PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 11 वैदिक काल

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions History Chapter 11 वैदिक काल Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 11 वैदिक काल

SST Guide for Class 6 PSEB वैदिक काल Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखें

प्रश्न 1.
ऋग्वैदिक काल की राजनीतिक अवस्था के बारे में पाँच वाक्य लिखें।
उत्तर-
ऋग्वैदिक काल की राजनीतिक अवस्था की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित थीं –
(1) देश में बहुत-से छोटे-छोटे कबीले शासन करते थे।
(2) राजा राज्य का मुखिया होता था, जिसे राजन कहते थे।
(3) कई राज्यों में राजा का चुनाव होता था परन्तु आमतौर पर राजतन्त्र प्रणाली प्रचलित थी।
(4) सभा तथा समिति राज्य के कार्यों में राजा को सहायता देने वाली दो महत्त्वपूर्ण संस्थाएं थीं।
(5) पुरोहित, सेनानी तथा ग्रामिणी आदि राजा की सहायता करने वाले अधिकारी होते थे।

प्रश्न 2.
वैदिक लोग किन देवताओं की उपासना करते थे?
उत्तर-
वैदिक लोग प्राकृतिक देवताओं की उपासना करते थे। उनके मुख्य देवता इन्द्र, अग्नि, वरुण, सोम, पृथ्वी, सूर्य, पूषण, विष्णु तथा अश्विन थे।

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प्रश्न 3.
वैदिक काल के सामाजिक जीवन की क्या विशेषताएं थीं?
उत्तर-
वैदिक काल के सामाजिक जीवन की विशेषताओं का वर्णन इस प्रकार है –
1. वर्ण व्यवस्था-समाज चार वर्गों में बंटा हुआ था। ये वर्ण ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य तथा शूद्र थे। ये वर्ण काम पर आधारित थे।

  • ब्राह्मण-ब्राह्मण बुद्धिजीवी वर्ग था। इस वर्ग का कार्य पढ़ना-पढ़ाना तथा धार्मिक कार्य करना था।
  • क्षत्रिय-क्षत्रियों का कार्य युद्ध लड़ना था।
  • वैश्य-वैश्य वर्ग में किसान तथा व्यापारी शामिल थे।
  •  शूद्र-शूद्र दास वर्ग से सम्बन्धित थे।

2. परिवार-परिवार में माता-पिता, बच्चे तथा बहन-भाई आदि आते थे। संयुक्त परिवार प्रथा प्रचलित थी। पिता ही परिवार का मुखिया होता था। प्रत्येक परिवार पुत्र प्राप्ति की इच्छा रखता था।

3. स्त्रियों की स्थिति-समाज में स्त्रियों को बहुत सम्मान दिया जाता था। वे पढ़ीलिखी होती थीं तथा अपनी इच्छानुसार विवाह करवा सकती थीं। वे प्रत्येक प्रकार के सामाजिक तथा धार्मिक कार्यों में भाग लेती थीं।

4. भोजन-वैदिक लोगों का भोजन सादा परन्तु पौष्टिक होता था। गेहूं, चावल, दालें, फल, सब्जियां, दूध, मक्खन तथा घी उनके मुख्य भोजन थे। कुछ लोग मांस भी खाते थे। वे सोमरस जैसे नशीले पदार्थों का भी प्रयोग करते थे।

5. वस्त्र तथा आभूषण-लोग पगड़ी, बनियान, कमीज़, धोती आदि पहनते थे। स्त्रियां तथा पुरुष, दोनों को ही आभूषण पहनने का चाव था।
6. मनोरंजन के साधन-शिकार, रथ-दौड़, घुड़सवारी, नाचना-गाना आदि वैदिक काल के लोगों के मनोरंजन के मुख्य साधन थे।

प्रश्न 4.
वैदिक लोगों की आर्थिक गतिविधियां क्या थी?
उत्तर-
वैदिक लोगों की मुख्य आर्थिक गतिविधियां कृषि, पशुपालन, शिल्पकला तथा व्यापार थीं।

  1. कृषि-वैदिक लोग गेहूं, जौ, कपास, चावल, दालें, सब्जियां आदि की कृषि करते थे। खेतों को हल तथा बैलों के साथ जोता जाता था।
  2. पशुपालन-वैदिक लोग गाय, घोड़ा, भेड़, बकरी, बैल आदि पशु पालते थे। गाय को पवित्र माना जाता था तथा गौ-हत्या की मनाही थी।
  3. शिल्पकला-लोहार, बढ़ई, रथकार, जुलाहे, कुम्हार आदि वैदिक काल के मुख्य शिल्पी थे। लोग अपनी दैनिक आवश्यकताओं के लिए इन पर निर्भर थे।
  4. व्यापार-व्यापार स्थल मार्ग द्वारा तथा नदियों एवं समुद्रों में किश्तियों तथा जहाज़ों द्वारा होता था।

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प्रश्न 5.
सप्तसिन्धु प्रदेश में कौन-सी नदियां बहती थीं?
उत्तर-
‘सप्तसिन्धु’ प्रदेश से भाव सात नदियों के प्रदेश से है। वैदिक काल में पंजाब को ‘सप्तसिन्धु’ प्रदेश अथवा ‘सात नदियों का प्रदेश’ कहा जाता था। इस प्रदेश में बहने वाली नदियों के नाम अग्रलिखित थे –

  1. सिन्धु,
  2. जेहलम,
  3. चिनाब,
  4. रावी,
  5. ब्यास,
  6. सतलुज,
  7. सरस्वती।

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

  1. आरंभिक वैदिक काल में छोटे-छोटे …………. शासन करते थे।
  2. समाज चार भागों में विभाजित था, जिन्हें ……………. कहा जाता था।
  3. वैदिक लोगों का मुख्य भोजन ………, ………, तथा ……….. थे।
  4. वैदिक लोग ………….. के शौकीन थे।
  5. वैदिक लोग ……………. की पूजा करते थे।

उत्तर-

  1. कबीले
  2. वर्ण
  3. गेहूं, चावल, दालें
  4. खेलों
  5. प्रकृति।

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III. सही जोड़े बनायें

(1) विपाश – (क) राजनीतिक संस्था
(2) सभा – (ख) चिकित्सा शास्त्र
(3) आयुर्वेद – (ग) एक देवता
(4) वरुण – (घ) एक नदी
उत्तर-सही जोड़े
(1) विपाश – एक नदी
(2) सभा – राजनीतिक संस्था
(3) आयुर्वेद – चिकित्सा शास्त्र
(4) वरुण – एक देवता।

IV. सही (✓) अथवा ग़लत (✗) का निशान लगायें

  1. परुषणी एक नदी का नाम है।
  2. वैदिक काल में इन्द्र वर्षा का देवता था।
  3. वैदिक लोगों के लिए गाय पवित्र नहीं थी।
  4. वैदिक काल में स्त्रियों का आदर नहीं होता था।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✗)
  4. (✗)

PSEB 6th Class Social Science Guide वैदिक काल Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
वैदिक काल में चार वेद लिखे गए। इनमें से किस वेद को संसार की सबसे प्राचीन पुस्तक माना जाता है?
उत्तर-
ऋग्वेद।

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प्रश्न 2.
वैदिक राजा को राजन कहते थे। परन्तु जो राजन् अधिक शक्तिशाली थे, वे क्या कहलाते थे?
उत्तर-
सम्राट।

प्रश्न 3.
आर्य लोग अपने देवताओं की स्तुति में मंत्र-उच्चारण के साथ-साथ कौन-सा अन्य महत्त्वपूर्ण कार्य करते थे?
उत्तर-
यज्ञ।

बहु-विकल्पीयप्रश्न

प्रश्न 1.
निम्न में से कौन-सा देवता आर्यों का ‘आकाश का देवता’ था?
(क) सोम
(ख) अग्नि
(ग) इन्द्र।
उत्तर-
(ग) इन्द्र

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प्रश्न 2.
वर्णव्यवस्था के अनुसार निम्न में से कौन-सा वर्ग योद्धा वर्ग था?
(क) वैश्य
(ख) शूद्र
(ग) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 3.
उत्तर वैदिक काल में यज्ञों के स्वरूप में क्या अन्तर आया?
(क) यज्ञ केवल आर्य लोग करने लगे।
(ख) ये सस्ते तथा सरल हो गए।
(ग) ये जटिल तथा महंगे हो गए।
उत्तर-
(ग) ये जटिल तथा महंगे हो गए।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आर्य लोग भारत में कब तथा कहां से आए?
उत्तर-
आर्य लोग लगभग 1500 ई० पू० में मध्य एशिया से भारत आए।

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प्रश्न 2.
भरत कबीले के राजा का क्या नाम था?
उत्तर-
भरत कबीले के राजा का नाम सुदास था।

प्रश्न 3.
ऋग्वैदिक काल से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
जिस काल की जानकारी हमें ऋग्वेद से मिलती है, उसे ऋग्वैदिक काल कहते हैं।

प्रश्न 4.
ऋग्वैदिक काल की दो विद्वान् स्त्रियां कौन थी?
उत्तर-
घोषा तथा उपाला ऋग्वैदिक काल की दो विद्वान् स्त्रियां थीं।

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प्रश्न 5.
ऋग्वैदिक काल के दो देवताओं के नाम बताएं।
उत्तर-
ऋग्वैदिक काल के दो देवता सूर्य तथा वरुण थे।

प्रश्न 6.
ऋग्वैदिक काल के लोगों के दो मुख्य व्यवसाय कौन-से थे?
उत्तर-
कृषि तथा पशुपालन ऋग्वैदिक काल के लोगों के दो मुख्य व्यवसाय थे।

प्रश्न 7.
ऋग्वैदिक काल के विश तथा जन के मुखियों को क्या कहते थे?
उत्तर-
ऋग्वैदिक काल में विश के मुखिया को विशपति तथा जन के मुखिया को राजन कहा जाता था।

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प्रश्न 8.
उत्तर वैदिक काल के दो नए देवताओं के नाम लिखें।
उत्तर-
विष्णु तथा शिव उत्तर वैदिक काल के दो नए देवता थे।

प्रश्न 9.
उत्तर वैदिक काल में बसाए गए चार नगरों के नाम लिखें।
उत्तर-

  1. हस्तिनापुर,
  2. काशी,
  3. पाटलिपुत्र
  4. कोशाम्बी।

प्रश्न 10.
ऋग्वेद से आर्यों के किस काल के बारे में जानकारी प्राप्त होती है?
उत्तर-
ऋग्वेद से आर्यों के पूर्व वैदिक काल की जानकारी प्राप्त होती है।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
ऋग्वेद की विषय-वस्तु क्या है? इसके लेखक का नाम बताएं।
उत्तर-
ऋग्वेद की विषय-वस्तु प्राकृतिक देवताओं की प्रशंसा में लिखे गए मन्त्र हैं। इसका लेखक कोई एक व्यक्ति नहीं है। इसमें भिन्न-भिन्न ऋषियों के द्वारा लिखे गए मन्त्र शामिल हैं।

प्रश्न 2.
ऋग्वैदिक काल में परिवार के मुखिया के बारे में बताएं।
उत्तर-
ऋग्वैदिक काल में परिवार पुरुष प्रधान थे। परिवार में सबसे बड़े पुरुष सदस्य को परिवार का मुखिया कहा जाता था। उसे गृहपति कहते थे। उसका पूरे परिवार पर नियन्त्रण होता था। परिवार के सभी सदस्य मुखिया का आदर करते थे तथा उसकी आज्ञा का पालन करते थे। मुखिया की आज्ञा का पालन न करने वाले सदस्य को सज़ा भी दी जा सकती थी।

प्रश्न 3.
ऋग्वैदिक काल में आर्यों की पूजा के कौन-कौन से ढंग थे?
उत्तर-
ऋग्वैदिक काल में आर्य देवी-देवताओं की पूजा यज्ञ तथा मन्त्रों का उच्चारण करके करते थे। यज्ञ खुली हवा में होते थे तथा इसमें घी, दूध आदि चीजें डाली जाती थीं। यज्ञों में पशु-बलि भी दी जाती थी।

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प्रश्न 4.
वैदिक काल में विज्ञान का वर्णन करें।
उत्तर-
वैदिक साहित्य से पता चलता है कि वैदिक काल में विज्ञान की भिन्न-भिन्न शाखाएं बहुत विकसित थीं। ये शाखाएं निम्नलिखित थीं –
1. गणित-गणित तथा इसकी शाखाएं जैसे कि बीज गणित, रेखा गणित तथा त्रिकोणमिति आदि बहुत विकसित थीं।
2. खगोल तथा ज्योतिष विद्या-लोगों को ग्रहों की गति, सूर्य तथा चन्द्र ग्रहण और पृथ्वी का अपनी धुरी पर एवं सूर्य के इर्द-गिर्द परिक्रमा के बारे में ज्ञान था।
3. चिकित्सा विज्ञान-चिकित्सा विज्ञान को आयुर्वेद कहा जाता था। चिकित्सा विज्ञान भी उन्नत था।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
‘आर्य’ शब्द से क्या अभिप्राय है? आर्य लोग मूल रूप से कहां के रहने वाले थे?
उत्तर-
‘आर्य’ शब्द से अभिप्राय है-सर्वोत्तम, शिक्षित तथा सभ्य। वैदिक सभ्यता के लोगों को आमतौर पर आर्य कहा जाता है। आरम्भ में ये लोग पंजाब में यमुना नदी से लेकर अफ़गानिस्तान की सीमा तक रहते थे, लेकिन बाद में ये लोग पूर्व तथा दक्षिण में गंगा नदी के मैदानों में फैल गए।

आर्यों का मूल निवास स्थान-आर्य लोगों के मूल निवास स्थान के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता।

  1. कुछ विद्वानों का विचार है कि ये लोग मध्य एशिया से पंजाब में आए थे। .
  2. कुछ विद्वानों के अनुसार, ये लोग रूस के यूरोपीय सीमावर्ती क्षेत्रों से पंजाब में आए थे।
  3. बहुत-से विद्वानों का विचार है कि ये लोग बाहर से नहीं आए थे, बल्कि पंजाब के ही मूल निवासी थे।

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प्रश्न 2.
ऋग्वैदिक आर्यों के राजनीतिक जीवन के बारे में लिखें।
उत्तर-
ऋग्वैदिक आर्यों के राजनीतिक जीवन का वर्णन इस प्रकार है –
1. प्रशासनिक संगठन-प्रशासन की सबसे छोटी इकाई ग्राम थी, जिसका मुखिया ग्रामीणी होता था। कई ग्रामों के मेल से एक विश तथा विशों के मेल से जन अथवा कबीला बनता था। विश का मुखिया विशपति तथा जन का मुखिया राजन कहलाता था।

2. राजा तथा उसके अधिकारी-राजा का पद पैतृक होता था। परन्तु कभी-कभी उसका चुनाव भी किया जाता था। उसकी अनेक शक्तियां थीं, परन्तु सभा और समिति उसकी शक्तियों को सीमित रखती थीं। शासन-कार्यों में राजा की सहायता के लिए पुरोहित, सेनानी तथा अन्य अधिकारी होते थे।

3. सभा और समिति-ऋग्वैदिक काल में सभा और समिति का विशेष महत्त्व था। समिति राजा की एक सलाहकार संस्था थी। राजा प्रायः इसके निर्णयों को मानते थे। सभा, समिति की एक स्थायी संस्था थी जो समिति की देख-रेख में ही कार्य करती थी।

4. न्याय प्रणाली-आर्यों की न्याय प्रणाली विकसित थी। अपराधी को कठोर दण्ड दिया जाता था।

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वैदिक काल PSEB 6th Class Social Science Notes

  • वेद – कुल चार वेद हैं-ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद तथा अथर्ववेद।
  • संसार की सबसे प्राचीन पुस्तक – ऋग्वेद संसार की सबसे प्राचीन पुस्तक है।
  • वैदिक काल का अर्थ – जिस काल में वैदिक साहित्य की रचना हुई उसे वैदिक काल कहते हैं।
  • वैदिक सभ्यता का विभाजन – वैदिक सभ्यता को दो भागों में विभाजित किर जाता है। ये भाग ऋग्वैदिक अथवा प्रारम्भिक वैनि सभ्यता तथा उत्तर वैदिक सभ्यता हैं।
  • वैदिक सभ्यता के लोग – वैदिक सभ्यता के लोगों को आर्य कहा जाता है।
  • सप्तसिंधु प्रदेश – वैदिक काल में पंजाब को सप्तसिन्धु (सात नदियां) प्रदेश कहा जाता था।
  • ऋग्वेद में वर्णित राज्य – ऋग्वेद में अनु, यदू, पुरु, भरत आदि राज्यों का वर्णन मिलता है।
  • वैदिक काल की शासन प्रणाली – वैदिक काल में राजतन्त्र शासन प्रणाली थी।
  • वैदिक समाज में वर्ण-विभाजन – वैदिक समाज चार वर्गों में विभाजित था।
  • वैदिक लोगों का मुख्य भोजन – गेहूं, चावल तथा दालें वैदिक लोगों का मुख्य भोजन था।
  • वैदिक लोगों के मुख्य व्यवसाय – वैदिक लोगों के मुख्य व्यवसाय कृषि, पशु-पालन, औद्योगिक-धन्धे तथा व्यापार थे।
  • वैदिक लोगों के धार्मिक विश्वास – वैदिक लोगों के धार्मिक विश्वास बहुत सादे थे। वे प्राकृतिक शक्तियों की पूजा करते थे।
  • आयुर्वेद – आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान है।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 10 हड़प्पा सभ्यता

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions History Chapter 10 हड़प्पा सभ्यता Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 10 हड़प्पा सभ्यता

SST Guide for Class 6 PSEB हड़प्पा सभ्यता Textbook Questions and Answers

I. निम्न प्रश्नों के उत्तर लिखें

प्रश्न 1.
हड़प्पा सभ्यता के कुछ महत्त्वपूर्ण नगरों के नाम बतायें।
उत्तर-
हड़प्पा सभ्यता के महत्त्वपूर्ण नगर हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, लोथल, कालीबंगन, बनवाली आदि थे।

प्रश्न 2.
सिन्धु घाटी के लोगों के सामाजिक जीवन के बारे में आप क्या जानते
उत्तर–
सिन्धु घाटी सभ्यता के लोगों का सामाजिक जीवन बहुत विकसित था। समाज में तीन वर्गों के लोग रहते थे। पहला वर्ग अमीर लोगों, दूसरा वर्ग किसानों तथा छोटे-छोटे पेशेवर लोगों का और तीसरा वर्ग मज़दूरों का था। लोगों का रहन-सहन आज की तरह ही था। लोगों के भोजन के मुख्य पदार्थ गेहूं, ज्वार, चावल, दालें, फल, सब्जियां तथा दूध थे। कुछ लोग मांसाहारी भी थे। लोग सूती तथा ऊनी, दोनों प्रकार के कपड़े पहनते थे। स्त्रियां तथा पुरुष, दोनों शृंगार करते थे तथा आभूषण पहनते थे। अमीर लोग सोने-चांदी एवं कीमती पत्थरों के आभूषण जबकि ग़रीब लोग हड्डियों, पकी मिट्टी तथा मनकों के बने हुए आभूषण पहनते थे।

लोग खेलों के शौकीन थे। नाचना-गाना, जुआ अथवा चौपड़ खेलना, शिकार करना आदि मनोरंजन के मुख्य साधन थे। बच्चों के खेलने के लिए पकी मिट्टी के तरह-तरह के खिलौने बनाये जाते थे, जिनमें जानवरों की मूर्तियां तथा बैलगाड़ियां आदि प्रमुख थीं।

प्रश्न 3.
सिन्धु घाटी सभ्यता की नगर योजना के बारे में एक नोट लिखें।
उत्तर-
सिन्धु घाटी सभ्यता में नगर-निर्माण उच्चकोटि का था। नगर दो भागों में बंटे हुए थे-ऊंचा भाग तथा निचला भाग। ऊंचे भाग में बड़े-बड़े धार्मिक तथा सार्वजनिक भवन थे। यहां शासक वर्ग के लोग रहते थे। निचले भाग में साधारण लोगों के निवास स्थान थे। नगरों की सड़कें सीधी जाती थीं तथा एक-दूसरी को समकोण पर काटती थीं। नगरों में नालियों की बहुत अच्छी व्यवस्था की गई थी, जिसके कारण नगर में सफ़ाई रहती थी।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 10 हड़प्पा सभ्यता

प्रश्न 4.
हड़प्पा सभ्यता के पतन के क्या कारण थे?
उत्तर-
लगभग 1500 ई० पूर्व हड़प्पा सभ्यता का पतन हो गया। इस सभ्यता के पतन के कारणों के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता। भिन्न-भिन्न विद्वानों ने अपने-अपने अनुमान के अनुसार इसके पतन के कारण बताये हैं –

1. कुछ विद्वानों का विचार है कि आर्य लोगों ने सिन्धु घाटी के लोगों के साथ युद्ध करके उन्हें हरा दिया था। फलस्वरूप हड़प्पा सभ्यता नष्ट हो गई। परन्तु इस विचार को आज कोई महत्त्व नहीं दिया जाता।

2. कुछ विद्वानों के अनुसार सिन्धु तथा इसकी सहायक नदियों में लगातार बाढ़ आने के कारण इस सभ्यता का नाश हो गया।

3. कुछ विद्वानों का कथन है कि लगभग 1900 ई० पू० सरस्वती नदी के सूख जाने के कारण हड़प्पा सभ्यता के लोग पूर्व की ओर गंगा के मैदान में चले गए थे। .

