PSEB 10th Class SST Solutions Economics Chapter 4 भारत में औद्योगिक विकास

Punjab State Board PSEB 10th Class Social Science Book Solutions Economics Chapter 4 भारत में औद्योगिक विकास Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Social Science Economics Chapter 4 भारत में औद्योगिक विकास

SST Guide for Class 10 PSEB भारत में औद्योगिक विकास Textbook Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

इन प्रश्नों के उत्तर एक शब्द या एक वाक्य में दें

प्रश्न 1.
आधारभूत उद्योगों के कोई दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
(i) लोहा व इस्पात उद्योग
(ii) सीमेन्ट उद्योग।

प्रश्न 2.
कुटीर उद्योगों से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
कुटीर उद्योग से अभिप्राय उस उद्योग से है जो एक परिवार के सदस्यों द्वारा एक ही छत के नीचे पूर्णतः या आंशिक रूप से चलाया जाता है।

प्रश्न 3.
लघु उद्योगों की एक समस्या पर प्रकाश डालिये।
उत्तर-
कच्चे माल तथा शक्ति की समस्या।

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प्रश्न 4.
लघु उद्योगों से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
लघु उद्योग वे उद्योग होते हैं जिनमें 3 करोड़ तक बंधी पूंजी का निवेश हुआ हो।

II. लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

इन प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दें

प्रश्न 1.
भारत के तीव्र तथा सन्तुलित औद्योगिकीकरण की आवश्यकता के कारणों का वर्णन करें।
उत्तर-

  1. उद्योगों के विकास से राष्ट्रीय आय में बड़ी तीव्र वृद्धि होती है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि उद्योगों के विकास ने देशों की आय में वृद्धि करके निर्धनता की जंजीरों को काटा है।
  2. उद्योगों के विकास से राष्ट्रीय आय के बढ़ने से बचतों में भी वृद्धि होती है तथा बचतें पूंजी निर्माण के लिए आवश्यक हैं। परिणामस्वरूप देश का आर्थिक विकास और तीव्र होता है।
  3. उद्योगों के विकास से रोज़गार अवसरों में वृद्धि होती है। इससे भूमि पर जनसंख्या के दबाव को कम किया जा सकता है।
  4. औद्योगिकीकरण कृषि विकास में सहायक सिद्ध होता है। वास्तव में, तीव्र औद्योगिकीकरण तीव्र कृषि विकास के लिए आवश्यक है।

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प्रश्न 2.
भारत में लघु तथा कुटीर उद्योगों से क्या अभिप्राय है ? इनकी समस्याओं का वर्णन,करें।
उत्तर-
लघु तथा कुटीर उद्योग-कुटीर उद्योग से आशय उसं उद्योग से है जो एक परिवार के सदस्यों द्वारा एक ही छत के नीचे एक पूर्णकालीन या अंशकालीन व्यवसाय के रूप में चलाया जाता है। चूंकि ये उद्योग मुख्यतः गांवों में चलाए जाते हैं, इसलिए इन्हें ग्रामीण उद्योग भी कहा जाता है।
नवीन परिभाषा (1999) के अनुसार, लघु उद्योगों में उन सब कारखानों को शामिल किया गया है जिनमें 1 करोड़ रुपए तक बन्धी पूंजी का निवेश हुआ हो।
लघु तथा कुटीर उद्योगों की समस्याएं-लघु तथा कुटीर उद्योगों की मुख्य समस्याएं निम्नलिखित हैं —

  1. कच्चे माल तथा शक्ति की समस्या-इन उद्योग-धन्धों को कच्चा माल उचित मात्रा में नहीं मिल पाता तथा जो माल मिलता है  उसकी किस्म बहुत घटिया होती है और उसका मूल्य भी बहुत अधिक देना पड़ता है।
  2. वित्त की समस्या-भारत में इन उद्योगों को पर्याप्त मात्रा में ऋण नहीं मिल पाता है।
  3. उत्पादन के पुराने ढंग-इन उद्योगों में अधिकतर उत्पादन के पुराने ढंग ही अपनाए जाते हैं जिसके कारण इन उद्योगों की उत्पादकता निम्न है व प्रति इकाई लागत अधिक।
  4. बिक्री सम्बन्धी कठिनाइयां-इन उद्योगों को अपना माल उचित मात्रा में बेचने के लिए काफ़ी कठिनाइयां उठानी पड़ती हैं।
  5. बड़े उद्योगों से प्रतियोगिता-इन उद्योगों की एक बड़ी समस्या यह भी है कि इनको बड़े उद्योगों से मुकाबला करना पड़ता है। अत: छोटे उद्योगों का माल बड़े उद्योगों के माल के सामने टिक नहीं पाता।

प्रश्न 3.
भारत में लघु तथा कुटीर उद्योगों का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
भारत में लघु तथा कुटीर उद्योगों का महत्त्व निम्नलिखित तथ्यों से स्पष्ट हो जाता है —

