PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 12 चन्द्रशेखर आज़ाद

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 12 चन्द्रशेखर आज़ाद Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 12 चन्द्रशेखर आज़ाद

Hindi Guide for Class 7 PSEB चन्द्रशेखर आज़ाद Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध

1. शब्दार्थ:

खून खौलना = क्रोधित होना
कर्मी = कर्मचारी
संगठनकर्ता – संगठन करने वाला
महासंग्राम = बड़ा युद्ध
अभियोग = मुकद्दमा
नफ़रत – घृणा
विश्वासघात = धोखा
अध्ययन = पढ़ाई
स्वाधीनता = आज़ादी
दहशत = भय, डर
यकीन = विश्वास
प्रण = प्रतिज्ञा
सदैव = सदा
नमन = नमस्कार, प्रणाम
अधीक्षक = सुपरिंटेंडेंट

2. इन शब्दों में से उपसर्ग छाँटकर लिखें:

अनाथ = _____________
अत्याचार = _____________
अभियोग = _____________
निर्ममता = _____________
प्रहार = _____________
निराशा = _____________
परिवार = _____________
उत्तर:
अ, अति, अभि, निर्, प्र, निर्, परि।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 12 चन्द्रशेखर आज़ाद

3. इन मुहावरों को इस तरह वाक्यों में प्रयोग करें ताकि उनके अर्थ स्पष्ट हो जाएं:

खून खौल उठना ______________ ___________________
जान हथेली पर रखना____________ __________________
थर-थर काँपना ____________ __________________
ठान लेना ______________ ____________________
सिरदर्द बनना _______________ ___________________
वीरगति को प्राप्त होना ______________ ___________________
उत्तर:
किसी पर अत्याचार होते देखकर आज़ाद का खून खौल उठता था।
क्रांतिकारी जान हथेली पर रखकर आजादी की लड़ाई लड़ते थे।
श्रीनगर में इतनी ठंड पड़ रही थी कि लोग थर-थर काँपने लगे।
अनीश ने परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने की ठान ली है।
पड़ोसन की रोज़-रोज़ की किचकिच सुनीता का सिरदर्द बन गई है।
शत्रु पक्ष से युद्ध करते हुए मेजर जसवंत सिंह वीर गति को प्राप्त हुए

4. निम्नलिखित शब्दों के प्रत्यय अलग करके लिखें:

गुलामी = ___________
आज़ादी = ___________
क्रांतिकारी = ___________
स्वतंत्रता = ___________
भारतीय = ___________
धोखेबाज = ___________
देखकर = ___________
खोया = ___________
उत्तर:
ई, ई, कारी, ता, ईय, बाज, कर, या।।

5. निर्देशानुसार शब्द भरकर वाक्य पूरे करें :

  1. चन्द्रशेखर आज़ाद ………….. (विशेषण) और ……….. (विशेषण) थे।
  2. …………. (व्यक्तिवाचक संज्ञा) 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेज़ों की (भाववाचक संज्ञा) से आज़ाद हुआ।
  3. ………… (सर्वनाम) अपनी प्रारम्भिक शिक्षा गाँव की ………………. (जातिवाचक संज्ञा) से प्राप्त की।
  4. मजिस्ट्रेट बहुत ही …………. (विशेषण) स्वभाव वाला था।
  5. चन्द्रशेखर अपने ……………. (अधिकरण कारक) चंदन का ……….. (कर्म कारक) लगाते थे।

उत्तर:

  1. चन्द्रशेखर आज़ाद वीर और साहसी थे।
  2. भारत 15 अगस्त, सन् 1947 को अंग्रेज़ों की गुलामी से आज़ाद हुआ।
  3. उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा गाँव की पाठशाला से प्राप्त की।
  4. मजिस्ट्रेट बहुत ही कठोर स्वभाव वाला था।
  5. चन्द्रशेखर अपने माथे पर चंदन का टीका लगाते थे।

6. विपरीत शब्द लिखें:

स्वतंत्रता = ……………………
नफरत = …………………
कठोर = …………………
निडरता = …………………..
सज़ा = …………………
बचाना = …………………
जीवित = ………………..
सपूत = …………………
विश्वासघात = …………………..
उत्तर:
शब्द विपरीत शब्द
स्वतंत्रता = परतंत्रता
नफरत = प्यार
कठोर = कोमल
निडरता = कायरता
सज़ा = इनाम/पुरस्कार
बचाना = मारना
जीवित = मृत
सपूत = कपूत
विश्वासघात = विश्वासपात्र

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 12 चन्द्रशेखर आज़ाद

(ख) विचार बोध

इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
चन्द्रशेखर आज़ाद का जन्म कहाँ हुआ ?
उत्तर:
चन्द्रशेखर आजाद का जन्म मध्यप्रदेश के जिला झाबुआ के गाँव भाँवरा में हुआ था।

प्रश्न 2.
चन्द्रशेखर के माता-पिता का क्या नाम था ?
उत्तर:
चन्द्रशेखर की माता का नाम जगरानी देवी तथा पिता का नाम पंडित सीताराम तिवारी था।

प्रश्न 3.
मजिस्ट्रेट द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने अपना और अपने पिता का नाम तथा घर का पता क्या बताया ?
उत्तर:
मजिस्ट्रेट द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने अपना नाम आज़ाद, पिता का नाम स्वतंत्र तथा घर का पता जेलखाना बताया था।

प्रश्न 4.
मजिस्ट्रेट ने चन्द्रशेखर को क्या दंड दिया ?
उत्तर:
मजिस्ट्रेट ने चन्द्रशेखर को पन्द्रह बेंतें लगाने का दंड दिया।

प्रश्न 5.
रामप्रसाद बिस्मिल को जब फाँसी हुई तो उनके मुँह से क्या निकला ?
उत्तर:
रामप्रसाद बिस्मिल को जब फाँसी हुई तो उन्होंने कहा
‘शहीदों की चित्ताओं पर लगेंगे हर बरस मेले
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा।

प्रश्न 6.
सरदार भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने केन्द्रीय विधानसभा में बम कब फेंका ?
उत्तर:
सरदार भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने केन्द्रीय विधान सभा में बम 8 अप्रैल, 1929 ई० को फेंका था।

प्रश्न 7.
चन्द्रशेखर आजाद कब शहीद हुए ?
उत्तर:
चन्द्रशेखर आज़ाद 27 जनवरी, सन् 1931 ई० को शहीद हुए थे।

2. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

प्रश्न 1.
चन्द्रशेखर ने पुलिस कर्मी के माथे पर पत्थर क्यों मारा था?
उत्तर:
चन्द्रशेखर ने एक दिन देखा कि अंग्रेज़ी शासन के पुलिस वाले स्वतंत्रता के लिए आन्दोलन करने वालों पर बेरहमी से डंडे बरसा रहे हैं और उन्हें घसीट रहे हैं। उन्हें पुलिस का आंदोलनकारियों पर यह अत्याचार बर्दाश्त नहीं हुआ। उन्होंने एक पुलिस अधिकारी के माथे पर पत्थर मार कर उसे लहूलुहान कर दिया था।

प्रश्न 2.
चन्द्रशेखर को चन्द्रशेखर आज़ाद क्यों कहा जाता है ?
उत्तर:
पुलिस अधिकारी को पत्थर मारकर लहूलुहान करने के अपराध में चन्द्रशेखर को पकड़ कर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया था। जब उसने इनसे इनका नाम आदि पूछा तो इन्होंने उत्तर दिया कि मेरा नाम आज़ाद, पिता का नाम स्वतंत्र तथा घर का पता जेलखाना है। इस से मजिस्ट्रेट ने इन्हें पन्द्रह बेंतें मारने की सजा सुनाई, जिसे इन्होंने ‘वन्दे मातरम्’ तथा ‘भारत माता की जय’ कहते हुए स्वीकार कर लिया। जब ये जेल से बाहर आए तो लोगों ने इन्हें चन्द्रशेखर आज़ाद कहना शुरू कर दिया।

प्रश्न 3.
चन्द्रशेखर एक कुशल संगठनकर्ता थे। कैसे ?
उत्तर:
चन्द्रशेखर आज़ाद एक कुशल संगठनकर्ता भी थे। इसके लिए उन्होंने अंग्रेज़ी अत्याचारों के विरुद्ध गुप्त तरीके से परचे छपवाकर मंदिरों, मस्जिदों, स्कूलों, कार्यालयों आदि में बाँटे, जिससे प्रभावित होकर लोग इनसे जुड़ने लगे और इनका एक बहुत बड़ा क्रांतिकारियों का दल तैयार हो गया, जो जान हथेली पर रख कर स्वतंत्रता-संग्राम में जूझने के लिए तैयार रहते थे।

प्रश्न 4.
भगतसिंह तथा बटुकेश्वर दत्त ने विधानसभा में बम क्यों फेंका?
उत्तर:
अंग्रेज़ सरकार की गलत नीतियों के विरोध में सरदार भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने 8 अप्रैल, 1929 ई० को केन्द्रीय विधानसभा में बम फेंका और ‘इन्कलाब जिन्दाबाद’ का नारा लगाते हुए अपनी गिरफ्तारी भी दी जिस कारण सरकार ने भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव को फाँसी दी थी तथा बटुकेश्वर दत्त को काले पानी की सज़ा।

प्रश्न 5.
चन्द्रशेखर के जीवन से आपको क्या प्रेरणा मिलती है ?
उत्तर:
चन्द्रशेखर आज़ाद के जीवन से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने देश की रक्षा के लिए बलिदान देने के लिए सदा तैयार रहना चाहिए। हमें किसी भी स्थिति से घबराना नहीं चाहिए तथा वीरता और साहस के साथ हर संकट का सामना करना चाहिए। मित्रों की पहचान सोच-समझ कर करनी चाहिए तथा विश्वासघाती मित्रों से सावधान रहना चाहिए।

(ग) रचना बोध

चन्द्रशेखर आजाद की जीवनी पुस्तकालय से लेकर पढ़ें।
मातृभूमि के लिए शहीद होने वाले अन्य देश भक्तों के बारे में पता करें ।
नोट:
अपने-अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं कीजिए।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 12 चन्द्रशेखर आज़ाद

PSEB 7th Class Hindi Guide चन्द्रशेखर आज़ाद Important Questions and Answers

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 1.
भारत कब आज़ाद हुआ था ?
(क) 15 अगस्त, 1947
(ख) 26 जनवरी, 1950
(ग) 14 अगस्त, 1950
(घ) 2 अक्तूबर, 1947
उत्तर:
(क) 15 अगस्त, 1947

प्रश्न 2.
आजाद का पूरा नाम क्या था?
(क) राम सिंह आज़ाद
(ख) चंद्रशेखर आज़ाद
(ग) महात्मा आज़ाद
(घ) सावारकर
उत्तर:
(ख) चंद्रशेखर आजाद

प्रश्न 3.
चंद्रशेखर आजाद का जन्म मध्यप्रदेश के किस जिले में हुआ था ?
(क) बबुआ
(ख) तेबुआ
(ग) झाबुआ
(घ) कोई नहीं
उत्तर:
(ग) झाबुआ

प्रश्न 4.
महिर्ष वेदव्यास ने ……….को सबसे बड़ा पुण्य माना है।
(क) परपीड़ा
(ख) स्वार्थ
(ग) झूठ
(घ) परोपकार
उत्तर:
(घ) परोपकार

प्रश्न 5.
………. ने असुरों का नाश करने के लिए अपना शरीर दान दे दिया था।
(क) महर्षि दधीचि
(ख) कर्ण
(ग) अर्जुन
(घ) रावण
उत्तर:
(क) महिर्ष दधीचि

प्रश्न 6.
दूसरों को ………….सबसे बड़ा पाप है।
(क) सुख देना
(ख) कष्ट देना
(ग) किताब
(घ) कलम
उत्तर:
(ख) कष्ट देना

प्रश्न 7.
परोपकारी व्यक्ति सदा ………… से सबका भला करता है।
(क) उदारता
(ख) अज्ञानता
(ग) स्वार्थ
(घ) कलम
उत्तर:
(क) उदारता

3. दिए गए शब्द का सही अर्थ से मिलान कीजिए

प्रश्न 1.
परोपकार:
दया
ईष्या
संघर्ष
उत्तर:
दया।

प्रश्न 2.
बेंत:
डण्डा
बातें
बकवास
उत्तर:
डण्डा

प्रश्न 3.
चाह:
चमन
इच्छा
चाचा
उत्तर:
इच्छा।

प्रश्न 4.
प्रण:
प्रतिज्ञा
प्राण
प्रणिता
उत्तर:
प्रतिज्ञा।

चन्द्रशेरवर आज़ाद Summary

चन्द्रशेरवर आज़ाद पाठ का सार

‘चन्द्रशेखर आज़ाद’ पाठ में लेखक ने भारत माता के वीर सपूत क्रांतिकारी स्वतन्त्रता सेनानी चन्द्रशेखर आजाद के जीवन की कुछ घटनाएँ प्रस्तुत करते हुए, उनके चरित्र से देशभक्ति की प्रेरणा लेने का संदेश दिया है। भारत 15 अगस्त, सन् 1947 ई० को अंग्रेजों की गुलामी से आज़ाद हुआ था, जिसे पाने के लिए अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना बलिदान दिया था। इनमें चन्द्रशेखर आजाद का नाम प्रमुख है। इनका जन्म मध्यप्रदेश के झबुआ जिले के भाँवरा गाँव में हुआ था। इनके पिता पंडित सीता राम तिवारी तथा माता का नाम जगरानी देवी था। इन्होंने प्रारंभिक शिक्षा गाँव की पाठशाला में प्राप्त की तथा संस्कृत का अध्ययन बनारस में किया। चौदह वर्ष की आयु में ही अंग्रेज़ों के अत्याचारों के समाचार पढ़ कर इनका खून खौल उठता था। वे देश प्रेम की भावना से भरकर देश को आज़ाद कराने के लिए तड़पने लगे।

एक दिन अंग्रेजों के पुलिसकर्मियों द्वारा स्वतंत्रता के लिए आन्दोलन करने वालों को बेरहमी से पीटा और घसीटा देखकर इन्होंने एक पुलिस अधिकारी के माथे पर पत्थर दे मारा। वह लहूलुहान हो गया। ये वहाँ से भाग गए परन्तु एक पुलिस कर्मी ने इनके मस्तक पर चंदन का टीका लगा होने से पहचान कर इनके घर से इन्हें पकड़वा दिया। इन पर मुकद्दमा चला तो इन्होंने अपना नाम आजाद, पिता का नाम स्वतंत्र तथा घर का पता जेलखाना बताया। इस पर क्रोधित होकर मैजिस्ट्रेट ने इन्हें पन्द्रह बेंतें मारने का दंड दिया, जिसे इन्होंने ‘वन्दे मातरम्’ तथा ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हुए स्वीकार किया।

