PSEB 6th Class Hindi Vyakaran लिंग एवं वचन

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Ling Evam Vachan लिंग एवं वचन Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 6th Class Hindi Grammar लिंग एवं वचन

प्रश्न 1.
लिंग किसे कहते हैं और उसके भेद बताओ।
उत्तर-संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति, वस्तु की जाति विशेष का बोध हो, उसे लिंग कहते हैं। जैसे-घोड़ा, घोड़ी। घोड़ा पुल्लिग है, जबकि घोड़ी स्त्रीलिंग है।

हिन्दी में दो लिंग हैं
(i) पुल्लिग – जिससे पुरुष जाति का बोध हो उसे पुल्लिंग कहते हैं।
(ii) स्त्रीलिंग – जिससे स्त्री जाति का बोध हो उसे स्त्रीलिंग कहते हैं।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran लिंग एवं वचन

प्रश्न 2.
वचन किसे कहते हैं और वचन कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर:
शब्द के जिस रूप से किसी वस्तु के एक अथवा अनेक होने का बोध हो उसे वचन कहते हैं।

हिन्दी में दो वचन हैं-
(i) एकवचन और
(ii) बहुवचन।

(i) एकवचन – संज्ञा का जो रूप एक ही वस्तु का बोध कराए, उसे एकवचन कहते हैं। जैसे-लड़की, घोड़ा, बहन।
(ii) बहुवचन – संज्ञा का जो रूप एक से अधिक वस्तुओं का बोध कराए, उसे बहुवचन कहते हैं। जैसे-लड़कियाँ, घोड़े, बहनें।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran अविकारी शब्द (अव्यय)

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Avikari Shabd (Avyay) अविकारी शब्द (अव्यय) Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 6th Class Hindi Grammar अविकारी शब्द (अव्यय)

प्रश्न 1.
अव्यय किसे कहते हैं ? ये कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर:
जिन शब्दों का लिंग, वचन, कारक, काल आदि के कारण कोई रूप नहीं बदलता उन्हें अव्यय कहते हैं। अव्यय का दूसरा नाम अविकारी शब्द है।
अव्यय चार प्रकार के होते हैं-
(1) क्रिया विशेषण
(2) सम्बन्ध बोधक
(3) समुच्चय बोधक
(4) विस्मयादि बोधक।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran अविकारी शब्द (अव्यय)

(1) क्रिया विशेषण

प्रश्न 1.
क्रिया-विशेषण किसे कहते हैं ? इसके कितने भेद हैं ? उदाहरण सहित लिखो।
उत्तर:
जो शब्द क्रिया की विशेषता प्रकट करे, उसे क्रिया-विशेषण कहते हैं। जैसे
(i) राम धीरे चलता है।
(ii) सुधा जल्दी लिखती है।
इन वाक्यों में ‘धीरे’ और ‘जल्दी’ शब्द क्रिया के साथ जुड़कर उसकी विशेषता प्रकट करते हैं। अतः ये क्रिया विशेषण हैं। इसी तरह झटपट, सहसा, शीघ्र, बाहर, ऊपर, सायं आदि शब्द भी क्रिया विशेषण हैं।

क्रिया विशेषण के भेद :
क्रिया-विशेषण के चार भेद हैं-
1. स्थानवाचक-जो विशेषण क्रिया का स्थान बताए, उसे स्थानवाचक क्रिया कहते हैं। जैसे-उस जगह, यहाँ, वहाँ।
2. कालवाचक-जो विशेषण क्रिया का समय बताए, उसे कालवाचक क्रिया कहते हैं। जैसे-आज, कल, परसों।
3. परिमाणवाचक-जो विशेषण क्रिया का माप बताए, उसे परिमाणवाचक क्रिया कहते हैं। जैसे-कम, अधिक, न्यून।
4. रीतिवाचक-जो विशेषण क्रिया के होने का ढंग बताए, उसे रीतिवाचक क्रिया कहते हैं। जैसे-धीरे बोलो। गाड़ी तेज़ चलती है।

(2) सम्बन्ध बोधक

प्रश्न 1.
सम्बन्ध बोधक अव्यय किसे कहते हैं ? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जिस अव्यय शब्द से संज्ञा अथवा सर्वनाम का सम्बन्ध वाक्य के दूसरे शब्दों के साथ प्रकट होता है, उसे सम्बन्ध बोधक अव्यय कहते हैं, जैसे
(i) विद्यालय के भवन के ऊपर झण्डा फहरा रहा है।
(ii) उसके सामने मत ठहरो।
(iii) पेड़ के नीचे बैठो। इन वाक्यों में रेखांकित शब्द सम्बन्ध बोधक अव्यय हैं। कुछ सम्बन्ध बोधक अव्यय ये हैं-आगे, पीछे, ऊँचे, नीचे, समीप, दर, बाहर, भीतर।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran अविकारी शब्द (अव्यय)

(3) समुच्चय बोधक

प्रश्न 1.
समुच्चय बोधक अव्यय किसे कहते हैं ? उदाहरण देकर स्पष्ट करें।
उत्तर:
जो अव्यय दो शब्दों अथवा दो वाक्यों को जोड़ने का कार्य करते हैं, उन्हें समुच्चय बोधक अव्यय कहते हैं। जैसे
(i) मोहन और सोहन पढ़ते हैं।
(ii) हमें जल्दी तैयार हो जाना चाहिए ताकि हम समय पर समारोह में पहुँच सकें।
(iii) यदि तुम मेहनत करोगे तो सफलता अवश्य मिलेगी।
इन वाक्यों में क्रमश: ‘और’, ‘ताकि’, ‘यदि’ का जो प्रयोग हुआ है, वह दो शब्दों या . वाक्यों को जोड़ने वाला है। अतः ये समुच्चय बोधक अव्यय हैं। कुछ समुच्चय बोधक अव्यय ये हैं-और, यदि अथवा, अतः क्योंकि, किन्तु, परन्तु।

(4) विस्मयादि बोधक

प्रश्न 1.
विस्मयादि बोधक अव्यय का लक्षण उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जिन अविकारी शब्दों में हर्ष, शोक, आश्चर्य, घृणा आदि का भाव प्रकट हो, उन्हें विस्मयादि बोधक अव्यय कहते हैं।
(i) हाय! यह क्या हो गया।
(ii) वाह! वाह ! हम जीत गए।
(iii) अरे! तुम तो कल आने वाले थे।
इन वाक्यों में ‘हाय’, ‘वाह-वाह’, ‘अरे’ शब्द क्रमश: शोक, हर्ष और आश्चर्यसूचक भावों को प्रकट करने वाले हैं। अतः ये विस्मयादि बोधक अव्यय हैं।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran क्रिया

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Kriya क्रिया Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 6th Class Hindi Grammar क्रिया

प्रश्न 1.
क्रिया किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जिस में किसी काम का करना, होना, सहना आदि पाया जाए, उसे क्रिया कहते हैं; जैसे-मोहन पढ़ता है। कमला लिखती है।

क्रिया के भेद :
क्रिया के दो भेद हैं-
1. अकर्मक : जिस के व्यापार और फल दोनों का भार कर्ता पर ही पड़े (कर्म न हो), उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं; जैसे-कृष्ण रोता है। मोहन भागता है।
कुछ अकर्मक क्रियाएँ – मरना, जीना, हँसना, रोना, उठना, बैठना, दौड़ना, भागना, चलना, सोना, डरना।

