PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 5 खुम्बों की काश्त (खेती)

Punjab State Board PSEB 8th Class Agriculture Book Solutions Chapter 5 खुम्बों की काश्त (खेती) Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Agriculture Chapter 5 खुम्बों की काश्त (खेती)

PSEB 8th Class Agriculture Guide खुम्बों की काश्त (खेती) Textbook Questions and Answers

(अ) एक-दो शब्दों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
खुम्बों की दो उन्नत किस्मों के नाम बताएं।
उत्तर-
बटन खुम्ब, पराली खुम्ब, शिटाकी खुम्ब।

प्रश्न 2.
खुम्बें किन रोगों से पीड़ित लोगों के लिए लाभदायक हैं?
उत्तर-
शूगर तथा ब्लड प्रैशर

प्रश्न 3.
सर्द ऋतु की खम्बों की वर्ष में कितनी फसलें प्राप्त की जा सकती हैं?
उत्तर-
बटन खुम्ब की दो, ढींगरी की तीन तथा शिटाकी की एक फसल ली जा सकती है।

प्रश्न 4.
खुम्बों के पालन के लिए बनाई जाने वाली खाद की ढेरियों की ऊंचाई अधिक-से-अधिक कितने फुट रखनी चाहिएं?
उत्तर–
पाँच फुट।

प्रश्न 5.
तैयार खाद को पेटियों में खुम्बें भरते समर गली-सड़ी रूड़ी व रेतीली मिट्टी में क्या अनुपात होता है?
उत्तर-
गले-सडे गोबर की खाद तथा रेतली मिट्टी में 4 : 1 का अनुपात होना चाहिए।

प्रश्न 6.
खुम्बों को मक्खियों से बचाने के लिए किस औषधि का प्रयोग करना चाहिए?
उत्तर-
नूवान (डाइक्लोरोवेस)।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 5 खुम्बों की काश्त (खेती)

प्रश्न 7.
मक्खियों से बचाने के लिये दवाई छिड़कने के कितने घण्टे उपरांत तक खुम्बें नहीं तोड़नी चाहिए?
उत्तर-
48 घण्टे।

प्रश्न 8.
खुम्बें उगाने के लिए प्रति क्यारी कितने बीज की आवश्यकता पड़ती है ?
उत्तर-
300 ग्राम।

प्रश्न 9.
पंजाब में वर्तमान समय में कितनी खुम्बें पैदा हो रही हैं ?
उत्तर-
वार्षिक लगभग 45000-48000 टन

प्रश्न 10.
खाद तैयार करते समय कितनी पल्टियां दी जाती हैं?
उत्तर-
सात।

प्रश्न 11.
बढ़िया खाद तैयार करने की pH कितनी होती है ?
उत्तर-
7.0 से 8.0

(आ) एक-दो वाक्यों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
खुम्बों से कौन-कौन से भोजन तत्त्व प्राप्त होते हैं ?
उत्तर-
कैल्शियम, फॉस्फोरस, लोहा, पोटाश, खनिज पदार्थ तथा विटामिन सी आदि काफ़ी मात्रा में प्राप्त होते हैं।

प्रश्न 2.
खुम्बें पालने के लिए किन वस्तुओं की आवश्यकता होती है?
उत्तर-
भूसा, गेहूँ की छान (चोकर), किसान खाद, युरिया, सुपरफास्फेट, मिऊरेट आफ पोटाश, जिप्सम, गामा बी० सी०-20 ई, फ्यूराडान, सीरा आदि तथा खुम्बों का बीज (स्पान)।

प्रश्न 3.
खुम्बें पालने के लिए खाद की ढेरी को बार-बार मिलाना क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
ऐसा करने से ढेर का बाहर का हिस्सा अंदर और बीच का हिस्सा बाहर आ जाता है। कम्पोस्ट बनाने वाले जीवाणुओं को ताज़ी हवा मिल जाती है तथा अच्छी खाद बन जाती है।

प्रश्न 4.
खुम्बों के लिए तैयार खाद में संशोधन कैसे किया जा सकता है?
उत्तर-
खुम्बों का बीज बोने से पहले तैयार की खाद में बाविस्टन 50% घुलनशील 20 मिलीग्राम प्रतिलीटर के हिसाब से मिला देनी चाहिए। इसके लिए एक क्विंटल खाद में 20 ग्राम बाविस्टन काफ़ी है जो चार पेटियों के लिए पर्याप्त है।

