PSEB 10th Class Hindi Vyakaran मुहावरे और लोकोक्तियाँ

Punjab State Board PSEB 10th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar muhavare aur lokoktiyan मुहावरे और लोकोक्तियाँ Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 10th Class Hindi Grammar मुहावरे और लोकोक्तियाँ

नीचे दिए गए लोकोक्तियों के अर्थ समझकर वाक्य बनाइए

प्रश्न 1.
अपना वही जो आवे काम (मित्र वही जो मुसीबत में काम आए)
उत्तर:
सरदार सिंह की बेटी की शादी में जब उसे कुछ रुपयों की ज़रूरत पड़ी तब रविसिंह ने उसे मुंहमांगी रकम तुरंत दे दी तो सरदार सिंह कह उठा अपना वही जो आवे काम।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran मुहावरे और लोकोक्तियाँ

प्रश्न 2.
आग लगा कर पानी को दौड़ना (झगड़ा कराने के बाद स्वयं ही सुलह कराने बैठना)
उत्तर:
पहले तो सुलक्षणा मनोरमा से लड़ती रही फिर स्वयं ही उसे मनाने लगी तो मनोरमा ने कहा तुम तो आग लगा कर पानी को दौड़ने का काम कर रही हो।

प्रश्न 3.
उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे (अपराध करने वाला उल्टी धौंस जमाए)
उत्तर:
बलकार सिंह ने साइकिल से ठोकर मार कर वृद्ध को गिरा दिया और फिर उसे बुरा-भला कहने लगा, इसी को कहते हैं उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे।

प्रश्न 4.
ओस चाटे प्यास नहीं बुझती (अधिक आवश्यकता वाले को थोड़े से संतुष्टि नहीं होती)
उत्तर:
हाथी का पेट एक केले से नहीं भरता उसे तो कई दर्जन केले खाने के लिए देने होंगे क्योंकि उसकी ओस चाटे प्यास नहीं बुझती।

प्रश्न 5.
कोठी वाला रोये छप्पर वाला सोये (धनी प्रायः चिंतित रहते हैं और निर्धन निश्चित रहते हैं।)
उत्तर:
धनराज करोड़ों का मालिक है। उसे अपने धन की सुरक्षा की सदा चिंता बनी रहती है। जबकि फकीरचंद फक्कड़ है, इसलिए सदा खुश रहता है। इसलिए कहते हैं कि कोठी वाला रोये छप्पर वाला सोये।

प्रश्न 6.
बंदर घुड़की, गीदड़ धमकी (झूठा रौब दिखाना/जमाना)
उत्तर:
रंगा कुछ करता-धरता नहीं है बेकार ही सब को बंदर घुड़की, गीदड़ धमकी देकर डराता रहता है।

प्रश्न 7.
बीति ताहि बिसारि दे, आगे की सुध लेय (पुरानी एवं दुःखपूर्ण बातों को भूल कर भविष्य में सावधानी बरतनी चाहिए)
उत्तर:
रामदास को व्यापार में बहुत घाटा हुआ तो सिर पकड़ कर बैठ गया तब सेवा सिंह ने उसे समझाया कि बीति ताहि बिसारि दे, आगे की सुध लेय तब सब ठीक हो जाएगा।

प्रश्न 8.
मन चंगा तो कठौती में गंगा (मन शुद्ध हो तो घर ही तीर्थ समान)
उत्तर:
अशुद्ध मन से तीर्थाटन करने से कोई लाभ नहीं होता, घर पर ही मानसिक शुद्धि हो जाए तो वही तीर्थाटन हो जाता क्योंकि मन चंगा तो कठौती में गंगा होती है।

प्रश्न 9.
सावन हरे न भादौं सूखे (सदा एक जैसी दशा रहना)
उत्तर:
रेशम सिंह गरीबी में पाई-पाई के लिए मरता था, अब उसका व्यापार चमक उठा है तो भी वह पाई उत्तर: पाई के लिए मर रहा है, उसकी तो सावन हरे न भदौं सूखे जैसी हालत है।

प्रश्न 10.
हमारी बिल्ली हमीं से म्याऊँ (सहायता प्रदान करने वाले को ही धमकाना)
उत्तर:
हरभजन की स्कूटर से टक्कर हो गई तो वह गिर पड़ा, सुजान ने उसे हाथ पकड़ कर उठाया तो वह उसी पर बरस पड़ा इसी को कहते हैं हमारी बिल्ली हमी से म्याऊँ।

निम्नलिखित में से किन्हीं तीन मुहावरों/लोकोक्तियों के वाक्य इस तरह बनाएं ताकि उनके अर्थ स्पष्ट हो जाएं

1. (क) इस कान सुनना उस कान उड़ा देना
(ख) कच्चा चिट्ठा खोलना
(ग) तिनके का सहारा।
(घ) अपना कोढ़ बढ़ता जाय, औरों को दवा बताय
(ङ) जोते हल तो होंवे फल।
उत्तर:
(क) इस कान सुनना उस कान उड़ा देना-अनीश को कुछ भी समझाना बेकार है क्योंकि वह तो इस कान सुनकर उस कान से उड़ा देने वाला व्यक्ति है।
(ख) कच्चा चिट्ठा खोलना-सांध्य समाचार-पत्र ने सरकारी भ्रष्टाचार का कच्चा चिट्ठा खोल दिया।
(ग) तिनके का सहारा-मुसीबत में फंसे व्यक्ति के लिए तिनके का सहारा भी बहुत होता है।
(घ) अपना कोढ़ बढ़ता जाय, औरों को दवा बताय-रमन कौर सब को खूब मेहनत से पढ़ने के लिए कहती रहती है पर स्वयं पढ़ाई न करने से फेल हो गई; इसी को कहते हैं अपना कोढ़ बढ़ता जाय, औरों को दवा बताय।
(ङ) जोते हल तो होवे फल-सारा वर्ष कठिन परिश्रम से पढ़ाई करने वाला विद्यार्थी परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सफल होते हैं क्योंकि कहा भी गया है कि जोते हल तो होवें फल।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran मुहावरे और लोकोक्तियाँ

2. (क) गले का हार
(ख) भगवान् को प्यारा हो जाना
(ग) छक्के छुड़ाना
(घ) अधूरा छोड़े सो पड़ा रहे
(ङ) जाके पैर न फटे बिवाई, सो क्या जाने पीर पराई।।
उत्तर:
(क) गले का हार–सुमित अपने माता-पिता के गले का हार है।
(ख) भगवान् को प्यारा हो जाना-कल सुबह छः बजे आरती की दादी माँ भगवान को प्यारी हो गई।
(ग) छक्के छुड़ाना-भारतीय सेना ने शत्रु सेना के छक्के छुड़ा दिए।
(घ) अधूरा छोड़े सो पड़ा रहे-पप्पू ने पहले आटर्स में दाखिला लिया, फिर कामर्स में चला गया और फिर पढ़ाई छोड़ दी, उसकी तो अधूरा छोड़ सो पड़ा रहे की हालत हो गई।
(ङ) जाके पैर न फटे बिवाई, सो क्या जाने पीर पराई–लाला रामनाथ चाँदी के बर्तन में खाना खाते हैं, वे क्या जाने कि इस महंगाई में ग़रीब कैसे अपनी रोटी का जुगाड़ करता है क्योंकि जाके पैर न फटे बिवाई, सो क्या जाने पीर पराई।

3. (क) पीठ दिखाना
(ख) सफेद झूठ
(ग) आँखें चुराना
(घ) कथनी नहीं, करनी चाहिए
(ङ) नीम हकीम खतरा जान।
उत्तर:
(क) पीठ दिखाना- भारतीय सेना का आक्रामक रूप देखकर शत्रु सेना पीठ दिखा गई।
(ख) सफेद झूठ-मनजीत कौर से बचकर रहना क्योंकि वह हमेशा सफेद झूठ बोलती है।
(ग) आँखें चुराना-सुरेश ने कृष्ण से सौ रुपये उधार लिए थे। अब उसे देखते ही उस से आँखे चुराने लगता है।
(घ) कथनी नहीं, करनी चाहिए-आजकल के नेताओं की कथनी और करनी में बहुत अंतर है क्योंकि जनता को उनकी कथनी नहीं करनी चाहिए।
(ङ) नीम हकीम खतरा जान-जब तुम्हें बिरयानी बनानी नहीं आती तो इतना ताम-झाम क्यों कर रही हो, पता है कि नीम हकीम खतरा जान होता है।

बोर्ड परीक्षा में पूछे गए प्रश्न

प्रश्न 1.
किन्हीं तीन मुहावरों / लोकोक्तियों को वाक्यों में इस प्रकार प्रयोग करें कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए: लोहा लेना, मोती पिरोना, जोते हल तो होवे फल, घर का भेदी लंका ढाए, जो गरजते हैं वो बरसते नहीं।
उत्तर:
(क) लोहा लेना-डटकर मुकाबला करना।
वाक्य-भारतीय सेना ने शत्रु सेना से लोहा लेकर उसे पराजित कर दिया।

(ख) मोती पिरोना-सुंदर लिखना।
वाक्य-अनन्या की लिखाई ऐसी लगती है जैसे उसने एक-एक अक्षर से मोती पिरो दिए हों।

(ग) जोते हल तो होवे फल-मेहनती व्यक्ति सफल होते हैं।
वाक्य-सारा वर्ष कठिन परिश्रम से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सफल होते हैं क्योंकि कहा भी गया है कि जोते हल, तो होवे फल।

(घ) घर का भेदी लंका ढाए-आपसी फूट से नुकसान।
वाक्य-देश में आतंकवाद कुछ देश द्रोहियों के कारण ही फैल रहा है क्योंकि घर का भेदी लंका ढाहे।

(ङ) जो गरजते हैं वो बरसते नहीं बढ़ाई करने वाले कुछ नहीं कर पाते।
वाक्य-चुनाव के दिनों में बड़े-बड़े वायदे करने वाले नेता चुनाव के बाद अपने सब वायदे भूल जाते हैं क्योंकि जो गरजते हैं वो बरसते नहीं।

प्रश्न 2.
किन्हीं तीन मुहावरों/लोकोक्तियों को वाक्यों में इस प्रकार प्रयोग करें कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए-
अंग-अंग ढीला होना, आँखें चुराना, काला अक्षर भैंस बराबर, एक पंथ दो काज, एक तन्दुरुस्ती हजार नियामत।
उत्तर:
(क) अंग-अंग ढीला होना-थक जाना।।
वाक्य-दिनभर परिश्रम के बाद मेरा अंग-अंग ढीला हो गया है।

(ख) आँखें चुराना-नज़र बचाना।
वाक्य-सुरेश ने कृष्ण से सौ रुपए उधार लिए थे। अब उसे देखते ही उससे आँखें चुराने लगता है।

(ग) काला अक्षर भैंस बराबर-निरक्षर।।
वाक्य-इंद्रजीत कौर के बनाव-श्रृंगार पर मत जाओ, जब वह बोलेगी तो तुम्हें पता चल जाएगा कि वह तो काला अक्षर भैंस बराबर है।

(घ) एक पंथ दो काज-एक उद्यम से दो कार्य होना।
वाक्य-प्रकाश कौर अस्पताल अपना चैकअप कराने गई थी और लौटते हुए फल-सब्जी भी ले आई। इस प्रकार एक पंथ दो काज हो गए।

(ङ) एक तन्दरुस्ती हजार नियामत-सेहत सबसे बड़ी नियामत।
वाक्य-सारा दिन पढ़ते रहने से कुछ नहीं होता, खाने-पीने का भी ध्यान रखना चाहिए क्योंकि एक तन्दरुस्ती हजार नियामत होती है।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran मुहावरे और लोकोक्तियाँ

प्रश्न 3.
किन्हीं तीन मुहावरों/लोकोक्तियों को वाक्यों में इस प्रकार प्रयोग करें कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए
जी भर आना, पेट में चूहे दौड़ना, तेते पाँव पसारिए जेती लम्बी सौर, नेकी कर दरिया में डाल, तू डाल-डाल मैं पातपात।
उत्तर:
(क) जी भर आना-मन का परेशान होना।
वाक्य-पेशावर में स्कूल के बच्चों की हत्या की घटना देखकर मेरा जी भर आया।

(ख) पेट में चूहे दौड़ना-भूख लगना।
वाक्य-खूब खेलने के बाद बच्चों के पेट में चूहे दौड़ने लगते हैं।

(ग) तेते पाँव पसारिए जेती लम्बी सौर-आमदनी के अनुसार खर्च करना।
वाक्य-मनुष्य को कभी भी ऋण लेकर आराम की वस्तुएँ नहीं खरीदनी चाहिए क्योंकि इससे ऋणग्रस्त जीवन भार स्वरूप हो जाता है। इसलिए गुणी कहते हैं कि तेते पाँव पसारिए जेती लंबी सौर।

(घ) नेकी कर दरिया में डाल-उपकार करके जताना नहीं चाहिए।
वाक्य-प्रकाश सिंह ने दर्शन सिंह को नौकरी दिलवाई थी पर इस बात का किसी को पता नहीं चला कि दर्शन सिंह को नौकरी मिली कैसे क्योंकि प्रकाश सिंह नेकी कर दरिया में डाल कहावत पर विश्वास करता था, किसी को कुछ बताता नहीं था।

(ङ) तू डाल-डाल मैं पात-पात-विरोधी के दाँव समझना।
वाक्य-चुनाव के दिनों में दल ‘क’ की चालों का दल ‘ख’ ने होशियारी से जवाब दिया और कहा कि तू डालडाल मैं पात-पात।

(क) मुहावरे-मुहावरा एक ऐसा वाक्यांश है जो सामान्य अर्थ का बोध न कराकर विशेष अर्थ का बोध कराता है। वाक्य में इसका प्रयोग क्रिया के समान होता है, जैसे-‘आकाश-पाताल एक करना’। इस वाक्यांश का सामान्य अर्थ है ‘पृथ्वी और आकाश को मिलाना’ लेकिन ऐसा संभव नहीं है। अतः इसका लक्षण शब्द-शक्ति से विशेष अर्थ होगा। ‘बहुत परिश्रम करना’। इसी प्रकार ‘अंगारे बरसना’ का अर्थ होगा ‘बहुत तेज़ धूप पड़ना।’

‘मुहावरा’ शब्द अरबी भाषा का है और इसका अर्थ है-‘रुढ़ वाक्यांश’। मुहावरे शाब्दिक अर्थ को व्यक्त नहीं करते बल्कि रूढ़ अर्थ को प्रकट कराने का कार्य करते हैं।

(ख) लोकोक्तियां-लोकोक्ति को ‘कहावत’ भी कहा जाता है। भाषा को प्रभावशाली बनाने के लिए मुहावरों के समान लोकोक्तियों का प्रयोग किया जाता है। “लोक में प्रचलित उक्ति को लोकोक्ति कहते हैं। यह एक ऐसा वाक्य होता है जिसे कथन पुष्टि के लिए प्रमाणस्वरूप प्रस्तुत किया जाता है।” लोकोक्ति के पीछे मानव समाज का अनुभव अथवा घटना विशेष रहती है। मुहावरे के समान इसका भी विशेष अर्थ ग्रहण किया जाता है, जैसे “हाथ कंगन को आरसी क्या” इसका अर्थ होगा “प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती।” यहां लोक-जीवन का अनुभव प्रकट हो रहा है-यदि हाथ में कंगन पहना तो उसे देखने के लिए शीशे की आवश्यकता नहीं होती।

मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर

मुहावरा लोकोक्ति
1. मुहावरा वाक्य में एक वाक्यांश की तरह प्रयुक्त होता है। 1. लोकोक्ति अपने आप में एक स्वतंत्र वाक्य होती है।
2. मुहावरा स्वतंत्र रूप से अपने अर्थ को ठीक प्रकार से अभिव्यक्त नहीं कर सकता। 2. लोकोक्ति स्वतंत्र रूप से अपना अर्थ प्रयुक्त कर सकती है।
3. मुहावरे का लाक्षणिक अर्थ होता है। 3. लोकोक्ति में शाब्दिक और लाक्षणिक दोनों अर्थ होते है।
4. मुहावरे का प्रयोग भाषा को सौंदर्य तथा किया जाता है। 4. लोकोक्ति से किसी विशेष घटना अथवा प्रसंग को प्रकट साहित्यिकता देने के लिए किया जाता है।
5. मुहावरों में लिंग, वचन, आदि के अनुसार परिवर्तन होता है। 5. लोकोक्ति में ऐसा परिवर्तन नहीं होता है।
6. मुहावरे लिंग, वचन आदि में परिवर्तन कर सकते है। 6. लोकोक्ति लिंग और वचन को प्रभावित नहीं करती है।
7. मुहावरे भाषा को सजीवता और चमत्कार प्रदान करते हैं। 7. लोकोक्ति वक्ता/लेखक की बात का समर्थन करती है।
8. मुहावरों में प्रायः ‘न’ का प्रयोग होता है जैसे- अंगूठा दिखाना, दाल न गलना आदि। 8. लोकोक्ति के अंत में प्रायः ‘न’ का प्रयोग नहीं होता।
9. मुहावरों में प्रायः क्रिया, दशा आदि व्यक्त होती है। 9. लोकोक्ति में कोई न कोई अनुभव या सच्चाई छिपी होती है।

(क) मुहावरों के अर्थ सहित वाक्य प्रयोग

1. अंगारों पर पैर रखना (जानबूझ कर मुसीबत मोल लेना)-दुबले-पतले रमेश ने भीम पहलवान को कुश्ती लड़ने की चुनौती देकर अंगारों पर पैर रख दिया है।
2. अंगूठा दिखाना (मना करना)-जब मैंने अपने मित्र से सहायता मांगी तो उसने अंगूठा दिखा दिया।
3. अकल का अंधा होना (बेवकूफ होना)-उसे समझाने की कोशिश करना व्यर्थ है। वह तो पूरा अकल का अंधा
4. अक्ल पर पत्थर पड़ना (सोच-विचार न करना)-प्रेम सिंह की अक्ल पर पत्थर पड़ गए हैं, जो वह सारा दिन शराब पीता रहता है।
5. अंग-अंग ढीला होना (थक जाना)-दिनभर परिश्रम करने में मेरा अंग-अंग ढीला हो गया है। 6. अंधे की लकड़ी (एकमात्र सहारा)-मोहन अपने बूढे माता-पिता के लिए अंधे की लकड़ी है।
7. अंधे को दीपक दिखाना (नासमझ को उपदेश देना)-भगवान् कृष्ण दुर्योधन के धृष्टतापूर्ण व्यवहार से समझ गए थे कि उसे उपदेश देना अंधे को दीपक दिखाना है।
8. अपना उल्लू सीधा करना (अपना मतलब निकालना)-स्वार्थी मित्रों से बचकर रहना चाहिए। उन्हें तो अपना उल्लू सीधा करना आता है।
9. अकल मारी जाना (घबरा जाना)-प्रश्न-पत्र देखते ही शांति की अकल मारी गई।
10. अकल चरने जाना (सोच-समझकर काम न करना)-बना बनाया मकान तुड़वा रहे हो, इसे बनवाते समय क्या तुम्हारी अकल चरने गई थी।
11. अपनी खिचड़ी अलग पकाना (सबसे अलग रहना)-अपनी खिचड़ी अलग पकाने से कोई लाभ नहीं होता इसलिए सब से मिल-जुलकर रहना चाहिए।
12. अपने मुँह मियाँ मिट्ट बनना (अपनी तरीफ़ खुद करना)-वीर अपने मुँह मियाँ मिट्ट नहीं बनते वे तो वीरता दिखाते हैं।
13. आँख उठाना (नुकसान पहुँचाना)-यदि तुमने मेरी ओर आँख उठा कर देखा तो मुझ से बुरा कोई न होगा।
14. आँखें चार होना (आमने-सामने होना)-पुलिस से आँखें चार होते ही चोर घबरा गया।
15. आँखें चुराना (नज़र बचाना)-सुरेश ने कृष्ण से सौ रुपए उधार लिए थे। अब उसे देखते ही उस से आँखें चुराने लगता है।
16. आँखें दिखाना (क्रोध करना)-कक्षा में शोर सुनकर जैसे ही अध्यापक ने आँखें दिखाई कि सब चुप हो गए।
17. आँखें फेरना (प्रतिकूल होना)-मतलबी लोग अपना काम होते ही आँखें फेर लेते हैं।
18. आँखें खुलना (अकल आना)-कुणाल को समझाने से कोई लाभ नहीं है जब उसे ठोकर लगेगी तो उसकी आँखें खुल जाएंगी।
19. आँखों का तारा (बहुत प्यारा)-राम दशरथ की आँखों के तारे थे।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran मुहावरे और लोकोक्तियाँ

20. आँखों में खटकना (बुरा लगना)-अनुशासनहीन बच्चे सब की आँखों में खटकते हैं।
21. आँच न आने देना (नुकसान न होने देना)-माँ अपनी संतान पर आँच नहीं आने देती।
22. आँखों में धूल झोंकना (धोखा देना)-पुलिस की आँखों में धूल झोंकना आसान नहीं है।
23. आग में घी डालना (गुस्सा बढ़ाना)-रमनदीप के स्कूल न जाने से पिता जी क्रोधित थे और उसके झूठ बोलने ने तो उनके क्रोध को और बढ़ा कर आग में घी डालने का काम कर दिया।
24. आस्तीन का साँप (कपटी मित्र)-विश्वासघात करने वाला मित्र मित्र न हो कर आस्तीन का साँप होता है।
25. आसमान पर चढ़ना (बहुत अभिमान करना)-कक्षा का प्रतिनिधि बनते ही महेंद्रसिंह का दिमाग आसमान पर चढ़ गया है।
26. इस कान सुनना उस कान उड़ा देना (किसी बात पर ध्यान न देना)-अनीश को कुछ भी समझाना बेकार है क्योंकि वह तो इस कान सुन कर उस कान से उड़ा देने वाला व्यक्ति है।
27. ईंट का जवाब पत्थर से देना (मुँह तोड़ जवाब देना)-शत्रु पक्ष की धमकियों का जब ईंट का जवाब पत्थर से दिया गया तो उनकी बोलती बंद हो गई।
28. उड़ती चिड़िया पहचानना (अनुभवी होना)-हमारे अध्यापक जी के सामने हमारा कोई भी बहाना नहीं चलता क्योंकि वे तो उड़ती चिड़िया पहचान लेते हैं।
29. ऊपर की आमदनी (रिश्वत, भ्रष्ट कमाई)-ईमानदार व्यक्ति हक की कमाई खाता है, ऊपर की आमदनी पर विश्वास नहीं करता।
30. एक-एक रग जानना (अच्छी तरह से परिचित होना)-मेरे से तुम कोई बहाना बना कर नहीं बच सकते क्योंकि मैं तो तुम्हारी एक-एक रग जानता हूँ।
31. कान खा लेना (किसी बात को बार-बार कहना)-सुचित्रा ने सुबह से पिकनिक पर जाने की रट लगाकर अपनी माता के कान खा लिए।
32. कान पर जूं न रेंगना (कोई असर नहीं होना)—रजनी को चाहे कितना भी समझाते हो उसके कान पर जॅ नहीं रेंगती है।
33. कान में पड़ना (सुनाई देना)-चिल्ला क्यों रहे हो, तुम्हारी बातें मेरे कान में पड़ रही हैं।
34. कानों को हाथ लगाना (तौबा करना)-कानों को हाथ लगाकर कहती हूँ कि अब कभी झूठ नहीं बोलूँगी।
35. कच्चा चिट्ठा खोलना (गुप्त वार्ता प्रकट करना)-सांध्य समाचार-पत्र ने सरकारी भ्रष्टाचार का कच्चा चिट्ठा खोल दिया।
36. कफ़न सिर पर बांधना (मरने के लिए तैयार रहना)-भारतीय सैनिक कफ़न सिर पर बांध कर युद्धभूमि में जाते
37. कलेजे का टुकड़ा (बहुत प्रिय)-अपनी संतान माँ-बाप के कलेजे का टुकड़ा होती है।
38. खाने के लाले पड़ना (बहुत गरीब होना)-कोई काम न मिलने से राम लाल के घर खाने के लाले पड़ गए हैं।
39. खून पसीना एक करना (बहुत मेहनत करना)-किसान अपना खून पसीना एक कर के अन्न उगाता है।
40. गड़े मुर्दे उखाड़ना (बीती हुई बातों को कहना)-रवि वर्तमान की बात नहीं करता, हमेशा गड़े मुर्दे उखाड़ता रहताहै।
41. गागर में सागर भरना (बड़ी बात थोड़े से शब्दों से कहना)-बिहारी ने अपने दोहों में गागर में सागर भर दिया है।
42. गुद्ड़ी का लाल (सामान्य परंतु गुणी)-सतीश एक गरीब रिक्शे वाले का पुत्र थे लेकिन उसने भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रथम स्थान प्राप्त कर सिद्ध कर दिया है कि वह तो गुदड़ी का लाल है।
43. घर सिर पर उठाना (बहुत शोर करना)-घर में मम्मी के न होने पर बच्चों ने शोर करके मानो घर सिर पर उठा लिया था।
44. घाव पर नमक छिड़कना (दु:खी को और दुःखी करना)-महंगाई के इस युग में निर्धन कर्मचारियों के भत्ते बंद करना घाव पर नमक छिड़कना है।
45. घी के दिये जलाना (बहुत प्रसन्न होना)-अपने सैनिकों की विजय का समाचार सुनकर भारतवासियों ने घी के दिये जलाए।
46. चादर के बाहर पैर पसारना (आय से अधिक खर्च करना)-चादर के बाहर पैर पसारने वाले लोग सदा दुःखी रहते हैं।
47. चूड़ियाँ पहनना (कायर)-जो सैनिक युद्ध में जाने से डरते हैं, उन्हें घर में चूड़ियाँ पहन कर बैठना चाहिए।
48. चोली दामन का साथ (सदा साथ रहना)-राम शाम चाहे कितना झगड़ा कर लें फिर भी उनमें चोली दामन का साथ है क्योंकि वे एक-दूसरे के बिना रह नहीं सकते।
49. चिकना घड़ा (निर्लज्ज व्यक्ति, बेअसर वाला)-राम सिंह तो चिकना घड़ा है, उस पर तुम्हारे उपदेशों का कोई असर नहीं होगा, वह अपनी बुरी आदतें नहीं छोड़ने वाला।
50. चिकनी चुपड़ी बातें करना (चापलूसी करना)-नम्रता की चिकनी चुपड़ी बातों में आकर उसे उधार मत दे बैठना, वह लौटाने वाली नहीं है।
51. छोटा मुँह बड़ी बात (अपनी हैसियत से बढ़कर बात करना)-चींटी ने कहा मैं हाथी को मार दूंगी और उसका ऐसा कहना तो छोटा मुँह बड़ी बात है।
52. छक्के छुड़ाना (पराजित करना)-भारतीय सेना ने शत्रु सेना के छक्के छुड़ा दिए।
53. ज़हर उगलना (ईर्ष्या की बातें करना)-कैकेयी के कानों में मंथरा हरपल ज़हर उगलती रहती थी।
54. जी भर आना (मन का परेशान होना)-पेशावर में स्कूल के बच्चों की हत्या की घटना देखकर मेरा जी भर आया।
55. टस से मस न होना (परवाह न करना)-राघव को कितना समझाओ कि बुरे लोगों का साथ छोड़ दे पर वह टस से मस नहीं होता और उन्हीं लोगों के साथ रहता है।
56. टेढ़ी खीर (कठिन कार्य)-क्रिकेट का विश्व कप जीतना टेढ़ी खीर है।
57. ठोक बजा कर देखना (अच्छी तरह से जाँचना-परखना)–कोई भी सौदा खरीदने से पहले उसे ठोक बजा कर देखना अच्छा होता है।
58. डींग हाँकना/मारना (बढ़ चढ़ कर बातें करना)-शुभम की बातों में मत आ जाना क्योंकि वह सदा डींगें हाँकता रहता है।
59. ढेर करना (मार देना)-राम ने एक ही बाण से मारीच को ढेर कर दिया।
60. तलवार की धार पर चलना (बहुत कठिन काम करना)-आई० ए० एस० की परीक्षा में सफल होना आसान नहीं है, यह तो तलवार की धार पर चलने के समान है।
61. तिनके का सहारा (थोड़ा-सा सहारा)- मुसीबत में फंसे व्यक्ति के लिए तिनके का सहारा भी बहुत होता है।
62. थककर चूर होना (बहुत थक जाना)-माता वैष्णव देवी के मंदिर की चढ़ाई करते हुए सभी यात्री थक कर चूर हो गए।
63. दिन फिरना (भाग्य बदलना)-पंजाब स्टेट लाटरी का प्रथम पुरस्कार मिलते ही फकीर के दिन फिर गए।
64. दिल्ली दूर होना (उद्देश्य प्राप्ति में देरी होना)-नेहा ने अभी दसवीं पास की नहीं पर डॉक्टर बनने के सपने देख रही है जबकि उसके लिए अभी दिल्ली दूर है।
65. दौड़-धूप करना (बहुत कोशिश करना)-नौकरी पाने के लिए हरप्रीत बहुत दौड़-धूप कर रहा है। 66. दूध का धुला (निर्दोष)-आज के नेताओं में कोई एक ही दूध का धुला होता है।
67. धीरज बँधाना (सांत्वना देना)-सुक्खा सिंह के पिता के अचानक स्वर्गवास होने पर उसके मित्र उसका धीरज बंधा रहे थे।
68. नाक रख लेना (मर्यादा बचाना)-कुश्ती में मुक्तसर के पहलवान को हरा कर रक्खे पहलवान ने फिरोज़पुर की नाक रख ली।
69. निन्यानवे के फेर में पड़ना (असमंजस में होना)-निन्यानवे के फेर में पड़ कर मनुष्य अपना जीवन नष्ट कर देता है।
70. पेट में चूहे कूदना (दौड़ना, भूख लगना)-खूब खेलने के बाद बच्चों के पेट में चूहे दौड़ने लगते हैं।
71. पत्थर निचोड़ना (कंजूस से दान, निर्दयी से दया मांगना)-दमड़ी मल है तो करोड़पति पर उससे दान मांगना पत्थर निचोड़ने जैसा है।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran मुहावरे और लोकोक्तियाँ

72. पगड़ी उछालना (अपमान करना)-बड़ों की पगड़ी उछालना बुरी बात है।
73. पत्थर की लकीर होना (पक्की बात होना)-सरदार पटेल का कहना पत्थर की लकीर होता था।
74. पाँचों उंगलियाँ घी में होना (बहुत लाभ होना)-वस्तुओं के भाव चढ़ जाने से व्यापारियों की पाँचों उंगलियाँ घी में होती हैं।
75. फूल झड़ना (मीठा बोलना)-शुकंतला जब गीतगाती है तो ऐसा लगता है, जैसे फूल झड़ रहे हों।
76. बाएँ हाथ का खेल (आसान काम)-तैराकी में प्रथम स्थान प्राप्त करना नकुल के लिए बाएँ हाथ का खेल है।
77. भगवान् को प्यारा हो जाना (मर जाना)-आज सुबह अचानक ही प्रेम सिंह के पिता जी भगवान् को प्यारे हो गए।
78. भीगी बिल्ली बनना (भयभीत हो जाना)-पुलिस को देखते ही चोर भीगी बिल्ली बन गया।
79. भैंस के आगे बीन बजाना (समझाने पर भी कोई प्रभाव न होना)-नशे वाले को कितना भी नशा छोड़ने के लिए कहो उसके सामने सब कुछ कहना तो भैंस के आगे बीन बजाने जैसा ही होता है।
80. मिट्टी का माधो (कुछ न करने वाला)-जतिन बिलकुल मिट्टी का माधो है, उसे कितना ही समझाओ उस पर कोई असर नहीं होता।
81. मामला रफा-दफा करना (मामला समाप्त करना)-परमेंद्रसिंह और सुखदेव सिंह के झगड़े को सरपंच ने सुलझा कर मामला रफा-दफ़ा कर दिया।
82. मोती पिरोना (सुंदर लिखना)-आद्या की लिखाई ऐसी लगती है जैसे उसने एक-एक अक्षर से मोती पिरो दिए हों।
83. रंग में भंग डालना (आनंद में बाधा आना)-क्रिकेट मैच के बीच में वर्षा आने से रंग में भंग हो गया।
84. रंग उड़ना (घबरा जाना)-पुलिस को देखते ही चोर का रंग उड़ गया।
85. रुपया पानी में फेंकना (व्यर्थ खर्च करना)-लाला कस्तूरीलाल ने अपनी बेटी की शादी में रुपया पानी में फेंक कर अपनी अमीरी का प्रदर्शन किया।
86. लोहा लेना (डटकर मुकाबला करना)-भारतीय सेना ने शत्रु सेना से लोहा लेकर पराजित कर दिया।
87. विपत्ति मोल लेना (अपने आप मुसीबत में पड़ना)-पुलिस वाले से बहस कर के गिफ्टी सिंह ने स्वयं ही विपत्ति मोल ले ली।
88. शान में बट्टा लगना/फर्क आना (इज्ज़त घटना)-अमयादित भाषा का प्रयोग करने से नेता जी की शान में बट्टा लग गया।
89. सफेद झूठ (बिलकुल असत्य)-मनजीत कौर से बच कर रहना क्योंकि वह हमेशा सफेद झूठ बोलती है।
90. सिर-आँखों पर बैठाना (बहुत सम्मान देना)-जब रजत को प्रथम पुरस्कार मिला तो सब ने उसे सिर-आँखों पर बैठा लिया।
91. सिर पर पाँव रख कर भागना (बहुत तेज़ भागना)-पुलिस को देखते ही चोर सिर पर पाँव रख कर भाग गया।
92. श्री गणेश करना (प्रारंभ करना)-परीक्षाओं के सिर पर आते ही रमन ने पढ़ने का श्रीगणेश कर दिया।
93. हक्का -बक्का रहना (आश्चर्य चकित होना)-अपने शत्रु को अपने घर आया देखकर मनजीत हक्का-बक्का रह गया।
94. हाथ मलते रह जाना (पछताना)-सारा साल इंद्रजीत पढ़ी नहीं। परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो जाने पर हाथ मलते रह गई।
95. हाथों के तोते उड़ जाना (बहुत व्याकुल तथा शोकग्रस्त होना)-पिता की मृत्यु का समाचार सुनकर उसके हाथों के तोते उड़ गए।
96. हरी झंडी दिखाना (स्वीकृति देना)-प्रधान मंत्री ने सर्वशिक्षा अभियान कार्यक्रम चलते रहने को हरी झंडी दिखा दी।
97. हाथ मलना (पछताना)-स्टेशन पर पहुँचते ही रेलगाड़ी को जाते देख कर संतोख सिंह हाथ मलते रह गया कि थोड़ा पहले आता तो गाड़ी मिल जाती।।
98. हाथ तंग होना (पैसे का अभाव)-इन दिनों मेरा हाथ तंग है इसलिए मैं तुम्हें कुछ नहीं दे सकता।
99. हाथ का सच्चा (ईमानदार)-हमारा वर्तमान नेता हाथ का सच्चा व्यक्ति है।
100. हवा हो जाना (भाग जाना)-पुलिस को देखते ही चोर हवा हो गया।

नीचे दिए गए मुहावरों के अर्थ समझकर वाक्य बताइए

1. अपने पैरों पर खड़ा होना (आत्मनिर्भर बनना)-समाज में अपने पैरों पर खड़े होने वाले का बहुत सम्मान होता है।
2. आँच न आने देना (किसी तरह का नुकसान न होने देना)-हमें अपने देश की मान-मर्यादा पर आँच नहीं आने देनी चाहिए।
3. उन्नीस-बीस का अंतर होना (बहुत कम अंतर होना)-राम और श्याम की आयु में उन्नीस-बीस का अंतर है।
4. कान में तेल डाल लेना (बात न सुनना)-सुधा को कितना बुलाओ सुनती ही नहीं, लगता है उस ने कान में तेल डाल लिया है।
5. गले का हार (बहुत प्यारा)-सुमित अपने माता-पिता के गले का हार है।। 6. चैन की बंसी बजाना (सुखपूर्वक रहना)-प्रेम पाल सेवानिवृत्ति के बाद चैन की बंसी बजा रहा है।
7. तिल का ताड़ बनाना (छोटी सी बात को बढ़ाना)-सुधाकर की ज़रा सी डॉट को अपने ऊपर आरोप समझना प्रभाकर का तिल का ताड़ बनाना है।
8. दाँतों में जीभ होना (चारों ओर विरोधियों से घिरे रहना)-चुनाव के दंगल में सुच्चा सिंह ऐसे घिर गया जैसे दाँतों में जीभ हो।
9. पीठ दिखाना (हार कर भाग जाना)-भारतीय सेना का आक्रामक रूख देख कर शत्रु सेना पीठ दिखा गई।
10. मुँह में पानी भर आना (ललचाना)-रसगुल्लों को देखते ही हार्दिक के मुँह में पानी भर आया।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran मुहावरे और लोकोक्तियाँ

लोकोक्तियों का अर्थ सहित वाक्य प्रयोग

1. अपना लाल गंवायं के दर-दर माँगे भीख (अपनी लापरवाही से अपनी वस्तु नष्ट कर दूसरों से मांगते फिरना)सुक्खा सिंह ने अपनी सारी दौलत शराब पी-पी कर गँवा दी और अब लोगों से उधार मांग कर गुजारा कर रहा है; इसी को कहते हैं अपना लाल गंवाय कर दर-दर मांगे भीख।
2. अधूरा छोड़े सो पड़ा रहे (बीच में छोड़ा गया काम अधूरा रह जाता है)-पप्पू ने पहले आर्टस में दाखिला लिया फिर कामर्स में चला गया और फिर पढ़ाई छोड़ दी, उसकी तो अधूरा छोड़े सो पड़ा रहे की हालत हो गई।
3. अपना कोढ़ बढ़ता जाय, औरों को दवा बताए (दूसरों को नसीहत देना पर खुद उस पर चलना)-रमन कौर सब को खूब मेहनत से पढ़ने के लिए कहती रहती है पर स्वयं पढ़ाई न करने से फेल हो गई; इसी को कहते हैं अपना कोढ़ बढ़ता जाय, औरों को दवा बताए।
4. आसमान से गिरा खजूर में अटका (एक मुसीबत से निकल कर दूसरी में फंसना)-सोहन सिंह का जो स्कूटर चोरी हो गया था वह मिल गया पर जैसे ही वह स्कूटर लेकर घर आ ही रहा था कि टक्कर मार बैठा, इसी को कहते हैं आसमान से गिरा खजूर में अटका।
5. आँखों देखी सच्ची, कानों सुनी झूठी (आँखों से देखा सच्चा होता है पर कानों से सुना नहीं)-सुमनबाला के कहने से ही रजनी को बुरी लड़की नहीं मान सकते क्योंकि आँखों देखी सच्ची, कानों सुनी झूठी बातें होती हैं।
6. अंत भले का भला (अच्छे को अंत में अच्छा फल मिलता है)-मैं तो सच्चाई और ईमानदारी का पक्षधर हूँ और मेरा ‘अंत भले का भला’ में दृढ़ विश्वास है।
7. अंधा क्या जाने बसंत की बहार (असमर्थ व्यक्ति गुणों को नहीं पहचान सकता)-उस मूर्ख को गीता का उपदेश देना व्यर्थ है क्योंकि उस पर तो ‘अंधा क्या जाने बसंत की बहार’ वाली कहावत चरितार्थ होती है।
8. अंधी पीसे कुत्ता चाटे (नासमझ अथवा सीधे-सादे व्यक्ति के परिश्रम का लाभ दूसरे व्यक्ति उठाते हैं)-दिनेश जो कुछ कमाता है, उसके मित्र उड़ा कर ले जाते हैं। यहां तो अंधी पीसे कुत्ता चाटे वाली बात हो रही है।
9. अंधों में काना राजा (मूों में थोड़े ज्ञान वाला भी बड़ा मान लिया जाता है)-हमारे गाँव में किशोरी लाल ही थोड़ा-सा पढ़ा-लिखा व्यक्ति है। सभी उसकी इज्जत करते हैं। इसी को कहते हैं-अंधों में काना राजा।
10. अपनी-अपनी डफली अपना-अपना राग (भिन्न-भिन्न मत होना)-इस सभा में कोई भी निर्णय नहीं हो सकता। यहाँ तो सबकी अपनी-अपनी डफली अपना-अपना राग है।
11. आम के आम गुठलियों के दाम (दोहरा लाभ)-आजकल तो अखबार की रद्दी भी अच्छे भाव पर बिक जाती है। यह तो आम के आम गुठलियों के दाम वाली बात है।
12. अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत (समय निकल जाने पर पछताना)-सारा साल तो रमेश पढ़ा नहीं, अब अनुत्तीर्ण हो गया। इसलिए ठीक कहा गया है कि अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।।
13. अधजल गगरी छलकल जाए (ओछे व्यक्ति का दिखावा करना)-उसे अपना नाम तक तो लिखना आता नहीं, स्वयं को ज्ञानी बताता है। उसका वही हाल है कि अधजल गगरी छलकत जाए।
14. अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता (बड़ा काम अकेला व्यक्ति नहीं कर सकता)-देश से भ्रष्टाचार एक व्यक्ति नहीं मिटा सकता। सबको मिलकर प्रयास करना चाहिए क्योंकि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।
15. अशर्फियाँ लुटें और कोयलों पर मोहर (लापरवाही से खर्च करना और पाई-पाई का हिसाब रखना)-सुरजीत लाटरी पर हजारों रुपए खर्च कर देता है परंतु सर्वजीत कौर के घर खर्च का पाई-पाई का हिसाब मांगता है। यही तो हैअशर्फ़ियाँ लूटें और कोयलों पर मोहर।
16. आँख के अंधे गाँठ के पूरे (मूर्ख परंतु धनी)–हरजीत के पास कोई डिग्री तो नहीं है परन्तु पैसा तो अच्छा कमा लेता है। वह आँख का अंधा तो है पर गाँठ का पूरा है।
17. आँख का अंधा, नाम नैन सुख (नाम अच्छा काम बुरा)-करोड़ीमल भीख माँग कर अपना पेट भरता है। यह तो वही बात हुई कि आँख का अंधा, नाम नैन सुख।
18. ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया (परमात्मा ने किसी को धनवान बनाया है और किसी को निर्धन)-मंबई जैसे बड़े नगरों में एक ओर तो धनवान् है जो महलों में रहते हैं, दूसरी ओर निर्धन हैं जिनके पास कुटिया भी नहीं। इसी को कहते हैं ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran मुहावरे और लोकोक्तियाँ

