PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 9 बल तथा गति के नियम

PSEB 9th Class Science Guide बल तथा गति के नियम Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
कोई वस्तु शून्य बाह्य असंतुलित बल अनुभव करती है। क्या किसी भी वस्तु के लिए अशुन्य वेग से गति करना संभव है ? यदि हाँ, तो वस्तु के वेग के परिमाण एवं दिशा पर लगने वाली शर्तों का उल्लेख करें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
उत्तर-
हाँ, किसी वस्तु के लिए कुछ वेग से गति करना संभव है, जबकि वह वस्तु बाह्य असंतुलित बल शून्य अनुभव कर रही हो। ऐसी अवस्था में वेग का परिमाण तथा दिशा समान रहेगी। उदाहरणार्थ, वर्षा के समय पानी की बूंद जब अचर वेग के साथ नीचे पृथ्वी की ओर गिरती है तो उस बूंद का भार तथा वायु का धकेल बल परस्पर एकदूसरे को संतुलित कर लेते हैं, अर्थात् पानी की बूंद पर परिणामी बल (नेट बल) शून्य होता है।

प्रश्न 2.
जब किसी छडी से एक दरी ( कार्पेट ) को पीटा जाता है, तो धूल के कण बाहर आ जाते हैं। स्पष्ट करें।
उत्तर-
जब हम दरी (कार्पेट) को छड़ी के साथ पीटते हैं तो दरी गति में आ जाती है जबकि धूल कण जड़त्व के कारण विराम अवस्था में बने रहते हैं। इस प्रकार धूल कण दरी (कार्पेट) से पृथक् होकर गिर जाते हैं।

प्रश्न 3.
बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से क्यों बाँधा जाता है ?
उत्तर-
जब तीव्र गति से चल रही बस तीखे मोड़ पर गुड़ती है तो इसके छत पर रखा हुआ सामान एक ओर गिर (विस्थापित हो) जाता है। इसका कारण है कि सामान सरल रेखीय गति के साथ चलता रहना चाहता है जबकि बस की दिशा परिवर्तन के लिए ईंजन द्वारा असंतुलित बल लगाया जाता है तथा छत पर रखा सामान एक ओर खिसक जाता है।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 4.
किसी बल्लेबाज दवारा क्रिकेट की गेंद को मारने पर गेंद ज़मीन पर लुढ़कती है। कुछ दूरी चलने के पश्चात् गेंद रुक जाती है। गेंद रुकने के लिए धीमी होती है, क्योंकि
(a) बल्लेबाज ने गेंद को पर्याप्त प्रयास से हिट नहीं किया है।
(b) वेग गेंद पर लगाए गए बल के समानुपाती है।
(c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।
(d) गेंद पर कोई असंतुलित बल कार्यरत नहीं है, अत: गेंद विरामावस्था में आने के लिए प्रयासरत है।
(सही विकल्प का चयन करें)
उत्तर-
(c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।

प्रश्न 5.
एक टक विरामावस्था से किसी पहाड़ी से नीचे की ओर नियत त्वरण से लुढ़कना शुरू करता है। यह 20 s में 400 m की दूरी तय करता है। इसका त्वरण ज्ञात करें। अगर इसका द्रव्यमान 7 टन है तो इस पर लगने वाले बल की गणना करें। (1 टन = 1000 kg)।
हल-
यहां प्रारंभिक वेग (u) = 0
समय (t) = 20 s
दूरी (S) = 400 m
हम जानते हैं, S = ut + \(\frac {1}{2}\) at2
400 = 0 × 20 + \(\frac {1}{2}\) × a × (20)2
400 = 0 + \(\frac {1}{2}\) × a × 20 × 20
400 = 200a
या a = \(\frac{400}{200}\)
∴ a = 2 ms-1
अब ट्रक का द्रव्यमान (m) = 7 टन
= 7 × 1000 kg
त्वरण (a) = 2 ms-2
∴ बल, F = m × a
= 7000 kg × 2ms-2
= 14000 kg m/s2
= 14000 N

प्रश्न 6.
1 kg द्रव्यमान के एक पत्थर को 20 ms-1 के वेग से झील की जमी हुई सतह पर फेंका जाता है। पत्थर 50 m की दूरी तय करने के बाद रुक जाता है। पत्थर और बर्फ के बीच लगने वाले घर्षण बल की गणना करें।
हल-
यहाँ पत्थर का द्रव्यमान (m) = 1 kg
पत्थर का प्रारंभिक वेग (u) = 20 ms-1
पत्थर द्वारा तय की गई दुरी (S) = 50 m
पत्थर का अंतिम वेग (v) = 0 (विराम अवस्था)
पत्थर तथा बर्फ में लगने वाला घर्षण बल (F) = ?
v2 – u2 = 2aS का प्रयोग करने पर
(0)2 – (20)2 = 2 × a × 50
-20 × 20 = 100 × a
या a = \(\frac{-20 \times 20}{100}\)
∴ a = -4 ms-2
घर्षण बल, F = m × a
= 1 × (-4)
= -4 N

प्रश्न 7.
एक 8000 kg द्रव्यमान का रेल इंजन प्रति 2000 kg द्रव्यमान वाले पाँच डिब्बों को सीधी पटरी पर खींचता है। यदि इंजन 40000 N का बल आरोपित करता है तथा यदि पटरी 5000 N का घर्षण बल लगाती है, तो ज्ञात करें :
(a) नेट त्वरण बल,
(b) रेल का त्वरण तथा
(c) डिब्बे 1 द्वारा डिब्बे 2 पर लगाया गया बल।
हल-
इंजन का द्रव्यमान = 8000 kg 5
डिब्बों का द्रव्यमान = 5 × 2000 kg
= 10,000 kg
∴ इंजन तथा 5 डिब्बों का कुल द्रव्यमान = 8000 kg + 10,000 kg
= 18000 kg
इंजन द्वारा लगाया गया बल = 40000 N
पटरी द्वारा लगाया गया घर्षण बल = 5000 N

(a) नेट त्वरित बल = ईंजन का बल – पटरी का घर्षण बल
= 40000 N – 5000 N
= 35000 N

(b) PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 1
= \(\frac{35000}{18000}\)
= \(\frac{35}{18}\)
= 1.94 ms-2

(c) पहले (1) डिब्बे द्वारा (2) दूसरे डिब्बे पर लगाया गया बल = नेट त्वरित बल – डिब्बे का द्रव्यमान × त्वरण
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 2
= 35000 – 2000 × \(\frac{35}{18}\)
= 35000 – 3888.8
= 31111.2N

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प्रश्न 8.
एक गाड़ी का द्रव्यमान 1500 kg है। यदि गाड़ी को 1.7 ms-2 के ऋणात्मक त्वरण (अवमंदन) के साथ विरामावस्था में लाना है, तो गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल कितना होगा ?
हल :
यहाँ गाड़ी का द्रव्यमान (m) = 1500 kg
त्वरण (a) = -1.7 ms-2
घर्षण बल (F) = ?
हम जानते हैं, F = m × a
= 1500 × (-1.7)
= -2550 N
अर्थात् गाड़ी तथा सड़क के मध्य लगने वाला घर्षण बल 2550N है जिसकी दिशा गाड़ी की गति की दिशा के विपरीत है।

प्रश्न 9.
किसी m द्रव्यमान की वस्तु जिसका वेग । है का संवेग क्या होगा ?
(a) (mv)2
(b) mv2
(c) (1/2)mv2
(d) mv
(उपरोक्त में से सही विकल्प चुनें।)
उत्तर-
(d) mv.

प्रश्न 10.
हम एक लकड़ी के बक्से को 200 N बल लगाकर उसे नियत वेग से फ़र्श पर धकेलते हैं। बक्से पर लगने वाला घर्षण बल क्या होगा ?
उत्तर-
लकड़ी का बॉक्स उस अवस्था में स्थिर वेग से गति करेगा यदि नेट (परिणामी) बल शून्य होगा।
बॉक्स पर लगने वाला घर्षण बल = धकेल बल
= 200 N
परंतु इस घर्षण बल की दिशा बॉक्स की गति के विपरीत दिशा में होगा।

प्रश्न 11.
दो वस्तुएँ, प्रत्येक का द्रव्यमान 1.5 kg है, एक ही सीधी रेखा में एक-दूसरे के विपरीत दिशा में गति कर रही हैं। टकराने के पहले प्रत्येक का वेग 2.5 ms-1 है। टकराने के बाद यदि दोनों एक-दूसरे से जुड़ जाती हैं, तब उनका सम्मिलित वेग क्या होगा ? ..
हल :
यहाँ, m1 = m2 = 1.5 kg
u1 = 2.5 ms-1, u2 = -2.5 ms-1
क्योंकि दोनों वस्तुएँ एक-दूसरे की विपरीत दिशा में जा रही हैं, इसलिए पहली वस्तु के वेग की दिशा धन तथा दूसरी वस्तु के वेग की दिशा को ऋण माना जाएगा।
मान लो टकराने के पश्चात् दोनों वस्तुओं के युग्म का वेग v है।
संवेग सरंक्षण नियमानुसार, टकराने से पहले दोनों वस्तुओं का कुल संवेग = टकराने के बाद कुल संवेग
m1u1 + m2u2 = m1v + m2v
m1u1 + m2u2 = (m1 + m2) × v
1.5 × 2.5 + 1.5 × (-2.5) = (1.5 + 1.5) × v
1.5 (2.5 – 2.5) = 3 × v
1.5 × 0 = 3 × v
0 = 3 × v
∴ v = 0 ms-1

प्रश्न 12.
गति के तृतीय नियम के अनुसार जब हम किसी वस्तु को धक्का देते हैं, तो वस्तु उतने ही बल के साथ हमें भी विपरीत दिशा में धक्का देती है। यदि वह वस्तु एक ट्रक है जो सड़क के किनारे खड़ा है; संभवतः हमारे द्वारा बल आरोपित करने पर भी गतिशील नहीं हो पाएगा। एक विद्यार्थी इसे सही साबित करते हुए कहता है कि दोनों बल विपरीत एवं बराबर हैं जो एक-दूसरे को निरस्त कर देते हैं। इस तर्क पर अपने विचार दें और बताएँ कि ट्रक गतिशील क्यों नहीं हो पाता ?
उत्तर–
क्रिया तथा प्रतिक्रिया एक-दूसरे के समान तथा विपरीत होते हैं। ये एक-दूसरे को समाप्त (प्रभावहीन) नहीं करते हैं। जब हम एक भारी ट्रक को धक्का लगाते हैं,तो टायर तथा सड़क के मध्य घर्षण बल क्रिया करता है जो अत्यधिक मात्रा में होता है। इस कारण ट्रक गति नहीं करता है।

प्रश्न 13.
200 g द्रव्यमान की एक हॉकी की गेंद 10 ms-1 की वेग से सीधी रेखा में चलती हुई 5 kg द्रव्यमान के लकड़ी के गुटके से संघट्ट करती है तथा उससे जुड़ जाती है। उसके बाद दोनों एक साथ उसी रेखा में गति करते हैं। संघट्ट के पहले और संघट्ट के बाद के कुल संवेगों की गणना करें। दोनों वस्तुओं की जुड़ी हुई अवस्था में वेग की गणना करें।
हल :
गेंद का द्रव्यमान (m) = 200g = 0.2 kg
गेंद का प्रारंभिक वेग (u) = 10 ms-1
गेंद का अंतिम वेग (v) = -5 ms-1 (∵ गेंद की दिशा पहली दिशा के विपरीत है।)
गेंद के संवेग में परिवर्तन = अंतिम संवेग – प्रारंभिक संवेग
= mv – mu
= m(v – u)
= 0.2 (-5 – 10)
= 0.2 × (-15)
= – 30 kg -ms-1

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प्रश्न 14.
10g. द्रव्यमान की एक गोली सीधी रेखा में 150 ms-1 के वेग से चलकर एक लकड़ी के गुटके से टकराती है और 0.03 s के बाद रुक जाती है। गोली लकड़ी को कितनी दूरी तक भेदेगी ? लकड़ी के गुटके द्वारा गोली पर लगाए गए बल के परिमाण की गणना करें। हल :
यहाँ, गोली का द्रव्यमान (m) = 1g = 0.01 kg
गोली का प्रारंभिक वेग (u) = 150 ms-1
गोली का अंतिम वेग (v) = 0
समय (t) = 0.03s
हम जानते हैं, गोली का प्रवेग (a) = \(\frac{v-u}{t}\)
= \(\frac{0-150}{0.03}\)
= -5000 ms-1
लकड़ी के गुटके के भीतर घुसी गोली द्वारा तय की गई दूरी (S) = ?
सूत्र S = ut + \(\) at2 का प्रयोग करके
S = 150 x 0.03 + \(\frac {1}{2}\) × (-5000) × (0.03)2
= 4.5 + (-2.25)
= 4.5 – 2.25
S = 2.25 m
प्रश्न 15.
एक वस्तु जिसका द्रव्यमान 1 kg है, 10 ms-1 के वेग से एक सीधी रेखा में चलते हुए विरामावस्था में रखे 5 kg द्रव्यमान के एक लकड़ी के गुटके से टकराती है। उसके बाद दोनों साथ-साथ उसी सीधी रेखा में गति करते हैं। संघट्ट के पहले तथा बाद के कुल संवेगों की गणना करें। आपस में जुड़े हुए संयोजन के वेग की भी गणना करें।
हल :
वस्तु का द्रव्यमान (m1) = 1 kg
वस्तु का प्रारंभिक वेग (u1) = 10 ms-1
लकड़ी के गुटके का द्रव्यमान (m2) = 5 kg
लकड़ी के गुटके का प्रारंभिक वेग (u2) = 0 (विराम अवस्था)
मान लो टकराने के पश्चात् वस्तु तथा गुटके के युग्म का अंतिम वेग है।
∴ टक्कर से पहले वस्तु तथा गुटके का कुल संवेग = m1u1 + m2u2
= 1 × 10 + 5 × 0
= 10 + 0
= 10 kg-ms-1
टक्कर के पश्चात् युग्म (वस्तु तथा गुटके) का कुल संवेग = m1v + m2v
= (m1 + m2) × v
= (1 + 5) × v
= 6v kg-ms-1
संवेग संरक्षण नियम अनुसार, टक्कर से पहले युग्म का कुल संवेग = टक्कर के पश्चात् युग्म का कुल संवेग
10 = 6v
∴ v = \(\frac{10}{6}[latex]
= [latex]\frac{5}{3}\) ms-1 = 1.67 ms-1
∴ टक्कर के पश्चात् युग्म का कुल संवेग = 6v
= 6 × \(\frac{5}{3}\)
= 10 kg – ms-1

प्रश्न 16.
100 kg द्रव्यमान की एक वस्तु का वेग समान त्वरण से चलते हुए 6s में 5 ms-1 से 8 ms-1 हो जाता है। वस्तु के पहले और बाद के संवेगों की गणना करें। उस बल के परिमाण की गणना करें जो उस वस्तु पर आरोपित है।
हल :
यहाँ, वस्तु का द्रव्यमान (m) = 100 kg
वस्तु का प्रारंभिक वेग (u) = 5 ms-1
वस्तु का अंतिम वेग (v) = 8 ms-1
समय अंतराल (t) = 6s
वस्तु का प्रारंभिक संवेग (p) = m × u
= 100 × 5
= 500 kg-ms-1
वस्तु का अंतिम संवेग (p2) = m × v
= 100 × 8
= 800 kg-ms-1
वस्तु पर लग रहा बल. F = \(\frac{p_{2}-p_{1}}{t}\)
= \(\frac{(800-500) \mathrm{kg}-\mathrm{ms}^{-1}}{6 \mathrm{~s}}\)
= 50 kg-ms-2
= 50 N

प्रश्न 17.
अख्तर, किरण और राहुल किसी राजमार्ग पर बहुत तीव्र गति से चलती हुई कार में सवार हैं, अचानक उड़ता हुआ कोई कीड़ा, गाड़ी के सामने के शीशे से आ टकराया और वह शीशे से चिपक गया। अख़्तर और किरण इस स्थिति पर विवाद करते हैं। किरण का मानना है कि कीड़े के संवेग परिवर्तन का परिमाण कार के संवेग परिवर्तन के परिमाण की अपेक्षा बहुत अधिक है। (क्योंकि कीड़े के वेग में परिवर्तन का मान कार के वेग में परिवर्तन के मान से बहुत अधिक है।) अख़्तर ने कहा कि चूंकि कार का वेग बहुत अधिक था अतः कार ने कीड़े पर बहुत अधिक बल लगाया जिसके कारण कीड़े की मौत हो गई। राहुल ने एक नया तर्क देते हुए कहा कि कार तथा कीड़ा दोनों पर समान बल लगा और दोनों के संवेग में बराबर परिवर्तन हुआ। इन विचारों पर अपनी प्रतिक्रिया दें।
उत्तर-
राहुल का तर्क सही है। गति के तीसरे नियमानुसार क्रिया तथा प्रतिक्रिया समान तथा विपरीत होते हैं। इसलिए दोनों-कार तथा कीड़े पर समान मात्रा में बल लगेगा तथा दोनों में समान वेग परिवर्तन भी होगा। अब क्योंकि कीड़े का द्रव्यमान कार के द्रव्यमान की तुलना में अत्यधिक कम हैं, इसलिए कीड़े में हुआ संवेग परिवर्तन स्पष्ट दिखाई देता है। जड़त्व कम होने के कारण कीड़ा मर जाता है।

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प्रश्न 18.
एक 10 kg द्रव्यमान की घंटी 80 cm की ऊँचाई से फ़र्श पर गिरी। इस अवस्था में घंटी द्वारा फ़र्श पर स्थानांतरित संवेग के मान की गणना करें। परिकलन में सरलता हेतु नीचे की ओर दिष्ट त्वरण का मान, 10 ms-2 लें।
हल :
यहाँ, घंटी का द्रव्यमान (m) = 10 kg’
आरंभिक वेग (u) = 0 (विराम अवस्था)
तय की गई दूरी (S) = 80 cm
= 0.80 m
घंटी का त्वरण (a) = 10 ms-2
मान लो पृथ्वी पर पहुँच कर घंटी का अंतिम वेग v है
∴ v2 – u2 = 2aS के प्रयोग से
v2 – (0)2 = 2 × 10 × 0.80
v2 = 16
∴ घंटी का अंतिम वेग, v = \(\sqrt{16}\) = 4 ms-1
घंटी द्वारा पृथ्वी को स्थानांतरित संवेग (p) = mv
= 10 × 4
= 40 kg – ms-1

(a) ऊपर दी गई सारणी दर्शाती है कि गति त्वरित है तथा त्वरण समय के साथ-साथ एक समान रूप से बढ़ता है।
(b) क्योंकि त्वरण एक समान रूप से बढ़ रहा है, इसलिए वस्तु पर लग रहा बल भी समय के साथ समान रूप से बढ़ रहा है।

अतिरिक्त अभ्यास (Additional Exercises)

प्रश्न A1.
एक वस्तु की गति की अवस्था में दूरी समय सारणी निम्नवत् है:

समय (सेकंड) दूरी (मीटर)
0 0
1 1
2 8
3 27
4 64
5 125
6 216
7 343

(a) त्वरण के बारे में आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं ? क्या यह नियत है ? बढ़ रहा है ? घट रहा है ? या शून्य है ?
(b) आप वस्तु पर लगने वाले बल के बारे में क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं ?
हल:
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 3

प्रश्न A2.
1200 kg द्रव्यमान की कार को एक समतल सड़क पर दो व्यक्ति समान वेग से धक्का देते हैं। उसी कार को तीन व्यक्तियों द्वारा धक्का देकर 0.2 ms--2का त्वरण उत्पन्न किया जाता है। कितने बल के साथ प्रत्येक व्यक्ति कार को धकेल पाते हैं। (मान लें कि सभी व्यक्ति समान पेशीय बल के साथ कार को धक्का देते हैं।)
हल :
यहाँ कार का द्रव्यमान (m) = 1200 kg
कार का त्वरण (a) = 0.2 ms-2
पहले दो व्यक्तियों को धक्का देने से त्वरण = 0
स्पष्ट है कि जब तीसरा व्यक्ति कार को धक्का मारता है तो एक असंतुलित बल क्रिया करता है।
∴ तीसरे व्यक्ति द्वारा लगाया गया बल, F = m × a
= 1200 × 0.2
= 240 N
अब क्योंकि तीनों व्यक्ति पेशीय बल लगा कर कार को धकेलते हैं, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति बल लगाता है = 240 N

प्रश्न A3.
500g द्रव्यमान के एक हथौड़े द्वारा 50 ms-1 वेग से एक कील पर प्रहार किया जाता है। कील द्वारा हथौड़े को बहुत कम समय 0.01 s में ही रोक दिया जाता है। कील के द्वारा हथौड़े पर लगाए गए बल का परिकलन करें।
हल :
हथौड़े का द्रव्यमान (m) = 500g
= \(\frac{500}{1000}\) kg
= \(\frac{1}{2}\) kg
प्रारंभिक वेग (u) = 50 ms-1
अंतिम वेग (v) = 0 ms-1
समय (t) = 0.01s
बल (F) = ?
हम जानते हैं, v = u + at
0 = 50 + a × 0.01
-50 = a × \(\frac{1}{100}\)
∴ a = -50 × 100
= -5000 ms-2
ऋणात्मक चिन्ह मंदन को दर्शाता है।
अब कील द्वारा हथौड़े पर लगाया गया बल (F) = m × a
= \(\frac{1}{2}\) × (-5000)
= -2500 N
∴ बल = 2500 N

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प्रश्न A4.
एक 1200 kg द्रव्यमान की मोटरकार 90 km/h की वेग से एक सरल रेखा के अनुदिश चल रही है। उसका वेग बाहरी असंतुलित बल लगने के कारण 4s में घटकर 18 km/h हो जाता है। त्वरण और संवेग में परिवर्तन का परिकलन करें। लगने वाले बल के परिमाण का भी परिकलन करें।
हल :
यहाँ, कार का द्रव्यमान (m) = 1200 kg
समय (1) = 4s
कार का प्रारंभिक वेग (u) = 90 km/h
= \(\frac{90 \times 1000}{60 \times 60}\) m/s
= 25 ms-1
कार का अंतिम वेग (v) = 18 km/h
= \(\frac{18 \times 1000 \mathrm{~m}}{60 \times 60 \mathrm{~s}}\)
= 5 ms-1
कार का त्वरण (a) = ?
कार के संवेग में परिवर्तन = ?
कार पर लगने वाले बल का परिमाण (F) = ?
हम जानते हैं, v = u + at
5 = 25 + a x 4
-20 = 4a
∴ a = \(\frac{-20}{4}\)
= -5 ms-2
कार के संवेग में परिवर्तन = अंतिम संवेग – प्रारंभिक संवेग
= mv – mu
= m (v – u)
= 1200 (5 – 25)
= 1200 × (-20)
= -24000 kg – ms-1
= 24000 kg – ms-1 की कमी उत्तर
परंतु F = m × a
= 1200 × 5
= 6000 N

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पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में किस का जड़त्व अधिक है :
(a) एक रबर की गेंद एवं उसी आकार का पत्थर,
(b) एक साइकिल एवं एक रेलगाड़ी,
(c) पाँच रुपये का सिक्का एवं एक रुपये का सिक्का।
उत्तर-
हम जानते हैं कि किसी वस्तु का द्रव्यमान उसके जड़त्व का माप है, इसलिए जिस वस्तु का द्रव्यमान अधिक होगा उस वस्तु का जड़त्व भी अधिक होगा।
(a) गेंद के आकार वाले पत्थर का जड़त्व अधिक क्योंकि इसका द्रव्यमान गेंद के द्रव्यमान की अपेक्षा अधिक है।

(b) एक रेलगाड़ी का द्रव्यमान साइकिल के द्रव्यमान की तुलना से अधिक है इसलिए रेलगाड़ी का जड़त्व अधिक

(c) पाँच रुपये के सिक्के का जड़त्व एक रुपये के सिक्के से अधिक है क्योंकि पाँच रुपये के सिक्के का द्रव्यमान 1 रुपये के सिक्के की अपेक्षा अधिक है।

प्रश्न 2.
नीचे दिए गए उदाहरण में गेंद का वेग कितनी बार बदलता है, जानने का प्रयास करें :
“फुटबॉल का एक खिलाड़ी गेंद पर किक लगाकर गेंद को अपनी टीम के दूसरे खिलाड़ी के पास पहुँचाता है। दूसरा खिलाड़ी उस गेंद को किक लगाकर गोल की ओर पहुँचाने का प्रयास करता है। विपक्षी टीम का गोलकीपर गेंद को पकड़ता है और अपनी टीम के खिलाड़ी की ओर किक लगाता है।”
इसके साथ ही उस कारक की भी पहचान करें जो प्रत्येक अवस्था में बल प्रदान करता है।
उत्तर-
धक्का मारना, ठोकर लगानी, खींचना ये सभी क्रियाएँ वस्तु के वेग की मात्रा बदलने या गति की दिशा परिवर्तन के लिए बल के रूप में कार्य करती हैं। इसलिए ऊपर दी गई उदाहरण में गेंद का वेग तीन बार बदला है।

  1. पहली बार प्रथम टीम के फुटबाल खिलाड़ी ने फुटबाल को किक (ठोकर) लगाकर गेंद के वेग में परिवर्तन किया।
  2. द्वितीय बार उसी टीम के अन्य खिलाड़ी ने फुटबाल को किक (ठोकर) लगाकर गेंद में वेग परिवर्तन किया है।
  3. तृतीय बार विरोधी टीम के गोलची ने फुटबाल को किक (ठोकर) लगाकर गेंद के वेग में परिवर्तन किया है।
    बल लगाने वाले कारक को मोटे अक्षरों में दिया गया है।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 3.
किसी पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर कुछ पत्तियाँ झड़ जाती हैं। क्यों ?
उत्तर-
टहनियों को हिलाने से पहले टहनियाँ तथा पत्ते दोनों विराम अवस्था में थे। हिलाने के फलस्वरूप टहिनयाँ गतिशील हो गईं जबकि पत्तियाँ विराम जड़त्व के कारण टहिनयों से अलग होकर नीचे गिर जाती हैं।

प्रश्न 4.
जब कोई गतिशील बस अचानक रुकती है तो आप आगे की ओर झुक जाते हैं और जब विरामावस्था से गतिशील होती है तो पीछे की ओर हो जाते हैं, क्यों ?
उत्तर-
जब गतिशील बस यकायक रुक जाती है तो हमारे शरीर का निचला भाग बस के संपर्क में होने से बस के साथ ही विराम अवस्था में आ जाता है, जबकि हमारे शरीर का ऊपर वाला भाग गतिशील रहने की प्रवृत्ति रखता है। इसलिए हम आगे की दिशा में गिर जाते हैं। जब बस अचानक त्वरित होती है तो हमारे शरीर का निचला भाग बस के संपर्क में होने से बस के साथ गतिशील हो जाता है, जबकि शरीर का ऊपरी भाग जड़त्व के कारण विराम अवस्था में रहने की प्रवृत्ति रखता है। इसलिए हम पीछे की ओर गिरते हैं।

प्रश्न 5.
यदि क्रिया सदैव प्रतिक्रिया के बराबर है तो स्पष्ट कीजिए कि घोड़ा गाड़ी को कैसे खींच पाता
है ?
उत्तर-
न्यूटन के गति के तीसरे नियम अनुसार, “क्रिया तथा प्रतिक्रिया सदैव समान तथा विपरीत दिशा में होते हैं।” घोड़ा-गाड़ी का बल (क्रिया) लगाकर आगे की ओर खींचता है। गाड़ी भी घोड़े को बल (प्रतिक्रिया) लगाकर (पीछे की) विपरीत दिशा में खींचती है। यह दोनों बल एक-दूसरे को संतुलित कर देते हैं। जब घोड़ा, गाड़ी को खींचता है तो वह अपने पैरों से पृथ्वी को पीछे की ओर धकेलता है। पृथ्वी की प्रतिक्रिया ऊपर की दिशा में कार्य करती है। इस प्रतिक्रिया बल को दो भागों में बाँटा जा सकता है। ऊपर की ओर लंबवत् दिशा में लगने वाला बल प्रतिक्रियात्मक बल घोड़े के भार को संतुलित करता है जबकि प्रतिक्रियात्मक बल का क्षितिज घटक गाड़ी को आगे की दिशा में गतिमान करता है। पृथ्वी तथा पहिए के मध्य घर्षण बल पीछे की दिशा में क्रिया करता है परंतु आगे की दिशा में लगने वाला बल घर्षण बल से अधिक होता है जिससे यह गाड़ी को गतिमान करने में सफल हो जाता है।

प्रश्न 6.
एक अग्निशमन कर्मचारी को तीव्र गति से बहुतायत मात्रा में पानी फेंकने वाली रबड़ की नली को पकड़ने में कठिनाई क्यों होती है ? स्पष्ट करें।
उत्तर-
रबड़ की नली में से पानी अत्यधिक बल (क्रिया) से बाहर निकलता है तथा उसी के समान बल (प्रतिक्रिया) को अग्निशमन कर्मचारी का हाथ अनुभव करता है। इसलिए उसे रबड़ की नली पकड़ने में असुविधा अनुभव होती है।

प्रश्न 7.
एक 50g द्रव्यमान की गोली 4kg द्रव्यमान, की रायफ़ल से 35 ms-1 के प्रारंभिक वेग से छोड़ी जाती है। रायफल के प्रारंभिक प्रतिक्षेपित वेग की गणना कीजिए।
उत्तर-
गोली का द्रव्यमान (m1) = 50 g = 0.05 kg
रायफल का द्रव्यमान (m2) = 4 kg
गोली का प्रारंभिक वेग (u1) = 0
रायफल का प्रारंभिक वेग (u2) = 0
गोली का अंतिम वेग (v1) = 35 ms-1
रायफल का अंतिम वेग (v2) = ?
संवेग संरक्षण के नियमानुसार, गोली तथा रायफ़ल का कुल प्रारंभिक संवेग = गोली तथा रायफल का कुल अंतिम संवेग
m1u1 + m2u2 = m1v1 + m2v2
0.5 × 0 + 4 × 0 = 0.05 × 35 + 4 × v2
0 + 0 = 1.75 + 4 × v2
या -4 × v2 = 1.75
v2 = \(\frac{-1.75}{4}\)
= -0.437 ms-1
= – 0.44 ms-1
ऋणात्मक चिन्ह यह दर्शाता है कि रायफल के वेग की दिशा गोली के वेग की दिशा के विपरीत है।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 8.
100g और 200g द्रव्यमान की दो वस्तुएँ एक ही रेखा के अनुदिश एक ही दिशा में क्रमशः 2ms-1 और 1ms-1 के वेग से गति कर रही हैं। दोनों वस्तुएँ टकरा जाती हैं। टक्कर के पश्चात् प्रथम वस्तु का वेग 1.67 -1 हो जाता है, तो दूसरी वस्तु का वेग ज्ञात करें।
हल :
यहाँ, पहली वस्तु का द्रव्यमान (m1) = 100g
= \(\frac{1}{10}\) kg
पहली वस्तु का प्रारंभिक वेग (u1) = 2ms-1
दूसरी वस्तु का द्रव्यमान (m2) = 200g
= \(\frac{1}{5}\) kg
दूसरी वस्तु का प्रारंभिक वेग (u2) = 1ms-1
टकराने से पहले पहली वस्तु का प्रारंभिक संवेग = m1 × u1
= \(\frac{1}{10}\) × 2
= \(\frac{1}{5}\) kg – ms-1
दूसरी वस्तु का प्रारंभिक संवेग = m2 × u2
= \(\frac{1}{5}\) × 1
= \(\frac{1}{5}\) kg -ms-1
दोनों वस्तुओं का कुल प्रारंभिक संवेग = \(\frac{1}{5}+\frac{1}{5}\)
= \(\frac{2}{5}\)kg – ms-1
टकराने के पश्चात् पहली वस्तु का अंतिम वेग (v1) = 1.67 ms-1
दूसरी वस्तु का अंतिम वेग (v2) = ?
पहली वस्तु का अंतिम संवेग = m1 × v1
= \(\frac{1}{10}\) × 1.67
= 0.167 kg – ms-1
दूसरी वस्तु का अंतिम वेग (v2) = ?
दोनों वस्तुओं का कुल अंतिम संवेग = m1 × v1 + m2 × v2
= 0.167 + \(\frac{1}{5}\) × v2
संवेग संरक्षण नियमानुसार
m1u1 + m2u2 = m1v1 + m2v2
\(\frac{2}{5}\) = 0.167+ \(\frac{1}{5}\) × v2
0.2 × v2 = 0.4 – 0.167
0.2 × v2 = 0.233
या v2 = \(\frac{0.233}{0.2}\)
∴ v2 = 0.116 ms-1

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 8 गति Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 8 गति

PSEB 9th Class Science Guide गति Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
एक एथलीट वृत्तीय पथ, जिसका व्यास 200 m है, का एक चक्कर 40s में लगाता है। 2 min 20s के बाद वह कितनी दूरी तय करेगा और उसका विस्थापन क्या होगा ?
हल :
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 1
दिया है, वृत्तीय पथ का व्यास (d) = 200 m
∴ वृत्तीय पथ का अर्धव्यास = \(\frac{200}{2}\) = 100m
वृत्तीय पथ की लंबाई (ce) = 2πr
= 2 × \(\frac{22}{7}\) × 100
= \(\frac{4400}{7}\) m
1 चक्कर पूरा करने में लगा समय (t) = 40 s
कुल समय = 2 मिनट 20 सेकंड
= ( 2 × 60 + 20) सेकंड
= (120 + 20) सेकंड
= 140 सेकंड
40 s में तय की गई दूरी = \(\frac{4400 \mathrm{~m}}{7}\) (= 1 चक्कर की परिधि)
1 s में तय की गई दूरी = \(\frac{4400}{7 \times 40}\)
40 s में तय हुई दूरी = \(\frac{4400}{7 \times 40}\) × 140
= 2200 m
= \(\frac{1}{2}\) चक्कर की लंबाई
इसलिए गति के अंत में एथलीट \(\frac{1}{2}\) चक्कर लगाकर वृत्त के व्यास के दूसरे सामने वाले सिरे B पर पहुँचेगा।
∴ विस्थापन AB (मूल बिंदु तथा अंतिम बिंदु के मध्य की दूरी)
= 2200 m

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

प्रश्न 2.
300 m सरल रेखीय पथ पर जोसेफ़ जॉगिंग करता हुआ 2 min 30s में एक सिरे A से दूसरे सिरे B पर पहुंचता है और धूपकर 1 min में 100 m पीछे बिंदु C पर पहुँचता है। जोसेफ़ की औसत चाल और औसत वेग क्या होंगे ?
(a) सिरे A से सिरे B तक तथा
(b) सिरे A से सिरे C तक।
हल :
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 2
(a) सिरे A से सिरे B के बीच की लंबाई (AB) = 300 m
लगा समय (t) = 2 min 30 s
= (2 × 60 + 30) S
= (120 + 30)s
= 150 s
∴ औसत चाल = औसत वेग
=PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 3
= \(\frac{300 \mathrm{~m}}{150 \mathrm{~s}}\)
= 2 ms-1

(b) A सिरे से सिरे B तक लंबाई + वापिस B से C तक की लंबाई
= AB + BC
= 300 m + 100 m
= 400 m
कुल समय = 2 min 30 s + 1 min
= 3 min 30 s
= (180 + 30)s
=210 s
औसत चाल = \(\frac{400 \mathrm{~m}}{210 \mathrm{~s}}\)
= \(\frac{40}{21}\) ms
= 1.9 ms-1
औसत वेग = \(\frac{(300-100) \mathrm{m}}{210 \mathrm{~s}}\)
= \(\frac{200}{210}\)ms-1
= \(\frac{20}{21}\) ms-1
= 0. 95 ms-1

प्रश्न 3.
अब्दुल गाड़ी से स्कूल जाने के क्रम में औसत चाल को 20 kmh-1 पाता है। उसी रास्ते से लौटने के समय वहाँ भीड़ कम है और औसत चाल 30 kmh-1 है। अब्दुल की इस पूरी यात्रा में उसकी औसत चाल क्या है ?
हल :
मान लो घर से स्कूल की दरी = L
∴ घर से स्कूल तथा वापिस स्कूल से घर तक को दूरी = L + L = 2 L
स्कूल जाते समय औसत चाल (υ2) = 200 kmh-1
स्कल जाते समय औसत चाल (t1) = PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 4
स्कूल से वापिस घर आते समय औसत चाल (v2) = 30 kmh-1
∴ स्कूल से वापिस घर आने में लगा समय (t2) = \(\frac{\mathrm{L}}{v_{2}}\)
पूरे सफ़र के लिए लगा कुल समय = t1 + t2
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 5
= 24 Kmh-1

प्रश्न 4.
कोई मोटरबोट झील में विरामावस्था से सरल रेखीय पथ पर 3.0 ms-2 के नियत त्वरण से 8.0s तक चलती है। इस समय अंतराल में मोटरबोट कितनी दूरी तय करती है ?
हल :
यहाँ, प्रारंभिक वेग (u) = 0 (विरामावस्था)
त्वरण (a) = 3.0 ms-2
समय (t) = 8.0 s
मोटरबोट द्वारा तय की गई दूरी (S) = ?
हम जानते हैं, S = ut + \(\frac{1}{2}\) at2
= 0 × 8 + \(\frac{1}{2}\) × 3 × (8)2
= 0 + \(\frac{1}{2}\) × 3 × 8 × 8
S = 96 m
अर्थात् मोटरबोट जितनी दूरी तय करती है = S = 96 m

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

प्रश्न 5.
किसी गाड़ी का चालक 52 km h-1 की गति से चल रही कार में ब्रेक लगाता है तथा कार विपरीत दिशा में एकसमान दर से त्वरित होती है। कार 5 s में रुक जाती है। दूसरा चालक 30 kmh-1 की गति से चलती हुई दूसरी कार पर धीमे-धीमे ब्रेक लगाता है तथा 10s में रुक जाता है। एक ही ग्राफ पेपर पर दोनों कारों के लिये चाल-समय ग्राफ़ आलेखित करें। ब्रेक लगाने के पश्चात् दोनों में से कौन-सी कार अधिक दरी तक जाएगी ?
हल-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 6
चित्र में दो कारों के चाल-समय ग्राफ़ AB तथा CD प्रदर्शित किए गए हैं जिनकी क्रमवार चाल 52 km h-1 तथा 30 kmh-1 है।
विरामावस्था में आने से पूर्व पहली कार द्वारा तय की गई दूरी = ΔAOB का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\) × AO × OB
= \(\frac{1}{2}\) × (52 × \(\frac{5}{18}\)) × 5
= 36.1 m
विरामावस्था में आने से पूर्व दूसरी कार द्वारा तय की गई दूरी
= ΔCOD का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\) × CO × OD
= \(\frac{1}{2}\) × (30 × \(\frac{5}{18}\)) × 10
= 47.2 m
इस तरह ब्रेक लगाने के पश्चात् दूसरी कार, पहली की तुलना में अधिक दूरी तय करेगी।

प्रश्न 6.
चित्र में तीन वस्तुओं A, B और C के दूरी-समय ग्राफ़ प्रदर्शित हैं। ग्राफ़ का अध्ययन करके निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(a) तीनों में से कौन सबसे तीव्र गति से गतिमान है ?
(b) क्या ये तीनों किसी भी समय सड़क के एक ही बिंदु पर होंगे ?
(c) जिस समय B, A से गुज़रती है उस समय तक C कितनी दूरी तय कर लेती है ?
(d) जिस समय B, C से गुजरती है तो उस समय तक यह कितनी दूरी तय कर लेती है ?
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 7
हल-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 8
(a) A की चाल = P N की ढाल (Slope)
= \(\frac{10-6}{1.1-0}\)
= \(\frac{40}{11}\) = 3.63km h-1
B की चाल = OM की ढाल (slope)
= \(\frac{6-0}{0.7-0}\)
= \(\frac{60}{7}\) = 8.57 km h-1
C की चाल = QM की ढाल (slope)
= \(\frac{6-2}{0.7-0}\)
= \(\frac{40}{7}\) = 5.71 kmh-1
क्योंकि वस्तु B की ढाल (Slope) सबसे अधिक है इसलिए यह सबसे तीव्र गति से चल रही है।

(b) क्योंकि तीनों के ग्राफ़ एक बिंदु पर नहीं काटते हैं इसलिए ये तीनों किसी समय भी सड़क पर एक बिंदु पर नहीं होंगे।

(c) जब B, N बिंदु पर A को मिलता है। (1.1 घंटा पर) तब उस समय C मूल बिंदु O से लगभग 9 km की दूरी पर होगी।

(d) B बिंदु M पर C को मिलती है, उस समय B 9 km की दूरी कर लेती है।

प्रश्न 7.
20 m की ऊँचाई से एक गेंद को गिराया जाता है। यदि उसका वेग 10 ms-2 के एकसमान त्वरण की दर से बढ़ता है तो यह किस वेग से धरातल से टकराएगी ? कितने समय पश्चात् वह धरातल से टकराएगी ?
हल :
यहाँ u = 0
S = 20 m
a = g = 10 ms-2
v = ?
v2 – u2 = 2 as का प्रयोग करने पर
v2 – (0)2 = 2 × 10 × 20
∴ v = \(\sqrt{400}\)
= \(\sqrt{20 \times 20}\)
= 20 ms-1
अब v = 4 + at
20 = 0 + 10 + t
∴ t = \(\frac{20}{10}\)
t = 2s

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

प्रश्न 8.
किसी कार का चाल-समय ग्राफ़ चित्र में दर्शाया गया है।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 9
(a) पहले 4 s में कार कितनी दूरी तय करती है ? इस अवधि में कार द्वारा तय की गई दूरी को ग्राफ़ में छायांकित क्षेत्र द्वारा दर्शाइए।
(b) ग्राफ़ का कौन-सा भाग कार की एकसमान गति को दर्शाता है ?
हल :
(a) X – अक्ष के 5 छोटे चिह्न = 2s
Y – अक्ष के 3 छोटे चिह्न – 2 ms-1
∴ 15 छोटे वर्गों का क्षेत्रफल = 2 s × 2ms-1
= 4 m
1 छोटे वर्ग का क्षेत्रफल = \(\frac{4}{15}\) m
0 से 5s के अंतर्गत चाल-समय ग्राफ़ का क्षेत्रफल
= 57 छोटे वर्ग + \(\frac{1}{2}\) × 6 छोटे वर्ग
= (57 + 3) वर्ग
= 60 छोटे वर्ग
कार द्वारा 4 सेकंड में तय हुई दूरी = 60 × \(\frac{4}{15}\) m
= 16 m

(b) 6 s पश्चात् कार की एकसमान गति है।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित में से कौन-सी अवस्थाएँ संभव हैं तथा प्रत्येक के लिए एक उदाहरण दें:
(a) कोई वस्तु जिसका त्वरण नियत हो परंतु वेग शून्य हो।
(b) कोई वस्तु किसी निश्चित दिशा में गति कर रही हो तथा त्वरण उसके लंबवत् हो।
उत्तर-
(4) हाँ, यह स्थिति संभव है। जब किसी वस्तु को पृथ्वी तल से ऊपर की ओर फेंका जाता है तो अधिकतम ऊँचाई पर वस्तु का वेग शून्य होता है परंतु त्वरण स्थिर रहता है।

(b) हाँ, प्रक्षेप्य की अधिकतम ऊँचाई पर वेग क्षैतिज दिशा में होता है तथा त्वरण लंबवत् दिशा में जैसा कि चित्र में दिखाया गया है।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 10

प्रश्न 10.
एक कृत्रिम उपग्रह 42250 km त्रिज्या की वृत्ताकार कक्षा में घूम रहा है। यदि वह 24 घंटे में पृथ्वी की परिक्रमा करता है तो उसकी चाल का परिकलन कीजिए।
हल :
कृत्रिम उपग्रह के वृत्ताकार पथ की त्रिज्या (r) = 42250 कि० मी०
पृथ्वी के केंद्र पर बना कोण (θ) = 2π रेडियन
पृथ्वी का एक चक्कर लगाने में उपग्रह द्वारा लिया गया समय (t) = 24 घंटे = 24 × 3600 सेकंड
= 86400 सेकंड
अत: कोणीय वेग (ω) = \(\frac{\theta}{\mathrm{t}}\)
= \(\frac{2 \pi}{86400}\) rad/s
उपग्रह का रैखिक वेग (v) = r × ω).
= 42250 × \(\frac{2 \pi}{86400}\) km/s
= \(\frac{42250 \times 2 \times 3.14}{86400}\) km/s
= 3.07 km/s

Science Guide for Class 9 PSEB गति InText Questions and Answers

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1.
एक वस्तु के द्वारा कुछ दूरी तय की गई। क्या इसका विस्थापन शून्य हो सकता है ? अगर हाँ, तो अपने उत्तर को उदाहरण के द्वारा समझाएँ।
उत्तर-
गति के दौरान विस्थापन की मात्रा शून्य (0) हो सकती है. यदि वह वस्तु गति करते हुए अपनी आरंभिक स्थिति में आ जाये। इस अवस्था में अंतिम स्थिति, आरंभिक स्थिति से मिल जाती है।

उदाहरणार्थ – मान लो एक वस्तु मूल बिंदु O से गति आरंभ करते हुये A बिंदु तक 60 km की दूरी तय करती है। यदि वह वस्तु गति करते हुए वापस A से O बिंदु पर आ जाए तो उस अवस्था में उसका विस्थापन शून्य (0) होगा।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 11

परंतु वस्तु द्वारा तय की गई कुल दूरी = OA + AO
= 60 km + 60 km
= 120 km होगी।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

प्रश्न 2.
एक किसान 10 m की भुजा वाले एक वर्गाकार खेत की सीमा पर 40s में चक्कर लगाता है। 2 मिनट (minute) 20 सेकंड (s) बाद किसान के विस्थापन का परिमाण क्या होगा?
हल :
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 12
खेत की सीमा (1 चक्कर) = AB + BC + CD + DA
– 10 m + 10m + 10m + 10m
= 40m
खेत की सीमा (40m) का 1 चक्कर लगाने में लगा समय = 40s
कुल समय = 2 मिनट 20 सेकंड = (2 × 60 + 20) सेकंड
= (120 + 20) सेकंड
= 140 सेकंड
किसान 3 चक्कर लगाने के लिए जो समय लगा = 3 × 40 सेकंड
= 120 सेकंड
3 पूरे चक्कर लगाने के बाद शेष समय = (140 – 120) सेकंड
= 20 सेकंड
∴ किसान 40 s में जो दूरी तय करता है = 40 m
∴ 1 s में जो दूरी तय करेगा = 1m
20s में जो दूरी तय करेगा = 20 m
अर्थात् A से गति आरंभ करता हुआ सीमा के साथ-साथ 3 चक्कर लगाकर 2 मिनट 20 सेकंड के पश्चात् C बिंदु पर पहुँच जाएगा।
विस्थापन की मात्रा = AC (मूल बिंदु और अंतिम बिंदु के मध्य न्यूनतम दूरी)
= \(\sqrt{A B^{2}+B C^{2}}\)
= \(\sqrt{(10)^{2}+(10)^{2}}\)
= \(\sqrt{100+100}\)
= \(\sqrt{200 \mathrm{~m}}\)
= \(\sqrt{100 \times 2 \mathrm{~m}}\)
= 10\(\sqrt{2 m}\)
= 10 × 1.414 m
= 14.14 m