प्रश्न 5.
केसिंग करने का क्या लाभ है ? केसिंग मिट्टी कैसे तैयार की जाती है?
उत्तर-
केसिंग खुम्बों को वातावरण प्रदान करती है। खेत की गली-सड़ी रूड़ी तथा रेतीली मिट्टी को 4:1 के अनुपात में मिलाने से या चावलों की सड़ी हुई भूसी तथा गोबर की सलरी को 1:1 के अनुपात में मिलाने से केसिंग मिश्रण बनाया जाता है।

प्रश्न 6.
पंजाब में कौन-कौन सी खुम्बों की सिफ़ारिश की है? उनके तकनीकी नाम भी लिखें।
उत्तर-
पंजाब के वातावरण में खुम्बों की पाँच किस्मों की कृषि की जाती है।
यह किस्में हैं-बटन खुम्ब (Button Mushroom), ढींगरी खुम्ब (Oyster Mushroom), शिटाकी (Shitake), पराली खुम्ब (Chinese Mushroom) तथा मिल्की खुम्ब (Milky Mashroom)

प्रश्न 7.
खाद तैयार करने के लिए पल्टियों का विवरण देते हुए बतलाएं कि इसके लिए क्या कुछ चाहिए?
उत्तर-
खाद तैयार करने के लिए निम्नलिखित अनुसार पल्टियां दी जाती हैं—

पलटना ढेर लगाने से तत्त्व मिलाना कितने दिन बाद तत्व मिलाना
पहली बार 4 सीरा
दूसरी बार 8
तीसरी बार 12 जिप्सम
चौथी बार 15
पांचवीं बार 18 फूराडान
छठी बार 21
सातवीं बार 24 गामा बी० एच० सी०

इस प्रकार सात बार पलटियां दी जाती हैं। पहले 4-4 दिन के बाद तीन बार तथा फिर 3-3 दिनों के बाद। इसके लिए सीरा, जिप्सम, फुराडान, गामा वी० एच०. सी० की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 8.
केसिंग मिश्रण को विषाणु रहित करने का ढंग लिखें।
उत्तर-
रेत तथा गली-सड़ी रूड़ी की खाद को गीला करके इसके ऊपर 4-5% फार्मलीन का छिड़काव किया जाता है। प्रति क्विंटल मिट्टी के हिसाब से इसमें 20 ग्राम फुराडान डाल दिया जाता है तथा 48 घण्टों के लिए इसको तिरपाल या बोरी से ढक दिया जाता है। प्रयोग से पहले हिला कर फार्मालीन को उड़ा दिया जाता है। इस तरह केसिंग मिश्रण जर्म रहित हो जाता है।

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प्रश्न 9.
खुम्बों की कृषि के लिए बढ़िया खाद की पहचान कैसे की जाती है?
उत्तर-
खाद की पहचान उसके रंग, गंध तथा नमी से की जाती है। इसका रंग काला भूरा हो जाता है तथा अमोनिया की गंध आनी बंद हो जाती है तथा इसमें 65-72% नमी होती है तथा इसकी पी० एच० का मूल्य 7.0 से 8.0 होता है। इस तरह खाद तैयार होती है।

प्रश्न 10.
एक वर्ग मीटर में खुम्बों की कितनी उपज प्राप्त की जाती है?
उत्तर-
एक वर्ग मीटर में से 8-12 किलो खुम्ब का उत्पादन मिल जाता है।

(इ) पाँच-छ: वाक्यों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
खुम्बों का हमारे भोजन में क्या महत्त्व है?
उत्तर-
खुम्बें सारी दुनिया में भोजन के रूप में प्रयोग की जाती हैं। इसमें भोज्य तत्त्व ज्यादा मात्रा में होने के कारण यह शरीर को हृष्ट-पुष्ट रखने में सहायक होती है। खुम्बों में प्रोटीन बहुत ज़्यादा मात्रा में होती है, जो आसानी से हज्म हो जाती है। इसके अतिरिक्त इसमें पोटाश, कैल्शियम, लोहा, फॉस्फोरस, खनिज पदार्थ तथा विटामिन सी० भी भरपूर मात्रा में होते हैं। इनमें कार्बोहाइड्रेट तथा चिकनाहट की मात्रा कम होती है। इसलिए शूगर तथा ब्लडप्रैशर के मरीजों के लिए खुम्बें काफ़ी लाभदायक हैं।

