PSEB 9th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

Punjab State Board PSEB 9th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar patra lekhan पत्र-लेखन Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 9th Class Hindi Grammar पत्र-लेखन

1. आपका नाम शैली है। आप 235, सेक्टर-16 करनाल में रहती हैं। आप अपनी सखी डिम्पी की बहन की शादी में व्यस्तता के कारण नहीं जा सकीं। डिम्पी को एक बधाई पत्र लिखिए।

235, सेक्टर-16
करनाल।
प्रिय सखी डिम्पी,
सप्रेम नमस्ते।

आज ही मेरी वार्षिक परीक्षाएँ समाप्त हुई हैं इसलिए मैं तुम्हारी बहन की शादी में नहीं पहुँच सकी। इसके लिए मैं तुमसे माफी मांगती हूँ। मैं अपनी और माता-पिता की तरफ से तुम्हें हार्दिक बधाई देती हूँ। प्रभु से तुम्हारी बहन के वैवाहिक मंगल जीवन की प्रार्थना करती हूँ।

तुम इस शादी में बहुत व्यस्त रही होगी। घर में बहुत काम बढ़ गया होगा। मैं जानती हूँ कि तुम्हें शादी में मेरी याद अवश्य आई होगी किंतु मैं इस अवस्था में नहीं पहुँच सकी परंतु हमारी अन्य सखियां तो आई होगी। आशा है तुम सबने मिलकर मनोरंजन किया होगा। . – मेरी तरफ से आपके पूरे परिवार को बहुत बधाई। माता-पिता को मेरी ओर से सादर प्रणाम तथा रवि को प्यार।

तुम्हारी सखी,
डिम्पी।

PSEB 9th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

2. आपका नाम सुधीर वर्मा है। आप 2561, सेक्टर-22 नोएडा में रहते हैं। आपको सूचना मिली है कि आपके मित्र के पिता जी की अचानक मृत्यु हो गयी है। इस संबंध में उसे सांत्वना देते हुए पत्र लिखिए।

2561, सेक्टर-22,
नोएडा। 5 मई,
20…… प्रिय मित्र,
सप्रेम नमस्ते।

आज ही आपका पत्र मिला। पढ़कर बहुत दुःख हुआ कि अचानक आपके पिता जी की मृत्यु हो गई। यह तुम्हारे लिए ही नहीं बल्कि पूरे परिवार के लिए दुःख की घड़ी है। किंतु जीवन में सुख-दुःख आते-जाते रहते हैं। इससे तुम्हें शिक्षा लेकर धैर्य रखना चाहिए। तुम अपने भाइयों में बड़े हो इसलिए तुम्हें सबको धैर्य देना चाहिए। धीरे-धीरे सब कुछ ठीक हो जाएगा। तुम अपनी पढ़ाई जारी रखना।
माता जी को प्रणाम तथा गौरव को प्यार।

आपका प्रिय मित्र,
सुधीर वर्मा।

3. आपका नाम मयंक गुप्ता है। आप मेरठ पब्लिक स्कूल, मेरठ में नौवीं कक्षा में पढ़ते हो और छात्रावास में रहते हो। आप अपनी माता जी को छात्रावास के जीवन के बारे में बताते हुए पत्र लिखें।

नेता जी छात्रावास,
मेरठ पब्लिक स्कूल,
मेरठ।
5 मई, 20……
आदरणीया माता जी,
चरण स्पर्श।

मैं यहाँ कुशलपूर्वक हूँ। आशा है कि आप भी कुशल होंगे। हमारे छात्रावास में कुल पचास विद्यार्थी रहते हैं। सभी देश के कोने-कोने से हैं। अलग-अलग राज्यों से होने पर भी हम सब मिल-जुल कर रहते हैं। हमारे छात्रावास में पच्चीस कमरे हैं। प्रत्येक कमरे में दो छात्र रहते हैं। श्री मुरली प्रसाद हमारे छात्रावास के इंचार्ज हैं। वे पूर्व सैनिक हैं इसलिए नियमों के कड़े हैं। उन्हें अनुशासन बहुत प्रिय है। इसी कारण यहाँ सभी छात्र अनुशासन में रहते हैं। अनुशासन तोड़ने पर कड़ी सजा मिलती है। हमारे इंचार्ज किसी के साथ भी ढील नहीं छोड़ते।।

छात्रावास में सभी छात्र सुबह पाँच बजे जाग जाते हैं। स्नान आदि करने के बाद सैर करते हैं उसके बाद आधा घंटा योग कक्षा लगती है। सात बजे कैंटीन में नाश्ता होता है। उसके बाद सभी कक्षाओं में चले जाते हैं। छुट्टी के पश्चात् भोजन करके सभी की अन्य कक्षाएं होती हैं। शाम को पांच बजे हम स्कूल के खेल के मैदान में पहुँच जाते हैं। वहाँ हम सात बजे तक खेलते हैं। इसके बाद रात्रि भोजन कर सभी सोने के लिए अपने अपने कमरों में चले जाते हैं।

मैं अपने मित्रों के साथ बहुत खुश हूँ। पिता जी को सादर प्रणाम।

अमृत को प्यार।
आपका पुत्र,
मयंक गुप्ता।

4. आपका नाम रिदम है। आप 525, मयूर विहार, दिल्ली में रहती हैं। आपकी दादी आपके पास पंद्रह दिन के लिए आने वाली हैं। उन्हें अपनी मनपसंद वस्तुओं की फरमाइश करते हुए पत्र लिखें।

525, मयूर विहार,
दिल्ली।
5 अगस्त, 20……
आदरणीया दादी जी,
चरण स्पर्श।

मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई कि आप हमारे पास पंद्रह दिन के लिए रहने आ रही है। इससे मैं ही नहीं बल्कि पूरा परिवार गदगद है। मुझे पता है कि आप अमृतसर से आते हुए बहुत सारी वस्तुएँ लेकर आएंगी। आप मेरे लिए मेरी मनपसंद गुड़िया, पापड़ और दुपट्टे ज़रूर लेकर आना। मुझे अमृतसरी मिठाई भी पसंद है। इसलिए आप खूब सारी मिठाई अवश्य लेकर आना। अमृतसरी कुर्ता-सलवार हमारे यहाँ बहुत प्रसिद्ध है। मैं ही नहीं सभी लोग इसे पसंद करते हैं। आप इसे ज़रूर सिलवाकर लाना।
पूज्य दादा जी को चरण स्पर्श तथा चाचा-चाची को सादर प्रणाम।
चरणजीत और डॉली को प्यार।

तुम्हारी पोती,
रिदम।

5. आपका नाम तनजीत कौर है। आप ए-10, शांति नगर, लुधियाना में रहती हैं। अपने बड़े भाई जो मुम्बई में रहते हैं, को अपने जीवन की भावी योजनाओं के विषय में पत्र लिखिए।

ए-10, शांति नगर,
लुधियाना।
1 जनवरी, 20……
प्रिय भैया,
सादर प्रणाम।

मैं यहां कुशलता से हूँ। आशा है कि आप भी मुंबई में खुश होंगे। आपको जानकर बहुत खुशी होगी कि इस वर्ष मैं नौवीं कक्षा में स्कूल में प्रथम आई हूँ। आगे मैं उच्च शिक्षा के लिए चंडीगढ़ जाना चाहती हूँ। ताकि मैं वहाँ जाकर पढ़ाई के साथ-साथ आई० ए० एस० की शुरू से ही तैयारी कर सकू। मैं बड़ी होकर देश की आई० ए० एस० अफसर बनना चाहती हूँ। इसके लिए मुझे दसवीं कक्षा के साथ-साथ आई० ए० एस० की भी तैयारी करनी होगी।

मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मैं सदा खूब मेहनत से पढूंगी और एक दिन अपना सपना ज़रूर पूरा करूँगी।

आपकी प्रिय बहन,
तनजीत कौर।

6. आपका नाम प्रवीण शर्मा है। आप 256, आशियाना सोसाइटी, नंगल में रहते हैं। आपका खोया हुआ बैग लौटाने वाले नीरज वर्मा को आभार व्यक्त करते हुए पत्र लिखें।

256, आशियाना सोसाइटी,
नंगल।
प्रिय मित्र नीरज वर्मा,
सप्रेम नमस्ते।

मुझे आज ही तुम्हारा पार्सल मिला। खोलकर देखा तो उसमें से एक बैग निकला। मैं इसे देखकर हैरान रह गया कि यह मेरा खोया हुआ बैग था। मैं आज बहुत खुश भी हूँ कि आज भी हमारे देश में तुम जैसे ईमानदार लोग हैं। यदि तुम चाहते तो इसे अपने पास रख सकते थे किंतु तुमने ऐसा नहीं किया। मेरा खोया हुआ बैग लौटाने के लिए मैं तुम्हारा बहुत आभारी हूँ। मैं सदा आपकी इस ईमानदारी को याद रखूगा। तुम्हारा बहुत धन्यवाद।

मैं प्रभु से तुम्हारे उज्ज्वल भविष्य की प्रार्थना करता हूँ। अपने माता-पिता जी को मेरी तरफ से सादर प्रणाम कहना।

आपका प्रिय,
प्रवीण शर्मा।

परीक्षोपयोगी अन्य पत्र।

1. अपने छोटे भाई को समाचार पात्र पटाने की प्रेरण देते हुए एक पात्र लिखिए

69-टैगोर नगर,
अमृतसर।
दिनांक………….
प्रिय भाई राकेश,
सस्नेह नमस्ते।

अभी-अभी प्राप्त हुए तुम्हारे पत्र से पता चला कि तुमने क्विज प्रतियोगिता में भाग लिया था लेकिन विषय में ज्ञान कम होने से प्रतियोगिता से बाहर हो गए। इससे पता चलता है कि तुम्हारा सामान्य ज्ञान बहुत कमज़ोर है। मेरे भाई आप को तो पता ही है कि आजकल प्रत्येक प्रतियोगिता में जो प्रश्न पूछे जाते हैं उनमें व्यक्ति का सामान्य ज्ञान बहुत होना चाहिए। मैं इस पत्र में अपना सामान्य ज्ञान बढ़ाने का एक उपाय बता रहा हूँ।

मेरा सुझाव यह है कि तुम अंग्रेजी और हिंदी के समाचार-पत्र नियमित रूप से पढ़ा करो। इससे तुम्हारा सामान्य ज्ञान काफ़ी हद तक ठीक हो जायेगा। अंग्रेजी के समाचार-पत्र से तुम्हारा अंग्रेज़ी का ज्ञान भी बढ़ेगा। हिंदी के तो आजकल पंजाब में कई दैनिक समाचार-पत्र प्रकाशित होने लगे हैं। समाचार-पत्रों से तुम्हें देश-विदेश में होने वाली घटनाओं की तो जानकारी होगी ही साथ ही धर्म, विज्ञान, खेल, व्रत त्योहारों की भी पूरी जानकारी प्राप्त होगी। हिंदी के समाचारपत्रों में प्रत्येक दिन इन सभी विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई होती है।

मेरी सलाह मानोगे तो महीने भर में ही तुम्हें पता चल जाएगा कि तुम्हारा सामान्य ज्ञान कितना बढ़ गया है। यह ज्ञान भविष्य में भी तुम्हारे काम आएगा। यदि हो सके तो ऐसी ही सलाह तुम अपने मित्रों को भी दे सकते हो।

स्नेह सहित,
तुम्हारा भाई.

PSEB 9th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

2. अपनी माता जी को एक पत्र लिखिए जिसमें छात्रावास का विवरण दिया गया हो।

12-टैगोर भवन,
पंजाब विश्वविद्यालय,
चंडीगढ़।
दिनांक 12-10-20…
पूज्य माता जी,
सादर प्रणाम!

आपका पत्र मिला जिसमें आपने मेरे घर से बाहर रहने और सही भोजन न मिलने के बारे में चिंता व्यक्त की है। पूज्य माता जी, मुझे छात्रावास में किसी प्रकार का कोई कष्ट नहीं है। यह ठीक है कि घर से दूर होने पर मुझे आप सबकी बहुत याद आती है किन्तु अपना भविष्य बनाने के लिए इतना कष्ट तो सहना ही पड़ेगा।

मैं आप को अपने छात्रावास की दिनचर्या का विवरण लिख रहा हूँ जिसे पढ़कर सम्भव है आपके मन को शान्ति मिल सके। हमारे छात्रावास में एक सौ दस कमरे हैं। प्रत्येक कमरे में दो-दो विद्यार्थियों के रहने की व्यवस्था है। संयोग से मेरे कमरे में मेरे ही गाँव का विद्यार्थी ठहरा है। छात्रावास में एक भोजनालय है जिसमें सभी विद्यार्थी मिलकर भोजन करते हैं। भोजनालय में ही एक तरफ मनोरंजन के लिए एक बड़ा टेलीविज़न भी रखा है। छात्रावास परिसर के साथ ही जुड़ा है।

छात्रावास में आकर मेरा जीवन भी नियमित हो गया है। छात्रावास के वार्डन छात्रों को प्रात: पाँच बजे जगा देते हैं। कोई एक घंटे के लिए हमें योग और प्राणायाम का प्रशिक्षण दिया जाता है। स्नानादि के बाद हम अल्पाहार करके विश्वविद्यालय चले जाते हैं। विश्वविद्यालय से वापस आकर कुछ देर के लिए हम इनडोर खेलें खेलते हैं फिर शाम को चाय पीते हैं। रात को हमें आठ बजे तक भोजन मिल जाता है। भोजन में हमें एक सब्जी, एक दाल और मिष्ठान दिया जाता है। रात को ग्यारह बजे तक हमें पढ़ना होता है। उसके बाद छात्रावास की सारी बत्तियाँ बुझा दी जाती हैं।

छात्रावास का जीवन मुझे बहुत पसंद है। मेरा पूरी तरह से यहाँ दिल लग गया है मैं पढ़ाई भी नियमित रूप से करने लगा हूँ। आप मेरी ओर से पूर्णत: निश्चिन्त हो जाएँ।
पूज्य पिता जी को मेरा प्रणाम कहिएगा। रुचि को स्नेह।

आपका प्रिय पुत्र,
आदीश।

3. पिता की ओर से पुत्र को पत्र जिसमें पढ़ाई के साथ-साथ जीवन में खेलों के महत्त्व पर भी प्रकाश डाला गया हो।

39-माडल टाऊन,
पटियाला।
दिनांक. ………..
प्रिय संजीव,
आशीर्वाद।

आज ही तुम्हारे अध्यापक का पत्र मिला जिसमें उन्होंने शिकायत की है कि तुम्हारा स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। इसका कारण उन्होंने यह दिया है कि तुम केवल पढ़ाई में ही लगे रहते हो, खेलों में बिलकुल भी भाग नहीं लेते।

तुम्हें मालूम होना चाहिए कि जीवन में जितना महत्त्व पढ़ाई का है उतना ही खेलों का भी है। खेलों में भाग लेने पर व्यक्ति का एक तरह से व्यायाम हो जाता है जिससे उसका स्वास्थ्य ठीक रहता है। व्यक्ति को खूब भूख लगती है और भोजन पचाने में भी खेलें सहायक होती हैं। याद रखो अच्छी तरह पढ़ाई वही कर सकता है जिसका स्वास्थ्य ठीक हो। खेलें हमें जीवन में अनुशासन में रहना भी सिखाती हैं और हम में टीम भावना भी पैदा करती हैं। अत: मेरी तुम्हें सलाह है कि स्कूल में होने वाली खेलों में से अपनी रुचि के अनुसार किसी भी खेल में अवश्य भाग लेना चाहिए। खेलों में भाग लेने पर तुम्हारा व्यायाम भी स्वयं ही हो जाएगा और स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा और सबसे बड़ी बात यह है कि तुम्हारा पढ़ाई में भी मन लगेगा।
आशा है तुम मेरे इन विचारों से सहमत होवोगे।

शुभकामनाओं सहित,
तुम्हारा पिता,

4. रक्षाबन्धन के पवित्र अवसर पर भाई ने जो उपहार भेजा है, उसकी उपयोगिता बताते हुए उसका धन्यवाद कीजिए।

29-मॉडल कालोनी,
फगवाड़ा।
दिनांक …………
आदरणीय भाई जी,
नमस्कार।

आज ही आप का भेजा पत्र प्राप्त हुआ जिसमें आपने राखी भेजने के लिए मेरा धन्यवाद करते हुए उपहार स्वरूप मुंशी प्रेमचन्द की कहानियों का पूरा सैट मानसरोवर (आठ भाग) भेजा है। इस अनुपम उपहार के लिए मैं आपका हृदय से धन्यवाद करती हूँ। मेरे लिए यह उपहार किसी सोने के गहने से कम नहीं है। पुस्तकें सदा से ही एक सुन्दर उपहार मानी जाती हैं। इन कहानियों को पढ़ कर यहाँ मुझे अपना सामान्य ज्ञान बढ़ाने में मदद मिलेगी वहाँ मेरा दिल भी लगा रहेगा। यह एक ऐसा उपहार है जो सदा मेरे पास रहेगा। भैया आप का जितना भी धन्यवाद करूं उतना ही कम है।
मेरी ओर से आदरणीय भाभी जी को नमस्ते कहिएगा।

शुभकामनाओं सहित,
आपकी प्रिय बहन,
राधिका।

5. गर्मियों की छुट्टियाँ इकट्ठे बिताने के लिए अपने मित्र को एक पत्र लिखिए।

राजगढ़ रोड़,
सोलन।
दिनांक…………….
प्रिय मित्र कुलदीप,
नमस्ते।

इस पत्र के द्वारा न मैं तुम्हें गर्मियों की छुट्टियाँ हमारे साथ हिमाचल में साथ बिताने का निमंत्रण दे रहा हूँ। इन छुट्टियों में हम हिमाचल प्रदेश के सभी दर्शनीय स्थलों की यात्रा करेंगे। इस पत्र में मैं तुम्हें हिमाचल के कुछ दर्शनीय स्थलों का वर्णन दे रहा हूँ ताकि तुम्हारे मन में जिज्ञासा और उत्सुकता जागृत हो सके और तुम छुट्टियाँ होते ही सोलन पहुँच जाओ। कसम से तुम्हारे साथ होने से भ्रमण का मज़ा दुगुना हो जाएगा।

हिमाचल प्रदेश अपनी प्राकृतिक सुषमा के लिए प्रसिद्ध है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला तो पर्यटकों का लोकप्रिय स्थल है। यहाँ का मालरोड, जाखू का हनुमान जी का मंदिर विशेष रूप से आकर्षण के केन्द्र हैं। शिमला से आगे बिलासपुर शहर है जो अब गोबिंद सागर झील के किनारे बसा है। पर्यटक यहाँ नौका विहार का मज़ा लेते हैं। बिलासपुर से आगे मंदिरों का शहर मंडी है जहाँ मनाया जाने वाला शिवरात्रि का त्योहार प्रसिद्ध है। मंडी के बाद कुल्लू मनाली आता है जो अपनी प्राकृतिक सुषमा के लिए जगत प्रसिद्ध है। मनाली स्थित हिडंबा देवी का मंदिर वास्तुकला का अद्भुत नमूना है। यदि समय मिला तो हम डलहौज़ी, चंबा और धर्मशाला भी जाएँगे।

उपर्युक्त विवरण को पढ़ने से मुझे पूर्ण विश्वास है कि तुम इन गर्मियों की छुट्टियों में हमारे साथ हिमाचल दर्शन के लिए अवश्य हमारे साथ शामिल हो जाओगे।
घर पर सभी को मेरा प्रणाम कहना।

तुम्हारा मित्र,
संजीव।

6. दीपावली की छुट्टियों में किसी दर्शनीय स्थल की यात्रा पर जाने के कार्यक्रम की सूचना देते हुए अपने मित्र को एक पत्र लिखिए।

12, गीता भवन,
लाजपतराय मार्ग,
जालन्धर।
दिनांक ………..
प्रिय मित्र आशीष,
नमस्ते।

तुम्हारा पत्र मिला। यह जान कर खुशी हुई है कि इस बार की दीपावली की छुट्टियों में तुम कन्या कुमारी जा रहे हो। हमने भी इस बार मैसूर और बेंगलुरू जाने का कार्यक्रम बनाया है। परिवार के सभी सदस्य इस बार इकट्ठे जा रहे हैं।

हम बीस अक्तूबर को जालंधर से चलेंगे। गाड़ी सात बजे चलेगी। तीसरे दिन हम बंगलौर पहुंच जाएँगे। वहाँ एक यात्री निवास में ठहरने का हमारा प्रबंध पहले से ही मेरे पिता जी के एक मित्र ने कर रखा है।

ये दोनों बहुत सुन्दर और ऐतिहासिक शहर हैं। यहाँ वृंदावन गार्डन, राजमहल, चामुंडेश्वरी का मंदिर देखने योग्य स्थान हैं। यहाँ के संग्रहालय भी बहुत प्रसिद्ध हैं। सुना है कि वहाँ अति प्राचीन वस्तुएँ संभाल कर रखी गई हैं।

हमारा कार्यक्रम सबसे पहले वृंदावन गार्डन देखने का है। यह बाग भारत भर में प्रसिद्ध है और इसे देखने देश-विदेश से लोग आते हैं। उसके बाद हम चामुंडेश्वरी देवी के मंदिर में देवी-दर्शन के लिए जाएँगे। तुम तो जानते ही हो कि ये स्थान चंदन की लकड़ी के लिए संसार भर में जाने जाते हैं। चंदन की लकड़ी से सुंदर मूर्तियाँ बनाने के यहाँ कई कारखाने हैं। इन मूर्तियों की मांग विदेशों में बहुत है। मैसूर चंदन की अगरबत्तियों और साबुन के लिए भी प्रसिद्ध है।

हम ठीक दीवाली वाले दिन यहाँ पहुँचेंगे। यहाँ के राजमहल की दीपमाला देखने योग्य होती है। हम वह अवश्य देखने जाएंगे। यात्रा से लौटकर मैं तुम्हें अपने अनुभवों के बारे में ब्योरे में लिखूगा। तुम भी मुझे अपनी यात्रा के अनुभव लिखना।
घर में सभी को मेरी नमस्ते कहना।

तुम्हारा प्रिय मित्र,
सुखदेव सिंह।

PSEB 9th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

7. स्वास्थ्य का महत्त्व समझाते हुए छोटे भाई को पत्र लिखिए।

720, सैक्टर 9,
अमृतसर।
26-12-20 ……..
प्रिय भाई हार्दिक
स्नेहाशिष।

आज ही पूज्य पिता जी का पत्र मिला, जिसे पढ़कर दुःख हुआ कि तुम्हारा स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। प्रिय भाई, तुम्हें अपने स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। परीक्षा सिर पर है। ऐसा न हो कि तुम्हारी सारे साल की मेहनत पर पानी फिर जाए।

मेरा विचार है कि तुम प्रतिदिन सुबह सवेरे उठा करो। प्रातः वेला में थोड़ी सैर भी किया करो। उस समय हमें शुद्ध एवं प्रदूषण रहित वायु मिलती है जो सारा दिन हमें चुस्त बनाये रखती है। प्रातः भ्रमण के बाद थोड़ा व्यायाम भी किया करो। सुबह सवेरे सूर्योदय के समय उसकी लालिमा के सामने आँखें बन्द कर पांच-दस मिनट अवश्य खड़े हुआ करो। इससे तुम्हारा शरीर भी स्वस्थ रहेगा और तुम्हारी आँखों की ज्योति भी कमजोर नहीं होगी। देर तक पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी के लिए यह अति उत्तम उपाय है।

तुम अपने खाने, सोने, पढ़ने और खेलने का ध्यान अवश्य रखो। हर काम समय पर करो। भोजन के मामले में तुम्हें विशेष ध्यान रखना चाहिए। भोजन नियत समय पर ही करना चाहिए। इस तरह तुम्हारा पेट ठीक रहेगा। बहुत से रोग .. आदमी का पेट ठीक न होने के कारण होते हैं। सही समय पर भोजन करना हमें कई रोगों से बचाता है।

तुम शाम को खेलकूद में अवश्य भाग लिया करो। व्यक्ति का मन के साथ-साथ शरीर भी स्वास्थ्य होना चाहिए। रोगी, शरीर वाला कोई भी काम ठीक ढंग से नहीं कर सकता।

मुझे पूरी आशा है कि तुम मेरी इन बातों की तरफ अवश्य ध्यान दोगे और नियमपूर्वक इनका पालन करोगे। मेरी शुभ कामनाएँ तुम्हारे साथ हैं।

तुम्हारा भाई,
चैतन्य।

8. मन लगाकर पढ़ाई करने की शिक्षा देते हुए छोटे भाई को पत्र लिखें।

………………… पता
………………… शहर
दिनांक……………..
प्रिय भाई………….
नमस्ते।

आज ही तुम्हारे अध्यापक श्री…………का पत्र मुझे मिला, जिसमें उन्होंने तुम्हारी शिकायत की है कि तुम पढ़ाई में बहुत कम ध्यान देने लगे हो। अर्धवार्षिक परीक्षा में तुम्हारे अंक भी बहुत कम आये हैं। प्यारे भाई तुम्हें पता ही है कि इस वर्ष तुम्हारी मैट्रिक की पढ़ाई है। पुराने ज़माने में इसे एंटरस की परीक्षा कहते थे। कारण यह है कि इस परीक्षा को पास करके ही विद्यार्थी वास्तव में अपने भावी जीवन का निर्माण करता है। यह परीक्षा जीवन का प्रवेश द्वार है।

आज प्रतियोगिता और मैरिट का ज़माना है। इन दोनों में सफलता पाने के लिए मन लगाकर पढ़ना ज़रूरी है। पढ़लिख कर जब तुम कुछ बन जाओगे तो सारा जीवन ऐश करने के लिए ही है। किन्तु यदि पढ़ाई ठीक ढंग से नहीं की तो जीवन भर पछताना पड़ेगा। विद्यार्थी जीवन और पढ़ाई का यह अवसर लौटकर नहीं आएंगे।

हमारा परिवार एक मध्यवर्गीय परिवार है। आज वह जमाना नहीं रहा कि एक कमाता था तो सब खाते थे। आज तो सभी कमाएँ तो अच्छी तरह से खा सकते हैं। अपने परिवार की आर्थिक स्थिति तुम से छिपी नहीं है। हम सब को तुम पर बड़ी आशाएँ हैं। हम पिता-पुत्र अपनी गाढ़े पसीने की कमाई तुम्हारी पढ़ाई पर इसीलिए खर्च कर रहे हैं कि तुम पढ़-लिखकर कुछ बन जाओ और परिवार का नाम रोशन करो।

मुझे पूर्ण आशा है कि थोड़े कहे को अधिक समझते हुए, तुम पूरी तरह मन लगाकर पढ़ोगे और पहले की तरह ही कक्षा में प्रथम आकर दिखाओगे। हम सब की शुभ कामनाएँ और आशीर्वाद तुम्हारे साथ है।
पूज्य माता जी और पिता जी तुम्हें ढेर सारा प्यार भेजते हैं।

तुम्हारा भाई,
………….।

9. नैतिक मूल्यों का महत्त्व समझाते हुए छोटे भाई को पत्र लिखें।

……………पता
…………..शहर
दिनांक…………..
प्रिय भाई…
नमस्ते।

तुम्हारा पत्र प्राप्त हुआ। पढ़ कर प्रसन्नता हुई कि तुम नैतिक मूल्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हो। इस पत्र में मैं तुम्हें कुछ महत्त्वपूर्ण बातों की जानकारी दे रहा हूँ। याद रखना इन पर अमल करने वाला विद्यार्थी जीवन भर सुखी रहता है। सबसे पहली बात यह है कि तुम्हें समय का सद्उपयोग करना चाहिए। समय से मूल्यवान् वस्तु कोई नहीं है। एक चित्रकार ने समय का चित्र बनाते समय उसके माथे पर बालों का गुच्छा दिखाया था और उसे सिर के पीछे से गंजा दिखाया था। इसका मतलब यह है कि समय को सदा सामने से ही पकड़ो। उसके बीत जाने पर तो तुम्हारा हाथ उसके गंज पर पड़ेगा और तुम्हारे हाथ कुछ न आयेगा। किसी ने ठीक ही कहा है-‘अब पछताय क्या होत जब चिड़िया चुग गई खेत।’ इसलिए समय के मूल्य को समझो। संसार में जितने भी महान् व्यक्ति हुए हैं उन सभी ने समय के मूल्य को समझा और उसका पालन किया है। तुम्हें समय पर पढ़ाई करना, खेलना, खाना, सोना आदि काम करने चाहिएं।

दूसरी.विशेष बात है-सच्चरित्रता। कहते हैं कि ईश्वर भी उसी का साथ देता है जिसका आचरण सच्चा होता है। सच्चरित्र व्यक्ति जीवन में सदा सफल होता है। आजकल टेलीविज़न, फिल्में आदि व्यक्ति के चरित्र को बनाने की बजाए बिगाड़ रहे हैं। चरित्र बिगड़ जाने पर व्यक्ति का सब कुछ नष्ट हो जाता है। मैं टेलीविज़न या फिल्म देखने से तुम्हें रोकना नहीं चाहता बल्कि चाहता हूँ कि टेलीविज़न पर अच्छे और ज्ञानवर्धक कार्यक्रम देखो। फिल्म देखो तो उससे बुरी बातें नहीं अच्छी बातें सीखो।

तीसरी बात है, अपने कर्त्तव्य का पालन करना चाहिए। हमारा पहला कर्त्तव्य अपने देश के प्रति है फिर राज्य, जाति या समाज के लिए। हमें सदा दूसरों का भला करने की बात सोचनी चाहिए। गरीबों की, असहायों की मदद करनी चाहिए। हर व्यवसाय में कर्त्तव्य पालन करना ज़रूरी है। सूर्य, चन्द्रमा समय पर उदय होकर और अस्त होकर अपने कर्तव्य का ही तो पालन करते हैं। कर्त्तव्य पालन हमें जीवन में सुख और उन्नति प्रदान करता है।

तुम्हारा भाई,
…………….

