PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Book Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु Textbook Exercise Questions, and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Science Chapter 3 धातु एवं अधातु

PSEB 10th Class Science Guide धातु एवं अधातु Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन-सा युगल विस्थापन अभिक्रिया प्रदर्शित करता है :
(a) NaCl विलयन एवं कॉपर धातु
(b) MgCl2 विलयन एवं ऐलुमीनियम धातु
(c) FeSO4 विलयन एवं सिल्वर धातु
(d) AgNO3 विलयन एवं कॉपर धातु।
उत्तर-
सिल्वर धातु से अधिक क्रियाशील होने के कारण, कॉपर धातु AgNO, के विलयन में से सिल्वर को अलग (विस्थापित) करने की क्षमता रखता है। इसलिए AgNO3 (aq) + Cu (s) → CuNO3 (aq) + Ag (s)
अन्य सभी धातुएँ दिए गए विलयन में उपस्थित धातु से कम अभिक्रियाशील हैं। इसलिए (d) युग्ल विस्थापन अभिक्रिया प्रदर्शित करता है।

प्रश्न 2.
लोहे के फ्राईंग पैन (Frying pan) को जंग से बचाने के लिए निम्न में से कौन-सी विधि उपयुक्त
(a) ग्रीज़ लगाकर
(b) पेंट लगाकर
(c) जिंक की परत चढ़ाकर
(d) ऊपर के सभी।
उत्तर-
(a) और (b) उपयुक्त नहीं है क्योंकि ग्रीज़ और पेंट दोनों ही गर्म करने पर जल जाते हैं। इसलिए (c) ज़िंक की परत लगाकर।

प्रश्न 3.
कोई धातु ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर उच्च गलनांक वाला यौगिक निर्मित करती है। यह यौगिक जल में विलेय है। यह तत्त्व क्या हो सकता है ?
(a) कैल्सियम
(b) कार्बन
(c) सिलिकन
(d) लोहा।
उत्तर-
कैल्सियम, ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर कैल्सियम ऑक्साइड बनाता है जो एक आयनिक यौगिक है। इसका गलनांक उच्च होता है तथा यह जल के साथ अभिक्रिया करने पर कैल्सियम हाइड्रोक्साइड बनाता है।
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∴ ठीक उत्तर है (a) कैल्सियम।।

प्रश्न 4.
खाद्य पदार्थ के डिब्बों पर जिंक की बजाय टिन का लेप होता है क्योंकि
(a) टिन की अपेक्षा ज़िंक महँगा है।
(b) टिन की अपेक्षा जिंक का गलनांक अधिक है।
(c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है।
(d) टिन की अपेक्षा जिंक कम अभिक्रियाशील है।
उत्तर-
टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील होता है तथा खाने में पाए जाने वाले तत्त्वों के साथ अभिक्रिया कर सकता है। इसलिए सही उत्तर है (c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है।

प्रश्न 5.
आपको एक हथौड़ा, बैटरी, बल्ब, तार एवं स्विच दिया गया है :
(a) इनका उपयोग कर धातुओं एवं अधातुओं के नमूनों के बीच आप विभेद कैसे कर सकते हैं ?
(b) धातुओं एवं अधातुओं में विभेदन के लिए इन परीक्षणों की उपयोगिता का आकलन कीजिए।
उत्तर-
(a)

  • हम धातुओं तथा अधातुओं के नमूनों को हथौड़े की सहायता से पीट-पीट कर पतली चादरों से परिवर्तित करने का प्रयास करेंगे।
  • बैटरी, बल्ब, तारों तथा स्विच की सहायता से हम एक विद्युत् परिपथ स्थापित करेंगे तथा धातु अथवा अधातु को परीक्षण के लिए उन्हें परिपथ के टर्मिनल A तथा B के बीच रखेंगे।

(b)

  • यह पाया जाता है कि हथौड़े से पीटने पर धातुएँ पतली चादरों में परिवर्तित हो जाती हैं, जबकि अधातुएँ भंगुर होती हैं अर्थात्, हथौड़े से पीटने पर छोटेछोटे टुकड़ों में टूट जाती हैं। अतः धातुएँ आघातवर्ध्य होती हैं, जबकि अधातुएँ नहीं होतीं।
  • दूसरे परीक्षण के दौरान यह पाया जाता है कि स्विच जब धातुएँ टर्मिनल A तथा B के बीच रखी जाती हैं तो A + B बल्ब जलने लगता है, जबकि अधातुओं को रखने पर जांच के लिए धातु बल्ब नहीं जलता। अतः धातुएँ विद्युत् की अच्छी चालक का टुकड़ा होती हैं, जबकि अधातुएँ विद्युत् की कुचालक होती हैं।

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प्रश्न 6.
उभयधर्मी ऑक्साइड क्या होते हैं ? दो उभयधर्मी ऑक्साइडों का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
उभयधर्मी ऑक्साइड- जो धात्विक ऑक्साइड अम्लीय और क्षारीय दोनों प्रकार का व्यवहार प्रकट करते हैं, उन्हें उभयधर्मी ऑक्साइड कहते हैं।
उदाहरण-
(i) एल्यूमीनियम ऑक्साइड (Al2O3)
(ii) जिंक ऑक्साइड (ZnO).
(i) Al2O3 + 6HCl → 2AlCl3 + 3H2O (क्षारीय व्यवहार)
Al2O3 + 2NaOH → 2NaAlO2 + H2O (अम्लीय व्यवहार)
(ii) ZnO + 2HCl → ZnCl2 + H2O (क्षारीय व्यवहार)
ZnO + 2NaOH → Na2ZnO2+ H2O (अम्लीय व्यवहार)

प्रश्न 7.
दो धातुओं के नाम बताइए जो तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देंगे तथा दो धातुएँ जो ऐसा नहीं कर सकती हैं। ..
उत्तर-
जिंक (Zn) एवं लोहा (Fe), हाइड्रोजन से अधिक अभिक्रियाशील होने के कारण उसे तनु अम्ल से विस्थापित कर सकते हैं। इसके विपरीत कॉपर (Cu) एवं पारा (Hg), हाइड्रोजन से कम अभिक्रियाशील होने के कारण ऐसा नहीं कर सकते।

प्रश्न 8.
किसी धातु M के विद्युत् अपघटनी परिष्करण में आप ऐनोड-कैथोड एवं विद्युत् अपघट्य किसे बनाएँगे?
उत्तर-
ऐनोड-धातु M की अशुद्ध मोटी प्लेट। कैथोड-शुद्ध धातु M की विद्युत् पतली प्लेट। विद्युत् अपघट्य-M धातु के यौगिक का जल में विलयन।

प्रश्न 9.
प्रत्यूष ने सल्फर चूर्ण को स्पैचुला में लेकर उसे गर्म किया। चित्र के अनुसार एक परखनली को उलटा कर के उसने उत्सर्जित गैस को एकत्र किया।
(a) गैस की क्रिया क्या होगी ?
(i) सूखे लिटमस पत्र पर
(ii) आर्द्र लिटमस पत्र पर।
(b) ऊपर की अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 3
उत्तर-
(a) सल्फर जलने पर सल्फर डाइऑक्साइड उत्पन्न करता है।
S (s) + O2(g) → SO2 (g) सल्फर डाइऑक्साइड

  • सूखे लिटमस पत्र पर गैस की कोई भी क्रिया नहीं होगी।
  • गैस आर्द्र लिटमस पत्र में मौजूद जल के साथ अभिक्रिया कर सल्फ्यूरिक अम्ल उत्पन्न करेगी जो नीले लिटमस पत्र को लाल कर देगा।

(b) SO2(g) + H2O (l) → H2SO3 (aq) सल्फ्यूरस अम्ल

प्रश्न 10.
लोहे को जंग से बचाने के लिए दो तरीके बताइए।
उत्तर-
जंग से बचाने के.तरीके
1. तेल या ग्रीस की तह जमाकर-यदि लोहे पर तेल या ग्रीस की तह जमा दें तो नम वायु लोहे के संपर्क में नहीं आ पाती जिससे जंग नहीं लगता। मशीनों के पुर्जी को जंग से बचाने के लिए ऐसा ही किया जाता है।

2. एनेमल से-लोहे की सतह पर रंग-रोगन की तह जमाकर जंग लगने पर नियंत्रण पाया जाता है। बसों, कारों, स्कूटर-मोटर साइकिल, खिड़कियों, रेलगाड़ियों आदि पर एनेमल की परत जमाई जाती है।

प्रश्न 11.
ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर अधातुएँ कैसा ऑक्साइड बनाती हैं ?
उत्तर-
अधातुएं, ऑक्सीजन से संयोग करके दो प्रकार के ऑक्साइड बनाती हैं।
(i) अम्लीय ऑक्साइड और
(ii) उदासीन ऑक्साइड।
(i) अम्लीय ऑक्साइड-अधातुएं, ऑक्सीजन से संयोग करके सह-संयोजक ऑक्साइड बनाती हैं जो पानी में घुलकर अम्ल बनाते हैं।
(a) C + O2 → CO2,
CO2 + H2O → H2CO3
कार्बोनिक अम्ल ।
(b) S + O2 → SO2
SO2 + H2O → H2SO3
(ii) उदासीन ऑक्साइड-कुछ अधातुएं, ऑक्सीजन से संयोग करके उदासीन ऑक्साइड बनाती हैं। इन का लिटमस पत्र पर कोई प्रभाव नहीं होता है जैसे-कार्बन मोनो-ऑक्साइड (CO), पानी (H2O) तथा नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) उदासीन ऑक्साइड हैं।

प्रश्न 12.
कारण बताइए
(a) प्लैटिनम, सोना एवं चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है।
(b) सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम को तेल के अंदर संग्रहीत किया जाता है।
(c) ऐलुमीनियम अत्यंत अभिक्रियाशील धातु है, फिर भी इसका उपयोग खाना बनाने वाले बर्तन बनाने के लिए किया जाता है।
(d) निष्कर्षण प्रक्रम में कार्बोनेट एवं सल्फाइड अयस्क को ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है।
उत्तर-
(a) प्लैटिनम, सोना तथा चाँदी का प्रयोग आभूषण बनाने में किया जाता है क्योंकि ये धातुएँ सक्रियता श्रेणी में निम्नतम स्थान पर होती हैं तथा जल, ऑक्सीजन अथवा अम्लों से अभिक्रिया नहीं करतीं। ये धातुएँ संक्षारित नहीं होती तथा ये धातुएँ आघातवर्ध्यनीय तथा तन्य होती हैं। इसलिए इनसे आभूषणों के विभिन्न डिज़ाइन सरलतापूर्वक बनाए जा सकते हैं।

(b) सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम को तेल के अंदर संगृहित किया जाता है। इन्हें वायु के संपर्क में रखने पर आग पकड़ लेती हैं क्योंकि इन धातुओं का ज्वलन ताप (Ignition temperature) अत्यंत कम होता है। इसलिए इन्हें आग लगने से बचाने के लिए तेल के अंदर डुबोकर रखा जाता है।

(c) एल्यूमीनियम ताप की सुचालक है, परंतु यह अत्याधिक अभिक्रियाशील है। आई वायु के संपर्क में आने पर इसकी सतह पर पार न किए जाने वाली एल्यूमीनियम ऑक्साइड (Al2O3) की परत चढ़ जाती है। यह परत क्रियाशील धातु को अन्य पदार्थों के संपर्क में नहीं आने देती और धातु को जंग लगने से बचाती है। इन सभी कारणों से एल्यूमीनियम का प्रयोग खाना बनाने के बर्तन बनाने में किया जाता है।

(d) धातु कार्बोनेट और धातु सल्फाइड को धातु में बदलना कठिन होता है इसलिए इसे पहले धातु ऑक्साइड में बदलना आवश्यक होता है। अपचयन द्वारा इसे धातु ऑक्साइड में बदला जा सकता है। धातु कार्बोनेट को वायु की अनुपस्थिति में गर्म करके कार्बन डाइऑक्साइड को निष्कासित कर दिया जाता है।
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धातु सल्फाइड को ऑक्सीजन की उपस्थिति में गर्म करके उसे धातु ऑक्साइड में रूपांतरित किया जाता है। इससे गंधक और आर्सेनिक जैसी अशुद्धियां भी दूर हो जाती हैं।
2ZnS + 3O2→ 2ZnO + 2SO2
S + O2→ SO2
4As + 5O2→ 2As2O5

प्रश्न 13.
आपने तांबे के मलीन बर्तन को नींबू या इमली के रस से साफ करते अवश्य देखा होगा। यह खट्टे पदार्थ बर्तन को साफ करने में क्यों प्रभावी हैं ?
उत्तर-
मलीन ताँबे के बर्तन पर जमी हुई कॉपर कार्बोनेट की परत नींबू या इमली के रस में उपस्थित अम्लों (सिटरिक अम्ल) से अभिक्रिया करके बर्तन से हट जाती है और बर्तन साफ हो जाता है। अत: खट्टे पदार्थ तांबे के बर्तन को साफ करने में प्रभावी होते हैं।

प्रश्न 14.
रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर धातुओं एवं अधातुओं में विभेद कीजिए।
उत्तर-
रासायनिक गुणों के आधार पर धातुओं तथा अधातुओं में अंतर-

धातु अधातु
(1) धातुएँ क्षारीय ऑक्साइड बनाती हैं। (1) अधातुएँ अम्लीय अथवा उदासीन ऑक्साइड बनाती हैं।
(2) धातुएँ तनु अम्लों से हाइड्रोजन विस्थापित इसलिए इनसे हाइड्रोजन विस्थापित नहीं करती है। (2) अधातुएँ तनु अम्लों से अभिक्रिया नहीं करती कर देती हैं।
(3) धातुएँ क्लोरीन के साथ विद्युत् संयोजी क्लोराइड (आयनिक यौगिक) बनाती हैं। ये विद्युत् संयोजी क्लोराइड विद्युत्-अपघट्य, परंतु अवाष्पशील होते हैं। (3) अधातुएँ क्लोरीन के साथ सहसंयोजी यौगिक बनाती हैं जो विद्युत्-अपघट्य, परंतु वाष्पशील होते हैं।
(4) धातुएँ अपचायक होती हैं। (4) कार्बन को छोड़कर अधातुएँ ऑक्सीकारक होती हैं।
(5) धातुएँ हाइड्रोजन से संयोग करके हाइड्राइड बनाती हैं जो सहसंयोजक होते हैं। (5) अधातुएँ हाइड्रोजन से क्रिया करके हाइड्राइड बनाती हैं।

प्रश्न 15.
एक व्यक्ति प्रत्येक घर में सुनार बनकर जाता है। उसने पुराने एवं मलीन सोने के आभषणों में पहले जैसी चमक पैदा करने का ढोंग रचाया। कोई संदेह किए बिना ही एक महिला अपने सोने के कंगन उसे देती है जिसे वह एक विशेष विलयन में डाल देता है। कंगन नए की तरह चमकने लगते हैं लेकिन उनका वज़न अत्यंत कम हो जाता है। वह महिला बहुत दुःखी होती है तथा तर्क-वितर्क के पश्चात् उस व्यक्ति को झुकना पड़ता है। एक जासूस की तरह क्या आप उस विलयन की प्रकृति के बारे में बता सकते हैं ?
उत्तर-
सुनार द्वारा प्रयोग किया गया विलयन, एक्वारीजिया है। एक्वारीजिया विलयन में तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं नाइट्रिक अम्ल, 3 : 1 के अनुपात में होता है। सोना एक्वारीजिया में घुलनशील है इसलिए महिला के कंगन का भार कम हो जाता है।

प्रश्न 16.
गर्म जल का टैंक बनाने में तांबे का उपयोग होता है परंतु इस्पात (लोहे का मिश्रधातु) का नहीं। इसका कारण बताइए।
उत्तर-
कॉपर की उष्मा चालकता स्टील की अपेक्षा अधिक है। ऊर्जा बचाने के लिए गर्म पानी के टैंक को कॉपर से बनाया जाता है। कॉपर जल से अभिक्रिया भी नहीं करता भले उसे कितना भी गर्म किया जाए परंतु दूसरी ओर लोहा गर्म करने पर जल से क्रिया करता है।
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Science Guide for Class 10 PSEB धातु एवं अधातु InText Questions and Answers

प्रश्न 1.
ऐसी धातु का उदाहरण दीजिए जो –
(i) कमरे के तापमान पर द्रव होती है।
(ii) चाकू से आसानी से काटा जा सकता है।
(iii) ऊष्मा की सबसे अच्छी चालक होती है।
(iv) ऊष्मा की कुचालक होती है।
उत्तर-
(i) पारा (Mercury)
(ii) सोडियम (Sodium)
(iii) चाँदी (Silver)
(iv) HRAT (Lead)

प्रश्न 2.
आघातवर्ध्य तथा तन्य का अर्थ बताइए।
उत्तर-
आघातवर्ध्य- धातुओं का वह गुणधर्म जिसके कारण धातुओं को हथौड़े से पीट-पीट कर बिना टूटे धातुओं को पतली चादरों में परिवर्तित किया जा सकता है। तन्य-धातुओं का वह गुणधर्म है जिस कारण उन्हें खींच कर पतली तारों में परिवर्तित किया जा सकता है।

प्रश्न 3.
सोडियम को किरोसिन तेल में डुबोकर क्यों रखा जाता है ?
अथवा
सोडियम तथा पोटाशियम को मिट्टी के तेल में डुबोकर क्यों रखा जाता है ?
उत्तर-
सोडियम तथा पोटाशियम को किरोसिन तेल में डुबोकर रखना-सोडियम एक अत्यंत सक्रिय धातु है जो वायु में रखने पर ऑक्सीजन से क्रिया करके सोडियम ऑक्साइड बनाती है तथा पानी के साथ क्रिया करके सोडियम हाइड्रोक्साइड तथा हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करती है। हाइड्रोजन अत्यंत ज्वलनशील गैस है जिससे यह आग पकड़ लेती है। इसलिए सोडियम का वायु से संपर्क हटाने के लिए इसे किरोसिन तेल में डुबोकर रखा जाता है।

प्रश्न 4.
इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए
(i) भाप के साथ आयरन,
(ii) जल के साथ कैल्शियम तथा पोटैशियम।
उत्तर-
(i) 3Fe (s) + 4H2O(g) → Fe3O4(s) + 4H2(g)
(ii) Ca(s) + 2H2O(l) → Ca (OH)2 (aq) + H2(g)
2K(s) + 2H2O(l) → 2KOH (aq) + H2(g)

प्रश्न 5.
A, B, C एवं D चार धातुओं के नमूनों को लेकर एक-एक करके निम्न विलयन में डाला गया। इससे प्राप्त परिणाम को निम्न प्रकार से सारणीबद्ध किया गया है :
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उत्तर-
(i) धातु ‘B’ सर्वाधिक अभिक्रियाशील है, क्योंकि कोई अन्य धातु FeSOA (आयरन सल्फेट) में से धातु को विस्थापित नहीं कर सकती।
(ii) धातु ‘B’ सर्वाधिक अभिक्रियाशील है। इसलिए यदि धातु को कॉपर (II) सल्फेट के विलयन में डाला जाए तो यह कॉपर को उसके विलयन से विस्थापित कर देगा और विलयन का नीला रंग फीका पड़ जाएगा।
(iii) B > A > C > D

प्रश्न 6.
अभिक्रियाशील धातु को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में डाला जाता है तो कौन-सी गैस निकलती है ? आयरन के साथ तनु H,SO, की रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर-
सभी धातुएँ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से क्रिया नहीं करती हैं। केवल अभिक्रियाशील धातुएँ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से क्रिया कर उसमें से हाइड्रोजन विस्थापित होकर गैस के रूप में उत्पन्न होती है। आयरन के साथ तनु सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) रासायनिक क्रिया से हाइड्रोजन गैस निकलती है।
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प्रश्न 7.
जिंक को आयरन (II) सल्फेट के विलयन में डालने से क्या होता है ? इसकी रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर-
जब ज़िंक को आयरन (II) सल्फेट के घोल में डाला जाता है तो जिंक आयरन सल्फेट के घोल से आयरन को विस्थापित कर देती है और आयरन सल्फेट का हरा रंग फीका पड़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि जिंक आयरन की अपेक्षा अधिक अभिक्रियाशील है।
Zn + FeSO4 → ZnSO4 + Fe
इस क्रिया को इस प्रकार भी प्रदर्शित किया जा सकता है
Zn (s) → Zn2+ + 2e
Fe2 (aq) + 2e → Fe (s)
Fe2+ (aq) + Zn (s) → Zn2+ (aq) + Fe (s)
FeSO4 (aq) + Zn (s) → ZnSO4 (aq) + Fe (s).

प्रश्न 8.
(i) सोडियम, ऑक्सीजन एवं मैग्नीशियम के लिए इलेक्ट्रॉन-बिंदु संरचना लिखिए।
(ii) इलेक्ट्रॉन के स्थानांतरण के द्वारा Na2O एवं Mgo का निर्माण दर्शाइए।
(iii) इन यौगिकों में कौन-से आयन उपस्थित हैं ?
उत्तर-
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(ii) इलेक्ट्रॉन स्थानांतरण द्वारा Na2O का निर्माण ।
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इलेक्ट्रॉन स्थानांतरण द्वारा Mgo का निर्माण
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(iii) Na2O में उपस्थित आयन
धनायन- Na+ (सोडियम धनायन)
ऋणायन- O2- (ऑक्सीजन ऋणायन)
Ma2O में उपस्थित आयन
धनायन- Mg2+ (सोडियम धनायन)
ऋणायन-O2- (ऑक्सीजन ऋणायन)

प्रश्न 9.
आयनिक यौगिकों का गलनांक उच्च क्यों होता है ?
उत्तर-
आयनिक यौगिकों के उच्च गलनांक-आयनिक यौगिकों के उच्च गलनांक होते हैं क्योंकि इन यौगिकों के आयनों के मध्य उपस्थित प्रबल अंतर-आयनिक आकर्षण बलों को समाप्त करने हेतु अधिक मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है। अतः इनका गलनांक उच्च होता है।

प्रश्न 10.
इन पदार्थों की परिभाषा दीजिए :
(i) खनिज
(ii) अयस्क
(iii) गैंग।
उत्तर-
(i) खनिज- धातुयुक्त पदार्थ जिनसे धातुएं विविध विधियों द्वारा प्राप्त की जाती हैं, को खनिज कहते हैं।
(ii) अयस्क- जिस खनिज से धातु, प्राप्त करना सरल तथा आर्थिक रूप से लाभदायक हो उसे अयस्क कहते हैं।
(iii) गैंग- पृथ्वी से निकाले गए अयस्कों के साथ अवांछनीय पदार्थ, गैंग कहलाते हैं।

प्रश्न 11.
दो धातुओं के नाम बताइए जो प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाती हैं।
उत्तर-
सोना (Au) एवं प्लैटिनम (Pt) प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाती हैं।

प्रश्न 12.
धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए किस रासायनिक प्रक्रिया का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर-
सक्रियता श्रेणी में निम्न स्थित धात्विक ऑक्साइडों को गर्म करने से धातु की प्राप्ति होती है, लेकिन सक्रियता श्रेणी के मध्य में स्थित धातुओं के ऑक्साइडों को कार्बन के साथ गर्म करके धातु प्राप्त की जाती है। इसे अपचयी क्रिया कहते हैं।

प्रश्न 13.
जिंक मैग्नीशियम एवं कॉपर के धात्विक ऑक्साइड को निम्न धातुओं के साथ गर्म किया गया :
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उत्तर-

  • ज़िंक ऑक्साइड तथा मैग्नीशियम में विस्थापन अभिक्रिया होगी।
    ZnO + Mg → MgO + Zn
  • मैग्नीशियम ऑक्साइड विस्थापन अभिक्रिया नहीं कर सकता।
  • कॉपर ऑक्साइड जिंक और मैग्नीशियम के साथ गर्म करने पर विस्थापन अभिक्रिया करेगा।
    CuO + Zn → ZnO + Cu
    CuO + Mg → MgO + Cu

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प्रश्न 14.
कौन-सी धातु आसानी से संक्षारित नहीं होती है?
उत्तर-
वे धातुएँ जो वायु, जल तथा अम्लों से अभिक्रिया नहीं करतीं, शीघ्रता से संक्षारित नहीं होती; जैसेउत्कृष्ट धातुएँ, सोना, प्लैटिनम आदि।

प्रश्न 15.
मिश्रधातु क्या होते हैं ?
उत्तर-
मिश्रधातु-दो या दो से अधिक धातुओं के परस्पर मिलने से प्राप्त समांगी मिश्रण को मिश्र-धातु (alloy) कहते हैं। एक धातु व एक अधातु के समाँगी मिश्रण को भी मिश्रधातु कहते हैं। मिश्रातु के गुणधर्म मूल धातुओं से भिन्न होते हैं। शुद्ध धातु की अपेक्षा, मिश्रधातु की विद्युत् चालकता कम होती है।

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Book Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण Textbook Exercise Questions, and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Science Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

PSEB 10th Class Science Guide अम्ल, क्षारक एवं लवण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
कोई विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है, इसका pH संभवतः क्या होगा?
(a) 1
(b) 4
(c) 5
(d) 10.
उत्तर-
विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है इसलिए इसका pH अवश्य 7 से अधिक होना चाहिए। अतः
(d) ठीक उत्तर है।

प्रश्न 2.
कोई विलयन अंडे के पिसे हुए कवच से अभिक्रिया कर एक गैस उत्पन्न करता है जो चूने के पानी को दुधिया कर देता है। इस विलयन में क्या होगा?
(a) NaCl
(b) HCl
(c) LiCl
(d) KCl.
उत्तर-
अंडे के पिसे हुए कवच में CaCO, होता है जो HCI से क्रिया करके CO, उत्पन्न करता है जो चूने के पानी को दुधिया कर देती है।
ठीक उत्तर (b) होगा।

प्रश्न 3.
NaOH का 10ml विलयन, HCI के 8 ml विलयन में पूर्णतः उदासीन हो जाता है। यदि हम NaOH के उसी विलयन का 20ml लें तो इसे उदासीन करने के लिए HCI के उसी विलयन की कितनी मात्रा की आवश्यकता होगी?
(a) 4 ml
(b) 8 ml
(c) 12 ml
(d) 16 ml.
उत्तर-
यदि हम NaOH विलयन की दुगुनी मात्रा लेंगे ताकि HCI विलयन को उदासीन किया जा सके तो उसे भी दुगुना होना चाहिए।
अतः ठीक उत्तर (d) होगा।

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 4.
अपच का उपचार करने के लिए निम्न में से किस औषधि का उपयोग होता है?
(a) एंटिबायोटिक (प्रतिजैविक)
(b) ऐनालजेसिक (पीड़ाहारी)
(c) एन्टैसिड
(d) ऐंटीसेप्टिक (प्रतिरोधी)।
उत्तर-
(c) एन्टैसिड।

प्रश्न 5.
निम्न अभिक्रिया के लिए पहले शब्द-समीकरण लिखिए तथा उसके बाद संतुलित समीकरण लिखिए
(a) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल दानेदार जिंक के साथ अभिक्रिया करता है।
(b) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मैग्नीशियम पट्टी के साथ अभिक्रिया करता है।
(c) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल ऐलुमिनियम चूर्ण के साथ अभिक्रिया करता है।
(d) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लौह के रेतन के साथ अभिक्रिया करता है।
उत्तर-
(a) जिंक + सल्फ्यूरिक अम्ल (तनु) → जिंक सल्फेट + हाइड्रोजन
Zn + H2SO4 → ZnSO + H2
(b) मैग्नीशियम + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल → मैग्नीशियम क्लोराइड + हाइड्रोजन
Mg + 2HCI → MgCl2 + H2
(c) एलुमिनियम + सल्फ्यूरिक अम्ल → एलुमिनियम सल्फेट + हाइड्रोजन
2Al + 3H2 SO4 → Al2 (SO4)3 + 3H2
(d) लोहा + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल → लोहा (II) क्लोराइड + हाइड्रोजन
Fe + 2HCl → FeCl + H2

प्रश्न 6.
ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ जैसे यौगिकों में भी हाइड्रोजन होती है लेकिन इनका वर्गीकरण अम्ल की तरह नहीं होता है। एक क्रियाकलाप के द्वारा साबित कीजिए।
उत्तर-
यद्यपि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ जैसे यौगिकों में हाइड्रोजन होती है पर वे बैटरी विलयन में आयनीकृत नहीं होते और H+ बल्ब आयन उत्पन्न नहीं करते। यह इस तथ्य से साबित होता है कि उनके विलयन विद्युत चालन नहीं करते।

क्रिया-कलाप–एक बीकर में ऐल्कोहॉल, ग्लूकोज़ आदि का विलयन लीजिए। कील एक कार्क पर दो कील लगाकर कॉर्क को ऐल्कोहॉल/ ग्लूकोज़ का विलयन बीकर में रख दीजिए। कीलों को 6 वोल्ट की कार्कएक बैटरी के दोनों टर्मिनलों के साथ एक बल्ब और स्विच के माध्यम से जोड़ दीजिए। अब विद्युत् धारा प्रवाहित कीजिए। विद्युत् चालन नहीं हुआ।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 1

प्रश्न 7.
आसवित जल विद्युत् चालन क्यों नहीं होता जबकि वर्षा जल होता है?
उत्तर-
वर्षा जल में CO2, SO2, जैसी गैसें घुली होती हैं जो कार्बोनिक अम्ल (H2CO3), सल्फ्यूरस अम्ल (H2SO3) आदि बनाती है। इनका आयनों में विच्छेदन होता है। इसीलिए वर्षा जल में विद्युत् का चालन होता है। आसवित जल में घुलनशील लवण या गैसें नहीं होती इसलिए इसका आयनीकरण नहीं होता और इसमें विद्युत् का चालन नहीं होता।

प्रश्न 8.
जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय क्यों नहीं होता है ?
उत्तर-
जल किसी अम्ल के विच्छेदन में सहायक होता है जिससे हाइड्रोनियम (H3O+) आयन उत्पन्न होता है। जल की अनुपस्थिति में आयन उत्पन्न नहीं होते। इसलिए जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय नहीं होता।

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 9.
पाँच विलयनों A, B, C, D व E की जब सार्वत्रिक सूचक से जाँच की जाती है तो pH के मान क्रमशः 4, 1, 11, 7 एवं 9 प्राप्त होते हैं। कौन-सा विलयन :
(a) उदासीन है?
(b) प्रबल क्षारीय है?
(c) प्रबल अम्लीय है?
(d) दुर्बल अम्लीय है?
(e) दुर्बल क्षारीय है?
pH के मानों को हाइड्रोजन आयन की सांद्रता के आरोही क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर-
दिए गए pH के मान हैं-A = 4, B = 1, C = 11, D = 7, E = 9.
(a) जब pH = 7 हो तो विलयन उदासीन होता है।
∴ D उदासीन विलयन है।
(b) 7 से जितना अधिक pH का मान होगा विलयन उतना ही अधिक क्षारीय होगा।
∴C प्रबल क्षारीय होगा।
(c) 7 से जितना कम pH का मान होगा विलयन उतना ही अम्लीय होगा।
∴ B प्रबल अम्लीय होगा।
(d) 7 से कम लेकिन 7 के निकट दुर्बल अम्लीय होगा
∴ A दुर्बल अम्लीय है।
(e) 7 से अधिक लेकिन 7 के निकट दुर्बल क्षारीय होगा।
∴ E दुर्बल क्षारीय है।
दिए हुए विलयनों की हाइड्रोजन आयन सांद्रता होगी
A = 10-4 M. B = 10-1 M, C = 10-11M
D = 10-7M. E = 10-9M
∴ आरोही क्रम में व्यवस्था = C (10-11M) < E (10-9 M) < D (10-7M) -1M) < B(10-1 M)

प्रश्न 10.
परखनली ‘A’ एवं ‘B’ में समान लंबाई की मैग्नीशियम की पट्टी लीजिए। परखनली ‘A’ में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCI) तथा परखनली ‘B’ में ऐसीटिक अम्ल (CH3COOH) डालिए। दोनों अम्लों की मात्रा तथा सांद्रता समान है। किस परखनली में अधिक तेजी से बुदबुदाहट होगी और क्यों?
उत्तर-
परखनली ‘A’ में अधिक तेज़ी से बुदबुदाहट होगी। ऐसा इसलिए कि हाइड्रोक्लोरिक अम्ल ऐसीटिक अम्ल से प्रबल है। मैग्नीशियम की क्रिया हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से तीव्र होगी और हाइड्रोजन गैस उत्पन्न होगी।

प्रश्न 11.
ताजे दूध के pH का मान 6 होता है। दही बन जाने पर इसके pH के मान में क्या परिवर्तन होगा? अपना उत्तर समझाइए।
उत्तर-
जब ताज़ा दूध दही में बदल जाता है तो pH कम हो जाएगा। ऐसा इसलिए होगा कि दही अधिक अम्लीय होता है। दही में लैक्टिक अम्ल होता है। जितना अधिक अम्ल होगा उसका pH उतना ही कम होगा।

प्रश्न 12.
एक ग्वाला ताजे दूध में थोड़ा बेकिंग सोडा मिलाता है।
(a) ताज़ा दूध के pH के मान को 6 से बदल कर थोड़ा क्षारीय क्यों बना देता है?
(b) इस दूध को दही बनने में अधिक समय क्यों लगता है ?
उत्तर-
(a) ताज़ा दूध अम्लीय है और खट्टा होकर अधिक अम्लीय हो जाता है। बेकिंग सोडा की उपस्थिति में दूध क्षारीय हो जाएगा और जल्दी से खट्टा नहीं होगा क्योंकि क्षार दूध को शीघ्रता से अम्लीय बनने से रोक देगा।
(b) जब दूध दही में बदलता है तो लैक्टिक अम्ल बनने के कारण उसका pH कम हो जाता है। क्षार की उपस्थिति इसे जल्दी से अधिक अम्लीय होने से रोकती है इसलिए दूध को दही बनने में अधिक समय लगता है।

प्रश्न 13.
प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र-रोधी बर्तन में क्यों रखा जाना चाहिए? इसकी व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
प्लास्टर ऑफ पेरिस CaSO4 \(\frac{1}{2}\) H2O है। नमी की उपस्थिति के कारण यह जिप्सम बन जाता है।
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इसलिए इसे आर्द्र-रोधी बर्तन में रखा जाना चाहिए।

प्रश्न 14.
उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है ? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
उदासीनीकरण-जब अम्ल किसी क्षार से क्रिया करता है तब लवण और जल बनता है। इसे उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
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प्रश्न 15.
धोने का सोडा एवं बेकिंग सोडा के दो-दो प्रमुख उपयोग बताइए।
उत्तर-
(क) धोने का सोडा (Na2CO3.10H2O)

  • इसका उपयोग कांच, साबुन और कागज़ उद्योगों में होता है।
  • जल की स्थाई कठोरता को दूर करने के लिए इसका उपयोग होता है।

(ख) बेकिंग सोडा (NaHCO3)

  • इसका प्रयोग सोडा-अम्ल अग्निशामक में किया जाता है।
  • यह ऐंटैसिड का एक संघटक है जो पेट के अम्ल की अधिकता को उदासीन करके राहत पहुंचाता है।

Science Guide for Class 10 PSEB अम्ल, क्षारक एवं लवण InText Questions and Answers

प्रश्न-
आपको तीन परखनलियां दी गई हैं। इनमें से एक में आसवित जल एवं शेष दो में से एक में अम्लीय विलयन तथा दूसरे में क्षारीय विलयन है। यदि आपको केवल लाल लिटमस पत्र दिया जाता है तो आप प्रत्येक परखनली में रखे गए पदार्थों की पहचान कैसे करेंगे?
उत्तर-
तीनों परखनलियों में लाल लिटमस पत्र को डुबाओ। जिस परखनली में इसका रंग नीला हो जाएगा वह क्षारीय विलयन होगा। जिन अन्य दो परखनलियों में रंग परिवर्तन नहीं होगा उनमें जल और अम्लीय विलयन होगा। अब इसी लिटमस पत्र को, जो क्षारीय विलयन में डालने से नीला हो चुका है, उसे जल और अम्लीय विलयन में डालो। जिस परखनली में रंग में कोई परिवर्तन नहीं होगा उसमें जल होगा पर जिस परखनली में अम्लीय विलयन होगा उसमें नीले लिटमस का रंग पुनः लाल हो जाएगा।

प्रश्न 1.
पीतल एवं तांबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखने चाहिए ?
उत्तर-
यदि पीतल तथा तांबे के बर्तनों में खट्टे पदार्थ रखे जाएंगे तो दही एवं खट्टे पदार्थ में मौजूद अम्ल पीतल तथा तांबे के साथ क्रिया करके विषैले यौगिक का निर्माण करेंगे जो हमारे शरीर के लिए हानिकारक हैं। इसलिए दही जैसे खट्टे पदार्थ को पीतल तथा तांबे के बर्तनों में नहीं रखना चाहिए।

प्रश्न 2.
धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यत: कौन-सी गैस निकलती है? एक उदाहरण के द्वारा समझाइए। इस गैस की उपस्थिति की जाँच आप कैसे करेंगे?
उत्तर-
जब धातु के साथ अम्ल अभिक्रिया करते हैं तब प्रायः हाइड्रोजन गैस उत्पन्न होती है।
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हाइड्रोजन गैस को साबुन के घोल से गुज़ारो। बुलबुले उत्पन्न होंगे। उन बुलबुलों के निकट जलती हुई मोमबत्ती की ज्वाला लाओ। वे फट-फट की ध्वनि के साथ जलेंगे। इस से हाइड्रोजन गैस की उपस्थिति सिद्ध हो जाती है।

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प्रश्न 3.
कोई धातु यौगिक ‘A’ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो बुदबुदाहट उत्पन्न होती है। इससे उत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती है। यदि उत्पन्न यौगिकों में एक कैल्सियम क्लोराइड है, तो इस अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए। उत्तर- इस अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण है-
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यौगिक ‘A’ अवश्य ही कैल्सियम कार्बोनेट है। यह तुन हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से क्रिया कर कैल्सियम क्लोराइड, जल और कार्बन डाइऑक्साइड बनाता है। कार्बन डाइऑक्साइड में आग बुझाने का गुण होता है। इसीलिए वह जलती मोमबत्ती को बुझा देती है।

प्रश्न 4.
HCI, HNO, आदि जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं, जबकि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ जैसे यौगिकों के विलयनों में अम्लीयता के अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित होते हैं?
उत्तर-
HCI, HNO, आदि जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण प्रदर्शित करते हैं, क्योंकि ये जलीय विलयन में आयनीकरण कर के H+ आयन उत्पन्न करते हैं। जबकि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ आयनीकरण नहीं करते और विद्युत् H+ आयन को उत्पन्न नहीं करते। ये जलीय विलयन में विद्युत् चालकता का गुण प्रदर्शित नहीं करते। इसलिए ये अम्लीयता के अभिलक्षण प्रदर्शित नहीं करते हैं।

प्रश्न 5.
अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत् का चालन करता है?
उत्तर-
अम्ल का जलीय विलयन विद्युत् का चालन करता है क्योंकि यह जलीय विलयन में आयनीकरण कर के आयन उत्पन्न करता है।
HCl (aq) →HO(aq) + Cl- (aq)
HNO3 (aq) → HO+ (aq) + NO3 (aq)

प्रश्न 6.
शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र का रंग क्यों नहीं बदलती है?
उत्तर-
शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र का रंग नहीं बदलती क्योंकि जल की अनुपस्थिति में यह आयनीकरण न कर पाने के कारण H+ आयन उत्पन्न नहीं कर पाती। इस कारण वह अम्ल की तरह काम नहीं कर पाती।

प्रश्न 7.
अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए न कि जल को अम्ल में?
उत्तर-
जल में अम्ल के घुलने की प्रक्रिया अत्यंत ऊष्माक्षेपी होती है। इसलिए जल में किसी सांद्र अम्ल को सावधानीपूर्वक मिलाना चाहिए। अम्ल और जल को धीरे-धीरे हिलाते रहना चाहिए। ऐसा न करने पर अम्ल में जल मिलाने पर उत्पन्न ऊष्मा के कारण मिश्रण आस्फलित हो कर बाहर आ सकता है। इससे स्थानीय ताप बढ़ जाता है जिस कारण उपयोग किया जाने वाला कांच का पात्र टूट भी सकता है।

प्रश्न 8.
अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (H3O+) की सांद्रता कैसे प्रभावित हो जाती है?
उत्तर-
जल में अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय आयन की सांद्रता (H3O+/H+) में प्रति इकाई आयतन की कमी हो जाती है और विलयन तनु से अधिक तनु हो जाता है।

प्रश्न 9.
जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य क्षारक मिलाते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH) की सांद्रता कैसे प्रभावित होती है ?
उत्तर-
जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य क्षारक मिलाते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH)) की सांद्रता प्रति इकाई आयतन बढ़ती जाती है।

प्रश्न 10.
आपके पास दो विलयन ‘A’ एवं ‘B’ है। विलयन ‘A’ के pH का मान 6 है एवं विलयन ‘B’ के pH का मान 8 है। किस विलयन में हाइड्रोजन आयन की सांद्रता अधिक है ? इनमें से कौन अम्लीय है तथा कौन क्षारकीय?
उत्तर-
विलयन ‘A’ की हाइड्रोजन आयन सांद्रता विलयन ‘B’ की अपेक्षा अधिक है। विलयन A का pH मान 7 से कम है इसलिए वह अम्लीय है। विलयन B का pH मान 7 से अधिक है। इसलिए वह क्षारकीय है।

प्रश्न 11.
H+(aq) आयन की सांद्रता का विलयन की प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
H+(aq) आयन की सांद्रता का विलयन की प्रकृति पर प्रभाव पड़ता है। H+(aq) की जितनी सांद्रता होगी, उतना ही विलयन अधिक अम्लीय होगा।

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प्रश्न 12.
क्या क्षारकीय विलयन में H+(aq) आयन होते हैं ? अगर हाँ, तो यह क्षारकीय क्यों होते हैं?
उत्तर-
क्षारकीय विलयन में H+ (aq) आयन होते हैं पर साथ ही उसमें OH आयन भी होते हैं। वे क्षारकीय इसलिए होते हैं क्योंकि उनमें OH आयन की सांद्रता अधिक H+ आयन की अपेक्षा अधिक होती है।

प्रश्न 13.
कोई किसान खेत की मृदा की किस परिस्थिति में बिना बुझा हुआ चूना (कैल्सियम ऑक्साइड) बुझा हुआ चूना (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) या चॉक (कैल्सियम कार्बोनेट) का उपयोग करेगा?
उत्तर-
बिना बुझा हुआ चूना (CaO), बुझा हुआ चूना [Ca (OH)2] और चॉक (CaCO3) में प्रकृति से क्षारकीय है इसलिए किसान खेत की मृदा में इन का उपयोग कर सकेगा यदि उस खेत की प्रकृति अम्लीय है।

प्रश्न 14.
CaOCl2 यौगिक का प्रचलित नाम क्या है?
उत्तर-
विरंजक चूर्ण (Bleaching Powder)।

प्रश्न 15.
उस पदार्थ का नाम बताइए जो क्लोरीन से क्रिया करके विरंजक चूर्ण बनाता है?
उत्तर-
शुष्क बुझा हुआ चूना Ca (OH)2.