  1. बेरोज़गारी की समस्या का हल-भारत में बढ़ती हुई बेरोज़गारी की समस्या का हल लघु तथा कुटीर उद्योगों का विकास करके ही हो सकता है।
  2. उत्पादन में शीघ्र वृद्धि-लघु तथा कुटीर उद्योगों को स्थापित करने तथा उनमें उत्पादन कार्य करने में कम समय लगता है।
  3. ग्रामों का विकास-भारत में अधिकांश जनसंख्या गांवों में रहती है। घरेलू उद्योगों की प्रगति से गांवों की आर्थिक दशा सुधरेगी। ग्रामीणों का जीवन-स्तर ऊंचा होगा तथा उनके जीवन का सर्वांगीण विकास होगा।
  4. वितरण-विषमता में कमी-बड़े-बड़े कारखानों के स्थापित होने से देश में एक ओर अति धनी और दूसरी ओर अति निर्धन लोग दिखाई देने लगते हैं। अधिक धन कुछ ही हाथों में केन्द्रित हो जाता है। समाज में अमीरग़रीब के बीच खाई और चौड़ी होने से शान्ति तथा सुख नष्ट हो जाता है। अत: इस समस्या को दूर करने के लिए घरेलू उद्योग-धन्धों का विकास करना चाहिए।

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प्रश्न 4.
भारत के लघु तथा कुटीर उद्योगों में अन्तर बताएं तथा सभी समस्याओं के समाधान के लिये सुझाव दें।
उत्तर-
कुटीर व लघु उद्योगों में अन्तर —

  1. कुटीर उद्योग प्रायः गांवों में होते हैं, जबकि लघु उद्योग अधिकतर शहरों में होते हैं।
  2. कुटीर उद्योगों में परिवार के सदस्यों से ही काम चल जाता है, जबकि लघु उद्योगों को चलाने के लिए भाड़े के मज़दूर लगाने पड़ते हैं।

लघु एवं कुटीर उद्योगों की समस्याओं के समाधान के लिए सुझाव

  1. इन उद्योगों को कच्चा माल उचित मात्रा व उचित कीमत पर उपलब्ध करवाया जाना चाहिए।
  2. इन उद्योगों को ऋण उचित मात्रा व उचित ब्याज दर पर उपलब्ध करवाया जाना चाहिए।
  3. इन उद्योगों को विक्रय सम्बन्धी सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जानी चाहिए ताकि इनको अपने माल की उचित कीमत मिल सके।
  4. इन उद्योगों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले उत्पादन के तरीकों में सुधार किया जाना चाहिए। इससे इनकी उत्पादकता में वृद्धि होगी व प्रति इकाई लागत कम होगी।

प्रश्न 5.
बड़े उद्योगों के महत्त्व की विवेचना करें।
उत्तर-
किसी भी देश के आर्थिक विकास में बड़े पैमाने के उद्योगों का बहुत महत्त्व होता है। तीव्र औद्योगिकीकरण देश के आर्थिक विकास के लिए अत्यन्त आवश्यक होता है और तीव्र औद्योगिकीकरण बड़े उद्योगों को विकसित किए बिना सम्भव नहीं। औद्योगिकीकरण के लिए आवश्यक पूंजीगत वस्तुएं व आर्थिक आधारिक संरचनाएं जैसे यातायात के साधन, बिजली, संचार व्यवस्था इत्यादि बड़े पैमाने के उद्योगों द्वारा ही उपलब्ध करवाई जा सकती हैं। बड़े पैमाने के उद्योग ही औद्योगिकीकरण के लिए आवश्यक अनुसंधान तथा उच्च तकनीक के लिए आवश्यक धन का प्रबन्ध कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त बड़े उद्योगों को स्थापित करने से उत्पादकता में वृद्धि होती है, बचतें प्रोत्साहित होती हैं और कई प्रकार के सहायक उद्योगों की स्थापना को बल मिलता है। वास्तव में, बड़े उद्योगों के विकास के बिना अर्थ-व्यवस्था को सुदृढ़ अथवा मजबूत आधार प्रदान नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 6.
भारत में औद्योगिकीकरण की धीमी गति के क्या कारण हैं ?
उत्तर-
भारत में औद्योगिक विकास की गति निम्नलिखित कारणों से धीमी एवं कम रही है

  1. उद्योगों के विकास के लिए पूंजी की बहुत आवश्यकता होती है। भारत में अधिकतर लोग निर्धन हैं। अतः पूंजी की कमी भारत में औद्योगिकीकरण की धीमी गति के लिए उत्तरदायी प्रमुख कारक है।
  2. भारत में कुशल श्रमिकों की कमी है। वास्तव में, आधुनिक उद्योगों को उचित प्रकार से चलाने के लिए कुशल मजदूरों की अत्यन्त आवश्यकता होती है।
  3. उद्योगों को चलाने के लिए सस्ती शक्ति की आवश्यकता होती है, परन्तु भारत में सस्ते शक्ति साधनों की कमी है।
  4. भारत में कुशल प्रबन्धकों की कमी भी औद्योगिकीकरण की धीमी गति के लिए उत्तरदायी रही है।
  5. भारत में उद्योगों के लिए कच्चा माल बहुत कम मात्रा में और घटिया किस्म का प्राप्त होता है।
  6. भारत एक निर्धन देश है। निर्धनता के कारण बचत कम होती है तथा निवेश भी कम होता है।
  7. देश में यातायात व संचार-साधनों के कम विकास के कारण भी औद्योगिकीकरण की गति धीमी रही है।

