PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 16 गिरधर की कुंडलियाँ

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 16 गिरधर की कुंडलियाँ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 16 गिरधर की कुंडलियाँ (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB गिरधर की कुंडलियाँ Textbook Questions and Answers

गिरधर की कुंडलियाँ अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 16 गिरधर की कुंडलियाँ 1
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 16 गिरधर की कुंडलियाँ 2
उत्तर :
छात्र स्वयं करें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 16 गिरधर की कुंडलियाँ

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 16 गिरधर की कुंडलियाँ 3
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 16 गिरधर की कुंडलियाँ 4
उत्तर :
छात्र स्वयं अभ्यास करें।

3. शब्दार्थ :

  • बिगारे = बिगाड़ना
  • यहि = यही; ऐसा ही
  • हँसाय = हँसी मज़ाक
  • बेगरज़ी = नि:स्वार्थ; बिना मतलब की
  • चैन = शांति
  • ठाउँ = स्थान
  • राग-रंग = प्रेमादि करने का आनंद, ऐशो-आराम का आनंद
  • निदान = अंत में
  • मनहि = मन को
  • पाहुन = अतिथि ; मेहमान
  • भावे = अच्छा लगना
  • निशि = रात
  • टरत = दूर करना; टालना
  • ताको = उसका

उत्तर :
सप्रसंग व्याख्या के साथ दे दिए गए हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 16 गिरधर की कुंडलियाँ

4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) बिना विचार के काम करने से क्या होता है?
उत्तर :
बिना विचार काम करने से काम बिगड़ जाता है। इससे जग में हँसी होती है और आदमी को पछताना पड़ता है।

(ख) कवि के अनुसार प्रायः दोस्त कैसे होते हैं ?
उत्तर :
कवि के अनुसार प्रायः दोस्त मतलबी होते हैं। वे जेब में पैसे रहने तक ही साथ देते हैं। बाद में साथ छोड़कर चले जाते हैं।

(ग) चार दिन का मेहमान कौन है?
उत्तर :
चार दिन का मेहमान मनुष्य है।

(घ) प्रायः मनुष्य अभिमान क्यों करता है?
उत्तर :
प्राय: मनुष्य धन – दौलत पाने पर अभिमान करता है।

5. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) दौलत पाकर मनुष्य को अभिमान क्यों नहीं करना चाहिए?
उत्तर :
दौलत पाकर मनुष्य को अभिमान इसलिए नहीं करना चाहिए क्योंकि दौलत बहुत चंचल है। वह ज़्यादा दिन किसी के भी पास नहीं रहती। वह मनुष्य के पास स्थिर नहीं रहती।

(ख) बिना सोच-विचार के कोई काम करने से क्या दशा होती है?
उत्तर :
बिना सोच – विचार के काम करने से काम बिगड़ जाता है। इससे सारे संसार में हँसी होती है। आदमी का हृदय बेचैन हो जाता है। आदमी को पछताना पड़ता है।

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6. उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थान भरें :

(क) जब लगि पैसा गाँठ में; तब लगि ताको ………………………………..
(ख) पैसा रहा न पास ……………………………….. मुख से नहिं बोले।
(ग) करत ……………………………….. प्रीति; यार बिरला कोई साई।
(घ) ……………………………….. पाय न कीजिए; सपने में ………………………………..
(ङ) ……………………………….. वचन सुनाय; ……………………………….. सब ही की कीजै।। (बेगरज़ी; दौलत; यार; मीठे; अभिमान; विनय)
उत्तर :
(क) जब लगि पैसा गाँठ में; तब लगि ताको यार।
(ख) पैसा रहा न पास यार मुख से नहिं बोले।
(ग) करत बेगरज़ी प्रीति; यार बिरला कोई साई।
(घ) दौलत पाय न कीजिए; सपने में अभिमान।
(ङ) मीठे वचन, सुनाय; विनय सब ही की कीजै॥

7. इन लोकोक्तियों के अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग करें :

  1. बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताय ………………………………..
  2. साईं सब संसार में मतलब का व्यवहार ………………………………..
  3. चार दिन की चाँदनी फिर अंधेरी रात। ………………………………..

उत्तर :

  1. बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताय (बिना सोचे – समझे कार्य करने पर पछताना पड़ता है) – रवि ने बिना सोचे – विचारे जल्दबाजी में मित्रता की और उसके मित्र ने उसे जेल भिजवा दिया। इसलिए कहते हैं कि बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताय। खटकना (बुरा लगना) – यह दृश्य मेरी आँखों में खटकता है।
  2. साईं सब संसार में मतलब का व्यवहार (मतलबी दुनिया) – राम अपना काम निकलते ही चला गया। अतः यह सही है कि साईं सब संसार में मतलब का व्यवहार।
  3. चार दिन की चान्दनी फिर अन्धेरी रात (थोड़े दिन का आनन्द) – जवानी का जोश अच्छा नहीं क्योंकि यह चार दिन की चांदनी फिर अन्धेरी रात जैसा है।

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8. निम्न पद्यांशों का भावार्थ स्पष्ट करें :

(क) खटकत है जिय मांहि; कियो जो बिना विचारे।
उत्तर :
इस पंक्ति का भाव यह है कि जो मनुष्य बिना सोच – समझ के कोई कार्य करता है तो वह काम पूर्ण न होने पर सदा पीड़ा देता है। अतः हमें सभी कार्य सोच – विचार कर करने चाहिए।

(ख) करत बेगरजी प्रीति; यार विरला कोई साईं।
उत्तर :
इसका भाव है कि इस संसार में सच्ची मित्रता कोई विरला ही करता है। विरले व्यक्ति ही अच्छे एवं सच्चे मित्र बन सकते हैं।

(ग) चंचल जल दिन चारि को ठाउँ न रहत निदान।
उत्तर :
धन – दौलत की दशा चंचल जल के समान होती है जो कभी एक स्थान पर स्थिर नहीं रहती है। अतः हमें दौलत पाकर अभिमान नहीं करना चाहिए।

रचनात्मक अभिव्यक्ति

(क) मौखिक अभिव्यक्ति- नीतिपरक कुंडलियों की रचना के कारण कवि गिरधर का हिंदी साहित्य में अपना स्थान है। उनके साहित्य का अध्ययन करें। नीतिपरक सूक्तिमय कुण्डलियों को स्मरण करें।
उत्तर :
विद्यार्थी अपने शिक्षक/शिक्षिका की सहायता से स्वयं करें।

(ख) लिखित अभिव्यक्ति – निम्नलिखित पर अपने विचार लिखिये :
(i) योजनाबद्ध तरीके से काम करने के क्या लाभ होते हैं ?
उत्तर :
योजनाबद्ध तरीके से काम करने के अनेक लाभ होते हैं।

  • काम अच्छी प्रकार से पूर्ण हो जाता है।
  • काम किसी तरह से अधूरा नहीं रह सकता।
  • काम बिगड़ नहीं सकता।
  • काम से जग में हँसाई नहीं बल्कि बढ़ाई होती है।
  • जग में यश मिलता है।

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(i) मतलबी मित्र तथा सच्चे मित्र में क्या अंतर है?
उत्तर :

मतलबी मित्र सच्चा मित्र
(i) मतलबी मित्र स्वार्थी होता है। (i) सच्चा मित्र स्वार्थी नहीं होता।
(ii) मतलबी मित्र कपटी होता है। (ii) सच्चा मित्र हितैषी होता है।
(iii) मतलबी मित्र धोखेबाज़ होता है। (iii) सच्चा मित्र धोखेबाज़ नहीं होता।
(iv) मतलबी मित्र सुख में साथ देता है दःख में नहीं। (iv) सच्चा मित्र सुख – दुःख दोनों में साथ देता है।
(v) केवल पैसे से लगाव होता है। (v) इसे पैसे से लगाव नहीं होता है।

(ii) धन-दौलत को चंचल क्यों कहा जाता है?
उत्तर :
धन – दौलत को चंचल इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह चंचल होती है। यह कभी किसी के पास स्थिर नहीं रहती। यह अक्सर स्थान बदलती रहती है।

परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोता।

प्रश्न 1.
जीवन में पश्चात्ताप कौन लोग करते हैं ?
उत्तर :
जो लोग बिना सोच – समझ के कार्य करते हैं, वही जीवन में पश्चात्ताप करते

प्रश्न 2.
कैसा कार्य हृदय में पीड़ा देता है ?
उत्तर :
जो कार्य बिना सोच – विचार के किया जाता है, वह हृदय में पीड़ा देता है।

प्रश्न 3.
काम बिगड़ने से मनुष्य की क्या स्थिति होती है ?
उत्तर :
काम बिगड़ने से मनुष्य की संसार में हँसी होती है। सब उसका मज़ाक उड़ाते हैं। उसे खाना – पीना, राग – रंग कुछ भी अच्छा नहीं लगता।

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प्रश्न 4. सच्चे अथवा आदर्श मित्र के गुण लिखिए।
उत्तर :
सच्चे अथवा आदर्श मित्र के निम्नलिखित गुण होने चाहिए

  • सच्चा अथवा आदर्श मित्र ईमानदार होना चाहिए।
  • सच्चा अथवा आदर्श मित्र विवेकशील होना चाहिए।
  • आदर्श मित्र बुद्धिमान होना चाहिए।
  • आदर्श मित्र सुख – दुःख में साथ देने वाला होना चाहिए।
  • आदर्श मित्र सच्चाई को सच एवं झूठ को झूठ कहने वाला होना चाहिए।
  • आदर्श मित्र सत्यवादी होना चाहिए।

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :

प्रश्न 1.
बिना सोचे – विचारे काम करने पर क्या होता है ?
(क) संतोष
(ख) खुशी
(ग) पछतावा
(घ) आनंद।
उत्तर :
(ग) पछतावा

प्रश्न 2.
संसार में सब कैसा व्यवहार करते हैं ?
(क) प्रेम का
(ख) मतलब का
(ग) त्याग का
(घ) देने का।
उत्तर :
(ख) मतलब का

प्रश्न 3.
मित्र कब तक साथ देते हैं, जब तक पास में क्या है ?
(क) प्रेम
(ख) त्याग
(ग) दया
(घ) पैसा।
उत्तर :
(घ) पैसा।

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प्रश्न 4.
दौलत प्राप्त कर क्या नहीं करना चाहिए ?
(क) दान
(ख) दया
(ग) करूणा
(घ) घमंड।
उत्तर :
(घ) घमंड।

प्रश्न 5.
दौलत किस के समान चंचल है ?
(क) बादल
(ख) बिजली
(ग) हवा
(घ) जल।
उत्तर :
(घ) जल।

गिरधर की कुंडलियाँ Summary in Hindi

गिरिधर की कुण्डलियाँ का सार

कुण्डलियों का सार प्रस्तुत कुण्डलियों में गिरिधर कवि ने प्रेरणा देते हुए कहा है कि बिना सोच – समझ के कार्य करने से काम बिगड़ जाता है। इससे जग में हँसी होती है और पछताना पड़ता है। हृदय में पीड़ा झेलनी पड़ती है। खाना – पीना राग – रंग कुछ भी अच्छा नहीं लगता। संसार में सब जगह स्वार्थ का व्यवहार होता है। मित्र केवल स्वार्थ पूरा करते हैं और साथ छोड़ देते हैं। सच्ची मित्रता तो कोई – कोई ही करता है। धन – दौलत होने से कभी अभिमान नहीं करना चाहिए क्योंकि ये कभी स्थिर नहीं रहती। मीठे बचन बोलने चाहिए। विनम्र व्यवहार करना चाहिए। मनुष्य केवल चार दिन का ही मेहमान होता है।

गिरिधर की कुण्डलियाँ सप्रसंग व्याख्या

1. बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय।
काम बिगारै आपनो, जग में होत हँसाय॥
जग में होत हँसाय, चित्त में चैन न पावे।
खान पान सम्मान, राग रंग मनहि न भावे॥
कह गिरधर कविराय, दःख कछ टरत न टारे।
खटकत है जिय माहिं, कियो जो बिना बिचारे॥

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कठिन शब्दों के अर्थ :

  • विचारे = सोचे।
  • पाछे = पीछे।
  • बिगारे = बिगाड़े।
  • चैन = शान्ति।
  • भावे = अच्छा लगे।
  • टरत = हटाने से।
  • खटकत = खटकना, बुरा लगना।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य – पुस्तक में संकलित ‘गिरिधर की कुण्डलियाँ’ नामक कविता में से लिया गया है। कवि कहता है – बिना सोचे – विचारे यदि कोई काम किया जाए तो अन्त में मनुष्य को पछताना पड़ता है। इस बात को स्पष्ट करते हुए कवि कहता है

सरलार्थ – कवि कहता है कि इस संसार में बिना सोचे – समझे काम शुरू करने वाले व्यक्ति को अन्त में पछताना पड़ता है। जब उसका काम बिगड़ जाता है तो दुनिया वाले उसकी हँसी उड़ाते हैं। उसे मन में कभी चैन और शान्ति नहीं मिलती। यहाँ तक कि ऐसे व्यक्ति को कभी भी खाना – पीना, हँसना – बोलना और मान – सम्मान आदि अच्छा नहीं लगता। गिरिधर जी कहते हैं जो व्यक्ति बिना सोचे – समझे काम शुरू कर देता है उसका दुःख दूर करने से भी दूर नहीं होता। ऐसे व्यक्ति के मन में हमेशा अशान्ति और भय बना रहता है।

भावार्थ – कवि का मानना है कि मानव को कभी भी बिना सोच – विचार काम नहीं करना चाहिए।

2. साईं सब संसार में, मतलब का व्यवहार।
जब लगि पैसा गाँठ में, तब लगि ताको यार।
तब लगि ताको यार, यार सँग ही सँग डोले।
पैसा रहा न पास, यार मुख से नहिं बोले॥
कह गिरधर कविराय, जगत यहि लेखा भाई।
करत बेगरजी प्रीति, यार बिरला कोइ साईं॥

कठिन शब्दों के अर्थ –

  • या = इस।
  • मतलब = स्वार्थ।
  • गाँठ = जेब।
  • यार = मित्र।
  • बेगरजी = बिना स्वार्थ के।
  • प्रीति = प्रेम।
  • साईं = स्वामी।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य – पुस्तक में संकलित ‘गिरिधर की कुण्डलियाँ’ कविता में से लिया गया है। कवि ने संसार के स्वार्थी स्वभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि अब कोई विरला ही सच्चा मित्र रह गया है।

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सरलार्थ – कवि के अनुसार इस संसार में स्वार्थ का ही बोलबाला है। सभी अपना मतलब सिद्ध करने में लगे हुए हैं, जैसे – जब तक साथी के पास पैसा है तब तक उसका साथ देने वाले अनेक मित्र होते हैं। वे अपनी मित्रता न जाने किस – किस ढंग से सिद्ध करते हैं। जब पैसा नहीं रहता तो वे बोलना छोड़ देते हैं। गिरिधर जी कहते हैं कि संसार का व्यवहार ही ऐसा है। इस संसार में सच्चा प्रेम करने वाला कोई विरला ही मित्र होता है। निःस्वार्थ प्रेम करने वाला मनुष्य कठिनता से ही मिलता है।

भावार्थ – यह संसार स्वार्थ पर आधारित है। यहाँ स्वार्थ रहित (सच्चा) प्रेम बहुत कम मिलता है।

3. दौलत पाय न कीजिए, सपने में अभिमान।
चंचल जल दिन चारि को, ठाउँ न रहत निदान॥
ठाउँ न रहत निदान, जियत जग में यश लीजै।
मीठे वचन सुनाय, विनय सब की ही कीजै॥
कह गिरधर कविराय, अरे यह सब घट तौलत।
पाहुन निशि दिन चारि, रहत सब ही के दौलत॥

कठिन शब्दों के अर्थ –

  • चंचल = अस्थिर।
  • चारि = चार।
  • ठाउँ = स्थान पर।
  • निदान = निश्चय से।
  • विनय = नम्रता, आदर।
  • तौलत = तोलना।
  • पाहुन = मेहमान।
  • निशि = रात।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश ‘गिरिधर की कुण्डलियाँ’ में से लिया गया है। इस कुंडली में धन की चंचलता बताई गई है।

सरलार्थ – गिरिधर कवि कहते हैं – मनुष्य को धन – दौलत होने पर सपने में भी अभिमान नहीं करना चाहिए। यह चंचल पानी के समान है, जो निश्चय से कभी एक स्थान पर टिका नहीं रहता। धन चंचल होने के कारण व्यक्ति को जीवित रहते हुए यश प्राप्त करना चाहिए। सब को मीठे वचन सुनाने चाहिए। सब के साथ अच्छा व्यवहार करना पुस्तकीय भाग चाहिए। मधुर बोलना चाहिए और सब से नम्र व्यवहार करना चाहिए। कवि कहता है कि अरे कम क्यों तोलता है। यह दौलत सबके पास चार दिन की मेहमान है। भाव यह है कि धन का गर्व नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह नाशवान् है।

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भावार्थ – कवि ने धन के आधार पर घमण्ड न करने की बात कही है क्योंकि धन तो आता – जाता रहता है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 वाघा बार्डर

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 15 वाघा बार्डर Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 15 वाघा बार्डर (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB वाघा बार्डर Textbook Questions and Answers

वाघा बार्डर अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 वाघा बार्डर 3
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 वाघा बार्डर 4
उत्तर :
छात्र शिक्षक के सहयोग से स्वयं करें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 वाघा बार्डर

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 वाघा बार्डर 5
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 वाघा बार्डर 6
उत्तर :
छात्र शिक्षक के सहयोग से स्वयं अभ्यास करें।

3. शब्दार्थ :

  • बार्डर = सीमा, हद
  • आदमक़द = मनुष्य के आकार का
  • प्रतिमा = मूर्ति
  • सैलानी = पर्यटक
  • एकमात्र = अकेला
  • सौहार्द = दोस्ती, सद्भाव, हृदय की सरलता
  • ऐतिहासिक = इतिहास से संबंधित
  • मुस्तैदी = तेजी
  • क्षमता = सामर्थ्य
  • हौसला अफजाई = हौसला/धैर्य बढ़ाना

उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।

4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) वाघा बार्डर को किस नाम से जाना जाता है ?
उत्तर :
वाघा बार्डर को एशिया की बर्लिन दीवार के नाम से जाना जाता है।

(ख) यह बार्डर किन दो देशों के मध्य स्थित है?
उत्तर :
यह बार्डर भारत तथा पाकिस्तान देशों के मध्य स्थित है।

(ग) इस बार्डर के दोनों ओर कौन-कौन से प्रसिद्ध नगर हैं?
उत्तर :
बाघा बार्डर के दोनों ओर लाहौर तथा अमृतसर प्रसिद्ध नगर हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 वाघा बार्डर

(घ) इसका विशेष आकर्षण क्या है ?
उत्तर :
इसका विशेष आकर्षण झण्डा उतारने की (रिटीट) रस्म है।

(ङ) बी.एस.एफ. के जवान कौन-कौन से नारे लगाते हैं?
उत्तर :
वन्देमातरम्, भारत माता की जय, हिन्दुस्तान जिन्दाबाद।।

5. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) वाघा गाँव के बारे में आपने क्या जाना?
उत्तर :
वाघा बार्डर को एशिया की बर्लिन दीवार के नाम से जाना जाता है। यह बार्डर भारत तथा पाकिस्तान दो देशों को जोड़ने वाला है। यह अमृतसर से लगभग तैंतीस किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह संध्या के समय झण्डा उतारने की रस्म (रिट्रीट) आकर्षण का मुख्य केन्द्र है।

(ख) बार्डर पर झंडा उतारने की रस्म कैसे सम्पन्न होती है?
उत्तर :
बार्डर पर झंडा उतारने की रस्म सायं साढ़े पाँच बजे शुरू होती है। यह रस्म लगभग आधे-पौने घण्टे तक चलती है। इसमें बी० एस० एफ० के जवान पूरे उत्साह एवं जोश से परेड में हिस्सा लेते हैं। वे पूरे वेग से अपने बूट धरती पर मारते हैं। झंडा उतारते समय लोहे के दोनों गेट खोल दिए जाते हैं।

दोनों देशों के सैनिक परस्पर हाथ मिलाते हैं। धीरे-धीरे दोनों देशों के जवान संगीत की मधुर ध्वनि में अपने-अपने देश के झंडे उतारकर संभाल लेते हैं और गेटों को फिर से बंद कर दिया जाता है।

6. विशेषण बनायें :

  1. रेखांकन = रेखांकित
  2. आकर्षण
  3. उत्साह
  4. प्रोत्साहन
  5. इतिहास = ऐतिहासिक
  6. व्यापार
  7. परस्पर
  8. भारत = भारतीय
  9. राष्ट्र

उत्तर :

  1. रेखांकन = रेखांकित
  2. आकर्षण = आकर्षित
  3. उत्साह = उत्साहित
  4. प्रोत्साहन = प्रोत्साहित
  5. इतिहास = ऐतिहासिक
  6. व्यापार = व्यापारिक
  7. परस्पर = पारस्परिक
  8. भारत = भारतीय
  9. राष्ट्र = राष्ट्रीय

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 वाघा बार्डर

7. पर्यायवाची शब्द लिखें :

  1. झंडा =
  2. सैलानी =
  3. आज्ञा =
  4. अमन =

उत्तर :

  1. झण्डा = ध्वज, पताका
  2. सैलानी = पर्यटक, घुमक्कड़
  3. आज्ञा = आदेश, हुक्म
  4. अमन = शांति, चैन।

8. रेखांकित शब्दों के वचन बदलकर वाक्य पुनः लिखें :

(क) सड़क को लोहे के गेट द्वारा बंद किया गया है।
उत्तर :
सड़कों को लोहे के गेटों द्वारा बन्द किया गया है।

(ख) चारों ओर कँटीली तार लगी हुई है।
उत्तर :
चारों ओर कंटीली तारें लगी हुई हैं।

(ग) वह अपने भावों को नृत्य द्वारा प्रकट करता है।
उत्तर :
वे अपने भावों को नृत्य द्वारा प्रकट करते हैं।

(घ) अपने-अपने देश के झंडे उतार लेते हैं।
उत्तर :
अपने-अपने देशों के झण्डे उतार लेते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 वाघा बार्डर

9. निम्नलिखित शब्दों में ‘र’ आधा है यै पूरा?

बार्डर = आधा
राष्ट्रीयता =
ब्रिटिश =
रिट्रीट =
रेंजर्ज =
ट्रक =
दर्शक =
कार्य =
मार्ग =
प्रकट =

10. शुद्ध करके लिखिए:

विशवविदयालय =
इजाजत =
रस्ते =
धवन =
जशन =
वृदधी =
जिंदाबाद =
भुमिका =

11. रचनात्मक अभिव्यक्ति

(क) मौखिक अभिव्यक्ति – देशभक्ति के गीत कक्षा में सुनायें।
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से करें।

(ख) लिखित अभिव्यक्ति – जब भी आपको अवसर मिले आप वाघा बार्डर अवश्य देखकर आयें। अपने अनुभव डायरी में लिखें।

बी.एस.एफ. का पूरा नाम बार्डर सिक्योरटी फोर्स है। हिंदी में इसे ‘सीमा सुरक्षा बल’ कहते हैं।
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से करें।

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परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
बी० एस० एफ० का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर :
बार्डर सिक्योरिटी फोर्स अर्थात् सीमा सुरक्षा बल।

प्रश्न 2.
वाघा बार्डर अमृतसर से कितनी दूर है ?
उत्तर :
वाघा बार्डर अमृतसर से लगभग तैंतीस किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

प्रश्न 3.
अमृतसर से वाघा बार्डर जाते समय कौन-कौन से शैक्षणिक संस्थान आते ?
उत्तर :

  • खालसा कालेज
  • गुरु नानक देव विश्वविद्यालय।

प्रश्न 4.
अटारी में किसकी प्रतिमा आकर्षण का केन्द्र है ?
उत्तर :
अटारी में शहीद शाम सिंह अटारी की आदमी के कद के समान प्रतिमा आकर्षण का प्रमुख केन्द्र है।

प्रश्न 5.
जी० टी० रोड को किस नाम से जाना जाता है ?
उत्तर :
शेरशाह सूरी मार्ग तथा नेशनल हाइवे के नाम से जाना जाता है।

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प्रश्न 6.
भारत तथा पाकिस्तान के लोगों ने कब और कैसे बार्डर पर स्नेह एवं सौहार्द का परिचय दिया ?
उत्तर :
भारत तथा पाकिस्तान के लोगों ने 14 तथा 15 अगस्त को बार्डर पर मोमबत्तियाँ जलाकर स्नेह एवं सौहार्द का परिचय दिया था।

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :

प्रश्न 1.
‘एशिया की बर्लिन दीवार’ किसे कहते हैं ?
(क) जोधपुर बार्डर
(ख) वाघा बार्डर
(ग) फ़ाज़िल्का बार्डर
(घ) अनंतनाग बार्डर।
उत्तर :
(ख) वाघा बार्डर

प्रश्न 2.
वाघा बार्डर अमृतसर से लगभग कितने किलोमीटर दूर है ?
(क) 25
(ख) 30
(ग) 32
(घ) 33
उत्तर :
(घ) 33

प्रश्न 3.
वाघा बार्डर से दोनों देशों के बीच व्यापार कब शुरू हुआ था ?
(क) 2005 में
(ख) 2006 में
(ग) 2007 में
(घ) 2008 में।
उत्तर :
(ख) 2006 में

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प्रश्न 4.
भारतीय सीमा में वाघा बार्डर की रक्षा में कौन से सैनिक तैनात हैं ?
(क) बी० एस० एफ० के
(ख) सी० आर० पी० एफ० के
(ग) आई० टी० वी० के
(घ) प० पु० फो०।
उत्तर :
(क) बी० एस० एफ० के

प्रश्न 5.
पाकिस्तान की ओर कौन से सीमा रक्षक हैं ?
(क) रेंजर्स
(ख) सेना
(ग) आई० ए० एस०
(घ) पी० पी० एफ०।
उत्तर :
(क) रेंजर्स

प्रश्न 6.
रीट्रीट शाम को कितने बजे प्रारंभ होती है ?
(क) 4.30 बजे
(ख) 5.30 बजे
(ग) 6.30 बजे
(घ) 7.30 बजे।
उत्तर :
(ख) 5.30 बजे

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प्रश्न 7.
दर्शक गैलरी में कितने हजार लोगों के बैठने की क्षमता है ?
(क) दो
(ख) चार
(ग) पाँच
(घ) सात।
उत्तर :
(ख) चार

प्रश्न 8.
शहीद शाम सिंह की आदमकद मूर्ति कहाँ लगी है ?
(क) छेहरटा
(ख) वाघा
(ग) अटारी
(घ) खासा।
उत्तर :
(ग) अटारी

वाघा बार्डर Summary in Hindi

वाघा बार्डर पाठ का सार

‘वाघा बार्डर’ शीर्षक पाठ प्रो० नवसंगीत सिंह द्वारा लिखित है। इसमें लेखक ने बाघा बार्डर के बारे में बताया है। वाघा बार्डर को ‘एशिया की बर्लिन दीवार’ के नाम से भी जाना जाता है। भारत-पाकिस्तान को जोड़ने वाला यह बार्डर जी० टी० रोड पर स्थित है। इसके एक तरफ लाहौर और दूसरी तरफ अमृतसर है। यह अमृतसर से लगभग 33 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अमृतसर से वाघा जाते समय खालसा कालेज, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के अलावा छेहरटा, खासा एवं अटारी नामक गाँव आते हैं। अटारी की आदमकद प्रतिमा सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 वाघा बार्डर

आज़ादी से पहले अंग्रेजों के समय में वाघा गांव पंजाब की लाहौर डिवीज़न में स्थित था। सन् 1947 ई० में विभाजन के बाद यह गाँव भारत-पाकिस्तान में बंट गया। भारत तथा पाकिस्तान के स्वतन्त्रता दिवस पर 14 और 15 अगस्त को दोनों देशों के अमन पसन्द नागरिकों ने वाघा बार्डर पर मोमबत्तियाँ जलाकर पारस्परिक स्नेह एवं सौहार्द को प्रकट किया था। यह भारत तथा पाकिस्तान के समझौते के रूप में जनता के बदले मन की प्रतिक्रिया स्वरूप था। जनता द्वारा आवाज़ उठाने पर ही दोनों देशों के बीच में सन् 2006 में व्यापार शुरू हुआ।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 वाघा बार्डर 1

आज वाघा बार्डर पर्यटकों के लिए एक विशेष आकर्षण का केन्द्र है। यहाँ प्रतिदिन शाम को झंडा उतारने की रस्म होती है, जिसे देखने के लिए भारत तथा पाकिस्तान के सैलानी अपने-अपने देश की गैलरी में इकट्ठे होते हैं। ऐतिहासिक जी० टी० रोड पर बार्डर को सफेद रंग द्वारा रेखांकित किया जाता है। सड़क को लोहे के दो गेटों के साथ बंद कर दिया जाता है जिसके चारों तरफ कंटीले तार हैं। दोनों गेटों के ऊपर दोनों देशों के राष्ट्रीय ध्वज लहराते हैं।

अपने-अपने राष्ट्र की सुरक्षा के लिए बी० एस० एफ० जवान तथा पाकिस्तानी रेंजस चौबीस घंटे पहरा देते हैं। बार्डर की गैलरी तक पहुंचने के लिए करीब डेढ़-दो किलोमीटर लंबी पंक्ति में स्त्रियों तथा पुरुषों को अलग-अलग जाना पड़ता है। वहां बी० एस० एफ० जवान अच्छी तरह तलाशी लेते हैं। वहाँ न कोई खाने की सामग्री, बड़े पर्स नहीं ले जा सकते। फोन एवं कैमरे ले जा सकते हैं। झण्डा उतरने की रस्म से पहले स्पीकर ऊँची आवाज़ में देशभक्ति के गीतों का प्रसारण करते हैं।

उस समय सम्पूर्ण वातावरण भावमय हो जाता है। लोग जाति, धर्म, भाषा-भेदभाव को भूलकर पूरी तरह राष्ट्रीयता के रंग में रंग जाते हैं। इनमें अधिकांश स्त्रियाँ होती हैं जो अपने भावों को नृत्य द्वारा प्रकट करती हैं। इस सारी कार्यवाही में बी० एस० एफ० के जवानों की मुख्य भूमिका होती है।

