PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

PSEB 8th Class Science Guide कोयला और पेट्रोलियम Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
सी० एन० जी० और एल० पी० जी० का ईंधन के रूप में उपयोग करने का क्या लाभ है ?
उत्तर-
एल० पी० जी० का लाभ- एल० पी० जी० एक अच्छा ईंधन मानी जाती है क्योंकि-

  1. इसका कैलोरीमान अधिक है। यह 50 kJ/g है अर्थात् 1g LPG जल कर 50 किलो जूल ऊष्मा ऊर्जा उत्पन्न करती है।
  2. इसकी ज्वाला धुआँ रहित होने के कारण प्रदूषण नहीं फैलाती।
  3. LPG जलने पर कोई विषैली गैसें पैदा नहीं करती।
  4. LPG की संभाल और रख-रखाव आसान है।
  5. इसका पूर्ण दहन होता है।
  6. LPG साफ़ घरेलू ईंधन है। सी० एन० जी० के लाभ-यह वायु प्रदूषण नहीं फैलाता।

प्रश्न 2.
पेट्रोलियम को कौन-सा उत्पाद सड़क निर्माण हेतु उपयोग में लाया जाता है ?
उत्तर-
बिटुमेन।

प्रश्न 3.
वर्णन कीजिए, मृत वनस्पति से कोयला किस प्रकार बनता है ? यह प्रक्रम क्या कहलाता है ?
उत्तर-
मृत वनस्पति से कोयले की उत्पत्ति – कोयला उन वृक्षों के विघटन से बना है जो आज से करोड़ों वर्ष पहले पृथ्वी के अंदर दब गए थे। ऐसा विचार है कि करोड़ों वर्ष पहले भूकंप तथा ज्वालामुखी इत्यादि के कारण वृक्ष पृथ्वी की सतह के नीचे दब गए और मिट्टी तथा रेत से ढक गए। पृथ्वी के अंदर उच्च दाब तथा उच्च ताप के कारण तथा वायु की अनुपस्थिति में ये दबे हुए वृक्ष धीरे-धीरे कोयले में बदल गए। वृक्षों की लकड़ी से कोयला बनने में करोड़ों वर्ष का समय लगा। कोयले के बनने के प्रक्रम को कार्बनीकरण कहते हैं।

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प्रश्न 4.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) …………………. तथा …………………. जीवाश्म ईंधन हैं।
(ख) पेट्रोलियम के विभिन्न संघटकों को पृथक् करने का प्रक्रम …………………. कहलाता है।
(ग) वाहनों के लिए सबसे कम प्रदूषक ईंधन …………………. है।
उत्तर-
(क) कोयला, पेट्रोलियम
(ख) परिष्करण
(ग) सी० एन० जी० ।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित कथनों के सामने सत्य/असत्य लिखिए-

(क) जीवाश्म ईंधन प्रयोगशाला में बनाए जा सकते हैं। (सत्य/असत्य)
उत्तर-
असत्य

(ख) पेट्रोल की अपेक्षा सी० एन० जी० अधिक प्रदूषक ईंधन है। (सत्य/असत्य)
उत्तर-
असत्य

(ग) कोक, कार्बन का लगभग शुद्ध रूप है। (सत्य/असत्य)
उत्तर-
सत्य

(घ) कोलतार विभिन्न पदार्थों का मिश्रण है। (सत्य/असत्य)
उत्तर-
सत्य

(ङ) मिट्टी का तेल एक जीवाश्म ईंधन नहीं है। (सत्य/असत्य)
उत्तर-
असत्य।

प्रश्न 6.
समझाइए, जीवाश्म ईंधन समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन क्यों हैं ? ।
उत्तर-
जीवाश्म ईंधन, सजीवों के मृत अवशेषों से बनते हैं और इन्हें बनने में करोड़ों वर्ष लग जाते हैं। प्रकृति में जीवाश्म ईंधन के संसाधन सीमित हैं, इसलिए यह समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन हैं।

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प्रश्न 7.
कोक के अभिलक्षणों और उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
कोक के अभिलक्षण-

  1. यह कठोर है।
  2. यह सरंध्र युक्त है।
  3. इसका रंग काला है।
  4. यह विद्युत् और ऊष्मा का कुचालक है।

कोक के उपयोग-

  1. कृत्रिम ग्रेफाइट बनाने के काम आता है।
  2. एस्टिलीन गैस बनाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड के उत्पादन में सहायक है।
  3. जल-गैस और उत्पादन-गैस के उत्पादन में सहायक है।
    (क) जल-गैस कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोजन का समानुपाती मिश्रण है।
    (ख) उत्पादन-गैस कार्बन मोनोऑक्साइड और नाइट्रोजन का 1 : 2 अनुपाती मिश्रण है। इसे वायु को लाल गर्म कोक से गुज़ारने पर प्राप्त करते हैं।
  4. ये कॉपर, लोहा, जिंक, लैड, टिन आदि धातुएँ के निष्कर्षण में काम आता है।
  5. यह एक अच्छा घरेलू ईंधन है क्योंकि यह जलने पर धुआँ नहीं छोड़ता।

प्रश्न 8.
पेट्रोलियम निर्माण के प्रक्रम को समझाइए।
उत्तर-
पेट्रोलियम का निर्माण – पेट्रोलियम समुद्र में रहने वाले सूक्ष्म जीवाणुओं की सहायता से बनता है। मृत्यु के पश्चात् ये जीव सागर की तली तक पहुँच जाते हैं और धीरे-धीरे रेत तथा मिट्टी से ढक जाते हैं। करोड़ों वर्षों बाद दाब उत्प्रेरक क्रिया तथा गर्मी के कारण हाइड्रोकार्बन में बदल जाते हैं। ये हाइड्रोकार्बन हल्के होने के कारण छिद्र-युक्त चट्टानों से रिस कर पृथ्वी की सतह की ओर तब तक आते हैं जब तक अपारगम्य चट्टानें उन्हें रोक नहीं लेतीं। इस प्रकार इन अपारगम्य चट्टानों के बीच तेल कूप बन जाते हैं। प्राकृतिक गैस तेल के ऊपर पाई जाती है।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित सारणी में 1991 से 1997 तक भारत में विद्युत् की कुल कमी को दिखाया गया है। इन आँकड़ों को ग्राफ द्वारा आलेखित करिए। वर्ष में कमी-प्रतिशतता को Y-अक्ष पर तथा वर्ष को x अक्ष पर आरेखित कीजिए।

क्र०सं० वर्ष कमी (%)
1. 1991 7.9
2. 1992 7.8
3. 1993 8.3
4. 1994 7.4
5. 1995 7.1
6. 1996 9.2
7. 1997 11.5

उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम 1

PSEB Solutions for Class 8 Science कोयला और पेट्रोलियम Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कुछ प्राकृतिक पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर-
वायु, जल, मृदा, वन, खनिज आदि।

प्रश्न 2.
कुछ मानव निर्मित पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर-
काँच, सीमेंट, कपड़े, मकान आदि।

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प्रश्न 3.
जीवाश्म ईंधन की परिभाषा लिखें। किन्हीं तीन जीवाश्म ईंधनों के नाम लिखो।
उत्तर-
जीवाश्म ईंधन – वे ईंधन जो सजीवों के मृत अवशेषों से मृदा के नीचे दबने के कारण कई करोड़ वर्षों बाद प्रकृति में उत्पन्न हुए।
उदाहरण – कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस आदि।

प्रश्न 4.
कोक कैसे बनाया जाता है ?
उत्तर-
कोक, कोयले के प्रक्रमण द्वारा बनाया जाता है। जलाने पर कोयले में से गैस और दूसरे पदार्थ निकल जाते हैं और काला पदार्थ जो शेष बच जाता है, कोक कहलाता है।

प्रश्न 5.
कोयले के प्रक्रमण के उत्पाद क्या हैं ?
उत्तर-
कोयला-गैस और कोलतार।

प्रश्न 6.
पेट्रोलियम के प्रभाजी आसवन के उत्पादों के नाम लिखिए।
उत्तर-
एसफाल्ट, पेट्रोल, डीज़ल तेल, पैराफिन मोम, स्नेहक तेल, कैरोसीन (मिट्टी का तेल)।

प्रश्न 7.
पेट्रोलियम के तीन उत्पादकों के नाम लिखो।
उत्तर-
उर्वरक, कीटनाशक, कृत्रिम रबड़।

प्रश्न 8.
क्या होगा यदि जीवाश्म ईंधनों का तीव्र गति से उपयोग हो ? कारण बताओ।
उत्तर-
जीवाश्म ईंधन समाप्त हो जाएंगे क्योंकि इनके निर्माण में कई हज़ार वर्ष लगते हैं।

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प्रश्न 9.
कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस किस प्रकार के ईंधन के उदाहरण हैं ?
उत्तर-
जीवाश्म ईंधन के।

प्रश्न 10.
पेट्रोलियम क्या है ?
उत्तर-
पेट्रोलियम गहरे रंग का गाढ़ा तेलीय द्रव है, जिसकी अप्रिय गंध है। .

प्रश्न 11.
कौन-सी चट्टानें पेट्रोलियम को संचित करती हैं ?
उत्तर-
अपारगम्य (अरंध्र) चट्टानें [Impervious (non-porous) rocks].

प्रश्न 12.
पेट्रोलियम परिष्करण के लिए कौन-सा प्रक्रम उपयोग में लाते हैं ?
उत्तर-
प्रभाजी आसवन।

प्रश्न 13.
पेट्रोलियम गैस कैसे बनती है ?
उत्तर-
पेट्रोलियम के प्रभाजी आसवन दौरान यह गैस असंघनित रूप में उत्पन्न होती है।

प्रश्न 14.
बिटुमेन का क्या उपयोग है ?
उत्तर-
सड़क निर्माण में।

प्रश्न 15.
स्टोव, लैंप और जेट वायुयानों में कौन-सा तरल ईंधन उपयोग में लाया जाता है ?
उत्तर-
मिट्टी का तेल।

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प्रश्न 16.
शुष्क-धुलाई (Dry-cleaning) के विलायक के रूप में पेट्रोलियम का कौन-सा संघटक उपयोग में लाया जाता है ?
उत्तर-
पेट्रोल।

प्रश्न 17.
कुछ समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधनों के नाम लिखिए।
उत्तर-
वन, वन्यजीव, खनिज, कोयला आदि।

प्रश्न 18.
अक्षय प्राकृतिक संसाधनों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
वायु, जल, सूर्य प्रकाश आदि।

प्रश्न 19.
लोहार के पास कौन-सा प्राकृतिक पदार्थ पाया जाता है ?
उत्तर-
कोयला।

प्रश्न 20.
कोयले का मुख्य संघटक क्या है ?
उत्तर-
कार्बन।

प्रश्न 21.
कौन-सा प्रक्रम मृत पादपों को कोयले में परिवर्तित करता है ?
उत्तर-
कार्बनीकरण।

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प्रश्न 22.
क्या होता है, जब कोयले को वायु में जलाया जाता है ?
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड गैस की उत्पत्ति।

प्रश्न 23.
प्रक्रमण के लिए कौन-सी परिस्थिति आवश्यक है ?
उत्तर-
वायु/ऑक्सीजन की अनुपस्थिति।

प्रश्न 24.
कोयला गैस का आधुनिक उपयोग क्या है ?
उत्तर-
ऊष्मा ऊर्जा के स्रोत के रूप में।

प्रश्न 25.
भंजक आसवन ( प्रक्रमण ) क्या है ?
उत्तर-
भंजक आसवन – कोयला का वायु की अनुपस्थिति या सीमित सप्लाई में गर्म करने को भंजक आसवन कहते हैं।

प्रश्न 26.
हाइड्रोकार्बन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
हाइड्रोकार्बन – कार्बन तथा हाइड्रोजन से निर्मित यौगिकों को हाइड्रोकार्बन कहते हैं।

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प्रश्न 27.
पैट्रो-रसायन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
पैट्रो-रसायन – पंट्रो-रसायन वे पदार्थ हैं जो पेट्रोल तथा प्राकृतिक गैस से प्राप्त होता है, ये प्रायः अपमार्जक, संश्लेषित सूत्र तथा प्लास्टिक आदि बनाने के लिए प्रयुक्त किये जाते हैं।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
समाप्त होने वाले और अक्षय प्राकृतिक संसाधनों में दो अंतर लिखिए।
उत्तर-
समाप्त होने वाले और अक्षय प्राकृतिक संसाधनों में अंतर-

समाप्त होने वाले संसाधन असीमित (अक्षय) संसाधन
(1) सीमित असीमित
(2) उपयोग करने से खत्म हो सकते हैं और दोबारा शीघ्र प्राप्त नहीं किए जा सकते हैं। कभी भी खत्म नहीं हो सकते अर्थात् दोबारा प्राप्त किए जा सकते हैं।
(3) उदाहरण-वन, वन्य जीव। उदाहरण-वायु, सूर्य, ऊर्जा ।

प्रश्न 2.
भारत में पेट्रोलियम कहाँ पाया जाता है ?
उत्तर-
भारत में पेट्रोलियम गुजरात और असम प्रदेशों में पाया जाता है। यह मुंबई में समुद्र तल में भी पाया गया है। इस स्थान को बांबे हाई कहते हैं। तेल गोदावरी और कावेरी (कृष्णा) नदियों के बेसिन से भी प्राप्त हुआ है।

प्रश्न 3.
पेट्रोलियम परिष्करण के मुख्य उत्पाद क्या हैं ?
उत्तर-
पेट्रोलियम के परिष्करण द्वारा प्राप्त होने वाले उत्पाद हैं-प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, नैफ्था, मिट्टी का तेल, गैसीय तेल (डीज़ल), स्नेहक तेल/मोम, ईंधन तेल और बिटुमेन।

प्रश्न 4.
कोयले के उत्पाद कौन-से हैं ?
उत्तर-
कोयले के उत्पाद – कोयला वायु की अनुपस्थिति में जलाने पर कोयला गैस, कोलतार और कोक उत्पन्न करता है। कोयला गैस एक अच्छा ईंधन है। कोलतार से महत्त्वपूर्ण रसायन जैसे बैनजीन, टोलुयीन, नैफ्थालीन, एंथरासीन आदि मिलते हैं।

प्रश्न 5.
कोयला गैस क्या है ? यह कैसे बनती है ? इसके उपयोग लिखिए।
उत्तर-
कोयला गैस, मीथेन, हाइड्रोजन और कार्बन मोनोऑक्साइड का मिश्रण है। जब कोयले को वायु की अनुपस्थिति में गर्म किया जाता है तो कोयला गैस उत्पन्न होती है।

उपयोग-

  1. इसे ईंधन के रूप में उपयोग में लाया जाता है।
  2. यह धातुओं के निष्कर्षण में उपयोग होती है।

प्रश्न 6.
कोयले के कुछ उपयोग दीजिए।
उत्तर-
कोयले के उपयोग-

  1. खाना बनाने के लिए ईंधन के रूप में।
  2. इंजन चलाने के लिए भाप उत्पन्न करने के लिए।
  3. उष्मण शक्ति घर में विद्युत् पैदा करने के लिए।
  4. उद्योगों में ईंधन के रूप में।

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प्रश्न 7.
कोलतार क्या है ? इसके उपयोग लिखें।
उत्तर-
कोलतार – यह गाढ़ा काला तरल है जिसकी अप्रिय गंध है। यह लगभग 200 पदार्थों का मिश्रण है। यह पदार्थ दैनिक जीवन में उपयोग आने वाली वस्तुएँ जैसे-पेंट, रंग, प्लास्टिक, चित्र, सुगंध, विस्फोटक, दवाइयाँ आदि के निर्माण का प्रारंभिक पदार्थ है।
कोलतार सड़क निर्माण में भी उपयोगी है।

प्रश्न 8.
पेट्रोलियम के कम-से-कम तीन संघटकों के नाम और उपयोग लिखिए।
उत्तर-
पेट्रोलियम के संघटक-

  1. पेट्रोल
  2. पैराफिन मोम
  3. डीज़ल।

उपयोग-

  1. पेट्रोल वाहन ईंधन और वायुयान ईंधन के रूप में उपयोग होता है। इसका शुष्क सफ़ाई में भी इस्तेमाल किया जाता है।
  2. पैराफिन मोम से दवाइयाँ, मोमबत्तियाँ, वेसलीन आदि बनाई जाती हैं।
  3. डीज़ल भारी वाहनों और विद्युत् जनरेटरों में ईंधन के रूप में उपयोग होता है।

प्रश्न 9.
प्राकृतिक स्त्रोत को परिभाषित करें।
उत्तर-
प्राकृतिक स्त्रोत – वे स्त्रोत जो प्रकृति में उपस्थित होते हैं प्राकृतिक स्त्रोत कहलाते हैं।

प्रश्न 10
आदर्श ईंधन की क्या विशेषताएँ हैं ?
उत्तर-
आदर्श ईंधन की क्या विशेषताएँ

  1. यह प्याप्त मात्रा में उपलब्ध होना चाहिए।
  2. इसकी कीमत कम होनी चाहिए।
  3. यह साफ ईंधन होना चाहिए और इससे कोई विषैली गैसों का उत्सर्जन नहीं होना चाहिए और दहन के पश्चात् कोई राख नहीं बननी चाहिए।
  4. इससे अधिक ऊर्जा प्राप्त होनी चाहिए।
  5. इसका परिवहन तथा भंडारण सुगम होना चाहिए।

प्रश्न 11.
कोयले तथा कोक में क्या अंतर है ?
उत्तर-
कोयले तथा कोक में अंतर-

कोयला कोक
1. यह कार्बन का अक्रिस्टलीय रूप है। 1. यह कार्बन का भंगुर रूप है।
2. यह पौधों के सड़ने तथा जंतुओं के मरने के बाद भूमि के नीचे दब जाने से बनता है। 2. यह सॉफ्ट कोयले को वायु की अनुपस्थिति या सीमित सप्लाई में गर्म करने से प्राप्त होता है।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जीवाश्म ईंधन क्या है ? ये कैसे बनते हैं ? यह नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत क्यों हैं ?
उत्तर-
पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, कोयला आदि जीवाश्म ईंधन की मुख्य किस्में हैं।

जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuel) और उनका निर्माण – जीव-जंतु तथा पौधे के अवशेष पृथ्वी के नीचे दब जाते हैं जो धीरे-धीरे तलछटी परतों के बीच इकट्ठे होते रहते हैं। इस तरह उन्हें ऑक्सीजन नहीं पहुँचती। तलछटों के नीचे इनका न तो ऑक्सीकरण होता है तथा न ही विघटन, परंतु तलछट के भार के कारण इनके बीच का जल तथा वाष्पशील पदार्थ निचुड़ कर बाहर आ जाता है। इन पदार्थों को जीवाश्म ईंधन कहते हैं।

नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत के रूप में – जीवाश्मी ईंधन आज से लाखों-करोड़ों वर्ष पहले पृथ्वी की सतह पर होने वाले परिवर्तनों के परिणामस्वरूप बने थे। भौगोलिक और वातावरणीय परिवर्तनों के कारण जीव-जंतु और पेड़पौधे मिट्टी की सतह की नीचे दब गए थे। पृथ्वी तल के दबाव और भीतरी गर्मी के कारण वे जीवाश्मी ईंधनों में परिवर्तित हो गए थे। मनुष्य इसे अपने उपयोग के लिए भूमि के नीचे से प्राप्त करते हैं। प्रयोग के बाद इन्हें पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता। इसलिए इन्हें अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत माना जाता है।

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प्रश्न 2.
कोयले और पेट्रोलियम के निर्माण का वर्णन करें।
उत्तर-
(क) कोयले का निर्माण-
मृत वनस्पति से कोयले की उत्पत्ति – कोयला उन वृक्षों के विघटन से बना है जो आज से करोड़ों वर्ष पहले पृथ्वी के अंदर दब गए थे। ऐसा विचार है कि करोड़ों वर्ष पहले भूकंप तथा ज्वालामुखी इत्यादि के कारण वृक्ष पृथ्वी की सतह के नीचे दब गए और मिट्टी तथा रेत से ढक गए। पृथ्वी के अंदर उच्च दाब तथा उच्च ताप के कारण तथा वायु की अनुपस्थिति में ये दबे हुए वृक्ष धीरे-धीरे कोयले में बदल गए। वृक्षों की लकड़ी से कोयला बनने में करोड़ों वर्ष का समय लगा। कोयले के बनने के प्रक्रम को कार्बनीकरण कहते हैं।

(ख) पेट्रोलियम का निर्माण – पेट्रोलियम समुद्र में रहने वाले सूक्ष्म जीवाणुओं की सहायता से बनता है। मृत्यु के पश्चात् ये जीव सागर की तली तक पहुँच जाते हैं और धीरे-धीरे रेत तथा मिट्टी से ढक जाते हैं। करोड़ों वर्षों के पश्चात दाब, उत्प्रेरक क्रिया तथा गर्मी के कारण हाइड्रोकार्बन में बदल जाते हैं। ये हाइड्रोकार्बन हल्के होने के कारण छिद्र-युक्त चट्टानों से रिस कर पृथ्वी की सतह की ओर तब तक आते हैं जब तक अपारगम्य चट्टानें उन्हें रोक नहीं लेतीं। इस प्रकार इन अपारगम्य चट्टानों के बीच तेल कूप बन जाते हैं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम 2

प्रश्न 3.
पेट्रोलियम क्या है ? यह कैसे मिलता है ? इसे बाहर (mining) कैसे निकाला जाता है ?
उत्तर-
पेट्रोलियम – यह गाढ़ा, काले रंग का अप्रिय गंध वाला तेलीय द्रव है। यह कई ठोस, तरल और गैस पदार्थों का मिश्रण है। इसमें पानी, लवण और मृदा के कण मिले होते हैं।

पेट्रोलियम की प्राप्ति – पेट्रोलियम धरती के अंदर दो अपारगामी चट्टानों के बीच पाया जाता है। प्राकृतिक गैस इसके ऊपर पाई जाती है।

चट्टानों को बेधित करके पेट्रोलियम प्राप्त किया जाता है। जब बेधन किया जाता है तो पेट्रोलियम के ऊपर की प्राकृतिक गैस दबाव के साथ बाहर आ जाती है। दबाव के कारण तेल स्वयं बाहर आता है। प्राकृतिक गैस समाप्त होने के बाद इसे पंप की सहायता से निकाला जाता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु

PSEB 8th Class Science Guide पदार्थ : धातु और अधातु Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से किसको पीटकर पतली चादरों में परिवर्तित किया जा सकता है ?
(क) जिंक
(ख) फॉस्फोरस
(ग) सल्फर
(घ) ऑक्सीजन।
उत्तर-
(क) जिंक।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है ?
(क) सभी धातुएँ तन्य होती हैं।
(ख) सभी अधातुएँ तन्य होती हैं।
(ग) सामान्यतः धातुएँ तन्य होती हैं।
(घ) कुछ अधातुएँ तन्य होती हैं।
उत्तर-
(क) सभी धातुएँ तन्य होती हैं।

प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) फास्फोरस बहुत …………………………. अधातु हैं।
(ख) धातुएँ उष्मा और ………………………… की ……………………. होती है।
(ग) आयरन, कॉपर की अपेक्षा ………………………. अभिक्रियाशील है।
(घ) धातुएँ अम्लों से अभिक्रिया कर ………………………… गैस बनाती हैं।
उत्तर-
(क) क्रियाशील
(ख) विद्युत्, सुचालक
(ग) अधिक
(घ) हाइड्रोजन ।

प्रश्न 4.
यदि कथन सही है तो “T” और यदि गलत है तो कोष्ठक में “F” लिखिए-
(क) सामान्यतः अधातु अम्लों से अभिक्रिया करते हैं।
(ख) सोडियम बहुत अभिक्रियाशील धातु है।
(ग) कॉपर, जिंक सल्फेट के विलयन से जिंक विस्थापित करता है।
(घ) कोयले को खींचकर तारें प्राप्त की जा सकती हैं।
उत्तर-
(क) (True)
(ख) (True)
(ग) (False)
(घ) (False)।

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प्रश्न 5.
नीचे दी गई सारणी में गुणों की सूची दी गई है। इन गुणों के आधार पर धातुओं और अधातुओं में अंतर कीजिए-

गुण धातु अधातु
1. दिखावट
2. कठोरता
3. आघातवर्धनीयता
4. तन्यता
5. ऊष्मा चालन
6. विद्युत् चालन।

उत्तर-
धातुओं और अधातुओं में अंतर-

गुण धातु अधातु
1. दिखावट चमकीली विभिन्न रंगों
2. कठोरता कक्ष ताप पर ठोस और कठोर कक्ष ताप पर ठोस, तरल, गैस और भुरभुरी।
3. आघातवर्धनीयता पीटकर शीटें बनाई जा सकती हैं संभव नहीं
4. तन्यता खींच कर तार बनाई जा सकती है। अतन्य होती हैं
5. ऊष्मा चालन उपस्थित अनुपस्थित
6. विद्युत् चालन। संभव है। असंभव है।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित के लिए कारण दीजिए-
(क) ऐलुमिनियम की पन्नी का उपयोग खाद्य सामग्री के लपेटने में किया जाता है।
(ख) निमज्जन छड़ें (इमरशन रॉड) धात्विक पदार्थों से निर्मित होती है।
(ग) कॉपर, जिंक को उसके लवण के विलयन से विस्थापित नहीं कर सकता।
(घ) सोडियम और पोटैशियम को मिट्टी के तेल में रखा जाता है।
उत्तर-
(क) ऐलुमिनियम आघातवर्धक है और वायु, पानी के साथ सक्रिय नहीं है। इसलिए ऐलुमिनियम की पन्नी का उपयोग खाद्य सामग्री को लपेटने के लिए किया जाता है।

(ख) धातुएँ ऊष्मा और विद्युत् की सुचालक होती हैं, इसलिए निमज्जन छड़ें धातुओं की बनाई जाती हैं।

(ग) कॉपर, जिंक से कम सक्रिय होने के कारण, उसे विस्थापित नहीं कर पाता।

(घ) सोडियम और पोटैशियम वायु और जल से शीघ्र क्रिया करते हैं, इसलिए मिट्टी के तेल में रखे जाते हैं।

प्रश्न 7.
क्या आप नींबू के अचार को ऐलुमिनियम के पात्रों में रख सकते हैं ? स्पष्ट करिए।
उत्तर-
नहीं। नींबू का अचार अम्लीय प्रकृति का होता है। अम्लीय पदार्थ ऐलुमिनियम पात्रों में संचित नहीं किए जाते, क्योंकि अम्ल और ऐलुमिनियम अभिक्रिया करके विषैले पदार्थ बनाते हैं, जो खाद्य विषक्तता वाले और स्वास्थ्य विरोधी होते हैं।

प्रश्न 8.
नीचे दी गई सारणी के कॉलम I में कुछ पदार्थ दिये गये हैं। कॉलम II में उनके कुछ उपयोग दिये गये हैं। कॉलम I के पदार्थ का कॉलम II से सही मिलान करिए-

कॉलम I कॉलम I
1. गोल्ड 1. थर्मामीटर
2. आयरन 2. बिजली के तार
3. ऐलुमिनियम 3. खाद्य सामग्री लपेटना
4. कार्बन 4. आभूषण
5. कॉपर 5. मशीनें
6. मर्करी 6. ईंधन

उत्तर-

कॉलम I कॉलम I
1. गोल्ड 4. आभूषण
2. आयरन 5. मशीनें
3. ऐलुमिनियम 3. खाद्य सामग्री लपेटना
4. कार्बन 6. ईंधन
5. कॉपर 2. बिजली के तार
6. मर्करी 1. थर्मामीटर

प्रश्न 9.
क्या होता है जब-
(क) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल कॉपर प्लेट पर डाला जाता है।
(ख) लोहे की कील, कॉपर सल्फेट के विलयन में रखी जाती है।
संबंधित अभिक्रियाओं के शब्द समीकरण लिखिए।
उत्तर-
(क) जब तनु सल्फ्यूरिक अम्ल, कॉपर प्लेट पर डाला जाता है, तो हाइड्रोजन गैस उत्पन्न होती है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु 1

(ख) जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में रखा जाता है, तो लोहा कॉपर को विस्थापित करके आयरन सल्फेट बनाता है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु 2

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु

प्रश्न 10.
सलोनी ने लकड़ी के कोयले का एक जलता हुआ टुकड़ा लिया और उससे उत्सर्जित होने वाली गैस को एक परखनली में इकट्ठा किया।
(क) वह गैस की प्रकृति कैसे ज्ञात करेगी?
(ख) इस प्रक्रम में होने वाली सभी अभिक्रियाओं के शब्द समीकरण लिखिए।
उत्तर-
(क) गैस की प्रकृति का प्रेक्षण-

  1. नीले और लाल लिटमस पट्टी से गैस की प्रकृति ज्ञात की जा सकती है। यदि यह नीले लिटमस को लाल कर दे और लाल लिटमस पर कोई प्रभाव न डालें, तो गैस अम्लीय प्रकृति की है।
  2. जब गैस को पानी में घोला जाता है, तो विलयन नीले लिटमस को लाल कर देता है। यह गैस की अम्लीय प्रकृति का प्रमाण है।

(ख) जब चारकोल को जलाया जाता है, तो यह ऑक्सीजन से अभिक्रिया करके अम्लीय ऑक्साइड, CO2 (कार्बन डाइऑक्साइड) बनाता है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु 3

प्रश्न 11.
एक दिन रीता अपनी मां के साथ आभूषण विक्रेता की दुकान पर गई। उसकी मां ने सुनार को पॉलिश करने हेतु सोने के पुराने आभूषण दिए। अगले दिन जब वे आभूषण वापस लाई तो उन्होंने पाया कि उनका भार कुछ कम हो गया है। क्या आप भार में कमी का कारण बता सकते हैं?
उत्तर-
सुनार आभूषण साफ करने के लिए एक्वारीजिया (Aqua regia) विलयन का उपयोग करते हैं। क्योंकि सोना इस विलयन में घुल जाता है, इसलिए रीता की मां के आभूषण की भार में कमी हो गई।

PSEB Solutions for Class 8 Science पदार्थ : धातु और अधातु Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
धातुओं के उस गुण का नाम लिखो जिससे उन्हें पीट कर चादरें बनाई जा सकती हैं।
उत्तर-
आघातवर्धनीयता।

प्रश्न 2.
तन्यता (Ductility) क्या है ?
उत्तर-
धातु का गुण जिससे इसे खींचकर तार बनाई जा सकती है।

प्रश्न 3.
सबसे अधिक तन्य धातु का नाम लिखिए।
उत्तर-
चांदी (Silver)।

प्रश्न 4.
उस धातु का नाम लिखिए जो द्रव अवस्था में पाई जाती है।
उत्तर-
पारा (Mercury)।

प्रश्न 5.
उस धातु का नाम लिखो जो विद्युत् की कुचालक है।
उत्तर-
सीसा (Lead)।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु

प्रश्न 6.
थर्मामीटर में कौन-सी वस्तु का उपयोग होता है?
उत्तर-
पारा (Mercury)।

प्रश्न 7.
कौन-सी धातु और अधातु सामान्य ताप पर द्रव होते हैं ?
उत्तर-
धातु – पारा (Mercury) अधातु-ब्रोमीन (Bromine)।

प्रश्न 8.
धातुओं के दो गुण लिखिए।
उत्तर-

  1. आघातवर्धनीयता और
  2. तन्यता।

प्रश्न 9.
दो धातुओं के नाम लिखो जो विद्युत् और ऊष्मा दोनों की सुचालक है।
उत्तर-
ताँबा और ऐलुमिनियम ऊष्मा और विद्युत् दोनों के सुचालक है।

प्रश्न 10.
तीन धातुओं के नाम लिखो जो स्वतंत्र रूप में पाई जाती है।
उत्तर-

  1. चांदी
  2. सोना
  3. प्लेटिनम स्वतंत्र रूप में पाई जाती हैं।

प्रश्न 11.
दो धातुओं के नाम लिखो जो आसानी से काटी जा सकती हैं ?
उत्तर-

  1. सोडियम और
  2. पोटाशियम।।

प्रश्न 12.
कौन-से गुण के कारण, धातुओं की तारें खींची जा सकती हैं ?
उत्तर-
तन्यता।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु

प्रश्न 13.
किन धातुओं से विद्युत् तारें बनाई जाती हैं ?
उत्तर-
कॉपर (ताँबा) और ऐलुमिनियम।

प्रश्न 14.
हिमोग्लोबिन (Haemoglobin) में कौन-सी धातु घटक है?
उत्तर-
लोहा।

प्रश्न 15.
लोहा (आयरन) और ऑक्सीजन की रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण लिखो।
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु 4

प्रश्न 16.
जिंक की ऑक्सीजन के साथ रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण लिखिए।
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु 5

प्रश्न 17.
चांदी, कॉपर, सीसा, आयरन, जिंक, मैग्नीशियम और सोडियम।
(क) ऊपरलिखित में कौन-सी धातु मिट्टी के तेल (Kerosene) में रखी जाती है?
(ख) कौन-सी धातु ठंडे पानी में अभिक्रिया करती है?
(ग) जब धातुएँ ठंडे पानी से अभिक्रिया करती हैं, तो कौन-सी गैसें उत्पन्न होती हैं?
(घ) कौन-सी धातु गर्म करने पर ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करती है ?
(ङ) कौन-सी धातु हाइड्रोजन सल्फाइड (H,S) की उपस्थिति में काली पड़ जाती है?
(च) कौन-सी धातु ऑक्सीजन में चमकती ज्वाला द्वारा जलती है?
उत्तर-
(क) सोडियम
(ख) सोडियम और मैग्नीशियम
(ग) हाइड्रोजन
(घ) मैग्नीशियम
(ङ) चांदी (Silver)
(च) मैग्नीशियम।

प्रश्न 18.
किन्हीं पांच धातुओं के नाम लिखिए, जिनका उपयोग दैनिक जीवन में होता है।
उत्तर-
दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली धातएँ-