प्रश्न 3.
विस्थापन के लिए निम्न में कौन सही है ?
(a) यह शून्य नहीं हो सकता है।
(b) इसका परिमाण वस्तु के द्वारा तय की गई दूरी से अधिक है।
उत्तर-
(a) तथा
(b) दोनों कथनों में से कोई भी सही नहीं है।

प्रश्न 4.
चाल एवं वेग में अंतर बताइए।
उत्तर-
चाल का पूर्ण रूप से व्यक्त करने के लिए केवल परिमाण (मात्रा) की आवश्यकता होती है, जबकि वेग को पूर्ण रूप से व्यक्त करने के लिए परिमाण (मात्रा) तथा दिशा दोनों का होना आवश्यक है। इसलिए चाल एक अदिश राशि है परंतु वेग एक सदिश राशि है। चाल सदैव धनात्मक होती है परंतु वेग धनात्मक तथा ऋणात्मक दोनों प्रकार की हो सकती है। चाल किसी वस्तु की इकाई समय में तय की गई दूरी होती है दूसरी ओर यदि इसके साथ दिशा का ज्ञान भी हो तो यह वेग कहलाता है। अर्थात् एक निश्चित दिशा में चाल को वेग कहते हैं।

प्रश्न 5.
किस अवस्था में किसी वस्तु के औसत वेग का परिमाण उसकी औसत चाल के बराबर होगा ?
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 13
कुल लगा समय जब वस्तु एक सीधी रेखा में परिवर्तनशील गति के साथ एक दिशा में चलती है तो कुल तय की गई दूरी तथा विस्थापन दोनों के परिमाण बराबर होते हैं। इसलिए औसत चाल तथा औसत वेग बराबर होते हैं।

प्रश्न 6.
एक गाड़ी का ओडोमीटर क्या मापता है ?
उत्तर-
गाड़ी (स्वै चालित वाहन) का ओडोमीटर उस द्वारा तय की गई दूरी को मापता है।

प्रश्न 7.
जब वस्तु एकसमान गति में होती है तब इसका मार्ग कैसा दिखाई पड़ता है ?
उत्तर-
जब वस्तु एकसमान गति में होती है तब इसका मार्ग एक सीधी सरल रेखा होता है।

प्रश्न 8.
एक प्रयोग के दौरान, अंतरिक्षयान से एक सिग्नल को पृथ्वी पर पहुँचने में 5 मिनट का समय लगता है। पृथ्वी पर स्थित स्टेशन से उस अंतरिक्षयान की दूरी क्या है ?
(सिग्नल की चाल = प्रकाश की चाल = 3 × 108 ms-1)
हल :
सिग्नल को अंतरिक्षयान से पृथ्वी तक पहुँचने में लगा समय (t) = 5 मिनट
= 5 × 60 सेकंड
= 300 सेकंड
सिग्नल की चाल (v) = 3 × 108 ms-1
अंतरिक्षयान की पृथ्वी से दूरी (S) = ?
अंतरिक्षयान की पृथ्वी से दूरी (S) = सिग्नल की चाल (v) × लगा समय (t)
= 3 × 108 × 300 = 3 × 108 × 3 × 102
= 9 × 108 × 102 = 9 × 1010 m

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

प्रश्न 9.
आप किसी वस्तु के बारे में कब कहेंगे कि,
(i) वह एक समान त्वरण से गति में है ?
(ii) वह असमान त्वरण से गति में है ?
उत्तर-
(i) जब कोई वस्तु सरल रेखा में चलती है तब इसका वेग समान समय अंतरालों में समान मात्रा से घटता और बढ़ता है, तब उस समय वह वस्तु एक समान त्वरण से गति करती हुई कहलाती है।

(i) जब किसी वस्तु का वेग असमान दर से परिवर्तित होता है, अर्थात् उस वस्तु का वेग समान समय अंतरालों में असमान मात्रा से घटता और बढ़ता है, तो उस अवस्था में वस्तु असमान त्वरण से गति करती हुई कहलाती है।

प्रश्न 10.
एक बस की गति 5 s में 80 kmh-1 से घटकर 60 kmh-1 हो जाती है। बस का त्वरण ज्ञात कीजिए।
हल :
बस का प्रारंभिक वेग (u) = 80 km h-1
= 80 × \(\frac{5}{18}\) ms-1
बस का अंतिम वेग (v) = 60 kmh-1
60 × \(\frac{5}{18}\) ms-1
लगा हुआ समय (t) = 5s [∵ 1kmh-1 = \(\frac{5}{18}\) ms-1]
बस का त्वरण (a) = ?
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 14

प्रश्न 11.
एक रेलगाड़ी स्टेशन से चलना प्रारंभ करती है और एकसमान त्वरण के साथ चलते हुए 10 मिनट में 40 kmh-1 की चाल प्राप्त करती है। इसका त्वरण ज्ञात कीजिए।
हल :
रेलगाड़ी की आरंभिक चाल (u) = 0
रेलगाड़ी की अंतिम चाल (υ) = 40 kmh-1
= 40 × \(\frac{5}{18}\) ms-1
= \(\frac{100}{9}\)ms-1
समय (t) = 10 मिनट
= 10 × 60 सेकंड
= 600 सेकंड
त्वरण (a) = 7
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 15
= 0.018 ms-2

प्रश्न 12.
किसी वस्तु के एक समान व असमान गति के लिए समय-दूरी (x-t) ग्राफ़ की प्रकृति क्या होती है ?
उत्तर-
जब कोई वस्तु बराबर समय में बराबर दूरी तय करती है तब वह एक समान गति से चलती है अर्थात् इस अवस्था में वस्तु द्वारा तय की गई दूरी लगे हुए समय के सीधा अनुपात में होती है। इसलिये एक समान गति की वस्तु के लिए दूरी-समय (x-t) ग्राफ़ एक सरल रेखीय ग्राफ़ होता है।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 16

किसी वस्तु की असमान गति के लिए दूरी-समय (x-t) ग्राफ किसी आकृति का वक्र-रेखीय ग्राफ़ हो सकता है क्योंकि यह वस्तु समान समय अंतरालों में असमान दूरी तय करती है।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 17

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

प्रश्न 13.
किसी वस्तु की गति के विषय में आप क्या कह सकते हैं, जिसका दूरी-समय ग्राफ़ (x-t) समय अंक्ष के समानांतर एक सरल रेखा है ?
उत्तर-
वह वस्तु जिसका दूरी-समय (x-t) ग्राफ़ समय अक्ष के समानांतर एक सरल रेखा है, विराम अवस्था में होगी।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 18

प्रश्न 14.
किसी वस्तु की गति के विषय में आप क्या कह सकते हैं, जिसका चाल-समय ग्राफ़ समय अक्ष के समानांतर एक सरल रेखा है।
उत्तर-
वह वस्तु जिसका चाल-समय (v-t) ग्राफ़ समय अक्ष के समानांतर सरल रेखा हो, एकसमान चाल से गतिमान होगी।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 19

प्रश्न 15.
वेग-समय ग्राफ़ के नीचे के क्षेत्र से मापी गई राशि क्या होती है ?
उत्तर-
वेग-समय ग्राफ़ के नीचे घिरा हुए क्षेत्र द्वारा एक निश्चित समय में तय की गई दूरी मापता है।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 20

प्रश्न 16.
कोई बस विरामावस्था से चलना प्रारंभ करती है तथा 2 मिनट तक 0.1 ms-2 के एकसमान चरण से चलती है। परिकलन कीजिए,
(a) प्राप्त की गई चाल तथा
(b) तय की गई दूरी।
हल :
(i) बस का प्रारंभिक वेग (u) = 0 (विरामावस्था)
समय (t) = 2 मिनट
= 2 × 60 सेकंड
= 120 सेकंड
बस का अंतिम वेग (v) = ?
बस द्वारा तय की गई दूरी (S) = ?
हम जानते हैं, v = u + at
v = 0+ 0.1 × 120
v = 1 × 12
v = 12 ms-1

(ii) अब v2 – u2 = 2 aS
(122) – (02) = 2 × 0.1 × 5
12 × 12 = 2 × 5
∴ S = \(\frac{12 \times 12}{2}\)
= \(\frac{144 \times 10}{2}\)
S = 720 m

प्रश्न 17.
कोई रेलगाड़ी 90 kmh-1 के चाल से चल रही है। ब्रेक लगाए जाने पर वह – 0.5 ms-2 का एकसमान त्वरण उत्पन्न करती है। रेलगाड़ी विरामावस्था में आने के पहले कितनी दूरी तय करेगी ?
हल :
रेलगाड़ी का प्रारंभिक वेग (u) = 90 kmh-1
= 90 × \(\frac{5}{18}\) ms-1
= 5 × 5ms-1
= 25 ms-1
त्वरण (a) = – 0.5 ms-2
अंतिम वेग (v) = 0 (विरामावस्था)
रेलगाड़ी द्वारा तय की गई दूरी (S) = ?
हम जानते हैं, v2 – u2 = 2 aS
(02) – (252) = 2 × (-0.5) × 5
– 25 × 25 = – 1 × 5
या S = 25 × 25
∴ S = 625 m

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

प्रश्न 18.
एक ट्रॉली एक आनत तल पर 2 ms-2 के त्वरण से नीचे जा रही है। गति प्रारंभ करने के 3 s के पश्चात् उसका वेग क्या होगा ? हल :
यहाँ ट्राली का आरंभिक वेग (u) = 0
त्वरण (a) = 2 ms-2
समय (T) = 3s
ट्राली का अंतिम वेग (v) = ?
V = u + at समीकरण का प्रयोग करने पर
= 0 + 2 × 3
V = 6 ms-1

प्रश्न 19.
एक रेसिंग कार का एकसमान त्वरण 4 ms-2 है। गति प्रारंभ करने के 10 s के पश्चात् वह कितनी दूरी तय करेगी ?
हल :
रेसिंग कार का त्वरण (a) = 4 ms-2
कार का आरंभिक वेग (u) = 0
समय (t) = 10s
कार द्वारा तय की गई दूरी (S) = ?
रेसिंग कार का अंतिम वेग (v) = ?
हम जानते हैं, v = u + at
v = 0 + 4 × 10
∴ v = 40 ms-1
अब v2 – u2 = 2aS
(402) – (02) = 2 × 4 × S
40 × 40 = 8 × S
S = \(\frac{1600}{8}\)
∴ S = 200 m

प्रश्न 20.
किसी पत्थर को ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर 5 ms-1 के वेग से फेंका जाता है। यदि गति के दौरान पत्थर का नीचे की ओर दिष्ट त्वरण 10 ms-2 है, तो पत्थर के द्वारा कितनी ऊँचाई प्राप्त की गई तथा उसे वहाँ पहुँचने में कितना समय लगा ?
हल :
यहाँ, आरंभिक वेग (u) = 5 ms-1
गुरुत्वात्वरण (a = g) = – 10 ms-2
अंतिम वेग (v) = 0 (अधिकतम ऊँचाई पर पहुंचकर पत्थर विरामावस्था में आ जाता है)
समय (t) = ?
ऊँचाई (h = S) = ?
हम जानते हैं, v = u + gt
0 = 5 + (-10) × t
0 = 5 – 10t
या 10t = 5
∴ t = \(\frac{5}{10}\) = . 5 s
अब v2 – u2 = 2 gS
(0)2 – (5)2 = 2 × 10 × h
-5 × 5 = 20 × h
∴ h = \(\frac{-5 \times 5}{-20}\)
= \(\frac{25}{-20}\)
= \(\frac{5}{4}\)
∴ h = 1.25 m

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 7 जीवों में विविधता

PSEB 9th Class Science Guide जीवों में विविधता Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
जीवों के वर्गीकरण से क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
जीवों के वर्गीकरण के लाभ-

  1. यह विभिन्न प्रकार के जीवों के अध्ययन को सरल बनाता है।
  2. यह सभी जीवों की एकदम स्पष्ट तस्वीर प्रदान करता है।
  3. यह जीवों के विभिन्न समूहों के बीच संबंध के बारे में बतलाता है।
  4. यह जीव विज्ञान की अन्य शाखाओं को आधार प्रदान करता है।
  5. भूगोल का अध्ययन पूर्णतया पौधों तथा जंतुओं के वर्गीकरण पर आधारित है।
  6. जीव विज्ञान की अन्य शाखाएं जैसे पारिस्थितिकी, कोशिका विज्ञान, कायिकी आदि का विकास वर्गीकरण के कारण ही संभव हुआ है।

प्रश्न 2.
वर्गीकरण में पदानुक्रम निर्धारण के लिए दो लक्षणों में से आप किस लक्षण का चयन करेंगे ?
उत्तर-
वर्गीकरण में पदानुक्रम निर्धारण के लिए कोशिकीय संरचना, पोषण के स्रोत और तरीके तथा शारीरिक संगठन को आधार बनाया गया है। प्रायः जीवों को उनकी शारीरिक संरचना और कार्य के आधार पर जाना जाता है। शारीरिक बनावट के लक्षण अन्य लक्षणों की तुलना में अधिक परिवर्तन लाते हैं। जब शारीरिक बनावट अस्तित्व में आती है तो यह शरीर में बाद में होने वाले परिवर्तनों को प्रभावित करती है। शरीर का संरचना के दौरान पहले दिखाई देने वाले लक्षणों को मूल लक्षण मानते हैं। वर्गीकरण के पदानुक्रम में जीवों को विभिन्न लक्षणों के आधार पर छोटे से छोटे समूहों में बांट कर आधारभूत इकाई तक पहुँचने में यह पद्धति अधिक सहायक है इसीलिए इसी का चयन ही श्रेष्ठ है। वर्गीकरण का अनक्रम है :
जगत → संघ → वर्ग → गण → कुल → वंश → जाति।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता

प्रश्न 3.
जीवों के पाँच जगत् के वर्गीकरण के आधार की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
व्हिटेकर ने सन् 1959 में जगत् के वर्गीकरण में पांच आधार स्थापित किए थे। वे हैं-मोनेरा, प्रोटिस्टा, फंजाई, प्लांटी और एनीमेलिया। इनका वर्गीकरण तीन
विशिष्टताओं पर आधारित है-
(I) कोशिकीय संरचना
(II) पोषण के स्रोत और तरीके
(III) शारीरिक संगठन
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता 1

बाद में कार्ल बोस ने सन् 1977 में इसमें कुछ परिवर्तन किया था तथा मोनेरा किंगडम के आर्थीलैक्टेरिया और यूबैक्टेरिया भागों में विभाजित कर दिया था। वर्गीकरण की आधारभूत इकाई जाति (स्पीशीज़) को माना गया है क्योंकि एक ही जाति के जीवों के बाहय रूप से पर्याप्त समानता होती है। वृहिटेकर के दवारा वर्गीकृत पाँच जगत हैं-
(I) मोनेरा – इस वर्ग में उन एक कोशिकीय प्रोकेरियाटिक जीवों को स्थान दिया गया है जिनमें कोशिका भित्ति पाई जाती है। पोषण के आधार पर ये स्वपोषी या विषमपोषी दोनों हो सकते हैं। नीली हरी शैवाल, जीवाणु, माइक्रो प्लाज्मा आदि इस वर्ग के उदाहरण हैं।

(II) प्रोटिस्टा – इस वर्ग में उन एक कोशिक, यूकेरियोटिक जीवों को स्थान दिया जाता है जिनमें गमन के लिए सीलिया, फ्लैजेला नामक संरचनाएँ विद्यमान होती हैं। ये स्वपोषी और विषमपोषी दोनों प्रकार के होते हैं। एक कोशिक शैवाल, पैरामीशियम, डाइएटमस, प्रोटोजोवा, युग्लीना आदि इस वर्ग के उदाहरण हैं।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता 2

(III) फ्रंजाई – इन्हें मृत जीवी भी कहते हैं। ये विषमपोषी यूकेरियोटिक जीव सड़े-गले कार्बनिक पदार्थों पर निर्भर रहते हैं। इनमें से अनेक अपने जीवन में बहुकोशिक क्षमता पा लेते हैं। यीस्ट, मशरूम, पैंसीलियम आदि इनके उदाहरण हैं।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता 3

(IV) प्लांटी-इस वर्ग में बहुकोशिक यूकेरियोटिक जीवों को स्थान दिया जाता है जिनमें कोशिका भित्ति होती है। ये स्वपोषी हैं क्योंकि प्रकाश संश्लेषण विधि से ये अपना भोजन सूर्य के प्रकाश में क्लोरोफिल की सहायता से स्वयं तैयार करते हैं। सभी पेड़-पौधों को इसी वर्ग में रखा गया है। थैलोफाइटा, ब्रायेफ़ाइटा, टेरिडोफ़ाइटा, जिम्नोस्पर्म और एंजियोस्पर्म इसी के भाग हैं।

(V) एनीमेलिया – इस वर्ग में बहुकोशिकीय यूकेरियोटीक जीव को स्थान दिया जाता है। इनमें कोशिका भित्ति नहीं होती। इस वर्ग के जीव विषमपोषी होते हैं। सभी रीढ़धारी और अरीढ़धारी जंतु इसी वर्ग के उदाहरण हैं।
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प्रश्न 4.
पादप जगत् के प्रमुख वर्ग कौन हैं ? इस वर्गीकरण का क्या आधार है ?
उत्तर-
पादप जगत् के प्रमुख वर्ग हैं-
(I) थैलोफाइटा
(II) ब्रायोफाइटा
(III) टेरिडोफाइटा
(IV) जिम्नोस्पर्म
(V) एंजियोस्पर्म।

इसके वर्गीकरण के आधार हैं-

  1. पादप शरीर के प्रमुख घटकों का पूर्ण विकास और विभेदन।
  2. पादप शरीर में जल तथा अन्य पदार्थों को संवहन करने वाले विशिष्ट ऊतकों की उपस्थिति।
  3. पादप में बीज धारण करने की क्षमता।
  4. फल में बीज की स्थिति।

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प्रश्न 5.
जंतुओं और पौधों के वर्गीकरण के आधारों में मूल अंतर क्या है ?
उत्तर-
जंतुओं और पौधों के वर्गीकरण के आधारों में मूल अंतर-

पौधे (Plants) जंतु (Animals)
(1) ये एक स्थान पर स्थिर रहते हैं। (1) ये एक स्थान से दूसरे स्थान तक भ्रमण करते हैं।
(2) ये सूर्य के प्रकाश में प्रकाश-संश्लेषण द्वारा अपना भोजन स्वयं तैयार करते हैं। (2) ये पौधों तथा अन्य जंतुओं से अपना भोजन प्राप्त करते हैं।
(3) इनमें अनिश्चित तथा लगातार वृद्धि होती है। (3) इनमें वृद्धि कुछ विशेष आयु के पश्चात् रुक जाती है।
(4) इनमें पर्णहरित उपस्थित होता है। (4) इनमें पर्णहरित नहीं होता।
(5) इनकी कोशिका भित्ति सेल्यूलोज की बनी होती है। (5) इनकी कोशिका भित्ति नहीं होती।

प्रश्न 6.
वर्टीब्रेटा (कशेरुक प्राणी) को विभिन्न वर्गों में बांटने के आधार की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
वर्टीब्रेटा (कशेरुका प्राणी) में वास्तविक मेरुदंड और अंत: कंकाल होता है। उनमें पेशियों का वितरण और पेशियों का कंकाल से संबंध उन्हें चलने-फिरने में सहायक होता है। इनमें मस्तिष्क, हृदय, बाह्य त्वचा के अनेक स्तर, हीमोग्लोबिन, अस्थियां-उपस्थियां (Cartilages) आदि होते हैं। सभी कशेरुकाओं में निम्नलिखित लक्षण पाए जाते हैं-
(I) नोटोकार्ड
(II) कशेरुक दंड और मेरुरज्जु
(III) त्रिकोरिक शरीर
(IV) जोड़ीदार गलफड़
(V) देहगुहा
(VI) समतापी या असमतापी
(VII) अंडज या जरायुज
(VIII) हृदय में कक्षों की संख्या
(IX) क्लोम, त्वचा या फेफड़ों द्वारा श्वसन
(X) कवच रहित या कवच युक्त अंडे।

इनमें ऊतकों और अंगों का जटिल विभेदन पाया जाता है। इसीलिए इन्हें मत्स्य, जल, स्थल, चर, सरीसृप, पक्षी और स्तनधारी वर्गों में बांटा गया है।

Science Guide for Class 9 PSEB ऊतक InText Questions and Answers

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1.
हम जीवधारियों का वर्गीकरण क्यों करते हैं ?
उत्तर-
संसार में विभिन्न प्रकार के पौधे तथा जंतु पाए जाते हैं। इस में से कुछ जीवों की संरचना सरल तथा कुछ की जटिल होती है। उनके अध्ययन को सरल बनाने के लिए वर्गीकरण किया जाता है जो उनकी समानताओं और असमानताओं पर आधारित होता है।

प्रश्न 2.
अपने चारों ओर फैले जीव रूपों की विभिन्नता के तीन उदाहरण दें।
उत्तर-

  1. अमीबा जैसे जीव सूक्ष्मदर्शी से ही देखे जा सकते हैं तो नीली व्हेल तीस मीटर तक लंबी होती है।
  2. लाइकेन छोटे धब्बों के समान दिखाई देते हैं तो केलिफोर्निया के रेडवुड पेड़ 100 मीटर लंबे हैं।
  3. मच्छर का जीवनकाल कुछ दिन का होता है तो कछुआ 300 वर्ष तक जीवित रह लेता है। सिकोया जैसे वृक्ष तो हजारों वर्ष तक जीवित रहते हैं।

प्रश्न 3.
जीवों के वर्गीकरण के लिए सर्वाधिक मूलभूत लक्षण क्या हो सकता है ?
(a) उनका निवास स्थान
(b) उनकी कोशिका संरचना।
उत्तर-
उनकी कोशिका संरचना।

प्रश्न 4.
जीवों के प्रारंभिक विभाजन के लिए किस मूल लक्षण को आधार बनाया गया ?
उत्तर-
जीवों के स्थल, जल और वायु में रहने के आधार पर।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता

प्रश्न 5.
किस आधार पर जंतुओं और वनस्पतियों को एक-दूसरे से भिन्न वर्ग में रखा जाता है ?
उत्तर-
जंतुओं को भोजन ग्रहण करने के अनुसार तथा वनस्पतियों को भोजन बनाने की क्षमता के अनुसार एक-दूसरे से भिन्न वर्ग में रखा जाता है।

प्रश्न 6.
आदिम जीव किन्हें कहते हैं ? ये तथाकथित उन्नत जीवों से किस प्रकार भिन्न हैं ?
उत्तर-
आदिम जीव पहले प्रकार के जीवों को कहते हैं। इनकी शारीरिक संरचना में तो खास परिवर्तन नहीं हुआ है पर तथाकथित उन्नत जीवों के समूहों में बदलाव हुआ है जो इन्हें उनसे भिन्न करता है।

प्रश्न 7.
क्या उन्नत जीव और जटिल जीव एक होते हैं ?
उत्तर-
हाँ, उन्नत जीव और जटिल जीव एक होते हैं क्योंकि विकास के दौरान जीवों में जटिलता की संभावना बनी रहती है।

प्रश्न 8.
मोनेरा अथवा प्रोटिस्टा जैसे जीवों के वर्गीकरण का मापदंड क्या है ?
उत्तर-
मोनेरा अथवा प्रोटिस्टा जैसे जीव एक कोशिकीय होते हैं। पोषण के स्तर पर ये स्वपोषी या विषमपोषी दोनों हो सकते हैं।

प्रश्न 9.
प्रकाश-संश्लेषण करने वाले एक कोशिक, यूकेरियोटीक जीव को आप किस जगत में रखेंगे ?
उत्तर-
एक कोशिक शैवाल।

प्रश्न 10.
वर्गीकरण के विभिन्न पदानुक्रमों में किस समूह में सर्वाधिक समान लक्षण वाले सबसे कम जीवों को और किस समूह में सबसे ज्यादा संख्या में जीवों को रखा जाएगा ?
उत्तर-
सबसे कम-जाति (स्पीशीज़)
सबसे ज्यादा-जगत् (किंगडम)।

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प्रश्न 11.
सरलतम पौधों को किस वर्ग में रखा गया है ?
उत्तर-
थैलोफाइटा में।

प्रश्न 12.
टेरिडोफाइट और फ़ेनेरोगैम में क्या अंतर है ?
उत्तर-
टेरिडोफाइट में जड़, तना, पत्ती और संवहन ऊतक पाए जाते हैं। इसमें जननांग अप्रत्यक्ष होते हैं तथा बीज उत्पन्न करने की क्षमता नहीं होती पर फेनेरोगेम्स में जनन ऊतक पूर्ण विकसित और विभेदित होते हैं। जनन प्रक्रिया के पश्चात् बीज उत्पन्न करते हैं। बीज के अंदर भ्रूण के साथ संचित खाद्य पदार्थ होता है जिसका उपयोग भ्रूण के प्रारंभिक विकास और अंकुरण के समय होता है।

प्रश्न 13.
जिम्नोस्पर्म और एंजियोस्पर्म एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं ?
उत्तर-
जिम्नोस्पर्म और एंजियोस्पर्म में अंतर-

जिम्नोस्पर्म (अनावृत्तबीजी) एंजियोस्पर्म (आवृतबीजी)
1. इनके बीज नग्न होते हैं। 1. इनके बीज ढके हुए होते हैं।
2. इनके बीज फलों के द्वारा ढके हुए नहीं होते। 2. इनके बीज फलों के द्वारा ढके होते हैं।
3. यह बीज पाइन तथा साइकस पाए जाते हैं। 3. यह बीज गेहूं, मक्की आदि में पाए जाते हैं।
4. इनमें कोण (Cones) बनते हैं। 4. इनमें फूल बनते हैं।
5. इनमें साथी कोशिका नहीं होती। 5. इनमें साथी कोशिका होती है।
6. इनमें एकल निषेचन होता है। 6. इनमें दोहरा निषेचन होता है।
7. भ्रूणपोष निषेचन से पहले बनता है। 7. भ्रूणपोष निषेचन के बाद बनता है।

प्रश्न 14.
पोरीफ़ेरा और सिलेंटरेटा वर्ग के जंतुओं में क्या अंतर है ?
उत्तर-
पोरीफ़ेरा और सिलेंटरेटा वर्ग के जंतुओं में अंतर-

पोरीफेरा सिलेंटरेटा
1. इनकी शारीरिक संरचना अति सरल होती है जिसमें ऊतकों का विभेदन नहीं होता। 1. इनका शारीरिक संगठन ऊतकीय स्तर का होता है।
2. इनके पूरे शरीर में अनेक छिद्र होते हैं। 2. इनके शरीर में देहगुहा पायी जाती है।
3. इनके शरीर में नाल प्रणाली होती है और शरीर कठोर आवरण से ढका रहता है। 3. इनका शरीर दो परतों (आंतरिक और बाह्य) से बना होता है।
4. ये अचर हैं तथा किसी आधार से चिपके रहते हैं। 4. ये मिल-जुल कर समूहों में एकाकी रहते हैं। कोरल समूह में रहते हैं तो हाइड्रा एकाकी रहता है।
5. ये स्थिर होते हैं और समूह में पाए जाते हैं। 5. ये चल होते हैं। अकेले या समूह में पाए जाते हैं।

प्रश्न 15.
एनीलिडा के जंतु, आर्थोपोडा के जंतुओं से किस प्रकार भिन्न हैं ?
उत्तर-
एनीलिडा के जंतु, आर्थोपोडा के जंतुओं में अंतर-

एनीलिडा आर्थोपोडा
1. इनका शरीर द्विपार्श्व सममिति, त्रिकोरक और खंडयुक्त होता है। 1. इनमें द्विपार्श्व सममिति पाई जाती है और शरीर खंडयुक्त होता है।
2. इनकी देहगुहा में अंतरंग पाए जाते हैं। 2. इनमें खुला परिसंचरण तंत्र होता है जिस कारण देहगुहा रक्त से भरी रहती है। देहगुहा सीलोम की बजाय हीमोसील होता है।
3. इसके जीवों की संख्या कम है। 3. इस वर्ग में सबसे अधिक जीव हैं।
4. इनमें नेत्र नहीं होते। 4. इनमें संयुक्त नेत्र होते हैं।
5. आहार नली सीधी होती है। 5. आहार नली कुंडलित नलिका होती है।
6. ये एक लिंगी या द्विलिंगी होते हैं। 6. ये एक लिंगी होते हैं।
7. इनमें परिचलन शूक, चूसक या पैरोपोडिया के द्वारा होता है। 7. इनमें परिचलन संधियुक्त अंगों से होता है।
8. इनमें बाहरी कंकाल नहीं होता। 8. इनका बाह्य कंकाल काइटिन से बना होता है।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता

प्रश्न 16.
जल-स्थलचर और सरीसृप में क्या अंतर है ?
उत्तर-
जल स्थलचर और सरीसृप में अंतर-

जल स्थलचर सरीसृप
1. इनकी त्वचा पर श्लेष्म ग्रंथियां होती हैं तथा शल्कों का अभाव होता है। 1. इनका शरीर श्लकों से ढका होता है।
2. इनमें बाह्य कंकाल नहीं होता। 2. इनमें हड्डियों से बना अंत:कंकाल होता है।
3. इनमें श्वसन गलफड़ों, त्वचा या फेफड़ों से होता है। 3. इनमें श्वसन फेफड़ों से होता है।
4. इनके हृदय में दो अलिंद और एक निलय होता है। 4. इसके हृदय में दो अलिंद और अपूर्ण रूप से बंटा हुआ निलय होता है।
5. ये सदा जल में अंडे देते हैं जो कवच रहित होते हैं। 5. ये स्थल पर कवच युक्त अंडे देते हैं।
6. ये जल और स्थल दोनों जगह रह सकते हैं। 6. ये प्रायः स्थल पर रहते हैं और रेंग कर चलते हैं।

प्रश्न 17.
पक्षी वर्ग और स्तनपायी वर्ग के जंतुओं में क्या अंतर है ?
उत्तर-
पक्षी वर्ग और स्तनधारी वर्ग के जंतुओं में अंतर-

पक्षी वर्ग स्तनपायी वर्ग
1. इनमें लैंगिक दविरूपता स्पष्ट होती है और ये अंडे देते हैं। 1. ये संतान को जन्म देते हैं और इनमें दूध उत्पादन के लिए ग्रंथियां होती हैं। इकिडाना और प्लैटिपस अंडे देते हैं पर बच्चों को दूध पिलाते हैं।
2. इनका शरीर पंखों से ढंका होता है। 2. इनकी त्वचा पूर्ण या आंशिक रूप से बालों से ढकी होती है।
3. इनके आगे वाले पैर उड़ने के लिए पंखों में परिवर्तित हो जाते हैं। 3. इनमें पंख नहीं होते। चमगादड़ अपवाद है।
4. इन में कर्ण पल्लव तथा स्तन ग्रंथियां नहीं होतीं। 4. कर्ण पल्लव तथा स्तन ग्रंथियां होती हैं।
5. ये अंडज होते हैं। 5. ये जरायुज होते हैं।
6. जबड़े दाँत से रहित चोंच में बदल जाते हैं। 6. जबड़े दाँत युक्त होते हैं।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 4 परमाणु की संरचना

PSEB 9th Class Science Guide परमाणु की संरचना Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के गुणों की तुलना कीजिए।
उत्तर-
इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन के गुणों की तुलना-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 1

प्रश्न 2.
जे० जे० टॉमसन के परमाणु मॉडल की क्या सीमाएं हैं ?
उत्तर-
टॉमसन परमाणु मॉडल की सीमाएं – जे० जे० टॉमसन ने सुझाव दिया कि परमाणु का द्रव्यमान उसके अंदर स्थित प्रोटॉन तथा इलेक्ट्रॉन के फलस्वरूप होता है जोकि परमाणु के भीतर एक समान वितरित होते हैं जैसे क्रिसमस केक के अंदर ड्राइफ्रूट (मेवा) लगा रहता है।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 2

यह धारणा रदरफोर्ड के सुझाव से मेल नहीं खाती थी क्योंकि उसने कहा था कि परमाणु द्रव्यमान नाभिक के अंदर स्थित प्रोटॉनों तथा न्यूट्रॉनों के कारण होता है।

प्रश्न 3.
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल की क्या सीमाएं हैं ?
उत्तर-
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल की सीमाएं – रदरफोर्ड ने अपने परमाणु मॉडल में प्रस्तुत किया कि परमाणु का पूरा द्रव्यमान नाभिक में केंद्रित होता है। नाभिक धन आवेशित होता है जिसके चारों ओर इलेक्ट्रॉन विभिन्न ऊर्जा शैल में चक्कर लगाते हैं। ये ऋण आवेशित (इलेक्ट्रॉन) प्रवेगित कण चक्रीय गति करते हुए ऊर्जा विकसित करते हैं तथा ऊर्जा की हानि होने पर नाभिक में जा गिरते हैं ! इसका अभिप्राय यह हुआ कि परमाणु अस्थिर हैं जोकि सही नहीं है।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 4.
बोर के परमाणु मॉडल की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 3
बोर का परमाणु मॉडल*
नीलस बोर ने परमाणु की संरचना के बारे निम्नलिखित मान्यताएं पेश की-

  1. परमाणु का केंद्र धन आवेशित छोटा सा ठोस भाग होता है जिसे नाभिक (Nucleus) कहते हैं। नाभिक में प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन उपस्थित रहते हैं।
  2. नाभिक का आयतन, परमाणु के आयतन की तुलना में बहुत छोटा होता है।
  3. ऋण-आवेशित इलैक्ट्रॉन नाभिक के चारों तरफ कुछ निश्चित पथों (आर्बिट) में चक्कर लगाते रहते हैं जिन्हें इलेक्ट्रॉन के विविक्त आर्बिट (Discrete orbits) कहते हैं। जब इलेक्ट्रॉन विविक्त आर्बिट में चक्कर लगाते हैं तो उनकी ऊर्जा का विकिरण नहीं होता है।
  4. जब इलेक्ट्रॉन चक्कर लगाते हुए एक ऊर्जा कोश से किसी दूसरे ऊर्जा कोश में छलांग लगाता है तो ऊर्जा परिवर्तन होता है।

प्रश्न 5.
इस अध्याय में दिए गए सभी परमाणु मॉडलों की तुलना कीजिए।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 4
विभिन्न परमाणु मॉडलों की तुलना-
(i) टॉमसन का परमाणु मॉडल

  1. डिस्चार्ज ट्यूब (विसर्जन नली) प्रयोग के आधार पर टॉमसन ने यह सुझाव दिया कि परमाणु विद्युतीय रूप से उदासीन है तथा इसके पूरे आयतन में इलेक्ट्रॉन समरूप फैले हुए हैं।
  2. परमाणु धन आवेशित गोलाकार का बना होता है जिसमें इलेक्ट्रॉन धंसे रहते हैं।
  3. परमाणु का आकार 10-10 मी० अथवा 1°A होता है।
  4. परमाणु का द्रव्यमान समान रूप से पूर्ण क्षेत्र में फैला हुआ होता है।

(ii) रदरफोर्ड परमाणु मॉडल-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 5

  1. सोने की पन्नी से α-विकिरणों के प्रकीर्णन ने यह सुझाया कि नाभिक परमाणु का बहुत छोटा तथा ठोस भाग है जिसमें धन-आवेशित कण विदयमान होते हैं।
  2. परमाणु के नाभिक का अर्धव्यास पूर्ण परमाणु के अद्धव्यास का 105 गुना होता है।
  3. परमाणु में इलैक्ट्रॉन, नाभिक के इर्द-गिर्द विभिन्न कक्षाओं में तीव्र गति से चक्कर लगाते हैं।

(iii) नीलस बोर का परमाणु मॉडल-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 6

  1. परमाणु का नाभिक इलेक्ट्रॉनों से घिरा रहता है।
  2. नाभिक के इर्द-गिर्द इलेक्ट्रॉन निश्चित ऊर्जा स्तरों अथवा कोशों में चक्रीय गति करते हैं।
  3. जब इलेक्ट्रॉन गति करते हुए एक कोश से दूसरे कोश में गिरता है तो ऊर्जा परिवर्तन होता है। (लाभ अथवा हानि) जो विविरणों के रूप में होता है तथा अंत में इलेक्ट्रॉन नाभिक में जा गिरता है। अर्थात् परमाणु अस्थिर है।

प्रश्न 6.
पहले अठारह तत्वों के विभिन्न कक्षों में इलैक्ट्रॉन वितरण के नियम को लिखिए।
उत्तर-
विभिन्न कोशों में इलैक्ट्रॉन वितरण – परमाणुओं के विभिन्न कक्षों में इलैक्ट्रॉन वितरण के लिए बोर तथा बरी ने निम्नलिखित नियम प्रतिपादित किए-

  1. परमाणु के किसी कोश में उपस्थित अधिक-से-अधिक इलेक्ट्रॉनों की संख्या को 2n2 सूत्र द्वारा दर्शाया जा सकता है, जहाँ n कोश अथवा ऊर्जा स्तर की संख्या है। भीतर से बाहर की ओर ऊर्जा स्तर के नाम क्रमश: K, L, M, ……. हैं।
  2. बाह्यतम कोश में इलैक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या 8 हो सकती है।
  3. बाह्यतम कोश से पहले कोश में 18 से अधिक इलेक्ट्रॉन नहीं हो सकते।
  4. किसी परमाणु के दिए गए कोश में इलेक्ट्रॉन उस समय तक स्थान ग्रहण नहीं करते जब तक उससे अंदर वाला कोश पूरी तरह भर नहीं जाता है। अर्थात् कोश क्रमानुसार ही भरे जाते हैं।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 7.
सिलिकॉन और ऑक्सीजन का उदाहरण लेते हुए संयोजकता की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
किसी तत्व की संयोजक क्षमता को उस तत्व की संयोजकता कहते हैं। परमाणु के बाह्यतम कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या उसकी संयोजकता बताती है। परंतु यदि बाह्यतम शैल में इलेक्ट्रॉन की संख्या उसकी अधिकतम क्षमता के समीप हो तो संयोजकता ज्ञात करने के लिए परमाणु के बाह्यतम कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉन संख्या को 8 में से घटा लिया जाता है।
सिलिकॉन – सिलिकॉन परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या (p) = 14
∴ इलेक्ट्रॉनों की संख्या (e) = 14
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 7
∴ सिलिकॉन परमाणु के बाह्यतम शैल में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 4
∴ सिलिकॉन की संयोजकता = 4
ऑक्सीजन
ऑक्सीजन परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या (p) = 8
∴ इलेक्ट्रॉनों की संख्या (e) = 8
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 8
ऑक्सीजन के बाहयतम कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 6
∴ ऑक्सीजन की संयोजकता = (8 – 6) = 2 है।

प्रश्न 8.
उदाहरण के साथ व्याख्या कीजिए-परमाणु संख्या, द्रव्यमान संख्या, समस्थानिक और समभारिक। समस्थानिकों के कोई दो उपयोग लिखिए।
उत्तर-
(i) परमाणु संख्या (Atomic Number) – किसी परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या को उस परमाणु की परमाणु संख्या कहते हैं। उदाहरणार्थ मैग्नीशियम परमाणु के नाभिक 12 प्रोटॉन हैं।
इसलिए मैग्नीशियम की परमाणु संख्या 12 है। परमाणु संख्या को ‘z’ से दर्शाया जाता है ?
परमाणु संख्या (z) = प्रोटॉन संख्या (p) = इलैक्ट्रॉन संख्या (e)
इसी प्रकार कार्बन के परमाणु में 6 प्रोटॉन होते हैं।
∴ कार्बन की परमाणु संख्या (z) = 6

(ii) द्रव्यमान संख्या (Mass Number) – किसी तत्व के नाभिक में प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन जिन्हें इकट्ठा मिलाकर न्यूक्लीऑन कहते हैं, की कुल संख्या को द्रव्यमान संख्या कहते हैं । द्रव्यमान संख्या को ‘A’ से प्रदर्शित किया जाता है। द्रव्यमान संख्या (A) = नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन की संख्या + नाभिक में उपस्थित न्यूट्रॉन की संख्या
उदाहरणार्थ, कार्बन के नाभिक में 6 प्रोटॉन तथा 6 न्यूट्रॉन उपस्थित होते हैं, इसलिए
कार्बन की द्रव्यमान संख्या A = p + n
= 6 + 6
= 12 है।

(ii) समस्थानिक (Isotopes) – एक ही तत्व के दो परमाणु जिनकी परमाणु संख्या एक समान है परंतु परमाणु द्रव्यमान भिन्न-भिन्न हो, उन्हें उस तत्व के समस्थानिक (Isotopes) कहते हैं।

उदाहरण के लिए क्लोरीन के दो समस्थानिक \({ }_{17}^{35} \mathrm{Cl}\) तथा \({ }_{17}^{37} \mathrm{Cl}\) हैं जिनकी परमाणु संख्या एक समान अर्थात् 17 है परंतु एक की परमाणु द्रव्यमान संख्या 35 और दूसरे की परमाण द्रव्यमान संख्या 37 है।

(iv) समभारिक (Isobars) – ऐसे तत्व जिनकी परमाणु संख्या भिन्न-भिन्न होती है परंतु द्रव्यमान संख्या एक समान होती हैं, उन्हें समभारिक कहते हैं। उदाहरणार्थ कैल्शियम की परमाणु संख्या 20 तथा आर्गान की परमाणु संख्या 18 है परन्तु इनकी द्रव्यमान संख्या 40 है जिस कारण इनमें इलैक्ट्रॉन की संख्या भिन्न-भिन्न होती है। इन तत्वों के रासायनिक गुण समान होते हैं। इन तत्वों में उपस्थित प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन की संख्या भिन्न होती है।

समस्थानिकों के उपयोग (Uses of Isotopes)-

  1. कैंसर की चिकित्सा के लिए कोबाल्ट के समस्थानिक का उपयोग किया जाता है।
  2. गॉयटर की चिकित्सा में आयोडीन के समस्थानिक का उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 9.
Na+ के पूरी तरह भरे हुए K और L कोश होते हैं-व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
किसी तत्व के परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या उतनी ही होती है जितनी उस परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन होते हैं। इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन पर विपरीत आवेश होता है जिसके परिणामस्वरूप परमाणु विद्युतीय उदासीन होता है। यदि उदासीन परमाणु में इलेक्ट्रॉन की वृद्धि होगी तो उसमें इकाई ऋण आवेश आ जायेगा। दूसरी ओर यदि उसमें से एक इलेक्ट्रॉन निकल जाता है तो वह इकाई धन आवेश ग्रहण कर लेगा। इसलिए इलेक्ट्रॉन का निकलना या संयोजित होने से ऐसे बने आवेशित कण को आयन कहते हैं।

सोडियम परमाणु विद्युतीय उदासीन है। इसमें 11 प्रोटॉन तथा 11 इलेक्ट्रॉन होते हैं। इन इलेक्ट्रॉनों का वितरण 2, 8, 1 है। अब उनमें से 1 इलेक्ट्रॉन निकलने से यह धन आवेशित सोडियम आयन बन जाता है।

सोडियम परमाणु (Na) – le e. → सोडियम आयन (Na+)
अथवा 11-e – 1-e → 10-e
NaO – 1-e Na+
सोडियम आयन का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (2, 8) होगा।
अर्थात् इसमें K तथा L कोश पूर्ण रूप से भरे हुए होते हैं।

प्रश्न 10.
यदि ब्रोमीन परमाणु दो समस्थानिकों के [ \({ }_{35}^{79} \mathrm{Br}\)(49.7%) तथा \({ }_{35}^{81} \mathrm{Br}\) (50.3%) ] रूप में है तो ब्रोमीन परमाणु के औसत परमाणु द्रव्यमान की गणना कीजिए।
हल :
ब्रोमीन का समस्थानिक जिसका परमाणु द्रव्यमान 79 है = 49.7 %
∴ ब्रोमीन के परमाणु द्रव्यमान के लिए \({ }_{35}^{79} \mathrm{Br}\) का योगदान = \(\frac{79}{100}\) x 49.7
= 39.26u
ब्रोमीन का समस्थानिक जिसका परमाणु द्रव्यमान 81 है = 50.3 %
ब्रोमीन के परमाणु द्रव्यमान के लिए \({ }_{35}^{81} \mathrm{Br}\) का योगदान = \(\frac{50.3}{100}\) x 81
= 40.74 u
अब ब्रोमीन परमाणु का औसत परमाणु द्रव्यमान = 39.26 + 40.74 = 80.0 u

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 11.
एक तत्व x का परमाणु द्रव्यमान 16.2 u है तो इस सैंपल में समस्थानिक \({ }_{8}^{16} x\) और \({ }_{8}^{18} x\) प्रतिशत क्या होगा ?
हल :
मान लो सैंपल में \({ }_{8}^{16} x\) की प्रतिशतता = y है
∴ सैंपल में \({ }_{8}^{18} x\) की प्रतिशतता = (100 – y)
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 9

16.2 x 100 = 1800 – 2 y
1620 = 1800 – 2y
2 y = 1800 – 1620
2 y = 180
∴ y = \(\frac{180}{2}\)
= 90
अर्थात् \({ }_{8}^{16} \mathrm{X}\) की प्रतिशतता = 90%
तथा \({ }_{8}^{18} \mathrm{X}\) की प्रतिशतता = 100 – 90
= 10%

प्रश्न 12.
यदि तत्व का Z = 3 तो तत्व की संयोजकता क्या होगी ? तत्व का नाम भी लिखिए।
हल :
तत्व की परमाणु संख्या को z से दर्शाया जाता है।
∴ तत्व की परमाणु संख्या = z = 3
अर्थात् तत्व के परमाणु में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या = इलैक्ट्रॉनों की संख्या = 3
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 10
यह परमाणु लीथियम है तथा इसकी संयोजकता 1 है।

प्रश्न 13.
दो परमाणु स्पीशीज़ के केंद्रकों का संघटन नीचे दिया गया है-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 11
X और Y की द्रव्यमान संख्या ज्ञात कीजिए। इन दोनों स्पीशीज़ में क्या संबंध है?
उत्तर-
X की द्रव्यमान संख्या = 6 + 6
= 12
Y की द्रव्यमान संख्या = 6 + 8
= 14
क्योंकि X तथा Y दोनों की परमाणु संख्या एक समान है परंतु इनकी द्रव्यमान संख्या भिन्न है इसलिए दोनों परमाणु एक ही तत्व के समस्थानिक PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 12 हैं।

प्रश्न 14.
निम्नलिखित वक्तव्यों में गलत के लिए F और सही के लिए T लिखें।
(a) जे० जे० टॉमसन ने यह प्रस्तावित किया था कि परमाणु के केंद्रक में केवल न्यूक्लीयॉन्स होते हैं।
(b) एक इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन मिलकर न्यूट्रॉन का निर्माण करते हैं। इसलिए यह अनावेशित होता है।
(c) इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान प्रोटॉन से लगभग \(\frac{1}{2000}\) गुणा होता है।
(d) आयोडीन के समस्थानिक का इस्तेमाल टिंकचर आयोडीन बनाने में होता है।
उत्तर-
(a) False,
(b) False,
(c) True,
(d) TTrue.
प्रश्न संख्या 15, 16 तथा 17 में गलत के सामने (×) का चिह्न तथा सही के सामने (√) का चिह्न लगाएँ

प्रश्न 15.
रदरफोर्ड का अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग किसकी खोज के लिए उत्तरदायी था-
(a) परमाणु केंद्रक
(b) इलैक्ट्रॉन
(c) प्रोटॉन
(d) न्यूट्रॉन।
उत्तर-
(a) परमाणु केंद्रक √
(b) ×
(c) ×
(d) ×.

