PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 25 बाल लीला

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 25 बाल लीला Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 25 बाल लीला

Hindi Guide for Class 6 बाल लीला Textbook Questions and Answers

भाषा-बोध (प्रश्न) पावसातार

1. शब्दों के अर्थ ऊपर दिए जा चुके हैं।

गुसैयाँ = स्वामी, मालिक
रिसैयाँ = क्रोध करना, रूठना
छैयाँ = अधीन
रूहठि = रूठना
पठायो = भेजना
तासौं = उससे
छींका = रस्सी, तार आदि से बनी झोली, जिसे छत से लटकाकर उसमें खाने-पीने की चीजें रखते हैं।
दुहैयाँ = दुहाई देकर
दाउँ = दाँव देना
भोर = सुबह, प्रातः
बरबस = ज़बरदस्ती
मोतै = मुझसे
बिहँसि = हँसकर लाठी
बहियन = बाँहें कंबल
ग्वैया = साथी ग्वाले

2. निम्न शब्दों के हिन्दी रूप लिखो

करत ………………
हमते ………………
गैया ……………….
मैया …………….
पाछे ………….
कछु …………..
मोतै ………….
माखन ……………
उत्तर:
1. करत = करते हो
2. हमते = हमसे
3. मोतै = मुझसे
4. गैया = गाय
5. मैया = माँ
6. माखन = मक्खन
7. पाछे = पीछे
8. केहि = किसे
9. कछु = कुछ
10. बैर = वैर

विचार-बोध

(क)
प्रश्न 1.
श्रीकृष्ण क्यों गुस्से हो जाते हैं ?
उत्तर:
खेल में श्रीदामा से हार जाने पर श्रीकृष्ण गुस्सा हो जाते हैं।

प्रश्न 2.
कृष्ण के क्रोध करने पर ग्वाल सखा क्या जवाब देते हैं ?
उत्तर:
कृष्ण के क्रोध करने पर ग्वाल सखा उसे फटकारते हैं कि हम उससे नहीं खेलेंगे जो रूठते फिरते हैं, जाओ तुम भी वहां जाकर बैठो, जहां सब अन्य ग्वाले बैठे हुए हैं।

3. खेल में कौन जीतता है ?
उत्तर:
खेल में श्रीकृष्ण के सखा श्रीदामा जीतते हैं।

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प्रश्न 4.
कृष्ण ने मक्खन न खाने की कौन-कौन सी दलीलें दी ?
उत्तर:
माखन न खाने की दलीलें देते हुए श्रीकृष्ण कहते हैं कि मैं तो सुबह से शाम तक गौओं को चराने गया हुआ था। तुमने माखन का छींका इतनी ऊँचाई पर लटका रखा है मैं अपने छोटे-छोटे हाथों से इसे कैसे पा सकता हूँ।

प्रश्न 5.
कृष्ण की कौन-सी बात सुनकर माता ने हंसकर उसे गले लगा लिया ?
उत्तर:
सूरदास की बाल सुलभ चंचलता भरी बातें सुनकर यशोदा हंस कर उसे गले से लगा लेती है जब कृष्ण कहते हैं कि ये ले अपनी लाठी और कम्बल तुमने मुझे बहुत ही अपने इशारों पर नचा लिया है।

(ख)
प्रश्न 1.
कृष्ण के क्रोधित होने पर ग्वाल सखा क्या कहते हैं ?
उत्तर:
कृष्ण के क्रोधित होने पर ग्वाल सखा उसे कहते हैं कि खेल में कोई बड़ाछोटा नहीं होता। श्रीदामा के जीत जाने पर तुम गुस्सा क्यों करते हो। जो खेल-खेल में रूठ जाता हो उससे क्या खेलना जाओ तुम भी वहां बैठे रहो जहां सब ग्वाले बैठे हुए हैं।

प्रश्न 2.
सूरदास के इन पदों में बाल-मन की किन-किन भावनाओं को अंकित किया गया है ?
उत्तर:
सूरदास के इन पदों में बाल-मन की चंचल मुद्राओं को चित्रित किया गया। बालक का खेल में हार कर रूठना, रूठ कर बैठ जाना, फिर अपने-आप मान जाना, चालाकी करके न मानना, गुस्सा दिखाना आदि भावनाओं को चित्रित किया गया है।

आत्म-बोध

1. अपने अध्यापक से कृष्ण के जीवन और लीलाओं का परिचय प्राप्त करो।
2. अपने अभिभावक/माता-पिता के साथ जन्माष्टमी पर्व की जानकारी प्राप्त करो वमेला देखो।
3. सूरदास द्वारा लिखित बाल-लीला के अन्य पद पढ़ो।

बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
हार जाने पर श्रीदामा से कौन गुस्सा हो जाते हैं ?
(क) श्रीकृष्ण
(ख) बलराम
(ग) घनश्याम
(घ) श्रीदामा
उत्तर:
(क) श्रीकृष्ण

प्रश्न 2.
ग्वालों के अनुसार खेल में क्या नहीं होता ?
(क) छोटा
(ख) बड़ा
(ग) बड़ा-छोटा
(घ) शून्य
उत्तर:
(ग) बड़ा-छोटा

प्रश्न 3.
श्रीकृष्ण ग्वालों की शिकायत किन-से करते हैं ?
(क) पिता जी से
(ख) माता यशोदा से
(ग) श्रीदामा से
(घ) गोपाला से
उत्तर:
(ख) माता यशोदा से

प्रश्न 4.
श्री कृष्ण क्या न खाने की जिद करते हैं ?
(क) मक्खन
(ख) गुड़
(ग) मिश्री
(घ) मेवा
उत्तर:
(क) मक्खन

प्रश्न 5.
खेल में सब कैसे होते हैं ?
(क) बराबर
(ख) असमान
(ग) ज्यादा-कम बराबर
(घ) कुछ नहीं।
उत्तर:
(क) बराबर

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प्रद्यांशों के सरलार्थ

1. खेलन में को काको गुसैंयाँ।।
हरि हारे जीते श्रीदामा, बरबस की कत करत रिसैयां।
जाति पाँति हमते बड़ नाही, नाहीं बसत तुम्हारी छैयां।
अति अधिकार जनावत मोते, जाते अधिक तुम्हारे गैयाँ।
रूठहिं करै तासौं के खेलै, रहे बैठि जहँ-जहँ सब गवैयां।
सूरदास प्रभु खेलन चाहत, दाउँ दियौ करि नन्द दुहैयाँ।

शब्दार्थ-को = कौन। काको = किसका। गुसैंयां = स्वामी, मालिक। बरबस = जबरन। रिसैयां = क्रोध, गुस्सा। बसत = बसते हैं, रहते हैं। छैयां = अधीन। मोतै = मुझसे। तासौं = उससे। गवैयां = ग्वाले। दाउं = दांव। दुहैयां = दुहाई।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद हमारी हिन्दी पुस्तक से सूरदास रचित रचना ‘बाल-लीला’ से लिया गया है। इसमें कवि ने श्रीकृष्ण की बाल-लीलाओं का वर्णन किया है।

सरलार्थ:
कवि कहता है कि जब श्रीकृष्ण अपने साथियों के साथ गौएं चराने गए और वहां पर श्रीदामा और अन्य साथियों के साथ खेलते, गुस्सा करते और रुठते हैं। श्रीकृष्ण खेलते हुए हार जाते हैं और श्रीदामा जीत जाते हैं तो श्रीकृष्ण रूठ कर बैठ जाते हैं तो उनके साथी कहते हैं कि खेल में कौन किसका स्वामी है तुम हार गए और श्रीदामा जीत गए तो जबरदस्ती में क्यों क्रोध करते हो। जाति-पाति में भी तुम हमसे बड़े नहीं हो अर्थात् हम सभी एक ही हैं और न ही हम तुम्हारे अधीन रहते हैं जो तुम हमें अपना गुस्सा दिखाते हो। हाँ तुम हम पर अपना अधिकार इसलिए जताते हो कि तुम्हारी गौएं हमसे अधिक हैं। सभी ने गुस्से में भर कर कहा कि उससे क्या खेलना जो बात-बात पर रूठ जाता हो। तुम तो दूसरे सब ग्वालों के पास जाकर बैठ जाओ हम तुमसे नहीं खेलते। सूरदास जी कहते हैं कि दोस्तों की फटकार सुनकर श्रीकृष्ण फिर से नन्द की दुहाई देकर फिर से खेलने को सहमत हो गए क्योंकि वे खेलना चाहते थे।

भावार्थ:
बाल-मन और बाल क्रीड़ा की अति सुंदर कल्पना की गई है।

2. मैया मोरी ! मैं नहिं माखन खायो।
भोर भये गैयन के पीछे, मधुबन मोहि पठायो॥
चार पहर बंसीबट भटक्यो, सांझ परे घर आयो।
मैं बालक बहियन को छोटो, छींको केहि विधि पायो॥
ग्वाल बाल सब बैर पड़े हैं, बरबस मुख लपटायो॥
तेरे जिय कछु भेद उपजि है, जानि परायो जायो॥
यह ले अपनी लकुटि कमरिया, बहुतै नाच नचायो।
सूरदास, जब बिहंसि जसोदा, लै कर कंठ लगायो।

शब्दार्थ:
भोर = सवेरा। मोहि = मुझे। पठायो = भेजा। बहियन = बाहें। विधि = तरीका, तरह। बैर = शत्रुता। बरबस = ज़बरदस्ती। जननी = माता। मति = बुद्धि । भोरी = भोली। पतियायो = विश्वास किया। जिय = हृदय। उपजत है = पैदा हो गया है। परायो जायो = दूसरे के द्वारा जन्म दिया हुआ। लकुटी = लाठी। कमरिया = कम्बल। बिहंसि = हंसकर। उर = हृदय, छाती। कंठ = गला।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘बाल-लीला’ शीर्षक पदों में से लिया गया है। इस पद के रचयिता कवि सूरदास जी हैं।

सरलार्थ:
श्रीकृष्ण द्वारा मक्खन चुराने और खाने की जब कोई गोपी शिकायत यशोदा जी से करती है, तो यशोदा माँ के पूछने पर श्रीकृष्ण उत्तर देते हैं-हे माँ! मैंने मक्खन नहीं खाया। सुबह होते ही तूने मुझे गायों के पीछे मधुवन में भेज दिया था। वहां पर चार पहर तक मैं वंशीवट में भटकता रहा हूं और सायंकाल के समय घर आया हूँ। मैं बालक हूँ, मेरे बाजू छोटे हैं, मैं छींके पर किस तरह पहुंच सकता था। ग्वालों के सभी बालक मेरे शत्रु बने हुए हैं, उन्होंने ज़बरदस्ती मक्खन मेरे मुंह में लगा दिया है। तू ऐसी माँ है जो बुद्धि से बहुत भोली है जो इनके कहने पर विश्वास कर रही है। ऐसा लगता है कि मुझे पराया पुत्र समझ कर तेरे मन में मेरे लिए भेद उत्पन्न हो गया है। यह अपने द्वारा दी गई लाठी और कम्बल ले लो। तुमने मुझे बहुत नाच नचवाया है। सूरदास जी कहते हैं कि श्रीकृष्ण के मुंह से ये बातें सुनकर यशोदा ने उन्हें अपने गले से लगा लिया।

भावार्थ:
कवि ने श्रीकृष्ण के बहानों और यशोदा माता के वात्सल्य को सुन्दर ढंग से प्रकट किया है।

बाल लीला Summary

बाल लीला पदों का सार

पहले पद में श्रीकृष्ण खेल में श्रीदामा से हार जाते हैं पर श्री कृष्ण अपनी हार नहीं मानते। श्रीदामा ने उनसे कहा कि वे जात-पात में उनसे बड़े नहीं और नहीं वे उनके घर से मांग कर खाते हैं। उनके पिता के पास कुछ गउएं अवश्य अधिक हैं। जो खेल में झगड़ा करता है उसके साथ कौन खेलना पसंद करेगा। श्रीकृष्ण अभी खेलना चाहते थे इसलिए उन्होंने अपनी हार मान कर बारी दे दी। दूसरे पद में श्रीकृष्ण अपनी माँ से शिकायत करते हैं कि उन्होंने माखन की चोरी नहीं की। वे तो सवेरे-सवेरे गाय ले कर चराने के लिए चले गए थे। वे तो छोटे-से बालक थे और किसी भी प्रकार छींके तक नहीं पहुंच सकते थे। ग्वालों के कुछ बालक उनसे दुश्मनी करते हैं। उन्होंने उनके मुंह पर मक्खन लगा दिया था। माँ पर दोष लगाते हुए कहते हैं कि वह भी पराया समझ कर उन पर आरोप लगाती है। यशोदा माता ने श्रीकृष्ण की बातें सुनकर उन्हें अपने गले से लगा लिया।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 24 ईमानदार बालक

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 24 ईमानदार बालक Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 24 ईमानदार बालक

Hindi Guide for Class 6 ईमानदार बालक Textbook Questions and Answers

भाषा-बोध

1. शब्दार्थउत्तर-पाठ के आरम्भ में दिए गए हैं।

छननी = द्रव पदार्श आदि छानने का महीन कपड़ा, छलनी
रुआँसा = रोने को होने वाला
छुट्टा = रेजगारी
भुनाना = रुपए को सिक्कों में बदलवाना
ऐंबुलेंस = घायलों एवं बीमारों को लिटाकर अस्पताल ले जाने वाली गाड़ी
दुर्लभ = कठिनाई से मिलने वाला

2. शुद्ध करके लिखें

रूपया, मजदूर, परिचीत, बजार, उत्सूक, असी, इमानदार, सूई, जलरी, पल्क।
उत्तर:
1. रूपया = रुपया
2. मजदूर = मज़दूर
3. परिचीत = परिचित
4. बजार = बाज़ार
5. उत्सूक = उत्सुक
6. असी = असि
7. इमानदार = ईमानदार
8. सूई = सुई
9. जलदी = जल्दी
10. पल्क = पलक

3. मुहावरों को वाक्यों में प्रयुक्त करो

पालक मारते ही आना = ……………… ………………………………..
गिड़गिड़ाकर ठगना = ……………….. ……………………………….
घर में ही होना = ……………………. ……………………………….
पाठ पढ़ना = …………………… …………………………………
उत्तर:
1. पलक मारते ही आना = झटपट आना-बाबू जी आप रुकिए ! मैं पलक मारते ही आया।
2. गिड़गिड़ाकर ठगना = दीनतापूर्वक प्रार्थना करके लूट लेना-महेश! तुम इनको नहीं जानते। इन्हें तो गिड़गिड़ाकर ठगने की आदत है।
3. घर में ही होना = घर की बात – तुम चिन्ता मत करो। तुम्हारे रुपए कहीं नहीं जाते। समझो कि वे घर में ही है।
4. पाठ पढ़ना = सबक लेना-सेठ ने कहा, “चलो कोई बात नहीं। समझेंगे एक रुपया देकर एक पाठ ही पढ़ा।”

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 24 ईमानदार बालक

4. अंतर समझो और वाक्यों में प्रयोग करो

शब्द अर्थ वाक्य
1. लौटा वापस आना, ‘लौटना’ क्रिया का भूतकाल रूप ………………………………
लोटा जल रखने का धातु का बना एक बर्तन …………………………………
2. भुनाना भूनने का काम करना ………………………………
भुनाना रुपए को सिक्कों में बदलवाना ………………………………
3. भेजा भेजना ………………………………
भेजा खोपड़ी के अंदर का गूदा, मगज …………………………..
4. दिया ‘देना’ का भूतकाल ………………………..
दिया दीपक ……………………….
उत्तर:
1. लौटा = वापस आना-मोहन कल ही दिल्ली से लौटा था।
लोटा = एक बर्तन-उसने एक लोटा पानी पिया और चल दिया।
2. भुनाना = भूनने का काम करना-वह मज़दूरनी दाना भूनने का काम करके पेट पालती थी।
भुनाना = रुपये को सिक्कों में बदलवाना-मैं ये रुपये भुना कर एक-एक रुपए के सिक्के चाहता हूँ।
3. भेजा = भेजना-मैंने उसे बाज़ार भेजा।
भेजा = दिमाग-तुम मेरा भेजा खराब मत करो।
4. दिया = ‘देना’ का भूतकाल-उसने मुझे रुपया दिया।
दिया = दीपक – घर के बाहर दिया जला कर रखना।

5. समानार्थक शब्द लिखो

माँ-बाप, सेवक, जल्दी, घर, दर्द, डॉक्टर।
उत्तर:
समानार्थक शब्द

1. माँ-बाप = जन्मदाता, मातृ-पितृ
2. सेवक = दास, नौकर
3. ग़रीब = निर्धन, दरिद्र
4. जल्दी = शीघ्र, द्रुत
5. घर = गृह, निकेत
6. दर्द = कष्ट, तकलीफ
7. डॉक्टर = चिकित्सक, वैद्य

6. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखो

जिसकी जानकारी हो चुकी हो, जहां रोगियों की चिकित्सा होती है, दवा-इलाज करने वाला, ईमान पर चलने वाला।
उत्तर:
जिसकी जानकारी हो चुकी हो : ज्ञात।
जहां रोगियों की चिकित्सा होती है : चिकित्सालय।
दवा-इलाज करने वाला : डॉक्टर।
ईमान पर चलने वाला : ईमानदार।

7. पाठ में आए अंग्रेजी शब्दों को छांटकर लिखो
उत्तर:
बटन, नोट, डॉक्टर, हैलो, एंबुलेंस।

8. निर्देशानुसार उत्तर लिखो

(क) राजकिशोर कहाँ रहते हैं ? (वाक्य को भूतकाल में बदलो)
(ख) मैं तुम्हारे साथ चलता हूँ। (वाक्य को भविष्यकाल में बदलो)
(ग) प्रताप भाई का सिर पकड़ता है। (वाक्य को भविष्यकाल में बदलो)
(घ) वे मजदूरों के नेता हैं। (वाक्य को भूतकाल में बदलो)
(ङ) वह नोट भुनाने गया है। (वाक्य को वर्तमान काल में बदलो)
उत्तर:
(क) राजकिशोर कहाँ रहते थे ?
(ख) मैं तुम्हारे साथ चलूँगा।
(ग) प्रताप भाई का सिर पकड़ेगा।
(घ) वे मजदूरों के नेता थे।
(ङ) वह नोट भुनाने जा रहा है।

विचार-बोधन

(क)
प्रश्न 1.
बसंत बाज़ार में क्या-क्या बेच रहा था ?
उत्तर:
बसंत बाज़ार में छन्नी, बटन तथा दियासलाई आदि बेच रहा था।

प्रश्न 2.
राजकिशोर ने बसंत से कोई भी सामान न खरीद पाने का क्या कारण बताया ?
उत्तर:
राजकिशोर ने बसंत से कोई भी सामान न खरीद पाने का कारण पूरे पैसे न होना बताया।

प्रश्न 3.
बसंत बार-बार राजकिशोर से कोई भी चीज़ लेने को क्यों कह रहा था ?
उत्तर:
बसंत बार-बार राजकिशोर से चीज़ खरीद लेने के लिए इसलिए कह रहा था क्योंकि सवेरे से उसका कुछ भी सामान नहीं बिका था।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 24 ईमानदार बालक

प्रश्न 4.
कृष्णकुमार के अनुसार बाज़ार के हर कोने में किस तरह के लड़के मिलते हैं ?
उत्तर:
कृष्णकुमार के अनुसार बाज़ार के हर कोने में ऐसे लड़के मिलते हैं, जिनका काम गिड़गिड़ाकर लोगों को ठग लेना है।

प्रश्न 5.
बसंत का काफ़ी देर प्रतीक्षा करने पर राजकिशोर क्या सोचकर घर चल दिए ?
उत्तर:
काफी देर प्रतीक्षा करने के पश्चात् राजकिशोर यह सोच कर घर चल दिए कि चलो एक रुपया देकर यह भी एक पाठ पढ़ा।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

प्रश्न 1.
प्रताप राजकिशोर जी के घर क्यों गया था ?
उत्तर:
प्रताप, राजकिशोर जी के घर बसंत के रहने पर गया था। बसंत ने राजकिशोर जी को उनके पैसे लौटाने के लिए प्रताप को भेजा था।

प्रश्न 2.
राजकिशोर प्रताप के साथ उसके घर क्यों गए ?
उत्तर:
जब राजकिशोर को पता चला कि बसंत दुर्घटनाग्रस्त हो गया है और उसके दोनों पैर कुचले गए हैं तो वह उसे देखने के लिए प्रताप के साथ उसके घर गए।

प्रश्न 3.
डॉक्टर ने बसंत को देखकर क्या कहा?
उत्तर:
डॉक्टर ने बसंत को देखकर कहा कि ऐसा लगता है कि इसके एक पैर की हड्डी टूट गई है। इसे अभी अस्पताल ले जाना होगा।

प्रश्न 4.
राजकिशोर ने ऐसा क्यों कहा कि इसे बचाना ही होगा ?
उत्तर:
राजकिशोर, बसंत की ईमानदारी को देखकर बहुत खुश हुए। इसीलिए उन्होंने डॉ० से उसे हर हाल में बचाने की बात कही।

आत्म-बोध

(क)
1. ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है-इसे जीवन में धारण करें।
2. ‘बाजार के हर कोने पर आजकल ऐसे लड़के मिलते हैं, जिनका काम गिड़गिड़ाकर लोगों को ठगना है।’ कृष्णकुमार ने बिना जाने-समझे बसंत के बारे में राजकिशोर को अपनी राय दी जो कि सर्वथा ग़लत साबित हुई। अतः किसी को जाने-समझे बिना किसी के बारे में ग़लत धारणा मत बनाएं।
कुछ करने को-स्कूल में किसी अवसर पर इस एकांकी का मंचन करें।
उत्तर:
विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से इस एकांकी का मंचन कर सकते हैं।