प्रश्न 16.
कठोर जल को मृदु करने के लिए किस सोडियम यौगिक का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर-
धावन सोडा (Na2CO3)।

प्रश्न 17.
सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट के विलयन को गर्म करने पर क्या होगा? इस अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर-
सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट गर्म करने पर सोडियम कार्बोनेट कार्बन डाइऑक्साइड और जल में विघटित हो जाएगा।
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प्रश्न 18.
प्लास्टर ऑफ़ पेरिस की जल के साथ अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर-
प्लास्टर ऑफ़ पेरिस (CasO4 . \(\frac{1}{2}\) H2O) जल के साथ अभिक्रिया करके जिप्सम (CaSO4.2H2O) बनाता है और लगभग आधे घंटे में जम कर ठोस बन जाता है।
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PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Book Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Science Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

PSEB 10th Class Science Guide रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
नीचे दी गयी अभिक्रिया के संबंध में कौन-सा कथन असत्य है ?
2PbO (s) + C (s) → 2Pb (s) + CO2 (g)
(a) सीसा अपचयित हो रहा है।
(b) कार्बन डाइऑक्साइड उपचयित हो रहा है।
(c) कार्बन उपचयित हो रहा है।
(d) लेड ऑक्साइड अपचयित हो रहा है।
(i) (a) एवं (b)
(ii) (a) एवं (c)
(iii) (a), (b) एवं (c)
(iv) सभी।
(i) (a) एवं (b)

प्रश्न 2.
Fe2 O3 + 2AI→Al2O3 + 2Fe
ऊपर दी गई अभिक्रिया किस प्रकार की है ?
(a) संयोजन अभिक्रिया
(b) द्विविस्थापन अभिक्रिया
(c) वियोजन अभिक्रिया
(d) विस्थापन अभिक्रिया।
उत्तर-
उपरोक्त अभिक्रिया विस्थापन अभिक्रिया है जिसमें Al, Fe2 O3 के Fe को विस्थापित करता है।
इसलिए (d) सही उत्तर है।

प्रश्न 3.
लोह-चूर्ण पर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल डालने से क्या होता है? सही उत्तर पर निशान लगाइए
(a) हाइड्रोजन गैस एवं आयरन क्लोराइड बनता है।
(b) क्लोरीन गैस एवं आयरन हाइड्रॉक्साइड बनता है।
(c) कोई अभिक्रिया नहीं होती है।
(d) आयरन लवण एवं जल बनता है।
उत्तर-
उपरोक्त अभिक्रिया इस प्रकार है-
Fe + 2HCl→ FeCl2 + H2 आयरन क्लोराइड
जिसमें H2 और FeCl2 मिलते हैं। इसलिए (a) सही उत्तर है।

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प्रश्न 4.
संतुलित रासायनिक समीकरण क्या है? रासायनिक समीकरण को संतुलित करना क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
संतुलित रासायनिक समीकरण-यदि किसी रासायनिक अभिक्रिया में अभिकारकों तथा उत्पादों के परमाणुओं की संख्या समान है तो वह संतुलित रासायनिक समीकरण कहलाता है। समीकरण को संतुलित करना आवश्यक है क्योंकि द्रव्यमान के संरक्षण के नियम के अनुसार किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो निर्माण होता है और न ही विनाश। इसके अनुसार दोनों तरफ़ द्रव्यमान समान होना चाहिए और वह तभी संभव है अगर दोनों तरफ़ तत्वों के परमाणुओं की संख्या समान हो।

प्रश्न 5.
निम्न कथनों को रासायनिक समीकरण के रूप में परिवर्तित कर उन्हें संतुलित कीजिए
(a) नाइट्रोजन हाइड्रोजन गैस से संयोग करके अमोनिया बनाता है।
(b) हाइड्रोजन सल्फाइड गैस का वायु में दहन होने पर जल एवं सल्फर डाइऑक्साइड बनता है।
(c) ऐलुमिनियम सल्फेट के साथ अभिक्रिया कर बेरियम क्लोराइड, ऐलुमिनियम क्लोराइड एवं बेरियम सल्फेट का अवक्षेप देता है।
(d) पोटैशियम धातु जल के साथ अभिक्रिया करके पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड एवं हाइड्रोजन गैस देती है।
उत्तर-
(a) N2(g) + 3H2(g) → 2NH3(g)
(b) 2H2S (g) + 3O2(g) → 2H2O(1) + 2SO2(g)
(c) Al2 (SO4)3 + BaCl2(s) → 3BaSO4↓ + 2 AlCl3 (aq)
(d) 2K(s) + 2H2O(I) → 2 KOH(aq) + H(g)

प्रश्न 6.
निम्न रासायनिक समीकरणों को संतुलित कीजिए :
(a) HNO3 + Ca(OH)2 → Ca(NO3)2 + H2O
(b) NaOH + H2SO4 → Na2SO4 + 2H2O
(c) NaCl + AgNO3→AgCl + NaNO3
(d) BaCl2 + H2SO4 → BaSO4 + HCI.
उत्तर-
(a) 2HNO3 + Ca (OH)2 → Ca (NO3)2 + 2H2O.
(b) 2NaOH + H2SO4 → Na2SO4 + 2H2O (c) NaCl + AgNO3 → AgCl + NaNO3
(d) BaCl2 + H2SO4 → BaSO4 + 2HCl.

प्रश्न 7.
निम्न अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए
(a) कैल्शियम हाइड्रोक्साइड + कार्बन डाइऑक्साइड→ कैल्शियम कार्बोनेट + जल
(b) ज़िंक + सिल्वर नाइट्रेट → जिंक नाइट्रेट + सिल्वर
(c) ऐलुमिनियम + कॉपर क्लोराइड → ऐलुमिनियम क्लोराइड + कॉपर
(d) बेरियम क्लोराइड + पोटैशियम सल्फेट → बेरियम सल्फेट + पोटैशियम क्लोराइड।
उत्तर-
(a) Ca (OH)2 + CO2→ CaCO3 + H2O
(b) Zn + 2 Ag NO3→ Zn (NO3)2 + 2Ag
(c) 2Al + 3 CuCl2 → 2AlCl3+ 3 Cu
(d) BaCl2 +K2SO4 → BaSO4 + 2 KCl.

प्रश्न 8.
निम्न अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए एवं प्रत्येक अभिक्रिया का प्रकार बताइए।
(a) पोटैशियम ब्रोमाइड (aq) + बेरियम आयोडाइड (aq) → पोटैशियम आयोडाइड (aq) + बेरियम ब्रोमाइड (s)
(b) ज़िंक कार्बोनेट (s) → जिंक ऑक्साइड (s) + कार्बन डाइऑक्साइड (g)
(c) हाइड्रोजन (g) + क्लोरीन (g) → हाइड्रोजन क्लोराइड (g)
(d) मैग्नीशियम (s) + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (aq) → मैग्नीशियम क्लोराइड (aq) + हाइड्रोजन (g)
उत्तर-
(a) 2 KBr (aq) + BaI2 (aq) → 2KI (aq) + BaBr2 (aq) यह एक द्विविस्थापन अभिक्रिया है।
(b) ZnCO3 (s) → ZnO (s) + CO2 (g) यह वियोजन (अपघटन) अभिक्रिया है।
(c) H2 (g) + Cl2 (g) → 2HCl (g) यह एक संयुक्त अभिक्रिया है।
(d) Mg (s) + 2HCl (aq) → MgCl2 (aq) + H2 (g) यह अभिक्रिया विस्थापन अभिक्रिया है।

प्रश्न 9.
ऊष्माक्षेपी एवं ऊष्माशोषी अभिक्रिया का क्या अर्थ है ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया (Exothermic Reaction)-जिन अभिक्रियाओं में उत्पाद के साथ ऊष्मा का भी उत्सर्जन होता है उन्हें ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहते हैं।
उदाहरण-
(1) प्राकृतिक गैस का दहन CH4 (g) + 2O2(g) → CO2(g) + 2H2O (1) + ऊष्मा
(2) कोक का दहन C (s) + O2 (g) → CO2(g) + ऊष्मा
(3) श्वसन के दौरान शरीर में ऊष्मा उत्पन्न –
C6H12O6 (aq) + 6O2 (g) → 6CO2 (g) + 6H2O (I) + ऊर्जा।

ऊष्माशोषी अभिक्रिया (Endothermic Reaction) -जिन अभिक्रियाओं में ऊष्मा का अवशोषण होता है उन्हें ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहते हैं।
उदाहरण –
(1) कोक की भाप के साथ प्रक्रिया
C (s) + H2O (g) + ऊष्मा → CO (g) + H2 (g)
(2) N2 और O2 की प्रक्रिया
N2(g) + O2 (g) + ऊष्मा → 2NO (g) नाइट्रिक ऑक्साइड
(3) CaCO3 का गर्म होना CaCO3 + ऊष्मा → CaO (s) + CO2 (g).

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प्रश्न 10.
श्वसन को ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया क्यों कहते हैं ? वर्णन कीजिए।
अथवा
श्वसन क्रिया को उष्माक्षेपी अभिक्रिया क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
जीवित रहने के लिए हमें ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यह ऊर्जा हमें भोजन से प्राप्त होती है। पाचन क्रिया के दौरान खाद्य पदार्थ छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाता है। जैसे चावल, आलू तथा ब्रैड में कार्बोहाइड्रेट होता है। इन कार्बोहाइड्रेट के टूटने से ग्लूकोज़ प्राप्त होता है। यह ग्लूकोज़ हमारे शरीर के कोशिकाओं में मौजूद ऑक्सीजन से मिलकर हमें ऊर्जा प्रदान करता है। अर्थात् श्वसन क्रिया में उष्मा ऊर्जा पैदा होती है, इसलिए श्वसन क्रिया को उष्माक्षेपी अभिक्रिया कहते हैं।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 1

प्रश्न 11.
वियोजन अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया के विपरीत क्यों कहा जाता है? इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर-
संयोजन अभिक्रिया में दो या दो से अधिक पदार्थ मिलकर एक नया पदार्थ प्रदान करता है। वियोजन अभिक्रिया, संयोजन अभिक्रिया के विपरीत होती है। वियोजन अभिक्रिया में एकल पदार्थ वियोजित होकर दो या दो से अधिक पदार्थ प्रदान करता है।
संयोजन अभिक्रिया के उदाहरण –
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 2
वियोजन अभिक्रिया के उदाहरण
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 3

प्रश्न 12.
उन वियोजन अभिक्रियाओं के एक-एक समीकरण लिखिए जिनमें ऊष्मा, प्रकाश एवं विद्युत् के रूप में ऊर्जा प्रदान की जाती है।
उत्तर-
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प्रश्न 13.
विस्थापन एवं द्विविस्थापन अभिक्रियाओं में क्या अंतर है? इन अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिए।
उत्तर-
विस्थापन अभिक्रिया-जब कोई एक तत्व दूसरे तत्व को उसके यौगिक से विस्थापित कर देता है तो वह विस्थापन अभिक्रिया होती है।
उदाहरण –
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द्विविस्थापन अभिक्रिया-द्विविस्थापन अभिक्रिया में दो अलग-अलग परमाणु या परमाणुओं के समूह (आयन) का आपस में आदान-प्रदान होता है।
उदाहरण
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 6
उदाहरण विस्थापन और द्विविस्थापन अभिक्रियाओं का अंतर स्पष्ट करते हैं।

प्रश्न 14.
सिल्वर के शोधन में, सिल्वर नाइट्रेट के विलयन से सिल्वर प्राप्त करने के लिए कॉपर धातु द्वारा विस्थापन किया जाता है। इस प्रक्रिया के लिए अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर-
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 7

प्रश्न 15.
अवक्षेपण अभिक्रिया से आप क्या समझते हैं ? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर-
अवक्षेपण अभिक्रिया-जब दो विलयनों को मिलाया जाता है और उनकी अभिक्रिया से श्वेत रंग के एक पदार्थ का निर्माण होता है जो जल में अविलेय है। इस अविलेय पदार्थ को अवक्षेप कहते हैं। जिस अभिक्रिया में अवक्षेप का निर्माण होता है उसे अवक्षेपण अभिक्रिया कहते हैं।
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Ba2+ तथा SO4-2 की अभिक्रिया से BaSO4 के अवक्षेप का निर्माण होता है।

प्रश्न 16.
ऑक्सीजन के योग या ह्रास के आधार पर निम्न पदों की व्याख्या कीजिए। प्रत्येक के लिए दो उदाहरण दीजिए
(a) उपचयन
(b) अपचयन।
उत्तर-
(a) उपचयन-किसी अभिक्रिया में पदार्थ का उपचयन तब होता है जब उसमें ऑक्सीजन की वृद्धि या हाइड्रोजन का ह्रास होता है।
उदाहरण-
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 9

(b) अपचयन-पदार्थ का अपचयन तब होता है जब उसमें ऑक्सीजन का ह्रास या हाइड्रोजन की वृद्धि होती है।
उदाहरण
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 10

प्रश्न 17.
एक भूरे रंग का चमकदार तत्व ‘X’ को वायु की उपस्थिति में गर्म करने पर वह काले रंग का हो जाता है। इस तत्व ‘X’ एवं उस काले रंग के यौगिक का नाम बताइए।
उत्तर-
यह तत्व ‘X’ कॉपर है क्योंकि कॉपर ही एक भूरे रंग का चमकदार तत्व है जो वायु की उपस्थिति में गर्म करने पर काले रंग का हो जाता है, क्योंकि यह O, के साथ अभिक्रिया करके कॉपर ऑक्साइड बनाता है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 11

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 18.
लोहे की वस्तुओं को हम पेंट क्यों करते हैं ?
उत्तर-
पेंट करने से लोहे के पदार्थ का ऊपरी भाग छुप जाता है। वह वायु के साथ सीधे संपर्क में नहीं आता जिसके कारण उसमें जंग नहीं लगता। इसलिए पेंट करने से हम लोहे के उस पदार्थ को जंग लगने से बचा सकते हैं।

प्रश्न 19.
तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थ को नाइट्रोजन से प्रभावित क्यों किया जाता है?
उत्तर-
तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थ को वायुरोधी बर्तनों में रखने से उपचयन की गति धीमी हो जाती है। तेल एवं वसायुक्त पदार्थ को नाइट्रोजन से भी इसीलिए युक्त किया जाता है ताकि उसमें उपचयन न हो सके।

प्रश्न 20.
निम्न पदों का वर्णन कीजिए तथा प्रत्येक का एक-एक उदाहरण दीजिए
(a) संक्षारण
(b) विकृतगंधिता।
उत्तर-
(a) संक्षारण (Corrosion)-लोहे की बनी हुई वस्तुएँ चमकीली होती हैं लेकिन कुछ समय पश्चात् उन पर लालिमायुक्त भूरे रंग की परत चढ़ जाती है। आमतौर पर इस प्रक्रिया को लोहे पर जंग लगना कहते हैं। कुछ अन्य धातुओं में भी ऐसा ही परिवर्तन होता है। जब कोई धातु अपने आसपास अम्ल, नमी आदि के संपर्क में आती है तब ये संक्षारित होती हैं और इस प्रक्रिया को संक्षारण कहते हैं। चाँदी के ऊपर काली पर्त और ताँबे के ऊपर हरी पर्त चढ़ना, संक्षारण के उदाहरण हैं। संक्षारण के कारण कार के ढांचे, पुल, जहाज़ तथा धातु, विशेषकर लोहे से बनी वस्तुओं की बहुत क्षति होती है।

(b) विकृतगंधिता (Rancidity)-वसायुक्त अथवा तैलीय खाद्य सामग्री जब लंबे समय तक रखा जाता है तब उसका स्वाद या गंध में परिवर्तन आ जाता है। उपचयित होने पर तेल और वसा विकृत गंधी हो जाते हैं तथा उनके स्वाद तथा गंध बदल जाते हैं। आमतौर पर तैलीय तथा वसायुक्त खाद्य सामग्रियों में उपचयन रोकने वाले पदार्थ (प्रति ऑक्सीकारक) मिलाये जाते हैं। वायुरोधी बर्तनों में खाद्य सामग्री रखने से उपचयन की गति धीमी हो जाती है। क्या आप जानते हैं कि चिप्स बनाने वाले चिप्स की थैली को नाइट्रोजन जैसे गैस से युक्त कर देते हैं ताकि चिप्स का उपचयन न हो सके और उन्हें देर तक संरक्षित रखा जा सके।

Science Guide for Class 10 PSEB रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण InText Questions and Answers

प्रश्न 1.
वायु में जलाने से पहले मैग्नीशियम रिबन को साफ़ क्यों किया जाता है ?
उत्तर-
यदि मैग्नीशियम रिबन नम वायु के संपर्क में रहता है तो उस पर सफ़ेद रंग की मैग्नीशियम ऑक्साइड की पर्त जम जाती है, यह पर्त मैग्नीशियम के जलने में अवरोध पैदा करती है। इसलिए मैग्नीशियम रिबन को पहले रेगमार से साफ़ किया जाता है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रियाओं के लिए संतुलित समीकरण लिखें.
(i) हाइड्रोजन + क्लोरीन→ हाइड्रोजन क्लोराइड
(ii) बेरियम क्लोराइड + ऐलुमीनियम सल्फेट→ बेरियम सल्फेट + एलुमीनियम क्लोराइड
(iii) सोडियम + जल→ सोडियम हाइड्रॉक्साइड + हाइड्रोजन।
उत्तर-
(i) H2 + Cl2 → 2HCl
(ii) 3 BaCl2 + Al (SO4)3 → 3 BaSO4 + 2 AlCl3
(iii) 2 Na + 2 H2O→ 2 NaOH + H2

प्रश्न 3.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं के लिए उनकी अवस्था के संकेतों के साथ संतुलित रासायनिक समीकरण लिखें
(i) जल में बेरियम क्लोराइड तथा सोडियम सल्फेट का विलयन अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा अघुलनशील बेरियम सल्फेट का अवक्षेप बनाते हैं।
(ii) सोडियम हाइड्रोक्साइड का विलयन (जल में) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के विलयन (जल में) से अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा जल बनाते हैं। उत्तर-
(i) BaCl (aq) + Na2SO4 (aq) → BaSO4 (s) + 2NaCl (aq)
(ii) NaOH (aq) + HCl (aq) → NaCl (aq) + H2O (I)

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 4.
किसी पदार्थ ‘X’ के विलयन का उपयोग सफ़ेदी करने के लिए होता है।
(i) पदार्थ ‘X’ का नाम तथा इसका सूत्र लिखिए।
(ii) ऊपर (i) में लिखे पदार्थ ‘X’ की जल के साथ अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर-
(i) ‘X’ का नाम है-बिना बुझा चूना अर्थात् कैल्शियम ऑक्साइड, सूत्र = Cao
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 12

प्रश्न 5.
क्रियाकलाप 1.7 में एक परखनली में एकत्रित गैस की मात्रा दूसरी से दोगुनी क्यों है? उस गैस का नाम बताइए।
उत्तर-
जल के वैद्युत् अपघटन में निम्न अभिक्रिया होती है-
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 13
इस अभिक्रिया में हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन 2 : 1 की मात्रा में मिलती है।
दुगुनी पाई जाने वाली गैस हाइड्रोजन है।

प्रश्न 6.
जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है तो विलयन का रंग क्यों बदल जाता है?
उत्तर-
जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है तो वह नीले रंग से भूरे रंग का हो जाता है। यह कॉपर सल्फेट के घोल में से कॉपर को प्रस्थापित करने की क्षमता रखता है।
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 14
कॉपर इस अभिक्रिया के दौरान CuSO4 का नीला रंग धीरे-धीरे फीका होता जाता है।

प्रश्न 7.
BaCl, तथा NaSo, के बीच की अभिक्रिया (क्रियाकलाप 1.10 ) से भिन्न द्विविस्थापन अभिक्रिया का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 15

प्रश्न 8.
निम्न अभिक्रियाओं में उपचयित तथा अपचयित पदार्थों की पहचान कीजिए :
(i) 4Na(s) + O2 (g) → 2Na2O (s)
(ii) Cuo (s) + H2 (g) → Cu (s) + H2O (I)
उत्तर-
(i) 4Na (s) + O2 (g)→ 2Na2O (s)
उपचयित पदार्थ = Na
अपचयित पदार्थ = O2,

(ii) CuO (s) + H2 (g) → Cu (s) + H2O (I)
उपचयित पदार्थ = H2
अपचयित पदार्थ = CuO

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 2 एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज

Punjab State Board PSEB 10th Class Computer Book Solutions Chapter 2 एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Computer Chapter 2 एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज

Computer Guide for Class 10 PSEB एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज Textbook Questions and Answers

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न

(A) बहुविकल्पीय प्रश्न

1. किसी भी HTML दस्तावेज़ में पहला टैग क्या होना चाहिए ?
(a) <head>
(b) <title>
(c) <html>
(d) <document>.
उत्तर-
(a) <head>

2. छोटे साइज़ के हैडिंग के लिए सही HTML टैग चुनें।
(a) <heading>
(b) <h6>
(c) <h1>
(d) <head>.
उत्तर-
(b) <h6>

3. लाइन ब्रेक पाने के लिए सही HTML टैग क्या है ?
(a) <br>
(b) </b>
(c) <break>
(d) <new line>.
उत्तर-
(a) <br>

4. इनमें से कौन-सा कंटेनर टैग नहीं है ?
(a) <p>
(b) <u>
(c) <>
(d) <img>.
उत्तर-
(d) <img>.

5. कुछ टैग टैक्स्ट को दोनों तरफ से दर्शाते हैं। उन्हें क्या कहा जाता है ?
(a) Couple tags
(b) Single tags
(c) Double tags
(d) Pair tags.
उत्तर-
(d) Pair tags.

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6. Marquee HTML में एक टैग है।
(a) Mark the list of items to maintain in queue
(b) Mark the text so that it is hidden in browser.
(c) Display text with scrolling effect
(d) None of above.
उत्तर-
(c) Display text with scrolling effect

7. HTML समर्थन करता है।
(a) ordered lists:
(b) unordered lists
(c) both type of lists
(d) does not support those types.
उत्तर-
(c) both type of lists

8. अगर चित्र ब्राऊज में लोड नहीं कर सकता तो टैक्सट को प्रदर्शित करने के लिए img टैग के साथ कौन-सा गुण इस्तेमाल किया जाता है ?
(a) description
(b) name
(c) alt
(d) id.
उत्तर-
(c) alt

9. एक वैब पेज तस्वीर दिखाता है, इस तस्वीर को प्रदर्शित करने के लिए कौन-सा टैग इस्तेमाल किया जाता है ?
(a) picture
(b) image
(c) img
(d) src.
उत्तर-
(c) img

10. कौन-सा टैग आपके वैब पेज पर horizontally लाइन बनाता है ?
(a) <hr>
(b) <line>
(c) <line direction = “horizontal”>
(d) <tr>.
उत्तर-
(a) <hr>

11. कौन-सा टैग आपको एक अनुसूची में एक पंक्ति में शामिल करने की इजाजत देता है ?
(a) <td> and </td>
(b) <cr> and </cr>
(c) <th> and </th>
(d) <tr> and </tr>.
उत्तर-
(d) <tr> and </tr>.

12. HTML का पूरा रूप क्या है ?
(a) Hypertext markup language
(b) Hyphenation text markup language
(c) Hyphenation and marking language
(d) Hypertext marking language.
उत्तर-
(a) Hypertext markup language

13. FTP प्रोग्राम किस काम के लिए इस्तेमाल किया जाता है ?
(a) सरवर से फाइलों को ट्रांसफर करने के लिए
(b) वैबसाइट को बनाने के लिए
(c) इंटरनैट से कनैक्ट करने के लिए
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-
(a) सरवर से फाइलों को ट्रांसफर करने के लिए

14. कौन-सा टैग पावर को दर्शाने के लिए इस्तेमाल किया जायेगा (A+B)<sup>2</sup> ?
(a) <SUP>
(b) <SUB>
(c) <B>
(d) <P>.
उत्तर-
(a) <SUP>

15. HTML में डिज़ाइन किए हुए पेज़ को कहते हैं –
(a) Yellow page
(b) Web page
(c) Server page
(d) Front page.
उत्तर-
(b) Web page

16. HTML में दस्तावज़ को सेव करने के लिए ………………………. एक्सटेंशन इस्तेमाल की जाती है।
(a) .htl.
(b) .html.
(c) .hml.
(d) .htnl.
उत्तर-
(b) .html.

17. HTML टैगज़ ………………………………. ब्रैकटों में इस्तेमाल किया जाता है।
(a) Angle
(b) Square
(c) Round
(d) Curly.
उत्तर-
(a) Angle

18. ………………………. वैब पेज को आपस में जोड़ता है।
(a) Connector
(b) Link
(c) Hyperlink
(d) None of the above.
उत्तर-
(b) Link

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19. इनमें से कौन-सा सैक्शन इस्तेमाल करके टैक्सट और टैगज़ सीधे दिखाये जाते हैं।
(a) Head
(b) Body
(c) Title
(d) Html.
उत्तर-
(b) Body

20. इनमें से कौन-सी चीज़ ब्राऊजर और सर्च इंजनों के द्वारा स्टोर करने के बाद इस्तेमाल की जाती है ?
(a) Cookies
(b) Metatages
(c) Form
(d) Frame.
उत्तर-
(a) Cookies

21. <HR> टैग लेटवीं कतार बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। उसके एट्रीब्यूटस निम्नलिखित
(a) Size
(b) Width
(c) Align
(d) All of the above.
उत्तर-
(d) All of the above.

22. <Table> में अन्य इस्तेमाल किये जाते टैगज़ निम्नलिखित हैं
(a) <TR>
(b) <TD>
(c) <TH>
(d) All of the above.
उत्तर-
(d) All of the above.

(B) खाली स्थान भरें-

1. HTML का पूरा नाम ………….. है।
उत्तर-
Hyper Text Mark up Language

2. …………. सॉफ्टवेयर को एक वैब पेज पर पहुँच करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
उत्तर-
Web Browser

3. एच० टी० एम० एल० के तत्त्व दो किस्में ……….. और ………….. हैं।
उत्तर-
Containers and Empty Tags

4. एक unorganised list को दर्शाने के लिए ……… सूची का इस्तेमाल किया जाता है।
उत्तर-
Unordered List

5. ……… Tag को एक सूची के element परिभाषित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
उत्तर-
<LI>

6. …… attribute को दी गई List में Background के image को सैट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
उत्तर-
Background

7. ALT का मतलब है ………… ।
उत्तर-
Alternate

8. …….. table में व्यक्तिगत डाटा सैल्स के बीच में पिक्सल की चौड़ाई है।
उत्तर-
cell Spacing

9. ……… HTML दस्तावेज़ का मुख्य हिस्सा है जिसमें वैबपेज के बारे में सारी जानकारी मौजूद है।
उत्तर-
<body>

10. …………….. में Title शामिल होते हैं जो कि HTML दस्तावेज़ के Heading की पहचान करता है।
उत्तर-
Heading.

(C) सही या गलत :

1. HTML एक structured भाषा है।
उत्तर-
True

2. टेबल शीर्षक <TH> टैग से शुरू होता है और </TH> टैग से समाप्त होता है।
उत्तर-
True

3. अलाइन टैग वैब पेज की अन्य कनटैंट के मुकाबले अटैच इमेजों की अलाइनमैंट नहीं करता।
उत्तर-
False

4. सैल पैडिंग सैल संक्षेप और सैल की सरहद के बीच पिक्सल स्पेस है।
उत्तर-
True

5. परिभाषा सूची में साधारण रूप से भिन्न-भिन्न नियम और उनके अर्थ की परिभाषा शामिल होती है।
उत्तर-
True.

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(D) पूरा नाम लिखें

1. HTML
2. <B>
3. <>
4. <u>
5. <OL>
6. <UL>
7. <P>
8. <BR>
9. SRC
10. <IMG>
11. <TR>
12. <TH>
13. <TD>
14. LI
15. URL.
उत्तर-
1. HTML – Hyper Text Markup Language
2. <B> – Bold
3. <I> – Italic
4. <U> – Underline
5. <OL> – Ordered List
6. <UL> – Unordered List
7. <P> – Paragraph
8. <BR> – Break
9. SRC – Source
10. <img> – Image
11. <TR> – Table Row
12. <TH> – Table Heading
13. <TD> – Table Data
14. LI – List Item
15. URL – Uniform Resource Locator

II. अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
HTML किसने डिज़ाइन की ?
उत्तर-
टिम बर्नरस ली (Tim Berners Lee)

प्रश्न 2.
उस टैग का पूरा नाम बताएं जो शुरू और अंत में इस्तेमाल किया जाता है ?
उत्तर-
<HTML> और </HTML>.

प्रश्न 3.
उस टैग का नाम बतायें जिसमें सभी वैब पेज की सूचना स्टोर होती है ?
उत्तर-
<Body> और </Body>

प्रश्न 4.
HTML दस्तावेज़ को सेव करने के लिए …………………… ऐक्सटैंशन का इस्तेमाल किया जाता है ?
उत्तर-
html.

प्रश्न 5.
उस टैग का नाम बतायें जो कि ऐंपटी टैग है और एक लाइन को टूटने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
उत्तर-
<BR>.

प्रश्न 6.
एक वैब पेज में इमेज लगाने के लिए कौन-सा टैग इस्तेमाल किया जाता है ?
उत्तर-
<img> टैग।

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III. लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
HTML क्या है ?
उत्तर-
HTML का अर्थ है Hyper Text Markup Language इसका इस्तेमाल वैब पेज डिज़ाइन करने के लिए किया जाता है। इसकी मदद से वैब पेजों में एक आपसी लिंक भी बनाया जाता है। सभी इंटरनैट का आधार HTML भाषा ही है।

प्रश्न 2.
वैब ब्राऊज़र की व्याख्या करें।
उत्तर-
वैब ब्राऊज़र उस सॉफ्टवेयर को कहते हैं जिसका इस्तेमाल वैब पेज़ देखने के लिए किया जाता है। हम इंटरनैट पर सभी वैबसाइटों की इसकी मदद से ही सर्किंग कर सकते हैं।

प्रश्न 3.
<head> और <title> टैग को समझायें।
उत्तर-
<Head> टैग HTML का एक टैग है जो head सैक्शन को दर्शाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस सैक्शन में दस्तावेज़ से संबंधित मैटा जानकारी को लिखा जाता है। इस जानकारी का इस्तेमाल सर्च इंजन वैब पेज को ढूंढ़ने के लिए करते हैं। यह एक pair टैग है। <title> टैग : </title> टैग का इस्तेमाल head सैक्शन में टाइटल देने के लिए किया जाता है। जब वैब पेज वैब ब्राऊज़र में दिखाई देता है तो टाइटल, टाइटल बार में दिखाई देता है। <title> टैग भी एक pair tag है। <title> This is a title </title>.

प्रश्न 4.
<body> टैग का उद्देश्य क्या है ?
उत्तर-
<body> टैग html का एक टैग है। हम अपने वैब पेज में जो भी यूज़र को दिखाना होता है वो सब कुछ <body> टैग में लिखा जाता है। html के सभी टैग का इस्तेमाल इस टैग के बीच ही किया जाता है।

प्रश्न 5.
एक टैग क्या है ?
उत्तर-
टैग एक HTML कमांड होती है जो वैब ब्राऊज़र को बताती है कि क्या करना है। इसका इस्तेमाल करने के बाद ही भिन्न-भिन्न प्रकार के टैक्सट, पिक्चर आदि को वैब पेज में दिखाया जाता है। यह दो प्रकार के होते हैं –

  1. Single tag
  2. Paired tag

प्रश्न 6.
HTML में इस्तेमाल की जाने वाली भिन्न-भिन्न किस्मों की सूची क्या है ?
उत्तर-
HTML में निम्नलिखित सूची का इस्तेमाल किया जाता है –

  • Ordered List
  • Unordered List
  • Definition List.

