Punjab State Board PSEB 7th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 20 राज्य-सरकार Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 20 राज्य-सरकार
SST Guide for Class 7 PSEB राज्य-सरकार Textbook Questions and Answers
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 1-15 शब्दों में दो
प्रश्न 1.
भारत के उन पांच राज्यों के नाम बताओ जहां दो-सदनीय विधानपालिका है।
उत्तर-
बिहार, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश तथा महाराष्ट्र।
नोट-इन राज्यों के अतिरिक्त कुछ अन्य राज्यों में भी दो सदनीय विधानपालिका है।
प्रश्न 2.
विधायक चुने जाने के लिए कौन-सी दो योग्यताएं आवश्यक हैं ?
उत्तर-
विधायक चुने जाने के लिए एक व्यक्ति में निम्नलिखित योग्यताएं होनी चाहिएं –
- वह भारत का नागरिक हो।
- उसकी आयु 25 वर्ष से कम न हो।
प्रश्न 3.
राज्यपाल चुने जाने के लिए कौन-सी योग्यताएं आवश्यक हैं ?
उत्तर-
किसी भी राज्य का राज्यपाल बनने के लिए आवश्यक है कि वह व्यक्ति –
- भारत का नागरिक हो।
- उसकी आयु 35 वर्ष या इससे अधिक हो।
- वह मानसिक एवं शारीरिक रूप से ठीक हो।
- वह राज्य या केंद्रीय विधानपालिका का सदस्य या सरकारी अधिकारी न हो।
प्रश्न 4.
एक सरकारी विभाग का सरकारी मुखिया कौन होता है ?
उत्तर-
एक सरकारी विभाग का सरकारी मुखिया विभागीय सचिव होता है ।
प्रश्न 5.
आपके राज्य के मुख्यमन्त्री एवं राज्यपाल कौन हैं ?
उत्तर-
अपने अध्यापक महोदय से वर्तमान स्थिति की जानकारी प्राप्त करें।
प्रश्न 6.
राज्य का कार्यकारी मुखिया कौन होता है ?
उत्तर-
राज्य का कार्यकारी मुखिया राज्यपाल होता है।
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर 50-60 शब्दों में दो
प्रश्न 1.
राज्य के राज्यपाल के कार्यों के बारे में बताओ।
उत्तर-
केन्द्र में राष्ट्रपति के समान राज्यपाल राज्य का नाम मात्र मुखिया होता है। राज्य के प्रशासन की वास्तविक शक्ति मुख्यमन्त्री एवं मन्त्रिपरिषद् के पास होती है। राज्यपाल की शक्तियां भी राष्ट्रपति के समान ही हैं। परन्तु जब कभी राज्य की मशीनरी ठीक प्रकार से न चलने के कारण राज्य का शासन राष्ट्रपति अपने हाथ में ले लेता है, तो राज्यपाल राज्य का वास्तविक प्रमुख बन जाता है। राज्यपाल की मुख्य शक्तियां नीचे दी गई हैं –
कार्यकारी शक्तियां –
- राज्यपाल राज्य का कार्यकारी मुखिया होता है। राज्य का शासन उसी के नाम पर चलाया जाता है।
- वह मुख्यमन्त्री और मन्त्रिपरिषद् के अन्य सभी मन्त्रियों की नियुक्ति करता है।
- राज्य के उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति के समय वह राष्ट्रपति को परामर्श देता है।
वैधानिक शक्तियां –
- विधानमण्डल द्वारा पास किए गए कानूनों को राज्यपाल की स्वीकृति मिलना आवश्यक है।
- यदि विधानमण्डल का अधिवेशन न चल रहा हो और कानून की आवश्यकता पड़ जाये तो राज्यपाल अध्यादेश जारी कर सकता है।
- कोई भी वित्त बिल राज्यपाल की पूर्व स्वीकृति से ही विधानसभा में पेश किया जा सकता है।
- वह राज्य विधानमण्डल की बैठक बुलाता है।
- प्रत्येक वर्ष विधानमण्डल का पहला अधिवेशन राज्यपाल के भाषण से ही आरम्भ होता है।
- जिन राज्यों में विधानमण्डल के दो सदन हैं, वहां राज्यपाल कुछ सदस्यों को विधान परिषद् के लिए मनोनीत करता है।
- राज्यपाल मुख्यमन्त्री की सलाह पर विधानसभा को निश्चित अवधि से पहले भी भंग कर सकता है।