इन्होंने अंग्रेज़ी सरकार के विरुद्ध गुप्त रूप से परचे बांटे। इनका एक क्रांतिकारी दल बन गया था, जिसने 9 अगस्त, सन् 1945 ई० को लखनऊ के नज़दीक काकोरी में ट्रेन रोक कर एक सरकारी खज़ाना लूट लिया था। इन के साथी अशफाकउल्ला, राम प्रसाद बिस्मिल, राजेन्द्र लाहिड़ी और रोशन सिंह को इस काम में शामिल होने के कारण फांसी दे दी गई थी। ये झांसी के पास ढिकनपुरा गाँव के जंगलों में ब्रह्मचारी के वेश में हरिशंकर नाम से रहने लगे। देश को स्वतंत्र कराने की चाह लिए वे वीर सावरकर और सरदार भगतसिंह से भी मिले थे। जब साइमन कमीशन के विरोध में लाला लाजपतराय शहीद हुए तो इनका बदला लेने के लिए उन्होंने भगत सिंह, राजगुरु तथा जयगोपाल के साथ पुलिस अधीक्षक स्कॉट को मारने की योजना बनाई परन्तु मारा सहायक पुलिस अधीक्षक सांडर्स गया। इसके पुलिस ने क्रांतिकारों की धरपकड़ शुरू कर दी। भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने 8 अप्रैल, सन् 1929 ई० को केन्द्रीय विधानसभा में बम फेंका और ‘इन्कलाब जिंदाबाद’ कहते हुए अपनी गिरफ्तारी दी। बाद में भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव पर आरोप लगा पुस्तकीय भाग कर फाँसी दे दी गई तथा बटुकेश्वर दत्त को कालेपानी की सज़ा, चन्द्रशेखर आजाद अभी पकड़े नहीं गए थे।

पुलिस आज़ाद को पकड़ने के लिए उनके एक साथी तिवारी को लालच देकर अपने साथ मिला लेती है और तिवारी आज़ाद के साथ धोखा करते हुए उन्हें इलाहाबाद के अलफ्रेड फार्म ले जाता है, जहां पुलिस 27 जनवरी, सन् 1931 को आज़ाद को पकड़ना चाहती है परन्तु वे तिवारी को वहाँ से भगा कर स्वयं पुलिस का मुकाबला करते हुए शहीद हो जाते हैं। वे अपने इस प्रण को पूरा करते हैं कि उनके जीवित होते हुए उन्हें कोई छू भी नहीं सकता। देश सदा उन को स्मरण करते हुए नमस्कार करता है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 11 मातृ-दिवस

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 11 मातृ-दिवस Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 11 मातृ-दिवस

Hindi Guide for Class 7 PSEB मातृ-दिवस Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध

1. शब्दार्थ:

मातृ = माँ, माता
दिवस = दिन
कष्ट = पीड़ा
मातृ देवो भव = माता को देवता समझ कर उनकी उपासना करो
सुविधा = आसानी, सहूलियत
नियत = निश्चित, तय
उपवास = व्रत
प्रथा = रिवाज
पारित = पास
ध्वज = झंडा
प्रतीक = चिह्न
सम्मान = आदर
स्वर्गवास = मृत्यु
पुष्पादि = फूल आदि
प्रसून = फूल
स्मरण = याद
विज्ञापन = इश्तहार
आशीर्वाद = आशीष
पूता = पुत्र
निमख = एक पल, क्षण
बिसरो = भूलो। जगदीश = परमात्मा

2. निम्नलिखित शब्दों/मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग करें:

खिल उठना _______________ _________________________
मातृ देवो भव _________________ ____________________
उपवास ______________ ______________________
जानलेवा ________________ ____________________
महिमा ____________ _______________________
ध्वज _____________ ____________________
उत्तर:
खिल उठना (प्रसन्न होना) – शिशु की किलकारियों से माँ का दिल खिल उठता है।
मातृ देवो भव (माता की देवताओं के समान पूजा करें) – माँ के प्यार को देखकर हमें मातृ देवो भव उक्ति का पालन करना चाहिए।
उपवास (व्रत) – नवरात्रों में उपवास किया जाता है।
जानलेवा (खतरनाक) – लाल सिंह कैंसर की जानलेवा बीमारी से पीड़ित है।
महिमा (महत्त्व) – ईश्वर की महिमा अनन्त है।
ध्वज (झंडा) – हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 11 मातृ-दिवस

3. रेखांकित

माँ बचपन से लेकर बुढ़ापे तक अपने बच्चों का ध्यान रखती है।
रेखांकित शब्द भाववाचक संज्ञाएँ हैं, जो क्रमश: बच्चा और बूढ़ा (जाति वाचक संज्ञा) से बनी हैं। भाववाचक संज्ञाएँ जातिवाचक संज्ञा की तरह सर्वनाम, विशेषण और क्रियाओं से भी बनती हैं।

4. निम्नलिखित शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाओ।

शब्द मूलरूप भाववाचक संज्ञा
लड़का जातिवाचक संज्ञा …………………..
अपना सर्वनाम …………………..
भारी विशेषण …………………..
पराया सर्वनाम …………………..
मोटा विशेषण …………………..
युवा विशेषण …………………..
गिरना क्रिया …………………..
थकना क्रिया …………………..
मिलना क्रिया …………………..
सजना क्रिया …………………..

उत्तर:

शब्द मूलरूप भाववाचक संज्ञा
लड़का जातिवाचक संज्ञा लड़कपन
अपना सर्वनाम अपनापन
भारी विशेषण भारीपन
पराया सर्वनाम परायापन
मोटा विशेषण मुटापा
युवा विशेषण यौवन
गिरना क्रिया गिरावट
थकना क्रिया थकान
मिलना क्रिया मिलावट
सजना क्रिया सजावट

उसने अपनी माँ को कमल का फूल सच्चे हृदय से भेंट किया।

5. रेखांकित शब्दों के तीन-तीन पर्यायवाची शब्द लिखें

माँ = ………………. ……………………..
कमल = ……………….. …………………
फूल = ……………… …………………..
हृदय = …………… ……………………
उत्तर:
माँ = माता, जननी, धात्री, अम्मा।
कमल = जलज, पंकज, सरोज, नीरज।
फूल = पुष्प, सुमन, प्रसून, कुसुम।
हृदय = कलेजा, मन, चित।

6. निम्नलिखित विग्रहों को समस्त पद में बदलें तथा समास का नाम लिखें:

विग्रह समास समास का नाम
देवताओं की माता देव माता तत्पुरुष समास
स्वर्ग में वास ………………………. ……………………….
दादी और नानी ………………………. ……………………….
राष्ट्रपति ………………………. ……………………….
आदर और सत्कार ………………………. ……………………….
बेटा और बेटी ………………………. ……………………….
भाई और बहन ………………………. ……………………….
रोम का वासी ………………………. ……………………….
माता की उपासना ………………………. ……………………….
माता का दिवस ………………………. ……………………….

उत्तर:

विग्रह समास समास का नाम
देवताओं की माता देव माता तत्पुरुष समास
स्वर्ग में वास स्वर्गवास तत्पुरुष समास
दादी और नानी दादी-नानी द्वंद्व समास
राष्ट्रपति राष्ट्र का पति तत्पुरुष समास
आदर और सत्कार आदर-सत्कार द्वंद्व समास
बेटा और बेटी बेटा-बेटी द्वंद्व समास
भाई और बहन भाई-बहन द्वंद्व समास
रोम का वासी रोमवासी तत्पुरुष समास
माता की उपासना मार्तोपासना तत्पुरुष समास
माता का दिवस मातृदिवस तत्पुरुष समास

7. निम्नलिखित शब्दों में उपसर्ग अलग करें:

उपवास = ………………….
अनुवाद = …………………
विज्ञापन = …………………..
अनुसार = …………………
विचार = ………………….
प्रयत्न = …………………..
उत्तर:
उप, अनु, वि, अनु, वि, में।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 11 मातृ-दिवस

8. निम्नलिखित शब्दों में प्रत्यय अलग-अलग कर के लिखें:

गुलाबी = ……………………
यूनानी = …………………..
महानता = …………………
मुस्कराहट = …………………
पवित्रता = ………………
उत्तर:
ई, ई, ता, आहट, ता।

9. प्रयोगात्मक व्याकरण

(1) सम् + मान = सम्मान उपर्युक्त उदाहरण में ‘म्’ के बाद ‘म’ होने के कारण उसे द्वित्व हो गया है।
अतएव व्यंजन संधि के नियमानुसार म् के बाद ‘म’ हो तो द्वित्व हो जाता है। अन्य उदाहरण – सम् + मति = सम्मति

(2) सम् + सार = संसार
उपर्युक्त उदाहरण में म् के बाद स होने के कारण म् को अनुस्वार हो गया है। अन्य उदाहरण
सम् + पूर्ण = संपूर्ण
सम् + योग = संयोग
सम् + लाप = संलाप
सम् + वाद = संवाद
सम् + कल्प = संकल्प
सम् + रचना = संरचना
सम् + शय = संशय
सम् + हार = संहार

(ख) विचार-बोध

1. उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थान भरें:

  1. मदर्स डे का आरम्भ …………. में हुआ था। (यूनान, अमेरिका, स्वीडन)
  2. अमेरिका के राष्ट्रपति वुडरो विलसन ने ……….. को प्रस्ताव पास करवा कर मातृ दिवस मनाने की घोषणा की थी। (सन 1908, 1915, 1914)
  3. सफेद फूल प्यारी माँ के ……….. को प्रकट करता है। (मधुर व्यवहार, हृदय की पवित्रता, कष्ट सहने की क्षमता)
  4. अमेरिका में सभी बच्चे मई महीने के ………… को मातृ-दिवस मना लेते हैं। (इतवार को, 8 तारीख, दूसरे शुक्रवार)
  5. कई लोग …………. भेजकर माता को स्मरण करते हैं। (समाचार पत्र में विज्ञापन, सन्देश, बधाई पत्र)

उत्तर:

  1. यूनान
  2. 1914
  3. हृदय की पवित्रता
  4. दूसरे शुक्रवार
  5. समाचार पत्र में विज्ञापन

2. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
‘माँवां ठंडीयां छावाँ’ कहावत किस भाषा की है ?
उत्तर:
‘माँवां ठंडीयां छावाँ’ कहावत पंजाबी भाषा की है।

प्रश्न 2.
हमारे ऋषि-मुनियों ने माता की महिमा कैसे व्यक्त की है ?
उत्तर:
हमारे ऋषि-मुनियों ने माता की महिमा ‘मातृ देवो भव’ कह कर देवी के रूप में कही है।

प्रश्न 3.
‘मातृ-दिवस’ का आरम्भ किस देश में हुआ?
उत्तर:
‘मातृ-दिवस’ का आरम्भ यूनान देश में हुआ था।

प्रश्न 4.
मदर्स-डे’ के बधाई पत्रों में किस का चित्र बनाया होता है ?
उत्तर:
‘मदर्स-डे’ के बधाई पत्रों में माता मेरी की गोद में बैठे ईसा मसीह का चित्र बनाया होता है।

3. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
यूनान में मातृ-दिवस मनाने की प्रथा कब, क्यों और कैसे आरम्भ हुई ?
उत्तर:
यूनान में मातृ-दिवस मनाने की प्रथा देवताओं की माता ‘रेहया’ की मार्च महीने में की जाने वाली उपासना से आरम्भ हुई थी।

प्रश्न 2.
ईसाई धर्म का प्रचार होने पर इसे कब, कहाँ और कैसे मनाया जाने लगा ?
उत्तर:
ईसाई धर्म का प्रचार होने पर इसे ईसा मसीह के चालीस दिन के उपवास में पड़ने वाले किसी भी रविवार को मनाया जाने लगा, जो ईस्टर से महीना-सवा महीने पहले अप्रैल में आता है।

प्रश्न 3.
अमेरिका में मातृ-दिवस का श्रीगणेश किस महिला ने कहाँ और कब किया ?
उत्तर:
अमेरिका में मातृ दिवस मनाने का आरम्भ सुश्री अन्ना जारबिस ने फिलाडेलफिया के एक गिरिजाघर में 10 मई, 1908 ई० को किया था।

प्रश्न 4.
माताओं को किन रंगों के फूल भेंट किये जाते हैं? वे अलग-अलग रंग क्या प्रकट करते हैं ?
उत्तर:
माताओं को सफेद, गुलाबी और लाल फूल भेंट किए जाते हैं। सफेद फूल माँ के हृदय की पवित्रता, गुलाबी फूल माँ के मधुर व्यवहार और लाल रंग के फूल माँ के कष्ट सहने के प्रतीक होते हैं।

प्रश्न 5.
माता के जीवित न होने अथवा माँ के दूर होने पर लोग मातृ-दिवस कैसे मनाते हैं।
उत्तर
माता के जीवित नहीं होने पर दादी-नानी, मौसी-मामी, ताई-चाची, भाभी को पुष्पादि भेंट कर तथा माँ के दूर होने पर उन्हें बधाई-पत्र भेजकर मातृ-दिवस मनाते हैं।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 11 मातृ-दिवस

(ग) रचना-बोध

‘मातृ देवो भव’– मातृ हृदय मक्खन से भी कोमल होता है, वह स्वयं कष्ट झेल कर शिशु का लालन-पालन करती है। वह वात्सल्य और करुणा की मूर्ति है। मात-महत्त्व पर अपने विचार लिखो तथा मंच पर भाषण दें।
उत्तर-विद्यार्थी स्वयं करें।

(घ) मनन और आचरण

प्रश्न 1.
मातृ दिवस पर आप अपनी माँ को क्या सहयोग देंगे। अपने विचार लिखें।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2.
आज आधुनिकता की दौड़ में युवा वर्ग अपने बुजुर्गों से दूर होता जा रहा है। दूरी बढ़ने से माता-पिता घर में एकाकी जीवन जीने पर मजबूर है। आप अपने मातापिता के लिए क्या कर सकते हैं ताकि उन्हें वृद्धाश्रम का रास्ता न देखना पड़े।
उत्तर:
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से विद्यार्थी स्वयं करें।

PSEB 7th Class Hindi Guide मातृ-दिवस Important Questions and Answers

दिए गए शब्द का सही अर्थ से मिलान कीजिए

प्रश्न 1.
मदर्स डे:
मातृदिवस
मदरसा डे
माता डे
उत्तर:
मातृदिवस

प्रश्न 2.
रोमवासी:
रोमकूप
रोम के रहने वाले
रोम
उत्तर:
रोम के रहने वाले

प्रश्न 3.
चिह्न:
निशान
चिनगारी
चिनही
उत्तर:
निशान

प्रश्न 4.
निमख:
सर्प
गम
क्षण
उत्तर:
क्षण

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 11 मातृ-दिवस

मातृ-दिवस Summary

मातृ-दिवस पाठ का सार

‘मात-दिवस’ नामक पाठ में लेखक ने माता के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए ‘मातृदिवस’ मनाने की परम्परा का वर्णन किया है। लेखक के अनुसार माता अनेक कष्ट सहकर बच्चे को जन्म देती है और उसका बचपन से बुढ़ापे तक ध्यान रखती है। शिशु की मुस्कान माँ के हृदय-कमल को खिला देती है। इसलिए कहते हैं ‘माँवाँ ठंडियाँ छावाँ’ तथा ‘मातृ देवो भव।’ माँ के इसी महत्त्व को स्वीकार करते हुए ईसाई धर्म में वर्ष का एक दिन ‘मदर्स डे’ या ‘मातृ-दिवस’ के रूप में मनाया जाता है, जिसका आरम्भ यूनान में हुआ था। यूनानी और रोमवासी देवताओं की माता ‘रेहया’ की उपासना मार्च में करते थे और उन्हें ‘ग्रेट मदर’ मानते थे। बाद में यह उत्सव गिरिजा घरों में भी मनाया जाने लगा। प्रारंभ में इसे ‘ईस्टर’ से एक-सवा महीने पहले अप्रैल में मनाते थे तथा बच्चे भी अपने विद्यालयों या कार्यस्थलों से लौट आते थे और माता के लिए विशेष भेंट लाते थे।