(ख) दिए गए शब्द संकेतों की सहायता से कहानी लिखिए और उचित शीर्षक दीजिए।

मेधावी एक सच्ची लड़की ……………. दुकान पर राशन लेने जाना, भिन्न-भिन्न सामान लेना, नौ सौ पचास रुपए का सामान लेना, मेधावी का दुकानदार को हज़ार रुपए देना ……………….. दुकानदार का मेधावी को सौ रुपए बकाया वापस करना ……. मेधावी का दुकानदार को पचास रुपए ज्यादा देने के कारण पैसे वापस करना – दुकानदार का खुश होना -धन्यवाद करना।
उत्तर:
मेधावी एक सच्ची लड़की थी। एक दिन वह राशन की दुकान पर राशन लेने के लिए गई और उसने भिन्न-भिन्न प्रकार का सामान खरीदा और उसका बिल नौ सौ पचास रुपए का बना। मेधावी ने दुकानदार को हज़ार रुपए का नोट दिया। दुकानदार ने उसे पचास रुपए लौटाने थे मगर उसने गलती से उसे सौ रुपए वापस कर दिए। मेधावी ने रुपए गिने और उसने देखा कि दुकानदार ने उसे पचास रुपए अधिक दे दिए हैं। उसने वे पचास रुपए दुकानदार को वापस लौटा दिए। दुकानदार उसकी ईमानदारी से बहुत खुश हुआ। उसने मेधावी का धन्यवाद किया और ईनाम भी दिया। शिक्षा-ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है।

बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
बसंत कैसा लड़का था ?
(क) गरीब
(ख) अमीर
(ग) धनी
(घ) निर्धनता
उत्तर:
(क) गरीब

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प्रश्न 2.
बसंत बाजार में क्या बेच रहा था ?
(क) छन्नी
(ख) बटन
(ग) दियासलाई
(घ) ये सभी
उत्तर:
(घ) ये सभी

प्रश्न 3.
कृष्णकुमार के अनुसार बाजार में किस तरह के लड़के मिलते हैं ?
(क) धनी
(ख) गरीब
(ग) ठग
(घ) लुटेरे
उत्तर:
(ग) ठग

प्रश्न 4.
इस एकांकी से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?
(क) ईमानदारी की
(ख) धोखेबाजी की
(ग) चोरी की
(घ) ठगी की
उत्तर:
(क) ईमानदारी की

ईमानदार बालक Summary

ईमानदार बालक पाठ का सार

बसंत नाम का एक गरीब लड़का थैले में रख कर सामान बेच रहा था। थैले में बटन, छन्नी, दियासलाई जैसे छोटे-छोटे सामान थे। उसने मज़दूर नेता राज किशोर से कुछ सामान खरीदने का आग्रह किया। वे उससे एक छन्नी लेकर नोट देते हैं। छुट्टे पैसे लेने के लिए वह गया पर काफ़ी समय तक लौट कर नहीं आया। अपने परिचित कृष्ण कुमार के कहने पर वे घर वापस चले गए कि कोई उन्हें ठग कर ले गया। काफ़ी देर बाद प्रताप नाम का एक युवक उनके घर आया। उसने उनके बचे हुए पैसे उन्हें लौटाए और बताया कि बसंत उसका भाई था जो पैसे भुना कर लाते समय एक बस के नीचे आ गया था। उसके दोनों पाँव कुचले गए। उसके माता-पिता पहले ही दंगों में मारे जा चुके थे। राजकिशोर एक डॉक्टर को ले कर उस के घर गए और उसकी ईमानदारी के विषय में डॉक्टर को बताया।

कठिन शब्दों में अर्थ:

प्रयत्न = कोशिश। दियासलाई = माचिस। छुट्टा = खुले पैसे। परिचित = जान-पहचान का। गिड़गिड़ाकर = मिन्नतें करना। भला = अच्छा। भुनाने = खुल्ले करवाने। कराहता = कष्ट न सहन करते रोना। दुर्लभ = मुश्किल से मिलने वाला।

PSEB 8th Class English Solutions Poem 3 We Who Love Books

Punjab State Board PSEB 8th Class English Book Solutions Poem 3 We Who Love Books Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 English Poem 3 We Who Love Books

Learning New Words

Activity 1.

Look up the following words in a dictionary. You should seek the following information about the words and put them in your WORDS notebook.

1. Meaning of the word as used in the poem (adjective/noun/verb. etc.)
2. Pronunciation (The teacher may refer to the dictionary or a mobile phone for correct pronunciation.)
3. Spellings. familiar timeless.

familiar timeless refrain
verse companions nourish

Activity 2.

Pick up the rhyming words from the poem and make a list.
Answer:
(a) away — stay
(b) down — gone
(c) again — refrain
(d) me — be/free

PSEB 8th Class English Solutions Poem 3 We Who Love Books

Activity 3.

Match the words with their correct synonyms.

S.No. Word Synonym
1. moment nutrition
2. modern high
3. clever time
4. upset intelligent
5. nourishment new
6. wealthy lift
7. garbage big
8. infant story
9. tall old
10. large unhappy
11. companion bowl
12. secure friend
13. thief known
14. dish trash
15. ancient burglar
16. timeless rich
17. familiar safe
18.  raise permanent
19. tale baby
20. joy happiness

Answer:
1. moment – time
2. modren – new
3. clever – intelligent
4. upset – unhappy
5. nourishment – nutrition
6. wealthy – rich
7. garbage – trash
8. infant – baby
9. tall – high
10. large – big
11. companion – friend
12. secure – safe
13. thief – burglar
14. dish – bowl
15. ancient – old
16. timeless – permanent
17. familiar – known
18. raise – lift
19. tale – story
20. joy – happiness.

PSEB 8th Class English Solutions Poem 3 We Who Love Books

Learning to Read and Comprehend

Activity 4.

Read the following stanzas and answer the questions.

A. Some books I’ll never give away.
Though old and worn, their binding torn,
Upon my shelves they’ll always stay,
Alive, still read, still fresh each dawn,
Their magic moments never gone.

(a) Name the poem and the poet.
Answer:
The name of the poem is ‘We Who Love Books and that of the poet is Ruskin Bond.

(b) The poet doesn’t want to part with some books. Where does he keep them?
Answer:
The poet keeps them on his shelves.

(c) What is the condition of the books ?
Answer:
They are old and worn. Their binding is torn.

PSEB 8th Class English Solutions Poem 3 We Who Love Books

B. Familiar friends, these timeless tales
Have been with me since I was ten,
And as I turn their pages once again
I feel and love their old refrain.

(a) The poet calls his books ‘familiar friends”. Why does he call them ‘familiar’ ?
Answer:
The poet calls his books ‘familiar friends’ because they have been his friends since he was ten.

(b) What do you understand by the phrase ‘timeless tales’ ?
Answer:
‘Timeless tales’ means untouched by time. They are as fresh today as they  were years ago.

(c) How does the poet feel when he touches and feels the pages of his books ?
Answer:
The poet’s love for their old refrains.

C. Great verse, great thoughts, still stand the test
Of time that’s passing by so fast.
These good companions never fail
To give me joy, to nourish me.
We who love books will always be
The lucky ones’ our minds set free.

(a) According to the poet, what still stand the test of time ?
Answer:
According to the poet great verse and great thoughts still stand the test of time.

(b) What do you think the poet will always get from his good companions ?
Answer:
The poet will always get joy and nourishment from his good friends.

(c) Who according to the poet will always be the lucky ones ?
Answer:
According to the poet, those who love books will always be lucky ones.

PSEB 8th Class English Solutions Poem 3 We Who Love Books

Activity 5.
Books have been described using many names and adjectives. In the given table, list all the names and adjectives used by the poet to describe books.
Answer:

Nouns used for books Adjectives used for describing books
binding some
friends old
tales worn
refrains torn
verse fresh, alive, familiar
companions timeless, great, good

Learning Language

Tenses Tense is the form of a verb used to show the time of an action or a state. The three main tenses are :

  • the Present tense
  • the Past tense
  • the Future tense

Look at the following sentences :

1. I go to school everyday.
2. I went to school yesterday.
3. I shall go to school tomorrow.

  • In sentence 1, the verb ‘go’ refers to the present time and is therefore said to be in the present tense.
  • In sentence 2, the verb ‘went’ refers to an action that happened in the past time and is therefore said to be in the past tense.
  • In sentence 3, the word ‘shall go’ refers to the future time and is therefore said to be in the future tense.

1. Present Tense
Read the following sentences.

  • I help my mother every day.
  • I am helping my mother.
  • I have helped my mother.
  • I have been helping my mother since morning.

PSEB 8th Class English Solutions Poem 3 We Who Love Books

All the four sentences above refer to the present time and therefore are all in the Present Tense. But there is a distinction in the ways in which the action is taking place.

In Sentence 1, the action is mentioned simply. There is no reference to the completeness or incompleteness of the action. The verb ‘help’ is therefore said to be in the Simple Present Tense or the Present Indefinite Tense.

In Sentence 2, the action mentioned is incomplete. It is still going on. The verb ‘am helping’ is said to be in the Present Continuous Tense.

In Sentence 3, the action is mentioned as finished, complete or perfect. The verb ‘have helped’ is said to be in the Present Perfect Tense.

In Sentence 4, the action is mentioned as having been going on continuously but not completed at the present moment.

PSEB 8th Class English Solutions Poem 3 We Who Love Books

The verb ‘have been helping’ is said to be in the Present Perfect Continuous tense. So, the present tense has four forms :

  • Simple Present, or Present Indefinite
  • Present Continuous or Present Progressive
  • Present Perfect
  • Present Perfect Continuous

2. Past Tense
Just as the present tense has four forms, the past tense also has the following four forms :

1. I helped my mother yesterday. (Simple Past or Past Indefinite)
2. I was helping my mother. (Past Continuous or Past Progressive)
3. I had helped my mother. (Past Perfect)
4. I had been helping my mother. (Past Perfect Continuous)

3. Future Tense
Similarly, the future tense has the following four forms :

1. I shall call. (Simple Future or Future Indefinite)
2. I shall be calling. (Future Continuous or Future Progressive)
3. I shall have called. (Future Perfect)
4. I shall have been calling. (Future Perfect Continuous)

Look at the following chart for understanding forms of Tenses :

PSEB 8th Class English Solutions Poem 3 We Who Love Books 1

Continuous Present Indefinite (Simple Present)

1. to express what is actually taking place now, for example :

  • Here comes the bride.
  • There goes the bus.

PSEB 8th Class English Solutions Poem 3 We Who Love Books

2. to express a habitual action, for example :

  • He gets up early in the morning.
  • He takes exercise everyday.
  • I go to school by bus.

PSEB 8th Class English Solutions Poem 3 We Who Love Books 2

3. to express some universal truth, for example :

  • The earth moves round the sun.
  • The sun rises in the east and sets in the west.
  • The soul is immortal.

4. to express a situation or a fact that is permanent, for example :

  • My house faces the east.
  • This road runs from Ludhiana to Delhi.

5. to express a future action, when the futurity is indicated by them, for example :

  • The college reopens next week.
  • We leave by the 8.30 a.m. train.

Look at the tables below to understand how the present tense works.

PSEB 8th Class English Solutions Poem 3 We Who Love Books 3
Answer:
PSEB 8th Class English Solutions Poem 3 We Who Love Books 5

PSEB 8th Class English Solutions Poem 3 We Who Love Books

When we talk about singular subjects, we add-s/es to the verb. For example ‘he’, ‘she’ ‘iť and other singular subjects such as ‘this toy’, ‘the table etc.
PSEB 8th Class English Solutions Poem 3 We Who Love Books 4
Answer:
PSEB 8th Class English Solutions Poem 3 We Who Love Books 6

More examples :
(a) He drives to work.
(b) She works in an office.
(c) The bank opens at 9:00 a.m.
We do not use ‘be’ verb with the main verb in the simple present tense.
For example :
He works at a bank. (Correct)
He is work at a bank. (Incorrect)

Activity 6.

Underline the correct form of the verb to complete each sentence.
1. Priya love/loves her work.
2. He study/studies agriculture.
3. A salesperson sell/sells products for a company.
4. Sunita work/works in a bank.
5. Nurses help/helps people.
6. We write/writes English books.
7. Your office close/closes at 5:00 p.m.
8. She teach/teaches in a school.
9. I walk/walks to work everyday.
10. I start/starts work at 8:00 a.m. every morning.
Answer:
1. loves
2. studies
3. sells
4. works
5. help
6. write
7. closes
8. teaches
9. walk
10. start.

PSEB 8th Class English Solutions Poem 3 We Who Love Books

Present Continuous

It is used to express an action going on at the time of speaking. It is often associated with adverbs and adverb phrases, of present time, such as ‘now’, ‘at present, ‘at this moment’, etc.
For example :

  • What are you doing now?
  • Mohan is singing a song now.

This tense is sometimes used to mark an action that will happen in the future. For example :

  • We are leaving for London tomorrow.
  • She’s coming to meet me next week.

Activity 7.

Fill in the blanks with the correct form of the verb, Present Continuous or Present Simple.

1. I ……………… (not/belong) to Delhi.
2. Hurry! The bus …………….. (come).
3. Seema is a vegetarian. She ……………. (not/eat) meat
4. I ……………. (look) for a maid.
5. Jayati ……………. (eat) oranges.
6. At the moment, we ……………. (make) a video of the party.
7. I ……………… (know) what Mr Sharma wants to buy.
8. I …………….. (apply) for a job in a school but I don’t know if I will be successful.
9. Vanita ……………. (do) some research in the library.
10. She always ……………… (remember) my birthday.
11. Mr Brown …………… (work) in a supermarket.
12. Look! It ……………. (snow).
13. Do you …………… (know) Helen?
14. Look! That woman ……………. (try) to steal that man’s wallet.
15. The Ganges ……………. (flow) into the Bay of Bengal.
Answer:
1. do not belong
2. is coming
3. does not eat
4. am looking
5. eats
6. are making
7. know
8. am applying
9. is doing
10. remembers
11. works
12. is snowing
13. know
14. is trying
15. flows.

Present Perfect

This tense is used :

1. to express an action that has just been completed, for example :

  • The sun has set.
  • We have just arrived.

2. to express a past action the results of which still continue, for example:

  • I have lived in Mumbai for ten years. (the speaker is still living in Mumbai)
  • We have known each other for the past two years.

3. to express a Future Perfect when such words as ‘when’, ‘before’, ‘as soon as’, ’till, ‘after are used before it, for example :

  • I shall go there after I have done my work. (as soon as I finish my work)

Present Perfect Continuous

It shows the action that began in the past and is continuing up to the present time, for example :

  • I have been standing here for two hours.
  • It has been raining since morning.

PSEB 8th Class English Solutions Poem 3 We Who Love Books

Note : In the Present Perfect Continuous tense, ‘since’ and ‘for are used to indicate point of time and period of time respectively, for example :

  • We have been living here since 1955.
  • Meena has been dancing since morning.
  • The girls have been playing for three hours.
  • It has been snowing for two hours.

Activity 8.

Fill in the blanks with the Present Perfect or Present Perfect Continuous forms of the verbs given in the brackets.

(a) Someone …………… the window. (break).
(b) Reeta …………….. her pen. (lose)
(c) We ……………. many medals. (win)
(d) I …………… for a house for two months. (search)
(e) The train ………….. just …………… at the platform. (arrive)
(f) ……………. he …………….. a beard ? (grow)
(g) …………….. you …………….. the Gita ? (read)
(h) I …………….. my uncle for months. (not visit)
(i) She …………….. to Paris twice. (be)
(j) We ……………. already …………. Our breakfast. (have)
Answer:
(a) has broken
(b) has lost
(c) have won
(d) have been searching
(e) has arrived
(f) Has, grown
(g) Have, read
(h) have not visited
(i) has been
(j) have, had.

Learning to Listen (Pairwork)

Activity 9.

Your teacher will tell you a story. Listen to it carefully and fill in the blanks with the words from the story. For the last paragraph, you will write all the words. The teacher will read the passage twice and the last part of the story will be read three times. Once upon a time, there was a shepherd who bought a …………. of sheep. He also had ……… who helped him to …………… his sheep. When the sheep grew up a little, the ………4…. realised that these sheep just …………….. not stop bleating. All day long, the sheep bleated-”Baaah baaah.” What a deafening sound they made; and they just ignored the ……………. commands. He used all the ……………. he could to get the sheep to listen to him and to his dog, but the …………….. didn’t care. Finally, seeing as the sheep wouldn’t stop …………….. the shepherd decided to at least have some ……10……. with it. He bought an enormous ear and transported it out to his fields on the ……..11….. of his wagon.
Answer:
1. flock
2. dog
3. control
4. shepherd
5. would
6. shepherd’s
7. means
8. sheep
9. bleating
10. fun
11. back

Learning to Speak (Pairwork)

Activity 10.

Take a currency note of any value. Describe the currency note to your partner. You must talk about various things that are there on the note and their colour, size, number, location
(where on the note) etc.
Answer:
Your partner will write/draw all the items that you describe on the currency note. You will take turns in describing. The teacher will look at the notes made by your partner to check whether the description matches with the drawing/writing.

Currency Note : ₹500

  • Issued By : Reserve Bank of India
  • Guaranteed by : The Central Government
  • Colour : Stone grey
  • Number : 3 NC 7…… 7
  • Size : 63 mm x 150 mm
  • Shape : Rectangular

Special feature (Design Elements)

  • Picture of Mahatma Gandhi
  • Picture of Red Fort (Historical Building)
  • Picture of National Emblem
  • Symbol of Swachh Bharat

PSEB 8th Class English Solutions Poem 3 We Who Love Books

Learning to write (Pairwork)

Activity 11.

Look at the picture below. The pictures are in a sequence. Work together and write a short story based on the pictures.
PSEB 8th Class English Solutions Poem 3 We Who Love Books 10
It was winter. The days were snowy. There was a thick sheet of snow on the earth. Trees was bare. Birds got no shelter, no food. Little Minni and her father came to their help. They took some cardboard and gum. They made a small hut for the birds. They put some food grains in it also. Now the little birds were happy.

Learning to Use the Language (Pairwork)

Read the following poster very carefully.
PSEB 8th Class English Solutions Poem 3 We Who Love Books 11

PSEB 8th Class English Solutions Poem 3 We Who Love Books

Activity 12.

Write the dialogue using the hints given in the poster on page

Partner 1 : Engage in a dialogue with your friend to invite him/her over to your home for dinner.
Partner 2 : Decline the invitation after asking questions about the day, time, occasion, etc.
Partner 1 : Hi Ramesh ! You are back to India. I am going to arrange a dinner party tonight. Would you like to come over for that ?
Partner 2 : What is the time? Where are you going to arrange it ? Is this some special occasion ?
Partner 1 : Tonight at 9 p.m. at hotel Sun. Forgot ! It is my birthday today.
Partner 2 : I’d love to come. But I’m afraid I am busy tonight.

Comprehension Of Stanzas

Read the following stanza (extract) and answer the questions given below each :

1. Some books I’ll never give away,
Though old and worn, their binding torn,
Upon my shelves they’ll always stay,
Alive, still read, still fresh each dawn,
Their magic moments never gone.

1. What shows the poet’s love for books ?
क्या बात पुस्तकों के प्रति कवि के प्रेम को व्यक्त करती है ?

2. What do the words ‘Their magic moments’ suggest ?
“Their Magic Moments” शब्द क्या सुझाव देते है?

3. Write in three or four sentences, the central idea of the poem.
तीन या चार पंक्तियों में कविता का केंद्रीय भाव लिखें।
Answer:
1. Some of the poet’s books are old and torn. Still he enjoys reading them everyday.
He keeps them on his shelves.
2. “Their magic moments’ means time for the poet to read his books. He reads them every morning.
3. Read C- ‘Central Idea of the poem.

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नोट : अन्य Comprehension Stanzas के लिए Textual Exercises में दिए गए Comprehension का अध्ययन करें।

Word Meanings
PSEB 8th Class English Solutions Poem 3 We Who Love Books 9

We Who Love Books Poem Summary in English

We Who Love Books Summary in English

Books have timeless value. They never become old. They are as fresh today as they were long ago. They are a big source of joy and information. The poet has great love for books. He loves reading books since he was ten. He keeps them on his shelves. Though the binding of some books is torn yet he never parts with them. He still reads them with the same interest. He calls them familiar and good friends.The poet says that great thoughts and great verse never lose their charm. They always stand the test of time. Lucky are those who love books.

We Who Love Books Summary in Hindi

पुस्तकों के महत्त्व की कोई समय सीमा नहीं होती। वे आज भी उतनी ही ताज़ा लगती हैं, जितनी वे बहुत समय पहले थीं। वे खुशी तथा जानकारी का बहुत बड़ा साधन हैं। कवि को पुस्तकों से बहुत अधिक प्रेम है। उसे दस साल की आयु से पुस्तकें पढ़ने से प्रेम है। वह उन्हें अपनी शेल्वज़ पर रखता है। यद्यपि उनमें से कुछ पुस्तकों की सिलाई खुल चुकी है, तो भी वह उन्हें वहां से कभी नहीं हटाता। वह अब भी उन्हें पूरी रुचि के साथ पढ़ता है। वह उन्हें जाने-पहचाने और अच्छे मित्र कह कर बुलाता है। कवि कहता है कि महान् विचारों तथा महान् काव्यांश का आकर्षण कभी समाप्त नहीं होता। वे समय की कसौटी पर खरे उतरते हैं। वे लोग भाग्यशाली हैं, जिन्हें पुस्तकों से प्रेम है।

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Central Idea Of The Poem

The poem brings out the pleasure of reading. Love for books is a great blessing. It is a joy for ever. The books have everlasting value. The great thoughts of books are always fresh and stand the test of time. Therefore lucky are those who love books and enjoy books.