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प्रश्न 7.
भारत में औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार के योगदान के बारे में संक्षिप्त नोट लिखें।
उत्तर-
भारतीय अर्थ-व्यवस्था की आर्थिक गति को तीव्र करने के लिए, आत्म-निर्भरता के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए और रोज़गार तथा आय के साधनों में वृद्धि करने के लिए भारत सरकार ने पंचवर्षीय योजनाओं के अधीन उद्योगों के विकास हेतु निम्नलिखित पग उठाए हैं —

  1. ऋण सुविधाएं प्रदान करना-देश में औद्योगिक विकास को तीव्र करने के लिए सरकार ने कई प्रकार की ऋण प्रदान करने वाली संस्थाओं का गठन किया है, जैसे-औद्योगिक वित्त निगम, राष्ट्रीय औद्योगिक विकास निगम, पुनर्वित्त निगम, औद्योगिक विकास बैंक, यू० टी० आई०।
  2. आधारभूत उद्योगों की स्थापना
  3. यातायात तथा परिवहन साधनों का विकास
  4. बिजली क्षेत्र का विकास
  5. आविष्कारों का विकास
  6. निर्यात प्रोत्साहन तथा आयात प्रतिस्थापन सुविधाएं
  7. पिछड़े क्षेत्रों का औद्योगीकरण
  8. बीमार औद्योगिक इकाइयों का पुनः स्वास्थ्यकरण
  9. तकनीकी विकास बोर्ड की स्थापना
  10. नवीन औद्योगिक नीति।

PSEB 10th Class Social Science Guide भारत में कृषि विकास Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)

I. उत्तर एक शब्द अथवा एक लाइन में

प्रश्न 1.
भारत में औद्योगीकरण के तीव्र विकास के लिए उत्तरदायी एक कारण लिखें।
उत्तर-
आधुनिकीकरण।

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प्रश्न 2.
आधारभूत उद्योगों का उदाहरण दें।
उत्तर-
रासायनिक उद्योग।

प्रश्न 3.
लघु उद्योगों में निवेश की सीमा कितनी है?
उत्तर-
5 करोड़ रुपए।

प्रश्न 4.
लघु उद्योगों की एक समस्या बताएं।
उत्तर-
वित्त की समस्या।

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प्रश्न 5.
लघु उद्योगों का एक लाभ बताएं।
उत्तर-
उत्पादन में तीव्र वृद्धि।

प्रश्न 6.
बड़े उद्योगों का एक लाभ बताएं।
उत्तर-
पूंजीगत व आधारभूत वस्तुओं का उत्पादन।

प्रश्न 7.
औद्योगीकरण की निम्न प्रगति का क्या कारण है?
उत्तर-
पूंजी की कमी।

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प्रश्न 8.
भारत के जी० डी० पी० में उद्योगों का योगदान कितने प्रतिशत है?
उत्तर-
लगभग 26.1 प्रतिशत।

प्रश्न 9.
औद्योगीकरण क्या है?
उत्तर-
देश के सभी उद्योगों का विकास।

प्रश्न 10.
एक कारण बताएं कि क्यों लघु उद्योगों का विकास किया जाना आवश्यक है?
उत्तर-
रोज़गार तथा धन व आय के समान वितरण के लिए।

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प्रश्न 11.
नई औद्योगिक नीति कब लागू की गई थी ?
उत्तर-
1991 में।

प्रश्न 12.
भारत की किन्हीं दो औद्योगिक नीतियों का नाम बताएं।
उत्तर-
(i) औद्योगिक नीति 1956
(ii) औद्योगिक नीति 1948.

प्रश्न 13.
1956 की औद्योगिक नीति में सार्वजनिक क्षेत्र के अन्तर्गत कितने उद्योग आरक्षित थे?
उत्तर-
17 उद्योग।

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प्रश्न 14.
भारत के किसी एक बड़े उद्योग का नाम लिखें।
उत्तर-
कपड़ा उद्योग।

प्रश्न 15.
औद्योगीकरण की एक विशेषता बताएं।
उत्तर-
पूंजी का अधिकतम प्रयोग।

प्रश्न 16.
बड़े उद्योगों की एक समस्या बताएं।
उत्तर-
मालिक-मज़दूर का झगड़ा।

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प्रश्न 17.
नई औद्योगिक नीति की विशेषता बताएं।
उत्तर-
सार्वजनिक क्षेत्र का संकुचन।

प्रश्न 18.
पंचवर्षीय योजनाओं के दौरान औद्योगिक उत्पादन में हुई वृद्धि का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
योजनाओं के लागू होने से पूर्व देश में कई वस्तुओं जैसे-मशीनरी, ट्रैक्टर्स, स्कूटर्स आदि का बिल्कुल ही उत्पादन नहीं होता था, परन्तु अब इन सभी वस्तुओं का उत्पादन देश में पर्याप्त मात्रा में होने लगा है।