2. सकर्मक : जिस क्रिया में व्यापार का फल कर्ता को छोड़कर कर्म पर पड़े, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं; जैसे-श्याम पुस्तक पढ़ता है। मोहन पेंसिल देता है।
कुछ सकर्मक क्रियाएँ – लेना, देना, पढ़ना, लिखना, कहना, देखना, सीना, छूना, रोकना, सुनना, भागना, खाना।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran क्रिया

बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से क्रिया शब्द चुनें :
(क) दौड़ना
(ख) महल
(ग) ऊपर
(घ) कौन।
उत्तर:
(क) दौड़ना

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द क्रिया का उदाहरण नहीं है ?
(क) खिंचवाना
(ख) करवाना
(ग) गुरु जी
(घ) डर गया।
उत्तर:
(ग) गुरु जी

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से कौन सा शब्द क्रिया का उदाहरण है ?
(क) पढ़ना
(ख) लिखाई
(ग) पढ़ाई
(घ) हंसी।
उत्तर:
(क) पढ़ना

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran क्रिया

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से कौन सा शब्द प्रेरणार्थक क्रिया का उदाहरण नहीं है ?
(क) लिखवाना
(ख) पढ़वाना
(ग) रोना
(घ) दिलवाना।
उत्तर:
(ग) रोना

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से क्रिया शब्द छांटिए :
(क) शेर
(ख) बुनना
(ग) चार
(घ) मोहन।
उत्तर:
(ख) बुनना

प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द क्रिया का उदाहरण है ?
(क) कक्षा
(ख) देना
(ग) अच्छाई
(घ) मूर्खता।
उत्तर:
(ख) देना

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran क्रिया

प्रश्न 7.
निम्नलिखित मेंसेकौन-साशब्द क्रियाका उदाहरण नहीं है ?
(क) डूबना
(ख) साधु
(ग) पिटवाना
(घ) बोना।
उत्तर:
(ख) साधु।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran विशेषण

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Visheshan विशेषण Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 6th Class Hindi Grammar विशेषण

प्रश्न 1.
विशेषण किसे कहते हैं और उसके भेद बताओ।
उत्तर:
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता प्रकट करते हैं उन्हें विशेषण कहा जाता है; जैसे-वीर पुरुष। इसमें ‘वीर’ शब्द पुरुष की विशेषता प्रकट करता है। इसलिए यह विशेषण है।

विशेषण के चार भेद हैं :
1. गुणवाचक – संज्ञा या सर्वनाम के गुण-दोष, रंग, अवस्था आदि को बताने वाला गुणवाचक विशेषण होता है; जैसे-विद्वान् पुरुष। मूर्ख लड़का। (गुण-दोष)। सफ़ेद (घोड़ा)। काली बिल्ली (रंग)।

2. संख्यावाचक – जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का ज्ञान कराये, वह संख्यावाचक विशेषण कहलाता है; जैसे-एक पुस्तक । दस मनुष्य।

3. परिमाणवाचक – जिस शब्द से संज्ञा या सर्वनाम के नाप-तोल का ज्ञान होता है, वह परिमाणवाचक विशेषण कहलाता है; जैसे-दो मीटर कपड़ा। चार किलो मिठाई।

4. सार्वनामिक या सांकेतिक – जो सर्वनाम संज्ञा के साथ उसके संकेत के रूप में आता है। तब वह सार्वजनिक विशेषण बन जाता है; जैसे-वह मेरी पुस्तक है।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran विशेषण

बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से विशेषण शब्द चुनें :
(क) मिठाई
(ख) प्राणी
(ग) बुराई
(घ) दो।
उत्तर:
(घ) दो

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन सा शब्द विशेषण नहीं है ?
(क) महिला
(ख) तेज़
(ग) पंजाबी
(घ) लाल।
उत्तर:
(क) महिला

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से गुणवाचक विशेषण चुनें :
(क) सफेद
(ख) दो
(ग) चार
(घ) वह।
उत्तर:
(क) सफेद

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran विशेषण

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से संख्यावाचक विशेषण चुनें :
(क) अच्छा
(ख) सुंदर
(ग) दस
(घ) काला।
उत्तर:
(ग) दस

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से निश्चित परिमाणवाचक विशेषण चुनें:
(क) सफेद
(ख) कुछ
(ग) दो मीटर
(घ) थोड़ी।
उत्तर:
(ग) दो मीटर

प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण चुनें :
(क) कितना मीटर
(ख) दो मीटर
(ग) तीन लीटर
(घ) छठी कक्षा।
उत्तर:
(क) कितना मीटर

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran विशेषण

प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से सार्वनामिक या सांकेतिक विशेषण चुनें :
(क) मोटा
(ख) खोटा
(ग) दस लीटर
(घ) यह पुस्तक।
उत्तर:
(घ) यह पुस्तक।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 25 हम पंछी उन्मुक्त गगन के

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 25 हम पंछी उन्मुक्त गगन के Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 25 हम पंछी उन्मुक्त गगन के

Hindi Guide for Class 7 PSEB हम पंछी उन्मुक्त गगन के Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध

1. शब्दार्थ-शब्दार्थ सरलार्थ के साथ दिए हैं।

2. पर्यायवाची शब्द लिखें:-

पंछी = ………………
गगन = ……………….
कनक = ……………….
पंख = ……………….
तरु = ……………….
नीड़ = …………………
उत्तर:
शब्द पर्यायवाची शब्द
पंछी = खग, पक्षी
गगन = आकाश, नभ
कनक = स्वर्ण, सोना
पंख = पर, डैना
तरु = वृक्ष, पेड़
नीड़ = घोंसला, बसेरा

3. स्वर्ण श्रृंखला, कनक-कटोरी, लाल किरण-सी में स्वर्ण, कनक और लाल शब्द गुणवाचक विशेषण हैं। इसी प्रकार तीन उदाहरण ढूंढ़कर लिखें।
उत्तर-
‘कटुक निबौरी, नीले नभ, सीमाहीन’ इन शब्दों में ‘कनक, नीले, हीन’ गुणवाचक विशेषण हैं।

4. भूखे-प्यासे में द्वंद्व समास है। इन दो शब्दों के बीच लगे चिह्न को संयोजक चिह्न कहते हैं। इसी चिह्न से और का संकेत मिलता है। इसी प्रकार के तीन उदाहरण और लिखें।
उत्तर:
रात-दिन, राजा-रानी. माता-पिता।

5. संधिविच्छेद करें:

उन्मुक्त = ………………….
उन्नायक = ………………..
उत्तर:
उत् + मुक्त,
उत् + नायक।

(ख) विचार-बोध :

1. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
इस कविता में पक्षी क्या चाहते हैं ?
उत्तर:
इस कविता में पक्षी खुले आकाश में आजादी से उड़ना चाहते हैं।

प्रश्न 2.
पक्षी अपनी क्या-क्या इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं ?
उत्तर:
पक्षी बहता जल पीना, कड़वी निबौरी खाना, पेड़ की फुनगी पर झूलना, तारों रूपी अनार के दानों को चुगना, क्षितिज से बाज़ी लगाना तथा खुले आकाश में आज़ादी से उड़ना चाहते हैं।

