PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 9 दक्षिणी भारत में राजनीतिक विकास (700-1200 ई० तक)

Punjab State Board PSEB 7th Class Social Science Book Solutions History Chapter 9 दक्षिणी भारत में राजनीतिक विकास (700-1200 ई० तक) Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 9 दक्षिणी भारत में राजनीतिक विकास (700-1200 ई० तक)

SST Guide for Class 7 PSEB दक्षिणी भारत में राजनीतिक विकास (700-1200 ई० तक) Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखें

प्रश्न 1.
चोल वंश के किन शासकों ने चोल राज्य की दोबारा स्थापना की?
उत्तर-
राजराज प्रथम चोल तथा राजेन्द्र चोल शासकों ने चोल राज्य को दोबारा स्थापित किया।

प्रश्न 2.
राजराज प्रथम नै किन राजाओं (राज्यों) को पराजित करके उनके क्षेत्रों पर कब्जा किया?
उत्तर-
राजराज प्रथम ने चेर, पांड्य एवं श्रीलंका के राजाओं को हराकर उनके बहुत से महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों पर अधिकार कर लिया।

प्रश्न 3.
राजेन्द्र चोल शासक की महत्त्वपूर्ण विजय के विषय मैं लिखो।
उत्तर-
राजेन्द्र चोल ने पांड्य, चेर एवं श्रीलंका के शासकों को हराकर उनके क्षेत्र अपने राज्य में मिला लिये, जिस कारण उसने ‘गंगईकोंडा चोलपुरम्’ की उपाधि धारण की।

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प्रश्न 4.
चोल राज्य की रूप-रेखा के बारे में आप क्या जानते हो?
उत्तर-
चोल राज्य की रूप-रेखा का संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है –
1. राजा-चोल राजा बहुत ही शक्तिशाली होता था। वह केन्द्रीय सरकार का प्रमुख था। उसके पास बहुत-सी शक्तियां होती थीं। परन्तु वह सरकारी मामलों में मन्त्रिमण्डल की सलाह लेता था। वह राज्य प्रबन्ध की निगरानी करता था, न्याय करता था तथा युद्ध में सैनिक दल भेजता था।

2. प्रान्त-चोल राज्य प्रान्तों में विभक्त था। प्रान्तों को ‘मंडलम्’ कहा जाता था। मंडलम् आगे ‘वलनाडु’ में विभक्त था। प्रत्येक वलनाडु में कई गांव शामिल थे।

3. नाडू-चोल राज्य प्रबन्ध की सबसे छोटी इकाई ग्राम या नाडू थी। प्रत्येक ग्राम की दो सभाएं थीं-उर एवं सभा। उर के सदस्य साधारण ग्रामीण थे। सभा वयस्क पुरुषों का समूह थी। ग्राम के सभी कार्य जैसे कि झगड़ों का निपटारा करना, पानी का वितरण तथा कर एकत्रित करना आदि की देखभाल, छोटी कमेटियों द्वारा किये जाते थे।

4. सेना-चोल शासकों के पास एक शक्तिशाली सेना थी। सेना में हाथी, घुड़सवार सेना तथा पैदल सेना सम्मिलित थी। जल-सेना चोल सेना का एक शक्तिशाली भाग था।

5. आय के साधन-चोलों की आय के दो प्रमुख साधन भूमि लगान एवं व्यापार थे। उस समय दूसरे देशों के साथ भी व्यापार होता था।

प्रश्न 5.
तमिलनाडू में किस प्रकार की सिंचाई व्यवस्था का विकास हुआ?
उत्तर-
चोल शासकों ने तमिलनाडू में सिंचाई व्यवस्था की ओर विशेष ध्यान दिया। सिंचाई के लिए लगभग सभी नदियों का, विशेषकर कावेरी नदी का उपयोग किया गया। इसके अतिरिक्त बहुत से तालाब भी बनवाये। उन्होंने खेतों में पानी का वितरण करने के लिए एक तालाब कमेटी भी बनाई।

प्रश्न 6.
चोल शासन काल दौरान किन भाषाओं का विकास हुआ?
उत्तर-
चोल राज्यकाल में संस्कृत तथा क्षेत्रीय भाषाओं-तमिल, तेलुगु एवं कन्नड़ का विकास हुआ।

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प्रश्न 7.
चोल शासन काल दौरान में कौन-सा धर्म अधिक प्रसिद्ध था?
उत्तर-
चोल शासन काल में हिन्दू धर्म अधिक प्रसिद्ध था। बौद्ध तथा जैन धर्म इत्यादि भी अस्तित्व में थे।

(ख) निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

  1. पल्लव शासकों ने ………….. को अपनी राजधानी बनाया।
  2. मार्को पोलो ने ………….. राज्य की यात्रा की।
  3. राजेन्द्र चोल ने ………….. की उपाधि धारण की।
  4. चोल शासनकाल दौरान स्त्रियों का भी ……… किया जाता था।
  5. ननियाह तथा तिकना तेलुगू विद्वानों ने …………. का तेलुगू भाषा में अनुवाद किया।

उत्तर-

  1. कांची,
  2. पाण्डेय
  3. गंगईकोण्डा चोलपुरम्,
  4. विशेष सम्मान,
  5. महाभारत।

(ग) निम्नलिखित के सही जोड़े बनाएं

क – (ख)

  1. बासव – अद्वैत मत
  2. शंकराचार्य – लिंगायत मत
  3. रामानुज – भक्ति लहर
  4. माधव – भक्ति लहर

उत्तर-

  1. बासव-लिंगायत मत,
  2. शंकराचार्य-अद्वैत मत,
  3. रामानुज-भक्ति लहर,
  4. माधव-भक्ति लहर।

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(घ) निम्नलिखित प्रत्येक कथन के सामने ठीक (✓) अथवा गलत (✗) का चिह्न लगाएं-

  1. कंबन विद्वान् ने रामायण का तमिल भाषा में अनुवाद किया।
  2. मदुरै चोल शासकों की राजधानी थी।
  3. चोल शासकों के पास शक्तिशाली जल सेना थी।
  4. महेन्द्र वर्मन ने गंगईकोण्डा चोलपुरम् नगर को स्थापित किया।
  5. चोल राज्य प्रांतों में बँटा हुआ था।

उत्तर-

1. (✓),
2. (✗),
3. (✗),
4. (✗),
5. (✓)

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प्रश्न 1.
मध्यकालीन युग के दक्षिण भारत के तीन शक्तिशाली राज्यों के नाम बताओ।
उत्तर-
पल्लव, पांड्य तथा चोल।

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प्रश्न 2.
पांड्य राज्य की संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
उत्तर-
पांड्य राज्य तमिलनाडु के दक्षिणी भागों में स्थापित था। पांड्य शासकों की राजधानी को मदुरा या मुदरा कहा जाता था। यह शिक्षा का एक महत्त्वपूर्ण केन्द्र था। मार्को पोलो ने इस राज्य की यात्रा की और एक वृत्तान्त लिखा। 14वीं सदी में पांड्य राज्य का पतन हो गया।

प्रश्न 3.
पल्लव कब शक्तिशाली बने? उनकी सफलताओं का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
पल्लव 5वीं तथा छठी शताब्दी में सातवाहनों के पतन के बाद शक्तिशाली शासक बने। महेन्द्र वर्मन प्रथम एवं नरसिंह वर्मन प्रथम पल्लव वंश के दो प्रमुख शासक थे। उन्होंने अपने राज्य का बहुत विस्तार किया। उन्होंने कांची को अपनी राजधानी बनाया।

पल्लव शासकों ने कला एवं भवन-निर्माण कला को संरक्षण दिया। उन्होंने महाबलिपुरम् में शोर (तट) मन्दिर एवं रथ मन्दिर बनवाया। उन्होंने कांची में कैलाश नाथ मन्दिर भी बनवाया। 9वीं शताब्दी में चोल शासकों ने पल्लवों को हरा दिया।

प्रश्न 4.
आरम्भिक चोल राज्य की स्थापना एवं पतन का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
चोल शासकों ने दक्षिण भारत में एक शक्तिशाली राज्य की स्थापना की। इस राज्य के आरम्भिक शासकों का वर्णन इस प्रकार है :–
1. विजयालय-विजयालय चोल वंश का संस्थापक था। उसने पल्लवों से तंजौर जीत लिया और उसे अपनी राजधानी बनाया।

2. प्रान्तक प्रथम-प्रान्तक प्रथम चोल राज्य का एक शक्तिशाली शासक था। उसने पांड्य शासक को हराकर उसकी राजधानी मदुरा पर अधिकार कर लिया। इसके पश्चात् वह 949 ई० में तकोलम की लड़ाई में राष्ट्रकूट शासक कृष्ण तृतीय से हार गया। परिणामस्वरूप चोल शासक शक्तिशाली हो गये।

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प्रश्न 5.
प्रान्तक प्रथम के पश्चात् किन दो शासकों ने दक्षिण में चोल राज्य को पुनः शक्तिशाली बनाया?
उत्तर-
प्रान्तक प्रथम के पश्चात् राजराजा प्रथम तथा राजेन्द्र चोल, चोल राज्य को पुनः अस्तित्व में लाये और इसे दक्षिण भारत की महाशक्ति बनाया।

प्रश्न 6.
राजराजा प्रथम की दो प्रशासनिक सफलताएं बताओ।
उत्तर-

  1. राजराजा प्रथम ने अपनी समुद्री शक्ति का आधुनिकीकरण किया।
  2. वह शैव मत का अनुयायी था, परन्तु अन्य धर्मों के प्रति भी उदार था।

प्रश्न 7.
चोल राज्य का अन्त कैसे हुआ?
उत्तर-
राजेन्द्र चोल के उत्तराधिकारी अपने पड़ोसी शासकों के साथ लड़ते रहते थे। इस कारण चोल शासक शक्तिहीन हो गये। परिणामस्वरूप चोल राज्य का अन्त हो गया।

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प्रश्न 8.
700-1200 ई० तक दक्षिणी भारत के समाज पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
700-1200 ई० तक दक्षिण भारत के समाज में कुलीन वर्ग, ब्राह्मणों तथा व्यापारियों का भी बहत सम्मान किया जाता था। समान उद्देश्य की पूर्ति के लिए समाज के भिन्न-भिन्न वर्ग एक-दूसरे को सहयोग देते थे। नारी का भी समाज में बहुत सम्मान था। उन्हें उच्च शिक्षा दिलाई जाती थी। किसान एवं मज़दूर कामगार वर्ग से सम्बन्ध रखते थे। वे बहुत निर्धन होते थे और बहुत कठिन जीवन व्यतीत करते थे।

प्रश्न 9.
700-1200 ई० तक दक्षिणी भारत के धर्म की मुख्य विशेषताएं बताओ।
उत्तर-
700-1200 ई० तक दक्षिणी भारत के धर्म की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित थीं :–
1. हिन्दू धर्म-हिन्दू धर्म बहुत ही लोकप्रिय था। हिन्दू देवताओं-जैसे कि विष्णु और शिव की पूजा की जाती थी।
2. बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म-उस समय बौद्ध धर्म एवं जैन धर्म भी अस्तित्व में थे।
3. धार्मिक लहरें-इस समय अनेक धार्मिक लहरों का जन्म हुआ।
(i) बासव ने लिंगायत मत की स्थापना की।
(ii) शंकराचार्य ने अद्वैत मत का प्रचार किया।
(iii) रामानुज तथा माधव भक्ति लहर के अन्य महान् प्रचारक थे। उन्होंने ईश्वर की भक्ति करने पर बल दिया। उन्होंने लोगों को शिक्षा दी कि मोक्ष प्राप्ति का एकमात्र साधन, ईश्वर के साथ सच्चे मन से प्रेम करना है। वे जाति तथा वर्ग के भेदभाव के विरुद्ध थे। लोग उनकी शिक्षाओं से बहुत प्रभावित हुए।

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प्रश्न 10.
चोल वंश के उत्थान-पतन की कहानी लिखो।
उत्तर-
चोल वंश दक्षिणी भारत का सबसे प्रसिद्ध राज्य था। इस वंश के शासकों ने लगभग 400 वर्षों तक शासन किया। इनके राज्य में आधुनिक तमिलनाडु, आन्ध्र प्रदेश तथा कर्नाटक का एक बहुत बड़ा भाग सम्मिलित था।
प्रमुख राजा-चोल वंश के निम्नलिखित प्रमुख राजा हुए –

1. विजयालय-विजयालय पहला प्रसिद्ध चोल शासक था। उसने 846 ई० से 871 ई० तक शासन किया। उसने तंजौर पर विजय प्राप्त की थी।

परांतक प्रथम-परांतक प्रथम 907 ई० में राजगद्दी पर बैठा और उसने 955 ई० तक शासन किया। उसने पाण्ड्य राज्य को जीता और मदुराई कोंडा की उपाधि धारण की। अपने राज्य को शक्तिशाली बनाने के लिए उसने राज्य में कृषि की उन्नति की ओर विशेष ध्यान दिया।

2. राजराजा प्रथम-राजराजा प्रथम (985-1014 ई०) चोल वंश का एक अन्य प्रसिद्ध राजा था। उसने अपने वंश के झगड़ों को समाप्त किया और विजयों द्वारा अपने राज्य का विस्तार किया। उसने चेरों, वेंगी के चालुक्यों और पाण्ड्य शासकों को भी पराजित किया। कहते हैं कि उसने लंका तक के प्रदेशों पर विजय पाई थी।

3. राजेन्द्र चोल-राजेन्द्र चोल (1014-1044 ई०) राजराजा प्रथम का पुत्र था। उसने बंगाल के पाल वंश के राजाओं के साथ युद्ध किया। उसका दूसरा प्रसिद्ध

4. युद्ध दक्षिणी-पूर्वी एशिया में श्रीविजय के विरुद्ध था। इस युद्ध में श्रीविजय पराजित हुआ और भारतीय द्वीपों पर चोलों का अधिकार हो गया।

चोलों का पतन-चोल वंश का अन्तिम शासक राजाधिराज था। वह चालुक्यों के साथ लड़ता हुआ मारा गया। उसकी मृत्यु के साथ ही चोल वंश का पतन होना आरम्भ हो गया।

प्रश्न 11.
चोल शासकों की मुख्य विशेषताएं क्या थी?
उत्तर-
चोल शासक अपनी प्रजा की सुविधाओं का बहुत ध्यान रखते थे। उन्होंने अपने राज्य की उन्नति के लिए अनेक कार्य किए। उन्होंने उत्तम शासन प्रबन्ध की व्यवस्था की हुई थी। उन्होंने गांवों के लोगों को यह सुविधा दे रखी थी कि वे अपना शासन चलाएं। वे मन्दिरों के निर्माण में बड़ी रुचि लेते थे। उन्होंने कई भव्य मन्दिर बनवाये थे। उन्होंने अनेक शिलालेख संस्कृत और तमिल दोनों भाषाओं में लिखवाए। इस प्रक्चर चोल शासनकाल का भारतीय संस्कृति को अच्छा योगदान रहा।

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प्रश्न 12.
राजराजा प्रथम तथा राजेन्द्र चोल की सैनिक उपलब्धियों का वर्णन करो।
उत्तर-
1. राजराजा प्रथम (985-1014 ई०)-राजराजा प्रथम को राजराजा चोल भी कहा जाता था। वह चोल वंश का महान् शक्तिशाली शासक था। उसने चेर, पांड्य एवं श्रीलंका के राजाओं को हराकर उनके बहुत से महत्त्वपूर्ण क्षेत्र अपने अधीन कर लिये।

2. राजेन्द्र चोल (1014-1044 ई०)-राजेन्द्र चोल अपने पिता राजराजा प्रथम के समान बहुत ही वीर था। उसने चोल राज्य का काफ़ी विस्तार किया।

(i) उसने पांड्य, चेर एवं श्रीलंका के शासकों को हराकर उनके क्षेत्र जीत लिये थे, जिस कारण उसने ‘गंगईकोंडा चोलपुरम्’ की उपाधि धारण की।

(ii) दक्षिण-पूर्वी एशिया में उसने अंडमान-निकोबार, मलाया, सुमात्रा तथा जावा पर महत्त्वपूर्ण विजयें प्राप्त की।

प्रश्न 13.
चोल शासकों की कला तथा भवन उसारी कला का वर्णन करो।
उत्तर-
चोल शासक कला प्रेमी थे। उनके अधीन कला एवं भवन उसारी कला में बहुत अधिक उन्नति हुई :

  1. राजराजा प्रथम ने तंजौर का प्रसिद्ध राजराजेश्वर मन्दिर बनवाया। यह द्रविड़ शैली में बना है।
  2. राजेन्द्र चोल ने गंगईकोंड चोलपुरम् नामक नगर बसाया और उसे अपनी राजधानी बनाया।
  3. चोल काल में कांस्य की अनेक मूर्तियां बनाई गईं। तंजौर की नटराज मूर्तियां इस काल की उत्कृष्ठ कांस्य मूर्तियां हैं।

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प्रश्न 14.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त नोट लिखें –
(अ) तमिलनाडु में ज़मींदारा विस्तार।
उत्तर-
(i) चोल शासकों ने तमिलनाडु में कृषि के विकास की ओर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने घुमक्कड़ कबीलों की सहायता से जंगलों को साफ कराकर भूमि को कृषि योग्य बनाया। परिणामस्वरूप वहां ज़मींदारी का बहुत विस्तार हुआ।

(ii) चोल शासकों ने सिंचाई प्रबन्ध की ओर भी विशेष ध्यान दिया। सिंचाई के लिए लगभग सभी नदियों का, विशेषकर कावेरी नदी का उपयोग किया गया। जहां नदी का पानी ले जाना सम्भव नहीं था, वहां उन्होंने सिंचाई के लिए बहुत से तालाब बनवाये। उन्होंने खेतों में पानी का वितरण करने के लिए एक तालाब कमेटी भी बनाई।

(iii) चोल शासक राज्य में भारी वर्षा या सूखा पड़ जाने के कारण नष्ट हुई फसलों पर भूमि-लगान नहीं लेते थे। वे संकट काल में कृषकों को ऋण भी देते थे।

(आ) शिक्षा तथा साहित्य।
उत्तर-
मध्यकालीन भारत में चोल शासकों के अधीन शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में बहुत उन्नति हुई। उन्होंने व्याकरण, दर्शन शास्त्र, कला, विज्ञान एवं भूगोल-विज्ञान आदि अनेक विषयों को प्रोत्साहन दिया। शिक्षा का माध्यम संस्कृत तथा तमिल भाषाएं थीं। शिक्षा मन्दिरों के परिसरों में दी जाती थी।

चोल राज्य में संस्कृत तथा क्षेत्रीय भाषाओं-तमिल, तेलुगु एवं कन्नड़ का विकास हुआ। संस्कृत की अनेक पुस्तकों का इन भाषाओं में अनुवाद किया गया। उदाहरण के लिए विद्वान् कम्बन ने रामायण का तमिल में अनुवाद किया। नन्नयया एवं तिकना आदि तेलुगु विद्वानों ने महाभारत का तेलुगु भाषा में अनुवाद किया।
रामायण तथा महाभारत महाकाव्यों से हमें दक्षिण भारत के आरम्भिक एवं उत्तर मध्यकालीन युग के इतिहास बारे जानकारी मिलती है।

सही उत्तर चुनिए :

प्रश्न 1.
पाण्डेय दक्षिण भारत का एक राज्य था। क्या आप इस राज्य की राजधानी का नाम बता सकते हैं?
(i) कांचीपुरम्
(ii) महाबलिपुरम्
(ii) मदुरै।
उत्तर-
(iii) मदुरै।

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प्रश्न 2.
गंगईकोण्डा चोलपुरम् उपाधि किस चोल शासक ने धारण की?
(i) राजेन्द्र चोल
(ii) राजराज चोल
(iii) कृष्ण तृतीय।
उत्तर-
(i) राजेन्द्र चोल।

प्रश्न 3.
कैलाशनाथ मंदिर (कांचीपुरम्) किस राजवंश के शासकों ने बनवाया?
(i) पाल
(ii) राष्ट्रकूट
(iii) पल्लव।
उत्तर-
(iii) पल्लव।

प्रश्न 4.
चित्र में दिखाए गए रथ मंदिर कहां स्थित हैं?
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(i) कांचीपुरम्
(ii) महाबलिपुरम्
(iii) चोलपुरम्।
उत्तर-
(ii) महाबलिपुरम्।

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दक्षिणी भारत में राजनीतिक विकास (700-1200 ई० तक) PSEB 7th Class Social Science Notes

  • मध्यकालीन युग में दक्षिणी भारत के राज्य – मध्यकालीन युग में दक्षिण भारत में बहुत-से राजपूत राज्य स्थापित हो गये थे। परन्तु उनमें से उस समय तीन राज्य-पल्लव, प्रांड्य और चोल बहुत शक्तिशाली थे। ये तीनों अपनी-अपनी प्रभुसत्ता के लिए परस्पर लड़ते रहते थे।
  • पल्लव शासक – इस वंश के प्रमुख शासक महेन्द्र वर्मन प्रथम तथा नरसिंह वर्मन थे। उन्होंने अपने राज्य का बहुत अधिक विस्तार किया और कांची को अपनी राजधानी बनाया।
  • पल्लवकालीन कला तथा वास्तुकला – पल्लवों ने कला तथा वास्तुकला को बहुत अधिक प्रोत्साहन दिया। दक्षिण (महाबलिपुरम्) के प्रसिद्ध रथ मन्दिर पल्लव शासकों ने ही बनवाये थे। ये एक ही चट्टान को काटकर बनाए गये हैं। ये मन्दिर पल्लवों की कलात्मक प्रतिभा के अद्भुत नमूने हैं।
  • पांड्य राज्य – पांड्य राज्य तमिलनाडु के दक्षिणी भागों में स्थापित था। उनकी राजधानी को मदुरा या मुदरा कहा जाता था। यह शिक्षा का एक महत्त्वपूर्ण केन्द्र था।
  • चोल वंश – चोल वंश का संस्थापक विजयालय था। इस वंश के अन्य प्रसिद्ध शासक प्रांतक प्रथम, राजराजा प्रथम (985-1014 ई०) तथा राजेन्द्र चोल (1014-1044 ई०) थे।
  • चोलों की ग्राम सभाएं – चोलों के अधीन ग्राम प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने के लिए ग्राम सभाओं का गठन किया जाता था। ग्राम सभाएं दो प्रकार की होती थीं –
    (i) उर-यह आम लोगों की सभा थी।
    (ii) सभा या महासभा-यह विद्वान् ब्राह्मणों की सभा थी।
  • ग्राम सभा – ग्राम सभाएं अपने कार्य विभिन्न समितियों की सहायता से करती थीं। ग्रामीण इन समितियों के सदस्यों का चुनाव स्वयं करते थे। ये समितियां सड़कों के रख-रखाव, न्याय, शिक्षा, धार्मिक उत्सवों, मन्दिरों की देखभाल, सिंचाई तथा भूमि प्रबन्ध सम्बन्धी कार्य करती थीं।
  • मंडलम् – चोल प्रांतों को मंडलम् कहा जाता था।
  • वलनाडु – मंडलम् वलनाडु में विभक्त थे। प्रत्येक वलनाडु में कई गांव शामिल थे।
  • चोल समाज – चोल समाज एक आदर्श समाज था। ब्राह्मणों, व्यापारियों और शिल्पकारों को समाज में आदर की दृष्टि से देखा जाता था। साझे उद्देश्यों की पूर्ति के लिए समाज के विभिन्न वर्ग मिलकर कार्य करते थे। स्त्रियों का भी बड़ा आदर किया जाता था।
  • राजराजा-प्रथम – राजराजा-प्रथम चोल वंश का सबसे महत्त्वपूर्ण शासक था। उसने पांड्य और चेर वंश के राज्यों पर और मैसूर के कुछ भागों पर आक्रमण किए।
  • राजेन्द्र-प्रथम – चोल शासक राजेन्द्र-प्रथम भी बहुत महत्त्वाकांक्षी था। उसने अपने पिता राजराजा-प्रथम की विजय-नीति को जारी रखा और दक्षिण प्रायद्वीप में अनेक युद्ध लड़े।
  • चोल राज्य का पतन – राजेन्द्र-प्रथ्म के उत्तराधिकारी अयोग्य तथा निर्बल थे। अतः तेरहवीं शताब्दी के अन्त तक चोल राज्य का अन्त हो गया।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 8 नए राज्य एवं शासक

Punjab State Board PSEB 7th Class Social Science Book Solutions History Chapter 8 नए राज्य एवं शासक Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 8 नए राज्य एवं शासक

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(क) निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लिखें

प्रश्न 1.
मध्यकालीन युग दौरान जाति-प्रथा किस प्रकार की थी ?
उत्तर-
आरम्भिक मध्यकाल में जाति-प्रथा बहुत कठोर थी। समाज चार जातियों में बंटा हुआ था। ये जातियां थीं-ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य तथा शूद्र। ब्राह्मण धार्मिक रस्में पूरी करते थे। इसलिए समाज में उनका बहुत आदर था। क्षत्रिय सैनिक तथा शासक बनते थे और युद्ध में भाग लेते थे। वैश्य व्यापार करते थे। परन्तु समाज में शूद्रों की दशा अच्छी नहीं थी। राजपूतों को अपनी ऊँची जाति पर बहुत मान था। वे अपनी पुत्रियों को विवाह निम्न कही जाने वाली जातियों में नहीं करते थे। समाज में स्त्रियों का आदर किया जाता था। उन्हें उच्च शिक्षा दिलाई जाती थी। वे सामाजिक तथा धार्मिक कार्यों में भाग लेती थीं। उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार अपना पति चुनने का अधिकार था। वे जौहर की रस्म करती थीं जो उनकी पवित्रता का प्रतीक थी।

प्रश्न 2.
त्रिपक्षीय संघर्ष किन तीन राजवंशों के बीच (मध्य) हुआ ?
उत्तर-
त्रिगुट संघर्ष से तात्पर्य उस संघर्ष से है जो राष्ट्रकूटों, प्रतिहारों तथा पालों के बीच कन्नौज पर अधिकार करने के लिए हुआ। कन्नौज उत्तरी भारत का प्रसिद्ध नगर था। उत्तरी भारत में इस नगर की स्थिति बहुत अच्छी थी। क्योंकि इस नगर पर अधिकार करने वाला शासक गंगा के मैदान पर अधिकार कर सकता था, इसलिए इस पर अधिकार करने के लिए कई लड़ाइयां लड़ी गईं। इस संघर्ष में राष्ट्रकूट, प्रतिहार तथा पाल नामक प्रमुख राजवंश भाग ले रहे थे। इन राजवंशों ने बारी-बारी से कन्नौज पर अधिकार किया। आधुनिक इतिहासकार इसी संघर्ष को त्रिगुट संघर्ष का नाम देते हैं।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 8 नए राज्य एवं शासक

