्त किया जा सके, उसको ……………….. प्रतिबिम्ब कहते हैं।
उत्तर-
वास्तविक

(iv) समतल दर्पण द्वारा बनाया गया प्रतिबिम्ब …………………… तथा ………………….. आकार वाला होता है।
उत्तर-
सीधा, समान

(v) ………………….. ऐसा गोलाकार दर्पण जिसकी परावर्तक सतह बाहर की ओर उभरी होती है।
उत्तर-
उत्तल दर्पण

(vi) ………………….. दर्पण का प्रयोग सर्चलाइट, टार्च, कार की हैडलाइट में परावर्तक के रूप में किया जाता
है।
उत्तर-
अवतल

(vii) उत्तल दर्पण द्वारा वस्तु का प्रतिबिम्ब सदैव आभासी, सीधा तथा वस्तु से …………………… बनता है।
उत्तर-
छोटा।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 15 प्रकाश

प्रश्न 2.
कॉलम ‘क’ में दिए शब्दों को कॉलम ‘ख’ में दिए गए वाक्यों से मिलाइए

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) उत्तल लेंस (क) इन्द्रधनुष
(ii) वास्तविक, उल्टा तथा समान आकार का प्रतिबिंब (ख) अवतल दर्पण
(iii) वर्ण-विक्षेपण प्रक्रिया (ग) आर्वधक लेंस
(iv) आभासी प्रतिबिंब (घ) उत्तल लेंस
(v) परावर्तक सतह अंदर की ओर होती है। (ङ) पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता

उत्तर-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) उत्तल लेंस (ग) आर्वधक लेंस
(ii) वास्तविक, उल्टा तथा समान आकार का प्रतिबिंब (घ) उत्तल लेंस
(iii) वर्ण-विक्षेपण प्रक्रिया (क) इन्द्रधनुष
(iv) आभासी प्रतिबिंब (ङ) पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता
(v) परावर्तक सतह अंदर की ओर होती है। (ख) अवतल दर्पण

3. सही उत्तर के सामने (√) का निशान लगाइए-

(i) प्रकाश गमन करता है-
(क) सरल रेखा में
(ख) वक्र रेखा में
(ग) वृत्तों में
(घ) उपरोक्त में से कोई भी नहीं।
उत्तर-
(क) सरल रेखा में।

(ii) सीधा, आभासी तथा वस्तु के आकार से छोटा प्रतिबिंब बनाता है-
(क) समतल दर्पण
(ख) अवतल दर्पण
(ग) उत्तल दर्पण
(घ) उत्तल-अवतल दर्पण।
उत्तर-
(ग) उत्तल दर्पण।

(iii) किसी वस्तु को देखने के लिए आवश्यक है-
(क) प्रकाश स्रोत
(ख) प्रकाश स्रोत तथा वस्तु
(ग) प्रकाश स्त्रोत, वस्तु तथा आँख
(घ) इनमें से कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ग) प्रकाश स्रोत, वस्तु तथा आँख।

(iv) प्रिज्म में से गुजरने के बाद प्रकाश विभिन्न रंगों में विभाजित हो जाता है-
(क) दो रंगों में
(ख) पांच रंगों में
(ग) सात रंगों में
(घ) छ : रंगों में।
उत्तर-
(ग) सात रंगों में।

(v) दंत चिकित्सक दांतों का प्रतिबिंब देखने के लिए उपयोग करते हैं-
(क) समतल दर्पण
(ख) अवतल दर्पण
(ग) उत्तल दर्पण
(घ) अवतल तथा उत्तल दर्पण का संयोजन।
उत्तर-
(ख) अवतल दर्पण।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 15 प्रकाश

(vi) वास्तविक और आवर्धित प्रतिबिंब प्राप्त करने के लिए किस दर्पण का उपयोग करते हैं ?
(क) उत्तल दर्पण
(ख) समतल दर्पण
(ग) अवतल दर्पण
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) अवतल दर्पण।

(vii) उत्तल लेंस होता है –
(क) बीच में से मोटा तथा किनारों से पतला
(ख) किनारों से मोटा तथा बीच से मोटा
(ग) एक समान मोटा
(घ) अनियमित रूप से मोटा।
उत्तर-
(क) बीच में से मोटा तथा किनारों से पतला।

(vii) जब न्यूटन डिस्क को तेजी से घुमाया जाता है तो कौन-सा रंग दिखाई देता है ?
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 15 प्रकाश 3
(क) काला
(ख) सफेद
(ग) नीला
(घ) पीला।
उत्तर-
(ख) सफेद।

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रकाश का एक गुण लिखिए।
उत्तर-
प्रकाश सदैव सरल रेखा के अनुदिश गमन करता है।

प्रश्न 2.
कौन-सा पृष्ठ दर्पण का काम करता है ?
उत्तर-
कोई भी चमकीला पृष्ठ या पालिश किया गया पृष्ठ।

प्रश्न 3.
यदि आप किसी दर्पण के सामने खड़े हों तो आपके प्रतिबिंब और आपका दर्पण से दरी में क्या संबंध होगा ?
उत्तर-
वस्तु की दर्पण से दूरी = प्रतिबिंब की दर्पण से दूरी।

प्रश्न 4.
गोलीय दर्पण क्या है ? .
उत्तर-
गोलीय दर्पण – गोलीय दर्पण किसी भी पालिश किए गए खाली गोले का भाग है। गोलीय दर्पण दो प्रकार के होते हैं-
(क) अवतल दर्पण
(ख) उत्तल दर्पण।

प्रश्न 5.
किस दर्पण से आवर्धित प्रतिबिंब प्राप्त किया जा सकता है ?
उत्तर-
अवतल दर्पण।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 15 प्रकाश

प्रश्न 6.
किस दर्पण का उपयोग स्कूटरों, कारों आदि के पार्श्व दर्पण के रूप में किया जाता है ?
उत्तर-
उत्तल दर्पण।

प्रश्न 7.
टार्च व कार के अग्रदीप में कौन-सा दर्पण उपयोग में आता है ?
उत्तर-
अवतल दर्पण।

प्रश्न 8.
कौन-से दर्पण द्वारा प्रतिबिंब सदैव आभासी और छोटा बनता है ?
उत्तर-
उत्तल दर्पण।

प्रश्न 9.
कौन-सा दर्पण छोटा और वास्तविक प्रतिबिंब बनाता है ?
उत्तर-
अवतल दर्पण।

प्रश्न 10.
उत्तल लेंस क्या है ?
उत्तर-
उत्तल लेंस – यह एक पारदर्शी कांच का टुकड़ा है जो दो सतहों से घिरा होता है तथा किनारों की अपेक्षा बीच में से मोटा होता है।
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प्रश्न 11.
अवतल लेंस क्या है ?
उत्तर-
अवतल लेंस – यह एक पारदर्शी काँच का टुकड़ा है जो दो सतहों से घिरा होता है तथा किनारों की अपेक्षा बीच में से पतला होता है।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 15 प्रकाश 5

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 15 प्रकाश

प्रश्न 12.
प्रकाश के सात घटक रंगों के नाम बताओ।
उत्तर-
बैंगनी, जामनी, नीला, हरा, पीला, ओरेंज, लाल।

प्रश्न 13.
एक प्राकृतिक परिघटना बताओ जिसमें प्रकाश के सात रंग प्रदर्शित होते हों।
उत्तर-
वर्षा के बाद इन्द्रधनुष का दृश्य।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
हमें उत्तल लेंस द्वारा सूर्य की ओर क्यों नहीं देखना चाहिए ?
उत्तर-
उत्तल लेंस अभिसारी प्रकृति का होता है। यह सामानांतर किरणों को फोकस कर अभिसारित करता है। सूर्य की किरणें समानांतर होती हैं । यदि कोई कपड़ा या कागज़ लेंस के फोकस पर रखा जाए तो सूर्य की किरणों से कपड़ा या कागज़ जल उठेंगे। इस प्रकार यदि हम उत्तल लेंस द्वारा सूर्य को देखेंगे तो हमारी आंखों को क्षति पहुंचेगी। इसलिए हमें सूर्य की तरफ उत्तल लेंस द्वारा नहीं देखना चाहिए।

प्रश्न 2.
आभासी प्रतिबिंब क्या होता है ? कोई ऐसी स्थिति बताइए, जहां आभासी प्रतिबिंब बनता हो ?
उत्तर-
आभासी प्रतिबिंब-जब प्रकाश की किरणें परावर्तन अथवा अपवर्तन के बाद किसी बिंद पर वास्तविक रूप में मिलते नहीं परंतु मिलते हुए दिखाई देते हैं, तो उस बिन्दु को वस्तु का आभासी प्रतिबिंब कहते हैं। इस प्रतिबिंब को पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

समतल दर्पण में प्रतिबिंब सदैव आभासी होते हैं।
उत्तल दर्पण में बने प्रतिबिंब सदैव आभासी होते हैं।
अवतल दर्पण में प्रतिबिंब आभासी तब होता है, जब वस्तु दर्पण के काफ़ी पास रखी जाती है।
प्रश्न 3.
उत्तल तथा अवतल लेंसों में दो अंतर लिखिए।
उत्तर-
उत्तल और अवतल लेंसों में अंतर-

उत्तल लेंस अवतल लेंस
(1) यह लेंस बीच में से मोटा तथा किनारों से पतला होता है।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 15 प्रकाश 6
(1) यह लेंस बीच में से पतला तथा किनारों पर मोटा होता है।
(2) इस लेंस में प्रायः प्रतिबिंब लेंस के दूसरी तरफ़ बनता है। (2) इस लेंस में प्रतिबिंब लेंस भी उसी तरफ ही बनता है।
(3) यह लेंस प्रकाश की किरणों को एक बिंदु पर फोकस करता है। (3) यह लेंस प्रकाश की किरणों को फैलाता है।

प्रश्न 4.
अवतल और उत्तल दर्पणों का एक-एक उपयोग लिखिए।
उत्तर-
(क) अवतल दर्पण का उपयोग – यह कारों, स्कूटरों आदि के अग्रदीपों में, सर्च लाइटों में तथा दंत चिकित्सकों द्वारा उपयोग किया जाता है।
(ख) उत्तल दर्पण के उपयोग – इनका उपयोग कारों तथा स्कूटरों के पार्श्व दर्पणों में किया जाता है।

प्रश्न 5.
किस प्रकार का दर्पण वास्तविक प्रतिबिंब बना सकता है ?
उत्तर-
अवतल दर्पण वास्तविक प्रतिबिंब बना सकता है।

प्रश्न 6.
किस प्रकार का लेंस सदैव आभासी प्रतिबिंब बनाता है ?
उत्तर-
अवतल लेंस।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 15 प्रकाश

प्रश्न 7.
वस्तुओं को देखने के लिए कौन-सी आवश्यक शर्त है ?
उत्तर-
किसी वस्तु के दिखाई देने के लिए निम्नलिखित तीन शर्तों का पूरा होना आवश्यक है

  1. वस्तु को दीप्त करने के लिए प्रकाश का स्रोत।
  2. वस्तु जिसको देखना चाहते हो।
  3. रोग मुक्त आंख जिससे देखा जाता है।

प्रश्न 8.
दर्पणों के विभिन्न उपयोग लिखिए। उत्तर-दर्पणों के विभिन्न उपयोग हम किसी-न-किसी रूप में अपने दैनिक जीवन में दर्पणों का प्रयोग करते
(1) समतल दर्पण-

  • इन दर्पणों का उपयोग घरों तथा नाई की दुकानों में अपना प्रतिबिंब देखने के लिए किया जाता है।
  • यह पैरीस्कोप बनाने में भी उपयुक्त होता है।

(2) अवतल दर्पण-अवतल दर्पण के निम्नलिखित उपयोग हैं-

  • ये वाहनों में परावर्तक के रूप में प्रयुक्त होते हैं।
  • ये हजामत बनाने में प्रयुक्त होते हैं।
  • ये बीमार लोगों के नाक तथा गले की जाँच हेतु डॉक्टरों द्वारा प्रयोग किए जाते हैं।

(3) उत्तल दर्पण-उत्तल दर्पण कारों तथा अन्य वाहनों में अपने पीछे आ रहे वाहनों को देखने में प्रयुक्त होते हैं।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
एक प्रयोग द्वारा सिद्ध करो कि श्वेत प्रकाश में सात वर्ण होते हैं।
उत्तर-
प्रयोग-वृताकार डिस्क से एक छोटा लट्ट बनाओ। डिस्क के पृष्ठ पर सातों वर्ण पेंट करो। अब लट्ट को घुमाओ। श्वेत रंग नज़र आएगा जो यह सिद्ध करता है कि श्वेत प्रकाश में सात वर्ण होते हैं।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 15 प्रकाश 8

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव

Punjab State Board PSEB 7th Class Science Book Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Science Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव

PSEB 7th Class Science Guide विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव Textbook Questions and Answers

1. रिक्त-स्थानों की पूर्ति कीजिए :-

(i) विद्युत सेल के प्रतीक में छोटी रेखा ………………… टर्मिनल को निरूपित करती (दर्शाती) है।
उत्तर-
ऋण टर्मिनल