19. उल्टे बांस बरेली को (विपरीत कार्य)-बनारस का आम तो वैसे ही प्रसिद्ध है और तुम यहां से घटिया किस्म का आम बनारस ही अपने दादा जी को भेज रहे हो। यह तो उल्टे बांस बरेली को वाली बात हो रही है।
20. ऊँट किस करवट बैठता है (परिणाम न मालूम क्या होगा)-अमनदीप सिंह और अमृत पाल सिंह के बीच शतरंज की बाज़ी जीतने की होड़ लगी हुई है, देखना है कि ऊँट किस करवट बैठता है।
21. ऊँट के मुँह में जीरा (इच्छा से कम मिलना)-सुमन को खाने का बहुत शौक है और उसका भारी-भरकम शरीर भी तो देखो, उसे एक इडली देना ऊँट के मुँह में जीरा देने के समान है।
22. एक और एक ग्यारह होना (एकता में बल)-अकेले की बजाए मिलकर काम करने से बहुत लाभ होता है क्योंकि एक और एक ग्यारह होते हैं।
23. एक अनार सौ बीमार (वस्तु कम, चाहने वाले अधिक)-यदि किसी कार्यालय में एक स्थान ही रिक्त होता है तो उसकी पूर्ति के लिए सैंकड़ों प्रार्थना-पत्र आते हैं। इसी को कहते हैं एक अनार सौ बीमार।
24. एक तो चोरी दूसरे सीना ज़ोरी (काम बिगाड़ कर आँख दिखाना)-जतिन ने आयूष को पीटा और फिर जा कर अपनी माता से आयूष की शिकायत की, यह तो वही बात हुई कि एक तो चोरी दूसरे सीना जोरी।
25. एक पंथ दो काज (एक उद्यम से दो कार्य होना)-प्रकाश कौर अस्पताल अपना चैकअप कराने गई थी और लौटते हुए फल-सब्जी भी ले आई। इस प्रकार एक पंथ दो काज हो गए।
26. एक मछली सारे तालाब को गंदा करती है (एक की बुराई से सब पर दोष लगता है)-दफ़्तर में बड़े बाबू के रिश्वत लेने से सारे दफ्तर की बदनामी हो रही है। सच है कि एक मछली सारे तालाब को गंदा करती है।
27. एक म्यान में दो तलवारें नहीं समा सकतीं (दो विरोधी एक स्थान पर एक साथ शासन नहीं कर सकते)-शेर सिंह ने गब्बर सिंह को ललकारते हुए कहा कि इस इलाके में तुम रहोगे या मैं क्योंकि एक म्यान में दो तलवारें नहीं समा सकतीं।
28. एक तंदुरुस्ती हज़ार नियामत (सेहत सब से बड़ी नियामत है)-सारा दिन पढ़ते रहने से कुछ नहीं होता खानेपीने का भी ध्यान रखना चाहिए क्योंकि एक तंदुरुस्ती हजार नियामत होती है। सेहत ठीक होगी तो पढ़ाई भी हो सकती है।
29. ओखली में सिर दिया तो मूसलों से क्या डर (कठिन कार्य करने का निश्चय करने के बाद कठिनाइयों से क्या घबराना)-जब सत्याग्रहियों ने महात्मा गांधी से अंग्रेजों के अत्याचारों की शिकायत की, तो गांधी जी ने उन्हें समझाया कि साथियो जब ओखली में सिर दिया तो मूसलों का क्या डर ?
30. ओछे की प्रीत बालू की भीत (नीच की मित्रता)-दुर्योधन से मित्रता करना सबके लिए विनाश का कारण बनी थी क्योंकि ओछे की प्रीत बालू की भीत होती है।
31. और बात खोटी, सही दाल रोटी (सब धंधा दाल-रोटी का है)-भीम सिंह सारा दिन मेहनत करता है, उसे और कोई बात अच्छी नहीं लगती। उसका मानना है कि और बात खोटी, सही दाल रोटी।
32. कंगाली में आटा गीला (मुसीबत पर मुसीबत)-महेंद्र सिंह के मकान की छत गिर गई और साथ ही उसके पिता की भी मृत्यु हो गई। उसका हाल तो कंगाली में आटा गीला जैसी हो गई।
33. कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली (असंभव बात)-अमर सिंह जैसे मेधावी छात्र के साथ निकम्मे बोध सिंह की कोई तुलना नहीं है क्योंकि कहाँ राजा भोज, कहाँ गंगू तेली।
34. कागज़ की नाव नहीं चलती (बेईमानी से काम नहीं होता)-वज़ीर सिंह ज्यादा हेरा-फेरी मत किया करो क्योंकि हमेशा कागज़ की नाव नहीं चलती।
35. काठ की हाँडी बार-बार नहीं चढ़ती (धोखा एक बार होता है)-एक बार तुमसे गेहूँ लेकर मैं धोखा खा चुकी हूँ अब दुबारा नहीं लूँगी क्योंकि काठ की हाँडी बार-बार नहीं चढ़ती।
36. काम प्यारा है चाम नहीं (काम देखा जाता है)-सुरेंद्र कौर की खूबसूरती का फैक्टरी के मालिक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता क्योंकि उसे तो काम प्यारा है चाम नहीं।
37. का वर्षा जब कृषि सुखानी (मुसीबत टल जाने पर सहायता आना)-करोड़ों की संपत्ति जब जल कर राख हो गई तो आग बुझाने वाले आए। यह तो वही हुआ का वर्षा जब कृषि सुखानी।
38. काला अक्षर भैंस बराबर (निरक्षर)-इंद्रजीत कौर के बनाव-श्रृंगार पर मत जाओ, जब वह बोलेगी तो तुम्हें पता चल जाएगा कि वह तो काला अक्षर भैंस बराबर है।
39. कुत्ते की दुम बारह वर्ष नली में रखी जाए फिर भी टेढ़ी की टेढ़ी (दुष्ट अपनी दुष्टता नहीं छोड़ता)-शराबी लाख कसमें खा कर भी शराब पीना नहीं छोड़ता तभी तो कहा है कि कुत्ते की दुम बारह वर्ष नली में रखी जाए फिर भी टेढ़ी की टेढ़ी।
40. कथनी नहीं करनी चाहिए (बातें बहुत परंतु काम कुछ नहीं)-आजकल के नेताओं की कथनी और करनी में बहुत अंतर है क्योंकि जनता को उन की कथनी नहीं करनी चाहिए।
41. कौआ कोयल को काली कहे (दोषी दूसरे को दोषी कह कर उसकी बुराई करे)-जिस पर पहले से ही कत्ल के आरोप लग चुके हों वह निर्दोष को कातिल कहने लगे तो वही बात हुई कि कौआ कोयल को काली कहे।
42. क्या जन्म भर का ठेका लिया है (कोई किसी की जीवन भर सहायता नहीं कर सकता)-मोहन सिंह को रामसिंह ने पढ़ा लिखाकर नौकरी पर लगवा दिया है फिर भी वह राम सिंह से कुछ न कुछ मांगता रहता है। इस पर राम सिंह ने उसे साफ-साफ कह दिया कि उसने क्या उसका जन्म भर का ठेका लिया है, अपनी चादर देख कर पाँव पसारा कर।
43. कभी नाव गाड़ी पर कभी गाड़ी नाव पर (ज़रूरत में एक-दूसरे की मदद करना)-सुरेंद्र कौर ने बलवेंद्र कौर की गणित में सहायता की तो बलवेंद्र ने सुरेंद्र कौर की अंग्रेज़ी में मदद कर दी, इसलिए कहा गया है कि कभी नाव गाड़ी पर कभी गाड़ी नाव पर।
44. कोयले की दलाली में मुँह काला (बुरी संगत से बदनामी होती है)-तुम शराबी मोहन सिंह का साथ छोड़ दो नहीं तो लोग तुम्हें भी शराबी समझ लेंगे क्योंकि कोयले की दलाली में मुँह काला हो जाता है।
45. खोदा पहाड़ निकली चुहिया (मेहनत का फल कम मिलना)-हम मोरनी हिल देखने गए तो वहाँ हिल के नाम पर टीला-सा देख कर मुँह से निकल गया कि खोदा पहाड़ निकली चुहिया।
46. खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग पकड़ता है (देखा-देखी परिवर्तन)-भाग सिंह को शराब पीते देखकर उसका बेटा भी पीना सीख गया है। ठीक ही है खरबूजे को देख कर खरबूजा रंग पकड़ता है।
47. खग जाने खग ही की भाषा (आस-पास रहने वाले ही एक-दूसरे का स्वभाव जानते हैं)-रतन सिंह का रिश्वत लेना सुजान सिंह ही जानता है क्योंकि दोनों ही एक दफ्तर में काम करते हैं। इसलिए कहते हैं कि खग जाने खग ही की भाषा।
48. खरी मज़दूरी चोखा काम (पूरा पैसा देने से अच्छा काम होता है)-नीलम के घर की चमकती हुई रंगत देखकर जब सीमा ने उससे इसका कारण पूछा तो उसने कहा कि उसने खरी मजदूरी दी थी इसलिए चोखा काम हुआ
49. खूट के बल बछड़ा कूदे (दूसरे के भड़काने पर अकड़ना)-शीतल सिंह मुख्यमंत्री का विशेष कृपापात्र है इसलिए सब पर अपना रौब डालता रहता है। उसकी तो वही दशा है कि खूट के बल बछड़ा कूदे।
50. खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे (लज्जित हो कर गुस्सा करना)-वीरावाली से दूध का गिलास गिर गया तो वह कहने लगी कि रास्ते में पानी किसने गिरा दिया जो पैर फिसलने से दूध गिरा गया। सच है खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran मुहावरे और लोकोक्तियाँ

51. गंगा गए गंगाराम यमुना गए यमुना दास (अवसरवादी)-आजकल के नेताओं का कोई धर्म नहीं है, कभी वे ‘क’ दल में तो कभी ‘ख’ दल में। उनका हाल तो यह है कि गंगा गए गंगा राम यमुना गए यमुना दास।।
52. गधा खेत खाए जुलाहा मारा जाए (दुष्ट की दुष्टता का फल दूसरे को मिलना)-कक्षा में शोर संदीप मचा रहा था, परंतु मार अशोक को पड़ी। यह तो बही बात हुई कि गधा खेत खाए जुलाहा मारा जाए।
53. गाय न बच्छी नींद आवे अच्छी (संपत्तिहीन)-अमीर करवटें बदलते हैं, परंतु ग़रीब गहरी नींद सोता है क्योंकि कहा है कि गाय न बच्छी नींद आवे अच्छी।
54. गड खाए गलगलों से परहेज़ (दिखावटी परहेज़)-शास्त्री जी मिठाई तो खा लेते हैं, परंतु चाय फीकी पीते हैं। उनका तो वही हाल है कि गुड़ खाए गुलगुलों से परहेज़।
55. घर का भेदी लंका ढाहे (आपसी फूट से नुकसान)-देश में आतंकवाद कुछ देश द्रोहियों के कारण ही फैल रहा है क्योंकि घर का भेदी लंका ढाहे।
56. घाट-घाट का पानी पीना (बहुत अनुभवी)-जितेंद्र ने घाट-घाट का पानी पिया है, वह तुम्हारे बहकावे में नहीं आ सकता।
57. घर का जोगी जोगड़ा आन गाँव का सिद्ध (अपने घर के बाहर इज्ज़त होना)-भारत में भारतीय विश्वविद्यालयों की डिग्री के स्थान पर विदेशी विश्वविद्यालयों की डिग्रियों को अधिक महत्त्व दिया जाता है क्योंकि घर का जोगी जोगड़ा आन गाँव का सिद्ध होता है।
58. घर की मुर्गी दाल बराबर (आसानी से मिलने वाली वस्तु का कोई महत्त्व नहीं होना)-मुक्ता को अपनी माता जी द्वारा बनाया गया सुंदर स्वैटर अच्छा नहीं लगता वह तो बाज़ार से रेडीमेड स्वैटर लेना पसंद करती है क्योंकि घर की मुर्गी दाल बराबर होती है।
59. जो गरजते हैं वो बरसते नहीं (शेखी बघारने वाले कुछ नहीं कर पाते)-चुनाव के दिनों में बड़े-बड़े वायदे करने वाले नेता चुनाव के बाद अपने सब वायदे भूल जाते हैं क्योंकि जो गरजते हैं वो बरसते नहीं।
60. जोते हल तो होवे फल (मेहनती व्यक्ति सफल होते हैं)-सारा वर्ष कठिन परिश्रम से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सफल होते हैं क्योंकि कहा भी गया है कि जोते हल तो होवे फल।
61. जाके पैर न फटी बिवाई, सो क्या जाने पीर पराई (जिस ने मुसीबतें नहीं सही वह दूसरे का दुःख भी नहीं समझ सकता)-लाला जगतनारायण चाँदी के बर्तनों में खाना खाते हैं, वे क्या जानें कि इस महँगाई में गरीब कैसे अपनी रोटी-दाल का जुगाड़ करता है क्योंकि जाके पैर न फटी बिवाई सो क्या जाने पीर पराई?
62. तेते पाँव पसारिए जेती लंबी सौर (आमदनी के अनुसार खर्च करना)-मनुष्य को कभी भी ऋण लेकर आराम की वस्तुएँ नहीं खरीदनी चाहिए क्योंकि इससे ऋण ग्रस्त जीवन भारस्वरूप हो जाता है। इसलिए गुणी कहते हैं कि तेते पाँव पसारिए जेती लंबी सौर।
63. तुम जानो तुम्हारा काम जाने (मनमानी करने वाले को समझाना व्यर्थ है)-जब बार-बार समझाने पर भी गेंडा सिंह ने अपनी बुरी आदतें नहीं छोड़ी तो शेर सिंह ने गुस्से में कहा कि अब तो तुम जानो तुम्हारा काम जाने।
64. तू डाल-डाल मैं पात-पात (विरोधी के दाँव समझना)-चुनाव के दिनों में दल ‘क’ की चालों का दल ‘ख’ ने होशियारी से जवाब दिया और कहा कि तू डाल-डाल तो मैं पात-पात।
65. नीम हकीम खतरा जान (अधूरा ज्ञान हानिकारक होता है)-जब तुम्हें बिरयानी बनानी नहीं आती तो इतना तामझाम क्यों कर रही हो, पता है कि नीम हकीम खतरा जान होता है।
66. नेकी कर दरिया में डाल (उपकार करके जताना नहीं चाहिए)-प्रकाश सिंह ने दर्शन सिंह को नौकरी दिलवा दी थी पर इस बात का किसी को पता नहीं चला कि दर्शन सिंह को नौकरी मिली कैसे क्योंकि प्रकाश सिंह ने कीकर दरिया में डाल कहावत पर विश्वास करता था, किसी को कुछ बताता नहीं था।
67. नाम बड़े और दर्शन छोटे (प्रसिद्ध जैसे गुणों का ना होना)-संता सिंह का नाम तो बड़ा सुना था कि वह बहुत अच्छा उपदेशक है पर जब उस से बोला नहीं गया तो यही लगा कि नाम बड़े और दर्शन छोटे।
68. न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी (जड़ से नष्ट करना, कारण के न रहने से कार्य भी नहीं हो सकता)-तुम अपने घर से जामुन का पेड़ ही कटवा दो। इससे शरारती बच्चे इन पर पत्थर नहीं फेंकेगे, इस तरह न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी वाली बात सिद्ध हो जाएगी।
69. लातों के भूत बातों से नहीं मानते (दुष्ट व्यक्ति कहने से नहीं दंड देने से वश में आते हैं)-जब तक उसकी पिटाई नहीं करोगे, वह सच नहीं बोलेगा, क्योंकि लातों के भूत बातों से नहीं मानते।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran मुहावरे और लोकोक्तियाँ

70. सीधी उंगली से घी नहीं निकलता (सीधेपन से काम नहीं चलता)-जब रामू ने श्यामू को उसके हिस्से की मिठाई नहीं दी तो वह माँ के पास उसकी शिकायत करने जाने लगा तो रामू ने तुरंत उसे मिठाई दे दी। इसी को कहते हैं कि सीधी उंगली से घी नहीं निकलता।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran अनुवाद

Punjab State Board PSEB 10th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar anuvad अनुवाद Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 10th Class Hindi Grammar अनुवाद

निम्नलिखित पंजाबी के गद्यांशों का हिंदी में अनुवाद करें

1. ਮੈਨੂੰ ਜਦੋਂ ਵੀ ਆਪਣਾ ਬਚਪਨ ਯਾਦ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਮੇਰਾ ਦਿਲ ਕਰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਮੈਂ ਆਪਣੇ ਉਸੇ ਬਚਪਨ ਵਿਚ ਗੁਮ ਹੋ ਜਾਵਾਂ । ਮਨ ਬਚਪਨ ਦੀਆਂ ਖੇਡਾਂ ਵਲ ਚਲਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪਤੰਗ ਉਡਾਣਾ, ਦੋਸਤਾਂ ਨਾਲ ਸਾਈਕਲ ਦੀਆਂ ਰੇਸਾਂ ਲਗਾਉਣਾ,ਬੰਟੇ ਖੇਡਣੇ ਅਤੇ ਰਾਤ ਨੂੰ ਲੁਕਣ-ਮੀਟੀ ਖੇਡਣਾ ਮੈਨੂੰ ਅੱਜ ਵੀ ਯਾਦ ਹੈ । ਤਪਦੀ ਗਰਮੀ ਵਿਚ ਬਾਗ ਵਿੱਚ ਅੰਬ ਤੋੜ ਕੇ ਖਾਣੇ ਅਤੇ ਬਹੁਤ ਤੇਜ਼ ਮੀਂਹ ਵਿਚ ਨਹਾਉਣਾ ਮੈਨੂੰ ਬਹੁਤ ਚੰਗਾ ਲਗਦਾ ਸੀ ।
अनुवाद:
मुझे जब भी अपना बचपन याद आता है तो मेरा दिल करता है कि मैं अपने उस बचपन में गुम हो जाऊँ। मन बचपन की खेलों की तरफ चला जाता है। पतंग उड़ाना, मित्रों के साथ साइकिल की दौड़ें लगाना, कंचे खेलने और रात को छुपम-छुपाई खेलना मुझे आज भी याद है। तपती गर्मी में बाग में आम तोड़ कर खाने और बहुत तेज़ बारिश में नहाना मुझे बहुत अच्छा लगता था।

2. ਭ੍ਰਿਸ਼ਟ ਆਚਰਨ ਹੀ ਭ੍ਰਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਕੁਝ ਲੋਕ ਕੇਵਲ ਪੈਸੇ ਦੀ ਹੇਰਾਫੇਰੀ ਅਤੇ ਘਪਲੇਬਾਜ਼ੀ ਨੂੰ ਹੀ ਭ੍ਰਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਪਰ ਇਸ ਵਿਚ ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਮਿਲਾਵਟ, ਅਨਿਆਂ, ਸਿਫਾਰਿਸ਼, ਕਾਲਾਬਜ਼ਾਰੀ, ਸ਼ੋਸ਼ਣ ਅਤੇ ਧੋਖਾ ਆਦਿ ਸਭ ਕੁਛ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸਾਰਾ ਸਮਾਜ ਇੱਕ ਜੁਟ ਹੋ ਕੇ ਹੀ ਭ੍ਰਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਰੂਪੀ ਇਸ ਦੈਤ ਨੂੰ ਖ਼ਤਮ ਕਰ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
अनुवाद:
भ्रष्ट आचरण भी भ्रष्टाचार होता है। कुछ लोग केवल पैसे की हेराफेरी और घपलेबाजी को ही भ्रष्टाचार कहते हैं। पर इसके अतिरिक्त मिलावट, अन्याय, सिफ़ारिश, कालाबाजारी, शोषण और धोखा आदि सब कुछ आ जाता है। सारा समाज एकजुट हो कर भ्रष्टाचार रूपी इस दैत्य को समाप्त कर सकता है।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran अनुवाद

3. ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਮਿਹਨਤ ਦਾ ਬਹੁਤ ਮਹੱਤਵ ਹੈ । ਮਿਹਨਤੀ ਵਿਅਕਤੀ ਵਿਚ ਜੇਕਰ ਦ੍ਰਿੜ੍ਹ ਸੰਕਲਪ ਵੀ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਉਹ ਕਈ ਵਾਰ ਅਜਿਹੇ ਕੰਮ ਵੀ ਕਰ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜੋ ਕਿ ਆਮ ਇਨਸਾਨ ਨੂੰ ਅਸੰਭਵ ਲਗਦੇ ਹਨ । ਸੱਚਾ ਮਿਹਨਤੀ ਵਿਅਕਤੀ ਜੇਕਰ ਕਿਸੇ ਕੰਮ ਵਿਚ ਅਸਫਲ ਵੀ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਹ ਆਪਣੀਆਂ ਕਮੀਆਂ ਦਾ ਪਤਾ ਲਗਾ ਕੇ ਵਧੇਰੇ ਸ਼ਕਤੀ ਨਾਲ ਉਸ ਕੰਮ ਵਿਚ ਜੁੱਟ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
अनुवाद:
जीवन में मेहनत का बहुत महत्त्व है। मेहनती व्यक्ति में यदि दृढ़ संकल्प भी हो तो वह कई बार ऐसे काम भी कर जाता है जो कि आम इन्सान को अंसभव लगते हैं। सच्चा मेहनती व्यक्ति यदि किसी काम में असफल भी हो जाता है तो वह अपनी कमियों का पता लगा कर अधिक शक्ति से उस काम में जुट जाता है।

4. ਸਾਨੂੰ ਆਪਣੇ ਤਨ ਨੂੰ ਤੰਦਰੁਸਤ ਰੱਖਣ ਲਈ ਕਸਰਤ ਕਰਨ ਦੀ ਆਦਤ ਪਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਕਸਰਤ ਨਾਲ ਕੇਵਲ ਤਨ ਹੀ ਨਹੀਂ ਸਗੋਂ ਸਾਡਾ ਮਨ ਵੀ ਚੰਗਾ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਤਨ ਅਤੇ ਮਨ ਦੋਵੇਂ ਤੰਦਰੁਸਤ ਹੋ ਜਾਣਗੇ ਤਾਂ ਸਾਡੇ ਮਨ ਵਿਚ ਚੰਗੇ ਵਿਚਾਰ ਆਉਣਗੇ । ਚੰਗੇ ਵਿਚਾਰਾਂ ਨਾਲ ਹੀ ਅਸੀਂ ਚੰਗੇ ਕਰਮ ਕਰਾਂਗੇ ।
अनुवाद:
हमें अपने तन को स्वस्थ रखने के लिए कसरत की आदत डालनी चाहिए। कसरत के साथ केवल तन ही नहीं अपितु हमारा मन भी अच्छा बनता है। जब तन और मन दोनों स्वस्थ हो जाएंगे तो हमारे मन में अच्छे विचार आएंगे। अच्छे विचारों से ही हम अच्छे कार्य करेंगे।

5. ਚੰਗੀਆਂ ਕਿਤਾਬਾਂ ਸੁੱਖ ਅਤੇ ਖੁਸ਼ੀਆਂ ਦਾ ਖਜ਼ਾਨਾ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਔਖੀ ਘੜੀ ਵਿਚ ਇਹ ਸਾਡਾ ਮਾਰਗ ਦਰਸ਼ਨ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਕਿਤਾਬਾਂ ਨਾਲ ਪਿਆਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਲਈ ਕਿਤਾਬਾਂ ਕਿਸੇ ਖਜ਼ਾਨੇ ਤੋਂ ਘੱਟ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀਆਂ । ਲੋਕਮਾਨਿਆ ਤਿਲਕ ਦਾ ਕਹਿਣਾ ਸੀ ਕਿ-“ਮੈਂ ਨਰਕ ਵਿਚ ਵੀ ਕਿਤਾਬਾਂ ਦਾ ਸਵਾਗਤ ਕਰਾਂਗਾ । ਕਿਉਂਕਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਉਹ ਸ਼ਕਤੀ ਹੈ ਕਿ ਜਿੱਥੇ ਇਹ ਹੋਣਗੀਆਂ ਉੱਥੇ ਆਪਣੇ ਆਪ ਸਵਰਗ ਬਣ ਜਾਏਗਾ ।
अनुवाद:
अच्छी पुस्तकें सुख और प्रसन्नताओं का खज़ाना होती हैं। कठिन घड़ी में ये हमारा मार्गदर्शन करती हैं। जिन लोगों को पुस्तकों से प्रेम होता है, उनके लिए पुस्तकें किसी खज़ाने से कम नहीं होतीं। लोकमान्य तिलक का कहना था-‘मैं नर्क में भी पुस्तकों का स्वागत करूँगा। क्योंकि इनमें वह शक्ति है कि जहाँ ये होंगी वहाँ अपने आप स्वर्ग बन हैं।

6. ਓਜ਼ੋਨ ਪਰਤ ਸੂਰਜ ਤੋਂ ਨਿਕਲਣ ਵਾਲੀਆਂ ਨੁਕਸਾਨਦਾਇਕ ਕਿਰਨਾਂ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਪਰਾਬੈਂਗਣੀ ਕਿਰਨਾਂ ਨੂੰ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰਨ ਤੋਂ ਰੋਕਣ ਲਈ ਫਿਲਟਰ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਕੰਮ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਵਿਜ, ਏ. ਸੀ. ਉਪਕਰਨ ਆਦਿ ਵਿਚ ਇਸਤੇਮਾਲ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਜ਼ਹਿਰੀਲੀਆਂ ਗੈਸਾਂ ਇਸ ਪਰਤ ਨੂੰ ਨੁਕਸਾਨ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਏ. ਸੀ. ਉਪਕਰਨਾਂ ਦਾ ਘੱਟ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
अनुवाद:
ओज़ोन परत से निकलने वाली हानिकारक किरणों के साथ-साथ पराबैंगनी किरणों को वायुमंडल में प्रवेश करने से रोकने के लिए फिल्टर के रूप में काम करती हैं। फ्रिज, ए०सी० उपकरण आदि में प्रयुक्त होने वाली विषैली गैसें इस परत का नुकसान करती हैं। इसलिए हमें ए०सी० उपकरणों का कम प्रयोग करना चाहिए।

7. ਹਿੰਦੀ ਨੂੰ ਸੰਘ ਦੀ ਰਾਜਭਾਸ਼ਾ ਕਹਿਣ ਦਾ ਇਹ ਅਰਥ ਨਹੀਂ ਕਿ ਭਾਰਤ ਦੀਆਂ ਦੂਜੀਆਂ ਭਾਸ਼ਾਵਾਂ ਇਸ ਤੋਂ ਘੱਟ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹਨ । ਭਾਰਤ ਦੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਪ੍ਰਦੇਸ਼ਿਕ ਭਾਸ਼ਾਵਾਂ ਸਮਾਨ ਮਹੱਤਵ ਰੱਖਦੀਆਂ ਹਨ । ਜੇਕਰ ਅਖਿਲ ਭਾਰਤੀ ਪੱਧਰ ‘ਤੇ ਹਿੰਦੀ ਰਾਜਭਾਸ਼ਾ ਹੈ ਤਾਂ ਦੂਜੀਆਂ ਦੇਸ਼ਿਕ ਭਾਸ਼ਾਵਾਂ ਆਪਣੇ-ਆਪਣੇ ਰਾਜਾਂ ਵਿਚ ਰਾਜਭਾਸ਼ਾ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਕੰਮ ਕਰ ਰਹੀਆਂ ਹਨ ।
अनुवाद:
हिंदी को संघ की राजभाषा कहने का यह अर्थ नहीं कि भारत में अन्य भाषाएं इस से कम महत्त्वपूर्ण हैं। भारत की सभी प्रादेशिक भाषाएँ समान महत्त्व रखती हैं। यदि अखिल भारतीय स्तर पर हिंदी राजभाषा है तो अन्य प्रादेशिक भाषाएं अपने-अपने राज्यों में राजभाषा के रूप में काम कर रही हैं।

8. ਸਾਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਦੀ ਖਪਤ ਘੱਟ ਅਤੇ ਬੜੇ ਹੀ ਕਿਫ਼ਾਇਤੀ ਢੰਗ ਨਾਲ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਜਿਸ ਸਥਾਨ ‘ਤੇ ਅਸੀਂ ਮੌਜੂਦ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ, ਉਸ ਸਥਾਨ ‘ਤੇ ਬਿਜਲੀ ਚਲਦੀ ਨਹੀਂ ਰਹਿਣ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ । ਬਿਜਲੀ ਦੀ ਬੱਚਤ ਸੰਬੰਧੀ ਇੱਕ ਨਾਰਾ ਹੈ ‘ਲੋੜ ਨਹੀਂ ਜਦੋਂ, (ਸਵਿੱਚ ਬਟਨ ਬੰਦ ਉਦੋਂ ਜੇਕਰ ਇਸ ਨਾਰੇ ਨੂੰ ਸਾਰੇ ਲੋਕ ਆਪਣੇ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਅਪਨਾ ਲੈਣ ਤਾਂ ਵੀ ਅਸੀਂ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀ ਬਿਜਲੀ ਬਚਾ ਸਕਦੇ ਹਾਂ।
अनुवाद:
हमें बिजली की खपत कम और अति किफ़ायती ढंग से करनी चाहिए। जिस स्थान पर हम उपस्थित नहीं होते, उस स्थान पर बिजली चलती नहीं रहने देनी चाहिए। बिजली की बचत संबंधी एक नारा है ‘आवश्यकता नहीं जब, बटन बंद तब।’ यदि इस नारे को सभी लोग अपने जीवन में अपना लें तो हम बहुत-सी बिजली बचा सकते हैं।

9. ਮਹਿੰਗਾਈ ਨੇ ਅੱਜ ਗਰੀਬ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਕਮਰ ਤੋੜ ਦਿੱਤੀ ਹੈ । ਘਰੇਲੂ ਪ੍ਰਯੋਗ ਵਿਚ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦੀਆਂ ਕੀਮਤਾਂ ਇਸ ਕਦਰ ਵੱਧ ਗਈਆਂ ਹਨ ਕਿ ਗਰੀਬ ਵਰਗ ਦਾ ਘਰ-ਪਰਿਵਾਰ ਦਾ ਗੁਜ਼ਾਰਾ ਕਰਨਾ ਬਹੁਤ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ । ਸਰਕਾਰ ਨੂੰ ਜਲਦੀ ਤੋਂ ਜਲਦੀ ਮਹਿੰਗਾਈ ਨੂੰ ਘਟਾ ਕੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਰਾਹਤ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
अनुवाद:
महंगाई ने आज गरीब लोगों की कमर तोड़ दी है। घरेलू प्रयोग में आने वाली वस्तुओं के मूल्य इस तरह बढ़ गए हैं कि निर्धन वर्ग के घर-परिवार का निर्वाह करना बहुत कठिन हो गया है। सरकार को शीघ्रातिशीघ्र महंगाई को घटा कर लोगों को राहत देनी चाहिए।

10. ਸਾਡੇ ਸਕੂਲ ਦਾ ਸਲਾਨਾ ਸਮਾਗਮ ਬੜੀ ਧੂਮਧਾਮ ਨਾਲ ਮਨਾਇਆ ਗਿਆ | ਸਾਰੇ ਸਕੂਲ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਹੀ ਸੁੰਦਰ ਢੰਗ ਨਾਲ ਸਜਾਇਆ ਗਿਆ ਸਕੂਲ ਦੇ ਪ੍ਰਿੰਸੀਪਲ ਨੇ ਸਕੂਲ ਦੀ ਰਿਪੋਰਟ ਪੜ੍ਹੀ । ਮੁੱਖ ਮਹਿਮਾਨ ਨੇ ਸਿੱਖਿਆ ਦੇ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਸਾਡੇ ਸਕੂਲ ਦੇ ਯੋਗਦਾਨ ਦੀ ਪ੍ਰਸ਼ੰਸਾ ਕੀਤੀ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਇਸ ਸਾਲ ਹਰ ਜਮਾਤ ਵਿੱਚੋਂ ਪਹਿਲੇ ਤਿੰਨ ਸਥਾਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਇਨਾਮ ਵੰਡੇ ।
अनुवाद:
हमारे स्कूल का वार्षिक समारोह बड़ी धूमधाम से मनाया गया। सारे स्कूल को बहुत ही सुंदर ढंग से सजाया गया। स्कूल के प्राचार्य ने स्कूल की रिपोर्ट पढ़ी। मुख्य अतिथि ने शिक्षा के क्षेत्र में हमारे स्कूल के योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने इस वर्ष कक्षा में पहले तीन स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार बांटे।

हल सहित अनुवाद संबंधी अवतरण

1. ਪੜਨਾ ਅੱਜ ਸਾਡੇ ਲਈ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ, ਪਰ ਪੜਾਈ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਆਪਣੇ ਹੁਨਰ ਅਤੇ ਪ੍ਰਤਿਭਾ ਨੂੰ ਸਭ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਵਿਖਾਉਣਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਜਿੰਨਾ ਚਿਰ ਵਿਅਕਤੀ ਆਪਣੇ ਵਿਚਾਰਾਂ ਅਤੇ ਪ੍ਰਤਿਭਾ ਨੂੰ ਲੋਕਾਂ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਨਾ ਲਿਆਏ ਉਨਾ ਚਿਰ ਇਸ ਦਾ ਕੋਈ ਫਾਇਦਾ ਨਹੀਂ । ਅੱਜ-ਕਲ੍ਹ ਇਨ੍ਹਾਂ ਹੁਨਰਾਂ ਨੂੰ ਸਮਾਜ ਵਿਚ ਲਿਆਉਣ ਦੇ ਕਈ ਸਾਧਨ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਇਕ ਹੈ ‘ਸਾਹਿਤ’ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਸਾਹਿਤ ਸਮਾਜ ਦਾ ਦਰਪਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਕਥਨ ਬਿਲਕੁਲ ਸਹੀ ਹੈ, ਕਿਉਂਕਿ ਇਹ ਸਾਹਿਤ ਹੀ ਸਮਾਜ ਵਿੱਚ ਵਾਪਰ ਰਹੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੀ ਲੇਖਣੀ ਅੰਦਰ ਬੰਦ ਕਰਕੇ ਲੋਕਾਂ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਪੇਸ਼ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਜ਼ਰਾ ਸੋਚੋ, ਜੇਕਰ ਇਹ ਸਾਹਿਤ ਹੀ ਨਾ ਹੁੰਦਾ ਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਮਹਾਨ ਕਵੀਆਂ ਅਤੇ ਸਾਹਿਤਕਾਰਾਂ ਬਾਰੇ ਸਾਨੂੰ ਜਾਣਕਾਰੀ ਕਿਵੇਂ ਮਿਲਦੀ?
अनुवाद:
पढ़ना आज हमारे लिए बहुत आवश्यक हो गया है, पर पढ़ाई के साथ-साथ अपने गुणों और प्रतिभा को सबके सामने दर्शाना अतिआवश्यक है। जब तक व्यक्ति अपने विचारों और प्रतिभा को लोगों के सामने न लाए तब तक इन का कोई लाभ नहीं। आजकल इन गुणों को समाज में लाने के अनेक साधन हैं। इनमें एक ‘साहित्य’ है। कहा जाता है कि साहित्य समाज का दर्पण होता है। यह कथन पूरी तरह से सत्य है क्योंकि यह साहित्य ही समाज में घटित हो रही घटनाओं को अपने लेखन में बंद करके लोगों के समक्ष प्रस्तुत करता है। ज़रा सोचो कि यदि साहित्य ही न होता तो इन महान् कवियों और साहित्यकारों के विषय में हमें जानकारी किस प्रकार प्राप्त होती?