प्रश्न 19.
सार्वजनिक उद्यम, संयुक्त उद्यम तथा निजी उद्यम से क्या आशय है?
उत्तर-
सार्वजनिक उद्यम वे उद्यम हैं जिनकी स्वामी सरकार होती है। संयुक्त उद्यम वे उद्यम हैं जिन पर सरकार तथा निजी क्षेत्र दोनों का सांझा स्वामित्व होता है। निजी उद्यम वे उद्यम हैं जिनके स्वामी निजी व्यक्ति होते हैं।

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प्रश्न 20.
भारत के कुटीर उद्योगों के पतन के मुख्य कारण कौन-से हैं?
उत्तर-

  1. आधुनिक उद्योगों के सस्ते तथा बढ़िया उत्पादन का मुकाबला करने में असमर्थता।
  2. उचित मात्रा में सस्ता वित्त न मिल पाना।

प्रश्न 21.
कुटीर उद्योगों के विकास के लिए क्या कुछ किया गया है?
उत्तर-

  1. खादी तथा ग्रामोद्योग कमीशन की स्थापना की गई है जो इन उद्योगों की विशिष्ट आवश्यकताओं की देखभाल करता है।
  2. इनकी बिक्री को प्रोत्साहन देने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है।

प्रश्न 22.
भारत में लघु तथा कुटीर उद्योगों के पक्ष में कोई एक तर्क दीजिए।
उत्तर-
ये उद्योग श्रम प्रधान होते हैं, इसलिए इनके विकास के फलस्वरूप रोज़गार बढ़ने की अधिक सम्भावना होती है।

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प्रश्न 23.
आधारभूत उद्योगों से क्या आशय है?
उत्तर-
आधारभूत उद्योग वे उद्योग हैं, जो कृषि तथा उद्योगों को आवश्यक इन्पुट्स प्रदान करते हैं। इनके उदाहरण हैं-स्टील, लोहा, कोयला, उर्वरक तथा बिजली।

प्रश्न 24.
पूंजीगत वस्तु उद्योगों से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
वे उद्योग जो कृषि तथा उद्योगों के लिए मशीनरी तथा यन्त्रों का उत्पादन करते हैं। इनमें मशीनें, मशीनी औज़ार, ट्रैक्टर, ट्रक आदि शामिल किए जाते हैं।

प्रश्न 25.
मध्यवर्ती वस्तु उद्योगों से क्या आशय है ?
उत्तर-
वे उद्योग जो उन वस्तुओं का उत्पादन करते हैं जिनका दूसरी वस्तुओं के उत्पादन के लिए प्रयोग किया जाता है। इनके उदाहरण हैं-टायर्स, मॉबिल ऑयल आदि।

प्रश्न 26.
उपभोक्ता वस्तु उद्योगों से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
उपभोक्ता वस्तु उद्योग वे उद्योग हैं जो उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन करते हैं। जैसे-चीनी, कपड़ा, कागज उद्योग आदि।

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प्रश्न 27.
भारत में बड़े उद्योगों के कोई चार नाम बताइए।
उत्तर-

  1. लोहा व इस्पात
  2. कपड़ा उद्योग
  3. जूट उद्योग
  4. सीमेंट उद्योग।

प्रश्न 28.
भारत में बड़े उद्योगों की चार समस्याएं लिखिए।
उत्तर-

  1. औद्योगिक अशान्ति
  2. प्रस्थापित क्षमता का अपूर्ण प्रयोग
  3. शक्ति एवं ईंधन साधनों की कमी
  4. संस्थागत वित्तीय सुविधाओं का अभाव।

प्रश्न 29.
कुटीर उद्योग की परिभाषा दें।
उत्तर-
कुटीर उद्योग वह उद्योग होता है जो एक परिवार के सदस्यों द्वारा एक ही छत के नीचे एक पूर्णकालीन या अंशकालीन व्यवसाय के रूप में चलाया जाता है।

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प्रश्न 30.
लघु उद्योग की परिभाषा दें।
उत्तर-
लघु उद्योग वह उद्योग है जिसमें तीन करोड़ की पूंजी का निवेश किया जा सकता है।

प्रश्न 31.
बड़े उद्योगों को परिभाषित करें।
उत्तर-
बड़े उद्योग वह उद्योग होते हैं जिनमें निवेश की मात्रा बहुत ज्यादा होती है।

प्रश्न 32.
संयुक्त क्षेत्र क्या होता है?
उत्तर-
संयुक्त क्षेत्र वह क्षेत्र होता है जिस पर सरकार तथा निजी लोगों का स्वामित्व होता है।

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प्रश्न 33.
औद्योगिक विकास क्या है?
उत्तर-
वर्तमान उद्योगों की कुशलता बढ़ाना, उनके उत्पादन में वृद्धि करना तथा नए, उद्योगों की स्थापना करना औद्योगिक विकास कहलाता है।

प्रश्न 34.
निजी क्षेत्र क्या है?
उत्तर-
निजी क्षेत्र वह क्षेत्र होता है जिस पर निजी लोगों का स्वामित्व होता है।

प्रश्न 35.
औद्योगिकीकरण से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
औद्योगिकीकरण से अभिप्राय देश की उत्पादन इकाई का सम्पूर्ण विकास करने से है।