  1. ऐलुमिनियम
  2. आयरन
  3. कॉपर
  4. जिंक
  5. टिन (कलई)।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु

प्रश्न 19.
किन्हीं पांच धातुओं के नाम लिखिए, जिनका उपयोग उद्योग में किया जाता है ?
उत्तर-
उद्योग में उपयोग होने वाली धातुएँ-

  1. ऐलुमिनियम
  2. आयरन
  3. कॉपर
  4. निकल
  5. जिंक।

प्रश्न 20.
सोडियम, जिंक, मैग्नीशियम और ऐलुमिनियम स्वतंत्र रूप में क्यों नहीं पाए जाते ?
उत्तर-
क्योंकि यह वायु, पानी और अम्लों के साथ सक्रिय है।

प्रश्न 21.
किन्हीं दो धातुओं का नाम लिखो जो वायु, पानी और अम्लों से सक्रिय नहीं हैं ?
उत्तर-

  1. सोना और
  2. प्लेटिनम।

प्रश्न 22.
किस गुण कारण धातुएँ आभूषणों में उपयोगी होती हैं?
उत्तर-
धात्विक चमक।

प्रश्न 23.
कॉपर धातु का रंग क्या है ?
उत्तर-
भूरा-लाल।

प्रश्न 24.
आयरन, कॉपर और मैग्नीशियम में से कौन-सी धातु आसानी से काटी जा सकती है?
उत्तर-
मैग्नीशियम।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
धातु और अधातु में क्या अंतर है ? प्रकृति में कितने तत्त्व पाए जाते हैं ?
उत्तर-
धातुओं में धात्विक चमक, आघातवर्धनीयता, तन्यता, ऊष्मा और विद्युत् की चालकता, कठोरता और ऑक्सीजन के साथ क्षारीय ऑक्साइड बनाने के गुण होते हैं।

अधातुएँ निष्प्रभ होती हैं, ये न तो आघातवर्धनीय और न ही तन्य होती हैं। ये ऊष्मा और विद्युत् की कुचालक होती हैं। ये कम कठोर और भुरभुरी होती हैं। ऑक्सीजन के साथ अम्लीय ऑक्साइड बनाने की क्षमता रखती हैं।
प्रकृति में 92 तत्त्व पाए जाते हैं।

प्रश्न 2.
पोटाशियम तत्त्व को पानी में क्यों नहीं रखा जाता?
उत्तर-
पोटाशियम एक सक्रिय तत्त्व है। यह कक्ष के तापमान पर ही वायु से अभिक्रिया कर सकता है और पानी के साथ अभिक्रिया करके आग पकड़ लेता है।
अतः इसे मिट्टी के तेल में रखा जाता है, पानी में नहीं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु 6

प्रश्न 3.
उन दो गुणों के बारे में लिखो जो धातुओं को अधातुओं से भिन्न करते हैं।
उत्तर-

  1. धातुएँ ऊष्मा और विद्युत् की सुचालक हैं जबकि अधातुएँ ऊष्मा और विद्युत् की कुचालक हैं।
  2. धातुओं में धात्विक चमक होती है अर्थात् इनकी सतह चमकीली होती है जब कि अधातुएँ निष्प्रभ होती हैं। यह प्रकाश का परावर्तित नहीं करती।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु

प्रश्न 4.
एक रासायनिक गुण लिखिए जिससे धातु और अधातु में अंतर किया जा सकता है?
उत्तर-
धातुएँ जब जलती हैं, तो ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करके क्षारीय ऑक्साइड बनाती हैं जबकि अधातुएँ अम्लीय ऑक्साइड बनाती हैं। इस गुण के आधार पर धातुओं और अधातुओं को पृथक् किया जा सकता है।

प्रश्न 5.
सोडियम को मिट्टी के तेल में क्यों रखा जाता है?
उत्तर-
(घ) सोडियम और पोटैशियम वायु और जल से शीघ्र क्रिया करते हैं, इसलिए मिट्टी के तेल में रखे जाते हैं।

प्रश्न 6.
निम्न का वर्णन करें-
(क) अम्लीय ऑक्साइड
(ख) क्षारीय ऑक्साइड।
उत्तर-
(क) अम्लीय ऑक्साइड – यह अधातु का ऑक्साइड है और पानी में घुलकर अम्ल बनाता है।
उदाहरण – CO2 SO2 आदि।

(ख) क्षारीय ऑक्साइड – यह धातु का ऑक्साइड और पानी में घुलकर क्षारीय विलयन देता है।
उदाहरण – सोडियम ऑक्साइड, कैल्शियम ऑक्साइड आदि।

प्रश्न 7.
धातुओं की प्रकृति में उपलब्धता का वर्णन करें।
उत्तर-
प्रकृति में धातुओं की उपलब्धता – धातु प्रकृति में स्वतंत्र और यौगिक रूप में पाए जाते हैं।

(क) स्वतंत्र रूप – धातुएँ जो वायु और नमी से प्रभावित नहीं होतीं, प्रकृति में स्वतंत्र रूप में पाई जाती हैं, जैसेसोना, प्लेटिनम।

(ख) यौगिक रूप – धातुएँ प्रायः ऑक्साइड तथा सल्फाइड के यौगिकों के रूप में पाई जाती हैं। ये धातुएँ यौगिक रूप में होती हैं, जैसे-ऐलुमिनियम ऑक्साइड।

प्रश्न 8.
धातु की आघातवर्धनीयता और तन्यता से क्या अभिप्राय है ? दो धातुओं के उदाहरण दीजिए जो तन्य और आघातवर्धक दोनों हैं।
उत्तर-
तन्यता – यह धातुओं का गुण है, जिससे उन्हें खींचकर पतली लंबी तारें बनाई जा सकती हैं। जो धातुएँ यह गुण दर्शाती हैं, तन्य कहलाती हैं।
उदाहरण – कॉपर, ऐलुमिनियम, चांदी, सोना।

आघातवर्धनीयता – धातुओं का वह गुण जिसमें धातुओं को पीटकर चादरों में बदला जा सकता है, बिना टूटे मोड़ा (rwist) जा सकता है, आघातवर्धनीयता कहलाती है।
उदाहरण – सोना, चांदी, ऐलुमिनियम। धातुएँ जो दोनों आघातवर्धनीय और तन्य हैं-ऐलुमिनियम और सोना।

प्रश्न 9.
चांदी ऑक्सीजन के साथ आसानी से अभिक्रिया नहीं करती, परंतु चांदी के आभूषण कुछ समय बाद काले हो जाते हैं। कैसे?
उत्तर-
चांदी, ऑक्सीजन के साथ आसानी से अभिक्रिया नहीं करती, परंतु यह वायु में उपस्थित सल्फर यौगिकों से अभिक्रिया करके सिल्वर सल्फाइड की काली पर्त बनाती है। इसलिए चांदी के आभूषण कुछ समय के पश्चात् काले पड़ जाते हैं।

प्रश्न 10.
सोने के आभूषण वर्षों के उपयोग के बाद भी नए क्यों नज़र आते हैं ?
उत्तर-
सोना अभिक्रियाशील नहीं है। इसलिए सोने को जंग नहीं लगता है और न ही यह काला पड़ता है। इसलिए वर्षों के उपयोग के बाद भी सोने के आभूषण नए नज़र आते हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु

प्रश्न 11.
मैग्नीशियम और कॉपर सीधे ज्वाला पर गर्म किए जाते हैं। इनमें कौन-सा वायु में जलेगा? कौनसा अधिक अभिक्रियाशील है ?
उत्तर-
जब मैग्नीशियम और कॉपर सीधे ज्वाला पर गर्म करेंगे तो मैग्नीशियम जल उठेगा। मैग्नीशियम अधिक अभिक्रियाशील है।

प्रश्न 12.
CuSO4 + Fe → FeSO4 + Cu
FeSO4 + Zn → ZnSO4 + Fe
उपरोक्त अभिक्रियाओं के आधार पर बताइए कि जिंक, कॉपर और लोहे में से कौन-सी धातु अधिक अभिक्रियाशील है और कौन-सी कम ?
उत्तर-
पहली अभिक्रिया में लोहे ने कॉपर को विस्थापित किया और इसलिए आयरन (लोहा), कापर की अपेक्षा अधिक अभिक्रियाशील है। दूसरी अभिक्रिया में ज़िंक ने आयरन का विस्थापित किया, इसलिए जिंक, आयरन की अपेक्षा से अधिक अभिक्रियाशील है। इन दोनों रासायनिक समीकरणों को देखने से यह पता चलता है कि जिंक सबसे अधिक अभिक्रियाशील और कॉपर सबसे कम अभिक्रियाशील धातु है।

प्रश्न 13.
जब जिंक की एक छड़ कॉपर सल्फेट के विलयन में डाली जाए, तो क्या होगा?
उत्तर-
ज़िंक, कॉपर की अपेक्षा अधिक अभिक्रियाशील होने के कारण कॉपर को उसके लवणीय विलयन में से विस्थापित करता है।
Zn + CuSO4 → ZnSO4 + Cu

प्रश्न 14.
अचार, चटनी और खट्टे (Citrus) फल लोहे और ऐलुमिनियम के बर्तनों में क्यों नहीं रखे जाते?
उत्तर-
कुछ खाद्य पदार्थ जैसे कि खट्टे फल (Citrus fruit), आचार, चटनी, दही, जिनमें अम्ल होता है जो लोहे और ऐलुमिनियम से बने पात्रों से अभिक्रिया करके विषैले पदार्थ बनाता है। इसलिए लोहे और ऐलुमिनियम के पात्र अचार, चटनी आदि के लिए उपयोग में नहीं लाए जाते हैं।

प्रश्न 15.
क्या कापर आयरन सल्फेट विलयन से आयरन विस्थापित कर सकता है ? कारण बताओ।
उत्तर-
नहीं, क्योंकि कॉपर आयरन से कम अभिक्रियाशील है। इसलिए यह आयरन को इसके विलयन (आयरन सल्फेट) से विस्थापित नहीं कर सकता। केवल अधिक अभिक्रियाशील धातुएँ कम अभिक्रियाशील धातुओं का विस्थापन कर सकती हैं। इसका उल्ट संभव नहीं है अर्थात् कम अभिक्रियाशील धातुएँ अधिक अभिक्रियाशील धातुओं का विस्थापन नहीं कर सकतीं।

प्रश्न 16.
ऐलुमिनियम के बर्तन कुछ समय पश्चात् अपनी चमक क्यों खो देते है ?
उत्तर-
ऐलुमिनियम एक क्रियाशील धातु है। समय के साथ ऊपरी सतह वायु तथा जल के संपर्क में आकर ऐलुमिनियम आक्साइड की परत बनाती है। इस तरह यह अपनी चमक खो बैठती है।

प्रश्न 17.
खाना बनाने वाले बर्तन तैयार करने के लिए कॉपर की जगह ऐलुमिनियम को क्यों प्राथमिकता दी
जाती है ? कारण दीजिए।
उत्तर-
निम्नलिखित दो कारणों से खाना बनाने वाले बर्तन तैयार करने के लिए कॉपर के स्थान पर ऐलुमिनियम को प्राथमिकता दी जाती है :

  1. यह बहुत हल्की तथा उष्मा की सुचालक धातु है।
  2. खाद्य पदार्थ में उपस्थित अम्ल इसके साथ शीघ्र क्रिया नहीं करते हैं।

प्रश्न 18.
क्षरण किसे कहते हैं ? धातुओं के क्षरण को कम करने के लिए क्या उपाय हैं ?
उत्तर-
क्षरण – धातुओं को जब आर्द्र वायु में खुला छोड़ा जाता है तो इन पर एक बिना चमक वाली परत जम जाती है। यह परत शीघ्र हट जाती है और नीचे अगली परत क्रिया के लिए प्राप्त हो जाती है। इस प्रकार धातु का क्षरण होता रहता है।

क्षरण को कम करने के उपाय-

  1. धातु की सतह पर पेंट पोत कर ।
  2. धातु की सतह पर ग्रीज़ अथवा तेल चिपका कर।
  3. धातु पर किसी अन्य क्रियाशील धातु की परत जमा करके
  4. मिश्रधातु बनाकर।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु

प्रश्न 19.
सोडियम संयुक्त अवस्था में मिलती है जबकि सोना मुक्त अवस्था में मिलता है। क्यों ?
उत्तर-
सोडियम सबसे अधिक क्रियाशील धातु है। यह शीघ्र ही वायु तथा जल से क्रिया करके अपना यौगिक बना लेती है। इसलिए यह यौगिक के रूप में मिलती है। दूसरी भोर सोना, वायु, जल से क्रिया नहीं करता है जिससे वह मुक्त अवस्था में पाया जाता है।

प्रश्न 20.
क्या कॉपर को जंग लगता है ? क्या होगा यदि कॉपर को आर्द्र वायु के संपर्क में रखा जाए?
उत्तर-
कॉपर (ताँबे) को जंग नहीं लगता है। जब कॉपर को आर्द्र वायु में लंबे समय के लिए रखा जाता है तो इस पर बिना चमक वाली एक परत जम जाती है। इस प्रकार बना पदार्थ कॉपर हाइड्रोक्साइड Cu(OH)2 तथा कॉपर कार्बोनेट [CuCO3] का मिश्रण है। निम्नलिखित अभिक्रिया होती है :
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु 7

प्रश्न 21.
निम्नलिखित के कारण बताओ-
(i) ऐलुमिनियम धातु वायुयानों के भाग बनाने में प्रयोग किए जाते हैं।
(ii) कॉपर धातु विद्युत् वाहक तारें बनाने में प्रयुक्त की जाती है।
(iii) दर्पण बनाने के लिए चांदी प्रयोग की जाती है।
(iv) ग्रेफाइट, सूखे सेल में इलेक्ट्रोड के रूप में प्रयोग किया जाता है।
(v) पुल तथा डैम बनाने में लोहा प्रयोग किया जाता है।
उत्तर-
(i) क्योंकि ऐलुमिनियम हल्की तथा मज़बूत धातु है, इसलिए वायुयानों के भाग बनाने में प्रयोग की जाती है।

(ii) कॉपर, विद्युत् की सुचालक होने के कारण विद्युत् तारें बनाने के लिए प्रयोग में लायी जाती है।

(iii) चाँदी एक चमकदार सफेद धातु है और इसकी परावर्तन शक्ति भी उच्च है। इसलिए इसे दर्पण बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

(iv) ग्रेफाइट विद्युत का सुचालक होने के कारण सेल में इलेक्ट्रोड के रूप में प्रयोग किया जाता है।

(v) क्योंकि लोहा एक मजबूत धातु है, इसलिए इसे पुल तथा डैम के निर्माण में प्रयोग किया जाता है।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
धातुओं की सामान्य भौतिक विशेषताएँ लिखो।
उत्तर-
धातुओं की सामान्य भौतिक विशेषताएँ-

  1. इनकी चमकीली सतह होती है अर्थात् इनमें धात्विक चमक होती है।
  2. ये प्रायः कठोर होती हैं। विभिन्न धातुओं की कठोरता भिन्न-भिन्न होती है।
  3. प्रायः धातुएँ आघातवर्धक होती हैं अर्थात् इनको पीटकर चादरें बनाई जा सकती हैं।
  4. प्रायः धातुएँ तन्य होती हैं अर्थात् इनको खींचकर लंबी तारें बनाई जा सकती हैं।
  5. धातुएँ ऊष्मा और विद्युत् की सुचालक होती हैं। सोना, चांदी, कापर और ऐलुमिनियम में से विद्युत् प्रवाह आसानी से हो सकता है।
  6. धातुओं में प्रायः धात्विक ध्वनि होती है अर्थात् टकराने पर आवाज़ पैदा करती हैं।
  7. पारे के अतिरिक्त अन्य सभी धातुएँ ठोस अवस्था में पाई जाती हैं।
  8. धातुओं के उच्च गलनांक होते हैं।

प्रश्न 2.
अधातुओं की सामान्य भौतिक विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-
अधातुओं की सामान्य भौतिक विशेषताएँ-

  1. चमक – अधातुओं की चमक नहीं होती अर्थात् यह प्रकाश का परावर्तन नहीं करती। ग्रेफाइट और हीरे अपवाद हैं।
  2. चालकता – ग्रेफाइट के अतिरिक्त अन्य सभी अधातुएँ ऊष्मा और विद्युत् की कुचालक होती हैं।
  3. अवस्था – अधातुएँ ठोस, द्रव और गैस रूप में पाई जाती हैं। उदाहरण के लिए सल्फर, कार्बन और आयोडीन ठोस हैं। ब्रोमीन द्रव है। क्लोरीन और नाइट्रोजन गैस है।
  4. आघातवर्धयता तथा तन्यता – अधातुएँ आघातवर्धक नहीं होती हैं। ये भुरभुरी होती हैं। अधातुएँ पीटने पर छोटे-छोटे टुकड़ों में बिखर जाती हैं।
  5. कठोरता – हीरे को छोड़कर अन्य सभी अधातुएं सामान्यतः अधिक कठोर नहीं होती हैं। हीरा सबसे अधिक कठोर पदार्थ है।
  6. तन्यता – अधातुओं की तारें नहीं खींची जा सकतीं इसलिए ये तन्य नहीं हैं।
  7. गलनाक तथा क्वथनांक – अधातुओं के गलनांक और क्वथनांक कम होते हैं। अधिकतर अधातुएँ गैसें हैं। केवल ग्रेफाइट का गलनांक अधिक होता है।

प्रश्न 3.
धातुएँ अम्लों के साथ कैसे क्रिया करती हैं ?
उत्तर-
धातुओं की अम्लों के साथ क्रिया-
(क) जिंक, मैग्नीशियम, लोहे आदि जैसी सक्रिय धातुएँ जो अभिक्रियाशील शृंखला में हाइड्रोजन से ऊपर स्थित हैं, तनु हाइड्रोक्लोरिक और सल्फ्यूरिक अम्ल जैसे खनिज अम्लों से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन का विस्थापन करती हैं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु 8

(ख) वे धातुएँ क्रियाशीलता शृंखला में जो हाइड्रोजन से नीचे स्थित हैं, तनु खनिज अम्लों के साथ हाइड्रोजन का विस्थापन नहीं करतीं।
उदाहरण के लिए – कॉपर धातु, तनु HCl से कोई अभिक्रिया नहीं करती।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु

प्रश्न 4.
धातुएँ पानी से कैसे अभिक्रिया करती हैं ?
उत्तर-
धातुओं की पानी से क्रिया – विभिन्न धातुओं की पानी के साथ भिन्न-भिन्न अभिक्रियाशीलता है। सभी धातुएँ विभिन्न परिस्थितियों में पानी के साथ अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करती हैं।

(क) Na, K, जैसी सक्रिय धातुएँ कक्ष ताप पर पानी से अभिक्रिया करती हैं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु 9
यह क्रिया अत्यधिक तीव्र और ऊष्मा पैदा करने वाली है इसलिए हाइड्रोजन आग पकड़ लेती है।

(ख) कम सक्रिय धातुएँ जैसे-Mg, Zn, Al उबलते पानी से अभिक्रिया करती हैं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु 10

(ग) गर्म धातु जैसे Fe भाप से धीरे-धीरे अभिक्रिया करती है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु 11

प्रश्न 5.
निम्न में से कौन-सी विस्थापन अभिक्रिया संभव नहीं है ?
(क) CuSO4(aq) + Fe → Fe SO4(aq) + Cu
(ख) FeSO4(aq) + Zn → Zn SO4(aq) + Fe
(ग) ZnSO4(aq) + Pb → Pb SO4(aq) + Zn
(घ) 2AgNO3(aq) + Cu → Cu NO3(aq) + 2Ag
(ङ) MgSOA4(aq) + Cu → Cu SO4(aq) + Mg
उत्तर-
केवल एक सक्रिय धातु (अभिक्रिया श्रृंखला में ऊपर स्थित धातु) ही कम अभिक्रियाशील धातु का विस्थापन कर सकती है।
उपरोक्त अभिक्रियाओं में से
(ग) और
(ङ) संभव नहीं
क्योंकि जिंक लैड से और मैग्नीशियम कॉपर से अधिक सक्रिय है।

प्रश्न 6.
दैनिक जीवन में प्रयोग की जाने वाली तीन धातुओं के नाम तथा उनके उपयोग लिखो।
उत्तर-
हम प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से निम्नलिखित तीन धातुएँ दैनिक जीवन में प्रयोग करते हैं-
(1) लोहा
(2) कॉपर
(3) ऐलुमिनियम।

(1) लोहे के उपयोग-

  • लोहे को अन्य धातुएं से मिश्रित करके अधिकतर रेलगाड़ियाँ, वाहन तथा अन्य मशीनों के पुर्जे बनाये जाते हैं।
  • लोहे को सीमेंट से मिलाकर बड़ी इमारतें तथा डैम बनाये जाते हैं।
  • लोहे को उद्योग के लिए बॉयलर तथा पुल बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।

(2) कॉपर (ताँबे) के उपयोग-

  • यह खाना पकाने वाले बर्तन बनाने में प्रयोग की जाती है।
  • यह फोटो-फ्रेम, सिक्के तथा, बुत बनाने के लिए प्रयोग की जाती है।
  • यह विद्युत वाहक तारें बनाने के लिए प्रयोग की जाती है।

(3) ऐलुमिनियम के उपयोग-

  • यह हवाई जहाज़ बनाने के लिए प्रयोग की जाती है।
  • यह विद्युत् सचित्रों तथा विद्युत् की तारें बनाने में इस्तेमाल की जाती है।
  • ऐलूमिनियम के पत्र (वर्क) वस्तुओं को पैक करने के लिए प्रयोग की जाती है।

प्रश्न 7.
रासायनिक गुणों के आधार पर धातुओं तथा अधातुओं में अंतर स्पष्ट करो।
उत्तर-
रासायनिक गुणों के आधार पर धातुओं तथा अधातुओं में अंतर-

धातु अधातु
(1) आयनों की प्रकृति – धातु विद्युतीय धनात्मक तत्त्व हैं और इलैक्ट्रॉन खोकर धन आयन बनाते हैं। (1) अधातुएँ विद्युतीय ऋणात्मक तत्त्व हैं तथा इलैक्ट्रॉन प्राप्त करके ऋण आयन बनाती हैं।
(2) ऑक्साइडों की प्रकृति – ये क्षारीय ऑक्साइड बनाती हैं। (2) अधातुएं अम्लीय आक्साइड बनाते हैं।
(3) जल से क्रिया – अधिकांश धातुएँ हाइड्रोजन विस्थापित करती हैं। (3) अधातुएँ, जल से अभिक्रिया नहीं करती हैं।
(4) अम्लों के साथ क्रिया – क्रियाशील शृंखला में हाइड्रोजन से ऊपर स्थित धातुएँ अम्लों से हाइड्रोजन विस्थापित करती हैं। (4) अधातुएँ तनु अम्लों से क्रिया नहीं करती हैं।
(5) हाइड्राइडों की प्रकृति – धातुएँ, हाइड्रोजन के साथ क्रिया करके आयनिक हाइड्राइड बनाती हैं। (5) ये सह-संयोजी हाइड्राइड बनाती हैं।
(6) कलोराइड की प्रकृति – धातुएँ कलोरीन के साथ क्रिया करके ठोस आयनिक कलोराइड बनाती हैं जिनमें से विद्युत् का संचरण होता है। (6) अधातुएँ कलोरीन के संयोजन से सह-संयोजी कलोराइड बनाती हैं जो विद्युत् हैं जो विद्युत् का संचार नहीं करती।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु

प्रश्न 8.
अधातुएँ के सामान्य रासायनिक गुण लिखिए।
उत्तर-
(i) वायु या आक्सीजन से अभिक्रिया – अधातुएँ, वायु या ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करके अपने ऑक्साइड बनाती हैं जोकि प्रकृति में अम्लीय हैं। ये ऑक्साइड नीले लिटमस को लाल करते हैं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु 12

(ii) हाइड्रोजन के साथ क्रिया – अधातुएँ जैसे कार्बन, नाइट्रोजन तथा फास्फोरस आदि हाइड्रोजन के साथ क्रिया करके विभिन्न यौगिक बनाती हैं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु 13

(iii) अन्य अधातुओं से अभिक्रिया – अधातुएँ दूसरी अधातुओं के साथ क्रिया करके विभिन्न यौगिक बनाती हैं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु 14

(iv) अम्लों के साथ अभिक्रिया – अधातुएँ, अम्लों के साथ क्रिया करके ऑक्सी-अम्ल बनाती हैं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु 15

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

PSEB 8th Class Science Guide संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
कुछ रेशे संश्लेषित क्यों कहलाते हैं ?
उत्तर-
कुछ रेशे संश्लेषित कहलाते हैं क्योंकि ये प्राकृतिक स्रोतों द्वारा प्राप्त नहीं होते। उन्हें मानव द्वारा बनाया जाता है। संश्लेषित रेशों की कच्ची सामग्री पेट्रो-रसायनों से मिलती है, जो जीवाश्म ईंधन, पेट्रोलियम आदि से बनते हैं।

प्रश्न 2.
सही उत्तर को चिहनित (√) कीजिए-
रेयान एक संश्लेषित रेशा नहीं है, क्योंकि :

(क) इसका रूप रेशम समान होता है।
(ख) इसे काष्ठ लुगदी से प्राप्त किया जाता है।
(ग) इसके रेशों को प्राकृतिक रेशों के समान बुना जा सकता है।
उत्तर-
(ख) इसे काष्ठ लुगदी से प्राप्त किया जाता है।

प्रश्न 3.
उचित शब्दों द्वारा रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए(क) संश्लेषित रेशे …………………….. अथवा ………………….. भी कहलाते हैं।
(ख) संश्लेषित रेशे कच्चे माल से संश्लेषित किये जाते हैं, जो ……………………. कहलाता है।
(ग) संश्लेषित रेशे की भांति प्लास्टिक भी एक ………………….. है।
उत्तर-
(क) मानव निर्मित, कृत्रिम रेशे
(ख) पेट्रोरसायन
(ग) संश्लेषित रेशा।

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प्रश्न 4.
नाइलॉन रेशों से निर्मित दो वस्तुओं के नाम बताइए जो नाइलॉन रेशे की प्रबलता दर्शाती हों।
उत्तर-
पेराशूट, तंबू, रस्से।

प्रश्न 5.
खाद्य पदार्थों का संचयन करने हेतु प्लास्टिक पात्रों के उपयोग के तीन प्रमुख लाभ बताइए।
उत्तर-
खाद्य पदार्थ संचायन हेतु प्लास्टिक पात्रों के लाभ-

  1. यह भोजन, पानी और वायु से क्रिया नहीं करते।
  2. यह मज़बूत और हल्के होते हैं।
  3. यह विभिन्न आकार, रूप और रंग में उपलब्ध हैं।

प्रश्न 6.
थर्मोप्लास्टिक और थर्मोसेटिंग प्लास्टिक के मध्य अंतर को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
थर्मोप्लास्टिक और थर्मोसेटिंग प्लास्टिक में अंतर-

थर्मोप्लास्टिक थर्मोसेटिंग प्लास्टिक
(i) यह आसानी से मुड़ सकता है। (i) यह आसानी से मुड़ नहीं सकता।
(ii) गर्म करने पर इसका आकार बदल जाता है। (ii) उष्मा का इस पर कोई प्रभाव नहीं होता।
(iii) इसका पुन: उपयोग किया जा सकता है। (iii) इसका पुन: उपयोग नहीं होता।
(iv) गर्म करने पर इसे किसी भी साँचे में ढाला जा सकता है।
उदाहरण-पी वी सी (PVC), पॉलिथीन।
(iv) इसको गर्म करने पर केवल एक बार ही साँचे में ढाला जा सकता है।
उदाहरण-बेकलॉइट, मैलामाइन।

प्रश्न 7.
समझाइए, थर्मोसेटिंग प्लास्टिक से निम्नलिखित क्यों बनाए जाते हैं-
(क) डेगची के हत्थे
(ख) विद्युत् प्लग/ स्विच/ प्लग बोर्ड।
उत्तर-
(क) डेगची के हत्थे – थर्मोसेटिंग प्लास्टिक से बनाए जाते हैं, क्योंकि प्लास्टिक विद्युत् का कुचालक, अग्नि और उष्मा को सह लेते हैं।

(ख) विद्युत् प्लग/ स्विच/ प्लग बोर्ड थर्मोसेटिंग प्लास्टिक से बनाए जाते हैं, क्योंकि यह प्लास्टिक विद्युत् कुचालक और चिरस्थायी होता है।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित पदार्थों को “पुनः चक्रित किये जा सकते हैं” और “पुनः चक्रित नहीं किये जा सकते हैं” में वर्गीकृत कीजिए-
टेलीफोन यंत्र, प्लास्टिक खिलौने, कुकर के हत्थे, सामग्री लाने वाले थैले, बाल प्वाइंट पेन, प्लास्टिक के कटोरे, विद्युत् तारों के प्लास्टिक आवरण, प्लास्टिक की कुर्सियाँ, विद्युत् स्विच।
उत्तर-
पुन: चक्रित किए जा सकते हैं – खिलौने, सामग्री लाने वाले थैले, बाल प्वाइंट पेन, प्लास्टिक के कटोरे, प्लास्टिक की कुर्सियाँ, विद्युत् तारों के प्लास्टिक आवरण।

पुनः चक्रित नहीं किए जा सकते हैं – टेलीफोन यंत्र, कुकर के हत्थे, विद्युत् स्विच ।

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प्रश्न 9.
राणा गर्मियों के लिए कमीज़े खरीदना चाहता है। उसे सूती कमीज़े खरीदनी चाहिए या संश्लेषित? कारण सहित राणा को सलाह दीजिए।
उत्तर-
राणा को सूती कमीजें खरीदनी चाहिए। क्योंकि

  1. सूती कमीजें छिद्र युक्त होती हैं।
  2. सूती कमीजें पसीना सोखकर शरीर को सूखा रखती हैं जबकि संश्लेषित कमीजें न तो पसीना सोखती हैं और न ही छिद्रयुक्त होती हैं।

प्रश्न 10.
उदाहरण देकर प्रदर्शित कीजिए कि प्लास्टिक की प्रकृति असंक्षारक होती है।
उत्तर-
प्लास्टिक असंक्षारक है – यह हवा, पानी आदि से क्रिया नहीं करता अर्थात् संक्षारक नहीं है। उदाहरण के लिए-

  1. विभिन्न रसायन प्लास्टिक बोतलों में संचयित किए जाते हैं।
  2. पानी, प्लास्टिक की बोतलों में रखा जाता है।
  3. आचार और खाद्य पदार्थ प्लास्टिक पात्रों में भंडारित किए जाते हैं।

प्रश्न 11.
क्या दाँत साफ करने के ब्रुश का हैंडल और शूक (ब्रिस्टल) एक ही पदार्थ के बनाने चाहिए ? अपना उत्तर स्पष्ट करिए।
उत्तर-
शूक दाँतों की सफ़ाई के लिए है पर हैंडल सहारे के लिए है। शूक नरम लचकीले, मज़बूत होने चाहिए, जबकि हैंडल सख्त और मज़बूत होना चाहिए। इसलिए, ब्रुश का हैंडल और शूक विभिन्न पदार्थों के बनाने चाहिए।

प्रश्न 12.
“जहाँ तक संभव हो प्लास्टिक के उपयोग से बचिए” इस कथन पर सलाह दीजिए।
उत्तर-
प्लास्टिक, एक बहुत ही उपयोगी पदार्थ है, परंतु यह पर्यावरण हितैषी नहीं है क्योंकि न तो यह जल्दी जलता है और न ही प्राकृतिक जीवाणुओं द्वारा आसानी से अपघटित होता है। पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए इसका उपयोग जहां तक संभव हो कम करना चाहिए।

प्रश्न 13.
कॉलम A के पदों का कॉलम B में दिए गए वाक्य खंडों से सही मिलान करिए-

कॉलम A – कॉलम B
पॉलिस्टर – काष्ठ लुगदी का उपयोग कर तैयार किया जाता है।
टेफ्लॉन – पैराशूट और मोजा बनाने में उपयोग किया जाता है।
रेयॉन – न चिपकने वाले भोजन बनाने के पात्रों के निर्माण में उपयोग में लाया जाता है।
नाइलॉन – कपड़े में आसानी से बल नहीं पड़ते।
उत्तर-
कॉलम A – कॉलम B
पॉलिएस्टर – कपड़े में आसानी से बल नहीं पड़ते।
टेफ्लान – न चिपकने वाले भोजन बनाने के पात्रों के निर्माण में उपयोग में लाया जाता है।
रेयॉन – काष्ठ लुगदी का उपयोग कर तैयार किया जाता है।
नाइलॉन – पैराशूट और मोजा बनाने में उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 14.
“संश्लेषित रेशों का औद्योगिक निर्माण वास्तव में वनों के संरक्षण में सहायक हो रहा है।” टिप्पणी कीजिए।
उत्तर-
प्राकतिक रेशे प्राकृतिक स्रोतों से मिलते हैं परंतु संश्लेषित रेशे दसरे पदार्थों से तैयार किए जाते हैं। इसलिए संश्लेषित रेशे प्राकृतिक उपज पर निर्भर नहीं हैं। अतः संश्लेषित रेशों का औद्योगिक निर्माण वास्तव में वनों के संरक्षण में सहायक है।

प्रश्न 15.
यह प्रदर्शित करने हेतु एक क्रियाकलाप का वर्णन करिए कि थर्मोप्लास्टिक विद्युत् का कुचालक है।
उत्तर-
क्रियाकलाप – कुछ थर्मोप्लास्टिक की वस्तुएँ लीजिए जैसे पॉलिथीन, पीवीसी, नाइलॉन, पॉलिसटाइरीन आदि। चित्र में दर्शाए परिपथ को पूर्ण कीजिए और दोनों टर्मिनलों के बीच नाइलॉन का टुकड़ा रखिए। यदि बल्ब प्रकाशित हो जाये तो समझ लें कि विद्युत् का सुचालक है, नहीं तो
तार कुचालक। अब यह क्रिया अन्य पदार्थों के साथ दोहराएं। प्रत्येक पदार्थ से बल्ब प्रकाशित नहीं होता है। इससे यह सिद्ध होता है कि थर्मोप्लास्टिक विद्युत् का कुचालक है।
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PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