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प्रश्न 16.
एक तत्व के समस्थानिक में होते हैं-
(a) समान भौतिक गुण
(b) भिन्न रासायनिक गुण
(c) न्यूट्रॉनों के अलग-अलग संख्या
(d) भिन्न परमाणु संख्या।
उत्तर-
(a) ×
(b) ×
(c) न्यूट्रॉनों की अलग-अलग संख्या √
(d) ×

प्रश्न 17.
Cl आयन में संयोजकता इलैक्ट्रॉनों की संख्या है-
(a) 16
(b) 8
(c) 17
(d) 18.
उत्तर-
(a) ×
(b) 8 √
(c) ×
(d) ×.

प्रश्न 18.
सोडियम का सही इलैक्ट्रॉनिक विन्यास निम्न में से कौन-सा है ?
(a) 2, 8
(b) 8, 2.1
(c) 2. 1. 8
(d) 2. 8. 1.
उत्तर-
(a) ×
(b) ×
(c) ×
(d) 2, 8, 1√.

प्रश्न 19.
निम्नलिखित सारणी को पूरा कीजिए-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 13
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 14

Science Guide for Class 9 PSEB परमाणु की संरचना InText Questions and Answers

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1.
केनाल किरणें क्या हैं ?
उत्तर-
केनाल किरणें (Canat Rays) – एनोड से उत्सर्जित होने वाली किरणें जब डिस्चार्ज टयब में गैस प्रयोग की जाती है, केनाल किरणें कहलाती हैं। ये धन आवेशित विकिरणें हैं जो ऐसे कणों से निर्मित होती हैं और जिनका द्रव्यमान, इलैक्ट्रॉन का 2000 गुना होता है परंतु इसका आवेश इलैक्ट्रॉन के आवेश से विपरीत होता है।

प्रश्न 2.
यदि किसी परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन है, तो उसमें कोई आवेश होगा या नहीं ?
उत्तर-
प्रत्येक प्रोटॉन का आवेश +1 तथा इलैक्ट्रॉन का आवेश -1 माना गया है। अब क्योंकि किसी परमाणु में एक प्रोटॉन तथा एक इलेक्ट्रॉन है जो परस्पर एक-दूसरे के आवेशों को संतुलित करते हैं। इसलिए इस परमाणु पर कोई परिणामी (नेट) आवेश नहीं होगा अर्थात् परमाणु विद्युतीय उदासीन होगा।

प्रश्न 3.
परमाणु उदासीन है, इस तथ्य को टॉमसन के मॉडल के आधार पर स्पष्ट कीजिए। उत्तर-टॉमसन का परमाणु मॉडल (Thomson’s Model of Atom)-

  1. परमाणु धन आवेशित गोलाकार होता है तथा इलैक्ट्रॉन इसमें फँसे होते हैं जैसे क्रिसमस केक में मेवा लगा होता है।
  2. ऋणात्मक तथा धनात्मक आवेश मात्रा में समान होते हैं जो एक-दूसरे को संतुलित करते हैं। इसलिए परमाणु विद्युतीय रूप से उदासीन (आवेश रहित) होता है।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 4.
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल के अनुसार नाभिक के परमाणु में कौन-सा अवपरमाणुक कण विद्यमान है ?
उत्तर-
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल अनुसार परमाणु का नाभिक (Nucleus) धन आवेशित होता है। परमाणु का लगभग सारा द्रव्यमान परमाणु के नाभिक में स्थित होता है तथा इलैक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर विभिन्न पथों (कक्षाओं) में चक्कर लगाते हैं। इसलिए परमाणु के नाभिक में अवपरमाणुक कण प्रोटॉन विद्यमान होता है।

प्रश्न 5.
तीन कक्षाओं वाले बोर के परमाणु मॉडल का चित्र बनाइए।
उत्तर-
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प्रश्न 6.
क्या अल्फा कणों का प्रकीर्णन प्रयोग सोने के अतिरिक्त दूसरी धातु के पन्नी से संभव होगा ?
उत्तर-
यदि अल्फा कणों का प्रकीर्णन प्रयोग सोने के अतिरिक्त किसी अन्य धातु की पन्नी से किया जाए तो वही परिणाम संभव होगा जो सोने की पन्नी के साथ हुआ था।

अंतर केवल इतना है कि सोना एक आघातवर्धनीय धातु है और इसे पीट कर पतलो चादर में बदला जा सकता है जबकि अन्य किसी धातु को इतना बारीक नहीं किया जा सकता है। यदि हम मोटी धातु की चादर का प्रयोग करेंगे तो अल्फा कण इससे टकराकर वापिस लौट आएंगे तथा हमें परमाणु के भीतर धन आवेशित प्रोटॉन की स्थिति का पक्का अनुमान नहीं होगा।

प्रश्न 7.
परमाणु के तीन अवपरमाणुक कणों के नाम लिखें।
उत्तर-
परमाणु के तीन अवपरमाणुक कण-परमाणु के निम्नलिखित तीन अवपरमाणुक कम हैं :-
(i) प्रोटॉन (1P1 )
(ii) इलेक्ट्रॉन (0e-1 )
(iii) न्यूट्रॉन (1n0 )।

प्रश्न 8.
हीलियम परमाणु का परमाणु द्रव्यमान 4u है और उसके नाभिक में दो प्रोटॉन होते हैं। इसमें कितने न्यूट्रॉन होंगे ?
उत्तर-
हीलियम परमाणु में न्यूट्रॉनों की संख्या-किसी परमाणु का द्रव्यमान उसके नाभिक (Nucleus) में उपस्थित प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन के द्रव्यमानों के योग के कारण होता है : अब हीलियम परमाणु का परमाणु द्रव्यमान 4 u है तथा इसके नाभिक में 2 प्रोटॉन होते हैं और दो प्रोटॉनों का द्रव्यमान 20 है। इसलिए इसके नाभिक में (4 u -2u = 2u) द्रव्यमान न्यूट्रॉन की उपस्थिति के कारण है। क्योंकि 1 न्यूट्रॉन का द्रव्यमान 1 u होता है इसलिए नाभिक में 2 न्यूट्रॉन होंगे जो 2 u द्रव्यमान प्रदान करेंगे।
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 9.
कार्बन और सोडियम के परमाणुओं के लिए इलैक्ट्रॉन-वितरण लिखिए।
उत्तर-
कार्बन परमाणु – कार्बन का परमाणु द्रव्यमान 12 है। इसलिए
इसमें प्रोटॉनों की संख्या (p) = 6 तथा इलैक्ट्रॉनों की संख्या (e) = 6 है।
कार्बन परमाणु में इलैक्ट्रॉन वितरण-
K-कोश में अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 2
∴ L-कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 4
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 16

सोडियम परमाणु
सोडियम का परमाणु द्रव्यमान = 23 है, इसलिए सोडियम के परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या (p) = 11 तथा इलेक्ट्रॉनों की संख्या (e) = 11 है।
सोडियम परमाणु में इलेक्ट्रॉनों का वितरण-
K-कोश में इलैक्ट्रॉनों की संख्या = 2
L-कोश में इलैक्ट्रॉनों की संख्या = 8
M-कोश में इलैक्ट्रॉनों की संख्या = 1
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 17

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 10.
अगर किसी परमाणु का K और L कोश भरा है तो उस परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या क्या होगी ?
उत्तर-
K-कोश भरा हुआ होने की परिस्थिति में इलेक्ट्रानों की कुल संख्या = 2
L-कोश पूरा भरा हुआ होने की अवस्था में इलेक्ट्रानों की संख्या = 8
∴ परमाणु में उपस्थित कुल इलैक्ट्रॉन = 2 + 8 = 10

प्रश्न 11.
क्लोरीन, सल्फर और मैग्नीशियम की परमाणु संख्या से आप संयोजकता कैसे प्राप्त करेंगे ?
उत्तर-
(i) क्लोरीन (Cl)-
क्लोरीन की परमाणु संख्या = 17
क्लोरीन के परमाणु में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या (p) = 17
इलेक्ट्रॉनों की संख्या (e) = 17
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 18
क्लोरीन परमाणु के बाह्यतम कोश में उपस्थित
इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 7
∴ क्लोरीन की संयोजकता = 8 – 7
अर्थात् बाह्यतम कोश में अष्टक बनाने के लिए आवश्यक इलेक्ट्रॉन = 1

(ii) सल्फर (S)-
सल्फर की परमाणु संख्या = 16
सल्फर के परमाणु में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या (p) = 16
इलेक्ट्रॉनों की संख्या (e) = 16
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 19
सल्फर परमाणु के बाह्यतम कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 6
बाह्यतम कोश में अष्टक (पूरा भरने) बनाने के लिए आवश्यक इलेक्ट्रॉन = 8 – 6 = 2
∴ सल्फर की संयोजकता = 2

(iii) मैग्नीशियम (Mg)-
मैग्नीशियम की परमाणु संख्या = 12
मैग्नीशियम के परमाणु में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या (p) = 12
इलेक्ट्रॉनों की संख्या (e) = 12
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 20
मैग्नीशियम के परमाणु के बाह्यतम कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या
अर्थात् मैग्नीशियम परमाणु के बाह्यतम कोश को भरा होने के लिए जितने इलेक्ट्रॉन छोड़ने पड़ेंगे = 2
∴ मैग्नीशियम परमाणु की संयोजकता = 2

प्रश्न 12.
यदि किसी परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 8 है और प्रोटॉनों की संख्या भी 8 है, तब
(क) परमाणु की परमाणुक संख्या क्या होगी ?
(ख) परमाणु का क्या आवेश है ?
उत्तर-
(i) परमाणु की परमाणु संख्या = प्रोटॉनों की संख्या (p) = 8
∴ परमाणु में उपस्थित इलेक्ट्रॉन न्यूट्रॉनों की संख्या= 8
∴ परमाणु द्रव्यमान = प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या
= 8 + 8 = 16

(ii) परमाणु में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या = प्रोटॉनों की संख्या = 8
परमाणु पर उपस्थित आवेश = प्रोटॉनों की संख्या – इलेक्ट्रॉनों की संख्या
= 8 – 8
= 0
अर्थात् परमाणु आवेश विहीन है।

प्रश्न 13.
पाठ्य-पुस्तक की सारणी 4.1 की सहायता से ऑक्सीजन और सल्फर परमाणु की द्रव्यमान संख्या ज्ञात कीजिए।
उत्तर-
(i) ऑक्सीजन (O)
ऑक्सीजन परमाणु में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या (p) = 8
न्यूट्रॉनों की संख्या (n) = 8
∴ ऑक्सीजन परमाणु की परमाणु की द्रव्यमान संख्या = p + n
= 8 + 8
= 16

(ii) सल्फर (S)-
सल्फर के परमाणु में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या (p) = 16
न्यूट्रॉनों की संख्या (n) = 16
∴ सल्फर परमाणु की परमाणु द्रव्यमान संख्या = p + n
= 16 + 16
= 32

प्रश्न 14.
चिह्न H, D और T के लिए प्रत्येक में पाए जाने वाले तीन अवपरमाणुक कणों को सारणीबद्ध कीजिए।
उत्तर-
H, D और T चिह्न हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक हैं जिनकी परमाणु संख्या 1 है परंतु परमाणु द्रव्यमान संख्या भिन्न-भिन्न है।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 21

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 15.
समस्थानिक और समभारिक के किसी एक युग्म का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 22
(i) समस्थानिक (Isotopes) – क्लोरीन तत्व के दो समस्थानिक \({ }_{17}^{35} \mathrm{Cl}[latex] तथा [latex]{ }_{17}^{37} \mathrm{Cl}\) हैं। इन दोनों की परमाणु संख्या 17 है।
अब परमाणु संख्या = प्रोटॉनों की संख्या = इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 17
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 23

(ii) समभारिक (Isobars) – कैल्सियम \({ }_{20}^{40} \mathrm{C} a\) तथा आर्गन (\({ }_{18}^{40} \mathrm{~A} r\)) समभारिकों का युग्म है जिनका परमाणु द्रव्यमान एक समान 40 है परंतु १९ गाणु संख्या क्रमशः 20 और 18 भिन्न होने के कारण परमाणुओं का इलेक्ट्रॉन वितरण भी भिन्न होगा।

कैल्सियम (Ca)-
परमाणु द्रव्यमान संख्या = 40
अर्थात कैल्सियम के परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या (p) = 20
इलैक्ट्रॉनों की संख्या (e) = 20 ……….(1)
परमाणु द्रव्यमान संख्या = n + p = 40 …………….(2)
∴ कैल्सियम के परमाणु में उपस्थित न्यूट्रॉनों की संख्या (n) = (2) – (1)
= 40 – 20
= 20
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 24

आर्गन (Ar) परमाणु संख्या = 18
अर्थात् आर्गन के परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या (p) = इलैक्ट्रॉनों की संख्या (e) = 18 ………………. (1)
परमाणु द्रव्यमान संख्या = n + p = 40 ………………… (2)
∴ आर्गन परमाणु में उपस्थित न्यूट्रॉनों की संख्या (n)
= (2) – (1)
= 40 – 18
= 22
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 25

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 3 परमाणु एवं अणु Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 3 परमाणु एवं अणु

PSEB 9th Class Science Guide परमाणु एवं अणु Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
0.24g ऑक्सीजन एवं बोरॉन युक्त यौगिक के नमूने में विश्लेषण द्वारा यह पाया गया कि उसमें 0.096 बोरॉन एवं 0.144g ऑक्सीजन है। उस यौगिक के प्रतिशत संघटन का भारात्मक रूप में परिकलन कीजिए।
हल :
दिए गए यौगिक का द्रव्यमान = 0.24g
यौगिक में उपस्थित बोरॉन का द्रव्यमान = 0.096g
यौगिक में उपस्थित ऑक्सीजन का द्रव्यमान = 0.144g
नमूने में बोरॉन (B) की प्रतिशतता (%) = \(\frac{0.096}{0.24}\) × 100
= \(\frac{96}{240}\) × 100
= 40 उत्तर।
नमूने में ऑक्सीजन (O) की प्रतिशतता = \(\frac{0.144}{0.24}\) × 100
= 60 उत्तर।

प्रश्न 2.
3.00g कार्बन, 8.00g ऑक्सीजन में जलकर 11.00g कार्बन डाइऑक्साइड निर्मित करता है। जब 3.00g कार्बन को 50.00g ऑक्सीजन में जलाएंगे तो कितने ग्राम कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण होगा ? आपका उत्तर रासायनिक संयोजन के किस नियम पर आधारित होगा ?
हल :
3.00g कार्बन, 8.00g ऑक्सीजन में जलकर 11.00g कार्बन डाइऑक्साइड बनाती है। इससे यह पता चलता है कि पूरी कार्बन तथा ऑक्सीजन प्रयोग करने से कार्बन डाइऑक्साइड उत्पादित होती है। परंतु जब 3g कार्बन तथा 50.0g ऑक्सीजन प्रयोग की जाती है तो केवल 8g ऑक्सीजन संयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड बनाती है तथा शेष ऑक्सीजन का प्रयोग नहीं हो पाता। यह स्थिर अनुपात नियम को दर्शाता है।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 3.
बहुपरमाणुक आयन क्या होते हैं ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
बहुपरमाणुक आयन (Polyatomic ion) – परमाणुओं का वह समूह जो एक आयन की भांति व्यवहार करता है, उसे बहु-परमाणुक आयन कहते हैं। इस पर एक निश्चित आवेश की मात्रा होती है।
उदाहरण- \(\mathrm{SO}_{4}^{2-}\), \(\mathrm{SO}_{3}^{2}\), \(\mathrm{NH}_{4}^{+}\), \(\mathrm{CO}_{3}^{2-}\)

प्रश्न 4.
निम्नलिखित के रासायनिक सूत्र लिखिए :
(a) मैग्नीशियम क्लोराइड
(b) कैल्सियम क्लोराइड
(c) कॉपर नाइट्रेट
(d) ऐलुमिनियम क्लोराइड
(e) कैल्सियम कार्बोनेट।
उत्तर-
यौगिक – रासायनिक सूत्र
(a) मैग्नीशियम क्लोराइड – MgCl2
(b) कैल्सियम क्लोराइड – CaCl2
(c) कॉपर नाइट्रेट – Cu(NO3)2
(d) ऐलुमिनियम क्लोराइड – AlCl3
(e) कैल्सियम कार्बोनेट – CaCO3

प्रश्न 5.
निम्नलिखित यौगिकों में विद्यमान तत्वों के नाम दीजिए :
(a) बुझा हुआ चूना
(b) हाइड्रोजन ब्रोमाइड
(c) बेकिंग पाउडर (खाने वाला सोडा)
(d) पोटैशियम सल्फेट।
उत्तर-
यौगिकों का नाम – उपस्थित तत्वों के नाम
(a) बुझा हुआ चूना – कैल्सियम तथा ऑक्सीजन
(b) हाइड्रोजन ब्रोमाइड – हाइड्रोजन तथा ब्रोमीन
(c) बेकिंग पाउडर – सोडियम, हाइड्रोजन, कार्बन तथा ऑक्सीजन
(d) पोटैशियम सल्फेट – पोटैशियम, सल्फर तथा ऑक्सीजन

प्रश्न 6.
निम्नलिखित पदार्थों के मोलर द्रव्यमान का परिकलन कीजिए :
(a) एथाइन, C2H2
(b) सल्फर अणु, S8
(c) फॉस्फोरस अणु, P4 (फॉस्फोरस का परमाणु द्रव्यमान = 31)
(d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, HCl
(e) नॉइट्रिक अम्ल, HNO3
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 1
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PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 7.
निम्न का दव्यमान क्या होगा ?
(a) 1 मोल नाइट्रोजन परमाणु।
(b) 4 मोल ऐलुमिनियम परमाणु।
(c) 10 मोल सोडियम सल्फाइट (Na2SO3) (ऐलुमिनियम परमाणु का द्रव्यमान = 27)
हल :
(a) 1 मोल नाइट्रोजन परमाणु का द्रव्यमान = 14g

(b) 1 मोल ऐलुमिनियम परमाणु का द्रव्यमान = 27u
∴ 4 मोल ऐलुमिनियम परमाणु का द्रव्यमान = 27 × 4
= 108u
= 108g

(c) 1 मोल सोडियम सल्फाइट (Na2SO3)
का द्रव्यमान = 2 × Na + 1 × S + 3 × O
= 2 × 23 + 1 × 32 + 3 × 16
= 46 + 32 + 48
= 126u
∴ 10 मोल सोडियम सल्फाइट का द्रव्यमान = 10 × 126u
= 1260u
= 1260g

प्रश्न 8.
मोल में परिवर्तित कीजिए :
(a) 12g ऑक्सीजन गैस
(b) 20g जल
(c) 22g कार्बन डाइऑक्साइड।

हल-
हम जानते हैं कि किसी वस्तु के मोलों की संख्या = PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 3
(a) 12g ऑक्सीजन गैस (O2) में मोलों की संख्या = \(\frac{12}{32}\)
= 0.375

(b) 20g जल (HO2) में मोलों की संख्या = \(\frac{20}{18}\)
= \(\frac{10}{9}\)
= 1.11

(c) 22g कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) में मोलों की संख्या = \(\frac{22}{44}\)
\(\frac{1}{2}\)
= 0.5

प्रश्न 9.
निम्न का द्रव्यमान क्या होगा ?
(a) 0.2 मोल ऑक्सीजन परमाणु
(b) 0.5 मोल जल अणु।
हल-
(a). 1 मोल ऑक्सीजन परमाणु का द्रव्यमान = 16g
∴ 0.2 मोल ऑक्सीजन परमाणु का द्रव्यमान = 16g × 0.2
= 3.2g

(b) 1 मोल जल अणु का द्रव्यमान = 18g
∴ 0.5 मोल जल अणु का द्रव्यमान = 18g × 0.5
= 9g

प्रश्न 10.
16g ठोस सल्फर में सल्फर (S8) के अणुओं की संख्या का परिकलन कीजिए।
हल-
सल्फर S8 के 1 मोल का द्रव्यमान = 8 × 32
= 256g
तथा S8 के 1 मोल में उपस्थित अणुओं की संख्या = 6.023 × 1023
∴ 256g सल्फर (S8) में उपस्थित अणुओं की संख्या = 6.023 × 1023
1g सल्फर (S8) में उपस्थित अणुओं की संख्या = \(\frac{6.023 \times 10^{23}}{256}\)
16g सल्फर (S8) में उपस्थित अणुओं की संख्या = \(\frac{6.023 \times 10^{23} \times 16}{256}\)
= \(\frac{6.023 \times 10^{23}}{16}\)
= 3.76 × 1023

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प्रश्न 11.
0.051g ऐलुमिनियम ऑक्साइड (Al2O3) में ऐलुमिनियम आयन की संख्या का परिकलन कीजिए।
(संकेत : किसी आयन का द्रव्यमान उतना ही होता है जितना कि उसी तत्व के परमाणु का द्रव्यमान होता है। ऐलुमिनियम का परमाणु द्रव्यमान = 27u है।)
हल-
ऐलुमिनियम ऑक्साइड का 1 मोल = 2 × Al + 3 × O
= 2 × 27 + 3 × 16
= 54 + 48
= 102g
102g ऐलुमिनियम ऑक्साइड में उपस्थित अणु = 6.023 × 1023
1g ऐलुमिनियम ऑक्साइड में उपस्थित अणु = \(\frac{6.023 \times 10^{23}}{102}\)
∴ 0.051g ऐलुमिनियम ऑक्साइड में उपस्थित अणुओं की संख्या = \(\frac{6.023 \times 10^{23} \times 0.051}{102}\)
= 3.01 × 1020
ऐलुमिनियम ऑक्साइड जितने आयन प्रदान करता है = 2 × 3.01 × 1020
= 6.02 × 1020 उत्तर।
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Science Guide for Class 9 PSEB परमाणु एवं अणु InText Questions and Answers

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1.
एक अभिक्रिया में 5.3 g सोडियम कार्बोनेट एवं 6.0 g एथेनॉइक अम्ल अभिकृत होते हैं। 2.2 g कार्बन डाइऑक्साइड, 8.2 सोडियम एथेनॉएट एवं 0.9 g जल उत्पाद के रूप में प्राप्त होते हैं। इस अभिक्रिया द्वारा दिखाइए कि यह परीक्षण द्रव्यमान संरक्षण के अनुरूप है।
सोडियम कार्बोनेट + एथेनॉइक अम्ल- सोडियम एथेनॉएट + कार्बन डाइऑक्साड + जल
हल:
सोडियम कार्बोनेट का द्रव्यमान = 5.3 g
एथेनॉइक अम्ल का द्रव्यमान = 6.0 g
अभिकारकों का कुल द्रव्यमान = सोडियम कार्बोनेट का द्रव्यमान + एथेनॉइक अम्ल का द्रव्यमान
= 5.3 g + 6.0 g
= 11.3 g ………………… (i)
कार्बन डाइऑक्साइड का द्रव्यमान = 2.2 g
सोडियम एथेनॉएट का द्रव्यमान = 8.2 g
जल का द्रव्यमान = 0.9 g
∴ उत्पादों का कुल द्रव्यमान = कार्बन डाइऑक्साइड का द्रव्यमान + सोडियम एथेनॉएट का द्रव्यमान + जल का द्रव्यमान
= 2.2 g + 8.2 g + 0.9 g
= 11.3 g ……………….. (ii)
(i) तथा (ii) से
अभिकारकों का कुल द्रव्यमान = उत्पादों का कुल द्रव्यमान
11.3 g = 11.3 g
यह प्रतिक्रिया द्रव्यमान संरक्षण नियम को प्रमाणित करती है।

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प्रश्न 2.
हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन द्रव्यमान के अनुसार 1:8 के अनुपात में संयोग करके जल निर्मित करते हैं। हाइड्रोजन गैस के साथ पूर्ण रूप से संयोग करने के लिए कितने ऑक्सीजन गैस के द्रव्यमान की आवश्यकता होगी?
हल :
क्योंकि हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन द्रव्यमान के अनुसार 1:8 के अनुपात में क्रिया करते हैं।
∴ x g हाइड्रोजन को जल बनने के लिए ऑक्सीजन गैस की जितनी मात्रा आवश्यक है = 8 × x g
∴ 3g हाइड्रोजन को जितनी मात्रा ऑक्सीजन की आवश्यक है
= 8 × 3g
= 24g

प्रश्न 3.
डॉल्टन के परमाणु सिद्धांत का कौन-सा अभिग्रहीत द्रव्यमान के संरक्षण के नियम का परिणाम
उत्तर-
“परमाणु अविभाज्य सूक्ष्म कण होते हैं जो रासायनिक प्रतिक्रिया में न तो निर्मित होते हैं और न ही उनका विनाश होता है”।
डॉल्टन सिद्धांत का यह बिंदु द्रव्यमान संरक्षण नियम का परिणाम है।

प्रश्न 4.
डॉल्टन के परमाणु सिद्धांत का कौन-सा अभिग्रहीत निश्चित अनुपात के नियम की व्याख्या करता है ?
उत्तर-
डॉल्टन के परमाणु सिद्धांत का बिंदु जो निश्चित अनुपात के नियम की व्याख्या करता है”किसी भी यौगिक में परमाणुओं की सापेक्ष संख्या एवं प्रकार निश्चित होते हैं।”

प्रश्न 5.
परमाणु द्रव्यमान इकाई को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
परमाणु द्रव्यमान इकाई (Atomic Mass Unit) – यह कार्बन-12 समस्थानिक के एक परमाणु द्रव्यमान
का \(\frac{1}{12}\) वाँ भाग है।
1 a.m.u. = 1.66 × 10-27 kg

प्रश्न 6.
एक परमाणु को आँखों द्वारा देखना क्यों संभव नहीं होता ?
उत्तर-
परमाणु बहुत सूक्ष्म होते हैं इसलिए उन्हें आंख द्वारा देखना संभव नहीं है। बहुत-से तत्वों के परमाणु तो स्वतंत्र रूप से विचर भी नहीं सकते हैं। एक परमाणु का अर्धव्यास 10-10 m है जिसे साधारणतया नैनोमीटर में मापा जाता है।
(1nm = 10-9m)

प्रश्न 7.
निम्न के सूत्र लिखिए-
(i) सोडियम ऑक्साइड
(ii) ऐलुमिनियम क्लोराइड
(iii) सोडियम सल्फाइड
(iv) मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड।
उत्तर-
यौगिक : सूत्र
(i) सोडियम ऑक्साइड : Na2 O
(ii) ऐलुमिनियम क्लोराइड : AlCl3
(iii) सोडियम सल्फाइड : Na2 S
(iv) मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड : Mg (OH)2

प्रश्न 8.
निम्नलिखित सूत्रों द्वारा प्रदर्शित यौगिकों के नाम लिखिए-
(i) Al2 (SO4)3
(ii) CaCl2
(ii) K2 SO4
(iv) KNO3
(v) CaCO3
उत्तर-
सूत्र – यौगिक का नाम
(i) Al2 (SO4)3 – ऐलुमिनियम सल्फेट
(ii) CaCl2 – कैल्सियम क्लोराइड
(ii) K2 SO4 – पोटैशियम सल्फेट
(iv) KNO3 – पोटैशियम नाइट्रेट
(v) CaCO3 – कैल्सियम कार्बोनेट

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प्रश्न 9.
रासायनिक सूत्र से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
रासायनिक सूत्र (Chemical Formula)-किसी पदार्थ (तत्व अथवा यौगिक) के अणु को संकेत रूप में प्रदर्शित करना रासायनिक सूत्र कहलाता है। उदाहरण के लिए जल के अणु का सूत्र H2O है।

प्रश्न 10.
निम्न में कितने परमाणु विद्यमान हैं –
(i) H2S अणु एवं
(ii) \(\mathrm{PO}_{4}^{3-}\) आयन।
उत्तर-
(i) H2S अणु में कुल 3 परमाणु उपस्थित होते हैं जिनमें से 2 परमाणु हाइड्रोजन तथा 1 परमाणु सल्फर का होता है।

(ii) \(\mathrm{PO}_{4}^{3-}\) आयन में कुल 5 परमाणु होते हैं जिनमें से 1 परमाणु फॉस्फोरस का तथा 4 परमाणु ऑक्सीजन के होते हैं।

प्रश्न 11.
निम्न यौगिकों के आण्विक द्रव्यमान का परिकलन कीजिए :
H2, O2, Cl2, CO2, CH4, C2H6, C2H4, NH3 एवं CH3OH.
उत्तर-
H2 का आण्विक द्रव्यमान = 2 × हाइड्रोजन का परमाणु द्रव्यमान
= 2 × 1
= 2u

O2 का आण्विक द्रव्यमान = 2 × ऑक्सीजन के परमाणु का द्रव्यमान
= 2 × 16
= 32u

Cl2 का आण्विक द्रव्यमान = 2 × क्लोरीन परमाणु का द्रव्यमान
= 2 × 35.5
= 71u

CO2 का आण्विक द्रव्यमान = 1 कार्बन परमाणु + 2 ऑक्सीजन परमाणु
= 1 × कार्बन का परमाणु द्रव्यमान + 2 × ऑक्सीजन का परमाणु द्रव्यमान
= 1 × 12 + 2 × 16
= 12 + 32
= 44u

C2H6 का आण्विक द्रव्यमान = 2 कार्बन परमाणु + 6 हाइड्रोजन परमाणु
= 2 × कार्बन का परमाणु द्रव्यमान + 6 × हाइड्रोजन का परमाणु द्रव्यमान
= 2 × 12 + 6 × 1
= 24 + 6
= 30 u

C2H4 का आण्विक द्रव्यमान = 2 कार्बन परमाणु + 4 हाइड्रोजन परमाणु
= 2 × कार्बन का परमाणु द्रव्यमान + 4 × हाइड्रोजन का परमाणु द्रव्यमान
= 2 × 12 + 4 × 1
= 24 + 4
= 28u

NH3 का आण्विक द्रव्यमान = 1 नाइट्रोजन परमाणु + 3 हाइड्रोजन परमाणु
= 1 × नाइट्रोजन का परमाणु द्रव्यमान + 3 × हाइड्रोजन का परमाणु द्रव्यमान
= 1 × 14 + 3 × 1
= 14 + 3
= 17u

CH3OH का आण्विक द्रव्यमान = 1 कार्बन परमाणु + 3 हाइड्रोजन परमाणु + 1 ऑक्सीजन परमाणु + 1 हाइड्रोजन परमाणु
= 1 × कार्बन का परमाणु द्रव्यमान + 3 × हाइड्रोजन का परमाणु द्रव्यमान + 1 × ऑक्सीजन का परमाणु द्रव्यमान + 1 × हाइड्रोजन का परमाणु
द्रव्यमान
= 1 × 12 + 3 × 1 + 1 × 16 + 1 × 1
= 12 + 3 + 16 + 1
= 32u

प्रश्न 12.
निम्न यौगिकों के सूत्र इकाई द्रव्यमान का परिकलन कीजिए-
ZnO, NagO एवं K2CO3
दिया गया है :
Zn का परमाणु द्रव्यमान = 65u
Na का परमाणु दव्यमान = 23u
K का परमाणु द्रव्यमान = 39u
C का परमाणु द्रव्यमान = 12u
O का परमाणु द्रव्यमान = 16u है।
उत्तर-
ZnO का सूत्र इकाई द्रव्यमान = जिंक परमाणु + 1 ऑक्सीजन परमाणु
= 1 × Zn का परमाणु द्रव्यमान + 1 × ऑक्सीजन का परमाणु द्रव्यमान
= 1 × 65 + 1 × 16
= 81u

Na2O का सूत्र इकाई द्रव्यमान = 2 सोडियम परमाणु + 1 ऑक्सीजन परमाणु
= 2 × सोडियम का परमाणु द्रव्यमान + 1 × ऑक्सीजन का परमाणु द्रव्यमान
= 2 × 23 + 1 × 16
= 46 + 16
= 62u

K2CO3 का सूत्र इकाई द्रव्यमान = पोटैशियम के 2 परमाणु + कार्बन का 1 परमाणु + ऑक्सीजन के 3 परमाणु
= 2 × पोटैशियम का परमाणु द्रव्यमान + 1 × कार्बन का परमाणु द्रव्यमान + 3 × ऑक्सीजन का परमाणु द्रव्यमान
= 2 × 39 + 1 × 12 + 3 × 16
= 78 + 12 + 48
= 138u

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 13.
यदि कार्बन परमाणुओं के एक मोल का द्रव्यमान 12g है तो कार्बन के एक परमाणु का द्रव्यमान क्या होगा ?
हल :
1 मोल कार्बन परमाणु = 6.023 × 1023 परमाणु
अब 6.023 × 1023 कार्बन परमाणुओं का द्रव्यमान = 12g
∴ 1 कार्बन परमाणु का द्रव्यमान = \(\frac{12}{6.023 \times 10^{23}}\)g
= 1.99 × 10-23g उत्तर।

प्रश्न 14.
किसमें अधिक परमाणु होंगे : 100g सोडियम (Na) अथवा 100g लोहा (Fe) ? (Na का परमाणु द्रव्यमान = 23u, Fe का परमाणु द्रव्यमान = 56u)
हल :
23 ग्राम परमाणु इकाई या 23g सोडियम (Na) = 1 मोल सोडियम
= 6.023 × 1023 परमाणु सोडियम
100g सोडियम (Na) = \(\frac{6.023 \times 10^{23}}{23}\) × 100
= 2.617 × 1024 परमाणु ……………….. (1)
अब 56 ग्राम परमाणु लोहा (Fe) या 56g लोहा = 1 मोल लोहा (Fe)
= 6.03 × 1023 परमाणु लोहा
∴ 100g लोहा \(\frac{6.03 \times 10^{23}}{56}\) × 100
= 1.075 × 1024 …………………… (2)
परमाणु (1) और (2) की तुलना करने पर
100 g सोडियम में 100 g लोहे की तुलना में अधिक परमाणु होते हैं। उत्तर

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

PSEB 9th Class Science Guide क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्नलिखित को पृथक् करने के लिए आप किन विधियों को अपनायेंगे ?
(a) सोडियम क्लोराइड को जल के विलयन से पृथक् करने में।
(b) अमोनियम क्लोराइड को सोडियम क्लोराइड तथा अमोनियम क्लोराइड के मिश्रण से पृथक् करने में।
(c) धातु के छोटे टुकड़े को कार के इंजन आयल से पृथक करने में।
(d) दही से मक्खन निकालने के लिए।
(e) जल से तेल निकालने के लिए।
(f) चाय से पतियों को पृथक् करने में।
(g) बालू से लोहे की पिनों को पृथक् करने में।
(h) भूसे से गेहूँ के दानों को पृथक् करने में।
(i) पानी में तैरते हुए महीन मिट्टी के कण को पानी से अलग करने के लिए।
(j) पुष्प की पंखुड़ियों के निचोड़ से विभिन्न रंजकों को पृथक् करने में।
उत्तर-
(a) आसवन विधि/वाष्यण से
(b) ऊर्ध्वपातन विधि
(c) फिल्टरीकरण या छानन विधि
(d) अपकेंद्रण विधि
(e) पृथक्करण विधि (पृथक्कारो कीप विधि)
(f) छानन विधि
(g) चुंबकीय पृथक्करण विधि
(h) फटकन विधि
(i) फिल्टरीकरण या अपकेंद्रण विधि
(j) क्रोमैटोग्राफी।

प्रश्न 2.
चाय तैयार करने के लिए आप किन-किन चरणों का प्रयोग करेंगे। विलयन, विलायक, विलेय, घुलना, घुलनशील, अघुलनशील, घुलेय (फिल्ट्रेट) तथा अवशेष शब्दों का प्रयोग करें।
उत्तर-
विलयन का चयन – चाय बनाने के लिए जल आधारभूत विलयन के रूप में चुना जाता है जिसमें चाना और दूध विलेय के रूप में जल रूपी विलायक में सरलता से मिल सकते हैं।

क्वथन – जल को इतने तापमान तक गर्म किया जाता है कि वह क्वथनांक प्राप्त कर उबल जाए। उसमें घुलनशील चीनी और अघुलनशील चाय पत्ती आवश्यक मात्रा में डाल विलेय दूध में मिलाओ।

छानन – अघुलनशील चाय पत्नी को घुलेय पदार्थ मान कर छलनी से छानो। घुलनशीला चीनी और दूध वाय बनारे में प्रयुक्त हो जाएंगे। अवशेष रूप में चाय पत्ती को बाहर निकाल कर फिल्ट्रेट रूप में चाय प्राप्त कर लो ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

प्रश्न 3.
प्रज्ञा ने तीन अलग-अलग पदार्थों की घुलनशीलताओं को अलग-अलग तापमान पर जांचा और नीचे दिये गये आंकड़ों को प्राप्त किया। प्राप्त हुए परिणामों को 100 ग्राम जल में विलेय पदार्थ की मात्रा, जा संतृप्त विलयन बनाने हेतु पर्याप्त है, अग्रलिखित तालिका में दर्शाया गया है।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं 1
(a) 50 ग्राम जल में 313 K पर पोटैशियम नाइट्रेट के संतृप्त विलयन को प्राप्त करने हेतु कितने ग्राम पोटैशियम नाइट्रेट की आवश्यकता होगी ?
(b) प्रज्ञा 353 K पर पोटैशियम क्लोराइड का संतृप्त विलयन तैयार करती है और विलयन को कमरे के तापमान पर ठंडा होने के लिए छोड़ देती है। जब विलयन ठंडा होगा तो वह क्या अवलोकित करेगी ? स्पष्ट करें।
(c) 293 K पर प्रत्येक लवण की घुलनशीलता का परिकलन करें। इस तापमान पर कौन-सा लवण सबसे अधिक घुलनशील होगा ?
(d) तापमान के परिवर्तन में लवण की घुलनशीलता पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
(a) 100g जल में 313K पर संतृप्त विलयन के लिए आवश्यक KNO3 = 62g
50g जल में 313K पर संतृप्त विलयन के लिए आवश्यक KNO3 = \(\frac{62}{100}\) x 50 = 31g

(b) 353K पर KCI के संतृप्त विलयन को जब प्रज्ञा ठंडा करने के लिए छोड़ देगी तो तापमान कम होने पर क्रिस्टलीकरण हो जाएगा जिसके परिणामस्वरूप KCI के क्रिस्टल बन जाएंगे।

(c) KNO3 की 100g जल में घुलनशीलता = \(\frac{32}{100}\) × 100 = 32g
NaCl की 100g जल में घुलनशीलता =\(\frac{36}{100}\) × 100 = 36g
KCl की 100g जल में घुलनशीलता = \(\frac{35}{100}\) × 100 = 35g
NH4Cl की 100g जल में घुलनशीलता = \(\frac{37}{100}\) × 100 = 37g
293K पर सबसे अधिक घुलनशीलता अमोनियम क्लोराइड की है।

(d) तापमान में परिवर्तन से लवणों की घुलनशीलता प्रभावित होती है। जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है वैसे-वैसे लवणों की घुलनशीलता बढ़ती जाती है।

प्रश्न 4.
निम्न की उदाहरण सहित व्याख्या करें :
(a) संतृप्त विलयन
(b) शुद्ध पदार्थ
(c) कोलाइड
(d) निलंबन।
उत्तर-
(a) संतृप्त विलयन – किसी निश्चित तापमान पर यदि विलयन में विलेय पदार्थ नहीं घुलता है तो उसे संतृप्त विलयन कहते हैं। भिन्न पदार्थों की भिन्न तापमानों पर विलयन क्षमता अलग-अलग होती है।

(b) शुद्ध पदार्थ – शुद्ध पदार्थ वह है जिसे केवल एक ही प्रकार के अणु हैं। शुद्ध पदार्थों में भौतिक तथा रासायनिक गुण होते हैं। सभी यौगिक शुद्ध पदार्थ हैं। उदाहरण-साधारण नमक, चीनी, सोना, तांबा, पारा आदि।

(c) कोलाइड – यह एक विषमांगी मिश्रण है जिसमें कणों का आकार 1 nm से 100 nm के बीच होता है जिन्हें आंखों से नहीं देखा जा सकता। ये कण इतने बड़े आकार के होते हैं कि प्रकाश की किरण को फैला सकें। ये कण तल पर नहीं बैठते लेकिन अपकेंद्रीकरण तकनीक से पृथक् किए जा सकते हैं। उदाहरण-कोहरा, बादल, धुआं, दूध, स्पंज, जेली, पनीर, मक्खन आदि।

(d) निलंबन – वह विषमांगी घोल जो ठोस द्रव में परिक्षेपित हो जाता है उसे निलंबन कहते हैं। इसमें विलेय पदार्थ कण घुलते नहीं हैं। बल्कि माध्यम की समष्टि में निलंबित रहते हैं। ये आंखों से देखे जा सकते हैं। छानन विधि से इन्हें मिश्रण से अलग किया जा सकता है। उदाहरण-जल में चाक पाऊडर।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से प्रत्येक को समांगी और विषमांगी मिश्रणों में वर्गीकृत करें : सोडा-जल, लकड़ी, बर्फ, वायु, मिट्टी, सिरका, छनी हुई चाय।
उत्तर-
सोडा जल = समांगी
लकड़ी = विषमांगी
बर्फ = समांगी
वायु = समांगी
मिट्टी = विषमांगी
सिरका = समांगी
छनी हुई चाय = समांगी

समांगी प्रश्न 6.
आप किस प्रकार पुष्टि करेंगे कि दिया हुआ रंगहीन द्रव शुद्ध जल है ?
उत्तर-
रंगहीन द्रव में किसी प्रकार के आंखों से दिखाई देने वाले रंग के कण न होने की स्थिति में जल के शुद्ध होने की पुष्टि होती है लेकिन उसमें किसी प्रकार की गंध और स्वाद भी नहीं होना चाहिए। इसे 100°C या 373 K पर उबल जाना चाहिए।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से कौन-सी वस्तु शुद्ध पदार्थ है ?
(a) बर्फ
(b) दूध
(c) लोहा
(d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
(e) कैल्सियम ऑक्साइड
(f) पारा
(g) ईंट
(h) लकड़ी
(i) वायु।
उत्तर-
लोहा, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, पारा, कैल्शियम ऑक्साइड।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित मिश्रणों में से विलयन की पहचान करें।
(a) मिट्टी
(b) समुद्री जल
(c) वायु
(d) कोयला
(e) सोडा जल।
उत्तर-
समुद्री जल, वायु, सोडा जल।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित में से कौन टिंडल प्रभाव को प्रदर्शित करेगा ?
(a) नमक का घोल
(b) दूध
(c) कॉपर सल्फेट का विलयन
(d) स्टार्च विलयन।
उत्तर-
दुध, स्टार्च विलयन।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित को तत्व यौगिक तथा मिश्रण में वर्गीकृत करें :-
(a) सोडियम
(b) मिट्टी
(c) चीनी का घोल
(d) चांदी
(e) कैल्सियम कार्बोनेट
(f) टिन
(g) सिलिकन
(h) कोयला
(i) वायु
(j) साबुन
(K) मीथेन
(l) कार्बन डाइऑक्साइड
(m) रक्त।
उत्तर-
तत्व = सोडियम, चांदी, टिन, सिलिकन
यौगिक = कैल्शियम कार्बोनेट, मिथेन, कार्बन डाइऑक्साइड
मिश्रण = मिट्टी, चीनी का घोल, कोयला, साबुन, वायु, रक्त।

प्रश्न 11.
निम्नलिखित में से कौन-से परिवर्तन रासायनिक हैं ?
(a) पौधों की वृद्धि
(b) लोहे में जंग लगना
(c) लोहे के चूर्ण और बालू को मिलाना
(d) खाना पकाना
(e) भोजन का पाचन
(1) जल से बर्फ बनना
(५) मोमबत्ती का जलना।
उत्तर-
लोहे में जंग लगना, खाना पकाना, भोजन का पाचन, मोमबत्ती का जलना।

Science Guide for Class 9 PSEB क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं InText Questions and Answers

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1.
शुद्ध पदार्थ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
शुद्ध पदार्थ – वे पदार्थ शुद्ध कहलाते हैं जिनमें विद्यमान सभी कण समान रासायनिक प्रकृति के होते हैं। शुद्ध पदार्थ में सदा एक ही प्रकार के कण होते हैं ; जैसे-सोना, तांबा, सोडियम क्लोराइड, चीनी आदि।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

प्रश्न 2.
समांगी और विषमांगी मिश्रणों में अंतर बताएं।।
उत्तर-
समांगी और विषमांगी मिश्रणों में अंतर – समांगी मिश्रण का रूप, गुण तथा संरचना हर अवस्था में समरूप होता है। विषमांगी मिश्रण के अंगों के भौतिक गुण एक-दूसरे से भिन्न होते हैं। जल में नमक और जल में चीनी समांगी मिश्रण के उदाहरण हैं। जल में तेल, नमक में गंधक, नमक में लोहे की छीलन, रेत में नमक, नमक में चीनी आदि विषमांगी मिश्रण के उदाहरण हैं।

प्रश्न 3.
उदाहरण के साथ समांगी एवं विषमांगी मिश्रणों में अंतर विभेद कीजिए। उत्तर-

उत्तरसमांगी मिश्रण विषमांगी मिश्रण
(1) इसके अवयव एक समान बंटे होते हैं। (1) इसके अवयव एक समान रूप में बंटे नहीं होते।
(2) इसमें अंशों के गुण तथा संरचना हर अवस्था में समरूप होती है।
उदाहरण-पीतल, कांसा, पानी में चीनी, एल्कोहल में पानी, वायु आदि।
(2) इसमें अंशों के गुण एक-दूसरे से भिन्न होते हैं।
उदाहरण-रेत कण और लोह चूर्ण, रेत + अमोनियम क्लोराइड, पानी में चॉक, पानी में तेल आदि।