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II. रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. ……….. मूलभूत उद्योग का उदाहरण है। (लोहा उद्योग/रासायनिक उद्योग)
  2. नई औद्योगिक नीति वर्ष ……….. में शुरू हुई। (1956/1991)
  3. ………. क्षेत्र वह होता है जिस पर निजी लोगों का स्वामित्व होता है। (निजी/सार्वजनिक)
  4. ………. क्षेत्र वह होता है जिस पर सरकार तथा निजी दोनों क्षेत्रों का स्वामित्व होता है। (संयुक्त/निजी)
  5. ………. उद्योग वह होता है जिस पर 3 करोड़ तक की पूंजी लगी होती है। (लघु कुटीर)
  6. ICICI की स्थापना ……….. में हुई। (1945/1955)

उत्तर-

  1. रासायनिक उद्योग,
  2. 1991,
  3. निजी,
  4. संयुक्त,
  5. लघु,
  6. 1955

III. बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
………… क्षेत्र वह होता है जिसका संचालन सरकार द्वारा किया जाता है।
(A) सार्वजनिक
(B) निजी
(C) संयुक्त
(D) इनमें कोई नहीं।
उत्तर-
(A) सार्वजनिक

प्रश्न 2.
………….. क्षेत्र वह होता है जिसका संचालन निजी लोगों द्वारा किया जाता है।
(A) सार्वजनिक
(B) निजी
(C) संयुक्त
(D) इनमें कोई नहीं।
उत्तर-
(B) निजी

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प्रश्न 3.
………. क्षेत्र वह होता है जिस पर सरकार तथा निजी दोनों क्षेत्रों का स्वामित्व होता है।
(A) सार्वजनिक
(B) निजी
(C) संयुक्त
(D) इनमें कोई नहीं।
उत्तर-
(C) संयुक्त

प्रश्न 4.
लघु उद्योगों में निवेश की सीमा क्या है?
(A) 2 करोड़
(B) 3 करोड़
(C) 4 करोड़
(D) 10 करोड़।
उत्तर-
(B) 3 करोड़

प्रश्न 5.
GDP में औद्योगिक क्षेत्र का योगदान कितना है?
(A) 14.8
(B) 27.9
(C) 29.6
(D) 26.1
उत्तर-
(D) 26.1

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प्रश्न 6.
नई औद्योगिक नीति कब लागू हुई?
(A) 1956
(B) 1971
(C) 1991
(D) 2003
उत्तर-
(C) 1991

प्रश्न 7.
लघु उद्योगों की एक समस्या बताइए।
(A) वित्त की समस्या
(B) उत्पादन की पुरानी तकनीक
(C) कच्चे माल की समस्या
(D) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(D) उपरोक्त सभी।

IV. सही/गलत

  1. नई औद्योगिक नीति 2001 में लागू हुई।
  2. निजी क्षेत्र का संचालन सरकार द्वारा किया जाता है।
  3. संयुक्त क्षेत्र में निजी व सार्वजनिक क्षेत्रों का सहअस्तित्व पाया जाता है।’
  4. ICICI की स्थापना 1955 में हुई।

उत्तर-

  1. गलत
  2. गलत
  3. सही
  4. सही।

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छोटे उत्तर वाले प्रश्न (Short Answer type Questions)

प्रश्न 1.
आर्थिक विकास के लिए औद्योगिकीकरण का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
आर्थिक विकास के निम्नलिखित कारणों से औद्योगिकीकरण का महत्त्व है —

  1. औद्योगिकीकरण से सन्तुलित आर्थिक विकास सम्भव होता है तथा आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त होता है।
  2. इससे अविकसित देशों में कुल राष्ट्रीय उत्पाद में तेजी से वृद्धि की जा सकती है।
  3. औद्योगिकीकरण के द्वारा अविकसित देशों में प्रति व्यक्ति उत्पादन एवं आय में भी वृद्धि की जा सकती है।
  4. औद्योगिकीकरण के फलस्वरूप अधिक रोजगार के अवसरों का सृजन किया जा सकता हैं।
  5. औद्योगिकीकरण के द्वारा अविकसित देशों में कृषि के क्षेत्र में पायी जाने वाली छिपी हुई, बेरोजगारी एवं अर्द्ध-बेरोज़गारी की समस्या का समाधान किया जा सकता है।
  6. औद्योगिकीकरण के फलस्वरूप अर्थ-व्यवस्था में विविधता आती है।

प्रश्न 2.
भारतीय अर्थ-व्यवस्था में किन तीन अर्थों में सन्तुलित औद्योगिक ढांचे की आवश्यकता है?
उत्तर-
भारतीय अर्थ-व्यवस्था को तीव्र औद्योगिकीकरण की आवश्यकता है, किन्तु इसे कम-से-कम तीन अर्थों में सन्तुलित औद्योगिक ढांचे की आवश्यकता है —