प्रश्न 7.
<img> टैग क्या है ? समझायें।
उत्तर-
<img> टैग का इस्तेमाल HTML में तस्वीर दिखाने के लिए किया जाता है। यह एक Single टैग है। जिस तस्वीर को दिखाना हो उसको इसके SRC attribute में लिखा जाता है। इसका साधारण रूप निम्नलिखित होता है
<img src = ‘filename’ All = ‘test’>

प्रश्न 8.
एक टेबल बनाने के लिए कौन-से भिन्न-भिन्न टैग का इस्तेमाल किए जाते हैं ?
उत्तर-
एक टेबल बनाने के लिए निम्नलिखित टैग का इस्तेमाल किया जाते हैं –

  1. <Table> ……… </table> : टेबल को परिभाषित करने के लिए
  2. <Tr> ………. </Tr> : टेबल रोअ परिभाषित करने के लिए
  3. <TD> ………. </TD> : टेबल डाटा देने के लिए
  4. <TH> ……… </TH> : टेबल हैडिंग देने के लिए।

प्रश्न 9.
Nested Lists का विवरण करें।
उत्तर-
Nested Lists का अर्थ है कि एक लिस्ट में अन्य लिस्टें। जब हम कई लिस्टों को एकत्रित करने के बाद एक-दूसरे में व्यवस्थित करके इस्तेमाल करते हैं उसको Nested Lists कहा जाता है।

प्रश्न 10.
फौंट टैग को ऐट्रीब्यूट से सम्मिलित विवरण करें।
उत्तर-
फौंट टैग का इस्तेमाल टैक्सट को सुंदर दिखाने के लिए किया जाता है। इसमें कई प्रकार के ऐट्रीब्यूट इस्तेमाल किये जाते हैं ; जैसे कि
Face – फोंट का नाम देने के लिए
Color – फोंट का रंग बदलने के लिए
Size – फौंट का आकार बदलने के लिए

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अंतर बताएँ –

प्रश्न 1.
आर्डरड और अनआर्डरड लिस्ट।
उत्तर-

आर्डरड लिस्टे अनआर्डरड लिस्टे
1. आर्डरड लिस्ट <OL> ……. </OL> टैग का इस्तेमाल करती है। 1. अन-आर्डरड लिस्ट <UL> …………………</UL> टैग का इस्तेमाल करती है।
2. डिफॉल्ट Type Attribute का मूल्य है। 2. डिफॉल्ट Type Attribute का मूल्य Disc है।
3. इनमें अंकों का इस्तेमाल होता है। 3. इनमें चिन्हों का इस्तेमाल होता है।
4. इनमें अंग्रेज़ी के अक्षर भी दिखाये जा सकते हैं। 4. इनमें सिर्फ चिन्ह ही दिखाये जा सकते  है।
5. इनके लिए टैग है-<OL> 5. इनके लिए टैग है-<UL>
6. इनमें ऐट्रीब्यूटस के लिए पाँच आप्शन हैं। 6. इनमें ऐट्रीब्यूटस के लिए तीन आप्शन हैं।

प्रश्न 2.
बैकग्राउंड और बी.जी. कलर।
उत्तर-
BGCOLOR और BACKGROUND में अंतर निम्नलिखित हैं-

BGCOLOR BACKGROUND
1. BGCOLOR ऐट्रीब्यूट का इस्तेमाल बैकग्राउंड को कलर देने के लिए किया जाता है। 1. BACKGROUND ऐट्रीब्यूट का इस्तेमाल बैकग्राउंड इमेज लगाने के लिए किया जाता है।
2. बैकग्राउंड कलर के रूप में कई रंग-जैसे-
काला, पीला, सफेद, लाल, हरा, नीला आदि इस्तेमाल किये जा सकते हैं।
2. यह वैब पेज की दिखावट को बदल देता है और इसमें इमेज को दाखिल करने के बाद सुंदर और आकर्षक बनाता है।
3. रंगों के नाम के स्थान पर, की कीमत हैक्सा डैसीमल में (जैसे कि “#FFA3C’) भी दी जा सकती है। 3. इमेज के नाम के स्थान पर, BACK GROUND में कीमत हैक्सा डैसीमल में नहीं दी जा सकती है।
4. इसमें ग्राफिक्स फाइल फारमैट का इस्तेमाल नहीं किया जाता। 4. इसमें ग्राफिक्स फाइल फारमैट जैसे-JPG, GIF आदि का इस्तेमाल किया जाता है।
5. Syntax : BGCOLOR ऐट्रीब्यूट का BODY टैग में सिनटैक्स है- <Body BGCOLOR = “Red”> 5. Syntax : BACKGROUND ऐट्रीब्यूट का BODY टैग में सिनटैक्स है- <Body BACKGROUND = “ABC.jpg”>

प्रश्न 3.
कंटेनर और ऐंपटी टैग।
उत्तर-
कंटेनर और ऐंपटी टैग में निम्नलिखित अंतर हैं-

कंटेनर टैग ऐंपटी टैग
1. कंटेनर टैग जोड़ों में होते हैं। 1. ऐंपटी टैग अकेले होते हैं।
2. यह कैसे टैक्सट पर अपना काम करते हैं। 2. एक टैक्सट के लिए स्थान की व्यवस्था करते हैं।
3. इनमें समाप्त होने वाला टैग देना ज़रूरी है। 3. इनमें इस प्रकार का कोई टैग नहीं होता।
4. अपने जोड़ीदार के बिना यह अधूरे हैं। 4. यह अपने आप में पूरे होते हैं।

प्रश्न 4.
कॉल स्पैन और रोअ स्पैन।
उत्तर-
रोअ स्पैन और कॉल स्पैन में निम्नलिखित अंतर हैं।

रोअ स्पैन कॉल स्पैन
1. रोअ स्पैन एक सैल ऐट्रीब्यूट है जिसका इस्तेमाल एक सैल को एक से ज्यादा रोयज़ में बढ़ाने के लिए किया जाता है। 1. कॉल स्पैन एक सैल ऍट्रीब्यूट है जिसका इस्तेमाल एक सैल को एक से ज़्यादा काल्मज़ में बढ़ाने के लिए किया जाता है।
2. रोअ स्पैन बताता है कि सैल में कितनी रोअज़ काल्मज़ होंगे। 2. कॉल स्पैन बताता है कि सैल में कितने होंगी।
3. रोअ स्पैन का इस्तेमाल सैल की ऊँचाई बढ़ाने के लिए किया जाता है। 3. कॉल स्पैन का इस्तेमाल सैल की चौड़ाई बढ़ाने के लिए किया जाता है।
4. यह सैलों की ऊँचाई को खड़े रुख में बढ़ाता है। 4. यह सैलों की चौड़ाई को लेटवें रुख में बढ़ाता है।
5. Syntax – रोअ स्पैन का सिनटैक्स निम्नलिखित <TD ROWS PAN = 4> 5. Syntax – कॉल स्पैन का सिनटैक्स निम्नलिखित है<TD COLS PAN = 5>

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प्रश्न 5.
सैल स्पेसिंग और सैल पैडिंग।
उत्तर-
सैल स्पेसिंग और सैल पैडिंग की तुलना निम्नलिखित है-

सैल स्पेसिंग सैल पैडिंग
1. सैलों के बीच की दूरी को बताने के लिए। सैल स्पेसिंग ऐट्रीब्यूट का इस्तेमाल किया जाता है। 1. टैक्सट और सैल के बार्डर के बीच की दूरी को बताने के लिए सैल पैडिंग ऐट्रीब्यूट का इस्तेमाल किया जाता है।
2. यह बताता है कि सैलों के बीच कितना खाली स्थान छोड़ना है। 2. यह बताता है कि टैक्सट और सैल बार्डर के बीच कितना खाली स्थान छोड़ा जाए।
3. Syntax : सैल स्पेसिंग का सिनटैक्स निम्नलिखित है : <Table Border = 1 CELL SPACING = 8> 3. Syntax : सैल पैडिंग का सिनटैक्स निम्नलिखित है
<Table Border = 1 CELL  SPACING = 4>

प्रश्न 6.
टैग और ऐट्रीब्यूट।
उत्तर-
टैग और ऐट्रीब्यूट में अंतर

टैग ऐट्रीब्यूटस
1. टैगस में ऐसे ऐलीमैंटस होते हैं जो जानकारी प्रदान करते हैं कि सूचना को किस तरह प्रोसेस या प्रदर्शित किया जा सकता है। इसमें दो टैग शुरुआती टैग <TAG> और अंतिम टैग </TAGS> होते हैं जो कि एक ऐलीमैंट की शुरुआत और अंत को दर्शाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 1. एक ऐट्रीब्यूटस ऐलीमैंट की ऐसी प्रापर्टी को दर्शाता है जिसमें उस टैग से संबंधित विशेषता बताई जाती है और यह टैग के शुरु आती टैग में बताई जाती है।
2. टैगज़ में टैग के साथ उसकी विशेषताएं भी हो सकती हैं। 2. ऐट्रीब्यूटस ऐलीमैंट के शुरुआती टैग का भाग होता है।
3. यह दो तरह के होते हैं-ऐंपटी टैग और कंटेनर टैग। 3. ऐट्रीब्यूटस की किस्में इस्तेमाल किये जा रहे टैग पर निर्भर करती हैं भाव कि हर एक टैग के ऐट्रीब्यूट की संख्या भिन्न-भिन्न होती है।
4. उदाहरण <Table> यहाँ टेबल एक टैग है। 4. उदाहरण <Table Border = “3”> यहाँ टेबल एक टैग है और बार्डर एक ऐट्रीब्यूट है।

प्रश्न 7.
<P> और <BR> टैग।
उत्तर-
पैराग्राफ टैग और ब्रेक टैग में अंतर-

Paragraph <P> Tage Break <BR> Tags
1. टैग एक कंटेनर ऐलीमैंट (तत्त्व) होता है जो किसी वैब पेज में पैराग्राफ के रूप में टैक्सट का ब्लॉक देता है और वैब ब्राऊज़र को दो अनुच्छेद के बीच एक लाइन छोड़ जाता है। इस टैग में एक ऐट्रीब्यूट ALIGN है, जोकि तीन मूल्य-left, right and center (बायें, दायें और केंद्र) ले सकता है, टैग एक अनुच्छेद को संकेत करता है और </P> से समाप्त होता है। यह एक कंटेनर टैग होता है। 1. टैग एक ऐंपटी ऐलीमैंट है जोकि एक लाइन को तोड़ने और अगली लाइन से जारी टैक्सट को बिना दो लाइनों में कोई स्पेस दिए बिना प्रदर्शित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, इसका कोई ऐट्रीब्यूट नहीं है। <br> एक लाइन ब्रेक है और एक ऐंपटी टैग है।
2. इस टैग को आपके टैक्सट के साथ पैराग्राफ परिभाषित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरण <p> hello world </p> 2. यह टैग एक साधारण लाइन ब्रेक है, यह केवल किसी भी स्पेसिंग या फारमैटिंग चुनाव के बिना अगली लाइन पर जंप करता है। उदाहरण
hello <br> world !

IV. बड़े उत्तरों वाले प्रश्न 

प्रश्न 1.
HTML के बुनियादी ढांचे के विवरण का वर्णन करें।
उत्तर-
HTML डाक्यूमैंट का बेसिक ढांचा। HTML डाक्यूमैंट में दो मुख्य भाग होते हैंHead ( हैड)-Head भाग में Title होता है जो कि HTML डाक्यूमैंट के शीर्षक की पहचान करता है।
Body (बॉडी)-Body ऐलीमैंट में असल कंटैंट या जानकारी होती है। जो आप उपभोक्ता को वैब पेज पर प्रदर्शित करना चाहते हो।। HTML डाक्यूमैंट का सिटैक्स निम्नलिखित है-
<HTML>
<Head>
<Title> Title of Your Webpage </Title>
</Head>
<Body>
Information which user wants to show.
</Body>
</HTML>
उपरोक्त ढांचे में परिभाषित टैग मूल रूप में वैब ब्राउज़र को दिए गए टैगों में परिभाषित किए गए टैक्सट पर किए गए भिन्न कार्यों के बारे में परिभाषित करते हैं या हिदायत देते हैं।
(HTML) टैग-(HTML) Tag में दस्तावेज शुरू किया गया है और </HTML> टैग के साथ बंद किया जाएगा। यह वैब ब्राऊज़र को सूचित करता है कि कहां वैब पेज़ शुरू होगा और यह कहां समाप्त होगा। अगर कमांड को टैग में परिभाषित नहीं किया जाता तो टैग ब्राऊज़र में टैक्सट के रूप में लेता है।

<HTML> टैग-HEAD टैग, हैडिंग (शीर्षक) के बारे में जानकारी प्रदान करती है। डाक्यूमैंट का हैडिंग <HEAD> टैग में लिखा गया है। यह हमेशा जोड़ों (Pair) के रूप में होता है। हैड टैग को एक वैब पेज़ के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण माना जाता है। यह एक कंटेनर टैग है। यह HTML डाक्यूमैंट का शीर्षक परिभाषित करता है। यह <HEAD> Tag से शुरू होता है और </HEAD> से समाप्त होता है। यह टैग हमेशा </HTML> टैग से नीचे और <Body> टैग से पहले दर्शाया जाता है। इसमें वैब पेज़ का शीर्षक, सर्च इंजन के द्वारा प्रयोग किए गए शब्द आदि से संबंधित जानकारी शामिल है, इसमें अपने आपसे संबंधित कोई टैक्सट नहीं होता।

उदाहरण <HEAD><Title>This is a Title</Title></HEAD><Title> टाइटल टैग वैब पेज़ का शीर्षक परिभाषित करता है, जो वैब ब्राउज़र के टाइटल बार पर प्रदर्शित होता है जब वैब पेज़ को वैब ब्राऊज़र में लोड किया जाता है। यह <Title> और </Title> टैगस के बीच में होता है, यह छोटा और अर्थपूर्ण होना चाहिए।
<Body> टैग वैब ब्राऊज़र में वैब पेज़ में लोड होने पर वैब ब्राऊज़र पर प्रदर्शित करने वाली असल जानकारी रखता है। इसमें टैक्सट, चित्र, ऑडियो, वीडियो आदि के तत्त्व या कंटेंट शामिल हो सकते हैं। यह कंटैंट <Body> और </Body> टैगस के बीच परिभाषित होता है। यह एक कंटेनर टैग है।

प्रश्न 2.
हम एक साधारण वैब पेज कैसे बना सकते हैं, विवरण का वर्णन करें।
उत्तर-
वैब पेज़ साधारण टैक्सट फाइलें हैं जो किसी भी टैक्सट एडीटर या वर्ड प्रोसैसर जैसे कि नोटपैड, वर्डपैड आदि के इस्तेमाल से बनाये जा सकते हैं। एक वैब पेज़ बनाने और प्रदर्शित करने के लिए निम्नलिखित कदम हैं –
1. Start-All Programs-Accessories-Notepad पर क्लिक करके या Run विंडो में Notepad टाइप करके नोटपैड को खोलें। नोटपैड विंडो नीचे दिखाए चित्र के अनुसार खुलेगी।
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2. नोटपैड में अब HTML कोड टाइप करें जैसे कि चित्र में दिखाया गया है।
3. File-Save विकल्प पर क्लिक करें। एक डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा। यहां हम फाइल को सेव करना चाहते हैं, अपनी फाइल का नाम और एक्सटैंशन .html दाखिल करें।

प्रश्न 3.
Table में इस्तेमाल किए गए भिन्न-भिन्न टैगज़ क्या हैं? एक उदाहरण के साथ व्याख्या करें।
उत्तर-
Table हमें बहुत सारी कतारों और कॉलमों में जानकारी का प्रबंध करने की इजाजत देता है। HTML Table को वैब लेखकों को टैक्सट, इमेज, लिंकों, दूसरी टेबलज़ आदि जैसे डाटा को सैलों में व्यवस्थित करने की आज्ञा देता है। यह वह वैब पेज़ को आकर्षक बनाता है। यह <Table> टैग से शुरू होता है और </Table> के साथ समाप्त होता है। टेबल में कई एट्रीब्यूट्स हैं जो हम बाद में देखेंगे। टेबल टैग के अन्य बहुत सारे टैग हैं जो नीचे दिए गए हैं –
1. टेबल हैडिंग <TH> यह एक दिए टेबल के टेबल हैडिंग को परिभाषित करता है। यह <TH> टैग से शुरू होता है और </TH> टैग से समाप्त होता है। इसको Table row <TR> में परिभाषित करना चाहिए।

2. Table row <TR> यह एक टेबल में (कतार) row को परिभाषित करती है। एक रो में टेबल हैडिंग <TH> और टेबल डाटा <TD> परिभाषित होता है। टेबल रो <TR> के साथ टैग से शुरू और </TR> से समाप्त होता है।

Table टैग के Attributes (गुण)-
Border (बार्डर)-Border ऐट्रीब्यूट टेबल के बार्डर की चौड़ाई को परिभाषित करता है। जीरो मूल्य से कोई बार्डर नहीं लगता है और डिफाल्ट मूल्य है।
उदाहरण <Table Border = “1”>
ALLIGN (अलाइन)-Align ऐट्रीब्यूट विंडो ब्राऊज़र में Table के अलाइनमैंट को परिभाषित करती है। इसके मूल्य होते हैं Left, Right and Center इसके लिए उदाहरण इस प्रकार हैं-
<Table align = “Right” Border =“1”> Border Color : यह बार्डर का रंग बताती है। इसके लिए उदाहरण इस प्रकार हैं
<Table Border = 2 Border Color = “RED”> WIDTH-विडथ Table की चौड़ाई को परिभाषित करता है। यह पिक्सल में या वैब ब्राऊज़र विंडोज़ के अनुपात में दर्शाया जाता है। इसके लिए उदाहरण इस प्रकार है-
<Table WIDTH = “50”> It defines the 50% space of the browser.
<Table WIDTH = 200 > यह ब्राऊज़र के 200 पिक्सल स्पेस को परिभाषित करता है।

CELL SPACING : टेबल में डाटा सैलस के बीच पिक्सल की चौड़ाई CELL SPACING है। इसका डिफाल्ट मूल्य ज़ीरो है। अगर बार्डर 0 पर सैट है, तो CELL SPACING लाइनें नहीं दिखेंगी। इसके लिए उदाहरण इस प्रकार है <Table Border = “2” cellspacing = 12> CELL PADDING सैल कंटैंट और सैल के बार्डर के बीच में पिक्सल स्पेस है। इसकी डिफाल्ट वैल्यू भी जीरो है। यह ऐट्रीब्यूट ज्यादातर नहीं प्रयोग किया जाता, जब आप अपना बार्डर लागू कर देते हो और आप चाहते हो कि Contents (सामग्री) Border से “दूर” दिखाई दे या इसका इस्तेमाल किया जाता है, बार्डर प्रापर्टी लागू होने के बावजूद CELL PADDING दिखाई नहीं देती।

इसके लिए उदाहरण इस प्रकार है-
<Table Border = “3” cellpadding = 10> COLSPAN ROWSPAN—टेबल के सैलज़ एक से ज्यादा कॉलम या रोयज़ में फैल सकते हैं। COLSPAN एक से ज्यादा कॉलम के मेल को जोड़ते हैं जबकि ROWSPAN दर्शाते हैं कि कितनी कतारों को इकट्ठा करना है। इसके लिए उदाहरण इस प्रकार है-
<Table Border = “1” colspan = 2>
<Table Border = “1” rowspan = 2> टेबल की बैकग्राउंड (BACKGROUND) बैकग्राउंड ऐट्रीब्यूट का इस्तेमाल Table की बैकग्राउंड सैट करने के लिए किया जाता है। इसके लिए उदाहरण इस प्रकार है-
<Table background = “up.jpeg” border = 2> BGCOLOR (बीजीकलर)-इसका इस्तेमाल टेबल के (Background) को सैट करने के लिए किया जाता है। इस ऐट्रीब्यूट के लिए इस्तेमाल किए गए उदाहरण इस तरह है
– <Table bgcolor = “yellow” border = 2>

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प्रश्न 4.
एक उदाहरण के साथ Orderd List समझाएं।
उत्तर-
आर्डरड लिस्टों में नंबर पाये जाते हैं जिस कारण इसको नंबरड लिस्ट भी कहा जाता है। यह लिस्ट अन-आर्डरड लिस्ट की तरह होती है फर्क सिर्फ इतना है कि इसमें बुलेट के स्थान पर नंबर प्रयोग किए जाते हैं।
<Body>
<BR>
<OL>
<LI> Fruits <LI>
Soya Milk
<LI> Water </OL>
</Body>
ऐट्रीब्यूटस (Attributes)
Type = “a” अंग्रेज़ी वर्णमाला के छोटे अक्षर इस्तेमाल किए जाते हैं।
Type = “A” अंग्रेज़ी वर्णमाला के बड़े अक्षर इस्तेमाल किए जाते हैं।
Type = “i” छोटे रोमन अंक इस्तेमाल किए जाते हैं।
Type = “I” रोमन अंक इस्तेमाल किए जाते हैं।
Type = “1” गिनती लिखी जाती है।

प्रश्न 5.
एक उदाहरण के साथ Definition List की सूची परिभाषित करें।
उत्तर-
यह किसी शब्द की परिभाषा देने के लिए इस्तेमाल की जाती है। डैफीनेशन लिस्ट <DL> टैग से शुरू होती है और </DL> से समाप्त होती है। इसमें दो टैग <DT> (डैफीनेशन टर्म) और <DD> (डैफीनेशन डाटा) इस्तेमाल किए जाते हैं। परिभाषित किए जाने वाले शब्द से पहले <DT> टैग इस्तेमाल किए जाते हैं। शब्द की परिभाषा लिखने के लिए <DD> टैग इस्तेमाल किया जाता है।
उदाहरण
<DL>
<DT> Computer </DT>
<DD> Computer is an electronic device </DD>
<DT>
HTML
</DT>
<DD>
HTML is a mark up language
</DD>
</DL>

प्रश्न 6.
एक HTML प्रोग्राम में एक इमेज को इनसर्ट करने के भिन्न-भिन्न तरीके कौन-से हैं ?
उत्तर-
HTML प्रोग्राम में इमेज को इनसर्ट करने के लिए <img> टैग का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें SRC ऐट्रीब्यूट का इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरण के रूप में नीचे लिखी कोडिंग देखें-
<IMG SRC = “Cat.jpg”>
इसमें IMG एक टैग और SRC ऐट्रीब्यूट है। इसी तरह Cat.jpg इमेज फाइल का नाम है जिसको कोडज़ (डबल कौमे) में लिखा जाता है।

प्रश्न 7.
हम किसी वैब पेज़ की बैक ग्राउंड कैसे बदल सकते हैं ?
उत्तर-
आप वैब पेज़ की बैकग्राउंड पर कोई रंग भी भर सकते हैं। इसी तरह टैक्सट का रंग भी बदला जा सकता है। आप कई प्रकार के रंग बैकग्राउंड पर लगा सकते हो जैसे कि Black, White, Red, Blue, Green, Yellow आदि। बैकग्राउंड कलर लिए BGCOLOR (बी.जी. कलर) ऐट्रीब्यूट का इस्तेमाल Body टैग में की जाती है।
जैसे कि <Body BGCOLOR = “Green”>
यहां Body टैग का BGCOLOR ऐट्रीब्यूट का और Green रंग का नाम है। Body टैग में कई और भी ऐट्रीब्यूट लिखे जाते हैं, जैसे कि TEXT, LINK आदि। टैक्सट ऐट्रीब्यूट के साथ टैक्सट का रंग और LINK ऐट्रीब्यूट के साथ लिंक का रंग बदला जा सकता है।

प्रश्न 8.
Nested List उदाहरण सहित समझाएं।
उत्तर-
Nested List वह होती है जिसमें एक लिस्ट में और लिस्टें लगाई गई होती हैं। इस तरह इसका की एक बड़ी लिस्ट बन जाती है जिसको Nested List कहा जाता है।

PSEB 10th Class Computer Guide एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज Important Questions and Answers

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न

(A) बहुविकल्पीय

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन-सी भाषा इंटरनैट के साथ संबंधित है ?
(a) HTML
(b) XML
(c) CSS
(d) सभी।
उत्तर-
(d) सभी।

2. इस टैग के बिना HTML दस्तावेज काम नहीं करेगा।
(a) <P>
(b) <HR>
(c) <HTML>
(d) <Table>.
उत्तर-
(c) <HTML>

3. एक वैब साइट देखने के लिए क्या ज़रूरी है ?
(a) इंटरनेट
(b) वैब ब्राऊज़र
(c) कोई नहीं
(d) दोनों ही।
उत्तर-
(d) दोनों ही।

4. फार्म में मैथड कितने प्रकार के होते हैं ?
(a) 2
(b) 3
(c) 4
(d) 5.
उत्तर-
(b) 3.

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(B) रिक्त स्थान भरें

1. HTML में ……………… प्रकार के टैग इस्तेमाल किए जाते हैं।
उत्तर-
दो

2. ………………. टैग में ओपनिंग और क्लोजिंग टैग प्रयोग किए जाते हैं।
उत्तर-
कंटेनर

3. …………. टैग में क्लोजिंग टैग नहीं होता।
उत्तर-
ऐंपटी

4. HTML डाक्यूमैंट के लिए ………………. नामक टैक्सट ऐडीटर प्रयोग किया जाता है।
उत्तर-
Notepad

5. HTML डाक्यूमैंट को …………. में खोला जाता है।
उत्तर-
वैब ब्राऊज़र

6. HTML डाक्यूमैंट को सेव करने के लिए ……… ऐक्सटैंशन का प्रयोग किया जाता है।
उत्तर-
HTML

7. HTML डाक्यूमैंट का पहला और आखिरी टैग ………….. होना चाहिए।
उत्तर-
<HTML>

8. अन-आर्डरड लिस्ट को ………………. लिस्ट कहा जाता है।
उत्तर-
बुलेट

9. …………….. लिस्ट नंबरों को दर्शाती है।
उत्तर-
आर्डरड

10. जब एक लिस्ट में दूसरी लिस्ट आ जाये, तो उसको …………….. लिस्ट कहा जाता है।
उत्तर-
नैस्टिड

11. टेबल सूचना को संभाल कर रखते हैं और यह रोयज़ और ………….. से मिलकर बनते हैं।
उत्तर-
कॉलम

12. ……………… सैलों के बीच का खाली स्थान बदल देती है।
उत्तर-
Cell Spacing

13. टैक्सट और सैल बार्डर के बीच का खाली स्थान बदल देती है।
उत्तर-
Cell Padding

14. टेबल का हैडिंग लिखने के लिए ………………. टैग इस्तेमाल किया जाता है।
उत्तर-
<TH>.

(C) सही या गलत

1. HTML टैगज़ अंग्रेज़ी के बड़े या छोटे अक्षरों में से किसी में भी लिखे जा सकते हैं।
उत्तर-
सही,

2. होम पेज़ तैयार करने के लिए टैक्सट वर्ड पैड में लिखा जाता है।
उत्तर-
सही,

3. Body टैग Head टैग के बाद लिखा जाता है।
उत्तर-
सही,

4. कंटेनर टैग अकेला टैग होता है।
उत्तर-
गलत,

5. Title को Head टैग में लिखा जाता है।
उत्तर-
सही,

6. हैडिंग के कुल 6 स्तर होते हैं।
उत्तर-
सही,

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7. पैराग्राफ के लिए <P> टैग का इस्तेमाल होता है।
उत्तर-
सही,

8. लिस्ट के ऐट्रीब्यूट होते हैं-Face, Size and Color.
उत्तर-
गलत,

9. <BR> टैग का इस्तेमाल टैक्सट को गतिमान करने के लिए किया जाता है।
उत्तर-
गलत,

10. आर्डरड लिस्ट में बुलेट लगे होते हैं।
उत्तर-
गलत,

11. टेबल में Color ऐट्रीब्यूट का प्रयोग बैकग्राउंड का रंग बदलने के लिए किया जाता है।
उत्तर-
गलत,

12. Table Size नामक ऐट्रीब्यूट टेबल का बार्डर लगाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
उत्तर-
गलत,

13. COLSPAN ऐट्रीब्यूट Table टैग में प्रयोग किया जाता है।
उत्तर-
सही,

14. हाईपरलिंक बनाने के लिए ऐंटर टैग का प्रयोग किया जाता है।
उत्तर-
सही,

15. इमेज दाखिल करने के लिए <img> टैग का प्रयोग किया जाता है।
उत्तर-
सही।

II. अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
HTML में प्रयोग किए जाने वाले टैगज़ की किस्में बताओ।
उत्तर-
HTML में टैगज़ दो तरह के होते हैं

  • कंटेनर टैग
  • ऐंपटी टैग।

प्रश्न 2.
कंटेनर टैग क्या होते हैं ?
उत्तर-
जो टैग जोड़ों में इस्तेमाल किए जाते हैं, उनको कंटेनर टैग कहा जाता है। इनको पेपर या कंपैनीयन टैग भी कहा जाता है।

प्रश्न 3.
Head टैग क्या होते हैं ?
उत्तर-
जिस टैग में हैडर सूचना होती है,उनको Head टैग कहते हैं। यह एक कंटेनर टैग होता है। हैड टैग बैव पेज़ के लिए काफी महत्त्वपूर्ण होता है।

प्रश्न 4.
Body टैग के इस्तेमाल के बारे में बतायें।
उत्तर-
Body टैग का इस्तेमाल डाक्यूमैंट बॉडी दिखाने के लिए किया जाता है। वैब पेज़ की सारी सामग्री इस टैग में बंद होती है। यह एक कंटेनर टैग है।

प्रश्न 5.
फौंट के भिन्न-भिन्न ऐट्रीब्यूटस के नाम बताएं।
उत्तर-
फौंट टैग के ऐट्रीब्यूट निम्नलिखित हैं

  1. Style,
  2. Size
  3. Color.

प्रश्न 6.
मारकुई टैग किस काम के लिए इस्तेमाल किया जाता है?
उत्तर-
वैब पेज़ में किसी टैक्सट को दायें से बायें या बायें से दायें चलते दिखाने के लिए मारकुई टैग का इस्तेमाल किया जाता है।

प्रश्न 7.
टेबल रोअ क्या होती है ?
उत्तर-
टेबल में लेटवी दिशा में सभी सैलों के इकट्ठ को टेबल रोअ कहा जाता है।.

प्रश्न 8.
सैल स्पेसिंग से क्या भाव है ?
उत्तर-
किसी टेबल में सैलों के बीच खाली स्थान को सैल स्पेसिंग कहा जाता है।

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प्रश्न 9.
कॉल स्पैन पर नोट लिखें।
उत्तर-
कॉल स्पैन से टेबल के सैलों की चौड़ाई बदली जाती है। इसका इस्तेमाल <TD> टैग में किया जाता है।

प्रश्न 10.
ऐंकर टैग किस काम के लिए इस्तेमाल किया जाता है ?
उत्तर-
ऐंकर टैग वेब पेज़ में लिंग बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

प्रश्न 11.
लिंकिंग क्या होती है ?
उत्तर-
किसी एक वैब पेज में किसी टैक्सट या इमेज को किसी दूसरे वेब पेज़ से जोड़ने की क्रिया को लिंकिंग कहते हैं।

प्रश्न 12.
SCR ऐट्रीब्यूट क्या होता है ?
उत्तर-
वैब पेज़ पर फोटो दिखाने के लिए <img> टैग का इस्तेमाल किया जाता है। इस टैग में फोटो की फाइल SCR ऐट्रीब्यूट से की जाती है।

प्रश्न 13.
टेबल किसको कहते हैं ?
उत्तर-
रोअज़ और कॉलमज़ से बनी बनावट को टेबल कहते हैं।

प्रश्न 14.
सैल क्या होता है ?
उत्तर-
रोअ और कॉलम के काट क्षेत्र को सैल कहते हैं।

प्रश्न 15.
सैल स्पेसिंग क्या होती है ?
उत्तर-
सैलों के बीच की जगह को सैल स्पेसिंग कहते हैं।

III. लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
HTML में इस्तेमाल किए जाने वाले चार टैगज़ के नाम बताएं।
उत्तर-
HTML में इस्तेमाल किए जाने वाले टैग हैं –
1. <B> ………………………….. </B>
2. <I> …………………………. </l>
3. <P> ……………………………………. </P>
4. <HI> ………………………… </HI>
5. <Font> ………………………….. </Font>

प्रश्न 2.
HTML में इस्तेमाल की जाने वाली भिन्न-भिन्न प्रकार की लिस्टों के नाम लिखें।
उत्तर-
HTML में निम्नलिखित प्रकार की लिस्टें होती हैं
1. अन-आर्डरड या बुलेट लिस्टें।
2. आर्डरड या नंबर लिस्टें।
3. डैफीनेशन लिस्टें।

प्रश्न 3.
अन-आर्डरड लिस्ट के भिन्न-भिन्न ऐट्रीब्यूटस के नाम बताएं।
उत्तर-
अन-आर्डरड लिस्ट के निम्नलिखित होते हैं-
Type = “Circle”
Type = “Disc”
Type = “Square”

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प्रश्न 4.
आप किसी टेबल का बार्डर कैसे लागू करोगे ?
उत्तर
किसी टेबल का बार्डर Border ऐट्रीब्यूटस से बनाया जाता है। इस ऐट्रीब्यूट को <Table> टैग में लिखा जाता है। उदाहरण के रूप में
<Table Border = “2”>

प्रश्न 5.
इमेज को कौन-कौन से तरीकों से अलाइन किया जा सकता है ?
उत्तर-
इमेज को पांच तरीकों से अलाइन किया जा सकता है। यह हैं
1. Left
2. Right
3. Top.
4. Bottom
5. Middle

IV. बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
HTML से परिचय कराएं
उत्तर-
आप इंटरनेट के आश्चर्यजनक संसार के बारे में जानते हैं। यह लगभग सभी विषयों और सेवाओं के बारे में सूचनाओं का एक विशाल संग्रह है। इंटरनेट का सबसे बड़ा भाग वर्ल्ड वाइड वेब (WWW : World Wide Web) है, जो प्रत्येक उपयोगकर्ता को उसके कम्प्यूटर पर ही उपलब्ध होने वाली सूचनाओं, चित्रों, ध्वनियों, वीडियो तथा अन्य का एक रोचक संग्रह है। वेब पर लाखों की संख्या में वेब साईट उपलब्ध हैं, जो हज़ारों वेब सर्वरों और उनसे जुड़े कम्प्यूटरों पर स्टोर की गई हैं।
प्रत्येक वेब साईट में कई वेब पेज होते हैं।

ये वेब पेज और कुछ नहीं बल्कि कम्प्यूटरों पर स्टोर किए गए साधारण दस्तावेज होते हैं, जैसे आप अपने कम्प्यूटरों में वर्ड या एक्सल दस्तावेज स्टोर करते हैं। वेब दस्तावेजों और अन्य दस्तावेजों में मुख्य अन्तर यह होता है कि वेब दस्तावेज एक विशेष भाषा में लिखे जाते हैं, जिसे हाइपरटैक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज (Hyper Text Markup Language) या एचटीएमएल (HTML) कहा जाता है। जो कुछ भी आप किसी वेब पेज पर देखते हैं, वह इसी भाषा में कोड में लिखा जाता है और उसे किसी वेब ब्राऊजर जैसे इंटरनेट एक्सप्लोरर या नेटग्रेप नेवीगेटर द्वारा इंटरप्रिंट किया जाता है, जिससे वह आपके मॉनीटर की स्क्रीन पर अपने असली रूप में दिखाई देता है।

प्रश्न 2.
HTML क्या है ? यह कैसे कार्य करती है ?
उत्तर-
एचटीएमएल सीखना और उसमें कोड लिखना प्रारम्भ करने से पहले आपको यह जानना चाहिए कि एचटीएमएल क्या है यह क्या कर सकती है और क्या नहीं कर सकती। ठीक-ठीक शब्दों में एचटीएमएल एक दस्तावेज सजाने और हाइपरलिंक बनाने वाली भाषा है। इसका उपयोग वेब दस्तावेज का ढाँचा तैयार करने और अन्य वेब दस्तावेजों को खोलने के लिए हाइपरलिंक बनाने में किया जाता है।

कोई एचटीएमएल दस्तावेज ब्राऊजर प्रोग्राम को बताता है कि हाइपरटैक्सट दस्तावेज, अर्थात् एक ऐसा दस्तावेज जिसमें पाठ्य चित्र, ध्वनि तथा ऐसी ही अन्य वस्तुएं होती हैं, को किस प्रकार प्रदर्शित किया जाए। यह भाषा यह भी बताती है कि विशेष हाइपरलिंकों द्वारा किसी दस्तावेज को किस प्रकार वार्तालापी बनाया जाए।

प्रश्न 3.
एचटीएमएल के टैग पर नोट लिखें।
उत्तर-
कोई एचटीएमएल दस्तावेज एचटीएमएल के तत्त्वों (HTML Elements) का एक क्रमबद्ध समूह होता है, जो किसी वेब पेज के ढाँचे और उसके स्वरूप को परिभाषित करते हैं। कोई एचटीएमएल तत्त्व टैगों, उनके गुणों (Attributes) और सामग्री (Contents) से बना होता है।
एचटीएमएल टैग (HTML Tags) कोई एचटीएमएल टैग ऐसा आरक्षित शब्द (Reserved Word) है, जो ब्राउजर को बताता है कि उसकी सामग्री को कैसे इंटरप्रैट करना है। गुण (Attributes) कुछ अतिरिक्त सूचनाएं होती हैं, जो इच्छित परिणाम प्राप्त करने के लिए कोड का इंटरप्रैट करने में ब्राउजर प्रोग्राम की सहायता करती हैं।

सभी एचटीएमएल टैगों को कोणीय कोष्ठक (<>) में रखा जाता हैं, जैसे (<TITLE>). इसी प्रकार <HEAD> भी एक टैग है। एचटीएमएल में आप इसके टैगों को बड़े या छोटे कैसे भी अक्षरों में टाइप कर सकते हैं। ब्राउजर प्रोग्राम दोनों प्रकार के अक्षरों को एक ही तरह मानता है। दूसरे शब्दों में, एचटीएमएल टैगों के मामले में छोटे और बड़े अक्षरों में कोई अन्तर नहीं है।

एचटीएमएल दस्तावेज में टैगों को एक विशेष क्रम में रखा जाता है। उनमें से कुछ टैग जोड़ो के रूप में होते हैं और कुछ अकेले होते हैं। उदाहरण के लिए , <TITLE> टैग जोडे के रूप में दिया जाता है, जबकि <BASEFONT> टैग अकेला उपयोग किया जाता है। जोड़े के रूप में प्रयोग किए जाने वाले टैगों के मामले में किसी जोड़ा टैग के पहले टैग को बिगनिंग टैग (Beginning Tag) या स्टार्टिंग टैग (Starting Tag) कहते हैं और दूसरे टैग को एंडिंग टैग (Ending Tag) कहा जाता है। एंडिंग टैग के पहले एक स्लैश लगाया जाता है, उदाहरण के लिए <TITLE> एक स्टार्टिंग टैग है, जबकि </TITLE> एंडिंग टैग है। टैग किसी एचटीएमएल दस्तावेज के ढाँचे के मूल आधार होते हैं। जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है, एचटीएमएल में दो प्रकार के टैग होते हैं, एक वे जिनका उपयोग जोड़े के रूप में किया जाता और दूसरे वे जो अकेले उपयोग में लाये जाते हैं। ये दोनों प्रकार के टैग एचटीएमएल में दो प्रकार के तत्त्व बनाते हैं-कोंटेनर तत्त्व (Container Elements) तथा ऐंपटी तत्त्व (Empty Element).

प्रश्न 4.
कंटेनर टैग क्या होते हैं ? बताएँ।
उत्तर-
इस प्रकार के एचटीएमएल तत्व में एक स्टार्टिंग टैग के साथ एक एंडिंग टैग भी होता है। दूसरे शब्दों में वे जोड़ा टैग द्वारा बनते हैं। उदाहरण के लिए, <HTML>….</HTML> तथा <HEAD>…. </HEAD> ये दोनों कोंटेनर तत्त्व हैं। ध्यान दीजिए कि एंडिंग टैग वास्तव में स्टार्टिंग टैग जैसी ही है, केवल उसके शुरू में एक स्लैश (/) चिह्न लगाया गया है। कोंटेनर तत्त्वों में स्टार्टिंग और एंडिंग दोनों टैगों के बीच आने वाली प्रत्येक वस्तु उस टैग से प्रभावित होती है। कोंटेनर टैग के कुछ अन्य उदाहरण अग्रलिखित हैं
<TITLE> …………………………….. </TITLE>
<B> ……………………………….. </B>
<CENTER> ……………………………… </CENTER>
<P> ………………………………. </P>.

PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 2 एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज

प्रश्न 5.
HTML दस्तावेज किस प्रकार तैयार किया जाता है ?
उत्तर-
कोई एचटीएमएल दस्तावेज एचटीएमएल आदेशों (या टैग और उनके एट्रीब्यूट) से बना होता है, जो साधारण अंग्रेजी शब्दों और विशेष चिह्नों से बना पाठ्य होता है। इन शब्दों और चिह्नों को वेब पेज प्रदर्शित करने के लिए वेब ब्राउजर द्वारा इंटरप्रिट किया जाता है। कोई एचटीएमएल दस्तावेज किसी साधारण टैक्सट एडीटर का उपयोग करके तैयार किया जा सकता है और हार्ड डिस्क पर .htm या .html विस्तार नाम के साथ सुरक्षित किया जा सकता है। नीचे एचटीएमएल दस्तावेज तैयार करने के लिए कुछ लोकप्रिय एडीटिंग सॉफ्टवेयरों के नाम दिए गए हैं-
1. विंडोज नोटपैड (दस्तावेज को .htm विस्तार के साथ सुरक्षित करें)
2. मैकिन्तोष सिम्पल टैक्सट (साधारण पाठ्य की तरह सुरक्षित करें)
3. एमएस-वर्ड (दस्तावेज को .htm विस्तार के साथ सुरक्षित करें)
4. वर्डपैड (दस्तावेज को .htm विस्तार के साथ सुरक्षित करें)
5. माइक्रोसॉफ्ट फ्रंटपेज (HTML टैब को क्लिक करें)
इन प्रोग्रामों में से विंडोज आधारित मशीनों में एचटीएमएल दस्तावेज तैयार करने और सम्पादित करने के लिए नोटपैड सबसे ठीक है। यह वेब ब्राउजरों इंटरनेट एक्सप्लोरर तथा नेटस्केप नेवीगेटर के लिए डिफॉल्ट टैक्सट एडीटर भी है। यहाँ यह ध्यान रखना आवश्यक है कि यदि आप .htm के बजाय कोई दूसरा विस्तार देते हैं, तो ब्राउजर प्रोग्राम उसे एचटीएमएल दस्तावेज की तरह नहीं खोल सकेगा।

प्रश्न 6.
HTML दस्तावेज किस प्रकार खोला जाता है ?
उत्तर-
1. नोटपैड प्रारम्भ कीजिए।
2. File मेन्यू में Open आदेश दीजिए। इससे आपको Open का डायलाग बॉक्स दिया जाएगा।
PSEB 10th Class Computer Solutions Chapter 2 एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज 2
3. File of type लिस्ट बॉक्स में नीचे के तीर के बटन को क्लिक कीजिए और उस ड्रेप-डाउन लिस्ट में से All Files (*.*) विकल्प को चुनिए। इससे इस डायलाग बॉक्स में सभी फाइलों के नाम दिखाई पड़ने लगेंगे।
4. आप जिस एचटीएमएल दस्तावेज को खोलना चाहते हैं इसका नाम चुनिए।
5. Open बटन को क्लिक कीजिए इससे एचटीएमएल दस्तावेज खुल जाएगा। नोटपैड विंडो में कोई एचटीएमएल दस्तावेज खोलने के बाद आप उसमें कोई भी सुधार कर सकते हैं और उसे उसी नाम से या किसी अन्य नाम से सुरक्षित कर सकते हैं।

प्रश्न 7.
HTML टैग का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
उत्तर-
टैग किसी एचटीएमएल दस्तावेज की हड्डियाँ हैं। इन्हीं पर पूरा दस्तावेज टिका होता है। वे ब्राउजर प्रोग्राम को बताते हैं कि उस टैग से आगे की सामग्री पर कौन-सा प्रभाव डालना है। प्रत्येक टैग का एक विशेष प्रभाव होता है। इनके अलावा उनमें एट्रीब्यूट भी होते हैं जो ब्राउजर प्रोग्राम को अतिरिक्त सूचनाएँ देते हैं। मौलिक एचटीएमएल टैगों की चर्चा करने से पहले उनकी संरचना को समझना आवश्यक है।

एचटीएमएल टैगों की संरचना (Structure of HTML Tags)-
कोई एचटीएमएल टैग एक टैग नाम और कभी-कभी उसके बाद दिये जाने वाले एट्रीब्यूटों से बना होता है जिन्हें कोणीय कोष्ठक (<>) में रखा जाता है। प्रत्येक टैग के साथ कुछ निश्चित एट्रीब्यूट जुड़े होते हैं, जिन्हें टैग एट्रीब्यूट कहते हैं। यदि टैग एट्रीब्यूट दिये गये हैं, तो वे टैग नाम के बाद कोणीय कोष्ठक के अन्दर ही दिये जाते हैं। प्रत्येक के बीच में कम से कम एक स्पेस (Space) या टैब (Tab) या लाइनफीड (Linefeed) चिह्न होना चाहिए। टैग के अन्दर उसके एट्रीब्यूट किसी भी क्रम में हो सकते हैं। टैग नाम और उनके एट्रीब्यूट छोटे-बड़े अक्षरों में अन्तर नहीं करते, इसलिए उन्हें कैसे भी अक्षरों में लिखा जा सकता है। लेकिन यहाँ सुविधा के लिए हम टैग नामों को बड़े अक्षरों (Capital Letters) और एट्रीब्यूट नामों को छोटे अक्षरों (Small Letters) में लिखेंगे।

सामान्यतया हर एट्रीब्यूट का कोई मान होता है, जो एट्रीब्यूट नाम के बाद बराबर का चिह्न (=) लगाकर उसके बाद लिखा जाता है। उदाहरण के लिए, कुछ टैग और उनके एट्रीब्यूट नीचे दिए गए हैं-
<HR width=25%>
<BODY bgcolor=blue>
<BODY background= “C:/My Documents/Logo.jpg”>
<DL compact>
इन उदाहरणों से स्पष्ट है कि सामान्यतया एट्रीब्यूट मानों की किसी सन्दर्भ चिह्न (Quotation Marks) के बिना लिखा जाता है, लेकिन यदि किसी एट्रीब्यूट के मान में एक से अधिक शब्द हैं, तो उनको सन्दर्भ चिह्न से घेरना आवश्यक है। किसी एट्रीब्यूट मान की लम्बाई 024 चिह्नों तक हो सकती है|

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

PSEB 8th Class Science Guide किशोरावस्था की ओर Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
शरीर में होने वाले परिवर्तनों के लिए उत्तरदायी अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा स्त्रावित पदार्थ का क्या नाम है ?
उत्तर-
हार्मोन (Hormone) ।

प्रश्न 2.
किशोरावस्था को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
किशोरावस्था (Adolescence) – जीवनकाल की वह अवधि, जब जनन विकास के कारण शरीर में परिवर्तन होते हैं, किशोरावस्था कहलाती है। यह अवस्था 11 वर्ष की आयु से 18 या 19 वर्ष की आयु तक रहती है। किशोरावस्था को टीनेजर्स (Teenagers) भी कहते हैं। लड़कियों में यह अवस्था लड़कों की अपेक्षा एक या दो वर्ष पूर्व प्रारंभ हो जाती है। यह अवस्था की अवधि विभिन्न व्यक्तियों में भिन्न होती है।

प्रश्न 3.
ऋतुस्त्राव क्या है ? वर्णन कीजिए।
उत्तर-
ऋतुस्त्राव (Monstrual Cycle) – स्त्री में रजोधर्म चक्र अथवा ऋतुस्राव किशोरावस्था से प्रारंभ होता है, जो सामान्य रूप से प्रत्येक 28 दिनों के बाद स्त्री के सारे जनन जीवन (गर्भ धारण अवस्था छोड़कर) में नियमित चलता रहता है। इस चक्र की एक अवस्था में गर्भाशय से रुधिर प्रवाह होता है। इसको मासिक धर्म अथवा ऋतुस्त्राव कहते हैं। इस चक्र में लिंग हार्मोन गर्भाशय की दीवार को अंडे के चिपकने के लिए तैयार करते हैं। जब गर्भ धारण नहीं होता तो दीवार की तरह वह टूट जाती है और डिसचार्ज हो जाती है। यह ऋतु स्त्राव सामान्यतः 10 से 14 वर्ष की आयु में शुरू होता है और 45-50 वर्ष तक चलता है।

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प्रश्न 4.
यौवनारंभ के समय होने वाले शारीरिक परिवर्तनों की सूची बनाइए।
उत्तर-
यौवनारंभ की अवधि 11 से 19 वर्ष के बीच की है। इस अवस्था में निम्न परिवर्तन आते हैं-
यौवनारंभ में लड़कों में परिवर्तन-

  1. अचानक लंबाई में वृद्धि होना। बाजू और टाँगों की अस्थियाँ लंबी हो जाती हैं और लड़का लंबा हो जाता है।
  2. कंधे और वक्ष दोनों ही चौड़े हो जाते हैं।
  3. शरीर की माँसपेशियाँ विकसित हो जाती हैं।
  4. आवाज़ भारी हो जाती है। ऐडम्स (Adams Apple) ऐपल, सुस्पष्ट उभरा भाग गले में दिखाई देता है। आवाज़ भर्राने लगती है।
  5. पसीना और स्वैद ग्रंथियों के स्त्राव में वृद्धि के कारण चेहरे पर कुंसियाँ और मुँहासे हो जाते हैं।
  6. नर जननांग जैसे शिश्न एवं वृषण पूर्णतः विकसित हो जाते हैं।
  7. लड़कों के सीने, बगल एवं जाँघ के ऊपरी भाग में बाल आ जाते हैं।

यौवनारंभ में लड़कियों में परिवर्तन-

  1. लंबाई में वृद्धि तुलनात्मक कम होती है।
  2. कमर के नीचे का भाग चौड़ा हो जाता है।
  3. लड़कियों का स्वरयंत्र नज़र नहीं आता। उनकी आवाज़ उच्च तारत्व वाली होती है।
  4. लड़कों की तरह, चेहरे पर मुँहासे हो जाते हैं।
  5. अंडाशय बड़े हो जाते हैं और अंडाणु विकसित होने लगते हैं।
  6. स्तन विकसित हो जाते हैं।
  7. बगल और जाँघों में बाल आ जाते हैं।

प्रश्न 5.
दो कॉलम वाली एक सारणी बनाइए जिसमें अंतःस्रावी ग्रंथियों के नाम तथा उनके द्वारा स्रावित हार्मोन के नाम दर्शाए गए हों।
उत्तर-अग्र सारणी में अंत:स्त्रावी ग्रंथियों के नाम और उनके हार्मोन दर्शाए गए हैं-

अंत:स्त्रावी ग्रंथि (Endocrine Glands) हार्मोन (Hormones)
(1) पीयूष (Pituitary gland) (1) वृद्धि हार्मोन (Growth Hormone)
(2) थायराइड (Thyroid) (2) थायराक्सिन हार्मोन (Thyroxin Hormone)
(3) एड्रीनल (Adrenal) (3) एड्रिनेलिन (Adrenal)
(4) अग्न्याशय (Pancreas) (4) इंसुलिन (Insulin)
(5) वृषण (Testis) (5) एंड्रोजन (टैस्टोस्टीरॉन) (Endrogen)
(6) अंडाशय (Ovaries) (6) एस्ट्रोजन (Estrogen)

प्रश्न 6.
लिंग हार्मोन क्या हैं ? उनका नामकरण इस प्रकार क्यों किया गया ? उनके प्रकार्य बताइए।
उत्तर-
लिंग हार्मोन – नर में वृषण द्वारा और मादा में अंडाशय द्वारा स्त्रावित हार्मोन, लिंग हार्मोन कहलाते हैं। इन्हें यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि यह नर और मादा लिंग में भिन्न-भिन्न होते हैं।

नर लिंग हार्मोन (टेस्टोस्टरॉन) वृषण द्वारा स्त्रावित होता है। इससे लड़के में चेहरे के बालों में वृद्धि होती है। यह शुक्राणु उत्पन्न करने की क्षमता उत्पन्न करता है।

मादा लिंग हार्मोन (एस्ट्रोजन) अंडाशय द्वारा स्त्रावित होते हैं। यह मादा में गौण जनन लक्षण जैसे स्तनों की वृद्धि आदि को नियंत्रित करते हैं। यह गर्भधारण में सहायक है।

प्रश्न 7.
सही विकल्प चुनिए-

(क) किशोरों को सचेत रहना चाहिए कि वे क्या खा रहे हैं, क्योंकि
(i) उचित भोजन से उनके मस्तिष्क का विकास होता है।
(ii) शरीर में तीव्र गति से होने वाली वृद्धि के उचित आहार की आवश्यकता होती है।
(iii) किशोर को हर समय भूख लगती रहती है।
(iv) किशोर में स्वाद कलिकाएँ (ग्रंथियाँ) भली-भाँति विकसित होती हैं।
उत्तर-
(ii) शरीर में तीव्र गति से होने वाली वृद्धि के लिए उचित आहार की आवश्यकता होती है।

(ख) स्त्रियों में जनन आयु (काल) का प्रारंभ उस समय होता है जब उनके :
(i) ऋतुस्त्राव प्रारंभ होता है।
(ii) स्तन विकसित होना प्रारंभ करते हैं।
(iii) शारीरिक भार में वृद्धि होने लगती है।
(iv) शरीर की लंबाई बढ़ती है।
उत्तर-
(i) ऋतुस्त्राव प्रांरभ होता है।

(ग) निम्न में से कौन-सा आहार किशोर के लिए सर्वोचित है ?
(i) चिप्स, नूडल्स, कोक
(ii) रोटी, दाल, सब्ज़ियाँ
(iii) चावल, नूडल्स, बर्गर
(iv) शाकाहारी टिक्की, चिप्स तथा लेमन पेय।
उत्तर-
(ii) रोटी, दाल, सब्जियाँ।

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प्रश्न 8.
निम्न पर टिप्पणी लिखिए-
(i) ऐडम्स ऐपॅल
(ii) गौण लैंगिक लक्षण
(ii) गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण।
उत्तर-
(i) ऐडम्स ऐप्पल (Adam’s Apple) – यौवनारंभ में लड़कों में स्वरयंत्र के बढ़ने से जो अंग गले में सुस्पष्ट उभरा हुआ नज़र आता है, इसे ऐडम्स ऐप्पल कहते हैं।
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(ii) गौण लैंगिक लक्षण (Secondary Sexual Characters) – वृषण और अंडाशय जननांग हैं। वे युग्मक उत्पन्न करते हैं जैसे शुक्राणु और अंडाणु/लड़कियों में स्तनों का विकास होता है और लड़कों में चेहरे पर दाड़ी, मूंछ आने लगती है। यह लक्षण लड़की और लड़के को भिन्न करने में मदद करते हैं। इसलिए इन्हें गौण लैंगिक लक्षण कहते हैं। लड़कों के सीने पर बाल आ जाते हैं। दोनों, लड़कों और लड़कियों के बगल और जांघों के ऊपरी भाग अथवा प्यूबिक क्षेत्र में बाल आ जाते हैं।

(ii) गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण-
लिंग निर्धारण विशेष लिंग गुणसूत्रों के आधार पर होता है। नर में XY गुणसूत्र होते हैं और मादा में XX गुणसूत्र विद्यमान होते हैं। इससे स्पष्ट है कि मादा के पास Y गुणसूत्र होता ही नहीं है। जब नर-मादा के संयोग से संतान उत्पन्न होती है तो मादा किसी भी अवस्था में नर शिशु को उत्पन्न करने में समर्थ हो ही नहीं सकती क्योंकि नर शिशु में XY गुणसूत्र होने चाहिए।
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निषेचन क्रिया में यदि पुरुष का X लिंग गुणसूत्र स्त्री के X लिंग गुणसूत्र से मिलता है तो इससे XX जोड़ा बनेगा। अत: संतान लड़की के रूप में होगी लेकिन जब पुरुष का Y लिंग गुणसूत्र स्त्री के X लिंग गुणसूत्र से मिलकर निषेचन करेगा तो XY बनेगा। इससे लड़के का जन्म होगा। किसी भी परिवार में लड़के या लड़की का जन्म पुरुष के गुणसूत्रों पर निर्भर करता है, क्योंकि Y गुणसूत्र तो केवल उसी के पास होता है।

प्रश्न 9.
शब्द पहेली : शब्द बनाने के लिए संकेत संदेश का प्रयोग कीजिए-
बाईं से दाईं ओर
3. एड्रिनल ग्रंथि से स्रावित हार्मोन
4. मेंढक में लारवा से वयस्क तक होने वाला परिवर्तन
5. अंत: स्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित पदार्थ
6. किशोरावस्था को कहा जाता है।

ऊपर से नीचे की ओर
1. अंत: स्रावी ग्रंथियों का दूसरा नाम
2. स्वर पैदा करने वाला अंग
3. स्त्री हार्मोन।
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उत्तर-
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प्रश्न 10.
नीचे दी गई सारणी में आयु वृद्धि के अनुपात में लड़कों एवं लड़कियों की अनुमानित लंबाई के आँकडे दर्शाए गए हैं। लड़के एवं लड़कियां दोनों की लंबाई एवं आयु को प्रदर्शित करते हुए एक ही कागज़ – पर ग्राफ खींचिए। इस ग्राफ से आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं ?
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उत्तर-
उपरोक्त ग्राफ से पता लगता है कि लड़कों और लड़कियों दोनों में लंबाई वृद्धि लगभग एक समान होती है। यह वृद्धि पहले 8 वर्षों तक लड़कियों में कम और फिर 20 वर्ष तक समान होती है।

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PSEB Solutions for Class 8 Science किशोरावस्था की ओर Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कॉलम I में दी गई हार्मोन ग्रंथि को कॉलम II में दिए गए हार्मोनों से मिलाइए।

कॉलम I कॉलम I
(क) थाइरॉयड 1. थाइरोट्रापिक
(ख) वृषण 2. थायराक्सिन
(ग) अंडाशय 3. टेस्टोस्टरॉन
(घ) पीयूष 4. एस्ट्रोजन।

उत्तर-

कॉलम I कॉलम I
(क) थाइरॉयड 2. थायराक्सिन
(ख) वृषण 3. टेस्टोस्टरॉन
(ग) अंडाशय 4. एस्ट्रोजन
(घ) पीयूष 1. थाइरोट्रापिक।

प्रश्न 2.
मानव में दो अंतःस्त्रावी ग्रंथियों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. पीयूष
  2. थाइरॉयड।

प्रश्न 3.
कौन-सी अंतःस्त्रावी ग्रंथि वृद्धि हार्मोन उत्पन्न करती है ?
उत्तर-
पीयूष ग्रंथि (Pituitary gland)।

प्रश्न 4.
मादा जनन कोशिका को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
अंडा (Ova).

प्रश्न 5.
मानव में वृद्धि किस आयु में रुक जाती है ?
उत्तर-
20-25 वर्ष की आयु में।

प्रश्न 6.
थाइराक्सिन हार्मोन का मुख्य तत्त्व क्या है ?
उत्तर-
आयोडीन (Iodine)।

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प्रश्न 7.
कौन-सी ग्रंथि से एडीनेलिन उत्पन्न होती है ?
उत्तर-
एड्रीनल ग्रंथि (Adrenal gland)।

प्रश्न 8.
नर और मादा जनन हार्मोनों के नाम लिखिए।
उत्तर-
टेस्टोस्टरॉन और एस्ट्रोजन।

प्रश्न 9.
निम्न के नाम लिखिए-
(i) ग्रंथियाँ जो हार्मोन उत्पन्न करती हैं।
(ii) हार्मोन की प्रकृति।
(iii) मास्टर ग्रंथि।
(iv) थाइरॉयड ग्रंथि से स्त्रावित हार्मोन।
(v) आयोडीन की कमी से होने वाला रोग।
(vi) हार्मोन जो शक्कर का स्तर नियंत्रित करता है।
(vii) ‘आपातकालीन हार्मोन’ उत्पन्न करने वाली ग्रंथि।
उत्तर-
(i) अंत: स्त्रावी ग्रंथियाँ अथवा नलिकाविहीन ग्रंथियाँ ।
(ii) रासायनिक स्त्राव
(iii) पीयूष ग्रंथि
(iv) थाइराक्सिन
(v) घेघा (Goitre)
(vi) इंसुलिन तथा ग्लूकोज़न
(viii) एड्रीनल।

प्रश्न 10.
लिंग गुणसूत्रों (Sex Chromosomes) को परिभाषित करें।
उत्तर-
लिंग गुणसूत्र (Sex Chromosomes) – वे गुणसूत्र जो लिंग निर्धारण से संबंध रखते हैं, लिंग गुणसूत्र कहलाते हैं। मादा में XX और नर में XY गुणसूत्र है।

प्रश्न 11.
मानव कोशिका में कितने गुणसूत्र पाए जाते हैं ?
उत्तर-
46 (44 सामान्य गुणसूत्र और एक जोड़ी लिंग गुणसूत्र)।

प्रश्न 12.
किशोरावस्था कब आरंभ और खत्म होती है ?
उत्तर-
किशोरावस्था 11 वर्ष की आयु से आरंभ होकर 18 अथवा 19 वर्ष की आयु तक रहती है।

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प्रश्न 13.
ग्रंथियां जो अपना स्त्राव सीधा रक्त प्रवाह में बहने देती हैं …………………….. कहलाती हैं।
उत्तर-
अतःस्त्रावी ग्रंथियाँ (Endocrine glands) |

प्रश्न 14.
‘लक्ष्य स्थल’ क्या है ?
उत्तर-
लक्ष्य स्थल – शरीर का वह भाग जहाँ हार्मोन प्रभावित होते हैं।

प्रश्न 15.
मादा मानव में जनन प्रक्रिया की अवधि क्या है ?
उत्तर-
मादा में जनन प्रक्रम 10-12 वर्ष की आयु में विकसित होता है और 45-50 वर्ष की आयु में खत्म हो जाता है।

प्रश्न 16.
रजोदर्शन (Menarche) की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
रजोदर्शन : यौवनारंभ का पहला ऋतु स्राव रजोदर्शन कहलाता है।

प्रश्न 17.
रजोनिवृत्ति (Menopause) क्या है ?
उत्तर-
रजोनिवृत्ति : ऋतु स्त्राव का रुक जाना रजोनिवृत्ति कहलाता है।

प्रश्न 18.
नर और मादा के लैंगिक गुण सूत्र कौन-से हैं ?
उत्तर-
मादा में दो X-गुणसूत्र (XX) होते हैं जबकि नर में एक X-गुणसूत्र और दूसरा Y-गुणसूत्र होता है। (XY).

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प्रश्न 19.
पीयूष ग्रंथि कहाँ होती है ?
उत्तर-
मस्तिष्क के पास।

प्रश्न 20.
कीटों और मेढकों के कायांतरण में से कौन-से हार्मोन उपयोग में आते हैं ?
उत्तर-
कीट हार्मोन।

प्रश्न 21.
AIDS को विस्तृत रूप में लिखें।
उत्तर-
AIDS : एक्वायरड इम्यूनो डैफीशेंसी सिंड्रॉम। (Acquired Immuno Deficiency Syndrome).

प्रश्न 22.
भारतीय संविधान के अनुसार विवाह की आयु क्या है ?
उत्तर-
लड़की की न्यूनतम आयु-18 वर्ष
लड़के की न्यूनतम आयु-21 वर्ष।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
लड़की के 10-15 वर्ष की आयु में हार्मोन क्या करते हैं ?
उत्तर-
10-15 वर्ष की आयु में लड़की के स्तन विकसित होते हैं और नितंब गोल हो जाते हैं।

प्रश्न 2.
लड़के की 10-15 वर्ष की आयु में हार्मोन क्या प्रभाव डालते हैं ?
उत्तर-
लड़के के शरीर में हार्मोन का प्रभाव-

  1. उसकी आवाज़ भर्राने लगती है और गहरी हो जाती है।
  2. चेहरे और सीने पर बाल आ जाते हैं।
  3. शरीर की माँसपेशियाँ विकसित हो जाती हैं।
  4. वृषण शुक्राणु पैदा करना आरंभ कर देते हैं।

प्रश्न 3.
संक्षिप्त नोट लिखें-
(i) ऋतुस्त्राव
(ii) रजोनिवृत्ति।
उत्तर-
(i) ऋतुस्त्राव – भ्रूण की म्यूक्स झिल्ली का नष्ट होना और प्रति माह रक्त स्त्राव होना ऋतुस्त्राव कहलाता है। यह प्रक्रम मादा मानव और मादा स्तनधारी में होता है।

(ii) रजोनिवृत्ति – ऋतु स्त्राव का रुकना रजोनिवृत्ति है। यह 45-55 वर्ष की आयु में होता है।

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प्रश्न 4.
मादा मानव में जनन चक्र समझाइए।
उत्तर-
ऋतुस्त्राव (Monstrual Cycle) – स्त्री में रजोधर्म चक्र अथवा ऋतुस्राव किशोरावस्था से प्रारंभ होता है, जो सामान्य रूप से प्रत्येक 28 दिनों के बाद स्त्री के सारे जनन जीवन (गर्भ धारण अवस्था छोड़कर) में नियमित चलता रहता है। इस चक्र की एक अवस्था में गर्भाशय से रुधिर प्रवाह होता है। इसको मासिक धर्म अथवा ऋतुस्त्राव कहते हैं। इस चक्र में लिंग हार्मोन गर्भाशय की दीवार को अंडे के चिपकने के लिए तैयार करते हैं। जब गर्भ धारण नहीं होता तो दीवार की तरह वह टूट जाती है और डिसचार्ज हो जाती है। यह ऋतु स्त्राव सामान्यतः 10 से 14 वर्ष की आयु में शुरू होता है और 45-50 वर्ष तक चलता है।

यदि अंडाणु शुक्राणु से निषेचित हो जाता है, तो युग्मनज गर्भाशय में विकसित होता है और विकसित होता भ्रूण, गर्भ कहलाता है और अपरा (Placenta) से पोषण ग्रहण करता है। इस अवधि में अंडोत्सर्जन और ऋतुस्त्राव नहीं होता परंतु यह सभी कार्यविधियाँ बच्चे के जन्म के बाद पुनः आरंभ हो जाती हैं।

प्रश्न 5.
प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य से क्या भाव है ?
उत्तर-
प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य (Reproductive Health) – जनन अंगों की संभाल तथा सफ़ाई की आवश्यकता होती है। यदि हम ऐसा नहीं करते, तो हमें कई प्रकार के संक्रमण रोग हो सकते हैं। इनकी सही संभाल जानकारी की आवश्यकता है। इसलिए प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य भी व्यक्तिगत स्वास्थ्य का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। जनन अंगों के कारण होने वाले रोगों को सैक्सूयली ट्रांसमिटड रोग (S.T.D.) कहते हैं।

प्रश्न 6.
AIDS फैलने के तरीके लिखिए।
उत्तर-
AIDS (Acquired Immuno Deficiency Syndrome)
फैलने के तरीके – संक्रमित रक्त देने से, संक्रमित सूइयों के उपयोग से, कृत्रिम गर्भारोधन से और संक्रमित व्यक्ति से लैंगिक संपर्क रखने से।

प्रश्न 7.
रजोदर्शन और रजोनिवृत्ति में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर-
रजोदर्शन और रजोनिवृत्ति में अंतर-

रजोदर्शन (Menarche) रजोनिवृत्ति (Menopause)
(i) यौवनारंभ में पहला ऋतु स्राव (i) ऋतु स्राव का रुकना
(ii) 11-12 वर्ष की आयु में (ii) 40-45 वर्ष की आयु में।

प्रश्न 8.
सत्य (T) और असत्य (F) कथन अंकित करें-
(i) निषेचन क्रिया में शुक्राणु और अंडाणु का युग्म होता है।
(ii) ऋतुस्त्राव की मानव मादा में अवधि 20 दिन होती है।
(iii) ऋतुस्त्राव के शुरू होने को रजोनिवृत्ति कहते हैं।
(iv) मानव में नर मादा से कुछ देर में किशोरावस्था में आते हैं।
उत्तर-
(i) सत्य (T)
(ii) असत्य (F)
(iii) असत्य (F)
(ii) सत्य (T).

प्रश्न 9.
अंतःस्त्रावी ग्रंथियों को नलिका रहित ग्रंथियाँ क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
हार्मोन का स्थानांतरण नलियों द्वारा नहीं होता बल्कि द्रव्यों द्वारा होता है। इसलिए अंत: स्त्रावी ग्रंथियों को नलिका रहित ग्रंथियाँ भी कहते हैं।

प्रश्न 10.
किस ग्रंथि का स्त्राव पीयूष ग्रंथि के स्त्राव को कम कर देता है ?
उत्तर-
थाइरॉइड ग्रंथि का स्त्राव थाइरॉक्सिन की अधिक मात्रा पीयूष ग्रंथि के स्त्राव (हार्मोन) को कम करता है।

प्रश्न 11.
एडीनेलिन स्त्राव भयभीत स्थिति में बढ़ जाता है ? यह कौन-सी उत्तेजना है ?
उत्तर-
भयभीत दृश्य एक ऐसी उत्तेजना है जिसके कारण एड्रिनेलिन स्त्राव बढ़ जाता है। इसलिए एड्रिनेलिन स्त्राव उत्तेजना का परिणाम है।

प्रश्न 12.
एक चित्र बनाइए जिसमें सभी अंत:स्त्रावी ग्रंथियाँ दर्शाइए।
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर 6

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

प्रश्न 13.
पीयूष ग्रंथि के कुछ कार्य लिखिए।
उत्तर-
पीयूष ग्रंथि के कार्य-

  1. वृद्धि का नियंत्रण
  2. थाइरॉयड, एड्रीनल और लैंगिक ग्रंथियों को प्रभावित करती है।
  3. जलचर और मछलियों में रंग परिवर्तित करना।

प्रश्न 14.
किसी किशोर को उचित आहार क्यों खाना चाहिए ?
उत्तर-
किशोर की आयु में वृद्धि हो रही होती है। उचित आहार वृद्धि करती हड्डियों, पेशियों और दूसरे भागों के लिए आवश्यक है।

प्रश्न 15.
किशोर आत्मनिर्भर कैसे हो जाते हैं ?
उत्तर-
किशोर आत्मनिर्भर और सचेत होते हैं। यह अवधि उनकी सोच में परिवर्तन लाती है। विचारों में बदलाव आते हैं और किशोर कल्पनाओं में अपना समय व्यतीत करता है। सच्चाई यह है कि इस अवधि में मस्तिष्क की सीखने की क्षमता अत्यधिक होती है। कभी-कभी, किशोर अपने आप को अपने शरीर और मन के बदलावों के अनुरूप नहीं ढाल पाते और स्वयं को असुरक्षित समझते हैं।

प्रश्न 16.
वर्णन करो कि लैंगिक हार्मोन पीयूष ग्रंथि पर निर्भर करते हैं ?
उत्तर-
लैंगिक हार्मोन पीयूष ग्रंथि द्वारा नियंत्रित होते हैं। पीयूष ग्रंथि कई हार्मोन स्त्रावित करता है। उनमें से एक हार्मोन FSH है। यह अंडाणु और शुक्रास्त्राणु को अंडाशय और वृषण में क्रमशः विकसित करते हैं। जैसे- पीयूष ग्रंथि से स्त्रावित हार्मोन टेस्टोस्टरॉन और एस्ट्रोजन को उत्तेजित करते हैं। हार्मोन स्त्रावित होकर लक्ष्य स्थल पर पहुँचते हैं। शरीर में परिवर्तन लाते हैं और यौवनारंभ हो जाता है।

प्रश्न 17.
किशोरों को नशीले पदार्थों को ‘न’ कहना चाहिए। क्यों ?
उत्तर-
किशोर अवस्था में मन और शरीर अत्यधिक क्रियाशील होता है। इसलिए असुरक्षित और बेचैन नहीं होना चाहिए और किसी द्वारा सुझाया गया तरीका अर्थात् नशा करने से आराम मिल सकता है, कभी न अपनाएँ। यदि किसी डॉक्टर ने दवाई के रूप में दिया है तो अवश्य ग्रहण करें। जब एक बार नशा करने की लत लग जाती है तब बार-बार नशा करने को मन करता है। नशे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। यह स्वास्थ्य और खुशियों को खत्म कर देते हैं।

प्रश्न 18.
किशोरों में कुछ भ्रांतियाँ लिखिए।
उत्तर-
किशोरों में कुछ भ्रांतियाँ-

  1. लड़की यदि ऋतुस्त्राव में लड़कों की तरफ देखे तो गर्भधारण हो जाता है।
  2. वीर्य की एक बूंद नष्ट होने का अर्थ है, 10 बूंदें रुधिर की नष्ट होना, जिससे लड़का कमज़ोर हो जाता है।
  3. माता शिशु के लिंग को निर्धारित करती है।
  4. ऋतुस्त्राव के दिनों में लड़की को रसोई में नहीं जाने दिया जाता।

प्रश्न 19.
यौवनारंभ के समय आवाज में किस प्रकार का परिवर्तन आता है ?
उत्तर-
यौवनारंभ के समय लड़कों का स्वरयंत्र अपेक्षाकृत बड़ा होकर बाहर की ओर उभरा हुआ दिखाई देता है। लड़कों की आवाज स्वरयंत्र में वृद्धि के कारण भारी या फटी हुई हो जाती है। लड़कियों के स्वरयंत्र में इस प्रकार का अंतर दिखाई नहीं देता। लड़कियों के स्वरयंत्र के छोटा होने के कारण इनकी आवाज पतली व सुरीली होती है।

प्रश्न 20.
हार्मोन के लक्षण लिखें।
उत्तर-
हार्मोन के प्रमुख लक्षण-

  1. हार्मोन अन्तः-स्त्रावी ग्रंथियों द्वारा स्त्रावित होते हैं। इनके कार्य विशिष्ट होते हैं।
  2. ये केवल कार्यक्षेत्र बिंदु पर ही प्रभावी होते हैं, अन्यत्र कहीं नहीं।
  3. इनकी आवश्यकता बहुत कम मात्रा में होती है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

प्रश्न 21.
पीयूष ग्रंथि (Pituitary Gland) को मास्टर ग्रंथि क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
यह ग्रंथि मस्तिष्क के निचले भाग में स्थित होती है। इसके द्वारा स्त्रावित हार्मोन से हड्डी तथा ऊतकों की वृद्धि को नियंत्रित किया जाता है। यह ग्रंथि ऐसे हार्मोन स्त्रावित करती है, जो अन्य ग्रंथियों के कार्यों को नियंत्रित करते हैं। इसलिए इसे ‘मास्टर ग्रंथि’ कहा जाता है।

प्रश्न 22.
लड़के-लड़कियों का विवाह कम उम्र में क्यों नहीं करना चाहिए ?
उत्तर-
कम उम्र में किशोरों के शरीर, विशेष कर जनन अंग मातृत्व का बोझ सहन करने के लिए भली-भाँति तैयार नहीं होते। यदि ऐसी अवस्था में विवाह हो भी जाए तो ऐसे युगलों में स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं जिनसे युवा तनाव में आ सकते हैं और इनका भविष्य इससे प्रभावित हो सकता है। हमारे देश के कानून के अनुसार लड़कियों की 18 वर्ष और लड़कों की 21 वर्ष आयु ऐसी अवस्था है जब किशोरों को विवाह करने की अनुमति होती है।

प्रश्न 23.
किशोरों में HIV-AIDS के होने की संभावना प्रबल क्यों होती है ?
उत्तर-
काफी संख्या में किशोर तनाव से मुक्ति पाने हेतु ड्रग्स लेना आरंभ कर देते हैं। HIV की संदूषित इंजेक्शन की सूई से ड्रग्स लेने पर यह खतरनाक विषाणु अन्य किशोरों में फैल जाता है। इस विषाणु के फैलने का अन्य कारण असुरक्षित लैंगिक संपर्क भी है। कई मामलों में यह विषाणु पीड़ित (रोगी) माँ से दूध द्वारा शिशु में भी फैल सकता है।
अत: किशोरों को अपने बहुमूल्य जीवन को HIV से बचाने के लिए सचेत रहने की अति आवश्यकता है।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
एक सारणी बनाओ जिसमें आयु में वृद्धि के साथ लंबाई में औसतन दर से वृद्धि दर्शाएँ।
उत्तर-
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उदाहरण के लिए – एक लड़के की आयु 8 वर्ष है और लंबाई 108 cm है। वृद्धि अवधि के पश्चात् उसकी लंबाई-
= \(\frac{108}{72}\) × 100 = 150 cm.