प्रश्न 2.
सर्द ऋतु की खुम्बों को उगाने के लिए खाद की ढेरी बनाने की विधि बताएं।
उत्तर-
भूसे को पक्के फर्श पर बिछाकर इस पर पानी छिड़क दें तथा 48 घण्टे तक भूसे को खुले ढेर की तरह पड़ी रहने दें। साफ़ की गई खादों का बुरादा मिलाकर थोड़ा गीला कर दें। 24 घण्टे बाद इसे गीली भूसे पर मिश्रित छान बिखेर दें। इस मिश्रण को इकट्ठा करके लकड़ी के तख्तों की सहायता से 5 × 5 × 5 फुट, ऊंचे, लंबे व चौड़े ढेर बनाएं। इन ढेरों की ऊंचाई और चौड़ाई 5 फुट से अधिक नहीं होनी चाहिए।

प्रश्न 3.
खुम्बों (मशरूम) के मंडीकरण (विपणन) से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
खुम्बों को काटकर या खींचकर न तोड़ें। परन्तु खुम्ब को अंगुलियों के बीच लेकर धीरे से मरोड़ें तथा दिन में एक बार खुलने से पहले ज़रूर तोड़ लें। ऐसा करते समय छोटी-छोटी बटन खुम्बों को कोई नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। खुम्ब को तोड़ने के दौरान उसकी डंडी के मिट्टी वाले हिस्से को काटकर साफ़ कर दें।
इन तोड़ी खुम्बों को बारीक छिद्र वाले प्लास्टिक के लिफाफों में पैक करें। हर लिफाफे में 250 ग्राम ताज़ी खुम्ब भरें। इन खुम्बों को मंडी में बेचने के लिए भेजा जाता है। खुम्बों को धूप तथा छाया में प्राकृतिक ढंग से सुखाकर बे-मौसमी बिक्री के लिए स्टोर करके रख लें।

प्रश्न 4.
खुम्बों का बीज (Spawn) क्या होता है और बोआई पेटियों में कैसे की जाती है?
उत्तर-
पेटियों को ढंग से लगाना-पेटियों को एक-दूसरी पर टिकाकर खेती का क्षेत्र बढ़ाया जा सकता है। पंक्तियों में रखी पेटियों का अन्तर 2-2 फुट तथा पेटियों में ऊपर-नीचे रखी ट्रेओं में फासला 1 फुट होना चाहिए। ऐसा करते समय छोटी-छोटी बटन खुम्बों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। निकालने के बाद खुम्बों की डंडी का मिट्टी वाला भाग काट देना चाहिए तथा साफ़ कर लेना चाहिए।
PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 5 खुम्बों की काश्त (खेती) 1
चित्र-वटन मशरूम

प्रश्न 5.
‘बटन मशरूम’ की कृषि के लिए कौन-कौन से पड़ाव हैं उनके विषय में लिखें।
उत्तर-
बटन खुम्ब की खेती के पड़ाव—

1. खाद की तैयारी के लिए वस्तुएं-भूसा 300 किलो, गेहूँ का चोकर 15 किलोग्राम, किसान खाद 9 किलोग्राम, यूरिया, सुपरफास्फेट, म्यूरेट आफ पोटाश तीनों खाद 3-3 किलोग्राम प्रत्येक, जिपस्म 30 किलोग्राम, गामा वी० सी० 20 ई 60 मिलीलीटर, सीरा 5 किलोग्राम, फूराडान 3 जी 150 ग्राम।।