PSEB Solutions for Class 8 Science संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कुछ प्राकृतिक रेशों के नाम लिखिए।
उत्तर-
कपास, ऊन, रेशम।

प्रश्न 2.
एक प्राकृतिक बहुलक का नाम लिखो।
उत्तर-
सेलूलोज़।

प्रश्न 3.
उस रेशे का नाम बताएँ जो कि रेशम जैसा है परंतु मानव निर्मित है।
उत्तर-
रेयॉन।

प्रश्न 4.
काष्ठ लुगदी से कौन-सा रेशा प्राप्त होता है ?
उत्तर-
रेयॉन।

प्रश्न 5.
नाइलॉन कौन-से वर्ष में बनाया गया ?
उत्तर-
1931 में।

प्रश्न 6.
कोयला, वायु और जल से कौन-सा रेशा निर्मित किया जाता है ?
उत्तर-
नाइलॉन।

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प्रश्न 7.
किस रेशे से पैराशूट और तंबू बनाए जाते हैं ?
उत्तर-
नाइलॉन।

प्रश्न 8.
PET क्या है ?
उत्तर-
यह पॉलिएस्टर की एक किस्म है जिसका उपयोग बोतलें, बर्तन, फिल्म तार के निर्माण में किया जाता

प्रश्न 9.
पैराशूट और चट्टानों पर चढ़ने वाले रस्से नाइलॉन से क्यों बनाए जाते हैं ?
उत्तर-
अपनी प्रबलता के कारण।

प्रश्न 10.
प्लास्टिक की कुछ विशेषताएँ बताइए।
उत्तर-
प्लास्टिक में पुनर्चक्रण, पुन: उपयोग, रंगने, पिघलाने, शीटें और तारे बनाने वाले गुण होते हैं।

प्रश्न 11.
पॉलिथीन और PVC क्या है ?
उत्तर-
यह एक थर्मोप्लास्टिक है।

प्रश्न 12.
बेकलाइट किस प्लास्टिक का उदाहरण है ?
उत्तर-
थर्मोसेटिंग प्लास्टिक का।

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प्रश्न 13.
टेफ्लॉन कहाँ उपयोग होता है ?
उत्तर-
टेफ्लॉन का उपयोग न चिपकने वाले भोजन बनाने के पात्रों में होता है।

प्रश्न 14.
थर्मोप्लास्टिक की दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

  1. पॉलिथीन
  2. पी० वी० सी० ।

प्रश्न 15.
गर्म पानी से प्लास्टिक की बोतलों का आकार क्यों बिगड़ जाता है ?
उत्तर-
प्लास्टिक की बोतलें थर्मोप्लास्टिक की बनी होती हैं, जो गर्म करने से पिघल जाती हैं।

प्रश्न 16.
कौन-सा थर्मोसेटिंग प्लास्टिक वाष्पनशील, उष्मारोधक और अग्नि प्रूफ है ?
उत्तर-
मेलामॉइन।

प्रश्न 17.
कारों, वायुयानों आदि में धातुओं की जगह प्लास्टिक क्यों उपयोग किया जाता है ?
उत्तर-
क्योंकि यह धातुओं की अपेक्षा हल्का होता है।

प्रश्न 18.
प्लास्टिक पात्र उपयोग करने में आसान क्यों है ?
उत्तर-
प्लास्टिक पात्र हल्के, सस्ते, मज़बूत और आसानी से संभाले जा सकते हैं।

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प्रश्न 19.
किन्हीं दो अनिम्नकरणीय पदार्थों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. प्लास्टिक
  2. धातु के बर्तन।

प्रश्न 20.
प्राकृतिक रेशों की जगह कृत्रिम रेशों का उपयोग करने के दो कारण लिखिए।
उत्तर-

  1. चिरस्थायित्व और
  2. उपलब्धता।

प्रश्न 21.
कृत्रिम रेशों का एक मुख्य हानिकारक गुण क्या है ?
उत्तर-
यह गर्म करने पर पिघल जाता है।

प्रश्न 22.
निम्नीकरण पदार्थ क्या है ?
उत्तर-
निम्नीकरण पदार्थ – वे पदार्थ जिनका जीवाणुओं द्वारा अपघटन नहीं होता, उन्हें अविघटनशील पदार्थ कहते हैं।

प्रश्न 23.
शाकाहारी की मौत और नालियों का अवरुद्ध करने के लिए कौन-सा पदार्थ उत्तरदायी है ?
उत्तर-
प्लास्टिक के थैले।

प्रश्न 24.
4R सिद्धांत क्या है ?
उत्तर-
4R सिद्धांत – उत्पादन कम करना (Reduce), पुनः उपयोग (Reuse), पुनःचक्रण (Recycle) और पुनः प्राप्ति (Recover)।

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प्रश्न 25.
प्लास्टिक अविघटनकारी है। क्या यह पर्यावरण हितैषी है अथवा पर्यावरण शत्रु है ?
उत्तर-
पर्यावरण शत्रु।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
बहुलक क्या है ? एक प्राकृतिक बहुलक का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
बहुलक – बहुलक एक लंबी श्रृंखला (बड़ी एकल) है जिसमें लाखों अणु होते हैं। यह रासायनिक पदार्थों की छोटी इकाइयों के मेल से बनता है। सेल्यूलोज़ कपास का प्राकृतिक बहुलक है।

बहुलक प्रकृति में पाये जाते हैं। उदाहरणार्थ, कपास एक प्राकृतिक तंतु है जोकि वास्तव में सेल्यूलोज़ है। सैल्यूलोज़ बड़ी संख्या में ग्लूकोज़ की इकाइयों द्वारा निर्मित होता है।
इसी प्रकार, काष्ठ लुगदी सैल्यूलोज़ है जिससे रेयॉन बनाया जाता है। इसलिए रेयॉन भी एक बहलक (पॉलीमर) है।

प्रश्न 2.
संश्लेषित रेशे क्या हैं ?
उत्तर-
संश्लेषित रेशे – प्राकृतिक रेशों से अलग रेशे जो मानव द्वारा निर्मित किए जाते हैं, संश्लेषित रेशे कहलाते हैं। एक संश्लेषित रेशा छोटी इकाइयों को जोड़कर बनाई गई श्रृंखला है।

प्रश्न 3.
संश्लेषित रेशों के कुछ उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
रेयॉन, नाइलॉन, पॉलिएस्टर, प्लास्टिक, ऐक्रिलिक, टेरीलीन आदि संश्लेषित रेशे हैं।

प्रश्न 4.
रेयॉन और नाइलॉन के उपयोग बताइए।
उत्तर-
रेयॉन से वस्त्र, बिस्तरे की चादरें और गलीचे बनाए जाते हैं। नाइलॉन से वस्त्र, जुराबें, रस्से, तंबू, फर्श की टाइलें, दाँतों के ब्रुश, बेल्ट, परदे, पैराशूट आदि बनाए जाते हैं।

प्रश्न 5.
संश्लेषित रेशों के गुण लिखो जिसके कारण वह वेशभूषा सामग्री के लिए प्रसिद्ध है।
उत्तर-
संश्लेषित रेशों के गुण – संश्लेषित रेशों के निम्नलिखित गुण है:

  1. वे बहुत समय तक चलते हैं।
  2. इनकी कीमत बहुत कम है।
  3. वे शीघ्र ही सूख जाते हैं।
  4. वे सुगमता से प्राप्त हो जाते हैं।
  5. उनकी संभाल बहुत आसान है।
  6. उन्हें धोना आसान है और उनमें सिलवटें नहीं पड़ती।
    इन गुणों के कारण संश्लेषित रेशे वेशभूषा सामग्री के रूप में प्रसिद्ध हैं।

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प्रश्न 6.
क्या होता है जब कृत्रिम रेशे जैसे नाइलॉन, पॉलिएस्टर और ऐक्रिलिक रेशे वायु में जलाए जाते
हैं?
उत्तर-
विभिन्न रेशे जलाने से निम्नलिखित परिणाम सामने आते हैं-

1. नाइलॉन मुश्किल से जलता है, ज्वाला से रेशा सिकुड़ता है, गाँठ बनाता है, बाल जलने जैसी गंध देता है।
2. पॉलिएस्टर नाइलॉन की तरह ही समान गुण हैं, जलने पर काला धुआँ देता है।
3. एक्रिलिक ज्वाला से सिकुड़ कर काली गाँठ बनाता है और काली धुएँ जैसी ज्वाला देता है।

प्रश्न 7.
प्लास्टिक पदार्थ जैसे पॉलिथीन की प्राकृतिक पदार्थ से भिन्न कुछ विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर-

  1. यह सस्ता और व्यापारिक पैमाने पर तैयार किया जा सकता है।
  2. यह भार में हल्का होता है और आसानी से इसका स्थानांतरण किया जा सकता है।
  3. यह अटूट, असंक्षारण, मज़बूत और लचकीला होता है। 4. यह आसानी से साँचे में ढाला जा सकता है।

प्रश्न 8.
पॉलिथीन के उपयोग बताइए।
उत्तर-
पॉलिथीन के उपयोग – पॉलिथीन की चादरें पैकिंग के लिए, थैले दूध की पैकिंग के लिए, पॉलिथीन पात्र और पाइपें भंडारण और पानी, तेल अथवा दूसरे पदार्थों के स्थानांतरण के लिए उपयोग में आती है। पॉलिथीन को वाटर प्रूफ (water proof) के रूप में भी उपयोग में लाया जाता है।

प्रश्न 9.
पीवीसी (PVC) के कुछ उपयोग लिखो।
उत्तर-
PVC के उपयोग – यह बोतलें, फर्श की टाइलें, रेनकोट, जूतों के तलवे, सैंडल और चमड़े जैसा पदार्थ बनाने के काम आता है।

प्रश्न 10.
मिश्रित रेशा (Blended fabric) क्या है ? यह संश्लेषित रेशों से बने कपड़ों से अधिक आरामदायक क्यों है ?
उत्तर-
मिश्रित कपड़े (Blended fabric) – यह संश्लेषित (मानव निर्मित) और प्राकृतिक रेशों का मिश्रण है। जैसे कि टेरीकोट (पॉलिएस्टर और सूती रेशा), टेरीवूल आदि शुद्ध संश्लेषित रेशे पसीने को अच्छी तरह अवशोषित नहीं कर पाते, इसलिए गर्मियों में शरीर से चिपक जाते हैं। कुछ संश्लेषित रेशे जल्दी आग पकड़ लेते हैं। इन त्रुटियों को दूर करने के लिए संश्लेषित रेशे प्राकृतिक रेशों से मिश्रित करके मिश्रित रेशे बनाए जाते हैं।

प्रश्न 11.
निम्नीकरणीय पदार्थ (Biodegradable) क्या है ?
उत्तर-
निम्नीकरणीय पदार्थ (Biodegradable substances) – वे पदार्थ जो सूक्ष्मजीवों (जीवाणुओं) दवारा आसानी से विघटित हो जाते हैं, निम्नीकरणीय पदार्थ कहलाते हैं। मृत जीवों के शरीर, मानव मलमूत्र और अन्य कई पदार्थ जीवाणुओं द्वारा साधारण यौगिकों में अपघटित किए जाते हैं। ऐसे पदार्थ निम्नीकरणीय कहलाते हैं।

प्रश्न 12.
प्राकृतिक और संश्लेषित बहुलक क्या हैं ?
उत्तर-

  • प्राकृतिक बहुलक (Natural Polymer) – वे बहुलक जो प्रकृति में पौधों और जंतुओं से प्राप्त होते हैं, प्राकृतिक बहुलक कहलाते हैं। जैसे रबड़, स्टार्च, सेलुलोज, प्रोटीन आदि।
  • संश्लेषित बहुलक (Synthetic Polymer) – वे बहुलक जो प्रकृति में उपलब्ध नहीं हैं और जिन्हें प्रयोगशाला में तैयार किया जाता है, संश्लेषित बहुलक कहलाते हैं। इन्हें मानव निर्मित बहुलक भी कहते हैं। जैसे कि पॉलिथीन, पॉलिविनाइल क्लोराइड, टेफ्लॉन, बेकलाइट आदि।

प्रश्न 13.
प्लास्टिक सामग्री का कम प्रयोग करने के लिए कुछ तरीके सुझाइए।
उत्तर-
प्लास्टिक अजैव अपघटक हैं इसलिए वातावरण का मित्र नहीं है। इसका उपयोग कम करने का सबसे बढ़िया तरीका है। 4R सिद्धांत का अनुसरण करना जो निम्न प्रकार है-

  1. Reduce – कम प्रयोग
  2. Reuse – पुनः प्रयोग
  3. Recycle – पुनः चक्रण
  4. Recover – पुनः प्राप्त करना।

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प्रश्न 14.
अंधा-धुंध असावधानी से फैंके गए प्लास्टिक/पॉलिथीन बैग किस प्रकार जंतुओं के लिए हानिकारक हैं ?
उत्तर-
प्रयोग करने के पश्चात असावधानी से फैंके गए प्लास्टिक/पालीथीन के लिफाफे तथा बैग अवारा जंतुओं
द्वारा निगल लिए जाते हैं। यह प्लास्टिक बैग अजैव विघटनकारी पदार्थ से बने होते हैं जिससे उनकी श्वसन नली या तो बंद हो जाती है और या फिर पेट के भीतर एक पर्त बना लेते हैं जिससे उनकी मृत्यु हो सकती है।

प्रश्न 15.
प्लास्टिक पदार्थ का अधिक उपयोग किस प्रकार वातावरण तथा समाज के लिए हानिकारक
उत्तर-
प्लास्टिक मनुष्य तथा वातावरण दोनों के लिए निम्न तरीकों से हानिकारक है-

  1. क्योंकि प्लास्टिक पैट्रोरसायनों से संश्लेषित किया गया है इसलिए इसका अधिक प्रयोग अनवीकरणीय पैट्रोरसायनों के सीमित भंडार को समाप्त कर देगा।
  2. प्लास्टिक अजैव विघटनकारी है जो नालियों तथा सीवरेज प्रणाली को बंद कर देता है यदि प्रयोग के पश्चात् इसे ध्यानपूर्वक न फैंका जाए।
  3. प्लास्टिक का अपूर्ण दहन होता है तथा अधिक मात्रा में विषैला धुआँ उत्सर्जित कर वातावरण की वायु को प्रदूषित करता है।
  4. कई बार ध्यान से न फैंके गए प्लास्टिक/पॉलीथीन जंतुओं द्वारा निगल लिया जाता है जिससे इनकी मृत्यु हो जाती है।

प्रश्न 16.
रसोई में काम करते समय पालिएस्टर के कपड़े पहनने का सुझाव क्यों नहीं दिया जाता ?
उत्तर-
पॉलिएस्टर एक संश्लेषित रेशा है। यह शीघ्र आग पकड़ लेता है और पिघल कर शरीर से चिपक कर दर्द भरी जलन पैदा करता है। इसीलिए रसोई में काम करते समय पॉलिएस्टर के कपड़े न पहनने का सुझाव दिया जाता है।

प्रश्न 17.
एक समझदार और ज़िम्मेदार शहरी होने के नाते आप जन को प्लास्टिक मुक्त रखने के लिए क्या कदम उठाएंगे।
उत्तर-

  1. मैं प्लास्टिक के लिफाफे के प्रयोग के बाद जल स्त्रोत तथा सड़क पर फेंकूँगा।
  2. बाज़ार से समान खरीदने के लिए घर से कपड़े या पटसन का थैला अपने साथ लेकर जाऊँगा। यहाँ तक कि दुकानदार को समान काग़ज़ के लिफाफे में डालने के लिए बाध्य करूंगा।
  3. प्लास्टिक लंचबाक्स के स्थान पर स्टील के डिब्बे का प्रयोग करूँगा।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्न के उपयोग लिखिए-
(क) पॉलिएस्टर रेशा
(ख) टेफ्लॉन
(ग) पॉलिथीन
(घ ) पालिपरोपाइलीन।
उत्तर-
(क) पॉलिएस्टर के रेशों के उपयोग-

  1. पॉलिएस्टर रेशे कपड़ा उद्योग में विभिन्न वस्त्र बनाने के काम आते हैं। जैसे साड़ी, ड्रेस, पर्दे आदि।
  2. पॉलिएस्टर रेशे, प्राकृतिक रेशों से मिलाकर रेशे बनाने के काम आते हैं। जैसे टेरीकॉट (सूती के साथ), टेरीवूल (ऊन के साथ)।
  3. इससे नावों की पतवार बनाई है।
  4. इससे पानी की ट्यूबें (hoses) बनती हैं, जिनका उपयोग आग बुझाने की प्रक्रिया में किया जाता है।

(ख) टेफ्लॉन के उपयोग-

  1. इसे न चिपकने वाले भोजन बनाने के पात्रों में उपयोग किया जाता है।
  2. इससे सील और गेस्केट बनाई जाती है।

(ग) पॉलिथीन के उपयोग-

  1. इसे थैले, खिलौने और पाइप बनाने के लिए उपयोग में लाते हैं।
  2. इससे तारों का आवरण बनाते हैं क्योंकि यह विद्युत् रोधक है।

(घ) पॉलिपरोपाइलीन के उपयोग-

  1. इससे सीट के पट्टे बनते हैं।
  2. इससे रस्सियाँ और जाल बनाए जाते हैं।

प्रश्न 2.
नाइलॉन रेशों के चार महत्त्वपूर्ण गुण और उपयोग लिखिए।
उत्तर-
नाइलॉन रेशों के गुण-

  1. नाइलॉन रेशे मज़बूत हैं।
  2. यह बहुत कम पानी अवशोषित करते हैं। इसलिए बहुत जल्दी सूख जाते हैं।
  3. नाइलॉन के कपड़ों में सिलवटें नहीं पड़ती।
  4. यह ज्यादा टिकाऊ हैं।

नाइलॉन के उपयोग-

  1. नाइलॉन रेशे कई उद्देश्यों के लिए काम आते हैं, जहाँ मज़बूत रेशों की आवश्यकता होती है।
  2. इससे पैराशूट, मछली जाल, टायर के पट्टे, रस्से, मोज़े (जुराबें) और अन्य वस्त्र बनाए जाते हैं।
  3. नाइलॉन को ऊन के साथ मिलाकर देर तक रहने वाले रेशे का निर्माण किया जाता है।.

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प्रश्न 3.
पॉलिएस्टर रेशों के गुण लिखो।
उत्तर-
पॉलिएस्टर रेशों के गुण-

  1. ये सूती, ऊनी और रेशमी रेशों से अधिक मज़बूत हैं।
  2. ये सिकुड़ते नहीं।
  3. यह पानी कम अवशोषित करते हैं, इसलिए जल्दी सूख जाते हैं।
  4. इनमें सिलवटें नहीं पड़तीं।
  5. साधारण रसायनों से यह प्रभावित नहीं होते।
  6. यह हल्के और सुंदर हैं।
  7. यह साधारण विलायकों में अघुलनशील हैं।

प्रश्न 4.
प्लास्टिक किसे कहते हैं ? इसकी विभिन्न किस्में कौन-कौन सी हैं ? इसके कौन-से गुण हैं जो इसे अधिक पसंद वाला पदार्थ बना देते हैं ? इसके उपयोग भी लिखें।
उत्तर-
प्लास्टिक – यह संश्लिष्ट रेशे की भांति बहुलक है।
उदाहरण-पॉलिथीन
प्लास्टिक की किस्में – सभी किस्म के प्लास्टिक में इकाइयों की संरचना एक जैसी नहीं होती। प्लास्टिक दो प्रकार के होते हैं। एक जिनमें इकाइयों की संरचना सरल रेखीय तथा दूसरी किस्म में क्रॉस जोड़

प्लास्टिक के गुण-

  1. प्लास्टिक पर वायु तथा जल की कोई क्रिया नहीं होती अर्थात् वे अक्रियाशील तथा अंसक्षारक प्रकृति के होते हैं।
  2. प्लास्टिक हल्का, मज़बूत तथा टिकाऊ होता है।
  3. कुछ प्लास्टिक की आकृति गर्म करने पर शीघ्र बदली जा सकती हैं जबकि कुछ प्लास्टिक गर्म करने पर नर्म नहीं होते हैं।
  4. प्लास्टिक ताप तथा विद्युत् के कुचालक हैं।

प्लास्टिक के उपयोग-

  1. स्वास्थ्य संबंधी उद्योग में – प्लास्टिक अधिकतर स्वास्थ्य संबंधी उद्योग में दवाईयों की पैकिंग तथा घाव पर टाँके लगाने के लिए धागा, सिरिंज, डॉक्टर के दस्ताने तथा और कई सयंत्र बनाने में उपयोग किया जाता है।
  2. रसोई के बर्तन बनाने में – माइक्रोओवन में खाना पकाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले विशेष बर्तन प्लास्टिक के बनाए जाते हैं जो उच्च तापमान सहन कर सकते हैं।
  3. टैफ्लॉन जो एक प्रकार का प्लास्टिक है से न चिपकने वाले खाना बनाने के बर्तन तैयार किए जाते हैं। इन पर तेल तथा पानी नहीं चिपकता है।
  4. फायरमैन की पोशाक के भीतर मेलामाइन प्लास्टिक की तह बनाई जाती है। यह पोशाक को ताप प्रतिरोधक बना देता है।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 6 ऊतक

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 6 ऊतक Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 6 ऊतक

PSEB 9th Class Science Guide ऊतक Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
ऊतक को परिभाषित करें।
उत्तर-
एक समान उत्पत्ति, संरचना और कार्य करने वाली कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहते हैं।

प्रश्न 2.
कितने प्रकार के तत्व मिलकर जाइलम ऊतक का निर्माण करते हैं ? उनके नाम बतायें।
उत्तर-
ज़ाइलम ऊतक का निर्माण चार प्रकार की अवयवों के मिलने से होता है, वे हैं-ट्रैकीड्स, वाहिका, ज़ाइलम पैरेंकाइमा और जाइलम फ़ाइबर्स।

प्रश्न 3.
पौधों में सरल ऊतक जटिल ऊतक से किस प्रकार भिन्न होते हैं ?
उत्तर-

सरल ऊतक (Simple Tissue) जटिल ऊतक (Complex Tissue)
1. ये एक ही प्रकार की कोशिकाओं से निर्मित होते हैं। उदाहरण-पैरेंकाइमा, कालेंकाइमा और स्क्लेरेंकाइमा। 1. ये अनेक प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर निर्मित होते हैं। उदाहरण-ज़ाइलम, फ्लोएम।
2. ये परत ऊतक के आधारीय पैकिंग का निर्माण करते हैं। 2. ये संवहन बंडल का निर्माण करते हैं।
3. ये पतली कोशिका भित्ति वाली सरल कोशिकाओं के बने होते हैं। 3. इनकी कोशिका भित्ति मोटी होती है।
4. ये जीवित कोशिकाएं हैं जो शिथिलता से जुड़ी होती हैं इसलिए इनकी कोशिकाओं के बीच काफ़ी जगह पाई जाती है। 4. जाइलम की अधिकांश कोशिकाएं मृत होती हैं तथा फ्लोएम में फ्लोयम रेशे मृत होते हैं। इनकी आकृति नालिकाएं या छिद्रित भित्ति वाली होती है।

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प्रश्न 4.
कोशिका भित्ति के आधार पर पैरेंकाइमा, कॉलेंकाइमा और स्कैलेरेंकाइमा के बीच अंतर बताएं।
उत्तर-

पैरेंकाइमा कॉलेंकाइमा स्कैलेरेंकाइमा
1. इनमें कोशिका भित्ति पेक्टिन तथा सेल्यूलोज की बनी होती है। 1. इनमें कोशिका भित्ति पेक्टिन तथा सेल्यूलोज की बनी होती है। 1. इनमें कोशिका भित्ति लिजिनन की बनी होती है।
2. यह गोल, बारीक कोशिका भित्ति वाली कोशिकाओं से बना होता है। 2. यह बहुभुजी कोशिकाओं का बना होता है। 2. यह मोटी भित्ति वाली कोशि-काओं का बना होता है।

प्रश्न 5.
रंध्र के क्या कार्य हैं ?
उत्तर-
रंध्र वायुमंडल से गैसों का आदान-प्रदान करते हैं। वाष्पोत्सर्जन की क्रिया भी इन्हीं के द्वारा होती है।

प्रश्न 6.
तीनों प्रकार के पेशीय रेशों के चित्र बनाकर अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर-
पेशीय ऊतक लंबी कोशिकाओं का बना होता है जिसे पेशीय रेशा भी कहते हैं। ये हमारे शरीर में गति के लिए उत्तरदायी होता है। ये तीन प्रकार के हैं-ऐच्छिक पेशी, अनैच्छिक पेशी और हृदय पेशी।

अंतर

ऐच्छिक पेशी अनैच्छिक पेशी हृदय पेशी
1. ये प्रायः अस्थियों से जुड़ी होती हैं। 1. ये आंख की पलकों, मूत्रवाहिनी और फेफड़ों की श्वसनी में होती हैं। 1. ये हृदय में पाई जाती है।
2. ये ऐच्छिक होती हैं। 2. ये अनैच्छिक होती हैं। 2. ये अनैच्छिक होती हैं।
3. इनमें गहरे तथा हल्के रंग की पटियां होती हैं। इसलिए इन्हें रेखित पेशियां भी कहते हैं। 3. इनमें गहरे तथा हल्के रंग की पटियां नहीं होती। इसीलिए इन्हें अरेखित पेशियां भी कहते हैं। 3. इनमें गहरे तथा हल्के रंग की पटियां नहीं होती।
4. ये लंबी, बेलनाकार, शाखारहित और और बहुनाभीय होती हैं।
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4. ये लंबी, एक केंद्रकीय और बहु सिरे से नुकीली होती हैं।
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4. ये बेलनाकार शाखाओं वाली बहु केंद्रकीय होती है।
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प्रश्न 7.
कॉर्डिक ( हृदयक) पेशी का विशेष कार्य क्या है ?
उत्तर-
हृदयक पेशी का विशेष कार्य पूरे जीवन भर लयबद्ध होकर बिना थके हुए प्रसार और संकुचन करना है। इसी के परिणामस्वरूप रक्त सारे शरीर में गति करता है।

प्रश्न 8.
रेखित, अरेखित तथा कार्डियक ( हृदयक ) पेशियों में शरीर में स्थित कार्य और स्थान के आधार पर अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर-

रेखित पेशियां अरेखित पेशियां कार्डियक (हृदयक) पेशियां
शरीर में स्थिति स्थान हाथ, पैर, अस्थियों से जुडी हुई। आहारनली में भोजन का प्रवाह आँख की पलक, मूत्रवाहिनी, फेफड़ों की श्वसनी, रक्त नली का प्रसार एवं सकुंचन। हृदय की दीवारों में पाई जाती हैं।
कार्य शरीर को इच्छानुसार गति प्रदान करती है। ये जंतु की इच्छा पर संचालित नहीं होती। पेशियां स्वयं इन की गति नियंत्रित करती हैं। पेशियां स्वयं नियंत्रित करके के हृदय की धड़कन बनाए रखता हैं।

प्रश्न 9.
न्यूरॉन का एक चिह्नित चित्र बनायें।
उत्तर-
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर के अंतर्गत प्रश्न संख्या 2 पृष्ठ संख्या 139 देखिए।

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प्रश्न 10.
निम्नलिखित के नाम लिखें-
(अ)ऊतक जो मुँह के भीतर अस्तर का निर्माण करता है।
(ब) ऊतक जो मनुष्य की पेशियों को अस्थि से जोड़ता है।
(स) ऊतक जो पौधों में भोजन का संवहन करता है।
(द) ऊतक जो हमारे शरीर में वसा का संचय करता है।
(य) तरल आधात्री सहित संयोजी ऊतक,
(र) मस्तिष्क में स्थित ऊतक।
उत्तर-
(अ) शल्की एपिथीलियम (Squanous Epithelium)
(ब) कंडरा (Tendon)
(स) फ्लोएम (Phloem)
(द) वसामय ऊतक (Adipose Tissue)
(य) रक्त (Blood)
(र) न्यूरॉन (Neuron)।

प्रश्न 11.
निम्नलिखित में ऊतक के प्रकार की पहचान करें-
त्वचा, पौधे का वल्क, अस्थि, वृक्कीय नलिका अस्तर, संवहन बंडल।
उत्तर-
त्वचा – शल्की एपिथीलियम ऊतक
पौधे का वल्क – विभाज्योतक
अस्थि – अस्थि संयोजी ऊतक
वृक्कीय नलिका अस्तर – घनाकार एपिथीलियम
संवहन बंडल – जटिल ऊतक।

प्रश्न 12.
पैरेंकाइमा ऊतक किस क्षेत्र में स्थित होते हैं ? नाम बतायें।
उत्तर-
जब पैरेंकाइमा में क्लोरोफिल पाया जाता है, जिसके कारण प्रकाश-संश्लेषक की क्रिया संपन्न होती है तब इसे क्लोरेंकाइमा कहते हैं। जलीय पौधों में जब पैरेंकाइमा की कोशिकाओं में हवा भरी होती है और यह पौधों को तैरने के लिए उत्पलावन बल प्रदान करते हैं तब इसे एरेंकाइमा कहते हैं।

प्रश्न 13.
पौधों में एपीडर्मिस की क्या भूमिका है ?
उत्तर-
पौधों की कोशिकाओं की सबसे बाहरी परत एपीडर्मिस है। शुष्क स्थानों पर मिलने वाले पौधों में यह मोटी हो जाती है और पानी की हानि को कम कर उनकी रक्षा करती है। पौधों की पूरी सतह एपीडर्मिस से ढकी रहती हैं। इसलिए यह पौधों के सभी भागों की रक्षा करती है। इसके बाहर मोम जैसी जल प्रतिरोधी परत बनती है जो जल हानि के विरुद्ध यांत्रिक आघात तथा परजीवी कवक के प्रवेश से पौधों की रक्षा करती है। पत्तियों की एपीडर्मिस में छोटे-छोटे रंध्रों से वायुमंडल से गैसों का आदान-प्रदान होता है, इन्हीं से वाष्पोत्सर्जन क्रिया होती है। जड़ों की एपीडर्मल कोशिकाएं पानी सोखने का कार्य करती हैं । मरुस्थलीय पौधों के बाहरी सतह वाले एपीडर्मिस में रासायनिक पदार्थ क्यूटिन होता है जिस कारण पानी का वाष्प नहीं होता।

प्रश्न 14.
छाल (कॉर्क) किस प्रकार सुरक्षा ऊतक के रूप में कार्य करता है ?
उत्तर-
छाल (कॉर्क) पौधों के भीतर की कोशिकाओं की रक्षा करता है। इसका सुरक्षा ऊतक के रूप में कार्य रोधन तथा घातरोधत का है। जब वृक्ष की आयु बढ़ती है तो उस पर विभाज्योतक की पट्टी आ जाती है। बाहरी सतह की कोशिकाएं इससे अलग हो जाती हैं तथा पौधों पर बहुपरतों वाली मोटी कार्क का निर्माण करती है। यह मृत कोशिकाओं की होती है और बिना अंत:कोशिकीय स्थानों के होती है। इस पर सुबरिन नामक रसायन होता है जो हवा और पानी को प्रवेश नहीं करने देता।

प्रश्न 15.
निम्न दी गई तालिका को पूर्ण करें।
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उत्तर-
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Science Guide for Class 9 PSEB ऊतक InText Questions and Answers

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1.
ऊतक क्या हैं ?
उत्तर-
ऊतक समान उत्पत्ति, संरचना तथा कार्य करने वाली कोशिकाओं का एक समूह होता है।

प्रश्न 2.
बहुकोशिक जीवों में ऊतकों का क्या उपयोग है ?
उत्तर-
बहुकोशिकीय जीवों में लाखों कोशिकाएं होती हैं जो परस्पर मिलकर ऊतकों के रूप में विशेष कार्यों को संपन्न कराती हैं। मनुष्यों तथा पशु-पक्षियों में पेशिया इन्हीं से फैलती-सिकुड़ती हैं जिससे गति होती है, तंत्रिका से संदेशों का वहन होता है, रक्त ऑक्सीजन, भोजन, हारमोन तथा अपशिष्ट पदार्थों का वहन होता है। पौधों में भोजनपानी एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाता है। ऊतक पेड़-पौधों को स्थिरता प्रदान करते हैं, उन्हें सहारा और मज़बूती देते हैं।

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प्रश्न 3.
प्रकाश-संश्लेषण के लिए किस गैस की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
प्रकाश-संश्लेषण के लिए कार्बन डाइऑक्साइड गैस की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 4.
पौधों में वाष्पोत्सर्जन के कार्यों का उल्लेख करें।
उत्तर-
पौधों के पत्तों में छोटे-छोटे छिद्र होते हैं जिन्हें स्टोमेटा कहते हैं। इन पर रक्षी कोशिकाएं होती हैं जो गैसों का आदान-प्रदान करती हैं। ये पृथ्वी से प्राप्त जल का वाष्पन करती हैं।
पौधों में वाष्पोत्सर्जन के उपयोग-

  1. इससे पौधों में यांत्रिक रूतक सुदृढ़ होते हैं।
  2. इसके खिंचाव के कारण पौधों में जल और खाद्य लवणों का संवहन होता है।
  3. इससे जल पौधे के माध्यम से वायुमंडल में प्रवेश करता है जिससे पौधों का तापमान नहीं बढ़ पाता।
  4. पौधे से अतिरिक्त जल का निष्कासन हो जाता है।

प्रश्न 5.
सरल ऊतकों के कितने प्रकार हैं ?
उत्तर-
सरल स्थायी ऊतक तीन प्रकार के हैं। वे हैं-पैरेंकाइमा (मृदुतक Parenchyma), कालेंकाइमा (स्थूल कोण ऊतक Collenchyma), स्क्ले रेंकाइमा (दृढ़ ऊतक Sclerenchyma)।