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

प्रश्न 2.
किशोरावस्था में स्वस्थ शरीर के लिए कौन-से कारक उत्तरदायी हैं ?
उत्तर-
किशोरावस्था में निम्न परिस्थितियां अथवा कारक उत्तरदायी हैं-

(i) पाचन संबंधी – किशोरावस्था में तीव्र वृद्धि और विकास होता है, इसलिए आहार नियमित और सुचारु ढंग से करना चाहिए। एक संतुलित आहार जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेटस, वसा, विटामिन और खनिज उचित अनुपात में होते हैं। भारतीय भोजन जिसमें रोटी, चावल, दाल और सब्जियाँ, दूध, फल एक संतुलित आहार है।
चिप्स और डिब्बाबंद नाश्ते स्वादिष्ट तो होते हैं परंतु नियमित रूप से सेवन नहीं करने चाहिएं क्योंकि उनमें पोषक तत्त्वों की कमी होती है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर 8

(ii) व्यक्तिगत सफ़ाई – प्रतिदिन स्नान आवश्यक है क्योंकि तेलीय ग्रंथियों से स्त्रावित द्रव्य शरीर में बदबू पैदा करते हैं। शरीर के सभी भागों की नित्यप्रति सफ़ाई आवश्यक है। यदि सफ़ाई पर ध्यान न दिया गया तो जीवाणु संरक्षण हो सकता है। लड़कियों को ऋतुस्त्राव अवधि का ध्यान रखना चाहिए।

(iii) व्यायाम – टहलना और खेलना शरीर को स्वस्थ रखता है। किशोरों को खेल में टहलना, व्यायाम करना और खेलना चाहिए।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 9 जंतुओं में जनन

PSEB 8th Class Science Guide जंतुओं में जनन Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
सजीवों के लिए जनन क्यों महत्त्वपूर्ण है ? समझाइए।
उत्तर-
सजीवों में जनन की महत्ता – यह जीवों में योग्यता है जिस द्वारा वे अपने जैसे जीव पैदा करते हैं । जनन से प्रजाति की वृद्धि होती है। यह जैविक प्रक्रम उत्तरजीविता और निरंतरता बनाए रखने के लिए आवश्यक है। इससे आनुवंशिकता और गुणों का अगली पीढ़ी में स्थानांतरण भी होता है।

प्रश्न 2.
मनुष्य में निषेचन प्रक्रम को समझाइए।
उत्तर-
निषेचन-वृषण, नर युग्मक, शुक्राणु पैदा करते हैं। वृषण द्वारा लाखों शुक्राणु उत्पन्न होते हैं। शुक्राणु चाहे बहुत सूक्ष्म होते हैं, परंतु प्रत्येक में एक सिर, मध्यभाग और एक पूंछ होती है।

जनन प्रक्रम का पहला चरण शुक्राणु और अंडाणु का संलयन है। नर से लाखों शुक्राणु मादा शरीर में डाले जाते हैं। शुक्राणु पूंछ द्वारा अंडाणु तक पहुंचने के लिए अंडवाहिनी में तैरते हैं। जब ये अंडाणु के निकट आते हैं तो एक शुक्राणु अंडाणु से संलयन करता है। इसे निषेचन कहते हैं। निषेचन के परिणामस्वरूप युग्मनज (Zygote) का निर्माण होता है। युग्मनज नए जीव का निर्माण करता है।
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निषेचन प्रक्रम में नर से शुक्राणु और मादा से अंडाणु का युग्म होता है। इसलिए नयी संतति में कुछ लक्षण माता के और कुछ लक्षण पिता के होते हैं।

प्रश्न 3.
सर्वोचित उत्तर चुनिए-
(क) आंतरिक निषेचन होता है-
(i) मादा के शरीर में
(ii) मादा के शरीर से बाहर
(iii) नर के शरीर में
(iv) नर के शरीर से बाहर।
उत्तर-
(i) मादा के शरीर में

(ख) एक टैडपोल जिस प्रक्रम द्वारा वयस्क में विकसित होता है, वे हैं-
(i) निषेचन
(ii) कायांतरण
(iii) रोपण
(iv) मुकुलन।
उत्तर-
(ii) कायांतरण

(ग) एक युग्मनज में पाए जाने वाले केंद्रकों की संख्या होती है-
(i) कोई नहीं
(ii) एक
(iii) दो
(iv) चार।
उत्तर-
(iii) एक।

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प्रश्न 4.
निम्न कथन सत्य (T) है अथवा असत्य (F) संकेतित कीजिए-

(क) अंडप्रजनक जंतु विकसित शिशु को जन्म देता है।
उत्तर-
असत्य (F)

(ख) प्रत्येक शुक्राणु एक एकल कोशिका है।
उत्तर-
सत्य (T)

(ग) मेंढक में बाह्य निषेचन होता है।
उत्तर-
सत्य (T)

(घ) वह कोशिका, जो मनुष्य में नए जीवन का प्रारंभ है, युग्मक कहलाती है।
उत्तर-
असत्य (F)

(ङ) निषेचन के पश्चात् दिया गया अंडा एक एकल कोशिका है।
उत्तर-
सत्य (T)

(च) अमीबा मुकुलन द्वारा जनन करता है।
उत्तर-
असत्य (F)

(छ) अलैंगिक जनन में भी निषेचन आवश्यक है।
उत्तर-
असत्य (F)

(ज) द्विखंडन अलैंगिक जनन की एक विधि है।
उत्तर-
सत्य (T)

(झ) निषेचन के परिणामस्वरूप युग्मनज बनता है।
उत्तर-
सत्य (T)

(ज) भ्रूण एक एकल कोशिका का बना होता है।
उत्तर-
असत्य (F)।

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प्रश्न 5.
युग्मनज और गर्भ में दो भिन्नताएँ दीजिए।
उत्तर-
युग्मनज और गर्भ में दो भिन्नताएँ-

युग्मनज (Zygote) गर्भ (Foetus)
(1) शुक्राणु और अंडाणु का संलयन युग्मनज कहलाता है। (1) भ्रूण की वह अवस्था जिसमें विभिन्न अंग पहचानने योग्य होते हैं।
(2) यह एक एकल कोशिका है। (2) यह बहु-कोशिका है।

प्रश्न 6.
अलैंगिक जनन की परिभाषा लिखिए। जंतुओं में अलैंगिक जनन की दो विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
अलैंगिक जनन – जनन की वह किस्म जिसमें केवल एक ही जीव भाग लेता है, अलैंगिक जनन कहलाता है। जंतुओं में अलैंगिक जनन की विधियाँ निम्नलिखित हैं-
1. विखंडन (Binary Fission) – द्विखंडन में जीव का शरीर लंबवत् अनुप्रस्थ खांच से दो बराबर भागों में विभाजित हो जाता है। प्रत्येक भाग जनक के समान हो जाता है। जनन की यह विधि प्रोटोज़ोआ (अमीबा, पैरामिशियम आदि) में होती है, जिन में यही विधि आवश्यक रूप से कोशिका विभाजन की विधि है जिसके परिणामस्वरूप संतति कोशिकाओं का पृथक्करण होता है। बहु- कोशिकीय जंतुओं में भी इस विधि को देखा गया है। जैसे-सी-ऐनीमोन में लंबवत् खंडन तथा प्लेनेरिया में अनुप्रस्थ खंडन।
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2. मुकुलन (Budding) – मुकुलन एक प्रकार की अलैंगिक जनन क्रिया है जिसमें नया जीव जो अपेक्षाकृत छोटे पुंज की कोशिकाओं से निकलता है, आरंभ में जनक जीव में मुकुल बनाता है। मुकुल अलग होने से पहले जनक का रूप धारण कर लेता है जैसे-बाह्य मुकुलन में या जनक से अलग होने के पश्चात् आंतरिक मुकुलन में। बाह्य मुकुलन स्पंज, सीलेंट्रेटा (जैसे हाइड्रा), चपटे कृमि और ट्यूनीकेट में मिलता है, लेकिन कुछ सीलेंट्रेट जैसे ओबलिया पोलिप की अपेक्षा मैड्रयूसी पैदा करते हैं।
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प्रश्न 7.
मादा के किस जनन अंग में भ्रूण का रोपण होता है ?
उत्तर-
गर्भाशय (Uterus)।

प्रश्न 8.
कायांतरण किसे कहते हैं ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
कायांतरण (Metamorphosis) लारवा के कुछ उग्र-परिवर्तनों द्वारा वयस्क जंतु में बदलने की प्रक्रिया को कायांतरण कहते हैं।
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उपरोक्त चित्र में मेंढक के विकास के विभिन्न चरण हैं। तीन स्पष्ट चरण हैं-

  1. अंडा
  2. टैडपोल लारवा
  3. वयस्क।

मेंढक व टैडपोल वयस्क एक-दूसरे से बिल्कुल भिन्न होते हैं। मेंढक में एक विशेष परिवर्तन है-
गलफड़ों का फेफड़ों में परिवर्तित होना। जिन जंतुओं में कायांतरण होते हैं वे हैं मेंढक, रेशमकीट।

प्रश्न 9.
आंतरिक निषेचन एवं बाह्य निषेचन में भेद कीजिए।
उत्तर-
आंतरिक निषेचन एवं बाह्य निषेचन में भेद-

आंतरिक निषेचन (Internal Fertilization) बाह्य निषेचन (External Fertilization)
(1) नर युग्मक और मादा युग्मक का संलयन शरीर के अंदर होता है। (1) नर युग्मक (शुक्राणु) और मादा युग्मक (अंडे) का संलयन शरीर के बाहर होता है।
(2) नर मादा के शरीर में शुक्राणुओं का उत्सर्जन करता है। (2) दोनों व्यष्टि युग्मकों को शरीर के बाहर फेंकते हैं।
(3) विकास शरीर के अंदर हो सकता है। (3) विकास शरीर के बाहर ही होता है।
(4) उदाहरण-मनुष्य, पशु, शार्क, पक्षी। (4) उदाहरण- मेंढ़क।

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प्रश्न 10.
नीचे दिए गए संकेतों की सहायता से क्रॉस शब्द पहेली को पूरा कीजिए।
बाईं से दाईं ओर
(1) यहाँ अंडाणु उत्पादित होते हैं।
(2) वृषण में उत्पादित होते हैं।
(3) हाइड्रा का अलैंगिक जनन है।

ऊपर से नीचे की ओर
(1) यह मादा युग्मक है।
(2) नर और मादा युग्मक का मिलना।
(3) एक अंडप्रजनक जंतु।
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उत्तर-
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PSEB Solutions for Class 8 Science जंतुओं में जनन Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थान भरिए-

(i) ……………………… प्रक्रम जाति की निरंतरता बनाए रखता है।
उत्तर-
जनन

(ii) फूल में नर और मादा युग्मक, ……………………….. और …………………….. कहलाते हैं।
उत्तर-
परागकण, अंडा

(iii) ……………….. जनन में, एक जीव अपने शरीर के भागों से नए जीव उत्पन्न करता है
उत्तर-
कायिक

(iv) ……………………… सारा जीवन काल वृद्धि करते हैं, परंतु …………………………… कुछ ही आयु तक वृद्धि करते हैं।
उत्तर-
पौधे, जीव

(v) एक बहुकोशिक जंतु अपना जीवन प्रक्रम एक …………………….. से करता है, जो लैंगिक जनन द्वारा बनता है।
उत्तर-
युग्मनज।

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प्रश्न 2.
कौन-सा शरीर का भाग-
(क) शुक्राणु उत्पादित करता है?
(ख) अंडाणु उत्पादित करता है?
(ग) आदमी से शुक्राणु मादा में भेजता है?
उत्तर-
(क) वृषण
(ख) अंडाशय
(ग) शिश्न।

प्रश्न 3.
स्तंभ ‘क’ और स्तंभ ‘ख’ के शब्दों का मिलान करें-

स्तंभ ‘क’ स्तंभ ‘ख’
शुक्राणु मादा जननांग
अंडाशय वृद्धि
कोशिका नर युग्मक

उत्तर-

स्तंभ ‘क’ स्तंभ ‘ख’
शुक्राणु नर युग्मक
अंडाशय मादा जननांग
कोशिका वृद्धि।

प्रश्न 4.
पौधों और जंतुओं में जनन के कितने तरीके हैं ?
उत्तर-
दो-(क) लैंगिक (ख) अलैंगिक।

प्रश्न 5.
अलैंगिक जनन में कितने जीवों की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
एक।

प्रश्न 6.
लैंगिक जनन में कितने सजीवों की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
दो।

प्रश्न 7.
जननांगों में विशेष कोशिकाएं कौन-सी होती हैं ?
उत्तर-
युग्मक (Gametes) ।

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प्रश्न 8.
द्विखंडन विधि से जनन करने वाले दो जंतुओं के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. अमीबा
  2. पैरामीशियम।

प्रश्न 9.
कौन-से जीवों में मुकुल जनक के शरीर पर लगी रहती है?
उत्तर-
स्पंज, कोरल (Corals)।

प्रश्न 10.
युग्मनज (Zygote) क्या है ?
उत्तर-
युग्मनज – युग्मनज, नर और मादा युग्मकों के संलयन से बनने वाली पहली संरचना है।

प्रश्न 11.
निषेचन (Fertilization) क्या है?
उत्तर-
निषेचन – नर और मादा युग्मकों का संलयन।

प्रश्न 12.
दो उभयलिंगी जंतुओं (Hermaphrodite) के उदाहरण दो।
उत्तर-

  1. केंचुआ
  2. जोंक (leech)।

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प्रश्न 13.
कौन-सा बड़ा है-अंडाणु अथवा शुक्राणु।
उत्तर-
अंडाणु।

प्रश्न 14.
दो उदाहरण दो जिन जीवों में बाहय निषेचन होता है।
उत्तर-

  1. मेंढक
  2. मछली।

प्रश्न 15.
कायांतरण की परिभाषा दो।
उत्तर-
कायांतरण – लारवा के कुछ उग्र परिवर्तनों द्वारा वयस्क जंतु में बदलने की प्रक्रिया कायांतरण .कहलाती है।

प्रश्न 16.
रिक्त स्थान भरो-
(i) जनन प्रक्रम में भाग लेने वाली कोशिकाएँ ……………………. कहलाती हैं।
(ii) युग्मकों के संलयन से एक कोशिक संरचना ………………………. उत्पन्न होती है।
(iii) पौधों और जंतुओं में युग्मकों का संलयन …………………………. कहलाता है।
(iv) जीव जिनमें दोनों नर और मादा जनन अंग पाए जाते हैं, ………………………… कहलाते हैं।
उत्तर-
(i) युग्मक
(ii) युग्मनज
(ii) निषेचन
(iv) उभयलिंगी।

प्रश्न 17.
जननांग (Gonads) क्या है ? मानव में नर और मादा जननांग के नाम लिखो।
उत्तर-
जननांग – जो विशेष कोशिकाएँ युग्मक उत्पन्न करते हैं, जननांग कहलाते हैं।
मानव नर जननांग – वृषण मानव मादा जननांग-अंडाशय।

प्रश्न 18.
नर और मादा युग्मकों के नाम लिखिए।
उत्तर-
नर युग्मक-शुक्राण, मादा युग्मक-अंडाणु।

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प्रश्न 19.
बाह्य निषेचन और आंतरिक निषेचन का एक-एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
बाह्य निषेचन-मेंढक।
आंतरिक निषेचन-मानव।

प्रश्न 20.
शुक्राणु नली (Vas deferens) का क्या कार्य है ?
उत्तर-
शुक्राणु नली वृषण से शुक्राणु गर्भाशय में स्थानांतरण करती है।

प्रश्न 21.
हाईमन (Hymen) किसे कहते हैं?
उत्तर-
हाईमन – योनि (Vagina) के बाहर पतली झिल्ली का डायफ्राम हाइमन कहलाता है। यह रजोनवृत्ति के लिए सरंध्र होता है।

प्रश्न 22.
निम्न कथन सही अथवा गलत अंकित करें-
(i) मानव अंडे का निषेचन गर्भाशय में होता है।
(ii) औरतों में नसबंदी शिशु नियंत्रण की विधि है।
(iii) अंडाणु का निषेचन योनि में होता है।
(iv) शुक्राणु एक एकलकोशिक है।
(v) वृषण पेट गुहा में पाए जाते हैं।
(vi) शुक्राणु मानव ताप (37°C) पर उत्पन्न होते हैं।
उत्तर-
(i) गलत
(ii) गलत
(iii) गलत
(iv) सही
(v) गलत
(vi) सही।

प्रश्न 23.
हाइड्रा में किस प्रकार का अलैंगिक जनन होता है ?
उत्तर-
मुकुलन (Budding)।

प्रश्न 24.
क्लोनिंग की परिभाषा दें।
उत्तर-
क्लोनिंग – किसी समरूप कोशिका, किसी अन्य जीवित भाग अथवा संपूर्ण जीव को कृत्रिम रूप से उत्पन्न करना।

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प्रश्न 25.
किस जंतु की सफलतापूर्वक क्लोनिंग सर्वप्रथम इयान विलमट ने एडिनबर्ग, स्काटलैंड के रोजलिन इंस्टीच्यूट में की।
उत्तर-
डोली भेड की।

प्रश्न 26.
पहले स्तनधारी का नाम लिखें, जिसे क्लोन किया गया?
उत्तर-
5 जुलाई, 1996 में पैदा हुई डॉली भेड़।

प्रश्न 27.
जनन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जनन – जीवों द्वारा अपने जैसे जीव उत्पन्न करने की क्रिया को जनन कहते हैं।

प्रश्न 28.
मानव के शुक्राणु में पूंछ का कार्य क्या है ?
उत्तर-
गति प्रदान करना।

प्रश्न 29.
अंडोत्सर्ग किसे कहते हैं ?
उत्तर-
अंडोत्सर्ग – अंडाशय द्वारा अंडाणु निकालने की क्रिया को अंडोत्सर्ग कहते हैं।

प्रश्न 30.
परखनली शिशु क्या होता है ?
उत्तर-
वह शिशु जो शरीर से बाहर कृत्रिम निषेचन द्वारा उत्पन्न होता है परखनली शिशु कहलाता है।

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प्रश्न 31.
IVF का पूरा नाम लिखें।
उत्तर-
इनविट्रो निषेचन।

प्रश्न 32.
परखनली शिशु का विकास कहाँ होता है ?
उत्तर-
गर्भाशय में।

प्रश्न 33.
अंडप्रजक जंतु क्या होते हैं ?
उत्तर-
वे जंतु जो अंडे देते हैं अण्डप्रजक जन्तु कहलाते है।

प्रश्न 34.
जरायुज जंतु क्या होते हैं ?
उत्तर-
वे जंतु जो बच्चों को जन्म देते हैं जरायुज जंतु कहलाते है।

प्रश्न 35.
डॉली क्लोन की मौत कब हुई ?
उत्तर-
14 फरवरी, 2003 में।

प्रश्न 36.
किस जनन में नर तथा मादा की आवश्यकता नहीं होती ?
उत्तर-
अलैंगिक जनन में।

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प्रश्न 37.
पहला परखनली शिशु कौन था ?
उत्तर-
लुईस जाय ब्राऊन।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
लैंगिक और अलैंगिक जनन में क्या अंतर है?
उत्तर-
लैंगिक और अलैंगिक में अंतर-

लैंगिक जनन (Sexual Reproduction) अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction)
(1) नए जीव की उत्पत्ति के लिए दोनों नर और मादा जीवों की आवश्यकता होती हैं। (1) नए जीव केवल एक ही जीव से उत्पन्न होते हैं।
(2) जनन अंगों की आवश्यकता होती है। (2) जनन अंग विकसित नहीं होते।
(3) अर्धसूत्री विभाजन किसी एक चरण में आवश्यक है। (3) इसमें अर्धसूत्री विभाजन नहीं होता।
(4) युग्मकों का संलयन होता है। (4) कोशिकाओं का संलयन नहीं होता।
(5) नया जीव युग्मकों के संयोजन से विकसित होता है। (5) नया जीव एक कोशिका से विकसित होता है।
(6) नया जीव प्रायः भिन्न होता है। (6) नया जीव जनक जैसा होता है।
(7) इससे विविधता आती है। (7) इससे विविधता नहीं आती।

प्रश्न 2.
लैंगिक जनन क्या है ? जंतुओं में लैंगिक जनन की चर्चा कीजिए।
उत्तर-
लैंगिक जनन – नर और मादा के संयोजन से निषेचन होने की क्रिया को लैंगिक जनन कहते हैं।
जंतुओं में लैंगिक जनन – लैंगिक जनन में दो जीव होते हैं। जीवों में जनन अंग होते हैं, जो जनन कोशिकाएँ पैदा करते हैं । मादा अंडाणु और नर शुक्राणु उत्पन्न करते हैं। शुक्राणु जननांग वृषण में और अंडाणु जननांग अंडाशय में उत्पन्न होते हैं। शुक्राणु अंडाणु से संलयन करता है, इसे निषेचन कहते हैं। निषेचित अंडा निरंतर विभाजित होता है और भ्रूण में विकसित होता है। भ्रूण से वयस्क बनता है।

प्रश्न 3.
मानव में कौन-से अंग युग्मक उत्पन्न करते हैं ?
उत्तर-
नर में जनन अंग, एक जोड़ी वृषण है और मादा में जनन अंग, एक जोड़ी अंडाशय है।

प्रश्न 4.
उन दो जीवों के उदाहरण दें जो दो प्रकार की अलैंगिक जनन विधियों से उत्पन्न होते हैं ? विधियों के नाम भी लिखिए। .
उत्तर-
जीव का नाम – अलैंगिक जनन
(1) हाइड्रा – (क) मुकुलन (ख) पुनर्जनन
(2) खमीर – (क) मुकुलन (ख) बीजाणु बनना।

प्रश्न 5.
युग्मक (Gamete) क्या है ? एक लिंगी और उभयलिंगी में क्या अंतर है?
उत्तर-
युग्मक (Gamete) – जनन कोशिकाएँ जिनको जनन अंग उत्पन्न करते हैं, युग्मक कहलाते हैं । युग्मक दो तरह के होते हैं-नर और मादा। युग्मकों के संलयन से निषेचन होता है।

एक-लिंगी जीव – वे जीव जिनमें एक ही प्रकार के जननांग हों; नर अथवा मादा।
उभयलिंगी जीव – वे जीव जिनमें दोनों जननांग हों।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन

प्रश्न 6.
‘उभयलिंगी जीव’ क्या है ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
वे जीव जो दोनों नर और मादा युग्मक उत्पन्न कर सकते हैं, उभयलिंगी अथवा द्वि-लिंगी कहलाते हैं।
उदाहरण-

  1. केंचुआ
  2. हाइड्रा।

प्रश्न 7.
एक ऊतक आकार में किन विधियों से वृद्धि करता है ?
उत्तर-
वृद्धि का अर्थ है आकार में बढ़ना।
एक ऊतक के बढ़ने में-

  1. कोशिकाओं की संख्या बढ़ती है।
  2. कोशिकाओं का आकार बढ़ता है।

प्रश्न 8.
अलैंगिक जनन की मूल विशेषताएँ क्या हैं ?
उत्तर-
अलैंगिक जनन की मूल विशेषताएँ-

  1. केवल एक जीव की उपस्थिति
  2. सभी कोशिकाओं में सूत्री विभाजन
  3. जनक के समरूपी नए जीव
  4. जनक इकाई जीव का विशेष भाग।

प्रश्न 9.
विखंडन प्रक्रम मुकुलन से कैसे भिन्न है ?
उत्तर-
द्विखंडन और मुकुलन में भिन्नता-

द्विखंडन (Binary Fission) मुकुलन (Budding)
(1) केवल दो नए जीव उत्पन्न होते हैं। (1) बड़ी संख्या में मुकुल उत्पन्न हो सकते हैं और प्रत्येक मुकुल नया जीव पैदा करता है।
(2) उदाहरण-अमीबा, यूगलीना। (2) उदाहरण-स्पंज, हाइड्रा।

प्रश्न 10.
अंडोत्सर्ग (Ovulation) को परिभाषित करें।
उत्तर-
अंडोत्सर्ग (Ovulation) – अंडाशय द्वारा अंडा छोड़ने की प्रक्रिया अंडोत्सर्ग कहलाती है। अंडा 28 दिन वाले आतर्व चक्र के 14वें दिन छोड़ा जाता है।

प्रश्न 11.
जनन क्या है ? इसकी किस्में कौन-सी हैं ?
उत्तर-
जनन – सभी सजीव जो धरती पर उत्पन्न होते हैं, एक विशेष जीवन चक्र दर्शाते हैं जिसमें जन्म, वृद्धि, परिपक्वता, जनन और मौत अवस्थाएँ हैं। जनन एक महत्त्वपूर्ण प्रक्रम है जिससे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक निरंतरता बनी रहती है। वयस्क और वृद्ध जीव का स्थान नए और छोटे जीव प्रजनन द्वारा ग्रहण करते हैं। दो प्रकार की जनन विधियाँ हैं-

  1. अलैंगिक जनन
  2. लैंगिक जनन।

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प्रश्न 12.
मानव नर के जनन तंत्र के विभिन्न अंगों के नाम लिखो।
उत्तर-
मानव नर जनन तंत्र के अंग-

  1. एक जोड़ी वृषण (Testes)
  2. एक जोड़ी शुक्रवाहिनी (Vas deferentia)
  3. मूत्र वाहिनी (Urethra)
  4. शिश्न (Penis)
  5. नर जनन ग्रंथियां (Cowpers and Prostate glands)।

प्रश्न 13.
मानव मादा जनन तंत्र विभिन्न अंगों के नाम लिखिए।
उत्तर-
मानव मादा जनन तंत्र के अंग-

  1. एक जोड़ी अंडाशय (Ovaries)
  2. एक जोड़ी फैलोपियन नलिका (Fallopian Tubes)
  3. गर्भाशय (Uterus)
  4. योनि (Vagina)
  5. भग (Vulva)।

प्रश्न 14.
अंतर स्पष्ट करें-
(i) शुक्राणु एवं अंडाशय
(ii) शुक्रवाहिनी एवं फैलोपियन नलिका
(iii) नर मूत्रवाहिनी एवं मादा मूत्र वाहिनी।
(iv) भ्रूण एवं गर्भ।
उत्तर-
(i) शुक्राणु एवं अंडाणु में अंतर-

शुक्राणु (Sperm) अंडाणु (Ovum)
(1) यह चुस्त होता है। (1) यह अक्रियाशील होता है।
(2) यह चलने में समर्थ है। (2) यह गतिहीन अथवा स्थिर है।
(3) इसकी पूंछ है, जो चलने का अंग है। (3) इसका कोई चलन अंग नहीं है।
(4) यह आकार में छोटी है। (4) यह आकार में बड़ा है क्योंकि इसमें योक (Yok) होता है।

(ii) शुक्रवाहिनी और फैलोपियन नलिका में अंतर-

शुक्रवाहिनी (Vas Deferens) फैलोपियन नलिका (Fallopian Tube)
(1) यह नर जनन अंग का एक भाग है। (1) यह मादा जनन अंग का एक भाग है।
(2) यह वृषण से शुक्राणु मूत्रवाहिनी में लाती है। (2) यह अंडाशय से अंडाणु गर्भाशय तक लाती है।

(iii) नर मूत्रवाहिनी और मादा मूत्रवाहिनी में अंतर-

नर मूत्रवाहिनी (Male Urethra) मादा मूत्रवाहिनी (Female Urethra)
नर मूत्रवाहिनी मूत्र और वीर्य दोनों को बाहर निकालती है। मादा मूत्रवाहिनी केवल मूत्र लेकर आती है क्योंकि गर्भाशय और योनि मार्ग भिन्न होते हैं।

(iv) भ्रूण एवं गर्भ में अंतर-

भ्रूण (Embryo) गर्भ (Foetus)
(1) निषेचित अंडे के विकास से भ्रण बनता है। (1) स्तनधारी गर्भ वह अवस्था है जिसमें विकसित अंग पहचानने योग्य हो जाते हैं।
(2) यह पहला चरण है जिसमें विकास प्रारंभ होता है। (2) मनुष्य में दो महीने के विकास के बाद भ्रण गर्भ कहलाता है।

प्रश्न 15.
‘परखनली शिशु’ पर एक नोट लिखिए।
उत्तर-
परखनली शिशु – यह एक मिथ्या नाम है क्योंकि शिशु का विकास परखनली में नहीं होता। कुछ मादाओं की अंडवाहनियाँ अवरुद्ध होती हैं। यह मादा शिशु उत्पन्न नहीं कर सकती क्योंकि शुक्राणु, अंडाणु तक नहीं पहुँच पाते। ऐसी स्थिति में डॉक्टर ताज़ा अंडाणु और शुक्राणु एकत्र करके कुछ घंटों के लिए एक साथ रखते हैं ताकि इनविट्रो निषेचन (IVF) [शरीर के बाहर कृत्रिम निषेचन] हो सके। निषेचन के एक सप्ताह बाद युग्मनज को माता के गर्भाशय में स्थापित किया जाता है। माता के गर्भाशय में पूर्ण विकास के बाद सामान्य शिशु की तरह शिशु जन्म लेता है।

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प्रश्न 16.
मेंढक में निषेचन कैसे होता है ?
उत्तर-
मेंढक में निषेचन – मेंढक में निषेचन मादा शरीर के बाहर होता है इसलिए इसे बाह्य निषेचन कहते हैं। बसंत अथवा वर्षा ऋतु में मेंढक और टोड तालाबों की ओर जाते हैं। जब अंडे छोड़े जाते हैं तो नर उन पर शुक्राणु छोड़ देता है। प्रत्येक शुक्राणु अपनी लंबी पूंछ की सहायता से जल में तेज़ गति से तैरता है। शुक्राणु अंडों के संपर्क में आते हैं। फलस्वरूप निषेचन होता है।

प्रश्न 17.
वे जीव जिनमें बाहय निषेचन होता है जैसे मछली और मेंढक एक साथ सैंकड़ों अंडे देते हैं जबकि मुर्गी केवल एक समय में एक ही अंडा देती है। क्यों ?
उत्तर-
मछली और मेंढक सैंकड़ों अंडे और करोड़ों शुक्राण छोड़ते हैं पर प्रत्येक अंडा निषेचित नहीं होता क्योंकि अंडे और शुक्राणु जल की गति, वायु और वर्षा से प्रभावित होते हैं। कुछ जलीय जंतु अंडे खा लेते हैं। इसलिए सुनिश्चित निषेचन के लिए बड़ी संख्या में अंडों का होना आवश्यक है।

प्रश्न 18.
अंडप्रजनक और जरायुज जंतु किन्हें कहते हैं ?
उत्तर-
अंडप्रजनक जंतु (Oviparous Organisms) – वे जीव जो अंडे देते हैं। जैसे मेंढक, तितली, मुर्गी, कौआ आदि।
जरायुज जंतु (Viviparous Organisms) – वे जीव जो शिशु को जन्म देते हैं। जैसे मानव, कुत्ता, गाय, बिल्ली आदि।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जननांग क्या हैं ? मनुष्य में नर के प्रजनन अंगों का संक्षेप में वर्णन करो।
उत्तर-
जननांग (Gonads) – प्राथमिक जनन अंग जो युग्मक पैदा करते हैं, जननांग कहलाते हैं। नर में इनको वृषण (Testis) तथा मादा में इनको अंडाशय (Ovary) कहते हैं। यह जननांग यौवनारंभ अवस्था के बाद ही क्रियाशील होते हैं।

मानव के नर प्रजनन अंग-
1. वृषण (Testis) – नर मनुष्य (पुरुष) में जंघनास्थि क्षेत्र में एक मांसल संरचना शिश्न होता है जिसके बीच में मूत्रवाहिनी होती है। शिश्न के नीचे उसकी जड़ में एक मांसल थैली वृषण कोष होता है जिसमें अंडाकार संरचनाएँ वृषण होते हैं। वृषण नर युग्मक शुक्राणु का निर्माण करते हैं । वृषण में एक विशिष्ट संरचना शुक्राणु पाया जाता है जिसमें शुक्राणु के पोषण के लिए चिपचिपा पदार्थ स्रावित होता है।

2. शुक्र वाहिनी (Vas Deferens) – प्रत्येक वृषण में से एक वाहिनी निकलती है जिसे शुक्र वाहिनी कहते हैं। ये वाहिनियां वृषण में से वीर्य को लाती हैं जिनमें शुक्राणु होते हैं।
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3. मूत्रवाहिनी (Urethra) – शुक्र वाहिनी मूत्र मार्ग या मूत्र वाहिनी में खुलती है। चिपचिपा पदार्थ (वीर्य) के साथ शुक्राणु एक संकरी नली द्वारा मूत्र वाहिनी में पहुँचते हैं, जहां से शिश्न की सहायता से मादा की योनि में छोड़ दिए जाते हैं। शिश्न मूत्र एवं शुक्राणु युक्त वीर्य दोनों को बाहर निकालता है।

4. उपग्रंथियां (Accessory Glands) – ये ग्रंथियां शुक्राणुओं के आहार के लिए विभिन्न घटकों का रिसाव करती हैं। ये ग्रंथियां हैं-प्रोस्ट्रेट, काऊपर्स ग्रंथियाँ तथा वीर्य थैली।

प्रश्न 2.
मनुष्य में मादा प्रजनन अंगों का संक्षेप में वर्णन करो।
उत्तर-
मानव मादा प्रजनन अंग (Female Reproductive Organs) – मनुष्य के मादा प्रजनन अंग निम्नलिखित हैं-

1. अंडाशय (Ovary) – श्रोणिय गुहिका में दो अंडाशय होते हैं जो बहुत छोटे आकार के होते हैं। अंडाशय में अंडे बनते हैं। अंडाशय की अंदर की सतह पर एपीथीलियम कोशिकाओं की पतली परत होती है जिसे जनन एपीथीलियम कहते हैं। इसकी कोशिकायें विभाजित होकर फोलिकल तथा अंडा बनाती हैं। अंडाशय की गुहा में संयोजी ऊतक होते हैं जिन्हें स्ट्रोमा कहते हैं। प्रत्येक फोलिकल में एक जनन कोशिका होती है जिसके चारों ओर स्ट्रोमा की कोशिकाएँ रहती हैं। अर्ध सूत्री विभाजन के फलस्वरूप जनन कोशिकाएँ अंडे का निर्माण करती हैं।
ओस्ट्रोजिन तथा प्रोजिस्ट्रॉन नामक दो हार्मोन अंडाशय द्वारा स्रावित होते हैं जो मादा में जनन संबंधी विभिन्न क्रियाओं का नियंत्रण करते हैं।

2. फैलोपियन नलिका (Fallopian Tube) – यह रचना में नलिका समान होती है। इसका एक सिरा गर्भाशय से जुड़ा रहता है और दूसरा सिरा अंडाशय के पास खुला रहता है। इसके सिरे पर झालदार रचना होती है जिसे फिंब्री कहते हैं। अंडाशय से जब अंडा निकलता है तो फिंब्री की संकुचन क्रिया के कारण फैलोपियन नलिका में आ जाता है। यहाँ से गर्भाशय की ओर बढ़ता है। अंड निषेचन फैलोपियन नलिका में ही होता है। यदि अंडे का निषेचन नहीं होता तो यह गर्भाशय से होकर योनि में और ऋतु स्राव के समय योनि से बाहर निकल जाता है।
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3. गर्भाशय (Uterus) – यह मूत्राशय तथा मलाशय के बीच स्थित एक मांसल रचना है। फैलोपियन नलिकाएँ इसके दोनों ओर ऊपर के भागों में खुलती हैं। गर्भाशय का निचला सिरा कम चौड़ा होता है और योनि में खुलता है। गर्भाशय के अंदर की दीवार एंड्रोमीट्रियम की बनी होती है। गर्भाशय का मुख्य कार्य निषेचित अंडे को परिवर्धन काल में जब तक कि गर्भ विकसित होकर शिशु के रूप में जन्म न ले ले, आश्रय तथा भोजन प्रदान करना है।

4. योनि (Vagina) – यह मांसल नलिका समान रचना है। इसका पिछला भाग गर्भाशय की ग्रीवा में खुलता है। मादा में मूत्र निष्कासन के लिए अलग छिद्र होता है जो योनि में खुलता है।

5. भग (Vulva) – योनि बाहर की ओर एक सुराख से खुलती है जिसे भग कहते हैं।

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प्रश्न 3.
क्लोनिंग पर एक नोट लिखो।
उत्तर-
क्लोनिंग – यह समरूप कोशिका अथवा संपूर्ण जीव उत्पन्न करने की विधि है। डॉली, एक भेड़ को सफलतापूर्वक क्लोन किया गया। यह पहला स्तनधारी 1996 में क्लोन किया गया।
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फिन डारसेट नामक मादा भेड़ की स्तन ग्रंथि से एक कोशिका एकत्र की गई। उसी समय स्काटिश ब्लैक फेस ईव से एक अंडकोशिका एकत्र की गई। अंडकोशिका का केंद्रक हटा दिया गया। तत्पश्चात् फिनडारसेट से एकत्र कोशिका का केंद्रक, दूसरी केंद्रक विनि कोशिका में स्थापित किया गया। इस प्रकार उत्पन्न अंड कोशिका को स्काटिश ब्लैक फेस ईव में रोपित किया गया। अंड कोशिका का विकास एवं परिवर्धन सामान्य रूप से हुआ और अंततः डॉली का जन्म हुआ। यद्यपि स्काटिश ब्लैकफेस ईव ने डॉली को जन्म दिया परंतु डॉली फिन डारसेट भेड़ के समरूप थी, जिससे केंद्रक लिया गया था। डॉली में स्काटिश ईव के कोई लक्षण परिलक्षित नहीं हुए क्योंकि इसका केंद्रक हटा दिया गया | था। दुर्भाग्य से फेफड़ों के रोग के कारण डॉली की 14 फरवरी, 2003 में मृत्यु हो गई।
क्लोन वाले जंतुओं में अक्सर जन्म के समय अनेक विकृतियाँ होती हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका – संरचना एवं प्रकार्य

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 8 कोशिका – संरचना एवं प्रकार्य Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 8 कोशिका – संरचना एवं प्रकार्य

PSEB 8th Class Science Guide कोशिका – संरचना एवं प्रकार्य Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
निम्न कथन सत्य (T) है या असत्य (F)।
(क) एककोशिक जीव में एक ही कोशिका होती है। (T/F)
(ख) पेशी कोशिका शाखान्वित होती है। (T/F)
(ग) किसी जीव की मूल संरचना अंग है। (T/F)
(घ) अमीबा की आकृति अनियमित होती है। (T/F)
उत्तर-
(क) सत्य (T)
(ख) असत्य (F)
(ग) असत्य (F)
(घ) सत्य (T)।

प्रश्न 2.
मानव तंत्रिका कोशिका का रेखाचित्र बनाइए। तंत्रिका कोशिकाओं द्वारा क्या कार्य किया जाता है ?
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य 1
तंत्रिका कोशिका का कार्य – तंत्रिका कोशिका संदेश प्राप्त करके उनका स्थानांतरण करती है जिसके द्वारा यह शरीर में नियंत्रण एवं समन्वय का कार्य करती है।

प्रश्न 3.
निम्न पर संक्षिप्त नोट लिखिए-
(क) कोशिका द्रव्य
(ख) कोशिका का केंद्रक।
उत्तर-
(क) कोशिका द्रव्य – यह जैली जैसा गाढ़ा द्रव्य कोशिका झिल्ली के भीतर पाया जाता है। कई अंगक अथवा कोशिकांगरस में पाए जाते हैं। इसमें जल, चीनी, खनिज, लिपिड प्रोटीन आदि होते हैं।

(ख) कोशिका का केंद्रक-सभी यूकेरियोटिक कोशिकाओं में केंद्रक स्पष्ट रूप में पाया जाता है। इसके चार संघटक हैं-
(क) केंद्रक झिल्ली – यह दो परों वाला आवरण केंद्रक द्रव्य जो परिबद्ध करता है। यह सरंध्र और परागम्य होती है। बाह्य परत पर राइबोसोम जुड़े होते हैं और जो RSR में निरंतर हो सकते हैं। यह कोशिका द्रव्य एवं केंद्रक द्रव्य के बीच पदार्थों के आवागमन को नियंत्रित करती है।

(ख) केंद्रक द्रव्य – यह अर्ध ठोस कोलाइडल पदार्थ है जिसमें केंद्रिका और क्रोमैटिन धागे होते हैं। यह केंद्रक पिंजर की भांति कार्य करता है और कोशिका विभाजन में Spindle बनाता है।

(ग) केंद्रिका अथवा न्यूक्लिओलस – यह सघन, गोल, नग्न और गहरे रंग की संरचना है। यह RNA के संश्लेषण और भंडारण का कार्य करती है।

(घ) क्रोमेटिन धागे – यह लंबे, महीन और गहरे रंग वाले धागे हैं जो मिलकर, केंद्रक रेटीकुलम बनाते हैं। विभाजन के प्रोफेज़ (Prosphase) में यह संघनन होकर विशेष संख्या में छड़ रूपी संरचना बनाते हैं जिसे क्रोमोसोम कहते हैं। इन पर जीन लगी होती हैं, जो आनुवंशिक गुणों अथवा लक्षणों को अगली पीढ़ी में स्थानांतरित करते हैं। यह संरचनात्मक और एंजाइम प्रोटीन का संश्लेषण भी करते हैं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य 2

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 4.
कोशिका के किस भाग में कोशिकांग पाए जाते हैं ?
उत्तर-
कोशिका द्रव्य में कोशिकांग पाए जाते हैं।

प्रश्न 5.
पादप कोशिका एवं जंतु कोशिका के रेखाचित्र बनाकर उनमें तीन अंतर लिखिए।
उत्तर-
पादप कोशिका एवं जंतु कोशिका में अंतर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य 3

प्रश्न 6.
यूकैरियोट्स तथा प्रोकैरियोट्स में अंतर लिखिए।
उत्तर-
यूकैरियोट्स (Eukaryotes) – इन जीवों की कोशिकाओं में केंद्रक स्पष्ट होते हैं और केंद्रक झिल्ली उपस्थित होती है। उदाहरण प्याज के छिलके एवं गाल की कोशिका।
प्रोकैरियोट्स (Prokaryotes) – इन जीवों की कोशिकाओं में केंद्रक नहीं होता अर्थात् केंद्रक झिल्ली उपस्थित नहीं होती। उदाहरण जीवाणु, नीले, हरित शैवाल।

प्रश्न 7.
कोशिका में क्रोमोसोम अथवा गुणसूत्र कहाँ पाए जाते हैं ? उनका कार्य बताइए।
उत्तर-
कोशिका में क्रोमोसोम अथवा गुणसूत्र केंद्रक द्रव्य में पाए जाते हैं। यह धागे जैसी संरचनाएँ होती हैं।
क्रोमोसोम के कार्य-

  1. जीव के धारक।
  2. आनुवंशिक गुणों अथवा लक्षणों को जनक से अगली पीढ़ी में स्थानांतरित करना।
  3. विभाजन में सहायक।

