PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 3 भोजन की सम्भाल

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Chapter 3 भोजन की सम्भाल Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Home Science Chapter 3 भोजन की सम्भाल

PSEB 8th Class Home Science Guide भोजन की सम्भाल Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
बैक्टीरिया भोजन को कैसा बना देता है?
उत्तर-
बैक्टीरिया भोजन को कड़वा और ज़हरीला बना देता है।

प्रश्न 2.
फफूंदी कौन-से खाद्य पदार्थों को लगती है ?
उत्तर-
फफूंदी नमी वाले भोज्य पदार्थों में लगती है।

प्रश्न 3.
ताप को बढ़ाकर खाद्य-पदार्थों को सुरक्षित रखने की किसी एक विधि का नाम लिखें।
उत्तर-

  1. पास्चुरीकरण, तथा
  2. अनुर्वरीकरण (स्टेरीलाइजेशन)

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प्रश्न 4.
मक्खन और घी को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है?
उत्तर-
मक्खन, घी की खटाई दूर करके, ठण्डी जगह में रखना चाहिए।

लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
मांस, मछली, सब्जियों को फलों की टोकरी में डालकर ज़मीन पर क्यों नहीं रखना चाहिए? इन्हें धोकर क्यों प्रयोग करना चाहिए?
उत्तर-
मांस, मछली, सब्जियों को फलों की टोकरी में डालकर ज़मीन पर नहीं रखना चाहिए क्योंकि रोग के कीटाणु इन पर बहुत जल्दी हमला करते हैं और अपने प्रभाव से इनको हानिकारक बना देते हैं। इनको धोकर प्रयोग में लाना चाहिए क्योंकि बिना धोए मांस, मछली, सब्जियाँ और फल खाने से कई बार कीड़े हमारे शरीर में पहुँच जाते हैं और इससे हैजा, टाइफाइड और पेचिश जैसी बीमारियाँ हो जाती हैं।

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प्रश्न 2.
दूध बीमारियाँ कैसे फैलाता है और उनसे कैसे बचाव किया जा सकता है?
उत्तर-
दूध बीमारियाँ बैक्टीरिया से फैलाता है जिससे पेचिश, टाइफाइड आदि रोग .फैलने का खतरा रहता है।
बचाव-

  1. दूध को एक मिनट तक उबालकर बैक्टीरिया को मार देना चाहिए।
  2. उबलने के बाद दूध को छान लेना चाहिए।
  3. उबलने के बाद सघन जाली या मलमल के कपड़े से ढक देना चाहिए ताकि मिट्टी या मक्खी से बचाया जा सके।

प्रश्न 3.
फ्रिज़ के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
फ्रिज़ से निम्नलिखित लाभ हैं-

  1. यह कच्ची-पक्की सब्जी, दूध, दही, मक्खन, पनीर, अण्डा, मांस, मछली और फलों को सुरक्षित रखते हैं।
  2. गर्मी से खराब होने वाले पदार्थ इसमें रखे जाते हैं।
  3. इसमें भोज्य पदार्थ ठंडे रहते हैं।
  4. भोजन फ्रिज में रखने से फफूंदी नहीं होती।

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प्रश्न 4.
भोजन की नमी दूर करने से वह कैसे सुरक्षित हो जाते हैं ?
उत्तर-
नमी वाले भोजनों में फफूंदी लग जाती है उसमें खमीर उठ जाता है। इसलिए भोजन को सुरक्षित रखने के लिए भोजन की नमी दूर कर दी जाती है, जिससे भोजन सुरक्षित हो जाता है।

प्रश्न 5.
खाद्य पदार्थों की खुशबू तेज़ करने से वे कैसे सुरक्षित हो जाते हैं ?
उत्तर-
खाद्य पदार्थों की खुशबू तेज़ करने से फफूंदी, खमीर और बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं, जिससे खाद्य पदार्थ सुरक्षित हो जाते हैं।

प्रश्न 6.
कम तापमान या फ्रिज़ आदि के प्रयोग से भोजन पदार्थ कैसे सुरक्षित हो जाते हैं ?
उत्तर-
कम तापमान या फ्रिज़ आदि के प्रयोग से भोजन में बैक्टीरिया उत्पन्न नहीं हो पाते हैं जिससे भोजन पदार्थ सुरक्षित हो जाते हैं।

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प्रश्न 7.
कच्चा दूध जल्दी खराब हो जाता है जबकि उबाला हुआ देर से क्यों?
उत्तर-
कच्चे दूध में बैक्टीरिया जल्दी उत्पन्न हो जाता है जिससे दूध शीघ्र खराब हो जाता है, जबकि उबले हुए दूध में बैक्टीरिया नष्ट हो जाता है इसलिए वह देरी से खराब होता है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भोजन खराब होने के क्या कारण हैं ?
अथवा
भोजन खराब होने के कोई तीन कारण लिखिए।
उत्तर-
(1) सूक्ष्म जीव-जीवाणु, फफूंद तथा कवक।
(2) अवयव।
(3) भोजन के अंश।
PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 3 भोजन की सम्भाल 1
चित्र 3.1 खमीर फफूंदी तथा कीटाणु भोजन खराब करने वाले तत्त्व