10. समय का महत्त्व समझाते हुए मित्र/सखी को पत्र लिखें।

……….. पता
………… नगर का नाम
दिनांक………….
प्रिय उमेश,
नमस्ते।

आशा है तुम स्वस्थ एवं प्रसन्न होगे और छात्रावास में तुम्हारा मन लग गया होगा। मुझे कल ही तुम्हारे एक मित्र का पत्र मिला है जिसमें उसने तुम्हारी शिकायत करते हुए लिखा है कि तुम पढ़ाई की तरफ कम ध्यान देते हो और बहुतसा समय आवारागर्दी में बिता देते हो। तुम्हारे मित्र ने मुझे तुम्हें समझाने की सलाह दी है।

इस पत्र में मैं तुम्हें समय के महत्त्व पर कुछ बातें लिख रहा हूँ। मुझे पूर्ण आशा है कि तुम मेरी बातों पर ध्यान देते हुए अपने आचरण में सुधार करोगे। समय बड़ा कीमती धन है जो इसकी कदर नहीं करता वह सारी उमर पछताता रहता है। क्योंकि बीता हुआ समय लौट कर नहीं आता। विद्यार्थी जीवन में तो इसका बड़ा महत्त्व है। ज़रा सोचो यदि तुम अपने सहपाठियों से एक वर्ष पीछे रह गए तो क्या इस बीते समय की तुम भरपाई कर पाओगे। याद रखो समय कभी किसी की प्रतीक्षा नहीं करता। जीवन में वही लोग सफल होते हैं जो समय के महत्त्व को पहचानते हैं।

विद्यार्थी जीवन में तो समय का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है। समय पर सोना, समय पर जागना, समय पर भोजन करना, समय पर खेलना, समय पर पढ़ाई करना एक विद्यार्थी के स्वास्थ्य को तो सही रखता ही है उसकी बुद्धि को भी तीक्ष्ण करता है। समय पर किया गया हर कार्य मनुष्य के जीवन को सुखमय बनाने में सहायक होता है।

प्रिय मित्र, थोड़े कहे को अधिक समझो। मुझे पूर्ण आशा है कि तुम अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को तथा अपने भविष्य को ध्यान में रखते हुए समय के महत्त्व को समझोगे और अपनी दिनचर्या को बदलने का प्रयास करोगे। मेरी शुभकामनाएँ तुम्हारे साथ हैं।

तुम्हारा मित्र,
रमेश यादव।

11. व्यायाम के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए सखी को पत्र लिखें।
……………..पता
……………..शहर का नाम
दिनांक…………
प्रिय सुरभि,
नमस्ते।

आज ही तुम्हारा पत्र प्राप्त हुआ। यह जान कर दुःख हुआ कि तुम्हारा स्वास्थ्य कुछ ठीक नहीं रहता। पिछले वर्ष जब मैं तुमसे मिलने अमरावती आई थी तो तुम्हारी माता जी ने इस बात की शिकायत की थी कि तुम सारा दिन सुस्त सी रहती हो। न कोई व्यायाम करती हो और न ही स्कूल की किसी खेल में हिस्सा लेती हो।।

तुम्हें तो मालूम ही है कि स्वास्थ्य ही धन है और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्यायाम बहुत ज़रूरी है। व्यायाम का यह मतलब कभी न लेना कि यह पहलवानों की तरह कसरत करना ही व्यायाम होता है। बल्कि एक लड़की के लिए तो घर का काम काज करना भी एक तरह का व्यायाम ही है। सुबह सवेरे उठकर सैर करना, घर की सफाई करना, झाड़ आदि देना, कपड़े धोना, खाना बनाना ये सब व्यायाम के ही अंग हैं। आजकल लोग विशेषकर बच्चे सारा-सारा दिन दूरदर्शन के कार्यक्रम देखते रहते हैं। इस तरह वे अपना समय और स्वास्थ्य खराब करते हैं। तुम भी दूरदर्शन देखना कम करके अपनी दैनिक दिनचर्या को थोड़ा बदलो। प्रात: जल्दी उठा करो और रात को जल्दी सो जाया करो। सुबह सवेरे खुली हवा में सैर करना और हल्के व्यायाम करना भी तुम्हारे लिए लाभदायक सिद्ध होगा। घर में अपनी माता जी के साथ काम में हाथ बटाया करो। घरेलू काम भी व्यायाम ही हैं। पुराने ज़माने में औरतें चक्की पीसती थीं, कुएं से पानी खींचती थीं और सिर पर पानी का घड़ा रखकर घर लाती थीं। इन घरेलू कामों के कारण पुराने समय की औरतें स्वस्थ रहा करती थीं। आज महानगरों में बड़े-बड़े स्वास्थ्य क्लबों में यही सब व्यायाम करवाये जाते हैं।

इन व्यायामों से कोई भी लड़की सुंदर, स्वस्थ, सुगठित शरीर वाली बनी रह सकती है। व्यायाम करने से चेहरे पर एक तेज आ जाता है, जो स्त्री के व्यक्तित्व को आकर्षक बनाने में सहायक होता है। क्या कोई रोनी सूरत वाली उदासउदास दिखने वाली लड़की की तरफ देखना पसन्द करेगा? नहीं, कदापि नहीं। ऐसी लड़की को तो कोई अपनी सहेली भी बनाने को तैयार नहीं होता।

मेरा तुम से आग्रह है कि अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है, नियमित रूप से व्यायाम करो, सदा खुश रहो, गुस्सा कम करो। थोड़े ही दिनों में तुम देखोगी कि तुम्हारे रूप पर निखार आना शुरू हो जाएगा और तुम बहुत से ऐसे रोगों से बची रहोगी जिन से प्रायः लड़कियाँ परेशान रहा करती हैं। इस सम्बन्ध में अपनी माता जी की भी घर पर सहायता लो। अपने माता-पिता को मेरा नमस्कार कहना। छोटे भाई को मेरा प्यार कहना।

तुम्हारी सखी,
मोहिनी।

PSEB 9th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

12. वृक्षों का महत्त्व समझाते हुए सखी को पत्र लिखें।

……………….पता
………………शहर का नाम
दिनांक………….
प्रिय सखी रूपाली,
नमस्ते।

तुम्हें यह जान कर प्रसन्नता होगी कि कल हमारे नगर में वन महोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस महोत्सव में नगर के सभी स्कूली बच्चों ने बड़े उत्साह एवं चाव से भाग लिया। मैंने भी रेलवे स्टेशन के सामने पड़ी खाली भूमि में दो नीम के पेड़ लगाये। इस दिन वृक्षों के सम्बन्ध में कई नई बातों की जानकारी प्राप्त हुई जो मैं तुम्हें लिख रही हूँ।

आप तो जानती ही हैं कि वृक्ष पर्यावरण को शुद्ध रखने और हमें प्रदूषण से सुरक्षित रखने में कितने सहायक होते हैं। हमने ईंधन और इमारती लकड़ी के लिए वृक्षों की जो अंधाधुंध कटाई शुरू कर दी है उसी के कारण हमें अनेक मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। अभी पिछले वर्ष ही उत्तर प्रदेश में भूस्खलन और बाढ़ के कारण जो जान माल की हानि हुई है उसकी जानकारी तो तुम्हें दूरदर्शन और समाचार-पत्रों के माध्यम से मिल ही चुकी होगी।

वृक्ष हमें शुद्ध वायु प्रदान करने के साथ-साथ प्रदूषित वायु को शुद्ध करने का कार्य भी करते हैं जैसे कि नीम, पीपल, बड़ के वृक्ष। वृक्षों से हमें अनेक प्रकार की औषधियाँ भी प्राप्त होती हैं। इसी कारण हमारे बुजुर्गों ने कुछ वृक्षों को देवता का स्वरूप भी माना है। अतः हमें यह प्रण करना चाहिए कि वृक्षों की कटाई को बंद करके हर वर्ष कमसे-कम एक वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए। भारत सरकार का यह नारा सही है कि हम एक अनपढ़ को अवश्य पढ़ाएं और एक वृक्ष अवश्य लगायें। भारत की 125 करोड़ जनसंख्या में से यदि 50 करोड़ लोग भी हर वर्ष एक-एक वृक्ष लगाये तो हर वर्ष हम 50 करोड़ नए वृक्ष लगा सकते हैं।

मुझे पूरी आशा है कि तुम अपने आस पड़ोस में भी वृक्षों के महत्त्व से लोगों को परिचित करवा कर उन्हें वृक्षारोपण के लिए प्रेरित करोगी। इस तरह तुम अपनी ही नहीं देश की भी भलाई करोगी।

तुम्हारी सखी
………… नाम

13. बुरी संगति से बचने की सलाह देते हुए छोटे भाई को पत्र लिखें।
………………पता
……………..शहर का नाम
दिनांक…………….
प्रिय भाई राकेश,
स्नेह।

आज ही तुम्हारी अक्तूबर महीने की स्कूली परीक्षा का परिणाम प्राप्त हुआ। साथ ही तुम्हारे अध्यापक महोदय का पिता जी के नाम एक पत्र भी मिला, जिसमें उन्होंने तुम्हारी शिकायत की है कि तुम पढ़ाई में पूरा ध्यान नहीं देते। अध्यापक महोदय ने यह शिकायत भी की है कि तुम्हारी संगति अच्छे लड़कों से नहीं है। तुम्हारा परीक्षा परिणाम इस बात की पुष्टि करता है।

मुझे इस बात की जानाकरी से काफ़ी हैरानी हुई है कि तुम पिछले वर्ष अपनी कक्षा में दूसरे स्थान पर रहे थे और इस वर्ष तुम चार-चार विषयों में फेल हो। गणित में तुमने मात्र दस अंक प्राप्त किये हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि तुम्हारा ध्यान पढ़ाई की ओर नहीं रहा। मुझे लगता है कि यह सब तुम्हारे बुरे लड़कों की संगति का ही परिणाम है।

तुम तो जानते ही हो कि व्यक्ति अपनी संगति से ही पहचाना जाता है। अच्छों की संगति करने से वह अच्छा और बुरों की संगति से बुरा समझा जाता है। बुरी संगति में पड़ कर भले ही थोड़ी देर के लिए आनन्द अनुभव हो पर इस तरह तुम अपना भविष्य बिगाड़ लोगे। जीवन का एक वर्ष भी यदि तुमने गंवा दिया तो सारी उमर पछताते रहोगे।

यह प्रतियोगिता का युग है। यदि परीक्षा में तुमने अच्छे अंक न प्राप्त किए तो आगे कैसे पढ़ सकोगे। पढ़ोगे नहीं तो करोगे क्या? हमारे पिता जी की कोई ज़मीन-जायदाद या कारोबार. तो है नहीं जो बिना पढ़ाई पर उनकी हट्टी पर बैठ जाओगे। बिना पढ़े तुम अपना जीवन निर्वाह कैसे करोगे? इसलिए मेरी तुम्हें सलाह है कि अपना भला-बुरा स्वयं विचार करो और बुरे लड़कों की संगति छोड़ दो। पढ़ाई में दिल लगाओ। यही तुम्हारी सारी उमर साथ देगी। बुरे मित्र तुम्हारा साथ जीवन भर नहीं देंगे।

मुझे पूर्ण आशा है कि तुम मेरी सलाह पर ध्यान देकर पढ़ाई में दिल लगाओगे और कक्षा में पहले जैसा स्थान प्राप्त करोगे।

तुम्हारा भाई,
…………. नाम

14. शैक्षणिक यात्रा में जाने की अनुमति माँगते हुए तथा रुपए भेजने की प्रार्थना करते हुए पिता जी को पत्र लिखें।

……………..पता
……………शहर का नाम
दिनांक…………..
पूज्य पिता जी,
सादर प्रणाम।

आप का पत्र कल ही मुझे मिला। परिवार का कुशल समाचार पढ़कर प्रसन्नता हुई। पूज्य पिता जी, मैं यहाँ पूर्ण रूप से स्वस्थ हूँ और दिल लगाकर पढ़ाई कर रहा हूँ। मेरे बारे में आप कोई चिन्ता न करें।

अगले महीने बड़े दिनों की छुट्टियाँ हो रही हैं। इन छुट्टियों में हमारे स्कूल की ओर से एक शैक्षणिक यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। इस यात्रा में छात्रों को राजस्थान के कुछ ऐतिहासिक स्थानों की सैर करवाई जाएगी। इन स्थानों में देश के महान् सपूत महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़े स्थानों के दर्शन भी शामिल होंगे। इस यात्रा में जयपुर, जोधपुर, अजमेर, आबू आदि स्थानों की सैर भी करवायी जाएगी।

यदि आप की आज्ञा हो तो मैं इस यात्रा में जाने वाले विद्यार्थियों में अपना नाम लिखवा दूं। इसके मुझे तीन सौ रुपए जमा करवाने होंगे। यदि आप की सहमति हो तो कृपया मुझे तीन सौ रुपए तुरन्त मनी आर्डर द्वारा भेज दें। साथ ही प्रधानाचार्य जी के नाम अपनी अनुमति का पत्र भी भेज दें। पूज्य पिता जी, मेरा विचार है कि मुझे इस सुनहरी अवसर को हाथ से नहीं जाने देना चाहिए।
घर पर पूज्य माता जी को मेरा प्रणाम कहिएगा तथा छोटे भाई-बहनों को प्यार।
आपकी अनुमति एवं मनीआर्डर की प्रतीक्षा में।

आपका आज्ञाकारी बेटा,
……………..नाम
दिनांक…………..

15. गाँव में लगी कृषि प्रदर्शनी का वर्णन करते हुए मित्र को पत्र लिखें।

…………….पता
………………शहर का नाम
दिनांक …………
प्रिय मित्र…………..
नमस्ते।

तुम्हारा पत्र मिला, घर पर सबकी कुशलता जान पर प्रसन्नता हुई। प्रिय मित्र पिछले दिनों हमारे गाँव में पंजाब सरकार की कृषि मंत्रालय और कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना की ओर से एक कृषि-प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था। इस पत्र में मैं तुम्हें उसी की संक्षिप्त जानकारी लिख रहा हूँ।

कृषि प्रदर्शनी हमारे गाँव के बाहर एक खुले मैदान में लगायी गई थी। सारे मैदान को दुल्हन की तरह सजाया गया था। इस प्रदर्शनी की जानकारी मुनादी द्वारा आसपास के कई गाँवों में दी गई थी। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन पंजाब सरकार के कृषि मंत्री जी ने प्रात: नौ बजे किया। प्रदर्शनी देखने आसपास के कई गाँवों से हजारों की संख्या में किसान आए थे। किसानों के अतिरिक्त महिलाएँ और बच्चे भी बड़ी संख्या में प्रदर्शनी देखने आए। इस प्रदर्शनी में खेती बाड़ी से जुड़े अनेक अत्याधुनिक यन्त्र भी रखे गये थे। इस पंडाल में कृषि अधिकारी किसानों को इन यन्त्रों के प्रयोग और लाभ संबंधी जानकारी दे रहे थे। एक पंडाल में पंजाब प्रदेश में तैयार किए जाने वाले ट्रैक्टर से लेकर छोटे से छोटे यन्त्र प्रदर्शित किये गये थे। इस पंडाल में जाकर हमें पता चला कि पंजाब में बने स्वराज और सोनालीका जैसे ट्रैक्टर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बिक रहे हैं। एक पंडाल में किसानों को अपने उत्पाद में वृद्धि के लिए कई तरह के बीज रखे गये थे। नमूने के तौर पर प्रत्येक किसान को पाँच किलो बढ़िया उत्पाद देने वाले बीज मुफ्त बाँटे जा रहे थे। इस पंडाल में हमें पता चला कि अब टमाटर, करेले बेलों में भी लगते हैं तथा घिया या लौकी के पेड़ भी उगाये जा सकते हैं।

मुझे ही नहीं हमारे क्षेत्र के प्रत्येक किसान को इस प्रदर्शनी से बहुत सी लाभप्रद जानकारी प्राप्त हुई। मेरा मानना है कि ऐसी प्रदर्शनियाँ हमें अपने उत्पाद में वृद्धि करने में काफ़ी सहायक हो सकती हैं। इस तरह हमारा पंजाब जो अन्न उत्पादन में सबसे आगे है, फल और सब्जियों के उत्पादन में सबसे आगे निकल जाएगा।
घर पर सबको मेरी तरफ से नमस्ते कहना।

तुम्हारा मित्र,
………….

16. आपका मित्र बोर्ड की परीक्षा में प्रथम रहा है। उसे बधाई देते हुए एक पत्र लिखिए।

269, संतोखपुरा,
………….शहर का नाम।
दिनांक …………
प्रिय मित्र………….
नमस्कार।

आज ही दैनिक जागरण में तुम्हारा चित्र छपा देखकर तथा यह जानकर कि तुम पंजाब स्कूल बोर्ड की मैट्रिक की परीक्षा में प्रथम रहे हो, हृदय प्रसन्नता से झूम उठा। प्रिय मित्र, तुम से यही आशा थी। तुम ने अपनी माता-पिता और अध्यापकों के सपनों को साकार कर दिया है। इस शानदार सफलता के लिए मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें।

आज हम सब तुम्हारे ऊपर गर्व का अनुभव कर रहे हैं। तुम्हारे माता-पिता, भाई-बहन कितने प्रसन्न होंगे इसका अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है। तुम ने यह सिद्ध कर दिया है कि कठोर परिश्रम और सच्ची लगन से कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है।

तुम्हारी इस शानदार सफलता पर मैं तथा मेरे माता-पिता तुम्हारे माता-पिता को भी अपनी ओर से हार्दिक बधाई प्रस्तुत करते हैं और आशा करते हैं कि भविष्य में भी तुम ऐसी ही सफलताएँ प्राप्त करते रहो।

शुभकामनाओं सहित,
तुम्हारा मित्र,
…………..नाम।

PSEB 9th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

17. अपने/अपनी मित्र/सखी को उसके जन्म दिन पर बधाई पत्र लिखिए।

561, मॉडल टाऊन,
लुधियाना।
दिनांक: 10 अक्तूबर, ……….
प्रिय सखी उर्वशी,
स्नेह।

आज ही तुम्हारा पत्र प्राप्त हुआ। यह जानकार प्रसन्नता हुई कि 12 अक्तूबर को तुम अपना जन्म दिन मना रही हो। तुम ने इस अवसर पर मुझे भी निमन्त्रण दिया है, उसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।। मेरा जी तो करता था कि इस शुभ अवसर पर स्वयं उपस्थित होकर अपनी शुभकामनाएँ प्रस्तुत करती किन्तु कुछ कारणों से मैं उपस्थित न हो सकूँगी। मैं अपनी शुभ कामनाएँ तुम्हें भेज रही हूँ, इस प्रार्थना के साथ कि तुम जियो हज़ारों साल, साल के दिन हो साठ हज़ार। मेरी परम पिता परमेश्वर से यह प्रार्थना है कि आप अपने भावी जीवन में हर कदम पर सफलताओं का मुँह देखो और तुम्हारा भावी जीवन उल्लास भरा हो, नई उमंगों और नई आशाओं भरा हो।

अपनी ओर से एक छोटी-सी भेंट तुम्हें भेज रही हूँ। स्वीकार करें। अपने माता-पिता को भी मेरी ओर से इस अवसर पर बधाई कहना।

शुभ कामनाओं सहित,
तुम्हारी प्रिय सहेली,
रूपन घुम्मन।

18. अपने मित्र/अपनी सहेली को पंजाब जूडो कराटे प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने पर एक बधाई पत्र लिखिए।

494-सुभाष नगर,
पटियाला-147001
दिनांक ……………
प्रिय सखी जसप्रीत,
स्नेह।

आज ही समाचार-पत्र में चण्डीगढ़ में आयोजित पंजाब जूडो कराटे प्रतियोगिता में तुम्हारे प्रथम स्थान प्राप्त करने का समाचार पढ़ा। पढ़ कर हृदय प्रफुल्लित हो उठा। मेरी तरफ से इस सम्मान को प्राप्त करने पर तुम्हें बहुत-बहुत बधाई हो।

मुझे पूर्ण आशा है कि तुम से प्रेरणा लेकर अन्य स्कूली छात्राएँ भी इस कला को सीखने में रुचि लेना शुरू कर देंगी। . क्योंकि इस कला में प्रवीण लड़की बड़ी आसानी से राह चलते मजनुओं, छेड़खानी करने वालों से अपनी सुरक्षा भी कर सकती है और उन्हें धूल भी चटा सकती है।

मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ कि भविष्य में तुम राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इस कला में सम्मान प्राप्त करो।

शुभकामनाओं सहित,
तुम्हारी सखी,
इंद्रजीत कौर।

19. भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर बधाई देते हुए मित्र/सखी को पत्र लिखें।

315-कीर्ति नगर,
…………नगर का नाम
दिनांक……………..
प्रिय सखी मंजुला,
नमस्ते।

आज ही दैनिक पंजाब केसरी में जालन्धर में हुई अंतर्विद्यालीय भाषण प्रतियोगिता के परिणाम प्रकाशित हुए हैं। विजेताओं की सूची में तुम्हारे स्कूल द्वारा चल वैजयंती (Running Trophy) जीतने के समाचार के साथ ही तुम्हारे द्वारा प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने का समाचार पढ़ कर बड़ी प्रसन्नता हुई। तुम्हारी इस उपलब्धि और सम्मान प्राप्त करने पर मैं तुम्हें अपनी ओर से हार्दिक बधाई प्रस्तुत करती हूँ।

मैं यह अनुमान लगा सकती हूँ कि तुम्हारा भाषण कितना जोरदार रहा होगा। मुझे इस बात की और भी अधिक प्रसन्नता है कि इस तरह की प्रतियोगिताओं में लड़कियाँ भी बढ़-चढ़ कर भाग लेने लगी हैं। आज हमारे देश को अच्छे वक्ताओं की अच्छे नेताओं की ज़रूरत है। मेरी मनोकामना है कि तुम भारत कोकिला श्रीमती सरोजनी नायडू जैसी वक्ता बनो। निश्चय ही आप की यह उपलब्धि आप के लिए, आप के स्कूल के लिए और आपके माता-पिता और अध्यापकों के लिए गौरव की बात है।
मेरी शुभकामनाएँ सदा तुम्हारे साथ हैं।

आप की प्रिय सखी,
………….. नाम

20. आपके बड़े भाई ने आपके जन्म दिन के अवसर पर आपको उपहार स्वरूप कुछ पुस्तकें भेजी हैं। उनका धन्यवाद करते हुए पत्र।

………….पता
…………शहर
दिनांक………….
आदरणीय भाई साहिब,
सादर प्रणाम।

कल जब मेरे जन्म दिन की पार्टी चल रही थी तो कोरियर वाला आपके द्वारा भेजा गया एक पार्सल दे गया। मेरे सभी मित्र यह जानने के लिए उत्सुक थे कि आपने मुझे कौन-सा उपहार भेजा है। पार्सल खोलने पर पता चला कि आपने हिन्दी के महान् लेखक प्रेम चंद जी की कहानियों का पूरा सैट-मानसरोवर 8 भाग भेजा है। सच जानिए, भाई साहब मेरी और मेरे मित्रों की प्रसन्नता का कोई पारावार न रहा। आपने यह अनमोल उपहार भेज कर बड़ी कृपा की। मैं आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

आदरणीय भाई साहिब हमारी पाठ्य-पुस्तक में प्रेमचंद जी द्वारा लिखित ‘बड़े भाई साहिब’ कहानी संकलित है। इस प्रेरणादायक कहानी को पढ़ कर मेरा मन करता था कि प्रेमचंद जी की अन्य कहानियाँ भी पढूँ। आपने मेरी यह इच्छा पूरी कर दी। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। मेरे मित्रों ने भी इस उपहार को अमूल्य बताया है। निश्चय ही पुस्तकों का उपहार अन्य सभी सांसारिक वस्तुओं से अधिक मूल्यवान् है।

धन्यवाद सहित,
आपका छोटा भाई,
………….नाम

21. बड़ी बहन के विवाह के अवसर पर सखी को शामिल होने का निमन्त्रण पत्र।

51-कृष्णा नगर,
गली नं. 12
पठानकोट।
दिनांक………
प्रिय सखी ………
नमस्ते।

आप को यह जानकर हार्दिक प्रसन्नता होगी कि मेरी बड़ी बहन सुकीर्ति का शुभ विवाह दिनांक………… मंगलवार को होना निश्चित हो गया है। बारात रात ठीक आठ बजे हमारे घर पहुँचेगी तथा डोली की रस्म अगली सुबह 8 बजे होगी।

आप से प्रार्थना है कि इस अवसर पर आप अवश्य पधारें। यदि विवाह से एक-दो दिन पहले आने की कृपा करो तो आभारी हूँगी। क्योंकि तब तुम मेरे साथ काम में हाथ बटा सकोगी।

इस पत्र के साथ ही आपके माता-पिता के नाम औपचारिक निमन्त्रण पत्र भी भेज रही हूँ। हो सके तो उन्हें भी मेरी ओर से प्रार्थना करें कि वे भी इस शुभ अवसर पर दर्शन दें।

तुम्हारी सखी,
………….नाम।

22. अपने किसी मित्र की माता की मृत्यु हो जाने पर उसे संवेदना प्रकट करते हुए एक पत्र लिखिए।

…………..पता
………….शहर
दिनांक………….

प्रिय मित्र ………..
स्नेह।

अभी-अभी तुम्हारी पूज्य माता जी के अचानक स्वर्ग सिधार जाने का दुखद समाचार मिला। जानकर दिल को भारी धक्का लगा। यह शोक समाचार सुन कर मेरे माता-पिता भी शोक विह्वल हो उठे। इस दुःख की घड़ी में मैं तुम्हारा भागीदार हूँ। मैं तथा मेरे माता-पिता अपनी हार्दिक संवेदना प्रस्तुत करते हैं। . प्रिय मित्र, जीवन और मृत्यु ऐसी चीजें हैं जिन पर मनुष्य का अपना कोई अधिकार नहीं है। ईश्वर की लीला बड़ी विचित्र है। पूज्य माता जी की जिस समय परिवार को अधिक आवश्यकता थी, ईश्वर ने उन्हें अपने पास बुला लिया। इस दैवी आघात को सहन करने के अतिरिक्त हमारे पास दूसरा कोई चारा नहीं। माँ का रिश्ता दुनिया में ऐसा रिश्ता है जिसकी तुलना किसी दूसरे रिश्ते से नहीं की जा सकती। मैं भी उनके स्नेहमयी व्यवहार को कभी भूल नहीं पाऊँगा।

उस परमपिता परमात्मा से प्रार्थना है कि वह पूज्य माता जी की आत्मा को शान्ति और सद्गति प्रदान करे और आप सब को इस भीषण दुःख को सहन करने की शक्ति और सामर्थ्य प्रदान करें।

तुम्हारा अभिन्न मित्र,
……………… नाम।

संचार माध्यम के रूप में पत्र की बहुत उपयोगिता है। वर्तमान समय में टेलीफोन, मोबाइल, फैक्स और इंटरनेट ने संचार-क्षेत्र में क्रांति ला दी है। आज तो विश्व के किसी भी कोने में घर बैठे-बैठे कुछ ही सैकिंडों में बात हो जाती है। टेलीफ़ोन, मोबाइल, इंटरनेट प्रत्येक माध्यम की अपनी विशेष भूमिका है। ई-मेल, एस० एम० एस०, एम० एम० एस० आदि पत्र के ही नये रूप हैं। यह परस्पर विचारों के आदान-प्रदान का नया माध्यम है। किंतु पत्रलेखन का संचार क्षेत्र में अपना अनूठा महत्त्व है। आज भी उसकी महत्ता बनी हुई है। यह एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा हम अपने मन के भावों को उचित रूप से प्रस्तुत कर सकते हैं। जिन बातों को हम मोबाइल फ़ोन आदि पर बोलने में संकोच करते हैं। उन बातों को पत्र में आसानी से लिख सकते हैं। रिश्तों की मधुरता और निकटता को बनाए रखने में पत्र की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।

पत्र-लेखन व्यक्तिगत ही नहीं बल्कि सरकारी, गैर-सरकारी और निजी संस्थानों में निरंतर चल रहा है। कार्यालयों द्वारा भेजे गए पत्रों के रिकार्ड तो कार्यालय के डायरी रजिस्टर में भी रहते हैं। इस प्रकार पत्र लेखन एक अनूठी कला हैं।

PSEB 9th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

अच्छे पत्र के गुण

अच्छे पत्र में निम्नलिखित गुण होने चाहिएं-
1. सरल भाषा-शैली-पत्र में साधारणतः सरल और बोलचाल की भाषा होनी चाहिए। शब्द बड़ी सावधानी से प्रयोग में लाए जाएं। थोड़े में बहुत कहने की रीति को अपनाया गया हो। बात सीधे-साधे ढंग से कही जाए। घुमा-फिरा कर लिखने से पत्र की शोभा बिगड़ जाती है।

2. संक्षिप्त विवरण-पत्र में व्यर्थ की व्याख्या नहीं होनी चाहिए। जितनी बात प्रश्न में पूछी गई है उसी की व्याख्या करनी चाहिए। इधर-उधर की हाँकने से पत्र में दोष आ जाता है। पत्र को पढ़ने वाले के दिमाग में सारी बात स्पष्ट हो जानी चाहिए, यह न हो कि वह किसी प्रकार की उलझन में फंसा रहे।

3. प्रभावोत्यादक-पत्र ऐसा होना चाहिए कि जिसको पढ़कर पढ़ने वाले पर प्रभाव पड़े। इसके लिए उसे पत्र के आरम्भ और अन्त को ध्यानपूर्वक लिखना चाहिए। इसके लिए पत्र लिखने के नियमों का पूरा पालन किया गया हो।

पत्रों के प्रकार-मुख्यतः पत्र दो तरह के होते हैं-
(1) अनौपचारिक पत्र
(2) औपचारिक पत्र।।
1. अनौपचारिक पत्र-ऐसे पत्रों में निजी या पारिवारिक पत्र आते हैं। इन पत्रों को लिखते समय व्यक्ति को खुली छूट होती है कि वह जैसे चाहे पत्र लिख सकता है। ऐसे पत्र प्रायः अपने परिवार के सदस्यों-भाई-बहन, माता-पिता आदि तथा मित्रों को लिखे जाते हैं। ऐसे पत्रों का विषय प्रायः व्यक्तिगत होता है। कभी-कभी ऐसे पत्रों में उपदेश या सलाह भी दी जाती है। बधाई पत्र, शोक पत्र तथा सांत्वना पत्र भी इसी कोटि में आते हैं।

2. औपचारिक पत्र-निजी या पारिवारिक पत्रों को छोड़कर हम जितने भी पत्र लिखते हैं, वे सब औपचारिक पत्र होते हैं। ऐसे पत्र प्रायः उन लोगों को लिखे जाते हैं जिन से हमारा व्यक्तिगत सम्बन्ध नहीं होता।

पारिवारिक पत्र लिखते समय ध्यान में रखने योग्य बातें
पारिवारिक या व्यक्तिगत पत्र लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है-

  1. लिखने की शैली उत्तम हो अर्थात् पत्र में उचित स्थान पर ठीक शब्दों का प्रयोग किया जाए जिससे पढ़ने वाले को पत्र में लिखी बातें आसानी से समझ में आ जाएं।
  2. पत्र की भाषा सरल होनी चाहिए। मुश्किल शब्दों का प्रयोग कभी नहीं करना चाहिए।
  3. पत्र संक्षिप्त होना चाहिए।
  4. पत्र में छोटे-छोटे वाक्यों का प्रयोग करना चाहिए।
  5. पत्र में केवल प्रसंग की ही बात लिखनी चाहिए। इस में व्यर्थ कहानियां लिखने नहीं लग जाना चाहिए।

पारिवारिक पत्र के अंग
पारिवारिक पत्र लिखते समय पत्र के निम्नलिखित अंगों पर विशेष ध्यान देना चाहिए-
(1) पत्र का आरंभ-पत्र के आरंभ में सबसे ऊपर दाहिनी ओर पत्र लिखने वाले का अपना पता लिखना चाहिए। पते के नीचे तिथि भी लिखनी चाहिए। जिस पंक्ति में तिथि लिखी जाए उस से अगली पंक्ति में पत्र के बायीं ओर हाशिया छोड़कर जिसे पत्र लिखा जा रहा है उसे यथा विधि सम्बोधन करना चाहिए। आगे सम्बोधन शब्द अलग से दिये गये हैं।

सम्बोधन से अगली पंक्ति में ऊपर की पंक्ति से कुछ अधिक स्थान छोड़कर अभिवादन सूचक शब्द लिखना चाहिए। जहां अभिवादन शब्द समाप्त हो उसके बिल्कुल नीचे अगली पंक्ति से पत्र लिखना शुरू करना चाहिए।

(2) पत्र का कलेवर-पत्र का कलेवर बहुत बड़ा नहीं होना चाहिए। पत्र में हर नया विचार अलग पैरा में लिखना चाहिए।

(3) पत्र का अंत-पत्र समाप्त होने पर लिखने वाले को पत्र के अंत में दायीं ओर अपना नाम, पारिवारिक सम्बन्ध का स्वनिर्देश भी लिखना चाहिए।

पत्र के आरंभ तथा अंत में लिखने वाली
कुछ याद रखने वाली बातें

पत्र लिखने वाला जिसे पत्र लिखता है उसके पारिवारिक संबंध के अनुसार पत्र में सम्बोधन, अभिवादन और स्वनिर्देश में परिवर्तन हो जाता है। जैसे नीचे दिए गए ब्योरे में दिया जाता है।
1. अपने से बड़ों को-जैसे माता, पिता, बड़ा भाई, बड़ी बहन, बहन, चाचा, अध्यापक, गुरु आदि।
सम्बोधन : पूज्य, पूजनीय, परमपूज्य, आदरणीय।
अभिवादन : प्रणाम, नमस्कार, नमस्ते, सादर प्रणाम।
स्वनिर्देश : आप का आज्ञाकारी, आप का स्नेह पात्र, आप का प्रिय भाई, आप का प्रिय भतीजा, आप का प्रिय शिष्य।