बी० एस० एफ० के जवानों द्वारा भारतीय दर्शकों जिनमें विदेशी भी शामिल होते हैं तीन तरह के नारे लगा सकते हैं- हिन्दुस्तान जिंदाबाद, भारत-माता की जय तथा वन्दे मातरम्। भारतीय दर्शकों में विशेषकर लड़कियों और स्त्रियों के हाथ में तिरंगा लेकर मुख्य सड़क पर गेट के भीतर कुछ कदम दौड़ने की इजाजत होती है। दर्शक गैलरियों में भारतीय सैलानियों की भीड़ होती है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 वाघा बार्डर

मुख्य द्वारों के दोनों तरफ 4000 लोगों के बैठने की क्षमता है किन्तु वहाँ लगभग 8000 लोग एकत्र हो जाते हैं। रिट्रीट की रस्म प्रायः सायं 5:30 बजे शुरू होती है और लगभग आधे पौने घण्टे बाद पूरी होती है। इससे पूर्व बी० एस० एफ० के जवान पूरे उत्साह तथा जोश के साथ परेड में हिस्सा लेते हैं। वे पूरे वेग से अपने बूट धरती पर मारते हैं। दर्शक तालियों से उनका उत्साह बढ़ाते हैं। झण्डा उतारते समय लोहे के गेट खोल दिए जाते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 वाघा बार्डर 2

दोनों देशों के सैनिक एक-दूसरे से हाथ मिलाते हैं। धीरे-धीरे दोनों देशों के जवान संगीत की मधुर ध्वनि में अपने-अपने देश के झण्डे उतारकर सम्भाल लेते हैं और गेटों को पुनः बंद कर दिया जाता है।

वाघा बार्डर शब्दार्थ :

  • सौहार्द = भाई-चारा।
  • शान्तिमय = शान्ति के ढंग से।
  • निरन्तर = लगातार।
  • रिट्रीट = झण्डा उतारने की रस्म।
  • बार्डर = सीमा।
  • आदमकद = मनुष्य के आकार का।
  • प्रतिमा = मूर्ति।
  • सैलानी = पर्यटक।
  • एकमात्र = अकेली।

वाघा बार्डर सप्रसंग व्याख्या

1. यह बार्डर अमृतसर से करीब 33 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अमृतसर से वाघा जाते समय खालसा कॉलेज, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के अतिरिक्त छेहरटा, खासा व अटारी नामक गाँव आते हैं। अटारी में मुख्य सड़क पर शहीद शाम सिंह अटारी की आदमकद प्रतिमा सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र है। नेशनल हाइवे तथा शेरशाह सूरी मार्ग जिसे प्रायः जी० टी० रोड भी कहा जाता है, के रास्ते बाघा बार्डर पहुँचने के लिए अमृतसर से करीब एक घण्टा लगता है। निजी वाहन अथवा सैलानी गाड़ियों या फिर आटो रिक्शा द्वारा भी यहाँ पहुँचते हैं।

प्रसंग-यह पंक्तियाँ लेखक प्रो० नवसंगीत सिंह द्वारा लिखित ‘वाघा बार्डर’ शीर्षक पाठ से ली गई हैं। इसमें लेखक ने अमृतसर से वाघा बार्डर की ओर जाने वाले मार्ग का वर्णन किया है।

व्याख्या-लेखक कहता है कि वाघा बार्डर अमृतसर से लगभग तैंतीस किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अमृतसर से वाघा बार्डर जाते समय खालसा कॉलेज, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के अलावा छेहरटा, खासा एवं अटारी नामक गाँव आते हैं। अटारी में मुख्य सड़क पर शहीद शाम सिंह अटारी आदमी के कद के समान मूर्ति पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र है। राष्ट्रीय राजमार्ग एवं शेरशाह सूरी मार्ग जिसे प्रायः जी० टी० रोड भी कहा जाता है। इसके रास्ते वाघा बार्डर पहुँचने के लिए अमृतसर से लगभग एक घण्टा लगता है। अपने वाहन अथवा पर्यटक गाड़ियों अथवा आटो रिक्शा द्वारा भी यहाँ पहुँचते हैं।

भावार्थ-अमृतसर से वाघा बार्डर जाने वाले मार्ग के बारे में बताया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 वाघा बार्डर

2. आज सैलानियों के लिए वाघा बार्डर एक विशेष आकर्षण का केन्द्र है। हर रोज़ सायं झण्डा उतारने (रिट्रीट) की रस्म होती है जिसे देखने के लिए भारत व पाकिस्तान के सैलानी अपने-अपने देश की गैलरी में इकट्ठे होते हैं। ऐतिहासिक जी० टी० रोड पर बार्डर को सफेद रंग द्वारा रेखांकित किया गया है। इस जगह सड़क को लोहे के दो गेटों द्वारा बन्द किया गया है जिसके चारों ओर कंटीली तारें हैं। दोनों गेटों के ऊपर दोनों देशों के राष्टीय ध्वज लहराते हैं। अपने-अपने राष्ट की सरक्षा के लिए बी० एस० एफ० के जवान व पाकिस्तानी रेंजर्ज़ चौबीस घण्टे पूरी मुश्तैदी से पहरा देते हैं।

प्रसंग-यह गद्यांश प्रो० नवसंगीत सिंह द्वारा लिखित ‘वाघा बार्डर’ पाठ से लिया गया है। इसमें बाघा बार्डर की संध्या रस्म रिट्रीट के बारे में बताया है।

व्याख्या-लेखक कहता है कि आजकल वाघा बार्डर पर्यटकों के लिए एक विशेष आकर्षण का केन्द्र है। यहाँ प्रतिदिन संध्या के समय झण्डा उतारने की रस्म होती है जिसे देखने के लिए भारत तथा पाकिस्तान के पर्यटक अपने-अपने देश की गैलरी में इकट्ठे होते हैं। ऐतिहासिक जी० टी० रोड पर बार्डर को सफेद रंग के द्वारा रेखांकित किया गया है। इस जगह सड़क को लोहे के दो गेटों के द्वारा बंद किया गया है जिसके चारों तरफ कांटेदार तारें लगी हुई हैं। इन दोनों गेटों के ऊपर दोनों देशों के राष्ट्रीय झण्डे लहराते हैं। यहाँ अपने अपने राष्ट्र की सुरक्षा करने के लिए बी० एस० एफ० के जवान तथा पाकिस्तानी सिपाही चौबीस घण्टे पूरे सतर्क रहकर पहरा देते हैं।

भावार्थ-बाघा बार्डर की झण्डे उतारने की ऐतिहासिक रस्म का अनूठा वर्णन है।

3. दर्शक गैलरी पर भारतीय सैलानियों की भीड़ देखते ही बनती है। मुख्य द्वार के दोनों ओर बनी गैलरियों में 4000 लोगों की बैठने की क्षमता होती है। लेकिन वहाँ लगभग 8000 लोग एकत्र हो जाते हैं। रिट्रीट की रस्म प्रायः सायं 5:30 बजे आरम्भ होती है और करीब आधे पौने घण्टे बाद पूरी हो जाती है। इससे पूर्व बी० एस० एफ० के जवान पूरे उत्साह व जोश के साथ परेड में हिस्सा लेते हैं और पूरे वेग से अपने बूट धरती पर मारते हैं। उस समय दर्शक तालियाँ बजाकर सैनिकों की हौसला अफजाई करते हैं।

प्रसंग-यह गद्यांश प्रो० नवसंगीत सिंह द्वारा लिखित ‘वाघा बार्डर’ नामक पाठ से लिया गया है। इसमें लेखक ने वाघा बार्डर की झण्डा उतारने की रस्म के बारे में बताया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 वाघा बार्डर

व्याख्या-लेखक कहता है कि वाघा बार्डर पर दर्शक गैलरी पर भारतीय पर्यटकों की बहुत भीड़ होती है। इसके मुख्य दरवाजे के दोनों ओर बनी गैलरियों में चार हजार लोगों के बैठने की क्षमता होती है। लेकिन वहाँ लगभग आठ हज़ार लोग इकट्ठे हो जाते हैं। झण्डा उतारने की रस्म प्रायः साढ़े पाँच बजे शुरू होती है और यह लगभग आधे पौने घण्टे बाद पूरी हो जाती है। इससे पहले बी० एस० एफ० के जवान पूरे उत्साह एवं जोश के साथ परेड में हिस्सा लेते हैं और वे पूरी गति से अपने जूते धरती पर मारते हैं। उस समय दर्शक तालियाँ बजाकर सैनिकों की हौसला अफजाई करते हैं। उनका उत्साह बढ़ाते हैं।

भावार्थ-वाघा बार्डर की रस्म रिट्रीट के बारे में बताया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 सहयोग

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 14 सहयोग Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 14 सहयोग (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB सहयोग Textbook Questions and Answers

अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 सहयोग 1
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 सहयोग 2
उत्तर :
छात्र शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 सहयोग

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 सहयोग 3
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 सहयोग 4
उत्तर :
छात्र शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 सहयोग

3. शब्दार्थ :

  • पारस = वह पत्थर जिसके छूने से लोहा सोना बन जाता है।
  • मदमस्त = मद में चूर
  • कपोतराज = कबूतरों का राजा
  • हितोपदेश = विष्णु शर्मा कृत नीति शास्त्र संबंधी एक प्रसिद्ध ग्रंथ
  • अवलम्बित = निर्भर
  • सतत = निरंतर, लगातार
  • प्रतिद्वंद्वी = विरोधी
  • सार्वजनिक = सब जन का

उत्तर :
छात्र स्वयं करें।

4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) सहयोग का क्या अर्थ है ?
उत्तर :
किसी कार्य में एक-दूसरे का साथ देना सहयोग कहलाता है।

(ख) लंगड़े ने अंधे को क्या उपाय बताया?
उत्तर :
लंगड़े ने अन्धे को बताया कि तुम मुझे अपने कंधे पर बिठाओ। मैं तुम्हें रास्ता बताऊँगा और तुम आगे बढ़ते जाना।

(ग) कपोतराज चित्रग्रीव ने कबूतरों को क्या सलाह दी?
उत्तर :
कपोतराज चित्रग्रीव ने कबूतरों को साहस के साथ इकट्ठा होकर, मिलकर उड़ने की सलाह दी।

(घ) हमें पड़ोसियों से कैसा व्यवहार करना चाहिए?
उत्तर :
हमें पड़ोसियों से अच्छा व्यवहार करना चाहिए। उनसे सहयोग एवं मेलजोल रखना चाहिए। उनकी खुशी में सम्मिलित होना चाहिए।

(ङ) हमें अपने सहपाठियों से कैसा व्यवहार करना चाहिये?
उत्तर :
हमें अपने सहपाठियों से अच्छा व्यवहार करना चाहिए। उनसे सहयोग बढ़ाना चाहिए। उनसे भेदभाव नहीं करना चाहिए। सबसे प्यार करना चाहिए।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 सहयोग

5. इन प्रश्नों के उत्तर चार-पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) सहयोग के दो उदाहरण लिखें।
उत्तर :

  • लोहा पारस के सहयोग से सोना बन जाता है।
  • कमजोर तिनका भी अनेक तिनकों के सहयोग से मज़बूत रस्सी बन जाती है।

(ख) सहयोग से दोनों पक्षों को लाभ होता है। क्या आप इससे सहमत हैं? अपने विचार लिखें।
उत्तर :
हाँ! हम इससे सहमत हैं कि सहयोग से दोनों पक्षों को लाभ होता है। परस्पर सहयोग से दोनों पक्षों के कार्य संवर जाते हैं। एक-दूसरे की कमी भी लाभ में बदल जाती है।

6. नीचे दिए गए वाक्यों में निर्देशानुसार उत्तर लिखें :

(क) सहयोग से लोहा भी सोना बन जाता है, उसका मूल्य सौ गुणा बढ़ जाता है। (यहाँ सर्वनाम कौन-सा है?)
उत्तर :
उसका।

(ख) शरीर को पूर्णता अंगों के सहयोग से मिलती है। (भाववाचक संज्ञा छाँटें)
उत्तर :
पूर्णता।

(ग) पड़ोसियों से सहयोग करना चाहिए। (संज्ञा शब्द छाँटकर उनका भेद लिखें)
उत्तर :
पड़ोसियों।

(घ) सहयोग से कक्षा का वातावरण मैत्रीपूर्ण हो जायेगा। (जातिवाचक संज्ञा छाँटें)
उत्तर :
कक्षा

(ङ) नदी के किनारे एक गाँव था। (संबंधबोधक अव्यय छाँटें)
उत्तर :
के।

(च) बच्चे माता-पिता की आज्ञा का पालन करते हैं और अपना काम मन लगाकर करते हैं। (योजक शब्द छाँटें)
उत्तर :
और।

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7. इन मुहावरों के अर्थ लिखकर उन्हें वाक्यों में प्रयोग करें :

  1. अंगूठा दिखाना
  2. आँखों का तारा
  3. चार चाँद लगाना
  4. मुँह उतर जाना
  5. एक पंथ दो काज
  6. जान बचना
  7. जाल में फँसना
  8. मौत दिखाई देना
  9. धैर्य बंधवाना
  10. हक्का-बक्का रह जाना
  11. दिन-दूनी रात चौगुनी उन्नति करना

उत्तर :

  1. अंगूठा दिखाना-इन्कार करना-मैनें इन्द्रजीत से किताब मांगी तो उसने अंगूठा दिखा दिया।
  2. आँखों का तारा-बहुत प्यारा-राम अपने माता-पिता की आँखों का तारा है।
  3. चार चाँद लगाना-उन्नति प्राप्त करना-सोहन ने पढ़ लिखकर अपने अनपढ़ वंश में चार चाँद लगा दिए।
  4. मुँह उतर जाना-दुखी होना-परीक्षा में असफल होने पर अमरीक का मुँह उतर गया।
  5. एक पंथ दो काज-एक काम से दोहरा लाभ-मैं कल दिल्ली अपने मित्र की शादी में गया और पुस्तक मेला भी देख आया। इस तरह मेरे एक पंथ दो काज हो गए।
  6. जान बचना-मुसीबत से बचना-कल परीक्षा में जाते समय गाडी से उतरते समय वह फिसल गया था पर उसकी जान बच गई।
  7. जाल में फँसना-चंगुल में फँसना–कभी भी उन कपटियों के जाल में न फँसना।
  8. मौत दिखाई देना-मृत्यु का सामना-जंगल में सामने शेर दिखाई देते ही उसे मौत दिखाई दे गई थी।
  9. धैर्य बंधवाना-धैर्य देना-मैंने राघव का धैर्य बंधवाने की कोशिश तो की थी पर सफल नहीं हो पाया।
  10. हक्का-बक्का रह जाना-हैरान होना-पुत्र को शराब की दुकान पर देख लाला जी हक्का-बक्का रह गए थे।
  11. दिन-दूनी रात चौगुनी उन्नति करना-बहुत उन्नति करना-सुरेंद्र ने अपनी सूझ-बूझ से अपने पारिवारिक व्यापार में दिन-दूनी रात चौगुनी उन्नति कर ली है।

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8. इन वाक्यों में रेखांकित शब्दों के वचन बदल कर वाक्य पुनः लिखें :

(क) यह तिनका है।
ये तिनके हैं।
(ख) मुझे रस्सा दो।
मुझे …………………. दो।
(ग) मेरी आँख में दर्द है।
मेरी …………………. में दर्द है।
(घ) मेरे पास कहानी की पुस्तक है।
मेरे पास …………………. की …………………. है।
(ङ) यह सूती कपड़ा है।
ये सूती …………………. हैं।
(च) अपनी पेंसिल मुझे दो।
अपनी …………………. मुझे दो।
उत्तर :
(क) यह तिनका है।
ये तिनके हैं।
(ख) मुझे रस्सा दो।
मुझे रस्से दो।
(ग) मेरी आँख में दर्द है।
मेरी आँखों में दर्द है।
(घ) मेरे पास कहानी की पुस्तक है।
मेरे पास कहानियों की पुस्तकें हैं।
(ङ) यह सूती कपड़ा है।
ये सूती कपड़े हैं।
(च) अपनी पेंसिल मुझे दो।
अपनी पेंसिलें मुझे दो।

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9. भाववाचक संज्ञा बनाएँ:

  1. पूर्ण =
  2. पशु =
  3. मित्र =
  4. आवश्यक =
  5. मानव =
  6. मनुष्य =
  7. सभ्य =
  8. प्रसन्न =

उत्तर :

  1. पूर्ण = पर्णता
  2. पशु = पशुता
  3. मित्र = मित्रता
  4. आवश्यक = आवश्यकता
  5. मानव = मानवता
  6. मनुष्य = मनुष्यता
  7. सभ्य = सभ्यता
  8. प्रसन्न = प्रसन्नता

10. दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखें :

  1. मानव =
  2. शरीर =
  3. आंख =
  4. हाथ =
  5. मित्र =
  6. पुत्र =

उत्तर :

  1. मानव = मनुष्य, इन्सान
  2. शरीर = तन, वपु
  3. आंख = नेत्र, नयन
  4. मित्र = दोस्त, सखा
  5. हाथ = हस्त, कर
  6. पुत्र = बेटा, सुत।

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11. विपरीतार्थक शब्द लिखें :

  1. सहयोग =
  2. भाव =
  3. सभ्य =
  4. सुविधा =

उत्तर :

  1. सहयोग = असहयोग
  2. भाव = अभाव
  3. सभ्य = असभ्य
  4. सुविधा = असुविधा।

12. विशेषण बनायें :

  1. नगर = नागरिक
  2. ईमानदारी = ईमानदार
  3. समाज =
  4. परेशानी =
  5. प्रकृति =
  6. प्रसिद्धि =
  7. अंतर =
  8. शांति =
  9. शरीर =
  10. सच्चाई =
  11. प्रथम =
  12. कमजोरी =

उत्तर :

  1. नगर = नागरिक
  2. ईमानदारी = ईमानदार
  3. समाज = सामाजिक
  4. परेशानी = परेशान
  5. प्रकृति = प्राकृतिक
  6. प्रसिद्धि = प्रसिद्ध
  7. अंतर = आन्तरिक
  8. शांति = शांत
  9. शरीर = शारीरिक
  10. सच्चाई = सच्चा
  11. प्रथम = प्राथमिक
  12. कमजोरी = कमजोर

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रचनात्मक अभिव्यक्ति

(ख) मौखिक अभिव्यक्ति- अपनी कल्पना से सहयोग पर आधारित एक कहानी कक्षा में सुनायें।
उत्तर :
छात्र शिक्षक की सहायता से करें।

(ख) लिखित अभिव्यक्ति –
(i) ‘सहयोग जीवन का मूल मंत्र है।’ इस विषय पर अपने विचार लिखें।
(ii) पाठ में दिये गये उदाहरणों के अतिरिक्त आप और कहाँ-कहाँ सहयोग दे सकते हैं। सोचिये और लिखिये।
उत्तर :
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह जन्म से मृत्यु तक समाज के बीच में रहकर अपना जीवनयापन करता है। समाज से अलग होकर मनुष्य स्वस्थ जीवन निर्वाह नहीं कर सकता क्योंकि उसे अपनी दिनचर्या में प्रत्येक कार्य में किसी-न-किसी के सहयोग की आवश्यकता पड़ती है।

जीवन में कोई भी मनुष्य अपना कार्य बिना सहयोग के नहीं कर सकता। जैसे बचपन में माँ-बाप, भाई-बहन का सहयोग, बाल्यावस्था में अपने सहपाठियों, मित्रों का सहयोग। इस प्रकार यह सत्य है कि सहयोग जीवन का मूल मंत्र है।

परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोतर

प्रश्न 1.
सहयोग शब्द की परिभाषा दीजिए।
उत्तर :
सहयोग शब्द दो शब्दों के योग से बना है- सह और योग। सह का अर्थ है ‘साथ’ तथा योग का अर्थ है-‘मेल’। अर्थात् किसी कार्य में एक-दूसरे का साथ देने को सहयोग कहा जाता है।

प्रश्न 2.
सहयोग द्वारा हम अपनी किन-किन कमियों को पूरा कर सकते हैं ?
उत्तर :
सहयोग द्वारा हम अपनी निम्नलिखित कमियों को पूरा कर सकते हैं

  • बुद्धि की कमी
  • शारीरिक बल की कमी
  • धन-अभाव
  • स्वाभाविक विविधता की कमी।

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प्रश्न 3.
लोहा किसके सहयोग से सोना बन जाता है ?
उत्तर :
लोहा पारस के सहयोग से सोना बन जाता है।

प्रश्न 4.
हितोपदेश में सहयोग से संबंधित कथा का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
एक बार कबूतरों का राजा चित्रग्रीव कबूतरों के साथ आकाश में उड़ रहा था। जंगल में चावल के कण बिखरे देखकर कबूतर नीचे उतर आए और वे शिकारी के जाल में फंस गए। वे घबरा उठे। कपोतराज चित्रग्रीव ने उन्हें धैर्य बंधवाया। उन्हें साहस से इकट्ठा होकर मिलकर उड़ने को कहा। उन्होंने परस्पर सहयोग किया और वे जाल लेकर उड़ गए। इन्हें देखकर शिकारी हैरान हो गया।

प्रश्न 5.
सहयोग एक प्राकृतिक नियम है। कैसे?
उत्तर :
सहयोग एक प्राकृतिक नियम है। यह कोई बाहरी या बनावटी तत्व नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति तथा पदार्थ कार्य आंतरिक सहयोग पर आधारित होता है। एक मशीन के पुर्जे और मशीन में आंतरिक सम्बन्ध है। एक पुर्जे के खराब होने पर मशीन नहीं चल सकती। मनुष्य के शरीर का एक अंग भी खराब हो जाए या शरीर के किसी एक अंग का सहयोग न मिले तो शरीर अस्वस्थ हो जाता है। अतः शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सभी अंगों का सहयोग अनिवार्य है। उसी तरह समाज के विकास के लिए व्यक्तियों का सहयोग अनिवार्य है।

प्रश्न 6. मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। कैसे ?
उत्तर :
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह समाज में रहकर ही अपना जीवन-यापन करता है। समाज के अभाव में वह पशु के समान है। मनुष्य को भाषा, संस्कृति, ज्ञान सभ्यता आदि सब कुछ समाज से ही प्राप्त होता है।

प्रश्न 7. सहयोग के क्या लाभ हैं ?
उत्तर :
सहयोग के निम्नलिखित लाभ हैं

  • सहयोग से मानव अच्छा नागरिक बनता है।
  • वह अपना हित ही नहीं सोचता बल्कि दूसरों का भी हित चाहता है।
  • वह नगर और देश से बढ़कर सोचता है।
  • वह प्राणी मात्र का हित सोचता है।

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प्रश्न 8.
अच्छे सहपाठी का क्या कर्त्तव्य होना चाहिए ?
उत्तर :

  • अच्छे सहपाठी को कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए।
  • सब से प्यार और मेलजोल रखना चाहिए।
  • सबका सहयोग करना चाहिए।
  • सबकी सहायता करनी चाहिए।

प्रश्न 9.
खेल के मैदान में सहयोग के क्या लाभ हैं ?
उत्तर :
खेल के मैदान में सहयोग के अनेक लाभ हैं

  • सहयोग से खेलने से विजय प्राप्त होती है।
  • इससे भाईचारा बढ़ता है।
  • खिलाड़ियों में प्रेम की भावना आती है।

प्रश्न 10.
लेखक ने पड़ोसियों से कैसे व्यवहार की प्रेरणा दी है ?
अथवा
एक आदर्श पड़ोसी के क्या कर्त्तव्य होने चाहिए ?
अथवा
हमें अपने पड़ोसियों से कैसा व्यवहार रखना चाहिए ?
उत्तर :

  • अपने पड़ोसियों से सहयोग करना चाहिए।
  • पड़ोसियों की कुशलता पूछनी चाहिए।
  • उनसे मेलजोल बढ़ाना चाहिए।
  • उनकी खुशियों में सम्मिलित होना चाहिए।
  • बीमारी के समय उनकी सहायता करनी चाहिए।
  • अपने घर का कूड़ा-कर्कट पड़ोसी के द्वार के आगे नहीं फेंकना चाहिए।

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :

प्रश्न 1.
मानव स्वभाव में क्या है ?
(क) एकरूपता
(ख) विविधता
(ग) उग्रता
(घ) विनम्रता।
उत्तर :
(ख) विविधता

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प्रश्न 2.
मनुष्य अपनी कमियों को कैसे दूर कर सकता है ?
(क) विद्वेष से
(ख) प्रेम से
(ग) दया से
(घ) सहयोग से।
उत्तर :
(घ) सहयोग से।

प्रश्न 3.
किस कपोतराज ने अनेक कबूतरों को शिकारी के चंगुल से बचाया था ?
(क) चित्रगुप्त
(ख) चित्रग्रीव
(ग) चित्ररूप
(घ) चित्रांगद।
उत्तर :
(ख) चित्रग्रीव

प्रश्न 4.
एक मशीन किन सब के सहयोग से चलती है ?
(क) बिजली
(ख) पुर्जी
(ग) मकैनिक
(घ) फोरमैन।
उत्तर :
(ख) पुर्जी

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प्रश्न 5.
सहयोग कैसा नियम है ?
(क) प्राकृतिक
(ख) दैविक
(ग) भौतिक
(घ) दानवी।
उत्तर :
(क) प्राकृतिक

प्रश्न 6.
समाज के अभाव में मनुष्य निरा क्या है ?
(क) पक्षी
(ख) पशु
(ग) दानव
(घ) जड़।
उत्तर :
(ख) पशु

प्रश्न 7.
सहयोग मानव को कैसा नागरिक बनाता है ?
(क) अच्छा
(ख) बुरा
(ग) मतलबी
(घ) चापलूस।
उत्तर :
(क) अच्छा

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प्रश्न 8.
लंगड़े को अंधे ने कहाँ बैठाया ?
(क) गोद में
(ख) कंधे पर
(ग) गर्दन पर
(घ) बाहों में।
उत्तर :
(ख) कंधे पर

प्रश्न 9.
पारस के सहयोग से कौन सोना बन जाता है ?
(क) चाँदी
(ख) पीतल
(ग) ताँबा
(घ) लोहा।
उत्तर :
(घ) लोहा।

प्रश्न 10.
आपसी भाईचारा किससे बढ़ता है ?
(क) मित्रता से
(ख) प्रेम से
(ग) सहयोग से
(घ) दया से।
उत्तर :
(ग) सहयोग से

सहयोग Summary in Hindi

सहयोग पाठ का सार

इस पाठ में सहयोग के बारे में बताया गया है। इस संसार में कोई भी मनुष्य अपने में पूर्ण नहीं हैं। किसी में बुद्धि की कमी है तो किसी में शारीरिक बल की तथा किसी में अच्छाई की कमी है। मानव के स्वभाव में भी विविधता है। ऐसी स्थिति में आपसी सहयोग के द्वारा ही हम अपनी कमियों को पूरा कर अपना उद्देश्य प्राप्त कर सकते हैं। अन्धे और लंगड़े की प्रसिद्ध कहानी सहयोग का अच्छा उदाहरण है जिसमें एक-दूसरे के सहयोग से बाढ के पानी से बचकर सुरक्षित स्थान पर पहँच गए थे।

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PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 सहयोग 5

मुसीबत के समय भी आदमी सहयोग से ही उसका मुकाबला करता है। लोहा भी पारस के स्पर्श से बहुमूल्य सोना बन जाता है। कमजोर तिनके भी आपसी सहयोग से मिलकर रस्सी बन जाते हैं। इसी तरह परस्पर सहयोग से कपोतराज चित्रग्रीव ने अनेक कबूतरों को शिकारी के चंगुल से आजाद करवा दिया था

सहयोग एक प्राकृतिक नियम है। एक मशीन सभी पुों के परस्पर सहयोग से ही चलती है। एक पुर्जा खराब होने पर वह नहीं चल सकती। आदमी का शरीर भी अंगों के सहयोग से ही स्वस्थ रहता है। किसी एक अंग के खराब होने पर शरीर स्वस्थ नहीं रह सकता। समाज को पूर्णता भी व्यक्तियों के सहयोग से मिलती है। वैसे भी मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज के सहयोग के बिना वह पशु के समान होता है।

समाज नर नारियों के परस्पर सहयोग से बनता है। उसी सहयोग से मानवता का विकास हुआ। परिवार समाज का एक अंग है जिसमें माता-पिता, भाई-बहन आदि अनेक लोगों का सहयोग होता है। माता घर का कामकाज करती है, बच्चों का पालन-पोषण करती है तो पिता ईमानदारी से रोजी कमाता है। सभी कार्य परिवार के लोगों के सहयोग से ही पूरे होते हैं। पड़ोसी भी समाज का अंग होते हैं। उनसे भी सहयोग की भावना जरूरी होती है।

उनसे भी मेलजोल बढ़ाना चाहिए। उनके साथ पूर्ण सहयोग करना चाहिए। स्कूल एक संस्था होती है, जिसमें अध्यापक, विद्यार्थी, चपरासी सभी का सहयोग होता है। सबके सहयोग से ही वह उन्नति करता है। इसी से साफ़-सफ़ाई अनुशासन बना रहता है। बच्चे भी परस्पर सहपाठी से सहयोग रखते हैं। उनके कार्य भी एक-दूसरे के सहयोग से पूर्ण होते हैं।

खेल के मैदान में भी खिलाड़ियों का एक-दूसरे से सहयोग आवश्यक होता है। उनमें खेल-भावना इसी से आती है। सद्भावना बनी रहती है। प्रेम-प्यार का प्रसार होता है।

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बच्चों में सहयोग की भावना का विकास करने के लिए रैडक्रॉस, स्काउट, गर्लगाइड, एन० एस० एस०, एन० सी० सी० आदि संस्थाएं स्थापित की गई हैं। गाँव, कस्बे अथवा नगर में भी सहयोग बहुत आवश्यक होता है। सहयोग से ही मानव अच्छा नागरिक बनता है। वह दूसरों के हित की सोचता है। वह प्राणी मात्र की सेवा एवं हित का ध्यान रखता है। उसमें मानवता का विकास होता है।

सहयोग शब्दार्थ :

  • सह = साथ।
  • योग = मेल।
  • बल = शक्ति।
  • विविधता = अनेकता।
  • अभाव = कमी।
  • पारस = एक पत्थर जिस के छने से लोहा भी सोना बन जाता है।
  • मदमस्त = नशे में चूर।
  • हक्का-बक्का = हैरान।
  • अवलम्बित = आधारित।
  • अनिवार्य = ज़रूरी।
  • लगन = मेहनत।
  • निरा = बिल्कुल।
  • बौद्धिक = बुद्धि का।
  • विवाद = समझ।
  • सुखद = अच्छा।
  • मौका = अवसर।
  • प्रतीक्षा = इंतजार।
  • सहपाठी = साथ पढ़ने वाला।
  • सदुपयोग = अच्छा उपयोग।
  • मैत्रीपूर्ण = मित्रता से युक्त।