  1. जीवाणु-ये मांस, अण्डे, मछली एवं दूध को खराब कर देते हैं।
  2. फफूंद-ये गर्म एवं नम मौसम से मुरब्बे आदि पर भूरी सी रोंएदार तह बना देते हैं।
  3. खमीर-यह शर्करा युक्त पदार्थों को खराब करते हैं।
  4. अवयव-सूक्ष्म जीवों के साथ-साथ ये सब्जियों, फलों तथा अन्य भोज्य पदार्थों को सड़ा देते हैं।
  5. भोजन के अंश-कई परिस्थितियों में फलों तथा सब्जियों की रासायनिक रचना भी उनमें सड़न का कारण बनती है।

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प्रश्न 2.
भोजन को ठीक ढंग से संग्रह करने के घरेलू तरीके बताओ।
उत्तर-
भोजन को ठीक ढंग से संग्रह करने के घरेलू तरीके निम्नलिखित हैं-
1. दूध-दूध में बैक्टीरिया जल्दी हो जाती है। इससे पेचिश, टाइफाइड आदि फैलने का खतरा रहता है। इसलिए दूध को एक मिनट तक उबालकर बैक्टीरिया मार देते हैं। उबालने से पहले दूध छान लेना चाहिए। उबलने के बाद सघन जाली या मलमल के कपड़े से ढाँप देना चाहिए ताकि मिट्टी या मक्खी से बचाया जा सके।

2. मक्खन और घी-मक्खन और घी में से खटाई निकाल लेनी चाहिए और गीली मलमल से ढककर रखना चाहिए ताकि ये ठंडा रहकर सुरक्षित रह सकें। कीड़े-मकोड़ों से बचाने के लिए पानी के बर्तन में मक्खन तथा शहद को भी जाली में रखना चाहिए।

3. सब्ज़ियाँ और फल-बिना धोए सब्जियाँ और फल खाने से कई बार कीड़े हमारे शरीर में पहुंच जाते हैं। इसलिए सब्जी को कच्चा खाना हो या पत्तेदार सब्जियों का सलाद के रूप में इस्तेमाल करना हो तो हमेशा लाल दवाई से धोकर खानी चाहिए। पानी इतना लेना चाहिए कि सब्जी अच्छी तरह डूब जाए। दो किलो पानी में चुटकी भर दवाई काफ़ी होती है। खास कर हैज़ा, टाइफाइट और पेचिश की बीमारियों के मौसम में लाल दवाई का इस्तेमाल अवश्य करना चाहिए।

4. अनाज और दालें-अनाज की बोरी या टीन के बड़े बर्तन में डालकर उसको अच्छी तरह बन्द कर देना चाहिए। गेहूँ भरते समय मेथी या नीम के पत्ते सुखाकर तथा पीसकर बीच में मिला देने चाहिए और बोरी के आस-पास भूसा डाल देना चाहिए। अगर गेहूँ अधिक समय के लिए रखनी हो तो डी० टी० टी० के कपड़े की पोटली में बांधकर गेहूँ के बीच में रखना चाहिए। दालों को समय-समय पर धूप में सुखा देना चाहिए।

5. मांस और मछली-मांस और मछली पर रोग के कीटाणु बहुत जल्दी हमला करते हैं और अपने प्रभाव से इसको हानिकारक बना देते हैं। इनको छोटे लटकाने वाले बर्तनों में रखकर ठंडी जगह पर लटकाना चाहिए।

प्रश्न 3.
भोजन को सुरक्षित रखने के सिद्धान्तों के बारे में बताओ।
अथवा
भोजन को सुरक्षित रखने के किन्हीं तीन सिद्धान्तों के बारे में लिखें।
उत्तर-
भोजन को सुरक्षित रखने के निम्नलिखित सिद्धान्त हैं-
1. फफूंदी, खमीर और बैक्टीरिया को रोकने के लिए पदार्थों की खुशबू तेज़ कर लेनी चाहिए। इसलिए आचार में मसाले डाले जाते हैं। तेल, सिरका, चीनी, शक्कर और नमक इस काम के लिए इस्तेमाल में लाए जाते हैं।

2. भोजन को सुरक्षित करने के लिए भोजन की नमी दूर करनी चाहिए। सब्ज़ियाँ और फल अच्छी तरह सुखाकर ही इकट्ठे करने चाहिएँ। दालों और अनाज को भी समयसमय पर धूप और हवा लगवा लेना चाहिए।