4. कुछ विद्वानों के अनुसार भूकम्प अथवा किसी अन्य प्राकृतिक विपदा के कारण इस सभ्यता का अन्त हो गया था।

5. कुछ विद्वानों के अनुसार सिन्धु घाटी की भूमि में रेगिस्तान फैल गया तथा इसमें ण की मात्रा बढ़ गई। परिणामस्वरूप भूमि की उपजाऊ-शक्ति समाप्त हो गई। अतः धु घाटी के लोग अन्य स्थानों पर जाकर रहने लगे।

प्रश्न 5.
सिन्धु घाटी के लोगों का आर्थिक जीवन कैसा था?
उत्तर–
सिन्धु घाटी के लोगों का आर्थिक जीवन समृद्ध था। लोगों के मुख्य व्यवसाय कृषि, पशुपालन तथा व्यापार थे। इसके अतिरिक्त लोग कुछ अन्य उद्योग-धन्धे भी करते थे।

1. कृषि-सिन्धु घाटी के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि था। सिंचाई नदियों द्वारा की जाती थी। गेहूं, चावल, जौ तथा कपास की कृषि मुख्य रूप में होती थी। खेतों को हल तथा बैलों के साथ जोता जाता था। लोग तिल तथा सरसों भी पैदा करते थे।

2. पशुपालन-लोग बैल, भैंस, भेड़, बकरियां, ऊंट, हाथी, घोड़े तथा कुत्ते पालते थे।

3. व्यापार-नगर व्यापार के केन्द्र थे। गाड़ियों तथा नौकाओं में माल लाया जाता था। मुद्रा की कमी के कारण व्यापार वस्तुओं की अदला-बदली द्वारा ही होता था। व्यापार देशी तथा विदेशी, दोनों प्रकार का था। विदेशी व्यापार मुख्य तौर पर अफ़गानिस्तान, ईरान तथा मैसोपोटामिया के साथ होता था।

4. अन्य उद्योग-धन्धे-पत्थर तथा तांबे की अनेक वस्तुएं बनाई जाती थीं। शिल्पकार मूर्तियां, बर्तन, औज़ार तथा हथियार आदि बनाते थे। कपड़े की छपाई तथा सूत कातने का कार्य भी होता था।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 10 हड़प्पा सभ्यता

प्रश्न 6.
पंजाब में हड़प्पा सभ्यता के किन्हीं दो केन्द्रों के बारे में लिखें।
उत्तर-
पुरातत्त्व विशेषज्ञों ने पंजाब में खुदाई करके हड़प्पा सभ्यता के अनेक केन्द्रों की खोज की है। ये केन्द्र संघोल, रोहीड़ा, सुनेत तथा कोटला निहंग खान हैं। इन केन्द्रों में से संघोल तथा रोहीड़ा केन्द्रों का वर्णन इस प्रकार है –

1. संघोल-संघोल एक छोटा-सा गांव है जो ज़िला लुधियाना में लुधियाना-चण्डीगढ़ सड़क पर स्थित है। इसे ‘ऊंचा गांव’ भी कहा जाता है। यहां की खुदाई से 2000 ई० पूर्व के समय के लोगों की जानकारी प्राप्त हुई है। यहां कुछ मूर्तियां, मिट्टी के बर्तन, माला के मनके तथा तांबे के औज़ार मिले हैं। इन वस्तुओं का सम्बन्ध हड़प्पा सभ्यता से है।

2. रोहीड़ा-रोहीड़ा जिला संगरूर में स्थित है। यहां की खुदाई से बर्तन, पकी ईंटें, मिट्टी के खिलौने आदि मिले हैं। यहां खुदाई का काम 1976-77 ई० में किया गया था।

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

  1. हड़प्पा सभ्यता मिस्र की सभ्यता से लगभग ………… गुणा विशाल थी।
  2. पंजाब में ………, …, ………. तथा …….. में इस (हड़प्पा) सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
  3. मकान …………. तथा ……………. के बने हुए थे।
  4. एक विशाल …………. भवन मोहनजोदड़ो से प्राप्त हुआ है।
  5. मर्द तथा स्त्रियां दोनों …………. तथा …………. के शौकीन थे।
  6. लोग …………. की पूजा करते थे।
  7. पीपल के वृक्ष को ………….. समझा जाता था।

उत्तर-

  1. बीस
  2. कोटला निहंग खां, संघोल, रोहिड़ा, सुनेत
  3. पक्की ईंटों, लकड़ी
  4. स्तम्भों वाला
  5. आभूषणों (गहनों), फैशन
  6. मातृ देवी
  7. पवित्र।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 10 हड़प्पा सभ्यता

III. सही जोड़े बनायें

(1) पशुपति – (क) बन्दरगाह
(2) मोहनजोदड़ो – (ख) लेखन कला
(3) लोथल – (ग) देवता
(4) चित्रलिपि – (घ) विशाल स्नानगृह।
उत्तर-सही जोड़े
(1) पशुपति – देवता
(2) मोहनजोदड़ो – विशाल स्नानगृह
(3) लोथल – बन्दरगाह
(4) चित्रलिपि – लेखन कला

IV. सही (✓) अथवा ग़लत (✗) का निशान लगायें

  1. रोपड़ पाकिस्तान में स्थित है।
  2. हड़प्पा के लोग मातृदेवी की पूजा नहीं करते थे।
  3. पंजाब में सिन्धु सभ्यता के कोई अवशेष नहीं मिले हैं।
  4. सिन्धु घाटी के लोगों को लेखन कला नहीं आती थी।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✗)
  3. (✗)
  4. (✗)

PSEB 6th Class Social Science Guide हड़प्पा सभ्यता Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पंजाब का एक हड़प्पा-स्थल लुधियाना जिले में स्थित है जिसे उच्चपिंड कहा जाता है। क्या आप उसका नाम बता सकते हैं?
उत्तर-
संघोल।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 10 हड़प्पा सभ्यता

प्रश्न 2.
हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो हड़प्पा सभ्यता के दो प्रमुख स्थल हैं। बताइए इनके अवशेष वर्तमान में किस देश में हैं?
उत्तर-
पाकिस्तान में।

प्रश्न 3.
सिंधु घाटी की सभ्यता की कांस्य की नृत्यांगना की मूर्ति किस प्राचीन स्थल से मिली है?
उत्तर-
मोहनजोदड़ो।

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्न में से कौन-सा हड़प्पा स्थल हरियाणा से संबंध नहीं रखता?
(क) सुनेत
(ख) बनवाली
(ग) मिताथल
उत्तर-
(क) सुनेत

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प्रश्न 2.
नीचे दिखाई गई योगी की मूर्ति का संबंध निम्न में से किस सभ्यता से है?
PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 9 हड़प्पा सभ्यता 1
(क) गुप्तकालीन सभ्यता
(ख) वैदिक सभ्यता
(ग) हड़प्पा सभ्यता।
उत्तर-
(ग) हड़प्पा सभ्यता

प्रश्न 3.
हड़प्पा की कुछ मुद्राओं पर एक चित्रलिपि में लेख मिलते हैं। इससे क्या पता चलता है?
(क) लोग मुद्राएं बनाने में निपुण थे।
(ख) उन्हें लेखन कला का ज्ञान था।
(ग) वे मूर्तियों पर उनके बनाने की तिथि लिखते थे।
उत्तर-
(ख) उन्हें लेखन कला का ज्ञान था।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
हड़प्पा सभ्यता को सिन्धु घाटी सभ्यता क्यों कहते हैं?
उत्तर-
हड़प्पा सभ्यता के कई स्थान सिन्धु तथा इसकी सहायक नदियों के किनारे हुए थे। इसीलिए इसे सिन्धु घाटी सभ्यता भी कहते हैं।

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प्रश्न 2.
हड़प्पा की सभ्यता के आरम्भ होने का लगभग समय बताएं।
उत्तर-
हड़प्पा सभ्यता का आरम्भ आज से लगभग 7000 वर्ष पूर्व हुआ।

प्रश्न 3.
हड़प्पा सभ्यता की सड़कों की क्या विशेषता थी?
उत्तर-
हड़प्पा सभ्यता की सड़कें सीधी थीं तथा एक-दूसरी को समकोण पर काटती थीं। वायु चलने पर ये अपने आप साफ़ हो जाती थीं।

प्रश्न 4.
हड़प्पा सभ्यता का विशाल स्नानगृह कहां मिला है?
उत्तर-
हड़प्पा सभ्यता का विशाल स्नानगृह मोहनजोदड़ो में मिला है।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 10 हड़प्पा सभ्यता

प्रश्न 5.
पंजाब में हड़प्पा सभ्यता के किन्हीं चार स्थानों के नाम बताएं।
उत्तर-
पंजाब में हड़प्पा सभ्यता के चार स्थान संघोल, रोहिड़ा, सुनेत तथा कोटला निहंग खां हैं।

प्रश्न 6.
हड़प्पा सभ्यता की नालियों की दो विशेषताएं बताएं।
उत्तर-

  1. हड़प्पा सभ्यता की नालियां भूमिगत थीं।
  2. शहर की नालियों का पानी एक बड़ी नाली द्वारा शहर से बाहर जाता था।

प्रश्न 7.
वर्तमान हरियाणा में हड़प्पा सभ्यता के स्थानों के नाम बताएं।
उत्तर-
(1) बनावली,
(2) राखीगढ़ी,
(3) मिताथल,
(4) कुनाल।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 10 हड़प्पा सभ्यता

प्रश्न 8.
पंजाब में हड़प्पा सभ्यता के स्थानों की खुदाई करने वाले दो पुरातत्ववेताओं के नाम लिखो।
उत्तर-
आर० डी० बैनर्जी तथा दया राम साहनी।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
संसार की आरम्भिक सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारों पर क्यों हुआ?
उत्तर-
संसार की आरम्भिक सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारों पर निम्नलिखित कारणों से हुआ –

  1. नदी घाटियों का निर्माण नदियों द्वारा लाई गई मिट्टी से हुआ था। इसलिए ये बहुत । उपजाऊ थे।
  2. लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी प्राप्त होता था।
  3. यातायात तथा सामान लाने-ले जाने के लिए नदियों का प्रयोग किया जा सकता था।

प्रश्न 2.
संसार की आरम्भिक सभ्यताओं के चार केन्द्र बताओ।
उत्तर-
संसार की आरम्भिक सभ्यताओं के चार केन्द्र ये थे –

  1. नील नदी की घाटी (मिस्र),
  2. दज़ला तथा फ़रात नदियों की घाटी (मैसोपोटामिया),
  3. सिन्धु नदी की घाटी (सिन्धु),
  4. ह्वांग-हो तथा यंगसी-क्यांग नदियों की घाटी (चीन)।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 10 हड़प्पा सभ्यता

प्रश्न 3.
हड़प्पा सभ्यता का विस्तार बताएं।
उत्तर-
हड़प्पा सभ्यता का विस्तार भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भाग में लगभग सिन्धु नदी से लेकर प्राचीन सरस्वती (आधुनिक घग्गर नदी) नदी तक था। इसमें वर्तमान पाकिस्तान, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ भाग तथा दक्षिणी अफगानिस्तान शामिल थे।

प्रश्न 4.
हड़प्पा सभ्यता के मकानों के निर्माण का वर्णन करें।
उत्तर-
हड़प्पा सभ्यता में मकान पकी ईंटों तथा लकड़ी से बनाये जाते थे। मकान के निर्माण में पत्थरों का प्रयोग बहुत कम किया जाता था। बड़े मकानों में अनेक कमरे होते थे जबकि छोटे मकान एक या दो कमरों वाले होते थे। प्रत्येक घर में एक रसोईघर तथा स्नान-गृह होता था। कई बड़े मकान दो-मंजिला भी होते थे तथा इनमें एक आंगन तथा कुआं होता था। मकान की नालियों का निकास बाहर गली की भूमिगत नालियों में होता था।

प्रश्न 5.
हड़प्पा सभ्यता के मुख्य भवनों के बारे में बताएं।
उत्तर-
हड़प्पा सभ्यता के मुख्य भवन निम्नलिखित थे –

1. विशाल स्नानगृह-यह वर्माकार भवन मोहनजोदड़ो में मिला है। ऐसा माना जाता है कि विशेष अवसरों पर लोग स्नान करने के लिए यहां इकट्ठे होते थे।
2. अनाज के गोदाम-ये भवन हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो में मिले हैं।
3. सभा भवन-मोहनजोदड़ो में स्तम्भों वाला एक भवन मिला है। इसका प्रयोग शायद सभा करने के लिए किया जाता था।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 10 हड़प्पा सभ्यता

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
हड़प्पा सभ्यता के लोगों के भोजन, वस्त्रों तथा आभूषणों के बारे में बताएं।
उत्तर-
भोजन-हड़प्पा सभ्यता के लोगों का भोजन सभ्य लोगों जैसा था। वे गेहूं, चावल, सब्जियां, फल तथा दूध का प्रयोग करते थे। कुछ लोग माँस तथा मछली भी ख़ाते थे

वस्त्र-हड़प्पा सभ्यता के लोग सूती तथा ऊनी वस्त्र पहनते थे। खुदाई में पुरुष की एक मूर्ति मिली है जिससे पता चलता है कि लोग धोती की तरह की एक पोशाक र कन्धों पर शाल जैसे वस्त्र का प्रयोग करते थे। स्त्रियों के वस्त्र भी कुछ इसी प्रकार के

आभूषण-हड़प्पा सभ्यता की स्त्रियां तथा पुरुष, दोनों आभूषण पहनने के शौका थे। आभूषण सोने, चाँदी, हाथी दांत तथा तांबे आदि के बनाये जाते थे। मुख्य आभूषणों में हार, बालों के गहने, हाथ के कंगन, अंगूठियां आदि सम्मिलित थीं। स्त्रियों के कुछ विशेष गहने तरागड़ी, नाक के कांटे, बुंदे, पायजेब आदि थे। धनी लोग सोने, चाँदी, हाथी दांत तथा कीमती मोतियों के बने गहने पहनते थे, जबकि निर्धन लोग सिप्पियों, हड्डियों, तांबे तथा पत्थर के आभूषणों का प्रयोग करते थे।

प्रश्न 2.
पंजाब के कौन-से स्थानों से हड़प्पा सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए हैं? किन्हीं चार स्थानों के बारे में विस्तार से लिखें।
उत्तर-
विभिन्न खुदाइयों से पता चलता है कि पंजाब भी हड़प्पा सभ्यता का मुख्य केन्द्र था। यहाँ निम्नलिखित स्थानों से हड़प्पा सभ्यता के अवशेष मिले हैं –

1. संघोल-संघोल एक छोटा-सा गांव है जो लुधियाना-चण्डीगढ़ सड़क पर स्थित है। इसे ‘ऊँचा गांव’ भी कहते हैं। यहां की खुदाइयों से 2000 ई० पूर्व के समय के लोगों की जानकारी प्राप्त हुई है। यहां कुछ मूर्तियां, मिट्टी के बर्तन, माला के मनके तथा तांबे के औज़ार मिले हैं। इन वस्तुओं का सम्बन्ध हड़प्पा सभ्यता से है।

2. रोहिड़ा-रोहिड़ा मण्डी अहमदगढ़ से 6 किलोमीटर दूर है। यहां की खुदाइयों से बर्तन, पकी ईंटें, मिट्टी के खिलौने आदि मिले हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि यहां हड़प्पा संस्कृति तथा रोहिड़ा की अपनी संस्कृति साथ-साथ फलती-फूलती रहीं।

3. सुनेत-सुनेत ज़िला लुधियाना में स्थित है। यहां की खुदाइयों से 1800 ई० पूर्व से 1400 ई० पूर्व तक की सभ्यता की जानकारी मिलती है।

4. रोपड़-यहां की खुदाइयों से मिट्टी के बर्तन तथा माला के मनके मिले हैं। ऐसा लगता है कि यह स्थान हड़प्पा सभ्यता के समय काफ़ी समृद्ध था।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 10 हड़प्पा सभ्यता

हड़प्पा सभ्यता PSEB 6th Class Social Science Notes

  • हड़प्पा सभ्यता के विभिन्न नाम – हड़प्पा सभ्यता को सिन्धु घाटी सभ्यता एवं सिन्धुसरस्वती सभ्यता भी कहा जाता है।
  • हड़प्पा सभ्यता का उदय – हड़प्पा सभ्यता का उदय आज से लगभग सात हज़ार वर्ष पूर्व भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भागों में हुआ था।
  • हड़प्पा सभ्यता की जानकारी – हड़प्पा सभ्यता की जानकारी 1921-1922 ई० में पाकिस्तान के हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो नामक स्थानों पर खुदाई से प्राप्त हुई थी।
  • हड़प्पा सभ्यता की नगर योजना – हड़प्पा सभ्यता की नगर योजना आधुनिक महानगरों के समान सुनियोजित थी।
  • हड़प्पा सभ्यता का सबसे महत्त्वपूर्ण भवन – हड़प्पा सभ्यता का सबसे महत्त्वपूर्ण भवन मोहनजोदड़ो का विशाल स्नानगृह थे।
  • हड़प्पा सभ्यता के लोगों के प्रमुख खाद्य पदार्थ – हड़प्पा सभ्यता के लोगों के प्रमुख खाद्य पदार्थ गेहूँ, ज्वार, चावल, दालें, फल, सब्जियां तथा दूध थे।
  • हड़प्पा सभ्यता के लोगों के वस्त्र – हड़प्पा सभ्यता के लोग ऊनी व सूती, दोनों प्रकार के वस्त्र पहनते थे।
  • हड़प्पा सभ्यता के लोगों के मनोरंजन के प्रमुख साधन – हड़प्पा सभ्यता के लोगों के मनोरंजन के प्रमुख साधन नृत्य, जुआ खेलना, चौपड़, शिकार तथा दौड़ इत्यादि थे।
  • हड़प्पा सभ्यता के लोगों के प्रमुख व्यवसाय – कृषि तथा पशुपालन हड़प्पा सभ्यता के लोगों के प्रमुख व्यवसाय थे।
  • हड़प्पा सभ्यता के लोगों के विदेशी व्यापार के मार्ग – हड़प्पा सभ्यता के लोग दूसरे देशों के साथ जल व स्थल, दोनों मार्गों द्वारा व्यापार करते थे।
  • हड़प्पा सभ्यता के लोगों के देवीदेवता – हड़प्पा सभ्यता के लोग मातृदेवी, पशुपति (भगवान् शिव), बैल तथा पीपल की उपासना करते थे।
  • हड़प्पा सभ्यता का पतन – हड़प्पा सभ्यता का पतन लगभग 1500 ई० पू० में हुआ।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 9 आदि-मानव – पाषाण युग

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions History Chapter 9 आदि-मानव – पाषाण युग Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 9 आदि-मानव – पाषाण युग

SST Guide for Class 6 PSEB आदि-मानव – पाषाण युग Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित के संक्षिप्त उत्तर लिखें

प्रश्न 1.
पुरा-पाषाण युग के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
पुरा-पाषाण युग उस युग को कहा जाता है जब मनुष्य एक शिकारी तथा संग्राहक था। इस युग में मनुष्य का जीवन प्राकृतिक वस्तुओं पर निर्भर था। उसे आग का कोई ज्ञान नहीं था, इसलिए वह जंगली कन्द-मूल तथा जानवरों का कच्चा मांस खाता था। जंगली जानवरों से अपनी रक्षा के लिए वह समूह बनाकर रहता था। वह रात को वृक्षों पर अथवा गुफ़ाओं में रहता था। वह आम तौर पर वस्त्रहीन रहता था, परन्तु कभी-कभी अपने शरीर को बहुत अधिक सर्दी तथा गर्मी से बचाने के लिए जानवरों की खालों, वृक्षों के पत्तों तथा छिलकों से ढक लेता था। जानवरों के शिकार के लिए वह पत्थर से बने हथियारों अथवा वृक्षों की शाखाओं का प्रयोग करता था।

प्रश्न 2.
नव-पाषाण युग के पाँच महत्त्वपूर्ण लक्षण बतायें।
उत्तर-
पाषाण युग के तीसरे तथा अन्तिम युग को ‘नव-पाषाण युग’ कहा जाता है। इस युग के पाँच महत्त्वपूर्ण लक्षण निम्नलिखित थे –