‘मदर्स डे’ अमेरिका में सुश्री अन्ना जारबिस के प्रयत्नों से फिलाडेलफिया के गिरिजाघर में 10 मई, सन् 1908 ई० को पहली बार मनाया गया था। यूनान में फूल मार्च में और अमेरिका में मई में खिलते हैं, इसलिए ‘मदर्स डे’ अमेरिका में मई में मनाया गया। अमेरिका के राष्ट्रपति वुडरो विलसन ने सन् 1914 ई० में अमेरिकी कांग्रेस में मई महीने के दूसरे रविवार अथवा मई महीने के दूसरे रविवार को ‘मदर्स डे’ मनाने का प्रस्ताव पारित कराया था। अब वहाँ 8 मई को यह दिन सार्वजनिक रूप से मनाया जाता है। बच्चे माँ को सफेद, गुलाबी और लाल रंग के फूल भेंट करते हैं। सफेद फूल माँ के हृदय की पवित्रता, गुलाबी फूल माँ का सब के प्रति सद्व्यवहार तथा लाल फूल माँ के कष्ट सहन करने का प्रतीक माना जाता है।

आजकल मदर्स डे इंग्लैंड, डेनमार्क, स्वीडन, मैक्सिको, चीन और भारत में भी मनाया जाता है। इसे ये देश मई की 8 तारीख, मई के पहले रविवार, मई के दूसरे रविवार अथवा 12 मई को अपनी सुविधानुसार मनाते हैं। अमेरिकी स्कूलों में बच्चे मई के दूसरे शुक्रवार को ‘मात दिवस’ मनाकर शनि, रविवार अपने घर पर मनाते हैं। जिन की माँ नहीं होती वे अपनी दादी, नानी, मौसी, मामी, ताई,चाची, भाभी को पुष्प भेंट कर उन्हें माँ का सम्मान देते हैं। घर न जा सकने पर बधाई पत्रों से माँ को संदेश भेजा जाता है। एक-दूसरे को भी ‘मदर्स डे’ पर बधाई-पत्र भेजे जाते हैं । समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर भी इस दिन को मनाया जाता है। ‘मदर्स डे’ के बधाई पत्रों पर माता मेरी की गोद में बैठे बालक ईसा मसीह का चित्र बना होता है। समाचार पत्र में एक विज्ञापन था- ‘माँ की गोद है बड़ी प्यारी, संसार के सब सुखों से न्यारी’ एक अन्य विज्ञापन था- ‘भाभी जी! आपने हमारे महान् पिता श्री रामलाल ग्रोवर जी को खो देने पर भी अत्यंत साहस दिखाकर हमारा पालन-पोषण किया। हम आपके तथा पूज्य पिता जी के चरण चिह्नों पर चलने के लिए आशीर्वाद माँगते हैं। पवित्र गुरुवाणी भी कहती है

“पूता माता की आशीस
निमख न विसरो तुमको
हर हर, सद भजो जगदीश”

PSEB 9th Class English E-mail Message Writing

Punjab State Board PSEB 9th Class English Book Solutions English E-mail Message Writing Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 9th Class English E-mail Message Writing

Inviting friend to Watch a Play

Suppose you are Surjit Singh. Write an e-mail to your friend, Vipin Goyal, inviting him to watch a play.

PSEB 9th Class English E-mail Message Writing 1
Hi Vipin.
I am going to Government College for Women, Amritsar, to watch a play on 6 July, 20 – -.
Would you like to come? Let me know by Tuesday so that I can buy your ticket too.
Love
Surjit Singh.

PSEB 9th Class English E-mail Message Writing

House for Rent

Suppose you are Ramneek. Write an e-mail to your cousin, Darshan Pal, to put up a notice on his college notice-board to rent out your house.
PSEB 9th Class English E-mail Message Writing 2

Dear Pal
My father wants to rent our the Second floor of our house. There are two rooms, a kitchen and two attached bathrooms. He should like to have ₹ 2000 as rent. He will rake two months’ rent in advance. He warns to rent out the house to students. Please put up a notice on your college notice-board.
Regards
Ramneek.

Congratulation on Engagement

Suppose you are Shvinder Gill. Write an e-mail to your friend, Alok Wasn, congratulating him on his engagement.
PSEB 9th Class English E-mail Message Writing 3
Hi Alok
I have learnt that you are engaged. Congratulating! who is the lucky girl? who does she live and what does she do? Let me know when are you getting married? Is the dare fixed.
Love
Shivinder Gill.

PSEB 9th Class English E-mail Message Writing

Trip to the South

Suppose you are Varsha Gill. Write an e-mail to your friend, Asha Lakhpal, describing your visit to the south.
PSEB 9th Class English E-mail Message Writing 4
Hello Asha
Sorry, I couldn’t write to you earlier. I visited the south with my friend last month. We spent eight days there. We liked the Meenakshi Temple ar Madurai very much. The sunset at Kanyakumari was fascinating. We also went to Aurbindo Ashratn at Puducherry. It was very powerful there.
Love
Varsha.

E-mail (electronic mail) is the medium of communication that sends and receives messages through a specially designed computer network. With the revolution in information technology along with the rapid growth of the Internet, e-mail has become the most popular medium of communication. More and more people are using e-mail to send their messages. Due to its high speed, efficiency and low cost, e-mail has become one of the most important channels of communication. As e-mails are faster than letters, they are used for a quick transmission of all sorts of information.

Specimen of an Informal E-mail

PSEB 9th Class English E-mail Message Writing 5
Hi Paul
Sorry to say I’ll he a bit late for tonight’s rehearsal as something’s come up at home and I won’t be able to get away on time. I hope to make it by 7.15.
D. Paul.

PSEB 9th Class English E-mail Message Writing

Specimen of an Formal E-mail

PSEB 9th Class English E-mail Message Writing 6
Dear Ms. Maya
The books you ordered last week are now in stock and awaiting collection. I attach a list of the course books currently in stock at the bookshop.
Julie
Assistant Manage!
PSEB 9th Class English E-mail Message Writing 7
HFI Bookshop
Tel : 01123318301
Fax : 01123317931

PSEB 9th Class English Note-Making & Messages

Punjab State Board PSEB 9th Class English Book Solutions English Note-Making & Messages Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 9th Class English Note-Making & Messages

Note-making

का अर्थ है किसी पैरे की मुख्य बातों को संक्षिप्त और साफ-सुथरे ढंग से प्रस्तुत करना। अच्छे Notes में निम्नलिखित विशेषताएं होती है –
1. वे संक्षिप्त होते हैं।

2. केवल प्रासंगिक बातें ही उनमें दी जाती हैं।

3. केवल शब्दों या वाक्यांशों का प्रयोग ही किया जाता है। पूरे वाक्यों की आमतौर पर आवश्यकता नहीं होती। अन्य शब्दों में हम कह सकते हैं कि Notes बनाते समय प्रयुक्त भाषा व्याकरण की दृष्टि से पूरी तरह सही नहीं भी हो सकती।

4. सूचना को सूचीबद्ध ढंग से प्रस्तुत किया जाता है। इसे विभाजित व उपविभाजित किया जाता है। विभाजन निम्न प्रकार से हो सकता है –
मुख्य खण्ड : 1, 2, 3, इत्यादि।
उपखण्ड : a, b, c, इत्यादि।

PSEB 9th Class English Note-Making & Messages

Passage 1:

If the young students in schools and colleges do not learn discipline, they will never be able to extract’ obedience from others in society. In fact, society will never accept them as persons fit for any responsible position in life. A school or college without discipline can never impart? suitable education to students.

Such a school or college is no better than a factory that turns out imperfect’ men and women. Sense of discipline plays a very important part in the playground and the battlefield. A disciplined team is likely to win the match in spite of its weakness but a very good team may not fare well for want of discipline. The rule of discipline equally applies to soldiers in the battlefield.

Read the above passage carefully and make notes on it in points only, using headings and sub-headings.
Answer:
1. Need for discipline in schools and colleges for good education.
2. Indisciplined students fail’ to win any respect or position later on in their life.
3. Importance of discipline, for players on the playground
4. Importance of discipline, for soldiers in the battlefield.

Passage 2

Early rising leads to health and happiness. The man who rises late, can have little rest in the course of the day. Anyone who lies in bed late is compelled to work till a late hour in the evening. He has to go without the morning exercise which is so necessary for his health. In spite of all efforts’, his work will not produce as good results as that of the early riser. The reason for this is that he cannot take advantage of the refreshing hours in the morning.

Some people say that the quiet hour of midnight is the best time for working. Several great thinkers say that they can write best only when they burn the midnight oil. Yet it is true to say that few men have a clear brain at midnight when the body needs rest and sleep. Those who work at that time soon ruin their health. Bad health must, in the long run, have a bad effect on the quality of their work.

PSEB 9th Class English Note-Making & Messages

Read the above passage carefully and make notes on it in points only, using headings and sub-headings.
Answer:
1. Advantages of early rising :
(i) health
(ii) Disadvantages

2. Disadvantages of late rising
(i) work till late in the evening
(ii) go without morning exercise
(iii) work not done properly.

(3) (i) Burning midnight oil bad for health.
(ii) Bad health, poor quality of our work.

Passage 3

Games, though essential, should not become the be-all and end-all of student life. Generally, the sportsmen waste too much time on them, and fail in their examinations. One must never devote more than an hour to sports and after that, one should not even think about them. Again, if a player plays a game rashly’, there is every danger of breaking bones.

If it is played without the spirit of sportsmanship, it can lead to bad blood and quarrels. In some of the colleges, there is a tradition that if the visiting team is winning a match, the home team plays foul, picks a quarrel and breaks the bones of the visitors. But in spite of these minor defects, sports are very useful in keeping the students busy and in developing their personalities.

India expects its citizens to have the qualities of true sportsmen. If we all acquire these qualities, there will be no narrow-mindedness, no corruption, and no injustice. There will be independence in the real sense of the word.

PSEB 9th Class English Note-Making & Messages

Read the given passage carefully and make notes on it in points only, using headings and sub-headings.

1. Sports essential for students, but not the be-all and end-all.
2. Wasting too much time → failure in examinations.
3. Playing rashly → breaking of bones.
4. Lack of sportsmanship → quarrels between teams.
5. True sportsmanship can end narrow – mindedness, corruption and injustice.

Passage 4

Of all amusements which can possibly be imagined for a hard-working man after his daily toil, there is nothing like reading an entertaining book. It calls for no bodily exertion of which he has had enough. It relieves his home of its dullness. It transports him to a livelier and more interesting scene, and while he enjoys himself there, he may forget the evils of the present moment.

It accompanies him to his next day’s work and if the book he has been reading be anything above the very idlest and the dullest, it gives him something to think about besides the drudgery of his everyday occupation. If I were to pray for a taste which should stand me in good stead under every variety of circumstances and be. a source of happiness and cheerfulness through life, it would be a taste for reading.

Give a man this taste,.and the means of gratifying it, and you can hardly fail to make him happy unless indeed you put into his hand a most perverse selection of books.

PSEB 9th Class English Note-Making & Messages

Read the above passage carefully and make notes on it in points only, using headings and sub-headings.
Answer:
1. Reading of an interesting book a good diversion after the day’s hard work.
2. (i) Removes dullness of home,
(ii) Transports one into a livelier world.
3. (i) A good book food for thought.
(ii) Stands in good srcad under every circumstance.
4. Taste for reading, a source of great happiness.

Passage -5

English is important not because a number of people know it in India, although it is a factor to be remembered. It is not important because it is the language of Milton and Shakespeare, although that has to be considered. English is important because it is the major window for us on the modern world. And we dare not close that window. If we close it, we imperil our future. We think of Industrialisation, scientific development, research and technology.

But every door of modern knowledge will be closed if we do not have one or more foreign languages. We need not have English : we can have Russian, French or German, if you like, but obviously it is infinitely simpler for us to deal with a language which we know than to shift over to Russian, French or German which will be a tremendous job.
Certainly, we want to learn foreign languages, because we deal with the people of those languages in business, trade and science. So in the present stage of our development, we cannot go ahead without English and other foreign languages.

PSEB 9th Class English Note-Making & Messages

Read the above passage carefully and make notes on it in points only, using headings and sub-headings.
Answer:
1. Mistakes do little harm

  • when admitted.
  • set tight before they a do any carnage

2. Delay in admitting mistakes

  • harmful for the task in hand.
  • harmful for the reputation.

3. Person who admits his mistakes

  • is liked by everybody
  • wins the confidence and respect of others.

4. Person who hides his mistakes

  • is considered a fool.
  • nobody likes him

Passage – 7

Teachers have a great responsibility at this time when our society is undergoing transformation. The future of the teaching profession in India will depend on the decision which the teachers take on vital questions relating to social change. In normal times, when society is comparatively more stable, the teachers’ primary task is transmitting culture. But in a period of transition, like the one through which we are passing, they have sometimes to set aside the culture in which they live, make a proper appraisal9 of it, pick out its salient features and reinterpret them for the new generation. The oncoming generations can rise to a high level of wisdom and cultivation only when teachers guide them carefully during this period of change.

PSEB 9th Class English Note-Making & Messages

Read the given passage carefully and make notes on it in points only, using headings and sub-headings.
Answer:
A. Teachers’ role in normal times :

  • transmitting culture.

B. Modern rimes :

  • not normal
  • a period of transition.

C. teacher roles:

  • proper appraisal of old culture
  • pick out its salient features
  •  re-interpreting them for future generations.

Passage – 8
Each one of us must realize that the only future for India and her people is one of tolerance and co-operation, which have been the basis of our culture for ages past. We have laid down in our constitution that Indians a Secular State. This does not mean irreligion. It means equal respect for all faiths and equal opportunities for those who profess different faiths. We have, therefore, always to keep in mind this vital aspect of our culture which is also of the highest importance in India today. Those who put up barriers between one Indian and another and who promote disruptive tendencies do not serve the cause of India and her culture. They weaken us at home and discredit us abroad.
Read the above passage carefully and make notes on it in points only, using headings and sub-headings.
Answer
(A) Tolerance and co-operation

  • basis of our past culture
  • pillars of our future

(B) Secularism

  • equal respect for all faiths
  • equal opportunities
  • of highest importance in present-day India.

(C) Disruptive tendencies

  • serve no cause
  • discredit the country

Passage – 9

As a result of a long series of discoveries, mans life has been altered more radically and more rapidly during the last one hundred and fifty years than during the whole of the preceding two thousand years. In what ways does this alteration chiefly show itself ? In the first place, most of the external enemies to which our species in the past had been exposed are either overcome or are in a fair way to being overcome.

Look back over mans life in the past and you cannot but realize what sordid, meagre, frightened affair it must have been. His crops and, therefore, his livelihood have been at the mercy of forces which he could neither understand nor control; forces of fire and flood, of earthquake and drought; his communities were swept by pestilence and famine; and with the sweat of his brow, he wrung meager sustenance from nature. Today, thanks to science, all these enemies to man’s well-being have either disappeared or have been reduced to comparative impotence.