याद रखिए
स्त्री सम्बन्धी या परिचितों के लिए भी ‘पूज्य’ और ‘आदरणीय’ सम्बोधन का प्रयोग होगा। जैसे पूज्य माता जी, आदरणीय मुख्याध्यापिका जी आदि। ‘पूज्या’ या ‘आदरणीया’ का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
2. अपने से छोटों को-जैसे छोटा भाई, मित्र आदि
सम्बोधन : प्रिय, प्रियवर, चिरंजीव, प्यारे।
अभिवादन : खुश रहो, शुभाशीष, शुभाशीर्वाद, स्नेह भरा प्यार, प्यार।
स्वनिर्देश : तुम्हारा शुभचिन्तक, शुभाभिलाषी, हितचिंतकों

3. मित्रों को या हम उमर को:
सम्बोधन : प्रिय भाई, प्रिय दोस्त (मित्र का नाम), प्रियवर, बन्धुवर, प्रिय बहन, प्रिय सखी, प्रिय-(सखी का नाम)
अभिवादन : नमस्ते, जयहिंद, सप्रेम नमस्ते, मधुर स्मरण, स्नेह भरा नमस्ते, प्यार।
स्वनिर्देश : तुम्हारा मित्र, तुम्हारा स्नेही मित्र, तुम्हारा प्यारा दोस्त, तुम्हारी सखी, तुम्हारी स्नेह पात्र, तुम्हारी अपनी, तुम्हारी अभिन्न सखी।

पत्र शुरू किन वाक्यों से करना चाहिए

  1. आप का कृपा पत्र प्राप्त हुआ। धन्यवाद।
  2. तुम्हारा हिन्दी में लिखा पत्र मिला। पढ़कर बड़ी खुशी हुई।
  3. आपका कुशल समाचार बड़ी देर से नहीं मिला। क्या बात है?
  4. आप का पत्र पाकर कृतज्ञ हूँ।
  5. आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि ……………
  6. यह जानकर हार्दिक हर्ष हुआ कि …………..
  7. शोक के साथ लिखना पड़ता है कि ………….
  8. यह जानकर अत्यन्त दुःख हुआ कि ………….
  9. आप को एक कष्ट देना चाहता हूँ, आशा है कि आप क्षमा करेंगे।
  10. एक प्रार्थना है, आशा है आप उस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे।

ध्यान रखें : आजकल पत्र का आरम्भ ऐसे वाक्यों में नहीं किया जाता-
‘हम यहां पर कुशलपूर्वक हैं आप की कुशलता श्री भगवान् से शुभ चाहते हैं।’ यह फैशन पुराना हो गया है। अतः सीधे वर्ण्य विषय का आरम्भ कर देना चाहिए।

पत्र समाप्त करने के लिए कुछ वाक्य:

  1. कृपया पत्र का उत्तर शीघ्र देने का कष्ट करें।
  2. पत्र का उत्तर शीघ्र दें/लौटती डाक से दें।
  3. भेंट होने पर और बातचीत होगी।
  4. कभी-कभी पत्र लिखते रहा करें।
  5. तुम्हारे पत्र का इंतज़ार रहेगा।
  6. यहां सब कुशल है। माँ/पिता की ओर से ढेर सारा प्यार।
  7. अपने पूज्य पिता जी तथा माता जी को मेरा प्रणाम/नमस्ते कहिए।
  8. आपके उत्तर की प्रतीक्षा में हूँ।
  9. सब मित्रों को मेरी ओर से नमस्ते कहना।
  10. इसके लिए मैं सदा आप का आभारी रहूंगा।

PSEB 9th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

पत्र के प्रकार:
सामान्य रूप से पत्र दो प्रकार के होते हैं-

  1. औपचारिक पत्र-जो पत्र सरकारी कार्यालयों, संपादकों आदि को लिखे जाते हैं उन्हें औपचारिक पत्र कहते
  2. अनौपचारिक पत्र-जो पत्र माता-पिता, भाई-बहन, मित्रों, सगे-संबंधियों आदि को लिखे जाते हैं, उन्हें अनौचपारिक पत्र कहते हैं।

अनौपचारिक पत्रों के लिए आवश्यक बातें:
अनौपचारिक पत्र लेखन के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-

  1. पत्रों में अनावश्यक विस्तार नहीं होना चहिए।
  2. पत्र में अपशब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  3. पत्र में शिष्टाचार का पालन करना चाहिए।
  4. पत्र में कही भी बनावटीपन नहीं झलकना चाहिए।
  5. पत्र की भाषा सरल, सहज, स्वाभाविक होनी चाहिए।

अनौपचारिक पत्र के अंग
अनौपचारिक पत्र के मुख्य रूप से पांच अंग होते हैं जो इस प्रकार हैं-

1. भेजने वाले अथवा प्रेषक का पता और दिनांक-पत्र लिखते समय पोस्टकार्ड, लिफाफ़ा अथवा सादे कागज़ को दाईं तरफ शीर्ष पर पत्र लिखने वाले का पता और उसके नीचे भेजने की तिथि लिखनी चाहिए।

नोट (i) यदि पत्र अंतर्देशी लिफाफ़े या पोस्टकार्ड पर लिखना हो तो उस पर प्राप्त करने वाले का पता लिखकर डाकघर में पोस्ट किया जाता है। यदि सादे कागज़ पर लिखना हो तो उसे सामान्य छोटे लिफाफे में डालकर तथा उस पर नियम के अनुसार डाक टिकट लगाकर पोस्ट किया जाता है।

(ii) पोस्टकार्ड पर पत्र लिखने से यह नुकसान हो सकता है कि अपनी गैर-मौजूदगी में डाकिया पत्र को आपके घर से बाहर फेंका जाता है।

(iii) परीक्षा भवन में पत्र लिखते समय प्रश्न-पत्र में दिया गया पता ही लिखना चाहिए। यदि प्रश्न-पत्र में कोई पता न दिया गया हो तो पता इस प्रकार लिखना चाहिए।

परीक्षा भवन,
क, ख, ग केंद्र,
………… दिनांक।
(परीक्षा दिनांक को लिखें)

(iv) पत्र में दिनांक इस प्रकार लिखी जानी चाहिए
12 मार्च 2014 अथवा मार्च 12, 2014 अथवा 12. 02. 2014

2. संबोधन अथवा अभिवादन- पत्र के बाईं तरफ संबोधन लिखा जाता है। उसके बाद अल्प विराम (,) लगाया जाता है। इससे अगली पंक्ति में अभिवादनसूचक शब्द लिखा जाता है। इसके बाद पूर्ण विराम (1) लगाया जाता है। जैसे:

पूज्य पिता जी,
सादर प्रणाम।

3. पत्र का क्लेवर ( मुख्य विषय)-पत्र में अभिवादन सूचक शब्द के नीचे की पंक्ति में पत्र का मुख्य विषय शुरू हो जाता है। इसे आवश्यकता के अनुसार या एक से अधिक अनुच्छेदों में लिखा जा सकता है।

4. समापन-मुख्य विषय के बाद पत्र का समापन किया जाता है। समापन करते हुए आपकी प्रतीक्षा में आदि समापन सूचक शब्दों का प्रयोग किया जाता है। इसके बाद दाईं तरफ आपका प्रिय, आपकी प्रिया, आपका पुत्र या पुत्री आपका बेटा या बेटी आदि समापन सूचक शब्दों का प्रयोग किया जाता है। इसके नीचे पत्र लिखने वाले का नाम लिखा जाता है। जैसे:

आपका प्रिय पुत्र,
लवलीन।

PSEB 9th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन 1

5. प्रेषित अथवा पत्र प्राप्त करने वाले का नाम-पत्र लिखने के बाद पोस्टकार्ड, अथवा अंतर्देशीय लिफ़ाफे पर यथासम्भव प्रेषित का पता (पिन कोड सहित) लिखा जाता है जैसे:
अमनजीत कौर
चंडीगढ़-160032

1. अपनी माता जी को वार्षिक परिणाम का विवरण देते हुए पत्र लिखें।
विक्रम नगर,
मोहाली रोड,
चंडीगढ़।
3 मार्च, 20…….
आदरणीय माता जी,
सादर प्रणाम।

मैं यहाँ कुशलतापूर्वक हूँ और आशा करती हूँ कि आप भी वहाँ बिल्कुल कुशल होंगे। गत सप्ताह हमारी वार्षिक परीक्षाएँ समाप्त हो गई हैं। इसके पश्चात् हमारे स्कूल में एक सप्ताह का एन० एस० एम० का शिविर लगा। आज सुबह ही हमारा वार्षिक परीक्षा परिणाम आया है। आपको जानकर बहुत खुशी होगी कि मैंने इस बार भी पूरे स्कूल में आठवीं का फल है।

मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मैं आगे भी इसी तरह से मेहनत करूँगी और सदा आगे बढूँगी। अब मैं नौवीं कक्षा में हो गई हूँ इसलिए मुझे इस कक्षा के लिए नई किताबें, कापियाँ आदि खरीदनी हैं। इसलिए आप मुझे कुछ पैसे भेजने का कष्ट करें।

पिता जी को सादर प्रणाम एवं शुभम को बहुत प्यार।
आपकी प्रिय बेटी,
गार्गी।

PSEB 9th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

2. अपने पुराने स्कूल के अध्यापक को पत्र लिखिए जिसमें उन्होंने अच्छा पढ़ाने के लिए साधुवाद प्रकट किया गया हो तथा भविष्य में मार्गदर्शन की अपेक्षा की गयी हो।

101, सुभाष नगर,
मोहाली।
4 मई, 20……
आदरणीय गुरु जी,
सादर प्रणाम।

मैं शारदा पब्लिक स्कूल अमृतसर का पुराना छात्र हूँ। मैं आपसे पाँच वर्ष पहले आठवीं कक्षा में हिंदी पढ़ता था। मैं कक्षा में सदा पहले स्थान पर आता था। मैंने निबंध और कविता प्रतियोगिताओं में भी पहला स्थान प्राप्त किया था। आप हमें बहुत लगन और प्यार से पढ़ाते थे। कविताएँ तो सदा आप गाकर पढ़ाते थे। मुझे आज भी याद हैं।

अब मैं डी० पी० एस० अमृतसर में बारहवीं कक्षा में पढ़ रहा हूँ। मैं पहले की तरह अब भी पूरी मेहनत से पढ़ता हूँ। मेरे सभी अध्यापक मुझसे बहुत खुश हैं। मैंने आज तक प्रत्येक कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है और आगे भी करता रहूँगा। यह सब आपके आशीर्वाद का फल है। इसके लिए मैं आपका आजीवन आभारी रहूँगा। अब मैं भविष्य में भी आपका मार्गदर्शन चाहता हूँ। आशा करता हूँ कि आप मेरा सदा ही मार्गदर्शन करते रहेंगे।

धन्यवाद,
आपका शिष्य,
अमित भारती।

3. आपको आपके पुराने मित्र का चार वर्ष बाद पत्र मिला। उसके पत्र का जवाब देते हुए पत्र लिखें।

15, अशोक विहार,
चंडीगढ़।
1 जून, 20……
प्रिय मित्र,
नमस्ते।

मुझे आज सुबह ही तुम्हारा पत्र मिला। पढ़कर बहुत प्रसन्नता हुई कि इतने वर्षों के बाद तुम्हे मेरी याद आ गई। तुम्हारे पिता जी की बदली के कारण तुम्हें भी उनके साथ दिल्ली जाना पड़ा था। तुम वहीं पढ़ने लगे थे। तुमने मुझे जो पता दिया था उस पर मैंने कई पत्र डाले किंतु एक का भी जवाब नहीं मिला।

यह बहुत अच्छा है कि पिता जी के रिटायर होने के बाद. तुम अपने ही शहर में वापस आ रहे हो। तुम फिर से मेरे ही स्कूल में दाखिला ले लेना। हम फिर से इकट्ठे पढ़ेंगे। हमें बहुत आनंद आएगा। मेरी ओर से तुम्हारे माता-पिता जी को सादर प्रणाम तथा छोटे भाई को बहुत स्नेह।

तुम्हारी प्रतीक्षा में
तुम्हारा प्रिय मित्र,
वैभव।

4. अपने फुफेरे भाई को राखी भेजते हुए पत्र लिखें।

45, नेता जी मार्ग,
पटियाला।
5 मई, 20……
प्रिय हरप्रीत,
सदा खुश रहो।

मैं यहाँ अत्यन्त कुशलतापूर्वक हूँ और आशा करती हूँ कि आप सब भी वहाँ सकुशल होंगे। आज से दस दिन बाद भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षा-बंधन का पवित्र त्योहार है। मेरी परीक्षाएँ होने वाली हैं इसलिए मैं तुम्हें राखी बांधने नहीं आ सकती। मैं तुम्हें राखी भेज रही हूँ। इसे सहर्ष स्वीकार करना और त्योहार के दिन छोटी बहन से बंधवा लेना। मैं वादा करती हूँ कि अगली बार मैं स्वयं राखी लेकर आऊँगी और तुम्हें कोई उपहार भी दूंगी। मेरी तरफ से बुआ और फूफा जी को सादर प्रणाम तथा स्मृति को बहुत प्यार।

तुम्हारी बहन,
आकृति।

5. अपनी सखी को जन्मदिन पर नियंत्रण देते हुए पत्र लिखें।

भारती सदन,
सेक्टर-24,
चंडीगढ़।
3 जून, 20……
प्रिय सखी लवलीन,
सप्रेम नमस्ते।

मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि अगले सोमवार को मेरा जन्मदिन है। इस उपलक्ष्य में माता-पिता जी ने मेरे घर एक दावत का आयोजन किया है। यह दावत हमारे घर के पास अशोका पार्क में होगी। दावत शाम आठ बजे शुरू होगी। इस अवसर पर मैंने अपनी अन्य सखियों रानी, रीना, अंबिका, डोली, अनामिका आदि सभी को बुलाया है। इसके साथ-साथ हमारे अनेक रिश्तेदार और पड़ोसी भी शामिल होंगे। हम सब मिलकर खूब मस्ती करेंगे।

पापा ने पार्टी के लिए गीत-संगीत की भी व्यवस्था की है। मम्मी ने मुझे बहुत सुंदर पोशाक खरीदकर दी है। इसके साथ-साथ हम बच्चों के लिए अनेक खेल भी होंगे। पापा ने सभी दोस्तों के लिए अच्छे उपहार एवं टॉफियाँ मंगवाई हैं। ठीक नौ बजे केक काटा जाएगा। इसलिए तुम ठीक समय पर पहुँच जाना। मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी।
मेरी तरफ से आंटी और अंकल को सादर प्रणाम तथा छोटी बहन को प्यार।।

तुम्हारी प्रिय सखी,
अंशिका।

6. अपनी सहेली को प्रतियोगी-परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर बधाई पत्र लिखें।

4-502, अमृत नगर,
अमृतसर।
5 मई, 20……
प्रिय दीप्ति,
सप्रेम नमस्ते।

आज सुबह ही दैनिक जागरण में तुम्हारी फोटो देखी। देखकर बहुत प्रसन्नता हुई कि तुमने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। यह एक बड़ी उपलब्धि है जो तुमने कठिन परिश्रम से प्राप्त की है। यह तुम्हारे लिए ही नहीं बल्कि तुम्हारे माता-पिता, स्कूल और शहर के लिए बड़े गर्व की बात है।

प्रिय सखी, तुमने इस परीक्षा के लिए बड़े लगन एवं परिश्रम से दिन-रात तैयारी की थी। उससे पूर्ण विश्वास हो गया था कि तुम अवश्य ही एक दिन उन्नति के शिखर पर पहुँच जाओगी। मैं इस उपलब्धि के लिए तुम्हें और तुम्हारे मातापिता को बहुत बधाई देती हूँ। आशा करती हूँ कि तुम इसी तरह सदा आगे बढ़ती रहोगी।

तुम्हारी सखी,
दिव्या।

7. अपने जन्म दिवस पर भेजे गये उपहार के लिए ताया जी को धन्यवाद देते हुए पत्र लिखें।.

ए, शारदा कॉलोनी,
लुधियाना।
15 मई, 20……
आदरणीय ताया जी,
सादर प्रणाम।

मुझे कल ही आपके द्वारा भेजा गया उपहार एवं बधाई कार्ड प्राप्त हुआ। तुम्हारा उपहार मुझे बहुत पसंद आया। मैं इसे सदा संभाल कर रखूगी। यह उपहार मेरे जीवन में सदा काम आने वाला है। विद्यार्थी जीवन में इन अमूल्य पुस्तकों का बड़ा योगदान होता है।

मेरे जन्मदिन पर माता-पिता तथा अनेक दोस्तों ने मुझे अच्छे-अच्छे उपहार दिए हैं किंतु आपकी पुस्तक मुझे सबसे अच्छी लगी। मैं इस बहुमूल्य उपहार के लिए आपको बहुत धन्यवाद देती हूँ। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं इस अमूल्य उपहार को सदा संभाल कर रखूगी। तायी जी को मेरा प्रणाम तथा अंकिता-अनिल को बहुत प्यार।

आपकी भतीजी,
वंशिका।

8. आपके चाचा जी के शहर में क्रिकेट मैच हो रहा है। आप उसे स्टेडियम में देखना चाहते हैं। आप अपने चाचा जी से अनुग्रह कीजिए कि वे आपको ये मैच दिखाएँ।

1525, कर्ण विहार,
मोहाली।
1 मार्च, 20……
आदरणीय चाचा जी,
चरण स्पर्श।

मुझे यह जानकर अति प्रसन्नता हुई कि आपके शहर मोहाली के गुरुनानक स्टेडियम में भारत और इंग्लैंड के बीच टी-20 मैच हो रहा है। आप जानते हैं कि मुझे क्रिकेट मैच देखने का बहुत शौक है। इस मैच के लिए मैं बहुत उत्सुक हूँ। मैं इस मैच को अवश्य देखना चाहता हूँ। इसलिए आप मेरे लिए एक टिकट अवश्य खरीद लेना ताकि मैं इस मैच का आनंद उठा सकूँ। मेरे मम्मी-पापा ने मुझे इसके लिए मंजूरी दे दी है।
मैं मैच से एक दिन पूर्व ही आपके पास पहुँच जाऊँगा। आप भी मेरे साथ मैच देखने चलना। चाची जी को प्रणाम तथा रवीना को प्यार।

आपका प्रिय,
रवि।

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9. परीक्षा न दे सकने के कारण आपका मित्र परेशान है। उसे हौसला देते हुए जीवन में सकारात्मक रवैया अपनाने के लिए कहते हुए पत्र लिखें।

हरि सदन,
शिवाजी नगर।
5 मार्च, 20……
प्रिय मित्र चरनजीत,
नमस्ते।

आज सुबह ही तुम्हारे पिता जी का पत्र प्राप्त हुआ। पढ़कर पता चला कि वार्षिक परीक्षा न देने के कारण तुम्हारा एक वर्ष बर्बाद हो गया है जिसके कारण आजकल तुम बहुत परेशान हो। इससे आपका स्वास्थ्य दिन-प्रतिदिन खराब होता जा रहा है। यह सब जानते हैं कि इसमें तुम्हारा कोई दोष नहीं है। तुम परीक्षा से एक सप्ताह पहले बहुत बीमार हो गए थे। उसके बाद तुम्हें बीस दिन तक अस्पताल में रहना पड़ा पर आज तुम बिल्कुल स्वस्थ हो। जीवन में सुखदुःख आते-जाते रहते हैं। तुम किसी बात की चिंता मत करना। सब कुछ भूलकर दोबारा अपनी पढ़ाई शुरू करो। मुझे विश्वास है कि अगले वर्ष तुम अवश्य ही प्रथम स्थान प्राप्त करोगो। सदा सकारात्मक सोच रखना क्योंकि नकारात्मक सोच वाला आदमी जीवन में आगे नहीं बढ़ सकता।
मेरी तरफ से अपने मम्मी-पापा को सादर प्रणाम कहना। छोटी बहन को प्यार देना।

तुम्हारा प्रिय मित्र,
रवींद्र।

10. आप अपनी बॉलीबाल टीम और कोच के साथ ट्रेनिंग कैंप गये हैं। अपनी कुशलता का समाचार अपनी माता जी को देते हुए पत्र लिखें।

भगत सिंह माडल स्कूल,
सुभाष पार्क, मोहाली।
15 जून, 20……
आदरणीय माता जी,
चरण स्पर्श।

मैं अपनी बालीबाल टीम और कोच के साथ ट्रेनिंग कैंप में बिल्कुल कुशल हूं। मैं यहाँ कल शाम पहुंच गयी थी। यहाँ सरकार की तरफ रहन-सहन की पूरी व्यवस्था की गई है। हमारी टीम को एक बड़ा कमरा दिया गया है। हम सभी बच्चे इकट्ठे ही रहते हैं। हमारे कोच भी भूपेंद्र सिंह जी भी हमारे साथ ही रहते हैं।

हम सुबह शाम अपने कोच के साथ अभ्यास करते हैं। दोपहर में भोजन करने के बाद घूमने जाते हैं। हमारे कोच हमारा बहुत ध्यान रखते हैं। वे हमें प्रत्येक बात बड़ी गंभीरता से बताते हैं। हम भी उनकी बात पूरे ध्यान से सुनते हैं। हमें लगता है कि हमारी टीम राष्ट्रीय स्तर पर अवश्य ही मैच जीतेगी। आप मेरी तनिक भी चिंता मत करना।
पूज्य पिता जी को मेरा सादर प्रणाम और अंकित को प्यार।

आपका प्रिय पुत्र,
आशु।

11. अपनी सहेली को सर्दियों की छुट्टियों में अपने घर बुलाने का निमंत्रण पत्र लिखें।

786, सेक्टर-22
चंडीगढ़।
20 मई, 20……
प्रिय सखी अमनप्रीत कौर,
सप्रेम नमस्ते।

मैं यहां कुशलतापूर्वक हूँ। आशा करती हूं कि तुम भी सपरिवार कुशल होगी। हमारे स्कूल की सर्दियों की छुट्टियां अगले सप्ताह से शुरू हो जाएंगी। मैं चाहती हूं कि इन छुट्टियों में तुम मेरे पास आ जाओ। इन छुट्टियों में हम प्रतिदिन बाहर घूमने चलेंगे। मेरे पापा की भी इन दिनों छुट्टियां है इसलिए हम पापा के साथ रोज़गार्डन, रॉकगार्डन, सुखना झील आदि दर्शनीय स्थलों की सैर करेंगे। इसी बीच हमारे घर के पास जो राष्ट्रीय स्टेडियम है। वहां भारत-पाकिस्तान के कबड्डी मैच भी हो रहे हैं। हम इन मैंचों का भी खूब आनंद लेंगे। तुम आते समय अपनी किताबें भी लेते आना। एक साथ बैठकर गृह कार्य कर लेंगे।

सखी इस बार तुम्हारा कोई बहाना नहीं चलेगा। तुम जरूर आ जाना। मैं तुम्हारी प्रतीक्षा करूंगी। मम्मी-पापा को मेरी तरफ से सादर प्रणाम कहना और छोटे भाई को प्यार।

तुम्हारी प्रिय सखी,
अमृत कौर।

PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी

Punjab State Board PSEB 9th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar vartane वर्तनी Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 9th Class Hindi Grammar वर्तनी

निम्नलिखित शब्दों के शुद्ध रूप लिखिए:

PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 1
उत्तर:
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 2

PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी

नीचे लिखे शब्दों के शुद्ध रूप लिखिए

रूची, पइसा, साधारन, ढूढना, आर्शीवाद, समाजिक, विध्या, विषेश, रूपया, स्वस्थ, उज्जवल, विपलव, कवित्री, क्रमश, अहिल्या, उन्होने, जन्माध, पेड़, टेड़ी, कृप्या, उपगृह, आर्दश, जजमान, मिष्ठान्न, विषद।
उत्तर:
रुचि, पैसा, साधारण, ढूँढ़ना, आशीर्वाद, सामाजिक, विद्या, विशेष, रुपया, स्वास्थ्य, उज्वल, विप्लव, कवयित्री, क्रमशः, अहल्या, उन्होंने, जन्मांध, पेड़, टेढ़ी, कृपया, उपग्रह, आदर्श, यजमान, मिष्ठान, विषाद।

एक वाक्य में उत्तर दीजिए

प्रश्न 1.
वर्तनी शब्द का क्या अर्थ होता है?
उत्तर:
वर्तनी शब्द का अर्थ होता है-अनुकरण करना; पीछे-पीछे चलना।

प्रश्न 2.
वर्तनी संबंधी अशुद्धियों से बचने के लिए क्या किया जाना चाहिए?
उत्तर:
शब्दों का शुद्ध उच्चारण करना चाहिए।

प्रश्न 3.
य, व, ह के पहले पंचमाक्षर हो तो वहाँ ………. लिखा जाता है।
उत्तर:
पंचमाक्षर ही।

निम्नलिखित शब्दों के शुद्ध रूप लिखिए

PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 3

प्रश्न 1.
वर्तनी से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
‘वर्तनी’ शब्द का अर्थ है-अनुकरण करना अथवा पीछे-पीछे चलना। लेखन व्यवस्था में वर्तनी शब्द स्तर पर शब्द की ध्वनियों के पीछे-पीछे चलती है। हिंदी भाषा जिस प्रकार बोली जाती है, वैसे ही लिखी भी जाती है। इस प्रकार उच्चरित शब्द के लेखन में प्रयोग होने वाले लिपि चिह्नों के व्यवस्थित क्रम को वर्तनी कहते हैं; जैसे-‘उ प का र’- इस उदाहरण में पहले स्थान पर ‘उ’, दूसरे स्थान पर ‘प’, तीसरे स्थान पर ‘का’ और चौथे स्थान पर ‘र’ बोलने से इसे इसी क्रम में लिखने पर शब्द ‘उपकार’ बनता है।

प्रश्न 2.
वर्तनी की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
लेखन में प्रयोग किए जाने वाले लिपि चिह्नों के व्यवस्थित क्रम को वर्तनी कहते हैं।

प्रश्न 3.
वर्तनी संबंधी अशुद्धियों से बचने के लिए किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर:
वर्तनी संबंधी अशुद्धियों से बचने के लिए शब्दों का शुद्ध उचारण करना चाहिए क्योंकि शब्दों में ध्वनियों की एक निश्चित व्यवस्था होती है। इस व्यवस्था के अनुसार लिखने से वर्तनी की अशुद्धियाँ नहीं होती। लिखते समय शब्दों के मानक रूपों का प्रयोग करना चाहिए।

PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी

प्रश्न 4.
शुद्ध वर्तनी लेखन की नियमों का वर्णन कीजिए।
उत्तर;
शुद्ध वर्तनी लेखन के प्रमुख नियम निम्नलिखित हैं-

  1. जिन व्यंजनों के अंत में खड़ी पाई जाती है, उन्हें जब दूसरे व्यंजन के साथ जोड़ते हैं तो यह हटा दी जाती है; जैसे-तथ्य में ‘थ’ को ‘४’ के रूप में प्रयोग किया है।
  2. स्वर रहित पंचमाक्षर जब अपने वर्ग के व्यंजन के पहले प्रयुक्त होता है तो उसे अनुस्वार (.) के रूप में लिखा जाता है; जैसे-पंकच, दंड, पंजाब, प्रारंभ।
  3. जब किसी शब्द में श, ष, स में से सभी अथवा दो का एक साथ प्रयोग हो तो उनका प्रयोग वर्णमाला क्रम से होता है; जैसे-शासन, शेषनाग।
  4. जब कोई पंचमाक्षर अन्य पंचमाक्षर के साथ संयुक्त होता है तो पंचमाक्षर ही लिखा जाता है; जैसे-जन्म, निम्न, अन्न।
  5. यदि य, व, ह के पहले पंचमाक्षर हो तो वहाँ पंचमाक्षर ही लिखा जाता है; जैसे-पुण्य, कन्हैया, अन्य।
  6. जब य, र, ल, व और श, ष, स, ह से पहले ‘सम्’ उपसर्ग लगता है तो वहाँ ‘म्’ के स्थान पर अनुस्वार लगता है; जैसे-सम् + वाद = संवाद, सम् + सार = संसार।
  7. जब किसी शब्द के अंत में ‘ई’ अथवा इसकी मात्रा पी’ हो तो उस शब्द का बहुवचन बनाते समय ‘ई’ अथवा “‘ को “f हो जाता है; जैसे-दवाई = दवाइयाँ, लड़की = लड़कियाँ।
  8. जब किसी शब्द के अंत में ‘ऊ’ अथवा ‘ . ‘ हो तो बहुवचन बनाते समय उसे ‘उ’ अथवा ‘ . ‘ हो जाता है; जैसे-लटू = लट्टुओं, आलू = आलुओं।
  9. ‘ट’ वर्ग के पहले तथा ‘ऋ’ के बाद ‘ष’ का प्रयोग होता है; जैसे-नष्ट, कृषि।
  10. ऋ र, ष् के बाद ‘न्’ के आने पर उसे ‘ण’ हो जाता है। ‘न्’ के बीच में कोई स्वर, कवर्ग, पवर्ग, अन्तःस्थ आने पर भी ‘न्’ को ‘ण’ होता है।
  11. अल्पप्राण और महाप्राण वर्गों के उच्चारण में ग़लती होने से भी अशुद्धियाँ हो जाती हैं, अत: इनके उच्चारण पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
  12. संधि के शब्दों के शुद्ध रूप संधि के नियमों के अनुसार होने चाहिए।
  13. रेफ (‘) स्वर सहित र् अपने से अगले व्यंजन पर रेफ (‘) के रूप में लगता है और पदेन ‘स’ (घ) व्यंजन के नीचे तिरछा (प्र) होकर लगता है; जैसे- ध् + अ + र् + म् + अ = धर्म;
    प् + अ + र् + ध् + आ + न् + अ = प्रधान।

वर्तनी की कुछ सामान्य अशुद्धियों के शद्ध रूप यहाँ दिए जा रहे

(1) ‘अ’ की जगह ‘आ’ का प्रयोग करने से होने वाली अशुद्धियां
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 4

(2) ‘आ’ की जगह ‘अ’ का प्रयोग करने से होने वाली अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 5

(3) ‘इ’ की जगह ‘ई’ का प्रयोग करने से होने वाली अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 6

(4) ‘ई’ की जगह ‘इ’ का प्रयोग करने से होने वाली अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 7

(5) ‘उ’ की जगह ‘ऊ’ का प्रयोग करने से होने वाली अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 8

(6) ‘ऊ’ की जगह ‘उ’ का प्रयोग करने से होने वाली अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 9

(7) ‘ए’ की जगह ‘ऐ’ के प्रयोग से होने वाली अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 10

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(8) ऐ की जगह ‘ए’ के प्रयोग से होने वाली अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 11

(9) ‘ओ’ की जगह ‘औ’ के प्रयोग से होने वाली अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 12

(10) ‘औ’ की जगह ‘ओ’ के प्रयोग से होने वाली अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 13

(11) ‘ऋ’ सम्बन्धी अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 14

(12) नासिक्य व्यंजन सम्बन्धी अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 15

(13) अनुस्वार एवं अनुनासिक सम्बन्धी अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 16

(14) महाप्राण की जगह अल्पप्राण के प्रयोग से होने वाली अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 17

(15) अल्पप्राण की जगह महाप्राण के प्रयोग से होने वाली अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 18

(16) अक्षर लोप सम्बन्धी अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 19

(17) व और ब सम्बन्धी अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 20

(18) ‘ष’ के स्थान पर ‘श’ के प्रयोग से होने वाली अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 21

PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी

(19) ‘श’ के स्थान पर ‘स’ के प्रयोग करने से होने वाली अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 22

(20) ‘स’ के स्थान पर ‘श्’ के प्रयोग करने से होने वाली अशुद्धियाँ :
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 23

(21) ऑ’ के स्थान पर ‘आ’, ‘ओ’ के प्रयोग करने से होने वाली अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 24

(22) अनावश्यक स्वर जोड़ने की अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 25

(23) अनावश्यक व्यंजन जोड़ने की अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 26

(24) अक्षरों के स्थान-परिवर्तन सम्बन्धी अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 27

(25) ‘छ’ और ‘क्ष’ के सम्बन्ध में अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 28

(26) ग्य और ‘ज्ञ’ के सम्बन्ध में अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 29

(27) प्रत्यय संबंधी अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 30

PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी

(28) संधि संबंधी अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 31

(29) द्वित्व व्यंजन संबंधी अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 32

(30) विसर्ग (:) संबंधी अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 33

(31) रेफ (‘) अर्थात् स्वर रहित ‘र’ संबंधी अशुद्धियाँ :
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 34

(32) पदेन ‘र’ संबंधी अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 35

(33) व्यंजन गुच्छों की अशुद्धियाँ:
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 36

(34) विकसित ध्वनियों की अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 37

(35) ‘य’ और ‘ज’ संबंधी अशुद्धियाँ :
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 38

(36) ‘ज’ और ‘ज़’ संबंधी अशुद्धियाँ :
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 39

PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी

(37) समास की अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 40

(38) संयुक्ताक्षरों की अशुद्धियाँ
PSEB 9th Class Hindi Vyakaran वर्तनी 41

PSEB 9th Class Maths MCQ Chapter 4 Linear Equations in Two Variables

Punjab State Board PSEB 9th Class Maths Book Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables MCQ Questions with Answers.

