PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 2 गृह-व्यवस्था-अर्थ, महत्त्व तथा क्षेत्र

Punjab State Board PSEB 9th Class Home Science Book Solutions Chapter 2 गृह-व्यवस्था-अर्थ, महत्त्व तथा क्षेत्र Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Home Science Chapter 2 गृह-व्यवस्था-अर्थ, महत्त्व तथा क्षेत्र

PSEB 9th Class Home Science Guide गृह-व्यवस्था-अर्थ, महत्त्व तथा क्षेत्र Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
घर से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
घर वह स्थान है जहां हम अपनी ज़िन्दगी का काफ़ी समय तनाव रहित होकर बिताते हैं।

प्रश्न 2.
गृह-व्यवस्था की परिभाषा लिखें।
उत्तर-
पी० निक्कल तथा जे० एम० डोरसी के अनुसार, “गृह प्रबन्ध परिवार के उद्देश्यों को प्राप्त करने के इरादे से परिवार में मिलते साधनों को योजनाबद्ध तथा संगठित करके उसे व्यवहार में लाने का नाम है।

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 2 गृह-व्यवस्था-अर्थ, महत्त्व तथा क्षेत्र

लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 3.
गृह-व्यवस्था को गृह विज्ञान का आधार क्यों माना जाता है ?
उत्तर-
गृह-व्यवस्था को गृह विज्ञान का आधार माना जाता है क्योंकि इसमें घर तथा घर की व्यवस्था के सभी पहलू आते हैं। जैसे अच्छा जीवन गुजारने के सिद्धान्त, परिवार के सदस्यों के लिए शिक्षा का उचित प्रबन्ध, परिवार की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए भोजन तथा घर के सामान की खरीद, सम्भाल तथा प्रयोग के बारे में जानकारी दी जाती है। इसी तरह घर में प्रयोग किये जाने वाले हर प्रकार के सामान की सफ़ाई तथा सम्भाल तथा समाज में मनुष्य के जीवन को अनुशासनमय बनाने के लिए आत्मिक तथा धार्मिक पक्ष को भी गृहव्यवस्था के क्षेत्र में शामिल किया गया है।

प्रश्न 4.
गृह और व्यवस्था शब्दों से आप क्या समझते हो ?
उत्तर-
गृह से अभिप्राय वह स्थान है जहां परिवार के सभी सदस्य मिलकर रहते हैं। विद्वानों ने गृह की परिभाषा इस प्रकार दी है, “घर एक ऐसी इकाई है जहां कुछ व्यक्ति रहते हैं तथा उनमें कोई आपसी रिश्ता होता है।”

व्यवस्था शब्द से अभिप्राय है कि अपने अनिवार्य उद्देश्यों के लिए इस ढंग से कार्य करना कि हमारे भौतिक साधन अच्छी तरह संगठित तथा आयोजित हो सकें, अच्छी तरह सम्पर्क पैदा करके किसी विचारधारा को क्रियान्वित करके उसका उचित मूल्यांकन कर सकें।

प्रश्न 5.
गृह-व्यवस्था कैसी प्रक्रिया है और इसका मुख्य उद्देश्य क्या है ?
उत्तर-
गृह-व्यवस्था एक मानसिक प्रक्रिया है। यह मानसिक उपज है, दिल की नहीं। इसलिए बड़ी सूझ-बूझ तथा समझदारी की आवश्यकता है। गृह-व्यवस्था जीवन व्यतीत करने की कला है तथा इसका मुख्य उद्देश्य पारिवारिक उद्देश्यों की पूर्ति करना है।

आज के युग में साधन काफ़ी बढ़ गये हैं तथा मानवीय आवश्यकताओं के साथ उद्देश्य भी बढ़ गये हैं। इन उद्देश्यों तथा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए मानवीय साधनों जैसे-ज्ञान, शक्ति आदि तथा भौतिक साधनों जैसे-समय, धन, वस्तु, जायदाद आदि का प्रयोग बड़ी सावधानी से किया जाता है।

प्रश्न 6.
गृह-व्यवस्था के क्षेत्र से आप क्या समझते हो ?
उत्तर-
गृह-व्यवस्था का क्षेत्र काफ़ी विशाल है। इसमें घर बनाने से लेकर परिवार के सदस्यों की अन्तिम समय की सभी क्रियाएं शामिल हैं। इसके क्षेत्र में अच्छा जीवन व्यतीत करने के सिद्धान्त, जीवन स्तर ऊंचा उठाने, परिवार की ज़रूरतों की पूर्ति करने, परिवार के सदस्यों की शिक्षा का प्रबन्ध, घर में प्रयोग किये जाने वाले हर प्रकार के सामान की सफ़ाई तथा सम्भाल करना आदि सभी कुछ गृह-व्यवस्था के क्षेत्र में आते हैं।

प्रश्न 7.
समय के सदुपयोग से घर को खुशहाल कैसे बनाया जा सकता है ?
उत्तर-
जब घर का सारा कार्य समय का सही प्रयोग करके योजनाबद्ध तरीके से किया जाये तो घर में खुशी की वृद्धि होती है। घर का काम-काज निश्चित समय सारणी अनुसार करके तथा घर के सभी सदस्य अपनी क्षमता अनुसार सौंपा कार्य ठीक समय पर करें तो घर में खुशी का वातावरण पैदा होता है तथा घर समृद्ध बनता है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 8.
गृह-व्यवस्था से आप क्या समझते हैं ? गृह-व्यवस्था ही गृह विज्ञान का आधार है, कैसे ?
उत्तर-
गृह-व्यवस्था पारिवारिक ज़िन्दगी के प्रत्येक पक्ष से सम्बन्धित है। समय के प्रयोग, पैसे के प्रयोग, खाने, शक्ति, श्रम तथा ज़िन्दगी की ज़रूरतों तथा उद्देश्यों से गृहव्यवस्था का सम्बन्ध है। , .
पी० निक्कल तथा जे० डोरसी के अनुसार, “गृह-व्यवस्था परिवार के साधनों का प्रयोग करके किया गया आयोजन, संगठन तथा मूल्यांकन है जिस द्वारा परिवार के उद्देश्यों की पूर्ति की जाती है।”
ग्रास तथा करंडल के अनुसार, “गृह-व्यवस्था निर्णय करने सम्बन्धी क्रियाओं की वह शाखा है जिसमें परिवार के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए परिवार के साधनों को प्रयोग किया जाता है।”

गृह-व्यवस्था को गृह विज्ञान का आधार माना जाता है क्योंकि इसमें घर तथा घर की व्यवस्था के सभी पहलू आते हैं। जैसे-अच्छा जीवन गुजारने के सिद्धान्त, परिवार के सदस्यों के लिए शिक्षा का सही प्रबन्ध, परिवार की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए भोजन तथा घर के सामान की खरीद, सम्भाल तथा प्रयोग के बारे में जानकारी दी जाती है। इसी तरह घर में प्रयोग किये जाने वाले हर प्रकार के सामान की सफ़ाई तथा सम्भाल तथा समाज में मनुष्य के जीवन को अनुशासनमय बनाने के लिए आत्मिक तथा धार्मिक पक्ष को भी गृह-व्यवस्था के क्षेत्र में शामिल किया जाता है।

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प्रश्न 9.
आधुनिक जीवन में गृह-व्यवस्था का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
गृह-व्यवस्था घर में रहने वाले सदस्यों के जीवन को सुखी, समृद्ध तथा उन्नत बनाने में सहायक होती है।

  • परिवारकी जरूरतों की पूर्ति-सभी सदस्यों की कुछ ज़रूरतें होती हैं जिनकी पूर्ति का आधार घर की आय होती है। घर की आय को बढ़ाने के लिए कुछ लघु उद्योग आरम्भ किये जा सकते हैं।
  • पारिवारिक स्तर को ऊंचा उठाना-सुचारु ढंग से घर का प्रबन्ध करके अपने सीमित साधनों द्वारा कुशल गृहिणी पारिवारिक स्तर को ऊंचा उठा सकती है।
  • बच्चों की सम्भाल तथा शिक्षा-बच्चों की सम्भाल तथा शिक्षा में भी गृह प्रबन्ध का विशेष महत्त्व है। बच्चे को अच्छी विद्या, पौष्टिक भोजन तथा अच्छे-से-अच्छे ढंग से बच्चे का पालन-पोषण गृह-व्यवस्था से ही हो सकता है।
  • व्यक्तित्व का विकास-बढ़िया गृह प्रबन्ध से ही बच्चे के व्यक्तित्व का सही विकास हो सकता है। जितने भी महान् व्यक्ति हुए हैं उन सभी को अपने घर से ही यह नियामत प्राप्त हुई है।
  • घरेलू कार्य को वैज्ञानिक ढंग से करना-आज का युग मशीनी युग है तथा पारिवारिक आवश्यकताओं तथा उद्देश्यों की पूर्ति के लिए शक्ति तथा समय दोनों की ज़रूरत है। घर के कार्य में मशीनों तथा अन्य नई खोजों का प्रयोग करके शक्ति तथा समय दोनों की बचत हो जाती है।
  • समय का ठीक उपयोग- यदि घर के कार्य एक नियत की हुई समय सारणी के अनुसार किये जाएं तो समय की काफ़ी बचत हो जाती है तथा कार्य भी जल्दी पूरे हो जाते है।
  • मानसिक सन्तुष्टि-अच्छी गह-व्यवस्था से घर के उद्देश्यों की पूर्ति आसानी से हो जाती है तथा घर के सदस्यों की शारीरिक तथा मानसिक सेहत ठीक रहती है। इस तरह एक मानसिक सन्तुष्टि प्राप्त होती है।
  • सेहत सम्भाल-घर का प्रबन्ध ठीक तथा सुचारु ढंग से चलाकर पौष्टिक भोजन तथा ठीक पालन-पोषण से घर के सदस्यों की सेहत ठीक रहती है।

Home Science Guide for Class 9 PSEB गृह-व्यवस्था-अर्थ, महत्त्व तथा क्षेत्र Important Questions and Answers

रिक्त स्थान भरें

  1. ज्ञान ……………… साधन है।
  2. गृह व्यवस्था एक …………………. प्रक्रिया है।
  3. सभी सदस्यों की आवश्यकताओं की पूर्ति का आधार घर की ………………. होती है।
  4. …………………. परिवार में पति-पत्नी तथा बच्चे ही होते हैं।

उत्तर-

  1. मानवीय,
  2. मानसिक,
  3. आय,
  4. इकाई।

एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
ऐसा परिवार जिसमें माता-पिता तथा अन्य रिश्तेदार मिलकर रहते हैं, को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
संयुक्त परिवार।

प्रश्न 2.
पैसा कैसा साधन है ?
उत्तर-
भौतिक।

प्रश्न 3.
शक्ति, रुचियां कैसा साधन है ?
उत्तर-
मानवीय।

ठीक/ग़लत बताएं

  1. गृह व्यवस्था से भाव है घर के सभी कार्यों को अच्छी प्रकार से पूरा करके परिवार को खुशहाल बनाना।
  2. पैसा मानवीय साधन है।
  3. सुविधाएं, जायदाद भौतिक साधन हैं।
  4. इकाई परिवार में पति-पत्नी तथा बच्चे होते हैं।
  5. गृह निर्माता का कर्तव्य प्रायः गृहिणी को ही निभाना पड़ता है।

उत्तर-

  1. ठीक,
  2. ग़लत,
  3. ठीक,
  4. ठीक,
  5. ठीक।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मानवीय साधन नहीं है –
(A) पैसा
(B) ज्ञान
(C) शक्ति
(D) रुचि।
उत्तर-
(A) पैसा

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प्रश्न 2.
भौतिक साधन हैं –
(A) पैसा
(B) जायदाद
(C) सामान
(D) सभी ठीक।
उत्तर-
(D) सभी ठीक।

प्रश्न 3.
निम्न में ठीक है –
(A) गृह व्यवस्था को गृह विज्ञान का आधार माना जाता है
(B) मानवीय तथा भौतिक साधनों का प्रयोग करके पारिवारिक उद्देश्यों की पूर्ति की जाती है
(C) कुशलता मानवीय साधन हैं।
(D) सभी ठीक।
उत्तर-
(D) सभी ठीक।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मानवीय तथा भौतिक साधन कौन-से हैं ?
उत्तर-
मानवीय साधन हैं-ज्ञान, शक्ति, रुचियां, योग्यताएं आदि। भौतिक साधन हैं-समय, पैसा, सामान, जायदाद, सुविधाएं आदि।

प्रश्न 2.
संयुक्त तथा इकाई परिवार क्या होते हैं ?
उत्तर-
संयुक्त परिवार-इनमें मां-बाप तथा अन्य रिश्तेदार रहते हैं। घर की आय साझी होती है तथा खर्च भी साझा होता है तथा साझे खाते में से ही किया जाता है।
इकाई परिवार- इसमें केवल पति-पत्नी तथा बच्चे ही होते हैं। इस तरह सारे परिवार की ज़िम्मेवारी पति-पत्नी पर होती है।

प्रश्न 3.
गृह-व्यवस्था में गृहिणी का क्या योगदान होता है ?
उत्तर-
आज के युग में इकाई परिवारों का चलन बढ़ रहा है तथा गृहिणी के सिर पर घर सम्भालने की ज़िम्मेवारी होती है। वही गृह निर्माता है। बच्चों की सही देख-रेख, स्वास्थ्य का ध्यान, परिवार की आय तथा खर्च, समय की बचत, शक्ति की बचत आदि इन सभी बातों की ओर ध्यान देकर गृह-व्यवस्था करके एक समझदार गृहिणी घर को समृद्ध बना सकती है।

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प्रश्न 4.
घर तथा मकान में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
मकान एक इमारत होती है जो ईंटों, गारे, सीमेंट आदि से बनी होती है। जब एक परिवार इस इमारत में बसेरा कर लेता है तो यह मकान घर बन जाता है। घर आशाओं, उमंगों, भावनाओं तथा प्यार से भरा होता है।

गृह-व्यवस्था-अर्थ, महत्त्व तथा क्षेत्र PSEB 9th Class Home Science Notes

  • मकान ईंटों, पत्थरों तथा सीमेंट से बनी इमारत है। जब इसमें परिवार के सभी सदस्य मिलकर रहते हैं तथा साझे उद्देश्यों के लिए एकजुट होकर कार्य करते हैं तो यह मकान घर बन जाता है।
  • व्यवस्था से अभिप्राय है घर के सब कार्यों को सही तथा उचित ढंग से पूरा करके परिवार को समृद्ध बनाना।
  • गृह – व्यवस्था एक मानसिक प्रक्रिया है । इसके लिये बड़ी सूझ-बूझ तथा समझदारी की आवश्यकता है।
  • गृह – व्यवस्था द्वारा परिवार के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए आयोजन, नियन्त्रण तथा मूल्यांकन किया जाता है।
  • मानवीय साधन हैं – ज्ञान, शक्ति, योग्यताएं, रुचियां आदि।
  • भौतिक साधन हैं – पैसा, सामान, सुविधाएं, जायदाद, समय आदि।
  • मानवीय और भौतिक साधनों का प्रयोग करके पारिवारिक उद्देश्यों की पूर्ति की जाती है।
  • अच्छे घर का गृह-निर्माता अपने कार्यशील व्यक्तित्व से पारिवारिक उद्देश्यों को पूरा करने में सक्षम होता है।
  • संयुक्त परिवार में माता-पिता, बच्चे तथा अन्य रिश्तेदार मिलकर रहते हैं।
  • आज के युग में संयुक्त परिवार का स्थान इकाई परिवारों ने ले लिया है जिसमें पति-पत्नी तथा बच्चे ही होते हैं।
  • गृह-निर्माता का कर्त्तव्य साधारणत: घर की गृहिणी को ही निभाना पड़ता है।
  • परिवार की आवश्यकताओं को पूरा करने का आधार घर की आय है। आय बढ़ाने के लिए कोई लघु उद्योग आरम्भ किया जा सकता है अथवा गृहिणी घर से बाहर जाकर नौकरी भी कर सकती है।
  • पारिवारिक स्तर ऊंचा उठाना, परिवार का जीवन रसदायक तथा आनन्दमय बनाना, व्यक्तित्व का विकास, बच्चों की देख-रेख तथा शिक्षा, घरेलू कार्य को अधिक वैज्ञानिक ढंग से करने की आदत, मानसिक संतोष, समय का सदुपयोग, घर को समृद्ध बनाना, सेहत सम्भाल आदि में गृह-व्यवस्था का विशेष महत्त्व है।

PSEB 9th Class Physical Education Solutions Chapter 5 1947 के पश्चात् पंजाब में खेलों की प्रगति

Punjab State Board PSEB 9th Class Physical Education Book Solutions Chapter 5 1947 के पश्चात् पंजाब में खेलों की प्रगति Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Physical Education Chapter 5 1947 के पश्चात् पंजाब में खेलों की प्रगति

PSEB 9th Class Physical Education Guide 1947 के पश्चात् पंजाब में खेलों की प्रगति Textbook Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या देश के विभाजन ने पंजाब में खेलों के विकास को प्रभावित किया था ?
उत्तर-
हां, किया था।

प्रश्न 2.
पंजाब में ओलिम्पिक एसोसिएशन की पुनः स्थापना कब हुई ?
उत्तर-
1948 में।

प्रश्न 3.
किन्हीं दो संस्थाओं के नाम लिखो जिन का खेलों की प्रगति में योगदान हो।
उत्तर-

  1. पंजाब पुलिस
  2. सीमा सुरक्षा बल।

प्रश्न 4.
क्या पंचायती राज खेल परिषद् लड़कियों के फुटबाल मुकाबले करवाती है अथवा नहीं ?
उत्तर-
नहीं करवाती।

प्रश्न 5.
रस्सा-कशी (Tug of War) के मुकाबले दोनों लड़के और लड़कियों के लिए करवाए जाते हैं। सही अथवा ग़लत ।
उत्तर-
सही।

प्रश्न 6.
क्या लीडर इंजीनियरिंग वर्क्स, जालन्धर खेलों की प्रगति में योगदान दे रहा है अथवा नहीं ?
उत्तर-
नहीं।

प्रश्न 7.
पंजाब शिक्षा विभाग स्कूलों में खेलों की प्रगति की कौन देखभाल करता है ?
उत्तर-
डी० पी० आई० स्कूल्ज़।

प्रश्न 8.
पंजाब शिक्षा विभाग कॉलिजों में खेलों की देखभाल कौन करता है ?
उत्तर-
डी० पी० आई० कॉलिजिज़।

प्रश्न 9.
क्या पंजाब स्पोर्ट्स विभाग का खेलों में योगदान है ?
उत्तर-
हां, पंजाब स्पोर्ट्स विभाग का योगदान है।

प्रश्न 10.
लड़कियों के लिए पंचायती राजखेल परिषद् कौन-कौन सी प्रतियोगिताएं करवाती है ?
उत्तर-

  • कबड्डी
  • हॉकी
  • खो-खो
  • रस्सा-कशी।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
देश के विभाजन ने पंजाब में किस प्रकार खेलों के विकास को प्रभावित किया ?
(Describe the effects of Partition of India on the sports development of Punjab.)
उत्तर-
15 अगस्त, 1947 को भारत अंग्रेजों से मुक्त हुआ। परन्तु इसके साथ ही देश का भारत तथा पाकिस्तान नामक दो देशों में विभाजन हो गया। इस विभाजन ने पंजाब की खेलों के विकास पर गहरी चोट मारी। खेलों के अच्छे-अच्छे मैदान तथा खेलों का सामान बनाने वाला नगर स्यालकोट पाकिस्तान में चला गया। खेल एसोसिएशनें टूट गईं। इस प्रकार पंजाब खेलों के क्षेत्र में शरणार्थी बन गया।

प्रश्न 2.
पंजाब में ओलम्पिक एसोसिएशन की पुनः स्थापना किस प्रकार हुई ? (How did the Punjab Olympic Association come into existence ?)
उत्तर-
भारत के विभाजन रूपी तूफान ने पंजाब के खेलों के विकास को अपनी लपेट में ले लिया। इस तूफान के गुजर जाने के पश्चात् पंजाब के खेल प्रेमियों ने अपना होश सम्भाला। उन्होंने 1948 ई० में शिमला में एक सभा बुलाई। इसके साथ ही पंजाब ओलम्पिक एसोसिएशन की स्थापना हुई। इस संस्था के प्रधान श्री जी० डी० सोंधी नियुक्त हुए।

प्रश्न 3.
कौन-सी संस्थाओं ने खेलों की प्रगति में योगदान दिया है ?
(Name the various organisations which promotes sports in our state.)
उत्तर-
निम्नलिखित संस्थाओं ने खेलों की प्रगति में योगदान दिया है—

  • पंजाब पुलिस।
  • सीमा सुरक्षा बल।
  • लीडर इंजीनियरिंग वर्क्स, जालन्धर।
  • जगतजीत कॉटन एवं टैक्सटाइल्ज़ मिल्ज़ फगवाड़ा।
  • पंजाब राज्य बिजली बोर्ड।
  • पैप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन।

प्रश्न 4.
पंचायती राज खेल परिषद कौन-से खेल मकाबले करवाती है ?
(Mention the various sports competitions which are organized by the Panchayati Raj Khel Parishad.)
उत्तर-
पंचायती राज खेल परिषद निम्नलिखित खेल मुकाबले करवाती हैलड़कों के लिए –

  1. फुटबाल
  2. हॉकी
  3. कबड्डी
  4. वालीबाल
  5. रस्साकशी
  6. एथलेटिक्स
  7. भार उठाना
  8. कुश्ती
  9. जिम्नास्टिक।

लड़कियों के लिए –

  • कबड्डी
  • खो-खो
  • हॉकी आदि।

प्रश्न 5.
पंजाब के खेल विकास में पंजाब स्पोर्ट्स विभाग का क्या स्थान है ? पंजाब स्पोर्ट्स विभाग के योगदान पर प्रकाश डालो।
(The Punjab Sports Department has a special place in the promotion of Games and Sports. Do you agree with the statement ?)
अथवा
पंजाब स्पोर्ट्स विभाग के योगदान का वर्णन करें। (Discuss the contribution of Punjab Sports Department.)
उत्तर-
पंजाब खेल विभाग (Punjab Sports Department) पंजाब सरकार ने . प्रान्त में खेलों की प्रगति के लिए 1961 में पंजाब खेल विभाग की स्थापना की। इस विभाग ने प्रान्त के प्रत्येक जिले में जिला स्पोर्ट्स विभाग खोला है। इसके प्रबन्ध का उत्तरदायित्व जिला स्पोर्ट्स अधिकारी को सौंपा गया है। प्रत्येक जिले को तहसील तथा तहसील को आगे उप-केन्द्रों (Sub-centres) में बांटा गया है। इन उप-केन्द्रों में विभिन्न खेलों के विकास के लिए तथा प्रशिक्षण के लिए कुशल कोचों की व्यवस्था की गई है।

खिलाड़ियों की सुविधा के लिए विभिन्न स्थानों पर स्पोर्ट्स होस्टल खोले गए हैं। इन होस्टलों में रहने वाले विद्याथियों के लिए सामान, फ़ीस तथा खान-पान का प्रबन्ध स्पोटर्स विभाग द्वारा किया जाता है। अच्छे खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिए और उनको उत्तम खेल के लिए प्रेरित करने के लिए वार्षिक वज़ीफे दिए जाते हैं। इतना ही नहीं पंजाब स्पोटर्स विभाग प्रति वर्ष राज्य स्तर पर सभी खेलों के मुकाबले का आयोजन करता है। ये मुकाबले ‘मैन स्पोर्टस फैस्टीक्ल’ तथा ‘विमैन स्पोर्ट्स फैस्टीवल’ के नाम से जाने जाते हैं। विभाग अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उच्च स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को सम्मान-पत्र तथा वजीफे देता है। यह विभाग प्रति वर्ष अमृतसर में महाराजा रणजीत सिंह हॉकी टूर्नामैंट का आयोजन करता है। पंजाब स्पोर्ट्स विभाग पेशावर कॉलेजों (Professional Colleges) में विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित सीटों के लिए ग्रेडेशन करता है।

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
1947 के पश्चात् पंजाब में खेलों की प्रगति के विषय में विवरण दो। (Describe the development of sports in Punjab since 1947.)
उत्तर-
15 अगस्त, 1947 को भारत आजाद हुआ। अंग्रेज़ लगभग 200 साल तक शासन करने के पश्चात् भारत छोड़ कर तो चले गए परन्तु जाते-जाते इसका विभाजन कर पाकिस्तान का निर्माण भी कर गए। इस विभाजन ने पंजाब की खेलों को बुरी तरह आघात पहुंचाया। खेलों के अच्छे-अच्छे मैदान पाकिस्तान में चले गए। पंजाब सरकार तथा लोगों की तरह पंजाब खेलों के क्षेत्र में बहुत ही पिछड़ गया। पंजाब अच्छे क्रीड़ा-क्षेत्रों से वंचित हो गया। खेलों के सामान का उत्पादन करने वाला शहर स्यालकोट (Sialkot) भी पाकिस्तान में चला गया। खेल एसोसिएशनें टूट गईं। संक्षेप में विभाजन रूपी तूफान से सम्पूर्ण वातावरण ही इस प्रकार का बन गया कि पंजाब में खेलों की स्थिति, अत्यन्त शोचनीय हो गई।

विभाजन रूपी तूफान के गुज़र जाने के बाद पंजाब के क्रीडा-प्रेमियों ने होश सम्भाला और उन्होंने पंजाब में खेलों का जीवन दान देने का निश्चय किया। परिणामतः 1948 में उन्होंने शिमला (Shimla) में एक सभा का आयोजन किया और इसी वर्ष पंजाब ओलम्पिक एसोसिएशन (Punjab Olympic Association) की पुनर्स्थापना हुई। इस संस्था के प्रथम प्रधान श्री जी० डी० सोंधी (G. D. Sondhi) तथा सचिव श्री एफ० सी० अरोड़ा (E.C. Arora) चुने गए। जल्द ही इस संस्था ने अपना कार्य शुरू कर दिया। 1948 और 1951 में हॉकी तथा वालीबाल एसोशिएशनें अस्तित्व में आईं। तत्पश्चात् धीरे-धीरे बास्केटबाल, कबड्डी, बॉक्सिग, साइकलिंग एसोसिएशनें स्थापित हुईं। विभिन्न प्रान्तों की एसोसिएशनों की स्थापना के बाद खेलों के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए पहले जिला स्तर और फिर प्रान्तीय स्तर पर मुकाबलों का आयोजन किया गया।