(ii) दो अथवा दो से अधिक सेल के जोड़ने को ……………………. कहते हैं।
उत्तर-
बैटरी

(iii) किसी स्विच की ………………….. अवस्था में परिपथ में विद्युत धारा प्रवाहित होती है।
उत्तर-
ऑन

(iv) एक बैटरी में एक सेल का धन सिरा या टर्मिनल दूसरे सेल के …………………… सिरे या टर्मिनल से जुड़ा होता
उत्तर-
ऋण

(v) हीटर विद्युत धारा के ………………………. प्रभाव का प्रयोग करता है।
उत्तर-
तापीय।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव

2. निम्नलिखित में सही या गलत लिखें :-

(i) दो सेलों की बैटरी बनाने के लिए एक सेल का धन टर्मिनल दूसरे के ऋण टर्मिनल के साथ जोड़ते हैं।
उत्तर-
सही

(ii) विद्युतीय प्रैस, विद्युत धारा के तापीय प्रभाव पर काम करती है।
उत्तर-
गलत

(iii) चुंबक-क्रेन, विद्युत धारा के चुंबक प्रभाव पर आधारित है।
उत्तर-
सही

(iv) जिस परिपथ में विद्युत धारा प्रवाहित होती हो, उसे खुला (Open) परिपथ कहा जाता है।
उत्तर-
गलत

(v) एक विद्युत घण्टी एक विद्युत चुंबक के सिद्धांत पर आधारित है।
उत्तर-
सही।

3. सही मिलान कीजिए :-

कॉलम ‘A’ कॉलम ‘B’
(i) विद्युत सैल (क) सुरक्षा उपकरण
(ii) विद्युत प्रैस (ख) विद्युत धारा का तापन
(iii) विद्युत फ्यूज़ (ग) विद्युत चुंबक
(iv) चुंबकीय क्रेन (घ) विद्युत घटक

उत्तर-

कॉलम ‘A’ कॉलम ‘B’
(i) विद्युत सैल (घ) विद्युत घटक
(ii) विद्युत प्रैस (ख) विद्युत धारा का तापन
(iii) विद्युत फ्यूज़ (क) सुरक्षा उपकरण
(iv) चुंबकीय क्रेन (ग) विद्युत चुंबक।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव

4. सही विकल्प चुनिए :-

प्रश्न (i)
कौन-सा उपकरण विद्युत के तापन प्रभाव का उपयोग नहीं करता ?
(क) विद्युत टोस्टर
(ख) लाऊड स्पीकर
(ग) हीटर
(घ) विद्युत प्रेस।
उत्तर-
(क) विद्युत टोस्टर।

प्रश्न (ii)
कौन-सा उपकरण विद्युत के चुंबकीय प्रभाव का उपयोग नहीं करता ?
(क) रूम हीटर
(ख) चुंबकीय क्रेन
(ग) विद्युत घण्टी
(घ) लाऊड स्पीकर ।
उत्तर-
(क) रूम हीटर।

प्रश्न (iii)
विद्युत तार में पैदा हुए ताप की मात्रा निर्भर करती है-
(क) तार के पदार्थ की किस्म
(ख) तार की लम्बाई
(ग) तार की मोटाई
(घ) उपर्युक्त सभी से।
उत्तर-
(घ) उपर्युक्त सभी से।

प्रश्न (iv)
बल्ब में प्रयोग की जाने वाली तार को कहते हैं ?
(क) एलीमेंट
(ख) स्प्रिंग
(ग) फिलामेंट
(घ) घटक।
उत्तर-
(ग) फिलामेंट।

प्रश्न (v)
एक विद्युत घण्टी के मुख्य भाग हैं-
(क) गोंग (Gong)
(ख) हथौड़ा
(ग) विद्युत चुंबक
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपर्युक्त सभी।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव

5. लघूत्तर प्रश्न :-

प्रश्न (i)
परिभाषित करो
1. विद्युत सैल (Electric Cell)
2. बैटरी
3. विद्युत परिपथ
4. खुला परिपथ
5. बंद परिपथ।
उत्तर-
1. विद्युत सैल – यह एक ऊर्जा स्रोत है जिसमें रासायनिक ऊर्जा को विद्युतीय ऊर्जा में परिवर्तित करता है। इसमें दो इलैक्ट्रोड होते हैं।

  1. धन-इलैक्ट्रोड,
  2. ऋण इलैक्ट्रोड।

2. बैटरी – यह दो या दो से अधिक सैलों का संयोजन है जिन्हें श्रेणी क्रम में संयोजित करके विद्यत्त् धारा प्राप्त की जाती है। इसका प्रयोग टार्च तथा अन्य खिलौनों, कार आदि में किया जाता है, जहाँ अधिक धारा की आवश्यकता होती है।

3. विद्युत सर्कट – वह रास्ता (पथ) जो सैल के एक टर्मिनल से आरंभ होकर बल्ब में होता हुआ दूसरे टर्मिनल तक पहुँचे तथा जिसमें से विद्युतीय धारा बह सके, विद्युतीय सर्कट या परिपथ कहलाता है।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव 1

4. खुला परिपथ – यदि विद्युतीय सर्कट में से विद्युतीय धारा का प्रवाह नहीं होता तो ऐसे सर्कट को खुला परिपथ कहते हैं।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव 2

5. बंद परिपथ – ऐसा विद्युतीय सर्कट जिसमें से विद्युतीय धारा का प्रवाह होता है, उसे बंद परिपथ कहते हैं।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव 3

प्रश्न (ii)
विद्युत चुंबक क्या होती है ? यह कैसे कार्य करती है ?
उत्तर-
विद्युतीय चुंबक – एक लोहे के टुकड़े पर एनेमल लेपित तांबे की तार लपेटी गयी कुंडली में से विद्युतीय धारा प्रवाहित करने पर यह लोहे का टुकड़ा अस्थायी रूप में चुंबक बन जाता है। ऐसे चुंबक को विद्युतीय चुंबक कहते हैं। विद्युतीय धारा बंद करने पर यह वापिस लोहे जैसा व्यवहार करता है अर्थात् इसके चुंबकीय गुण समाप्त हो जाते हैं।

प्रश्न (iii)
चुंबकीय क्रेन क्या है ? यह कैसे कार्य करती है ?
उत्तर-
यह एक सामान्य क्रेन होती है जिसके एक छोर पर शक्तिशाली विद्युतीय चुंबक जुड़ा होता है। विद्युतीय धारा प्रवाहित करने पर यह शक्तिशाली चुंबक बन जाता है जो कबाड़ में से लोहे को आकर्षित करके अलग कर लेता है तथा विद्युतीय धारा बंद करने पर यह अपना चुंबकीय गुण गंवा लेता है।

प्रश्न (iv)
एक विद्युत परिपथ बनाइए, जिसमें एक बैटरी, एक बल्ब और एक स्विच खुली अवस्था में हो।
उत्तर-
एक विद्युतीय सर्कट का चित्र जिसमें एक बैटरी, एक बल्ब तथा खुली अवस्था में स्विच।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव 4

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव

6. निबंधात्मक प्रश्न :-

प्रश्न (i)
एक चित्र की सहायता से एक-विद्युत घण्टी का सिद्धांत, रचना और कार्य की व्याख्या करो।
उत्तर-
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव 5
विद्युतीय घण्टी – विद्युतीय घंटी वह यांत्रिक यंत्र है जो विद्युतीय चुंबक के सिद्धांत पर काम करती है। विद्युतीय धारा प्रवाहित करने से यह बार-बार ध्वनि पैदा करती है।

सिद्धांत – जब लोहे की छड़ पर लपेटी गयी कुंडली में से विद्युतीय धारा प्रवाहित की जाती है, तब लोहे की छड़ चुंबक के रूप में काम करती है। यह उतनी देर तक ही चुंबक के रूप में काम करती है जब तक इसमें से विद्युत धारा प्रवाहित होती है।

रचना – विद्युत घण्टी के नीचे लिखे मुख्य भाग हैं-

  1. विद्युत – चुंबक-इसमें लैमीनेट की धातु की तार होती है जिसे एक लोहे की छड़ पर लपेटा होता है। यह छड़ विद्युत धारा प्रवाहित होने पर विद्युत चुंबक बन जाती है।
  2. हथौड़ा – यह लोहे की पत्ती जिसके एक छोर पर धातु का छोटा-सा गोला होता है जो हथौड़ा कहलाता है। इसे विद्युत चुंबक के समीप रखा जाता है। लोहे की पत्ती के समीप एक संपर्क पेच चुंबक होता है।
  3. घण्टी – यह एक कप के रूप की धातु की बनी आकृति है। जब हथौड़ा आकर्षित होकर घण्टी धातु की पत्ती में टकराता है तो ध्वनि सुनाई देती है।

कार्यविधि – जब हम स्विच ऑन करते हैं तो संपर्क पेच लोहे की पत्ती के संपर्क में आता है जिस कारण विद्युत चुंबकीय कुंडली में विद्युत धारा बहती है तथा वह विद्युत चुंबक बन जाती है। यह विद्युत चुंबक लोहे की पत्ती को अपनी ओर आकर्षित करता है जिससे हथौड़ा घंटी से टकराता है तथा ध्वनि पैदा करता है। परन्तु इस क्रिया के दौरान हथौड़े का संपर्क पेच से टूट जाता है जिससे विद्युत परिपथ टूट जाता है। इस कारण कुंडली में अब विद्युत चुंबक का गुण समान हो जाता है तथा लोहे की पत्ती को आकर्षित नहीं कर सकता।

अब लोहे की पत्ती अपनी पहली अवस्था में आ जाती है तथा दोबारा संपर्क पेच को छूती है। यह वापिस विद्युत चुंबक बना देती है तथा हथौड़ा फिर घण्टी से टकराता है। यही क्रिया तीव्र गति में दोहराई जाती है तथा बार-बार घण्टी बजती रहती है।

प्रश्न (ii)
विद्युत फ्यूज़ क्या होता है ? विद्युत की आपूर्ति में इसका क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
विद्युत फ्यूज़ – कभी कभी घरों तथा कारखानों में विद्युत की डोरी की दोनों तारें एक-दूसरे के संपर्क में आ जाती हैं तो सार्ट सर्कट हो जाता है जिससे सर्कट का प्रतिरोध कम होने के कारण विद्युत धारा की मात्रा बढ़ जाती है तथा ताप पैदा होने के कारण विद्युत उपकरणों को आग लग जाती है। इस प्रकार के खतरे से बचने के लिए सर्कट की तारों में फ्यूज़ लगाए जाते हैं।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव 6

बनावट – अकसर फ्यूज तार तांबा, टिन तथा लैड के मिश्रण से बनी एक छोटी सी पतली तार होती है जिसका पिघलांक तांबे की
बैटरी तुलना में बहुत कम होता है। इस तार को चीनी मिट्टी के होल्डर में लगे दो टर्मिनलों के बीच जोड़ दिया जाता है। जिस सर्कट की सुरक्षा करनी होती है, उसकी दो तारें जोड़ने में क्रमबद्ध जोड़ देते हैं। मोटाई के अनुसार फ्यूज तार की एक निश्चित समर्था होती है जिससे ज्यादा धारा प्रवाहित होने पर प्यूज तार गर्म होकर पिघल जाती है। तार के पिघलने से सर्कट टूट जाता है तथा विद्युत धारा का प्रवाह रुक जाता है। इस से उपकरण में या सर्कट में किसी खराबी का तुरंत पता चल जाता है। उस खराबी को दूर करके फ्यूज़ होलडर में नयी फ्यूज़ तार लगाने के बाद दोबारा विद्युत धारा के प्रवाह को चला दिया जाता है।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव 7

Science Guide for Class 7 PSEB विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव Intext Questions and Answers

सोचें तथा उत्तर दें:-(पेज 170)

प्रश्न 1.
एक सेल में कितने टर्मिनल होते हैं ? उनके नाम बताओ।
उत्तर-
एक सेल के भीतर दो टर्मिनल होते हैं-

  1. धन टर्मिनल
  2. ऋण टर्मिनल।

प्रश्न 2.
विद्युत परिपथ में स्विच का क्या काम है ?
उत्तर-
विद्युत परिपथ में स्विच सर्कट को पूरा करने (जोड़ने) तथा तोड़ने का काम करता है अर्थात् सर्कट को पूरा करके विद्युतीय परिपथ, में धारा का प्रवाह बनाने तथा ज़रूरत के समय सर्कट को तोड़ कर धारा का प्रवाह रोकने के लिए किया जाता है।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव

सोचें तथा उत्तर दें :-(पेज 170)

प्रश्न 1.
जब स्विच ‘ON’ की स्थिति में है तो बल्ब ……………………. है तथा ……………………. महसूस होता है।
उत्तर-
जगता, गर्म।

सोचें तथा उत्तर दें :-(पेज 171)

प्रश्न 1.
जब स्विच ऑफ’ अवस्था में है तो क्या तार गर्म महसूस होती है ? (सही/गलत)
उत्तर-
गलत।