PSEB 9th Class English Note-Making & Messages

Read the above passage carefully and make notes on it in points only, using headings and sub-headings.
Answer
1. Discoveries of science during the
2. Man’s life completely changed.
3. External enemies overpowered :

  • floods and fires
  • earthquakes
  • famines.
  • pestilence

4. Now getting one’s livelihood not so difficult as it used to bo’

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 9 पुष्प की अभिलाषा

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 9 पुष्प की अभिलाषा Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 9 पुष्प की अभिलाषा

Hindi Guide for Class 7 PSEB पुष्प की अभिलाषा Textbook Questions and Answers

(क) भाषा बोध

1. शब्दार्थ
शब्दों के अर्थ कविता के सरलार्थों के साथ दे दिए हैं।

चाह = इच्छा
सुरबाला = देवता की लड़की, देवागना
शव = मृत शरीर
वनमाली = माली
शीश = सर
पाथ = मार्ग

2. दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखें:

अभिलाषा = …………………..
बाला = …………………..
पुष्प = …………………….
सुर = ………………….
सम्राट = …………………..
पथ = ……………………
वीर = ……………………..
हरि = …………………
उत्तर:
शब्द पर्यायवाची शब्द
अभिलाषा = इच्छा, कामना, आकांक्षा
बाला = कन्या, बालिका, लड़की
पुष्प = कुसुम, सुमन, फूल
सुर = अमर, देवता, देव
सम्राट = नरेश, महाराजा, राजन
पथ = रास्ता, मार्ग, राह
वीर = बलवान, बहादुर, बलवीर
हरि = प्रभु, ईश्वर, विष्णु

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 9 पुष्प की अभिलाषा

3. इन शब्दों के अलग-अलग अर्थ लिखते हुए वाक्य बनाएँ:

(1) सुर = ………………..
सूर = ………………..
(2) हरि = ………………….
हरी = …………………
(3) बाला = ……………….
वाला = ……………
(4) वन = ………………..
बन = ………………
(5) पथ = …………………
पंथ = ………………..
(6) सिर = ……………..
सिरा = ………………….
उत्तर:
शब्द अर्थ वाक्य
सुर = देवता – सुरों के सिर पर चढ़कर पुष्प गर्व नहीं करना चाहता।
सूर = अंधा- वह सूरदास बहुत अच्छा गाता है।
हरि = ईश्वर- हे हरि! सब पर कृपा करना।
हरी = हरे रंग की – सुधा को हरी साड़ी पसंद है।
बाला = कन्या – वह बाला बहुत समझदार है।
वाला = किसी का – गोपाल रुचि का घरवाला है।
वन = जंगल – पठानकोट के पास घने वन हैं।
बन = समूह – भेड़ों के बन चरने जा रहे हैं।
पथ = रास्ता – यह पथ टूटा-फूटा है
पंथ = धर्म संप्रदाय/मत – हमें सभी पंथों का आदर करना चाहिए।
सिर = शीश – वीर सिर कटा सकते हैं परन्तु झुका नहीं सकते।
सिरा = कोना – इस दीवार को सिरे से नापो।

4. इन शब्दों के लिंग परिवर्तन करें :

सुरबाला = ………………..
प्रेमी = …………………
सम्राट = ………………
देव = ……………………
माली = ……………….
वीर = …………………
उत्तर:
मूल शब्द परिवर्तित लिंग
सुरबाला = सुरबाल
प्रेमी = प्रेमिका
सम्राट = साम्राज्ञी
देव = देवी
माली = मालिन
वीर = वीरांगना

(ख) विचार-बोध

1. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
पुष्प की क्या-क्या इच्छा नहीं है ?
उत्तर:
पुष्प देवकन्या के गहनों में नहीं गूंथा जाना चाहता। वह प्रेमी की माला में नहीं बींधना चाहता। वह सम्राटों के शवों और देवताओं के सिरों पर भी नहीं रखा जाना चाहता।

प्रश्न 2.
उसकी इच्छा क्या है ?
उत्तर:
पुष्प उस मार्ग पर बिखरना चाहता है जहाँ से बलिदानी वीर अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना बलिदान देने के लिए निकलते हैं।

प्रश्न 3.
इस कविता के कवि का नाम लिखें।
उत्तर:
इस कविता के कवि श्री माखन लाल चतुर्वेदी हैं।

2. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
इस कविता में व्यक्ति के हित की अपेक्षा देश के हित की बात कही गई है। कैसे? स्पष्ट करें।
उत्तर:
‘पुष्प की अभिलाषा’ कविता में कवि ने पुष्प के माध्यम से स्पष्ट किया है कि व्यक्ति के अपने निजी स्वार्थों की अपेक्षा देश का हित सब से ऊपर है। फूल देवकन्या के गहनों में, प्रेमी की माला में गुँथने को अच्छा नहीं समझता। वह सम्राटों के शवों अथवा देवताओं के सिरों पर भी नहीं चढ़ना चाहता। वह तो उस रास्ते पर फेंका जाना पसंद करता है, जहाँ से मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना बलिदान देने वीर जाते हैं। इस प्रकार स्पष्ट है कि फूल अपना कल्याण करने के स्थान पर देश पर बलिदान देने वालों पर न्योछावर हो पुस्तकीय भाग कर हमें यह संदेश देता है कि अपना हित साधने की अपेक्षा देश का हित करना चाहिए।

प्रश्न 2.
इन काव्य पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या करें:
मुझे तोड़ …………. वीर अनेक
उत्तर:
सप्रसंग व्याख्या के लिए क्रमांक तीन सप्रसंग सरलार्थ देखिए।

प्रश्न 3.
यह छोटी सी कविता देशप्रेमियों के लिए प्रेरणास्त्रोत रही है। राष्ट्र हित व्यक्तिगत स्वार्थ से ऊपर है। यदि आपके समक्ष कोई ऐसी परिस्थिति बन जाए तो आप किसे चुनना पसन्द करेंगे ? व्यक्तिगत स्वार्थ या राष्ट्र हित और क्यों ?
उत्तर:
ऐसी स्थिति में मैं व्यक्तिगत स्वार्थ के स्थान पर राष्ट्रहित चुनना पसंद करूँगा क्योंकि राष्ट्र के हित में ही हम सब का कल्याण है। राष्ट्र यदि खुशहाल होगा तो हमारा जीवन भी सुखी होगा। राष्ट्र की सुरक्षा में ही हमारी सुरक्षा है। राष्ट्र है तो हम है, राष्ट्र नहीं होगा तो हम भी नहीं होंगे। इसलिए व्यक्तिगत स्वार्थ से राष्ट्रहित ही सब से ऊपर होना चाहिए।

प्रश्न 4.
हमें अपने देश की उन्नति के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर:
हमें अपने देश की उन्नति के लिए अपने स्वार्थों को पूरा करने के लिए गलत कार्य नहीं करने चाहिए। हमें देश की उन्नति के लिए ईमानदारी से अपना काम करना चाहिए। हमें भ्रष्टाचार, काला बाज़ारी, जमाखोरी आदि का विरोध करते हुए सादा, सच्चा तथा ईमानदार जीवन व्यतीत करना चाहिए। अपने अधिकारों और कर्तव्यों का पालन करते हुए देश के विकास में योगदान देना चाहिए। अनुशासित राष्ट्र उन्नत होता है, इसलिए हमें स्वयं अनुशासन का पालन करते हुए दूसरों को भी अनुशासित करना चाहिए।

PSEB 7th Class Hindi Guide पुष्प की अभिलाषा Important Questions and Answers

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 1.
‘पुष्प की अभिलाषा’ कविता के रचनाकार कौन हैं ?
(क) माखन लाल चतुर्वेदी
(ख) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
(ग) धर्मवीर भारती
(घ) महादेवी वर्मा
उत्तर:
(क) माखन लाल चतुर्वेदी।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 9 पुष्प की अभिलाषा

प्रश्न 2.
पुष्प किससे प्रार्थना करता है ?
(क) वृक्षों से
(ख) परमात्मा से
(ग) नदियों से
(घ) मनुष्यों से
उत्तर:
(ख) परमात्मा से

प्रश्न 3.
पुष्प किसके गहनों में पिरोया जाना चाहता है ?
(क) मनुष्य
(ख) देवताओं की कन्याओं
(ग) राक्षस
(घ) सैनिकों
उत्तर:
(ख) देवताओं की कन्याओं

प्रश्न 4.
पुष्प किसके शवों पर नहीं गिरना चाहता ?
(क) मनुष्य
(ख) सैनिक
(ग) सम्राटों
(घ) विद्यार्थियों
उत्तर:
(ग) सम्राटों

प्रश्न 5.
पुष्प देवताओं के मस्तक पर बैठकर क्या नहीं बनना चाहता ?
(क) अहंकारी
(ख) दयालु
(ग) झगड़ालू
(घ) कोई नहीं
उत्तर:
(क) अहंकारी

2. निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित विकल्पों से कीजिए

प्रश्न 1.
फूल अपना जीवन …… को प्रसन्न करने के लिए नष्ट नहीं करना चाहता।
(क) देव कन्याओं
(ख) नेताओं
(ग) मालिक
(घ) खिलाड़ियों
उत्तर:
(क) देव कन्याओं

प्रश्न 2.
पुष्प माली से उसे ……… पर बलिदान देने वाले वीरों के चरणों के नीचे फैंक देने को कहता है।
(क) नेताओं
(ख) परिवार
(ग) मातृभूमि
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) मातृभूमि

प्रश्न 3.
‘पुष्प की अभिलाषा’ कविता में व्यक्ति के हित की अपेक्षा …………. की बात कही गयी है।
(क) देशहित
(ख) परहित
(ग) परिवारहित
(ग) पत्नीहित
उत्तर:
(क) देशहित

प्रश्न 4.
फूल देवताओं के सिर पर नहीं ………… चाहता।
(क) गाना
(ख) नाचना
(ग) उतरना
(घ) चढ़ना
उत्तर:
(घ) चढ़ना

प्रश्न 5.
मातृभूमि की रक्षा करने के लिए बलिदान देने ………… जाते हैं।
(क) वीर
(ख) कायर
(ग) बच्चे
(घ) बड़े
उत्तर:
(क) वीर

3. दिए गए शब्द का सही अर्थ से मिलान कीजिए

प्रश्न 1.
मस्तक:
माथा
मस्त
मस्ताना
उत्तर:
माथा।

प्रश्न 2.
देवकन्या:
देवता
कन्या
देवताओं की लड़की
उत्तर:
देवताओं की लड़की

प्रश्न 3.
अभिलाषा:
अभियंता
इच्छा
अबलाशा
उत्तर:
इच्छा

प्रश्न 4.
शव:
मृत शरीर
सेब
शवना
उत्तर:
मृत शरीर

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 9 पुष्प की अभिलाषा

सप्रसंग सरलार्थ

1. चाह नहीं, मैं सुरबाला के
गहनों में गँथा जाऊँ।
चाह नहीं, प्रेमी माला में
बिंध प्यारी को ललचाऊँ।

शब्दार्थ:
चाह = इच्छा, कामना। सुरबाला = देवकन्या, देवताओं की लड़की गूंथा = पिरोया। बिंध = बींधा जाना। ललचाऊँ = मोहित करना।

प्रसंग:
यह पद्यांश ‘माखन लाल चतुर्वेदी’ द्वारा रचित कविता ‘पुष्प की अभिलाषा’ से लिया गया है, जिसमें कवि ने बलिदानी वीरों के प्रति पुष्प की इच्छा व्यक्त की है।

सरलार्थ:
कवि लिखता है कि पुष्प अपनी इच्छा व्यक्त करते हुए कहता है कि उसकी यह इच्छा नहीं है कि उसे किसी देवकन्या के गहनों में गूंथा जाए। उसकी यह भी कामना नहीं है कि वह किसी प्रेमी की माला में बींधा जा कर उसकी प्रेमिका को मोहित करे।

भाव:
फूल अपना जीवन देव कन्याओं अथवा किसी प्रेमी की प्रेमिका को प्रसन्न करने के लिए नष्ट नहीं करना चाहता।

2. चाह नहीं, सम्राटों के शव पर,
हे हरि, डाला जाऊँ
चाह नहीं, देवों के सर पर
चढूँ, भाग्य पर इठलाऊँ॥

शब्दार्थ:
चाह = इच्छा, कामना। सम्राट = महाराजा। शव = मरा हुआ शरीर। इठलाऊँ = अक, अहंकार करूँ, गर्व करूँ।

प्रसंग:
यह पद्यांश माखन लाल चतुर्वेदी’ द्वारा रचित कविता ‘पुष्प की अभिलाषा’ से लिया गया है, जिस में पुष्प चाहता है कि उसे बलिदानी वीरों पर न्योछावर किया जाए।

सरलार्थ:
कवि पुष्प की कामना लिखता है कि हे प्रभु! वह यह नहीं चाहता कि उसे मरे हुए सम्राटों के ऊपर डाला जाए। वह यह भी नहीं चाहता कि वह देवताओं के सिर पर चढ़ाया जाए और वह इसे अपना भाग्य समझ कर अपने ऊपर गर्व करने लगे।

भाव:
फूल न तो सम्राटों के शवों पर गिरना चाहता है और न ही देवताओं के सिरों पर चढ़ कर अपने पर गर्व करना चाहता है।

3. मुझे तोड़ लेना वनमाली,
उस पथ पर तुम देना फेंक।
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने,
जिस पथ जाएँ वीर अनेक॥

शब्दार्थ:
वनमाली = जंगल का माली। पथ = रास्ता, मार्ग। मातृभूमि = अपनी जन्म भूमि, अपना देश। शीश चढ़ाने = बलिदान देने, सिर चढ़ाने।

प्रसंग:
यह पद्यांश ‘माखन लाल चतुर्वेदी’ द्वारा रचित कविता ‘पुष्प की अभिलाषा’ से लिया गया है, जिस में कवि ने पुष्प की यह इच्छा व्यक्त की है कि उसे वीरों के बलिदानी पथ पर बिखेर दिया जाए।

सरलार्थ:
कवि पुष्प की अभिलाषा बताते हुए लिखता है कि फूल वन के माली को कहता है कि उसे तोड़ कर तुम उस रास्ते पर फेंक देना जिस पर अपनी मातृभूमि पर अपना बलिदान देने के लिए अनेक वीर जा रहे हों।

भाव:
फूल चाहता है कि वह उन वीरों के चरणों पर न्योछावर हो जाए जो अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना बलिदान देने जा रहे हों।

पुष्प की अभिलाषा Summary

पुष्प की अभिलाषा कविता का सार

‘पुष्प की अभिलाषा’ देश प्रेम की कविता है, जिसमें पुष्प परमात्मा से प्रार्थना करता है कि उसे बलिदानी वीरों के कदमों पर न्योछावर किया जाए। कवि पुष्प की इच्छा बताते हुए लिखता है कि वह यह नहीं चाहता कि उसे देवताओं की कन्याओं के गहनों में पिरोया जाए अथवा प्रेमी की माला में पिरोया जा कर प्रेमिका को मुग्ध करे। वह सम्राटों के शवों पर भी नहीं गिरना चाहता और न ही देवताओं के मस्तक पर बैठकर अहंकारी बनना चाहता है। वह चाहता है कि उसे तोड़ कर उस रास्ते पर फेंक दिया जाए जिस रास्ते से मातृभूमि पर अपना बलिदान देने अनेक वीर जा रहे हों।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 मैट्रो रेल का सुहाना सफ़र