PSEB 9th Class Maths Chapter 4 Linear Equations in Two Variables MCQ Questions

Multiple Choice Questions and Answer

Answer each question by selecting the proper alternative from those given below each question to make the statement true:

Question 1.
If (2, – 2) is a root of 5x – 2y = k, then k = ………………. .
A. – 40
B. 6
C. 14
D. 10
Answer:
C. 14

PSEB 9th Class Maths MCQ Chapter 4 Linear Equations in Two Variables

Question 2.
If x = 2 and y = 1 is one of the solutions of 4x + ky = 11, then k = ……………… .
A. 2
B. 3
C. 5
D. 6
Answer:
B. 3

Question 3.
If (3, – 2) is one of the solutions of kx – 3y = 21, then k = ……………………. .
A. 3
B. – 3
C. 2
D. 5
Answer:
D. 5

Question 4.
The graph of 2x – 3y = 6 passes through points ……………… .
A. (2, – 3) and (- 2, 3)
B. (2, 3) and (3, 2)
C. (0, 2) and (- 3, 0)
D. (0, – 2) and (3, 0)
Answer:
D. (0, – 2) and (3, 0)

PSEB 9th Class Maths MCQ Chapter 4 Linear Equations in Two Variables

Question 5.
Expressing 4x = 2y – 7 in the y-form, we get y = ………….. .
A. 4x + 7
B. 4x + \(\frac{7}{2}\)
C. 2x + \(\frac{7}{2}\)
D. 2x – \(\frac{7}{2}\)
Answer:
C. 2x + \(\frac{7}{2}\)

Question 6.
If F = \(\left(\frac{9}{5}\right)\)C + 32, then C = ……………….. .
A. 5F – 160
B. \(\frac{1}{9}\) (5F – 32)
C. \(\frac{5}{9}\) F – 32
D. \(\frac{5}{9}\)(F – 32)
Answer:
D. \(\frac{5}{9}\)(F – 32)

PSEB 9th Class Maths MCQ Chapter 4 Linear Equations in Two Variables

Question 7.
For the equation F = \(\left(\frac{9}{5}\right)\)C + 32, F and C are numerically equal when ……………….. .
A. C = 45
B. C = – 40
C. C = 40
D. C = 32
Answer:
B. C = – 40

PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.4

Punjab State Board PSEB 9th Class Maths Book Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.4 Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Maths Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.4

Question 1.
Give the geometric representation of y = 3 as an equation
(i) in one variable
Answer:
If the equation y = 3 is treated as an equation in one variable, its graphical representation is a point on the number line as shown below:

PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.4 1

PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.4

(ii) in two variables.
Answer:
If the equation y = 3 is treated as an equation in two variables, it can be written as 0x + y = 3. Here, for any value of x, the value of y remains 3. Hence, we can easily take (0, 3), (2, 3) and (4, 3) as three solutions of the equation 0x + y = 3. Then, we plot these points in the Cartesian plane and draw the line passing through them. This line is the graph of equation y = 3 as an equation in two variables. This graph is perpendicular to the y-axis and parallel to the x-axis.

PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.4 2

Question 2.
Give the geometric representations of 2x + 9 = 0 as an equation
(i) In one variable
Answer:
If the equation 2x + 9 = 0, i.e., x = – \(\frac{9}{2}\) is treated as an equation in one variable. its graphical representation is a point on the number line as shown below:

PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.4 3

PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.4

(ii) In two variables.
Answer:
If the equation 2x + 9 = 0 is treated as an equation in two variables, it can be written as 2x + 0y + 9 = 0. Here, for any value of y, the value of x remains – \(\frac{9}{2}\). Hence, we can easily take \(\left(-\frac{9}{2}, 0\right)\), \(\left(-\frac{9}{2}, 2\right)\), and \(\left(-\frac{9}{2}, 4\right)\) as three solutions of the equation 2x + 9 = 0. Then, we plot these points in the Cartesian plane and draw the line passing through them. This line is the graph of the equation 2x + 9 = 0 as an equation in two variables. This graph is perpendicular to the x-axis and parallel to the y-axis.

PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.4 4

PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3

Punjab State Board PSEB 9th Class Maths Book Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3 Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Maths Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3

Question 1.
Draw the graph of each of the following linear equations in two variables:
(i) x + y = 4
Answer:
To draw the graph of x + y = 4, we need at least two solutions of x + y = 4. And to be on the safer side, we get three solutions of x + y = 4.
For x = 0, we get 0 + y = 4, i.e., y = 4.
For x = 2, we get 2 + y = 4. i.e., y = 2.
For x = 4. we get 4 + y = 4, i.e., y = 0.
We can represent these solutions In the tabular form as below:
PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3 1
Then, we plot these points on the Cartesian plane and draw the line passing through them.
This line is the graph of x + y = 4.
PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3 2

PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3

(ii) x – y = 2
Answer:
x – y = 2
To draw the graph of x – y = 2, we
find three solutions of x – y = 2. For convenience, we express the equation in y-form as y = x – 2.
For x = 0, y = – 2.
For x = 2, y = 0.
For x = 4, y = 2.
We represent these solutions in the tabular form as below:
PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3 3
Then, we plot these points on the Cartesian plane and draw the line passing through them. This line is the graph of x – y = 2.
PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3 4

PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3

(iii) y = 3x
Answer:
y = 3x
To draw the graph of y = 3x, we find three solutions of y = 3x.
For x = 0, y = 3 × 0 = 0.
For x = 1, y = 3 × 1 = 3.
For x = 2, y = 3 × 2 = 6.
We represent these solutions in the tabular form as below:
PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3 5
Then, we plot these points on the Cartesian plane and draw the line passing through them. This line is the graph of y = 3x.
PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3 6

PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3

(iv) 3 = 2x + y
Answer:
To draw the graph of 3 = 2x + y. we find three solutions of 3 = 2x + y by expressing it as y = 3 – 2x.
For x = 0, y = 3 – 2 × 0 = 3.
For x = 1, y = 3 – 2 × 1 = 1.
For x = 2, y = 3 – 2 × 2 = – 1.
We represent these solutions in the tabular form as below:
PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3 7
Then, we plot these points on the Cartesian plane and draw the line passing through them. This line is the graph of 3 = 2x + y.
PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3 8

Question 2.
Give the equations of two lines passing through (2, 14). How many more such lines are there, and why?
Answer:
Equations y = 7x and x + y = 16 are two equations of lines passing through point (2, 14) as the coordinates of the point satisfy both the equations.
There are infinitely many equations which are satisfied by the coordinates of the point. Few examples of such equations are y – x = 12, y = 6x + 2, x – y = – 12, etc. This happens so because infinitely many lines pass through a point given in a plane.

PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3

Question 3.
If the point (3, 4) lies on the graph of the equation 3y = ax + 7, find the value of a.
Answer:
As the point (3, 4) lies on the graph of the equation 3y = ax + 7, its coordinates, i.e., x = 3 and y = 4 must satisfy the equation.
Hence, we get
3(4) = a(3) + 7
∴ 12 = 3a + 7
∴ 12 – 7 = 3a
∴ 5 = 3a
∴ 3a = 5
∴ a = \(\frac{5}{3}\)

Question 4.
The taxi fare in a city is as follows: For the first kilometre, the fare is ₹ 8 and for the subsequent distance it is ₹ 5 per km. Taking the distance covered a x km and total fare as ₹ y, write a linear equation for this information, and draw its graph.
Answer:
Let the total distance covered be x km and the total fare be ₹ y. Now, the fare for the first km is ₹ 8 and for the remaining (x – 1) km, it is ₹ 5 per km. Hence, the total fare will turn out to be ₹ [(8 + 5 (x – 1)]. Hence, we get the equation as
8 + 5(x – 1) = y
∴ 8 + 5x – 5 = y
∴5x – y + 3 = 0
To draw the graph of this equation, we find three solutions of the equation by expressing the equation in the form y = 5x + 3.

Note: Distance travelled cannot be zero or negative. Hence, we choose only positive values of x.
For x = 1, y = 5(1) + 3 = 8.
For x = 2, y = 5(2) + 3 = 13.
For x = 3, y = 5(3) + 3 = 18.
We represent these solutions in the tabular form as below:
PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3 9Then, we plot these points on the Cartesian plane and draw the line passing through them. This line is the graph of the equation 5x – y + 3 = o derived above.
PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3 10

PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3

Question 5.
From the choices given below, choose the equation whose graphs are given in figure (1) and figure (2):
For figure (1)
(i) y = x
(ii) x + y = 0
(iii) y = 2x
(iv) 2 + 3y = 7x
PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3 11
Answer:
For figure (1): The graph of equation (ii) x + y = 0 is given in figure (1) as all the three points represented on the line, i.e., (- 1, 1), (0, 0) and (1, – 1) satisfy equation x + y = 0. For other equations, (1) y = x and (iii) y = 2x are satisfied by the point (0, 0), but not by the other two points. Equation (iv) 2 + 3y = 7x is not satisfied by any point.

For figure (2)
(i) y = x + 2
(ii) y = x – 2
(iii) y = – x + 2
(iv) x + 2y = 6
PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3 12
Answer:
For figure (2): The graph of equation (iii) y = – x + 2 is given in figure (2) as all the three points represented on the line, i.e., (- 1, 3), (0, 2) and (2, 0) satisfy equation y = – x + 2. Equation (i) y = x + 2 is satisfied by only one point (0, 2). Equation (ii) y = x – 2 is satisfied by only one point (2, 0). Equation (iv) x + 2y = 6 is not satisfied by any point.

PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3

Question 6.
If the work done by a body on application of a constant force is directly proportional to the distance travelled by the body, express this in the form of an equation in two variables and draw the graph of the same by taking the constant force as 5 units. Also read from the graph the work done when the distance travelled by the body is (i) 2 units (ii) 0 unit.
Answer:
We know well that
Work done = Force × Distance travelled.
Let the work done be y, the distance travelled be x and here the constant force applied is 5 units.
Then, the relation reduces to y = 5x which is a linear equation in two variables.
To draw the graph of y = 5x. we find three solutions of the equation and represent them in the tabular form.
For x = 1, y = 5 × 1 = 5.
For x = 3, y = 5 × 3 = 15.
For x = 4, y = 5 × 4 = 20.
PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3 13
Then, we plot these points on the Cartesian plane and draw the line passing through them. This line is the graph of the equation derived above. The coordinates of any point on the line will satisfy the derived equation.
PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3 14
(i) From the graph, we observe that when the distance travelled (x) is 2 units, the work done (y) is 10 units.
(ii) From the graph, we observe that when the distance travelled (x) is 0 unit, the work done (y) is 0 unit.

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Question 7.
Yamini and Fatima, two students of class IX of a school, together contributed ₹ 100 towards the Prime Minister’s Relief Fund to help the earthquake victims. Write a linear equation which satisfies this data. (You may take their contributions as ₹ x and ₹ y). Draw the graph of the same.
Answer:
1et the contribution of Yamini be ₹ x and the contribution of Fatima be ₹ y. Then, their total contribution is ₹ (x + y). Their total contribution is given to be ₹ 100. Hence, we get the linear equation x + y = 100.
Now, to draw the graph, we find three solutions.
For x = 0, y = 100. For x = 50, y = 50, For x = 100, y = 0.
We represent these solution in the tabular form as below:
PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3 15
We plot these three point in the Cartesian plane and draw the line passing through them. This line is the graph of the mathematical representation of the information given in the data.
PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3 16

PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3

Question 8.
In countries like USA and Canada, temperature is measured In Fahrenheit, whereas in countries like India, it is measured in Celsius. Here is a linear equation that converts Fahrenheit to Celsius:
F = \(\left(\frac{9}{5}\right)\)C + 32
(i) Draw the graph of the linear equation above using Celsius for x-axis and Fahrenheit for y-axis.
Answer:
F = \(\left(\frac{9}{5}\right)\)C + 32
For C = – 15,
F = \(\frac{9}{5}\)(- 15) + 32 = – 27 + 32 = 5
For C = 10,
F = \(\frac{9}{5}\)(10) + 32 = 18 + 32 = 50
For C = 60,
F = \(\frac{9}{5}\)(60) + 32 = 108 + 32 = 140
Hence, three solutions of F = \(\left(\frac{9}{5}\right)\)c + 32 can be given in the tabular form as below:
PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3 17
To draw the graph of F = \(\left(\frac{9}{5}\right)\)c + 32.
we take Celsius (°C) on the x-axis and Fahrenheit (°F) on the y-axis with scale 1 cm = 10 units on both the axes.
Then, we plot the points (- 15, 5), (10, 50) and (60, 140) and draw the line passing through them which is the graph of the equation F = \(\left(\frac{9}{5}\right)\)C + 32.

PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3 18

(ii) If the temperature is 30°C, what is the temperature in Fahrenheit?
Answer:
If the temperature is 30 °c means the x-coordinate of the point is 30. Now, the point on the graph of F = \(\left(\frac{9}{5}\right)\)C + 32 having x-coordinate 30 has y-coordinate 86.
From the equation for C = 30, we get
F = \(\left(\frac{9}{5}\right)\)3o + 32 = 54 + 32 = 86.
Hence, if the temperature is 30°C, in the Fahrenheit scale it is 86°F.

(iii) If the temperature is 95 °E what is the temperature in Celsius?
Answer:
If the temperature is 95°F means the y-coordinate of the point is 95. Now, the point on the graph of F = \(\left(\frac{9}{5}\right)\)C + 32 having y-coordinate 95 has x-coordinate 35.
From the equation for F = 95, we get
95 = \(\left(\frac{9}{5}\right)\)C + 32
∴ 63 = \(\left(\frac{9}{5}\right)\)C
∴ C = 63 × \(\frac{5}{9}\)
∴ C = 35

PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 4 Linear Equations in Two Variables Ex 4.3

(iv) If the temperature is 0°C, what is the temperature in Fahrenheit and if the temperature is 0 °F, what is the temperature in Celsius?
Answer:
As explained in (ii) and (iii) above, if the temperature is 0 °C, in the Fahrenheit scale it is 32°F. And if the temperature is 0 °F, in the Celsius scale it is – 18 °C approximately as observed from the graph. From the equation, for C = 0, we get
F = \(\left(\frac{9}{5}\right)\)0 + 32 = 0 + 32 = 32, and for
F = 0, we get
0 = \(\left(\frac{9}{5}\right)\)C + 32
∴ – 32 = \(\left(\frac{9}{5}\right)\)C
∴ C = – 32 × \(\frac{5}{9}\)
∴ C = – \(\frac{160}{9}\)
∴ C = – 17 \(\frac{7}{9}\)

(v) Is there a temperature which is numerically the same in both Fahrenheit and Celsius? If yes, find it.
Answer:
Yes, there is a temperature which is numerically the same in both Fahrenheit and Celsius.
As we see, the graph of F = \(\left(\frac{9}{5}\right)\)C + 32 passes through the point (- 40, – 40), i.e., – 40°C = – 40°F.
From the equation for F = C, we get
C = \(\left(\frac{9}{5}\right)\)C + 32
∴ – 32 = \(\frac{9}{5}\)C – C
∴ – 32 = \(\frac{4}{5}\)C
∴ C = – 32 × \(\frac{5}{4}\)
∴ C = – 40
Hence, – 40 is the temperature which is numerically the same in both Fahrenheit and Celsius.

PSEB 9th Class English Grammar Conjunctions

Punjab State Board PSEB 9th Class English Book Solutions English Grammar Conjunctions Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 9th Class English Grammar Conjunctions

Fill in the blanks with appropriate Connectors :

1. Ram would have helped her ……….. he had enough money.
2. Wisdom is better ………….. riches.
3. Sita had been waiting for two hours ……….. the train arrived.
4. Many are called, ………… few are chosen.
5. I ran fast, ………… I missed the train.
6. I would rather suffer …………. apologize.
7. Wait ……………… I come back
8. Let us go to bed ………….. it is twelve.
9. I would rather die ……….. tell a lie.
10. I like her …………… she is beautiful.
Answer:
1. if 2. than 3. when 4. but 5. yet 6. than 7. until 8. as 9. than 10. because / for.

PSEB 9th Class English Grammar Conjunctions

Fill in the blanks with appropriate Connectors :

1. We eat ………… we may live.
2. Men will reap ………….. they sow.
3. He ran …………. he had been shot.
4. He is …………. a rogue ……….. a fool.
5. ………….. you sow, …………. shall you reap.
Answer:
1. so that 2. what 3. though 4. either, or 5. As, so.

Rewrite each of these pairs of simple sentences as one sentence, using the Connectors given in the brackets :

1. You must start early. You will catch the train.
2. They batted badly. They won the match.
3. Their house is small. It is comfortable.
4. Sign these papers. You’ll get the loan.
5. Tell me the truth. I shall punish you.
Answer:
1. If you start early, you will catch the train.
2. Although they batted badly, they won the match.
3. Their house is small, still it is comfortable.
4. If you sign these papers, you’ll get the loan.
5 Unless you tell me the truth, I shall punish you.

Fill in the blanks with suitable Connectors given in the brackets :

1. I would have gone to the party ……….. I had been invited. (so that, although, if)
2. She went to the doctor ……. she might be cured. (therefore, because, so that)
3. I shall wait for you ……….. you return. (unless, until)
4. She is a fine player ………… she is so small. (because, although, unless)
5. The teacher punished him ………. he had broken the windowpane. (as, though)
Answer:
1. if 2. so that 3. until 4. although 5. as.

Fill in the blanks with suitable Connectors :

1. She is beautiful ………. not vain.
2. Though he is poor, ………….. he is honest.
3. He is neither an idler ……….. a gambler.
4. He had scarcely reached the school ………… it began to rain.
5. A month has passed ……….. he came here.
6. Give me water to drink ………… I shall die of thirst.
7. She is a fine player …………. she is so small.
8. I was so tired …………. I at once fell asleep.
9. Make hay ………. the sun shines.
10. He is neither hard-working ………… intelligent.
Answer:
1. but 2. yet 3. nor 4. when 5. since 6. or 7. though 8. that 9. while 10. nor.

PSEB 9th Class English Grammar Conjunctions

Pick out the Subordinate Conjunctions from the following sentences :

1. Let us go to bed as it is late now.
2. He studied hard in order that he might pass.
3. He carried a stick in his hand lest he should stumble.
4. He threatened to dismiss him unless he confessed his guilt.
5. He remained silent when he heard that.
6. We never understood why he behaved in that silly way.
7. We shall leave the class as soon as you start speaking.
8. He wished to know whether I was ready to accompany him.
9. If he is here, I shall call on him.
10. He was alarmed lest he should be taken in.
Answer:
1. as 2. in order that 3. lest 4. unless 5. when 6. why. 7. as soon as 8. whether 9. If 10. lest.

Combine the following sets of sentences by using suitable Connectors :

1. It may rain. Take an umbrella.
2. Do not go out in this rain. You may catch a cold.
3. Work hard. Otherwise, you will fail.
4. It was raining hard. I stayed at home.
5. I eat. I am hungry.
6. You say so. I must believe it.
7. He is very poor. He is contented.
8. I am going to Delhi. I am expecting a merry time.
9. I did not listen to him. I failed badly.
10. You will succeed. You should work hard.
Answer:
1. Take an umbrella, as it may rain.
2. Do not go out in this rain or you may catch cold.
3. Work hard or you will fail.
4. As it was raining hard, I stayed at home.
5. I eat when I am hungry.
6. I must believe it because you say so.
7. Though he is very poor, he is contented.
8. I am going to Delhi where I expect a merry time.
9. As I did not listen to him, I failed badly.
10. If you work hard, you will succeed.

Choose the correct Conjunction given in brackets :

1. He tried hard (and, but) could not succeed.
2. He will not come (if, unless) you do not invite him.
3. He had died (before, after) the doctor came.
4. You will be late (if, unless) you hurry up.
5. You must see me (before, when) you leave for Delhi.
6. He worked hard (and, yet) he failed.
7. He is as clever (as, so) his father.
8. (Though, Even if he is my friend, I will not help him in this matter.
Answer:
1. but 2. if 3. before 4. unless 5. before 6. yet 7. as 8. Though.

PSEB 9th Class English Grammar Conjunctions

Fill in the blanks with suitable Conjunctions :

1. I leave my bed ………… the sun rises.
2. ……… you say so, I shall proceed in the matter.
3. ………. you walk fast, you will catch the train.
4. Work hard ……….. you may pass.
5. Walk carefully …….. you should slip.
6. She is not so wise ………. you think.
7. ……….. fast you may run, you cannot beat me in the race.
8. Though she worked hard, ……….. she could not top the list.
9. As you sow, ……… shall you reap.
10. He speaks ………… he were my officer.
Answer:
1. before 2. As 3. If 4. so that 5. lest 6. as 7. However 8. yet 9. so 10. as if.

Fill in the blanks, selecting suitable words from those given in brackets :

1. The book …………. you sent to me, is really interesting. (that, who)
2. The Chief Minister ……….. is very popular with the masses, commands a great respect. (that, who)
3. This is the lady ………. purse had been stolen. (whom, whose)
4. This is the house …….. we want to purchase. (that, who)
5. The pen ………. I like the most has been sold out. (which, who)
6. Varanasi ………. is a city of temples is a place of pilgrimage for the Hindus. (whose, which)
7. The man …………….. she disliked came to her help in her hour of misery. (who, whom)
8. The bird ……… sweet voice you heard every morning is no more.. (whose, whom)
9. Can you identify the person …….. abused you ? (whom, who)
10. The prayer song ……….. we sing every day has been composed by my father. (that, who)
Answer:
1. that 2. who 3. whose 4. that 5. which 6. which 7. whom 8. whose 9. who 10. that.

Fill in the blanks with suitable Conjunctions :

1. It is a week …….. the holidays began.
2. The crops will die ………… the rains fall.
3. Work hard ……….. you should fail.
4. You will fail ……. you do not put in proper efforts.
5. I shall be surprised ……….. you fail.
6. He took medicine ………… he might get well.
7. You may not go out ………. your work is done.
8. You can stay here ……… you wish.
9. Wait here ………. I return.
10. He went to the doctor ………. he was ill.
Answer:
1. since 2. before 3. lest 4. if 5. if 6. so that 7. until 8. as long as 9. until 10. because.

Fill in the blanks with suitable Conjunctions :

1. Leave the room ……. you will be caught.
2. Wise men love truth ……… fools shun it.
3. She was found guilty and ……. she was punished.
4. He received a prize ……. his brother was punished.
5. Don’t make a noise ……… I shall punish you.
6. He is a liar ….. a cheat.
7. Trust in God ……. do the right.
8. ……… he is wrong ……. I am wrong.
9. Ashok had no hope of success, ………. he tried.
10. John was naughty; ……. I punished him.
Answer:
1. otherwise’ 2. while 3. therefore 4. while 5. or 6. and / as well as 7. and 8. Either, or 9. yet 10. so.

PSEB 9th Class English Grammar Conjunctions

Fill in the blanks selecting the proper Subordinative Conjunctions from those given in brackets :

1. Tell me ……… he has gone. (as, nowhere, because, where)
2. ……… he satisfies me, he cannot get promotion. (unless, if, because)
3. The thief ran …….. he saw the owner of the house. (as soon as, as long as, how)
4. Make hay ……. the sun shines. (while, before)
5. He was late …….. it was raining cats and dogs. (as, how, when)
6. Let us take lunch ……… it is already twelve. (as, so, while)
7. He works hard ……. he may win some position. (in order that, lest, as)
8. He is studying very hard ……… he may top the list this time. .(so that, lest, as)
9. We eat …….. we may live. (so that, because, as if )
10. He walked with care ………… he should stumble. (so that, lest, as)
Answer:
1. where 2. Unless 3. as soon as 4. while 5. as 6. as 7. in order that 8. so that 9. so that 10. lest.

Fill in the blanks with Subordinative Conjunctions :

1. He will join the meeting ……….. he is allowed to do so.
2. ……….. it was quite cold, yet she did not light a fire.
3. We eat …….. we may live.
4. The sun will shine ……. the world lasts.
5. He continued gambling ……. he lost all his money.
6. She is extremely happy …….. she has been engaged to a boy of her choice.
7. He will not pass ………… he works hard.
8. The thief was caught red-handed ……….. he was stealing a jewellery box.
Answer:
1. if 2. Though 3. so that 4. as long as 5. until 6. because 7. unless 8. when.

Join the following pairs of sentences into single sentences, using the Subordinative Conjunctions given in the brackets :

1. You must leave the room. (whether) :
You may wish it or not.

2. He is honest. (though)
He is a poor man.

3. You wish it. (since)
I shall help him.

4. He talked so much. (that)
He made himself hoarse.

5. He will succeed. (because)
He is working hard.

6. We called at his house. (as)
The clock struck four.

7. There is a will. (where)
There is a way.

8. He returned home. (after)
The rain had stopped.

9. The patient had died. (before)
The doctor came.

10. I called on him. (when)
He was at home.
Answer:
1. You must leave the room whether you wish it or not.
2. He is honest. though he is a poor man.
3. Since you wish it, I shall help him.
4. He talked so much that he made himself hoarse.
5. He will succeed because he is working hard.
6. As we called at his house, the clock struck four.
7. Where there is a will, there is a way.
8. He returned home after the rain had stopped.
9. The patient had died before the doctor came.
10. When I called on him, he was at home.

PSEB 9th Class English Grammar Conjunctions

Fill in the blanks with suitable Conjunctions :

1. Hardly had he gone there ……….. it started raining.
2. He is both a painter ……….. a singer.
3. Life is such a puzzle ………. cannot be solved.
4. I am so tired ….. I cannot walk.
5. He is as tired …….. you are.
6. Not only is he rich but generous ………..
7. He is not only anxious to acquire knowledge …….. eager to display it.
8. His action was either just ………. unjust.
9. Hardly had I reached the station ……… the train started.
10. Scarcely had I arrived there …….. all the visitors dispersed.
Answer:
1. when 2. and 3. as 4. that 5. as 6. also 7. but also 8. or 9. when 10. when.

Fill in the blanks with suitable Conjunctions :

1. Wait here ……… I come back.
2. I like him ……. he is honest.
3. We must eat ……. we shall die.
4. You will never pass …….. you do not work hard.
5. He failed ……….. he did not work hard.
6. He is very wise ……… he is young.
7. Either take it ……….. leave it.
8. Work hard ……….. you will fail.
9. I would rather die …….. yield.
10. I know ……… he will come.
Answer:
1. until 2. because 3. or 4. if 5. because 6. though 7. or 8. or 9. than 10. that.

Fill in the blanks with suitable Conjunctions :

1. Pinky was happy …….. she passed the test.
2. You can do much better …….. you try harder.
3. Always brush your teeth ……….. a meal.
4. I will not let you go …… you confess.
5. The children waited ……. their mother came.
6. I have been living here ……… 1990.
7. Make hay. …….. the sun shines.
8. He failed ………. he tried again.
9. Walk quickly ……….. you will miss the train.
10. Cats can climb trees …….. dogs cannot.
Answer:
1. when 2. if 3. after 4. until 5. until 6. since 7. while 8. yet 9. or / otherwise 10. while

Conjunction-

दो शब्दों, वाक्यांशों (Phrases) अथवा वाक्यों को परस्पर जोड़ने वाले शब्द को conjection कहा जाता है जैसे
1. The teacher taught Mohan and Abdul.
2. I want some pen or pencil.
3. He will take tea, but I will take milk.
4. I will try to come as soon as I can.

Conjunctions of years on lait :
1. Co-ordinate Conjunctions.
2. Correlative Conjunctions.
3. Subordinate Conjunctions.

Co-ordinate Conjunctions-समान स्थिति वाले तथा स्वतन्त्र शब्दों । वाक्यांशों । वाक्यों को मिलाने वाले शब्दों को Co-ordinate Conjunctions कहा जाता है। जैसे

1. Noun को Noun से
2. Verb को Verb से ।
3. Adjective को Adjective से
4. Adverb को Adverb से
5. Phrase को Phrase से
6. Sentence को Sentence से
Mohan as well as Sohan came to my house.
We worked and played together.
He is sad but hopeful.
He spoke loudly and clearly.
He met me in the bazaar and again at the railway station.
He worked hard, yet he failed.

साधारण प्रयोग में आने वाले कुछ Co-ordinate Conjunctions निम्नलिखित हैं
PSEB 9th Class English Grammar Conjunctions 3

Correlative Conjunctions – जोड़ों के रूप में प्रयुक्त होने वाले Conjunctions को Correlative Conjunctions कहा जाता है; जैसे

1. He worked so hard that he fell ill.
2. He could neither sit nor stand.
3. He is both kind and honest.
4. Either Mohan or Sohan has done it.
5. She is not only proud but also mean

साधारण प्रयोग में आने वाले कुछ Co-ordinate Conjunctions निम्नलिखित हैं
PSEB 9th Class English Grammar Conjunctions 4

Subordinate Conjunctions-जो शब्द एक या अधिक आश्रित (Subordinate) वाक्यों को प्रधान (Principal) वाक्य से जोड़े, उन्हें Subordinate Conjunctions कहा जाता है। जैसे

Principal Clause Subordinate Clause
1. I don’t think
2. I know
3. I was away
4. Tell me
5. He is the boy
if he would pass.
why he has come here.
when Radha came here.
where he lives
who beat my brother

साधारण प्रयोग में आने वाली मुख्य Subordinate Conjunctions निम्नलिखित हैं
PSEB 9th Class English Grammar Conjunctions 5

The Use Of Some Conjunctions

(1) No sooner, hardly, scarcely.
No sooner के बाद सदा than का प्रयोग किया जाता है। Scarcely और Hardly के बाद when का प्रयोग किया जा सकता है।
1. No sooner did we reach the station than the train started.
2. She had hardly / scarcely heard the news when she began to weep.

(2) Unless, if.
Unless के साथ not का प्रयोग नहीं किया जा सकता क्योंकि unless = if not.
If के साथ (यदि आवश्यकता हो तो) not का प्रयोग किया जा सकता है।
1. Unless you work very hard, you can’t pass.
2. If you do not work very hard, you can’t pass.