प्रश्न 2.
जब स्विच ऑन’ अवस्था में है तो क्या तार थोड़ी ठंडी महसूस होती है ? (सही/गलत )
उत्तर-
गलत।

प्रश्न 3.
कोई अन्य तार लेने पर भी आपको यही प्रभाव महसूस होगा ?
उत्तर-
क्योंकि बिजली प्रवाह होने से तार गर्म हो जाती है। यह विद्युतीय की धारा के तापीय प्रभाव के कारण होता है। कोई अन्य तार लेने पर भी यही महसूस होगा।

सोचें तथा उत्तर दें :-(पेज 173)

प्रश्न 1.
किसी चुंबकीय पदार्थ के न होने के बावजूद भी चुंबकीय सुई पहले उत्तर-दक्षिण (N-S) दिशा की ओर क्यों संकेत करती है ?
उत्तर-
चुंबकीय सुई एक छोटा-सा चुंबक है, जिसका एक छोर उत्तर ध्रुव (N-Pole) तथा दूसरा छोर दक्षिणी ध्रुव (S-Pole) है। हमारी पृथ्वी एक बड़े चुंबक के सामान व्यवहार करती है जिसका चुंबकीय उत्तरी ध्रुव इसके भौगोलिक दक्षिण दिशा तथा चुंबकीय दक्षिणी ध्रुव भौगोलिक उत्तर दिशा की ओर स्थित है। चुंबकीय सुई जो एक छोटा सा चुंबक है और जो अपने धुरे पर क्षितिज दिशा में घूमने के लिए स्वतन्त्र है, का उत्तरी ध्रुव पृथ्वी के चुंबकीय दक्षिणी ध्रुव की ओर तथा चुंबकीय सुई का दक्षिणी ध्रुव पृथ्वी के चुंबकीय उत्तरी ध्रुव की ओर आकर्षित होता है। इसलिए यद्यपि कोई चुंबक नज़दीक नहीं है, तो भी इसके बावजूद चुंबकीय सुई पहले ही उत्तर-दक्षिण की ओर संकेत करती है।

प्रश्न 2.
एक छड़ चुंबक निकट लाने पर चुंबकीय सुई विक्षेपित क्यों हो जाती है?
उत्तर-
चुंबकीय के समान ध्रुव एक-दूसरे को प्रतिकर्षित तथा विपरीत (असमान) ध्रुव एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं। इसलिए जब छड़ चुंबक को चुंबकी सुई के निकट लाया जाता है, तो चुंबकी सुई जो घूमने के लिए स्वतन्त्र है, विक्षेपित हो जाती है।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव

प्रश्न 3.
विद्युत धारा ‘ऑन’ करने पर चुंबकीय सुई विक्षेपित क्यों हो जाती है?
उत्तर-
विद्युत धारा ‘ऑन’ करने पर चुंबकीय सुई का विक्षेपित होना यह दर्शाता है कि इसके नज़दीक कोई चुंबक स्थित है। यह धारा प्रवाहित होने वाली तार के इर्द-गिर्द चुंबकीय क्षेत्र बनने के कारण चुंबक जैसा व्यवहार कर रही है।

सोचें तथा उत्तर दें:-(पेज 174)

प्रश्न 1.
पेपर पिन्ज़ विद्युत धारा प्रवाहित करने पर लोहे के कील के साथ क्यों चिपक जाती हैं ?
उत्तर-
विद्युत धारा प्रवाहित होने से लोहे के कील में चुम्बकीय गुण आ जाते हैं जिस कारण पेपर पिन्ज़ आकर्षित होकर कील से चिपक जाती हैं।

प्रश्न 2.
विद्युत धारा का प्रवाह बंद करने पर क्या ये पिन्ज पुनः नीचे गिर जाती हैं ?
उत्तर-
हां, यह नीचे गिर जाएंगी। विद्युत धारा का प्रवाह बंद करने से लोहे का कील अपना चुंबकीय गुण गंवा लेती है जिस कारण पेपर पिन्ज़ आकर्षित न होने के कारण नीचे गिर जाती हैं।

PSEB Solutions for Class 7 Science विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(i) स्टैंडर्ड संकेतों के साथ एक विद्युत सर्कट को ………………….. कहते हैं। (सर्कट चित्र/विद्युत चित्र)
उत्तर-
सर्कट चित्र

(ii) जब स्विच को ‘ऑन’ स्थिति में लाते हैं तो हॉट प्लेट, विद्युत टोस्टर तथा विद्युत प्रैस विद्युत के ………………….. कारण गर्म हो जाती है। (चुंबकीय प्रभाव, तापन प्रभाव)
उत्तर-
तापन प्रभाव

(iii) फ्यूज़ एक ………………………. उपकरण है। (सेफ्टी/तापन)
उत्तर-
सेफ्टी

(iv) लकड़ी के सिलेंडर के इर्द-गिर्द वृत शक्ल में लपेटी गई लेमीनेटेड तांबे की तार …………….. कहलाती है। (कुंडली/बिजली चुंबक)
उत्तर-
कुंडली

(v) चुंबक के ध्रुव होते हैं, एक …………………………. ध्रुव तथा दूसरा …………………. ध्रुव। (उत्तरी-दक्षिणी/पश्चिमी-पूर्वी)
उत्तर-
उत्तरी-दक्षिणी

(vi) विद्युत सैल के चिन्ह में लंबी रेखा उसके ……………………… टर्मिनल को दर्शाती है। (धन (+)/ऋण (-))
उत्तर-
धन (+) ।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव

प्रश्न 2.
कॉलम ‘A’ में दिए शब्दों को कॉलम ‘B’ में दिए गए वाक्यों से मिलाइए –

कॉलम ‘A’ कॉलम ‘B’
(i) सर्कट चित्र (क) विद्युत धारा के कारण चालक का चुंबक बनना
(ii) विद्युत घंटी (ख) विद्युत फ्यूज़
(iii) सेफ्टी युक्ति (ग) फ्यूज़ की तार
(iv) जल्दी पिघल जाती है (घ) स्टैंडर्ड संकेतों के साथ एक विद्युत सर्कट बनना।

उत्तर-

कॉलम ‘A’ कॉलम ‘B’
(i) सर्कट चित्र (घ) स्टैंडर्ड संकेतों के साथ एक विद्युत सर्कट बनना
(ii) विद्युत घंटी (क) विद्युत धारा के कारण चालक का चुंबक बनना
(iii) सेफ्टी युक्ति (ख) विद्युत फ्यूज़
(iv) जल्दी पिघल जाती है (ग) फ्यूज़ की तार।

प्रश्न 3.
सही विकल्प चुनें-

(i) बिजली (विद्युत) सर्कट को तोड़ने वाली युक्ति है-
(क) विद्युत सैल
(ख) स्विच
(ग) विद्युत बल्ब
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) स्विच।

(ii) विद्युत बल्ब टर्मिनल हैं-
(क) तीन
(ख) एक
(ग) दो
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) दो।

(iii) संपर्क तार बनाने के लिए प्रयुक्त होता है-
(क) रबड़
(ख) ऐल्युमीनियम
(ग) प्लास्टिक
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) ऐल्युमीनियम।

(iv) एक विद्युत बल्ब में से विद्युत धारा प्रवाहित की गई परंतु बल्ब जगा नहीं क्योंकि-
(क) तंतु टूटा हुआ है
(ख) तंतु बिजली का रोधक है
(ग) तंतु विद्युत का सुचालक है
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) तंतु टूटा हुआ है।

(v) विद्युतीय सर्कट में सैल में आने वाली बिजली (विद्युत) धारा की दिशा है
(क) धन टर्मिनल से ऋण टर्मिनल की ओर
(ख) ऋण टर्मिनल से धन टर्मिनल की ओर
(ग) पहले आधे समय के लिए धन टर्मिनल से ऋण टर्मिनल की ओर तथा अगले आधे समय के लिए ऋण टर्मिनल से धन टर्मिनल की ओर
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) धन टर्मिनल से ऋण टर्मिनल की ओर

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव

(vi) विद्युत फ्यूज़ की तार का गलनांक होना चाहिए-
(क) कम
(ख) अधिक
(ग) न अधिक और न कम
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(क) कम।

(vii) विद्युत बल्ब का तंतु (फिलामेंट) बना होता है-
(क) लोहा
(ख) तांबा
(ग) टंगस्टन
(घ) टिन।
उत्तर-
(ग) टंगस्टन।

(viii) फ्यूज़ की तार किससे बनाई जाती है ?
(क) टिन
(ख) ऐल्युमीनियम
(ग) लैड
(घ) तांबा।
उत्तर-
(क) टिन।

(ix) स्विच ऑन करने पर दिशा सूचक सुई के विक्षेपण का क्या कारण है ?
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव 8
(क) ऊष्मा के कारण
(ख) चुम्बकीय क्षेत्र का बनना
(ग) रासायनिक क्रिया होना ।
(घ) इनमें से कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ख) चुम्बकीय क्षेत्र का बनना।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में कथनों में से सही तथा ग़लत कथन बताइए-

(i) विद्युत चुंबक पिन को आकर्षित करता है जब विद्युत धारा का प्रवाह रोका जाता है।
उत्तर-
ग़लत

(ii) विद्युत चुंबक की शक्ति कुंडली जो इसके इर्द-गिर्द लपेटी गयी है, के लपेटों की संख्या पर निर्भर नहीं करती है।
उत्तर-
ग़लत

(iii) विद्युत सर्कट में विद्युत धारा के प्रवाह की दिशा धन टर्मिनल से ऋण टर्मिनल की ओर होता है।
उत्तर-
सही

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव

(iv) बैटरी बनाने के लिए दो या दो से अधिक सैलों को क्रमबद्ध करना होता है जिसमें पहले सैल का ऋण टर्मिनल दूसरे सैल के धन टर्मिनल तथा दूसरे सैल का ऋण टर्मिनल तीसरे सैल से जोड़ना होता है।
उत्तर-
सही

(v) चुंबक के एक समान ध्रुव एक-दूसरे को आकर्षित तथा विसरित ध्रुव प्रतिकर्षित करते हैं।
उत्तर-
ग़लत

(vi) दो सैलों को बैटरी बनाने के लिए एक सैल के ऋण टर्मिनल को दूसरे सैल के ऋण टर्मिनल से संयोजित करते हैं।
उत्तर-
ग़लत।

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
टार्च में विद्युत धारा का स्रोत क्या है?
उत्तर-
विद्युत सेल।

प्रश्न 2.
विद्युत सेल में कितने टर्मिनल होते हैं?
उत्तर-
दो-

  1. धन टर्मिनल (+) और
  2. ऋण टर्मिनल (-)।

प्रश्न 8.
क्या विद्युत चुंबक का उपयोग किसी कचरे के ढेर से प्लास्टिक को पृथक् करने के लिए किया जा सकता है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
नहीं! विद्युत चुंबक केवल चुंबकीय पदार्थों को आकर्षित करते हैं और प्लास्टिक चुंबकीय पदार्थ नहीं होता। यदि इसमें लोहे के टुकड़े या लोहे की हैंडल (हत्थियाँ) लगी हो तो यह आसानी से विद्युत चुंबक पृथक् किए जा सकते हैं।

प्रश्न 9.
यदि चित्र में दर्शाए गए विद्युत परिपथ में स्विच को ‘ऑफ’ किया जाए, तो क्या चुंबकीय सुई विक्षेप दर्शाएगी?
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव 9
उत्तर-
‘ऑफ’ स्थिति में कोई विद्युत धारा नहीं बह रही होगी। इसलिए कोई चुंबकीय प्रभाव नहीं होगा। अत: चुम्बकीय सूई विक्षेपित नहीं होगी।

प्रश्न 10.
जुबैदा ने चित्र में दर्शाए अनुसार एक सेल होल्डर बनाया तथा इसे एक स्विच और एक बल्ब से जोड़कर कोई विद्युत परिपथ बनाया। जब उसने स्विच को ‘ऑन’ की स्थिति में किया, तो बल्ब दीप्त नहीं हुआ। परिपथ में संभावित दोष को पहचानने में जुबैदा की सहायता कीजिए।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव 10
उत्तर-

  1. जुबेदा ने धन (+ve) टर्मिनल को दूसरे धन (+ve) टर्मिनल से जोड़ दिया होगा या (-ve) ऋण टर्मिनल को (-ve) टर्मिनल से जोड़ा होगा।
  2. तारों के जोड़ ढीले हो सकते हैं।
  3. बल्ब फ्यूज हो सकता है।

प्रश्न 11.
चित्र में चार सेल दिखाए गए हैं। रेखाएँ खींचकर यह निर्दिष्ट कीजिए कि चार सेलों के टर्मिनलों को तारों द्वारा संयोजित करके आप बैटरी कैसे बनाएँगे?
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव 11
उत्तर-
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव 12

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव

प्रश्न 12.
चित्र में दर्शाए गए परिपथ में बल्ब दीप्त नहीं हो पा रहा है। क्या आप इसका कारण पता लगा सकते हैं ? परिपथ में आवश्यक परिवर्तन करके बल्ब को प्रदीप्त कीजिए।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव 13
उत्तर-
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव 14

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.