1948 ई० के पश्चात् पंजाब हॉकी और वालीबाल एसोसिएशन ने पाकिस्तान और अन्य देशों से टीमों को मुकाबलों के लिए आमन्त्रित किया। इसके अतिरिक्त खेलों के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए अखिल भारतीय स्तर (All India Level) पर टूर्नामैंटों का आयोजन किया गया। इनमें से महाराजा रणजीत सिंह टूर्नामैंट, अमृतसर, मेजर भूपेन्दर सिंह टूर्नामेंट लुधियाना, शहीद करनैल सिंह मैमोरियल टूर्नामैंट, के नाम उल्लेखनीय हैं। 1957 में पंजाब में प्रथम बार राज्य स्तर पर ओलम्पिक एसोसिएशन ने खेल मुकाबलों का आयोजन किया।

पंजाब सरकार ने भी राज्यों में खेलों के स्तर को उन्नत करने के लिए विशेष रुचि ली है। यह राज्य की यूनिवर्सिटियों को खेल का मैदान, जिमनेज़ियम, स्विमिंग-पूल आदि के निर्माण के लिए आर्थिक सहायता देती है। पंजाब में खेलों के विकास के लिए पंजाब पुलिस, बी० एस० एफ०, लीडर इंजीनीयरिंग वर्क्स जालन्धर, जगतजीत कॉटन एण्ड टैक्सटाइल्ज़ मिल्ज़, फगवाड़ा आदि ने विशेष योगदान दिया है। इनकी टीमों ने भारतीय ड्यूरांड कप दिल्ली, मुम्बई स्वर्ण कप, मुम्बई नेहरू हॉकी प्रतियोगिता, दिल्ली जैसे महत्त्वपूर्ण टूर्नामैंटों में शानदार सफलता प्राप्त की।

पंजाब सरकार ने खेलों के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए तथा अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए गवर्नमैंट कॉलेज ऑफ़ फ़िजीकल एजूकेशन की स्थापना पटियाला में की है। इतनी ही नहीं पंजाब सरकार ने शारीरिक शिक्षा के विषय को अन्य विषयों की भान्ति अनिवार्य घोषित कर दिया है। इस प्रकार पंजाब सरकार की खेलों में विशेष रुचि लेने के कारण पंजाब खेलों के क्षेत्र में आश्चर्यजनक प्रगति कर रहा है। पंजाब ने देश को ऐसे सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी एवं महान् प्रबन्धक प्रदान किये हैं जिन्होंने अपने सर्वोत्तम खेल से पंजाब के ही नहीं बल्कि भारत के नाम को चार चांद लगा दिए हैं।

प्रश्न 2.
पंजाब शिक्षा विभाग ने खेलों की प्रगति में क्या योगदान दिया है ?
(Describe the contribution of the Punjab Education Department in the promotion of sports.)
उत्तर-
पंजाब शिक्षा विभाग ने खेलों की प्रगति में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। इसका संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है –

  • पंजाब सरकार ने खेलों को उन्नत करने के लिए डी० पी० आई० (स्कूल्ज़) तथा डी० पी० आई० (कॉलेजों) की निगरानी में एक विशेष विभाग की स्थापना की है। यह विभाग स्कूलों तथा कॉलेजों में खेलों का स्तर उन्नत करने के लिए पूरा प्रयत्न कर रहा है।
  • खेलों के विकास के लिए पंजाब शिक्षा विभाग ने 1961 में जालन्धर में स्टेट स्कूल ऑफ़ स्पोर्ट्स तथा स्टेट कॉलेज ऑफ़ स्पोर्ट्स स्थापित किए हैं। इन संस्थाओं में प्रसिद्ध खिलाड़ी प्रवेश पा कर पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। इन संस्थाओं में विद्या प्राप्त करने वाले लड़कों तथा लड़कियों के लिए भोजन, निवास तथा फ़ीस आदि का प्रबन्ध पंजाब शिक्षा विभाग करता है।
  • पंजाब शिक्षा विभाग ने प्रत्येक जिले में खेलों की देखभाल का उत्तरदायित्व जिला शिक्षा अधिकारियों को सौंप रखा है। प्रत्येक जिले में जोन (Zone) तथा ज़िले (District) स्तर पर मुकाबलों का प्रबन्ध किया जाता है। शिक्षा विभाग कुछ मुकाबले ग्रीष्म ऋतु में और कुछ मुकाबले सर्दी की ऋतु में करवाता है।
  • पंजाब शिक्षा विभाग ने खेलों के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए विभिन्न आयु के बच्चों के लिए खेल मुकाबलों का आयोजन किया है। अब प्राइमरी, मिनी तथा जूनियर स्तर पर मुकाबले करवाए जाते हैं।
  • शिक्षा विभाग ने पटियाला, जालन्धर तथा फिरोज़पुर में सर्विस ट्रेनिंग सैंटर खोले हैं। यहां शारीरिक शिक्षा तथा खेलों में आई नवीन प्रवृत्तियों की जानकारी प्रदान की जाती है।
  • पंजाब शिक्षा विभाग ने अन्य विषयों की भान्ति शारीरिक शिक्षा को स्कूलों तथा कॉलेजों में लागू किया है।
  • शिक्षा विभाग प्रति वर्ष गर्मी की छुट्टियों में उभरते हुए नवयुवक खिलाड़ियों को उच्च स्तर के प्रशिक्षण के लिए प्रबन्ध करता है।
  • शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों तथा कालेजों को खेलों में उच्च-स्तर से प्रशिक्षण के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। इससे खेल के मैदान बनाए जाते हैं और खेल का सामान खरीदा जाता है।
  • पंजाब शिक्षा विभाग राष्ट्रीय शारीरिक योग्यता लहर के लिए मुकाबलों का आयोजन करता है।
  • इस विभाग ने राज्य के विभिन्न कॉलेजों, इंजीनियरिंग तथा मैडकिल कॉलेजों के श्रेष्ठ खिलाड़ियों के लिए स्थान सुरक्षित रखे हैं। इससे उच्च-स्तर के खिलाड़ियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलता है।
    इस प्रकार पंजाब शिक्षा विभाग खेलों की प्रगति के लिए विशेष भूमिका निभा रहा है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित का खेल प्रगति में योगदान पर नोट लिखो
(क) पंजाब राज्य के विश्वविद्यालय
(ख) पंजाब स्टेट स्पोर्ट्स कौंसिल
(ग) पंचायती राज्य खेल परिषद्
(घ) पंजाब ओलिम्पक एसोसिएशन
(ङ) पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड।
[Write the contribution of the following in the field of sports (A) The Universities of Punjab State (B) The Punjab State Council of Sports (C) The Panchayati Raj Khel Parishad (D) The Punjab Olympic Association (E) The Punjab School Education Board.]
उत्तर-
(क)पंजाब राज्य के विश्वविद्यालय
(Punjab State Universities) जब भारत का विभाजन हुआ तब पंजाब में एक ही विश्वविद्यालय पंजाब विश्वविद्यालय लाहौर में था। 1947 के विभाजन के पश्चात् विश्वविद्यालय पहले सोलन (हिमाचल प्रदेश) और बाद में यह विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में स्थापित हो गया। इस समय पंजाब में चार विश्वविद्यालय हैं- पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़; पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला; पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना तथा गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर। इनमें से पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के साथ केवल कृषि के ही कॉलेज हैं, जबकि पंजाब के अन्य कॉलेज बाकी के तीन विश्वविद्यालयों के साथ संलग्न हैं।

सभी विश्वविद्यालयों में खेलों के लिए एक डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। डायरेक्टर विश्वविद्यालय के साथ संलग्न कॉलेजों में खेल मुकाबलों का आयोजन करता है। इसके पश्चात् वह अन्तर-विश्वविद्यालय मुकाबलों के लिए अच्छी प्रकार से प्रशिक्षित लड़कों और लडकियों की टीमें भेजता है। प्रत्येक विश्वविद्यालय में खेलों के प्रबन्धकीय विभाग बनाए गए हैं। इनका काम विश्वविद्यालय में खेल के मैदान खेल के सामान तथा खेल के मुकाबलों की व्यवस्था करना है। कृषि विश्वविद्यालय को छोड़कर अन्य विश्वविद्यालयों में बाकी विषयों की भान्ति शारीरिक शिक्षा का विषय पढ़ाया जाता है और इस विषय में परीक्षाएं भी ली जाती हैं। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय के हर विभाग में अच्छे खिलाड़ियों के लिए सीटें सुरिक्षत रखी जाती हैं। इससे खिलाड़ियों को भी उच्च शिक्षा प्राप्त करके इंजीनियर, डॉक्टर तथा वैज्ञानिक बनने का अवसर मिलता है।

सभी विश्वविद्यालयों में खेलों की प्रगति के लिए खेल के मैदानों, स्विमिंग पूलों, स्टेडियमों, जिमनेज़ियमों की व्यवस्था की गई है। पंजाब विश्वविद्यालय तथा गुरु नानक देव विश्वविद्यालय में विशेष विभाग खोले गए हैं जहां शारीरिक शिक्षा के अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाता है। संक्षेप में, हम कह सकते हैं कि विश्वविद्यालय विभिन्न क्षेत्रो में श्रेष्ठ खिलाड़ी पैदा करने में प्रशंसनीय भूमिका निभा रहे हैं।

(ख) पंजाब स्टेट स्पोर्ट्स कौंसिल (Punjab State Sports Council)-
पंजाब सरकार ने 1961 में खेलों की प्रगति के लिए संस्था की स्थापना की जिसे पंजाब स्टेट स्पोर्ट्स कौंसिल का नाम दिया गया। इस कौंसिल का प्रमुख काम प्रान्त के युवकों और युवितयों में खेल भावना का संचार करना है। राज्य में बढ़िया खेल का सामान, जिमनेज़ियम, स्टेडियम, स्विमिंग पूल आदि बनाने का उत्तरदायित्व इस संस्था के ज़िम्मे है। इस काम के लिए पंजाब सरकार तथा भारत सरकार हर साल वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

पंजाब स्टेट स्पोर्ट्स कौंसिल ने प्रत्येक जिले में जिला स्पोर्ट्स कौंसिल (District Sports Council) स्थापित की है। यह कौंसिल ज़िले के डिप्टी कमिश्नर के अधीन काम करती है। इसके सचिव के रूप में जिला स्पोर्ट्स अधिकारी काम करता है। पंजाब स्टेट स्पोर्ट्स कौंसिल का अध्यक्ष राज्य का मुख्यमन्त्री होता है तथा राज्य का डायरेक्टर स्पोर्ट्स इसका सचिव होता है। यह कौंसिल खेलों की प्रगति के लिए विशेष प्रयत्न करती है।

यह कौंसिल प्रसिद्ध खिलाड़ियों को, जिन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त की हो, ‘महाराजा रणजीत सिंह एवार्ड’ से सम्मानित करती है। यह पुराने और रिटायर्ड वृद्ध खिलाड़ियों को जिन्होंने राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में भाग लिया है, पेन्शनें देती है। यह कौंसिल राष्ट्रीय मुकाबलों में भाग लेने वाली टीमों का सारा खर्च सहन करती है। इसके अतिरिक्त यह कौंसिल अन्तर्राष्ट्रीय मुकाबलों में भाग लेने वाले पंजाबी खिलाडियों को विदेशों में जाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की है।

(ग) पंचायती राज खेल परिषद् (Panchayati Raj Sports Council) –
पंजाब सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों की प्रगति के लिए 1967 में पंचायती राज खेल परिषद् की स्थापना की। इस परिषद् ने ग्रामीण नवयुवकों में खेल भावना तथा खेल मुकाबलों में रुचि तथा भ्रातृत्व के गुणों का संचार करने के विशेष प्रयत्न किए। इस परिषद् ने सभी जिलों में पंचायत समितियों की स्थापना की है जो अपने जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबलों का आयोजन करती है। प्रत्येक पंचायत समिति इन मुकाबलों के लिए 250 रु० ज़िला समितियों को देती है। पंचायती राज खेल परिषद् लड़कों के लिए फुटबाल, हॉकी, कबड्डी, वालीबाल, रस्साकशी, एथ्लैटिक्स, भार उठाने, जिमनास्टिक तथा लड़कियों के लिए कबड्डी, खो-खो, हॉकी आदि खेलों के मुकाबलों का आयोजन करती है।

(घ) पंजाब ओलम्पिक एसोसिएशन (Punjab Olympic Association) –
पंजाब ओलम्पिक एसोसिएशन की स्थापना देश के विभाजन से पूर्व 1942 में श्री जी० डी० सोंधी के प्रयत्नों के फलस्लरूप हुई थी। परन्तु 1947 में देश के विभाजन के साथ ही इस संस्था का अस्तित्व मिट गया। 1948 में श्री जी० डी० सोंधी के यत्नों से पंजाब के खेल प्रेमियों की शिमला में एक सभा हुई जिसके फलस्वरूप पंजाब ओलम्पिक एसोसिएशन का पुनर्गठन हुआ। पंजाब की सभी खेल एसोसिएशनें भी इस संस्था की सदस्य बनीं।

इस संस्था का मुख्य काम न केवल विभिन्न खेल एसोसिएशनों के कार्य की देखरेख करना है, बल्कि इसके वित्तीय व्यय पर भी नज़र रखना है। यह समय-समय पर प्रान्तीय एसोसिएशनों को खेल की प्रगति के लिए सुझाव देती है और उनके परस्पर विवादों का निपटारा करती है। यह वर्ष में एक बार ओलम्पिक दिवस मनाती है और ओलिम्पिक लहर के विषय में जानकारी प्रदान करती है।

ओलम्पिक नियमों का पालन करवाना तथा खेल मुकाबलों में पेशेवर खिलाडियों (Professional Players) को भाग लेने से रोकना इस संस्था की ज़िम्मेवारी है। इसके अतिरिक्त यह संस्था साल में एक बार प्रान्तीय स्तर पर खेल मुकाबलों का आयोजन करती है।

(ङ) पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड – (Punjab School Education Board) –
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की स्थापना पंजाब विश्वविद्यालय की परीक्षाओं के अधिक बोझ को कम करने के लिए, परीक्षाओं को अच्छी तरह से आयोजित करने तथा शीघ्र परिणाम निकालने के लिए की गई। इस बोर्ड का काम स्कूलों की विभिन्न श्रेणियों के लिए पाठ्यक्रम तथा पुस्तकें तैयार करना है।

पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने एक प्रशंसनीय काम किया है। वह यह कि अन्य विषयों की भान्ति शारीरिक शिक्षा को भी विद्यार्थियों को पढ़ाने का विषय बनाया और इस विषय पर परीक्षाएं भी ली जाती हैं। पंजाब शिक्षा बोर्ड हॉकी की खेल को विशेष रूप से उन्नत करने के लिए मुकाबलों का आयोजन करता है। यह प्राइमरी स्तर पर खेलों की प्रगति के लिए ब्लॉक स्तर पर स्कूल के बच्चों के लिए खेल मुकाबले आयोजित करता है।

1947 के पश्चात् पंजाब में खेलों की प्रगति PSEB 9th Class Physical Education Notes

  • देश के विभाजन का खेलों पर प्रभाव-पंजाब का 1947 में विभाजन हुआ। जिसका खेलों पर बहुत प्रभाव पड़ा क्योंकि इससे खेलों के बहुत-से मैदान पाकिस्तान में चले गए।
  • पंजाब में ओलम्पिक एसोसिएशन की स्थापना-इस एसोसिएशन की स्थापना 1948 में हुई जिसके प्रथम प्रधान जी० डी० सौन्धी और सैक्रेटरी प्रो० एफ० सी० अरोड़ा बने।
  • संस्थाओं का खेलों की प्रगति में योगदान-पंजाब पुलिस विभाग, सीमा सुरक्षा बल, पंजाब राज्य बिजली बोर्ड आदि संस्थानों ने खेलों की प्रगति में योगदान दिया।
  • पंजाब खेल विभाग-1961 में पंजाब ने खेल विभाग की स्थापना की जिस द्वारा प्रत्येक जिले में जिला स्पोर्ट्स विभाग की स्थापना की गई और खिलाड़ियों के लिए स्पोर्ट्स होस्टल बनाए गए।
  • पंजाब राज्य की यूनिवर्सिटियां-पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़, पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी लुधियाना, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर हैं। जिनमें डायरेक्टर स्पोर्ट्स नियुक्त किए गए हैं, जो खेलों का संचालन करते हैं।
  • पंजाब स्टेट स्पोर्ट्स कौंसिल-यह कौंसिल 1971 में खेलों की प्रगति के लिए आरम्भ हुई, जिसका मुख्य कार्य पंजाब के युवकों और युवतियों में खेल भावना का संचार करना है।
  • पंचायती राज्य खेल परिषद्-पंजाब सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों की प्रगति के लिए 1967 में पंचायती राज खेल परिषद् की स्थापना की। जिसे अब पंजाब राज्य खेल विभाग में मिलाया गया है।
  • पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड-पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने दूसरे विषयों की तरह शारीरिक शिक्षा को विषय के रूप में अपनाया और ये खेलों का संगठन सभी पंजाब के स्कूलों में करता है।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 7 ई-गवर्नेस

Punjab State Board PSEB 9th Class Computer Book Solutions Chapter 7 ई-गवर्नेस Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Computer Chapter 7 ई-गवर्नेस

Computer Guide for Class 9 PSEB ई-गवर्नेस Textbook Questions and Answers

1. बहुविकल्पीय प्रश्न-उत्तर

1. G2C का मतलब है-
(क) Government to Co-operation
(ख) Grievances to Co-operation
(ग) Government to Citizen
(घ) None of these.
उत्तर-
(ग) Government to Citizen.

2. G2G का मतलब है-
(क) Government to Government
(ख) Set to Go
(ग) Gather to Go
(घ) None of these.
उत्तर-
(क) Government to Government.

3. G2E का मतलब है-
(क) Grievance to employee
(ख) Government to employee
(ग) Government to environment
(घ) None of these.
उत्तर-
(ख) Government to employee

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 7 ई-गवर्नेस

4. G2B का मतलब है-
(क) Government to Banks
(a) Government to Businessmen
(ग) Government to Business
(घ) None of these.
उत्तर-
(ख) Government to Businessmen.

5. IRCTC का मतलब है-
(क) Indian Railway Catering and Tourism Co-operation Ltd.
(ख) Indian Runway Catering and Tourism Co-operation Ltd.
(ग) Indian Railway Catering and Travelling Co-operation Ltd.
(घ) Indian Railway Cargo and Tourism Co-operation Ltd.
उत्तर-
(क) Indian Railway Catering and Tourism Co-operation Ltd.

2. छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
ई-गवनेस क्या हैं ?
उत्तर-
ई-गवर्नेस का मतलब है कि सरकारी सेवाओं को आनलाइन करना। सरकार के कामकाज का आनलाइन होना।

प्रश्न 2.
ई-गवर्नेस के दो उद्देश्य कौन-से हैं ?
उत्तर

  1. भिन्न-भिन्न आनलाइन सेवाओं का प्रयोग करके जनता की ज़रूरतों को आसानी से पूरा करना।
  2. सरकारी प्रशासनिक काम-काज की पारदर्शी, उत्तरदेय और प्रभावशाली तरीके के साथ सेवाओं को उपलब्ध करवाना।

प्रश्न 3.
शहरी क्षेत्र में ई-गवर्नेस के कौन-कौन से काम होते हैं ?
उत्तर

  1. सड़क सेवाओं के काम-काज जैसे-कच्चा आईसस बनना, गाड़ियों के टाइम-टेबल बनना।
  2. बिल और टैक्स को आनलाइन जमा करवाना।
  3. सड़क और सुरक्षा का प्रबंध करना।

प्रश्न 4.
गाँव क्षेत्र में ई-गवर्नेस कौन-कौन से काम करती है ?
उत्तर-
गाँव क्षेत्र में ई-गवर्नेस का बहुत अच्छा प्रभाव है। यहाँ पर खेती से संबंधित काम-काज से लेकर आम-सूचना के सारे काम ई-गवर्नेस ही करती है।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 7 ई-गवर्नेस

3. बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
एक अच्छी गवर्नेस की मुख्य विशेषताएं क्या हैं ?
उत्तर-
एक अच्छी गवर्नेस की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं

  1. अच्छी गवर्नेस में सभी सम्मिलित होते हैं। कोई भी आदमी जोकि किसी निर्णय द्वारा प्रभावित होता है या फैसला लेने की प्रक्रिया में भाग लेना चाहता है, में शामिल हो सकता है। यह कई ढंगों से जैसे कि किसी वर्ग के लोगों को जानकारी देनी और उनकी राय का पता लगाना, उनको सिफारिशों का मौका देना या कई बार उनको वास्तव में निर्णय करने के कार्य में शामिल कर लिया जा सकता है।
  2. अच्छी गवर्नेस कानून का पालन करती है।
  3. अच्छी गवर्नेस निर्णय करने और फैसले लागू करने में प्रभावशाली और कुशल होती है और कई प्रक्रियाओं द्वारा उपलब्ध लोगों, स्रोतों के अच्छे प्रयोग करके समाज की आवश्यकता अनुसार नतीजे प्राप्त करती है।
  4. अच्छी गवर्नेस लिए गए फैसले के नतीजे के लिए जनता को उत्तरदायी होती है।
  5. अच्छी गवर्नेस जनता की आवश्यकताओं को समय पर और ठीक ढंग से पूरा करने के लिए उत्तरदायी होती है।
  6. अच्छी गवर्नैस पारदर्शी होती है, इससे अभिप्राय यह है कि जनता साफ-साफ यह देख सकती है कि कोई फैसला कैसे और क्यों लिया गया है।

प्रश्न 2.
ई-गवर्नेस के चार स्तंभ कौन-से हैं ?
उत्तर

  1. संपर्क-लोगों को सरकार की सेवाओं से जोड़ने के लिए संपर्क की आवश्यकता होती है।
  2. ज्ञान-ज्ञान का भाव है IT (Information Technology) का ज्ञान। सरकार अच्छे इंजीनियर को इस काम के लिए रखती है जो ई-गवर्नेस के काम को अच्छे से पूरा करते हैं।
  3. डाटा-इंटरनैट पर सूचना को शेयर करने के लिए सरकार अपनी सेवाओं से संबंधित डाटाबेस का रख-रखाब करती है।
  4. पैसा-सरकार की तरफ से अपनी सेवाओं को लागू करने के लिए लगाई गई राशि।

प्रश्न 3.
ई-गवर्नेस के चार मॉडल का विवरण करें।
उत्तर
1. सरकार से नागरिक-यह सरकार की उन सेवाओं के बारे में बताती है जो एक नागरिक प्रयोग करता है। इस मॉडल में नागरिक जिन सेवाओं का प्रयोग करना चाहते हैं, उस लिंक का प्रयोग करते हैं। इसका प्रयोग करके नागरिक आन लाइन पानी का बिल, बिजली और टैलीफोन आदि को जमा करवा सकता है।

2. सरकार से सरकार इस मॉडल में सरकार के बीच शेयर किये जाने वाली सेवाएं आती हैं। इसमें सरकार भिन्न-भिन्न प्रकार के राज्य के पुलिस विभाग शेयर किये जाने वाली सूचना और बजट से संबंधित काम शामिल है।

3. सरकार से व्यापारी-इसमें निजी क्षेत्र और सरकार के बीच रिश्ता और भी अच्छा होता है। यह व्यापारियों से सरकार और सरकार से व्यापारियों की बातचीत करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसमें टैक्स को इकट्ठा करना, पैकिंग वस्तुओं को मंजूर या न मंजूर करना आदि शामिल है।

4. सरकार से कर्मचारी-इस मॉडल में सरकार और इसके कर्मचारियों के बीच और अच्छे संबंधों के लिए काम करता है। इसके कर्मचारी सरकार के काम और कार्य प्रणाली की देखभाल करते हैं।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 7 ई-गवर्नेस

प्रश्न 4.
सेहत और शिक्षा के क्षेत्र में ई-गवर्नेस का क्या काम है ? विवरण करें।
उत्तर-
सेहत और शिक्षा के क्षेत्र में ई-गवस का बहुत महत्त्वपूर्ण योगदान है। इसमें सरकार शिक्षा के क्षेत्र और सेहत विभाग में क्या काम चल रहा है उसकी पूरी देखभाल करती है। इसमें सरकार इस बात को देखती है कि सेहत और शिक्षा के क्षेत्र में कितना सुधार हुआ है। यदि कोई सुधार हुआ है तो कितनी मात्रा में हुआ है।

प्रश्न 5.
ई-गवर्नेस का इतिहास और विकास का विवरण करें।
उत्तर-
भारत में ई-गवर्नेस 1970 में स्थापित की गई। उस समय सरकार ने इसको सुरक्षा के क्षेत्र, पैसे के लेन-देन की योजना के क्षेत्र में प्रयोग किया? सूचना और संचार टैकनोलॉजी का प्रयोग वोट, टैक्स, प्रशासन से संबंधित डाटे का प्रबंध करने के लिए किया जाता है। इसके बाद NIC-National Information Center की कोशिशों से सारे जिलों को आपस में जोड़ा गया।

साल 1990 की शुरुआत में ई-गवर्नेस ने सूचना टैकनोलॉजी का प्रयोग करके बहुत बड़े क्षेत्र में पहुंच गए और गांव क्षेत्र में पहुंचने की कोशिश की। पहले सरकार और नागरिक के बीच बात करने के लिए कार्यालय की ज़रूरत पड़ती थी। परन्तु सूचना और संचार के क्षेत्र में प्रगति आने से सरकारी काम और अच्छे तरीके से होने लगा। सूचना और संचार में ग्राहकों के लिए, सेवा केन्द्र को ढूंढना और भी संभव हो गया। यह केन्द्र सरकारी एजेंसी में ‘काऊंटर के रूप में या ग्राहकों के नजदीक सरकारी एजेंसी के बाहर भी हो सकते हैं।

PSEB 8th Class Computer Guide ई-गवर्नेस Important Questions and Answers

रिक्त स्थान भरें

1………….. से मतलब है कि सरकारी सेवाओं की ………….. .
उत्तर-
ई-गवर्नस, ऑनलाइन,

2. RSPCB का मतलब है
उत्तर-
Rajasthan State Pollution Control Board,

3. IRCTC का मतलब है ………….
उत्तर-
Indian Railway Catering and Tourism Co-operation Ltd.,

4. UIDAI से मतलब ……………..
उत्तर-
Unique Identification Authority of India,

5. HRTC का मतलब …………
उत्तर-
Himachal Road Transport Corporation Project,

6. E-Seva का भाव
उत्तर-
Electronic Seva, 6 ईगवनस,

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 7 ई-गवर्नेस

7. सामाजिक कार्यों को करने के लिए प्रक्रियाओं के समूह को ………… कहा जाता है।
उत्तर-
सुविधा सेंटर,

8. सरकारी कार्यों को करने के लिए सरकार . ………… की प्रक्रिया का इस्तेमाल करती है।
उत्तर-
Single user Friendly Window Disposal Help line for Application,

9. सुविधा का अर्थ है ……………. ।
उत्तर-
सुविधा सेंटर,

10. एफीडेविट की तुरंत तसदीक …………….सेंटर में हो सकती है।
उत्तर-
रजिस्टरी,

11. वाहनों की ………. सुविधा सेंटर में हो सकती है।
उत्तर-
6.