2. ढेरी बनाना-भूसे को पक्के फर्श पर बिछाकर इस पर पानी छिड़क दें तथा 48 घण्टे तक भूसे को खुले ढेर की तरह पड़ी रहने दें। साफ़ की गई खादों का बुरादा मिलाकर थोड़ा गीला कर दें। 24 घण्टे बाद इसे गीली भूसे पर मिश्रित छान बिखेर दें। इस मिश्रण को इकट्ठा करके लकड़ी के तख्तों की सहायता से 5 × 5 × 5 फुट, ऊंचे, लंबे व चौड़े ढेर बनाएं। इन ढेरों की ऊंचाई और चौड़ाई 5 फुट से अधिक नहीं होनी चाहिए।

3. खाद के ढेरों को हिलाना-ढेर को मिलाने के लिए हर बार ऊपरी सिरे से चारों तरफ कुछ पानी छिड़का कर अच्छी तरह मिलाएं तथा कुछ और पानी डाल दें। इससे ढेर का बाहर का हिस्सा अंदर तथा बीच का हिस्सा बाहर आ जाएगा। कम्पोस्ट बनाने वाले जीवाणुओं को भी ताजा हवा मिल जाती है। हर बार ढेर को दोबारा बनाने के लिए इस ढंग का प्रयोग करें। ढेर को तीन बार हर चौथे दिन हिलाकर इसमें सीरा, जिप्सम, फ्यूराडान तथा गामा वी० एच० सी० को क्रमवार पहली, तीसरी, पाँचवीं तथा सातवीं बार हिलाने पर मिला दें। 24 दिन बाद 300 किलोग्राम भूसे से पूरी तरह तैयार की गई यह खाद 100 × 150 × 18 सें० मी० आकार की 20-25 पेटियां भरने के लिए काफ़ी है। जब खाद का रंग काला-भूरा हो जाए तथा अमोनिया की बदबू आनी बंद हो जाए तब इसमें 65-72% नमी होती है और खाद तैयार हो जाती है। पी० एच० 7.0 से 8.0 होती है।

4. खाद की सुधाई-खुम्बों का बीज बोने से पहले तैयार की गई खाद में बाविस्टन 50% घुलनशील 20 मिग्रा० प्रति लिटर के हिसाब से मिला देनी चाहिए। इसलिए एक क्विटल खाद में 20 ग्राम बाविस्टन का बुरादा काफ़ी है जो चार पेटियों के लिए काफ़ी है।

5. पेटियां भरना तथा खम्बें बोना-खाद के ढेर को बिखेर कर कुछ देर के लिए ठंडा होने दें, खुम्बों के बीज (स्पान) को बोतलों से निकालें तथा दो परतों में खुम्बें बोने वाले ढंग का प्रयोग करते हुए खाद पर बीज बिखेर कर पेटियों में बीज दें। फिर इस पर खाद की मोटी परत डालें तथा बाकी हिस्सा इस पर बिखेर कर खाद में मिला देना चाहिए। पेटियों पर गीला अखबार और कागज़ रख देना चाहिए। 2-3 सप्ताह के अन्दर खुम्बों के बीज से कपास की पेटियों जैसे सफेद रेशों से 80-100% पेटियां भर जाती हैं।

6. पेटियां मिट्टी से ढकना-बाद में 80-100% (माइसीलियम) से भरी ट्रे को 4 : 1 के अनुपात वाले खाद तथा रेतली मिट्टी या 1 : 1 अनुपात वाले चावलों की सड़ी हुई भुसी
और गोबर गैस की सलरी के मिश्रण से एकसार ढक देना चाहिए। इस मिश्रण को केसिंग मिश्रण कहते हैं । ढकने से पहले इसे 4-5% फार्मलीन के घोल से रोग रहित करें।

7. केसिंग मिश्रण को कीटाणु रहित करना-रेत मिली गली-सड़ी गोबर की खाद को गीला कर दें। इस पर 4-5% फार्मलीन का छिड़काव करें। प्रति क्विंटल केसिंग मिट्टी के हिसाब में 20 ग्राम फ्यूराडान डालें। बाद में इसे तिरपाल या बोरियों में 48 घण्टों के लिए ढक दें ताकि फार्मलीन अच्छी तरह उड़ जाए।