प्रश्न 3.
पक्षी कौन-कौन सी सुख-सुविधाएँ पाकर भी पिंजरे में नहीं रहना चाहते ?
उत्तर:
पक्षी सोने की कटोरी में विशेष खाद्य पदार्थ, सुरक्षा, सोने की जंजीरों के बंधन जैसी सुख-सुविधाएँ पा कर भी पिंजरे में नहीं रहना चाहते।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 25 हम पंछी उन्मुक्त गगन के

प्रश्न 4.
पक्षियों के लिए पंखों की सार्थकता किस बात में है ?
उत्तर:
पक्षियों के लिए पंखों की सार्थकता आज़ादी से उड़ने में है।

2. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
सप्रसंग व्याख्या करें:

नीड़ न दो ….. विघ्न न डालो।
उत्तर:
कविता का सप्रसंग सरलार्थ भाग देखिए।

प्रश्न 2.
इस कविता में पक्षियों की कौन-कौन सी स्वभावगत विशेषताएँ बताई गई हैं ?
उत्तर:
पक्षी खुले आकाश में उड़ना पसंद करते हैं। वे पिंजरे में गा नहीं सकते। वे बहता जल पीते हैं। उन्हें सोने की कटोरी में दिया भोजन कड़वी निबौरी के सामने अच्छा नहीं लगता। वे पेड़ों की फुनगी पर झूलना चाहते हैं। उन्हें क्षितिज से बाज़ी लगाकर उड़ना पसंद है। वे पिंजरे के बन्धन से आज़ादी अच्छी समझते हैं।

प्रश्न 3.
पक्षियों को पिंजरे में बन्द करने से उनकी आज़ादी का हनन होता है। क्या आपको भी आज़ादी पसन्द है? किस-किस क्षेत्र में आप आज़ाद होकर जीना चाहेंगे? अपने विचार लिखें।
उत्तर:
पिंजरे में बन्द रखने से पक्षियों की आज़ादी समाप्त हो जाती है। पिंजरे की तीलियों से टकरा कर उस के पंख टूट जाते हैं और वे उड़ना भूल जाते हैं। हमें भी
आज़ादी पसंद है। हम अपनी पढ़ाई, खेल-कूद, खाने-पीने, अपने जीवन का उद्देश्य निर्धारित करने में आजादी चाहते हैं। हम अपने भरोसे तथा बल पर अपने जीवन का निर्माण करना चाहते हैं।

प्रश्न 4.
यदि वातावरण में पक्षी न हों तो आपको कैसा लगेगा ? इस विषय पर वादविवाद प्रतियोगिता का आयोजन करें।
उत्तर:
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

PSEB 7th Class Hindi Guide हम पंछी उन्मुक्त गगन के Important Questions and Answers

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 1.
‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ कविता के रचनाकार कौन हैं ?
(क) शिव मंगल सिंह सुमन
(ख) महादेवी वर्मा
(ग) सुमित्रानंदन पंत
(घ) राजेश जोशी
उत्तर:
(क) शिव मंगल सिंह सुमन

प्रश्न 2.
पंछी कहाँ उड़ते हैं ?
(क) उन्मुक्त गगन में
(ख) विस्तृत धरती पर
(ग) गहरे पाताल में
(घ) उथले पानी में
उत्तर:
(क) उन्मुक्त गगन में

प्रश्न 3.
पंछी कहाँ नहीं गा पाएंगे ?
(क) घरों में
(ख) पिंजरे में
(ग) पेड़ों पर
(घ) घोंसले में
उत्तर:
(ख) पिंजरे में

प्रश्न 4.
पंछी के पंख कैसे हैं ?
(क) पीले
(ख) नीले
(ग) काले
(घ) पुलकित
उत्तर:
(घ) पुलकित

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 25 हम पंछी उन्मुक्त गगन के

प्रश्न 5.
पंछियों के पंख क्यों टूट जाऐगे ?
(क) हवा के वेग से
(ख) पंख फडफड़ाने से
(ग) पानी में भेगकर
(घ) कनक तीलियों से टकराकर
उत्तर:
(घ) कनक तीलियों से टकराकर

2. निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित विकल्पों से कीजिए

प्रश्न 1.
पक्षियों के …………………. अरमान थे।
(क) नील गगन में उड़ने के
(ख) पेड़ पर रहने के
(ग) घोंसले में सोने के
(घ) महलों में रहने के
उत्तर:
(क) नील गगन में उड़ने के

प्रश्न 2.
पक्षियों को अनार के दाने …….. लग रहे थे।
(क) बूंदों जैसे
(ख) पत्तों जैसे
(ग) तारों जैसे
(घ) मोती जैसे
उत्तर:
(ग) तारों जैसे

प्रश्न 3.
निबौरी ……………… है।
(क) कटुक
(ख) मीठी
(ग) नमकीन
(घ) खट्टी-मीठी
उत्तर:
(क) कटुक

प्रश्न 4.
पंछी सपनों में … ………… देख रहे हैं।
(क) तरु के फूल
(ख) तरु की फुनगी के झूले
(ग) तरु के फल
(घ) फल और पत्तियाँ
उत्तर:
(ख) तरु की फुनगी के झूले

प्रश्न 5.
पक्षी के लिए मैदा ……… कटोरी में रखा गया है।
(क) चाँदी की
(ख) हीरे की
(ग) पीतल की
(घ) सोने की
उत्तर:
(घ) सोने की

3. दिए गए शब्द का सही अर्थ से मिलान कीजिए

प्रश्न 1.
नीड़:
घोंसला
नीर
उत्तर:
घोंसला

प्रश्न 2.
तरु:
वृक्ष
नीम
तैरना
तर्पण
उत्तर:
वृक्ष।

प्रश्न 3.
अरमान:
इच्छा
अनिच्छा
मानना
उत्तर:
इच्छा

प्रश्न 4.
निबौरी:
नीम की बोरी
बोरी
नीम का फल
उत्तर:
नीम का फल

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 25 हम पंछी उन्मुक्त गगन के

सप्रसंग सरलार्थ

1. हम पंछी उन्मुक्त गगन के
पिंजरबद्ध न गा पायेंगे,
कनक-तीलियों से टकराकर
पुलकित पंख टूट जायेंगे।
हम बहता जल पीने वाले
मर जायेंगे भूख-प्यासे,
कहीं भली है कटक निबौरी
कनक-कटौरी की मैदो से।

शब्दार्थ:
पंछी = पक्षी। उन्मुक्त = आज़ाद। गगन = आकाश। पिंजरबद्ध = पिंजरे में बन्द। कनक-तीलियां = सोने की तारें। पुलकित = रोमांचित, प्रसन्न, आनन्दित। कटुक = कड़वी। निबौरी = नीम की निबौरी। कनक = सोना।

प्रसंग:
यह पद्यांश ‘शिव मंगल सिंह सुमन’ द्वारा रचित कविता ‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ से लिया गया है। इसमें कवि ने पिंजरे में बन्द पक्षी की दशा का वर्णन किया है।