विद्युत चुंबक क्या होता है ? यह कैसे तैयार किया जा सकता है ? इसकी प्रबलता को प्रभावित करने वाले कारण क्या है ? विद्युत चुंबक के उपयोग भी लिखें।
उत्तर-
विद्युत चुंबक – एक लोहे के टुकड़े पर एनेमल लोपित तांबे की तार की लपेटी गयी कुंडली में से विद्युत धारा प्रवाहित करने पर यह लोहे का टुकड़ा अस्थायी रूप से चुंबक बन जाता है। ऐसे चुंबक को विद्युत चुंबक कहते हैं।

विद्युत चुंबक बनाना – एक लगभग 6-10 सैंटीमीटर लम्बी लोहे की कील लो तथा इस पर 50 सैंटीमीटर लम्बी बिजली की प्लास्टिक से ढकी हुई तार लो। तार को कुंडली रूप में कील पर लपेटो। तार के स्वतन्त्र छोरों को स्विच से होते हुए विद्युत सैल के टर्मिनल से जोड़ों जैसा चित्र में दर्शाया गया है।

स्विच को ‘ऑन’ करके कुछ पिनों को कील के छोर के निकट लाओ। आप देखोगे कि पिन कील की ओर खिंची जाती है, क्योंकि विद्युत धारा प्रवाहित होने से कुंडली चुंबक की तरह व्यवहार करती है। लोहे की कील इस चुंबकीय क्षेत्र में पड़ी होने के कारण चुंबक बन जाती है। विद्युत धारा का प्रवाह खत्म होने पर कुंडली तथा फिर कील का चुंबकीय प्रभाव खत्म हो जाता है। यह कुंडलीनुमा लोहा विद्युत चुंबक बन जाता है।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव 15

विद्युत चुंबकता की प्रबलता को प्रभावित करने वाले कारक-

  1. बिजली की शक्ति।
  2. कुंडली के लपेटों (वलयों) की संख्या।

विद्युत चुंबकों के उपयोग-

  1. यह बहुत भार उठाने के लिए क्रेनों के एक छोर पर प्रबल विद्युत चुंबक लगा के कबाड़ में से चुंबकीय पदार्थों को अलग किया जाता है।
  2. कई खिलौनों में भी विद्युत चुंबकों का प्रयोग किया जाता है।
  3. डॉकटर दुर्घटना के समय किसी व्यक्ति की आंख में पड़े चुंबकीय पदार्थ के छोटे टुकड़े को बाहर निकालने के लिए विद्युत चुंबक का प्रयोग करते हैं।
  4. उपकरणों जैसे विद्युत घंटी, टैलीग्राफ, टैलीफोन में भी इसका प्रयोग किया जाता है।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय

Punjab State Board PSEB 7th Class Science Book Solutions Chapter 13 गति तथा समय Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Science Chapter 13 गति तथा समय

PSEB 7th Class Science Guide गति तथा समय Textbook Questions and Answers

1. खाली स्थान भरें :-

(i) किसी वस्तु की सीधी रेखा में गति को ……………………. .
उत्तर-
सरल रेखी

(ii) एक घड़ी का प्रयोग ……………………. मापने के लिए किया जाता है।
उत्तर-
समय

(iii) एक समान गति के लिए तय की गयी दूरी तथा लगे समय में बनाया गया ग्राफ एक ……………………… रेखा है।
उत्तर-
सीधी

(iv) एक साधारण पेंडुलम की गति को …………………… गति कहते हैं।
उत्तर-
दोलन।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय

2. निम्नलिखित के लिए ठीक या गलत लिखें :-

(i) प्रति इकाई समय में तय की गई दूरी को गति कहते हैं।
उत्तर-
ठीक

(ii) गति की S.I. इकाई Km/s है।
उत्तर-
ग़लत

(iii) पेंडुलम द्वारा एक दोलन के लिए लगाए गए समय को इसका आवर्तकाल कहते हैं।
उत्तर-
ठीक

(iv) चलते हुए वाहनों की गति मापने के लिए प्रयोग किए जाने वाले यंत्र को स्पीडोमीटर कहते हैं।
उत्तर-
ठीक।

3. कॉलमों का मिलान करें :-
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 1
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 2
उत्तर-
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 3

4. बहु वैकल्पिक उत्तरों वाले प्रश्न :-

प्रश्न (i)
निम्नलिखित में से कौन दूरी-समय ग्राफ वस्तु की विराम अवस्था को दर्शाता है ?
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 4
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 5
उत्तर-
(क) विराम अवस्था में दूरी-समय ग्राफ X-अक्ष (समय अक्ष) के समानांतर एक सीधी रेखा होती है।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय

प्रश्न (ii)
निम्नलिखित में कौन-सा समीकरण गति पता करने के लिए ठीक संबंध दर्शाता है ?
(क) गति = दूरी × समय ।
(ख) गति = दूरी/समय
(ग) गति = समय/दूरी ।
(घ) गति = 1/दूरी × समय
उत्तर-
(ख) चाल = दूरी/समय।

प्रश्न (iii)
यह ………………………. गति की उदाहरण है।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 6
(क) सरल रेखीय गति
(ख) दोलन गति
(ग) आवर्ती गति
(घ) चक्राकार गति।
उत्तर-
(ग) आवर्ती गति।

प्रश्न (iv)
एक कार 40 किमी/घंटा की गति के साथ 15 मिनट के लिए चलती है तथा अगले 15 मिनट के लिए इसकी गति 60 किमी/घंटा हो जाती है । कार द्वारा तय की गई कुल दूरी पता करो ।
(क) 100 किमी
(ख) 25 किमी
(ग) 15 किमी
(घ) 10 किमी
उत्तर-
(ख) 25 किमी

5. अति लघूत्तर प्रश्न :-

प्रश्न (i)
गति की परिभाषा लिखें । इसकी S.I. इकाई क्या है ?
उत्तर-
गति – इकाई समय में तय की गई दूरी को उस वस्तु की गति कहते हैं।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 7
इकाई – गति को मापने की S.I. इकाई मीटर/सैकण्ड (m/s) है।

प्रश्न (ii)
पुराने समय में लोग समय मापने के लिए किन उपकरणों का प्रयोग करते थे ?
उत्तर-
पुराने (प्राचीन) समय में लोग प्राकृतिक घटनाओं द्वारा समय का माप करते थे। समय बीतने में समय मापने के लिए कुछ उपकरणों की खोज की गयी। उनमें से कुछ निम्नलिखित हैं-

  1. सूर्य घड़ी – सूरज की स्थिति में परिवर्तन के कारण परछायीं की स्थिति में परिवर्तन को सूर्य घड़ी द्वारा मापा जाता
  2. रेत घड़ी – इस घड़ी में रेत को एक बल्ब से दूसरे बल्ब में एक घंटे बहने का समय मापने के लिए प्रयोग किया जाता है।
  3. जल घड़ी – एक बर्तन से दूसरे बर्तन में खास समय में जल के बहने की समय मापने के लिए प्रयुक्त किया जाता था।
  4. पेंडुलम – साधारण पेंडुलम प्रत्येक दोलन के लिए बराबर समय लेता है। इस काल को आवर्तकाल कहते हैं।

प्रश्न (iii)
इनका माप पता करने के लिए प्रयोग किए जाने वाले उपकरणों के नाम लिखें।
(क) चलते हुए वाहनों की गति।
(ख) वाहनों द्वारा तय की गई दूरी।
उत्तर-
(क) चलते वाहन की चाल मापने के लिए उपकरण – स्पीडोमीटर।
(ख) वाहनों द्वारा तय की गई दूरी – ओडोमीटर।

प्रश्न (iv)
ग्राफ क्या होता है ? इसकी किस्मों के नाम लिखें।
उत्तर-
ग्राफ – ग्राफ एक मात्रा की दूसरी मात्रा से तुलना को चित्र रूप में दर्शाता है। एक मात्रा को बदलने से दूसरी मात्रा अपने आप बदल जाती है।

ग्राफ की किस्में/प्रकार-ग्राफ की कई किस्में हैं-

  1. रेखीय ग्राफ
  2. छड़ ग्राफ
  3. पाई चार्ट या चक्कर ग्राफ।

6. लघूत्तर प्रश्न :-

प्रश्न (i)
मंद तथा तेज़ गति में अंतर बताएं। इनके उदाहरण दें।
उत्तर-
मंद गति – यदि कोई वस्तु थोड़ी दूरी तय करने में बहुत लम्बा समय लगाती है तो उसकी गति मंद गति होती है।
उदाहरण – कछुआ तथा घोंघा की गति।
तेज़ गति – यदि कोई वस्तु उसी दूरी को तय करने में कम समय लगाती है तो उसकी गति तेज़ होती है।
उदाहरण – रेसिंग कार तथा चीते की गति।

प्रश्न (ii)
एक समान तथा असमान गतियों में अंतर बताएं। इनके उदाहरण दें।
उत्तर-
समान गति – यदि कोई वस्तु समान समय में समान दूरी तय करती है भले ही कालांतर कितना भी छोटा क्यों न हो, तो उस वस्तु की गति समान गति कहलाती है।

उदाहरण – मान लो एक बस 10 km की दूरी पहले 15 मिनट में तय करती है तथा अगले 15 मिनटों में 10 km की दूरी, फिर इससे अगले 15 मिनटों में भी 10 km की दूरी तय करती है, तो उस बस की गति समान गति होगी।

असमान गति – यदि कोई वस्तु समान समय में समान दूरी न तय करे तो उस वस्तु की गति असमान गति कहलाती है।

उदाहरण – मान लो एक कार सीधी सड़क पर 10 मिनटों में 25 km की दूरी तय करती है तथा अगले 10 मिनटों में 30 km तथा इससे अगले 10 मिनटों में 20 km की दूरी तय करती है, तो उस कार की गति असमान गति होगी।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय

प्रश्न (iii)
अजय अपने घर से 600 मीटर दूर अपने स्कूल जाता है। यदि उसे अपने घर से पैदल स्कूल तक जाने के लिए 5 मिनट लगते हैं, तो उसकी गति मीटर/सैकण्ड में पता करें।
हल :
अजय के स्कूल की घर से दूरी = 600 मीटर
स्कूल से घर की दूरी तय करने में लगा समय = 5 मिनट
= 300 सैकण्ड
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 8
= 2 मी०/सैं०

प्रश्न (iv)
दो स्टेशनों के बीच 216 किलोमीटर की दूरी है। 20 मीटर/सेकंड की गति के साथ चल रही एक रेलगाड़ी कितने घंटे में एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक पहुंचेगी ?
हल :
दो स्टेशनों के बीच दूरी = 216 किलोमीटर
रेलगाड़ी की चाल = 20 मी०/सैं०
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 9
= 3 घण्टे उत्तर

प्रश्न (v)
एक साधारण पेंडुलम 20 सैकंड में 50 दोलनें पूरी करता है । इसका आवर्तकाल पता करें ।
हल :
साधारण पेंडुलम के दोलनों की संख्या = 50
50 दोलनों को पूरा करने में लगा समय = 20 सैकण्ड
पेंडुलम का आवर्तकाल = ?
हम जानते हैं कि आवर्तकाल = 1 दोलन को लगा समय
\(\frac{20}{50}\)
= \(\frac{2}{5}\) सैकण्ड
= 0.4 सैकण्ड उत्तर

7. निबंधात्मक प्रश्न :-

प्रश्न (i)
एक साधारण पेंडुलम का आवर्तकाल पता करने की विधि लिखें।
उत्तर-
विधि-चित्र में दिखाए अनुसार लगभग 1 मीटर लम्बें धागे से एक धातु के गोले को बांधकर साधारण पेंडुलम बनाओ। यदि आस-पास कोई पंखा चल रहा हो तो उसे बंद कर दो। जब पेंडुलम को मध्य स्थिति पर विराम अवस्था में आने दो। मध्य स्थिति को फर्श पर चाक से अंकित करो। पेंडुलम का आवर्तकाल मापने के लिए एक विराम घड़ी या मोबाइल ले लो। गोले को एक तरफ ले जाओ। ध्यान रहे कि धागा खींचा होना चाहिए। अब गोले को धीरे से छोड़ दो। जब गोल अंतिम स्थिति पर हो तो विराम घड़ी शुरू कर दो। दोलनों की गिनती करो। पेंडुलम द्वारा 20 दोलनों को पूरा करने के लिए लिया गया समय नोट करो। अपने निरीक्षण को दी हुई सारणी में लिखो। 20 दोलनों के लिए लगे समय को दोलनों की गिनती (20) से भाग करो ताकि जो एक दोलन में लगे समय का पता चल सके। पेंडुलम द्वारा एक दोलन के लिए लगे समय को इसका आवर्तकाल कहते हैं।
इस क्रिया को 3-4 बार दोहराओ तथा नीचे दी गई सारणी में नोट करो ।
निरीक्षण

क्रम संख्या 20 दोलनों के लिए लगा समय आवर्तकाल
1.
2.
3.