8. ट्रे को ढांपने का ढंग-खुम्बों के बीज बोने के 2-3 सप्ताह के बाद पेटियों से अख़बार के कागज़ उतार देने चाहिएं तथा माइसीलियम से भरी खाद को एक से डेढ़ इंच मोटी रोग रहित की गई मिट्टी की तह से ढक देना चाहिए।

9. पेटियों को ढंग से लगाना-पेटियों को एक-दूसरी पर टिकाकर खेती का क्षेत्र बढ़ाया जा सकता है। पंक्तियों में रखी पेटियों का अन्तर 2-2 फुट तथा पेटियों में ऊपर-नीचे रखी ट्रेओं में फासला 1 फुट होना चाहिए। ऐसा करते समय छोटी-छोटी बटन खुम्बों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। निकालने के बाद खुम्बों की डंडी का मिट्टी वाला भाग काट देना चाहिए तथा साफ़ कर लेना चाहिए।
PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 5 खुम्बों की काश्त (खेती) 1
चित्र-वटन मशरूम

  1. खुम्ब का उगना-पेटियों को मिट्टी से ढकने से 2-3 सप्ताह बाद खुम्ब निकलने लगती हैं तथा 2-3 दिन में तोड़ने के लिए तैयार हो जाती है।
  2. उत्पादन-एक वर्गमीटर स्थान से एक मौसम में लगभग 8-12 किलोग्राम ताज़ी खुम्बें प्राप्त हो जाती हैं।

Agriculture Guide for Class 8 PSEB खुम्बों की काश्त (खेती) Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
दो-तीन सप्ताह में खुम्बों के बीज तैयार माइसीलियम से कितने फीसदी ढेर भर जाते हैं?
उत्तर-
80-100 प्रतिशत

प्रश्न 2.
लिफाफों में कितनी खुम्बें डालकर बेचने के लिए भरी जा सकती हैं ?
उत्तर-
250 ग्राम।

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प्रश्न 3.
खुम्बों के बीजों को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
खुम्बों के बीजों को स्पान कहते हैं।

प्रश्न 4.
खुम्बों में कौन-से खुराकी तत्त्व कम मात्रा में होते हैं?
उत्तर-
खुम्बों में कार्बोहाइड्रेट्स तथा चिकनाहट कम मात्रा में होती है।

प्रश्न 5.
गर्मी के मौसम में बोयी जाने वाली खुम्बों की कौन-सी किस्म तथा उनकी कितनी फसलें ली जा सकती हैं?
उत्तर-
गर्मी के मौसम में बोयी जाने वाली किस्म पराली वाली खुम्ब है। इससे चार फसलें ली जाती हैं।

प्रश्न 6.
तीन सौ किलो भूसे से तैयार खाद कितनी पेटियों के लिए काफ़ी है?
उत्तर-
100 × 150 × 18 सेमी० आकार की 20-25 पेटियों के लिए यह खाद काफ़ी है।

प्रश्न 7.
तैयार हो चुकी खाद की पहचान क्या है?
उत्तर-
जब खाद का रंग काला-भूरा हो जाए तथा अमोनियम की बदबू खत्म हो जाए तब खाद तैयार होती है।

प्रश्न 8.
किसी एक रोग का नाम बताएं जिसके लिए खुम्बें लाभदायक हैं।
उत्तर-
ब्लॅड प्रैशर।

प्रश्न 9.
सर्दियों में खुम्बों की कितनी फसलें ले सकते हैं ?
उत्तर-
सर्दियों में सफ़ेद बटन खुम्बों की दो फसलें ले सकते हैं।

प्रश्न 10.
सर्दियों में खुम्बों की फसलें कब बोयी जाती हैं ?
उत्तर-
सर्दियों में खुम्बें अक्तूबर से अप्रैल तक बोयी जाती हैं।

प्रश्न 11.
खुम्बों के लिए खाद मिलाकर तैयार करने के लिए कौन-से पदार्थ चाहिए?
उत्तर-
सीरा, जिप्सम, फ्यूराडान, गामा तथा बी० एच० सी० आदि पदार्थों की ज़रूरत है |

प्रश्न 12.
एक वर्गमीटर के लिए कितने बीजों की आवश्यकता है?
उत्तर-
एक वर्गमीटर के लिए 300 ग्राम बीजों की आवश्यकता है।