2. ਅਰਦਾਸਾਂ ਕਰਕੇ ਅਤੇ ਜੋਤਸ਼ੀਆਂ ਨੂੰ ਹੱਥ ਦਿਖਾ ਕੇ ਸਾਡੇ ਮਨਾਂ ਅੰਦਰ ਉਮੀਦਾਂ ਜਾਗਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਉਮੀਦਾਂ ਦਾ ਨਸ਼ਾ ਉਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਾਨੂੰ ਚੜਿਆ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ , ਜਿਵੇਂ ਅਸੀਂ ਲਾਟਰੀ ਦੀ ਟਿਕਟ ਖ਼ਰੀਦ ਕੇ ਸੁਪਨਿਆਂ ਵਿੱਚ ਹੀ ਲੱਖਾਂਪਤੀ ਬਣ ਕੇ ਉਸ ਰਕਮ ਨੂੰ ਖ਼ਰਚਣ ਦੀਆਂ ਤਰਕੀਬਾਂ ਬਣਾਉਂਦੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਾਂ | ਕਈ ਵਾਰੀ ਤਾਂ ਅਸੀਂ ਇਹ ਸੋਚਣ ਉੱਤੇ ਮਜਬੂਰ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਜੇ ਭਾਰਤੀ ਲੋਕ ਅਰਦਾਸਾਂ ਅਤੇ ਜੋਤਸ਼ੀਆਂ ਉੱਤੇ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਨਾ ਕਰਦੇ ਹੁੰਦੇ ਤਾਂ ਇੱਥੇ ਵੱਡੀਆਂ ਕਰਾਂਤੀਆਂ ਆ ਸਕਦੀਆਂ ਸਨ ।
अनुवाद:
प्रार्थनाएं करके और ज्योतषियों को हाथ दिखा कर हमारे मन के भीतर आशाएं जागृत होती हैं और इन आशाओं का नशा हमें उसी प्रकार चढ़ा रहता है जैसे लाटरी की टिकट खरीद कर सपनों में ही लखपति बन कर उस राशि को व्यय करने की योजनाएँ बनाते रहते हैं। अनेक बार तो हम यह सोचने के लिए विवश हो जाते हैं कि यदि हम भारतीय प्रार्थना और विश्वास न करते होते तो यहाँ बड़ी क्रांतियां आ सकती थीं।

3. ਭਾਰਤ ਦੇ ਉੱਤਰ ਪ੍ਰਦੇਸ਼ ਦੇ ਆਗਰਾ ਸ਼ਹਿਰ ਵਿਚ ਸਥਿਤ ਤਾਜ ਮਹੱਲ ਇੱਕ ਖੂਬਸੂਰਤ ਮਕਬਰਾ ਹੈ । ਇਸਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਮੁਗਲ ਸਮਰਾਟ ਸ਼ਾਹ ਜਹਾਨ ਨੇ ਆਪਣੀ ਪਤਨੀ ਮੁਮਤਾਜ ਮਹੱਲ ਦੀ ਯਾਦ ਵਿਚ ਕਰਵਾਇਆ ਸੀ ।ਇਹ ਆਪਣੀ ਸੁੰਦਰਤਾ ਅਤੇ ਉੱਤਮ ਵਾਸਤੁਕਲਾ ਕਰਕੇ ਦੁਨੀਆ ਭਰ ਵਿਚ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਹੈ । ਇਹ ਵਿਲੱਖਣ ਮਕਬਰਾ ਸਵੇਰ ਨੂੰ ਲਾਲ-ਗੁਲਾਬੀ, ਸ਼ਾਮ ਨੂੰ ਦੁਧੀਆ ਅਤੇ ਰਾਤ ਨੂੰ ਸੁਨਹਿਰੀ ਝਲਕ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਵੇਖੇ ਬਿਨਾਂ ਭਾਰਤ ਦਾ ਸੈਰ-ਸਪਾਟਾ ਅਧੂਰਾ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
अनुवाद:
भारत के उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में स्थित ताजमहल एक खूबसूरत मकबरा है। इसका निर्माण मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में करवाया था। यह अपनी सुन्दरता तथा उत्तम वास्तुकला के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यह विलक्षण मकबरा सुबह को लाल-गुलाबी, शाम को दूधिया और रात को सुनहरी झलक देता है। इस को देखे बिना भारत का सैर-सपाटा अधूरा माना जाता है।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran अनुवाद

4. ਪੂਰੀ ਦੁਨੀਆਂ ਵਿਚ 8 ਮਾਰਚ ਦਾ ਦਿਨ ਮਹਿਲਾ ਦਿਵਸ ਵਜੋਂ ਮਨਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸਰਕਾਰਾਂ ਵਲੋਂ ਔਰਤਾਂ ਦੇ ਵਿਕਾਸ ਲਈ ਕਈ ਨੀਤੀਆਂ ਵੀ ਬਣਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਲੜਕੀਆਂ ਦੀ ਸਿੱਖਿਆ ਵੱਲ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਧਿਆਨ ਦਿੱਤਾ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਸਿੱਖਿਆ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਔਰਤਾਂ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਵੱਲ ਵੀ ਠੋਸ ਕਦਮ ਚੁੱਕਣ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੈ । ਲੜਕੀਆਂ ਨੂੰ ਖ਼ੁਦ ਵੀ ਸਿੱਖਿਅਤ ਹੋ ਕੇ ਆਤਮਨਿਰਭਰ ਬਣਨ ਦੀ ਲੋੜ ਹੈ ।
अनुवाद:
पूरे विश्व में 8 मार्च का दिन महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। सरकारों की ओर से महिलाओं के विकास के लिए कई नीतियाँ बनाई जाती हैं। लड़कियों की शिक्षा की ओर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। शिक्षा के साथसाथ महिलाओं की सुरक्षा की ओर भी ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है। लड़कियों को स्वयं भी शिक्षित होकर आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता है।

5. ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਲੋਕ ਵਿਅਕਤੀਤਵ ਦਾ ਗ਼ਲਤ ਮਤਲਬ ਕੱਢਦੇ ਹਨ । ਉਹ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਸਰੀਰ ਦੀ ਬਾਹਰੀ ਬਨਾਵਟ ਨੂੰ ਹੀ ਉਸਦਾ ਵਿਅਕਤੀਤਵ ਸਮਝਦੇ ਹਨ ਚੰਗੇ ਕੱਪੜੇ ਦੇਖ ਕੇ ਉਹ ਅੰਦਾਜ਼ਾ ਲਗਾ ਲੈਂਦੇ ਹਨ ਕਿ ਇਸ ਮਨੁੱਖ ਦਾ ਵਿਅਕਤੀਤਵ ਚੰਗਾ ਹੈ । ਬਾਹਰੀ ਬਨਾਵਟੀ ਕਿਸੇ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਵਿਅਕਤੀਤਵ ਨੂੰ ਨਿਰਧਾਰਤ ਨਹੀਂ ਕਰਦੀ । ਇਹ ਵਿਅਕਤੀਤਵ ਦਾ ਹਿੱਸਾ ਮਾਤਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਕ ਮਨੁੱਖ ਜਿਸ ਦੇ ਕੱਪੜੇ ਵਧੀਆ ਹਨ ਪਰ ਉਸ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਚੀਜ਼ ਬਾਰੇ ਕੋਈ ਗਿਆਨ ਨਹੀਂ, ਤਾਂ ਅਸੀਂ ਕਹਿ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਉਸਦਾ ਵਿਅਕਤੀਤਵ ਪ੍ਰਭਾਵਸ਼ਾਲੀ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਇਕ ਚੰਗੇ ਵਿਅਕਤੀਤਵ ਦਾ ਵਿਕਾਸ ਕਰਨ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਵਰਤਮਾਨ ਸਮੇਂ ਬਾਰੇ ਗਿਆਨ ਹੋਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।
अनुवाद:
प्रायः लोग व्यक्तित्व का ग़लत अर्थ निकालते हैं। वे मनुष्य की बाह्य रचना को ही उसका व्यक्तित्व समझते हैं। अच्छे वस्त्र देखकर वे अनुमान लगा लेते हैं कि इस व्यक्ति का व्यक्तित्व अच्छा है। बाह्य बनावट किसी मनुष्य के व्यक्तित्व को निर्धारित नहीं करती। यह व्यक्तित्व का एक अंश-मात्र होती है। एक मनुष्य जिसके वस्त्र बढ़िया हैं पर उसे किसी वस्तु का कोई ज्ञान नहीं तो हम कह सकते हैं कि उस का व्यक्तित्व प्रभावशाली नहीं है। एक अच्छे व्यक्तित्व का विकास करने हेतु हमें वर्तमान समय के विषय में ज्ञान होना आवश्यक है।

6. ਭਾਰਤ ਦਾ ਇਤਿਹਾਸ ਕਈ ਦੇਸ਼ ਭਗਤਾਂ ਦੀਆਂ ਕੁਰਬਾਨੀਆਂ ਨਾਲ ਭਰਿਆ ਪਿਆ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਬਾਬਰ ਨੇ ਭਾਰਤ ਉੱਤੇ ਹਮਲਾ ਕੀਤਾ ਤਾਂ ਉਸ ਸਮੇਂ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਨੇ ਇਸ ਵਿਰੁੱਧ ਆਵਾਜ਼ ਉਠਾਈ । ਭਗਤ ਸਿੰਘ ਨੇ ਆਪਣਾ ਨਾਮ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਪੰਨਿਆਂ ਉੱਤੇ ਸ਼ਹੀਦ-ਏ-ਆਜ਼ਮ ਸਰਦਾਰ ਭਗਤ ਸਿੰਘ ਲਿਖਵਾਇਆ, ਸ਼ੇਰੇ ਪੰਜਾਬ ਲਾਲਾ ਲਾਜਪਤ ਰਾਏ, ਸ਼ਹੀਦ ਊਧਮ ਸਿੰਘ ਅਤੇ ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਹਰੇਕ ਹਿੱਸੇ ਤੋਂ ਅਨੇਕਾਂ ਲੋਕਾਂ ਨੇ ਆਪਣੀਆਂ ਜਾਨਾਂ ਇਸ ਆਜ਼ਾਦੀ ਨੂੰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਕੁਰਬਾਨ ਕੀਤੀਆਂ । ਇਸ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਇਸ ਆਜ਼ਾਦੀ ਦੀ ਅਹਿਮੀਅਤ ਸਮਝਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਦੇਸ਼ ਨੂੰ ਦੁਨੀਆ ਦੇ ਸਿਖਰ ਤੇ ਪਹੁੰਚਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਭਾਰਤ ਵਿੱਚ ਫੈਲੀਆਂ ਬੁਰਾਈਆਂ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
अनुवाद:
भारत का इतिहास अनेक देशभक्तों के बलिदानों से भरा हुआ है। जब बाबर ने भारत पर हमला किया तो उस समय गुरु नानक देव जी ने इसके विरुद्ध आवाज़ उठाई। भगत सिंह ने अपना नाम इतिहास के पृष्ठों पर शहीदए-आज़म सरदार भगत सिंह लिखवाया। शेरे पंजाब लाला लाजपत राय, शहीद ऊधम सिंह और हमारे देश के प्रत्येक हिस्से से अनेक लोगों ने अपने जीवन इस स्वतंत्रता को प्राप्त करने हेतु बलिदान कर दिए थे। इसलिए हमें इस स्वतंत्रता का महत्त्व समझना चाहिए और देश को विश्व के शिखर तक पहुँचाना चाहिए तथा भारत में व्याप्त बुराइयों को दूर करना चाहिए।

7. ਅੱਜ ਸਾਡਾ ਦੇਸ਼ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਧਰਮ-ਜਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਵੰਡਿਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਸਮਾਨ ਵਿਚਾਰਧਾਰਾ ਤੇ ਏਕਤਾ ਦੀ ਬਹੁਤ ਲੋੜ ਹੈ । ਆਪਣੇ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ, ਦੇਸ਼ ਦੀ ਮਿੱਟੀ ਨੂੰ, ਸਭਿਆਚਾਰ ਅਤੇ ਮਾਂ ਬੋਲੀ ਨੂੰ ਪਿਆਰ ਕਰਨਾ ਹੀ ਦੇਸ਼ ਪਿਆਰ ਹੈ । ਜਿਸ ਇਨਸਾਨ ਵਿੱਚ ਦੇਸ਼ ਪਿਆਰ ਦਾ ਜ਼ਜਬਾ ਨਹੀਂ ਉਹ ਗੱਦਾਰ, ਅਣਖਹੀਣ ਤੇ ਮੁਰਦਾ ਹੈ । ਸਾਡਾ ਦੁੱਖ-ਸੁੱਖ ਸਭ ਕੁਝ ਦੇਸ਼ ਪਿਆਰ ਨਾਲ ਹੀ ਬੱਝਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜਿਸ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਵਿੱਚ ਦੇਸ਼ ਪਿਆਰ ਨਹੀਂ ਉਹ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਹੀ ਜੰਜ਼ੀਰਾਂ ਵਿੱਚ ਜਕੜੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
अनुवाद:
आज हमारा देश पृथक् पृथक् धर्म-जातियों में बंट गया है। इसलिए हमारे देश में समान विचारधारा और एकता की बहुत आवश्यकता है। अपने देश के लोगों को, देश की मिट्टी को, सभ्याचार और मातृभाषा से प्रेम करना ही देश-प्रेम है। जिस इन्सान में देश-प्रेम का भाव नहीं, वह गद्दार, अस्वाभिमानी और मृतक है। हमारा सुख-दुःख, सब कुछ देश-प्रेम से ही बंधा होता है। जिस देश के लोगों में देश-प्रेम नहीं, वह सदा जंजीरों में ही जकड़े रहते हैं।

8. ਹਰ ਸਾਲ 31 ਮਈ ਨੂੰ ਕੌਮਾਂਤਰੀ ਤੰਬਾਕੂਮੁਕਤ ਦਿਵਸ ਮਨਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦਿਨ ਸਰਕਾਰੀ ਅਤੇ ਗੈਰ-ਸਰਕਾਰੀ ਸੰਸਥਾਵਾਂ ਵੱਲੋਂ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਤੰਬਾਕੂਨੋਸ਼ੀ ਤੋਂ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਬੀਮਾਰੀਆਂ ਪ੍ਰਤੀ ਜਾਗਰੂਕ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਤੰਬਾਕੂਨੋਸ਼ੀ ਕਾਰਨ ਕਈ ਨਾਮੁਰਾਦ ਅਤੇ ਲਾਇਲਾਜ ਬੀਮਾਰੀਆਂ ਲੱਗ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਕੈਂਸਰ, ਦਮਾ, ਚਮੜੀ ਦੇ ਰੋਗ, ਫੇਫੜਿਆਂ ਦੇ ਰੋਗ ਤੇ ਹੋਰ ਅਨੇਕ ਬੀਮਾਰੀਆਂ ਸ਼ਾਮਲ ਹਨ ।
अनुवाद:
प्रति वर्ष 31 मई को राष्ट्रीय तंबाकू मुक्त दिवस मनाया जाता है। इस दिन सरकारी तथा गैर-सरकारी संस्थाओं की ओर से लोगों को तंबाकूनोशी से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक किया जाता है। तंबाकूनोशी के कारण कई नामुराद तथा लाइलाज रोग लग जाते हैं जिनमें कैंसर, दमा, चमड़ी के रोग, फेफड़ों के रोग तथा अन्य अनेक बीमारियों ਬ ਚਿਰ ਵੈਂ ।

9. ਨਵੇਂ ਵੋਟਰਾਂ ਨੂੰ ਉਤਸਾਹਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਭਾਰਤ ਵਿਚ 25 ਜਨਵਰੀ ਨੂੰ ਹਰ ਸਾਲ ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਵੋਟਰ ਦਿਵਸ ਦੇ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਮਨਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦੀ ਸ਼ੁਰੂਆਤ ਭਾਰਤੀ ਚੋਣ ਕਮਿਸ਼ਨ ਦੇ ਡਾਇਮੰਡ ਜੁਬਲੀ ਸਮਾਰੋਹ ਦੇ ਸਮਾਪਤੀ ਸਮਾਗਮ ਦੌਰਾਨ ਕੀਤੀ ਗਈ ਸੀ । ਭਾਰਤੀ ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੀ ਧਾਰਾ 326 ਵਿਚ ਸੋਧ ਕਰਕੇ ਵੋਟ ਪਾਉਣ ਦੇ ਅਧਿਕਾਰ ਲਈ ਉਮਰ ਸੀਮਾ 21 ਸਾਲ ਤੋਂ ਘਟਾ ਕੇ 18 ਸਾਲ ਕਰ ਦਿੱਤੀ ਗਈ ਸੀ ਤਾਂ ਕਿ ਨੌਜਵਾਨ ਵਰਗ ਨੂੰ ਦੇਸ਼ ਦੀ ਰਾਜਨੀਤਿਕ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿਚ ਭਾਗ ਲੈਣ ਦੇ ਯੋਗ ਬਣਾਇਆ ਜਾ ਸਕੇ ।
अनुवाद:
नए मतदाताओं को उत्साहित करने के लिए भारत में 25 जनवरी को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय मतदाता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इसका प्रारंभ भारतीय चुनाव आयोग की हीरक जयंती समारोह के समापन समारोह के दौरान किया गया ਆਰੀਧ ਸੰਥਿਆਰ ਨੀ. ਪਾਵਾ 326 ਸੌ ਸੰਗੀਬਰ ਕੇ ਸਰ ਕਰੇ ਕੇ ਖਿਝ ਕੇ ਜਿਤੁ ਆਧੁ ਜੀ 21 ਕਥੇ ਬਟਨ 18 वर्ष कर दी गयी थी ताकि नौजवान वर्ग को देश की राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेने के योग्य बनाया जा सके।

10. ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰੀ ਦਾ ਇਕ ਹੋਰ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਕਾਰਨ ਸਾਡੀ ਵਿੱਦਿਅਕ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਦਾ ਸਹੀ ਨਾ ਹੋਣਾ ਵੀ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਆਰਟ ਦੇ ਵਿਸ਼ਿਆਂ ਦੀ ਥਾਂ ਤੇ ਜੇਕਰ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਤਕਨੀਕੀ ਕੋਰਸਾਂ ਵਿਚ ਦਾਖ਼ਲ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਆਪਣੇ ਪੈਰਾਂ ਤੇ ਆਪ ਖੜੇ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਕਈ ਵਾਰ ਇੰਟਰਵਿਊ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਹੀ ਉਹ ਨੌਜਵਾਨ ਰੱਖ ਲਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜੋ ਰਿਸ਼ਵਤ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਉਹ ਉਮੀਦਵਾਰ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਚੰਗੇ ਨੰਬਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਨੌਕਰੀ ਨਹੀਂ ਮਿਲਦੀ । ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰੀ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ ਦਾ ਹੱਲ ਕਿਸੇ ਇਕ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਹੱਥ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਸਰਕਾਰ ਨੂੰ ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰੀ ਨੂੰ ਖ਼ਤਮ ਕਰਨ ਲਈ ਠੋਸ ਕਦਮ ਚੁੱਕਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ । ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਵੱਧ ਰਹੀ ਆਬਾਦੀ ਤੇ ਰੋਕ ਲਗਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਰਿਸ਼ਵਤਖੋਰੀ ਨੂੰ ਖ਼ਤਮ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ चै।
अनुवाद:
बेरोज़गारी का एक अन्य कारण हमारी शिक्षा प्रणाली का ठीक न होना भी हो सकता है। आर्ट्स (कला) के विषयों की जगह यदि विद्यार्थियों को तकनीकी पाठ्यक्रमों में प्रविष्ठ किया जाए जो विद्यार्थी अपने पांवों पर स्वयं खड़े हो सकते हैं । अनेक बार साक्षात्कार से पहले उन नवयुवकों को रख लिया जाता है जो रिश्वत देते हैं। वे प्रार्थी जिनके अच्छे अंक होते हैं उन्हें नौकरी नहीं मिलती। बेरोज़गारी की समस्या का हल किसी एक व्यक्ति के हाथ में नहीं है। सरकार को बेरोज़गारी को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिएं। सबसे पहले बढ़ रही जनसंख्या पर प्रतिबंध लगाना चाहिए और रिश्वतखोरी को समाप्त करना चाहिए।

11. ਅੱਜ-ਕਲ੍ਹ ਹਰ ਇਕ ਭਾਸ਼ਾ ਦਾ ਸਾਹਿਤ ਮੌਜੂਦ ਹੈ । ਹਰ ਇਕ ਭਾਸ਼ਾ ਦੇ ਵਿੱਚ ਸਾਹਿਤ ਦੀ ਸਿਰਜਣਾ ਹੋ ਰਹੀ ਹੈ | ਹਰ ਇਕ ਸਾਹਿਤ ਆਪਣੀਆਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ਨੂੰ ਉਜਾਗਰ ਕਰਨ ਤੇ ਲੱਗਾ ਹੋਇਆ ਹੈ । ਪਰ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ‘‘ਪੰਜਾਬੀ ਸਾਹਿਤ ਦਾ ਇਕ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਮਹੱਤਵ ਹੈ। ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਜਿੰਨਾ ਚੰਗਾ ਸਾਹਿਤ ਆਪਣੀ ਮਾਂ ਬੋਲੀ ਵਿੱਚ ਲਿਖਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਉੱਨਾ ਸ਼ਾਇਦ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਸਾਹਿਤ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ । ਅੱਜ ਸਾਡੀ ਮਾਂ ਬੋਲੀ ਦਿਨ ਦੁਗਣੀ ਅਤੇ ਰਾਤ ਚੌਗਣੀ ਤਰੱਕੀ ਕਰ ਰਹੀ ਹੈ | ਅੱਜ ਸਾਡੀ ਮਾਂ ਬੋਲੀ ਕੇਵਲ ਭਾਰਤ ਵਿਚ ਹੀ ਨਹੀਂ ਸਗੋਂ ਬਾਹਰ ਵੀ ਚੰਗਾ ਨਾਮ ਕਮਾ ਰਹੀ ਹੈ | ਅੱਜ-ਕਲ੍ਹ ਪੰਜਾਬੀ ਲੇਖਕਾਂ ਨੇ ਪੰਜਾਬੀਅਤ ਨੂੰ ਇੰਗਲੈਂਡ ਅਤੇ ਅਮਰੀਕਾ ਜਿਹੇ ਦੇਸ਼ਾਂ ਅੰਦਰ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਦਰਜਾ ਦਵਾਇਆ ਹੋਇਆ ਹੈ ।
अनुवाद:
आजकल प्रत्येक भाषा का साहित्य उपलब्ध है। हर एक भाषा में साहित्य की सर्जना हो रही है। हर एक साहित्य अपनी विशिष्टताओं को उजागर करने में लगा हुआ है पर इनमें ‘पंजाबी-साहित्य’ का एक विशेष महत्त्व है। कहा जाता है कि जितना अच्छा साहित्य अपनी मातृभाषा में लिखा जा सकता है उतना संभवतः किसी अन्य साहित्य में नहीं। आज हमारी मातृभाषा दिन दुगुनी रात चौगुनी उन्नति कर रही है। आज हमारी मातृभाषा केवल भारत में ही नहीं अपितु बाहर भी अच्छा नाम कमा रही है। आजकल पंजाबी लेखकों ने पंजाबियत को इंग्लैंड और अमेरिका जैसे देशों में विशेष स्थान दिलवाया हुआ है।

12. ਅਸੀਂ ਭਾਰਤੀ ਸਦੀਆਂ ਤੋਂ ਉਜਲੇ ਭਵਿੱਖ ਦੀਆਂ ਆਸਾਂ ਲਾਈ ਬੈਠੇ ਹਾਂ। ਅਸੀਂ ਆਪਣੇ ਖ਼ੁਸ਼ਹਾਲ ਭਵਿੱਖ ਲਈ ਸੰਘਰਸ਼ ਵੀ ਕੀਤੇ ਹਨ । ਅਰਦਾਸਾਂ ਵੀ ਕੀਤੀਆਂ ਹਨ ਸਮਾਧੀਆਂ ਵੀ ਲਗਾਈਆਂ ਹਨ । ਬੰਦਗੀਆਂ ਕੀਤੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਜੋਤਸ਼ੀਆਂ ਅੱਗੇ ਹੱਥ ਅੱਡ-ਅੱਡ ਵੀ ਬੈਠੇ ਹਾਂ । ਪਰ ਏਨਾ ਕੁੱਝ ਕਰਨ ਦੇ ਬਾਵਜੂਦ ਸਾਡਾ ਭਵਿੱਖ ਉਜਲਾ ਨਹੀਂ ਹੋਇਆ ਅਸੀਂ ਆਪਣੀ ਹਾਲਤ ਸੰਵਾਰਨੀ ਤਾਂ ਕੀ ਸੀ ਬਲਕਿ ਹਰ ਸਾਲ ਸਾਡੇ ਹਾਲਾਤ ਅੱਗੇ ਨਾਲੋਂ ਵੀ ਬਦਤਰ ਹੋ ਕੇ ਸਾਡਾ ਮਜ਼ਾਕ ਉਡਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
अनुवाद:
हम भारतीय शताब्दियों से उज्ज्वल भविष्य की आशा लगाए बैठे हैं। हम ने अपने समृद्ध भविष्य के लिए संघर्ष भी किए हैं। प्रार्थनाएं भी की हैं। समाधियां भी लगाई हैं। वंदनाएं भी की हैं तथा ज्योतषियों के आगे हाथ फैलाफैला कर बैठे भी हैं। पर इतना कुछ करने के उपरांत भी हमारा भविष्य उज्ज्वल नहीं हुआ। हमने अपने हालात संवारने तो क्या बल्कि प्रतिवर्ष हमारे हालात पहले से भी बदतर होकर हमारा मज़ाक उड़ाते हैं।

13. ਮੋਬਾਇਲ ਅੱਜ ਸਾਡੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦਾ ਅਹਿਮ ਹਿੱਸਾ ਬਣ ਗਿਆ ਹੈ । ਫਿਰ ਵੀ ਸਾਨੂੰ ਇਸ ਦਾ ਬੜੀ ਹੀ ਸਮਝਦਾਰੀ ਨਾਲ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਕੇਵਲ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੋਣ ਤੇ ਹੀ ਮੋਬਾਇਲ ਫ਼ੋਨ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਘਰ ਵਿਚ ਲੈਂਡਲਾਈਨ ਟੇਲੀਫੋਨ ਨੂੰ ਹੀ ਪਹਿਲ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਮੋਬਾਇਲ ਫ਼ੋਨ ਦੇ ਘਟ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕਰਨ ਨਾਲ ਇਸਦੇ ਦਿਮਾਗ ਅਤੇ ਕੋਸ਼ਿਕਾਵਾਂ ‘ਤੇ ਪ੍ਰਤਿਕੂਲ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪੈਣ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਕਾਫੀ ਘੱਟ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
अनुवाद:
मोबाइल आज हमारी जिंदगी का महत्त्वपूर्ण हिस्सा बन गया है । फिर भी हमें इसका बहुत ही समझदारी से प्रयोग करना चाहिए। केवल बहुत ज़रूरी होने पर ही मोबाइल फ़ोन का प्रयोग करना चाहिए। घर में लैंडलाइन टैलीफ़ोन को ही प्राथमिकता देनी चाहिए। मोबाइल फोन के कम प्रयोग से मस्तिष्क और कोशिकाओं पर इसके प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना काफी कम हो जाती है।

14. ਕੁਦਰਤ ਵਲੋਂ ਸਾਨੂੰ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਦਰੱਖ਼ਤ, ਹਰਿਆਲੀ, ਠੰਡੀਆਂ ਹਵਾਵਾਂ, ਰੰਗ-ਬਿਰੰਗੇ ਫੁੱਲ, ਅਨੇਕ ਕਿਸਮਾਂ ਦੇ ਫਲ, ਪਵਿੱਤਰ ਜਲ, ਸੁਹਾਵਣੇ ਜੰਗਲ, ਪਸ਼ੂ-ਪੰਛੀ ਰੂਪੀ ਅਨੋਖੀ ਦੌਲਤ ਮਿਲੀ ਹੈ । ਪਰ ਮਨੁੱਖ ਆਪਣੇ ਨਿਜੀ ਸਵਾਰਥਾਂ ਕਾਰਨ ਇਸ ਕੁਦਰਤੀ ਦੌਲਤ ਨੂੰ ਹੀ ਨੁਕਸਾਨ ਪਹੁੰਚਾ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਅੱਜ ਸਮਾਂ ਆ ਗਿਆ ਹੈ ਕਿ ਅਸੀਂ ਸਾਰੇ ਮਿਲ ਕੇ ਵਾਤਾਵਰਨ ਦੀ ਸੰਭਾਲ ਲਈ ਵਚਨਬੱਧ ਹੋਈਏ ।
अनुवाद:
प्रकृति की ओर से हमें भिन्न-भिन्न तरह के वृक्ष, हरियाली, शीतल हवाएं, रंग-बिरंगे फूल, अनेक प्रकार के फल, पवित्र जल, सुहावने वन, पशु-पक्षी रूपी अद्भुत संपत्ति मिली है। परंतु मानव अपने निजी स्वार्थों के कारण इस प्राकृतिक दौलत को ही हानि पहुँचा रहा है। आज समय आ गया है कि हम सभी मिलकर पर्यावरण की संभाल के लिए वचनबद्ध हों।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran अनुवाद

15 ਇੱਕ ਵਾਰ ਇੱਕ ਮਨੁੱਖ ਸੀ ਜਿਸ ਨੇ ਆਪਣੇ ਸਾਰੇ ਜੀਵਨ ਕਾਲ ਵਿੱਚ ਕਦੇ ਕੋਈ ਚੰਗਾ ਕੰਮ ਨਹੀਂ ਸੀ ਕੀਤਾ । ਇਸ ਲਈ ਉਸ ਨੂੰ ਪਤਾ ਸੀ ਕਿ ਮਰਨ ਪਿੱਛੋਂ ਉਸਨੂੰ ਸਿੱਧਾ ਨਰਕ ਵਿੱਚ ਹੀ ਜਾਣਾ ਪਵੇਗਾ । ਉਸਨੇ ਪੁਰਾਤਨ ਪੁਸਤਕਾਂ ਅਤੇ ਕਥਾਕਹਾਣੀਆਂ ਵਿੱਚ ਪੜ੍ਹਿਆ ਹੋਇਆ ਸੀ ਕਿ ਨਰਕ ਵਿੱਚ ਅੱਗ ਦੇ ਭਾਂਬੜ ਬਲਦੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਚਾਰੇ ਪਾਸੇ ਧੂੰਆਂ ਹੀ ਧੂੰਆਂ ਨਜ਼ਰ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ।ਉੱਥੋਂ ਦੀ ਧਰਤੀ ਭਖਦੇ ਲੋਹੇ ਵਾਂਗ ਤਪਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਉੱਥੋਂ ਦੀਆਂ ਨਦੀਆਂ ਦਾ ਪਾਣੀ ਉਬਲਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਪਾਪੀ ਆਤਮਾਵਾਂ ਹਰ ਥਾਂ ਅੱਗ ਦੇ ਭਾਂਬੜ ਵਿੱਚ ਸੜਦੀਆਂ ਨਜ਼ਰ ਆਉਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਹ ਸਭ ਗੱਲਾਂ ਸੁਣ ਕੇ ਉਹ ਬੜਾ ਦੁਖੀ ਰਹਿੰਦਾ ਸੀ ।
अनुवाद:
एक बार एक मनुष्य था जिसने अपने सारे जीवन काल में कभी कोई अच्छा काम नहीं किया था। इसलिए उसे पता था कि मृत्यु के पश्चात् उसे सीधा नर्क में जाना पड़ेगा । उसने प्राचीन पुस्तकों और कथा-कहानियों में पढ़ा हुआ था कि नर्क में आग की लपटें दहकती रहती हैं और चारों तरफ धुआँ ही धुआँ दिखाई देता है। वहाँ की धरती दहकते लोहे की तरह तपती रहती है इसलिए वहाँ की नदियों का जल उबलता रहता है। पापी आत्माएँ हर जगह आग की लपटों में जलती हुई दिखाई देती हैं। इन सब बातों को सुनकर वह बहुत दुःखी रहता था।

16. ਸਾਨੂੰ ਆਪਣੇ ਵਿਅਕਤੀਤਵ ਦਾ ਵਿਕਾਸ ਕਰਨ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਠੋਸ ਕਦਮ ਚੁੱਕਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ । ਸਿਰਫ਼ ਗੱਲਾਂ ਕਰਨ ਨਾਲ ਹੀ ਕੁੱਝ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ । ਸੰਗਤ ਦਾ ਵੀ ਸਾਡੇ ਵਿਅਕਤੀਤਵ ਤੇ ਡੂੰਘਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪੈਂਦਾ ਹੈ । ਬੁਰੀ ਸੰਗਤ ਨਾਲੋਂ ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਇਕੱਲਾ ਰਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਬੁਰੀ ਸੰਗਤ ਸਾਡੇ ਵਿਅਕਤੀਤਵ ਨੂੰ ਵਿਗਾੜ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਅਸੀਂ ਕਈ ਆਦਤਾਂ ਆਪਣੀ ਸੰਗਤ ਤੋਂ ਗ੍ਰਹਿਣ ਕਰਦੇ ਹਾਂ । ਇਸ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਸ਼ਾਲੀ ਅਤੇ ਸਮਝਦਾਰ ਵਿਅਕਤੀ ਨਾਲ ਹੀ ਮਿੱਤਰਤਾ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਕਿਸੇ ਸ਼ਰਾਬੀ ਅਤੇ ਜੁਆਰੀਏ ਦੀ ਸੰਗਤ ਵਿੱਚ ਰਹਿ ਕੇ ਅਸੀਂ ਚੰਗੇ ਵਿਅਕਤੀਤਵ ਦਾ ਵਿਕਾਸ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੇ । ਬੁਰੀ ਸੰਗਤ ਵਿਚ ਰਹਿ ਕੇ ਅਸੀਂ ਬੁਰੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਾਂ । ਇਕ ਵਾਰ ਜੇ ਅਸੀਂ ਬੁਰੀ ਸੰਗਤ ਵਿਚ ਫਸ ਗਏ ਤਾਂ ਨਿਕਲਣਾ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
अनुवाद:
हमें अपने व्यक्तित्व का विकास करने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए। केवल बातें करने से कुछ नहीं होता। संगति का भी हमारे व्यक्तित्व पर गहरा प्रभाव पड़ता है। बुरी संगति की अपेक्षा मनुष्य को अकेला रहना चाहिए। बुरी संगति हमारे व्यक्तित्व को बिगाड़ सकती है। हम अनेक आदतें अपनी संगति से ग्रहण करते हैं। इसलिए हमें प्रभावशाली और समझदार व्यक्ति के साथ ही मित्रता करनी चाहिए। किसी शराबी और जुआरी की संगति में रहकर हम अच्छे व्यक्तित्व का विकास नहीं कर सकते। बुरी संगति में रह कर हम बुरी आदतों का शिकार हो जाते हैं। एक बार यदि हम बुरी संगति में फंस गए तो निकलना कठिन हो जाता है।

17. ਸ਼ੇਖ ਫ਼ਰੀਦ ਜੀ ਪਹੁੰਚੇ ਹੋਏ ਫ਼ਕੀਰ ਹੋਏ ਹਨ । ਆਪ ਜੀ ਦੀ ਬਾਣੀ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਵਿਚ ਸ਼ਾਮਲ ਹੈ । ਆਪ ਜੀ . ਦੇ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਮੁਰੀਦ ਸਨ । ਇਹ ਮੁਰੀਦ ਆਪ ਜੀ ਪਾਸ ਭੇਟਾਵਾਂ ਲੈ ਕੇ ਹਾਜ਼ਿਰ ਹੁੰਦੇ ਸਨ । ਇੱਕ ਵਾਰ ਇਕ ਮੁਰੀਦ ਨੇ ਆਪ ਜੀ ਨੂੰ ਸੋਨੇ ਦੀ ਇੱਕ ਕੈਂਚੀ ਭੇਟਾਂ ਕੀਤੀ । ਮੁਰੀਦ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਆਸ ਸੀ ਕਿ ਸੋਨੇ ਦੀ ਕੈਂਚੀ ਲੈ ਕੇ ਬਾਬਾ ਫ਼ਰੀਦ ਜੀ ਬੜੇ ਖ਼ੁਸ਼ ਹੋਣਗੇ ਪਰ ਫ਼ਰੀਦ ਜੀ ਬੋਲੇ ‘‘ਸਾਨੂੰ ਇਹ ਕੈਂਚੀ ਨਹੀਂ ਚਾਹੀਦੀ ਸਾਨੂੰ ਤਾਂ ਲੋਹੇ ਦੀ ਇੱਕ ਸੂਈ ਲਿਆ ਦੇ’ ਮੁਰੀਦ ਉਦਾਸ ਹੋ ਗਿਆ ਫ਼ਰੀਦ ਜੀ ਨੇ ਮੁਰੀਦ ਨੂੰ ਸਮਝਾਇਆ ਕਿ ‘‘ਕੈਂਚੀ ਦਾ ਕੰਮ ਵੱਢਣਾ ਹੈ, ਸਾਨੂੰ ਤਾਂ ਸੁਈ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹੋਈਆਂ ਲੀਰਾਂ ਨੂੰ ਜੋੜਿਆ ਜਾ ਸਕੇ. ਅਸੀਂ ਕੱਟਣ ਦਾ ਨਹੀਂ ਸੀਣ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰਨਾ ਹੈ । ਧਰਮ ਦਾ ਕੰਮ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਜੋੜਨ ਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਤੋੜਨ ਨਾਲੋਂ ਜੋੜਨ ਦਾ ਕੰਮ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਹੀ ਵੱਡਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।”
अनुवाद:
शेख फ़रीद पहुँचे हुए फ़कीर हुए हैं। आप की वाणी गुरु ग्रंथ साहिब में सम्मिलित है। आप के अनेक शिष्य थे। ये शिष्य आप के पास भेंटें लेकर उपस्थित होते थे। एक बार एक शिष्य ने आप को सोने की एक कैंची भेट की। शिष्य को बहुत आशा थी कि सोने की कैंची लेकर बाबा फरीद बहुत प्रसन्न होंगे पर फ़रीद जी बोले, “हमें यह कैंची नहीं चाहिए। हमें तो लोहे की एक सूई ला दो।” शिष्य उदास हो गया। फ़रीद जी ने शिष्य को समझाया “कैंची का काम काटना है, हमें तो सूई चाहिए जिस के साथ अलग-अलग हुई कतरनों को जोड़ा जा सके। हमने काटने का नहीं सिलने का कार्य करना है। धर्म का कार्य सदा जोड़ने का है। इसलिए तोड़ने की अपेक्षा जोड़ने का कार्य सदा ही ਕਢਾ ਵੀਗ ਵੈ ।’

18. ਹਰ ਮਨੁੱਖ ਦੇਸ਼ ਦਾ ਬਹੁਮੁੱਲਾ ਰਤਨ ਹੈ ਅਤੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਹੀਰਿਆਂ ਦੇ ਸਮਾਨ ਹਨ । ਵਰਤਮਾਨ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਭਾਰਤ ਦੀ ਸਮਾਜਿਕ, ਆਰਥਿਕ ਅਤੇ ਸਭਿਆਚਾਰਕ ਉਸਾਰੀ ਲਈ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਦਾ ਰੋਲ ਬਹੁਤ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹੈ। ਇਹ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਦੀ ਤਰੱਕੀ ਦੇ ਦੀਪਕ ਹਨ ਜਿਹੜੇ ਵਿੱਦਿਆ ਰਾਹੀਂ ਦੂਸਰੇ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਵਿੱਚ ਵੀ ਚਾਨਣ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਵਿੱਦਿਆ ਦਾ ਪਾਤਰ ਹਰ ਕੋਈ ਵਿਅਕਤੀ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦਾ । ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਵਿੱਦਿਆ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਅਭਿਮਾਨ, ਕ੍ਰੋਧ, ਲੋਭ, ਆਲਸ ਆਦਿ ਵਿਕਾਰਾਂ ਨੂੰ ਤਿਆਗ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇੱਕ ਚੰਗੇ ਵਿਆਰਥੀ ਨੂੰ ਸਬਰ, ਸੰਤੋਖ, ਮਿੱਠਾ ਬੋਲਣਾ ਆਦਿ ਗੁਣਾਂ ਨੂੰ ਅਪਨਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਆਪਣੇ ਉਦੇਸ਼ ਨੂੰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਕਠੋਰ ਮਿਹਨਤ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
अनुवाद:
प्रत्येक मनुष्य देश का बहुमूल्य रत्न है और विद्यार्थी हीरों के समान हैं। वर्तमान समय में भारत के सामाजिक, आर्थिक और सभ्यतापूर्ण निर्माण के लिए विद्यार्थियों की भूमिका बहुत महत्त्वपूर्ण है। ये विद्यार्थी हमारे देश के विकास के दीपक हैं जो शिक्षा की राह से दूसरे लोगों के जीवन में उजाला कर सकते हैं। शिक्षा का पात्र हर व्यक्ति नहीं हो सकता। विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए अभिमान, क्रोध, लोभ, आलस्य आदि विकारों को त्याग देना चाहिए। एक अच्छे विद्यार्थी को धैर्य, संतोष, मीठा बोलना आदि गुणों को अपनाना चाहिए। अपने उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए कठोर मेहनत करनी चाहिए।