आप देखोगे कि हर बार आवर्तकाल का माप लगभग एक समान होगा।

प्रश्न (ii)
एक कार पहले घंटे में 60 किलोमीटर, दूसरे घंटे में 75 किलोमीटर, तीसरे घंटे में 55 किलोमीटर तथा चौथे घंटे में 50 किलोमीटर दूरी तय करती है। कार की गति के लिए दूरी-समय ग्राफ बनाएं।
(क) पूरे सफर के लिए कार की गति पता करें ।
(ख) पहले घंटे से तीसरे घंटे के बीच कार की गति पता करें ।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 10

हल :
(क) पूरे सफर में तय की गई दूरी = 60 कि०मी० + 75 कि०मी० + 55 कि०मी०
+ 50 कि०मी०
= 240 कि०मी०
कुल लगा समय = 4 घण्टे
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 11
= 60 कि०मी०/घण्टा उत्तर

(ख) पहले घण्टे से लेकर तीसरे घण्टे तक तय की गयी दूरी
= 75 कि०मी० + 55 कि०मी०
= 130 मि०मी०
समय = 2 घण्टे
पहले घण्टे से तीसरे घण्टे तक कार की चाल = PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 12
= 65 कि०मी०/घण्टा उत्तर

प्रश्न (ii)
चित्र में दो वाहनों A तथा B की गति के लिए दूरी-समय ग्राफ दिया गया है। दोनों में से किसकी चाल अधिक है।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 13
उत्तर-
दोनों वाहनों के दूरी – समय ग्राफ के अध्ययन से यह पता चलता है कि वाहन A की दूरी तथा समय के ग्राफ का अनुपात वाहन B की तुलना में अधिक है, इसलिए A वाहन की चाल वाहन B के मुकाबले अधिक है।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय

Science Guide for Class 7 PSEB गति तथा समय Intext Questions and Answers

सोचें तथा उत्तर दें:-(पेज 157)

प्रश्न 1.
साधारण पेंडुलम क्या है ?
उत्तर-
साधारण पेंडुलम – एक धागे से बाँधकर किसी स्थिर बिंदु से लटकाए गए भारी पुंज (धातु के गोले) को साधारण पेंडुलम कहते हैं।

प्रश्न 2.
साधारण पेंडुलम की इधर-उधर की गति को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
साधारण पेंडुलम की इधर-उधर की गति को दोलन गति कहते हैं।

प्रश्न 3.
पेंडुलम की एक दोलन के लिए लगे समय को इसका ……………….. कहते हैं।
उत्तर-
आवर्तकाल।

प्रश्न 4.
प्रति इकाई समय में किए गए दोलनों की संख्या को ………………………. कहते हैं।
उत्तर-
आवृत्ति।

सोचें तथा उत्तर दें :-(पेज 158)

प्रश्न 1.
हम विराम घड़ी के साथ क्या मापते हैं ?
उत्तर-
छोटे समय अंतराल को मापने के लिए विराम घडी प्रयोग की जाती है।

प्रश्न 2.
दूरी को मापने की इकाई क्या है ?
उत्तर-
मीटर ।

PSEB Solutions for Class 7 Science गति तथा समय Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(i) किसी वस्तु द्वारा इकाई समय में तय की गई दूरी को ………………….. कहते हैं।
उत्तर-
चाल

(ii) पेंडुलम द्वारा एक दोलन के लिए लगे समय को इसका ………………….. कहते हैं।
उत्तर-
आवर्त काल

(iii) वाहनों द्वारा तय की गई दूरी मापने के लिए प्रयोग होने वाले यंत्र को …………………. कहते हैं।
उत्तर-
ओडोमीटर

(iv) चलते हुए वाहनों की चाल मापने वाले यंत्र को ………………….. कहते हैं।
उत्तर-
स्पीडोमीटर

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय

(v) एक समान गति के लिए तय की गई दूरी तथा लगे समय में बनाया गया ग्राफ
उत्तर-
सीधी रेखा।

प्रश्न 2.
कॉलम A में दिए शब्दों को कॉलम B में दिए गए चित्रों से मिलाइए चित्रों-
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 14
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 15
उत्तर-
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 16
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 17
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 18

प्रश्न 3.
सही विकल्प चुनें-

(i) समय का मूल मात्रक है-
(क) मिनट
(ख) घंटा
(ग) सैकण्ड
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) सैकण्ड।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय

(ii) रेलगाड़ी की चाल व्यक्त की जाती है-
(क) m/h
(ख) km/h
(ग) cm/h
(घ) mm/h.
उत्तर-
(ख) km/h

(iii) चाल का S.I. मात्रक है-
(क) m/s
(ख) km/s
(ग) cm/s
(घ) mm/s.
उत्तर-
(क) m/s.

(iv) निम्न में से कौन-सा संबंध सही है ?
(क) चाल = दूरी × समय
(ख) चाल = PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 19
(ग) चाल = PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 20
(घ) इनमें से कोई नहीं।
दूरी
उत्तर-
(ख) चाल = PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 19

(v) गति जो एक समानांतर समय के बाद अपने आप को दोहराती है-
(क) दोलन गति
(ख) आवर्ती गति
(ग) आवर्त गति
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) आवर्ती गति।

(vi) तय की गई दूरी को मापने वाली युक्ति है-
(क) चाल मापी
(ख) ओडोमीटर (पथमापी)
(ग) लोलक
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) ओडोमीटर (पथमापी)।

(vii) सरल लोलक द्वारा एक दोलन पूरा करने में लगा समय-
(क) आवर्तकाल
(ख) दोलन गति
(ग) समय-चाल
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) आवर्तकाल।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय

(vii) नीचे दिखाए दूरी-समय ग्राफ़ों में से कौन-सा वस्तु की विराम अवस्था को दर्शाता है ?
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 21
(क) a
(ख) b
(ग) c
(घ) कोई नहीं ।
उत्तर-
(क) a.

(ix) निम्नलिखित में कौन-सा संबंध सही है ?
(क) चाल = दूरी × समय
(ख) चाल = PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 22
(ग) चाल = PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 23
(घ) चाल = PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 24
उत्तर-
(ख) चाल = PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 22

(x) चाल का मूल मात्रक है-
(क) km/min
(ख) m/min
(ग) km/h
(घ) m/s
उत्तर-
(घ) m/s.

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में कौन-सा कथन सही नहीं है ?

(क) समय का मूल मात्रक सेकंड है।
उत्तर-
सही

(ख) प्रत्येक वस्तु नियत चाल से गति करती है।
उत्तर-
गलत

(ग) दो शहरों के बीच की दूरियां किलोमीटर में मापी जाती हैं।
उत्तर-
सही

(घ) किसी दिए गए लोलक का आवर्तकाल नियत नहीं होता।
उत्तर-
गलत

(ङ) रेलगाड़ी की चाल-m/h में व्यक्त की जाती है।
उत्तर-
गलत।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
दूरी को तय करने की दर को क्या कहते हैं गति या चाल ?
उत्तर-
चाल।

प्रश्न 2.
विस्थापन की दर को क्या कहते हैं-गति या चाल ?
उत्तर-
गति।

प्रश्न 3.
औसत चाल का सूत्र क्या है ?
उत्तर-
औसत चाल = PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 25

प्रश्न 4.
दो प्रकार की गतियों के नाम लिखें।
उत्तर-

  1. एक समान गति और
  2. असमान गति।

प्रश्न 5.
घड़ियों की चाल किस गति पर निर्भर करती है ?
उत्तर-
दोलन गति पर।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय

प्रश्न 6.
काल अंतराल के मापन के लिए कौन-सा यंत्र उपयोग किया जाता है ?
उत्तर-
घड़ियां।

प्रश्न 7.
लोलक के धातु के गोले को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
गोलक।

प्रश्न 8.
साधारण या सरल लोलक कौन-सी गति दर्शाता है ?
उत्तर-
आवर्ती (किसी बिंदु के इर्द-गिर्द की गति)।

प्रश्न 9.
समय का मात्रक क्या है ?
उत्तर-
सैकण्ड।

प्रश्न 10.
समय के बड़े मात्रक क्या हैं ?
उत्तर-
मिनट और घंटे।

प्रश्न 11.
ओडोमीटर (पथमापी) क्या है ?
उत्तर-
ओडोमीटर – ओडोमीटर एक ऐसी युक्ति है, जो वाहन द्वारा तय की गई दूरी को मापती है।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय

प्रश्न 12.
चालमापी का क्या काम है ?
उत्तर-
यह चाल को km/h में मापती है।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
दोलन घड़ियों से पहले समय अंतराल का मापन क्या था ?
उत्तर-

  1. धूप घड़ी
  2. जल घड़ी
  3. रेत घड़ी।

प्रश्न 2.
ग्राफ़ खींचने के लिए पैमाने के चयन समय किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है ?
उत्तर-
ग्राफ़ खींचने के लिए पैमाने के चयन करते समय ध्यान देने योग्य बातें

  1. प्रत्येक राशि के अधिकतम और न्यूनतम मान के बीच अंतर।
  2. प्रत्येक राशि के मध्यवर्ती मान का अनुमान होना।
  3. ग्राफ़ पेपर के अधिकतम भाग का उपयोग करना।

प्रश्न 3.
सरल लोलक क्या है ?
उत्तर-
सरल लोलक – यह धातु के छोटे गोले अथवा पत्थर के टुकड़े को किसी दृढ़ स्टैंड से धागे द्वारा निलंबित करके बनाया जाता है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित गतियों का वर्गीकरण सरल रेखा के अनुदिश, वर्तुल तथा दोलन गति में कीजिए-
(क) दौड़ते समय आपके हाथों की गति
(ख) सीधी सड़क पर गाड़ी को खींचते घोड़े की गति
(ग) ‘मैरी गो राउंड’ झूले में बच्चे की गति।
(घ) ‘सी-सॉ’ झूले पर बच्चे की गति
(च) विद्युत घंटी के हथौड़े की गति
(छ) सीधे पुल पर रेलगाड़ी की गति।
उत्तर-
(क) दोलन गति
(ख) सरल रेखा के अनुदिश
(ग) वर्तुल गति
(घ) दोलन गति
(च) दोलन गति
(छ) सरल रेखा के अनुदिश।

प्रश्न 5.
कोई सरल लोलक 20 दोलन पूरे करने में 32s लेता है। लोलक का आवर्तकाल क्या है ?
हल :
दोलनों की संख्या = 20
दोलनों को पूरा करने में लगा समय = 32s
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 26
(लोलक को एक दोलन पूरा करने में लगा समय)
= \(\frac{32}{20}\)
= 1.6s

प्रश्न 6.
दो स्टेशनों के बीच की दूरी 200 km है। कोई रेलगाड़ी इस दूरी को तय करने में 4 घंटे लेती है। रेलगाड़ी की चाल परिकलित कीजिए।
हल :
दो स्टेशनों के बीच की दूरी (s) = 200 Km
दूरी तय करने में लगा समय (t) = 4 h
∴ चाल = \(\frac{S}{t}\)
= \(\frac{200}{4}\)
= 50 km/h.

प्रश्न 7.
सलमा अपने घर से साइकिल पर विद्यालय पहुँचने में 15 मिनट लेती है। यदि साइकिल की चाल 2 m/s है, तो घर से विद्यालय की दूरी परिकलित कीजिए।
हल-
लगा समय = 15 मिनट
= 15 × 60 = 900 सैकण्ड
साइकि की चाल = 2 m/s
तय की गई दूरी = चाल × समय
= 2 × 900
= 1800 मीटर
= \(\frac{1800}{1000}\) कि०मी०
= 1.8 कि० मी० उत्तर

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
परिभाषित करें-
(i) आवर्ती गति
(ii) दोलन गति
(ii) दोलन
(iv) आवर्त काल ।
उत्तर-
(i) आवर्ती गति – वह गति जो एक समान समय अंतराल के बाद अपने आपको दोहराती है, आवर्ती गति कहलाती है।

(ii) दोलन गति – किसी स्थिर बिंदु के इधर-उधर वस्तु की बार-बार दोहराई जाने वाली गति, दोलन गति कहलाती है।

(iii) दोलन – वस्तु का बार-बार इधर-उधर गति करना दोलन कहलाता है। जब पत्थर एक छोर से दूसरे छोर तक जाकर वापस पहले छोर तक पहुँचता है तो दोलन पूरा होता है।

(iv) आवर्त काल – सरल लोलक द्वारा एक दोलन को पूरा करने में लगा समय सरल लोलक का आवर्त काल कहलाता है।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 13 गति तथा समय 27

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 12 पौधों में प्रजनन

Punjab State Board PSEB 7th Class Science Book Solutions Chapter 12 पौधों में प्रजनन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Science Chapter 12 पौधों में प्रजनन

PSEB 7th Class Science Guide पौधों में प्रजनन Textbook Questions and Answers

1. खाली स्थान भरें :-

(i) परागकोष तथा तंतु मिलकर फूल का ……………………. बनाते हैं।
उत्तर-
पुंकेसर

(ii) …………………. प्रजनन में बीज बनते हैं।
उत्तर-
द्विलिंगी

(iii) जिस फूल में हरी पत्तियाँ, पंखुड़ियाँ, पुंकेसर तथा स्त्रीकेसर के घेरे हों, उस फूल को ……………….. फूल कहते हैं।
उत्तर-
द्विलिंगी