प्रश्न 13.
एक वर्गमीटर में खुम्बों का कितना उत्पादन हो सकता है ?
उत्तर-
एक वर्गमीटर स्थान में एक मौसम में 8-12 किलोग्राम ताजी खुम्बों का उत्पादन प्राप्त हो जाता है।

प्रश्न 14.
गर्मी में मिल्की खुम्बों की कितनी फसलें हो सकती हैं?
उत्तर-
गर्मियों में मिल्की खुम्बों की तीन फसलें हो सकती हैं।

प्रश्न 15.
पंजाब में खुम्बों की खेती कितने स्थानों पर की जाती है?
उत्तर-
400 स्थानों पर।

प्रश्न 16.
बटन खुम्ब की फसलें लेने का समय बताओ।
उत्तर-
सितम्बर से मार्च तक दो फसलें।

प्रश्न 17.
ढींगरी की फसल लेने का समय बताओ।
उत्तर-
अक्तूबर से मार्च तक तीन फसलें।

प्रश्न 18.
शिटाकी खुम्ब लेने का समय बताओ।
उत्तर-
शिटाकी की एक फसल सितम्बर से मार्च तक।

प्रश्न 19.
पंजाब में कौन-सी खुम्ब की खेती सब से अधिक की जाती है?
उत्तर-
बटन खुम्ब की।

प्रश्न 20.
तीन क्विटल रूड़ी खाद के लिए खुम्ब का कितना बीज चाहिए?
उत्तर-
3 किलो स्पान।

प्रश्न 21.
खुम्ब के बीज कहां से प्राप्त किए जा सकते हैं ?
उत्तर-
पंजाब एग्रीकल्चरल यूनीवर्सिटी के माइक्रो बायलोजी विभाग से।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
खुम्बों की खेती के समय बीज को पेटियों में कैसे भरा जाता है?
उत्तर-
खाद के ढेर को हिलाकर कुछ समय के लिए ठंडा होने दें। खुम्बों (स्पान) को बोतलों से निकालें तथा तहों में खुम्बें बोने वाले ढंग का प्रयोग करने पर बीज बिखेर कर पेटियों में बो दें। फिर इस पर खाद की मोटी परत डालें तथा शेष भाग इसमें बिखेर कर खाद में मिला देना चाहिए। पेटियों पर गीला अख़बार, कागज़ रख देना चाहिए।

प्रश्न 2.
ढींगरी की खेती के लिए लिफाफे भरने की क्या विधि है?
उत्तर-
लिफाफों को 3 इंच तक भूसे से भर लें तथा इस पर चुटकी जितना खुम्ब बीज बिखेर दें। फिर इस पर 2-2 इंच भुसा और डाल दें तथा खुम्बों का बीज बिखेर दें तथा लिफाफे पूरी तरह से भर लें। लिफाफे के मुँह को किसी पतली रस्सी से बांध देना चाहिए तथा निचले कोनों में कट लगा दें ताकि वायु और पानी बाहर निकल जाए। इन लिफाफों को अच्छी रोशनी वाले कमरे में रखें। 3-4 सप्ताह बाद जब छोटी खुम्बों में अंकुरण दिखाई दे तो प्लास्टिक के लिफाफे काट दें तथा पानी डाल दें ताकि भुसा गीला रहे।

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प्रश्न 3.
खुम्बें तोड़ते हुए किस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-
खुम्बों को काटकर या खींचकर न तोड़ें। परन्तु खुम्ब को अंगुलियों के बीच लेकर धीरे-धीरे मरोड़ें तथा दिन में एक बार खुलने से पहले ज़रूर तोड़ लें।

प्रश्न 4.
खुम्बों को कौन-सा कीट हानि पहुंचाता है ? इससे बचाव की विधि बताएं।
उत्तर-
खुम्बों की मवखी इसे नुकसान पहुंचाती है। जब खुम्बों की मक्खियां खुम्ब घर की खिड़कियों के शीशे, दीवार या छतों पर नज़र आने लग जाएं तो 30 मिलीलिटर नूवान (डाइक्लोरोवेस) 100 ई०सी० (डब्ल्यू० पी०) 100 घन मीटर स्थान पर छिड़काव करें। इसके बाद दरवाजे व खिड़कियां दो घण्टों के लिए बंद कर दें तथा छिड़काव के 48 घण्टे बाद तक खुम्बें नहीं तोड़नी चाहिएं। क्यारियों में सीधा छिड़काव न करें।