19. ਹਰੇਕ ਸਾਲ ਵਿਸ਼ਵ ਵਾਤਾਵਰਣ ਦਿਵਸ 5 ਜੂਨ ਨੂੰ ਪੂਰੀ ਦੁਨੀਆਂ ਭਰ ਵਿਚ ਮਨਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ ਮਕਸਦ ਇਸ ਧਰਤੀ ਤੇ ਰਹਿ ਰਹੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਵਾਤਾਵਰਣ ਪ੍ਰਤੀ ਜਾਗਰੂਕ ਕਰਨਾ ਹੈ । ਹਵਾ, ਪਾਣੀ ਤੇ ਧਰਤੀ ਦਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਜਦੋਂ ਲਗਾਤਾਰ ਵੱਧਣ ਲੱਗਾ ਤਾਂ ਵਿਦਵਾਨਾਂ ਨੂੰ ਵਿਸ਼ਵ ਵਾਤਾਵਰਨ ਦਿਵਸ ਮਨਾਉਣ ਦੀ ਲੋੜ ਮਹਿਸੂਸ ਹੋਈ । ਭਾਰਤ ਵਿਚ ਵੀ ਇਸ ਦਿਹਾੜੇ ਨੂੰ ਵੱਖਵੱਖ ਸਿੱਖਿਆ ਸੰਸਥਾਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਉਤਸਾਹ ਨਾਲ ਮਨਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
अनुवाद:
प्रत्येक वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को पूरे विश्व में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य इस पृथ्वी पर रह रहे लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना है। वायु, जल तथा पृथ्वी का प्रदूषण जब लगातार बढ़ने लगा तो विद्वानों को विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की आवश्यकता महसूस हुई। भारत में ही इस दिन को भिन्न-भिन्न शिक्षण संस्थाओं द्वारा उत्साह पूर्वक मनाया जाता है।

20. ਖੇਡਾਂ ਦਾ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਯੋਗਦਾਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਜੀਵਨ ਦਾ ਇਕ ਬਹੁਤ ਹੀ ਲਾਜ਼ਮੀ ਅੰਗ ਹਨ । ਇਹ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਸਿਹਤਮੰਦ ਰੱਖਣ ‘ਚ ਸਹਾਇਕ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇੱਕ ਸਿਹਤਮੰਦ ਵਿਅਕਤੀ ਹੀ ਚੰਗੇ ਸਮਾਜ ਦੀ ਉਸਾਰੀ ਵਿਚ ਯੋਗਦਾਨ ਪਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਖੇਡਾਂ ਨੌਜਵਾਨ ਪੀੜ੍ਹੀ ਨੂੰ ਨਸ਼ਿਆਂ ਤੋਂ ਵੀ ਬਚਾਅ ਕੇ ਰੱਖਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਅਤੇ ਵਿਦਿਅਕ ਸੰਸਥਾਵਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਪੜ੍ਹਾਈ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਖੇਡਾਂ ਵੱਲੋਂ ਵੀ ਉਤਸਾਹਿਤ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
अनुवाद:
खेलों का मानव जीवन में बहुत बड़ा योगदान होता है। ये जीवन का एक बहुत ही आवश्यक अंग हैं। ये शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होती हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति ही अच्छे समाज के निर्माण में योगदान दे सकता है। इसके अतिरिक्त खेलें युवा पीढ़ी को नशों से भी बचाकर रखती हैं। इसलिए माता-पिता तथा शिक्षण संस्थाओं को अपने बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलों की ओर भी उत्साहित करना चाहिए।

21. ਜਿਸ ਵੀ ਮਨੁੱਖ ਤੋਂ ਇੱਕ ਸਵਾਲ ਪੁੱਛੋ ਕਿ ਤੂੰ ਕਦੋਂ ਮਰਨਾ ਹੈ ? ਕਿਸ ਦਿਨ ਸੰਸਾਰ ਛੱਡਣਾ ਹੈ ਤੇ ਸੋਚੀਂ ਪੈ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤੇ ਕਹਿੰਦਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਲਿਖੀ ਹੈ ਉਸ ਟਾਈਮ । ਜੇ ਪੁੱਛੋ ਕਿ ਤੇਰਾ ਜਨਮ ਕਦੋਂ ਹੋਇਆ ? ਤੇ ਅੱਗੇ ਦੱਸੇਗਾ ਕਿ ਮੇਰਾ ਜਨਮ ਇਸ ਤਾਰੀਖ, ਦਿਨ, ਸੰਨ, ਸਾਰਾ ਕੁੱਝ ਦੱਸ ਦਵੇਗਾ । ਜੇ ਇਨਸਾਨ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਜਨਮ ਬਾਰੇ ਪਤਾ ਹੈ, ਤੇ ਆਪਣੀ ਮੌਤ ਬਾਰੇ ਕਿਉਂ ਨਹੀਂ ਪਤਾ ? ਪਰਮਾਤਮਾ ਨੇ ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਜੀਵਨ ਤਾਂ ਦੇ ਦਿੱਤਾ ਪਰ ਉਸ ਦੀ ਕੋਈ ਬੁਨਿਆਦ ਨਾ ਰੱਖੀ । ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਬੀਤੇ ਕੱਲ੍ਹ ਬਾਰੇ ਪਤਾ ਹੈ ਪਰ ਅੱਗੇ ਆਉਣ ਵਾਲੇ ਕੱਲ੍ਹ ਦਾ ਨਹੀਂ ਪਤਾ । ਇਨਸਾਨ ਇੱਕ ਡੂੰਘੀ ਸੋਚ ਸੋਚਦਾ ਹੈ ਕਿ ਮੈਂ ਇਸ ਦੁਨੀਆਂ ਤੇ ਆ ਗਿਆ ਹਾਂ । ਹੁਣ ਮੈਂ ਕਦੀ ਵੀ ਇਸ ਸੰਸਾਰ ਤੋਂ ਵਾਪਸ ਨਹੀਂ ਜਾਣਾ ।
अनुवाद:
जिस भी मनुष्य से एक प्रश्न पूछे कि तूने कब मरना है ? किस दिन संसार छोड़ना है, तो वह सोच में पड़ जाता है और कहता है-जो लिखी है उसी समय। यदि पूछो कि तेरा जन्म कब हुआ ? तो आगे बताएगा कि मेरा जन्म इस तारीख, दिन, सन्–सब कुछ बता देगा। यदि इन्सान को अपने जन्म के बारे पता है तो अपनी मौत के विषय में क्यों नहीं पता ? परमात्मा ने मनुष्य को जीवन तो दे दिया पर उसकी कोई नींव नहीं रखी। मनुष्य को अपने बीते हुए कल के बारे में पता है पर आगे आने वाले कल के बारे में पता नहीं। इन्सान एक गहरी सोच में डूब कर सोचता है कि मैं इस दुनिया में आ गया हूँ। अब मुझे कभी भी इस संसार से वापस नहीं जाना।

22. ਬਹੁਤ ਸਮੇਂ ਪਹਿਲਾਂ ਦੀ ਗੱਲ ਹੈ ਇਕ ਆਦਮੀ ਬੜਾ ਹੀ ਗ਼ਰੀਬ ਸੀ । ਉਹ ਰੋਜ਼ ਅਮੀਰ ਹੋਣ ਦੇ ਸੁਪਨੇ ਦੇਖਦਾ ਸੀ । ਪਰ ਉਹ ਮਿਹਨਤ ਉਨੀ ਹੀ ਕਰਦਾ ਸੀ, ਜਿੰਨੀ ਨਾਲ ਉਹ ਢਿੱਡ ਭਰ ਕੇ ਰੋਟੀ ਖਾ ਸਕੇ । ਉਸ ਨੇ ਆਪਣੀ ਇਸ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਤੋਂ ਤੰਗ ਆ ਕੇ ਅਮੀਰ ਬਣਨ ਦੀ ਸਕੀਮ ਸੋਚੀ ਅਤੇ ਭਗਵਾਨ ਸ਼ਿਵ ਦੀ ਅਰਾਧਨਾ ਕਰਨ ਲੱਗ ਪਿਆ । ਉਸ ਦੀ ਕਈ ਦਿਨਾਂ ਦੀ ਕਠਿਨ ਤਪੱਸਿਆ ਤੋਂ ਖ਼ੁਸ਼ ਹੋ ਕੇ ਭਗਵਾਨ ਨੇ ਉਸ ਨੂੰ ਵਰ ਮੰਗਣ ਲਈ ਕਿਹਾ | ਉਸ ਨੇ ਭਗਵਾਨ ਅੱਗੇ ਪ੍ਰਾਰਥਨਾ ਕੀਤੀ ਕਿ ਉਸ ਨੂੰ ਅਮੀਰ ਬਣਾ ਦਿਉ । ਉਸ ਕੋਲ ਧਨ-ਦੌਲਤ ਦੀ ਕੋਈ ਕਮੀ ਨਾ ਰਹੇ । ਇਹ ਸੁਣ ਕੇ ਭਗਵਾਨ ਨੇ ਉਸ ਨੂੰ ਕਿਹਾ ਕਿ ਇਸ ਜਗਾ ਤੋਂ ਜਿਸ ਦਿਸ਼ਾ ਵਲ ਦੋ ਮੀਲ ਜਾਵੇਗਾ ਅਤੇ ਧਰਤੀ ਪੁੱਟੇਂਗਾ ਤੈਨੂੰ ਉੱਥੇ ਹੀ ਬੇਅੰਤ ਮਾਇਆ ਮਿਲੇਗੀ ।
अनुवाद:
बहुत समय पहले की बात है कि एक आदमी बहुत ही ग़रीब था। वह प्रतिदिन अमीर होने के स्वप्न देखता था। पर वह परिश्रम उतना ही करता था जिस के साथ वह पेट भर कर रोटी खा सके। उसने अपनी इस जिंदगी से तंग आ कर अमीर बनने की योजना सोची और भगवान् शिव की आराधना करने लगा । उस की अनेक दिनों की कठिन तपस्या पर प्रसन्न हो कर भगवान् ने उसे वरदान मांगने के लिए कहा। उसने भगवान् के आगे प्रार्थना की कि उसे अमीर बना दो। उस के पास धन-दौलत की कोई कमी न रहे। यह सुन कर भगवान् ने उसे कहा कि इस जगह से जिस दिशा की ओर दो मील जाएगा और धरती खोदेगा, तुझे वहीं अनंत संपत्ति मिलेगी।

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23. ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਨੂੰ ਆਜ਼ਾਦ ਹੋਇਆਂ ਕਈ ਸਾਲ ਹੋ ਗਏ ਹਨ । ਵਿਗਿਆਨ ਤਰੱਕੀ ਕਰਕੇ ਕਿਤੇ ਦਾ ਕਿਤੇ ਪਹੁੰਚ ਗਿਆ ਪਰ ਬੜੇ ਅਫਸੋਸ ਦੀ ਗੱਲ ਹੈ ਕਿ ਅੰਧਵਿਸ਼ਵਾਸ ਦੀਆਂ ਜੜ੍ਹਾਂ ਹਾਲੇ ਵੀ ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਡੂੰਘੀਆਂ ਫੈਲੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਹਨ । ਅਨਪੜ੍ਹਤਾ ਦਾ ਹਨੇਰਾ ਇਸ ਨੂੰ ਹੋਰ ਵੀ ਗਾੜ੍ਹਾ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਪਿੰਡ ਦੇ ਭੋਲੇ-ਭਾਲੇ ਲੋਕ ਅੰਧਵਿਸ਼ਵਾਸ ਦੀਆਂ ਜ਼ੰਜੀਰਾਂ ਵਿਚ ਜਕੜੇ ਹੋਏ ਹਨ ।
अनुवाद:
हमारे देश को स्वतंत्र हुए अनेक वर्ष हो गए हैं। विज्ञान उन्नति कर के कहां से कहां पहुँच गया पर बड़े अफ़सोस की बात है कि अंधविश्वास की जड़ें अभी भी हमारे देश में गहरी फैली हुई हैं। अशिक्षा का अंधकार इसे और भी गहरा कर देता है। गाँवों के भोले-भाले लोग अंधविश्वास की श्रृंखलाओं में जकड़े हुए हैं।

24. ਉਸਨੂੰ ਅੱਗੋਂ ਉੱਤਰ ਮਿਲਿਆ, “ਮੈਂ ਇੱਥੋਂ ਦਾ ਇੱਕ ਪਹਿਰੇਦਾਰ ਹਾਂ। ਮੈਂ ਇੱਥੇ ਨਵੇਂ ਆਏ ਵਸਨੀਕਾਂ ਲਈ ਪੁੱਛ-ਗਿੱਛ ਲਈ ਨਿਯੁਕਤ ਹਾਂ । ਜਨਾਬ, ਗੱਲ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੈ ਕਿ ਸ਼ੁਰੂ ਵਿੱਚ ਜਦੋਂ ਪਰਮਾਤਮਾ ਨੇ ਨਰਕ ਬਣਾਇਆ ਸੀ ਤਾਂ ਉਸ ਨੇ ਹੁਕਮ ਦਿੱਤਾ ਸੀ ਕਿ ਨਰਕ ਵਿੱਚ ਸਦਾ ਅੱਗ ਬਲਦੀ ਰਹੇ ਕਿਉਂਕਿ ਉਸਦਾ ਖ਼ਿਆਲ ਸੀ ਕਿ ਬਹੁਤੇ ਆਦਮੀ ਨੇਕ ਹੋਣਗੇ ਤੇ ਟਾਵੇਂ-ਟਾਵੇਂ ਹੀ ਪਾਪੀ ਹੋਣਗੇ । ਪਰ ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਇਹ ਗੱਲ ਉਲਟ ਹੋ ਗਈ । ਇਸੇ ਕਰਕੇ ਪਰਮਾਤਮਾ ਨੇ ਫ਼ੈਸਲਾ ਕੀਤਾ ਕਿ ਇਤਨੇ ਜ਼ਿਆਦਾ ਪਾਪੀ-ਮਨੁੱਖਾਂ ਲਈ ਅੱਗ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕਰਨ ਲਈ ਬੜੀ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਹੈ । ਕਰੋੜਾਂ ਮਣ ਕੋਇਲੇ ਅਤੇ ਲੱਕੜਾਂ ਦੀ ਲੋੜ ਪੈਂਦੀ ਹੈ । ਇਸੇ ਕਰਕੇ ਪਰਮਾਤਮਾ ਨੇ ਫ਼ੈਸਲਾ ਕੀਤਾ ਕਿ ਅਗਾਂਹ ਤੋਂ ਹਰ ਪਾਪੀ ਆਪੋ ਆਪਣੀ ਅੱਗ ਨਾਲ ਹੀ ਲਿਆਇਆ ਕਰੇਗਾ ।
अनुवाद:
उसे आगे से उत्तर मिला, “मैं यहाँ का एक पहरेदार हूँ। मैं यहाँ नए आए वासियों की पूछ-ताछ के लिए नियुक्त हूँ। मान्यवर, बात इस तरह है कि आरंभ में जब परमात्मा ने नर्क बनाया था तो उस ने आदेश दिया था कि नर्क में सदा आग जलती रहे क्योंकि उसका विचार था कि अधिक आदमी भले होंगे और कोई-कोई ही पापी होंगे। पर वास्तव में यह बात उलट हो गई। इसी कारण परमात्मा ने निर्णय किया कि इतने अधिक पापी इन्सानों के लिए आग का प्रबंध करने के लिए बहुत कठिनाई होगी। करोड़ों मन कोयले और लकड़ियों की आवश्यकता पड़ेगी। इसी कारण परमात्मा ने फैसला किया कि आगे से. प्रत्येक पापी अपनी आग स्वयं अपने साथ लाया करेगा।”

25. ਸਾਨੂੰ ਆਪਣੇ ਬਜ਼ੁਰਗਾਂ ਦਾ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਸਨਮਾਨ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਕਿਉਂਕਿ ਉਹ ਬੁੱਧੀਮਾਨ, ਅਨੁਭਵੀ ਅਤੇ ਘਰ ਦਾ ਸ਼ਿੰਗਾਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਕਈ ਵਾਰ ਲੋਕ ਆਪੋ-ਆਪਣੇ ਕੰਮਾਂ ਵਿਚ ਲੱਗੇ ਰਹਿਣ ਕਰਕੇ ਆਪਣੇ ਬਜ਼ੁਰਗਾਂ ਨੂੰ ਘੱਟ ਸਮਾਂ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਨਿਰਾਸ਼ਾ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਸਾਨੂੰ ਆਪਣੇ ਬਜ਼ੁਰਗਾਂ ਨੂੰ ਉੱਚਿਤ ਸਮਾਂ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ ਦਾ ਹੱਲ ਕੱਢਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਸਾਨੂੰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਬੈਠ ਕੇ ਰੋਟੀ ਖਾਣਾ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸੈਰ ਸਪਾਟੇ ਲਈ ਨਾਲ ਲੈਕੇ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਸਾਨੂੰ ਇਹ ਨਹੀਂ ਭੁੱਲਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਕਿ ਅਸੀਂ ਆਪਣੇ ਬਜ਼ੁਰਗਾਂ ਦੀ ਮਿਹਨਤ, ਪਿਆਰ ਅਤੇ ਚੰਗੀ ਪਰਵਰਿਸ਼ ਸਦਕਾ ਹੀ ਚੰਗਾ ਜੀਵਨ ਬਤੀਤ ਕਰ ਰਹੇ ਹਾਂ ।
अनुवाद:
हमें अपने बुजुर्गों का अधिक-से-अधिक सम्मान करना चाहिए क्योंकि वे बुद्धिमान, अनुभवी तथा घर का शृंगार होते हैं। कई बार लोग अपने-अपने कामों में लगे रहने के कारण अपने बुजुर्गों को कम समय देते हैं जिस कारण उनके जीवन में निराशा आ जाती है। हमें अपने बुजुर्गों को उचित समय देना चाहिए। हमें उनके साथ बैठकर रोटी खाना, उन्हें सैरसपाटे के लिए साथ लेकर जाना चाहिए। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम अपने बुजुर्गों की मेहनत, प्यार तथा अच्छे पालन-पोषण के कारण ही अच्छा जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

26. ਭਾਰਤ ਵਿਚ ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰੀ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ ਇਕ ਚਿੰਤਾ ਦਾ ਵਿਸ਼ਾ ਹੈ । ਇਸ ਦੇਸ਼ ਵਿਚ ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਦਿਨੋ ਦਿਨ ਵੱਧਦੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ । ਇਸ ਸਮੱਸਿਆ ਨਾਲ ਪਿੰਡਾਂ ਅਤੇ ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਦੇ ਨੌਜਵਾਨ ਦੋਨੋਂ ਹੀ ਜੂਝ ਰਹੇ ਹਨ | ਹਰੇਕ ਨੌਜਵਾਨ ਚੰਗੀ ਨੌਕਰੀ ਵੱਲ ਨੂੰ ਭੱਜਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਉਸਨੂੰ ਨੌਕਰੀ ਨਹੀਂ ਮਿਲਦੀ ਤਾਂ ਉਸਨੂੰ ਸਵੈਰੋਜ਼ਗਾਰ ਦਾ ਰਸਤਾ ਅਪਣਾ ਕੇ ਦੇਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ | ਸਰਕਾਰ ਵਲੋਂ ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰਾਂ ਨੂੰ ਕਰਜ਼ੇ ਦੇ ਕੇ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣਾ ਕੰਮਧੰਦਾ ਖੋਲ੍ਹਣ ਲਈ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ ।
अनुवाद:
भारत में बेरोज़गारी की समस्या चिंता का एक विषय है। इस देश में बेरोज़गारों की गिनती दिनों दिन बढ़ती जा रही है। इस समस्या के साथ गाँवों और शहरों के नौजवान दोनों ही जूझ रहे हैं। प्रत्येक नौजवान अच्छी नौकरी की तरफ भागता है। यदि उसे नौकरी नहीं मिलती तो उसे स्वरोजगार का रास्ता अपनाकर देखना चाहिए। सरकार की ओर से बेरोजगारों को ऋण देकर उनको अपना कारोबार खोलने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

27. ਇੱਕ ਵਾਰ ਦੋ ਬੰਦੇ ਸ਼ਿਕਾਰ ਖੇਡਦੇ ਇੱਕ ਵੱਡੇ ਜੰਗਲ ਵਿੱਚ ਰਾਹ ਭੁੱਲ ਗਏ। ਉਹ ਕਾਫ਼ੀ ਦੇਰ ਤਕ ਭਟਕਦੇ ਰਹੇ ਪਰ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਬਾਹਰ ਜਾਣ ਲਈ ਰਾਹ ਨਾ ਮਿਲਿਆ | ਬਹੁਤ ਗਰਮੀ ਹੋਣ ਕਰਕੇ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਤਰ੍ਹਾਂ ਲੱਗ ਗਈ । ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਇੱਧਰ-ਉੱਧਰ ਪਾਣੀ ਵੀ ਨਾ ਮਿਲਿਆ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਨੇ ਇੱਕ ਛੋਟੀ ਜਿਹੀ ਝੁੱਗੀ ਵੇਖੀ । ਉਸ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਬੁੱਢੀ ਬੈਠੀ ਸੀ | ਦੋਹਾਂ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਨੂੰ ਬੋਲਣ ਦਾ ਬੜਾ ਢੰਗ ਆਉਂਦਾ ਸੀ । ਉਸ ਨੇ ਦੂਜੇ ਨੂੰ ਆਖਿਆ ਕਿ ਤੂੰ ਘੋੜੇ ਨੂੰ ਫੜ, ਪਹਿਲਾਂ ਮੈਂ ਪਾਣੀ ਪੀ ਕੇ ਆਉਂਦਾ ਹਾਂ । ਫਿਰ ਤੂੰ ਪਾਣੀ ਪੀਣ ਚਲਾ ਜਾਂਵੀਂ । ਉਹ ਉਸ ਨੂੰ ਘੋੜੇ ਫੜਾ ਕੇ ਝੁੱਗੀ ਅੰਦਰ ਚਲਾ ਗਿਆ । ਉਸ ਨੇ ਬੁੱਢੀ ਨੂੰ ਬੜੇ ਪਿਆਰ ਨਾਲ ਕਿਹਾ, “ਮਾਂ ਜੀ ਪੀਣ ਲਈ ਥੋੜ੍ਹਾ ਪਾਣੀ ਮਿਲੇਗਾ |’ ਇਹਨਾਂ ਸ਼ਬਦਾਂ ਨਾਲ ਬੁੱਢੀ ਦੀ ਮਮਤਾ ਜਾਗ ਪਈ । ਉਸ ਨੇ ਝੱਟ ਪਾਣੀ ਦੇ ਦਿੱਤਾ । ਉਸ ਨੇ ਪਾਣੀ ਪੀ ਕੇ ਬੁੱਢੀ ਦਾ ਧੰਨਵਾਦ ਕੀਤਾ ।
अनुवाद:
एक बार दो आदमी शिकार खेलते हुए एक बड़े जंगल में रास्ता भूल गए। वे काफ़ी देर तक भटकते रहे पर उनको बाहर जाने के लिए रास्ता नहीं मिला। बहुत गरमी होने के कारण उन्हें बहुत प्यास लग गई। उन्हें इधर-उधर पानी भी नहीं मिला। अंत में उन्होंने एक छोटी-सी झोंपड़ी देखी। उसमें एक बुढ़िया बैठी थी। उन दोनों में से एक को बातचीत का बड़ा अच्छा ढंग आता था। उसने दूसरे से कहा कि तू घोड़े को पकड़, पहले मैं ‘पानी पी आता हूँ। फिर तू पानी पीने चले जाना। वह उसे घोड़ा पकड़ा कर झोंपड़ी के भीतर चला गया। उसने बुढ़िया को बड़े प्यार से कहा, “माँ जी, पीने के लिए थोड़ा पानी मिलेगा।” इन शब्दों से बुढ़िया की ममता जाग गई। उसने तुरंत पानी दे दिया। उसने पानी पी कर बुढ़िया को धन्यवाद किया।

28. ਨਕਲ ਇੱਕ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਸਰਾਫ਼ ਹੈ ਜੋ ਕਿਸੇ ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਮੰਦ ਬੁੱਧੀ, ਕੰਮ ਚੋਰ ਅਤੇ ਸੁਸਤ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਕੋਈ ਬੇਹਤਰੀ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ, ਸਗੋਂ ਅੱਗੇ ਵੱਧਣ ਦੀ ਬਜਾਏ ਮਨੁੱਖ ਪਿੱਛੇ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਨਕਲ ਦੀ ਭਾਵਨਾ ਚੰਗੇ ਗੁਣ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਦੀ ਬਜਾਏ ਬੱਚਿਆਂ ਵਿੱਚ ਜੁਰਮ ਦੀ ਭਾਵਨਾ ਦਾ ਵਿਕਾਸ ਕਰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਸ਼ੱਕੀ ਸਭਾਉ ਦਾ ਬਣਾਉਂਦੀ ਹੈ । ਨਕਲ ਬੱਚਿਆਂ ਵਿੱਚ ਯੋਗਤਾ ਨੂੰ ਉਭਾਰਣ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦੀ । ਜਿਸ ਨਾਲ ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਸ਼ਖ਼ਸੀਅਤ ਦਾ ਪੂਰਾ ਵਿਕਾਸ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ।
अनुवाद:
नकल एक इस तरह का श्राप है जो किसी मनुष्य को मंद बुद्धि, कामचोर और सुस्त बनाता है। इस के साथ कोई बेहतरी नहीं होती अपितु आगे बढ़ने की अपेक्षा मनुष्य पीछे रहता है। नकल की भावना श्रेष्ठ गुण उत्पन्न करने की अपेक्षा बच्चों में अपराध की भावना का विकास करती है अतः उन को शंकालु स्वभाव का बनाती है। नकल बच्चों में योग्यता को उभरने नहीं देती। जिस के साथ उनकी शख्सीयत का पूर्ण विकास नहीं होता।

29. ਆਤੰਕਵਾਦ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਆਰਥਿਕ, ਸਮਾਜਿਕ ਤੇ ਭਾਈਚਾਰਕ ਜੀਵਨ ਲਈ ਇੱਕ ਵੱਡਾ ਖ਼ਤਰਾ ਹੈ । ਆਤੰਕਵਾਦ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ ਦਾ ਹੱਲ ਕਿਸੇ ਇੱਕ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਹੱਥ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਭਾਰਤ ਸਰਕਾਰ ਨੂੰ ਆਤੰਕਵਾਦ ਖ਼ਤਮ ਕਰਨ ਲਈ ਠੋਸ ਕਦਮ ਚੁੱਕਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ । ਭਾਰਤ ਸਰਕਾਰ ਨੂੰ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਆਮ ਜਨਤਾ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਤਿਆਰ ਕੀਤੇ ਗਏ ਠੋਸ ਕਦਮਾਂ ਬਾਰੇ ਦੱਸੇ ਤਾਂ ਜੋ ਦੇਸ਼ ਦੀ ਜਨਤਾ ਵੀ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਮਝ ਜਾਏ । ਅੱਜ ਸਾਡੀ ਉਨਤੀ ਦੇ ਰਾਹ ਵਿੱਚ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਡੀ ਰੋਕ ਇਹ ਹੈ ਕਿ ਸਾਡੇ ਵਿੱਚ ਕਰਨੀ ਨਾਲੋ ਕਹਿਣਾ ਵੱਧ ਗਿਆ ਹੈ । ਅੱਜ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੈ ਕਥਨੀ ਤੇ ਕਰਨੀ ਨੂੰ ਇੱਕ ਕਰਕੇ ਦਿਖਾਉਣ ਦੀ ਜੋ ਮੂੰਹੋਂ ਕੱਢ ਦਿੱਤਾ ਉਸ ਨੂੰ ਇੱਕ ਕਰਕੇ ਦਿਖਾਉਣ ਦੀ । ਅੰਤ ਵਿੱਚ ਮੈਂ ਇਹੋ ਹੀ ਕਹਿਣਾ ਚਾਹਾਂਗਾ ਕਿ ਸਾਰੇ ਸੰਸਾਰ ਨੂੰ ਮਿਲ ਕੇ ਆਤੰਕਵਾਦ ਵਿਰੁੱਧ ਕਦਮ ਚੁੱਕਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ । ਤਾਂ ਹੀ ਮਨੁੱਖਤਾ ਦਾ ਜੀਵਨ ਸੁਖੀ ਬਣ ਸਕੇਗਾ ।
अनुवाद:
आतंकवाद देश के आर्थिक, सामाजिक और भाईचारे के जीवन के लिए एक बड़ा खतरा है। आतंकवाद की समस्या का हल किसी एक मनुष्य के हाथ नहीं है। भारत सरकार को आतंकवाद समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। भारत सरकार को चाहिए कि वह सामान्य जनता को अपने तैयार किए गए ठोस कदमों के विषय में बताए ताकि देश की जनता भी उन्हें भली-भांति समझ जाए। आज हमारी उन्नति की राह में सब से बड़ी रुकावट यह है कि हममें करनी की अपेक्षा कथनी बढ़ गई है। आज आवश्यकता है कथनी और करनी को एक कर के दिखाने की। जो मुँह से निकाल दिया उसे कर के दिखाने की। अंत में मैं यही कहना चाहूँगा कि सारे विश्व को मिलकर आतंकवाद के विरुद्ध कदम उठाने चाहिए। तभी मनुष्यता का जीवन सुखी बन सकेगा।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran अनुवाद

30. ਸੰਸਾਰ ਵਿੱਚ ਪਰਮਾਤਮਾ ਨੇ ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਸੋਚਣ ਦੇ ਨਾਲ ਬੋਲਣ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਵੀ ਬਖ਼ਸ਼ੀ ਹੈ। ਗੱਲਬਾਤ ਤਾਂ ਹਰ ਕੋਈ ਮਨੁੱਖ ਕਰ ਲੈਂਦਾ ਹੈ, ਪਰ ਬੋਲਣਾ ਵੀ ਇੱਕ ਕਲਾ ਹੈ । ਇੱਕ ਢੰਗ ਹੈ । ਸੁਚੱਜੇ ਢੰਗ ਨਾਲ ਗੱਲਬਾਤ ਕਰਕੇ ਮਨੁੱਖ ਜਿੱਥੇ ਗਾਗਰ ਵਿੱਚ ਸਾਗਰ ਭਰਦਾ ਹੋਇਆ, ਮਿੱਠਾ ਬੋਲ ਕੇ ਦੁਸ਼ਮਣਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਮਿੱਤਰ ਬਣਾ ਲੈਂਦਾ ਹੈ । ਉੱਥੇ ਅਣਜਾਣ ਬੰਦਾ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੀ ਉਲਟ-ਪੁਲਟ ਕਰ ਕੇ ਆਪਣਿਆਂ ਨਾਲ ਹੀ ਲੜਾਈ ਪਾ ਲੈਂਦਾ ਹੈ । ਬੋਲਣ ਨਾਲ ਹੀ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਸੁਭਾਅ ਤੇ ਵਿਹਾਰ ਦਾ ਪਤਾ ਲੱਗਦਾ ਹੈ । ਬੰਦੇ ਨੂੰ ਪਹਿਲਾਂ ਤੋਲਣਾ ਤੇ ਫਿਰ ਬੋਲਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਸਾਨੂੰ ਇਹ ਵੇਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿ ਕਿਹੜੀ ਗੱਲ ਕਿਹੜੇ ਸਮੇਂ ਤੇ ਢੁੱਕਵੀਂ ਬਹਿੰਦੀ ਹੈ । .
अनुवाद:
संसार में परमात्मा ने मनुष्य को सोचने के साथ बोलने की शक्ति भी प्रदान की है। बातचीत तो प्रत्येक मनुष्य कर लेता है, पर बोलना भी एक कला है। एक ढंग है। अच्छे ढंग से बातचीत करके मनुष्य जहाँ गागर में सागर भरता हुआ, मीठा बोल कर दुश्मनों को भी मित्र बना लेता है। वहीं अनजान व्यक्ति शब्दों को उलट-पुलट करके अपनों के साथ ही लड़ाई आरंभ कर लेता है। बोलने के साथ ही मनुष्य के स्वभाव और व्यवहार का पता लगता है। इन्सान को पहले तोलना और फिर बोलना चाहिए। हमें यह देखना चाहिए कि कौन-सी बात किस समय उचित लगती है।

31. ਕੱਲ੍ਹ ਐਤਵਾਰ ਸੀ । ਇਹ ਛੁੱਟੀ ਦਾ ਦਿਨ ਸੀ । ਮੇਰੇ ਘਰ ਵਿੱਚ ਪਾਰਟੀ ਸੀ । ਇਹ ਮੇਰੇ ਜਨਮ ਦਿਨ ਦੀ ਪਾਰਟੀ ਸੀ । ਉੱਥੇ ਇਕ ਕੇਕ ਸੀ, ਜਿਸ ਉੱਤੇ ਬਾਰਾਂ ਮੋਮਬੱਤੀਆਂ ਸਨ । ਉੱਥੇ ਮਿਠਾਈਆਂ ਤੇ ਬਿਸਕਟ ਸਨ । ਮੇਰੀ ਮਾਤਾ ਜੀ ਨੇ ਮੋਮਬੱਤੀਆਂ ਬਾਲੀਆਂ । ਮੈਂ 11 ਮੋਮਬੱਤੀਆਂ ਬੁੱਝਾ ਦਿੱਤੀਆਂ | ਮੈਂ ਕੇਕ ਕੱਟਿਆ | ਮੇਰੇ ਮਿੱਤਰ ਗਾ ਰਹੇ ਸਨ, “ਜਨਮ ਦਿਨ ਦੀ ਲੱਖਲੱਖ ਵਧਾਈ ਹੋਵੇਂ’ ਅਸੀਂ ਸਾਰੇ ਬਹੁਤ ਖੁਸ਼ ਸੀ । ਪਰ ਮੈਨੂੰ ਆਪਣੇ ਪਿਤਾ ਜੀ ਅਤੇ ਆਪਣੇ ਸਭ ਤੋਂ ਚੰਗੇ ਮਿੱਤਰ ਰਾਜ ਦੀ ਯਾਦ ਆਈ । ਮੇਰੀ ਮਾਤਾ ਜੀ ਨੇ ਅੰਤ ਵਿਚ ਸਭ ਦਾ ਧੰਨਵਾਦ ਕੀਤਾ ।
अनुवाद:
कल रविवार था। यह अवकाश का दिन था। मेरे घर में पार्टी थी। यह मेरे जन्मदिन की पार्टी थी। वहाँ केक था, जिस पर बारह मोमबत्तियाँ थीं। वहाँ मिठाइयाँ और बिस्कुट थे। मेरी माँ ने मोमबत्तियाँ जलाईं। मैंने ग्यारह मोमबत्तियाँ बुझा दीं। मैंने केक काटा। मेरे मित्र गा रहे थे, “जन्मदिन की लाखों-लाख बधाई हो”। हम सब बड़े प्रसन्न थे परंतु मुझे अपने पिता जी और अपने सबसे अच्छे मित्र राजू की बड़ी याद आई। मेरी माँ ने अंत में सबका धन्यवाद किया।

32. ਕਾਫ਼ੀ ਸਮੇਂ ਦੀ ਗੱਲ ਹੈ ਇਕ ਪਿੰਡ ਵਿਚ ਦੋ ਔਰਤਾਂ ਰਹਿੰਦੀਆਂ ਸਨ । ਇਕ ਔਰਤ ਨੇ ਆਪਣੇ ਗੁਜ਼ਾਰੇ ਵਾਸਤੇ ਬੱਕਰੀ ਰੱਖੀ ਹੋਈ ਸੀ ਤੇ ਦੂਜੀ ਨੇ ਮੱਝ । ਬੱਕਰੀ ਵਾਲੀ ਔਰਤ ਆਪਣਾ ਚੰਗਾ ਗੁਜ਼ਾਰਾ ਕਰਦੀ ਸੀ । ਇਕ ਵਾਰ ਮੱਝ ਵਾਲੀ ਔਰਤ ਨੇ ਬੱਕਰੀ ਵਾਲੀ ਤੋਂ ਇਕ ਕਿਲੋ ਘਿਉ ਉਧਾਰ ਲਿਆ । ਕੁੱਝ ਸਮੇਂ ਬਾਅਦ ਜਦੋਂ ਬੱਕਰੀ ਵਾਲੀ ਨੇ ਆਪਣੇ ਘਿਉ ਦੇ ਪੈਸੇ ਮੰਗੇ ਤਾਂ ਮੱਝ ਵਾਲੀ ਔਰਤ ਮੁਕਰ ਗਈ ਕਿ ਉਸ ਨੇ ਘਿਉ ਲਿਆ ਹੀ ਨਹੀਂ । ਉਹ ਕਹਿਣ ਲੱਗੀ ਭਲਾ ਮੱਝ ਵਾਲੀ ਕਿਸੇ ਬੱਕਰੀ ਵਾਲੀ ਕੋਲੋਂ ਘਿਉ ਲੈ ਸਕਦੀ ਹੈ ? ਪਿੰਡ ਦੇ ਲੋਕ ਸੋਚਦੇ ਕਿ ਬੱਕਰੀ ਵਾਲੀ ਔਰਤ ਝੂਠ ਮਾਰਦੀ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਮੱਝ ਵਾਲੀ ਔਰਤ ਕੋਲ ਆਪਣਾ ਕਾਫੀ ਦੁੱਧ ਸੀ । ਇਹ ਝਗੜਾ ਅਦਾਲਤ ਵਿਚ ਪਹੁੰਚ ਗਿਆ ।

183 अनुवाद-काफ़ी समय की बात है कि एक गाँव में दो औरतें रहती थीं। एक औरत ने अपने गुजारे के लिए बकरी रखी थी और दूसरी ने भैंस। बकरी वाली औरत अपना अच्छी तरह गुजारा करती थी। एक बार भैंस वाली औरत ने बकरी वाली से एक किलो घी उधार लिया। कुछ समय बाद जब बकरी वाली ने अपने घी के पैसे माँगे तो भैंस वाली औरत मुकर गई कि उस ने घी लिया ही नहीं। वह कहने लगी कि भला भैंस वाली किसी बकरी वाली से घी ले सकती है ? गाँव के लोग सोचते कि बकरी वाली औरत झूठ बोलती है क्योंकि भैंस वाली औरत के पास अपना काफ़ी दूध था। यह झगड़ा अदालत में पहुँच गया।

33. ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਇੱਕ ਸਧਾਰਨ ਪੁਰਖ ਨਹੀਂ ਸਨ । ਉਹ ਇੱਕ ਅਵਤਾਰ ਪੁਰਖ ਅਤੇ ਸਮਾਜ ਸੁਧਾਰਕ ਸਨ । ਉਹ ਏਕਤਾ, ਸਮਾਨਤਾ, ਪ੍ਰੇਮ, ਸੱਚਾਈ ਅਤੇ ਸ਼ਾਂਤੀ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀਕ ਸਨ । ਉਹ ਉਸ ਸਮੇਂ ਪੈਦਾ ਹੋਏ, ਜਦ ਉੱਚੀ ਜਾਤੀ ਦੇ ਲੋਕ ਨੀਵੀਂ ਜਾਤੀ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਨਫ਼ਰਤ ਨਾਲ ਦੇਖਦੇ ਸਨ । ਲੋਕ ਭਰਮਾਂ ਅਤੇ ਝੂਠੇ ਰੀਤੀ ਰਿਵਾਜ਼ਾਂ ਵਿਚ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਰੱਖਦੇ ਸਨ । ਉਹ ਰੱਬ ਨੂੰ ਭੁੱਲ ਚੁੱਕੇ ਸਨ । ਉਹਨਾਂ ਨੇ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਸੱਚਾ ਰਾਹ ਵਿਖਾਇਆ । ਉਹਨਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਸੱਚਾ ਧਰਮ ਅਤੇ ਪੂਜਾ ਮਨੁੱਖਤਾ ਨਾਲ ਪ੍ਰੇਮ ਕਰਨਾ ਹੈ । ਇਹ ਸਾਨੂੰ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਮਿਲਾਉਂਦਾ ਹੈ ਨਾ ਕਿ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਕ ਵਾਰ ਕਿਸੇ ਨੇ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਪੁੱਛਿਆ ਕਿ ਹਿੰਦੂ ਵੱਡੇ ਹਨ ਜਾਂ ਮੁਸਲਮਾਨ । ਉਹਨਾਂ ਉੱਤਰ ਦਿੱਤਾ ਨੇਕ ਕਰਮ ਤੋਂ ਬਗੈਰ ਦੋਵੇਂ ਹੀ ਚੰਗੇ ਨਹੀਂ ਹਨ ।
अनुवाद:
गुरु नानक देव जी एक साधारण व्यक्ति नहीं थे। वे एक अवतार पुरुष और समाज सुधारक थे। वे एकता. समानता, प्रेम, सत्य और शांति के प्रतीक थे। वे उस समय पैदा हुए, जब ऊँची जाति के लोग नीच जाति के लोगों को निम्न दृष्टि से देखते थे। लोग भ्रमों और झूठे रीति-रिवाजों में विश्वास रखते थे। वे भगवान् को भूल चुके थे। उन्होंने उन्हें सच्चा मार्ग दिखाया। उन्होंने कहा कि सच्चा धर्म और पूजा मानवता से प्रेम करना है। यह हमें आपस में मिलाता है, न कि अलग करता है। एक बार किसी ने उनसे पूछा कि हिंदू बड़े हैं या मुसलमान। तब उन्होंने उत्तर दिया कि बिना नेक काम के दोनों ही अच्छे नहीं हैं।

34. ਸਿਆਲ ਦੀ ਰਾਤ ਸੀ । ਠੰਡੀ-ਠੰਡੀ ਹਵਾ ਚਲ ਰਹੀ ਸੀ । ਇਕ ਅਮੀਰ ਤੇ ਦਿਆਲੂ ਵਿਅਕਤੀ ਆਪਣੇ ਘਰ ਵਿਚ ਸੁੱਤਾ ਪਿਆ ਸੀ | ਅਚਾਨਕ ਅੱਧੀ ਰਾਤ ਵੇਲੇ ਕਿਸੇ ਨੇ ਉਸ ਦੇ ਦਰਵਾਜੇ ਨੂੰ ਖੜਕਾਇਆ | ਅਮੀਰ ਵਿਅਕਤੀ ਨੇ ਦਰਵਾਜਾ ਖੋਲ ਕੇ ਬਾਹਰ ਵੇਖਿਆ । ਇਕ ਨੌਜਵਾਨ ਫਟੇ ਪੁਰਾਣੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਵਿਚ ਠੰਡ ਨਾਲ ਕੰਬ ਰਿਹਾ ਸੀ । ਦਿਆਲੂ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਵੇਖਦੇ ਉਸ ਨੇ ਅਰਜ਼ ਕੀਤੀ ‘‘ਸ੍ਰੀਮਾਨ ਮੈਂ ਬਹੁਤ ਭੁੱਖਾ ਹਾਂ ਅਤੇ ਠੰਡ ਨਾਲ ਕੰਬ ਰਿਹਾ ਹਾਂ । ਜੇਕਰ ਤੁਹਾਡੀ ਆਗਿਆ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਮੈਂ ਅੰਦਰ ਆ ਜਾਵਾਂ ।” ਉਸਦੀ ਹਾਲਤ ਵੇਖ ਕੇ ਅਮੀਰ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਉਸ ਤੇ ਦਇਆ ਆ ਗਈ । ਉਸ ਨੇ ਨੌਜਵਾਨ ਨੂੰ ਅੰਦਰ ਬੁਲਾ ਲਿਆ ।
अनुवाद:
सर्दियों की रात थी। ठंडी-ठंडी हवा चल रही थी। एक अमीर और दयाल व्यक्ति अपने घर में सोया हुआ था। अचानक आधी रात के समय किसी ने उस के दरवाजे को खटखटाया। अमीर व्यक्ति ने दरवाज़ा खोल कर बाहर देखा। एक नौजवान फटे-पुराने वस्त्रों में ठंड के कारण काँप रहा था। दयालु व्यक्ति को देख कर उसने प्रार्थना की, “श्रीमान, मैं बहुत भूखा हूँ और ठंड से कांप रहा हूँ। यदि आपकी आज्ञा हो तो मैं भीतर आ जाऊँ।” उसकी हालत देख कर. अमीर व्यक्ति को उस पर दया आ गई। उसने नौजवान को भीतर बुला लिया।

35. माहा नीठ वश ममें 3 घरला ना लिगा चै। हिसार मधयां, पडी-घउठी, हुँचतली भाभरठ, ई-ढां, ਰਾਸ਼ਟਰਵਾਦ, ਧਾਰਮਿਕ ਕਰਮ-ਕਾਂਡ ਅਤੇ ਮਾਪਿਆਂ ਤੇ ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਸੰਬੰਧਾਂ ਬਾਰੇ ਵਿਚਾਰ ਬਦਲਦੇ ਜਾ ਰਹੇ ਹਨ । ਅੱਜ हिरिभातवी, प्टिमउतीमा, भलत, उल-हाग्व, पुनाती मार माते घेतात उठ। लॅट-धेठ, मउिभाउा, ਦੁਰਾਚਾਰੀ ਤੇ ਚੋਰ ਬਾਜ਼ਾਰੀ ਦਾ ਬੋਲਬਾਲਾ ਹੈ। ਨੌਜਵਾਨ ਪੀੜ੍ਹੀ ਕੋਲ ਕੋਈ ਜਿਉਂਦਾ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਨਹੀਂ ਰਿਹਾ ਤੇ ਬਿਨਾਂ ਜਿਉਂਦੇ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਦੇ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਸਫ਼ਲ, ਸੋਚਵੀ ਤੇ ਦੁਰਗਾਮੀ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦੀ ।
अनुवाद:
हमारा जीवन कुछ समय से बदलता जा रहा है। विवाह संबंध, पति-पत्नी, ऊपर की आय, फूं-फां, राष्ट्रवाद, धार्मिक कर्म-कांड तथा माता-पिता और बच्चों के संबंधों के बारे में विचार बदलते जा रहे हैं। आज विद्यार्थी, स्त्रियाँ, मज़दूर, हल-वाहक, पुजारी आदि सभी परेशान हैं। लूट-खसोट, असभ्यता, दुराचारी और चोर बाज़ारी का बोलबाला है। नवयुवा पीढ़ी के पास कोई जीवंत विश्वास नहीं रहा और बिना जीवंत-विश्वास के जिंदगी सफल, विचारमयी और दूरगामी नहीं हो सकती।

36. ਨਕਲ ਸੱਚ ਨੂੰ ਦੂਜਿਆਂ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਬਣਾਉਂਦੀ ਹੈ । ਇਹੋ ਕਾਰਨ ਹੈ ਕਿ ਅਸੀਂ ਖੋਜ ਦੀ ਦੁਨੀਆਂ ਤੋਂ ਦੂਰ ਰਹਿੰਦੇ ਹਾਂ । ਨਕਲ ਦਾ ਔਗੁਣ ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਹਲਕੇ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਨਤੀਜਾ ਇਹ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਬੱਚਾ ਝੂਠ ਬੋਲਣਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਝੂਠ ਦਾ ਸਹਾਰਾ ਰੇਤ ਦੀ ਕੰਧ ਵਾਂਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਮਨੋਬਲ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਜਿਸ ਆਦਮੀ ਦੀ ਨੀਂਹ ਝੂਠ ਦੇ ਆਧਾਰ ਤੇ ਹੋਵੇ, ਉਸ ਨੂੰ ਹਰ ਵੇਲੇ ਸਹਾਰੇ ਦੀ ਲੋੜ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਨਕਲੇ ਆਦਮੀ ਨੂੰ ਖ਼ੁਦਗਰਜ ਬਣਾ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਇਹੋ ਜਿਹਾ ਵਿਅਕਤੀ ਕਦੇ ਵੀ ਆਪਣੇ ਦੇਸ਼ ਦਾ ਸਹਾਈ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦਾ ।
अनुवाद:
नकल सत्य को दूसरों पर निर्भर बनाती है। यही कारण है कि हम अन्वेषण की दुनिया से दूर रहते हैं। नकल का अवगुण बच्चों को कमज़ोर बनाता है। परिणाम यह होता है कि बच्चा झूठ बोलना आरंभ कर देता है। झूठ का सहारा रेत की दीवार की तरह होता है। यह बच्चों के मनोबल को दूर करता है। जिस व्यक्ति की नींव झूठ के आधार पर हो उसे हर समय सहारे की आवश्यकता रहती है और नकल व्यक्ति को खुदगरज़ बना देती है। ऐसा व्यक्ति कभी भी अपने देश का सहायक नहीं हो सकता।

37. ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰ ਮਨੁੱਖ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਆਰਥਿਕ, ਸਮਾਜਿਕ ਤੇ ਭਾਈਚਾਰਕ ਜੀਵਨ ਲਈ ਇਕ ਵੱਡਾ ਖ਼ਤਰਾ ਹੈ । ਰੋਜ਼ਗਾਰ ਦਫ਼ਤਰਾਂ ਦੇ ਆਂਕੜੇ ਦੱਸਦੇ ਹਨ ਕਿ ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰੀ ਦਿਨੋਂ ਦਿਨ ਵਧ ਰਹੀ ਹੈ । ਇਸ ਦੇ ਕਈ ਕਾਰਨ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰੀ ਦਾ ਇਕ ਵੱਡਾ ਕਾਰਨ ਆਬਾਦੀ ਦਾ ਦਿਨੋਂ-ਦਿਨ ਵਧਣਾ ਹੈ । ਭਾਰਤ ਦੀ ਆਬਾਦੀ ਇੰਨੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਰਫ਼ਤਾਰ ਨਾਲ ਵੱਧ ਰਹੀ ਹੈ ਕਿ ਜੇਕਰ ਇਸ ਤੇ ਕਾਬੂ ਨਾ ਪਾਇਆ ਗਿਆ ਤਾਂ ਇਸ ਦੇ ਭਿਆਨਕ ਸਿੱਟੇ ਨਿਕਲ ਸਕਦੇ ਹਨ ਜੋ ਦੇਸ਼ ਦੀ ਪ੍ਰਤੀ ਵਿਚ ਅੜਚਨ ਪੈਦਾ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ | ਰੋਜ਼ਗਾਰ ਤਾਂ ਕੀ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਰਹਿਣ ਲਈ ਇਕ ਇੰਚ ਥਾਂ ਵੀ ਨਹੀਂ ਬਚੇਗੀ । ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰੀ ਦਾ ਨੌਜਵਾਨਾਂ ਦੀ ਮਾਨਸਿਕਤਾ ਤੇ ਬੁਰਾ ਅਸਰ ਪੈਂਦਾ ਹੈ । __
अनुवाद:
बेरोज़गार व्यक्ति देश के आर्थिक, सामाजिक और भ्रातृत्व जीवन के लिए एक बड़ा खतरा है। रोज़गार कार्यालयों के आंकड़े बताते हैं कि बेरोज़गारी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। इसके अनेक कारण हो सकते हैं। बेरोज़गारी का एक बड़ा कारण जनसंख्या का दिन-प्रतिदिन बढ़ना है। भारत की जनसंख्या इतनी तेज़ गति से बढ़ रही है कि यदि इस पर काबू नहीं पाया गया तो इस के भयानक परिणाम हो सकते हैं जो देश की प्रगति में अवरोध उत्पन्न कर सकते हैं। रोज़गार तो क्या मनुष्य को रहने के लिए जगह ही नहीं बचेगी। बेरोज़गारी का नवयुवकों की मानसिकता पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

38. ਅੱਜ ਸਾਰਾ ਸੰਸਾਰ ਅਨਿਸ਼ਚਿਤਤਾ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿਚੋਂ ਗੁਜ਼ਰ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਸਮੁੱਚੀ ਮਨੁੱਖਤਾ ਦੇ ਭਵਿੱਖ ਪ੍ਰਤੀ ਅਨੇਕਾਂ ਪ੍ਰਸ਼ਨ ਉੱਠ ਖੜੇ ਹੋਏ ਹਨ | ਖੇਤਰ ਕੋਈ ਵੀ ਹੋਵੇ, ਸਥਿਤੀ ਡਾਵਾਂ ਡੋਲ ਨਜ਼ਰ ਆ ਰਹੀ ਹੈ । ਹਰੇਕ ਬੰਦਾ ਚਾਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਕਿਸੇ ਨਾ ਕਿਸੇ ਚੰਗੀ ਨੌਕਰੀ ਤੇ ਲੱਗ ਜਾਵੇ ਪਰ ਫਿਰ ਵੀ ਭਾਰਤ ਵਿਚ ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਵਿਚ ਦਿਨੋਂ-ਦਿਨ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਤੱਕ ਇਸ ਸਮੱਸਿਆ ਤੇ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕਾਬੂ ਨਹੀਂ ਪਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਉਦੋਂ ਤੱਕ ਭਾਰਤ ਦੀ ਆਜ਼ਾਦੀ ਦਾ ਕੋਈ ਮਤਲਬ ਨਹੀਂ ।
अनुवाद:
आज सारा विश्व अनिश्चितता की स्थिति से गुजर रहा है। समूची इन्सानियत के भविष्य के प्रति अनेक प्रश्न उठ खड़े हुए हैं। क्षेत्र कोई भी हो, स्थिति डावांडोल दिखाई दे रही है। प्रत्येक व्यक्ति चाहता है कि वह किसी न किसी नौकरी में लग जाए पर फिर भी भारत में बेरोज़गारों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। जब तक इस समस्या पर पूर्ण रूप से नियंत्रण प्राप्त नहीं किया जाता तब तक भारत की स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है।

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39. ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਇਸੇ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਨਾਲ ਸਾਰੀ ਮਨੁੱਖਤਾ ਨਾਲ ਇਨਸਾਫ਼ ਦੀ ਗੱਲ ਕਰੇ । ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਇਸ ਦੀ ਸਾਧਨਾ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ | ਸਾਰੇ ਸਿਆਣਿਆਂ, ਸਾਇੰਸਦਾਨਾਂ ਤੇ ਮਨੋਵਿਗਿਆਨੀਆਂ ਦੀਆਂ ਅਕਲਾਂ ਨੂੰ ਜੋੜ ਕੇ ਅਜਿਹਾ ਸੰਸਾਰ ਬਣਾਇਆ ਜਾਵੇ, ਜਿਹੜਾ ਹਰ ਇਕ ਦੀ ਭੁੱਖ, ਨੰਗ ਤੇ ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰੀ ਦੂਰ ਕਰੇ । ਹਰ ਇਕ ਕੋਲ ਪੜ੍ਹਨ, ਖੇਡਣ ਤੇ ਗਾਉਣ ਦੀ ਵਿਹਲ ਹੋਵੇ ਤੇ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦੀ ਹਰ ਸੱਸ ਨੂੰ ਹੁਨਰ ਦੇ ਕਮਾਲ ਤੱਕ ਪੁਚਾਉਣ ਦੀ ਲਗਨ ਹਰ ਘਰ ਵਿਚ ਹੋਵੇ | ਮਨੁੱਖ ਦੀਆਂ ਦੋ ਖਿੱਚਾਂ-ਪਿਆਰ ਤੇ ਹੁਸਨ ਨੂੰ ਸੁਤੰਤਰ ਰੱਖਿਆ ਜਾਵੇ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸੋਹਣੇ ਵਸੀਲੇ ਹੀ ਮਨੁੱਖੀ ਤਰੱਕੀ ਦਾ ਨਾਂ ਹੈ ।
अनवाद:
मानव को चाहिए कि वह इसी विश्वास के साथ सारी मानवता से इन्साफ की बात करे। मानव को इस की साधना करनी चाहिए। सारे बुद्धिमान, वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिकों की बुद्धियों को जोड़ कर ऐसा संसार बनाया जाए, जो सभी की भूख, नग्नता और बेरोज़गारी को दूर करे। सभी के पास पढ़ने, खेलने और गाने के लिए खाली समय हो और जिंदगी की प्रत्येक साँस के गुण को श्रेष्ठता तक पहुँचने की लग्न हर घर में हो। मानव के दो आकर्षण-प्रेम और सुंदरता को स्वतंत्र रखा जाए। इनके सुंदर उपकरण ही मानवी विकास का नाम है।

40. ਅੱਜ ਸਾਰਾ ਸੰਸਾਰ ਆਤੰਕਵਾਦ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿਚੋਂ ਗੁਜ਼ਰ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਸਮੁੱਚੀ ਮਨੁੱਖਤਾ ਦਾ ਭਵਿੱਖ ਖ਼ਤਰੇ ਵਿੱਚ ਹੈ । ਭਾਰਤ ਵਿਚ ਆਤੰਕਵਾਦ ਦਿਨੋ-ਦਿਨ ਵੱਧ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਇਸਦੀ ਰਫ਼ਤਾਰ ਘੱਟ ਨਾ ਹੋਈ, ਤਾਂ ਉਹ ਦਿਨ ਦੂਰ ਨਹੀਂ ਜਦੋਂ ਆਮ ਮਨੁੱਖ ਲਈ ਜੀਵਨ ਗੁਜ਼ਾਰਨਾ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ | ਭਾਰਤ ਆਤੰਕਵਾਦ ਦਾ ਸ਼ੁਰੂ ਤੋਂ ਹੀ ਸ਼ਿਕਾਰ ਹੁੰਦਾ ਰਿਹਾ ਹੈ ਪਰ ਇਸਨੇ ਤਾਂ ਦੂਜਿਆਂ ਦੇਸ਼ਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਨਹੀਂ ਛੱਡਿਆ । ਇਸ ਸਮੇਂ ਵਿਚ ਆਤੰਕਵਾਦ ਕੇਵਲ ਭਾਰਤ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ ਨਹੀਂ । ਇਹ ਤਾਂ ਸਾਰੇ ਸੰਸਾਰ ਦੀ ਵੱਡੀ ਸਮੱਸਿਆ ਹੈ ।
अनुवाद:
आज सारा विश्व आतंकवाद की स्थिति से गुजर रहा है। समूची इन्सानियत का भविष्य संकट में है। भारत में आतंकवाद दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। यदि इस की गति कम नहीं हुई तो वह दिन दूर नहीं जब सामान्य इन्सान के लिए जीवन व्यतीत करना कठिन हो जाएगा। भारत आतंकवाद का आरंभ से ही शिकार होता रहा है पर इसने तो अन्य देशों को भी नहीं छोड़ा। इस समय आतंकवाद मात्र भारत की समस्या नहीं है। यह तो सारे विश्व की बड़ी समस्या है।

41. ਅੱਜ 26 ਜਨਵਰੀ ਦਾ ਦਿਨ ਹੈ । ਸਾਡਾ ਸ਼ਹਿਰ ਬੜਾ ਸਾਫ਼ ਸੁਥਰਾ ਦਿਖਾਈ ਦੇ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਪੁਰਸ਼ਾਂ, ਇਸਤਰੀਆਂ ਅਤੇ ਬੱਚਿਆਂ ਨੇ ਨਵੇਂ-ਨਵੇਂ ਕੱਪੜੇ ਪਾਏ ਹੋਏ ਹਨ । ਉਹ ਸਾਰੇ ਪਰੇਡ ਗਰਾਉਂਡ ਵੱਲ ਜਾ ਰਹੇ ਸਨ । ਉੱਥੇ ਸਿੱਖਿਆ ਮੰਤਰੀ ਜੀ ਆ ਰਹੇ ਹਨ । ਉਹ ਸਾਡਾ ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਝੰਡਾ ਲਹਿਰਾਉਣਗੇ । ਜਦ ਮੈਂ ਗਰਾਉਂਡ ਵਿਚ ਪੁੱਜਿਆ, ਮੰਤਰੀ ਜੀ ਮੰਚ ਉੱਤੇ ਸਨ । ਉਹ ਝੰਡੇ ਦੀ ਰੱਸੀ ਖਿੱਚ ਰਹੇ ਸਨ । ਝੰਡਾ ਉਪਰ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਇਹ ਸਾਡਾ ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਝੰਡਾ ਹੈ । ਮੰਤਰੀ ਜੀ ਝੰਡੇ ਨੂੰ ਸਲਾਮੀ ਦੇ ਰਹੇ ਹਨ । ਲੋਕ ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਗੀਤ ਗਾ ਰਹੇ ਹਨ । ਇਸ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਮੰਤਰੀ ਜੀ ਨੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਸੰਬੋਧਿਤ ਕੀਤਾ | ਭਾਰਤ ਦੋ ਸੌ ਸਾਲਾਂ ਤੱਕ ਅੰਗਰੇਜ਼ੀ ਸ਼ਾਸ਼ਨ ਦੇ ਅਧੀਨ ਰਿਹਾ | ਮਹਾਤਮਾ ਗਾਂਧੀ ਜੀ ਸਾਡੀ ਆਜ਼ਾਦੀ ਲਈ ਲੜੇ । ਸਾਨੂੰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਵਾਂਗ-ਡੋਰ ਹੇਠ ਆਜ਼ਾਦੀ ਮਿਲੀ । ਉਹ ਸਾਡੇ ਰਾਸ਼ਟਰ ਪਿਤਾ ਹਨ । ਸਾਨੂੰ ਆਪਣੇ ਮਹਾਨ ਨੇਤਾਵਾਂ ਤੇ ਮਾਣ ਹੈ ।
अनुवाद:
आज 26 जनवरी का दिन है। हमारा शहर बड़ा साफ़-सुथरा दिखाई दे रहा है। पुरुषों, स्त्रियों तथा बच्चों ने नये-नये वस्त्र पहने हुए हैं। वे सब परेड ग्राउंड की ओर जा रहे थे। वहाँ शिक्षामंत्री जी आ रहे हैं। वे हमारा राष्ट्रीय ध्वज लहराएँगे। जब मैं ग्राऊंड में पहुँचा, मंत्री जी मंच पर थे। वे झंडे की रस्सी खींच रहे हैं। झंडा ऊपर जा रहा है। यह हमारा राष्ट्रीय ध्वज है। मंत्री जी, झंडे को सलामी दे रहे हैं। सभी लोग राष्ट्रीय गान गा रहे हैं। इसके पश्चात् मंत्री जी ने लोगों को संबोधित किया। भारत दो सौ वर्षों तक अंग्रेज़ी शासन के अधीन रहा। महात्मा गांधी हमारी आज़ादी के लिए लड़े। हमें उनके नेतृत्व में स्वतंत्रता मिली। वे हमारे राष्ट्रपिता हैं। हमें अपने महान् नेताओं पर गर्व है।

42. ਪੰਡਿਤ ਜਵਾਹਰ ਲਾਲ ਨਹਿਰੂ ਸਿਰਫ਼ ਭਾਰਤ ਵਿਚ ਹੀ ਨਹੀਂ, ਸਗੋਂ ਸਾਰੇ ਸੰਸਾਰ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਹਨ । ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਪਿਤਾ ਪੰਡਿਤ ਮੋਤੀ ਲਾਲ ਨਹਿਰੂ ਇਕ ਨਾਮੀ ਵਕੀਲ ਸਨ ਅਤੇ ਰਾਜਸੀ ਜੀਵਨ ਬਤੀਤ ਕਰਦੇ ਸਨ । ਸੰਨ 1921 ਵਿੱਚ ਗਾਂਧੀ ਜੀ ਨੇ ਭਾਰਤ ਦੀ ਅਜ਼ਾਦੀ ਲਈ ਅੰਦੋਲਨ ਸ਼ੁਰੂ ਕੀਤਾ । ਪਿਤਾ ਵਾਂਗ ਪੁੱਤਰ ਨੇ ਵੀ ਇਸ ਵਿੱਚ ਭਾਗ ਲਿਆ ਅਤੇ ਆਪਣੀ ਬੀਰਤਾ ਦਾ ਪਰਿਚੈ ਦਿੱਤਾ | ਸਾਰਿਆਂ ਨੇ ਅਨੇਕਾਂ ਕਸ਼ਟ ਸਹੇ, ਪਰ ਭਾਰਤ ਮਾਤਾ ਦੀ ਸੇਵਾ ਤੋਂ ਮੁੱਖ ਨਹੀਂ ਮੋੜਿਆ । ਨਹਿਰੂ ਜੀ ਸਚਮੁਚ ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਰਤਨ ਹਨ । अनुवाद:
पंडित जवाहर लाल नेहरू केवल भारतवर्ष में नहीं, अपितु पूरे संसार में प्रसिद्ध हैं। उनके पिता पंडित मोती लाल नेहरू एक प्रसिद्ध वकील थे और राजसी जीवन व्यतीत करते थे। सन् 1921 में गांधी जी ने भारत की स्वतंत्रता के लिए आंदोलन शुरू किया। पिता की तरह पुत्र ने भी इसमें भाग लिया और अपनी वीरता का परिचय दिया। सभी ने अनेक कष्ट सहे परंतु भारत माता की सेवा से मुख नहीं मोड़ा। नेहरू जी सचमुच हमारे देश के रत्न है।

43. ਰੰਗ-ਬਿਰੰਗੇ ਸੁੰਦਰ ਫੁੱਲਾਂ ਵਾਲਾ ਇਹ ਗੁਲਦਸਤਾ ਤਾਂ ਮੈਂ ਖੁਸ਼ੀ ਨਾਲ ਲੈ ਰਹੀ ਹਾਂ ਬਾਕੀ ਇਹ ਗਿਫਟ ਕਿਸੀ ਇਹੋ ਜਿਹੀ ਔਰਤ ਨੂੰ ਦੇ ਦੇਣਾ ਜਿਸਦਾ ਕੋਈ ਬਬਲੁ ਹੋਵੇ । ਮੇਰਾ ਤਾਂ ਕੋਈ ਬਬਲੁ ਹੈ ਹੀ ਨਹੀਂ । ਮੈਂ ਤਾਂ ਹਾਲੇ ਤਕ ਸ਼ਾਦੀ ਹੀ ठी वीडी।
अनुवाद:
रंग-बिरंगे सुंदर फूलों वाला यह गुलदस्ता तो मैं प्रसन्नता से ले रही हूँ। शेष यह गिफ्ट (उपहार) किसी ऐसी औरत को दे देना जिसका कोई बबलू हो। मेरा तो कोई बबलू है ही नहीं। मैंने तो अभी तक शादी ही नहीं की।

44 ਠਾਕੁਰ ਸਾਹਿਬ ਦੇ ਚਲੇ ਜਾਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਮਨੋਹਰ ਸਿੰਘ ਨੇ ਤੇਜ਼ਾ ਨੂੰ ਬੁਲਾਕੇ ਛਾਤੀ ਨਾਲ ਲਾਇਆ ਤੇ ਕਿਹਾ-ਪੁੱਤਰ, ਇਸ ਦਰਖ਼ਤ ਤੂੰ ਨੂੰ ਹੀ ਬਚਾਇਆ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਮੈਨੂੰ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ ਕਿ ਮੇਰੇ ਪਿਛੋਂ ਤੂੰ ਇਸ ਦਰਖ਼ਤ ਦੀ ਪੂਰੀ ਰੱਖਿਆ ਕਰ ਸਕੇਂਗਾ ।
अनुवाद:
ठाकुर साहिब के चले जाने के पश्चात् मनोहर सिंह ने तेजा को बुला कर छाती से लगाया और कहापुत्र, इस वृक्ष को तूने बचाया है, इसलिए मुझे विश्वास हो गया है कि मेरे बाद तू इसकी पूरी रक्षा कर सकेगा।

प्रश्न 1.
अनुवाद किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी भाषा में कही या लिखी गई बात को किसी दूसरी भाषा में सार्थक परिवर्तन करने को अनुवाद कहते हैं। इसे साहित्यिक विधा माना जाता है लेकिन यह मौलिक साहित्य रचना की श्रेणी में नहीं आता।

प्रश्न 2.
अनुवादक किसे कहते हैं?
उत्तर:
जो व्यक्ति अनुवाद कार्य को करता है उसे अनुवादक कहते हैं।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran अनुवाद

प्रश्न 3.
अनुवाद के लिए सबसे आवश्यक किसे माना जाता है?
उत्तर:
अनुवाद के लिए सबसे आवश्यक उन दो भाषाओं का माना जाता है जिनका एक से दूसरी में सार्थक परिवर्तन किया जाता है।

प्रश्न 4.
स्रोत भाषा और लक्ष्य भाषा से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
स्रोत भाषा-जिस भाषा की सामग्री का अनुवाद किया जाता है उसे स्रोत भाषा कहते हैं।
लक्ष्य भाषा-जिस भाषा में अनुवाद किया जाता है उसे लक्ष्य भाषा कहते हैं।
उदाहरण-यदि हिंदी में लिखित किसी कविता को पंजाबी में अनूदित किया जाए तो हिंदी स्रोत भाषा कहलाती है। इस स्थिति में पंजाबी लक्ष्य भाषा होगी।

प्रश्न 5.
किसी भाषा में रचित सामग्री को किसी दूसरी भाषा में अनूदित करते समय किस-किस प्रकार के पूर्ण ज्ञान की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
अनुवाद कार्य करते समय अनुवादक को स्रोत भाषा और लक्ष्य भाषा की लिपियों, शब्दावली, वाक्य संरचना और व्याकरण का पूर्ण ज्ञान आवश्यक रूप से होना चाहिए क्योंकि प्रत्येक भाषा की अपनी लिपि, शब्दावली और व्याकरण होती है।

प्रश्न 6.
पंजाबी और हिंदी की स्वर ध्वनियों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पंजाबी में स्वरों को लिखित रूप देने के लिए केवल तीन ही अक्षर होते हैं । ध्वनि के स्तर पर इनकी संख्या दस स्वीकार की जाती है-
PSEB 10th Class Hindi Vyakaran अनुवाद 1

प्रश्न 7.
पंजाबी और हिंदी की स्वर ध्वनियों को उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर:
PSEB 10th Class Hindi Vyakaran अनुवाद 2

प्रश्न 8.
पंजाबी और हिंदी की व्यंजन ध्वनियों को लिखिए।
उत्तर:
PSEB 10th Class Hindi Vyakaran अनुवाद 3

प्रश्न 9.
पंजाबी में बिंदी () और टिप्पी (“) का प्रयोग कैसे किया जाता है?
उत्तर:
पंजाबी में बिंदी (‘) और टिप्पी (“) का प्रयोग मात्राओं के अनुसार किया जाता है। हिंदी में इनके लिए प्रायः बिंदी का ही प्रयोग होता है लेकिन बड़े ‘अ’ के साथ बिंदी की जगह चंद्रबिंदु का प्रयोग किया जाता है। पंजाबी में दुलैंकड़ मात्राओं के साथ टिप्पी का प्रयोग होता है पर हिंदी में दीर्घ ‘ऊ’ (‘) के साथ चंद्र बिंदु का प्रयोग किया जाता है; जैसेनँ, बूँद, चूं-चूँ।

प्रश्न 10.
पंजाबी के टिप्पी वाले शब्दों का हिंदी में कैसे प्रयोग किया जाता है?
उत्तर:
(I) हिंदी में पंजाबी के टिप्पी वाले शब्दों का प्रयोग करते समय चंद्र बिंदु लगाया जाता है; जैसे-
भव – मुँह
यस – पहँच

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(II) कहीं-कहीं टिप्पी वाले शब्दों का प्रयोग करते समय टिप्पी की जगह कुछ नहीं लगाया जाता; जैसे-
ਧੰਨ – धन

(III) कुछ स्थानों पर ऐसी स्थिति में ‘क’, ‘च’ आदि की जगह ‘का’, ‘चा’ आदि का प्रयोग किया जाता है; जैसे-
ਕੰਨ – कान
ਚੰਮ – चाम
ਕੰਮ – काम

(IV) कुछ जगह टिप्पी की जगह चंद्र बिंदु का प्रयोग और अंतिम अक्षर में परिवर्तन किया जाता है; जैसे-
ਦੰਦ – दाँत
ਪੰਜ – पाँच

(V) पंजाबी में कन्ना, लां, दुलावां, होड़ा तथा कनौड़ा मात्राओं के साथ बिंदी का प्रयोग होता है लेकिन हिंदी में कई जगह बिंदी की जगह चंद्र बिंदु का प्रयोग किया जाता है; जैसे-
ਚਾਂਦੀ – चाँदी
उप्वा – ताँबा
ਸਾਂਝਾ – साँझा

प्रश्न 11.
हिंदी के जिन शब्दों में ‘य’ से पहले आधा अक्षर प्रयुक्त किया जाता है वहाँ पंजाबी में क्या परिवर्तन होता है? उदाहरण देकर लिखिए।
उत्तर:
हिंदी के शब्दों में जहाँ ‘य’ से पहले आधा अक्षर आता है वहाँ पंजाबी में प्रायः आधा अक्षर पूरा लिखा जाता है और पूरे अक्षर के साथ ‘इ’ की मात्रा लगा दी जाती है। साथ ही ‘य’ की जगह ”लिखा जाता है। कहीं-कहीं कुछ अन्य परिवर्तन भी किए जाते हैं। उदाहरण के लिए-
हिंदी – पंजाबी
माध्यम – ਮਾਧਿਅਮ
सभ्यता – ਸਭਿਅਤਾ
अभ्यास – ਅਭਿਆਸ
अध्यापक – ਅਧਿਆਪਕ
व्यर्थ – ਵਿਅਰਥ
व्यापक – ਵਿਆਪਕ
व्यक्ति – ਵਿਅਕਤੀ
व्यवस्था – ਵਿਵਸਥਾ

प्रश्न 12.
हिंदी के जिन शब्दों में ‘आ’ अथवा ‘या’ लगाया जाता है वहाँ पंजाबी में अनुवाद करते समय क्या परिवर्तन किया जाता है?
उत्तर:
पंजाबी में अनुवाद करते समय ऐसी स्थिति में धातु के अंतिम अक्षर के साथ ‘ई’ की मात्रा लगा कर मा’ लगा दिया जाता है। उदाहरण
हिंदी – पंजाबी
पढा – ਪੜਿਆ
भेजा – ਭੇਜਿਆ
लिखा – ਲਿਖਿਆ
माया – ਮਾਇਆ
गाया – ਗਾਇਆ
मापा – ਮਾਪਿਆ
हिंदी की जिन क्रियाओं के अंत में ‘या’ लगा होता है वहाँ पंजाबी में ‘आ’ लगाया जाता है; जैसे-सोया-मॅग, किया-वीउ, दिया-टॅिग, लिया-लिभा|

प्रश्न 13.
हिंदी में जहाँ ‘व’ से पहले आधा अक्षर होता है वहाँ पंजाबी में परिवर्तन करते समय क्या किया जाता है?
उत्तर:
हिंदी के जिन शब्दों में ‘व’ से पहले आधा अक्षर होता है वहाँ पंजाबी में पूरा अक्षर लिखा जाता है और वहाँ ‘व’ के साथ की मात्रा (_) का प्रयोग किया जाता है; जैसे-
हिंदी – पंजाबी
द्वारा – ਦੁਆਰ
स्वतंत्र – ਸੁਆਗਤ
द्वार – ਦੁਆਰਾ
स्वागत – ਸੁਆਗਤ
कहीं-कहीं इस स्थिति में तनिक अंतर होने पर भिन्न विधि अपनाई जाती है; जैसे-
स्वरोजगार – ਸਵੈ ਰੋਜ਼ਗਾਰ
स्वर – ਸਵਰ

प्रश्न 14.
पंजाबी में सरलता बनाए रखने के लिए हिंदी के संयुक्त व्यंजनों में किस प्रकार परिवर्तन किया जाता है?
उत्तर:
हिंदी के संयुक्त व्यंजनों में पंजाबी में अनुवाद करते समय सरलता बनाए रखने के लिए प्रायः दो प्रकार से परिवर्तन किए जा रहे हैं-
(I) संयुक्त व्यंजनों के मध्य में स्वराज्य से उच्चारण में सरलता लाने का प्रयास किया जाता है; जैसे-
हिंदी – पंजाबी
फ़िक्र – ਫ਼ਿਕਰ
राष्ट्र – ਰਾਸ਼ਟਰ
इन्द्र/इंद्र – ਇੰਦਰ
कलेश – ਕਲੇਸ਼
विश्वास – ਵਿਸ਼ਵਾਸ
शास्त्र – ਸ਼ਾਸਤਰ
स्कूल – ਸਕੂਲ
कृपा – ਕਿਰਪਾ
पुत्री – ਪੁੱਤਰੀ
संग्राम – ਸੰਗਰਾਮ

(II) स्वरों के लोप से भी शब्दों की सरलता बनाई जाती है. जैसे-
परंतु – ਪ੍ਰੰਤੂ
प्रत्यक्ष – ਪ੍ਰਤੱਖ
लक्ष्मी – ਲੱਛਮੀ
लक्षण – ਲੱਛਣ
ईर्ष्या – ਈਰਖਾ

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran अनुवाद

प्रश्न 15.
हिंदी के संयुक्त व्यंजनों को पंजाबी में किस प्रकार लिखा जाता है?
उत्तर:
हिंदी के संयुक्त व्यंजनों को सरल बनाने के लिए पंजाबी में अलग-अलग व्यंजनों के साथ लिखा जाता है; जैसे-
हिंदी – पंजाबी
विश्राम – ਵਿਸ਼ਰਾਮ
मात्रा – ਮਾਤਰਾ
पवित्र – ਪਵਿੱਤਰ
कृपा – ਕਿਰਪਾ
भ्रम – ਭਰਮ
पदार्थ – ਪਦਾਰਥ
अर्पण – ਅਰਪਣ
निर्धन – ਨਿਰਧਨ

प्रश्न 16.
हिंदी के जिन शब्दों के अंत में ‘व’ आ जाता है वहाँ पंजाबी में अनुवाद करते समय प्रायः क्या परिवर्तन किया जाता है?
उत्तर:
हिंदी के जिन शब्दों के अंत में ‘व’ आ जाता है उसकी जगह पंजाबी में प्राय: लिख दिया जाता है; जैसे-
हिंदी – पंजाबी
स्वभाव – महाभ
दुर्भाव – ਦੁਰਭਾਵ

प्रश्न 17.
हिंदी में ‘ह’ से पहले ‘ए’ (‘) की मात्रा के स्थान पर पंजाबी में क्या परिवर्तन किया जाता है?
उत्तर:
पंजाबी में किसी शब्द में ‘उ’ से पहले ‘प्टे’ की मात्रा हो तो वहाँ छोटी ‘इ’ की मात्रा लगाई जाती है; जैसे-
हिंदी – पंजाबी
मेहनत – ਮਿਹਨਤ
मेहर – ਮਿਹਰ
मेहरबान – ਮਿਹਰਬਾਨ
सेहत – ਸਿਹਤ
चेहरा – ਚਿਹਰਾ

प्रश्न 18.
हिंदी में जिन शब्दों का उच्चारण ऐह’ है लेकिन क्रम अह’ होता है उसे पंजाबी में किस प्रकार लिखा जाता है?
उत्तर:
पंजाबी में ऐसे शब्द का ‘हाहे’ से पहला अक्षर मुक्त रहता है पर उसे छोटी ‘इ’ की मात्रा लगती है; जैसे-
हिंदी – पंजाबी
नहर – ਨਹਿਰ
शहर – ਸ਼ਹਿਰ
वहम – ਵਹਿਮ
महंगा – ਮਹਿੰਗਾ
महल – ਮਹਿਲ
शहद – ਸ਼ਹਿਦ