प्रश्न 8.
‘सजीवों में कोशिका मूलभूत संरचनात्मक इकाई है।’ समझाइए।
उत्तर-
भवन अथवा इमारत बनाने की मूल इकाई ईंट है। इसी तरह सजीवों के शरीर में कोशिका मूलभूत इकाई है। जिस प्रकार भवन निर्माण में एक समान ईंटों का प्रकार होता है, परंतु भवनों की आकृति, डिज़ाइन एवं साइज़ अलगअलग होते हैं। इसी तरह सजीव एक-दूसरे से भिन्न होते हैं, परंतु केवल कोशिकाओं से ही बने होते हैं। सजीव कोशिकाओं की संरचना बहुत जटिल होती है।

प्रश्न 9.
बताइए कि क्लोरोप्लास्ट अथवा हरितलवक केवल पादप कोशिकाओं में ही क्यों पाए जाते हैं ?
उत्तर-
क्लोरोप्लास्ट हरे रंग के वर्णक होते हैं। ये पौधों को हरा रंग प्रदान करते हैं। केवल पौधे ही इस हरे वर्णक को भोजन बनाने में प्रयोग में ला सकते हैं।

प्रश्न 10.
नीचे दिए गए संकेतों की सहायता से क्रॉस शब्द पहेली को पूरा कीजिए।
बाईं से दाईं ओर
4. यह कोशिका द्रव्य से एक झिल्ली द्वारा अलग होता है।
3. कोशिका द्रव्य के बीच रिक्त स्थान।
1. सजीवों की मूलभूत संरचनात्मक इकाई।

ऊपर से नीचे की ओर
2. यह प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक है।
1. कोशिका झिल्ली और केंद्रिका झिल्ली के बीच का पदार्थ।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य 4
उत्तर-
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PSEB Solutions for Class 8 Science कोशिका – संरचना एवं प्रकार्य Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थान भरो

(i) कोशिका सजीवों में ………………….. और कार्यात्मक इकाई है।
उत्तर-
संरचनात्मक

(ii) कोशिका भित्ति ………………………. कोशिका में पाई जाती है।
उत्तर-
पादप

(iii) कोशिका का शक्ति घर ……………………….. है।
उत्तर-
माइटोकांड्रिया

(iv) अमीबा और पैरामीशियम में एक ………………………. होती है।
उत्तर-
कोशिका

(v) लवक (प्लैस्टिड) केवल ……………………….. कोशिका में पाए जाते हैं।
उत्तर-
पादप।

प्रश्न 2.
सही उत्तर चुनिए :
(i) कोशिका के आत्मघाती थैले हैं-
(क) लाइसोसोम
(ख) क्लोरोप्लास्ट
(ग) माइटोकांड्रिया
(घ) राइबोसोम।

(ii) पौधों की कोशिका में नहीं होती-
(क) कोशिका भित्ति
(ख) सैंट्रोसोम
(ग) प्लैस्टिड
(घ) माइटोकांड्रिया।
उत्तर-
(i) (क) (ii) (ख)।

प्रश्न 3.
जीवन की संरचनात्मक और क्रियात्मक इकाई क्या है ?
उत्तर-
कोशिका (Cell)।

प्रश्न 4.
कोशिका जैव अध्ययन में राबर्ट ब्राऊन ने क्या योगदान दिया ?
उत्तर-
आरकिड की कोशिका में केंद्रक की खोज।

प्रश्न 5.
कोशिका सिद्धांत किसने सुझाया?
उत्तर-
एम० जे० शैल्डिीन और थियोडार शुवान।

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प्रश्न 6.
सबसे छोटी और सबसे बड़ी कोशिका के नाम लिखो। उत्तर-

  1. सबसे छोटी कोशिका-माइकोप्लाज्म ।
  2. सबसे बड़ी कोशिका-शुतुरमुर्ग का अंडा।

प्रश्न 7.
मानव शरीर में सबसे छोटी और सबसे बड़ी कोशिका कौन-सी है ?
उत्तर-

  1. सबसे छोटी कोशिका-नेफ्रॉन (Nephron)।
  2. सबसे बड़ी कोशिका-न्यूरॉन (Neuron)।

प्रश्न 8.
सजीवों में कोशिका द्रव्य को भौतिक आधार किसने कहा ?
उत्तर-
हक्सले (Huxley) |

एन 9.
रुडोल्फ वरकोअ (Rudolf Virchow) ने जैव विज्ञान के क्षेत्र में क्या योगदान दिया ?
उत्तर-
उसने कहा कि पुरानी कोशिकाओं की वृद्धि और विभाजन से ही नई कोशिकाएँ उत्पन्न होती हैं अर्थात् “Omnis Cellula c Cellula”

प्रश्न 10.
केंद्रक की प्रकृति के आधार पर कोशिका के कितने प्रकार हैं ?
उत्तर-
प्रोकेरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिका।

प्रश्न 11.
न्यूक्लॉइड (Nucloid) क्या है ?
उत्तर-
न्यूक्लॉइड – यह प्रोकैरियोटिक जैसे जीवाणु और नीले-हरे शैवाल की अस्पष्ट केंद्रक है और इसमें केंद्रक झिल्ली अनुपस्थित होती है।

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प्रश्न 12.
कोशिका जीव विज्ञान में रॉबर्ट हुक का क्या योगदान है ?
उत्तर-
रॉबर्ट हुक ने कोशिका की खोज की।

प्रश्न 13.
कोशिका के तीन कार्यात्मक क्षेत्र कौन-से हैं ?
उत्तर-
कोशिका झिल्ली, कोशिका द्रव्य तथा केंद्रक।

प्रश्न 14.
कोशिका झिल्ली का मूल कार्य क्या है ?
उत्तर-
कोशिका झिल्ली विभिन्न पदार्थों के कोशिका में आवागमन का नियमन करती है।

प्रश्न 15.
सबसे छोटे आकार के कोशिकांग का नाम लिखिए।
उत्तर-
राइबोसोम (Ribosome)।

प्रश्न 16.
कौन-सा कोशिकांग आत्मघाती थैला कहलाता है ?
उत्तर-
लाइसोसोम (Lysosome)।

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प्रश्न 17.
सबसे बड़े कोशिकांग का नाम लिखिए।
उत्तर-
प्लैस्टिड (Plastid) ।

प्रश्न 18.
कोशिका केंद्र किस कोशिकांग को कहते हैं ?
उत्तर-
सैंट्रोसोम (Centrosome)।

प्रश्न 19.
अंग क्या है ?
उत्तर-
अंग – जानवरों और पौधों के शरीर के विभिन्न भागों को अंग कहते हैं।

प्रश्न 20.
कोशिका ‘Cell’ शब्द किसने कहा ?
उत्तर-
रॉबर्ट हुक (Robert Hooke)।

प्रश्न 21.
रॉबर्ट हुक ने ‘कोशिका’ नाम क्यों दिया ?
उत्तर-
रॉबर्ट ने कार्क की स्लाइस में कोष्ठयुक्त बक्से देखे जो मधुमक्खी के छत्ते के समान थे। उसने इस काष्ठ को ‘कोशिका’ का नाम दिया।

प्रश्न 22.
पौधे के कुछ भागों के नाम लिखिए।
उत्तर-
जड़ें, तना, पत्ते, फूल, फल ।

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प्रश्न 23.
एक कौशिक जीवों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
अमीबा, पैरामीशियम, जीवाणु आदि।

प्रश्न 24.
सबसे छोटी कोशिका का आकार क्या है ?
उत्तर-
0.1 माइक्रोन (μm) अर्थात् मिली मीटर का एक हज़ारवाँ भाग।

प्रश्न 25.
मुर्गी के अंडे का पीला भाग क्या है ?
उत्तर-
यह एक कोशिका है।

प्रश्न 26.
सबसे बड़ी कोशिका का आकार कितना है, जिसे नंगी आँख से देखा जा सके ?
उत्तर-
170 mm.

प्रश्न 27.
कोशिकांग क्या हैं ?
उत्तर-
कोशिकांग – कोशिका के घटक कोशिकांग हैं।

प्रश्न 28.
कोशिका झिल्ली, कोशिका में क्या काम करती है ?
उत्तर-
कोशिका झिल्ली एक द्रव्य का परिबद्ध करती है, जिसे कोशिका द्रव्य कहते हैं।

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प्रश्न 29.
कोशिका द्रव्य के मुख्य चार तत्त्वों के नाम लिखिए।
उत्तर-
कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन।

प्रश्न 30.
केंद्रक द्रव्य क्या है ?
उत्तर-
केंद्रक में पाया जाने वाला द्रव्य।

प्रश्न 31.
कोशिका के कार्यों को कौन नियंत्रित करता है ?
उत्तर-
केंद्रक।

प्रश्न 32.
क्रोमोसोम क्या करते हैं ?
उत्तर-
क्रोमोसोम – क्रोमोसोम आनुवंशिक गुणों और लक्षणों को जनक से अगली पीढ़ी में स्थानांतरित करते हैं।

प्रश्न 33.
हरित लवक (Chloroplast) क्या है ?
उत्तर-
पौधे में हरे प्लैस्टिड हरित लवक कहलाते हैं।

प्रश्न 34.
माइटोकांड्रिया का आकार क्या है ?
उत्तर-
छड़ीनुमा अथवा गोलाकार ।

प्रश्न 35.
कोशिका का शक्ति घर कौन-सा है ?
उत्तर-
माइटोकांड्रिया।

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प्रश्न 36.
उस एक कोशिका का नाम बताओ जिसके सिलिया (Cilia) होते हैं ?
उत्तर-
पैरामीशियम।

प्रश्न 37.
कोशिका के नष्ट होने पर क्या होता है ?
उत्तर-
इससे अंग तंत्र और समष्टि के कार्य प्रभावित हो सकते हैं।

प्रश्न 38.
कोशिका की संख्या और आकार के वृद्धि से क्या होता है ?
उत्तर-
सजीव की वृद्धि होती है।

प्रश्न 39.
हुक को कार्क के पतले स्लाइस क्यों लेने पड़े ?
उत्तर-
क्योंकि ठोस कार्क जानकारी नहीं मिलती थी।

प्रश्न 40.
हुक ने कार्क का प्रेक्षण कहाँ दर्शाया ?
उत्तर-
लंडन की रायल सोसायटी में।

प्रश्न 41.
एक कोशिकीय सजीवों को एक कोशिक जीव भी कहते हैं ?
उत्तर-
सत्य।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 42.
उस कोशिका का नाम लिखो जिसकी संरचना शाखित है।
उत्तर-
तंत्रिका कोशिका।

प्रश्न 43.
कौन-सी कोशिका नंगी आँख से देखी जा सकती है ?
उत्तर-
शुतुरमुर्ग का अंडा।

प्रश्न 44.
जंतु कोशिका की सबसे बाह्य परत का नाम क्या है ?
उत्तर-
कोशिका झिल्ली।

प्रश्न 45.
माइटोकांड्रिया कोशिका में क्या कार्य करता है ?
उत्तर-
यह कोशिका को सभी क्रियाओं के लिए ऊर्जा देते हैं।

प्रश्न 46.
पौधों में सबसे बाह्य परत कौन-सी है ?
उत्तर-
कोशिका भित्ति।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 47.
सजीव कोशिकाओं की आकार सीमा क्या है ?
उत्तर-
प्लूयरोन्यूमोनिया का आकार (0.1dμm है और शुतुरमुर्ग में इसका आकार 170 × 135 mm है।

प्रश्न 48.
कोशिका का आकार किस बात पर निर्भर करता है ?
उत्तर-
कोशिका का आकार उनके कार्य पर निर्भर करता है। उदाहरण कुछ तांत्रिका कोशिकाएं 1 मीटर से भी लंबी होती हैं।

प्रश्न 49.
यूकेरियोटिक में जीवद्रव्य (प्रोटोप्लाज्म) किन भागों से बनता है?
उत्तर-
केंद्रक और कोशिका द्रव्य से जीवद्रव्य बनता है।

प्रश्न 50.
कोशिका विभाजन के समय केंद्रक में क्रोमैटिन पदार्थ का क्या होता है ?
उत्तर-
कोशिका विभाजन के समय क्रोमैटिन पदार्थ संघनिन होकर कुंडलित धागे बनाता है, जिन्हें क्रोमोसोम कहते हैं।

प्रश्न 51.
किन्हीं दो एक कोशिक सजीवों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. अमीबा,
  2. पैरामीशियम।

प्रश्न 52.
अमीबा का आकार क्या है ?
उत्तर-
अमीबा का निश्चित आकार नहीं है अर्थात् अनिश्चित आकार।

प्रश्न 53.
उस मानव कोशिका का नाम बताओ जो आकार बदलता है ।
उत्तर-
श्वेत रक्त कोशिका (WBC)।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 54.
मानव RBC का आकार क्या है ?
उत्तर-
7 μm.

प्रश्न 55.
सजीवों के दो मुख्य लक्षण बताओ।
उत्तर-

  1. श्वसन
  2. पोषण।

प्रश्न 56.
मानव शरीर में कितनी कोशिकाएँ पाई जाती हैं ?
उत्तर-
1014 (1000 खरब)।

प्रश्न 57.
कोशिकाओं की मुख्य आकृतियाँ कौन-सी हैं ?
उत्तर-
गोलाकार, घनाकार तथा स्तंभाकार।

प्रश्न 58.
कोशिका झिल्ली किस पदार्थ की बनी होती है ?
उत्तर-
वसा तथा प्रोटीन की।

प्रश्न 59.
कोशिकाओं के कार्यों को कौन-सा भाग नियंत्रित करता है ?
उत्तर-
केंद्रक।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 60.
आनुवंशिक गुणों का वाहक कौन-सा है ?
उत्तर-
गुणसूत्र।

प्रश्न 61.
गुणसूत्र किस पदार्थ के बने होते हैं ?
उत्तर-
न्यूक्लियोप्रोटीन से।

प्रश्न 62.
जीन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
सजीवों में आनुवंशिक इकाई को जीन कहते हैं।

प्रश्न 63.
उत्तक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
कोशिकाओं का समूह जो किसी विशेष कार्य को करता है, उत्तक कहलाता है।

प्रश्न 64.
अमीबा के पादाभ का क्या कार्य है ?
उत्तर-
गति तथा भोजन ग्रहण करना।

प्रश्न 65.
गुणसूत्र कब दिखाई देते हैं ?
उत्तर-
कोशिका विभाजन के समय।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कोशिका क्या है ?
उत्तर-
कोशिका (Cell) – जैसे ईंटें सभी प्रकार के घरों की इकाई हैं इसी तरह कोशिका सजीवों की इकाई है। जानवर और पौधे जैसे चींटी, मक्खी, कुत्ता, हाथी, सूर्यमुखी नीम आदि कोशिकाओं से बने हैं।

प्रश्न 2.
कोशिकांगों के नाम लिखो।
उत्तर-
कोशिकांग, कोशिका द्रव्य में सजीव संरचनाएँ हैं। इनके नाम हैं -एंडोप्लाजिमक रेटीकुलम, गाल्जीकॉय, माइटोकांड्रिया, राइबोसोम, लाइसोसोम, परऑक्सीसोम, प्लैस्टिड, सेंट्रोसोम, आदि।

प्रश्न 3.
कोशिका झिल्ली और कोशिका भित्ति में क्या अंतर है ? प्रत्येक के कार्य लिखो।
उत्तर-

गुण कोशिका झिल्ली (Cell membrane) कोशिका भित्ति (Cell wall)
(1) उपस्थिति सभी कोशिकाओं के कोशिका द्रव्य के बाहर या इर्द-गिर्द। पौधों की कोशिका, जीवाणु, नीला, हरा शैवाल, कवक आदि की कोशिका झिल्ली के बाहर।
(2) प्रकृति पतली और आंशिक परागम्य। मोटी और पूर्ण परागम्य।
(3) रसायन लिपोप्रोटीन और तीन तहों वाला। सैलूलोज, पैक्टीन और पानी आदि।
(4) कार्य पदार्थों के कोशिका में आवागमन का नियमन करना। सुरक्षा और आकार प्रदान करना। वाष्पोत्सर्जन का रोकना।

प्रश्न 4.
कौन-सी कोशिका को ‘आत्मघाती थैला’ कहते हैं और क्यों ?
उत्तर-
लाइसोसोम को आत्मघाती थैला कहते हैं क्योंकि यह पाचन में सहायक होते हैं, भोजन भंडारण में मदद करते हैं और कोशिका के अंत पर उसके पाचन में सहायक होते हैं। यह वस्तुओं को पचाने में स्वयं का बलिदान देते हैं, इसीलिए इन्हें आत्मघाती थैला कहते हैं।

प्रश्न 5.
कौन-सा कोशिकांग कोशिका का ‘शक्ति घर’ है, इसके कार्य के बारे में संक्षेप में बताएँ।
उत्तर-
माइटोकांड्रिया को ‘शक्ति घर’ कहते हैं। वायुवयी कोशिका श्वसन में यहाँ ग्लूकोज़ अणु का ऑक्सीकरण होता है और ऊर्जा युक्त ATP अणुओं का उत्पादन होता है। ग्लूकोज़ का एक मोल, वायुवयी श्वसन में 36 ATP अणु उत्पन्न करता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 6.
निम्न शब्दों की परिभाषा लिखिए।
(क) जीव द्रव्य (Protoplasm)
(ख) कोशिका द्रव्य (Cytoplasm)
(ग) केंद्रिका द्रव्य (Nucle)plasm)।
उत्तर-
(क) जीव द्रव्य (Protoplasm) – यह जीवन का आधार है और कोशिका झिल्ली से परिबद्ध होता है। इसमें कोशिका द्रव्य और केंद्रिका द्रव्य दोनों आते हैं।

(ख) कोशिका द्रव्य (Cytoplasm) – यह केंद्रक और कोशिका झिल्ली के बीच पाया जाता है, जिसमें कई छोटे कोशिकांग अथवा अंगक पाए जाते हैं। यहां प्रोटीन का संश्लेषण और ग्लोकोलसिस जैसे प्रक्रम होते हैं।

(ग) केंद्रिका द्रव्य (Nucleoplasm) – यह केंद्रक में पाया जाता है। इसमें क्रोमैटिन पदार्थ और केंद्रिका होते हैं। यह कोशिका विभाजन में तर्कु (spindle) बनाता है।

प्रश्न 7.
पादप और जंतु कोशिकाओं का चित्र बनाइए।
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य 6

प्रश्न 8.
कोशिका के आकार और रूप की विविधता का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
कोशिकाएं आमतौर पर गोलाकार होती हैं परंतु इनमें बहुत विविधता भी भ्याई जाती है। यह घनाकार और स्तनीय हो सकती है। कुछ जंतु कोशिकाएं लंबी और शाखित होती हैं जैसे तंत्रिका कोशिका।

प्रश्न 9.
एक कोशिक और बहु कोशिक जीव क्या हैं ?
उत्तर-
एक कोशिक जीव (Unicellular Organisms) – वे जीव जिनमें केवल एक ही कोशिका होती है, एक कोशिक जीव कहलाते हैं। जैसे अमीबा, पैरामीशियम, कलैमाइडोमोनास, खमीर, यूग्लीना आदि।

बहु कोशिक जीव (Multicellular Organisms) – वे जीव जिनमें कोशिकाओं की संख्या बहुत अधिक होती है बहुकोशिक जीव कहलाते हैं। जैसे मानव, हाइड्रा, कुत्ता, हाथी आदि।

प्रश्न 10.
अंग और अंग-तंत्र से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
अंग (Organ) – ऊतकों का समूह जो शरीर में एक विशेष कार्य करता है, अंग कहलाता है।
अंग तंत्र (Organ System) – अंगों का समूह जो मिलकर सभी कार्य करते हैं, अंग-तंत्र कहलाता है।

प्रश्न 11.
विभिन्न कोशिकाओं के चित्र बनाइए।
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य 7

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 12.
पहली कोशिका की खोज कैसे हुई थी ?
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य 8
रॉबर्ट हुक ने 1665 में कार्क के एक स्लाइस का आवर्धन यंत्र द्वारा अध्ययन किया। कार्क पेड़ की छाल का भाग है। उसने कार्क की पतली स्लाइस ली और सूक्ष्मदर्शी द्वारा उसका अध्ययन किया। उसने उसमें कोष्ठयुक्त अथवा विभाजित बक्से देखे। यह बक्से मधुमक्खी के छत्ते की भांति थे। उसने यह भी देखा एक बक्सा दूसरे बक्से से एक विभाजन पट्टी द्वारा अलग है। उसने इस बॉक्स को ‘कोशिका’ का नाम दिया। अंग्रेज़ी में इसे Cell कहते हैं। जिसका लेटिन में अर्थ है ‘खाली जगह’।

प्रश्न 13.
कोशिकाओं के विभिन्न आकारों का वर्णन करें।
कार्क कोशिकाएँ
उत्तर-
आमतौर पर कोशिकाएँ गोल, चपटी गोल और लंबी होती हैं। कुछ कोशिकाएँ लंबी होती हैं जिनके दोनों सिरे नुकीले होते हैं। इनका आकार तर्कुरूप होता है। कभी-कभी कोशिकाएँ बहुत लंबी और शाखान्वित होती है. जैसे तंत्रिका कोशिका।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य 9

प्रश्न 14.
एक-कोशी तथा बहुकोशी जीवों में अंतर बताओ।
उत्तर-
एक-कोशिकीय तथा बहुकोशिकीय जीवों में अंतर

एक-कोशिकीय जीव (Unicellular Organisms) बहु-कोशिकीय जीव (Multicellular Organisms)
(1) इन जीवों में केवल एक ही कोशिका होती है। (1) इन जीवों में अनेक कोशिकाएं होती हैं।
(2) इनमें एक ही कोशिका जीव के सभी प्रकार्यों को पूरा करती है। (2) इनमें प्रत्येक प्रकार्य कोशिकाओं के एक विशेष समूह द्वारा होता है।
(3) इनमें कशाभ पाए जाते हैं।
उदाहरण-अमीबा, पैरामीशियम
(3) इनमें कशाभ नहीं पाए जाते।
उदाहरण-लगभग सभी जंतु।

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TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
एक कोशिका की बनावट/संरचना का वर्णन करो।
उत्तर-
कोशिका संरचना (Structure of a Cell) – कोशिका जीवन की मूल इकाई है। यह जीवनयापन के प्रत्येक कार्य करने में समर्थ है। सभी कामों को पूरा करने के लिए इसके कई घटक हैं। मुख्यतः कोशिका के तीन भाग हैं-
(1) कोशिका झिल्ली (Cell membrane)
(2) केंद्रक (Nucleus)
(3) कोशिका द्रव्य (Cytoplasm)।

कोशिका द्रव्य कोशिका झिल्ली से ढका होता है और केंद्रिका द्रव्य के साथ जीव द्रव्य की संरचना करता है। एक सामान्य पौधा कोशिका और जंतु कोशिका के चित्र नीचे दिए गए हैं-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य 10

1. कोशिका झिल्ली (Cell or Plasma Membrane) – यह लचकीली और पतली झिल्ली है। इसे प्लाज्मा झिल्ली भी कहते हैं। जंतु कोशिका में यह सबसे बाह्य परत बनाती है, परंतु पादप कोशिका में इसके ऊपर एक और परत उपस्थित होती है। इस बाह्य परत को पादप कोशिका में कोशिका भित्ति कहते हैं।

कोशिका झिल्ली के कार्य

  • यह कोशिका को आकार देती है।
  • यह पदार्थों का कोशिका में आवागमन नियमित करती है।
  • यह भीतरी भागों की सुरक्षा करती है।

2. केंद्रक – कोशिका के केंद्र में पाई जाने वाली गोलाकार या वृत्ताकार संरचना जो कोशिका का नियंत्रण केंद्र है, केंद्रक कहलाती है। केंद्रक के निम्न भाग हैं-
(क) केंद्रिका झिल्ली – यह सरंध्र झिल्ली है, जो कोशिका द्रव्य को केंद्रक के घटक से अलग करती है।

(ख) केंद्रिका द्रव्य-केंद्रक में पाए जाने वाले द्रव्य को केंद्रिका द्रव्य कहते हैं।

(ग) केंद्रिका (Nucleolus ) – न्यूक्लीय प्रोटीन, RNA की बनी गोलाकार संरचना, जो केंद्रक में पाई जाती है, केंद्रिका कहलाती है।

(घ) क्रोमैटिन पदार्थ – कोशिका द्रव्य में धागे जैसी संरचनाओं का जाल सा होता है। यह क्रोमोसोम का एक रूप है और इसमें जींस (Genes) उपस्थित होते हैं।

केंद्रक के कार्य – क्रोमैटिन पदार्थ, गुण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुँचाता है।
इसमें सभी मूल क्रियाओं की जानकारी होती है।

3, कोशिका द्रव्य (Cytoplasm) – यह जैली जैसा द्रव्य कोशिका झिल्ली के भीतर पाया जाता है। छोटी-छोटी संरचनाएँ, जो विभिन्न कार्य करने में सहायक हैं, इसमें पाई जाती हैं। इन संरचनाओं को कोशिकाँग कहते हैं।
इसमें जल, चीनी, खनिज, लिपिड, प्रोटीन आदि भी पाए जाते हैं। कोशिका द्रव्य में पाए जाने वाले कोशिकाँग निम्नलिखित हैं-

(i) माइटोकॉड़िया – यह कोशिका के ‘शक्ति घर’ हैं क्योंकि यह भोजन से ऊर्जा का उत्पादन करते हैं। यह ऊर्जा का भंडारण भी करते हैं। माइट्रोकांड्रिया गोल अथवा वृत्ताकार संरचनाएँ हैं जिनमें दो परतें होती हैं।

(ii) एंडोप्लाज्मिक रेटीकुलम – झिल्ली का जटिल जाल, जो केंद्रक से जुड़ी अथवा अलग हो सकती है, एंड्रोप्लामिक रेटीकुलम कहलाता है। यह जाल केंद्रक से कोशिका झिल्ली तक फैला होता है। यह प्रोटीन संश्लेषण करता है और पदार्थों के स्थानांतरण में सहायक है।

(iii) प्लैस्टिड – ये कोशिकाँग पौधे में पाए जाते हैं। इनके तीन प्रकार हैं-
(क) हरे लवक अथवा क्लोरोप्लास्ट (Chloroplast) – हरे रंग के लवक क्लोरोप्लास्ट कहलाते हैं। हरा रंग क्लोरोफिल नामक वर्णक के कारण होता है। ये कोशिका के ‘रसोईघर’ हैं क्योंकि यहाँ प्रकाश संश्लेषण प्रक्रम होता है अर्थात् भोजन का निर्माण होता है।

(ख) ल्यूकोप्लास्ट ( Leucoplast) – रंग रहित प्लैस्टिड लिकोप्लास्ट कहलाते हैं। यह जड़ों और रूपांतरित भूमिगत तनों में पाए जाते हैं।

(ग) क्रोमोप्लास्ट (Chromoplast) – यह रंगयुक्त प्लैस्टिड है जो फूलों, फलों आदि में पाए जाते हैं।

(iv) गाल्जीकॉय (Golgi bodies) – यह झिल्ली में बंधी व फैली हुई थैलियों का ढेर है। पादप कोशिका में इनको डिक्टीयोसोम कहते हैं। यह स्रावित अंग है।

(v) रिक्तिका (Vacuole) – द्रव्य से भरी संरचनाएँ, रिक्तिका कहलाती हैं। पौधा कोशिका में इनकी संख्या कम और आकार बड़ा होता है, जबकि जंतु कोशिका में इनकी संख्या अधिक और आकार छोटा होता है। यह कोशिका को मज़बूती प्रदान करते हैं। रिक्तिका कूड़ा दान का भी कार्य करता है।

(vi) लाइसोसोम (Lysosomes) – छोटी गोलाकार संरचनाएँ जिनमें केवल एक परत होती है, लाइसोसोम कहलाती हैं। यह विभिन्न वस्तुओं को पाचन अथवा नष्ट करने हेतु स्वयं का बलिदान देते हैं। इसलिए इन्हें आत्मघाती थैले ही कहते हैं। पादप कोशिका में लाइसोसोम नहीं होते।

(vii) राइबोसोम (Ribosomes) – ये छोटी गोल संरचनाएँ होती हैं। ये रेटीकुलम से जुड़ी अथवा स्वतंत्र रहती हैं। इनका मुख्य कार्य प्रोटीन संश्लेषण है।

(viii) सेंट्रोसोम (Centrosome) – यह छड़नुमा संरचना है जो केंद्रक के निकट स्थित होती है तथा कोशिका विभाजन में सहायक होती है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

PSEB 8th Class Science Guide पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की उचित शब्दों द्वारा पूर्ति कीजिए-
(क) वह क्षेत्र जिसमें जंतु अपने प्राकृतिक आवास में संरक्षित होते हैं, …………… कहलाता है।
(ख) किसी क्षेत्र विशेष में पाई जाने वाली स्पीशीज़ ………………………. कहलाती है।
(ग) प्रवासी पक्षी सुदूर क्षेत्रों से ……………………….. परिवर्तन के कारण पलायन करते हैं।
उत्तर-
(क) चिड़ियाघर
(ख) विशेष क्षेत्री स्पीशीज
(ग) जलवायु

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए-
(क) वन्य प्राणी उद्यान एवं जैवमंडलीय आरक्षित क्षेत्र
(ख) चिड़ियाघर एवं अभ्यारण्य
(ग) संकटापन्न एवं विलुप्त स्पीशीज़
(घ) वनस्पतिजात एवं प्राणिजात।
उत्तर-
(क) वन्यप्राणी उद्यान और जैवमंडलीय आरक्षित क्षेत्र में अंतर-
वन्य प्राणी उद्यान – एक ऐसा स्थान जहाँ जंगली जानवरों की सुरक्षा और संरक्षण किया जाता है।

जैवमंडलीय आरक्षित क्षेत्र – वन्य जीवन, पौधों और जंतु संसाधनों और उस क्षेत्र के आदिवासियों के पारंपरिक ढंग से जीवनयापन हेतु विशाल संरक्षित क्षेत्र।

(ख) चिड़ियाघर एवं अभ्यारण्य में अंतर-
चिड़ियाघर – ऐसा स्थान जहाँ जानवर अपने प्राकृतिक आवास में सुरक्षित रहते हैं।
अभ्यारण्य – वह क्षेत्र जहाँ जंतु और उनके आवास को संरक्षित रखा जाता है।

(ग) संकटापन्न एवं विलुप्त स्पीशीज़ में अंतर-
संकटापन्न स्पीशीज़ – वे जंतु जिनकी संख्या एक निर्धारित स्तर से कम होती जा रही है और वे विलुप्त हो सकते हैं।
विलुप्त स्पीशीज़ – वे जंतु जो पृथ्वी से विलुप्त हो चुके हैं।

(घ) वनस्पतिजात और प्राणिजात में अंतर-
वनस्पतिजात – किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़-पौधों का समूह ।
प्राणिजात – किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले जीव-जंतुओं का समूह ।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

प्रश्न 3.
वनोन्मूलन का निम्न पर क्या प्रभाव पड़ता है, चर्चा कीजिए-
(क) वन्य प्राणी
(ख) पर्यावरण
(ग) गाँव ( ग्रामीण क्षेत्र)
(घ) शहर (शहरी क्षेत्र)
(ङ) पृथ्वी (च) अगली पीढ़ी।
उत्तर-
(क) वन्य प्राणियों पर वनोन्मूलन का प्रभाव-पेड़ – पौधे जंगली जानवरों को आवास और भोजन प्रदान करते हैं। वनोन्मूलन से प्राकृतिक आवास नष्ट हो जाते हैं और जानवर संकटापन्न स्पीशीज़ बन जाते हैं।

(ख) पर्यावरण पर वनोन्मूलन का प्रभाव – वनोन्मूलन से वातावरण में ऑक्सीजन की कमी आ जाती है। वर्षा और भूमि की उर्वरता में भी कमी आती है। इस कारण प्राकृतिक आपदाओं (बाढ़ और सूखा) की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

(ग ) गाँव ( ग्रामीण क्षेत्र) पर वनोन्मूलन का प्रभाव – अधिकतर कृषि गाँवों में होती है। जब वनोन्मूलन होता है तो भूमि की गुणवत्ता में परिवर्तन आता है।

(घ) शहर (शहरी क्षेत्र ) पर वनोन्मूलन का प्रभाव – शहरों में उद्योग और वाहन बहुत मात्रा में चलते हैं। यदि वनोन्मूलन होगा तो पर्यावरण दूषित हो जाएगा और शहरों में जिंदगी स्वस्थ नहीं रहेगी।

(ङ) पृथ्वी पर वनोन्मूलन का प्रभाव – वनोन्मूलन से प्राकृतिक आपदाओं की संभावना बढ़ती है। वनोन्मूलन से विश्व ऊष्मण में वृद्धि होती है। कम पेड़ों का अर्थ है, मृदा अपरदन।

(च) अगली पीढ़ी पर वनोन्मूलन का प्रभाव – वनोन्मूलन से पर्यावरण में परिवर्तन आते हैं जिससे अगली पीढ़ी पर बहुत प्रभाव पड़ता है। पर्यावरण प्रदूषित हो जाता है। इसलिए अगली पीढ़ी के लिए वन्य संपदा नहीं बचेगी।

प्रश्न 4.
क्या होगा यदि-
(क) हम वृक्षों की कटाई करते रहे ?
(ख) किसी जंतु का आवास बाधित हो ?
(ग) मिट्टी की ऊपरी परत अनावरित हो जाए ?
उत्तर-
(क) यदि वृक्षों की कटाई ऐसे ही होती रही तो वर्षा और भूमि की उर्वरकता में कमी आ जाएगी और प्राकृतिक आपदाओं (बाढ़ और सूखा) की संभावनाएँ बढ़ जाएँगी।

(ख) किसी जंतु के आवास के नष्ट होने से बढ़ती हुई जनसंख्या को जल और भोजन की उचित प्राप्ति नहीं होगी और वह स्पीशीज़, संकटापन्न जाति में आ सकती है।

(ग) मृदा की ऊपरी परत हटाने से मृदा में ह्यूमस की कमी होती है और उर्वरकता में कमी आ जाती है। धीरेधीरे उर्वर-भूमि मरुस्थल में परिवर्तित हो जाती है। इसे मरुस्थलीकरण कहते हैं।

प्रश्न 5.
संक्षेप में उत्तर दीजिए-
(क) हमें जैव विविधता का संरक्षण क्यों करना चाहिए ?
(ख) संरक्षित वन भी वन्य जंतुओं के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं है, क्यों ?
(ग) कुछ आदिवासी वन (जंगल) पर निर्भर करते हैं। कैसे ?
(घ) वनोन्मूलन के कारक और उनके प्रभाव क्या हैं ?
(ङ) रेड डाटा पुस्तक क्या है ?
(च) प्रवास से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
(क) जैव विविधता का अर्थ है किसी क्षेत्र विशेष में पाए जाने वाले सभी पौधों, जंतुओं और सूक्ष्मजीवों को विभिन्न प्रजातियाँ। जंतु जो पौधों पर आश्रित हैं वे भी अपनी आदतों पर निर्भर करते हैं जैसे कि वाल पांडा बैंबू डंडी खाना पसंद करता है और ऑस्ट्रेलिया का कुळाला भालू सफेदे के पत्ते ही खाना पसंद करता है। पक्षी और बारहसिंघा की भी विशेष खाने की आदतें होती हैं। वन में विभिन्न पौधे प्रत्येक की आवश्यकता पूरी करने में समर्थ होते हैं। इससे शाकाहारी को भोजन मिलता है, भोजन श्रृंखला मज़बूत होती है। इसलिए जंतुओं के संरक्षण के लिए विविध पेड़-पौधों का संरक्षण भी अति आवश्यक है।

(ख) संरक्षित वन भी जीवों के लिए संरक्षित नहीं रहे क्योंकि इनके आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोग वनों का अतिक्रमण करके उन्हें नष्ट कर देते हैं।

(ग) कुछ आदिवासी जातियाँ वनों पर निर्भर होती हैं। सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान की चट्टानों में आवास के प्रागैतिहासिक प्रमाण मिले हैं जिनसे आदिमानव के जीवनयापन के बारे में पता चलता है।

चट्टानों पर कुछ कलाकृतियाँ जैसे लड़ते हुए मनुष्य और जानवर का शिकार, नृत्य एवं वाद्ययंत्रों को बजाते हुए दर्शाया गया है। बाघ और लोगों के समूहों की कलाकृतियाँ भी इन चट्टानों पर पाई गई हैं। कई आदिवासी आज भी जंगलों में रहते हैं।

(घ) वनोन्मूलन के कारण – लोगों के बदलते जीवन स्तर और तकनीकी वृद्धि से वनों के उपयोग में अत्यधिक वृद्धि हुई है। अपने आराम और सुविधाओं के लिए वृक्षों की कटाई के निम्न उद्देश्य हैं-

  1. जनसंख्या वृद्धि के कारण घर बनाने की लकड़ी के लिए।
  2. कृषि भूमि के लिए।
  3. सड़कें और बाँधों के निर्माण के लिए।
  4. पशुओं के अतिचरण के लिए।
  5. खानों में वृद्धि के लिए।

वनोन्मूलन के प्रभाव – वनोन्मूलन के मुख्य दुष्प्रभाव हैं-

  1. ऑक्सीजन/कार्बन डाइऑक्साइड के अनुपात का असंतुलन
  2. अधिक बाढ़ें
  3. भू-स्ख लन
  4. जलवायु परिवर्तन
  5. वन में रहने वाले पशु-पक्षियों का नष्ट होना या प्रवास करना
  6. स्थलीय जल में कमी
  7. दवाइयों वाले पौधे नष्ट हो जाते हैं
  8. भूमि की उर्वरकता में कमी
  9. लकड़ी और रबड़ उद्योगों में गिरावट।

(ङ) रेड डाटा पुस्तक – यह पुस्तक संकटापन्न स्पीशीज़ के रिकार्ड का स्रोत है। पौधे, जंतुओं और अन्य स्पीशीज़ के लिए अलग-अलग रेड डाटा पुस्तकें हैं।

(च) प्रवास (Migration) – कुछ स्पीशीज़ों द्वारा अपने आवास से किसी निश्चित समय में बहुत दूर जाना प्रवास कहलाता है। प्रवास अधिकतर पक्षियों में पाया जाता है। पक्षी जलवायु परिवर्तन के कारण प्रवास करते हैं जैसे चपटे सिर वाली बतख, सुरखराब आदि प्रवासी पक्षी हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

प्रश्न 6.
फैक्टरियों एवं आवास की माँग की आपूर्ति हेतु वनों की अनवरत कटाई हो रही है। क्या इन परियोजनाओं के लिए वृक्षों की कटाई न्यायसंगत है ? इस पर चर्चा कीजिए तथा एक संक्षिप्त रिपोर्ट तैयार कीजिए।
उत्तर-
इन परियोजनाओं के लिए वृक्ष काटना न्यायपूर्वक नहीं है। बाकी विद्यार्थी स्वयं कक्षा में चर्चा करें।

प्रश्न 7.
अपने स्थानीय क्षेत्र में हरियाली बनाए रखने में आप किस प्रकार योगदान दे सकते हैं ? अपने द्वारा की जाने वाली क्रियाओं की सूची तैयार कीजिए।
उत्तर-
हरी संपदा का रख-रखाव-