प्रश्न 6.
प्ररोह का शीर्षस्थ विभाज्योतक कहाँ पाया जाता है ?
उत्तर-
जड़ों और तनों की वृद्धि वाले भाग में पाया जाता है और यह इनकी लंबाई में वृद्धि करता है।

प्रश्न 7.
नारियल का रेशा किस ऊतक से बना होता है ? उत्तर-नारियल का रेशा स्क्लेरेंकाइमा ऊतक से बना होता है। प्रश्न 4. फ्लोएम के संघटक कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
चालनी नलिका, साथी कोशिका, फ्लोएम पैरेंकाइमा तथा फ्लोएम रेशे।

प्रश्न 8.
उस ऊतक का नाम बतायें जो हमारे शरीर में गति के लिए उत्तरदायी है।
उत्तर-
तंत्रिका और पेशीय ऊतकों का कार्यात्मक संयोजन हमारे शरीर में गति के लिए उत्तरदायी है।

प्रश्न 9.
न्यूरॉन देखने में कैसा लगता है ?
उत्तर-
तंत्रिका ऊतक की कोशिकाओं को न्यूरॉन कहते हैं । इन में कोशिकाओं केंद्रक तथा साइटोप्लाज़म होते हैं। इससे लंबे और पतले बालों जैसी शाखाएं निकली होती हैं। इसमें एक लंबा प्रवर्ध होता है जिसे एक्सॉन कहते हैं और बहुत सारी छोटी शाखा वाले प्रवों को डेंडराइट्स कहते हैं। एक न्यूरॉन एक मीटर लंबी हो सकती है।
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प्रश्न 10.
हृदय पेशी के तीन लक्षणों को बतायें।
उत्तर-

  1. हृदय पेशी अनैच्छिक पेशियों से बनती हैं। इन्हें कार्डिक (हृदयक) पेशी कहते हैं।
  2. यह बेलनाकार, शाखाओं वाली और एक केंद्रकीय होती है।
  3. यह जीवन भर लयबद्ध होकर प्रसार एवं संकुचन करती है।

प्रश्न 4.
एरीओलर ऊतक के क्या कार्य हैं ?
उत्तर-
एरीओलर ऊतक संयोजनी ऊतक, त्वचा और मांसपेशियों के बीच, रक्त नलिका के चारों ओर तथा नसों और अस्थि मज्जा में पाया जाता है। यह अंगों के भीतर की खाली जगह को भरता है तथा भीतरी अंगों को सहारा देता है। यह ऊतकों की मरम्मत करता है।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

PSEB 9th Class Science Guide जीवन की मौलिक इकाई Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
पादप कोशिकाओं तथा जंतु कोशिकाओं में तुलना करो।
उत्तर-
पादप कोशिका तथा प्राणी (जंतु) कोशिका में अंतर
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प्रश्न 2.
प्रोकैरियोटी कोशिकाएँ यूकैरियोटी कोशिकाओं से किस प्रकार भिन्न होती हैं ?
उत्तर-
प्रोकैरियोटी व यूकैरियोटी कोशिकाओं में भेद-

प्रोकैरियोटी कोशिका (Prokaryotic Cell) यूकैरियोटी कोशिका (Eukaryotic Cell)
(1) ये प्राय छोटे आकार के होते हैं (1-10 μm)। (1) ये प्रायः बड़े आकार के होते हैं (5-100 um)।
(2) इसमें झिल्लियों द्वारा घिरे कोशिकांग जैसे अंतः प्रदव्यी जालिका, गाल्जीकाय, लाइसोसोम, माइटोकांड्रिया आदि अनुपस्थित होते हैं। (2) इन कोशिकाओं में झिल्लियों द्वारा घिरे सभी कोशिकांग पाए जाते हैं।
(3) इनमें राइबोसोम 70 S प्रकार के होते हैं। (3) इनमें राइबोसोम 80 S प्रकार के होते हैं।
(4) इनमें गुण-सूत्र डी० एन० ए० के बने होते हैं तथा कोशिका द्रव्य में पाए जाते हैं। (4) इनमें गुण-सूत्र डी० एन० ए० के बने होते हैं तथा केंद्रक कवक में पाए जाते हैं।
(5) इनमें गुण-सूत्र केंद्रक कला द्वारा घिरे हुए नहीं होते। (5) इनमें गुण-सूत्र केंद्रक कला द्वारा घिरे हुए होते हैं।
(6) इसमें केंद्रिकाएं अनुपस्थित होती हैं। (6) इसमें केंद्रिकाएं पाई जाती हैं।
(7) इसमें केवल एक गुण-सूत्र होता है। (7) इसमें एक से अधिक गुण-सूत्र होते हैं।
(8) इसमें कोशिका विभाजन कलिका उत्पादन (budding) अथवा खंडन (fission) विधि द्वारा होता है। (8) इसमें कोशिका विभाजन सूत्री (mitosis) अथवा अर्ध सूत्री (meiosis) विधि द्वारा होता है।

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प्रश्न 3.
यदि प्लैज्मा झिल्ली फट जाए अथवा टूट जाए तो क्या होगा ?
उत्तर-
यदि प्लैज्मा झिल्ली फट जाए अथवा टूट जाए तो कोशिका अंगक लाइसोसोम फट जाएंगे और एंजाइम अपनी ही कोशिकाओं को पाचित कर लेंगे। ऐसी स्थिति में कोशिका का जीवित रहना कठिन हो जाएगा।

प्रश्न 4.
यदि गॉल्जी उपकरण न हो तो कोशिका के जीवन में क्या होगा ?
उत्तर-
यदि गॉल्जी उपकरण न हो अंतर्द्रव्यी जालिका (ER) में संश्लेषित पदार्थ कोशिका के बाहर तथा अंदर विभिन्न क्षेत्रों में नहीं आ पाएंगे। यह लाइसोसोम को बनाने में सहायक है जिससे कोशिका का अपशिष्ट निपटाया जाता है। गॉल्जी उपकरण के बिना पदार्थों का संचयन और रूपांतरण नहीं हो पाएगा।

प्रश्न 5.
कोशिका का कौन-सा अंगक बिजलीघर है ? और क्यों ?
उत्तर-
माइटोकांड्रिया कोशिका का बिजलीघर है। इसे कोशिका में भोजन पदार्थों के ऑक्सीकरण का स्थान माना जाता है। इसके श्वसन से पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है। इसी कारण इसे कोशिका का ऊर्जा घर कह जाता है।

प्रश्न 6.
कोशिका झिल्ली को बनाने वाले लिपिड तथा प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ होता है ?
उत्तर-
खुरदरी अंतर्द्रव्यी जालिका (RER) पर राइबोसोम लगे होते हैं जो प्रोटीन का संश्लेषण करते हैं। चिकनी अंतर्द्रव्यी जालिका (SER) लिपिड का संश्लेषण करती है।

प्रश्न 7.
अमीबा अपना भोजन कैसे प्राप्त करता है ?
उत्तर-
कोशिका झिल्ली में लचीलापन होता है जो अमीबा को बाह्य पर्यावरण से अपना भोज्य तथा अन्य पदार्थ ग्रहण करने में सहायता करता है। जिस प्रक्रिया से अमीबा अपना भोजन प्राप्त करता है, उसे एंडोसाइटोसिस कहते हैं। अमीबा जल में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीवों को अपना आहार बनाता है। वह अपने भोजन को किसी भी सतह से कूटपाद के द्वारा ग्रहण कर लेता है। जब भोज्य पदार्थ उसके संपर्क में आता है तो वह अपने कूटपादों से उसे चारों ओर से घेर लेता है और वह प्यालेनुमा रचना के द्वारा करता है जिसे खाद्यधानी या रिक्तिका कहते हैं। इस तरह खाद्य पदार्थ
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कोशिका द्रव्य में खाद्य के साथ खाद्यधानी कोशिका के भीतर एक थैली में बंद हो जाता है। अंतर्कोशिकीय पाचन प्रणाली से भोजन का पाचन एंजाइमों की सहायता से खाद्यधानी में होता है। पचा हुआ भोजन विसरण-प्रक्रिया से कोशिका द्रव्य में जाकर अवशोषित हो जाता है जिसे स्वांगीकरण कहते हैं । जो भोजन पच नहीं पाता वह शारीरिक सतह से खाद्य रिक्तिका के माध्यम से बाहर निकल जाता है। इसे बाहय क्षेपण कहते हैं।

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प्रश्न 8.
परासरण क्या है ?
उत्तर-
परासरण – जल के अणुओं की गति जब वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली के द्वारा हो तो उसे परासरण कहते हैं। प्लैज्मा झिल्ली से जल की गति जल में घुले पदार्थों की मात्रा के कारण प्रभावित होती है। जल के अणु वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली से उच्च जल की सांद्रता से निम्न जल की सांद्रता की ओर जाते हैं। वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली अपने छोटे-छोटे छिद्रों से जल अणुओं को पार गुजरने देती है पर घुलनशील पदार्थ के बड़े अणु इससे नहीं गुज़र पाते।
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परागम्य झिल्ली परासरण प्रक्रिया की घटनाएं प्रायः तीन प्रकार की होती हैं-
(क) अल्पपरासरण – यदि कोशिका को तनु घोल माध्यम में रखा जाए तो जल परासरण विधि से जल कोशिका में चला जाता है। तनु घोल में नमक या चीनी या किसी अन्य लवण की मात्रा कम और जल की मात्रा ज्यादा होती है। जल के अणु कोशिका झिल्ली के दोनों ओर आने-जाने के लिए स्वतंत्र होते हैं पर कोशिका के भीतर जाने वाले जल की मात्रा कोशिका से बाहर आने वाले जल की मात्रा से अधिक होगी। इसका परिणाम यह होता है कि कोशिका फूलने लगती है। जल में डूबी किशमिश या खुबानी इसी कारण फूल जाती हैं।
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(ख) सम परासरण – यदि कोशिका ऐसे माध्यम घोल में रखी जाए जिसमें बाहरी जल की सांद्रता कोशिका में विद्यमान जल की सांद्रता के बिल्कुल बराबर हो तो कोशिका झिल्ली से जल में से कोई शुद्ध गति नहीं होगी। जल कोशिका में आता-जाता है पर जल की जो मात्रा भीतर जाती है उतनी ही बाहर आ जाती है।

(ग) अति परासरण – यदि कोशिका के बाहर वाला घोल भीतर के घोल से सांद्र हो तो जल परासरण से कोशिका से बाहर आ जाएगा। इस स्थिति में कोशिका से ज्यादा जल बाहर आएगा और कम जल भीतर जाएगा।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित परासरण प्रयोग करें
छिले हए आधे-आधे आलू के चार टुकड़े लो, इन चारों को खोखला करो जिससे कि आलू के कप बन जाएँ। इनमें से एक कप को उबले आलू में बनाना है। आलू के प्रत्येक कप को जल वाले बर्तन में रखो। अब
(a) कप ‘A’ को खाली रखो,
(b) कप ‘B’ में एक चम्मच चीनी डालो,
(c) कप ‘C’ में एक चम्मच नमक डालो तथा
(d) उबले आलू से बनाए गए कप ‘D’ में एक चम्मच चीनी डालो।
आलू के इन चारों कपों को दो घंटे तक रखने के पश्चात् उनका अवलोकन करो तथा निम्न प्रश्नों का उत्तर दो :
(i) ‘B’ तथा ‘C’ खाली भाग में जल क्यों एकत्र हो गया ? इसका वर्णन करो।
(ii) ‘A’ आलू इस प्रयोग के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है ?
(iii) ‘A’ तथा ‘D’ आलू के खाली भाग में जल एकत्र क्यों नहीं हुआ ? इसका वर्णन करो।
उत्तर-
छिले हुए कच्चे आलू से बने तीन तथा उबले हुए आलू से बने एक कप को चित्रानुसार जल से भरे बर्तन में रखो।
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(i) B और C कप में जल एकत्रित हो गया। कच्चे आलू से बने दोनों कप वर्णात्मक पारगम्यता का कार्य करते हैं और जल परासरण विधि से जल खोखले आलुओं के भीतर चला गया। क्योंकि उनके भीतर चीनी और नमक विद्यमान थे। यह अल्पपरासरण का परिणाम है क्योंकि आलू के कपों के अंदर जाने वाले जल की मात्रा उससे बाहर आने वाले जल की मात्रा से अधिक थी।

(ii) ‘A’ आलू का कप कच्चे आलू से बना था जो वर्णानात्मक पारगम्य झिल्ली का कार्य करता है। भीतर से खाली होने के कारण जल में कोई शुद्ध गति नहीं हुई। यह नियंत्रण का कार्य करता है।

(iii) A और D कपों में जल एकत्रित नहीं हुआ क्योंकि दोनों में बाहरी जल की सांद्रता कपों में स्थित जल की सांद्रता के बराबर थी। जिस कारण परासरण नहीं होता। कप A कच्चे आलू का बना था और भीतर से खाली था पर कप D उबले आलू का था जिसमें एक चम्मच चीनी थी। उबला होने के कारण वह वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली का कार्य नहीं करेगा। जिस कारण आलू के कपों से जल में कोई शुद्ध गति नहीं हो सकी।

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पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1.
कोशिका की खोज किसने और कैसे की ?
उत्तर-
कोशिका की खोज रॉबर्ट हुक ने सन् 1665 में की थी। उन्होंने स्वनिर्मित सूक्ष्मदर्शी से कार्य की पतली काट को देखा था जिस में मधुमक्खी के छत्ते जैसी संरचना दिखाई दी थी। लेटिन भाषा में Cellulae (कोशिका) का अर्थ ‘छोटा कमरा’ है और यही नाम कोशिका के लिए प्रचलित हो गया था।

प्रश्न 2.
कोशिका को जीवन की संरचनात्मक व क्रियात्मक इकाई क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
कोशिका की रचना अनेक कोशिकाओं से होती है। कोशिकाओं की आकृति और आकार उनके विशेष कार्यों के अनुरूप होते हैं। कोशिकांगों के कारण ही कोई कोशिका जीवित रहती है और अपने सभी कार्य करती है इसीलिए कोशिका को जीवन की संरचनात्मक और क्रियात्मक इकाई कहते हैं।

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प्रश्न 3.
CO2 तथा पानी जैसे पदार्थ कोशिका से कैसे अंदर तथा बाहर जाते हैं ? इस पर चर्चा करें।
उत्तर-
CO2 तथा पानी जैसे पदार्थ कोशिका झिल्ली से आर-पार विसरण प्रक्रिया द्वारा आ-जा सकते हैं।

(i) CO2 का बाहर जाना – CO2 एक कोशीय अपशिष्ट है जिसे कोशिका से बाहर निकालना आवश्यक है। जब कोशिका में इसकी मात्रा बढ़ जाती है तो इसकी सांद्रता वातावरण में उपस्थित CO2 की सांद्रता से बढ़ जाती है। जैसे ही कोशिका के भीतर और बाहर CO, की सांद्रता में अंतर आता है वैसे ही उच्च सांद्रता से निम्न सांद्रता की ओर विसरण द्वारा कोशिका से CO2 बाहर निकल जाती है।

(ii) O2 का भीतर जाना – जब कोशिका में ऑक्सीजन की सांद्रता कम हो जाती है तो वह बाहर से कोशिका में विसरण द्वारा भीतर चली जाती है।

(iii) पानी का भीतर तथा बाहर जाना – पानी भी विसरण के नियमों के अनुसार व्यवहार करता है। पानी के अणुओं की गति जब वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली से होती है तो उसे परासरण कहते हैं । प्लैज्मा झिल्ली से पानी की गति पानी में घुले हुए पदार्थों की मात्रा के कारण प्रभावित होती है। वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली से पानी के अणु उच्च पानी की सांद्रता से निम्न पानी की सांद्रता की तरफ गति करते हैं। यदि कोशिका को तनु विलयन वाले माध्यम में रखा जाए तो पानी अधिक मात्रा में होने के कारण परासरण विधि से कोशिका में चला जाएगा। पानी के अणु कोशिका झिल्ली के दोनों और आने-जाने के लिए स्वतंत्र होते हैं पर कोशिका के भीतर जाने वाले पानी की मात्रा कोशिका से बाहर आने वाले पानी की मात्रा से ज्यादा होगी, यदि कोशिका में पानी अधिक गया तो वह फूलने लगती है। यदि कोशिका को ऐसे माध्यम में रखा जाए जिसमें बाहरी पानी की सांद्रता कोशिका में विद्यमान पानी की सांद्रता के बराबर हो तो कोशिका झिल्ली से न पानी जाता है और न ही पानी आता है। यदि कोशिकाओं के बाहर वाला विलयन भीतर के घोल से सांद्र हो तो पानी परासरण से कोशिका से बाहर आ जाएगा जिस कारण कोशिका सिकुड़ जाएगी।

प्रश्न 4.
प्लैज्मा झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
लिपिड और प्रोटीन से बनी प्लैज़्मा झिल्ली लचीली होती है जो कोशिका के घटकों को बाहरी पर्यावरण से अलग करती है। यह कुछ पदार्थों को अंदर या बाहर आने-जाने देती है। यह अन्य पदार्थों की गति को भी रोकती है। विसरण प्रक्रिया से CO2 तथा O2 इसके आर-पार जा सकती है। जल के अणुओं की गति भी परासरण प्रक्रिया से होती है। चूंकि प्लैज्मा झिल्ली आवश्यक पदार्थों को उच्च सांद्रता से निम्न सांद्रता की ओर आने-जाने देती है इसलिए इसे वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली कहते हैं।

प्रश्न 5.
क्या अब आप निम्नलिखित तालिका में दिए गए रिक्त स्थानों को भर सकते हैं, जिससे कि प्रोकैरियोटी तथा यूकैरियोटी कोशिकाओं में अंतर स्पष्ट हो सके :

प्रोकैरियोटी कोशिका यूकैरियोटी कोशिका
1. आकार प्रायः छोटा (1-10 μm)
1 μm = 10-6m.
1. आकार प्रायः बड़ा (5-100 μm)
2. केंद्रकीय क्षेत्र : ………………….. और उसे ……….. कहते हैं। 2. केंद्रकीय क्षेत्र : सुस्पष्ट जो चारों ओर से केंद्रकीय झिल्ली से घिरा रहता है।
3. क्रोमोसोम : एक 3. क्रोमोसोम : एक से अधिक
4. झिल्ली युक्त कोशिका अंगक अनुपस्थित 4. …………………………

उत्तर-

प्रोकैरियोटी कोशिका यूकैरियोटी कोशिका
1. आकार प्रायः छोटा (1-10 μm)
1μm = 10-6m.
1. आकार प्रायः बड़ा (5-100 μm)
2. केंद्रकीय क्षेत्र : अस्पष्ट केंद्रक क्षेत्र में केवल क्रोमैटिन पदार्थ होता है और उसे केंद्रकाय कहते हैं। 2. केंद्रकीय क्षेत्र : सुस्पष्ट जो चारों ओर से केंद्रकीय झिल्ली से घिरा रहता है।
3. क्रोमोसोम : एक 3. क्रोमोसोम : एक से अधिक
4. झिल्ली युक्त कोशिका अंगक अनुपस्थित। 4. केंद्रकीय झिल्ली तथा झिल्ली युक्त उपस्थित।

प्रश्न 6.
क्या आप दो ऐसे अंगकों का नाम बता सकते हैं जिनमें अपना आनुवंशिक पदार्थ होता है ?
उत्तर-
माइटोकाँड्रिया तथा प्लैस्टिड में अपना DNA अणु के रूप में होता है जिनमें कोशिका के निर्माण और संगठन की सभी आवश्यक सूचनाएं होती हैं।

प्रश्न 7.
यदि किसी कोशिका का संगठन किसी भौतिक अथवा रासायनिक प्रभाव के कारण नष्ट हो जाता है, तो क्या होगा ?
उत्तर-
यदि किसी कोशिका का संगठन किसी भौतिक या रासायनिक प्रभाव के कारण नष्ट हो जाता है तो कोशिका का अपशिष्ट निपटाने वाला तंत्र लाइसोसोम फट जाते हैं और एंजाइम अपनी ही कोशिकाओं को पाचित कर देते हैं।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

प्रश्न 8.
लाइसोसोम को आत्मघाती थैली क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
जब कोशिका क्षतिग्रस्त या मृत हो जाती है तो लाइसोसोम फट जाते हैं और एंजाइम अपनी ही कोशिकाओं को पचा लेते हैं इसलिए लाइसोसोम को ‘आत्मघाती थैली’ कहते हैं।

प्रश्न 9.
कोशिका के अंदर प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ होता है ?
उत्तर-
कोशिका द्रव्य में राइबोसोम छोटे-छोटे कणों के रूप में अंतः प्रद्रव्यी जालिका के तल पर तथा केंद्रक झिल्ली के ऊपर मिलते हैं जो प्रोटीन का संश्लेषण करने में सहायक होते हैं।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 8 माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-II

Punjab State Board PSEB 10th Class Computer Book Solutions Chapter 8 माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-II Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Computer Chapter 8 माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-II

Computer Guide for Class 10 PSEB माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-II Textbook Questions and Answers

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न

(A) बहुविकल्पीय प्रश्न

1. आजकल ब्रोशर इलैक्ट्रानिक फारमेट में भी उपलब्ध होते हैं तथा इस को ……………………….. कहते हैं।
(a) ई-ब्रोशर
(b) एम ब्रोशर
(c) टी-ब्रोशर
(d) के ब्रोशर।
उत्तर-
(a) ई-ब्रोशर

2. प्रकाशक में, चीज़ों की एक सूची क्या है ?
(a) बैनर
(b) कैटालॉग
(c) लेबल
(d) खबरों का पत्र।
उत्तर-
(b) कैटालॉग

3. किसी के नाम, काम, बिजनैस, एडरैस आदि के साथ छपे एक छोटे से कार्ड को ………………….. कहते हैं।
(a) ब्रोशर
(b) न्यूज़लेटरज
(c) बिज़नेस कार्ड
(d) मीनू।
उत्तर-
(c) बिज़नेस कार्ड

4. कागज़, पोलीमार, वस्त्र, धातु या अन्य सामग्री को एक कंटेनर या प्रोडक्ट के साथ जोड़ा जाता है ?
(a) लेबल
(b) लैटर हैड
(c) ग्रीटिंग कार्ड
(d) मीनू।
उत्तर-
(a) लेबल

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5. प्रिंट किए हुए हैडिंग के साथ स्टेशनरी क्या है ? हैडिंग में साधारण रूप से एक नाम, एक लोगो और एक पता होता है ।
(a) लैटरहैड
(b)
(c) सादा
(d) कैटालॉग।
उत्तर-
(a) लैटरहैड

6. नौकरी के निवेदन पत्रों में निवेदकों की तरफ से निवेदन किया गया आम दस्तावेज़ क्या होता है ?
(a) बैनर
(b) रिज्यूम
(c) कैलेंडर
(d) फलाइर।
उत्तर-
(b) रिज्यूम

7. सामाजिक, धार्मिक, व्यापारिक या प्रशासकीय उद्देश्यों के लिए प्रबंधन दिन और समय के समय, साधारण रूप से दिन, सप्ताह, महीनों और सालों के नाम क्या प्रदान करते हैं ?
(a) विज्ञापन
(b) सर्टीफिकेट
(c) चिन्ह
(d) कैलेंडर।
उत्तर-
(d) कैलेंडर।

8. रिज्यूम से ज्यादा लंबा क्या होता है ? कम से कम दो या तीन पन्ने। .
(a) करिकुल्म विटे (सी०वी०)
(b) बैनर
(c) इनवीटेशन
(d) कैटालॉग।
उत्तर-
(a) करिकुल्म विटे (सी०वी०)

9. मेहमान से हुक्म देने या लेने का मुख्य तरीका क्या है ?
(a) रिज्यूम
(b) लेबल
(c) मीनू
(d) बैनर।
उत्तर-
(c) मीनू

10. बच्चे हमारे मनोरंजन के समय ……….. का आनंद ले सकते हैं और कुछ रचनात्मक बातें कर सकते हैं।
(a) लैटरहैड
(b) न्यूज़लैटर
(c) पेपर फोल्डिंग प्रोजैक्ट
(d) रिज्यूम।
उत्तर-
(c) पेपर फोल्डिंग प्रोजैक्ट|

(B) रिक्त स्थान भरें

1. इश्तिहारबाज़ी से भाव है कि कंपनी लोगों को अपना ….., ………….. या विचार खरीदने के लिए कैसे उत्साहित करती है।
उत्तर-
प्रोडक्ट और सर्विस,

2. एम०एस० प्रकाशक ब्रोशर, न्यूज़लैटर, ………. और ……… समेत भिन्न-भिन्न तरह के प्रकाशन बनाने में हमारी मदद के लिए टैंपलेट और अन्य साधन प्रदान करता है।
उत्तर-
बिजनैस कार्ड और मीनू,

3. कारोबारी कार्ड एक ………… या ………… बारे कारोबार संबंधी जानकारी प्रदान करने वाले कार्ड हैं।
उत्तर-
कंपनी और एक ही व्यक्ति,

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4. एक रिज्यूमे हमारे ………… पहचान के, और अन्य प्राप्तियों और हुनरों के संक्षेप पेश करता है।
उत्तर-
शिक्षा और काम का इतिहास,

5. माइक्रोसॉफ्ट प्रकाशक बच्चों के लिए टैंपलेट पेश करता है, इन टैंपलेटों में भिन्न-भिन्न पेपर फोल्डिंग प्रोजैक्ट जैसे कि …………. कप, और कई अन्य शामिल हैं।
उत्तर-
हवाई जहाज़ और किश्ती।

(C) सही या गलत

1. एक कंप्लीमैंट कार्ड, कार्ड का एक टुकड़ा है जो दोस्ती या किसी और भावना को दर्शाता बढ़िया क्वालिटी वाला कागज़ है।
उत्तर-
सही,

2. उपलब्धियों, मैरिट और सम्मान के प्रमाण-पत्र शक्तिशाली साधन हो सकते हैं।
उत्तर-
सही,

3. एक कैटालॉग चीजों की पूरी सूची जो कि साधारण रूप से व्यवस्थित ढंग से अरेंज होती है।
उत्तर-
गलत,

4. यह कपड़े की एक लंबी पट्टी की तरह होती है। जिस पर किसी प्रदर्शनी, प्रोसैस (मुजाहरा) आदि के स्लोगन या डिज़ाइन होते हैं और जनतक स्थानों पर टंगे होते हैं।
उत्तर-
सही,

5. ब्रोशर प्रोमोशनल दस्तावेज़ हैं, मुख्य रूप से किसी भी कंपनी, संस्था, उत्पादों या सेवाओं को जनता के लिए पेश करने के लिए समाचार पत्रों में बांटा जाता है।
उत्तर-
गलत।

II. अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
कागज़, वस्त्र, लकड़ी या किसी और चीज़ का एक हिस्सा जो तस्वीरों या शब्दों के साथ चित्रित हुआ है और जो किसी खास स्थान, उत्पाद या घटना के बारे में कुछ जानकारी देता है ?
उत्तर-
लेबल (साइल)।

प्रश्न 2.
आम पेकिंग आइटम क्या होती है, साधारण रूप से पतले फ्लैट सामग्री से बनाई जाती है ?
उत्तर-
एनवैलप्ज़।

प्रश्न 3.
किसी व्यक्ति, समूह के एक समूह या किसी अदारे को एक खास क्षेत्र में अपनी उत्तमता को मानता देने के लिए क्या दिया जाता है ?
उत्तर-
अवार्ड सर्टीफिकेट।

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प्रश्न 4.
जनतक स्थान पर व्यापक डिस्ट्रीब्यूशन पोस्ट या डिस्ट्रीक्ट के लिए प्रयोग किये जाने वाले कागजों के इश्तिहार का कौन-सा रूप होता है, व्यक्तियों को दिया जाता है या डाक के द्वारा भेजा जाता है ?
उत्तर-
फलाइरज़।

प्रश्न 5.
एक प्रिंट की रिपोर्ट क्या है जिसमें कोई कारोबार या किसी संस्था की गतिविधियों की खबरें या जानकारी शामिल है।
उत्तर-
न्यूज लेटर।

III. लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
चिन्ह (Sign) स्पष्ट करें।
उत्तर-
यह तस्वीरों या शब्दों से पेंट किया गया कागज़ का एक टुकड़ा, वस्त्र, लकड़ी या कोई अन्य सामग्री होती है जो किसी खास स्थान, उत्पाद या घटना के बारे में कुछ जानकारी देता है।

प्रश्न 2.
रिज्यूम समझाएं।
उत्तर-
एक रिज्यूम हमारी शिक्षा, काम के इतिहास, प्रमाण-पत्रों और अन्य प्राप्तियों और हुनरों को संक्षेप में पेश करता है। रिज्यूम, नौकरी के लिए निवेदन पत्र और निवेदकों के लिए निवेदन किए गए सब से आम दस्तावेज़ हैं।

प्रश्न 3.
बैनर क्या है ?
उत्तर-
किसी समारोह संबंधी जानकारी देने के लिए बनाई जाने वाली सामग्री को दिखाने का एक साधन बैनर है। इसमें काफ़ी बड़े आकार में जानकारी दी जाती है।

प्रश्न 4.
समाचार पत्र (Newsletter) के बारे में समझाएं।
उत्तर-
न्यूजलैटर किसी भी वस्तु से संबंधित जानकारी देने का एक साधन है। इसके द्वारा हम किसी भी क्रिया के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं।

प्रश्न 5.
मीनू क्या है ?
उत्तर-
एक रेस्टरा में, खाने और पीने के ऑफर के लिए एक मीनू होता है।

प्रश्न 6.
फ्रेम क्या है ?
उत्तर-
पब्लिकेशन जिस हिस्से से बनी होती है उसको फ्रेम कहते हैं।

IV. बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
विज्ञापन क्या है ? विज्ञापन के लिए अलग-अलग प्रिंट मीडिया की किस्में बताएं।
उत्तर-
विज्ञापन का अर्थ है कि कंपनी किस तरह लोगों को अपने उत्पादों, सेवाओं या विचारों को खरीदने के लिए उत्तेजित करती हैं। एक विज्ञापन क्या होता है। वह वस्तुएं जो आपका ध्यान अच्छे से अपनी ओर खींचती हैं। यह आमतौर पर किसी विज्ञापन एजेंसी द्वारा डिज़ाइन किया जाता है। विज्ञापन टेलीविज़न, रेडियो, समाचार पत्र, पत्रिका आदि में दिखाई देते हैं। विज्ञापन के प्रायोजक बहुधा व्यापारी होते हैं जो अपने उत्पादों और सेवाओं को पदोन्नत करना चाहते हैं।

विज्ञापनों को अलग-अलग मीडिया द्वारा संचारित किया जाता है जैसे कि पुराना मीडिया जिसका भाव है-समाचार-पत्र, पत्रिका, टेलीविजन, रेडियो, बाहरी विज्ञापन या सीधी मेल और नई मीडिया से भाव है सर्च रिजल्ट, ब्लॉग, वैबसाइट या टैकस्ट संदेश आदि। एक मीडिया में संदेश की असली पेशकारी को विज्ञापन या “AD” द्वारा चित्रित किया जाता है। गैर-व्यावसायिक विज्ञापन में राजनीतिक पार्टियों, रुचि रखने वाले समूह, धार्मिक संगठन और सरकारी एजेंसियां आदि शामिल होती हैं।

ऐम० एस०-पब्लिशर ब्रोशर, समाचार पत्र, व्यापार कार्ड और चित्र मेन्यू सहित अलग-अलग पब्लिकेशन बनाने में हमारी मदद करने के लिए टैम्पलेट और अधिक साधन प्रदान करता है। विज्ञापन के लिए अलगअलग प्रिंट मीडिया नीचे दिए हुए हैं।

  • ब्रोशर (Brochures)
  • न्यूजलैटर (Newsletters)
  • बैनर (Banners)
  • सूची (Catalogs)
  • फ्लाइर्ज (Flyers)

प्रश्न 2.
MS-Publisher इस्तेमाल करने के बाद ब्रोशर कैसे तैयार करें ?
उत्तर-
एक ब्रोशर एक ही सूचना से भरा/कागज़ी दस्तावेज होता है, जो कभी-कभी विज्ञापन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जिसकी टैंपलेट, पैंफलेट या लीफलेट में फोल्ड किया जाता है। ब्रोशर एक प्रोत्साहनपरक दस्तावेज है। जो मुख तौर पर किसी भी कंपनी, संस्था, उत्पादों या सेवाओं को जनता के सामने लाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ब्रोशर को समाचार पत्र में और व्यस्त स्थानों में ब्रोशर रैकों में रखा जाता है। उसको ग्रे-लिटरेचर भी कहा जा जाता है। आज-कल के ब्रोशर इलैक्ट्रॉनिक फार्मेट में भी उपलब्ध हैं और इनको ई-ब्रोशर भी कहा जाता है। इन रिवायती कागज़ ब्रोशर की तुलना को ई-ब्रोशर जो कि कम लागत और अनगिनत लाभ पहुंचाते हैं।

एक ब्रोशर की सबसे आम किस्म बाइ-फोल्ड (bi-fold) (एक शीट जो दोनों तरफ से छपी होती है, और ट्राई-फोल्ड (जिसे तीने पक्षों में फोल्ड) होती हैं।
MS-Publisher का इस्तेमाल करते हुए ब्रोशर तैयार करना-पब्लिशर में ब्रोशर को तैयार करना।
1. File टेब पर क्लिक करें फिर New और फिर Broucher पर क्लिक करें। ब्रोशर के साथ संबद्ध कई टैम्पलेट होते हैं। अपनी पसंद के अनुसार कोई भी चुनें। अब विर्ड की दायरा और चुने हुए ब्रोशर को कस्टमाइज करने के लिए विकल्प देख सकते हैं।