12. आप …………….. में से किसी भी वक्त पैसे निकलवा सकते हैं।
उत्तर-
ATM.

सही या गलत बताइये-

1. i-tickets के प्रयोग से केवल ऑन लाइन रेलवे टिकट बुकिंग होती है।
उत्तर-
सही,

2. i-ticketing में टिकट बुकिंग 2 दिन पहले होनी जरूरी है।
उत्तर-
सही,

3. e-ticketing का प्रयोग तत्काल बुकिंग के लिए होता है।
उत्तर-
सही,

4. e-governance सुविधायें हासिल करने के लिए कम्प्यूटर का प्रयोग नहीं किया जाता।
उत्तर-
गलत,

5. ऑन लाइन बैंकिंग की मदद से एक खाते से दूसरे खाते में धन भेजना संभव है।
उत्तर-
सही,

6. i-tickets के प्रयोग से केवल ऑन लाइन रेलवे टिकट बुकिंग होती है।
उत्तर-
सही,

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 7 ई-गवर्नेस

7. i-ticketing में टिकट बुकिंग 2 दिन पहले होनी जरूरी है।
उत्तर-
सही,

8. e-ticketing का प्रयोग तत्काल बुकिंग के लिए होता है।
उत्तर-
सही,

9. e-governance सुविधाएं हासिल करने के लिए कम्प्यूटर का प्रयोग नहीं किया जाता।
उत्तर-
गलत,

10. ऑन लाइन बैंकिंग की मदद से एक खाते से दूसरे खाते में धन भेजना संभव है।
उत्तर-
सही।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
E-Aadhar क्या है ?
उत्तर-
ई-आधार 12 अंकों का हर एक व्यक्ति के लिए पहचान नंबर है जोकि UIDAI का भारत सरकार लागू करती है। यह नंबर पूरे भारत में पहचान और पते का प्रमाण होता है।

प्रश्न 2.
आपदा प्रबंधन क्या है ?
उत्तर-
किसी भी सरकार के लिए आपदा/मुसीबत का सामना करना बहुत बड़ी बात होती है क्योंकि यह प्राकृतिक और किसी भी समय होने वाली घटना है। इस तरह की मुसीबत का सामना करने के लिए सरकार ने तथा कई राज्य सरकारों ने ई-गवर्नेस के बहुत-से क्षेत्र शुरू किये हैं।

प्रश्न 3.
ई-गवर्नेस से क्या अर्थ है?
उत्तर –
ई-गवर्नेस का अर्थ है सूचना तकनीक की मदद से नागरिकों और व्यापारियों को नई-से-नई व्यापारिक जानकारी देना और कार्यों को बढ़िया तरीके से उन को प्रदान करवाना।

प्रश्न 4.
ई-गवर्नस का प्रयोग (लाभ) बताइये।
उत्तर-

  1. काम खर्च
  2. तेज़ रफ्तार
  3. कभी भी किसी भी समय।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 7 ई-गवर्नेस

प्रश्न 5.
ई-गवनैस की सेवा कौन-कौन से क्षेत्र प्रदान करता है?
उत्तर-

  • बैंकों में
  • हवाई जहाज और रेलवे की टिकट बुक करवाने में
  • जन्म और मौत के सर्टीफिकेट जारी करने के लिए।

प्रश्न 6.
इंटरनेट बैंकिंग से भाव है?
उत्तर-
इस बैंकिंग के द्वारा हम इंटरनैट के द्वारा आम बैंकिंग सुविधाएं जैसे कि भुगतान (Payment), मनी ट्रांसफर (Money Transfer) और अकाऊंट बकाया (Account Balance) आदि काम 24 घंटे कर सकते हैं।

प्रश्न 7.
आन लाइन रेलवे और हाई टिकटिंग से क्या भाव है?
उत्तर-
इस तकनीक के द्वारा हम रेल गाड़ियों और हवाई उड़ानों की जानकारी पहले से ही प्राप्त कर सकते हैं और रेलवे और हवाई जहाज़ की टिकटें इंटरनेट के द्वारा घर बैठे बुक करवा सकते हैं।

प्रश्न 8.
भारती रेलवे की टिकटिंग प्रणालियों के नाम लिखें।
उत्तर-

  1. आई-टिकटिंग (i-ticketing)
  2. ई-टिकटिंग (e-ticketing)।

प्रश्न 9.
सुविधा सैंटर से क्या भाव है?
उत्तर-
इन सैंटरों में जनता की आम ज़रूरत में आने वाली सेवायें, सहूलतें प्रदान की जाती हैं, जैसे कि पासपोर्ट बनाने, राशन कार्ड बनाने, विवाह की रजिस्ट्रेशन।

प्रश्न 10.
JIT से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
JIT से अर्थ है Just In Time, भाव जनता को उसी समय सुविधा प्रदान करवाना जिस समय वो यह सुविधा प्राप्त करना चाहता है जैसे कि ATM मशीनों के आ जाने से व्यक्ति किसी भी समय पैसे निकाल सकता है और यह 24 घंटे खुले रहते हैं और इनको ऑपरेट करने के लिए किसी भी व्यक्ति की ज़रूरत नहीं होती।

प्रश्न 11.
i-tickting क्या होती है ?
उत्तर-
आई-टिकटिंग (i-tickting) यह मुफ्त , web baised टिकटिंग सिस्टम है। इस प्रणाली में कस्टमर (Customer) को कम-से-कम 2 दिन पहले टिकट बुक करवानी पड़ती है और 2 या 3 दिन से अंदर टिकट घर पहुँचा दी जाती है।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 7 ई-गवर्नेस

प्रश्न 12.
E-tickting क्या होती है ?
उत्तर-
ई-टिकटिंग (E-tickting) यह एक आन लाइन (Online) टिकट है। इस टिकट को e-mail के द्वारा भेजा जा सकता है या (Printable Online) पर प्रिंट किया जा सकता है। ई-टिकटिंग गाड़ी के समय के चार्ट से हिसाब से बुक की जाती है। ई-टिकटिंग के लिए शिनास्ति सबूत जैसे कि Voter ID कार्ड, राशनकार्ड पासपोर्ट, PAN कार्ड या ड्राईविंग लाईसेंस आदि का विवरण देना पड़ता है। इस के बाद उसका एक प्रिंट लेकर और यात्रा करते समय यह प्रिंट और अपना ID सबूत साथ रखना चाहिये।

प्रश्न 13.
E-governance का क्या महत्त्व है?
उत्तर –

  1. ई-गवर्नेस से कोई भी काम बड़ी तेज़ी, आसानी से कर सकते हैं। जिन कामों को बहुत ज्यादा समय लगता था, वही काम आज बड़ी आसानी और परंपरागत तरीकों से किया जा सकता है।
  2. इस में लिखित, मौखिक, वीडियो और ऐनीमेशन तकनीकें शामिल हैं।
  3. इसका खर्च परंपरागत साधनों के खर्च से बहुत कम होता है। पूरा सैट-आप स्थापित हो जाने से इसका रोज़ाना खर्चा बहुत कम होता है । सिर्फ शुरुआत के खर्चे ज्यादा हैं।
  4. ई-गवर्नेस की मदद से हम भी कहीं भी किसी भी टाईम अपना काम कर सकते हैं जैसे हम किसी भी बैंक की वैब साईट से अपने अकाऊंट की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और बैंकों की नई स्कीमों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न 14.
सुविधा सैंटरों के कोई पाँच मुख्य उपयोगों का वर्णन करें ।
उत्तर-

  1. इन सैंटरों में जनता की आम ज़रूरत में आने वाली सेवायें, सहूलतें प्रदान की जाती हैं।
  2. हर सुविधा सैंटर में हैल्प-लाईन नंबर मौजूद हैं। कोई भी व्यक्ति टेलीफोन करके ज़रूरी जानकारी प्राप्त कर सकता है।
  3. सेवाओं के लिए एक स्थान पर सारी ऐपलीकेशनज़ को जमा करवाना ।
  4. जो भी नई स्कीम या तरीका हो उसकी जानकारी मौके पर उसी समय ही उपलब्ध हो जाती है।
  5. सुविधा केंद्रों की कोरीयर (Courier) सर्विस भी बहुत तेज़ है जिस के द्वारा ज़रूरी कागजात अब 48 घंटों में व्यक्तियों के घर पहुंचा दिये जाते हैं।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 6 इंटरनैट एप्लीकेशन

Punjab State Board PSEB 9th Class Computer Book Solutions Chapter 6 इंटरनैट एप्लीकेशन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Computer Chapter 6 इंटरनैट एप्लीकेशन

Computer Guide for Class 9 PSEB इंटरनैट एप्लीकेशन Textbook Questions and Answers

1. रिक्त स्थान भरें

1. Gmail ……………. की एक फ्री सेवा है।
(क) Yahoo
(ख) Google
(ग) Radiffmail
(घ) Hotmail.
उत्तर-
(ख) Google.

2. इंटरनैट पर प्रत्येक मशीन को एक विशिष्ट नंबर दिया जाता है। जिसे ………………………. कहते हैं।
(क) एडरैस
(ख) ई-मेल
(ग) D
(घ) IP एडरैस।
उत्तर-
(घ) IP एडरैस।

3. ……………………………. एक प्रकार का टैस्ट होता है जो पता लगाता है कि यूजर एक मनुष्य है कि नहीं।
(क) CAPTCHA
(ख) DERTSA
(ग) HEPTCHA
(घ) NEPHCA.
उत्तर-
(क) CAPTCHA.

4. …………………………….. एक प्रकार का मालवेयर होता है जो यूजर के कम्प्यूटर को बिना आज्ञा प्रयोग करने के लिए बनाया जाता है।
(क) स्पाईवेयर
(ख) टरोजन
(ग) मालवेयर
(घ) हॉरस।
उत्तर-
(ख) टरोजन।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 6 इंटरनैट एप्लीकेशन

5. TV तथा रेडियो इंटरनेट पर …………………….. मीडिया के उदाहरण हैं।
(क) स्ट्रीमिंग
(ख) लिमिटिड
(ग) आनलाइन
(घ) ऑफ़लाइन।
उत्तर-
(क) स्ट्रीमिंग।

2. सही या ग़लत बताएं

1. स्पाईवेयर एक ई-मेल धोखा है जिसमें ग़लत कार्य करने वाला व्यक्ति एक सही दिखने वाली ई-मेल भेजता है, जो हमारी निजी तथा वित्ती जानकारी इकट्ठी कर लेता है।
उत्तर-
ग़लत,

2. गूगल ड्राइव के साथ हम आनलाइन स्टोर तथा शेयर नहीं कर सकते।
उत्तर-
ग़लत,

3. एंटीवायरस साफ्टवेयर के साथ हम वायरस को सही कर सकते हैं।
उत्तर-
सही,

4. BCC में हम उन व्यक्तियों के पते टाइप करते हैं जिनको हम ई-मेल की एक कॉपी तो भेजते हैं पर दूसरे रिसीपटैंट को इसका पता नहीं चलता।
उत्तर-
सही,

5. डिजीटल सिगनेचर को बायोग्राफी के द्वारा बनाया तथा वेरीफाई किया जाता है।
उत्तर-
सही।

3. छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
CAPTCHA (कैपचा) कोड किसे कहते हैं ?
उत्तर-
CAPTCHA का पूरा नाम Completely Automated Public Thring Test to Tell Computer and Human Apart. यह एक प्रकार का टैस्ट होता है जो हमें बताता है कि यूजर मनुष्य है या नहीं। इसमें यूजर को कोई टैक्सट भरने के लिए दिया जाता है तथा उसे फिर चैक किया जाता है।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 6 इंटरनैट एप्लीकेशन 1

प्रश्न 2.
Google Apps से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
Google Apps एक एप्लीकेशनज़ का सैट है जिसमें विभिन्न प्रयोग करने वाली एप्लीकेशनज़ हैं। यह सैट Google द्वारा बनाया गया है।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 6 इंटरनैट एप्लीकेशन 2

प्रश्न 3.
डिजीटल सिगनेचर क्या होता है ?
उत्तर-
डिजीटल सिगनेचर एक ऐसा कोड होता है जिसे इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर होने वाली फाइल के साथ भेजा जाता है। इससे भेजने वाले की पहचान होती है।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 6 इंटरनैट एप्लीकेशन

प्रश्न 4.
ई-मेल भेजने का तरीका बताएँ।
उत्तर-
ई-मेल भेजने लिए सबसे पहले Compose पर क्लिक करें। फिर आपको ई-मेल भेजने का एंट्री फार्म नज़र आ जाएगा। To में पाने वाले का ई-मेल एडरैस टाइप करें, Subject भरें तथा संदेश टाइप करें।

प्रश्न 5.
डाऊनलोडिंग के बेसिक स्टैप लिखें।
उत्तर-

  • लिंक पर क्लिक करें। (एक डायलाग बॉक्स दिखाई देगा।)
  • Save या Open पर क्लिक करें।
  • डाऊनलोड को Confirm करें।
  • Open या Run पर क्लिक करें।

प्रश्न 6.
क्लाउड प्रिंटिंग क्या है ?
उत्तर-
कलाउड प्रिंटिंग वह प्रक्रिया है जिसमें किसी भी दस्तावेज को कलाउड नैटवर्क के साथ जुड़े किसी कम्प्यूटर पर से प्रिंट कर सकते हैं।

प्रश्न 7.
कोई चार एंटी वायरस के नाम बताओ।
उत्तर-

  • Microsoft Essential
  • Aura
  • Avast
  • Macafee.

4. बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
IP एडरैस क्या है ? व्याख्या करें।
उत्तर-
इंटरनैट से जुड़े प्रत्येक कम्प्यूटर को एक विशेष नंबर दिया जाता है जिसके द्वारा वह पहचाना जाता है। इस एडरैस या नाम को IP एडरैस कहते हैं। एक आई०पी० एडरैस में चार नंबर होते हैं जिनको (.) डाट द्वारा अलग किया जाता है। प्रत्येक नंबर 0 से 255 के बीच हो सकता है। ये चारों नंबर किसी खास नेटवर्क को दर्शाते हैं। 192.168.1.1 एक IP एडरैस की उदाहरण है। इस प्रकार इन सारे नंबरों का प्रयोग करके 4, 294, 967, 296 आई०पी० एडरैस बनाए जा सकते हैं। इंटरनैट पर कोई भी कम्प्यूटर एक आई०पी० एडरैस के नहीं हो सकते।

प्रश्न 2.
किन्हीं तीन गूगल एप्स का वर्णन करें।
उत्तर

  1. गूगल कैलंडर-यह एक गूगल द्वारा बनाया गया टाइम मैनेजमैंट वैब एप्लीकेशन तथा मोबाइल एप्प है। उसके द्वारा हम अपने कार्य को रिकार्ड कर सकते हैं तथा यह हमें समय आने पर अलर्ट भी कर देता है। इसके लिए यूजर के पास Google अकाऊंट होना चाहिए।
  2. गूगल मैप-गूगल मैप एक डैस्कटाप बैव मैपिंग सेवा है। इससे हमें सैटेलाइट इमेज, स्ट्रीट मैप, 360 डिग्री स्ट्रीट व्यू, मौजूदा ट्रैफिक कंडीशन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट द्वारा यात्रा करना आदि जैसे विकल्प या सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 6 इंटरनैट एप्लीकेशन 3

3. गूगल ट्रांसलेट-यह गूगल की एक फ्री सेवा है, जिसमें किसी एक भाषा से दूसरी भाषा में मशीनी ट्रांसलेशन की जा सकती है।

प्रश्न 3.
Gmail में ई-मेल अकाऊंट बनाने की प्रक्रिया का वर्णन करो।
उत्तर-
Gmail पर ई-मेल अकाऊंट बनाने के निम्न पग हैं

  • अपना इंटरनैट ब्राऊजर खोलें।
  • www.gmail.com एडरैस टाइप करें।
  • Google का Sign in सैक्शन आ जाएगा।
  • Create Account पर क्लिक करें।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 6 इंटरनैट एप्लीकेशन 4

एक नया पेज आएगा जिसमें हमसे कुछ बेसिक जानकारी पूछी जाती है। जैसे कि First name 711 Last name. Username जो आपका ई-मेल पता होगा। Password

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 6 इंटरनैट एप्लीकेशन 5
Confirm Password Date of Birth Gender
Mobile Number.

सारी जानकारी भरने के बाद Next पर क्लिक करें तो ई-मेल अकाऊंट तैयार हो जाएगा।

प्रश्न 4.
Google Drive के लाभ बताएं।
उत्तर-
Google Drive के निम्न लाभ हैं-

  1. Google Drive के साथ हम अपने दोस्तों, रिश्तेदारों आदि को जो गूगल ड्राइव प्रयोग करते हैं को अपनी फाइलें भेज सकते हैं।
  2. इसके द्वारा फाइल वैब पर उपलब्ध हो जाती है, जिससे हम इसे कहीं भी देख सकते हैं।
  3. गूगल ड्राइव एक मोबाइल एप्प भी है। इससे हम अपनी फाइलस को कहीं भी Smart Phone पर भी देख सकते हैं।
  4. गूगल ड्राइव में एक बना बनाया सर्च इंजन भी होता है। इसके द्वारा हम अपनी फाइलों के कंटेंट को सर्च भी कर सकते हैं।
  5. गूगल ड्राइव में ऑप्टीकल करैक्टर रैकोगनीशन सिस्टम भी है। इसे हम स्कैन किये दस्तावेज भी कुछ सर्च कर सकते हैं।
  6. गूगल ड्राइव एक फ्री सेवा है, जब तक इसका ज्यादा बड़ा इस्तेमाल न किया जाए।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 6 इंटरनैट एप्लीकेशन 6

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 6 इंटरनैट एप्लीकेशन

PSEB 8th Class Computer Guide इंटरनैट एप्लीकेशन Important Questions and Answers

रिक्त स्थान भरें-

1. ई-मेल से भाव है……….. ।
उत्तर-
इलैक्ट्रॉनिक मेल,

2. गूगल एप्प में …………, ………….. तथा ………….. एप्प है।
उत्तर-
ई-मेल, कैलंडर, मैप शीट,

3. गूगल ड्राइव में हम अपनी बड़ी फाइलें …………… कर सकते हैं।
उत्तर-
शेयर,

4. कलाऊड शब्द ………..के लिए प्रयोग किया जाता है।
उत्तर-
इंटरनेट,

5. ……… से कम्प्यूटर प्रोग्राम की फाइलों को नुकसान पहुंचाता है।
उत्तर-
वायरस।

सही या गलत बताइये-

1. E-mail, Microsoft का उत्पाद है।
उत्तर-
गलत,

2. हम इंटरनैट पर फाइल शेयर नहीं कर सकते।
उत्तर-
सही,

3. Google Drive पर डाटा कभी नष्ट नहीं होता।
उत्तर-
सही,

4. कम्प्यूटर में Cloud का अर्थ है बादल।
उत्तर-
गलत।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
ई-मेल से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
ई-मेल का पूरा नाम इलैक्ट्रानिक मेल है। यह एक ऐसा तरीका है जिसमें संदेश भेजना, लिखना, पढ़ना तथा प्राप्त करना संभव है। यह इंटरनैट पर सबसे ज्यादा प्रयोग आने वाला साधन है।

प्रश्न 2.
Google+ क्या है?
उत्तर-
Google+ एक सोशल नेटवर्किंग का हिस्सा है। यह लगभग Facebook की तरह ही है। इसमें हम Facebook की तरह पोस्ट कर सकते हैं।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 6 इंटरनैट एप्लीकेशन

प्रश्न 3.
गूगल ड्राइव क्या है ?
उत्तर-
यह एक आनलाइन स्टोर करने की सेवा है। इसमें फाइलों को शेयर भी किया जा सकता है, इसकी शुरुआत 24 अप्रैल, 2012 को हुई। इसमें 5GB डाटा स्टोरेज स्पेस फ्री दी जाती है।

प्रश्न 4.
वायरस क्या होता है ?
उत्तर-
कम्प्यूटर वायरस एक कम्प्यूटर प्रोग्राम होता है जो दूसरे कम्प्यूटर प्रोग्राम में अपने आपको दोहराता है तथा हमारे हार्डवेयर तथा साफटवेयर को नुकसान पहुंचा सकता है।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय

Punjab State Board PSEB 9th Class Computer Book Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Computer Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय

Computer Guide for Class 9 PSEB एम०एस० अक्सैस से परिचय Textbook Questions and Answers

1. रिक्त स्थान भरें

1…………………… एक रिलेशन डाटाबेस मैनेजमैंट सिस्टम है।
(क) एक्सल
(ख) वर्ड
(ग) पॉवर पवाइंट
(घ) अक्सैस।
उत्तर-
(घ) अक्सैस।

2. …………… डाटाबेस का मुख्य अंग होता है।
(क) Queries
(ख) टेबल
(ग) Form
(घ) Modules.
उत्तर-
(ख) टेबल।

3. एक फील्ड एक तरह के …………………………….. का सैट होता है।
(क) डाटाबेस
(ख) टेबल
(ग) डाटा आइटम
(घ) फॉर्मज।
उत्तर-
(ग) डाटा आइटम।

4. Queries टेबल को बदलने. और …………………………….. करने के लिए प्रयोग की जाती हैं।
(क) संभालना, फार्म, अपडेट
(ख) काटना, टेबल बनाना, Queries अपडेट कापी करने
(ग) स्टोर करने, पेस्ट करने, कापी करने के लिए, रिपोर्ट बनाने
(घ) Queries तैयार करने, Modules रिपोर्ट बनाने।
उत्तर-
(क) संभालना, फार्म, अपडेट।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय

5. एक फील्ड के लिए खास सैटिंग ………………………………. कहलाती है।
(क) डाटाबेस
(ख) मैक्रो
(ग) डाटा टाइप
(घ) रिपोर्ट।
उत्तर-
(ग) डाटा टाइप।

2. छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
एम०एस० अक्सैस के Components के नाम बताएं।
उत्तर-

  1. टेबल,
  2. Queries,
  3. फार्म,
  4. रिपोर्ट,
  5. मैक्रो,
  6. Modules.

प्रश्न 2.
एम०एस० अक्सैस में कौन-कौन से डाटा टाइप प्रयोग किए जाते हैं ? ।
उत्तर-

  1.  Text,
  2. नंबर,
  3. डेट/समय,
  4. हां/ना
  5. Currency,
  6. Auto Number,
  7. Memo,
  8. QLE object,
  9. Hyperlink,
  10. Calculated.