(iv) …………. अलैंगिक प्रजनन की एक विधि है।
उत्तर-
कायिक प्रजनन।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 12 पौधों में प्रजनन

2. निम्नलिखित में ठीक या गलत लिखें :-

(i) खमीर में लैंगिक तथा अलैंगिक ढंगों से प्रजनन होता है।
उत्तर-
गलत

(ii) परागकण फूल के नर युग्मक होते हैं।
उत्तर-
ठीक

(iii) अदरक एक तना है जिसमें गाँठे तथा पोरियाँ या अंतरगाँठे होती हैं।
उत्तर-
ठीक

(iv) कलमें लगाना तथा प्योंद चढ़ाना, प्रजनन के प्राकृतिक ढंग हैं।
उत्तर-
गलत

3. उपयुक्त/उचित विकल्पों का मिलान करें :-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) शकरकंदी (क) सूक्ष्म प्रजनन
(ii) आलू (ख) पत्थर चट्ट
(iii) पत्तों की मुकुलन द्वारा कायिक प्रजनन (ग) कृत्रिम प्रजनन
(iv) प्योंद चढ़ाना (घ) खमीर
(v) टिशु कल्चर (ङ) स्पाइरोगायरा
(vi) मुकुलन (च) रेशेदार जड़ें
(vii) खंडन विखंडन (छ) पौधा गाँठ

उत्तर-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) शकरकंदी (च) रेशेदार जड़ें
(ii) आलू (छ) पौधा गाँठ
(iii) पत्तों की मुकुलन द्वारा कायिक प्रजनन (ख) पत्थर चट्ट
(iv) प्योंद चढ़ाना (ग) कृत्रिम प्रजनन
(v) टिशु कल्चर (क) सूक्ष्म प्रजनन
(vi) मुकुलन (घ) खमीर
(vii) खंडन विखंडन (ङ) स्पाइरोगायरा

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 12 पौधों में प्रजनन

4. अति लघूतर प्रश्न :-

प्रश्न (i)
प्रजनन के उस ढंग को क्या कहते हैं जिसमें केवल एक जनक से नये पौधे पैदा होते हैं ?
उत्तर-
कायिक प्रजनन – कलमें लगाना, दाब लगाना, टिशु कल्चर बनावटी ।

प्रश्न (ii)
फूल का कौन-सा भाग फल बनता है ?
उत्तर-
निषेचन के पश्चात् अंडकोष फल बन जाता है।

प्रश्न (iii)
खमीर में प्रजनन कैसे होता है ?
उत्तर-
कायिक वृद्धि का खमीर में सबसे साधारण ढंग अलैंगिक प्रजनन है जहाँ जनक सैल पर एक छोटी कली बनती है। जनक सैल टूट कर डॉटर न्यूक्लियस बनाता है जो डॉटर सैल में चला जाता है।

प्रश्न (iv)
एक उदाहरण दें जहां हवा परागण में सहायता करती है।
उत्तर-
जब परागकोष पक कर तैयार हो जाते हैं तो ये फट जाते हैं तथा परागकण इनसे बाहर आ जाते हैं परागकण बहुत हल्के होते हैं। इसलिए जब हवा बहती है तो यह हवा के साथ उड़ जाने पर दूर तक चले जाते हैं। यह परागकण उसी पौधे के दो फूलों के या उसी प्रजाति के दूसरे फूल के स्त्री केसर की परागकण ग्राही तक पहुँचते हैं जिससे परागकण क्रिया होती है।

प्रश्न (v)
फूल के लैंगिक भागों के नाम लिखें। उत्तर-फूल के लैंगिक भाग-

  1. पुंकेसर,
  2. स्त्री केसर।

5. लघूत्तर प्रश्न :-

प्रश्न (i)
पौधों में लैंगिक प्रजनन के भिन्न-भिन्न ढंगों के नाम लिखें।
उत्तर-
पौधों में लैंगिक प्रजनन – अलिंगी प्रजनन ऐसी विधि है जिसमें नये पौधे उगाने के लिए बीजों की आवश्यकता नहीं होती। एक ही जनक से नया पौधा तैयार हो जाता है। लैंगिक प्रजनन निम्नलिखित तरीकों से होता है-

  1. दो-खण्डन विधि
  2. कलियों द्वारा
  3. विखण्डन
  4. बीजाणु द्वारा
  5. पुनर्जनन।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 12 पौधों में प्रजनन

प्रश्न (ii)
पौधों में कृत्रिम प्रजनन क्या है ?
उत्तर-
पौधों में कृत्रिम प्रजनन – लाभदायक पौधों की संख्या बढ़ाने के लिए कायिक प्रजनन के बनावटी ढंग को अपनाया जाता है। अलैंगिक प्रजनन की इन विधियों में न तो जनन अंग हिस्सा लेता है तथा न ही बीज पैदा होता है। इस बनावटी प्रजनन में जड़ों, तने, डालियों या पत्तों द्वारा नये पौधे होते हैं। कुछ बनावटी ढंग ये हैं-

  1. कलम लगाना (तने और जड़ों की कलम)
  2. दाब लगाना
  3. प्योंद
  4. टिशु कल्चर।

प्रश्न (iii)
टिशु कल्चर का सूक्ष्म प्रजनन क्या है ?
उत्तर-
टिशु कल्चर का सूक्ष्म प्रजनन – इस विधि में पौधे की टहनी के शिखर के नुकीले हिस्से में से टिशुओं का कुछ पुंज लिया जाता है क्योंकि इसमें तेजी से विभाजित हो रहे कम विकसित तथा अविभेदित सैल होते हैं। इस पुंज को जरूरी पोषकों तथा हार्मोन युक्त माध्यम में रखा जाता है। इस टिशु एक अविभेदित पुंज में विकसित हो जाता है। इन टिशुओं का कुछ भाग किसी माध्यम में उस समय तक रखा जाता है जब तक यह अंकुरित होने लगे। इन अंकुरों को गीली मिट्टी में उगाया जाता है। इस विधि को सूक्ष्म प्रसार भी कहते हैं।

प्रश्न (iv)
बीज प्रकीर्णन के लाभ लिखें।
उत्तर-
बीज प्रकीर्णन के लाभ-

  1. बीज प्रकीर्णन से पौधे अधिक क्षेत्रों में फैल जाते हैं।
  2. एक ही स्थान पर पौधों के घने होने की संभावना कम हो जाती है।
  3. पौधों की सही/उचित वृद्धि होती है तथा पौधों का आपस में सूर्य की रोशनी, पानी, खनिजों की प्राप्ति के लिए मुकाबला कम हो जाता है।

प्रश्न (v)
अंकुरित होना क्या है ? अंकुरित होने के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ कौन-सी हैं ?
उत्तर-
गीली मिट्टी पर पहुँच कर बीज पानी अवशोषित कर फूल जाते हैं। अब भ्रूण अंकुरित होना आरंभ कर देता है तथा इसका रैडीकल (जड़ अंकुर) मिट्टी के अंदर धंस जाता है तथा जड़ बनती है। तना अंकुर (प्लयूमर) ऊपर हवा की ओर बढ़ता है तथा पत्ते निकल आते हैं। यह छोटे पौधे का रूप है।

अंकुरित होने के लिए आवश्यक स्थितियाँ – सभी बीजों को अंकुरित होने के लिए पानी, ऑक्सीजन (हवा) और उचित तापमान को आवश्यकता होती है ! कुछ बीजों को प्रकाश की उचित मात्रा की भी आवश्यकता होती है। जब बीज को उचित स्थितियाँ मिलती हैं तो वह पानी तथा ऑक्सीजन को बाहरी परत से अंदर की ओर ले जाकर एंजाइम को क्रियाशील बनाता है तथा अंकुरित होता है तथा बीज की जड़ बनती है जो भूमि के नीचे से पानी प्राप्त करता है तथा इसका तना बनता है जो ऊपर हवा की ओर बढ़ता है तथा तने में पत्ते निकलते हैं जिससे सूर्य प्रकाश में भोजन बनाता है।

6. निबंधात्मक प्रश्न :-

प्रश्न (i)
उदाहरणों सहित अलैंगिक प्रजनन के भिन्न-भिन्न ढंगों का वर्णन करें।
उत्तर-
अलैंगिक प्रजनन के विभिन्न ढंग-
1. दो-खण्डन विधि – यह अलिंगी प्रजनन का आम ढंग है जिसमें एक जीव, दो जीवों में बंट जाता है। यह पौधे तथा कुछ एक कोशी जीवों जैसे फफूंदी, कुछ कायी में सामान्य होता है। प्रजनन की इस विधि में जीव दो समान भागों में बाँटा जाता है। न्यूक्लियस दो हिस्सों में बाँटा जाता है तथा दोनों भाग विकसित होकर दो नये | जनक जीव उत्पन्न करते हैं।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 12 पौधों में प्रजनन 1

2. कलियों (मुकुलन) द्वारा – ऐसा प्रजनन हाइड्रा में देखा जाता है। अलैंगिक प्रजनन कलियों या बड्ड द्वारा होता है। जनक पौधे लीव पर बल्ब जैसे आकार बनते हैं जिन्हें कली कहा जाता है, यह कली अपने आप को मुख्य पौधे से अलग करके एक नये पौधे में विकसित (स्वयं) होती है।
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3. विखंडन – यह छप्पड़, झीलों या अन्य रुके जल भंडारों में हरे धब्बों के रूप में काई दिखाई देती है। जब भरपूर मात्रा में पानी तथा पोषण उपलब्ध होता है तो विखण्डन की विधि द्वारा इनकी संख्या में वृद्धि होती है। इस विधि में काई दो या अधिक टुकड़ों में बंट जाती है। प्रत्येक टुकड़ा पूर्ण काई में विकसित हो जाता है। यह प्रक्रिया कई बार दुहराई जाती है।
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4. बीजाणु द्वारा – बीजाणु बहुत छोटे, गोल आकार की अलैंगिक प्रजनन की रचनाएँ होती हैं। बीजाणुओं की बाहरी परत सख्त होती है तथा यह हवा में लंबा समय रह सकते हैं। अनुकूल स्थितियों के दौरान, प्रत्येक बीजाणु अंकुरित होकर एक नये जीव के रूप में विकसित हो जाता है। डबल रोटी पर पैदा हुई फफूंदी राइजोपस, बीजाणुओं द्वारा अलैंगिक प्रजनन से पैदा होती है। मौस, फरन जैसे पौधे भी बीजाणुओं द्वारा पैदा होते हैं।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 12 पौधों में प्रजनन 4

5. पुनर्जनन – जीव किसी-न-किसी रूप में अपने टूटे-फूटे अंग की मुरम्मत तथा वृद्धि करता है। पुराने या मृत कोशिका के जगह नए कोशिका बनाते हैं। जीवों की अपने आप (स्वयं) को मुरम्मत करने तथा टूटे-फूटे अंग वापिस द्वारा पैदा करने की योग्यता को पुनर्जनन कहते हैं। पौधों में पुनर्जनन की क्षमता जंतुओं की तुलना में अधिक होती है।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 12 पौधों में प्रजनन

प्रश्न (ii)
उदाहरणों सहित उन ढंगों का वर्णन करें जिनके द्वारा पौधे कायिक प्रवर्धन के कृत्रिम ढंगों के द्वारा प्रजनन करते हैं।
उत्तर-
कायिक प्रवर्धन के कृत्रिम ढंग – मनुष्य ने लाभदायक पौधों की संख्या में अधिकता के लिए कायिक प्रजनन के कृत्रिम ढंग अपनाए हैं।
इनमें से कुछ ढंग निम्नलिखित हैं-
1. कलमें लगाना-(क) तने की कलमें लगाना – कलमें, तने या टहनी के गांठ वाले छोटे भाग होते हैं, जब इन्हें गीली मिट्टी में दबाया जाता है तो अनुकूल स्थितियों के दौरान इनमें जड़ें तथा पत्ते अंकुरित होते हैं तथा यह भिन्न पौधे के रूप में विकसित होते हैं। बोगनवेलिया, गन्ना, कैक्टस तथा गुलाब आदि कलमों द्वारा उगाये जाते हैं।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 12 पौधों में प्रजनन 5
(ख) जड़ों की कलमें (Root Cuttings) – नींबू, इमली जैसे पौधों की जड़ों के टुकड़ों को जब गीली मिट्टी में दबाया जाता है तो यह नये पौधों में विकसित हो जाती हैं।

2. दाब लगाना – पौधे की एक टहनी को मोड़ कर मिट्टी में दबाया जाता है। दबे हुए भाग में जड़ें विकसित हो जाती हैं तथा एक स्वतन्त्र पौधा तैयार हो जाता है क्योंकि इस टहनी का ऊपरी सिरा पहले ही हवा में होता है। इस प्रकार विकसित हुए पौधे को मूल पौधे से काट कर नयी जगह पर उगाया जाता है। जैसमीन, स्ट्राबेरी, बोगनवेलिया जैसे पौधे लेयरिंग या दाब द्वारा उगाये जाते
चित्र-दाब लगाना हैं।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 12 पौधों में प्रजनन 6