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 8 मैट्रो रेल का सुहाना सफ़र Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 8 मैट्रो रेल का सुहाना सफ़र

Hindi Guide for Class 7 PSEB मैट्रो रेल का सुहाना सफ़र Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध

1. शब्दार्थ

उपहार = भेंट, इनाम
हर्षित = प्रसन्न, खुश
चार चाँद लगाना = मान बढ़ाना
बल्लियों उछलना = बहुत प्रसन्न होना
निकट = नज़दीक
लिफ्ट = ऊपर-नीचे लाने-लेजाने वाला बिजली से चलने वाला वाहन
अपाहिज = अपंग
स्वचालित = अपने आप काम करने वाले
वातानुकूलित = हवा को तापमान के अनुकूल बनाना
विस्फोटक सामग्री = धमाका करने वाली वस्तु
दण्डनीय अपराध = दण्ड देने लायक अपराध
उद्घोषणा = सूचना देना, घोषणा करना
भूमिगत = ज़मीन के नीचे

2. निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ स्पष्ट करते हुए उन्हें वाक्यों में प्रयोग करें:

दिल बल्लियों उछलना ___________________ _________________________
दंग रह जाना _______________ _______________________
खुशी से झूम उठना _______________ ____________________
मन बहलाना _____________ _______________
उत्तर:
दिल बल्लियों उछलना (बहुत खुश होना)-परीक्षा में प्रथम स्थान आने पर मनमोहन सिंह का दिल बल्लियों उछलने लगा।
दंग रह जाना (हैरान होना) – भूमिगत प्लेटफार्म पर स्वचालित सीढ़ियों से उतरते हुए सुजान सिंह दंग रह गया कि ये अपने आप कैसे नीचे पहुँचा देती है।
खुशी से झूम उठना (बहुत प्रसन्न होना) – सचिन का शथक बनते ही दर्शक खुशी से झूम उठे।
मन बहलाना (दिलखुश करना) – सोहन ने रोते हुए बच्चे को चाकलेट देकर उसका मन बहला दिया।

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3. नीचे लिखे शब्दों में अक्षरों को उचित क्रम में रखकर सार्थक शब्द बनाएँ:

गालरेड़ी = ………………….
नुशाअसन = ……………………..
लासफा = …………………………
पहाउर = …………………….
ममसंरंगर = ………………….
प्लेफाटर्म = …………………….
लीजबि = ……………………
टवसजा = ……………………..
अरोधनु = ……………………
पआराध = ……………………….
किललाला = …………………….
वानुकूतलिता = ……………………
जापंब = ………………………
लतारगा = ……………………
भूतगमि = ……………………
कानिस = …………………..
रीजाकान = …………………
अबाजू = ………………………..
उत्तर:
गालरेड़ी = रेलगाड़ी
नुशाअसन = अनुशासन
लासफा = फासला
पहाउर = उपहार
ममसंरंगर =  संगमरमर
प्लेफाटर्म = प्लेटफार्म
लीजबि = बिजली
टवसजा = सजावट
अरोधनु = अनुरोध
पआराध =  अपराध
किललाला = लालकिला
वानुकूतलिता = वातानुकूलिता
जापंब = पंजाब
लतारगा = लगातार
भूतगमि = भूमिगत
कानिस = विकास
रीजाकान =  जानकारी
अबाजू =  अजूबा

4. संज्ञा शब्दों पर गोला लगायें तथा सर्वनाम शब्दों को रेखांकित करें:

  1. बच्चों ! आज हम सभी मैट्रो रेल के द्वारा लाल किला देखने जायेंगे।
  2. हम सीढ़ियों से क्यों जा रहे हैं?
  3. यह स्वचालित प्रवेशद्वार है।
  4. मैं आपको गाड़ी में बिठा कर आता हूँ।
  5. हम सभी विमान से उड़ रहे हैं।
  6. यह तो कोई सुरंग सी लगती है।

उत्तर:

  1. बच्चों ! आज हम सभी मेट्रो रेल के द्वारा लाल किला देखने जायेंगे।
  2. हम सीढ़ियों से क्यों जा रहे हैं ?
  3. यह स्वचालित प्रवेशद्वार है।
  4. मैं आपको गाड़ी में बिठा कर आता हूँ।
  5. हम सभी विमान से उड़ रहे हैं।
  6. यह तो कोई सुरंग सी लगती है।

5. बहुवचन रूप लिखें:

खेल = ………………….
वृद्ध = …………………
स्टेशन = ……………….
पंक्ति = ………………..
सीढ़ी = ……………….
खिड़की = ………………….
उत्तर:
एकवचन बहुवचन
खेल = खेलों
वृद्ध = वृद्धों
स्टेशन = स्टेशनों
पंक्ति = पंक्तियाँ
सीढ़ी = सीढ़ियाँ
खिड़की = खिड़कियाँ

6. अति+आधुनिक – अत्याधुनिक, स्वचालित = स्वचालित इसी प्रकार अन्य शब्द बनाएँ।

अति + ………………. = अत्यावश्यक
अति + ………………. = ……………….
स्व + ………………. = स्वदेश
स्व + रक्षा = …………………….
उत्तर:
अति + आवश्यक = अत्यावश्यक
अति + रिक्त = अतिरिक्त
स्व + देश = स्वदेश
स्व + रक्षा = स्वरक्षा

7. असीमित शब्दों में ‘अ’ लगाकर विपरीत शब्द बना है। इसी प्रकार अन्य विपरीत शब्द बनाएँ:

अ + सुविधा =
अ + सहयोग =
अ + ………….. = असुर
अ + ………… = अभिन्न
उत्तर:
अ + सुविधा = असुविधा
अ + सहयोग = असहयोग
अ + सुर = असुर
अ + भिन्न = अभिन्न

8. निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित पदों में कारक बताएँ:

  1. भास्कर रेलगाड़ी देखने के लिए प्लेटफार्म के किनारे पर जा पहुँचा। ………………….
  2. आज हम सभी मैट्रो रेल के द्वारा जाएँगे।………………….
  3. प्रतिभा खिड़की वाली सीट पर बैठ गयी। ………………
  4. सभी स्वचालित सीढ़ियों के द्वारा भूमिगत प्लेटफार्म पर पहुँच गए ………………
  5. गुरुजी ने बच्चों को बड़े प्यार से समझाया। ………………..
  6. हमने राष्ट्रीय खेलों में भाग लिया।

उत्तर:

  1. संप्रदान तत्पुरुष
  2. करण तत्पुरुष
  3. अधिकरण तत्पुरुष
  4. करण तत्पुरुष
  5. कर्ता तत्पुरुष
  6. अधिकरण तत्पुरुष

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 मैट्रो रेल का सुहाना सफ़र

(ख) विचार-बोध

1. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

प्रश्न 1.
गुरुजी ने बच्चों को क्या वचन दिया था?
उत्तर:
गुरु जी ने बच्चों को वचन दिया था कि यदि वे राष्ट्रीय खेलों में प्रथम स्थान प्राप्त करेंगे तो उन्हें मैट्रो रेल की सैर करवाएँगे।

प्रश्न 2.
कैसे पता चला कि ये बच्चे पंजाब से आए हैं ?
उत्तर:
उन बच्चों ने पंजाब छपे हुए नीले रंग के ट्रैक-सूट पहने हुए थे।

प्रश्न 3.
मैट्रो रेल की पटरी कहाँ-कहाँ बिछाई जाती है ?
उत्तर:
मैट्रो रेल की पटरी ज़मीन पर, सड़क पर पुल बना कर तथा ज़मीन के नीचे सुरंग खोद कर बिछाई जाती है।

प्रश्न 4.
लिफ्ट का प्रयोग किन लोगों के लिए किया जाता है ?
उत्तर:
लिफ्ट का प्रयोग वृद्धों, बीमारों तथा अपाहिजों को पहिया-कुर्सी सहित ले जाने के लिए किया जाता है।।

प्रश्न 5.
स्टेशन पहुँचने पर बच्चे क्या देखकर हैरान हो गए?
उत्तर:
स्टेशन पहुँचने पर बच्चे स्टेशन की साफ-सफाई और सजावट देख कर हैरान हो गए।

प्रश्न 6.
स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा-जांच कैसे की जाती है?
उत्तर:
स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा जांच सुरक्षा-यंत्र में से निकलने से होती है। यह यंत्र किसी के पास विस्फोटक सामग्री होने पर अपने आप ही एक विशेष ध्वनि निकाल कर चेतावनी दे देता है।

प्रश्न 7.
स्वचालित प्रवेश द्वार किस प्रकार कार्य करता है?
उत्तर:
स्वचालित प्रवेश-द्वार टोकन, स्मार्ट कार्ड अथवा पर्यटक कार्ड मशीन के निकट लाने से स्वयं खुल जाता है।

प्रश्न 8.
स्मार्ट-कार्ड का क्या उपयोग है?
उत्तर:
स्मार्ट-कार्ड रोज़ाना यात्रा करने वालों को रोज़ टोकन खरीदने के समय से बचाता है।

प्रश्न 9.
पर्यटक-कार्ड द्वारा कितने दिन तक यात्रा कर सकते हैं?
उत्तर:
पर्यटक कार्ड द्वारा उतने दिनों तक यात्रा कर सकते हैं जितने दिनों के लिए वह बनवाया गया हो।

प्रश्न 10.
गाड़ी की प्रतीक्षा करते समय कौन-से रंग की पट्टी से आगे नहीं जाना चाहिए?
उत्तर:
गाड़ी की प्रतीक्षा करते समय प्लेटफार्म पर बनी पीली पट्टी से आगे नहीं जाना चाहिए।

प्रश्न 11.
प्लेटफार्म पर हमें क्या-क्या नहीं करना चाहिए?
उत्तर:
प्लेटफार्म पर हमें थूकना नहीं चाहिए; गंदगी नहीं फैलानी चाहिए और कुछ खाना-पीना नहीं चाहिए।

प्रश्न 12.
मैट्रो गाड़ी की खिड़कियाँ क्यों नहीं खुलती?
उत्तर:
मैट्रो रेल पूरी तरह से वातानुकूलित है। इसलिए इस की खिड़कियाँ स्थाई रूप से बन्द होने के कारण नहीं खुलती हैं।

प्रश्न 13.
इलैक्ट्रॉनिक सूचना पट्ट पर क्या सूचनाएँ दी जाती हैं ?
उत्तर:
इलैक्ट्रॉनिक सूचना पट्ट पर लगातार आने वाले स्टेशनों की जानकारी हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में दी जाती है।

2. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
मैट्रो स्टेशन आम स्टेशन से किस प्रकार भिन्न है ?
उत्तर:
मैट्रो स्टेशन आम स्टेशनों के समान नहीं होते। ये ज़मीन पर, सड़क पर पुल बना कर तथा जमीन के नीचे सुरंग खोद कर भी बनाए जाते हैं। इन स्टेशनों पर बहुत साफसफाई और सजावट होती है। स्थान-स्थान पर यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा और सहायता के लिए सुरक्षा-कर्मी तैनात होते हैं। स्टेशन पर रेस्टरां, कॉफी शॉप, बुक शॉप, ए०टी०एम० आदि की सुविधाएं भी उपलब्ध होती हैं।

प्रश्न 2.
टोकन, स्मार्ट कार्ड और पर्यटक-कार्ड में क्या अन्तर है ?
उत्तर:
टोकन एक यात्रा के लिए प्रतियात्री को दिया जाता है। रोज़ाना यात्रा करने वाले स्मार्ट कार्ड लेते हैं, जिसे स्वचालित प्रवेश-द्वार की मशीन को दिखाने पर द्वार खुल जाता है तथा यात्रा के अनुसार उसमें से किराया भी कट जाता है। इस से यात्रियों के प्रतिदिन टोकन खरीदने में समय नहीं गंवाना पड़ता। पर्यटक कार्ड पर्यटकों की सुविधा के अनुसार बनाया जाता है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 मैट्रो रेल का सुहाना सफ़र

प्रश्न 3.
मैट्रो गाड़ी के स्वचालित द्वार द्वारा जाने और निकलने में किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर:
मैट्रो रेल के स्वचालित द्वार में प्रवेश करते समय पहले गाड़ी से उतरने वाले लोगों को उतरने देना चाहिए। उसके बाद पंक्ति बना कर एक के बाद एक को स्वचलित द्वार से अन्दर प्रवेश करना चाहिए। द्वार को अपने हाथों से नहीं पकड़ना चाहिए तथा द्वार के सामने भी नहीं खड़ा होना चाहिए। स्वचालित द्वार से निकलते समय जब गाड़ी प्लेटफार्म पर खड़ी हो जाए तथा द्वार अपने आप पूरा खुल जाए तभी एक-एक करके उतरना चाहिए। धक्का-मुक्का मार कर बाहर नहीं निकलना चाहिए।

प्रश्न 4.
भूमिगत प्लेटफार्म से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
भूमिगत प्लेटफार्म ज़मीन खोद कर ज़मीन के नीचे सुरंग बना कर बनाया जाता है। जिन क्षेत्रों में मैट्रो रेल जमीन के अन्दर सुरंग में चलती है वहाँ के प्लेटफार्म भी ज़मीन के अन्दर ही बने होते हैं। इन प्लेटफार्मों पर पहुँचने और वहाँ से स्टेशन पर आने के लिए स्वचालित सीढ़ियों, लिफ्टों तथा सामान्य सीढ़ियों का प्रबंध होता है।

प्रश्न 5.
मैट्रो रेल यात्रा का अनुभव डायरी में लिखें।
उत्तर:
मैंने भी मैट्रो रेल में राजीव चौक से विश्वविद्यालय तक यात्रा की थी। यह सारा मार्ग भूमि के नीचे है। राजीव चौक स्टेशन से स्वचालित सीढ़ियों द्वारा भूमिगत प्लेटफार्म पर पहुँच कर मुझे यह मैट्रो मिली थी। वातानुकूलित मैट्रो में बैठना पाँच सितारा होटल के वातानुकूलित वातावरण का आनन्द दे रहा था। मैट्रो की गति विमान जैसी लग रही थी। मेरी घण्टों की यात्रा मिनटों में पूरी हो गई थी।

(ग) रचना बोध

प्रश्न 1.
अपनी सहेली/मित्र को पत्र लिखो जिसमें मैट्रो यात्रा का वर्णन किया गया हो।
56- सराभा नगर,
लुधियाना।
दिनांक 25 अप्रैल, 20…..
प्रिय सखी मनप्रीत,
सस्नेह नमस्ते।
मैं पिछले दिनों अपने मामा जी के विवाह में दिल्ली गई हुई थी, इसलिए तुम्हारे पत्र का उत्तर नहीं दे सकी थी। यहाँ आकर देखा तो तुम्हारा एक और पत्र मेरी प्रतीक्षा कर रहा था। मैं बिलकुल ठीक हूँ। चिन्ता मत करना। दिल्ली में विवाह ठीक हो गया था। वहाँ मुझे मैट्रो रेल में यात्रा करने का अवसर मिला था। बहुत मज़ा आया। तुम होती तो और भी अधिक आनन्द आता। मैटो रेलवे स्टेशन सड़क पर पल बनाकर ऊपर ज़मीन पर और ज़मीन के नीचे भी हैं। बड़े साफ-सुथरे स्टेशन और प्लेटफार्म थे। मैट्रो सारी की सारी वातानुकूलित थी। उसके दरवाजे अपने आप खुलते और बंद हो जाते थे। मेरी मैट्रो की यात्रा हवा में सड़कों पर बने पुलों और जमीन के अन्दर बनी सुरंगों में थी। सुरंग में तो अंधेरा हो जाता था परन्तु हवा में तो खिड़की से खूब अच्छे नज़ारे दिखाई देते थे जैसे उड़ते चले जा रहे हों। तुम भी कभी दिल्ली जाओ तो मैट्रो का आनन्द अवश्य लेना।
तुम्हारी अभिन्न सखी,
जसप्रीत।