प्रश्न 3.
एम० एस० अक्सैस की विशेषताएं बताएं।
उत्तर-

  • यह एक सुरक्षित डाटाबेस सिस्टम है।
  • इस में हम अपने प्रयोग करने वाले डाटे को डाल सकते हैं।
  • एम० एस० अक्सैस Multiuser का support करता है।
  • यह बहुत सस्ता है। बाकी दूसरे बड़े सिस्टम में भी इसी तरह के फंक्शन प्रयोग किए जाते हैं।

प्रश्न 4.
रिकार्ड का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
किसी एक आइटम से संबंधित कीमतों के सैट को रिकार्ड कहते हैं।

प्रश्न 5.
टेबल क्या होता है ? टेबल बनाने के अलग-अलग तरीके बताएं।
उत्तर-
किसी खास विषय के लिए इकट्ठा किया डाटा, टेबल कहलाता है। एक डाटाबेस में बहुत सारे टेबल होते हैं। टेबल बनाने के अलग-अलग तरीके इस प्रकार हैं-

  1. Create Table In Design View.
  2. Create Table In Wizard View.
  3. Create Table by Entering Data.

प्रश्न 6.
टेबल का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
टेबल के बीच के डाटे को अपनी ज़रूरत अनुसार देखने और बदलने के लिए फार्म प्रयोग किए जाते हैं। User को टेबल के साथ जोड़ने के लिए फार्म सबसे अच्छा तरीका है।

प्रश्न 7.
रिपोर्ट क्या होती है ?
उत्तर-
यह टेबल या Queries के डाटे को दिखाने और छापने के लिए प्रयोग की जाती है। आप रिपोर्ट के बीच के डाटे को संपादन नहीं कर सकते।

3. बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
डाटाबेस डिजाइन के लिए आवश्यक दिशा निर्देश कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
डाटाबेस डिज़ाइन करने से पहले आप को कुछ दिशा निर्देश मानने पड़ेंगे। ये दिशा निर्देश आप को एक अच्छा डाटाबेस बनाने में मदद करेंगे-

  1. अपनी ज़रूरत अनुसार आप सभी फील्ड को ढूंढें जिन में आप की ज़रूरत के अनुसार जानकारी भरी जा सकती है।
  2. डाटाबेस को अच्छा बनाने के लिए डाटा के हर एक फील्ड को छोटे-छोटे महत्त्वपूर्ण हिस्से में बांटना चाहिए।
  3. ग्रुप के संबंधित फील्ड को टेबल में बनाएं।
  4. सभी टेबलों में एक मुख्य कुंजी लगाएं।
  5. टेबल में एक ऐसा फील्ड चाहिए जो आम हो।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय

प्रश्न 2.
Design View में टेबल कैसे बनाया जाता है ?
उत्तर
1. टेबल ग्रुप में कान्टेंट टैब पर टेबल बटन पर क्लिक करें। इससे एक नए खाली टेबल डाटाशीट में एक छोटी Window खुल जायेगी।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय 1

2. डाटे को डालते समय फील्ड भरना-डाटाशीट व्यू में डाटा Excel की वर्कशीट की तरह ही डाला जाता है। इसमें डाटा लगातार रोअज़ और कालम में दाखिल होता है। डाटाशीट व्यू में ऊपर दाईं (Left) तरफ क्लिक करें। जब भी कभी डाटाशीट व्यू में कोई नया कालम डालना होता है तो यह टेबल में एक नया फील्ड बना देता है। डाटाशीट व्यू में हर टेबल में अक्सैस अपने आप एक डाटाशीट के दाईं तरफ एक फील्ड बना देता है जिस को हम आई-डी (ID) कहते हैं। यह फील्ड अपने आप में प्राइमरी कीअ की तरह काम आता है।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय 2

3. डाटा दाखिल करते समय फील्ड को भरना –

  • Click to Add Column में पहले सैल पर क्लिक करो। इस के बाद अपने टेबल की आईटम में डाटा दाखिल करें। कालम में बाई (Right) तरफ जाने के लिए टैब (Tab) अथवा Enter कीअ को दबायें। अक्सैस अपने आप आई-डी फील्ड में 1 नंबर डाल देगा। जब भी हम कोई रोअज़ को सिलैक्ट करते हैं, वह अपने आप पैन्सिल में बदल जाता है। जब भी कोई रिकॉर्ड (Record) को डाला जाता है पर उस को सेव (Save) नहीं किया जाता है।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय 3

  • रोअज़ आईकन में पैन्सिल पर क्लिक करें। इस तरह पहला रिकॉर्ड सेव (Save) हो जायेगा। जिसका नंबर 1 होगा। इस तरह आपका सारा रिकार्ड सेव (Save) हो जायेगा।
  • इसी तरह आप डाटा आईटम डालते जाएं और Enter or Tab कीअ दबाते जायें।

(4) जब आप पहले रिकॉर्ड में डाटा दाखिल कर देते हैं तो आप रिकॉर्ड को सेव (Save) करने के लिए किसी भी रोअज़ पर क्लिक करें। आप जितना डाटा डालें उसके बाद टेबल को सेव कर लें।

प्रश्न 3.
डिज़ाइन दृश्य में टेबल कैसे तैयार किया जाता है ?
उत्तर-
जब भी आप डिज़ाइन दृश्य में टेबल बनाना चाहते हैं। आप को अपनी डाटाशीट पर बहुत ध्यान देना पड़ेगा। पहले हमें डिज़ाइन दृश्य में टेबल का ढांचा बनाना पड़ता है और बाद में डाटाशीट में जा कर डाटा को दाखिल करना पड़ता है।

डिज़ाइन दृश्य में पहले Object Window में दिए पेज़ नज़र आते हैं। उसमें पहला Field object पेज़ होता है जो window में दाईं तरफ होता है। इस का प्रयोग field name बताने के लिए और डाटा टाइप बनाने के लिए किया जाता है।

इस का दूसरा क्षेत्र है Property पेन है। यह window के नीचे दिखाई देता है जिस में फील्ड की प्रापर्टी के बारे में बताया जाता है। फील्ड प्रापर्टी में जो प्रापर्टीज़ होती है वह हमारी तरफ से दिए गए मूल्य पर निर्भर करती है। डिज़ाइन दृश्य में टेबल बनाने के स्टैप

  • Create table में टेबल ग्रुप में टेबल डिज़ाइन बटन पर क्लिक करो। Object window में एक खाली टेबल आ जायेगा।
  • फील्ड नेम कॉलम में पहले फील्ड नेम लिखें। फील्ड नेम 64 अंग्रेज़ी के अक्षर हो सकते हैं जिनमें लैटर, नंबर, स्पेस आदि हो सकते हैं।
  • डाटा टाइप कॉलम में नीचे ऐरो पर क्लिक करें और लिस्ट में से डाटा टाइप चुनें।
  • Description कॉलम में फील्ड की Description टाइप करें।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय 4

और फील्ड लेकर स्टैप 2 से 4 दुबारा करें। सारे फील्ड भरने के बाद टेबल को सेव करें।

प्रश्न 4.
फिल्टर क्या होता है ? इसको कैसे लगाया जाता है ?
उत्तर-
M.S. Access में फिल्टर एक ऐसा तरीका है जो आप को वही डाटा दिखाता है जिसकी आप को ज़रूरत होती है।
डाटा फिल्टर लगाने के स्टैप-
1. आप जिस फील्ड पर फिल्टर लगाना चाहते हैं, उस फील्ड के साथ के Drop down Arrow पर क्लिक करें। हम कक्षा के आधार पर फिल्टर लगाएं। क्योंकि हम पूरी कक्षा में उन विद्यार्थियों की सूची देखना चाहते हैं जो कि पास अथवा फेल हुए हैं।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय 5

2. एक चैक लिस्ट के साथ एक Drop down मीनू सामने आ जायेगे। फिल्टर के प्रणाम में चैक लगी हुई items ही दिखाई देगी। आगे लिखी हुई ऑप्शन पर आप फैसला कर सकते हो किस फिल्टर में आप कौन-सी आईटम ला सकते हो।

  • किसी एक आईटम को एक समय सिलैक्ट या डीसिलैक्ट करने के लिए Check box पर क्लिक करें। यहाँ पर हम अकेले कक्षा में फिल्टर लगाना चाहते हैं और बाकी बची आप्शन को छोड़ देंगे।
  • हर एक आईटम को फिल्टर लगाने के लिए सिलैक्ट आल पर क्लिक करें और दूसरी बार क्लिक करने पर सभी आईटम डी-सिलैक्ट हो जायेगी।
  • ब्लैंक (Blank) पर क्लिक करने पर फिल्टर वही रिकॉर्ड सामने दिखाई देंगे जिस में कई फील्ड होंगे।
  • OK पर क्लिक करके फिल्टर चालू हो जाएगा।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय

प्रश्न 5.
सोर्टिंग (Sorting) क्या है ? सोर्टिंग को आप अपने डॉक्यूमैंट पर कैसे लगायेंगे ?
उत्तर-
सोर्टिंग-आप डाटाबेस में जो रिकॉर्ड देखते हो वही नज़र आयेगा। जैसे कि सबसे पहला रिकॉर्ड और उसके बाद दूसरा रिकॉर्ड। इस तरह हम आसानी से स्क्रोल (Scroll) करके किसी भी रिकॉर्ड को ढूंढ़ सकते हैं। अक्सैस में रिकॉर्ड उनकी आई०डी० के आधार पर सोर्टिंग करता है। उदाहरण के लिए-कक्षा से संबंधित डाटाबेस को कई प्रकार से सोर्टिंग कर सकते हैं।

  • विद्यार्थी को नतीजे, उनके नाम, अथवा नंबरों के आधार पर हम डाटे को शोर्ट (Sort) कर सकते
  • रोल नंबर और नाम के आधार पर
  • कक्षा के आधार पर

विद्यार्थी के टेबल को सोर्ट करने का तरीका :
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय 6
1. होम टैब टेबल पर क्लिक करें और सोर्टिंग और फिल्टर ग्रुप पर जायें।
2. फील्ड को सोर्ट करें। चढ़ते अथवा ढलते क्रम कमांड को सिलैक्ट करें।

  • टैक्सट को A to Z और नंबर को छोटे से बड़े तक सोर्टिंग करने के चढ़ते क्रम को सिलैक्ट करें।
  • चढ़ते क्रम को सिलैक्ट करें, जिससे टैक्सट Z to A और नंबर की बड़े से छोटे अंक पर सोर्टिंग करना चाहते हैं।

3. अब आप टेबल को सिलैक्ट करें फील्ड के अनुसार सिलैक्ट हो जायेगा।

प्रश्न 6.
एम०एस० अक्सैस में रिपोर्ट कैसे बनाई जाती है ?
उत्तर-
अक्सैस में रिपोर्ट आप को इकट्ठे किये डाटे की अपनी सुविधा अनुसार प्रिंट करने की सुविधा प्रधान करता है। आप अपने टेबल और Queries के आधार पर रिपोर्ट बना सकते हैं।
रिपोर्ट बनाने के कई तरीके हैं पर यहां पर हम विजार्ड के साथ रिपोर्ट बनायेंगे। रिपोर्ट बनाने का तरीका

  1. अपना डाटा बेस खोलें।
  2. Report टैब पर क्लिक करें।
  3. Create a Report by using wizard आप्शन पर क्लिक करें।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय 7

4. एक टेबल का चुनाव करें, जिस पर आधारित रिपोर्ट तैयार करनी है।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय 8
5. टेबल के बीच वाले फील्डस ज़रूरत के अनुसार चुनें।
6. Next बटन पर क्लिक करें।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय 9
7. अपनी रिपोर्ट के लिए ज़रूरत अनुसार जानकारी दें और Next पर क्लिक करें।
8. फील्ड स्टोर करने के संबंध में जानकारी दें और Next बटन पर क्लिक करें।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय 10
9. रिपोर्ट का ले आऊट निर्धारित करें और Next बटन पर क्लिक करें।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय 11
10. रिपोर्ट का स्टाइल चुनें।
11. First बटन पर क्लिक करें।

PSEB 8th Class Computer Guide एम०एस० अक्सैस से परिचय Important Questions and Answers

रिक्त स्थान भरें

1. एम०एस० अक्सैस ……………………………………….. मैनेजमैंट सिस्टम है।
उत्तर-
रिलेशनल डाटाबेस,

2. टेबल में डाटा ………………… और …………….. रखा जाता है।
उत्तर-
रिकार्ड, फील्ड,

3. अक्सैस में टैक्सट, नंबर आदि ………….. टाइप इस्तेमाल की जाती है।
उत्तर-
डाटा,

4. ………………….. टेबल बनाना बहुत आसन है।
उत्तर-
डाटाबेस,

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय

5. डाटाबेस बनाने के लिए पहले ………… जाता है और फिर उस में डाटा दाखिल किया जाता है।
उत्तर-
टेबल बनाया।

सही या गलत बताइये-

1. एम०एस० अक्सैस एक स्प्रेडशीट पैकेज है।
उत्तर-
गलत,

2. अक्सैस में टेबल तीन ढंगों के द्वारा बनाया जा सकता है।
उत्तर-
सही,

3. टेबल में डाटा को सम्पादन (Edit) रखना संभव नहीं।
उत्तर-
गलत,

4. हम दो टेबलज़ के बीच में संबंध स्थापित कर सकते हैं।
उत्तर-
सही,

5. रिपोर्ट के बीच में डाटे को बदला नहीं जा सकता।
उत्तर-
सही,

6. डाटाबेस एक दूसरे से संबंधी रिकार्डज़ का इकट्ठ नहीं होता।
उत्तर-
गलत।

सही मिलान करें-

A B
1. अक्सैस 1. स्टूडेंट रोल नंबर
2. टेबल 2. टैक्सट, नंबर, डेट एंड टाइम
3. फील्ड 3. डाटा दाखिल करवाने के लिए टेबल
4. डाटा टाइप्स 4. डाटाबेस साफ्टवेयर
5. डाटाशीटव्यु 5. रोअज़ और कॉलमज

उत्तर-

A B
1. अक्सैस डाटाबेस साफ्टवेयर
2. टेबल रोअज़ और कॉलमज़
3. फील्ड स्टूडेंट रोल नंबर
4. डाटा टाइप्स टैक्सट, नंबर, डेट ऐंड टाइम
5. डाटाशीट व्यू डाटा दाखिल करवाने के लिए टेबल।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
टेबल बनाने के भिन्न-भिन्न तरीकों के नाम बताइये।
उत्तर-
टेबल नीचे लिखे तीन तरीकों से बनाया जा सकता है

  1. डिज़ाइन व्यू के द्वारा
  2. विज़ार्ड के द्वारा
  3. डाटा ऐंटरी के द्वारा।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय 12

प्रश्न 2.
फार्म क्या होता है ?
उत्तर-
फार्म टेबल में डाटा एंटर करने का एक माध्यम है। इस में हम डाटे को अपनी ज़रूरत के अनुसार दिखा सकते हैं।

प्रश्न 3.
कोई 5 डाटा टाइप्स के नाम बताइये।
उत्तर-
डाटा टाइप्स नीचे लिखे प्रकार के हो सकते हैं –

  1. टैक्सट
  2. नंबर
  3. डेट/टाइप
  4. यैस/नौ
  5. मिमो
  6. करंसी
  7. आटो नंबर
  8. हाईपरलिंक।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय

प्रश्न 4.
कुएरीज़ क्या होती है ?
उत्तर-
कुएरीज़ टेबल से डाटा प्राप्त करने का साधन है। यह एक लाइन या स्टेटमैंट होती है जो DBMS को भेजी जाती है जिस का जवाब वो सूचना के रूप में देता है।

प्रश्न 5.
नई डाटाबेस फाइल बनाने का तरीका बताइये ।
उत्तर-
नई डाटाबेस फाइल नीचे लिखे तरीके से बनाई जा सकती है-

  1. File मीनू पर क्लिक करें।
  2. New → Blank Data Base पर क्लिक करें।
  3. डाटाबेस फाइल का नाम टाइप करें।
  4. Create बटन पर क्लिक करें। (डाटाबेस फाइल तैयार हो जायेगी)

प्रश्न 6.
अक्सैस में डाटा किस रूप में होता है ?
उत्तर-
टेबल।

प्रश्न 7.
एम० एस० अक्सैस को शुरू करने का तरीका क्या है ?
उत्तर-
Start → All Programme → Microsoft Office – MS-Access.

प्रश्न 8.
फील्ड क्या है ?
उत्तर-
फील्ड एक ही तरह के डाटा आईटम का सैट होता है। एक टेबल में बहुत फील्ड होते हैं। उदाहरणः विद्यार्थी का टेबल।

प्रश्न 9.
डाटा टाइप क्या है ?
उत्तर-
फील्ड की डाटा टाइप यह बताती है कि इसमें किस प्रकार का डाटा स्टोर किया जा सकता है। उदाहरण के लिए विद्यार्थी की माँ की डाटा टाइप Characters.

उत्तर-
माइक्रोसॉफ्ट अक्सैस एक डाटाबेस पैकेज है, जो अमरीका के माइक्रोसॉफ्ट कार्पोरेशन नामक कम्पनी द्वारा विकसित किए गए पैकेज माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस (Microsoft Office) का एक भाग है। यह एक रिलेशनल डाटाबेस पैकेज है, जिसमें डाटा को सारणियों के रूप में रखा जाता है।

प्रश्न 11.
एम० एस० अक्सैस की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर-
एम० एस० अक्सैस में सभी प्रकार के डाटा को सारणियों में रखा जाता है। कोई सारणी किसी डाटा फील्ड के आधार पर अन्य सारणियों में सम्बन्धित हो सकती है। सारणियों में डाटा प्रविष्टि फार्म की सहायता से डाटा भरा और सुधारा जा सकता है। हम कुऐरियों द्वारा अपनी आवश्यकता का डाटा प्राप्त कर सकते हैं। सूचनाओं को रिपोर्टों में प्रस्तुत किया या छापा जा सकता है। एम० एस० अक्सैस में हम डाटा प्रविष्टि के समय ही डाटा की वैधता की जाँच कर सकते हैं।

प्रश्न 12.
एम० एस० अक्सैस में कोई सारणी क्या होती है?
उत्तर-
एम० एस० अक्सैस में कोई सारणी एक जैसे ढांचे वाले रिकार्डों का संग्रह होती है। प्रत्येक रिकार्ड में एक वस्तु के बारे में सूचनाएँ भरी जाती हैं। कोई रिकार्ड किसी वस्तु के बारे में कई डाटा फील्डों का संग्रह होता है। उदाहरण के लिए, यदि हम किसी कक्षा के विद्यार्थियों के बारे में एक सारणी बना रहे हैं, तो उसमें प्रत्येक विद्यार्थी के लिए एक रिकार्ड होगा। एक रिकार्ड में रॉल नं, नाम, पिता का नाम, जन्म तिथि, उम्र, लम्बाई , वज़न आदि डाटा फील्ड हो सकते हैं। किसी सारणी के सभी रिकार्डों में डाटा फील्ड एक जैसे और एक ही क्रम में होने चाहिए।

प्रश्न 13.
एम० एस० अक्सैस में कितने भिन्न-भिन्न डाटा टाइप उपलब्ध हैं?
उत्तर-
एम०एस० अक्सैस में कई डाटा टाइप उपलब्ध हैं। उनमें से मुख्य डाटा टाइप उनके आकार सहित निम्नलिखित हैं –
पाठ्य (Text) अधिकतम 255 चिन्हों तक
संख्या (Number) 1, 2, 4 या 8 बाइट
तारीख/समय (Date/Time) 8 बाईट
हाँ/नहीं (Yes/No 1 बिट
मेमो (Memo) 64000 चिह्नों तक

प्रश्न 14.
एम० एस० अक्सैस में कितने प्रकार के संख्यात्मक फील्ड स्टोर किये जा सकते हैं? उनके आकार का भी उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
एम० एस० अक्सैस में निम्नलिखित प्रकार के संख्यात्मक फील्ड उपलब्ध हैं।
बाइट (Byte)- इनमें 0 से 255 तक प्राकृतिक संख्याओं को स्टोर कर सकते हैं। आकार 1 बाइट।
पूर्णांक (Integer)- इसमें -32768 से 32767 तक पूर्ण संख्याएँ स्टोर की जा सकती हैं। आकार 2 बाइट।
लम्बा पूर्णक (Long Integer)- इसमें -2147483648 से 2147483647 तक पूर्णांक स्टोर किए जा सकते हैं। आकार 4 बाइट।
सिंगल (Single)- इसमें 6 सार्थक अंकों तक की संख्याएँ स्टोर की जा सकती हैं, जिनका विस्तार3,402823×1034 से 3,402823×1038 तक होता है। आकार 4 बाइट।
डबल (Double)- इसमें 10 सार्थक अंकों तक की संख्याएँ स्टोर की जा सकती हैं, जिनका विस्तार -1.7976934862325×10304 से 1.7976934862323 x10308 तक होता है। इसका आकार 8 बाइट होता है। (यह डिफॉल्ट टाइप भी है।)

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय

प्रश्न 15.
डाटा वैधता परीक्षण क्या होता है? यह कैसे किया जाता है ?
उत्तर-
डाटा वैधता परीक्षण किसी डाटा को डाटाबेस में जोड़ने से पहले उसके सही और सम्भव होने की जाँच करने की प्रक्रिया को कहा जाता है। यह मुख्यतः दो स्तरों पर किया जाता है- पहला, फील्ड स्तरीय और दूसरा, रिकार्ड स्तरीय। इन दोनों स्तरों के लिए, हम कुछ वैधता नियम तैयार करते हैं। यदि कोई डाटा किसी वैधता नियम पर खरा नहीं उतरता, तो उसे डाटाबेस में नहीं जोड़ा जाता और स्क्रीन पर उस डाटा को सही करने के लिए वैधता पाठ्य को चेतावनी के रूप में प्रदर्शित किया जाता है।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 4 डी०बी०एम०एस० से परिचय

Punjab State Board PSEB 9th Class Computer Book Solutions Chapter 4 डी०बी०एम०एस० से परिचय Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Computer Chapter 4 डी०बी०एम०एस० से परिचय

Computer Guide for Class 9 PSEB डी०बी०एम०एस० से परिचय Textbook Questions and Answers

1. रिक्त स्थान भरें

1. डी० बी० एम० एस० का पूरा नाम ………….. है।
(क) डाटाबेस मैनेजर सिस्टम
(ख) डाटाबेस मैनेजिंग सिस्टम
(ग) डाटाबेस मैनेजमैंट सिस्टम
(घ) डाटाबेस मैसजर सॉफ्टवेयर।
उत्तर-
(ग) डाटाबेस मैनेजमैंट सिस्टम।

2. डाटाबेस को संभालने की ज़िम्मेदारी ………………………….. की होती है।
(क) डाटाबेस मास्टर
(ख) डाटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर
(ग) यूज़र
(घ) आम व्यक्ति।
उत्तर-
(ख) डाटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर।

3. प्रोसैसिंग के बाद डाटा ……………………. में बदल जाता है।
(क) डाटाबेस
(ख) सूचना
(ग) एन०टी०टी०
(घ) सॉफ्टवेयर।
उत्तर-
(ख) सूचना।

4. एक-दूसरे से सम्बन्धित समूह को ………………………… तैयार करते हैं।
(क) डाटाबेस
(ख) डी०बी०एम०एस०
(ग) डी०बी०ए०
(घ) फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम।
उत्तर-
(घ) फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 4 डी०बी०एम०एस० से परिचय

5. एक ही डाटाबेस की एक ही जैसे डाटा की स्टोर करने की प्रक्रिया का डाटा ……………………………. होती है।
(क) इंटीग्रीटी
(ख) रिडुयनसी
(ग) आवजैक्स
(घ) फौरन की।
उत्तर-
(ख) रिडुयन.सी।

6. …………………………….. एक विल्क्षण की होती है।
(क) प्राइमरी की
(ख) फौरन की
(ग) इलैक्ट्रोनिक की
(घ) डाटाबेस की।
उत्तर-
(क) प्राइमरी की।

2. पूरे नाम बताओ

1. DBA
2. DBMS
3. SQL
उत्तर-
1. DBA-डाटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर
2. DBMS-डाटाबेस मैनेजमैंट सिस्टम
3. SQL-सट्रक्चर कुएरी लेंगुएज़।

3. छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
डाटाबेस से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
डाटाबेस व्यवस्थित सूचनाओं का समूह होता है जो कम्प्यूटर में स्टोर होता है। डाटाबेस से यूज़र सूचना भी प्राप्त कर सकता है।

प्रश्न 2.
सम्बन्ध कौन-कौन से होते हैं ?
उत्तर-

  1. एक से एक (1-1)
  2. एक से अनेक (1-M)
  3. अनेक से अनेक (M-M).

प्रश्न 3.
भिन्न-भिन्न प्रकार के डी० बी० ए० के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. एडमिनिस्ट्रेटर डी० बी० ए०
  2. डिवेलपमेंट डी० बी० ए०
  3. आर्किटैक्ट डी० बी० ए०
  4. वेयर हाऊस डी० बी० ए०।

प्रश्न 4.
SQL क्या हैं ?
उत्तर-
यह एक हाई लैवल भाषा है जो रिलेशनल डाटाबेस में डाटा को संभालने, नियंत्रण करने, बदलने के लिए प्रयोग की जाती है।

प्रश्न 5.
कीज़ कितने प्रकार की होती हैं ?
उत्तर-

  • सुपर कीअ
  • कैंडीडेंट कीअ
  • प्राइमरी कीअ
  • कंपोजिट कीअ
  • फौरन की।

4. बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
नारमलाइज़ेशन के बारे बताओ। यह कितनी प्रकार की होती है ?
उत्तर-
नारमलाइज़ेशन एक वैज्ञानिक विधि है जिसके द्वारा टेबल को आसान तरीके से यूज़र को समझने योग्य रूप में बदला जा सकता है। टेबल में रिडुयनडेंसी को कम करने के लिए और डाटाबेस इनकनसिसटैंसी को कम करने और अपने डाटाबेस को मज़बूत करने के लिए आगे कुछ पग दिये हैं।

  • सब टेबल में एक आइडेंटीफाईर ज़रूरी होना चाहिए।
  • सब टेबल में एक टाइप का एन०टी०टी० स्टोर होना चाहिए।
  • नल वैल्यू को कम-से-कम स्टोर करना चाहिए।
  • वैलयूज़ बार-बार कम आनी चाहिए।

आमतौर पर नारमल फारमज़ पांच होती है।

  1. First Normal Form (INF)
  2. Second Normal Form (2NF)
  3. Third Normal Form (3NF)
  4. Fourth Normal Form (4NF)
  5. Boyce coded Normal Form (BCNF).