  1. तीव्र विकास के लिए विभिन्न उद्योगों का चुनाव इस प्रकार किया जाए जिससे कुल मिलाकर रोजगार अवसरों में भी तेजी से वृद्धि हो।
  2. इस प्रकार से चुने गए विभिन्न उद्योगों का देश के विभिन्न प्रदेशों में उचित प्रकार से वितरण हो अर्थात् एक ऐसी औद्योगिक नीति हो जो विशेष रूप से विकास के लिए पिछड़े प्रदेशों के पक्ष में हो।
  3. देश के छोटे से ही वर्ग की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विलासितापूर्ण वस्तुओं का उत्पादन करने वाले उद्योगों की तुलना में सामाजिक प्राथमिकता वाली वस्तुओं (उदाहरण के लिए “मजदूरी वस्तुएं” जिनका मजदूरों द्वारा प्रयोग किया जाता है) का उत्पादन करने वाले उद्योगों का चुनाव हो।

प्रश्न 3.
औद्योगिकीकरण से क्या अभिप्राय है? इसकी विशेषताएं बताइए।
उत्तर-
औद्योगिकीकरण-औद्योगिकीकरण से आशय राष्ट्र के सर्वांगीण औद्योगिक विकास से है। संकुचित अर्थ में औद्योगिकीकरण से आशय निर्माण उद्योगों की स्थापना से है जबकि विस्तृत अर्थ में औद्योगिकीकरण के अन्तर्गत किसी देश की सम्पूर्ण अर्थ-व्यवस्था को परिवर्तित करने की प्रक्रिया को शामिल किया जाता है।
औद्योगिकीकरण की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं —

  1. औद्योगिकीकरण आर्थिक विकास का पर्यायवाची है।
  2. इसमें पूंजी का गहन एवं व्यापक रूप में प्रयोग किया जाता है।
  3. इसका उद्देश्य अर्थ-व्यवस्था की संरचना में आमूल-चूल परिवर्तन करना होता है।
  4. इसमें सभी क्षेत्रों का सामयिक एवं तीव्र विकास होता है।
  5. नए बाजारों की खोज की जाती है तथा नए क्षेत्रों का विदोहन किया जाता है।

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प्रश्न 4.
लघु तथा कुटीर उद्योगों के विकास के उपाय लिखिए।
उत्तर-

  1. कच्चे माल की व्यवस्था करनी होगी,
  2. पूंजी की व्यवस्था करनी होगी,
  3. उत्पादन की विधि में सुधार की आवश्यकता,
  4. शिक्षा का प्रसार,
  5. बाजार की व्यवस्था करनी होगी,
  6. निर्मित वस्तुओं का प्रचार होना चाहिए,
  7. बड़े उद्योगों की प्रतियोगिता से इसे सुरक्षा प्रदान करनी होगी।

प्रश्न 5.
कुटीर तथा लघु उद्योगों का नैतिक एवं सामाजिक महत्त्व क्या है?
उत्तर-
बड़े पैमाने के उद्योगों में श्रमिक अपना व्यक्तित्व खो देता है। वह स्वयं मशीन का एक भाग बन जाता है। उसकी व्यक्तिगत स्वतन्त्रता का अन्त हो जाता है। लेकिन कुटीर एवं लघु उद्योग के अन्तर्गत श्रमिक बहुधा उद्योग का मालिक होता है, इससे उसमें आत्म-गौरव की भावना जागती है। साथ ही, बड़े उद्योगों में शोषण की प्रवृत्ति होती है, उससे उसे मुक्ति मिल जाती है। इस प्रकार, कुटीर उद्योगों का सामाजिक एवं नैतिक दृष्टि से भी महत्त्व है। इसके द्वारा ही शोषण रहित समाज की स्थापना हो जाती है।

प्रश्न 6.
कुटीर व लघु उद्योगों के विकास के लिए सुझाव दीजिए।
उत्तर-

  1. इन उद्योगों की उत्पादन तकनीक में सुधार किया जाना चाहिए।
  2. लघु उद्योगों की स्थापना के लिए पर्याप्त सलाहकार सेवाओं की व्यवस्था होनी चाहिए।
  3. लघु उद्योग सहकारी समितियों का अधिक-से-अधिक विकास किया जाना चाहिए।
  4. विशाल एवं लघु उद्योगों में समन्वय स्थापित किया जाना चाहिए। कुटीर व लघु उद्योगों की उत्पादकता तथा उत्पादन क्षमता बढ़ाने तथा उत्पादों की किस्म सुधारने के लिए अनुसन्धान कार्यक्रमों की व्यवस्था की जानी चाहिए।
  5. लघु उद्योग प्रदर्शनियों का अधिकाधिक आयोजन किया जाना चाहिए।

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प्रश्न 7.
भारत में (अ) छोटे पैमाने के उद्योगों एवं (ब) बड़े पैमाने के उद्योगों को विकसित करने के लिए क्या कदम उठाये गए हैं?
उत्तर-
(अ) छोटे पैमाने के उद्योगों को विकसित करने के लिए उठाए गए कदम

  1. कई वस्तुओं के उत्पादन को विशेष रूप से लघु पैमाने की इकाइयों के लिए ही सुरक्षित कर दिया गया है। इस सुरक्षित सूची में आयी वस्तुओं के उत्पादन के लिए बड़े उद्योगों को नये लाइसेंस नहीं दिए गए हैं।
  2. सरकारी संस्थाओं की क्रय नीति में बड़े पैमाने के उद्योगों की वस्तुओं की तुलना में छोटे पैमाने की बस्तुओं को प्राथमिकता दी गयी है।

(ब) बड़े पैमाने के उद्योगों को प्रोत्साहन करने के लिए उठाए गए कदम
(क) जुलाई, 1991 से बड़े पैमाने के उद्योगों के क्षेत्र में उदारीकरण की नीति को अपनाया गया है, जिसके तीन उद्देश्य हैं —

  1. उद्योगों को प्रौद्योगिकी के सुधार के लिए प्रोत्साहन दिया गया है। जहां कहीं सम्भव हो वहां आधुनिक औद्योगिक टेक्नोलॉजी को अपनाने के लिए कई प्रकार की राजकोषीय और वित्तीय प्रेरणाएं दी गई हैं।
  2. उद्योगों को लागत-कुशलता प्राप्त करने के लिए सब प्रकार की सहायता दी गयी है। जो नियम कार्य-कुशलता में बाधक हैं और जिसके परिणामस्वरूप उद्योग की लागत को बढ़ाने की प्रवृत्ति रखते हैं, उन्हें बदला अथवा हटाया गया है।

प्रश्न 8.
भारत में कुटीर उद्योगों की समस्याएं बताइए।
उत्तर-
भारत में कुटीर उद्योगों की समस्याएं निम्नलिखित हैं —

  1. इन उद्योगों में प्राय: कच्चे माल तथा शक्ति सम्बन्धी साधनों जैसे कोयला, बिजली आदि की कमी पाई जाती है।
  2. इन उद्योगों को ऋण भी उचित मात्रा में नहीं मिल पाता। इसलिए उन्हें अधिकतर साहूकारों पर निर्भर रहना पड़ता है।
  3. इनके उत्पादन के तरीके पुराने होते हैं जिससे उत्पादन कम रहता है।
  4. इन्हें कच्चा माल महंगा मिलता है जिससे इनके उत्पादन की लागत ऊँची आती है।

प्रश्न 9.
सन् 1956 की औद्योगिक नीति की मुख्य विशेषताएं बताइए।
उत्तर-
सन् 1956 की औद्योगिक नीति की विशेषताएं निम्न हैं —

  1. इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के पहले वर्ग में 17 उद्योग सम्मिलित किए गए। इन उद्योगों पर मुख्य रूप से केवल राज्य को एकाधिकार प्राप्त हो।
  2. दूसरे वर्ग में 12 उद्योग शामिल हैं। इन उद्योगों का स्वामित्व अधिकतर सरकार के हाथों में रहेगा तथा नई इकाइयों में लगाने में सामान्यतः सरकार पहल करेगी।
  3. तीसरे वर्ग में वह सभी उद्योग जो पहले वर्ग और दूसरे वर्ग में दिए गए हैं, को छोड़कर बाकी सभी उद्योग निजी क्षेत्र को सौंप दिए गए।
  4. कुटीर तथा लघु उद्योगों को पर्याप्त महत्त्व दिया गया।

PSEB 10th Class SST Solutions Economics Chapter 4 भारत में औद्योगिक विकास

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
भारत में लघु एवं कुटीर उद्योगों के क्या महत्त्व हैं?
उत्तर-
लघु एवं कुटीर उद्योग (Small Scale and Cottage Industries) भारतीय अर्थव्यवस्था में लघु एवं कुटीर उद्योगों का अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान है।
लघु एवं कुटीर उद्योगों का महत्त्व (Importance of Cottage and Small Scale Industries) इस उद्योग के निम्न महत्त्व हैं —

  1. रोजगार (Employment) — कुटीर तथा लघु उद्योग श्रम प्रधान उद्योग है अर्थात् इन उद्योगों में कम पूंजी का निवेश करके अधिक व्यक्तियों को रोजगार दिया जा सकता है।
  2. धन का समान वितरण (Equal Distribution of Wealth) — इन उद्योगों के कारण आय व धन का वितरण अधिक समान होता है। इसका कारण यह है कि इन उद्योगों में पूंजी कुछ लोगों के पास ही केंद्रित नहीं होती वह थोडीथोड़ी मात्रा में बंटी होती है। इसलिए इन उद्योगों से जो आय प्राप्त होती है उसका लाभ अधिक लोगों को मिलता है।
  3. विकेंद्रीकरण (Decentralisation) — कुटीर व लघु उद्योग सारे देश में गांवों व कस्बों में फैले होते हैं। युद्ध के दिनों में इनके नष्ट होने का डर भी नहीं रहता। इसके फलस्वरूप शहरीकरण के दोषों जैसे शहरों में मकानों की कमी, कीमतों का अधिक होना, स्त्रियों तथा बच्चों का शोषण आदि से बचाव हो सकेगा। इसके फलस्वरूप प्रादेशिक असमानता कम होगी।
  4. कृषि पर जनसंख्या का कम दबाव (Less Pressure an Agriculture) — एक कृषि प्रधान देश होने के कारण भारत में कुटीर उद्योगों का बहुत महत्त्व है। प्रतिवर्ष 30 लाख व्यक्ति खेती पर आश्रित होने के लिए बढ़ जाते हैं। इसलिए यह जरूरी हो गया है कि भूमि पर बढ़ते हुए भार को कम किया जाए। ऐसा तभी हो सकता है जब लोग कुटीर उद्योग-धंधों की स्थापना करे और उनमें कार्य करने लगे।
  5. कम पूंजी की आवश्यकता (Needs of Less Capital) — कुटीर एवं लघु उद्योग कम पूंजी से आरंभ किए . जा सकते हैं। भारत जैसे देश में अधिकतर इस उद्योग पर ही ज़ोर देना चाहिए क्योंकि साधारणतया कम पूंजी के स्वामी छोटे उद्योगों की स्थापना कर सकते हैं।
  6. उत्पादन में शीघ्र वृद्धि (Immediate Increase in Production) — लघु उद्योगों का उत्पादन निवेश अंतराल बड़े उद्योगों की अवधि की तुलना में कम होता है। इसका अभिप्राय यह है कि इन उद्योगों में निवेश करने के तुरंत बाद ही उत्पादन आरंभ हो जाता है। देश की कुल औद्योगिक उत्पादन का 40 प्रतिशत भाग लधु एवं कुटीर उद्योगों द्वारा उत्पादित किया जाता है।