प्रश्न 4.
विलयन, निलंबन और कोलाइड एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं ?
उत्तर-
विलयन, निलंबन और कोलाइड में भिन्नता-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं 2

प्रश्न 5.
एक संतृप्त विलयन बनाने के लिए 36g सोडियम क्लोराइड को 100g जल में 293K पर घोला जाता है। इस तापमान पर इसकी सांद्रता प्राप्त करें।
उत्तर-
विलेय पदार्थ का द्रव्यमान (सोडियम क्लोराइड) = 36g
विलायक का द्रव्यमान (जल) = 100g
विलयन का द्रव्यमान = विलेय पदार्थ का द्रव्यमान + विलायक का द्रव्यमान = 36g + 100g = 136g
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= \(\frac{36}{136}\) x 100 = 26.47%

प्रश्न 6.
पेट्रोल और मिट्टी का तेल (Kerosene Oil) जोकि आपस में घुलनशील हैं, के मिश्रण को आप कैसे पृथक् करेंगे ? पेट्रोल तथा मिट्टी के तेल के क्वथनांकों में 25°C से अधिक का अंतराल है ?
उत्तर-
पेट्रोल और कैरोसीन के मिश्रण को साधारण आसवन विधि से अलग-अलग क । क्योंकि दोनों द्रव बिना अपघटन के उबल जाएंगे। उनके क्वथनांकों में 25°C के अधिक का अंतराल है।

प्रश्न 7.
पृथक करने की सामान्य विधियों के नाम दें-
(अ) दही से मक्खन
(ब) समुद्री जल से नमक
(स) नमक से कपूर।
उत्तर-
(अ) अपकेंद्रण
(ब) क्रिस्टलीकरण
(स) ऊर्ध्वपातन ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

प्रश्न 8.
क्रिस्टलीकरण विधि से किस प्रकार के मिश्रणों को पृथक् किया जा सकता है ?
उत्तर-
क्रिस्टलीकरण विधि से ठोस पदार्थों में मिली अशुद्धियों को दूर किया जा सकता है। समुद्री जल में घुले नमक को शुद्ध रूप में प्राप्त करने तथा अशुद्ध नमूने से फिटकरी को पृथक् करने के लिए क्रिस्टलीकरण का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 9.
निम्न को रासायनिक और भौतिक परिवर्तनों में वर्गीकृत करें-
पेड़ों का काटना, मक्खन का एक बर्तन में पिघलना, अलमारी में जंग लगना, जल का उबल कर वाष्य बनना, विद्युत् तरंग का जल में प्रवाहित होना तथा उसका हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैसों में विघटित होना, जल में साधारण नमक का घुलना, फलों से सलाद बनाना, लकड़ी और कागज़ का जलना।
उत्तर-

  1. पेड़ों का काटना = भौतिक परिवर्तन
  2. मक्खन का एक बर्तन में पिघलना = भौतिक परिवर्तन
  3. अलमारी में जंग लगना = रासायनिक परिवर्तन
  4. जल का उबल कर वाष्प बनना = भौतिक परिवर्तन।
  5. विद्युत तरंग का जल में प्रवाहित होना और उसका हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैसों में विघटित होना = रासायनिक परिवर्तन
  6. जल में साधारण नमक का घुलना = भौतिक परिवर्तन
  7. फलों से सलाद बनाना = भौतिक परिवर्तन
  8. लकड़ी और कागज़ का जलना = रासायनिक परिवर्तन ।

प्रश्न 10.
अपने आस-पास की चीज़ों को शुद्ध पदार्थों या मिश्रण से अलग करने का प्रयत्न करें।
उत्तर-
शुद्ध पदार्थ – हाइड्रोजन, तांबा, सोना, नमक, चीनी, जल, लोहा, चांदी आदि।। मिश्रण-सोडा वाटर, नमक का घोल, शर्बत, धुवां, आइसक्रीम, गंधक-लोह चूर्ण का मिश्रण, जल और तेल का घोल।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

PSEB 9th Class Science Guide हमारे आस-पास के पदार्थ Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्नलिखित तापमान को सेल्सियस इकाई में परिवर्तित करें :
(a) 293K
(b) 470 K
उत्तर-
(a) 293 K = (293 – 273)
= 20°C

(b) 470 K = (470 – 273)°C
= 197°C

प्रश्न 2.
निम्नलिखित तापमान को केल्विन इकाई में परिवर्तित करें :
(a) 25°C
(b) 3730
उत्तर-
(a) तापमान = 25°C
= 25 + 273 = 298 K

(b) तापमान = 373°C
= 373 + 273 == 646 K

प्रश्न 3.
निम्नलिखित अवलोकनों हेतु के कारण लिखें :
(a) नैफ्थालीन को रखा रहने देने पर यह समय के साथ कुछ भी ठोस पदार्थ छोड़े बिना अदृश्य हो जाती है।
(b) हमें इत्र की गंध बहुत दूर बैठे हुए भी पहुंच जाती है।
उत्तर-
(a) अनेक पदार्थ द्रव अवस्था में परिवर्तित हुए बिना ठोस अवस्था से सीधे गैस में बदल जाते हैं जिसे ऊर्ध्वपातन कहते हैं। नेफ्थालीन की गोलियां इसी प्रक्रिया से बिना किसी ठोस को छोड़े लुप्त हो जाती हैं।

(b) पदार्थों के कण निरंतर गतिशील होते हैं। इत्र की सुगंध वायु के माध्यम से परासरण (विसरित) के कारण स्वयं आस-पास के वातावरण में फैल जाती है जिस कारण उसे कई मीटर दूर से भी सुंधा जा सकता है।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित पदार्थों को उन के कणों के बीच बढ़ते हुए आकर्षण के अनुसार व्यवस्थित करें :
(a) जल
(b) चीनी
(c) ऑक्सीजन।
उत्तर-
ऑक्सीजन < जल < चीनी।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित तापमानों पर जल की भौतिक अवस्था क्या है :
(a) 25°C
(b) 0°C
(c) 100°C?
उत्तर-
(अ) द्रव अवस्था
(ब) ठोस अवस्था
(स) उबलना (वाष्प)।

प्रश्न 6.
पुष्टि हेतु कारण दें:
(a) जल कमरे के ताप पर द्रव है।
(b) लोहे की अलमारी कमरे के ताप पर ठोस है।
उत्तर-
(a) (I) जल को जिस भी बर्तन में डाला जाए उसी का आकार ले लेता है। कमरे का तापमान जल के क्वथनांक से कम तथा हिमांक से अधिक है।
(II) जल बहता है और यह दृढ़ नहीं है।

(b) (I) लोहे की अलमारी की निश्चित, स्पष्ट सीमाएं और स्थिर आयतन है।
(II) नगण्य संपीड्यता है। कमरे का तापमान लोहे के क्वथनांक से कम और गलनांक से अधिक है। कमरे के तापमान पर उसका अवस्था परिवर्तन संभव नहीं है इसलिए वह उस तापमान पर ठोस है।

प्रश्न 7.
273 K पर बर्फ़ को ठंडा करने पर तथा जल को इसी तापमान पर ठंडा करने पर शीतलता का प्रभाव अधिक क्यों होता है ?
उत्तर-
273 K पर बर्फ इसी तापमान पर पानी की अपेक्षा संगलन की गुप्त ऊष्मा के कारण अधिक प्रभावशाली होती है।

प्रश्न 8.
उबलते हुए जल अथवा ताप में से जलने की तीव्रता किस में अधिक महसूस होती है ?
उत्तर-
भाप। जब जल 373 K पर उबलता है, तो 373 K वाष्प में बदलता है। उसे 536 कैलोरी/ग्राम ऊष्मा की आवश्यकता होती है। उबलते जल में गुप्त ऊष्मा भी सम्मिलित होती है।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित चित्र के लिए A, B, C, D, E और F की व्यवस्था परिवर्तन को नामांकित करें-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ 1
उत्तर-
A – संगलन (Fusion)
B – वाष्पन (Vaporisation)
C – संघनन (Condensation)
D – जमना (Solidification)
E – ऊर्ध्वपातन (Sublimation)
F – ऊर्ध्वपातन (Sublimation)

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पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन पदार्थ हैं-
कुर्सी, वायु, स्नेह, गंध, घृणा, बादाम, विचार, शीत, शीतल पेय, इत्र की सुगंध।
उत्तर-
कुर्सी, वायु, बादाम और शीतल पेय पदार्थ हैं क्योंकि इन का द्रव्यमान होता है और ये स्थान घेरते हैं।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रेक्षण के कारण बताएँ-
गर्मा-गर्म खाने की गंध कई मीटर दूर से आपके पास पहुंच जाती है, लेकिन ठंडे खाने की महक लेने के लिए आपको उसके पास जाना पड़ता है।
उत्तर-
गर्मागर्म या ठंडा खाना कणों से बनता है और पदार्थ के कण सदा गतिशील होते हैं। उन में विसरण होता है। तापमान बढ़ने से कणों की गति तेज़ हो जाती है, उनकी विसरण की दर बढ़ जाती है। गर्मागर्म खाने की गंध कई मीटर दूर से आपके पास विसरण से पहुंच जाती है। दूसरी ओर खाना ठंडा होने पर इसके कणों का वायु में विसरण, लगभग नगण्य होता है। इसलिए अधिक दूरी पर ठंडे खाने की महक नहीं आ पाती तथा हमें खाने के समीप जाना पड़ता है।

प्रश्न 3.
स्वीमिंग पूल में गोताखोर पानी काट पाता है। इससे पदार्थ का कौन-सा गुण प्रेक्षित होता है?
उत्तर-
स्वीमिंग पूल में गोताखोर पानी को काट पाता है क्योंकि पानी के कणों के बीच अंतराअणुक नामक एक बल कार्य करता है जो कणों को एक साथ रखता है। जल के कणों के बीच दूरी अपेक्षाकृत अधिक होने से उनमें संपीड्यता का गुण होता है। स्वीमिंग पूल में गोताखोर जब पानी को अपने हाथों से धकेलता है तो पानी के अणुओं के मध्य आकर्षण बल कम होने के कारण वह पानी को काट पाता है।

प्रश्न 4.
पदार्थ के कणों की क्या विशेषताएं होती हैं? .
उत्तर-
प्रत्येक पदार्थ कणों के मिलने से बनता है। प्रत्येक पदार्थ के कण बहुत छोटे होते हैं इतने छोटे कि उन की छोटे आकार की हम कल्पना भी नहीं कर सकते। उनकी विशेषताएं निम्नलिखित हैं-

  1. पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है।
  2. पदार्थ के कण निरंतर गतिशील होते हैं। उनमें गतिज ऊर्जा होती है।
  3. पदार्थ के कण एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं। यह आकर्षण बल अलग-अलग पदार्थों में अलग-अलग होता
  4. तापमान बढ़ाने से कणों की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है।

प्रश्न 5.
किसी तत्त्व के द्रव्यमान प्रति इकाई आयतन को घनत्व कहते हैं। (घनत्व = PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ 2)
बढ़ते हुए घनत्व के क्रम में निम्नलिखित को व्यवस्थित करें-
वायु, चिमनी का धुआं, शहद, जल, चॉक, रूई और लोहा।
उत्तर-
चिमनी का धुआं, वायु, रूई, जल, शहद, चॉक, लोहा।

प्रश्न 6.
(a) पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओं के गुणों में होने वाले अंतर को सारणीबद्ध कीजिए।
(b) निम्नलिखित पर टिप्पणी कीजिए-दृढ़ता, संपीड्यता, तरलता, बर्तन में गैस का भरना, आकार, गतिज ऊर्जा एवं घनत्व।
उत्तर-
(a) पदार्थ की विभिन्न अवस्थाएँ ठोस, द्रव तथा गैस हैं। इनके मध्य अंतर निम्नलिखित हैं-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ 3

(b) 1 दृढ़ता – दृढ़ता ठोस पदार्थों का गुण है। नगण्य संपीड्यता के कारण वे बाह्य बल लगाने पर भी अपने आकार को नहीं बदलते। ये अपने आकार को दृढ़ता के गुण प्रदान करते हैं। ठोस पदार्थों में आकर्षण बल के कारण दृढ़ता अधिक होती है। द्रव को थोड़ा दबाया जा सकता है और गैस को सरलता से दबाया जा सकता है।

2. संपीड्यता – पदार्थों का संपीड्यता गुण, उन पर दाब के प्रभाव को व्यक्त करता है। यदि पदार्थ को बाह्य दाब के द्वारा दबाया नहीं जा सकता है तो उसकी संपीड्यता नगण्य होगी। इसके अतिरिक्त यदि पदार्थ को बाह्य दाब से दबाया जा सकता हो तो उसकी संपीड्यता अधिक होगी। दूसरे शब्दों में संपीड्यता पदार्थ के आयतन से संबंधित होती है। स्थिर आयतन वाले पदार्थों की संपीड्यता नगण्य तथा परिवर्तनशील आयतन वाले पदार्थों की संपीड्यता अधिक होती है। ठोस पदार्थों को बाह्य बल द्वारा दबाया नहीं जा सकता तथा इनका आयतन भी निश्चित होता है ; अतः इनकी संपीड्यता नगण्य होगी। द्रवों की संपीड्यता ठोसों से अधिक होती है तथा गैसों की संपीड्यता सर्वाधिक होती है। इसी कारण गैसों को कम आयतन वाले सिलिंडरों में संपीडित किया जा सकता है।

3. तरलता – तरलता तरल पदार्थों का गुण है जिनका निश्चित आकार नहीं होता पर निश्चित आयतन अवश्य होता है। तरलता बहने की प्रवृत्ति है और इसमें द्रव का आकार बदलता है। ठोस बिल्कुल नहीं बहते पर गैसें सब दिशाओं से बहती हैं।

4. बर्तन में गैस का भरना – गैसों के कणों में अंतराणुक बल क्षीण होने के कारण संपीड्यता बहुत अधिक होती है जिस कारण गैस के अत्यधिक आयतन को किसी कम आयतन वाले बर्तन में संपीडित किया जा सकता है और सरलतापूर्वक एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जा सकता है।

5. आकार – पदार्थ के कणों के बीच एक बल कार्य करता है। यह बल कणों को एक साथ रखता है और वस्तु को आकार प्रदान करता है। इस आकर्षण बल का सामर्थ्य प्रत्येक पदार्थ में अलग-अलग होता है। ठोस पदार्थों के कणों में अंतराणुक बल अधिक होता है जिस कारण उनका निश्चित आकार होता है पर द्रवों और गैसों में ऐसा नहीं होता।

6. गतिज ऊर्जा – पदार्थों के कण सदा गतिशील रहते हैं जिसे गतिज ऊर्जा कहते हैं। तापमान के बढ़ने से कणों की गति तेज़ हो जाती है अर्थात् तापमान बढ़ने से कणों की गतिज ऊर्जा भी बढ़ जाती है। ठोस में अधिक गतिज ऊर्जा नहीं होती। द्रव में कुछ गतिज ऊर्जा होती है, पर गैसों में उच्च गतिज ऊर्जा होती है।

7. घनत्व-किसी वस्तु का घनत्व प्रति एकांक आयतन के द्रव्यमान के बराबर होता है।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ 4
पदार्थ का आयतन ठोस पदार्थों का घनत्व उच्च होता है, द्रव में निम्न होता है, पर गैसों का घनत्व नगन्य होता है।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

प्रश्न 7.
कारण बताएं-
(a) गैस पूरी तरह उस बर्तन को भर देती है, जिसमें इसे रखते हैं।
(b) गैस बर्तन की दीवारों पर दबाव डालती है।
(c) लकड़ी की मेज़ ठोस कहलाती है।
(d) हवा में हम आसानी से अपना हाथ चला सकते हैं लेकिन एक ठोस लकड़ी के टुकड़े में हाथ चलाने के लिए हमें कराटे में दक्ष होना पड़ेगा।
उत्तर-
(a) गैस में कणों को स्थिति बहुत ढीली होती है और उनके बीच रिक्त स्थान बहुत अधिक होते हैं। उनमें आकर्षण बल नगण्य के समान होता है और वे तीव्र गति से सभी दिशाओं में इधर-उधर गति कर सकते हैं। इनका निश्चित आयतन भी नहीं होता इसलिए गैस पूरी तरह उस बर्तन को भर देती है, जिसमें इसे रखा जाता है।

(b) गैस में कणों की गति अनियमित और अत्यधिक तीव्र होती है। इस अनियमित गति के कारण ये कण आपस में एवं बर्तन की दीवारों से टकराते हैं। बर्तन की दीवार पर गैस कणों द्वारा प्रति इकाई क्षेत्र पर लगे बल के कारण दीवारों पर दबाव बनता है।

(c) लकड़ी की मेज पदार्थ के जिन कणों से मिल कर बनती है उनके बीच एक बल कार्य करता है जो अन्य कणों को अपने साथ रखता है। निश्चित आकार, असंपीड्यता, स्पष्ट सीमाओं और स्थिर आयतन के कारण यह ठोस कहलाती है। यह बाह्य बल लगाने पर भी अपने आकार को बनाए रखती है।

(d) पदार्थ के कणों के मध्य आकर्षण बल होता है जिसकी सामर्थ्य भिन्न-भिन्न पदार्थों के लिए भिन्न-भिन्न होती है। हवा के कणों में यह बल्ल-सामर्थ्य नगण्य होती है जिससे इसके कणों के मध्य स्थान बनाया जा सकता है अर्थात् हवा के बीच में हम अपना हाथ आसानी से चला सकते हैं। परंतु ठोस लकड़ी के टुकड़े में आकर्षण बल-सामर्थ्य बहुत अधिक होती है जिससे इसके कण परस्पर दृढ़ता से जुड़े रहते हैं तथा इनके मध्य हम अपना हाथ नहीं चला सकते! लकड़ी के टुकड़े में हाथ चलाने के लिए हमें कराटे कला में निपुण होना चाहिए जिससे हम लकड़ी के टुकड़े को अपने हाथ से तोड़ सकते हैं।

प्रश्न 8.
सामान्यतया ठोस पदार्थ की अपेक्षा द्रवों का घनत्व कम होता है। लेकिन आपने बर्फ के टुकड़े को पानी में तैरते हुए देखा होगा पता लगाइए ऐसा क्यों होता है?
उत्तर-
अधिकांश वस्तुएं गर्म करने पर फैलती हैं। तापमान बढ़ने से उनका घनत्व घटता है पर पानी 0°C से 4°C तापमान के बीच सिकुड़ता है और इसके बाद यह अन्य वस्तुओं के समान फैलता है। पानी का अधिकतम घनत्व 4°C पर 1 g/cm3 है। बर्फ का घनत्व पानी से कम है इसलिए यह पानी के तल पर तैरती है। यह देखा गया है कि 0.91 g पानी (9°C पर 1 3 आयतन बेरता है अर्थात् बर्फ का घनत्व ) 91 g/cm3 होता है।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित तापमान को सेल्सियस में बदलें।
(a) 300K
(b) 573 K
उत्तर-
(a) 300 K
300 -273 = 27°C

(b) 573K
573-273 = 300°C

प्रश्न 10.
निम्नलिखित तापमान पर पानी की भौतिक अवस्था क्या होगी?
(a) = 250°C
(b) = 100°C
उत्तर-
(a) वाष्प। सारा पानी भाप बन कर रड़ जाएगा।
(b) पानी उबलने लगेगा। जल का यही क्वथनांक है।

प्रश्न 11.
किसी भी पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के दौरान स्थिर क्यों रहता है?
उत्तर-
किसी भी पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के दौरान स्थिर रहती है। कणों के पारस्परिक आकर्षण बल को वशीभूत करके पदार्थ की अवस्था को बदलने में इस ऊष्मा का उपयोग होता है। तापमान में वृद्धि दिखाए बिना ही इस ऊष्मीय ऊर्जा को पदार्थ अवशोषित कर लेता है।

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प्रश्न 12.
वायुमंडलीय गैसों को द्रव में परिवर्तन करने के लिए कोई विधि सुझाइए।
उत्तर-
वायुमंडलीय गैसों को किसी बंद बर्तन में बंद करके और दाब बढ़ा कर तथा तापमान कम कर के द्रव में बदला जा सकता है।

प्रश्न 13.
गर्म, शुष्क दिन में कूलर आंधक ठंडा क्यों करता है?
उत्तर-
गर्म, शुष्क दिन में तापमान बढ़ जाने से अधिक कणों को पर्याप्त गतिज ऊर्जा मिलती है। शुष्कता के कारण वायु में विद्यमान जलवाष्प कम हो जाते हैं। वायु में जल कणों की मात्रा कम होने से वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है। वाष्पीकरण से ठंडक उत्पन्न होती है।

प्रश्न 14.
गर्मियों में घड़े का जल ठंडा क्यों होता है ?
उत्तर-
मिट्टी से बने घड़े में छोटे-छोटे छिद्र (रध्र) होते हैं जिनमें से घड़े में भरा पानी रिसकर बाहर आ जाता है तथा वातावरण की गर्म वायु के संपर्क में आकर वाष्पीकृत हो जाता है। जल के वाष्प में परिवर्तित होने के लिए आवश्यक ऊष्मीय ऊर्जा घड़े के भीतर वाले जल से प्राप्त होती है। इससे घड़े के भीतर उपस्थित जल ठंडा हो जाता है।

प्रश्न 15.
ऐसीटोन/पेट्रोल या इत्र डालने पर हमारी हथेली ठंडी क्यों हो जाती है ?
उत्तर-
ऐसीटोन/पेट्रोल या इत्र शीघ्रता से वाष्पीकृत हो जाते हैं। जब इन पदार्थों को हथेली पर डाला जाता है तो इनके कण हथेली तथा आस-पास के वातावरण से ऊर्जा प्राप्त कर लेते हैं तथा वाष्पीकृत हो जाते हैं। ऊर्जा (ताप) के ह्रास से हमारी हथेली ठंडी हो जाती है।

प्रश्न 16.
कप की अपेक्षा प्लेट से हम गर्म दूध या चाय जल्दी क्यों पी लेते हैं ?
उत्तर-
कप की अपेक्षा प्लेट की सतह अधिक होती है। प्लेट की सतह अधिक होने के कारण इसमें भरे दूध या चाय का वाष्णन अधिक होता है। प्लेट की सतह से वाष्पन अधिक होने से दूध या बाय शीघ्रता से ठंडी हो जाती है और हम कप को अपेक्षा प्लेट से इसे जल्दी पी लेते हैं।

प्रश्न 17.
गर्मियों में हमें किस तरह के कपड़े पहनने चाहिए ?
उत्तर-
गर्मियों में हमें सूती कपड़े पहनने चाहिए। शारीरिक प्रक्रिया के कारण गर्मियों में पसीना अधिक आता है, जिससे हमें शीतलता प्राप्त होती है। पसीने के वाष्पीकरण के दौरान पसीने के कण हमारे शरीर या आस-पास से ऊर्जा प्राप्त करके वाष्प में बदल जाते हैं। वाष्पीकरण की प्रसुप्त ऊष्मा के बराबर ऊष्मीय ऊर्जा हमारे शरीर से अवशोषित हो जाती है जिससे शरीर शीतल हो जाता है। चूंकि सूती कपड़ों में जल का अवशोषण रोता है, इसलिए हमारा पसीना इसमें अवशोषित होकर वायुमंडल में आसानी से वाष्पीकृत हो जाता है।

PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 5 फ्रांसीसी क्रांति

Punjab State Board PSEB 10th Class Social Science Book Solutions History Chapter 5 फ्रांसीसी क्रांति Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Social Science History Chapter 5 फ्रांसीसी क्रांति

SST Guide for Class 9 PSEB फ्रांसीसी क्रांति Textbook Questions and Answers

(क) बहुविकल्पीय प्रश्न :

प्रश्न 1.
पुराने राज्य के दौरान आर्थिक गतिविधियों का भार किस द्वारा चुकाया जाता था ?
(क) चर्च
(ख) केवल अमीर
(ग) तीसरा वर्ग
(घ) केवल राजा।
उत्तर-
(ग) तीसरा वर्ग

प्रश्न 2.
आस्ट्रियन राजकुमारी मैरी एंटोनिटी फ्रांस के किस राजा की रानी थी ?
(क) लुइस तीसरा
(ख) लुइस 14वां
(ग) लुइस 15वां
(घ) लुइस 16वां।
उत्तर-
(घ) लुइस 16वां।

PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 5 फ्रांसीसी क्रांति

प्रश्न 3.
नेपोलियन ने स्वयं को फ्रांस का राजा कब बनाया ?
(क) 1805 ई०
(ख) 1804 ई०
(ग) 1803 ई०
(घ) 1806 ई०
उत्तर-
(ख) 1804 ई०

प्रश्न 4.
फ्रांस में टेनिस कोर्ट शपथ कब ली गई ?
(क) 4 जुलाई, 1789 ई०
(ख) 20 जून, 1789 ई०
(ग) 4 अगस्त, 1789 ई०
(घ) 5 मई, 1789 ई०।
उत्तर-
(ख) 20 जून, 1789 ई०

प्रश्न 5.
फ्रांस संदर्भ में कन्वेंशन से क्या अभिप्राय है ?
(क) एक फ्रांसीसी स्कूल
(ख) नई चुनी परिषद्
(ग) क्लब
(घ) एक महिला संगठन।
उत्तर-
(ख) नई चुनी परिषद्

प्रश्न 6.
मांटेस्क्यू ने कौन-से विचार का प्रचार किया ?
(क) दैवी अधिकार
(ख) सामाजिक समझौता
(ग) शक्तियों की विकेंद्रीकरण
(घ) शक्ति का संतुलन।
उत्तर-
(ग) शक्तियों की विकेंद्रीकरण

प्रश्न 7.
फ्रांसीसी इतिहास में किस समय को आतंक का दौर के नाम से जाना जाता है ?
(क) 1792 ई०-93 ई०
(ख) 1774 ई०-76 ई०
(ग) 1793 ई०-94 ई०
(घ) 1804 ई०-1815 ई०
उत्तर-
(ग) 1793 ई०-94 ई०

(ख) रिक्त स्थान भरो :

  1. एक सिर काटने वाला यंत्र था जिसका प्रयोग फ्रांसीसियों ने किया था ……………
  2. बेस्टाइल का हमला ………….. में हुआ था।
  3. 815 ई० में वाटरलू के युद्ध में …………. पराजित हुआ।
  4. जैकोबिन क्लब का प्रतिनिधि …………….. था।
  5. …………. ने सोशल कांट्रेक्ट नाम पुस्तक की रचना की।
  6. मारसेइस (Marseillaise) की रचना ………….. ने की ।

उत्तर-

  1. गुलुटाइन,
  2. 14 जुलाई, 1789 ई०
  3. नेपोलियन बोनापार्ट
  4. मेक्सीमिलान रोबसपायरी (Maximilian Robespierie),
  5. रूसो
  6. रोजर डी लाइसले (Roger de LTsle)THEMAHI

(ग) मिलान करो :

(क) – (ख)
1. किलेनुमा जेल – (अ) गुलूटाइन
2. चर्च द्वारा प्राप्त कर – (आ) जैकोबिन
3. आदमी का सिर काटना – (इ) रूसो
4. फ्रांस की मध्य श्रेणी का क्लब – (ई) बेस्टाइल
5. द सोशल कांट्रैक्ट – (उ) टित्थे।

उत्तर-

  1. बेस्टाइल
  2. टित्थे,
  3. गुलटाइन
  4. जैकोबिन
  5. रूसो।

PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 5 फ्रांसीसी क्रांति

(घ) अंतर बताओ :

प्रश्न 1.
1. पहला वर्ग और तीसरा वर्ग
2. टित्थे और टाइले।
उत्तर-
1. पहला वर्ग-समाज के पहले वर्ग में पादरी शामिल थे। पादरी वर्ग दो हिस्सों में विभाजित था-उच्च पादरी, साधारण पादरी। उच्च पादरियों में प्रधान पादरी , धर्माध्यक्ष और महंत शामिल थे। वे गिरिजाघरों का प्रबन्ध चलाते थे। उनको लोगों से कर (Tithe) इकट्ठा करने का अधिकार प्राप्त था।
तीसरा वर्ग-समाज के तीसरे वर्ग में कुल जनसंख्या के 97 प्रतिशत लोग आते थे। यह वर्ग असमानता और सामाजिक एवं आर्थिक पिछड़ेपन का शिकार था। इस श्रेणी में धनी व्यापारी, अदालती व कानूनी अधिकारी, साहूकार, किसान, कारीगर, छोटे काश्तकार, आदि आते थे। तीसरे वर्ग के लोग ही सबसे अधिक कर देते थे।

2. टित्थे (Tithe)—यह गिरिजाघर को दिया जाने वाला कर था। किसानों को अपनी वार्षिक आय का दसवां भाग भूमि कर के रूप में देना पड़ता था। यह भूमि पर लगाया जाने वाला कर था जो पहले किसान अपनी इच्छा से देते थे, परंतु बाद में इसे अनिवार्य कर दिया गया।
टाइले (Taille) यह राज्य को दिया जाने वाला कर था जो कि साधारण लोगों पर लगाया जाता था। प्रायः राजा अपनी प्रजा की भूमि और सम्पत्ति पर यह कर लगाता था। यह कर रोज़ की आवश्यकताओं जैसे कि नमक व तम्बाकू पर लगाया जाता था। इसका प्रतिशत हर वर्ष राजा की मर्जी से निश्चित किया जाता था।

अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
फ्रांस की क्रांति कब हुई ?
उत्तर-
1789 ई०।

प्रश्न 2.
जैकोबिन क्लब का नेता कौन था ?
उत्तर-
मेक्सीमिलान रोबसपायरी।

प्रश्न 3.
डायरैक्टरी क्या थी ?
उत्तर-
पांच सदस्यों की कौंसिल।

प्रश्न 4.
फ्रांस के समाज में कौन कर देता था ?
उत्तर-
तीसरा वर्ग।

प्रश्न 5.
राज्य को प्रत्यक्ष दिये जाने वाले कर को क्या कहते थे ?
उत्तर-
टैले (Taille)।

प्रश्न 6.
किन वर्गों को कर से छूट प्राप्त थी ?
उत्तर-
पहला वर्ग अथवा पादरी वर्ग तथा दूसरा वर्ग अथवा कुलीन वर्ग।

प्रश्न 7.
किसानों को कितने प्रकार के करों का भुगतान करना पड़ता था ?
उत्तर-
किसानों को दोनों प्रकार के कर देने पड़ते थे-टित्थे (Tithe) तथा टाइले (Taille)।

प्रश्न 8.
फ्रांस के राष्ट्रीय गान का नाम लिखो।
उत्तर-
‘मारसेइस’ (Marseillaise)

PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 5 फ्रांसीसी क्रांति

लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
फ्रांसीसी क्रांति से पूर्व समाज किस प्रकार विभाजित था ?
उत्तर-
फ्रांसीसी क्रांति से पूर्व समाज तीन वर्गों (एस्टेट) में बंट था-पहला वर्ग तथा पादरी वर्ग, दूसरा वर्ग अथवा कुलीन वर्ग, तीसरा वर्ग अथवा साधारण वर्ग।

  1. पहला वर्ग अथवा पादरी वर्ग-पहला वर्ग में अधिकार युक्त बड़े-बड़े सामंत, पादरी आदि सम्मिलित थे। इन लोगों को कोई कर नहीं देना पड़ता था। योग्य न होने पर भी वे राज्य के बड़े-बड़े पदों पर आसीन थे।
  2. दूसरा वर्ग अथवा कुलीन वर्ग-दूसरे एस्टेट में कुलीन वर्ग के लोग सम्मिलित थे।
  3. तीसरे वर्ग अथवा साधारण वर्ग-तीसरे एस्टेट में अर्थात् वकील, डॉक्टर तथा शिक्षक वर्ग के लोग सम्मिलित थे। योग्यता होने पर भी ये लोग राज्य के उच्च पदों से वंचित थे। जनसाधारण भी इसी वर्ग में सम्मिलित थे। उन्हें राज्य को भी कर देना पड़ता था और चर्च को भी। इनसे बेगार ली जाती थी और वर्षों से इनका शोषण हो रहा था।

प्रश्न 2.
फ्रांसीसी क्रांति में महिलाओं के योगदान पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर-
फ्रांसीसी क्रांति के समय किसी भी सरकार ने महिलाओं को सक्रिय नागरिक नहीं माना, परंतु क्रांति के समय उनकी भूमिका बहुत महत्त्वपूर्ण थी।
तीसरे एस्टेट की अधिकतर महिलाएं जीवन निर्वाह के लिए काम करती थीं। वे सिलाई-बुनाई तथा कपड़ों की धुलाई करती थीं और बाजारों में फल-फूल तथा सब्जियां बेचती थीं। कुछ महिलाएं संपन्न घरों में घरेलू काम करती थीं। बहुतसी महिलाएं वेश्यावृत्ति भी करती थीं। अधिकांश महिलाओं के पास पढ़ाई-लिखाई तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण के अवसर नहीं थे। कामकाजी महिलाओं को अपने परिवार की देखभाल भी करनी पड़ती थी। महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए निरंतर आंदोलन चलाया। फ्रांसीसी क्रांति के समय ओलंपे दे गाजस एक सक्रिय राजनीतिक महिमा प्रतिनिधि थी। उसने संविधान के मनुष्य व नागरिकों के अधिकारों के घोषणा-पत्र का विरोध किया। इसलिए उसे मृत्यु दंड दे दिया गया। ऐसी अन्य कई महिला प्रतिनिधियों को आतंक के दौर में मौत के घाट उतार दिया गया। लगभग 150 वर्षों के बाद 1946 ई० में महिलाओं के जीवन में सुधार लाने वाले कुछ कानून लागू किए। एक कानून के अनुसार सरकारी विद्यालयों की स्थापना की गई और सभी लड़कियों के लिए स्कूली शिक्षा को अनिवार्य बना दिया गया।

प्रश्न 3.
फ्रांसीसी क्रांति की प्रभावित करने वाले तीन प्रमुख लेखकों, दार्शनिकों के विषय में संक्षेप में लिखो।
उत्तर-

  1. जॉन लॉक ने अपनी कृति ‘टू ट्रीटाइज़ेज ऑफ़ गवर्नमैंट’ में राजा के दैवी तथा निरंकुश अधिकारों के सिद्धांत का खंडन किया।
  2. रूसो ने इसी विचार को आगे बढ़ाया। उसने जनता और उसके प्रतिनिधियों के बीच एक सामाजिक अनुबंध पर आधारित सरकार का प्रस्ताव रखा।
  3. मॉटेस्क्यू ने अपनी रचना ‘द स्पिरिट ऑफ़ द लॉज़’ में सरकार के अंदर विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के बीच सत्ता विभाजन की बात कही।
    दार्शनिकों के इन विचारों से फ्रांस में क्रांति के विचारों को और अधिक बल मिला।

प्रश्न 4.
राजतंत्र से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
राजतंत्र ऐसी शासनतंत्र प्रणाली होती है जिसमें राजा ही सबसे बड़ा अधिकारी होता है। वह प्रायः तानाशाह होता है और राजा के दैवीय अधिकारों में विश्वास रखता है। फ्रांस में भी राजतंत्र था और वहां का शासक लुईस 16वां सभी अधिकारों का स्वामी था। उसके अधिकारों को कोई भी चुनौती नहीं दे सकता था उसे न तो देश के संविधान की चिंता थी और न ही जनता के हितों का ध्यान था। वर्षों तक उसने देश की संसद् भी नहीं बुलाई थी। जब उसने संसद् बुलाई तो उसका उद्देश्य भी कर लगाना था। यही घटना क्रांति के विस्फोट का कारण बनी।

प्रश्न 5.
‘राष्ट्रीय संवैधानिक परिषद्’ का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर-
फ्रांस का सम्राट् लुई (XVI) अपनी विद्रोही प्रजा की शक्ति को देखकर सहम गया था। अतः उसने नेशनल असेंबली को मान्यता दे दी और यह भी मान लिया कि अब से उसकी सत्ता पर संविधान का अंकुश होगा। 1791 में नेशनल असेंबली ने संविधान का प्रारूप तैयार कर लिया। इसका मुख्य उद्देश्य सम्राट की शक्तियों को सीमित करना था। अब शक्तियों को विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका में विभाजित कर दिया गया। इस प्रकार शक्तियां एक हाथ में केंद्रित न रह कर तीन विभिन्न संस्थाओं को हस्तांतरित कर दी गईं। इसी के फलस्वरूप फ्रांस में संवैधानिक राजतंत्र की स्थापना हुई।

दीर्घ उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
उन स्थितियों का वर्णन करें जिनके कारण फ्रांसीसी क्रांति का उदय हुआ ?
उत्तर-
फ्रांसीसी क्रांति आधुनिक यूरोप के इतिहास की महानतम घटना थी। इसका आरंभ भले ही 1789 ई० में हुआ हो, परंतु इसकी पृष्ठभूमि बहुत पहले से तैयार हो रही थी। फ्रांस में राजा, उसके दरबारी, सेना के अधिकारी तथा चर्च के पादरी जन-साधारण का खून चूस रहे थे। इन्हें कोई कर नहीं देना पड़ता था। करों का सारा बोझ जनता पर था। आम आदमी राज्य की सेवा करता था, परंतु योग्यता होने पर भी वह उच्च पद प्राप्त नहीं कर सकता था। किसान तो दासता में पैदा होता था और दासता में ही मर जाता था। 1789 ई० में स्थिति और भी गंभीर हो गई और क्रांति की ज्वाला भड़क उठी। संक्षेप में, फ्रांस में क्रांति की शुरुआत निम्नलिखित परिस्थितियों में हुई
1. राजनीतिक परिस्थितियां

  1. फ्रांस के राजा स्वेच्छाचारी थे और वे राजा के दैवीय अधिकारों में विश्वास रखते थे। सम्राट की इच्छा ही कानून थी। वह अपनी इच्छा से युद्ध अथवा संधि करता था। सम्राट् लुई 14वां तो यहां तक कहता था-“मैं ही राज्य हूं।”
  2. कर बहुत अधिक थे जो मुख्यतः जनसाधारण को ही देने पड़ते थे। दरबारी और सामंत करों से मुक्त थे।
  3. राज्य में सैनिक तथा अन्य पद पैतृक थे और उन्हें बेचा भी जा सकता था।
  4. सेना में असंतोष था।
  5. शासन में व्यापक भ्रष्टाचार फैला हुआ था।

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2. सामाजिक परिस्थितियां

  1. फ्रांस में मुख्य तीन श्रेणियां (एस्टेट्स) थीं-उच्च, मध्यम तथा निम्न। उच्च श्रेणी में अधिकार युक्त बड़े-बड़े सामंत, पादरी आदि सम्मिलित थे। इन लोगों को कोई कर नहीं देना पड़ता था। योग्य न होने पर भी वे राज्य के बड़ेबड़े पदों पर आसीन थे।
  2. दूसरे एस्टेट में कुलीन वर्ग के लोग सम्मिलित थे।

3. आर्थिक परिस्थितियां-

  1. फ्रांस के राजा धन का दुरुपयोग करते थे और उन्होंने व्यक्तिगत ऐश्वर्य के लिए खज़ाना खाली कर दिया।
  2. करों का विभाजन दोषपूर्ण था। धनी लोग कर से मुक्त थे जबकि जनसाधारण को कर चुकाने पड़ते थे। कर एकत्रित करने की विधि भी दोषपूर्ण थी।
  3. फांस में औद्योगिक क्रांति के कारण अनेक कारीगर बेकार हो गए और उनमें असंतोष फैल गया।
  4. फ्रांस ऋण के बोझ से दबा हुआ था।
  5. दोषपूर्ण कर-प्रणाली के कारण व्यापार अवनति की ओर बढ़ रहा था।
  6. फ्रांस ने अमेरिका के लोगों को वित्तीय सहायता दी जिससे राजकोष पर ऋण का बोझ बढ़ गया।

4. दार्शनिकों का योगदान-फ्रांस की स्थिति बहुत ही खराब थी, जिसे दर्शाने में दार्शनिकों ने बड़ा योगदान दिया। उन्होंने जनता को यह समझाने का प्रयास किया कि उनके दुःखों का वास्तविक कारण राजतंत्र है।

  1. रूसो ने अपनी पुस्तक ‘सामाजिक समझौता’ में राजा के दैवीय अधिकारों पर प्रहार किया।
  2. वाल्तेयर ने चर्च के धार्मिक आडंबरों और पादरियों के भ्रष्टाचार को अपना निशाना बनाया।
  3. मांतेस्क्यू ने अपनी पुस्तक ‘The Spirit of the Laws’ में राजा के दैवीय अधिकारों और उसकी निरंकुशता की कड़ी आलोचना की।
    इस प्रकार, दार्शनिकों के प्रयत्नों से नवीन विचारधारा का प्रादुर्भाव हुआ। इसी नवीन विचारधारा के कारण फ्रांस में क्रांति हुई।

5. एस्टेट्स जेनराल का अधिवेशन बुलाया जाना तथा क्रांति की शरुआत-फ्रांसीसी क्रांति का तात्कालिक कारण एस्टेट्स जेनराल का अधिवेशन बुलाया जाना था। अधिवेशन बुलाए जाने के बाद जनसाधारण के प्रतिनिधियों ने राजा के सामने यह मांग रखी कि एस्टेट्स जेनराल के तीनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाई जाए। राजा के इन्कार करने
पर जनसाधारण के प्रतिनिधि टैनिस कोर्ट में एकत्रित हुए और उन्होंने नवीन संविधान बनाने की घोषणा की। इसी बीच राजा ने जनता के प्रतिनिधियों की मांग स्वीकार कर ली जिन्होंने एस्टेट्स जेनराल के प्रथम अधिवेशन में ही क्रांति का बिगुल बजा दिया।
PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 5 फ्रांसीसी क्रांति (1)

प्रश्न 2.
फ्रांस की क्रांति के पड़ावों के बारे में विस्तारपूर्वक लिखो।
उत्तर-
फ्रांसीसी क्रांति आधुनिक काल की सबसे महान् घटना थी। यह केवल फ्रांस की ही आंतरिक घटना नहीं थी, बल्कि यह विश्व क्रांति थी। इसने केवल फ्रांसीसी समाज को ही नहीं, बल्कि पूरी मानव-जाति को प्रभावित किया। शताब्दियों के पश्चात् मानवीय मूल्यों का आदर किया जाने लगा, मध्यकालीन सामंती ढांचा जड़ से हिल गया और राजतंत्र का स्थान प्रजातंत्र ने लेना आरंभ किया। समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के सिद्धांतों की गूंज विश्व के अनेक देशों में सुनी गई। फ्रांस की क्रांति के 1789 ई० से आरंभ होकर नेपोलियन के पतन तक चली इसके विभिन्न पड़ावों का वर्णन इस प्रकार है-

1. टैनिस कोट और बेस्टील का पतन-14 जुलाई, 1789 को क्रुद्ध भीड़ से पेरिस नगर में बेस्टील के किले पर धावा बोला। यह किला फ्रांस के सम्राट् की निरंकुश शक्तियों का प्रतीक था। उस दिन सम्राट ने सेना को नगर में प्रवेश करने का आदेश दे दिया था। अफ़वाह थी कि वह सेना को नागरिकों पर गोलियां चलाने का आदेश देने वाला है। अतः लगभग 7000 पुरुष तथा स्त्रियां टाऊन हॉल के सामने एकत्र हुए और उन्होंने एक जन-सेना का गठन किया। हथियारों की खोज में वे अनेक सरकारी भवनों में जबरन प्रवेश कर गए। अंततः सैंकड़ों लोगों के एक समूह ने पेरिस नगर में स्थित बेस्टील (Bastile) के किले की जेल को तोड़ डाला जहां उन्हें भारी मात्रा में गोला-बारूद मिलने की आशा थी। हथियारों पर कब्जे के इस संघर्ष में बेस्टील का कमांडर मारा गया और कैदी छुड़ा लिए गए, यद्यपि उनकी संख्या केवल सात थी। किले को ध्वस्त कर दिया गया और उसके अवशेष बाज़ार में उन लोगों को बेच दिए गए जो इस ध्वंस को स्मृति-चिह्न के रूप में संजो कर रखना चाहते थे।

2. फ्रांस में संवैधानिक राजतंत्र (राष्ट्रीय महासभा)-फ्रांस का सम्राट् लुई (XVI) अपनी विद्रोही प्रजा की शक्ति को देखकर सहम गया था। अत: उसने नेशनल असेंबली को मान्यता दे दी और यह भी मान लिया कि अब से उसकी सत्ता पर संविधान का अंकुश होगा। 1791 में नेशनल असेंबली ने संविधान का प्रारूप तैयार कर लिया। इसका मुख्य उद्देश्य सम्राट की शक्तियों को सीमित करना था। अब शक्तियों को विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका में विभाजित कर दिया गया। इस प्रकार शक्तियां एक हाथ में केंद्रित न रह कर तीन विभिन्न संस्थाओं को हस्तांतरित कर दी गईं। इसी के फलस्वरूप फ्रांस में संवैधानिक राजतंत्र की स्थापना हुई।

3. आतंक का राज्य जैकोबिन क्लब-जैकोबिन क्लब के सदस्य मुख्यतः समाज के हम समृद्ध वर्गों से संबंधित थे। इनमें छोटे दुकानदार और कारीगर जैसे जूता बनाने वाले, पेस्ट्री बनाने वाले, घड़ीसाज़, छपाई करने वाले और नौकर व दैनिक मज़दूर शामिल थे। उनका नेता मैक्समिलियन रोबेस्प्येर था। रोबेस्प्येर ने 1793 से 1794 तक फ्रांस पर शासन किया। उसने बहुत ही कठोर एवं क्रूर नीतियां अपनाईं। वह जिन्हें गणतंत्र का शत्रु मानता था अथवा उसकी पार्टी का जो कोई सदस्य उससे असहमति जताता था, उन्हें जेल में डाल देता था। उन पर एक क्रांतिकारी न्यायालय द्वारा मुकद्दमा चलाया जाता था। जो कोई भी दोषी पाया जाता था, उसे गुलोटाइन पर चढ़ा कर उसका सिर धड़ से अलग कर दिया जाता था।
रोबेस्प्येर ने अपनी नीतियों को इतनी कठोरता एवं क्रूरता से लागू किया कि उसके समर्थक भी त्राहि-त्राहि कर उठे। इसी कारण उसके राज्य की ‘आतंक का राज्य’ कहा जाता है।

4. डायरेक्टरी का शासन-जैकोबिन सरकार के पतन के बाद नेशनल कन्वेंशन ने 1795 ई० में फ्रांस के लिए एक संविधान तैयार किया था। इस संविधान के अनुसार देश के शासन की बागडोर डायरेक्टरी के हाथ में सौंप दी गई। 26 अक्तूबर, 1795 ई० को डायरेक्टरी का पहला अधिवेशन बुलाया गया और इसके साथ ही नेशनल कन्वेंशन भंग हो गई। डायरेक्टरी ने चार वर्ष (1795-1799 ई०) तक फ्रांस पर शासन किया। इन चार वर्षों में इसे अनेकों कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। डायरेक्टरी की राजनीतिक असफलता ने सैनिक तानाशाह नेपोलियन बोनापार्ट के उदय का मार्ग प्रशस्त किया।