  1. मानव एक स्थान पर टिक कर रहने लगा था। उसने अनाज उगाना तथा भोजन पकाना आरम्भ कर दिया था।
  2. मानव के औज़ार पहले से अधिक तेज़ तथा हल्के थे जिसके कारण उसकी काम करने की क्षमता बढ़ गई थी।
  3. मानव ने भोजन पकाने तथा रखने के लिए पकी मिट्टी के बर्तन बनाने सीख लिए थे।
  4. मानव ने गुफ़ाओं की दीवारों पर चित्र बनाकर अपनी कला का प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था।
  5. मानव कीमती पत्थरों, पकी मिट्टी तथा हाथी दांत आदि के मनके बनाकर उन्हें आभूषणों के रूप में प्रयोग करने लगा था।

प्रश्न 3.
मध्य-पाषाण युग के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
मध्य-पाषाण युग का आरम्भ पुरा-पाषाण युग के पश्चात् हुआ। इस युग में मानव के जीवन स्तर में कुछ सुधार हुआ। उसने कई नई चीजें सीखीं। उसने टूटे हुए पत्थर के टुकड़ों के स्थान पर नुकीले तथा तराशे हुए पत्थर के हथियार जैसे कि कुल्हाड़ी, भाले, गंडासे आदि बनाने आरम्भ कर दिए। वह इन औज़ारों तथा हथियारों को लकड़ी की एक लम्बी छड़ से बांध कर प्रयोग में लाने लगा। उसे इस बात का भी पता चल गया कि अनाज को काफ़ी समय तक इकट्ठा करके रखा जा सकता है। इसलिए उसने अनाज को इकट्ठा करना शुरू कर दिया। वह गुफ़ाओं के अतिरिक्त लकड़ी, बांस तथा पत्तों की झोंपड़ियां भी बनाने लगा था। फलस्वरूप मनुष्य गांव बनाकर स्थायी रूप से रहने लगा।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 9 आदि-मानव – पाषाण युग

प्रश्न 4.
पहिये के आविष्कार ने मानव की क्या सहायता की?
उत्तर-
मानव के विकास में पहिये के आविष्कार का बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। इस आविष्कार के कारण मानव ने बड़ी तेजी से उन्नति की। इस आविष्कार ने मानव जीवन को कई प्रकार से आसान बना दिया।

  1. पहिये का प्रयोग जानवरों द्वारा खींची जाने वाली गाड़ियों में होने लगा। परिणामस्वरूप मानव के लिए यात्रा करना तथा सामान ढोना आसान हो गया।
  2. पहिये ने पानी खींचने में मानव की सहायता की।
  3. मानव ने पहिये की सहायता से मिट्टी के बर्तन बनाने आरम्भ कर दिए।

प्रश्न 5.
गुहा-चित्रों के बारे में एक नोट लिखें।
उत्तर-
गुहा-चित्रों से अभिप्राय गुफा-चित्रों से है। आदि-मानव गुफ़ाओं तथा पत्थर के विश्राम-गृहों में रहते समय इनकी दीवारों पर नुकीले पत्थरों तथा रंगों की सहायता से मानवों, जानवरों तथा शिकार के चित्र बनाता था। ये चित्र आमतौर पर रेखा-चित्र होते थे परन्तु कई बार वह इनमें रंग भी भरता था। ऐसे चित्र भारत के अनेक भागों तथा संसार में कई स्थानों पर प्राप्त हुए हैं। भारत में मध्य प्रदेश में भोपाल के निकट भीमबैठका के गुहा-चित्र देखने योग्य हैं, जिनमें मानवों को नाचते हुए दिखाया गया है। इससे पता चलता है कि पाषाण युग में नृत्य मनोरंजन का एक साधन था तथा लोग समूहों में नाचते-गाते थे।

II. सही जोड़े बनायें

  1. पेलियोलिथिक एज – (क) गुहा मानव
  2. मेसोलिथिक एज – (ख) गुहा-चित्र
  3. भीमबैठका – (ग) प्राचीन पाषाण युग
  4. शिकारी-खाद्य संग्रहक – (घ) मध्य पाषाण युग।

उत्तर-सही जोड़े

  1. पेलियोलिथिक एज – गुहा मानव
  2. मेसोलिथिक एज – मध्य पाषाण युग
  3. भीमबैठका – गुहा-चित्र
  4. शिकारी-खाद्य संग्रहक – प्राचीन पाषाण युग।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 9 आदि-मानव – पाषाण युग

III. सही (✓) अथवा ग़लत (✗) का निशान लगायें

  1. पुरा-पाषाण युग में मानव कृषि के लिए हल चलाता था।
  2. अग्नि का आविष्कार एक वैज्ञानिक ने किया।
  3. पाषाण युग के गुहा-चित्र अनेक स्थानों से मिले हैं।
  4. नव पाषाण युग का अर्थ आधुनिक समय है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✗)
  3. (✓)
  4. (✗)

PSEB 6th Class Social Science Guide आदि-मानव – पाषाण युग Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
एक ऐसा युग था जब मानव जानवरों का शिकार करता था और कच्चा मांस खाता था। क्या आप उस युग का नाम बता सकते हैं?
उत्तर-
पुरा पाषाण युग।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 9 आदि-मानव – पाषाण युग

प्रश्न 2.
मानव ने मनके बनाने के लिए सर्वप्रथम किस चीज़ का प्रयोग किया?
उत्तर-
कीमती पत्थर।

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
दर्शाए गए चित्र में आदि मनुष्य मिट्टी के बर्तन बना रहा है। इस के लिए वह किस चीज़ का प्रयोग करता था?
PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 8 आदि-मानव – पाषाण युग 1
(क) चाक अथवा पहिया
(ख) नुकीले पत्थर
(ग) तांबे का सांचा
उत्तर-
(क) चाक अथवा पहिया

प्रश्न 2.
आदि-मानव ने अग्नि का प्रयोग किस काम में नहीं किया?
(क) धातु पिघलाना
(ख) भोजन पकाना
(ग) मिट्टी के बर्तन पकाना।
उत्तर-(क) धातु पिघलाना

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 9 आदि-मानव – पाषाण युग

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पुरा-पाषाण युग को अंग्रेज़ी में क्या कहते हैं? यूनानी भाषा में इसका क्या अर्थ है?
उत्तर-
पुरा-पाषाण युग को अंग्रेज़ी में ‘पेलियोलिथिक पीरियड’ कहते हैं। यूनानी भाषा में इसका अर्थ ‘पुराना पत्थर’ है।

प्रश्न 2.
पुरा-पाषाण युग में आदि-मानव के कौन-कौन से औज़ार तथा हथियार थे? मानव इनका प्रयोग किस लिए करता था?
उत्तर-
पुरा-पाषाण युग में पत्थर की बनी कुल्हाड़ियां, भाले तथा गंडासे आदि-मानव के औज़ार तथा हथियार थे। मानव इनका प्रयोग शिकार करने के लिए करता है।

प्रश्न 3.
पाषाण युग का यह नाम क्यों पड़ा?
उत्तर-
इस युग में पत्थर के औज़ारों और हथियारों का प्रयोग होता था। पत्थर के कारण ही इस युग का नाम पाषाण (पत्थर) युग पड़ा।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 9 आदि-मानव – पाषाण युग

प्रश्न 4.
पुरा-पाषाण युग का आरम्भ कब हुआ?
उत्तर-
पुरा-पाषाण युग का आरम्भ लगभग 5 लाख वर्ष से अढ़ाई लाख वर्ष के मध्य में हुआ।

प्रश्न 5.
आग का आविष्कार कब हुआ?
उत्तर-
आग का आविष्कार पुरा-पाषाण युग के अन्तिम चरण में हुआ।

प्रश्न 6.
बुद्धिधारी मानव का जन्म कब हुआ?
उत्तर-
बुद्धिधारी मानव का जन्म पुरा-पाषाण युग के अन्तिम चरण में हुआ।

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प्रश्न 7.
भोजन इकट्ठा करने की अवस्था से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
भोजन इकट्ठा करने की अवस्था वह समय था जब मानव को कृषि का कोई ज्ञान नहीं था। वह कन्द-मूल, फल आदि इकट्ठे करके उन्हें भोजन के रूप में प्रयोग करता था। वह भोजन की तलाश में स्थान-स्थान पर घूमता रहता था।

प्रश्न 8.
नव-पाषाण युग का आरम्भ कब हुआ?
उत्तर-
नव-पाषाण युग का आरम्भ लगभग 10,000 वर्ष से 12,000 वर्ष पूर्व हुआ।

प्रश्न 9.
नव-पाषाण काल का मुख्य आविष्कार क्या था?
उत्तर-
नव-पाषाण काल का मुख्य आविष्कार पहिया था। इस आविष्कार से मानव के जीवन में क्रान्तिकारी परिवर्तन आया।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 9 आदि-मानव – पाषाण युग

प्रश्न 10.
पहिए के आविष्कार के दो लाभ बताएं।
उत्तर-
पहिए के आविष्कार से मिट्टी के बर्तन बनाने तथा यातायात के साधनों में तेजी से परिवर्तन आया।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आग के आविष्कार ने मनुष्य की किस प्रकार सहायता की?
उत्तर-
आग के आविष्कार ने मनुष्य की बहुत सहायता की। अब मनुष्य ने आग जलाकर भोजन पकाना आरम्भ कर दिया। मनुष्य अपने आपको सर्दियों में गर्म रखने, अपनी गुफाओं तथा विश्राम-गृहों में रात को रोशनी करने तथा जंगली जानवरों से अपनी रक्षा करने के लिए आग का प्रयोग करने लगा था।

प्रश्न 2.
पूर्व ऐतिहासिक काल की जानकारी हमें किससे मिलती है?
उत्तर-
पूर्व ऐतिहासिक काल की जानकारी हमें उन स्थानों की खुदाइयों से प्राप्त । पुरातत्व वस्तुओं से मिलती है जहां उस समय के मानव रहते थे। इन वस्तुओं में मानवों तथा जानवरों की हड्डियां, पुराने औजार तथा हथियार और दैनिक उपयोग की वस्तुएं शामिल हैं।

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प्रश्न 3.
कृषि का आरम्भ किस प्रकार हुआ?
उत्तर-
आदि-मानव अनाज के जो दाने भूमि पर फेंक देता था, उनमें से नए पौधे उत्पन्न होते थे तथा बहुत-सा अनाज प्राप्त होता था। इस प्रकार आदि-मानव ने यह सीखने का प्रयत्न किया कि शीघ्र तथा बढ़िया पैदावार के लिए मिट्टी में बीजों को कब बोना चाहिए तथा कृषि के लिए भूमि को किस प्रकार तैयार करना चाहिए। इससे कृषि का आरंभ हुआ।

प्रश्न 4.
कृषि के आविष्कार का मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
कृषि के आविष्कार ने मानव जीवन पर गहरा प्रभाव डाला। अब मनुष्य को भोजन की खोज के लिए इधर-उधर घूमने की ज़रूरत नहीं थी। उसका खानाबदोश जीवन समाप्त हो गया तथा वह एक स्थान पर टिक कर रहने लगा।

प्रश्न 5.
आदि-मानव के वस्त्रों तथा आभूषणों के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
आदि-मानव अपने आपको सर्दी तथा वर्षा आदि से बचाने के लिए जानवरों की खालों तथा वृक्षों की छाल तथा पत्तों से अपने शरीर को ढकता था। पुरुष तथा स्त्रियां दोनों ही आभूषणों का प्रयोग करते थे। ये आभूषण कीमती पत्थरों, पकी मिट्टी तथा हाथी दांत आदि के बने मनके होते थे। लोग ऐसे आभूषण स्वयं बनाते थे।

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निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
आदि-मानव के जीवन के बारे में लिखो।
उत्तर-
आदि-मानव का जीवन बहुत कठोर था। उसके जीवन की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित थीं –
1. खानाबदोश जीवन-वह खानाबदोश था और नग्न रहता था। अपने भोजन की तलाश में वह एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमता रहता था।

2. भोजन-अपनी भूख मिटाने के लिए मानव जंगलों से प्राप्त कन्द-मूल, फल अथवा जानवरों का मांस खाता था। जब एक स्थान पर फल तथा जानवर समाप्त हो जाते थे तो वह उस स्थान को छोड़कर दूसरे स्थान पर चला जाता था। उसे कृषि का कोई ज्ञान नहीं था। वह आग जलाना भी नहीं जानता था। इसलिए वह जानवरों के मांस को कच्चा ही खाता था। अपनी प्यास बुझाने के लिए वह नदियों के किनारे रहना पसन्द करता था।

प्रश्न 2.
नव-पाषाण युग के मानव की भोजन पैदा करने की अवस्था की जानकारी दें।
उत्तर-
नव-पाषाण युग के आरम्भ में मानव भोजन इकट्ठा करने की अवस्था से भोजन पैदा करने की अवस्था में आ गया। अन्य शब्दों में, मानव कृषि करना सीख गया। कृषि के आरम्भ से मानव का जीवन सरल और सभ्य हो गया। उसने अनाज, सब्जियां तथा फल पैदा करने आरम्भ कर दिए। कृषि करने के लिए उसने अपने औज़ारों तथा हथियारों में भी परिवर्तन किए। सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए उसने नदियों के किनारे कृषि करना आरम्भ किया। वह मुख्य रूप से गेहूं, चावल तथा जौ उगाता था।
कृषि के कार्य में मानव का परिवार भी उसकी सहायता करता था। इस कार्य में स्त्रियों का बहुत योगदान था।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 9 आदि-मानव – पाषाण युग

प्रश्न 3.
नव-पाषाण युग के मानव के रहन-सहन की जानकारी दें।
उत्तर-
नव-पाषाण युग के आरम्भ होने तक मानव के जीवन तथा रहन-सहन के ढंग में बहुत-से परिवर्तन आ गए। आग की खोज, नए औज़ारों के प्रयोग, पशुपालन तथा कृषि के आरम्भ ने मानव के जीवन को सभ्य बना दिया।

1. स्थिर जीवन-कृषि ने मानव के जीवन में स्थिरता पैदा कर दी। भोजन पैदा करने
अवस्था में पहुंचकर मानव सांस्कृतिक विकास के मार्ग पर अग्रसर हुआ। कृषि ने उसकी भोजन की आवश्यकता को पूरा किया। इसलिए अब उसे भोजन की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमना नहीं पड़ता था। पशुपालन के व्यवसाय के विकास से मानव प्रगति के मार्ग पर चल पड़ा।

2. समाज का निर्माण तथा सहयोग-नव-पाषाण युग में जो लोग कृषि नहीं करते थे, वे कृषकों पर निर्भर थे। इसी प्रकार कृषक अपनी अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बढ़ई तथा कुम्हारों पर निर्भर रहते थे। इस प्रकार समाज का निर्माण हुआ तथा सहयोग की भावना का जन्म हुआ।

3. श्रम-विभाजन-विभिन्न व्यवसाय अपनाने से श्रम का विभाजन हुआ तथा धीरेधीरे कार्यों में निपुणता भी आ गई। परिणामस्वरूप व्यवस्थित जीवन का आरम्भ हुआ।

आदि-मानव – पाषाण युग PSEB 6th Class Social Science Notes

  • पृथ्वी पर मानव जीवन का आरंभ – पृथ्वी पर मानव जीवन लगभग 40 लाख वर्ष पूर्व आरंभ हुआ।
  • प्रारम्भिक मानव का रहन-सहन – आरम्भ में मानव का रहन-सहन पशुओं जैसा था।
  • शिकारी-संग्राहक – पुरा-पाषाण युग के आदि-मानव को शिकारी संग्राहक के नाम से जाना जाता है।
  • पाषाण युग – पाषाण युग उस काल को कहा जाता है जब मानव पत्थर के औज़ारों तथा हथियारों का प्रयोग करता था।
  • पाषाण युग का विभाजन – पाषाण युग को पुरा-पाषाण युग, मध्य-पाषाण युग तथा नव-पाषाण युग, तीन भागों में बांटा जाता है।
  • आग की खोज – आग की खोज शायद दो पत्थरों को आपस में रगड़ने से हुई थी।
  • प्रारम्भिक पहिया – प्रारम्भ में मानव लकड़ी के गोल गट्ठों का पहिए के रूप में उपयोग करता था।
  • स्थायी मानव जीवन का आरम्भ – कृषि की खोज के पश्चात् स्थायी मानव जीवन का आरम्भ हुआ।
  • पाषाण-चित्र – आदि मानव गुफ़ाओं तथा विश्राम-स्थलों की दीवारों पर चित्र बनाया करता था। इन्हें पाषाण– चित्र कहते हैं। ऐसे चित्र भोपाल के निकट भीमबैठका में मिले हैं।
  • आदि-मानव के आभूषण – आदि-मानव पत्थरों, पकी मिट्टी तथा हाथी दांत इत्यादि से बने मनकों का आभूषणों के रूप में प्रयोग करता था।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 8 प्राचीन इतिहास का अध्ययन – स्त्रोत

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions History Chapter 8 प्राचीन इतिहास का अध्ययन – स्त्रोत Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 8 प्राचीन इतिहास का अध्ययन – स्त्रोत

SST Guide for Class 6 PSEB प्राचीन इतिहास का अध्ययन – स्त्रोत Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो

प्रश्न 1.
पूर्व-इतिहास तथा इतिहास में क्या अन्तर है?
उत्तर-

  1. पूर्व इतिहास-मानव जीवन के जिस काल का कोई लिखित विवरण प्राप्त नहीं है, उसे पूर्व-इतिहास कहते हैं।
  2. इतिहास- इतिहास से भाव मानव जीवन के उस काल से है जिसका लिखित विवरण मिलता है।

प्रश्न 2.
वैदिक साहित्य के कौन-कौन से ग्रन्थ मिलते हैं?
उत्तर-
वैदिक साहित्य के निम्नलिखित ग्रन्थ मिलते हैं –

  1. वेद,
  2. ब्राह्मण ग्रन्थ,
  3. आरण्यक,
  4. उपनिषद्,
  5. सूत्र,
  6. महाकाव्य, (रामायण तथा महाभारत),
  7. पुराण।

प्रश्न 3.
अभिलेख (शिलालेख) हमें इतिहास जानने में किस प्रकार सहायता करते हैं?
उत्तर-
अभिलेख उन लेखों को कहते हैं जो पत्थर के स्तम्भों, चट्टानों, तांबे की प्लेटों, मिट्टी की तख्तियों तथा मन्दिर की दीवारों पर प्रचलित संकेतों अथवा अक्षरों में खुदे हुए होते हैं। ये इतिहास जानने में हमारी बहुत सहायता करते हैं। इनमें उस समय की महत्त्वपूर्ण घटनाओं का वर्णन किया गया है, जिस समय में ये लिखे गए थे। सम्राट अशोक के अभिलेख उसके धर्म तथा राज्य के विस्तार के बारे में बताते हैं। समुद्रगुप्त तथा स्कन्दगुप्त के.अभिलेखों से उनकी उपलब्धियों के बारे में पता चलता है। ताम्र-पत्रों से प्राचीन काल में भूमि को ख़रीदने-बेचने तथा भूमि दान करने की व्यवस्था का पता चलता है।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 7 प्राचीन इतिहास का अध्ययन – स्त्रोत

प्रश्न 4.
इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
पुरातन इमारतों, बर्तनों, दैनिक उपयोग की वस्तुओं, सिक्कों तथा प्राचीन अभिलेखों को इतिहास के पुरातात्विक स्रोत कहा जाता है।

प्रश्न 5.
महाकाव्य स्रोत के रूप में हमारी सहायता कैसे करते हैं?
उत्तर-
रामायण तथा महाभारत नामक दो महाकाव्य वैदिक काल में लिखे गए थे। इन महाकाव्यों से हमें प्राचीन भारतीय इतिहास विशेष तौर पर आर्यों के आगमन के पश्चात् प्राचीन भारत की सामाजिक, धार्मिक तथा सांस्कृतिक स्थिति के बारे में पता चलता है।

प्रश्न 6.
इतिहास के साहित्यिक स्रोतों पर एक संक्षिप्त नोट लिखें।
उत्तर-
इतिहास के साहित्यिक स्रोतों में वेद, ब्राह्मण ग्रन्थ, आरण्यक, उपनिषद्, सूत्र, महाकाव्य, पुराण, बौद्ध तथा जैन ग्रन्थ आदि शामिल हैं। ये ग्रन्थ हमें धर्म के अलावा उस समय की घटनाओं तथा समाज के बारे में जानकारी देते हैं जिस समय ये लिखे गए थे। प्राचीन काल के नियमों तथा कानूनों से सम्बन्धित पुस्तकों, जिन्हें ‘धार्मिक शास्त्र’ कहा जाता है, की भी रचना हुई। मनुस्मृति ऐसी पुस्तकों में से मुख्य है। कौटिल्य ने शासन प्रबन्ध के बारे में ‘अर्थशास्त्र’ नामक ग्रन्थ लिखा। भास तथा कालिदास आदि विद्वानों द्वारा बहुतसे नाटक लिखे गए। बहुत-सी कहानियां भी लिखी गईं। इनके अतिरिक्त आर्यभट्ट तथा वराहमिहिर आदि वैज्ञानिकों ने अपनी खोजों के बारे में पुस्तकें लिखीं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 8 प्राचीन इतिहास का अध्ययन – स्त्रोत