3. बैक्टीरिया उस भोजन में होते हैं जिसका तापमान शारीरिक खून के तापमान के बराबर होता है। इसलिए भोजन का तापमान बढ़ा देना चाहिए या कम कर देना चाहिए। इसलिए उबला हुआ दूध कच्चे दूध से अधिक सुरक्षित रहता है। अगर भोजन को 0°C तापमान में रखा जाए तो बैक्टीरिया बढ़ नहीं पाते हैं।

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Home Science Guide for Class 8 PSEB भोजन की सम्भाल Important Questions and Answers

I. बहुविकल्पी प्रश्न

प्रश्न 1.
कौन-सा तथ्य ठीक है ?
(क) भोजन फ्रिज में रखने से उल्ली नहीं लगती
(ख) दूध उबालने से बैक्टीरिया मर जाते हैं
(ग) उल्ली नमी वाले पदार्थ में लगती है
(घ) सभी ठीक
उत्तर-
(घ) सभी ठीक

प्रश्न 2.
जीवाणु भोजन को कैसा बना देते हैं ?
(क) मीठा
(ख) स्वाद
(ग) कड़वा तथा ज़हरीला
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) कड़वा तथा ज़हरीला

प्रश्न 3.
भोजन खराब करने वाले जीवाणुओं के लिए उचित तापमान है-
(क) 30-40°C
(ख) 0-5°C
(ग) 70-80°C
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(क) 30-40°C

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प्रश्न 4.
भोजन पदार्थों को सुरक्षित रखने के लिए पदार्थ हैं
(क) नमक
(ख) चीनी
(ग) सिरका
(घ) सभी ठीक
उत्तर-
(घ) सभी ठीक

प्रश्न 5.
निम्न में ग़लत तथ्य है
(क) खमीर शक्कर वाले पदार्थों को खराब करते हैं
(ख) कच्चा दूध लम्बे समय तक खराब नहीं होता
(ग) कम तापमान पर बैक्टीरिया पैदा नहीं होते।
(घ) सभी ग़लत।
उत्तर-
(ख) कच्चा दूध लम्बे समय तक खराब नहीं होता

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II. ठीक/गलत बताएं

  1. दालों को समय-समय पर धूप में सुखा लेना चाहिए।
  2. आचार में सरसों का तेल डाल कर सुरक्षित किया जाता है।
  3. खमीर स्टार्च वाले भोजन पदार्थों को अल्कोहल में तथा कार्बन डायाक्साइड में बदल देता है।
  4. फ्रिज में रखा भोजन खराब हो जाता है।
  5. गेहूँ को स्टोर करते समय मेथी तथा नीम के पत्तों का प्रयोग किया जाता है।

उत्तर-

III. रिक्त स्थान भरें

  1. उल्ली ………… वाले पदार्थों को लगती है। (From Board M.Q.P.)
  2. सब्जियों आदि को कच्चा खाना हो तो ……………… दवाई में धो लें।
  3. गेहूँ में ……………. के पत्ते डाल कर रखें।
  4. खराब अण्डे पानी में ……………… हैं।

उत्तर-

  1. नमी
  2. लाल
  3. नीम
  4. तैरते

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IV. एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
भोजन पदार्थों को सुरक्षित रखने का एक साधन बताओ।
उत्तर-
फ्रिज़।

प्रश्न 2.
गेहूँ को भण्डार करते समय कौन-से पत्ते प्रयोग करते हैं ?
उत्तर-
मेथी तथा नीम के।

प्रश्न 3.
फफूंदी कौन-सी वस्तुओं को लगती है ?
उत्तर-
नमीयुक्त।

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प्रश्न 4.
एक क्विटल चावल को संग्रह करने के लिए कितने नमक का प्रयोग करते हैं ?
उत्तर-
ढाई किलोग्राम।

प्रश्न 5.
फफूंदी से बचाने के लिए भोजन को कैसे स्थान पर रखना चाहिए?
उत्तर-
शुष्क स्थान पर।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
फफूंदी तथा खमीर भोजन को किस प्रकार खराब कर देते हैं ?
उत्तर-
फफूंदी नमी युक्त पदार्थों में लगती है। खमीर शक्कर वाले पदार्थों को खराब करते हैं।

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प्रश्न 2.
सुरक्षित रखने के लिए भोजन को कहाँ रखते हैं ?
उत्तर-
सुरक्षित रखने के लिए भोजन को ठंडी जगह या फ्रिज में रखते हैं।

प्रश्न 3.
भोजन खराब करने वाले जीवाणुओं के लिए सबसे उपयुक्त तापमान कौन-सा है?
उत्तर-
30° से 40°C तक।