सरलार्थ:
कवि एक पक्षी की दशा का वर्णन करते हुए लिखता है कि पक्षी तो आज़ादी से खुले आकाश में उड़ते हैं, वे पिंजरे में बन्द हो जाने पर गा नहीं पाते। वे पिंजरे की सोने की तीलियाँ से टकरा-टकरा कर अपने रोमांचित पंखों को तोड़ देंगे। वे सदा बहता जल पीते हैं नहीं तो भूखे-प्यासे मर जाते हैं। उन्हें कड़वी निबौरी सोने की कटोरी में दिए गए खाद्य पदार्थों से कहीं अधिक अच्छी लगती हैं।

भावार्थ:
पक्षी को पिंजरे में बन्द रहने के स्थान पर खुले आकाश में आजादी से उड़ना अच्छा लगता है।

2. स्वर्ण-श्रृंखला के बंधन में
अपनी गति उड़ान सब भूले,
बस सपनों में देख रहे हैं
तरु की फुनगी पर के झूले।
ऐसे थे अरमान कि उड़ते
नीले नभ की सीमा पाने,
लाल किरण सी चोंच खोल
चुगते तारक-अनार के दाने।

शब्दार्थ:
स्वर्ण-श्रृंखला = सोने को जंजीर । गति = चाल । तरु = वृक्ष, पेड़। फुनगी = पेड़ के सब से ऊपर की कोमल नई पत्ती! अरमान = इच्छा, कामना। नभ = आकाश। तारक – तारे।

प्रसंग:
यह पद्यांश शिव मंगल सिंह सुमन द्वारा रचित कविता ‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ से लिया गया है। इसमें कवि ने पिंजरे में बन्द पक्षी की दशा का वर्णन किया है।

सरलार्थ:
कवि बताता है कि सोने की जंजीरों में बंध कर पक्षी अपनी चाल और उड़ान सब कुछ भूल गया है। अब वह केवल सपने में ही देखता है कि वह वृक्ष की फुनगी पर बैठा झूल रहा है ! उसकी यह इच्छा थी कि वह नीले आकाश की सीमा जानने के लिए उड़ता और अपनी लाल किरण जैसी चोंच को खोल कर आकाश में उगे हुए तारों रूपी अनार के दानों को चुगता।

भावार्थ:
पक्षी पिंजरे में बन्द होने पर स्वयं को बहुत असहाय अनुभव करता है, उसके मन की इच्छाएँ हैं मन में ही रह जाती हैं।

3. होती सीमाहीन क्षितिज से
इन पंखों की होड़ा-होड़ी,
या तो क्षितिज मिलन बन जाता
या तनती साँसों की डोरी।
नीड़ न दो, चाहे टहनी का
आश्रय छिन्न-भिन्न कर डालो,
लेकिन पंख दिए हैं तो
आकुल उड़ान में विघ्न न डालो।

शब्दार्थ:
सीमाहीन = असीम, जिसकी सीमा न हो। क्षितिज = जहाँ धरती और आसमान मिलते हुए दिखाई देते हैं। होड़ा-होड़ी = बाजी लगाना, मुकाबला करना। तनती = तन जाती। नीड़ = घर, घोंसला। आश्रय = रहने की जगह, सहारा। आकुल = व्यग्र। विघ्न = बाधा, रुकावट।

प्रसंग:
यह पद्यांश शिव मंगल सिंह सुमन द्वारा रचित कविता ‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ से लिया गया है। इसमें कवि ने पिंजरे में बन्द पक्षी की दशा का वर्णन किया है।

सरलार्थ:
कवि लिखता है कि यदि पक्षी पिंजरे में बन्द न होता तो वह असीम क्षितिज से अपने पंखों द्वारा उड़ने की बाज़ी लगा कर उड़ता और उसका क्षितिज से मिलन हो जाता अथवा उसकी सांसों की डोरी तन जाती। वह चाहता है कि चाहे उसे किसी वृक्ष की टहनी पर घोंसला न दिया जाए अथवा उस का सहारा नष्ट कर दिया जाए परन्तु जब उसे पंख दिए गए हैं तो उस की व्यग्र उड़ान में बाधा नहीं डालो।

भावार्थ:
पक्षी अपना सब कुछ गंवा कर भी अपनी उड़ान में किसी प्रकार की बाधा नहीं चाहता है।

हम पंछी उन्मुक्त गगन के Summary

हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता का सार

शिव मंगल सिंह सुमन द्वारा रचित कविता ‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ में कवि ने आज़ादी से उड़ने वाले पक्षी के विचारों का वर्णन किया है। कवि लिखता है कि खुले आकाश में उड़ने वाला पक्षी कहता है कि वह पिंजरे में बन्द हो कर गा नहीं सकेगा क्योंकि पिंजरे की सोने की तीलियों से टकराकर उसके आनन्द में मग्न पंख टूट जाएंगे। वे सदा बहता हुआ जल पीते हैं तथा उन्हें पिंजरे में सोने की कटोरी में दिए गए स्वादिष्ट भोजन की अपेक्षा कड़वी नीम की निबौरी ही अच्छी लगती है। सोने के पिंजरे में बन्द होकर वे अपनी स्वाभाविक चाल और गति भी भूल जाते हैं और पेड़ की फुनगी पर बैठने से मिलने वाले झूले का आनन्द उनके लिए स्वप्न ही बन जाता है। वे नीले आकाश में बहुत ऊँचे उड़कर अपनी लाल चोंच से तारों रूपी अनार के दानों को चगना चाहते थे। वे असीम क्षितिज को अपने पंखों से नाप लेना चाहते थे जिस से वे उसे पा लेते अथवा उनकी साँसों की डोरी तन जाती। वे चाहते हैं कि चाहे उन्हें किसी टहनी पर रहने के लिए घोंसला न दो परन्तु यदि पंख दिए हैं तो उन्हें निर्विघ्न उड़ान भरने दो।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran सर्वनाम

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Sarvanam सर्वनाम Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 6th Class Hindi Grammar सर्वनाम

प्रश्न 1.
सर्वनाम किसे कहते हैं ? सर्वनाम के कितने भेद हैं ? भेदों के नाम लिखो।
अथवा
सर्वनाम की परिभाषा लिखो और उसके भेद भी बताओ।
उत्तर:
वाक्य में संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले विकारी शब्दों को सर्वनाम कहते हैं; जैसे-सोहन, मोहन के साथ उनके घर गया। इस वाक्य में ‘उसके’ सर्वनाम मोहन के स्थान पर प्रयुक्त हुआ है। सर्वनाम के छः भेद हैं

सर्वनाम के भेद :

1. पुरुष वाचक – जिससे वक्ता (बोलने वाला), श्रोता (सुनने वाला) और जिसके सम्बन्ध में चर्चा हो रही है उसका ज्ञान प्राप्त हो।
जैसे-
अन्य पुरुष – वह, वे
मध्यम पुरुष – तू, तुम
उत्तम पुरुष – मैं, हम

2. निश्चय वाचक – इस सर्वनाम से वक्ता के समीप या दूर की वस्तु का निश्चय होता है; जैसे-यह, ये, वह, वे।

3. अनिश्चय वाचक – इस सर्वनाम से किसी पुरुष एवं वस्तु का निश्चित ज्ञान नहीं होता है; जैसे-कोई, कुछ।

4. संबंध वाचक – इस सर्वनाम से दो संज्ञाओं में परस्पर संबंध का ज्ञान होता है; जैसे-जो, सो। जो करेगा, सो भरेगा।

5. प्रश्न वाचक – इस सर्वनाम का प्रयोग प्रश्न पूछने और कुछ जानने के लिए होता है; जैसे-कौन, क्या। आप कौन हैं ? मैं क्या करूंगा ?