प्रश्न 2.
जिन शहरों में मैट्रो रेल की सुविधा हो वहाँ इस रेल की यात्रा का आनन्द ज़रूर लें और अपने अनुभव सहपाठियों को बताएँ।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

PSEB 7th Class Hindi Guide मैट्रो रेल का सुहाना सफ़र Important Questions and Answers

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 1.
पंजाब की कौन-सी टीम राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने गई थी ?
(क) योग टीम
(ख) सांस्कृतिक टीम
(ग) जिमनास्टिक टीम
(घ) क्रिकेट टीम
उत्तर:
(क) योग टीम

प्रश्न 2.
पंजाब की योग टीम के कोच का क्या नाम था ?
(क) अजीत सिंह
(ख) गुरु श्री सुरेन्द्र मोहन
(ग) दिलीप सिंह
(घ) मंगत सिंह
उत्तर:
(ख) गुरु श्री सुरेन्द्र मोहन

प्रश्न 3.
योग टीम कहाँ ठहरी हुई थी ?
(क) झलाकारीबाई राजकीय उच्चतर विद्यालय
(ख) अशोका होटल
(ग) गोकुल विदयालय
(घ) डी०ए०वी विद्यालय
उत्तर:
(क) झलाकारीबाई राजकीय उच्चतर विद्यालय

प्रश्न 4.
पंजाब की योग टीम प्रतियोगिता में किस स्थान पर आई थी ?
(क) द्वितीय
(ख) प्रथम
(ग) आखिरी
(घ) चतुर्थ
उत्तर:
(ख) प्रथम

प्रश्न 5.
सभी खिलाड़ियों ने मैट्रों का सफ़र किस रंग के ट्रैक सूट में किया था ?
(क) गुलाबी रंग
(ख) हरे रंग
(ग) पीले रंग
(घ) नीले रंग
उत्तर:
(घ) नीले रंग

2. निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित विकल्पों से कीजिए

प्रश्न 1.
खिलाड़ियों ने मैट्रो की यात्रा ………… स्टेशन से शुरू की।
(क) राजीव चौंक
(ख) चाँदनी चौंक
(ग) कन्हैया नगर
(घ) गोपाल गंज
उत्तर:
(ग) कन्हैया नगर

प्रश्न 2.
गाड़ी की प्रतीक्षा करते समय किसी को भी ………. पट्टी पार करने की आज्ञा नहीं थी।
(क) पीली
(ख) नीली
(ग) हरी
(घ) गुलाबी
उत्तर:
(क) पीली

प्रश्न 3.
…………. को लग रहा था जैसे विमान में बैठे हों।
(क) किरन
(ख) राजीव
(ग) विवेक
(घ) संतोष
उत्तर:
(ख) राजीव

प्रश्न 4.
………… को वह स्थान सुरंग जैसा लगा।
(क) सिमरन
(ख) किरन
(ग) विवेक
(घ) राजीव
उत्तर:
(क) सिमरन

प्रश्न 5.
मैट्रो स्टेशन पर टोकन एक यात्रा के लिए ………. को दिया जाता है।
(क) अध्यापक
(ख) नौकर
(ग) मालिक
(घ) प्रतियात्री
उत्तर:
(घ) प्रतियात्री

3. दिए गए शब्द का सही अर्थ से मिलान कीजिए

प्रश्न 1.
स्वचालित:
अपने-आप चलने वाली
सूत से बनी
संगमरमर से बनी
उत्तर:
अपने-आप चलने वाली

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 मैट्रो रेल का सुहाना सफ़र

प्रश्न 2.
सूचना पट्ट:
पट्टियां
सूचना लगाने या बताने का स्थान
सूचना की पट्टी
उत्तर:
सूचना लगाने या बताने का स्थान

प्रश्न 3.
गति:
गत
गंत्वय
चाल
उत्तर:
चाल

प्रश्न 4.
नज़ारे:
नज़र
असर
दृश्य
उत्तर:
दृश्य

मैट्रो रेल का सुहाना सफ़र Summary

मैट्रो रेल का सुहाना सफ़र पाठ का सार

‘मैट्रो रेल का सुहाना सफ़र’ पाठ में लेखक ने दिल्ली में चल रही मैट्रो रेल की सैर कराई है। पंजाब की योग टीम अपने कोच गुरुश्री सुरेन्द्र मोहन के साथ दिल्ली में राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने गई थी। वे अशोक विहार के झलाकारीबाई राजकीय उच्चतर विद्यालय में ठहरे थे। गरु जी ने उन्हें कहा था कि यदि वे राष्ट्रीय खेलों में प्रथम आए तो उन्हें मैट्रोरेल की सैर करवाएँगे। उनकी टीम प्रथम आई थी इसलिए गुरु जी उन्हें मैट्रो रेल से लाल किला दिखाने ले जा रहे थे। सभी खिलाड़ी पंजाब छपे नीले रंग के ट्रैक सूट पहने मैट्रो रेल के कन्हैया नगर स्टेशन पर पहुँच गए। वहाँ राजीव ने गुरु जी से कहा कि रेलगाड़ी तो ज़मीन पर चलती है, पर यह स्टेशन तो सड़क के ऊपर बने पुल के ऊपर है। तब गुरु जी ने उसे समझाया कि मैट्रो रेल ज़मीन, पुल पर या ज़मीन के नीचे सुरंग में बिछी पटरियों पर चल सकती हैं, जिससे कम समय में अधिक दूरी तय की जा सके। प्रतिभा के यह पूछने पर कि गाड़ी किस रास्ते से जाएगी? गुरु जी ने उत्तर दिया कि गाड़ी की खिड़की के पास बैठकर स्वयं ही देख लेना।

गुरु जी ने सबको सीढ़ियों से ऊपर जाने के लिए कहा तो भास्कर ने लिफ्ट लगे होने की बात कही। गुरु जी ने बताया कि लिफ्ट वृद्धों, बीमारों तथा अपाहिजों के पहिया कुर्सी के साथ लाने ले जाने के लिए है। जैसे ही वे स्टेशन पर पहुँचे तो वहाँ की साफ़-सफाई देखकर हैरान रह गए। वहाँ तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें एक जांच-यंत्र से अन्दर जाने दिया। स्टेशन पर रेस्तरां, कॉफी शॉप, बुक-शॉप, ए०टी०एम० आदि सेवाएँ भी उपलब्ध थीं। उन्हें स्वचालित प्रवेश द्वारा, जो टोकन, स्मार्ट कार्ड तथा पर्यटक कार्ड द्वारा खुलता है, के स्थान पर समूह-पास होने के कारण विशेष प्रवेश-द्वार तथा प्लेटफार्म की ओर प्रवेश कराया गया। प्लेटफार्म पर भी बहुत साफ-सफाई थी तथा गाड़ी की प्रतीक्षा करते समय किसी को भी प्लेटफार्म पर बनी पीली-पट्टी पार करने की आज्ञा नहीं थी। गाड़ी की प्रतीक्षा करते हुए जिस दिशा में यात्रा करनी हो, उसी दिशा में मुँह करके खड़ा होना चाहिए। सूचना पट्ट पर गाड़ी के आने का समय जान कर गुरु जी ने बच्चों को तैयार रहने के लिए कहा कि तभी घोषणा हुई कि रिठाला से इन्द्रलोक और कश्मीरी गेट होते हुए दिलशाद गार्डन जाने वाली मैट्रो कुछ समय में प्लेटफार्म पर पहँच रही है।

किरन उद्घोषणा में लाल किले का नाम न सुन पाने के कारण गुरुजी से पूछती है, तो वे बताते हैं कि उन्हें कश्मीरी गेट से चाँदनी चौक की मैटो पकडनी होगी तथा वहाँ उतर कर पैदल लाल किले जाना होगा। गाड़ी में सभी बच्चे लम्बी सीटों पर खिड़कियों के पास बैठ गए। स्वचालित द्वार स्वयं बन्द हो गए। राजीव को ऐसा लग रहा था जैसे वे सब किसी विमान पुस्तकीय भाग में उड़ रहे हो। वातानुकूलित होने के कारण खिड़कियाँ स्थाई तौर पर बन्द थीं। बच्चे खिड़कियों से बाहर के दृश्य देख रहे थे। स्टेशन आने से पहले गाड़ी में आने वाले स्टेशन और द्वार किधर खुलेंगे की घोषणा हो रही थी। कश्मीरी गेट स्टेशन आने की घोषणा होते ही गुरु जी ने बच्चों को उतरने के लिए तैयार हो जाने के लिए कहा। वहाँ जैसे ही गाड़ी रुकी और द्वार खुला मैट्रो का एक कर्मचारी इनकी सहायता के लिए खड़ा था जिसे कन्हैया नगर स्टेशन से अधिकारियों ने सूचना दे दी थी। इन बच्चों के ट्रैक सूट पर पंजाब छपा देख कर उसने इन्हें पहचान लिया था। वह इन्हें स्वचालित सीढ़ियों से भूमिगत प्लेटफार्म पर ले गया, जहाँ से इन्हें चाँदनी चौक की मैट्रो मिलनी थी। सिमरन को वह स्थान सुरंग जैसा लगा। चाँदनी चौक स्टेशन से बाहर भी वे विशेष द्वार से आए तथा लाल किले की तरफ जाते हुए मैट्रो के इसी अजूबे सफर की बातें कर रहे थे।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 7 चन्दन का पेड़

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 7 चन्दन का पेड़ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 7 चन्दन का पेड़

Hindi Guide for Class 7 PSEB चन्दन का पेड़ Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध

1. शब्दार्थ

भूस्खलन = मिट्टी और पत्थर के ढेर का पहाड़ से खिसककर नीचे गिरना
ग्रास = निवाला, कौर
अनिच्छा = न चाहते हुए भी, बिना इच्छा के
अतिक्रमण = मर्यादा का उल्लंघन, सीमा को तोड़ना
श्रवण शक्ति = सुनने की ताकत
स्पर्श = छूना
देह-शरीर
सांत्वना = तसल्ली, ढांढस बंधना
गिरफ्तार-कैद करना
प्रधानाचार्य = प्रिंसीपल, स्कूल का मुखिया
मुदालियर = गाँव की पुलिस चौकी का हैड कांस्टेबल
अधीरता = बेसब्री
सतर्क = होशियार
नेतृत्व = सरदारी, अगुवाई
एकाग्र = एकाचित होकर
किर्र-किर्र का स्वर = लकड़ी चीरने का स्वर
पुष्टि = तसल्ली
प्रमाण = सबूत
अवैध = न्याय के विरुद्ध, अनुचित

2. इन शब्दों और मुहावरों के अर्थ लिखते हुए वाक्य बनाएँ:

अतिक्रमण ________________ _________________________
गिरफ्तार ________________ _________________________
अवैध ________________ ________________________
चैन की साँस लेना _______________ ____________________
भंडाफोड़ करना ______________  _______________
प्रधानाचार्य _______________ ______________________
उत्तर:
अतिक्रमण (सीमा का उल्लंघन) – कुछ लोगों ने नगर-निगम की ज़मीन पर अतिक्रमण करके अपने घर बना लिए हैं।
गिरफ़्तार (कैद करना) – पुलिस ने डकैतों को जंगल से गिरफ्तार कर लिया।
अवैध (अनुचित, कानून के विरुद्ध) – दुकानदारों ने सड़कों पर अवैध रूप से कब्जा करके अपने सामान सजा लिए हैं।
चैन की साँस लेना (आराम से रहना) – परीक्षाओं के समाप्त होने पर विद्यार्थियों ने चैन की साँस ली।
भंडाफोड़ करना (राज खोलना) – सुनन्दा ने चन्दन की लकड़ी की चोरी में मुदालियर का भंडाफोड़ कर उसे सजा दिलाई।
प्रधानाचार्य (मुख्य अध्यापक) – डॉक्टर रत्न चन्द्र शर्मा हमारे विद्यालय के श्रेष्ठ प्रधानाचार्य थे।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 7 चन्दन का पेड़

(ख) विचार-बोध

1. इन प्रश्नों के उत्तर: एक या दो वाक्यों में लिखें:

(क) सुनन्दा कहाँ रहती थी ?
उत्तर:
सुनन्दा पूर्वीघाट में करीमुनाई गाँव के नज़दीक रहती थी।

(ख) उसका साथी कौन था ?
उत्तर:
सुनन्दा का साथी गुगु नाम का कुत्ता था।

(ग) सुनन्दा के माता-पिता किस प्राकृतिक आपदा का ग्रास बन गए थे ?
उत्तर:
सुनन्दा के माता-पिता भूस्खलन आपदा के ग्रास बन गए थे।

(घ) रावगुरु कौन थे ?
उत्तर:
रावगुरु गाँव के स्कूल के प्रधानाचार्य थे।

(ङ) भू-स्खलन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
भूस्खलन चट्टानों और मिट्टी के धरती के नीचे हलचल होने से पहाड़ से नीचे गिरने को कहते हैं।

(च) मुदालियर कौन था ?
उत्तर:
मुदालियर गाँव की पुलिस चौकी का हैडकांस्टेबल था।

(छ) उसने रमेश को क्या कहा ?
उत्तर:
मुदालियर ने रमेश को ज्यादा चन्दन के पेड़ काटने से रोका क्योंकि रात के दो बज गए थे और चन्दन की लकड़ी की बिक्री से दस प्रतिशत देने के लिए कहा।

(ज) सुनन्दा को इनाम क्यों दिया गया ?
उत्तर:
सुनन्दा को इनाम इसलिए दिया गया क्योंकि उसने चन्दन की लकड़ी के चोरों का भंडाफोड़ किया था।

(झ) रावगुरु ने सुनन्दा को राष्ट्रीय अन्धमहाविद्यालय में भर्ती करवाने का निश्चय क्यों किया ?
उत्तर:
रावगुरु ने सुनन्दा को राष्ट्रीय अन्धविद्यालय में इसलिए भर्ती करवाना चाहा, जिससे वह कुछ अपने फायदे के काम सीख सके।

2. इन प्रश्नों के उत्तर: चार या पाँच वाक्यों में लिखें:

(क) पेड़ों की अवैध कटाई से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
पेड़ों की अवैध कटाई का संबंध उन पेड़ों की कटाई से है जिन्हें सरकार ने काटने से मना किया हुआ है। उन्हें काटना अपराध माना जाता है। उन्हें काटने वालों को अपराधी सिद्ध कर जेल में बंद कर दिया जाता है। चंदन जैसे बहुमूल्य पेड़ सभी जगहों पर पुस्तकीय भाग नहीं उगाए जा सकते। उन्हें उगाने के लिए विशेष परिस्थितियों और मौसम की आवश्यकता होती है। कुछ लालची लोग धन कमाने के लिए उन्हें चोरी-छिपे काट कर बेच देते हैं जिसे अवैध कटाई कहते हैं।