सहयोग सप्रसंग व्याख्या 

1. प्रायः ऐसा सुना जाता है कि कोई भी मानव अपने में पूरा नहीं और यह है भी सच्चाई। किसी में बुद्धि की कमी है, किसी में शारीरिक बल की कमी है, कोई धन के अभाव से दुःखी है। यही नहीं स्वभाव में भी विविधता दिखाई पड़ती है, जिसके कारण अनेक कमियाँ मानव में आ जाती हैं। ऐसी स्थिति में आपसी सहयोग द्वारा हम अपनी कमियों को पूरा कर सकते हैं और उद्देश्य को प्राप्त कर सकते हैं।

प्रसंग-यह गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘सहयोग’ नामक पाठ से लिया गया है। इसमें बताया गया है कि मानव अपने आप में अधूरा होता है। वह सहयोग से ही पूर्ण है।

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व्याख्या- यह बात प्रायः सुनी जाती है कि इस संसार में कोई भी मनुष्य अपने आप में पूर्ण नहीं है। यह एकदम सच्चाई है कि कोई भी आदमी स्वयं में पूर्ण नहीं है। किसी मनुष्य में बुद्धि की कमी होती है तो किसी में शारीरिक बल की कमी दिखाई देती है। कोई धन के अभाव से दुःखी है।

इतना ही नहीं मनुष्यों के स्वभाव में भी अनेकता दिखाई देती है। सबके स्वभाव अलग-अलग हैं, जिसके कारण मनुष्य में अनेक कमियाँ आ जाती हैं। ऐसी स्थिति में आपसी सहयोग द्वारा हम सब अपनी कमियों को पूरा कर सकते हैं और उद्देश्य प्राप्त कर सकते हैं।

भावार्थ-सहयोग से ही मनुष्य पूर्ण होता है। इसको दर्शाया है।

2. सहयोग एक प्राकृतिक नियम है, यह कोई बाहरी या बनावटी तत्व नहीं है। प्रत्येक पदार्थ और प्रत्येक व्यक्ति का प्रत्येक काम आन्तरिक सहयोग पर अवलम्बित है। किसी भी मशीन को लें उसके पुों और मशीन में अंगांगी भाव का सम्बन्ध है। यदि उसका एक पुर्जा भी खराब हो जाए तो वह मशीन चल नहीं सकती। हम अपने शरीर को ही लें। आँख, कान, हाथ, पाँव आदि इसके विभिन्न अंग हैं, शरीर अँगी है वे परस्पर सहयोग द्वारा शरीर का धारण और पोषण करते हैं। किसी अंग पर चोट आती है तो मन एकदम वहाँ पहुँच जाता है। पहले क्षण आँख वहाँ देखती है और दूसरे क्षण हाथ सहायता के लिए वहाँ पहुँच जाता है।

प्रसंग-ये पंक्तियाँ हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘संहयोग’ शीर्षक पाठ से ली . गई हैं। इसमें स्पष्ट किया गया है कि सहयोग एक प्राकृतिक नियम है।

व्याख्या-सहयोग एक प्राकृतिक नियम है। यह कोई बाहरी अथवा बनावटी तत्व नहीं है। प्रत्येक पदार्थ और व्यक्ति का प्रत्येक कार्य आंतरिक सहयोग पर ही आधारित होता है। किसी भी मशीन में उसके पुर्जे तथा मशीन में परस्पर अंगांगी भाव का सम्बन्ध होता है। अर्थात् मशीन तथा पुर्कों का एक-दूसरे से आंतरिक सम्बन्ध होता है। यदि मशीन का एक पुर्जा भी खराब हो जाए तो वह मशीन चल नहीं सकती।

इसी तरह से आँख, कान, हाथ, पाँव आदि मानव शरीर के अनेक अंग हैं। शरीर अंगी है और उसके अंग अपने एक-दूसरे के शरीर का धारण और पोषण करते हैं। किसी भी अंग पर चोट लगने पर मन तुरन्त वहाँ पहुँच जाता है। पहले ही क्षण आँख उस ओर देखने लगती है और दूसरे क्षण हाथ सहायता के लिए वहाँ पहुँच जाता है।

भावार्थ-शरीर तथा उसके अंगों के परस्पर सम्बन्ध को दर्शाया गया है।

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3. मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज के अभाव में वह निरा पशु ही रहता है। समाज जड़ पदार्थों का समूह नहीं है, वह नर-नारियों के परस्पर सहयोग और प्रेम से बनता है। उसी से मानवता विकसित हुई है। आज भी यदि हम किसी शिशु को समाज से पृथक् कर दें, उसे किसी जंगल में छोड़ दें तो आप जानते हैं कि क्या होगा ? वह निरा पशु ही रहेगा। वह हमारी तरह बोल नहीं सकेगा। उसका मानसिक और बौद्धिक विकास नहीं होगा। भाषा और साहित्य, संस्कृति और सभ्यता, ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्र में मानव ने जो प्रगति की है वह किसी एक व्यक्ति की देन नहीं, बल्कि अनेक नर-नारियों के सतत् सहयोग का परिणाम है।

प्रसंग–यह गद्यांश हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘सहयोग’ नामक पाठ से लिया है। इसमें मनुष्य को सामाजिक प्राणी के रूप में दर्शाया है।

व्याख्या-मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह समाज के अभाव में एक पशु के समान है। समाज निर्जीव पदार्थों का समूह नहीं है बल्कि समाज नर-नारियों के परस्पर सहयोग तथा प्रेमभाव से बनता है। उसी से मानवता का विकास हुआ है। आज भी यदि हम किसी शिशु को समाज से अलग कर दें और उसे किसी जंगल में छोड़ दें तो आपको पता है कि उसका क्या परिणाम होगा। उसका परिणाम यह होगा कि वह शिशु बिल्कुल पशु ही रहेगा।

वह मनुष्य की तरह बोल नहीं सकेगा। उसका मानसिक और बौद्धिक विकास नहीं होगा। भाषा और साहित्य, संस्कृति और सभ्यता, ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्र में मनुष्य ने उन्नति की है। वह किसी एक क्रान्ति विशेष की देन नहीं है, बल्कि वह अनेक नर-नारियों के निरंतर सहयोग का ही परिणाम है भाव है कि वह उन्नति अनेक लोगों के निरंतर सहयोग से ही प्राप्त हुई है।

भावार्थ-मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज नर-नारियों के सहयोग एवं प्रेमभाव से बनता है, इसलिए सब को मिलजुल कर रहना चाहिए।

4. पड़ोसियों से भी सहयोग करना चाहिए। एक अच्छा पड़ोसी बनना चाहिए। पड़ोसियों की कुशलता पूछनी चाहिए। बड़ों का सम्मान करना चाहिए। पड़ोसियों से मेलजोल बढ़ाना चाहिए। साफ़ मन से उनकी खुशी में सम्मिलित होना चाहिए। सेवा भाव से उनकी बीमारी आदि में सहायता करनी चाहिए। उनकी सुख-सुविधाओं का पूरा ध्यान रखें। अपने घर की सफाई करके कूड़ा-कर्कट पड़ोसी के द्वार के आगे न फेंकें, ऐसी बातों से वे परेशान हो सकते हैं और विवाद हो सकता है। ऐसा कोई भी काम न करें, जिससे पड़ोसियों को कष्ट हो। इस तरह यदि आप सहयोग देंगे तो वह भी पीछे नहीं रहेंगे। इसी आपसी सहयोग से गली और मुहल्ले का वातावरण सुखद हो जाएगा।

प्रसंग-यह गद्यांश हिन्दी की हमारी पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘सहयोग’ नामक पाठ से लिया गया है। इसमें लेखक ने पड़ोसियों से सहयोग करने की प्रेरणा दी है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 सहयोग

व्याख्या-लेखक कहता है कि हमें अपने पड़ोसियों के साथ भी सहयोग करना चाहिए। एक अच्छा पड़ोसी बनना चाहिए। हमें पड़ोसियों की कुशलता के बारे में पूछना चाहिए। अपने से बड़ों का सम्मान करना चाहिए। अपने पड़ोसियों के साथ मेल-जोल बढ़ाना चाहिए। साफ़ मन के साथ उनकी खुशियों में शामिल होना चाहिए। बीमारी आदि में उनकी सेवाभाव से पूरी सहायता करनी चाहिए। उनकी सुख-सुविधाओं का पूरा ध्यान रखना चाहिए।

अपने घर की साफ़-सफ़ाई करने के बाद कूड़ा-कर्कट पड़ोसी के दरवाजे के आगे नहीं फेंकना चाहिए, क्योंकि ऐसी बातों से वे परेशान हो सकते हैं और झगडा हो सकता है। ऐसा कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए, जिससे पड़ोसियों को कोई दुःख पहुँचे। इस प्रकार यदि आप अपने पड़ोसियों का सहयोग देंगे तो वह भी सहयोग देने में पीछे नहीं रहेंगे। इसी आपसी सहयोग से गली और मुहल्ले का वातावरण आनन्ददायक बन जाएगा।

भावार्थ-पड़ोसियों से सहयोगपूर्ण व्यवहार रखने की प्रेरणा दी गई है।

5. इस तरह सहयोग से मानव अच्छा नागरिक बनता है। वह अपना ही हित नहीं सोचता, वह दूसरों का हित चिन्तन करता है और दूसरों के हित के लिए बराबर प्रयत्न करता है। वह नगर और देश की नहीं, विशाल हित की बात सोचता है। मानव जीव मात्र का हित ही उसका लक्ष्य हो जाता है। यही मानवता है। यही मनुष्य के जीवन का लक्ष्य है। इसका आधार सहयोग की भावना है जो घर, पड़ोस स्कूल, खेल के मैदान और गाँव से क्रमशः विकसित होती हुई मानव-प्रेम का रूप धारण करती है।

प्रसंग-यह गद्यांश हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘सहयोग’ से लिया गया है। मानव सहयोग से ही अच्छा नागरिक बनता है।

व्याख्या-लेखक कहता है कि सभी के साथ अच्छे सहयोग से ही मानव अच्छा नागरिक बनता है। वह केवल अपने ही हित के बारे में नहीं सोचता बल्कि वह दूसरों के हित के लिए भी सोचता-विचारता है। वह दूसरों के हित के लिए भी बराबर प्रयास करता है। वह नगर और देश का ही नहीं बल्कि पूरे संसार के हित की बात सोचता है। मानव जीवन-मात्र का अर्थात् प्रत्येक मानव का हित ही उसका लक्ष्य हो जाता है।

यही सच्ची मानवता है। यही मनुष्य के जीवन का प्रमुख उद्देश्य है। दूसरा सहयोग की भावना है। मानवता का लक्ष्य सहयोग से ही पूरा होता है। यह घर, पड़ोसी, स्कूल, खेल के मैदान और गाँव से क्रमानुसार विकसित होती हुई मानव प्रेम का रूप धारण करती है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 सहयोग

भावार्थ-सहयोग की भावना से मानवता का लक्ष्य पूर्ण होता है इसी भाव के बारे में बताया गया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 13 माँ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 13 माँ (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB माँ Textbook Questions and Answers

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

माँ अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने mका अभ्यास करें:

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ 1
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ 2
उत्तर :
छात्र स्वयं पढ़ें और लिखने का अभ्यास करें।

2. नदी नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ 3
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ 4
उत्तर :
छात्र अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

3. शब्दार्थ :

  • कथनी = कही हुई बात, कथन
  • शिष्टाचार = शिष्टता पूर्ण आचरण एवं व्यवहार
  • संस्कार = व्यवस्थित करना, सजाना
  • विपदा = संकट
  • बाती = दीपक
  • मर्यादित = प्रतिष्ठित
  • सहनशीलता – सहनशील (सहन करने वाला) होना
  • नि:स्वार्थ = बिना किसी स्वार्थ के
  • उत्सव = मंगल कार्य

उत्तर :
सप्रसंग व्याख्या के साथ दे दिए गए हैं।

4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) माँ किसका वरदान है ?
उत्तर :
माँ ईश्वर का वरदान है।

(ख) माँ समय के रूप में क्या करती है ?
उत्तर :
माँ समय के रूप में हर क्षण का एहसास कराती है।

(ग) हर विपदा को हराने पर माँ को क्या कहा गया है?
उत्तर :
हर विपदा को हराने पर माँ को हिमालय कहा गया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

(घ) माँ का हथियार क्या है?
उत्तर :
माँ का हथियार साहस है।

(ङ) माँ बाती के रूप में क्या करती है ?
उत्तर :
माँ बाती के रूप में ममता का प्रकाश फैलाती है।

(च) खुशी के आँसू बहाने पर माँ को क्या कहा गया है?
उत्तर :
खुशी के आँसू बहाने पर माँ को उत्सव कहा गया है।

(छ) माँ गौरैया कब बन जाती है?
उत्तर :
जब खुद कम खाकर बच्चों को ज्यादा खिलाती है तब माँ गौरेया बन जाती है।

(ज) आगे बढ़ने का गीत सुनाने पर माँ को क्या पुकारा गया है ?
उत्तर :
आगे बढ़ने का गीत सुनाने पर माँ को नदी पुकारा गया है।

(झ) इस कविता में माँ का उपहार क्या बताया गया है?
उत्तर :
इस कविता में माँ का उपहार सहनशीलता बताया गया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

(ञ) माँ के चरणों में किसका द्वार है ?
उत्तर :
माँ के चरणों में स्वर्ग का द्वार है।

5. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) इस कविता में माँ की कथनी और करनी में किसके दर्शन होते हैं ?
उत्तर :
इस कथन में माँ की कथनी में शिष्टाचार और करनी में संस्कार के दर्शन होते हैं। वह जैसा कहती है वैसा ही करती है। वह शिष्टाचार भरा व्यवहार करती है और वैसा ही करने की शिक्षा देती है। वह स्वयं दुख झेलकर सुख प्रदान करती है।

(ख) दुख और सुख में माँ की क्या भूमिका है ?
उत्तर :
माँ दुख को खुशी से स्वीकार कर लेती है तथा सुख देना उसका सदाचार है। वह सबको सुख देती है। दुख – सुख में वह अपने बच्चों के साथ रहती है। वह उनकी हर प्रकार से सहायता करती है। वह स्वयं कष्ट झेल कर भी अपनों को सुख देती है।

(ग) माँ की दुआओं और प्रोत्साहन से क्या होता है?
उत्तर :
माँ की दुआओं से चमत्कार तथा प्रोत्साहन से जय जयकार होती है। माँ की दुआएँ किसी चमत्कार से कम नहीं होती। इसका प्रोत्साहन मिलते ही सर्वत्र जय जयकार हो जाती है। माँ की दुआएँ और प्रोत्साहन बच्चों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। बच्चे उसी से अपने जीवन में परिश्रमपूर्वक आगे बढ़ते हैं।

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(घ) धरती के रूप में माँ क्या करती है ?
उत्तर :
धरती के रूप में माँ नि – स्वार्थ भावना से सेवा करती है। वह सबका कल्याण करती है। सबको समान भाव से देखती है। वह सभी को बढ़ावा देता है। वह मर्यादित रहकर सबका पालन – पोषण करती है।

6. पर्यायवाची शब्द लिखें :

  1. ईश्वर = ______________________
  2. प्रभात = ______________________
  3. रात = ______________________
  4. नदी = ______________________
  5. चरण = ______________________
  6. धरती = ______________________
  7. किताब = ______________________

उत्तर :

  1. ईश्वर = प्रभु, परमात्मा
  2. प्रभात = सुबह, सवेरा
  3. रात = रात्रि, विभावरी
  4. नदी = तरणि, सरिता
  5. चरण = पैर, पाँव
  6. धरती = धरा, पृथ्वी
  7. किताब = पुस्तक, पोथी।

7. विपरीत शब्द लिखें :

  1. वरदान = ………………………
  2. जीवन = ………………………
  3. स्वीकार = ………………………
  4. प्रेम = ………………………
  5. विस्तार = ………………………
  6. सदाचार = ………………………
  7. जय = ………………………

उत्तर :

  1. वरदान = अभिशाप
  2. जीवन = मरण
  3. स्वीकार = अस्वीकार
  4. प्रेम = घृणा
  5. विस्तार = संक्षेप
  6. सदाचार = दुराचार
  7. जय = पराजय।

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8. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखें :

  1. जिसका पार न हो _________________
  2. किसी का उत्साह बढ़ाना _________________
  3. बिना स्वार्थ के _________________
  4. माँ का बच्चे के प्रति प्यार _________________
  5. अच्छा व्यवहार _________________

उत्तर :

  1. जिसका पार न हो = अपार
  2. किसी का उत्साह बढ़ाना = उत्साहवर्धन
  3. बिना स्वार्थ के = नि:स्वार्थ
  4. माँ का बच्चे के प्रति प्यार = वात्सल्य
  5. अच्छा व्यवहार = सद्व्यवहार

9. निम्नलिखित अशुद्ध शब्दों को शुद्ध करके लिखें:

  1. शिश्टाचार _________________
  2. पड़ाती _________________
  3. कीताब _________________
  4. हीमालय _________________
  5. सविकार _________________
  6. चमतकार _________________
  7. आँसु _________________
  8. सुभाव _________________
  9. विवहार _________________
  10. वातसतय _________________

उत्तर :

  1. शिश्टाचार = शिष्टाचार
  2. पड़ाती = पढ़ाती
  3. कीताब = किताब
  4. हीमालय = हिमालय
  5. सविकार = स्वीकार
  6. चमतकार = चमत्कार
  7. आँसु = आँसू
  8. सुभाव = स्वभाव
  9. विवहार = व्यवहार
  10. वातसलय = वातसल्य

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10. रचनात्मक अभिव्यक्ति :

(क) मौखिक अभिव्यक्ति – अपनी माँ पर कविता सुनायें।
उत्तर :
माँ विधाता का उपहार है।
देती सबको असीम प्यार है।
चरणों में इसके स्वर्ग बसा,
आँचल में दुलार अपार है।
आँचल में इसके ब्रह्माण्ड समाया,
आँखों में ममता का भंडार है।
सारे जहाँ का करती पालन
पोषण, महिमा इसकी अपरम्पार है॥

नोट – ऐसी अन्य कविताएँ कक्षा में सुनाएँ एवं अभ्यास करें।

(ख) लिखित अभिव्यक्ति – अपनी माता पर चार-पाँच वाक्य लिखें।
उत्तर :

  • मेरी माता जी का नाम श्रीमती सरस्वती देवी है।
  • वह सबसे बहुत स्नेह करती है।
  • वह ज्ञान की देवी हैं।
  • वह बहुत सुंदर हैं।
  • वह बहुत पढ़ी – लिखी हैं।
  • वह एक कुशल अध्यापिका हैं।

परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
‘माँ’ कविता का मूलभाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘माँ’ कविता डॉ० मीनाक्षी वर्मा द्वारा रचित है। इसमें कवयित्री ने माँ की महिमा का गुणगान किया है। माँ ईश्वर का वरदान है। वह सब रिश्तों में महान् है। उसकी कथनी में शिष्टाचार तथा करनी में संस्कार है। उसके जागने – सोने से ही रात – दिन है। विपत्ति में हिमालय बन जाती है। साहस उसका हथियार है। वह बाती के समान जलकर सब कहीं ममता का प्रकाश फैलाती है। दुख लेती है तथा सुख देती है। उसकी खुशी से उत्सव हो जाता है।

उसकी दुआएँ चमत्कार से भरी हैं। वह खुद कम खाकर बच्चों को खिलाती है। उसमें वात्सल्य, प्रेम तथा समर्पण भाव निहित हैं। वह नदी की तरह आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। सहनशीलता उसका उपहार है। वह धरती बनकर नि:स्वार्थ भाव से सेवा करती है। उसके चरणों में स्वर्ग का द्वार है।

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प्रश्न 2.
माँ की धरती से तुलना क्यों की गई है?
उत्तर :
माँ की धरती से तुलना इसलिए की गई है क्योंकि माँ धरती के समान नि:स्वार्थ भाव से सेवा करती है। वह संसार का कल्याण करती है। सबका पालन – पोषण करती है।

प्रश्न 3.
नदी से क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर :
नदी से जीवन में निरन्तर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। उससे उन्नति पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।

प्रश्न 4.
माँ के गुण कौन – कौन से हैं?
उत्तर :
माँ के गुण इस प्रकार हैं –

  • माँ जीवन की शिक्षा देती है।
  • उस की कथनी में शिष्टाचार है।
  • उस के जागने से प्रभात हो जाता है।
  • वह हर विपत्ति का सामना कर हरा देती है।
  • वह स्वयं दीपक की बाती की तरह जलकर ममता का प्रकाश फैलाती है।
  • वह सुख देकर दुःख ग्रहण करती है।
  • वह खुद कम खाकर बच्चों को खिलाती है।
  • वह धरती की तरह सबका पालन – पोषण करती है।

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बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :

प्रश्न 1.
माँ किसका वरदान है?
(क) ईश्वर
(ख) प्रकृति
(ग) धरती
(घ) समाज।
उत्तर :
(क) ईश्वर

प्रश्न 2.
माँ किस का पाठ पढ़ाती है?
(क) रसोई का
(ख) गृहस्थी का
(ग) रिश्तों का
(घ) जीवन का।
उत्तर :
(घ) जीवन का।

प्रश्न 3.
माँ जब हर विपदा को हर लेती है तो क्या बन जाती है?
(क) हिमालय
(ख) सागर
(ग) दीवार
(घ) आकाश।
उत्तर :
(क) हिमालय

प्रश्न 4.
माँ का हथियार क्या है?
(क) दया
(ख) ममता
(ग) करूणा
(घ) साहस।
उत्तर :
(घ) साहस।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

प्रश्न 5.
माँ धरती कब बन जाती है?
(क) सेवा करने पर
(ख) सो जाने पर
(ग) भोजन बनाने पर
(घ) घर संभालने पर।
उत्तर :
(क) सेवा करने पर

प्रश्न 6.
माँ का उपहार क्या है?
(क) उग्रता
(ख) सहनशीलता
(ग) दयालुता
(घ) करूणा।
उत्तर :
(ख) सहनशीलता

माँ Summary in Hindi

माँ कविता का सार

‘माँ’ नामक कविता डॉ० मीनाक्षी वर्मा द्वारा रचित है। इसमें कवयित्री ने ममतामयी माँ के वात्सल्य और त्याग का वर्णन किया है। माँ ईश्वर का अनूठा वरदान है। वह संसार के सब रिश्तों में महान् है। जीवन की परीक्षा देते हुए माँ किताब बन जाती है। उसकी कथनी में शिष्टाचार और करनी में संस्कार है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ 5

हर क्षण का अहसास कराते हुए माँ समय बन जाती है। उसके जागने से ही सुबह होती है और सोने से रात हो जाती है। माँ जब हर मुसीबत को हरा देती है तब वह हिमालय बन जाती है। साहस उसका हथियार है। उसमें अपार ऊर्जा है। ममता का प्रकाश फैलाते हुए माँ दीये की बत्ती बन जाती है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

वह दुःखों को स्वीकार करती है और सुख देने को सदाचार मानती है। उसके खुशी के आँसुओं से उत्सव बन जाता है। उसकी दुआओं में चमत्कार है। उसके प्रोत्साहन में जय – जयकार है। वह खुद कम खाकर जब अपने बच्चों को खिलाती है तब वह गौरेया बन जाती है।

उसमें वात्सल्य तथा प्रेमभाव समाया है। समर्पण उसका स्वभाव है। वह नदी की तरह आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। मर्यादित रहना उसका व्यवहार है। सहनशीलता अच्छा उपहार है। वह धरती के समान निःस्वार्थ सेवा भाव जगाती है। उसका विस्तार केवल देने में है। उसके चरणों में ये स्वर्ग का द्वार है।

माँ सप्रसंग व्याख्या

1. ईश्वर का वरदान है माँ
सब रिश्तों में महान् है माँ।
जब जीवन का पाठ पढ़ाती माँ
तब किताब बन जाती माँ।
कथनी में उसकी शिष्टाचार है।
करनी में उसकी संस्कार है।

प्रसंग – यह पद्यांश डॉ० मीनाक्षी वर्मा द्वारा रचित है। इसे ‘माँ’ शीर्षक कविता से लिया गया है। कवयित्री ने यहाँ माँ की महिमा का गुणगान किया है।

व्याख्या – कवयित्री कहती है कि माँ ईश्वर का अनुपम वरदान है। वह सभी रिश्तों में सबसे महान् है। माँ जब जीवन की शिक्षा देती है तो वह किताब बन जाती है। उसकी कथनी में शिष्टाचार झलकता है तथा उसकी करनी में संस्कार होता है।

भावार्थ – माँ की महिमा का गुणगान किया है।

2. जब हर क्षण का अहसास कराती माँ
तब समय बन जाती माँ।
जगने में उसके प्रभाव है
सोने में उसके रात है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

प्रसंग – यह पद्यांश डॉ० मीनाक्षी वर्मा द्वारा रचित ‘माँ’ कविता से लिया गया है। इनमें माँ का गुणगान किया गया है।

व्याख्या – कवयित्री कहती है कि जब माँ हर क्षण का अहसास कराती है। तब वह समय बन जाती है। उसके जाग जाने में ही सवेरा होता है और उसके सो जाने से ही रात हो जाती है। माँ से मानों ही दिन – रात चलते हैं।

भावार्थ – माँ की महिमा का गुणगान किया है।

3. जब हर विपदा को हराती माँ
तब हिमालय बन जाती माँ।
साहस उसका हथियार है
ऊर्जा उसमें अपार है।

शब्यार्थ :

  • विपदा – विपत्ति।
  • हथियार – अस्त्र – शस्त्र।
  • अपार – जिसका पार न हो।

प्रसंग – यह काव्य पंक्तियाँ डॉ० मीनाक्षी वर्मा द्वारा रचित ‘माँ’ शीर्षक कविता से ली गई हैं। यहाँ माँ के साहस का वर्णन किया गया है।

व्याख्या – कवयित्री कहती है कि जब माँ जीवन में प्रत्येक विपत्ति को हरा देती है तब वह हिमालय के समान महान् बन जाती है। साहस उसका हथियार है। उसमें अपार ऊर्जा एवं शक्ति है।

भावार्थ – माँ के साहस एवं शक्ति को दर्शाया है।

4. जब ममता का प्रकाश फैलाती माँ
तब बाती बन जाती माँ।
दुख लेना उसको स्वीकार है
सख देना उसका सदाचार है।

शब्दार्थ :

  • सदाचार – अच्छा आचरण।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

प्रसंग – यह काव्य पंक्तियाँ डॉ० मीनाक्षी वर्मा द्वारा रचित है। यह ‘माँ’ शीर्षक कविता से लिया गया है। इसमें माँ की ममता का वर्णन है।

व्याख्या – कवयित्री कहती है कि जब माँ अपनी ममता का प्रकाश चारों तरफ फैला देती है तब माँ दीपक की जलने वाली बत्ती बन जाती है। उसे दूसरों का दुख लेना और दूसरों को सुख देना अच्छा लगता है।

भावार्थ – माँ की ममता तथा त्याग का चित्रण हुआ है।

5. जब खुशी के आँसू बहाती माँ
तब उत्सव बन जाती माँ।
दुआओं में उसकी चमत्कार है
प्रोत्साहन में उसके जय – जयकार है।

कठिन शब्दों के अर्थ :

  • उत्सव = त्योहार।

प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ डॉ० मीनाक्षी वर्मा द्वारा लिखित ‘माँ’ नामक कविता में से ली . गई हैं। माँ की दुआएँ बहुमूल्य होती हैं। कवयित्री ने इसी को दर्शाया है।

व्याख्या – कवयित्री कहती है कि जब माँ खुश होकर आँसू बहाती है तब उत्सव के समान बन जाती है। चारों तरफ खुशी छा जाती है। उसके आशीर्वादों में बहुत बड़ा चमत्कार होता है। उसके प्रोत्साहन में जय – जयकार छिपा होता है।

भावार्थ – माँ की महिमा का गुणगान किया गया है।

6. जब खुद कम खाकर बच्चों को खिलाती माँ
तब गौरैया बन जाती माँ।
वात्सल्य प्रेम के उसमें भाव हैं
समर्पण उसका स्वभाव है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

शब्दार्थ :

  • गौरेया = चिड़िया की एक जाति।
  • वात्सल्य = स्नेह।

प्रसंग – ये पंक्तियाँ डॉ० मीनाक्षी वर्मा द्वारा रचित कविता ‘माँ’ से ली गई हैं। इन में माँ के वात्सल्य का वर्णन किया गया है।

व्याख्या – कवयित्री कहती है कि जब माँ अपने आप कम खाकर अपने बच्चों को खिलाती है तब माँ गौरैया की तरह बन जाती है। उसमें वात्सल्य और प्रेम के भाव हैं। समर्पण उसका स्वभाव है अर्थात् वह दूसरों के प्रति सदा समर्पित रहती है।

भावार्थ – माँ के वात्सल्य भाव का वर्णन किया गया है।

7. जब आगे बढ़ने का गीत सुनाती माँ
तब नदी बन जाती माँ।।
मर्यादित रहना उसका व्यवहार है
सहनशीलता उसका उपहार है।

प्रसंग – यह पद्यांश डॉ० मीनाक्षी वर्मा द्वारा रचित ‘माँ’ नामक कविता से लिया गया है। कवयित्री ने माँ को नदी की तरह दर्शाया है।

व्याख्या – कवयित्री कहती है कि जब माँ अपने बच्चों को जीवन में आगे बढ़ने का गीत सुनाती है तब वह नदी बन जाती है। मर्यादा में रहना उसका व्यवहार है अर्थात् माँ सदा मर्यादाओं में रहती है। सहनशीलता उसका उपहार है।

भावार्थ – सहनशीलता और मर्यादा में रहना माँ के गुण हैं।

8. जब निःस्वार्थ सेवा भाव जगाती माँ
तब धरती बन जाती माँ
केवल देने में उसका विस्तार है
चरणों में उसके स्वर्गद्वार है।

प्रसंग – ये काव्य पंक्तियाँ डॉ० मीनाक्षी वर्मा द्वारा रचित ‘माँ’ नामक कविता से ली गई हैं। इनमें माँ को धरती की संज्ञा दी गई है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