  1. सड़कों के दोनों ओर वृक्ष लगाने चाहिएं।
  2. वनों के काटने पर रोकथाम लगानी चाहिएं।
  3. सरकार को अधिक वृक्ष काटने पर रोक लगाने के कानून बनाने चाहिएं।
  4. विशेष क्षेत्रों में पार्क (उदयान) बनाने चाहिएं।

प्रश्न 8.
वनोन्मूलन से वर्षा दर किस प्रकार कम हुई है ? समझाइए।
उत्तर-
वन वर्षा लाने में सहायक होते हैं। इसलिए वनोन्मूलन से वर्षा में कमी आती है और भूमि की उर्वरकता में कमी आती है। जिस कारण प्राकृतिक आपदाएँ आने की संभावनाएँ बढ़ गई हैं।

प्रश्न 9.
अपने राज्य के राष्ट्रीय उद्यानों के विषय में सूचना एकत्र कीजिए। भारत के रेखा मानचित्र में उनकी स्थिति दर्शाइए।
उत्तर-
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 10.
हमें कागज़ की बचत क्यों करनी चाहिए ? उन कार्यों की सूची बनाइए जिनके द्वारा आप कागज़ की बचत कर सकते हैं ?
उत्तर-
एक टन कागज़ की उत्पत्ति के लिए 17 हरे-भरे पेड़ चाहिएं। इसलिए हमें कागज़ की बचत करनी चाहिए। कागज़ का 5-7 बार पुनःचक्रण हो सकता है। हमें कागज़ को बचाना चाहिए, उपयोग में आए कागज़ को पुन:उपयोग में लाना चाहिए और पुनः चक्र करना चाहिए। इससे वनों के साथ-साथ पानी और ऊर्जा की बचत होती है। हानिकारक रसायनों के उपयोग में भी कमी आती है।

प्रश्न 11.
दी गई शब्द पहेली को पूरा कीजिएऊपर से नीचे की ओर
(1) विलुप्त स्पीशीज़ की सूचना वाली पुस्तकं
(2) पौधों, जंतुओं एवं सूक्ष्मजीवों की किस्में एवं विभिन्नताएँ।

बाईं से दाईं ओर-
(2) पृथ्वी का वह भाग, जिसमें सजीव पाए जाते हैं
(3) विलुप्त हुए स्पीशीज़
(4) एक विशिष्ट आवास में पाई जाने वाली।
स्पीशीज़
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण 1
उत्तर-
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PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

PSEB Solutions for Class 8 Science पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थान भरो-

(i) पृथ्वी की ऊपरी मिट्टी की परत का हटना …………………. कहलाता है।
उत्तर-
मृदा अपरदन

(ii) वन में पाए जाने वाले जंगली पौधे और जंतु ……………………. कहलाते हैं।
उत्तर-
वन्य जंतु

(iii) पौधों को …………………. गैस प्रकाश संश्लेषण के लिए चाहिए।
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड

(iv) उर्वर भूमि का रेगिस्तान में परिवर्तन होना …………………… कहलाता है।
उत्तर-
मरुस्थलीकरण

(v) ………………….. वह क्षेत्र है, जहाँ सजीवों का आवास है और जीवन को सहारा देता है।
उत्तर-
जैव-मंडल

(vi) ……………………. से तात्पर्य है पृथ्वी पर पाई जाने वाली विभिन्न प्रजातियाँ।
उत्तर-
जैव-विविधता

(vii) किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पशु-पक्षी और जीव-जंतु और ………………………. कहलाते हैं।
उत्तर-
वनस्पति जात, प्राणिजात

(viii) पंचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र में एक राष्ट्रीय उद्यान ………………….. , दो वन्य जंतु अभ्यारण्य और ……………………… आते हैं।
उत्तर-
सतपुड़ा, बोरी, पंचमढ़ी

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(ix) एक विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले स्पीशीज़ को ……………………. कहते हैं।
उत्तर-
विशेष क्षेत्री स्पीशीज़

(x) …………………… सजीवों की समष्टि का समूह है, जो एक-दूसरे से अंतर्जनन करने में सक्षम होते हैं।
उत्तर-
स्पीशीज़।

प्रश्न 2.
वनोन्मूलन की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
वनों का काटना और उस भूमि का उपयोग दूसरे उद्देश्यों के लिए करना वनोन्मूलन कहलाता है।

प्रश्न 3.
वनोन्मूलन के प्राकृतिक कारक बताइए।
उत्तर-
दावानल और भीषण सूखा वनोन्मूलन के प्राकृतिक कारक हैं।

प्रश्न 4.
वर्षा और भूमि की उर्वरकता में कमी के क्या प्रभाव हैं ?
उत्तर-
इनसे प्राकृतिक आपदाओं (बाढ़ और सूखा) की संभावना बढ़ती है।

प्रश्न 5.
प्रकाश संश्लेषण के लिए पौधों को कौन-सी गैस की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
पौधों को कार्बन डाइऑक्साइड की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 6.
पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड गैस की वृद्धि से क्या होगा ?
उत्तर-
इससे विश्व ऊष्मण होगा।

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प्रश्न 7.
सूखा का क्या कारण है ?
उत्तर-
भूमि पर ताप में वृद्धि से सूखा पड़ता है।

प्रश्न 8.
मरुस्थलीकरण की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
मरुस्थलीकरण – उर्वर भूमि का रेगिस्तान में परिवर्तन, मरुस्थलीकरण कहलाता है।

प्रश्न 9.
उस स्थान का नाम लिखें जहाँ पौधे एवं जंतु ऊपरी हिमालय की श्रृंखलाओं एवं निचले पश्चिमी घाट के समान हैं।
उत्तर-
पंचमढ़ी जैवमंडलीय संरक्षित क्षेत्र।

प्रश्न 10.
सरकार वनों एवं वन्य जंतुओं के संरक्षण के लिए क्या करती है ?
उत्तर-
सरकार संरक्षण और सुरक्षा हेतु नियम, विधियाँ और नीतियाँ बनाती है।

प्रश्न 11.
जैवमंडल क्या है ?
उत्तर-
जैवमंडल – पृथ्वी का वह भाग जिसमें सजीव पाए जाते हैं अथवा जो जीवनयापन योग्य हैं।

प्रश्न 12.
जैव-विविधता की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
जैव-विविधता से तात्पर्य पृथ्वी पर पाए जाने वाले विभिन्न जीवों की प्रजातियों के पारस्परिक संबंध और पर्यावरण से संबंध है।

प्रश्न 13.
जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र क्या है ?
उत्तर-
जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र वे क्षेत्र हैं जहाँ जैव-विविधता की संरक्षणता होती है।

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प्रश्न 14.
पंचमढ़ी में पाए जाने वाले एक राष्ट्रीय उद्यान और दो वन्यजंतु अभ्यारण्यों के नाम लिखिए।
उत्तर-
राष्ट्रीय उद्यान-सतपुड़ा।
वन्यजंतु अभ्यारण्य-बोरी एवं पंचमढ़ी।

प्रश्न 15.
वनस्पतिजात की परिभाषा लिखें।
उत्तर-
किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़-पौधे वनस्पतिजात कहलाते हैं।

प्रश्न 16.
पंचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र के वनस्पतिजात के कुछ उदाहरण दो।
उत्तर-
साल, टीक, आम, जामुन, चाँदी, फर्ना, अर्जुन आदि।

प्रश्न 17.
प्राणिजात की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले जीव-जंतु प्राणिजात कहलाते हैं।

प्रश्न 18.
पंचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र के कुछ प्राणिजात के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
चिनकारा, नीला-बैल, भौंकने वाले हिरण, चीता, जंगली कुत्ता, भेड़िया आदि।

प्रश्न 19.
स्पीशीज़ की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
स्पीशीज़ – स्पीशीज़ सजीवों की समष्टि का वह समूह जो एक-दूसरे से अंतर्जनन करने में सक्षम है।

प्रश्न 20.
विशेष क्षेत्री स्पीशीज़ क्या है ?
उत्तर-
किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले जीव-जंतु, पेड़-पौधे विशेष क्षेत्री स्पीशीज़ (Endemic) कहलाते हैं। यह भौगोलिक क्षेत्र, प्रांत, देश, राज्य कुछ भी हो सकता है।

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प्रश्न 21.
पंचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र के दो विशेष क्षेत्री प्राणिजात के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. भारतीय विशाल गिलहरी,
  2. उड़ने वाली गिलहरी।

प्रश्न 22.
पंचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र के दो विशेष श्रेणी वनस्पतिजात के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. साल
  2. जंगली आम।

प्रश्न 23.
विशेष श्रेणी स्पीशीज़ के आवास को कौन-से कारक प्रभावित करते हैं और उनकी उपस्थिति को संकट में डालते हैं ?
उत्तर-

  1. आवास का नष्ट होना
  2. जनसंख्या वृद्धि
  3. नई स्पीशीज़ को शामिल करना।

प्रश्न 24.
वन्यप्राणी अभ्यारण्य (Wild Life Sanctuaries) क्या है ?
उत्तर-
वे क्षेत्र जहाँ वन्यप्राणी सुरक्षित एवं संरक्षित रखे जाते हैं, वन्यप्राणी अभ्यारण्य कहलाते हैं।

प्रश्न 25.
कुछ संकटापन्न मुख्य जंतुओं के नाम लिखो।
उत्तर-
काली बत्तख, सफेद आँख वाली बत्तख, हाथी, सुनहरी बिल्ली, गुलाबी सिर वाली बतख, घड़ियाल, मार्च मगरमच्छ, अजगर, राइनोसीरस आदि।

प्रश्न 26.
प्राणी उद्यान क्या है ?
उत्तर-
प्राणी उद्यान वे क्षेत्र हैं जहाँ जानवर सुरक्षित रखे जाते हैं।

प्रश्न 27.
राष्ट्रीय उद्यान (National Parks) क्या है ?
उत्तर-
राष्ट्रीय उद्यान, वे आरक्षित क्षेत्र हैं, जहाँ सभी प्रकार के पारितंत्रों की सुरक्षा की जाती है।

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प्रश्न 28.
भारत के पहले आरक्षित क्षेत्र का नाम क्या है ?
उत्तर-
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान ।

प्रश्न 29.
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान में कौन-सा वनस्पतिजात पाया जाता है ?
उत्तर-
सबसे बढ़िया टीक।

प्रश्न 30.
चट्टान शरण (Rock Shelter) कहाँ पाए जाते हैं ?
उत्तर-
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान में चट्टान शरण पाए जाते हैं।

प्रश्न 31.
चट्टान शरण किस बात की जानकारी देते हैं ?
उत्तर-
आदिमानव के जीवनकाल की।

प्रश्न 32.
पंचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र में कितने चट्टान शरण पाए गए हैं ?
उत्तर-
55.

प्रश्न 33.
हमारी सरकार द्वारा ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ कानून कब लागू हुआ ?
उत्तर-
प्रोजेक्ट टाइगर 1 अप्रैल, 1973 में सरकार द्वारा भारतीय टाइगरों की सुरक्षा हेतु लागू हुआ।

प्रश्न 34.
संकटापन्न स्पीशीज़ कौन-सी है ?
उत्तर-
वे स्पीशीज़ अथवा जंतु जिनकी संख्या में कमी हो रही है और विलुप्त होने की संभावना है, संकटापन्न स्पीशीज़ कहलाते हैं।

प्रश्न 35.
किसी एक विलुप्त जानवर का नाम लिखिए।
उत्तर-
डाइनोसॉर।

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प्रश्न 36.
पारितंत्र (Ecosystem) की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
किसी क्षेत्र के सभी पेड़-पौधे, जीव-जंतु, सूक्ष्मजीव और अजैव घटक जैसे जलवायु, मिट्टी, नदियों के डेल्टा आदि से मिलकर बना तंत्र, पारितंत्र कहलाता है।

प्रश्न 37.
रेड डाटा पुस्तक की Website क्या है ?
उत्तर-
W.W.W./gov.in/envis/primates/page 102/htm/new/nwdc/plats. htm.

प्रश्न 38.
उस पक्षी का नाम बताओ जिसने मलेशिया से भारत तक प्रवास किया।
उत्तर-
सुरखाब।

प्रश्न 39.
कुछ प्रवासी पक्षियों के नाम लिखिए।
उत्तर-
सुरखाब, चपटे सिर वाली बत्तख़, ग्रेट कोमोनैट।

प्रश्न 40.
प्रवासी पक्षी क्या है ?
उत्तर-
प्रवाम पक्षी. वे पक्षी हैं, जो जलवायु परिवर्तन के कारण एक जगह से दूसरी जगह तक लंबा रास्ता तय पहनते हैं।

प्रश्न 41.
एक टन कागज़ की उत्पत्ति के लिए कितने पेड़ों की ज़रूरत होती है ?
उत्तर-
लगभग 17 पूरी तरह फैले हुए हरे-भरे पेड़।

प्रश्न 42.
पुनर्वनरोपण (Reforestation) क्या है ?
उत्तर-
पुनर्वनरोपण नष्ट किए गए पेड़ों की जगह नए पेड़ उगाना है।

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प्रश्न 43.
वनोन्मूलन की दो हानियाँ लिखो। उत्तर-प्रदूषण का बढ़ना, वायुमंडल का तापमान बढ़ना, वायु में कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा बढ़ना।

प्रश्न 44.
विश्व ऊष्णन क्या है ?
उत्तर-
वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ने से ताप में होने वाली वृद्धि को विश्व ऊष्णन कहते हैं।

प्रश्न 45.
वनों के काटने से वर्षा व जल-चक्र पर क्या प्रभाव होता है ?
उत्तर-
वनोन्मूलन से जल-चक्र का संतुलन बिगड़ता है, वर्षा में कमी आती है व सूखा पड़ता है।

प्रश्न 46.
मृदा अपरदन के दुष्प्रभाव लिखो।
उत्तर-
मिट्टी में ह्यूमस की कमी, उर्वरता में कमी व भूमि मरुस्थल बन जाती है।

प्रश्न 47.
मरुस्थलीकरण का मुख्य कारण क्या है ?
उत्तर-
भू-क्षरण।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मृदा अपरदन के कारक लिखिए।
उत्तर-
मृदा अपरदन के कारण-

  1. वायु द्वारा शुष्क ऋतु में हल चलाई हुई ऊपरी परत का उड़ाना।
  2. आंधियाँ।
  3. वनों का कटना और दावानल से मृदा अपरदन आरंभ होता है। मिट्टी नदियों और नालों द्वारा बहकर समुद्रों में एकत्रित हो जाती है।
  4. असुरक्षित खेत हवा और पानी से अपरदित हो जाते हैं।
  5. शहरीकरण से वनस्पति की हानि हुई है।
  6. बिल बनाने वाले जंतु भी मृदा अपरदन में सहायक हैं। यह मिट्टी को ढीला करते हैं जो पानी द्वारा बह सकती है।
  7. मानव क्रिया-कलाप जैसे पेड़ों को काटना, अतिचारण, फसलों का अधिक उगाना और गलत तरीके से खेतीबाड़ी करके मृदा अपरदन बढ़ता है।

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प्रश्न 2.
मिट्टी का संरक्षण कैसे कर सकते हैं ?
उत्तर-
मिट्टी का संरक्षण-

  1. वनोन्मूलन को रोकना, अतिचारण को रोकना और नदियों तथा नालों द्वारा मिट्टी को बहने से रोकना।
  2. अधिक फसल उगाने से मृदा अपरदन रुक सकती है, क्योंकि फसल मृदा को बांधे रखती है।
  3. खेतों के इर्द-गिर्द बंध (Bunds) वर्षा के पानी को रोकते हैं और खनिजों के बहने पर भी रोक लगाते हैं।
  4. सिंचाई की नालियों में पानी की गति कम होनी चाहिए।
  5. वर्षा के पानी के लिए उत्सर्जित नहरें खेतों को मृदा अपरदन से बचाती हैं।
  6. सीढ़ीनुमा खेती भी मिट्टी का संरक्षण करती है।
  7. वायु से मिट्टी का संरक्षण पेड़ लगाकर और घास उगाकर किया जा सकता है। खेत के किनारे पेड़ों की कतार वायुरोधक का काम करती है।

प्रश्न 3.
वन्य जीवन की महत्ता लिखिए।
उत्तर-
वन्य जीवन की महत्ता-

  1. पौधे, जंतु और सूक्ष्मजीव कई वस्तुएँ देते हैं।
  2. भोजन श्रृंखला और प्राकृतिक चक्रों द्वारा पर्यावरण संतुलन बना रहता है।
  3. प्रजनन के लिए ‘जीन बैंक’ का रख-रखाव।
  4. वन्य जंतु मनोरंजन के साधन हैं।
  5. यह कवियों और कला प्रेमियों को उत्साहित करते हैं।
  6. नैतिक मूल्य के लिए।

प्रश्न 4.
संकटापन्न (Endangered) और सुमेय (Vulnerable) स्पीशीज़ में अंतर लिखिए।
उत्तर-
संकटापन्न और सुमेय स्पीशीज़ में अंतर-

संकटापन्न स्पीशीज़ सुमेद्य स्पीशीज़ ( असुरक्षित)
(1) इनके खत्म होने और विलुप्त होने का डर अत्यधिक है। (1) इनका खत्म होने का डर है।
(2) ये विलुप्त हो चुके हैं। (2) यह संकटापन्न स्पीशीज़ में आ सकती है।

प्रश्न 5.
जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र का वर्णन करें।
उत्तर-
जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र – यह विशेष क्षेत्र है जिसका उपयोग बहु-उद्देश्यों के लिए किया जाता है। इसके लिए इस क्षेत्र के विभिन्न भाग पृथक् करते हैं और प्रत्येक भाग एक विशेष कार्य के लिए निश्चित किया जाता है।

UNESCO के मानव और जैवमंडल प्रोग्राम (MBA) ने जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र का संकल्प (Concept) दिया।

प्रश्न 6.
संकटापन्न स्पीशीज़ (Endangered Species) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
संकटापन्न स्पीशीज़-वह स्पीशीज़ जो विलुप्त होने की कगार पर हैं और इनका जीवन मुश्किल है। अब इन स्पीशीज़ की कुछ ही संख्या जीवित है। यह जल्दी ही विलुप्त हो सकते हैं जैसे कि विशाल भारतीय वसटर्ड पक्षी जो कि राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में रहता है, संकटापन्न पक्षी है।

प्रश्न 7.
विश्व ऊष्मण के कारण क्या हैं ?
उत्तर-
विश्व ऊष्मण के कारण-पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड और कुछ अन्य गैसों की वृद्धि के फलस्वरूप पर्यावरण के ताप में वृद्धि होने से धरती का वातावरण गर्म हो गया है अर्थात् विश्व ऊष्मण हुआ है।

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प्रश्न 8.
वन महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक स्त्रोत क्यों माने जाते हैं ?
उत्तर-
पृथ्वी पर वन महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक स्रोत माने जाते हैं क्योंकि ये-

  1. वायु में ऑक्सीजन और CO2 का संतुलन रखते हैं और जीवन का आधार हैं।
  2. वर्षा लाने में सहायक हैं।
  3. जलवायु नियंत्रित करते हैं।
  4. भूमिगत जल की आपूर्ति करते हैं।
  5. बाढ़ें रोकते हैं।
  6. मृदा अपरदन रोकते हैं।
  7. कई दवाइयों के स्रोत हैं।
  8. वर्षा जल से मृदा को बहने से रोकते हैं।
  9. कई पादप उत्पाद जैसे रबड़, गोंद, रेसिन, शहद, लाख, कत्था आदि के स्रोत हैं।
  10. वन्य प्राणियों का आश्रय है, जो आदिवासियों के भोजन का मुख्य साधन हैं।

प्रश्न 9.
वनों के संरक्षण के लिए कौन-से उपाय करने चाहिए ?
उत्तर-
वनों के संरक्षण के उपाय – आधुनिक समय में मानव अपनी ज़रूरतों के आधार पर प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक उपयोग कर रहा है। यदि वनों को अपने आराम के लिए पूरी तरह काट दिया तो पृथ्वी से मानव जाति हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी। वनों के संरक्षण के लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिएं-

  1. अधिक पौधे लगाएँ।
  2. पादप उत्पादों का विवेकतापूर्ण उपयोग करें।
  3. पशुओं द्वारा अतिचारण रोकें।
  4. वनों में और वनों के इर्द-गिर्द खाने खोदने और उद्योग लगाने के नियम लागू करने चाहिए।
  5. वन पौधशालाएँ बना कर।

प्रश्न 10.
पौधे मृदा अपरदन कैसे रोकते हैं ?
उत्तर-
पौधों की जड़ें मिट्टी के कणों को बाँधकर रखती हैं। इसलिए यह कण पानी अथवा हवा के साथ नहीं बहते। इस तरह पौधे मृदा अपरदन को रोकते हैं।

प्रश्न 11.
वनों में विविध पौधों का होना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
वनों में विविध पौधों की उपस्थिति के कारण हैं-

  1. जानवरों की विशेष भोजन आदतें।
  2. मानव और जानवरों दोनों की जरूरतों की आपूर्ति।
  3. कई जीवों का आवास।
  4. वनों में जानवरों के जीवन के लिए स्थित विविध भोजन शृंखला/भोजन जाल प्रदान करके।

प्रश्न 12.
पाँच राष्ट्रीय पार्कों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. कार्बेट राष्ट्रीय पार्क – उत्तराखंड।
  2. कान्हा राष्ट्रीय पार्क – मध्यप्रदेश।
  3. संजय राष्ट्रीय पार्क – महाराष्ट्र।
  4. परियार राष्ट्रीय पार्क – केरल।
  5. बमुघाटा राष्ट्रीय पार्क – कर्नाटक।

प्रश्न 13.
वर्णन कीजिए कि वनोन्मूलन भूमिगत जल स्रोत की कमी में कैसे सहायक है ?
उत्तर-
वनस्पति में पानी को रोकने का सामर्थ्य होता है, जिससे भूमिगत जल की आपूर्ति होती है। आधुनिक समय में बड़े-बड़े वनों के क्षेत्रों को कई उद्देश्यों के लिए काटकर साफ कर दिया गया है। अतिचारण से भी वनस्पति नष्ट हुई है। इससे अनउपजाऊ भूमि बनी है जिसमें जल को पकड़कर रखने की क्षमता नहीं है। इस कारण भूमिगत जल स्रोतों में कमी आई है।

प्रश्न 14.
वनों के संरक्षण से अभिप्राय है वायु, जल और मिट्टी का संरक्षण। वर्णन करें।
उत्तर-
वन एक जटिल जैवमंडलीय तंत्र हैं। चाहे यह स्वयं (Sufficient) है फिर भी यह दूसरे निम्नीकरण पदार्थों पर अपने रख-रखाव के लिए निर्भर करता है। इसलिए वनों की सुरक्षा के लिए वायु, मिट्टी और जल का संरक्षण अति आवश्यक है। वन जलवायु परिस्थितियों पर निर्भर करते हैं। समय-समय पर भौगोलिक परिवर्तन जैसे बाँध बनाना और खाने खोदना। इससे उस क्षेत्र के वनों पर पर्यावरण नष्ट होने से बुरा प्रभाव पड़ता है। उद्योगों द्वारा फैले वायु प्रदूषण का दुष्प्रभाव वनों पर बहुत है, जवकि उद्योग मीलों दूर होते हैं।

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प्रश्न 15.
आवास में व्यवधान वन्य जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं ?
उत्तर-
जानवरों और पौधों का अपने आवास के साथ गहरा रिश्ता होता है। कई खास सजीव एक खास पर्यावरण में ही जीवित रह सकते हैं। सुनहरी शेर, ब्राज़ील के वर्षावनों के छोटे क्षेत्र पाए जाते थे। यह उनका प्राकृतिक आवास था। जब यह क्षेत्र नष्ट हो गया तो सुनहरा शेर बेघर हो गया। ब्राज़ील के कई और वर्षावन हैं, परंतु कुछ सुनहरी शेर प्राणी उद्यानों (Zoos) में जीवित हैं, लेकिन वे कभी भी अपने जंगली आवास में लौट नहीं पाएँगे। जब एक वन खत्म होता है तो बड़ी संख्या में जंतु संकटापन्न होते हैं अथवा विलुप्त हो जाते हैं।

प्रश्न 16.
कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान के सात वन्य जंतुओं के नाम लिखो जो विलुप्त होने की कगार पर हैं।
उत्तर-
बर्फीला तेंदुआ, बदली तेंदुआ, मार्बल बिल्ली, हिमालय काला भालू, लाल पांडा, नीली भेड़, मस्क हिरण, सिरोड़ा हरा कबूतर आदि।

प्रश्न 17.
पारितंत्र (Ecosystem) क्या है ?
उत्तर-
पारितंत्र – जैविक घटक और भौतिक पर्यावरण (अजैविक घटकों) के पारस्परिक संयोग से बने तंत्र को पारितंत्र कहते हैं। यह प्राकृतिक और कृत्रिम हो सकता है। यह अस्थायी जैसे फसली खेत अथवा स्थायी जैसे जंगल हो सकता है। पारितंत्र बहुत विशाल जैसे समुद्र और वन अथवा इतना छोटा जैसे लकड़ी भी हो सकता है। अतः पारितंत्र पर्यावरण की संरचनात्मक और कार्यात्मक इकाई है, जिसकी एक पहचान है।
पारितंत्र जैविक और अजैविक घटकों का समूह है जहाँ दोनों एक-दूसरे से प्रभावित हैं।

प्रश्न 18.
सिल्वी कलचर (Silviculture) की क्या महत्ता है ?
उत्तर-
सिल्वी कलचर – यह एक मुख्य प्रोजेक्ट है जिसका आरंभ पुनर्वनरोपण से है। इसकी दो विशेषताएँ हैं-

  1. कच्ची सामग्री के उत्पादन में वृद्धि ।
  2. वन क्षेत्रों में वृद्धि।

प्रश्न 19.
जैवमंडल आरक्षित क्षेत्रों के कार्य क्या हैं ?
उत्तर-
जैवमंडल आरक्षित क्षेत्रों के कार्य-

  1. यह उस जगह की जैव विविधता का संतुलन रखते हैं।
  2. क्षेत्र की संस्कृति कायम रखते हैं।
  3. यह कई अन्य क्षेत्रों को भी आरक्षित करते हैं।

प्रश्न 20.
कुछ जानवरों के नाम लिखो, जिन्हें वन्यजीव अभ्यारण्य में संरक्षित किया जाता है ? भारतीय अभ्यारण्य क्या दर्शाते हैं ?
उत्तर-
कई संकटापन्न जंतु जैसे काली बत्तख, सफेद आँख वाली बत्तख, हाथी, सुनहरी बिल्ली, घड़ियाल, गुलाबी सिर वाली बत्तख, मार्श मगरमच्छ, अजगर, राइनोसीरस आदि वन्य जीवन अभ्यारण्य में सुरक्षित एवं संरक्षित रखे जाते हैं।
भारतीय अभ्यारण्य भूमि मज़ारे, चौड़े वन, पर्वतीय वन, झाड़ियाँ, नदियों के डैल्टा आदि का प्रदर्शन करते हैं।

प्रश्न 21.
प्रवासी पक्षियों पर संक्षिप्त नोट लिखें।
उत्तर-
प्रवासी पक्षी – वे पक्षी जो जलवायु परिवर्तन के कारण लंबे रास्ते तय करते हैं, प्रवासी पक्षी कहलाते हैं। चपटे सिर वाली बत्तख, विशाल कोओरैंट प्रवासी पक्षी हैं।

यह पक्षी सुदूर निश्चित स्थानों पर प्रत्येक वर्ष उड़कर पहुँचते हैं। यह पक्षी अपने प्राकृतिक आवास से दूर अंडे देने के लिए यहाँ आते हैं क्योंकि वहाँ जलवायु ठंडी और प्रतिकूल होती है।

प्रश्न 22.
पुनर्वनरोपण (Reforestation) पर नोट लिखें।
उत्तर-
पुनर्वनरोपण – यह नष्ट हो चुके वनों के स्थान पर नए बहुत अधिक पेड़ लगाने का प्रक्रम है। जितने पेड़ काटे जाएं, उतने तो अवश्य ही उगाने चाहिएं। यह प्रक्रम प्राकृतिक भी हो सकता है। यदि वन कटाई के बाद क्षेत्र को वैसे ही छोड़ दिया जाए तो यह अपने आप फिर उग जाता है। यदि हम हरित संपदा को अगली पीढ़ी के लिए बचाना चाहते हैं तो हमें अधिक पेड़ उगाने चाहिएं।

भारतीय सरकार ने 1952 में राष्ट्रीय वन कानून लागू किया। इसका लक्ष्य पूरी भूमि का 1/3 भाग वनों से ढ़ापना था, परंतु असफल होने पर 1980 में इसे फिर दोहराया गया। इसको वन संरक्षित कानून का नाम दिया गया। इसका उद्देश्य वनों की सुरक्षा और संरक्षण के साथ-साथ मानव की ज़रूरतों की आपूर्ति भी थी।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वन्य जीवन के संरक्षण के उपाय लिखिए।
उत्तर-
वन्य जीवन के संरक्षण के उपाय-

  1. संकटापन्न स्पीशीज़ का संरक्षण।
  2. प्राकृतिक आवासों की सुरक्षा एवं संरक्षण हेतु भूमि और जल की योजना और रख-रखाव।
  3. जीन बैंक के लिए विविध किस्मों के खाद्य उपजें, पौधे, लकड़ी के पेड़, पानी के जीव और उनके रिश्तेदारों को संरक्षित करना।
  4. प्रत्येक देश को उपयोगी जीवों की पहचान कर उनकी सुरक्षा और संरक्षण के उपाय करना।
  5. वन्य क्षेत्रों को आरक्षित करना, प्रवासी पक्षियों और वन्य जंतुओं के लिए।
  6. लाभकारी जंतुओं के अति उपयोग को रोकना।
  7. वन्य पौधों और वन्य जंतुओं का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि करना।
  8. शिकारियों आदि से जंतुओं की रक्षा करनी। शिकार एक गैर-कानूनी कार्य है, इसको 1972 में वन्य जीवन सुरक्षा नियम बना कर लागू किया गया।
  9. उद्यानों और अभ्यारण्यों का निर्माण करना।
  10. ‘वन्य जीवन सप्ताह’ मनाना ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके।
  11. संकटापन्न जंतुओं के लिए प्रजनन कार्यशालाओं का निर्माण करना।

प्रश्न 2.
वनों के कुछ लाभ लिखिए।
उत्तर-
वनों के लाभ-

  1. वन भूमि की उर्वरकता कायम रखते हैं।
  2. वन वर्षा लाने में सहायक हैं और जल चक्र का संतुलन रखते हैं।
  3. वनों से लकड़ी मिलती है। जैसे शीशम, टीक, साल, देवदार ।
  4. वनों से कागज़ मिलता है-कोणिय और बैंबू कागज़ निर्माण के उपयोग में आते हैं।
  5. दवाइयाँ-कई दवाइयों के पौधे वनों में पाए जाते हैं।
  6. वनों से कई उत्पाद जैसे रेज़िन, गोंद, लाख, रबड़, भोजन और कीटनाशक मिलते हैं।
  7. कार्क भी वनों से मिलता है जैसे ओक (क्वरकस)।
  8. कई अन्य उपयोगी वस्तुएँ जैसे प्राकृतिक रंग, मोम, शहद भी वनों से ही मिलती हैं।
  9. रेयान और कृत्रिम रेशम भी पेड़ों से मिलता है।
  10. नाइट्रेट सैलूलोज़ से प्लास्टिक तैयार किया जाता है।
  11. प्राकृतिक रबड़ भी वनों की देन है।
  12. लकड़ी ईंधन भी वनों से मिलता है।
  13. रेशा घास, रवस और संदल लकड़ी से कई उपयोगी तेल मिलते हैं जिनका उपयोग साबुन, शृंगार, दवाइयाँ, खाद्य पदार्थ, तंबाकू के निर्माण में किया जाता है।
  14. रीठा और शिकाकाई साबुन आदि औद्योगिक उत्पाद हैं।
  15. वनों का नैतिक मूल्य है।

प्रश्न 3.
पंचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र के प्राणिजात एवं वनस्पतिजात के चित्र बनाएँ।
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण 3

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 6 दहन और ज्वाला

PSEB 8th Class Science Guide दहन और ज्वाला Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
दहन की परिस्थितियों की सूची बनाइए।
उत्तर-
दहन के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ – दहन उत्पन्न करने के लिए तीन आवश्यकताएँ हैं-
(i) ऑक्सीजन की उपस्थिति।
(ii) दाहन पदार्थ की उपस्थिति।
(iii) पदार्थ का निम्न ज्वलन ताप।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) लकड़ी और कोयला जलने से वायु का …………………… होता है।
(ख) घरों में काम आने वाला एक द्रव ईंधन ……………………. है।
(ग) जलना प्रारंभ होने से पहले ईंधन को उसके ……………………. तक गर्म करना आवश्यक है।
(घ) तेल द्वारा उत्पन्न आग को ………………………. द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता।
उत्तर-
(क) प्रदूषण
(ख) मिट्टी का तेल
(ग) ज्वलन-ताप
(घ) पानी।

प्रश्न 3.
समझाइए कि मोटर वाहनों में सी० एन० जी० के उपयोग से हमारे शहरों का प्रदूषण किस प्रकार कम हुआ है ?
उत्तर-
सी० एन० जी० एक साफ गैसीय ईंधन है। इसका वायु में पूर्ण दहन होता है जिससे यह कोई हानिकारक गैसें उत्पन्न नहीं करता। इसलिए सी०एन०जी० के उपयोग से शहरों में प्रदूषण कम हुआ है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

प्रश्न 4.
ईंधन के रूप में एल० पी० जी० और लकड़ी की तुलना कीजिए।
उत्तर-
एल० पी० जी० एक द्रवित पेट्रोलियम गैस है। इसका ऊष्मीय मान 50 kJ/g है। यह साफ और स्वच्छ ईंधन है। यह धुआं रहित ज्वाला से जलता है और कोई हानिकारक गैस उत्पन्न नहीं करता जबकि लकड़ी का ऊष्मीय मान 17k//g है। यह जलने पर धुआँ और हानिकारक गैसें उत्पन्न करती है। इसलिए एल० पी० जी० एक बेहतर ईंधन है।

प्रश्न 5.
कारण बताइए-
(क) विद्युत् उपकरण से संबद्ध आग पर नियंत्रण पाने हेतु जल का उपयोग नहीं किया जाता।
(ख) एल० पी० जी० लकड़ी से अच्छा घरेलू ईंधन है।
(ग) कागज़ स्वयं सरलता से आग पकड़ लेता है जबकि एल्यूमीनियम पाइप के चारों ओर लपेटा गया कागज़ का टुकड़ा आग नहीं पकड़ता।
उत्तर-
(क) विद्युत् उपकरण से संबद्ध आग पर नियंत्रण पाने हेतु उस पदार्थ का उपयोग नहीं कर सकते, जो विद्युत् का सुचालक हो। इससे जान जाने का खतरा हो सकता है। जल विद्युत् का सुचालक है, इसलिए यह आग बुझाने हेतु उपयोग में नहीं लाया जा सकता। इस उद्देश्य के लिए कार्बन टेट्राक्लोराइड उपयोग में लाया जाता है।

(ख) एल० पी० जी० एक द्रवित पेट्रोलियम गैस है। इसका ऊष्मीय मान 50 kJ/g है। यह साफ और स्वच्छ ईंधन है। यह धुआं रहित ज्वाला से जलता है और कोई हानिकारक गैस उत्पन्न नहीं करता जबकि लकड़ी का ऊष्मीय मान 17k//g है। यह जलने पर धुआँ और हानिकारक गैसें उत्पन्न करती है। इसलिए एल० पी० जी० एक बेहतर ईंधन है।

(ग) ऐलुमिनियम पाइप के चारों ओर लपेटा गया कागज़ का टुकड़ा आग नहीं पकड़ता, क्योंकि ऊष्मा ऐलुमिनियम में स्थानांतरण हो जाती है और कागज़ का ज्वलन ताप नहीं पहुँच पाता है।

प्रश्न 6.
मोमबत्ती की ज्वाला का चिह्नित चित्र बनाइए।
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला 1

प्रश्न 7.
ईंधन से ऊष्मीय मान को किस मात्रक दवारा प्रदर्शित किया जाता है ?
उत्तर-
किलोजूल प्रति किलोग्राम (kJ/kg) ।

प्रश्न 8.
समझाइए कि CO2 किस प्रकार आग को नियंत्रित करती है ?
उत्तर-
CO2 गैस वायु से भारी होती है इसलिए यह जलती हुई आग के इर्द-गिर्द एक आवरण बना लेती है। इस आवरण के बनने से ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पाती, कट जाती है और आग जलना बंद कर देती है और नियंत्रित हो जाती है।

प्रश्न 9.
हरी पत्तियों के ढेर को जलाना कठिन होता है, परंतु सूखी पत्तियों में आग आसानी से लग जाती है, समझाइए।
उत्तर-
हरी पत्तियों में नमी की मात्रा बहुत अधिक होती है और हरी पत्तियों के ढेर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है। परंतु सूखी पत्तियों में नमी की मात्रा कम होती है और सूखी पत्तियों के ढेर में ऑक्सीजन की मात्रा अधिक होती है। इसलिए सूखी पत्तियों के ढेर को आग आसानी से लग जाती है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

प्रश्न 10.
सोने और चाँदी को पिघलाने के लिए स्वर्णकार ज्वाला के किस क्षेत्र का उपयोग करते हैं और क्यों?
उत्तर-
स्वर्णकार ज्वाला के सबसे ऊपरी, अदीप्त, नीले क्षेत्र का उपयोग सोने और चांदी को पिघलाने के लिए करते हैं क्योंकि यह ज्वाला का सबसे अधिक गर्म क्षेत्र होता है।

प्रश्न 11.
एक प्रयोग में 4.5 kg ईंधन का पूर्णतया दहन किया गया। उत्पन्न ऊष्मा का माप 1,80,000 kJ था। ईंधन का ऊष्मीय मान परिकलित कीजिए।
हल-
ईंधन का द्रव्यमान = 4.5 kg
उत्पन्न ऊष्मा का माप = 1,80,000 kJ
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला 2
= \(\frac{1.80 .000}{4.5}\) kJ/kg
= \(\frac{1.80,000}{4.5}\)
= 40,000
= 4 × 104 kJ/kg उत्तर

प्रश्न 12.
क्या जंग लगने के प्रक्रम को दहन कहा जा सकता है ? विवेचना कीजिए।
उत्तर-
जंग लगने का प्रक्रम – जब लोहे को नमी युक्त वायु में रखा जाता है, तो यह जलीय आयरन ऑक्साइड की परत से ढक जाता है। यह प्रक्रम जंग लगना कहलाता है और परत को जंग कहते हैं। रासायनिक जंग, आयरन ऑक्साइड का जलीय रूप है अर्थात् Fe2O3, xH2O. यह भूरे लाल रंग का होता है।

पूर्ण समीकरण :
4Fe + 3O2 + 3H2O → Fe2O3 + 2Fe (OH)3
Fe2O3 + xH2O → Fe2O3.xH2O
जंग लगना एक ऑक्सीकरण अभिक्रिया है, परन्तु धीमी गति से होने वाली अभिक्रिया है।