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 4 डी०बी०एम०एस० से परिचय

प्रश्न 2.
फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम क्या है ? इसके लाभ तथा हानियां क्या हैं ?
उत्तर-
कम्प्यूटर आने से पहले सारी सूचना कागज़ों के ऊपर स्टोर की जाती थी। जब सब सूचना ढूँढ़नी हो तो कागज़ को देखना होता था।
फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम के लाभफाइल प्रोसैसिंग सिस्टम में निम्नलिखित लाभ हैं :

  1. तकनीकी जानकारी की आवश्यकता नहीं-फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम में किसी भी प्रकार की खास कम्प्यूटर या साफ्टवेयर की जानकारी की आवश्यकता नहीं होती। .
  2. कम डाटा में आसानी-फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम में कम डाटा के साथ काम करने में आसानी होती है।
  3. समझने में आसानी-फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम में डाटा की स्ट्रक्चर को समझना डी०वी०एम०एस० से आसान होता है।
  4. सस्ता-फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम की कीमत कम होती है।
  5. सरल-फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम सरल होता है।
  6. फालतू हार्डवेयर की आवश्यकता नहीं-आम करके फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम में किसी हार्डवेयर की आवश्यकता नहीं होती।
  7. आसान जगह बदली-फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम में डाटा की आसानी से जगह बदली जा सकती है। सिर्फ फाइलें कापी तथा पेस्ट ही करनी होती हैं।

फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम के हानियांफाइल प्रोसैसिंग सिस्टम में निम्नलिखित हानियां हैं :
डाटामैपिंग अकसैस-सब संबंधित सूचना को अलग-अलग फाइल में स्टोर करना होता है पर इनमें किसी भी प्रकार की मैपिंग नहीं होती है।

डाटा रिडुयनहुँसी-डुपलीकेट डाटा को वैलिडेट करने के लिए फाइल सिस्टम में कोई भी तरीका नहीं होता है। फाइल सिस्टम में डुपलीकेट डाटा को संभाला नहीं जा सकता। क्योंकि इससे स्पेस घटती है जिससे डाटा को हमेशा संभाल के रखने में मुश्किल होती है। इससे डाटाबेस संभाल सकते हैं।

डाटा डिपेंडेंस-फाइल में डाटा एक विशेष प्रकार से स्टोर किया जाता है ; जैसे कि टैब, कोमा या सैमीकालम जब फाइल का फारमैट बदल दिया जाए। वह फाइल प्रोसैस करने के लिए पूरा प्रोग्राम बदलना पड़ेगा। सारा डाटा खराब हो जाएगा। क्योंकि बहुत प्रोग्राम फाइल का प्रयोग करते हैं। इससे फाइलों का प्रयोग काफी मुश्किल हो जाता है।

डाटा इनकनसिसटेंसी-एक ही प्रकार के डाटा की भिन्न कापियों में कोई अंतर नहीं होना चाहिए। इस प्रकार के डाटा को इनकनसिसटैंसी कहते हैं। इसका कारण है कि फाइल की सही सूची नहीं बनी होती जिसके कारण डाटा की एक जैसी कापी नहीं होती है।

सुरक्षा-हर फाइल को पासवर्ड लागकर सुरक्षित किया जाता है। परंतु अगर फाइल में से हम कोई रिकार्ड देखते हैं जैसे कि किसी भी यूज़र ने अपना नतीजा देखना हो तो यह फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम में बहुत मुश्किल होता है।

प्रश्न 3.
DBMS क्या है ? इसकी लाभ तथा हानियां बताओ।
उत्तर-
DBMS का पूरा नाम डाटाबेस मैनेजमैंट सिस्टम है। यह एक सॉफ्टवेयर होता है। जो यूज़र को डाटाबेस बनाने, संभाल कर रखने, कन्ट्रोल करने और देखने की आज्ञा देता है। DBMS वास्तव में प्रोग्रामों का एक समूह है जो यूज़र को स्टोर करने, बदलने और डाटाबेस में से संक्षेप सूचना निकालने की स्वीकृति देता है।
DBMS के लाभ-

  • यह अधिकता को कंट्रोल करता है।
  • डाटा का मॉडल बनाया जा सकता है।
  • डाटा की साझेदारी की जा सकती है।
  • अशुद्धता लागू होती है।
  • इसका उचित स्तर होता है।
  • इसे बिना आज्ञा कोई व्यक्ति नहीं चला सकता और न ही देख सकता है।
  • निजी ज़रूरतों से लेकर उद्योगों की ज़रूरतें पूरी करता है।
  • इससे ज़्यादा यूज़र इकट्ठे कार्य कर सकते हैं।
  • इसमें बैकअप की यूटिलिटी भी होती है।

हानियां

  1. यह जटिल होता है।
  2. इसका छोटे कम्प्यूटर पर उच्च स्तर पर प्रयोग नहीं हो सकता।
  3. खराब होने का खतरा अधिक होता है।
  4. आकार काफ़ी बड़ा होता है।
  5. इसका मूल्य काफ़ी अधिक होता है।
  6. अतिरिक्त हार्डवेयर की ज़रूरत पड़ती है।
  7. परिवर्तन का मूल्य काफ़ी अधिक होता है।

प्रश्न 4.
एन० टी० टी० क्या होता है ? इसकी किस्मों के बारे में बताएं।
उत्तर-
वह चीज़ जिसकी जानकारी हम डाटा के रूप में डाटाबेस में स्टोर करते हैं। उसे एन० टी० टी० कहते हैं।

  1. एन० टी० टी० किस्में1. कमज़ोर एन० टी० टी०-यह एक ऐसी एन० टी० टी० है। जो आपके एट्रीब्यूट्स से अलग नहीं पहचानी जा सकती।
  2. बढ़िया एन० टी० टी०- इस में प्राइमरी कीअ लगी होती है। यह एन० टी० टी० बढ़िया से जान सकते हैं। यह डाटा से अलग हो जाती है।

प्रश्न 5.
डाटा मॉडल क्या होता है ? इस के भागों के बारे में बताएं।
उत्तर-
डाटा मॉडल वह तरीका है जो हमें डाटाबेस स्ट्रक्चर के बारे में जानकारी देता है। यह तीन प्रकार के होते हैं।
1. ऑब्जैकट ओरीऐंटिड मॉडल-यह लाइन दर लाइन डाटा का वर्णन करते हैं। यह पाँच प्रकार के होते हैं।

  • बाइनरी मॉडल
  • फंकशन मॉडल
  • एन० टी० टी० रिलेशनशिप
  • ऑब्जैकट ओरऐंटिड मॉडल
  • सिमेटिक डाटा मॉडल।

2. रिकार्ड बेस लॉजीकल मॉडल-यह लाइन दर लाइन डाटा का वर्णन करते हैं। पर यह एक फारमैट का प्रयोग करते हैं। इसमें हर एक रिकार्ड के अपने एट्रीब्यूट्स और फील्डस होते हैं, जिसे एक निश्चित अधिकार होता है। यह तीन प्रकार के होते हैं।

  1. नेटवर्क मॉडल
  2. रिलेशनल मॉडल
  3. हैरारीकल मॉडल।

3. फिजीकल डाटा मॉडल-फिजीकल डाटा मॉडल का प्रयोग डाटाबेस में से नीचे लेवल के डाटा का वर्णन करने के लिए किया जाता है।
यह इस प्रकार है-

  • एन० टी० टी०-यह डाटाबेस के अलग-अलग वस्तु के बारे में जानकारी देता है।
  • एट्रीब्यूट-यह प्रयोगकर्ता के नाम, पता आदि के एन० टी० टी० के बारे में जानकारी देता है।
  • एन० टी० टी० सेट-यह एन० टी० टी० सैट और एट्रीब्यूट सुमेल से बनता है। इसमें अलग-अलग ऐन० टी० टी० और एट्रीब्यूट स्टोर की जाती है।
  • रिलेशनशिप-हम जिस भी एन० टी० टी० का प्रयोग कर सकते हैं। वह आपसी डाटाबेस में किसी अन्य एन० टी० टी० से भी जुड़ी हो सकती है। इसी को रिलेशनशिप या संबंध कहते हैं।

PSEB 8th Class Computer Guide डी०बी०एम०एस० से परिचय Important Questions and Answers

रिक्त स्थान भरें

1. प्रोसैस के बाद डाटा …………….. में बदल जाता है।
उत्तर-
सूचना,

2. ………. एक बहुत सारे डाटा का समूह है।
उत्तर-
रिकार्ड,

3. ……………… सिस्टम में डाटा की फाइलों के रूप में संभाला जाता है।
उत्तर-
कम्प्यूट्रीकृत डाटाबेस,

4. एक-दूसरे के साथ सम्बन्धित रिकार्ड के समूह को ……………… कहा जाता है।
उत्तर-
फाइल,

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 4 डी०बी०एम०एस० से परिचय

5. फाइल प्रोसैसिंग में ……………… के अवसर अधिक है।
उत्तर-
डुप्लीकेसी,

6. ……………… व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह है जो डाटाबेस प्रणाली का नियंत्रण करता है।
उत्तर-
डाटाबेस, एडमिनिस्ट्रेटर।

सही या गलत बताइये

1. प्रोसैस (प्रक्रिया) किये डाटा को सूचना कहा जाता है।
उत्तर-
सही,

2. डाटाबेस में सुरक्षा और प्रबन्ध करने के गुण होते हैं।
उत्तर-
सही,

3. DBMS को सम्भालने की ज़िम्मेवारी DBA की नहीं।
उत्तर-
गलत,

4. एक दूसरे से सम्बन्धित डाटा आइटम के समूह को रिकार्ड कहा जाता है।
उत्तर-
सही,

5. सम्बन्धित डाटा आइटम के समूह को फाइल कहा जाता है।
उत्तर-
गलत।

पूरे नाम बताइये

1. DBA
2. DBMS
उत्तर-
1. DBA-Data Base Administrator
2. DBMS-Data Base Management System

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
डाटा और इनफॉरमेशन क्या होता है ?
उत्तर-
डाटा-डाटा कच्चे पदार्थ होते हैं जिन पर कम्प्यूटर प्रोग्राम काम करते हैं। इनफॉरमेशन-प्रोसैस किये गए डाटा को इनफॉरमेशन कहते हैं।

प्रश्न 2.
डाटा बेस एप्लीकेशन का प्रयोग कहां होता है ?
उत्तर-

  • इसके प्रयोग से बैंकों के अकाऊंट्स की संभाल की जाती है।
  • एयरलाइन रिज़रवेशन और एनफॉरमेशन शेडयूल के लिए।
  • संस्था की महीने वार स्टेटमैंट बनाने के लिए।
  • दूर-संचार के लिए।

प्रश्न 3.
डाटा रिडुयन.सी क्या होता है ?
उत्तर-
किसी डाटाबेस में एक ही प्रकार के डाटा को बार-बार स्टोर करने की स्थिति को डाटा रिडुयन.सी कहते हैं।

प्रश्न 4.
एन० टी० टी० रिलेशनशिप डायाग्राम क्या है ?
उत्तर-
E-R Diagram एक ऐसा तरीका है जिसके साथ हम किसे भी Entity को बताने वाले । Atributes को लाजिकली दर्शा सकते हैं।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 4 डी०बी०एम०एस० से परिचय 1

प्रश्न 5.
डाटा (Data) क्या होता है ?
उत्तर-
कच्चे तथ्यों, अंकों, अक्षरों, शब्दों आदि के इकट्ठ को डाटा कहा जाता है। इनका अपने आप में कोई अर्थ नहीं होता।

प्रश्न 6.
सूचना (Information) क्या होती है ?
उत्तर-
प्रोसैसड डाटे को सूचना कहा जाता है। जब हम डाटे की अपनी ज़रूरत अनुसार किसी खास रूप में ढाल देते हैं, उसको सूचना कहा जाता है।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 4 डी०बी०एम०एस० से परिचय

प्रश्न 7.
डाटाबेस (Database) से क्या भाव है ? ।
उत्तर-
सम्बन्धित सूचनाओं का वो इकट्ठ जो एक नाम के नीचे सम्भाला जाता है, उस को डाटाबेस कहते हैं।

प्रश्न 8.
डाटाबेस में कौन-कौन से काम किये जाते हैं ?
उत्तर-
डाटाबेस में नीचे दिये गये काम किये जाते हैं-

  • डाटे को स्टोर करना।
  • डाटे से सूचना तैयार करना।
  • स्टोर की सूचना को दोबारा प्राप्त करना।
  • सूचना को बदलना।
  • अनावश्यक सूचना को डिलीट करना।
  • सूचना को आवश्यक क्रम में लगाना।
  • सूचनाओं के मेल से नई सूचना तैयार करना।

प्रश्न 9.
DBMS के लाभ बताइये।
उत्तर-
DBMS के निम्नलिखित लाभ हैं

  1. यह अधिकता को नहीं होने देता।
  2. यह डाटे को अजोड़ रखता है।
  3. इस में डाटे की साझेदारी की जा सकती है।
  4. इस का उचित स्तर होता है।
  5. इस में डाटा सुरक्षित रहता है।
  6. यह सभी की ज़रूरतें पूरी करता है।
  7. यह बैकअप की रिकवरी की सुविधा प्रदान करता है।
  8. इस में अखण्डता की सुविधा होती है।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित पर नोट लिखें
1. सम्बन्धों की किस्में
2. रिकार्ड
3. फाईल
4. DBA
5. प्राइमरी
6. फौरन की
7. एक से एक सम्बन्ध।
उत्तर
1. सम्बन्धों की किस्में-सम्बन्ध दो या ज़्यादा टेबलों में आपसी सम्बन्ध को दर्शाता है। यह सम्बन्ध अलग-अलग फील्डज़ में होते हैं। यह सम्बन्ध तीन प्रकार के होते हैं-

  • एक से एक सम्बन्ध
  • एक से अनेक सम्बन्ध
  • अनेक से अनेक सम्बन्ध
  1. एक से एक सम्बन्ध-इस में एक टेबल की एक रो का दूजे टेबल की एक रो से सम्बन्ध होता है।
  2. एक से अनेक सम्बन्ध-इस में एक टेबल की एक रो का दूसरे टेबल की एक से ज्यादा रोअज़ से सम्बन्ध होता है।
  3. अनेक से अनेक सम्बन्ध-इस में एक टेबल की एक से ज्यादा रोअज़ का दूसरे टेबल की एक से ज्यादा रोअ से सम्बन्ध होता है।

2. रिकार्ड-एक दूसरे से सम्बन्धित डाटा आइटम के समूह को रिकार्ड कहा जाता है। यह एक टेबल की एक रोअ होती है, जिसमें सारे फील्डज़ की कीमतें शामिल होती हैं। ये सभी कीमतें मिल कर एक रिकार्ड बनाती हैं।

3. फाईल-जब सम्बन्धित जानकारी को एक नाम के नीचे सम्भाला जाता है तो उस को फाईल कहते हैं। यह एक दूसरे से सम्बन्धित रिकार्डज़ का समूह होती हैं।

4. DBADBA का पूरा नाम है डाटाबेस एडमनिस्ट्रेटर (Database Administrator)। इस को डाटाबेस प्रबन्धक भी कहा जाता है। यह उन व्यक्तियों का समूह होता है जो डाटाबेस प्रणाली को नियन्त्रित करते हैं। इसका सभी डाटाबेस पर कण्ट्रोल होता है।

5. प्राइमरी कीअ-किसी टेबल में वो फील्ड या फील्डों का समूह जो अपने आप में विलक्षण होता है, प्राइमरी कीअ कहलाता है। इस कीअ का इस्तेमाल करके टेबल के किसी भी रिकार्ड की प्राप्ति की जा सकती है।

6. फौरन कीअ-वो कीअ जो किसी अन्य टेबल कीअ प्राइमरी की होती है, को पहले टेबल कीअ फौरन कीअ कहा जाता है। यह दो टेबलों में सम्बन्ध स्थापित करती है।

7. एक से एक सम्बन्ध-एक से एक सम्बन्ध वो होता है, जिस में एक टेबल के एक रिकार्ड का किसी दूसरे टेबल की एक ही रिकार्ड से सम्बन्ध होता है।

प्रश्न 11.
डाटाबेस क्या होता है ? साधारण डाटा फाइलों से यह कैसे अधिक उपयोगी है ?
उत्तर-
कोई डाटाबेस आपस में सम्बन्धित डाटा का ऐसा संग्रह होता है, जो एक व्यवस्थित रूप से एक इकाई की तरह एक ही स्थान पर स्टोर किया जाता है। यह साधारण डाटा फाइलों से बहुत अधिक उपयोगी है, क्योंकि हम अपनी आवश्यक सूचनाएँ कई फाइलों को एक साथ मिलाकर प्राप्त कर सकते हैं।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 4 डी०बी०एम०एस० से परिचय

प्रश्न 12.
डाटाबेस बनाने के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
डाटाबेस बनाने के कई लाभ होते हैं, जिनमें से कुछ निम्न प्रकार हैं

  1. डाटा के दोहराव में कमी
  2. कई उपयोगकर्ताओं के बीच डाटा का साझा
  3. डाटा की पूर्णता (Integrity)
  4. डाटा का मानकीकरण (Standardization)
  5. बेहतर डाटा सुरक्षा।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग

Punjab State Board PSEB 9th Class Computer Book Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Computer Chapter 3 नेटवर्किंग

Computer Guide for Class 9 PSEB नेटवर्किंग Textbook Questions and Answers

1. रिक्त स्थान भरें-

1. …………………………. दो या दो से ज्यादा कम्प्यूटरों का सुमेल होता है।
(क) नेटवर्क
(ख) इंटरनेट
(ग) वायरलैस
(घ) टोपोलोजी।
उत्तर-
(क) नेटवर्क।

2. एक आम कम्प्यूटर सिस्टम है जो नैटवर्क में स्रोत को सांझे करने के लिए जुड़ा होता है।
(क) सरबर
(ख) क्लाइंट
(ग) नोड
(घ) लैन तथा वैन
उत्तर-
(क) सरबर।

3. ………………………… एक ऐसा यंत्र होता है जो ज्यादा कम्प्यूटरों को एक समान नैटवर्क डिवाइस से जुड़ने की आज्ञा देता है।
(क) हब
(ख) बस
(ग) रिंग
(घ) स्टार।
उत्तर-
(क) हब।

4. …………………… नेटवर्क के सारे कम्प्यूटर एक केवल को साझा करते हैं तथा डाटा एक दिशा में
जाता है।
(क) सिंगल रिंग
(ख) डयूल रिंग
(ग) MAN
(घ) LAN.
उत्तर-
(क) सिंगल रिंग।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग

5. ……………………… सूचना को बना कर आगे भेजता है।
(क) प्रोटोकाल
(ख) रिसीवर
(ग) सैंडर
(घ) हब।
उत्तर-
(ग) सैंडर।

2. सही या ग़लत बताएं

1. लैन (LAN) एक बहुत बड़े भौगोलिक क्षेत्र में होता है।
उत्तर-
ग़लत,

2. कुल ड्यूलैक्स में सूचना दोनों दिशाओं में भेजी जाती है।
उत्तर-
सही,

3. प्रोटोकॉल डाटा संचार के समय प्रयोग होने वाला नियम है।
उत्तर-
सही,

4. नैटवर्क हमें स्कियोरिटी प्रदान नहीं करता।
उत्तर-
ग़लत,

5. कम्प्यूटर की गिनती बढ़ने से नेटवर्क के कार्य करने की क्षमता बढ़ जाती है।
उत्तर-
ग़लत।

3. छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
किन्हीं चार नैटवर्क टोपोलोजी के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. वस टोपोलोजी
  2. स्टार टोपोलोजी
  3. रिंग टोपोलोजी
  4. ट्री टोपोलोजी।

प्रश्न 2.
नेटवर्किंग में कौन-कौन से कम्प्यूटर प्रयोग किये जाते हैं ?
उत्तर-
नेटवर्किंग में निम्न दो प्रकार के कम्प्यूटर प्रयोग होते हैं-

  • सरबर
  • क्लाइंट।

प्रश्न 3.
राऊटर क्या होता है ?
उत्तर-
राऊटर एक हार्डवेयर डिवाइस है जो डाटा प्राप्त करता है तथा उसका निरीक्षण करने के बाद उसे आगे दूसरे नेटवर्क पर भेजता है।

प्रश्न 4.
हब क्या होता है ?
उत्तर-
हब एक ऐसा यंत्र होता है जो बहुपक्षीय कम्प्यूटरों को एक नैटवर्क डिवाइस के साथ जोड़ता है।

प्रश्न 5.
दो प्रकार की रिंग टोपोलोजी कौन-सी है ?
उत्तर-

  • सिंगल रिंग (Single Ring)
  • डयूल रिंग (Dual Ring)।

4. बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
नेटवर्क क्या होता है ? नेटवर्क के लाभ तथा हानियां बताओ।
उत्तर-
नेटवर्क दो या दो से ज़्यादा कम्प्यूटरों के उस समूह को कहते हैं जिसमें वे आपस में बातचीत कर सकते हैं। ये कम्प्यूटर किसी प्रकार के माध्यम से जुड़े होते हैं। ये कम्प्यूटर आपस में यंत्रों को भी शेयर करते हैं।

नेटवर्क के लाभ

  • इससे डाटा, प्रोग्राम आपस में सांझे किये जा सकते हैं।
  • इससे हम हार्डवेयर तथा साफ्टवेयर शेयर कर सकते हैं।
  • यह कम्यूनीकेशन का एक बढ़िया साधन है।
  • इनके प्रयोग से कम यंत्र ज़्यादा लोग प्रयोग कर सकते हैं।

नेटवर्क की हानियाँ –

  • ये काफी महंगे बनते हैं।
  • नेटवर्क बन्द होने पर सारा कार्य बन्द हो जाता है।
  • नेटवर्क में डाटा की सुरक्षा में सेंध लगा सकती है।
  • इन पर कार्य यूजर को मुश्किल लगता है।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग

प्रश्न 2.
नेटवर्क के कौन-कौन से भाग होते हैं ?
उत्तर-
नेटवर्क के निम्न भाग होते हैं –

  1. कम्प्यूटर-कम्प्यूटर को नोड या क्लाईट भी कहते हैं। यह वह कम्प्यूटर होता है जिस पर सारे स्रोत शेयर किये जाते हैं। इसका प्रयोग यूजर करता है।
  2. सरवर-सरवर वह कम्प्यूटर होता है जो नेटवर्क को कंट्रोल करता है तथा सारा समय नैटवर्क के साथ जुड़ा रहता है। यह एक शक्तिशाली कम्प्यूटर होता है।
  3. नेटवर्क इंटरफेस कार्ड-यह एक सर्कट बोर्ड होता है जिसका प्रयोग कम्प्यूटर को कम्यूनीकेशन मीडिया से जोड़ने के लिए किया जाता है।

निम्न प्रकार के नेटवर्क कार्ड प्रयोग किये जाते हैं-

  • तार वाला
  • बिना तार के।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग 1

हब/स्विच-यह एक ऐसा यंत्र होता है जो ज़्यादा कम्प्यूटरों को आपस में जुड़ने की आज्ञा देता है-
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग 2

राऊटर- यह हार्डवेयर डिवाइस होता है जो डाटा प्राप्त करता है, उसका निरीक्षण करता है तथा दूसरे नेटवर्क पर आगे भेजता है।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग 3

प्रश्न 3.
नेटवर्क की किस्मों के बारे में बताओ।
उत्तर-
कम्प्यूटर नेटवर्क की कई किस्में होती हैं। इनको आकार, प्रयोग आदि के आधार पर कई प्रकार से विभाजित किया जाता है। भौगोलिक आधार से नेटवर्क को निम्न भागों में बांटा जा सकता है।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग 4
1. लैन-लैन का अर्थ है-लोकल एरिया नेटवर्क। इस का प्रयोग छोटी जगह जैसे एक दफ्तर, बिल्डिंग आदि में किया जाता है। इसके द्वारा कई स्रोत तथा यंत्र सांझे किये जा सकते हैं। यह एक सरल नेटवर्क है। इसमें तारों का अधिकतर प्रयोग होता है।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग 5
2. मैन- यह नेटवर्क ज़्यादा बड़े क्षेत्र में फैला होता है। अकसर यह एक शहर में कोई सुविधा प्रदान करते हैं ; जैसे-टेलीविज़न केवल नेटवर्क। यह सिंगल भी हो सकता है तथा किसी के साथ जुड़ा भी। यह कई लैन का मेल भी हो सकता है। यह 5 से 50 कि०मी० तक फैला हो सकता है।

3. वैन-वैन का अर्थ है-वाईड एरिया नेटवर्क। यह बहुत बड़े भौगोलिक क्षेत्र में फैला होता है, जैसे पूरा देश, महाद्वीप या सारी दुनिया इसमें बहुत सारे छोटे नेटवर्क होते हैं। इंटरनैट इस की एक बढ़िया उदाहरण है।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग 6
4. पैन-पैन का अर्थ है परसनल एरिया नेटवर्क। (यह एक छोटा नेटवर्क होता है। यह एक नये टाइप का नैटवर्क है। यह अकेले आदमी का नेटवर्क है। इसमें किसी व्यक्ति के परसनल डिवाइस आपस में मिलकर एक नेटवर्क बनाते हैं। यह केबल वाला तथा बिना किसी केबल के भी हो सकता है।

प्रश्न 4.
डाटा ट्रांसमिशन के तरीकों के बारे में बताएं।
उत्तर-
डाटा ट्रांसमिशन के तरीके का अर्थ है-सैंडर तथा रिसीवर के बीच डाटा किस प्रकार जाता है। डाटा भेजने तथा प्राप्त करने के निम्न तरीके हैं।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग 7

1. Simplex-यह संचार का एक तरफा माध्यम होता है। इसमें एक समय पर एक तरफ ही संचार होता है। दूसरी तरफ संचार नहीं होता। उदाहरण के तौर पर टेलीविज़न तथा रेडियो नेटवर्क।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग 8
2. Half Duplex-Half Duplex में दोनों तरफ से संचार हो सकता है परन्तु एक समय पर सिर्फ एक तरफ से ही संचार होता है। दूसरी तरफ से संचार शुरू करने से पहले पहली तरफ का संचार बंद करना पड़ता है। उदाहरण के तौर पर वाकी टाकी सिस्टम।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग 9
3. Full Duplex : इसमें दोनों तरफ से संचार एक ही समय पर हो सकता है। मोबाइल फोन का नेटवर्क इसी का उदाहरण है।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग 10

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग

PSEB 8th Class Computer Guide नेटवर्किंग Important Questions and Answers

रिक्त स्थान भरें

1. इंटरनेट हज़ारों कम्प्यूटर का एक ……………………. है।
(क) सरबर
(ख) कम्प्यूटर
(ग) नेटवर्क
(घ) हब।
उत्तर-
(ग) नेटवर्क।

2. इंटरनेट को आमतौर पर ………………………. भी कहा जाता है।
(क) सरबर
(ख) नेटवर्क
(ग) नैट
(घ) इंटरएरिया।
उत्तर-
(ख) नेटवर्क।

3. इंटरनेट पर प्रयोग होने वाले नियमों को ……………………… कहते हैं।
(क) प्रोटोकॉल
(ख) इंस्ट्रक्शन
(ग) सैंडर
(घ) रिसीवर।
उत्तर-
(क) प्रोटोकॉल।

4. कम्प्यूटर नेटवर्क के ………….. भाग है।
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच।
उत्तर-
(ग) चार।

निम्नलिखित सूची में से वाक्य से सम्बन्धित शब्द चुनो –

(1) वायरलैस लैन
(2) सर्वर
(3) लैन
(4) डाटा बांट
(5) संचार चैनल
(6) इलेक्ट्रिक मेल
(7) वैन
(8) इंटरनेट स्थान विज्ञान
(9) ऑप्टीकल फाइबर
(10) सर्विस रूट
(11) FTP
(12) HTTP
(13) नेटवर्क स्थान विज्ञान
(14) विभाग
(15) मुड़े जुड़े केबल।

(1) स्टार, रिंग और बस नेटवर्क इसकी मिसालें हैं।
(2) दो स्थितियों के बीच डाटा को तबदील के माध्यम को कहा जाता है।
(3) एक छोटा-सा कम्प्यूटर नेटवर्क जो स्थान खतरे जैसे दफ्तर, इमारत तक ही सीमित होता है।
(4) दो या अधिक नेटवर्क के कनैक्शन को यह कहा जाता है।
(5) यह नेटवर्क का भाषा विज्ञान है।
(6) यह नेटवर्क का उपयोग है।
(7) नियम जो फाइल बदली का ध्यान रखता है।
(8) आप इसके द्वारा कम्प्यूटरों को सन्देश भेज और प्राप्त कर सकते हो।
(9) रूलों का सैट जो प्रदान की गई सेवा का प्रबन्ध करता है।
(10) केबल, जो प्लास्टिक या शीशे की बनी होती है और जो मनुष्य के बालों जितनी घनी होती है,
डाटा संचार के लिए उपयोग की जाती है।
उत्तर-
(1) नेटवर्क स्थान विज्ञान
(2) संचार चैनल
(3) लैन
(4) इंटरनेट स्थान विज्ञान
(5) सर्वर
(6) डाटा बांट
(7) FTP
(8) इलैक्ट्रॉनिक मेल
(9) विभाग
(10) ऑप्टीकल फाइबर।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
संचार (Communication) प्रणाली के साधन द्वारा जोड़े गए कम्प्यूटरों का संग्रह।
उत्तर-
नेटवर्क (Network)।