प्रश्न 7.
स्मारकों के अध्ययन से हमें क्या जानकारी मिलती है?
उत्तर-
सैंकड़ों वर्ष पहले बने स्तम्भों, किलों तथा महलों आदि को स्मारक कहते हैं। स्मारकों के अध्ययन से हमें महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक जानकारी मिलती है। इनसे हमें पता चलता है कि प्राचीन भारत में लोगों का सांस्कृतिक जीवन कैसा था।

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

  1. इतिहास ………… का अध्ययन है।
  2. इतिहास ……….. के लिए अतीत का अध्ययन है।
  3. कौटिल्य द्वारा ………….. नाम की पुस्तक लिखी गई।
  4. पुस्तकें, साहित्यिक स्रोत, प्राचीन खण्डहर तथा वस्तुएं ……. स्रोत कहलाती हैं।

उत्तर-

  1. अतीत
  2. भविष्य
  3. अर्थशास्त्र
  4. इतिहास के।

III. निम्नलिखित के सही जोड़े बनायें

(1) आर्यभट्ट – (क) महाकाव्य
(2) रामायण – (ख) वेद
(3) सामवेद – (ग) कौटिल्य
(4) अर्थशास्त्र – (घ) वैज्ञानिक।
उत्तर-
सही जोड़े
(1) आर्यभट्ट – (घ) वैज्ञानिक
(2) रामायण – (क) महाकाव्य
(3) सामवेद – (ख) वेद
(4) अर्थशास्त्र – (ग) कौटिल्य।

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IV. सही (✓) अथवा ग़लत (✗) का निशान लगायें

  1. मनुस्मृति धर्मशास्त्र ग्रन्थ है।
  2. आरण्यक वैदिक साहित्य का भाग नहीं हैं।
  3. सिक्के इतिहास का स्रोत नहीं हैं।
  4. अशोक ने अपना सन्देश पाषाण-स्तम्भों (पत्थरों के स्तम्भों) पर खुदवाया।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✗)
  4. (✓)

PSEB 6th Class Social Science Guide प्राचीन इतिहास का अध्ययन – स्त्रोत Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
किन्हीं दो प्राचीन भारतीय स्मारकों के नाम बताइए जिनके अवशेष ऐतिहासिक जानकारी जुटाते हैं।
उत्तर-
अशोक के स्तम्भ, नालंदा विश्वविद्यालय।

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प्रश्न 2.
‘इपिग्राफी’ क्या होती है?
उत्तर-
अभिलेखों के अध्ययन को ‘इपिग्राफी’ कहते हैं।

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों में निम्न में से क्या शामिल नहीं है?
(क) सिक्के
(ख) धार्मिक पुस्तकें
(ग) प्राचीन इमारतें।
उत्तर-
(ख) धार्मिक पुस्तकें

प्रश्न 2.
नीचे दर्शाया चित्र ‘सांची का स्तूप’ किस प्रकार का ऐतिहासिक स्त्रोत है?
PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 7 प्राचीन इतिहास का अध्ययन – स्त्रोत 1
(क) साहित्यिक
(ख) सामाजिक
(ग) पुरातात्विक
उत्तर-
(ग) पुरातात्विक

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प्रश्न 3.
निम्न में कौन से वैज्ञानिकों ने अपने आविष्कारों के बारे में पुस्तकें लिखी जो इतिहास लेखन में सहायता करती हैं?
(क) आर्यभट्ट तथा वराहमिहिर
(ख) कौटिल्य तथा कालिदास
(ग) समुद्रगुप्त तथा स्कंदगुप्त।
उत्तर-
(क) आर्यभट्ट तथा वराहमिहिर

प्रश्न 4.
निम्न में से किस प्राचीन राजा का उसके कार्यों के बारे में अभिलेख मिलता है?
(क) समुद्रगुप्त
(ख) अशोक
(ग) उपरोक्त दोनों।
उत्तर-
(ग) उपरोक्त दोनों।

अति लघ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
इतिहास के चार साहित्यिक स्रोतों के नाम लिखें।
उत्तर-
(1) वेद,
(2) ब्राह्मण ग्रंथ,
(3) उपनिषद्,
(4) महाकाव्य।

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प्रश्न 2.
किसी एक प्राचीन धर्मशास्त्र ग्रंथ का नाम लिखें।
उत्तर-
मनुस्मृति।

प्रश्न 3.
धर्मशास्त्र क्या है?
उत्तर-
प्राचीन काल के नियमों तथा कानूनों से सम्बन्धित पुस्तकों को धर्मशास्त्र कहा जाता है।

प्रश्न 4.
कहानी लेखन का आरम्भ कहां हुआ?
उत्तर-
भारत में।

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प्रश्न 5.
आर्यभट्ट तथा वराहमिहिर आदि वैज्ञानिकों की पुस्तकों से क्या पता चलता है?
उत्तर-
आर्यभट्ट तथा वराहमिहिर आदि वैज्ञानिकों की पुस्तकों से पता चलता है कि प्राचीन काल में विज्ञान तथा गणित के क्षेत्र में भारत अन्य देशों की तुलना में बहुत आगे था।

प्रश्न 6.
रामायण तथा महाभारत के लेखकों के नाम लिखें।
उत्तर-
रामायण के लेखक महाऋषि वाल्मीकि तथा महाभारत के लेखक महाऋषि वेद व्यास हैं।

प्रश्न 7.
चार पुरातत्त्व स्रोत कौन-से हैं?
उत्तर-

  1. प्राचीन भवन,
  2. प्राचीन अभिलेख,
  3. प्राचीन सिक्के,
  4. प्राचीन वस्तुएं।

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प्रश्न 8.
प्राचीन काल में ताम्रपत्रों का प्रयोग किस लिए किया जाता था? .
उत्तर-
प्राचीन काल में ताम्रपत्रों का प्रयोग भूमि को ख़रीदने व बेचने तथा भूमि-दान के दस्तावेज बनाने के लिए किया जाता था।

प्रश्न 9.
सम्राट अशोक कौन था?
उत्तर-
सम्राट अशोक मौर्य वंश का सबसे महान् शासक था।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
इतिहास के अध्ययन से हमें क्या पता चलता है?
उत्तर-
इतिहास के अध्ययन से हमें पता चलता है कि आरम्भ में मनुष्य कैसे रहता था तथा किस प्रकार समय के साथ-साथ सभ्यताओं का विकास हुआ।

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प्रश्न 2.
इतिहास के अध्ययन का हमारे भविष्य से क्या संबंध है?
उत्तर-
इतिहास को अच्छे भविष्य के लिए अतीत का अध्ययन कहा जाता है। यदि हम भविष्य में एक मज़बूत तथा आदर्श समाज की स्थापना करना चाहते हैं तो हमारे लिए यह जानना बहुत ज़रूरी है कि हम वर्तमान स्थिति तक किस प्रकार पहुंचे हैं। इस सब का ज्ञान इतिहास के अध्ययन से ही प्राप्त हो सकता है।

प्रश्न 3.
रामायण तथा महाभारत के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
रामायण तथा महाभारत दो महत्त्वपूर्ण महाकाव्य हैं जो प्रारम्भिक वैदिक काल में लिखे गए थे। रामायण के लेखक महाऋषि वाल्मीकि हैं तथा इसमें 24000 श्लोक हैं। महाभारत कई शताब्दियों में भिन्न-भिन्न लेखकों द्वारा विस्तार में लिखी गई रचनाओं का समूह है। परन्तु आम विचार है कि इसके लेखक महाऋषि वेद व्यास हैं।

प्रश्न 4.
इतिहास के अध्ययन में प्राचीन सिक्कों का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
प्राचीन काल के सिक्के कली, तांबे, कांसे, चांदी तथा सोने आदि के बने हुए हैं। इन पर राजाओं के चित्र, जानवरों के चित्र, धार्मिक चिन्ह, सिक्के जारी करने वालों के नाम तथा तिथियां आदि लिखी हुई हैं। इनसे हमें प्राचीन राजाओं, उनके वंशों, प्राचीन काल के धार्मिक विश्वासों तथा लोगों के आर्थिक जीवन आदि के बारे में जानकारी महत्त्वपूर्ण होती है।

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प्रश्न 5.
सम्राट अशोक ने अपना सन्देश साधारण लोगों तक पहुंचाने के लिए क्या । किया?
उत्तर-
सम्राट अशोक ने अपना सन्देश साधारण लोगों तक पहुंचाने के लिए उसे चट्टानों तथा पत्थर के विशाल स्तम्भों पर खुदवाया ताकि लोग उसे पढ़ सकें। अनपढ़ लोगों को इसे समय-समय पढ़ कर सुनाया भी जाता था।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न-
इतिहास के अध्ययन के स्रोत के रूप में अभिलेखों का महत्त्व बताएं।
उत्तर-
इतिहास के अध्ययन के स्रोत के रूप में अभिलेखों का बहुत महत्त्व है। प्राचीन काल में पत्थरों के स्तम्भों, मिट्टी की तख़्तियों, तांबे की प्लेटों तथा मन्दिरों की दीवारों पर अभिलेख लिखे जाते थे। इन अभिलेखों से उस काल की महत्त्वपूर्ण घटनाओं का पता चलता है, जिस काल में ये लिखे गए थे।

1. अशोक ने मानवता के कल्याण के लिए अपना सन्देश चट्टानों तथा पत्थर के बड़ेबड़े स्तम्भों पर खुदवाकर सम्पूर्ण देश में फैला दिया ताकि लोग उसके विचारों को पढ़कर उन पर चल सकें। इन अभिलेखों से अशोक के धर्म तथा राज्य-विस्तार का पता चलता है।

2. अन्य कई राजाओं ने भी अपनी उपलब्धियों तथा विजयों को पत्थर के स्तम्भों पर खुदवाया। समुद्रगुप्त की उपलब्धियों का वर्णन उसके राज्य कवि हरिषेन ने इलाहाबाद में स्थित स्तम्भ-लेख में किया है।

3. दिल्ली में कुतुबमीनार के समीप स्थित लौह-स्तम्भ पर लिखित अभिलेख में चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य की उपलब्धियों का वर्णन है।

4. प्राचीन काल में भूमि को ख़रीदने-बेचने तथा भूमि को दान करने के लिए तांबे की प्लेटों का प्रयोग किया जाता था, जिन्हें ताम्र-पत्र कहते हैं। ताम्र-पत्र महत्त्वपूर्ण सरकारी दस्तावेज़ हैं।

5. मिट्टी की तख़्तियों तथा मन्दिरों की दीवारों पर लिखित अभिलेखों से महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक जानकारी प्राप्त होती है।

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प्राचीन इतिहास का अध्ययन – स्त्रोत PSEB 6th Class Social Science Notes

  • हेसटोरिया – ‘हेसटोरिया’ यूनानी भाषा का शब्द है जिससे इतिहास शब्द की उत्पत्ति हुई है।
  • हैरोडोटस – हैरोडोटस को इतिहास का पितामह कहा जाता है।
  • इतिहास – इतिहास अतीत का अध्ययन है। यह हमें बताता है कि आरंभ में मनुष्य किस प्रकार रहता था और किस प्रकार समय के साथ-साथ सभ्यता का विकास हुआ।
  • इतिहास के स्त्रोत – वे तथ्य जो मानव की कहानी जानने में सहायता करते हैं, इतिहास के स्रोत कहलाते हैं।
  • धर्म शास्त्र – प्राचीन काल के नियमों तथा कानूनों से सम्बन्धित पुस्तकों को धर्म शास्त्र कहा जाता है।
  • कहानी लेखन का आरम्भ – कहानी लेखन का आरम्भ सबसे पहले भारत में हुआ था।
  • पुरातत्त्ववेता – जो व्यक्ति प्राचीन इमारतों, वस्तुओं, सिक्कों तथा अभिलेखों का अध्ययन करता है, उसे पुरातत्त्ववेता कहते हैं।
  • सिक्कों की विद्या न्यूमिसम्टोलोजी – सिक्कों के अध्ययन को सिक्कों की विद्या कहते हैं।
  • इपिग्राफी – अभिलेखों के अध्ययन को इपिग्राफी कहा जाता है।
  • ताम्र-पत्र – प्राचीन काल में ताम्र-पत्रों का प्रयोग भूमि को ख़रीदने, बेचने तथा भूमि दान करने के लिए किया जाता था।

PSEB 6th Class Agriculture Objective Questions and Answers

Punjab State Board PSEB 6th Class Agriculture Book Solutions Agriculture Objective Questions and Answers.

PSEB 6th Class Agriculture Objective Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

पंजाब में कृषि-एक झलक

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पंजाब में कितने क्षेत्रफल में कृषि होती है ?
(i) 40 लाख हैक्टेयर
(ii) 14.34 लाख हैक्टेयर
(iii) 100 लाख हैक्टेयर
(iv)64.43 लाख हैक्टेयर।
उत्तर-
(i) 40 लाख हैक्टेयर।

प्रश्न 2.
सफेद क्रांति का संबंध किससे है ?
(i) मछली पालन
(ii) फसलों से
(iii) दूध पैदावार
(iv)धान से।
उत्तर-
(iii) दूध पैदावार।

रिक्त स्थान भरें-

  1. पंजाब में …………. प्रतिशत क्षेत्र सिंचाई के अधीन है।
  2. पंजाब दूध की पैदावार में …… स्थान पर है।
  3. …………… सहकारी संस्था गांव में से दूध ले लेती है।

उत्तर-

  1. 98
  2. चौथे
  3. मिल्कफेड।

गलत/ठीक –

  1. 1980 में कृषि वृद्धि दर 4.6% थी।
  2. पराली को आग लगाने से मिट्टी के उपजाऊ तत्त्व भी जल जाते हैं।
  3. पंजाब में 50% से अधिक क्षेत्रफल में पानी का स्तर 20 मीटर से गहरा हो गया है।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✓)।

भूमि

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
डाकर भूमि को ……… भूमि भी कहा जाता है।
(i) भारी
(ii) हल्की
(iii) काली
(iv) रेतली।
उत्तर-
(i) भारी।

प्रश्न 2.
रेतली भूमि कौन-से इलाके में मिलती है।
(i) राजस्थान
(ii) ओडिशा
(iii) आसाम
(iv) बिहार।
उत्तर-
(i) राजस्थान।

प्रश्न 3.
दक्षिण पश्चिमी पंजाब में कैसी मिट्टी मिलती है ?
(i) रेतली
(ii) चिकनी
(iii) मैरा से चिकनी
(iv) मैरा।
उत्तर-
(i) रेतली।

रिक्त स्थान भरें –

  1. भूमि बनने में कई कारक सहायता करते हैं जैसे ……….।
  2. लाल मिट्टी में ………. की मात्रा अधिक होती है।
  3. उत्तर पूर्वी इलाके में ………… से भूमिक्षरण की समस्या बहुत अधिक है।
  4. दक्षिण-पश्चिमी पंजाब में मिट्टी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस तथा ……….. की कमी ___ होती है।

उत्तर-

  1. चट्टानें तथा जलवायु
  2. आयरन ऑक्साइड
  3. पानी
  4. पोटाशियम।

गलत/ठीक –

  1. रेतली भूमि में पानी रोकने की क्षमता सब से कम होती है।
  2. कपास के लिए काली मिट्टी अच्छी रहती है।
  3. मैरा भूमि में जैविक मादा अधिक होता है।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✓)।

फ़सलों का विभाजन

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
गर्म जलवायु की फसल है।
(i) कमाद
(ii) कपास
(iii) धान
(iv) सभी ठीक।
उत्तर-
(iv) सभी ठीक।

प्रश्न 2.
तेल बीज फसलें हैं।
(i) अलसी
(ii) गेहूँ
(ii) अदरक
(iv) चने।
उत्तर-
(i) अलसी।

प्रश्न 3.
सावनी की फसलें हैं।
(i) कपास
(i) बाजरा
(iii) मूंगी
(iv) सभी ठीक।
उत्तर-
(iv) सभी ठीक।

प्रश्न 4.
करुसीफरी फैमिली की फसलें हैं।
(i) सरसों
(ii) तोरिया
(ii) मूली
(iv) सभी ठीक।
उत्तर-
(iv) सभी ठीक।

रिक्त स्थान भरें –

  1. भिंडी ……….. फैमिली की फसल है।
  2. मक्की ………….. फैमिली की फसल है।
  3. गन्ना …………. वर्षीय फसल है।
  4. गन्ना तथा ……… चीनी वाली फसलें हैं।
  5. राजस्थान में होने वाली फसलें ……… होती हैं।

उत्तर-

  1. मालवेसी
  2. घास
  3. बहु
  4. चुकंदर
  5. बरानी।

गलत/ठीक –

  1. हल्दी मसाले वाली फसल है।
  2. सट्ठी मूंगी संकटकाल की फसल है।
  3. गेहूँ गर्म जलवायु की फसल है।
  4. बरसीम चारे वाली फसल है।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✗)
  4. (✓)।

बहुविकल्पीय प्रश्न –

प्रश्न 1.
पौधों में लगभग कितने प्रतिशत पानी होता है –
(i) 60%
(ii) 90%
(iii) 50%
(iv) 80%।
उत्तर-
(ii) 90%।

प्रश्न 2.
घरेलू आवश्यकताओं के लिए कितने प्रतिशत पानी प्रयोग होता है –
(i) 50%
(ii) 20%
(iii) 8%
(iv) 15%।
उत्तर-
(iii) 8%।

प्रश्न 3.
पानी निकालने के लिए प्रयोग में आते हैं –
(i) पशु
(ii) मछली मोटर
(iii) पंखे वाले पम्प
(iv) सभी ठीक।
उत्तर-
(iv) सभी ठीक।

रिक्त स्थान भरें –

  1. सबमर्सीबल पम्प को ……… पम्प भी कहते हैं।
  2. हल्की मिट्टी में ………. सिंचाई की आवश्यकता है।
  3. ………….. के समय मिट्टी में उचित नमी होनी चाहिए।
  4. खड़े पानी में खेत की जुताई करने को …………. कहते हैं।

उत्तर-

  1. मछली
  2. अधिक
  3. बुआई
  4. कद्दू करना।

गलत/ठीक –

  1. खड़े पानी में खेत की जुताई को कद्दू करना कहते हैं।
  2. पानी फसल को लू से बचाता है।
  3. 1980 में ट्यूबवेलों की संख्या 6 लाख से अधिक थी।
  4. बनावटी ढंग से फसलों को पानी देने को सिंचाई कहते हैं।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✓)
  4. (✓)।

खादें

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पौधों को कितने पोषक तत्त्वों की आवश्यकता है –
(i) 10
(ii) 17
(iii) 20
(iv) 25
उत्तर-
(ii) 17

प्रश्न 2.
हरी खाद के लिए प्रयोग होने वाली फसल है –
(i) चा
(ii) गेहूँ
(iii) धान
(iv) कोई नहीं।
उत्तर-
(i) लैंचा।

प्रश्न 3.
फॉस्फोरस तत्त्व वाली खाद है –
(i) यूरिया
(ii) म्यूरेट ऑफ पोटाश
(iii) जिंक कार्बोनेट
(iv) कोई नहीं।
उत्तर-
(iv) कोई नहीं।

प्रश्न 4.
यूरिया में कितने प्रतिशत नाइट्रोजन होती है –
(i) 50%
(ii) 46%
(iii) 70%
(iv) 16%
उत्तर-
(ii) 46%

रिक्त स्थान भरें-

  1. म्यूरेट ऑफ पोटाश में पोटाश तत्त्व ………. प्रतिशत होता है।
  2. नाइट्रोजन खाद की अधिक मात्रा में प्रयोग से भूमि में …………. पन बढ़ जाता है
  3. फॉस्फोरस खादें ………………….. नाम के खनिज पदार्थों से बने हैं।
  4. डी.ए.पी. में ………….. तत्त्व होता है।

उत्तर-

  1. 60%
  2. खारा
  3. एक फास्फेट
  4. फॉस्फोरस।

गलत/ठीक

  1. खादें 10 प्रकार की होती हैं।
  2. हवा में 78% नाइट्रोजन गैस के रूप में है।
  3. म्यूरेट ऑफ पोटाश में 60% पोटाश तत्त्व होता है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✓)
  3. (✓)

कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र

बहुविकल्पीय प्रश्न-

प्रश्न 1.
ट्रैक्टर की हार्स पावर ……. होती है।
(i) 2
(ii) 5-90
(iii) 1000
(iv) कोई नहीं।
उत्तर-
(i) 5-901

प्रश्न 2.
पंजाब में कितने ट्रैक्टर हैं –
(i) 2 लाख
(ii) 10 लाख
(iii) 4.76 लाख
(iv) 7.46 लाख।
उत्तर-
(iii) 4.76 लाख।

प्रश्न 3.
पंजाब में ……. ट्यूबवेल बिजली से चलते हैं
(i) 11.5 लाख
(ii) 15 लाख
(iii) 17.9 लाख
(iv) 13.17 लाख।
उत्तर-
(i) 11.5 लाख।