(ख) सुनन्दा को कैसे पता चला कि ये पेड़ चन्दन के हैं ?
उत्तर:
सुनन्दा अपनी नेत्र ज्योति खोने के बाद अपने कुत्ते के साथ अकेली ही आसपास की पहाड़ियों में चली जाया करती थी। एक दोपहर उसे जंगल में चंदन की सुगंध से युक्त हवा का झोंका अनुभव हुआ। उस दिन जंगल में कोयल की कूक भी उसे सुनाई नहीं दी थी। जिस पेड़ का सहारा ले कर प्रायः बैठा करती थी वह कटा हुआ था। उसके आसपास के पेड़ भी कटे हुए थे। कटे हुए तने के ठूठ को सूंघने और उस स्थान पर पत्थर को रगड़ कर सूंघने से सुनन्दा को पता चल गया था कि पेड़ चन्दन के थे।

(ग) सुनन्दा ने चन्दन की लकड़ी के तस्करों को कैसे पकड़वाया ?
उत्तर:
सुनन्दा को जब चन्दन के पेड़ों की चोरी का शक हुआ तो उसने इस विषय में रावगुरु से बात की। उन्होंने गाँव की पुलिस चौकी के हैड-कांस्टेबल मुदालियर से शिकायत की पर वह इस विषय में कुछ नहीं बोला। सुनन्दा अपने गुगु के साथ सुबह-सवेरे चन्दन क्षेत्र में चली गई। वहाँ एक झाड़ी के पीछे छिपकर बैठ गई। कुछ देर बाद उसे मुदालियर की आवाज़ सुनाई दी पर इस से अधिक वहाँ कुछ नहीं हुआ। अगली रात ग्यारह बजे सुनन्दा और गुगु दोनों फिर वहीं गए। उन्हें वहाँ किर्र-किर्र की आवाज़ सुनाई दी। वहाँ वाहनों की आवाज़ भी थी। उसने रमेश नामक तस्कर और मुदालियर की बातचीत को सुना। अगले दिन रावगुरु ने उटकमंड के पुलिस मुख्यालय में इसकी शिकायत की। सुनन्दा की गवाही और जाँच के बाद तस्करों को पकड़ लिया गया।

(घ) यदि आप को किसी अवैध घटना का पता चले तो आप क्या करोगे ?
उत्तर:
यदि मुझे किसी अवैध घटना का पता चला तो मैं भी सुनन्दा की तरह उस विषय के बारे में अपने मम्मी-पापा को बताऊँगा। उनके साथ जा कर पुलिस अधिकारी को शिकायत करूँगा। अपराधियों को पकड़वाऊँगा। ऐसा कर के मैं अपने समाज और देश की सेवा करूँगा।

3. बहुवचन रूप लिखें:

बकरी = ………………..
सिसकी = ………………..
पहाड़ी = ………………..
लड़की = ………………..
लकड़ी = ………………..
झपकी = ………………..
उत्तर:
बकरी = बकरियाँ
सिसकी = सिसकियाँ
पहाड़ी = पहाड़ियाँ
लड़की = लड़कियाँ
लकड़ी = लकड़ियाँ
झपकी = झपकियाँ

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 7 चन्दन का पेड़

4. विलोम शब्द लिखें:

अनिच्छा, निम्न, पहाड़ी, अन्धकार
उत्तर:
शब्द = विलोम
1. अनिच्छा = इच्छा
2. निम्न = उच्च
3. पहाड़ी = मैदानी
4. अन्धकार = उजाला

5. ‘ता’ लगाकर भाववाचक संज्ञा बनायें:

अधीर + ता = ……………………..
सतर्क + ता = …………………….
एकाग्र + ता = ……………………
उत्तर::
अधीर + ता = अधीरता
सतर्क + ता = सतर्कता
एकाग्र + ता = एकाग्रता

6. प्रयोगात्मक व्याकरण

संधि संधि विच्छेद
दुर्घटना = दु+घटना उपर्युक्त

उदाहरण में ‘उ’ के बाद विसर्ग है तथा बाद में ‘क’ वर्ग का चौथा वर्ग है, इसलिए विसर्ग को र् हो गया।

अन्य उदाहरण

निः + मल = निर्मल
निः + धन = निर्धन
दु: + जन = दुर्जन
आशी: + वाद = आशीर्वाद

अतएव विसर्ग से पूर्व अ, आ को छोड़कर यदि कोई दूसरा स्वर हो तो परे वर्ग का तीसरा, चौथा, पाँचवाँ वर्ण हो या य, र, ल, व, ह में से कोई वर्ण हो तो विसर्ग को र् हो जाता है।
समस्त पद विग्रह
माता-पिता = माता और पिता

उपुर्यक्त समस्त पद बनाते समय और योजक का लोप हो गया है तथा उसकी जगह योजक चिह्न (-) लग गया है, इसे दोनों प्रधान होते हैं।

अतएव जिस समास में दोनों पद प्रधान हों, उसे द्वंद्व समास कहते हैं।

अन्य उदाहरण

समस्त पद विग्रह
देवी-देवता = देवी और देवता
मामा-मामी = मामा और मामी
अंधेरा-उजाला = अंधेरा और उजाला
ऊपर-नीचे = ऊपर और नीचे

पुस्तकीय भाग निम्नलिखित की संधि करें:

  1. प्रधान+आचार्य = …………………..
  2. वि+अवहार = …………………..
  3. प्रति+ईक्षा = …………………..
  4. पद+अधिकारी = …………………..
  5. मुख्य+आलय = …………………..
  6. सु+आगत = …………………..

उत्तर:-संधि

  1. प्रधान+आचार्य = प्रधानाचार्य
  2. वि+अवहार = व्यवहार
  3. प्रति ईक्षा = प्रतीक्षा
  4. पद+अधिकारी = पदाधिकारी
  5. मुख्य+आलय = मुख्यालय
  6. सु+आगत = स्वागत

(2) शब्दांश+मूल शब्द (अर्थ) = नवीन शब्द (अर्थ)
अ+वैध (विधि के अनुकूल) = अवैध (विधि के प्रतिकूल)
अनु+मान (परिमाण) = अनुमान (अंदाजा)

उपर्युक्त मूल शब्द वैध में अ शब्दांश लगाने से अवैध तथा मान में ‘अनु’ शब्दांश लगाने से ‘अनुमान’ नवीन शब्द बने हैं तथा उनके अर्थ में भी परिवर्तन आ गया है। ये ‘अ’ तथा ‘अनु’ उपसर्ग हैं। अतएव जो शब्दांश किसी शब्द के शुरू में जुड़कर उनके अर्थ में परिवर्तन ला देते हैं, वे उपसर्ग कहलाते हैं।

(3) मूल शब्द (अर्थ) + शब्दांश = नवीन शब्द (अर्थ)
पहाड़ (पर्वत) + ई = पहाड़ी (पहाड़ी सम्बन्धी) पहाड़ पर मिलने वाला
छाया (वातावरण जहाँ प्रकाश = छायादार (जो छाया करने वाला हो) की किरण आवरण के कारण
न पहुँच सके) + दार

उपर्युक्त मूल शब्द पहाड़ में ‘ई’ लगाने से पहाड़ी तथा छाया शब्द में ‘दार’ लगाने से ‘छायादार’ नवीन शब्द बने हैं तथा उनके अर्थ में भी परिवर्तन आ गया है। ये ‘ई’ तथा ‘दार’ प्रत्यय है।

अतएव जो शब्दांश किसी के शब्द के अंत में जुड़कर उनके अर्थ में परिवर्तन ला देते हैं, प्रत्यय कहलाते हैं।

PSEB 7th Class Hindi Guide चन्दन का पेड़ Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प चुनकर लिखिए

(1) रावगुरु कौन थे ?
(क) अध्यापक
(ख) प्रधानाचार्य
(ग) मुख्याध्यापक
(घ) चपड़ासी
उत्तर:
(ख) प्रधानाचार्य

(2) कुत्ते का क्या नाम था ?
(क) गुगु
(ख) रिंकी
(ग) टामी
(घ) कोई नहीं
उत्तर:
(क) गुगु।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 7 चन्दन का पेड़

‌(3)‌ ‌सुनन्दा‌ ‌को‌ ‌जब‌ ‌होश‌ ‌आया‌ ‌था,‌ ‌तब‌ ‌वह‌ ‌किसके‌ ‌घर‌ ‌थी‌ ‌?‌
‌(क)‌ राहुल‌ ‌के‌ ‌
(ख)‌ ‌चंदन‌ ‌के‌ ‌
(ग)‌ ‌इंद्रजीत‌ ‌के‌ ‌
(घ)‌ ‌रावगुरु‌ ‌के
‌उत्तर:
(घ)‌ ‌रावगुरु‌ ‌के

‌(4)‌ ‌नुकीली‌ ‌चीज़‌ ‌लगने‌ ‌से‌ ‌सुनन्दा‌ ‌को‌ ‌क्या‌ ‌हुआ‌ ‌था‌ ‌?‌ ‌
(क)‌ बहरी‌ ‌
(ख)‌ ‌अन्धी‌
‌(ग)‌ ‌गूंगी‌ ‌
(घ)‌ ‌लंगड़ी
‌उत्तर:
(ख)‌ ‌अन्धी

‌(5)‌ ‌सुनन्दा‌ ‌के‌ ‌तेरह‌ ‌वर्ष‌ ‌के‌ ‌होने‌ ‌पर‌ ‌कौन-सी‌ ‌आपदा‌ ‌आई‌ ‌थी‌ ‌?‌
‌(क)‌ ‌भूस्खलन‌ ‌
(ख)‌ ‌बाढ़‌
‌(ग)‌ ‌सूखा‌ ‌
(घ)‌ ‌बिजली‌ ‌गिरी
‌उत्तर:
(क)‌ ‌भूस्खलन

‌प्रश्न‌ ‌2.
‌निम्नलिखित‌ ‌रिक्त‌ ‌स्थानों‌ ‌की‌ ‌पूर्ति‌ ‌उचित‌ ‌विकल्पों‌ से‌ ‌कीजिए

(1)‌ ‌सुनंदा‌ ‌ने‌ ‌……….‌ ‌को‌ ‌रात‌ ‌की‌ ‌सारी‌ ‌घटना‌ ‌बता‌ ‌दी।‌
‌(क)‌ ‌रावगुरु‌ ‌को‌ ‌
(ख)‌ ‌वेदांत‌ ‌को‌
‌(ग)‌ ‌अनिल‌ ‌को‌ ‌
(घ)‌ ‌मनोज‌ ‌को
‌उत्तर:
(क)‌ ‌रावगुरु‌ ‌को।‌

‌(2)‌ ‌सुनन्दा‌ ‌……….‌ ‌वर्षीय‌ ‌लड़की‌ ‌थी।‌
‌(क)‌ ‌पंद्रह‌ ‌
(ख)‌ ‌तेरह‌
‌(ग)‌ ‌चौदह‌ ‌
(घ)‌ ‌बीस
‌उत्तर:
(ख)‌ ‌तेरह

‌(3)‌ ‌’यहाँ‌ ‌क्या‌ ‌मेरी‌ ‌तरह‌ ‌गश्त‌ ‌कर‌ ‌रहे‌ ‌हो’‌ ‌वाक्य‌ ‌…….‌ ‌का‌ ‌है।‌ ‌
(क)‌ ‌मुदालियर‌ ‌
(ख)‌ ‌रावगुरु‌
‌(ग)‌ ‌सुनन्दा‌ ‌
(घ)‌ ‌चंदन।‌ ‌
उत्तर:
(क)‌ ‌मुदालियर

‌(4)‌ ‌सुनन्दा‌ ‌पेड़ों‌ ‌के‌ ‌पास‌ ‌………..‌ ‌बजे‌ ‌गई‌ ‌थी।‌
‌(क)‌ ‌बारह‌ ‌बजे‌ ‌
(ख)‌ ‌दो‌ ‌बजे‌
‌(ग)‌ ‌ग्यारह‌ ‌बजे‌ ‌
(घ)‌ ‌दस‌ ‌बजे
‌उत्तर:
(ग)‌ ‌ग्यारह‌ ‌बजे

‌(5)‌ ‌सुनन्दा‌ ‌गुगु‌ ‌को‌ ‌…………से‌ ‌खींच‌ ‌कर‌ ‌लाई।‌
‌(क)‌ ‌पैर‌ ‌से‌ ‌
(ख)‌ ‌पूँछ‌ ‌से‌
‌(ग)‌ ‌पट्टे‌ ‌से‌ ‌
(घ)‌ ‌गर्दन‌ ‌से
‌उत्तर:
(ग)‌ ‌पट्टे‌ ‌से

प्रश्न 3.
दिए गए शब्द का सही अर्थ से मिलान कीजिए

(1) अगुवाई:
पितृत्व
मातृत्व
नेतृत्व
उत्तर:
नेतृत्व।

(2) दूंठ:
बिना फूल पत्तों वाला पेड़
ठठेरा
ठिगना
उत्तर:
बिना फूल पत्तों वाला पेड़।

(3) स्पर्श:
संघर्ष
छूना
स्कंद
उत्तर:
छूना।

(4) कौर:
करना
करवाना
निवाला
उत्तर:
निवाला।

चन्दन का पेड़ Summary

चन्दन का पेड़ पाठ का सार

‘चन्दन का पेड़’ एक तेरह वर्षीय अन्धी लड़की सुनन्दा की कहानी है, जो अपनी सूझबूझ से चन्दन के पेड़ों की अवैध कटाई करने वालों को पकड़वा देती है। वह अपने माता-पिता के साथ पूर्वी घाट में करीमुनाई गाँव में रहती थी। उसके पिता पहाडी की ढलान पर सीढ़ीनुमा ज़मीन पर खेती करते थे तथा माँ बकरियों की देखभाल करती थी। वह उन दोनों की सहायता करने के साथ-साथ स्कूल पढ़ने भी जाती थी। उसका साथी गुगु नाम का कुत्ता था, जिस दिन वह तेरह वर्ष की हुई, उसी दिन भूस्खलन हुआ, जिसमें उसके माता-पिता और बकरियाँ मर गईं और वह पहाड़ी से फिसल कर ऐसे गिरी कि उसकी आँखों में कोई नुकीली चीज़ लगी तथा वह बेहोश हो गई। नुकीली चीज़ से लगी चोट के कारण वह अन्धी हो गई। जब उसे होश आया तो वह गाँव के स्कूल के प्रधानाचार्य रावगुरु के घर में थी। गुगु कुत्ता भी वहीं था। वह उनके घर में रहने लगी तथा रावगुरु की पत्नी को मामी कहने लगी। वे उसका बहुत ध्यान रखते थे। उसे स्कूल भी भेजना चाहते थे परन्तु उसने घर पर ही रहना स्वीकार किया।

सुनन्दा धीरे-धीरे अपनी अन्धेरी दुनिया की आदी हो गई। गुगु उसके साथ रहता था। वह मामी की पूजा के लिए फूलों की माला पिरोने लगी। शाम को रावगुरु उससे अनेक विषयों पर बातें करते थे। एक दिन उसने उनसे भूस्खलन के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि मनुष्य अंधाधुंध पेड़ों को काटता जाता है। पेड़ पहाड़ की मिट्टी को बाँध कर रखते हैं। उनके कट जाने से धरती के भीतर की हलचल से चट्टानें और मिट्टी नीचे फिसलने लगती है और भूस्खलन हो जाता है। सुनन्दा को लगा कि इस प्रकार से पेड़ों की कटाई ने ही उसे अपने परिवार से अलग कर दिया।