प्रश्न 4.
बिना उबाला दूध, उबाले हुए दूध की अपेक्षा जल्दी खराब क्यों हो जाता है?
उत्तर-
बिना उबाले दूध में उपस्थित जीवाणु तेजी से पनपते हैं जबकि दूध को उबालने से उसमें उपस्थित जीवाणु मर जाते हैं।

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प्रश्न 5.
जीवाणु भोजन को कैसा बना देते हैं ?
उत्तर-
जीवाणु भोजन को कड़वा तथा विषैला बना देते हैं।

प्रश्न 6.
खमीर स्टार्च वाले भोजन को किसमें बदल देता है ?
उत्तर-
खमीर स्टार्च वाले भोजन को एल्कोहल और कार्बन डाइऑक्साइड में बदल देता है।

प्रश्न 7.
घर मे पकाए हुए भोज्य पदार्थ किस प्रकार सुरक्षित रखे जाते हैं ?
उत्तर-
ठण्डी जगह, जैसे फ्रिज़ आदि में रखकर।

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प्रश्न 8.
खाद्य पदार्थों के संरक्षण के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण बात क्या है ?
उत्तर-
जीवाणुओं की वृद्धि तथा प्रकिण्वों (एन्जाइमों) की क्रियाशीलता को रोका जाए।

प्रश्न 9.
खाद्य पदार्थों को सुखाकर सुरक्षित रखने की कौन-कौन सी विधियाँ हैं ?
उत्तर-

  1. जीवाणुओं को दूर रखना,
  2. दबाव के साथ फिल्टर द्वारा,
  3. किण्वन द्वारा,
  4. ताप संसाधन द्वारा,
  5. रसायनों का उपयोग करके,
  6. सुखाकर,
  7. किरणों द्वारा,
  8. प्रतिजीवियों द्वारा।।

प्रश्न 10.
धूप में सुखाकर सुरक्षित रखे जाने वाले कुछ खाद्य पदार्थों के नाम बताएँ।
उत्तर-
आलू, गोभी, मटर, मेथी, शलगम, सरसों-चने का साग आदि।

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प्रश्न 11.
फल तथा सब्ज़ियों को ऑवन में सुखाने के क्या लाभ हैं?
उत्तर-

  1. फल व सब्ज़ियाँ जल्दी सूखती हैं,
  2. मक्खी व धूल-मिट्टी से संदूषण का खतरा नहीं रहता।

प्रश्न 12.
पास्चुरीकरण क्रिया क्या है?
उत्तर-
इस प्रक्रिया में खाद्य-पदार्थों को पहले गर्म करके फिर ठण्डा किया जाता है।

प्रश्न 13.
पास्चुरीकरण विधि किन खाद्य-पदार्थों के संरक्षण में प्रयोग में लाई जाती
उत्तर-
दूध, फलों के रस, सिरका।

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प्रश्न 14.
अनुर्वरीकरण विधि कब प्रयोग में लाते हैं ?
उत्तर-
जब खाद्य-पदार्थों को बोतलों अथवा डिब्बों में सीलबन्द करते हैं।

प्रश्न 15.
संरक्षणीय पदार्थ क्या होते हैं?
उत्तर-
ये पदार्थ किसी खाद्य-पदार्थ में मिला देने से उस खाद्य-पदार्थ की सुरक्षा की जाती है।

प्रश्न 16.
कुछ घरेलू संरक्षणीय पदार्थों के नाम बताएँ। (पंजाब बोर्ड, 2004)
उत्तर-
नमक, चीनी, नींबू का रस, सिरका, टारटेरिक अम्ल, सिट्रिक अम्ल, मसाले, तेल।

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प्रश्न 17.
खाद्य-पदार्थों की सुरक्षा में नमक का प्रयोग कब किया जाता है?
उत्तर-
अचार, चटनी, साँस, फलों तथा सब्जियों की बोतलबन्दी तथा डिब्बाबन्दी के समय।

प्रश्न 18.
खाद्य-पदार्थों के संरक्षण में नमक किस प्रकार सहायता करता है?
उत्तर-

  1. खाद्य-पदार्थों की नमी कम करना,
  2. खाद्य-पदार्थों में वातावरण की ऑक्सीजन न मिलने देना,
  3. क्लोराइड आयन मिलने में खाद्य संरक्षण में सहायता करना,
  4. प्रकिण्वों की क्रियाशीलता को मन्द करना।

प्रश्न 19.
चीनी का प्रयोग किन खाद्य-पदार्थों के संरक्षण के लिए किया जाता है ?
उत्तर-
जैम, जैली, मार्मलेड, मुरब्बा, कैण्डी, स्क्वैश, शर्बत, चटनी आदि।