प्रश्न 3.
किस काल को ‘राजपूत काल’ कहा जाता है ?
उत्तर-
हर्षवर्धन की मृत्यु के पश्चात् भारत अनेक छोटे-बड़े राज्यों में बंट गया। इनमें से अधिकतर राज्यों पर राजपूतों का शासन था। राजपूत शासक आपस में लड़ते-झगड़ते रहते थे। अतः राजपूत राज्य समाप्त होते रहते थे और फिर से अस्तित्व में आते रहते थे। इस प्रकार 8वीं शताब्दी से लेकर 13वीं शताब्दी तक देश पर मुख्य रूप से राजपूतों का ही शासन रहा। इसलिए इस काल को राजपूत काल का नाम दिया जाता है।

प्रश्न 4.
महमूद गजनवी ने भारत पर आक्रमण क्यों किया था ?
उत्तर-
महमूद गज़नवी (999-1030) गज़नी राज्य के शासक सुबुक्तगीन का पुत्र था। उसने भारत पर 17 बार आक्रमण किया। इन आक्रमणों का मुख्य उद्देश्य भारत के धन को लूटना था।

प्रश्न 5.
मुहम्मद गौरी ने भारत पर आक्रमण क्यों किया था ?
उत्तर-
मुहम्मद गौरी अफ़गानिस्तान के गौर (Ghor) वंश से सम्बन्ध रखता था। उसके राज्य में आधुनिक अफ़गानिस्तान के गज़नी और हरात के बीच के क्षेत्र शामिल थे। उसके भारत पर आक्रमणों का उद्देश्य केवल भारत के धन को लूटना ही नहीं था, वह भारत में मुस्लिम राज्य स्थापित करना चाहता था।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 8 नए राज्य एवं शासक

(ख) निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

  1. मिहिरभोज ……………. वंश का शक्तिशाली शासक था।
  2. देवपाल शासक ने बौद्ध गया में …………… मंदिर का निर्माण करवाया।
  3. राष्ट्रकूट शासक ………….. के शौकीन थे।

उत्तर-

  1. गुर्जर-प्रतिहार,
  2. महाबौद्धी,
  3. कला तथा साहित्य।

(ग) निम्नलिखित के सही जोड़े बनाएं :

(क) – (ख)
1. गुर्जर-प्रतिहार शासक – 1. बंगाल, बिहार एवं झारखंड
2. पाल शासक – 2. राजस्थान तथा गुजरात
3. राष्ट्रकूट शासक – 3. दक्षिण
उत्तर-
1. गुर्जर-प्रतिहार शासक – राजस्थान तथा गुजरात
2. पाल शासक – बंगाल, बिहार एवं झारखंड
3. राष्ट्रकूट शासक-दक्षिण

PSEB 7th Class Social Science Guide नए राज्य एवं शासक Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
आरम्भिक (पूर्व) मध्यकालीन युग के उत्तरी तथा दक्षिणी भारत के तीन-तीन राज्यों के नाम बताओ।
उत्तर-
उत्तरी भारत के राज्य-प्रतिहार अथवा गुर्जर-प्रतिहार राज्य, पाल तथा राजपूत राज्य। दक्षिणी भारत के राज्य-पल्लव, पाण्डेय तथा चोल।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 8 नए राज्य एवं शासक

प्रश्न 2.
गुर्जर-प्रतिहार शासक कहां शासन करते थे ?
उत्तर-
गुर्जर-प्रतिहार शासक राजस्थान तथा गुजरात के कुछ भागों पर शासन करते थे।

प्रश्न 3.
गुर्जर-प्रतिहार वंश का सबसे शक्तिशाली शासक कौन था ? उसने कब से कब तक शासन किया ?
उत्तर-
गुर्जर-प्रतिहार वंश का सबसे शक्तिशाली शासक मिहिर भोज था। उसने 836 ई० से लेकर 885 ई0 तक शासन किया।

प्रश्न 4.
गुर्जर-प्रतिहार वंश का अंत किस प्रकार हुआ?
उत्तर-
गुर्जर-प्रतिहार वंश के अन्तिम शासक राजपाल ने 1018-19 ई० में महमूद गज़नवी की अधीनता स्वीकार कर ली थी। इससे क्रोधित होकर राजपूतों ने उसकी हत्या कर दी, उसकी मृत्यु के साथ गुर्जर-प्रतिहार वंश का अंत हो गया।

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प्रश्न 5.
गुर्जर-प्रतिहार शासक महेन्द्रपाल की संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
उत्तर-
महेन्द्रपाल मिहिर भोज का पुत्र तथा उत्तराधिकारी था। उसने 885-910 ई० तक शासन किया। वह कला और साहित्य प्रेमी था।

प्रश्न 6.
पाल शासकों ने कहां पर शासन किया ? इस वंश का संस्थापक कौन था ?
उत्तर–
पाल शासकों ने आधुनिक बंगाल, बिहार तथा झारखंड के प्रदेशों पर शासन किया। इस वंश का संस्थापक गोपाल था। उसने 750 ई० में पाल वंश की स्थापना की थी।

प्रश्न 7.
पाल शासकों की दो सफ़लताएं बताओ।
उत्तर-

  1. पाल शासकों के अधीन भवन-निर्माण कला, चित्रकला, शिक्षा तथा साहित्य में बहुत उन्नति हुई।
  2. पाल शासक बौद्ध धर्म के अनुयायी थे। परन्तु वे अन्य धर्मों के प्रति भी उदार थे।

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प्रश्न 8.
पाल शासक धर्मपाल की एक शिक्षा सम्बन्धी सफ़लता बताओ।
उत्तर-
धर्मपाल शिक्षा-प्रेमी शासक था। उसने विक्रमशिला विहार की स्थापना की जो बाद में एक महान् विश्वविद्यालय (यूनिवर्सिटी) बना।

प्रश्न 9.
राष्ट्रकूट शासक कहां शासन करते थे ?
उत्तर-
राष्ट्रकूट दक्कन पर शासन करते थे। दक्कन में कृष्णा तथा तुंगभद्रा नदियों के उत्तरी प्रदेश शामिल हैं।

प्रश्न 10.
राष्ट्रकूट वंश के प्रसिद्ध शासकों के नाम बताओ।
उत्तर-
दन्तीदुर्ग, कृष्ण प्रथम, गोविन्द द्वितीय, ध्रुव, गोविन्द तृतीय, अमोघवर्ष तथा कृष्ण तृतीय।

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प्रश्न 11.
राष्ट्रकूट शासकों की मुख्य सफ़लताएं बताओ।
उत्तर-
राष्ट्रकूट शासकों की मुख्य सफ़लताएं निम्नलिखित थीं –

  1. राष्ट्रकूट शासकों ने दक्षिण भारत में चालुक्यों तथा पल्लवों से युद्ध किए।
  2. राष्ट्रकूट शासक ध्रुव ने प्रतिहार शासक वत्सराज को हरा कर कन्नौज पर अधिकार कर लिया।
  3. राष्ट्रकूट शासक कला तथा शिक्षा के संरक्षक थे। अमोघवर्ष एक अच्छा कवि था। कृष्ण प्रथम ने एलोरा में कैलाश मन्दिर बनवाया।
  4. राष्ट्रकूटों ने दूसरे देशों के साथ व्यापारिक सम्बन्ध स्थापित किए।
  5. उन्होंने हिन्दू धर्म के साथ-साथ अन्य सभी धर्मों को भी संरक्षण दिया।

प्रश्न 12.
निम्न पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए –
1. मिहिरभोज
2. धर्मपाल
3. देवपाल
4. अमोघवर्ष
5. पृथ्वीराज चौहान।
उत्तर-
1. मिहिरभोज-मिहिरभोज प्रथम (836-885 ई०) गुर्जर-प्रतिहार वंश का एक प्रसिद्ध शासक था। अरब यात्री सुलेमान ने उसे एक वीर योद्धा तथा कुशल प्रशासक कहा है। उसने पाल वंश से अपने खोये हुए प्रदेश पुनः प्राप्त किए। वह विष्णु का उपासक था। उसने ‘आदिवराह’ की उपाधि धारण की।

2. धर्मपाल-धर्मपाल (770-810 ई०) पाल वंश का प्रसिद्ध शासक था। अरब यात्री सुलेमान लिखता है कि उसकी सैनिक शक्ति उसके विरोधियों से कहीं अधिक थी। उसने प्रतिहार तथा राष्ट्रकूट शासकों के साथ युद्ध किए। धर्मपाल शिक्षा-प्रेमी भी था। उसने विक्रमशिला के प्रसिद्ध बौद्ध मठ की स्थापना की जो उच्च शिक्षा का केन्द्र बना।

3. देवपाल-देवपाल पाल शासक धर्मपाल का पुत्र था। उसने 810 ई० से 850 ई० तक शासन किया। उसे पाल वंश का सबसे शक्तिशाली शासक माना जाता है। उसने असम तथा उड़ीसा को विजय किया। उसने प्रतिहारों के विरुद्ध भी युद्ध किए और उन्हें पराजित करके पाल राज्य की प्रतिष्ठा में वृद्धि की।

4. अमोघवर्ष-अमोघवर्ष (814-878 ई०) राष्ट्रकूट वंश का एक शासक था। उसने 64 वर्ष तक शासन किया। वह अपनी विद्वता के लिए विख्यात है। उसने ‘कविराज मार्ग’ नामक ग्रन्थ की रचना की। यह कन्नड़ साहित्य की सबसे पहली काव्य रचना है।

5. पृथ्वीराज चौहान-पृथ्वीराज चौहान चौहान वंश का सबसे महान् शासक था। उसने 1179 से 1192 ई० तक शासन किया। दिल्ली तथा अजमेर के प्रदेश उसके अधीन थे। उसने चन्देल राजा को हरा कर महोबा तथा कुछ अन्य किले अपने अधिकार में ले लिए। उसने गुजरात के चालुक्य शासक भीम द्वितीय से भी टक्कर ली। वह 1192 ई० में मुहम्मद गौरी के हाथों पराजित हुआ।

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प्रश्न 13.
किन्हीं दो प्रसिद्ध राजपूत वंशों के बारे में लिखिए।
उत्तर-
दो प्रसिद्ध राजपूत वंश निम्नलिखित थे –
1. प्रतिहार वंश-इस वंश के राजा कन्नौज तथा उसके आस-पास के प्रदेश पर शासन करते थे। इस वंश का पहला महान् शासक नागभट्ट-I था। भोज प्रथम इस वंश का एक अन्य प्रसिद्ध शासक था।

2. चौहान वंश-इस वंश का शासन राजस्थान में अजमेर के प्रदेश पर था। पृथ्वीराज चौहान इस वंश का प्रसिद्ध राजा था। उसने मुहम्मद गौरी से दो बार टक्कर ली।

प्रश्न 14.
महमूद गज़नवी और मुहम्मद गौरी के आक्रमणों में क्या अन्तर था ?
उत्तर-
महमूद गज़नवी और मुहम्मद गौरी के आक्रमणों में निम्नलिखित अन्तर था –

महमूद गज़नवी मुहम्मद गौरी
(1) महमूद गज़नवी के आक्रमणों का उद्देश्य केवल धन लूटना था। (1) मुहम्मद गौरी के आक्रमणों का उद्देश्य उत्तरी भारत में मुस्लिम राज्य की स्थापना करना था।
(2) महमूद गज़नवी अपने सभी आक्रमणों में विजयी रहा। (2) मुहम्मद गौरी अपने आक्रमणों में एक बार पराजित हुआ।
(3) महमूद गज़नवी के आक्रमणों से भारत को धन की बड़ी हानि हुई। (3) मुहम्मद गौरी के आक्रमणों से भारत में मुस्लिम राज्य की स्थापना हुई।

 

प्रश्न 15.
कन्नौज का क्या महत्त्व था ? उन राजाओं के नाम बताओ जो कन्नौज पर अधिकार करना चाहते थे।
उत्तर-
कन्नौज हर्षवर्धन की राजधानी था। इस पर विजय प्राप्त करना प्रभुसत्ता का चिन्ह माना जाता था। कन्नौज की स्थिति ऐसी थी कि इस पर अधिकार करने वाला शासक पूरी गंगा घाटी पर अधिकार कर सकता था। अतः कन्नौज पर अधिकार करने के लिए बंगाल-बिहार के पाल, मध्य भारत तथा पूर्वी राजस्थान के प्रतिहार तथा दक्कन के राष्ट्रकूट राजाओं के बीच संघर्ष हुआ। इस संघर्ष को त्रिपक्षीय संघर्ष का नाम दिया जाता है। यह संघर्ष लगभग 200 वर्ष तक चला। इस संघर्ष ने तीनों राजवंशों को आर्थिक दृष्टि से कमजोर बना दिया।

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प्रश्न 16.
राजपूतों की उत्पत्ति के विषय में लिखिए।
उत्तर-
राजपूतों की उत्पत्ति के बारे में इतिहासकारों के अलग-अलग विचार हैं। इनमें से मुख्य विचार निम्नलिखित हैं –

  1. राजस्थान के प्रसिद्ध इतिहासकार कर्नल टॉड के अनुसार राजपूत मध्य एशिया के कबीलों की सन्तान हैं। वे हूणों के आक्रमणों के बाद भारत में आ बसे।
  2. वेद व्यास तथा गौरी शंकर ओझा का विचार है कि राजपूत प्राचीन क्षत्रियों की सन्तान हैं।
  3. एक अन्य विचार चन्द बरदाई का है। वह अपनी पुस्तक पृथ्वीराज रासो में लिखता है कि राजपूतों की उत्पत्ति अग्निकुल से हुई।
    चौहान, परमार, गुर्जर-प्रतिहार, चालुक्य तथा चन्देल इस काल के मुख्य राजपूत वंश अथवा कुल थे।

प्रश्न 17.
चौहान कौन थे ? उनके विषय में संक्षेप में वर्णन करें।
उत्तर-
चौहानों को चाहमान भी कहा जाता है। पृथ्वीराज चौहान इस वंश का सबसे शक्तिशाली शासक था। उसने 1179 से 1192 ई० तक शासन किया। वह एक वीर योद्धा था। उसने चन्देल राजा को पराजित करके उसके कई प्रदेश छीन लिए। 1191 ई० में उसने तराइन की पहली लड़ाई में मुहम्मद गौरी को पराजित किया। परन्तु अगले ही वर्ष 1192 ई० में तराइन की दूसरी लड़ाई में वह मुहम्मद गौरी से पराजित हुआ और उसका वध कर दिया गया। इस प्रकार दिल्ली से चौहान वंश का राज्य समाप्त हो गया।
चन्द बरदाई ने अपनी पुस्तक पृथ्वीराज रासो में पृथ्वीराज चौहान की सफलताओं का विस्तार से वर्णन किया है।

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प्रश्न 18.
महमूद गज़नवी के प्रमुख आक्रमणों के बारे में संक्षेप में लिखें।
उत्तर-
महमूद गज़नवी गज़नी का शासक था। वह गज़नी को एक शक्तिशाली राज्य बनाना चाहता था। इसलिए वह एक बड़ी सेना तैयार करना चाहता था जिसके लिए बहुत अधिक धन की आवश्यकता थी। धन प्राप्त करने के लिए उसने भारत पर 17 हमले (आक्रमण) किए। उसके प्रमुख आक्रमणों का वर्णन इस प्रकार है –

1. जयपाल पर आक्रमण, 1001 ई०-1001 ई० में महमूद गज़नवी ने पंजाब के हिन्दूशाही शासक जयपाल पर आक्रमण किया। इसमें जयपाल पराजित हुआ और उसे बन्दी बना लिया गया। कहा जाता है कि महमद ने जयपाल से 2,50,000 सोने के सिक्के लेकर उसे मुक्त कर दिया। परन्तु जयपाल इस अपमान को सहन न कर सका। उसने अपने आपको आग लगा कर अपनी जान दे दी।

2. आनन्दपाल से युद्ध 1008 ई०-आनन्दपाल जयपाल का पुत्र था। महमूद गज़नवी ने 1008 ई० में उसके साथ युद्ध किया। आनन्दपाल ने उज्जैन, ग्वालियर, कालिंजर, दिल्ली तथा अजमेर के हिन्दू शासकों की सेना को इकट्ठा करके महमूद का सामना किया। एक भीषण लड़ाई के बाद महमूद विजयी रहा। उसने पंजाब में भयंकर लूटमार की।।

3. नगरकोट पर आक्रमण-महमूद गज़नवी ने 1009 ई० में नगरकोट (कांगड़ा) पर आक्रमण किया। उसने नगरकोट पर अधिकार कर लिया और यहां के मन्दिरों से अपार सोना-चांदी लूटा।

4. थानेश्वर पर आक्रमण-महमूद ने 1014 ई० में थानेश्वर पर आक्रमण किया। यहां के विशाल मन्दिरों में अपार धन-सम्पत्ति थी। महमूद गज़नवी इसे लूट कर अपने देश ले गया।

5. मथुरा तथा कन्नौज पर आक्रमण 1018-19 ई०-महमूद गजनवी ने 1018-19 ई० में मथुरा पर आक्रमण किया। उसने मार्ग में आने वाले नगरों में लूटमार की और उन्हें आग की भेंट चढ़ा दिया। 1018 ई० में वह मथुरा पहुंचा और वहां के मन्दिरों को ध्वस्त कर दिया। ___ मथुरा से वह कन्नौज पहुंचा। कन्नौज के शासक राजपाल ने उसके आगे आत्म-समर्पण कर दिया। महमूद ने वहां के मन्दिरों में खूब लूटमार की और उन्हें तोड़-फोड़ डाला।

6. कालिंजर पर आक्रमण, 1021 ई०-1021 ई० में महमूद ने कालिंजर पर आक्रमण कर दिया। वहां के शासक विद्याधर के पास एक विशाल सेना,थी। फिर भी वह महमूद का सामना न कर सका और मैदान छोड़ कर भाग गया।
सोमनाथ के मन्दिर पर आक्रमण, 1025 ई०-1025 ई० में महमूद गज़नवी ने काठियावाड़ (गुजरात) में स्थित सोमनाथ के मन्दिर पर आक्रमण किया। यह

7. मन्दिर अपनी धन-सम्पदा के लिए संसार भर में प्रसिद्ध था। इसके अतिरिक्त यह हिन्दुओं का सबसे, पवित्र मन्दिर माना जाता था। महमूद ने इस मन्दिर में भयंकर लूटमार की और मन्दिर को ध्वस्त कर दिया। यहां से वह सैंकड़ों मन सोना-चांदी तथा हीरे-जवाहरात अपने देश ले गया। यह महमूद की सबसे बड़ी विजय थी। इसके लिए खलीफ़ा ने उसे सम्मानित किया। 1030 ई० में महमूद गज़नवी की मृत्यु हो गई।

प्रश्न 19.
मुहम्मद गौरी के प्रमुख हमलों (आक्रमणों) की समीक्षा कीजिए।
उत्तर-
मुहम्मद गौरी अफ़गानिस्तान के गौर राज्य का शासक था। वह 1173 ई० में सिंहासन पर बैठा। शासक बनने के पश्चात् उसने भारत-विजय करने का निश्चय किया। 1175 ई० में उसने मुल्तान पर आक्रमण किया और उस पर अधिकार कर लिया। उसके अन्य प्रमुख आक्रमणों का वर्णन इस प्रकार है –
PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 8 नए राज्य एवं शासक 1

1. गुजरात पर आक्रमण-1178 ई० में गौरी ने गुजरात पर आक्रमण किया। गुजरात के शासक ने बड़ी वीरता से मुहम्मद गौरी का सामना किया | और उसे बुरी तरह पराजित किया।

2. तराइन का पहला युद्ध-मुहम्मद गौरी भारत में मुस्लिम राज्य की स्थापना करना चाहता था। इसलिए उसने 1191 ई० में दिल्ली पर आक्रमण कर दिया। दिल्ली पर उन दिनों पृथ्वीराज चौहान का शासन था, जो बड़ा ही वीर तथा साहसी शासक था। तराइन के स्थान पर पृथ्वीराज और गौरी की सेनाओं | में घमासान युद्ध हुआ। इस युद्ध में मुहम्मद गौरी बुरी तरह पराजित हुआ।

3. तराइन का दूसरा युद्ध-अपनी हार का बदला लेने के लिए गौरी ने 1192 ई० में दोबारा भारत पर आक्रमण किया। इस बार कन्नौज के राजा म्मद गौरी जयचन्द ने भी उसका साथ दिया। तराइन के स्थान पर गौरी और पृथ्वीराज की सेनाओं में जमकर युद्ध हुआ। पृथ्वीराज चौहान के नेतृत्व में राजपूत बड़ी वीरता से लड़े, परन्तु अन्त में गौरी की विजय हुई। इस विजय से दिल्ली और अजमेर पर मुहम्मद गौरी का अधिकार हो गया।

4. जयचन्द से युद्ध-1194 ई० में मुहम्मद गौरी ने कन्नौज के शासक जयचन्द को पराजित किया और कन्नौज का प्रदेश जीत लिया।

5. अन्य विजयें-इसी बीच मुहम्मद गौरी के एक सेनानायक मुहम्मद-बिन-बख्तियार खिलजी ने बंगाल और बिहार पर अधिकार कर लिया। उसके अन्य सेनापति कुतुबुद्दीन ऐबक ने गुजरात को भी जीत लिया।
इस प्रकार मुहम्मद गौरी ने कुछ ही समय में लगभग पूरे उत्तरी भारत पर अपना अधिकार जमा लिया। उसे भारत में तुर्क राज्य का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। 1206 ई० में उसकी मृत्यु हो गई।

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प्रश्न 20.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त लेख लिखिए –
(क) आर्थिक दशा
(ख) धर्म।
उत्तर-
(क) आर्थिक दशा-पूर्व मध्यकाल में कृषि लोगों का मुख्य व्यवसाय था। भारत से कीमती पत्थर, मसाले, रेशम, ऊनी तथा सूती वस्त्र, चन्दन की लकड़ी, नारियल आदि विदेशों को भेजे जाते थे। मध्य एशिया से खजूर, शराब तथा घोड़े भारत में आते थे।

(ख) धर्म-पूर्व (आरम्भिक) मध्यकाल में भारत में मुख्य रूप से जैन धर्म, बौद्ध धर्म तथा हिन्दू धर्म प्रचलित थे। परन्तु राजपूत हिन्दू धर्म के अनुयायी थे। इसलिए उनके शासनकाल में हिन्दू धर्म ने बड़ी उन्नति की।

उत्तरी भारत में हिन्दू धर्म के दो सम्प्रदाय बहुत अधिक लोकप्रिय थे-शैव मत तथा वैष्णव मत। लोग विष्णु, शिव तथा शक्ति की पूजा करते थे। वे विष्णु के दस अवतारों की पूजा भी करते थे। इस काल में उत्तरी तथा दक्षिणी भारत में भक्ति लहर बहुत अधिक लोकप्रिय हुई। श्री गुरु नानक देव जी, समानुज तथा माधव जी ने ईश्वर की भक्ति पर बल दिया। उन्होंने लोगों को बताया कि सच्चे मन से प्रभु-भक्ति करना ही मुक्ति का साधन है। वे जाति तथा वर्ण के भेदभाव के विरुद्ध थे।

(क) सही कथनों पर (✓ ) तथा ग़लत कथनों पर (✗) का चिन्ह लगाएं :

  1. प्रारम्भिक मध्यकालीन युग में भारतीय लोगों का मुख्य कार्य कृषि था।
  2. महमूद गज़नवी ने भारत पर सत्रह आक्रमण किए।
  3. जयचन्द अजमेर का शासक था जिसने मुहम्मद गौरी को हराया।
  4. राजा हर्षवर्धन की राजधानी दिल्ली थी।

उत्तर-

  1. (✓ )
  2. (✓ )
  3. (✗)
  4. (✗)

(ख) सही उत्तर चुनिए :

प्रश्न 1.
चित्र में दिखाया गया व्यक्ति चाहमान वंश का एक शक्तिशाली शासक था। इसका क्या नाम था ?
PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 8 नए राज्य एवं शासक 2
(i) जयचन्द
(ii) विद्याधर
(iii) पृथ्वीराज चौहान।
उत्तर-
(iii) पृथ्वीराज चौहान।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 8 नए राज्य एवं शासक

प्रश्न 2.
राजा हर्षवर्धन की राजधानी कौन-सी थी?
(i) कन्नौज
(ii) चंदवाड़ा
(iii) सियालकोट।
उत्तर-
(i) कन्नौज।

प्रश्न 3.
चित्र में एलोरा का कैलाश मंदिर दिखाया गया है ? बताइए कि यह किसके द्वारा बनवाया गया था?
PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 8 नए राज्य एवं शासक 3
(i) राष्ट्रकूट शासक कृष्ण तृतीय द्वारा
(ii) राष्ट्रकूट शासक दंतीदुर्ग द्वारा
(iii) प्रतिहार शासक वत्सराज द्वारा।
उत्तर-
(i) राष्ट्रकूट शासक कृष्ण तृतीय द्वारा।

नए राज्य एवं शासक PSEB 7th Class Social Science Notes

  • आरम्भिक मध्यकालीन युग के राज्य – आरम्भिक मध्यकाल में उत्तरी भारत में प्रतिहार (गुर्जर-प्रतिहार), पाल तथा राजपूत और दक्षिणी भारत में राष्ट्रकूट, पल्लव, पांडेय तथा चोल राज्य स्थापित थे।
  • गुर्जर-प्रतिहार गुर्जर-प्रतिहार – शासक राजस्थान तथा गुजरात के कुछ भागों पर शासन करते थे। इस वंश के प्रमुख शासक नागभट्ट, मिहिरभोज, महेन्द्रपाल तथा राजपाल थे।
  • पाल वंश – पाल शासक आधुनिक बंगाल, बिहार तथा झारखण्ड पर शासन करते थे। इसकी स्थापना 750 ई० में गोपाल ने की थी। इस वंश के अन्य प्रमुख शासक धर्मपाल, देवपाल आदि थे।
  • राष्ट्रकूट वंश – राष्ट्रकूट वंश की स्थापना 742 ई० में दंती दुर्ग ने की थी। इस वंश के शासकों ने कन्नौज पर अधिकार करने के लिए पाल तथा प्रतिहार शासकों से संघर्ष किया। उन्होंने कला तथा शिक्षा को भी संरक्षण दिया।
  • समाज, धर्म तथा आर्थिक दशा – इस काल में जाति प्रथा बहुत कठोर थी। इस काल के प्रमुख धर्मों में हिन्दू धर्म (शैव तथा वैष्णव), जैन धर्म तथा बौद्ध धर्म थे।
  • चौहान (चाहमान) वंश – इस वंश का सबसे प्रसिद्ध शासक पृथ्वीराज चौहान था। उसने 1179-1192 ई० तक शासन किया।
  • राजपूत काल – हर्षवर्धन की मृत्यु के बाद उत्तरी भारत के राज्यों पर मुख्यत: राजपूतों का शासन था। इसलिए इस काल को राजपूत काल कहा जाता है।
  • कन्नौज के लिए संघर्ष – कन्नौज अपनी स्थिति के कारण बहुत ही महत्त्वपूर्ण था। इसलिए कन्नौज पर अधिकार करने के लिए पालों, प्रतिहारों तथा राष्ट्रकूटों के बीच कड़ा संघर्ष हुआ।
  • महमूद गज़नवी – गज़नी के शासक महमूद गज़नवी ने भारत पर 17 बार आक्रमण किए। वह बहुत-सा सोना-चांदी लूटकर अपने देश ले गया।
  • मुहम्मद गौरी – गौर के शासक मुहम्मद गौरी ने तराइन की दूसरी लड़ाई (1192) में पृथ्वीराज चौहान को हरा कर भारत में तुर्क साम्राज्य की नींव रखी।

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 11 बायोगैस

Punjab State Board PSEB 7th Class Agriculture Book Solutions Chapter 11 बायोगैस Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Agriculture Chapter 11 बायोगैस

PSEB 7th Class Agriculture Guide बायोगैस Textbook Questions and Answers

(क) एक-दो शब्दों में उत्तर दें :

प्रश्न 1.
बायोगैस में निहित कोई दो गैसों के नाम लिखो।
उत्तर-
मीथेन, कार्बन-डाइऑक्साइड।

प्रश्न 2.
बायोगैस में मीथेन गैस कितने प्रतिशत होती है ?
उत्तर-
50-60%.