PSEB 9th Class English Grammar Conjunctions

(3) Until (till), as long as (so long as), while.
Until (till) = उस समय तक जबकि = up to the time when
(ये शब्द point of time की ओर संकेत करते हैं।)
As long as = जितने समय तक
So long as, while = during the time that
(ये शब्द period of time की ओर संकेत करते हैं।)
यदि till | until का सम्बन्ध पहले वाक्य से हो तो प्रायः until का प्रयोग किया जाता है।
यदि till / until का सम्बन्ध पिछले वाक्य से हो तो प्रायः till का प्रयोग किया जाता है।

किन्तु till | until के प्रयोग में कोई विशेष अन्तर नहीं समझा जाता है।
1. Go straight on until you come to the post office and then turn left.
2. Until you told me, I had heard nothing of it.
3. She won’t go away till you promise to help her.
4. Let us wait till the rain stops.
5. While there is life, there is hope.
As long as there is life, there is hope.
So long as there is life, there is hope.

(4) Because, so that (in order that).
Because का प्रयोग उस समय किया जाता है जब किसी बात का कारण (reason) बताना हो।
In order that अथवा so that का प्रयोग उस समय किया जाता है जब किसी उद्देश्य (Purpose) का वर्णन करना हो।
1. He failed because he did not work hard.
2. He worked hard so that he might win a scholarship.

(5) Since, before.
जब Since का प्रयोग एक Conjunction के रूप में किया जाए तो
(i) इससे पूर्व आने वाले वाक्य में कभी भी Past Indefinite Tense का प्रयोग नहीं किया जा सकता
(ii) इसके बाद आने वाले वाक्य में सदा ही Past Indefinite Tense का प्रयोग किया जाता है।

1. Two months have passed since he came here.
2. It is two weeks since my examinations were over.
Before, if, until, unless, while, when, आदि समय-वाचक योजकों (Temporal Conjunctions) के बाद कभी भी Future Tense का प्रयोग नहीं किया जाता है यद्यपि मुख्य वाक्य (Principal Clause) Future Tense में ही हो।
1. I will help him if he comes to me.
2. The crops will die before the rains fall.
3. I shall not let you go until you pay back my money.
4. I shall give him your message when he comes here.

(6) No other तथा rather के साथ than का प्रयोग किया जाता है, न कि but का।
1. No other than Mohan did this mischief.
2. I would rather die than beg.

(7) As to = about, concerning = के सम्बन्ध में।
इसका प्रयोग वाक्य के आरम्भ में ही किया जाना चाहिए और वह भी केवल तब जब किसी बात पर बल डालना हो।
As to your brother, I will deal with him later.
निम्नलिखित वाक्य में इसका प्रयोग ग़लत है
I don’t know as to why he failed.
हमें कहना चाहिए
I don’t know why he failed.

(8) Neither …………….. nor तथा Either …………… or.
1. This book is neither useful nor cheap.
2. Either you or your friend has stolen my book.
3. You can either play or work.
4. Mona can neither see nor hear.

(9) Not only ……………… but also.
1. She is not only beautiful but intelligent also.
2. The cruel master not only lashed his servant but also got him arrested.

(10) Though ………….. yet.
1. Though he worked hard, yet he failed.
2. Though he is rich, yet he is not mean.

(11) Both …. …………. and
1. Ramesh is both handsome and sensible.
2. Both Hema and her sister were absent.

PSEB 9th Class English Grammar Conjunctions

(12) So …………………… that.
1. He worked so hard that he won a scholarship.
2. He is so mean that you cannot expect any help from him.

(13) Such …………… as.
1. Raman is such a fool as no one likes.
2. I love such students as are hard-working.

(14) Whether ………………… or.
1. You must leave the room whether you wish it or not.
2. I am going ahead with my plans whether I succeed or fail.

(15) The same ………….. as / that.
1. It is the same kind of pen as mine.
2. This is the same man that came to my help.

(16) निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखिए

1. That का प्रयोग Direct Narration में नहीं किया जा सकता है और न ही इस का प्रयोग
Indirect Narration में किसी प्रश्न-वाचक वाक्य से पूर्व किया जा सकता है।

2. Lest के साथ auxiliary के रूप में सदा should का प्रयोग किया जाता है।
(Walk fast lest you should miss the train.)

PSEB 9th Class English Grammar Conjunctions

3. Like (= जैसा) का प्रयोग कभी भी as (= जैसा) के स्थान पर नहीं किया जा सकता है, क्योंकि
इस अर्थ में like एक Preposition है जबकि as एक Conjunction है।
1. He is like your brother.
2. He did as your brother did.

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work, Energy and Power

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 11 Work, Energy and Power Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 11 Work, Energy and Power

PSEB 9th Class Science Guide Work, Energy and Power Textbook Questions and Answers

Question 1.
Look at the activities listed below. Reason out whether or not work is done in the light of your understanding of the term ‘work’.

  1. Suma is swimming in a pond.
  2. A donkey is carrying a load on its back.
  3. A wind-mill is lifting water from a well.
  4. A green plant is carrying out photosynthesis.
  5. An engine is pulling a train.
  6. Food grains are getting dried in the sun.
  7. A sail boat is moving due to wind energy.

Answer:

  1. Suma while swimming is applying her muscular force in a particular direction and gets displaced. Therefore, work is being done by Suma.
  2. The load being carried by donkey is acting in the downward direction perpendicular to the horizontal direction of displacement. And when the force acts perpendicular to the direction of displacement then no work is done. Therefore, donkey is not doing any work.
  3. Work is being done because in lifting water, the displacement, as well as force, are in vertically upward direction.
  4. A green plant carrying photosynthesis does no work since neither there is force applied nor any displacement in direction of force applied.
  5. An engine pulling a train is doing work since displacement is in direction of force applied.
  6. No work is done on food grain. However part of heat suplied coverts moisture of grains into steam which rises up increasing P.E.
  7. Work is being done since force and displacement is there in the same direction.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 Work and Energy

Question 2.
An object thrown at a certain angle to the ground moves in a curved path and falls back to the ground. The initial and final points of the path of object lie on the same horizontal line. What is the work done by the force of gravity on the object?
Answer:
The work done by the force of gravity will be zero. This is because the displacement is in a horizontal direction while the force is acting vertically downward perpendicular to this direction of displacement.
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy 1
In this situation θ = 90°
∴ cos θ = cos 90° = 0
Now work done (W) = F cos θ × S
= F × 0 × S
W = 0

Question 3.
A battery lights a bulb. Describe the energy changes involved in the process.
Answer:
Chemical energy of the chemicals in the battery is first being converted to electric energy. Then the electric energy of the battery is converted into heat energy and light energy by the bulb.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 Work and Energy

Question 4.
Certain force acting on a 20 kg mass changes its velocity from 5 m s-1 to 2 ms-1. Calculate the work done by the force.
Solution:
Here mass (m) = 20 kg
Initial velocity (u) = 5ms-1
Final velocity (v) = 2ms-1
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy 2
∴ Negative sign shows that there is decrease in velocity due to opposing force which is doing work.

Question 5.
A mass of 10 kg is at a point Aon atable. It is moved to a point B. If line joining A and B is horizontal, what is die work done on fee object by gravitational force ? Explain your answer.
Solution:
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy 3
An object of mass 10 kg is displaced in the horizontal direction from point A to point B but the gravitational force is acting vertically downward which makes an angle of 90° with the direction of displacement.
∴ Work done by the gravitational force (W) = F cos θ × S
= F cos 90° × S
= F × 0 × S
= 0

Question 6.
The potential energy of a freely falling object decreases progressively. Does this Violate the law of conservation of energy? Why?
Answer:

  • It does not violate the law of conservation of energy. When the height of freely falling body decreases, its potential energy decreases but kinetic energy increases.
  • Kinetic energy increases by the same amount as potential energy has decreased.
  • At any time the sum of kinetic energy and potential energy remains conserved.

Question 7.
What are the various energy transformations that occur when you are riding a bicycle ?
Answer:
When we are riding a bicycle and pedalling it, the energy of our muscles gets transformed into heat energy and kinetic energy. This kinetic energy is used in doing work against the frictional energy offered by the road.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 Work and Energy

Question 8.
Does the transfer of energy takes place when you push a huge rock with all your might and fail to move it ? Where is the energy you spent going?
Answer:
Although you have not been able to move the heavy rock, you are very much tired and this has reduced your energy. Since we have failed to move the heavy rock, work appears to be zero.

While pushing the stone, you had to stretch your muscles, heart had to pump more blood and in making these changes, your energy is definitely lost. The work done by you on your body is not zero. You may have to eat some food to compensate for the work done by your muscles and heart.

Question 9.
A certain household has consumed 250 units of electric energy during a month. How much energy is this in joules ?
Solution:
We know, 1 unit of energy = 1 kilowatt hour (1 kWh)
= 1 kW × 1 h
= (1 × 1000 watt) × (1 × 60 × 60 s)
= 36 × 105 J
= 3.6 × 106 J
∴ 250 units of energy = 250 × 3.6 × 106 J
= 900 × 106 J
= 9 × 108 J

Question 10.
An object of mass 40 kg is raised to a height of 5 m above the ground. What is its potential energy ? If the object is allowed to fall, find its kinetic energy when it is half-way down. Take g – 10 ms “2.
Solution:
Here mass of the object (m) = 40 kg
Height above the ground (h) = 5m
Acceleration due to gravity (g) = 10 ms-2
Potential energy of the object at a height of 5 m (Ep) = m × g × h
= 40 × 10 × 5 J
= 2000 J
Let υ be the velocity of the object when it has come halfway down
Distance moved by the object (S) = \(\frac {5}{2}\) = 2.5 m
using υ2 – u2 = 2gS
υ2 – (0)2 = 2 × 10 × 2.5
υ2 = 2 × 25
or υ2 = 50
Kinetic energy of the object on reaching half way down (Ek) = \(\frac {1}{2}\)mυ2
= \(\frac {1}{2}\) × 40 × 50
= 1000 J

Question 11.
What is the work done by the force of gravity on a satellite moving round the earth ? Justify your answer.
Answer:
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy 4
When a satellite moves around the earth the force of gravity is directed inward along the radius of the circular path while the direction of motion is along the tangent which is perpendicular to the radius. In this way force of gravity and displacement are mutually at right angle to each other as a result of which the work done on the satellite is zero.
We know, work done (W) = F cos θ × S
= F cos 90° × S
= F × 0 × S
= 0

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 Work and Energy

Question 12.
Can there be a displacement of any object in the absence of any external force ?
Answer:
In the absence of any external force the displacement of the object is possible if the object is moving with a uniform velocity. And if the object is in the state of rest then the displacement is not possible in the absence of external force.

Question 13.
A person holds a bundle of hay over his head for 30 minutes and gets tired. Has he done some work or not ? Justify your answer.
Answer:
A person holds a bundle of hay over his head for 30 minutes and gets tired but the force of gravity acting on the bundle does not displace the bundle of hay in the direction of force of gravity. Since there is no displacement in the direction of force, therefore, no work is said to be done by him.

Question 14.
An electric heater is rated 1500 W. How much energy does it use in 10 hours ?
Solution:
Given, Power of the heater (P) = 1500 W
Time for which heater is used (t) = 10 hr
Energy used by the heater in 10 hours (E) = ?
We know, energy used = Power × Time
= 1500 Watt × 10 hrs
= 1500 Wh
= \(\frac {1500}{1000}\)k Wh
= 15kWh
= 15 units

Question 15.
Illustrate the law of conservation of energy by discussing the energy changes which occur when we draw a pendulum bob to one side and allow it to oscillate. Why does the bob eventually come to rest ? What happens to its energy eventually? Is it a violation of the law of conservation of energy?
Answer:
Energy transformation in oscilated pendulum:
Initially bob is at rest at its mean position, thus in kinetic energy is zero. We can consider its potential energy equal to zero in this position.
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy 5
When we take the bob of the pendulum to one side its height goes on increasing and we have to do some work against the force of gravity. This work is stored in the bob as its potential energy. Thus, when a bob is released from one of its extreme position, i.e. state of maximum displacement B at this position its kinetic energy is zero and potential energy is maximum.

Now, the bob is in motion and is moving towards its mean position A its height goes on decreasing that means its potential energy also goes on decreasing whereas its velocity goes on increasing and hence, its kinetic energy increases. Because bob is moving through the air, thus, some energy is consumed, against the force of friction due to air. This causes increase in speed of molecules of air and thus, kinetic energy of the molecules increase.

At the mean position, kinetic energy of the bob becomes maximum and potential energy becomes minimum. Due to inertia of motion bob does not stop here but it moves to the other side of its mean position. Its height again starts increasing so that potential energy also increases, but kinetic energy continues to decrease. When bob reaches at the extreme position ‘O’ its potential energy becomes maximum and kinetic energy becomes zero.

Bob does not stop here it comes back towards its mean position ‘A’. At every point of its motion, sum of kinetic energy and potential energy of the bob along with energy of air molecules remains constant. Thus, during oscillation of the bob of a simple pendulum total energy remains conserved.

Amplitude of the simple pendulum depends on the total energy of the bob. The energy transfered to the molecules of the air by the oscillating bob can never be recovered. Thus total energy of the bob goes on decreasing. When, the bob transfers whole of its energy to the molecules of the air then its total energy becomes zero and it comes to rest at its mean position. Thus there is no violation of the law of conservation of energy.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 Work and Energy

Question 16.
An object of mass ‘m’ is moving with velocity V. How much work should be done on the object in order to bring the object at rest?
Solution:
Let an object of mass m be initially moving with velocity υ and finally be brought to rest by the application of an opposing force F after covering a distance S.
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy 6

Question 17.
Calculate the work required to be done to stop a car of 1500 kg moving at a velocity of 60 km h-1.
Solution:
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy 7

Question 18.
In each of the following force F is acting on an object of mass m. The direction of displacement is from west to east shown by the longer arrow. Observe the diagram carefully and state whether the work done by the force in negative, positive or zero
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy 8
Answer:

  1. In Fig. (a) displacement is in a direction perpendicular to direction of force applied, therefore work done is zero. There is no displacement in direction of force.
  2. In Fig. (b), the work done is positive since force and displacement are in the same direction.
  3. In Fig. (c), the work done is negative since displacement is in a direction opposite to direction of force.

Question 19.
Soni says that acceleration in an object could be zero even when several forces are acting on it. Do you agree with her? Why?
Answer:
Yes, acceleration can be zero when a large number of forces are acting on a body and their resultant is zero.
We kno w, a = \(\frac{\text { F }}{\text { m }}\)
= \(\frac{\text { 0 }}{\text { m }}\)
∴ a = 0
Illustration:

  1. If two equal and opposite forces are acting on an object, acceleration of the object is zero.
  2. If three forces are simultaneously acting on an object and can be represented in magnitude and direction by three sides of the triangle in the same order, the body is in equilibrium and will have zero acceleration even when three forces are acting on it.
  3. Even with more than 3 forces acting on a body, it could have zero acceleration if the resultant of all force is zero.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 Work and Energy

Question 20.
Find the energy in kWh consumed in 10 hours by four devices of power 500 W each.
Solution:
Power of 1 device = 500 W
Total power of 4 devices = 4 × 500 W = 2000 W
Time for which 4 devices used (t) = 10 hrs
Energy consumed in 10 hours = Power × Time
= P × t
= 2000W × 10 h
= 20000 Wh
= \(\frac {20000}{1000}\)kWh
= 20 kWh

Question 21.
A freely falling object eventually stops on reaching the ground. What happens to its kinetic energy?
Answer:
A freely falling body on reaching the ground finally stops. Its kinetic energy gets transformed into other forms of energy such as heat, sound and light etc. and then into its potential energy.

Science Guide for Class 9 PSEB Work, Energy and Power InText Questions and Answers

Question 1.
A force of 7 N acts on an object. The displacement is, say 8 m in the direction of the force. Let us take it that the force acts on the object through displacement. What is the work done in this case?
Answer:
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy 9
Here force (F) = 7 N
Displacement (S) = 8m
∴ Work done (W) = ?
We know, W = F × S
= 7N × 8m
= 56N – m
= 56 J

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 Work and Energy

Question 2.
Write an expression for the work done when a force is acting on an object in the direction of its displacment.
Answer:
When the displacement of the object is in the direction of force then,
Work done (W) = Force (F) × Displacement (S)

Question 3.
Define 1 J of work.
Answer:
Joule. Work done on the body is said to be 1 J if IN of the force acting on it displaces the body in its own direction through a distance of 1 m.
We know, W = F × S
or 1 J = 1 N × 1 m
= 1N – m

Question 4.
A pair of bullocks exerts a force of 140 N on a plough. The field being ploughed is 15 m long. How much work is done in ploughing the length of the field ?
Solution:
Force exerted by bullocks (F) = 140 N
Length of the field ploughed (S) = 15 m
Work done in ploughing the field (W) = ?
We know, W = F × S
W = 140 N × 15 m
= 2100 N – m
= 2100 J

Question 5.
What is kinetic energy of an object?
Answer:
Kinetic Energy: Kinetic energy of an object is the quantity of motion possessed by it.
Kinetic energy of an object of mass ‘m moving with velocity υ is = \(\frac {1}{2}\) mυ2
S.I. unit of kinetic energy is Joule
Examples:

  1. Stone in motion
  2. Blowing wind
  3. Rotating wheel

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 Work and Energy

Question 6.
Write an expression for the kinetic energy of an object.
Answer:
Kinetic energy of an object of mass ‘m’ moving with velocity ‘υ’ is
Ek = \(\frac {1}{2}\) × mass × (velocity)2
= \(\frac {1}{2}\) × m × (υ )2
= \(\frac {1}{2}\)mυ2
∴ Expression for kinetic energy (Ek) = \(\frac {1}{2}\)mυ2

Question 7.
The kinetic energy of an object of mass’m’ moving with a velocity of 5 ms-1 is 25 J. What will be its kinetic energy when its velocity is doubled ? What will be its kinetic energy when its velocity is increased to three times.
Solution:
Given, Mass of an object = m
Velocity of the object (v) = 5 ms-1
Kinetic energy of the object (Efc) = 25 J
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy 10
= 100 J
= 4 × 25 J
∴ \(\mathbf{E}_{k_{1}}\) = 4 × Ek
∴ When velocity is doubled, the kinetic energy of the object (\(\mathbf{E}_{k_{1}}\)) becomes four times the first kinetic energy

(ii) When the velocity of the object is made three times the original velocity, then
υ2 = 3 × υ
= 3 × 5m s-1
= 15m s-1
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 11 Work and Energy 11
i.e. on increasing the velocity to three times the original velocity, its kinetic energy ( \(\mathbf{E}_{k_{2}}\)) becomes nine times the first kinetic energy (Ek).

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 Work and Energy

Question 8.
What is Power ?
Answer:
Power: The rate of doing work or the rate of transformation of energy is called power. Its S.I. unit is watt (W) or Joule/sec (J s-1)
If an agent does work /W’ in time ‘t’ then
Power = \(\frac{\text { Work done }}{\text { Time taken to do work }}\)
or P = \(\frac{\text { W }}{\text { t }}\)

Question 9.
Define 1 watt of Power.
Answer:
Watt. It is the power of that agent or machine which can work at the rate of 1 Joule in 1 second.

Question 10.
A lamp consumes 1,000 J of electric energy in 10 s. What is its power ?
Solution:
Here, W = 1000 J
Time (t) = 10 s
Power (P) = ?
We know Power (P) = \(\frac{\text { E }}{\text { t }}\)
= \(\frac{1000 \mathrm{~J}}{10 \mathrm{~s}}\)
= 100 J s-1
∴ p = 100 W

Question 11.
Define Average Power.
Answer:
Average Power: It is defined as the ratio of total energy consumed to the total time taken.
∴ Average Power (Pav) = \(\frac{\text { Total energy consumed }}{\text { Total time taken }}\)

PSEB 9th Class Hindi Solutions Chapter 18 शिवाजी का सच्चा स्वरूप

Punjab State Board PSEB 9th Class Hindi Book Solutions Chapter 18 शिवाजी का सच्चा स्वरूप Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Hindi Chapter 18 शिवाजी का सच्चा स्वरूप

Hindi Guide for Class 9 PSEB शिवाजी का सच्चा स्वरूप Textbook Questions and Answers

(क) विषय-बोध

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
शिवाजी कौन थे ?
उत्तर:
शिवाजी एक प्रसिद्ध मराठा वीर थे।

प्रश्न 2.
मोरोपंत कौन था ?
उत्तर:
मोरोपंत एक पेशवा थे।

प्रश्न 3.
आवाजी सोनदेव कौन था ?
उत्तर:
आवाजी सोनदेव शिवाजी का एक सेनापति था।

प्रश्न 4.
शिवाजी के सच्चा स्वरूप को दर्शाती इस पाठ की घटना किस समय की है ?
उत्तर:
इस पाठ की घटना सन् 1648 ई० की संध्या की है।

PSEB 9th Class Hindi Solutions Chapter 18 शिवाजी का सच्चा स्वरूप

प्रश्न 5.
मोरोपंत शिवाजी को आकर क्या शुभ समाचार देता है ?
उत्तर:
मोरोपंत शिवाजी को आकर यह शुभ समाचार देता है कि सेनापति आवाजी सोनदेव ने कल्याण प्रांत को जीत कर वहां का सारा खज़ाना लूटकर आ गए हैं।

प्रश्न 6.
आवाजी सोनदेव ने शिवाजी को सबसे बड़े तोहफे के बारे में क्या बताया ?
उत्तर:
आवाजी सोनदेव ने शिवाजी को बताया कि सबसे बड़े तोहफे के रूप में वह कल्याण सूबेदार अहमद की पुत्र-वधू को बंद करके लाया है।

प्रश्न 7.
शिवाजी की प्रसन्नता एकाएक लुप्त क्यों हो गयी थी ?
उत्तर:
अहमद की पुत्र-वधू को सेनापति लेकर आया है, यह सुनकर शिवाजी की प्रसन्नता लुप्त हो गई। उन्हें अपने सेनापति के कार्य पर लज्जा आई थी।

प्रश्न 8.
शिवाजी ने सूबेदार की पुत्र-वधू की सुरक्षा करते हुए उसे क्या आश्वासन दिया ?
उत्तर:
शिवाजी ने उसे आश्वासन दिया कि उसे आराम, इज्जत, हिफ़ाजत और खबरदारी के साथ उसके शौहर के पास बिना देरी के पहुँचा दिया जाएगा।

प्रश्न 9.
शिवाजी पर-स्त्री को किसके समान मानते थे ?
उत्तर:
शिवाजी पर-स्त्री को माता के समान मानते थे।

प्रश्न 10.
शिवाजी ने अंत में क्या घोषणा की ?
उत्तर:
शिवाजी ने अंत में घोषणा की कि यदि कोई भविष्य में ऐसा काम करेगा तो उसका सिर धड़ से अलग कर दिया जाएगा।

PSEB 9th Class Hindi Solutions Chapter 18 शिवाजी का सच्चा स्वरूप

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
शिवाजी ने अपने सेनापति की ग़लती पर सूबेदार की पुत्र-वधू से किस प्रकार माफी मांगी ?
उत्तर:
शिवाजी ने कहा कि माँ, शिवा अपने सेनापति की इस हरकत पर आपसे माफी मांगता है। आप एक माँ के समान पूजनीय हैं। यदि मेरी माँ आप जैसी सुंदर होती तो मैं भी सुंदर होता। मैं आपकी सुंदरता का हिंदू विधि से पूजन करना चाहता हूँ।

प्रश्न 2.
शिवाजी ने अपने सेनापति को किस प्रकार डाँट फटकार लगायी ?
उत्तर:
शिवाजी ने सेनापति को फटकारते हुए कहा कि उसने ऐसा घृणित काम किया है जो शायद क्षमा नहीं किया जा सकता। तुम शिवा को नजदीक से जानते थे फिर भी ऐसा दुस्साहस किया। शिवा ने आज तक किसी मस्जिद की दीवार में बाल के बराबर दरार नहीं आने दी। सदा कुरान का सम्मान किया।

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प्रश्न 3.
शिवाजी किस तरह सच्चे स्वराज्य की स्थापना करना चाहते थे ?
उत्तर:
शिवाजी ऐसे सच्चे स्वराज्य की स्थापना करना चाहते थे जहां सुख-शांति एवं भाईचारा हो। जहाँ पर-स्त्री का भी माँ के जैसा सम्मान हो। हिंदू-मुस्लिम सभी धर्म समान हों। मंदिर-मस्जिद दोनों का सम्मान हो। कोई भी आततायी न हो।

प्रश्न 4.
शिवाजी शील अर्थात् सच्चरित्र को जीवन का आवश्यक अंग क्यों मानते थे ?
उत्तर:
शिवाजी शील अर्थात् सच्चरित्र को जीवन का आवश्यक अंग इसलिए मानते थे, क्योंकि शील जीवन का मूल आधार है। इसी से जीवन महान् बनता है। यदि शिवा में शील नहीं तो सरदार और सेनापति में शील नहीं हो सकता है। बिना शील के हम लुटेरों, डाकुओं के समान हैं। इसके बिना जीवन से मृत्यु तथा विजय से पराजय कहीं ज्यादा श्रेष्ठ है।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छः या सात पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
‘शिवाजी का सच्चा स्वरूप’ पाठ के आधार पर शिवाजी का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर:
शिवाजी के चरित्र की निम्नलिखित विशेषताएं हैं
(1) वीर-शिवाजी एक प्रसिद्ध मराठा वीर थे। उनकी वीरता चारों तरफ बहुत प्रसिद्ध थी। उन्होंने अपनी वीरता के बल पर अनेक विदेशी आक्रमणकारियों से लोहा लिया और उन्हें खदेड़ दिया।
(2) चरित्रवान्-शिवाजी एक महान् चरित्रवान् राजा थे। उनकी शीलता बहुत प्रसिद्ध थी। उन्होंने कभी भी किसी स्त्री को नहीं सताया था। यहां तक कि वह मुस्लिम स्त्रियों को भी पूजनीय मानता था।
(3) नारी का सम्मान करने वाला-शिवाजी नारी का पूरा सम्मान करते थे। वे पर-स्त्री को अपनी माँ के समान पूजनीय मानते थे। इसीलिए उन्होंने कल्याण सूबेदार अहमद की पुत्र-वधू को सेनापति द्वारा जीतने के बाद भी सम्मान सहित क्षमा मांग कर वापिस भिजवा दिया था।
(4) साहसी-शिवाजी एक साहसी वीर थे। उनमें साहस कूट-कूट भरा था। इसी साहस के बल पर उन्होंने अनेक आंतकियों को मार भगाया था।
(5) सभी धर्मों का सम्मान करने वाले-शिवाजी सभी धर्मों का आदर करते थे। उन का मानना था कि सभी धर्म श्रेष्ठ और पूजनीय होते हैं। वे मुस्लिम धर्म का पूर्ण रूप से सम्मान करते थे और किसी भी स्थिति में उस का निरादर करने की बात सोचते तक नहीं थे।

प्रश्न 2.
इस पाठ से आपको क्या शिक्षा मिलती है ?
उत्तर:
इस पाठ से हमें यह शिक्षा मिलती है कि पर-स्त्री को सदा माँ के समान पूजनीय समझना चाहिए। उसका सदा आदर करना चाहिए। कभी भी वीरता का घमंड नहीं करना चाहिए। धैर्यवान् एवं चरित्रवान् बनना चाहिए। दूसरों का सदा सम्मान करना चाहिए। सभी धर्मों एवं लोगों को समान भाव से देखना चाहिए।

PSEB 9th Class Hindi Solutions Chapter 18 शिवाजी का सच्चा स्वरूप

प्रश्न 3.
‘शिवाजी का सच्चा स्वरूप’ एकांकी के नाम की सार्थकता अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
इस एकांकी में लेखक ने शिवाजी की अपराजेय शक्ति, शौर्य और पराक्रम का चित्रण किया है। वे राष्ट्रीय गौरव के महान् ध्वज थे। उन्होंने धर्मान्ध विदेशी अत्याचारियों से निरंतर लोहा लिया। देश की शक्तियों को संगठित कर हिंदू स्वराज्य की स्थापना की, जो धर्मनिरपेक्ष था। उनका स्वराज्य मानव-मूल्यों की आधारशिला पर टिका हुआ था। जिसमें प्रत्येक नागरिक को सम्मानपूर्ण जीवनयापन के अधिकार प्राप्त थे। शिवाजी शीलवान और चरित्रवान् पुरुष थे। उनमें राजगद्दी का कोई अभिमान नहीं था। वे नारी जाति का पूर्ण सम्मान करते थे। शत्रु पत्नी उन्हें माँ से भी अधिक वंदनीय थी। यही कारण है कि सेनापति द्वारा शत्रु पत्नी को बंदी बनाकर लाने पर वे उनसे क्षमायाचना की थी तथा उन्हें सकुशल पति के पास भेजने का आश्वासन दिया था। उनका मानना था कि शिवा में शील होना आवश्यक था क्योंकि उनमें शील होने पर ही सेनापति तथा सरदारों में शील हो सकता था। बिना सच्चरित्र के लुटेरों, डाकुओं और हममें कोई अंतर नहीं। ऐसी अवस्था में जीवन से मृत्यु तथा विजय से पराजय कहीं ज्यादा श्रेष्ठ थी। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि एकांकी का यह नाम बिल्कुल सार्थक है।

4. निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए

प्रश्न 1.
आवाजी, क्या तुम मेरी परीक्षा लेना चाहते थे ? इसलिए तो तुमने यह कार्य किया ?
उत्तर:
जब आवाजी कल्याण के सूबेदार अहमद की पुत्र-वधू को बंदी बनाकर शिवाजी के सामने लाया तो शिवाजी ने उसको फटकार लगाई कि क्या वह उसकी परीक्षा लेना चाहता था। शायद इसलिए तुमने यह कार्य किया है।।

प्रश्न 2.
पेशवा, यह…… यह मेरे …. मेरे एक सेनापति ने ….. मेरे एक सेनापति ने क्या…. क्या कर डाला। लज्जा से मेरा सिर आज पृथ्वी में नहीं, पाताल में घुसा जाता है। इस पाप का न जाने मुझे कैसा ….. कैसा प्रायश्चित करना पड़ेगा ?
उत्तर:
शिवाजी अपने सेनापति द्वारा किए गए घृणित कार्य से बहुत लज्जित हुए। उनकी अंर्तात्मा उन्हें दुत्कारने लगी तो वे अंदर ही अंदर क्षमा याचना करते हैं कि पर-स्त्री को बंदी बनाने का घृणित कार्य उनके सेनापति ने किया है। उसके सेनापति ने कैसा लज्जापूर्ण कार्य कर डाला। आज लज्जा से मेरा सिर पृथ्वी में नहीं बल्कि पाताल में धंसा जाता है। इस पाप का न जाने मुझे कैसा प्रायश्चित करना पड़ेगा।

(ख) भाषा-बोध

1. निम्नलिखित शब्दों को शुद्ध करके लिखिए

अशुद्ध – शुद्ध
दलान – ………………
सुसजित – ………………
वेषभूशा – ………………
गबराहट – ………………
हिंदू – ………………
मसजिद – ………………
श्रेसकर – ………………
सेनापती – ………………
उपसथित – ………………
मुसकुराना – ………………
खुबसूरती – ………………
सुराजय – ………………
घृणीत – ………………
प्राशचित – ………………
उत्तर:
अशुद्ध – शुद्ध
दलान – दालान
सुसजित – सुसज्जित
वेषभूशा – वेषभूषा
गबराहट – घबराहट
हिंदू – हिंदु
मसजिद – मस्जिद
श्रेसकर – श्रेयस्कर
सेनापती – सेनापति
उपसथित – उपस्थित
मुसकुराना – मुस्कुराना
खुबसूरती – खूबसूरती
सुराजय – स्वराज्य
घृणीत – घृणित
प्राशचित – प्रायश्चित

PSEB 9th Class Hindi Solutions Chapter 18 शिवाजी का सच्चा स्वरूप

2. निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ समझकर उन्हें वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए

  • मुहावर – अर्थ – वाक्य
  • भृकुटि चढ़ना – क्रोध आना – ………………
  • (नीचे का) होंठ (ऊपर के) –
    दाँतों के नीचे आना – क्रोध आना – ………………
  • सिर पर चढ़ाना – सम्मान करना, आदर-भाव से ग्रहण करना – ……………
  • बाल बराबर दरार न आने देना – ज़रा भी नुकसान न होने देना, एक समान भाव रखना, समानता रखना – …………….