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प्रश्न 20.
तेल, अचार का संरक्षण किस प्रकार करता है?
उत्तर-
तेल खाद्य-पदार्थों का ऑक्सीजन से सम्पर्क तोड़ देता है और इस प्रकार उसे खराब नहीं होने देता।

प्रश्न 21.
पोटेशियम मेटाबाइसल्फाइट का प्रयोग किन खाद्य-पदार्थों के संरक्षण
उत्तर-
सन्तरा, नींबू, लीची, अनानास, आम आदि हल्के रंग वाले फलों तथा सब्जियों के संरक्षण के लिए।

प्रश्न 22.
अनाज तथा दालों को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है?
उत्तर-
अनाज को सुखाकर बोरी या टीन के बड़े ढोल में डाल कर अच्छी तरह बन्द करके खा जाता है। गेहूँ को संभालते समय उस में नीम या मेथी के सूखे पीसे हुए पत्ते मिला देने चाहिए फिर डी० डी० टी० की पोटली बना कर इस में रखें। एक किलो चावलों के लिए अढाई किलो पीस कर मिला दें। दालों को समय-समय पर धूप लगाते रहना चाहिए।

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प्रश्न 23.
बैक्टीरिया और खमीर भोजन को किस प्रकार खराब कर देते हैं ?
उत्तर-
स्वयं करें।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भोजन संरक्षण के लाभ लिखिए।
उत्तर-
भोज्य पदार्थों के संरक्षण के प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं-

  1. खाद्य पदार्थों को नष्ट होने से बचाया जा सकता है।
  2. खाद्य पदार्थों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से ले जाया जा सकता है।
  3. आपत्ति, अकाल आदि के समय सुरक्षित खाद्य पदार्थों का उपयोग होता है।
  4. युद्ध में, पर्वतारोहण में, समुद्र यात्रा में तथा ध्रुवीय अभियात्रा में सुरक्षित भोज्य पदार्थ ही लाभदायक सिद्ध होते हैं।
  5. बेमौसम सब्जी, फल आदि प्राप्त हो सकते हैं।
  6. फ़सलों का आवश्यकता से अधिक उत्पादन होने पर उन्हें संरक्षित कर सड़ने से बचाया जा सकता है और उन्हें अन्य देशों को भेजा जा सकता है।
  7. संरक्षण से भोज्य पदार्थ का वास्तविक स्वाद और सुगन्ध बनी रहती है।
  8. भोजन में विविधता लाई जा सकती है।

प्रश्न 2.
भोजन के संरक्षण के उपाय किन सिद्धान्तों पर आधारित है?
उत्तर-
1. सूक्ष्म जीवाणुओं द्वारा होने वाले विश्लेषण को रोकना और विलम्बित करना-भोजन को सुरक्षित करने के लिए सूक्ष्म जीवों को नष्ट या उनको निकालने के उपाय करने पड़ते हैं। इसके अलावा यदि सूक्ष्म जीवों की बढ़ोत्तरी शुरू हो चुकी है तो इसको रोकना पड़ता है। ऐसा जीवाणुओं को दूर रखकर अथवा जीवाणुओं को फिल्टर द्वारा निकालकर किया जाता है। इनकी बढ़ोत्तरी नमी सुखाकर, इनका वायु से सम्पर्क हकर तथा रासायनिक पदार्थों का प्रयोग करके रोकी जा सकती है।

2. भोजन में स्वयं विश्लेषण को रोकना या विलम्बित करना-भोजन में पाए जाने वाले पदार्थ को ताप द्वारा खत्म करने से या निष्क्रिय करने से उसमें होने वाले स्वयं विश्लेषण को नष्ट किया जा सकता है।

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प्रश्न 3.
क्या भोजन को खराब होने से बचाया जा सकता है?
उत्तर-
भोजन को खराब होने से निम्न तरीकों से बचाया जा सकता है-
1. फफूंदी, खमीर और बैक्टीरिया को रोकने के लिए पदार्थों की खुशबू तेज़ कर लेनी चाहिए। इसलिहाकार में मसाले डाले जाते हैं। तेल, सिरका, चीनी, शक्कर और नमक इस काम के लिए इस्तेमाल में लाते हैं। इस तरह पदार्थ स्वादिष्ट और सुरक्षित रहता है।

2. नमी युक्त पदार्थों में फफूंदी लग जाती है या खमीर उठ जाता है। इसलिए भोजन को सुरक्षित करने के लिए भोजन की नमी दूर करनी चाहिए। सब्जियाँ और फल अच्छी तरह सुखाकर ही इकट्ठे करने चाहिएँ। दालों और अनाज को भी समय-समय पर धूप और हवा में सुखाना चाहिए।