प्रश्न 3.
बायोगैस में कार्बन-डाइऑक्साइड गैस कितने प्रतिशत होती है ?
उत्तर-
30-40%.

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 11 बायोगैस

प्रश्न 4.
बायोगैस संयंत्र गैस क्षमता के अनुसार कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
यह तीन प्रकार के हैं।

प्रश्न 5.
बायोगैस उत्पन्न करने का सबसे बड़ा स्त्रोत क्या है ?
उत्तर-
पशुओं का. गोबर।

प्रश्न 6.
एक घन मीटर बायोगैस जलने से कितने किलोग्राम उपलों के बराबर ऊर्जा प्राप्त होती है ?
उत्तर-
12.30 किलोग्राम उपलों के बराबर।

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प्रश्न 7.
बायोगैस का प्रयोग किस काम के लिए किया जा सकता है ?
उत्तर-
खाना बनाने, प्रकाश पैदा करने तथा डीजल इंजन चलाने के लिए।

प्रश्न 8.
बायोगैस संयंत्र से निकलने वाली स्लरी किस काम के लिए उपयोग में आती है ?
उत्तर-
स्लरी खाद के लिए उपयोग होती है।

प्रश्न 9.
बायोगैस संयंत्र मकान की नींव से कम-से-कम कितनी दूरी पर बनाना चाहिए ?
उत्तर-
6 फुट की दूरी पर।

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प्रश्न 10.
बायोगैस संयंत्र का सस्ता आधुनिक डिज़ाइन किस कृषि विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किया गया है ?
उत्तर-
पजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना।

(ख) एक-दो वाक्यों में उत्तर दें:

प्रश्न 1.
प्राकृतिक ऊर्जा संसाधन कितनी प्रकार के होते हैं ? उदाहरण सहित स्पष्ट करें।
उत्तर-
प्राकृतिक ऊर्जा स्रोत दो प्रकार के होते हैं।
(1) रिवायती परम्परागत
(2) गैर-रिवायती गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोत।

  1. रिवायती स्रोत–पेट्रोलियम पदार्थ, कोयला आदि।
  2. गैर-रिवायती स्रोत-गोबर गैस, सौर ऊर्जा आदि।

प्रश्न 2.
बायोगैस की रचना के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
बायोगैस में 50-60% मीथेन, 30-40% कार्बन-डाइऑक्साइड तथा कुछ मात्रा में नाइट्रोजन, हाइड्रोजन सल्फाइड तथा जलवाष्प होते हैं।

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प्रश्न 3.
बायोगैस के कोई तीन लाभ लिखो।
उत्तर-

  1. यह धुंआ रहित गैस है। इसे जलाने से धुआँ पैदा नहीं होता।
  2. इस गैस में एल०पी०जी० गैस की तरह धमाके से कोई हादसा होने का डर नहीं रहता।
  3. यह गैस सस्ती पड़ती है।
  4. इसकी स्लरी को खाद के तौर पर प्रयोग किया जा सकता है।

प्रश्न 4.
बायोगैस के पश्चात् निकलने वाली स्लरी के क्या गुण होते हैं ?
उत्तर-
गैस बनने के पश्चात् बचे पदार्थ जिसको स्लरी कहते हैं, में से बदबू नहीं आती तथा मक्खियां भी भिनभिनाती नहीं।
साथ ही स्लरी एक खाद का कार्य करती है। इसमें नाइट्रोजन तथा फॉस्फोरस वाले खाद्य तत्त्व होते हैं।

प्रश्न 5.
बायोगैस संयंत्र का आकार किन बातों पर निर्भर करता है ?
उत्तर-
गोबर की उपलब्ध मात्रा तथा गैस की आवश्यकता के अनुसार बायोगैस प्लांट (संयंत्र) का आकार होता है, जैसे-50 किलोग्राम गोबर की प्राप्ति 3-4 पशुओं से होती है तथा 2 घन मीटर आकार का प्लांट तैयार किया जा सकता है।

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प्रश्न 6.
दीनबंधु मॉडल बायोगैस संयंत्र पर संक्षेप नोट लिखें।
उत्तर-
यह प्लांट वर्ष 1984 में अस्तित्व में आया तथा पंजाब में 1991 से लगने शुरू हुए। यह प्लांट बहुत सस्ते थे। यह प्लांट दो गोलाकार टुकड़ों (भिन्न-भिन्न व्यास वाले) को आपस में आधार से जोड़कर अण्डाकार आकार का बनाया जाता है। इसको अण्डे के आकार का डायजैस्टर (गोबर गलाने वाला कुंआ) कहते हैं। यह चैंबर (गैस होल्डर) गैस एकत्र करने के काम आता है। इसके दोनों तरफ इनलैट पाइप पर आऊटलैट चैंबर बने होते हैं। गुंबद के ऊपर पाइप लगी होने के कारण गैस को प्रयोग के स्थान पर आसानी से ले जाया जा सकता है।
PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 11 बायोगैस 1
चित्र-दीनबन्धु बायोगैस प्लांट

प्रश्न 7.
बायोगैस संयंत्र लगाने के लिए स्थान का चुनाव करते समय कौन-सी सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-

  1. संयंत्र के आस-पास वाला स्थान थोड़ा ऊंचा होना चाहिए ताकि इस जगह पानी एकत्र न हो सके।
  2. प्लांट, रसोई तथा पशु बांधने वाली जगह के पास होना चाहिए।
  3. प्लांट वाली जगह पर अधिक-से-अधिक धूप पड़नी चाहिए तथा पास वृक्ष नहीं होने चाहिएं।

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 11 बायोगैस

प्रश्न 8.
बायोगैस संयंत्र के काम-काज के समय ध्यान रखने योग्य सावधानियां लिखें।
उत्तर-

  1. जिस पाइप द्वारा गैस रसोई की तरफ जाती है उसकी ढलान गैस प्लांट की तरफ होनी चाहिए।
  2. यदि पाइप में से किसी स्थान पर गैस लीक हो रही हो उसके पास जलती हुई कोई वस्तु नहीं ले जानी चाहिए।
  3. गैस पाइप में मोड़ तथा जोड़ कम-से-कम होने चाहिएं।

प्रश्न 9.
रसोई में उपलों का प्रयोग क्यों नहीं करना चाहिए ?
उत्तर-
उपले जलाने से धुआँ पैदा होता है जो आंखों को नुकसान पहुंचाता है। इनसे ऊर्जा भी कम प्राप्त होती है। गोबर में मौजूद खाद्य तत्त्व सड़ जाते हैं जोकि खेतों में खाद के तौर पर प्रयोग किए जा सकते हैं।

प्रश्न 10.
जनता बायोगैस संयंत्र के सम्बन्ध में संक्षिप्त जानकारी दें।
उत्तर-
इस संयंत्र में कच्चा गड्ढा (डायजैस्टर) खोदा जाता है जो गोबर गलाने के लिए होता है तथा इसको पक्का नहीं किया जाता है मतलब इसकी चिनाई नहीं की जाती। इस गड्डे के ऊपर गैस एकत्र करने के लिए गुंबद तथा स्लरी इकट्ठी करने के लिए आऊटलैट चैंबर की ही चिनाई की जाती है। यह दूसरे प्लाटों से 25-40% सस्ता होता है।

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(ग) पाँच-छ: वाक्यों में उत्तर दें :

प्रश्न 1.
बायोगैस संयंत्र लगाने के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
1. गोबर गैस बनाने के लिए सूखे पत्ते, मूंगफली के छिलके, बचा-खुचा चारा आदि भी मिलाकर प्रयोग किया जा सकता है जिससे हमारा आस-पास साफ़ रहता

2. गैस बनने के पश्चात् जो स्लरी (तरल) बाहर निकलती है, उसमें से दुर्गन्ध नहीं आती तथा इस पर मक्खियां भी नहीं भिनभिनाती। इस तरह गन्दगी फैलने की भी कोई समस्या नहीं रहती तथा वातावरण सुखद बना रहता है।

3. बचे हुए घोल, स्लरी से प्राप्त हुई खाद से पौधों को सभी खाद्य तत्त्व प्राप्त हो जाते हैं|

4. स्लरी वाली खाद में नदीनों के बीजों के बढ़ने की शक्ति समाप्त हो जाती है। इसलिए खाद के प्रयोग से गुडाई तथा नदीननाशक दवाइयों पर खर्च नहीं होता।

5. प्लांट से निकली खाद ट्यूबवैल के पानी से ही खेतों तक पहुंचाकर तथा इस खाद को उठाकर खेतों में ले जाने की मेहनत से भी बचा जा सकता है।

6. ईंधन की पूर्ति तो प्लांट से ही हो जाती है इसलिए ईंधन के लिए जन्तर तथा अरहर आदि फसलें बोने की ज़रूरत नहीं रहती तथा दूसरी फसलें बोकर अतिरिक्त लाभ लिया जा सकता।

7. बायोगैस प्लांट के लिए देसी खाद के लिए आवश्यक स्थान से कम स्थान चाहिए तथा इसमें खाद गड्डे भी बनाए जा सकते हैं।

8. प्लांट पर वर्षा का कोई प्रभाव नहीं होता। इसलिए वर्षा में भी बढ़िया ईंधन मिलता रहता है तथा गीली लकड़ियों, उपलों आदि जैसी समस्या नहीं आती।

9. बायोगैस प्लांट में से प्राप्त स्लरी में ह्यूमस काफ़ी मात्रा में होता है। यह भूमि के भौतिक गुणों को बनाए रखने में सहायक होता है तथा भूमि की पानी को अधिक देर तक सम्भालने की शक्ति को बढ़ाता है।

10. प्लांट के साथ लैटरीन भी जोड़ी जा सकती है। इस तरह अलग सैप्टिक टैंक बनाने का खर्च बच जाता है।

प्रश्न 2.
बायोगैस संयंत्र कितने प्रकार के होते हैं ? दीनबंधु बायोगैस संयंत्र का वर्णन करें।
उत्तर-
बायोगैस प्लांट दो तरह के होते हैंपी०ए०यू० कच्चा पक्का जनता माडल गैस प्लांट तथा दीनबंधु बायोगैस प्लांट।
यह प्लांट वर्ष 1984 में अस्तित्व में आया तथा पंजाब में 1991 से लगने शुरू हुए। यह प्लांट बहुत सस्ते थे। यह प्लांट दो गोलाकार टुकड़ों (भिन्न-भिन्न व्यास वाले) को आपस में आधार से जोड़कर अण्डाकार आकार का बनाया जाता है। इसको अण्डे के आकार का डायजैस्टर (गोबर गलाने वाला कुंआ) कहते हैं। यह चैंबर (गैस होल्डर) गैस एकत्र करने के काम आता है। इसके दोनों तरफ इनलैट पाइप पर आऊटलैट चैंबर बने होते हैं। गुंबद ऊपर पाइप लगी होने के कारण गैस को प्रयोग के स्थान पर आसानी से ले जाया जा सकता

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प्रश्न 3.
बायोगैस बनने की विधि लिखें।
उत्तर-
पशुओं के मल-त्याग, गोबर आदि को ऑक्सीजन रहित कुएँ में इकट्ठा करके उसमें उतना ही पानी मिला दिया जाता है। गोबर तथा पानी 1:1 अनुपात में मिलाना आवश्यक है। इस घोल को ऑक्सीजन रहित स्थान पर गलने के लिए डाल दिया जाता है। इस कुएं को बायोगैस प्लांट कहा जाता है। गोबर को 15-20 दिनों के लिए कुएं में गलने के लिए छोड़ दिया जाता है। इस तरह इसमें कीटाणु पैदा हो जाते हैं जो बायोगैस बनाते हैं। गैस इकट्ठा करने वाले होल्डर से कुएं को ढक दिया जाता है, ताकि तापमान 25°C से 30°C पर खमीर उठाकर गैस के प्रैशर को पाइपों द्वारा दूर-दूर तक प्रयोग में लाने के लिए भेजा जा सके।

प्रश्न 4.
जनता बायोगैस संयंत्र का विस्तार सहित वर्णन करें।
उत्तर-
बायोगैस प्लांटों के परम्परागत माडलों जैसे लोहे के ड्रमों वाले प्लांट काफ़ी महंगे होते हैं। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना ने एक सस्ता बायोगैस प्लांट डिजाइन किया है जो सस्ता पड़ता है। इस को पी०ए०यू० कच्चा पक्का जनता मॉडल बायोगैस प्लांट कहा जाता है। इस प्लांट में कच्चा गड्ढा (डायजैस्टर) गोबर गलाने के लिए खोदा जाता है तथा इसको पक्का अर्थात् इसकी चिनाई नहीं की जाती। इस गड्डे के ऊपर गैस इकट्ठी करने के लिए गुबंद तथा स्लरी इकट्ठी करने के लिए आऊटलैट चैंबर की ही चिनाई की जाती है। यह दूसरे संयंत्रों से 25-40% सस्ता होता है।
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प्रश्न 5.
बायोगैस संयंत्र को पहली बार चालू करने का सही तरीका लिखो।
उत्तर-

  1. गैस प्लांट की पहली भराई के लिए अधिक मात्रा में गोबर की आवश्यकता होती है। इसलिए काफ़ी दिन पहले ही आवश्यकता अनुसार गोबर इकट्ठा कर लेना चाहिए।
  2. गोबर इकट्ठा कर लेने के बाद ध्यान रखें कि यह सूख कर सख्त न हो जाए।
  3. ताजा गोबर डेयरी से भी लाया जा सकता है तथा गैस प्लांट की भराई 2-4 दिनों में कर लेनी चाहिए।
  4. गोबर तथा पानी का अनुपात 1:1 होना आवश्यक होता है। इस घोल को मिट्टी, लकड़ी के बूरे, साबुन के पानी तथा फिनाइल की मिलावट से बचाएं।
  5. पहली बार शुरू किए गोबर गैस प्लांट में पुराने चलते गोबर गैस प्लांट से निकली कुछ स्लरी की बाल्टियां इसमें डाल देनी चाहिए। इस तरह गैस जल्दी बनती है।
  6. शुरू में पैदा हुई गैस में कार्बन-डाइऑक्साइड गैस की मात्रा अधिक होती है तथा मीथेन गैस की मात्रा कम होती है परन्तु कुछ दिनों में यह ठीक हो जाती है।
  7. इस प्लांट में प्रतिदिन आवश्यकता अनुसार गोबर डालते रहना चाहिए।

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बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोग लगभग कितना गोबर ईंधन के रूप में प्रयोग करते हैं ?
उत्तर-
50%.

प्रश्न 2.
देश में वार्षिक कितना गोबर पैदा होता है ?
उत्तर-
9800 लाख टन।

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प्रश्न 3.
देश में पैदा वार्षिक गोबर पर कितने बायोगैस प्लांट लगाए जा सकते
उत्तर-
4,11,600.

प्रश्न 4.
1 घन मीटर बायोगैस कितनी बिजली ऊर्जा के बराबर है ?
उत्तर-
0.47 किलोवाट बिजली।

प्रश्न 5.
बायोगैस बनाने के लिए गोबर तथा पानी का अनुपात कितना लेना चाहिए ?
उत्तर-
बराबर अनुपात (1:1).

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प्रश्न 6.
दीनबंधु गैस प्लांट कब अस्तित्व में आया ?
उत्तर-
1984 में।

प्रश्न 7.
कच्चा पक्का जनता गैस प्लांट कितना सस्ता पडता है ?
उत्तर-
अन्य प्लांटों से 25%-40% सस्ता पड़ता है।

प्रश्न 8.
गैस प्लांट से जो पाइप रसोई घर में जाती है उसकी ढलान किस ओर होनी चाहिए ?
उत्तर-
गैस प्लांट की तरफ ताकि पानी रसोई की तरफ न जाए।

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प्रश्न 9.
1 घन मीटर बायोगैस के जलने से पैदा ऊर्जा कितनी लकड़ी से प्राप्त होती है ?
उत्तर-
3.5 किलोग्राम लकड़ी से।

प्रश्न 10.
2 घन मीटर बायोगैस संयंत्र से कितने व्यक्तियों का खाना बन सकता है ?
उत्तर-
4-5 व्यक्ति प्रतिदिन।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
हमारे देश में वार्षिक कितना गोबर पैदा होता है तथा कितने बायोगैस प्लांट तैयार हो सकते हैं ?
उत्तर-
हमारे देश में 9800 लाख टन गोबर प्रतिवर्ष पैदा होता है तथा इसके तीसरे भाग से 100 लाख बायोगैस प्लांट तैयार हो सकते हैं।

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प्रश्न 2.
बायोगैस प्लांटों का आकार क्या होता है ?
उत्तर-
बायोगैस प्लांटों का आकार साधारणत: 2 घन मीटर होता है। इनके लिए पशुओं की संख्या 3-4 तक हो सकती है। इस प्लांट के लिए 50 किलो गोबर की ज़रूरत होती है।

प्रश्न 3.
एक घन मीटर गोबर गैस के जलने से पैदा हुई ऊर्जा की तुलना विभिन्न ईंधनों से प्राप्त ऊर्जा से करो।
उत्तर-
0.52 लीटर डीज़ल, 0.62 लीटर मिट्टी का तेल, 0.4 किलो पेट्रोलियम गैस, 1.6 किलो कोयला तथा 4.7 किलोवाट बिजली, 12.30 किलो उपले आदि से प्राप्त ऊर्जा एक घन मीटर गोबर गैस के जलने से प्राप्त ऊर्जा के बराबर होती है।

प्रश्न 4.
गोबर गैस कैसे बनती है ?
उत्तर-
पशुओं के गोबर, मानवीय मल-मूत्र, पत्ते, सब्जियों के छिलके, बचे-खुचे चारे, सूअरों की लीद, मुर्गियों की बीठे आदि के ऑक्सीजन रहित वातावरण में गलने-सड़ने से गोबर गैस पैदा होती है।

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प्रश्न 5.
बायोगैस प्लांट को गैस पैदा करने की समर्था अनुसार कौन-सी श्रेणियों में बांटा जा सकता है ?
उत्तर-

  1. पारिवारिक बायोगैस प्लांट
  2. संस्थापक बायोगैस प्लांट
  3. सामुदायिक बायोगैस प्लांट।

बड़े उत्तर वाला प्रश्न

प्रश्न-
अलग-अलग आकार के बायोगैस संयंत्रों के लिए कम से कम ज़रूरी पशुओं की संख्या बताएं।
उत्तर-

संयंत्र का आकार पशुओं की संख्या
2 घन मीटर 3-4
3 घन मीटर 5-6
4 घन मीटर 7-8
6 घन मीटर 10-12

 

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बायोगैस PSEB 7th Class Agriculture Notes

  • गांव में रहने वाले लोग लगभग 50% पशुओं के गोबर का प्रयोग ईंधन के रूप में करते हैं।
  • बायोगैस से ईंधन के योग्य धुंआ रहित गैस तथा खेतों में डालने के लिए (स्लरी) खाद भी मिल जाती है।
  • गोबर गैस पशुओं के गोबर, मानवीय मल-मूत्र, बचे-खुचे चारे, पत्ते, सब्जियों के छिलके, मुर्गियों का मलमूत्र, सूअरों की लीद आदि के ऑक्सीजन रहित वातावरण में गलने-सड़ने से पैदा होती है।
  • गोबर गैस में 50-60% मीथेन, 30-40% कार्बन-डाइऑक्साइड, कुछ मात्रा में नाइट्रोजन, हाइड्रोजन सल्फाइड तथा जल वाष्प होते हैं।
  • हमारे देश में लगभग 9800 लाख टन गोबर उपलब्ध है।
  • इस गोबर के तीसरे भाग से 100 लाख बायोगैस प्लांट लगाए जा सकते हैं।
  • यह गोबर वार्षिक 4,10,000 लाख टन से अधिक बायोगैस पैदा कर सकता है।
  • इससे 196 मैगावाट बिजली की बचत की जा सकती है तथा 2,95,000 लाख लीटर पेट्रोल की बचत हो सकती है।
  • पारिवारिक स्तर पर पंजाब में 4,11,600 बायोगैस प्लांट लगाए जा सकते हैं।
  • एक घन मीटर गोबर गैस के जलने से प्राप्त हुई ऊर्जा 0.52 लीटर डीज़ल या 1.6 किलो कोयला या 0.43 किलो पेट्रोलियम गैस से प्राप्त ऊर्जा या 0.62 मिट्टी का तेल या 3.5 किलो ग्राम लकड़ी या 0.47 किलोवाट बिजली के बराबर होती है।
  • गोबर गैस बनाने के लिए गोबर तथा पानी का अनुपात 1:1 होता है।
  • इस घोल को ऑक्सीजन रहित स्थान पर गलने के लिए रख दिया जाता है। 15 – 20 दिन में गोबर गल जाता है।
  • दो तरह के गैस प्लांटों का प्रयोग किया जाता है-
    • दीनबंधु बायोगैस संयंत्र
    • पी०ए०यू० कच्चा पक्का जनता मॉडल बायोगैस संयंत्र।
  • 2 घन मीटर आकार वाले प्लाटों के लिए पशुओं की संख्या 3-4 हो सकती है।
  • इन साइज़ों के लिए 50 किलो गोबर की आवश्यकता है।
  • इससे 4-5 व्यक्तियों का खाना बनाया जा सकता है।
  • इस प्रकार 6 घन मीटर वाले प्लांट के लिए पशुओं की संख्या 10 से 12 होती है तथा इसके लिए 150 किलोग्राम गोबर की आवश्यकता होती है।
  • गोबर गैस प्लांट के आकार से भाव है कि 24 घण्टों में कितने घन मीटर या घन फुट गैस प्राप्त की जा सकती है।
  • एक पशु से प्रतिदिन लगभग 15 किलोग्राम ताजा गोबर प्राप्त हो जाता है तथा 25 किलोग्राम गोबर से 1 घन मीटर गैस पैदा होती है।
  • बायोगैस प्लांट को गैस पैदा करने की समर्था अनुसार तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है-पारिवारिक, संस्थापक, सामुदायिक बायोगैस प्लांट आदि।
  • गोबर गैस खाना पकाने, प्रकाश पैदा करने तथा डीज़ल इंजन चलाने के लिए प्रयोग होती है।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 6 मानवीय पर्यावरण-बस्तियाँ, यातायात तथा संचार

Punjab State Board PSEB 7th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 6 मानवीय पर्यावरण-बस्तियाँ, यातायात तथा संचार Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 6 मानवीय पर्यावरण-बस्तियाँ, यातायात तथा संचार

SST Guide for Class 7 PSEB मानवीय पर्यावरण-बस्तियाँ, यातायात तथा संचार Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 1-15 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
कृषि मानवीय बस्तियों को कैसे प्रभावित करती है ?
उत्तर-
कृषि के लिए मनुष्य को एक स्थान पर टिककर रहना पड़ता है, ताकि खेतों की उचित देखभाल की जा सके। इससे खेतों के आस-पास मानव बस्तियां विकसित हो जाती हैं।

प्रश्न 2.
पहले पहल मनुष्य ने कहां रहना आरम्भ किया ?
उत्तर-
पहले पहल मनुष्य वहां रहना पसन्द करता था, जहां पानी आसानी से प्राप्त होता था। पानी मनुष्य की कई घरेलू तथा खेती की ज़रूरतों को पूरा करता था। इसलिए मनुष्य नदी घाटियों में रहने लगा।

प्रश्न 3.
किसी स्थान का धरातल मानव बस्तियों के विकास को कैसे प्रभावित करता है ?
उत्तर-
समतल धरातल पर मानव बस्तियां बनाना आसान होता है। यहां खेती तथा रेलें-सड़कों की सुविधा होती है। इसी कारण अधिकतर नगर भारत के उत्तरी मैदान में बसे हैं। परन्तु पर्वतों पर ऊबड़-खाबड़ धरातल के कारण मानव बस्तियां कम मिलती हैं।

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प्रश्न 4.
सड़क मार्गों का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
सड़कें तुलनात्मक पक्ष से बनानी आसान तथा सस्ती हैं। ये एक घर से दूसरे घर तक (Door to Door) सामान पहुंचाती हैं। सड़कें ऊबड़-खाबड़ प्रदेशों में भी बनाई जा सकती हैं।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
संसार के रेलमार्गों के बारे जानकारी देते हुए इनका महत्त्व बताओ।
उत्तर-
रेल मार्ग आवागमन का महत्त्वपूर्ण साधन है। इनके द्वारा बड़ी संख्या में मुसाफिरों तथा बहुत ज्यादा मात्रा में सामान पहुंचाया जाता है। सबसे पहले कोयले से चलने वाले रेल इंजन होते थे। अब बिजली तथा डीज़ल से चलने वाले इंजन अस्तित्व में आ गए हैं।

मैट्रो रेलें-अत्यधिक जनसंख्या के कारण स्थल पर वाहनों की भीड़ लगी रहती है। इससे छुटकारा पाने के लिए भूमिगत रेलमार्ग बिछाए गए हैं। इनको मैट्रो रेल सेवाएं कहते हैं। जैसे कि दिल्ली में ये काफी प्रचलित हो गई हैं।

संसार के प्रमुख रेलमार्ग-संसार में यूरोप तथा उत्तरी अमेरिका में रेलमार्गों का जाल बिछा हुआ है। अब सभी महाद्वीपों के तटों के साथ रेलमार्ग बनाए गए हैं। रूस (C.I.S.) के रेल मार्ग सेंट पीटर्सबर्ग को ब्लाडी वास्टक से जोड़ते हैं। इस रेलवे लाइन को ट्रांस साइबेरियन रेलवे कहते हैं। यह संसार का सबसे बड़ा रेलमार्ग है। जापान में रेलों का बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। जापानी रेलों में रोज़ाना बड़ी संख्या में सफर करते हैं। चीन, जापान तथा फ्रांस में बहुत तेज़ गति से चलने वाली रेलगाड़ियां बनाई गई हैं।
जापान में बुलट रेलगाड़ी 350 कि०मी० प्रति घण्टा से भी अधिक की रफ्तार से चलती है।

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प्रश्न 2.
संसार के प्रमुख जलमार्गों के नाम बताओ।
उत्तर-
जल मार्ग आवागमन का सबसे सस्ता साधन है। इन मार्गों पर समुद्री जहाज, स्टीमर, नाव चलाई जाती हैं। संसार के प्रमुख समुद्रीय मार्ग निम्नलिखित हैं –

  1. उत्तरी अन्ध महासागरीय मार्ग
  2. शान्त महासागरीय मार्ग
  3. केप मार्ग
  4. स्वेज नहर मार्ग
  5. पनामा नहर मार्ग।

प्रश्न 3.
संसार के आन्तरिक जलमार्गों के नाम बताओ।
उत्तर-
नदी (दरिया) तथा झील आन्तरिक जल-मार्ग हैं –

  1. भारत में गंगा तथा ब्रह्मपुत्र नदियां तथा केरल में स्थित झीलें जलमार्ग का काम करती हैं।
  2. यूरोप का डैनुब दरिया मध्य तथा दक्षिण यूरोप को काला सागर से मिलाता है।
  3. चीन की यंगसटी क्यिांग नदी, दक्षिणी अमेरिका की अमेज़न नदी।
  4. उत्तरी अमेरिका की पांच ऐसी झीलें हैं जो जल परिवहन द्वारा कैनेडा को यू०एस०ए० से जोड़ती हैं।

प्रश्न 4.
वायुमार्ग द्वारा संसार एक विश्वीय गांव (Global Village) बन गया। इस तथ्य को उदाहरण देकर समझाओ।
उत्तर-
वायुमार्ग सबसे तेज़ गति वाला आवागमन का साधन है। परंतु यह महंगा भी बहुत है। आज लगभग सारे देश वायु-मार्गों के द्वारा एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इनके कारण संसार एक ग्लोबल गांव बन गया है। वास्तव में हवाई जहाज़ द्वारा यात्रा करने से समय की बहुत बचत होती है। इसलिए हवाई यात्रा बहुत लोकप्रिय हो गयी है। संसार के कई देशों में बड़े-बड़े हवाई अड्डे हैं। इन हवाई अड्डों में दिल्ली, लन्दन, पेरिस, मास्को, टोकियो, दुबई आदि के नाम लिये जा सकते हैं। इन अड्डों द्वारा लगभग पूरा संसार आपस में जुड़ा हुआ है।

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प्रश्न 5.
संसार तथा भारत की मुख्य बन्दरगाहों के नाम बताओ।
उत्तर-
संसार की प्रमुख बंदरगाहें, शंघाई (चीन), लॉस एंजल्स (यू०एस०ए०), ऑकलैंड (न्यूजीलैंड) आदि हैं। भारत की प्रमुख बन्दरगाहें कोलकाता, चेन्नई (मद्रास), कोचीन, गोआ, कांडला, मुंबई तथा विशाखापट्टनम हैं। यह भारत को बाकी संसार से जोड़ती हैं।

प्रश्न 6.
संचार के साधन कौन-कौन से हैं ? इनकी उन्नति से हमें क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
संदेशों का आदान-प्रदान करने वाले साधन संचार के साधन कहलाते हैं। इनमें इंटरनेट, मोबाइल, टेलीफोन, रेडियो, टी.वी., समाचार-पत्र, पत्रिकाएं तथा पत्र आदि शामिल हैं।
लाभ-संचार के संसाधनों का बहुत अधिक महत्त्व है –

  1. यह शिक्षा के प्रसार तथा मनोरंजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  2. इनके कारण राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा मिलता है।
  3. इनसे सांस्कृतिक आदान-प्रदान में सहायता मिलती है।
    सच तो यह है कि संचार के साधन विश्व के विभिन्न देशों को आपस में जोड़ते हैं। परिणामस्वरूप विश्व एक इकाई बन गया है।

प्रश्न 7.
स्वेज नहर के विषय में विस्तृत जानकारी दें।
उत्तर-
स्वेज नहर एक महत्त्वपूर्ण अन्तर्राष्ट्रीय जलमार्ग है। यह नहर भूमध्य सागर (रोमसागर) तथा लाल सागर को मिलाती है। यह मार्ग यूरोप के देशों को दक्षिणी एशिया, ऑस्ट्रेलिया तथा पूर्वी अफ्रीका के देशों से मिलाता है।

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(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 125-130 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
बस्तियों के विकास में कौन-से कारक प्रभाव डालते हैं ? .
उत्तर-
एक ही स्थान पर बने घरों के समूह को बस्ती कहते हैं। निम्नलिखित कुछ कारण हैं जो लोगों को बस्तियां बनाने के लिए प्रेरित करते हैं।

  1. जनसंख्या का बढ़ना ।
  2. व्यवसाय का विकास
  3. नदी घाटियों में कृषि
  4. औद्योगिक विकास।

बस्तियों के विकास पर प्रभाव डालने वाले कारक

1. पानी की उपलब्धता-लोग अधिकतर उन स्थानों पर रहना पसन्द करते हैं जहां पानी आसानी से प्राप्त हो जाता है। इसी कारण ही बहुत-सी सभ्यताओं को नदी घाटियों ने जन्म दिया। उदाहरण के लिए सिन्धु घाटी सभ्यता का विकास सिन्धु नदी की घाटी में हुआ।

2. धरातल-बस्तियां बनाना/लोगों के बसने के लिए धरातल का विशेष महत्त्व है। ऊबड़-खाबड़ धरातल में मानवीय बस्तियां कम होती हैं –
(i) क्योंकि आवागमन में रुकावट आती है।
(ii) कृषि करनी भी कठिन होती है।
(iii) घर बनाने भी बड़े मुश्किल होते हैं।
इसके मुकाबले समतल धरातल वाले क्षेत्रों में सुविधाएं हैं –
(i) यातायात के लिए सड़कें तथा रेल लाइनें बनाना आसान है।
(ii) कृषि करना आसान होता है।
(iii) कृषि की उपजों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना भी आसान है।
इसी कारण बड़े-बड़े नगर तथा महानगर समतल धरातल पर ही विकसित हुए हैं। उदाहरण-उत्तरी भारत के मैदान में बहुत उन्नत नगर विकसित हुए हैं।

3. प्राकृतिक सुन्दरता-कई नगर प्राकृतिक सुन्दरता के कारण विकसित हुए हैं। इनका विकास सैर-सपाटे के लिए हुआ है। क्योंकि सैर-सपाटा (पर्यटन) वर्तमान समय में एक प्रमुख उद्योग बन गया है इसलिए इस उद्योग ने भी बहुत सारे लोगों को रोजगार दिया है। सारे संसार से लोग इन स्थानों की प्राकृतिक सुन्दरता का आनन्द लेने के लिए आते हैं। उदाहरण-कश्मीर और गोआ अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के कारण ही विकसित हुए हैं।

4. आवागमन तथा संचार के साधन आवागमन तथा संचार के साधन भी किसी स्थान को विकसित करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। आवागमन की अच्छी सुविधाओं के कारण लोगों तथा वस्तुओं को लाने तथा ले जाने में आसानी हो जाती है, जिससे आर्थिक तथा सामाजिक दृष्टि से उन्नति होती है।

प्रश्न 2.
जलमार्गों के बारे में विस्तृत जानकारी दें।
उत्तर-
1. उत्तरी अन्ध महासागर मार्ग-यह मार्ग सबसे अधिक प्रयोग में आता है। यह पश्चिमी यूरोप, संयुक्त राज्य अमेरिका तथा कैनेडा को मिलाता है। इस मार्ग के द्वारा संसार का सबसे अधिक व्यापार होता है।

2. शान्त महासागर मार्ग-यह मार्ग उत्तरी तथा दक्षिणी अमेरिका को एशिया तथा आस्ट्रेलिया से मिलाता है।

3. केप मार्ग-इस मार्ग की खोज वास्कोडिगामा ने सन् 1498 ई०. में की.। यह मार्ग पश्चिमी यूरोपीय देशों तथा अमेरिका को दक्षिणी एशिया, आस्ट्रेलिया तथा न्यूज़ीलैंड से मिलाता है। स्वेज नहर बनने से इस मार्ग का महत्त्व कम हो गया है।

4. स्वेज नहर मार्ग-स्वेज नहर भू-मध्य सागर (रूम सागर) तथा लाल सागर को मिलाती है। यह मार्ग यूरोप के देशों को दक्षिणी एशिया, आस्ट्रेलिया तथा पूर्वी अफ्रीका के देशों से जोड़ता है।

5. पनामा नहर-यह नहर पनामा गणराज्य में से बनाई गई है। यह नहर अन्ध महासागर तथा शान्त मासागर को मिलाती है। यह नहर पश्चिमी यूरोप तथा पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका (यू० एस० ए०) को पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका तथा पश्चिमी एशिया से मिलाती है।

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प्रश्न 3.
मानवीय बस्तियों के विकास में यातायात के साधनों ने क्या योगदान डाला है ?
उत्तर-
आवागमन में भी बहुत आधुनिकीकरण आया है। पहले लोग आवागमन तथा सामान लाने तथा ले जाने में पालतू जानवरों का प्रयोग करते थे। तकनीकी विकास के कारण आवाजाही तथा सामान लाने तथा ले जाने की तकनीक में भी बहुत ज्यादा विकास हुआ है। कई बार देखा गया है कि किसी जगह की उसके बिल्कुल पड़ोसी की अपेक्षा दूर जगह पर ज्यादा महत्ता होती है। यदि वहां आवागमन के साधन अच्छे होंगे तो उस जगह पर उत्पन्न की या बनाई वस्तु दूर स्थान पर जहां इसकी ज्यादा आवश्यकता है, पहुंचाने से ज्यादा आर्थिक लाभ हो सकता है। इस प्रकार ऐसे स्थान जल्दी ही सांस्कृतिक तथा व्यापारिक संस्थाओं का रूप धारण कर लेते हैं। इसके अतिरिक्त जो शहर मुख्य सड़कों, रेल लाइनों तथा बन्दरगाहों के किनारे पर स्थित होते हैं, वे सांस्कृतिक तथा व्यापारिक संस्थाओं के रूप में प्रसिद्ध हो जाते हैं।

PSEB 7th Class Social Science Guide मानवीय पर्यावरण-बस्तियाँ, यातायात तथा संचार Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
पर्यावरण से क्या भाव है ?
उत्तर-
मनुष्य के आस-पास को पर्यावरण कहते हैं।

प्रश्न 2.
प्रारम्भिक मनुष्य के जीवन में कैसे क्रान्ति आई ?
उत्तर-
मनुष्य ने आग जलाना सीखा, कपड़े पहनना सीखा तथा रहने के लिए बस्ती बनाई।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 6 मानवीय पर्यावरण-बस्तियाँ, यातायात तथा संचार

प्रश्न 3.
नदी घाटियों में कृषि का विकास क्यों हुआ ?
उत्तर-
उपजाऊ दरियाई मिट्टी के कारण।

प्रश्न 4.
Sky Scrapers से क्या भाव है ?
उत्तर-
बहु-मंजिली गगनचुम्बी इमारतें।

प्रश्न 5.
विश्व गांव से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
विश्व विशाल होते हुए भी तेज़ आवागमन के साधनों के कारण सिकुड़कर एक गांव रह गया है।

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प्रश्न 6.
एक नगर बताएं जहां मैट्रो रेल है।
उत्तर-
दिल्ली।

प्रश्न 7.
रूस के एक अन्तमर्हाद्वीपीय रेल मार्ग का नाम बताएं।
उत्तर-
ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग।

प्रश्न 8.
ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग कौन-से नगरों को जोड़ता है ?
उत्तर-
पश्चिम में सेंट पीटर्सबर्ग को पूर्व में व्लाडीवास्तक के साथ।

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प्रश्न 9.
संचार के दो नवीन साधन बताएं।
उत्तर-
इंटरनेट तथा मोबाइल।

प्रश्न 10.
जलमार्ग कहां-कहां मिलते हैं ?
उत्तर-
महासागर, सागर, नदियों, नहरों तथा झीलों में।

प्रश्न 11.
संसार का सबसे बड़ा रेलमार्ग बताएं।
उत्तर-
ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग।

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प्रश्न 12.
यूरोप का एक आन्तरिक जलमार्ग बताएं।
उत्तर-
डैन्यूब दरिया।

प्रश्न 13.
उत्तरी अमेरिका का आन्तरिक जलमार्ग बताएं।
उत्तर-
पांच महान् झीलें।

प्रश्न 14.
भारत के दो आन्तरिक जलमार्ग बताएं।
उत्तर-
गंगा तथा ब्रह्मपुत्र।

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प्रश्न 15.
पाइप लाइनों द्वारा किन दो पदार्थों का परिवहन होता है ?
उत्तर-
गैस तथा तेल।

प्रश्न 16.
बिजली दूर-दूर तक कैसे पहुंचाई जाती है ?
उत्तर-
इलैक्ट्रिक ग्रिड के द्वारा।

प्रश्न 17.
हवाई जहाज़ की खोज किसने की ?
उत्तर-
अमेरिका के राइट ब्रदर्ज ने।

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प्रश्न 18.
भारत के पूर्वी तट पर दो बन्दरगाहें बताएं।
उत्तर-
कोलकाता तथा चेन्नई।

प्रश्न 19.
स्वेज़ नहर कौन-से दो सागरों को जोड़ती है ?
उत्तर-
लाल सागर तथा भूमध्य सागर।

प्रश्न 20.
प्राचीन सभ्यताओं का विकास नदी घाटियों में क्यों हुआ ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
नदी घाटियों पर आसानी से पानी की प्राप्ति होती थी। वहाँ उपजाऊ मिट्टी में खेती का विकास सम्भव था। रहने के लिए समतल भूमि प्राप्त थी। इसलिए आरम्भ में सिन्धु घाटी सभ्यता तथा नील घाटी सभ्यता का विकास हुआ।

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प्रश्न 21.
मानवीय बस्तियों में किस प्रकार के बदलाव आए हैं ?
उत्तर-
घरों के समूह को बस्ती कहते हैं। बस्ती मनुष्य का निवास स्थान है। आरम्भ में मनुष्य खानाबदोश जीवन व्यतीत करता था। फिर उसने कच्ची मिट्टी की झोंपड़ियां, पक्की झोंपड़ियां तथा घर बनाए। अब मनुष्य कई बहु-मंज़िली इमारतें तथा गगनचुम्बी भवन (Sky Scrapers) बना रहा है।

प्रश्न 22.
आवागमन के साधनों वाले महत्त्वपूर्ण नगर क्यों व्यापारिक केन्द्र बन जाते हैं ?
उत्तर-

  1. वस्तुओं के आवागमन में आसानी।
  2. वस्तुओं के आवागमन से आर्थिक लाभ।
  3. सांस्कृतिक तथा व्यापारिक संस्थाओं का बन जाना।
  4. रेलों, सड़कों तथा बन्दरगाहों का विकास होना।

प्रश्न 23.
मैट्रो रेलों की क्यों आवश्यकता है ?
उत्तर-

  1. धरती की ऊपरी सतह पर भूमि की कमी के कारण भूमि के नीचे मैट्रो रेलें बनाई गई हैं।
  2. बढ़ती जनसंख्या के कारण यात्रियों की अधिक संख्या को सवारी देने के लिए।
  3. आवागमन की भीड़ से बचाने के लिए।

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प्रश्न 24.
ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग की महत्ता बताएं।
उत्तर-
ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग संसार का सबसे बड़ा रेलमार्ग है। यह एक अन्तर्महाद्वीपीय मार्ग है। यह सेंट पीटर्सबर्ग तथा व्लाडीवास्तक (रूस) के नगरों को जोड़ता है। यह इस लम्बे मार्ग पर कोयले, लोहे, लकड़ी, अनाज के आवागमन के लिए महत्त्वपूर्ण है।

प्रश्न 25.
जल मार्गों के लाभ बताएं। यह सबसे सस्ता साधन क्यों है ?
उत्तर-

  1. यह समुद्री यात्राओं के लिए अच्छा साधन है।
  2. इससे अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार होता है।
  3. यह सबसे सस्ता आवागमन का साधन है।
  4. जलमार्ग बनाने पर कोई खर्च नहीं आता।
  5. इससे बड़े पैमाने पर भारी सामानं कम लागत पर भेजा जाता है।

(क) रिक्त स्थान भरी:

  1. मनुष्य ने सबसे पहले ………….. में रहना शुरू किया।
  2. सबसे पहले रेलवे इंजन …………….. से चलते थे।
  3. ………………… रेलवे संसार का सबसे बड़ा रेलमार्ग है।
  4. केप मार्ग (जलमार्ग) की खोज …………. ई० में वास्कोडिगामा ने की।

उत्तर-

  1. नदी घाटियों,
  2. कोयले,
  3. ट्रांस-साइबेरियन,
  4. 1498

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(ख) सही कथनों पर (✓) तथा ग़लत कथनों पर (✗) का चिन्ह लगाएं :

  1. बड़े-बड़े शहर समतल धरातल पर बसे हुए हैं।
  2. स्वेज नहर भूमध्य सागर (रूमसागर) तथा लाल सागर को मिलाती है।
  3. पनामा नहर अंध महासागर तथा हिन्द महासागर को आपस में मिलाती है।
  4. पंजाब में स्थित झीलें जलमार्ग का काम करती हैं।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✗)
  4. (✗)

(ग) सही उत्तर चुनिए

प्रश्न 1.
बस्तियां बसाने में सहायक कारण नहीं है –
(i) समतल धरातल
(ii) पानी की सुविधा
(iii) सघन वनस्पति की समीपता।
उत्तर-
(iii) सघन वनस्पति की समीपता।

प्रश्न 2.
अन्धमहासागर तथा शान्त महासागर को एक नहर आपस में मिलाती है। उसका नाम बताइए।
(i) पानामा
(ii) स्वेज़
(iii) एस०बाई०एल०।
उत्तर-
(i) पानामा।

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प्रश्न 3.
आज हम आकाश में हवाई जहाज़ उड़ते देखते हैं। क्या आप बता सकते हैं कि सबसे पहले उड़न मशीन किसने बनाई थी?
(i) राँग ब्रदर्ज़
(ii) रॉइट ब्रदर्ज
(iii) रॉइटर ब्रदर्ज।
उत्तर-
(ii) रॉइट ब्रदर्ज।

मानवीय पर्यावरण-बस्तियाँ, यातायात तथा संचार PSEB 7th Class Social Science Notes

  • मनुष्य और पर्यावरण – मनुष्य पर्यावरण का एक क्रियाशील अंग है।
  • कृषि तथा औद्योगिक क्रान्ति – कृषि तथा औद्योगिक क्रान्ति ने मनुष्य को एक स्थायी जीवन प्रदान किया।
  • नदी घाटियां – उपजाऊ नदी घाटियां प्राचीन सभ्यताओं के केन्द्र थे, जैसे-सिन्धु घाटी, नील नदी घाटी।
  • बस्तियों का विकास – बस्तियों का विकास पानी की उपलब्धता, धरातल, प्राकृतिक सुन्दरता, यातायात (आवागमन) तथा संचार के साधनों पर निर्भर है।
  • विश्व गांव – दूरियां कम समय में तय हो जाने के कारण विश्व एक विश्व गांव (Global Village) बन गया है।
  • आवागमन के साधन – सड़कें, रेलें, जलमार्ग, वायुमार्ग तथा पाइप लाइनें प्रमुख साधन हैं।
  • प्रमुख महासागरीय मार्ग – स्वेज नहर, पनामा नहर, केप सागर, उत्तरी अन्ध महासागरीय मार्ग, शान्त महासागरीय मार्ग, प्रमुख महासागरीय मार्ग हैं।
  • संचार के साधन – डाक सेवा, टेलीफोन, मोबाइल फोन, रेडियो, मैगज़ीन, समाचार-पत्र तथा साइबर इंटरनेट प्रमुख संचार के साधन हैं।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे)

Punjab State Board PSEB 7th Class Social Science Book Solutions History Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे) Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे)

SST Guide for Class 7 PSEB भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे) Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लिखें

प्रश्न 1.
इतिहास में भारतीय उपमहाद्वीप के कौन-कौन से नाम रखे गए ?
उत्तर-
भारतीय महाद्वीप के दो नाम रखे गए–हिन्दुस्तान तथा भारतवर्ष।

प्रश्न 2.
इतिहासकारों ने भारतीय इतिहास को कितने युगों में बाँटा है ?
उत्तर-
प्राचीन युग, मध्यकालीन युग तथा आधुनिक युग।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे)

प्रश्न 3.
भारतीय इतिहास के स्त्रोत कितनी प्रकार के हैं ?
उत्तर-
मध्यकालीन भारतीय इतिहास की जानकारी के लिए दो प्रकार के ऐतिहासिक स्रोत मिलते हैं –
I. पुरातत्त्व स्रोत
II. साहित्यिक स्रोत
I. पुरातत्त्व स्रोत- पुरातत्त्व स्रोतों में प्राचीन स्मारक, मन्दिर, शिलालेख, सिक्के, बर्तन, हथियार, आभूषण तथा चित्र शामिल हैं।

1. प्राचीन स्मारक अथवा इमारतें-इन इमारतों में मन्दिर, मस्जिद तथा किले शामिल हैं। मन्दिरों में खजुराहो, भुवनेश्वर, कोणार्क आदि का नाम लिया जा सकता है। मस्जिदों में जामा मस्जिद तथा मोती मस्जिद और किलों में जैसलमेर, जयपुर आदि मुख्य है।
PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे) 1
2. शिलालेख-शिलालेख हमें आरम्भिक (पूर्व) मध्यकाल के भिन्न-भिन्न पहलुओं की जानकारी देते हैं। इनसे हमें मध्ययुग की महत्त्वपूर्ण घटनाओं, शासकों तथा उनके शासनकाल एवं गुणों, कला के नमूनों, प्रशासनिक गतिविधियों आदि का पता चलता है।
PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे) 2
3. सिक्के-हमें मध्ययुग के बहुत अधिक सिक्के प्राप्त हुए हैं। ये इस युग की महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं तथा प्रसिद्ध व्यक्तियों की जानकारी देते हैं। कुछ सिक्के उस समय की आर्थिक दशा पर भी प्रकाश डालते हैं।

4. चित्रकारी-चित्रकारी से हमें मध्ययुग की साधारण जानकारी के साथ-साथ उस समय की कला के विकास का भी पता चलता है।

II. साहित्यिक स्रोत-साहित्यिक स्रोतों में आत्मकथाएं, जीवन कथाएं, राजा तथा राजवंशों के वृत्तांत, दस्तावेज़ आदि शामिल हैं। बाबर, जहांगीर की आत्मकथाएं हमें विभिन्न शासकों की महत्त्वपूर्ण जानकारी देती हैं। दस्तावेज़ भिन्न-भिन्न शासकों के बीच हुई सन्धियों पर प्रकाश डालते हैं।

प्रश्न 4.
विदेशी यात्रियों के लेख किस प्रकार ऐतिहासिक स्रोत हैं ?
उत्तर-
विदेशी यात्रियों के लेख मध्यकालीन इतिहास के महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्रोत हैं। मध्ययुग में कई मुस्लिम तथा यूरोपीय यात्रियों ने भारत की यात्रा की। उन्होंने भारत के बारे में अपने-अपने लेख लिखे। ये लेख मध्ययुग से सम्बन्धित कई बातों की जानकारी देते हैं।

  1. इन-बतूता के किताब ‘उल-रिहला’ लेख से मुहम्मद-बिन-तुगलक के शासन की जानकारी मिलती है।
  2. अलबेरूनी का भारत सम्बन्धी लेख भी काफ़ी महत्त्वपूर्ण है।
  3. अब्दुल राजाक ने विजय नगर राज्य की यात्रा की। उसने उस समय के विजय नगर राज्य की स्थिति के बारे में लिखा।
  4. यूरोपीयन यात्रियों ने अपनी भारत यात्रा के बारे में कई लेख लिखे जो उस समय की भारतीय दशा पर प्रकाश डालते हैं।

(ख) निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

  1. भारतीय उपमहाद्वीप को पूर्व काल में ……………… कहा जाता था।
  2. भारत में ………………. को परिवर्तन की शताब्दी माना जाता है।
  3. चीन निवासियों ने भारत को ……………… का नाम दिया।
  4. स्मारक, शिलालेख तथा सिक्के आदि भारतीय इतिहास के …………… स्रोत हैं, जबकि आत्मकथा तथा जीवनगाथा ………………… स्रोत हैं।
  5. इब्नबतूता एक ………………… यात्री था।

उत्तर-

  1. हिन्दुस्तान,
  2. आठवीं शताब्दी,
  3. ताइन चूँ,
  4. पुरातत्व, पुरातत्व साहित्य,
  5. विदेशी।

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(ग) निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य के सामने ठीक (✓) अथवा गलत (✗) का चिह्न लगाएं

  1. मध्यकालीन युग प्रारम्भिक मध्यकालीन युग एवं उत्तर-मध्यकालीन युगों में बँटा हुआ था।
  2. मध्यकालीन युग दौरान बहुत-से सामाजिक रीति-रिवाज और धार्मिक विश्वास अस्तित्व में नहीं आए थे।
  3. मध्यकालीन युग में व्यापार एवं वाणिज्य के विकास के लिए विशेष सुधार किए गए।
  4. मध्यकालीन युग दौरान हिन्दुओं तथा मुसलमानों में आपसी सम्बन्ध स्थापित नहीं थे।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✓)
  4. (✗)

PSEB 7th Class Social Science Guide भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे) Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
मध्यकालीन युग से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
इतिहास के प्राचीन युग तथा आधुनिक युग के बीच के समय को मध्यकालीन युग कहते हैं।

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प्रश्न 2.
भारत में किस काल को मध्यकालीन युग कहा जाता है ?
उत्तर-
भारत में 8वीं शताब्दी से लेकर 18वीं शताब्दी के बीच के समय को मध्यकालीन युग कहा जाता है।

प्रश्न 3.
भारत में 8वीं शताब्दी को परिवर्तन की शताब्दी क्यों माना जाता है ?
उत्तर-
भारत में 8वीं शताब्दी में समाज, राजनीति, अर्थव्यवस्था, सभ्याचार तथा धर्म में बहुत-से परिवर्तन आए। इसी कारण भारत में 8वीं शताब्दी को परिवर्तन की शताब्दी माना जाता है।

प्रश्न 4.
भारत को किस काल में ‘आर्यवर्त’ का नाम दिया गया है ? इसका शाब्दिक अर्थ क्या है ?
उत्तर-
भारत को वैदिक काल में आर्यवर्त का नाम दिया गया है। इसका शाब्दिक अर्थ है-आर्यों का देश।

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प्रश्न 5.
भारत में मध्यकालीन युग को कौन-कौन से दो भागों में बांटा जा सकता है ?
उत्तर-
भारत में मध्यकालीन युग को निम्नलिखित दो भागों में बांटा जाता है –

  1. 8वीं शताब्दी से लेकर 13वीं शताब्दी के आरम्भ तक के समय को आरम्भिक अथवा पूर्व मध्यकालीन युग कहा जाता है।
  2. 13वीं शताब्दी से 18वीं शताब्दी तक का समय उत्तर मध्यकालीन युग कहलाता है।

प्रश्न 6.
अकबर के प्रसिद्ध संगीतकार का नाम बताओ।
उत्तर-
अकबर के दरबार का प्रसिद्ध संगीतकार तानसेन था।

प्रश्न 7.
इतिहास ने भिन्न-भिन्न युगों में भारत को भिन्न-भिन्न नाम दिए। व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
निम्नलिखित तथ्यों से पता चलता है कि इतिहास ने भिन्न युगों में भारत को भिन्न नाम दिए –

  1. वैदिक काल में भारत को आर्यवर्त कहा जाता था।
  2. महाभारत तथा पुराणों के समय में राजा भरत के नाम पर हमारे देश को भारतवर्ष कहा जाने लगा।
  3. ईरानियों ने इसे ‘हिन्दू’ तथा यूनानियों ने इसे इण्डस का नाम दिया।
  4. बाइबल में भारत को होडू कहा गया है।
  5. जब चीन में बौद्ध धर्म का प्रसार हुआ तो चीनियों ने भारत को ताइन-चूं का नाम दिया।
  6. ह्यूनसांग की भारत यात्रा के बाद भारत को इंटू कहा जाने लगा।

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प्रश्न 8.
भारत में मध्यकालीन युग का अंत कब माना जाता है ?
उत्तर-
भारत में मध्यकालीन युग का अन्त मुग़ल साम्राज्य के पतन तथा अंग्रेजों द्वारा शक्ति पकड़ने के साथ माना जाता है। ऐसा 18वीं शताब्दी के मध्य में हुआ।

प्रश्न 9.
संगीत ऐतिहासिक जानकारी प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है। वर्णन कीजिए।
उत्तर-
इसमें कोई संदेह नहीं कि संगीत भी ऐतिहासिक जानकारी प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है। उदाहरण के लिए हम मुग़ल काल को लेते हैं। मुग़ल शासक संगीत प्रेमी थे। इसलिए उनके शासन काल में संगीत का बहुत अधिक विकास हुआ। अकबर ने तो अपने दरबार में अनेक संगीतकारों को संरक्षण दिया हुआ था। तानसेन उसके समय का प्रसिद्ध संगीतकार था। मुग़लकाल में संगीत के माध्यम से ही हिन्दू तथा मुस्लिम संस्कृति का मेल हुआ।

प्रश्न 10.
मध्यकालीन युग में भारतीय उपमहाद्वीप में कौन-कौन से देश शामिल थे?
उत्तर-
मध्यकालीन युग में भारतीय उपमहाद्वीप में आज के छ: देश शामिल थे। ये देश थे-पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश तथा भारत।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे)

प्रश्न 11.
मध्यकालीन युग के दौरान प्रमुख ऐतिहासिक प्रवृत्तियों का वर्णन करो।
उत्तर-
मध्यकालीन युग की ऐतिहासिक प्रवृत्तियां इस युग को प्राचीन युग से अलग करती हैं। इनमें से प्रमुख प्रवृत्तियाँ निम्नलिखित हैं –

  1. मध्यकाल में भारत में मुसलमान आए और उनका हिन्दुओं से मेलजोल बढ़ा। परिणामस्वरूप मिश्रित सभ्यता
    जन्म हुआ।
  2. मध्यकाल में बहुत-सी भाषाओं का विकास हुआ जो हम आज भी बोलते हैं। इनमें से हिन्दी तथा उर्दू प्रमुख थीं।
  3. इस युग में हमारे बहुत से सामाजिक रीति-रिवाजों, रस्मों तथा धार्मिक विश्वासों की उत्पत्ति हुई।
  4. इस काल में भारत के बाहरी संसार के साथ गहरे आपसी सम्बन्ध स्थापित हुए। व्यापार के कारण संसार के भिन्न-भिन्न भागों में रहने वाले लोग एक-दूसरे के निकट आए। उन्होंने एक-दूसरे के रीति-रिवाज अपनाए। भारत ने भी अन्य देशों से अनेक रीति-रिवाज ग्रहण किये।
  5. भारत में भक्ति मत तथा सूफी मत का प्रचार हुआ। इससे हिन्दुओं तथा मुसलमानों को एक-दूसरे के धर्मों के सिद्धान्तों को समझने में सहायता मिली।
  6. मध्ययुग में व्यापार तथा वाणिज्य के विकास के लिए महत्त्वपूर्ण सुधार किये गये।

(क) सही कथनों पर (✓) तथा ग़लत कथनों पर (✗) का चिन्ह लगाएं :

  1. शिलालेख साहित्यिक स्त्रोत हैं।
  2. मुग़ल शासक संगीत प्रेमी थे।
  3. इब्न-बतूता के लेख से हमें अकबर के शासनकाल की जानकारी मिलती है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✓)
  3. (✗)

(ख) सही जोड़े बनाएं:

  1. अब्दुल रज्जाक – अकबर
  2. तानसेन – विजयनगर राज्य
  3. इण्डस – यूनसांग
  4. इंटू – ग्रीक

उत्तर-

  1. अब्दुल रज्जाक – विजयनगर राज्य
  2. तानसेन – अकबर
  3. इण्डस – ग्रीक
  4. इंटू – यूनसांग

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे)

(ग) सही उत्तर चुनिए :

प्रश्न 1.
‘किताब-उल-रिहला’ भारत में आने वाले एक विदेशी का लेख है। बताइए वह कौन था?
(i) अल्बेरुनी
(ii) इब्न-बतूता
(iii) अब्दुल रज्जाक।
उत्तर-
(ii) इब्न-बतूता।

प्रश्न 2.
चित्र में दिखाया गया व्यक्ति अकबर के समय का प्रसिद्ध संगीतकार था।
PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे) 3
(i) तानसेन
(ii) अब्दुल रज्जाक
(iii) अलबेरुनी।
उत्तर-
(i) तानसेन।

प्रश्न 3.
चित्र में दिखाया गया स्रोत साहित्यिक स्रोतों में शामिल है? यह क्या है?
PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे) 4
(i) आत्मकथा
(ii) अकबर का सिक्का
(iii) चित्रकारी।
उत्तर-
(ii) अकबर का सिक्का ।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे)

भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे) PSEB 7th Class Social Science Notes

  • इतिहास के काल – किसी देश के इतिहास को प्रायः तीन कालों अथवा युगों में बांटा जाता है-प्राचीन युग, मध्यकालीन युग तथा आधुनिक युग।
  • मध्यकालीन युग – इतिहास के प्राचीन युग तथा आधुनिक युग के बीच के समय को मध्यकालीन युग कहते हैं। भारत में 8वीं शताब्दी से लेकर 18वीं शताब्दी के बीच के समय को मध्यकालीन युग कहा जाता है।
  • 8वीं शताब्दी का महत्त्व – भारत में 8वीं शताब्दी को परिवर्तन शताब्दी माना जाता है क्योंकि इस शताब्दी में भारत में समाज, राजनीति, अर्थव्यवस्था, सभ्याचार तथा धर्म में बहुत-से परिवर्तन आए।
  • मध्ययुग में भारत के नाम – मध्ययुग में भारतीय उपमहाद्वीप को हिन्दुस्तान अथवा भारतवर्ष के नाम से पुकारा जाता था।
  • मध्यकालीन युग में भारतीय उपमहाद्वीप में शामिल देश – मध्यकालीन युग में भारतीय उपमहाद्वीप में आज के छ: देश शामिल थे। ये देश थे-पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश तथा भारत।
  • मध्यकालीन भारतीय इतिहास के स्रोत – मध्यकालीन भारतीय इतिहास की जानकारी के लिए दो प्रकार के ऐतिहासिक स्रोत मिलते हैं। पुरातत्त्व स्रोत तथा साहित्यिक स्रोत।
  • पुरातत्त्व स्रोत – पुरातत्त्व स्रोतों में प्राचीन स्मारक, मंदिर, शिलालेख, सिक्के, बर्तन, हथियार, आभूषण तथा चित्र शामिल हैं।
  • साहित्यिक स्रोत – साहित्यिक स्रोतों में आत्मकथाएं, जीवन कथाएं, राजा तथा राजवंशों के वृत्तांत, दस्तावेज़ आदि शामिल हैं।
  • विदेशी यात्रियों के लेख – मध्ययुग में कई मुस्लिम तथा यूरोपीय यात्रियों ने भारत की यात्रा की। उन्होंने भारत के बारे में अपने-अपने लेख लिखे। ये लेख मध्ययुग से संबंधित कई बातों की जानकारी देते हैं।

PSEB 7th Class Agriculture Objective Questions and Answers

Punjab State Board PSEB 7th Class Agriculture Book Solutions Agriculture Objective Questions and Answers.

PSEB 7th Class Agriculture Objective Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

हरित क्रांति

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वर्ष 1967-68 में रासायनिक खादों का कितना प्रयोग होता था ?
(क) 10 लाख टन
(ख) 5 लाख टन
(ग) 25 लाख टन
(घ) 19 लाख टन।
उत्तर-
(क) 10 लाख टन

प्रश्न 2.
हरित क्रांति किस कारण आई ?
(क) परिश्रमी किसान
(ख) रासायनिक खादों के उत्पादन में वृद्धि
(ग) खोज तथा परीक्षण सुविधाओं में वृद्धि
(घ) सारें ठीक
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 3.
वर्ष 1960 में हुए कृषि उत्पादन की वृद्धि को कौन-सा नाम दिया गया?
(क) हरित क्रांति
(ख) सफेद क्रांति
(ग) काली क्रांति
(घ) सुनहरी क्रांति।
उत्तर-
(क) हरित क्रांति।

रिक्त स्थान भरो

  1. चावल पंजाब की …………. फसल नहीं है
  2. आज देश में कृषि लागत में ………… हो गई है।
  3. वर्ष 1971-72 में पंजाब का अनाज उत्पादन …………. था।

उत्तर-

  1. पारम्परिक
  2. वृद्धि
  3. 119 लाख टन।

ठीक/गलत

  1. हरित क्रान्ति के कारण दूध की पैदावार में वृद्धि हुई।
  2. पंजाब कृषि विश्वविद्यालय कपूरथला में है।
  3. हरित क्रांति के कारण कृषि विभिन्नता घटी है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✗)
  3. (✓)

कृषि हेतु मिट्टी एवं जल परीक्षण

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मिट्टी के परीक्षण से पता लगने वाले लघु तत्त्व हैं :
(क) जिंक
(ख) लोहा
(ग) मैंगनीज़
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 2.
मिट्टी का नमूना लेने के लिये सही समय कौन सा है?
(क) फसल काटने के बाद
(ख) वर्षा होने के बाद
(ग) खेत को पानी देने के बाद
(घ) सारे गलत
उत्तर-
(क) फसल काटने के बाद।

प्रश्न 3.
पानी तथा मिट्टी का परीक्षण कितने समय बाद करना चाहिए ?
(क) दस साल बाद
(ख) हर तीन साल बाद
(ग) कभी नहीं करना चाहिए
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(ख) हर तीन साल बाद।

रिक्त स्थान भरो

  1. बाग लगाने के लिए मिट्टी का परीक्षण करवाने के लिए खेत में ………… गहरा गड्डा बनाना चाहिए।
  2. टयूबवैल से पानी का नमूना लेने के लिए कम से कम ……….. तक चलते रखना चाहिए।
  3. खारे पानी से लगातार सिंचाई करते रहने से मिट्टी की .. …….. शक्ति घटती है।

उत्तर-

  1. 6 फुट
  2. आधे घंटा
  3. उपजाऊ।

ठीक / गलत

  1. सिंचाई के लिये नमक वाले पानी का प्रयोग करना चाहिए।
  2. सेम वाली भूमि में बाग लगाया जा सकता है।
  3. पी०ए०यू० के क्षेत्रीय केन्द्र गुरदासपुर में मिट्टी का परीक्षण किया जा सकता है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✗)
  3. (✓)

फसलों के लिए आवश्यक पोषक तत्त्व

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
नाइट्रोजन तत्त्व वाली खाद है :
(क) यूरिया
(ख) अमोनियम क्लोराइड
(ग) कैन
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 2.
पोटाशियम की पूर्ति के लिए कौन सी खाद है?
(क) म्यूरेट आफ पोटाश
(ख) कैन
(ग) यूरिया
(घ) सोडियम क्लोराइड
उत्तर-
(क) म्यूरेट आफ पोटाश।

प्रश्न 3.
रेतली भूमि में बोए गेहूँ में कौन से तत्त्व की कमी हो जाती है?
(क) मैंगनीज़
(ख) लोहा
(ग) फास्फोरस
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(क) मैंगनीज़

रिक्त स्थान भरो

  1. जिप्सम, सुपर फास्फेट में फास्फोरस के साथ ………. तत्त्व भी मिल जाते हैं।
  2. जिंक ……….. का आवश्यक भाग है।
  3. मैगनीज़ पौधे में ………… बनाने का काम करते हैं।

उत्तर-

  1. गंधक
  2. एन्जाइमों
  3. क्लोरोफिल

ठीक / गलत

  1. डाया खाद में लोहा तत्त्व मिलता है।
  2. जिंक की कमी से धान के पत्तों में पीलापन आ जाता है।
  3. लोहे की कमी की पूर्ति म्युरेट आफ पोटाश के साथ की जाती है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✓)
  3. (✗)

कृषि में पानी का कुशल प्रयोग

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वर्ष 2023 तक पानी का स्तर कितने फुट नीचे होने की सम्भावना है?
(क) 160
(ख) 500
(ग) 223
(घ) 634.
उत्तर-
(क) 160

प्रश्न 2.
कम पानी की आवश्यकता वाली फसल है :
(क) दालें
(ख) तेल बीज
(ग) नरमा
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 3.
आधुनिक सिंचाई प्रणाली के तरीके हैं :
(क) बूंद-बूंद प्रणाली
(ख) फव्वारा प्रणाली
(ग) दोनों ठीक (घ) दोनों गलत।
उत्तर-
(ग) दोनों ठीक

रिक्त स्थान भरो

  1. फसलों में पराली की परत बिछाने को ………… कहा जाता है।
  2. …………लेवलर से 25-30 प्रतिशत पानी की बचत हो जाती है।
  3. …………. की फसल में टैंशियोमीटर का प्रयोग करके भी पानी की बचत हो जाती

उत्तर-

  1. मल्चिग
  2. लेज़र
  3. धान।

ठीक / गलत

  1. नहरों तथा नालों को पक्का करने से पानी की बरबादी होती है।
  2. बूंद-बूंद सिंचाई भी सिंचाई की एक प्रणाली है।
  3. कियारा विधि में पानी की खपत कम होती है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✓)
  3. (✗)

फसलों में खरपतवार एवं उनकी रोकथाम

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
गेहूँ में चौड़े पत्ते वाले खरपतवार हैं :
(क) मैना
(ख) मैनी
(ग) तकला
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 2.
गुडाई में काम आने वाले कृषि औजार हैं :
(क) खुरपा
(ख) ‘कसौला
(ग) त्रिफाली
(घ) सारे ठीक
उत्तर-
(घ) सारे ठीक

प्रश्न 3.
खरपतवार फसलों के साथ उनके कौन से ऊर्जा स्त्रोतों से मुकाबला करते
(क) सूर्य प्रकाश
(ख) पोषक तत्त्व
(ग) खादें
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

रिक्त स्थान भरो

  1. गुल्ली डंडा …………फसलों के चक्र वाले खेतों में होते हैं।
  2. खड़ी फसल में खरपतवार को खत्म करने के लिए ………… खरपतवारनाशके का प्रयोग किया जाता है।
  3. खरपतवारनाशकों का प्रयोग ………… मौसम वाले दिन ही करना चाहिए।

उत्तर-

  1. गेहूँ धान
  2. टौपिक
  3. शांत।

ठीक / गलत

  1. तकड़ी घास सावनी की फसलों में होते हैं।
  2. खरपतवारों को गुडाई करके भी खत्म किया जा सकता है।
  3. राऊंड अप को सुरक्षित हुड लगा कर प्रयोग किया जाता है।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✓)

फसलों के कीट और बीमारियाँ

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
फसल को कौन-से रस चूसने वाले कीड़े हानि पहुंचाते हैं ?
(क) तेला
(ख) चेपा
(ग) सफेद मक्खी
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 2.
पत्ते खाने वाले कीडे हैं :
(क) टिड्डे
(ख) सैनिक सूंडी
(ग) लाल भंग
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 3.
उल्ली के साथ होने वाले रोग हैं :
(क) झुलस रोग
(ख) कंगियारी
(ग) बीज गलने का रोग
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक

रिक्त स्थान भरो

  1. दीमक …………. को नुकसान पहुंचाने वाला कीड़ा है।
  2. चितकबरा रोग …………. के कारण होता है।
  3. ………… में 1943 में धान के भूरी चित्ती के रोग के कारण अकाल पड़ गया था।

उत्तर-

  1. जड़ों
  2. विषाणुओं
  3. बंगाल

ठीक/ गलत

  1. यदि किसी को जहर चढ़ जाये तो नमक वाला पानी पिला कर उल्टी करवाई जाती है।
  2. कृषि ज़हरों का छिड़काव भूखे पेट नहीं करना चाहिए।
  3. कीटों के हमले के कारण फसलों का झाड़ बढ़ जाता हैं।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✗)

पौष्टिक घरेलू बगीचा

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
विटामिन ए की कमी से कौन-सा रोग होता है ?
(क) अन्धराता
(ख) सकर्वी
(ग) रिकेट्स
(घ) अनीमिया।
उत्तर-
(क) अन्धराता।

प्रश्न 2.
घरेलू बगीचों में उगाए जा सकने वाले पौधे हैं :
(क) अमरूद
(ख) पपीता
(ग) नाशपाती
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 3.
घरेलू बगीचे में फलों के पौधे कौन-सी दिशा में लगाये जाने चाहिए?
(क) उत्तर
(ख) पूर्व
(ग) पश्चिम
(घ) दक्षिण।
उत्तर-
(क) उत्तर।

रिक्त स्थान भरो

  1. तीन ………… में 1500 वर्ग मीटर होते हैं।
  2. तोरी ……….. जाति की सब्जी है।
  3. करेला ………. महीने में बोया जाता है।

उत्तर-

  1. कनाल
  2. कद्
  3. फरवरी।

ठीक/ गलत

  1. लोहे की कमी के कारण अनीमिया रोग हो जाता है।
  2. सब्जियों में से मिलने वाले रेशे मनुष्य के पाचन को खराब करते हैं।
  3. स्वस्थ व्यक्ति को रोज 50 ग्राम फल अवश्य खाने चाहिएं।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✓)

सजावटी पौधे

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सड़कों के आस-पास लगाने वाले वृक्ष हैं :
(क) पिलकन
(ख) सिल्वर ओक
(ग) डेक
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 2.
खुशबूदार फूलों वाली झाड़ी है :
(क) रात की रानी
(ख) पिलकन
(ग) बोतल बुरश
(घ) सारे गलत।
उत्तर-
(क) रात की रानी।

प्रश्न 3.
हल्की बेल है:
(क) लोनीसोरा
(ख) माधवी लता
(ग) झुमका बेल
(घ) बिगनोनिया।
उत्तर-
(क) लोनीसोरा।

रिक्त स्थान भरो

  1. अर्जुन ………… गुणों वाला वृक्ष है।
  2. घरों के अन्दर …………. के लिए प्रयोग होने वाली बेल है मनी प्लांट।
  3. गोल्डन शावर …………. वाली बेल है।

उत्तर-

  1. औषधी
  2. सजावट
  3. पर्दे।

ठीक / गलत

  1. कैलेंडुला सर्दी ऋतु के फूल हैं।
  2. कचनार सजावटी वृक्ष है।
  3. जीनीया गर्मी के मौसमी फूल हैं।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✓)

अनाज की सम्भाल

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अनाज को लगने वाले कीड़े हैं :
(क) खपरा
(ख) सुसरी
(ग) दाने का छोटा बोरर
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 2.
एक टोपी गोदाम में कितनी बोरियां आ सकती है?
(क) 200
(ख) 96
(ग) 150
(घ) 500
उत्तर-
(ख) 96.

प्रश्न 3.
दानों की कीटों से बचाने के लिए प्रयोग करते हैं :
(क) सुमीसाइडीन
(ख) सिम्बुश
(ग) साइथियॉन
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

रिक्त स्थान भरो

  1. मैलाथियान ………… को शोधने के लिये प्रयोग की जाने वाली दवाई है।
  2. स्टोर किये दानों में लगभग ………… किस्म के कीड़े लग सकते हैं।
  3. मूंगफली में अधिकतम ………… नमी होनी चाहिए।

उत्तर-

  1. गोदामों
  2. 20
  3. 10 प्रतिशत।

ठीक / गलत

  1. स्टोर भण्डार तीन किस्म के होते हैं।
  2. दीवारों से बोरियों को 5-6 मीटर दूर रखना चाहिए।
  3. 65°F पर कीड़े अण्डे देना बन्द कर देते हैं।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✓)

प्राकृतिक संसाधनों का अनुरक्षण

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोत है :
(क) कोयला
(ख) हवा
(ग) सूर्य का प्रकाश
(घ) पानी
उत्तर-
(क) कोयला

प्रश्न 2.
पैट्रोल में हानिकारक तत्त्व है :
(क) सल्फर
(ख) लोहा
(ग) ताँबा
(घ) सोना।
उत्तर-
(क) सल्फर।

प्रश्न 3.
धरती पर उपलब्ध कुल पानी में से कितना पानी प्रयोग होने योग्य है ?
(क) 1 प्रतिशत
(ख) 3 प्रतिशत
(ग) 5 प्रतिशत
(घ) 8 प्रतिशत
उत्तर-
(क) 1 प्रतिशत।

रिक्त स्थान भरो

  1. ढलानों पर ………….. कृषि करनी चाहिए।
  2. धरती पर ……………… पानी है।
  3. हवा के प्रदूषण के कारण …………… परत का क्षय हो रहा है।

उत्तर-

  1. सीढ़ीदार
  2. 70 %
  3. ओजोन।

ठीक/ गलत

  1. पानी के प्रदूषण के कारण बीमारियां पैदा होती हैं।
  2. धरती पर 2% पानी है।
  3. कोयले के स्थान पर बायोगैस का प्रयोग करना चाहिए।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✓)

बायोगैस

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
बायोगैस में मीथेन गैस कितने प्रतिशत हैं ?
(क) 10-20%
(ख) 30-40%
(ग) 50-60%
(घ) 15-20%
उत्तर-
(ग) 50-60%.

प्रश्न 2.
देश में सालाना कितना गोबर पैदा होता है?
(क) 5500 लाख टन
(ख) 9800 लाख टन
(ग) 2500 लाख टन
(घ) 1000000 लाख टन
उत्तर-
(ख) 9800 लाख टन

प्रश्न 3.
1 घन मीटर बायोगैस कितनी बिजली ऊर्जा के बराबर है?
(क) 0.47 किलो वाट बिजली
(ख) 1.90 किलो वाट बिजली
(ग) 2.56 किलो वाट बिजली
(घ) 5.23 किलो वाट बिजली
उत्तर-
(क) 0.47 किलो वाट बिजली।

रिक्त स्थान भरो

  1. बायोगैस में मुख्य तौर पर ………… गैस होती है।
  2. कोयला ……………. ऊर्जा का स्त्रोत है।
  3. दीनबंधु बायोगैस प्लांट…………. में अस्तित्व में आया।

उत्तर-

  1. मीथेन
  2. पारंपरिक
  3. 1984

ठीक/ गलत

  1. बायोगैस में से बहुत धुआं निकलता है।
  2. बायोगैस में 30-40% कार्बनडाईआक्साइड होती है।
  3. बायोगैस बहुत महंगी होती है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✓)
  3. (✗)

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 4 खाना बनाने के सिद्धान्तन

Punjab State Board PSEB 7th Class Home Science Book Solutions Chapter 4 खाना बनाने के सिद्धान्त Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Home Science Chapter 4 खाना बनाने के सिद्धान्त

PSEB 7th Class Home Science Guide खाना बनाने के सिद्धान्त Textbook Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
भोजन ज्यादा देर पकाने से क्या नष्ट हो जाता है?
उत्तर-
विटामिन तथा खनिज लवण।

प्रश्न 2.
फलों और सब्जियों का पतला छिलका उतारने की सलाह क्यों दी जाती है?
उत्तर-
छिलकों के बिल्कुल नीचे ही विटामिन तथा खनिज लवण होते हैं, इसलिए मोटा छिलका उतारने से ये नष्ट हो जाते हैं।

प्रश्न 3.
डिब्बाबंद भोजन खरीदते समय हमें किस बात का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-
डिब्बा फूला हुआ था पिचका हुआ न हो।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 4 खाना बनाने के सिद्धान्त

प्रश्न 4.
खाने वाले सोडे का प्रयोग भोजन पकाने में क्यों वर्जित है?
उत्तर-
इससे विटामिन तथा खनिज लवण नष्ट हो जाते हैं।

लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
भोजन पकाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-
भोजन पकाते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

  1. चोकर सहित आटे का प्रयोग करना चाहिए इसमें विटामिन पाया जाता है। रोटी सेंकने से कम-से-कम आधा घण्टा पहले ही आटा गूंध कर स्वच्छ गीले कपड़े से ढक कर रखें।
  2. चावल पकाने से पूर्व बार-बार न धोयें, इससे खनिज लवण और विटामिन नष्ट हो जाते हैं।
  3. भोजन सदैव स्वच्छ बर्तन में ही पकाना चाहिए।
  4. गृहिणी को अपने हाथ और नाखून साफ़ रखने चाहिए।
  5. रसोईघर में प्रयोग आने वाले कपड़े, जैसे-तौलिया, नेपकिन, झाड़न, पोंछा आदि स्वच्छ होना चाहिए।
  6. बर्तनों को खुला नहीं छोड़ना चाहिए, इससे कीड़े-मकौड़े का भोजन में गिरने का डर रहता है।
  7. दाल, सब्जी में पानी केवल उतना ही डालना चाहिए जिससे भोजन पक जाए।
    अधिक पानी डालकर फिर फेंकने से बहुत-से खनिज लवण एवं विटामिन नष्ट हो जाते हैं।
  8. भोजन धीमी आँच पर पकाना चाहिए; भाप द्वारा पकाना सबसे उत्तम होता है इसके लिए प्रेशर कुकर का प्रयोग करना चाहिए।
  9. भोजन को ढक्कनदार बर्तन में पकाना चाहिए।
  10. दूध को धीमी आँच पर न उबालकर तेज़ आँच पर उबालना चाहिए।
  11. मांस व अण्डे को बहुत अधिक नहीं पकाना चाहिए।
  12. भोजन पकाते समय सोडे का प्रयोग नहीं करना चाहिए; इससे विटामिन B नष्ट हो जाते हैं।
  13. भोजन में अधिक मसालों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। अधिक मिर्च, मसाले व घी के प्रयोग से व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब हो जाता है।
  14. भोजन पकाने के पश्चात् परोसने में देर न करें। पके हुए भोजन को पुनः गर्म करना ठीक नहीं होता है।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 4 खाना बनाने के सिद्धान्त

प्रश्न 2.
भोजन पकाते समय निजी सफ़ाई से क्या भाव है?
उत्तर-
भोजन पकाते समय निजी सफ़ाई से भाव निम्नलिखित हैं

  1. जिन लोगों को जुकाम, गला खराब, खाँसी, फ्लू, फोड़े आदि हों उन्हें खाना पकाने का काम नहीं करना चाहिए।
  2. खाना पकाते समय हाथ और नाखून हमेशा साफ़ होना चाहिए। कपड़े भी साफ़ होने चाहिएं और बालों को अच्छी तरह बाँधकर रखना चाहिए।
  3. कच्चे मीट, मछली, सब्जियों और फलों के छिलकों को हाथ लगाने से पहले हाथ अच्छी तरह धो लेने चाहिए।
  4. भोजन को चलाते समय कड़छी या चम्मच का इस्तेमाल करना चाहिए। जहाँ तक हो सके भोजन को हाथ नहीं लगाना चाहिए।
  5. खाना बनाते समय अगर छींक या खाँसी आने लगे तो मुँह को ढक लेना चाहिए।
  6. जिस चम्मच के साथ खाने का स्वाद देखना हो उसको फिर धोकर इस्तेमाल करना चाहिए।

प्रश्न 3.
रसोई और बर्तनों की सफ़ाई कैसे करनी चाहिए?
उत्तर-
रसोई तथा बर्तनों की सफाई निम्नलिखित ढंग से करनी चाहिए

  1. रसोईघर के दरवाजों और खिड़कियों पर जाली लगी होनी चाहिए ताकि मक्खी, मच्छर, आदि अन्दर न आ सके।
  2. रसोईघर की सफ़ाई हर रोज़ खाना खाने के बाद जूठे बर्तनों को साफ़ करने के बाद करनी चाहिए। दिन में एक बार रसोई को अच्छी तरह साफ़ करना चाहिए। सप्ताह में एक बार जाले उतार कर दीवारों को साफ़ करना चाहिए और साल में एक बार या दो बार सफेदी करनी चाहिए।
  3. खाना पकाने वाले बर्तनों को प्रत्येक बार इस्तेमाल करने के बाद अच्छी तरह साफ़ करना चाहिए। मीट काटने के बाद चाकू को धो लेना चाहिए।
  4. बर्तनों या शैल्फ जहां कच्छा मीट, मुर्गा या मछली रखी हो वहां दूसरी खाने की वस्तु रखने से पहले उसे अच्छी तरह साफ़ करना चाहिए।
  5. जूठे बर्तनों को साफ़ बर्तनों से अलग रखना चाहिए।
  6. जूठे बर्तनों को धोने के लिए गर्म पानी और साबुन या डिटरजेन्ट का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे बर्तन साफ़ और कीटाणुरहित हो जाते हैं। बर्तनों को धोकर अगर धूप में सुखाया जाए तो इनमें चमक आ जाती है।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 4 खाना बनाने के सिद्धान्त

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
खाना पकाने के सिद्धान्त लिखो।
उत्तर-
खाना पकाने के निम्नलिखित सिद्धान्त हैं

  1. खाना पकाते समय सब्जियों के छिलके उतारने चाहिएं।
  2. इनको ज्यादा नहीं धोना और न ही ज्यादा देर तक भिगोकर रखना चाहिए।
  3. भोजन को हमेशा ढककर पकाना चाहिए।
  4. जिस पानी में भोजन पकाया जाए उसे फेंकना नहीं चाहिए।
  5. भोजन को धूप में नहीं रखना चाहिए और भोजन पकाते समय सोडा नहीं डालना चाहिए।
  6. सब्जियों को बहुत छोटे-छोटे टुकड़ों में नहीं काटना चाहिए।

प्रश्न 2.
भोजन खरीदते समय कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-
भोजन खरीदते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

  1. भोजन ऐसे स्थानों से खरीदना चाहिए जहां सफ़ाई का पूरा ध्यान रखा जाता हो। जिस बाज़ार में मक्खियां, मच्छर या दूसरे कीड़े-मकौड़े और चूहे आदि हों, वहाँ से भोजन की कोई वस्तु नहीं खरीदनी चाहिए।
  2. बेचने वाले दुकानदार साफ़ होने चाहिएं, उसके कपड़े साफ़ हों और सेहत अच्छी हो। अगर उनको खाँसी या जुकाम लगा हो तो उससे खाने की वस्तु नहीं खरीदनी चाहिए।
  3. मीट खरीदते समय यह देखना ज़रूरी है कि जानवर बीमार न हो और साथ ही उस पर डॉक्टर की मोहर भी लगी होनी चाहिए।
  4. डिब्बे में बन्द वस्तु खरीदते समय यह देख लेना चाहिए कि डिब्बा फूला हुआ या चिपका हुआ न हो। फूले हुए डिब्बे में बैक्टीरिया होते हैं। जहाँ तक सम्भव हो सके डिब्बे किसी अच्छी फ़र्म के बने ही इस्तेमाल करने चाहिए।
  5. फल और सब्जियाँ गली-सड़ी नहीं होनी चाहिए। (6) दालें, चावल, आटे आदि में कीड़े या सुसरी नहीं होनी चाहिए।
  6. दूध और दूध से बनी वस्तुएँ ताजी होनी चाहिएँ और उनसे खट्टी महक नहीं आनी चाहिए।
  7. कटे हुए फल-सब्जियाँ, जिन पर धूल पड़ी होने का सन्देह हो या उन पर मक्खियां बैठी हों, नहीं खरीदनी चाहिए।
  8. पका हुआ भोजन खरीदना हो तो उसकी सफ़ाई के बारे में पूरी जाँच-पड़ताल कर लेनी चाहिए।
  9. भोजन की चीजें लाने के बाद सूखी चीज़ों को सूखे डिब्बों में भरकर रसोई की अलमारी या स्टोर में रख देना चाहिए।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 4 खाना बनाने के सिद्धान्त

प्रश्न 3.
रसोई की सफ़ाई से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
रसोईघर के प्रत्येक स्थान को धो-पोंछकर साफ़ करना चाहिए। भोजन समाप्त होने के बाद बची हुई खाद्य-सामग्री को दूसरे स्वच्छ बर्तनों में रखकर जालीदार अलमारी . या रेफ्रीजरेटर में रख देना चाहिए। जूठे बर्तनों को साफ़ करने के स्थान पर ही साफ़ किया जाना चाहिए। भोजन पकाने तथा परोसने के स्थान को पहले गीले तथा फिर सूखे कपड़े से पोंछकर स्वच्छ करना चाहिए। बर्तनों को साफ़ करके यथास्थान व्यवस्थित करना चाहिए। नल, फर्श, सिंक आदि को साफ़ करके सूखा रखने का प्रयत्न करना चाहिए। रसोईघर की चौकी, तख्त, मेज, कुर्सी की सफाई भी प्रतिदिन की जानी चाहिए तथा फर्श को भी पानी से प्रतिदिन सींक को झाडू या कूची से रगड़कर धोना चाहिए।

प्रश्न 4.
भोजन घर लाने के बाद ताज़ी और सूखी चीज़ों की सम्भाल आप कैसे करोगे?
उत्तर-
भोजन की चीजें घर लाने के बाद सूखी चीज़ों को सूखे डिब्बों में भरकर रसोई की अलमारी या स्टोर में रख देना चाहिए। ताजी सब्जियों और फलों को फ्रिज या किसी अन्य ठण्डी जगह पर रखना चाहिए। मीट लाने के बाद अगर फ्रिज़ हो तो उसको सबसे ठण्डे खाने में रखना चाहिए। अगर ऐसा न हो सके तो उसे जल्दी ही पका लेना चाहिए।
दूध को हमेशा उबालकर जाली के साथ ढककर रखना चाहिए। अगर फ्रिज़ हो तो उसमें रखना चाहिए नहीं तो ठण्डी जगह का पानी दूध वाले बर्तन में रखना चाहिए।

Home Science Guide for Class 7 PSEB खाना बनाने के सिद्धान्त Important Questions and Answers

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भोज्य पदार्थ को पकाने का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर-
भोजन को पचने योग्य बनाना।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 4 खाना बनाने के सिद्धान्त

प्रश्न 2.
प्रोटीन पर पकाने का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
प्रोटीन पकाने पर सुपाच्य (पचने योग्य) हो जाती है तथा तरल प्रोटीन ठोस रूप में बदल जाती है।

प्रश्न 3.
कार्बोहाइड्रेट्स पर पकाने का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
पकाने से कार्बोहाइड्रेट्स पचने योग्य तथा मीठे हो जाते हैं।

प्रश्न 4.
पकाने का वसा पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
पकाने से वसा पिघलती है और सुपाच्य बन जाती है।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 4 खाना बनाने के सिद्धान्त

प्रश्न 5.
सब्जी पकाने का मुख्य अभिप्राय क्या है?
उत्तर-
सब्जी के सैलुलोज को मुलायम करना तथा श्वेतसार कणों को फुलाकर जिलेटिन के रूप में परिवर्तित करना।

प्रश्न 6.
किन खनिज तत्त्वों पर ताप का प्रभाव बहुत कम पड़ता है?
उत्तर-
कैल्शियम तथा लोहे पर।

प्रश्न 7.
कैरोटीन पकाने पर नष्ट क्यों नहीं होता?
उत्तर-
क्योंकि यह जल में घुलनशील नहीं है।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 4 खाना बनाने के सिद्धान्त

प्रश्न 8.
भोजन पकाने से विटामिन ‘बी’ तथा ‘सी’ प्रायः नष्ट क्यों हो जाते हैं?
उत्तर-
जल में घुलनशील होने तथा ताप द्वारा नष्ट हो जाने के कारण।

प्रश्न 9.
शक्कर को गर्म करने पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
शक्कर को गर्म करने पर वह भूरे रंग का हो जाता है। इसको अधिक गर्म करने पर काले रंग का हो जाता है।

प्रश्न 10.
कौन-से पदार्थ पेट में अधिक वायु बनाते हैं?
उत्तर-
कच्चे सलाद पेट में अधिक वायु बनाते हैं।

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छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
रसोईघर के लिए निम्नलिखित केन्द्रों की व्यवस्था आप कैसी करेंगी?
(क) तैयारी केन्द्र,
(ख) खाना पकाने व परोसने का केन्द्र।
उत्तर-
(क) तैयारी केन्द्र-खाना पकाने से पूर्व खाद्य पदार्थों की तैयारी करनी पड़ती है। इनमें दाल-चावल चुनना व धोना, साग-सब्जी धोना व काटना, आटा छानना, गूंधना आदि जैसे कार्य रहते हैं। कार्य करने के लिए शेल्फों की ऊँचाई गृहिणी की लम्बाई के अनुसार उचित होनी चाहिए जिससे गृहिणी को कार्य करने में असुविधा न हो। इन शेल्फों के नीचे तथा ऊपर अलमारियों में भोजन की तैयारी में उपयोग में आने वाले उपकरण आटा, दालें आदि संग्रहीत करके रखी जा सकती हैं।

(ख) खाना पकाने व परोसने का केन्द्र-भोजन पकाने के लिए जिन वस्तुओं की आवश्यकता होती है, उन्हें ऐसे स्थान पर रखना चाहिए, जिससे गृहिणी को अधिक दौड़ धूप न करनी पड़े। भोजन पकाने के केन्द्र के निकट ही एक ऐसा स्थान या अलमारी हो जिसमें सभी मसालों से भरी शीशियां, घी, तेल तथा पकाने के बर्तन हों।

भोजन पकाने के बाद भोजन परोसना सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य है। भोजन दो प्रकार से परोसा जाता है-भारतीय शैली तथा विदेशी शैली।
भारतीय शैली में खाना थाली एवं कटोरियों में परोसकर प्रायः रसोईघर में चौकी पर रखा जाता है और व्यक्ति पटरे पर बैठकर खाता है। विदेशी शैली में खाना डोंगों में भरकर मेज़ पर लगाया जाता है और व्यक्ति इच्छानुसार स्वयं परोसकर खाता है।

प्रश्न 2.
रसोईघर के बर्तनों की धुलाई व सफ़ाई के उत्तम प्रबन्ध के लिए किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-
जूठे तथा भोजन पकाए हुए बर्तनों को साफ़ करने के लिए एक निश्चित स्थान होना चाहिए। बर्तन साफ़ करने के केन्द्र के पास सिंक की व्यवस्था अवश्य होनी चाहिए। सिंक के पास एक ओर गंदे बर्तन तथा दूसरी ओर धुले बर्तन रखने के लिए शेल्फ होने चाहिएं। सिंक कभी कोने में नहीं होना चाहिए। इस केन्द्र में विम, छनी हुई राख, सर्फ, मिट्टी, ब्रश, स्पंज तथा झाडू आदि रखने की व्यवस्था होनी चाहिए।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 4 खाना बनाने के सिद्धान्त

एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
सब्ज़ियाँ तथा फलों के छिलकों के बिल्कुल नीचे ………….. तथा ……………. होते हैं।
उत्तर-
विटामिन, खनिज लवण।

प्रश्न 2.
……… सहित आटे का प्रयोग करना चाहिए इसमें विटामिन ‘बी’ होता है।
उत्तर-
चोकर।

प्रश्न 3.
श्वेतसार के कण पकाने पर फूल जाते हैं तथा किस रूप में परिवर्तित होते हैं?
उत्तर-
जिलेटिन।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 4 खाना बनाने के सिद्धान्त

प्रश्न 4.
कैरोटीन …………. में घुलनशील नहीं है।
उत्तर-
जल।

प्रश्न 5.
अधिक गर्म करने पर शक्कर कैसी हो जाती है?
उत्तर-
काली।

प्रश्न 6.
गर्म करने से तरल प्रोटीन ……. रूप में बदल जाता है।
उत्तर-
ठोस।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 4 खाना बनाने के सिद्धान्त

प्रश्न 7.
भोजन को …………….. सेंक पर पकाना चाहिए।
उत्तर-
मध्यम।

खाना बनाने के सिद्धान्त PSEB 7th Class Home Science Notes

  • सब्जियों और फलों के छिलकों के बिल्कुल नीचे ही विटामिन और खनिज लवण होते हैं।
  • अधिक देर तक खाना पकाने से भी विटामिन और खनिज लवण नष्ट हो जाते हैं। इसलिए भोजन उतनी देर तक ही पकाना
  • चाहिए जब तक वह गल कर पचने योग्य न हो जाए।
  • कुछ विटामिन और खनिज लवण पानी में घुल जाते हैं। इसलिए सब्जियों को धोने के बाद ही काटना चाहिए।
  • जिन लोगों को जुकाम, गला खराब, खांसी, फ्लू, फोड़े आदि हों उन्हें खाना पकाने का काम नहीं करना चाहिए।
  • खाना पकाते समय हाथ और नाखून हमेशा साफ़ होने चाहिए।
  • भोजन को हिलाते समय कड़छी या चम्मच का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • रसोईघर के दरवाजों और खिड़कियों पर जाली लगी होनी चाहिए ताकि मक्खी, मच्छर आदि अन्दर न आ सकें।
  • खाना पकाने वाले बर्तनों को प्रतिदिन इस्तेमाल करने के बाद अच्छी तरह साफ़ करना चाहिए।
  • जूठे बर्तनों को साफ़ बर्तनों से अलग रखना चाहिए।
  • जूठे बर्तनों को धोने के लिए गर्म पानी, साबुन या डिटरजेन्ट का इस्तेमाल करना चाहिए।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 5 घर की सफ़ाई

Punjab State Board PSEB 7th Class Home Science Book Solutions Chapter 5 घर की सफ़ाई Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Home Science Chapter 5 घर की सफ़ाई

PSEB 7th Class Home Science Guide घर की सफ़ाई Textbook Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
घर की सफ़ाई के दो महत्त्व बताइए।
उत्तर-

  1. स्वच्छता
  2. सौंदर्य तथा स्वास्थ्य।

प्रश्न 2.
ऋतु के अनुसार सफाई किसे कहते हैं?
उत्तर-
जब ऋतु बदलती है तब घर की सफाई की जाती है इसे ऋतु के अनुसार सफाई करना कहते हैं।

प्रश्न 3.
शीशे को साफ करने के लिए क्या प्रयोग करना चाहिए?
उत्तर-
गीले अखबार या पतंग वाले कागज़ से।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 5 घर की सफ़ाई

लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
शौचघर, गुसलखाने में फिनाइल क्यों छिड़की जाती है?
उत्तर-
शौचघर और गुसलखाने को प्रतिदिन फिनाइल से धोना चाहिए और इनको खुली हवा लगनी चाहिए। नहीं तो ये मक्खी, मच्छर के घर बन जाएंगे। जिससे अनेक प्रकार की बीमारियाँ हो सकती हैं।

प्रश्न 2.
सफ़ाई करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-
सफ़ाई करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

  1. कमरे का फर्श और दैनिक प्रयोग में आने वाले बर्तनों की सफ़ाई रोज़ करनी चाहिए।
  2. रसोई, गुसलखाना और नालियाँ भी रोज़ाना साफ़ करनी चाहिए।
  3. साप्ताहिक सफ़ाई में दरी या फर्नीचर बाहर निकालकर झाड़ना और दीवारों से जाले उतारने ज़रूरी होते हैं। कपड़ों को धूप लगानी चाहिए।
  4. रोज़ाना प्रयोग में आने वाले बर्तन, पर्दे, चादरें आदि साफ़ करनी चाहिएं।
  5. शौचघर और नालियों में फिनाइल का पानी डालना चाहिए।
  6. ऋत अनसार सफ़ाई में दीवारों और फर्श झाड कर लीप-पोत लेने चाहिएं या फर्श और दीवारों की मुरम्मत करवा लेना चाहिए।
  7. दरवाजों और खिड़कियों को पेंट करवा लेना चाहिए।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 5 घर की सफ़ाई

प्रश्न 3.
साप्ताहिक सफाई के अन्तर्गत क्या-क्या करना चाहिए?
उत्तर-
साप्ताहिक सफ़ाई के अन्तर्गत निम्नलिखित कार्य करना चाहिए

  1. साप्ताहिक सफ़ाई में एक बार बिस्तरों को धूप में अवश्य सुखाना चाहिए।
  2. घर का सारा सामान फर्नीचर आदि को धूप अवश्य लगानी चाहिए।
  3. कमरे, आँगन और सीढ़ियों को धोकर साफ़ कर लेना चाहिए।
  4. कमरों को धोने से पहले फर्नीचर बाहर निकालकर दीवारें साफ़ कर लेनी चाहिएं। ताकि जाले आदि अच्छी तरह साफ़ हो जाए।
  5. अलमारियों का सामान निकालकर साफ़ करके उचित जगह पर लगा देना चाहिए।
  6. अगर फर्श पर दरी बिछी हो तो बाहर निकालकर झाड़ लें और फर्श को धोकर गीले कपड़े के साथ पोचा फेर लेना चाहिए।
  7. बिजली के बल्ब और शेड की सफ़ाई भी कर लेनी चाहिए।
  8. नालियों में फिनाइल छिड़क देना चाहिए, ताकि कीटाणु रहित हो जाएं।
  9. शौचघर में फिनाइल और कभी-कभी चूने का पानी छिड़कना चाहिए।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
दैनिक सफ़ाई क्यों जरूरी है और घर की सफ़ाई कैसे करनी चाहिए?
उत्तर-
दैनिक सफ़ाई से हमारा अभिप्राय उस सफ़ाई से है जो घर में प्रतिदिन की जाती है। अत: गृहिणी का यह प्रमुख कर्त्तव्य है कि वह घर के उठने-बैठने, पढ़ने-लिखने, सोने के कमरे, रसोई, आँगन, स्नानागार, बरामदा तथा शौचालय की प्रतिदिन सफ़ाई करे। दैनिक सफ़ाई के अन्तर्गत प्रायः इधर-उधर बिखरी हुई वस्तुओं को ठीक से लगाना, फर्नीचर को झाड़ना-पोंछना, फर्श पर झाडू करना, गीला पोंछा करना आदि आते हैं। आज के आधुनिक युग की व्यस्त गृहिणियों तथा कार्यरत गृहिणियों को यह कदापि सम्भव नहीं कि वे घर के सभी पक्षों की सफ़ाई प्रतिदिन करें।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 5 घर की सफ़ाई

प्रश्न 2.
ऋतु के अनुसार खास सफ़ाई का क्या मतलब है?
उत्तर-
हमारे देश में प्राय: जब वर्षा ऋतु समाप्त हो जाती है, दशहरे या दीपावली के समय वार्षिक सफ़ाई की जाती है। पुताई, पॉलिश आदि करवाने से घर की सुन्दरता तो बढ़ती ही है, रोग फैलाने वाले कीटाणु भी नष्ट हो जाते हैं। अत: स्वास्थ्य की दृष्टि से भी एक वर्ष में एक बार घर की पूर्ण स्वच्छता अनिवार्य है।

Home Science Guide for Class 7 PSEB घर की सफ़ाई Important Questions and Answers

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
सफ़ाई क्यों ज़रूरी है?
उत्तर-
अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए तथा घर को आकर्षित बनाने के लिए सफ़ाई ज़रूरी है।

प्रश्न 2.
शारीरिक सफ़ाई से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
शरीर के विभिन्न अंगों की नियमित सफ़ाई तथा नियमित अच्छी आदतें।

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प्रश्न 3.
दैनिक सफ़ाई से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
दैनिक सफ़ाई से अभिप्राय प्रतिदिन की सफ़ाई से है।

प्रश्न 4.
दैनिक सफ़ाई के अन्तर्गत किन स्थानों की सफाई आवश्यक है?
उत्तर-
प्रतिदिन उठने-बैठने और सोने वाले कमरे, स्नानागार, शौचालय, रसोई, आँगन एवं बरामदा।

प्रश्न 5.
सामयिक सफाई क्या होती है?
उत्तर-
ऋतु अनुसार काम आने वाली वस्तुओं की सफ़ाई करके ठीक रख-रखाव की व्यवस्था करना। जैसे-सर्दी व गर्मी के कपड़े, अनाज संरक्षण आदि।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 5 घर की सफ़ाई

प्रश्न 6.
आकस्मिक सफ़ाई किसे कहते हैं?
उत्तर-
अकस्मात् जरूरत पड़ने पर घर की सफ़ाई करना, जैसे ब्याह-शादी पर।

छोटे स्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
वातावरण की सफ़ाई को कितने भागों में बांटा जा सकता है?
उत्तर-
वातावरण की सफ़ाई को सामान्यत: छः भागों में बांटा जा सकता है

  1. दैनिक सफ़ाई
  2. साप्ताहिक सफ़ाई
  3. मासिक सफाई
  4. सामयिक सफाई
  5. वार्षिक सफ़ाई
  6. आकस्मिक सफ़ाई।

प्रश्न 2.
दैनिक सफ़ाई के अन्तर्गत क्या-क्या कार्य करने होते हैं?
उत्तर-
दैनिक सफ़ाई के अन्तर्गत निम्नलिखित कार्य आवश्यक रूप से करने होते हैं

  1. घर के सभी कमरों के फर्श, खिड़की, दरवाजे, मेज़-कुर्सी की झाड़-पोंछ करना।
  2. घर में रखे कूड़ेदान आदि को साफ़ करना।
  3. शौचालय तथा स्नानागार आदि की सफ़ाई करना।
  4. रसोई में काम आने वाले बर्तनों की सफ़ाई व रख-रखाव।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 5 घर की सफ़ाई

प्रश्न 3.
घर में गन्दगी होने के प्रमुख कारण क्या हैं?
उत्तर-

  1. प्राकृतिक कारण-धूल के कण, वर्षा तथा बाढ़ के पानी के बहाव के साथ आने वाली गन्दगी, मकड़ी के जाले, पक्षियों तथा अन्य जीवों द्वारा गन्दगी।
  2. मानव विकार-मल-मूत्र, कफ, थूक, खखार, पसीना और बाल झड़ना।
  3. घरेलू कार्य-खाद्यान्नों की सफ़ाई से निकलने वाला कूड़ा, साग-सब्जी-फल आदि के छिलके, खाद्य वस्तुओं, बर्तन आदि के धोवन, कपड़ों की धुलाई, साबुन के फेन, मैल, नील, माँड़ रद्दी कागज़ के टुकड़े, सिलाई की कतरनें, कताई की रूई तथा छीजन आदि।

बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
घर की सफ़ाई कितने प्रकार की होती है? वर्णन कीजिए।
उत्तर-
घर की सफ़ाई को हम मुख्य रूप से चार भागों में बाँटते हैं-दैनिक सफ़ाई, साप्ताहिक सफ़ाई, मासिक सफ़ाई, वार्षिक सफ़ाई।
1. दैनिक सफ़ाई-दैनिक सफ़ाई से हमारा अभिप्राय उस सफ़ाई से है जो घर में प्रतिदिन की जाती है। अतः गृहिणी का यह प्रमुख कर्त्तव्य है कि वह घर के उठने-बैठने, पढ़ने-लिखने, सोने के कमरे, रसोईघर, आँगन, स्नानागार, बरामदा तथा शौचालय की प्रतिदिन सफ़ाई करे। दैनिक सफ़ाई के अन्तर्गत प्रायः इधर-उधर बिखरी हुई वस्तुओं को ठीक से लगाना, फर्नीचर को झाड़ना-पोंछना, फर्श पर झाडू करना, गीला पोंचा करना आदि आते है। आज के आधुनिक युग की व्यस्त गृहिणियों तथा कार्यरत गृहिणियों को यह कदापि सम्भव नहीं कि वे घर के सभी पक्षों की सफ़ाई प्रतिदिन करें।