प्रश्न 5.
फसल के क्षेत्र में वृद्धि करने के लिए क्या किया जाता है ?
उत्तर-
पेटियों को एक-दूसरे के ऊपर टिकाकर खेती का क्षेत्र बढ़ाया जा सकता है। पंक्तियों में रखी पेटियों का अन्तर 2-2 फुट होना चाहिए तथा पेटियों में ऊपर-नीचे रखी ट्रे का अन्तर एक फुट होना चाहिए।

बड़े उत्तर वाला प्रश्न

प्रश्न-
पराली वाली खुम्बें कैसे उगाई जाती हैं ?
उत्तर-

  1. ज़रूरी वस्तुएं-ताज़ी पराली (एक साल से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए), बांस की छड़ियां तथा खुम्बों का बीज स्पान।
  2. ढंग-सूखी पराली की 1-1.5 किलोग्राम भार की पूलियां बना लेनी चाहिएं। इनके दोनों सिरों को बांध दें तथा बढ़े हुए भाग को काटकर बराबर कर दें। पराली की पूलियों को 16 से 20 घण्टों तक साफ़ पानी में भिगो कर रखें। पूलियों को ढलान वाले स्थान पर रखें ताकि हवा, पानी निकल जाए। खुम्ब घर में एक फुट दूरी पर रखी बांस की छड़ियों पर पांच पूलियों की पहली तह पर खुम्बों का बीज चुटकियों से बिखेर दें। इस तरह 22 पूलियों से एक वर्ग मीटर की एक क्यारी बन जाती है। फसलों के लिए स्थान बढ़ाने के लिए एक दूसरी पर भी क्यारियों बनाई जा सकती हैं। एक क्यारी के लिए 300 ग्राम बीज काफ़ी है।
  3. बीज बिखेरना-एक क्यारी के लिए 300 ग्राम बीज की ज़रूरत होती है। हर तह में एक सार बीज डालने चाहिएं।
  4. सिंचाई-बिजाई से 2-3 दिन बाद पानी डालना शुरू कर देना चाहिए। कमरों में हवा का आना ज़रूरी नहीं है, परन्तु बाद में खुली हवा की ज़रूरत होती है।
  5. खुम्बों का उगाना-बीज डालने के 7-9 दिन बाद खुम्बों के छोटे-छोटे दाने दिखाई देने लग जाते हैं। दसवें दिन यह तोड़ने योग्य हो जाते हैं। यह चार चक्करों में 15-20 दिन तक अंकुरित होती रहती हैं। इस मौसम की खुम्बों की एक महीने में एक बार फसल ली जा सकती है। इस तरह आखिरी अप्रैल से अगस्त तक चार फसलें प्राप्त हो जाती हैं।
  6. लिफाफों में डालना-मंडी भेजने से पहले छोटे-छोटे छिद्र वाले हर लिफाफे में 200 ग्राम खुम्बें डालकर लिफाफे बंद कर लें। इस मौसम की खुम्बों को धूप या छाया में रखकर प्रकृति रूप से भी सुखाया जा सकता है।
  7. उत्पादन-22 किलोग्राम सूखी पराली की एक क्यारी में बताए गए समय दौरान 2.5-3 किलोग्राम ताज़ी खुम्बें मिल जाती हैं।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

ठीक/गलत

  1. खम्बें उगाने के लिए प्रति क्यारी 300 ग्राम बीज की आवश्यकता है।
  2. अच्छी खाद तैयार करने के लिए pH का मान 7.0 से 8.0 होना चाहिए ।
  3. सर्दी ऋतु की बटन खुम्बों की सिंतबर से मार्च तक दो फसलें प्राप्त हो जाती

उत्तर-

बहुविकल्पीय

प्रश्न 1.
खुम्बों की किस्म है
(क) बटन खुम्ब
(ख) पराली खुम्ब
(ग) शिटाकी खुम्ब
(घ) सभी ठीक
उत्तर-
(घ) सभी ठीक