व्याख्या – कवयित्री कहती है कि जब माँ बिना किसी स्वार्थ के सेवा भावना जगाती है तब वह धरती बन जाती है। उसका विस्तार केवल देने में है। माँ सदा ही सबको वात्सल्य प्रेम देती है। उसके चरणों में ही स्वर्ग का द्वार है। भाव है कि माँ के चरणों में आकर स्वर्ग मिल जाता है।

भावार्थ – माँ धरती के समान सेवा करती है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर : साइंस सिटी

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर : साइंस सिटी Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर : साइंस सिटी (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB ज्ञान और मनोरंजन का घर : साइंस सिटी Textbook Questions and Answers

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर : साइंस सिटी

ज्ञान और मनोरंजन का घर : साइंस सिटी अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर साइंस सिटी 4
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर साइंस सिटी 5
उत्तर :
छात्र स्वयं पढ़ें एवं लिखने का अभ्यास करें।

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर साइंस सिटी 6
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर साइंस सिटी 7
उत्तर :
छात्र स्वयं लिखने का अभ्यास करें।

3. शब्दार्थ :

  • अभिवादन = सम्मान करना
  • शिलान्यास = नींव पत्थर रखना
  • स्कूल का मुखिया
  • वरिष्ठ = पद या क्रम में बड़ा

उत्तर :
छात्र स्वयं अभ्यास करें।

4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) साइंस सिटी का पूरा नाम क्या है? यह किसके नाम पर रखा गया है?
उत्तर :
साइंस सिटी का पूरा नाम ‘पुष्पा गुजराल साइंस सिटी’ है। यह पूर्व प्रधानमन्त्री इंद्र कुमार गुजराल की पूज्य माता जी के नाम पर रखा गया है।

(ख) इसका उद्घाटन कब हुआ और किसने किया?
उत्तर :
इसका उद्घाटन 19 मार्च, सन् 2005 को हुआ। इसे माननीय राज्यपाल एस० एफ० रोडरिज ने किया।

(ग) दिल के मॉडल में क्या दिखाया गया है?
उत्तर :
दिल के मॉडल में रक्त संचार प्रणाली दिखाई गई है. छाती में फेफडों की स्थिति में दिखाई गई है। हड्डियों और जोड़ों की गति दिखाई गई है।

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(घ) डायनासोर पार्क में कितनी तरह के डायनासोर हैं?
उत्तर :
डायनासोर पार्क में 26 तरह के डायनासोर हैं।

(ड) वोल्केनो आकृति की क्या विशेषता है?
उत्तर :
इस आकृति में चार हिलते-जुलते, मुँह फैलाते-आवाजें निकालते डायनासोर दिखाई देते हैं।

(च) डोम थियेटर की क्या विशेषता है?
उत्तर :
इसका फ्रेम आम थियेटर से दस गुणा बड़ा है। इसमें बड़ी पिक्चर आती है। आवाज़ बहुत साफ है।

(छ) फ्लाइट सिमुलेटर में क्या दिखाया गया है?
उत्तर :
इसमें वीडियो के माध्यम से स्क्रीन पर हवाई उड़ान दिखाई जाती है।

(ज) विजयन्त टैंक और एयर क्राफ्ट मिग 23 कहाँ पर हैं?
उत्तर :
ये दोनों साइंस सिटी के डिफैंस गैलरी में हैं।

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5. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच पंक्तियों में लिखें :

(क) साइंस सिटी में आपको देखने में जो सबसे अच्छा लगा, उसके बारे में लिखें।
उत्तर :

साइंस सिटी में सबसे अच्छा डायनासोर पार्क लगा। इसमें सब तरह के अलग अलग डायनासोर हैं जिन्हें 45 अलग-अलग मॉडलों में दिखाया गया है। 35 फुट ऊँची विचित्र आकृति में चार हिलते-जुलते, मुँह फैलाते तथा आवाजें निकालते डायनासोर दिखाई देते हैं।

(ख) साइंस सिटी में ज्ञान के साथ-साथ मनोरंजन भी होता है, स्पष्ट करें।
उत्तर :
यह बात सच है कि साइंस सिटी में रोमांच के साथ-साथ मनोरंजन भी होता है क्योंकि एक तरफ इसमें हमें विज्ञान के बारे में ज्ञान मिलता है और दूसरी तरह-तरह के दृश्य देखने को मिलते हैं। नई-नई जानकारियों मिलती हैं और साथ ही डायनासोर तथा चारों शो देखने से मनोरंजन भी होता है।

6. शब्दों से नये शब्द बनायें :

  1. फैला – फैलाव
  2. भाव = ____________
  3. बोझ = ____________
  4. डर = ____________
  5. रोमांच = ____________
  6. मनोरंजन = ____________
  7. असल = ____________
  8. आनंद = ____________

उत्तर :

  1. फैला = फैलाव
  2. भाव = भावना
  3. बोझ = बोझा
  4. डर = डरना
  5. रोमांच = रोमांचक
  6. मनोरंजक = मनोरंजन
  7. असल = असली
  8. आनन्द = आनन्दपूर्वक।

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7. लिंग बदलें :

  1. छात्र – छात्रा
  2. अध्यापक = अध्यापिका
  3. शिष्य = ____________
  4. नायक = ____________
  5. सुत = ____________
  6. सेवक = ____________
  7. प्रिय = ____________
  8. गायक = ____________
  9. लेखक = ____________

उत्तर :

  1. छात्र = छात्रा
  2. अध्यापक = अध्यापिका
  3. शिष्य = शिष्या
  4. नायक = नायिका
  5. सुत = सुता
  6. सेवक = सेविका
  7. प्रिय = प्रिया
  8. गायक = गायिका
  9. लेखक = लेखिका।

8. शुद्ध करके लिखें :

  1. छुटियाँ = ____________
  2. अभीवादन = ____________
  3. खेलकुद = ____________
  4. अधियापिका = ____________
  5. परणाली = ____________
  6. परदर्शनी = ____________
  7. थीयेटर = ____________
  8. कारयालय = ____________
  9. पराचारय = ____________
  10. ब्रहमंड = ____________
  11. द्रशक = ____________
  12. अनुरोद = ____________
  13. म्यूजिक = ____________
  14. ज्ञानवरधक = ____________
  15. दरासल = ____________
  16. आपरेशन = ____________

उत्तर :

  1. छुटियां = छुट्टियाँ
  2. खेलकुद = खेलकूद
  3. परणाली = प्रणाली
  4. थीयेटर = थियेटर
  5. पराचारय = प्राचार्य
  6. द्रशक = दर्शक
  7. म्यूजिक = म्यूजिक
  8. दरासल = दरअसल
  9. अभीवादन = अभिवादन
  10. अधियापिका = अध्यापिका
  11. परदर्शनी = प्रदर्शनी
  12. कारयालय = कार्यालय
  13. ब्रहमंड = ब्रह्मांड
  14. अनुरोद = अनुरोध
  15. ज्ञानवरधक = ज्ञानवर्धक
  16. आपरेशन = आप्रेशन।

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9. उचित योजक शब्द चुनकर रिक्त स्थान भरें :

(क) ____________ उन्होंने अनुमति दी ____________ हम साइंस सिटी देखने कपूरथला जायेंगे। (यद्यपि……तथापि, यदि……तो)
उत्तर :
यदि उन्होंने अनुमति दी तो हम साइंस सिटी देखने कपूरथला जायेंगे।

(ख) ऐसा लगता है ____________ सब कुछ आपके पास हो रहा है। (ताकि, मानो)
उत्तर :
ऐसा लगता है मानो सब कुछ आपके पास हो रहा है।

(ग) इनके मुँह में हाथ मत डालना ____________ दुर्घटना हो सकती है। (नहीं तो, यानि)
उत्तर :
इनमें मुँह में हाथ मत डालना नहीं तो दुर्घटना हो सकती है।

(घ) यहाँ 3डी में एक खास तरह का चश्मा पहनकर शो देखा जाता है ____________ दूर स्क्रीन पर दिखाए जा रहे चित्र आपके सामने लगते हैं। (और, जिससे कि)
उत्तर :
यहाँ 3 डी में एक खास तरह का चश्मा पहनकर शो देखा जाता है जिससे कि दूर स्क्रीन पर दिखाए जा रहे चित्र आपके सामने लगते हैं।

(ङ) हमने वहाँ बोटिंग की ____________ डायनासोर देखे। (या, और)
उत्तर :
हमने वहाँ बोटिंग की और डायनासोर देखे।

(च) मैंने वहाँ देखा तो सब कुछ था ____________ कुछ याद नहीं आ रहा। (चाहे, परन्तु)
उत्तर :
मैने वहाँ देखा तो सब कुछ था परन्तु कुछ याद नहीं आ रहा।

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10. इन शब्दों और मुहावरों के अर्थ लिखकर उन्हें वाक्यों में प्रयोग करें :

  1. शिलान्यास ____________
  2. कार्यालय ____________
  3. नाकों चने चबाना ____________
  4. खुशी में गद्गद् होना ____________
  5. करारा जवाब देना ____________
  6. छक्के छुड़ाना ____________

उत्तर :

  1. शिलान्यास-नींव रखना-इस साइंस सिटी का शिलान्यास हमारे देश के पूर्व प्रधानमन्त्री ने किया था।
  2. कार्यालय-दफ्तर-यह रोज़गार-कार्यालय है।
  3. नाकों चने चबाना-परेशान करना-रवि ने आयु में छोटा होकर भी उनको नाकों चने चबा दिए।
  4. खुशी में गद्गद् होना-बहुत खुश होना-राज्य में प्रथम आते ही प्रिया खुशी में गद्गद् हो गई।
  5. करारा जवाब देना-उल्टा जवाब देना-रवि ने विवेक को थप्पड़ मारकर करारा जवाब दे दिया।
  6. छक्के छुड़ाना-बुरी तरह हराना-भारत ने विश्व कप जीत कर अन्य सभी देशों के छक्के छुड़ा दिए।

11. उचित विराम चिह्न लगायें :

(क) बच्चो आप सब कैसे हो
उत्तर :
बच्चो ! आप सब कैसे हो?

(ख) क्या आपको इसका पूरा नाम पता है
उत्तर :
क्या आपको इसका पूरा नाम पता है?

(ग) हाँ सावधानी जरूर रखनी होगी
उत्तर :
हाँ, सावधानी ज़रूर रखनी होगी।

(घ) ओ शरारती वहाँ इस तरह की फिल्में नहीं होती
उत्तर :
ओ शरारती, वहाँ इस तरह की फिल्में नहीं होती।

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(छ) दीपशिखा पढ़ाई के साथ साथ संगीत खेलकूद ज्ञान विज्ञान में सब से आगे रहती थी
उत्तर :
दीपशिखा पढ़ाई के साथ-साथ संगीत, खेलकूद, ज्ञान-विज्ञान में सबसे आगे रहती थी।

निम्नलिखित पंजाबी वाक्यों का हिंदी में अनुवाद करें :

(क) ਗਰਮੀ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਸਕੂਲ ਦਾ ਅੱਜ ਪਹਿਲਾ ਦਿਨ ਸੀ।
(ख) ਇਹ ਅਸਲੀ ਡਾਇਨਾਸੋਰ ਨਹੀਂ ਹਨ।
(ग) ਹੈਲਥ ਗੈਲਰੀ ਵਿੱਚ 12 ਫੁੱਟ ਉੱਚਾ ਦਿਲ ਦਾ ਮਾਡਲ ਸੀ।
(घ) ਸਾਰੇ ਬੱਚੇ ਇੱਕਠੇ ਹੱਸ ਪਏ।
(छ) ਅਧਿਆਪਕਾ ਸਟਾਫ ਰੂਮ ਵੱਲ ਚਲ ਪਏ।

रचनात्मक अभिव्यक्ति :

(क) मौखिक अभिव्यक्ति -आप कभी शैक्षिक भ्रमण पर कहीं गये हों तो अपना अनुभव कक्षा में सुनायें।
उत्तर :
छात्र अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

(ख) लिखित अभिव्यक्ति – अपने मित्र/सहेली को पत्र द्वारा साइंस सिटी की विशेषतायें बताते हुए उसे देखने के लिए प्रोत्साहित करें।
उत्तर :
मकान नं० 181,
प्रेम विहार,
कपूरथला।
दिनांक 1 जनवरी, सन् 2020,
प्रिय अंकिता,
सप्रेम नमस्ते।

गत सप्ताह मैं अपने स्कूल की तरफ से साइंस सिटी कपूरथला को देखने गई थी। उसे देखकर मैं गद्गद् हो गई। वास्तव में वह तो मुझे एक अजूबा-सी लगी। उसकी हर वस्तु जहाँ ज्ञान प्रदान करती थी वहाँ हमारा मनोरंजन भी करती थी। यहाँ की हैल्थ गैलेरी में बारह फुट ऊँचा दिल का मॉडल है जिसमें रक्त संचार प्रणाली दिखाई गई है। डायनासोर पार्क तो बिल्कुल अलग तरह का है जिसमें छब्बीस प्रकार के अलग-अलग डायनासोरों के पैंतालीस मॉडल हैं। डोम थियेटर भी बहुत बड़ा है। इसका प्रेम सामान्य थियेटर से दस गुणा बड़ा है और इतना ही नहीं बल्कि वहाँ सभी कुछ बहुत अनोखा एवं ज्ञानवर्धक था। मुझे लगता है कि तुम्हें भी इसे देखना चाहिए। यह तुम्हारे मनोरंजन के लिए बहुत लाभदायक होगा।

तुम्हारी सहेली
सुप्रिया।

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(ग) रचनात्मक कार्य – साइंस सिटी के चित्र इकट्ठे करें और स्क्रैप बुक में लगायें।
उत्तर :
छात्र अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
साइंस सिटी कहाँ स्थित है?
उत्तर :
साइंस सिटी कपूरथला में है। यह जालन्धर-कपूरथला सड़क पर स्थित है।

प्रश्न 2.
साइंस सिटी का शिलान्यास कब और किसने किया?
उत्तर :
साइंस सिटी का शिलान्यास 17 अक्टूबर, सन् 1997 को तत्कालीन प्रधानमन्त्री श्री इन्द्र कुमार गुजराल ने किया।

प्रश्न 3.
साइंस सिटी का क्षेत्रफल कितना है?
उत्तर :
साइंस सिटी 72 एकड़ भूमि में फैला है।

प्रश्न 4.
साइंस सिटी के मुख्य आकर्षण क्या हैं?
उत्तर :
साइंस सिटी के मुख्य आकर्षण इस प्रकार हैं :-

  • डोम थियेटर
  • थ्री डी
  • लेज़र शो
  • फ्लाइट सिमुलेटर।

प्रश्न 5.
डोम थियेटर की क्या विशेषता है?
उत्तर :
डोम थियेटर की विशेषता इस प्रकार है :

  • डोम थियेटर एक विशेष प्रकार का थियेटर है।
  • इसका फ्रेम सामान्य थियेटर से दस गुणा बड़ा है।
  • इसमें बड़े आकार की तस्वीर दिखाई देती है।
  • इसकी आवाज़ बहुत साफ़ है।

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प्रश्न 6.
डोम थियेटर मे कैसी फिल्में दिखाई जाती हैं?
उत्तर :
डोम थियेटर में ब्रह्माण्ड, नील नदी का रहस्य जैसी ज्ञानवर्धक फिल्में दिखाई जाती हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
साइंस सिटी कहाँ स्थित है?
(क) जालंधर-अमृतसर सड़क पर
(ख) जालंधर-कपूरथला सड़क पर
(ग) जालंधर-फिरोजपुर सड़क पर
(घ) जालंधर-पठानकोट सड़क पर।
उत्तर :
(ख) जालंधर-कपूरथला सड़क पर

प्रश्न 2.
साइंस सिटी कितने एकड़ भूमि पर फैला हुआ है?
(क) 70
(ख) 72
(ग) 74
(घ) 76.
उत्तर :
(ख) 72

प्रश्न 3.
साइंस सिटी का शिलान्यास कब हुआ था?
(क) 17-10-1997
(ख) 17-11-1997
(ग) 17-12-1997
(घ) 17-9-1997.
उत्तर :
(क) 17-10-1997

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प्रश्न 4.
साइंस सिटी का जनता के लिए कब उद्घाटन हुआ?
(क) 19-2-2005
(ख) 19-3-2005
(ग) 19-4-2005
(घ) 19-5-2005.
उत्तर :
(ख) 19-3-2005

प्रश्न 5.
हैल्थ गैलरी में बारह फुट ऊँचा किसका मॉडल है?
(क) मानव कंकाल का
(ख) दिल का
(ग) किडनी का
(घ) पाचन तन्त्र का।
उत्तर :
(ख) दिल का

प्रश्न 6.
साइंस सिटी में डायनासोर के कितने मॉडल हैं?
(क) 40
(ख) 42
(ग) 44
(घ) 45
उत्तर :
(घ) 45

प्रश्न 7.
फ्लाइट सिमुलेटर में स्क्रीन पर क्या दिखाया जाता है?
(क) बुलट ट्रेन की रफ्तार
(ख) हवाई उड़ान
(ग) पनडुब्बी की यात्रा
(घ) अंतरिक्ष की मात्रा।
उत्तर :
(ख) हवाई उड़ान

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प्रश्न 8.
पुष्पा गुजराल का श्री इन्द्र कुमार गुजराल से क्या सम्बन्ध था?
(क) माता
(ख) पत्नी
(ग) बहन
(घ) बेटी।
उत्तर :
(क) माता

प्रश्न 9.
छाती के मॉडल में किसकी स्थिति दिखाई गई है?
(क) रक्त संचार
(ख) फेफड़े
(ग) हड्डियों
(घ) लीवर।
उत्तर :
(ख) फेफड़े

प्रश्न 10.
डोम थियेटर का फ्रेम आम थियेटर से कितने गुणा बड़ा है?
(क) दो
(ख) चार
(ग) आठ
(घ) दस।
उत्तर :
(घ) दस।

ज्ञान और मनोरंजन का घर : साइंस सिटी Summary in Hindi

ज्ञान और मनोरंजन का घर : साइंस सिटी पाठ का सार

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प्रस्तुत पाठ लेखक विनोद शर्मा द्वारा रचित है। इसमें लेखक ने साइंस सिटी कपूरथला का चित्रण किया है। कपूरथला साईंस सिटी बहुत बड़ा है। यह जालन्धर कपूरथला सड़क पर स्थित है। यह 72 एकड़ भूमि में फैली है। इस का पूरा नाम पुष्पा गुजराल साइंस सिटी है। यह पूर्व प्रधानमन्त्री श्री इन्द्र कुमार गुजराल की पूज्य माता जी के नाम पर है। इसका शिलान्यास 17 अक्टूबर, सन् 1997 ई० के तत्कालीन प्रधानमन्त्री श्री इन्द्र कुमार गुजराल ने किया था। इसका उद्घाटन माननीय राज्यपाल एस० एस० रोडरिज ने 19 मार्च, सन् 2005 को किया। तब से यह लगातार लोगों को ज्ञान प्रदान कर रहा है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर साइंस सिटी 2

साइंस सिटी की हैल्थ गैलरी में 12 फुट ऊँचा दिल का मॉडल बना है। वहाँ रक्त संचार प्रणाली दिखाई गई है। फेफड़ों की स्थिति एक मॉडल में दिखाई गई है। वहाँ एक ऑप्रेशन थियेटर भी दिखाया गया है। वहाँ एक डायनासोर पार्क, एक डिफैंस गैलरी और फन साइंस बहुत अनूठे हैं। डायनासोर पार्क में बहुत बड़े-बड़े डायनसोर खड़े हैं। इसमें 26 तरह के अलग-अलग डायनासोरों को 45 अलग-अलग मॉडलों में दिखाया गया है।

पैंतीस फुट ऊँची वोल्केनों आकृति में चार हिलते-जुलते, मुँह फैलाते-आवाजें निकालते डायनसोर दिखाई देते हैं। यह सब साऊंड और इलैक्ट्रॉनिक प्रणाली से है। यहाँ डोम थियेटर, लेजर थियेटर और थ्री० डी थियेटर तथा हवाई जहाजों में उड़ने जैसा कुछ है। ये सब साइंस सिटी के मुख्य आकर्षण हैं। यहाँ डोम थियेटर लेज़र शो, थ्री डी और फ्लाइट सिमुलेटर नामक थियेटर हैं।

इसमें डोम थियेटर आम थियेटर से दस गुणा बड़ा है। इनमें 40-50 मिनट की ज्ञानवर्धक ब्रह्माण्ड, नील नदी का रहस्य जैसी फिल्में दिखाई जाती हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर साइंस सिटी 3

लेज़र शो में लेज़र को मनोरंजन के लिए प्रयोग में लाया जाता है जिसमें म्यूजिक और लेज़र के साथ दशकों का मनोरंजन होता है। यहाँ थ्री डी शो विशेष प्रकार का चश्मा पहनकर देखा जाता है। फ्लाइट सिमुलेटर एक हवाई जहाज़ जैसे आकार का मॉडल है जिसमें दर्शक बैठ कर वीडियो के द्वारा हवाई जहाज़ देखते हैं। डिफैंस गैलरी में हमारे रक्षक एवं दुश्मनों का जबाव देने वाले टैंक हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर : साइंस सिटी

ज्ञान और मनोरंजन का घर : साइंस सिटी शब्दार्थ :

  • स्टाफ रूम = स्टाफ के बैठने का कमरा।
  • अभिवादन = नमस्कार।
  • स्नेहपूर्वक = प्रेम के साथ हर प्रत्येक।
  • बोटिंग = किश्ती (नौका) चलाना।
  • दिलचस्पी-मनपसंदगी।
  • पूर्व = पहले।
  • मैम = मैडम।
  • पिक्चर = तस्वीर।
  • अनुरोध = प्रार्थना, आग्रह।

ज्ञान और मनोरंजन का घर : साइंस सिटी सप्रसंग व्याख्या

1. हैल्थ गैलरी में 12 फुट ऊँचा दिल का मॉडल था। वहाँ रक्त संचार प्रणाली दिखाई गई थी। छाती में फेफड़ों की स्थिति एक मॉडल में दिखाई गयी थी और मैम एक साइकिल पर चढ़कर पैडल चलाकर हड्डियों और जोड़ों की गति दिखाई गई थी। ऐसे एक ऑप्रेरशन थियेटर भी दिखाया गया था। वहाँ और भी बहुत कुछ था।

प्रसंग-यह गद्यांश लेखक विनोध शर्मा द्वारा लिखित ज्ञान और मनोरंजन का घर साइंस सिटी नामक पाठ से लिया गया है। इसमें लेखक ने साइंस सिटी कपूरथला में स्थित दिल के मॉडल के बारे में बताया है।

व्याख्या-जागृति ने अध्यापिका को बताया कि हैल्थ गैलरी में 12 फुट ऊँचा दिल का मॉडल बना था। वहाँ मानव शरीर की रक्त संचार प्रणाली को दिखाया गया था। छाती में फेफड़ों की स्थिति के एक मॉडल के द्वारा दिखाया गया था। एक साइकिल पर चढ़कर पैडल चलाकर हड्डियों तथा जोड़ों की गति को दिखाया गया था। इसी तरह से एक ऑप्रेशन थियेटर भी दिखाया गया था। इसके साथ-साथ वहाँ और भी बहुत कुछ था।

भावार्थ-साइंस सिटी में स्थित दिल के मॉडल को दर्शाया गया है।

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2. ‘अरे, नहीं बच्चे-ये असल के डायनासोर नहीं हैं-दरअसल पार्क में 26 तरह के अलग-अलग डायनासोरों को 45 अलग-अलग मॉडलों में दिखाया गया है। पैंतीस फुट ऊँची ‘वोल्केनो’ आकृति में चार हिलते-जुलते, मुँह फैलाते-आवाजें निकालते डायनासोर दिखाई देते हैं। यह सब साऊंड और इलैक्ट्रॉनिक प्रणाली से है पर इनसे डरने की ज़रूरत नहीं। हाँ, सावधानी ज़रूर रखनी होगी। इनके मुँह में हाथ मत डालना नहीं तो दुर्घटना हो सकती है।”

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प्रसंग-यह पंक्तियाँ विनोद शर्मा द्वारा लिखित ज्ञान और मनोरंजन का घर साइंस सिटी पाठ से ली गई हैं। इसमें हरमन मैडम के साइंस सिटी में डायनासोर पार्क में स्थित डायनासोरों के बारे में समझाते हुए मैडम ने सावधान रहने के लिए कहा।

व्याख्या-मैडम हरमन ने कहा कि अरे बच्चे ! नहीं, ये वास्तव में डायनासोर नहीं हैं। वास्तव में इस पार्क में 26 प्रकार के अलग-अलग डायनासोरों को 45 अलग-अलग मॉडलों में दिखाया गया है। पैंतीस फुट ऊँची ‘वोल्केनो’ आकृति में चार हिलते-जुलते तथा अपना मुँह को फैलाते हुए, आवाजें निकालते हुए डायनासोर दिखाई देते हैं। ये सब साऊंड और इलैक्ट्रानिक प्रणाली से होते हैं। किन्तु इनसे डरने की ज़रूरत नहीं है। पर हमें सावधानी अवश्य रखनी चाहिए। इनके मुँह में हाथ नहीं डालना चाहिए अथवा कोई दुर्घटना अवश्य ही संभव हो सकती है।

भावार्थ-डायनासोर पार्क में स्थित डायनासोर मॉडलों के बारे में बताया है।

3. ‘हाँ बच्चों, ये सब साइंस सिटी के मुख्य आकर्षण हैं-इन चारों शो के लिए एक विशेष टिकट भी खरीदनी पड़ती है। इसमें है डोम थियेटर, लेज़र शो, थ्री डी और फ्लाइट सिमुलेटर। डोम थियेटर एक विशेष आकार का थियेटर है। जिसका फ्रेम आम थियेटर से दस गुणा बड़ा है। इसमें बहुत बड़े आकार की पिक्चर आती है और ऐसे लगता है मानो सब कुछ आपके पास हो रहा है। इसकी आवाज़ बहुत ही साफ़ है।

प्रसंग-यह गद्यांश लेखक ‘विनोद शर्मा’ द्वारा लिखित है। यह ज्ञान और मनोरंजन का घर साइंस सिटी शीर्षक पाठ से लिया गया है। इसमें साइंस सिटी के मुख्य आकर्षणों के बारे में बताया गया है।

व्याख्या-मैडम बच्चों को संबोधित कर कहती है कि डोम थियेटर, लेज़र शो, थ्री० डी० और फ्लाइट सिमुलेटर में सभी साइंस सिटी के मुख्य आकर्षण हैं। इन चारों शो के लिए एक विशेष टिकट भी खरीदनी होती है। इनमें डोम थियेटर एक विशेष आकार का थियेटर है जिसका फ्रेम सामान्य थियेटर से दस गुणा बड़ा होता है। इसमें बहुत बड़े आकार की तस्वीर होती है। उसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि सब कुछ आपके पास घटित रहा है। इसकी आवाज़ बहुत ही साफ है।

भावार्थ-साइंस सिटी के चार मुख्य आकर्षणों पर विचार किया गया है।

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4 बच्चो ! उसे फ्लाईट सिमुलेटर कहते हैं दरअसल इसमें एक हवाई जहाज जैसे आकार का मॉडल है जिसमें दर्शक बैठते हैं। वहाँ वीडियो के माध्यम से स्क्रीन पर हवाई उड़ान दिखाई जाती है। इधर हवाई जहाज जैसे मॉडल के नीचे लिफ्ट जैसी कोई मशीन होती है जो उसे दाएँ-बाएँ, ऊपर नीचे करता है। इस तरह दर्शकों को ऐसे लगता है जैसे वायुयान ही उड़ान भर रहे हों। यह बहुत ही मनोरंजक व रोमांचक लगता है,” अध्यापिका ने बताया।

प्रसंग-यह गद्यांश ‘ज्ञान और मनोरंजन का घर साइंस-सिटी’ नामक पाठ से लिया गया है जो विनोद शर्मा द्वारा लिखित है। कलजीत ने मैम से फ्लाइट के बारे में पछा तो मैम ने उसे इस के बारे में बताया।

व्याख्या-अध्यापिका ने कुलजीत तथा अन्य बच्चों को बताया कि उसे फ्लाइट सिमुलेटर कहते हैं। वास्तव में इसमें एक हवाई जहाज़ जैसे आकार का मॉडल है जिसमें दर्शक बैठते हैं। वहाँ वीडियो के माध्यम से स्क्रीन पर हवाई जहाज उडान दिखाई जाती है। इधर हवाई जहाज़ जैसे मॉडल के नीचे लिफ्ट जैसी कोई मशीन होती है जो उसे दाएँ से बाएँ, ऊपर-नीचे करती है। इसे देखकर दर्शकों को ऐसा लगता है जैसे वे वायुयान की उड़ान भर रहे हों। यह बहुत ही रोमांचक एवं मनोरंजक लगता है।

भावार्थ-साइंस सिटी के प्रमुख आकर्षण फ्लाइट सिमुलेटर के बारे में बताया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 11 ईदगाह

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 11 ईदगाह Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 11 ईदगाह (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB ईदगाह Textbook Questions and Answers

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 11 ईदगाह

ईदगाह अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 11 ईदगाह 1
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उत्तर :
छात्र अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 11 ईदगाह 3
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 11 ईदगाह 4
उत्तर :
छात्र स्वयं अभ्यास करें।

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3. शब्दार्थ

  • ईदगाह = ईद के दिन मुसलमानों के एकत्र होकर नमाज पढ़ने की जगह
  • अनगिनत = जिसे गिना न जा सके
  • बिसात = पूँजी
  • विपन्नता = ग़रीबी
  • जाज़ीम = दरी के ऊपर बिछाने की चादर
  • हिंडोला = झूला
  • मशक = भेड़ या बकरी की खाल को सीकर बनाया हुआ थैला जिसमें भिश्ती पानी ढोते हैं।
  • भिश्ती = मशक से पानी ढोने वाला

उत्तर :
छात्र स्वयं अभ्यास करें।

4. इन वाक्यों में उपयुक्त शब्द भरकर वाक्य पूरा करें :

(क) रमजान के ———- रोजों के बाद ईद आई है।
(ख) ग्रामीणों का दल अपनी ——- से बेखबर संतोष और धैर्य में मग्न चला जा रहा था।
(ग) इस्लाम की निगाह में सब ———-
(घ) तुम्हारी ———- तवे से जल जाती थीं इसलिए इसे मैंने लिया।
उत्तर :
(क) पूरे तीस
(ख) विपन्नता
(ग) बराबर
(घ) उंगलियाँ।

5. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) अमीना हामिद को मेले में क्यों नहीं भेजना चाहती?
उत्तर :
अमीना सोच रही थी कि चार-पाँच वर्ष का दुबला-पतला नन्हा बालक तीस कोस कैसे चलेगा।

(ख) नमाज़ खत्म होने पर लोग क्या करते हैं ?
उत्तर :
नमाज़ खत्म होने पर लोग आपस में गले मिलते हैं।

(ग) हामिद हिंडोले में क्यों नहीं चढ़ता?
उत्तर :
हामिद के पास तीन पैसे थे। वह उन्हें हिंडोले में चढ़कर बेकार खर्च नहीं करना चाहता था। इसी लिए वह हिण्डोले पर नहीं चढ़ा था।

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6. इन प्रश्नों का उत्तर लगभग चार-पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) हामिद का चिमटा रुस्तमे-हिंद कैसे है?
उत्तर :
हामिद का चिमटा रुस्तमे हिन्द इसलिए है क्योंकि वह बड़ा बहादुर है। उसमें आग में कूदने की शक्ति है। आग में बहादुर ही कूद सकते हैं। उसके साथियों के मिट्टी के बने वकील, भिश्ती और सिपाही बहादुरी का काम नहीं कर सकते। चिमटा अपने साथियों के खिलौनों को तोड़ भी सकता है। अतः वह रुस्तमे हिन्द है।

(ख) हामिद ने अपनी दादी के लिए चिमटा क्यों खरीदा?
उत्तर :
हामिद ने अपनी दादी के लिए चिमटा इसलिए खरीदा क्योंकि रोटी पकाते समय उसकी बूढ़ी दादी के हाथ जल जाते हैं। घर में चिमटा नहीं है। हामिद ने सोचा कि चिमटे को पाकर दादी प्रसन्न हो जाएगी और दुआएँ देगी। उसकी उंगलियाँ न जलेंगी। घर में एक काम की चीज़ भी हो जाएगी।

(ग) हामिद के हाथ में चिमटा देखकर अमीना क्रोध में क्यों आई?
उत्तर :
हामिद के हाथों में चिमटा देखकर अमीना को क्रोध इसलिए आया कि उसने तो हामिद को कुछ खाने-पीने के लिए, खिलौने के लिए या और कोई मनचाही चीज़ लेने के लिए पैसे दिए थे। लेकिन हामिद ने अपनी खुशी के लिए कुछ भी न लिया। इस पर अमीना को क्रोध आ गया। उसे क्या पता था कि उसी के सुख के लिए वह चिमटा लाया है।

(घ) ईदगाह में नमाज के दृश्य का वर्णन करें।
उत्तर :
ईदगाह में नमाज़ का दृश्य बहुत प्रभावशाली था। ज़मीन पर जाजिम बिछा हआ था। रोज़े रखने वालों की कई पंक्तियाँ लगी थीं। यहां सब लोग बराबर थे। अमीर गरीब का कोई फर्क नहीं था। लाखों लोग सिजदे में एक साथ सिर झुकाते, फिर इकट्ठे ही खड़े हो जाते। एक साथ झुकते और एक साथ घुटनों के बल बैठ जाते। कई बार यही काम करते।

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(ङ) हामिद के चरित्र की प्रमुख विशेषताएँ लिखें।
उत्तर :
त्यागी-हामिद बड़ा त्यागी लड़का है। वह अमीना के दिए पैसे अपने लिए खर्च नहीं करता बल्कि उनसे वह दादी के लिए चिमटा लाता है, ताकि रोटी सेंकते समय उसकी उंगुलियाँ न जलें। उन पैसों से वह न कोई खिलौना लेता है और न उनसे खाने की चीजें खरीदता है।

सन्तोषी-हामिद के साथी महमूद, मोहसिन, नूरे और शम्मी ऊंटों और घोड़ों पर बैठ कर एक पैसे में पच्चीस चक्करों का मज़ा लेते हैं। लेकिन हामिद एक पैसा खोना नहीं चाहता, वह बड़ा सन्तोषी है। हामिद खिलौने के लिए भी पैसे खर्च नहीं करता और न मिठाई खाने की इच्छा रखता है।

बुद्धिमान्–वह अपने घर की हालत समझता है। जब उसके साथी चिमटा खरीदने पर उससे हँसी-मखौल करते हैं, तब वह अपनी युक्तियाँ देकर उनको कायल कर लेता है। सब उसे अपने खिलौने दिखाने लगते हैं और उसका चिमटा देखते हैं। हामिद अपने साथियों के मज़ाक को समझता है। इसीलिए वह मिठाइयों की बदनामी करता है और मिठाई नहीं खरीदता। इससे उसकी बुद्धिमत्ता प्रकट होती है।

(च) ‘ईदगाह’ कहानी का सार अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर :
पाठ का सार देखिए।

7. इन मुहावरों के अर्थ लिखते हुए अपने वाक्यों में प्रयोग करें :

  1. धावा बोलना ………………………………
  2. पैरों में पर लगना ………………………………
  3. दिल बैठ जाना ………………………………
  4. राई का पर्वत बनाना ………………………………
  5. मन गद्गद् हो जाना ………………………………
  6. बाल भी बाँका न होना ………………………………
  7. रंग जमना ………………………………
  8. नाम रटना ………………………………
  9. दिल कचोटना ………………………………
  10. देखते ही रह जाना ………………………………

उत्तर :

  1. धावा बोलना-हमला करना-शत्रुओं ने अचानक गाँव पर धावा बोल दिया।
  2. पैरों में पर लगना-बहुत तेज़ चलना या भागना-हामिद इतना तेज़ चल रहा था मानो उसके पैरों में पर लग गए हों।
  3. दिल बैठ जाना-हताश होना, घबराना-परीक्षा में असफल होने पर नरेश का दिल बैठ गया।
  4. राई का पर्वत बनाना-छोटी-सी बात को बढ़ा-चढ़ा कर कहना-राई का पर्वत बनाना हो तो कोई मोहन से सीखे।
  5. मन गद्-गद् होना-मन खुश होना-महीनों बाद माता जी को देखकर मेरा मन गद् गद् हो गया।
  6. बाल भी बांका न होना-कुछ भी न बिगड़ना-जिसके भगवान् रक्षक हैं उसका बाल भी बांका नहीं हो सकता। गले मिलना-खशी जाहिर करना-रवि विदेश से आते ही सबके गले मिलने लगा।
  7. रंग जमना-समा बाँधना, प्रभाव डालना-हामिद के घर चिमटा लाते ही रंग जम गया।
  8. नाम ग्टना-बार-बार नाम लेना-जग्गी फेल होकर प्रभु का नाम रटने लगा।
  9. दिल कचोटना-ठेस पहुँचाना-उसने ऐसा कहकर मेरा
  10. दिल कचोट दिया। देखते ही रह जाना-बार-बार देखना-खली को देखकर बच्चे देखते ही रह गए।

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8. वचन बदलें :

  1. बंदूक
  2. चिमटा
  3. आलोचना –
  4. खिलौना

उत्तर :

  1. बन्दूक – बन्दूकें चिमटा – चिमटे
  2. पैसा – पैसे आलोचना – आलोचनाएँ
  3. खिलौना – खिलौने टोली – टोलियाँ
  4. कहानी – कहानियाँ

9. लिंग बदलें :

  1. बूढ़ा = ……………………
  2. धोबिन = ……………………
  3. लड़की = ……………………
  4. ऊंट = ……………………
  5. दादा = ……………………

उत्तर :

  1. बूढ़ा – बूढ़ी, बुढ़िया
  2. धोबिन – धोबी
  3. लड़की – लड़का
  4. ऊंट – ऊंटनी
  5. दादा – दादी

10. विपरीतार्थक शब्द लिखें :

  1. विवेक
  2. आगे
  3. धीरे
  4. धूप

उत्तर :

  1. विवेक – अविवेक।
  2. आगे – पीछे।
  3. धीरे – तेज़।
  4. धूप – छाँव।

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11. शुद्ध करके लिखें

  1. कानुन –
  2. अनगिणत –
  3. प्रिथक –
  4. बुराईयाँ –

उत्तर :

  1. कानुन – कानून,
  2. अनगिणत – अनगिनत,
  3. प्रिथक – पृथक्,
  4. बुराईयाँ — बुराइयाँ।

12. इन शब्दों को वाक्यों में प्रयोग करें :

  1. रोज़ा
  2. दुआएँ
  3. गत वर्ष
  4. ग्रामीण
  5. फौरन
  6. व्यवस्था

उत्तर :

  1. रोज़ा-मुसलमान रोज़ा रखते हैं।
  2. दुआएं-दादा ने पोते को दुआएँ दीं।
  3. गत वर्ष-मैं गतवर्ष इसी महीने हरिद्वार गया था।
  4. ग्रामीण-ग्रामीण लोग प्रायः प्रदूषण से मुक्त रहते हैं।
  5. फौरन-गाड़ी आने वाली है, फौरन चले जाओ।
  6. व्यवस्था-अतिथियों को ठहराने की व्यवस्था करो।

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13. निम्नलिखित वाक्यों में क्रियाविशेषण को रेखांकित करके उसका भेद भी लिखें :

वाक्य – क्रिया विशेषण का भेद
(क) ये लोग क्यों धीरे-धीरे चल रहे हैं। – रीतिवाचक क्रिया विशेषण
(ख) इधर दुकानों की कतार लगी हुई है। – __________________
(ग) आज ईद आ गयी। – __________________
(घ) उसने कुछ नहीं खाया। – __________________
(ङ) वह ज़ोर से चिल्लाया। – __________________
उत्तर :
वाक्य – क्रिया विशेषण का भेद
(क) ये लोग क्यों धीरे-धीरे चल रहे हैं। – रीतिवाचक क्रिया विशेषण
(ख) इधर दुकानों की कतार लगी हुई है। – स्थानवाचक क्रिया विशेषण
(ग) आज ईद आ गयी। – कालवाचक क्रिया विशेषण
(घ) उसने कुछ नहीं खाया। – परिमाणवाचक क्रिया विशेषण
(ङ) वह ज़ोर से चिल्लाया। – परिमाणवाचक क्रिया विशेषण

14. निम्नलिखित वाक्यों में उचित योजक चिह्न लगाकर वाक्य पूरे करें :

(क) मोहसिन इतना उदार नहीं है लेकिन वह जानकर भी उसके पास जाता है। (क्योंकि, लेकिन)
(ख) __________ वह चिमटा ले जाकर दादी को दे दे वह कितनी प्रसन्न होगी। (अगर….तो, यद्यपि……तथापि)
उत्तर :
अगर वह चिमटा ले जाकर दादी को दे दे तो वह कितनी प्रसन्न होगी।

(ग) हामिद बड़ा चालाक है __________ अपने पैसे बचा कर रखे थे। (इसलिए, परंतु)
उत्तर :
हामिद बड़ा चालाक है इसलिए अपने पैसे बचा कर रखे थे।

(घ) वे बार-बार अपनी जेबों से अपना ख़जाना निकाल कर गिनते हैं __________ खुश होकर फिर रख लेते हैं। (और, या)
उत्तर :
वे बार-बार अपनी जेबों से अपना ख़ज़ाना निकाल कर गिनते हैं और खुश होकर फिर रख लेते हैं।

(ङ) हामिद ने चिमटे को इस तरह कंधे पर रखा __________ बंदूक हो। (मानो, ताकि)
उत्तर :
हामिद ने चिमटे को इस तरह कन्धे पर रखा मानो बंदूक हो।

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(च) अमीना हामिद की आवाज़ सुनते ही दौड़ी __________ उसे गोद में उठाकर प्यार करने लगी। (या, और)
उत्तर :
अमीना हामिद की आवाज़ सुनते ही दौड़ी और उसे गोद में उठाकर प्यार करने लगी।

(छ) तुम्हारी उँगलियाँ तवे से जल जाती थीं, __________ मैंने इसे लिया। (क्योंकि, इसलिए)
उत्तर :
तुम्हारी उंगलियाँ तवे से जल जाती थी, इसलिए मैंने इसे लिया।

15. नीचे लिखे वाक्यों में क्रियाएँ अकर्मक हैं अथवा सकर्मक :

(क) हामिद हाथ फैलाता है। – सकर्मक
(ख) अमीना ने छाती पीट ली।
(ग) वह रोने लगी।
(घ) लोग आपस में गले मिल रहे हैं।
(ङ) ईदगाह जाने वालों की टोलियाँ नज़र आने लगीं।
(च) बच्चों के लिए नगर की सभी चीजें अनोखी थीं।
उत्तर :
(क) हामिद हाथ फैलाता है। – सकर्मक
(ख) अमीना ने छाली पीट ली। – सकर्मक
(ग) वह रोने लगी। – अकर्मक
(घ) लोग आपस में गले मिल रहे हैं। – सकर्मक
(ङ) ईदगाह जाने वालों की टोलियाँ नज़र आने लगीं। – सकर्मक
(च) बच्चों के लिए नगर की सभी चीजें अनोखी थीं। – सकर्मक

16. नीचे लिखे वाक्यों का हिंदी में अनुवाद करें :

(क) वाभित्र उभेटत रे रेठा भाटिरा-मारा वत्तिभा।
उत्तर :
हामिद तो मोटर के नीचे आता-आता बचा।

(ख) उमा सिभटा तृमउभे गिर चै।
उत्तर :
उसका चिमटा रुस्तमे हिन्द है।

(ਗ) ਤੇਰੀਆਂ ਉਂਗਲੀਆਂ ਤਵੇ ਨਾਲ ਸੜ ਜਾਂਦੀਆਂ ਸਨ।
उत्तर :
तेरी उंगलियाँ तवे से जल जाती हैं।

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17. निम्नलिखित में से उचित संबंधबोधक शब्द लगाकर वाक्य पूरे करें:

(क) हामिद का बाप अमौना __________ और कौन हैं। (के साथ, के सिवा)
(ख) रमजान के पूरे तीस रोजों __________ ईद आई हैं। (के बाद, के साथ)
(ग) हामिद बच्चों __________ जा रहा था। (के सिवा,के साथ)
(घ) हामिद तो मोटर __________ आते-आते बचा। (के नीचे,के बाद)
उत्तर :
(क) के सिवा
(ख) के बाद
(ग) के साथ
(च) के नीचे।

परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोतर

प्रश्न 1.
हामिद मेले से क्या खरीद कर लाया है?
उत्तर :
हामिद मेले से चिमटा खरीद कर लाया।

प्रश्न 2.
ईद कब आती है?
उत्तर :
ईद रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद आती है।

प्रश्न 3.
अमीना का दिल क्यों कचोट रहा था?
उत्तर :
गाँव के सभी बच्चे अपने-अपने बाप के साथ मेले में जा रहे थे किन्तु हामिद अपने बाप के बिना अकेला मेले में जा रहा था। कहीं भीड़ में खो ना जाए। पैदल चलकर उसके पैर में छाले पड़ जाएंगे। इसलिए अमीना का दिल कचोट रहा था।

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प्रश्न 4.
हामिद अन्य बच्चों से भिन्न क्यों था?
उत्तर :
हामिद अन्य बच्चों से भिन्न इसलिए था क्योंकि अन्य बच्चों ने मेले में जाकर खिलौने, मिठाइयाँ खरीदी, झुलों पर झुले किन्तु हामिद ने अपनी दादी के लिए एक चिमटा खरीदा।

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :

प्रश्न 1.
रमजान के कितने रोजों के बाद ईद आती है?
(क) बीस
(ख) पच्चीस
(ग) तीस
(घ) पैंतीस।
उत्तर :
(ग) तीस

प्रश्न 2.
गाँव से ईदगाह का रास्ता कितने कोस का है?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर :
(ग) तीन

प्रश्न 3.
हामिद की दादी का क्या नाम है?
(क) अनीसा
(ख) अमीना
(ग) अनारो
(घ) अहमदी।
उत्तर :
(ख) अमीना

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प्रश्न 4.
हामिद कितने वर्ष का लड़का है?
(क) 4-5
(ख) 5-6
(ग) 6-7
(घ) 7-8.
उत्तर :
(क) 4-5

प्रश्न 5.
हामिद के पास कितने पैसे हैं?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच।
उत्तर :
(ख) तीन

प्रश्न 6.
ईदगाह किन वृक्षों की घनी छाया में है?
(क) नीम
(ख) आम
(ग) इमली
(घ) जामुन।
उत्तर :
(ग) इमली

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प्रश्न 7.
‘वकील’ खिलौना किसने खरीदा?
(क) हामिद ने
(ख) नूरे ने
(ग) मोहसिन ने
(घ) महमूद ने।
उत्तर :
(ख) नूरे ने

प्रश्न 8.
हामिद ने क्या खरीदा?
(क) सिपाही
(ख) चिश्ती
(ग) चिमटा
(घ) तवा।
उत्तर :
(ग) चिमटा

प्रश्न 9.
‘रूस्तमे हिंद’ कौन-सा खिलौना था?
(क) चिमटा
(ख) वकील
(ग) सिपाही
(घ) भिश्ती।
उत्तर :
(क) चिमटा

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प्रश्न 10.
हामिद ने चिमटा किसकी उँगलियाँ तवे से जल जाने के कारण लिया था?
(क) अम्मा
(ख) बहन
(ग) मौसी
(घ) दादी।
उत्तर :
(घ) दादी।

ईदगाह Summary in Hindi

ईदगाह पाठ का सार

रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद आज ईद का दिन आया था। सारे गाँव में हलचल मची हुई थी। सब ईदगाह जाने की तैयारी कर रहे थे। लड़के सबसे ज्यादा खुश थे। वे बार बार अपने पैसे गिन रहे थे। हामिद उन सबसे ज्यादा प्रसन्न था। उसके पास तीन पैसे थे। हामिद की दादी उसे अकेले मेले में भेजना नहीं चाहती थी। हामिद के ज़िद्द करने पर वह मान जाती है। गाँव से मेले के लिए टोली चली तो हामिद भी चल पड़ा। शहर को जाने वाला रास्ता शुरू हो गया था। ईदगाह जाने वालों की टोलियाँ नज़र आने लगी थीं। ग्रामीणों का यह दल अपनी ग़रीबी से बेखबर धीरे-धीरे चल रहा था।

बच्चों को नगर की सभी चीजें बड़ी अनोखी लग रही थीं। इमली के घने वृक्षों की छाया में बनी हुई ईदगाह नज़र आने लगी थी। हज़ारों की संख्या में लोग एक के पीछे एक पंक्ति बना कर खड़े थे। ग्रामीणों का यह दल भी पिछली पंक्ति में जाकर खड़ा हो गया। नमाज़ शुरू हुई। सभी सिर एक साथ सिजदे के लिए झुकते और फिर सबके सब एक साथ खड़े हो जाते। ऐसा कई बार हुआ। नमाज़ खत्म होने पर सभी लोग एक-दूसरे के गले मिले।

फिर सभी मिठाई और खिलौनों की दुकानों पर टूट पड़े। बहुत-से लोग हिंडौला झूल रहे थे। हामिद के साथी महमूद, मोहसिन, नूरे और सम्मी घोड़ों और ऊंटों पर बैठते हैं। हामिद उन्हें दूर खड़ा देखता है। वह अपने तीन पैसे फिजूल में खर्च करना नहीं चाहता।।

फिर महमूद, मोहसिन और नूर अपनी-अपनी पसन्द के खिलौने खरीदते हैं। यह सब दो-दो पैसे के खिलौने थे। हामिद यह नहीं चाहता कि अपने पैसे खिलौने पर खर्च करे। सब अपने-अपने खिलौनों की तारीफ करते हैं। हामिद खिलौनों की निन्दा करते हुए कहता है कि मिट्टी ही के तो हैं, नीचे गिरेंगे तो चकनाचूर हो जाएंगे। खिलौने खरीदने के पश्चात् सब मिठाइयाँ खाते हैं। वे हामिद से भी मिठाई लेने के लिए कहते हैं।

हामिद उन्हें मिठाई की बुराइयाँ बताता है। हामिद को ख्याल आया कि उसकी दादी के पास चिमटा नहीं है। तवे से रोटियाँ उतारती है तो हाथ जल जाता है। अगर वह चिमटा खरीद ले तो उसकी उंगलियां कभी न जलेंगी। यह सोचकर हामिद तीन पैसे में चिमटा खरीद लेता है। वह उसे कन्धे पर रखकर अपने साथियों के पास पहुँचता है।

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सभी चिमटे को देखकर हँसते हैं। मोहसिन हामिद से कहता है-यह चिमटा क्यों लाया पगले ! इसे क्या करेगा? हामिद अपना चिमटा नीचे गिरा कर कहता है, जरा तू भी अपना भिश्ती (खिलौना) ज़मीन पर गिरा कर देख। अभी चूर-चूर हो जाएगा। महमूद कहता है कि यह चिमटा कोई खिलौना है। हामिद कहता है कि खिलौना क्यों नहीं? अभी कन्धे पर रखा तो बन्दूक हो गया। हाथ में लिया तो फकीर का चिमटा बन गया।

एक चिमटा जमा दूं तो तुम लोगों के सारे खिलौने टूट-फूट जाएंगे। अब चिमटे से सभी मोहित हो जाते हैं। वे अपने-अपने खिलौने हामिद को पेश करके उसे चिमटा दिखाने के लिए कहते हैं। हामिद सबसे बारी-बारी खिलौने लेकर चिमटा देखने के लिए देता है।

थोड़ी ही देर में सभी मेले वाले गाँव पहुँच गए। अमीना ने दौड़कर हामिद को गोद में उठा लिया है। फिर उसके हाथ में चिमटा देखकर छाती पीटने लगी। वह गुस्से से बोली दोपहर से तूने कुछ खाया-पीया नहीं। लाया क्या चिमटा ! सारे मेले में तुझे लोहे का चिमटा ही मिला था। हामिद ने डरते-डरते कहा-तुम्हारी उंगलियाँ तवे से जल जाती हैं, इसलिए मैं इसे ले आया। यह सुनकर बुढ़िया का क्रोध प्यार में बदल गया। उसने उसे छाती से लगा लिया है।

ईदगाह शब्दार्थ :

  • रमज़ान = रोज़ा रखने का महीना।
  • रोज़ा = मुसलमानों के व्रत का दिन।
  • ईदगाह = नमाज़ पढ़ने का खुला स्थान।
  • कचोटना = चुभना।
  • बिसात = दौलत, समर्थ।
  • दामन = किनारा, छोर।
  • विपन्नता = ग़रीबी।
  • धैर्य = साहस।
  • जाज़िम = गलीचा, फर्श पर बिछाने की छपी हुई चादर।
  • निगाह = नज़र।
  • संचालन = प्रबन्ध करना।
  • व्यवस्था = इन्तजाम।
  • सिजदे = झुक कर नमस्कार करना।
  • धावा = हमला।
  • कवायद = नियमावली।
  • मशक = चमड़े का थैला जिसमें पानी भरा जाता है।
  • विद्वता = बुद्धिमत्ता।
  • अचकन = लम्बा कोट
  • कोष = खज़ाना।
  • जिरह = बहस।
  • निन्दा = बुराई।
  • सन्देह = शक।
  • क्रूर विनोद = कठोर मजाक।
  • संगी = साथी।
  • शास्त्रार्थ = शास्त्रों पर बहस।
  • वज़ = नमाज़ पढ़ने से पहले हाथ-मुँह धोने का काम।
  • लाजवाब = उत्तर न दे सकना।
  • आपत्ति = एतराज़।
  • स्वाभाविक = कुदरती।
  • मूक स्नेह = मौन प्यार।
  • विवेक = ज्ञान।
  • जब्त = अपने मन को वश में रखना।
  • रहस्य = भेद।

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ईदगाह सप्रसंग व्याख्या

1. रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद आज ईद आई है। गाँव में कितनी हलचल है। ईदगाह जाने की तैयारियाँ हो रही हैं। लड़के सबसे ज्यादा प्रसन्न हैं। किसी ने एक रोज़ा रखा है, वह भी दोपहर तक, किसी ने वह भी नहीं, लेकिन ईदगाह जाने की खुशी उनके हिस्से की चीज़ है। रोज़े बड़े-बूढ़ों के लिए होंगे। इनके लिए तो ईद है। रोज ईद का नाम रटते थे। आज वह आ गई। वे बार-बार अपनी जेबों से अपना खज़ाना निकाल कर गिनते हैं और खुश होकर फिर रख लेते हैं।

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प्रसंग-यह गद्यांश मुंशी प्रेमचन्द द्वारा लिखित ‘ईदगाह’ कहानी से लिया गया है। इसमें लेखक ने ईद के पावन त्योहार का वर्णन किया है।

व्याख्या-लेखक कहता है कि ईद रमजान के पूरे तीस रोज़ों के पश्चात् आई है। ईद के कारण गाँव में चारों तरफ हलचल मची है। चारों तरफ ईदगाह जाने की तैयारियाँ हो रही हैं। लड़के सबसे अधिक प्रसन्न हैं। किसी ने एक रोज़ा दोपहर तक रखा है। किसी ने एक भी नहीं रखा लेकिन ईदगाह जाने की खुशी उनके हिस्से की चीज़ थी। ईदगाह जाने के लिए सभी लोग बहुत खुश थे। रोजे तो बड़े बुजुर्गों के लिए होंगे इन बच्चों के लिए तो ईद है। ये प्रतिदिन ईद का नाम रटते रहते थे। आज वह ईद आ ही गई। ये बच्चे बार-बार अपनी जेबों से अपना खज़ाना निकालकर गिनते हैं तथा खुश होकर फिर जेब में रख लेते हैं।

भावार्थ-ईद के पवित्र त्योहार पर छाई खुशियों के बारे में बताया है।

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2. नमाज़ खत्म हो गई है। लोग आपस में गले मिल रहे हैं। तब मिठाई और खिलौने की दुकानों पर धावा होता है। ग्रामीणों का यह दल इस विषय में बालकों से कम उत्साही नहीं है। यह देखो, हिंडोला है। एक पैसा देकर चढ़ जाओ। कभी आसमान पर जाते हुए मालूम होंगे, कभी ज़मीन पर गिरते हुए।

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प्रसंग-यह पंक्तियाँ ‘ईदगाह’ नामक कहानी से ली गई हैं। यह मुंशी प्रेमचन्द द्वारा लिखित है। ईद के शुभ दिन नमाज़ के बाद लोगों के परस्पर मिलने का वर्णन किया है।

व्याख्या-लेखक कहता है कि नमाज़ खत्म के बाद लोग आपस में मिल रहे हैं। इसके बाद लोग मिठाई तथा खिलौने की दुकानों पर चले जाते हैं और मिठाइयाँ तथा खिलौने खरीदते हैं। गाँव वालों का यह समूह बालकों के समान ही बहुत उत्साहित होता है। हिंडोला ! एक पैसा देकर लोग झूलते हैं। वे हिंडोले पर बैठकर कभी आसमान पर जाते हुए प्रतीत होंगे तो कभी ज़मीन पर गिरते हुए।

भावार्थ-ईद के दिन लोगों को परस्पर मेल-जोल के बारे में बताया है।

3. मिठाइयों के बाद कुछ दुकानें लोहे की चीज़ों की, कुछ गिलट और कुछ नकली गहनों की। लड़कों के लिए यहाँ कोई आकर्षण न था। वे सबके सब आगे बढ़ जाते हैं। हामिद लोहे की दुकान पर रुक जाता है। कई चिमटे रखे हुए थे। उसे ख्याल आया, दादी के पास चिमटा नहीं है। तवे से रोटियाँ उतारती है, तो हाथ जल जाता है, अगर वह चिमटा ले जाकर दादी को दे दे, तो वह कितनी प्रसन्न होगी। फिर उसकी उंगलियाँ कभी न जलेंगी। घर में एक काम की चीज़ हो जाएगी। अम्मा चिमटा देखते ही दौड़कर मेरे हाथ से ले लेगी और कहेगी-‘मेरा बच्चा, अम्मा के लिए चिमटा लाया है।’ हज़ारों दुआयें देगी। फिर पड़ोस की औरतों को दिखायेगी। सारे गाँव में चर्चा होने लगेगी, हामिद चिमटा लाया है। कितना अच्छा लड़का है। इन लोगों के खिलौने देखने पर कौन इन्हें दुआयें देगा। बड़ों की दुआयें सीधे अल्लाह के दरबार में पहुंचती हैं और तुरन्त सुनी जाती हैं।

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प्रसंग-यह पंक्तियाँ प्रेमचन्द द्वारा लिखित ‘ईदगाह’ शीर्षक कहानी से ली गई हैं। इसमें लेखक ने हामिद की सोच एवं समझदारी के बारे में बताया है।

व्याख्या-लेखक कहता है कि इसमें मिठाइयों के साथ कुछ लोहे की चीज़ों की दुकानें थीं तो कुछ गिलट तथा नकली गहनों की किन्तु लड़कों के लिए यहाँ कोई आकर्षण नहीं था। वे सबके सब आगे बढ़े जा रहे थे। चलते-चलते हामिद लोहे की दुकान पर रुक गया। उस दुकान पर कई चिमटे रखे हुए थे। तुरन्त उसे ध्यान आया कि दादी के पास चिमटा नहीं है वह तवे से रोटियाँ उतारती है तो उसका हाथ जल जाता है।

यदि वह इस चिमटे को ले जाकर दादी को दे दे तो वह बहुत प्रसन्न हो जाएगी। इसके बाद उसकी उंगलियाँ कभी नहीं जलेगी। घर में एक काम की वस्तु बन जाएगी। अम्मा चिमटा देखते ही दौड़कर मेरे हाथ से लेकर कहेगी कि मेरा बच्चा अम्मा के लिए चिमटा लाया है। वे मुझे हज़ारों दुआएँ देगी। वे इसके बाद पड़ोस की औरतों को दिखाएगी। तब सारे गाँव से इस बात की चर्चा हो जाएगी कि हामिद चिमटा लाया है। यह बहुत अच्छा लडका है। इन लोगों के खिलौने देखने पर इन बच्चों को कौन दुआएँ देगा। बड़ों की दुआएँ सीधे अल्लाह के दरबार में पहुँचती हैं और तुरन्त सुनी जाती हैं।

भावार्थ-हामिद की समझदारी तथा दादी माँ के लिए चिमटा खरीदने का चित्रण है।

4. हामिद ने मैदान मार लिया। उसका चिमटा रुस्तमे हिन्द है। अब इसमें मोहसिन, महमूद, नूरे और शम्मी किसी को भी आपत्ति नहीं हो सकती। विजेता को हारने वालों से जो सत्कार मिलना स्वाभाविक है, वह हामिद को भी मिला। औरों ने तीन-तीन, चार-चार आने पैसे खर्च किये, पर कोई काम की चीज़ न ले सके। हामिद ने तीन पैसे में रंग जमा लिया। हामिद ने तुरन्त जवाब दिया – आग में बहादुर ही कूदते हैं जनाब, तुम्हारे यह वकील, सिपाही और भिश्ती घर में घुस जायेंगे।आग में कूदना वह काम है, जो यह रुस्तमे-हिन्द ही कर सकता है।