प्रश्न 4.
जंदरा …………… काम आता है –
(i) जुताई में
(ii) मेढ़ बनाने में
(iii) समतल करने में
(iv) बुआई में।
उत्तर-
(ii) मेढ़ बनाने में।

रिक्त स्थान भरें –

  1. सुहागा भूमि को ………… तथा ………….. करने के काम आता है।
  2. कल्टीवेटर का प्रयोग तवियों के बाद ……… जुताई के लिए किया जाता है।
  3. ट्रांसप्लांटर द्वारा ………. की बुआई होती है।
  4. खुरपी से ………… की जाती है।
  5. रीपर का प्रयोग ………. के लिए होता है।

उत्तर-

  1. समतल/भुरभुरा
  2. दूसरी
  3. धान
  4. गुड़ाई
  5. कटाई।

गलत/ठीक –

  1. ट्रांसप्लांटर का प्रयोग धान की बुआई के लिए होता है।
  2. जंदरे का प्रयोग खेत में मेढ़ें बनाने के लिए होता है।
  3. डीज़ल ईंजन ट्रैक्टर से बड़ी मशीन होती है।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✗)।

पंजाब के मुख्य फल

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अमरूद की किस्म नहीं है –
(i) सरदार
(ii) कलकत्तिया
(iii) इलाहाबाद सफैदा
(iv) पंजाब पिंक।
उत्तर-
(ii) कलकत्तिया।

प्रश्न 2.
फलों का राजा है
(i) अमरूद
(ii) आँवला
(iii) आम
(iv) बेर।
उत्तर-
(iii) आम।

प्रश्न 3.
टमाटर की तुलना में अमरूद में विटामिन-सी कितना अधिक है –
(i) 5 गुणा
(ii) 20 गुणा
(iii) 10 गुणा
(iv) 2 गुणा।
उत्तर-
(iii) 10 गुणा।

प्रश्न 4.
लीची की किस्म है
(i) प्रभात
(ii) सनौर-2
(iii) देहरादून
(iv) बग्गुगोशा।
उत्तर-
(ii) देहरादून।

प्रश्न 5.
बेर की किस्में हैं’
(i) उमरान
(ii) विलायती
(iii) सनौर-2
(iv) सभी ठीक।
उत्तर-
(iv) सभी ठीक।

रिक्त स्थान भरें –

  1. गरेपफ्रूट …………. जाति का फल है।
  2. पंजाब का, आम की पैदावार में ………. स्थान है।
  3. ………. औरतों के स्तन कैंसर के लिए लाभदायक है।
  4.  ……….. रक्त साफ करता है।
  5. ………… ठण्डे इलाके का फल है।
  6.  पंजाब पिंक …………. की किस्म है।

उत्तर-

  1. नींबू
  2. तीसरा
  3. लीची
  4. बेर
  5. आड़
  6. अमरूद।

गलत/ठीक –

  1. उमरान आम की किस्म है।
  2. आम की कृषि में पंजाब तीसरे स्थान पर है।
  3. केले में पोटाशियम अधिक होता है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✓)
  3. (✓)।

पंजाब की मुख्य सब्जियाँ

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भिण्डी की किस्म है
(i) पंजाब-7
(ii) पंजाब-छुहारा
(iii) पूसा स्नोवाल-1
(iv) पंजाब-88।
उत्तर-
(i) पंजाब-7

प्रश्न 2.
प्याज की किस्म है
(i) पंजाब व्हाइट
(ii) पंजाब नरोया
(iii) पी.आर.ओ-6
(iv) सभी ठीक।
उत्तर-
(iv) सभी ठीक।

प्रश्न 3.
बैंगन की वर्ष में कितनी फसलें ली जा सकती हैं –
(i) 2
(ii) 3
(iii) 10
(iv) 4.
उत्तर-
(iv) 4.

प्रश्न 4.
पत्तेदार सब्जी नहीं हैं –
(i) शलगम
(ii) धनिया
(iii) मेथी
(iv) पालक।
उत्तर-
(i) शलगम।

प्रश्न 5.
कदू जाति की सब्जी नहीं है –
(i) करेला
(i) टमाटर
(iii) खरबूजा
(iv) खीरा
उत्तर-
(ii) टमाटर।

रिक्त स्थान भरें –

  1. कुफरी पुखराज ……… की किस्म है।
  2. पालक ………. ऋतु की सब्जी है।
  3. पंजाब नगीना ………….. की किस्म है।
  4. मटर के बीज को ……………… का टीका लगाया जाता है।
  5. गोभी की फसल ………. दिनों में तैयार हो जाती है।

उत्तर-

  1. आलू
  2. सर्द
  3. बैंगन
  4. राइज़ोबीयम
  5. 90-100।

गलत/ठीक –

  1. पी.सी. 34 गाजर की किस्म है।
  2. मिर्च के लिए 200 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
  3. पंजाब छुहारा टमाटर की किस्म है।
  4. पंजाब सदाबहार आलू की किस्म है।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✓)
  4. (✗)।

मुख्य फूल और

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पौधे हवा में से …… गैस खींचते हैं।
(i) ऑक्सीजन
(ii) नाइट्रोजन
(iii) कार्बन डाइआक्साइड
(iv) कोई नहीं।
उत्तर-
(iii) कार्बन डाइआक्साइड।

प्रश्न 2.
सर्द ऋतु का फूल है –
(i) फ्लाक्स
(ii) वरबीना
(iii) गेंदा
(iv) सभी ठीक।
उत्तर-
(iv) सभी ठीक।

प्रश्न 3.
कुक्कड़ कलगा को ………. माह में लगाया जाता है –
(i) मार्च
(ii) जुलाई
(iii) दिसम्बर
(iv) सभी ठीक।
उत्तर-
(ii) जुलाई।

प्रश्न 4.
छिपकली लता ………… की सहायता से दीवार पर चढ़ती है –
(i) काँटे
(ii) रिस रहे पदार्थ
(iii) टैंडरिल
(iv) कोई नहीं।
उत्तर-
(ii) रिस रहे पदार्थ।

प्रश्न 5.
सजावट के लिए गमलों में लगाए जाने वाले पौधे हैं –
(i) मनी प्लांट
(ii) रबड़ प्लांट
(iii) पालक
(iv) सभी।
उत्तर-
(iv) सभी।

रिक्त स्थान भरें –

  1. गमफरीना …………. ऋतु का फूल है।
  2. …………. को पतझड़ की रानी कहा जाता है।
  3. हिवसकस के फूल का रंग …….. है।
  4. गोल्डन शावर को दीवार पर चढ़ने में ………. सहायक हैं।
  5. ……….. झुकी शाखाओं वाला वृक्ष है।

उत्तर-

  1. गर्मी
  2. गुलदौदी
  3. लाल
  4. टैंडरिल
  5. बोतल ब्रश।

गलत/ठीक –

  1. फलाक्स की पनीरी अक्तूबर-नवम्बर में तैयार की जाती है।
  2. रजनीगंधा फूलों का तेल निकाला जाता है।
  3. बोतल ब्रश के फूल लाल रंग के होते हैं।
  4. गुलाब से गुलकंद बनता है।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✓)
  4. (✓)।

कृषि सहायक व्यवसाय

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
गर्मी ऋतु की खुम्ब है –
(i) बटन
(ii) मिल्की खुम्ब
(iii) औइस्टर
(iv) शिटाकी।
उत्तर-
(i) मिल्की खुम्ब।

प्रश्न 2.
मधु-मक्खी पालन से शहद के इलावा मिलता है –
(i) बी-वैनम
(ii) रॉयल-जैली
(iii) वी-वैक्स
(iv) सभी ठीक।
उत्तर-
(iv) सभी ठीक।

प्रश्न 3.
दोगली किस्म की गाय है
(i) होलसटीन फ्रीजीयन
(ii) जर्सी
(iii) दोनों ठीक
(iv) दोनों गलत।
उत्तर-
(iii) दोनों ठीक।

प्रश्न 4.
फलों तथा सब्जियों से क्या बनाया जाता है –
(i) अचार
(ii) मुरब्बे
(iii) सक्वै श
(iv) सभी ठीक।
उत्तर-
(iv) सभी ठीका

रिक्त स्थान भरें-

  1. पंजाब में ……… बटन खुम्बों की कृषि की जाती है।
  2. ………. मक्खी की किस्म पंजाब में अधिक प्रचलित है।
  3. जरसी तथा …………. दोगली गाय है।

उत्तर-

  1. 90%
  2. इटैलिटयन
  3. होलसटीन फ्रीजीयन।

गलत/ठीक –

  1. बटन गर्मी ऋतु की खुम्बें हैं।
  2. पंजाब में इटैलियन मक्खी प्रचलित है।
  3. जर्सी दोगली किस्म की गाय है।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✓)।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 10 कृषि सहायक व्यवसाय

Punjab State Board PSEB 6th Class Agriculture Book Solutions Chapter 10 कृषि सहायक व्यवसाय Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Agriculture Chapter 10 कृषि सहायक व्यवसाय

PSEB 6th Class Agriculture Guide कृषि सहायक व्यवसाय Textbook Questions and Answers

(क) एक-दो शब्दों में उत्तर दो-

प्रश्न 1.
पंजाब में कितने किसान छोटे तथा सीमांत हैं ?
उत्तर-
एक तिहाई।

प्रश्न 2.
खुम्बों की कितनी किस्में हैं ?
उत्तर-
सर्दी की खुम्बें हैं-बटन, औइस्टर, शिटाकी। गर्मी की खुम्बें हैं-मिल्की खुम्ब, धान की पराली वाली।

प्रश्न 3.
मधुमक्खी की कौन-सी किस्म पंजाब में अधिक प्रचलित है ?
उत्तर-
इटैलियन।

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प्रश्न 4.
किस व्यवसाय के लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन की तरफ से सब्सिडी दी जाती है ?
उत्तर-
मधुमक्खी पालन व्यवसाय के लिए।

प्रश्न 5.
गाँवों से दूध कौन इकट्ठा करता है ?
उत्तर-
दूध सहकारी संस्थाएं।

प्रश्न 6.
पंजाब में सबसे अधिक कौन-सी खुम्ब की कृषि होती है ?
उत्तर-
बटन खुम्ब की।

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प्रश्न 7.
सब्जियों को आगे-पीछे करने के लिए किस तरह की कृषि करनी चाहिए ?
उत्तर-
सुरक्षित काश्त।

प्रश्न 8.
किसानों को मशीनें किराए पर देने वाले केंद्र को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
कृषि सेवा केन्द्र।

प्रश्न 9.
कौन-से पशु पालकों को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाती
उत्तर-
10 दोगली गाएं रखने वाले पशु-पालकों को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाती है।

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प्रश्न 10.
ऐग्रो प्रोसैसिंग कंपलैक्स (Agro processing complex) का मॉडल किस संस्था की ओर से दिया गया है ?
उत्तर-
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना।

(ख) एक-दो वाक्यों में उत्तर दो

प्रश्न 1.
खुम्बों की कौन-कौन सी किस्में हैं ?
उत्तर-
सर्दी की खुम्बे हैं-बटन, औइस्टर, शिटाकी। गर्मी की खुम्बे हैं-मिल्की खुम्ब, धान की पराली वाली।

प्रश्न 2.
मधुमक्खी पालन में किन-किन पदार्थों का उत्पादन होता है ?
उत्तर-
शहद, बी-वैक्स, रॉयल जैली, बी-वैनम, बी-ब्रूड आदि पदार्थों का उत्पादन होता है।

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प्रश्न 3.
फलों और सब्जियों की छोटे स्तर पर प्रोसैसिंग किस रूप में की जा सकती है ?
उत्तर-
फलों तथा सब्जियों के अचार, मुरब्बे, सक्वैश आदि बना कर छोटे स्तर पर प्रोसैसिंग की जा सकती है।

प्रश्न 4.
खुम्बों की कृषि किस मौसम में की जाती है ?
उत्तर-
सर्दी ऋतु की खुम्बों की कृषि सितंबर से मार्च तथा गर्मी की अप्रैल से अगस्त में की जाती है।

प्रश्न 5.
गाय की किन किस्मों से अधिक आय होती है ?
उत्तर-
होलसटीन फ्रीजीयन तथा जर्सी गाय से।

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प्रश्न 6.
कृषि पदार्थों से अधिक आय कैसे प्राप्त की जा सकती है ?
उत्तर-
अनाज, दालें, तेल बीज आदि कृषि पदार्थों से आटा, बड़ियाँ, तेल आदि बना कर अधिक आय प्राप्त की जा सकती है।

प्रश्न 7.
कृषि परामर्श केंद्र में कौन-सी सेवाएं प्रदान की जाती हैं ?
उत्तर-
यहां कृषि से संबंधित सामान, जैसे- बीज, रसायन, खादें आदि बेचे जा सकते हैं तथा किसानों को समय-समय पर आवश्यक सलाह भी दी जा सकती है।

प्रश्न 8.
सहायक व्यवसायों को लघु स्तर से क्यों आरंभ करना चाहिए ?
उत्तर-
किसी भी काम को नया शुरू करने के लिए पूरी जानकारी तथा अनुभव नहीं होता है। इसलिए ऐसे काम में हानि भी हो सकती है। यदि कार्य छोटे स्तर पर किया हो तो हानि भी कम होने की संभावना रहती है। समय के साथ अनुभव हो जाता है तथा काम बड़े स्तर पर किया जा सकता है।

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प्रश्न 9.
घर में सब्ज़ियां लगाना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
घर में सब्जियां लगाने से पैसे की बचत हो जाती है एवं ताजा तथा विष रहित सब्जियां मिल जाती हैं।

प्रश्न 10.
सहायक व्यवसाय संबंधी प्रशिक्षण कहाँ से लिया जा सकता है ?
उत्तर-
यह प्रशिक्षण पंजाब कृषि विश्वविद्यालय तथा जिला स्तर पर कृषि विज्ञान केन्द्रों से लिया जा सकता है।

(ग) पाँच-छः वाक्यों में उत्तर दो

प्रश्न 1.
पंजाब की कृषि में ठहराव आने के क्या कारण हैं ?
उत्तर-
गेहूं, धान के फसल चक्र में पड़कर पंजाब इन फसलों में आत्मनिर्भर बन गया परन्तु इस चक्र में फंस कर प्राकृतिक स्रोतों, पानी तथा मिट्टी का आवश्यकता से अधिक उपयोग किया गया तथा कीटनाशक, नदीननाशकों आदि का भी आवश्यकता से अधिक उपयोग किया गया। इस से भूमिगत जल का स्तर और नीचे चला गया तथा मिट्टी की उपजाऊ शक्ति कम हो गई। पंजाब की कृषि दर कम हो गई तथा कृषि में एक ठहराव सा आ गया। पंजाब के एक तिहाई किसान छोटे तथा सीमांत हैं। इनका गुज़ारा भी केवल कृषि से नहीं हो रहा।

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प्रश्न 2.
किसानों को कृषि आधारित सहायक व्यवसाय अपनाने की सिफारिश की गई है ?
उत्तर-
पंजाब में लगभग एक तिहाई किसान छोटे तथा सीमांत हैं। इनके पास एक हैक्टेयर या इससे भी कम भूमि है। इनका गुजारा केवल कृषि की कमाई से होना मुश्किल है। इसलिए ऐसे किसानों से कृषि सहायक व्यवसाय अपनाने की सिफ़ारिश की जाती है।

प्रश्न 3.
कृषि परामर्श केंद्रों के बारे में संक्षिप्त विवरण दो।
उत्तर-
ऐसे केन्द्रों को खोल कर पढ़े-लिखे नवयुवक अपनी आय का स्रोत बना सकते हैं। इन केन्द्रों पर कृषि में आवश्यक सामान जैसे-बीज, रसायन, खादें आदि रखे जा सकते हैं तथा कमाई की जा सकती है। किसानों को समय-समय पर आवश्यक सलाह दी जाती है। इस तरह यह केन्द्र जहां एक तरफ नवयुवकों की कमाई का साधन बन सकते हैं वहीं किसानों के सहायक भी बन सकते हैं।

प्रश्न 4.
पशु-पालन से अधिक आय कैसे प्राप्त की जा सकती है ?
उत्तर-
पशु-पालन शुरू से ही किसानों का तथा गांव में प्रत्येक घर का अहम भाग रहा है। पशुओं से प्राप्त दूध जहां घर में प्रयोग किया जाता है वहीं फालतू दूध बेच कर कमाई भी की जा सकती है। वर्तमान समय में पंजाब के प्रत्येक गांव में सहकारी सभाएं हैं जहां दूध को एकत्र करके दूध की प्रोसैसिंग की जाती है तथा पशु पालक घर बैठे ही कमाई कर सकते हैं। इस व्यवसाय में दोगली गाएं जैसे जर्सी तथा होलसटीन फरीजीयन से अधिक कमाई की जा सकती है। 10 दोगली गाय रखने वाले पशु पालक को सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता दी जाती है।

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प्रश्न 5.
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की ओर से ऐग्रो प्रोसैसिंग में किन मशीनों की सिफ़ारिश की गई है ?
उत्तर-
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की ओर से एक ऐग्रो प्रोसैसिंग कम्पलैक्स का मॉडल दिया गया है जिसमें एक छोटी आटा चक्की, छोटी चावल निकालने की मशीन, तेल निकालने वाला कोल्हू, दालें तथा मसाले पीसने वाली मशीन, पेंजा, पशु खुराक तैयार करने वाली मशीनें आदि लगाई जाती हैं। नवयुवक किसान इस कम्पलैक्स को लगाकर आमदन का अच्छा साधन बना सकते हैं।

Agriculture Guide for Class 6 PSEB कृषि सहायक व्यवसाय Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
छोटे तथा सीमांत किसानों के पास कितनी भूमि रह गई है ?
उत्तर-
एक हैक्टेयर या इससे भी कम।

प्रश्न 2.
खुम्बों की काश्त कहाँ की जा सकती है ?
उत्तर-
घर के किसी भी कमरे में।

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प्रश्न 3.
पंजाब में बटन खुम्बों की काश्त कितने प्रतिशत की जाती है ?
उत्तर-
90 प्रतिशत।

प्रश्न 4.
कितनी दोगली गाय रखने पर सरकार द्वारा आर्थिक सहायता मिलती है ?
उत्तर-
10 दोगली गाय रखने पर।

प्रश्न 5.
आजकल अन्य कौन-से कृषि सहायक व्यवसाय अपनाए जा रहे हैं ?
उत्तर-
मुर्गी पालन, सुअर पालन, भेड़ तथा बकरी पालन, खरगोश पालन आदि।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
मधुमक्खी पालन से शहद के अलावा और क्या मिलता है ?
उत्तर-
मधुमक्खी पालन से शहद के अलावा बी-वैक्स, रॉयल जैली, बी-वैनम, बी-ब्रड आदि पदार्थ प्राप्त होते हैं।

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प्रश्न 2.
मधुमक्खी पालन के लिए सब्सिडी किस विभाग से मिलती है ?
उत्तर-
पंजाब बागवानी विभाग द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय बागवानी मिशन द्वारा इस व्यवसाय के लिए सब्सिडी दी जाती है।

प्रश्न 3.
पशु पालन में कौन-सी गायों से अधिक आय मिल सकती है ?
उत्तर–
दोगली नस्लें जैसे जर्सी तथा होलस्टीन फ्रीजीयन से अधिक आय मिल सकती है।

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
खुम्बों की काश्त के बारे में बताएं।
उत्तर-
खुम्बों की काश्त घर के किसी भी कमरे में की जा सकती है। इसके लिए भूमि की आवश्यकता नहीं होती। गर्मी में मिल्की खुम्ब तथा धान की पराली वाली खुम्बें उगाई जाती हैं तथा सर्दी में बटन, औइस्टर तथा शिटाकी खुम्बों की काश्त होती है। गर्मी वाली खुम्बों को अप्रैल से अगस्त तथा सर्दी वाली खुम्बों को सितम्बर से मार्च तक उगाया जाता है।

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प्रश्न 2.
मधुमक्खी पालन का विवरण दें।
उत्तर-
मधुमक्खी पालन का व्यवसाय अपना कर कमाई की जा सकती है। इससे कृषि के कामों में कोई भी रुकावट नहीं पड़ती। पंजाब में इटैलियन मक्खी बहुत प्रचलित है।

मधुमक्खी पालन से शहद के अलावा बी-वैक्स, रॉयल जैली, बी-वैनम, बी-ब्रूड आदि पदार्थ प्राप्त होते हैं। पंजाब बागवानी विभाग द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय बागवानी मिशन द्वारा इस व्यवसाय के लिए सब्सिडी भी दी जाती है।