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 23 बाबू जी बारात में

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 23 बाबू जी बारात में Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 23 बाबू जी बारात में

Hindi Guide for Class 6 बाबू जी बारात में Textbook Questions and Answers

भाषा-बोध (प्रश्न)

1. शब्दों के अर्थ ऊपर आ चुके हैं।

परहेज = किसी चीज़ से दूर रहना
बुजुर्ग = बूढ़ा
चिर-परिचित = पुरानी जाना- पहचान
जनवासा = बारातियों के ठहरने की जगह
उपवास = व्रत
सकुशल = ठीक-ठाक
मंडप = शामियाना
जीमते समय = भोजन करते समय
कोरस = एक साथ मिलकर, वृन्दगान
अट्टहास = जोर की हंसी

2. निम्नलिखित मुहावरों को वाक्यों में प्रयुक्त करें

1. ठहाका लगाना = ……………….. ………………………………
2. सिर मुंडाते ही ओले पड़ना = …………………. ……………………………
3. सन्नाटा छा जाना = …………………….. ……………………………………
4. ढाई मन की लाश होना = …………………. ……………………………………
5. दिन पर दिन सूखता जाना = …………………… ………………………………….
6. कान पकड़ना = ……………………. …………………………………
7. हाथी का बच्चा = …………………….. ………………………………..
8. अक्ल छू भी न जाना = ………………………. …………………………………
9. लानत भेजना = ………………… ……………………………………..
10. धूप खिल उठना = ……………………. ……………………………..
उत्तर:
1. ठहाका लगाना – ज़ोर से हंसना-बाबू जी की तोंद देखकर सभी ठहाका लगाने लगे।
2. सिर मुंडाते ओले पड़ना – कार्य के शुरू में ही बाधा पड़ना-बस अभी चली ही थी कि बस के पहिये में पंक्चर हो गया। इसे कहते हैं-सिर मुंडाते ही ओले पड़े।
3. सन्नाटा छा जाना-चुप्पी रह जाना – कयूं लगने से शहर में सन्नाटा छा गया।
4. ढाई मन की लाश होना-बहुत मोटा होना – राम राम, मूलचन्द तो ढाई मन की लाश है, साइकिल पर कैसे बैठाऊं?
5. दिन पर दिन सूखता जाना – कमज़ोर पड़ते जाना-क्या बात है रामू तुम दिन पर दिन सूखते क्यों जा रहे हो ?
6. कान पकड़ना-किसी बात से तौबा करना – मैं तो अब कान पकड़ता हूँ कि तुम्हारी सलाह पर नहीं चलूँगा।
7. हाथी का बच्चा-बहुत मोटा – बाबू जी को देखकर सभी कहते, “लो हाथी का बच्चा आ गया।”
8. अक्ल छू भी न जाना-निरा मूर्ख होना – मोहन लगता है कि तुम्हें तो अक्ल छू भी नहीं गई है कैसी मूर्खता की बातें कर रहे हो।
9. लानत भेजना-धिक्कारना, कोसना – तुम्हारी इस घटिया बात पर तुम्हें लानत भेजता
10. धूप खिल उठना – चेहरे पर रौनक आ जाना-देखो पिता जी को देखते ही सुधा के चेहरे पर धूप कैसे खिल उठी है।

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3. शुद्ध करके लिखें

अनन, सनाटा, फोटोगराफर, अटहास, चिलाना, कंडकटर, मुस्कराए, डराइबर, पनचर, बुजर्ग, शुकरिया।
उत्तर:
अशुद्ध रूप शुद्ध रूप
1. अनन = अन्न
2. सनाटा = सन्नाटा
3. फ़ोटोगराफर = फ़ोटोग्राफर
4. अटहास = अट्टहास
5. चिलाना = चिल्लाना
6. कंडकटर = कंडक्टर
7. मुस्कराए = मुस्कुराएँ
8. डराइबर = ड्राइवर
9. पनचर = पंक्चर
10. बुज़र्ग = बुजुर्ग
11. शुकरिया = शुक्रिया

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 23 बाबू जी बारात में

4. वचन बदलें

बेटा, मित्र, हाथी, युवक, देहाती, कार्य, गलती, बहू।
उत्तर:
वचन परिवर्तन
1. बेटा – बेटे
2. हाथी – हाथियों
3. देहाती – देहातियों
4. कार्य – कार्यों
5. गलती – गलतियां
6. बहू – बहुएं

5. निम्नलिखित वाक्यों को भूतकाल तथा भविष्यत्काल में लिखिए।

हम उधार पर जी रहे हैं।
आजकल अन्न की कमी है।
मेरी भूख मिटने वाली नहीं है।
उत्तर:
भूतकाल-हम उधार पर जी रहे थे।
उन दिनों अन्न की कमी थी।
मेरी भूख मिटने वाली नहीं थी।

भविष्यत् काल
हम उधार पर जीते रहेंगे।
आने वाले समय में अन्न की कमी होगी।
मेरी भूख मिटने वाली नहीं होगी।

6. (क)

1. बाबू गजानन्दन लाल का वजन दो मन बीस सेर था।
2. उनका वज़न कुछ बहुत भारी नहीं था।
3. दरवाज़े कुछ तंग थे।

उपर्युक्त पहले वाक्य में रेखांकित शब्द, ‘दो मन बीस सेर’ बाबूगजानंद लाल (संज्ञा) की निश्चित माप-तोल का, दूसरे वाक्य में ‘बहुत’ उनका (सर्वनाम) की अनिश्चित मापतोल की विशेषता तथा ‘कुछ’ शब्द से दरवाज़े (संज्ञा) की अनिश्चित माप-तोल विशेषता का पता चलता है, अतः रेखांकित शब्द विशेषण है। अत: जो विशेषण, संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित माप-तोल विशेषता के बारे में बताते हैं, उन्हें निश्चित परिमाण वाचक तथा जो विशेषण, संज्ञा या सर्वनाम की अनिश्चित माप-तोल विशेषता के बारे में बताते हैं, उन्हें अनिश्चित परिमाण वाचक विशेषण कहते हैं।

(ख)
1. यह मिठाई खाने लायक है।
2. वे बाराती आ रहे हैं।

उपर्युक्त वाक्यों में यह और वे शब्द क्रमशः मिठाई और बाराती (संज्ञा शब्दों) की ओर संकेत करते हैं। अतः ऐसे शब्द संकेतवाचक विशेषण कहलाते हैं। अतएव जो सर्वनाम संकेत द्वारा संज्ञा आदि की विशेषता बताते हैं, वे संकेत वाचक विशेषण कहलाते हैं। क्योंकि संकेतवाचक विशेषण सर्वनाम शब्दों से बनते हैं अतएव ये सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं।

निम्नलिखित में से विशेषण शब्दों को रेखांकित करें

1. इतना नहीं थोड़ा परोसो।
2. मैं एक सप्ताह से आधे दिन का उपवास कर रहा हूँ।
3. ये गजनन्दन लाल जी हैं।
4. यह हाथी का बच्चा इसमें जो सवार था।
5. ये लोग बहू से प्रार्थना कर रहे हैं।
उत्तर:
1. इतना, थोड़ा
2. आधा
3. ये
4. यह
5. ये

विचार-बोध (प्रश्न)

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक ही शब्द में दें

प्रश्न 1.
बाबू गजनन्दन लाल कहां रहते थे ?
उत्तर:
बाबू गजनन्दन लाल पुरानी दिल्ली में एक पुराने मुहल्ले में रहते थे।

प्रश्न 2.
बाबू गजनन्दन लाल का वजन कितना था ?
उत्तर:
बाबू गजनन्दन लाल का वज़न 2 मन, 20 सेर था।

प्रश्न 3.
बाबू गजनन्दन लाल के कमरे में लगी फोटो पर मोटे अक्षरों में क्या लिखा हुआ है ?
उत्तर:
फोटो पर लिखा था-“बाबू गजनन्दन बारात में।”

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 23 बाबू जी बारात में

प्रश्न 4.
बहू को किसने हंसाया ?
उत्तर:
बहू को गजनन्दन लाल ने हंसाया।

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(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो वाक्यों में दें

प्रश्न 1.
बारात में जाते समय बस झटके के साथ क्यों रुक गई ?
उत्तर:
बारात में जाते समय बस झटके के साथ इसलिए रुक गई क्योंकि उसके पहिये में पंक्चर हो गया था।

प्रश्न 2.
बाबू गजनन्दन लाल का स्वभाव कैसा था ?
उत्तर:
बाबू गजनन्दन लाल का स्वभाव विनोदप्रिय था। उनकी हर बात पर हंसी आ जाती थी।

आत्म-बोध (प्रश्न)

1. हंसी और मनोरंजन का महत्त्व समझो।
2. रोज़ थोड़ी देर अवश्य हंसो। (विद्यार्थी स्वयं करें)

बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
बाबू गजनन्दन लाल कहाँ रहते थे ?
(क) नई दिल्ली में
(ख) पुरानी दिल्ली में
(ग) मुंबई में
(घ) पुरानी मुंबई में
उत्तर:
(ख) पुरानी दिल्ली में

प्रश्न 2.
बाबू गजनन्दन लाल का वजन कितना था ?
(क) दो मन
(ख) दो मन बीस सेर
(ग) दो मन तीस सेर
(घ) दो मन दस सेर
उत्तर:
(ख) दो मन बीस सेर

प्रश्न 3.
बहू को किसने हंसाया ?
(क) गजनन्दन लाल ने
(ख) बेटे ने
(ग) दुकानदार ने
(घ) नौकर ने
उत्तर:
(क) गजनन्दन लाल ने

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से परिमाण वाचक विशेषण का उदाहरण है :
(क) दो मन
(ख) पांडव
(ग) कौरव
(घ) अच्छा
उत्तर:
(क) दो मन

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में कौन-सा उदाहरण परिमाणवाचक विशेषण का नहीं है ?
(क) दो मन
(ख) बीस सेर
(ग) एक किलो
(घ) सुंदर
उत्तर:
(घ) सुंदर

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 23 बाबू जी बारात में

बाबूजी बारात में Summary

बाबू जी बारात में पाठ का सार

बाबू गजनन्दन लाल पुरानी दिल्ली में रहते थे। उनका वज़न दो मन बीस सेर था। एक बार बस के दरवाज़े में फंस गए। खूब हंसाई हुई। एक बार इन्हें अपने मित्र के लड़के की बारात में जाना पड़ा। बड़े दरवाज़े वाली बस थी। गजनन्दन लाल उस में सवार हुए तो खूब . ठहाके लगे। एक मित्र ने पूछा-बाबू जी आप उदास क्यों हैं ? गजनन्दन लाल बोले-मेरी मां का कहना है कि तू दिन पर दिन सूखता जा रहा है। खुराक घट रही है। बारात में संकोच मत करना। खूब खाना-पीना। उन्होंने आगे कहा कि बारात में जाने के लिए एक सप्ताह में आधे दिन का उपवास कर रहा हूं। बाराती यह सुनकर खूब हंसे।। अचानक झटके के साथ बस रुकी। ड्राइवर ने आकर कहा-आप सब लोग नीचे उतर जाएं। पहिए में पंक्चर हो गया है। जब बाबू गजनन्दन लाल को धमक चाल से नीचे उतरते देखा तो वहां इकट्ठे हुए देहाती हंसते हुए कहने लगे-“हम भी कहें कि नई बस क्यों बिगड़ी। यह हाथी का बच्चा इस में सवार जो था।” एक ने बाबूजी से उनका वज़न पूछ लिया तो कहने लगे-बहुत कमजोर हो गया हूं। स्टेशन पर तोला गया तो दो मन पांच सेर निकला। बाबू जी ने कहा-तुम लोग खेत में अनाज उगाते नहीं तो खाऊंगा क्या ? इससे सभी हंस पड़े।

बारात अपने निश्चित स्थान पर पहुंच गई। सभी की निगाहें वर की बजाय बाबू गजनन्दन लाल पर लगी थीं। जब नाश्ते का बुलावा आया तो बाराती परोसने को न-न कर रहे थे, परन्तु बाबू जी खूब लूंस-ठूस कर पेट भर रहे थे। कह रहे थे-सब मेरी तरफ आने दो। बारात धूम-धाम से चढ़ी। सभी बाबू जी को देखकर लोट-पोट हो रहे थे। सभी बहू को मुस्कराने के लिए कह रहे थे, ताकि फ़ोटो खींची जा सके। उसके चेहरे पर मुस्कराहट नहीं आ रही थी। जब गजनन्दन लाल ने कहा-बेटी जरा मेरी ओर देखो। बहू ने जब बाबू जी को देखा तो वह खिलखिला उठी। फिर फ़ोटोग्राफर से कहकर उन्होंने अपनी भी एक फ़ोटो उतरवाई, जिस पर लिखा हुआ है-बाबू गजननन्दन लाल बारात में।

कठिन शब्दों के अर्थ:

संकोच = शर्म। सप्ताह = सात दिन की अवधि । परहेज़ = किसी चीज़ से दूर रहना। अट्टहास = खिलखिला कर हंसना। सकुशल = ठीक-ठाक। जीमते = खाते । बुजुर्ग = बड़े-बूढ़े । चिर परिचित = बहुत दिनों से जाने-पहचाने । मण्डप = शामियाना।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 22 आत्म बलिदान

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 22 आत्म बलिदान Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 22 आत्म बलिदान

Hindi Guide for Class 6 आत्म बलिदान Textbook Questions and Answers

भाषा- बोधन

1. शब्दार्थ:
उत्तर:
शब्दों के अर्थ पाठ के आरम्भ में दिए गए हैं।

चर- अचर = जड़ और चेतन
धूर्त = छली, कपटी
मूसलाधार = तेज बारिशा
पर्णकुटी = पत्तों से बनी कुटिया
बिसात = सामर्थ्य
उल्कापात = जलते तारों का टूटकर गिरना
धराशायी = गिर जाना, पूरी तरह से गिरकर नष्ट हो जाना
मेंड = खेत के इर्द-गिर्द मिट्टी का बनाया घेरा, मेड
विपत्ति = मुसीबत
आलाप = बातचीत, चहचहाहट ( पक्षियों के संदर्भ में)
मंद = धीरे
विस्मय = हैरान

2. मुहावरों के वाक्य बनाइए

1. मन में गुदगुदी होना = ……………. …………………………..
2. अंधेरे में डूब जाना = ……………… ……………………………
3. हाथ धो बैठना = …………………. ………………………………
4. सुधबुध खो बैठना = ………………. ……………………………..
5. हाथ को हाथ न सूझना = ……………… ………………………….
उत्तर:
1. मन में गुदगुदी होना = मन ही मन में खुश होना – पिता जी विदेश से आते हुए मेरे लिए उपहार लेकर आएंगे, यह सोच कर मेरे मन में गुदगुदी होने लगी।
2. अंधेरे में डूब जाना = अंधेरा होना – बिजली चले जाने से सारा शहर अंधेरे में डूब गया।
3. हाथ धो बैठना = गंवा देना-बाबू राम ! अपने बेटे को कुसंगति से बचाकर रखो, ऐसा न हो कि कहीं बेटे से हाथ न धो बैठो।
4. सुधबुध खो बैठना = होश खो जाना – बेटे को घायलावस्था में देखकर मां अपनी सुधबुध खो बैठी।
5. हाथ को हाथ न सूझना = घना अंधकार होना – बाहर इतना अंधेरा था कि हाथ को हाथ नहीं सूझता था।

3. शुद्ध रूप लिखो

1. अतिअंत = …………
2. मुसलाधार = …………
3. गुरूदेव = …………
4. आशीरवाद = ………………
5. पुश्प = ……………….
6. मलीनता = ………………
7. ग्रहण = ………….
8. सुरभी = ……………..
9. गुरूभकती = …………
10. महार्षि = …………………
उत्तर:
1. अतिअंत = अत्यन्त
2. मुसलाधार = मूसलाधार
3. गुरूदेव = गुरुदेव
4. आशीरवाद = आशीर्वाद
5. पुश्प = पुष्प
6. मलीनता = मलिनता
7. गरण = ग्रहण
8. सुरभी = सुरभि
9. गियान = ज्ञान
10. गुरूभकती = गुरुभक्ति
11. महार्षि = महर्षि

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 22 आत्म बलिदान

4. प्रत्येक शब्द को उसके सही स्थान पर लिखें

तुम्हें, कुटिया, मज़बूत, फूल, विकसित, लेटना, वह, मिट्टी, आप, आना, चलना, काली, खेत, तेज़, डूबना, मुझे।
उत्तर:

संज्ञा सर्वनाम विशेषण क्रिया
कुटिया तुम्हें मज़बूत लेटना
फूल वह विकसित आना
मिट्टी आप काली चलना
खेत मुझे तेज डूबना।

5. विपरीत शब्द लिखो

कुशल, मधुर, अंधेरा, मज़बूत, सुगंध, ग्रहण, आशीर्वाद, बांधना, प्रिय, शिष्य, नुकसान, संध्यां।
उत्तर:
1. कुशल = अकुशल
2. मधुर = कटु
3. अंधेरा = उजाला
4. मज़बूत = कमज़ोर
5. सुगंध = दुर्गन्ध
6. ग्रहण = त्याग
7. आशीर्वाद = अभिशाप
8. बांधना = खोलना
9. प्रिय = अप्रिय
10. शिष्य = गुरु
11. नुकसान = लाभ
12. संध्या = प्रभात

6. समानार्थी शब्द लिखो

नृत्य, पक्षी, वर्षा, चिंता, बादल, पौधा, अनुमति, ज़रूर, विपत्ति।
उत्तर:
समानार्थी शब्द
नृत्य नाच
पक्षी पंछी
वर्षा मेह
चिंता सोच
बादल मेघ
पौधा पादप
अनुमति आज्ञा
विपत्ति मुसीबत
ज़रूर अवश्य

विचार-बोध

(क)
पश्न 1.
आरुणि ने गुरु धौम्य से किस प्रकार सहावने मौसम का वर्णन किया ?
उत्तर:
आरुणि ने सुहावने मौसम का वर्णन करते हुए कहा कि काली घटाएं सभी चर-अचर के मन में गुदगुदी कर रही हैं। मोर काली घटाओं को देखकर आनन्दित होकर नृत्य कर रहे हैं। पक्षी भी मधुर अलाप कर रहे हैं।

पश्न 2.
आरुणि तेज आंधी और वर्षा में भी में बांधने जाने से क्यों नहीं डरता ?
उत्तर:
आरुणि को विश्वास है कि गुरु जी का आशीर्वाद साथ है तो फिर यह तेज आंधी-पानी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती।

पश्न 3.
गुरु धौम्य ने उपमन्यु को अधखिला पुष्प क्यों कहा ?
उत्तर:
उपमन्यु अभी बाल्यावस्था में था, इसी कारण गुरु धौम्य ने उसे एक अधखिला पुष्प कहा।

पश्न 4.
गुरु धौम्य और उपमन्यु किसे ढूंढ़ने निकले और क्यों ?
उत्तर:
गुरु धौम्य और उपमन्यु, आरुणि को ढूंढ़ने निकले क्योंकि आरुणि वर्षा से बह रहे मेंड़ को ठीक करने के लिए खेतों में चला गया था लेकिन काफ़ी समय बीत जाने पर भी वह लौटकर नहीं आया था।

पश्न 5.
गुरु धौम्य ने उपमन्यु को आरुणि को ढूंढ़ने के लिए क्या करने को कहा ?
उत्तर:
आरुणि को ढूंढ़ने के लिए गुरु धौम्य, उपमन्यु को कहते हैं कि ज़रा ज़ोर से आवाज़ दो जिससे पता चले कि आरुणि किस दिशा में है।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखें

पश्न 1.
आरुणि ने खेत की मेंड टूटने की गुरु की चिंता को किस प्रकार दूर किया?
उत्तर:
अपने गुरु के मुख से खेत की मेंड़ टूटने की चिंता को सुनकर गुरुभक्त आरुणि ने झट से कहा कि आप इस मामूली से काम के लिए चिंता क्यों करते हैं। मैं अभी जाकर मेंड़ ठीक कर आता हूं।

पश्न 2.
गुरु धौम्य के द्वारा वरदान देने पर आरुणि ने गुरु से क्या कहा ?
उत्तर:
गुरु धौम्य के मुख से वरदान देने की बाद सुनकर आरुणि ने कहा कि गुरुवर, आज जैसे गुरु को पाकर मुझे कुछ नहीं चाहिए। बस आपकी कृपा-दृष्टि सदा मुझ पर रहे, यही मेरी इच्छा है।

पश्न 3.
गुरु धौम्य अपने शिष्यों पर क्यों गर्व महसूस करते थे ?
उत्तर:
गुरु धौम्य अपने शिष्यों की गुरुभक्ति पर मुग्ध थे। उनके शिष्य उनके बहुत आज्ञाकारी थे। इसी कारण वह अपने शिष्यों पर गर्व महसूस करते थे।

आत्म-बोध

1. अपने मां-बाप, गुरु और ईश्वर पर श्रद्धा रखें और उनके बताये रास्ते पर चलें।
2. त्याग और समर्पण की भावना आपसी रिश्ते को और भी सुदृढ़ करती है।
3. आप जिस काम को करने के लिए किसी से वादा करते हैं तो उसे हर हाल में करना ही श्रेयस्कर माना जाएगा। (विद्यार्थी स्वयं करें)

हुवैकल्पिक प्रश्न

पश्न 1.
धौम्य ऋषि का शिष्य कौन था ?
(क) आरुणि
(ख) वरुणी
(ग) तरुण
(घ) देवीशरण
उत्तर:
(क) आरुणि

पश्न 2.
आरुणि कैसा शिष्य था ?
(क) मेहनती
(ख) आज्ञाकारी
(ग) अवज्ञाकारी
(घ) डरपोक
उत्तर:
(ख) आज्ञाकारी

पश्न 3.
गुरु धौम्य ने उपमन्यु को क्या कहा ?
(क) फूल
(ख) धूल
(ग) अधखिला फूल
(घ) पुण्य
उत्तर:
(ग) अधखिला फूल

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 22 आत्म बलिदान

पश्न 4.
आरुणि किसकी मिट्टी की रक्षा के लिए स्वयं लेट गया ?
(क) खेत की
(ख) रेत की
(ग) घर की
(घ) आश्रम की
उत्तर:
(क) खेत की

आत्म बलिदान Summary

आत्म बलिदान लघु नाटिका का सार

आकाश में घने काले बदल छाए हुए थे। कुछ समय बाद तेज वर्षा होने लगी धौम्य ऋषि ने अपने शिष्य आरुणी को अपनी चिंता से परिचित कराया कि ऐसे ही मूसलाधार वर्षा होती रही तो खेत की मेंड़ टूट जाएगी। आरुणी मेंड़ को टूटने से बचाने के लिए चला गया पर वह संध्या होने तक वापस नहीं लौटा। ऋषि का दूसरा शिष्य उपमन्यु वर्षा रुकने के बाद कुटिया में वापिस आया। उसने फूल लाने के लिए बाहर जाना चाहा तो ऋषि ने बताया कि आरुणी वहीं था और फूल अवश्य ले आया होगा। बाद में ऋषि को याद आया कि उन्होंने उसे मेंड़ देखने के लिए भेजा था। धौम्य ऋषि और उपमन्यु दोनों तेजी से खेत की ओर गए। आवाज़ देने पर पीछे वाले खेत से आरुणी की आवाज़ आई। वहां मेंड की जगह आरुणी ठंड से कांपता हुआ लेटा था। उसने बताया कि पानी के तेज बहाव के कारण मेंड़ बह गई थी और मिट्टी से उसे रोकना कठिन था। खेत का मिट्टी की रक्षा के लिए वह उसे स्वंय लेट गया था। ऋषि धौम्य उसकी कर्तव्यनिष्ठा और गुरु भक्ति से अपार प्रसन्न हुए और उन्होंने उसे आशीर्वाद दिया।