प्रश्न 13.
आबिदा और रमेश ने एक प्रयोग किया जिसमें बीकर में रखे जल को गर्म किया गया। आबिदा ने बीकर को मोमबत्ती ज्वाला के पीले भाग के पास रखा। रमेश ने बीकर को ज्वाला के सबसे बाहरी भाग के पास रखा। किसका पानी कम समय में गर्म हो जाएगा ?
उत्तर-
रमेश का पानी कम समय में गर्म हो जाएगा, क्योंकि ज्वाला का सबसे बाहरी भाग सबसे अधिक गर्म होता है।

PSEB Solutions for Class 8 Science दहन और ज्वाला Important Questions and Answers

TYPE -I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
हमारे देश के ग्रामीण क्षेत्रों में कौन-से ईंधन उपयोग में लाए जाते हैं ?
उत्तर-
लकड़ी, कृषि अवशेष और उपले।

प्रश्न 2.
निम्न ठोस ईंधनों में से किस का ऊष्मण-ताप अधिक होता है-उपले, कोयला, लकड़ी।
उत्तर-
कोयला।

प्रश्न 3.
भारतीय घरों में उपयोग आने वाले तरल ईंधन का नाम लिखिए।
उत्तर-
मिट्टी का तेल।

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प्रश्न 4.
तीन तरल ईंधनों के नाम लिखें। उत्तर-मिट्टी का तेल (केरोसीन तेल), पेट्रोल, डीज़ल।

प्रश्न 5.
जब ईंधन जलते हैं, तो क्या उत्पन्न होता है ?
उत्तर-
प्रकाश और ऊष्मा।

प्रश्न 6.
ज्वलन ताप क्या है ?
उत्तर-
ज्वलन ताप – वह न्यूनतम तापमान जिस पर कोई पदार्थ ऑक्सीजन की उपस्थिति में आग पकड़ लेता है, ज्वलन ताप कहलाता है।

प्रश्न 7.
दो द्रव पदार्थों के नाम लिखो, जिनका ज्वलन ताप बहुत कम होता है ?
उत्तर-

  1. एल्कोहल और
  2. ईथर।

प्रश्न 8.
विद्युत् द्वारा लगी आग बुझाने के लिए किस प्रकार के अग्निशामक का उपयोग होता है ?
उत्तर-
कार्बन ट्रेटाक्लोराइड अग्निशामक।

प्रश्न 9.
दहन क्या है ?
उत्तर-
दहन – यह एक ऐसा प्रक्रम जिसमें पदार्थ को ऑक्सीजन में जलाने से ऊष्मा और प्रकाश पैदा होता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

प्रश्न 10.
ईंधन के ऊष्मीयमान की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
ऊष्मीय मान – 1 किलोग्राम पदार्थ के पूर्ण दहन से प्राप्त ऊर्जा की मात्रा, ऊष्मीय-मान कहलाता है।

प्रश्न 11.
तेलीय आग बुझाने के लिए कौन-सा अग्निशामक उपयोग में आता है ?
उत्तर-
झाग वाला (Foam type) अग्निशामक।

प्रश्न 12.
काष्ठ कोयला लकड़ी की अपेक्षा एक ईंधन क्यों है ?
उत्तर-
काष्ठ कोयले का ऊष्मीयमान लकड़ी के ऊष्मीयमान से अधिक है। इसलिए काष्ठ कोयला एक बढ़िया ईंधन है।

प्रश्न 13.
मोमबत्ती की ज्वाला के क्षेत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर-
ठंडा आंतरिक क्षेत्र, मध्य क्षेत्र, बाह्य अदीप्त क्षेत्र।

प्रश्न 14.
दो पदार्थों के नाम लिखिए जो अग्नि बुझाने के काम आते हैं।
उत्तर-

  1. पानी,
  2. झाग (Foam) ।

प्रश्न 15.
किन्हीं तीन ज्वलनशील पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. कागज़
  2. लकड़ी और
  3. रसोई गैस।

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TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
ईंधन क्या है ? कौन-सी विभिन्न अवस्थाओं में ईंधन पाए जाते हैं ?
उत्तर-
ईंधन – वे पदार्थ, जो जलने पर ताप और प्रकाश उत्पन्न करते हैं, ईंधन कहलाते हैं। ईंधनों की तीन अवस्थाएँ हैं-

  1. ठोस (लकड़ी, कोयला, काष्ठ-कोयला आदि)
  2. तरल (पेट्रोल, मिट्टी का तेल, डीज़ल)
  3. गैस (प्राकृतिक गैस), कोयला-गैस, बायोगैस आदि।

प्रश्न 2.
कैसे सिद्ध करोगे कि दहन के लिए वायु आवश्यक है ?
उत्तर-
दहन के लिए वायु की आवश्यकता – एक जलता हुआ कोयला अथवा लकड़ी का टुकड़ा कुछ देर बाद जलना बंद कर देता है, जब इसे एक काँच के ज़ार से ढक देते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि ढकने से ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। अब यदि इस पर फूंक मारी जाए, तो यह फिर ज्वाला के साथ जलना शुरू कर देता है। अत: यह निष्कर्ष निकलता है कि दहन के लिए ऑक्सीजन आवश्यक है।

प्रश्न 3.
दुर्घटना में लगी आग को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है ?
उत्तर-
दुर्घटना में लगी आग को नियंत्रित करना दुर्घटनाओं में लगी आग निम्नलिखित शर्तों में से किसी एक आवश्यक शर्त को हटा देने से नियंत्रित हो जाती है-
(क) ऑक्सीजन की आपूर्ति को रोकने से दाह्य पदार्थ जलना बंद कर देता है।
(ख) दाह्य पदार्थ को ठंडा करके अथवा उसका ज्वलन ताप कम करके।
(ग) आग को फैलने से रोकने के लिए ज्वलनशील पदार्थ को ही हटा देने से।

प्रश्न 4.
सुनार फूंकनी का उपयोग क्यों करते हैं ?
उत्तर-
सुनार, फॅकनी से ज्वाला के सबसे ऊपरी भाग को फूंक कर सोने पर मारते हैं। इससे आग की प्रबलता बढ़ जाती है जिससे सोना अथवा चाँदी पिघल जाते हैं। फूंक मारने से अनजले कार्बन के कण ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में जल उठते हैं और ज्वाला और अधिक गर्म हो जाती है।

प्रश्न 5.
दहनशील पदार्थ अपने आप आग क्यों नहीं पकड़ते ?
उत्तर-
दहनशील पदार्थों का ज्वलन ताप कक्ष ताप से अधिक होता है। इसलिए यह स्वतः आग नहीं पकड़ते। जब ताप ज्वलन-ताप से कम होता है, तभी आग लगती है।

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प्रश्न 6.
ज्वलन ताप, ज्वलनशील पदार्थ, दहन के सहायक की दहन में ज़रूरी आवश्यकताओं के संदर्भ में व्याख्या करें।
उत्तर-
ज्वलन ताप – यह वह निम्न ताप है, जिस पर ईंधन आग पकड़ लेता है। प्रत्येक पदार्थ का ज्वलन ताप निश्चित होता है, जिसमें कम पर वह जल नहीं सकता।

ज्वलनशील पदार्थ – वह पदार्थ जो आसानी से आग पकड़ लेता है। कागज़, एल० पी० जी०, कपड़े आदि ज्वलनशील पदार्थ हैं।

दहन के सहायक – वे पदार्थ जो ईंधन अथवा ज्वलनशील पदार्थ की जलने में सहायता करते हैं। पेट्रोल, एल० पी० जी० जैसे ज्वलनशील पदार्थ तब तक नहीं जलते जब तक दहन के सहायक अर्थात् ऑक्सीजन की अधिक मात्रा मौजूद न हो।

प्रश्न 7.
दिए गया समीकरण : ..
C + O2 → CO2 + 385 kJ
इसमें कार्बन का ऊष्मीयमान ज्ञात करें (C का द्रव्यमान = 12g)
हल – समीकरण के अनुसार, 1 मोल C अथवा 12g कार्बन के जलने पर 385 kJ ऊष्मा पैदा करता है।
अतः 12g कार्बन ऊष्मा उत्पन्न करता है = 385 kJ
1 g कार्बन ऊष्मा उत्पन्न करता है = \(\frac{385}{12}\)
∴ कार्बन का ऊष्मीयमान
= 32.1 kJ/g

प्रश्न 8.
माचिस की तीली, माचिस की डिबिया के बगल में रगड़ने पर क्यों जल जाती है ?
उत्तर-
जब माचिस की तीली को खुरदरी सतह से रगड़ा जाता है तो घर्षण की ऊष्मा के कारण माचिस की तीली के सिरे के रसायन का ज्वलन ताप बढ़ा देता है और रसायन प्रज्वलित हो उठता है और माचिस की तीली जलना आरंभ कर देती है।

प्रश्न 9.
कोक कोयला से बेहतर ईंधन क्यों है ? कोई चार कारण बताओ।
उत्तर-
कोक कोयले से निम्न कारणों से बेहतर ईंधन है-

  1. कोक का ऊष्मीयमान कोयले के ऊष्मीयमान से अधिक है।
  2. कोक का ज्वलन ताप कोयले के ज्वलनताप से कम है।
  3. कोक कोयले से कम धुआँ उत्पन्न करता है।
  4. कोयले जलने से गैसीय प्रदूषक CO2, SO2 और CO उत्पन्न होते हैं, जबकि कोक ऐसा कोई प्रदूषक पैदा नहीं करता।

प्रश्न 10.
आग से लड़ना अथवा आग बुझाना (fire fighting) क्या होती है ?
उत्तर-
आग से लड़ना अथवा आग बुझाना – आग से लड़ने से अभिप्राय, आग को बुझाना अथवा उस पर नियंत्रण करना है। आग दुर्घटना के कारण लघु सरकट अथवा मानव लापरवाही से लग सकती है। किसी पदार्थ के दहन के लिए ज्वलनशील पदार्थ, ऑक्सीजन (वायु) और ऊष्मा की आवश्यकता होती है। अतः आग बुझाने के लिए वायु अथवा ऑक्सीजन का प्रवाह काट देना चाहिए।

प्रश्न 11.
आप आग बझाने हेतु क्या करते हैं ?
उत्तर-
आग दुर्घटनावश, मानव लापरवाही आदि से लग सकती है। दहन के लिए ज्वलनशील पदार्थ, ऑक्सीजन और उष्मा की आवश्यकता होती है। आग को रोकने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड, पानी, रेत आदि उपयोग में लाए जा सकते हैं ताकि वायु की आपूर्ति को रोका जा सके।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

प्रश्न 12.
(i) मिट्टी के तेल अथवा पेट्रोल
(ii) लघु पथन से लगी आग जल से क्यों नहीं नियंत्रित की जानी चाहिए ?
उत्तर-
(i) मिट्टी का तेल अथवा पेट्रोल के वाष्प जल से हल्के होने के कारण ऊपर तैरने लगते हैं और आग को फैलाने में सहायक होते हैं।
(ii) जल विद्युत् का सुचालक है, इसलिए इसके प्रयोग से लघु पथन द्वारा लगी आग को नियंत्रण करने में घातक हो सकता है।

प्रश्न 13.
जिस व्यक्ति के कपड़ों को आग ने पकड़ लिया हो उसे कंबल से क्यों लपेटा जाता है ?
उत्तर-
जब कोई व्यक्ति आग की चपेट में आ जाता है तो उसे कंबल में लपेटा जाता है ताकि आग को दहन के लिए वायु की पर्याप्त सप्लाई न मिल सके और फलस्वरूप आग बुझ जाए।

प्रश्न 14.
हमें सुलगती हुई कोयले की अँगीठी रखे हुए बंद कमरे में सोने की सलाह क्यों नहीं दी जाती ?
उत्तर-
बंद कमरे में वायु की सीमित सप्लाई होती है जिससे कोयला के अपूर्ण दहन से कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) उत्पन्न होती है। यह एक विषैली गैस है जोकि घातक सिद्ध हो सकती है। इसलिए अँगीठी युक्त बंद कमरे में सोने के लिए सलाह नहीं दी जाती है।

प्रश्न 15.
विश्व उष्णन (ग्लोबल वार्मिंग) समझाइए।
उत्तर-
विश्व उष्णन – अधिकांश ईंधनों के दहन से पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड मिलती है। वायु में कार्बनडाइऑक्साइड की अधिक मात्रा विश्व उष्णन का कारण बनता है। विश्व उष्णन के परिणामस्वरूप हिमनदी पिघलने लगते हैं जिससे समुद्र में जलस्तर बढ़ जाता है और तटीय क्षेत्र बाढ़ ग्रस्त हो जाते हैं। निचले स्तर वाले तटीय क्षेत्र स्थायी रूप से जलमग्न हो जाते हैं।

प्रश्न 16.
अम्लीय वर्षा किसे कहते हैं ?
उत्तर-
अम्लीय वर्षा – कोयले तथा डीज़ल के दहन से सल्फर डाइऑक्साइड गैस निलकती है जोकि अत्यंत

दमघोंटू और संक्षारक गैस है। इसके अतिरिक्त पैट्रोल इंजन नाइट्रोजन के गैसीय ऑक्साइड छोड़ते हैं। सल्फर तथा नाइट्रोजन के ऑक्साइड वर्षा के जल में घुलकर अम्ल बनाते हैं इस अम्ल युक्त वर्षा को अम्लीय वर्षा कहते हैं।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मोमबत्ती की ज्वाला के विभिन्न क्षेत्रों का चित्र सहित वर्णन करें।
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला 3
मोमबत्ती ज्वाला के क्षेत्र – ज्वाला के तीन मुख्य क्षेत्र होते हैं-
(i) गहरा आंतरिक क्षेत्र
(ii) दीप्त क्षेत्र
(iii) अदीप्त क्षेत्र।

(i) गहरा आंतरिक क्षेत्र – यह ज्वाला का सबसे भीतरी ठंडा क्षेत्र है। इसमें मोम के गर्म वाष्प होते हैं।
एक शीशे की नली का एक सिरा इस क्षेत्र में रखो, दूसरे सिरे से सफेद वाष्प निकलते नज़र आएँगे, जिन्हें माचिस की तीली से जलाने पर ज्वाला निकलती है।

(ii) दीप्त क्षेत्र – मध्य भाग चमकीला दीप्त क्षेत्र है। इस क्षेत्र में कार्बन के आधे जले कण होते हैं। इन कणों के चमकने से यह क्षेत्र चमकीला है। यह कण ज्वाला से धुएँ और काजल के रूप में उत्पन्न होते हैं।

(iii) अदीप्त क्षेत्र – यह ज्वाला का सबसे बाहरी भाग है, जिसका रंग फीका नीला होता है। इस भाग में ऑक्सीजन, ईंधन से मिलकर पूर्ण दहन करती है। यह सबसे बाहरी अदीप्त भाग है, जिसका तापमान 1800° C के लगभग है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

प्रश्न 2.
वर्णन करें-
(i) तीव्र दहन
(ii) स्वतः दहन
(iii) धीमा दहन,
(iv) विस्फोट ।
उत्तर-
(i) तीव्र दहन (Rapid combustion) – वह ऑक्सीकरण अभिक्रिया, जिसमें प्रकाश और ऊष्मा बहुत थोड़े ही समय में उत्पन्न हो जाते हैं, तीव्र दहन कहलाती है।
उदाहरणार्थ जब जलती हुई तीली को गैस बर्नर के पास लाया जाता है, तो गैस तीव्र गति से जलना आरंभ कर देती है। इसी तरह मोमबत्ती की बत्ती जल उठती है जब माचिस की जलती हुई तीली, इसके संपर्क में लाई जाती है यह ज्वाला प्रकाश और ऊष्मा उत्पन्न करती है।

(ii) स्वतः दहन (Spontaneous Combustion) – वह दहन, जो बाहरी ऊष्मा की सहायता बिना होना संभव हो, स्वतः दहन कहलाता है।
सफेद फास्फोरस स्वतः दहन का बढ़िया उदाहरण है।

(iii) धीमा दहन (Slow Combustion) – यह एक धीमी ऑक्सीकरण अभिक्रिया है जिसमें प्रकाश पैदा नहीं होता। इस अभिक्रिया से निकलने वाली ऊष्मा की मात्रा इतनी कम होती है कि उसका अनुभव नहीं होता।
लोहे का जंग लगना और श्वसन क्रिया धीमे दहन के उदाहरण हैं।

(iv) विस्फोट – जिस दहन अभिक्रिया में जलने पर कई गैसों के मिश्रण के साथ बड़ी मात्रा में प्रकाश और ऊष्मा पैदा होती है, विस्फोट कहलाती है। दीवाली के दिनों में कई पटाखे केवल दबाव डालने से चलते हैं। इस अभिक्रिया में रसायनों का ऑक्सीकरण बड़ी तीव्र गति से होता है। जिसके फलस्वरूप कई गैसों के मिश्रण के साथ प्रकाश और ऊष्मा की बहुत बड़ी मात्रा उत्पन्न होती है।
बंदूक से दागी गई गोली भी एक विस्फोट है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

PSEB 8th Class Science Guide कोयला और पेट्रोलियम Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
सी० एन० जी० और एल० पी० जी० का ईंधन के रूप में उपयोग करने का क्या लाभ है ?
उत्तर-
एल० पी० जी० का लाभ- एल० पी० जी० एक अच्छा ईंधन मानी जाती है क्योंकि-

  1. इसका कैलोरीमान अधिक है। यह 50 kJ/g है अर्थात् 1g LPG जल कर 50 किलो जूल ऊष्मा ऊर्जा उत्पन्न करती है।
  2. इसकी ज्वाला धुआँ रहित होने के कारण प्रदूषण नहीं फैलाती।
  3. LPG जलने पर कोई विषैली गैसें पैदा नहीं करती।
  4. LPG की संभाल और रख-रखाव आसान है।
  5. इसका पूर्ण दहन होता है।
  6. LPG साफ़ घरेलू ईंधन है। सी० एन० जी० के लाभ-यह वायु प्रदूषण नहीं फैलाता।

प्रश्न 2.
पेट्रोलियम को कौन-सा उत्पाद सड़क निर्माण हेतु उपयोग में लाया जाता है ?
उत्तर-
बिटुमेन।

प्रश्न 3.
वर्णन कीजिए, मृत वनस्पति से कोयला किस प्रकार बनता है ? यह प्रक्रम क्या कहलाता है ?
उत्तर-
मृत वनस्पति से कोयले की उत्पत्ति – कोयला उन वृक्षों के विघटन से बना है जो आज से करोड़ों वर्ष पहले पृथ्वी के अंदर दब गए थे। ऐसा विचार है कि करोड़ों वर्ष पहले भूकंप तथा ज्वालामुखी इत्यादि के कारण वृक्ष पृथ्वी की सतह के नीचे दब गए और मिट्टी तथा रेत से ढक गए। पृथ्वी के अंदर उच्च दाब तथा उच्च ताप के कारण तथा वायु की अनुपस्थिति में ये दबे हुए वृक्ष धीरे-धीरे कोयले में बदल गए। वृक्षों की लकड़ी से कोयला बनने में करोड़ों वर्ष का समय लगा। कोयले के बनने के प्रक्रम को कार्बनीकरण कहते हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 4.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) …………………. तथा …………………. जीवाश्म ईंधन हैं।
(ख) पेट्रोलियम के विभिन्न संघटकों को पृथक् करने का प्रक्रम …………………. कहलाता है।
(ग) वाहनों के लिए सबसे कम प्रदूषक ईंधन …………………. है।
उत्तर-
(क) कोयला, पेट्रोलियम
(ख) परिष्करण
(ग) सी० एन० जी० ।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित कथनों के सामने सत्य/असत्य लिखिए-

(क) जीवाश्म ईंधन प्रयोगशाला में बनाए जा सकते हैं। (सत्य/असत्य)
उत्तर-
असत्य

(ख) पेट्रोल की अपेक्षा सी० एन० जी० अधिक प्रदूषक ईंधन है। (सत्य/असत्य)
उत्तर-
असत्य

(ग) कोक, कार्बन का लगभग शुद्ध रूप है। (सत्य/असत्य)
उत्तर-
सत्य

(घ) कोलतार विभिन्न पदार्थों का मिश्रण है। (सत्य/असत्य)
उत्तर-
सत्य

(ङ) मिट्टी का तेल एक जीवाश्म ईंधन नहीं है। (सत्य/असत्य)
उत्तर-
असत्य।

प्रश्न 6.
समझाइए, जीवाश्म ईंधन समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन क्यों हैं ? ।
उत्तर-
जीवाश्म ईंधन, सजीवों के मृत अवशेषों से बनते हैं और इन्हें बनने में करोड़ों वर्ष लग जाते हैं। प्रकृति में जीवाश्म ईंधन के संसाधन सीमित हैं, इसलिए यह समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 7.
कोक के अभिलक्षणों और उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
कोक के अभिलक्षण-

  1. यह कठोर है।
  2. यह सरंध्र युक्त है।
  3. इसका रंग काला है।
  4. यह विद्युत् और ऊष्मा का कुचालक है।

कोक के उपयोग-

  1. कृत्रिम ग्रेफाइट बनाने के काम आता है।
  2. एस्टिलीन गैस बनाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड के उत्पादन में सहायक है।
  3. जल-गैस और उत्पादन-गैस के उत्पादन में सहायक है।
    (क) जल-गैस कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोजन का समानुपाती मिश्रण है।
    (ख) उत्पादन-गैस कार्बन मोनोऑक्साइड और नाइट्रोजन का 1 : 2 अनुपाती मिश्रण है। इसे वायु को लाल गर्म कोक से गुज़ारने पर प्राप्त करते हैं।
  4. ये कॉपर, लोहा, जिंक, लैड, टिन आदि धातुएँ के निष्कर्षण में काम आता है।
  5. यह एक अच्छा घरेलू ईंधन है क्योंकि यह जलने पर धुआँ नहीं छोड़ता।

प्रश्न 8.
पेट्रोलियम निर्माण के प्रक्रम को समझाइए।
उत्तर-
पेट्रोलियम का निर्माण – पेट्रोलियम समुद्र में रहने वाले सूक्ष्म जीवाणुओं की सहायता से बनता है। मृत्यु के पश्चात् ये जीव सागर की तली तक पहुँच जाते हैं और धीरे-धीरे रेत तथा मिट्टी से ढक जाते हैं। करोड़ों वर्षों बाद दाब उत्प्रेरक क्रिया तथा गर्मी के कारण हाइड्रोकार्बन में बदल जाते हैं। ये हाइड्रोकार्बन हल्के होने के कारण छिद्र-युक्त चट्टानों से रिस कर पृथ्वी की सतह की ओर तब तक आते हैं जब तक अपारगम्य चट्टानें उन्हें रोक नहीं लेतीं। इस प्रकार इन अपारगम्य चट्टानों के बीच तेल कूप बन जाते हैं। प्राकृतिक गैस तेल के ऊपर पाई जाती है।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित सारणी में 1991 से 1997 तक भारत में विद्युत् की कुल कमी को दिखाया गया है। इन आँकड़ों को ग्राफ द्वारा आलेखित करिए। वर्ष में कमी-प्रतिशतता को Y-अक्ष पर तथा वर्ष को x अक्ष पर आरेखित कीजिए।

क्र०सं० वर्ष कमी (%)
1. 1991 7.9
2. 1992 7.8
3. 1993 8.3
4. 1994 7.4
5. 1995 7.1
6. 1996 9.2
7. 1997 11.5

उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम 1

PSEB Solutions for Class 8 Science कोयला और पेट्रोलियम Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कुछ प्राकृतिक पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर-
वायु, जल, मृदा, वन, खनिज आदि।

प्रश्न 2.
कुछ मानव निर्मित पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर-
काँच, सीमेंट, कपड़े, मकान आदि।

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प्रश्न 3.
जीवाश्म ईंधन की परिभाषा लिखें। किन्हीं तीन जीवाश्म ईंधनों के नाम लिखो।
उत्तर-
जीवाश्म ईंधन – वे ईंधन जो सजीवों के मृत अवशेषों से मृदा के नीचे दबने के कारण कई करोड़ वर्षों बाद प्रकृति में उत्पन्न हुए।
उदाहरण – कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस आदि।

प्रश्न 4.
कोक कैसे बनाया जाता है ?
उत्तर-
कोक, कोयले के प्रक्रमण द्वारा बनाया जाता है। जलाने पर कोयले में से गैस और दूसरे पदार्थ निकल जाते हैं और काला पदार्थ जो शेष बच जाता है, कोक कहलाता है।

प्रश्न 5.
कोयले के प्रक्रमण के उत्पाद क्या हैं ?
उत्तर-
कोयला-गैस और कोलतार।

प्रश्न 6.
पेट्रोलियम के प्रभाजी आसवन के उत्पादों के नाम लिखिए।
उत्तर-
एसफाल्ट, पेट्रोल, डीज़ल तेल, पैराफिन मोम, स्नेहक तेल, कैरोसीन (मिट्टी का तेल)।

प्रश्न 7.
पेट्रोलियम के तीन उत्पादकों के नाम लिखो।
उत्तर-
उर्वरक, कीटनाशक, कृत्रिम रबड़।

प्रश्न 8.
क्या होगा यदि जीवाश्म ईंधनों का तीव्र गति से उपयोग हो ? कारण बताओ।
उत्तर-
जीवाश्म ईंधन समाप्त हो जाएंगे क्योंकि इनके निर्माण में कई हज़ार वर्ष लगते हैं।

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प्रश्न 9.
कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस किस प्रकार के ईंधन के उदाहरण हैं ?
उत्तर-
जीवाश्म ईंधन के।

प्रश्न 10.
पेट्रोलियम क्या है ?
उत्तर-
पेट्रोलियम गहरे रंग का गाढ़ा तेलीय द्रव है, जिसकी अप्रिय गंध है। .

प्रश्न 11.
कौन-सी चट्टानें पेट्रोलियम को संचित करती हैं ?
उत्तर-
अपारगम्य (अरंध्र) चट्टानें [Impervious (non-porous) rocks].

प्रश्न 12.
पेट्रोलियम परिष्करण के लिए कौन-सा प्रक्रम उपयोग में लाते हैं ?
उत्तर-
प्रभाजी आसवन।

प्रश्न 13.
पेट्रोलियम गैस कैसे बनती है ?
उत्तर-
पेट्रोलियम के प्रभाजी आसवन दौरान यह गैस असंघनित रूप में उत्पन्न होती है।

प्रश्न 14.
बिटुमेन का क्या उपयोग है ?
उत्तर-
सड़क निर्माण में।

प्रश्न 15.
स्टोव, लैंप और जेट वायुयानों में कौन-सा तरल ईंधन उपयोग में लाया जाता है ?
उत्तर-
मिट्टी का तेल।

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प्रश्न 16.
शुष्क-धुलाई (Dry-cleaning) के विलायक के रूप में पेट्रोलियम का कौन-सा संघटक उपयोग में लाया जाता है ?
उत्तर-
पेट्रोल।

प्रश्न 17.
कुछ समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधनों के नाम लिखिए।
उत्तर-
वन, वन्यजीव, खनिज, कोयला आदि।

प्रश्न 18.
अक्षय प्राकृतिक संसाधनों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
वायु, जल, सूर्य प्रकाश आदि।

प्रश्न 19.
लोहार के पास कौन-सा प्राकृतिक पदार्थ पाया जाता है ?
उत्तर-
कोयला।

प्रश्न 20.
कोयले का मुख्य संघटक क्या है ?
उत्तर-
कार्बन।

प्रश्न 21.
कौन-सा प्रक्रम मृत पादपों को कोयले में परिवर्तित करता है ?
उत्तर-
कार्बनीकरण।

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प्रश्न 22.
क्या होता है, जब कोयले को वायु में जलाया जाता है ?
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड गैस की उत्पत्ति।

प्रश्न 23.
प्रक्रमण के लिए कौन-सी परिस्थिति आवश्यक है ?
उत्तर-
वायु/ऑक्सीजन की अनुपस्थिति।

प्रश्न 24.
कोयला गैस का आधुनिक उपयोग क्या है ?
उत्तर-
ऊष्मा ऊर्जा के स्रोत के रूप में।

प्रश्न 25.
भंजक आसवन ( प्रक्रमण ) क्या है ?
उत्तर-
भंजक आसवन – कोयला का वायु की अनुपस्थिति या सीमित सप्लाई में गर्म करने को भंजक आसवन कहते हैं।

प्रश्न 26.
हाइड्रोकार्बन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
हाइड्रोकार्बन – कार्बन तथा हाइड्रोजन से निर्मित यौगिकों को हाइड्रोकार्बन कहते हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 27.
पैट्रो-रसायन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
पैट्रो-रसायन – पंट्रो-रसायन वे पदार्थ हैं जो पेट्रोल तथा प्राकृतिक गैस से प्राप्त होता है, ये प्रायः अपमार्जक, संश्लेषित सूत्र तथा प्लास्टिक आदि बनाने के लिए प्रयुक्त किये जाते हैं।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
समाप्त होने वाले और अक्षय प्राकृतिक संसाधनों में दो अंतर लिखिए।
उत्तर-
समाप्त होने वाले और अक्षय प्राकृतिक संसाधनों में अंतर-

समाप्त होने वाले संसाधन असीमित (अक्षय) संसाधन
(1) सीमित असीमित
(2) उपयोग करने से खत्म हो सकते हैं और दोबारा शीघ्र प्राप्त नहीं किए जा सकते हैं। कभी भी खत्म नहीं हो सकते अर्थात् दोबारा प्राप्त किए जा सकते हैं।
(3) उदाहरण-वन, वन्य जीव। उदाहरण-वायु, सूर्य, ऊर्जा ।

प्रश्न 2.
भारत में पेट्रोलियम कहाँ पाया जाता है ?
उत्तर-
भारत में पेट्रोलियम गुजरात और असम प्रदेशों में पाया जाता है। यह मुंबई में समुद्र तल में भी पाया गया है। इस स्थान को बांबे हाई कहते हैं। तेल गोदावरी और कावेरी (कृष्णा) नदियों के बेसिन से भी प्राप्त हुआ है।

प्रश्न 3.
पेट्रोलियम परिष्करण के मुख्य उत्पाद क्या हैं ?
उत्तर-
पेट्रोलियम के परिष्करण द्वारा प्राप्त होने वाले उत्पाद हैं-प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, नैफ्था, मिट्टी का तेल, गैसीय तेल (डीज़ल), स्नेहक तेल/मोम, ईंधन तेल और बिटुमेन।

प्रश्न 4.
कोयले के उत्पाद कौन-से हैं ?
उत्तर-
कोयले के उत्पाद – कोयला वायु की अनुपस्थिति में जलाने पर कोयला गैस, कोलतार और कोक उत्पन्न करता है। कोयला गैस एक अच्छा ईंधन है। कोलतार से महत्त्वपूर्ण रसायन जैसे बैनजीन, टोलुयीन, नैफ्थालीन, एंथरासीन आदि मिलते हैं।

प्रश्न 5.
कोयला गैस क्या है ? यह कैसे बनती है ? इसके उपयोग लिखिए।
उत्तर-
कोयला गैस, मीथेन, हाइड्रोजन और कार्बन मोनोऑक्साइड का मिश्रण है। जब कोयले को वायु की अनुपस्थिति में गर्म किया जाता है तो कोयला गैस उत्पन्न होती है।

उपयोग-

  1. इसे ईंधन के रूप में उपयोग में लाया जाता है।
  2. यह धातुओं के निष्कर्षण में उपयोग होती है।

प्रश्न 6.
कोयले के कुछ उपयोग दीजिए।
उत्तर-
कोयले के उपयोग-

  1. खाना बनाने के लिए ईंधन के रूप में।
  2. इंजन चलाने के लिए भाप उत्पन्न करने के लिए।
  3. उष्मण शक्ति घर में विद्युत् पैदा करने के लिए।
  4. उद्योगों में ईंधन के रूप में।

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प्रश्न 7.
कोलतार क्या है ? इसके उपयोग लिखें।
उत्तर-
कोलतार – यह गाढ़ा काला तरल है जिसकी अप्रिय गंध है। यह लगभग 200 पदार्थों का मिश्रण है। यह पदार्थ दैनिक जीवन में उपयोग आने वाली वस्तुएँ जैसे-पेंट, रंग, प्लास्टिक, चित्र, सुगंध, विस्फोटक, दवाइयाँ आदि के निर्माण का प्रारंभिक पदार्थ है।
कोलतार सड़क निर्माण में भी उपयोगी है।

प्रश्न 8.
पेट्रोलियम के कम-से-कम तीन संघटकों के नाम और उपयोग लिखिए।
उत्तर-
पेट्रोलियम के संघटक-

  1. पेट्रोल
  2. पैराफिन मोम
  3. डीज़ल।

उपयोग-

  1. पेट्रोल वाहन ईंधन और वायुयान ईंधन के रूप में उपयोग होता है। इसका शुष्क सफ़ाई में भी इस्तेमाल किया जाता है।
  2. पैराफिन मोम से दवाइयाँ, मोमबत्तियाँ, वेसलीन आदि बनाई जाती हैं।
  3. डीज़ल भारी वाहनों और विद्युत् जनरेटरों में ईंधन के रूप में उपयोग होता है।

प्रश्न 9.
प्राकृतिक स्त्रोत को परिभाषित करें।
उत्तर-
प्राकृतिक स्त्रोत – वे स्त्रोत जो प्रकृति में उपस्थित होते हैं प्राकृतिक स्त्रोत कहलाते हैं।

प्रश्न 10
आदर्श ईंधन की क्या विशेषताएँ हैं ?
उत्तर-
आदर्श ईंधन की क्या विशेषताएँ

  1. यह प्याप्त मात्रा में उपलब्ध होना चाहिए।
  2. इसकी कीमत कम होनी चाहिए।
  3. यह साफ ईंधन होना चाहिए और इससे कोई विषैली गैसों का उत्सर्जन नहीं होना चाहिए और दहन के पश्चात् कोई राख नहीं बननी चाहिए।
  4. इससे अधिक ऊर्जा प्राप्त होनी चाहिए।
  5. इसका परिवहन तथा भंडारण सुगम होना चाहिए।

प्रश्न 11.
कोयले तथा कोक में क्या अंतर है ?
उत्तर-
कोयले तथा कोक में अंतर-

कोयला कोक
1. यह कार्बन का अक्रिस्टलीय रूप है। 1. यह कार्बन का भंगुर रूप है।
2. यह पौधों के सड़ने तथा जंतुओं के मरने के बाद भूमि के नीचे दब जाने से बनता है। 2. यह सॉफ्ट कोयले को वायु की अनुपस्थिति या सीमित सप्लाई में गर्म करने से प्राप्त होता है।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जीवाश्म ईंधन क्या है ? ये कैसे बनते हैं ? यह नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत क्यों हैं ?
उत्तर-
पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, कोयला आदि जीवाश्म ईंधन की मुख्य किस्में हैं।

जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuel) और उनका निर्माण – जीव-जंतु तथा पौधे के अवशेष पृथ्वी के नीचे दब जाते हैं जो धीरे-धीरे तलछटी परतों के बीच इकट्ठे होते रहते हैं। इस तरह उन्हें ऑक्सीजन नहीं पहुँचती। तलछटों के नीचे इनका न तो ऑक्सीकरण होता है तथा न ही विघटन, परंतु तलछट के भार के कारण इनके बीच का जल तथा वाष्पशील पदार्थ निचुड़ कर बाहर आ जाता है। इन पदार्थों को जीवाश्म ईंधन कहते हैं।

नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत के रूप में – जीवाश्मी ईंधन आज से लाखों-करोड़ों वर्ष पहले पृथ्वी की सतह पर होने वाले परिवर्तनों के परिणामस्वरूप बने थे। भौगोलिक और वातावरणीय परिवर्तनों के कारण जीव-जंतु और पेड़पौधे मिट्टी की सतह की नीचे दब गए थे। पृथ्वी तल के दबाव और भीतरी गर्मी के कारण वे जीवाश्मी ईंधनों में परिवर्तित हो गए थे। मनुष्य इसे अपने उपयोग के लिए भूमि के नीचे से प्राप्त करते हैं। प्रयोग के बाद इन्हें पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता। इसलिए इन्हें अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत माना जाता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 2.
कोयले और पेट्रोलियम के निर्माण का वर्णन करें।
उत्तर-
(क) कोयले का निर्माण-
मृत वनस्पति से कोयले की उत्पत्ति – कोयला उन वृक्षों के विघटन से बना है जो आज से करोड़ों वर्ष पहले पृथ्वी के अंदर दब गए थे। ऐसा विचार है कि करोड़ों वर्ष पहले भूकंप तथा ज्वालामुखी इत्यादि के कारण वृक्ष पृथ्वी की सतह के नीचे दब गए और मिट्टी तथा रेत से ढक गए। पृथ्वी के अंदर उच्च दाब तथा उच्च ताप के कारण तथा वायु की अनुपस्थिति में ये दबे हुए वृक्ष धीरे-धीरे कोयले में बदल गए। वृक्षों की लकड़ी से कोयला बनने में करोड़ों वर्ष का समय लगा। कोयले के बनने के प्रक्रम को कार्बनीकरण कहते हैं।

(ख) पेट्रोलियम का निर्माण – पेट्रोलियम समुद्र में रहने वाले सूक्ष्म जीवाणुओं की सहायता से बनता है। मृत्यु के पश्चात् ये जीव सागर की तली तक पहुँच जाते हैं और धीरे-धीरे रेत तथा मिट्टी से ढक जाते हैं। करोड़ों वर्षों के पश्चात दाब, उत्प्रेरक क्रिया तथा गर्मी के कारण हाइड्रोकार्बन में बदल जाते हैं। ये हाइड्रोकार्बन हल्के होने के कारण छिद्र-युक्त चट्टानों से रिस कर पृथ्वी की सतह की ओर तब तक आते हैं जब तक अपारगम्य चट्टानें उन्हें रोक नहीं लेतीं। इस प्रकार इन अपारगम्य चट्टानों के बीच तेल कूप बन जाते हैं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम 2

प्रश्न 3.
पेट्रोलियम क्या है ? यह कैसे मिलता है ? इसे बाहर (mining) कैसे निकाला जाता है ?
उत्तर-
पेट्रोलियम – यह गाढ़ा, काले रंग का अप्रिय गंध वाला तेलीय द्रव है। यह कई ठोस, तरल और गैस पदार्थों का मिश्रण है। इसमें पानी, लवण और मृदा के कण मिले होते हैं।

पेट्रोलियम की प्राप्ति – पेट्रोलियम धरती के अंदर दो अपारगामी चट्टानों के बीच पाया जाता है। प्राकृतिक गैस इसके ऊपर पाई जाती है।

चट्टानों को बेधित करके पेट्रोलियम प्राप्त किया जाता है। जब बेधन किया जाता है तो पेट्रोलियम के ऊपर की प्राकृतिक गैस दबाव के साथ बाहर आ जाती है। दबाव के कारण तेल स्वयं बाहर आता है। प्राकृतिक गैस समाप्त होने के बाद इसे पंप की सहायता से निकाला जाता है।