3. प्योंद – प्योंद दो भिन्न-भिन्न पौधों से तैयार की जाती है। एक पौधे के जड़ वाला हिस्सा तने सहित चुना जाता है जिसको (स्टॉक) कहते हैं, जबकि दूसरे पौधे (आवश्यक गुणों वाला) से तने वाला भाग लिया जाता है जिसे शाखा (scion) कहा जाता है। शाखा ऐसे पौधे की लगायी जाती है जिसके गुणों वाला पौधा आवश्यक होता है। मूल तथा शाखा दोनों को तिरछा काट कर आमने-सामने जोड़ा जाता है। फिर दोनों सिरों को कसकर बाँध दिया जाता है। बाँधे हुए हिस्से को किसी कपडे या पालीथीन से लपेट दिया जाता है।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 12 पौधों में प्रजनन 7

4. टिशु कल्चर – इस विधि में पौधे की टहनी के शिखर के नुकीले भाग में से टिशु का पुंज लिया जाता है क्योंकि इसमें तेजी से विभाजित हो रहे, कम विकसित तथा अविभेदित सैल होते हैं। टिशु के पुंज को ज़रूरी पोषकों तथा हार्मोन युक्त माध्यम में रखा जाता है, जब तक उनमें से अंकुर न निकल आए। इन छोटे पौधों को मिट्टी या गमले में गीली मिट्टी में उगाया जाता है। इस विधि को सूक्ष्म प्रसार भी कहते हैं।
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इस विधि द्वारा बहुत ही कम समय में बहुत सारे पौधे उगाये जा सकते हैं। इस तकनीक का प्रयोग बीमारी-रहित आरकिड (archids), कार्नेशन (Carnation), गलैडीओलस (Gladiolus), गुलदाउदी, आलू, गन्ना आदि के पौधों उगाने के लिए किया जाता है।

प्रश्न (iii)
परागण क्रिया क्या है ? दो तरह की परागण क्रिया कौन-सी है ? परागण के कारकों का उदाहरण सहित वर्णन करें।
उत्तर-
परागण (Pollination) – पके हुए परागकणों का परागकोष से परागकण-ग्राही तक स्थानांतरण, परागण क्रिया कहलाता है। परागकण हल्के होते हैं इसलिए यह हवा, पानी, कीटों या जंतुओं द्वारा दूर-दूर तक चले जाते हैं तथा उसे फूल के या दूसरे फूल के स्त्री केसर की परागकण ग्राही तक पहुँचते हैं। परागकणों का परागकोष से परागकण ग्राही तथा स्थनांतरण परागण क्रिया कहलाती है।

परागण की किस्में-परागण क्रिया निम्नलिखित दो प्रकार का होती हैं-

1. स्व:परागण – दो लैंगिक फूलों में परागकण, परागकोष में जब उसी फूल के स्त्री केसर की परागकण-ग्राही तक जाते हैं तो इस क्रिया को स्व:परागण कहते हैं, क्योंकि इनके जीन की रचना समान होती है। उदाहरण बैंगन, टमाटर, सरसों ।

2. पर-परागण-पर-परागण क्रिया में परागकण एक फूल के पुंकेसर (परागकोष) से किसी दूसरे फूल की परागकता-ग्राही (स्त्री केसर) तक जाते हैं। पर-परागण क्रिया एक ही पौधे के दो फूलों (पुष्पों) या उसी प्रजाति के दो पौधों के फूलों के मध्य होता है। पौधों में पर-परागण हवा, कीट, पानी तथा जन्तुओं द्वारा होता है।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 12 पौधों में प्रजनन 9

परागण के विभिन्न कारक-

1. वायु द्वारा परागण – कई पौधों में हवा द्वारा परागण होता है। तेज हवा चलने से किसी फूल के हल्के परागण दूसरे फूल के स्त्री केसर तक पहुँच जाते हैं। उदाहरण-गेहूँ, कपास, सूरजमुखी, ज्वार, करोंदा, चीड़, दो–फूल आदि।

2. कीट द्वारा परागण – फूलों के रंग तथा खुशबू के कारण कीट (तितली तथा भँवरे) फूलों की ओर खींचे आते हैं। इन फूलों पर स्त्री केसर साधारण रूप से चिपचिपे होते हैं। जब कीट इन फूलों पर आकर बैठते हैं तो उनके पैरों तथा पंखों में परागकण चिपक जाते हैं। जब यह कीट किसी दूसरे फूल पर बैठते हैं तो वहाँ स्त्री केसर पर परागकण छोड़ देते हैं। उदाहरण-अंजीर, आक, गूलर आदि।

3. पानी द्वारा परागण – पानी में उगने वाले पौधों के फूलों के परागकण पानी में बहते हुए दूसरे फूल को स्त्री केसर तक पहुंचाते हैं क्योंकि परागकणों की सघनता इतनी है कि वह पानी पर तैरते हैं तथा मादा फूल के संपर्क में आ सके। उदाहरण-कमल का फूल, जल-लिली, वेलसनेरिया आदि।

4. जन्तुओं द्वारा परागकण – कुछ पौधों में परागण पंछियों, चमगादड़ तथा घोघों की मदद द्वारा होता है। उदाहरण-यूरेना, अँबीयम सेमल, बिगोनीयम आदि।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 12 पौधों में प्रजनन

प्रश्न (iv)
निषेचन क्रिया का वर्णन करो।
उत्तर-
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 12 पौधों में प्रजनन 10
निषेचन क्रिया – परागकण-ग्राही पर पहुँचने के बाद परागकण में से एक छोटी-सी ट्यूब निकलती है, जिसे परागनली कहते हैं। यह स्त्री केसर की पराग वाहिनी या वर्तीकाग्र में से होते हुए अंडकोष तक पहुंचती है तथा फिर अंडाणु (Ovule) में दाखिल होती है। यहाँ नर तथा मादा युग्मक का मेल होता है। नर युग्मक तथा मादा युग्मक के सुमेल को निषेचन क्रिया कहते हैं।

निषेचन के बाद फल की पंखुड़ियां पुंकेसर, टाइल तथा स्टिगमा गिर जाते हैं बाहरी दल सूख जाता है तथा अंडकोश पर लगा रहता है। अंडकोश तेजी से वृद्धि करता है और इन में मौजूद सैल विभाजित होकर वृद्धि करते हैं तथा बीज का बनना शुरू हो जाता है। बीज में एक भ्रूण होता है। भ्रूण में एक छोटी जड़, (मूल जड़) एक प्रांकुर तथा बीज पत्र होते हैं। बीज पत्र में भोजन संचित रहता है। समय अनुसार बीज सख्त होकर सूख जाता है। यह बीज प्रतिकूल हालतों में जीवित रह सकता है। अंडकोश की दीवार भी सख्त हो सकती है और एक फली बन जाती है। निषेचन के बाद सारे अंडकोश को फल कहते हैं।

प्रश्न (v)
फल तथा बीज की प्रक्रिया के दौरान भिन्न-भिन्न पड़ावों का वर्णन करो।
उत्तर-
फल तथा बीज बनना-

  1. निषेचन के पश्चात् अंडकोष; फल में तथा अंडाणु; बीज में परिवर्तित हो जाते हैं । फूल के बाकी हिस्से मुरझा कर झड़ जाते हैं।
  2. बीज एक विकसित अंडाणु होता है जिससे भ्रूण तथा पोषण उपस्थित होता है। यह एक सुरक्षित परत से ढका होता है। इसे बीज का छिलका कहते हैं।
  3. फल गुद्देदार तथा रस से भरे हुए या फिर सूखे तथा सख्त हो सकते हैं। आम, सेब, संतरा, गुद्देदार तथा रस भरे फल होते हैं जबकि बादाम, अखरोट सूखे तथा सख्त फल होते हैं।

प्रश्न (vi)
प्रकीर्णन (बिखरना) क्या है ? उदाहरण सहित उन ढंगों का वर्णन करें जिनके द्वारा बीज प्रकीर्णित (बिखरते) हैं।
उत्तर-
प्रकीर्णन (बिखरना) – बीज का एक स्थान से दूसरे स्थान तक किसी साधन/कारक-हवा, पानी, कीट, पंछी, मनुष्यों तथा जन्तुओं द्वारा पहुँचना जिससे बीज का अस्तित्व कायम रहे, बीज़ का प्रकीर्णन कहलाता है।

बीज प्रकीर्णन (बिखरने) की विधियाँ-

  1. हवा द्वारा बिखराव
  2. पानी द्वारा प्रकीर्णन
  3. जन्तुओं द्वारा प्रकीर्णन
  4. मनुष्यों द्वारा प्रकीर्णन
  5. विस्फोटक प्रक्रिया द्वारा।

1. हवा द्वारा प्रकीर्णन – हवा से बिखरने वाले बीज हल्के तथा छोटे होते हैं। दोफल (Maple); करोंदा ड्रमस्टिकस के बीजों के पंख होते हैं। इसलिए यह हवा में उड़ कर दूर चले जाते हैं। घास के हल्के बीज, आक, कपास (Cotton) जैसे पौधों के बालों वाले बीज तथा सूरजमुखी के बालों वाले फल हवा में उड़ कर दूर चले जाते हैं।

2. पानी द्वारा प्रकीर्णन – जल लिली, कमल तथा नारियल के फल तथा बीज पानी में तैरते रहते हैं। पानी की लहरें इन्हें दूर ले जाती हैं।

Science Guide for Class 7 PSEB पौधों में प्रजनन Intext Questions and Answers

सोचें तथा उत्तर दें :-(पेज 144)

प्रश्न 1.
पुनर्जनन (Regeneration) विधि में क्या होता है ?
उत्तर-
पनर्जनन विधि – इस विधि में जीव (पौधे तथा जंत) अपने आप की मुरम्मत करते हैं या फिर टूटे फूटे अंगों को वापिस पैदा करते हैं। इस प्रकार वह अपने पुराने या मृत सेलों के स्थान पर नये सेल बनते हैं। पौधों में पुनर्जनन की क्षमता जंतुओं के मुकाबले में अधिक होती है।

प्रश्न 2.
दो-खण्डन विधि (Binary Fission) के द्वारा अलैंगिक प्रजनन करने वाले दो जीवों के नाम लिखो।
उत्तर-
दो-खण्डन विधि द्वारा अलैंगिक प्रजनन करने वाले जीव-

  1. काई,
  2. फफूंदी।

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PSEB Solutions for Class 7 Science पौधों में प्रजनन Important Questions and Answers

वस्तनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(i) जनक पादप के कायिक भागों से नए पादप के उत्पादन का प्रक्रम ……………….. कहलाता है।
उत्तर-
कायिक प्रवर्धन

(ii) ऐसे पुष्पों को, जिनमें केवल नर अथवा मादा जनन अंग होता है ……………….. पुष्प कहते हैं।
उत्तर-
एकलिंगी पुष्प

(iii) परागकणों का उसी अथवा उसी प्रकार के अन्य पुष्प के परागकोश से वर्तिकाग्र पर स्थानांतरण का प्रक्रम …………….. कहलाता है।
उत्तर-
स्वः परागण

(iv) नर और मादा युग्मकों का युग्मन ……………….. कहलाता है।
उत्तर-
निषेचन

(v) बीज प्रकीर्णन ………………………….. ,………………. के द्वारा होता है।
उत्तर-
जल, वायु, जंतु।

प्रश्न 2.
कॉलम ‘A’ में दिए गए शब्दों का कॉलम ‘B’ में दिए गए जीवों से मिलान कीजिए :-

का कॉलम ‘A’ कॉलम ‘B’
(क) कली/मुकुल (i) मैपिल
(ख) आँख (ii) स्पाइरोगाइरा
(ग) खंडन (iii) यीस्ट
(घ) पंख (iv) डबलरोटी की फफूंद
(च) बीजाणु (v) आलू

उत्तर-

का कॉलम ‘A’ कॉलम ‘B’
(क) कली/मुकुल (iii) यीस्ट
(ख) आँख (v) आलू
(ग) खंडन (ii) स्पाइरोगाइरा
(घ) पंख (i) मैपिल
(च) बीजाणु (iv) डबल रोटी की फफूंद।

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प्रश्न 3.
सही विकल्प चुनें-

(i) माता-पिता से संतान की उत्पत्ति को ………………… कहते हैं।
(क) परिवहन
(ख) उत्सर्जन
(ग) प्रजनन
(घ) श्वसन।
उत्तर-
(ग) प्रजनन।

(ii) निम्न में से कौन-सा पादप का कायिक अंग है ?
(क) तना
(ख) पत्ते
(ग) जड़
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

(iii) निम्न में से कौन-सा पादप का जनन अंग है ?
(क) जड़
(ख) फूल
(ग) पत्ता
(घ) तना।
उत्तर-
(ख) फूल।

(iv) नर तथा मादा युग्मकों के मेल को …………………….. कहते हैं।
(क) निषेचन
(ख) परागण
(ग) युग्मनज
(घ) प्रजनन।
उत्तर-
(क) निषेचन।