5. नेपोलियन का काल-1799 में डिरेक्ट्री के शासन का तख्तापलट कर नेपोलियन प्रथम काउंसिल (First Council) बन गया। उसने तानाशाही शक्तियां प्राप्त कर ली। उसने जनमत-संग्रह करवाया। 99.9 प्रतिशत मतदाताओं ने उसकी नई शासन व्यवस्था के पक्ष में मत दिया। विजयों की एक श्रृंखला के बाद वह फ्रांस के शत्रुओं के साथ भी शांति संधि स्थापित करने में सफल रहा। संधि तथा शांति स्थापना के इन कार्यों ने सिद्ध कर दिया कि वह एक योग्य प्रशासक है। 1799 से 1804 तक, उसने अनेक सुधार लागू किए।

  • उसने वित्तीय उपायों द्वारा बढ़ती हुई मुद्रास्फीति (मूल्य वृद्धि) पर रोक लगाई।
  • इसके बाद बैंक ऑफ फ्रांस की स्थापना की गई।
  • उसने पोप के साथ काफ़ी समय से चले आ रहे उस विवाद को भी सुलझा लिया, जो 1789 में चर्च की भूमि को जब्त किए जाने के कारण शुरू हुआ था। इसके लिए उसने घोषित कर दिया कि कैथोलिकवाद ही बहुसंख्यक फ्रांसीसियों का धर्म है।
  • तत्पश्चात् उसने फ्रांसीसी कानून को संहिताबद्ध करने का काम पूरा किया। इसीलिए उस संहिता को नेपोलियन कोड (संहिता) के नाम से पुकारा जाता है। यही संहिता भविष्य में फ्रांसीसी कानून प्रणाली का आधार बनी रही।
  • नेपोलियन सम्राट् बना-1804 तक आते-आते नेपोलियन प्रथम काउंसिल के पद से संतुष्ट नहीं रहा। उसने एक बार फिर जनमत-संग्रह करवाया और उसे वह सब बनने व करने का अधिकार मिला जो वह चाहता था। दिसंबर
    PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 5 फ्रांसीसी क्रांति (2)
    1804 में उसने पोप पिअस सप्तम की उपस्थिति में स्वयं अपने हाथों से अपने सिर पर राजमुकुट धारण किया। इस प्रकार उसने स्वयं को सम्राट् घोषित कर दिया।

PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 5 फ्रांसीसी क्रांति

प्रश्न 3.
फ्रांस की क्रांति के क्या प्रभाव पड़े ?
उत्तर-
फ्रांसीसी क्रांति (1789 ई०) से न केवल फ्रांस, बल्कि संसार के समस्त देश स्थायी रूप से प्रभावित हुए। वास्तव में इस क्रांति के कारण एक नये युग का उदय हुआ। इसके तीन प्रमुख सिद्धांत-समानता, स्वतंत्रता और भ्रातृत्व की भावना पूरे विश्व के लिए अमर वरदान सिद्ध हुए। इन्हीं के आधार पर संसार के अनेक देशों में एक नये समाज की स्थापना का प्रयत्न किया गया। इस क्रांति की विरासत का वर्णन इस प्रकार है-

1. स्वतंत्रता-स्वतंत्रता फ्रांसीसी क्रांति का एक मूल सिद्धांत था। इस सिद्धांत से यूरोप के लगभग सभी देश प्रभावित हुए। फ्रांस में मानव-अधिकारों के घोषणा-पत्र (Declaration of the Rights of Man) द्वारा सभी लोगों को उनके अधिकारों से परिचित कराया गया। देश में अर्द्धदास प्रथा (Serfdom) का अंत कर दिया गया और निर्धन किसानों को सामंतों के चंगुल से छुटकारा दिलाया गया। फ्रांसीसी क्रांति के परिणामस्वरूप अनेक देशों में निरंकुश शासन के विरुद्ध आंदोलन आरंभ हो गए। लोगों ने धार्मिक, सामाजिक तथा राजनीतिक स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करना आरंभ कर दिया।

2. समानता-क्रांति के कारण निरंकुश शासन का अंत हुआ और इसके साथ ही समाज में फैली असमानता का भी अंत हो गया। समानता क्रांति का एक महत्त्वपूर्ण सिद्धांत था। इसका प्रचार लगभग सभी देशों में हुआ। इसके फलस्वरूप सभी लोग कानून की दृष्टि में एक समान समझे जाने लगे। सभी लोगों को उन्नति के समान अवसर प्राप्त होने लगे। सरकार अब सभी लोगों से एक समान व्यवहार करने लगी। वर्ग भेद सदा के लिए समाप्त हो गया।

3. लोकतंत्र-फ्रांस के क्रांतिकारियों ने राष्ट्रीय सम्मेलन द्वारा निरंकुश तथा स्वेच्छाचारी शासन का अंत कर दिया और इसके स्थान पर लोकतंत्र की स्थापना की। लोगों को बताया गया कि राज्य की सारी शक्ति जनता में निहित है और राजा के दैवी अधिकारों का सिद्धांत बिल्कुल गलत है। लोगों को यह अधिकार है कि वे अपने चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा सरकार चलायें। फ्रांस को क्रांति ने यह स्पष्ट कर दिया था कि सरकार केवल जनता के लिए ही नहीं बल्कि जनता के द्वारा बनाई जाए। आरंभ में लोकतंत्र के सिद्धांत के विरुद्ध यूरोप में प्रतिक्रिया हुआ, परंतु कुछ समय पश्चात् यूरोप तथा संसार के अन्य देशों ने इस सिद्धांत के महत्त्व को समझा और उन देशों में लोकतंत्र का जन्म हुआ।

4. राष्ट्रीयता की भावना-फ्रांसीसी क्रांति के कारण फ्रांस तथा यूरोप के अन्य देशों में राष्ट्रीयता की भावना का जन्म हुआ। क्रांति के समय जब आस्ट्रिया तथा प्रशा ने फ्रांस पर आक्रमण किया था तो फ्रांस के सभी लोग, कंधे से कंधा मिलाकर उनके विरुद्ध लड़े थे। यह उनकी राष्ट्रीय भावना का ही परिणाम था। फ्रांसीसी होने के नाते वे एक-दूसरे से जुड़े हुए थे और देश के शत्रु को अपना साझा शत्रु मानते थे। राष्ट्रीयता की इसी भावना से प्रेरित हो कर नेपोलियन के सैनिकों ने अनेक देशों पर विजय प्राप्त की। यह भावना केवल फ्रांस तक ही सीमित न रहकर जर्मनी, स्पेन, पुर्तगाल आदि देशों में भी पहुंची।

5. सामंतवाद से प्रजातंत्र की ओर-फ्रांसीसी क्रांति ने सामंतवाद का अंत कर दिया। सामंतों को उनके विशेषाधिकारों से वंचित कर दिया गया। अब उन्हें भी अन्य लोगों की भांति कर देने पड़ते थे। अर्द्धदास प्रथा (Serfdom) का अंत कर दिया गया और वर्ग-भेद मिटा दिये गये। समाज का गठन समानता के आधार पर किया गया। धीरे-धीरे ये परिवर्तन यूरोप तथा संसार के अन्य देशों में भी किये गए। इस प्रकार सामंतवाद का स्थान प्रजातंत्र ने लेना आरंभ कर दिया।

6. सार्वजनिक कल्याण-फ्रांस की राज्य-क्रांति ने सार्वजनिक कल्याण की भावना को विकसित किया। इस भावना से प्रेरित होकर दयालु लोगों तथा उन्नत सरकारों ने धन तथा कानूनों द्वारा लोगों के सामाजिक जीवन को सुधारने के प्रयास किए। जेलों की व्यवस्था को सुधारा गया तथा दासता का अंत कर दिया गया। कारखानों, खानों तथा खेतों में काम करने वाले मजदूरों की अवस्था में भी काफी सुधार किए गए। अशिक्षितों की शिक्षा के लिए स्कूलों की स्थापना की गई तथा रोगियों के लिए अस्पताल खोले गए। पिछड़े हुए लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई। इस प्रकार क्रांति के कारण सार्वजनिक भलाई की भावना का काफ़ी विकास हुआ। तो यह है कि क्रांति ने प्रचलित कानूनों का रूप बदल दिया, सामाजिक मान्यताएं बदल डालीं और आर्थिक ढांचे में आश्चर्यजनक परिवर्तन किए। राजनीतिक दल नवीन आदर्शों से प्रेरित हुए। सुधार आंदोलन तीव्र गति से चलने लगे। साहित्यकारों ने नवीन वाणी पाई। फ्रांसीसी क्रांति के तीन स्तंभ-समानता, स्वतंत्रता तथा बंधुत्व प्रत्येक देश के लिए पथ-प्रदर्शक बने। मानवता के लिए अंधकार का युग समाप्त हुआ और एक आशा भरी प्रातः का उदय हुआ।

प्रश्न 4.
फ्रांसीसी क्रांति के कारणों का विस्तारपूर्वक वर्णन करें।
नोट-इसके लिए दीर्घ उत्तरों वाले प्रश्नों का प्रश्न नंबर 1 पढ़ें।

प्रश्न 5.
1789 ई० से पूर्व तीसरे वर्ग की महिलाओं की क्या स्थिति थी ?
उत्तर-
फ्रांस में तीसरे एस्टेट (वर्ग) की अधिकतर महिलाएं जीवन निर्वाह के लिए काम करती थीं। वे सिलाईबुनाई तथा कपड़ों की धुलाई करती थीं और बाजारों में फल-फूल तथा सब्जियां बेचती थीं। कुछ महिलाएं संपन्न घरों में घरेलू काम करती थीं। बहुत-सी महिलाएं वेश्यावृत्ति भी करती थीं। अधिकांश महिलाओं के पास पढ़ाई-लिखाई तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण के अवसर नहीं थे। केवल कुलीनों की लड़कियां अथवा तीसरे एस्टेट के धनी परिवारों की लड़कियां ही कॉन्वेंट में पढ़ पाती थीं। इसके बाद उनकी शादी कर दी जाती थी। कामकाजी महिलाओं को अपने परिवार की देखभाल भी करनी पड़ती थी।
प्रारंभिक वर्षों में क्रांतिकारी सरकार ने महिलाओं के जीवन में सुधार लाने वाले कुछ कानून लागू किए। एक कानून के अनुसार सरकारी विद्यालयों की स्थापना की गई और सभी लड़कियों के लिए स्कूली शिक्षा को अनिवार्य बना दिया गया।

PSEB 9th Class Social Science Guide फ्रांसीसी क्रांति Important Questions and Answers

I. बहुविकल्पीय प्रश्न :

प्रश्न 1.
फ्रांस की राज्य क्रांति कब हुई ?
(क) 1917 ई० में
(ख) 1905 ई० में
(ग) 1789 ई० में
(घ) 1688 ई० में।
उत्तर-
(ग) 1789 ई० में

प्रश्न 2.
फ्रांसीसी क्रांति के समय फ्रांस पर किसका शासन था ?
(क) लुई फिलिप का
(ख) लुई सोलहवें का
(ग) लुई चौदहवें का
(घ) लुई अमरहवें का।
उत्तर-
(ख) लुई सोलहवें का

प्रश्न 3.
फ्रांसीसी क्रांति के समय किसानों की गणना किस वर्ग में की जाती थी ?
(क) कुलीन वर्ग में
(ख) मध्य वर्ग में
(ग) निम्न वर्ग में
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) निम्न वर्ग में

PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 5 फ्रांसीसी क्रांति

प्रश्न 4.
रोमन कैथोलिक चर्च का सबसे बड़ा अधिकारी था
(क) रोमन सम्राट
(ख) रोमन प्रधानमंत्री।
(ग) पोप
(घ) मैटर्निख।
उत्तर-
(ग) पोप

प्रश्न 5.
फ्रांसीसी क्रांति के समय यूरोप में भूमि के स्वामी थे
(क) जागीरदार
(ख) किसान
(ग) दास-कृषक
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(क) जागीरदार

प्रश्न 6.
इनमें से किसका संदर्भ राजकीय शक्ति के प्रतीक से है ?
(क) राजदंड
(ख) कानूनी टेबल
(ग) लिवर (लिव्रे)
(घ) राजस्व।
उत्तर-
(क) राजदंड

प्रश्न 7.
इनमें से कौन-सा दासों की आजादी का प्रतीक है ?
(क) राजदंड
(ख) छड़ों का बींदार गट्ठर
(ग) अपनी पूंछ मुंह में लिए सांप
(घ) टूटी हुई जंजीर/हथकड़ी।
उत्तर-
(घ) टूटी हुई जंजीर/हथकड़ी।

प्रश्न 8.
विधि पट किस बात का प्रतीक है ? .
(क) कानून की नज़र में सब बराबर हैं।
(ख) कानून सबके लिए समान हैं।
(ग) सामंत विशेष सुविधाओं के अधिकारी हैं।
(घ) (क) तथा (ख)।
उत्तर-
(घ) (क) तथा (ख)।

प्रश्न 9.
फ्रांस के राष्ट्रीय रंगों का समूह निम्न में से कौन-सा है?
(क) नीला-पीला-लाल
(ख) पीला-सफ़ेद-नीला
(ग) नीला-सफ़ेद-लाल
(घ) केसरी-सफ़ेद-हरा।
उत्तर-
(ग) नीला-सफ़ेद-लाल

प्रश्न 10.
निम्न में से किसका संदर्भ ‘एकता में ही बल है’ के प्रतीक से है ?
(क) त्रिभुज के अंदर रोशनी बिखेरती आँख
(ख) छड़ों का बींदार गट्ठर
(ग) लाल फ्राइजियन टोपी
(घ) टिथे।
उत्तर-
(ख) छड़ों का बींदार गट्ठर

प्रश्न 11.
लाल-फ्राइजियन टोपी का संबंध निम्न में से किससे है ?
(क) स्वतंत्र दासों से
(ख) समानता से
(ग) कानून के मानवीय रूप से
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) स्वतंत्र दासों से

प्रश्न 12.
निम्न में से कानून के मानवीय रूप का प्रतीक कौन-सा है ?
(क) विधि पट
(ख) लाल-फ्राइजियन टोपी
(ग) डैनों वाली स्त्री
(घ) अपनी पूंछ मुंह में लिए सांप।
उत्तर-
(ग) डैनों वाली स्त्री

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प्रश्न 13.
निम्नलिखित में से ज्ञात का प्रतीक कौन-सा है ?
(क) राजदंड
(ख) टूटी हुई जंजीर
(ग) डैनों वालो स्त्री
(घ) त्रिभुज के अंदर रोशनी बिखेरती आंख।
उत्तर-
(घ) त्रिभुज के अंदर रोशनी बिखेरती आंख।

प्रश्न 14.
तीसरे एस्टेट (फ्रांस) द्वारा राज्य को दिए जाने वाले प्रत्यक्ष कर का नाम इनमें से क्या था ?
(क) टाइद
(ख) टेली (टाइल)
(ग) लिवर (लिव्रे)
(घ) राजस्व।
उत्तर-
(ख) टेली (टाइल)

प्रश्न 15.
चर्च द्वारा किसानों (फ्रांस) से वसूला जाने वाला धार्मिक कर निम्न में से कौन-सा था ?
(क) लिने
(ख) टाइद
(ग) टिले
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(ख) टाइद

प्रश्न 16.
फ्रांस के संदर्भ में लिने क्या था ?
(क) फ्रांस की मुद्रा
(ख) कारागार
(ग) एक प्रकार का कर
(घ) उच्च पद्र।
उत्तर-
(क) फ्रांस की मुद्रा

प्रश्न 17.
लुई 16वां फ्रांस का सम्राट् कब बना था ?
(क) 1747 ई० में
(ख) 1789 ई० में
(ग) 1774 ई० में
(घ) 1791 ई० में।
उत्तर-
(ग) 1774 ई० में

प्रश्न 18.
फ्रांस के शासक लुई 16वें ने किस प्रकार की सरकार को अपनाया ?
(क) निरंकुश
(ख) साम्यवादी
(ग) समाजवादी
(घ) उदारवादी।
उत्तर-
(क) निरंकुश

प्रश्न 19.
कौन-सा कारक फ्रांसीसी क्रांति के लिए उत्तरदायी था ?
(क) प्रजातंत्रात्मक शासन प्रणाली
(ख) सामंतों की शोचनीय दशा
(ग) भ्रष्ट शासन
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(ग) भ्रष्ट शासन

प्रश्न 20.
लुई 16वें का संबंध किस राजवंश से था ?
(क) हेप्सबर्ग
(ख) हिंडेनबर्ग
(ग) नार्डिक
(घ) बूबों।
उत्तर-
(घ) बूबों।

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प्रश्न 21.
रूसो ने ग्रंथ लिखा
(क) ट्रीटाइड ऑन टालरेंस
(ख) द सोशल कंट्रेक्ट/सामाजिक समझौता।
(ग) विश्वकोष
(घ) फिलीसिफिकल डिक्शनरी।
उत्तर-
(ख) द सोशल कंट्रेक्ट/सामाजिक समझौता।

प्रश्न 22.
एस्टेट्स जेनराल का अधिवेशन हुआ
(क) पेरिस में
(ख) वर्सेय में
(ग) वियाना में
(घ) बर्लिन में।
उत्तर-
(ख) वर्सेय में

प्रश्न 23.
ऐंटोनिटी कौन थी ?
(क) लुई 14वें की पत्नी
(ख) लुई 15वें की पत्नी
(ग) लुई 16वें की पत्नी
(घ) लुई 16वें की पत्नी।
उत्तर-
(ग) लुई 16वें की पत्नी

प्रश्न 24.
मेरी ऐंटोनिटी कहां की राजकुमारी थी ?
(क) जर्मनी
(ख) फ्रांस
(ग) इंग्लैंड
(घ) आस्ट्रिया।
उत्तर-
(घ) आस्ट्रिया।

प्रश्न 25.
क्रांति (1789) के समय फ्रांस पर कितना विदेशी ऋण था ?
(क) 2 अरब लिने
(ख) 12 अरब लिने
(ग) 10 अरब लिवे
(घ) 2.8 अरब लिने।
उत्तर-
(ख) 12 अरब लिने

प्रश्न 26.
फ्रांस में एस्टेट्स जेनराल का अधिवेशन हुआ था
(क) 1788 ई० में
(ख) 1801 ई० में
(ग) 1791 ई० में
(घ) 1789 ई० में।
उत्तर-
(घ) 1789 ई० में।

प्रश्न 27.
किस पुस्तक को ‘क्रांति का बाइबल’ कहा जाता है ?
(क) दि प्रिंसिपल ऑफ पोलिटकल राइट्स
(ख) एडिसकोर्स ऑन एंड साईंसिस ।
(ग) लॉ नैवेल
(घ) द सोशल कांट्रेक्ट/सामाजिक समझौता।
उत्तर-
(घ) द सोशल कांट्रेक्ट/सामाजिक समझौता।

प्रश्न 28.
कौन-सा सिद्धांत फ्रांसीसी क्रांति का नहीं है ?
(क) समानता
(ख) स्वतंत्रता
(ग) बंधुत्व
(घ) साम्राज्यवाद।
उत्तर-
(घ) साम्राज्यवाद।

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प्रश्न 29.
” मैं फ्रांस हूँ। मेरी इच्छा ही कानून है।” ये शब्द किसके हैं ?
(क) बिस्मार्क
(ख) मांटेस्क्यू
(ग) लुई 16वें
(घ) नेपोलियन।
उत्तर-
(ग) लुई 16वें

प्रश्न 30.
राष्ट्रीय सभा बुलाने का उद्देश्य क्या था ?
(क) राजा को दंड देना
(ख) कर लगाना
(ग) कर हटाना
(घ) दार्शनिकों को पुरस्कृत करना।
उत्तर-
(ख) कर लगाना

प्रश्न 31.
राजा से झगड़े के पश्चात् राष्ट्रीय सभा किस स्थान पर एकत्रित हुई ?
(क) राजा के महल में
(ख) राजमहल के सामने
(ग) टेनिस कोर्ट में
(घ) बर्लिन में।
उत्तर-
(ग) टेनिस कोर्ट में

प्रश्न 32.
टेनिस कोर्ट में जनसाधारण के प्रतिनिधियों ने क्या शपथ ली ?
(क) संविधान बनाने की
(ख) राजा को हटाने की
(ग) चर्च की संपत्ति लूटने की
(घ) सामंत वर्ग का विनाश करने की।
उत्तर-
(क) संविधान बनाने की

प्रश्न 33.
राष्ट्रीय महासभा का अधिवेशन कब आरंभ हुआ ?
(क) 15 अगस्त, 1789 को
(ख) 9 जुलाई, 1789 को
(ग) 14 अगस्त, 1789 को
(घ) 4 अगस्त, 1789 को।
उत्तर-
(घ) 4 अगस्त, 1789 को।

प्रश्न 34.
राष्ट्रीय सभा ने मानवीय अधिकारों की घोषणा कब की ?
(क) 1790 को
(ख) 1791 को
(ग) 27 अगस्त, 1789
(घ) 1792 को।
उत्तर-
(ग) 27 अगस्त, 1789

प्रश्न 35.
फ्रांस में मानव एवं नागरिक अधिकारों की घोषणा किसने की ?
(क) विधानसभा ने
(ख) राष्ट्रीय महासभा ने
(ग) राष्ट्रीय सम्मेलन ने
(घ) किसी ने भी नहीं।
उत्तर-
(ख) राष्ट्रीय महासभा ने

प्रश्न 36.
बेस्टील का पतन कब हुआ ?
(क) 12 जुलाई, 1789 को
(ख) 10 जुलाई, 1789 को
(ग) 11 जुलाई, 1789 को
(घ) 14 जुलाई, 1789 को।
उत्तर-
(घ) 14 जुलाई, 1789 को।

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प्रश्न 37.
बेस्टील का किला किस बात का प्रतीक था ?
(क) स्वतंत्रता का
(ख) समानता का
(ग) बंधुत्व का
(घ) निरंकुश शक्तियों का।
उत्तर-
(घ) निरंकुश शक्तियों का।

प्रश्न 38.
फ्रांसीसी क्रांति का आरंभ किस ऐतिहासिक घटना से माना जाता है ?
(क) एस्टेट्स जेनराल का भंग होना
(ख) बेस्टील का पतन
(ग) राजा का फ्रांस से भागना
(घ) रानी का जिद्दी स्वभाव।
उत्तर-
(ख) बेस्टील का पतन

प्रश्न 39.
‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक सेना’ के गठन का क्या उद्देश्य था ?
(क) राजा पर नियंत्रण रखना
(ख) राष्ट्रीय सभा पर नियंत्रण रखना
(ग) फ्रांस का नेतृत्व करना
(घ) अराजकता को रोकना।
उत्तर-
(घ) अराजकता को रोकना।

प्रश्न 40.
राष्ट्रीय सभा ने संविधान तैयार किया
(क) 1789 में
(ख) 1799 में
(ग) 1791 में
(घ) 1792 में।
उत्तर-
(ग) 1791 में

प्रश्न 41.
1791 ई० के फ्रांसीसी संविधान के अनुसार फ्रांस की सरकार का स्वरूप कैसा था ?
(क) गणतंत्रीय
(ख) राजतंत्रीय
(ग) अल्पतंत्रीय
(घ) सामंतशाही।
उत्तर-
(क) गणतंत्रीय

प्रश्न 42.
10 अगस्त, 1792 से लेकर 20 सितंबर, 1792 तक फ्रांस का शासन किसके हाथ में रहा ?
(क) लुई 16वां
(ख) लफायेत
(ग) फ्रांसीसी सेना
(घ) पेरिस कम्यून।
उत्तर-
(घ) पेरिस कम्यून।

प्रश्न 43.
राष्ट्रीय सम्मेलन में लुई 16वें के लिए क्या दंड निश्चित किया गया ?
(क) मृत्यु दंड
(ख) निर्वासन
(ग) आजीवन कारावास
(घ) क्षमादान।
उत्तर-
(क) मृत्यु दंड

प्रश्न 44.
लुई 16वें को मृत्यु दंड कब दिया गया ?
(क) 1791 ई० में
(ख) 1792 ई० में
(ग) 1789 ई० में
(घ) 1793 ई० में।
उत्तर-
(घ) 1793 ई० में।

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प्रश्न 45.
राष्ट्रीय सम्मेलन ने किस अमानवीय प्रथा का अंत किया ?
(क) सती प्रथा
(ख) बेगार प्रथा
(ग) दास प्रथा
(घ) सामंत प्रथा।
उत्तर-
(ग) दास प्रथा

प्रश्न 46.
रोबेस्प्येर को गिलोटिन पर कब चढ़ाया गया ?
(क) जुलाई, 1794 ई० में
(ख) जुलाई, 1791 ई० में
(ग) जुलाई, 1789 ई० में
(घ) जुलाई, 1795 ई० में।
उत्तर-
(क) जुलाई, 1794 ई० में

प्रश्न 47.
फ्रांस में ‘आतंक का राज्य’ निम्नलिखित राजनीतिक दल ने स्थापित किया
(क) जिरोंदिस्त दल
(ख) राजतंत्रवादी दल
(ग) जैकोबिन दल
(घ) उपरोक्त सभी ने सामूहिक रूप से।
उत्तर-
(ग) जैकोबिन दल

प्रश्न 48.
आतंक के शासन में मृत्युदंड प्राप्त व्यक्ति को मारा जाता था
(क) फांसी देकर
(ख) गिलोटिन द्वारा
(ग) बिजली का झटका देकर
(घ) विष देकर।
उत्तर-
(ख) गिलोटिन द्वारा

प्रश्न 49.
जिरोंदिस्त दल ने देश की आर्थिक दशा सुधारने के लिए कौन-सी नई मुद्रा चलाई ?
(क) चांदी के सिक्के
(ख) सोने के सिक्के
(ग) तांबे के सिक्के
(घ) कागज़ के नोट।
उत्तर-
(घ) कागज़ के नोट।

प्रश्न 50.
‘पैट्रियाट’ नामक पत्र के प्रकाशन का कार्य फ्रांसीसी क्रांति के किस नेता ने आरंभ किया ?
(क) रूसो
(ख) रोबेस्प्येर
(ग) दांते
(घ) ब्रीसो।
उत्तर-
(घ) ब्रीसो।

प्रश्न 51.
डायरेक्टरी की राजनीतिक अस्थिरता जिस सैनिक तानाशाह के उदय का आधार बनी
(क) नेपोलियन बोनापार्ट
(ख) लुई 16वां
(ग) रोबेस्प्येर
(घ) रूसो।
उत्तर-
(क) नेपोलियन बोनापार्ट

प्रश्न 52.
फ्रांस में महिलाओं को मत देने का अधिकार मिला
(क) 1792
(ख) 1794
(ग) 1904
(घ) 1946.
उत्तर-
(घ) 1946

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प्रश्न 53.
क्रांतिकारी फ्रांस से आने वाले विचारों का समर्थन किया
(क) टीपू सुल्तान तथा राजा राममोहन राय
(ख) हैदरअली तथा स्वामी दयानंद
(ग) बहादुरशाह ज़फ़र तथा स्वामी विवेकानंद
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(क) टीपू सुल्तान तथा राजा राममोहन राय

II. रिक्त स्थान भरो:

  1. फ्रांसीसी क्रांति के समय ………………….. यूरोप में भूमि के स्वामी थे।
  2. फ्रांस के राष्ट्रीय रंगों का समूह ………………………. है।
  3. …………….. तीसरे वर्ग (एस्टेट) द्वारा फ्रांस राज्य को दिया जाने वाला प्रत्यक्ष कर था।
  4. फ्रांस में एस्टेट्स जेनराल का अधिवेशन ……….. ………. ई० में हुआ।
  5. बेस्टील का किला …. ……………….. का प्रतीक था।
  6. फ्रांस के ‘आतंक का राज्य’ …………………….. ने स्थापित किया।

उत्तर-

  1. जमींदार
  2. नीला सफेद लाल
  3. टेली (टाइले)
  4. 1789
  5. निरंकुश शक्तियों
  6. जैकोरि

III. सही मिलान करो :

(क) – (ख)
1. फ्रांसीसी क्रांति – (i) स्वतंत्र दास
2. किसान – (ii) जैकोबिन दल
3. लाल फ्रीजियन टोपी – (iii) लुई सोलहवां
4. क्रांति का बाइबल – (iv) द सोशल कांट्रेक्ट
5. आतंक का राज्य – (v) निम्न वर्ग

उत्तर-

  1. लुई सोलहवां
  2. निम्न वर्ग
  3. स्वतंत्र दास
  4. द सोशल कांट्रेक्ट
  5. जैकोबिन दल। जिला

अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

उत्तर एक लाइन अथवा एक शब्द में :

प्रश्न 1.
फ्रांस की राज्य क्रांति कब हुई ?
उत्तर-
1789 ई० में।

प्रश्न 2.
फ्रांसीसी क्रांति से पूर्व फ्रांस में किस वर्ग को विशेषाधिकार प्राप्त थे ?
उत्तर-
सामंत वर्ग को।

प्रश्न 3.
फ्रांसीसी क्रांति के समय फ्रांस का शासक कौन था ? उसका संबंध किस राजवंश से था ?
उत्तर-
लुई सोलहवां, बूढे राजवंश।

प्रश्न 4.
फ्रांसीसी क्रांति के समय फ्रांस के समाज में सबसे अधिक शक्तिशाली थे ?
उत्तर-
सामंत, चर्च।

प्रश्न 5.
रोमन कैथोलिक चर्च का सबसे बड़ा अधिकारी कौन था ?
उत्तर-
पोप।

प्रश्न 6.
फ्रांसीसी क्रांति के समय फ्रांस की संसद् किस नाम से प्रसिद्ध थी ?
उत्तर-
एस्टेट्स जेनराल।

प्रश्न 7.
लुई सोलहवें का निवास स्थान कहां था ?
उत्तर-
वर्सेय में।

प्रश्न 8.
फ्रांसीसी क्रांति के समय फ्रांस में किस प्रकार का शासन तंत्र था ?
उत्तर-
निरंकुश राजतंत्र।

प्रश्न 9.
फ्रांसीसी क्रांति को जन्म देने वाले दो प्रमुख दार्शनिकों के नाम बताओ।
उत्तर-
मांटेस्क्यू, रूसो।

प्रश्न 10.
रूसो ने किस बात पर अधिक बल दिया ?
उत्तर-
मनुष्यों की समानता पर।

प्रश्न 11.
रूसो द्वारा लिखित ग्रंथ का नाम लिखो।
उत्तर-
द सोशल कंट्रेक्ट (सामाजिक समझौता)।

प्रश्न 12.
मांतेस्क्यू ने किस ग्रंथ की रचना की थी ?
उत्तर-
‘The Spirit of The Laws’ (कानून की आत्मा)।

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प्रश्न 13.
मेरी ऐंटोनिटी कौन थी ?
उत्तर-
लुई सोलहवें की पत्नी।

प्रश्न 14.
फ्रांस की भूमि पर कितना भाग चर्च की संपत्ति थी ?
उत्तर-
1/5 भाग।

प्रश्न 15.
फ्रांसीसी क्रांति से पूर्व फ्रांस में राज्य तथा सेना के महत्त्वपूर्ण पदों पर किसका अधिकार था ?
उत्तर-
सामंतों का।

प्रश्न 16.
फ्रांस के किस दार्शनिक को दार्शनिकों का सम्राट् कहा जाता है ?
उत्तर-
वाल्तेयर को।

प्रश्न 17.
फ्रांसीसी क्रांति का फ्रांस पर कोई एक प्रभाव बताओ।
उत्तर-
निरंकुश राजतंत्र का पतन।

प्रश्न 18.
फ्रांसीसी क्रांति के तीन प्रमुख सिद्धांत कौन-कौन से थे ?
उत्तर-
समानता, स्वतंत्रता, बंधुत्व।

प्रश्न 19.
राष्ट्रीय सभा का नाम संविधान सभा कब रखा गया ?
उत्तर-
9 जुलाई, 1789.

प्रश्न 20.
राष्ट्रीय सभा बुलाने का क्या उद्देश्य था?
उत्तर-
कर लगाना।

प्रश्न 21.
तुर्गों द्वारा किया गया एक वित्तीय सुधार लिखो।
उत्तर-
कर्मचारियों की संख्या में कमी।

प्रश्न 22.
एस्टेट्स जेनराल का अधिवेशन बुलाने से पूर्व लुई 16वें ने कौन-सी सभा बुलाई ?
उत्तर-
पैरिस की पार्लियामेंट।

प्रश्न 23.
पैरिस की पार्लियामेंट क्यों बुलाई गई ?
उत्तर-
कर लगाने के लिए।

प्रश्न 24.
एस्टेट्स जेनराल का अधिवेशन कब हुआ ?
उत्तर-
17 जुलाई, 1789.

प्रश्न 25.
टैनिस कोर्ट (फ्रांस) में जनसाधारण के प्रतिनिधियों ने किस विषय में शपथ ली ?
उत्तर-
संविधान बनाने की।

प्रश्न 26.
फ्रांस में मानव एवं नागरिक अधिकारों की घोषणा किसने की ?
उत्तर-
राष्ट्रीय महासभा ने।

प्रश्न 27.
बेस्टील का पतन कब हुआ ?
उत्तर-
14 जुलाई, 1789.

प्रश्न 28.
फ्रांसीसी क्रांति का आरंभ किस घटना से माना जाता है ?
उत्तर-
बेस्टील के पतन से।

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प्रश्न 29.
फ्रांस की ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक सेना’ का मुखिया कौन था ?
उत्तर-
लफायेत।

प्रश्न 30.
राजा को वर्सेय से पेरिस कौन लाया ?
उत्तर-
स्त्रियों का जलस।

प्रश्न 31.
राष्ट्रीय संविधान सभा ने संविधान कब तैयार किया ?
उत्तर-
1791 ई० में।

प्रश्न 32.
जिरोंदिस्त क्लब के सदस्य किस विचारधारा के पक्षपाती थे ?
उत्तर-
गणतंत्रवादी विचारधारा।

प्रश्न 33.
पहली बार फ्रांस की जनता ने किस दिन राजमहल को घेरा ?
उत्तर-
20 जून, 1792 ई०।

प्रश्न 34.
पेरिस की भीड़ ने दूसरी बार राजा के महल को कब घेरा ?
उत्तर-
10 अगस्त, 1792 ई०।

प्रश्न 35.
फ्रांस के राजा को किसके शासन द्वारा बंदी बनाया गया ?
उत्तर-
विधानसभा के शासन द्वारा।

प्रश्न 36.
फ्रांसीसी विधान सभा का सबसे प्रमुख कार्य क्या था ?
उत्तर-
राजतंत्र की समाप्ति।

प्रश्न 37.
विधानसभा द्वारा राजतंत्रवादियों की हत्या की घटना को किस नाम से पुकारा जाता है ?
उत्तर-
सितंबर हत्याकांड।

प्रश्न 38.
राष्ट्रीय सम्मेलन ने फ्रांस में कैसी शासन प्रणाली स्थापित की ?
उत्तर-
गणतंत्रात्मक।

प्रश्न 39.
राष्ट्रीय सम्मेलन द्वारा जारी नये कैलेंडर की प्रथम तिथि कब से आरंभ हुई ?
उत्तर-
22 सितंबर, 1979 से।

प्रश्न 40.
राष्ट्रीय सम्मेलन ने लुई 16वें के लिए क्या दंड निश्चित किया ?
उत्तर-
मृत्यु दंड।

प्रश्न 41.
लुई 16वें को मृत्यु दंड कब दिया गया ?
उत्तर-
1793 ई० में।

प्रश्न 42.
राष्ट्रीय सम्मेलन के शासन काल में फ्रांस के दो प्रमुख राजनीतिक दल कौन-कौन से थे ?
उत्तर-
जिरोंदिस्त तथा जैकोबिन।

प्रश्न 43.
फ्रांस के राष्ट्रीय सम्मेलन ने भीतरी शत्रुओं का सामना करने के लिए किस समिति की स्थापना की ?
उत्तर-
सार्वजनिक रक्षा समिति।

प्रश्न 44.
राष्ट्रीय सम्मेलन ने नाप-तोल की कौन-सी नई विधि अपनाई ?
उत्तर-
दशमलव विधि।

प्रश्न 45.
फ्रांस में ‘आतंक का राज्य’ लगभग कितने वर्ष चला ?
उत्तर-
एक वर्ष।

प्रश्न 46.
फ्रांस में ‘आतंक का राज्य’ किस राजनीतिक दल ने स्थापित किया ?
उत्तर-
जैकोबिन दल।

प्रश्न 47.
सामान्य सुरक्षा समिति (आतंक का राज्य) की स्थापना कब हुई ?
उत्तर-
1792 ई० में।

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प्रश्न 48.
क्रांतिकारी न्यायालय (आतंक का राज्य) की स्थापना कब हुई ?
उत्तर-
1793 ई० में।

प्रश्न 49.
वह चौक किस नाम से प्रसिद्ध था जहां आतंक के राज्य में लोगों को मौत के घाट उतारा जाता था ?
उत्तर-
क्रांति चौक।

प्रश्न 50.
राष्ट्रीय सम्मेलन ने पेरिस में क्रांति के विरोधियों का अंत करने के लिए कौन-सा महत्त्वपूर्ण अधिनियम बनाया ?
उत्तर-
लॉ ऑफ़ सस्पैक्ट।

प्रश्न 51.
दांते को मृत्यु दंड कब दिया गया ?
उत्तर-
अप्रैल, 1774.

प्रश्न 52.
कौन-सा युद्ध जिरोंदिस्त दल के पतन का कारण बना ?
उत्तर-
आस्ट्रिया-फ्रांस युद्ध।

प्रश्न 53.
पेरिस कम्यून पर किस राजनीतिक दल का प्रभाव था ?
उत्तर-
जैकोबिन दल।

लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
फ्रांसीसी समाज के किन तबकों (वर्गों) को क्रांति का फायदा (लाभ) मिला ? कौन-से समूह सत्ता छोड़ने के लिए मजबूर हो गए ? क्रांति के नतीजों से समाज के किन समूहों को निराशा हुई होगी?
उत्तर-

  1. फ्रांसीसी क्रांति से श्रमिक वर्ग तथा कृषक वर्ग को लाभ पहुंचा। इसका कारण यह था कि ये समाज के सबसे शोषित वर्ग थे। करों के बोझ से दबी आम जनता को भी राहत मिली। स्वतंत्रता एवं समानता की कामना करने वाले लोग भी प्रसन्न थे।
  2. क्रांति से अभिजात वर्ग को सत्ता त्यागनी पड़ी। राजतंत्र का अंत हो गया। जागीरदारों, सामंतों तथा चर्च को अपने विशेषाधिकारों से हाथ धोना पड़ा।
  3. क्रांति से अभिजात वर्ग को ही निराशा हुई होगी। इसके अतिरिक्त राजतंत्र के समर्थकों को भी क्रांति ने निराश ही किया होगा।

प्रश्न 2.
लुई 16वां (XVI) फ्रांस का सम्राट् कब बना ? उस समय फ्रांस की आर्थिक दशा कैसी थी ?
अथवा
लुई 16वें के राजगद्दी पर बैठते समय फ्रांस आर्थिक संकट में फंसा हुआ था। इसे स्पष्ट करने के लिए कोई तीन बिंदु लिखिए।
उत्तर-
लुई XVI 1774 ई० में फ्रांस का सम्राट् बना। उस समय उसकी आयु केवल 20 वर्ष की थी। उसके राज्यारोहण के समय फ्रांस का राजकोष खाली था जिसके कारण फ्रांस आर्थिक संकट में फंसा हुआ था। इस आर्थिक संकट के लिए मुख्य रूप से निम्नलिखित कारक उत्तरदायी थे

  1. लंबे समय तक चले युद्धों के कारण फ्रांस के वित्तीय संसाधन नष्ट हो चुके थे।
  2. वर्साय (Versailles) के विशाल महल और राजदरबार की शानो-शौकत बनाए रखने के लिए धन पानी की तरह बहाया जा रहा था।
  3. फ्रांस ने अमेरिका के 13 उपनिवेशों को अपने सांझा शत्रु ब्रिटेन से स्वतंत्र कराने में सहायता दी थी। इस युद्ध के चलते फ्रांस पर दस अरब लिने से भी अधिक का कर्ज और बढ़ गया, जबकि उस पर पहले से ही दो अरब लिने के ऋण का बोझ था। सरकार से ऋणदाता अब 10 प्रतिशत ब्याज की मांग करने लगे थे। फलस्वरूप फ्रांसीसी सरकार अपने बजट का बहुत बड़ा भाग लगातार बढ़ते जा रहे कर्ज को चुकाने पर मजबूर थी।

प्रश्न 3.
1789 से पहले फ्रांसीसी समाज किस प्रकार व्यवस्थित था ? तीसरे एस्टेट की भूमिका का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
1789 से पहले फ्रांसीसी समाज तीन वर्गों में बंटा हुआ था जिन्हें एस्टेट कहते थे। तीन एस्टेट थे-प्रथम एस्टेट, द्वितीय एस्टेट तथा तृतीय एस्टेट। पहले एस्टेट में कुलीन वर्ग (पादरी आदि) के लोग तथा दूसरे वर्ग में सामंत शामिल थे। तीसरे एस्टेट में बड़े-बड़े व्यवसायी, व्यापारी, सौदागर, वकील, किसान, शिल्पकार, श्रमिक आदि आते थे। पहले दो एस्टेट के लोगों को कई विशेषाधिकार प्राप्त थे जिनमें से करों से मुक्ति का अधिकार सबसे महत्त्वपूर्ण था। करों का सारा बोझ तीसरे एस्टेट पर था, जबकि सभी आर्थिक कार्य इन्हीं लोगों द्वारा किये जाते थे। किसान तथा खेतिहर अनाज उगाते थे, श्रमिक वस्तुओं का उत्पादन करते थे और सौदागर व्यापार का संचालन करते थे। परंतु वे अपनी स्थिति में सुधार नहीं ला सकते थे।

प्रश्न 4.
रोबेस्प्येर कौन था ? उसके राज्य को ‘आतंक का राज्य’ क्यों कहा जाता है ?
उत्तर-
रोबेस्प्येर ने 1793 से 1794 तक फ्रांस पर शासन किया। उसने बहुत ही कठोर एवं क्रूर नीतियां अपनाईं। वह जिन्हें गणतंत्र का शत्रु मानता था अथवा उसकी पार्टी का जो कोई सदस्य उससे असहमति जताता था, उन्हें जेल में डाल देता था। उन पर एक क्रांतिकारी न्यायालय द्वारा मुकद्दमा चलाया जाता था। जो कोई भी दोषी पाया जाता था, उसे गिलोटिन पर चढ़ा कर उसका सिर धड़ से अलग कर दिया जाता था।
रोबेस्प्येर ने अपनी नीतियों को इतनी कठोरता एवं क्रूरता से लागू किया कि उसके समर्थक भी त्राहि-त्राहि कर उठे। इसी कारण उसके राज्य को ‘आतंक का राज्य’ कहा जाता है।

प्रश्न 5.
फ्रांसीसी क्रांति के राजनीतिक कारण क्या थे?
उत्तर-
फ्रांसीसी क्रांति के राजनीतिक कारण निम्नलिखित थे-

  1. फ्रांस के राजा स्वेच्छाचारी थे और वे राजा के दैवीय अधिकारों में विश्वास करते थे। वे जनता के प्रति अपना कोई कर्त्तव्य नहीं समझते थे। सारे देश में भ्रष्टाचार का बोलबाला था।
  2. कर बहुत अधिक थे और. वे मुख्यतः जनसाधारण को ही देने पड़ते थे। दरबारी और सामंत करों से मुक्त थे।
  3. शासन में एकरूपता का अभाव था। सारे देश में एक जैसे कानून नहीं थे। यदि देश के एक भाग में रोमन कानून लागू थे, तो दूसरे भाग में जर्मन कानून प्रचलित थे।
  4. राज्य में सैनिक तथा अन्य पद पैतृक थे और उन्हें बेचा भी जा सकता था। जनसाधारण के लिए उन्नति का कोई मार्ग नहीं था।
  5. राज्य का धन फ्रांस की रानी मेरी एंतोएनेत पर पानी की तरह बहाया जा रहा था। जनता पर बड़े अत्याचार हो रहे थे। किसी भी व्यक्ति को बिना दोष बंदी बना लिया जाता था।
  6. सेना में असंतोष था। सैनिकों के वेतन बहुत कम थे तथा उन्हें पर्याप्त सुख-सुविधा उपलब्ध नहीं थी।

प्रश्न 6.
14 जुलाई, 1789 को क्रुद्ध लोगों ने पेरिस के किस भवन पर धावा बोला ? यह भवन जनता का निशाना क्यों बना ?
अथवा
बेस्टील का पतन किन कारणों से हुआ तथा इसके क्या परिणाम हुए?
उत्तर-
14 जुलाई, 1789 को क्रुद्ध भीड़ ने पेरिस नगर में बेस्टील के किले पर धावा बोला। यह किला फ्रांस के सम्राट की निरंकुश शक्तियों का प्रतीक था। उस दिन सम्राट ने सेना को नगर में प्रवेश करने का आदेश दे दिया था। अफ़वाह थी कि वह सेना को नागरिकों पर गोलियां चलाने का आदेश देने वाला है। अतः लगभग 7000 पुरुष तथा स्त्रियां टाऊन हॉल के सामने एकत्र हुए और उन्होंने एक जन-सेना का गठन किया। हथियारों की खोज में वे अनेक सरकारी भवनों में जबरन प्रवेश कर गए। अंततः सैकड़ों लोगों के एक समूह ने पेरिस नगर में स्थित बेस्टील (Bastille) के किले की जेल को तोड़ डाला जहां उन्हें भारी मात्रा में गोला-बारूद मिलने की आशा थी। हथियारों पर कब्जे के इस संघर्ष में बेस्टील का कमांडर मारा गया और कैदी छुड़ा लिए गए, यद्यपि उनकी संख्या केवल सात थी। किले को ध्वस्त कर दिया गया और उसके अवशेष बाज़ार में उन लोगों को बेच दिए गए जो इस ध्वंस को स्मृति-चिह्न के रूप में संजो कर रखना चाहते थे।