ऐच्छिक शक्तियां-राज्यपाल को कुछ ऐसी शक्तियां प्राप्त हैं जिनका प्रयोग करते समय वह अपनी बुद्धि या इच्छा का प्रयोग कर सकता है। ये राज्यपाल की ऐच्छिक शक्तियां कहलाती हैं। ये अग्रलिखित हैं –
- जब विधानसभा में किसी दल को स्पष्ट बहुमत प्राप्त न हो तो राज्यपाल अपनी सूझ-बूझ से किसी को भी मुख्यमन्त्री नियुक्त कर सकता है।
- यदि राज्यपाल यह अनुभव करे कि राज्य का शासन संविधान के अनुसार नहीं चलाया जा रहा तो वह इसकी रिपोर्ट राष्ट्रपति को देता है। राज्यपाल की रिपोर्ट पर राष्ट्रपति उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करता है।
- राज्यपाल स्थिति के अनुसार विधानसभा को भंग करने का निर्णय कर सकता है। इस सम्बन्ध में उसके लिए मुख्यमन्त्री के परामर्श को मानना आवश्यक नहीं है।
- राज्यपाल किसी भी बिल (विधेयक) को पुनः विचार के लिए विधानसभा में वापस भेज सकता है। वह किसी भी बिल को राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए सुरक्षित भी रख सकता है।
प्रश्न 2.
राज्य के मुख्यमन्त्री के कार्यों तथा शक्तियों का वर्णन करो।\
उत्तर-
मुख्यमन्त्री राज्य का वास्तविक प्रमुख होता है। उसके कार्य एवं शक्तियों का वर्णन इस प्रकार है –
- मन्त्रिपरिषद् का निर्माण मुख्यमन्त्री के परामर्श से किया जाता है। वह अपने साथियों की सूची तैयार करता है। राज्यपाल उसी सूची में अंकित सभी व्यक्तियों को मन्त्री नियुक्त करता है।
- मुख्यमन्त्री मन्त्रियों में विभागों का बंटवारा करता है। वह उनके विभाग बदल भी सकता है।
- मुख्यमन्त्री मन्त्रिपरिषद् को भंग करके नया मन्त्रिपरिषद् बना सकता है।
- मुख्यमन्त्री मन्त्रिमण्डल की बैठकों की अध्यक्षता करता है।
- मुख्यमन्त्री राज्यपाल को राज्य विधानसभा भंग करने का परामर्श दे सकता है।
- राज्यपाल राज्य में सभी महत्त्वपूर्ण पदों पर की जाने वाली नियुक्तियां मुख्यमन्त्री के परामर्श से ही करता है।
- मुख्यमन्त्री राज्य विधानमण्डल का नेतृत्व करता है।
- वह राज्यपाल तथा मन्त्रिपरिषद् के बीच कड़ी का काम करता है।
- राज्य विधानपालिका और मन्त्रिपरिषद् का प्रमुख होने के कारण सुख्यमन्त्री राज्य सरकार की ओर से केन्द्रीय सरकार के प्रति उत्तरदायी होता है। वह केन्द्रीय सरकार के साथ अच्छे सम्बन्ध बनाने का और उन्हें दृढ़ बनाने का प्रयत्न करता है।
प्रश्न 3.
राज्य विधानसभा/विधानपरिषद के चुनाव सम्बन्धी संक्षेप में लिखो।
उत्तर-
प्रत्येक राज्य की विधानपालिका में एक या दो सदन होते हैं। राज्य विधानपालिका के निचले सदन को विधानसभा और उच्च सदन को विधानपरिषद् कहा जाता है। निचला सदन विधानसभा सभी राज्यों में होता है।
राज्य विधानसभा का चुनाव-राज्य विधानसभा के सदस्यों को एम० एल० ए० कहा जाता है। ये सदस्य सीधे (directly) लोगों द्वारा वयस्क मताधिकार और गुप्त मतदान के माध्यम से चुने जाते हैं। विधानसभा के चुनाव के समय विधानसभा के प्रत्येक चुनावी हलके में से एक-एक सदस्य चुना जाता है। विभिन्न राज्यों में विधानसभाओं के सदस्यों की संख्या कम-से-कम 60 और अधिक-से-अधिक 500 तक हो सकती है।
विधानपरिषद् का चुनाव-विधानपरिषद् के सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष (indirect) ढंग से किया जाता है। इसके 5/6 सदस्यों का चुनाव अध्यापकों, स्थानीय संस्थाओं के सदस्यों, विधानसभा के सदस्यों तथा स्नातकों द्वारा किया जाता है। शेष 1/6 सदस्य राज्यपाल द्वारा मनोनीत किये जाते हैं।
प्रश्न 4.