प्रश्न 2.
एक नेटवर्क के नोडस के अन्तर सम्बन्ध का नमूना।
उत्तर-
टोपोलोजी।

प्रश्न 3.
टोपोलोजी जिसमें केन्द्रीय नोड शामिल होती है, जिसके साथ और नोडस हर एक मार्ग द्वारा जुड़ी होती हैं ?
उत्तर-
स्टार टोपोलोजी।

प्रश्न 4.
विकसित और डिज़ाइन की गई पहली वैन (WAN) प्राइवेट नेटवर्क कौन-सी थी ?
उत्तर-
आरपानैट।

प्रश्न 5.
डाटा संचार गति को मापने वाली एक इकाई।
उत्तर-
ब्रांड (Band)।

प्रश्न 6.
नोडज़ क्लाईंट क्या होते हैं ?
उत्तर-
क्लाईंट या नोड से अभिप्राय है वह कम्प्यूटर जो स्रोतों की साझेदारी के लिए नेटवर्क के साथ जुड़ा होता है। इनको वर्क स्टेशन भी कहा जाता है।

प्रश्न 7.
सर्वर से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
सर्वर एक शक्तिशाली कम्प्यूटर होता है। यह स्रोतों की साझेदारी में मदद करता है। यह सारे नोडज़ के कन्ट्रोल करता है।

प्रश्न 8.
नेटवर्क के कौन-कौन से भाग होते हैं ?
उत्तर-
नेटवर्क के अग्र भाग होते हैं

  1. क्लाईंट या नोड
  2. सर्वर
  3. नेटवर्क इंटरफेस कार्ड
  4. कम्यूनीकेशन चैनल।

प्रश्न 9.
नेटवर्क कितने प्रकार का होता है ?
उत्तर-
नेटवर्क निम्न तीन प्रकार का होता है

  1. लोकल एरिया नेटवर्क
  2. मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क
  3. बाइड एरिया नेटवर्क।

प्रश्न 10.
लोकल एरिया नेटवर्क क्या होता है ?
उत्तर-
यह एक प्राईवेट नेटवर्क होता है। यह कुछ किलोमीटर, एक बिल्डिंग या एक संस्था के अन्दर का नेटवर्क होता है। यह फैक्टरियों तथा दफ्तरों में पीसी तथा वर्क स्टेशनों को जोड़कर सूचना का आदानप्रदान करता है।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग

प्रश्न 11.
मैट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क के बारे में आप क्या जानते हैं ? ।
उत्तर-
यह वह नेटवर्क है जो सारे शहर में फैला होता है। उदाहरण के तौर पर केबल टी०वी० का नेटवर्क। इसका उद्देश्य यूज़र को कोई खास सेवा प्रदान करता होता है।

प्रश्न 12.
वाइड एरिया नेटवर्क क्या होता है?
उत्तर-
यह कई देशों में फैला नेटवर्क होता है। पर कम्प्यूटरों का एक ऐसा समूह होता है जो काफ़ी दूरी तक फैला होता है। यह कई LAN को आपस में जोड़ता है। इसकी कार्य की क्षमता काफ़ी तेज़ होती है।

प्रश्न 13.
बस टोपोलोजी क्या होती है ?
उत्तर-
बस टोपोलोजी में एक साझी तार होती है। इसके साथ अन्य कम्प्यूटरों तथा यन्त्रों को जोड़ा जाता है जिस कम्प्यूटर को सन्देश भेजना होता है वह इस बस की मदद से सन्देश भेजता है।

प्रश्न 14.
रिंग तथा स्टार टोपोलोजी में क्या अन्तर है ?
उत्तर
रिंग टोपोलोजी-

  1. सारे कम्प्यूटर एक रिंग के आकार में जुड़े होते हैं।
  2. केवल खराब होने से नेटवर्क बन्द हो जाता है।
  3. इसमें हब नहीं होती।
  4. हब न होने से नेटवर्क बन्द नहीं होता।

स्टार टोपोलोजी-

  • कम्प्यूटर एक स्टार के आकार में जुड़े होते हैं।
  • कोई केबल खराब होने से नेटवर्क बन्द नहीं होता।
  • इसमें केन्द्रीय हब होती है।
  • हब बन्द होने से नेटवर्क बन्द हो जाता है।

प्रश्न 15.
ट्री टोपोलोजी के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
यह टोपोलोजी एक ट्री के समान होती है। इस में बस तथा स्टार के गुण होते हैं। एक नोड के नीचे अन्य नोडज़ होती है।

प्रश्न 16.
प्रोटोकॉल क्या होते हैं ?
उत्तर-
प्रोटोकॉल नियमों का सेट होता है। यह निश्चित यन्त्रों की सूचना भेजने की आज्ञा देता है। इसके बिना किसी भी प्रकार का कार्य सम्भव नहीं होता।

प्रश्न 17.
HTTP के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
HTTP का अर्थ है Hyper Text Tranfer Protocol. यह इंटरनेट पर सूचना प्रदान करने का एक प्रोटोकॉल है। इसका असली कार्य हाइपर टैक्सट पेज को दिखाना होता है।

प्रश्न 18.
नेटवर्क की ज़रूरत क्यों होती है ?
उत्तर-
नेटवर्क की ज़रूरत निम्नलिखित कारणों के कारण होती है-

  • कम्प्यूटर फाइलों की शेयरिंग के लिए-नेटवर्क यूजरज़ को अपनी फाइलें या सूचनाएं शेयर करने के लिए एक महत्त्वपूर्ण साधन प्रदान करता है।
  • कम्प्यूटर सीमा की बांट-कई कम्प्यूटर डिवाइस बहुत ही महंगे होते हैं, मिसाल के लिए कलर लेज़र प्रिंटर। नेटवर्क द्वारा हम इन यन्त्रों को बांट सकते हैं।
  • अलग-अलग कम्प्यूटरों को एक-दूसरे से संचार करने के काबिल करना-नेटवर्क द्वारा अलग-अलग कम्प्यूटर एक-दूसरे से संचार करते हैं।
  • संचार बहुत तेज़ और शुद्ध होता है-यह सम्भव है कि डाक को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने में अनेकों दिन लग जाते हैं। नेटवर्क द्वारा तेज़ी से और शुद्ध सन्देश भेज सकते हैं।
  • सस्ता साधन है-डाटा का संचार करने के लिए नेटवर्क एक सस्ता ढंग है। इसलिए कम्प्यूटर की मदद से हम डाटा बदली की लागत कम कर सकते हैं।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 3 नेटवर्किंग

प्रश्न 19.
डाटा बांट को नेटवर्किंग का महत्त्वपूर्ण प्रयोग क्यों माना जाता है ?
उत्तर-
नेटवर्किंग में डाटा बांट को सबसे महत्त्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इससे समय और ऊर्जा दोनों की बचत होती है। किसी भी संस्था में एक फाईल को अलग-अलग विभागों के साथ बांट सकते हैं और नेटवर्क द्वारा एक-दूसरे से मिल कर काम कर सकते हैं। इससे काम जल्दी हो जाता है और लागत भी कम होती है।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2)

Punjab State Board PSEB 9th Class Computer Book Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2) Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Computer Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2)

Computer Guide for Class 9 PSEB एम०एस० एक्सल (भाग-2) Textbook Questions and Answers

1. रिक्त स्थान भरें

1. चार्ट विंडो के ………………………….. में सारी वस्तुएं होती हैं।
(क) डाटा मार्कस
(ख) एक्सिस
(ग) चार्ट एरिया
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) चार्ट एरिया।

2. ………………………. द्वारा हम कुछ रूल बना सकते हैं ?
(क) डाटा वेलिडेशन
(ख) पाइवट टेबल
(ग) चार्ट
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(क) डाटा वेलिडेशन।

3. …………………………… द्वारा एक्सल में विभिन्न सनैरियो लगाए जा सकते हैं।
(क) डाटा वेलिडेशन
(ख) पाइवट टेबल
(ग) चार्ट
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(क) डाटा वेलिडेशन।

4. आप वर्कशीट विंडो को …………………………………… कर सकते हैं।
(क) छुपा
(ख) विभाजित
(ग) क्रमबार
(घ) कुछ नहीं।
उत्तर-
(ख) विभाजित।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2)

5. …………………………………….. द्वारा हम स्क्रोलिंग करते वक्त भी रोअ कॉलम देख सकते हैं।
(क) डाइड
(ख) स्पलिट
(ग) फ्रीज
(घ) कुछ नहीं।
उत्तर-
(ख) स्पलिट।

6. ………………………….. कमांडों का सैट होता है जिन्हें चलाया जा सकता है ?
(क) गोल सीक
(ख) मैकरो
(ग) What if analysis
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ख) मैकरो।

2. छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
एक्सल में चार्ट क्या होता है ?
उत्तर-
एक्सल में चार्ट डाटा को ग्राफिकल रूप में दिखाने का एक माध्यम होते हैं। इनके द्वारा डाटे को सुन्दर रूप में पेश किया जा सकता है।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2) 1

प्रश्न 2.
एक्सल में चार्ट की किस्में बताएं।
उत्तर-
एक्सल में चार्ट की निम्न किस्में होती हैं-

  1. कॉलम चार्ट
  2. बार चार्ट
  3. लाइन चार्ट
  4. पाई चार्ट
  5. स्कैटर चार्ट
  6. एरिया चार्ट
  7. सरफेस चार्ट
  8. हिस्टोग्राम।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2) 2

प्रश्न 3.
पाइवट टेबल क्या होते हैं ?
उत्तर–
पाइवट टेबल एक्सल में डाटे को छोटे रूप में दिखाने का एक ढंग होता है। इसके द्वारा डाटे को छोटे रूप में पेश किया जा सकता है।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2)

प्रश्न 4.
डाटा टूलस क्या होते हैं ?
उत्तर-
डाटा टूलस डाटे पर विशेष प्रकार का कार्य करने के विकल्प होते हैं। विभिन्न टूलस द्वारा विभिन्न कार्य किये जा सकते हैं ; जैसे कि डाटा को टैक्सट से कॉलम में बदलना।

प्रश्न 5.
What if analysis क्या होता है ?
उत्तर-
What if analysis एक्सल में एक टूल होता है जिसकी मदद से हम अपने डाटे में किसी नतीजे पर पहुंचने के विभिन्न विकल्पों पर कार्य कर सकते हैं।

प्रश्न 6.
Goal seek क्या होता है ?
उत्तर-
Goal seek, what if analysis का एक भाग है। इसकी मदद से हम विभिन्न इन्पुट मूल्यों का प्रयोग करके आऊटपुट का पता कर सकते हैं।

प्रश्न 7.
मैकरो क्या होते हैं ?
उत्तर-
मैकरो कमांडों का सैट होता है। इनको एक नाम के साथ सेव किया जाता है। इनका प्रयोग बार-बार किया जा सकता है। मैकरो के प्रयोग से हम अपना समय बचा सकते हैं।

3. बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
चार्ट क्या होता है ? इसको बनाने के पग बताएं।
उत्तर-
चार्ट डाटे को ग्राफिकल रूप में पेश करने का एक ढंग होता है। इसके द्वारा डाटे को सुन्दर रूप में पेश किया जा सकता है। चार्ट कई प्रकार के होते हैं । इनसे डाटे को समझने में काफी आसानी होती है।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2) 3
चार्ट बनाने के पग-चार्ट को निम्न पग का प्रयोग करके बनाया जा सकता है-

  • डाटा टाइप करें।
  • डाटे को सिलैक्ट करें।
  • Insert टैब पर चार्ट बटन पर क्लिक करें। (चार्ट विज़ार्ड दिखाई देगा।)

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2) 4

चार्ट की किस्म का चुनाव करें।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2) 5

प्रश्न 2.
चार्ट के विभिन्न भागों के नाम लिखो।
उत्तर-
चार्ट के विभिन्न भाग निम्नलिखित होते हैं-

  • टाइटल-इसमें चार्ट का टाइटल दिखाई देता है।
  • एक्सिस-चार्ट में दो एक्सिस होते हैं। एक एक्स एक्सिस तथा दूसरा वाई एक्सिस।
  • चार्ट एरिया-चार्ट एरिया वह विंडो होती है जिसमें सारे भाग दिखाई देते हैं।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2) 6

  • डाटा मार्कर-डाटा मार्कर एक चिन्ह होता है जो एक मूल्य को दर्शाता है।
  • डाटा सीरीज-डाटा सीरीज संबंधित मूल्यों का एक ग्रुप होता है।
  • टिक मार्क-यह एक्सिस पर एक छोटी लाईन होती है तथा यह कैटेगरी, स्केल, आदि को दर्शाती है।
  • पलाट एरिया-यहां पर चार्ट दिखाई देता है।
  • ग्रिड लाइन-ये पलाट एरिये पर पतली रेखाएं होती हैं जो ग्राफ की शुद्धता दर्शाती हैं।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2)

प्रश्न 3.
Convert Text to Columns क्या है ? इसको करने के पग लिखें।
उत्तर-
Convert Text to Columns एक्सल में एक यूटिलिटी होती है जिसकी मदद से हम अपने डाटे को कॉलम में विभाजित कर सकते हैं।
Convert Text to Columns करने के पग-

  • डाटा डाइप करें।
  • डाटे को सिलैक्ट करें।
  • डाटा टैब पर Text to Column पर क्लिक करें। (एक डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा।)

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2) 7

डिलिमटर का चुनाव करें। ज़रूरत अनुसार चुनाव करें।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2) 8

Finish पर क्लिक करें।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2) 10

प्रश्न 4.
Data Validation क्या होती है ? Data Validation रूल तैयार करने के पग लिखें।
उत्तर-
Data Validation एक युटिलिटी होती है। जो हमें रूल तैयार करने देता है। जो बताता है कि सैल में कौन-से मूल्य भरें जा सकते हैं।
Data Validation रूल तैयार करने के पग-

  • डाटा टाइप करें।
  • जरूरत अनुसार सैल का चुनाव करें।
  • डाटा टैब पर Data Validation पर क्लिक करें।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2) 11

जरूरत अनुसार सैटिंग का चुनाव करें।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2) 12

OK पर क्लिक करें।

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प्रश्न 5.
Protection क्या होती है? वर्कशीट प्रोटैक्ट करने के पग लिखें।
उत्तर-
Protection का अर्थ है अपने डाटे को सुरक्षित करना। इस द्वारा हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि कोई व्यक्ति हमारे डाटे को बदल न सके जब तक हम न चाहें।
वर्कशीट प्रोटैक्ट करने के पग –
Review टैब पर क्लिक करें।
Protect Sheet पर क्लिक करें। डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2) 14
Password डालें।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2) 15
Actions का चुनाव करें।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2) 16

OK पर क्लिक करें।
पासवर्ड को Confirm करें। (वर्कशीट प्रोटैक्ट हो जाएगी।)

प्रश्न 6.
Split Worksheet क्या होती है ? वर्कशीट Split करने के पग लिखो।
उत्तर-
Split Worksheet द्वारा वर्कशीट विंडो को विभाजित किया जा सकता है तथा दोनों भागों को स्वतंत्रता से स्क्रोल किया जा सकता है।
वर्कशीट Split करने के पग –

  1. ज़रूरत अनुसार वर्कशीट खोलें।
  2. वर्टीकल स्क्रोल बार में ऊपर Split Box पर क्लिक करें।
  3. इस बटन को नीचे की तरफ खींचें। (ज़रूरत अनुसार खींच कर छोड़ दें। वर्कशीट स्पलिट हो जाएगी।)

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2) 17

PSEB 8th Class Computer Guide एम०एस० एक्सल (भाग-2) Important Questions and Answers

रिक्त स्थान भरें

1…………. का अर्थ है किसी आवजैक्ट को स्थिर करना।
(क) Hide
(ख) View
(ग) Freeze
(घ) Pivot.
उत्तर-
(ग) Freeze.

2. …………. क्रमवार कमांडों को स्टोर करता है।
(क) Pivot
(ख) Macro
(ग) Tree
(घ) Record.
उत्तर-
(ख) Macro.

सही या गलत बताइये-

1. सैल रेफरेंस तीन प्रकार के होते हैं।
उत्तर-
सही,

2. एक्सल में चार्ट बनाए जा सकते हैं।
उत्तर-
सही,

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2)

3. हम वर्कशीट को विभाजित नहीं कर सकते।
उत्तर-
गलत,

4. फ्रीज पेन द्वारा हम डाटा दाखिल करने की प्रक्रिया को रोकते हैं।
उत्तर-
गलत।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
चार्ट क्षेत्र क्या होता है ?
उत्तर-
चार्ट क्षेत्र (Chart Area) : चार्ट और चार्ट क्षेत्र से संबंधित वस्तुओं (Object) को चार्ट क्षेत्र कहा जाता है।

प्रश्न 2.
कैटागिरी एक्सिस क्या होता है ?
उत्तर-
कैटागिरी ऐक्सिस (Category Axis) : यह क्षितिज (Horizontal) धुरा होता है।

प्रश्न 3.
वैल्यू एक्सिस क्या होता है ?
उत्तर-
वैल्यू ऐक्सिस (Value Axis) : यह वर्टिकल (Vertical) धुरा होता है।

प्रश्न 4.
चार्ट के डाटा सीरिज़ भाग के बारे में बताओ।
उत्तर-
डाटा सीरिज़ (Data Series) : यह डाटे की कीमतों का बारज़, स्लाइडज़ आदि रूप में दिखाता है।

प्रश्न 5.
कैटागिरी नेम क्या है ?
उत्तर-
कैटागिरी नेम (Catagory Name) : X और Y ऐक्सिस के ऊपर दिखाई देने वाले लेबल को कैटागिरी नेम-श्रेणी-नाम कहा जाता है।

प्रश्न 6.
चार्ट का प्लोट क्षेत्र भाग क्या होता है ?
उत्तर-
प्लोट क्षेत्र (Plot Area) : चार्ट क्षेत्र में पाई जाने वाली विंडो को प्लोट क्षेत्र कहा जाता है। असल में चार्ट, प्लोट क्षेत्र में ही नज़र आता है।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1)

Punjab State Board PSEB 9th Class Computer Book Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1) Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Computer Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1)

Computer Guide for Class 9 PSEB एम०एस० एक्सल (भाग-1) Textbook Questions and Answers

1. रिक्त स्थान भरें

1. एक्सल वर्क बुक में ………. होती है।
(क) वर्कशीट्स
(ख) रोअज
(ग) कॉलम
(घ) फार्मूला।
उत्तर-
(क) वर्कशीट्स।

2. सैल का असल मूल्य ………….. में दिखाई देता है।
(क) टाइटल
(ख) मीनू
(ग) फार्मूला
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ग) फार्मूला।

3. ………… फारमेटिंग द्वारा एक या ज्यादा रूल एक सैल पर लगाए जा सकते हैं।
(क) फार्मूला
(ख) फंक्शन
(ग) कंडीशनल
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ग) कंडीशनल।

4. फारमेट कमांड ……….. टैब में होती है।
(क) होम
(ख) इन्सर्ट
(ग) डाटा
(घ) फार्मूला।
उत्तर-
(क) होम।

5. सारे फार्मूले ………… से शुरू होने चाहिए।
(क) सिगमा
(ख) जमा चिन्ह
(ग) बराबर चिन्ह
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ग) बराबर चिन्ह ।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1)

6. वर्कशीट में डाटा …………… द्वारा क्रमबद्ध किया जा सकता है।
(क) फार्मूला
(ख) फंक्शन
(ग) फिल्टर
(घ) सोर्डिंग।
उत्तर-
(घ) सोर्टिंग।

7. सोर्ट तथा फिल्टर कमांड ………… टैब में होती है।
(क) होम
(ख) इन्सर्ट
(ग) डाटा
(घ) फार्मूला।
उत्तर-
(ग) डाटा।

2. छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
फारमेटिंग क्या होती है ?
उत्तर-
किसी भी सैल के कंटैंट की अपनी आवश्यकता अनुसार दिखावट बदलने की प्रक्रिया को फारमेटिंग कहते हैं। इसमें टैक्सट का आकार, रंग, फोंट आदि बदला जाता है। नंबरों के फारमेट भी इसी के अंदर बदले जाते हैं। इसका मकसद अपनी रिपोर्ट को सुंदर बनाने से होता है।

प्रश्न 2.
एक्सल में नंबर फारमेट को प्रभावित करें।
उत्तर-
नंबर फारमेट एक्सल के किसी सैल में नंबरों को दिखाने वाले विभिन्न स्टाइल को कहते हैं। नंबरों के प्रयोग के अनुसार उन्हें दिखावट प्रदान की जा सकती है। एक्सल में निम्न नंबर फारमेट उपलब्ध है।

  1. जनरल
  2. करंसी
  3. डेट/टाइम
  4. नंबर।

प्रश्न 3.
साधारण फार्मूलों में कौन-से स्टैंडर्ड ऑपरेटर प्रयोग किये जाते हैं ?
उत्तर-
साधारण फार्मूलों में निम्न स्टैंडर्ड ऑपरेटर प्रयोग किये जाते हैं-
= बराबर के लिए
+ जमा के लिए
– घटाव के लिए
* गुणा के लिए
/ भाग के लिए।

प्रश्न 4.
सैल रेफरेंस क्या होता है ?
उत्तर-
एक्सल के किसी एक सैल में फार्मूले या फंक्शन में दूसरे सैल के पते के प्रयोग को सैल रेफरेंस कहते हैं। इस के प्रयोग से हम उस दूसरे सैल के मूल्य का प्रयोग कर सकते हैं। सैल रेफरेंस तीन प्रकार के होते हैं-

  1. एबसोल्यूट
  2. रिलेटिव
  3. मिक्सड।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1)

प्रश्न 5.
फंक्शन के कौन-कौन से भाग होते हैं ?
उत्तर-
फंक्शन के निम्न भाग होते हैं –
= : बराबर का चिन्ह फंक्शन की शुरुआत को दर्शाता है।
फंक्शन का नाम : प्रत्येक फंक्शन का एक नाम होता है।
( ) : इसके बाद बरैक्टस का प्रयोग होता है।
आर्गुमैंट : प्रत्येक फंक्शन में विभिन्न प्रकार के आर्गुमैंट प्रयोग होते हैं।

प्रश्न 6.
सोर्टिंग क्या होती है ?
उत्तर-
डाटे को किसी खास क्रम में क्रमबार करने की प्रक्रिया को सोर्टिंग कहते हैं। टैक्सट को A से Z तथा Z से A की तरफ तथा नंबर को 0 से 9 या 9 से 0 के क्रम में सोर्ट किया जाता है।

प्रश्न 7.
फिल्टर क्या होते हैं ?
उत्तर-
पूर्ण डाटे से आंशिक डाटा प्राप्त करने के लिए जिस फैसिल्टी का प्रयोग किया जाता है। उन्हें फिल्टर कहते हैं। इनका प्रयोग बड़े डाटे पर करके कार्य को आसान करने के लिए किया जाता है।

3. बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
मर्ज तथा सैंटर क्या होता है ? सैलों के एक ग्रुप को मर्ज करने के पग लिखें।
उत्तर-
मर्ज तथा सैंटर वह सेवा है जिसके द्वारा दो या ज्यादा सैलों को पहले एक सैल में मर्ज किया जाता है तथा फिर उसके कंटैंट को सैंटर अलाइन किया जाता है। ये दोनों कार्य एक ही कमांड द्वारा किये जाते हैं। इस प्रक्रिया में सारे सैलों के कंटैंट इकट्ठे हो जाते हैं। मर्ज करने के पग-सैलों को मर्ज करने के निम्न पग होते हैं –

  1. सबसे पहले सैलों का चुनाव करें।
  2. Home टैब पर क्लिक करें।
  3. मर्ज तथा सैंटर बटन पर क्लिक करें।

सारे सैल मर्ज हो जाएंगे तथा उनका डाट सैंटर हो जाएगा।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1) 1

प्रश्न 2.
कंडीशनल फारमेटिंग क्या होती है ? कंडीशनल फारमेटिंग नियम बनाने के पग लिखो।
उत्तर-
कंडीशनल फारमेटिंग डाटा को फारमेट करने का एक ढंग है। इसमें डाटा को खास कंडीशन के आधार पर फारमेट किया जा सकता है। ये कंडीशन्ज़ यूजर की अपनी ज़रूरत के अनुसार होती है। यदि दी गई कंडीशन पूरी हो रही हो तो फारमेटिंग लागू हो जाती है अन्यथा वह फारमेटिंग लागू नहीं होती। कंडीशनल फारमेटिंग नियम बनाने के पग निम्न हैं –

(1) सबसे पहले सैल का चुनाव करें।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1) 2
(2) Format टैब पर क्लिक करें।
(3) Conditional Formating पर क्लिक करें।
(4) अपनी आवश्यकता अनुसार कंडीशन को डिफाइन करें।
(5) OK पर क्लिक करें।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1) 3

प्रश्न 3.
सैल क्या होता है ? आप अपनी मौजूदा वर्क शीट में एक सैल को किस प्रकार दाखिल कर सकते हैं ?
उत्तर-
एक्सल के रोअ तथा कॉलम के काट क्षेत्र को सैल कहते हैं। यह आयताकार आकृति होती है, एक्सल का सारा कार्य इसी में किया जाता है। इसी में टैक्सट, नंबर, फार्मूले तथा फंक्शन एंटर किये जाते हैं। नया सैल दाखिल करना-एक्सल में कहीं भी नया सैल दाखिल किया जा सकता है। इसके निम्न पग हैं-
(1) पहले उस सैल का चुनाव करें जहां नया सैल दाखिल करना है।
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1) 4
(2) Insert Cell पर क्लिक करें।
(एक डायलाग बाक्स नज़र आएगा।)
PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1) 5
(3) अपनी आवश्यकता अनुसार विकल्प का चुनाव करें।
(4) OK पर क्लिक करें। (नया सैल दाखिल हो जाएगा।)

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1)

प्रश्न 4.
फार्मूला क्या होता है ? एक्सल में एक साधारण फार्मूला बनाने के पग लिखो।
उत्तर-
फार्मूला एक्सल में किसी भी गणितीय फार्मूले का एक रूप होता है जिस प्रकार गणित में चरों तथा अचरों के मेल से फार्मूला बनता है, जिसका एक आऊटपुट प्राप्त होता है। इसी प्रकार, एक्सल में किसी खास गणना को करने के लिए चर,अचर तथा सैल मूल्यों का प्रयोग किया जाता है। इससे गणना का कार्य आसान तथा शीघ्र हो जाता है। फार्मूला बनाने के पग-एक्सल में फार्मूला निम्न प्रकार से दाखिल किया जा सकता है –