प्रश्न 19.
हिंदी में जिन शब्दों में नासिक्य ध्वनि प्राय: ‘ण’ का प्रयोग होता है तो वहाँ पंजाबी शब्दों में के अनुवाद में क्या परिवर्तन आता है?
उत्तर:
हिंदी में जिन शब्दों में ‘ण’ का प्रयोग होता है उनका पंजाबी में अनुवाद में नासिक्य ध्वनि को प्रयुक्त किया जाता है; जैसे-
हिंदी – पंजाबी
कारण – ਕਾਰਨ
कर्ण – ਕਰਨ
किरण – ਕਿਰਨ
शरण – ਸ਼ਰਨ
हिरण – ਹਿਰਨ
धर्म – ਧਰਮ
दर्शन – ਦਰਸ਼ਨ
ਅਰਜਨ

प्रश्न 20.
हिंदी भाषा की देवनागरी लिपि और गुरुमुखी लिपि में द्वित्व शब्दों के लेखन में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
(i) देवनागरी लिपि में द्वित्व वर्णों का प्रयोग किया जाता है लेकिन गुरुमुखी लिपि में अद्धक (‘) का प्रयोग होता है; जैसे- शुद्ध = रॉय, खट्टा = बॅटा, बच्चा = वसा, पक्का = पॅवा, आदि।

प्रश्न 21.
हिंदी और पंजाबी में उच्चारण भिन्नता के कारण व्यंजनों के प्रयोग में क्या बदलाव आता है?
उत्तर:
उच्चारण भेद होने के कारण हिंदी और पंजाबी में ‘ब’, ‘ग’, ‘न’, ‘ड’ पंजाबी में क्रमश: ‘उ’, ‘व’, ‘ह’ और ‘इ’ में बदल जाते हैं ; जैसे- सब = र्मठ, पानी = पाटी, लोग = प्लेव आदि।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran अनुवाद

प्रश्न 22.
लिंग परिवर्तन करते समय हिंदी और पंजाबी में आए अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
(क) हिंदी में कुछ आकारांत शब्दों का लिंग बदलते समय ‘आ’ को इया में बदल दिया जाता है लेकिन पंजाबी में ‘आ’ के स्थान पर प्टी (१) का प्रयोग किया जाता है; जैसे-
चूहा = चुहिया = तुगी, बूढ़ा = बुढ़िया = वडी।।

(ख) हिंदी में जहाँ अंत में ‘इन’ प्रत्यय लगाया जाता है वहाँ पंजाबी में ‘ठ’ या ‘ह’ लगाया जाता है; जैसे-
तेली = तेलिन = उलट, सपेरा = सपेरिन = मयेण्ट।

(ग) हिंदी में अंतिम स्वर के स्थान पर जहाँ आनी’ लगाया जाता है वहाँ पंजाबी में ‘टी’ लगाया जाता है; जैसे-
नौकर = नौकरानी = वाटी, सेठ = सेठानी = मिठाटी, पंडित = पंडिताइन = पंडाटी, बनिया = बनियाइन = घटिभाटी।

(घ) हिंदी में अक’ अंत वाले पुल्लिग शब्दों के अंत में ‘इका’ लगाया जाता है लेकिन पंजाबी में ‘अक’ अंत वाले पुल्लिग शब्दों में कन्ना लगा दिया जाता है; जैसे-
नायक = नायिका = ठाप्टिवा, सेवक = सेविका = मेहवा ।।

(ङ) हिंदी और पंजाबी में लिंग परिवर्तन में अनेक स्थानों पर कोई परिवर्तन दिखाई नहीं देता; जैसे-
चाचा = चाची = सासी, पुत्र = पुत्री = ‘उठी, सरदार = सरदारनी = मराठठी।

प्रश्न 23.
पंजाबी और हिंदी में उच्चारण भिन्नता के कारण
उत्तर:
पंजाबी के कुछ शब्दों में स्वर या व्यंजन की मात्रा में वृद्धि हो जाती है; जैसे-
गुरु = ताठ, स्थान = पाठ, स्कूल = मवल।

प्रश्न 24.
हिंदी के शब्दों में प्रयुक्त ‘क्ष’ और ‘ष’ के उच्चारण में बदलाव के कारण पंजाबी में क्या बदलाव दिया जाता है?
उत्तर:
उच्चारण में परिवर्तन के कारण ‘क्ष’ के स्थान पर ‘ध’ और ‘ष’ की जगह ‘ह’ का प्रयोग किया जाता है; जैसे-
पुरुष = पठध, ईर्ष्या = प्टीतधा, लक्ष्मी = लॅधनी, पक्षी = धंढी।

प्रश्न 25.
पंजाबी और हिंदी में बहुवचन बनाने में क्या-क्या अंतर दिखाई देते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
I. हिंदी में अकारांत स्त्रीलिंग संज्ञाओं के अंत में बहुवचन बनाते हुए ‘अ’ को ‘ऐं’ में बदला जाता है लेकिन पंजाबी में ‘कन्ने’ के ऊपर बिंदी लगाई जाती है; जैसे-
रात = रातें = ठारा; मशीन = मशीनें = भतीठां; सड़क = सड़कें = मइयां।

II. हिंदी के ‘आकारांत’ एकवचन शब्दों के अंत में ‘एँ’ लगाया जाता है लेकिन ऐसी स्थिति में पंजाबी में ‘गं’ लगाया जाता है; जैसे
कविता = कविताएँ = वहिउाहां, सभा = सभाएँ = माहां, अध्यापक = अध्यापिकाएँ = अयिभाववाहां, हवा = हवाएँ = उहाहां।

III. हिंदी के इकारांत या ईकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में बहुवचन बनाते हुए ‘ई’ की जगह ‘इ’ कर दिया जाता है लेकिन पंजाबी में बिहारी की जगह बहुवचन के अंत में ‘भा’ लगा दिया जाता है; जैसे-
नदी = नदियाँ = ठटीला, कली = कलियाँ = वप्लीमां, लड़की = लड़कियाँ = लक्वीनां।

IV. हिंदी में उकारांत और ऊकारांत स्त्रीलिंग शब्दों को बहुवचन में बदलते समय ‘एँ’ लगाया जाता है लेकिन पंजाबी में इस स्थिति में जहाँ औंकड़ और दुलैंकड़ होते हैं वहाँ बहुवचन बनाते हुए ‘मां’ लगा दिया जाता है; जैसे
धातु = धातुएँ = पाउला ; वस्तु = वस्तुएँ = हमला|

V. अनेक स्थानों पर आकारांत पुल्लिग शब्दों में बहुवचन बनाते समय हिंदी और पंजाबी में समानता रहती है। दोनों में ही ‘आ’ को ‘ए’ में बदल दिया जाता है: जैसे-
रुपया = रुपये = तृघटे; कपड़ा = कपड़े = वॅपडे; चाचा = चाचे = सासे; पत्ता = पत्ते = डे।

प्रश्न 26.
हिंदी और पंजाबी की वाक्य-संरचना में समानताओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
हिंदी और पंजाबी दोनों भाषाओं में उच्चारण की दृष्टि से बहुत अधिक समानता है। इनकी वाक्य-संरचना और व्याकरणिक नियमों में भी कोई बहुत बड़ा अंतर नहीं है; जैसे-
आज हमारा देश भिन्न-भिन्न धर्म-जातियों में बंटा हुआ है।
ਅੱਜ ਸਾਡਾ ਦੇਸ਼ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਧਰਮ ਜਾਤਾਂ ਵਿਚ ਵੰਡਿਆ ਹੋਇਆ ਹੈ ।
इन दोनों भाषाओं में क्रिया का लिंग मुख्य कर्ता के अनुसार ही होता है; जैसे-
ਮੁੰਡਾ ਦਸਵੀਂ ਜਮਾਤ ਵਿਚ ਪੜ੍ਹਦਾ ਹੈ ।
लड़का दसवीं कक्षा में पढ़ता है।
इन दोनों भाषाओं में कर्तृवाच्य में क्रिया का लिंग मुख्य कर्ता के समान ही रहता है। इनमें कर्मवाच्य की क्रिया का लिंग मुख्य रूप से कर्म के अनुसार ही होता है; जैसे-
भेठे उ प हॅप्ल निभा । मुझ से दूध गिर गया।
भेठे 3 साग इल ताप्टी । मुझ से चाय गिर गई।
पंजाबी और हिंदी में भाववाच्य की क्रिया सदा पुल्लिंग में रहती है: जैसे-
मुंडे पङिमा ठगीं सांस । लड़के से पढ़ा नहीं जाता।
वही घडिमा ठगी मांग । लड़की से पढ़ा नहीं जाता।

पंजाबी और हिंदी में क्रिया के दो ही वचन होते हैं-एक वचन और बहुवचन। इन दोनों में ही एक के लिए एकवचन की क्रिया और अनेक के लिए बहुवचन क्रिया का प्रयोग होता है, इन दोनों भाषाओं में संज्ञा, वचन और लिंग के अनुसार ही विशेषण बोधकों के रूप में परिवर्तन होता है।

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पंजाबी से हिंदी में अनुवाद संबंधी वाक्यों के कुछ उदाहरण

निम्नलिखित पंजाबी के वाक्यों का हिंदी में अनुवाद करें
1. नाव जुठीहमिटी उडीगाड हिच चै।
2. रिहाली वॅउव सी मॅमिभा सी ठाउ मठाप्टी सांटी चै।
3. ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸਥਾਨਾਂ ਦੀ ਯਾਤਰਾ ਨਾਲ ਸਾਡੇ ਗਿਆਨ ਵਿਚ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ !
4. ਛੱਬੀ ਜਨਵਰੀ ਅਤੇ ਪੰਦਰਾਂ ਅਗਸਤ ਸਾਡੇ ਕੌਮੀ ਤਿਉਹਾਰ ਹਨ ।
5. ਸਾਡੇ ਹਿਰਦੇ ਵਿਚ ਆਪਣੀ ਮਾਂ-ਬੋਲੀ ਲਈ ਪਿਆਰ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
6. ਕਰਤਾਰ ਸਿੰਘ ਸਰਾਭਾ ਨੇ ਉੱਨੀ ਸਾਲ ਦੀ ਛੋਟੀ ਉਮਰ ਵਿਚ ਦੇਸ਼ ਲਈ ਸ਼ਹੀਦੀ ਪਾਈ ।
7. भिठाम पडे ठित मावे ताहां रा ठिठेइ ।।
8. ਵਿਗਿਆਨ ਦੇ ਖੇਤਰ ਵਿਚ ਲਗਾਤਾਰ ਵਾਧਾ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੈ ।
9. ਅਖ਼ਬਾਰ ਦਾ ਸਾਡੇ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸਥਾਨ ਹੈ ।
10. ਜਨਸੰਖਿਆ ਦੇ ਵੱਧਣ ਨਾਲ ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰੀ ਵੀ ਵੱਧ ਰਹੀ ਹੈ ।
11. माठु विनप्ली टी घुउउ वठठी नग्गीसी चै।
12. ਜੇਕਰ ਤੁਸੀਂ ਆਪਣਾ ਅੱਜ ਖ਼ਰਾਬ ਕਰੋਗੇ ਤਾਂ ਤੁਹਾਡਾ ਕਲ਼ ਵੀ ਖ਼ਰਾਬ ਹੋ ਜਾਏਗਾ ।
13. लठउर मडी सी धिभा व भडे ठिसा उँ त।
14. लठिरत मिप पइसा चै ठाले तेवठी वठरा वै।
15. ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਨੇ ਕਿਰਤ ਕਰਕੇ ਖਾਣ ਦੀ ਸਿੱਖਿਆ ਦਿੱਤੀ ਹੈ ।
16. ऐमराठाल वरे ही गाढेठी ठगीं वठठी साजीसी।
17. नेवत तेवठी ठगीं मिल ठगी गं -तृलताठ रा ठमठा सपठाठ।
18. डेल सी माहान मह वे ममी पत्रे वापत मा ताप्टे ।।
19. ਸਿਆਣਾ ਇਨਸਾਨ ਖ਼ਾਲੀ ਸਮੇਂ ਦਾ ਵੀ ਸਦਉਪਯੋਗ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
20. पत हांठा मल हित ही महाप्टी घउ सती गै।
उत्तर:
1. पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में है।
2. दिवाली कार्तिक की अमावस्या की रात्रि में मनाई जाती है।
3. ऐतिहासिक स्थानों की यात्रा से हमारे ज्ञान में वृद्धि होती है।
4. छब्बीस जनवरी और पंद्रह अगस्त हमारे राष्ट्रीय त्यौहार हैं।
5. हमारे हृदय में अपनी मातृ-भाषा के लिए प्रेम होना चाहिए।
6. करतार सिंह सराभा ने उन्नीस वर्ष की छोटी आयु में देश के लिए कुर्बानी पाई।
7. मिठास और नम्रता सभी गुणों का निचोड़ है।
8. विज्ञान के क्षेत्र में निरंतर विकास हो रहा है।
9. समाचार-पत्र का हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण स्थान है।
10. जनसंख्या के बढ़ने के साथ बेरोज़गारी भी बढ़ रही है।
11. हमें बिजली की बचत करनी चाहिए।
12. यदि आप अपना आज खराब करोगे तो आपका कल भी खराब हो जाएगा।
13. पशु संपत्ति की रक्षा करो और हिंसा से दूर रहो।
14. जतिंद्र सिंह पढ़ता है साथ नौकरी करता है।
15. गुरु नानक देव जी ने कार्य (मेहनत) करके खाने की शिक्षा दी है।
16. मित्रों से कभी भी हेराफेरी नहीं करनी चाहिए।
17. यदि नौकरी नहीं मिल रही तो स्वरोजगार का रास्ता अपनाओ।
18. ढोल की आवाज़ सुन कर हम घर से बाहर आ गए।
19. बुद्धिमान इन्सान खाली समय का भी सदुपयोग करता है।
20. घर की तरह विद्यालय में भी सफ़ाई बहुत आवश्यक है।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

Punjab State Board PSEB 10th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar patra lekhan पत्र-लेखन Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 10th Class Hindi Grammar पत्र-लेखन

प्रश्न 1.
अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को एक आवेदन-पत्र लिखिए जिसमें बड़ी बहन के विवाह के लिए चार दिन का अवकाश माँगा गया हो।
उत्तर:
सेवा में
मुख्याध्यापक
सरकारी हाई स्कूल
नवांशहर।
विषय-अवकाशार्थ प्रार्थना-पत्र।
महोदय,

निवेदन है कि मेरी बड़ी बहन की शादी 11 नवंबर, 20… को दिल्ली में होनी तय हुई है। हमारे परिवार के सभी सदस्य वहाँ पहुँच चुके हैं। मैं और मेरी छोटी बहन 9 नवंबर को रात की गाड़ी से दिल्ली जाएंगे। कृपया मुझे चार दिन का अवकाश, दिनांक 10 से 13 नवंबर तक प्रदान कीजिए।

धन्यवाद,
आपका आज्ञाकारी शिष्य
महेंद्र सिंह लांबा
कक्षा दसवीं ‘ग’
अनुक्रमांक 541
तिथि : 9 नवंबर, 20…

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

प्रश्न 2.
अपने स्कूल के प्रधानाचार्य को स्कूल में अधिक-से-अधिक खेलों का सामान मंगवाने के लिए अनुरोध करते हुए प्रार्थना-पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में
प्रधानाचार्य
डी०ए०वी० हाई स्कूल
धुरी।
विषय-खेल समानार्थ प्रार्थना-पत्र।
महोदय,

आपने एक छात्र-सभा में भाषण देते हुए इस बात पर बल दिया था कि छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ खेलों का महत्त्व भी समझना चाहिए। खेल शिक्षा का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। खेद की बात है कि आप खेलों की आवश्यकता तो खूब समझते हैं पर खेल सामग्री के अभाव की ओर कभी आपका ध्यान नहीं गया। खेलों के अनेक लाभ हैं। ये स्वास्थ्य के लिए बड़ी उपयोगी हैं। ये अनुशासन, समय पालन, सहयोग तथा सद्भावना का भी पाठ पढ़ती हैं।

अतः आपसे नम्र निवेदन है कि आप खेलों का सामान उपलब्ध करवाने की कृपा करें। इससे छात्रों में खेलों के प्रति रुचि बढ़ेगी वे अपनी खेल प्रतिभा का विकास कर सकेंगे। आशा है कि आप मेरी प्रार्थना पर उचित ध्यान देंगे और आवश्यक आदेश जारी करेंगे।

आपका आज्ञाकारी शिष्य
रजत शर्मा
कक्षा दसवीं ‘ब’
दिनांक : 17 अप्रैल, 20…

प्रश्न 3.
किसी कंपनी में क्लर्क के रिक्त पद की पूर्ति हेतु आवेदन पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में
प्रबन्धक
मल्होत्रा बुक डिपो
जालंधर।
विषय-क्लर्क के पद के लिए आवेदन-पत्र।
महोदय,

दैनिक ट्रिब्यून दिनांक 26 जून, 20… के विज्ञापन से ज्ञात हुआ है कि आप की संस्था में एक क्लर्क की आवश्यकता है। मैं इस पद के लिए अपनी सेवाएँ निम्नलिखित योग्यताओं के आधार पर प्रस्तुत करता हूँ-
(i) बी०ए० द्वितीय श्रेणी – पंजाब विश्वविद्यालय से।
(ii) टाइप का पूर्ण ज्ञान-गति 50 शब्द प्रति मिनट। कम्प्यूटर में प्रशिक्षित।
(iii) अनुभव-एक वर्ष-कंप्यूटर सैंटर पर।
(iv) आयु–24वें वर्ष में प्रवेश, जन्म तिथि 19-9-20…
मुझे अंग्रेज़ी एवं हिंदी का अच्छा ज्ञान है। पंजाबी भाषा पर भी अधिकार है।
आशा है कि आप मेरी योग्यता को देखते हुए अपने अधीन काम करने का अवसर प्रदान करेंगे। मैं सच्चाई एवं ईमानदारी के साथ काम करने का आश्वासन दिलाता हूँ। योग्यता एवं अनुभव संबंधी प्रमाण-पत्र इस प्रार्थना-पत्र के साथ संलग्न कर रहा हूँ।

धन्यवाद सहित,
संलग्न :उपर्युक्त
भवदीय
राघवेंद्र सिंह
दिनांक 28 जून, 20…
15/11-अड्डा होशियारपुर
जालंधर शहर।
मोबाइल : 8654213421

प्रश्न 4.
आपके नगर में कुछ अनधिकृत मकान बनाए जा रहे हैं। इनकी रोकथाम के लिए जिलाधीश को . पत्र लिखिए।
उत्तर:
303, कर्ण पुरी,
फिरोज़पुर।
2 मई, 20…
सेवा में
जिलाधीश
फिरोज़पुर।
विषय-अनधिकृत निर्माण पर रोक हेतु।
महोदय,

सविनय निवेदन यह है कि फिरोज़पुर छावनी की जोख रोड पर कुछ लोगों ने ज़बरदस्ती कब्जा करके छावनी की ज़मीन पर अनधिकृत रूप से मकान बनाने शुरू कर दिए हैं जिससे इस क्षेत्र के निवासियों को बहुत परेशानी हो रही है तथा क्षेत्र का पर्यावरण भी नष्ट हो रहा है। हरे-भरे वृक्षों को काट दिया गया है तथा खुली सड़कों को तंग गलियों में तबदील कर दिया है। स्थानीय अधिकारी इस अनधिकृत निर्माण को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।

आपसे प्रार्थना है कि इस प्रकार के गैर-कानूनी निर्माण को रोक कर गिरा दिया जाए तथा छावनी क्षेत्र के सौंदर्य को नष्ट होने से बचाया जाए।

धन्यवाद,
भवदीय
हुकम सिंह

प्रश्न 5.
परीक्षा के दिनों में लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाने के लिए जिलाधीश को पत्र लिखिए।
उत्तर:
म. -108, विक्रमपुर
अमृतसर।
1 मार्च, 20 ……..
सेवा में
जिलाधीश
अमृतसर।
विषय-लाउडस्पीकरों पर प्रबंध हेतु।
महोदय,

निवेदन यह है कि इन दिनों हमारे क्षेत्र के प्रार्थना-पूजा स्थलों में लाउडस्पीकरों का प्रयोग समय-कुसमय बहुत ज़ोरशोर से हो रहा है। सुबह चार बजे से लेकर रात के बारह-एक बजे तक ऊँची आवाज़ में बजने वाले इन लाउडस्पीकरों से जहाँ पढ़ने वाले विद्यार्थियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, वहीं बीमार तथा वरिष्ठ नागरिक भी इनके कारण ठीक से सो भी नहीं पाते।

आप से अनुरोध है कि इन लाउडस्पीकरों के प्रयोग के लिए निश्चित समय-सीमा तथा आवाज़ की धीमी गति तय कर दीजिए जिससे उनके पूजा-पाठ में कोई विघ्न न आए, विद्यार्थी ठीक से पढ़ सकें तथा सोने वालों की नींद में भी बाधा न पड़े।

धन्यवाद,
भवदीय
नवजोत सिंह

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प्रश्न 6.
किसी समाचार-पत्र के संपादक के नाम पत्र लिखिए जिसमें दिन-प्रतिदिन बढ़ रही महंगाई पर रोकथाम लगाने की बात कही गई हो।
उत्तर:
505, नेता जी नगर,
खन्ना।
5 जून, 20…
सेवा में
संपादक
विश्वामित्र दैनिक
खन्ना।
विषय-महंगाई-समस्या और समाधान।
महोदय,

आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से मैं प्रशासन का ध्यान दिन-प्रतिदिन बढ़ती हुई महंगाई की ओर दिलाना चाहती हूँ, जिसके कारण आम आदमी को दाल-रोटी भी बहुत कठिनाई से मिल पा रही है। आज बाज़ार में थैला भर कर नोट ले जाने पर ही लिफाफे भर सामग्री मिल पाती है। आलू, प्याज़ जैसी आम सब्जियाँ भी आम आदमी की जेब पर भारी पड़ रही हैं। दालें सौ रुपए किलो तक जा पहुंची हैं। स्थिति यह हो गई है कि आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया जैसी दशा हो रही है। कितनी भी कटौती करें कहीं न कहीं कमी रह ही जाती है।

इस बढ़ती हुई महंगाई रूपी सुरसा के विनाश के लिए प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त होना चाहिए। आवश्यक वस्तुओं को दबाकर रखने वालों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए। सरकार को सस्ते मूल्यों पर वस्तुएँ सहकारी भंडारों द्वारा बेचनी चाहिए। आशा है एक आम गृहिणी की समस्याओं को समझते हुए सरकार महंगाई पर काबू पाने के उचित उपाए करेगी।

धन्यवाद।
भवदीय
जोगेंद्र कौर

प्रश्न 7.
आवारा कुत्तों के आतंक की ओर ध्यान दिलाने हेतु किसी संपादक के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:
13, हरि नगर,
जालंधर।
22 जून, 20…
सेवा में
संपादक
पंजाब केसरी
जालंधर।
विषय-आवारा जानवरों पर रोकथाम के लिए।
महोदय,

आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से मैं नगर निगम, जालंधर के अध्यक्ष का ध्यान नगर में निरंतर बढ़ रहे कुत्तों के आतंक की ओर दिलाना चाहता हूँ। पिछले एक सप्ताह में नगर के विभिन्न क्षेत्रों से कुत्तों द्वारा काटे गए दस व्यक्तियों की मृत्यु तथा अनेक व्यक्तियों के घायल होकर उपचार कराने के समाचार विभिन्न समाचार-पत्रों में प्रकाशित होते रहे हैं। माई हीरां गेट, पुरानी रेलवे रोड, नई बस्ती, मॉडल टाउन आदि क्षेत्रों में निवासियों से अधिक जनसंख्या कुत्तों की हो गई है जो आठ-आठ, दस-दस का झुंड बनाकर आक्रमण करते हैं। मॉडल टाउन में तो एक सात वर्षीय बालक को ही इन कुत्तों ने काट-काट कर अधमरा कर दिया था।

आप से अनुरोध है कि इन आवारा कुत्तों को पकड़ कर कहीं अन्यत्र भेजने का प्रबंध किया जाए तथा इन का बंध्याकरण किया जाए जिससे इनकी वृद्धि पर रोक लग सके। आशा है इस संदर्भ में शीघ्र ही उचित कार्यवाही की जाएगी, जिससे नगरवासी कुत्तों के आतंक से मुक्त हो सकेंगे।

धन्यवाद।
भवदीय
रमनदीप सिंह

बोर्ड परीक्षा में पूछे गए प्रश्न

1. आपका नाम दीपक कुमार है। आप मकान नम्बर 345, सुन्दर नगर, फरीदाबाद में रहते हैं। आपका मोबाइल नम्बर 2134474657 है। आप नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी को अपने क्षेत्र की सफाई कराने के लिए प्रार्थनापत्र लिखिए।

2. आपका नाम विशाल कुमार है। आप सरकारी हाई स्कूल, मेरठ में दसवीं-बी कक्षा के मॉनीटर हैं। आपका रोल नम्बर-25 है। आप अपनी कक्षा की समस्याओं को हल करवाने के सम्बन्ध में अपने स्कूल के प्रधानाचार्य को प्रार्थनापत्र लिखिए।

3. आपका नाम सुमित कुमार है। आप मकान नम्बर 254, शांति नगर, मुम्बई में रहते हैं। आपका मोबाइल नम्बर 1234567890 है। आप मुम्बई के ‘सर्वमंगल’ समाचार पत्र के मुख्य सम्पादक के नाम सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के सुझाव सम्बन्धी पत्र लिखिए।

4. आपका नाम रणजीत सिंह है। आप शिशु कल्याण पब्लिक स्कूल, अहमदाबाद में दसवीं-ए कक्षा में पढ़ते हैं। आपका रोल नम्बर-26 है। अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को एक आवेदन पत्र लिखिए जिसमें बड़ी बहन के विवाह के लिए चार दिन का अवकाश माँगा गया हो।

5. आपका नाम अजय कुमार है। आप मकान नम्बर 1564, गुलाब नगर, पठानकोट में रहते हैं। आपका मोबाइल नम्बर 1673489710 है। आप पठानकोट के ‘जन उत्थान’ समाचार पत्र के मुख्य सम्पादक के नाम पत्र लिखिए जिसमें दिन-प्रतिदिन बढ़ रही महंगाई पर रोकथाम लगाने की बात कही गयी हो।

6. आपका नाम मीना कुमारी है। आप मकान नम्बर 234 सुख नगर, कपूरथला (पंजाब) में रहते हैं। आपका मोबाइल नम्बर 1343485769 है। आप कपूरथला के ‘जन चेतना’ समाचार पत्र के सम्पादक के नाम आवारा कुत्तों के आतंक की ओर ध्यान दिलाने हेतु एक पत्र लिखिए।

7. ‘रोजाना भारत’ पंजाब के समाचार पत्र के प्रमुख संपादक के नाम ‘बालश्रम एक अपराध’ विषय पर एक पत्र लिखिए।

8. अपनी कक्षा की समस्याओं के समाधान के लिए विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र लिखो।

9. आपका नाम जगजीत कौर है। आप शिवाजी नगर, मुम्बई में रहते हैं। आप अपनी ओर से मुम्बई के जन चेतना’ समाचार-पत्र के मुख्य सम्पादक के नाम सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए दुर्घटनाओं को रोकने के सुझाव सम्बन्धी एक पत्र लिखिए।

10. आपका नाम अनीता पुरी है। आप ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल, जगाधरी में दसवीं कक्षा में पढ़ती हैं। अपने स्कूल के प्रधानाचार्य को स्कूल में अधिक से अधिक खेलों का सामान मंगवाने के लिए अनुरोध करते हुए आवेदन-पत्र लिखिए।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

मानव-मन सदा अपनी भावनाओं को अभिव्यक्ति प्रदान करने के लिए व्याकुल रहता है। अपने सामने वाले व्यक्ति से वह बोलकर अपने मन की बात कह सकता है परंतु कहीं दूर रहने वाले व्यक्ति को वह लिखकर ही अपनी भावनाएँ समझा सकता है। इस स्थिति में पत्र लिखने की परंपरा प्रारंभ हुई होगी, जिसे कभी कबूतरों अथवा दूत-दूती के माध्यम से भेजा गया, जो अब डाकिए के द्वारा पूरा किया जाता है। पत्र, संदेश अथवा समाचार भेजने और प्राप्त करने का सर्वाधिक सुगम एवं सस्ता साधन है।

पोस्टकार्ड, अंतर्देशीय-पत्र अथवा बंद लिफ़ाफ़े में पत्र लिखकर भेजा जा सकता है। पत्र की रसीद प्राप्त करने के लिए पत्र पंजीकृत डाक से तथा तुरंत वितरण के लिए पत्र ‘स्पीड-पोस्ट’ द्वारा भेज़ा जाता है। इन दिनों ‘कोरियर सर्विस’ से भी पत्र भेजे जाते हैं। कोरियर सेवा में प्रेषित सामग्री के लिए समुचित राशि प्राप्त कर रसीद दी जाती है। यह सेवा निजी क्षेत्र में चल रही है।

आज के वैज्ञानिक युग में चाहे दूरभाष, वायरलेस, इंटरनेट, फैक्स, एस०एम०एस०, एम०एम०एस०, ई-मेल आदि के प्रयोग से दूर स्थित सगे-संबंधियों, सरकारी, गैर-सरकारी संस्थानों तथा व्यापारिक प्रतिष्ठानों से पल-भर में बात की जा सकती है पर पत्र-लेखन का अभी भी हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण स्थान है। पत्र-लेखन विचारों के आपसी आदान-प्रदान का सशक्त, सुगम और सस्ता साधन है। पत्र-लेखन केवल विचारों का आदान-प्रदान ही नहीं है, बल्कि इससे पत्र-लेखक के व्यक्तित्व, दृष्टिकोण, चरित्र, संस्कार, मानसिक स्थिति आदि का ज्ञान हो जाता है। पत्र लिखते समय अनेक सावधानियाँ अवश्य ध्यान में रखनी चाहिए, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं-

  1. सरल और स्पष्ट भाषा का प्रयोग।
  2. स्नेह, शिष्टता और भद्रता का निर्वाह।
  3. पत्र प्राप्त करने वाले का पद, योग्यता, संबंध, सामर्थ्य, स्तर, आयु आदि।
  4. अनावश्यक विस्तार से बचाव।
  5. विषय-वस्तु की पूर्णता।
  6. कठोर, कड़वे, अशिष्ट और अनर्गल भावों और शब्दों का निषेध।

पत्रों के भेद

प्रमुख रूप से पत्रों को दो प्रकार का माना जाता है। ये हैं-
(क) अनौपचारिक-पत्र
जिन लोगों के आपसी संबंध आत्मीय होते हैं उनके द्वारा एक-दूसरे को लिखे जाने वाले पत्र अनौपचारिकपत्र कहलाते हैं। ऐसे पत्र प्रायः रिश्तेदारों, मित्रों, स्नेही-संबंधियों आदि के द्वारा लिखे जाते हैं। इन पत्रों में एकदूसरे के प्रति प्रेम, लगाव, गुस्से, उलाहने, आदर आदि के भाव अपनत्व के आधार पर स्पष्ट दिखाई देते हैं। इन पत्रों में बनावटीपन की मात्रा कम होती है। वाक्य-संरचना बातचीत के स्तर पर आ जाती है। मन के भाव और विचार बिना किसी संकोच के प्रकट किए जा सकते हैं। इनमें औपचारिकता का समावेश नहीं किया जाता। प्रायः सभी प्रकार के सामाजिक पत्रों को इसी श्रेणी में सम्मिलित कर लिया जाता है। विवाह, जन्मदिन, गृहप्रवेश, मुंडन संस्कार, शोक सूचनाओं आदि को इन्हीं के अंतर्गत ग्रहण किया जाता है। अनौपचारिक-पत्रों की रूपरेखा प्रायः निम्नलिखित आधारों पर निर्धारित की जाती है-

  1. पत्र के दाईं ओर भेजने वाले का पता।
  2. दिनांक।
  3. पत्र प्राप्त करने वाले के प्रति संबोधन।
  4. पत्र प्राप्त करने वाले से संबंधानुसार अभिवादन।
  5. पत्र लिखने का कारण, विषय का विस्तार तथा परिवार के अन्य सदस्यों के प्रति अभिवादन।
  6. समापन।
  7. बाईं ओर पत्र-लेखक का पत्र प्राप्त करने वाले से संबंध।
  8. पत्र लिखने वाले का नाम।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन 1

उदाहरण-
अपने मित्र को अपने विद्यालय में हुए वार्षिकोत्सव के विषय में पत्र लिखिए।
पत्र-भेजने वाले का पता – 437-राजेंद्र नगर लुधियाना
दिनांक – 18 मई, 20…
संबोधन – प्रिय मित्र राघव,
अभिवादन – स्नेह।

पत्र-लिखने का कारण आशा है तुम स्वस्थ एवं सानंद होंगे। तुम्हारा पत्र मुझे समय पर मिल गया था,
विषय का विस्तार – किंतु इन दिनों हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव हो रहा था जिस कारण इस
कार्यक्रम में व्यस्त रहने के कारण तुम्हें पत्र न लिख सका। मुझे इस अवसर पर वर्ष का ‘सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी’ पुरस्कार प्राप्त हुआ है। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध शिक्षाविद डॉ० राधाकृष्ण ने की थी। नृत्य, संगीत आदि के कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए थे। तुम होते तो तुम्हें यह आयोजन बहुत आकर्षक लगता। हमारे विद्यालय का प्रांगण दुल्हन के घर के समान सजा हुआ था तथा हम सभी विद्यार्थी उल्लास और उमंग से भरे हुए थे। सर्वत्र प्रसन्नता का वातावरण ही था। अध्यक्ष महोदय ने अपने भाषण में जीवन में संघर्षों का सामना करते हुए निरंतर उन्नति करने की बात कही जो सबको बहुत पसंद आई। अपने विद्यालय के बारे में लिखना।

समापन – शुभकामनाओं सहित,
पत्र प्राप्त करने वाले से संबंध – तुम्हारा अभिन्न मित्र,
पत्र लिखने वाले का नाम – मनमोहन सिंह।
(नौवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में केवल अनौपचारिक पत्र हैं)

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

औपचारिक-पत्र

जिन लोगों के साथ औपचारिक संबंध होते हैं उन्हें औपचारिक-पत्र लिखे जाते हैं। इन पत्रों में व्यक्तिगत और . आत्मीय विचार नहीं प्रकट किए जाते। इनमें अपनेपन का भाव नहीं रहता है। इनमें अपने विचारों को भली-भाँति सोच-विचार कर प्रकट किया जाता है। प्रायः औपचारिक-पत्र सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालयों के अधिकारियों, निजी संस्थानों, पत्र-पत्रिकाओं के संपादकों, अध्यापकों, प्रधानाचार्यों, व्यापारियों आदि को लिखे जाते हैं। औपचारिक-पत्रों की रूप-रेखा प्रायः निम्नलिखित आधारों पर निर्धारित की जाती है-

  1. पत्र का क्रमांक
  2. विभाग/कार्यालय/मंत्रालय का नाम
  3. दिनांक
  4. प्रेषक का नाम तथा पद
  5. प्राप्तकर्ता का नाम तथा पद
  6. विषय का संक्षिप्त उल्लेख
  7. संबोधन
  8. विषय-वस्तु
  9. समापन शिष्टता
  10. प्रेषक के हस्ताक्षर
  11. प्रेषित का पद/नाम/पता।

औपचारिक पत्र के आरंभ और समापन की विधि

पद/नाम/संबंध संबोधन पत्र के अंत में लिखा जाने वाला शब्द/वाक्यांश
कार्यालयी-पत्र
किसी सरकारी/गैर-सरकारी कार्यालय/ संस्थान/प्रतिष्ठान के अध्यक्ष/सचिव/ निर्देशक को
ऊपर कार्यालय/विभाग/मंत्रालय/पद सहित पूरा पता, नीचे मान्यवर। महोदय/आदरणीय/माननीय भवदीय/प्रार्थी/निवेदक/विनीत नीचे नाम तथा पूरा पता
व्यावसायिक-पत्र
किसी कंपनी/फ़र्म/दुकान के प्रबंधक व्यवस्थापक को
व्यक्ति का पद एवं कंपनी/फ़र्म/दुकान का पूरा नाम तथा पता (नीचे) प्रिय, महोदय, मान्यवर भवदीय/प्रार्थी/निवेदक/विनीत (नीचे) नाम तथा पूरा पता

उदाहरण-
भारत सरकार के गृह मंत्रालय के सचिव की ओर से मुख्य सचिव, पंजाब प्रदेश को एक सरकारी-पत्र लिखें जिसमें राज्य में कानून और व्यवस्था की बिगड़ती हुई स्थिति पर चिंता व्यक्त की गई हो।
उत्तर:
क्रमांक – संख्या 48 (गृ०)/12.8.50/2011-12/50195
प्रेषक कार्यालय – भारत सरकार गृह मंत्रालय, नई दिल्ली।
दिनांक – 11 जुलाई, 20…
प्रेषक – प्रेषक आर० के० मेनन सचिव, भारत सरकार गृह मंत्रालय नई दिल्ली।
प्राप्तकर्ता – मुख्य सचिव पंजाब प्रदेश चण्डीगढ़।

विषय-राज्य में कानून तथा व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति।
संबोधन महोदय,
विषय-वस्तु मुझे यह सूचना देने का निर्देश हुआ है कि आपके राज्य में कानून और व्यवस्था की दिनों-दिन बिगड़ती स्थिति से केंद्र सरकार बहुत चिंतित है। सरकार ने आपका ध्यान इस गंभीर समस्या की ओर आकृष्ट किया है और इस स्थिति से दृढ़ता से निपटने का निश्चय किया है। राज्य सरकार को भी इस दिशा में कड़े कदम उठाने चाहिए। इस संदर्भ में आपको सूचित किया जाता है कि राज्य में कानून तथा व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कार्यवाही की जाए तथा केंद्र सरकार को भी प्रगति से अवगत कराया जाए। इस संबंध में केंद्र सरकार राज्य सरकार को सब प्रकार की सहायता देने के लिए तैयार है।

समापन शिष्टता भवदीय,
प्रेषक के हस्ताक्षर आर० के० मेनन
प्रेषक का पद सचिव, गृह मंत्रालय।

आवेदन-पत्र

आवेदन-पत्र नौकरी प्राप्त करने के लिए तथा अन्य कार्यों के लिए लिखे जाते हैं। इनकी भाषा भी सहज तथा आवेदक की योग्यताओं को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने वाली होनी चाहिए। आवेदन-पत्र पत्रात्मक शैली तथा प्रपत्रात्मक शैली में लिखे जाते हैं। स्कूल तथा संस्थाओं के प्रमुखों को लिखे जाने वाले प्रार्थना-पत्र भी आवेदन-पत्र कहलाते हैं।
उदाहरण-
‘डाटा एंट्री ऑपरेटर’ पद पर नियुक्ति हेतु आवदेन-पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में प्रधानाचार्य दयानंद हाई स्कूल होशियारपुर।
विषय-‘डाटा एंट्री ऑपरेटर’ पद के लिए आवेदन-पत्र।
महोदय

दैनिक ट्रिब्यून दिनांक 15 जून, 20… में प्रकाशित आप के स्कूल के विज्ञापन से ज्ञात हुआ कि आप के स्कूल में डाटा एंट्री ऑपरेटर के पाँच पद रिक्त हैं। मैं इनमें से एक पद के लिए अपनी सेवाएँ निम्नलिखित योग्यताओं के आधार पर प्रस्तुत करता हूँ-
(क) सामान्य परिचय
PSEB 10th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन 2

(ग) अनुभव
विगत एक वर्ष से गुरु नानक देव कम्प्यूटर सैंटर, फिरोजपुर में डाटा एंट्री ऑपरेटर के रूप में कार्य कर रहा हूँ।
भवदीय
हरनाम सिंह
दिनांक 20 जून, 20…
उदाहरण-
अपनी किसी गलती के लिए क्षमा याचना करते हुए अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रार्थनापत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में
प्रधानाचार्य
टैगोर पब्लिक स्कूल
जालंधर।
दिनांक 25-10-20….
विषय-क्षमा याचना के लिए प्रार्थना-पत्र।
महोदय,