राज्यपाल की स्वैच्छिक शक्तियां कौन-कौन सी हैं ?
उत्तर-
राज्यपाल के पास कुछ ऐच्छिक शक्तियां भी होती हैं। इनका प्रयोग वह बिना मन्त्रिपरिषद् की सलाह के अपनी इच्छानुसार कर सकता है। ये शक्तियां हैं –
- राज्य विधानसभा में किसी भी दल को बहुमत न प्राप्त होने पर वह अपनी इच्छानुसार मुख्यमन्त्री की नियुक्ति कर सकता है।
- राज्य की मशीनरी ठीक न चलने की स्थिति में वह राज्य की कार्यपालिका को भंग करने के लिए राष्ट्रपति को सलाह दे सकता है।
प्रश्न 5.
राज्य के प्रबन्धकीय कार्य कौन-कौन से सिविल अधिकारी चलाते हैं ?
उत्तर-
राज्य में शिक्षा, सिंचाई, परिवहन, स्वास्थ्य तथा सफ़ाई आदि विभाग होते हैं। सरकारी अधिकारी इन अलग-अलग विभागों के काम सम्बन्धित मन्त्रियों के नेतृत्व में चलाते हैं। प्रत्येक विभाग के सरकारी अधिकारी (अफ़सरशाही) को सचिव कहा जाता है। उसे प्रायः भारतीय प्रशासकीय सेवा विभाग से संघीय सेवा आयोग द्वारा नियुक्त किया जाता है। सचिव अपने विभाग की महत्त्वपूर्ण नीतियों और प्रबन्धकीय मामलों में मन्त्री का मुख्य सलाहकार होता है। विभिन्न विभागों के सचिवों के काम की देखभाल के लिए एक मुख्य सचिव होता है।
सचिव के कार्यालय को सचिवालय कहा जाता है।
प्रश्न 6.
मन्त्रिपरिषद् तथा राज्य विधानपालिका के कार्यकाल के संबंध में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
मन्त्रिपरिषद्-मन्त्रिपरिषद् का कार्यकाल विधानसभा जितना ही अर्थात् 5 वर्ष होता है। कभी-कभी मुख्यमन्त्री द्वारा त्याग-पत्र देने पर या उसकी मृत्यु हो जाने पर सारी मन्त्रिपरिषद् भंग हो जाती है। मन्त्रिपरिषद् को विधानसभा भी अविश्वास का प्रस्ताव पास करके भंग कर सकती है।
राज्य विधानपालिका-विधानसभा का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। परन्तु कई बार राज्यपाल पहले भी इसे भंग कर सकता है। संकटकाल के समय राष्ट्रपति द्वारा इसके कार्यकाल को 6 मास बढ़ाया भी जा सकता है।
विधानपरिषद् का कार्यकाल 6 वर्ष होता है। प्रत्येक 2 वर्ष के बाद इसके 1/3 सदस्य सेवा-निवृत्त हो जाते हैं और उनके स्थान पर नये सदस्य चुने जाते हैं। परन्तु विधानसभा की भान्ति विधानपरिषद् को भंग नहीं किया जा सकता। यह राज्य-सभा के समान स्थिर है।
प्रश्न 7.