  1. उस सैल का चुनाव करें जहां फार्मूला दाखिल करना है।
  2. बराबर ( = ) का निशान डालें।
  3. फार्मूला टाइप करें।
  4. एंटर कीअ दबाएं। फार्मूला दाखिल हो जाएगा।

प्रश्न 5.
फंक्शन क्या होता है ? एक्सल में एक बेसिक फंक्शन बनाने के पग लिखें।
उत्तर-
फंक्शन फार्मूले का ही उन्नत रूप है। फार्मूले हर बार टाइप करने पड़ते हैं तथा उनमें ग़लतियां भी हो जाती हैं। इनमें समय भी ज्यादा लगता है। बड़ा कार्य करने में फार्मूला भी बड़ा हो जाता है जिससे कार्य कठिन हो जाता है। फंक्शन एक्सल में बने बनाए फार्मूले होते हैं जिन्हें एक खास नाम के अंदर स्टोर किया जाता है। उस नाम का प्रयोग करके फंक्शन का प्रयोग किया जा सकता है। इसमें अपरेटर बार-बार दाखिल नहीं करने पड़ते।

बेसिक फंक्शन दाखिल करने के पग-एक्सल में बेसिक फंक्शन निम्न पग का प्रयोग करके दाखिल किया जा सकता है।

  • सबसे पहले सैल का चुनाव करें जहां फंक्शन दाखिल करनी है।
  • Formula टैब पर क्लिक करें।
  • Function बटन पर क्लिक करें।
  • आवश्यकता अनुसार फंक्शन ग्रुप तथा फंक्शन का चुनाव करें।
  • फंक्शन में प्रयोग होने वाले आर्गुमैंट दाखिल करें।
  • OK पर क्लिक करें। (फंक्शन दाखिल हो जाएगा।)

PSEB 8th Class Computer Guide एम०एस० एक्सल (भाग-1) Important Questions and Answers

रिक्त स्थान भरें

1. फार्मूलों का इस्तेमाल ………… करने के लिए किया जाता है।
उत्तर-
गणना,

2. …………… लिखने के बाद ब्रैकटों का जोड़ा पाया जाता है।
उत्तर-
फंक्शन,

3. नम्बरों की लड़ी में सबसे बड़ा नम्बर पता करने के लिए ………….. फंक्शन का इस्तेमाल किया जाता है।
उत्तर-
Max,

4. ……………… फंक्शन का इस्तेमाल दिये नम्बर का वर्गमूल पता करने के लिए किया जाता है।
उत्तर-
Sqrt,

5. ………………. डाटे को चित्रकारी (Graphical) रूप में प्रदर्शित करने का प्रभावशाली तरीका
उत्तर-
चार्ट।

सही या गलत बताइये-

1. फार्मूला हमेशा प्रश्न चिन्ह (?) से शुरू होता है।
उत्तर-
गलत,

2. रिलेटिव रेफरेंसिंग में कापी किया फार्मूले बदल जाता है।
उत्तर-
सही,

3. MAX फंक्शन का इस्तेमाल लड़ी के बीच में सबसे छोटे नम्बर को दिखाने के लिए किया जाता
उत्तर-
गलत,

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1)

4. एक्सल सिर्फ तीन प्रकार के चार्ट प्रदान करवाता है।
उत्तर-
गलत,

5. फार्मूला और फंक्शन में कोई फ़र्क नहीं होता।
उत्तर-
गलत।

सही मिलान करें

A B
1. फार्मूले 1. रिलेटिव, एबसोल्यूट मिक्सड
2. सैल रेफरेंसिंग 2. औसत पता करने के लिए
3. फंक्शन 3. कॉलमज़, पाई, बार आदि
4. एवरेज (AVERAGE) 4. पहले से परिभाषित फार्मूले
5. चार्ट की किस्में 5. संकेतों (Expression) का समूह।

उत्तर-

A B
1. फार्मूले संकेतों (Expressions) का समूह।
2. सैल रेफरेंसिंग रिलेटिव, एबसोल्यूट, मिक्सड
3. फंक्शन पहले से परिभाषित फार्मूले
4. एवरेज (AVERAGE) औसत पता करने के लिए
5. चार्ट की किस्में कॉलमज़, पाई, बार आदि।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
फार्मूले क्या होते हैं ?
उत्तर-
फार्मूले अलग-अलग संकेतों का समूह होते हैं। यह संकेत, नम्बर, सैल, एडरैस, गणित के निशान या टैक्सट आदि हो सकते हैं। फार्मूले हमें कुछ गणना करके उत्तर देते हैं।

प्रश्न 2.
एबसोल्यूट रेफरेंसिंग पर एक नोट लिखें।
उत्तर-
एबसोल्यूट रेफरेंसिंग वो रेफरेंसिंग है जिसमें फार्मूले को अन्य सैलों में कापी करने से रेफरेंसिंग बदलती नहीं है। इसलिए $ चिन्ह का इस्तेमाल किया जाता है।

प्रश्न 3.
एक्सल में इस्तेमाल किये जाने वाले गणितिक फंक्शन की सूची बनायें।
उत्तर-
एक्सल में नीचे लिये गणितिक फंक्शनज़ इस्तेमाल किए जाते हैं –

  1. Sum
  2. Mod
  3. Sqrt
  4. Round
  5. Fact
  6. Power
  7. Product
  8. PI.

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1) 6

प्रश्न 4.
एक्सल में कौन-कौन से स्टैटीकल फंक्शन इस्तेमाल किये जाते हैं ?
उत्तर-
एक्सल में नीचे लिखे स्टैटीकल फंक्शन इस्तेमाल किये जाते हैं

  • Max
  • Min
  • Average
  • Count
  • Stddev

प्रश्न 5.
नम्बरों (अंकों) को टैक्सट के रूप में दाखिल करवाने के लिए क्या किया जाता है ?
उत्तर-
बराबर का चिन्ह (=) डाल कर डबल कोमा में लिखा जाता है।

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1)

प्रश्न 6.
फारमेट सैल डायलाग बाक्स कौन-सी आप्शन से खोला जाता है ?
उत्तर-
फारमेट मीनू की सैल आप्शन से।

प्रश्न 7.
फार्मूला दाखिल करने से पहले कौन-सा चिन्ह लगाया जाता है ?
उत्तर-
= (बराबर का)

प्रश्न 8.
कौन-सी रेफरेंसिंग में कापी किए सैल का एडरैस नए सेल में जाकर बदल जाता है ?
उत्तर-
रेलेटिव रेफरेंसिंग में।

प्रश्न 9.
प्रयोगकर्ता की तरफ से फंक्शन की दी कीमतों को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
आरगुमैंट।

प्रश्न 10.
आप C5 से C10 तक सैलों का जोड़ करने के लिए फंक्शन कैसे प्रयोग करोगे ?
उत्तर-
Sum (C5 : C10)

प्रश्न 11.
फंक्शन में आरगुमैंट को किस में बंद करके लिखा जाता है ?
उत्तर-
बॅकटों में।

प्रश्न 12.
MAX फंक्शन का क्या काम है ?
उत्तर-
सबसे अधिक कीमत चुनने के लिए।

प्रश्न 13.
आटोसम बटन कहां उपलब्ध होता है ?
उत्तर-
ट्रल बार में।

प्रश्न 14.
एक्सल की वह विशेषता बताओ जिस द्वारा फंक्शन का परिणाम स्टेटस बार पर नज़र आता है ?
उत्तर-
आटो कैलकुलेट।

प्रश्न 15.
कौन-सी सुविधा द्वारा फंक्शन को टाइप किए बगैर ऐंटर किया जा सकता है ?
उत्तर-
पेस्ट फंक्शन।

प्रश्न 16.
क्या फंक्शनों की एडिटिंग की जाती है ?
उत्तर-
हां।

प्रश्न 17.
सैल एडरैस क्या होता है ?
उत्तर-
वो एडरैस जिसके द्वारा किसी सैल को जाना जाता है उसको सैल एडरैस कहते हैं। यह वास्तव में रो और कॉलम के मेल से बनता है।

प्रश्न 18.
एक्सल में किस प्रकार का डाटा इनसर्ट किया जा सकता है ?
उत्तर-
एक्सल में तीन प्रकार का डाटा इनसर्ट किया जा सकता है-

  1. टैक्सट
  2. नंबर
  3. फार्मूला।

प्रश्न 19.
वर्कशीट में कॉलमज़ इनसर्ट करने के स्टैप बताइये।
उत्तर-
वर्कशीट में कॉलमज़ नीचे लिखे अनुसार इनसर्ट किये जा सकते हैं

  1. उस कॉलम को सलैक्ट करो जिसके बाईं तरफ आप नया कॉलम इनसर्ट करना चाहते हो।
  2. Insert मीनू पर क्लिक करें।
  3. Columns पर क्लिक करें। (नया कॉलम इनसर्ट हो जायेगा।)

PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1)

प्रश्न 20.
वर्कशीट में से किसी रो को हटाने के स्टैप बताइये।
उत्तर-
वर्कशीट में से रो को नीचे लिखे ढंग से हटाया जा सकता है –

  • उस रो को सिलैक्ट करें जिसको डिलीट करना है।
  • Edit मीनू पर क्लिक करें।
  • Delete आप्शन को हाईलाइट करें।
  • Entire Row पर क्लिक करें। (रो डिलीट हो जाएगी।)

प्रश्न 21.
कॉलमज़ की चौड़ाई (Width) बदलने के स्टैप बताइये।
उत्तर-
कॉलमज़ की चौड़ाई नीचे लिखे अनुसार बदली जा सकती है-

  1. उस कॉलम में क्लिक करें जिसकी चौड़ाई बदलनी हो।
  2. Format → Column → Width पर क्लिक करें। (एक डॉयलाग बाक्स दिखाई देगा।)
  3. Column Width में कॉलम की चौड़ाई भरें।
  4. OK बटन पर क्लिक करें। (कॉलम की चौड़ाई बदल जायेगी।)

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 15 ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 15 ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 15 ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ

PSEB 9th Class Science Guide ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ Textbook Questions and Answers

ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਫ਼ਸਲ ਉਤਪਾਦਨ ਦੀ ਕਿਸੇ ਇੱਕ ਵਿਧੀ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ਜਿਸ ਨਾਲ ਜ਼ਿਆਦਾ ਪੈਦਾਵਾਰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਸਕੇ । ਉੱਤਰ-ਫ਼ਸਲ ਉਤਪਾਦਨ ਦੀ ਜਿਸ ਵਿਧੀ ਨਾਲ ਵਧੇਰੇ ਪੈਦਾਵਾਰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ, ਉਹ ਅੰਤਰ-ਫ਼ਸਲ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਦੋ ਜਾਂ ਦੋ ਤੋਂ ਵੱਧ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਇਕੱਠੇ ਕਿਸੇ ਖੇਤ ਵਿੱਚ ਖ਼ਾਸ ਪੈਟਰਨ ‘ਤੇ ਉਗਾਇਆਂ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਕੁੱਝ ਕਤਾਰਾਂ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਫ਼ਸਲ ਅਤੇ ਉਸ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਨਾਲ ਦੀ ਕਤਾਰ ਵਿੱਚ ਦੂਜੀ ਫ਼ਸਲ ਉਗਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ਉਦਾਹਰਨ-

  1. ਸੋਇਆਬੀਨ + ਮੱਕੀ
  2. ਬਾਜਰਾ + ਲੋਬੀਆ

ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੀ ਚੋਣ ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤਾਂ ਦੀ ਲੋੜ ਅਨੁਸਾਰ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਲੋੜਾਂ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹੋਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ ਤਾਂ ਜੋ ਪੋਸ਼ਕਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੋ ਸਕੇ ।ਇਸ ਵਿਧੀ ਰਾਹੀਂ ਸਾਰੀਆਂ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੇ ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਪੀੜਕਾਂ ਅਤੇ ਰੋਗਾਂ ਨੂੰ ਫੈਲਣ ਤੋਂ ਰੋਕਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 15 ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ 1

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਖਾਦਾਂ ਅਤੇ ਰਸਾਇਣਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਿਉਂ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵਧਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਦੀ ਰਚਨਾ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਕਾਰਨ ਰੇਤਲੀ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਸਾਂਭਣ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਚੀਕਣੀ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਜ਼ੀਰਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਇਕੱਠਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ । ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਨਾਲ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ, ਫਾਸਫੋਰਸ ਅਤੇ ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਇਕ ਵਾਧਾ ਵਧੀਆ ਤਰੀਕੇ ਨਾਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਸਿਹਤਮੰਦ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਅੰਤਰ-ਫ਼ਸਲੀ ਅਤੇ ਫ਼ਸਲੀ ਚੱਕਰ ਅਪਨਾਉਣ ਦੇ ਕੀ ਲਾਭ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਅੰਤਰ-ਫ਼ਸਲੀਕਰਨ ਦੁਆਰਾ ਇਕੋ ਸਮੇਂ ਕਿਸੇ ਖੇਤ ਵਿੱਚ ਦੋ ਜਾਂ ਦੋ ਤੋਂ ਵੱਧ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤਾਂ ਦਾ ਵਧੇਰੇ ਉਪਯੋਗ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਪੀੜਕਾਂ ਅਤੇ ਰੋਗਾਂ ਨੂੰ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੇ ਸਾਰੇ ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਫੈਲਣ ਤੋਂ ਰੋਕਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਵਧੀਆ ਉਤਪਾਦਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਕਿਸੇ ਖੇਤ ਵਿੱਚ ਵਾਰ-ਵਾਰ ਪਹਿਲਾਂ ਤੋਂ ਹੀ ਯੋਜਨਾ ਅਨੁਸਾਰ ਤਰ੍ਹਾਂ-ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਫ਼ਸਲ-ਚੱਕਰ ਦੇ ਅਧੀਨ ਉਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਫ਼ਸਲ ਨੂੰ ਪੱਕਣ ਲਈ ਕਿੰਨਾ ਸਮਾਂ ਲੱਗਦਾ ਹੈ ਇਸ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਉੱਚਿਤ ਫ਼ਸਲ ਚੱਕਰ ਨੂੰ ਅਪਣਾਉਣ ਨਾਲ ਸਾਲ ਵਿੱਚ ਦੋ ਤਿੰਨ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦਾ ਵਧੀਆ ਉਤਪਾਦਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਇਸ ਦੇ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਲਾਭ ਹਨ-

  1. ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਠੀਕ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ।
  2. ਉਪਜ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  3. ਖੇਤ ਨੂੰ ਖ਼ਾਲੀ ਨਹੀਂ ਛੱਡਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਇੱਕੋ ਹੀ ਖੇਤ ਵਿੱਚ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੀ ਅਦਲਾ-ਬਦਲੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  5. ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਕੰਟਰੋਲ ਵਿੱਚ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  6. ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਵਰਗ ਦੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਬੱਚਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  7. ਪੀੜਕਾਂ ਨੂੰ ਕੰਟਰੋਲ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ।
  8. ਫ਼ਸਲਾਂ ਰੋਗਾਂ ਤੋਂ ਬਚ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
  9. ਕੀਟਾਂ ਦੇ ਵਾਧੇ `ਤੇ ਰੋਕ ਲੱਗਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਅਣੂਵੰਸ਼ਿਕ ਫੇਰ ਬਦਲ ਕੀ ਹੈ ? ਖੇਤੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆਵਾਂ ਵਿੱਚ ਇਸ ਦੀ ਕੀ ਮਹੱਤਤਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਣੂਵੰਸ਼ਿਕ ਫੇਰ ਬਦਲ – ਅਣੂਵੰਸ਼ਿਕ ਫੇਰ ਬਦਲ ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਇੱਛੁਕ ਗੁਣ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਹੈ । ਇਸ ਦੁਆਰਾ ਰੋਗਾਂ ਪ੍ਰਤੀ ਪ੍ਰਤੀਰੋਧਕਤਾ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ, ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਂਦਾ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਅਨੁਰੂਪਤਾ, ਉਪਜ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਅਤੇ ਵਧੇਰੇ ਉਤਪਾਦਨ ਦੇ ਗੁਣਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦਾ ਉਤਪਾਦਨ ਵਧਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਵਿਧੀ ਦੁਆਰਾ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਅਣੂਵੰਸ਼ਿਕ ਗੁਣਾਂ ਵਾਲੇ ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਸੰਕਰਨ ਕਰਵਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਸੰਕਰਨ ਅੰਤਰ ਕਿਸਮੀ (ਵੱਖ ਕਿਸਮਾਂ ਵਿੱਚ), ਅੰਤਰ ਸਪੀਸ਼ੀਜ਼ (ਇਕ ਹੀ ਜੀਨਸ ਦੀਆਂ ਦੋ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਸਪੀਸ਼ੀਜ਼ ਵਿੱਚ) ਅਤੇ ਅੰਤਰ-ਵੰਸ਼ੀ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਜੇਨਰਾਂ ਵਿੱਚ), ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦੇ ਸਿੱਟੇ ਵਜੋਂ ਅਣੁਵੰਸ਼ਿਕ ਰੂਪਾਂਤਰਿਤ ਫ਼ਸਲਾਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ । ਖੇਤੀ ਪ੍ਰਣਾਲੀਆਂ ਵਿੱਚ ਇਸ ਵਿਧੀ ਨੂੰ ਬੀਜਾਂ ਦੀਆਂ ਨਵੀਆਂ-ਨਵੀਆਂ ਕਿਸਮਾਂ ਅਤੇ ਜਾਤੀਆਂ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕੀਤੀਆਂ ਹਨ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਅਨਾਜ ਉਤਪਾਦਨ ਵਧਿਆ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਸਾਨਾਂ ਦੀ ਆਰਥਿਕ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ ਹੋਇਆ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਭੰਡਾਰ-ਘਰਾਂ (ਗੋਦਾਮਾਂ) ਵਿੱਚ ਅਨਾਜ ਦੀ ਹਾਨੀ ਕਿਵੇਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੰਡਾਰ-ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਅਨਾਜ ਦੀ ਹਾਨੀ ਦੋ ਤਰੀਕਿਆਂ ਨਾਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ-

  1. ਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ
  2. ਅਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ

ਜੈਵਿਕ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਕੀਟ, ਉੱਲੀਆਂ, ਚਿੱਚੜੀ ਅਤੇ ਜੀਵਾਣੂ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਨੂੰ ਖ਼ਰਾਬ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਭਾਰ ਨੂੰ ਘੱਟ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਉਤਪਾਦ ਬੇਰੰਗਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਪੁੰਗਰਨ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਘੱਟ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ਅਜੈਵਿਕ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਨਮੀ ਅਤੇ ਤਾਪ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਖ਼ਰਾਬ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਫ਼ਸਲ ਵਿੱਚ ਉੱਲੀ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਕਿਸਾਨਾਂ ਲਈ ਚੰਗੀਆਂ ਪਸ਼ੂ ਪਾਲਣ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਕਿਵੇਂ ਲਾਭਦਾਇਕ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਸਾਨਾਂ ਦੇ ਲਈ ਪਸ਼ੂ ਪਾਲਣ ਪ੍ਰਣਾਲੀਆਂ ਬਹੁਤ ਉਪਯੋਗੀ ਹਨ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕਿਸਾਨਾਂ ਨੂੰ ਖੇਤੀ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਪਸ਼ੂਆਂ ਤੋਂ ਵੀ ਆਰਥਿਕ ਲਾਭ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ।

  • ਖਾਦ ਪਦਾਰਥ ਦੇਣ ਵਾਲੇ – ਗਾਂ, ਮੱਝ ਆਦਿ ਪਸ਼ੂਆਂ ਤੋਂ ਦੁੱਧ ਮਿਲਦਾ ਹੈ । ਦੁੱਧ ਮਨੁੱਖ ਲਈ ਪੂਰਨ ਭੋਜਨ ਹੈ ਅਤੇ ਸਰੀਰ ਦੇ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਵੱਧਣ-ਫੁੱਲਣ ਲਈ ਇਸ ਵਿੱਚ ਸਾਰੇ ਜ਼ਰੂਰੀ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਮੌਜੂਦ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
  • ਖਾਦ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ – ਸਾਰੇ ਪਾਲਤੂ ਪਸ਼ੂ; ਜਿਵੇਂ-ਬਲਦ, ਮੱਝ, ਬੱਕਰੀ, ਊਠ, ਘੋੜਾ, ਗਾਂ ਆਦਿ ਦੇ ਮਲ-ਮੂਤਰ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਖਾਦ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  • ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਕੰਮ ਕਰਨਾ ਅਤੇ ਭਾਰ ਢੋਣਾ – ਬਲਦ, ਘੋੜਾ, ਖੱਚਰ, ਊਠ ਆਦਿ ਪਸ਼ੂ ਕਿਸਾਨਾਂ ਦੇ ਲਈ ਖੇਤੀ ਦੇ ਕੰਮ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਸਾਮਾਨ ਨੂੰ ਇਕ ਥਾਂ ਤੋਂ ਦੂਜੀ ਥਾਂ ਤੇ ਢੋ ਕੇ ਲੈ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 15 ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਪਸ਼ੂ ਪਾਲਣ ਦੇ ਕੀ ਲਾਭ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਸ਼ੂ ਪਾਲਣ ਦੇ ਲਾਭ-

  1. ਦੁੱਧ ਦੇਣ ਵਾਲੇ ਪਸ਼ੂਆਂ ਤੋਂ ਦੁੱਧ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  2. ਪੋਲਟਰੀ ਫਾਰਮ ਤੋਂ ਆਂਡਿਆਂ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  3. ਮੱਛੀ ਪਾਲਣ ਅਤੇ ਮੁਰਗੀ ਪਾਲਣ ਤੋਂ ਮਾਸ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  4. ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਮਲ-ਮੂਤਰ ਖਾਦ ਬਣਾਉਣ ਦੇ ਕੰਮ ਆਉਂਦੇ ਹਨ ।
  5. ਬੈਲ, ਊਠ, ਖੱਚਰ ਆਦਿ ਪਸ਼ੂਆਂ ਨੂੰ ਖੇਤੀ ਪੱਧਤੀ ਵਿੱਚ ਕੰਮ ਵਿੱਚ ਲਿਆਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  6. ਭਾਰ ਢੋਣ ਵਾਲੇ ਪਸ਼ੂ ਭਾਰ ਢੋਂਦੇ ਹਨ ।
  7. ਮਧੂਮੱਖੀ ਤੋਂ ਸ਼ਹਿਦ ਅਤੇ ਮੋਮ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ।
  8. ਭੇਡ ਬੱਕਰੀਆਂ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਉੱਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜੋ ਸਰਦੀਆਂ ਵਿੱਚ ਸਾਨੂੰ ਠੰਢ ਤੋਂ ਬਚਾਉਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਉਤਪਾਦਨ ਵਧਾਉਣ ਲਈ ਮੁਰਗੀ ਪਾਲਣ, ਮੱਛੀ ਪਾਲਣ ਅਤੇ ਮਧੂ-ਮੱਖੀ ਪਾਲਣ ਵਿੱਚ ਕੀ ਸਮਾਨਤਾਵਾਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਤਪਾਦਨ ਵਧਾਉਣ ਲਈ ਮੁਰਗੀ ਪਾਲਣ, ਮੱਛੀ ਪਾਲਣ ਅਤੇ ਮਧੂ-ਮੱਖੀ ਪਾਲਣ ਵਿੱਚ ਉੱਚਿਤ ਦੇਖ-ਭਾਲ ਅਤੇ ਵਿਗਿਆਨਿਕ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀਕੋਣ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਅਨੁਕੂਲਤਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਵਾਧੇ ਲਈ ਉੱਚਿਤ ਪਰਿਸਥਿਤੀਆਂ ਬਣਾਈਆਂ ਜਾਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਮੱਛੀ ਫੜਨਾ (Fishing), ਮੈਰੀਕਲਚਰ (Marine culture) ਅਤੇ ਜਲ-ਕਲਚਰ (Aqua-culture) ਵਿੱਚ ਕੀ ਅੰਤਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-

  • ਮੱਛੀ ਫੜਨਾ (Fishing) – ਸਾਫ਼ ਲੁਣ-ਰਹਿਤ ਅਤੇ ਸਮੁੰਦਰੀ ਲੂਣ ਸਹਿਤ ਜਲ ਸਰੋਤਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਮੱਛੀ ਫੜੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ | ਅਜਿਹੇ ਜਲ ਸਰੋਤ ਮੁੱਖ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਤਲਾਬ, ਛੱਪੜ, ਨਦੀ, ਨਦੀਆਂ ਦੇ ਮੁਹਾਣੇ, ਗੁਨ ਆਦਿ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਉਤਪਾਦਨ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  • ਮੈਰੀਕਲਚਰ (Marine culture) – ਆਰਥਿਕ ਮਹੱਤਵ ਦੀਆਂ ਕਈ ਮੱਛੀਆਂ ਦਾ ਵਾਧਾ ਸਮੁੰਦਰੀ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਮੈਰੀਨ ਕਲਚਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ , ਜਿਵੇਂ -ਮੁਲੇਟ, ਭੇਟਕੀ, ਪਰਲ ਸਪਾਟ ਝੱਗਾ, ਮਰੁੱਸਲ, ਆਇਸਟਰ ਆਦਿ ।
  • ਜਲ-ਕਲਚਰ (Aqua-culture) – ਤਾਲਾਬਾਂ ਵਿੱਚ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਮੱਛੀਆਂ ਦਾ ਵਾਧਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪਾਲੀਆਂ ਮੱਛੀਆਂ ਵਿੱਚ ਆਪਸੀ ਮੁਕਾਬਲਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਤਾਲਾਬ ਵਿੱਚ ਮੱਛੀਆਂ ਦਾ ਉਤਪਾਦਨ ਵੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਮੱਛੀ ਪਾਲਣ ਵਿਧੀ ਨੂੰ ਜਲ-ਕਲਚਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਮੱਛੀਆਂ ਜਲ ਸਰੋਤ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹਿੱਸਿਆਂ ਤੋਂ ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ , ਜਿਵੇਂ-
    ਕਟਲਾ-ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ
    ਰੋਹੁ-ਤਾਲਾਬ ਦੇ ਮੱਧ ਵਿੱਚੋਂ
    ਮ੍ਰਿਗਲ, ਕਾਮਨ ਕਾਰਪ-ਤਾਲਾਬ ਦੇ ਤਲ ਤੋਂ ।