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प्रश्न 7.
नेशनल असेंबली के अस्तित्व में आने के तुरंत पश्चात् क्रांति की ज्वाला किस प्रकार पूरे फ्रांस में फैल गई ?
उत्तर-
जिस समय नेशनल असेंबली संविधान का प्रारूप तैयार करने में व्यस्त थी, पूरा फ्रांस आंदोलित हो रहा था। कड़ाके की ठंड के कारण फ़सल नष्ट हो गई थी और पावरोटी की कीमतें आसमान को छू रही थीं। बेकरी मालिक स्थिति का लाभ उठा कर जमाखोरी में जुटे थे। बेकरी की दुकानों पर घंटों के इंतजार के बाद क्रोधित औरतों की भीड़ ने दुकान पर धावा बोल दिया। दूसरी ओर सम्राट ने सेना को पेरिस में प्रवेश करने का आदेश दे दिया था। अतः क्रुद्ध भीड़ ने 14 जुलाई को बेस्टील पर धावा बोलकर उसे ध्वस्त कर दिया।
शीघ्र ही गांव-गांव यह अफ़वाह फैल गई कि जागीरों के मालिकों ने भाड़े पर लठैतों-लुटेरों के दल बुला लिए हैं जो पकी फ़सलों को नष्ट कर रहे हैं। कई जिलों में भययीत किसानों ने कुदालों तथा बेलचों से ग्रामीण किलों (chateau) पर आक्रमण कर दिए। उन्होंने अन्न भंडार लूट लिये और लगान संबंधी दस्तावेजों को जलाकर राख कर दिया। कुलीन बड़ी संख्या में अपनी जागीरें छोड़कर भाग गए। उनमें से अधिकांश ने पड़ोसी देशों में जाकर शरण ली। इस प्रकार क्रांति की ज्वाला चारों ओर फैल गई।

प्रश्न 8.
4 अगस्त, 1789 की रात को फ्रांस की नेशनल असेंबली द्वारा किये गए किन्हीं तीन प्रशासनिक परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
लुई XVI से मान्यता मिलने के बाद नेशनल असेंबली ने 4 अगस्त, 1789 की रात को निम्नलिखित प्रशासनिक परिवर्तन किए

  1. करों, कर्त्तव्यों और बंधनों वाली सामंती व्यवस्था के उन्मूलन का आदेश पारित कर दिया गया।
  2. पादरी वर्ग के लोगों को अपने विशेषाधिकारों को छोड़ देने के लिए विवश किया गया।
  3. धार्मिक कर समाप्त कर दिया गया और चर्च के स्वामित्व वाली भूमि ज़ब्त कर ली गई। इस प्रकार लगभग 20 अरब लिने की संपत्ति सरकार के हाथ में आ गई।

प्रश्न 9.
फ्रांस में दास-व्यापार के आरंभ तथा महत्त्व का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
फ्रांस में दास-व्यापार सत्रहवीं शताब्दी में आरंभ हुआ। फ्रांसीसी सौदागर बोर्दे या नाते बंदरगाह से अफ्रीका तट पर जहाज़ ले जाते थे। वहां वे स्थानीय सरदारों से दास खरीदते थे। दासों को दाग कर तथा हथकड़ियां डाल कर अटलांटिक महासागर के पार कैरिबिआई देशों तक ले जाने के लिए जहाज़ों में ढूंस दिया जाता था। वहां उन्हें बागानमालिकों को बेच दिया जाता था।
महत्त्व-

  1. दास-श्रम के बल पर यूरोपीय बाजारों में चीनी, कॉफी तथा नील की बढ़ती मांग को पूरा करना संभव हो सका।
  2. बोर्दे और नाते जैसे बंदरगाह फलते-फूलते दास-व्यापार के कारण समृद्ध नगर बन गए।

प्रश्न 10.
18वीं और 19वीं शताब्दी में फ्रांस की दासता के विषय में क्या स्थिति थी ? किन्हीं तीन स्थितियों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-

  1. 18वीं शताब्दी में फ्रांस में दास प्रथा की अधिक निंदा नहीं हुई। नेशनल असेंबली में लंबी बहस हई कि व्यक्ति के मूलभूत अधिकार उपनिवेशों में रहने वाली प्रजा सहित समस्त फ्रांसीसी प्रजा को दिए जाएं या नहीं। परंतु दास-व्यापार पर निर्भर व्यापारियों के विरोध के भय के कारण नेशनल असेंबली में कोई कानून पारित नहीं किया गया।
  2. अंततः सन् 1794 के कन्वेंशन ने फ्रांसीसी उपनिवेशों में सभी दासों की मुक्ति का कानून पारित कर दिया। परंतु यह कानून एक छोटी-सी अवधि तक ही लागू रहा। दस वर्ष बाद नेपोलियन ने दास-प्रथा फिर से शुरू कर दी। बागान-मालिकों को अपने आर्थिक हित साधने के लिए अफ्रीकी नीग्रो लोगों को दास बनाने की स्वतंत्रता दे दी गई।
  3. फ्रांसीसी उपनिवेशों से अंतिम रूप से दास-प्रथा का उन्मूलन 1848 में किया गया।

प्रश्न 11.
नेपोलियन बोनापार्ट कौन था ? उसने किन सुधारों को लागू किया ?
उत्तर-
नेपोलियन बोनापार्ट फ्रांस का सम्राट् था। उसने 1804 में अपने आपको फ्रांस का सम्राट घोषित किया था। इससे पहले वह डिरेक्ट्री में प्रथम डिरेक्टर था।
सुधार-नेपोलियन स्वयं को यूरोप के आधुनिकीकरण का अग्रदूत मानता था। उसने निम्नलिखित सुधार लागू किए1. उसने निजी संपत्ति की सुरक्षा के लिए कानून बनाए। 2. उसने दशमलव पद्धति पर आधारित नाप-तौल की एक समान प्रणाली चलायी।

प्रश्न 12.
फ्रांस के 1791 के संविधान से महिलाएं क्यों निराश थीं ? महिलाओं के जीवन में सुधार लाने के लिए क्रांतिकारी सरकार ने कौन-से कानून लागू किए ?
उत्तर-
फ्रांस में महिलाएं 1791 के संविधान से इसलिए निराश थीं क्योंकि इसमें उन्हें निष्क्रिय नागरिक का दर्जा दिया गया था। परंतु महिलाओं ने मताधिकार, असेंबली के लिए चुने जाने तथा राजनीतिक पदों की मांग रखी। उनका मानना था कि तभी नई सरकार में उनका प्रतिनिधित्व हो पायेगा। क्रांतिकारी सरकार के कानून-महिलाओं के जीवन में सुधार लाने के लिए क्रांतिकारी सरकार ने निम्नलिखित कानून लागू किए

  1. सभी लड़कियों के लिए स्कूली शिक्षा अनिवार्य कर दी गई।
  2. अब पिता उन्हें उनकी इच्छा के विरुद्ध शादी के लिए बाध्य नहीं कर सकता था। शादी को स्वैच्छिक अनुबंध माना गया और नागरिक कानूनों के अनुसार उनका पंजीकरण किया जाने लगा।
  3. तलाक को कानूनी रूप दे दिया गया और स्त्री-पुरुष दोनों को ही इसकी अर्जी देने का अधिकार दिया गया।
  4. अब महिलाएं व्यावसायिक प्रशिक्षण ले सकती थीं, कलाकार बन सकती थीं और छोटे-मोटे व्यवसाय चला सकती थीं।

प्रश्न 13.
जैकोबिन कौन थे ? उन्हें ‘सौं कुलॉत’ के नाम से क्यों जाना गया ?
उत्तर-
जैकोबिन क्लब के सदस्य मुख्यतः समाज के कम समृद्ध वर्गों से संबंधित थे। इनमें छोटे दुकानदार और कारीगर-जैसे जूता बनाने वाले, पेस्ट्री बनाने वाले, घड़ीसाज़, छपाई करने वाले और नौकर व दैनिक मजदूर शामिल थे। उनका नेता मैक्समिलियन रोबेस्प्येर था। जैकोबिनों के एक बड़े वर्ग ने गोदी कामगारों की तरह लंबी धारीदार पतलून पहनने का निर्णय किया। ऐसा उन्होंने समाज के फ़ैशनपरस्त वर्ग, विशेषकर स्वयं को घुटने तक पहने जाने वाले ब्रीचेस (घुटन्ना) पहनने वाले कुलीनों से अलग करने के लिए किया। यह उनका ब्रीचेस पहनने वाले कुलीनों की सत्ता समाप्ति को दर्शाने का तरीका था। इसलिए जैकोबिनों को ‘सौं कुलॉत’ के नाम से जाना गया जिसका शाब्दिक अर्थ है-बिना घुटन्ने वाले। सौं कुलॉत पुरुष लाल रंग की टोपी भी पहनते थे जो स्वतंत्रता की प्रतीक थी। महिलाओं को यह टोपी पहनने की अनुमति नहीं थी।

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प्रश्न 14.
फ्रांस में संवैधानिक राजतंत्र के स्थान पर गणतंत्र की स्थापना कैसे हुई ?
उत्तर-
1792 ई० की गर्मियों में जैकोबिनों ने खाद्य पदार्थों की महंगाई एवं अभाव से क्रुद्ध पेरिसवासियों को लेकर एक विशाल हिंसक विद्रोह की योजना बनायी। 10 अगस्त की प्रातः उन्होंने ट्यूलेरिए के महल पर धावा बोल दिया। उन्होंने राजा के रक्षकों को मार डाला और राजा को कई घंटों तक बंधक बनाये रखा। बाद में नेशनल असेंबली ने शाही परिवार को जेल में डाल देने का प्रस्ताव पारित किया। नये चुनाव कराये गए। 21 वर्ष से अधिक उम्र वाले सभी पुरुषोंचाहे उनके पास संपत्ति थी या नहीं-को मतदान का अधिकार दिया गया।
नवनिर्वाचित असेंबली को कन्वेंशन का नाम दिया गया। 21 सितंबर, 1792 को कन्वेंशन ने राजतंत्र का अंत करके फ्रांस को एक गणतंत्र घोषित कर दिया।

प्रश्न 15.
फ्रांस के इतिहास पर फ्रांसीसी क्रांति के प्रभाव का वर्णन कीजिए।
उत्तर-

  1. 1789 से बाद के वर्षों में फ्रांस के लोगों के पहनावे, बोलचाल तथा पुस्तकों आदि में अनेक महत्त्वपूर्ण परिवर्तन आए।
  2. क्रांतिकारी सरकारों ने कानून बना कर स्वतंत्रता तथा समानता के आदर्शों को दैनिक जीवन में उतारने का प्रयास किया।
  3. सेंसरशिप को समाप्त कर दिया। अधिकारों के घोषणा-पत्र ने भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को नैसर्गिक अधिकार घोषित कर दिया।

प्रश्न 16.
1791 का फ्रांसीसी संविधान किस महत्त्वपूर्ण प्रावधान से शुरू होता था ? इसमें क्या कहा गया था?
उत्तर-
1791 का फ्रांसीसी संविधान ‘पुरुष एवं नागरिक अधिकार घोषणा-पत्र’ के साथ शुरू हुआ था। इसके अनुसार जीवन के अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार और कानूनी समानता के अधिकार को ‘नैसर्गिक एवं अहरणीय’ अधिकार के रूप में स्थापित किया गया। प्रत्येक व्यक्ति को ये अधिकार जन्म से प्राप्त थे। अतः इन अधिकारों को छीना नहीं जा सकता था। राज्य का यह कर्त्तव्य माना गया कि वह प्रत्येक नागरिक के नैसर्गिक अधिकारों की रक्षा करे।

दीर्घ उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
उन जनवादी अधिकारों की सूची बनाएं जो आज हमें मिले हुए हैं और जिनका उद्गम फ्रांसीसी क्रांति में है ?
अथवा
उन लोकतांत्रिक अधिकारों की सूची बनाओ जिनका आज हम उपभोग करते हैं और जो फ्रांसीसी क्रांति की उपज होंगे।
उत्तर-
आज के मानव को निम्नलिखित लोकतांत्रिक (जनवादी) अधिकार फ्रांसीसी क्रांति की देन हैं। इनकी घोषणा 27 अगस्त, 1789 को राष्ट्रीय महासभा में की गई थी।

  1. मनुष्य स्वतंत्र पैदा हुआ है और उसके अधिकार अन्य मनुष्यों के समान होंगे।
  2. प्रत्येक राजनीतिक संगठन का उद्देश्य मनुष्य के सभी अधिकारों की रक्षा करना है।
  3. प्रत्येक मनुष्य को पूर्ण स्वतंत्रता का अधिकार है, परंतु वह दूसरों की स्वतंत्रता को हानि न पहुंचाए।
  4. राज्य की शक्ति का मुख्य स्रोत राज्य के नागरिक हैं । अतः कोई भी व्यक्ति अथवा कोई भी संगठन ऐसा निर्णय लागू नहीं कर सकता जो देश के लोगों की इच्छा के विरुद्ध हो।
  5. कानून केवल उन्हीं कार्यों को रोकता है जिनसे समाज को हानि पहुंचती हो।
  6. न्याय की दृष्टि में सभी नागरिक समान हैं। कानूनी कार्यवाही के बिना किसी भी व्यक्ति को बंदी नहीं बनाया जा सकता। दोष सिद्ध होने पर ही किसी को दंड दिया जा सकता है।
  7. कानून देश के सभी लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति हैं। अतः सभी नागरिकों को व्यक्तिगत रूप से अथवा अपने प्रतिनिधियों द्वारा कानून के निर्माण में भाग लेने का अधिकार है। .
  8. सभी व्यक्तियों को धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त है।
  9. प्रत्येक व्यक्ति को अपने विचार प्रकट करने की स्वतंत्रता है। परंतु उससे समाज या देश को हानि न पहुंचे।
  10. बिना क्षति-पूर्ति (Compensation) के किसी भी व्यक्ति की संपत्ति नहीं ली जा सकती।
  11. कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति का शोषण नहीं कर सकता।

प्रश्न 2.
क्या आप इस तर्क से सहमत हैं कि सार्वभौमिक अधिकारों के संदेश में नाना अंतर्विरोध थे ?
उत्तर-
सार्वभौमिक अधिकारों के संदेश निश्चित रूप से विरोधाभासों से ग्रस्त थे। इनमें निम्नलिखित कई दोष थे-

  1. इसमें सभा आयोजित करने तथा संघ आदि बनाने की स्वतंत्रता के विषय में कुछ नहीं कहा गया था।
  2. इसमें सार्वजनिक शिक्षा के विषय में कुछ नहीं कहा गया था।
  3. इसमें व्यापार तथा व्यवसाय की स्वतंत्रता का अधिकार नहीं दिया गया था।
  4. इसमें नागरिकों को संपत्ति रखने का सीमित अधिकार प्रदान किया गया था। अतः राज्य सार्वजनिक हित का बहाना बनाकर किसी की भी संपत्ति छीन सकता था।
  5. फ्रांस के उपनिवेशों (Colonies) में काम करने वाले हब्शी दासों के विषय में इसमें कोई उल्लेख न था।
  6. इन अधिकारों की सबसे बड़ी त्रुटि यह थी कि इनके साथ मानव के कर्त्तव्य निश्चित नहीं किए गए थे। कर्त्तव्यों के बिना अधिकार प्रायः महत्त्वहीन ही समझे जाते हैं। इस विषय में मिराब्यो ने भी लिखा है कि नागरिकों को अधिकार देने की उतनी आवश्यकता न थी जितनी कि उन्हें अपने कर्तव्यों से अवगत कराने की थी।

प्रश्न 3.
फ्रांस में नेशनल असेंबली किस प्रकार अस्तित्व में आई ?
उत्तर-
फ्रांस में नेशनल असेंबली टेनिस कोर्ट की शपथ के फलस्वरूप अस्तित्व में आई। तीसरे एस्टेट के प्रतिनिधि स्वयं को संपूर्ण फ्रांसीसी राष्ट्र का प्रवक्ता मानते थे। 20 जून को ये प्रतिनिधि वर्साय के इंडोर टेनिस कोर्ट में एकत्र हुए। उन्होंने अपने आप को नेशनल असेंबली घोषित कर दिया और शपथ ली कि जब तक सम्राट की शक्तियों को कम करने वाला संविधान तैयार नहीं हो जाता तब तक असेंबली भंग नहीं होगी। उनका नेतृत्व मिराब्यो और आबे सिए ने किया। मिराब्यो का जन्म कुलीन परिवार में हुआ था, परंतु वह सामंती विशेषाधिकारों वाले समाज को समाप्त करने के पक्ष में था। उसने एक पत्रिका निकाली और वर्साय में जमा भीड़ के सामने जोरदार भाषण भी दिए। आबे सिए मूलतः पादरी था और उसने ‘तीसरा एस्टेट क्या है ?’ शीर्षक से एक अत्यंत प्रभावशाली प्रचार-पुस्तिका (पैंफ़्लेट) लिखी।
अपनी विद्रोही प्रजा के तेवर देखकर लुई XVI ने अंततः नेशनल असेंबली को मान्यता दे दी और यह भी मान लिया कि उसकी सत्ता पर अब से संविधान का अंकुश होगा।

प्रश्न 4.
रोबेस्प्येर ने किस प्रकार फ्रांसीसी समाज में समानता लाने के प्रयास किए ?
उत्तर-
रोबेस्प्येर ने निम्नलिखित सुधारों द्वारा फ्रांसीसी समाज में समानता लाने का प्रयास किया-

  1. रोबेस्प्येर ने कानून द्वारा मज़दूरी तथा कीमतों की अधिकतम सीमा निश्चित कर दी।
  2. गोश्त तथा पावरोटी की राशनिंग कर दी गई।
  3. किसानों को अपना अनाज शहरों में जाकर सरकार द्वारा निश्चित मूल्यों पर बेचने के लिए विवश कर दिया गया।
  4. अपेक्षाकृत महंगे सफ़ेद आटे के प्रयोग पर रोक लगा दी गई। अब सभी नागरिकों के लिए साबुत गेहूँ से बनी और समानता का प्रतीक मानी जाने वाली ‘समता रोटी’ खाना अनिवार्य कर दिया गया।
  5. बोलचाल और संबोधन में भी समानता का आचार-व्यवहार लागू करने का प्रयास किया गया। परंपरागत मॉन्स्यूर (महाशय) एवं मदाम (महोदया) के स्थान पर अब सभी फ्रांसीसी पुरुषों एवं महिलाओं को सितोयेन (नागरिक) एवं सितोयीन (नागरिका) के नाम से संबोधित किया जाने लगा।
  6. चर्चों को बंद कर दिया गया और उनके भवनों को बैरक या दफ़्तर बना दिया गया।

प्रश्न 5.
फ्रांसीसी क्रांति के इतिहास में 1791 के संविधान का क्या महत्त्व हैं ?
उत्तर-
1791 के संविधान में सम्राट की शक्तियों को सीमित करके फ्रांस में संवैधानिक राजतंत्र की स्थापना की गई। इस संविधान के मुख्य प्रावधान निम्नलिखित थे

  1. शासन की शक्तियों को विभिन्न संस्थाओं अर्थात् विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका में विभाजित एवं हस्तांतरित कर दिया गया।
  2. कानून बनाने का अधिकार नेशनल असेंबली को सौंप दिया गया।
  3. नेशनल असेंबली का अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव होता था। पहले नागरिक एवं निर्वाचक समूह का चुनाव करते थे जो असेंबली के सदस्यों को चुनते थे।
  4. मत देने का अधिकार केवल 25 वर्ष या उससे अधिक आयु के ऐसे पुरुषों को प्राप्त था जो कम-से-कम तीन दिन की मजदूरी के बराबर कर चुकाते थे। इन्हें सक्रिय नागरिक का दर्जा दिया गया था। शेष पुरुषों और महिलाओं को निष्क्रिय नागरिक के रूप में वर्गीकृत किया गया था। निर्वाचक की योग्यता प्राप्त करने तथा असेंबली का सदस्य बनने के लिए लोगों का करदाताओं की उच्चतम श्रेणी में होना आवश्यक था।

प्रश्न 6.
नेपोलियन का सम्राट के रूप में उदय किस प्रकार हुआ था ? उसके शासनकाल की मुख्य विशेषताएं बताओ।
उत्तर-
जैकोबिन सरकार के पतन के बाद फ्रांस की सत्ता मध्य वर्ग के संपन्न लोगों के हाथ में आ गई। नए संविधान के अनुसार संपत्तिहीन वर्ग को मताधिकार से वंचित कर दिया गया। इस संविधान में चुनी गई दो विधान परिषदों की व्यवस्था थी। इन परिषदों ने पांच सदस्यों वाली एक कार्यपालिका-डायरेक्टरी को नियुक्त किया। नई व्यवस्था में
जैकोबिनों के शासनकाल वाली एक व्यक्ति-केंद्रित कार्यपालिका से बचने का प्रयास किया गया, परंतु विधान परिषदों में डायरेक्टरों का झगड़ा होता रहता था। तब परिषद् उन्हें हटाने की चेष्टा करती थी। डायरेक्टरी की राजनीतिक अस्थिरता ने सैनिक तानाशाह-नेपोलियन बोनापार्ट के उदय का मार्ग प्रशस्त कर दिया। 1804 ई० में नेपोलियन ने अपने आप को फ्रांस का सम्राट घोषित कर दिया।
शासनकाल-

  1. नेपोलियन ने यूरोपीय देशों की विजय यात्रा आरंभ की। पुराने राजवंशों को हटा कर उसने नए साम्राज्य बनाए और उनकी बागडोर अपने खानदान के लोगों के हाथ में दे दी ।
  2. नेपोलियन अपने आप को आधुनिकीकरण का दूत मानता था। उसने निजी संपत्ति की सुरक्षा के लिए कानून बनाए और दशमलव पद्धति पर आधारित नाप-तौल की एक समान प्रणाली आरंभ की।
  3. आरंभ में बहुत-से लोगों को नेपोलियन मुक्तिदाता लगता था और उससे जनता को स्वतंत्रता दिलाने की आशा थी। परंतु जल्दी ही उसकी सेनाओं को लोग आक्रमणकारी मानने लगे। आखिरकार 1815 में वॉटरलू में उसकी पराजय हुई
    यूरोप के अन्य भागों में उसके मुक्ति और आधुनिक कानूनों को फैलाने वाले क्रांतिकारी उपायों का प्रभाव उसकी मृत्यु के काफ़ी समय बाद सामने आया।

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प्रश्न 7.
बेस्टील के पतन के बाद फ्रांस में पारित सबसे महत्त्वपूर्ण कानून कौन-सा था ? इसका क्या महत्त्व था ?
अथवा
फ्रांस में भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ को नैसर्गिक अधिकार घोषित किए जाने का फ्रांसीसी जनता के लिए क्या महत्त्व था ?
उत्तर-
बेस्टील के पतन के बाद 1789 की गर्मियों में जो सबसे महत्त्वपूर्ण कानून अस्तित्व में आया, वह था सेंसरशिप की समाप्ति। प्राचीन राजतंत्र के अंतर्गत समस्त लिखित सामग्री तथा सांस्कृतिक गतिविधियों-पुस्तकों, अखबारों, नाटक आदि को राजा के सेंसर अधिकारियों द्वारा पास किए जाने के बाद ही प्रकाशित या मंचित किया जा सकता था। परंतु अब अधिकारों के घोषणापत्र के अनुसार भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को नैसर्गिक अधिकार घोषित कर दिया। परिणामस्वरूप फ्रांस के नगरों में अखबारों, पर्यों, पुस्तकों तथा चित्रों की बाढ़-सी आ गई, जो तेज़ी से गांव-देहात तक जा पहुंची। उनमें फ्रांस में हो रही घटनाओं एवं परिवर्तनों का ब्यौरा और उन पर टिप्पणी होती थी। प्रेस की स्वतंत्रता का अर्थ यह था कि किसी भी घटना पर परस्पर विरोधी विचार भी व्यक्त किए जा सकते थे। प्रिंट माध्यम का उपयोग करके एक पक्ष ने दूसरे पक्ष को अपने दृष्टिकोण से सहमत कराने के प्रयास किए। अब नाटक, संगीत और उत्सवी जुलूसों में असंख्य लोग जाने लगे। स्वतंत्रता और न्याय के बारे में राजनीतिज्ञों एवं दार्शनिकों के पांडित्यपूर्ण लेखन को समझने और उससे जुड़ने का यह एक लोकप्रिय तरीका था क्योंकि किताबों को केवल मुट्ठी भर शिक्षित लोग ही पढ़ सकते थे।

प्रश्न 8.
फ्रांसीसी सम्राट् लुई XVI ने एस्टेट्स जनरल (जेनराल) की बैठक क्यों बुलाई ? इसमें विभिन्न एस्टेट्स की क्या स्थिति थी ?
उत्तर-
फ्रांस पर ऋण के बढ़ते बोझ के कारण फ्रांस के सम्राट को धन की आवश्यकता थी। इसके लिए उसने नए कर लगाने का निर्णय किया। प्राचीन राजतंत्र के अंतर्गत फ्रांसीसी सम्राट अपनी मर्जी से कर नहीं लगा सकता था। इसके लिए उसे एस्टेट्स जेनराल (प्रतिनिधि सभा) की बैठक बुला कर नए करों के अपने प्रस्तावों पर मंजूरी लेनी पड़ती थी। एस्टेट्स जेनराल एक राजनीतिक संस्था थी जिसमें तीनों एस्टेट्स अपने-अपने प्रतिनिधि भेजते थे। परंतु सम्राट् ही यह निर्णय करता था कि इस संस्था की बैठक कब बुलाई जाए। इसकी अंतिम बैठक 1614 में बुलाई गई थी।
इसके बाद लुई XVI ने 5 मई, 1789 को नये करों के प्रस्ताव पर मंजूरी के लिए एस्टेट्स जेनराल की बैठक बुलाई। प्रतिनिधियों की मेजबानी के लिए वर्साय के एक भव्य भवन को सजाया गया। पहले और दूसरे एस्टेट ने इस बैठक में अपने 300-300 प्रतिनिधि भेजे जिन्हें आमने-सामने की पंक्तियों में बिठाया गया। तीसरे एस्टेट के 600 प्रतिनिधियों को उनके पीछे खड़ा किया गया। तीसरे एस्टेट का प्रतिनिधित्व इसके अपेक्षाकृत समृद्ध एवं शिक्षित वर्ग के लोग कर रहे थे। किसानों, औरतों एवं कारीगरों को सभा में प्रवेश की अनुमति नहीं थी। फिर भी लगभग 40,000 पत्रों के माध्यम से उनकी शिकायतों तथा मांगों की सूची बनाई गई थी जिसे प्रतिनिधि अपने साथ लेकर आए थे।

प्रश्न 9.
फ्रांस में जेनराल नेशनल असेंबली किस प्रकार अस्तित्व में आई? इसमें मिराब्यो और आबे सिए की क्या भूमिका रही ?
उत्तर-
एस्टेट्स जेनराल के नियमों के अनुसार प्रत्येक एस्टेट (सामाजिक वर्ग) को एक मत देने का अधिकार था। इस बार भी लुई XVI का इसी प्रथा का पालन करने के लिए दृढ़ संकल्प था। परंतु तीसरे एस्टेट के प्रतिनिधियों ने मांग रखी कि अबकी बार पूरी सभा द्वारा मतदान कराया जाना चाहिए, जिसमें प्रत्येक सदस्य को एक मत देने का अधिकार हो। यह नि:संदेह एक लोकतांत्रिक सिद्धांत था, जिसे अपनी पुस्तक ‘द सोशल कॉन्ट्रैक्ट’ में रूसो ने भी प्रस्तुत किया था। परंतु सम्राट ने इस प्रस्ताव को मानने से इंकार कर दिया। इस विरोध में तीसरे एस्टेट के प्रतिनिधि सभा से बाहर चले गए। वे स्वयं को संपूर्ण फ्रांसीसी राष्ट्र का प्रवक्ता मानते थे। 20 जून को वे वर्साय के इनडोर टेनिस कोर्ट में जमा हुए। उन्होंने स्वयं को नेशनल असेंबली घोषित कर दिया और शपथ ली कि जब तक सम्राट की शक्तियों को कम करने वाला संविधान तैयार नहीं हो जाता तब तक असेंबली भंग नहीं होगी। उनका नेतृत्व मिराब्यो और आबे सिए ने किया। मिराब्यो का जन्म कुलीन परिवार में हुआ था, लेकिन वह सामंती विशेषाधिकारों वाले समाज को समाप्त करने की ज़रूरत से सहमत था। उसने एक पत्रिका निकाली और वर्साय में जुटी भीड़ के सामने ज़ोरदार भाषण भी दिए। आबे सिए मूलतः पादरी था और उसने ‘तीसरा एस्टेट क्या है ?’ शीर्षक से एक अत्यंत प्रभावशाली प्रचार-पुस्तिका (पैंफ्लेट) लिखी।

प्रश्न 10.
फ्रांसीसी नेशनल असेंबली के अधीन क्रांतिकारी युद्धों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। इनके क्या परिणाम निकले ?
उत्तर-
लुई XVI ने 1791 के संविधान पर हस्ताक्षर कर दिए थे, परंतु प्रजा के राजा से उसकी गुप्त वार्ता भी चल रही थी। फ्रांस की घटनाओं से अन्य पड़ोसी देशों के शासक भी चिंतित थे। इन शासकों ने फ्रांस की नेशनल असेंबली की सरकार के विरुद्ध सेना भेजने की योजना बना ली थी। परंतु, आक्रमण होने से पहले ही, अप्रैल, 1792 में नेशनल असेंबली ने प्रशा तथा ऑस्ट्रिया के विरुद्ध युद्ध की घोषणा का प्रस्ताव पारित कर दिया। प्रांतों से हज़ारों स्वयं सेवी सेना में भर्ती होने के लिए आने लगे। उन्होंने इस युद्ध को यूरोपीय राजाओं एवं कुलीनों के विरुद्ध जनता के युद्ध के रूप में लिया। उनके होठों पर देशभक्ति के जो गीत थे उनमें कवि रॉजेट दि लाइल द्वारा रचित मार्सिले भी था। यह गीत पहली बार मार्सिलेस के स्वयंसेवियों ने पेरिस की ओर कूच करते हुए गाया था। इसलिए इस गीत का नाम मार्सिले हो गया जो अब फ्रांस का राष्ट्रगान है।
क्रांतिकारी युद्धों के परिणाम-

  1. क्रांतिकारी युद्धों ने जनता को भारी क्षति पहुंचाई। लोगों को अनेक आर्थिक कठिनाइयां झेलनी पड़ी। पुरुषों के मोर्चे पर चले जाने के बाद घर-परिवार और रोजी-रोटी की ज़िम्मेवारी औरतों पर आ पड़ी।
  2. देश की आबादी के एक बड़े भाग को ऐसा लगता था कि क्रांति के घटनाक्रम को आगे बढ़ाने की ज़रूरत है क्योंकि 1791 के संविधान से केवल धनी लोगों को ही राजनीतिक अधिकार प्राप्त हुए थे। लोग राजनीतिक क्लबों में अड्डे जमा कर सरकारी नीतियों और अपनी कार्ययोजना पर बहस करते थे। इनमें से जैकोबिन क्लब सबसे आगे था, जिसका नाम पेरिस के भूतपूर्व कॉन्वेंट ऑफ़ सेंट जेकब के नाम पर पड़ा।

प्रश्न 11.
जैकोबिन सरकार के पतन के बाद फ्रांस में हुए किन्हीं चार परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
अथवा
डायरेक्टरी शासित फ्रांस की कोई चार विशेषताएं बताइए।
उत्तर-

  1. जैकोबिन सरकार के पतन के बाद वहां की सत्ता मध्य वर्ग के संपन्न लोगों के हाथों में आ गईं।
  2. नए संविधान के अनुसार संपत्तिहीन वर्ग को मताधिकार से वंचित कर दिया गया।
  3. इस संविधान में दो निवर्चित विधान परिषदों की व्यवस्था की गई थी । इन परिषदों ने पांच सदस्यों वाली एक कार्यपालिका को नियुक्त किया। इसे डायरेक्टरी कहा जाता था। इस प्रावधान के माध्यम से जैकोबिनों के शासनकाल वाली एक व्यक्ति-केंद्रित कार्यपालिका से बचने का प्रयास किया गया, परंतु डायरेक्टरी का प्रायः विधान परिषदों से झगड़ा होता रहता था। ऐसे अवसरों पर परिषद् उन्हें पद से हटाने की चेष्टा करती थी।
  4. डायरेक्टरी की राजनीतिक अस्थिरता ने सैनिक तानाशाह-नेपोलियन बोनापार्ट के उदय का मार्ग प्रशस्त किया।

मानचित्र संबंधी प्रश्न (Map Work Questions)
PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 5 फ्रांसीसी क्रांति (3)
नोट- दिये गए मानचित्र में दिखाए गये तथ्यों का अध्ययन करें तथा उन्हें रिक्त मानचित्र में भरने का अभ्यास करें।

महत्त्वपूर्ण राजनीतिक प्रतीक

PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 5 फ्रांसीसी क्रांति (4)
त्रिकोण में आँख ज्ञान का प्रतीक है और सूर्य की किरणें अज्ञानता दूर करने के लिए हैं।

PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 5 फ्रांसीसी क्रांति (5)
एक सांप अपनी पूंछ को खा रहा है। इसका अर्थ है कि प्रत्येक प्रक्रिया का अंत होता है।

PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 5 फ्रांसीसी क्रांति (6)
टूटी हुई जंजीर का अर्थ है दासता से आज़ादी।

PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 5 फ्रांसीसी क्रांति (7)
एक फ्रीजियन टोपी (Phrygian Cap) दासों की आज़ादी का प्रतीक है।

PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 5 फ्रांसीसी क्रांति (8)
कुल्हाड़ी सहित दंड की गांठ एकता में बल को दर्शाती है।

PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 5 फ्रांसीसी क्रांति (9)
राजदंड राज्य की शाही ताकत का प्रतीक है।

PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 5 फ्रांसीसी क्रांति (10)
कानून की पट्टी का अर्थ है कि कानून की नज़रों में सभी नागरिक समान हैं।

PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 5 फ्रांसीसी क्रांति (11)
पंखों वाली औरत कानून की सर्वोच्चता को दर्शाती है।

PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 5 फ्रांसीसी क्रांति (12)
नीला, सफेद तथा लाल रंग फ्रांस के राष्ट्रीय रंग हैं।

PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 5 फ्रांसीसी क्रांति

फ्रांसीसी क्रांति PSEB 9th Class History Notes

  • फ्रांसीसी क्रांति – फ्रांसीसी क्रांति 1789 ई० में हुई। साधारण जनता दुःखी थी, परंतु कुलीन वर्ग ऐश्वर्य का जीवन व्यतीत करता था। अतः जनता ने सम्राट् लुई 16वें के विरुद्ध क्रांति का बिगुल बजा दिया।
  • टैनिस कोर्ट की शपथ – लुई सोलहवें ने जनता के प्रतिनिधियों की बात नहीं मानी। वे टैनिस कोर्ट में एकत्र हो गए और उन्होंने नवीन संविधान बनाने की घोषणा कर दी।
  • बास्तील का पतन – 14 जुलाई, 1789 ई० को बेस्टील कारागृह का पतन हुआ। यहीं से क्रांति का नाद बजा था। आज भी 14 जुलाई का दिन फ्रांस में राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • मानव तथा नागरिक अधिकारों की घोषणा – इस घोषणा का संबंध फ्रांस की क्रांति से है। इसमें यह स्वीकार किया गया था कि कानून की दृष्टि में सभी व्यक्ति समान हैं और बिना कारण किसी को भी बंदी नहीं बनाया जा सकता। इस घोषणा में भाषण तथा प्रेस की स्वतंत्रता के सिद्धांत को भी स्वीकार किया गया। सबसे बड़ी बात यह थी कि इसमें स्वतंत्रता, समानता तथा बंधुत्व के सिद्धांत पर बड़ा बल दिया गया था।
  • लुई सोलहवां – लुई सोहलवां 1774 ई० में फ्रांस का सम्राट् बना। उस समय उसकी आयु केवल 20 वर्ष थी। वह अयोग्य, अदूरदर्शी तथा पत्नी का गुलाम था। शासन कार्यों में उसकी कोई रुचि नहीं थी। उसने राज्य का सारा काम ऐसे भ्रष्ट एवं स्वार्थी कर्मचारियों पर छोड़ रखा था जिन्होंने जनता की भलाई की तरफ कभी ध्यान नहीं दिया। परिणामस्वरूप जनता में दिन-प्रतिदिन असंतोष बढ़ता गया और उसने शासन के विरुद्ध विद्रोह कर दिया।
  • वाल्तेयर – वाल्तेयर अपने समय का सुप्रसिद्ध व्यंग्य लेखक था। उसने सामाजिक अंधविश्वासों और चर्च की बुराइयों पर कड़ा प्रहार किया। उसने चर्च को बदनाम वस्तु’ (infamous thing) के नाम से पुकारा। उसने लोगों को सुधारों की मांग करने के लिए प्रोत्साहित किया।
  • रूसो – रूसो अठारहवीं शताब्दी का एक महान् दार्शनिक था। उसने अपने विचारों का संग्रह अपनी पुस्तक ‘The Social Contract’ (सामाजिक समझौता) में किया है। उसके मतानुसार समाज की रचना उसमें रहने वाले व्यक्तियों के पारस्परिक समझौते के आधार पर होनी चाहिए।
  • मांतेस्क्यू – मांतेस्क्यू अपने समय का प्रसिद्ध विद्वान और उच्चकोटि का लेखक था। वह राजा के दैवी अधिकारों के सिद्धांत का कट्टर विरोधी था। उसे इंग्लैंड की शासन पद्धति बड़ी प्रिय थी। वह फ्रांस में भी वैसी ही शासन प्रणाली स्थापित करना चाहता था। उसकी प्रसिद्ध पुस्तक ‘The Spirit of the Laws’ है। उसके क्रांतिकारी विचारों से क्रांति की भावना को बड़ा बल मिला।
  • नेपोलियन – नेपोलियन उन महान् व्यक्तियों में से था जिन्होंने साधारण कुल में जन्म लेकर उच्चतम पद प्राप्त किया। वह सेना के साधारण पद से उन्नति करता हुआ फ्रांस का सम्राट बन गया। कोर्सिका द्वीप में पैदा होने वाले इस व्यक्ति ने 1812 ई० तक पूरे यूरोप पर अपनी सत्ता जमा ली। अंत में यूरोपीय शक्तियों ने मिलकर उसे पराजित किया। बंदी के रूप में पेट के रोग के कारण उसकी मृत्यु हो गई।
  • पादरी वर्ग – चर्च में विशेष कार्य करने वाले लोगों का समूह।
  • टाइद तथा टाइल – टाइद चर्च द्वारा वसूला जाने वाला एक धार्मिक कर था, जबकि टाइल एक प्रत्यक्ष कर था।
  • मेनर – एक एस्टेट जिसमें सामंत की भूमि और उसका महल होता था।
  • 1774 – लुई 16वां फ्रांस का राजा बना। उसे खाली खज़ाना मिला और पुरातन व्यवस्था के समाज में असंतोष।
  • 1789 – एस्टेट्स जेनराल बुलाई गई, तृतीय एस्टेट ने राष्ट्रीय सभा बनाई, बेस्टील का पतन हुआ, ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के विद्रोह हुए।
  • 1791 – नया संविधान बना जिसने राजा की शक्तियों को सीमित किया, मूल मानव अधिकारों को गारंटी मिली।
  • 1792 – फ्रांस को गणराज्य मिला, राजा का सिर काट दिया गया।
    -93 जैकोबिन के गणराज्य का पतन हुआ और फ्रांस में डायरेक्टरी का शासन स्थापित हुआ।
  • 1804 – नेपोलियन फ्रांस का सम्राट् बना।
  • 1815 – वाटरलू के स्थान पर नेपोलियन की पराजय।

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 1 गृह विज्ञान-सामान्य जानकारी

Punjab State Board PSEB 9th Class Home Science Book Solutions Chapter 1 गृह विज्ञान-सामान्य जानकारी Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Home Science Chapter 1 गृह विज्ञान-सामान्य जानकारी

PSEB 9th Class Home Science Guide गृह विज्ञान-सामान्य जानकारी Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
गृह विज्ञान को पहले कौन-कौन से नाम दिये जाते थे ?
उत्तर-
गृह विज्ञान विषय को घरेलू विज्ञान, घरेलू कला, घरेलू अर्थशास्त्र आदि के नाम दिये गए हैं।

प्रश्न 2.
गृह विज्ञान का अर्थ लिखो।
उत्तर-
डॉ० ए० एच० रिचर्डज़ अनुसार, गृह विज्ञान वह विशेष विषय है जो परिवार की आय तथा खर्च, कपड़ों सम्बन्धी ज़रूरतें, भोजन की स्वच्छता, घर का सही चुनाव आदि से सम्बन्धित है।

प्रश्न 3.
गृह विज्ञान को कितने और कौन-कौन से क्षेत्रों में बांटा गया है ?
उत्तर-
गृह विज्ञान को मुख्यतः निम्नलिखित क्षेत्रों में बांटा गया है –
भोजन तथा पोषण, वस्त्र विज्ञान, गृह व्यवस्था, बाल विकास तथा पारिवारिक सम्बन्ध, गृह विज्ञान की शिक्षा का विस्तार।

प्रश्न 4.
गृह विज्ञान की शिक्षा का मुख्य लाभ बताओ।
उत्तर-

  1. गृह विज्ञान की शिक्षा से भोजन तथा पोषण के बारे में जानकारी प्राप्त होती
  2. इसकी शिक्षा से कपड़ों की बनावट, कटाई, सिलाई, बुनाई आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
  3. इसकी शिक्षा से मानवीय तथा भौतिक साधनों को अच्छी तरह व्यवस्थित किया जा सकता है।
  4. इसकी शिक्षा से बाल विकास तथा वृद्धि के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।
    इस तरह गृह विज्ञान की शिक्षा से ज़िन्दगी के प्रत्येक पक्ष के बारे में जानकारी मिलती है।

प्रश्न 5.
गृह व्यवस्था से क्या भाव है ?
उत्तर-
गृह विज्ञान वास्तविक विज्ञान है जो विद्यार्थी को पारिवारिक जीवन सफलतापूर्वक बिताने तथा सामाजिक तथा आर्थिक समस्याओं को आसानी से तथा सही ढंग से सुलझाने के योग्य बनाता है।

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 1 गृह विज्ञान-सामान्य जानकारी

प्रश्न 6.
भोजन और पोषण विज्ञान से आप क्या समझते हो ?
उत्तर-
भोजन तथा पोषण विज्ञान में भोजन के तत्त्व, शरीर की वृद्धि तथा विकास के लिए खुराकी तत्त्वों की जरूरत, कमी-वृद्धि, भोजन पकाना, भोजन से शरीर में होने वाले परिवर्तन, भोजन को सुरक्षित रखना, भोजन की सफाई का स्वास्थ्य से सम्बन्ध आदि के बारे में पढ़ाया जाता है।

प्रश्न 7.
वस्त्र विज्ञान के अन्तर्गत क्या पढ़ाया जाता है ?
उत्तर-
वस्त्र विज्ञान में कपड़ों की बनावट, कटाई, सिलाई, धुलाई आदि के बारे में पढ़ाया जाता है। आयु, आय, मौसम, पेशे तथा रंग अनुसार पोशाकों का सही चुनाव, सम्भाल, धुलाई के लिए साबुन आदि के बारे में जानकारी दी जाती है।

प्रश्न 8.
गृह विज्ञान के विषय के मुख्य उद्देश्य क्या हैं ?
उत्तर-
गृह विज्ञान के मुख्य उद्देश्य इस तरह हैं –

  1. मनुष्य का सर्वपक्षीय विकास करना तथा परिवार के सदस्यों के व्यक्तित्व में सुधार लाना।
  2. परिवार में उपलब्ध साधनों को सुधारना।
  3. परिवार को अच्छा जीवन जीने के लिए तैयार करना।
  4. परिवार में अच्छे ढंग से रहने की शिक्षा प्रदान करना।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 9.
गृह विज्ञान विषय से आप क्या समझते हो और इसका क्या महत्व है ?
उत्तर-
गृह विज्ञान विषय का आधार विज्ञान की बुनियादी शाखाएं जैसे भौतिक विज्ञान, रासायनिक विज्ञान, जीव विज्ञान तथा सामाजिक शाखाओं जैसे-अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र तथा मनोविज्ञान आदि हैं।

यह विषय ज़िन्दगी, समाज के उन सभी पहलुओं से सम्बन्ध रखता है जो विभिन्न विज्ञानों से ली जानकारी का संयोजन करके मनुष्य का आस-पास, परिवार का पोषण, साधनों की व्यवस्था, बाल विकास तथा उपभोगी सामर्थ्य पैदा करता है।

महत्त्व-अच्छी गृहिणी तथा अच्छी मां बनने के लिये इस विषय की शिक्षा बहुत ज़रूरी है। इस विषय की जानकार छात्राएं आगे चलकर जब पारिवारिक जीवन में कदम रखेंगी तो वह परिवार के सदस्यों की स्वास्थ्य सम्बन्धी प्रतिदिन की ज़रूरतों, अच्छे तथा सन्तुलित भोजन का ध्यान रख सकेंगी। कपड़ों सम्बन्धी बच्चों तथा परिवार के सदस्यों की ज़रूरतें, बच्चों की वृद्धि, विकास, पालन-पोषण तथा उनकी रुचियों को समझकर तथा सुखमय घर बना सकती हैं।

आज के उन्नति तथा तकनालॉजी वाले युग में इस विषय का और भी महत्त्व बढ़ गया है। कई स्थानों पर तो यह विषय लड़कों को भी पढ़ाया जाने लगा है।

प्रश्न 10.
किस उद्देश्य को मुख्य रखकर गृह विज्ञान विषय की पढ़ाई की जाती है ?
उत्तर-
पहले तो गृह विज्ञान को खाना पकाने अथवा कपड़े सिलने के विज्ञान के रूप में ही जाना जाता था परन्तु अब इसमें पोषण, स्वास्थ्य तथा घर से जुड़ी सुविधाओं के बारे में भी पढ़ाया जाता है। इन सभी विषयों की जानकारी हो तो जीवन सुखमय हो जाता है। गृह विज्ञान के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं –

  1. मनुष्य का सर्वपक्षीय विकास करना तथा परिवार के सदस्यों के व्यक्तित्व में सुधार लाना।
  2. परिवार में उपलब्ध साधनों को सुधारना।
  3. मनुष्यों को अच्छा जीवन जीने के लिये तैयार करना।
  4. परिवार में अच्छे ढंग से रहने की शिक्षा प्रदान करना।

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प्रश्न 11.
गृह विज्ञान विषय का क्षेत्र बहुत विशाल है । कैसे ?
उत्तर-
गृह विज्ञान का आधार सामाजिक तथा विज्ञान की बुनियादी शाखाएं जैसे कि रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र आदि हैं। इस तरह गृह विज्ञान एक बहुत फैला हुआ विषय है तथा इसका क्षेत्र भी बहुत विशाल है। इसको निम्नलिखित शाखाओं में बांटा जा सकता है –
वस्त्र विज्ञान, भोजन तथा पोषण विज्ञान, गृह व्यवस्था, गृह विज्ञान की पढ़ाई का विस्तार तथा बाल विकास तथा पारिवारिक सम्बन्ध।

इन विभिन्न क्षेत्रों में भोजन का स्वास्थ्य से सम्बन्ध उत्पादन तथा व्यवस्था, कपड़ों के रेशों की बनावट, धुलाई, घर का प्रबन्ध, बच्चों का हर पक्ष से विकास आदि के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है।

प्रश्न 12.
गृह विज्ञान विषय को कौन-से भागों में बांटा गया है ? किन्हीं दो के बारे बताओ।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 13.
पारिवारिक जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में गृह विज्ञान ने क्या भूमिका निभाई है ?
उत्तर-
गृह विज्ञान का विषय पारिवारिक जीवन को ऊँचा उठाने में अपनी भूमिका निभाता है। यह विषय पढ़कर गृहिणियों को अपने घर, बच्चों, कपड़ों आदि के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। इस तरह प्राप्त हुए ज्ञान का प्रयोग करके वह अपने परिवार के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने में सहायक होती है।

गृह विज्ञान का विषय समाज तथा देश के प्रत्येक पहलू से जुड़ा हुआ है। घर इसका एक हिस्सा है। इस विषय का दायरा जितना फैला हुआ है उतना शायद ही कोई अन्य विषय हो। यह विषय पढ़कर सदस्यों को चरित्रवान् बनाना, घर के बाहर की मुश्किलों को सुलझाना आदि कार्य आसानी से हो जाते हैं।

प्रश्न 14.
गृह विज्ञान की शिक्षा को ज्यादा महत्त्व क्यों दिया जाना चाहिए ?
उत्तर-
गृह विज्ञान एक ऐसा विषय है जिसका क्षेत्र बहुत फैला हुआ है। इस विषय की जानकारी से अच्छे इन्सान बनाये जा सकते हैं। साईंस तथा तकनालॉजी की आधुनिक जानकारी तथा गृह विज्ञान विषय की शिक्षा से पारिवारिक जीवन में सुधार करके सुखमय परिवार बनाया जा सकता है।

महत्त्व-अच्छी गृहिणी तथा अच्छी मां बनने के लिये इस विषय की पढ़ाई बहुत ज़रूरी है। इस विषय की जानकार छात्राएं आगे चलकर जब पारिवारिक जीवन में कदम रखेंगी तो वह परिवार के सदस्यों की स्वास्थ्य सम्बन्धी प्रतिदिन की ज़रूरतें, अच्छे तथा सन्तुलित भोजन का ध्यान रख सकेंगी। कपड़ों सम्बन्धी बच्चों तथा परिवार के सदस्यों की ज़रूरतों, बच्चों की वृद्धि, विकास, पालन-पोषण तथा उनकी रुचियां समझकर सुन्दर तथा सुखमय घर बना सकती हैं।

आज के उन्नति तथा तकनालॉजी वाले युग में तो इस विषय का और भी महत्त्व बढ़ गया है। कई स्थानों पर तो यह विषय लड़कों को भी पढ़ाया जाने लगा है।

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 1 गृह विज्ञान-सामान्य जानकारी

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 15.
गृह विज्ञान का क्षेत्र बहुत विशाल है, कैसे ?
उत्तर-
गृह विज्ञान का आधार सामाजिक तथा विज्ञान की बुनियादी शाखाएं जैसे कि रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र आदि हैं। इस तरह गृह विज्ञान एक बहुत फैला हुआ विषय है तथा इसका क्षेत्र भी बहुत विशाल है। इस को निम्नलिखित शाखाओं में बांटा जा सकता है –

वस्त्र विज्ञान, भोजन तथा पोषण विज्ञान, गृह व्यवस्था, गृह विज्ञान की शिक्षा का विस्तार तथा बाल विकास तथा पारिवारिक सम्बन्ध।

इन विभिन्न क्षेत्रों में भोजन का स्वास्थ्य से सम्बन्ध, उत्पादन तथा व्यवस्था, कपड़ों के रेशों की बनावट, धुलाई, बुनाई, घर का प्रबन्ध, बच्चों का प्रत्येक पक्ष से विकास आदि के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है।

भोजन तथा पोषण विज्ञान में भोजन के तत्त्व, शरीर की वृद्धि तथा विकास के लिये खाद्य तत्त्वों की ज़रूरत, वृद्धि-कमी, भोजन पकाना, भोजन से शरीर में होने वाले परिवर्तन, भोजन को सुरक्षित रखना, भोजन की सफाई का स्वास्थ्य से सम्बन्ध आदि के बारे में पढ़ाया जाता है।

वस्त्र विज्ञान में कपड़े की बनावट, सिलाई, धुलाई आदि के बारे में पढ़ाया जाता है। आयु, आय, मौसम, पेशे तथा रंग अनुसार पोशाकों का सही चुनाव, सम्भाल, धुलाई के लिये साबुन आदि के बारे में भी जानकारी दी जाती है।

बाल विकास तथा पारिवारिक सम्बन्धों के बारे में जानकारी होने का हमारे जीवन पर अच्छा प्रभाव होता है। मनुष्य सामाजिक प्राणी है तथा वह समाज में लोगों के साथ खुश रहता है तथा जीवन की चुनौतियों का सामना करता है।

बच्चे देश का भविष्य हैं इसलिये बाल विकास की जानकारी बहुत आवश्यक है। बच्चे की सफलता अथवा असफलता की ज़िम्मेदारी मां की होती है। इसलिए गृहिणी को बच्चों की शारीरिक, मानसिक तथा भावनात्मक आवश्यकताओं का पता होना चाहिए। बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रभाव डालने वाले कारक, बच्चों के लिए मनोरंजन, भोजन आदि के बारे में बाल विकास के विषय के ज्ञान से ही पता चलता है।

गृह व्यवस्था-मानवीय तथा भौतिक साधनों की सही ढंग से प्रयोग करके शक्ति, समय, पैसा, मेहनत आदि को बचाया जा सकता है। गृहिणी अपनी आय के अनुसार घर का बजट बनाती है, मौजूदा साधनों का प्रयोग करके परिवार के सभी सदस्यों के लिये अच्छे कपड़े, स्वास्थ्य, रहने का स्थान, पढ़ाई तथा मनोरंजन आदि का प्रबन्ध योजनाबद्ध ढंग से करती है।

प्रश्न 16.
गृह विज्ञान कौन-कौन से विषयों का समूह है और इनके अन्तर्गत क्या क्या पढ़ाया जाता है ?
उत्तर-
गृह विज्ञान का आधार सामाजिक तथा विज्ञान की बुनियादी शाखाएं जैसे कि रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र आदि हैं। इस तरह गृह विज्ञान एक बहुत फैला हुआ विषय है तथा इसका क्षेत्र भी बहुत विशाल है। इस को निम्नलिखित शाखाओं में बांटा जा सकता है –

वस्त्र विज्ञान, भोजन तथा पोषण विज्ञान, गृह व्यवस्था, गृह विज्ञान की शिक्षा का विस्तार तथा बाल विकास तथा पारिवारिक सम्बन्ध।

इन विभिन्न क्षेत्रों में भोजन का स्वास्थ्य से सम्बन्ध, उत्पादन तथा व्यवस्था, कपड़ों के रेशों की बनावट, धुलाई, बुनाई, घर का प्रबन्ध, बच्चों का प्रत्येक पक्ष से विकास आदि के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है।

भोजन तथा पोषण विज्ञान में भोजन के तत्त्व, शरीर की वृद्धि तथा विकास के लिये खाद्य तत्त्वों की ज़रूरत, वृद्धि-कमी, भोजन पकाना, भोजन से शरीर में होने वाले परिवर्तन, भोजन को सुरक्षित रखना, भोजन की सफाई का स्वास्थ्य से सम्बन्ध आदि के बारे में पढ़ाया जाता है।

वस्त्र विज्ञान में कपड़े की बनावट, सिलाई, धुलाई आदि के बारे में पढ़ाया जाता है। आयु, आय, मौसम, पेशे तथा रंग अनुसार पोशाकों का सही चुनाव, सम्भाल, धुलाई के लिये साबुन आदि के बारे में भी जानकारी दी जाती है।

बाल विकास तथा पारिवारिक सम्बन्धों के बारे में जानकारी होने का हमारे जीवन पर अच्छा प्रभाव होता है। मनुष्य सामाजिक प्राणी है तथा वह समाज में लोगों के साथ खुश रहता है तथा जीवन की चुनौतियों का सामना करता है।

बच्चे देश का भविष्य हैं इसलिये बाल विकास की जानकारी बहुत आवश्यक है। बच्चे की सफलता अथवा असफलता की ज़िम्मेदारी मां की होती है। इसलिए गृहिणी को बच्चों की शारीरिक, मानसिक तथा भावनात्मक आवश्यकताओं का पता होना चाहिए। बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रभाव डालने वाले कारक, बच्चों के लिए मनोरंजन, भोजन आदि के बारे में बाल विकास के विषय के ज्ञान से ही पता चलता है।

प्रश्न 17.
गृह विज्ञान का उद्देश्य क्या है ? आजकल इस विषय को अधिक महत्त्व क्यों दिया जाने लगा है ?
उत्तर-
गृह विज्ञान के मुख्य उद्देश्य इस तरह हैं –

  1. मनुष्य का सर्वपक्षीय विकास करना तथा परिवार के सदस्यों के व्यक्तित्व में सुधार लाना।
  2. परिवार में उपलब्ध साधनों को सुधारना।
  3. परिवार को अच्छा जीवन जीने के लिए तैयार करना।
  4. परिवार में अच्छे ढंग से रहने की शिक्षा प्रदान करना।

महत्त्व-अच्छी गृहिणी तथा अच्छी मां बनने के लिये इस विषय की शिक्षा बहुत ज़रूरी है। इस विषय की जानकार छात्राएं आगे चलकर जब पारिवारिक जीवन में कदम रखेंगी तो वह परिवार के सदस्यों की स्वास्थ्य सम्बन्धी प्रतिदिन की ज़रूरतों, अच्छे तथा सन्तुलित भोजन का ध्यान रख सकेंगी। कपड़ों सम्बन्धी बच्चों तथा परिवार के सदस्यों की ज़रूरतें, बच्चों की वृद्धि, विकास, पालन-पोषण तथा उनकी रुचियों को समझकर तथा सुखमय घर बना सकती हैं।
आज के उन्नति तथा तकनालॉजी वाले युग में इस विषय का और भी महत्त्व बढ़ गया है। कई स्थानों पर तो यह विषय लड़कों को भी पढ़ाया जाने लगा है।

प्रश्न 18.
गृह व्यवस्था ही गृह विज्ञान का आधार है ? स्पष्ट करो और इसके अन्तर्गत कौन-कौन से उप-विषय पढ़ाए जाते हैं ?
उत्तर-
गृह-व्यवस्था को गृह विज्ञान का आधार माना जाता है क्योंकि इसमें घर तथा घर की व्यवस्था के सभी पहलू आते हैं। जैसे-अच्छा जीवन गुजारने के सिद्धान्त, परिवार के सदस्यों के लिए शिक्षा का सही प्रबन्ध, परिवार की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए भोजन तथा घर के सामान की खरीद, सम्भाल तथा प्रयोग के बारे में जानकारी दी जाती है। इसी तरह घर में प्रयोग किये जाने वाले हर प्रकार के सामान की सफ़ाई तथा सम्भाल तथा समाज में मनुष्य के जीवन को अनुशासनमय बनाने के लिए आत्मिक तथा धार्मिक पक्ष को भी गृह-व्यवस्था के क्षेत्र में शामिल किया जाता है।

Home Science Guide for Class 9 PSEB गृह विज्ञान-सामान्य जानकारी Important Questions and Answers

रिक्त स्थान भरो

  1. गृह विज्ञान घर में रहने की …………………. शिक्षा है।
  2. गृह विज्ञान का आधार विज्ञान की मूल तथा ………………. शाखाएं ही हैं।
  3. बच्चों का पालन-पोषण ………………… वातावरण में होना चाहिए।

उत्तर-

  1. क्रमबद्ध,
  2. सामाजिक,
  3. प्रेरणादायक।

एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
बच्चे की सफलता तथा असफलता की ज़िम्मेदारी किसकी होती है ?
उत्तर-
मां की।

प्रश्न 2.
गृह विज्ञान का उद्देश्य मनुष्य का कैसा विकास करना है ?
उत्तर-
सर्वपक्षीय।

ठीक/ग़लत बताएं

  1. गृह विज्ञान को घरेलू विज्ञान का नाम भी दिया गया है।
  2. गृह विज्ञान का उद्देश्य मनुष्य को अच्छा जीवन जीने के लिए तैयार करना भी है।
  3. गृह विज्ञान का आधार सामाजिक तथा विज्ञान की प्राथमिक शाखाएं हैं।
  4. मानवीय तथा भौतिक साधनों का उचित प्रयोग करके शक्ति, समय, पैसा, मेहनत आदि को बचाया जा सकता है।

उत्तर-

  1. ठीक
  2. ठीक
  3. ठीक
  4. ठीक।

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 1 गृह विज्ञान-सामान्य जानकारी

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्न में ठीक हैं
(A) गृह व्यवस्था पारिवारिक ज़िन्दगी के प्रत्येक पक्ष से सम्बन्धित हैं।
(B) घर की आमदन बढ़ाने के लिए कुछ लघु उद्योग शुरू किए जा सकते हैं।
(C) संयुक्त परिवार में माता-पिता तथा अन्य सम्बन्धी मिल कर रहते हैं।
(D) सभी ठीक।
उत्तर-
(D) सभी ठीक।

प्रश्न 2.
मानवीय साधन है
(A) शक्ति
(B) रुचि
(C) कुशलता
(D) सभी ठीक।
उत्तर-
(D) सभी ठीक।

प्रश्न 3.
गृह विज्ञान की पढ़ाई सहायक है –
(A) चरित्र का एकीकरण।
(B) घर के अन्दर तथा बाहर अकस्मात् स्थितियों में समस्याओं को सुलझाना।
(C) घर में प्यार तथा मेल-मिलाप का वातावरण पैदा करना।
(D) सभी ठीक।
उत्तर-
(D) सभी ठीक।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
लेडी इरविन की गृह विज्ञान संस्था के अनुसार गृह विज्ञान की परिभाषा दें।
उत्तर-
गृह विज्ञान एक वास्तविक विज्ञान है जो विद्यार्थी को सफलतापूर्वक पारिवारिक जीवन व्यतीत करने तथा सामाजिक तथा आर्थिक समस्याओं को सरलता से तथा अच्छे ढंग से सुलझाने के योग्य बनता है।

प्रश्न 2.
गृह विज्ञान के क्षेत्र से आप क्या समझते हो ?
उत्तर-
गृह विज्ञान का क्षेत्र काफ़ी विशाल है। इसका आधार विज्ञान की बुनियादी शाखाएं तथा सामाजिक शाखाएं हैं। गृह विज्ञान को निम्नलिखित शाखाओं में बांटा जा सकता है –
भोजन तथा पोषण विज्ञान, वस्त्र विज्ञान, गृह व्यवस्था, बाल विकास तथा पारिवारिक सम्बन्ध आदि। इस तरह गृह विज्ञान के क्षेत्र से अभिप्राय उपरोक्त विषयों के बारे में जानकारी प्राप्त करना है।

प्रश्न 3.
बाल विकास और पारिवारिक सम्बन्धों का हमारे जीवन पर क्या प्रभाव है ?
उत्तर-
बाल विकास तथा पारिवारिक सम्बन्धों के बारे में जानकारी होने का हमारे जीवन पर अच्छा प्रभाव होता है। मनुष्य सामाजिक प्राणी है तथा वह समाज में लोगों के साथ खुश रहता है तथा जीवन की चुनौतियों का सामना करता है।

बच्चे देश का भविष्य हैं इसलिए बाल विकास की जानकारी बहुत ज़रूरी है। बच्चे की सफलता-असफलता की ज़िम्मेदारी मां की होती है। इसलिए गृहिणी को बच्चों की शारीरिक, मानसिक तथा भावनात्मक आवश्यकताओं का पता होना चाहिए। बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रभाव डालने वाले कारक, बच्चों के लिए मनोरंजन, भोजन आदि के बारे में बाल विकास के विषय से ही ज्ञान प्राप्त होता है।

प्रश्न 4.
‘गृह व्यवस्था का महत्त्व’ के अन्तर्गत पारिवारिक स्तर को ऊँचा उठाना के बारे में लिखें।
उत्तर-
गृह व्यवस्था का एक कार्य परिवारिक स्तर को ऊँचा उठाना भी है। प्रत्येक मनुष्य जीवन में उन्नति करना चाहता है तथा अपने रहन-सहन को बढ़िया रखना चाहता है। घर में अच्छी व्यवस्था जहां विकास की सीढ़ी का पहला पड़ाव पार करने के लिए सहायक है।

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 1 गृह विज्ञान-सामान्य जानकारी

गृह विज्ञान-सामान्य जानकारी PSEB 9th Class Home Science Notes

  • घर एक ऐसा स्थान है जहां परिवार के सदस्य आपस में प्यार से रहते हैं। एक दूसरे का दुःख-सुख बांटते हैं तथा भावनात्मक रूप में जुड़े होते हैं।
  • डॉ० ए०एच० रिचर्डज़ ने कहा है कि गृह विज्ञान एक ऐसा विशेष विषय है जो परिवार की आय तथा खर्च, भोजन की स्वच्छता, कपड़ों सम्बन्धी आवश्यकताएं घर का सही चुनाव आदि से सम्बन्ध रखता है।
  • गृह विज्ञान की शिक्षा के बिना गृहिणी की शिक्षा को अधूरा माना जाता है।
  • गृह विज्ञान का सम्बन्ध स्वास्थ्य, पोषण तथा घर से जुड़ी सुविधाओं से है।
  • गृह विज्ञान का क्षेत्र बहुत विशाल है। इस में भोजन तथा पोषण विज्ञान, गृह व्यवस्था, वस्त्र विज्ञान, बाल विकास तथा पारिवारिक सम्बन्ध आदि के बारे में पढ़ाया जाता है।
  • गृह विज्ञान का विषय मानवीय जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में सहायक है।

PSEB 9th Class SST Solutions Economics Chapter 1 एक गांव की कहानी

Punjab State Board PSEB 9th Class Social Science Book Solutions Economics Chapter 1 एक गांव की कहानी Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Social Science Economics Chapter 1 एक गांव की कहानी

SST Guide for Class 9 PSEB एक गांव की कहानी Textbook Questions and Answers

(क) वस्तुनिष्ठ प्रश्न

रिक्त स्थान भरें:

  1. मानव की आवश्यकताएं
  2. …………. जोखिम उठाता है।
  3. ………… उत्पादन का प्राकृतिक साधन है।
  4. एक वर्ष में एक भूखण्ड पर एक से अधिक फसलें पैदा करने को ………. कहते हैं।
  5. जो श्रमिक एक राज्य से दूसरे राज्य में श्रम करने के लिए जाते हैं उन्हें ………….. श्रमिक कहते हैं।
  6.  पंजाब को देश के ……………. के रूप में जाना जाता है।

उत्तर-

  1. असीमित
  2. उद्यमी
  3. भूमि
  4. बहुविविध फसल प्रणाली
  5. प्रवासी श्रमिक
  6. अन्न के कटोरे।

बहुविकल्पी प्रश्न :

प्रश्न 1.
उत्पादन का कौन-सा कारक अचल है ?
(क) भूमि
(ख) श्रम
(ग) पूंजी
(घ) उद्यमी।
उत्तर-
(क) भूमि

PSEB 9th Class SST Solutions Economics Chapter 1 एक गांव की कहानी

प्रश्न 2.
वह आर्थिक क्रिया जो वस्तुओं व सेवाओं के मूल्य अथवा उपयोगिता की वृद्धि के साथ जुड़ी हुई है, कहलाती है
(क) उत्पादन
(ख) उपभोक्ता
(ग) वितरण
(घ) उपयोगिता।
उत्तर-
(क) उत्पादन

प्रश्न 3.
कृषि में विशेषकर गेहूँ व धान के उत्पादन में असाधारण वृद्धि को क्या कहते हैं ?
(क) हरित क्रांति
(ख) गेहूं क्रांति
(ग) धान क्रांति
(घ) श्वेत क्रांति।
उत्तर-
(क) हरित क्रांति

प्रश्न 4.
इग्लैंड की मुद्रा कौन-सी है ?
(क) रुपए
(ख) डॉलर
(ग) यान
(घ) पौंड।
उत्तर-
(घ) पौंड।

सही/गलत :

  1. भूमि की पूर्ति सीमित है।
  2. मनुष्य की सीमित आवश्यकताएं असीमित साधनों के साथ पूरी होती हैं।
  3. श्रम की पूर्ति को बढ़ाया एवं घटाया नहीं जा सकता।
  4. उद्यमी जोखिम उठाता है।
  5. मशीन व पशुओं द्वारा करवाया कार्य श्रम है।
  6. बाज़ार में वस्तुओं के मूल्य बढ़ जाने से उनकी मांग बढ़ जाती है।

उत्तर-

  1. सही
  2. ग़लत
  3. ग़लत
  4. सही
  5. ग़लत
  6. ग़लत।

(क) अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
अर्थशास्त्र से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
अर्थशास्त्र मनुष्यों के व्यवहार का अध्ययन है जो यह बताता है कि किस प्रकार एक मनुष्य अपनी असीमित आवश्यकताओं को सीमित साधनों से पूरा कर सकता है।

PSEB 9th Class SST Solutions Economics Chapter 1 एक गांव की कहानी

प्रश्न 2.
भारत के गांवों की मुख्य उत्पादन क्रिया कौन-सी है ?
उत्तर-
खेती, भारत के गांवों की मुख्य उत्पादन है।

प्रश्न 3.
गांवों में सिंचाई के दो प्रमुख साधन कौन-से हैं।
उत्तर-

  1. टयूबवैल
  2. नहरें।

प्रश्न 4.
अर्थशास्त्र में श्रम से क्या अभिप्राय है ? .
उत्तर-
अर्थशास्त्र में श्रम का कार्य उन सभी मानवीय प्रयासों से हैं, जो धन कमाने के उद्देश्य से किए जाते हैं। ये प्रयास शारीरिक या बौद्धिक दोनों हो सकते हैं।

प्रश्न 5.
माँ द्वारा अपने बच्चे को पढ़ाने की क्रिया श्रम है अथवा नहीं ?
उत्तर-
इस कार्य को श्रम नहीं माना जाएगा क्योंकि यह कार्य धन प्राप्ति के उद्देश्य से नहीं किया गया है।

प्रश्न 6.
श्रमिकों को परिश्रमिक किस रूप में मिलता हैं ?
उत्तर-
श्रमिक अपनी मजदूरी नकद या किस्म के रूप में प्राप्त कर सकता है।

प्रश्न 7.
गांव के लोगों द्वारा की जाने वाली कोई दो गैर कृषि क्रियाएं बताएं।
उत्तर-
गैर कृषि क्रियाएं निम्न हैं1. डेयरी 2. मुर्गीपालन।

प्रश्न 8.
बड़े व लघु किसान कृषि के लिए वांछित पूंजी कहां से प्राप्त करते हैं ?
उत्तर-
बड़े किसान कृषि क्रियाओं के लिए पूंजी अपनी कृषि क्रियाओं से होने वाली बचतों से प्राप्त करते हैं जबकि छोटे किसान बड़े किसानों से ऊंची ब्याज दर पर रकम लेते हैं।

प्रश्न 9.
भूमि की कोई एक विशेषता लिखें।
उत्तर-
भूमि प्रकृति का निःशुल्क उपहार है।

प्रश्न 10.
मज़दूर एक राज्य से दूसरे राज्यों में प्रवास क्यों करते हैं ?
उत्तर-
श्रमिक अपनी आजीविका कमाने के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य को प्रवास करते हैं।

प्रश्न 11.
किसान पराली को क्यों जलाते हैं ?
उत्तर-
धान के अवशिष्ट भाव पराली का कोई निवेष प्रबंध न होने के कारण किसान उस पराली को आग लगाते हैं।

(स्व) लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
हम अर्थशास्त्र का अध्यायन क्यों करते हैं ?
उत्तर-
हम अर्थशास्त्र का अध्ययन इसलिए करते हैं क्योंकि यह एक विज्ञान है जो हमें यह बताता है कि किस प्रकार हम अपने सीमित साधनों का प्रयोग करके अपनी असीमित आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं। अर्थशास्त्र का अध्ययन करके ही हम अपनी आय को इस प्रकार व्यय कर सकते हैं जिससे हमें अधिकतम सन्तुष्टि प्राप्त हो।

प्रश्न 2.
आर्थिक क्रिया क्या है ? एक उदाहरण दें।
उत्तर-
आर्थिक क्रिया वह क्रिया है जो एक व्यक्ति द्वारा अपनी असीमित आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सीमित साधनों को कम करके की जाती है। इस क्रियाओं को किए जाने का मुख्य उद्देश्य धन प्रकट करना होता है।
उदाहरण-एक शिक्षक द्वारा विद्यालय में पढ़ाना।

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प्रश्न 3.
सिंचाई के लिए टयूबवैल का निरन्तर प्रयोग भूमि के नीचे के जलस्तर को कैसे प्रभावित करता है ?
उत्तर-
सिंचाई के लिए टयूबवैल द्वारा पानी के निरंतर प्रयोग किए जाने से भूमिगत जल का स्तर कम होता जा रहा है। पंजाब में भूमिगत जल स्तर का कम होना एक गंभीर समस्या है। पंजाब में हर वर्ष अधिक से अधिक जल का प्रयोग करने हेतु भूमि के नीचे से नीचे स्तर से भी जल निकाला जा रहा है। इस तरह 20 वर्ष के बाद भूमिगत के पूरी तरह कम हो जाने का माप उत्पन्न होने लगा है।

प्रश्न 4.
भूमि के एक ही भाग पर उत्पादन वृद्धि के कोई दो भिन्न ढंग बताएं।
उत्तर-
एक ही भूमि के टुकड़ें पर एक वर्ष में एक से अधिक फसलें एक साथ उगाने से उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। इसे बहुविविध फसल प्रणाली कहते हैं। भूमि के एक ही टुकड़े पर उत्पादन बढ़ाने की यह एक सामान्य प्रक्रिया है। यह विद्युत टयूवबैल तथा किसानों को विद्युत की लगातार पूर्ति से संभव हो सका है।
दूसरी ओर, एक ही भूमि के टुकड़े पर उत्पादन बढ़ाने का अन्य तरीका आधुनिक विधियों का प्रयोग करना है जैसे उच्च पैदावार वाले बीज, रासायनिक खाद की पर्याप्त मात्रा कीटनाशक आदि।

प्रश्न 5.
बहुफसली विधि से क्या अभिप्राय है ? वर्णन करें।
उत्तर-
एक वर्ष में भूमि के एक टुकड़े पर एक साथ एक से अधिक फसलें उगाने की क्रिया को बहुविविध फसल प्रणाली कहते हैं। यह भूमि के एक ही टुकड़े पर उत्पादन बढ़ाने का साधारण तरीका है। यह विद्युत टयूवबैल तथा किसानों को निरंतर विद्युत की पूर्ति से संभव हो सका है। छोटी-छोटी नहरों से भी किसानों को कृषि के लिए जल उपलब्ध होता रहता है। जिसने वर्ष भर किसानों को कृषि करने के लिए प्रेरित किया है।

प्रश्न 6.
हरित क्रांति से क्या अभिप्राय है ? यह कैसे संभव हुई है ?
उत्तर-
भारत में योजनाओं की अवधि में अपनाए गए कृषि सुधारों के फलस्वरूप 1967-68 में अनाज के उत्पादन में 1966-67 की तुलना में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई। किसी एक वर्ष में अनाज के उत्पादन में इतनी अधिक वृद्धि किसी क्रांति से कम नहीं थी। इसलिए इसे हरित क्रांति का नाम दिया गया। हरित क्रांति से अभिप्राय कृषि उत्पादन में होने वाली भारी वृद्धि से है जो कृषि की नई नीति को अपनाने के कारण हुई।

प्रश्न 7.
भूमि पर आधुनिक कृषि पद्धति व ट्यूबवैल सिंचाई के कौन-से हानिकारक प्रभाव पड़े हैं ?
उत्तर-
भूमि एक प्राकृतिक संसाधन हैं, आधुनिक कृषि विधियां इसकी उपजाऊ शक्ति को कम कर रही हैं। आधुनिक कृषि विधियों के प्रयोग द्वारा प्रारंभिक स्तर में तो कृषि उत्पादन बढ़ता रहता है परंतु बाद में यह धीरे-धीरे घटता जाता है।
भूमिगत जल का स्तर भी टयूवबैल का अधिक प्रयोग करने से घटता जा रहा है। प्रत्येक वर्ष पंजाब के किसान भूमि को और अधिक नीचे तक खोदते रहते हैं। इन स्थितियों के द्वारा 20 वर्ष के बाद भूमिगत जल के पूरी तरह कम हो जाने का संकट उत्पन्न हो गया है।

प्रश्न 8.
गांव के किसानों में भूमि किस प्रकार वितरित हुई है ?
उत्तर-
इस गांव में दुर्भाग्यवश सभी लोग कृषि योग्य भूमि की पर्याप्त मात्रा न होने के कारण कृषि कार्यों में संलग्न नहीं हैं। लगभग 20 परिवार ऐसे हैं जो अपनी भूमि के स्वामी हैं और 100 परिवार ऐसे हैं जिनके पास कृषि योग्य थोड़ी सी भूमि उपलब्ध है। जबकि 50 परिवार ऐसे भी हैं जिनके पास अपनी कृषि योग्य भूमि नहीं है। यह लोग अन्य लोगों की भूमि पर काम करके अपनी आजीविका कमाते हैं।

प्रश्न 9.
गांव में कृषि के लिए श्रम के कोई दो स्त्रोत बताएं।
उत्तर-
किसानों कृषि कार्यों के लिए श्रम का स्वयं प्रबंध करते हैं। इसके अलावा, कुछ निर्धन परिवार अपनी आजीविका कमाने के लिए बड़े कृषकों की भूमि पर श्रम का कार्य करते हैं। ज़मींदारों की भूमि पर नाम करने के लिए कुछ प्रवासी श्रमिक अन्य राज्यों जैसे बिहार और उत्तर प्रदेश से भी गांव में आए हैं। इन्हें प्रवासी श्रमिक कहते हैं।

प्रश्न 10.
बड़े व मध्यम वर्गीय किसान कृषि के लिए आवश्यक पूंजी का प्रबंध कैसे करते हैं ?
उत्तर-
मझौले और बड़े किसानों के पास अधिक भूमि होती है अर्थात् उनकी जोतों का आकार काफ़ी बड़ा होता है जिससे वे उत्पादन अधिक करते हैं।
उत्पादन अधिक होने से वे इसे बाज़ार में बेच कर काफी पूंजी प्राप्त कर लेते हैं जिसका प्रयोग वे उत्पादन को आधुनिक विधियों को अपनाने में करते हैं।

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प्रश्न 11.
आर्थिक तथा अनार्थिक क्रिया में अंतर लिखें।
उत्तर-

आर्थिक  क्रियाएं अनार्थिक क्रियाएं
1. आर्थिक क्रियाएं अर्थव्यवस्था में वस्तुओं  व सेवाओं का प्रवाह करती हैं। 1. अनार्थिक क्रियाओं से वस्तुओं व सेवाओं का कोई प्रवाह अर्थव्यवस्था में नहीं होता।
2. जब आर्थिक क्रियाओं में वृद्धि होती है तो इसका अर्थ है कि अर्थव्यवस्था प्रगति 2. अनार्थिक क्रियाओं में होने वाली कोई भी वृद्धि अर्थव्यवस्था की प्रगति का निर्धारक नहीं है। में है।
3. आर्थिक क्रियाओं से वास्तविक व राष्ट्रीय आय व आय में वृद्धि होती है। 3. अनार्थिक क्रियाओं में से कोई राष्ट्रीय व्यक्तिगत आय में वृद्धि नहीं होती है।

प्रश्न 12.
श्रम की मुख विशेषताएं कौन-सी हैं ?
उत्तर-
श्रम की मुख्य विशेषताएं निम्न हैं-

  1. श्रम उत्पादन का एकमात्र सक्रिय साधन है।
  2. श्रम को पूर्ति घटाई व बढ़ाई जा सकती है।
  3. भारत में श्रम प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।
  4. धन कमाने के उद्देश्य से किए गए सभी मानवीय प्रयास श्रम है।
  5. श्रम को खरीदा व बेचा जा सकता है।
  6. श्रम गतिशील है।

प्रश्न 13.
लघु किसान कृषि के लिए वांछित पूंजी का प्रबंध कैसे करते हैं ?
उत्तर-
छोटे किसानों की पूंजी की आवश्यकता बड़े किसानों से भिन्न होती है क्योंकि छोटे किसानों के पास भूमि कम होने के कारण उत्पादन उनके भरण-पोषण के लिए भी कम बैठता है। उन्हें अधिकतम प्राप्त न होने के कारण बचतें नहीं होती। इसलिए खेती के लिए उन्हें पूंजी बड़े किसानों या साहूकारों से उधार लेकर पूरी करनी पड़ती है, जिस पर उन्हें काफी ब्याज चुकाना पड़ता है।

प्रश्न 14.
बड़े किसान अतिरिक्त कृषि उत्पादों को क्या करते हैं ?
उत्तर-
बड़े किसान अपने कृषि उत्पाद को नज़दीक के बाजार में बेचते हैं और बहुत अधिक धन कमा लेते हैं। इस कमाई हुई अतिरिक्त पूंजी का प्रयोग वे छोटे किसानों को ऊंची ब्याज दर पर ऋण देने के लिए करते हैं। इसके अलावा वो इस आधिक्य का प्रयोग अगले कृषि मौसम में उपज उगाने के लिए भी करते हैं और अपनी जमाओं को बढ़ाते हैं।

प्रश्न 15.
भारत के गांवों में कौन-सी गैर-कृषि क्रियाएं की जाती हैं ?
उत्तर-
ग्रामीण क्षेत्र में जो गैर-कृषि कार्य हो रहे हैं वे निम्नलिखित हैं-

  1. पशुपालन द्वारा दुग्ध क्रियाएं।
  2. छोटे-छोटे उद्योग हैं जिसमें आटा चक्कियां, बुनकर उद्योग टोकरियां बनाना, फर्नीचर बनाना, लोहे के औज़ार बनाना आदि शामिल हैं।
  3. दुकानदारी।
  4. यातायात के साधनों का संचालन आदि।

प्रश्न 16.
भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में कौन-कौन सी गैर-कृषि क्रियाएं (गतिविधियां) चलाई जा रही है ?
उत्तर-
गैर-कृषि क्रियाओं को कम मात्रा में भूमि की आवश्यकता होती है । वर्तमान में, गांवों में गैर-कृषि क्षेत्र अधिक विस्तृत नहीं हैं। गांवों में प्रत्येक 100 श्रमिकों में से केवल 24 श्रमिक ही गैर-कृषि क्रियाओं में संलग्न हैं। लोग गैर-कृषि क्रियाएं या तो अपनी बचतों से या ऋण लेकर शुरू कर सकते हैं। गांवों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान करवा कर जैसे सड़क, बिजली, संचार, यातायात आदि से शहर के साथ जोड़ा जा सकता है तथा गैर-कृषि क्रियाओं को शुरू किया जा सकता है।

प्रश्न 17.
फसलों के अवशिष्ट को खेतों में जलाने से भूमि की गुणवत्ता में पतन क्यों आता है ?
उत्तर-
फसलों के अवशिष्ट को खेतों में जलाने से ज़मीन की उपरी सतह का तापमान बढ़ जाता है, जिस कारण ज़मीन में मिलने वाले सूक्ष्म जीव, बैक्टीरिया, मित्रकीट, फफूंद, पक्षी मौत का शिकार हो जाते हैं। इसके साथ-साथ ज़मीन के लाभदायक तत्त्व और यौगिक भी तापमान में बढ़ौतरी के कारण नष्ट हो जाते हैं, परिणामस्वरूप भूमि की गुणवत्ता में पतन हो जाता है।

अन्य अभ्यास के प्रश्न

गतिविधि-1

अपने निकटतम खेत में जाकर कुछ किसानों से चर्चा कीजिए तथा मालूम करने की कोशिश कीजिए।
प्रश्न 1.
किसान कृषि में परम्परावादी अथवा आधुनिक में किस विधि का प्रयोग कर रहे हैं : व क्यों।
उत्तर-
मेरे पड़ोस के खेतों में जिन किसानों की छोटी जोतें थीं वे खेती की पुरानी विधि का प्रयोग कर रहे हैं तथा जिन किसानों की जोतें बड़ी थीं वे नयी विधि का प्रयोग कर रहे थे। इन विधियों को प्रयोग करने का मुख्य कारण यही था कि जिन किसानों की जोतें छोटे आकार की हैं वे आधुनिक विधियों को प्रयोग करने में कम आय होने के कारण असमर्थ हैं। दूसरी ओर बड़े किसानों की आय अधिक होने के कारण वे आधुनिक विधि का प्रयोग करने में समर्थ हैं।

PSEB 9th Class SST Solutions Economics Chapter 1 एक गांव की कहानी

प्रश्न 2.
उसके द्वारा सिंचाई के कौन-से स्त्रोत का प्रयोग हो रहा हैं ?
उत्तर-
मेरे गांव में अधिकतर किसान सिंचाई के लिए वर्षा पर निर्भर हैं परंतु कुछ बड़े किसान ट्यूवबैल, पंपसैट से भी सिंचाई करते हैं।

प्रश्न 3.
किसानों द्वारा बोई जाने वाली फसलों के प्रकार तथा इन फसलों को बीजने तथा काटने का समय क्या है ?
उत्तर-
मेरे गांव के किसान खरीफ़ तथा रवी दोनों प्रकार की फसलें उगाते हैं। खरीफ मौसम में मक्की, सूरजमुखी तथा चावल उगाते हैं तथा सर्दी से पहले इनकी कटाई हो जाती है। सर्दी में रवी फसल जैसे गेहूं, जौ, चना, सरसों उगाते हैं तथा अप्रैल मास में इनकी कटाई करते हैं।

प्रश्न 4.
किसानों द्वारा प्रयुक्त खादों व कीटनाशक दवाइयों के नाम लिखिए।
उत्तर-
खादों के नाम-

  1. यूरिया (Urea)
  2. वर्मीकंपोस्ट (Vermicompost)
  3. जिप्सम (Gypsum)

कीटनाशक-

  1. Emanection Benzoate
  2. RDX BIO Pesticide
  3. Bitentrin 2.5% Ec
  4. Star one.

गतिविधि-2

प्रश्न 1.
अपने गांव या निकटवर्ती गांव के खेतों में जाकर पता करें कि किसान खेतों में पराली जला रहे हैं या नहीं ? यदि वे ऐसा कर रहे हैं तो उन्हें ऐसा करने से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में समझाइए।
उत्तर-
गांव के खेतों में जाने से मालूम हुआ कि किसान अगली फसल की बुआई करने की जल्दी के कारण विशेष रूप से धान की कटाई के बाद व गेहूं की बुआई से पहले अवशेषों को ठिकाने लगाने की व्यवस्था के अभाव में जल्दी हल के लिए वे खेतों में ही खूटी (Stubble) को जला रहे थे। मैंने उन्हें ऐसा करने से होने वाले बुरे परिणामों से अवगत करवाया उन्हें बताया कि इससे पर्यावरण प्रदूषित होता है जो कि वातावरण असंतुलन फैलाता है। इससे भूमि की ऊपरी सतह का तापमान बढ़ जाता है जिसने विभिन्न प्रकार के जीवाणु, कवक, मित्र कीट आदि मर जाते हैं तथा भूमि के आवश्यक तत्वों का नाश होता है।

आइए चर्चा करें:

प्रश्न 1.
लघु स्तर के किसानों को बड़े स्तर के किसानों के खेतों में श्रमिकों की तरह कार्य क्यों करना पड़ता है ?
उत्तर-
उन्हें अपनी आजीविका कमाने के लिए श्रमिक के रूप में काम करना पड़ता है क्योंकि उन्होंने बड़े किसानों से निर्धनता के कारण ऋण लिए होते हैं जिसकी अदायगी के लिए उन्हें अपने खेतों को भी देना पड़ जाता है।

प्रश्न 2.
क्या कृषि श्रमिकों को पूरे वर्ष के लिए रोजगार उपलब्ध हो जाता है ?
उत्तर-
नहीं, खेतिहर मजदूरों को पूरे वर्ष भर रोज़गार नहीं मिलता। उन्हें दैनिक मज़दूरी आधार पर अथवा किसी विशेष खेती पर होने वाले क्रियाकलाप के दौरान जैसे कटाई या बुआई के समय ही काम मिलता है। वे मौसमी रोज़गार प्राप्त करते हैं।

प्रश्न 3.
कृषि श्रमिक को अपना पारिश्रमिक किस रूप में मिलता है।
उत्तर-
वे नकदी अथवा प्रकार में भी जैसे अनाज (चावल या गेहूँ) के रूप में भी मज़दूरी प्राप्त करते हैं।

प्रश्न 4.
प्रवासी श्रमिक किन्हें कहा जाता हैं ?
उत्तर-
जब बड़े किसानों के खेतों में अन्य राज्यों से लोग आकर मजदूरी पर काम करते हैं तो उन्हें प्रवासी मजदूर कहते हैं।

प्रश्न 5.
श्रमिक प्रवास क्यों करते हैं ? अपने अध्यापक महोदय के साथ चर्चा करें।
उत्तर-
श्रमिक इसलिए प्रवास करते हैं क्योंकि उनके स्थान पर आजीविका कमाने के लिए काम उपलब्ध नहीं होता है। हमने अपने गांव में देखा है कि अन्य राज्यों से लोग अपने वहां काम के अभाव से यहां गांव में आते हैं। इन्हें प्रवासी मज़दूर के नाम से जाना जाता है।

PSEB 9th Class SST Solutions Economics Chapter 1 एक गांव की कहानी

PSEB 9th Class Social Science Guide एक गांव की कहानी Important Questions and Answers

रिक्त स्थान भरें:

  1. वे सभी वस्तुएं जो मनुष्य की आवश्यकताओं को संतुष्ट करती हैं, ……. कहलाती हैं।
  2. किसी वस्तु की प्रति इकाई को ………… लागत कहते हैं।
  3. पूर्ण प्रतियोगिता में औसत आय तथा सीमांत आय ……… होती है।
  4. उत्पादन के मुख्य …………. साधन हैं।
  5. ……….. में समरूप वस्तु के बहुत सारे क्रेता और विक्रेता होते हैं।
  6. आर्थिक लगान केवल …………. की सेवाओं के लिए प्राप्त होता है।
  7. दुर्लभता का अर्थ किसी वस्तु अथवा सेवा की पूर्ति का उसकी मांग से ……. होता है।
  8. …………. वह इकाई है जो लाभ प्राप्त करने की दृष्टि से बिक्री के लिए उत्पादन करती है।
  9. …………. वह स्थिति है जिसमें एक बाज़ार में केवल एक ही उत्पादक होता है।
  10. किसी वस्तु की आवश्यकताओं को संतुष्ट करने की शक्ति है।

उत्तर-

  1. पदार्थ
  2. औसत
  3. समान
  4. चार
  5. पूर्ण प्रतियोगिता
  6. भूमि
  7. कम
  8. फर्म :
  9. एकाधिकार
  10. उपयोगिता।।

बहुविकल्पीय प्रश्न :

प्रश्न 1.
इनमें से कौन मुद्रा का एक कार्य है ?
(क) विनिमय का माध्यम
(ख) मूल्य का मापदंड
(ग) धन का संग्रह
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 2.
इनमें से कौन पदार्थ का प्रकार नहीं हैं ?
(क) भौतिक
(ख) संतुलित
(ग) नाशवान
(घ) टिकाऊ।
उत्तर-
(ख) संतुलित

प्रश्न 3.
इनमें से कौन उद्यमी का पारितोषिक है ?
(क) लाभ
(ख) लगान
(ग) मजदूरी
(घ) ब्याज।
उत्तर-
(क) लाभ

प्रश्न 4.
ब्याज किसकी सेवाओं के बदले में दिया जाता है?
(क) भूमि
(ख) श्रम
(ग) पूंजी
(घ) उद्यमी।
उत्तर-
(ग) पूंजी

प्रश्न 5.
किसी वस्तु की बिक्री करने पर एक फ़र्म को जो राशि प्राप्त होती है उसे कहते हैं ?
(क) आगम
(ख) उपयोगिता
(ग) मांग
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) आगम

PSEB 9th Class SST Solutions Economics Chapter 1 एक गांव की कहानी

प्रश्न 6.
दुर्लभता का अर्थ किसी वस्तु की पूर्ति का उसकी मांग से होना है-
(क) कम
(ख) अधिक
(ग) समान
(घ) इनमें कोई नहीं।
(ख) उत्पादन की मात्रा
उत्तर-
(क) कम

प्रश्न 7.
औसत आय निकालने का सूत्र क्या है ?
PSEB 9th Class SST Solutions Economics Chapter 1 एक गांव की कहानी (1)
(ग) कुल आय × उत्पादन की मात्रा
(घ) इनमें कोई नहीं।
उत्तर-
PSEB 9th Class SST Solutions Economics Chapter 1 एक गांव की कहानी (2)

प्रश्न 8.
इनमें से कौन पूर्ण प्रतियोगिता की विशेषता है ?
(क) समरूप वस्तु
(ख) समान कीमत
(ग) पूर्ण ज्ञान
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 9.
एक विक्रेता व अधिक क्रेता किस बाज़ार का लक्ष्य है ?
(क) एकाधिकार
(ख) पूर्ण प्रतियोगिता
(ग) अल्पाधिकार
(घ) एकाधिकार प्रतियोगिता।
उत्तर-
(क) एकाधिकार

प्रश्न 10.
इनमें से कौन बाज़ार का एक प्रकार है ?
(क) अल्पाधिकार
(ख) पूर्ण प्रतियोगिता
(ग) एकाधिकार
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

सही/गलत :

  1. U.S.A. की करंसी डॉलर है।
  2. अध्यापक द्वारा घर में अपने बच्चे को पढ़ाना एक आर्थिक क्रिया है।
  3. भूमि की पूर्ति असीमित है।
  4. एक एकड़ 8 कनाल के बराबर होता है।
  5. हमारे देश में कुल खेती योग्य क्षेत्र का केवल 40 प्रतिक्षत क्षेत्र ही सिंचाई योग्य है।
  6. पंजाब पांच नदियों की भमि है।
  7. भूमिगत जल का स्तर पंजाब में बढ़ रहा है।
  8. भारत में लगभग 70% स्त्रोतों का आकार 2 हैक्टेयर से भी कम है।
  9. श्रम को हम बेच अथवा खरीद नहीं सकते हैं।
  10. पूंजी में घिसावट होती है।

उत्तर-

  1. सही
  2. गलत
  3. ग़लत
  4. सही
  5. सही
  6. सही
  7. ग़लत
  8. सही
  9. ग़लत
  10. सही।

अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न।।

प्रश्न 1.
उपयोगिता की परिभाषा दें।
उत्तर-
उपयोगिता किसी वस्तु की वह शक्ति अथवा गुण है जिसके द्वारा हमारी आवश्यकताओं की संतुष्टि होती है।

प्रश्न 2.
सीमांत उपयोगिता की परिभाषा दें।
उत्तर-
किसी वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई का उपयोग करने से कुल उपयोगिता में जो वृद्धि होती है, उस सीमांत उपयोगिता कहते हैं।

प्रश्न 3.
पदार्थ की परिभाषा दें।
उत्तर-
मार्शल के शब्दों में, “वे सभी वस्तुएं जो मनुष्य की आवश्यकताओं को संतुष्ट करती हैं, अर्थशास्त्र में पदार्थ कहलाती हैं।”

प्रश्न 4.
मध्यवर्ती और अंतिम वस्तुओं से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
मध्यवर्ती वस्तुएं वे वस्तुएं हैं जिनका प्रयोग अन्य वस्तुओं के उत्पादन के लिए किया जाता है, जिनकी पुनः बिक्री की जाती है। अंतिम वस्तुएं वे वस्तुएं हैं जो उपभोग या निवेश के उद्देश्य से बाज़ार में बिक्री के लिए उपलब्ध

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प्रश्न 5.
पूंजीगत वस्तुओं की परिभाषा दें।
उत्तर-
वे पदार्थ जिनके द्वारा किसी दूसरी वस्तु का उत्पादन होता है, जैसे कच्चा माल, मशीन इत्यादि, पूंजीगत वस्तुएं कहलाती हैं।

प्रश्न 6.
वस्तुओं और सेवाओं में क्या अंतर है ?
उत्तर-
वस्तुओं को देखा, छुआ तथा एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है। सेवाओं को देखा, छुआ और हस्तांतरित नहीं किया जा सकता है।

प्रश्न 7.
धन की परिभाषा दें।
उत्तर-
अर्थशास्त्र में वे सभी वस्तुएं जो विनिमय साध्य हैं, जिनमें उपयोगिता है तथा जो सीमित मात्रा में हैं. धन कहलाती हैं।

प्रश्न 8.
दुर्लभता से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
दुर्लभता का अर्थ किसी वस्तु अथवा सेवा की पूर्ति का उसकी मांग से कम होता है।

प्रश्न 9.
क्या बी०ए० की डिग्री और व्यवसाय की साख धन है ?
उत्तर-

  1. बी०ए० की डिग्री धन नहीं है क्योंकि यह उपयोगी और दुर्लभ तो है पर हस्तांतरणीय नहीं होती।
  2. व्यवसाय की साख धन है क्योंकि इसमें धन के तीन गुण-उपयोगिता, दुर्लभता तथा विनिमय साध्यता हैं।

प्रश्न 10.
मुद्रा की परिभाषा दें।
उत्तर-
मुद्रा कोई भी वस्तुं हो सकती है जिसको सामान्य रूप से, वस्तुओं के हस्तांतरण में विनिमय के माध्यम के रूप में स्वीकार किया जाता है।

प्रश्न 11.
मांग से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
मांग किसी वस्तु की वह मात्रा है जिसे एक उपभोक्ता समय की एक निश्चित अवधि में, एक निश्चित कीमत पर खरीदने के लिए इच्छुक तथा योग्य है।

प्रश्न 12.
पूर्ति की परिभाषा दें।
उत्तर-
किसी वस्तु की पूर्ति से अभिप्राय वस्तु की उस मात्रा से है जिसको एक विक्रेता एक निश्चित कीमत पर निश्चित समय-अवधि में बेचने के लिए तैयार होता है।

प्रश्न 13.
मौद्रिक लागत की परिभाषा दें।
उत्तर-
किसी वस्तु का उत्पादन और बिक्री करने के लिए मुद्रा के रूप में जो धन खर्च किया जाता है, उसे उस वस्तु की मौद्रिक लागत कहते हैं।

प्रश्न 14.
सीमांत लागत की परिभाषा दें।
उत्तर-
किसी वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई का उत्पादन करने पर कुल लागत में जो वृद्धि होती है, उसे सीमांत लागत कहते हैं।

प्रश्न 15.
औसत लागत से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
किसी वस्तु की प्रति इकाई को औसत लागत कहते हैं। कुल लागत को उत्पादन की मात्रा में भाग देने पर औसत लागत निकल आती है।

प्रश्न 16.
आय की परिभाषा दें।
उत्तर-
किसी वस्तु की बिक्री करने पर एक फ़र्म को जो राशि प्राप्त होती है, उसे फर्म की आय या आगम कहा जाता है।

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प्रश्न 17.
सीमांत आय की परिभाषा दें।
उत्तर-
एक फ़र्म द्वारा अपने उत्पादन की एक अतिरिक्त इकाई बेचने से कुल आगम में जो वृद्धि होती है, उसे सीमांत आगम कहते हैं।

प्रश्न 18.
कीमत की परिभाषा दें।
उत्तर-
किसी वस्तु अथवा सेवा की एक निश्चित गुणवत्ता की एक इकाई प्राप्त करने के लिए दी जाने वाली मुद्रा की राशि को कीमत कहते हैं।

प्रश्न 19.
पूर्ण प्रतियोगिता में सीमांत आय और औसत आय में क्या संबंध होता है ?
उत्तर-
पूर्ण प्रतियोगिता में चूंकि कीमत (औसत आय) एक समान रहती है, इसलिए औसत आय तथा सीमांत आय दोनों बराबर होती हैं।

प्रश्न 20.
एकाधिकार की स्थिति में सीमांत आगम और औसत आगम में क्या संबंध होता है ?
उत्तर-
एकाधिकार की स्थिति में अधिक उत्पादन बेचने के लिए कीमत (औसत आगम) कम करनी पड़ती है। इसलिए अगर औसत आगम और सीमांत आगम दोनों नीचे की ओर गिर रही होती हैं।

प्रश्न 21.
पूर्ण प्रतियोगिता की परिभाषा दें।
उत्तर-
पूर्ण प्रतियोगिता वह स्थिति है जिसमें किसी समरूप वस्तु के बहुत सारे क्रेता और विक्रेता होते हैं और वस्तु की कीमत उद्योग द्वारा निर्धारित होती है।

प्रश्न 22.
एकाधिकार की परिभाषा दें।
उत्तर-
एकाधिकार बाजार की वह स्थिति है जिसमें किसी वस्तु या सेवा का केवल एक ही उत्पादक होता है, पर वस्तु का कोई निकटतम प्रतिस्थानापन्न नहीं होता।

प्रश्न 23.
बाज़ार की परिभाषा दें।
उत्तर-
अर्थशास्त्र में बाज़ार का अर्थ किसी विशेष स्थान से नहीं है बल्कि ऐसे क्षेत्र से है जहां क्रेता और विक्रेता में एक-दूसरे से इस प्रकार स्वतंत्र संपर्क हो कि एक ही प्रकार की वस्तु की कीमत की प्रवृत्ति आसानी से एक होने की पाई जाए।

प्रश्न 24.
उत्पादन के साधनों से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
उत्पादन की प्रक्रिया में शामिल होने वाली सेवाओं के स्रोतों को उत्पादन साधन कहा जाता है।

प्रश्न 25.
भूमि की परिभाषा दें।
उत्तर-
भूमि से अभिप्राय केवल ज़मीन की ऊपरी सतह से नहीं है, बल्कि उन सभी पदार्थों और शक्तियों से है जिन्हें प्रकृति, भूमि, पानी, हवा, प्रकाश और गर्मी के रूप में मनुष्य, की सहायता के लिए मुफ़्त प्रदान करती है।

प्रश्न 26.
पूंजी की परिभाषा दें।
उत्तर-
मार्शल के शब्दों में, “प्रकृति के मुफ़्त उपहारों को छोड़कर सब प्रकार की संपत्ति जिससे आय प्राप्त होती है, पूंजी कहलाती है।”

प्रश्न 27.
श्रम से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
मनुष्य के वे सभी शारीरिक तथा मानसिक कार्य जो धन प्राप्ति के लिए किए जाते हैं, श्रम कहलाते हैं।

प्रश्न 28.
उद्यमी से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
उद्यमी उत्पादन का वह साधन है जो भूमि, श्रम, पूंजी तथा संगठन को इकट्ठा करता है, आर्थिक निर्णय करता है और जोखिम उठाता है।

प्रश्न 29.
लगान की परंपरागत परिभाषा दें।
उत्तर-
परंपरावादी अर्थशास्त्रियों के अनुसार, “आर्थिक लगान वह लगान है जो सिर्फ़ भूमि की सेवाओं के लिए प्राप्त होता है।”

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प्रश्न 30.
लगान की आधुनिक परिभाषा दें।
उत्तर-
आधुनिक अर्थशास्त्रियों के अनुसार, “उत्पादन के प्रत्येक साधन से आर्थिक लगान उत्पन्न होता है जबकि उसकी पूर्ति सीमित हो। किसी साधन की वास्तविक आय और हस्तांतरण आय के अंतर को लगान कहा जाता है।”

प्रश्न 31.
मज़दूरी की परिभाषा दें।
उत्तर-
मजदूरी से अभिप्राय उस भुगतान से है जो सभी प्रकार के मानसिक तथा शारीरिक परिश्रम के लिए दिया जाता है।

प्रश्न 32.
वास्तविक मजदूरी से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
वास्तविक मज़दूरी से अभिप्राय वस्तुओं तथा सेवाओं की उस मात्रा से है जो एक श्रमिक अपनी मजदूरी के बदले में प्राप्त कर सकता है।

प्रश्न 33.
नकद मज़दूरी से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
नकद मजदूरी मुद्रा की वह मात्रा है जो प्रति घंटा, प्रतिदिन, प्रति सप्ताह, प्रति मास के हिसाब से प्राप्त होती

प्रश्न 34.
ब्याज की परिभाषा दें।
उत्तर-
ब्याज वह कीमत है जो मुद्रा को एक निश्चित समय के लिए प्रयोग करने के लिए ऋणी द्वारा ऋणदाता को दी जाती है।

प्रश्न 35.
कुल ब्याज तथा शुद्ध ब्याज में क्या अंतर है ?
उत्तर-
कुल ब्याज से अभिप्राय उस सारे धन से है जो ऋणी ऋणदाता को देता है जबकि शुद्ध ब्याज कुल ब्याज का वह अंग है जो केवल पूंजी के उपयोग के लिए दिया जाता है।

प्रश्न 36.
लाभ से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
एक उद्यमी अपने व्यवसाय की कुल आय में से कुल लागत को घटाकर जो धनात्मक (-) शेष प्राप्त करता है, उसे लाभ कहते हैं।

प्रश्न 37.
कुल लाभ तथा शुद्ध लाभ में क्या अंतर है ?
उत्तर-
शुद्ध लाभ का अभिप्राय है कुल लाभ तथा आंतरिक लागतों का अंतर जबकि कुल लाभ का अभिप्राय है कुल आय तथा कुल बाहरी लागतों का अंतर।

प्रश्न 38.
कुल लाभ की परिभाषा दें।
उत्तर-
कुल लाभ वह अधिशेष है जो उत्पादन कार्य में उत्पादन के सभी साधनों को उनके परिश्रम का पुरस्कार चुकाने के बाद उद्यमी को प्राप्त होता है।

प्रश्न 39.
शुद्ध लाभ से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
शुद्ध लाभ का अनुमान लगाने के लिए कुल लाभ में से आंतरिक.लागतों, घिसावट और बीमा आदि का खर्च . घटा दिया जाता है।

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छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
उपयोगिता की परिभाषा दें। उसकी विशेषताएं बताएं।
उत्तर-
उपयोगिता की परिभाषा-उपयोगिता किसी वस्तु की वह शक्ति है जिसके द्वारा मनुष्य की आवश्यकताओं की संतुष्टि होती है। उपयोगिता की विशेषताएं

  1. उपयोगिता एक भावगत तथ्य है-उपयोगिता को हम केवल अनुभव कर सकते हैं, उसे स्पर्श अथवा देखा नहीं जा सकता।
  2. उपयोगिता सापेक्षिक है-यह समय, स्थान तथा व्यक्ति के साथ बदल जाती है।
  3. उपयोगिता का लाभदायक होना आवश्यक नहीं है-यह ज़रूरी नहीं कि जिस वस्तु की उपयोगिता है, वह लाभदायक भी हो।
  4. उपयोगिता का नैतिकता के साथ संबंध नहीं है-यह ज़रूरी नहीं कि जो वस्तु उपयोगी है, वह नैतिक दृष्टि से भी ठीक हो।

प्रश्न 2.
कुल उपयोगिता, सीमांत उपयोगिता और औसत उपयोगिता की धारणाओं को उदाहरण सहित समझाइये।
उत्तर-

  1. कुल उपयोगिता-किसी वस्तु की विभिन्न मात्राओं के उपभोग से प्राप्त उपयोगिता की इकाइयों के जोड़ को कुल उपयोगिता कहा जाता है।
  2. सीमांत उपयोगिता-किसी वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई का उपभोग करने से कुल उपयोगिता में जो परिवर्तन आता है, उसे सीमांत उपयोगिता कहते हैं। माना पहला रसगुल्ला खाने से एक व्यक्ति को 15 इंकाई उपयोगिता प्राप्त होती है। दूसरा रसगुल्ला खाने के फलस्वरूप दोनों रसगुल्लों से मिलने वाली कुल उपयोगिता 25 इकाई हो जाती है। अत: 25 – 15 = 10 इकाई सीमांत उपयोगिता है। इस प्रकार प्रारंभिक उपयोगिता 15 इकाई होगी।
  3. औसत उपयोगिता-किसी वस्तु की कुल इकाइयों की कुल उपयोगिता को इकाइयों की मात्रा से विभाजित करने से हमारे पास औसत उपयोगिता आ जाती है। 3 वस्तुओं से 15 उपयोगिता मिलती है तो एक वस्तु की औसत उपयोगिता \(\frac{15}{3}\) = 5 है।

प्रश्न 3.
पदार्थ की परिभाषा दें और उसका वर्गीकरण करें।
उत्तर-
पदार्थ की परिभाषा-मार्शल के शब्दों में, “वे सब पदार्थ जो मनुष्य की आवश्यकताओं को संतुष्ट करते हैं, अर्थशास्त्र में पदार्थ कहलाते हैं।”
पदार्थ का वर्गीकरण-

  1. भौतिक पदार्थ-जिन्हें देखा जा सकता है।
  2. अभौतिक पदार्थ या सेवाएं-जिन्हें देखा नहीं जा सकता।
  3. आर्थिक पदार्थ-ये वे पदार्थ हैं जो मूल्य द्वारा प्राप्त किए जाते हैं।
  4. निःशुल्क पदार्थ-वे पदार्थ हैं जो बिना किसी मूल्य के मिल जाते हैं।
  5. उपभोक्ता पदार्थ उपभोक्ता की आवश्यकता को प्रत्यक्ष रूप से संतुष्ट करते हैं।
  6. उत्पादक पदार्थ-अन्य वस्तुओं का उत्पादन करने में सहायक होते हैं।
  7. नाशवान् पदार्थ-जिनका केवल एक बार ही प्रयोग किया जा सकता है।
  8. टिकाऊ पदार्थ-वे पदार्थ जो काफ़ी समय तक काम में लाए जा सकते हैं।
  9. मध्यवर्ती पदार्थ-मध्यवर्ती पदार्थ वे पदार्थ हैं जिनका प्रयोग अन्य वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन के लिए किया जाता है।
  10. अंतिम पदार्थ-अंतिम पदार्थ वे पदार्थ हैं जो उपभोग या निवेश के उद्देश्य से बाज़ार में बिक्री के लिए उपलब्ध
  11. सार्वजनिक पदार्थ-जिन पदार्थों पर सरकार का स्वामित्व होता है।
  12. निजी पदार्थ-वे पदार्थ जिन पर किसी व्यक्ति का निजी अधिकार होता है।
  13. प्राकृतिक पदार्थ-जो प्रकृति ने लोगों को उपहार के रूप में प्रदान किए हैं।
  14. मानव द्वारा निर्मित पदार्थ-जिनका उत्पादन मानव द्वारा किया जाता है।

प्रश्न 4.
मुद्रा की परिभाषा दें। मुद्रा के मुख्य कार्य कौन-से हैं ?
उत्तर-
मुद्रा का अर्थ-मुद्रा कोई भी वस्तु हो सकती है जिसको सामान्य रूप से, वस्तुओं के हस्तांतरण में विनिमय के माध्यम के रूप में स्वीकार किया जाता है।
मुद्रा के कार्य-

  1. विनिमय का माध्यम-सभी वस्तुएं मुद्रा के द्वारा खरीदी और बेची जाती हैं।
  2. मूल्य का मापदंड-सभी वस्तुओं का मूल्य मुद्रा में ही व्यक्त किया जाता है।
  3. भावी भुगतान का मान-सभी प्रकार के ऋण मुद्रा के रूप में ही लिए और दिए जाते हैं।
  4. धन का संग्रह- मुद्रा के रूप में धन का संग्रह करना सरल हो जाता है।
  5. विनिमय शक्ति का हस्तांतरण-मुद्रा के रूप में धन को एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से भेजा जा सकता है।

प्रश्न 5.
मांग से क्या अभिप्राय है ? एक तालिका और रेखाचित्र की सहायता से मांग की धारणा को स्पष्ट करें।
उत्तर-
मांग का अर्थ-“मांग किसी वस्तु की वह मात्रा है जिसको एक उपभोक्ता समय की एक निश्चित अवधि में, एक निश्चित कीमत पर खरीदने के लिए इच्छुक और योग्य है।”
मांग तालिका–मांग की धारणा को निम्नलिखित तालिका द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है-

कीमत (₹) मांग की मात्रा (कि० ग्रा०)
1 40
2 30
3 20
4 10

तालिका से स्पष्ट है कि जैसे-जैसे वस्तु की कीमत बढ़ती जाती है, उसकी मांग कम होती जाती है।
PSEB 9th Class SST Solutions Economics Chapter 1 एक गांव की कहानी (3)
मांग वक्र-मांग वक्र वह वक्र है जो मांग और कीमत का संबंध प्रकट करता है। मांग वक्र की सहायता से भी मांग को स्पष्ट किया जा सकता है। जब कीमत ₹ 1 है तो मांग 40 इकाइयां है, जब कीमत ₹4 है तो मांग 10 इकाइयां है। इस प्रकार मांग वक्र का ढलान ऊपर से बाईं ओर तथा नीचे दाईं
ओर होता है जो यह दर्शाता है कि कीमत अधिक होने पर मांग कम होती है और कीमत कम होने पर मांग अधिक होती है।

PSEB 9th Class SST Solutions Economics Chapter 1 एक गांव की कहानी

प्रश्न 6.
पूर्ति की परिभाषा दें। एक तालिका और रेखाचित्र द्वारा पूर्ति की धारणा को स्पष्ट करें।
उत्तर-
पूर्ति की परिभाषा-किसी वस्तु की पूर्ति से अभिप्राय वस्तु की उस मात्रा से है जिसको एक विक्रेता एक निश्चित समय में किसी कीमत पर बेचने के लिए तैयार होता है।
पूर्ति तालिका-पूर्ति तालिका एक ऐसी तालिका है जिसके द्वारा वस्तु की पूर्ति की मात्रा का उसकी कीमत से संबंध दिखाया जा सकता है।
पूर्ति तालिका-पूर्ति की धारणा को निम्नलिखित तालिका द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है

कीमत (₹) मांग की मात्रा (कि० ग्रा०)
1 0
2 10
3 20
4 30

तालिका से स्पष्ट होता है कि जैसे-जैसे वस्तु की कीमत बढ़ रही है, उसकी पूर्ति की मात्रा भी बढ़ रही है। इस प्रकार पूर्ति तालिका कीमत और बेची जाने वाली मात्रा के संबंध को दिखाती है।
PSEB 9th Class SST Solutions Economics Chapter 1 एक गांव की कहानी (4)
पूर्ति वक्र-पूर्ति वक्र वह वक्र है जो किसी वस्तु की कीमत तथा पूर्ति का संबंध प्रकट करता है। रेखाचित्र में पूर्ति वक्र है जो बाएं से दाएं ऊपर को जा रहा है। SS पूर्ति वक्र के धनात्मक ढलान से ज्ञात होता है कि कीमत के बढ़ने पर पूर्ति बढ़ती है और कीमत के कम होने पर पूर्ति कम होती है।

प्रश्न 7.
लागत की परिभाषा दें। कुल लागत, सीमांत लागत और औसत लागत की धारणाओं की व्याख्या करें।
उत्तर-
लागत की परिभाषा-किसी वस्तु की एक निश्चित मात्रा का उत्पादन करने के लिए उत्पादन के साधनों को जो कुल मौद्रिक भुगतान करना पड़ता है, उसे मौद्रिक उत्पादन लागत कहते हैं।
कुल लागत-किसी वस्तु की एक निश्चित मात्रा का उत्पादन पाने के लिए जो धन खर्च करना पड़ता है, उसे कुल लागत कहते हैं।
औसत लागत-किसी वस्तु की प्रति इकाई लागत को औसत लागत कहते हैं। कुल लागत को उत्पादन की मात्रा से भाग देने पर औसत लागत का पता लगता है।
कुल लागत
PSEB 9th Class SST Solutions Economics Chapter 1 एक गांव की कहानी (5)
सीमांत लागत-सीमांत लागत कुल लागत में वह परिवर्तन है जो एक वस्तु की एक और इकाई पैदा करने पर खर्च आती है।

प्रश्न 8.
आय की परिभाषा दें। कुल आय, सीमांत आय और औसत आय से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
आय की परिभाषा-किसी वस्तु की बिक्री करने पर एक फ़र्म को जो कुल राशि प्राप्त होती है, उसे फ़र्म की आगम (आय) कहा जाता है।
कुल आय-एक फ़र्म द्वारा अपने उत्पादन की एक निश्चित मात्रा बेच कर जो धन प्राप्त होता है, उसे कुल आय कहते हैं।
सीमांत आय–एक फ़र्म द्वारा अपने उत्पादन की एक इकाई अधिक बेचने से कुल आगम में जो वृद्धि होती है, उसको सीमांत आय कहा जाता है।
औसत आय-किसी वस्तु की बिक्री से प्राप्त होने वाली प्रति इकाई आगम औसत आय कहलाती है।
PSEB 9th Class SST Solutions Economics Chapter 1 एक गांव की कहानी (6)

प्रश्न 9.
फ़र्म की परिभाषा दें। एक उत्पादक के रूप में फ़र्म के कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर-
फ़र्म की परिभाषा-फ़र्म उत्पादन की वह इकाई है जो लाभ प्राप्त करने की दृष्टि से बिक्री के लिए उत्पादन करती है।
एक उत्पादक के रूप में फ़र्म के कार्य-उत्पादक के रूप में फ़र्म वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करती है और उनकी बिक्री करती है। एक फ़र्म अपना उत्पादन न्यूनतम लागत पर करने का प्रयत्न करती है और वह उसको बेचकर अधिकतम लाभ प्राप्त करना चाहती है। एक उत्पादक के रूप में फ़र्म वास्तव में उद्यमी का ही एक रूप होती है।

प्रश्न 10.
बाजार की परिभाषा दें। बाजार की मख्य विशेषताएं कौन-सी हैं ?
उत्तर-
बाज़ार की परिभाषा-कूरनो के शब्दों में, “अर्थशास्त्री बाज़ार का अर्थ किसी विशेष स्थान से नहीं लेते जहां वस्तुएं खरीदी या बेची जाती हैं बल्कि उस सारे क्षेत्र से लेते हैं जहां क्रेता और विक्रेता में एक-दूसरे से इस प्रकार स्वतंत्र संपर्क हो कि एक ही प्रकार की वस्तु की कीमत की प्रवृत्ति आसानी और शीघ्रता से एक होने की पाई जाए।”
बाज़ार की मुख्य विशेषताएं-

  1. क्षेत्र-अर्थशास्त्र में ‘बाज़ार’ शब्द से आशय किसी स्थान विशेष से नहीं है बल्कि बाज़ार का बोध उस संपूर्ण क्षेत्र से होता है, जिसमें बेचने वाले और खरीदने वाले फैले होते हैं।
  2. एक वस्तु-अर्थशास्त्र में ‘बाजार’ एक ही वस्तु का माना जाता है; जैसे घी का बाज़ार, फल का बाज़ार इत्यादि।
  3. क्रेता-विक्रेता-क्रेता एवं विक्रेता दोनों ही बाजार के महत्त्वपूर्ण एवं अभिन्न अंग हैं।
  4. स्वतंत्र प्रतियोगिता-बाज़ार में क्रेताओं एवं विक्रेताओं में स्वतंत्र रूप से प्रतियोगिता होनी चाहिए।
  5. एक कीमत-जब बाज़ार में क्रेताओं एवं विक्रेताओं में स्वतंत्र प्रतियोगिता होगी तो इसका परिणाम यह होगा कि वस्तु की कीमत एक समय में एक ही होगी।

प्रश्न 11.
संतुलन की धारणा से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
संतुलन का अर्थ-“संतुलन वह अवस्था है, जिसमें विरोधी दिशा में परिवर्तन लाने वाली शक्तियां पूर्ण रूप से एक-दूसरे के बराबर होती हैं अर्थात् परिवर्तन की कोई प्रवृत्ति नहीं पाई जाती।”
उदाहरण के लिए, जब एक फ़र्म को अधिकतम लाभ प्राप्त होते हैं, उसमें परिवर्तन की प्रवृत्ति नहीं पाई जाती। फ़र्म की इस स्थिति को संतुलन की स्थिति कहा जाएगा।

PSEB 9th Class SST Solutions Economics Chapter 1 एक गांव की कहानी

प्रश्न 12.
पूर्ण प्रतियोगिता की परिभाषा दें। इसकी विशेषताएं कौन-सी हैं ?
उत्तर-
पूर्ण प्रतियोगिता की परिभाषा-पूर्ण प्रतियोगिता बाज़ार की वह स्थिति है जिसमें बहुत सारी फ़र्मे होती हैं और वे सभी एक समरूप वस्तु की बिक्री करती हैं। इस अवस्था में फ़र्म कीमत स्वीकार करने वाली होती है न कि निर्धारित करने वाली।
पूर्ण प्रतियोगिता की विशेषताएं-पूर्ण प्रतियोगिता की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं-

  1. क्रेताओं और विक्रेताओं की अधिक संख्या
  2. समरूप वस्तुएं
  3. पूर्ण ज्ञान
  4. फ़र्मों का स्वतंत्र प्रवेश व निकास
  5. समान कीमत
  6. साधनों में पूर्ण गतिशीलता।

प्रश्न 13.
एकाधिकार की परिभाषा दें। इसकी विशेषताएं कौन-सी हैं ?
उत्तर-
एकाधिकार की परिभाषा-एकाधिकार वह स्थिति है जिसमें बाजार में एक वस्तु का केवल एक ही उत्पादक होता है।
एकाधिकार की विशेषताएं-एकाधिकार बाजार की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं

  1. एक विक्रेता तथा अधिक क्रेता-एकाधिकार बाज़ार में वस्तु का केवल एक ही विक्रेता होता है। वस्तु के क्रेता बहुत अधिक संख्या में होते हैं।
  2. नई फ़र्मे बाज़ार में नहीं आ सकतीं-एकाधिकारी बाज़ार में कोई नई फ़र्म प्रवेश नहीं कर सकती।
  3. निकटतम स्थानापन्न नहीं होता-एकाधिकार बाज़ार में उत्पादित वस्तुओं का कोई निकटतम स्थानापन्न नहीं होता।
  4. कीमत पर नियंत्रण-एकाधिकारी का वस्तु की कीमत पर नियंत्रण होता है।

प्रश्न 14.
आर्थिक क्रियाएं क्या हैं ? उनके मुख्य प्रकार कौन-से हैं ?
उत्तर-
आर्थिक क्रियाओं का अर्थ-आर्थिक क्रियाएं वे क्रियाएं हैं जिनका संबंध धन के उपभोग, उत्पादन, विनिमय तथा वितरण से होता है। इन क्रियाओं का मुख्य उद्देश्य धन की प्राप्ति होता है।
आर्थिक क्रियाओं के प्रकार-

  1. उपभोग-उपभोग वह आर्थिक क्रिया है जिसका संबंध आवश्यकताओं की प्रत्यक्ष संतुष्टि के लिए वस्तुओं और सेवाओं की उपयोगिता के उपभोग से होता है।
  2. उत्पादन-उत्पादन वह आर्थिक क्रिया है जिसका संबंध वस्तुओं और सेवाओं की उपयोगिता या कीमत में वृद्धि करने से है।
  3. विनिमय-विनिमय वह क्रिया है जिसका संबंध किसी वस्तु के क्रय-विक्रय से है।
  4. वितरण-वितरण का संबंध उत्पादन के साधनों की कीमत अर्थात् भूमि की कीमत (लगान), श्रम की कीमत (मज़दूरी), पूंजी की कीमत (ब्याज) और उद्यमी को प्राप्त होने वाली कीमत (लाभ) के निर्धारण से है।

प्रश्न 15.
आर्थिक और अनार्थिक क्रियाओं में अंतर बताओ।
उत्तर-
यदि कोई क्रिया धन प्राप्त करने के लिए की जाती है तो इस क्रिया को आर्थिक क्रिया कहा जाता है। इसके विपरीत यदि वह ही क्रिया मनोरंजन, धर्म, प्यार, दया, देश-प्रेम, समाज-सेवा, कर्त्तव्य आदि उद्देश्यों के लिए की जाती है तो उसको अनार्थिक क्रिया कहा जायेगा। इस अंतर को एक उदाहरण के द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है। माना अर्थशास्त्र के अध्यापक 500 रुपए प्रति माह फीस लेकर आपको एक घंटा घर पर ही अर्थशास्त्र पढ़ाते हैं तो उनकी यह क्रिया आर्थिक क्रिया कहलाती है। इसके विपरीत यदि वह आपको एक निर्धन विद्यार्थी होने के नाते बिना कोई फीस लिए मुफ्त में अर्थशास्त्र पढाते हैं, तो उनकी यह क्रिया अनार्थिक क्रिया कहलाती है।

प्रश्न 16.
भूमि की परिभाषा दें। इसकी मुख्य विशेषताएं कौन-सी हैं ?
उत्तर-
भूमि की परिभाषा-अर्थशास्त्र में भूमि के अंतर्गत भूमि की ऊपरी सतह ही नहीं बल्कि पृथ्वी के तल पर, उसके नीचे और उसके ऊपर, प्रकृति द्वारा निःशुल्क प्रदान की जाने वाली सब वस्तुएं सम्मिलित हो जाती हैं, जो धनोत्पादन में मनुष्य की सहायता करती हैं।
भूमि की मुख्य विशेषताएं-

  1. भूमि परिमाण में सीमित है।
  2. भूमि उत्पादन का प्राथमिक साधन है।
  3. भूमि स्थिर है।
  4. भूमि उपजाऊपन की दृष्टि से भिन्नता रखती है।
  5. भूमि अक्षय है।
  6. भूमि का मूल्य स्थिति पर निर्भर करता है।
  7. भूमि प्रकृति की नि:शुल्क देन है।
  8. भूमि उत्पादन का निष्क्रिय साधन है।

प्रश्न 17.
श्रम से क्या अभिप्राय है ? इसकी मुख्य विशेषताएं बताएं।
उत्तर-
श्रम का अर्थ-साधारण भाषा में श्रम का आशय उस प्रयत्न या चेष्टा से है जो किसी कार्य के संपादन हेतु किया जाता है लेकिन श्रम का यह व्यापक अर्थ अर्थशास्त्र में नहीं लिया जाता। अर्थशास्त्र में किसी प्रतिफल के लिए किया गया मानवीय प्रयत्न, मानसिक या शारीरिक श्रम कहलाता है।
श्रम की मुख्य विशेषताएं-

  1. श्रम एक मानवीय साधन है।
  2. श्रम एक सक्रिय साधन है।
  3. श्रम को श्रमिक से अलग नहीं किया जा सकता है।
  4. श्रम नाशवान होता है।
  5. श्रमिक अपने श्रम को बेचता है अपने आपको नहीं बेचता है।
  6. श्रमिक उत्पादन का साधन और साध्य दोनों है।
  7. श्रमिक की कार्यकुशलता में विभिन्नता पाई जाती है।
  8. श्रम में गतिशीलता होती है।

प्रश्न 18.
पूंजी की परिभाषा दें। इसकी मुख्य विशेषताएं कौन-सी हैं ?
उत्तर-
पूंजी की परिभाषा–मार्शल के शब्दों में, “प्रकृति प्रदत्त उपहारों के अतिरिक्त पूंजी में सभी प्रकार की संपत्ति शामिल होती है जिससे आय प्राप्त होती है।”
पूंजी की विशेषताएं-

  1. पूंजी उत्पादन का निष्क्रिय साधन है।
  2. पूंजी में उत्पादकता होती है।
  3. पूंजी अत्यधिक गतिशील होती है।
  4. पूंजी श्रम द्वारा उत्पादित होती है।
  5. पूंजी में ह्रास होता है।
  6. पूंजी बचत किए गए धन का एक रूप है।

PSEB 9th Class SST Solutions Economics Chapter 1 एक गांव की कहानी

प्रश्न 19.
उद्यमी से क्या अभिप्राय है ? उद्यमी के कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर-
प्रत्येक व्यवसाय में चाहे वह छोटा हो अथवा बड़ा, कुछ-न-कुछ जोखिम अथवा लाभ-हानि की अनिश्चितता अवश्य बनी रहती है। इस जोखिम को सहन करने वाले व्यक्ति को ‘साहसी’ या ‘उद्यमी’ कहा जाता है।
उद्यमी के कार्य-

  1. व्यवसाय का चुनाव करता है।
  2. उत्पादन का पैमाना निर्धारित करता है।
  3. साधनों का अनुकूलतम संयोग प्राप्त करता है।
  4. उत्पादन के स्थान का निर्धारण करता है।
  5. वस्तु का चयन करता है।
  6. वितरण संबंधी कार्य करता है।
  7. जोखिम उठाने का दायित्व उद्यमी पर होता है।

प्रश्न 20.
लगान की धारणा से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
साधारण बोलचाल की भाषा में लगान या किराया शब्द का प्रयोग उस भुगतान के लिए किया जाता है जो किसी वस्तु जैसे मकान, दुकान, फर्नीचर, क्राकरी आदि की सेवाओं का उपयोग करने के लिए अथवा उत्पादन के साधनों के रूप में प्रयोग करने के लिए नियमित रूप से एक निश्चित अवधि के लिए दिया जाता है। परंतु अर्थशास्त्र में लगान शब्द का प्रयोग विभिन्न अर्थों में किया जाता है। प्रो० कारवर के अनुसार, “भूमि के प्रयोग के लिए दी गई कीमत लगान है।” परंतु आधुनिक अर्थशास्त्रियों के अनुसार अर्थशास्त्र में लगान शब्द का प्रयोग उत्पादन के उन साधनों को दिए जाने वाले भुगतान के लिए ही किया जाता है जिनकी पूर्ति बेलोचदार होती है। आधुनिक अर्थशास्त्रियों के अनुसार किसी साधन की वास्तविक आय तथा हस्तान्तरण आय के अंतर को लगान कहते हैं।

प्रश्न 21.
मज़दूरी की परिभाषा दें। नकद और वास्तविक मजदूरी से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
मजदूरी की परिभाषा-मजदूरी से अभिप्राय उस भुगतान से है जो सभी प्रकार की मानसिक तथा शारीरिक क्रियाओं के लिए दिया जाता है।
नकद मजदूरी-जो मजदूरी रुपयों के रूप में दी जाती है, उसे नकद मज़दूरी कहते हैं। यह दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक या मासिक हो सकती है।
वास्तविक मजदूरी-श्रमिक को मुद्रा के अतिरिक्त जो वस्तुएं या सुविधायें प्राप्त होती हैं, उसे असल या वास्तविक मज़दूरी कहते हैं; जैसे—मुफ़्त मकान, पानी, बिजली, चिकित्सा सुविधा, शिक्षा आदि।

प्रश्न 22.
ब्याज की परिभाषा दें। शुद्ध और कुल ब्याज से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
ब्याज की परिभाषा-ब्याज वह कीमत है जो मुद्रा को एक निश्चित समय के लिए प्रयोग करने के लिए ऋणी द्वारा ऋणदाता को दी जाती है।
कुल ब्याज-एक ऋणी द्वारा वास्तव में ऋणदाता को ब्याज के रूप में जो कुल भुगतान किया जाता है, उसको कुल ब्याज कहते हैं।
शुद्ध ब्याज-शुद्ध ब्याज वह धनराशि है जो केवल मुद्रा के प्रयोग के बदले में चुकाई जाती है। चैपमैन के शब्दों में, “शुद्ध ब्याज पूंजी के ऋण के लिए भुगतान है, जबकि कोई जोखिम न हो, कोई असुविधा न हो, (बचत की असुविधा को छोड़कर) और उधार देने वाले के लिए कोई कार्य न हो।”

प्रश्न 23.
लाभ की धारणा से क्या अभिप्राय है ? कुल और शुद्ध लाभ से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
लाभ का अर्थ-साहसी को जोखिम के बदले में जो कुछ मिलता है, वह लाभ कहलाता है अर्थात् राष्ट्रीय आय का वह भाग जो किसी साहसी को अपने साहस के कारण प्राप्त होता है, उसे लाभ कहते हैं। कुल आय में से यदि कुल खर्च निकाल दिया जाए तो जो शेष बचे, उसे लाभ कहते हैं।
कुल लाभ-कुल आगम में से यदि हम उत्पादन की स्पष्ट लागतें घटा दें तो जो अतिरेक बचता है, उसे कुल लाभ कहा जाता है।
कुल लाभ = कुल आगम – स्पष्ट लागत
शुद्ध लाभ-यदि कुल आगम में से स्पष्ट और अस्पष्ट दोनों लागतें घटा दें तो जो अतिरेक बचता है, उसे शुद्ध लाभ कहा जाता है।
शुद्ध लाभ = कुल आगम – (स्पष्ट लागत + अस्पष्ट लागत)

दीर्घ उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
बाज़ार किसे कहते हैं ? बाज़ार के वर्गीकरण के मुख्य आधारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
बाज़ार का अर्थ-बाज़ार वह सम्पूर्ण क्षेत्र होता है जहां क्रेता और विक्रेता सम्पर्क में आते हैं।
बाज़ार के वर्गीकरण का आधार-बाज़ार का विस्तृत रूप से निम्नलिखित भागों में वर्गीकरण किया जाता है। जैसे-

  1. पूर्ण प्रतियोगी
  2. एकाधिकार
  3. एकाधिकारी प्रतियोगिता।

इस वर्गीकरण के मुख्य आधार निम्नलिखित हैं-

  1. क्रेताओं और विक्रेताओं की संख्या-यदि बाज़ार में क्रेताओं और विक्रेताओं की संख्या बहुत है तो वह पूर्ण प्रतियोगी अथवा एकाधिकारी प्रतियोगिता का बाज़ार होता है। यदि बाज़ार में वस्तु का केवल एक विक्रेता हो और क्रेताओं की संख्या अधिक हो तो वह एकाधिकारी बाज़ार होगा। यदि बाज़ार में वस्तु के थोड़े विक्रेता हों तो वह अल्पाधिकारी बाज़ार होगा।
  2. वस्तु की प्रकृति-यदि बाज़ार में बेची जाने वाली वस्तु एकसमान है तो वह पूर्ण प्रतियोगी बाज़ार की स्थिति होगी और इसके विपरीत वस्तु की विभिन्नता एकाधिकारी प्रतियोगिता का आधार माना जाता है।
  3. कीमत नियन्त्रण की डिग्री-बाज़ार में बेची जाने वाली वस्तु की कीमत पर यदि फ़र्म का पूर्ण नियन्त्रण हो तो वह एकाधिकारी होगा। आंशिक नियन्त्रण हो तो एकाधिकारी प्रतियोगिता होगी। शून्य नियन्त्रण पर पूर्ण प्रतियोगिता होती है।
  4. बाज़ार का ज्ञान-यदि क्रेताओं तथा विक्रेताओं को बाज़ार की स्थितियों का पूर्ण ज्ञान हो तो पूर्ण प्रतियोगिता होगी। इसके विपरीत अपूर्ण ज्ञान एकाधिकार तथा एकाधिकारी प्रतियोगिता की विशेषता है।
  5. साधनों की गतिशीलता- पूर्ण प्रतियोगिता की स्थिति में उत्पादन साधनों की गतिशीलता पूर्ण होती है परन्तु बाज़ार के अन्य प्रकारों में साधनों की गतिशीलता सामान्य नहीं होती।

PSEB 9th Class SST Solutions Economics Chapter 1 एक गांव की कहानी

प्रश्न 2.
मुद्रा के प्रमुख कार्य क्या-क्या हैं ?
उत्तर-
मुद्रा के निम्नलिखित कार्य हैं

  1. विनिमय का माध्यम-मुद्रा का एक महत्त्वपूर्ण कार्य विनिमय का माध्यम है। इसका अभिप्राय यह है कि मुद्रा के रूप में एक व्यक्ति अपनी वस्तुओं को बेचता है तथा दूसरी वस्तुओं को खरीदता है। मुद्रा क्रय तथा विक्रय दोनों में ही एक मध्यस्थ का कार्य करती है। मुद्रा को विनिमय के माध्यम के रूप में लोग सामान्य रूप से स्वीकार करते हैं। इसलिए मुद्रा के द्वारा लोग अपनी इच्छा से विभिन्न वस्तुएं खरीद सकते हैं।
  2. मूल्य की इकाई-मुद्रा का दूसरा कार्य वस्तुओं तथा सेवाओं के मूल्य को मापना है। मुद्रा लेखे की इकाई के रूप में मूल्य का माप करती है। लेखे की इकाई से अभिप्राय यह है कि प्रत्येक वस्तु तथा सेवा का मूल्य मुद्रा के रूप में मापा जाता है।
  3. स्थगित भुगतानों का मान-जिन लेन-देनों का भुगतान तत्काल न करके भविष्य के लिए स्थगित कर दिया जाता है, उन्हें स्थगित भुगतान कहा जाता है। मुद्रा के फलस्वरूप स्थगित भुगतान सरल हो जाता है।
  4. मूल्य का संचय-मुद्रा मूल्य के संचय के रूप में कार्य करती है। मुद्रा के मूल्य संचय का अर्थ है धन का संचय। इससे अभिप्राय यह है कि मुद्रा को वस्तुओं तथा सेवाओं के लिए खर्च करने का तुरन्त कोई विचार नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी आय का कुछ भाग भविष्य के लिए बचाता है। इसे ही मूल्य का संचय कहा जाता है।
  5. मूल्य का हस्तान्तरण-मुद्रा के कारण मूल्य का हस्तांतरण सुविधाजनक बन गया है। आज इस युग में लोगों की आवश्यकताएं बढ़ गई हैं। इन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए दूर-दूर से वस्तुएं खरीदी जाती हैं। मुद्रा में तरलता तथा सामान्य स्वीकृति का गुण होने के कारण इसका एक स्थान से दूसरे स्थान पर हस्तान्तरण आसान हो जाता है।
  6. साख निर्माण का आधार-आज लगभग सभी देशों में चेक, ड्राफ्ट, विनिमय-पत्र इत्यादि साख-पत्रों का प्रयोग किया जाता है। इन साख-पत्रों का आधार मुद्रा ही है। लोग अपनी आय में से कुछ राशि बैंकों में जमा करवाते हैं। इस जमा राशि के आधार पर ही बैंक साख का निर्माण करते हैं।

एक गांव की कहानी PSEB 9th Class Economics Notes

  • अर्थशास्त्र – अर्थशास्त्र मनुष्य के उन कार्यों का अध्ययन है जो हमें यह बताता है कि किस प्रकार दुर्लभ साधनों का प्रयोग करके अधिकतम संतुष्टि प्राप्त की जा सकती है।।
  • वस्तुएं – वस्तुएं वे दृश्य मदें हैं जो मनुष्य की आवश्यकताएं पूरी करती हैं जैसे किताब, कुर्सी, मोबाइल आदि।
  • सेवाएं – सेवाएं अदृश्य मदें हैं परंतु मनुष्य की आवश्यकताएं संतुष्ट करती हैं जैसे अध्यापन।
  • उपयोगिता – आवश्यकताओं को संतुष्ट करने की शक्ति उपयोगिता है।
  • कीमत – वस्तुओं और सेवाओं का वह मूल्य जो मुद्रा में व्यक्त किया जाता है।
  • धन – वे सभी वस्तुएं तथा सेवाएं जो हम उपभोग करने के लिए कीमत देकर खरीदते हैं।
  • मुद्रा – मुद्रा वह पदार्थ है जो सरकार द्वारा जारी किया जाता है तथा जिसे विनिमय के माध्यम के रूप में स्वीकार किया जाता है।
  • मांग – अन्य बातें समान रहने पर, मांग किसी वस्तु की वह मात्रा है जिसे एक उपभोक्ता निश्चित कीमत तथा निश्चित समय पर खरीदने के लिए तैयार होता है।
  • पूर्ति – पूर्ति किसी पदार्थ की वह मात्रा है जिसे एक उत्पादक निश्चित कीमत तथा निश्चित समय पर बेचने के लिए तैयार होता है।
  • बाज़ार – बाज़ार एक स्थान है जहां क्रेता व विक्रेता एक साथ पाए जाते हैं।
  • लागत – लागत मुद्रा के रूप में व्यय की गई वह मात्रा है जो वस्तु को बनाने से लेकर विक्री तक के बीच लगाई जाती है।
  • आगम – आगम मुद्रा की वह मात्रा है जो किसी वस्तु की विक्री से प्राप्त होता है।
  • आर्थिक क्रियाएं – आर्थिक क्रियाएं वे क्रियाएं हैं जो धन कमाने के उद्देश्य से की जाती हैं।
  • गैर आर्थिक क्रियाएं – वे क्रियाएं जो धन कमाने के उद्देश्य से नहीं की जाती हैं।।
  • उत्पादन – उपयोगिता का सृजन उत्पादन है।
  • उत्पादन के साधन – भूमि, पूंजी, श्रम, उद्यमी उत्पादन के साधन हैं।
  • भूमि – भूमि प्रकृति का निःशुल्क उपहार है जिसकी पूर्ति स्थिर है।
  • श्रम – धन कमाने के उद्देश्य से किए गए सभी मानवीय प्रयास श्रम है।
  • बहुविविध कृषि – भूमि के एक टुकड़े पर एक वर्ष में एक साथ एक से अधिक फसलें एक साथ उगाना बहु विविध कृषि कहलाती हैं।
  • पूंजी – पूंजी का अर्थ उन सभी मानव निर्मित पदार्थों से है जो आगे उत्पादन करने के उद्देश्य से बनाए जाते हैं।
  • उद्यमी – वह मानवीय तत्व जो उत्पादन संबंधी निर्णय तथा जोखिम उठाता है।