सड़क दुर्घटनाओं के कोई पांच कारण बताओ।
उत्तर-
सड़क दुर्घटनाएं प्रायः सड़कों पर बढ़ती हुई भीड़ तथा वाहन चालकों की लापरवाही से होती हैं। परन्तु इन दुर्घटनाओं के कुछ अन्य कारण भी हैं। सड़क दुर्घटनाओं के पांच मुख्य कारण निम्नलिखित हैं –
1. तेज़ गति से वाहन चलाना-अधिकतर वाहन चालक प्रायः तेज़ गति से वाहन चलाते हैं। यदि सड़क खराब हो, मौसम खराब हो या सड़क पर वाहनों की भीड़ हो तो किसी भी समय दुर्घटना हो सकती है।
2. एकाएक लेन बदलना-नियम के अनुसार सभी वाहन चालकों को अपनी लेन पर ही चलना पड़ता है। परन्तु कुछ वाहन चालक आगे निकलने के प्रयास में एकाएक लेन बदल लेते हैं और संकेत भी नहीं देते हैं। परिणामस्वरूप दुर्घटना हो जाती है।
3. यातायात बत्तियों की ओर ध्यान न देना-कुछ वाहन चालक यातायात बत्तियों की परवाह नहीं करते। वे लाल .. बत्ती हो जाने के भय से अपना वाहन तेजी से आगे निकाल लेते हैं जिससे दुर्घटना हो जाती है।
4. गलत ढंग से आगे निकलना-कई वाहन चालक किसी अन्य वाहन से ग़लत ढंग से आगे निकलने का प्रयास करते हैं जिससे वाहन आपस में टकरा जाते हैं।
5. शराब पीकर गाड़ी चलाना-कुछ वाहन चालक शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं। वे वाहन पर अपना नियंत्रण खो बैठते हैं और दुर्घटना हो जाती है।
(ग) खाली स्थान भरें
- विधानसभा के सदस्यों की अधिक-से-अधिक संख्या ……………. होती है।
- विधान परिषद् के सदस्यों की कम-से-कम संख्या …………….. हो सकती है।
- पंजाब राज्य के राज्यपाल …………….. हैं।
- पंजाब विधानपालिका ………………. है।
- वित्तीय बिल राज्य की विधानपालिका के ………….. सदन में प्रस्तुत किया जाता है।
- राज्य में किसी भी बिल का कानून बनाने के लिए अन्तिम स्वीकृति ………. द्वारा दी जाती है।
- राज्य विधानपालिका के …………… सदन की सभा की अध्यक्षता स्पीकर करता है।
- …………… राज्य का संवैधानिक मुखिया है।
- मन्त्री परिषद् का कार्यकाल …………….. होता है।
- विधान परिषद् के ……………. सदस्य राज्यपाल द्वारा मनोनीत किए जाते हैं।
उत्तर-
- 500
- 60
- कृपया स्वयं करें
- एक सदन वाली
- नीचे के
- राज्यपाल
- नीचे के
- राज्यपाल
- पाँच वर्ष
- 1/6
(घ) निम्नलिखित वाक्यों में ठीक (✓) या गलत (✗) का निशान लगाओ
- भारत में एक केन्द्रीय सरकार, 28 राज्य सरकारें तथा 8 केन्द्रीय शासित क्षेत्र हैं।
- राज्य विधानपालिका के नीचे के सदन को विधानपरिषद् कहा जाता है।
- पंजाब विधानपालिका दो-सदनीय विधानपालिका है।
- राज्य की मुख्य कार्यों की वास्तविक शक्ति राज्यपाल के पास होती है।
- सम्पत्ति का अधिकार मौलिक अधिकार है।
संकेत-
1. (✓)
2. (✗)
3. (✗)
4. (✗)
5. (✗)
(ङ) बहु-वैकल्पिक प्रश्नोत्तर-
प्रश्न 1.
भारत में कितने राज्य हैं ?
(क) 21
(ख) 25
(ग) 29
उत्तर-
(ग) 29
प्रश्न 2.
पंजाब विधानसभा के सदस्यों की कुल गिनती बताइये।
(क) 117
(ख) 60
(ग) 105
उत्तर-
(क) 117
प्रश्न 3.
मुख्यमंत्री की नियुक्ति किसके द्वारा की जाती है?
(क) राष्ट्रपति द्वारा
(ख) राज्यपाल द्वारा
(ग) स्पीकर द्वारा।
उत्तर-
(ख) राज्यपाल द्वारा।
PSEB 7th Class Social Science Guide राज्य-सरकार Important Questions and Answers
प्रश्न 1.
भारत में कितने राज्य और कितनी राज्य सरकारें हैं ?
उत्तर-
भारत में 29 राज्य तथा 29 राज्य सरकारें हैं।
प्रश्न 2.
केन्द्रीय/राज्य सरकार के कौन-कौन से तीन अंग हैं ?
उत्तर-
विधानपालिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका।
प्रश्न 3.
सरकार के तीन अंगों के मुख्य कार्य क्या हैं ?
उत्तर-
- विधानपालिका कानून बनाती है।
- कार्यपालिका कानूनों को लागू करती है।
- न्यायपालिका कानूनों का उल्लंघन करने वालों को दंड देती है।
प्रश्न 4.
केन्द्रीय सूची तथा राज्य सूची में क्या अन्तर है ? साझी सूची क्या है ?
उत्तर-
संविधान के अनुसार-केन्द्र तथा राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन किया गया है। देश के सभी महत्त्वपूर्ण विषय केन्द्रीय सूची में तथा राज्य के महत्त्वपूर्ण विषय राज्य सूची में रखे गए हैं। कुछ साझे विषय साझी सूची में दिये गये हैं। राज्य सरकार राज्य-सूची के विषयों पर कानून बनाती है और उन्हें अपने राज्य में लागू करती है। राज्यसूची के मुख्य विषय कृषि, भूमि कर, पुलिस और शिक्षा आदि हैं।
प्रश्न 5.
राज्य में कोई बिल कानून कैसे बनता है ?
उत्तर-
कोई साधारण बिल पास होने के लिए दोनों सदनों में रखा जा सकता है, जबकि बजट (वित्त बिल) केवल विधानसभा में ही रखा जा सकता है। कोई भी बिल दोनों सदनों में पास हो जाने के बाद राज्यपाल की स्वीकृति पर कानून बन जाता है। राज्य विधानपालिका राज्य की आवश्यकताओं के अनुसार राज्य-सूची में दिये गये विषयों पर कानून बनाती है। यह साझी (समवर्ती) सूची पर दिए गए विषयों पर भी कानून बना सकती है।
प्रश्न 6.
राज्य-विधानपालिका की शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
राज्य विधानपालिका निम्नलिखित कार्य करती है –
- राज्य-सूची में दिये गए विषयों पर कानून बनाना, परन्तु यदि केन्द्रीय सरकार का कानून इसके विरुद्ध हो तो केन्द्रीय कानून ही लागू होता है।
- विधानपालिका के सदस्य विभिन्न विभागों के सदस्यों से प्रश्न पूछ सकते हैं जिन का उत्तर मन्त्रिपरिषद् को देना पड़ता है।
- इसके सदस्य सरकार के विरुद्ध अविश्वास का मत भी पास कर सकते हैं।
प्रश्न 7.
विधानसभा के स्पीकर के क्या कार्य होते हैं ?
उत्तर-विधानसभा का स्पीकर सदन की बैठकों की प्रधानता करता है।
- वह बिल प्रस्तुत करने की स्वीकृति देता है।
- वह सदन में अनुशासन बनाए रखता है और मन्त्रियों को बोलने की आज्ञा देता है।
प्रश्न 8.
राज्यपाल की नियुक्ति किसके द्वारा और कितने समय के लिए होती है ?
उत्तर-
राज्यपाल की नियुक्ति प्रधानमन्त्री की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। राज्यपाल का कार्यकाल 5 वर्ष होता है। परन्तु वह राष्ट्रपति की इच्छा पर ही अपने पद पर बना रह सकता है। राष्ट्रपति राज्यपाल को उसके कार्यकाल में किसी दूसरे राज्य में भी बदल सकता है।
प्रश्न 9.
मुख्यमन्त्री तथा उसकी मन्त्रिपरिषद की नियुक्ति कैसे होती है ?
उत्तर-
विधानसभा के चुनाव के बाद बहुमत प्राप्त दल के नेता को राज्य का राज्यपाल मुख्यमन्त्री नियुक्त करता है। फिर उसकी सहायता से राज्यपाल शेष मन्त्रियों की सूची तैयार करता है, जिन्हें वह मन्त्री नियुक्ति देता है। कई बार चुनाव में किसी एक दल को बहुमत नहीं मिलता, तब एक से अधिक दलों के सदस्य आपस में मिलकर अपना नेता चुनते हैं जिसे मुख्यमन्त्री बनाया जाता है। ऐसी स्थिति में मन्त्रिपरिषद् कई दलों के सहयोग से बनता है। इस प्रकार की सरकार को मिली-जुली सरकार कहा जाता है। मन्त्रिपरिषद् में कई बार ऐसा भी मन्त्री चुना जाता है जो विधानपालिका का सदस्य नहीं होता, उसे 6 मास के भीतर विधानपालिका के किसी सदन का सदस्य बनना पड़ता है।
प्रश्न 10.
राज्य की मन्त्रिपरिषद् की बनावट तथा कार्य प्रणाली सम्बन्धी एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
बनावट-राज्य की मन्त्रिपरिषद् में तीन प्रकार के मन्त्री होते हैं –
- कैबिनेट मन्त्री,
- राज्य-मन्त्री,
- उप-मन्त्री
इनमें से कैबिनेट मन्त्री कैबिनेट के सदस्य होते हैं, जिन के समूह को मन्त्रिमण्डल कहा जाता है। कैबिनेट मन्त्रियों के पास अलग-अलग विभाग होते हैं। राज्य मन्त्री एवं उप-मन्त्री कैबिनेट मन्त्रियों की सहायता करते हैं।
कार्य प्रणाली-राज्य मंत्रिपरिषद् एक टीम के रूप में काम करती है। कहा जाता है कि परिषद् के सभी मन्त्री एक साथ डूबते हैं और एक साथ तैरते हैं, इसका कारण यह है कि किसी एक मन्त्री के विरुद्ध अविश्वास मत पास होने पर पूरी मन्त्रि परिषद् को त्याग-पत्र देना पड़ता है। वे अपनी नीतियों के लिए सामूहिक रूप से विधानपालिका के प्रति उत्तरदायी होते हैं। यदि मुख्यमन्त्री त्याग-पत्र देता है तो उसे पूरी मन्त्रिपरिषद् का त्याग-पत्र माना जाता है।
सही जोड़े बनाइर:
- विधानसभा – राज्य विधानपालिका का ऊपरी सदन
- विधान परिषद् – राज्य सरकार का वास्तविक प्रधान
- राज्यपाल – राज्य विधानपालिका का निचला सदन
- मुख्यमन्त्री – राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति
उत्तर-
- विधानसभा – राज्य विधानपालिका का निचला सदन
- विधान परिषद् – राज्य विधानपालिका का ऊपरी सदन
- राज्यपाल – राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति
- मुख्यमन्त्री – राज्य सरकार का वास्तविक प्रधान
राज्य-सरकार PSEB 7th Class Social Science Notes
- राज्य की विधानपालिका – राज्य में कानून बनाने वाली संस्था को विधानपालिका कहते हैं। कुछ राज्यों में विधानपालिका के दो सदन हैं तथा कुछ में एक। दो सदनों वाले विधानमण्डल में निम्न सदन को विधानसभा तथा उच्च सदन को विधान परिषद् कहते हैं। एक सदनीय विधानमण्डल में केवल विधानसभा होती है।
- विधानसभा – विधानसभा की सदस्य संख्या राज्य की जनसंख्या के आधार पर अधिक-से-अधिक 500 तथा कम-से-कम 60 हो सकती है। इसका चुनाव लड़ने के लिए नागरिक की आयु 25 वर्ष या इससे अधिक होनी चाहिए। इसका कार्यकाल 5 वर्ष है।
- विधान परिषद् – यह राज्य का उच्च तथा स्थायी सदन है। इसके एक तिहाई सदस्य हर दो वर्ष के पश्चात् सेवा निवृत्त हो जाते हैं।
- राज्य कार्यपालिका – इसमें राज्यपाल, मुख्यमन्त्री तथा मन्त्रिपरिषद् शामिल होती है।
- राज्यपाल – राज्यपाल राष्ट्रपति द्वारा पांच वर्ष के लिए नियुक्त किया जाता है। राज्य की सभी कार्यपालिका शक्तियां राज्यपाल में निहित हैं। इन शक्तियों का वास्तविक प्रयोग मुख्यमन्त्री करता है।