सविनय निवेदन यह है कि आज सुबह जब मैं स्कूल आया तो मेरे पैर की ठोकर से कक्षा के बाहर रखा गमला टूट गया। मैं उसे वैसा ही टूटा तथा उसकी मिट्टी और पौधे को बिखरा छोड़कर कक्षा में चला गया। पीछे से आ रहे एक छात्र ने मेरी यह लापरवाही देखकर अध्यापक जी से मेरी शिकायत कर दी और उन्होंने मुझे आर्थिक दंड दिया है।
आप से प्रार्थना है कि मेरी इस गलती को क्षमा करें क्योंकि मैं अपनी इस लापरवाही पर बहुत शर्मिंदा हूँ। भविष्य में मैं ऐसी कोई भी हरकत नहीं करूँगा।

मैं आपका अत्यंत आभारी रहूँगा।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
खुशवन्त सिंह
कक्षा-दसवीं, अनुक्रमांक 912

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

उदाहरण-
विषय बदलने के लिए विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में
प्रधानाचार्य
सरकारी हाई स्कूल
अबोहर।
दिनांक 25-04-20….
विषय-विषय परिवर्तनार्थ प्रार्थना-पत्र।
महोदय,

सविनय निवेदन यह है कि मैं कक्षा दसवीं ‘ए’ का विद्यार्थी हूँ। मैंने प्रवेश के समय अतिरिक्त विषय ‘शारीरिक शिक्षा’ प्रवेश-प्रपत्र में भर दिया था, जिसे पढ़ते हुए मुझे कठिनाई हो रही है।
अतः आप से प्रार्थना है कि मुझे इस विषय के स्थान पर ‘संस्कृत’ विषय पढ़ने की आज्ञा प्रदान करने की कृपा कीजिए। मैं आप का अत्यंत आभारी रहूंगा।

आपका आज्ञाकारी शिष्य
अनुराग शर्मा
कक्षा दसवीं ए, अनुक्रमांक 321

उदाहरण-
अपनी कक्षा की समस्याओं के समाधान के लिए विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में
प्रधानाचार्य
खालसा हाई स्कूल
फगवाड़ा।
दिनांक 26-04-20….
विषय-कक्षा की समस्याओं के समाधानार्थ प्रार्थना-पत्र।
महोदय,

निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय का दसवीं कक्षा ‘ए’ का विद्यार्थी हूँ। इस समय मैं अपनी कक्षा का मॉनीटर हूँ। मैं आपका ध्यान एक अतीव महत्त्वपूर्ण विषय की ओर दिलाना चाहता हूँ। मैं विगत तीन मास से देख रहा हूँ कि हमारी कक्षा के कमरे की हालत बहुत ही खस्ता है। विशेषकर इसके दरवाजे और खिड़कियां टूटी हुई हैं। कुछ दिनों बाद अंधड़ का मौसम आने वाला है। तेज़ आँधियों में कमरे में पढ़ाई होना बहुत कठिन बात होगी। बरसात और सर्दी के मौसम में भी यह कमरा विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई के योग्य नहीं कहा जा सकता। इसके साथ ही स्थान-स्थान से प्लस्तर उखड़ा हुआ है।

मेरी अपनी और अपनी कक्षा के सभी छात्रों की ओर से करबद्ध प्रार्थना है कि शीघ्रातिशीघ्र कमरे के दरवाज़े और खिड़कियां ठीक करवाई जाएं। यदि मुरम्मत होकर काम चल सके तो ठीक है, नहीं तो नये दरवाजे और खिड़कियां लगवाई जाएं। प्लस्तर उखड़ा होने से सभी छात्रों को असुविधा होती है। इसे भी ठीक करवाया जाए। धृष्टता के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ।

आपका विनीत शिष्य
लखविंदर सिंह
कक्षा दसवीं, अनुक्रमांक 916

उदाहरण-
नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखकर अपने क्षेत्र/मुहल्ले की सफाई कराने के लिए पत्र लिखिए।
उत्तर:
507-बड़ा बाज़ार
अमृतसर।
दिनांक 14 अगस्त, 20…
सेवा में
स्वास्थ्य अधिकारी
नगर निगम
अमृतसर।
विषय-क्षेत्र की सफाई कराने हेतु प्रार्थना-पत्र।
महोदय,

निवेदन यह है कि मैं बड़ा बाज़ार का एक निवासी हूँ। यह नगर सफ़ाई की दृष्टि से पूरी तरह उपेक्षित है। इसे देखकर कभी-कभी तो ऐसा लगता है जैसे यह नगर-निगम के क्षेत्र के बाहर है। गाँव की गंदगी के विषय में तो केवल सुना था लेकिन यहाँ की गंदगी को प्रतिदिन आँखों से देखता हूँ। सफ़ाई कर्मचारी की नियुक्ति तो अवश्य हुई है लेकिन वह कभी-कभी ही दिखाई देता है। उसके व्यवहार में अशिष्टता भी है। इधर-उधर गंदगी के ढेर लगाकर चला जाता है। नालियों का भी ठीक प्रबंध नहीं है। पानी निचले स्थान पर आकर रुक जाता है। मच्छरों के जमघट ने नाक में दम कर रखा है। अनेक प्रकार की बीमारियों के फैलने का भय बना रहता है।

आपसे नम्र निवेदन है कि आप एक बार स्वयं इस नरक को आकर देख जाएं। तभी आप हमारी कठिनाई का अनुभव करेंगे। एक बार पहले भी आपकी सेवा में प्रार्थना कर चुके हैं। लगता है हमारी बात आप तक पहुंची नहीं अन्यथा इस नगर की दशा ऐसी न होती। कृपया सफ़ाई सेवक को चेतावनी दें ताकि वह अपने काम को ईमानदारी से करें।

आशा है कि आप मेरी प्रार्थना पर ध्यान देंगे और शिवाजी नगर की सफ़ाई कर उचित प्रबंध करेंगे।

भवदीय
सुरेंद्र कुमार

उदाहरण-
पंजाब रोडवेज़ के महाप्रबंधक को बस में छूट गए सामान के बारे में बताते हुए उस के मिलने पर सूचित करने अथवा लौटाने के लिए पत्र लिखिए।
उत्तर:
9/25-सैक्टर 28
मोहाली।
दिनांक 19 सितंबर, 20…
सेवा में
महाप्रबंधक
पंजाब रोडवेज़
मोहाली।
विषय-बस में छूटे सामान को खोजने के लिए।
महोदय,

निवेदन यह है कि मैं आज प्रातः 7 बजे दिल्ली से मोहाली आने वाली वाल्वो बस संख्या पी०बी० 10 ए 9406 से मोहाली के सैक्टर 28 के बस शैल्टर पर उतरा था। उतरते समय मेरा ब्रीफ केस जिसका रंग नीला तथा एस०के० का लेबल लगा हुआ था। बस में ही रह गया था। जब मुझे याद आया तो बस जा चुकी थी। बस स्टैंड जा कर पता किया तो बस सवारियाँ लेकर दिल्ली जा चुकी थी। वहाँ पूछताछ करने पर कुछ भी पता नहीं चला।

आप से प्रार्थना है कि बस के परिचालक से पता करके मेरे ब्रीफ केस के संबंध में ज्ञात कीजिए क्योंकि उसमें मेरे अनेक प्रमाण-पत्र तथा मेरा पहचान पत्र भी है। आशा है शीघ्र ही इस विषय में प्राप्त जानकारी से मुझे सूचित करेंगे, जिससे मैं अपना ब्रीफ केस प्राप्त कर सकूँ।

धन्यवाद।
भवदीय
कँवरपाल सिंह

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

उदाहरण-
बिजली की सप्लाई के संबंध में विद्यत् बोर्ड को शिकायत पत्र लिखिए।
उत्तर:
प्रेमपाल संधु
19-प्रेम नगर
दोराहा।
दिनांक 12 मार्च, 20…
सेवा में
कार्यकारी अधिकारी
पंजाब विद्युत् बोर्ड
दोराहा।
विषय-बिजली की अनियमित पूर्ति के समाधान के लिए।
महोदय,

निवेदन यह है कि हमारे मोहल्ले प्रेम नगर में विगत कई दिनों से दिन और रात में कई-कई घंटों तक बिजली चली जाती है। दिन तो किसी प्रकार से निकल जाता है परंतु रात को जब घंटों बिजली गायब रहती है तो बहुत कठिनाई होती है। परीक्षाओं के दिन होने के कारण विद्यार्थी पढ़ नहीं पाते। रातें अंधेरी होने से सड़क पर चलने वाले दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं तथा चोर-लुटेरों की बन आती है। इस क्षेत्र के विद्युत् विभाग के कर्मचारियों, सहायक अभियंता आदि को भी शिकायत की थी परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई।
आशा है आप बिजली सप्लाई की समुचित आपूर्ति की शीघ्र ही व्यवस्था करेंगे।

धन्यवाद,
भवदीय
प्रेमपाल

उदाहरण-
अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को विद्यालय-त्याग का प्रमाण-पत्र प्रदान करने के लिए प्रार्थनापत्र लिखो।
उत्तर:
सेवा में
प्रधानाचार्य
सरकारी उच्च विद्यालय
पठानकोट।
विषय-विद्यालय त्याग-प्रमाण-पत्र हेतु प्रार्थना-पत्र।
महोदय,

सविनय निवेदन है कि मेरे पिता जी का स्थानांतरण शिमला हो गया है। वे कल यहाँ से जा रहे हैं और साथ में परिवार भी जा रहा है। इस अवस्था में मेरा यहाँ अकेला रहना कठिन है। कृपा करके मुझे स्कूल छोड़ने का प्रमाण-पत्र दीजिए ताकि मैं वहाँ जाकर स्कूल में प्रविष्ट हो सकूँ।

धन्यवाद।
आपका विनीत शिष्य
सुनील कुमार
दसवीं ‘बी’
दिनांक 11 फरवरी, 20…

उदाहरण-
अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को शिक्षा-शुल्क क्षमा करवाने के लिए प्रार्थना-पत्र लिखो।
उत्तर:
सेवा में
प्रधानाचार्य
डी०ए०वी० उच्च विद्यालय
फ़ाज़िल्का।
विषय-शिक्षा-शुल्क माफी के लिए प्रार्थना-पत्र।
मान्यवर,

सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय में कक्षा दसवीं ‘ए’ में पढ़ता हूँ। मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखता हूँ। मेरे पिता जी एक स्थानीय कार्यालय में केवल दो हज़ार रुपये मासिक पर कार्य करते हैं। हम परिवार में छः सदस्य हैं। इस महँगाई के समय में इतने कम वेतन में निर्वाह होना अति कठिन है। ऐसी स्थिति में मेरे पिता जी मेरा शुल्क अदा करने में असमर्थ हैं।

मेरी पढाई में विशेष रुचि है। मैं सदा अपनी कक्षा में प्रथम रहता आया हूँ। मैं स्कूल की हॉकी टीम का कप्तान भी हूँ। मेरे सभी अध्यापक मुझ से सर्वथा संतुष्ट हैं। अतः आपसे मेरी विनम्र प्रार्थना है कि आप मेरा शिक्षा-शुल्क माफ कर मुझे आगे पढ़ने का सुअवसर प्रदान करने की कृपा करें।
मैं आपका सदा आभारी रहूँगा।

आपका आज्ञाकारी शिष्य
सुखदेव सिंह
कक्षा दसवीं ‘ए’
दिनांक 15 मई, 20…

उदाहरण-
अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को चरित्र प्रमाण-पत्र प्रदान करने के लिए प्रार्थना-पत्र लिखो।
उत्तर:
सेवा में
प्रधानाचार्य
विवेकानंद उच्च विद्यालय
मलेरकोटला।
विषय-चरित्र प्रमाण-पत्र के लिए प्रार्थना-पत्र।
महोदय,

सविनय निवेदन है कि मैं विगत सत्र में आपके विद्यालय में कक्षा दसवीं ‘ए’ का छात्र था। मैंने पंजाब विद्यालय शिक्षा बोर्ड की दसवीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की थी। कक्षा रजिस्टर में मेरा अनुक्रमांक 27 तथा बोर्ड का नामांक 11670 था।

मैं विद्यालय की छात्र परिषद् का सक्रिय सदस्य था। मैंने जिला स्तर की भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। विद्यालय पत्रिका का सहसंपादक होने के साथ-साथ मैंने विद्यालय की प्रत्येक गतिविधि में सदैव बढ़-चढ़कर भाग लिया है।
आपसे मेरा अनुरोध है कि मुझे एक चरित्र प्रमाण-पत्र दिया जाए जिसमें मेरी रुचियों का भी उल्लेख हो। आशा है कि मुझे वांछित प्रमाण-पत्र यथाशीघ्र नीचे लिखे पते पर भिजवाने की कृपा करेंगे।

‘धन्यवाद सहित।
आपका आज्ञाकारी
प्रमोद तिवारी
16-शक्ति नगर
अजमेर।
दिनांक 10 मई, 20…

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

उदाहरण-
अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को छात्रवृत्ति के लिए आवेदन-पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में
प्रधानाचार्य
राजकीय उच्च विद्यालय
दसुआ।
विषय-छात्रवृत्ति प्रदान करने हेतु प्रार्थना-पत्र।
महोदय

सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय की दसवीं कक्षा का एक छात्र हूँ। मैं प्रथम श्रेणी से आपके विद्यालय में पढ़ रहा हूँ। मैंने परीक्षा में सदैव अच्छे अंक प्राप्त किए हैं। खेलकूद तथा विद्यालय के अन्य कार्यक्रमों में भी मेरी रुचि है। मुझे पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं। अपने सहपाठियों के प्रति मेरा व्यवहार हमेशा शिष्टतापूर्ण रहा है। अध्यापक वर्ग भी मेरे आचार-व्यवहार से संतुष्ट हैं।

हमारे घर की आर्थिक स्थिति अचानक खराब हो गई है। मेरी पढ़ाई में बाधा उपस्थित हो गई है। मेरे पिता जी मेरी पढ़ाई का व्यय भार संभालने में स्वयं को असमर्थ पा रहे हैं। अतः आप से मेरी विनम्र प्रार्थना है कि मुझे छात्रवृत्ति प्रदान करने की कृपा करें। मैं जीवन भर आपका आभारी रहूंगा। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि कठोर परिश्रम द्वारा मैं बोर्ड की परीक्षा में विशेष योग्यता प्राप्त करने वाले छात्राओं की सूची से उच्च स्थान प्राप्त कर विद्यालय की शोभा बढ़ाऊंगा।

धन्यवाद सहित,
आपका आज्ञाकारी शिष्य
हरदेव सिंह कक्षा
दसवीं ‘ग’
दिनांक : 7 नवंबर, 20…

संपादकीय-पत्र

देश/नगर/प्रदेश/मुहल्ले की किसी समस्या की ओर उच्च अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करने के लिए किसी समाचारपत्र के संपादक को लिखे गए पत्र संपादकीय-पत्र कहलाते हैं। इन पत्रों में विषय से संबंधित तथ्य संक्षेप में तथा स्पष्ट रूप से लिखे जाते हैं। अनावश्यक विस्तार नहीं किया जाता तथा सहज, सरल, मर्यादित भाषा का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण 1.
संपादक, दैनिक ट्रिब्यून, चंडीगढ़ को ‘बाल मजदूरी’ पर चिंता व्यक्त करते हुए पत्र लिखिए।
उत्तर:
103, संत नगर,
चंडीगढ़।
5 जून, 20…
सेवा में
संपादक
दैनिक ट्रिब्यून
चंडीगढ़।
विषय-बाल मजदूरी समस्या-समाधान।
मान्यवर,

आपके समाचार-पत्र में यह पढ़कर कि ‘हैदराबाद से दो सौ बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया’ मैं अधिकारियों तथा जनता का ध्यान इस ओर आकृष्ट करना चाहती हूँ कि सरकारी कानून होते हुए भी बाल मजदूरों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। चाय की दुकान, ढाबों, अन्य अनेक दुकानों तथा ठेलों पर छोटे-छोटे बच्चे काम करते दिखाई देते हैं। जिन बच्चों को बस्ता लेकर स्कूल जाना चाहिए था, वे आजीविका कमाने का बोझ ढो रहे हैं। घरेलू नौकरों के रूप में भी बाल-मजदूरों का शोषण हो रहा है। बाल-श्रम सरकारी कागजों में घोषित अपराध है फिर भी इसमें वृद्धि चिंताजनक है।

विभिन्न सामाजिक संस्थाओं, पत्रकारों, जागरूक नागरिकों तथा सरकारी संस्थानों को इन बाल श्रमिकों के शोषण के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करनी चाहिए तथा मज़दूरी में लगे बच्चों को शिक्षा का मौलिक अधिकार दिलाना चाहिए। ऐसे बच्चों के खान-पान, रहन-सहन आदि की भी समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।

आशा है कि संबंधित अधिकारी बाल-मज़दूरी को रोकने के लिए उचित कदम उठाएंगे तथा जनता बच्चों को मज़दूरी करने के लिए विवश नहीं करेगी।

सधन्यवाद
भवदीया,
जसुलोक कौर

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

उदाहरण 2.
दैनिक जागरण जालंधर के संपादक को अपने क्षेत्र में चल रहे शराब, जुआ आदि के अड्डों की जानकारी देते हुए इन पर रोक लगाने का अनुरोध कीजिए।
उत्तर:
13, शांति निकेतन,
फरीदकोट।
2 मार्च, 20…
सेवा में
संपादक
दैनिक जागरण
जालंधर।
विषय-नशाखोरी, जोआखोरी की रोकथाम के लिए निवेदन।
महोदय,

आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से मैं संबंधित अधिकारियों का ध्यान नई बस्ती में चल रहे शराब तथा जुआखोरी के अड्डों की ओर दिलाना चाहता हूँ। इन में दिनभर नशेड़ियों तथा जुआरियों के अड्डे जमे रहते हैं। शाम ढलते ही इनमें बहुत भीड़ हो जाती है, जिससे राह चलना भी मुश्किल हो जाता है क्योंकि कई शराबी तथा जुआरी तो फुटपाथ पर ही जम जाते हैं। जब उन्हें वहाँ से हटाने की कोशिश की जाती है तो मरने-मारने पर उतारू हो जाते हैं। स्थानीय पुलिस को बार-बार शिकायत करने पर भी कोई लाभ नहीं हुआ है। इससे क्षेत्र के निवासियों में निरंतर आक्रोश बढ़ रहा है। संबंधित अधिकारी इस घटना चक्र का संज्ञान लेकर इन अड्डों को बंद कराएं तथा इनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही करें अन्यथा क्षेत्र के निवासी आंदोलन करने पर विवश हो जाएंगे।

धन्यवाद,
भवदीय
बलकार सिंह

उदाहरण 3.
सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर लगाने से होने वाली असुविधा पर अपने विचार व्यक्त करते हुए संपादक, दैनिक लोकमत, बठिंडा को पत्र लिखिए।
उत्तर:
313, नंद नगर,
बठिंडा।
1 मई, 20…
सेवा में
संपादक
दैनिक लोकमत
बठिंडा।
विषय-पोस्टरों से असुविधा।
महोदय,

आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से मैं प्रशासन तथा संबंधित अधिकारियों का ध्यान उन संस्थाओं/संस्थानों की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ जो घरों, सार्वजनिक स्थलों, स्कूलों, मार्गदर्शक पटों आदि पर अपने पोस्टर चिपका अथवा लगा देते हैं। इससे जहाँ नगर की सुंदरता बिगड़ती है, वहीं मार्गदर्शक पटों पर लगे पोस्टरों के कारण किसी मार्ग की तलाश करने वाले को मार्ग ही नहीं दिखाई देता। नगर के चौराहों पर लगे बड़े-बड़े पोस्टरों से तो आने-जाने वाले दुर्घटनाग्रस्त भी हो जाते हैं क्योंकि ड्राइव करते समय या पैदल चलते हुए जैसे ही वे पोस्टर देखने लगते हैं कि अन्य वाहन की टक्कर से दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। इसीलिए इन पोस्टर लगाने वालों के लिए पोस्टर लगाने के लिए कोई निर्धारित स्थान निश्चित होना चाहिए तथा ऐसा न करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही होनी चाहिए जिससे नगर स्वच्छ रह सके।

धन्यवाद,
भवदीय
नफे सिंह बराड़

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

उदाहरण 4.
सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए संपादक, जनवाणी, होशियारपुर को पत्र लिखिए।
उत्तर:
नेहा ठकुराल
912/14-महाजन लेन
संगरूर।
दिनांक 22 अगस्त, 20…
सेवा में
संपादक,
जनवाणी
होशियारपुर।
विषय-सड़क दुर्घटनाएँ-समस्या और सुझाव।
महोदय,

आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से मैं दिन प्रतिदिन बढ़ती हुई सड़क दुर्घटनाओं की ओर दिलाना चाहती हूँ तथा इन्हें रोकने के लिए अपनी ओर से कुछ सुझाव भी दे रही हूँ।

आजकल निरंतर बढ़ती हुई सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण बिना वाहन चलाने के वैध लाइसेंस के गाड़ी चलाना, नशे में गाड़ी चलाना, तेजगति से गाड़ी चलाना, ट्रेफिक नियमों की अनदेखी करते हुए वाहन चलाना, ट्रकों आदि में निर्धारित सीमा से अधिक माल भरना, वाहनों की समय-समय पर समुचित सर्विस न कराना आदि हैं। नाबालिग लड़के/लड़कियाँ बिना लाइसेंस के तीन-तीन सवारियों को बैठाकर बाइक/स्कूटी आदि चलाते हैं, इन से भी दुर्घटना घट जाती है।

इन सब समस्याओं से निपटने के लिए परिवहन तथा पुलिस विभाग को मिल-जुलकर काम करना चाहिए। वाहन चालक को लाइसेंस उसके ट्रैफिक नियमों से परिचित तथा वाहन चलाने की परीक्षा लेने के बाद ही दिया जाए। ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों को कठोर दंड दिया जाए। समय-समय पर स्कूल-कॉलेजों-संस्थानों में ट्रैफिक नियमों की जानकारी देने संबंधी कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए। आशा है प्रशासन मेरे इन सुझावों की ओर ध्यान देकर सड़क दुर्घटनाओं को रोकने की पहल करेगा।

धन्यवाद,
भवदीया
नेहा ठकुराल

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 16 Management of Natural Resources

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PSEB 10th Class Science Notes Chapter 16 Management of Natural Resources

→ Our natural resources like forests, wildlife, water, coal, and petroleum need to be used in a sustainable manner.

→ The variety of substances that man gets from earth and nature to meet his basic needs are called natural resources.

→ People’s participation is very important in maintaining the eco-environment.

→ Multicrore project “Ganga Action Plan” to clean and maintain the proper quality of water in the Ganga was launched in 1985.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 16 Management of Natural Resources

→ Air, soil, and water are our natural resources.

→ These natural resources should be used in such a way that both resources do not get polluted and the environment remains conserved and pollution-free.

→ Coal and petroleum are also our natural resources and these need to be used in a sustainable manner for development.

→ There is a number of international laws and regulations to protect our environment.

→ Three R’s are being used to save our environment.

→ These three R’s respectively: Reduce (useless), Recycle (Recycle the wastes), Reuse (use things again and again).

→ ‘Reduce’ means that we should use less avoiding unnecessary wastage.

→ Electricity and water can be saved by repairing leaking taps and by switching off lights and fans.

→ ‘Recycle’ means that materials like glass, plastic, metals, etc. can be used again and again by recycling in place of dumping them along with other waste materials.

→ ‘Reusing is better than recycling because a thing can be used again and again.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 16 Management of Natural Resources

→ Recycling always needs the consumption of some energy.

→ ‘Ganga Action Plan’ was started in 1985 because the quality of water was reduced to a very low level.

→ Coliform is a group of bacteria and is found in the human intestines.

→ The presence of coliform in water indicates contamination by disease-causing microorganisms.

→ River Ganga runs its course of over 2500 km from Gangotri in the Himalayas to Ganga Sagar in the Bay of Bengal.

→ River Ganga has been turned into a drain by the people living in towns and cities in various states.

→ People wash their clothes at its banks. They pour their garbage and excreta into it. They wash their clothes, take bath, immerse ashes and unburnt corpses in its water.

→ We get energy from the Sun being processed by living organisms and various physical and chemical processes on the earth.

→ The management of natural resources needs a long-termed perspective.

→ Mining also becomes a huge cause of pollution because a large amount of slag is produced due to it.

→ The forests are called “biodiversity hot spots.

→ In any area, one measure of biodiversity is the number of species found there.

→ Forests are the favourite sites for fishing and hunting.

→ We can reduce pressure on the environment by applying the maximum of three R’s (Reduce, Reuse, and Recycle) in our lives.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 16 Management of Natural Resources

→ People gather fruits, nuts, and medicines from the forests and they also allow their cattle to graze in the forests. They collect fodder from the forests for their cattle.

→ We get timber, paper, lac, and sports equipment from the forests.

→ Water is a basic necessity for all terrestrial forms of life.

→ Water supports our life system. All chemical reactions of our body take place in the presence of water. It controls the temperature of our bodies. It helps in excretion.

→ Water regulates the atmosphere of our earth. It helps in operating various machines and generating electricity. Water is very necessary for agriculture and industry.

→ Water present in all seas supports aquatic life.

→ Rains in our country are largely due to monsoons.

→ The vegetation cover of our country gets affected because of failure to sustain underground water.

→ In our country, irrigation methods are – dams, tanks, and canals.

→ Large dams and canals were first conceived and implemented by the British in our country.

→ Kulhs were used in Himachal Pradesh for irrigation. This system was evolved about four hundred years ago.

→ Large dams can ensure the storage of adequate water for irrigation and generating electricity.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 16 Management of Natural Resources

→ Dams are the obstructions or walls established on the path of river water to collect water in artificial lakes to use for the generation of electricity and irrigation.

→ Check dams are temporary mud walls or permanent walls created to collect water in artificial lakes to recharge underground water.

→ Underground water is important for irrigation and drinking purposes.

→ Building big dams create a lot of problems related to biodiversity, forest area, and displacement of population.

→ In watershed management, soil and water conservation are preferred to increase the vegetation.

→ Fossil fuels like coal and petroleum should be used very carefully because the stocks of these remain very limited under the soil. Also, these cause pollution on burning.

→ Natural Resources: The useful naturally occurring stocks of different substances are termed natural resources.

→ Exhaustible Resources: The resources being destroyed by human activities are called exhaustible resources.
Example: soil, minerals, etc.

→ Inexhaustible Resources: The resources which cannot be exhausted by human activities are called inexhaustible resources.

→ Renewable Resources: The sources of energy which can be replenished are termed renewable resources, e.g. wood, water.

→ Non-renewable Resources: The sources of energy which cannot be replenished and get destroyed after their use are termed as non-renewable resources, e.g. Petroleum, Natural gas, Coal, etc.

→ Underground water: Water is present under the surface of the soil.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 16 Management of Natural Resources

→ Pollution. The presence of unwanted, unnecessary, and undesirable changes in biological, physical, and chemical characteristics of the environment is termed pollution. Mainly pollution is of three types – soil pollution, air pollution, water pollution.

→ Recycle: Using products made of plastic, paper, glass, metal, etc. in making new products instead of new material is called recycling.

→ Reuse: It is a simple strategy to use things again and again instead of throwing them away.

→ Water Harvesting: It is a process of capturing used or rainwater in a nearby area to utilize it for our use again and increase the level of underground water.

→ Deforestation: Cutting trees on large scale is called deforestation.

→ Dams: These are the obstructions on the paths of river water to store large amounts of water to be used to generate hydroelectric power and for irrigation purposes.

→ Afforestation: Planting of trees on large scale over a large area.

→ Environmental problem: The problems created by man on the environment by his actions.

→ Biodiversity: Different types of living beings exist in this world. A very large variety of plants and animals are parts of it. Out of these, some are of economic importance. Their structures and usefulness vary. The existence of a wide variety of species living in a particular natural habitat or community is termed biodiversity.

→ Conservation: It is a process to prevent our environment from degradation and to work for its betterment by improving the conditions to stop further deterioration.

→ Ganga Action Plan: A multicrore project proposed by Govt, of India in 1985 to clean river Ganga of its pollutants.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 16 Management of Natural Resources

→ Coliform Bacteria: A coliform is a group of gram-negative bacteria that causes many diseases in the human intestines. Its presence in water indicates contamination of disease-causing micro-organisms.

→ 3-R: Reduce, Recycle, Reuse.

→ Wildlife: All types of naturally occurring plants and animals and their species found in nature are termed wildlife. It is neither cultivated nor tamed/domesticated.

→ Ecological Conservation: ‘Ecological Conservation’ is a term used to conserve, nature and natural resources to maintain ecological balance.

→ Water Resources: The resources like rivers, canals, oceans, rains, etc. are called water resources which provide water for our use.

→ Watershed Management: It is the scientific conservation of soil and water to get better and increase biomass production.

→ Water Harvesting: Water harvesting is to capture and save rainwater to make use of it for better purposes.

→ National Park: A very large specified area reserved and dedicated by the government to conserve natural resources, forests, wildlife where human activities are completely banned is called National Park.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 15 Our Environment

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PSEB 10th Class Science Notes Chapter 15 Our Environment

→ A biotic community survives in an environment entirely by materials and energy provided by its environment.

→ The environment is the sum total of all external conditions and influences that affect the life and development of an organism, i.e., the environment includes all the physical or abiotic and biological or biotic factors.

→ The ecosystem is defined as the interaction between the physical environment and the biotic community.

→ An ecosystem is a unit of the environment that can be identified and studied. The term ‘Ecosystem’ was coined by Sir Arthur Tansley (1935).

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 15 Our Environment

→ The various components of an ecosystem are interdependent.

→ An ecosystem can be natural or artificial, small or large, and temporary or stable. An ecosystem has a defined organization having two structural components i. e. biotic and abiotic.

→ The ecosystem may vary in sizes such as a small pond or a large forest or ocean.

→ Two major categories of ecosystems are terrestrial and aquatic ecosystems.

→ Its functional components include the volume and rate at which materials circulate and energy flow as well as the process of interaction between biotic and abiotic components.

→ The biotic components of any natural ecosystem comprise

  • producers
  • consumers (primary and secondary)
  • decomposers.

→ Both materials and energy enter the living world through the producers.

→ There is always a unidirectional flow of energy in a food chain.

→ We have an impact on our environment.

→ Different materials are cycled in the environment in separate biogeochemical cycles.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 15 Our Environment

→ In these cycles, essential nutrients change from one form to another.

→ Enzymes are always specific in their action.

→ Plastic can neither be decayed by micro-organisms nor by other dead organisms.

→ Those substances which can be decayed by micro-organisms are called biodegradable substances. And those which cannot be decayed are known as non-biodegradable substances.

→ The organisms like plants, animals, micro-organisms, human beings, and their physical surroundings interact with each other. They maintain a balance in nature.

→ Forest, ponds, and waterfalls are examples of natural ecosystems whereas gardens and fields are man-made artificial ecosystem.

→ All green plants and blue-green algae are called producers because they trap sunlight and prepare their own food.

→ All organisms directly or indirectly are dependent on producers for their survival.

→ Those organisms which are dependent on producers for food are called consumers.

→ Consumers mainly are of three types: herbivores, carnivores, or omnivores.

→ Various organisms are linked together for their food requirements and form a food chain.

→ Each step of a food chain forms a trophic level.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 15 Our Environment

→ Autotrophs trap solar energy and transform it into chemical energy.

→ The green plants in the terrestrial ecosystems capture about 1% of the energy of sunlight and convert it into food energy.

→ Primary consumers change almost 10% of consumed food into organic matter.

→ A food chain basically consists of three or four levels.

→ The length and compressibility of food chains vary greatly.

→ Instead of a straight-line food chain, a branched relationship is developed. This branched-chain forms a web called a food web.

→ Many chemicals mix with soil and enter water bodies and become part of the food chain.

→ Non-biodegradable substances accumulate in our body which is called Bio-magnification.

→ The ozone layer protects us from ultraviolet rays coming from the sun towards the earth.

→ At higher levels of the atmosphere ozone (O3) is a product of UV radiation acting on oxygen (O2) molecules.

→ Chemicals like chlorofluorocarbons (CFCs) are responsible for the depletion of the ozone layer.

→ Improvements in our lifestyle have resulted in a greater amount of garbage.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 15 Our Environment

→ Acid rain is the result of air pollution.

→ Global warming is due to the slow rise in the earth’s temperature due to an increase of CO2 concentration in the atmosphere.

→ Global warming can be stopped by cutting down the use of fossil fuels.

→ Wastes are of two types i.e. biodegradable and non-biodegradable waste.

→ WHO (World Health Organisation) has defined solid waste as “a matter in the wrong place i.e., a non-liquid, no-gaseous substance no longer useful to the holder.”

→ Solid Waste is a by-product of human development and growth.

→ Approximately every resident of urban India generates about 500 g of solid waste.

Its generation is directly proportional to sources of income. Higher the income – greater is the consumption and bigger is the waste.

→ Solid waste is a heterogeneous mixture and may have different types of components.

→ Collection, treatment, and disposal of waste are important aspects requiring urgent consideration.

→ Modes of disposal of wastes are:

  • Landfills: It is the method used in urban areas to bury the solid waste in low-lying areas to level the uneven ground.
  • Recycling: It is the method of recovery and processing of biodegradable wastes or materials after they have been used, which enables them to be reused.
  • Composting: In this method, domestic waste like fruit and vegetable waste, left-over food, leaves of potted plants, etc., can be converted into compost and used as manure.
  • Incineration: It means ‘reduction to ashes’. The burning of a substance at a high temperature to form ash is called incineration. It is used to destroy household waste, chemical waste, and biological waste. Incineration is carried out in an incinerator.

→ Ecosystem: The interchange of energy and matter between biotic and abiotic components is called an ecosystem.

→ Biome: When ecosystems combine, a larger system is formed which is called a Biome.

→ Biosphere: When all the biomes of the world combine together resulting in a large unit it is termed as the biosphere. It is considered to be the largest biological system.

→ Hydrosphere: The part of Earth covered with water is called the hydrosphere.

→ Lithosphere: The outer crust of our planet Earth is called the lithosphere.

→ Atmosphere: The multi-layered gaseous envelope of air that covers the whole of our planet Earth like a blanket is termed as atmosphere.

→ Consumer: Those organisms which cannot produce their own food and consume already formed food are called consumers.

→ Nutrition: Nutrition is the process of providing or receiving nourishing substances with the help of the food chain.

→ Food chain: A chain formed by producers, consumers, and decomposers is called a food chain. It is a series of organisms feeding on one another at various biotic levels.

→ Food web: The network of overlapping food chains is called the food web.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 15 Our Environment

→ Biogeochemical cycle: A constant interaction between the biotic and abiotic components of the biosphere makes it a dynamic but stable system. These interactions consist of a transfer of matter and energy between the different components of the biosphere.

→ Macronutrients: The nutrients which are required in large amounts by the body are called macronutrients, e.g. H, N, C, O, P.

→ Micronutrients: The nutrients which are required in small amounts by the body are called micronutrients, e.g. Mn, Zn, Cu, etc.

→ Water cycle: The whole process in which water evaporates and falls on the land as rain and water flow back into the sea via rivers is known as the water cycle.

→ Primary Consumers: Those organisms which eat plants or their products are known as herbivores or primary consumers.

→ Secondary consumers: Those organisms which eat the flesh of other animals are known as carnivores or secondary consumers.

→ Flora: The population of plants and trees in a region.

→ Fauna: The animal population of a region.

→ Community: Group of plants and animals living together e.g. plants and animals living in a pond.

→ Bio-magnification: Accumulation of non-biodegradable substances in large amounts in our body is called bio-magnification.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 15 Our Environment

→ Biodegradable substances: Those substances which are broken down into simple substances by the decomposers in the life cycle are called biodegradable substances.

→ Non-biodegradable substances: Those substances which cannot be decayed by decomposers are called non-biodegradable substances.

→ Environment: Living organisms and their surroundings constitute the environment.

→ Ecology: It is a branch of science which deals with the relationship between living organisms and their environment on the basis of living and non-living components.

→ Components of Ecosystem: Physical, chemical, and living parts that form the ecosystem are called the components of the ecosystem.

→ Biogeochemical cycle: The constant interaction between biotic and abiotic components of the biosphere makes it a dynamic but stable system. These interactions consist of a transfer of matter and energy between different components of the biosphere.

→ Biological Magnification: The successive increase in the concentration of some toxic substances through different trophic levels of a food chain is called biological magnification.

→ Producer: Those plants and animals which convert solar energy into chemical energy and prepare their own food are called producers.

→ Decomposer: Those organisms which break down complex organic compounds from the surface of their bodies and convert them into simple inorganic substances with the help of enzymes are called decomposers.

→ Herbivores: Organisms that consume only plants and their products as food is called Herbivores.

→ Carnivores: Organisms which eat the flesh of other animals for survival are called carnivores.

→ Omnivores: Organisms that eat plants, animals, and their products are called omnivores.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 15 Our Environment

→ Food Web: Branched food chain is called a food web.

→ Ozone layer: The layer of ozone in the stratosphere is called as ozone layer.

→ Garbage: The waste accumulated by common domestic and agricultural activities is known as garbage.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 Gravitation

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 Gravitation Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 Gravitation

Long Answer Type Questions:

Question 1.
Define Newton’s universal law of gravitation and establish mathematical formula for force of attraction between two objects.
Answer:
Newton’s universal law of gravitation-Every particle in this universe attracts each and every particle, the force of attraction is:
1. directly proportional to the product of both the masses.
2. Inversely proportional of the square of the distance between the two. This force always acts along the line joining the two masses.
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 Gravitation 1
Derivation of Mathematical Formula: From the fig. Jet there are two balls A and B having masses m1 and m2 distance between them is ‘r’.
According to Newton’s third law of motion ball A exerts a force FAB on the ball B and ball B exerts a force FBA on the ball A. These forces are equal and opposite
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 Gravitation 2
where G is universal gravitational constant. This is named so since its numerical value remains constant in whole of the universe and the formula is known as Newton’s universal law’ of gravitation.
Value of G
G = 6.67 × 10-11 Nm2/kg2

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 Gravitation

Question 2.
Write Kepler’s law in context with the motion of planets.
Answer:
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 Gravitation 3
By the 16th centuary, a lot of data on the motion of planets had been collected by many astronomers. Johannes Kepler derived three law s based on these data. These are known as Kepler’s laws. These are:
1. Law of orbits (First laws): The orbit of a planet is an ellipse and the sun is at one of the foci, as shown in fig. In this fig. Sun is shown at O.

2. Law of area (Second laws): The line joining the planet and sun sweep equal areas in equal interv als of time. Thus, time taken for the motion from A to B is same as for the motion from C to D and area OAB and OCD are equal.

3. Law of time period (Third law): The cube of mean distance of a planet from the sun is directly proportional to square of its orbital time period
T2 ∝ r3
But Kepler could not give a theory which explained the motion of planets.
Newton showed that due to motion of planets sun exerts force of gravtation on them.
i.e. T2/r3 = constant.

Question 3.
How did Robert Boyle proved experimentally that all bodies fall in vacuum with same acceleration?
Or
How did Robert Boyle show experimentally that a coin and a piece of paper when dropped simultaneously from same height in vacuum fall with same acceleration?
Answer:
Boyle’s Experiment: As shown in fig. Robert Boyle took a long glass tube. A heavy coin and a piece of paper were placed inside the tube. The ends of the tube were closed. Air from the tube was removed with the help of a vacuum pump.
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 Gravitation 4
When the tube was quickly inverted it was seen that coin and a piece of paper hit the bottom of the tube at the same time. Now the experiment was repeated with air inside the glass tube. This time it was observed that a piece of paper falls slowly whereas the coin immediately hit the bottom of glass tube. This experiment proves that in vacuum all bodies irrespective of their masses (both light and heavy) fall towards earth with same acceleration

Question 4.
(a) Prove that acceleration due to gravity is independent of mass.
(b) Find the value of ‘g’.
Answer:
(a) Consider a body of mass ‘m’ lying on the surface of earth. Suppose M and R are respectively mass and radius of earth.
Let F be the force of gravity acting on the body
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 Gravitation 5
This acceleration is called acceleration due to gravity
∴ g = \(\frac{G M}{R^{2}}\)
This equation is free from mass ‘m’. This shows that due to force of gravity the acceleration produced in an object is independent of its mass.

(b) To find the value of ‘g’
G = 6.67 × 10 “n Nm2/kg2
R = 6400 km
= 6400 × 1000 m
= 64 × 105 m
= 6.4 × 106 m
Mass of the earth(M) = 6 × 1024 kg
But g = \(\frac{G M}{R^{2}}\)
= \(\frac{6.67 \times 10^{-11} \times 6 \times 10^{24}}{\left(6.4 \times 10^{6}\right)^{2}}\)
or g = 9.8 ms-2

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 Gravitation

Question 5.
Describe those factors which are responsible for variation in the value of acceleration due to gravity ‘g’?
Answer:
Variation in the value of acceleration due to following factors:
Variation in g with altitude-Value of ‘g’ is maximum on the surface of earth. As we move in the upward direction (higher altitudes) value of ‘g’ goes on decreasing. We can calculate value of ‘g at altitude using mathematical formula. If
ge = acceleration due to gravity on the surface of earth
gh = acceleration due to gravity at height h
R = radius of earth
we know gh = ge\(\left[\frac{\mathrm{R}^{2}}{(\mathrm{R}+h)^{2}}\right]\)
If we know value of h, we can calculate gh.
Special case-If ‘h’ is half the value of radius of earth i.e. h = \(\frac {R}{2}\) then
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 Gravitation 6
Another interesting fact that value of ‘g’ is zero at the centre of earth.

2. Variation in g due to shape of earth-
Earth is not exactly spherical. It is somewhat egg-shaped. Its radius at poles is less than that at equator as shown in fig.
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 Gravitation 7
As shown in fig. radius of earth at equator is 6378 km and radius of earth at poles is 6357 km. Thus, value of g at poles is gp = 9.831 m s-2 (maximum) and minimum value at equator is ge = 9.782 m s-2. We use average value of g calculated from ge, and gp.

3. Effect of depth: If we go deep under the earth e.g. in caves or in mines, value of ‘g’ i’ decreased. Value of g goes on decreasing, if depth goes on increasing. At the centre of earth, value of g is zero.
\(\frac{\mathrm{W}_{d}}{\mathrm{~W}_{e}}=\frac{g_{d}}{g_{e}}=\left[1-\frac{d}{\mathrm{R}}\right]\)

Question 6.
Establish the relation between ‘g’ and ‘G’.
Or
Deduce an expression for it in terms of mass of the earth ‘M’ and universal gravitational constant ‘G’.
Or
Show that the acceleration due to gravity of an object is independent of its mass.
Answer:
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 Gravitation 8
Relation between ‘g’ and ‘G’. Suppose the earth is a sphere of mass M and radius R, Consider a body of mass m lying at a distance ‘r’ from the centre of the earth. According to Newton’s law of gravitation, the force of attraction between the earth and the body,
F = \(\frac{\mathrm{GM} m}{r^{2}}\) ……………… (i)
Tills force of gravity produces an acceleration ‘g’, is the body of mass m.
Hence, from Newton’s second law,
F = Mass × Acceleration
F = m × g ……………..(ii)
From equations (i) and (ii) we get
mg = \(\frac{\mathrm{GM} m}{r^{2}}\)
or g = \(\frac{\mathrm{GM}}{r^{2}}\) ………..(iii)
This equation gives relation between acceleration due to gravity ‘g’ at points far away from the earth and gravitational constant ‘G’.
Since (3) does not involve’m’ it is therefore eviden t that ‘g’ does not depend upon the mass of the body.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 Gravitation

Question 7.
What is Archimedes principle? How can you verify it experimentally? Also write applications of Archimedes principle.
Answer:
Archimedes Principle: According to this principle when a solid body is immersed either completely or partially in a liquid, it experiences an upward thrust which is equal to the weight of the liquid displaced by the immersed part of the body.”

Experimental Verification: Take a stone piece and tie it to the hook of a spring balance. Hold the spring balance in your hand or support it from the stand so as to suspend the stone piece as shown in fig.
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 Gravitation 9
Note, the reading on the spring balance to know the weight of the stone. Now pour some water a beaker with and slowly immerse the stone in the water while remaining tied with the hook of spring balance as shown in fig. (b). You will see that spring balance shows a decreased reading i.e. weight of stone is decreased after it is immersed in the water.

Subtract the two readings to know the decrease in the weight of stone. As soon as the stone is immersed in the water it displaces water equal to its own volume. Collect this water in other beaker and measure its weight. You will find that this weight of water is equal to the decrease of weight of the stone. Thus Archimedes principle is proved.

Applications of Archimedes’ Principle:

  1. Archimedes principle is used in designing ships and submarines.
  2. Lactometers are constructed on Archimedes’ Principle which are used to measure puritv of a sample of milk.
  3. Hydrometers used to measure density of liquid are also based on Archimedes principle.

Short Answer Type Questions:

Question 1.
Which one is greater-the gravitational force of the earth on 1 kg iron or the force of gravitation applied by 1 kg on earth?
Answer:
According to Newton’s law of Gravitation there exists of mutual force of attraction between two objects. Since the mass of iron is less than the mass of the earth, therefore earth attracts 1 kg mass towards it with a greater force which is noticeable.

Question 2.
Why is G called universal gravitational constant?
Answer:
G is called universal gravitational constant because its numerical value is same in the whole universe. This value is G = 6.67 x 10-11 Nm2/kg2.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 Gravitation

Question 3.
Is the value of ‘g’ at a given place same for different bodies or it is variable?
Answer:
From the relation between the acceleration due to gravity ‘g’ and universal gravitational constant G, we know g = \(\frac{\mathrm{GM}}{\mathrm{R}^{2}}\)
From this equation it is evident that the value of ‘g’ does not depend upon the mass of the body. Thus we reach a conclusion that at a given place the value of g is same for different bodies.

Question 4.
Why does a body becomes weightless at the centre of earth?
Answer:
We know value of g goes on decreasing as we continue moving deep into the earth and value of acceleration due to gravity (g) = 0 at the centre of earth. Thus, a body whose mass is m,
Weight of body = m × 0 = 0
Therefore, body becomes weightless.

Question 5.
A tennis ball jumps higher at hills than at planes. Explain.
Answer:
Value of g decreases with altitude, thus gravitational force acting on ball at hills is less as a result ball jumps higher at hills than at planes.

Question 6.
The weight of an object on the surface of earth is 9.8 N. What does this statement mean?
Answer:
We know that value of ‘g’ on the surface of earth is 9.8 m/s2 and the relation for weight of an object is:
w = m × g
9.8 = m × 9.8
or m = \(\frac {9.8}{9.8}\)
∴ m = 1 kg
The given statement therefore means the mass of the object on earth is 1 kg.

Question 7.
What type of motion a freely falling body execute under gravity?
Answer:
A body falling freely under gravity executes uniform accelerated motion. If bodies with different masses and different shapes are allowed to fall freely in vacuum, they all will have same acceleration due to gravity.

Question 8.
Give points of difference between Acceleration due to gravity (g) and Universal gravitational constant'(G).
Answer:
Difference between g and G:

Acceleration due to gravity (g) Gravitational constant (G)
1. It represents acceleration acquired by the body due to gravity. It represents force of attraction between two masses of 1 kg each lying 1 m apart.
2. Its value is different at different places on earth surface. Its value is constant at all places. Thus, it is called universal constant.
3. Its value at the surface of earth is 9.8 m/s2. Its value is 9.67 × 10-11 Nm2kg-2.
4. It is a vector quantity. It is a scalar quantity.

Question 9.
You buy W weight of sugar at a place situated on equitorial line and then take it to Antarctica. Will that sugar weigh same there? If not whether it would be more or less.
Answer:
The value of ‘g’ at Antarctica is not same as on equator. The value of ‘g’ increases on Antarctica therefore, sugar bought at any place on equitorial line when taken to Antarctica would have more weight but its mass will remain the same because mass is a constant quantity.

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Question 10.
Why cannot we move a finger without disturbing all the stars?
Answer:
When we move our finger, then distance between finger and all other things in the universe change and as a result force of gravitation also changes. Thus, all the things get disturbed, although this disturbance is negligible.

Question 11.
Distinguish between Gravitation and Gravity.
Answer:

  • Gravitation: Gravitation is the force of attraction between any two bodies in the universe. The attraction between the sun and the earth, the attraction between a table and a chair are examples of gravitation.
  • Gravity: Gravity is a special case of gravitation when one of the two bodies is the earth. Gravity is the attraction between the earth and any object lying on or near its surface. A ball thrown upward falls back on the surface of the earth due to earth’s force of gravity.

Question 12.
Explain why a small piece of stone is not attracted towards another big place of stone on the earth’s surface?
Answer:
Because of very small value of G, the force of attraction between any two such ordinary sized bodies is so small that it cannot produce motion in them.

Question 13.
The earth attracts an apple. Does the apple also attract with earth? If it does, why does the earth not move towards the apple?
Answer:
The apple also attracts the earth with an equal and opposite force. The mass of the earth is very large compared to that of apple. So, the acceleration produced in earth is very small as compared to that in the apple. Hence, the motion of the earth towards the apple is not appreciable and therefore, is not noticeable.

Question 14.
If the force of gravity somehow vanishes today, why would we be sent being in space?
Answer:
In the absence of force of gravity, the centripetal force required to keep us rotating along the earth would not be available. As a result would fly off along the tangent to with into the space.

Question 15.
What is meant by density and relative density?
Answer:
Density of a substance is defined as the mass of a substance contained in a unit volume.
Density = \(\frac{\text { Mass }}{\text { Volume }}\)
Its SI unit is kg m-3.

Relative density or specific gravity is the ratio of density of substance to the density of same volume of water
R.D or S.G = \(\frac{\text { Density of substance }}{\text { Density of water }}\)

Density of water is 1,000 kg m-3 in SI.
According to Archimedes’ principle, when a body is immersed in water, the loss of weight in water is equal to the weight of an equal volume of water, i.e., weight of water displaced. Hence R.D. can be written as
R.D = \(\frac{\text { Weight of substance }}{\text { Loss of weight of body in water }}\)

Question 16.
What do you mean by buoyancy and centre of buoyancy? In which direction does the buoyant force on an object immersed in a liquid act?
Answer:
Buoyancy: When a body is immersed partially or wholly in a fluid (liquid or gas), it displaces fluid. The displaced fluid exerts an upward force on the body.

The upward force acting on a body imnu rsed in a fluid is called upthrust or force of buoyancy and the phenomenon is called buoyancy. The buoyancy acts through the centre of gravity of the displaced fluid which is called centre of buoyancy.

Question 17.
State Archimedes’ principle.
Answer:
Archimedes’ Principle. When a solid body is immersed completely or partially in a fluid, it experiences an upward thrust which is equal to the weight of the fluid displaced by the immersed part of the body.

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Question 18.
Name two forces which act on a body immersed in a liquid. Give the directions in which they act.
Answer:
Two forces which act on a body immersed in a liquid are:

  • Weight of the body acting downward.
  • An upthrust due to displaced liquid.

Question 19.
How is submarine able to move on water surface as well as go under water?
Answer:
To move submarine under water, water is pumped in its special tanks. This causes a net increase in weight and thus submarine goes down in water.

To bring the submarine upon the surface of sea, the water from the tanks is thrown out by pumps. When water from the tanks of submarine is taken out, the net weight of the submarine decreases without any change in its volume and it comes up on the surface of water.

Question 20.
Give reason when Big buildings and dams have wide foundations for safety.
Answer:
Dams and big buildings have wide foundations for safety, because they may not collapse under high pressure of the building.

Question 21.
A steel needle sinks in water but a steel ship floats. Explain how?
Answer:
A steel needle sinks in water because it displaces less weight of water which provides less buoyant force than the actual weight of the needle. On the other hand, steel ship floats because it displaces a large weight of water which provides a greater buoyant force to keep it a float.

Question 22.
Give reasons for the following :
(a) A sharp blade is more effective in cutting an object than a blunt blade.
(b) A cork piece floats but an iron piece sinks in water.
Answer:
(a) We know Pressure = \(\frac{\text { Thrust }}{\text { Area }}\). For the given thrust, pressure ∝ \(\frac{\text { 1 }}{\text { Area }}\). Thus the effect of the same magnitude of force is more when the area of surface in contact is less. Hence a sharp blade is more effective in cutting an object than a blunt blade.
(b) The density of the cork piece is less than the density of water, and the. density of the iron piece is more than the density of water. Hence, the cork piece floats but the iron piece sinks in water.

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Question 23.
Explain the following:
(a) Swimmers are provided with an inflated rubber jacket.
(b) It is easier of swim in sea water than in river water.
Answer:
(a) Swimmers are provided with an inflated rubber jacket to increase the volume such that density is decreased, which is helpful for swimming.
(b) It is easier to swim in sea water than in river water because density of sea water is more than water of the needle sinks in a river while a ship float on it.

Question 24.
Why is the pressure on ground more when a man is walking than when he is standing?
Answer:
When the man stands he exerts a force on the ground equal to his own weight. But when he walks, he pushes the ground backward and exerts an additional force on the ground. That is why pressure on the ground is more when a man is walking than when he is standing.

Question 25.
Why a bucket of water is lighter when in water than when it is taken out of water?
Answer:
Inside water, the bucket experiences upthrust exerted by displaced water, so its apparent weight becomes less than the actual weight. When bucket is taken out of water, upthrust on the bucket disappears and it feels heavier.

Question 26.
If a fresh egg is put into a beaker filled with water, it sinks. On dissolving a lot of salt in the water, the egg begins to rise and floats. Why?
Answer:
The average density of a fresh egg is more than that of pure water but less than that water in which salt is dissolved. So a fresh egg sinks in pure water while it floats in salty water.

Important Formulae:

  1. F = G\(\frac{\mathrm{M} m}{\mathrm{R}^{2}}\)
  2. F = mg
  3. g = G\(\frac{\mathrm{M}}{\mathrm{R}^{2}}\)
  4. υ = u +gt
  5. υ2 = u2 + 2gh
  6. h = ut + \(\frac {1}{2}\)gt2
  7. gm = \(\frac {1}{6}\)ge
    (gm = Acceleration due to gravity on moon , ge = Acceleration due to gravity on earth)

Necessary Data-
Earth
Mass = 6 × 1024 Kg
Radius = 6.4 × 106 m (6400 Km)
Distance from Sun = 1.5 × 1011 m
Moon
Mass = 7.3 × 1022 Kg

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Numerical Problems (Solved):

Question 1.
Two spheres of 1 kg mass each are separated by 3 m. Calculate the gravitational force between then. Given G = 6.67 × 10-11 Nm2/kg2.
Solution:
Here m1= m2 = 1 kg
Distance between two spheres, (r) = 3 m
Gravitational constant (G) = 6.67 × 10-11 Nm2/kg2
We know
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Question 2.
The radius of moon is 1.7 × 106 m and its mass is 7.35 × 1022 kg. What is the acceleration due to gravity on the surface of moon? Given G = 6.67 × 10-11 Nm2/kg2
Solution:
Radius of moon, (R) = 1.7 × 106 m
Mass of moon, (M) = 7.35 × 1022 kg
Gravitational constant, (G) = 6.67 × 10-11 Nm2/kg2 (Given)
We know, Acceleration due to gravity on moon
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PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 Gravitation

Question 3.
Find the change in weight percentage of a body when it is taken from equator to poles. Polar radius is 6357km and equitorial radius is 6378km.
Solution:
Polar radius, (r) = 6357 km
Equitorial radius (R) = 6378 km
∴ h = R – r
⇒ h = (6378 – 6357)km
h = 21km
R = 6400 km(Approx)
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Question 4.
At what height above the earth surface, the acceleration due to gravity will be half that on the surface of earth? Suppose R is the radius of earth.
Solution:
Let h be the height above earth surface where
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Question 5.
A ball is dropped from top of 40 m high tower. What will be its velocity after covering a distance of 20 m ? What will be its velocity on striking the earth?
Answer:
1. Here, height of the tower, (h) = 40 m
Initial velocity, (u) = 0
Acceleration due to gravity, (g) = 10m/s2
Distance covered (S) = 20m
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i.e. Velocity of ball when it strikes the earth. = 20 m/s

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 Gravitation

Question 6.
If weight of an object is 49 N then what will be its mass?
Solution:
Weight of the object W = 49 N
g = 9.8 m s-2
We know, weight = Mass × acceleration due to gravity
W = m × g
49 = m × 9.8
or m = \(\frac {49}{9.8}\)
∴ m = 5 kg

Question 7.
Ah object is projected vertically upward with a velocity of 50 m/s. After what time the object will attain the maximum height.
Solution:
Initial velocity of the object (u) = 50 m/s [upward direction]
Acceleration due to gravity, (g) = – 10 ms-2 [object comes to rest]
Velocity of the object at maximum height,
(υ) = 0
Time taken (t) =?
We know, υ = u + gt
0 = 50 + (-10) × t
0 = 50 – 10t
or 10t = 50
∴ t = \(\frac {50}{10}\) = 5s
So the object will attain its maximum height after 5 seconds.

Question 8.
A stone is dropped from the edge of a rooftop. If it crosses 2 m high window in 0.1 second then what is the distance between the upper end of window and the roof?
Solution:
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 Gravitation 16
Distance covered in crossing the window
(S) = 2 m
g = 9.8 ms-2
t = 0.1 s
Let υ be the velocity of the stone when it reaches the upper edge A of the window.
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Question 9.
A helicopter drops food packet for people caught in stationary boat. This is moving at a height of 20 m with a horizontal velocity of 2 m/s. When food packet is dropped the nearest end of the boat is just below the helicopter. If boat is 5 m long shall people caught in the boat receive the dropped food packets?
Solution:
h = 20 m, u = 2 m/s g = 10ms-2
Vertical Range (R) = \(\frac{2 \sqrt{2 h}}{g}\)
= \(\frac{2 \sqrt{2 \times 20}}{10}\)
= 2\( \sqrt{{4}} \)
= 2 × 2 = 4 m
But lenght of boat, = 5m
So people caught in the boat will receive food packets.

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Question 10.
An object of volume V is immersed in a liquid of density ρ. Calculate the magnitude of buoyant force acting on the object due to the liquid.
Solution:
By Archimedes’ principle, the magnitude of buoyant force,
U.F. = Weight of liquid displaced = Volume × Density × g or
or U.F. = Vρg

Question 11.
The pressure exerted by the weight of a cubical block of side 4 cm on the surface is 10 pascal. Calculate the weight of the block.
Solution:
Here pressure exerted, P = 10 pascal = 10 Nm-2,
Area, A = 4 cm × 4 cm
= 16 × 10-4 m2
As P = \(\frac {F}{A}\)
= \(\frac {W}{A}\)
W = P × A
= 10 Nm-2 × 16 × 10-4m2
= 1.6 × 10-2 N

Question 12.
The volume of a 500 g sealed packet is 350 cm3. Will the packet float or sink in water if the density of water is 1 g cm-3? What will be the piass of the water displaced by this packet?
Solution:
Mass of packet = 500 g
Volume of packet = 350 cm3.
Density of packet = \(\frac{\text { Mass }}{\text { Volume }}\)
= \(\frac{500 \mathrm{~g}}{350 \mathrm{~cm}^{3}}\)
= 1.43 g cm-3
Since its density (1.43 g cm-3) is more than that of water (1 g cm-3) thus, the sealed packet will sink in water
Volume of water displaced = Volume of packet
= 350 cm3
Mass of water displaced = Volume × Density
= 350 cm3 × 1gcm-3
= 350 g

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Question 13.
A block of wood is kept on the table top. The mass of wooden block is 5 kg and its dimensions are 40 cm × 20 cm × 10 cm. Find the pressure exerted by the wooden block on the table top if it is made to lie on the table top with its sides of dimensions (a) 20 cm × 10 cm and (b) 40 cm × 20 cm.
Solution:
Here, M = 5kg and g = 9.9 ms-2
Weight = force exerted on table top
= mg
= 5 × 9.8
= 49 N
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 Gravitation 18

Question 14.
A solid body floating in water has \(\frac {1}{6}\)th of its volume above the surface.
What fraction of its volume will project upwards if it floats in a liquid of density 1,020 km m-3?
Solution:
Let V be the volume of the body
Volume inside water = V – \(\frac {V}{6}\)
= (1 – \(\frac {1}{6}\))V
= \(\frac {5}{6}\)V
Upward thrust in water = \(\frac {5}{6}\) × 1,000 × g N ……………..(i)
where density of water is 1,000 kg m-3
Let υ be the volume of the body outside the liquid of density, 1,020 kg m-3.
∴ Volume inside the liquid = (V – υ)
Upward thrust in liquid = (V – υ) × 1,020 × g N ……….(ii)
Upward thrust in two cases must be the same and must be equal to the weight of the body.
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 Gravitation 19

Very Short Answer Type Questions:

Question 1.
What is g on the moon as compared to that on earth?
Answer:
Nearly \(\frac {1}{6}\)th of its value on earth.

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Question 2.
What is unit of G?
Answer:
It is Nm2 kg-2.

Question 3.
What is the mass of the earth?
Answer:
It is about 6 × 1024 kg.

Question 4.
What is essential property of matter-mass or weight?
Answer:
Mass is the basic and essential property. It is constant everywhere. Weight of a body varies from place to place.

Question 5.
What is SI unit of weight of a body?
Answer:
It is newton (N).

Question 6.
The earth’s gravitational force causes an acceleration of 5 m s-2 on a 1 kg mass somewhere in the space. How much will be the acceleration of a 3 kg mass at that place?
Answer:
Same i.e., 5ms-2 since g at a place is independent of mass of the body.

Question 7.
Why one can jump higher on the surface of moon than on the earth?
Answer:
The g at moon surface is nearly 1/6th of that at the surface of earth. Hence one can jump six times higher on the moon with a given initial velocity.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 Gravitation

Question 8.
Give the value of universal gravitational constant in S.I. units.
Answer:
(G) = 6.67 × 10-11 Nm2/kg2
The value of gravitational constant.

Question 9.
The value of ‘G’ on the surface of earth is 6.67 × 10-11 Nm2/kg2. What is its value on the surface of moon?
Answer:
Since G is universal constant so its value on moon surface will be same as on the earth surface i.e. G = 6.67 × 10-11 Nm2/kg2 .

Question 10.
State two factors on which the gravitational force between two objects depends.
Answer:
The gravitational force between two objects depends on: (i) their masses (ii) distance between them.

Question 11.
Write the formula to find the magnitude of gravitational force between the earth and an object on the surface of the earth.
Answer:
F = \(\mathrm{G} \frac{\mathrm{Mm}}{r^{2}}\)

Question 12.
Can the mass of a body be zero.
Answer:
No, mass of body can never be zero.

Question 13.
Mass of an object on the earth is 600g. What will be its mass on moon?
Answer:
Mass of the object on moon will be same i.e. 600 g.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 Gravitation

Question 14.
You find your mass to be 42 kg on a weighing machine. Is your mass more or less than 42 kg?
Answer:
Mass is a constant quantity. So, it can not be more or less than 42 kg.

Question 15.
How does the value of ‘g’ vary from equator to poles?
Answer:
The value of ‘g’ increases as we move from equator to poles.

Question 16.
What will be the weight of an object on the earth whose mass is 10 kg?
Answer:
Weight of the object on earth
(W) = m x g
= 10 kg × 10 m s-2
= 100 N

Question 17.
Write the S.I. unit of G.
Answer:
Nm2/kg2.

Question 18.
When does an object float when placed on the surface of water?
Answer:
If the density of object is less than water, it will float.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 Gravitation

Question 19.
While swimming why do we feel light?
Answer:
The swimmer experiences an upward force by water, this causes buoyancy and makes the swimmer feel light.

Question 20.
Why does a truck or a motor-bus has much wider tyres?
Answer:
So that pressure acting on the road due to weight of truck or motor-bus may be small.

Question 21.
An army tank weighing more than a hundred tonne move conveniently on an earthen road. How?
Answer:
The army tank rests upon a continuous broad chain. So, the total surface area is large and pressure on road due to weight of tank is not very high.

Question 22.
What is the unit of relative density? Why?
Answer:
Relative density has no unit because it is a ratio of two terms having same units. So relative density is expressed in numbers only.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 Gravitation

Question 23.
The weight of an object on the moon is ………………. of its weight on the earth.
Answer:
The weight of an object on the moon is 1/6th of its weight on the earth.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 14 Sources of Energy

This PSEB 10th Class Science Notes Chapter 14 Sources of Energy will help you in revision during exams.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 14 Sources of Energy

→ No activity is possible without energy.

→ Renewable sources of energy are sun, water, and wind, etc.

→ Substances having low ignition temperatures are called inflammable substances.

→ Substances burn at a moderate rate during slow combustion. Substances burn in a very short span of time during rapid combustion.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 14 Sources of Energy

→ During spontaneous combustion substances suddenly catch fire when their temperature is raised above ignition temperature.

→ Gobar gas is produced by fermentation of cow-dung by anaerobic bacteria.

→ Gobar gas or biogas is a fuel of high calorific value.

→ Solar energy is the combination of visible infrared radiations and invisible (ultra-violet) energy radiated out by the sun.

→ Solar cookers, solar heaters, solar furnaces, and solar cells are devices using solar energy.

→ Solar cells convert solar energy directly into electric energy. Solar cells are used to supply electric energy to watches, calculators, and satellites.

→ Excessive use of any source of energy disturbs the environment. We should try to use non-polluting (clean), economical and efficient sources of energy.

→ Non-polluting sources of energy like solar and wind energy need to be promoted.

→ It is neat and clean energy which is available free of cost.

→ Energy: The capacity of doing work is called energy.

→ Kinetic Energy: It is the energy possessed by a body due to motion, e.g., moving air, running water, etc.

→ Solar Energy: The energy obtained from the sun.

→ Wind Energy: The kinetic energy contained in a large mass of air in motion is called wind energy.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 14 Sources of Energy

→ Solar Cooker: It is a device that uses solar energy for cooking food.

→ Solar Cell: A device that converts solar energy into electric energy.

→ Ocean Thermal Energy (O.T.E.): There is always the same temperature difference- between water at the surface of the ocean and water at the depth. This difference can be even 20° C. The energy available in this form is called ocean thermal energy.

→ Salinity Ingredients: The variation of concentration of salt is called salinity ingredient.

→ Fuel: Those substances which burn to produce heat energy are called fuels.

→ Biomass: The material present in the bodies of plants and animals is known as biomass.

→ Biogas: It is a mixture of methane (CH4), Carbon dioxide (CO2), and Hydrogen Sulphide (H2S) gas. It is produced by anaerobic fermentation of plants and animals waste (Gobar) and human wastes (feaces) in the presence of water.

→ Destructive Distillation: The process of heating in the absence of air to a high temperature is called destructive distillation. From the destructive distillation of coal-coaltar, coke and coal gas are obtained.

→ Fossil Fuel: Fossil fuel is formed by dead remains of plants and animals under the surface of the earth due to changes in temperature and pressure. Coal, petroleum, and natural gas are fossil fuels.

→ Liquefied Petroleum Gas (L.P.G.): Liquefied Petroleum Gas is a domestic fuel. It is a mixture of ethane, butane, and isobutane gases.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 14 Sources of Energy

→ Synthetic Petroleum: It is formed by the reaction of coal with hydrogen at high temperatures and pressure.

→ Ignition Temperature: That particular temperature at which a substance starts burning is called ignition temperature.

→ Calorific Value of Fuel: The amount of heat produced by the complete combustion of 1 g mass of a fuel is called the calorific value of the fuel.

→ Slurry: The mixture of gobar (cow dung) and water obtained as a residue in the biogas plant is called slurry.

→ Propellant: Rocket fuel is called propellant. It is a mixture of some concentrated fuel and oxidizing substances.

→ Tidal Energy: That energy that is produced due to the rise and fall of the water level is called tidal energy.

→ Wave Energy: That energy that is produced due to the kinetic energy of waves near the seashore is called wave energy.

→ Geothermal Energy: Due to changes in the interior of the earth, energy produced from the conversion of underground water into steam is called geothermal energy.

→ Nuclear Energy: The energy produced due to nuclear fission reactions of atoms of heavy metals is called nuclear energy.

→ Nuclear Fission: The process of splitting of an atom of the heavy nuclear element by the bombardment of neutrons into light nuclei with the evolution of energy is called nuclear fission.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 14 Sources of Energy

→ Nuclear Fusion: The process of combining light nuclei to form a heavy nucleus with the release of energy is called nuclear fusion.

→ Greenhouse Effect: The increase of temperature of the atmosphere due to the absorption of ultraviolet rays coming from the sun by carbon dioxide (CO2) present in the air is called the greenhouse effect.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 13 Magnetic Effects of Electric Current

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PSEB 10th Class Science Notes Chapter 13 Magnetic Effects of Electric Current

→ A current-carrying conductor behaves like a magnet. Magnet and electricity are related to each other.

→ Hans Christian Oersted did remarkable work to make us understand electromagnetism.

→ That end of freely suspended magnet which points towards north direction is called North Seeking or the North Pole and the other end which points towards south direction is called South Seeking or the South Pole.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 13 Magnetic Effects of Electric Current

→ Like poles repel each other while unlike poles attract each other.

→ The field or area around a magnet in which its effect or force can be experienced is called the magnetic field of the magnet.

→ The direction of magnetic lines of force inside the magnet is from the south pole to the north pole while outside the magnet it is from the north pole to the south pole. Therefore, magnetic lines are closed curves.

→ Two magnetic lines of force never intersect each other.

→ On passing a current through a metallic conductor, the magnetic field is produced around it.

→ The magnetic field produced all around it is inversely proportional to its distance.

→ The magnetic field at a point inside the magnetic field produced due to the current flowing through a conductor is proportional to the current flowing through the conductor.

→ A coil consisting of a cylindrical-shaped coil having closely packed turns of insulated copper wire is called a solenoid.

→ Inside a solenoid, magnetic lines of force are just like parallel straight lines. The magnetic field is the same at all points inside the solenoid.

→ The force acting in a conductor is in the direction of current and perpendicular to the direction of the magnetic field. This is called Fleming’s left-hand rule.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 13 Magnetic Effects of Electric Current

→ Electric motor, electric generator, loudspeaker, microphone, and electric meter are related with current-carrying conductor and magnetic field.

→ Production of the magnetic fields is necessary for our heart and brain.

→ MRI is important in medical treatment.

→ The electric motor is a device in which electrical energy is transformed into mechanical energy.

→ Electric motors find their use in electric fans, refrigerators, electric mixers, washing machines, computers, MP3 players, etc.

→ In electric motors, a rectangular coil of insulated wire is placed in between two poles.

→ That device that alternately changes the flow of current is called an AC motor.

→ Soft iron core and coil together form an armature. This increases the power of the motor.

→ Faraday discovered how the moving magnet can be used in producing current.

→ A galvanometer is an instrument that is used to detect the presence of current in a circuit.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 13 Magnetic Effects of Electric Current

→ That process by which the change in the magnetic field of a conductor produces a current in another conductor is called electromagnetic induction.

→ When the direction of motion of a coil is perpendicular to the direction of the magnetic field, then the induced electric current in the coil becomes maximum.

→ In electric generators, mechanical energy is used to rotate a conductor placed in a magnetic field as a result of which current is produced.

→ The device used to produce electricity is called an A.C. generator.

→ Electromagnet: A soft iron piece placed inside an insulated conducting coil becomes an electromagnet on passing current.

→ Magnetic Field: The field around a magnet in which its effect can be felt.

→ Solenoid: A coil made by winding a conducting wire having a large number of closed turns.

→ Iron Core: The soft iron rod placed inside the solenoid is called the iron core.

→ Snow Rule: When a wire placed above a magnetic needle carries current from the south direction to the north direction then the north pole (N-pole) of the magnetic needle gets deflected westward.

→ Electromagnetic Induction: Due to change in the magnetic field the current produced in the neighboring coil is called electromagnetic induction.

→ Electric Energy: The capacity for doing work by an electric current is known as electric energy.

→ Electric Power: The rate at which electric energy is consumed in a conductor is called electric power.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 13 Magnetic Effects of Electric Current

→ Electric Generator: The instrument which produces electric current is called an electric generator.

→ Alternating Current (A.C): That current which continuously changes direction alternately is called alternating current.

→ Direct Current (D.C.): That current which has the same direction always is called direct current (D.C.)

→ Short Circuit: When the live wire comes in direct contact with the neutral wire due to damaged wiring or uncovered wire, the resistance of the circuit becomes zero, and the current flowing through the circuit increases suddenly. This is called short-circuiting.

→ Fuse (Safety Fuse): A wire of low melting point connected in an electric circuit is called a fuse.

→ Electric Meter: A device that is connected to an electric circuit to measure electric energy being used is called an electric meter.

→ Electric Shock: When any part of the human body touches any point of the unsheathed (without insulation) circuit having high potential, shock is experienced which is known as electric shock.

→ Overloading: If the current through a circuit is more than the maximum prescribed limit then the wires become hot and may catch fire. It is called overloading.

→ Right Hand Thumb Rule: If we imagine that current is passing through a conductor held in your right hand such that the thumb points in the direction of current then the curling fingers would represent the direction of the magnetic field.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 13 Magnetic Effects of Electric Current

→ Flemming’s Left-Hand Rule: Stretch your left hand in such a way that the first central fingers are mutually perpendicular to each other, then if the first finger points in the direction of the magnetic field, the central finger in the direction of current then the thumb points in the direction of motion of the conductor.

→ Earthing: The joining of metallic frame of the electric appliance of high power with the earth wire of domestic circuit is called earthing.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 12 Electricity

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PSEB 10th Class Science Notes Chapter 12 Electricity

→ Electric current is the rate of flow of charge Q through the conductor or it is the charge Q flowing per unit time i.e., I = \(\frac{Q}{t}\)

→ Charge always flows from a body at a higher potential to a body at a lower potential.

→ Electrostatic potential determines the direction of flow of charge from one body to the other when they are brought in contact.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 12 Electricity

→ Electrostatic potential at a point is defined as the amount of work done is bringing a unit positive test charge from infinity to that point.

→ Conductors have a large number of free electrons whereas insulators have very few free electrons. The motion of free electrons constitutes the electric current.

→ An electric circuit is a closed path through which electrons flow readily.

→ As per convention, the direction of current is taken as opposite to the direction of the flow of electrons.

→ Electric Current: The rate of flow of charge through a conductor is called electric current.
I = \(\frac{Q}{t}\)

→ Ohm: The resistance of a conductor is said to be 1 ohm if a potential difference of 1 volt is maintained between its ends and it allows 1 ampere of current to flow through it.

→ Voltmeter: It is a device used to measure the potential differences.

→ Conductor: Those substances which allow the current to flow through them are called conductors or good conductors.

→ Insulators: Those substances which do not allow the current to flow through them are called insulators.

→ Ammeter: It is an instrument used to measure electric current.

→ Rheostat: It is a device that is used to increase or decrease the current flowing through the electric circuit.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 12 Electricity

→ One Volt: If 1 coulomb of charge is allowed to pass through a conductor and in doing so 1 joule of work is done then the potential difference across its ends is 1 volt.

→ Ohm’s Law: The ratio of potential difference across the ends of a conductor and the current flowing through it is always constant, provided the physical state of the conductor such as temperature and pressure remains unchanged.
i.e. V ∝ I or \(\frac{V}{I}\) = R

→ Electrical Energy: The capacity of doing work by an electric current is called electrical energy.

→ Electric Power: The rate of consumption of electric energy in a conductor is called electric power.

→ Watt: Watt is an S.I. unit of electric energy in which 1 joule of work is done in 1 sec. Kilowatt. It is the power of an agent which can do 1000 joule of work in 1 second.

→ Kilowatt Hour: It is that electric energy which is consumed in an electric circuit in 1 hour.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 12 Electricity

→ Coulombs’ Law: Electric force between two charged particles is directly proportional to the product of the two charges and inversely proportional to the square of the distance between them.
F = K\(\frac{q_{1} q_{2}}{r^{2}}\)

→ Joule’s Law of Heating Effect. If T is the electric current that flows through a resistor ‘R’ and as a result of which heat produced is ‘H’. Then heat produced is directly proportional to the square of the current and time ‘t’
H = I2 Rt

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World

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PSEB 10th Class Science Notes Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World

→ The eye is the most useful natural optical instrument.

→ Distance between near and far points is called accommodation.

→ The least distance of distinct vision for a normal eye is 25 cm.

→ The retina is the most sensitive part of the eye.

→ Rods present on the retina are sensitive to the intensity of light and cones are sensitive to colours of light.

→ The most sensitive part of the retina where the image of the object is formed is called the yellow spot.

→ The focal length of the eye lens can be varied with the help of ciliary muscles.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World

→ The defects of the eye are myopia, hypermetropia, presbyopia, astigmatism, and colour blindness.

→ Colour blindness cannot be cured while myopia can be corrected by using a diverging (say a concave) lens of suitable focal length.

→ Hypermetropia can be corrected by using a converging (say a convex) lens of suitable focal length. For correcting presbyopia, bifocal lenses are required. Astigmatism is corrected by using a cylindrical lens.

→ Eyes can be donated after death. Even a person using spectacles, contact lens or who have been operated on for cataract or suffering from hypertension can also donate eyes.

→ The cornea of dead persons’ eyes is removed within 6 hours of death and transplanted in blind persons’ eyes.

→ Eye Lens: It is a convex lens made of a fibrous jelly-like substance on the retina of which the real and inverted image of the object is formed.

→ Cornea: It is a transparent membranous bulged out coating in the front part of the eyeball through which light enters the eye, is called the cornea.

→ Iris: The structure just behind the cornea which controls the size of the pupil is called the iris.

→ Myopia: It is the defect of the eye in which the near objects are clearly visible while distant objects are not distinctly visible.

→ Hypermetropia: The defect of the eye in which the distant objects are clearly visible whereas the near objects are not.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World

→ Retina: It is a delicate membrane having a large number of light-sensitive cells that become active on being illuminated produce electric signals carried to the brain.

→ Near Point: The shortest distance at which if an object is placed is seen clearly without any strain, is called the near point of the eye.

→ Far Point: The farthest point at which an object is placed is seen very clearly.

→ Cataract: The formation of a milky translucent layer on the crystalline lens is called a cataract which results in less visibility and ultimately complete loss of eyesight.

→ Least Distance of Distinct Vision: The minimum distance at which if the object placed can be seen very clearly is called the least distance of distinct vision.

→ Colour Blindness: That defect of the eye in which a person can see clearly but can not distinguish colours is called colour blindness.

→ Persistence of Vision: The sensitiveness of the retina which retains the existence of image for \(\frac{1}{216}\)th of a second even after when it is actually removed.

→ Presbyopia: With aging, the power of accommodation of eyes decreases, and the person cannot read. This defect is due to the weakening of the ciliary muscles.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World

→ Bifocal Lens: Defect of the eye in which a person suffers both from myopia and hypermetropia. Such a person needs a bifocal lens consisting convex lens (lower part) to see near objects and a concave lens (upper part) to see far-off objects.

→ Prism: It is a piece of a transparent refracting medium having two triangular and three rectangular surfaces. These surfaces are inclined to each other.

→ The angle of Prism: The angle between two surfaces of the prism is called the angle of prism.

→ Tyndal Effect: If a strong beam of light is passed through a colloidal solution, the path of the beam becomes visible when seen with a microscope placed at a right angle. This effect is called the Tyndal effect.