3. बैक्टीरिया उस भोजन में होते हैं जिसका तापमान शारीरिक खून के तापमान के बराबर होता है। इसलिए भोजन का तापमान बढ़ा देना चाहिए या कम कर देना चाहिए। इसलिए उबला हुआ दूध कच्चे दूध से अधिक सुरक्षित होता है। अगर भोजन को 0°C तापमान में रखा जाए तो बैक्टीरिया बढ़ते नहीं है। इसलिए फ्रिज़ और बर्फ के बॉक्स का इस्तेमाल किया जाता है।

प्रश्न 4.
दूध उबालना क्यों ज़रूरी है?
उत्तर-
दूध में बैक्टीरिया जल्दी पलते हैं, इसलिए दूध उबालना ज़रूरी है।

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भोजन को संरक्षित करने का क्या अभिप्राय है? किन-किन विधियों से भोजन को सुरक्षित रखा जा सकता है?
उत्तर-
बहुत से खाद्य-पदार्थों जैसे-ताजे फल, सब्जियाँ, मांस, मछली, अण्डा आदि अधिक समय तक सुरक्षित नहीं रखे जा सकते। मौसमी खाद्य पदार्थ मौसम में बहुत अधिक मात्रा में उत्पादित होते हैं अत: उन्हें अन्य स्थानों पर पहुँचाना होता है। इस प्रकार खाद्य पदार्थों की अधिक मात्रा को देश के विभिन्न भागों में पहुँचाने तथा सही उपयोग के लिए ऐसी विधियों से गुज़ारा जाता है जिससे वे सड़ने से बचे रहें। इसी को भोजन का संरक्षण कहते हैं। भोजन को संरक्षित करने की आवश्यकता निम्न प्रकार बताई जा सकती है-

  1. खाद्य पदार्थों को नष्ट होने से बचाने के लिए।
  2. खाद्य पदार्थों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाने-ले-जाने के लिए जिससे वे रास्ते में खराब न हों और लाने-ले-जाने में असुविधा न हो।
  3. सुरक्षा द्वारा खाद्य पदार्थों के संग्रह करने के लिए।
  4. विभिन्न खाद्य पदार्थों को बिना मौसम के तथा सारे साल आसान उपलब्धि के लिए।
  5. समय और श्रम की बचत के लिए।
  6. भोजन के रंग, रूप, स्वाद में विभिन्नता लाने के लिए।
  7. आधुनिक जीवन की बढ़ती हुई आवश्यकताओं को किसी हद तक पूरा करने के लिए भी भोजन की सुरक्षा आवश्यक होती है

भोजन को निम्नलिखित विधियों से सुरक्षित रखा जा सकता है-
1. जीवाणुओं को दूर रखकर- भोजन को खराब करने वाले जीवाणु वायु में उपस्थित होते हैं। अत: यदि भोजन को वायु से बचाकर रखा जाए तो वह सुरक्षित रहता है। सबसे भोजन की सम्भाल पहले खाद्य पदार्थ को गर्म करके उसमें उपस्थित जीवाणुओं को नष्ट कर देते हैं। फिर इन्हें चौड़े मुँह की बोतलों या डिब्बों में भरकर पानी के तसले में रखकर गर्म करते हैं। ऐसा करने में खाद्य सामग्री से उपस्थित या प्रविष्ट हुई वायु निकल जाती है। अब तुरन्त ही ढक्कनों को वायुरोधक ढंग से बन्द कर देते हैं। बाहर के देशों में अधिकतर खाद्य पदार्थ इसी प्रकार बन्द डिब्बों में बिकते हैं। अचार, मुरब्बे, शर्बत, फल-सब्जियाँ, मांस, मछली आदि खाने की अनेक वस्तुएँ इस विधि से सुरक्षित रखी जा सकती है।

2. दबाव के साथ फिल्टर द्वारा-इस विधि से तरल भोज्य पदार्थों, जैसे–फलों का रस, बीयर, वाइन तथा पानी आदि को सुरक्षित किया जा सकता है। इन तरल पदार्थों को कम या अधिक दबाव से जीवाणु फिल्टरों में से फिल्टर कर लिया जाता है।

3. खमीरीकरण द्वारा-जीवाणु द्वारा पैदा किए गए कार्बोनिक अम्ल से भोजन संरक्षित हो जाता है। संरक्षीकरण में एल्कोहल, एसिटिक अम्ल तथा लेक्टिक अम्ल द्वारा किया गया खमीरीकरण महत्त्वपूर्ण है। वाइन, बीयर, फलों के सिरके आदि पेय पदार्थों को इसी विधि से तैयार किया जाता है। इस प्रकार से संरक्षित खाद्य पदार्थों को सावधानी से सीलबन्द करके रखने से उनमें अवांछित खमीरीकरण नहीं हो पाता।