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran सर्वनाम

बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से सर्वनाम शब्द चुनें:
(क) जाह्नवी
(ख) चाची
(ग) वह
(घ) ऐलीफेंटा।
उत्तर:
(ग) वह

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द सर्वनाम नहीं है ?
(क) मैं
(ख) हमारा
(ग) अच्छाई
(घ) उनका।
उत्तर:
(ग) अच्छाई

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द पुरुषवाचक सर्वनाम का उदाहरण है ?
(क) प्रसन्न
(ख) वर्णन
(ग) मूर्तियां
(घ) मैं।
उत्तर:
(घ) मैं

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran सर्वनाम

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द निश्चयवाचक सर्वनाम का उदाहरण है ?
(क) तुम
(ख) वह
(ग) कोई
(घ) हम।
उत्तर:
(ख) वह

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द अनिश्चयवाचक सर्वनाम का उदाहरण नहीं
(क) यह
(ख) वह
(ग) कोई
(घ) वे।
उत्तर:
(ग) कोई

प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द सम्बन्धवाचक सर्वनाम का उदाहरण है ?
(क) जो
(ख) उनका
(ग) किनका
(घ) मैं।
उत्तर:
(क) जो

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran सर्वनाम

प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से कौन सा शब्द प्रश्नवाचक सर्वनाम का उदाहरण नहीं है ?
(क) आप
(ख) हमारा
(ग) क्या
(घ) कोई।
उत्तर:
(ग) क्या।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran संज्ञा

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Sangya संज्ञा Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 6th Class Hindi Grammar संज्ञा

प्रश्न 1.
संज्ञा की परिभाषा उदाहरण सहित लिखो।
अथवा
संज्ञा किसे कहते हैं ? उदाहरण देकर स्पष्ट करो।
उत्तर:
परिभाषा – किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, प्राणी, भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं। जैसे
(1) मेरा नाम ‘हरीश’ है। इनका नाम ‘सतीश’ है। आपका क्या ‘नाम’ है ?
(2) यह ‘हाथी’ है। यह ‘खरगोश’ है। यह ‘मोर’ है।
(3) मैं ‘लुधियाना’ जा रहा हूँ।
(4) ‘नेकी’ कर कुएँ में डाल।
(5) ‘बैठना’ कहाँ है ?
ऊपर के वाक्यों में ‘व्यक्तियों’, ‘पशुओं’, ‘स्थान’, ‘भाव’ और ‘क्रिया व्यापार’ को उनके नामों से बताया गया है। अतः ये नाम ही संज्ञा हैं।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran संज्ञा

प्रश्न 2.
संज्ञा की परिभाषा लिखो और उसके भेद बताओ।
अथवा
संज्ञा किसे कहते हैं ? उसके कितने भेद हैं ?
उत्तर:
किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, जाति, गुण या भाव का बोध कराने वाले शब्द को संज्ञा कहते हैं; जैसे-राम, कृष्ण, दिल्ली, सिंह, पुस्तक, गर्मी, सुन्दरता, दया आदि।

संज्ञा के तीन भेद हैं-
(1) व्यक्तिवाचक
(2) जातिवाचक
(3) भाववाचक।

1. व्यक्तिवाचक : जो शब्द किसी विशेष व्यक्ति, स्थान आदि का बोध कराए, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे-कृष्ण, दिल्ली, गंगा आदि।
2. जातिवाचक : जो शब्द किसी सम्पूर्ण जाति का बोध कराए, उसे जातिवाचक संज्ञा कहा जाता है; जैसे-स्त्री, पुरुष, पशु, नगर आदि।
3. भाववाचक : जो शब्द किसी धर्म, अवस्था, भाव, गुण, दोष आदि प्रकट करे, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे-मिठास, मानवता, सत्यता आदि।

बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द संज्ञा’ का उदाहरण है ?
(क) काली
(ख) आनन्द
(ग) यह
(घ) मेहनती।
उत्तर:
(घ) मेहनती

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से संज्ञा शब्द चुनें:
(क) तानसेन
(ख) वह
(ग) बुद्धिमान
(घ) शान्त।
उत्तर:
(क) तानसेन

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran संज्ञा

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से जातिवाचक संज्ञा छांटिए :
(क) वृक्ष
(ख) रहीम
(ग) पारस
(घ) साहसी।
उत्तर:
(क) वृक्ष

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से कौन सा शब्द ‘जातिवाचक संज्ञा’ का उदाहरण नहीं है ?
(क) क्रोध
(ख) गायक
(ग) साधु
(घ) अध्यापक।
उत्तर:
(क) क्रोध

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द व्यक्तिवाचक संज्ञा का उदाहरण नहीं है ?
(क) सरिता
(ख) अपसरा
(ग) हमारा
(घ) समरजीत।
उत्तर:
(ग) हमारा

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran संज्ञा

प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से कौन सा शब्द भाववाचक संज्ञा का उदाहरण नहीं है ?
(क) मानवता
(ख) मिठास
(ग) सत्यता
(घ) अच्छा।
उत्तर:
(घ) अच्छा

प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से भाववाचक संज्ञा शब्द चुनें
(क) बचपन
(ख) अच्छा
(ग) सच्चा
(घ) वह।
उत्तर:
(क) बचपन।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran शब्द

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Shabd शब्द Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 6th Class Hindi Grammar शब्द

प्रश्न 1.
शब्द किसे कहते हैं ? इसके कितने प्रकार हैं ?
उत्तर:
दो या दो से अधिक सार्थक वर्णों के मेल को शब्द कहा जाता है। जैसे-राम, … लक्ष्मण आदि।

प्रश्न 2.
व्युत्पति (रचना या बनावट) के विचार से शब्द के कितने भेद हैं ?
उत्तर:
व्युत्पति के विचार से शब्द के तीन भेद हैं-
(1) रूढ़ि
(2) यौगिक
(3) योगरूढ़ि।

1. रूढि – जिन शब्दों के खण्डों का कोई अर्थ नहीं होता, वे रूढि शब्द कहलाते हैं; जैसे-कमल (क + म + ल), दवात (द + वा + त)।

2. यौगिक – जो दो शब्दों के योग से बनते हैं, उन्हें यौगिक शब्द कहा जाता है; जैसे-पाठशाला (पाठ + शाला), विद्यालय (विद्या + आलय), महात्मा (महा + आत्मा)।

3. योगरूढ़ि – जो यौगिक शब्दों की भांति दो शब्दों के योग से तो बनें, परन्तु किसी विशेष अर्थ को प्रकट करें, उन्हें योगरूढ़ि कहा जाता है; जैसे-पीताम्बर (पीत = पीला, अम्बर = कपड़ा) पीताम्बर शब्द का अर्थ है पीला कपड़ा न होकर इसका विशेष अर्थ कृष्ण (भगवान् कृष्ण) है। पंकज (पंक = कीचड़, ज = उत्पन्न होने वाला) पंकज का अर्थ कीचड़ में उत्पन्न होने वाले मेंढक, मछली, कछुआ आदि नहीं बल्कि इसका अर्थ कमल है।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran शब्द