कठिन शब्दों के अर्थ:

कृपा = दया। सुहावना = अच्छा। मंद = धीमी। समीर = हवा। अत्यन्त आनन्दित = बहुत अधिक प्रसन्न। मनोरम = सुन्दर। नृत्य = नाच । तपोवन = आश्रम। पर्णकुटी = पत्तों की कुटिया, झोंपड़ी। उल्कापात = तारों का टूटना। धराशायी = धरती पर गिरे होना। निखार = सुन्दरता। पुष्प = फूल। मलिनता = मैला, गन्दा, दूषित। सुधबुध = होश अधखिला = आधा खिला हुआ। अविकसित = जिसका विकास न हुआ हो। ज्ञान-सुरभि = ज्ञान की सुगन्ध। अनुमति = आज्ञा। विपत्ति = मुसीबत। प्रयत्न = कोशिश। बेकार = व्यर्थ। परम = सर्वश्रेष्ठ, सबसे बढ़कर।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 21 साथी हाथ बढ़ाना

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 21 साथी हाथ बढ़ाना Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 21 साथी हाथ बढ़ाना

Hindi Guide for Class 6 साथी हाथ बढ़ाना Textbook Questions and Answers

भाषा-बोध

1. शब्दार्थ
उत्तर:
पद्यांशों के सरलार्थ के साथ-साथ कठिन शब्दों के अर्थ दिए गए हैं।

पौलादी = बहुत मजबूत
लेख = भाग्य
गैरों = दूसरे, अन्य
दरिया = नदी
मंजिल = लक्ष्य
नेक = अच्छा
खातिर = के लिए
जरी = कण

2. नीचे लिखे मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्य बनाओ

1. हाथों-हाथ लगाना = ……….. …………………….
2. हाथ साफ करना = ……………… ……………………
3. राई का पहाड़ बनाना = …………….. ……………………..
4. एक और एक ग्यारह होना = ………………. ………………………
5. सीस झुकाना = ………………. ……………………………
उत्तर:
1. हाथों-हाथ लगाना = साथ देना-हाथों – हाथ लगाने का ही यह फल है कि इतना बड़ा कार्य आसानी से हो गया।
2. हाथ साफ करना = चोरी करना – हमारे पड़ोसी दिल्ली शादी में गए थे कि पीछे से चोर घर पर हाथ साफ कर गए।
3. राई का पहाड़ बनाना = छोटी-सी बात को बढ़ा-चढ़ा कर कहना – तुम भी क्या छोटी-सी बात को राई का पहाड़ बना देती हो।
4. एक और एक ग्यारह होना = मज़बूत होना-मोहन तुम भी मेरे साथ चलो क्योंकि तुम्हें तो पता है कि एक और एक ग्यारह होते हैं।
5. सीस झुकाना = नमन करना-मेहनती व्यक्ति के आगे तो पर्वत भी सीस झुकाते हैं।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 21 साथी हाथ बढ़ाना

3. पर्यायवाची शब्द लिखो

1. साथी = ……………….
2. सागर  = …………….
3.सीस = ………………
4. बाँट = ………………
5. चट्टान  = …………….
6. कतरा = …………….
7. दरिया = …………….
उत्तर:
1. साथी = मित्र
2. सागर = समुद्र
3. सीस = सिर
4. बांट = भाग
5. चट्टान = शिला
6. कतरा = बूंद
7. दरिया = नदी

4. क्रिया शब्द चुनो

1. एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना।
2. सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया।
3. एक से एक मिले तो राई, बन सकती है परबत।
4. एक से एक मिले तो इंसां बस में कर ले किस्मत।
उत्तर:
(1) जाएगा, बोझ उठाना
(2) छोड़ना, सीस झुकाया
(3) मिलना, बनना
(4) मिलाना, बस में करना

5. वचन बदलकर वाक्य बनाओ

1. बाँह ……………….
2. सीना ………………
3. राह …………………..
4. मंज़िल ……………..
5. चट्टान ………………..
उत्तर:
(1) बाँह = बांहें-भारतीय सैनिकों की बाहें फौलादी हैं।
(2) सीना = सीने-वीर सैनिक सीने पर गोलियां खाते हैं।
(3) राह = राहें-जीवन की राहें आसान नहीं होती।
(4) मंज़िल = मंज़िलें-राम के मकान की चार मंज़िलें हैं।
(5) चट्टान = चट्टानें- भूकंप से अनेक चट्टानें गिर गईं।

6. उपयुक्त शब्द भरकर वाक्य पूरा करो

(1) ……….मिलकर रहना चाहिए। (सर्वनाम)
(2) विविध सुमनों से मिलकर ………………… बनती है। (संज्ञा)
(3) नदी सागर में ……………….. हैं। (क्रिया)
(4) …………………है सीना अपना। (विशेषण)
(5) ……………….मंज़िल सब की मंजिल ………………. रास्ता नेक। (सर्वनाम)
उत्तर:
(1) हमें
(2) माला
(3) गिरती
(4) फौलादी
(5) अपनी, अपना

7. विपरीत शब्द लिखो

1. एक …………
2. मेहनती …………
3. गैर ………….
4. नेक …………
5. फौलादी …………
उत्तर:
(1) एक = अनेक
(2) मेहनती = आलसी
(3) गैर = अपना
(4) नेक = बद
(5) फौलादी = कागजी

विचार-बोध

(क)
प्रश्न 1.
सागर ने रास्ता क्यों छोड़ा ?
उत्तर:
मनुष्य के पक्के इरादे को देखकर सागर ने रास्ता छोड़ा।

प्रश्न 2.
मेहनत से हम क्या-क्या कर सकते हैं ?
उत्तर:
मेहनत से हम असम्भव को भी सम्भव कर सकते हैं। पहाड़ों से भी मार्ग बना सकते हैं।

प्रश्न 3.
दरिया कैसे बनता है ?
उत्तर:
बूंद-बूंद से दरिया बनता है।

प्रश्न 4.
भाग्य की रेखा कैसे बनती है ?
उत्तर:
भाग्य की रेखा मेहनत से बनती है।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 21 साथी हाथ बढ़ाना

प्रश्न 5.
‘कल गैरों की खातिर’ में गैरों का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
गैरों से अर्थ अंग्रेजों से है।

(ख)
प्रश्न 1.
मेहनत के महत्त्व पर पांच वाक्य लिखें।
उत्तर:

  • मेहनत के बल पर हम पर्वतों में भी रास्ता बना सकते हैं।
  • मेहनत से हम असम्भव को भी सम्भव बना सकते हैं।
  • मेहनत ही सफलती की कुंजी है।
  • मेहनती व्यक्ति आत्मविश्वासी होता है।
  • मेहनती व्यक्ति का सर्वत्र सम्मान होता है।

प्रश्न 2.
‘एक से मिले एक तो इंसां बस में कर ले किस्मत’ पंक्ति का भावार्थ लिखो।
उत्तर:
इस पंक्ति का अर्थ है कि यदि प्रत्येक व्यक्ति मिल जाएं तो वे अपनी किस्मत ही बदल सकते हैं।

प्रश्न 3.
दरिया की क्या विशेषता है ?
उत्तर:
दरिया की विशेषता है कि वह अपने रास्ते में आने वाली हर बाधाओं को तोड़कर आगे बढ़ता जाता है।

प्रश्न 4.
इस कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?
उत्तर:
इस कविता से हमें शिक्षा मिलती है कि मिलकर काम करने से हम सारी बाधाओं पर विजय पा सकते हैं। इसलिए हमें मिलजुल कर काम करने चाहिए।

आत्म-बोध

1. अपने स्कूल, घर, मुहल्ले में अपने साथियों से मिलकर क्या-क्या काम करोगे जिससे आपको खुशी मिले?
2. किसी असहाय व्यक्ति की सहायता करने का प्रण लो।
3. यह कविता समूहगान में गाएं।
4. किसी ऐसी घटना या कहानी को पढ़ो जिसमें मिलकर काम करने का अच्छा परिणाम मिला हो। (विद्यार्थी स्वयं करें)

बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
भाग्य की रेखा किससे बनती है ?
(क) मेहनत से
(ख) धन से
(ग) तन से
(घ) बल से
उत्तर:
(क) मेहनत से

प्रश्न 2.
‘कल गैरों की खातिर’ में गैरों का क्या अर्थ है ?
(क) दूसरे
(ख) अन्य
(ग) अंग्रेज़
(घ) यूनानी
उत्तर:
(ग) अंग्रेज़

प्रश्न 3.
इस कविता से क्या शिक्षा मिलती है ?
(क) मिलजुल कर काम करना
(ख) दूर-दूर रहना
(ग) पास-पास रहना
(घ) आगे बढ़ना
उत्तर:
(क) मिलजुल कर काम करना

प्रश्न 4.
मेहनत वालों के आगे किसने रास्ता छोड़ा ?
(क) सागर ने
(ख) लोगों ने
(ग) राजाओं ने
(घ) दुनिया ने
उत्तर:
(क) सागर ने

प्रश्न 5.
मेहनती लोगों के आगे किसको अपना सिर झुकाना पड़ा?
(क) लोगों को
(ख) दानवों को
(ग) पर्वत को
(घ) नदियों को
उत्तर:
(ग) पर्वत को

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 21 साथी हाथ बढ़ाना

प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से ‘साथी’ का पर्याय है :
(क) मिंत्र
(ख) चित्र
(ग) पित्र
(घ) पिता
उत्तर:
(क) मिंत्र

प्रश्न 7.
निम्नलिखित में ‘कतरा’ का पर्याय है:
(क) बूंद
(ख) मूंद
(ग) गूंद
(घ) इंद
उत्तर:
(क) बूंद

पद्यांशों के सरलार्थ

1. साथी हाथ बढ़ाना.
एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना।
साथी हाथ बढ़ाना।
हम मेहनतवालों ने जब भी, मिलकर कदम बढ़ाया
सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया
फौलादी हैं सीने अपने, फौलादी हैं बाँहें
हम चाहें तो चट्टानों से पैदा कर दें राहें
साथी हाथ बढ़ाना।

कठिन शब्दों के अर्थ:
बोझ = भार। परबत = पहाड़। सीस झुकाया = सम्मान करना। फौलादी = लोहे से।

प्रसंग:
यह पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक से गीतकार साहिर लुधियानवी द्वारा लिखे गीत ‘साथी हाथ बढ़ाना’ से ली गई हैं। इसमें कवि ने देश की प्रगति और विकास के लिए मिल कर काम करने की प्रेरणा दी है।

सरलार्थ:
कवि कहता है कि साथी, साथ देने के लिए हाथ बढ़ाना। एक अकेला थक जाएगा इसलिए मिल कर यह भार उठाना। कवि आगे प्रेरित करते हुए कहता है कि हम मेहनत करने वालों ने जब भी मिलकर अपने कदम आगे बढ़ाएं हैं तो सागर ने भी हमारे लिए रास्ता छोड़ा है और पर्वत ने भी सिर झुकाया है। हमारे सीने भी फौलाद, लोहे के समान मज़बूत हैं और हमारी बाहें भी फौलाद के समान मज़बूत हैं। हम यदि कोशिश करें तो चट्टानों में भी रास्ता बना सकते हैं।

भावार्थ:
परिश्रम करने वालों की राह में कोई बाधा नहीं आ सकती।

2. मेहनत अपने लेख की रेखा, मेहनत से क्या डरना
कल गैरों की खातिर की, आज अपनी खातिर करना
अपना दुःख भी एक है साथी, अपना सुख भी एक
अपनी मंजिल सच की मंज़िल, अपना रास्ता नेक
साथी हाथ बढ़ाना।

कठिन शब्दों के अर्थ:
लेख = भाग्य। गैर = बेगानों। खातिर = के लिए। मंजिल = लक्ष्य। नेक = अच्छा, भला।

प्रसंग-यह पंक्तियाँ हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक से गीतकार साहिर लुधियानवी जी के प्रसिद्ध गीत ‘साथी हाथ बढ़ाना’ से ली गई हैं। इसमें कवि ने देश के विकास और प्रगति के लिए सभी को मिलकर काम करने की प्रेरणा दी है।

सरलार्थ:
कवि सभी को एक साथ मिल कर काम करने की बात करते हुए कहता है कि मेहनत ही अपने भाग्य की रेखा है। मेहनत करना ही हमारा भाग्य है तो मेहनत करने से क्या डरना। कल तक हमने बेगानों (अंग्रेज़ों) के लिए मेहनत की आज अपने लिए, अपने देश के लिए मेहनत करें। हमारा सुख-दुःख सब एक है हमारी मंज़िल (लक्ष्य) भी सच की मंजिल है और हमारा रास्ता सच्चाई का रास्ता है। साथी आओ अपना हाथ बढ़ाना।

भावार्थ:
परिश्रम करना ही जीवन में आगे बढ़ने का एक मात्र मार्ग है।

3. एक से एक मिले तो कतरा बन जाता है दरिया
एक से एक मिले तो ज़र्रा बन जाता है सेहरा
एक से एक मिले तो राई बन सकती है परबत
एक से एक मिले तो इंसां, बस में कर ले किस्मत
साथी हाथ बढ़ाना।

कठिन शब्दों के अर्थ:
कतरा = बूंद। दरिया = नदी। ज़र्रा = कण। इंसां = इन्सान। किस्मत = भाग्य।

प्रसंग:
यह पंक्तियाँ हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक से गीतकर साहिर लुधियानवी जी के प्रसिद्ध गीत ‘साथी हाथ बढ़ाना’ से ली गई हैं। इसमें कवि ने देश की प्रगति और विकास के लिए युवाओं को मिलकर काम करने का आह्वान किया है।

सरलार्थ:
वह कहते हैं कि जिस प्रकार एक-एक बूंद मिल कर दरिया बन जाता है, जिस प्रकार रेत के एक-एक कण मिल कर बड़ा रेगिस्तान बन जाते हैं, जिस प्रकार एकएक राई अगर मिल जाए तो वह पर्वत बन सकती है इसी प्रकार अगर एक-एक व्यक्ति मिलकर काम करें तो वह अपनी किस्मत को भी अपने वश में कर लें अर्थात् भाग्य भी उसकी मेहनत के आगे झुक जाएगी। साथी अपना हाथ बढ़ाना।

भावार्थ:
मिलजुल कर किए जाने वाले परिश्रम से सफलता की प्राप्ति शीघ्र ही हो जाती है।

साथी हाथ बढ़ाना Summary

साथी हाथ बढ़ाना कविता का सार

कवि कहता है कि साथियो, सहायता के लिए अपने हाथ बढ़ाओ। अकेला व्यक्ति काम करते-करते थक जाता है पर मिल कर करने से काम जल्दी हो जाता है। जब भी परिश्रम करने वालों ने मिल कर काम किया तब ही असंभव काम भी संभव हो गए। परिश्रम ही हमारे भाग्य की रेखा है इसलिए उससे कभी नहीं डरना चाहिए। जीवन की राह में परिश्रम करते हुए सुख-दुख दोनों मिलते हैं इसलिए दुःखों से कभी नहीं डरना चाहिए। परिश्रम का रास्ता ही सबसे अच्छा रास्ता है। एक-एक बूंद मिलने से नदियाँ बनती हैं और रेत के कणकण से रेगिस्तान बन जाता है। राई जैसे छोटे-छोटे कण पर्वत का निर्माण कर सकते हैं। हम इन्सान मिलकर काम करें तो हम भाग्य को भी अपने वश में कर सकते हैं।

PSEB 8th Class English Solutions Poem 2 Don’t Quit

Punjab State Board PSEB 8th Class English Book Solutions Poem 2 Don’t Quit Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 English Poem 2 Don’t Quit

Activity 1.

Look up the following words in a dictionary. You should seek the following information about the words and put them in your WORDS notebook.

1. Meaning of the word as used in the poem (adjective/noun/verb. etc.)
2. Pronunciation (The teacher may refer to the dictionary or a mobile phone for correct pronunciation.)
3. Spellings.

PSEB 8th Class English Solutions Poem 2 Don’t Quit

trudging care queer twists and turns
stuck out blow faint and faltering victor
golden crown tint after hardest

Activity 2.

Make a list of five pairs of rhyming words in the poem.

1. will — hill
2. bit — quit
3. turns — learns
4. up — cup
5. down — crown

Learning to Read and Comprehend

Activity 3.

Answer the following questions.

Question 1.
What is the poem about?
कविता किसके बारे में है ?
Answer:
The poem is about the importance of determination and tenacity in life.

Question 2.
What is hard about going uphill?
ऊपर पहाड़ी पर जाने में क्या कठिनाई है ?
Answer:
The journey is full of difficulties.

Question 3.
What is meant by ‘funds are low’?
‘funds are low’ का क्या अर्थ है?
Answer:
It means nominal resources.

PSEB 8th Class English Solutions Poem 2 Don’t Quit

Question 4.
What does the poet mean by ‘twists and turns’?
‘Twists and turns’ से कवि का क्या अभिप्राय है?
Answer:
‘Twists and turns’ mean ups and downs in life.

Question 5.
Do you think sudden ‘twists and turns in life can be beneficial to us ?
क्या आपके विचार में हमारे जीवन में अचानक आने वाले उतार-चढ़ाव हमारे लिए किस तरह लाभदायक हैं ?
Answer:
Yes, sudden twists and turns in life can be beneficial to us. as failure has the seed of success in life.

Question 6.
Why does the poet say ‘you have to sigh’?
कवि क्यों करता है ‘you have to sigh’?
Answer:
The poet says so because one sometimes faces failure when one is very close to success.

Question 7.
What does another blow’ mean?
another blow’ का क्या अर्थ है ?
Answer:
Another blow means very next effort that bring success.

PSEB 8th Class English Solutions Poem 2 Don’t Quit

Question 8.
How long do you try to do something before you turn to do something else ?
कोई और काम करने से पहले आप अपने काम को पूरा करने के लिए कब तक प्रयास करते हैं ?
Answer:
I never quit and go on making endless efforts for success.

Activity 4.

Read the stanzas and answer the questions that follow.

1. Life is queer with its twists and turns,
As everyone of us sometimes learns,

And many a failure turns about,
When he might have won had he stuck it out.

(a) What is life full of ?
जीवन किस चीज़ से भरा है ?
Answer:
Life is full of twists and turns.

(b) What does everyone of us sometimes learn?
हममें से प्रत्येक जीवन में कभी न कभी कुछ सीखता क्या है ?
Answer:
It is that failure changes its direction all at once and there is success.

(c) Find the synonym of ‘strange from the stanza.
Stanza में ‘Strange’ का समानार्थक बताएं।
Answer:
Queer.

2. And you never can tell just how close you are,
It may be near when it seems afar;
So stick to the fight when you’re hardest hit
It’s when things seem worst that you must not quit.

(a) Name the poem and the poet.
कविता तथा कवि का नाम बताओ |
Answer:
The name of the poem is ‘Don’t Quit’ and that of the poet is Edgar A. Guest.

(b) What do you understand by ‘sticking to the fight when hardest hit ?
‘Sticking ……… hardest hit’ से क्या अभिप्राय है
Answer:
We must stick to the fight when everything seems to be going wrong.

PSEB 8th Class English Solutions Poem 2 Don’t Quit

(c) What should not be done when things seem worst ?
जब सब कुछ खराब होता दिखाई दे तो हमें क्या नहीं करना चाहिए ?
Answer:
We must not quit our fight or stop fighting.

Learning Language

Formation of Comparative and Superlative Degrees.

An adjective is a word which qualifies a noun or a pronoun. In other words, an adjective adds something to the meaning of a noun or a pronoun.
Examples :
किसी Noun या Pronoun की विशेषता या उसके बारे में कुछ बताने वाला शब्द Adjective कहलाता है।

(a) a black horse
(b) some money
(c) thirty books
(d) this noble man
(e) a clever boy

Formation of Degrees of Adjectives

Rules

I. Most adjectives generally form the comparative degree by adding suffix ‘-er’ and the superlative degree by adding the suffix ‘-est’ to the possitive degree of Adjective.

Positive Comparative Superlative
noble nobler noblest
near nearer nearest
able abler ablest
sane saner sanest
clean cleaner cleanest
dear dearer dearest
bright brighter brightest
bold bolder boldest
clever cleverer cleverest
short shorter shortest
deep                ‘ deeper deepest
tall taller tallest
few fewer fewest
fast faster fastest
great greater greatest
hard harder hardest
high higher highest
keen keener keenest
kind kinder kindest
light lighter lightest
strong stronger strongest
weak weaker weakest
poor poorer poorest
rare rarer rarest
pure purer purest
rich richer richest
safe safer safest
sweet sweeter sweetest

II. In the case of longer adjectives of three or more syllables, comparative and superlative degrees are formed by adding the word ‘more and most’ before the positive degree.

Positive Comparative Superlative
beautiful more beautiful most beautiful
courageous more courageous most courageous
brilliant more brilliant most brilliant
capable more capable most capable
difficult more difficult most difficult
wonderful more wonderful most wonderful
interesting more interesting most interesting
ignorant more ignorant most ignorant
diligent more diligent most diligent

PSEB 8th Class English Solutions Poem 2 Don’t Quit

III. Adjectives of two syllables follow one or the other of the above rules. Those ending in ‘-ful’, ‘-er’ ‘-ve’ usually take ‘more’ and ‘most’.

Positive Comparative Superlative
active more active most active
doubtful more doubtful most doubtful
careful more careful most careful
harmful more harmful most harmful
proper more proper most proper
obscure more obscure most obscure
secure more secure most secure

IV. Those ending in ‘-y or ‘-ly add ‘-ier’ and ‘-est’ after the removal of ‘-y’.

Positive                        Comparative Superlative
pretty prettier prettiest
happy happier happiest
heavy heavier heaviest
easy easier easiest
jolly jollier jolliest
busy busier busiest
holy holier holiest

V. When a consonant comes after a short vowel sound, it doubles itself and adds ‘-er’ and ‘-est’ in comparative and superlative forms.