4. ताप संसाधन विधि द्वारा-इस विधि से जीवाणुओं तथा अवयवों को नष्ट किया जाता है। यह विधि तीन प्रकार से प्रयोग की जाती है-
i) पास्चुरीकरण-इस विधि में भोज्य पदार्थ को गर्म करके ठण्डा किया जाता है। ऐसे में जीवाणु इस बदलते हुए ताप को सहन नहीं कर पाते और जल्दी ही नष्ट हो जाते हैं। इस विधि में अधिकांश जीवाणु तो नष्ट हो जाते हैं फिर भी कुछ रह जाते हैं। यह विधि मुख्य रूप से दूध (Milk) के लिए उपयोग में लाई जाती है। भोज्य पदार्थों का पास्चुरीकरण निम्नलिखित उद्देश्यों से किया जाता है

ii) दूध का पास्चुरीकरण करने से रोग उत्पन्न करने वाले सभी जीवाणुओं को नष्ट किया जा सकता है।

iii)  लेक्टिक अम्ल की उपस्थिति से दूध खड़ा हो जाता है। इस अम्ल को उत्पन्न करने वाले बहुत से जीवाणु दूध के पास्चुरीकरणं से नष्ट हो जाते हैं। इससे दूध खट्टा नहीं होता।

iv) इस क्रिया द्वारा स्वाद बिगाड़ने वाले और दुर्गन्ध उत्पन्न करने वाले जीवाणुओं को भी नष्ट कर दिया जाता है। पास्चुरीकरण की निम्न तीन विधियाँ हैं

  •  होल्डिंग विधि- इस विधि में खाद्य पदार्थ को 62.67°C या 145°F पर 30 मिनट तक रखने के बाद ठण्डा होने दिया जाता है।
  • फ्लैश विधि-इस विधि में खाद्य पदार्थ को 71°C या 161°F पर 15 सेकिण्ड के लिए रखकर एकदम से ठण्डा कर दिया जाता है।
  • अत्यधिक ताप की विधि-इस विधि में खाद्य-पदार्थ को 90°C या 194°F या इससे भी अधिक ताप पर एक सेकिण्ड के लिए रखकर एकदम ठण्डा किया जाता है। यह विधि अधिक सुरक्षित है तथा इसमें बहुत कम समय लगता है।

5. ठण्डे स्थान में रखकर- भोजन को खराब करने वाले जीवों की वृद्धि के लिए 30°C से 40°C का तापमान उचित रहता है। 30°C से तापमान जितना कम होगा उतना ही सूक्ष्म जीव नहीं पनप सकेंगे। इसी प्रकार गर्मियों की अपेक्षा सर्दियों में भोजन अधिक देर तक सुरक्षित रहता है।

इस प्रकार खाद्य पदार्थों को बहुत कम तापमान में रखकर उन्हें खराब होने से बचाया जा सकता है। घर में भोजन को जैसे दूध, दही, सब्जियों, फल आदि को रेफ्रीजरेटर में रखकर । सुरक्षित रखा जा सकता है। आइस बॉक्स भी कुछ समय के लिए रेफ्रीजरेटर के समान ही कार्य करता है।

बड़े स्तर पर फल तथा सब्जियों आदि को शून्य डिग्री तापमान में शीत संग्रहागार (कोल्ड स्टोरेज) में सुरक्षित रखा जाता है।
PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 3 भोजन की सम्भाल 2
चित्र 3.2 भोजन को सुरक्षित
चित्र 3.3 आइस-बॉक्स रखने का साधन रेफ्रिजरेटर
6. सुखाकर-जीवाणुओं व अन्य सूक्ष्म जीवों को अपनी वृद्धि के लिए नमी की आवश्यकता होती है। नमी के अभाव में ये पनप नहीं सकते। यदि खाद्य पदार्थों को सुखाकर उनकी नमी समाप्त कर दी जाए तो उन्हें खराब होने से बचाया जा सकता है। घरों में मेथी, पोदीना, धनिया, मटर, गोभी, शलगम, प्याज, भिंडी, लाल मिर्च आदि को छाया में सुखाकर अधिक समय तक सुरक्षित रखा जाता है।

बड़े पैमाने पर खाद्य पदार्थों को मशीनों द्वारा गरम हवा के वातावरण में सुखाया जाता है। इस प्रकार सुखाए गए खाद्य पदार्थ धूप में सुखाए गए खाद्य पदार्थों की अपेक्षा अधिक अच्छी प्रकार तथा अधिक समय तक सुरक्षित रहते हैं।

7. जीवाणुनाशक वस्तुओं के प्रयोग से-जीवाणु प्राकृतिक पदार्थों तथा कम सान्द्रता वाली खाद्य सामग्री पर अच्छी प्रकार पनपते हैं। शक्कर, नमक, सिरका, राई, तेल आदि भोजन की सम्भाल जीवाणुओं की बाढ़ को रोककर खाद्य पदार्थों को सुरक्षित रखते हैं। इसी विधि से अचार को तेल से, मुरब्बे को चीनी से, चटनी को नमक से, मछली को धुआँ देकर सुरक्षित रखा जा सकता