Science Guide for Class 9 PSEB ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ InText Questions and Answers

ਪਾਠ-ਪੁਸਤਕ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਅਨਾਜ, ਦਾਲ, ਫ਼ਲ ਅਤੇ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਕੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਨਾਜ ਸਾਨੂੰ ਕਾਰਬੋਹਾਈਡਰੇਟ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਸਾਨੂੰ ਕਣਕ, ਚਾਵਲ, ਮੱਕੀ, ਬਾਜਰਾ, ਜਵਾਰ ਆਦਿ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਦਾਲਾਂ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਛੋਲੇ, ਮਟਰ, ਮਾਂਹ, ਮੂੰਗ, ਅਰਹਰ ਅਤੇ ਮਸਰ ਆਦਿ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਫਲਾਂ ਅਤੇ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਵਿਟਾਮਿਨ, ਖਣਿਜ ਲੂਣ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਕੁੱਝ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰੋਟੀਨ, ਕਾਰਬੋਹਾਈਡਰੇਟ ਅਤੇ ਵਸਾ ਵੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਜੈਵਕ ਅਤੇ ਅਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਫ਼ਸਲ ਉਤਪਾਦਨ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਫ਼ਸਲਾਂ ਸਾਡੇ ਜੀਵਨ ਦਾ ਅਧਾਰ ਹਨ ।ਇਹ ਜੈਵਿਕ ਅਤੇ ਅਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕਾਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਨਾਲ ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਉਤਪਾਦਨ ਅਤੇ ਗੁਣਵੱਤਾ ਤੇ ਸਿੱਧਾ ਅਸਰ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ।

  • ਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ – ਤਰ੍ਹਾਂ-ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਰੋਗ, ਕੀਟ ਅਤੇ ਨਿਮੋਟੋਡ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ | ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵ ਅਨਾਜ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਹਾਨੀ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਅਨਾਜ ਦੇ ਭਾਰ ਵਿੱਚ ਕਮੀ, ਨਾ-ਪੁੰਗਰਨਾ, ਬੇਰੰਪ ਹੋਣਾ, ਤਾਪ ਅਤੇ ਜ਼ਹਿਰੀਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦਾ ਪੈਦਾ ਹੋਣਾ ਆਦਿ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਉੱਲੀ, ਖ਼ਮੀਰ ਅਤੇ ਜੀਵਾਣੁ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਹਾਨੀ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਚੂਹੇ ਅਤੇ ਪੰਛੀ ਖਾਧ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਹਾਨੀ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
  • ਅਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ – ਸੋਕਾ ਪੈਣਾ, ਸੇਮ, ਖਾਰਾਪਨ, ਹੜ, ਗਰਮੀ, ਠੰਡ ਅਤੇ ਪਾਲਾ ਆਦਿ ਦੇ ਕਾਰਨ ਫ਼ਸਲ ਉਤਪਾਦਨ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਅਨਾਜ ਨੂੰ ਰੋਗ ਲੱਗਣ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਐਨਜ਼ਾਈਮ, ਕੀਟ ਅਤੇ ਹੋਰ ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵ ਵੀ ਇਹਨਾਂ ਕਾਰਨਾਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਹੋ ਕੇ ਅਨਾਜ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਹਾਨੀ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਸੋਕਾ ਪੈਣ ਤੇ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਹੜ੍ਹ ਆਉਣ ਅਤੇ ਸੇਮ ਨਾਲ ਜੜਾਂ ਗਲ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਵਧੇਰੇ ਗਰਮੀ, ਠੰਡ ਅਤੇ ਪਾਲਾ ਵੀ ਉਪਜ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਫ਼ਸਲ ਸੁਧਾਰ ਲਈ ਇੱਛਤ ਖੇਤੀ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੇ ਗੁਣ ਕਿਹੜੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਸ਼ੂਆਂ ਲਈ ਚਾਰਾ ਤਦ ਹੀ ਵੱਧ ਪੈਦਾ ਹੋਵੇਗਾ ਜੇ ਚਾਰੇ ਵਾਲੀਆਂ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੀਆਂ ਸ਼ਾਖਾਵਾਂ ਵਧੇਰੇ ਹੋਣਗੀਆਂ | ਅਨਾਜ ਦੇ ਲਈ ਪੌਦੇ ਬੌਨੇ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ਤਾਂਕਿ ਉਹਨਾਂ ਲਈ ਘੱਟ ਪੋਸ਼ਕਾਂ ਦੀ ਲੋੜ ਹੋਵੇ । ਫ਼ਸਲਾਂ ਵਿੱਚ ਅਜਿਹੇ ਸੁਧਾਰਾਂ ਲਈ ਇੱਛਤ ਖੇਤੀ ਵਿਗਿਆਨ ਸਹਾਇਕ ਸਿੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਬਹੁ-ਮਾਤਰੀ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਕੀ ਹਨ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਬਹੁ-ਮਾਤਰੀ ਕਿਉਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਹੁ-ਮਾਤਰੀ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ – ਬਹੁ-ਮਾਤਰੀ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਪੌਦਿਆਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਪੋਸ਼ਕ ਲਈ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਲੋੜੀਂਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਛੇ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬਹੁ-ਮਾਤਰੀ ਪੋਸ਼ਕ ਹਨ-ਨਾਈਟਰੋਜਨ, ਫ਼ਾਸਫੋਰਸ, ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ, ਜ਼ਿੰਕ, ਕਾਪਰ, ਮਾਲੀ-ਬਡੇਨਮ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਪੌਦੇ ਆਪਣੇ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਕਿਵੇਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੌਦੇ ਆਪਣੇ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਹਵਾ, ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਮਿੱਟੀ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਹਵਾ ਵਿੱਚੋਂ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਆਕਸੀਜਨ ਅਤੇ ਕਾਰਬਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ | ਪਾਣੀ ਤੋਂ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚੋਂ 13 ਪੋਸ਼ਕ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ 6 ਬਹੁ-ਮਾਤਰੀ ਪੋਸ਼ਕ ਅਤੇ 7 ਘੱਟ ਮਾਤਰੀ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਪੌਦੇ ਜੜਾਂ ਦੁਆਰਾ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚੋਂ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਜੋ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਮਿਲ ਕੇ ਜੜ੍ਹਾਂ ਦੁਆਰਾ ਸੋਖਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਬਚਾਈ ਰੱਖਣ ਲਈ ਖਾਦਾਂ ਅਤੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਬਚਾਈ ਰੱਖਣ ਲਈ ਖਾਦਾਂ ਅਤੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਦੀ ਆਪਣੀ-ਆਪਣੀ ਭੂਮਿਕਾ ਹੈ ।

ਖਾਦ ਮਿੱਟੀ ਨੂੰ ਪੋਸ਼ਕਾਂ ਅਤੇ ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨਾਲ ਭਰਪੂਰ ਕਰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਨੂੰ ਵਧਾਉਂਦੀ ਹੈ । ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥ ਵਧੇਰੇ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਦੇ ਕਾਰਨ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਸੰਰਚਨਾ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਦੇ ਕਾਰਨ ਰੇਤਲੀ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਰੱਖਣ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਚੀਕਣੀ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਦੇ ਕਾਰਨ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਕੱਢਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਇਕੱਠਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ।

ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਤੋਂ ਨਾਈਟਰੋਜਨ, ਫਾਸਫੋਰਸ ਅਤੇ ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀਆਂ ਟਹਿਣੀਆਂ, ਪੱਤੇ ਅਤੇ ਫੁੱਲਾਂ ਦਾ ਵਾਧਾ ਵਧੀਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਸਿਹਤਮੰਦ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪਰ ਇਹ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਆਰਥਿਕ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮਹਿੰਗੀਆਂ ਪੈਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਨਾਲ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਸੰਰਚਨਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲਾਵ ਵੀ ਆ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਕਈ ਵਾਰ ਪਾਣੀ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਦਾ ਕਾਰਨ ਵੀ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਸਾਵਧਾਨੀ ਨਾਲ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਹੜੇ ਹਲਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਲਾਭ ਹੋਵੇਗਾ
(a) ਕਿਸਾਨ ਉੱਤਮ ਕਿਸਮ ਦੇ ਬੀਜ ਬੀਜਦੇ ਹਨ, ਸਿੰਚਾਈ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਵਰਤਦੇ ਹਨ ।
(b) ਕਿਸਾਨ ਆਮ ਬੀਜਾਂ ਨੂੰ ਬੀਜਦੇ ਹਨ । ਸਿੰਚਾਈ ਵੀ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਵਰਤਦੇ ਹਨ ।
(c) ਕਿਸਾਨ ਚੰਗੀਆਂ ਕਿਸਮਾਂ ਦੇ ਬੀਜ ਬੀਜਦੇ ਹਨ । ਸਿੰਚਾਈ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਅਤੇ ਫ਼ਸਲ ਸੁਰੱਖਿਆ ਵਿਧੀਆਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਕਿਸਾਨ ਚੰਗੀ ਕਿਸਮ ਦੇ ਬੀਜ ਬੀਜਦੇ ਹਨ, ਸਿੰਚਾਈ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਅਤੇ ਫ਼ਸਲ ਸੁਰੱਖਿਆ ਵਿਧੀਆਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਚੰਗੀ ਫ਼ਸਲ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਹੋਵੇਗੀ । ਚੰਗੇ ਬੀਜਾਂ ਦੀ ਚੋਣ ਇਸ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਕਿ ਇਹ ਅਨੁਕੂਲ ਹਾਲਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਉੱਗ ਸਕੇ । ਸੰਕਰਣ ਵਿਧੀ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਅਜਿਹੇ ਬੀਜਾਂ ਦੀ ਚੋਣ ਕੀਤੀ ਜਾਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਜਿਹੜੇ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਰੋਗ ਪ੍ਰਤੀਰੋਧਕਤਾ ਵਾਲੇ ਗੁਣਾਂ ਤੋਂ ਯੁਕਤ ਹੋਣ । ਉਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਉਤਪਾਦਨ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਅਤੇ ਉੱਚ ਉਤਪਾਦਨ ਸਮਰੱਥਾ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਚੰਗੇ ਗੁਣਾਂ ਵਾਲੇ ਜੀਨ ਤੋਂ ਯੁਕਤ ਬੀਜ ਹੀ ਉਪਯੁਕਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਸਿੰਚਾਈ ਲੋੜ ਅਨੁਸਾਰ ਨਿਯਮਿਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਕੀਤੀ ਜਾਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਸਿੰਚਾਈ ਦੀ ਕਮੀ ਕਾਰਨ ਫ਼ਸਲ ਦੀ ਉਪਜ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਫ਼ਸਲ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਅਨੁਸਾਰ ਦੁਆਰਾ ਨਾਈਟਰੋਜਨ, ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਅਤੇ ਫ਼ਾਸਫੋਰਸ ਤੱਤ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਮਿਲਾਏ ਜਾ ਸਕਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਨਾਲ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਵੱਧਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਚੰਗੀ ਫ਼ਸਲ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਫ਼ਸਲ ਸੁਰੱਖਿਆ ਦੀਆਂ ਵਿਧੀਆਂ ਵੀ ਅਪਣਾਈਆਂ ਜਾਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ । ਨਦੀਨ ਅਤੇ ਪੀੜਤਾਂ ਨੂੰ ਕਾਬੂ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਫ਼ਸਲ ਨਦੀਨਾਂ, ਰੋਗਾਂ, ਕੀਟਾਂ ਅਤੇ ਪੀੜਕਾਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜੇ ਸਮੇਂ ਸਿਰ ਇਹਨਾਂ ‘ਤੇ ਕਾਬੂ ਨਾ ਪਾਇਆ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਇਹ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਹਾਨੀ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਫ਼ਸਲ ਦੇ ਸੁਰੱਖਿਆ ਤਰੀਕੇ ਅਤੇ ਜੈਵਿਕ ਵਿਧੀਆਂ ਨਾਲ ਕੰਟਰੋਲ ਕਰਨ ਦੇ ਢੰਗ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਕਿਉਂ ਲਾਹੇਵੰਦ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਫ਼ਸਲ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਦੇ ਲਈ ਨਿਰੋਧਕ ਵਿਧੀਆਂ ਅਤੇ ਜੈਵਿਕ ਵਿਧੀਆਂ ਨਾਲ ਕੰਟਰੋਲ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਤਰ੍ਹਾਂ-ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਜੈਵਿਕ ਅਤੇ ਅਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ ਫ਼ਸਲ ਨੂੰ ਖ਼ਰਾਬ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਉਤਪਾਦਕ ਅਤੇ ਵਪਾਰੀ ਨੂੰ ਆਰਥਿਕ ਹਾਨੀ ਹੋਣ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਮਾਨਸਿਕ ਅਘਾਤ ਵੀ ਪਹੁੰਚਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਨਿਰੋਧਕ ਵਿਧੀਆਂ ਅਤੇ ਜੈਵਿਕ ਕੰਟਰੋਲ ਨੂੰ ਨਾ ਅਪਣਾਉਣ ਨਾਲ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਹਾਨੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ :

  1. ਫ਼ਸਲ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਖ਼ਰਾਬ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  2. ਫ਼ਸਲ ਦਾ ਭਾਰ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  3. ਪੁੰਗਰਨ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਸਾਰੇ ਕਾਰਨਾਂ ਕਰਕੇ ਉਪਜ ਦੀ ਕੀਮਤ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਦਾਣਿਆਂ ਦੇ ਭੰਡਾਰਨ ਸਮੇਂ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਹਾਨੀ ਲਈ ਕਿਹੜੇ ਕਾਰਕ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੰਡਾਰਨ ਦੇ ਸਮੇਂ ਜੈਵਿਕ ਅਤੇ ਅਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ ਅਨਾਜ ਦੀ ਹਾਨੀ ਲਈ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰ ਹਨ । ਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ ਹਨ-ਕੀਟ, ਉੱਲੀ, ਚਿੱਚੜ ਅਤੇ ਜੀਵਾਣੂ । ਅਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ ਹਨ-ਭੰਡਾਰਨ ਦੇ ਸਥਾਨ ਤੇ ਉਪਯੁਕਤ ਨਮੀ ਅਤੇ ਤਾਪ ਦਾ ਅਸੰਤੁਲਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਪਸ਼ੂਆਂ ਦੀ ਨਸਲ ਸੁਧਾਰ ਲਈ ਕਿਹੜੀ ਵਿਧੀ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਸ਼ੂਆਂ ਦੀ ਨਸਲ ਸੁਧਾਰ ਲਈ ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਤੱਕ ਦੁੱਧ ਦੇਣ ਦੇ ਸਮੇਂ ਵਾਲੀ ਜਰਸੀ, ਬ੍ਰਾਊਨ ਸਵਿਸ ਵਰਗੀਆਂ ਨਸਲਾਂ ਅਤੇ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਪ੍ਰਤੀਰੋਧਕਤਾ ਵਿੱਚ ਵਧੀਆ ਦੇਸ਼ੀ ਨਸਲਾਂ ਲਾਲ ਸਿੰਧੀ ਅਤੇ ਸਾਹੀਵਾਲ ਵਿੱਚ ਸੰਕਰਨ ਕਰਵਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਕਿ ਸੰਕਰਣ ਪਸ਼ੂਆਂ ਵਿੱਚ ਦੋਵੇਂ, ਵਧੇਰੇ ਦੁੱਧ ਦੇਣ ਦੇ ਸਮੇਂ ਅਤੇ ਰੋਗਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਤੀਰੋਧਕ ਸਮਰੱਥਾ ਦੇ ਗੁਣ ਹੋਣ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਕਥਨ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ :
ਇਹ ਗੱਲ ਧਿਆਨ ਖਿੱਚਦੀ ਹੈ ਕਿ ਭਾਰਤ ਵਿੱਚ ਮੁਰਗੀ ਪਾਲਣ ਧੰਦੇ ਨਾਲ ਅਸੀਂ ਮਨੁੱਖੀ ਵਰਤੋਂ ਵਿੱਚ ਨਾ ਆਉਣ ਵਾਲੇ ਘੱਟ ਫਾਈਬਰ ਵਾਲੇ ਭੋਜਨ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਹੀ ਪੋਸ਼ਕ ਜੰਤੂ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਭੋਜਨ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ।
ਉੱਤਰ-
ਇਹ ਕਥਨ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੱਚ ਹੈ । ਮੁਰਗੀਆਂ ਨੂੰ ਕਣਕ, ਚਾਵਲ, ਜਵਾਰ, ਜੌ, ਬਾਜਰਾ ਆਦਿ ਦੇ ਦਲੇ ਹੋਏ ਦਾਣਿਆਂ ਦੇ ਨਾਲ ਹੱਡੀ ਚੂਰਾ, ਫਾਲਤੂ ਮਾਸ ਆਦਿ ਖਾਣੇ ਵਿੱਚ ਦਿੱਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਮਨੁੱਖ ਦੁਆਰਾ ਨਹੀਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ | ਮਰਗੀਆਂ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਖਾ ਕੇ ਆਂਡਿਆਂ ਅਤੇ ਮਾਸ ਵਿੱਚ ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਿਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਉੱਚ-ਕੋਟੀ ਦੇ ਪੋਸ਼ਕ ਪਸ਼ੂ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਆਹਾਰ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਅੰਡੇ ਵਿੱਚ 36% ਪੀਤੱਕ ਅਤੇ 64% ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਮਾਸ ਵਿੱਚ ਕਾਫ਼ੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰੋਟੀਨ, ਖਣਿਜ ਲੂਣ ਅਤੇ ਵਿਟਾਮਿਨ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਪਸ਼ੂ ਪਾਲਣ ਅਤੇ ਮੁਰਗੀ ਪਾਲਣ ਬੰਧਨ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਵਿੱਚ ਕੀ ਸਾਂਝ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਸ਼ੂ ਪਾਲਣ ਅਤੇ ਮੁਗਰੀ ਪਾਲਣ ਦੀ ਪ੍ਰਬੰਧਨ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਵਿੱਚ ਸਾਂਝ ਹੈ । ਦੋਵਾਂ ਵਿੱਚ ਹੀ ਸੰਕਰਣ ਦੁਆਰਾ ਵਧੀਆ ਜਾਤੀਆਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਤਾਂ ਕਿ ਉਹਨਾਂ ਦੁਆਰਾ ਮਨੁੱਖਤਾ ਲਈ ਉਪਯੋਗੀ ਖਾਧ ਪਦਾਰਥ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੇ ਜਾ ਸਕਣ ਜੋ ਮਾਤਰਾ ਅਤੇ ਗੁਣਵੱਤਾ ਵਿੱਚ ਵਧੀਆ ਹੋਣ । ਦੋਨਾਂ ਨੂੰ ਹੀ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਕਾਰਨਾਂ ਕਰਕੇ ਕਈ ਰੋਗ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਉੱਚਿਤ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕੀਤੇ ਜਾਣੇ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹਨ । ਦੋਨਾਂ ਦੇ ਪਾਲਣ ਵਿੱਚ ਆਹਾਰ ਵੱਲ ਧਿਆਨ ਦੇਣਾ ਬਹੁਤ ਹੀ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਮੌਤ ਦਰ ਘੱਟ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਉਤਪਾਦਾਂ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਬਣੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਆਵਾਸ ਵਿੱਚ ਉੱਚਿਤ ਤਾਪ, ਸਫ਼ਾਈ ਅਤੇ ਪ੍ਰਬੰਧਨ ਦੀ ਸਾਂਝੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਸੰਕਰਾਮਕ ਰੋਗਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਦੋਵਾਂ ਨੂੰ ਟੀਕਾ ਲਗਵਾਉਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਬਾਇਲਰ ਅਤੇ ਲੇਅਰਜ਼ ਦੇ ਪ੍ਰਬੰਧਨ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਾਇਲਰ ਮਾਸ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ਜਦਕਿ ਲੇਅਰਜ਼ ਅੰਡੇ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਲੇਅਰਜ਼ ਨੂੰ ਰਹਿਣ ਲਈ ਕਾਫ਼ੀ ਜਗਾ, ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅਤੇ ਪੌਸ਼ਟਿਕ ਖੁਰਾਕ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿ ਬਾਇਲਰ ਨੂੰ ਪ੍ਰੋਟੀਨ, ਵਸਾ ਅਤੇ ਵਿਟਾਮਿਨਜ਼ A ਅਤੇ K ਤੋਂ ਯੁਕਤ ਮੁਰਗੀ ਆਹਾਰ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ | ਬਾਇਲਰ ਦੀ ਮੌਤ ਦਰ ਘੱਟ ਹੈ | ਪਰ ਲੇਅਰਜ਼ ਦੀ ਮੌਤ ਦਰ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਵੱਧ ਹੈ । ਬਾਇਲਰ 6-7 ਹਫ਼ਤੇ ਵਿੱਚ ਹੀ ਮਾਸ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਜਦ ਕਿ ਲੇਅਰਜ਼ ਹਫ਼ਤੇ ਬਾਅਦ ਅੰਡੇ ਦੇ ਸਕਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਮੱਛੀਆਂ ਕਿਵੇਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੱਛੀਆਂ ਸਮੁੰਦਰੀ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਤਾਜ਼ੇ ਪਾਣੀ ਦੋਵਾਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਤਾਜ਼ਾ ਪਾਣੀ ਨਦੀਆਂ ਅਤੇ ਤਲਾਬਾਂ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਮੱਛੀ ਪਕੜਨਾ ਅਤੇ ਮੱਛੀ ਦੇ ਉਤਪਾਦਨ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਸਮੁੰਦਰ ਅਤੇ ਤਾਜ਼ੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਪਰਿਸਥਿਤਕ ਤੰਤਰ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਮੱਛੀ ਫੜਨ ਲਈ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਜਾਲਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਸੈਟੇਲਾਈਟ ਅਤੇ ਪ੍ਰਤੀਧੁਨੀ ਯੰਤਰ ਰਾਹੀਂ ਖੁੱਲ੍ਹੇ ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਮੱਛੀਆਂ ਦੇ ਵੱਡੇ ਸਮੂਹਾਂ ਦਾ ਪਤਾ ਲਗਾ ਕੇ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਜਾਲ ਵਿੱਚ ਫੜ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਮਿਸ਼ਰਤ ਮੱਛੀ ਕਲਚਰ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਦੇ ਕੀ ਲਾਭ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਿਸ਼ਰਤ ਮੱਛੀ ਕਲਚਰ ਵਿੱਚ ਦੇਸੀ-ਵਿਦੇਸ਼ੀ ਮੱਛੀਆਂ ਪਾਈਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ । ਅਜਿਹੀ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਵਿੱਚ ਵਧੇਰੇ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਮੱਛੀ ਪਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਕ ਹੀ ਤਲਾਬ ਵਿੱਚ 5 ਜਾਂ 6 ਮੱਛੀਆਂ ਦੀਆਂ ਜਾਤੀਆਂ ਨੂੰ ਵਧਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਮੱਛੀਆਂ ਇਕ ਸਥਾਨ ‘ਤੇ ਰਹਿ ਕੇ ਪਾਣੀ ਦੀਆਂ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਸੜਾ ਤੋਂ ਭੋਜਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਗ੍ਰਾਸ ਕਾਰਪ ਜਾਤੀ ਦੀਆਂ ਮੱਛੀਆਂ, ਤਾਂ ਨਦੀਨਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਖਾ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਮੱਛੀਆਂ ਵਿੱਚ ਭੋਜਨ ਲਈ ਮੁਕਾਬਲਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ । ਤਾਲਾਬ ਦੇ ਹਰ ਭਾਗ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਭੋਜਨ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਸ਼ਹਿਦ ਉਤਪਾਦਨ ਲਈ ਵਰਤੀਆਂ ਜਾਣ ਵਾਲੀਆਂ ਮਧੂ-ਮੱਖੀਆਂ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜੇ ਇੱਛੁਕ ਗੁਣ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਮਧੂਮੱਖੀ ਵਿੱਚ ਸ਼ਹਿਦ ਇਕੱਠਾ ਕਰਨ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਵਧੇਰੇ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  2. ਉਸ ਨੂੰ ਡੰਗ ਘੱਟ ਮਾਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਪ੍ਰਜਣਨ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਆਪਣੇ ਛੱਤੇ ਵਿੱਚ ਵਧੇਰੇ ਸਮੇਂ ਤੱਕ ਰਹਿ ਸਕਣ ।
  5. ਖ਼ੁਦ ਨੂੰ ਦੁਸ਼ਮਣਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾ ਸਕਣ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਚਾਰਗਾਹ ਕੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਸ਼ਹਿਦ ਉਤਪਾਦਨ ਨਾਲ ਕਿਵੇਂ ਸੰਬੰਧ ਰੱਖਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚਾਰਗਾਹ ਅਜਿਹਾ ਫੈਲਿਆ ਹੋਇਆ ਖੇਤਰ ਹੈ ਜਿਥੇ ਘਾਹ ਅਤੇ ਹੋਰ ਬਨਸਪਤੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਮਧੁਮੱਖੀਆਂ ਫੁੱਲਾਂ ਤੋਂ ਰਸ ਤੇ ਪਰਾਗ ਇਕੱਠਾ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਸ ਚਾਰਗਾਹ ਵਿੱਚ ਜਿੰਨੇ ਵਧੇਰੇ ਅਤੇ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਫੁੱਲ ਹੋਣਗੇ ਓਨੀਆਂ ਹੀ ਕਿਸਮਾਂ ਸ਼ਹਿਦ ਦੇ ਸੁਆਦ ਦੀਆਂ ਵੀ ਹੋਣਗੀਆਂ । ਇਸ ਲਈ ਸ਼ਹਿਦ ਉਤਪਾਦਨ ਦਾ ਚਾਰਗਾਹ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧ ਹੈ ।