PSEB 11th Class Geography Solutions Chapter 3(v) समुद्र के अनावृत्तिकरण कार्य

Punjab State Board PSEB 11th Class Geography Book Solutions Chapter 3(v) समुद्र के अनावृत्तिकरण कार्य Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 11 Geography Chapter 3(v) समुद्र के अनावृत्तिकरण कार्य

PSEB 11th Class Geography Guide समुद्र के अनावृत्तिकरण कार्य Textbook Questions and Answers

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 1 या 2 शब्दों में दें-

प्रश्न (क)
लहरों के ऊँचे भाग को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
क्रेस्ट (Crest)।

प्रश्न (ख)
भारत के समुद्री तट की लंबाई क्या है ?
उत्तर-
7516 कि०मी०।

प्रश्न (ग)
विश्व के दूसरे नंबर पर बड़ी बीच कौन-सी है ?
उत्तर-
मरीना बीच (चेन्नई)।

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प्रश्न (घ)
जब दो स्पिट आपस में मिल जाते हैं, तो इसको क्या कहा जाता है ?
उत्तर-
लूपड बार (Looped Bar)।

2. निम्नलिखित पर नोट लिखें-

(क) स्पिट (Spit)
(ख) समुद्री बीच (Sea Beach)
(ग) समुद्री गुफा (Sea Caves)
(घ) हाईड्रोलिक एक्शन (Hydrolic Action)।
उत्तर-
(क) स्पिट-रेत की वह श्रेणी जिसका एक सिरा तट से जुड़ा होता है और दूसरा सिरा समुद्र में डूबा होता है।
(ख) समुद्री बीच-तट के साथ मलबे से बनी श्रेणी को बीच कहते हैं।
(ग) समुद्री गुफा-सागर की लहरों के अपरदन से तट पर चट्टानें टूटकर गुफा का निर्माण करती हैं।
(घ) हाईड्रोलिक एक्शन-जब जल-दबाव के कारण चट्टानें टूटती हैं, तो उन्हें जल-दबाव क्रिया कहते हैं।

3. निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट करो-

(i) क्रेस्ट (Crest) और ट्रफ (Trough)
(ii) रेत बार (Sand Bar) और लैगून (lagoon)
उत्तर-
क्रेस्ट (Crest)-
(क) लहर के सबसे ऊँचे उठे हुए भाग को क्रेस्ट (Crest) कहते हैं।
(ख) हवा की शक्ति से लहरों का पानी ऊपर उठ जाता है।

ट्रफ (Trough)-
(क) लहर के सबसे नीचे दबे हुए भाग को ट्रफ (Trough) कहते हैं।
(ख) हवा की शक्ति कम होने से लहरों का पानी नीचे दब जाता है।

(ii) रेत बार (Sand Bar) – जब लहरें मलबे को तट के समानांतर एक श्रेणी के रूप में जमा कर देती हैं, तो इसे रेत बार कहते हैं।
लैगून (Lagoon) – कई तटों पर रेत की श्रेणियों के पीछे दलदले क्षेत्र बन जाते हैं, इनके मध्य पानी की एक झील बनती है, जिसे लैगून कहते हैं।

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4. निम्नलिखित के उत्तर विस्तार सहित दो :

प्रश्न (क)
समुद्री जल की खुर्चन (अपघर्षण) की क्रिया (Erosional work) क्या है और इससे बनने वाली धरातलीय आकृतियों की व्याख्या करें।
उत्तर-
समुद्री तरंगों के अपरदन द्वारा उत्पन्न भू-आकृतियाँ (Landforms Produced by Sea Wave Erosion)-

समुद्री तरंगें अपरदन द्वारा तटों पर नीचे लिखी भू-आकृतियों की रचना करती हैं-

1. खड़ी चट्टान/समुद्री क्लिफ (Sea Cliffs)—समुद्री लहरें सबसे अधिक प्रभाव तट पर स्थित चट्टानों के निचले भाग पर डालती हैं। नीचे से चट्टानें कट जाती हैं और एक नोच (Notch) बन जाती है। तरंगों के निरंतर हमले के कारण नोच गहरी होती जाती है जिससे ऊपर का भाग आगे को झुका हुआ लगने लगता है। कुछ समय के बाद यह झुका हुआ भाग अपने ही भार के कारण टूटकर नीचे गिर जाता है। इसके फलस्वरूप नोच के ऊपरी भाग फिर से खड़ी ढलान वाले हो जाते हैं। तट पर ऐसी खड़ी ढलान को खड़ी चट्टान/समुद्री क्लिफ कहते हैं।

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2. लहर-कटा चबूतरा (Wave-cut Platform or Bench)—कंधियों अथवा क्लिफों और नोचों (Notches) पर तरंगों के लगातार हमले के कारण वे कटकर स्थल की ओर पीछे को हटते रहते हैं। इसके परिणामस्वरूप अगले भाग में बनी एक नोच का विस्तार होता रहता है, जिसे लहर-कटा चबूतरा (Wave-cut Platform) कहते हैं।

3. समुद्री गुफाएँ (Sea Caves)-कमज़ोर चट्टानों वाली नोचों (Notches) में तरंगों के जल-दबाव (Hydraulic Pressure) के कारण उनमें दरारें उत्पन्न हो जाती हैं। तरंगें इन जोड़ों और दरारों के द्वारा प्रभाव डालकर उन्हें चौड़ा कर देती हैं। तरंगों के अपरदन के समय इन दरारों से भीतरी हवा दबाई जाती है और जब ये तरंगें समुद्र की ओर मुडती हैं तो जल के दबाव से मुक्त यह भीतरी हवा फैलती है और चट्टानों पर दबाव डालती है। इस क्रिया के निरंतर होते रहने से चट्टानें टूटती रहती हैं और कुछ समय के बाद गहरा खड्डा बन जाता है। धीरेधीरे यह खड्ड, गहरी गुफा का रूप धारण कर लेता है। दो पड़ोसी गुफाओं के बीच की दीवार टूट जाने पर
महराब (Arch) बन जाती है, जिसे प्राकृतिक पुल (Natural Bridge) कहते हैं।

4. समुद्री किनारे के सुराख (Spout Horns or Blow Holes)-तट पर हमले के समय तरंगें गुफाओं के मुँह को जल से बंद कर देती हैं, जिससे गुफाओं की अंदर की वायु अंदर ही बंद हो जाती है। यदि गुफा की छत कमज़ोर हो, तो वह वायु उसको फाड़कर ऊपर सुराख कर देती है। इसे समुद्री किनारे के सुराख कहते हैं। यदि तरंगों के हमले के समय वायु सीटी बजाती हुई इन सुराखों से निकलती है, तो गुफा में भरा जल भी वायु के साथ फव्वारे के समान बाहर निकलता है, इसीलिए इसे टोंटीदार सुराख (Spouting horn) कहकर भी पुकारते हैं।