प्रश्न 3.
शब्द-भण्डार या उत्पत्ति के विचार से शब्द के कितने भेद हैं ?
उत्तर:
उत्पत्ति के विचार से हिन्दी में चार प्रकार के शब्द हैं-
(1) तत्सम
(2) तद्भव
(3) देशज
(4) विदेशी।

1. तत्सम – जो शब्द संस्कृत भाषा में से बिना किसी परिवर्तन के हिन्दी में प्रयुक्त होते हैं, उन्हें तत्सम कहा जाता है; जैसे-माता, पिता, फल, ज्ञान, सुन्दर।
2. तद्भव – संस्कृत के वे शब्द जो कुछ बिगड़ कर हिन्दी में प्रयुक्त होते हैं, उन्हें तद्भव कहा जाता है; जैसे-हस्त से हाथ, ग्राम से गाँव, अग्नि से आग।
3. देशज – जो शब्द स्थानीय भाषाओं में से हिन्दी में प्रयुक्त होते हैं, उन्हें देशज कहा जाता है; जैसे-रोड़ा, बैंगन, आलू, सेब।
4. विदेशी – जो शब्द अंग्रेज़ी, उर्दू, अरबी, फ़ारसी आदि विदेशी भाषाओं से हिन्दी में प्रयुक्त होते हैं, उन्हें विदेशी कहा जाता है; जैसे-स्टेशन, स्कूल, आदमी, वकील, बाज़ार।

प्रश्न 4.
अर्थ के अनुसार शब्द के कितने भेद हैं ?
उत्तर:
अर्थ के अनुसार शब्द के दो भेद हैं-
(1) सार्थक और
(2) निरर्थक।
1. सार्थक – जिन शब्दों का कोई अर्थ हो, उन्हें सार्थक कहते हैं; जैसे-कुर्सी, गाय, घोड़ा।
2. निरर्थक – जिन शब्दों का कोई अर्थ न हो; उन्हें निरर्थक कहते हैं। जैसे-घोड़ाघाड़ा (घाड़ा), आलू-शालू (शालू), बक-बक, पी-पी।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran शब्द

प्रश्न 5.
प्रयोग के अनुसार शब्द के कितने भेद हैं ? उत्तर-प्रयोग के अनुसार शब्द के आठ भेद हैं :
1. संज्ञा
2. सर्वनाम
3. विशेषण
4. क्रिया
5. क्रिया विशेषण
6. सम्बन्ध बोधक
7. समुच्चय बोधक
8. विस्मयादि बोधक

विकारी – जिन शब्दों का पुरुष, लिंग, वचन आदि के कारण रूप बदल जाता है, उन्हें विकारी कहा जाता है; जैसे–पर्वत–पर्वतों, बादल-बादलों, विद्वान्–विदुषी।

अविकारी – जिन शब्दों का रूप नहीं बदलता, उन्हें अविकारी कहा जाता है; जैसेऔर, यहाँ, वहाँ, या, अथवा।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran व्याकरण, भाषा और वर्ण

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Vyakaran, Bhasha Aur Varn व्याकरण, भाषा और वर्ण Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 6th Class Hindi Grammar व्याकरण, भाषा और वर्ण

प्रश्न 1.
व्याकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जिस शास्त्र के द्वारा हमें भाषा के शुद्ध या अशुद्ध होने का ज्ञान प्राप्त हो, उसे व्याकरण कहते हैं।

प्रश्न 2.
हिन्दी व्याकरण के कितने भाग हैं ?
उत्तर:
हिन्दी व्याकरण के तीन भाग हैं
(i) वर्ण विचार,
(ii) शब्द विचार और
(iii) वाक्य विचार ।

प्रश्न 3.
भाषा किसे कहते हैं ?
उत्तर:
विचारों के आदान-प्रदान करने के साधन को भाषा कहते हैं, जैसे-हिन्दी, मराठी, पंजाबी, बंगला भाषाएँ हैं।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran व्याकरण, भाषा और वर्ण

प्रश्न 4.
लिपि किसे कहते हैं ? हिन्दी की लिपि का नाम लिखो।
उत्तर:
जिन वर्ण चिह्नों के द्वारा भाषा लिखी जाती है, उसे लिपि कहते हैं। हिन्दी भाषा की लिपि का नाम देवनागरी है।

प्रश्न 5.
भाषा के प्रकार लिखो।
उत्तर:
भाषा के दो प्रकार हैं-
(i) लिखित
(ii) मौखिक।

प्रश्न 6.
वर्ण या अक्षर किसे कहते हैं ?
उत्तर:
छोटी-से-छोटी ध्वनि को जिसके टुकड़े न हो सकें, वर्ण या अक्षर कहा जाता जैसे-अ, इ, उ ऋ, क्, च्, ट्, त्, ।

प्रश्न 7.
वर्णमाला किसे कहते हैं ?
उत्तर:
वर्गों के समूह को वर्णमाला कहते हैं।

प्रश्न 8.
हिन्दी वर्णमाला में कितने वर्ण (अक्षर) हैं ?
उत्तर:
ग्यारह स्वर और तैंतीस व्यंजन।

प्रश्न 9.
वर्ण के कितने भेद हैं ?
उत्तर:
वर्ण के दो भेद हैं-स्वर और व्यंजन।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran व्याकरण, भाषा और वर्ण

प्रश्न 10.
स्वर किसे कहते हैं ? उसके कितने भेद हैं ?
उत्तर:
जो बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से बोले जाते हैं, उन्हें स्वर कहा जाता जैसे-अ, इ, उ, ऋ आदि ग्यारह स्वर हैं।
स्वरों के तीन भेद हैं-
(i) ह्रस्व
(ii) दीर्घ
(iii) प्लुत।
ह्रस्व – जिनके बोलने में समय कम लगे, जैसे-अ, इ उ, ऋ, इन्हें एक मात्रिक स्वर भी कहा जाता है।
दीर्घ – जिनके बोलने में ह्रस्व से दुगुना समय लगे; जैसे-आ, ई, उ, ए, ऐ, ओ, औ।
प्लुत – जिनके बोलने में ह्रस्व स्वर से तिगुना समय लगे, जैसे-ओउम्, हे राम!।

प्रश्न 11.
व्यंजन किसे कहते हैं और उनके कितने भेद हैं ?
उत्तर:
जो स्वरों की सहायता से बोले जाएँ, उन्हें व्यंजन कहते हैं जैसे-
क (क् + अ),
च (च् + अ),
ट (ट् + अ),
त (त् + अ),
प (प् + अ)।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 24 माँ तुलसी मेरे आँगन की

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 24 माँ तुलसी मेरे आँगन की Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 24 माँ तुलसी मेरे आँगन की

Hindi Guide for Class 7 PSEB माँ तुलसी मेरे आँगन की Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध

1. शब्दार्थ:

आँगन = सेहन
अलापना = ऊँचे स्वर में भजन गाना
निपटा कर = खत्म करके
पश्चात् = बाद में
शीतलता = ठण्डक
पावनता = पवित्रता
हर = शिव
पटरानी = मुख्य पत्नी
अनुभव = महसूस
सहज = आसानी से
पाला = सर्दी
भयंकर = डरावनी
शीत = सर्दी
तारीफ =प्रशंसा
श्यामा = काली
अर्चना = पूजा करना
रक्षा = बचाव
प्रकृति = कुदरत
कीटाणु = जर्म, कीड़े आदि
सामान्य = आम
गृहणियाँ = घर की स्त्रियाँ
मंगल-कामना = भले की इच्छा
उपयोगी = लाभदायक