प्रश्न 2.
खाद तैयार करने के लिए कौन-से तत्त्व मिलाये जाते हैं ?
(क) सीरा
(ख) जिप्सम
(ग) फूराडान
(घ) सभी ठीक
उत्तर-
(घ) सभी ठीक

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प्रश्न 3.
प्लास्टिक के लिफाफों में कितनी खुम्बें भरी जाती हैं. ?
(क) 50 ग्राम
(ख) 250 ग्राम
(ग) 500 ग्राम
(घ) 100 ग्राम।
उत्तर-
(ख) 250 ग्राम

रिक्त स्थान भरें

  1. खुम्बों को मक्खियों से बचाव के लिए …………… का छिड़काव किया जाता
  2. खुम्बों के बीज को ………… कहते हैं।

उत्तर-

  1. नूवान,
  2. स्पान

खुम्बों की काश्त (खेती) PSEB 8th Class Agriculture Notes

  • पंजाब में खुम्बों की खेती लगभग 400 स्थानों पर की जाती है।
  • पंजाब में वार्षिक कुल 45000-48000 टन ताज़ी खुम्बें पैदा की जाती हैं।
  • खुम्बों में कई खुराकी तत्त्व होते हैं; जैसे-प्रोटीन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, लोहा, पोटाश, खनिज पदार्थ तथा विटामिन-सी।
  • इसमें कार्बोहाइड्रेट्स तथा चिकनाई की मात्रा कम होती है। इसलिए ब्लड प्रैशर तथा शूगर के मरीजों के लिए खुम्बें लाभदायक हैं।
  • पंजाब के वातावरण अनुसार खुम्बों की पांच किस्में हैं-बटन खुम्ब, ढींगरी खुम्ब, शिटाकी खुम्ब, पराली खुम्ब मिल्की खुम्ब।
  • शीत ऋतु की बटन खुम्बों से सितम्बर से मार्च तक दो फसलें प्राप्त की जा सकती हैं।
  • ढींगरी की तीन फसलें अक्तूबर से मार्च तक तथा शिटाकी की एक फसल सितम्बर से मार्च तक ली जा सकती है।
  • खाद के ढेर को हर चौथे दिन हिलाएं तथा इसमें सीरा, जिप्सम, लिंडेन व फूराडान की धूल क्रमवार पहली, तीसरी, पांचवीं, छठी तथा सातवीं बार हिलाने पर मिलाएं।
  • एक वर्गमोटर स्थान के लिए 300 ग्राम बीज का प्रयोग करना चाहिए।
  • गर्म ऋतु की पराली खुम्ब की अप्रैल से अगस्त तक चार फसलें तथा मिल्की खुाब की अप्रैल से अक्तूबर तक तीन फसलें ली जा सकती हैं।
  • खेत की गली-सड़ी रूड़ी तथा रेतीली मिट्टी को 4:1 के अनुपात में मिलाने से या चावलों की सड़ी हुई भूसी तथा गोबर की सलरी को 1:? के अनुगत में मिलाने से केसिंग मिश्रण बनाया जाता है।
  • केसिंग मिश्रण को कीटाणु रहित करने के लिए 4-5% फार्मली छिडकाव करें।
  • खुम्बों का मक्खियों से बचाव के लिए नूवान (डाइक्लोरोले) का छिड़काव करें तथा छिड़काव के 48 घंटे बाद तक खुम्बें न तोड़ें।
  • खुम्बों के बीज को स्पान कहते हैं।
  • दो-तीन सप्ताह में खुम्बों के बीज से तैयार कपास के कोपलों जैसे सफ़ेद रेशे (माइसीलियम) से 80-100 प्रतिशत तक पेरी भर जाती है।
  • एक वर्ग मीटर से 8-12 किलो खुम्भ मिल जाती है।
  • बारीक छेद वाले प्लास्टिक के लिफाफों में 250 ग्राम ताज़ी खुम्बें भरनी चाहिएं।
  • प्रति किलोग्राम के लिए बटन खुम्ब उगाने का खर्चा 38.44 रुपए तथी ढींगरी खुम्ब उगाने के लिए 31.84 रुपए खर्चा आता है।

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