8. रसायनों की सहायता से-पोटैशियम मेटा बाइसल्फाइट, सोडियम बेंजोएट, सोडियम मेटा बाइसल्फाइट, टाटरी, बोरिक अम्ल, सल्फर डाइऑक्साइड आदि कई रासायनिक पदार्थ जीवाणुओं की संख्या वृद्धि में रुकावट डालते हैं। इस विधि में खाद्य पदार्थ, मुरब्बे, चटनी, शर्बत आदि की बोतलों अथवा डिब्बों में बन्द करने से पहले थोड़ी मात्रा में इनमें से किसी रसायन का प्रयोग किया जाता है।

9. उबालकर-जीवाणु-फफूंद तथा खमीर आदि भोजन खराब करने वाले तत्त्वों की वृद्धि बढ़े हुए तापमान पर रुक जाती है। इसलिए कुछ खाद्य-पदार्थ जैसे दूध को उबालकर अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

10. किरणों द्वारा-भोज्य पदार्थों के संरक्षण की इस विधि में रेडियो-एक्टिव किरणों के प्रयोग से सूक्ष्म जीवों को नष्ट कर दिया जाता है। इन किरणों का भिन्न-भिन्न मात्रा से परिरक्षित खाद्य पदार्थों का प्रयोग हमारे शरीर व स्वास्थ्य पर कितना व कैसा विपरीत प्रभाव डाल सकता है, इस पर अभी और जानकारी प्राप्त की जानी आवश्यक है।

11. एण्टीबायोटिक्स का प्रयोग-खाद्य पदार्थों के परिरक्षण में एण्टीबायोटिक्स का सीमित प्रयोग ही किया जाता है। अधिकांश ऐसे एण्टीबायोटिक्स ही प्रयोग में लाए जाते हैं जो विशेष हानिकारक नहीं होते। इनका प्रयोग बहुत सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए।
भोजन को सुरक्षित रखने के उपायों के अलावा खाद्य पदार्थों की सुरक्षा के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

  1. भोजन बनाते समय पूर्ण स्वच्छता का पालन करना चाहिए।
  2. चर्म रोग से पीड़ित गृहणियों को जहाँ तक हो सके, भोजन नहीं बनाना चाहिए।
  3. पकाये हुए भोजन को भली प्रकार ढककर जालीदार अलमारी में रखना चाहिए।
  4. अनाज, दालों आदि खाद्य पदार्थों को ढककर रखना चाहिए, ताकि चूहे, गिलहरी आदि के सम्पर्क से भोजन दृषित न हो।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 3 भोजन की सम्भाल

प्रश्न 2.
भोजन को सुरक्षित रखने के दो (तीन) ढंग बारे लिखो।
उत्तर-
स्वयं करो।

भोजन की सम्भाल PSEB 8th Class Home Science Notes

  • यदि मांस, मछली, अण्डे और दूध आदि में बैक्टीरिया या कीटाणु पैदा हो जाएँ तो ये खराब हो जाते हैं।
  • फफूंदी से भी आचार, जैम, जैली खराब हो जाते हैं। फफूंदी उन खाने वाली चीज़ों को लगती है जिनमें नमी हो।
  • खमीर स्टार्च को शक्कर में बदलकर और शक्कर को एल्कोहल में बदलकर कार्बन हाइऑक्साइड में बदल देता है।
  • फफूंदी, खमीर और बैक्टीरिया को रोकने के लिए पदार्थों की खुशबू तेज़ कर लेनी चाहिए।
  • दूध में बैक्टीरिया जल्दी हो जाते हैं। इससे पेचिश, टाइफाइड आदि फैलने का खतरा रहता है।
  • मक्खन और घी में से खटाई निकाल लेनी चाहिए और नमी युक्त मलमल से ढककर रखना चाहिए ताकि ठंडा रहकर सुरक्षित रहे।
  • बिना धोए सब्ज़ियाँ और फल खाने से कई बार कीड़े हमारे शरीर में पहुँच जाते हैं।
  • अगर गेहूँ अधिक समय के लिए रखनी हों तो डी० टी० टी० को कपड़े की पोटली में बाँधकर गेहूँ के बीच में रखना चाहिए।
  • रोग के कीटाणु मांस और मछली पर बहुत जल्दी हमला करते हैं और अपने प्रभाव से इनको हानिकारक बना देते हैं।
  • रेफरिजरेटर कच्ची-पक्की सब्जी, दूध, दही, मक्खन, पनीर, अण्डा, मांस, मछली और फलों को सुरक्षित रखने का आधुनिक यंत्र है।

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