Positive Comparative Superlative
big bigger biggest
hot hotter hottest
fat fatter fattest
sad sadder saddest
wet wetter wettest
thin thinner thinnest
red redder reddest
mad madder maddest

VI. Miscellaneous Adjectives

Positive Comparative Superlative
bad worse worst
far farther farthest
good better best
late latter/later last/latest
little less least
low lower lowest
much more most
old older/elder oldest/eldest
up upper uppermost/upmost

PSEB 8th Class English Solutions Poem 2 Don’t Quit

1. He is a ………………….. student. (tall)
2. The Taj is a ………………….. building. (beautiful)
3. My table is the …………………….. of all. (big)
4. Her sweatshirt is ……………………… than her jeans. (soft)
5. Teena’s hair is ………………….. than Leena’s hair. (long)
6. Saumya is ………………. than Vijaya. (funny)
7. Haridwar is one of the …………………….. places for the Hindus. (holy)
8. Gold is .. ………………. than silver. (expensive)
9. Ravinder is ………………….. than Parul. (smart)
10. This is the ……………………… book I have ever read. (good)
Answer:
1. tall
2. beautiful
3. biggest
4. softer
5. longer
6. funnier
7. holiest
8. more expensive
9. smarter
10. best.

Make comparative forms of the word given in the brackets by adding ‘-er’ or ‘more” to it.

1. Cats are ……………………. (affectionate) than goats.
2. Sheena is …………………… (old) than Gagan.
3. China is ……………………… (large) than Poland.
4. My Hindi class is … …… (boring) than my Maths class.
5. In the UK, the streets are generally ……. …….. …… (narrow) than in the USA.
6. Delhi is ……………………… (busy) than Chandigarh.
7. Jyoti is …………………….. (quiet) than her sistęs.
8. Kiran is ………………….. (ambitious) than her brother.
9. My garden is a lot ……………………… (colourful) than this park:
10. My house is a bit . ………………….. (comfortable) than a hotel.
Answer:
1. more affectionate
2. older
3. larger
4. more boring
5. narrower
6. busier
7. quiter
8. more ambitious
9. more colourful
10. more comfortable.

Learning to Listen

Activity 6.

Listen carefully to your teacher telling you about an unsinkable ship and fill in the gaps provided.

The Titanic was a British passenger ship that sank to the bottom of the ……….1…….. during its first voyage. The ship was constructed during the 1900s by a transportation ………….2…………. known as White Star. With this they wanted to introduce a new set of luxury passenger …………3………….. that would transport wealthy people across the …….4……. Ocean. White Star finished building the Titanic in …………5………….. . At that time, it was the ……….6…………… ship that had ever been ………….7……….. The Titanic was designed with ……….8………….. compartments that could fill up with …….9……. if any issues occurred. For this reason, many people …………10………… that the Titanic was unsinkable. In April………11 ……., the Titanic began its first voyage from England to the ………..12…………. , carrying over 2,000 passengers. While at sea, the ship collided with an ……….13…………… and began to overflow. The passengers and the ……….14………….. evacuated the ship, but there were not enough ……….15………… to save everyone. Out of 2,000 passengers, only 705 ……16…… The sinking of the Titanic is one of the ………17………….. tragedies of the 20th century.
Answer.
1. ocean
2. company
3. ships
4. Atlantic
5. 1911
6. biggest
7. built
8. safety
9. water
10. believed
11. 1912
12. United States
13. iceberg
14. crew
15. boats
16. survived
17. greatest

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Learning to Speak (Groupwork)

Activity 7.

One student from each group will be given a picture. The student will see it carefully and place it face down so that the rest of the students cannot see the picture card. Describe the picture for other students to draw. The student will speak for two minutes using adjectives. (The teacher will get some pictures for students so that pictures are unseen for them.)
Answer:
विधार्थी स्वयं करें

Learning to Write

Activity 8.

Write a story using the following hints. Also give a heading to the story.

a stage …………….. drinking water ………………. saw the reflection ……………… beautiful horns . ……………….. felt proud ……………. saw reflection of his legs ………………. felt ashamed …………….. heard the barking …………… hunter’s dog ……………. started running ……………… his horns ……………… entangled in a bush ……………… tried his best to untangle horns ……………….. succeeded with great difficulty ……………… dogs reached …….. used thin legs to escape ………………… understood importance of ugly looking legs.
Answer.
‌Once‌ ‌there‌ ‌was‌ ‌a‌ ‌stage.‌ ‌One‌ ‌day‌ ‌he‌ ‌was‌ ‌very‌ ‌thirsty.‌ ‌He‌ ‌went‌ ‌to‌ ‌a‌ ‌pool.‌ ‌He‌ ‌was‌ ‌drinking‌ ‌water.‌ ‌The‌ ‌water‌ ‌was‌ ‌very‌ ‌clear.‌ ‌He‌ ‌saw‌ ‌his‌ ‌own‌ ‌reflection‌ ‌in‌ ‌the‌ ‌water.‌ ‌He‌ ‌saw‌ ‌his‌ ‌horns.‌ ‌They‌ ‌were‌ ‌very‌ ‌beautiful.‌ ‌He‌ ‌feels‌ ‌proud‌ ‌for‌ ‌them.‌ ‌Then‌ ‌he‌ ‌saw‌ ‌his‌ ‌legs.‌ ‌They‌ ‌were‌ ‌thin‌ ‌and‌ ‌ugly.‌ ‌He‌ ‌felt‌ ‌ashamed‌ ‌to‌ ‌see‌ ‌them.‌ ‌Soon‌ ‌he‌ ‌saw‌ ‌a‌ ‌hunter.‌ ‌He‌ ‌had‌ ‌hounds‌ ‌with‌ ‌him.‌ ‌The‌ ‌stage‌ ‌was‌ ‌in‌ ‌danger.‌ ‌He‌ ‌ran‌ ‌very‌ ‌fast.‌ ‌His‌ ‌legs‌ ‌helped‌ ‌him.‌ ‌He‌ ‌passed‌ ‌by‌ ‌the‌ ‌bushes.‌ ‌His‌ ‌beautiful‌ ‌horns‌ ‌were‌ ‌caught‌ ‌in‌ ‌a‌ ‌bush.‌ ‌He‌ ‌tried‌ ‌his‌ ‌best‌ ‌to‌ ‌free‌ ‌himself.‌ ‌He‌ ‌freed‌ ‌his‌ ‌horns‌ ‌with‌ ‌great‌ ‌difficulty.‌ ‌Soon‌ ‌the‌ ‌hounds‌ ‌reached‌ ‌there.‌ ‌His‌ ‌ugly‌ ‌legs‌ ‌helped‌ ‌to‌ ‌save‌ ‌him.‌ ‌He‌ ‌understood‌ ‌the‌ ‌importance‌ ‌of‌ ‌ugly‌ ‌looking‌ ‌legs.‌ ‌
Moral.‌ ‌All‌ ‌that‌ ‌glitters‌ ‌is‌ ‌not‌ ‌gold.‌ ‌

Learning‌ ‌to‌ ‌Use‌ ‌the‌Language‌ ‌(Pairwork)‌ ‌

Activity‌ ‌9‌ .

Write‌ ‌short‌ ‌notes‌ ‌on‌ ‌your‌ ‌positive‌ ‌self‌ ‌talking‌ ‌information‌ ‌from‌ ‌the‌ ‌picture‌ ‌given‌ ‌below.‌ ‌
After‌ ‌you‌ ‌have‌ ‌made‌ ‌your‌ ‌notes,‌ ‌talk‌ ‌to‌ ‌your‌ ‌partner‌ ‌(one‌ ‌minute)‌ ‌about‌ ‌yourself.‌
PSEB 8th Class English Solutions Poem 2 Don’t Quit 1

My Positive Self-Talk I am proud of what I am. I believe in myself and my abilities. I am bold enough to face any difficulty and any situation I am put in. Today is going to be an awesome day. I am going to play the role of the leader of my class. I am confident of my success. I am happy too. But I can successfully control my happiness while playing my role.

PSEB 8th Class English Solutions Poem 2 Don’t Quit

Comprehension of Stanzas

Read the following stanzas (extracts) and answer the questions given below each :

(1) When things go wrong as they sometimes will,
When the road you’re trudging seems all up hill,
When the funds are low and the debts are high.
And you want to smile, but you have to sigh,
When care is pressing you down a bit.
Rest, if you must, but don’t you quit.

1. Mention two odd situations you are faced with in life?
जीवन में अपने सामने आने वाली दो विषम स्थितियों का वर्णन करें।

2. What should one do in such situation ?
ऐसी स्थिति में आदमी को क्या करना चाहिए ?

3. Name the poem and its poet.
कविता और इसके कवि का नाम लिखें।
Answer:
1.
(a) The road we are walking on seems to be very long.
(b) The funds are low, but the debts are high.
Or
You want to smile, but you have to sigh.
2. One should rest for some time. We must not quit.
3. The name of the poem is ‘Don’t Quit’ and that of the poet is Edgar A. Guest.

(2) Often the goal is nearer than,
It seems to a faint and faltering man;
Often the struggler has given up
When he might have captured the victor’s cup;
And he learned too late when the night came down,
How close he was to the golden crown,
Success is failure turned inside out.

1. When does a struggler often give up ?.
संघर्ष करने वाला व्यक्ति प्रायः कब आत्म समर्पण कर देता है ?

2. What is success in reality?
सफलता वास्तव में क्या है

3. Name the poem and its poet.
कविता और इसके कवि का नाम लिखें।
Answer:
1. A struggler often gives up when he is about to win or succeed.
2. Success in reality is failure in disguise. It is failure turned inside out.
3. The name of the poem is ‘Don’t Quit. Its poet is Edgar A. Guest.

PSEB 8th Class English Solutions Poem 2 Don’t Quit

Word Meanings

PSEB 8th Class English Solutions Poem 2 Don’t Quit 2

Don’t Quit Poem Summary in English

Don’t Quit Summary in English

This is an inspirational poem. It demands us to be firm in our efforts. We should never lose heart and quit. The struggle must go on. Sometimes in life, we are faced with odd situations. Our job seems to us an uphill task. We wish to smile, but we have to sigh. Our cares press us down. We look for good days but bad luck surrounds us. There are so many other such situations like this too.Man often quits in hard times. He leaves his efforts when

Don’t Quit Summary in Hindi

यह एक प्रेरणादायक कविता है । यह हमसे चाहती है कि हम अपने प्रयासों में स्थिर रहें। हमें कभी धैर्य छोड़ कर पीछे नहीं हटना चाहिए। संघर्ष जारी रहना चाहिए। .. हमें जीवन में कभी-कभी विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। हमें अपना कार्य बहुत ही मुश्किल लगता है। हम मुस्कुराना चाहते हैं, परन्तु हम निराशाभरी गहरी सांस लेकर रह जाते हैं। हमारी चिन्ताएं हमें दबा लेती हैं। हम अच्छे दिन खोजते हैं, परन्तु हम बुरे भाग्य से घिर जाते हैं। ऐसी कई अन्य परिस्थितियां भी आती हैं। आदमी मुश्किल वक्त में प्रायः हार मान लेता है।

PSEB 8th Class English Solutions Poem 2 Don’t Quit

वह उस समय अपने प्रयास बन्द कर देता है, जब सफलता उसके दरवाज़े पर खड़ी होती है। वह केवल एक ही और प्रयास से सफल हो सकता है। उसे याद रखना चाहिए कि जब सफलता दूर लगती है, यह नज़दीक हो सकती है। सफलता वास्तव में उलटा दी गई असफलता ही होती है। इसलिए हमें उस समय अपने संघर्ष पर अटल रहना चाहिए जब हम बुरी तरह मुसीबत में घिर जाएं। इस समय परिस्थिति बहुत ही खराब लगती है परन्तु यही वह समय होता है, जब हमें पीछे नहीं हटना चाहिए।

Central Idea Of The Poem

This poem is based on the idea that life is not all success. It is mostly failure. But we must not quit if we fail in our efforts. Failure has the seeds of success in it. Success, infact is failure turned inside out. Struggle must go on. Our very next blow may shower flowers of success on us.

PSEB 11th Class Hindi Solutions Chapter 20 एक मिलियन डालर दृश्य

Punjab State Board PSEB 11th Class Hindi Book Solutions Chapter 20 एक मिलियन डालर दृश्य Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 11 Hindi Chapter 20 एक मिलियन डालर दृश्य

Hindi Guide for Class 11 PSEB एक मिलियन डालर दृश्य Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें-

प्रश्न 1.
‘एक मिलियन डालर दृश्य’ में पर्वतीय सौन्दर्य का अनूठा वर्णन है, लेख के आधार पर उत्तर दें।
उत्तर:
प्रस्तुत लेख में लेखक ने पर्वतीय सौन्दर्य का अनूठा वर्णन किया है। चण्डीगढ़ से शिमला की यात्रा करते हुए लेखक सोलन रुकता है। वहाँ नगर के बीचों बीच शिमला जाने वाली सड़क है। लेखक ने कालका से शिमला जाने वाली रेल यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा है कि यह सारा रास्ता दिलकश नज़ारों से भरा है। छोटी पट्टी की रेल की गुफ़ाओं से गुजरकर जाती। छोटे-बड़े पुलों पर से निकलती है। लेखक की गाड़ी भी इस रेल के साथ-साथ चलती है। पर्वतीय दृश्य बड़ें मनोहर हैं। ढलाने पेड़ों और हरी घास से ढकी हैं। चीड़ और देवदार के पेड़ दिखाई देने लगते हैं।

तारादेवी के मोड़ से लेखक ज्यों ही आगे बढ़ता है शिमला नगर की बत्तियाँ सामने नज़र आती हैं। ऐसे लगता था कि,आसमान के सारे सितारे धरती पर उतर आए हों। यही लेखक को एक मिलियन डालर दृश्य जान पड़ा।

PSEB 11th Class Hindi Solutions Chapter 20 एक मिलियन डालर दृश्य

प्रश्न 2.
‘एक मिलियन डॉलर दृश्य’ निबन्ध का सार लिखें।
उत्तर:
‘एक मिलियन डालर दृश्य’ इन्द्रनाथ चावला द्वारा लिखित है। प्रस्तुत निबन्ध में लेखक ने चण्डीगढ़ से शिमला की यात्रा का वर्णन किया है। इसके साथ ही लेखक ने सोलन नगर के सौन्दर्य का वर्णन करते हुए वहाँ के जन जीवन की समस्याओं की ओर संकेत किया है। लेखक अपने मित्र के साथ पहाड़ की यात्रा के लिए जा रहा है। दोनों लोग चण्डीगड़ से हिमाचल में किन्नौर की यात्रा के लिए निकले। किन्तु कालका शिमला सड़क पर स्थित धर्मपुर पहुँच कर उनकी गाड़ी खराब हो गई। शाम तक गाड़ी ठीक हुई और वे आगे बढ़ गए। मार्ग में सोलन में चाय पीने के लिए रुके। सोलन में कृषि विश्वविद्यालय और जिला बनने से वहाँ की आबादी बढ़ गई है।

परिवार एक-एक कमरे में रहते हैं जिससे गन्दगी दिखाई देती है। लेखक यहाँ कालका से शिमला जाने वाली छोटी लाइन की रेलगाड़ी का वर्णन करता है जिससे यात्रा करना अत्यन्त सुखद लगता है। गाड़ी बिगड़ जाने के कारण रात उन्हें शिमला में ही बिताने का निर्णय लेना पड़ा। पहाड़ी रास्ता टेढ़ा-मेढ़ा होने के कारण वे आपस में बातचीत भी नहीं कर रहे थे। तारादेवी पहुँच कर उन्होंने सुख की साँस ली। वहाँ शिमला की बत्तियाँ ऐसे दिखाई देती थीं जैसे आकाशलोक में कोई समारोह हो रहा हो, ऐसा लग रहा था शिमला तारादेवी से झिलमिलाता हुआ मिलन करने जा रहा हो। लेखक को लगा शिमला में हर रोज़ इसी तरह जगमगाहट होती है जैसे दीपावली हो। लेखक को वह दृश्य एक मिलियन डालर दृश्य लगता है जिसे देखने के लिए कोई भी विदेशी पर्यटक मुँह माँगे दाम दे सकता है। लेखक ने कुछ पूर्व भी शिमला की ऐसी ही अनोखी छवि देखी थी।

एक मोड़ आने पर वह दृश्य लुप्त हो गया। लेखक अपने मित्रों सहित शिमला पहुँच गया। कुछ दिनों बाद शिमला से चण्डीगढ़ लौटते हुए ढल्ली गाँव के पास पहुँच कर कालका के जगमगाते रूप को देखकर उसे शिमला की याद हो जाती है। कालका से चण्डीगढ़ की रोशनियाँ भी दिखाई देती हैं जैसे मखमली चादर पर सितारे जड़े गए हों।

प्रश्न 3.
चण्डीगढ़ से शिमला तक की यात्रा का वर्णन प्रस्तुत निबन्ध के आधार पर करें।
उत्तर:
लेखक अपने मित्रों सहित चण्डीगढ़ से किन्नौर की यात्रा के लिए निकला। धर्मपुर पहुंच कर उनकी गाड़ी खराब हो गई जो शाम तक ठीक हुई। वहाँ से चलने के बाद वे सोलन में चाय पीने के लिए रुकते हैं। शिमला जाते समय तारा देवी के मोड़ पर पहुँच कर उन्हें शिमला की रोशनियां दिखाई पड़ती हैं। तारा देवी से दिखाई देने वाला शिमला का दृश्य लेखक को एक मिलियन डालर का दृश्य लगता है। शिमला वे देर रात पहुँचे। माल रोड़ खाली हो चुकी थी। अतः वे सीधे अपने होटल में चले गए।

PSEB 11th Class Hindi Solutions Chapter 20 एक मिलियन डालर दृश्य

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें-

प्रश्न 1.
लेखक ने एक मिलियन डॉलर दृश्य किसे कहा है ?
उत्तर:
लेखक ने तारा देवी के मोड़ से आगे बढ़कर दूर से शिमला नगर की बिजली की बत्तियों को देखा तो लेखक को लगा नीचे खड्ड से लेकर ऊपर पहाड़ तक हज़ारों बत्तियाँ एक साथ जगमगा उठी हों। अब बत्तियों को देखकर ऐसा लगा कि आसमान के सारे तारे धरती पर उतर आए हों चारों ओर जगमगाहट देखकर ऐसा लग रहा था कि आकाश लोक में कोई विशेष समारोह है। इसी कारण धरती से आकाश तक पर्वत की ढलाने जगमगा उठी हैं। इसी दृश्य को लेखक ने ‘एक मिलियन डॉलर दृश्य’ कहा है।

प्रश्न 2.
कालका से शिमला जाने का रेल यात्रा का अनुभव क्या है?
उत्तर:
कालका से शिमला छोटी लाइन की रेल से यात्रा करना एक अलग तरह का अनुभव है। सारा रास्ता अद्भुत दृश्यों से भरा पड़ा है। रेल कई गुफाओं से गुज़र कर जाती है। घुमावदार लम्बे मोड़ काटती हुई सीटी बजाती है जैसे डिज्नीलैंड का कोई खेल हो। पर्वतीय दृश्य अत्यन्त मनोहर हैं। ढलाने पेड़ों और हरी घास से ढकी हैं। चीड़ के वृक्षों की लम्बी कतारें देखने को मिलती हैं।

प्रश्न 3.
तारा देवी के मोड़ से निकलने पर शिमला नगर की बिजली की बत्तियों के सौन्दर्य का वर्णन लेखक ने किस प्रकार किया है ?
उत्तर:
तारा देवी के मोड़ से निकलते ही लेखक ने देखा कि नीचे एक खड्ड से लेकर पर्वत की ढलान के साथसाथ ऊपर तक बने हुए घरों में हज़ारों बत्तियां जगमगा उठी हों। इस दृश्य को देखकर लेखक मन्त्र विमुग्ध सा हो उठा। उसे लगा जैसे आकाश के सारे तारे धरती पर उतर आए हों और रंग-बिरंगे मोतियों की तरह झिलमिला रहे हों।

प्रश्न 4.
शिमला से वापस आते हुए चण्डीगढ़ की बत्तियों के दृश्य का वर्णन करें।
उत्तर:
शिमला से वापस आते हुए कालका से चण्डीगढ़ की रोशनियाँ भी दिखाई पड़ती हैं। रात में चण्डीगढ़ एक काली मखमली चादर पर जड़ित सितारों-सा दिखाई देता है। पूर्व से पश्चिम की ओर और उत्तर से दक्षिण की ओर जाती रोशनियों की बीसियों सीधी कतारें नज़र आती हैं। लगता है देवताओं ने रात्रि को सुखना झील के किनारे एक विशाल जगमगाता चौपड़ बिछाया हो या आज की रात आकाश शिवालिक की गोदी में अपना सिर रखकर धरती पर सो रहा हो।

PSEB 11th Class Hindi Solutions Chapter 20 एक मिलियन डालर दृश्य

PSEB 11th Class Hindi Guide एक मिलियन डालर दृश्य Important Questions and Answers

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
शिमला की बत्तियाँ कैसी दिखाई देती हैं ?
उत्तर:
जैसे आकाश लोक में कोई समारोह हो।

प्रश्न 2.
शिमला का दृश्य लेखक को कैसा लगा ?
उत्तर:
लेखक को वह दृश्य एक मिलियन डालर दृश्य लगा।

प्रश्न 3.
लेखक इन्द्र नाथ चावला किसके साथ शिमला गया था ?
उत्तर:
अपने मित्रों के साथ।

प्रश्न 4.
एक मिलियन डालर दृश्य’ में लेखक ने किस स्थान का उल्लेख किया है ?
उत्तर:
चण्डीगढ़ से शिमला की यात्रा का वर्णन किया है।