उत्तर:

  • भृकुटि चढ़ना (क्रोध आना) – दुर्योधन को देखकर अर्जुन की भृकुटि चढ़ गई।
  • (नीचे का) होंठ (ऊपर के) दाँतों के नीचे आना (क्रोध आना) – दुश्मन को देखकर सिपाही का (नीचे का) होंठ (ऊपर के) दांतों के नीचे आ गया।
  • सिर पर चढ़ाना (सम्मान करना) – प्रताप से सभी प्रेम करते हैं इसलिए वह सबके सिर चढ़ा रहता है।
  • बाल बराबर दरार न आने देना (ज़रा भी नुकसान न होने देना एक समान भाव रखना अथवा समानता रखना)-शिवाजी ने कभी भी मस्जिदों में बाल बराबर दरार नहीं आने दी।

(ग) रचनात्मक अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘शिवाजी का सच्चा स्वरूप’ पाठ में लेखक क्या कहना चाहता है ? क्या लेखक अपनी बात कहने में पूरी तरह सफल हुआ है ? अपने शब्दों में उत्तर दीजिए।
उत्तर:
इस पाठ के माध्यम से लेखक शिवाजी की मानवतावादी एवं मानव कल्याण की भावना को उजागर करना चाहता है। शिवाजी शक्ति, शौर्य और पराक्रम की साक्षात मूर्ति थे। उन्होंने विदेशी अत्याचारियों से निरंतर लोहा लिया। उन्होंने देश की शक्तियों को संगठित कर हिंदवी स्वराज्य की स्थापना की। ऐसा स्वराज्य स्थापित किया जो धर्म-निरपेक्ष था। जो मानव मूल्यों की आधारशिला पर टिका था। उसमें प्रत्येक नागरिक को आदरपूर्वक जीवनयापन करने के पूर्ण अधिकार प्राप्त थे। शिवाजी को शत्रु-पत्नी माँ से भी अधिक वंदनीय थी। अन्य धर्मों को मानने वाले उन्हें बहुत प्रिय थे। उनके स्वराज्य में सभी धर्मों का सम्मान होता है, कहीं भी मस्जिद, कुरान का अपमान नहीं होता। इसीलिए वह कल्याण के सूबेदार अहमद की पुत्र-वधू को सेनापति द्वारा बंदी बनाने पर उनसे क्षमायाचना करता है और उन्हें आदर सहित उनके पति के पास भेजता है। इस घृणा योग्य कार्य से वह बहुत लज्जित होता है। इस तरह लेखक अपनी बात कहने में पूरी तरह से सफल हुआ है।

PSEB 9th Class Hindi Solutions Chapter 18 शिवाजी का सच्चा स्वरूप

प्रश्न 2.
यदि आप शिवाजी की जगह होते तो सेनापति आवाजी सोनदेव को उसकी नामाकूल हरकत के लिए क्या सज़ा देते ?
उत्तर:
यदि मैं शिवाजी की जगह होता तो सेनापति आवाजी सोनदेव को उनकी दुष्टतापूर्ण हरकत के लिए कड़ी से कड़ी सजा देता। उसे इस कार्य के लिए बिल्कुल माफ़ न करता। उसे आजीवन कारावास में डाल देता।

प्रश्न 3.
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः अर्थात् जहाँ नारी का पूजा (सम्मान) होती है वहाँ देवता निवास करते हैं-क्या आप इस बात से सहमत हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
हाँ, मैं इस बात से पूर्ण रूप से सहमत हूँ कि जहां नारी की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं। नारी प्रकृति और उस परमात्मा का दूसरा रूप है। परमात्मा हर जगह विराजमान नहीं हो सकता था। इसलिए उसने संसार में अपने अनेक रूपों में नारी को बनाया। प्रकृति और प्रभु पूजनीय एवं श्रद्धा-योग्य हैं इसलिए नारी भी पूजनीय एवं श्रद्धेय है। अतः हमें नारी का सदा सम्मान करना चाहिए। उसकी सदा पूजा करनी चाहिए। जहां नारी की पूजा होती है वहां सदा सुख, शांति, समृद्धि का वास होता है। वहां कभी अशुभ नहीं हो सकता। इसलिए सदा नारी का आदर सम्मान करना चाहिए। उसकी पूजा करनी चाहिए।

प्रश्न 4.
स्त्री को छेड़ने/अपहरण आदि करतूत करने में बहादुरी नहीं होती। असली बहादुरी तो स्त्री रक्षा/ सुरक्षा में है। क्या आप इस बात से सहमत हैं ? स्पष्ट करें।
उत्तर:
हाँ, मैं इस बात से पूर्णतः सहमत हूँ कि स्त्री को छेड़ने या अपहरण आदि करतूत करने में बहादुरी नहीं होती बल्कि असली बहादुरी तो स्त्री की रक्षा या सुरक्षा करने में होती है। स्त्री को छेड़ना या अपहरण करना एक लज्जापूर्ण शिवाजी का सच्चा स्वरूप एवं घृणा योग्य कार्य है। इस कार्य को करने से समाज में बदनामी मिलती है। मान-सम्मान नष्ट हो जाता है। समाज ऐसे लोगों से घृणा करने लगता है। उनसे लोग अपना सामाजिक रिश्ता तोड़ लेते हैं। किंतु जो स्त्री की रक्षा या सुरक्षा करता है लोग उसे बहादुर कहकर उसका आदर सम्मान करते हैं। समाज में उसकी इज्जत बढ़ने लगती है। उसकी एक श्रेष्ठ होने की पहचान बन जाती है। इसलिए हमें सदा स्त्रियों की रक्षा या सुरक्षा करनी चाहिए।

प्रश्न 5.
नारी के उत्थान के लिए अनेक समाज सुधारकों/कवियों/लेखकों/महापुरुषों ने कार्य किये हैं। आप किससे प्रभावित हुए हैं ? नारी-उत्थान में उनके योगदान को उजागर करते हुए स्पष्ट करें।
उत्तर:
मैं हिंदी-साहित्य के प्रसिद्ध लेखक सूर्यकांत त्रिपाठी निराला से प्रभावित हुआ हूँ। उन्होंने नारी-उत्थान के लिए अनेक कार्य किए। उन्होंने अपने साहित्य में भारतीय नारी को विशेष स्थान दिया। उन्होंने नारी को सबसे श्रेष्ठ माना है। उन्होंने विधवा नारी को इष्टदेव के मंदिर की पूजा के समान बताया है। उन्होंने नारी पूजनीय एवं श्रद्धेय माना है।

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(घ) पाठेत्तर सक्रियता

प्रश्न 1.
‘शिवाजी का सच्चा स्वरूप’ एकांकी को अपने स्कूल के मंच पर खेलिए।
उत्तर:
अध्यापक की सहायता से एकांकी खेलें।

प्रश्न 2.
अपने स्कूल/शहर/गाँव के पुस्तकालय से शिवाजी से सम्बन्धित पुस्तक लेकर उनके अन्य जीवन प्रसंग पढ़िए। प्रेरक प्रसंगों की जानकारी इंटरनेट से भी प्राप्त हो सकती है।
उत्तर:
अध्यापक की सहायता से करें।

प्रश्न 3.
नारी अबला नहीं, सबला है-इस विषय पर कक्षा में वाद-विवाद आयोजित करें। (नोट : कक्षा में सभी विद्यार्थियों को इस विषय के पक्ष या विपक्ष में बोलने के लिए 2 मिनट का समय दिया जाए)
उत्तर:
पक्ष : यह कथन सत्य है कि नारी अबला नहीं, सबला है। नारी शक्ति का दूसरा नाम है। नारी को दुर्गा शक्ति का अवतार माना जाता है। नारी किसी भी रूप में पुरुषों से पीछे नहीं है। 21वीं सदी को तो नारी सदी के नाम से ही पुकारा गया है। आज नारी ने हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है। कोई ऐसा कार्य नहीं है जिसे नारी नहीं कर सकती। वह जीवन की हर कठिनाई एवं मुसीबत का बढ़-चढ़कर मुकाबला कर सकती है।

विपक्ष : नारी अबला है, सबला नहीं। नारी जीवन में केवल सहज कार्य ही कर सकती है वह केवल घर को संभालने में ही लगी रहती है। इतना ही नहीं वह किसी भी मुसीबत का मुकाबला नहीं कर सकती। वह हर जगह पुरुषों पर निर्भर रहती है।

(ङ ) ज्ञान-विस्तार

शिवाजी के बारे में कुछ महत्त्वपूर्ण बातें जानिए

  • पूरा नाम : शिवाजी राजे भोसले
  • जन्म तिथि : 19 फरवरी, 1630
  • जन्म भूमि : शिवनेरी (महाराष्ट्र)
  • पिता : शाह जी भोंसले
  • माता : जीजाबाई
  • पत्नी : साइबाई निम्बालकर
  • सन्तान : शम्भा जी
  • उपाधि : छत्रपति
  • युद्ध : मुग़लों के विरुद्ध अनेक युद्ध
  • निर्माण : अनेक क़िलों का निर्माण व पुनरुद्धार
  • सुधार परिवर्तन : हिन्दू राज्य की स्थापना
  • राजघराना : मराठा साम्राज्य
  • वंश : भोंसले
  • मृत्यु : 3 अप्रैल, सन् 1680

PSEB 9th Class Hindi Solutions Chapter 18 शिवाजी का सच्चा स्वरूप

PSEB 9th Class Hindi Guide शिवाजी का सच्चा स्वरूप Important Questions and Answers

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
सेनापति आवाजी सोनदेव ने किस पर विजय प्राप्त की ?
उत्तर:
सेनापति ने कल्याण पर विजय प्राप्त की।

प्रश्न 2.
किनका काम कल्याण पर विजय में प्रशंसनीय रहा ?
उत्तर:
कल्याण विजय में पैदल सेना के अधिपति नायब, हवलदार, जुमलादार, एकहजारी, घुड़सवारों में अधिपति हवलदार, जुमलदार तथा सूबेदार का काम प्रशंसनीय रहा।

प्रश्न 3.
सेनापति ने किसका खजाना लूटा ?
उत्तर:
सेनापति ने कल्याण का खजाना लूटा।

प्रश्न 4.
कल्याण का सूबेदार कौन था ?
उत्तर:
कल्याण का सूबेदार अहमद था।

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
सेनापति द्वारा अहमद की पुत्र-वधू को बंदी बनाकर लाने की बात सुनकर शिवाजी पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर:
शिवाजी की सारी प्रसन्नता अचानक लुप्त हो गई। उनकी भौहें चढ़ गईं थी। नीचे का होंठ ऊपर के दांतों के नीचे आ गया। उन्हें क्रोध आ गया।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छः या सात पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
एकांकी का मूल भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
इस एकांकी में लेखक सेठ गोबिन्द दास ने शिवाजी के शील, शौर्य, पराक्रम एवं मानव मूल्यों का वर्णन किया है। इसमें शिवाजी का सच्चा स्वरूप उभरकर सामन आया है। वे हमारे राष्ट्रीय गौरव के महान् ध्वज थे। उन्होंने विदेशी अत्याचारियों से निरंतर लोहा लिया। देश की शक्तियों को संगठित कर हिंदवी स्वराज्य की स्थापना की। यह एक धर्म-निरपेक्ष स्वराज्य था जो मानव मूल्यों का आधारशिला पर खड़ा था। यहां प्रत्येक नागरिक को सम्मानपूर्ण जीवन जीने के पूर्ण अधिकार प्राप्त थे। शिवाजी को शत्रु पत्नी उन्हें माँ से भी अधिक पूजनीय थी। अन्य धर्मों को मानने वाले बहुत प्रिय थे। वे मुस्लिम धर्म का पूर्ण सम्मान करते थे। इसलिए उन्होंने कल्याण के सूबेदार अहमद की पुत्र-वधू को सेनापति द्वारा बंदी बनाने पर उससे क्षमा याचना की थी तथा उसे वापिस भेजने का आश्वासन दिया था।

PSEB 9th Class Hindi Solutions Chapter 18 शिवाजी का सच्चा स्वरूप

प्रश्न 2.
शिवाजी के लिए सभी धर्म पूज्य थे ? कैसें ?
उत्तर:
शिवाजी सभी धर्मों का आदर करते थे। यही कारण है कि उनकी सेना में हिंदु-मुसलमान दोनों थे। उन्होंने किसी मस्जिद की दीवार को कभी आंच नहीं आने दी। उन्हें कभी कुरान शरीफ़ मिली तो उसे आदर सहित मौलवी साहब की सेवा में भेजा था। उनके लिए हिंदू-मुसलमान प्रजा में कोई भेद नहीं था। इसीलिए उन्होंने धर्म-निरपेक्ष स्वराज्य की स्थापना की थी। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि शिवाजी के लिए सभी धर्म पूजनीय थे।

एक शब्द/एक पंक्ति में उत्तर दीजिए

प्रश्न 1.
‘शिवाजी का सच्चा स्वरूप’ एकांकी किसकी रचना है ?
उत्तर:
सेठ गोबिन्द दास की।

प्रश्न 2.
शिवाजी के लिए शत्रु की पत्नी कैसी है ?
उत्तर:
माँ से भी अधिक वंदनीय है।

प्रश्न 3.
सेनापति आवाजी सोनदेव कहाँ का खज़ाना लूट कर लाए हैं ?
उत्तर:
कल्याण प्रांत का।

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प्रश्न 4.
‘शिवाजी का सच्चा स्वरूप’ एकांकी में किस स्थान और समय की घटना का वर्णन है ?
उत्तर:
रायगढ़ दुर्ग के एक प्लान में सन् 1648 ई० की संध्या का।

प्रश्न 5.
पेशवा का क्या नाम है ?
उत्तर:
मोरोपंत।

प्रश्न 6.
श्रीमंत सरकार शिवाजी को कौन संबोधित करता है ?
उत्तर:
पेशवा मोरोपंत और आवाजी सोनदेव सेनापति।

हां-नहीं में उत्तर दीजिए

प्रश्न 7.
अहमद की पुत्र-वधू को मोरोपंत ने बंदी बनाया था।
उत्तर:
नहीं।

प्रश्न 8.
अहमद की पुत्रवधू की आँखों में आँसू छलछला आए।
उत्तर:
हाँ।

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सही-गलत में उत्तर दीजिए

प्रश्न 9.
मोरोपंत शिवाजी की परिवर्तित मुद्रा देखकर घबरा सा जाता है।
उत्तर:
गलत।

प्रश्न 10.
माँ, आपको आराम, इज्जत, हिफ़ाजत और ख़बरदारी के साथ आपके शौहर के पास पहुँचा दिया जायेगा।
उत्तर:
सही।

रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

प्रश्न 11.
आवाजी, तुमने ऐसा …… किया है, जो ……. क्षमा नहीं किया जा सकता।
उत्तर:
आवाजी, तुमने ऐसा काम किया है, जो कदाचित् क्षमा नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 12.
तब तो ये ………… ये ……. घृणित …….. है।
उत्तर:
तब तो ये रक्तपात, ये लूटमार घृणित कृतियाँ हैं।

बहुविकल्पी प्रश्नों में से सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखें

प्रश्न 13.
मसनत के सहारे शिवाजी किस आसन में बैठे हैं ?
(क) वज्रासन
(ख) सुखासन
(ग) वीरासन
(घ) पद्मासन।
उत्तर:
(ग) वीरासन।

PSEB 9th Class Hindi Solutions Chapter 18 शिवाजी का सच्चा स्वरूप

प्रश्न 14.
आवाजी सोनदेव शिवाजी का क्या है ?
(क) सैनिक
(ख) मंत्रि
(ग) पेशवा
(घ) सेनापति।
उत्तर:
(घ) सेनापति।

प्रश्न 15.
द्वार पर शस्त्रों से सुसज्जित कितने मावली रक्षक खड़े हैं ?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच।
उत्तर:
(क) दो।

प्रश्न 16.
“लज्जा से मेरा सिर आज पृथ्वी में नहीं, पाताल में घुसा जाता है”-कथन किसका है ?
(क) मोरोपंत
(ख) सोनदेव
(ग) शिवाजी
(घ) अहमद की पुत्रवधू।
उत्तर:
(ग) शिवाजी।

कठिन शब्दों के अर्थ

मावली = शिवाजी के खास सैनिक। दुर्ग = किला। निस्तब्धता = चुप्पी। हम्माल = मज़दूर, कुली। मेणा = बंद पालकी। पेशवा = सरदार। वृत्त = इतिहास, वृत्तांत। भृकुटि = भौंह। तोहफा = भेंट, उपहार। सिपहसालार = सेनापति। श्रीमंत = श्रीमान्। नामाकूल हरकत = अनुचित व्यवहार, मूर्खतापूर्ण व्यवहार, बेहूदा शरारत। इबादत = पूजा। कमखाब = रंगीन बूटीदार। = रेशमी कपड़ा। अभिवादन = सत्कार। सदृश = समान। हिफाज़त = सुरक्षा। ख़बरदारी = सावधानीपूर्ण, होशियारी से। पर-स्त्री = पराई स्त्री। शौहर = पति। दालान = बरामदा। कदाचित् = शायद, कभी। घृणित = घृणा के योग्य। आततायी = सताने वाले। स्तंभ = खंभा। क्षति = नुकसान।। रक्तपात = खून बहाना। मसनद् = गोल लंबोतरा तथा बड़ा तकिया। उदारचेता = खुले विचारों वाला। शील = चरित्र। श्रेयस्कर = कल्याणकारी। वीरासन में बैठने का एक ढंग जो प्रायः प्राचीन योद्धाओं, योगियों आदि द्वारा अपनाया जाता है। इन्द्रियलोलुप = भोगविलास की इच्छा रखने वाला। प्रायश्चित्त = पछतावा। कनखी = तिरछी नज़र। अजीबो गरीब = विचित्र। संवाद = परस्पर बातचीत। सत्ता का अपहरण = राज्य छीनना।

PSEB 9th Class Hindi Solutions Chapter 18 शिवाजी का सच्चा स्वरूप

शिवाजी का सच्चा स्वरुप Summary

शिवाजी का सच्चा स्वरुप जीवन-परिचय

जीवन परिचय-सेठ गोबिन्ददास हिंदी के श्रेष्ठ साहित्यकार थे। उनका जन्म सन् 1896 ई० में हुआ। वे लंबे समय तक लोकसभा के सदस्य रहे। भारत सरकार द्वारा इन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था।
रचनाएँ-सेठ जी ने साहित्य के सभी क्षेत्रों में लेखन कार्य किया है। परंतु नाटक-एकांकी के क्षेत्र में इन्होंने महान् ख्याति प्राप्त की है। इनकी प्रमुख रचनाएं इस प्रकार हैंनाटक एकांकी-अलबेला, कर्ण, कर्त्तव्य, प्रकाश, विकास, शाप और वर, सच्चा जीवन, सेवापथ अशोक, हर्ष।
साहित्यिक विशेषताएँ-सेठ गोबिन्ददास साहित्य और राजनीति का संगम थे। इन्हें देश-प्रेम संस्कारों में मिला था। यही उनके जीवन तथा साहित्य का प्रमुख स्वर रहा है। इनके साहित्य में देश-प्रेम की भावना का वर्णन हुआ है। इन्होंने अपने नाटक एकांकियों में सामाजिक, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर जीवन की अनेक समस्याओं को उठाया है। इनमें भारतीय संस्कृति, देश-प्रेम तथा गांधी-दर्शन का प्रकाश उजागर किया गया है।

शिवाजी का सच्चा स्वरुप एकांकी का सार

‘शिवाजी का सच्चा स्वरूप’ सेठ गोबिन्ददास की प्रमुख एकांकी है। इसमें लेखक ने शिवाजी महाराज के सच्चे स्वरूप का वर्णन किया है। शिवाजी हमारे राष्ट्रीय गौरव का महान् ध्वज हैं। वे अपराजेय शक्ति, शौर्य और पराक्रमी थे। उन्होंने देश की शक्तियों को संगठित कर ‘हिन्दी स्वराज्य’ की स्थापना की। यह धर्म-निरपेक्ष स्वराज्य था। इन्होंने विदेशी आक्रमणकारियों से निरंतर लोहा लिया। इस एकांकी में लेखक ने शिवाजी के इसी पवित्र चरित्र का वर्णन किया गया है। शिवाजी, मोरोपंत तथा आवाजी सोनदेव इस एकांकी के प्रमुख पात्र हैं। शिवाजी एक प्रसिद्ध मराठा वीर, मोरोपंत पेशवा तथा सोनदेव शिवाजी एक सेनापति थे। यह एकांकी सन् 1648 ई० की संध्या को राजगढ़ दुर्ग के दालान पर घटित होती है। दालान में मसनद् के सहारे शिवाजी आसन पर बैठे थे। राजगढ़ दुर्ग के दालान पर शस्त्रों के साथ सुदृढ़ शरीर वाले मावली रक्षक खड़े हुए हैं और बायीं तरफ से मोरोपंत पिगंले का प्रवेश हुआ। उसने शिवाजी सरकार को नमस्कार किया। उसने बताया कि सेनापति सोनदेव कल्याण प्रांत को जीतकर वहां का सारा खज़ाना लूटकर आए हैं। यह शुभ समाचार सुनकर शिवाजी बड़े खुश हुए। कुछ समय पश्चात् सेनापति आवाजी सोनदेव ने शिवाजी के सामने आकर अभिवादन किया। शिवाजी ने उसे इस जीत की बधाई दी तथा सेनापति ने शिवाजी को बधाई दी। दोनों में इस युद्ध के विषय में खूब चर्चा हुई। सेनापति ने जीत के साथ-साथ कल्याण के लूटे हुए खजाने के बारे में बताया तथा उसने बताया कि वह कल्याण सूबेदार अहमद की पुत्र-वधू को भी बंद कर आपकी सेवा में लाया है। यह सुनकर अचानक शिवाजी की मुद्रा बदल जाती है। सेनापति भी घबरा उठता है। क्रोधित स्वर में शिवाजी तुरंत मेणा को अपने सामने लाने के लिए कहा। आवाजी उसी समय एक बंद पालकी महाराज के सामने ले आए। उसमें से बहुत सुंदर युवती (अहमद की पुत्रवधु) बाहर निकल चुपचाप एक तरफ खड़ी हो जाती है।

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शिवाजी उसे माँ कहकर अपने सेनापति के लिए माफी मांगते हैं, उन्होंने कहा कि वे तो उसके सौंदर्य का हिंदू विधि से पूजन करना चाहते हैं । इसके बाद शिवाजी क्रोधावेश में आकर सेनापति पर बरस पड़े कि तूने ऐसा घृणित कार्य किया। शिवा ने आजतक किसी मस्जिद में बाल बराबर भी दरार नहीं आने दी। उसने तो कुरान को भी सर माथे लगाया। उसका सम्मान किया। इस्लाम उसके लिए पूज्य है। इस्लाम के पवित्र स्थान तथा पवित्र ग्रंथ उनके लिए सम्माननीय हैं। शिवाजी की सेना में हिंदु ही नहीं मुस्लिम भी सैनिक थे। वह देश में हिंदू राज्य नहीं सच्चे स्वराज्य की स्थापना करना चाहते थे। वह आक्रमणकारियों से सत्ता लेकर उदार लोगों को देना चाहते थे। वह तो स्त्री को माता के समान पूजनीय मानता था। शिवाजी सेनापति के बुरे कार्य के लिए फटकारते रहे। वे बार-बार अपने सेनापति के इस बुरे कर्म की वजह से पश्चाताप करने लगे। उन्होंने उसी समय घोषणा की कि यदि आगे कोई ऐसा कार्य करेगा तो उसका सर उसी समय धड़ से अलग कर दिया जाएगा। यह कहकर शिवाजी का सिर नीचे झुक गया।

PSEB 9th Class Hindi Solutions Chapter 19 प्रकृति का अभिशाप

Punjab State Board PSEB 9th Class Hindi Book Solutions Chapter 19 प्रकृति का अभिशाप Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Hindi Chapter 19 प्रकृति का अभिशाप

Hindi Guide for Class 9 PSEB प्रकृति का अभिशाप Textbook Questions and Answers

(क) विषय-बोध

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में दीजिए

प्रश्न 1.
सूर्यदेव को किस ग्रह की चिंता थी ?
उत्तर:
सूर्यदेव को पृथ्वी ग्रह की चिंता थी।

प्रश्न 2.
जलदेवी के अनुसार पृथ्वी के वातावरण को कौन विषाक्त बना रहा है ?
उत्तर:
जलदेवी के अनुसार पृथ्वी के वातावरण को प्रदूषण विषाक्त बना रहा है।

प्रश्न 3.
पवनदेव ने ऑक्सीजन कम होने का क्या कारण बताया ?
उत्तर:
कारखानों, इंजनों में आग का प्रयोग होने से ऑक्सीजन कम हो रही है।

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प्रश्न 4.
वनदेवी ने अपने घटने का क्या कारण बताया ?
उत्तर:
वनदेवी ने अपने घटने का कारण कार्बन-डाइऑक्साइड को बताया।

प्रश्न 5.
गंधकयुक्त औषधियाँ मनुष्य के स्वास्थ्य पर क्या प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं ?
उत्तर:
गंधकयुक्त औषधियाँ मनुष्य में आँतों की बीमारियाँ उत्पन्न करती हैं। तपेदिक जैसे रोगों को बढ़ावा देती हैं।

प्रश्न 6.
ओज़ोन परत क्या है ?
उत्तर:
जो परत सूर्य द्वारा विसर्जित पराबैंगनी किरणों के दुष्प्रभाव से पृथ्वी के जीवों की रक्षा करती है उसे ओज़ोन परत कहते हैं।

प्रश्न 7.
ओज़ोन की परत को कौन नष्ट कर रहा है ? पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर:
वायुमंडल में पेट्रोल से चलने वाले जैट जैसे बड़े-बड़े हवाई जहाज ओज़ोन की परत को नष्ट कर रहे हैं।

प्रश्न 8.
प्रदूषण से मुक्ति दिलाने की बात किसने सूर्यदेव से की ?
उत्तर:
प्रदूषण से मुक्ति दिलाने की बात बुद्धिदेवी ने सूर्यदेव से की।

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2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
यदि वायुमंडल न होता तो पृथ्वी का क्या हाल होता ? पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर:
यदि वायुमंडल न होता तो पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं होता। पृथ्वी पर प्राणी जीवित नहीं रह पाते। पृथ्वी पर अनेक संकट आ जाते। अतंरिक्ष की उलकाएँ पृथ्वी पर विनाश कर देतीं। पृथ्वी में धरातल भी चंद्रमा के समान बड़ेबड़े गड्ढों में बदल जाता।

प्रश्न 2.
वनदेवी ने हरी पत्तियों को ‘ऑक्सीजन का कारखाना’ क्यों कहा ?
उत्तर:
वनदेवी ने हरी पत्तियों को ऑक्सीजन का कारखाना इसलिए कहा है क्योंकि हरी पत्तियां भोजन और ऑक्सीजन बनाती हैं। इस कारखाने में कभी कोई हड़ताल नहीं होती। ये प्रकाश-संश्लेषण क्रिया से कार्बन-डाइऑक्साइड को कार्बन और ऑक्सीजन में विश्लेषित करती हैं और कार्बन स्वयं शोषित कर ऑक्सीजन को वायु में छोड़ देती

प्रश्न 3.
वनदेवी ने गुस्से में आकर रश्मिदेवी को क्या कहा ?
उत्तर:
वनदेवी ने रश्मिदेवी को गुस्से में आकर कहा कि मानव की आधुनिक प्रगति और औद्योगिक वृद्धि के कारण हरे-भरे जंगल नष्ट हो रहे हैं। विवेकहीन मनुष्य जंगलों को अंधाधुध काट रहा है। इससे वायु को शुद्ध करने की मेरी क्षमता नष्ट हो रही है। प्रदूषण बढ़ रहा है।

प्रश्न 4.
वन किस प्रकार हमारे लिए लाभकारी हैं ?
उत्तर:
वन हमारे लिए बहुत लाभकारी हैं। वनों से हमें शुद्ध ऑक्सीजन मिलती है। वन वर्षा लाने में सहायक हैं। इससे अनेक उपयोगी वनस्पतियाँ और औषधियां मिलती हैं।

प्रश्न 5.
रेडियोधर्मिता क्या है ? मनुष्य पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर:
परमाणु-परीक्षण के लिए जिन यूरेनियम जैसे तत्वों को प्रयोग करने से हानिकारक प्रभाव वायुमंडल में फैलते हैं उसे रेडियोधर्मिता कहते हैं। मनुष्य पर उसका अत्यधिक बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे मानव भयंकर बीमारियों से पीड़ित हो जाता है। उसके कुप्रभाव से अगली पीढ़ी को तो पहचानना भी संभव नहीं रह सकेगा।

प्रश्न 6.
बुद्धिदेवी ने मानव-रक्षा के लिए सूर्यदेव को क्या भरोसा दिलाया ?
उत्तर:
बुद्धिदेवी ने मानव रक्षा के लिए सूर्यदेव को यह भरोसा दिलाया कि वह मानव-कल्याण का कार्य करेगी। वह प्रदूषण दैत्य को जड़ से समाप्त कर देगी जैसे आदि मानव विनाशकारी अग्नि से डर गया था। किंतु उसने इसी अग्नि को अपने अधीन कर लिया। आज अग्नि मानव के लिए बड़ी देन है।

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3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छः या सात पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
लेखक ने प्रदूषण को महादैत्य कहा है। आप लेखक की बात से कहाँ तक सहमत हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मैं लेखक की बात से पूरी तरह से सहमत हूँ क्योंकि प्रदूषण ने वातावरण को इतना दूषित कर दिया है कि आज प्राणियों का सांस लेना भी कठिन हो रहा है। आज पृथ्वी ग्रह पर जीवन संकटों से भरा है। वायु भी दूषित हो गई है जिससे प्राणी सांस भी नहीं ले रहा। आज प्रदूषण ने सारी पृथ्वी पर कब्जा कर लिया है।

प्रश्न 2.
जल, वायु और ध्वनि-प्रदूषण हमारे लिए बहुत ही घातक हैं-स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जल, वायु और ध्वनि प्रदूषण हमारे लिए बहुत ही घातक हैं। इनसे अनेक प्रकार की बीमारियां फैलती हैं। जल प्रदूषण से हैजा, पेचिश जैसी बीमारियाँ होती हैं। वायु प्रदूषण से दमा, खांसी तथा सांस के अन्य रोग होते हैं। ध्वनि प्रदूषण से हृदय रोग, फेफड़ों के अनेक रोग फैल रहे हैं।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-

  • यह दैत्य ऐसा ही है जो दिखाई नहीं देता परंतु धीरे-धीरे पृथ्वी के वातावरण को विषाक्त बना रहा है।

उत्तर:
इस कथन का आशय है कि वर्तमान समय में चारों तरफ प्रदूषण फैलता जा रहा है। यह एक राक्षस की तरह फैला है। यह एक ऐसा राक्षस है जो प्रत्यक्ष रूप से दिखाई नहीं देता परंतु धीरे-धीरे इसके प्रभाव से वातावरण ज़हरीला बना रहा है। प्रदूषण के कारण वातावरण प्रदूषित हो रहा है जो अनेक बीमारियों का कारण है।

  • मैं हूँ मानव का महाकाल, प्रगति का अभिशाप, औद्योगिक प्रगति का विष-वृक्ष, मैं हूँ मानव का अदृश्य शत्रु-प्रदूषण दैत्य। समझे…प्रदूषण दैत्य।