कृषि सहायक व्यवसाय PSEB 6th Class Agriculture Notes

  1. हरित क्रांति से पंजाब गेहूं-धान जैसी फसलों में आत्मनिर्भर हो गया।
  2. पंजाब में एक तिहाई किसान छोटे तथा सीमांत हैं जिनके पास एक हैक्टेयर या इस से भी कम भूमि है।
  3. खुम्बों की काश्त घर के किसी भी कमरे में की जा सकती है।
  4. खुम्बों की सर्द ऋतु की किस्में हैं-बटन, औइस्टर तथा शिटाकी।
  5. गर्मी ऋतु के लिए मिल्की खुम्ब, धान की पराली वाली खुम्ब।
  6. पंजाब में 90 प्रतिशत बटन खुम्ब की काश्त की जाती है।
  7. पंजाब में इटैलियन मक्खी की किस्म बहुत प्रचलित है।
  8. मधुमक्खियों से बी वैक्स, रॉयल जैलीबी वैनम, वी ब्रूड जैसे पदार्थ प्राप्त होते हैं।
  9. मधुमक्खी पालन के व्यवसाय को शुरू करने के लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन की तरफ से सब्सिडी दी जाती है।
  10. पशु पालन व्यवसाय में दोगली गाएं; जैसे-जर्सी, होल्सटीन फ्रीजियन पाली जाती
  11. सब्जियों की काश्त से अच्छी कमाई की जा सकती है।
  12. खेती पदार्थों की प्रोसैसिंग करके भी अच्छी कमाई की जा सकती है।
  13. कृषि मशीनरी खरीद कर किसानों को किराए पर दी जा सकती हैं तथा कमाई की जा सकती है।
  14. पढ़े-लिखे नवयुवक कृषि से संबंधित सामान तथा कृषि से संबंधित परामर्श देने का केन्द्र खोल सकते हैं।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 6 पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव

Punjab State Board PSEB 6th Class Home Science Book Solutions Chapter 6 पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Home Science Chapter 6 पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव

PSEB 6th Class Home Science Guide पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
रंग कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
रंग दो प्रकार के होते हैं।

प्रश्न 2.
नीला और जामुनी रंग किस श्रेणी के रंग हैं ?
उत्तर-
ठण्डे रंग।

प्रश्न 3.
गर्मियों के लिए कैसे रंगों का चुनाव करना चाहिए ?
उत्तर-
ठण्डे रंगों का जैसे सफेद, बादामी रंग।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 6 पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव

प्रश्न 4.
सर्दियों के लिए कैसे वस्त्रों का चुनाव करना चाहिए ?
उत्तर-
सर्दियों के लिए ऊनी, सिल्की या नॉयलॉन आदि के वस्त्र खरीदने चाहिएं तथा गर्म रंगों वाले वस्त्र।

लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
भिन्न-भिन्न प्रकार की रेखाओं का पोशाक पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
विभिन्न प्रकार की रेखाओं का पोशाक पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ता है –
(क) सीधी रेखाएँ-इससे पहनने वाले का आकार लम्बा तथा पतला लगता है। (ख) दाएँ-बाएँ लेटी रेखाएँ-इससे आदमी मोटा लगता है।
(ग) तिरछी रेखाएँ-यदि ये ज़्यादा लम्बाई की ओर हों तो आदमी लम्बा तथा यदि चौड़ाई की ओर हों तो छोटा तथा मोटा लगता है।
(घ) गोलाई की रेखाएँ-इससे कंधे चौड़े लगते हैं।
(ङ) टूटी हुई रेखाएँ-ये लम्बाई को छोटा दिखाती हैं।
(च)वी’ शक्ल की रेखाएँ-इस तरह की रेखाएँ शरीर को चौड़ा या लम्बा दिखा सकती हैं। जितनी गहरी ‘वी’ होगी, उतना ही आदमी पतला लगेगा।

प्रश्न 2.
मोटे और छोटे व्यक्ति को कैसी लाइनों का प्रयोग करना चाहिए ?
उत्तर-
मोटे और छोटे व्यक्ति को तिरछी लाइनों का प्रयोग करना चाहिए।

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प्रश्न 3.
गर्म और ठण्डे रंग कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
गर्म रंग-लाल, संतरी तथा पीला।
ठण्डे रंग-हरा, नीला तथा जामुनी।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कपड़ों का चुनाव करते समय रेखाओं तथा रंगों का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
कपड़ों का चुनाव करते समय रेखाओं का निम्नलिखित महत्त्व है –
(क) सीधी रेखाएँ-इन्हें देखने के लिए आँख को ऊपर से नीचे की ओर देखना पड़ता है। इससे पहनने वाले का आकार लम्बा तथा पतला लगता है।

(ख) दाएँ-बाएँ लेटी रेखाएँ-इन रेखाओं को देखने के लिए एक सिरे से दूसरे सिरे तक देखना पड़ता है। इसलिए ये पहनने वाले को चौड़ा तथा छोटा दिखाती हैं। इससे आदमी मोटा लगता है।

(ग) तिरछी रेखाएँ-ये अधिक लम्बाई की ओर हों तो आदमी लम्बा तथा यदि चौडाई की ओर हों तो आदमी छोटा तथा मोटा लगता है।

(घ) गोलाई की रेखाएँ-इस तरह की रेखाएँ फ्रॉक की चोली, कालर तथा गले पर बनाई जाती हैं। इससे कंधे चौड़े लगते हैं।
(ङ) टूटी हुई रेखाएँ-ये लम्बाई को छोटा दिखाती हैं।

(च) ‘वी’शक्ल की रेखाएँ-इस प्रकार की रेखाएँ शरीर को चौड़ा या लम्बा दिखा सकती हैं। जितनी गहरी ‘वी’ होगी, उतना ही आदमी पतला लगेगा।
PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 6 पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव 1
कपड़ों का चुनाव करते समय रंगों का महत्त्व-लाल, संतरी तथा पीला रंग गर्म रंग माने गए हैं। इनको पहनने से गर्मी अनुभव होती है। परन्तु भड़कीले होने के कारण इन रंगों का अधिक प्रयोग ज्यादा समय तक नहीं किया जा सकता है। हरे, नीले तथा जामुनी रंगों को ठंडे रंग कहा जाता है। ये काफ़ी सुखदायक होते हैं। परन्तु इनके ज़्यादा इस्तेमाल से व्यक्ति उदास लगता है। रंगों का चुनाव करते समय पहनने वाले का रूप, आकार, मौसम, दिन-रात तथा अवसर का ध्यान रखना ज़रूरी है। पक्के रंग वाली स्त्रियों को ज़्यादा गाढ़े तथा गर्म रंग नहीं पहनने चाहिएं। एक लम्बी स्त्री को हल्के रंग तथा छोटे छापे का कपड़ा नहीं पहनना चाहिए। एक छोटी स्त्री को गाढ़े रंग का तथा बड़े छापे वाले वस्त्र नहीं पहनने चाहिएं। एक मध्यम शरीर वाली स्त्री जो न बहुत लम्बी तथा न बहुत छोटी हो, किसी भी रंग या डिज़ाइन का कपड़ा पहन सकती है।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 6 पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव

प्रश्न 2.
अपने लिए वस्त्र खरीदते समय आप कौन-कौन सी बातों का ख्याल रखेंगे?
उत्तर-
वस्त्र खरीदते समय ध्यान रखने वाली बातें –

  1. रेखाओं के प्रयोग
    (क) सीधी रेखाएँ
    (ख) दाएँ-बाएँ लेटी रेखाएँ
    (ग) तिरछी रेखाएँ
    (घ) गोलाई की रेखाएँ
    (ङ) टूटी हुई रेखाएँ
    (च) ‘वी’ शक्ल की रेखाएँ।
  2. गले की रेखा का आकार
  3. लेस, झालर या बटन लगाना
  4. पोशाक की लम्बाई तथा चौड़ाई
  5. वस्त्र चुनाव के समय रंगों का चुनाव
  6. अवसर के अनुसार वस्त्रों का चुनाव
  7. ऋतु के अनुसार वस्त्रों का चुनाव।

प्रश्न 3.
अवसर तथा ऋतु के अनुसार आप कपड़ों का कैसे चुनाव करोगे ?
उत्तर-
अवसर के अनुसार कपड़ों का चुनाव-रोज़ घर में पहनने वाले वस्त्र अधिक समय तक चलने वाले, सुगमता से धोए जा सकने वाले तथा अधिक महँगे नहीं होने चाहिएं। स्कूल के बच्चों की एक जैसी वर्दी होनी चाहिए ताकि किसी को धनी या निर्धन होने का आभास न हो। बच्चों के रोज़ पहनने वाले वस्त्र ऐसे होने चाहिएं जो जल्दी गन्दे न हों। घर के बाहर काम करने वाली स्त्रियों के वस्त्र अधिक कीमती या भड़कीले नहीं होने चाहिएं। कभी-कभी ब्याह-शादी या अन्य किसी अवसर के लिए सिल्क या अन्य कीमती वस्त्र, जिनके रंग भड़कीले या गाढ़े भी हो सकते हैं, खरीदे जा सकते हैं।

ऋतु के अनुसार कपड़ों का चुनाव-हम ऋतु के अनुसार कपड़े खरीदते हैं। सर्दियों के लिए गाढ़े रंग के तथा गर्म रंगों के कपड़े तथा गर्मियों के लिए हल्के तथा ठंडे रंगों के वस्त्र खरीदने चाहिएं। ब्राउन तथा काला रंग सर्दियों में प्रयोग करना चाहिए और सफेद या बादामी रंग गर्मियों में प्रयोग करना चाहिए। सर्दियों के लिए ऊनी, सिल्की या नॉयलॉन आदि के वस्त्र खरीदने चाहिएं। गर्मियों के लिए सूती कपड़ों या टेरीकॉट का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

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प्रश्न 4.
आप अपने कपड़ों की कैसे देख-भाल करोगे ?
उत्तर-
कपड़ों की देख-भाल –

  1. कपड़ों को सदा साफ़-सुथरा तथा अच्छी दशा में रखना चाहिए।
  2. कालर या कफ़ से कमीज़ फट जाए तो तुरंत ठीक करवा लेना चाहिए।
  3. कपड़ा कहीं से फट जाए या छिद्र हो जाए तो उसे रफू या पैबन्द लगाकर ठीक कर लेना चाहिए।
  4. बटन व हुक आदि टूट जाए तो शीघ्र ही उसे बदल देना चाहिए।
  5. कपड़ों को कभी भी किसी कील में नहीं टाँगना चाहिए।
  6. कपड़ों को अच्छी तरह तह करके अलमारी में रखकर हैंगर में लटकाना चाहिए।

Home Science Guide for Class 6 PSEB पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव Important Questions and Answers

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
गर्म रंग कौन-से माने गए हैं ?
उत्तर-
लाल, संतरी तथा पीला रंग गर्म रंग माने गए हैं।

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प्रश्न 2.
ठंडे रंग कौन-से माने गए हैं ?
उत्तर-
हरा, नीला तथा जामुनी रंग ठंडे रंग माने गए हैं।

प्रश्न 3.
स्कूल के बच्चों की यूनीफार्म कैसी होनी चाहिए ?
उत्तर-
स्कूल के सभी बच्चों की यूनीफार्म एक जैसी होनी चाहिए।

प्रश्न 4.
गर्मियों में कैसे कपड़ों का इस्तेमाल किया जाता है ?
उत्तर-
गर्मियों में सूती या टेरीकॉट कपड़ों का इस्तेमाल किया जाता है।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 6 पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
कपड़ों का चुनाव करते समय गले की रेखाओं का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
कपड़ों का चुनाव करते समय गले की रेखाएँ कन्धे को चौड़ा या लम्बा या छोटा दिखा सकती हैं, जैसे कि ‘वी’ या ‘यू’ आकार के गले से गर्दन तथा चेहरे का आकार लम्बा तथा गोल और चौरस गले से चेहरा तथा कन्धे चौड़े तथा गर्दन छोटी लगती है। लम्बी गर्दन वाले को दोहरी पट्टी वाली या कालर वाली कमीज़ पहननी चाहिए।
PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 6 पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव 2

प्रश्न 2.
ऋतु के अनुसार कपड़ों के चुनाव के बारे में क्या जानते हो ?
उत्तर-
हम ऋतु के अनुसार कपड़े खरीदते हैं। सर्दियों के लिए गाढ़े रंग के तथा गर्म रंगों के कपड़े तथा गर्मियों के लिए हल्के तथा ठंडे रंगों के वस्त्र खरीदने चाहिएं। ब्राउन तथा काला रंग सर्दियों में प्रयोग करना चाहिए और सफेद या बादामी रंग गर्मियों में प्रयोग करना चाहिए। सर्दियों के लिए ऊनी, सिल्की या नॉयलॉन आदि के वस्त्र खरीदने चाहिएं। गर्मियों के लिए सूती कपड़ों या टेरीकॉट का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

प्रश्न 3.
कपड़ों की देखभाल के लिए कोई दो बातें बताएं।
उत्तर-

  1. कपड़ों को कील पर न टांगें।
  2. कपड़ों को सदा साफ तथा अच्छी अवस्था में रखें।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 6 पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव

एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
किसी गर्म रंग का नाम बताएँ।
उत्तर-
लाल।

प्रश्न 2.
लम्बी तथा पतली स्त्रियों को किस प्रकार की रेखाओं वाले वस्त्र पहनने चाहिए ?
उत्तर-
लेटी हुई रेखाओं के।

प्रश्न 3.
ठण्डे रंग का नाम बताएँ।
उत्तर-
जामनी।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 6 पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव

प्रश्न 4.
संतरी रंग गर्म है या ठण्डा ।
उत्तर-
गर्म।

प्रश्न 5.
टूटी रेखाएं क्या दर्शाती हैं ?
उत्तर-
लम्बाई को छोटा करती हैं।

प्रश्न 6.
मोटे तथा छोटे व्यक्ति को कैसी लाइनों वाले कपड़े पहनने चाहिए ?
उत्तर-
टेढ़ी लाइनों वाले।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 6 पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव

पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव PSEB 6th Class Home Science Notes

  • प्रत्येक व्यक्ति को अपने रंग-रूप, लम्बाई-मोटाई, व्यक्तित्व, ऋतु तथा अपने काम के अनुसार ही वस्त्र खरीदने चाहिए।
  • रंगों तथा लाइनों के प्रयोग से तथा डिज़ाइन बदलने से शारीरिक दोषों को कुछ सीमा तक छुपाया जा सकता है।
  • लाइनदार कपड़ा खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें –
    (क) सीधी रेखाएँ, (ख) दाएँ-बाएँ लेटी रेखाएँ, (ग) तिरछी रेखाएँ, (घ) गोलाई की रेखाएँ, (ङ) टूटी हुई रेखाएँ, (च) ‘वी’ शक्ल की रेखाएँ।
  • लम्बी गर्दन वाले को दोहरी पट्टी वाली या कालर वाली कमीज़ पहननी चाहिए।
  • छोटी गर्दन वालों को बंद गले या ऊँचे गले वाले वस्त्रों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • लम्बी तथा पतली स्त्रियों को लेटवीं रेखाओं में तथा मोटी और छोटे कद वाली स्त्रियों को खडी रेखाओं के वस्त्र आदि लेने चाहिएं।
  • छोटे आकार वाली स्त्री को गाढ़े रंग तथा बड़े छापे वाले वस्त्र नहीं पहनने चाहिएं।
  • वस्त्र व्यक्ति को शोभा तभी बढ़ाते हैं जब उनकी ठीक देख-भाल की जाए।
  • कपड़ों को धोकर प्रेस कर लिया जाए तो वे और भी सुन्दर लगते हैं।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 5 शुद्ध वायु का आवागमन

Punjab State Board PSEB 6th Class Home Science Book Solutions Chapter 5 शुद्ध वायु का आवागमन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Home Science Chapter 5 शुद्ध वायु का आवागमन

PSEB 6th Class Home Science Guide शुद्ध वायु का आवागमन Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
शुद्ध हवा में ऑक्सीजन कितने प्रतिशत होती है ?
उत्तर-
शुद्ध हवा में ऑक्सीजन 20 प्रतिशत होती है।

प्रश्न 2.
शुद्ध हवा में कार्बन डाइऑक्साइड कितने प्रतिशत होती है ?
उत्तर-
शुद्ध हवा में कार्बन डाइऑक्साइड 0.04 प्रतिशत होती है।

प्रश्न 3.
प्रत्येक मनुष्य को एक घण्टे में कितने घन फुट ताज़ा हवा की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
3000 घन फुट ताज़ी वायु की।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 5 शुद्ध वायु का आवागमन

प्रश्न 4.
घर में हवा के आगमन के लिए क्या उचित है ?
उत्तर-
दरवाज़ों और खिड़कियों की संख्या अधिक हो और वे आमने-सामने हों।

लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
दूषित हवा में साँस लेना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक क्यों है ?
उत्तर-
गन्दी वायु में श्वास लेने से जी ख़राब होने लगता है, खून की कमी हो जाती है तथा पाचन क्रिया बिगड़ जाती है। शरीर का रंग पीला पड़कर चमड़ी पर छूत की बीमारियाँ लगने की भी सम्भावना रहती हैं।

प्रश्न 2.
अन्दर तथा बाहर की वायु के तापमान में अन्तर होने का क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
अन्दर तथा बाहर की वायु के तापमान में जितना अन्तर होगा उतना ही वायु का दौरा तीव्र होगा।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 5 शुद्ध वायु का आवागमन

प्रश्न 3.
रसोई में वायु का प्रबन्ध कैसा होना चाहिए ?
उत्तर-
रसोई में वायु का प्रबन्ध शुद्ध होना चाहिए।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
शुद्ध वायु के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
शुद्ध वायु के निम्नलिखित लाभ हैं –

  1. शुद्ध वायु शरीर के आन्तरिक अंगों की सफाई के लिए आवश्यक है, क्योंकि शुद्ध वायु द्वारा ऑक्सीजन की ठीक मात्रा शरीर के अन्दर जाती है।
  2. इससे फेफड़े और पाचन-क्रिया ठीक ढंग से काम करते हैं।
  3. शरीर का तापमान भी ठीक रहता है।

प्रश्न 2.
वायु शुद्ध करने के बनावटी ढंग बताओ।
उत्तर-
वायु शुद्ध करने के बनावटी ढंग निम्नलिखित हैं –

1.पंखे-यह गन्दी हवा बाहर निकालने का एक उत्तम तथा वैज्ञानिक तरीका है। जब पंखा चलता है तो गंदी हवा बाहर निकल जाती है तथा उसके स्थान पर साफ़ और शुद्ध हवा अन्दर आ जाती है।

2. वायु निकासी मशीन-वायु निकासी मशीन का कार्य मशीन से गैस बाहर निकालना है। बड़े-बड़े हाल कमरे जहाँ ड्रामे होते हैं, लैक्चर हॉलों तथा सिनेमाघरों में हवा को बाहर निकाला जाता है।
PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 5 शुद्ध वायु का आवागमन 1

3. पाइप या नालियों द्वारा- यह विधि वहाँ पर प्रयोग की जाती है जहाँ कमरों की गन्दी हवा बाहर निकालने के लिए रोशनदान तो हों परन्तु खिड़कियाँ न हों और यदि हों भी तो खोली न जा सकती हों। जिन कमरों में दरवाजे बंद हों और केवल रोशनदान ही खुलें हों, उन कमरों में गन्दी हवा रोशनदान द्वारा बाहर निकाल दी जाती है। साफ़ हवा पाइपों द्वारा कमरों में आती है।

4. पाइप तथा हवा निकासी मशीन से-बड़े-बड़े कान्फ्रेंस हालों में यदि खिड़कियाँ और रोशनदान न भी हों या रोशनदान और खिड़कियाँ बन्द हों और उन्हें किसी कारणवश खोला न जा सकता हो तो ऐसे स्थानों से मशीन द्वारा गन्दी वायु को बाहर निकाल दिया जाता है। स्वच्छ वायु पाइपों द्वारा कमरों में भेजी जाती है।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 5 शुद्ध वायु का आवागमन

प्रश्न 3.
वायु का आवागमन ठीक रखने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-
वायु का आवागमन-मकान में शुद्ध वायु के आवागमन का प्रबन्ध अत्यन्त आवश्यक है, क्योंकि शुद्ध वायु और प्रकाश का स्वास्थ्य से बहुत ही घनिष्ठ सम्बन्ध है। घर में संवातन की समुचित व्यवस्था हेतु उचित एवं आवश्यकतानुसार खिड़कियाँ एवं दरवाज़े होने चाहिएं जिससे कमरे की अशुद्ध वायु बाहर निकल सके एवं शुद्ध वायु कमरों में प्रविष्ट हो सके। प्रत्येक व्यक्ति सांस-क्रिया द्वारा शुद्ध वायु ग्रहण करता है और दूषित वायु बाहर निकालता है जिसमें कार्बन-डाइऑक्साइड की प्रधानता रहती है। ऐसी वायु में रोग के जीवाणु मिलकर कमरे की वायु को दूषित बना देते हैं। इस प्रकार की दूषित वायु का निरन्तर सेवन करते रहने से हमारा शरीर अनेक रोगों को जन्म देता है। दूषित वायु गर्म होकर हल्की हो जाती है और हल्की होने के कारण यह ऊपर की ओर उठती है, अतएव वह वायु रोशनदानों के सहारे कमरे से बाहर निकलती है।