प्रसंग-यह पंक्तियाँ लेखक मुंशी प्रेमचन्द द्वारा रचित ‘ईदगाह’ शीर्षक कहानी से ली गई हैं। हामिद ने अन्य बच्चों की अपेक्षा चिमटा खरीदा उसी से उसे सम्मान एवं खुशी मिली, इसका वर्णन हुआ है।।

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व्याख्या-हामिद ने मोहसिन की चुटकी का जवाब देते हुए हामिद ने तुरन्त उत्तर दिया कि आग में केवल बहादर ही कद सकते हैं। साहसपूर्वक कार्य केवल साहसी लोग ही कर सकते हैं। जनाब तुम्हारे यह वकील, सिपाही और भिश्ती घर में घुस जाएंगे। आग में कूदना ऐसा कार्य है जिसे यह रुस्तमे हिन्द ही पूर्ण कर सकता है। इस प्रकार हामिद ने विजय प्राप्त कर ली थी। उसका चिमटा रुस्तमे हिंद था।

अब इसमें मोहसिन, महमूद, नूरे और शम्मी किसी को भी कोई आपत्ति नहीं हो सकती। एक विजेता को हारने वालों से जो आदर मिलना स्वाभाविक था वह हामिद को भी मिला। दूसरों ने तीन-तीन, चार-चार आने पैसे खर्च किए परन्तु कोई भी काम आने वाली वस्तु नहीं खरीद सके। उन बच्चों में केवल हामिद ही ऐसा बच्चा था जिसने केवल तीन पैसे में ही सबका दिल जीत लिया। वह पूरी तरह छा गया।

भावार्थ-हामिद द्वारा चिमटा खरीदने से उसके स्वभाव तथा समर्पण के बारे में बताया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB रब्बा मीह दे-पानी दे Textbook Questions and Answers

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे

रब्बा मीह दे-पानी दे अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे 1
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे 2
उत्तर :
छात्र स्वयं पढ़ें एवं लिखने का अभ्यास करें।

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे 3
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे 4
उत्तर :
छात्र स्वयं पढ़ें एवं लिखने का अभ्यास करें।

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3. शब्दार्थ :

  • रब्बा = प्रभु, परमात्मा
  • मीह = वर्ष
  • दूना = दुगुना
  • मवेशी = पशु
  • पर दु:ख = दूसरों का दु:ख
  • सीख = शिक्षा

उत्तर :
सप्रसंग व्याख्या के साथ दे दिए गए हैं।

4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) इस कविता में ईश्वर से क्या प्रार्थना की गई है?
उत्तर :
इस कविता में ईश्वर से वर्षा लाने की प्रार्थना की गई है।

(ख) ‘खेतों में सोना’ का क्या अर्थ है ?
उत्तर :
इसका अर्थ है-खेतों में अच्छी फसल पैदा होना। वर्षा होने से अच्छी फसल पैदा होती है।

(ग) पानी के बिना मवेशी और खेतों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर :
पानी के बिना मवेशी प्यासे मर जाते हैं। खेत सूख जाते हैं।

(घ) इस कविता में देश के प्रत्येक नागरिक को क्या सीख दी गई है ?
उत्तर :
इस कविता में देश के प्रत्येक नागरिक को पानी को नष्ट और प्रदूषित और व्यर्थ न करने की सीख दी गई है।

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(ङ) पानी का स्वभाव कैसा है ?
उत्तर :
पानी का स्वभाव मिलनसार है। वह जिसमें मिलता है उसी का ही रूप धारण कर लेता है।

5. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) ‘पानी से ——— सुहानी दे।’ कविता की इन पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या करें?
उत्तर :
उत्तर के लिए व्याख्या भाग देखिए।

(ख) जीवन में पानी की आवश्यकता क्यों है? कविता के आधार पर उत्तर दें।
उत्तर :
पानी जीवन का आधार है। इसी से जीवन चलता है। यही गर्मी और लू से बचाता है। इसी से अनाज पैदा होता है। इसलिए जीवन में पानी की आवश्यकता है।

(ग) दूसरों के दुःख में हम उनकी क्या सहायता कर सकते हैं?
उत्तर :
दूसरों के दुःख को हम अपना समझ सकते हैं। उनके प्रति संवेदना एवं सहानुभूति प्रकट कर सकते हैं।

(घ) जहाँ पानी की अधिकता बाढ़ की स्थिति पैदा करती है वहीं पानी की कमी सूखे की स्थिति पैदा करती है। इन दोनों स्थितियों में मानव तथा प्रकृति प्रभावित होती है। इन दोनों स्थितियों में मानव तथा प्रकृति पर पड़ने वाले प्रभाव पर पाँच-पाँच वाक्य लिखें।
उत्तर :
मानव पर पड़ने वाले प्रभाव

  • मानव का स्वास्थ्य खराब हो जाता है।
  • पीने योग्य पानी प्रदूषित हो जाता है।
  • जीवन रुक जाता है।
  • खेती-बाड़ी नष्ट हो जाती है।
  • हैजा, चेचक आदि रोग बढ़ जाते हैं।

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प्रकृति पर पड़ने वाले प्रभाव-

  • पेड़-पौधे नष्ट हो जाते हैं।
  • प्रदूषण फैल जाता है।
  • वायु प्रदूषित हो जाती है।
  • पेड़-पौधे सूख जाते हैं।
  • खेती नष्ट हो जाती है।
  • खेती सूख जाती है।

6. पर्यायवाची शब्द लिखें :

  1. पानी = …………………………
  2. मीह = …………………………
  3. सीख = …………………………
  4. जन = …………………………
  5. दुःख = …………………………
  6. आँख = …………………………
  7. धरती = …………………………

उत्तर :

  1. पानी = जल, नीर
  2. मीह = वर्षा, बारिश
  3. सीख = शिक्षा, ज्ञान
  4. जन = लोग, नर
  5. दुःख = पीड़ा, कष्ट
  6. आँख = नेत्र, चक्षु
  7. धरती = धरा, पृथ्वी।

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रचनात्मक अभिव्यक्ति :

(क) मौखिक अभिव्यक्ति – पानी बचाने के उपायों पर कक्षा में चर्चा करें।
(ख) लिखित अभिव्यक्ति – आँखों में पानी आना, पानी-पानी होना आदि ‘पानी’ से संबंधित मुहावरे एकत्र करें।
(ग) रचनात्मक कार्य – जल संकट की रोकथाम के लिए कुछ सुझाव स्पष्ट करने वाले पोस्टर बनायें और अपनी कक्षा में दीवार पर लगायें।
उत्तर :
छात्र अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
इस कविता के माध्यम से कवि ने क्या शिक्षा दी है?
उत्तर :
इस कविता के माध्यम से कवि ने यह शिक्षा दी है जल ही जीवन है इसलिए हमें जल को प्रदूषित नहीं करना चाहिए। हमें जल को न तो नष्ट करना चाहिए और न ही उसे व्यर्थ गंवाना चाहिए।

प्रश्न 2.
पानी और खेतों का परस्पर क्या सम्बन्ध है?
उत्तर :
पानी और खेतों का परस्पर घनिष्ठ सम्बन्ध है। खेती पानी पर ही आधारित होती है। यदि पानी ही नहीं होगा तो खेत सूखकर नष्ट हो जायेंगे।

प्रश्न 3.
पानी के बिना क्या-क्या व्यर्थ है?
उत्तर :
पानी के बिना खेत, कत्था, चूना व्यर्थ है। पानी के बिना जीवन व्यर्थ है। इसके बिना मवेशी, वन और बूटे व्यर्थ हैं।

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प्रश्न 4.
पानी की क्या विशेषता है?
उत्तर :
पानी का अपना कोई रंग नहीं होता है। अपनी कोई उमंग नहीं होती। यह जिसमें मिलता है उसी में मिल जाता है। यह गम में आँखों में आ जाता है और खुशी में रुला देता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :

प्रश्न 1.
धरती किस से झुलसी है?
(क) पाप से
(ख) लू से
(ग) संताप से
(घ) युद्ध की विभीषिका से।
उत्तर :
लू से।

प्रश्न 2.
कवि रब्बा से क्या माँगता है?
(क) दया
(ख) करुणा
(ग) धूप
(घ) वर्षा।
उत्तर :
वर्षा।

प्रश्न 3.
जीवन की कश्ती को गति कौन देता है?
(क) मांझी
(ख) पानी
(ग) लू
(घ) आंधी।
उत्तर :
पानी।

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प्रश्न 4.
कवि किसे प्रदूषित नहीं करने के लिए कहता है?
(क) पानी को
(ख) वातावरण को
(ग) अन्न को
(घ) मन को।
उत्तर :
पानी को।

प्रश्न 5.
पानी का स्वभाव कैसा है?
(क) क्रोधी
(ख) घमंडी
(ग) मिलनसार
(घ) एकांतप्रिय।
उत्तर :
मिलनसार।

रब्बा मीह दे-पानी दे Summary in Hindi

रब्बा मीह दे-पानी दे कविता का सार

‘रब्बा मीह दे-पानी दे’ कविता विनोद शर्मा द्वारा रचित है। इसमें कवि ने ईश्वर से वर्षा करने की प्रार्थना की है। कवि ईश्वर से प्रार्थना कर कह रहा है कि हे प्रभु ! वर्षा करो और गर्मी से झुलसी धरती को ठंडा कर नया जीवन दो। पानी से खेतों में सोना उगता है। पानी से सब दुगुना है बिना पानी के कत्था और चूना भी व्यर्थ है। पानी ही जीवन का आधार है। उसके बिना जीवन खत्म हो जाता है। पानी से खेतों में हरियाली और खुशहाली होती है।

मवेशी, प्राणी और पेड़-पौधे पानी बिना जी नहीं सकते। पानी को नष्ट और प्रदूषित न करने का आह्वान किया है। चाहे पानी का कोई रंग नहीं है। फिर भी यह जिसमें मिल जाता है उसी रंग में खिल जाता है। दु:ख के समय आंखों में आ जाता है और खुशी में रुला देता है।

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रब्बा मीह दे-पानी दे सप्रसंग व्याख्या

1. रब्बा मीह दे-पानी दे, पानी दे, पानी दे।
लू से झुलसी धरती को, इक नई जिन्दगानी दे॥

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे 5

प्रसंग-यह काव्य-पंक्तियाँ विनोद शर्मा द्वारा रचित ‘रब्बा मीह दे-पानी दे’ शीर्षक कविता से ली गई हैं। इसमें कवि ने ईश्वर से वर्षा लाने की प्रार्थना की है।

व्याख्या-कवि ईश्वर से प्रार्थना कर कहते हैं कि हे प्रभु ! वर्षा करो और पानी दीजिए तुम इतना पानी दो जिससे गर्मी एवं लू की लपटों से जलती हुई धरती शीतल हो जाए और लोगों को एक नया जीवन मिले। सबको नई ज़िन्दगी प्रदान करो।

भावार्थ-प्रभु से वर्षा करने की प्रार्थना की है।

2. पानी से खेतों में सोना, नाचे गेहूँ-गाए झोना।
पानी है तो सब है दूना, बिन पानी कत्था क्या चूना।
पानी है तो है ज़िन्दगानी, पानी खत्म तो खत्म कहानी।
जीवन की कश्ती को, आकर नई रवानी दे।
रब्बा मीह दे………………….

प्रसंग-यह पद्यांश विनोद शर्मा द्वारा लिखित ‘रब्बा मीह दे-पानी दे’ नामक कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने ‘जल ही जीवन है’ बताते हुए प्रभु से वर्षा लाने की प्रार्थना की है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे

व्याख्या-हे प्रभु ! पानी से ही खेतों में सोना उगता है। इसी से गेहूँ नाचने लगता है और चना गाने लगता है। पानी से ही सब कुछ दुगुना होता है बिना पानी के कत्था और चूना भी बेकार है। पानी ही जीवन है। यही जीवन का आधार है। पानी के नष्ट होने से ही सब कुछ नष्ट हो जाएगा। हे प्रभु ! तुम आकर जीवन की किश्ती को नई रवानी प्रदान करो।

भावार्थ-पानी ही जीवन है। इस भाव को दर्शाया गया है।

3. पानी से हरियाली होती-खेतों में खुशहाली होती।
क्या मवेशी क्या वन या बूटे-पानी बिन जीवन से छूटे।
आओ, पानी नष्ट करें न, प्रदूषित या व्यर्थ करें न।
मेरे देश के जन-जन को, यह सीख सुहानी दे॥
रब्बा मीह दे………………..

प्रसंग-प्रस्तुत काव्य-पंक्तियाँ कवि विनोद शर्मा द्वारा रचित कविता ‘रब्बा मीह दे पानी दे’ नामक कविता से ली गई हैं। इनमें कवि ने प्रभु से वर्षा लाने की प्रार्थना की है।

व्याख्या-कवि कहता है कि पानी से ही खेतों में हरियाली और खुशहाली होती है। मवेशी, वन और पेड़-पौधे का पानी के बिना जीवन नष्ट हो जाएगा। कवि लोगों को प्रेरणा देते हुए कहता है कि आओ हम सब मिलकर यह प्रण लें कि हमें पानी को नष्ट नहीं करना चाहिए और प्रदूषित अथवा व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए। हे प्रभु ! इस देश के प्रत्येक व्यक्ति को यह सुहानी शिक्षा दें कि न पानी को नष्ट करे और न ही प्रदूषित करें। हे प्रभु ! वर्षा दें।

भावार्थ-पानी को बचाने की प्रेरणा दी गई है।

4. चाहे इसका रंग नहीं है-अपनी कोई उमंग नहीं है।
फिर भी यह जिसमें मिल जाता-उसके रंग में ही खिल जाता।
ग़म में आँखों में आ जाता और खुशी में यही रुलाता,
पर-दुःख को अपना समझे-हर आँख को पानी दे।
रब्बा मीह दे……………………

प्रसंग-यह पद्यांश विनोद शर्मा द्वारा रचित ‘रब्बा मीह दे-पानी दे’ कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने प्रभु से लोगों में दूसरे के दुःख को समझने की प्रार्थना की है।

व्याख्या-कवि कहता है कि चाहे पानी का अपना कोई रंग नहीं है उसकी अपनी कोई उमंग नहीं है। फिर भी यह जिस रंग में मिल जाता है उसके रंग में ही खिल जाता है। दुःख में यह आँखों में आ जाता है और खुशी में रुला देता है। हे प्रभु ! हर कोई दूसरों के दुःख को अपना दुःख समझे इसलिए हर आँख में पानी आ जाए। वर्षा प्रदान करो।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे

भावार्थ-दूसरों के दुःख को अपना दुःख समझने की प्रेरणा दी है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत

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PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत

मन के जीते जीत अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत 2
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत 3
उत्तर :
छात्र स्वयं अभ्यास करें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत 4
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत 5
उत्तर :
छात्र स्वयं पढ़ें एवं लिखें।

3. शब्दार्थ :

  • विकलांग = अंग से हीन, बेकाम अंग वाला
  • अनथक = न थकने वाला
  • दूषित – गंदा, मैला
  • कर्णप्रिय = कानों को प्रिय लगने वाला
  • विभूतियाँ – ऐश्वर्यशाली व्यक्तित्व
  • अस्थि = हड्डी
  • अन्यत्र = दूसरी जगह, और कहीं
  • व्यक्तित्व = व्यक्ति की विशेषता या गुण
  • कंठहार = गले का हार
  • एकाग्रता = तल्लीन होने का भाव
  • बुलंदी = ऊँचाई, उत्कर्ष
  • जज़्बा = भाव, जोश, भावना

उत्तर :
छात्र स्वयं अभ्यास करें।

4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) जीवन में मुश्किलों से पार कौन लोग जा पाते हैं ?
उत्तर :
जीवन में मुश्किलों से पार वही लोग जा पाते हैं जो मुसीबतों और रुकावटों के आगे सिर नहीं झुकाते। उनका साहस एवं दृढ़ विश्वास के साथ सामना करते हैं।

(ख) राजा जनक के दरबार में अष्टावक्र को देखकर सभी क्यों हँसने लगे?
उत्तर :
राजा जनक के दरबार में अष्टावक्र को देखकर सभी हँसने लगे क्योंकि उनका शरीर टेढ़ा-मेढ़ा था। उनके शरीर में आठ वक्र थे।

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(ग) राजा जनक तथा दरबारी अष्टावक्र के सामने क्यों नतमस्तक हुए?
उत्तर :
अष्टावक्र के ज्ञान विद्वता के कारण राजा जनक तथा दरबारी नतमस्तक हो गए।

(घ) सूरदास ने किसकी आराधना में काव्य रचना की?
उत्तर :
सूरदास ने श्रीकृष्ण की आराधना में काव्य रचना की।

(ङ) जायसी के प्रसिद्ध महाकाव्य का नाम लिखें।
उत्तर :
पद्मावत।

(च) रामानन्द सागर द्वारा टेलीविज़न पर प्रसारित प्रख्यात धारावाहिक ‘रामायण’ में संगीत मुख्य रूप से किसने दिया?
उत्तर :
रवीन्द्र जैन ने रामायण में संगीत दिया।

(छ) बिजली के बल्ब का आविष्कार किसने किया?
उत्तर :
थामस अल्वा एडीसन ने बिजली के बल्ब का आविष्कार किया।

(ज) ब्रेल लिपि का आविष्कार किसने किया?
उत्तर :
ब्रेल लिपि का आविष्कार लई ब्रेल ने किया।

(झ) महाराजा रणजीत सिंह ने कितनी आयु में लाहौर पर अधिकार कर लिया था?
उत्तर :
उन्नीस वर्ष की आयु में।

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(ज) बाबा आम्टे को भारत सरकार ने समाज सेवा के लिए पद्मश्री तथा पद्मभूषण का सम्मान कब दिया?
उत्तर :
बाबा आम्टे को भारत सरकार ने समाज सेवा के लिए पद्मश्री 1971 ई० में तथा पद्मभूषण सन् 1986 ई० में दिया।

5. इन प्रश्नों के उत्तर लगभग चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) राजा जनक के दरबार में अष्टावक्र को देखकर जब सभी हँसने लगे तो अष्टावक्र ने क्या कहा?
उत्तर :
अष्टावक्र ने कहा कि गन्ने के टेढ़े-मेढ़े होने से उसकी मिठास में कमी नहीं आती। फूल की पंखुड़ी के टेढ़े होने से उसकी खुशबू खत्म नहीं हो जाती और नदी की धारा के टेढ़े होने से उसका जल दूषित नहीं हो जाता।

(ख) शेरशाह क्यों लज्जित हुआ और उसने जायसी को क्यों सम्मान दिया?
उत्तर :
जायसी के मुख से मोहि का हँससि के कोहरहिं? अर्थात् तुम मुझ पर हँसे हो अथवा उस ईश्वर रूपी कुम्हार पर हँस रहे हो यह सुनकर शेरशाह लज्जित हुआ और उसने जायसी को उनकी विद्वता के कारण सम्मान दिया।

(ग) थामस एडीसन के ध्वनि संबंधी आविष्कारों से लोग क्यों आश्चर्यचकित हो जाते थे?
उत्तर :
लोग इसलिए आश्चर्यचकित हो जाते थे कि जो व्यक्ति पूरी तरह स्वयं नहीं सुन सकता। वह किस प्रकार ध्वनि के हर पहलू को अच्छी प्रकार से समझ लेता है।

(घ) लुई ब्रेल द्वारा नेत्रहीनों के पढ़ने के लिए बनाई लिपि की क्या विशेषता है?
उत्तर :
ब्रेल लिपि कागज़ पर उभरे हुए चिहन होते हैं जिन्हें स्पर्श करके लोग पढ़ते हैं।

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(ङ) बाबा आम्टे का समाज सेवा में क्या योगदान रहा?
उत्तर :
बाबा आम्टे सारी उम्र कुष्ठ रोगियों तथा समाज से परित्यक्त लोगों की सेवा में लगे रहे। इन्हीं की प्रेरणा से आनंदवन आश्रम के अनेक कुष्ठ रोगियों ने भीख मांगना छोड़कर स्वयं श्रम करना आरंभ कर दिया। इस तरह बाबा आम्टे का समाज सेवा में महान् योगदान रहा है।

(च) भारतीय स्पिनर चन्द्रशेखर का क्रिकेट में क्या योगदान रहा?
उत्तर :
चंद्रशेखर का एक हाथ पोलियोग्रस्त हो गया था किन्तु वह इसी हाथ से गेंदबाजी करते थे और बल्लेबाजों को पैविलियन पहुंचा देते थे। उन्होंने 58 टैस्ट मैच खेले तथा 7199 रन देकर 242 विकेट लिए।

(छ) राणा सांगा और महाराजा रणजीत सिंह की वीरता के विषय में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर :
राणा सांगा की वीरता एवं साहस से बड़े-बड़े शासक थर-थर काँपते थे। उन्होंने इब्राहिम लोदी जैसे अनेक शत्रुओं को पराजित किया। महाराजा रणजीत सिंह ने अपनी वीरता से केवल उन्नीस वर्ष की आयु में लाहौर पर अधिकार कर लिया था। इसके बाद धीरे-धीरे जम्मू कश्मीर, अमृतसर, मुलतान, पेशावर आदि पर अधिकार कर लिया।

(ज) भाग्य संवरता नहीं, संवारना पड़ता है – इन पंक्तियों में लेखक क्या कहना चाहता है ?
उत्तर :
इन पंक्तियों में लेखक कहना चाहता है कि व्यक्ति का भाग्य अपने आप नहीं संवरता बल्कि वह परिश्रम, आत्मविश्वास एवं दृढ़ निश्चय से बदला जाता है। इसके लिए हमें लगातार कठिन संघर्ष करना पड़ता है।

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6. इन मुहावरों के अर्थ बताते हुए उन्हें वाक्यों में प्रयोग करें :

  1. घुटने टेकना
  2. सिर न झुकाना
  3. दाँत खट्टे करना
  4. लोहा मनवाना
  5. थर-थर काँपना
  6. बुलंदियाँ छूना

उत्तर :

  1. घुटने टेकना = हारना-दुश्मनों ने भारतीय सेना के सामने घुटने टेक दिए।
  2. सिर न झुकाना = हार न मानना-साहसी लोग कभी मुसीबतों के सामने सिर नहीं झुकाते।
  3. दाँत खट्टे करना = बुरी तरह हराना-कारगिल में भारतीय सेना ने शत्रुओं के दाँत खट्टे कर दिए।
  4. लोहा मनवाना = जय-जयकार करवाना-महाराजा रणजीत सिंह ने अपने साहस एवं बल से दुनिया में लोहा मनवाया।
  5. थर-थर काँपना = डरना-शेर को देखकर रवि थर-थर काँपने लगा।
  6. बुलंदियाँ छूना = तरक्की करना-रवि अपनी मेहनत से बुलंदियाँ छू रहा है।

7. इन शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखें :

  1. चुनौती = _____________
  2. सेवा = _____________
  3. अनूठा =_____________
  4. पुरस्कार = _____________
  5. दृढ़ता = _____________
  6. हाथ = _____________
  7. उपहास =_____________
  8. अधिकार = _____________
  9. शक्ति = _____________
  10. भाग्य = _____________
  11. मस्तिष्क = _____________
  12. लक्ष्य = _____________
  13. प्रयत्न = _____________
  14. पैर = _____________
  15. अध्यापक = _____________
  16. अंधकार = _____________
  17. लज्जित = _____________
  18. जल = _____________

उत्तर :

  1. चुनौती = ललकार, आह्वान
  2. सेवा = परिचर्या, खिदमत
  3. अनूठा = अनुपम, अनोखा
  4. पुरस्कार = उपहार, इनाम
  5. दृढ़ता = मज़बूती, प्रगाढ़ता
  6. हाथ = हस्त, कर
  7. उपहास = हँसी, दिल्लगी
  8. अधिकार = हक़, प्रभुत्व
  9. शक्ति = बल, पौरुष
  10. भाग्य = किस्मत, तकदीर
  11. मस्तिष्क = भेजा, दिमाग
  12. लक्ष्य = मंजिल, उद्देश्य
  13. प्रयत्न = प्रयास, कोशिश
  14. पैर = पाँव, चरण
  15. अध्यापक = शिक्षक, गुरु
  16. अंधकार = अन्धेरा, तम
  17. लज्जित = शर्मसार, शर्मिंदा
  18. जल = पानी, नीर।

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8. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखें :

  1. जिसे आँखों से दिखाई न देता हो _____________
  2. गले का हार _____________
  3. संगीत देने वाला _____________
  4. अपने पर विश्वास होना _____________
  5. जिसका कोई मोल न हो _____________
  6. कानों को प्रिय लगने वाला _____________
  7. आविष्कार करने वाला _____________

उत्तर :

  1. जिसे आँखों से दिखाई न देता हो – नेत्रहीन
  2. गले का हार – कंठहार
  3. संगीत देने वाला – संगीतकार
  4. अपने पर विश्वास होना – आत्मविश्वास
  5. जिसका कोई मोल न हो – अनमोल
  6. कानों को प्रिय लगने वाला – कर्णप्रिय
  7. आविष्कार करने वाला – आविष्कारक

रचनात्मक अभिव्यक्ति :

(क) मौखिक अभिव्यक्ति – इस पाठ में आप किस महान विभूति से प्रेरित हुए हैं ? क्यों ?
उत्तर :
इस पाठ में अनेक महान् विभूतियां हैं जिन्होंने अपनी विकलांगता पर विजय पाकर भी महानता प्राप्त की। हम महाराणा रणजीत सिंह से प्रेरित हुए क्योंकि वे अधिक साहसी, वीर बलशाली, निडर योद्धा थे। वे बहुत दयालु, दयावान एवं धैर्यशाली थे।

(ख) लिखित अभिव्यक्ति – मन के जीते जीत, मन के हारे हार है– पर पाँच-सात वाक्य लिखें।
उत्तर :

  • मन पर विजय पाने से ही उन्नति होती है।
  • मन विजयी है तो तभी मनुष्य विकास कर सकता है।
  • यदि मन हार जाए तो आदमी हार जाता है।
  • मन की जीत से ही जीवन का विकास सम्भव हो सकता है।
  • मन सभी ज्ञानेन्द्रिय से महत्त्वपूर्ण है।
  • वह मन एक सारथि के समान है जो अन्य सभी को अपने अनुसार चलाता है।

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10. इस पाठ में आए ‘र’ वर्ण के प्रयोग वाले शब्द ढूँढकर लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत 1
उत्तर
[ र ] : भारत, राणा, द्वारा
[ ‘ ] : स्पर्श, अर्जुन, दुर्लभ
[ , ] : अष्टावक्र, ब्रेल, माइक्रोफोन
[ ^ ] : रवीन्द्र, महाराष्ट्र, केन्द्रित।

11. इन शब्दों के विशेषण बनाएं :

भारत _____________
सम्मान _____________
स्वर्ग _____________
साहित्य _____________
प्रभाव _____________
दया _____________

परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
मनुष्य कब निराश एवं हताश हो जाता है?
उत्तर :
जब मनुष्य के अपने जीवन में चारों तरफ अंधेरा दिखाई देता है। कहीं कोई रास्ता नजर नहीं आता। वह संघर्ष करने की अपेक्षा अपने भाग्य को कोसने लगता है तब निराश एवं हताश हो जाता है।

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प्रश्न 2.
अपने भाग्य को कौन लोग कोसते हैं?
उत्तर :
जो लोग मुसीबतों एवं रुकावटों का डटकर सामना नहीं करते और उनके आगे हार मान लेते हैं वही भाग्य को कोसते हैं।

प्रश्न 3.
मुश्किलों से कौन लोग पार पा सकते हैं?
उत्तर :
मुश्किलों से वही लोग पार पा सकते हैं कि जो उनके आगे सिर नहीं झुकाते बल्कि उनका साहस, आत्मविश्वास एवं दृढ़ता से सामना करते हैं।

प्रश्न 4.
लेखक ने किन-किन महान् विभूतियों का चित्रण किया है?
उत्तर :
लेखक ने निम्नलिखित महान् विभूतियों का चित्रण किया है

  • अष्टावक्र
  • सूरदास
  • जायसी
  • भारतीय संगीतकार रवीन्द्र जैन
  • विश्व के महान् आविष्कारक थामस अल्वा एडीसन
  • लुई ब्रेल
  • बाबा आम्टे
  • भारतीय स्पिनर चंद्रशेखर
  • राणा सांगा
  • महाराजा रणजीत सिंह।

प्रश्न 5.
महाराजा रणजीत सिंह का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर :
महाराजा रणजीत सिंह के चरित्र की निम्नलिखित विशेषताएं हैं

  • महान् वीर-महाराजा रणजीत सिंह एक महान् वीर सेनानी थे।
  • न्याय प्रिय-वे बहुत न्यायप्रिय शासक थे।
  • दयालुता-वे बहुत दयालु थे। उनकी दयालुता सुप्रसिद्ध है।
  • दानशीलता-वे गरीबों को बहुत दान दिया करते थे। उनकी दानशीलता चारों ओर प्रसिद्ध है।

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प्रश्न 6.
भक्तिकाल में सूरदास पर एक नोट लिखो।
उत्तर :
हिन्दी-साहित्य के भक्तिकाल में सूरदास का नाम बहुत प्रसिद्ध है। वे जन्म से ही नेत्रहीन थे। उन्होंने अपने आराध्य श्रीकृष्ण की लीलाओं का बहुत सजीव एवं प्रभावशाली ढंग से वर्णन किया है। उन जैसा लीला वर्णन अन्यत्र दुलर्भ है। उनकी अमरवाणी जन-जन का कंठहार बनी हुई है।

प्रश्न 7.
रवीन्द्र जैन कौन थे? उनके चरित्र की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर :
रवीन्द्र जैन भारतीय सिनेमा के सुप्रसिद्ध संगीतकार थे। उनके चरित्र की विशेषताएं निम्नलिखित हैं

  • दृढ़ इच्छा शक्ति-उनमें दृढ़ इच्छा शक्ति थी।
  • एकाग्रता-उनका मन एकाग्रता से मुक्त था। इसी के कारण वे महान् बने।
  • आत्मविश्वास-उनमें अटूट आत्मविश्वास था।