2. साप्ताहिक सफ़ाई-एक कुशल गृहिणी को घर के दैनिक जीवन में अनेक कार्य करने पड़ते हैं अतः यह सम्भव नहीं कि वह एक ही दिन में घर की पूर्ण सफ़ाई कर सके। समय की कमी के कारण घर में जो वस्तुएँ प्रतिदिन साफ़ नहीं की जातीं उन्हें सप्ताह में या पन्द्रह दिन में एक बार अवश्य साफ़ कर लेना चाहिए। यदि ऐसा न किया गया तो दरवाजों तथा दीवारों की छतों पर जाले एकत्रित हो जायेंगे। दरवाज़ों व खिड़कियों के शीशों, फनीचर की सफ़ाई, बिस्तर झाड़ना व धूप लगाना, अलमारियों की सफ़ाई तथा दरी कालीन को झाड़ना व धूप लगाना आदि कार्य सप्ताह में एक बार अवश्य किये जाने चाहिएं।

3. मासिक सफ़ाई-जिन कमरों या वस्तुओं की सफ़ाई सप्ताह में एक बार न हो सके, उन्हें महीने में एक बार अवश्य साफ़ करना चाहिए। साधारण तौर पर महीने भर की खाद्य-सामग्री एक साथ खरीदी जाती है इसलिए उसको भण्डारगृह में रखने से पूर्व भंडार घर को भली-भाँति झाड़-पोंछकर ही उसमें खाद्य-सामग्री रखी जानी चाहिए। टीन के डिब्बों को भली-भाँति साफ़ करके धूप दिखाकर उसमें सामान भरना चाहिए। मासिक सफ़ाई के अन्तर्गत अनाज, दालों, अचार, मुरब्बे व मसाले आदि को धूप लगानी चाहिए। अलमारी के जाले, बल्बों के शेड आदि भी साफ़ करने चाहिएं।

4. वार्षिक सफ़ाई-वार्षिक सफ़ाई का तात्पर्य वर्ष में एक बार सम्पूर्ण घर की पूर्ण रूप से सफाई करना है। वार्षिक सफाई के अन्तर्गत घर की पुताई, टूटे स्थानों की मरम्मत, दरवाजों, खिड़कियों के किवाड़ों तथा चौखटों की मरम्मत तथा सफाई एवं रोगन करवाना, फर्नीचर और अन्य सामानों की मरम्मत, वार्निश, पॉलिश आदि आती है। कमरों से सभी सामानों को हटाकर चूना, पेंट या डिस्टेम्पर करवाना, पुताई के पश्चात् फर्श को रगड़कर धोना तथा दाग-धब्बे हटाना, सफ़ाई के उपरान्त सारे सामान को पुनः व्यवस्थित करना वार्षिक कार्य हैं। इस प्रकार की सफ़ाई के कमरों को नवीन रूप प्रदान होता है। रजाई, गद्दों को खोलकर रूई साफ़ करवाना, धुनवाना आदि भी वर्ष में एक बार किया जाता है।

हमारे देश में प्रायः जब वर्षा ऋतु समाप्त हो जाती है, दशहरे या दीपावली के समय वार्षिक सफ़ाई की जाती है। पुताई, पॉलिश आदि करवाने से घर की सुन्दरता तो बढ़ती ही है, रोग फैलाने वाले कीटाणु भी नष्ट हो जाते हैं। अतः स्वास्थ्य की दृष्टि से भी वर्ष में एक बार घर की पूर्ण स्वच्छता अनिवार्य है।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 5 घर की सफ़ाई

एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
सफ़ाई के प्रबन्ध को कितने हिस्सों में बाँट सकते हैं?
उत्तर-
तीन।

प्रश्न 2.
शौचघर तथा नालियों में ………….का पानी डालना चाहिए।
उत्तर-
फ़िनाईल।

प्रश्न 3.
साप्ताहिक सफ़ाई में ……. की भी सफ़ाई की जाती है।
उत्तर-
दीवारों पर लगे जाले।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 5 घर की सफ़ाई

प्रश्न 4.
घर में गन्दगी का एक प्राकृतिक कारण बताएं।
उत्तर-
मकड़ी का जाल।

प्रश्न 5.
दीवाली के समय की जाने वाली सफ़ाई कौन-सी है?
उत्तर-
वार्षिक सफ़ाई।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 5 घर की सफ़ाई

घर की सफ़ाई PSEB 7th Class Home Science Notes

  • मिट्टी और धूल से भरा मकान देखने में बहुत बेकार और खराब लगता है।
  • मक्खियां और मच्छर गन्दगी की देन हैं।। कमरों को साफ़ करते समय कोनों की सफ़ाई का विशेष ध्यान रखना ज़रूरी
  • सफ़ाई करते समय हवा का रुख देखते हुए खिड़कियाँ और दरवाज़े खोलने ठीक रहते हैं।
  • शौचघर और गुसलखाने को प्रतिदिन फिनाइल से धोना चाहिए और उसमें खुली हवादार जाली लगानी चाहिए।
  • सप्ताह में एक दिन सारे घर की सफ़ाई सम्भव नहीं होती इसलिए कमरे बाँट लेना चाहिए।
  • सप्ताह में एक बार बिस्तरों को धूप अवश्य लगवानी चाहिए।
  • शौचघर में फिनाइल और कभी-कभी चूने का पानी छिड़कना चाहिए।
  • सफ़ाई रखने से जहां मकान की सुन्दरता कायम रहती है उसके साथ ही काफ़ी चीज़ों को नष्ट होने से भी बचाया जा सकता है।
  • हमारे देश में ऋतु के बदलने पर सफ़ाई करने का आम रिवाज है।
  • सफ़ेदी करने से पहले दीवारों से कलैण्डर और तस्वीरें उतारकर झाड़कर रख लेने चाहिएं ताकि टूट न जाएं।
  • खिड़कियाँ, अलमारियाँ और दरवाज़े की जालियाँ सोडे या साबुन वाले पानी के साथ साफ़ कर लेनी चाहिएं।
  • वार्षिक सफ़ाई या ऋतु के अनुसार सफ़ाई में दैनिक और साप्ताहिक सफ़ाई के भी सारे काम शामिल होते हैं।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य जीव

Punjab State Board PSEB 7th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य जीव Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 4 महासागर

SST Guide for Class 7 PSEB प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य जीव Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 1-15 शब्दों में दो।

प्रश्न 1.
प्राकृतिक वनस्पति से क्या भाव है?
उत्तर-
प्राकृतिक वनस्पति से भाव उन जड़ी-बूटियों तथा पेड़-पौधों से है, जो अपने आप उग आते हैं। इसमें मनुष्य का कोई योगदान नहीं होता। किसी प्रदेश की प्राकृतिक वनस्पति वहां के धरातल, मिट्टी के प्रकार, जलवायु आदि पर निर्भर करती है।

प्रश्न 2.
प्राकृतिक वनस्पति को प्रमुख कितने भागों में बांटा गया है?
उत्तर-
प्राकृतिक वनस्पति को निम्नलिखित तीन भागों में बांटा गया है –

  1. वन
  2. घास के मैदान तथा
  3. मरुस्थलीय झाड़ियां।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य जीव

प्रश्न 3.
जंगलों से कौन-सी वस्तुएं प्राप्त होती हैं ?
उत्तर-
जंगलों से हमें कई प्रकार की लकड़ी, बांस, कागज़ बनाने वाले घास, गूद, गन्दा बरोज़ा, तारपीन, लाख, चमड़ा रंगने का छिलका, दवाइयों के लिए जड़ी-बूटियां आदि वस्तुएं प्राप्त होती हैं।

प्रश्न 4.
जंगल अप्रत्यक्ष रूप में हमारी क्या सहायता करते हैं ?
उत्तर-
वन परोक्ष रूप से हमारी बहुत सहायता करते हैं।

  1. ये वातावरण से कार्बन-डाइऑक्साइड लेकर ऑक्सीजन छोड़ते हैं।
  2. ये वर्षा लाने में सहायक होते हैं और तापमान को अधिक नहीं बढ़ने देते।
  3. ये बाढ़ और भू-क्षरण को रोकते हैं।
  4. ये भूमि के अन्दर पानी के रिसाव में सहायता करते हैं।
  5. वन मरुस्थलों के विस्तार को रोकते हैं और वन्य-जीवों तथा पक्षियों को आवास (Habitat) प्रदान करते हैं।

प्रश्न 5.
जंगलों के विकास का क्या प्रभाव पड़ेगा ?
उत्तर-
जंगल (वन) हमारे लिए वरदान हैं। इनके विकास का निम्नलिखित प्रभाव पड़ेगा –

  1. देश की आर्थिक प्रगति होगी।
  2. पर्यावरण शुद्ध होगा।
  3. वन्य जीवन की सुरक्षा होगी।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य जीव

प्रश्न 6.
मानव परिस्थिति (पारिस्थितिक) सन्तुलन को कैसे बिगाड़ रहा है?
उत्तर-
मनुष्य आवास तथा कृषि योग्य भूमि प्राप्त करने के लिए वनों की अन्धाधुन्ध कटाई कर रहा है। इससे पारिस्थितिक सन्तुलन बिगड़ रहा है।

प्रश्न 7.
उष्ण घास के मैदानों के स्थानीय नाम बताएं।
उत्तर-
उष्ण घास के मैदानों को अफ्रीका में पार्कलैण्ड, वेंजुएला में लानोज तथा ब्राज़ील में कैंपोज़ कहते हैं।

प्रश्न 8.
ठण्डे मरुस्थलों की वनस्पति के बारे में लिखो।
उत्तर-
ठण्डे मरुस्थलों में जब थोड़े समय के लिए बर्फ पिघलती है, तो विभिन्न रंगों के फलों वाले छोटे-छोटे पौधे उग जाते हैं। उत्तरी भागों में छोटी-छोटी घास जैसे काई और लिचन (लाइकन) उग जाती है।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य जीव

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 50-60 शब्दों में दें।

प्रश्न 1.
भूमध्य रेखी जंगलों के बारे में लिखो।
उत्तर-
भूमध्य रेखी जंगल भू-मध्य रेखा से 10° उत्तर और 10° दक्षिणी अक्षांशों में फैले हुए हैं। इन वनों को सदाबहार घने जंगल कहते हैं। भू-मध्य रेखा पर सारा साल उच्च तापमान रहता है और वर्षा भी अधिक होती है। इसी कारण यहां घने वन पाए जाते हैं। इन वनों की ऊपर वाली शाखाएं आपस में इस प्रकार मिली होती हैं कि वे एक छतरी के समान दिखाई देती हैं। इसलिए सूर्य का प्रकाश भी धरती पर नहीं पहुंच पाता। इन वनों में कई प्रकार के वृक्ष होते हैं; फिर भी ये वृक्ष आर्थिक रूप से लाभदायक नहीं होते। इसका मुख्य कारण यह है कि ये इतने सघन होते हैं कि इनमें से गुज़रना कठिन होता है। इस कारण इनकी कटाई नहीं हो सकती।

दक्षिणी अमेरिका, मध्य अफ्रीका, दक्षिण-पूर्वी एशिया, मैडागास्कर में इन वनों के बहुत बड़े क्षेत्र हैं। ऑस्ट्रेलिया, मध्य-अमेरिका में इन वनों ने थोड़ा-थोड़ा क्षेत्र घेरा हुआ है।

प्रश्न 2.
आर्थिक पक्ष से कौन-से जंगल सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण हैं ?
उत्तर-
आर्थिक दृष्टि से सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण तथा मूल्यवान वन नुकीले पत्तों वाले वन हैं। इन वनों को सदाबहार वन भी कहते हैं। यूरेशिया में इन्हें टैगा (Taiga) वन कहा जाता है। इन वनों में चीड़, फ़र और स्यूस के वृक्ष मिलते हैं। इन वृक्षों से नर्म लकड़ी प्राप्त होती है जिससे गूदा और कागज़ बनाया जाता है।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य जीव

प्रश्न 3.
मानसूनी जंगलों (वनों) को पतझड़ी जंगलों (वनों) के नाम से क्यों पुकारा जाता है?
उत्तर-
मानसूनी वन कम उष्ण अर्थात् उपोष्ण अक्षांशों पर पाये जाते हैं। जिन क्षेत्रों में किसी एक मौसम में वर्षा अधिक मात्रा में होती है वहां इनके पत्ते चौड़े होते हैं। ये वन उन क्षेत्रों में अधिक होते हैं जहां मानसून पवनों के कारण अधिक वर्षा होती है। इस कारण इन्हें मानसूनी वन कहते हैं। जिस मौसम में वर्षा नहीं होती; ये वन अपने पत्ते गिरा देते हैं। इसलिए इन्हें पतझड़ी वन भी कहा जाता है। ये वन आर्थिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये वन भू-मध्यरेखीय वनों से कम सघन हैं और मनुष्य की पहुंच में हैं। इनसे इमारती तथा ईंधन की लकड़ी मिलती है। परन्तु अधिकतर मानसूनी वन काट दिए गए हैं और प्राप्त भूमि पर कृषि की जाने लगी है।

प्रश्न 4.
शीत ऊष्ण घास के मैदानों के बारे में लिखो। इनके भिन्न-भिन्न महाद्वीपों में कौन-कौन से नाम हैं ?
उत्तर-
शीतोष्ण घास के मैदान कम वर्षा वाले शीतोष्ण क्षेत्रों में पाये जाते हैं। यहां घास अधिक ऊंची तो नहीं होती, परन्तु यह कोमल तथा सघन होती है। अतः यह पशुओं के चारे के लिए बहुत उपयोगी होती है। इन घास के मैदानों को विभिन्न महाद्वीपों में भिन्न-भिन्न नाम दिये गये हैं। इन्हें यूरेशिया में स्टैपीज़, उत्तरी अमेरिका में प्रेयरीज़, दक्षिणी अमेरिका में पम्पाज़, दक्षिणी अफ्रीका में वैल्ड तथा ऑस्ट्रेलिया में डाउन्ज के नाम से पुकारा जाता है।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य जीव

प्रश्न 5.
गर्म मरुस्थलीय वनस्पति के बारे में लिखो।
उत्तर-
संसार के प्रमुख गर्म मरुस्थल अफ्रीका में सहारा और कालाहारी, अरब-ईरान का मरुस्थल, भारतपाकिस्तान का थार मरुस्थल, दक्षिणी अमेरिका में ऐटोकामा, उत्तरी अमेरिका में दक्षिणी कैलेकैनिया और उत्तरी मैक्सिको तथा ऑस्ट्रेलिया में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के मरुस्थल हैं। इन मरुस्थलों में अधिक गर्मी तथा कम वर्षा के कारण बहत कम वनस्पति मिलती है। यहां केवल कांटेदार झाड़ियां, थोहर, छोटी-छोटी जड़ी-बूटियां और घास आदि ही पैदा होते हैं। प्रकृति ने इस वनस्पति को इस प्रकार का बनाया है कि यह अत्यधिक गर्मी और शुष्कता को सहन कर सके। इनकी जड़ें लम्बी और मोटी होती हैं ताकि पौधे गहराई से नमी प्राप्त कर सकें। पौधों का छिलका मोटा होता है तथा पत्ते मोटे और चिकने होते हैं, ताकि वाष्पीकरण से अधिक पानी नष्ट न हो।

प्रश्न 6.
जंगलों (वनों) की सम्भाल क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
वनों का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्त्व है। ये हमारी बहुत-सी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं । वनों से प्राप्त लकड़ी का उपयोग ईंधन के रूप में, मकान बनाने में तथा कई अन्य कामों, जैसे कागज़ बनाने, रेलों के डिब्बे, स्लीपर, रेयन (कपड़ा बनाने के लिए) आदि बनाने के लिए होता है। वनों से हमें लकड़ी के अतिरिक्त अन्य कई उपयोगी पदार्थ भी प्राप्त होते हैं। सबसे बढ़कर वन वर्षा लाने में सहायता करते हैं, बाढ़ों पर नियन्त्रण करते हैं तथा भूक्षरण को रोकते हैं। परन्तु जनसंख्या की वृद्धि के साथ वनों का उपभोग बढ़ रहा है। जिससे वन-क्षेत्र कम हो रहा है। अतः वनों की सम्भाल और नये वृक्ष लगाने की ओर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य जीव

(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 125-130 शब्दों में लिखो

प्रश्न 1.
प्राकृतिक वनस्पति के बारे में विसृत रूप में लिखो।
उत्तर-
प्राकृतिक वनस्पति से अभिप्राय उन जड़ी-बूटियों तथा पेड़-पौधों से है, जो मनुष्य के प्रयत्न के बिना अपने आप उग आते हैं। इसमें मनुष्य का कोई योगदान नहीं होता। किसी प्रदेश की प्राकृतिक वनस्पति वहां के धरातल, मिट्टी के प्रकार, जलवायु आदि पर निर्भर करती है।
प्राकृतिक वनस्पति के भाग-प्राकृतिक वनस्पति को निम्नलिखित तीन भागों में बांटा गया है –
(1) वन
(2) घास के मैदान तथा
(3) मरुस्थलीय झाड़ियां।
I. वन-वनों को वर्षा की मात्रा, मौसमी बांट, तापमान आदि कारक प्रभावित करते हैं। इस आधार पर वनस्पति तीन प्रकार की है –
PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य जीव 1

(1) भू-मध्य रेखीय वन (2) मानसूनी अथवा पतझड़ी वन (3) नुकीली पत्ती वाले वन।
1. भू-मध्य रेखीय वन-ये वन भू-मध्य रेखा से 10° उत्तर और 10° दक्षिण अक्षांशों में फैले हुए हैं। इन वनों को सदाबहार घने वन कहते हैं। भू-मध्य रेखा पर सारा साल निरन्तर उच्च तापमान रहता है और वर्षा भी अधिक होती है। इसी कारण यहां घने वन पाए जाते हैं। इन वनों की ऊपर वाली शाखाएं आपस में इस प्रकार मिली होती हैं कि वे एक छतरी के समान दिखाई देती हैं। इसलिए सूर्य का प्रकाश भी धरती पर नहीं पहुंच पाता। इन वनों में कई प्रकार के वृक्ष होते हैं; फिर भी ये वृक्ष आर्थिक रूप से लाभदायक नहीं होते। इसका मुख्य कारण यह है कि ये इतने सघन होते हैं कि इनमें से गुज़रना कठिन होता है। इस कारण इनकी कटाई नहीं हो सकती।

दक्षिणी अमेरिका, मध्य अफ्रीका, दक्षिण-पूर्वी एशिया, मैडागास्कर में इन वनों के बहुत बड़े क्षेत्र हैं। ऑस्ट्रेलिया, मध्य-अमेरिका में इन वनों ने थोड़ा-थोड़ा क्षेत्र घेरा हुआ है।

2. मानसूनी अथवा पतझड़ी वन-मानसूनी वन कम उष्ण अर्थात् उपोष्ण अक्षांशों पर पाये जाते हैं। जिन क्षेत्रों में किसी एक मौसम में अधिक वर्षा होती है, वहां इनके पत्ते चौड़े होते हैं। ये वन उन क्षेत्रों में अधिक होते हैं जहां मानसून पवनों के कारण अधिक वर्षा होती है। इस कारण इन्हें मानसूनी वन कहते हैं। जिस मौसम में वर्षा नहीं होती; ये वन अपने पत्ते गिरा देते हैं। इसलिए इन्हें पतझड़ी वन भी कहा जाता है। ये वन आर्थिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये वन भू-मध्य रेखीय वनों से कम सघन हैं और मनुष्य की पहुंच में हैं। इनसे इमारती तथा ईंधन की लकड़ी मिलती है। परन्तु अधिकतर मानसूनी वन काट दिए गए हैं और प्राप्त भूमि पर कृषि की जाने लगी है।

3. नुकीली पत्ती वाले वन-ये वन आर्थिक दृष्टि से सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण तथा मूल्यवान हैं। इन वनों को सदाबहार वन भी कहते हैं। यूरेशिया में इन्हें टेगा (Taiga) वन कहा जाता है। इन वनों में चीड़, फ़र और स्पूस के वृक्ष मिलते हैं। इन वृक्षों से नर्म लकड़ी प्राप्त होती है जिससे गूदा और कागज़ बनाया जाता है।

II. घास के मैदान-घास के मैदान मुख्य रूप से दो प्रकार के हैं-उष्ण घास के मैदान तथा शीतोष्ण घास के मैदान।
1. उष्ण घास के मैदान-घास के ये मैदान 10°-30° अक्षांशों पर उत्तरी तथा दक्षिणी गोलाद्धों में पाये जाते हैं। इन घास के मैदानों को ‘सवाना घास के मैदान’ कहा जाता है। परन्तु अलग-अलग क्षेत्रों में इन्हें अलग-अलग नाम दिये गए हैं। अफ्रीका में इन्हें पार्कलैण्ड, जुएला में लानोज़ और ब्राज़ील में कैम्पोज़ कहते हैं।

इन मैदानों की घास पांच मीटर तक ऊंची हो जाती है और सूखकर बहुत कठोर हो जाती है। यहां पर कहीं-कहीं छोटे कद के वृक्ष भी मिलते हैं। इन घास के मैदानों में घास खाने वाले और मांसाहारी पशु बहुत अधिक पाये जाते हैं।

2. शीतोष्ण घास के मैदान-शीतोष्ण घास के मैदान कम वर्षा वाले शीतोष्ण क्षेत्रों में पाये जाते हैं। यहां घास अधिक ऊंची तो नहीं होती, परन्तु यह कोमल तथा सघन होती है। अतः यह पशुओं के चारे के लिए बहुत उपयोगी होती है। इन घास के मैदानों को भी विभिन्न महाद्वीपों में भिन्न-भिन्न नाम दिये गये हैं। इन्हें यूरेशिया में स्टैपीज़, उत्तरी अमेरिका में प्रेयरीज़, दक्षिणी अमेरिका में पम्पाज़, दक्षिणी अफ्रीका में वैल्ड तथा ऑस्ट्रेलिया में डाउन्ज़ के नाम से पुकारा जाता है।

III. मरुस्थलीय झाड़ियां-संसार में दो प्रकार के मरुस्थल पाये जाते हैं-गर्म मरुस्थल तथा ठण्डे मरुस्थल।
1. गर्म मरुस्थल-संसार के प्रमुख गर्म मरुस्थल अफ्रीका में सहारा और कालाहारी, अरब-ईरान का मरुस्थल, भारत-पाकिस्तान का थार मरुस्थल, दक्षिणी अमेरिका में ऐटोकामा, उत्तरी अमेरिका में दक्षिणी कैलिफ्रेनिया और उत्तरी मैक्सिको तथा ऑस्ट्रेलिया में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया का मरुस्थल हैं। इन मरुस्थलों में अधिक गर्मी तथा कम वर्षा के कारण बहुत कम वनस्पति मिलती है। यहां केवल कांटेदार झाड़ियां, थोहर, छोटी-छोटी जड़ी-बूटियां और घास आदि ही पैदा होते हैं। प्रकृति ने इस वनस्पति को इस प्रकार का बनाया है कि यह अत्यधिक गर्मी और शुष्कता को सहन कर सके। इनकी जड़ें लम्बी और मोटी होती हैं ताकि पौधे गहराई से नमी प्राप्त कर सकें। पौधों का छिलका मोटा होता है तथा पत्ते मोटे और चिकने होते हैं, ताकि वाष्पीकरण से अधिक पानी नष्ट न हो।

2. ठण्डे मरुस्थल-ठण्डे मरुस्थल कनाडा तथा यूरेशिया के सुदूर उत्तरी अक्षांशों में स्थित हैं। यहां वर्ष में अधिकतर समय बर्फ जमी रहती है। जब थोड़े समय के लिए बर्फ पिघलती है, तो विभिन्न प्रकार के रंगों के फूलों वाले छोटे-छोटे पौधे उग आते हैं। उत्तरी भागों में छोटी-छोटी घास जैसे काई और लिचन (लाइकन) उग जाती है।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य जीव

प्रश्न 2.
संसार में जंगली जीवों की सुरक्षा तथा सम्भाल के बारे में लिखो। पारिस्थिति (पारिस्थितिक) सन्तुलन को बनाये रखने के लिए जंगली जीवों की भूमिका के बारे में लिखो।
उत्तर-
जंगली जीव हमारी अमूल्य सम्पत्ति हैं। परन्तु जंगलों के विनाश के साथ-साथ जंगली जीवों की संख्या बहुत कम होती जा रही है। मनुष्य जंगल काटने के साथ-साथ जंगली जीवों का शिकार भी करता रहा है। मांस, खाल तथा अन्य अंगों के लिए मनुष्य अन्धा-धुन्ध पशुओं का शिकार करता रहा है। परिणामस्वरूप जंगली जीवों की कई जातियां लुप्त हो गई हैं और कई जातियों की संख्या इतनी कम हो गई है कि उनके लुप्त हो जाने का खतरा पैदा हो गया है। उदाहरण के लिए भारत में गेंडा, चीता, शेर आदि जीव लुप्त होने की कगार पर हैं।

पारिस्थितिक सन्तुलन को बनाए रखने में जंगली जीवों की भूमिका-पारिस्थितिक सन्तुलन को बनाये रखने में वन्य जीवों का बहुत अधिक योगदान है। प्रकृति ने जीव-मण्डल की रचना इस प्रकार की है कि एक जीव भोजन के लिए दूसरे जीव पर निर्भर है। छोटे जीव बडे जीवों का भोजन हैं। मांसाहारी जीव घास खाने वाले जीवों पर निर्भर हैं। अतः किसी एक जीव-जाति का अस्तित्व समाप्त हो जाने पर पारिस्थितिक सन्तुलन बिगड़ जाता है। उदाहरण के लिए यदि शेर, चीते आदि मांसाहारी जीवों की संख्या बढ़ जाये या घास खाने वाले जीव कम हो जायें तो शेर तथा चीते भूखे मर जाएंगे या फिर मांसाहारी जीव मनुष्य को खाना आरम्भ कर देंगे। यदि स्थिति उलट हो जाए तो शेर और चीतों की संख्या कम हो जाये तो घास खाने वाले जीवों की संख्या बढ़ जायेगी। अत: वे सारी धरती की घास खा जायेंगे, जिससे लहलहाते हरे-भरे मैदान मरुस्थलों में बदल जायेंगे। भू-क्षरण भी बढ़ जायेगा। इस प्रकार पारिस्थितिक सन्तुलन बिगड़ जायेगा। अतः पारिस्थितिक सन्तुलन को बनाए रखने के लिए उपाय किये जाने चाहिएं। इसलिए बहुत से देशों में शिकार पर पाबन्दी लगा दी गई है। भारत में भी शिकार करना अपराध है और शिकार करने वाला व्यक्ति दण्ड का भागी हो सकता है।
PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य जीव 2
जंगली जीवों की सुरक्षा के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत तथा कई अन्य देशों में राष्ट्रीय पार्क भी स्थापित किये गये हैं। इन पार्कों में वन्य जीवों को सुरक्षित रखने के लिए प्राकृतिक वातावरण प्रदान किया गया है। भारत के विभिन्न भागों में लगभग 20 राष्ट्रीय पार्क हैं। इनमें कॉर्बेट, शिवपुरी, कनेरी, राजदेवगा, गीर आदि के नाम लिए जा सकते हैं। इनके अतिरिक्त जीवों और मछलियों के लिए अलग-अलग आरक्षित केन्द्र हैं। छत्तबीड़ पंजाब में ऐसा ही एक केन्द्र है। अफ्रीका का सवाना घास-क्षेत्र वन्य जीवों का विशाल घर है। इस क्षेत्र में जेबरा, जिरोफ, बारहसिंगा, हिरण, बाघ, शेर, चीता, हाथी, जंगली भैंसे, गैंडे और अनेक प्रकार के कीड़े-मकौड़े पाये जाते हैं। (घ) संसार के नक्शे में निम्नलिखित क्षेत्र दिखाएं –
(1) सहारा मरुस्थलीय वनस्पति।
(2) लानोज़ घास-क्षेत्र।
(3) पंपास के घास-क्षेत्र।
(4) सैलवास जंगल।
नोट-MBD मानचित्रावली की सहायता से विद्यार्थी स्वयं करें।

PSEB 7th Class Social Science Guide प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य जीव Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
वनों की लकड़ी पर कौन-कौन से उद्योग निर्भर हैं?
उत्तर-
वनों की लकड़ी पर कई उद्योग निर्भर करते हैं। इन उद्योगों में फर्नीचर, खेलों का सामान, समुद्री बेड़े, रेलों के डिब्बे और स्लीपर, कागज़, प्लाईवुड, सामान पैक करने के लिए पेटियां बनाना आदि उद्योग शामिल हैं। इमारती लकड़ी भवन निर्माण में काम आती है।

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प्रश्न 2.
वनों की विभिन्नता को प्रभावित करने वाले तीन कारक कौन-कौन से हैं?
उत्तर-

  1. वर्षा की वार्षिक मात्रा
  2. मौसमी बांट तथा
  3. तापमान।

प्रश्न 3.
यूरेशिया से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
यूरोप तथा एशिया महाद्वीपों को सामूहिक रूप से यूरेशिया कहते हैं।

प्रश्न 4.
वनों की लकड़ी का प्रयोग मुख्यतः किन-किन कार्यों के लिए होता है?
उत्तर-
वनों की लकड़ी का प्रयोग मुख्य रूप से जलाने में होता है। वनों से प्राप्त कुल लकड़ी का 50% इसी काम आता है। 33% लकड़ी भवन निर्माण में तथा शेष लकड़ी अन्य कार्यों के लिए प्रयोग में लाई जाती है।

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प्रश्न 5.
वृक्षों की सुरक्षा एवं सम्भाल के कुछ उपाय बताइए।
उत्तर-

  1. कई बार आग लग जाने से वनों की भारी हानि होती है। इस ओर विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है।
  2. वृक्षों की कटाई नियमों की सीमा में रहते हुए करनी चाहिए। साथ ही साथ नये वृक्ष भी लगाने चाहिए।
  3. इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए कि कीड़े-मकोड़ों और बीमारियों से वृक्ष नष्ट न हों।
  4. नहरों, नदियों, सड़कों, रेल-पटरियों के साथ-साथ खाली पड़ी भूमि पर अधिक-से-अधिक वृक्ष उगाए जाने चाहिए।
  5. ईंधन के लिए लकड़ी का प्रयोग कम किया जाना चाहिए। इसके स्थान पर गैस, सौर-शक्ति, गोबर-गैस आदि का प्रयोग करना चाहिए।
  6. भवन-निर्माण में भी लकड़ी के स्थान पर अन्य पदार्थों के उपयोग को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।

प्रश्न 6.
भू-मध्य रेखीय वनों को आकाश को छूने वाली एक इमारत (Sky Scraper) क्यों माना जाता है?
उत्तर-
आकाश को छूने वाली इमारत से अभिप्राय एक बहुत ऊंची अथवा अनेक मंज़िलों वाली इमारतों से है। भूमध्य रेखीय वन भी इसी प्रकार का दृश्य प्रस्तुत करते हैं। इसलिए इन्हें आकाश को छूने वाली इमारत माना जाता है।
1. इस वन-इमारत में सबसे ऊपर वाली मंज़िल 70 मीटर ऊंचे वृक्षों से बनती है। यहां धूप और हवा दोनों मिलते । हैं। यहां फल भी होते हैं और फूल भी।

2. इससे नीचे की मंज़िल छतरी नुमा होती है। वृक्षों की शाखाओं के परस्पर उलझ जाने के कारण यहां छतरी जैसी छत बन जाती है। यहां सूर्य का प्रकाश कम पहुँचता है जो फलों और फूलों के लिए लाभदायक है।

3. इससे नीचे वाली मंजिल परछाईं वाली होती है। यहां लताएं वृक्षों पर चढ़ जाती हैं और आपस में लिपटी हुई होती हैं। जो लताएं सूर्य के प्रकाश के बिना नहीं रह सकतीं, वे सूर्य का प्रकाश पाने के लिए ऊपर बढ़ जाती हैं।

4. सबसे नीचे वाली मंजिल पर बहुत अन्धेरा होता है। सूर्य का प्रकाश यहां बिल्कुल भी नहीं पहुंचता। इसका फर्श गले-सड़े पत्तों और कीड़े-मकौड़ों से ढका रहता है।

(क) रिक्त स्थान भरो :

  1. संसार का लगभग ……….. प्रतिशत स्थल क्षेत्र वनों से घिरा हुआ है।
  2. …………….. जंगलों को सदाबहार घने जंगल भी कहा जाता है।
  3. शीत उष्ण घास के मैदान ……………. वर्षा वाले क्षेत्रों में पाये जाते हैं।
  4. अफ्रीका का …………….. घास प्रदेश जंगली जीवों का विशाल घर है।

उत्तर-

  1. 30,
  2. भूमध्य-रेखी,
  3. कम,
  4. सवाना।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य जीव

(ख) सही कथनों पर (✓) तथा गलत कथनों पर (✗) का चिन्ह लगाएं :

  1. भूमध्य-रेखी जंगल आर्थिक दृष्टि से लाभदायक नहीं होते।
  2. मानसूनी वनों को सदाबहार वन भी कहा जाता है।
  3. भारत का थार मरुस्थल एक गर्म मरुस्थल है।
  4. भारत में जंगली जीवों की सुरक्षा के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✓)
  4. (✗)

(ग) सही उत्तर चुनिए :

प्रश्न 1.
प्राकृतिक वनस्पति की सघनता तथा आकार को कई तत्त्व प्रभावित करते हैं। इनमें से एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व कौन-सा है?
(i) समुद्री धाराएँ
(ii) जलवायु
(iii) प्रचलित पवनें।
उत्तर-
(ii) जलवायु।

प्रश्न 2.
ब्राजील में उष्ण घास के मैदान किस नाम से जाने जाते हैं ?
(i) पंपास
(ii) वेल्ड
(iii) कैंपोज़।
उत्तर-
(iii) कैंपोज़।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य जीव

प्रश्न 3.
पंजाब का कौन-सा केन्द्र जीवों तथा पक्षियों से जुड़ा है?
(i) छत्तीसगड़
(ii) छत्तबीड़
(ii) राजदेवगा।
उत्तर-
(ii) छत्तबीड़।

प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य जीव PSEB 7th Class Social Science Notes

  • प्राकृतिक वनस्पति – प्राकृतिक वनस्पति स्वयं उत्पन्न होने वाले पेड़-पौधे हैं। धरातलीय तथा जलवायु की विभिन्नता के कारण संसार में कई प्रकार की वनस्पति पाई जाती है।
  • प्राकृतिक वनस्पति के भाग – प्राकृतिक वनस्पति को तीन भागों में बांटा गया है-वन, घास के मैदान तथा मरुस्थलीय झाड़ियां।
  • वनों के प्रकार – वर्षा की वार्षिक मात्रा, ऋतु-परिवर्तन और तापमान वनों की विभिन्नता को प्रभावित करते हैं। इस आधार पर वनों को तीन प्रकारों में विभक्त किया गया है –
    (1) भू-मध्य-रेखीय वन (2) मानसूनी या पतझड़ी वन (3) नुकीली पत्ती वाले वन।
  • गर्म मरुस्थल – इन मरुस्थलों में वर्षा और वनस्पति का अभाव होता है और चारों ओर रेत का विस्तार होता है।
  • ठण्डे मरुस्थल – इन क्षेत्रों में दूर-दूर तक बर्फ का विस्तार होता है। थोड़े समय के लिए बर्फ पिघलने पर ही कुछ फूलदार पौधे उग पाते हैं।
  • जीव-जन्तु – संसार में जीव-जन्तुओं की अनेक जातियां मिलती हैं। अनेक प्रकार के रंग-बिरंगे पक्षी भी पाये जाते हैं। परन्तु मानव की गतिविधियों के कारण जंगली जीवों की अनेक जातियां विलुप्त होने के कगार पर आ गई हैं।
  • वन्य जीवों का संरक्षण – वन्य जीवों के संरक्षण के लिए जीव आरक्षित क्षेत्र बनाए गए हैं ताकि वन्य जीवों की कोई भी जाति विलुप्त न हो।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 6 मकान सम्बन्धी सामाजिक और आर्थिक तत्त्व

Punjab State Board PSEB 7th Class Home Science Book Solutions Chapter 6 मकान सम्बन्धी सामाजिक और आर्थिक तत्त्व Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Home Science Chapter 6 मकान सम्बन्धी सामाजिक और आर्थिक तत्त्व

PSEB 7th Class Home Science Guide मकान सम्बन्धी सामाजिक और आर्थिक तत्त्व Textbook Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
मकान बनाने के लिए सबसे पहले किस चीज़ का अनुमान लगाना चाहिए?
उत्तर-
आर्थिक स्थिति का।

प्रश्न 2.
मकान बनाने के लिए धन के अतिरिक्त और किस चीज़ की ज़रूरत है?
उत्तर-
बुद्धि की।

प्रश्न 3.
घर कैसी जगहों के पास और कैसी जगहों से दूर होना चाहिए?
उत्तर-
स्टेशन, शमशान घाट, गंदी बस्तियां, कूड़ा-कर्कट के ढेर आदि से दूर होना चाहिए।
काम का स्थान, बैंक डाक्टर, स्कूल, बाज़ार आदि घर के पास होना चाहिए।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 6 मकान सम्बन्धी सामाजिक और आर्थिक तत्त्व

लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
सरकार, बैंक या बीमा कम्पनियाँ मकान बनाने में कैसे मदद करती है?
उत्तर-
सरकार, बैंक या बीमा कम्पनियाँ मकान बनाने में सस्ते ब्याज पर कर्ज देकर मदद करती हैं।

प्रश्न 2.
गन्दी बस्तियों का बच्चों के विकास पर क्या असर पड़ता है?
उत्तर-
गन्दी बस्तियों में रहने वाले बच्चों की न केवल सेहत ही खराब होती है, बल्कि उनके आचरण पर भी खराब असर पड़ता है। उसमें अपराध की प्रवृत्ति भी बढ़ जाती है।

प्रश्न 3.
बहुत अमीर पड़ोस में रहने से बच्चों की मानसिक स्थिति पर क्या असर पड़ता है?
उत्तर-
जिस गली या मुहल्ले में बच्चों को रहना हो, वहाँ के निवासियों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति बच्चों के आर्थिक और सामाजिक स्थिति के अनुसार होनी चाहिए। अगर बाकी लोग अमीर हों तो बच्चों के मन में ईर्ष्या की भावना जाग जाती है और अपने को छोटा महसूस करने की भावना आ जाती है जिससे बच्चों की मानसिक स्थिति पर खराब असर पड़ता है।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 6 मकान सम्बन्धी सामाजिक और आर्थिक तत्त्व

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
हरित क्रान्ति और जमींदारों का ज़मीनों की कीमतों और मकानों के किराये पर क्या असर पड़ा है?
उत्तर-
हरित क्रान्ति के बाद कुछ ज़मींदार परिवारों के पास बहुत पैसा आ गया है। इन्होंने घरों पर बहुत पैसे खर्च किए हैं। आलीशान बंगले बनाए हैं। इससे दूसरे लोगों में ईर्ष्या और रोष की भावना जागी है। नकल करके कुछ लोगों ने जिनके पास बहुत धन नहीं है उन्होंने भी मकानों पर बहुत धन खर्च करके अपने आर्थिक सन्तुलन को खराब किया है। अब शहरों में मकान बनाने के लिए जमीन बहुत महंगी हो गई है। बड़े शहरों में मकान बनाना केवल अमीर लोगों के बस की बात है। किराये भी बहुत बढ़ गए हैं जिससे आम आदमी पर खराब असर पड़ा है।

प्रश्न 2.
मकान बनाते समय अपनी अर्थिक स्थिति का जायज़ा लेना क्यों ज़रूरी है?
उत्तर-
मकान बनाने के लिए सबसे पहले अपनी आर्थिक स्थिति का जायजा लेना चाहिए। बहुत बार ऐसा होता है कि मकान बनाने की धुन में कई परिवार अपनी दूसरी ज़िम्मेदारियों को भूल जाते हैं, और वे सरकार, बैंक या बीमा कम्पनियों से कर्ज़ लेकर मकान बनाना शुरू कर देते हैं, लेकिन पैसे की कमी के कारण घर की खुराक, बच्चों की पढ़ाई और परिवार के सारे विकास पर बुरा असर पड़ता है।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 6 मकान सम्बन्धी सामाजिक और आर्थिक तत्त्व

प्रश्न 3.
मकान बनाते समय या किराये पर लेते समय किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए?
उत्तर-
मकान बनाते समय या किराये पर लेते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान रखना चाहिए

  1. मकान परिवार की जरूरतों के अनुसार ही बनाना चाहिए।
  2. मकान ऐसी जगह बनाना चाहिए जहाँ दैनिक प्रयोग में आने वाली वस्तुएँ शीघ्र तथा सुगमता से प्राप्त हो सकती हों।।
  3. नौकरी वाले लोगों के लिए नौकरी का स्थान तथा दकान समीप होनी चाहिए।
  4. अस्पताल तथा बाजार भी घर से बहत दूर नहीं होने चाहिएं।
  5. बच्चों के लिए स्कूल और कॉलेज नज़दीक होना चाहिए।
  6. डाकघर तथा बैंक भी नज़दीक होना चाहिए।

Home Science Guide for Class 7 PSEB मकान सम्बन्धी सामाजिक और आर्थिक तत्त्व Important Questions and Answers

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
मकान की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर-
वर्षा, धूप, ठण्ड, आँधी-तूफान, जीव-जन्तु व आकस्मिक घटनाओं आदि से बचने के लिए।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 6 मकान सम्बन्धी सामाजिक और आर्थिक तत्त्व

प्रश्न 2.
आदि काल में मनुष्य कहाँ रहते थे?
उत्तर-
गुफ़ाओं में।

प्रश्न 3.
प्राणी में जन्मजात चेतना क्या होती है?
उत्तर-
प्राणी अपने विकास के लिए ऐसे ठौर का निर्माण करना चाहता है जहाँ उसे सुख-शान्ति प्राप्त हो सके। यही जन्मजात चेतना होती है।

प्रश्न 4.
समय, श्रम व धन की बचत के लिए मकान कहाँ होना चाहिए?
उत्तर-
समय, श्रम व धन की बचत के लिए मकान, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, दफ्तर, बाजार आदि के निकट होना चाहिए।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 6 मकान सम्बन्धी सामाजिक और आर्थिक तत्त्व

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
मकान में व्यक्ति को कौन-कौन सी सुविधाएँ मिलती हैं?
उत्तर-
मकान में व्यक्ति को निम्न सुविधाएँ मिलती हैं

  1. सुरक्षात्मक सुविधाएँ
  2. कार्य करने की सुविधा
  3. शारीरिक सुख
  4. मानसिक शान्ति
  5. विकास एवं वृद्धि की सुविधा।

प्रश्न 2.
हमारा मकान कैसा होना चाहिए?
उत्तर-
हमारा मकान ऐसा होना चाहिए जहाँ

  1. परिवार के सभी सदस्यों के पूर्ण विकास व वृद्धि का ध्यान रखा जाए।
  2. सदा प्रत्येक सदस्य की कार्य क्षमता को प्रोत्साहन दिया जाए।
  3. एक-दूसरे के प्रति सद्भावना व प्रेम से व्यवहार किया जाए।
  4. परिवार की आर्थिक स्थिति में पूर्ण योगदान दिया जाए।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 6 मकान सम्बन्धी सामाजिक और आर्थिक तत्त्व

प्रश्न 3.
मकान की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर-

  1. वर्षा, धूप, ठण्ड, आँधी, तूफ़ान आदि से बचने के लिए।
  2. जीव-जन्तुओं, चोरों तथा आकस्मिक घटनाओं से अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए।
  3. शान्तिपूर्वक, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्यप्रद जीवन व्यतीत करने के लिए।
  4. अपना तथा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए।

प्रश्न 4.
घर की दिशा के सम्बन्ध में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
घर का मुख पूर्व की तरफ होना चाहिए। इस प्रकार सूर्य का प्रकाश तथा ताज़ा हवा सरलता से आ जा सकती है।

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बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
सुन्दर, सुरक्षाजनक व सुदृढ़ मकान बनाने के लिए कौन-कौन सी बातें ध्यान में रखनी चाहिएं?
उत्तर-
मकान बनाने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए
1. स्थिति (वातावरण)-स्वास्थ्यकर मकान के चुनाव में वातावरण का विशेष महत्त्व है। वातावरण पर ही घर का स्वास्थ्य निर्भर करता है। गन्दे और दूषित वातावरण में बने अच्छे से अच्छे मकान भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। वातावरण की दृष्टि से निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

2. रेलवे स्टेशन, कारखाने, भीड़ वाले बाज़ार, शमशान घाट, कसाईखाना, तालाब, नदी, गन्दे नाले, सार्वजनिक शौचालय आदि के पास मकान नहीं बनवाना चाहिए।

  1. मकान सीलन भरी अंधेरी और तंग गलियों में नहीं बनवाना या लेना चाहिए।
  2. मकान अन्य घरों से बिल्कुल लगा हुआ नहीं होना चाहिए। मकानों में आपस में उचित दूरी होनी चाहिए।
  3. मकान ऊँचे स्थान पर होना चाहिए। पास के मकान बहुत ऊंचे नहीं होने चाहिएं।
  4. मकान खुली जगह पर होना चाहिए जिससे शुद्ध वायु एवं सूर्य का प्रकाश उचित मात्रा में मिल सकें।
  5. मकान जहाँ बनाया जाए वहाँ शुद्ध पेयजल सुगमता से प्राप्त हो सकें।
  6. घर से थोड़ी दूर पर कुछ वृक्ष हों तो वे लाभप्रद होते हैं। वे भूमि को सुखी रखते हैं तथा उनसे शुद्ध व ताजी वायु भी प्राप्त होती है।
  7. भूमि-भूमि इस प्रकार की होनी चाहिए कि वह पानी सोख सके। चिकनी मिट्टी मकान के लिए उपयुक्त नहीं होती क्योंकि उसमें पानी सोखने की क्षमता नहीं होती और उस पर बनाए गए मकान में सदैव सीलन बनी रहती है। ऐसी भूमि में कई प्रकार के रोग होने का भय रहता है। इसके अतिरिक्त मकान के चारों ओर पानी एकत्र हो जाने से उसकी नींव कमजोर पड़ जाती है। रेतीली भूमि गर्मियों में गर्म तथा सर्दियों में ठण्डी होती है। इसके साथ ही ऐसी भूमि पर बना हुआ मकान मज़बूत नहीं होता। कंकरीली भूमि मकान के लिए सबसे उत्तम रहती है क्योंकि ऐसी भूमि में नीव अधिक दृढ़ रहती है।

3. घर की दिशा-घर का मुख पूरब की ओर होना चाहिए। इससे सूर्य का प्रकाश व ताज़ी हवा आसानी से आ जा सकती है।

4. नींव-मकान को बनवाते समय यह भी अवश्य ध्यान में रखना चाहिए कि मकान की नींव गहरी हो। इसकी गहराई मकान की ऊँचाई पर निर्भर करती है। जितना मंजली व ऊँचा मकान होगा उतना ही अधिक भार नींव के ऊपर पड़ेगा, अत: उसी के अनुसार उसकी गहराई रखी जानी चाहिए। नींव के लिए जमीन को प्रायः तीन फुट गहरा खोदना चाहिए। इस नींव को दृढ़ बनाने के लिए इसको काफ़ी ऊँचाई तक कंकरीट और सीमेंट से भरा जाना चाहिए। मज़बूत नींव पर ही एक अच्छे मकान का निर्माण सम्भव है।

5. बनावट-मकान बनाने के लिए नक्शे व योग्य कारीगर का चयन करना चाहिए, जिससे मकान सुन्दर, सुविधाजनक व सुदृढ़ बने। मकान बनाते समय नींव के अलावा दीवारों, खिड़कियों, रोशनदानों, अलमारियों व छत आदि पर विशेष ध्यान देना चाहिए जिससे उचित व टिकाऊ मकान बने। मकान के फर्श पर भी अत्यधिक ध्यान देना चाहिए ताकि समय-समय पर उसे साफ़ करने व धोने में कोई कठिनाई न हो।

6. वायु आवागमन का प्रबन्ध-दूषित वायु की हानियों से बचने तथा शुद्ध वायु प्राप्त करने के लिए कमरों में वायु के आवागमन का उचित प्रबन्ध होना अत्यन्त आवश्यक है। कमरों में वायु के आवागमन के लिए यह उचित है कि दरवाज़े और खिड़कियों की संख्या अधिक हो और वे आमने-सामने हों जिससे कमरों में दूषित वायु रुकने न पाये। छत के समीप दीवार में रोशनदान का होना ज़रूरी है।

7. प्रकाश का प्रबन्ध-हवा के साथ घर में प्रकाश का भी उचित प्रबन्ध होना चाहिए। दिन के समय सूर्य के प्रकाश का कमरों में आना अत्यन्त आवश्यक है। सूर्य का प्रकाश अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। धूप हानिकारक कीटाणुओं का नाश करके वायु को शुद्ध करती है। यदि अन्धेरे कमरों में बहुत से लोग इकट्ठे रहते हों तो छूत के रोग, जैसे-खाँसी, जुकाम, निमोनिया, तपेदिक आदि होने की सम्भावना बढ़ जाती है। अतः मकानों में वायु के आवागमन, प्रकाश और धूप का उचित प्रबन्ध होना चाहिए।
सूर्य के प्रकाश के साथ-साथ हमें रात्रि के लिए भी प्रकाश का प्रबन्ध करना चाहिए। इसके लिए उस इलाके में बिजली की उपलब्धि भी होनी चाहिए।

आवश्यकताओं के साधन केन्द्र-मकान ऐसे स्थान पर होना चाहिए कि जीवन की दैनिक आवश्यकताओं के साधन-केन्द्र उस स्थान से अधिक दूरी पर न हों। विद्यालय, भी बैंक, कॉलेज, बाजार, डाकघर, अस्पताल अथवा डॉक्टर आदि अधिक दूर होने से समय तथा धन दोनों को अधिक व्यय होता है। मकान ऐसे स्थान पर होना चाहिए जहाँ एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचने में सुविधा हो। मलमूत्र तथा गन्दे पानी का निकास-घरों में कमरों के धोने पर पानी के बाहर निकलने का उचित प्रबन्ध होना चाहिए, विशेषकर रसोई, स्नानागार तथा शौचालय में तो नालियों का प्रबन्ध होना अनिवार्य ही है। नालियाँ पक्की हों तथा ढलवी हो जिससे पानी आसानी से बह जाए। ये नालियाँ ढकी हुई होनी चाहिएं तथा उनमें फिनायल आदि डालते रहना चाहिए। नालियों में और दीवार पर कुछ ऊँचाई तक सीमेंट का प्रयोग अति आवश्यक है।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 6 मकान सम्बन्धी सामाजिक और आर्थिक तत्त्व

एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
सरकार अपने कर्मचारियों को उनके वेतन का कितने प्रतिशत किराए के लिए भत्ते के रूप में देती है?
उत्तर-
10-15%

प्रश्न 2.
मित्र ……………. करके नहीं बनाए जा सकते।
उत्तर-
फैसला।

प्रश्न 3.
अच्छा पड़ोस जीवन में ……………….. के लिए आवश्यक है।
उत्तर-
खुशी!

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 6 मकान सम्बन्धी सामाजिक और आर्थिक तत्त्व

प्रश्न 4.
…………. के बाद कुछ ज़मींदार परिवारों के पास बहुत पैसा आ गया है।
उत्तर-
हरित क्रान्ति।

प्रश्न 5.
घर का मुख किस तरफ होना चाहिए?
उत्तर-
पूर्व की तरफ।

प्रश्न 6.
………….. भूमि मकान के लिए उत्तम रहती है।
उत्तर-
पथरीली।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 6 मकान सम्बन्धी सामाजिक और आर्थिक तत्त्व

मकान सम्बन्धी सामाजिक और आर्थिक तत्त्व PSEB 7th Class Home Science Notes

  • मकान बनाने के लिए सबसे पहले अपनी आर्थिक स्थिति का जायजा लेना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी आमदनी से बचत करना ज़रूरी है।
  • बड़े शहरों में आमदनी का बहुत बड़ा भाग किराये पर खर्च हो जाता है।
  • मकान अपनी सामर्थ्य और सामाजिक स्तर के अनुसार बनाना चाहिए।
  • जिस गली या मुहल्ले में रहना हो, वहाँ के निवासियों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति आपकी स्थिति के अनुसार होनी चाहिए।
  • अच्छा पड़ोस न केवल आपके जीवन की खुशी के लिए ज़रूरी है बल्कि आजकल के जीवन में आपकी सुरक्षा के लिए भी ज़रूरी है।
  • अच्छा मकान बनाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मकान परिवार की जरूरतों के अनुसार ही बने।
  • अधिक भीड़ वाले इलाकों, गन्दी बस्तियों में रह रहे लोगों की न केवल सेहत . ही खराब होगी बल्कि उसके आचरण पर भी खराब असर पड़ेगा।
  • उनमें अपराध की प्रवृत्ति भी बढ़ेगी।