प्रश्न 5.
लेखक ने किस नगर के सौंदर्य का वर्णन किया है ?
उत्तर:
सोलन।

प्रश्न 6.
लेखक अपने मित्र के साथ कहाँ जा रहा था ?
उत्तर:
पहाड़ की यात्रा पर।

PSEB 11th Class Hindi Solutions Chapter 20 एक मिलियन डालर दृश्य

प्रश्न 7.
‘एक मिलियन डालर दृश्य’ किस प्रकार की विधा है ?
उत्तर:
यात्रा वर्णन।

प्रश्न 8.
पहाड़ी रास्ता कैसा था ?
उत्तर:
टेढ़ा-मेढ़ा।

प्रश्न 9.
चमकते हुए सितारे कैसे झिलमिला रहे थे ? ।
उत्तर:
मोतियों के समान।

प्रश्न 10.
पहाड़ों की ढलानें किससे ढकी थी ?
उत्तर:
पेडों और हरी घास से।

प्रश्न 11.
लेखक ने सोलन में बढ़ रही ……….. का वर्णन किया है।
उत्तर:
आबादी।

प्रश्न 12.
लेखक ने पाठ में किस रेलमार्ग का उल्लेख किया है ?
उत्तर:
कालका-शिमला रेल मार्ग।

प्रश्न 13.
लेखक ने किस प्रकार के दृश्यों का वर्णन किया है ?
उत्तर:
पर्वतों के मनोहारी रूप का वर्णन किया है।

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प्रश्न 14.
रात में चण्डीगढ़ कैसा दिखाई देता था ?
उत्तर:
काली मखमली चादर पर जड़ित सितारों-सा।

प्रश्न 15.
किस झील के बारे में उल्लेख हुआ है ?
उत्तर:
सुखना झील।

प्रश्न 16.
नीला आकाश किसकी गोदी में सिर रखकर सो रहा था ?
उत्तर:
शिवालिक पर्वत की गोदी में।

प्रश्न 17.
बिजली की बत्तियों ने पर्वत की ढलानों को किससे जोड़ दिया था ?
उत्तर:
आकाश लोक से।

प्रश्न 18.
अंधेरे में कौन-सी चीजें अंधकार को और अधिक बढ़ा देती हैं ?
उत्तर:
चमकदार चीजें।

प्रश्न 19.
रात की देवी ने बालों में क्या गूंथ रखा था ?
उत्तर:
रत्न जड़ित मालाएँ।

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प्रश्न 20.
………….. के मोड़ से निकलने पर लेखक ने शिमला नगर की बत्तियों का सौंदर्य देखा।
उत्तर:
तारा देवी।

बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
‘एक मिलियन डालर दृश्य’ में किस माया का वर्णन है ?
(क) चंडीगढ़ से वैष्णो देवी
(ख) चंडीगढ़ से शिमला
(ग) चंडीगढ़ से मनाली
(घ) चंडीगढ़ से जम्मू।
उत्तर:
(ख) चंडीगढ़ से शिमला

प्रश्न 2.
प्रस्तुत निबंध में लेखक ने किसके सौंदर्य का चित्रण किया है ?
(क) पर्वतीय
(ख) समुद्रीय
(ग) जंलीय
(घ) वाष्पीय।
उत्तर:
(क) पर्वतीय

प्रश्न 3.
लेखक को कहां का एक दृश्य एक मिलियन डालर जैसा प्रतीत हुआ ?
(क) शिमला का
(ख) चंडीगढ़ का
(ग) जम्मू का
(घ) सोलन का।
उत्तर:
(क) शिमला का।

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कठिन शब्दों के अर्थ :

विख्यात = प्रसिद्ध। अवसर = मौका। हरीतिमा = हरियाली। कटाव = मोड़। अद्भुत = अनोखा। चिरस्मरणीय = देर तक याद रहने वाला।

प्रमुख अवतरणों की सप्रसंग व्याख्या

(1) एक जगह तो पर्वत से पत्थर और चट्टानें गिरने से एक नदी का जल मार्ग ही रुक गया था और एक छोटी-सी झील बन गई थी। फिर पानी के तेज़ प्रवाह से यह प्राकृतिक बाँध स्वयं ही टूट गया और जलाशय खाली हो गया।

प्रसंग :
प्रस्तुत अवतरण प्रो० इन्द्रनाथ चावला द्वारा लिखित यात्रावृत्त ‘एक मिलियन डालर दृश्य’ में से लिया गया है। इस यात्रावृत्त में लेखक ने अपनी चण्डीगढ़ से शिमला यात्रा के दौरान तारा देवी के मोड़ से शिमला शहर को देखे अद्भुत दृश्य का वर्णन किया है।

व्याख्या :
लेखक ने किन्नौर की सड़कों का भूकम्प के बाद होने वाली हालत का वर्णन किया है। लेखक कहता है कि किन्नौर की सड़क पर एक स्थान पर पर्वत से पत्थर और चट्टानें गिरने से एक नदी का जल मार्ग ही रुक गया था इसलिए वहाँ एक छोटी-सी झील बन गई थी। उस झील के कारण जो वहाँ एक बाँध सा बन गया था वह नदी के तेज बहाव के कारण अपने आप ही टूट गया और इस तरह वह झील खाली हो गई। अब वहाँ पानी इकट्ठा नहीं रहा था।

विशेष :

  1. लेखक ने प्राकृतिक दृश्य का सुन्दर वर्णन किया है।
  2. भाषा सरल, सहज एवं रोचक है।
  3. तत्सम शब्दावली है।
  4. चित्रात्मक शैली का प्रयोग है।

PSEB 11th Class Hindi Solutions Chapter 20 एक मिलियन डालर दृश्य

(2) सोलन नगर के बीचों बीच शिमला जाने वाली सड़क है। घर, बाजार, कॉलेज, दफ्तर, सिनेमा और होटल सब इसी सड़क के किनारे स्थित हैं। बाजार के बीच में ही बस अड्डा भी है। इसलिए हर समय बाजार में भीड़ रहती है।

प्रसंग :
प्रस्तुत अवतरण प्रो० इन्द्रनाथ चावला द्वारा लिखित यात्रावृत ‘एक मिलियन डालर दृश्य’ से लिया गया है। इसमें लेखक ने सोलन में बढ़ रही भीड़ के कारण का वर्णन किया है।

व्याख्या :
लेखक ने चण्डीगढ़ शिमला मार्ग पर स्थित सोलन नगर का चित्र अंकित किया है। लेखक कहता है कि सोलन नगर के बीचों बीच शिमला जाने वाली सड़क है। इसलिए इसी सड़क के किनारे घर, बाजार, कॉलेज, दफ्तर, सिनेमा और होटल आदि बने हुए हैं। बाजार के बीच में ही बस अड्डा भी है इसलिए यहाँ हर समय भीड़ रहती है। सोलन में बढ़ती भीड़ का कारण सोलन में से शिमला तक विशेष जाने वाली सड़क है। लेखक सोलन में बढ़ रही आबादी का वर्णन करता है जिसके कारण वहाँ गन्दगी बढ़ रही है।

विशेष :

  1. इसमें लेखक ने सोलन नगर का दृश्य प्रस्तुत किया है।
  2. भाषा सरल एवं सहज है।।
  3. तत्सम एवं तद्भव शब्दावली है।
  4. वर्णनात्मक शैली है।

(3) पर्वतीय दृश्य बहुत मनोहर है। ढलाने पेड़ों और हरी घास से ढकी हैं और धीरे-धीरे ऊँचाई बढ़ने से वनस्पति और ढलानों की हरीतिमा की चादर के रंगों में भी परिवर्तन आता जाता है।

प्रसंग :
प्रस्तुत अवतरण प्रो० इन्द्रनाथ चावला द्वारा लिखित यात्रा वृतान्त ‘एक मिलियन डालर दृश्य’ में से लिया गया है। इसमें लेखक ने प्रकृति सौंदर्य का वर्णन किया है।

व्याख्या :
लेखक ने कालका-शिमला रेल मार्ग के साथ-साथ जाते हुए प्राकृतिक सौन्दर्य का वर्णन किया है। लेखक कहता है कि कालका-शिमला मार्ग पर पहाड़ के दृश्य मन को लुभाने वाले हैं। पहाड़ों की ढलाने पेड़ों और हरी घास से ढकी हैं और ज्यों-ज्यों ऊँचाई बढ़ती जाती है तो ऐसा लगता है कि पेड़-पौधो और ढलानों की हरियाली की चादर ने ढक रखा है और उनके रंगों में भी बदलाव आता जाता है। पहाड़ों के दृश्य वनस्पति के कारण हर समय एक नए रंग में दिखाई देते हैं।

विशेष :

  1. पर्वतों के मनोहारी दृश्यों का वर्णन है जिसमें प्रकृति अपने विभिन्न रंग रूप दिखाती है।
  2. भाषा सरल एवं सहज है।।
  3. तद्भव एवं तत्सम शब्दावली है।
  4. चित्रात्मक शैली है।

PSEB 11th Class Hindi Solutions Chapter 20 एक मिलियन डालर दृश्य

(4) ऐसा लगता था कि आज की रात आकाश के सारे सितारे धरती पर उतर आए हों। हमारे इतने समीप। केवल एक खड्ड भर की दूरी थी।अन्धेरे में खड्ड भी तो दिखाई नहीं देती। सारी दूरी मिट जाती थी। वे सब और समीप आ गए थे हमारे। जैसे हम उन्हें हाथों से छू सकते थे। दीप्तमान सहस्रों सितारे रंग-बिरंगे मोतियों की तरह झिलमिला रहे थे।

प्रसंग :
प्रस्तुत अवतरण प्रो० इन्द्र नाथ चावला द्वारा लिखित ‘एक मिलियन डालर का दृश्य’ से लिया गया है। लेखक ने रात के समय पर्वतीय क्षेत्र की सुंदरता का सहज वर्णन किया है।

व्याख्या :
प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक तारा देवी के मोड़ से देखे गए शिमला शहर के बिजली की बत्तियों से जगमगाते दृश्य का वर्णन कर रहे हैं। लेखक कहता है कि शिमला शहर में बत्तियों की रोशनी ऐसे प्रतीत हो रही थी जैसे रात में आकाश के सारे सितारे धरती पर उतर आए हों और वे दूर आकाश में न होकर हमारे बहुत निकट हों। हमारे और सितारों के बीच में एक खड्ड वे दूरी थी और अन्धेरे में वह खड्ड भी दिखाई नहीं देती थी। अत: सारी दूरी मिट गई थी। वे सितारे जैसे हमारे इतने निकट आ गए थे कि हम उन्हें अपने हाथों से छू सकते थे। चमकते हुए हज़ारों सितारे रंग-बिरंगे मोतियों की तरह झिलमिला रहे थे। रात के समय पहाड़ों पर बिजली की बत्तियों का दृश्य बहुत मनोहर था।

विशेष :

  1. लेखक को शिमला शहर में जलती हुई बत्तियाँ आकाश के चमकते हुए सितारों के समान लग रही थीं।
  2. भाषा सरल, सहज एवं रोचक है।
  3. तद्भव और तत्सम शब्दावली है।
  4. चित्रात्मक शैली है।

(5) क्या आज आकाशलोक में कोई विशेष समारोह है जो ये सब धरती से आकाश तक पर्वत की ढलाने सहस्रों जगमगाते हीरे-मोतियों, मणियों और मूंगों से जड़ी हैं। अथवा रात्रि देवी के लम्बे काले केशों में यह कोई रत्नजड़ित मालाएँ हैं जिनके हीरे मोती जगमगा कर अन्धकार को और भी गहरा कर देते हैं।

प्रसंग :
प्रस्तुत अवतरण प्रो० इन्द्रनाथ चावला द्वारा लिखित मिलियन डालर का दृश्य से लिया गया है। लेखक ने शिमला की रात्रिकालीन सुंदरता का वर्णन किया है।

व्याख्या :
प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक शिमला शहर में बिजली की बत्तियों को देखकर कल्पना करता हुआ कहता है कि आज आकाश में कोई विशेष समारोह है इसलिए धरती और आकाश के बीच बनी पर्वत की ढलाने हज़ारों जगमगाते होरेमोतियों, मणियों और मूंगों से सजी हुई हैं जिनके हीरे मोती जगमगा कर अन्धेरे को और भी गहरा कर देते हैं। अर्थात् बिजली की बत्तियों ने पर्वत की ढलानों को आकाश लोक तक जोड़ दिया है। उनकी जगमगाहट किसी विशेष समारोह की याद दिलाती थी या फिर ऐसा लग रहा था जैसे रात की देवी ने अपने बालो में रत्न जड़ित मालएं गूंथ रखी हैं जिससे हीरे मोतियों की चमक ने रात के अंधकार को और भी बढ़ा दिया था। अन्धेरे में चमकदार चीजें अन्धकार को ओर बढ़ा देती हैं।

विशेष :

  1. लेखक ने दूर शिमला में जल रही बत्तियों की जगमगाट से धरती और आकाश भुला दिया है।
  2. बत्तियों की जगमगाहट से ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे आकाशलोक में समारोह हो रहा है।

PSEB 11th Class Hindi Solutions Chapter 20 एक मिलियन डालर दृश्य

(6) कहीं ऐसा तो नहीं कि आज देवताओं ने रात्रि को सुखना झील के किनारे एक विशाल जगमगाता चौपड़ बिछाया हो या आज की रात नीला आकाश शिवालिक की गोदी में अपना सिर रख धरती पर सो रहा हो।

प्रसंग :
प्रस्तुत अवतरण प्रो० इन्द्रनाथ चावला द्वारा लिखित यात्रा वृतान्त ‘एक मिलियन डॉलर का दृश्य’ से लिया गया है। लेखक ने चंडीगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता का सहज वर्णन किया है।

व्याख्या :
प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक ने कालका से जगमगाते चण्डीगढ़ को देखकर अपनी कल्पना को अभिव्यक्त किया है। लेखक को लगता है कि आज देवताओं ने रात में सुखना झील के किनारे एक बहुत बड़ा जगमगाता चौपड़ बिछाया हो अथवा आज की रात नीला आकाश शिवालिक पर्वत की गोदी में अपना सिर रख धरती पर सो रहा हो।

विशेष :

  1. रात के समय चण्डीगढ़ के जगमगाते रूप का वर्णन किया गया है।
  2. भाषा सरल है।
  3. तद्भव एवं तत्सम शब्दावली है।
  4. चित्रात्मक शैली है।

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एक मिलियन डालर दृश्य Summary

एक मिलियन डालर दृश्य निबन्ध का सार

‘एक मिलियन डालर दृश्य’ इन्द्रनाथ चावला द्वारा लिखित है। प्रस्तुत निबन्ध में लेखक ने चण्डीगढ़ से शिमला की यात्रा का वर्णन किया है। इसके साथ ही लेखक ने सोलन नगर के सौन्दर्य का वर्णन करते हुए वहाँ के जन जीवन की समस्याओं की ओर संकेत किया है। लेखक अपने मित्र के साथ पहाड़ की यात्रा के लिए जा रहा है। दोनों लोग चण्डीगड़ से हिमाचल में किन्नौर की यात्रा के लिए निकले। किन्तु कालका शिमला सड़क पर स्थित धर्मपुर पहुँच कर उनकी गाड़ी खराब हो गई। शाम तक गाड़ी ठीक हुई और वे आगे बढ़ गए। मार्ग में सोलन में चाय पीने के लिए रुके। सोलन में कृषि विश्वविद्यालय और जिला बनने से वहाँ की आबादी बढ़ गई है।

परिवार एक-एक कमरे में रहते हैं जिससे गन्दगी दिखाई देती है। लेखक यहाँ कालका से शिमला जाने वाली छोटी लाइन की रेलगाड़ी का वर्णन करता है जिससे यात्रा करना अत्यन्त सुखद लगता है। गाड़ी बिगड़ जाने के कारण रात उन्हें शिमला में ही बिताने का निर्णय लेना पड़ा। पहाड़ी रास्ता टेढ़ा-मेढ़ा होने के कारण वे आपस में बातचीत भी नहीं कर रहे थे। तारादेवी पहुँच कर उन्होंने सुख की साँस ली। वहाँ शिमला की बत्तियाँ ऐसे दिखाई देती थीं जैसे आकाशलोक में कोई समारोह हो रहा हो, ऐसा लग रहा था शिमला तारादेवी से झिलमिलाता हुआ मिलन करने जा रहा हो। लेखक को लगा शिमला में हर रोज़ इसी तरह जगमगाहट होती है जैसे दीपावली हो। लेखक को वह दृश्य एक मिलियन डालर दृश्य लगता है जिसे देखने के लिए कोई भी विदेशी पर्यटक मुँह माँगे दाम दे सकता है। लेखक ने कुछ पूर्व भी शिमला की ऐसी ही अनोखी छवि देखी थी।

एक मोड़ आने पर वह दृश्य लुप्त हो गया। लेखक अपने मित्रों सहित शिमला पहुँच गया। कुछ दिनों बाद शिमला से चण्डीगढ़ लौटते हुए ढल्ली गाँव के पास पहुँच कर कालका के जगमगाते रूप को देखकर उसे शिमला की याद हो जाती है। कालका से चण्डीगढ़ की रोशनियाँ भी दिखाई देती हैं जैसे मखमली चादर पर सितारे जड़े गए हों।

PSEB 11th Class Hindi Solutions Chapter 19 रसायन और हमारा पर्यावरण

Punjab State Board PSEB 11th Class Hindi Book Solutions Chapter 19 रसायन और हमारा पर्यावरण Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 11 Hindi Chapter 19 रसायन और हमारा पर्यावरण

Hindi Guide for Class 11 PSEB रसायन और हमारा पर्यावरण Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-

प्रश्न 1.
रसायन हमारी आवश्यकता है। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से उदाहरण देते हुए स्पष्ट करें।
उत्तर:
हम रसायनों के युग में रह रहे हैं और आज रसायन हमारी आवश्यकता बन गया है। हमारे पर्यावरण की सारी वस्तुएँ और हम सब, रासायनिक यौगिकों के बने हैं। हवा, मिट्टी, पानी, खाना, वनस्पति और जीव-जन्तु ये सब अजूबे जीवन की रासायनिक सच्चाई ने पैदा किये हैं। प्रकृति में सैंकड़ों-हज़ारों रासायनिक पदार्थ हैं। रसायन न होते तो धरती पर जीवन भी नहीं होता। पानी तो जीवन का आधार है, यह पानी हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से बना एक रासायनिक यौगिक है। मधुर मीठी चीनी कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से बनी है। कोयला और तेल, बीमारियों से मुक्ति दिलाने वाली औषधियाँ-एंटीबायोटिक्स, एस्प्रीन और पेनेसिलिन, अनाज, सब्ज़ियाँ, फल और मेवे भी तो रसायन हैं। इस प्रकार यह हमारे पर्यावरण में सदा से विद्यमान रहे हैं इसीलिए इनकी महत्ता के विषय में जानकारी होनी आवश्यक है, क्योंकि ये हमारे जीवन की आवश्यकता है।

प्रश्न 2.
‘रसायनों का ज़रूरत से अधिक और गलत प्रयोग हमारे पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए विनाशकारी सिद्ध हो सकता है।’ पाठ से उदाहरण देकर इस तथ्य को सिद्ध करें।
उत्तर:
रसायनों का प्रयोग उत्पाद में वृद्धि के लिए किया जाता है किन्तु इसका अधिक प्रयोग भूमि प्रदूषण एवं जलाने का कारण तो बनता ही है, स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। फलों और सब्जियों पर किया जाने वाला कीटनाशक दवाइयों का अधिक प्रयोग खाने वालों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। अनेक रसायन ऐसे हैं जिनका अधिक एवं गलत प्रयोग गम्भीर एवं भयंकर रोग पैदा करने वाला होता है।

PSEB 11th Class Hindi Solutions Chapter 19 रसायन और हमारा पर्यावरण

प्रश्न 3.
‘रसायन और हमारा पर्यावरण’ निबन्ध का सार लिखें।
उत्तर:

‘रसायन और हमारा पर्यावरण’ डॉ० एम० एल० रामनाथन द्वारा लिखित है। लेखक ने इस निबन्ध में आधुनिक जीवन में रसायनों के दिन प्रतिदिन बढ़ रहे प्रयोग के प्रति मानव को सतर्क किया है। नि:संदेह रसायनों का प्रयोग आज अनिवार्य है। परन्तु हमें उनके प्रयोग में सावधानी बरतते हुए विनाशकारी और हानिकारक प्रभाव से जीवन को अधिक-से-अधिक सुरक्षित रखना चाहिए। प्रस्तुत निबन्ध में लेखक के बढ़ते प्रयोग द्वारा पर्यावरण के प्रदूषित होने की बात कही है। लेखक का कहना है कि रसायनों का प्रयोग आज के युग की आवश्यकता बन गया है। जीवन का प्रत्येक क्षेत्र रसायनों के प्रभाव से ही जुड़ा हुआ हैं। रसायन न हो तो धरती पर जीवन ही सम्भव न हो पाता। चीनी, कोयला, तेल तथा बीमारियों से मुक्ति दिलाने वाली एंटीबायोटिक्स, एस्प्रीन और पेनेसिलन जैसी औषधियाँ, सब्ज़ियाँ, फल, मेवे इत्यादि सभी रसायन होते हैं। आज रसायन विज्ञान काफ़ी उन्नत अवस्था में हैं। किन्तु चिंता का विषय रसायनों के बढ़ते एवं गलत प्रयोग से है। रसायनों का अधिक मात्रा में प्रयोग पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए विनाशकारी सिद्ध हो सकता है। आज रसायनों के ऐसे प्रयोग विनाशकारी होने के कारण चिंता का कारण हैं। हालांकि रसायन उद्योग में रसायनों के संपर्क में रहने वाले कर्मचारियों के लिए कदम उठाए गए हैं।

खेतों में रसायनों का प्रयोग उत्पाद में वृद्धि में उपयोगी तो है किन्तु इसका अंधा-धुंध प्रयोग हानिकारक भी है। ये रसायन कैंसर जैसी भयंकर बीमारियाँ भी फैलाते हैं। रसायन तो शुरू से ही हमारे पर्यावरण का हिस्सा रहे हैं। हमें कम रसायनों के बारे में जानने की अधिक ज़रूरत है। हमें किसी भी रसायन का हानिकारक रूप ढूँढना होगा, तब तक उसका प्रयोग जारी रहना चाहिए किन्तु उसके गलत प्रयोग पर हाथ पीछे खींचना चाहिए।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें-

प्रश्न 1.
रसायनों के तात्कालिक खतरे कौन-से हैं ?
उत्तर:
खेती में इस्तेमाल होने वाले कीटनाशक मनुष्य के लिए किसी हद तक खतरनाक हैं। नमक का अधिक और लम्बे समय तक रक्तचाप बढ़ने का कारण बन सकता है। समुद्र के पानी में अनेक रसायन मिले होने के कारण सेहत के लिए उसे पीना भी खतरनाक है। रसायनों का सबसे बड़ा खतरा कैंसर जैसे रोग के फैलने का है।

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प्रश्न 2.
रसायनों के दीर्घकालिक प्रभाव क्या हैं ? उदाहरण देकर उत्तर दें।
उत्तर:
रसायनों के दीर्घकालिक खतरे अभी हाल ही में उजागर हुए हैं। कुछ रसायन आगामी पीड़ियों को प्रभावित करते हैं। जैसे थैलीडोमाईड तथा ऐस्वेस्टॉस जो कैंसर पैदा करता है। इसी तरह पौलीकलोरीनेटिड बाइफेनिल जो बाद में जीवों, मछलियों और यहां तक कि मनुष्य के लिए भी खतरा उत्पन्न कर देते हैं।

प्रश्न 3.
रसायनों के प्रयोग में नियन्त्रण व निर्णय में सरकार की क्या भूमिका हो सकती है ? स्पष्ट करें।
उत्तर:
रसायनों के गलत एवं अधिक प्रयोग से होने वाली हानियों से सरकार जनता को अवगत करवा सकती है। पर्यावरण को रसायन किसी प्रकार की हानि नहीं पहुँचा सकें इसके लिए उचित कानून बना सकती है। सरकार ने पर्यावरण सुरक्षा सम्बन्धी एक अलग से विभाग भी बनाया है। पर्यावरण को सुरक्षित रखने के अनेक उपाय भी किए हैं। किन्तु हमारा मानना है कि सरकार के साथ-साथ आम लोगों को भी इसमें सहयोग देना चाहिए।

प्रश्न 4.
पर्यावरण को रसायनों से होने वाली हानि से कैसे बचाया जा सकता है ? स्पष्ट करें।
उत्तर:
पर्यावरण को रसायनों से होने वाली हानि से बचने के लिए हमें उनका नियन्त्रित प्रयोग करना चाहिए। कुछ रसायन अपने आप में सुरक्षित हैं किन्तु वे उस समय हानि पहुँचाते हैं जब उनका मेल अन्य पदार्थों का होता है। हमें इससे बचना चाहिए। इस तरह हम कैंसर जैसे भयानक रोग एवं पेट की बीमारियों से बच सकते हैं। रसायनों के प्रयोग सम्बन्धी सरकारी कानून और नियमों का पालन करना चाहिए। रसायनों का प्रयोग उनसे जुड़े अनुसंधान या सूचनाओं के आधार पर ही करना चाहिए। रसायनों के प्रयोग से होने वाली हानि एवं लाभ को ध्यान में रखना चाहिए। रसायनों का प्रयोग सुरक्षित ढंग से सुरक्षित मात्रा में करना चाहिए। रासायनिक सुरक्षा को प्रतिदिन का कार्य मान लिया जाना चाहिए। इस तरह हम रासायनों से होने वाली हानि से बच सकते हैं।

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PSEB 11th Class Hindi Guide रसायन और हमारा पर्यावरण Important Questions and Answers

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
हमें किसी भी रसायन का कौन-सा रूप ढूँढ़ना होगा ?
उत्तर:
हानिकारक रूप।

प्रश्न 2.
आज रसायनों का प्रयोग चिंता का कारण क्यों बना है ?
उत्तर:
रसायनों के अंधा-धुंध प्रयोग के कारण।

प्रश्न 3.
‘रसायन और हमारा पर्यावरण’ के माध्यम से लेखक ने क्या संदेश दिया है ?
उत्तर:
रसायनों के प्रयोग के प्रति मानव को सतर्क किया है।

प्रश्न 4.
पर्यावरण प्रदूषित क्यों हुआ है ?
उत्तर:
रसायनों के अधिक प्रयोग के कारण।

प्रश्न 5.
जीवन का प्रत्येक क्षेत्र किससे जुड़ा हुआ है ?
उत्तर:
रसायनों से।

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प्रश्न 6.
रसायनों के विनाशकारी प्रभाव से जीवन को ………. रखना होगा।
उत्तर:
सुरक्षित।

प्रश्न 7.
रसायन कौन-सी बीमारियाँ फैलाते हैं ?
उत्तर:
कैंसर जैसी।

प्रश्न 8.
प्रारम्भ से हमारे पर्यावरण का कौन हिस्सा रहे हैं ?
उत्तर:
रसायन।

प्रश्न 9.
आज का युग किसका युग कहा जा सकता है ?
उत्तर:
रसायनों का।

प्रश्न 10.
पानी कैसे बना है ?
उत्तर:
हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के योग से।

प्रश्न 11.
चीनी कैसे बनी है ?
उत्तर:
कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन।

प्रश्न 12.
प्रकृति में …………. रासायनिक पदार्थ हैं।
उत्तर:
सैकड़ों-हज़ारों।

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प्रश्न 13.
रसायनों का प्रयोग किस लिए किया जाता है ?
उत्तर:
उत्पाद की वृद्धि के लिए।

प्रश्न 14.
कुछ रसायन …………… को प्रभावित करते हैं।
उत्तर:
आगामी पीढ़ियों को।

प्रश्न 15.
हमारे पर्यावरण की सारी वस्तुएँ किसके योग से बनी हैं ?
उत्तर:
रसायनों के योग से।

प्रश्न 16.
कीटनाशक के प्रयोग से पर्यावरण पर क्या असर पड़ता है ?
उत्तर:
पर्यावरण प्रदूषित होता है।

प्रश्न 17.
हमारी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति कौन करता है ?
उत्तर:
रसायन।

प्रश्न 18.
कुशल व्यक्ति की देखरेख में किया गया रासायनिक छिड़काव कैसा रहता है ?
उत्तर:
उत्पादन वृद्धि में सहायक।

प्रश्न 19.
हमें किसके बारे में जानने की अधिक ज़रूरत है ?
उत्तर:
रसायनों के।

प्रश्न 20.
किससे संबंधित आँकड़े विश्वास करने योग्य हैं ?
उत्तर:
कैंसर।

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बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
‘रसायन और हमारा पर्यावरण’ किस विधा की रचना है ?
(क) कविता
(ख) निबन्ध
(ग) कहानी
(घ) उपन्यास।
उत्तर:
(ख) निबंध

प्रश्न 2.
इस निबन्ध में लेखक ने मानव को किसके प्रयोग के प्रति सतर्क किया है ?
(क) रसायनों के
(ख) विज्ञान के
(ग) जल के
(घ) प्रदूषण के।
उत्तर:
(क) रसायनों के

प्रश्न 3.
रसायन के बिना धरती पर क्या संभव नहीं था ?
(क) वायु
(ख) जल
(ग) जीवन
(घ) मरण।
उत्तर:
(ग) जीवन

प्रश्न 4.
रसायनों का अधिक प्रयोग कैसा है ?
(क) हानिकारक
(ख) लाभदायक
(ग) शिथिल
(घ) शीत।
उत्तर:
(क) हानिकारक।

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कठिन शब्दों के अर्थ :

अपरिहार्य = जिसे त्यागा न जा सके। अभिक्रिया = रासायनिक प्रतिक्रिया। मारकशक्ति = मारने की शक्ति । आनुवंशिक = वंश परम्परा के अनुसार, पुश्तैनी। क्षयकारी = विनाशकारी। अप्रत्याशित = जिसकी आशा न हो। तात्कालिक = उस समय का । प्रतिबन्ध = रोक।

प्रमुख अवतरणों की सप्रसंग व्याख्या

(1) हम रसायनों के युग में रह रहे हैं। हमारे पर्यावरण की सारी वस्तुएँ और हम सब, रासायनिक यौगिक के बने हैं। हवा, मिट्टी, पानी, खाना, वनस्पति और जीव-जन्तु ये सब अजूबे जीवन की रासायनिक सच्चाई ने पैदा किए हैं। प्रकृति में सैंकड़ों, हज़ारों रासायनिक पदार्थ हैं । रासायन न होते तो धरती पर जीवन भी नहीं होता।

प्रसंग :
प्रस्तुत अवतरण डॉ० एम० एल० रामनाथन द्वारा लिखित निबन्ध ‘रसायन और हमारा पर्यावरण’ में से लिया गया है। प्रस्तुत निबन्ध में लेखक ने प्रकृति में आदिकाल से ही रसायनों के विद्यमान होने की बात कहते हुए इनके अत्यधिक एवं गलत प्रयोग के लिए मनुष्य को सतर्क किया है।

व्याख्या :
लेखक कहता है कि आज का युग रसायनों का युग है अर्थात् हम लोग इनके बिना जीवन जीने की कल्पना नहीं कर सकते। हमारे पर्यावरण की सारी वस्तुएँ तथा हम सब रसायनों के मेल से ही बने हैं। हवा, मिट्टी, पानी, भोजन, पेड़-पौधे और जीव-जन्तु ये सब रसायनों से ही बने हैं। यह सच है कि हमारी उत्पत्ति भी एक रसायन क्रिया है इससे हम इन्कार नहीं कर सकते हैं। प्रकृति में सैंकड़ों हज़ारों रासायनिक पदार्थ हैं। यदि रसायन न होते तो धरती पर जीवन ही न होता। रसायन प्रकृति का अंग हैं और हमारा जीवन भी इन्हीं के मेल से बना है।

विशेष :

  1. भाषा सरल, स्वाभाविक एवं प्रभावशाली है।
  2. तत्सम तथा उर्दू शब्दावली है।
  3. शैली विचारात्मक है।

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(2) मनुष्य और रसायन-उद्योग ने रसायन के तात्कालिक उग्र खतरे को पहचानने की दिशा में अच्छा काम किया है और जनता तथा उन कर्मचारियों को, जो काम के दौरान रसायनों के सम्पर्क में रहते हैं, रसायनों के कुप्रभाव से बचने के लिए आवश्यक एतिहायाती कदम उठाए गए हैं।

प्रसंग :
प्रस्तुत अवतरण डॉ० एम० एल० रामनाथन द्वारा लिखित निबन्ध ‘रसायन और हमारा पयांवरण’ में से लिया गया है। इसमें लेखक ने रसायनों के खतरों को पहचान कर किए काम की ओर संकेत किया है।

व्याख्या :
लेखक ने रसायन उद्योग द्वारा अपनाए गए बचाव कदमों का उल्लेख करते हुए कहा है कि मनुष्य और रासायनिक उद्योग ने रसायन के उसी समय होने वाले तेज़ खतरे को पहचानने की दिशा में अच्छा काम किया है। जं लोग इस काम में लगे हैं वे इन कामों से होने वाले खतरों के प्रति सतर्क हैं। उसने जनता तथा उन कर्मचारियों को जो काम के समय रसायनों के सम्पर्क में रहते हैं, रसायनों के बुरे प्रभाव से बचाने के लिए आवश्यक सावधानी वाले य बचाव वाले कदम उठाए हैं। रसायनों के प्रयोग से उत्पन्न खतरों की जागरूकता ने लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया है।

विशेष :

  1. मनुष्य का स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना ही रसायन के ग़लत प्रयोग को रोक सकता है।
  2. भाषा प्रभावशाली है।
  3. तत्सम और उर्दू शब्दावली है।
  4. शैली विचारात्मक है।

(3) खेती में इस्तेमाल होने वाले कीटनाशक मनुष्य के लिए किसी हद तक ज़हरीले हैं, इन्हें पर्यावरण में जानबूझ कर छिड़का जाता है, किन्तु इसके लिए इन्हें भली-भान्ति परखा जाता है और इस्तेमाल की अनुमति दी जाती है। कारण इससे फसल की वृद्धि के रूप में अधिक लाभ प्राप्त होता है।

प्रसंग :
प्रस्तुत अवतरण डॉ० एम० एल० रामनाथन द्वारा लिखित निबन्ध रसायन और हमारा पर्यावरण से लिया गया है। इसमें लेखक ने कीटनाशक के होने वाले प्रयोग से लाभ और हानि का वर्णन किया है

व्याख्या :
लेखक ने बताया है कि रसायनों के उचित छिड़काव से फसल के उत्पाद में वृद्धि हो सकती है। लेखक कहते हैं कि खेतों में प्रयोग होने वाले कीटनाशक मनुष्य के लिए कुछ सीमा तक विषैले हैं। फसलों पर छिड़का गया कीटनाशक खाने के साथ मनुष्य के शरीर में प्रवेश करता है तथा उसे अस्वस्थ बना देता है। इन्हें पर्यावरण में जान-बूझ कर छिडका जाता है। कीटनाशक के प्रयोग से पर्यावरण दूषित होता है किन्तु यदि इन्हें भली प्रकार से जाँच-परखकर प्रयोग की सलाह दी जाए तो फसल के उत्पाद में वृद्धि हो सकती है। कुशल व्यक्ति की देख-रेख में छिड़का गया कीटनाशक फसलों की पैदावार बढ़ाने में सहायाक है।

विशेष :

  1. कीटनाशक फसलों के उत्पादन को बढ़ाते हैं।
  2. भाषा सरल है।
  3. त्सम और उर्दू शब्दावली है।
  4. शैली वर्णनात्मक है।

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(4) रसायन हमारी आवश्यकता हैं। ये हमारे पर्यावरण में हमेशा मौजूद हैं जो सूक्ष्म अथवा लेशमात्र भी अर्थपूर्ण हो सकते हैं। इन लेश रसायनों के बारे में हमें अधिक जानने की ज़रूरत है।

प्रसंग :
प्रस्तुत अवतरण डॉ० एम० एल० रामनाथन द्वारा रचित वैज्ञानिक निबन्ध रसायन और पर्यावरण से लिया गया है जिसमें रसायनों के महत्त्व को प्रकट किया गया है।

व्याख्या :
लेखक कहता है कि रसायन हमारी आवश्यकता है। ये हमारे पर्यावरण में सदा से विद्यमान हैं। रसायन का प्रयोग आधुनिक जीवन की देन नहीं है। यह आदिकाल से ही प्रकृति में विद्यमान हैं। ये रसायन सूक्ष्म हों चाहे थोड़ी मात्रा में, अर्थपूर्ण हो सकते हैं। इन थोड़ी मात्रा में विद्यमान रसायनों के बारे में जानने की हमें अधिक ज़रूरत है। रसायनों के लाभ-हानि सम्बन्धी जानकारी प्राप्त करना अत्यन्त आवश्यक है। क्योंकि आज रसायन प्राकृतिक नहीं हैं यह यौगिक क्रियाओं की देन हैं इसलिए इनका उचित ज्ञान होना आवश्यक है।

विशेष :

  1. रसायन हमारी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं।
  2. शब्दावली तत्सम एवं उर्दू है।
  3. शैली वर्णनात्मक है।
  4. भाषा संस्कृत एवं उर्दू है।

(5) कैंसर बहुत भयानक रोग है। कहा जाता है कि कैंसर अधिकतर पर्यावरणीय रसायनों के प्रति उद्भासन के कारण होता है। यह तथ्य है या यूं ही उड़ाई गई बात ? कैंसर से सम्बन्धित आंकड़े आज विश्वसनीय हैं। ऐसी रिपोर्ट भी मौजूद है जो संकेत देती है कि कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। किन्तु अन्य रिपोर्ट के अनुसार कैंसर के मामले कम होते जा रहे हैं। पिछले 25 वर्षों से पेट के कैंसर के मामले में कमी आई है किन्तु फेफड़ों का कैंसर बड़ा है।

प्रसंग :
प्रस्तुत अवतरण डॉ० एम० एल० रामनाथन द्वारा लिखित निबन्ध ‘रसायन और हमारा पर्यावरण’ में से लिया गया है। प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक कैंसर जैसे भयानक रोग के बारे में बता रहे हैं।

व्याख्या :
लेखक कहता है कि कैंसर सबसे भयानक रोग है जो अधिकतर पर्यावरणीय रसायनों के प्रति उद्भासन के कारण होता है। कैंसर जैसा भयानक रोग पर्यावरण के प्रदूषित होने के कारण है और यह प्रदूषण खतरनाक रसायनों का कारण है। रसायनों का प्रयोग करने वाले कैंसर का सम्बन्ध उससे मानने से इनकार करते हैं। अब कैंसर के विषय में यह बात तथ्य है या अफवाह इसका कहना मुश्किल है। कैंसर से सम्बन्धित आंकड़े विश्वास करने योग्य हैं। कुछ रिपोर्टों में इसके बढ़ने तथा कुछ में कम होने की बात कही गयी है। पिछले 25 वर्षों में पेट के कैंसर के मामलों में कमी आई है पर फेफड़ों के कैंसर बढ़े हैं अर्थात् रसायनों ने मनुष्य के स्वास्थ्य को प्रभावित किया है। इसीलिए मनुष्य को एक से एक लाईलाज बीमारियों ने घेर रखा है।

विशेष :

  1. रसायनों ने कैंसर की बीमारी से मनुष्य को ही नहीं हमारे समाज में भौतिकवादिता की बीमारी को भी बढ़ावा दिया है।
  2. भाषा सरल है।
  3. तत्सम और उर्दू शब्दावली है।
  4. शैली वर्णनात्मक है।

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रसायन और हमारा पर्यावरण Summary

रसायन और हमारा पर्यावरण निबन्ध का सार

‘रसायन और हमारा पर्यावरण’ डॉ० एम० एल० रामनाथन द्वारा लिखित है। लेखक ने इस निबन्ध में आधुनिक जीवन में रसायनों के दिन प्रतिदिन बढ़ रहे प्रयोग के प्रति मानव को सतर्क किया है। नि:संदेह रसायनों का प्रयोग आज अनिवार्य है। परन्तु हमें उनके प्रयोग में सावधानी बरतते हुए विनाशकारी और हानिकारक प्रभाव से जीवन को अधिक-से-अधिक सुरक्षित रखना चाहिए। प्रस्तुत निबन्ध में लेखक के बढ़ते प्रयोग द्वारा पर्यावरण के प्रदूषित होने की बात कही है। लेखक का कहना है कि रसायनों का प्रयोग आज के युग की आवश्यकता बन गया है। जीवन का प्रत्येक क्षेत्र रसायनों के प्रभाव से ही जुड़ा हुआ हैं। रसायन न हो तो धरती पर जीवन ही सम्भव न हो पाता। चीनी, कोयला, तेल तथा बीमारियों से मुक्ति दिलाने वाली एंटीबायोटिक्स, एस्प्रीन और पेनेसिलन जैसी औषधियाँ, सब्ज़ियाँ, फल, मेवे इत्यादि सभी रसायन होते हैं। आज रसायन विज्ञान काफ़ी उन्नत अवस्था में हैं। किन्तु चिंता का विषय रसायनों के बढ़ते एवं गलत प्रयोग से है। रसायनों का अधिक मात्रा में प्रयोग पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए विनाशकारी सिद्ध हो सकता है। आज रसायनों के ऐसे प्रयोग विनाशकारी होने के कारण चिंता का कारण हैं। हालांकि रसायन उद्योग में रसायनों के संपर्क में रहने वाले कर्मचारियों के लिए कदम उठाए गए हैं।

खेतों में रसायनों का प्रयोग उत्पाद में वृद्धि में उपयोगी तो है किन्तु इसका अंधा-धुंध प्रयोग हानिकारक भी है। ये रसायन कैंसर जैसी भयंकर बीमारियाँ भी फैलाते हैं। रसायन तो शुरू से ही हमारे पर्यावरण का हिस्सा रहे हैं। हमें कम रसायनों के बारे में जानने की अधिक ज़रूरत है। हमें किसी भी रसायन का हानिकारक रूप ढूँढना होगा, तब तक उसका प्रयोग जारी रहना चाहिए किन्तु उसके गलत प्रयोग पर हाथ पीछे खींचना चाहिए।

PSEB 11th Class Hindi Solutions Chapter 18 भीड़ में खोया आदमी

Punjab State Board PSEB 11th Class Hindi Book Solutions Chapter 18 भीड़ में खोया आदमी Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 11 Hindi Chapter 18 भीड़ में खोया आदमी

Hindi Guide for Class 11 PSEB भीड़ में खोया आदमी Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें-

प्रश्न 1.
‘भीड़ में खोया आदमी’ निबन्ध में लेखक ने आम आदमी की समस्याओं को उठाया है। स्पष्ट करें।
उत्तर:
प्रस्तुत निबन्ध में लेखक ने बढ़ती जनसंख्या से उत्पन्न होने वाली समस्याओं को उठाया है। सबसे पहले लेखक ने रेलयात्रा में बढ़ती भीड़ का उल्लेख किया है। रेलयात्रा आजकल बड़ी कठिन हो गई है। आरक्षण के लिए घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ता है और बिना आरक्षण के यात्रा करना अधिक भीड़ के कारण कठिन हो गया है। लोग अपने प्राणों को संकट में डालकर छत पर सफर करने को विवश हैं।

दूसरी समस्या बेरोज़गारी की है। देश में बढ़ती जनसंख्या के कारण नौकरियाँ कम हैं और नौकरी पाने वाले अधिक शिक्षा पूरी कर वर्षों तक युवों को नौकरी नहीं मिलती ! तीसरी समस्या है आवास की कमी। जनसंख्या जिस तेजी से बढ़ रही है उतनी तेजी से मकान नहीं बन रहे हैं फिर मकान बनाने के लिए भूमि भी तो चाहिए। जनसंख्या में वृद्धि के कारण हमारी स्वास्थ्य सेवाएँ भी प्रभावित हो रही हैं। अस्पतालों में रोगियों की भीड़ रही है और डॉक्टरों की संख्या उस अनुपात में बहुत कम है। परिणामस्वरूप लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है।

लेखक सुझाव देते हैं कि यदि सीमित परिवार होंगे तो स्वच्छ जलवायु मिलने से लोग स्वस्थ रहेंगे। रेल, बस यात्रा में भीड़ कम होगी, सड़क पर दुर्घटनाएँ कम होंगी। भीड़ में खोया आदमी इतना तो समझ ही जाता है कि यह सब बढ़ती जनसंख्या का परिणाम है। इसलिए लेखक ने प्रस्तुत निबन्ध के माध्यम से आम आदमी की रोटी, कपड़ा, मकान और रोजगार जैसी समस्याओं को उठाया है।

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प्रश्न 2.
इस निबन्ध में लेखक ने सभी समस्याओं का मूल कारण जनसंख्या की वृद्धि बताया है। क्या आप इससे सहमत हैं ? अपने विचारों की पुष्टि के लिए उदाहरण दें।
उत्तर:
प्रस्तुत निबन्ध में लेखक ने देश में उत्पन्न सभी समस्याओं का मूल कारण जनसंख्या की वृद्धि को बताया है लेखक के इस विचार से हम शतप्रतिशत सहमत हैं। जनसंख्या में वृद्धि के परिणामस्वरूप रेल और बस यात्रा दुष्कर हो गई है। लोगों को अपने प्राण संकट में डालकर रेल या बस की छत पर सफर करना पड़ता है। जनसंख्या में वृद्धि के कारण देश में बेरोजगारी अधिक फैल रही है पढ़े-लिखे युवक वर्षों तक कोई नौकरी पाने में सफल नहीं होते। जनसंख्या में वृद्धि के कारण मकान और खाद्यान्न की कमी हो रही है। जितनी तेजी से जनसंख्या बढ़ रही है, उतनी तेजी से मकान नहीं बन रहे।

भले ही विज्ञान की सहायता से खाद्यान्न के उत्पादन में वृद्धि हुई है किन्तु बढ़ती जनसंख्या ने इस वृद्धि को भी निमूर्ल सिद्ध कर दिया है। भूख और गरीबी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। जनसंख्या में वृद्धि के कारण और खाद्यान्न की कमी के कारण लोग कुपोषण का शिकार होकर रोगग्रस्त हो रहे हैं। अस्पतालों में रोगियों की भीड़ बढ़ रही है। जनसंख्या में वृद्धि के कारण दुकानदार जो पहले ग्राहक का स्वागत करते थे उन्हें भगवान् मानते थे अब ग्राहकों को अपना काम करवाने के लिए उनकी चिरौरी करनी पड़ती है। जनसंख्या में वृद्धि के कारण देश के अनुशासन पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ अधिक बढ़ गई है। सड़क दुर्घटनाएँ भी बढ़ती जनसंख्या के कारण बढ़ रही हैं। लोगों को अपना काम करवाने के लिए अपने समय, शक्ति और धन को बर्बाद करने पड़ता है। जनसंख्या यदि काबू में रहे तो ये समस्याएँ उत्पन्न ही न हों।।

प्रश्न 3.
निबन्ध के नामकरण की सार्थकता को स्पष्ट करें।
उत्तर:
निबन्ध का शीर्षक ‘भीड़ में खोया आदमी अत्यन्त सटीक और सार्थक बन पड़ा है। देश की जनसंख्या में वृद्धि होने के कारण रेल यात्रा में भीड़, अस्पतालों में भीड़, राशन की दुकान पर भीड़, रोजगार कार्यालय में भीड़, सड़कों पर, दफ्तरों में, बाजारों में भीड़ देखकर आम आदमी भीड़ में खाकर रह जाता है। भले ही वह जानता है कि यह सब बढ़ती जनसंख्या का परिणाम है। अतः कहना न होगा कि ‘भीड़ में खोया आदमी’ नामकरण अत्यन्त सार्थक बन पड़ा है।

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(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें-

प्रश्न 1.
रेल में यात्रा करते समय लेखक को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ा?
उत्तर:
लेखक ने बिना आरक्षण के ही रेल यात्रा की। जब गाड़ी प्लेटफार्म पर आई तो उसमें तिल धरने की भी जगह नहीं थी। लेखक को कुली ने किसी तरह अन्दर धकेला। गाड़ी से उतरने में भी लेखक को असुविधा हुई। बाहर कूद कर आने पर उसने लोगों को रेल की छत पर सफर करते देखा।

प्रश्न 2.
दीनानाथ को नौकरी न मिलने का क्या कारण था ?
उत्तर:
दीनानाथ को पढ़ाई पूरा किये दो वर्ष हो गए थे। किन्तु देश में बढ़ती जनसंख्या के कारण रोजगार मिलना मुश्किल हो रहा था। रोज़गार कार्यालय में भी उसकी योग्यता वाले हज़ारों व्यक्ति उससे पहले अपना नाम दर्ज करवा चुके थे जब उन्हें कोई नौकरी नहीं मिली तो दीनानाथ को कहाँ से मिलती।

प्रश्न 3.
श्यामलाकांत ने शहर में मकान न मिलने का मुख्य कारण क्या बताया ?
उत्तर:
श्यामलाकांत ने शहर में मकान न मिलने का मुख्य कारण देश की बढ़ती जनसंख्या को बताया। जिस कारण शहर के कई गुणा फैल जाने के बावजूद और नई-नई कालोनियाँ बन जाने पर भी मकान कम पड़ रहे हैं और उन में रहने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।

प्रश्न 4.
श्यामलाकांत का परिवार अस्वस्थ क्यों रहता था ?
उत्तर:
श्यामलाकांत के परिवार के अस्वस्थ रहने का कारण तंग गलियों में रहना है। वहाँ का वातावरण स्वच्छ नहीं है। बड़ा परिवार होने के कारण सभी के स्वास्थ्य की ओर ठीक ढंग से ध्यान नहीं दिया जाता। उनके खाने-पीने की ओर उचित ध्यान नहीं मिलता है। यही कारण है श्यामलाकांत का परिवार बीमार रहता है।

प्रश्न 5.
लेखक ने अपने निबन्ध में बढ़ती हुई भीड़ का समाधान क्या बताया है ?
उत्तर:
लेखक ने सुझाव दिया है कि यदि सीमित परिवार हो, स्वच्छ जलवायु हो और खाने के लिए भरपूर भोजन सामग्री हो तो बीमारी से बचा जा सकता है। यदि बढ़ती जनसंख्या को न रोका गया तो सड़क दुर्घटनाएँ बढ़ेंगी रेलबस में यात्रा करना कठिन हो जाएगा तथा लोगों को अपना काम करवाने के लिए समय-शक्ति और धन का व्यय करना पड़ेगा।

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PSEB 11th Class Hindi Guide भीड़ में खोया आदमी Important Questions and Answers

अति लघूतरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
स्टेशन पर लीलाधर शर्मा के मित्र का कौन-सा बेटा उन्हें लेने आया था ?
उत्तर:
बड़ा बेटा।

प्रश्न 2.
लेखक के मित्र का घर कितना बड़ा था ?
उत्तर:
दो कमरों का घर था।

प्रश्न 3.
‘भीड़ में खोया आदमी’ किस प्रकार की विधा है ?
उत्तर:
निबंध।

प्रश्न 4.
‘भीड़ में खोया आदमी’ में किस समस्या को उठाया गया है ?
उत्तर:
बढ़ती जनसंख्या से उत्पन्न समस्याओं को।

प्रश्न 5.
सबसे पहले लेखक ने किस समस्या का उल्लेख किया ?
उत्तर:
रेलयात्रा में बढ़ती भीड़ का।

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प्रश्न 6.
आरक्षण के लिए घंटों ……………. में खड़ा रहना पड़ता है।
उत्तर:
कतार।

प्रश्न 7.
बढ़ती जनसंख्या से उपजी समस्याएँ कौन-सी हैं ?
उत्तर:
बेरोजगारी, भुखमरी आदि।

प्रश्न 8.
तीसरी सबसे बड़ी समस्या कौन-सी है ?
उत्तर:
आवास की समस्या।

प्रश्न 9.
लेखक ने रेल यात्रा कैसे की थी ?
उत्तर:
बिना आरक्षण के।

प्रश्न 10.
क्या मिलने से लोग स्वस्थ रहेंगे ?
उत्तर:
स्वच्छ जलवायु।

प्रश्न 11.
किसी सहायता से खाद्यान्न में वृद्धि हुई है ?
उत्तर:
विज्ञान।

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प्रश्न 12.
…………… दुर्घटनाएँ बढ़ती जनसंख्या का कारण बन रही हैं।
उत्तर:
सड़क।

प्रश्न 13.
लोगों को अपना काम करवाने के लिए क्या करना पड़ता है ?
उत्तर:
अपना समय, शक्ति तथा धन बर्बाद करना पड़ता है।

प्रश्न 14.
दीनानाथ को पढ़ाई पूरी किए कितने वर्ष हो गए थे ?
उत्तर:
दो वर्ष।

प्रश्न 15.
श्यामलाकांत को शहर में मकान क्यों नहीं मिल पाया था ?
उत्तर:
बढ़ती जनसंख्या के कारण।

प्रश्न 16.
श्यामलाकांत के घर की गलियों की क्या दशा थी ?
उत्तर:
तंग थी।

प्रश्न 17.
श्यामलाकांत के परिवार का अस्वस्थ रहने का क्या कारण था ?
उत्तर:
तंग गलियों में रहना।

प्रश्न 18.
जब आबादी कम थी तब दुकानदार …………….. का स्वागत करता था।
उत्तर:
ग्राहक का।

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प्रश्न 19.
सड़क दुर्घटनाएँ किस कारण बढी हैं ?
उत्तर:
बढ़ती जनसंख्या के कारण।

प्रश्न 20.
आजकल सार्वजनिक स्थलों पर ………….. बढ़ गई हैं।
उत्तर:
भीड़।

बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
‘भीड़ में खोया आदमी’ रचना किस विधा में है ?
(क) निबंध
(ख) कहानी
(ग) उपन्यास
(घ) नाटक।
उत्तर:
(क) निबंध

प्रश्न 2.
बढ़ती जनसंख्या से कौन-सी समस्या आती है ?
(क) बेरोज़गारी
(ख) भूखमरी
(ग) आवास की कमी
(घ) सभी।
उत्तर:
(घ) सभी

प्रश्न 3.
लोगों के स्वास्थ्य का मूलाधार क्या है ?
(क) स्वच्छ जलवायु
(ख) जल
(ग) वायु
(घ) स्वच्छ जल।
उत्तर:
(क) स्वच्छ जलवायु।

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कठिन शब्दों के अर्थ :

दुष्परिणाम = बुरे फल। स्तब्ध = हैरान। चिरौरी = चापलूसी। सुहाती है = अच्छी लगती है। स्वेच्छा = अपनी इच्छा से। संकीर्ण = तंग। चेता = जागा।

प्रमुख अवतरणों की सप्रसंग व्याख्या

(1) किसी तरह खिड़की से बाहर कूदा तो क्या देखता हूँ, पूरी ट्रेन की छत यात्रियों से भरी पड़ी है। सोचता हूँ, अपने प्राणों को भीषण संकट में डाल कर ट्रेन की छत पर यात्रा करने के लिए लोग क्यों मज़बूर हुए ? इन लोगों को रेल के नियम, व्यवस्था और अनुशासन का ध्यान क्यों नहीं है।

प्रसंग :
प्रस्तुत पंक्तियाँ श्री लीलाधर शर्मा पर्वतीय जी द्वारा लिखित निबन्ध ‘भीड में खोया आदमी’ में से ली गई हैं। इसमें लेखक ने जनसंख्या वृद्धि के कारण रेल यात्रा में लोगों को रेल की छत पर सफर करने के लिए विवश होने की बात कही है।

व्याख्या :
लेखक हरिद्वार जाने वाली ट्रेन में यात्रा कर रहा था। लक्सर स्टेशन पर उसे गाड़ी बदलनी थी। भीड़ भरे डिब्बे से कूद कर बाहर आकर लेखक ने देखा कि ट्रेन की छत भी यात्रियों से भरी हुई है। लेखक सोचने लगा कि ये लोग रेल-यात्रा के लिए अपने प्राण संकट में डालने के लिए क्यों विवश हुए ? यह सब बढ़ती जनसंख्या के कारण हैं जिससे व्यक्ति को रेलगाड़ी के अंदर बैठने की जगह नहीं मिलती। क्या इन लोगों को रेल के नियम, व्यवस्था और व्यवस्था का बिल्कुल ही ध्यान नहीं है? ऐसा नहीं है परन्तु सबको अपनी मंजिल पर पहुँचने की जल्दी है।

विशेष :

  1. रेल यात्रा में बढ़ रही भीड़ को जनसंख्या में वृद्धि होना बताया गया है, जिस कारण लोगों को रेल की छत पर सफर करने पर विवश होना पड़ता है।
  2. भाषा सरल एवं सुबोध है।
  3. शैली विचारात्मक है।

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(2) भाई साहब, इतने बड़े परिवार में हर रोज़ कोई न कोई बीमार रहता ही है। डॉक्टर को दिखाने अस्पताल गई थी। मगर अस्पतालों में आजकल रोगी और उनके संबंधी मधु-मक्खी के छत्ते की तरह डॉक्टर को घेरे रहते हैं। वह भी अच्छी तरह किस किस को देखे।

प्रसंग :
यह अवतरण श्री लीलाधर शर्मा पर्वतीय द्वारा लिखित ‘भीड़ में खोया आदमी’ नामक निबंध से अवतरित है। इसमें लेखक के मित्र की पत्नी बच्चों के अस्वस्थ होने पर और डॉक्टर की दुकान पर लगने वाली भीड़ पर प्रकाश डाल रही है।

व्याख्या :
लेखक के यह पूछने पर कि बच्चों को डॉक्टर को दिखाकर इन का इलाज क्यों नहीं करवाती क्या ? तो लेखक के मित्र की पत्नी ने बताया कि इतने बड़े परिवार में हर रोज़ कोई न कोई बीमार रहता हो है। इतने बड़े परिवार में प्रतिदिन किसी न किसी के बीमार रहने पर अच्छे डॉक्टर को दिखाने के लिए धन कहाँ है। मैं इन्हें डॉक्टर को दिखाने अस्पताल गई थी। पर आजकल अस्पतालों में रोगियों की इतनी भीड़ बढ़ गई है कि रोगी और उन के रिश्तेदार डॉक्टर को मधुमक्खी के छत्ते की तरह घेरे रहते हैं कि डॉक्टर किसी भी रोगी को अच्छी तरह देख ही नहीं पाता। अस्पतालों में भी बढ़ती जनसंख्या ने डॉक्टरों के इलाज को प्रभावित किया है।

विशेष :

  1. जनसंख्या में वृद्धि के कारण अस्पतालों में रोगियों की भीड़ के बढ़ने और डाक्टरों द्वारा रोगियों को ठीक तरह से न देख पाने की बात कही गई है।
  2. भाषा सरल एवं सुबोध है।
  3. शैली विचारात्मक है।

(3) पहले ग्राहक का स्वागत होता था, उसे भी चिरौरी-सी करनी पड़ती है फिर भी समय पर काम नहीं होता। दुकानें पहले से कहीं अधिक खुल गई हैं लेकिन ग्राहकों की बढ़ती हुई भीड़ के लिए वे अब भी कम पड़ रही है।

प्रसंग :
प्रस्तुत पक्तियाँ श्री लीलाधर शर्मा पर्वतीय जी द्वारा लिखित निबन्ध ‘भीड़ में खोया हुआ आदमी’ में से ली गई हैं। प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक के मित्र की पत्नी जनसंख्या में वृद्धि के कारण दुकानदारों की मनोवृत्ति पर प्रकाश डाल रही है।

व्याख्या :
लेखक के मित्र की पत्नी कहती है कि जब आबादी कम थी तो दुकानदार ग्राहक का स्वागत करता था किन्तु अब उसकी मिन्नत-समाजत करनी पड़ती है फिर भी काम समय पर नहीं होता। भले ही अब दुकानें पहले से कहीं अधिक खुल गई हैं लेकिन ग्राहकों की बढ़ती हुई भीड़ के लिए वे अब भी कम पड़ रही हैं। बढ़ती जनसंख्या ने उत्पादक और उत्पादन दोनों पर प्रभाव डाला है।

विशेष :

  1. आबादी बढ़ने के परिणामस्वरूप दुकानों पर भीड़ बढ़ने और दुकानदारों द्वारा नखरे किये जाने की ओर संकेत किया गया है।
  2. भाषा सरल एवं सुबोध है।
  3. शैली विचारात्मक है।

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(4) घर बच्चों की भीड़ है। यह भीड़ भले ही हमें अच्छी लगती हो लेकिन जब तक बच्चों के पालन-पोषण की रहन सहन की, शिक्षा-दीक्षा की पूरी सुव्यवस्था न हो, यह भीड़ दुःखदायी बन जाती है।

प्रसंग :
प्रस्तुत पंक्तियाँ श्री लोलाधर शर्मा पर्वतीय द्वारा लिखित निबन्ध ‘भीड़ में खोया आदमी’ में से ली गई हैं। प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक ने बच्चे अधिक होने की बात उस समय सोचनी चाहिए जब उनके पालन-पोषण और शिक्षादीक्षा की पूरी व्यवस्था हो जाए।

व्याख्या :
लेखक कहता है घर में बच्चों को भोड़ अर्थात् अधिक बच्चे किसे अच्छे नहीं लगते किन्तु जब तक उन बच्चों के पालन-पोषण की, रहन-सहन को, शिक्षा-दीक्षा आदि को अच्छी व्यवस्था न हो जाए अधिक बच्चों की भीड़ घर में लगाना दुःख का कारण बन जातो है। अधिक बच्चों के कारण गलन-पोषण तथा उनके भविष्य के प्रति मातापिता ध्यान नहीं दे पाते।

विशेष :

  1. अधिक बच्चों का होना माता-पिता और बच्चों दोनों के लिए दुःख का विषय बन जाता है !
  2. भाषा सरल एवं सुबोध है।
  3. शैली विचारात्मक है।

(5) ऐसा लगता है कि यदि समय रहते हमारा देश अब भी नहीं चेता और श्यामला बाबू की तरह परिवार बढ़ता गया तो वह दिन दूर नहीं जब वह स्वर्ग इस भीड़ में और इससे पैदा होने वाली समस्याओं में पूरी तरह खो जाएगा।

प्रसंग :
प्रस्तुत पंक्तियाँ भी लोलाधर गमा पर्वतीय जी द्वारा लिखित निबन्ध भीड़ में खोया आदमी’ में से ली गई हैं। प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक ने चेतावनी दी है यदि देश में बढ़ती जनसंख्या पर काबू न पाया गया तो देश नष्ट हो जाएगा?

व्याख्या :
लेखक ने जनसंख्या में वृद्धि को न रोक पाने पर चेतावनी देते हुए कहा है यदि हमारा देश समय रहते सावधान नहीं हुआ तो हमें बढ़ती जनसंख्या के कारण बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। श्यामला बाबू की तरह परिवार बढ़ता ही रहा अर्थात् देश की जनसंख्या बढ़ती हो रही तो वह दिन दूर नहीं जब स्वर्ग के समान सुन्दर यह हमारा देश जनसंख्या में वृद्धि से उत्पन्न होने वाली समस्याओं में पूरी तरह नष्ट हो जाएगा।

विशेष :

  1. लेखक ने देश को बढ़ रही जनसंख्या को रोकने को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि इस वृद्धि को न रोका गया तो देश एक दिन नष्ट हो जाएगा।
  2. भाषा सरल एवं सुबोध है। इसीलिए निबंध सरल एवं हृदयस्पर्शी है।
  3. शैली विचारात्मक है।

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भीड़ में खोया आदमी Summary

भीड़ में खोया आदमी निबन्ध का सार

भीड़ में खोया आदमी’ लीलाधर शर्मा पर्वतीय द्वारा लिखित निबंध है। इस निबंध में लेखक ने देश की बढ़ती जनसंख्या से उत्पन्न होने वाली विकट समस्याओं का वर्णन किया है। बढ़ती जनसंख्या से बेरोज़गारी, घटते हुए मकान और खाद्यान्न, अस्पतालों में बढ़ते मरीज, रेलों और बसों की भीड़ आदि सभी समस्याएं होती हैं।

लेखक के एक अभिन्न मित्र हैं-बाबू श्यामलाकान्त। वैसे तो वे परिश्रमी हैं, इमानदार हैं किन्तु निजी ज़िन्दगी के प्रति बड़े लापरवाह हैं। उमर में लेखक से छोटे होने पर भी अपने घर में बच्चों की फ़ौज खड़ी कर ली है। पिछले दिनों लेखक को उनकी लड़की के विवाह में शामिल होने के लिए हरिद्वार जाना था। पन्द्रह दिन पूर्व आरक्षण के लिए रेलवे स्टेशन पर गया। घंटों लाइन में लगने के बाद पता लगा कि किसी भी गाड़ी में स्थान खाली नहीं। विवश होकर लेखक को बिना आरक्षण के ही सफर करना पड़ा। लेखक ने पाया की गाड़ी में बहुत अधिक भीड़ थी और लोग ट्रेन की छत पर बैठ कर सफर कर रहे थे। । स्टेशन पर लेखक के मित्र का बड़ा लड़का उसे लेने आया था। उस लड़के को दो वर्ष हो चुके थे पढ़ाई पूरी किये। किन्तु अभी तक बेकार था। लेखक सोचने लगा कि इस छोटे से शहर का यह हाल है तो बड़े शहरों में बेकारों की कितनी भीड़ रही होगी।

लेखक ने अपने मित्र के घर आकर देखा कि उसका दो कमरों का मकान उसे बहुत छोटा पड़ रहा था लेखक के मित्र ने बताया कि बहुत ढूँढ़ने पर भी उसे यही मकान मिला। जनसंख्या बढ़ने के कारण मकान और खाद्यान्न घट रहे हैं। लेखक के सामने जब उसके मित्र के बच्चे आए तो उसे लगा कि वे सभी अस्वस्थ हैं। मित्र की पत्नी ने बताया कि अस्पतालों में इतनी भीड़ है कि डॉक्टर लोग ठीक से मरीजों को देख नहीं पाते।

मित्र की पत्नी ने यह भी बताया कि दुकानदार आजकल ग्राहक का स्वागत नहीं करते उल्टे ग्राहकों को अपना काम करवाने के लिए उनकी मिन्नत-समाजत या चापलूसी करनी पड़ती है। लेखक को इन सभी समस्याओं का एक ही कारण लगा देश की बढ़ती जनसंख्या। यदि समय रहते इस समस्या पर काबू न पाया गया तो ये समस्याएँ देश को खा जाएँगी।