(v) एक कोशिकीय यीस्ट में जनन के लिए कौन-सी विधि अपनाई जाती है ?
(क) खंडन
(ख) मुकुलन
(ग) बीजाणु निर्माण
(घ) द्विखंडन।
उत्तर-
(ख) मुकुलन।

(vi) ब्रायोफिलम अपने ………………………… भाग द्वारा जनन करता है।
(क) पत्ती
(ख) जड़
(ग) तना
(घ) फल।
उत्तर-
(क) पत्ती।

(vii) गुलाब और गन्ने में कौन-सी कायिक विधि का उपयोग होता है ?
(क) खंडन
(ख) मुकुलन
(ग) द्विखंडन
(घ) कलम लगाना।
उत्तर-
(घ) कलम लगाना।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित कथनों में से ठीक/गलत बताएं-

(i) अलैंगिक प्रजनन, लैंगिक प्रजनन के मुकाबले बहुत आम हैं ?
उत्तर-
ग़लत

(ii) वैक्टीरिया तथा खमीर अलैंगिक प्रजनन विधि द्वारा प्रजनन करते हैं।
उत्तर-
ठीक

(iii) बहुत-से जीवों में पुनर्जनन की क्षमता किसी न किसी विधि द्वारा होती है।
उत्तर-
ग़लत

(iv) एक निषेचित अंग बीत बनता है।
उत्तर-
ठीक

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जनन क्या है ?
उत्तर-
जनन (Reproduction) – यह जोवों का एक गुण है जिसके द्वारा वे अपने जैसे जीव उत्पन्न कर सकते हैं।

प्रश्न 2.
जनन का क्या उद्देश्य है ?
उत्तर-
जनन का उद्देश्य :

  1. वंश को बढ़ावा
  2. प्रजातियों की उत्पत्ति ।

प्रश्न 3.
दो प्रकार की जनन विधियां.कौन-सी हैं ?
उत्तर-

  1. लैंगिक जनन
  2. अलैंगिक जनन।

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प्रश्न 4.
पादपों में विभिन्न कायिक प्रवर्धन विधियां कौन-सी हैं ?
उत्तर-

  1. कलम लगाकर
  2. कायिक कलिकाएं दबाकर
  3. मूल या जड़ से।

प्रश्न 5.
गुलाब और गन्ने में कौन-सी कायिक विधि का उपयोग होता है ?
उत्तर-
कलम लगाना।

प्रश्न 6.
स्पाइरोगायरा और मुकूर में कौन-सी कायिक विधि उपयोग होती है ?
उत्तर-
स्पाइरोगायरा-खंडन
मुकूर-बीजाणु उत्पत्ति।

प्रश्न 7.
बेगोनिया और पुदीना में अलैंगिक जनन कैसे होता है ?
उत्तर-
बेगोनिया – पत्ता मुकुलन
पुदीना – जड़ें (मूल)।

प्रश्न 8.
यीस्ट, स्पंज और हाइड्रा में अलैंगिक जनन कैसे होता है ?
उत्तर-
तीनों में मुकुलन विधि से जनन होता है।

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प्रश्न 9.
पत्थरचट्ट (Bryophyllum) का कौन-सा कायिक अंग जनन में सहायक है ?
उत्तर-
पत्ती।

प्रश्न 10.
एक-एक उदाहरण दीजिए-
कायिक जनन
(i) मूल से
(ii) तने से।
उत्तर-
(i) मूल से कायिक जनन-शक्करकंदी
(i) तने से कायिक जनन-आलू।

प्रश्न 11.
परागण क्या है ?
उत्तर-
परागण (Pollination) – परागकणों का वर्तिकाग्र पर स्थानांतरण परागण कहलाता है।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जनन क्या है ? यह कितनी प्रकार का है ?
उत्तर-
जनन (Reproduction) – सभी जीव जो इस धरती पर उत्पन्न हुए हैं उनके जीवन की विशेषताएं हैं जैसे जन्म वृद्धि, जनन, मृत्यु।

जनन की किस्में – यह एक ऐसा प्रक्रम है जिससे जाति पीढ़ी दर पीढ़ी वृद्धि करती है। पुराने और बूढ़े जीवों को जगह नए और जवान जीव ले लेते हैं। साधारणतया जनन दो प्रकार का होता है-

  1. अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction)
  2. लैंगिक जनन (Sexual Reproduction)।

प्रश्न 2.
अलैंगिक और लैंगिक जनन को परिभाषित करें।
उत्तर-
अलैंगिक जनन – वृद्धि की इस विधि में संतान (नया पादप) किसी भी विशेष अथवा सामान्य भाग से उत्पन्न हो सकती है। इसमें जनन अंग से उत्पन्न युग्मकों का युग्मन आवश्यक नहीं है।

लैंगिक जनन – इस विधि में नर और मादा युग्मकों के युग्मन से युग्मनज़ बनता है। इस विधि के दो चरण हैं-

  1. अर्ध-सूत्री विभाजन-इसमें गुण सूत्रों की संख्या आधी हो जाती है।
  2. निषेचन-युग्मकों के युग्मन से गुण सूत्रों की संख्या पूरी हो जाती है।

प्रश्न 3.
डबलरोटी पर फफूंदी कहां से आती है ?
उत्तर-
फफूंदी के बीजाणु वायु में उपस्थित होते हैं। अनुकूलित परिस्थितियों में यह डबलरोटी पर जम जाते हैं और वृद्धि करते हैं।

प्रश्न 4.
एकलिंगी और द्विलिंगी पुष्पों के उदाहरण देते हए परिभाषाएं लिखिए।
उत्तर-
एकलिंगी पुष्प – ऐसे पुष्प जिनमें स्त्रीकेसर और पुंकेसर अलग-अलग पुष्पों में हो अर्थात् केवल पुंकेसर अथवा केवल स्त्रीकेसर हो, उन्हें एकलिंगी पुष्प कहते हैं। उदाहरण-मक्का, पपीता, ककड़ी।

द्विलिंगी पुष्प – एक ही पुष्प में दोनों स्त्रीकेसर और पुंकेसर का होना, द्विलिंगी पुष्प कहलाता है। उदाहरण-सरसों, गुलाब।

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प्रश्न 5.
पुष्प के जनन अंगों का संक्षिप्त वर्णन करो।
उत्तर-
पुष्प के जनन अंग-

  1. पुंकेसर – इसमें एक लंबा तंतु और एक परागकोष होता है। परागकोष में परागकण होते हैं। परागकण नर युग्मक बनाते हैं।
  2. स्त्रीकेसर – इसमें तीन भाग होते हैं। वर्तिकाग्र, वर्तिका, अंडाशय।

वर्तिकाग्र सबसे ऊपर वाला भाग, वर्तिका एक सीधी नली जैसा भाग है और अंडाशय सबसे नीचे वाला फूला हुआ भाग है। बीजांड अंडाशय में होते हैं। बीजांड से मादा युग्मक बनते हैं।
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प्रश्न 6.
बीजांड और अंडाशय में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर-
बीजांड – अंडाशय की एक संरचना, जो निषेचन के पश्चात् बीज में परिवर्तित हो जाती है।
अंडाशय – स्त्रीकेसर के आधार का फूला हुआ भाग, जिसमें बीजांड होता है।

प्रश्न 7.
अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए। प्रत्येक का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
(i) मुकुलन
(ii) खंडन
(iii) बीजाणु उत्पत्ति
(iv) कायिक प्रवर्धन।

(i) मुकुलन – स्पंज और हाइड्रा में आमतौर पर यही जनन प्रक्रम है। इस प्रक्रिया में जनक पादप पर नया पादप एक प्रवर्ध के रूप में विकसित होता है। यह कुछ समय बाद जनक कोशिका से अलग हो जाता है और वृद्धि करता है।

(ii) खंडन – जब शैवाल, फीता कृमि, एनिलिड्ज़ और चपटे कमि दो या अधिक खंडों में विभाजित हो जाते हैं और प्रत्येक खंड नए जीवों में वृद्धि करते हैं, तो विधि खंडन कहलाती है।

(ii) बीजाणु उत्पत्ति – कवक, म्यूकर आदि बीजाणु पैदा करते हैं, जो उच्च ताप और निम्न आर्द्रता जैसी परिस्थितियों में एक कठोर सुरक्षात्मक आवरण से ढके रहते हैं और अनुकूल परिस्थितियों में नए जीव विकसित करते हैं।

(iv) कायिक प्रवर्धन – पादप का एक भाग जो जनन अंग नहीं है, नए पादप में विकसित हो जाता है तो विधि को कायिक प्रवर्धन कहते हैं। जैसे गुलाब की कलम नए पौधे को उत्पन्न करती है।

प्रश्न 8.
पादपों में लैंगिक जनन के प्रक्रम को समझाइए।
उत्तर-
लैंगिक जनन (Sexual Reproduction) – पादपों में नर आर मादा जनन अंग पुंकेसर और स्त्रीकेसर है। पुंकेसर, नर युग्मक पैदा करता है। स्त्रीकेसर, मादा युग्मक उत्पन्न करती है। यह दोनों जनन अंग एक ही पुष्प अथवा अलग-अलग पुष्पों में हो सकते हैं।
पादपों में लैंगिक जनन बीजों द्वारा होता है।

प्रश्न 9.
अलैंगिक और लैंगिक जनन के बीच प्रमुख अंतर बताइए।
उत्तर-
अलैंगिक और लैंगिक जनन में अंतर-

अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction) लैंगिक जनन (Sexual Reproduction)
(i) इस प्रक्रिया में एक जनक की आवश्यकता है। (i) इस प्रक्रिया में दोनों जनकों की आवश्यकता है।
(ii) जनन का सारा शरीर, एक कोशिका या एक प्रवर्ध जनन कर सकता है। (ii) युग्मक जो एक कोशिकीय होते हैं जनन इकाइयां है।
(iii) जनन अंग विकसित नहीं होते। (iii) जनन अंगों का विकसित होना अनिवार्य है।
(iv) पादप बीजों के बिना नए पौधे विकसित करते हैं। (iv) नए पादप बीजों द्वारा विकसित होते हैं।

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प्रश्न 10.
स्व:परागण और पर-परागण के बीच अंतर बताइए।
उत्तर-
स्वःपरागण और पर-परागण में अंतर-

स्व:परागण (Self Polination) पर-परामण (Cross Pollination)
(i) यह एक ही पुष्प या एक ही पौधों के विभिन्न पुष्पों के बीच होता है। (i) यह दो पुष्पों के बीच होने वाली क्रिया है।
(ii) परागण के लिए किसी अन्य वस्तु की ज़रूरत नहीं। (ii) परागण संपूर्ण करने के लिए वायु, जल, जंतु आदि कारकों की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 11.
पुष्पों में निषेचन का प्रक्रम किस प्रकार संपन्न होता है ?
उत्तर-

  1. परागण द्वारा पुष्प के वर्तिकाग्र पर परागकणों का स्थानांतरण होता है।
  2. परागकण वर्तिकान पर पराग नली बनाते हैं जिसमें नर युग्मक होते हैं।
  3. अंडाशय वृद्धि करता है और बड़ी माता कोशिका का रूप ले लेता है।
  4. यह कोशिका अर्ध सूत्री विभाजन से चार बीजाणु बनाती है।
  5. इनमें से एक विकसित होकर भ्रूण थैला बनाता है।
  6. नर युग्मक और मादा युग्मक के संयोग से युग्मनज बनता है। यह क्रिया निषेचन कहलाती है।
  7. एंजियो स्पर्मज़ में दोहरी निषेचन क्रिया होती है।

दीर्य उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
परागण से लेकर बीज बनने की प्रक्रिया के विभिन्न चरणों का विवरण दीजिए।
उत्तर-
परागकणों का वर्तिकाग्र पर स्थानांतरण, परागण कहलाता है। पुष्प के पुंकेसर पर परागकोष होते हैं, जो परागकण उत्पन्न करते हैं। स्त्रीकेसर के तीन भाग हैं-वर्तिकाग्र, वर्तिका, अंडाशय, परागण के पश्चात् परागकणों की पराग नली विकसित होती है। पराग नली में केंद्रक दो केंद्रकों में बंट जाता है-कायिक केंद्रक और जनन केंद्रक। जनन केंद्रक दो नए युग्मक उत्पन्न करता है। परराग नली वर्तिका में से होते हुए अंडाशय तक पहुंचती है। एक नर युग्मक बीजांड से युग्मक करके युग्मनज बनाता है तो दूसरा नर युग्मक दो ध्रुवीय केंद्रकों से युग्मक करके केंद्रक बनाता है जो एंडोस्पर्म (Endosperm) को जन्म देता है। इस तरह उच्च स्तरीय पादपों में दोहरी निषेचन क्रिया होती है।

निषेचन के पश्चात् अंडाशय फल में विकसित हो जाता है और पुष्प के अन्य भाग मुरझाकर गिर जाते हैं। बीजांड से बीज विकसित होते हैं। बीजों में भ्रूण होता है जो सुरक्षात्मक बीजावरण में रहता है। बीजावरण में संग्रहित भोजन होता है।
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