अब सुनन्दा स्पर्श, गन्ध और श्रवण शक्ति के माध्यम से बहुत कुछ जानने-समझने लगी थी। उसमें आत्मविश्वास आ गया था। वह गुगु के साथ आसपास की पहाड़ियों और पेड़ों के झुरमुट में घूमने निकल जाती थी और एक पेड़ में तने का सहारा लेकर बैठ जाती थी। गुगु उसके पास बैठता था और कोयल उससे बातें करती थीं। एक दिन जब वह अपने निश्चित स्थान पर पहुँची तो उसे कोयल की आवाज़ सुनाई नहीं दी और जहाँ टेक लगा कर बैठती थी, वहाँ पेड़ के स्थान पर दूंठ था। आस-पास भी ढूँठ थे और जब उसने ठूठ को पत्थर से रगड़ कर देखा तो उसे चन्दन की सुगंध आई। वह सोचने लगी कौन इन चन्दन के वृक्षों को काट गया। घर आकर उसने रावगुरु को बताया। रावगुरु ने मुदालियर से पता किया तो उसने कहा कि चन्दन के पेड़ सुरक्षित हैं। अगले दिन सुनन्दा ने फिर कुछ पेड़ों को कटा पाया और रावगुरु को बताया। उन्होंने मुदालियर से कहा तो उसने अन्धी लड़की पुस्तकीय भाग का बातों पर विश्वास नहीं करने और उसे अफवाहें फैलाने से रोकने के लिए रावगुरु को कहा। सुनन्दा को विश्वास था कि चन्दन की लकड़ी की चोरी हो रही है।

अगले दिन सुबह ही सुनन्दा गुगु को लेकर चन्दन क्षेत्र की ओर गई और झाड़ी के पीछे छिप कर बैठ गई। किसी के आने की आहट सुन कर गुगु भौंकने लगा तो सुनन्दा झाड़ियों में छिप गई। तभी उधर से मुदालियर गुजग और गुगु को ‘यहाँ क्या मेरी तरह गश्त कर रहे हो’ कह कर चला गया। सुनन्दा ने उसको आवाज़ पहचान ली थी। वह अगली रात, रावगुरु और उनकी पत्नी के सोने के बाद, ग्यारह बजे गुगु के साथ चन्दन के पेड़ों के पास गई तो गुगु किर्रकिर्र की आवाज़ सुन कर गुर्राने लगा तो उसने उसे चुप करा दिया। उसे किरै-किर्र और वाहनों के आने-जाने के स्वरों के साथ मुदालियर की आवाज़ भी सुनाई दी जो किसी रमेश से कह रहा था ‘इतना ही काफी है। रात के दो बज गए हैं। इस की बिक्री का दस प्रतिशत मेरा होगा।’ उसने उत्तर: दिया था कि ज़रूर दूंगा। इस के बाद शान्ति छा गई थी। सुनन्दा गुगु को पट्टे से खींचती हुई घर आ गई, परन्तु सो न सकी।

सुबह हुई तो सुनन्दा ने रावगुरु को रात की सारी घटना बता दी। वे उटकमंड में पुलिस मुख्यालय गए, जहाँ रावगुरु के साथ सुनन्दा को भी बुलाया गया और उससे पूछताछ की गई। रावगुरु ने सुनन्दा को बताया कि यदि मुदालियर के विरुद्ध प्रमाण मिले तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। एक महीने बाद रावगुरु ने सुनन्दा को बताया कि चन्दन की लकड़ी की चोरी का भंडाफोड़ करने के लिए उसे पुलिस विभाग ने इनाम दिया है। मामी भी बहुत प्रसन्न होकर देवी लक्ष्मी को खीर का भोग लगाने की बात कहने लगी। सुनन्दा को राष्ट्रीय अन्धविद्यालय में दाखिल कराने का निश्चय किया गया और उसके इनाम की राशि बैंक में जमा करा दी गई, जिससे वह अपना जीवन ठीक से चला सके। सुनन्दा के पास रावगुरु को धन्यवाद करने के लिए शब्द नहीं थे।

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran विराम-चिह्न

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar viram chinh विराम-चिह्न Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 7th Class Hindi Grammar विराम-चिह्न

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran विराम-चिह्न

प्रश्न 1.
विराम चिह्न से क्या अभिप्राय है ? हिन्दी में प्रचलित चिह्न को स्पष्ट करें।
उत्तर:
वाक्य का उच्चारण करते समय भाव को प्रकट करने के लिए जहाँ-जहाँ जिह्वा रुकती है, उसे विराम कहते हैं। इसी विराम को प्रकट करने के लिए हम जिन चिह्न का प्रयोग करते हैं, उन्हें विराम चिह्न कहते हैं। विराम चिहन निम्नलिखित हैं :

विराम चिह्न
1. अल्प विराम (,)
2. अर्द्ध-विराम (;)
3. अपूर्ण विराम (:)
4. विराम या पूर्ण विराम (।)
5. प्रश्न चिह्न (?)
6. विस्मयादि बोधक (!)
7. निर्देशक (-)
8. योजक या विभाजक (.)
9. उद्धरण चिह्न (“)
10. कोष्ठक () [ ] {}
11. लाघव चिह्न (० या)
12. त्रुटि पूरक (^)

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran वाक्य

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Vakya वाक्य Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 7th Class Hindi Grammar वाक्य

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran वाक्य

प्रश्न 1.
वाक्य किसे कहते हैं ? रचना के विचार से वाक्य के प्रकार भी लिखो।
उत्तर:
दो या दो से अधिक सार्थक शब्दों के मेल को वाक्य कहते हैं; जैसे- वह कक्षा में प्रथम आया है।

रचना के विचार से वाक्य के प्रकार-
1. सरल वाक्य – जिस वाक्य में एक उद्देश्य और एक विधेय हो उसे सरल वाक्य कहते हैं जैसे राम जी वन को गए।

2. संयुक्त वाक्य – जिस वाक्य में दो या दो से अधिक सरल वाक्य और तथा आदि योजक शब्दों के द्वारा जुड़कर बने हों, उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं जैसे- राम और लक्ष्मण वन को गए।

3. मिश्र या मिश्रित वाक्य – जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य तथा अन्य उस पर आश्रित उप-वाक्य हों उसे मिश्र वाक्य कहते हैं जैसे- यदि राम वन न जाते तो राजा दशरथ बच जाते।

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran समास

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Samas समास Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 7th Class Hindi Grammar समास

प्रश्न 1.
समास किसे कहते हैं ? उदाहरण सहित लिखो।
उत्तर:
परस्पर सम्बन्ध रखने वाले दो या दो से अधिक शब्दों के मेल को समास कहा जाता है। जैसे-माता-पिता (माता और पिता)।

विग्रह :
समास के नियम हटाकर पूर्वपद तथा उत्तरपद को पुनः अलग-अलग करने और विभक्तियाँ आदि फिर से जोड़ने की क्रिया को विग्रह कहते हैं; जैसे-‘माता-पिता’ समस्तपद का विग्रह होगा-माता और पिता।

समास के भेद-
समस्त शब्दों में कभी दोनों पद (पूर्वपद तथा उत्तरपद) प्रधान होते हैं, कभी पूर्वपद प्रधान होते हैं, कभी उत्तरपद और कभी दोनों को ही छोड़कर कोई अन्य होता है। समास के निम्नलिखित चार भेद हैं
1. तत्पुरुष समास
2. बहुब्रीहि समास
3. द्वंद्व समास
4. अव्ययीभाव समास

1. तत्पुरुष समास :
जिस समास में सम्मिलित शब्दों में अर्थ की दृष्टि से पूर्वपद गौण और उत्तरपद प्रधान हो, उसे तत्पुरुष समास कहते हैं। इस समास में दोनों के मध्य आने वाले परसर्गों का लोप हो जाता है।

कर्म : स्वर्ग को प्राप्त-स्वर्गप्राप्त। यश को प्राप्त-यशप्राप्त। परलोक को गमनपरलोकगमन । ग्राम को गत (गया)-ग्रामगत। गिरह को काटने वाला-गिरहकट। देश को गत-देशगत। ग्रन्थ को करने वाला-ग्रन्थकार।

करण :
तुलसी द्वारा कृत-तुलसीकृत। रचना को करने वाला-रचनाकार। दुर्दशा से ग्रस्त-दुर्दशाग्रस्त। हस्त से लिखित-हस्तलिखित। भाग्य द्वारा कृत-भाग्यकृत। मन से माना-मनमाना। प्रेम से आतुर-प्रेमातुर। दया से आर्द्र-दयार्द्र । रेखा से अंकित-रेखांकित। अकाल से पीड़ित-अकालपीड़ित। मन से गढ़ा-मनगढंत। मन से चाहा-मनचाहा। मद से माता-मदमाता।

सम्प्रदान :
रसोई के लिए घर-रसोईघर। मार्ग के लिए व्यय-मार्गव्यय। पाठ के लिए शाला-पाठशाला। यज्ञ के लिए शाला-यज्ञशाला। देश के लिए अर्पण-देशार्पण। देश के लिए भक्ति-देशभक्ति । गुरु के लिए दक्षिणा-गुरुदक्षिणा। युद्ध के लिए भूमियुद्धभूमि। डाक के लिए गाड़ी-डाकगाड़ी। राह के लिए खर्च-राहखर्च। सत्य के लिए आग्रह-सत्याग्रह।

अपादान :
ऋण से मुक्त-ऋणमुक्त। पद से च्युत-पदच्युत। भय से भीत-भयभीत। धन से हीन-धनहीन। पथ से भ्रष्ट-पथभ्रष्ट। देश से निकाला-देशनिकाला। देश से निर्वासित-देशनिर्वासित।

सम्बन्ध :
गंगा का जल-गंगाजल। देव का स्थान–देवस्थान। देश का वासीदेशवासी। गंगा का जल-गंगाजल । घोड़ों की दौड़-घुड़दौड़। राजा का कुमार-राजकुमार। पवन का पुत्र-पवनपुत्र। राज्य का दूत-राजदूत। बैलों की गाड़ी-बैलगाड़ी। सेना का पति-सेनापति। उद्योग का पति-उद्योगपति। देवों का आलय-देवालय।

अधिकरण :
गृह में प्रवेश-गृहप्रवेश। शरण में आगत-शरणागत। शोक में मग्नशोकमग्न। सिर में दर्द-सिरदर्द। हर फन में मौला-हरफनमौला। शरम में आगत शरणागत। दान में वीर-दानवीर। घोड़े पर सवार-घुड़सवार। आप पर बीती-आपबीती। वन में वास-बनवास।

(i) कर्मधारय तत्पुरुष का भेद है। इसमें भी उत्तरपद प्रधान होता है। जब पर्वपद विशेषण और उत्तरपद विशेष्य अथवा एक पद उपमान तथा दूसरा उपमेय हो तब कर्मधारय समास होता है; जैसे-

विशेषण-विशेष्य : नीली है जो गाय-नीलगाय। महान् है जो देव-महादेव। पीत है जो अम्बर– पीताम्बर। लाल है जो टोपी-लालटोपी।

उपमान-उपमेय : कमल के समान नयन-कमलनयन। चन्द्र के समान मुख-चन्द्रमुख। घन के समान श्याम-घनश्याम।

उपमेय-उपमानमुख : रूपी चन्द्र-मुखचन्द्र। विद्या रूपी धन-विद्याधन।

(ii) द्विगु समास, कर्मधारय का भेद है।
इस समास में पूर्वपद संख्यावाचक होता है। विशेष्य-विशेषण भाव के अतिरिक्त यह समास समूहवाची भी होता है; जैसे
नव (नौ) रत्नों का समूह-नवरत्न। चार मासों का समूह-चौमासा। सात सौ (दोहों) का समूह-सतसई। शत अब्दों (वर्षों) का समूह-शताब्दी। चार राहों का समूह-चौराहा। पाँच वटों का समूह-पंचवटी।

(iii) नञ् समास भी तत्पुरुष का ही भेद है। जिस समास में पहला पद निषेधात्मक हो, उसे नञ् समास कहते हैं; जैसे
न सत्य-असत्य। नस्थिर-अस्थिर। न आस्तिक-नास्तिक। न हिंसा-अहिंसा। न वैरअवैर। न देखी-अनदेखी। न होनी-अनहोनी।

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran समास

2. बहुब्रीहि समास :

जिस समास के समस्तपदों में कोई भी प्रधान न होकर कोई अन्य (बाहर का) पद प्रधान हो, उसे बहुब्रीहि समास कहते हैं। बहुब्रीहि समास द्वारा रचित शब्द विशेषण का कार्य करता है; जैसे-
पीत (पीले) हैं अम्बर (वस्त्र) जिसके-पीतांबर। नीला है कंठ जिसका-नीलकंठ। उदार है हृदय जिसका-उदारहृदय। दस आनन (मुख) हैं जिसके-दशानन (रावण)। चन्द्र है शिखर (माथे) पर जिसके-चन्द्रशेखर (शिव)। विष को धारण करने वालाविषधर (सर्प) । घन (बादल) के समान श्याम-घनश्याम (कृष्ण)। चार हैं आनन (मुख) जिसके-चतुरानन (ब्रह्मा) । कुसुमों का आकर (खज़ाना) जो-कुसुमाकर (बसंत)। नाक कटी है जिसकी-नकटा। महान् है आत्मा जिसकी-महात्मा। बारह हैं सींग जिसकेबारहसिंगा।

3. द्वंद्व समास :
जिस समास में दोनों खंड समान हों, कोई प्रधान-गौण न हो, उसे द्वंद्व समास कहते हैं। इनको मिलाने वाले समुच्चयबोधक अव्यय का लोप हो जाता है; जैसे

सुख और दुःख-सुख-दुःख। माता और पिता-माता-पिता। नर और नारी-नरनारी। पाप और पुण्य-पाप-पुण्य। राम और लक्ष्मण-राम-लक्ष्मण। सीता और रामसीता-राम । दाल और रोटी-दाल-रोटी। दाल और भात-दाल-भात । वेद और पुराणवेद-पुराण। जन्म और मरण-जन्म-मरण। खरा और खोटा-खरा-खोटा। अन्न और जल-अन्न-जल। हाथ और पाँव-हाथ-पाँव। राधा और श्याम-राधेश्याम। राजा और प्रजा-राजा-प्रजा। गुरु और शिष्य-गुरु-शिष्य।

4. अव्ययीभाव समास :

जब समास में सम्मिलित पूर्वपद अव्यय हो तथा उसके योग से पूर्ण समस्तपद अव्यय बन जाए तो अव्ययीभाव समास होता है; जैसे-
स्थान के अनुसार-यथास्थान। दिन-दिन-प्रतिदिन। एक एक-प्रत्येक। जैसे संभव हो-यथासंभव। शक्ति के अनुसार-यथाशक्ति। रूप के योग-अनुरूप। मरने तक – आमरण। वर्ष वर्ष-प्रतिवर्ष। जन्म से लेकर-आजन्म। हाथ ही हाथ में-हाथोंहाथ। जीवन भर-आजीवन । आँखों के सामने प्रत्यक्ष। पेट भर कर-भरपेट। आदर के सहितसादर। डर से रहित-निडर। खटके के बिना-बेखटके। समुद्र पर्यंत-आसमुद्र।