उत्तर:
आज प्रदूषण एक राक्षस के समान चारों तरफ फैला है। वह अत्यंत भयानक एवं खतरनाक है। वह वनदेवी को अपने खतरे को बताते हुए कहता है कि मैं मानव का महाकाल हूँ। अर्थात् मैं मनुष्य को मारने वाला हूँ। मैं प्रगति के रास्ते में बाधक हूँ। मैं औद्योगिक प्रगति को नष्ट करने वाला हूँ। मैं मानव का अदृश्य शत्रु हूँ अर्थात् मैं मानव-जाति के लिए विनाशकारी प्रगति के लिए अभिशाप हूँ। मैं औद्योगिक विकास का विष वृक्ष हूँ। सबको निरंतर नष्ट कर रहा हूँ।

  • आप लोग चिंता न करें, मुझ पर भरोसा रखें। आदि मानव विनाशकारी अग्नि से भयभीत हो गया था। फिर उसने इसी अग्नि को अपने अधीन कर लिया और आज अग्नि मानव के लिए बड़ी देन है। मैं इस प्रदूषण दैत्य को ही जड़ से समाप्त कर दूँगी। संसार में इसका उन्मूलन करना परमावश्यक है।

उत्तर:
बुद्धिदेवी मानव कल्याण के लिए सूर्यदेव को आश्वासन देती है वह कहती है कि मानव कल्याण के लिए आप चिंता न करें। इसके लिए आप मुझ पर भरोसा रखें। जैसे आदि मानव विनाशकारी अग्नि से डर गया था किंतु बाद में उसने अग्नि को अपने अधीन कर लिया इसलिए आज अग्नि मानव के लिए कल्याणकारी है। इसी तरह मैं इस प्रदूषण रूपी राक्षस को जड़ से खत्म कर दूंगी। आज संसार में इसको मिटाना बहुत ज़रूरी है।

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(ख) भाषा-बोध

1. निम्नलिखित एक-वचन शब्दों के बहुवचन रूप लिखिए :

एकवचन – बहुवचन
पत्ता – ……………….
पुत्री – ……………….
आँत – ……………….
बहरा – ……………….
नज़र – ……………….
गड्ढा – ……………….
पृथ्वी – ……………….
किरण – ……………….
साड़ी – ……………….
परत – ……………….
नीला – ……………….
पत्ती – ……………….
पीला – ……………….
लकड़ी – ……………….
गैस – ……………….
देवी – ……………….
उत्तर:
एकवचन – बहुवचन
पत्ता – पत्ते
पुत्री – पुत्रियाँ
आँत – आँतें
बहरा – बहरे
नज़र – नज़रें
गड्ढा – गड्ढे
पृथ्वी – पृथ्वियाँ
किरण – किरणें
साड़ी – साड़ियाँ
परत – परतें
नीला – नीले
पत्ती – पत्तियाँ
पीला – पीले
लकड़ी – लकड़ियाँ
गैस – गैसें
देवी – देवियाँ

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2. निम्नलिखित शब्दों में से उपसर्ग तथा मूल शब्द अलग-अलग करके लिखिए

शब्द – उपसर्ग – मूल शब्द
उन्नति – ……………. – …………….
असत्य – ……………. – …………….
प्रगति – ……………. – …………….
प्रत्येक – ……………. – …………….
आगमन – ……………. – …………….
प्रदूषण – ……………. – …………….
अत्यधिक – ……………. – …………….
दुष्प्रभाव – ……………. – …………….
उत्तर:
शब्द – उपसर्ग – मूल शब्द
उन्नति -उत् – नति
असत्य – अ – सत्य
प्रगति -प्र – गति
प्रत्येक – प्रतिएक – दुष्प्रभाव
आगमन – आ – गमन
प्रदूषण – प्र – दूषण
अत्यधिक – अति – अधिक
दुः – प्रभाव

3. निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय तथा मूल शब्द अलग-अलग करके लिखिएशब्द … मूल शब्द प्रत्यय

शब्द – मूल शब्द – प्रत्यय
प्रसन्नता – ……………. – …………….
उपयोगी – ……………. – …………….
उपहार – ……………. – …………….
तीव्रता – ……………. – …………….
विषैला – ……………. – …………….
ज़हरीला – ……………. – …………….
उत्तर:
शब्द – मूल शब्द – प्रत्यय
प्रसन्नता – प्रसन्न – ता
तीव्रता – तीव्र – ता
उपयोग – उपयोग – ई
विषैला – विष – ऐला
उपहार – उप – हार

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4. निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ समझकर उन्हें वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए

मुहावरा – अर्थ – वाक्य
• चारा न रहना – उपाय न होना – ……………….
• गज़ब ढाना – जुल्म करना – ……………….
• नाक में दम करना – तंग करना – ……………….
• घुला घुला कर मारना – धीरे-धीरे कष्ट पहुँचाकर मारना – ……………….
• लोहा लेना – युद्ध करना – ……………….
• तिनके के समान – बहुत कमज़ोर – ……………….
उत्तर:
मुहावरा – अर्थ – वाक्य
• चारा न रहना – उपाय न होना – समय बीत जाने पर हमारे पास कार्य सिद्धि का कोई चारा नहीं रहता।
• गज़ब ढाना – जुल्म करना – अंग्रेजों ने शहीदों पर बहुत गज़ब ढाए।
• नाक में दम करना – तंग करना – शरारती बच्चों ने सबकी नाक में दम कर दिया
• घुला घुला कर मारना – धीरे-धीरे कष्ट पहुँचाकर मारना – डाकुओं ने यात्री को घुला-घुला कर मार डाला।
• लोहा लेना – युद्ध करना – शिवाजी ने विदेशी आक्रमणकारियों से लोहा लिया।
• तिनके के समान – बहुत कमज़ोर – डरपोक लोग विपत्ति काल में तिनके के समान होते हैं।

5. निम्नलिखित तद्भव शब्दों के तत्सम रूप लिखिए

तद्भव – तत्सम
सफेद – ……………….
पीला – ……………….
चाँद – ……………….
सूरज – ……………….
करोड़ – ……………….
समुन्दर – ……………….
उत्तर:
तद्भव – तत्सम
सफेद – शुभ्र
पीला – पीत
चाँद – चंद्र
सूरज – सूर्य
करोड़ – कोटि
समुन्दर – समुद्र

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6. निम्नलिखित वाक्यों में उचित विराम चिह्न लगाइए

(i) वह है मेरी प्रिय पुत्री पृथ्वी
(ii) कौन रश्मि तुम मेरी बातें सुन रही थीं
(iii) हाँ तुमने ठीक पहचाना
(iv) सिंहासन से उठकर आखिर बात क्या है
(v) मुझे आशीर्वाद दीजिए शक्ति दीजिए कि मैं लोग कल्याण के इस कार्य को करने में सफल होऊँ
उत्तर:
(i) वह है मेरी प्रिय पुत्री-पृथ्वी।
(ii) कौन रश्मि! तुम मेरी बातें सुन रही थीं।
(iii) हाँ! तुमने ठीक पहचाना।
(iv) सिंहासन से उठकर- आखिर बात क्या है?
(v) मुझे आशीर्वाद दीजिए, शक्ति दीजिए कि मैं लोग-कल्याण के इस कार्य को करने में सफल होऊँ।

(ग) रचनात्मक अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
प्रदूषण की रोकथाम के लिए आप क्या सुझाव देंगे ?
उत्तर:
(1) प्रदूषण की रोकथाम के लिए अधिक-से-अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिए।
(2) वनों के कटाव पर रोक लगानी चाहिए।
(3) जंगलों को नष्ट होने से बचाना चाहिए।
(4) अपने आस-पास गंदा पानी जमा नहीं होने देना चाहिए।
(5) व्यर्थ में पानी नहीं बहाना चाहिए।
(6) कूड़ा-कर्कट कूड़ादान में ही डालना चाहिए।

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प्रश्न 2.
क्या सचमुच बुद्धिदेवी प्रदूषण जैसे महादैत्य से छुटकारा दिला सकती है ? स्पष्ट कीजिए। .
उत्तर:
हाँ, सचमुच बुद्धिदेवी प्रदूषण जैसे महादैत्य से छुटकारा दिला सकती है। यदि मनुष्य अपनी बुद्धि से विचार करें तो वह प्रदूषण को पूर्ण रूप से नष्ट कर सकता है और इस प्रकृति को और अधिक सुंदर बना सकता है। वातावरण को साफ, स्वच्छ एवं सुंदर और मनमोहक बना सकता है।

प्रश्न 3.
आपकी दृष्टि में प्रदूषण को कम करने में सरकारों की क्या भूमिका होनी चाहिए ?
उत्तर-हमारी दृष्टि में प्रदूषण को कम करने में सरकारों की निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए
(1) सरकारों को कारखाने, फेक्ट्रियां शहरों से दूर लगवाने चाहिए।
(2) कारखानों का गंदा पानी नदियों में नहीं डालना चाहिए।
(3) पेड़-पौधे अधिक-से-अधिक लगवाने चाहिए।
(4) जंगलों की कटाई पर पूरी तरह रोक लगा देनी चाहिए।

(घ) पाठेत्तर सक्रियता

प्रश्न 1.
प्रदूषण-उन्मूलन सम्बन्धी प्रभावशाली नारे एक चार्ट पर लिखकर कक्षा की दीवार पर लगाइए।
उत्तर-अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न 2.
तख्तियाँ बनाकर उन पर सुंदर लिखावट के साथ प्रदूषण-उन्मूलन सम्बन्धी प्रभावशाली नारे लिखें और जब भी स्कूल की ओर से प्रदूषण-उन्मूलन-रैली का आयोजन हो तो इन नारों से समाज को प्रदूषण से मुक्ति के लिए जाग्रत करें।
उत्तर-
(1) प्रदूषण मिटाओ, देश बचाओ।
(2) प्रदूषण भगाओ स्वास्थ्य बचाओ।
(3) पेड़-पौधे लगाओ, प्रदूषण मिटाओ।

प्रश्न 3.
इस एकांकी को स्कूल में उचित अवसर पर मंचित करें।
उत्तर:
अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से करें।

प्रश्न 4.
अपने जन्मदिन के अवसर पर एक गमले में बढ़िया-सा पौधा लगाकर उसे स्कूल को भेंट करें।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

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प्रश्न 5.
अखबारों, मैगज़ीनों, इंटरनेट आदि से प्रदूषण के भयंकर परिणामों से सम्बन्धित चित्र इकट्ठे करके उनका कोलाज़ बनाइए।
उत्तर:
अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से करें।

प्रश्न 6.
वैज्ञानिक प्रगति ही प्रदूषण का मुख्य कारण हैइस विषय पर स्कूल में वाद-विवाद आयोजित कीजिए। (नोट : कक्षा में सभी विद्यार्थियों को इस विषय के पक्ष या विपक्ष में बोलने के लिए 2 मिनट का समय दिया जाए)
उत्तर:
अध्यापक की सहायता से करें।

प्रश्न 7.
अपने विज्ञान-अध्यापक की मदद से विज्ञान-प्रयोगशाला में जाकर प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया को समझें।
उत्तरं:
अध्यापक की सहायता से करें।

प्रश्न 8.
पृथ्वी के पर्यावरण को बचाने हेतु पॉलिथीन का प्रयोग बंद करें, कागज़ का प्रयोग कम करें और रिसाइकल प्रक्रिया को बढ़ावा दें क्योंकि जितनी अधिक खराब सामग्री रिसाइकिल होगी, उतना ही पृथ्वी का कूड़ा कचरा भी कम होगा।
उत्तर:
स्वयं समझें एवं करें।

प्रश्न 9.
स्कूल में आयोजित होने वाले विश्व पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल) तथा विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) में सक्रिय रूप से भाग लें और पर्यावरण स्वच्छता व सुरक्षा सम्बन्धी ज्ञान प्राप्त करें।
उत्तर:
स्वयं करें।

प्रश्न 10.
यदि आप देखें कि किसी फैक्टरी/कारखाने द्वारा किसी भी तरह का प्रदूषण फैलाया जा रहा है तो अपने बड़ों/अध्यापकों आदि की मदद से प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सम्बन्धित विभाग में शिकायत करें।
उत्तर:
अध्यापक की सहायता से स्वयं कीजिए।

प्रश्न 11.
विश्व जल दिवस, विश्व पृथ्वी दिवस, विश्व पर्यावरण दिवस, विश्व ओज़ोन दिवस आदि अवसरों पर लेख, नाटक, कविता, निबन्ध नारे लेखन, भाषण आदि प्रतियोगिताओं में भाग लें।
उत्तर:
अध्यापक की सहायता से स्वयं कीजिए।

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(ङ ) ज्ञान-विस्तार

1. खर : रावण का सौतेला भाई जिसे भगवान् राम ने मार गिराया था।

2. दूषण : रावण की सेना का नायक जिसे भगवान् राम ने मार गिराया था।

3. त्रेता : हिन्दू मान्यतानुसार चार युगों (सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग तथा कलियुग) में से दूसरा युग।

4. प्रकाश-संश्लेषण : सजीव कोशिकाओं के द्वारा प्रकाशीय ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में बदलने की क्रिया को प्रकाश-संश्लेषण कहते हैं। प्रकाश-संश्लेषण वह क्रिया है जिसमें पौधे अपने हरे रंग वाले अंगों जैसे पत्तियों द्वारा सूर्य के प्रकाश की मौजूदगी में हवा से कार्बन डाइऑक्साइड तथा पृथ्वी से जल लेकर जटिल कार्बनिक खाद्य पदार्थों जैसे कार्बोहाइड्रेट्स का निर्माण करते हैं तथा ऑक्सीजन गैस बाहर निकालते हैं।

5. कार्बनडाइऑक्साइड : यह एक रासायनिक यौगिक है जिसका निर्माण ऑक्सीजन के दो परमाणु तथा कार्बन के एक परमाणु से मिलकर हुआ है। पृथ्वी के सभी जीव अपनी श्वसन क्रिया में कार्बन डाइऑक्साइड को छोड़ते हैं।

6. ऑक्सीजन : यह रंगहीन, स्वादहीन तथा गंधरहित गैस है। जीवित प्राणियों के लिए यह गैस अति आवश्यक है। इसे वे श्वसन द्वारा ग्रहण करते हैं।

7. सीसा : सीसा एक धातु एवं तत्व है। आयुर्वेद में इसका भस्म कई रोगों में दिया जाता है। इसके अतिरिक्त इसका प्रयोग इमारतें बनाने, बंदूक की गोलियाँ तथा वज़न आदि बनाने में भी होता है। यह भी जानें कि पेट्रोल और पेंट (रंग) को सक्षम बनाने के लिए जब सीसा का ज़रूरत से ज्यादा प्रयोग होता है तो इसका स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।

8. रेडियोधर्मिता : किसी पदार्थ के परमाणु में से अपने आप विकिरणों के कणों का निकलना रेडियोधर्मिता कहलाता है। रेडियम, यूरेनियम तथा थोरियम रेडियोधर्मी पदार्थ हैं। विकिरणों से त्वचा का कैंसर और अन्य रोगाणुजनक रोग हो सकते हैं।

9. ओज़ोन परत : पृथ्वी की सतह से 30 किलोमीटर की ऊँचाई पर ओज़ोन की परत है। यह ऊँचाई के साथ-साथ मोटी होती जाती है। यह समतल मंडल में 50 किलोमीटर की ऊँचाई पर सबसे अधिक मोटी है। यह परत पराबैंगनी किरणों को वायुमंडल में प्रवेश करने से रोकने के लिए फिल्टर के रूप में कार्य करती है। इसके न होने अथवा नष्ट होने से हानिकारक पराबैंगनी किरणों दवारा लोगों में त्वचा के कैंसर का खतरा बढ़ जायेगा।

10. महत्वपूर्ण दिवस विश्व जल दिवस : 22 मार्च विश्व स्वास्थ्य दिवस : 07 अप्रैल विश्व पृथ्वी दिवस : 22 अप्रैल विश्व पर्यावरण दिवस : 05 जून . विश्व ओज़ोन दिवस : 16 सितम्बर विश्व प्रकृति दिवस : 03 अक्टूबर

PSEB 9th Class Hindi Solutions Chapter 19 प्रकृति का अभिशाप

PSEB 9th Class Hindi Guide प्रकृति का अभिशाप Important Questions and Answers

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
सूर्यदेव की वेषभूषा कैसी है ?
उत्तर:
सूर्यदेव चमकदार पीले वस्त्र तथा चमचमाता सुनहरा मुकुट पहने हुए हैं।

प्रश्न 2.
रश्मिदेवी की वेशभूषा कैसी है ?
उत्तर:
रश्मिदेवी चमकदार पीला लहँगा और वैसी ही चुन्नी ओढ़े हैं।

प्रश्न 3.
वनदेवी की वेशभूषा कैसी है ?
उत्तर:
वनदेवी फूल और पत्तों से चित्रित हरी साड़ी पहने हैं। सिर पर पत्तों का मुकुट है।

प्रश्न 4.
जलदेवी की वेशभूषा कैसी है ?
उत्तर:
जलदेवी मछलियों आदि जलीय जंतुओं से चित्रित नीली साड़ी तथा नीले रंग के मुकुट पहने है।

प्रश्न 5.
बुद्धि देवी की वेशभूषा कैसी है ?
उत्तर:
बुद्धि देवी रूपहली किनारी लगी हुई सफेद साड़ी तथा रूपहला झिलमिलाता मुकुट पहने हुए हैं।

प्रश्न 6.
पृथ्वी किसकी पुत्री है ?
उत्तर:
पृथ्वी सूर्य की पुत्री है।

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प्रश्न 7.
सौरजगत विशाल कुटुंब में कौन-कौन हैं ?
उत्तर:
सौरजगत के विशाल कुटुंब में नौ ग्रह हैं। पृथ्वी इनमें से एक है।

प्रश्न 8.
पृथ्वी पर अनोखा कौन हैं ? कैसे ?
उत्तर:
पृथ्वी पर अनोखा मानव है। वह अपने मस्तिष्क के बल पर अनोखा है।

प्रश्न 9.
सौरजगत के अधिपति कौन हैं ?
उत्तर:
सौरजगत के अधिपति सूर्य हैं।

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
पृथ्वी के वातावरण का मुख्य घटक कौन है ? स्पष्ट करें।
उत्तर:
पृथ्वी के वातावरण का मुख्य घटक पवन है। इसने वायुमंडल के रूप में पृथ्वी को ढका हुआ है।

प्रश्न 2.
वायुमंडल के पृथ्वी के लिए क्या लाभ हैं ?
उत्तर:
वायुमंडल के पृथ्वी के लिए अनेक लाभ हैं
(1) वायुमंडल के कारण पृथ्वी के प्राणी जीवित रह पाते हैं।
(2) वायुमंडल अनेक प्रकार के संकटों से पृथ्वी की रक्षा करता है।

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3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छः या सात पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
वायुमंडल पृथ्वी की सुरक्षा कैसे करता है ?
उत्तर:
अंतरिक्ष में अनेक उल्काएँ प्रत्येक क्षण पृथ्वी की ओर आकृष्ट होती हैं, किंतु वे वायुमंडल के घर्षण के कारण मार्ग में ही नष्ट हो जाती हैं। यदि वायुमंडल न होता तो उल्काएं पृथ्वी पर विनाश कर देतीं। पृथ्वी का धरातल भी चंद्रमा के समान बड़े-बड़े गड्ढों से युक्त होता है।

प्रश्न 2.
आक्सीजन प्रदान करने में हरी पत्तियों का क्या योगदान है ?
उत्तर:
सूर्य के प्रकाश की सहायता से हरी पत्तियाँ कार्बनडाइऑक्साइड को प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया से कार्बन और आक्सीजन में विश्लेषित करती हैं। हरी पत्तियां कार्बन का पोषण कर लेती हैं और ऑक्सीजन को पुन: वायु में छोड़ देती हैं। इस प्रकार आक्सीजन प्रदान करने में हरी पत्तियों का महान् योगदान है।

प्रश्न 3.
एक नागरिक होने के नाते हम प्रदूषण को किस प्रकार दूर कर सकते हैं ?
उत्तर:
(1) हमें नागरिक होने के नाते अधिक-से-अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिए।
(2) कूड़े-कर्कट को कूड़ेदान में ही डालना चाहिए।
(3) वनों, पेड़-पौधों को काटने नहीं देना चाहिए।
(4) व्यर्थ में ही पानी नहीं बहाना चाहिए।
(5) लाऊड स्पीकरों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
(6) कूड़ा-कर्कट एवं गंदा पानी नदी-नालों एवं तालाबों में नहीं डालना चाहिए।

प्रश्न 4.
पर्यावरण से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
पर्यावरण शब्द परि+आवरण के योग से बना है। परि का अर्थ है-चारों ओर तथा आवरण का अर्थ है ढकने वाला अर्थात् जो हमें चारों ओर फैलकर ढके हुए हैं। जो हमारी चारों तरफ से सुरक्षा कर रहा है। उसे पर्यावरण कहते हैं। पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि, आकाश इन पाँचों के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती।

एक शब्द/एक पंक्ति में उत्तर दीजिए

प्रश्न 1.
‘प्रकृति का अभिशाप’ एकांकी के लेखक कौन हैं ?
उत्तर:
श्रीपाद विष्णु कानाडे।

प्रश्न 2.
‘प्रकृति का अभिशाप’ एकांकी किसका संदेश देता है ?
उत्तर:
पर्यावरण संरक्षण का।

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प्रश्न 3.
जलदेवी की वेशभूषा कैसी है ?
उत्तर:
जलीय जंतुओं से चित्रित नीली साड़ी तथा नीले रंग का मुकुट।

प्रश्न 4.
सूर्यदेव को किस ग्रह की अधिक चिंता है ?
उत्तर:
पृथ्वी की।

प्रश्न 5.
मानव सबसे अनोखा जीव अपनी किस वस्तु के कारण है ?
उत्तर:
मस्तिष्क के।

हाँ-नहीं में उत्तर दीजिए

प्रश्न 6.
‘मानव ने अपने मस्तिष्क के सहारे उन्नति की है’-यह कथन रश्मि देवी का है।
उत्तर:
हाँ।

प्रश्न 7.
‘अब कार्बनडाइऑक्साइड बढ़ती जा रही है’-पवन देव ने कहा।
उत्तर:
नहीं।

सही-गलत में उत्तर दीजिए-

प्रश्न 8.
‘मानव की आधुनिक प्रगति और औद्योगिक वृद्धि के हरे-भरे जंगल नष्ट हो रहे हैं’-वनदेवी ने कहा।
उत्तर:
सही।

प्रश्न 9.
प्राणदायिनी ऑक्सीजन को कार्बन स्वयं रखकर पवन देव भेजता है।
उत्तर:
गलत।

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रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

प्रश्न 10.
दैत्य ……. तो मुझे ………. कर ही रहा है।
उत्तर:
दैत्य प्रदूषण तो मुझे परेशान कर ही रहा है।

प्रश्न 11.
ये कण …. से मिलकर जल और …….. को भी …….. करते हैं।
उत्तर:
ये कण कीटाणुओं से मिलकर जल और वनस्पतियों को भी दूषित करते हैं।

बहुविकल्पी प्रश्नों में से सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखें

प्रश्न 12.
चमचमाता सुनहरा मुकुट कौन पहने हुए हैं ?
(क) सूर्यदेव
(ख) रश्मिदेवी
(ग) वनदेवी
(घ) पवन देव।
उत्तर:
(क) सूर्य देव।

प्रश्न 13.
पीला लहँगा और वैसी ही चुन्नी कौन ओढ़े हैं ?
(क) बुद्धि देवी
(ख) जल देवी
(ग) वनदेवी
(घ) रश्मि देवी।
उत्तर:
(घ) रश्मि देवी।

प्रश्न 14.
एकांकी में प्रदूषण दैत्य कहाँ है ?
(क) जल में
(ख) वन में
(ग) नेपथ्य में
(घ) नभ में।
उत्तर:
(ग) नेपथ्य में।

प्रश्न 15.
गंधकयुक्त औषधियां कैसे रोगों को बढ़ावा देती हैं ?
(क) तपेदिक
(ख) कैंसर
(ग) हृदय
(घ) नेत्र।
उत्तर:
(क) तपेदिक।

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कठिन शब्दों के अर्थ

पार्श्वभूमि = आस-पास की ज़मीन। क्षुब्ध = क्रोध मिश्रित दु:ख। अनायास = अचानक। महादैत्य = महाराक्षस। औद्योगिक = उद्योग सम्बन्धी। कुटुंब = परिवार। अंतरिक्ष = आकाश। धरातल = पृथ्वी की सतह। विसर्जित = छोड़ना। यथोचित = जैसा चाहिए वैसा, समुचित। अथाह = गहरा। आत्मघात = अपनी हत्या। विश्लेषित = अलगअलग किया हुआ। अपार = अत्यधिक, जिसका पार न पाया जा सके। तीव्र = तेज। चंगुल = पकड़, अधिकार। निःसंदेह = बेशक, बिना शक के। बला = मुसीबत। विकृति = विकार, खराबी (विकार के बाद प्राप्त रूप)। भ्रमण = घूमना। नेपथ्य = परदे के पीछे। सौरमंडल = सूर्य और उसके ग्रहों का समूह । खर-दूषण = त्रेतायुग के दो राक्षस। अट्टालिका = महल, इमारत। रश्मि = किरण। मस्तिष्क = दिमाग। समक्ष = सामने। विषाक्त = ज़हरीला। अधिपति = स्वामी, मालिक। कोटि-कोटि = करोड़ों। खिन्न = दु:खी, उदास। प्रादुर्भाव = प्रकट होना, उत्पत्ति। आच्छादित = ढका हुआ। गर्त = गड्ढा। उल्काएँ = लौह मिश्रित पत्थर के टुकड़े जो अंतरिक्ष से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं। अस्तित्व = हस्ती, सत्ता, विद्यमान होना। ह्रास = कमी, गिरावट। जलीय = जल संबंधी। अनोखा = अनूठा। प्रत्यक्षतः = प्रत्यक्ष रूप से। वायुमंडल = वातावरण। खिन्न = उदास। अनादिकाल = आरम्भ से ही। बलबूते = ताक़त, ज़ोर। उन्मूलन = उखाड़ फेंकना, जड़ से ख़त्म कर देना।

प्रकृति का अभिशाप Summary

प्रकृति का अभिशाप जीवन-परिचय

श्रीपाद विष्णु कानाडे एकांकी-साहित्य के श्रेष्ठ लेखक माने जाते हैं। उनका साहित्य का विकास करने में महत्त्वपूर्ण स्थान है। ये एक आधुनिक साहित्यकार हैं। एकांकी साहित्य के क्षेत्र में इनकी विशेष पहचान है।
‘प्रकृति का अभिशाप’ इनकी अत्यंत प्रभावशाली एवं लोकप्रिय एकांकी है। इसके साथ-साथ इन्होंने अनूठा साहित्य रचा है। कानाडे का एकांकी-साहित्य में विशेष स्थान है। इनकी एकांकियों में एकांकी के प्रमुख तत्वों कथानक, पात्र तथा चरित्र-चित्रण, संकलनत्रय वातावरण, संवाद, उद्देश्य एवं अभिनेयशीलता का सफल निर्वाह हुआ है।
प्रस्तुत पाठ में लेखक ने सूर्यदेव, वनदेवी, जलदेवी, रश्मिदेवी, पवनदेवी, बुद्धिदेवी एवं प्रदूषण पात्रों के द्वारा मानव को वातावरण के प्रति जागृत रहने की प्रेरणा दी है। मानव को प्राकृतिक साधनों के प्रयोग में सावधानी रखने का संदेश दिया है अन्यथा इसके घातक परिणामों से मनुष्य का विनाश निश्चित है।

PSEB 9th Class Hindi Solutions Chapter 19 प्रकृति का अभिशाप

प्रकृति का अभिशाप एकांकी का सार

‘प्रकृति का अभिशाप’ नामक एकांकी श्रीपाद विष्णु कानाडे द्वारा लिखित है। इसमें लेखक ने प्रकृति के अभिशाप का वर्णन किया है। इसमें लेखक ने सूर्यदेव, रश्मिदेवी, वनदेवी, जलदेवी, पवनदेवी, बुद्धिदेवी तथा प्रदूषण (दैत्य) पात्रों के माध्यम से मानव को सावधान किया है कि यदि मनुष्य प्राकृतिक साधनों के प्रयोग में सावधानी नहीं रखेगा तो इसके घातक परिणामों से मनुष्य का विनाश भी निश्चित है। मंच पर एक विशाल सुनहरे सिंहासन पर सूर्यदेव विराजमान हैं। रश्मिदेवी सिंहासन के पीछे खड़ी है। सूर्यदेव चिंतित मुद्रा सौर जगत् के विशाल कुटुंब में पृथ्वी ग्रह के प्रति चिंता करता है। वह कहता है कि उसने अपनी पुत्री पृथ्वी को अधिक योग्य बनाना है। इसकी गोद में अनेक जीव-जंतु पेड़-पौधे पनप सकते हैं। इतना ही नहीं मानव भी पृथ्वी पर ही रहता है। यह अपने मस्तिष्क के बल पर पृथ्वी का स्वामी और अनोखा है। रश्मिदेवी सूर्य को कोई चिंता न करने का आग्रह करती है। उसे सौर-जगत् में पृथ्वी एक नंदनवन जैसी लगती है। वह सूर्य को बताती है वह पृथ्वी का भ्रमण करके आई है। उसका हाल अच्छा है। मानव ने बहुत प्रगति कर ली है। उसने बड़े-बड़े नगर बसा लिए हैं। वह उन्नति के शिखर पर पहुँच गया है। तभी पवनदेव का प्रवेश हुआ। उसने बताया कि पृथ्वी पर मानव ने उन्नति नहीं की है, बल्कि वह तो पतन के गड्ढे में गिरने वाला है। जलदेवी आकर कहती है कि ऐसी उन्नति का कोई लाभ नहीं है जिससे उसे अशुद्ध जल पीकर बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा है। वनदेवी प्रवेश करती है। वह बताती है कि असाधारण प्रगति के कारण मानव के समक्ष विषैला भोजन खाकर आत्मघात करने के अलावा कोई चारा नहीं रहेगा। सूर्यदेव सबके चेहरे को देखता है।

पवनदेव उनसे हाथ जोड़ कर क्षमा मांगते हैं। पवनदेव उनको नमन करता है। उसके बाद जलदेवी, वनदेवी सभी उनको प्रणाम करते हैं। सूर्य उनसे अचानक आने का कारण पूछते हैं। पवनदेव, जलदेवी, आदि सभी सूर्यदेव को बताते हैं कि पृथ्वी संकट में हैं। वनदेवी ने बताया कि प्रदूषण रूपी महादैत्य हम लोगों के पीछे लगा हुआ है। सूर्यदेव सभी से इस दैत्य के बारे में पूछता है। पवनदेव उन्हें बताते हैं कि यह ऐसा दैत्य है जो दिखाई नहीं देता परंतु धीरे-धीरे पृथ्वी के वातावरण को ज़हरीला बना रहा है। वनदेवी ने बताया कि इस राक्षस का जन्म औद्योगिक क्रांति से हुआ है। पवनदेव ने बताया कि उसने वायुमंडल के रूप में पृथ्वी को ढका हुआ है। सूर्यदेव कहता है वायुमंडल के कारण ही पृथ्वी के प्राणी जीवित रह पाते हैं। वायुमंडल ही पृथ्वी को अंतरिक्ष की उल्काओं से बचाता है। अन्यथा पृथ्वी भी नष्ट हो जाती। सूर्यदेव कहता है कि शुद्ध वायु देने के लिए ही उसने पृथ्वी को वायु के अथाह समुद्र में डुबो दिया है। इस सागर का – भाग ऑक्सीजन है। मानव इसका प्रत्यक्ष उपयोग करता है। पवनदेव कहता है पृथ्वी पर प्रत्येक जीव ऑक्सीजन का उपयोग करता है और कार्बन-डाइऑक्साइड छोड़ता है। किंतु कारखानों, इंजनों से कार्बन-डाइऑक्साइड अधिक उत्पन्न हो रही है। सूर्यदेव बताता है कि उसने कार्बन-डाइऑक्साइड से पुनः ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए ही वनस्पति पृथ्वी को प्रदान की है। वनदेवी कहती है कि सूर्य में तेज़ प्रकाश से ही उसकी हरी पत्तियां कार्बन-डाइऑक्साइड को प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया से कार्बन तथा ऑक्सीजन में विश्लेषित करती है। मैं स्वयं के पोषण के लिए कार्बन रखकर ऑक्सीजन को पुनः वायु में छोड़ देती हूँ। किंतु आज कार्बन-डाइऑक्साइड बढ़ती जा रही है। मानव की तरक्की तथा उद्योगों के कारण हरे-भरे जंगल नष्ट हो रहे हैं। विवेकहीन मनुष्य जंगल काट रहा है। शहरीकरण के लिए जंगल काटे जा रहे हैं। इसका मानव जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। सूर्यदेव वनदेवी से उन नुकसानों के बारे में पूछते हैं। वनदेवी उन्हें बताती है कि वनों की कमी से वर्षा नहीं होती। जिससे वनस्पतियाँ नहीं उगती। वनस्पतियों के अभाव में वायु शद्ध नहीं रहती। पवनदेव अपने अशुद्ध होने का नमूना औद्योगिक प्रगति बताते हैं। रश्मिदेवी प्रगति को प्रदूषण का कारण सुनकर चकित होती है। पवनदेव उन्हें बताता है कि उद्योगों के कारण अनेक गैसें आती हैं, जिनका जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