2. अब, ब्रोशर को कलर स्कीम, फौंट स्कीम, पेज आकार के विकल्प और फार्मों की मदद से कस्टमाइज़ करें। ब्रोशर की कलर, फौंट साइज और फार्म बदलने के बाद Create विकल्प पर क्लिक करें। अब हम अपने ब्रोशर के विवरण को एडिट कर सकते हैं और इसकी पब्लिकेशन के तौर पर सेव कर सकते हैं।

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प्रश्न 3.
व्यापार कार्ड क्या है ? पब्लिशर में व्यापार कार्ड बनाने के पद लिखें।
उत्तर-
व्यापार कार्ड एक छोटा-सा कार्ड है जो कि किसी के नाम, व्यवसायों, व्यापार आदि के साथ छपा होता है। उसको व्यापार कार्ड कहते हैं। पब्लिशर में व्यापार कार्ड बनाना –

1. File पर क्लिक करें, फिर New और Business Card पर क्लिक करें। व्यापार कार्ड के साथ संबद्ध ईस्टाल टैंपलेट में बहुत सारे टैंपलेट होते हैं। अपनी पसंद के साथ कोई भी चुन सकते हैं। विर्ड के दाएं ओर, हम कलर स्कीम, फौंट स्कीम, व्यापार की जानकारी, पन्ना आकार के आप्शन और लोगो की मदद से चुने हुए व्यापार कार्ड को कस्टमाइज़ कर सकते हैं।

2. अब हम व्यापार कार्ड के नीचे दिखाई गई तस्वीर में देख सकते हैं कि व्यापार कार्ड पूर्ण रूप से डिज़ाइन हो गई है। अब हम व्यापार का नाम या कोई नाम और पता आदि बदल सकते हैं।

प्रश्न 4.
लेबल क्या है ? लेबल कहां इस्तेमाल हो सकते हैं ?
उत्तर-
लेबल कागज़ का एक टुकड़ा, पॉलिमार, कपड़ा, धातु या कोई अन्य वस्तु होती है जिसको कंटेनर या प्रोडक्ट पर लगा सकते हैं। उत्पादों की उत्पत्ति, निर्माता वर्त, शेल्फ-लाईफ और डीस्पोजल आदि की जानकारी प्रदान करने के लेबल के बहुत सारे उपयोग होते हैं। लेबल इनके लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
1. प्रोडक्ट (Products)-स्थायी प्रोडक्ट लेबल में प्रोडक्ट को पूर्ण जीवन दौरान सुरक्षित रहने की ज़रूरत होती है।

2. पैकेजिंग (Packaging)-पैकेजिंग पर लेबल लगा हो सकता है या यह पैकेजिंग का हिस्सा हो सकता है। इन पर कीमत, वारकोड, यू.पी.सी. (यूनिवर्सल प्रोडक्ट कार्ड) की पहचान, उपयोग की विधि, पता, विज्ञापन रैसिपी और बहुत कुछ हो सकता है।

3. संपत्ति (Assets)-औद्योगिक या फैजी वातावरण में संपत्ति लेबलिंग का उपयोग प्रशासन और

4. वस्त्र (Texttiles)-वस्त्रों में आमतौर पर अलग देखभाल/उपचार के लेबल होते हैं जो आमतौर पर यह दर्शाता है कि आइटम की कैसे धुलाई करनी चाहिए जैसे कि मशीन वॉशेवल या ड्राईक्लीन। टैक्सटाइल लेबल को वस्त्र पर जड़ा जा सकता है और यह गर्मी रोधक, कलर फार्मेट, धोने योग्य (Washable) हो सकता है।

5. मेल-मेल लेबल प्राप्त करता, भेजने वाले और अलग जानकारी जो कि आवाजाई के लिए उपयोगी हो, उसको आईडंटफाई करते हैं।

6. सरक्षा लेबल-इसको प्रामाणिकता, चोरी कटौती और इप्लीकेट से सुरक्षा के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं और आमतौर पर ID कार्ड, क्रेडिट कार्ड, पैकेजिंग और सी०डी०, इलैक्ट्रॉनिक्स उत्पादों से लेकर वस्त्र तक इस्तेमाल किये जाते हैं।

प्रश्न 5.
लैटर-हैड क्या है ? पब्लिशर में लैटर हैड कैसे बनाये जाते हैं ? …
उत्तर-
लैटर-हैड एक स्टेशनरी है। हैडिंग में आमतौर पर एक नाम और एक पता, एक लोगो या कार्पोरेट डिज़ाइन और कई बार एक बैकग्राऊंड पैटर्न होता है। लैटर हैड की अपनी ज़रूरत अनुसार स्टेशनरी पर या सादे कागज़ पर छापा जा सकता है या इलैक्ट्रॉनिक तरीके के साथ भेजा जा सकता है। पब्लिशर में लैटर-हैड बनाना-यहां हम ऐम०एस० पब्लिशर का उपयोग करते हुए इस संस्था के लिए लैटर हैड बना रहे हैं। इसके लिए नीचे दिए गये पद की पालना कीजिए –
1. File टैब पर क्लिक करें, फिर New और फिर Letterhead पर क्लिक करें। अपनी पसंद के अनुसार कोई भी चुनें, विर्ड की दायरा और रंग स्कीम, फौंट स्कीम, व्यापार जानकारी और लोगो को हम कस्टमाईज़ कर सकते हैं।

2. रंग, फौंट, आकार और सूचना बदलने के बाद, Create विकल्प पर क्लिक करें। लैटर-हैड दिखाई दे सकती है।

3. अब सूचना को ऐडिट करें, जिसको हम नीचे दिए गई तस्वीर में देख सकते हैं और इन परिवर्तनों को Save कर लीजिए।

प्रश्न 6.
कैलेंडर क्या है ? MS-Publisher में कैलेंडर कैसे बनाए जाए ?
उत्तर-
एक कैलेंडर सामाजिक, धार्मिक, व्यापारिक या प्रशासनिक उद्देश्य के लिए दिनों को प्रदर्शित करने की प्रणाली है। कैलेंडर का उपयोग लोगों की निजी शैड्यूल, समय और गतिविधियों को प्रदर्शित करने के लिए भी किया जाता है। कैलेंडर पूर्ण टाइमकिपिंग प्रणाली में उपयोग किया जाता है- जैसे समय के किसी खास पल को दर्शाने के लिए तिथि और समय। ऐम०एस पब्लिशर में कैलेंडर बनानाFile टैब पर क्लिक करें और फिर New और फिर Calendar पर क्लिक करें।
1. उपलब्ध टैपलेट में से कैलेंडर के साथ शब्द टैंपलेट्स अपनी पसंद के अनुसार कोई भी चुनें।

2. अब, कैलेंडर स्कीम, फौंट स्कीम, व्यापार जानकारी, पेज साइज के विकल्पों और खासतौर पर टाइमफ्रेम (एक महीने प्रति पन्ना या एक साल प्रति पन्ना) की मदद से अपने कैलेंडर को कस्टमाइज़ कर सकते हैं।

3. कैलेंडर को कस्टमाइज़ करने के बाद, Create विकल्प पर क्लिक करें।

4. अब हम नीचे दिए गए चित्र में दिखाई गई कैलेंडर देख सकते हैं। जब हम चाहें तो हम तस्वीर को ऐडिट कर सकते हैं और इस कैलेंडर को पब्लिशर में Save कर सकते हैं।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 8 माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-II

प्रश्न 7.
पेपर फोल्डिंग प्रोजैक्टों के बारे में बताएं। पब्लिशर में पेपर फोल्डिंग प्रोजैक्ट बनाने के लिए पद लिखो।
उत्तर-
पेपर फोल्डिंग प्रोजेक्ट को टुकड़े टैपलेटों में औरोपलेन और आगीगेमी (पेपरों की फोल्ड करके बनाने वाले) प्रोजैक्टों के लिए कागज़ नमूने शामिल होते हैं। इन पेजों में “फील्ड-लाइन’ के साथ और हमारी कागज़ी मास्टर पीस बनाने के लिए हिदायतें शामिल होती हैं।
माइक्रोसोफ्ट पब्लिशर बच्चे के लिए टैंपलेट पेश करता है। इन टैपलेटों में भिन्न-भिन्न पेपर फोल्डिंग प्रोजैक्ट जैसे कि हवाई जहाज, नाव, कप तथा अन्य शामिल होते हैं।

पब्लिशर में पेपर फोल्डिंग प्रोजैक्ट (Paper Folding Projects in Publisher)-नीचे दिए गए पद की पालना करें –

  1. File टैब में New फिर More Templates में Paper folding पर क्लिक करें। मिडल बैनर में बहुत सारे पेपर फोल्डिंग प्रोजैक्ट हो सकते हैं।
  2. प्रोजैक्ट का चयन-एक बार जब हम प्रोजैक्टों का चयन करते हैं हम दायें पैनल की कुछ विकल्पों को ऐडिट कर सकते हैं। हम अपनी पसंद के अनुसार रंग स्कीम और प्रोजैक्ट के लिए फौंट स्कीम और टाइपिंग अनुदेश को चुन सकते हैं। उसके बाद प्रोजैक्ट को नई विंडो में खुलने के लिए Create बटन पर क्लिक करें।
  3. अब पेपर फोल्डिंग प्रोजैक्ट को ऐडिट करें हम क्लिप आर्ट और टैक्सट को इनसर्ट कर सकते हैं।
  4. अगर हम क्लिप आर्ट इनसर्ट करना चाहते हैं तो विंडो के ऊपर तक जाना है और Insert Picture Clip Art पर क्लिक करें।
  5. पेपर फोल्डिंग प्रोजैक्ट के पूरा करने के बाद हम इसको अपने कम्प्यूटर पर सेव कर सकते हैं और इसको प्रिंट कर सकते हैं।

PSEB 10th Class Computer Guide आप्रेटिंग सिस्टम Important Questions and Answers

(A) बहुविकल्पीय प्रश्न –

1. कौन-सी चीज कपड़े की एक लंबी पट्टी के जैसी होती है ?
(a) न्यूज़लैटर
(b) बैनर
(c) लेबल
(d) व्यापार कार्ड।
उत्तर-
(b) बैनर

2. किसको चीजों की सूची कहा जाता है ?
(a) बैनर
(b) लेबल
(c) एनवैल्प
(d) कैटालॉग।
उत्तर-
(d) कैटालॉग।

3. दिनों के प्रबंध करने के लिए किसका इस्तेमाल किया जाता है ?
(a) बैनर
(b) लेबल
(c) कैलेंडर
(d) कैटालॉग।
उत्तर-
(c) कैलेंडर

4. हैडिंग के साथ छपी हुए स्टेशनरी को क्या कहते हैं ?
(a) लेबल
(b) बैनर
(c) लैटरहैड
(d) कैटालॉग।
उत्तर-
(c) लैटरहैड।

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(B) रिक्त स्थान भरें-

1. टैक्सट के फौंट कलर एवं टैक्सट बाक्स कलर को बदलने के लिए ……… मीनू प्रयोग होता है।
उत्तर-
Format,

2. न्यूज़लैटर का टाइटल ………….. में लिखा जाता है।
उत्तर-
टाइटल टैक्सट बॉक्स,

3. न्यूजलैटर की तिथि …………. में लिखी जाती है। . थ …………. म लिखा जाता है।
उत्तर-
डेट टैक्सट बॉक्स,

4. पोस्ट-कार्ड की …………. साइडें होती हैं।
उत्तर-
दो,

5. अगर आप लोगो नहीं लगाना चाहते तो ………. पर क्लिक करें।
उत्तर-
None.

(C) सही या गलत

1. आपको नोट एव मैसेज बाक्स में टाइप करना चाहिए।
उत्तर-
गलत,

2. प्रिव्यू गैलरी में विभिन्न प्रकार के डिज़ाइन नज़र आते हैं।
उत्तर-
सही,

3. एनवैल्प्स पत्र लिखने के लिए प्रयोग होते हैं।
उत्तर-
गलत,

4. न्यूज़लैटर में प्रत्येक पेज़ का एक जैसा ले-आऊट होता है।
उत्तर-
गलत,

5. न्यूज़लैटर में पहले से ही तीन कॉलम एवं तीन स्टोरीज़ होती है।
उत्तर-
सही।

II. अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
बैनर किसको कहते हैं ?
उत्तर-
किसी समागम के विज्ञापन के लिए प्रयोग किये जाने वाले एक साधन को बैनर कहते हैं।

प्रश्न 2.
न्यूज़लैटर किसको कहते हैं ?
उत्तर-
किसी विषय पर जानकारी प्रदान करने का एक माध्यम न्यूज़लैटर होता है।

प्रश्न 3.
पोस्ट-कार्ड किसलिए प्रयोग किया जाता है?
उत्तर-
किसी समारोह की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए पोस्ट-कार्ड का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 4.
इनवैल्प का क्या प्रयोग है?
उत्तर-
इनवैल्प में हम अपने पत्र डालकर किसी दूसरे व्यक्ति को भेज सकते हैं।

प्रश्न 5.
पोस्ट-कार्ड की कितनी साइडें होती हैं ?
उत्तर-
पोस्ट-कार्ड की दो साइडें होती हैं।

प्रश्न 6.
पंपलैट क्या होता है?
उत्तर-
पंपलैट प्रचार के लिए प्रयोग होने वाला एक साधन है जिसको अक्सर अखबार द्वारा घरों में पहुंचाया जाता है।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 8 माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-II

III. लघ उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
बैनर क्या है ?
उत्तर-
बैनर प्रचार करने का एक साधन है। इसका प्रयोग किसी सूचना को लोगों तक पहुंचाने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 2.
न्यूजलैटर के बारे में बतायें।
उत्तर-
न्यूजलैटर एक साधन है जिसकी मदद से हम किसी प्रकार की खबरें लोगों तक पहुंचा सकते हैं।

प्रश्न 3.
पोस्टकार्ड पर एक नोट लिखें।
उत्तर-
पोस्टकार्ड एक छोटा कार्ड होता है जिसका प्रयोग किसी को कुछ सूचना भेजने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 4.
नया लैटरहैड खोलने का तरीका बतायें।
उत्तर-
नया लैटर खोलने के लिए अग्रलिखित स्टैप प्रयोग करें New Publication altas 99 H New From a Design H À Publication for Print-Letter Head पर क्लिक करें।

प्रश्न 5.
इनवैल्प कहाँ इस्तेमाल किया जाता है ?
उत्तर-
इनवैल्प चिट्ठी डालने के लिए प्रयोग किया जाता है। इस पर भेजने और प्राप्त करने वाले का पता लिखा होता है। इसमें चिट्ठी डालकर पोस्ट की जाती है।

IV. बड़े उत्तर वाला प्रश्न

प्रश्न-
लैटरहैड और पोस्ट-कार्ड में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर-
लैटरहैड और पोस्ट-कार्ड में निम्नलिखित अन्तर हैं –

लैटरहैड पोस्ट-कार्ड
1. लैटरहैड किसी कम्पनी का अधिकारिक पेज होता है। 1. पोस्ट-कार्ड चिट्ठी डालने का एक साधन है।
2. लैटरहैड किसी भी उद्देश्य के लिए प्रयोग जाता है। 2. पोस्ट-कार्ड न्योता देने के लिए प्रयोग किया किया जा सकता है।
3. लैटरहैड का आकार बड़ा होता है। 3. पोस्ट-कार्ड का आकार छोटा होता है।
4. लैटरहैड पर आर्डर आदि दिये जाते हैं। 4. पोस्ट-कार्ड से पत्र-व्यवहार किया जाता है।
5. साधारण तौर पर लैटरहैड आम पेपर की तरह ही होता है। 5. पोस्ट-कार्ड का पेपर मोटा होता है।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 7 माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-I

Punjab State Board PSEB 10th Class Computer Book Solutions Chapter 7 माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-I Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Computer Chapter 7 माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-I

Computer Guide for Class 10 PSEB माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-I Textbook Questions and Answers

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
(A) बहुविकल्पीय प्रश्न

1. आकर्षक विज्ञापन तैयार करने तथा प्रचार संबंधी सामग्री डिजाइन करने के लिए एक एपलीकेशन चुनें।
(a) डाक्यूमैंट
(b) स्प्रेडशीट
(c) पब्लिशर
(d) प्रैजनटेशन।
उत्तर-
(d) प्रैजनटेशन।

2. पब्लिशर ……………… का प्रयोग करके जल्दी पब्लिकेशन बनाता है।
(a) मैनुअल
(b) विजार्ड
(c) कस्टमाइज़
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(b) विजार्ड

3. पब्लिकेशन का प्री डिफाइन मॉडल कौन-सा है ?
(a) टैंपलेट्स
(b) क्लिप आर्ट्स
(c) ऑब्जैक्ट्स
(d) स्टाइल्स।
उत्तर-
(a) टैंपलेट्स

4. की-बोर्ड के द्वारा माइक्रोसॉफ्ट पब्लिशर को खोलने के लिए सर्च बार में क्या टाइप करना चाहिए ?
(a) वर्डपैड
(b) नोटपैड
(c) एक्सैस
(d) पब्लिशर।
उत्तर-
(d) पब्लिशर।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 7 माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-I

5. कौन-सा कलर हैंडल ऑब्जैक्ट को घुमाने की आज्ञा देता है ?
(a) लाल
(b) हरा
(c) नीला
(d) काला।
उत्तर-
(b) हरा

6. हर एक टैब …………………………. में बांटा होता है।
(a) ग्रुप्ज़
(b) ब्लॉक्स
(c) मीनूज़
(d) पास।
उत्तर-
(a) ग्रुप्ज़

7. हम क्लिक एक्सैस टूलबार को …………………………. के ऊपर या नीचे रख सकते हैं।
(a) रूलर
(b) स्टेटस बार
(c) रिबन
(d) कोई नहीं।
उत्तर-
(c) रिबन

8. डाक्यूमैंट के सबसे ऊपर वाले भाग के पैनल को रिबन कहा जाता है। इसके ……………………….. टैब हैं।
(a) 8
(b) 6
(c) 5
(d) 4.
उत्तर-
(b) 6

9. पब्लिकेशन बनाने के बाद ………………….. से सेव ऑप्शन को क्लिक करके पब्लिकेशन को सेव करें।
(a) फाइल
(b) होम
(c) इन्सर्ट
(d) व्यू।
उत्तर-
(a) फाइल

10. फाइल मीनू में ……….. बटन क्लिक करके पब्लिकेशन को बंद करें।
(a) ओपन
(b) न्यू
(c) प्रिंट
(d) क्लोज़।
उत्तर-
(d) क्लोज़।

(B) रिक्त स्थान भरें-

1. हम ब्लैंक ले आऊट में ………… वर्ड आर्ट, आटो शेपस आदि ऑब्जैक्ट को दाखिल कर सकते हैं।
उत्तर-
टैक्सट और तस्वीर,

2. बॉक्स की लाइनों के बीच में पड़ा हैंडल …………. और ………… कर सकते हैं।
उत्तर-
वर्टीकल और हौरीजोंटल,

3. हर एक ग्रुप की अन्य विशेषताएं देखने के लिए डॉयलाग बाक्स लांचर पर क्लिक करें जो कि हर …………. के …….. नीचे की तरफ होता है।
उत्तर-
क्लिक और ड्रैग,

4. जब हम एक …………. पर क्लिक करते हैं, तो फ्रेम के कोनों पर छोटे सर्कल नज़र आते हैं, इनको ………… कहा जाता है।
उत्तर-
दायें कार्नर, ग्रुप,

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 7 माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-I

(C) सही या गलत

1. पब्लिशर में टैंपलेट टूल की मदद से आसानी से एक पब्लिकेशन को तैयार किया जा सकता है।
उत्तर-
सही,

2. ज़्यादातर पब्लिकेशन में कई हिस्से बने होते हैं जिनको फ्रेम कहा जाता है।
उत्तर-
सही,

3. कोनों के हैंडलस से अनुपातक रूप से ऑब्जैक्ट का आकार बदला जा सकता है।
उत्तर-
सही,

4. पब्लिशर से बार आने से पहले, हमें सभी पब्लिकेशन को बंद नहीं करना चाहिए।
उत्तर-
गलत,

5. हम किसी भी आइटम पर क्लिक करके उसको क्लिक एक्सैस टूलबार में शामिल नहीं कर सकते।
उत्तर-
गलत।

II. अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पब्लिकेशन को सेव करने के लिए कौन-सी एक्सटेंशन इस्तेमाल की जाती है ?
उत्तर-
Pub.

प्रश्न 2.
ऑब्जैक्ट को मूव करने के लिए कौन-सा कर्सर इस्तेमाल किया जाता है ?
उत्तर-
चार तरफ वाला कर्सर।

प्रश्न 3.
ऑनलाइन टैंपलेट किस में उपलब्ध होते हैं ?
उत्तर-
Office.com में।

प्रश्न 4.
हमारी तरफ से हाल ही में इस्तेमाल की गई पब्लिकेशन फाइलों की सूची किस में होती है ?
उत्तर-
Recent files में।

प्रश्न 5.
किस ऑप्शन का इस्तेमाल करके ऑब्जैक्ट के इर्द-गिर्द टैक्सट अरेंज किया जाता है ?
उत्तर-
फ्रेम का।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 7 माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-I

III. लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पब्लिशर क्या है ?
उत्तर-
पब्लिशर एक एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर है जो सुंदर और बढ़िया प्रकार के डिज़ाइन वाले दस्तावेज बनाने के लिए प्रयोग की जाती है।

प्रश्न 2.
वर्ड और पब्लिशर में तीन अंतर लिखें।
उत्तर-
निम्नलिखित बिन्दु वर्ड और पब्लिशर में अंतर को दर्शाते हैं-

वर्ड पब्लिशर
1. यह डाक्यूमैंटस को बनाने, एडिट करने और प्रिंट करने के लिए प्रयोग किया जाता है। 1. यह पब्लिकेशन को बनाने, एडिट करने और प्रिंट करने के लिए प्रयोग किया जाता है। पब्लिशर, पब्लिकेशन के लिए सैंकड़ों टैंपलेटस पेश करता है।
2. वर्ड में विशेष रूप से पूरे पेज के ऊपर ध्यान दिया जाता है न कि ऑब्जैक्टस पर। इसलिए पेज ले-आऊट में ज़्यादा फेर-बदल नहीं किया जा सकता। 2. इसमें टैक्सट, तस्वीरें और टेबलों को ऑब्जैक्टस (चीजें) की तरह प्रयोग किया जाता है। पब्लिशर पेज डिज़ाइन में ज्यादा फेर-बदल करने की सहूलियत देता है क्योंकि हर ऑब्जैक्ट भिन्न-भिन्न स्थानों पर रखे होते हैं।
3. इसमें पहले से ही बने हुए डॉक्यूमैंट की लाइब्रेरी होती है। 3. इसमें पहले से ही बने हुए पब्लिकेशनों की लाइब्रेरी होती है जैसे कि टैपलेटस, विजार्ड, डिज़ाइन गैलरी जो कि जल्दी पब्लिकेशन तैयार करने में मदद करती है।
4. यह वर्ड प्रोसैसर सॉफ्टवेयर है। 4. यह डैस्कटॉप पब्लिशिंग सॉफ्टवेयर है।
5. इसकी एक्सटैंशन .doc होती है। 5. इसकी एक्सटेंशन .pub होती है।

प्रश्न 3.
पब्लिशर को की-बोर्ड का इस्तेमाल करके कैसे शुरू कर सकते हैं ?
उत्तर-

  • बटन पर क्लिक करें।
  • सर्च बार में या टाइप करें और ऐंटर को दबायें।

प्रश्न 4.
पब्लिशर में ऑब्जैक्ट को मूव करने के स्टैप लिखें।
उत्तर-
Objects को Move (मूव) करना-

  • Object क्लिक करें।
  • Solid line पर कर्सर रखें ताकि हमें Crosshairs दिखाई दें।
  • Object को क्लिक और drag करके मनपसंद जगह पर ले जायें।

प्रश्न 5.
टैंपलेट को परिभाषित करें।
उत्तर-
टैंपलेट में पहले से ही तैयार किए हुए डिज़ाइन स्टाइल होते हैं। जिनको हम उसी तरह ही या उनमें फेरबदल करके अपनी ज़रूरत के अनुसार प्रयोग कर सकते हैं।

प्रश्न 6.
फ्रेम क्या है ?
उत्तर-
पब्लिकेशन में कई हिस्से बने होते हैं जिनको Frame कहा जाता है।

IV. बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पब्लिकेशन में ब्लैंक ले-आऊट का उपयोग करके पब्लिकेशन कैसे तैयार कर सकते हैं ?
उत्तर-
खाली पब्लिकेशन तैयार करने के स्टैप निम्नलिखित हैं :
1. File Menu पर क्लिक करें।
2. मौजूदा टैम्पलेट में Blank Publication Template पर क्लिक करें और बाद में Create में क्लिक करें।
3. अब हम पब्लिकेशन में अपनी ज़रूरत के हिसाब से पब्लिकेशन बना सकते हैं। हम Blank Layout में टैक्सट, तस्वीरें, शब्द, कला और अधिक स्पेस जोड़ सकते हैं। Blank Layout विंडो नीचे दिखाई गई है।
PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 7 माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-I 1
4. पब्लिकेशन निर्माण के बाद File मीनू में Save विकल्प पर जा कर Save as dialogue बॉक्स दिखाई देगी। अपनी पब्लिकेशन का नाम टाइप करें और फोल्डर को चुनें जिसमें हम इसको सेव कर सकते हैं और फिर सेव बटन पर क्लिक करें। यह पब्लिकेशन एक्सटेंशन पर सेव हो जाएगा।

5.अब File मीनू में Close बटन पर क्लिक करके पब्लिकेशन को बंद करें। एक डॉयलाग बॉक्स दिखेगा। अगर हम सभी परिवर्तन सेव करना चाहते हैं तो Yes बटन क्लिक करें। अगर नहीं तो No पर क्लिक करें। पब्लिशर से बाहर भेजने से पहले सभी पब्लिकेशनों को बंद करना चाहिए। इसके बाद File मीन में Exit पर क्लिक करें या फिर टाइटल बार पर क्रास (x) का बटन क्लिक करें।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 7 माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-I

प्रश्न 2.
पब्लिशर विंडो के कंपोनेंट लिखें।
उत्तर-
पब्लिशर विंडो के नीचे लिखे भाग हैं :
1. क्विक ऐक्सैस टूलबार (Quick Access Toolbar)-क्विक एक्सैस टूलबार कस्टमाइज करने योग्य टूलबार होता है जिसमें वह कमांड होती है जिनको हम इस्तेमाल करना चाहते हैं। हम क्विक एक्सैस टूलबार को रिबन के ऊपर या नीचे रख सकते हैं। क्विक एक्सैस टूलबार की जगह परिवर्तन करने के लिए इसके अंत में बने तीर पर क्लिक करें और Show Below the Ribbon विकल्प पर क्लिक करें।

2. रिबन (Ribbon)-दस्तावेजों के सबसे ऊपर वाले भाग के पैनल को रिबन कहा जाता है। इसके 6 टैब हैं। Home, Insert, Page, Design, Mailings, Review और View. हर टैब अलग-अलग समूहों में बांटा गया है। टैब्ज (Tabs)-पब्लिशर में कुछ बहुत उपयोगी टैब्ज हैं जिसमें कई उपलब्ध होते हैं। हर टैब के फ़ीचर देखने के लिए उस टैब के नाम पर क्लिक करें। यहाँ प्रत्येक टैब के समूहों की सूची दी गई है।

  • Home. Clipboard, Font, Paragraph, Styles, Objects, Arrange, Editing.
  • Insert. Pages, Tables, Illustrations, Buildings, Blocks, Text, Links, Headers & Footer.
  • Page Design. Template, Page Setup, Layout, Pages, Schemes, Page Background.
  • Mailing. Start, Write & Insert Fields, Preview Results, Finish.
  • View. Views, Layout, Show, Zoom, Window.

3. फ़ाइल विंडो (File Window)-जब हम File Menu पर क्लिक करते हैं हमारे सामने Info Screen खुल जाती है। इस प्रकार लगता है कि हमारे दस्तावेज़ मिट गए हैं पर ऐसा नहीं होता। जैसे कि हम File Menu में Options पर क्लिक करते हैं Screen इस प्रकार बदल जाएगी।

  • Save. फ़ाइल को 2010 फारमेट में सेव करने के लिए।
  • Save As. हमें एक अलग File Type चुनने की आज्ञा देता है।
  • Open. पब्लिशर फ़ाइल को ब्राउज़ करने के लिए।
  • Close. फ़ाइल को बंद करने के लिए, परंतु पब्लिशर चलता रहेगा।
  • Info. व्यापार सूचना को Edit करने के लिए, डिज़ाइन मेकर का उपयोग करने के लिए, या पेशेवर प्रिंट सूचना सैट करने के लिए।
  • Recent. हमारे अभी प्रयोग की गई पब्लिशर फ़ाइलों की सूची।
  • New. नई पब्लिकेशन स्क्रीन।
  • Print. प्रिंट करने के लिए विकल्प।
  • Save & Send. फाइलों को Save और email करने का विकल्प।
  • Help. माइक्रोसॉफ्ट मदद।
  • Options. डिफाल्ट विकल्प सैट करने के लिए।
  • Exit. पब्लिशर बंद करने के लिए।

प्रश्न 3.
टैक्सट बॉक्स को प्रयुक्त करते हुए टैक्सट को कैसे जोड़ा जाए और पब्लिशर में टैक्सट
उत्तर-
पब्लिकेशन में Text को Add करना।

  1. Home या Insert Tab में Draw Text Box चुनें।
  2. कर्सर को क्लिक करें और ड्रैग करके अपनी पसंद के नाम पर Text Box बनाएं। हम Text Box निर्माण के बाद भी इसका आकार  बदल सकते हैं।
  3. कर्सर के पेज पर जहां हम Text Box बनाना चाहते हैं वहां क्लिक करें।
  4. जब हम माऊस को Left क्लिक करते हैं। हमारे सामने Format Tab, जिसमें Text Box से अधिक विकल्प होते हैं, वह खुल जाते हैं।
  5. अब Text Box पर Text टाइप करें।

Text को Edit करना :
1. जिस Text को हम Edit करना चाहते हैं उसको हाइलाइट करें।
2. जब हम Text Box Tool Format Tab पर नहीं हैं। इसको चुन लें।

3. Text Group का विकल्प :

  • Text Fit यह बताता है कि Text Box में Text कैसे होगा। इसके विकल्प यह हैं: Best Fit, Shrink Text on Overflow, Grow Text Box to Fit, Do not Auto Fit.
  • Text Direction. Text की दिशा Vertical और Horizontal करने के लिए।
  • Hyphenation. Text की Hyphenation परिवर्तन करने के लिए।

4. Font Group factory: Style, Font Size, Bold, Italic, Underline, Text Spacing और Color.
5. Alignment Group Options: Text Box Alignment, Columns, Margins.
6. Effects Group foranny : Shadow, Outline, Engrave, Emboss.

प्रश्न 4.
पब्लिशर में टैम्पलेट का डिज़ाइन बदलने के स्टैप लिखें।
उत्तर-
टैम्पलेट का डिज़ाइन बदलना : टैम्पलेट का डिज़ाइन बदलने के लिए नीचे लिखे स्टैप हैं :
1. Page Design टैब पर क्लिक करें।
2. सभी टैम्पलेट को बदलने के लिए Change Template पर क्लिक करें। विंडो में टैम्पलेट का परिवर्तन चाहते हो तो भरी गई सूचना, नई टैम्पलेट मुताबिक दिखाई देगी।
3. रंग परिवर्तन के लिए समूह में Color Scheme के साथ ब्राऊज़ करें। कलर स्कीम को देखने के लिए माऊस को कलर स्कीम पर लेकर जाएं।

  • किसी एक कलर स्कीम को चुनने के लिए उस पर क्लिक करें।
  • कलर स्कीम चुनने के लिए उस पर क्लिक करें।

4. फोंट बदलने के लिए समूह में Font पर क्लिक करें।

  • मौजूद फोंट स्कीम ब्राउज करें।
  • फोंट स्कीम को देखने के लिए माऊस को फोंट स्कीम पर लेकर जाएं।
  • फोंट स्कीम चुनने के लिए उस पर क्लिक करें।
  • अगर हम अपनी नई फोंट स्कीम बनाना चाहते हैं, तो New Font Scheme पर क्लिक करें।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 7 माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-I

प्रश्न 5.
पब्लिकेशन प्रिंट करने के कौन-से तरीके हैं ? बताइए।
उत्तर-
पब्लिकेशन प्रिंट करना-पब्लिकेशन को प्रिंट करने के दो तरीके हैं। पहले तरीके में अपनी टूलबार में Print आइकन पर क्लिक करें। इसके साथ हमारी पब्लिकेशन की डिफाल्ट प्रिंट विकल्प की एक कापी प्रिंट हो जाएगी।
या
1. फाईल मीनू पर क्लिक करें।
2. जब Print में नंबर आए ज़रूरत से Number of Copies सिलेक्ट करें।
3. नीचे लिखे Print Setting में किसी को भी चुनें।

  • All Pages, Selection, Current Page or custom range. Manually पेज नंबर बताइए जो हम प्रिंट करना चाहते हैं।
  • प्रत्येक पेपर शीट के कितने पेपर प्रिंट होते हैं।
  • Paper Size
  • -sided या 2-Sided Printing.

4. Print पर क्लिक करें।

PSEB 10th Class Computer Guide माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-I Important Questions and Answers

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न

(A) बहुविकल्पीय प्रश्न

1. कौन-सा पब्लिशर विंडो का कम्पोनेंट नहीं होता ?
(a) क्विक एक्सैस टूलबार
(b) रिबन
(c) फाइल विंडो
(d) टाइम लाइन।

2. पब्लिशर कौन-सी टैब नहीं होती ?
(a) Home
(b) Insert
(c) Page Maker
(d) Mailing.