5. खाड़ियाँ (Bays)–जब किसी तट पर कोमल और कठोर चट्टानें लंब रूप में स्थित हों, तो कोमल चट्टानें (Soft Rocks) अंदर की ओर अधिक कट जाती हैं। इस प्रकार कोमल चट्टानों में खाड़ियाँ (Bays) बन जाती हैं।

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6. हैडलैंड या केप या अंतरीप (Headland or Cape)-तट की लंबवर्ती स्थिति में फैली एक कठोर चट्टान के दोनों तरफ से नर्म चट्टानों का अपरदन हो जाता है और वहाँ खाड़ियाँ बन जाती हैं और वह सख्त चट्टान समुद्र में बढ़ी हुई रह जाती है, जिसे अंतरीप कहते हैं।

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7. स्टैक (Stack)-जब महराब की छत तरंगों द्वारा अपरदित हो जाती है अथवा किसी अन्य कारण से टूटकर नष्ट हो जाती है तो मेहराब का अगला भाग पिछले भाग से स्तंभ के रूप में अलग खड़ा रह जाता है। इस स्तंभ को स्टैक कहते हैं। स्कॉटलैंड के उत्तर में ओरकनीज़ (Orkneys) टापूओं में Old man of Hoai इसका सर्वोत्तम उदाहरण है।

Geography Guide for Class 11 PSEB समुद्र के अनावृत्तिकरण कार्य Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)

नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर 2-4 शब्दों में दें-

प्रश्न 1.
समुद्री जल की गतियाँ बताएँ।
उत्तर-
लहरें, धाराएँ और ज्वारभाटा।

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प्रश्न 2.
तट रेखा से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
जहाँ जल-मंडल, थल-मंडल और वायु-मंडल मिलते हों।

प्रश्न 3.
ब्रेकर से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
लहरों का वह भाग, जो तट से टकराता है।

प्रश्न 4.
सागरीय जल किन चट्टानों पर घुलनशील क्रिया करता है ?
उत्तर-
चूने का पत्थर, डोलोमाइट और चॉक।

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प्रश्न 5.
क्लिफ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
तट पर खड़ी ढलान वाली चट्टान।

प्रश्न 6.
गुफ़ा से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
क्लिफ़ के नीचे बने कटाव।

प्रश्न 7.
गुफ़ा कैसे बनती है ?
उत्तर-
Notch के बड़ा हो जाने पर।

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प्रश्न 8.
स्टैक कैसे बनते हैं ?
उत्तर-
कठोर चट्टानों के बचे-खुचे भाग।

प्रश्न 9.
भारत के पूर्वी तट पर किन्हीं दो लैगून झीलों के नाम बताएँ।
उत्तर-
चिलका झील और पुलीकट झील।

प्रश्न 10.
भारत के पश्चिमी तट पर किसी एक लैगून झील का नाम बताएँ।
उत्तर-
वेंबनाद झील।

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अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर 2-3 वाक्यों में दें-

प्रश्न 1.
सागरीय लहरों के तीन प्रकार बताएँ।
उत्तर-

  1. ब्रेकर
  2. स्वैश
  3. कवाश।

प्रश्न 2.
Under Tow से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
तट से टकराकर मुड़ती हुई लहर के नीचे के जल को Under Tow कहते हैं।

प्रश्न 3.
लहरों के अपरदन की क्रियाएँ बताएँ।
उत्तर-

  • जलीय दबाव क्रिया
  • घर्षण क्रिया
  • सहघर्षण क्रिया
  • घुलनशील क्रिया।

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प्रश्न 4.
समुद्री क्लिफ (Cliff) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
समुद्र तट पर खड़े ढलान वाले खंड को Cliff कहते हैं।

प्रश्न 5.
सागरीय लहरों का अपरदन किन तत्त्वों पर निर्भर करता है ?
उत्तर-

  • तरंग की ऊँचाई
  • चट्टानों का झुकाव
  • चट्टानों की रचना
  • लहरों की दिशा।

प्रश्न 6.
समुद्री किनारे के सुराख (Blow-hole) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
तट के निकट गुफाओं की छत पर जल सुराख कर देता है, जिसमें से वायु गुज़रती है, उसे समुद्री किनारे के सुराख कहते हैं।

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प्रश्न 7.
स्टैक से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
सागरीय तट पर कठोर चट्टानों के बचे-खुचे भाग को स्टैक कहते हैं।

प्रश्न 8.
बीच किसे कहते हैं ?
उत्तर-
तट के साथ-साथ मलबे के निक्षेप से बनी श्रेणियों को बीच कहते हैं।

प्रश्न 9.
रोधक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
तट के समानांतर रेत की श्रेणी, जो रोकने का काम करती है, रोधक कहलाती है।

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प्रश्न 10.
लैगून से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
रोधक और तट के बीच बनी झील को लैगून कहते हैं।

प्रश्न 11.
स्पिट से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
स्पिट रेत की एक श्रेणी होती है, जिसका एक सिरा तट से जुड़ा होता है और दूसरा सिरा खुले सागर में होता है।

प्रश्न 12.
मेहराब कैसे बनती है ?
उत्तर-
दो गुफ़ाओं के मिलने से छत एक ढक्कन के समान खड़ी रहती है, जिसे मेहराब (Arch) कहते हैं।

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प्रश्न 13.
तमबोलो से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
जब कोई रेत, रोधक तट को किसी वायु के साथ जोड़ती है, उसे तमबोलो कहते हैं।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न: (Short Answer Type Questions)

नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर 60-80 शब्दों में दें-

प्रश्न 1.
लहरों के द्वारा अपरदन के अलग-अलग रूप बताएँ।
उत्तर-
अपरदन (Erosion)-तट पर तोड़-फोड़ का काम आमतौर पर सर्फ (Surf), लहरों या तूफ़ानी लहरों द्वारा ही होता है। समुद्री लहरों द्वारा अपरदन अधिक-से-अधिक 200 मीटर की गहराई तक होता है। यह अपरदन चार प्रकार से होता है-

  1. जल-दबाव क्रिया (Water Pressure)-सुराखों में जल के दबाव से चट्टानें टूटने और बिखरने लगती हैं।
  2. अपघर्षण (Abrasion)-बड़े-बड़े पत्थर चट्टानों से टकराकर उन्हें तोड़ते रहते हैं।
  3. टूट-फूट (Attrition)-पत्थरों के टुकड़े आपस में टकराकर टूटते रहते हैं।
  4. घुलनशील क्रिया (Solution)—समुद्री जल चूने वाली चट्टानों को घोलकर अलग कर देता है।

प्रश्न 2.
लहरों द्वारा अपरदन किन तत्त्वों पर निर्भर करता है ?
उत्तर-
लहरों द्वारा अपरदन कई तत्त्वों पर निर्भर करता है- .

  1. चट्टानों की प्रकृति (Nature of Rocks)—तट पर स्थित कठोर चट्टानों की तुलना में कमज़ोर चट्टानें जल्दी ही टूट जाती हैं।
  2. लहरों का वेग और ऊँचाई (Speed and Height of Waves)-बड़ी और ऊँची लहरें अधिक कटाव करती हैं।
  3. तट के सागर की ओर ढलान (Slope) और ऊँचाई-कम ढलान वाले मैदानी तटों पर कटाव कम होता है।
  4. चट्टानों में सुराख (holes) और दरारों (Faults) का होना- यदि तटों की चट्टानों में सुराख और दरारें हों, तो तट का कटाव आसानी से होता है।
  5. जल की गहराई (Depth of water)-लहरें 30 फुट की गहराई तक ही कटाव करती हैं।

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प्रश्न 3.
समुद्री गुफाएँ कैसे बनती हैं ?
उत्तर-
समुद्री गुफाएँ (Sea Caves)-आधार की कोमल चट्टानों के टूटने या घुल जाने पर तट के पास खोखले स्थान बन जाते हैं। लहरों द्वारा हवा के बार-बार घूमने और निकलने की क्रिया से ये स्थान चौड़े हो जाते हैं और गुफाएँ बन जाती हैं। इन गुफाओं की ऊपरी छत कठोर चट्टानों से बनी होती है। दो पड़ोसी गुफ़ाओं के बीच की दीवार टूट जाने से मेहराब (Arch) बन जाती है। इसे प्राकृतिक पुल भी कहते हैं।

प्रश्न 4.
भू-जीभ (Spit) और भित्ती (Bar) में अंतर बताएँ।
उत्तर –
भू-जीभ (Spit)-

  1. मलबे के निक्षेप से बनी श्रेणी को भू-जीभ कहते हैं, जिसका एक सिरा तट से जुड़ा होता है और दूसरा सिरा खुले समुद्र में डूबा होता है।
  2. इसकी शक्ल एक जीभ के समान होती है।
  3. यह पानी में डूबी होती है और फिर से हुक (Hook) भी बन जाती है।

भित्ती (Bar)-

  1. लहरों द्वारा तट या खाड़ी के समानांतर निक्षेप से रेत की बनी ऊँची श्रेणी या रोक को भित्ती कहते हैं।
  2. यह रोक तट के समानांतर होती है।
  3. यह पानी से बाहर बनती है और इसके पीछे एक लैगून झील बन जाती है।

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निबंधात्मक प्रश्न (Essay Type Questions)

नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर 150-250 शब्दों में दें-

प्रश्न 1.
तरंगों के प्रकारों और उनके अपरदन कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर-
समुद्र का अपरदन, परिवहन और निक्षेपण कार्य, इसके जल में उत्पन्न होने वाली तीन गतियों – तरंगों या लहरों, ज्वारभाटा और जल-धाराओं द्वारा होता है। इनमें से तरंगें सबसे महत्त्वपूर्ण हैं।

समुद्री तरंगें (Sea Waves)- पवनों के प्रभाव से सागरीय जल के तल के ऊँचा-नीचा होने को तरंग (Waves) कहते हैं। तरंग में जल अपने मूल स्थान से आगे नहीं बढ़ता, बल्कि अपने स्थान पर ही ऊपर-नीचे होता रहता है। महासागरों में पवनें बड़ी तेज़ी से चलती हैं। इस कारण कई बार 5 से 10 मीटर तक ऊँची तरंगें उठती हैं।

समुद्री तरंगों द्वारा अपरदन को नियंत्रित करने वाले कारक (Factors controlling the Erosion by Sea Waves)-

तरंगों द्वारा अपरदन सभी तटों पर एक समान नहीं होता, क्योंकि इनकी परिस्थितियाँ अलग-अलग स्थानों पर भिन्नभिन्न होती हैं। तरंगों द्वारा अपरदन को नीचे लिखे कारक प्रभावित करते हैं-

1. तरंगों की ऊँचाई (Height of the Waves) तरंगों की ऊँचाई के अनुसार ही तट पर जल आता है। ऊँची तरंगें तट पर ही अधिक जल फेंकती हैं। यह जल अधिक मात्रा में कंकड़, रेत आदि को प्रभावित करता है और तटों से टकराकर अधिक अपरदन करता है।

2. तटीय चट्टानों का झुकाव (Inclination of Coastal Rocks)—जिन तटों पर चट्टानों की परतों का – झुकाव समुद्र की ओर होता है, उन परतों के जोड़ तरंगों के सामने होते हैं, जिसके कारण उनका अपरदन आसान हो जाता है।

3. तटीय चट्टानों की संरचना (Structure of Coastal Rocks) चट्टानों की संरचना अपरदन को बहुत प्रभावित करती है। नर्म चट्टानें जल्दी टूटती हैं। कार्स्ट तटों पर तरंगें तेज़ गति से अपरदन करती हैं।

4. तरंगों की दिशा (Direction of Waves)-तटीय चट्टानों पर सीधी आकर टकराने वाली तरंगें अधिक अपरदन करती हैं।

5. वनस्पति फैलाव (Vegetation Cover)-तटों पर उगे पेड़-पौधों की जड़ें चट्टानों को खोखला कर देती हैं, जिस कारण तरंगों द्वारा तटों पर अपरदन आसान हो जाता है।

6. तरंगों की गहराई (Depth of Waves) तरंगों का अधिक कटाव 10 मीटर की गहराई तक ही होता है।

समुद्री लहरें (Sea Waves)-

समुद्री लहरों का काम समुद्री तटों तक ही सीमित रहता है। हवा के प्रभाव से समुद्र के पानी में लहरें पैदा होती हैं। हवा की शक्ति से समुद्र के पानी का कुछ भाग ऊपर उठ आता है और कुछ भाग नीचे दब जाता है। सबसे ऊँचे उठे हुए भाग को Crest और सबसे नीचे दबे भाग को ट्रफ (Trough) कहते हैं। महासागरों में लहरों की ऊँचाई 10 मीटर तक होती है, पर तूफान के समय लहरों की ऊँचाई 20 मीटर तक ऊँची हो जाती है।

लहरों के प्रकार (Types of Waves) –
1. ब्रेकर (Breaker)-समुद्र तट पर लहरों का उच्च भाग टूटकर तट की ओर आगे बढ़ता है। इसे ब्रेकर या सर्फ (Surf) या स्वैश (Swash) कहते हैं।

2. बैकवॉश (Backwash)-तट से टकराकर पानी वापिस जाती हुई लहर के नीचे-नीचे चलता है। इस वापिस जाते हुए जल को (Under Tow) या उतार (backwash) कहते हैं।

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समुद्री लहरों का कार्य (Work of Sea Waves)-दूसरे साधनों के समान लहरें भी अपरदन, परिवहन और निक्षेप का कार्य करती हैं।
अपरदन (Erosion)-तट पर तोड़-फोड़ का काम आमतौर पर सर्फ (Surf) लहरों या तूफानी लहरों द्वारा ही होता है। समुद्री लहरों द्वारा अपरदन अधिक-से-अधिक 200 मीटर की गहराई तक होता है। यह अपरदन चार प्रकार से होता है –

  1. जल-दबाव क्रिया (Water Pressure)-सुराखों में जल के दबाव से चट्टानें टूटने और बिखरने लगती हैं।
  2. अपघर्षण (Abrasion)-बड़े-बड़े पत्थर चट्टानों से टकराकर उन्हें तोड़ते रहते हैं।
  3. तोड़-फोड़ (Attrition)—पत्थरों के टुकड़े आपस में टकराकर टूटते रहते हैं।
  4. घुलनशील क्रिया (Solution)-समुद्री जल चूने वाली चट्टानों को घोलकर अलग कर देता है।

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प्रश्न 2.
समुद्री लहरों के निक्षेप से बनने वाली भू-आकृतियों का वर्णन करें।
उत्तर-
समुद्री तरंगों के निक्षेप द्वारा उत्पन्न भू-आकृतियां (Landforms Produced by Deposition of Sea Waves) – समुद्री तरंगों के निक्षेप द्वारा नीचे लिखी भू-आकृतियों का निर्माण होता है-

1. तरंग-निर्मित चबूतरा (Wave-built Platform)-तटों का अपरदन करके तरंगें, जिन पदार्थों को प्राप्त करती हैं, उनमें से हल्के पदार्थों को दूर ले जाकर पानी में डूबे हुए ढलान वाले तट पर निक्षेप कर देती हैं, जिससे वह भाग एक समतल चबूतरे का रूप धारण कर लेता है। यहाँ निक्षेप के कारण सागर गहरा हो जाता है। कभी-कभी यह चबूतरा पानी से बाहर भी दिखाई देने लग जाता है। इस चबूतरे को तरंग-निर्मित चबूतरा कहते हैं।

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2. बीच (Beach)—सागरीय तरंगों द्वारा अपरदन के भारी पदार्थों; जैसे-पत्थर, कंकड़ आदि को तट के पास ही अधिक मात्रा में ढेरी कर दिया जाता है, जिससे यह भाग थोड़ा ऊँचा और ढलान वाला हो जाता है। तट के इस क्षेत्र को बीच कहा जाता है। यहाँ पर ऊँची तरंगों के समय ही जल पहुँचता है। ये प्रदेश बड़े ज्वार (High Tides) और छोटे ज्वार (Low Tides) के मध्य में स्थित होते हैं। तट के पास ये ऊँचे प्रदेश खेलों के उत्तम स्थल बन जाते हैं, जैसे-मुंबई में जुहू बीच और चेन्नई में मरीना बीच।

3. अपतटीय रेत भित्तियाँ (Offshore Sand-bars) तरंगें तट से अपरदित किए पदार्थ विशेष रूप से रेत को तट के समानांतर पानी में डूबे भाग पर एक श्रेणी के रूप में ढेरी कर देती हैं। रेत की इस श्रेणी को अपतटीय रेत भित्ती कहते हैं। इसका ऊपरी भाग पानी के तल से भी ऊपर दिखाई देता है। ये रोधक का काम करती हैं।

4. भू-जीभ या स्पिट (Spits) – कभी-कभी तरंगों द्वारा बनाई किसी रेत भित्ती का एक सिरा स्थल से जुड़ा होता है और दूसरा समुद्र की ओर बढ़ा रहता है। उसे भू-जीभ या स्पिट कहते हैं। कभी-कभी इसका समुद्र की ओर का सिरा नुकीला हो जाता है, तो इसे कस्प (cusp) कहते हैं।

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5. हुक (Hook)-स्पिट का सिरा कभी-कभी समुद्री धाराओं या फिर तिरछी तरंगों के प्रभाव के कारण तट की ओर मुड़ जाता है। इसे हुक (Hook) कहते हैं।

6. संयोजक भित्ती या तमबोलो (Connecting bar or Tombolo)—कभी-कभी स्पिट द्वारा दो द्वीप या मुख्य स्थल किसी टापू के साथ जुड़ जाते हैं। ऐसी भित्ती को संयोजक भित्ती कहते हैं । इटली में इन्हें तमबोलो का नाम दिया जाता है। यदि स्पिट का बाहरी सिरा संयोजक भित्ती का रूप ग्रहण करते-करते तट की ओर मुड़कर उसके साथ आकर जुड़ जाए तो उसे Looped bar के नाम से पुकारा जाता है।

7. लैगून झीलें (Lagoons)—कई तटों पर रेत की श्रेणियों के पीछे झीलें बन जाती हैं, जिन्हें लैगून कहते हैं। भारत के पूर्वी तट पर चिल्का (Chilka) और पुलीकट (Pulikat) तथा केरल के तट पर वेबनाद झील. इसके उदाहरण हैं।

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PSEB 11th Class History Guide | History Guide for Class 11 PSEB

History Guide for Class 11 PSEB | PSEB 11th Class History Book Solutions

PSEB 11th Class History Book Solutions in Hindi Medium

PSEB 11th Class History Book Solutions in English Medium

  • Chapter 1 Indus Valley Civilization
  • Chapter 2 The Indo-Aryans
  • Chapter 3 Jainism and Buddhism
  • Chapter 4 The Mauryas
  • Chapter 5 The Age of the Guptas
  • Chapter 6 The Vardhanas and Their Time
  • Chapter 7 The Rajputs and Their Period
  • Chapter 8 The Sultanate of Delhi
  • Chapter 9 Kingdoms of the South
  • Chapter 10 Socio-Religious Movements
  • Chapter 11 Sri Guru Nanak Dev Ji and Foundation of Sikhism
  • Chapter 12 Foundation of The Mughal Empire
  • Chapter 13 Mughal Polity and Administration
  • Chapter 14 Rise of New Powers in the South
  • Chapter 15 Rise of New Powers in the North
  • Chapter 16 Maharaja Ranjit Singh
  • Chapter 17 Advent of the Europeans in India and Their Struggle for Supremacy
  • Chapter 18 Expansion and Consolidation of the British Empire
  • Chapter 19 Economic and Social Changes Under the Rule of British Empire
  • Chapter 20 Social/Religious Reforms
  • Chapter 21 Political Consciousness and Political Movement Against the British Empire
  • Chapter 22 Struggle for Freedom

PSEB Class 11 History Structure of Question Paper

History
Class – XI (PB.)

Time Allowed: 3 Hours

Theory: 80 Marks
Project Work/IA: 20 Marks
Total: 100 Marks

1. All questions are compulsory.

2. The question paper will comprise 5 questions in sections A, B, C, D, and E with subparts. The question paper will carry :

Section – A

1. Objective Type Questions: This section comprises questions with one word to one sentence answer/Fill in the blank/True or false/Multiple choice type questions. Question No. 1 comprises of 20 subparts (questions I to XX) carry 1 mark each. (20 × 1 = 20)

Section – B

2. Short Answer Type Questions: This question comprises of 4 subparts (question i to iv) carry 3 marks each. The answer to each question should be in about 35-40 words. (4 × 3 = 12)

Section – C

3. Source Based Question This section comprises 2 subparts I to II (based on a passage given) carry 5 marks. (2 × 5 = 10)

Section – D

4. Long Answer Questions: This question comprises of 7 subparts (question no. i to vii) carry 6 marks each. Students have to attempt any 4 questions out of 7. The answer to each question should be in about 100-150 words. (4 × 6 = 24)

Section – E

5. Map Question: This section comprises one question of map carries 14 marks (10 marks for showing 4 places and 4 marks for an explanation of those places to be written in 20 to 25 words) with 100% internal choice. (10 + 4)

Question Wise Break up

Type of Question Marks Per Question Total No. of Questions Total Marks
Objective Type (Learning checks) 1 20 20
Short Answer Type (VSA) 3 4 12
Source-Based Question 5 2 10
Long Answer Type (LA) 6 4(7) 24
Map Skill Based 10 + 4 1 14
Total 80

Weightage of Difficulty Level

Estimated Difficulty Level Percentage
Easy (E) 30%
Average (AV) 50%
Difficult (D) 20%

Weightage of Marks Unit Wise

Objective Type Questions
(1 Mark)
Short Answer
(3 Marks)
Source-Based
(5 Marks)
Long Answer
(6 Marks)
Map Question
(14 Marks)
Project Work/IA
(20 Marks)
1(5) 3(1) Passage From Prescribed Source
5*2
6(1)
Unit – 1
Unit – 2 1(5) 3(1) 6(1)
Unit – 3 1(5) 3(1) 6(1)
Unit – 4 1(5) 3(1) 6(1)
Map Work 1 (10 + 4)
Total 1 × 20 = 20 3 × 4 = 12 5 × 2 = 10 6 × 4 = 24 1(10 + 4) =  14 20 Marks

PSEB Class 11 History Syllabus

UNIT – 1

I. Indus Valley Civilisation: a synoptic view of research material, culture, socio-cultural life; decline and disappearance.

II. The Indo-Aryans: Early settlements; political organizations; Economic life; Social Institutions; religious beliefs and practices; legacy.

III. Buddhism and Jainism: the socio-political environment, major doctrines; socio¬political impact; Legacy.

IV. The Mauryas: The background to their rise into power; establishment and consolidation of their empire; Ashoka’s Dhamma; social and cultural life during their rule.

V. The age of the Guptas: establishment and consolidation of the Gupta empire, major socio-cultural achievement of the age; Legacy.

VI. The Vardhanas and their times; Political supremacy in the North; Kingdoms of the South; cultural achievements of the age; Legacy.

UNIT – 2

VII. The Rajputs; establishment of their kingdom; Political conflict and change; socio-political structure; survival.

VIII. The Sultanate of Delhi: establishment of Turkish Rule, Dynastic changes and the fortunes of the Sultanate, administration; the ruling classes; art, and architecture, Socio-religious life.

IX. Kingdoms of the South: The Bahmani empire and its successor states; the Vijayanagar empire; administration, the ruling classes: art architecture; socio-religious life.

X. socio-religious movements: Vaishnava Bhakti; the Saints.

XI. Guru Nanak Dev Ji and Foundation of Sikhism: Socio-religious environment; Development of Sikhism (1539-1605); Transformation of Sikhism (1605-1699); Discovery of a new path, the foundation of a new path, Legacy.

UNIT – 3

XII. Establishment of the Mughal Empire; Mughal Afghan contest; consolidation of the Mughal.

XIII. Mughal Policy and Administration; Conception of kingship: attitude towards the subjects people; central and provincial administration; administration of justice and local administration; the mansabdari system.

XIV. Rise of new powers in the South: with special reference to the Marathas.

XV. Rise of new powers in the North: with special reference to the Sikhs.

XVI. Maharaja Ranjit Singh: Conquests and consolidation; the new ruling classes administration; attitude towards the subject people, relationship with sovereign powers; the Legacy.

XVII. Advent of the Europeans and their struggle for supremacy: The Portuguese; the Dutch; The French: Anglo-French rivalry; the emergence of East India Company as a political power in India.

UNIT – 4

XVIII. Expansion and Consolidation of the British Empire: Expansion through war and diplomacy; Imperial framework: administration and bureaucracy.

XIX. Social and Economic changes under British Rule: Means of communication and transportation; raw materials for exports: industrial development; the Indian elite; the middle classes; the working class.

XX. Socio-Religious Movements; Construction, Brahmo Samaj; Aligarh Movement; Nirankari Movement; Kuka Movement and Singh Sabha Movement.

XXI. Political Consciousness and struggle for Representative Government in India: The Revolt of 1857 and it’s legacy; the Indian National Congress; the Home Rule Movement; Constitutional Reforms; Jallianwala Bagh massacre and its impact demand for independence.

XXII. Towards Freedom: The Quit India Movement and its aftermath; transfer of power.
(i) Sites of Indus Valley Civilization;
(ii) Extent of Ashoka’s empire;
(iii) Extent of Samudragupta’s Empire;
(iv) Important Historical places;
(v) India in 1526;
(vi) Extent of Akbar’s empire;
(vii) Extent of Ranjit Singh’s empire;
(viii) Important historical places;

PSEB 11th Class Geography Book Solutions Guide in Punjabi English Medium

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PSEB 11th Class Geography Guide | Geography Guide for Class 11 PSEB in English Medium

Geography Guide for Class 11 PSEB | PSEB 11th Class Geography Book Solutions

PSEB 11th Class Geography Book Solutions in Hindi Medium

Unit 1 सूर्यमण्डल

Unit 2 स्थलमण्डल

Unit 3 वायुमण्डल

Unit 4 जलमण्डल

PSEB 11th Class Geography प्रयोगात्मक भूगोल

PSEB 11th Class Geography Book Solutions in English Medium

Unit 1 Solar System

  • Chapter 1 The Earth
  • Chapter 2 Rocks
  • Chapter 3 Agents of Change : Denudation, Transportation and Deposition
  • Chapter 3(i) Denudation Works of River
  • Chapter 3(ii) Denudation Works of Glacier
  • Chapter 3(iii) Denudation Works of Winds
  • Chapter 3(iv) Denudation Works of Underground Water
  • Chapter 3(v) Denudation Works of Sea

Unit 2 Lithosphere

  • Chapter 4 Major Land Forms
  • Chapter 5 Volcanoes and Earthquakes
  • Chapter 5(i) Volcanoes
  • Chapter 5(ii) Earthquakes

Unit 3 Atmosphere

  • Chapter 6 Formation and Structure of Atmosphere
  • Chapter 7 Winds
  • Chapter 8 Humidity and Precipitation

Unit 4 Hydrospere

  • Chapter 9 The Ocean
  • Chapter 10 Geo-Political Significance of Indian Ocean

PSEB 11th Class Geography Practical Geography

  • Chapter 1 Maps
  • Chapter 2 Scale
  • Chapter 3 Enlargement and Reduction of Maps
  • Chapter 4 Topographical Maps
  • Chapter 5 Weather Maps
  • Chapter 6 Contours
  • Chapter 7 Weather Instrument

PSEB Class 11 Geography Structure of Question Paper

Class – XI (Pb.)
Geography

Time Allowed: 3 Hours
Theory: 70 Marks

The question paper has 5 sections comprising a total of 25 questions. All questions are compulsory.

Section – I
MCQ/Objective Type Questions: This section comprises questions with one word to one sentence answer/fill in the blanks/true or false etc. all multiple choice type questions. The section has 8 subparts (questions) 1 to 8, carrying one mark each. This section shall cover whole the syllabus. (1 × 8 = 8)

Section – II
Very Short Answer Type Questions: This section comprises questions of 7 subparts or questions 9 to 15, carrying 2 marks each. The answer to each question maybe two to three sentences. This section will cover whole the syllabus, choosing at least one question from each unit. (2 × 7 = 14)

Section – III
Short Answer Type Questions: This section comprises 5 subparts, questions 16 to 20, each carrying 4 marks. One question each from Unit I and Unit IV shall be set in this section and three questions from Unit II and Unit III. All the questions shall have an internal choice. (4 × 5 = 20)

Section – IV
Long Answer Type Questions: This section comprises of 3 subparts (questions) with 100% internal choice, 21 to 23, carrying 6 marks each. The answer to each question should be in about 100 to 150 words. All four Units of the Syllabus shall be covered. (6 × 3 = 18)

Section – V
Map Question: This section comprises two questions of map carrying 5 marks each. Students/Examinees are to attempt any 5 out of 8 items in each question. One part of map work pertains to identification and the other pertains to labelling in a political outline map of India and the World as per syllabus. (5 × 2 = 10)

Question Wise Break up

Type of Question Marks Per Question Total no. of Questions Total Marks Percentage
Objective Type (Learning checks) 1 8 8 11.5
Short Answer (VSA) 2 7 14 20
Short Answer (SA) 4 5 20 28.5
Long Answer (LA) 6 3 18 25.5
Map Skills Based 5 2 10 14.5
Total 25 70 100

Weightage to Content

Section A 8 Marks
Section B 14 Marks
Section C 20 Marks
Section D 18 Marks
Section E (Map Work) 10 Marks
Practical 20 Marks
Project Work/Book bank 8/2 Marks
Total 100 Marks

Weightage of Difficulty Level

Estimated Difficulty Level Percentage
Easy (E) 30%
Average (AV) 50%
Difficult (D) 20%

Design of Question Paper

Typology of questions MCQ/Objective Type (1 Mark) Very Short Answer (VSA)
(2 Marks)
Short Answer-I (SA-I)
(4 Marks)
Long Answer (LA) (6 Marks) Map Work (5) Total Marks % Wise Weightage
Remembering-
(Kno­wledge based Simple recall questions, to know specific facts, terms, concepts, principles or theories; Identity, defined or recite information)
8 2 1 18 25.5%
Understanding- Comprehension-to be familiar with the meaning and to understand con­ceptually, interpret, compare, contrast, explain, paraphrase, or interpret information 3 3 2 30 43%
Application-
(Use abstract information in a concrete situation, to apply knowledge to the new situation; Use given content to interpret a situation, provide an example, or solve a problem)
1 2 2 12 17%
Thinking Skills-
(Analysis & Synthesis classify, compare, contrast, or differentiate between different pieces of information, Organize  and/or integrate            unique pieces of information from a variety of sources)
2 10 14.5%
Total – 70 8 7 × 2 = 14 5 × 4 = 20 3 × 6 = 18 2 × 5 = 10 Total = 70 100%

PSEB Class 11 Geography Syllabus

Theory

Unit – I: Solar System
Solar System: Earth Position of Earth in Solar System, Size and Shape, Movements of Earth and Effects, Longitudes and Latitudes.

Time; Local, Standard, and International Date Line.

Rocks: Origin, Classification, and Characteristics

Factors of change; Weathering and Denudation by river, glacier, wind, oceans, and underground water.

Unit – II: Lithosphere
Landforms: Mountains, Plateaus, and Plains; Origin, Classification and their significance to mankind.

Earthquakes: Causes, Effects, Types, and Distribution.

Volcanoes: Causes and effects of Volcanic activities.

Unit – III: Atmosphere

Extents, Layers, and composition.

Temperature; Factors controlling temperature, distribution, and range of temperature.

Pressures; Factors controlling pressures, horizontal and vertical distribution.

Winds; Planetary, seasonal and local; Shifting of wind belts and their impact. Cyclones and Anti-cyclones.

Humidity and Precipitation; Relative humidity and Specific humidity Precipitation types, rainfall types, and distribution.

Unit – IV: Hydrosphere
Oceans: Ocean basins and submarine relief, Ocean waters and their circulation, temperature, salinity^ waves, currents, and tides.

Special reference: Geopolitical importance of Indian Ocean.

Note:
A. Examples as far as possible be given from India.
B. Answers be illustrated with maps and diagrams.

Map Work: 20 Marks

Maps: Necessity of maps, classification, the scale of maps; R.F., Linear scale, its use in maps. Reduction and enlargement through the square method.

Direction: Finding direction in the field and on the map, Orientation of Local map in the field, methods of showing direction on the map.

Atlas map symbols: Identifications and Recognition of Symbols of conventional signs used in the atlas, Topographic sheet, and weather maps.

Methods of showing relief on maps: Contours, Interpolation of Contours identification of simple relief features from contours on a map.

Drawing of cross-section, observation, and recording of various weather elements with the help of the following instruments:
(a) Six’s minimum and maximum thermometer.
(b) Aneroid Barometer
(c) Wind Vane
(d) Wet and dry bulb thermometer
(e) Rain gauge
(f) Drawing of isotherms, isobars, and isohyets.

PSEB 11th Class Sociology Important Questions in Punjabi English Medium

PSEB 11th Class Sociology Important Questions

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PSEB 11th Class Sociology Important Questions in Punjabi English Medium

PSEB 11th Class Sociology Important Questions in Punjabi Medium

PSEB 11th Class Religion Book Solutions Guide in Punjabi English Medium

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PSEB 11th Class Religion Guide | Religion Guide for Class 11 PSEB in English Medium

Religion Guide for Class 11 PSEB | PSEB 11th Class Religion Book Solutions

  • Chapter 1 Religious Life of the Indus Valley People and Early Aryans
  • Chapter 2 Buddhist Movement upto Ashoka Period
  • Chapter 3 Rise and Development of Sikhism : 1469-1708 A.D.
  • Chapter 4 Introduction to Vedic Literature
  • Chapter 5 General Introduction to Puranas, Upanishads and Shastras
  • Chapter 6 The Adi Granth
  • Chapter 7 Ashta Marga of Buddhism
  • Chapter 8 Ethical Teachings of Jainism
  • Chapter 9 The Sikh Way of Life

PSEB 11th Class Maths Book Solutions Guide in Punjabi English Medium

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PSEB 11th Class Maths Guide | Maths Guide for Class 11 PSEB in English Medium

PSEB 11 Class Math Book Pdf Chapter 1 Sets

Punjab Board Maths Book Class 11 Solutions Chapter 2 Relations and Function

11th Class Math Book PSEB Chapter 3 Trigonometric Functions

PSEB Class 11 Maths Solutions Chapter 4 Principle of Mathematical Induction

PSEB Class 11 Maths Book Pdf Download Chapter 5 Complex Numbers and Quadratic Equations

PSEB Class 11 Maths Syllabus Chapter 6 Linear Inequalities

PSEB 11th Class Math Book Pdf Chapter 7 Permutations and Combinations

11th Class Maths Solutions PSEB Chapter 8 Binomial Theorem

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 9 Sequences and Series

PSEB 11th Class Math Book Pdf Chapter 10 Straight Lines

PSEB Class 11 Maths Syllabus Chapter 11 Conic Sections

PSEB Class 11 Maths Book Pdf Download Chapter 12 Introduction to three Dimensional Geometry

PSEB Class 11 Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives

11th Class Math Book PSEB Chapter 14 Mathematical Reasoning

Punjab Board Maths Book Class 11 Solutions Chapter 15 Statistics

PSEB 11 Class Math Book Pdf Chapter 16 Probability

PSEB 11th Class Economics Book Solutions Guide in Punjabi English Medium

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PSEB 11th Class Economics Guide | Economics Guide for Class 11 PSEB

Economics Guide for Class 11 PSEB | PSEB 11th Class Economics Book Solutions

PSEB 11th Class Economics Book Solutions in Hindi Medium

PSEB 11th Class Economics Book Solutions in English Medium

  • Chapter 1 What is Economics?
  • Chapter 2 Micro and Macro Economics
  • Chapter 3 Central Problems of an Economy
  • Chapter 4 Consumer’s Equilibrium
  • Chapter 5 Demand
  • Chapter 6 Price Elasticity of Demand
  • Chapter 7 Meaning of Production
  • Chapter 8 Concepts of Costs
  • Chapter 9 Concepts of Revenue
  • Chapter 10 Producer’s Equilibrium
  • Chapter 11 Supply & Price Elasticity of Supply
  • Chapter 12 Forms of Market
  • Chapter 13 Price Determination Under Perfect Competition: Equilibrium Price
  • Chapter 14 Meaning, Scope and Importance of Statistics in Economics
  • Chapter 15 Primary and Secondary Data
  • Chapter 16 Census and Sample Methods
  • Chapter 17 Organisaiton of Data
  • Chapter 18 Presentation of Data With Tables – Tabulation
  • Chapter 19 Diagrammatic Presentation
  • Chapter 20 Graphic Presentation
  • Chapter 21 Arithmetic Line Graphs : Time Series
  • Chapter 22 Measures of Central Tendency – Arithmetic Mean
  • Chapter 23 Measures of Central Tendency – Median
  • Chapter 24 Measures of Central Tendency – Mode
  • Chapter 25 Measures of Dispersion
  • Chapter 26 Man Power and Physical Resources of Punjab
  • Chapter 27 Agriculture Development of Punjab Since 1966
  • Chapter 28 Industrial Development of Punjab Since 1966
  • Chapter 29 Financial Position of Punjab Government

PSEB 11th Class Economics Syllabus

Class – XI (Pb.)
Economics
Time Allowed: 3 Hours

Theory: 80 Marks
Internal Assessment: 20 Marks
Marks Total: 100 Marks

Part – A
Introductory Micro Economics

Unit 1 Introduction
What is Economics? Definitions of Economics (Wealth, Material Welfare, Scarcity, and Growth Definitions). Economic Activities. Nature of Economics, Economic Policies, Economic Systems. Positive and Normative economics. Meaning of Microeconomics and Macroeconomics, Difference and interdependence between Micro and Macro Economics. Scope, Importance, subject matter, and limitations of Micro Economics.

What is an economy? Central problems of an economy: what, how, and for whom to produce. Production Possibility Curve, the slope of production possibility curve, the concept of opportunity cost, and marginal opportunity cost. Shifts and rotations of production possibility curve. Solution of various central problems with production possibility curve.

Unit 2 Consumer’s Equilibrium and Theory of Demand
Consumer’s equilibrium – meaning of consumer’s equilibrium, the meaning of utility, and various types of utility and their inter relationship. Law of diminishing marginal utility and Law of Equi-Marginal utility. Conditions of consumer’s equilibrium using marginal utility analysis in case of one and two commodities.

Theory of Demand: Meaning, types of demand, Demand schedule, Demand Curve and its slope, Law of Demand-its assumptions and exceptions. Determinants of demand. Movement along and shifts in the demand curve.

Price elasticity of demand – Meaning, degrees of price elasticity of demand, factors affecting price elasticity of demand; measurement of price elasticity of demand with percentage method and numerical.

Unit 3 Producer Behaviour and Supply
Theory of Production: Meaning of Production and production function. concepts of total product, Average Product, and Marginal Product. Concept of short Run and long run in production and laws of return to a variable factor and return to scale. Economies and Diseconomies of scale.

Theory of Cost: Meaning and types of cost. Short-run costs-total cost, total fixed cost, total variable cost; Average cost; Average fixed cost, average variable cost, and marginal cost. Relationship between various types of cost. Long-run cost curves.

Theory of Supply: Meaning and types. Supply schedule and Supply Curve and its slope. Determinants of supply. Movements along and shifts in the supply curve. Price elasticity of supply; measurement of price elasticity of supply with percentage method. Factors affecting price elasticity of supply.

Concepts of Revenue – Meaning and types of revenue. Total, average and marginal revenue – meaning and their relationship. Revenue curves under different market situations.

Producer’s equilibrium meaning and its conditions in terms of marginal revenue and the marginal cost approach. Concept of Gross profits and Net profits.

Unit 4 Forms of Market and Price Determination under Perfect Competition
Forms of Market: Meaning and features of a Market. Forms of Market: Perfect Competition, Monopoly and Monopolistic Competition and their features. Price Determination under Perfect competition-Determination of equilibrium through market forces and effect of shifts in demand and supply curves on equilibrium price and equilibrium quantity.

Part – B
Statistics for Economics

In this course, the learners are expected to acquire skills in the collection, organization, and presentation of quantitative and qualitative information pertaining to various simple economic aspects systematically. It also intends to provide some basic statistical tools to analyze, and interpret any economic information and draw appropriate inferences. In this process, the learners are also expected to understand the behaviour of various economic data.

Unit 5 Introduction
Statistics in Economics: Meaning, scope, functions, nature, limitations, and importance of statistics in Economics. Concept of statistics in singular and plural sense with their characteristics.

Unit 6 Collection, Organisation, and Presentation of Data
Collection of data sources of data primary and secondary data: their meaning, difference between primary and secondary data, methods for collection of primary and secondary data along with their suitability, advantages, and limitations. Some important sources of secondary data: are the Census of India and the National Sample Survey Organisation.

Theory of Census and Sampling: Meaning of census and sample method along with their suitability, merits, and demerits. Method of sampling: Random sampling, Stratified sampling, Systematic sampling, Quota sampling, Convenient sampling, and Purposive sampling. Sampling and Non-Sampling errors.

Organization of Data: Meaning and types of variables; Meaning and types of series: Individual, Discrete and Continuous series (various types of continuous series). Various concepts are related to the formation of series.

Presentation of Data: Tabular Presentation and Diagrammatic Presentation of Data:
(i) Geometric forms (bar diagrams and pie diagrams), (ii) Frequency diagrams (histogram, polygon, and ogive), and (iii) Arithmetic line graphs (time series graph).

Unit 7 Measures of Central Tendency and Dispersion
Measures of Central Tendency: Meaning of Central Tendency, Features, Arithmetic Mean (simple), Median and other positional averages (Quartile, Decile, and Percentile) and Mode (by inspection method only). Relationship between various measures of central tendency and choice of the best measure of central tendency.

Measures of Dispersion: Meaning, Absolute measures of Dispersion (Range, Quartile’s Range, Quartile Deviation, Mean Deviation, Standard Deviation). Relative measures of Dispersion (Co-efficient of range, co-efficient of quartile deviation, Coefficient of Mean deviation, Coefficient of Standard Deviation, and Coefficient of variation). Lorenz Curve.

Part – C
Punjab Economy

Unit 8 An Overview of Punjab Economy
Physical Resources of Punjab, Manpower Resources of Punjab, Agriculture Development of Punjab since 1966, Industrial Development of Punjab, and Financial System of Punjab.

PSEB 11th Class Political Science Book Solutions Guide in Punjabi English Medium

Punjab State Board Syllabus PSEB 11th Class Political Science Book Solutions Guide Pdf in English Medium and Punjabi Medium are part of PSEB Solutions for Class 11.

PSEB 11th Class Political Science Guide | Political Science Guide for Class 11 PSEB

Political Science Guide for Class 11 PSEB | PSEB 11th Class Political Science Book Solutions

PSEB 11th Class Political Science Book Solutions in English Medium

Part A Foundations of Political Science

Part B Indian Constitution and Government

PSEB 11th Class Political Science Book Solutions in Hindi Medium

PSEB 11th Class Political Science Syllabus

Part – A Foundations of Political Science

Unit I: Meaning, Scope, and Significance of Political Science
(a) Meaning of Political Science.
(b) Scope and Significance of Political Science.
(c) Relationship of Political Science with History, Economics, Sociology.
(d) Citizen and his Rights and Duties.
(e) Citizen and Citizenship.

Unit II: (a) Meaning of Rights and Duties.
(b) Relation between Rights and Duties.
Basic Concepts
(a) Law – Meaning and its Kinds.
(b) Liberty – Meaning. Kinds and Safeguards.
(c) Equality – Meaning, Kinds, Liberty, and Equality.
(d) Justice.

Unit III: State, Forms of Governments
(a) State and its attributes.
(b) State and Government differences.
(c) Forms of Governments.
a. Democratic and Authoritarian (Dictatorial)
b. Parliamentary and Presidential.
c. Unitary and Federal.

Unit IV: Organs of Government
(a) Executive – Types of Executive, Functions.
(b) Legislature, Types of Legislature – Unicameral and Bicameral, Functions.
(c) Judiciary, Importance, and Functions, Independence of the Judiciary.

Part – B Indian Constitution and Government

Unit V: (a) Preamble
(b) Salient features of the Indian Constitution.
(c) Fundamental Rights and Directive Principles of State Policy.
(a) Fundamental Rights: Nature and Kinds.
(b) Fundamental Duties.
(c) Directive Principles of the State Policy – Importance and Sanctions behind them.
(d) Distinction and relationship between Fundamental Rights and Directive Principles.

Unit VI: Indian Federal System
(a) Nature of Indian Federation.
(b) Union-State Relations: Legislative, Administrative, and Financial.
Union Government.
(c) The Union Executive – President, Prime Minister, and Council of Ministers.

Unit VII: The Union Legislature
(Lok Sabha, Rajya Sabha)
Law Making procedure (ordinary bill and money bill)
The State Government.
(a) State Executive – Governor, Chief Minister, and Council of Ministers.
(b) State Legislature.

Unit VIII: District Administration.
Indian Judicial System.
(a) The Supreme Court.
(b) State High Court.