गंधकयुक्त औषधियों से आंतों की बीमारियां बढ़ती हैं। तपेदिक जैसे रोग बढ़ते हैं। वनों का भी विकास रुक जाता है। पवनदेव अपने दूषित होने के कारण बताते हैं कि कारखानों से असंख्य सूक्ष्मकण उसे दूषित करते हैं। पेट्रोल को सक्षम बनाने के लिए प्रयुक्त सीसा वायु को विषैला बना देता है। किंतु प्रदूषण रूपी राक्षस के हाथ अभी गाँवों तक नहीं पहुँचे हैं, इसलिए लोगों को गांवों में रहना अच्छा लगता है। सीसा मिश्रित पेट्रोल के कारण ओजोन परत पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। जो सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी किरणों के बुरे प्रभाव से पृथ्वी के जीवों की रक्षा करती है। पेट्रोल से चलने वाले जैट जैसे बड़े हवाई जहाज़ इस परत को नष्ट कर रहे हैं।

PSEB 9th Class Hindi Solutions Chapter 19 प्रकृति का अभिशाप

वनदेवी आँसू पोंछते हुए सूर्यदेव को बताती है कि प्रदूषण उसे भी परेशान कर रहा है। साथ ही कीटनाशक रसायन भी उसे हानि पहुँचा रहे हैं। जलदेवी कहती है कि ये कीटनाशक रसायन वर्षा के जल में घुलकर नदी तालाबों को दूषित करते हैं। इससे जलीय वनस्पतियों तथा जीवों को बहुत नुकसान होता है। कारखानों का दूषित तेल और विषैले पदार्थ भी नदियों में बहाने पर उसे हानि पहुँचा रहे हैं।
सबकी बातें सुनकर सूर्यदेव चिंतित होकर कहते हैं कि यह सब बहुत घातक है। इससे सभी को अपने अस्तित्व का खतरा होने लगता है। इसलिए रश्मिदेवी सूर्य को पृथ्वी पर न जाने को कहती है किंतु सूर्य उसे ऐसा न करने को कहते हैं। तभी दैत्य प्रदूषण डरावनी हंसी से कहता है कि वह बहुत खुश है कि उसने वायु, जल तथा वनस्पति की नाक में दम कर दिया है। सूर्य उसके बारे में पूछता है तो प्रदूषण बताता है कि वह अदृश्य होकर ही सबको सताता है। वह मनुष्य के विनाश का कारण बनने वाला है। वही मानव का महाकाल है। औद्योगिक प्रगति का विष वृक्ष है। रश्मिदेवी को अपनी चिंता होने लगती है। किंतु प्रदूषण उसे कहता है कि वह उसे हानि नहीं पहुंचाएगा। वह तो केवल पृथ्वी पर रहने वाले जीवों का ही विनाश करना चाहता है। इसके बाद सभी सूर्यदेव से प्रदूषण से अपनी-अपनी रक्षा करने के लिए कहने लगे।

तभी पर्दे पर मधुर संगीत के साथ बुद्धिदेवी का प्रवेश होता है। वह सूर्यदेव को कहती है कि इस दैत्य से पृथ्वी को बचाने के लिए उन्हें कष्ट करने की ज़रूरत नहीं है। वह पृथ्वीवासियों के जीवन को सुखी बनाने वाली जल, वायु और वनस्पति देवियों की रक्षा करेगी। वह सभी की रक्षा का आश्वासन देती है। बुद्धिदेवी प्रदूषण को मानव द्वारा विनाश होने की बात कहती है। तभी दैत्य प्रदूषण बताता है कि उसके अनेक सहायक हैं। रेडियोधर्मिता उसका नया सहायक है। रश्मिदेवी के पूछने पर वनदेवी बताती है कि रेडियोधर्मिता यूरेनियम जैसे तत्वों के परमाणु परीक्षण द्वारा पैदा होती है। दैत्य प्रदूषण इसकी हानियाँ बताता है कि रेडियोधर्मिता से मानव स्वयं घुट-घुटकर मरेगा। उसकी अगली पीढ़ी को वह पहचान भी नहीं पाएगा। उसका दूसरा साथी ध्वनि प्रदूषण है। जो बड़े-बड़े शहरों में बड़े-बड़े जहाज़ों, वाहनों, लाऊडस्पीकरों आदि से उत्पन्न होती है। जो थोड़े ही दिन में लाखों को बहरा बना देगी। वह बुद्धि को चुनौती देते हैं। बुद्धि उसकी चुनौती स्वीकार करती है और सूर्य देव, पवन देव आदि सभी को मानव कल्याण एवं पृथ्वी की सुरक्षा करने का आश्वासन देती है कि वह इस प्रदूषण को जड़ से ही समाप्त कर देगी। संसार से इसका उन्मूलन करना परम आवश्यक है। सूर्य देव भी लोक-कल्याण के कार्य में सफल होने का आशीर्वाद देते हैं। सभी खुश हो जाते हैं और पर्दा गिर जाता है।

PSEB 9th Class Hindi Solutions Chapter 17 कैसे बचें उपभोक्ता धोखाधड़ी से

Punjab State Board PSEB 9th Class Hindi Book Solutions Chapter 17 कैसे बचें उपभोक्ता धोखाधड़ी से Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Hindi Chapter 17 कैसे बचें उपभोक्ता धोखाधड़ी से

Hindi Guide for Class 9 PSEB कैसे बचें उपभोक्ता धोखाधड़ी से Textbook Questions and Answers

(क) विषय-बोध

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
उत्पादक किस तरह ग्राहकों को प्रभावित करते हैं ?
उत्तर:
उत्पादक लुभावने विज्ञापनों द्वारा ग्राहकों को प्रभावित करते हैं।

प्रश्न 2.
उपभोक्ताओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए सरकार ने 1986 में कौन-सा कानून लागू किया ?
उत्तर:
उपभोक्ता संरक्षण कानून लागू किया।

प्रश्न 3.
ग्राहकों को किस तरह अधिकारों के बारे में जागरूक किया जाता है ?
उत्तर:
रेडियो तथा टेलीविज़न पर विज्ञापनों के द्वारा ग्राहकों को जागरूक किया जाता है।

प्रश्न 4.
कितने रुपये तक के क्लेम के लिए उपभोक्ता जिला स्तर पर न्याय की गुहार लगा सकता है ?
उत्तर:
बीस लाख रुपए तक के क्लेम के लिए उपभोक्ता जिला स्तर पर न्याय की गुहार लगा सकता है।

प्रश्न 5.
20 लाख रुपए से अधिक के क्लेम के लिए उपभोक्ता को अपनी शिकायत कहाँ दर्ज करवानी चाहिए ?
उत्तर:
राज्य उपभोक्ता संरक्षण आयोग में दर्ज करवानी चाहिए।

PSEB 9th Class Hindi Solutions Chapter 17 कैसे बचें उपभोक्ता धोखाधड़ी से

प्रश्न 6.
एक करोड़ रुपये से अधिक के क्लेम के लिए उपभोक्ता को अपनी शिकायत कहाँ दर्ज करवानी चाहिए।
उत्तर:
राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण आयोग में शिकायत दर्ज करवानी चाहिए।

प्रश्न 7.
उपभोक्ता को अपने अधिकारों के हनन की शिकायत कितने वर्षों के भीतर करनी चाहिए ?
उत्तर:
उपभोक्ता को अपने अधिकारों के हनन की शिकायत दो वर्षों के भीतर करनी चाहिए।

प्रश्न 8.
क्या ग़रीबी रेखा से नीचे के कार्डधारक उपभोक्ता को शिकायत दर्ज करवाने के लिए फ़ीस अदा करनी पड़ती है ?
उत्तर:
ग़रीबी रेखा से नीचे के कार्डधारक उपभोक्ता को शिकायत दर्ज करवाने के लिए कोई फीस अदा नहीं करनी पड़ती।

प्रश्न 9.
उपभोक्ता अधिकांश तौर पर सामान खरीदते समय बिल क्यों नहीं लेते ?
उत्तर:
उपभोक्ता वैट बचाने के लिए सामान खरीदते समय बिल नहीं लेते।

प्रश्न 10.
नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन नम्बर क्या है ?
उत्तर:
1800-11-4000.

PSEB 9th Class Hindi Solutions Chapter 17 कैसे बचें उपभोक्ता धोखाधड़ी से

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
उपभोक्ता किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जो व्यक्ति किसी वस्तु अथवा सेवा को पाने के बदले धन का भुगतान करता है उसे उपभोक्ता कहते हैं।

प्रश्न 2.
उपभोक्ता संरक्षण कानून-1986 के अनुसार उपभोक्ता के कौन-कौन से अधिकार हैं ?
उत्तर:
उपभोक्ता के निम्नलिखित अधिकार हैं
(1) सुरक्षा का अधिकार,
(2) जानकारी होने का अधिकार,
(3) उत्पाद चुनने का अधिकार
(4) शिकायत निवारण का अधिकार,
(5) उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार।

प्रश्न 3.
उपभोक्ता से यदि नियत की गई कीमत से ज्यादा कीमत वसूली जाती है तो उसे क्या करना चाहिए ?
उत्तर:
उपभोक्ता से यदि नियत की गई कीमत से ज्यादा कीमत वसूली जाती है, तो उसे इसकी शिकायत उपभोक्ता संरक्षण आयोग में करनी चाहिए। उपभोक्ता को अपने अधिकारों का प्रयोग करना चाहिए।

PSEB 9th Class Hindi Solutions Chapter 17 कैसे बचें उपभोक्ता धोखाधड़ी से

प्रश्न 4.
उपभोक्ता अपनी शिकायत ऑनलाइन किस तरह दर्ज करवा सकता है ?
उत्तर:
उपभोक्ता को अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करवाने के लिए www.core.nic.in पर लॉग इन करना चाहिए। उपभोक्ता रजिस्ट्रेशन पर एक क्लिक द्वारा अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है। इसके बाद उपभोक्ता को ऑनलाइन ही शिकायत क्रमांक प्राप्त हो जाता है।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छः या सात पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
आयोग के पास उपभोक्ता के अधिकारों के उल्लंघन के किस-किस तरह के मामले आते हैं ?
उत्तर:
आयोग के पास उपभोक्ता के अधिकारों के उल्लंघन के निम्न तरह के मामले सामने आते हैं
(1) कंपनियां आकर्षक ब्याज दर या कुछ समय में धन दोगुना करने की स्कीम का भ्रामक विज्ञापन देती है तथा उपभोक्ता उनके जाल में फंस जाता है।
(2) एक ही फ्लैट दो-दो लोगों को आवंटित कर दिया जाता है।
(3) बैंक बिना कारण ग्राहक का खाता फ्रीज कर देते हैं। इससे ग्राहक को वित्तीय लेन-देन में दिक्कत होती है।

प्रश्न 2.
उपभोक्ता को सामान खरीदते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर:
उपभोक्ता को सामान खरीदते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए
(1) उपभोक्ता को एगमार्क लोगो वाला ही सामान खरीदना चाहिए।
(2) उत्पाद का बैच नंबर अवश्य जाँचना चाहिए।
(3) पैंकिंग और एक्सपायरी की तारीख अवश्य देखनी चाहिए।
(4) उत्पाद का वज़न देखना चाहिए।
(5) प्रयोग की विधि अवश्य देखनी चाहिए।
(6) उत्पादक का नाम और पता ज़रूर देखना चाहिए।
(7) सामान का बिल अवश्य लेना चाहिए।
(8) पैकेट बंद होने चाहिएँ।

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(ख) भाषा-बोध

1. निम्नलिखित शब्दों को शुद्ध करके लिखिएअशुद्ध

शुद्ध – अशुद्ध
दूकान – ………………..
व्यकती – ………………..
नाममातर – ………………..
अरोप – ………………..
गराहक – ………………..
विगयापन – ………………..
पीड़त – ………………..
उलंघन – ………………..
उत्तर:
दूकान – दुकान
व्यकती – व्यक्ति
नाममातर – नाममात्र
अरोप – आरोप
गराहक – ग्राहक
विगयापन – विज्ञापन
पीड़त – पीड़ित
उलंघन – उल्लंघन

2. निम्नलिखित शब्दों का वर्णविच्छेद कीजिए

शुद्ध – वर्ण विच्छेद

उपभोक्ता – ………………..
चिकित्सक. – ………………
विज्ञापन – ……………….
शिकायत – ……………
ग्राहक – ………………
उत्पादक – ……………
आकर्षक – ………………..

उत्तर:
उपभोक्ता = उ + प् + अ + भ् + ओ + क् + त् + आ
चिकित्सक. = च् + इ + क् + इ + त् + स + अ + क् + अ
विज्ञापन = व् + इ + ज + ञ् + आ + प् + अ + न् + अ
शिकायत = श् + इ + क् + आ + य् + अ + त् + अ
ग्राहक = ग् + र् + आ + ह + अ + क् + अ
उत्पादक = उ + त् + प् + आ + द् + अ + क् + अ
आकर्षक = आ + क् + अ + र् + ष + अ + क् + अ

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(ग) रचनात्मक अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
आप यह पाठ पढ़ने से पूर्व उपभोक्ता के अधिकारों के संरक्षण के बारे में क्या जानते थे ? अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2.
क्या कभी आपके अधिकारों का हनन/उल्लंघन हुआ है ? यदि हाँ, तो आपने उस स्थिति में क्या किया ?
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

(घ) पाठेत्तर सक्रियता

प्रश्न 1.
स्कूल में खोले गए लीगल लिटरेसी क्लब के सदस्य बनें एवं कानून से सम्बन्धित जानकारी प्राप्त करें।
उत्तर:
छात्र अध्यापक के सहयोग से इस क्लब के बारे में जानें।

प्रश्न 2.
मैगज़ीनों/अखबारों में आए उपभोक्ता जागरूकता सम्बन्धी लेख/विज्ञापन पढ़ें। जब भी आप कोई ऐसा लेख पढ़ें जिसमें उपभोक्ता को शिकायत के बाद उचित न्याय व मुआवज़ा मिला हो तथा उत्पादक/ दुकानदार आदि को उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन के लिए दंडित किया गया हो तो ऐसी खबर को कॉपी में चिपकायें और यदि संभव हो तो संक्षेप में स्कूल की प्रार्थना सभा में सुनाएँ।
उत्तर:
छात्र अध्यापक के सहयोग से स्वयं करें।

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(ङ) ज्ञान-विस्तार

1. राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस-भारत सरकार ने 24 दिसम्बर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस घोषित किया है क्योंकि भारत के राष्ट्रपति द्वारा इसी दिन ऐतिहासिक उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-1986 को स्वीकार किया गया था। इस नियम में बाद में वर्ष 1993, 2002 व 2004 में संशोधन भी किये गए। इन संशोधनों के बाद यह अधिनियम और भी सशक्त हो गया।

2. विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस-उपभोक्ता आन्दोलन की शुरुआत अमेरिका के कानूनविद् और अधिवक्ता राल्फ नैडर द्वारा की गई। नैडर के आन्दोलन के फलस्वरूप 15 मार्च, सन् 1962 को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन० एफ० कैनेडी द्वारा उपभोक्ता संरक्षण पर पेश किए विधेयक को अनुमोदित किया गया। इसीलिए 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत में हर वर्ष 15 मार्च को ‘उपभोक्ता संरक्षण दिवस’ मनाया जाता है।

3. एम०आर०पी० (मैक्सिमम रिटेल प्राइस)-हिन्दी में इसके लिए अधिकतम खुदरा मूल्य शब्दों का प्रयोग किया जाता है। अधिकतम खुदरा मूल्य की संकल्पना को उपभोक्ता प्रायः समझ नहीं पाते। अधिकतर मामलों में एम०आर०पी० का प्रयोग उस कीमत में किया जाने लगा है जिस पर खुदरा व्यापारी वस्तुओं को बेचता है। लेकिन यह भी ध्यान दें कि कुछ खुदरा व्यापारी एम०आर०पी० में कुछ डिस्काऊंट भी दे देते हैं। अतः हमें सजग रहना चाहिए। कुछ उपभोक्ता यह समझते हैं कि एम०आर०पी० का निर्धारण सरकार करती है। जबकि सत्य यह है कि एम०आर०पी० का निर्धारण निर्माता द्वारा किया जाता है न कि सरकार द्वारा। यह भी देखने में आता है कि कुछ मामलों में एम०आर०पी० के साथ स्थानीय कर लगा दिये जाते हैं जो कि पूरी तरह से गैर-कानूनी है।

4. उपभोक्ता न्याय एजेन्सियाँ–उपभोक्ताओं की शिकायत निवारण के लिए निम्नलिखित एजेन्सियाँ हैं
(i) जिला उपभोक्ता फोरम-उपभोक्ता जब कोई सामान खरीदता है या किराये पर लेता है और वह सामान खराब निकलता है या सेवा में कमी रहती है तो उसकी शिकायत सबसे पहले जिला उपभोक्ता फोरम में की जाती है। हर राज्य में जिला उपभोक्ताओं का गठन किया गया है।
(ii) राज्य उपभोक्ता आयोग-ज़िला उपभोक्ता फोरम के निर्णय के खिलाफ संबंधित राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील की जा सकती है।
(iii) राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग-राष्ट्रीय स्तर पर गठित की गई सर्वोच्च संस्था दिल्ली में है। राज्य उपभोक्ता आयोग के निर्णय के खिलाफ राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में शिकायत की जा सकती है।
(iv) टोल फ्री नम्बर-1800-11-4000-(समय सुबह 9.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक (सभी कार्य दिवसोंसोमवार से शनिवार)।

5. उपभोक्ता जागरूकता सम्बन्धी मैगज़ीनें-कंज्यूमर वॉयस, कंज्यूमर वर्ल्ड, मानकदूत (भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रकाशित)।

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PSEB 9th Class Hindi Guide कैसे बचें उपभोक्ता धोखाधड़ी से Important Questions and Answers

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
एम०आर०पी० क्या होता है ?
उत्तर:
एम०आर०पी० का अर्थ है-अधिकतम खुदरा मूल्य।

प्रश्न 2.
उपभोक्ता द्वारा ऑनलाइन शिकायत के बाद कब तक आगे कार्यवाही शुरू हो जाती है ?
उत्तर:
उपभोक्ता द्वारा ऑनलाइन शिकायत के बाद 72 घंटे के भीतर ही आगे की कार्यवाही शुरू हो जाती है।

प्रश्न 3.
दूसरे पक्ष को कितने दिन के भीतर उपभोक्ता की शिकायत दूर करने के निर्देश दिए जाते हैं।
उत्तर:
चौदह दिन के भीतर।

2. निम्नलिखित प्रश्नों के तीन या चार पंक्तियों में उत्तर दीजिए

प्रश्न 1.
रोजमर्रा की जिंदगी में उपभोक्ताओं को किसका शिकार होना पड़ता है ?
उत्तर:
रोजमर्रा की जिंदगी में उपभोक्ताओं को ठगी और धोखाधड़ी का शिकार होना पड़ता है।

प्रश्न 2.
एक ताजा अध्ययन के अनुसार कितने उपभोक्ता अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हैं ?
उत्तर:
एक ताजा अध्ययन के अनुसार देश के केवल 20% ग्राहक ही उपभोक्ता संरक्षण कानून को जानते हैं। केवल 42% ग्राहकों ने इसे सुना है कि ऐसा कोई कानून भी होता है।

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3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छः या सात पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
रोजमर्रा की जिंदगी में उपभोक्ताओं को कौन-सी ठगी व धोखाधड़ी का शिकार होना पड़ता है?
उत्तर:
रोजमर्रा की जिंदगी के उपभोक्ताओं को निम्नलिखित धोखाधड़ी का शिकार होना पड़ता है
(1) दवाइयों की दुकान पर एक्सपायर दवा दे दी जाती है।
(2) खरीदे गए उत्पाद पर गारंटी के बावजूद भी सर्विस नहीं दी जाती है।
(3) कभी उत्पाद पर लिखे वज़न से कम वज़न का सामान मिलता है।
(4) डॉक्टर मरीज का सही इलाज नहीं करता।
(5) उत्पादक लुभावने विज्ञापनों से ग्राहकों को प्रभावित करते हैं तथा उत्पाद के बारे में ग़लत जानकारी देते हैं।

प्रश्न 2.
उपभोक्ता उपभोक्ता फोरम में शिकायत कैसे दर्ज करवा सकता है ?
उत्तर:
उपभोक्ता उपभोक्ता फोरम में सादे कागज़ पर निम्न जानकारी देकर शिकायत कर सकता है
(1) शिकायतकर्ता और विपक्ष का नाम तथा पता लिखना चाहिए।
(2) शिकायत से संबंधित तथ्य देने चाहिएं।
(3) शिकायत में लगाए गए आरोपों के समर्थन में ज़रूरी दस्तावेज़ देने चाहिए।
(4) शिकायतकर्ता को राहत अथवा हरजाने का उल्लेख देना चाहिएं। (5) कागज़ पर शिकायतकर्ता के हस्ताक्षर ज़रूर होने चाहिएं।
को (it) उपभोक्ता के अधिकारों का हनन कब होता है। उत्तर-उपभोक्ता के अधिकारों का हनन निम्न प्रकार से होता है(1) जब दुकानदार अपने उत्पाद पर लेबल या स्टिकर लगाकर उसे बाज़ार भाव से अधिक कीमत पर बेचता है।
(2) जब रेलवे स्टेशन, ट्रेन, हवाई अड्डे या बस स्टैंड पर किसी सामान को एम०आर०पी० से अधिक कीमत पर बेचा जाता है।

एक शब्द/एक पंक्ति में उत्तर दीजिए

प्रश्न 1.
कैसे बचें उपभोक्ता धोखाधड़ी से’ पाठ किसकी रचना है ?
उत्तर:
ललिता गोयल की।

प्रश्न 2.
रोज़मर्रा की जिंदगी में उपभोक्ताओं को किसका शिकार होना पड़ता है ?
उत्तर:
ठगी और धोखाधड़ी का।

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प्रश्न 3.
दवा की दुकान पर कैसी दवा दे दी जाती है ?
उत्तर:
ऐक्सपायरी डेट की।

प्रश्न 4.
उपभोक्ता संरक्षण कानून कब से लागू किया गया ?
उत्तर:
सन् 1986 ई० से।

प्रश्न 5.
कितने प्रतिशत ग्राहक उपभोक्ता संरक्षण कानून से अवगत हैं ?
उत्तर:
मात्र 20%

हाँ-नहीं में उत्तर दीजिए

प्रश्न 6.
उत्पाद खरीदते समय पैकेट खुले या फटे होने की चिंता नहीं करें।
उत्तर:
नहीं।

सही-ग़लत में उत्तर दीजिए

प्रश्न 7.
बीस लाख रुपए तक के क्लेम जिला स्तर के उपभोक्ता संरक्षण आयोग में शिकायत कर सकते हैं।
उत्तर:
सही।

प्रश्न 8.
उपभोक्ता शिकायत अधिकारों के हनन के पाँच वर्षों के भीतर करें।
उत्तर:
गलत।

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प्रश्न 9.
कोई भी सामान खरीदते समय बिल लेना आवश्यक नहीं है।
उत्तर:
गलत।

रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

10. उपभोक्ता ……… वही ……… खरीदें जिस पर ……… का लोगो हो।
उत्तर:
उपभोक्ता केवल वही उत्पाद खरीदें जिस पर एगमार्क का लोगो हो।

प्रश्न 11.
उपभोक्ता को …….. के ज़रिए …… कार्यवाही से भी …….. कराया जाता है।
उत्तर:
उपभोक्ता को ईमेल के ज़रिए संपादित कार्यवाही से भी अवगत कराया जाता है।

बहुविकल्पी प्रश्नों में से सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखें

प्रश्न 12.
उपभोक्ता कंज्यूमर टोल फ्री हेल्पलाइन नम्बर क्या है ?
(क) 1800112000
(ख) 1800113000
(ग) 1800114000
(घ) 1800115000.
उत्तर:
(ग) 1800114000.

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प्रश्न 13.
बीस लाख रुपए से अधिक के क्लेम कहाँ करने होते हैं ?
(क) जिला आयोग में
(ख) राज्य आयोग में
(ग) राष्ट्रीय आयोग में
(घ) उच्चतम-न्यायालय में।
उत्तर:
(ख) राज्य आयोग में।

प्रश्न 14.
शिकायत कितने वर्षों के अन्दर करनी होती है ?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच।
उत्तर:
(क) दो।

प्रश्न 15.
बी० पी० एल० कार्डधारक को शिकायत दर्ज कराने के लिए कितनी फीस देनी पड़ती है ?
(क) दस रुपए
(ख) पचास रुपए
(ग) सौ रुपए
(घ) कुछ नहीं।
उत्तर:
(घ) कुछ नहीं।

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कठिन शब्दों के अर्थ

रोजमर्रा = प्रतिदिन की, हर रोज़ की। उपभोक्ता = किसी वस्तु को खरीदने वाला। डेट = तिथि। सही = उचित। चिकित्सक = डॉक्टर। खामियाजा = हानि। संरक्षण = सुरक्षा। मसलन = उदाहरण के तौर पर। अंततः = अंत में। शिकायतकर्ता = शिकायत करने वाला। हनन = नष्ट होना, दबाना। एयरपोर्ट = हवाई अड्डा। एम० आर० पी० = अधिकतम मूल्य । फ्लैट = घर। अकाऊंट = खाता। फ्रीज = बंद करना। आकर्षक = लुभावना। तथ्य = यथार्थ, सच। भ्रामक = भ्रम में डालने वाला। शुल्क = फीस। राहत = आराम। दस्तावेज़ = विविध लेख।

कैसे बचें उपभोक्ता धोखाधड़ी से Summary

कैसे बचें उपभोक्ता धोखाधड़ी से जीवन-परिचय

श्रीमती ललिता गोयल का जन्म 15 मार्च, सन् 1973 ई० को हुआ। इन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से बी०ए० (आनर्स) तथा एम०ए० (राजनीति शास्त्र) की शिक्षा ग्रहण की। इन्होंने पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा भी किया। ये कई वर्षों से लगातार विभिन्न समाचार पत्र-पत्रिकाओं में लेख लिख रही हैं। इनके लेख बहुत प्रभावशाली होते हैं। वर्तमान में ये दिल्ली प्रैस पत्र प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली में सहायक संपादक के पद पर कार्य कर रही हैं।
लेखिका की समाज को जागरूक करने में विशेष भूमिका रही है। इस पाठ में इन्होंने उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के लिए जगाने का प्रयास किया है। इसके साथ उन अधिकारों को पाने के प्रति जागरूक बनाया है। लेखिका ने बड़े सहज भाव से आज के उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के लिए सचेत रहने की प्रेरणा दी है। लेखिका की भाषा सरल, सहज एवं स्वाभाविक है। उसमें तत्सम एवं तद्भव शब्दों का प्रयोग अधिकता से हुआ है।

कैसे बचें उपभोक्ता धोखाधड़ी से पाठ का सार

‘कैसे बचें उपभोक्ता धोखाधड़ी से’ लेखिका ललिता गोयल द्वारा लिखित है। इसमें लेखिका ने उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के बारे में बताया है। इसके साथ-साथ उन अधिकारों को पाने के लिए.जागरूक एवं एकजुट भी किया है। उपभोक्ताओं को हर रोज़ ठगी तथा धोखाधड़ी का शिकार बनना पड़ता है। कभी कोई उन्हें पुरानी दवा दे देता है तो कभी उत्पादों पर उन्हें गारंटी होने पर भी सर्विस नहीं दी जाती। कभी कोई सामान लिखे हुए वज़न से कम निकलता है। कभी डॉक्टर मरीज का सही इलाज नहीं करता। कोई उन्हें ग़लत जानकारी देता है जिसकी हानि उपभोक्ताओं को होती है। उपभोक्ताओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए सरकार ने सन् 1986 ई० में उपभोक्ता संरक्षण कानून लागू किया। यह कानून प्रत्येक उपभोक्ता को सुरक्षा, जानकारी, उत्पाद चुनना, शिकायत करना आदि अनेक अधिकार प्रदान करता है। इन अधिकारों को पाने के लिए ग्राहकों को जागना चाहिए। एक सर्वे के अनुसार आज तक देश के केवल 20% ग्राहक ही उपभोक्ता संरक्षण कानून को जानते हैं। केवल 42% ने ही इसे सुना है। जबकि इसके लिए कोई भी उपभोक्ता शिकायत कर सकता है। कोई भी शिकायतकर्ता सादे कागज़ पर उपभोक्ता फोरम में शिकायत भेज सकता है। बीस लाख तक के क्लेम के लिए उपभोक्ता जिला स्तर के आयोग में तथा इससे अधिक राज्य उपभोक्ता संरक्षण आयोग में शिकायत कर सकता है। एक करोड़ से अधिक क्लेम पाने के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण आयोग में शिकायत की जाती है। शिकायत केवल अधिकारों के हनन के दो वर्ष के अंदर ही हो सकती है। अधिकांश मामलों में शिकायतकर्ता को वकील करने की ज़रूरत भी नहीं होती।

दुकानदार द्वारा उत्पाद पर लेबल अथवा स्टिकर लगाकर बाजार भाव से ज्यादा कीमत पर बेचना उपभोक्ता अधिकारों का हनन है। किसी भी सामान को अधिकतम मूल्य से ज्यादा में बेचना ग़लत होता है। इसकी शिकायत की जा सकती है। उपभोक्ताओं के अधिकारों के हनन के अनेक प्रकार के मामले सामने आते हैं। कई बार एक ही घर दो-दो को आबंटित कर दिया जाता हैं। बैंक द्वारा बिना कारण के खाता बंद कर देना। इनसे उपभोक्ता केवल जागरूक बनकर ही बच सकते हैं। इसके लिए उपभोक्ता को केवल एगमार्क लोगो वाला ही सामान खरीदना चाहिए। बैच नंबर को देखना चाहिए। पैकिंग की तारीख, उत्पाद का वज़न आदि को देखना चाहिए। खरीदी गई वस्तु का बिल अवश्य लेना चाहिए। गारंटी कार्ड पर दुकानदार के हस्ताक्षर अवश्य करवाएँ। उपभोक्ता इंटरनेट के द्वारा भी अपनी शिकायत कर सकता है। इस पर 72 घंटे के भीतर ही कार्यवाही शुरू हो जाती है। दूसरे पक्ष को 14 दिन के भीतर ही उपभोक्ता की शिकायत दूर करने के निर्देश दिए जाते हैं। यही नहीं उपभोक्ता 1800-11-4000 राष्ट्रीय उपभोक्ता सहायता नंबर पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।