2. निम्नलिखित शब्दों/मुहावरों को अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए

पश्चात् ____________ ____________________
शीतलता ___________ ____________________
पावनता _____________ __________________
अमृत ______________ ________________
पाला पड़ना _____________ ___________________
दूंठ हो जाना _____________ _________________
स्थापित _____________ ________________________
उत्तर:
पश्चात् (बाद में) – स्नान करने के पश्चात् पूजा-पाठ करो।
शीतलता (ठंडक) – चन्दन में अद्भुत शीतलता होती है।
पावनता (पवित्रता) – तुलसी के पौधे की पावनता प्रसिद्ध है।
अमृत (अमरता के गुण वाला रस) – तुलसी के पौधे में अमृत जैसे गुण हैं।
पाला पड़ना ( बहुत ठंड पड़ना) – पाला पड़ने से कई पौधे मुरझा जाते हैं।
ढूंठ हो जाना (पत्तों से रहित होना) – कड़ी सर्दी में पौधे लूंठ हो जाते हैं।
स्थापित (लगाना, बनाना) – ऊँचे चबूतरे पर तुलसी का पौधा स्थापित करना चाहिए।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 24 माँ तुलसी मेरे आँगन की

3. पावनता एक भाववाचक संज्ञा है-जिसका मूल शब्द है नीचे लिखे शब्दों की भाववाचक संज्ञाएं बताइए

शीतल = ……………….
प्रभु = ………………….
माता = ……………….
व्यक्ति = ………………
बुरा = …………………
भला = ……………..
उत्तर:
शीतल = शीतलता
प्रभु = प्रभुता
माता = मातृत्व
व्यक्ति = व्यक्तित्व
बुरा = बुराई
भला = भलाई

4. वैज्ञानिक एक विशेषण शब्द है जिसका मूल शब्द है-विज्ञान नीचे लिखे शब्दों के विशेषण बनाइए

श्याम = ………………
रंग = …………………..
देश = …………………
धर्म = …………………
प्रकृति = …………….
प्रातःकाल = ………………
उत्तर:
शब्द विशेषण
श्याम – श्यामल
रंग – रंगीन
देश – देशज
धर्म – धार्मिक
प्रकृति – प्राकृतिक
प्रातःकाल – प्रात:कालीन

5. नीचे लिखे शब्दों के स्त्रीलिंग रूप लिखें:

माली = …………………
तेली = …………………
नाग = …………………
बूढ़ा = …………………
बेटा = …………………
मोर = …………………
नौकर = …………………
उत्तर:
शब्द स्त्रीलिंग
माली – मालिन
तेली = तेलिन
नाग – नागिन
बूढ़ा = बुढ़िया
बेटा – बेटी
मोरनी = मोरनी
नौकर – नौकरानी
साँप का स्त्रीलिंग साँपिनी है।

6. नीचे लिखे शब्दों को अलग-अलग (सन्धिच्छेद) करें:

चरणामृत = …………………
महौषधि = …………………
नीरोग = …………………
महेन्द्र = …………………
हिमालय = …………………
उत्तर:
शब्द सन्धि विच्छेद
चरणामत = चरण +अमृत
महौषधि – महा + औषधि
नीरोग = निर् +रोग
महेन्द्र = महा +इन्द्र
हिमालय = हिम + आलय

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 24 माँ तुलसी मेरे आँगन की

7. प्रयोगात्मक व्याकरण

(क)
(1) महा + औषध = महौषध
आ + औ = औ

(2) वन + ओषधि = वनौषधि
अ + ओ = औ अतएव अ, आ के बाद ‘ओ’ या ‘औ’ आ जाये जो दोनों के स्थान पर ‘औ’ हो जाता है। यह वृद्धि संधि का उदाहरण है।
अन्य उदाहरण :- महा + ओजस्वी = महौजस्वी
परम + औदार्य = परमौदार्य

(ख)
(1) एक + एक = एकैक
अ + ए = ऐ

(2) सदा + एव = सदैव
आ + ए = ऐ

(3) मत + ऐक्य = मतैक्य
अ + ऐ = ऐ

अतएव अ, आ के बाद ए/ऐ आ जायें तो दोनों के स्थान पर ‘ऐ’ हो जाता है। यह वृद्धि संधि का उदाहण है।

(ख) विचार-बोध

1. रिक्त स्थानों में उपयुक्त शब्द भरें:

  1. सिम्पी की आवाज़ शशि को सुनाई नहीं दी, क्योंकि वह ………… थी। (काम में लीन, पढ़ रही, गुनगुना रही)
  2. तुलसी को जल चढ़ाने से ……… मिलती है । (तृप्ति, सन्तुष्टि, शान्ति)
  3. तुलसी को देवी का रूप माना गया क्योंकि वह …….. (शिव की पत्नी, पूजी जाती, उत्तम, हरा-भरा, पौधा, अमृत जैसे गुणों वाली)
  4. तुलसी मनुष्य के लिए अमृत के समान ………… है। (सुखकारी, वरदान, औषधि, गुणकारी)
  5. तुलसी का विवाह ………… में होता है। (वैशाख, कार्तिक, माघ)

उत्तर:

  1. गुनगुना रही
  2. शान्ति
  3. शिव की पत्नी
  4. गुणकारी
  5. कार्तिक

2. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
शशि ‘माँ तुलसी मेरे आँगन की’ क्यों गुन-गुना रही थी ?
उत्तर:
शशि ‘माँ तुलसी मेरे आँगन की’ इसलिए गुनगुना रही थी, क्योंकि उसे स्नान के पश्चात् तुलसी माता को जल चढ़ाने से शान्ति मिलती थी।

प्रश्न 2.
तुलसी को देवी का रूप क्यों माना गया है ?
उत्तर:
तुलसी को उसके अमृत जैसे गुणों के कारण देवी का रूप माना जाता है।

प्रश्न 3.
तुलसी की पूजा कैसे करते हैं ?
उत्तर:
तुलसी की पूजा प्रातः स्नान करने के बाद उस पर जल चढ़ाकर की जाती है

प्रश्न 4.
तुलसी मुख्यतः कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर:
तुलसी मुख्यतः दो प्रकार की सामान्य तुलसी और श्यामा तुलसी होती है।

प्रश्न 5.
तुलसी का एक नाम वृन्दा क्यों है ?
उत्तर:
तुलसी का एक नाम ‘वृन्दा’ इसलिए है क्योंकि वह शिव की पत्नी है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 24 माँ तुलसी मेरे आँगन की

3. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

प्रश्न 1.
आयुर्वेद में तुलसी का क्या महत्त्व है ?
उत्तर:
आयुर्वेद में तुलसी को महौषधि माना जाता है। ये बुखार, खाँसी, मलेरिया आदि रोगों को दूर करती है। इसकी सुगन्धि से वातावरण शुद्ध होता है। मच्छर और कीटाणु नष्ट होते हैं। इन्हीं कारणों से तुलसी का आयुर्वेद में बड़ा महत्त्व है।

प्रश्न 2.
चरणामृत और प्रसाद में तुलसी पत्र क्यों डालते हैं?
उत्तर:
चरणामृत में तुलसी पत्र पावन और सुखद होने के कारण डाले जाते हैं। इन्हें शास्त्रों में पवित्र माना जाता है और इन्हें धार्मिक महत्त्व प्रदान किया गया है।

प्रश्न 3.
तुलसी की सुगन्धि के क्या लाभ हैं ?
उत्तर:
तुलसी के पत्तों में एक अद्भुत सुगन्धि होती है। इससे वातावरण शुद्ध रहता है। मच्छर और कीटाणु नष्ट हो जाते हैं। जहाँ तुलसी की सुगन्धि होगी, वहाँ रोग नहीं फैलते।

प्रश्न 4.
‘तुलसी का विवाह’ का वास्तविक तात्पर्य क्या है?
उत्तर:
‘तुलसी का विवाह’ का वास्तविक तात्पर्य है-तुलसी में विशिष्ट गुण होना। हमारे देश में अच्छी चीज़ को समझने के लिए उसे धार्मिक रीति-रिवाज से जोड़ दिया जाता है। तुलसी को शीत ऋतु में ठंड से बचाए रखने के लिए उसका विवाह कर चूनर से ढक दिया जाता है।

प्रश्न 5.
‘श्यामा तुलसी’ और ‘सामान्य तुलसी’ का अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर:
श्यामा तुलसी के पत्ते छोटे-छोटे होते हैं। इसके पत्ते कुछ कालापन लिए होते हैं। सामान्य तुलसी के पौधे अपेक्षाकृत बड़े और हरे होते हैं। गुणों की दृष्टि से दोनों उपयोगी हैं।

प्रश्न 6.
क्या ‘माँ तुलसी मेरे आँगन की’ शीर्षक उपयुक्त है?
उत्तर:
तुलसी अपने विशिष्ट गुणों एवं रोग-नाशक प्रभावों के कारण माता के रूप में पूजनीय मानी जाती है। धार्मिक दृष्टि से भी इसे पवित्र माना जाता है। सचमुच यह माता के समान है। इसलिए ‘माँ तुलसी मेरे आँगन की’ पाठ का शीर्षक उपयुक्त है।

प्रश्न 7.
तुलसी के गुण लिखें।
उत्तर:
आयुर्वेद में इसे महौषधि बताया गया है । इससे सामान्य बुखार, जुकाम, खाँसी, मलेरिया, खून के अनेक दोष विकार न जाने कितने रोग सहज ही दूर हो जाते हैं।

प्रश्न 8.
तुलसी का पौधा प्रवेश द्वार के निकट क्यों रखा जाता है ?
उत्तर:
तुलसी के पौधे के चारों ओर एक अच्छा वातावरण मिल जाता है इसलिए बहुत से घरों में प्रवेश द्वार के नज़दीक ही तुलसी का पौधा होता है।

(ग) रचना-बोध

‘तुलसी के महत्त्व’ पर मंच पर भाषण दें।
संकेत – धार्मिक, आयुर्वेदीय, पर्यावरण।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
करो – तुलसी का पौधा गमले में लगायें और उसकी देखभाल करें।

PSEB 7th Class Hindi Guide माँ तुलसी मेरे आँगन की Important Questions and Answers

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 1.
किसके नियमित सेवन से रोग पास नहीं आते हैं ?
(क) आँवला
(ख) आम
(ग) तुलसी
(घ) चावल
उत्तर:
(ग) तुलसी

प्रश्न 2.
चरणामृत और प्रसाद के साथ और क्या रखा जाता है ?
(क) तुलसी
(ख) गेंदा
(ग) बिस्तर
(घ) तेल
उत्तर:
(क) तुलसी

प्रश्न 3.
तुलसी की सुगंध से कौन-कौन दूर भागते हैं ?
(क) साँप
(ख) मच्छर
(ग) कीटाणु
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 4.
तुलसी कितने प्रकार की होती है ?
(क) चार
(ख) तीन
(ग) पाँच
(घ) दो
उत्तर:
(घ) दो।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 24 माँ तुलसी मेरे आँगन की

प्रश्न 5.
राशि किसकी आवाज़ नहीं सुन पाती ?
(क) सिम्पी
(ख) माँ
(ग) पिता
(घ) भाई
उत्तर:
(क) सिम्पी

2. दिए गए शब्द का सही अर्थ से मिलान कीजिए

प्रश्न 1.
औषधी:
दवाई
मिठाई
कलाई:
उत्तर:
दवाई

प्रश्न 2.
लीन होना:
समा जाना
ले कर आना
उत्तर:
समा जाना

प्रश्न 3.
अर्चना:
पूजा करना
आँच न आना
चर्च
उत्तर:
पूजा करना

प्रश्न 4.
पटरानी:
पाट की रानी
मुख्य पत्नी
पटरी रानी
उत्तर:
मुख्य पत्नी

माँ तुलसी मेरे आँगन की Summary

माँ तुलसी मेरे आँगन की पाठ का सार 

‘माँ तुलसी मेरे आँगन की’ पाठ में लेखक ने तुलसी के पौधे के औषधीय गुणों का शशि और सिम्पी के वार्तालापों के माध्यम से वर्णन किया है। राशि स्नान के बाद माँ तुलसी मेरे आँगन की गुनगुनाती हुई तुलसी के पौधे को जल चढ़ा कर शीतलता, शान्ति और पवित्रता का अनुभव कर उसी में लीन है और सिम्पी की आवाज़ नहीं सुन पाती और उस के यह कहने पर कि क्या वह ‘मैं तुलसी मेरे आँगन की’ फ़िल्म देख कर गुनगुना रही है? उसे उत्तर देती है कि तुलसी को जल चढ़ा कर उसे ऐसा लगता है जैसे उसे माँ के आंचल की छाया मिल गई हो। सिंपी भी अपने आँगन में तुलसी का पौधा मँगवा कर लगाना चाहती है। शशि उसे अपने तुलसे के चबूतरे से तुलसी का नन्हा पौधा ले जाकर अपने घर लगाने के लिए कह कर उसे उस के वृन्दा के देवी रूप के विषय में बताती है जो कहीं हर-शिव तथा जालंधर की पत्नी के रूप में प्रसिद्ध है। वृन्दावन में भी तुलसी-दलों की ही अधिकता रही होगी।

सिम्पी बताती है कि उसके घर आए एक वैद्यराज ने इसे महौषधि बताकर इसे सामान्य बुखार, जुकाम, खाँसी, मलेरिया, खून के विकारों को दूर करने में लाभदायक बताया था। शशि कहती है कि तुलसी से रोग ही दूर नहीं होते बल्कि इसके नियमित सेवन से रोग पास भी नहीं आते। इसे चरणामृत और प्रसाद में रखते हैं। इस की सुगन्ध मच्छर कीटाणुओं, साँप तक को दूर भगाती है। चाय में इस की महक बहुत अच्छी लगती है। यह दो प्रकार की सामान्य और श्यामा तुलसी होती है तथा दोनों के गुण सामान्य होते हैं। सिम्पी को भी तुलसी माता जैसी लगती है और दोनों गुनगुनाने लगती हैं ‘माँ तुलसी मेरे आँगन की।