प्रश्न 8.
थामस अल्वा एडीसन ने कौन-से आविष्कार किए हैं?
उत्तर :
थामस अल्वा एडीसन ने बल्ब, माइक्रोफोन, फोनोग्राफ, कार्बन टेलिफोन, ट्रांसमीटर आदि हजारों आविष्कार किए हैं।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित सही कथन पर सही () और गलत कथन पर गलत () का निशान लगाइए:

(क) धर्म शब्द में आधे ‘र’ (रेफ) का प्रयोग हुआ है।
उत्तर :
() सही।

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बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :

प्रश्न 1.
जीवन में आने वाली मुश्किलों का करना चाहिए
(क) घबराना चाहिए
(ख) भागना चाहिए
(ग) सामना करना चाहिए
(घ) आँखें मूंद लेना चाहिए।
उत्तर :
(ग) सामना करना चाहिए

प्रश्न 2.
अष्टावक्र किस युग में हुए थे?
(क) सतयुग
(ख) त्रेतायुग
(ग) द्वापर युग
(घ) कलयुग।
उत्तर :
(ख) त्रेतायुग

प्रश्न 3.
अष्टावक्र किसके दरबार में गए थे?
(क) दशरथ
(ख) जनक
(ग) रावण
(घ) बालि।
उत्तर :
(ख) जनक

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प्रश्न 4.
अष्टावक्र के किस गुण से सभी नतमस्तक हुए?
(क) वीरता
(ख) दया
(ग) विद्वता
(घ) करुणा।
उत्तर :
(ग) विद्वता

प्रश्न 5.
भक्तिकाल में प्रसिद्ध कृष्णभक्त जन्मांध कवि कौन था?
(क) नंददास
(ख) सूरदास
(ग) कृष्णदास
(घ) गोपालदास।
उत्तर :
(ख) सूरदास

प्रश्न 6.
शेरशाह ने किस कवि का उपहास उड़ाया था?
(क) रसखान
(ख) जायसी
(ग) सूरदास
(घ) रामदास।
उत्तर :
(ख) जायसी

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प्रश्न 7.
रवीन्द्र जैन फिल्म जगत के क्या थे?
(क) निर्देशक
(ख) संगीतकार
(ग) नायक
(घ) खलनायक।
उत्तर :
(ख) संगीतकार

प्रश्न 8.
थामस अल्बा एडिसन किस शक्ति से रहित थे?
(क) श्रवण की
(ख) देखने की
(ग) बोलने की
(घ) चलने की।
उत्तर :
(क) श्रवण की

प्रश्न 9.
कुष्ट रोगियों की सेवा किसने की?
(क) विनोबा भावे
(ख) महात्मा गांधी
(ग) बाबा आम्टे
(घ) बाबा साहब अंबेडकर।
उत्तर :
(ग) बाबा आम्टे

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प्रश्न 10.
महाराजा रणजीत सिंह ने किस कारण एक आँख खो दी थी?
(क) चोट के
(ख) चेचक के
(ग) कैंसर के
(घ) तीर लगने से।
उत्तर :
(ख) चेचक के

मन के जीते जीत Summary in Hindi

मन के जीते जीत पाठ का सार

‘मन के जीते जीत’ लेखक डॉ० सुनील बहल द्वारा लिखित है। इसमें लेखक ने मन पर विजय पाने से ही सफलता मिलती है-इसका वर्णन किया है। जीवन में छोटी-बड़ी परेशानियां सबके जीवन में आती हैं। हम उनके आने से निराश हो जाते हैं। सभी के जीवन में मुश्किल घड़ियां आती हैं किन्तु इन पर वही विजय प्राप्त करते हैं जो मुश्किलों के सामने घुटने नहीं टेकते बल्कि उनका साहस के साथ मुकाबला करते हैं।

दुनिया में सामान्य लोगों ने ही नहीं बल्कि विकलांग लोगों ने भी ऐसा साहस दिखाया है, जिसके कारण उनकी विकलांगता उनके सामने झुक गई। त्रेतायुग में अष्टावक्र विकलांग हुए जो आठ जगह से टेढ़े थे। एक बार उन्हें राजा जनक के दरबार में देखकर सब हँसने लगे तो अष्टावक्र ने उन्हें बताया कि गन्ने के टेढ़े-मेढ़े होने से उसकी मिठास कम नहीं होती न फूल की पंखुड़ी टेढ़े होने से उसकी खुशबू खत्म होती है, न नदी की धारा टेढ़ी होने से उसका जल दूषित होता है। यह सुनकर राजा जनक तथा दरबारी बहुत लज्जित हुए और उसकी विदवता के सामने नतमस्तक भी हुए।

हिंदी-साहित्य में भक्तिकाल में सूरदास जो जन्म से ही अन्धे थे। किन्तु उन्होंने श्री कृष्ण की लीलाओं का बहुत ही सजीव वर्णन किया है जो संसार में दुर्लभ है। इसी तरह जायसी भी एक आँख और एक कान से रहित थे। शेरशाह के उपहास उड़ाने पर उन्होंने उनको कहा था कि तुम मुझ पर हँसों अथवा उस ईश्वर पर जिसने मुझे बनाया है। इससे शेरशाह बहुत लज्जित हुए थे। जायसी का महाकाव्य पद्मावत बहुत प्रसिद्ध है। नेत्रहीन एवं गरीब मिल्टन कभी जीवन से निराश नहीं हुए इसीलिए अंग्रेजी साहित्य में उनका अद्वितीय स्थान रहा।

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भारतीय सिनेमा में रवीन्द्र जैन की दृढ़ इच्छा शक्ति, एकाग्रता और आत्म विश्वास के आगे अपनी विकलांगता को भी हरा दिया। वे अद्भुत संगीतकार थे। इन्होंने रामानंद सागर द्वारा प्रसारित ‘रामायण’ में भी संगीत दिया। इसके साथ अलिफ लैला, जय हनुमान, श्री कृष्ण आदि महान् धारावाहिकों में सभी कर्णप्रिय संगीत दिया।

विश्व के महान् आविष्कारक थामस अल्वा एडीसन सुनने की श्रवण शक्ति खो चुके थे। किन्तु वे जीवन से निराश नहीं हुए। उन्होंने अपने साहस के बल पर हजारों आविष्कार किए। बिजली के बल्ब का आविष्कार उनकी बड़ी उपलब्धि है। तीन वर्ष की आयु में नेत्रहीन हो जाने वाले लुई ब्रेल भी अपनी इच्छा शक्ति के बल पर नेत्रहीन स्कूल में पढ़े और अध्यापक बने। उन्होंने अपने अनथक प्रयासों से नेत्रहीनों के किए ब्रेल नामक लिपि का आविष्कार किया जो दुनिया में आज भी प्रयुक्त हो रही है।

महान् समाज सेवी बाबा आम्टे को कौन नहीं जानता। वे भयंकर अस्थि विकलांगता से पीड़ित थे किन्तु फिर भी इन्होंने सारी उम्र कुष्ट रोगियों की सेवा की। इनको समाज सेवा के कारण ही भारत सरकार ने सन् 1971 ई० में पदम्श्री तथा सन् 1986 ई० में पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित किया। भारतीय क्रिकेट में भी विकलांग होने के बावजूद स्पिनर चंद्रशेखर ने क्रिकेट में अपनी जगह बनाई। उनका एक हाथ पोलियोग्रस्त था किन्तु वे उसी हाथ से गेंदबाजी करते थे। उन्होंने भारतीय टीम की ओर से 58 टैस्ट मैच तथा 7199 रन देकर 242 विकट लिए। उन्हें अर्जुन पुरस्कार प्रदान किया गया।

भारतीय इतिहास में वीर राणा सांगा, जिन्होंने बचपन में अपनी एक आँख खो दी थी, अपने वीरता बल एवं साहस से दुनिया में अपनी ताकत का लोहा मनवाया। युद्ध में एक पैर और हाथ भी खो दिया पर वे इससे बिल्कुल भी घबराये नहीं। इन्होंने इब्राहिम लोदी जैसे अनेक विरोधियों को हराया।

इसी तरह महाराजा रणजीत सिंह की चेचक के कारण एक आँख खराब थी किन्तु फिर भी उन्होंने उन्नीस वर्ष की आयु में लाहौर पर अधिकार कर लिया था और धीरे-धीरे जम्मू-कश्मीर, अमृतसर, मुलतान, पेशावर आदि क्षेत्रों पर अधिकार कर लिया। उन्हें कुशल प्रबन्ध, वीरता, न्यायप्रियता, दयालुता और दानशीलता के कारण जाना जाता है।

इस प्रकार यदि मनुष्य के दिल में कुछ कर गुजरने की इच्छा हो तो मुसीबतें हार जाती हैं इसलिए हमें अपने आत्म-विश्वास, दृढ़ निश्चय, चित्र की एकाग्रता और अपनी शक्तियों को केंद्रित करके अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ना चाहिए। यह सत्य है कि ईश्वर भी केवल साहसी लोगों की ही सहायता करते हैं।

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मन के जीते जीत शब्दार्थ :

  • हताश = निराश।
  • विकलांगता = विकलांग पन।
  • विभूतियों = महान् व्यक्तियों।
  • अष्टावक्र = आठ वक्र वाला।
  • दूषित = खराब।
  • विद्वता = ज्ञान, बुद्धि।
  • नतमस्तक = सुभगाय।
  • नेत्रहीन = अंधा।
  • दुर्लभ = कठिन।
  • अन्यत्र = दूसरी जगह, कठहार वाले का हार।
  • उपहास = मजाक।
  • निस्संदेह = वास्तव में।
  • अस्थि = हड्डी।
  • परितयक्त = त्यागे हुए।
  • अनथक = बिना थके।
  • तमन्ना = इच्छा।
  • ज़ज्बा = साहस।

मन के जीते जीत सप्रसंग व्याख्या

1. बच्चो ! हम जीवन में आने वाली छोटी-छोटी परेशानियों से निराश और हताश हो जाते हैं। हमें अपने चारों ओर अंधकार ही अंधकार दिखाई देता है। कहीं कोई रास्ता दिखाई नहीं देता। हम थक कर बैठ जाते हैं। कभी भाग्य को, कभी अपने आपको तो कभी किसी को कोसने लगते हैं। पर मोचो ! रुकावटें किसके रास्ते में नहीं आती? सभी के जीवन में मुश्किल भरे पल आते हैं किन्तु उन मुश्किलों से पार वे ही जा पाते हैं जो उनके आगे सिर नहीं झुकाते, उनका दृढ़ता से सामना करते हैं। सामान्य व्यक्तियों की तो बात ही छोड़ो, दुनिया में ऐसे विकलांग व्यक्ति भी हुए हैं जिन्होंने अपनी विकलांगता को चुनौती के रूप में लिया और परिणाम यह हुआ कि खुद विकलांगता ने ही उनके अदम्य साहस और दृढ़ निश्चय के आगे घुटने टेक दिये।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत 6

प्रसंग-यह गद्यांश लेखक डॉ० सुनील बहल द्वारा रचित ‘मन के जीते जीत’ शीर्षक पाठ से लिया गया है। इसमें लेखक ने बच्चों के जीवन में आने वाली मुसीबतों का डटकर सामना करने की प्रेरणा दी है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत

व्याख्या-लेखक बच्चों को प्रेरणा देते हुए कहता है कि हे बच्चो! हम जीवन में आने वाली छोटी-छोटी परेशानियों एवं कठिनाइयों से निराश एवं हताश हो जाते हैं। हमें अपने चारों तरफ अन्धेरा ही अन्धेरा दिखाई देता है। कहीं भी कोई रास्ता नज़र नहीं आता जिससे हम थक हारकर बैठ जाते हैं। हम कुछ करने की अपेक्षा अपने भाग्य अपने आपको तथा किसी दूसरे को कोसने लगते हैं। परन्तु बच्चों तुम सोच विचार करो कि जीवन में किसके रास्ते में रुकावटें नहीं आतीं।

सभी के मार्ग में बाधाएं, मुसीबतें आती हैं। सभी के जीवन में मुश्किलों से भरे क्षण आते हैं किन्तु उन मुश्किलों पर वे ही लोग विजय प्राप्त कर पाते हैं जो उनके आगे अपना सिर नहीं झुकाते, उनसे हार नहीं मानते बल्कि उनका साहस के साथ मुकाबला करते हैं। सामान्य व्यक्तियों की बात तो छोड़िए दुनिया में ऐसे विकलांग व्यक्ति भी हुए हैं जिन्होंने अपनी विकलांगता को चुनौती के रूप में लिया अर्थात् विकलांग होते हुए भी संघर्ष और परिश्रम किया जिसके परिणाम यह हुआ कि विकलांगता स्वयं ही उनके अटूट साहस और दृढ़ निश्चय के सामने झुक गई।

भावार्थ-बच्चों को जीवन में साहस एवं दृढ़ निश्चय के साथ मुसीबतों का सामना करने की प्रेरणा दी है एवं विकलांगता पर विजय पाने वालों की ओर संकेत है।

2. त्रेता युग में एक विद्वान् हुए जिनका नाम था अष्टावक्र। जब उनका जन्म हुआ तो वे आठ जगह से टेढ़े थे। आठ प्रकार की वक्रता के कारण ही उनका नाम अष्टावक्र पड़ा। एक बार वे राजा जनक के दरबार में गये तो उसके टेढ़े-मेढ़े शरीर को देखकर सभी हँसने लगे। अष्टावक्र ने कहा, “गन्ने के टेढ़े-मेढ़े होने से उसकी मिठास में कमी नहीं आती। फूल की पंखुड़ी के टेढ़े होने से उसकी खुशबू खत्म नहीं हो जाती और नदी की धारा के टेढ़े होने से उसका जल दूषित नहीं हो जाता।” यह सुनकर राजा जनक तथा दरबारी न केवल लज्जित हुए बल्कि अष्टावक्र की विद्वता के सामने नतमस्तक हुए।

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प्रसंग-यह गद्यांश लेखक डॉ. सुनील वहल द्वारा रचित ‘मन के जीते जीत’ नामक पाठ से लिया गया है। इसमें लेखक ने त्रेतायुग में अपनी विकलांगता पर विजय पाने वाले विद्वान् अष्टावक्र का चित्रण किया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत

व्याख्या-लेखक कहता है कि त्रेता युग में अष्टावक्र नामक एक महान् विद्वान् हुआ। वे अपने जन्म के समय से ही आठ जगह से टेढे थे। इसी आठ प्रकार के टेढेपन के कारण ही उनका नाम अष्टावक्र पड़ा था। एक बार वे राजा जनक के दरबार में गए तो उनके टेढ़े-मेढे शरीर को देखकर सभी लोग हँसने लगे।

उन्हें हँसता देखकर अष्टावक्र ने कहा कि गन्ने के टेढ़े-मेढ़े होने से उसकी मिठास में कमी नहीं आती। फूल की पंखुड़ी के टेढ़े होने से उसकी खुशबू खत्म नहीं होती तथा न ही नदी की धारा के टेढ़े होने से उसका जल दूषित हो जाता है। उनके मुख से इस बात को सुनकर राजा जनक तथा सभी दरबारी केवल लज्जित ही नहीं हुए बल्कि अष्टावक्र की विद्वता के सामने नतमस्तक भी हो गए।

भावार्थ-अष्टावक्र के गुणों और विद्वता का उल्लेख किया गया है।

3. भारतीय सिनेमा में प्रसिद्ध संगीतकार रवीन्द्र जैन का महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। बचपन से ही इन्हें न के बराबर दिखाई देता था। आँखों के आप्रेशन के बाद भी इनकी आँखें ठीक नहीं हुईं किन्तु रवीन्द्र जैन की दृढ़ इच्छा शक्ति, एकाग्रता और आत्मविश्वास के आगे विकलांगता की एक न चली। उन्होंने फिल्मों में अद्भुत संगीत दिया। जो आज भी लोगों के मन-मस्तिष्क पर छाया हुआ है। रामानन्द सागर द्वारा टेलीविज़न पर प्रसारित ‘रामायण’ में भी इन्होंने ही संगीत दिया जो बहुत लोकप्रिय हुआ। इसके अतिरिक्त उन्होंने अलिफ लैला, जय हनुमान, श्रीकृष्ण आदि धारावाहिकों में भी कर्णप्रिय संगीत दिया।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत 8

प्रसंग-यह पंक्तियाँ डॉ० सुनील बहल द्वारा लिखित ‘मन के जीते जीत’ नामक पाठ से लिया गया है। इसमें लेखक ने सुप्रसिद्ध संगीतकार रवीन्द्र जैन के संघर्ष का वर्णन किया है।

व्याख्या-लेखक कहता है कि भारतीय सिनेमा में प्रसिद्ध संगीतकार रवीन्द्र जैन का महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। बचपन से ही इन्हें न के बराबर दिखाई देता था। इन्होंने अपनी आँखों का आप्रेशन करवाया। इसके बाद इनकी आँखें ठीक ही नहीं हुईं। किन्तु रवीन्द्र जैन की दढ इच्छा शक्ति, एकाग्रता और अपने विश्वास के आगे इनकी विकलांगता हार गई।

अर्थात् इन्होंने अपने आत्मविश्वास के बल से अपनी विकलांगता पर विजय पा ली। इन्होंने फिल्मों में अद्भुत संगीत दिया। जो आज भी लोगों के मन-मस्तिष्क पर छाया हुआ है। इन्होंने रामानंद सागर द्वारा टेलीविज़न पर प्रसारित रामायण में संगीत दिया जो बहुत लोकप्रिय हुआ। इसके अलावा इन्होंने अलिफ लैला, जय हनुमान, श्रीकृष्ण, आदि धारावाहिकों में भी बहुत मधुर संगीत दिया।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत

भावार्थ-भारतीय संगीतकार रवीन्द्र जैन की दृढ़ इच्छा शक्ति और आत्म विश्वास को दर्शाया गया है।

4. इस तरह मात्र तीन वर्ष की आयु में नेत्रहीन हो जाने वाले लुई ब्रेल ने भी जीवन में अनेक कष्ट सहे। वे स्वयं दृष्टिहीन लोगों के स्कूल में पढ़े व अध्यापक बने किन्तु उस समय तक नेत्रहीनों के लिए सीखने के लिए कोई बढ़िया तकनीक नहीं थी। अतएव लुई ब्रेल ने अनथक प्रयत्नों के बाद नेत्रहीनों के लिए एक ऐसी लिपि का आविष्कार किया जिससे नेत्रहीन पढ़ने में समर्थ हो सके। इस लिपि को ब्रेल लिपि कहते हैं। यह लिपि कागज़ पर उभरे चिह्न होते हैं जिन्हें स्पर्श कर वे पढ़ते हैं। बेशक यह लिपि दुनिया भर में आज प्रयुक्त हो रही है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत 9

प्रसंग-यह गद्यांश खंड डॉ० सुनील बहल द्वारा रचित ‘मन के जीते जीत ही’ शीर्षक पाठ से लिया गया है। इसमें नेत्रहीन लुई ब्रेल के परिश्रम, साहस एवं आविष्कार को दर्शाया है।

व्याख्या-लेखक कहता है कि लुई ब्रेल केवल तीन वर्ष के आयु में नेत्रहीन हो जाने पर अनेक कष्ट सहन किए। वे अपने आप नेत्रहीन लोगों के स्कूल में पढ़े तथा अध्यापक बने। किन्तु उस समय तक नेत्रहीन लोगों को सीखने के लिए कोई अच्छी तकनीक नहीं थी। इसीलिए लई ब्रेल ने अपने अनथक प्रयासों के बाद, नेत्रहीन लोगों के लिए एक ऐसी लिपि का आविष्कार किया जिससे नेत्रहीन पढ़ने में समर्थ हो सके। इस लिपि को ब्रेल लिपि कहते हैं। यह लिपि कागज़ पर उभरे चिह्न होते हैं, जिन्हें स्पर्श कर वे पढ़ते हैं। यह लिपि सारी दुनिया में आज प्रयोग में लाई जा रही है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत

भावार्थ-लई ब्रेल के प्रयासों तथा ब्रेल लिपि के आविष्कार को प्रयासों में बताया है।

5. भारतीय इतिहास में ऐसे व्यक्तित्व भी हैं जिन्होंने अपनी विकलांगता से कभी हार नहीं मानी अपितु वीरता एवं साहस के बल पर दुनिया में अपनी ताकत का लोहा मनवाया। राणा सांगा ने बचपन में अपनी एक आँख खो दी थी और बाद में युद्धों में एक हाथ और एक पैर को भी इन्होंने खो दिया किन्तु इस विकलांगता का उनकी वीरता और साहस पर कोई असर नहीं पड़ा। बड़े-बड़े शासक उनके नाम से थर-थर काँपते थे। राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी जैसे अनेक विरोधियों के दाँत खट्टे किये। इसी तरह महाराजा रणजीत सिंह की चेचक के कारण एक आँख खराब हो गयी थी। किन्तु फिर भी वे निराश नहीं हुए। उन्नीस वर्ष की आयु में उन्होंने लाहौर पर अधिकार कर लिया था। फिर धीरे-धीरे जम्मू कश्मीर, अमृतसर, मुलतान, पेशावर आदि क्षेत्रों पर इन्होंने अधिकार कर लिया। अपने कुशल प्रबन्ध, वीरता, न्यायप्रियता, दयालुता और दानशीलता के कारण महाराज रणजीत सिंह को जाना जाता है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत 10

प्रसंग-यह पंक्तियाँ लेखक डॉ० सुनील बहल द्वारा लिखित है। यह ‘मन के जीते जीत है’ शीर्षिक पाठ से ली गई हैं। इनमें लेखक ने राणा सांगा की वीरता, साहस तथा महाराजा रणजीत सिंह की वीरता और दयालुता को दर्शाया है।

व्याख्या-भारत के इतिहास में ऐसे महान् लोग भी हुए हैं जिन्होंने अपनी विकलांगता से जीवन में कभी हार नहीं मानी अपितु वीरता एवं साहस के बल पर दुनिया में अपनी शक्ति का लोहा मनवाया। राणा सांगा ने बचपन में अपनी एक आँख खो दी थी किन्तु इस विकलांगता का उनकी वीरता और साहस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। बड़े-बड़े शासक उनके नाम से थर-थर काँपते थे। राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी जैसे अनेक विरोधियों को बुरी तरह से हराया था।

इस तरह महाराजा रणजीत सिंह की चेचक के कारण एक आँख खराब हो गई थी किन्तु फिर भी वे निराश नहीं हुए उन्होंने केवल उन्नीस वर्ष की आयु में लाहौर पर अधिकार कर लिया था। इसके बाद धीरे-धीरे जम्मू-कश्मीर, अमृतसर, मुलतान, पेशावर आदि क्षेत्रों पर पुस्तकीय भाग इन्होंने अधिकार कर लिया। उसका प्रबन्ध अत्यंत कुशल था। वे अत्यन्त वीर तथा न्यायप्रिय थे, उनके दयालुता और दानशीलता सभी जलते हैं। इसी कारण उनकी वीरता, न्यायप्रियता, दयालुता एवं दानवीरता के कारण महाराजा रणजीत सिंह को जाना जाता है।

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भावार्थ-राणा सांगा की वीरता एवं साहस को दर्शाया गया है और महाराजा रणजीत सिंह की वीरता, न्यायप्रियता, दानशील और दयालुता का वर्णन है।

6. अतएव बच्चो ! यदि दिल में कुछ कर गुजरने की तमन्ना और जज्बा हो तो तमाम मुसीबतों को आखिरकार घुटने टेकने ही पड़ते हैं। अब आप ही बताइये यदि इन विभूतियों ने जीवन के संघर्ष में अपनी हार मान ली होती तो क्या वे आज दुनिया के लिए प्रेरणा स्रोत बन पाते? आइए, उठिये, अपने आत्मविश्वास, दृढ़निश्चय, चित्त की एकाग्रता और अपनी शक्तियों को केन्द्रित करें और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ें। कहा भी है, “भाग्य संवरता नहीं संवारना पड़ता है और भी कहा गया है, “ईश्वर भी उन्हीं की सहायता करते हैं जो अपनी सहायता अपने आप करते हैं।”

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत 11

प्रसंग-यह गद्यांश लेखक डॉ० सुनील बहल द्वारा लिखित है। यह ‘मन के जीते जीत है’ शीर्षक पाठ से लिया गया है। इसमें लेखक ने बच्चों को साहस, आत्मविश्वास एवं दृढ़ निश्चय से जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है।

व्याख्या-लेखक बच्चों को प्रेरणा देकर कहता है कि हे बच्चो! यदि दिल में कुछ करने की इच्छा हो और हिम्मत एवं साहस हो तो सभी मुसीबतें अवश्य खत्म हो जाती हैं। अब आप ही बताइए कि यदि सूरदास, जायसी, रवीन्द्र जैन, चन्द्रशेखर, राणा सांगा, महाराजा रणजीत सिंह, लुई ब्रेल आदि महान् विद्वानों ने जीवन के संघर्ष में अपनी हार मान ली होती तो क्या वे आज इस संसार के प्ररेणा स्रोत बन पाते अर्थात् नहीं।

वे सभी विकलांग होते हुए भी संघर्ष करते रहे और विजयी हुए इसीलिए दुनिया उनसे प्रेरणा ले रही है। इसलिए आओ फिर से अपने आत्मविश्वास, दृढ़ निश्चय, मन की एकाग्रता और शक्तियों को केन्द्रित करें और अपने लक्ष्य की तरफ बढ़े। यहाँ सच ही कहा गया है कि भाग्य अपने आप नहीं संवरता बल्कि उसे तो संवारना पड़ता है। ईश्वर भी संसार के केवल उन्हीं लोगों की सहायता करते हैं जो अपनी सहायता स्वयं करते हैं। इसलिए हम साहस आत्मविश्वास परिश्रम से आगे बढ़ें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत

भावार्थ-सूरदास, मिल्टन, जायसी, अष्टावक्र, महाराजा रणजीत सिंह जैसी विभूतियों से प्रेरणा लेने को कहा है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 8 प्रेरणा Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 8 प्रेरणा (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB प्रेरणा Textbook Questions and Answers

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा

प्रेरणा अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा 1
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा 2
उत्तर :
छात्र स्वयं पढ़ें एवं लिखने का अभ्यास करें।

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा 3
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा 4
उत्तर :
छात्र स्वयं पढ़ें एवं लिखने का अभ्यास करें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा

3. शब्दार्थ :

  • संकेत = इशारा
  • पारखी = परखने वाला, वह जिसमें परखने की शक्ति हो
  • अनसुनी = ध्यान न देना
  • चेष्टा = कोशिश
  • अंतर्गत = भीतर समाया हुआ
  • अपनापन = आत्मीय
  • दयनीय अवस्था = दीन-हीन हालत

उत्तर :
छात्र पढ़ें एवं याद करें। प्रश्न 4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें।

4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) लड़के और उसकी बहन का क्या नाम था?
उत्तर :
लड़के का नाम मनीष तथा उसकी बहन का नाम सीमा था।

(ख) मनीष क्या बेचकर अपना जीवन बसर कर रहा था?
उत्तर :
मनीष गुब्बारे बेचकर अपना जीवन बसर कर रहा था।

(ग) गुब्बारे बेचने के पीछे मनीष ने अपनी क्या विवशता बतायी?
उत्तर :
मनीष ने बताया कि उसके पिता मर चुके हैं, इसलिए उनके परिवार का गुजारा गुब्बारे बेचने से होता है।

(घ) ‘पढ़ोगे’ पूछने पर उसने क्या उत्तर दिया?
उत्तर :
उसने ‘न’ में सिर हिला दिया।

(ङ) बच्चों को किस संस्था के अंतर्गत पढ़ाने के लिए ले जाया गया?
उत्तर :
बच्चों को प्रेरणा संस्था के अन्तर्गत पढ़ाने के लिए ले जाया गया।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा

(च) मनीष और सीमा क्या बनना चाहते थे?
उत्तर :
मनीष पुलिस इंस्पैक्टर तथा सीमा मैडम बनना चाहती थी है।

5. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) लेखिका ने बच्चों को पढ़ाई का क्या महत्व समझाया?
उत्तर :
लेखिका ने बच्चों को समझाया कि अगर वे पढ़ेंगे नहीं तो उनका बचपन, जवानी और बुढ़ापा इसी तरह से व्यर्थ हो जाएगा। पढ़ाई से ही उन्हें नौकरी, एक घर, अच्छे कपड़े मिल सकते हैं।

(ख) मनीष का चरित्र-चित्रण करें।
उत्तर :
मनीष की आयु सात-आठ वर्ष की थी। वह लाल बत्ती चौक पर गुब्बारे बेचता है। वह बहुत समझदार है। वह अपनी बहन से बहुत प्यार करता है। वह पढ़-लिख कर पुलिस इंस्पैक्टर बनना चाहता है।

(ग) ‘भीख माँगना अपराध है।’

  1. ‘सपने देखो और उन्हें सच करके दिखाओ।’
  2. ‘शिक्षा ही वह सीढ़ी है जिस पर चढ़कर मंज़िल पाई जा सकती है।’
  3. इन तीनों सूत्र वाक्यों पर अपने विचार लिखें।

उत्तर :

  1. भीख माँगना एक सामाजिक अपराध है इसलिए मनुष्य को कभी भीख नहीं माँगनी चाहिए। हमें सदा अपने हाथों से मेहनत कर अपने जीवन का गुजारा करना चाहिए।
  2. सपना देखना जीवन में आगे बढ़ने तथा उन्नति प्राप्त करने का प्रतीक है। सपनों से ही आगे बढ़कर उन्हें पूरा करने का रास्ता दिखाई देता है। इसलिए हमें सदा सपने देखकर उन्हें पूरा करने का प्रयास करना चाहिए, पूरी मेहनत करनी चाहिए।
  3. शिक्षा मनुष्य जीवन की आधारशिला है। इसके आधार पर ही मनुष्य जीवन का पूर्ण निर्माण होता है। सत्य-असत्य का ज्ञान होता है। जीवन में आगे बढ़ने का रास्ता मिलता है। इसी के सहारे जीवन का सपना पूरा हो सकता है।

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6. इन मुहावरों को वाक्यों में प्रयोग करें :

  1. पारखी आँखों वाला ………………………………….
  2. जीवन-बसर करना ………………………………….
  3. सपने दिखाना ………………………………….
  4. हरी झंडी मिलना ………………………………….

उत्तर :

  1. पारखी आँखों वाला = पहचानने वाला-रोहित सब कुछ जानता है क्योंकि उसकी पारखी आँखें हैं।
  2. जीवन की पहली ज़रूरत = भोजन-मनीष को देखकर यही लगता था कि यही उसके जीवन की पहली ज़रूरत है।
  3. जीवन-बसर करना = जीवन चलाना-वह दुकान चला कर जीवन-बसर कर रहा था।
  4. सपने दिखाना = प्रेरणा देना-मैडम ने मनीष को सपने दिखाए। हरी झंडी मिलना = आज्ञा मिलना-रवि को पढ़ने की हरी झंडी मिल गई।

7. इन शब्दों के विपरीत शब्द लिखें :

  1. नाराजगी = ………………………………….
  2. अपनापन = ………………………………….
  3. विश्वास = ………………………………….
  4. इंकार = ………………………………….
  5. सम्भव = ………………………………….
  6. साकार = ………………………………….
  7. बदकिस्मत = ………………………………….
  8. सहमति = ………………………………….
  9. सफल = ………………………………….

उत्तर :

  1. नाराजगी = खुशी
  2. अपनापन = परायापन
  3. विश्वास = अविश्वास
  4. इन्कार = स्वीकार
  5. सम्भव = असम्भव
  6. साकार = निराकार
  7. बदकिस्मत = किस्मत
  8. सहमति = असहमति
  9. सफल = असफल

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8. निम्नलिखित वाक्यों में क्रिया विशेषण शब्द छाँटकर सामने लिखें :

(क) मैं जल्दी-जल्दी काम निपटा कर उसी चौराहे पर पहुँची। जल्दी-जल्दी
(ख) वह मेरी तरफ एकटक देखने लगा। = ………………………………….
(ग) वह गाड़ी के पास आकर झट से बोला। = ………………………………….
(घ) मैं कल आऊँगी। = ………………………………….
(ङ) वह उधर बैठी है। = ………………………………….
उत्तर :
(क) जल्दी-जल्दी
(ख) एकटक
(ग) झट से
(घ) कल
(ड) उधर

9. कोष्ठक में से उचित विस्मयादि बोधक शब्द लेकर रिक्त स्थान भरें :

(क) अरे ! तुम पढ़ोगे नहीं? (वाह,अरे)
(ख) …………….! तुमने ठीक पहचाना? (उफ, हाँ)
(ग) …………….! बड़े दुःख की बात है? (अहा, उफ)
(घ) …………….! हम तुम्हारा इंतज़ार करेंगे? (हाय, अच्छा)
(ङ) …………….! बहुत अच्छा किया? (वाह ! आह)
उत्तर :
(ख) हाँ ! तुमने ठीक पहचाना?
(ग) उफ ! बड़े दुःख की बात है?
(घ) अच्छा ! हम तुम्हारा इन्तज़ार करेंगे?
(ङ) वाह ! बहुत अच्छा किया?

10. नये शब्द बनायें :

  1. आत्म + विश्वास = आत्मविश्वास
  2. आत्म + रक्षा = …………….
  3. बे + चैन = …………….
  4. बे + कसूर = …………….
  5. अनु + सरण = …………….
  6. अनु + कूल = …………….
  7. अन + सुनी = …………….
  8. अन + वरत = …………….
  9. उत्सुक + ता = …………….
  10. दीन + ता = …………….

उत्तर :

  1. आत्म + विश्वास = आत्मविश्वास
  2. आत्म + रक्षा = आत्मरक्षा
  3. बे + चैन = बेचैन
  4. बे + कसूर = बेकसूर
  5. अनु + सरण = अनुसरण
  6. अनु + कूल = अनुकूल
  7. अन + सुनी = अनसुनी
  8. अन + वरत = अनवरत
  9. उत्सुक + ता = उत्सुकता
  10. दीन + ता = दीनता

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा

11. उपयुक्त वाच्य की पहचान कीजिए :

(क) आपने मुझे कल बिस्कुट दिए थे। (कर्तृवाच्य या कर्मवाच्य या भाववाच्य)
(ख) मैंने दोपहर से कुछ नहीं खाया। (कर्तृवाच्य या कर्मवाच्य या भाववाच्य)
(ग) उससे रहा नहीं गया। (कर्तृवाच्य या कर्मवाच्य या भाववाच्य)
(घ) बच्चे डबल रोटी खा रहे थे। (कर्तृवाच्य या कर्मवाच्य या भाववाच्य)
(इ) लड़के के द्वारा पैसे गिने जा रहे थे। (कर्तृवाच्य या कर्मवाच्य या भाववाच्य)

12. रचनात्मक अभिव्यक्ति

(क) मौखिक अभिव्यक्ति – आप बड़े होकर क्या बनना चाहते हो और क्यों ? कक्षा में मंच पर खड़े होकर बतायें।
(ख) लिखित अभिव्यक्ति – अपने मित्र/सहेली को पत्र लिखें जिसमें पढ़ाई का महत्व बताया गया हो।
(ग) रचनात्मक कार्य – इस कहानी से संबंधित अपनी कल्पना से कोई चित्र बनायें।
उत्तर :
छात्र अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोतर

प्रश्न 1.
लड़का क्या बेच रहा था?
उत्तर :
लड़का गुब्बारे बेच रहा था।

प्रश्न 2.
लड़का गुब्बारे कहाँ बेच रहा था?
उत्तर :
लड़का लाल बत्ती चौक पर गुब्बारे बेच रहा था।

प्रश्न 3.
लेखिका लड़के का गिड़गिड़ाना कैसे समझ रही थी?
उत्तर :
लेखिका लड़के के हाथों के संकेतों से उसका गिड़गिड़ाना समझ रही थी।

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प्रश्न 4.
लड़का किस बात में लेखिका से भी ज्यादा ज्ञानी लग रहा था?
उत्तर :
लड़का जीवन की पहली ज़रूरत को लेखिका से ज्यादा जानता था शायद इसी से वह ज्यादा ज्ञानी लग रहा था।

प्रश्न 5.
लड़के की माँ ज़िन्दगी से जद्दोजहद कैसे कर रही थी?
उत्तर :
लड़के की माँ दयनीय अवस्था में गोद में बच्चों के लिए गुब्बारे बना रही थी। वह इसी तरह ज़िन्दगी से जद्दोजहद कर रही थी।

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :

प्रश्न 1.
लाल बत्ती चौक पर बच्चा क्या बेच रहा था?
(क) खिलौने
(ख) गुब्बारे
(ग) अखबार
(घ) नमकीन।
उत्तर :
(ख) गुब्बारे

प्रश्न 2.
गुब्बारे बेचने वाले बच्चे की आयु कितने वर्ष थी?
(क) 6 – 7
(ख) 7 – 8
(ग) 8 – 9
(घ) 5 – 6
उत्तर :
7 – 8

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प्रश्न 3.
लेखिका ने गुब्बारे बेचने वाले लड़के को खाने के लिए क्या दिया?
(क) चाकलेट
(ख) बिस्कुट
(ग) केक
(घ) ब्रैड।
उत्तर :
(ख) बिस्कुट

प्रश्न 4.
लड़के ने किसके लिए बिस्कुट माँगे?
(क) बहन
(ख) भाई
(ग) माँ
(घ) पिता।
उत्तर :
(क) बहन

प्रश्न 5.
लेखिका ने लड़के और उसकी बहन को क्या करने के लिए कहा?
(क) पढ़ने के लिए
(ख) नौकरी करने के लिए
(ग) ठेला लगाने के लिए
(घ) अपने साथ चलने के लिए।
उत्तर :
(क) पढ़ने के लिए

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा

प्रश्न 6.
गुब्बारे बेचने वाले लड़के का क्या नाम है?
(क) हरीश
(ख) मनीष
(ग) रवीश
(घ) सतीश।
उत्तर :
(ख) मनीष

प्रश्न 7.
गुब्बारे बेचने वाले लड़के की बहन का क्या नाम है?
(क) नीता
(ख) रीता
(ग) गीता
(घ) सीमा।
उत्तर :
(घ) सीमा।

प्रश्न 8.
मनीष क्या बनना चाहता है?
(क) पुलिस इंस्पैक्टर
(ख) पायलट
(ग) अध्यापक
(घ) नेता।
उत्तर :
(क) पुलिस इंस्पैक्टर

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा

प्रश्न 9.
सीमा की क्या बनने की इच्छा है?
(क) डॉक्टर
(ख) नर्स
(ग) टीचर
(घ) पुलिस अधिकारी।
उत्तर :
(ग) टीचर

प्रश्न 10.
किस सोसायटी के स्कूल में मनीष-सीमा पढ़ने गए?
(क) प्रेरणा
(ख) भारती
(ग) बचपन
(घ) घरोंदा।
उत्तर :
(क) प्रेरणा

Summary in Hindi

प्रेरणा कविता का सार

‘प्रेरणा’ नामक पाठ लेखिका मीना शर्मा द्वारा लिखित है जिसमें उन्होंने जीवन की प्रेरणा देने का प्रयास किया है। एक बार गाड़ी में जाते हुए लाल बत्ती चौक पर गाड़ी रुकी तो मेरी नज़र सामने वाली सड़क पर सात-आठ साल के गुब्बारा बेचने वाले बच्चे पर पड़ी। वह गाड़ियों के पास जा-जाकर गुब्बारे बेच रहा था। गुब्बारे बेचने के पश्चात् पैसे लेते समय जो खुशी उसके चेहरे पर थी वह उसके भावों से महसूस हो सकती थी।

हरी बत्ती पर लेखिका की गाड़ी पहुँचने पर लड़के ने फिर उनसे गुब्बारे लेने का आग्रह किया। लेखिका ने गुब्बारे लिए बिना ही उसे खाने के बिस्कुट दिए और उसे पढ़ने के लिए कहा। लड़का उनकी बात अनसुनी कर अपनी बहन के लिए भी बिस्कुट लेने को कहने लगा। लेखिका के बार-बार पढ़ने की बात कहने पर लड़का शायद अपने जीवन की पहली ज़रूरत को अच्छी तरह समझा। वह उत्सुकता से बिस्कुट खा रहा था।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा 5

पूछने पर लड़के ने बताया कि उसके पिता नहीं थे तो फिर उसे कौन पढ़ाता क्योंकि वह और उसकी बहन दोनों परिवार चलाने के लिए कमाते थे। अगले दिन रविवार को स्कूल से छुट्टी के दिन लेखिका उस लड़के को मिलने गई। लड़का उन्हें देखकर हैरान हो गया। लड़के का नाम मनीष तथा उसकी बहन का नाम सीमा था। लेखिका ने मनीष और सीमा को अपने जीवन को बदलने के लिए पढ़ने की प्रेरणा दी क्योंकि पढ़ने से ही जीवन बदल सकता है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा

उन्होंने प्रेरणा नामक सोसायटी के अंतर्गत चलने वाले स्कूल में पढ़ने के लिए कहा। तीन-चार दिन के पश्चात् लेखिका उनके पास आई तो मनीष ने उनसे नाराज़ होकर न आने का कारण पूछा। सीमा ने ही मैडम को बताया कि हमने कापी भी ले ली है।

दोनों बच्चों के भावों से उनके पढ़ने की बात झलक रही थी। लेखिका को उनकी माँ की तरफ से भी आज्ञा मिल गई। लेखिका ने मनीष एवं सीमा के सपने के बारे में पूछने पर मनीष ने पुलिस इंस्पैक्टर तथा सीमा ने स्कूल मैडम बनने की इच्छा प्रकट की।

प्रेरणा शब्दार्थ :

  • नज़र = दृष्टि।
  • कोशिश = प्रयास, प्रयत्न।
  • पारखी = परखने वाला।
  • बेझिझक = बिना झिझके।
  • इशारा = संकेत।
  • अनुसरण = पीछा।
  • जद्दोजहद = संघर्ष।
  • भाँपना = पहचानना।
  • चेष्टा = प्रयत्न, कोशिश।
  • वक्त = समय।
  • बसर करना = रहना, गुजारना।

प्रेरणा सप्रसंग व्याख्या

1. चौक में लाल बत्ती के होने पर हमारी गाड़ी रुकी और मेरी नज़र सामने वाली सड़क पर एक सात-आठ साल के लड़के पर पड़ी जो हाथ में आठ-दस गुब्बारे बेचता कभी किसी गाड़ी के पास जाता तो कभी किसी के पास। गुब्बारे बेचने की कोशिश में उसका गिड़गिड़ाना, मैं उसके हाथों के संकेतों से समझ सकती थी। हरी बत्ती होने पर सामने की गाड़ियाँ चल पड़ी। मैंने देखा, वह लड़का, एक गाड़ी के पीछे भागता, दूसरी तरफ आ गया और मैं इस डर से बेचैन हो रही थी कि कहीं वह किसी गाड़ी के नीचे न आ जाए। उसने गुब्बारे दिए और पैसे ले लिए। पैसे गिनते हुए उसकी खुशी मैं उसके चेहरे के भावों से महसूस कर सकती थी।

प्रसंग-यह गद्यांश हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘प्रेरणा’ शीर्षक से लिया गया है। यह मीना शर्मा द्वारा लिखित है। इसमें लेखिका ने लाल बत्ती चौक पर गुब्बारा बेचने वाले लड़के की क्रिया का वर्णन किया है।

व्याख्या-लेखिका कहती है कि लाल बत्ती चौक पर लाल बत्ती का संकेत होने पर वहाँ हमारी गाड़ी रुकी और मेरी दृष्टि सामने वाली सड़क पर एक सात-आठ साल के लड़के की ओर गई। वह अपने हाथ में आठ-दस गुब्बारे बेच रहा था। वह गाड़ियों के पास जाकर गुब्बारे बेच रहा था। वह गुब्बारे बेचने के प्रयास में गिड़गिड़ा रहा था। उसका इस तरह गिड़गिड़ाना उसके हाथों से समझ सकती थी। जब हरी बत्ती हुई तो सामने की गाड़ियाँ चल पड़ीं। तब मैंने देखा कि वह लड़का एक गाड़ी के पीछे भागता-भागता दूसरी तरफ़ आ गया। मैं इस डर से बेचैन हो रही थी कि वहाँ वह किसी गाड़ी के नीचे न आ जाए। उसने मुझे गुब्बारे देकर पैसे ले लिए। वह पैसे गिनने लगा। पैसे गिनते समय उसकी खुशी उसके चेहरे के भावों से महसूस कर सकती थी।

भावार्थ-गुब्बारे बेचने वाले बच्चे के हाव-भावों को दर्शाया गया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा

2. मुझे उसका जवाब सुनकर हैरानी हुई और मैंने कहा, “अरे ! तुम पढ़ोगे नहीं ? यूँ ही सारी ज़िन्दगी …… ऐसे ही …….. उसने कोई जवाब न दिया। शायद वह जीवन की पहली ज़रूरत को मुझसे ज्यादा अच्छी तरह समझता था। बिस्कुट खाने की उत्सुकता उसके हाथों से साफ झलक रही थी। जब तक उसने एक बिस्कुट खाया तब तक मुझे भी अपनी गलती का अहसास हो गया था।

प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश लेखिका मीना शर्मा द्वारा लिखित ‘प्रेरणा’ नामक पाठ से लिया गया है। लेखिका ने गुब्बारे बेचने वाले लड़के से पढ़ने के बारे में पूछा तो उसने अपना सिर हिला दिया जिससे लेखिका को हैरानी हुई। यहाँ इसी का वर्णन किया है।

व्याख्या-लेखिका कहती है कि मुझे उस लड़के का जवाब (उत्तर) सुनकर बहुत हैरानी हुई। उसको समझाते हुए मैंने कहा कि अरे ! क्या तुम पढ़ोगे नहीं। क्या इसी तरह पुस्तकीय भाग सारी ज़िन्दगी रहेगी ? यह सुनकर उसने कोई जवाब नहीं दिया। शायद वह जीवन की पहली ज़रूरत को मुझसे ज्यादा अच्छी तरह समझता था। बिस्कुट खाने की उत्सुकता उसके हाथों से साफ-साफ दिखाई दे रही थी। जब तक उसने एक बिस्कुट खाया तब तक मुझे भी अपनी गलती का अहसास हो गया था।

भावार्थ-जीवन की पहली ज़रूरत रोटी की ओर संकेत किया है।

3. “बच्चो ! मैं जानती हूँ कि इस वक्त आप मुश्किल से जीवन बसर कर रहे हो। इन हालातों से निकलने का केवल एक ही साधन है-विद्या ! अगर नहीं पढ़ोगे, तो बचपन, फिर जवानी, फिर बुढ़ापा इसी तरह वक्त निकल जाएगा। नौकरी, एक घर, अच्छे कपड़े, यह बस केवल पढ़-लिख कर ही सम्भव हो सकता है, “मैडम जी, क्या सपने दिखाती हो, इन बदकिस्मतों को ?” माँ ने कहा “अरे ! किस्मत बनाना तो अपने हाथ में होता है और सपने देखोगे नहीं, तो साकार कैसे होंगे ?”

प्रसंग-यह गद्यांश मीना शर्मा द्वारा रचित ‘प्रेरणा’ नामक पाठ से लिया गया है। लेखिका बच्चों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हुए कहती है।

व्याख्या-लेखिका कहती है कि हे बच्चो ! मैं जानती हूँ कि इस समय आप मुश्किल से अपना जीवन-यापन कर रहे हो। तुम्हें इस हालातों से निकलने का विद्या ही एकमात्र साधन है। तुम पढ़ाई करके ही अपना जीवन बदल सकते हो। यदि तुम नहीं पढ़ोगे तो बचपन, फिर जवानी, बुढ़ापा इसी प्रकार से समय गुजर जाएगा। नौकरी, एक अच्छा घर, अच्छे कपड़े, यह बस केवल पढ़-लिख कर ही संभव हो सकता है। लड़कों की माँ बोली कि मैडम जी, आप इन बदकिस्मतों को क्या सपना दिखा रही हो तो इसका जवाब देते हुए लेखिका उन्हें कहने लगी कि किस्मत बनाना मनुष्य के अपने हाथों में होता है। यदि तुम सपने नहीं देखोगे तो वे पूरे कैसे होंगे।

भावार्थ-जीवन में विद्या का महत्त्व बताया है और आगे पढ़ने की प्रेरणा दी है।

4. “श्रम की बस्ती से उठकर, पाठशाला में जाना है।
अपने हालातों से लड़कर जीवन सफल बनाना है।”

प्रसंग-ये पंक्तियाँ मीना शर्मा लेखिका द्वारा लिखित ‘प्रेरणा’ में से ली गयी हैं। इसमें लेखिका ने जीवन में संघर्ष करने की प्रेरणा दी है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा

व्याख्या-लेखिका कहती है कि परिश्रम की बस्ती से ऊपर उठकर पाठशाला जाना है। हमें आगे हालातों, परिस्थितियों से संघर्ष करके अपने जीवन को सफल बनाना है अर्थात् परिस्थितियों से लड़कर ही जीवन को सफल बनाया जा सकता है।

भावार्थ-विद्या ग्रहण करने एवं जीवन से संघर्ष करने की प्रेरणा दी है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 नवयुवकों के प्रति

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 7 नवयुवकों के प्रति Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 7 नवयुवकों के प्रति (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB नवयुवकों के प्रति Textbook Questions and Answers

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 नवयुवकों के प्रति

नवयुवकों के प्रति अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 नवयुवकों के प्रति 1
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 नवयुवकों के प्रति 2
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं अभ्यास करें।

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 नवयुवकों के प्रति 3
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 नवयुवकों के प्रति 4
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं अभ्यास करें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 नवयुवकों के प्रति

3. शब्दार्थ :

  • भक्तवर = भक्तों में श्रेष्ठ
  • देशोद्धार = देश का उद्धार करना
  • योग = सहयोग
  • कौमार = कुमार/यौवन की अवस्था
  • निम्नोक्ति = नीचे लिखी उक्ति या कथन
  • धर्माचरण = धर्म के अनुसार आचरण/व्यवहार करना
  • धरो = धारण करना

उत्तर :
सप्रसंग व्याख्या के साथ दे दिए गए हैं।

4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) इस कविता के कवि का नाम लिखें।
उत्तर :
इस कविता के कवि का नाम मैथिलीशरण गुप्त है।

(ख) यह कविता किन्हें संबोधित की गई है?
उत्तर :
यह कविता नवयुवकों को सम्बोधित की गई है।

(ग) ‘जो कुछ पढ़ो तुम कार्य में भी साथ ही परिणत करो।’ इस काव्य-पंक्ति का अर्थ लिखें।
उत्तर :
इस काव्य पंक्ति का अर्थ है कि हे नवयुवको ! तुम अपने जीवन में जो कुछ भी शिक्षा एवं ज्ञान ग्रहण करो, उसे अपने कार्य में तथा जीवन में भी अपनाओ।।

(घ) नवयुवकों के सम्मुख कौन-से दो पथ हैं ? उन्हें किस पथ का चुनाव करना चाहिए?
उत्तर :
नवयुवकों के सम्मुख असंयम और संयम दो पथ हैं। उन्हें संयम पथ का चुनाव करना चाहिए।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 नवयुवकों के प्रति

(ङ) इन काव्य-पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या करें : दो पथ असंयम ……………………. संभलोगे कभी।
उत्तर :
उत्तर के लिए सप्रसंग व्याख्या देखिए।

5. इन शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखें :

  1. मनुज = ______________, ______________
  2. ज्योति = ______________, ______________
  3. संसार = ______________, ______________
  4. पथ = ______________, ______________

उत्तर :

  1. मनुज = मनुष्य, मानव
  2. ज्योति = प्रकाश, उजाला
  3. संसार = जग, दुनिया
  4. पथ = रास्ता, मार्ग

6. विपरीत शब्द बनायें :

  1. अ + संयम = असंयम
  2. अ + शुभ =
  3. अ + धर्म =
  4. अ + विश्वास =

उत्तर :

  1. अ + संयम = असंयम
  2. अ + शुभ = अशुभ
  3. अ + धर्म = अधर्म
  4. अ + विश्वास = अविश्वास

7. रचनात्मक अभिव्यक्ति :

(क) मौखिक अभिव्यक्ति – भक्त प्रहलाद की जीवन गाथा अपने दादा/दादी से सुनें व कक्षा में भक्त प्रहलाद के गुणों को सुनायें।

(क) लिखित अभिव्यक्ति
(i) असंयम और संयम किसे कहते हैं ? एक दो उदाहरण देकर समझायें।
(ii) देश के विकास में आप क्या-क्या योगदान दे सकते हो?
उत्तर :
छात्र अध्यापक की सहायता से करें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 नवयुवकों के प्रति

परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोतर

प्रश्न 1.
कवि ने नवयुवकों को क्या प्रेरणा दी है?
उत्तर :
कवि ने नवयुवकों को देश के उद्धार एवं विकास में योगदान देने तथा उन्हें शुभ कर्म करने की प्रेरणा दी है। उन्हें भागवत धर्म का आचरण करने को कहा है।

प्रश्न 2.
कवि ने नवयुवकों को क्या शिक्षा दी है?
उत्तर :
कवि का विचार है कि नवयुवकों को देश के उद्धार में योगदान देना चाहिए। ज्ञान और शिक्षा को कार्य में अपनाना चाहिए। भागवत धर्म का आचरण करना चाहिए। मनुष्य जन्म कठिनाई से मिलता है अत: इस जीवन में संयम पथ को अपनाना चाहिए।

प्रश्न 3.
कवि किन्हें सम्भलने को कह रहा है?
उत्तर :
कवि नवयुवकों को सम्भलने को कह रहा है।

प्रश्न 4.
नवयुवकों को किसका आचरण करना चाहिए?
उत्तर :
नवयुवकों को भागवत धर्म का आचरण करना चाहिए।

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :

प्रश्न 1.
कवि ने किसे संबोधित किया है?
(क) युवाओं को
(ख) नेताओं को
(ग) बालकों को
(घ) अधिकारियों को।
उत्तर :
(क) युवाओं को

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 नवयुवकों के प्रति

प्रश्न 2.
किनसे मानव जीवन की ज्योति जगमगाती है?
(क) युवाओं से
(ख) बालकों से
(ग) प्रौढ़ों से
(घ) वृद्धों से।
उत्तर :
(क) युवाओं से

प्रश्न 3.
कवि ने किस भक्तवर का कथन प्रस्तुत किया है?
(क) ध्रुव
(ख) प्रहलाद
(ग) नारद
(घ) नरसी।
उत्तर :
(ख) प्रहलाद

प्रश्न 4.
भागवत धर्माचरण किस अवस्था में करना चाहिए?
(क) बाल
(ख) किशोर
(ग) कौमार्य
(घ) वृद्धा।
उत्तर :
(ग) कौमार्य

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प्रश्न 5.
कौन – सा पथ अशुभ होता है?
(क) संयम का
(ख) धर्म का
(ग) असंयम का
(घ) सत्य का।
उत्तर :
(ग) असंयम का

प्रश्न 6.
मानव मन किस पथ की ओर आकर्षित होता है?
(क) धर्म के
(ख) सत्य के
(ग) संयम के
(घ) असंयम के।
उत्तर :
(घ) असंयम के।

नवयुवकों के प्रति Summary in Hindi

नवयुवकों के प्रति कविता का सार

प्रस्तुत कविता ‘मैथिलीशरण गुप्त’ द्वारा रचित है। इसमें कवि ने नवयुवकों को देश के उद्धार में योगदान देने की प्रेरणा दी है। कवि ने नवयुवकों का आह्वान करते हुए कहा है कि हे नवयुवको ! सारे देश की दृष्टि तुम्हारी तरफ लगी हुई है। तुम से ही मानव – जीवन की ज्योति प्रकाशित है। तुम्हारे अतिरिक्त कौन इस देश के उद्धार में योगदान देगा? तुम्ही देश के विकास में अपना योगदान दो।

संसार में जो हो रहा है उसे ध्यानपूर्वक देखो। अपनी पढ़ाई एवं ज्ञान को कार्य में बदलो। तुम भक्त प्रहलाद की इस उक्ति को मन में धारण करो कि संसार में युवावस्था में ही भागवत धर्म का आचरण करना चाहिए। मनुष्य – जीवन बहुत कठिन है। संयम और असंयम दो पथ हैं एक शुभ और दूसरा अशुभ है। किन्तु इस अवस्था में मन सदा अशुभ कर्म की ओर ही झुकता है। इसलिए तुम्हें अभी संभल जाना चाहिए।

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नवयुवकों के प्रति सप्रसंग व्याख्या

1. हे नवयुवाओ ! देश भर की दृष्टि तुम पर ही लगी,
है मनुज जीवन की तुम्हीं में ज्योति सब से जगमगी।
दोगे न तुम तो कौन देगा योग देशोद्धार में?
देखो, कहाँ क्या हो रहा है आजकल संसार में॥

शब्दार्थ –

  • मनुज = मनुष्य।
  • ज्योति = प्रकाश, उजाला।
  • जगमगी = जगी है।

प्रसंग – यह पद्यांश कवि मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित ‘नवयुवकों के प्रति’ शीर्षक कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने नवयुवकों को देश के विकास में योगदान देने की प्रेरणा दी है।

व्याख्या – कवि कहता है कि हे नवयुवको ! आज सारे देश की नज़रें केवल तुम्हारी ओर लगी है। सबका ध्यान तुम्हारी ओर है। तुम से ही मानव जीवन की ज्योति प्रकाशित है। यदि आज तुम भी देश के उद्धार एवं विकास में अपना योगदान नहीं दोगे तो फिर इसमें कौन योगदान देगा अर्थात् हे नवयुवको! तुम इस देश के विकास एवं उद्धार में अपना योगदान दो। तुम यह ध्यानपूर्वक देखो कि आज संसार में क्या हो रहा है।

भावार्थ – नवयुवकों का देश के विकास के लिए प्रेरित किया गया है।

2. जो कुछ पढ़ो तुम कार्य में भी साथ ही परिणत करो,
सब भक्तवर प्रह्लाद की निम्नोक्ति को मन में धरो
“कौमार में ही भागवत धर्माचरण कर लो यहाँ
नर – जन्म दुर्लभ और वह भी अधिक रहता है कहाँ।”

शब्दार्थ

  • परिणत = बदल दो।
  • भक्तवर = श्रेष्ठ भक्त।
  • निम्नोक्ति = नीचे कही गई।
  • धरो = धारण करो।
  • कौमार = कौमार्य, युवावस्था।
  • धर्माचरण = धर्म का आचरण।
  • नर जन्म = मनुष्य जीवन।
  • दुर्लभ = कठिन।

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प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘नवयुवकों के प्रति’ शीर्षक कविता से लिया गया है। इसमें मैथिलीशरण गुप्त ने भक्त श्रेष्ठ प्रह्लाद के सन्देश के द्वारा नवयुवकों को जगाने का प्रयास किया है।

व्याख्या – कवि कहता है कि हे नवयुवको ! तुम अपने जीवन में जो भी पढ़ो, ज्ञान प्राप्त करो उसे कार्य में भी साथ – साथ बदलो। तुम सब अपने मन में श्रेष्ठ भक्त प्रहलाद की उक्ति को धारण करो और अपनी युवावस्था में ही भागवत धर्म का पालन कर लो। मनुष्य जन्म बहुत कठिन है और वह भी बहुत छोटा है।

भावार्थ – मनुष्य जन्म बहुत कठिन है। आप सभी भागवत धर्म का आचरण करो।

3. दो पथ, असंयम और संयम हैं तुम्हें अब सब कहीं।।
पहला अशुभ है, दूसरा शुभ है इसे भूलो नहीं।”
पर मन प्रथम की ओर ही तुम को झुकावेगा अभी,
यदि तुम न सम्भलोगे अभी तो फिर न संभलोगे कभी।

प्रसंग – यह पद्यांश श्री मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित ‘नवयुवकों के प्रति’ नामक कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने नवयुवकों को साहसपूर्वक शुभ कर्म करने की प्रेरणा दी है।

व्याख्या – कवि कहता है कि हे नवयुवको ! जीवन में असंयम और संयम दो रास्ते हैं। यह सच है कि इसमें पहला अशुभ है और दूसरा शुभ है। परन्तु मन तुम्हें अशुभ की ओर ही झुकाएगा अर्थात् तुम्हारा मन अशुभ पथ पर चलकर अशुभ कर्म करने की ओर वहीं दौड़ेगा। यदि अभी तुम नहीं संभलोगे तो जीवन में फिर कभी भी सम्भल नहीं पाओगे। अतः तुम्हें जाग जाना चाहिए।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 नवयुवकों के प्रति

भावार्थ – नवयुवकों को शुभ कर्म करने की प्रेरणा दी है।