कमरों में खिड़कियों, दरवाज़ों तथा रोशनदानों का होना ही पर्याप्त नहीं है, अपितु इन्हें खुला रखना भी ज़रूरी है जिससे दूषित वायु बाहर जाये एवं शुद्ध वायु कमरे के भीतर आ सके।

कमरों में वायु के आवागमन हेतु प्रवेश-द्वार एवं निकास द्वारों का होना भी आवश्यक है। प्रवेश-द्वार फ़र्श के पास होना चाहिए जिससे शुद्ध वायु कमरे में पर्याप्त मात्रा में प्रवेश कर सके। प्रवेश-द्वार की भूमिका खिड़कियाँ एवं दरवाज़े निभाते हैं। अशुद्ध वायु को बाहर निकलने के लिए निकास द्वार होना चाहिए। निवास द्वार छत के पास होना चाहिए। निकास द्वार कमरे के अनुपात में हो तथा उसे उचित रूप से खोलने एवं बन्द करने का प्रबन्ध होना चाहिए। निकास द्वार का काम रोशनदान करते हैं। हमारे देश में ग्रीष्मकाल में अधिक लू (गर्म हवाएँ) चलती हैं। इसलिए बड़ी-बड़ी खिड़कियों की अपेक्षा छोटे-छोटे छिद्र हों तो अधिक उचित है।

इस प्रकार शुद्ध वायु के आवागमन एवं सुरक्षा की दृष्टि से मकान में खिड़कियों, दरवाज़ों एवं रोशनदानों का उचित स्थान पर एवं उचित संख्या में होना आवश्यक है।

प्रश्न 4.
वायु शुद्ध रखने के प्राकृतिक ढंग कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
वायु शुद्ध रखने के प्राकृतिक ढंग निम्नलिखित हैं –

1. पौधों द्वारा-पौधे वायु में से कार्बन डाइऑक्साइड लेकर प्रकाश तथा पत्तों की सहायता से भोजन तैयार करते हैं। इस तरह ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड तथा कार्बन अलग-अलग हो जाते हैं। मनुष्य तथा पशु श्वास द्वारा जो कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं पौधे उसे प्रयोग कर लेते हैं तथा पौधे जो ऑक्सीजन छोड़ते हैं उसे मनुष्य तथा पशु श्वास लेने के लिए प्रयोग करते हैं। पौधे कार्बन डाइऑक्साइड इस्तेमाल करके वायु को शुद्ध करते हैं।

2. धूप द्वारा-धूप दुर्गन्ध को दूर करती है तथा रोगाणुओं को नष्ट करके वायु को शुद्ध करती है।

3. तीव्र हवा-जब गर्मी ज़्यादा बढ़ जाए तो तापमान बढ़ जाता है। गर्म हवा हल्की होकर ऊपर उठती है। यह हवा कृमियों, दुर्गन्ध, रेत तथा मिट्टी को उड़ाकर ले जाती है और उसकी जगह साफ़ और ठंडी हवा आ जाती है।

4. वर्षा-वर्षा द्वारा वायु में घुली अशुद्धियाँ वातावरण में से निकलकर तथा पानी में घुलकर धरती पर आ गिरती हैं तथा वायु शुद्ध हो जाती है।

5. गैसों के बहाव तथा आपसी मेल से-गैसें स्वयं एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाती रहती हैं। इसलिए वायु के आने-जाने में कोई रुकावट न डाली जाए तो स्वच्छ और गन्दी हवाएँ आपस में मिल जाती हैं तथा वायु स्वच्छ होती रहती है। इस प्रकार हम गन्दी हवा से बच सकते हैं।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 5 शुद्ध वायु का आवागमन

Home Science Guide for Class 6 PSEB शुद्ध वायु का आवागमन Important Questions and Answers

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
शुद्ध हवा में नाइट्रोजन कितने प्रतिशत होती है ?
उत्तर-
शुद्ध हवा में नाइट्रोजन 79 प्रतिशत होती है।

प्रश्न 2.
खिड़कियाँ मकान के धरातल से कितने फट ऊँची होनी चाहिए ?
उत्तर-
खिड़कियाँ मकान के धरातल से 27 फुट ऊँची होनी चाहिए।

प्रश्न 3.
मकान में वायु प्रवेश व निकास का उचित प्रबन्ध क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
दूषित वायु की हानियों से बचने और शुद्ध वायु प्राप्त करने के लिए मकान में वायु के प्रवेश व निकास का उचित प्रबन्ध आवश्यक है।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 5 शुद्ध वायु का आवागमन

प्रश्न 4.
दिन के समय सूर्य के प्रकाश का कमरों में आना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
सूर्य का प्रकाश स्वास्थ्य को ठीक रखता है। यह हानिकारक कीटाणुओं का नाश करके वायु को शुद्ध करता है।

प्रश्न 5.
कम या धुंधली रोशनी में काम करने या पढ़ने से क्या हानि होती है ?
उत्तर-
आँखों की ज्योति कमजोर हो जाती है।

प्रश्न 6.
प्रकाश के कृत्रिम साधन कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
प्रकाश के कृत्रिम साधन मोमबत्ती, दीपक, लालटेन, गैस की लालटेन आदि हैं।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 5 शुद्ध वायु का आवागमन

एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
हवा में …………….. % कार्बन डाइऑक्साइड होती है।
उत्तर-
0.04%.

प्रश्न 2.
रसोई में आग जलाने से कौन-सी गैस पैदा होती है ?
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड।

प्रश्न 3.
शुद्ध हवा से …………… तथा पाचन क्रिया ठीक काम करते हैं।
उत्तर-
फेफड़े।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 5 शुद्ध वायु का आवागमन

प्रश्न 4.
प्रकाश के बनावटी स्त्रोत की एक उदाहरण दें।
उत्तर-
लालटेन।

प्रश्न 5.
निकास द्वार का काम ……………….. करते हैं।
उत्तर-
रोशनदान।

प्रश्न 6.
………………… हवा में से कार्बन डाइऑक्साइड लेकर हवा को शुद्ध करते हैं।
उत्तर-
पौधे।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 5 शुद्ध वायु का आवागमन

शुद्ध वायु का आवागमन PSEB 6th Class Home Science Notes

  • घर एक निजी स्वर्ग का नाम है।
  • प्रत्येक जीवित प्राणी के लिए वायु सबसे अधिक ज़रूरी है।
  • शुद्ध वायु कुछ गैसों का मिश्रण है। इसमें निम्नलिखित गैसें होती हैं –
    ऑक्सीजन-20%, नाइट्रोजन-79%, कार्बन-डाइऑक्साइड-0.04%.
  • वायु के सारे तत्त्वों में से ऑक्सीजन का एक विशेष स्थान है। यह श्वास लेने के लिए ज़रूरी है।
  • वायु को शुद्ध करने की विधियाँ-1. प्राकृतिक, 2. बनावटी।
  • पौधे वायु में से कार्बन-डाइऑक्साइड लेकर प्रकाश तथा हरी पत्तियों की सहायता से भोजन तैयार करते हैं।
  • पौधे कार्बन-डाइऑक्साइड का प्रयोग करके वायु को शुद्ध करते हैं।
  • जब गर्मी बहुत बढ़ जाए तो तापमान बढ़ जाता है। गैसें स्वयं एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाती रहती हैं।
  • पंखे गन्दी हवा बाहर निकालने का एक अति उत्तम तथा वैज्ञानिक तरीका है।
  • वायु निकास का अर्थ है मशीन से गैस बाहर निकालना।
  • स्वच्छ वायु शरीर के आन्तरिक अंगों की सफाई के लिए आवश्यक है।
  • स्वच्छ वायु से फेफड़े और पाचन क्रिया ठीक काम करते हैं।
  • स्वच्छ वायु से शरीर का तापमान भी ठीक रहता है।
  • रसोई में शुद्ध वायु का आवागमन बहुत ज़रूरी है।
  • रसोई में आग जलाने से कार्बन-डाइऑक्साइड उत्पन्न होती है।
  • हैदराबादी धुएँ रहित चूल्हा धुएँ तथा गंदी हवा से छुटकारा दिला सकता है।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 8 पंजाब की मुख्य सब्ज़ियाँ

Punjab State Board PSEB 6th Class Agriculture Book Solutions Chapter 8 पंजाब की मुख्य सब्ज़ियाँ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Agriculture Chapter 8 पंजाब की मुख्य सब्ज़ियाँ

PSEB 6th Class Agriculture Guide पंजाब की मुख्य सब्ज़ियाँ Textbook Questions and Answers

(क) एक-दो शब्दों में उत्तर दो –

प्रश्न 1.
प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन कितनी सब्जी की आवश्यकता है ?
उत्तर-
300 ग्राम।

प्रश्न 2.
पंजाब में सब्जियों की काश्त कितने क्षेत्रफल में होती है ?
उत्तर-
दो लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल।

प्रश्न 3.
दो गर्मियों की सब्जियों के नाम बताओ।
उत्तर-
भिण्डी, कद्दू जाति की सब्जियाँ।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 8 पंजाब की मुख्य सब्ज़ियाँ

प्रश्न 4.
एक एकड़ आलू की बुवाई के लिए कितने बीज की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
8-12 क्विंटल बीज प्रति एकड़ की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 5.
मिर्च की दो किस्मों के नाम बताओ।
उत्तर-
पंजाब तेज़, सी०एच०-1, पंजाब सुर्ख।

प्रश्न 6.
टमाटर की बुवाई कौन-से महीने में की जाती है ?
उत्तर-
नवंबर के महीने।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 8 पंजाब की मुख्य सब्ज़ियाँ

प्रश्न 7.
भिण्डी का औसत झाड़ प्रति एकड़ कितना होता है ?
उत्तर-
50 क्विंटल।

प्रश्न 8.
कदू जाति की दो सब्जियों के नाम लिखो।
उत्तर-
पेठा, करेला, टीडा, चप्पन कदू।

प्रश्न 9.
जड़ वाली सब्जियों के नाम बताओ।
उत्तर-
मूली, गाजर, शलगम।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 8 पंजाब की मुख्य सब्ज़ियाँ

प्रश्न 10.
मिर्च की फसल के लिए प्रति एकड़ बीज की मात्रा बताओ।
उत्तर-
200 ग्राम।

(ख) एक-दो वाक्यों में उत्तर दो –

प्रश्न 1.
सब्जियों को सुरक्षित भोजन क्यों कहा जाता है ?
उत्तर-
सब्जियों में प्रोटीन, विटामिन, खनिज पदार्थ होते हैं जो शरीर की रक्षा के लिए बहुत ज़रूरी हैं। इसलिए इनको सुरक्षित भोजन कहा जाता है।

प्रश्न 2.
सब्जियों का उदाहरण देते हुए उन्हें मौसम अनुसार बांटिए।
उत्तर-
गर्मी की सब्ज़ियां-टमाटर, बैंगन, भिंडी, कद्र जाति की सब्जियां आदि। सर्दी की सब्जियां-पालक, मटर, गोभी, गाजर, मेथी आदि।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 8 पंजाब की मुख्य सब्ज़ियाँ

प्रश्न 3.
संतुलित खुराक से क्या भाव है ?
उत्तर-
संतुलित खुराक ऐसी खुराक है जिसमें मनुष्य के शरीर के लिए आवश्यक सभी खुराकी तत्त्व; जैसे–प्रोटीन, विटामिन, चर्बी, धातुएं; जैसे-कैल्शियम, लोहा, कार्बोज़ आदि आवश्यक मात्रा में मौजूद होते हैं।

प्रश्न 4.
चार गर्मियों की तथा चार सर्दियों की सब्जियों के नाम लिखो।
उत्तर-
गर्मी की सब्जियां-भिंडी, मिर्च, टमाटर, बैंगन। सर्दी की सब्जियां-पालक, मेथी, मूली, गाजर।

प्रश्न 5.
सब्जियों में पाए जाने वाले भोजन के तत्त्वों के बारे में बताओ।
उत्तर-
सब्जियों में प्रोटीन, विटामिन, खनिज पदार्थ आदि तत्त्व मिलते हैं।

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प्रश्न 6.
आलू की प्रमुख किस्मों के नाम बताओ।
उत्तर-
कुफरी पुखराज, कुफरी ज्योति, कुफरी संधुरी तथा कुफरी बादशाह।

प्रश्न 7.
पत्तेदार सब्जियां कौन-कौन सी हैं तथा ये कब और अधिकतर कहां उगाई जाती हैं ?
उत्तर-
पत्तेदार सब्जियां हैं-धनिया, पालक, मेथे, मेथी आदि। इनको सर्दी ऋतु में बोया जाता है।

प्रश्न 8.
मिर्च की पनीरी की बुवाई की सिफ़ारिश कब की जाती है ?
उत्तर-
मिर्च की पनीरी के लिए बुवाई अंत अक्तूबर से मध्य नबंवर में की जाती है।

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प्रश्न 9.
मटर भूमि की उत्पादन क्षमता कैसे बढ़ाते हैं ?
उत्तर-
मटर की जड़ों में लाभदायक जीवाणु होते हैं जोकि भूमि में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ाते हैं। इस तरह भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ जाती है।

प्रश्न 10.
सर्द ऋतु की सब्जियों के बारे में बताइए।
उत्तर-
ऐसी सब्जियां जिनको विकसित होने के लिए अधिक ठण्डे मौसम की आवश्यकता होती है, को सर्द ऋतु वाली सब्जियां कहते हैं; जैसे-मटर, गोभी, पालक, मेथी, मेथे, गाजर आदि।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 8 पंजाब की मुख्य सब्ज़ियाँ

(ग) पाँच-छ: वाक्यों में उत्तर दो –

प्रश्न 1.
निम्नलिखित सब्जियों के बारे में संक्षेप में बताइए :

  • मिर्च
  • प्याज
  • आलू
  • भिंडी।

उत्तर-
1. मिर्च की काश्त-

  1. किस्म-सी० एच०-1, सी०एच०-3, पंजाब तेज़, पंजाब सुर्ख।
  2. काश्त अधीन क्षेत्रफल-7.67 हज़ार हैक्टेयर।
  3. मौसम-गर्म तथा नमीयुक्त मौसम।
  4. बीज की मात्रा-एक एकड़ के लिए 200 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है। इसको एक मरले में बो कर पनीरी तैयार की जाती है।
  5. बुवाई का समय-अंत अक्तूबर से मध्य नबंवर तक पनीरी की बुवाई तथा खेत में पनीरी की बुवाई फरवरी-मार्च महीने में की जाती है।

2. प्याज की काश्त –

  1. किस्में-पंजाब व्हाइट, पंजाब नरोया तथा पी०आर०ओ०-6.
  2. मौसम-यह सर्दियों की महत्त्वपूर्ण फसल है।
  3. पनीरी लगाने का समय-अक्तूबर से नंवबर तथा दिसम्बर या जनवरी।
  4. बीज की मात्रा-4-5 किलो बीज।

3. आलू की काश्त

  1. काश्त अधीन क्षेत्रफल-पंजाब में सबसे अधिक क्षेत्रफल आलू की कृषि के अधीन है।
  2. किस्में-कुफरी पुखराज, कुफरी ज्योति, कुफरी संधुरी तथा कुफरी बादशाह।
  3. मौसम-ठण्डा मौसम।
  4. बीज की आवश्यकता-एक एकड़ के लिए 8-12 क्विंटल बीज।
  5. बुवाई का समय-सितंबर-अक्तूबर।
  6. बुवाई का ढंग-हाथ से या ट्रांसप्लांटर से बुवाई की जाती है।
  7. उपज-100 क्विंटल से 140 क्विंटल तक।

4. भिण्डी की काश्त-

  1. किस्में-पंजाब-7 तथा पंजाब-8
  2. बुवाई का समय-फरवरी-मार्च तथा बरसात ऋतु में जून-जुलाई।
  3. उत्पादन-प्रति एकड़ 50 क्विटल।

प्रश्न 2.
सब्जियां मनुष्य के भोजन का अभिन्न अंग क्यों हैं ?
उत्तर-
सब्ज़ियां मनुष्य के भोजन का अभिन्न अंग हैं। सब्जियों में मनुष्य के शरीर के लिए आवश्यक खुराकी तत्त्व मौजूद होते हैं; जैसे कि इनमें प्रोटीन, खनिज, विटामिन आदि सभी तत्त्व भिन्न-भिन्न मात्रा में होते हैं। इसी कारण सब्जियों को सुरक्षित भोजन भी कहा जाता है।
खुराकी विशेषज्ञों के अनुसार एक व्यक्ति को अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन 300 ग्राम सब्जियों की आवश्यकता होती है।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 8 पंजाब की मुख्य सब्ज़ियाँ

प्रश्न 3.
मटरों में कौन-सा टीका लगता है तथा क्यों ?
उत्तर-
मटर एक फलीदार फसल है। मटर भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ाते हैं । यह भूमि में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ाने में सहायक है। इसके बीज को बोने से पहले राइज़ोबीयम के टीके द्वारा शोधित किया जाता है। इससे फलियों का उत्पादन तथा फलियों में दानों की मात्रा बढ़ती है। यह टीका पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना से प्राप्त किया जाता है।

प्रश्न 4.
विभिन्न जड़ वाली सब्जियाँ कौन-कौन सी हैं ? इनकी उन्नत किस्में तथा बुवाई के समय के बारे में बताओ।
उत्तर-
गाजर-पी.सी.-34, पंजाब ब्लैक ब्यूटी
मूली-पंजाब पसंद, पूसा चेतकी
शलगम-एल-1
जड़ वाली सब्जियों की बुवाई सितम्बर-अक्तूबर में की जाती है।

प्रश्न 5.
कद्दू जाति के सब्जियों के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
कद्दू जाति की सब्जियां-घीया-कद्, घीया तोरी, चप्पन कद्दू, टींडा, करेला, काली तोरी, खरबूजा, तर, तरबूज, पेठा, खीरा आदि।
बुवाई का समय-फरवरी से मार्च
बीज की मात्रा-प्रति एकड़ लगभग 2 किलो बीज
तैयारी-पेठा तैयार होने को 4-5 महीने लगते हैं तथा अन्य सब्जियाँ 2-3 महीने में तैयार हो जाती हैं।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 8 पंजाब की मुख्य सब्ज़ियाँ

Agriculture Guide for Class 6 PSEB पंजाब की मुख्य सब्ज़ियाँ Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
आलू कौन-से मौसम की सब्जी है ?
उत्तर-
ठण्डे मौसम की।

प्रश्न 2.
प्रतिदिन सब्जियों की आवश्यकता बारे बताएं।
उत्तर-
300 ग्राम प्रतिदिन।

प्रश्न 3.
आलू की बुवाई के लिए बीज की आवश्यकता बताएं।
उत्तर-
8-12 क्विंटल।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 8 पंजाब की मुख्य सब्ज़ियाँ

प्रश्न 4.
मिर्च के लिए बीज की आवश्यकता बताएं।
उत्तर-
200 ग्राम बीज प्रति एकड़।

प्रश्न 5.
पंजाब में मिर्च की काश्त के अधीन क्षेत्रफल बताएं।
उत्तर-
7.67 हज़ार हैक्टेयर।

प्रश्न 6.
पंजाब छुहारा किस की किस्म है ?
उत्तर-
टमाटर की।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 8 पंजाब की मुख्य सब्ज़ियाँ

प्रश्न 7.
टमाटर के लिए बीज की मात्रा बताएं।
उत्तर-
एक एकड़ के लिए 100 ग्राम बीज की आवश्यकता है।

प्रश्न 8.
कद् जाति के लिए बीज की मात्रा बताएं।
उत्तर-
2 किलो बीज प्रति एकड।

प्रश्न 9.
भिण्डी की किस्मों के बारे में लिखें।
उत्तर-
पंजाब-7, पंजाब-8.

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 8 पंजाब की मुख्य सब्ज़ियाँ

प्रश्न 10.
गोभी की उन्नत किस्मों के बारे में लिखें।
उत्तर-
पूसा स्नोवाल-1, पूसा स्नोवाल-के-1.

प्रश्न 11.
गोभी की फसल कितने दिनों में तैयार हो जाती है ?
उत्तर-
90-100 दिनों में।

प्रश्न 12.
गोभी की बुवाई का समय बताएं।
उत्तर-
सितंबर-अक्तूबर।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 8 पंजाब की मुख्य सब्ज़ियाँ

प्रश्न 13.
मटर की बुवाई के लिए बीज की मात्रा बताएं।
उत्तर-
30-45 किलो प्रति एकड़।

प्रश्न 14.
मटर के बीज को बोने से पहले कौन-सा टीका लगाया जाता है ?
उत्तर-
राइजोबियम का।

प्रश्न 15.
पंजाब नगीना किसकी किस्म है ?
उत्तर-
बैंगन।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 8 पंजाब की मुख्य सब्ज़ियाँ

प्रश्न 16.
प्याज़ की किस्मों के नाम लिखो।
उत्तर-
पंजाब व्हाइट, पंजाब नरोया, पी०आर०ओ०-6.

प्रश्न 17.
मूली, गाजर के लिए बीज की मात्रा बताएं।
उत्तर-
4-5 किलो बीज प्रति एकड़।

प्रश्न 18.
शलगम के लिए बीज की मात्रा बताओ।
उत्तर-
प्रति एकड़ 2-3 किलो बीज।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 8 पंजाब की मुख्य सब्ज़ियाँ

प्रश्न 19.
पी०सी० 34 किसकी किस्म है ?
उत्तर-
गाजर की।

प्रश्न 20.
टमाटर किस ऋतु की फसल है ?
उत्तर-
गर्मी की।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
बैंगन की काश्त के बारे में बताएं।
उत्तर-
बैंगन की किस्में-पंजाब सदाबहार, पी०बी०एच०-3, पंजाब नगीना।
बुवाई का ढंग-पहले पनीरी लगाई जाती है तथा फिर उखाड़ कर, पौधे कतारों में लगाए जाते हैं।
वर्ष में फसलों की संख्या-वर्ष में 4 बार फसल ली जा सकती है।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 8 पंजाब की मुख्य सब्ज़ियाँ

प्रश्न 2.
गोभी की फसल के बारे में बताएं।
उत्तर-
किस्में-पूसा स्नोवाल-1, पूसा स्नोवाल-के-1
मौसम-सर्द मौसम की सब्जी।
तैयारी के लिए समय-90-100 दिन
बीज की आवश्यकता-250-500 ग्राम बीज प्रति एकड़
बुवाई का समय-सितम्बर-अक्तूबर
बुवाई का ढंग-पहले पनीरी तैयार की जाती है।

प्रश्न 3.
टमाटर की काश्त के बारे में बताएं।
उत्तर–
किस्में-पंजाब वर्षा बहार-

1. पंजाब रत्ता, पंजाब वर्षा बहार-2, टी०एच०-1, पंजाब छुहारा।
मौसम-गर्म ऋतु की फसल
बुवाई का समय-नवंबर
बीज की आवश्यकता-एक एकड़ की पनीरी के लिए 100 ग्राम बीज की आवश्यकता है।

प्रश्न 4.
पंजाब में कुल सब्जियों के अधीन क्षेत्रफल बताएं।
उत्तर-
पंजाब में सब्जियों की कृषि लगभग दो लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में की जाती है।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 8 पंजाब की मुख्य सब्ज़ियाँ

बड़े उत्तर वाला प्रश्न

प्रश्न-
आलू, मिर्च, टमाटर, गोभी, प्याज़ के लिए किस्में तथा बीज की मात्रा बताएं।
उत्तर –
PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 8 पंजाब की मुख्य सब्ज़ियाँ 1

पंजाब की मुख्य सब्ज़ियाँ PSEB 6th Class Agriculture Notes

  • सब्जियों में प्रोटीन, विटामिन, खनिज होते हैं।
  • शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन 300 ग्राम सब्जियां खानी चाहिएं।
  • पंजाब में सब्जियों की काश्त लगभग दो लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में की जाती है।
  • गर्मियों की सब्जियां हैं-कदू जाति की सब्जियां, भिण्डी, टमाटर, बैंगन आदि।
  • सर्दियों की सब्जियां हैं-मटर, गोभी, पालक, मेथी, मूली, गाजर, आदि।
  • पंजाब में सब्जियों में सबसे अधिक क्षेत्रफल आलू की फसल के अधीन है।
  • आलू ठण्डे मौसम की सब्जी है, इसलिए बुवाई का उपयुक्त समय सितम्बर अक्तूबर का है।
  • आलू की किस्में हैं-कुफरी पुखराज, कुफरी ज्योति, कुफरी संधुरी, कुफरी बादशाह।
  • आलू के लिए एक एकड़ के लिए 8-12 क्विंटल बीज की आवश्यकता है।
  • मिर्च की काश्त के अधीन पंजाब में 7.67 हज़ार हैक्टेयर क्षेत्रफल है।
  • मिर्च की किस्में हैं-सी०एच०-1, सी०एच०-3, पंजाब तेज़ आदि।
  • मिर्च की बुवाई के लिए 200 ग्राम बीज एक मरले में पनीरी के लिए बहुत
  • टमाटर की किस्में हैं-पंजाब रत्ता, पंजाब वर्षा बहार-1, पंजाब वर्षा बहार-2, टी०एच०-1, पंजाब छुहारा।।
  • टमाटर के एक एकड़ पनीरी के लिए 100 ग्राम बीज की आवश्यकता है।
  • घीया कद्रू, चप्पन कद्दू, करेला, टीडा, घीया तोरी, खरबूजा, तरबूज, तर, खीरा, पेठा आदि कद्रू जाति की सब्जियां हैं।
  • कद् जाति के लिए प्रति एकड़ 2 किलो बीज की आवश्यकता है।
  • भिण्डी की किस्में हैं-पंजाब-7, पंजाब-8.
  • बैंगन की किस्में हैं, बी०एच०-2, पंजाब सदाबहार, पी०बी०एच०-3, पंजाब नगीना।
  • बैंगन की पहले पनीरी लगाई जाती है।
  • गोभी की किस्में हैं-पूसा स्नोवाल-1, पूसा स्नोवाल-के-1.
  • एक एकड़ की पनीरी के लिए गोभी के 250-500 ग्राम बीज की आवश्यकता है।
  • मटर की किस्में हैं-मिट्ठी फली, पंजाब-88, पंजाब-89.
  • मटर का 30-45 किलो बीज एक एकड़ के हिसाब से आवश्यक है।
  • प्याज की किस्में हैं-पंजाब व्हाइट, पंजाब नरोआ, पी०आर०ओ०-6.
  • प्याज की पनीरी तैयार करने के लिए 4-5 किलो बीज की आवश्यकता है।
  • जड़ वाली सब्जियां हैं-मूली, गाजर, शलगम।
  • धनिया, पालक, मेथी आदि पत्तेदार सब्जियां हैं।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 4 घर

Punjab State Board PSEB 6th Class Home Science Book Solutions Chapter 4 घर Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Home Science Chapter 4 घर

PSEB 6th Class Home Science Guide घर Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
बड़े शहरों में घर की सफ़ाई के लिए बिजली से चलने वाले किस उपकरण का प्रयोग किया जा सकता है ?
उत्तर-
वैक्यूम क्लीनर, कार्पेट स्वीपर।

प्रश्न 2.
दरी साफ़ करने के लिए किस उपकरण का प्रयोग किया जा सकता
उत्तर-
ब्रुश का।

प्रश्न 3.
प्रतिदिन प्रयोग में आने वाली कौन-कौन सी सुविधाएं घर के पास होनी चाहिए ?
उत्तर-
कार्य का स्थान, स्कूल, अस्पताल, बैंक, बाजार आदि।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 4 घर

प्रश्न 4.
घर कैसी जगहों के पास नहीं होना चाहिए ?
उत्तर-
स्टेशन, श्मशान घाट आदि के पास नहीं होना चाहिए।

लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
घर का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
मनुष्य जहाँ अपने परिवार के साथ रहने की व्यवस्था करता है वही उसका घर कहलाता है।

प्रश्न 2.
घर के आस-पास कैसे लोग होने चाहिएँ ?
उत्तर-
घर के आस-पास के लोग गम्भीर, मिलनसार तथा सुख-दुःख के साथी होने चाहिएँ।

प्रश्न 3.
यदि फैक्टरी, स्टेशन घर के समीप हों तो क्या हानि है ?
उत्तर-
यदि फैक्टरी, स्टेशन घर के समीप हों तो हमें निम्न हानियाँ हैं-फैक्टरी का धुआँ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है तथा रेलें शांति को समाप्त करती हैं।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 4 घर

प्रश्न 4.
मकान बनाते समय कौन-सी सुविधाओं को ध्यान में रखना चाहिए ?
उत्तर-
मकान बनाते समय निम्नलिखित सुविधाओं को ध्यान में रखना चाहिए –

  1. मकान बनाते समय यह ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि दैनिक प्रयोग में आने वाली वस्तुएँ शीघ्र तथा सुगमता से प्राप्त हो सकती हों।
  2. नौकरी वाले लोगों के लिए नौकरी का स्थान तथा दुकानदार के लिए दुकान समीप होना चाहिए।
  3. अस्पताल तथा बाज़ार भी घर से बहुत दूर नहीं होने चाहिए।
  4. डाकघर तथा बैंक भी समीप होना चाहिए।
  5. रिक्शा, टाँगा और लोकल बस सुगमता से प्राप्त होनी चाहिए।

प्रश्न 5.
घर को साफ़ रखना क्यों जरूरी है ?
उत्तर-
गंदा घर कीड़े-मकौड़े पैदा करके बीमारियाँ पैदा करता है। इसलिए घर को साफ़ रखना ज़रूरी है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
घर को साफ़ करने के ढंगों के नाम लिखो।
उत्तर-
घर साफ़ करने के लिए निम्नलिखित ढंग इस प्रकार हैं –

  1. झाड़ लगाना,
  2. झाड़ना,
  3. पोचा लगाना।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 4 घर

प्रश्न 2.
चीज़ों को झाड़ लगाने के बाद क्यों झाड़ना चाहिए ?
उत्तर-
वस्तुएँ झाड़ने का काम झाडू लगाने के बाद तथा पोचा लगाने से पहले करना चाहिए ताकि झाड़ लगाने से जो मिट्टी वस्तुओं पर उड़कर पड़ती है, वह झाड़न से साफ़ हो जाए।

प्रश्न 3.
पोचा लगाने तथा ब्रश फेरने में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
पोचा लगाने तथा ब्रुश फेरने में अन्तर –

पोचा ब्रुश
1. पक्के फर्श पर प्रतिदिन झाड़ लगाने के बाद मोटे कपड़े को गीला करके पोचा लगाना चाहिए। 1. सप्ताह में एक बार दीवारों तथा छत को झाड़ लगाने से पहले ब्रुश से साफ़ कर लेना चाहिए।
2. पोचा लगाने वाला कपड़ा मोटा और ऐसा होना चाहिए कि पानी तथा मिट्टी को सोख सके। 2. ब्रुश ऐसा होना चाहिए जिससे मकड़ी तथा कीड़े-मकौड़े से छुटकारा मिल  जाए।
3. पोचा मोटा सूती कपड़ा फलालेन या बाज़ार से मिलने वाला पोचा प्रयोग करना चाहिए। 3. ब्रश एक बलिश्त लम्बा तथा छोटी सी हत्थी वाला प्रयोग करना चाहिए।

प्रश्न 4.
ब्रुश या झाड़ की किस्मों के बारे में तुम जो जानते हो, विस्तार से लिखो।
उत्तर-
ब्रुश की किस्में –
1. दरी या कालीन साफ़ करने वाला ब्रुश-यह सख्त बुर का एक बलिश्त लम्बा छोटी-सी हत्थी वाला ब्रुश होता है। इससे दरी तथा कालीन साफ़ किए जाते हैं।

2. पालिश करने वाला बुश-खिड़कियों, अलमारियों, जालीदार डोली तथा कमरों के दरवाज़े पालिश करने के लिए छोटी-सी डंडी वाला ब्रुश होता है।

3. फर्श धोने के लिए ब्रुश-ईंटों का फर्श धोने के लिए लोहे की तार का सुदृढ़ ब्रुश होता है। इससे ईंटों से मिट्टी तथा चिकनाई सुगमता से दूर की जाती है।।

4. सफेदी (कली) करने वाला ब्रुश-घर की दीवारों पर सफेदी करने के लिए बाज़ार से घास-फूस का बना ब्रुश मिलता है। उसे कूची कहा जाता है।
PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 4 घर 1

5. दीवारें तथा छतें साफ़ करने के लिए ब्रुश-यह गोलाकार होता है। दीवारों तथा छत तक पहुँचाने के लिए इसके साथ लम्बी छड़ी लगी होती है। इससे जाले तथा मिट्टी बड़ी सुगमता से साफ़ हो जाते हैं।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 4 घर

Home Science Guide for Class 6 PSEB घर Important Questions and Answers

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
आदिकाल में मनुष्य कहाँ रहते थे ?
उत्तर-
गुफाओं में ।

प्रश्न 2.
घर किन चीज़ों से बनता है ?
उत्तर-
मकान तथा परिवार से।

प्रश्न 3.
प्राणी में जन्मजात चेतना क्या होती है ?
उत्तर-
प्राणी अपने विकास के लिए ऐसे ठौर का निर्माण करना चाहता है जहाँ उसे सुख-शाँति प्राप्त हो सके। यही जन्मजात चेतना होती है।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 4 घर

प्रश्न 4.
समय, श्रम व धन की बचत के लिए मकान कहाँ होना चाहिए ?
उत्तर-
समय, श्रम व धन की बचत के लिए मकान, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, दफ्तर, बाज़ार आदि के निकट होना चाहिए।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
घर में व्यक्ति को कौन-कौन सी सुविधाएँ मिलती हैं ?
उत्तर-
घर में व्यक्ति को निम्न सुविधाएँ मिलती हैं –

  1. सुरक्षात्मक सुविधाएँ
  2. कार्य करने की सुविधा
  3. शारीरिक सुख
  4. मानसिक शान्ति
  5. विकास एवं वृद्धि की सुविधा।

प्रश्न 2.
हमारा घर कैसा होना चाहिए ?
उत्तर-
हमारा घर ऐसा होना चाहिए जहां –

  1. परिवार के सभी सदस्यों के पूर्ण विकास व वृद्धि का ध्यान रखा जाए।
  2. सदा प्रत्येक सदस्य की कार्य क्षमता को प्रोत्साहन दिया जाए।
  3. एक-दूसरे के प्रति सद्भावना व प्रेम से व्यवहार किया जाए।
  4. परिवार की आर्थिक स्थिति में पूर्ण योगदान दिया जाए।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 4 घर

प्रश्न 3.
घर की आवश्यकता क्यों होती है ?
उत्तर-

  1. वर्षा, धूप, ठण्ड, आँधी, तूफ़ान आदि से बचने के लिए।
  2. जीव-जन्तुओं, चोरों तथा आकस्मिक घटनाओं से अपने-आप को सुरक्षित रखने के लिए।
  3. शान्तिपूर्वक, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्यप्रद जीवन व्यतीत करने के लिए।
  4. अपना तथा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए।

प्रश्न 4.
घर का हमारे स्वास्थ्य से क्या सम्बन्ध है ? समझाकर लिखें।
उत्तर-
हमारे स्वास्थ्य का घर से बहुत गहरा सम्बन्ध है। बहुत हद तक हमारा स्वास्थ्य घरों के स्वास्थ्यकर होने पर ही निर्भर करता है हम कितना ही पुष्टिकर भोजन क्यों न करें, हमारी आदतें कितनी भी अच्छी क्यों न हों, लेकिन यदि हमारा निवास स्वास्थ्यकर नहीं होगा तो हम कभी भी स्वस्थ जीवन व्यतीत नहीं कर सकते। अस्वस्थ वातावरण, अपर्याप्त शुद्ध वायु और सूर्य-प्रकाश के अभाव में लोग दुर्बल हो जाते हैं। उनकी कार्य-क्षमता घट जाती है। तंग और गन्दे घरों में रहने से लोगों का सिर-दर्द, कमजोरी, रक्तहीनता, अनिद्रा, जुकाम, क्षय तथा अन्यान्य सांस और छूत के रोग हो जाते हैं। अतः स्पष्ट है कि हमारा स्वास्थ्य घर के स्वास्थ्यकर होने पर ही निर्भर करता है।

प्रश्न 5.
सफ़ाई में काम आने वाले पदार्थों के नाम लिखो।
उत्तर-
सफ़ाई में काम आने वाले विभिन्न पदार्थ जैसे नींबू, सिरका, स्प्रिट, तारपीन का तेल, बैंजीन, क्लोरीन, हाइड्रोक्लोरिक एसिड आदि का प्रयोग, दाग-धब्बे दूर करने हेतु किया जाता है। डी० टी० टी०, फिनाइल, मिट्टी का तेल आदि का प्रयोग जीव-जन्तुओं का नाश करने हेतु किया जाता है। ब्रासो क्रीम, फर्नीचर क्रीम आदि को धातु, शीशे तथा फर्नीचर की सफ़ाई में प्रयोग किया जाता है।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 4 घर

प्रश्न 6.
सामान्य रूप से सफ़ाई की क्या विधियाँ हैं ?
उत्तर-
सामान्य रूप से सफ़ाई की निम्नलिखित विधियाँ हैं –

  1. झाड़ लगाना
  2. गीले-पोचे से फर्श आदि की धूल-मिट्टी साफ़ करना
  3. वस्तुओं को कपड़े से पोंछना
  4. पानी से धुलाई करना (फ़र्श की धुलाई)
  5. वैक्यूम क्लीनर का प्रयोग
  6. फ़र्श स्वीपर (कार्पेट-स्वीपर) का प्रयोग।

बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
घर की सफाई के लिए आवश्यक सामग्री को चित्रों द्वारा समझाइये।
उत्तर-
घर की सफ़ाई के लिए केवल झाड़ ही पर्याप्त नहीं होती। अच्छी सफ़ाई के लिए सफ़ाई के अनुरूप सामग्री की आवश्यकता होती है। सफ़ाई के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है –
PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 4 घर 2

  1. झाड़, ब्रुश, झाड़न या कपड़े व चिथड़े, स्पंज।
  2. डस्ट पैन, डोल, बाल्टी, जग या मग।
  3.  सफ़ाई करने के यंत्र-वैक्यूम क्लीनर, कार्पेट स्वीपर आदि।
  4. सफ़ाई में प्रयुक्त होने वाले पदार्थ-डी० टी० टी०, फिनायल, मिट्टी का तेल, स्प्रिट, तारपीन का तेल, बैंजीन, क्लोरीन, नींबू, सिरका, हाइड्रोक्लोरिक एसिड आदि । ब्रासो क्रीम, फर्नीचर क्रीम, विम, राख, साबुन का पानी या सर्फ आदि।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 4 घर

एक शब्द में उत्तर दें …………………………………………………………..

प्रश्न 1.
मनुष्य जिस स्थान पर अपने परिवार के साथ रहता है उसे क्या कहते हैं ?
उत्तर-
घर।

प्रश्न 2.
स्वस्थ रहने के लिए ………………. आवश्यक है।
उत्तर-
सफ़ाई।

प्रश्न 3.
घर के पास …………………. तथा गन्दगी के ढेर नहीं होने चाहिए।
उत्तर-
डेयरी फ़ार्म।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 4 घर

प्रश्न 4.
बैंक घर के …………………… होना चाहिए।
उत्तर-
पास।

प्रश्न 5.
दीवारों तथा छतों की सफ़ाई वाला ब्रुश कैसा होता है ?
उत्तर-
गोलाकार।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 4 घर

घर PSEB 6th Class Home Science Notes

  • घर एक निजी स्वर्ग का नाम है।
  • मनुष्य अपने जीवन का बहुत-सा समय घर में ही बिताता है।
  • मनुष्य एक बुद्धि प्रधान जीव है।
  • घर के चारों ओर का वातावरण शांत होगा तो आपका जीवन सुगम तथा शांतमय होगा।
  • घर के समीप डेयरी फार्म तथा गन्दगी का ढेर भी नहीं होना चाहिए।
  • ऊँचे वृक्ष घर से दूर होने चाहिएँ।
  • मकान बनाते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि दैनिक प्रयोग में आने वाली वस्तुएँ शीघ्र तथा सुगमता से प्राप्त हो सकती हों।
  • अस्पताल तथा बाज़ार भी घर से बहुत दूर नहीं होने चाहिए।
  • स्वस्थ रहने के लिए सफ़ाई रखना आवश्यक है।
  • कच्चे फर्श पर थोड़ा-सा पानी छिड़ककर ही उसे साफ करना चाहिए ताकि मिट्टी अधिक न उड़े।
  • वस्तुएँ झाड़ने का काम झाड़ लगाने के बाद तथा पोचा लगाने से पहले करना चाहिए ताकि झाडू लगाने से जो मिट्टी वस्तुओं पर उड़कर पड़ती है, वह झाड़न से साफ हो जाए।
  • पोचा लगाते समय पानी में कोई कृमिनाशक औषधि डाल लेनी चाहिए ताकि मक्खी एवं मच्छर से छुटकारा मिल सके।
  • सप्ताह में एक बार दीवारों तथा छत को झाड़ लगाने से पहले ब्रुश से साफ कर लेना चाहिए।
  • झाड़ की किस्में-1. नारियल का झाड़, 2. खजूरे का झाड़, 3. फूल झाड़।।
  • ब्रुश की किस्में-1. दरी या कालीन साफ़ करने के लिए, 2. पालिश करने वाले ब्रुश, 3. फ़र्श धोने के लिए, 4. सफेदी करने वाला ब्रुश, 5. दीवारों तथा छतें साफ़ करने के लिए ब्रुश।