3. हैडर किसमें होते हैं ?
(a) टेबल
(b) वर्ड
(c) HTML
(d) फ्रेम।

(B) रिक्त स्थान भरें-

1. पब्लिशर, पब्लिकेशन को …………… और ……………. के लिए प्रयोग होता है।
उत्तर-
बनाने, एडिट करने, प्रिंट,

2. पब्लिशर, विंडो में खाली स्थान ………………. एरिया कहलाता है।
उत्तर-
पब्लिकेशन,

3. पब्लिशर विंडो के बाईं तरफ ………………. एक छोटी विंडो होती है।
उत्तर-
टास्कपेन,

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 7 माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-I

4. ……………… में Invitation codes की किस्में नज़र आती हैं।
उत्तर-
टास्कपेन,

5. प्रचार एक विज्ञापन करने वाले इश्तिहारों को ……………. कहा जाता है।
उत्तर-
पब्लिकेशन।

(C) सही या गलत

1. पब्लिशर डाक्यूमैंट प्रिंट करने के लिए प्रयोग होता है।
उत्तर-
गलत,

2. स्टेट्स बार पब्लिशर विंडो के निचली तरफ होता है।
उत्तर-
सही,

3. निजी जानकारी (Personal Information) डायलॉग बॉक्स में भरी जाती है।
उत्तर-
गलत,

4. पब्लिकेशन PP+ एक्सटेंशन के साथ सेव होती है।
उत्तर-
गलत,

5. पब्लिकेशन से बाहर आने से पहले सारी पब्लिकेशन बंद करनी ज़रूरी होती हैं।
उत्तर-
सही।

II. अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न-पब्लिशर क्या है ?
उत्तर-
पब्लिशर एक एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर है जो सुंदर और बढ़िया प्रकार के डिज़ाइन दस्तावेज बनाने के लिए प्रयोग किए जाते हैं।

III. लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पब्लिशर को खोलने के स्टैप लिखें।
उत्तर-
पब्लिशर को खोलने के निम्नलिखित स्टैप हैं :

  1. Start बटन पर क्लिक करें।
  2. All Programs को हाइलाइट करें।
  3. Microsoft Office हाइलाइट करें।
  4. Microsoft Office Publisher 2010 पर क्लिक करें। पब्लिशर विंडो खुल जाएगी।

प्रश्न 2.
पब्लिशर विंडो के भागों के नाम लिखें।
उत्तर-
पब्लिशर विंडो के निम्नलिखित भाग हैं :

  • क्विक एकसैस बार
  • रिबन
  • फाईल विंडो।

प्रश्न 3.
पब्लिकेशन बनाने के दो तरीके कौन-से हैं ?
उत्तर-
पब्लिकेशन बनाने के दो तरीके निम्नलिखित हैं :

  • विज़ार्ड के द्वारा,
  • ब्लैंक ले-आऊट के द्वारा पब्लिकेशन तैयार करना। .

प्रश्न 4.
पब्लिकेशन को सेव करने के स्टैप लिखें।
उत्तर-
पब्लिकेशन को सेव करने के निम्नलिखित स्टैप हैं :

  1. File मीनू पर क्लिक करें।
  2. Save पर क्लिक करें।
  3. फाइल का नाम लिखें।
  4. Save बटन पर क्लिक करें।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 7 माईक्रोसॉफ्ट पब्लिशर-I

प्रश्न 5.
स्टेट्स बार क्या होता है ?
उत्तर-
स्टेट्स बार प्रत्येक विंडो के नीचे एक बार होता है जिसमें विंडो से संबंधित जानकारी दिखाई जाती है; जैसे-कि कुल पृष्ठों की गिनती, कुल शब्द, अक्षर आदि।

IV. बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न-
आप विज़ार्ड का प्रयोग करके एक पब्लिकेशन कैसे तैयार करोगे ?
उत्तर-
विज़ार्ड का प्रयोग करके निम्नलिखित अनुसार पब्लिकेशन तैयार किया जा सकता है :

  1. सबसे पहले पब्लिशर खोलें।
  2. File → New पर क्लिक करें।
  3. इसमें New Form Design में ‘Publication for print पर क्लिक करें। (पब्लिकेशन फार प्रिंट की सूची खुल जाएगी।)
  4. इसमें आप आवश्यकता अनुसार पब्लिकेशन की टाइप पर उसका डिज़ाइन चुनें।
  5. फिर हमारे पास Personal Information डायलॉग बॉक्स खुल जाएगा। इसमें अपनी जानकारी दें।
  6. सभी जानकारी देने के बाद OK बटन पर क्लिक करें। (पब्लिकेशन तैयार हो जाएगी। अब आप उसमें सुधार कर सकते हैं।)

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 6 आप्रेटिंग सिस्टम

Punjab State Board PSEB 10th Class Computer Book Solutions Chapter 6 आप्रेटिंग सिस्टम Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Computer Chapter 6 आप्रेटिंग सिस्टम

Computer Guide for Class 10 PSEB आप्रेटिंग सिस्टम Textbook Questions and Answers

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
(A) बहुविकल्पीय प्रश्न

1. आप्रेटिंग सिस्टम क्या है ?
(a) टर्मीनल सिस्टम
(b) सॉफ्टवेयर
(c) स्टोरेज़ सिस्टम
(d) प्रोसैसर।
उत्तर-
(b) सॉफ्टवेयर

2. टाइम शेयरिंग एक तकनीक है जो एक समय में कंप्यूटर सिस्टम को प्रयोग करने की आज्ञा देती है।
(a) कई यूज़र
(b) एक यूज़र
(c) दो यूज़र
(d) किसी को भी नहीं।
उत्तर-
(a) कई यूज़र

3. एक ही समय में मल्टीपल ऐप्लीकेशन रन करने को कहा जाता है।
(a) मल्टी एप्लीकेशन
(b) मल्टी प्रोसैसिंग
(c) मल्टी प्रोग्रामिंग
(d) मल्टी टाइमिंग।
उत्तर-
(c) मल्टी प्रोग्रामिंग

4. एक ही समय में भिन्न-भिन्न किस्म के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के काम करने की योग्यता को कहा जाता है।
(a) ओपन सोर्स
(b) पोर्टेबलिटी
(c) शैल
(d) सुरक्षा।
उत्तर-
(b) पोर्टेबलिटी|

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 6 आप्रेटिंग सिस्टम

5. आप्रेटिंग सिस्टम पर काम कर रहा यूज़र कंप्यूटर पर सीधे रूप से काम नहीं करता।
(a) बैच प्रोसैसिंग सिस्टम
(b) टाइम शेयरिंग सिस्टम
(c) नैटवर्क आप्रेटिंग सिस्टम
(d) डिस्ट्रीब्यूटिड सिस्टम।
उत्तर-
(a) बैच प्रोसैसिंग सिस्टम

6. यह हमें इंटरनैट सुरक्षित ढंग से इस्तेमाल और हमारे सिस्टम से अन-अधिकारिक एप्लीकेशन की पहंच को रोकने के योग्य बनाता है।
(a) एंटी-वायरस
(b) सुरक्षा
(c) फॉयरवॉल
(d) उपरोक्त में से कोई भी नहीं।
उत्तर-
(c) फॉयरवॉल

7. यह यूज़र से कर्नल के जटिल फंक्शन को छुपा देता है।
(a) शैल
(b) हार्डवेयर लेयर
(c) HDD
(d) कर्नल।
उत्तर-
(a) शैल,

8. यह एक स्टैंडर्ड फाइल स्ट्रक्चर अधीन सिस्टम फाइलें, यूज़र फाइलों को अरेंज करता है।
(a) टर्मीनल
(b) हरारकीकल
(c) स्टोरेज सिस्टम
(d) नैटवर्क।
उत्तर-
(b) हरारकीकल

9. एक सिस्टम के द्वारा इनपुट लेने और अपडेटिड सूचना को डिस्पले करने में जो समय लगता है, उसको कहा जाता है।
(a) रिस्पांस टाइम (Response Time)
(b) अक्सैस टाइम (Access time)
(c) आऊटपुट टाइम (Output Time)
(d) टोटल टाइम (Total Time)।
उत्तर-
(a) रिस्पांस टाइम (Response Time)

10. इस सिस्टम में सर्वर को अलग लोकेशन से रिमोट अक्सैस करना संभव है।
(a) बैच प्रोसैसिंग सिस्टम
(b) टाइम शेयरिंग सिस्टम
(c) नैटवर्क आप्रेटिंग सिस्टम
(d) डिस्ट्रीब्यूटिड सिस्टम।
उत्तर-
(c) नैटवर्क आप्रेटिंग सिस्टम।

(B) रिक्त स्थान भरें

1. एक …………… संबंधित …………. के इकट्ठ को प्रदर्शित करती है।
उत्तर-
फाइल, जानकारी,

2. सिस्टम मल्टीपल रीयर टाइम ………….. एप्लीकेशन और मल्टीपल यूज़र को सर्व करने के लिए मल्टीपल सैंटरल (प्रोसैसर) का इस्तेमाल करता है।
उत्तर-
डिस्ट्रीब्यूटिड, सैंटरल,

3. ………. अपने सिस्टम को अन-अधिकारिक प्रयोग की जांच …….. और रोकने की प्रक्रिया है।
उत्तर-
कंप्यूटर सुरक्षा, अन-अधिकारिक,

4. ……….. आन-लाइन खातों ……….. पर पहुंच करने और खाते से जुड़ी कई गतिविधियों जैसे कि खरीददारी, ई-मेल और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने की सुविधा प्रदान करते हैं।
उत्तर-
पासवर्ड, ऑनलाइन,

5. …………. सिस्टम का इस्तेमाल उस समय होता है जब डाटा के ……………..फलों या प्रोसैसर – के आप्रेशन में लगने वाला समय जटिल हो।
उत्तर-
रीयल टाइम सिस्टम, रिजिड।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 6 आप्रेटिंग सिस्टम

(C) सही या गलत

1. एक सिस्टम के द्वारा इनपुट लेने और अपेक्षित अपटेड सूचना को डिस्पले करने में जो समय लगता है उसको रिस्पांस टाइम कहा जाता है।
उत्तर-
सही,

2. इंटरनैट सुरक्षा धमकियों से बचने के लिए केवल एंटी वायरस सॉफ्टवेयर एक ही काफी होता है।
उत्तर-
गलत,

3. आप्रेटिंग सिस्टम यूज़र और डिवाइस ड्राइवर के बीच में संचार को मैनेज नहीं कर सकता।
उत्तर-
गलत,

4. लाइनैक्स सोर्स कोड मुफ़्त उपलब्ध है और यह संस्था आधारित डिवेल्पमैंट आधारित प्रोजैक्ट है।
उत्तर-
सही,

5. आप्रेटिंग सिस्टम शेडयूलर का प्रयोग करके हर किस्म के रिसोर्स को मैनेज करता है।
उत्तर-
सही।

II. अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
कंप्यूटर हार्डवेयर और कंप्यूटर यूज़र के बीच में इंटरफेस।
उत्तर-
आप्रेटिंग सिस्टम।

प्रश्न 2.
जो खास हार्डवेयर यंत्रों की जटिलताओं को यूज़र से छुपा लेता है।
उत्तर-
ड्राईवर।

प्रश्न 3.
एक मैकनिज़म या तरीका जो कंप्यूटर सिस्टम के द्वारा परिभाषित रिसोर्स पर प्रोग्राम, प्रोसैस या यूज़र की पहुँच को नियंत्रित करता है।
उत्तर-
प्रोटैक्शन।

प्रश्न 4.
सभी कंप्यूटर पर अन-अधिकारिक इस्तेमाल को जांचना और रोकने की प्रक्रिया।
उत्तर-
कंप्यूटर सुरक्षा।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 6 आप्रेटिंग सिस्टम

प्रश्न 5.
लाइनैक्स एक खास इंटरप्रेटर प्रोग्राम प्रदान करता है जिसका प्रयोग आप्रेटिंग सिस्टम की कमांडों को लागू करने में किया जा सकता है।
उत्तर-
शैल।

III. लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
आप्रेटिंग सिस्टम क्या होता है ?
उत्तर-
आप्रेटिंग सिस्टम वह एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर है जो किसी यूज़र और कंप्यूटर हार्डवेयर के बीच एक माध्यम या इंटरफेस का काम करता है।

प्रश्न 2.
आप्रेटिंग सिस्टम की किस्में लिखो।
उत्तर–
आप्रेटिंग सिस्टम की निम्नलिखित किस्में हैं-

  • बैच-प्रोसैसिंग सिस्टम।
  • टाइम शेयरिंग आप्रेटिंग सिस्टम।
  • नैटवर्क आप्रेटिंग सिस्टम।
  • रीयल टाइम आप्रेटिंग सिस्टम।

प्रश्न 3.
रीयल टाइम आप्रेटिंग सिस्टम की व्याख्या करें।
उत्तर-
रीयल टाइम आप्रेटिंग सिस्टम वह होता है जिसमें इनपुट की प्रक्रिया और जवाब देने के लिए जो समय लगता है वो बहुत छोटा होता है। इसको डाटा आप्रेटिंग सिस्टम भी कहा जाता है।

प्रश्न 4.
आप्रेटिंग सिस्टम के क्या काम होते हैं ? एक सूची बनायें।
उत्तर-
आप्रेटिंग सिस्टम के निम्नलिखित काम होते हैं-

  • प्रोग्राम को लागू करना
  • इनपुट आऊटपुट आप्रेशन
  • फाइल सिस्टम को मैनूपुलेट करना।
  • संचार करना
  • गलतियां ढूंढना
  • रिसोर्स एलोकेशन
  • सुरक्षा।

प्रश्न 5.
कंप्यूटर सुरक्षा से आप क्या समझते हो ?
उत्तर-
कंप्यूटर सुरक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है जो हमारे कंप्यूटर पर अन-अधिकारिक इस्तेमाल को चैक करती और उसको रोकती है। आजकल के ज़माने में कई प्रकार के संकटों से बचने के लिए कंप्यूटर सुरक्षा बहुत ज़रूरी होती है।

प्रश्न 6.
लाइनैक्स को परिभाषित करें।
उत्तर-
लाइनैक्स एक ओपन सोर्स विंडो आधारित आप्रेटिंग सिस्टम है जिसकी उपलब्धता मुफ़्त है। यह आप्रेटिंग सिस्टम यूनिक्स से कम जटिल है।

प्रश्न 7.
सुरक्षा क्या होती है ?
उत्तर-
सुरक्षा का अर्थ है अपने आप या अपने दोस्तों को किसी अन्जान संकट से बचाने की प्रक्रिया। उदाहरण के रूप से कंप्यूटर को अन्जान खतरे जैसे कि वायरस, चोरी आदि से बचाने की प्रक्रिया को कंप्यूटर सुरक्षा कहा जाता है।

IV. बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
आप्रेटिंग सिस्टम के कार्य की व्याख्या करें।
उत्तर-
यह एक सिस्टम सॉफ्टवेयर है। यह हार्डवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के बीच काम करता है। यह नीचे लिखे काम करता है –
1. सी०पी०यू० का प्रबन्ध करना-प्रोसैसर का प्रयोग गणना करने के लिए किया जाता है। यह लौजिक और गणित से संबंधित हर प्रकार की गणना कर सकता है। आप्रेटिंग सिस्टम प्रोसैसर को मैनेज करता है।

2. मुख्य मैमोरी का प्रबन्ध करना-कंप्यूटर सिस्टम में मैमोरी का प्रबन्ध बहुत खास स्थान रखता है। क्योंकि प्रोसैसर इस डाटा से काम करता है। जोकि कम्प्यूटर की मेन मैमोरी में पड़ा होता है। आप्रेटिंग सिस्टम मैमोरी का प्रबन्ध करता है।

3. इनपुट और आऊटपुट का प्रबन्ध करना-आप्रेटिंग सिस्टम यह ध्यान रखता है कि कौन सा इनपुट और आऊटपुट उपकरण काम कर रहा है, कौन से कार्य के लिए कौन सा इनपुट या . आऊटपुट यंत्र का प्रयोग करना है और इसमें कौन से इनपुट और आऊटपुट यंत्र को काम देना है और कब यंत्र से काम वापिस लिए जाएं।

4. फाइलों का प्रबन्ध करना-कंप्यूटर में दी गई सूचना को फाइलों के नाम के साथ रक्षित किया जाता है। आप्रेटिंग सिस्टम का वह भाग जो फाइलों का प्रबन्ध करता है इसको फाइल सिस्टम कहते हैं।

5. कंप्यूटर को सुरक्षा उपलब्ध करना-आप्रेटिंग सिस्टम की यह जिम्मेदारी है कि वह कंप्यूटर को सुरक्षा प्रदान करवाए।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 6 आप्रेटिंग सिस्टम

प्रश्न 2.
लाइनेक्स के आर्कीटेक्चर की व्याख्या करें।
उत्तर-
लाईनेक्स का आर्कीटेक्चर निम्नलिखित हैं :

  • हार्डवेयर-इस लेअर में सब प्रोफाइल यंत्र होते हैं; जैसे कि रैम, हार्ड डिस्क, ड्राईव आदि।
  • कर्नल-यह ऑप्रेटिंग सिस्टम का कोर कम्पोनेंट होता है जो कि सीधे तौर पर हार्डवेयर के साथ संपर्क करता है और अपर लेअर कम्पोनेंट को निचले स्तर की सर्विस मुहैया करवाता है।
  • शैल-कर्नल के साथ संपर्क करके यह यूज़र से जटिल फंक्शन को छुपा देता है। शैल यूज़र से कमांडज़ प्राप्त करते हैं और कर्नल से फंक्शन को लागू करती है।
  • यूटीलिटी-यूटीलिटी प्रोग्राम को यूज़र में मुख्य रूप से ऑप्रेटिंग सिस्टम फंक्शन मुहैया करती है।

प्रश्न 3.
कम्प्यूटर सुरक्षा को परिभाषित करो। अपनी सूचना और अपने आप को सुरक्षित रखने के उपाय बताएं।
उत्तर-
कम्प्यूटर सुरक्षा-कम्प्यूटर सुरक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है जो हमारे कम्प्यूटर के अन-अधिकारिक उपयोग को चैक करती है और इसको रोकती है। निवारण की माप हमारे कम्प्यूटर के किसी भी हिस्से में अन-अधिकारिक प्रयोग को रोकने के लिए हमारी मदद करती है। इंटरनेट उपयोग करने वाले हर व्यक्ति को यह पता होना चाहिए कि इंटरनेट सिक्योरिटी एक बहुत महत्त्वपूर्ण पहल देती है।
1. नवीनतम एंटी वायरस-एंटी वायरस सॉफ्टवेयर को सबसे प्रभावशाली बनाने के लिए हमें उपलब्ध नव-अपडेट्स के साथ अपडेट करना होता है। अनेक प्रकार के एंटी वायरस प्रोग्राम हैं जो कि मुफ्त होते हैं।

2. एंटी स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर स्पाइवेयर प्रोग्राम वायरस से अलग होता है। क्योंकि वायरस के जैसे यह हमारे कम्प्यूटर में पड़े हुए डाटा या सिस्टम को क्रप्ट नहीं कर सकता जैसे कि यह हमारे सिस्टम में अपने आप इंस्टाल हो जाता है और हमारे सिस्टम में से पासवर्ड, क्रैडिट कार्ड के नंबर अपने आप सर्वर में भेज देता है। इसलिए यह अपने सिस्टम में स्पाइवेयर प्रोग्राम को खोजने और रोकने के लिए हमें नवीनतम एंटी स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर की ज़रूरत पड़ती है।

3. पासवर्ड प्रोटैक्शन-पासवर्ड अनेक प्रकार के ऑनलाइन खाते का बहुत महत्त्वपूर्ण पहलू है। अपने पासवर्ड की सुरक्षा रखना अपने पैसे की सुरक्षा रखना है। अलग-अलग प्रकार के खाते के लिए एक ही जैसा पासवर्ड न रखो। आसानी से प्राप्त होने वाला पासवर्ड जैसे की अपना मोबाइल नंबर या जन्म तारीख आदि न रखो। अपना पासवर्ड अनेक अक्षर वाला जैसे कि अक्षर और नंबर और हो सके तो कुछ खास करैक्टर से मिला के रखो।

4. अपने पासवर्ड से सम्बन्धित वैबसाइट पर पहुंच करने के लिए हमेशा नया वैब पेज खोलना चाहिए और कभी भी ई-मेल में दिए गए लिंक या अनेक तरीके के साथ न खोलें। नवीनतम अपडेट और पैच को लागू करना-हमारे सिस्टम में स्थापित किया कोई भी सॉफ्टवेयर हमेशा के लिए उत्तम नहीं होता। अपने सॉफ्टवेयर को नवीनतम अपडेट और लागू करते रहो। यह अपडेट और पैच सॉफ्टवेयर निर्माण करने वाली कम्पनियों द्वारा समय-समय से उपलब्ध किये जाते हैं।

5. फ़ायरबॉल-यदि हो सके तो अपने सिस्टम को हैकर्स के आक्रमण से बचाने के लिए फ़ायरबॉल का उपयोग करो। फायरबॉल हमारे सिस्टम के अन-अधिकारिक पहुँच करने वाले यातायात को ब्लॉक कर देता है। फायरबॉल हमें इंटरनैट सुरक्षा के साथ उपयोग और हमारे सिस्टम को अन-अधिकारिक एप्लीकेशन की पहुँच को रोकने के योग्य होता है।

प्रश्न 4.
लिनक्स की मुख्य सुविधाएं क्या हैं ?
उत्तर-
लिनक्स आप्रेटिंग सिस्टम की मुख्य सुविधाएं नीचे दी गई हैं :
1. पोर्टेबल-यह सॉफ्टवेयर विभिन्न-विभिन्न किस्म के हार्डवेयर के ही तरीके के साथ काम करता है। लिनक्स कर्नल और एप्लीकेशन प्रोग्राम किसी प्रकार के हार्डवेयर पर इस्टाल हो सकता है।

2. अन्य स्रोत-लिनक्स स्रोत कोड मुफ्त उपलब्ध है। लिनक्स आप्रेटिंग सिस्टम की पात्रता की वृद्धि के लिए विभिन्न टीमें काम करती हैं और यह लगातार विकसित हो रही हैं।

3. मल्टीयूज़र-लिनक्स एक मल्टीयूज़र सिस्टम है जिसका मतलब यह है कि वह यूज़र एक ही समय में सिस्टम संसाधन जैसे कि मैमोरी/रैम/एप्लीकेशन कार्यक्रम का उपयोग कर सकता है।

4. मल्टी प्रोग्रामिंग-लिनक्स एक मल्टी प्रोग्रामिंग सिस्टम है जिसका महत्त्व यह है कि एक समय में मल्टीपल एप्लीकेशन चल सकती हैं।

5. हररकीकल फाइल सिस्टम-लिनक्स एक मानक फाइल स्ट्रक्चर के नीचे सिस्टम फाइल/यूज़र फाइलों को रेंज करता है। इसमें फाइलों और निर्देशिका एक्टर की शक्ल होती है।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 6 आप्रेटिंग सिस्टम

शैल-लिनक्स एक खास ईंटरप्रेटर प्रोग्राम की सहूलियत देता है जिसका प्रयोग आप्रेटिंग सिस्टम की कमांडों को लागू करने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग विभिन्न-विभिन्न ऑप्रेशन, ऐप्लीकेशन, प्रोग्राम आदि को बुलाने के लिए किया जा सकता है। सुरक्षा-लिनक्स इंटरप्रेटर यूज़र को खास शक्ति से सुरक्षा प्रदान करता है। जैसे कि-पासवर्ड सुरक्षा/खास किस्म की फाइलों में पहुंच से नियंत्रित डाटे की ईंक्रप्शन न करना।

प्रश्न 5.
डॉस और विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम में अंतर बताइए।
उत्तर-
डॉस और विंडोज़ में अंतर नीचे दिए अनुसार हैं :

डॉस विंडोज़
1. डॉस एक यूज़र आप्रेटिंग सिस्टम है। 1. विंडोज़ बहु यूज़र इंटरनेट है।
2. डॉस एकल टास्किंग है। 2. विंडोज़ बहु टास्किंग है।
3. इसमें समय साझा नहीं होता। 3. विंडोज़ में समय साझा होता है।
4. इनपुट यंत्र की बोर्ड होता है। 4. मानक इनपुट यंत्र की-बोर्ड और माउस
होते हैं।
5. यह चरित्र यूज़र इंटरफेस है। 5. यह ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस है।
6. इसका आकार छोटा होता है। 6. इसका आकार बड़ा होता है।
7. यह मल्टीमीडिया को समर्थन नहीं करता। 7. यह मल्टीमीडिया को समर्थन करता है।
8. इसका मुख्य कार्य फाइलों को मैनेज करना है। 8. इसके कई प्रकार के मुख्य कार्य हैं।
9. यह फ्लॉपी में स्टोर हो जाती है। 9. इसको फ्लॉपी में स्टोर नहीं किया जा
सकता।
10. इसका उत्पादन बंद हो चुका है। 10. इसका उत्पादन चल रहा है।

PSEB 10th Class Computer Guide आप्रेटिंग सिस्टम Important Questions and Answers

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न

(A) बहुविकल्पीय प्रश्न

1. प्रोग्राम मैनेजमैंट के साथ सम्बद्ध ऑप्रेटिंग सिस्टम की क्या कार्रवाई है ?
(a) लागू करना
(b) नियंत्रण करना
(c) लोड करना
(d) सारे ही।
उत्तर-
(d) सारे ही।

2. नेटवर्किंग आप्रेटिंग सिस्टम क्या नहीं है ?
(a) MS Windows
(b) UNIX
(c) MacOSX
(d) DOS.
उत्तर-
(d) DOS.

3. Linux की विशेषता नहीं है –
(a) पोर्टेबल
(b) खुला मोडम
(c) एक यूज़र
(d) मल्टीयूज़र।
उत्तर-
(c) एक यूज़र

4. लाइनैक्स के आर्कीटैक्चर की क्या परत नहीं है ?
(a) कर्नल
(b) शैल
(c) कमांड
(d) उपयोगिता।
उत्तर-
(c) कमांड

5. कौन-सा कम्प्यूटर सुरक्षा के साथ सम्बद्ध नहीं है ?
(a) एंटीवायरस
(b) नैटवर्क
(c) पासवर्ड सुरक्षा
(d) फायरबॉल।
उत्तर-
(b) नैटवर्क

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 6 आप्रेटिंग सिस्टम

(B) रिक्त स्थान भरें-

1. आप्रेटिंग सिस्टम यूज़र और …………………… बीच में संचार का काम करता है।
उत्तर-
डिवाइस,

2. ……………. आप्रेटिंग सिस्टम यूज़र के साथ नहीं जुड़ा होता।
उत्तर-
बैच,

3. …………………. आप्रेटिंग सिस्टम जल्दी प्रतिक्रिया उपयोगिता देता है।
उत्तर-
टाइम साझा,

4. ………………………………………. आप्रेटिंग सिस्टम को डाटा आप्रेटिंग सिस्टम भी कहा जाता है।
उत्तर-
रीयल टाइम।

(C) सही या गलत

1. विंडो एक पोर्टेबल ऑप्रेटिंग सिस्टम है।
उत्तर-
गलत,

2. डास मल्टीयूज़र ऑप्रेटिंग सिस्टम है।
उत्तर-
गलत,

3. कम्प्यूटर को किसी प्रकार की सुरक्षा की ज़रूरत नहीं होती।
उत्तर-
गलत,

4. हैकर कोई भी पहचान की परवाह करते हैं।
उत्तर-
गलत,

5. फायरबॉल कम्प्यूटर सुरक्षा महत्त्वपूर्ण है।
उत्तर-
सही।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 6 आप्रेटिंग सिस्टम

II. अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
आप्रेटिंग सिस्टम किस प्रकार का सॉफ्टवेयर है ?
उत्तर-
सिस्टम सॉफ्टवेयर।

प्रश्न 2.
कोई भी खुला स्रोत ऑप्रेटिंग सिस्टम का नाम बताइए।
उत्तर-
लिनक्स।

प्रश्न 3.
लिनक्स में कौन-सा भाग यूज़र से कमांड प्राप्त करता है ?
उत्तर-
शैल।

III. लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
समय साझा करने वाले आप्रेटिंग सिस्टम के लाभ बताइए।
उत्तर-
समय साझा करने वाले आप्रेटिंग सिस्टम के लाभ नीचे दिए गए हैं :

  • जल्दी प्रतिक्रिया प्राप्त करने की उपयोगिता देता है।
  • सॉफ्टवेयर की प्रतिलिपि को रोकता है।
  • सी०पी०यू० को खाली रहने का समय कम करता है।

प्रश्न 2.
समय साझा करने वाले आप्रेटिंग सिस्टम की हानियां बताइए।
उत्तर-
समय साझा करने वाले आप्रेटिंग सिस्टम की हानियां नीचे लिखी हैं :

  1. भरोसा योग्यता की समस्या।
  2. यूज़र कार्यक्रम और डाटा की सुरक्षा और ईंटीग्रिटी में कमज़ोरी।
  3. डाटा संचार की समस्या।

IV. बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
डिस्ट्रीब्यूटिड ऑप्रेटिंग सिस्टम के बारे विस्तार में लिखो।
उत्तर-
डिस्ट्रीब्यूटिड सिस्टम मल्टीपल रियल समय ऐप्लीकेशन और मल्टीपल यूज़र को सेवा देने के लिए मल्टीपल सैंट्रल प्रोसैसर का उपयोग करते हैं। डाटा प्रोसैसिंग के काम प्रोसैसर की तरतीब अनुसार विभाजित किया जाता है। यह प्रोसैसर एक-दूसरे के साथ कई कौन संचार लाइनों अनुसार संचार करते हैं। इन प्रोसैसर लज़ली कपलड सिस्टम या डिस्ट्रीब्यूटिड सिस्टम कहा जाता है। डिस्ट्रीब्यूटिड सिस्टम में प्रोसैसर का आकार और काम विभिन्न-विभिन्न हो सकते हैं। इन प्रोसैसरों को अक्सर स्टील नोडज़ या कम्प्यूटर कहा जाता है।

डिस्ट्रीब्यूटिड सिस्टम की नीचे लिखी विशेषताएं हैं :

  • संसाधन साझा सुविधा कारण यूज़र एक साइट से दूसरे स्थान पर उपलब्ध संसाधन को उपयोग करने योग्य होता है।
  • इलैक्ट्रॉनिक मेल की मदद से डाटा का एक स्थान से दूसरी स्थान पर तेज गति के साथ स्थानांतरण किया जाता है।
  • डिस्ट्रीब्यूट सिस्टम में अगर एक साइट काम करना बंद कर देती है तो दूसरी साइट अपने आप चलती रहती है।
  • ग्राहक को सबसे अच्छी सुविधा मिलती है।
  • मेज़बान कम्प्यूटर के लोड में कमी होती है।
  • डाटा प्रोसैसिंग में होने वाली दर में कमी होती है।

प्रश्न 2.
नैटवर्क आप्रेटिंग सिस्टम के बारे में विस्तार से लिखो।
उत्तर-
एक नैटवर्क आप्रेटिंग सिस्टम सर्वर से चलता है और सर्वर को डाटा, यूज़र, समूह, सुरक्षा, ऐप्लीकेशन और अधिक नैटवर्किंग को प्रबंध करने योग्य बनाता है। नैटवर्क आप्रेटिंग सिस्टम का मुख्य उद्देश्य एक नैटवर्क के साथ जुड़े मल्टीपल कम्प्यूटर जैसे कि लोकल एरिया नेटवर्क, निजी नैटवर्क या अन्य प्रकार के नैटवर्क को फाईलों और प्रिंटर प्रयोग करने की आज्ञा देना है।

नैटवर्क आप्रेटिंग सिस्टम की उदाहरण हैं। Microsoft Windows, Server 2003, Microsoft Windows Server 2008, UNIX, Linux, MacOSX, NovellNet Ware, और BSD आदि।

नैटवर्क ऑप्रेटिंग सिस्टम के लाभ निम्नलिखित अनुसार हैं :

  • सैंटरलाइज़ड, सर्वर बहुत स्थिर होता है।
  • सुरक्षा सर्वर द्वारा मैनेज किया जाता है।
  • नई तकनीकों और हार्डवेयर को नये सिस्टम के साथ आसानी से जोड़ा जा सकता है।
  • सर्वर को अलग स्थान से पहंच करना संभव है।

नैटवर्क ऑप्रेटिंग सिस्टम की हानियाँ निम्नलिखित हैं :

  1. सर्वर को खरीदना और चलाना बहुत महंगा है।
  2. कई काम करने के लिए सैंटरल सर्वर पर निर्भर करना पड़ता है।
  3. नियमित रख-रखाव और अपडेट की ज़रूरत पड़ती है।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 6 आप्रेटिंग सिस्टम

प्रश्न 3.
रीयल टाइम आप्रेटिंग सिस्टम के बारे में विस्तारपूर्वक बताइए।
उत्तर-
रीयल टाइम आप्रेटिंग सिस्टम को डाटा आप्रेटिंग सिस्टम भी कहा जाता है। इसमें इनपुट की प्रक्रिया का जवाब देने के लिए जो समय लगता है वह बहुत छोटा होता है। एक सिस्टम द्वारा इनपुट लेना और अपडेटिड सूचना को प्रदर्शन करने में जो समय लगता है इसको प्रतिक्रिया समय कहा जाता है। इसके लिए इस तरीके में प्रतिक्रिया समय ऑनलाइन प्रोसैसर के मुकाबले बहुत कम होता है। रीयल टाइम सिस्टम का उपयोग उस समय होता है जब डाटा के प्रवाह या प्रोसैसर के आप्रेशन में लगने वाला समय न बदलने योग्य होता है। उदाहरण के लिए वैज्ञानिक तुजुर्बे, मेडिकल इमेजिंग सिस्टम, औद्योगिक नियंत्रण सिस्टम, हथियार सिस्टम (Weapon System) रोबोट और हवा यातायात नियंत्रण सिस्टम आदि है।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 5 डैस्कटॉप पब्लिशिंग

Punjab State Board PSEB 10th Class Computer Book Solutions Chapter 5 डैस्कटॉप पब्लिशिंग Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Computer Chapter 5 डैस्कटॉप पब्लिशिंग

Computer Guide for Class 10 PSEB डैस्कटॉप पब्लिशिंग Textbook Questions and Answers

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न

(A) बहुविकल्पीय प्रश्न

1. इस प्रोग्राम का उपयोग किताबें, मैगज़ीन, अखबारें, फलाइर, पैंफलिट और अन्य किस्म के प्रिंटिड डाक्यूमैंट तैयार करने के लिए किया जा सकता है –
(a) डैस्क पब्लिशिंग
(b) डैस्कटॉप पब्लिशिंग
(c) टॉप पब्लिशिंग
(d) पब्लिशिंग।
उत्तर-
(b) डैस्कटॉप पब्लिशिंग,

2. यह डिस्पले स्क्रीन पर डाक्यूमैंट को बिल्कुल उसी तरह दर्शाती है, जिस तरह डाक्यूमैंट प्रिंट होकर लगता है।
(a) WYSWJKI
(b) WKSWUG
(c) WYSIWYQ
(d) WYSIWYG.
उत्तर-
(c) WYSIWYQ,

3. यह एक बाहरी आऊटपुट यंत्र है जो कंप्यूटर से डाटा लेता है और पेपर और ग्राफिक्स या टैक्सट के रूप में आऊटपुट तैयार करता है।
(a) फ्रेमज़
(b) प्रिंटरर्स
(c) फौंट्स
(d) प्लोटरस।
उत्तर-
(b) प्रिंटरर्स

4. एक प्रिंटर जो एक फोटो कॉपी मशीन की तरह काम करता है।
(a) लेज़र
(b) इंकजैट
(c) लाइन
(d) ड्रम।
उत्तर-
(a) लेज़र

5. आयताकार क्षेत्र जो कि ग्राफिक्स और टैक्सट इनसर्ट करने के लिए बने होते हैं।
(a) आयत
(b) फ्रेमज़
(c) स्ट्रक्चर
(d) फौंट्स।
उत्तर-
(b) फ्रेमज़

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 5 डैस्कटॉप पब्लिशिंग

6. यह एक इमेज की विजुअल पेशकारी है।
(a) चार्टस
(b) ग्राफिक्स
(c) फ्रेमज़
(d) फौंट्स।
उत्तर-
(b) ग्राफिक्स

7. इंकजेट प्रिंटर्स पेपर पर स्याही स्प्रे करके ………………. अक्षर प्रति सैकिंड के हिसाब के अक्षर बनाता है।
(a) 250
(b) 350
(c) 200
(d) 100.
उत्तर-
(a) 250

8. ………………………….. यह स्याही की छोटी बूंदों से बनते हैं।
(a) पिक्सल
(b) डॉटस
(c) फौंट्स
(d) करेक्टर्ज।
उत्तर-
(b) डॉटस

9. यह पिनज़ को रिबन पर स्ट्राइक या प्रैस करके कागज़ पर तस्वीरों या टैक्सट को प्रिंट करता है।
(a) इंक-जैट
(b) इम्पैक्ट
(c) नॉन-इमपैक्ट
(d) लेज़र।
उत्तर-
(b) इम्पैक्ट

10. यह ग्राफिक हर एक पिक्सल के बारे में जानकारी स्टोर नहीं करते हैं, इसलिए फाइल का आकार, इमेज़ के आकार पर निर्भर नहीं करता।
(a) रास्टर
(b) प्लेन ग्राफिक्स
(c) वैक्टर
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(c) वैक्टर|

(B) रिक्त स्थान भरें

1. Arial, Helvetica, Times and Verdana ……….. की उदाहरण है और इनका एक जैसा ……………. होता है।
उत्तर-
टाइप फेस, डिज़ाइन,

2. एक गटर मार्जिन सैटिंग उस डाक्यूमैंट के ………… या ……….. मार्जिन में एक्स्ट्रा स्थान जोड़ती है जिसको हम बाईंड (जिल्द) करने की योजना बनाते हैं।
उत्तर-
साइड, टॉप,

3. पॉलीगन फ्रेम को किसी भी ………….. और ……… भी बदला जा सकता है।
उत्तर-
सेप, साइज़,

4. वैब पेज़ में कन्टैंट सिर्फ ………… देते हैं न कि ……… के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं।
उत्तर-
देखने योग्य, प्रिंट,

5. लेज़र प्रिंटर ……… का प्रयोग करते हैं जो कि एक समय पर …………. को स्टोर करते हैं।
उत्तर-
बफर, पूरा पेज।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 5 डैस्कटॉप पब्लिशिंग

(C) सही या गलत

1. DTP का अर्थ है डैस्कटॉप पब्लिशिंग।
उत्तर-
सही,

2. डैस्कटॉप पब्लिशिंग हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का प्रयोग वैब पेज़ बनाने और डिज़ाइन करने के लिए भी किया जाता है।
उत्तर-
सही,

3. इंक जैट प्रिंटर्ज में स्याही पेपर द्वारा सोख ली जाती है और तुरंत सूख जाती है।
उत्तर-
गलत,

4. फ्रेमज़ यूजर को ऑब्जैक्ट्स को पेज़ के उस स्थान पर रखने की आज्ञा देता है जिस पर वह उसको रखना चाहता है।
उत्तर-
सही,

5. डॉट-मैटरिक्स प्रिंटर में 19 से 124 पिन वाला प्रिंट हैड होता है।
उत्तर-
गलत।

II. अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
कौन-सा प्रिंटर एक मिनट में 1200 से 6000 लाइन प्रिंट करता है ?
उत्तर-
लेज़र प्रिंटर।

प्रश्न 2.
कौन-से इमेजिज दो या तीन आयामी हो सकते हैं ?
उत्तर-
कंप्यूटर ग्राफिक्स।

प्रश्न 3.
किस प्रिंटर में एक विशेष परत होती है, जिसमें टोनर (एक स्याही पाऊडर) चिपक जाता है?
उत्तर-
लेज़र प्रिंटर।

प्रश्न 4.
एक जैसे डिजाइन के अक्षरों के समूह को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
टाइप फेस।

प्रश्न 5.
एक पेज़ की मुख्य सामग्री और पेज़ के किनारे के बीच के क्षेत्र को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
मार्जिन।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 5 डैस्कटॉप पब्लिशिंग

III. लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
डेस्कटॉप पब्लिशिंग क्या है ?
उत्तर-
डेस्कटॉप पब्लिशिंग का अर्थ है कंप्यूटर और कुछ सॉफ्टवेयरों का इस्तेमाल करके बढ़िया ढंग से डिज़ाइन वाले दस्तावेज़ तैयार करना। इसका संबंध कुछ ऐप्लीकेशन सॉफ्टवेयरों से होता है जो दस्तावेज़ तैयार और प्रिंट करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं।

प्रश्न 2.
प्रिंटर की भिन्न-भिन्न किस्में कौन-सी हैं ?
उत्तर-
प्रिंटर की निम्नलिखित किस्में हैं –

  • इमपैक्ट प्रिंटर।
  • नॉन-इमपैक्ट प्रिंटर।

प्रश्न 3.
फ्रेम क्या है ?
उत्तर-
फ्रेम एक आयताकार क्षेत्र होता है जो किसी ऑबजैक्ट को अपने में समाकर रखता है।

प्रश्न 4.
फौंट की परिभाषा दें।
उत्तर-
फौंट एक खास शैली और आकार में छापने योग्य या देखने योग्य टैक्सट करैक्टर का सैट होता है।

प्रश्न 5.
मार्जिन क्या है?
उत्तर-
मार्जिन किसी दस्तावेज में ऑबजैक्ट और पेज़ की हद के बीच की दूरी होती है। इसको हाशिया भी कहते हैं। यह चार तरफ से देखी जाती है।

  • ऊपर,
  • बायें,
  • दायें,
  • नीचे।

मार्जिन अक्सर इंच या सैंटीमीटर में नापे जाते हैं। यह बताते हैं कि किसी पेज़ के चारों तरफ कितनी जगह खाली रहेगी।

प्रश्न 6.
गटर पोजीशन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
गटर पोजीशन किसी पेज़ पर उस छोड़े गए स्थान को कहते हैं जो जिल्द बाँधने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसका उद्देश्य टैक्सट को जिल्द में आने से बचाना होता है।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 5 डैस्कटॉप पब्लिशिंग

प्रश्न 7.
ग्राफिक्स क्या है ?
उत्तर-
ग्राफिक्स कंप्यूटर पर किसी भी प्रकार की विजुयल पेशकारी को कहते हैं जो साधारण टैक्सट से अलग होता है।

प्रश्न 8.
लेज़र प्रिंटर की कार्य प्रणाली की व्याख्या करें।
उत्तर-
लेज़र प्रिंटर में एक लेज़र टीम को दर्पण से निर्देशित किया जाता है। जो आगे ड्रम पर पड़ती है। इसकी मदद से पेपर पर इमेज़ बनती है, जिसको एक टोनर की मदद से छापा जाता है।

प्रश्न 9.
WYSIWYG विशेषता की व्याख्या करें।
उत्तर-
WYSIWYG का अर्थ है What You See Is What You Get. इसका अर्थ है आप जिस प्रकार अपने दस्तावेज़ को कंप्यूटर पर देखते हो, उसी प्रकार का ही प्रिंट रूप में प्राप्त करोगे।

IV. बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
वेक्टर एवं बिटमैप ग्राफिक्स में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर-
वेक्टर एवं बिटमैप ग्राफिक्स में निम्नलिखित अन्तर हैं –

वेक्टर ग्राफिक्स बिटमैप ग्राफिक्स
1. वेक्टर ग्राफिक्स हर पिक्सेल के साथ डील करती है। 1. बिटमैप ग्राफिक्स हर पिक्सेल के साथ डील नहीं करता।
2. इसमें हर पिक्सेल की ऐडिटिंग नहीं की सकता| 2. इसमें हर पिक्सेल को ऐडिट किया जा जाती।
3. फाइल का आकार छोटा होता है। 3. फाइल का आकार बड़ा होता है।
4. आकार परिवर्तन होने के साथ गुणवत्ता कम हो नहीं होती। 4. आकार परिवर्तन होने के साथ गुणवत्ता कम जाती है।
5. यह गणितीय गणना पर आधारित होती है। 5. यह गणितीय गणना पर आधारित नहीं होती है।
6. हर ऑब्जैक्ट विभिन्न प्रकार से ऐडिट किया  संभव नहीं होता। 6. हर आब्जैक्ट को विभिन्न प्रकार से ऐडिट करना जा सकता है।

प्रश्न 2.
डेस्कटॉप पब्लिशिंग के साथ संचार खुला है। विस्तार से बताएं।
उत्तर-
डेस्कटॉप पब्लिशिंग का दायरा अब काफी बड़ा हो रहा है। यह एक पेशे तक ही सीमित नहीं है। साधारण लोग भी अब इसका प्रयोग करते हैं। अब छोटे व्यापारी, सचिव, अध्यापक, विद्यार्थी आदि भी इसका प्रयोग करते हैं। पहले इसका दायरा प्रिंटिग तक ही सीमित था। अब डेस्कटॉप पब्लिशिंग में डिजिटल मीडिया भी शामिल है।

प्रश्न 3.
इम्पैक्ट और नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर में अंतर बताएं।
उत्तर-
इम्पैक्ट और नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर में नीचे लिखे अंतर हैं –

इम्पैक्ट नॉन इम्पैक्ट
1. इनमें एक हैड होता है। 1. इनमें एक हैड नहीं होता है।
2. यह प्रिंटर पेपर के साथ संपर्क करते हैं। 2. यह प्रिंटर पेपर के साथ संपर्क नहीं करते।
3. स्याही के लिए रिबन का प्रयोग होता है। 3. स्याही के लिए अलग स्थान होता है।
4. यह प्रिंटर आवाज़ करते हैं। 4. यह प्रिंटर आवाज़ नहीं करते।
5. प्रिंटिंग मूल्य कम होता है। 5. प्रिंटिंग मूल्य अधिक होता है।
6. आमतौर पर यह प्रिंटर सस्ते होते हैं। 6. यह प्रिंटर महंगे होते हैं।
7. इनका प्रयोग अब कम होता है। 7. इनका प्रयोग अब अधिक होता है।
8. हैड पेपर में स्ट्राइक करता है। 8. हैड पेपर पर स्ट्राइक नहीं करता।

प्रश्न 4.
दो प्रकार के इम्पैक्ट प्रिंटर की व्याख्या करें।
उत्तर-
इम्पैक्ट प्रिंटर की इन पिनों की किस्में हैं-डॉट मैट्रिक्स और डेजी वील। डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर-डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर 9 से 24 पिन वाला प्रिंटर होता है। यह प्रिंटर इन पिनों की मदद से छपाई करता है। इसकी गुणवत्ता अच्छी होती है। इसकी मदद से ग्राफिक्स छापा जा सकता है। यह आमतौर पर काले रंग के साथ ही छपाई करता है। पर रंगीन प्रिंटर भी होते हैं। इनमें स्याही एक रिबन पर लगी होती है। यह प्रिंटर सस्ते होते हैं एवं आमतौर पर 100 से 600 अक्षर प्रति सैकिंड की स्पीड के साथ छपाई करते हैं।

2. डेज़ी वील प्रिंटर-डेज़ी वील प्रिंटर का नाम इसकी प्रिंटिंग प्रणाली पर डेज़ी फूल के जैसे दिखाने पर पड़ा। इसमें पैटल होते हैं। हर पैटल एक पूर्ण रूप से तैयार अक्षर होता है। यह ठोस लाइन पर प्रिंट करता है। इसमें एक हैमर होता है जो अक्षर को रिबन से मारता है जिससे अक्षर छापा जाता है। इसकी गति कम होती है। यह अधिक से अधिक 25-35 अक्षर प्रति सैकिण्ड प्रिंट करता है।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 5 डैस्कटॉप पब्लिशिंग

प्रश्न 5.
डेस्कटॉप पब्लिशिंग एवं वर्ड प्रोसैसिंग सॉफ्टवेयर की तुलना करें।
उत्तर-
डेस्कटॉप पब्लिशिंग एवं वर्ड प्रोसैसर में निम्नलिखित अन्तर हैं।

डेस्कटॉप पब्लिशिंग वर्ड प्रोसैसिंग
1. डी.टी.पी. का मुख्य उद्देश्य दस्तावेज़ के डिजाइन को ठीक रखना होता है। 1. वर्ड प्रोसेसर का मुख्य उद्देश्य उसमें टैकस्ट की शुद्धता होता है।
2. यह एक ऑब्जैक्ट आधारित साफ्टवेयर है। 2. यह टैकस्ट आधारित ऐडिटर सॉफ्टवेयर है।
3. इसमें पेज ले आऊट पर अधिक ध्यान दिया जाता है। 3. इसमें शब्दों की शुद्धता मुख्य है।
4. हर एक ऑब्जैक्ट अकेले तौर पर संभाला नहीं जाता है। 4. सभी टैक्सट को एक साथ प्रयुक्त किया जाता है।
5. इसमें आब्जैक्ट लचीला होता है। 5. इसमें आब्जैक्ट्स में लचीलापन कम होता है।

PSEB 10th Class Computer Guide डैस्कटॉप पब्लिशिंग Important Questions and Answers

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न

(A) बहुविकल्पीय प्रश्न

1. निम्नलिखित में से ग्राफिक सॉफ्टवेयर कौन-सा है ?
(a) एडोब इलस्ट्रेटर
(b) कोरल ड्रा
(c) ईदसपेस
(d) सभी ही।
उत्तर-
(d) सभी ही।

2. निम्नलिखित में से फोटो ऐडिटिंग सॉफ्टवेयर कौन-सा है ?
(a) एडोब फोटोशॉप
(b) कोरल पेंट्स
(c) दोनों ही
(d) कोई नहीं।
उत्तर-
(c) दोनों ही

3. ग्राफिक कितने प्रकार के होते हैं ?
(a) 2
(b) 3
(c) 1
(d) 4.
उत्तर-
(a) 2

4. लेजर प्रिंटर किस प्रकार का प्रिंटर है ?
(a) इम्पैक्ट
(b) नॉन-इम्पैक्ट
(c) दोनों ही
(d) कोई नहीं।
उत्तर-
(b) नॉन-इम्पैक्ट|

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 5 डैस्कटॉप पब्लिशिंग

(B) रिक्त स्थान भरें

1. …….. का अर्थ है दो से अधिक लाइनों के बीच दूरी।
उत्तर-
लीडिंग

2. फ्रेम संबद्ध सूचना एवं ग्राफिक्स को ………….. करते हैं।
उत्तर-
इकट्ठा

3. WYSIWYG का अर्थ है …………. ।
उत्तर-
What you see is what you get

4. हम कई तरीके से डाक्यूमैंट को ………… कर सकते हैं।
उत्तर-
प्रिंट

5. सब से तेज़ रंगदार लेजर प्रिंटर ……….. पेज़ प्रिंट कर सकता है।
उत्तर-
200.

(C) सही या गलत

1. हेडर पेज़ के नीचे लिखे जाते हैं।
उत्तर-
गलत

2. ऐम० एस० वर्ड, डेस्कटॉप पब्लिशिंग सॉफ्टवेयर है।
उत्तर-
गलत

3. पेज़ तैयार करने के लिए प्लानिंग की ज़रूरत नहीं होती।
उत्तर-
गलत

4. स्टाइल में बुलेट्स आदि शामिल होते हैं।
उत्तर-
सही

5. स्केलिंग दो से अधिक पंक्तियों के बीच की दूरी को कहा जाता है।
उत्तर-
गलत।

II. अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
WYSIWYG का पूरा नाम बताएं।
उत्तर-
What you see is what you get.

प्रश्न 2.
कौन-सी प्रिंटिंग अच्छी होती है ?
उत्तर-
लेजर प्रिंटिंग।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 5 डैस्कटॉप पब्लिशिंग

प्रश्न 3.
जिस प्रिंटिंग पर स्याही बैठ जाती है। उसे क्या कहते हैं ?
उत्तर-
ऑफसैट प्रिंटिंग।

III. लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रिंटिंग के कौन-कौन से तरीके हैं ?
उत्तर-
प्रिंटिंग के दो तरीके हैं –

  1. ऑफसैट प्रिंटिंग-यह वह प्रिंटिंग है जिसमें स्याही पेपर पर बैठ जाती है उसको ऑफसैट प्रिंटिंग कहते हैं।
  2. लेजर प्रिंटिंग-जिस प्रिंटिंग में लेजर की मदद से प्रिंटिंग की जाती है उसको लेजर प्रिंटिंग कहते हैं। यह प्रिंटिंग तेज़ गति वाली होती है।

प्रश्न 2.
स्केलिंग, ट्रैकिंग एवं लीडिंग बारे में बताएं।
उत्तर-
स्केलिंग-स्केलिंग का अर्थ है दस्तावेज़ में अक्षर को फौंट के साइज़ को बिना कम या बढ़ाए हुए अक्षर की चौड़ाई, लंबाई को बढ़ाना या कम कर देना। ट्रैकिंग-ट्रैकिंग का अर्थ है किसी भी शब्द या लाइन के अक्षरों में दूरी बढ़ाना या कम करना। लीडिंग-लीडिंग का अर्थ है, दस्तावेज में दो या अधिक लाइनों के बीच की दूरी को बढ़ाना या कम करना।

प्रश्न 3.
स्केलिंग क्या है ?
उत्तर-
स्केलिंग-डाक्यूमैंट में बहुत से तरीके द्वारा फौंट को छोटा तथा बड़ा किया जा सकता है। इसका अर्थ है कि फौंट के प्वाइंट को बिना बढ़ाये या कम किये अक्षर की चौड़ाई को बढ़ा या कम कर सकते हैं। इसकी स्केलिंग कहा जाता है।

प्रश्न 4.
ट्रैकिंग क्या होता है ?
उत्तर-
ट्रैकिंग-ट्रैकिंग का अर्थ है कि किसी भी वर्ड या लाइन के अक्षर में दूरी बढ़ाना। इसको प्वाइंट में मापा जा सकता है या किसी और विधि द्वारा मापा जाता है।

प्रश्न 5.
लीडिंग क्या होता है ?
उत्तर-
यह दो या दो से अधिक लाइनों के बीच की दूरी को दर्शाता है। इसको पाइंट से भी मापा जा सकता है या यह डैस्कटॉप पब्लिशिंग सॉफ्टवेयर पर निर्भर करता है।

प्रश्न 6.
फ्रेमस किसे कहते हैं ?
उत्तर-
फ्रेमस संबद्ध सूचना और ग्राफिक्स को इकट्ठा करते हैं। हर फ्रेम में हर ऑबजैक्ट की अलग ऐनटिटी (Entity) है। हर फ्रेम, बॉक्स, बॉर्डर का खास उद्देश्य होना चाहिए। फ्रेम अक्षर की सीमा बनाता है। खास अक्षरों पर ध्यान देने के लिए फ्रेम का प्रयोग किया जाता है। प्रेम की सूचना अधिक महत्त्व देती है।

IV. बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पेज़ ले-आऊट का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
पेज़ ले-आऊट का अर्थ है कि किसी पेज़ की ले-आऊट अर्थात् किसी दस्तावेज़ को पेज़ से आब्जेक्ट किस प्रकार रखा जाती है। इसमें ऑबजेक्ट को अपनी जरूरत अनुसार उसकी सही जगह पर पूरी सटीकता के साथ रखा जाता है। इसके साथ ही इनके साथ बनने वाले डिज़ाइन का भी ध्यान रखा जाता है कि वह पेज़ देखने में ठीक लगता है या नहीं। इसका संबंध पेज़ एवं कंपोजीशन के साथ होता है। इसमें सभी प्लेस होल्डर भी शामिल किए जाते हैं जो प्रिंट नहीं होते। किसी भी दस्तावेज की पेज ले-आऊट सैट करने के लिये पेज़ के मार्जन, आबजेक्ट, टैक्सट, फौंट साइज, कलर और डिजाइन आदि का पूरा ध्यान रखा जाता है।
PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 5 डैस्कटॉप पब्लिशिंग 1

प्रश्न 2.
फौंट्स क्या होते हैं ?
उत्तर-
फौंट्स का अर्थ है अक्षरों की बनावट। किसी भी दस्तावेज में कुछ न कुछ टैक्सट प्रयुक्त किया जाता है। वह टैक्सट किसी भी भाषा में हो सकते हैं। उस भाषा के अक्षरों की बनावट को फौंट्स कहते हैं। जैसे अंग्रेज़ी के अक्षर A, B, C ………. Z आदि की बनावट कई प्रकार की हो सकती है। इन सबको फौंट कहते हैं। इनको कुछ खास नामों से जाना जाता है।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 5 डैस्कटॉप पब्लिशिंग

कुछ आम प्रयोग होने वाले फौंटस हैं –
1. Arial
2. Times New Roman
आप इन फौंट्स को बोल्ड, इटैलिक और अंडरलाइन आदि भी कर सकते हैं।
PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 5 डैस्कटॉप पब्लिशिंग 2

प्रश्न 3.
डाक्यूमैंट प्लानिंग का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
डाक्यूमैंट प्लानिंग का अर्थ है किसी भी दस्तावेज़ को तैयार करने के लिए उसके साथ संबद्ध सभी प्लानिंग करनी। इसमें किस स्टेज पर क्या करना है आदि के बारे में विचार किया जाता है।

डाक्यूमैंट प्लानिंग में नीचे लिखी चीजें ध्यान रखी जाता हैं-

  1. पेज़ ले-आऊट : पेज़ ले-आऊट का अर्थ है दस्तावेज़ का खाका तैयार करना।
  2. स्टाइल : स्टाइल का अर्थ है दस्तावेज़ को किस प्रकार का दिखना चाहिए, इस बारे में निर्णय लेना।
  3. मार्जन : मार्जन कितना रखना है, इस बारे में फैसला करना।
  4. हैडर और फुटर-दस्तावेज में हैडर और फुटर के बारे निर्णय करना।
  5. फौंट : दस्तावेज में फौंट कौन-कौन से होने चाहिए और उनका साइज, कलर आदि क्या होना चाहिए।

इस प्रकार हम देखते हैं कि डाक्यूमैंट प्लानिंग में दस्तावेज़ तैयार करने से पहले की दस्तावेज़ से संबंधित सब निर्णय लिए जाते हैं।

प्रश्न 4.
डेस्कटॉप पब्लिशिंग क्या है ? इसकी क्या ज़रूरत होती है ? कौन-कौन से सॉफ्टवेयर का प्रयोग डेस्कटॉप पब्लिशिंग (DTP) के लिए किया जाता है?
उत्तर-
डेस्कटॉप पब्लिशिंग-डेस्कटॉप पब्लिशिंग का अर्थ है कि कंप्यूटर का प्रयोग करके पब्लिशिंग और प्रिंटिग के साथ संबद्ध काम करने। इसमें कुछ सॉफ्टवेयर का प्रयोग करके दस्तावेज तैयार किए जाते हैं। उनको अपनी ज़रूरत अनुसार प्रिंट किया जाता है। डेस्कटॉप पब्लिशिंग की जरूरत-डेस्कटॉप पब्लिशिंग की जरूरत हमें अपने दस्तावेज को सही तरीके के साथ और सटीकता के साथ तैयार करने के लिए की जाती है। डी०टी०पी० सॉफ्टवेयर की मदद से अपने दस्तावेज को सुंदर, सही और अच्छा डिज़ाइन वाले बना सकते हैं। इसकी मदद के साथ हम अपने दस्तावेज में सभी ऑबजैक्टों को उनकी सही जगह पर सही आकार अनुसार रख सकते हैं। अपने दस्तावेज में रंगों का सही प्रयोग किया जा सकता है। दस्तावेज़ को भी किसी भी आकार का प्रिंट किया जा सकता है। यह सॉफ्टवेयर टैक्सट और ग्राफिक्स पर पूरा कंट्रोल कर सकते हैं।

डेस्कटॉप पब्लिशिंग के सॉफ्टवेयर-डेस्कटॉप पब्लिशिंग तीन प्रकार की हो सकती है और उसकी किस्म के अनुसार ही सॉफ्टवेयर लिए जाते हैं।

यह किस्में और उनके सॉफ्टवेयर की जानकारी नीचे दी गई है –

डी० टी० पी० की किस्म सॉफ्टवेयर
1. पेज़ ले-आऊट एडोब पेज़ मेकर, एडोब मैथ टाइप
2. ऐडिटिंग एडीब फोटोशॉप, कोरल फोटोपेंट, पिक्सा
3. इलस्ट्रेशन कोरल ड्रा, ऐम० एस० पब्लिश

प्रश्न 5.
डी० टी० पी० पर एक नोट लिखें।
उत्तर-
डी० टी० पी० का सम्बन्ध कम्प्यूटर की उस ऐप्लीकेशन के साथ है जो छोटी कंपनी या व्यक्तियों के लिए कम्प्यूटर के ज़रिए, रिपोटर्स, विजिटिंग कार्ड, कैलेंडर, विज्ञापन, मैगज़ीन आदि अच्छी गुणवत्ता के साथ छापता है। नए युग के कम्प्यूटर के साथ डी०टी०पी० सॉफ्टवेयर द्वारा बहुत सारे काम जैसे कि विज्ञापन, किताबें तैयार करना आदि अच्छी तरह किये जा सकते हैं।

ऐसे डी०टी०पी० सॉफ्टवेयर द्वारा कई भाषाओं के अक्षरों को बड़े अच्छे तरीके से और बहुत सारे तरीकों के साथ लिखा या छापा जा सकता है। साधारण तौर पर यह कम्प्यूटर की योग्यता होनी चाहिए कि इसकी प्रिंटिंग होने से पहले डाक्यूमैंट का प्रीवियू कम्प्यूटर की स्क्रीन पर देखा जाए। डैस्कटॉप पब्लिशिंग एक पेज़ के ले-आऊट की योग्यता बारे बताती है। डैस्कटॉप पब्लिशिंग 1985 में “Introduction to Mac Publisher” सॉफ्टवेयर के साथ शुरू हुई थी। यह WYSIWYG layout का पहला प्रोग्राम था। डैस्कटॉप पब्लिशिंग वाले सॉफ्टवेयर बनाने से पहले यह काम बहुत सारे आम लोगों द्वारा किया जाता था। ग्राफिक्स, टैक्सट या और डिज़ाइन के लिए खास निपुणता वाले लोग शामिल किये जाते थे जिस कारण बहुत समय लगता था।

अब डैस्कटॉप पब्लिशिंग सॉफ्टवेयर इस प्रकार के काम को बड़े अच्छे तरीके के साथ करते हैं और यह सॉफ्टवेयर टैक्सट या ग्राफिक्स पर पूरा नियंत्रण रख सकता है। डैस्कटॉप पब्लिशिंग आमतौर पर तीन प्रकार के हैं

  • पेज़ ले-आऊट (Page layout)-एडोब पेज़ मेकर (Adobe page Maker) आदि।
  • ऐडिटिंग (Editing)-एडोब फोटोशॉप (Adobe, Photoshop), कोरल फोटो पेंट (Corel Photo paint) आदि।
  • इलस्ट्रेशन (Illustration)–कोरल ड्रा (CorelDraw), ऐम०एस० पब्लिशर (M.S. Publishers) आदि।

कोई भी डाक्यूमैंट तैयार करने के लिए सबसे पहला कदम यह है कि यह निर्णय कर लिया जाए कि आपने शादी कार्ड तैयार करना है या किताब का सबसे पहला कवर पेज या कोई ब्रोशर (Brochure), या कोई बिजनेस कार्ड। अगर आप किताब का टाइटल कवर (Title Cover) बनाना चाहते हैं तो आपको उसका साइज़ पता होना चाहिए। अगर आप पीछे कही बातों के बारे में जानते हो तो आप डैस्कटॉप पब्लिशिंग सॉफ्टवेयर के साथ कुछ भी बना सकते हो।

प्रश्न 6.
दस्तावेज़ प्रिंट करना क्या होता है ? विस्तार में बताएं।
उत्तर-
यह डैस्कटॉप पब्लिशिंग का बहुत ज़रूरी हिस्सा है। हम बहुत से तरीकों के साथ डाक्यूमैंट को प्रिंट करते हैं। प्रिंटिंग एक प्रोसैस है जिसमें टैक्सट, ग्राफिक्स और तस्वीरें आदि को विभिन्न-विभिन्न प्रिंट किया जा सकता है। प्रिंटिग एक बड़ी फैक्टरी का काम भी हो सकता है और एक अकेला आदमी के लिए भी। प्रिंटिंग के तरीके-
1. ऑफसैट प्रिंटिंग-इसमें स्याही पेपर पर बैठ जाती है। अब आमतौर पर हर प्रिंटिंग ऑफसैट होती है। अगर बहुत कम कागजों पर प्रिंटिंग करनी हो तो वह कम्प्यूटर प्रिंटर/कापीयर पर होगी। हमें डाक्यूमैंट की बहुत सारी कापियां (सैंकड़ों हज़ारों, लाखों या करोड़ों) करने के लिए ऑफसैट प्रिंटिंग ही सस्ती और बहुत अच्छी होती है।

2. लेजर प्रिंटिंग-यह आम प्रिंटिंग है जो कि टैक्सट और ग्राफिक्स का अच्छा प्रिंट करती है। लेज़र प्रिंटर एक नॉन-इमपैक्ट फोटो कॉपीयर टैक्नालोजी (Non-impact photocopier Technology) का प्रयोग करते हैं। इस प्रिंटिग में इलैक्ट्रीकल चार्ज (Electrical charges) द्वारा सिलीनीअम कोडड ड्रम पर लेजर बीम डाली जाती है।

जब ड्रम चार्ज होता है तो यह घूमने लग जाती है। कलर प्रिंटिंग के साथ किए हुआ काम ब्लैक एंड वाइट लेज़र प्रिंटर से 10 गुणा महंगा होता है। एक ब्लैक एंड वाईट लेज़र प्रिंटर मॉडल एक मिनट में 200 पेज प्रिंट कर सकता है। प्रिंटिंग स्पीड ग्राफिक्स पर भी निर्भर करती है। सबसे रंगदार प्रिंट करने वाला एक मिनट में 100 पेज़ प्रिंट कर सकता है। डी०टी०पी० के लिए लेजर प्रिंटर का रैजुलेशन 600 डॉटस पर (resolution 600 Dots per inch (dpi) होना चाहिए।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 5 डैस्कटॉप पब्लिशिंग

प्रश्न 7.
WYSIWYG क्या होता है ?
उत्तर-
WYSIWYG (What-You-See-Is-what-You-Get)-यह शब्द कम्प्यूटिंग में यह बताने के लिए इस्तेमाल होता है कि कंप्यूटर में इलैक्ट्रॉनिक पेज़ जो दिखा रहे हैं वह हमारी आऊटपुट के जैसे है। यह पेज़ एक प्रिंटिग डाक्यूमैंट हो सकता है। बैव पेज या स्लाइड भी हो सकता है। अब वाले डैस्कटॉप. पब्लिशिंग खास आऊटपुट के लिए स्क्रीन उसके अनुसार ढाल लेते हैं। उदाहरण के तौर पर ऐम०एस० वर्ड सॉफ्टवेयर (MS-Word Software) आम आदर्श रंगदार लेज़र प्रिंटर (Typical Colour Laser Printer) कागज़ पर आऊटपुट लेने योग्य होता है। हम डी०टी०पी० (DTP) में तैयार किया हुआ कोई भी डाक्यूमैंट प्रिंट करेंगे तो वह WYSIWYG के बिल्कुल पास होता है।

कुछ हालातों में WYSIWYG का कोई अर्थ नहीं रह जाता क्योंकि डाक्यूमैंट में पेज़ की रचना समय : -अतिरिक्त जानकारी लाभकारी होती है। जैसे कि कई बार हमें नॉन-प्रिंटिंग करैक्टर आदि की ज़रूरत होती है। पेज़ ले-आऊट मोड में हम अक्सर ही ग्रिड ; गाइड लाइन्ज (Guidelines) का उपयोग ऑब्जैक्ट को अलाईन करने के लिए करते हैं।

प्रश्न 8.
डाक्यूमैंट प्लानिंग क्या होती है ? व्याख्या करें।
उत्तर-
डाक्यूमैंट प्लानिंग में नीचे लिखी चीजें शामिल हैंपेज़-ले-आऊट-पेज़ ले-आऊट तैयार करने का मतलब किसी डाक्यूमैंट का खाका तैयार करना है। जब आप टैक्सट, ग्राफिक्स या खास प्रकार के निशान (Symbols), जैसे कि बॉक्स (डिब्बा) फ्रेम, बार्डर आदि इकट्ठा कर लिया तो पेज़ ले-आऊट तैयार कर सकते हैं। इसमें एक पेज़ की ज़रूरत पड़ सकती है।

स्टाइल-डैस्कटॉप पब्लिशिंग सॉफ्टवेयर में आप कितने सारे फौंट्स चुन सकते हैं। ले-आऊट ऐलीमैंट ग्राफिक्स में उनमें रंग तथा उनमें फिल्टर्स इफैक्ट आ सकता है। जो फौंट आप चुनें उसको सभी डाक्यूमैंट में इस्तेमाल करें। डाक्यूमैंट में जानकारी का स्टाइल अच्छा होना चाहिए, जो कि अच्छी तरह समझ आ सके ताकि उसको याद रखा जा सके। स्टाइल का अर्थ अपने डाक्यूमैंट में अपने आप फार्मेटिंग (Formatting) करने के लिए है।

स्टाइल के बिना आपके हर पैराग्राफ, लाइन की अलग से सैटिंग करनी पड़ेगी। यह काम बहुत कठिन और बोरिंग हो जाता है। एक स्टाइल में हैडिंग हैडर और फुटर, बुलेट (Heading, Header & Footer, Bullets) आदि शामिल होते हैं। – मार्जन-मार्जन टैक्सट की बाएं और दाएं, ऊपर और नीचे से टैक्सट की दूरी को कहा जाता है। मार्जन आमतौर पर (From Left, Right, Top, Bottom) एक ईंच के होते हैं। पर इनको अपनी इच्छा अनुसार बढ़ाया या कम किया जा सकता है।

हैडर (Header)-हैडर वह टैक्सट है जो कि पेज़ के ऊपरी हिस्से पर प्रिंट किया जाता है। यह पेज़ नंबर, पाठ नंबर या कोई खास सूचना हो सकती है।
फुटर (Footer)-फुटर वह टैक्सट है जो पेज़ के नीचे के हिस्से पर लिखा जाता है। इसमें भी पेज नंबर, पाठ का नाम और जानकारी हो सकती है। डी०टी०पी० सॉफ्टवेयर अपने आप हर पेज़ नंबर और और सूचना लिख सकता है।

फौंट : यह डाक्यूमैंट डिज़ाइन का बहुत ज़रूरी हिस्सा है। आमतौर पर पाठक एरियल (Arial) या टाईमज़ न्यू रोमन (Time New Roman) स्टाइल वाला फौंट पसंद करते हैं। क्योंकि इसके साथ अक्षर को पढ़ना आसान हो जाता है। आप कुछ फौंट्स को Bold, Italic, Under line आदि कर सकते हैं। एरियल; टाईमज़ न्यू रोम फौंट किताब, मैगजीन और अखबारों में प्रयोग किए जाते हैं।

यह डाक्यूमैंट प्लानिंग बारे कुछ ज़रूरी जानकारी है पर और बातें भी ध्यान देने योग्य हैं जैसे कि पेज का आकार, पेज़ों की संख्या, पेज़ के मध्य कालमों की गिनती, टाइटल, कैपशन (caption) आदि।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 4 वैब डिवैल्पमैंट

Punjab State Board PSEB 10th Class Computer Book Solutions Chapter 4 वैब डिवैल्पमैंट Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Computer Chapter 4 वैब डिवैल्पमैंट

Computer Guide for Class 10 PSEB वैब डिवैल्पमैंट Textbook Questions and Answers

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
(A) बहुविकल्पीय प्रश्न

1. किसी वैबसाइट की योजना बनाने के चार पड़ाव हैं ?
(a) किसी साइट का उद्देश्य
(b) दर्शकों के लिए डिज़ाइनिंग
(c) काम रणनीति और विषय-वस्तु एवं विकास
(d) ऊपर दिये सभी।
उत्तर-
(d) ऊपर दिये सभी।

2. उद्देश्य प्राप्त करने के लिए काम करने के ढंगों को क्या बुलाया जाता है ?
(a) काम-रणनीति
(b) योजना की रणनीति
(c) डिज़ाइन-रणनीति
(d) ऊपर वालों में से कोई भी नहीं।
उत्तर-
(a) काम-रणनीति,

3. वैब सर्वर हो सकता है –
(a) खरीदा
(b) उधार लिए
(c) उपरोक्त दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(c) उपरोक्त दोनों,

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 4 वैब डिवैल्पमैंट

4. वैब पेज़ का आकार ज्यादा से ज्यादा नहीं होना चाहिए –
(a) एक स्क्रीन
(b) दो स्क्रीन्ज़
(c) तीन स्क्रीन्ज़
(d) चार स्क्रीन्ज़।
उत्तर-
(d) चार स्क्रीन्ज़।

5. वैब पेज़ की एक बढ़िया दिखावट किस पर निर्भर करती है ?
(a) फौंट का आकार/रंग
(b) बैक ग्राउंड रंग
(c) टेबल और ग्राफिक्स
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपरोक्त सभी।

6. किस टैस्टिंग के लिए इंटरनेट कनैक्शन की ज़रूरत नहीं है।
(a) ऑफलाइन टैस्टिंग
(b) ऑनलाइन टैस्टिंग
(c) उपरोक्त दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(b) ऑनलाइन टैस्टिंग

7. एस०ई०ओ० का मतलब है
(a) सर्च इंजन ऑप्टीमाइजेशन
(b) सिस्टम इंजन ऑप्टीमाइजेशन
(c) सैकरोगनाइज़ड इंजन ऑप्टीमाइजेशन
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-
(a) सर्च इंजन ऑप्टीमाइजेशन

8. एस०एम०एम० मतलब क्या है ?
(a) सोशल मीडिया मार्केटिंग
(b) साइंस मीडिया मार्केटिंग
(c) सिस्टम मैक्रो मीडिया
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(a) सोशल मीडिया मार्केटिंग

9. FTP का मतलब है
(a) File Transfer Protocol
(b) Finance Transfer Protocol
(c) Folder Transfer Protocol
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-
(a) File Transfer Protocol

10. इंटरनेट का इस्तेमाल करते हुए वैबसाइट की जांच करना किस नाम के रूप में जाना जाता
(a) Offline Testing
(b) Online Testing
(c) उपरोक्त दोनों
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-
(b) Online Testing

(B) रिक्त स्थान भरें

1. साइट की योजना बनाते समय साइट की ………. का फैसला अंत में लिया जाता है।
उत्तर-
पब्लिशिंग,

2. …………… आपकी साइट का पता है।
उत्तर-
डोमेन नेम,

3. डोमेन नाम के बारे में फैसला करने के बाद अगला कदम डोमेन नाम की ……… करना है।
उत्तर-
रजिस्ट्रेशन,

4. …………. दो स्क्रीनों से बड़ा नहीं होना चाहिए।
उत्तर-
वैब पेज़,

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 4 वैब डिवैल्पमैंट

5. …………. टैस्टिंग इंटरनेट के बिना की जा सकती है।
उत्तर-
ऑफ लाइन,

6. किसी भी वैबसाइट के पहले पेज़ को ……….. कहा जाता है।
उत्तर-
होम पेज़।

(C) सही या गलत

1. होम पेज़ के साथ अन्य पेज़ों का कोई लिंक नहीं है।
उत्तर-
गलत,

2. साइट का पता .com, .org, .net आदि से समाप्त होता है।
उत्तर-
सही,

3. किसी साइट का ऑफलाइन टैस्ट सिर्फ एक ही ब्राऊज़र पर करना चाहिए।
उत्तर-
गलत,

4. होस्ट के लिए वैब पेज़िज़ को भेजने के लिए, हमें FTP क्लाइंट की ज़रूरत है।
उत्तर-
सही,

5. किसी साइट के ऑन लाइन टैस्टिंग के दौरान आपके कंप्यूटर को इंटरनेट से जुड़ा होना चाहिए।
उत्तर-
सही।

(D) पूरे नाम लिखो

1. IP,
2. FTP,
3. URL
उत्तर-
1. IP- Internet Protocol
2. FTP-File Transfer Protocol
3. URL-Uniform Resource Locator.

II. अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
आपकी साइट का पता कौन-सा है ?
उत्तर-
डोमेन नेम।

प्रश्न 2.
कंप्यूटर की वैबसाइट की कापी को ……….. वर्जन कहा जाता है, और वैब होस्ट ऊपर कापी को कहा ……… वर्जन कहा जाता है।
उत्तर-
लोकल, एक्सटर्नल।

प्रश्न 3.
कोई कंपनी ग्राहकों से सीधी फीड बैंक किस तरह प्राप्त कर सकती है ?
उत्तर-
सोशल मीडिया मार्केटिंग।

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 4 वैब डिवैल्पमैंट

प्रश्न 4.
वैबसाइट पर सभी भिन्न-भिन्न विशेषताओं की जाँच करने के लिए क्या जरूरी है ?
उत्तर-
टैस्टिंग।

प्रश्न 5.
डिज़ाइनर डाटा को नष्ट होने, मालवेयर और अन्य नुम्पानों से बच सकता है ?
उत्तर-
सुरक्षा और बैकअप का इस्तेमाल करके।

III. लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
किसी साइट का उद्देश्य फिक्स करने के लिए महत्त्वपूर्ण तरीके बतायें।
उत्तर-
किसी साइट का उद्देश्य निर्धारित करने के लिए निम्नलिखित तरीके हैं-

  • साइट के उद्देश्य इस प्रकार के हों जिनसे पता चल जाये कि साइट पर क्या डालना है।
  • साइट के दो तीन महत्त्वपूर्ण उद्देश्य होने चाहिए।

प्रश्न 2.
वैबसाइट दर्शकों के लिए तैयार करने का क्या मतलब है ? संक्षेप में लिखें।
उत्तर-
दर्शकों के लिए डिज़ाइनिंग से भाव है साइट के दर्शकों की ज़रूरत को ध्यान में रखकर साइट का निर्माण करना। ‘साइट की दिखावट किस प्रकार की होगी ?’ यह निर्धारित करना।

प्रश्न 3.
आप अपनी साइट की कार्यनीति के बारे में किस तरह फैसला करोगे ?
उत्तर-
किसी साइट के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए किए जाने वाले कार्यों के तरीकों को कार्य नीति कहा जाता है। कार्यनीति के लिए दर्शकों को ध्यान में रखकर सभी काम किये जाते हैं।

प्रश्न 4.
साइट का कन्टैंट कैसा होना चाहिए ?
उत्तर-
साइट का विषय-वस्तु दर्शकों को सभी महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान होनी चाहिए। विषय-वस्तु सही स्थान पर हो और अच्छ तरीकों से व्यवस्थित किया हो।

प्रश्न 5.
डोमेन नेम से आपका क्या मतलब है ?
उत्तर-
डोमैन नेम किसी वैबसाइट का पूरा एडरैस होता है। इसकी सहायता से ही कोई साइट देखी जा सकती है।

प्रश्न 6.
डोमेन नेम को कैसे दर्ज किया जाता है ?
उत्तर-
डोमेन नेम को साइट के सर्विस प्रोवाइडर की सहायता से रजिस्टर करवाया जाता है। इसके लिए फार्म भरा जाता है और रजिस्ट्रेशन की फीस दी जाती है। इसके साथ ही यह भी चैक किया जाता है कि यह नाम पहले तो किसी ने रजिस्टर नहीं करवाया।

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प्रश्न 7.
इंटरनेट की दुनिया में सर्वर की क्या भूमिका है ?
उत्तर-
सर्वर पर हमारी साइट पड़ी होती है। यह सर्वर खरीदा जा सकता है या किराये पर लिया जाता है। सर्वर हमारी साइट को संभाल कर रखता है और जरूरत पड़ने पर दिखाता है। अतः सर्वर के बिना हमारी वैबसाइट नहीं बन सकती।

प्रश्न 8.
वैब पन्ने डिजाइन करते समय कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-
वैब पेज़ डिज़ाइन करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखा जाता है-

  • वैब पेज़ दो स्क्रीन्ज़ से लंबा नहीं होना चाहिए।
  • अगर लंबा पेज़ बनाना है तो बुकमार्क के द्वारा अंदरूनी लिंक बनायें।
  • अगर डाक्यूमैंट एक स्क्रीन से बड़ा है तो पहले सिर्फ एक पेज़ ही दिखायें। दर्शकों की मांग पर ही बाकी हिस्सा दिखाया जाये।
  • ज्यादा भारी वैब पेज़ न बनायें।

प्रश्न 9.
किसी साइट को अपलोड करने की क्या प्रक्रिया है ?
उत्तर-
साइट को अपलोड करने के लिए फाइल ट्रांसफर प्रोटोकाल (FTP) का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए पहले ज़रूरी प्रोग्राम चलाया जाता है। फिर उसके द्वारा सभी फाइलें अपलोड की जाती हैं।

प्रश्न 10.
ऑफ-लाइन टैस्टिंग से क्या मतलब है ?
उत्तर-
आफ-लाइन टैस्टिंग वैबसाइट टैस्ट करने की वो तकनीक है जिसमें उसको टैस्ट करने के लिए इंटरनैट की ज़रूरत नहीं पड़ती।
इसमें पहले होम पेज़ खोला जाता है और फिर सभी पेजों के लिंक चैक किए जाते हैं।

IV. बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
साइट की योजनाबंदी के भिन्न-भिन्न पड़ाव बतायें।
उत्तर-
साइट की योजनाबंदी के समय हम यह फैसला करते हैं कि साइट बनाने के लिए क्या कुछ करना है और किस प्रकार करना है। इस के मुख्य चार पड़ाव हैं-

  • साइट का उद्देश्य
  • दर्शकों के लिए डिजाइनिंग
  • कार्य नीति
  • विषय-वस्तु।

1. साइट का उद्देश्य-हर एक साइट का कोई उद्देश्य होना चाहिए। यह उद्देश्य बताता है कि हमें इस साइट में क्या कुछ डालना है। साइट से संबंधित सारा काम साइट के उद्देश्य के अनुसार होना चाहिए। साइट बनाते वक्त निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए

  • साइट का उद्देश्य
  • उद्देश्य की पूर्ति के लिए साइट तैयार करने का तरीका
  • उद्देश्य प्राप्ति के लिए कार्यनीति।
  • साइट तैयारी और अपडेट करने का समय।

2. दर्शकों के लिए डिज़ाइनिंग-उद्देश्य स्पष्ट करने के बाद अगला काम है साइट के दर्शक निर्धारित करना। यह पता करना कि कौन-कौन से लोग साइट देखेंगे। उन लोगों को ध्यान में रख कर ही साइट का डिज़ाइन तैयार किया जाता है।

3. कार्य नीति- उद्देश्य की प्राप्ति के लिए किए जाने वाले कार्यों के तरीकों को कार्य नीति कहा जाता है। इसमें साइट के लिए विषयवस्तु इकट्ठा करने का ढंग, साइट बनाने का ढंग आदि शामिल होते हैं।

4. विषय-वस्तु-आखिर में विषय-वस्तु की बारी आती है। विषय-वस्तु में वे सब शामिल होता है जो हमें साइट पर दिखाना है। यह सारी सामग्री इकट्ठी की जाती है और इसको किस प्रकार किस पेज पर दिखाना है यह सब निर्धारित किया जाता है। इसके साथ ही साइट पर लिंकस आदि निर्धारित किए जाते हैं।

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प्रश्न 2.
वैब को अमल में लाने के लिए जरूरी निर्देशों का वर्णन करें।
उत्तर-
वैब को अमल में लाने का मतलब है कि योजनाबंदी के अनुसार काम करना। इसमें निम्नलिखित काम शामिल हैं-

  1. डोमेन नाम का चुनाव
  2. डोमेन नेम रजिस्टर करना
  3. सर्वर का चुनाव करना
  4. वैब पेज की व्यवस्था करनी
  5. दिखावट बनाना
  6. ऑफ-लाइन टैस्टिंग
  7. साइट अपलोड करनी
  8. ऑन-लाइन टैस्टिंग।

1. डोमेन नेम का चुनाव-इसमें साइट का नाम निर्धारित किया जाता है। यह नाम अपने आप में अलग होना चाहिए क्योंकि किन्हीं भी दो साइटों का नाम एक नहीं हो सकता।

2. डोमेन नेम रजिस्टर करना-इस डोमेन नेम को नाम देने वाली कंपनी के पास रजिस्टर करवाया जाता है।

3. सर्वर का चुनाव करना-सर्वर वो कंप्यूटर होता है जिस पर साइट अपलोड की जाती है। इसका भी चुनाव किया जाता है। वैब पेजों की व्यवस्था करना-वैब पेज अच्छी तरह व्यवस्थित किया जाता है।

4. इसके लिए कई बातों का ध्यान रखा जाता है। वैब पेज को ज्यादा लंबा नहीं होना चाहिए। उसमें सही ढंग के लिंक होने चाहिए।

5. दिखावट बनाना-वैब पेज की दिखावट अच्छी होनी चाहिए ताकि इसको पढ़ने और देखने का मन करे। इसमें सही मात्रा में टैक्सट, इमेज, आवाज़ और वीडियो शामिल किया होना चाहिए।

6. ऑफ-लाइन टैस्टिग-इसमें वैबसाइट को बगैर इंटरनैट से टैस्ट किया जाता है। इसमें चैक किया जाता है कि सभी लिंक आदि सही चल रहे हैं कि नहीं।

7. साइट अपलोड करना–साइट अपलोड करने का मतलब है साइट की फाइलें सर्वर पर कॉपी करना। इसके लिए फाइल ट्रांसफर प्रोटोकाल का प्रयोग किया जाता है।

8. ऑन-लाइन टैस्टिंग-इस टैस्टिंग में साइट को इंटरनैट पर चैक किया जाता है कि यह सही ढंग से काम कर रही है कि नहीं। इसमें पास होने के बाद साइट बनाने का काम पूरा हो जाता

प्रश्न 3.
ऑफ-लाइन टैस्टिग और आन-लाइन टैस्टिग में अंतर बतायें।
उत्तर-
ऑफ-लाइन टैस्टिंग और ऑन-लाइन टैस्टिंग में निम्नलिखित अंतर हैं-

ऑफ-लाइन टैस्टिग ऑन-लाइन टैस्टिंग
1. इसमें इंटरनेट की ज़रूरत नहीं पड़ती। 1. इसमें इंटरनेट की ज़रूरत पड़ती है।
2. यह साइट अपलोड करने से पहले की जाती | 2. यह साइट अपलोड करने के बाद की जाती |
3. यह किसी भी कंप्यूटर पर की जा सकती है। 3. यह टैस्टिंग सिर्फ उस कंप्यूटर पर की जा
सकती है जिस पर इंटरनैट चल रहा हो।
4. आप वैब पेज़ की कोडिंग बदल सकते हो। 4. आप वैब पेज की कोडिंग बदल नहीं सकते।

प्रश्न 4.
एस० ई० ओ० क्या है ?
उत्तर-
एस० ई० ओ० का पूरा नाम सर्च इंजन ओपटीसाइजेशन है। इसका अर्थ है जब एक सर्च इंजन हमारी साइट से संबंधित कुछ सर्च करता है तो हमारी साइट के नतीजे सबसे ऊपर और बढ़िया रूप में नज़र आये। इस के लिए साइट बनाने के लिए लगातार कार्यशील रहना पड़ता है। एस०ई०ओ० यह यकीनी बनाता है कि किसी साइट को किसी खोज इंजन के लिए पहुँच योग्य बनाया जाये और संभावनाओं को सुधारा जाये कि साइट सर्च इंजन के द्वारा ढूंढ़ ली जायेगी। एस०ई०ओ० किसी खास प्रकार के सर्च इंजन के लिए की जाती है जैसे किwww.google.com, www.yahoo.com आदि।

प्रश्न 5.
एस० एम० एम० क्या है ?
उत्तर-
एस० एम० एम० का अर्थ सोशल मीडिया मार्कीटिंग होता है। एस०एम०एम० का उद्देश्य वो सामग्री तैयार करना है जो उपभोक्ता अपने सोशल नेटवर्क से शेयर करेगी ताकि उनकी कंपनी की ब्रांड एकसपोज़र बढ़ाने और ग्राहकों की पहुँच को बढ़ाने में मदद की जा सके।
एस०एम०एम० के मुख्य भागों में एस०एस०ओ० होता है जो एक नई वैबसाइट में नये और विलक्षण विज़िटर्ज को खींचने की एक रणनीति होती है। एस०एम०ओ० दो प्रकार किया जाता है।
1. कंटैंट के साथ सोशल मीडिया लिंक बटन शेयर करके
2. स्टेटमैंट या ट्वीटस को अपडेट या ब्लॉग पोस्ट करके एस०एम०एम० अपनी कंपनी ग्राहकों से सीधी फीड बैक प्राप्त करने में मदद करती है। एस०एम०एम० कई प्रकार की सोशल वैबसाइटों जैसे कि Facebook, Twitter, Linkedin, Youtube, Myspace, Orkut आदि के कारण काफी प्रचलित बनती जा रही है।

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PSEB 10th Class Computer Guide वैब डिवैल्पमैंट Important Questions and Answers

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न

(A) बहुविकल्पीय प्रश्न

1. वैबसाइट के पहले पेज को ……. कहते हैं।
(a) मेन पेज
(b) सर्च इंजन
(c) होम पेज
(d) डोमेन।
उत्तर-
(c) होम पेज

2. वैबसाइट के नाम को क्या कहते हैं ?
(a) होम पेज
(b) डोमेन नेम
(c) सर्च
(d) एस०सी०ओ०।
उत्तर-
(b) डोमेन नेम

(B) रिक्त स्थान भरें

1. साइट की योजना बनाते समय सबसे आखिर में साइट के ……… बारे फैसला किया जाता है।
उत्तर-
विषय-वस्तु,

2. ………… आपकी साइट का एडरैस होता है।
उत्तर-
डोमेन नेम,

3. डोमेन नेम के बारे में फैसला करने के बाद अगला काम डोमेन नेम को …………. करवाना होता
उत्तर-
रजिस्टर,

4. ………. दो स्क्रीन्ज से लंबा नहीं होना चाहिए।
उत्तर-
वैब पेज,

5. ………… टैस्ट इंटरनेट के बिना किया जाता है।
उत्तर-
ऑफ लाइन,

6. वैबसाइट के पहले वैब पेज को ……… कहा जाता है।
उत्तर-
Home page.

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(C) सही या गलत-

1. एक अच्छी वैबसाइट के होम पेज का दूसरे पेज से कोई लिंक नहीं होता।
उत्तर-
गलत,

2. साइट का एडरैस .com, .org, .net आदि से समाप्त होता है।
उत्तर-
सही,

3. वैबसाइट का ऑफ-लाइन टैस्टिग सिर्फ एक ही ब्राऊज़र पर करनी चाहिए।
उत्तर-
गलत,

4. वैब पन्नों को होस्ट तक भेजने के लिए FTP क्लाइंट की ज़रूरत पड़ती है।
उत्तर-
सही,

5. ऑन लाइन टैस्ट करने के समय आपका कंप्यूटर इंटरनैट से जुड़ा हुआ होना चाहिए।
उत्तर-
सही।

II. अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
विषय-वस्तु क्या होता है ?
उत्तर-
विषय-वस्तु का अर्थ है साइट पर पाई जाने वाली सामग्री।

प्रश्न 2.
डोमेन नेम किसको कहते हैं ?
उत्तर-
किसी वैबसाइट के पते को डोमेन नेम कहा जाता है।

प्रश्न 3.
अपलोडिंग का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
अपनी वैबसाइट को इंटरनैट पर डालने की क्रिया को अपलोडिंग कहते हैं।

प्रश्न 4.
टैस्टिग का क्या मतलब है ?
उत्तर-
किसी वैबसाइट के सभी लिंक चैक करने की क्रिया को टैस्टिंग कहा जाता है।

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प्रश्न 5.
टेस्टिंग कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर-
टैस्टिंग दो तरह की होती है
1. ऑफ-लाइन टैस्टिंग
2. ऑन-लाइन टैस्टिंग।

III. लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
साइट की योजनाबंदी से आपका क्या भाव है ?
उत्तर-
योजनाबद्ध तरीके से बनाई गई वैबसाइट प्रभावशाली होती है। कोई भी वैबसाइट बनाने से पहले उसकी योजना बना लेनी चाहिए। अगर योजना से काम करोगे तो उद्देश्य की पूर्ति होगी। वैबसाइटों के द्वारा हम संचार करवाते हैं। वैबसाइट के डिज़ाइन के समय सब से पहली महत्त्वपूर्ण बात है वैब साइट का उद्देश्य (Goal)। वैबसाइट का निर्माण हमेशा उसके उद्देश्य को मुख्य रख कर ही करना चाहिए।

प्रश्न 2.
कार्यनीति पर एक नोट लिखें।
उत्तर-
जब आप फैसला कर लेते हो तो आपको कार्यनीति के बारे में सोचना पड़ेगा। उद्देश्य (goal) की प्राप्ति के लिए किए जाने वाले कार्यों के तरीके को कार्य नीति कहा जाता है। आप अपनी साइट में कई प्रकार की सूचनाएं शामिल कर सकते हो। जैसे कि-

  • टैक्सट सूचना
  • आडियो या सूचना
  • वीडियो सूचना।

एक अच्छी वैबसाइट साधारण (Simple) होती है। दूसरे शब्दों में वैबसाइट जटिल नहीं होनी चाहिए।

IV. बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
साइट के उद्देश्य पर एक नोट लिखें।
उत्तर-
साइट का कोई विशेष उद्देश्य या मनोरथ होना चाहिए। साइट का उद्देश्य हमें बताता है कि हमें इसमें क्या कुछ डालना है। आप विस्तारपूर्वक और सजावट वाली साइट तैयार कर सकते हो, पर शर्त यह है कि वो उद्देश्य की पूर्ति ज़रूर करती हो। कोई भी साइट बनाते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान ज़रूर रखें-

  • संस्था का उद्देश्य।
  • आपकी साइट के 2-3 महत्त्वपूर्ण उद्देश्य।
  • उद्देश्य की पूर्ति के लिए साइट तैयार करने का तरीका।
  • उद्देश्य की प्राप्ति के लिए कार्यनीति।
  • साइट की तैयारी का समय।
  • साइट को अपडेट करने का समय।

प्रश्न 2.
दर्शकों के लिए डिज़ाइनिंग से आपका क्या भाव है ?
उत्तर-
साइट का मनोरथ स्पष्ट करने के बाद अगला काम यह जानना है कि आपकी साइट के दर्शक कौन से होंगे ? किस किस्म के लोग आपकी साइट की यात्रा करेंगे ? बच्चे, विद्यार्थी, वकील, डॉक्टर या घरेलू औरतें। यहाँ यह भी ध्यान रखना चाहिए कि दर्शकों की आपकी साइट से क्या इच्छाएं हैं। उदाहरण के रूप में अगर आप पुस्तक प्रकाशक के लिए साइट डिज़ाइन कर रहे हो तो आपके दर्शक या पाठक विद्यार्थी, बच्चे, अध्यापक, प्रोफेसर और अन्य बुद्धिजीवी हो सकते हैं। इस हालत में आप अपने दर्शकों की रुचि के मुताबिक साइट का डिज़ाइन करोगे।

प्रश्न 3.
वैबसाइट को अमल में लाने के विभिन्न कार्य लिखें।
उत्तर-
साइट की संपूर्ण योजना बनाने और सूचनाओं या लिंकस के संबंध में फैसला करने के बाद इसको इंपलीमैंट अर्थात् अमल में लाने के बारे में सोचा जाता है। इसमें डोमेन नेम का चुनाव, डोमेन रजिस्टर करवाना, सर्वर का चुनाव और साइट का प्रबंध आदि गतिविधियाँ शामिल होती हैं।
1. डोमेन नाम का चुनाव (Choosing Domain Name)-डोमेन नेम आपकी साइट का एडरैस होता है। डोमेन नेम असल में (इंटरनेट प्रोटोकाल) साइट का एडरैस होता है। डोमेन नेम डाटाबेस में होता है जो कि सर्वर के एडरैस की सूची में शामिल होता है। डोमेन नेम .com, .net, .org आदि नामों से समाप्त होता है। इसमें हाइफनज़ (Hyphens) शामिल होते हैं। इसमें प्रयोग किए जाने वाले अक्षरों की ज्यादा से ज्यादा गिनती 63 हो सकती है।

2. डोमेन नेम रजिस्टर करना (Registering Domain Name)-डोमेन नेम के बारे में फैसला करने के बाद डोमेन नेम रजिस्टर करवाया जाता है। आप अपनी साइट को सर्विस प्रोवाइडर के द्वारा रजिस्टर करवा सकते हो। सर्विस प्रोवाइडर आपको एक फार्म भरने के लिए कहता है और फिर रजिस्टर करने के लिये आपसे फीस भी वसूल सकता है। फार्म भरने के बाद चैक किया जाता है कि आपके नाम वाला किसी और ने तो नहीं रजिस्टर करवाया। अगर नाम उपलब्ध हो तो उसके रजिस्टर होने का संदेश आपको ई-मेल के द्वारा भेज दिया जाता है।

3. सर्वर का चुनाव (Choosing a server)-साइट को अमल में लाने का एक ज़रूरी कार्य है सर्वर का चुनाव। यहाँ सर्वर का चुनाव बहुत महत्ता रखता है। सर्वर यहाँ आपकी साइट स्थायी रूप में रखता है आप अपना सर्वर खरीद सकते हो या फिर किराये पर भी ले सकते हो। वैबसाइटों की दुनिया में सर्वर का अहम रोल है। ऐसे विशेष किस्म के सर्वर को वैब सर्वर कहा जाता है। जब आप अपने ब्राऊजर पर कोई साइट खोलते हो तो यह संबंधित वैब सर्वर से जुड़ जाता है।

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4. वैब पेज की व्यवस्था (Organizing Web Page)-वैबसाइट का पेज अच्छे ढंग से व्यवस्थित होना चाहिए। वैब पेज की व्यवस्था ऐसी हो कि यह साइट को बराबर दिखावट (Balanced look) प्रदान करे। पेज की व्यवस्था के समय पेज की लंबाई एक महत्त्वपूर्ण नुक्ता है। पेज डिज़ाइन करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिएवैब पेज दो स्क्रीनज़ से लंबा नहीं होना चाहिए। अगर लंबा पेज इस्तेमाल करना चाहते हो तो बुकमार्क के द्वारा अंदरूनी लिंक स्थापित करें। अगर आपका डाक्यूमैंट एक स्क्रीन से बड़ा है तो पहले दर्शकों को सिर्फ कुछ भाग ही दिखायें। दर्शकों द्वारा मांग करने के बाद ही बाकी हिस्सा दिखा जाये।

5. दिखावट (Look)-वैब पेज अच्छी दिखावट वाला हो तो हर एक का पढ़ने को मन करेगा। अच्छी दिखावट के लिए वैब पेज में ज़रूरत अनुसार लिंक, ग्राफिक्स, ऐनीमेशन, साऊंड और वीडियो क्लिप शामिल होने चाहिए। वैब पेज की भिन्न-भिन्न सामग्री में विभिन्नता पर अच्छा दृष्टिगत प्रभाव होना चाहिए। साइट में उचित फौंट कलर, बैकग्राउंड कलर, टेबल, ग्राफ आदि का इस्तेमाल अच्छी दिखावट का प्रतीक होता है।

6. ऑफ-लाइन टैस्टिग (Offline Testing)-वैबसाइट के सभी पेजिज डिज़ाइन करने के बाद इसको ब्राऊजर पर टैस्ट किया जाता है। इस टैस्ट के लिए इंटरनैट की ज़रूरत नहीं पड़ती। इसी कारण इसको ऑफ-लाइन टैस्ट कहा जाता है। आफ-लाइन टैस्टिग में सबसे पहले ब्राऊज़र में होम पेज खोला जाता है। फिर एक-एक करके लिंक किए हुए सभी पन्नों (Pages) को चैक किया जाता है। यहाँ यह यकीनी बनायें कि आपके पेज बढ़िया नज़र आयें। आपको अपनी साइट को भिन्न-भिन्न ब्राऊज़र्स पर टैस्ट कर लेना चाहिए।

7. साइट को अपलोड करना (Uploading the Site)-साइट को इंटरनैट पर सभी के लिए प्रदान करवाने के लिए इसको अपलोड किया जाता है। आपके वैब पन्नों को होस्ट (Host) तक भेजने के लिए फाइल ट्रांसफर प्रोटोकाल (FTP) क्लाइंट की ज़रूरत पड़ती है। इस काम के लिए सबसे पहले FTP प्रोग्राम जैसे कि क्यूट FTP (Cute FTP) सैट किया जाता है। इसके बाद ऑन-लाइन होकर अपनी फाइलों को अपलोड करें।

8. ऑन-लाइन टैस्टिंग (Online Testing)-जब आपकी साइट अपलोड हो जाती है तो आगे का स्टैप है इसको ऑन-लाइन टैस्ट करना। इंटरनेट कनैक्ट करें, ब्राऊज़र खोलें और अपनी साइट का यू०आर०एल (URL) टाइप करें। चैक करें कि आपकी साइट के सभी लिंक सही काम कर रहे हैं। इसी प्रकार अन्य ब्राऊज़र ऊपर भी चैक करें।