प्रश्न 2.
नई औद्योगिक नीति की मुख्य विशेषताओं को बताइए।
उत्तर-
नई औद्योगिक नीति की विशेषताएं निम्नलिखित हैं —

  1. सार्वजनिक क्षेत्र का संकुचन (Contraction of Public Sector) — नई नीति के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के लिए सुरक्षित 17 उद्योगों में से अब केवल 6 उद्योग सार्वजनिक क्षेत्र के लिए सुरक्षित रहेंगे। बाकी उद्योग निजी क्षेत्र के लिए खोल दिए जाएंगे। यह छ: उद्योग
    1. सैनिक सामग्री
    2. परमाणु ऊर्जा
    3. कोयला
    4. खनिज तेल
    5. परमाणु ऊर्जा उत्पादन एवं उपयोग का नियंत्रण
    6. रेल यातायात।
  2. सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण (Privatisation of Public Sector) — सार्वजनिक क्षेत्र के गाटे वाले कारखानों को या तो बंद कर दिया जाएगा या निजी क्षेत्र को सौंप दिया जाएगा। बाकी उद्यमों के 20 प्रतिशत तक के शेयर सरकारी वित्तीय संस्थाओं को बेचे गए हैं।
  3. औद्योगिक लाइसेंस नीति (Industrial Licensing Policy) — नई नीति के अनुसार 14 उद्योगों को छोड़कर शेष पर से लाइसेंस प्रणाली समाप्त कर दी गई।
  4. विदेशी पूंजी (Foreign Capital) — नई नीति के अनुसार विदेशी पूंजी निवेश की सीमा 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 51 प्रतिशत कर दी गई है।
  5. एकाधिकार कानून से छूट (Concession from MRTP Act) — एकाधिकार कानून के अंतर्गत आने वाली कंपनियों को भारी छूट दी गई है।

PSEB 10th Class SST Solutions Economics Chapter 4 भारत में औद्योगिक विकास

भारत में औद्योगिक विकास PSEB 10th Class Economics Notes

  • तीव्र औद्योगिकीकरण के कारण-संतुलित अर्थव्यवस्था की स्थापना, रोज़गार में वृद्धि, राष्ट्रीय आय में वृद्धि, भूमि पर जनसंख्या का कम दबाव, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आत्म स्फूर्ति तथा सामाजिक लाभदायक वस्तुओं के उत्पादन हेतु तीव्र औद्योगिकीकरण की आवश्यकता है।
  • वर्तमान औद्योगिक ढांचा-वर्तमान औद्योगिक ढांचे में सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र व संयुक्त क्षेत्र आते हैं। ‘ इसके अतिरिक्त गैर-औद्योगिक विनिर्माण इकाइयां तथा औद्योगिक विनिर्माण इकाइयां शामिल होती हैं।
  • सार्वजनिक क्षेत्र सार्वजनिक क्षेत्र.वह क्षेत्र है जिस पर सरकार का स्वामित्व होता है तथा सार्वजनिक कल्याण जिसका उद्देश्य होता है।।
  • निजी क्षेत्र-निजी क्षेत्र वह क्षेत्र होता है जिस पर निजी लोगों का स्वामित्व होता है तथा जिसका प्रमुख उद्देश्य लाभ कमाना होता है।
  • संयुक्त क्षेत्र-संयुक्त क्षेत्र वह क्षेत्र होता है जिस पर सरकार तथा निजी लोगों का स्वामित्व होता है।
  • गैर-औद्योगिक विनिर्माण इकाइयां-इसमें कुटीर तथा लघु उद्योग शामिल होते हैं।
  • औद्योगिक विनिर्माण इकाइयां-इसमें FERA कम्पनीज़ तथा MRTP कम्पनीज़ आती हैं।
  • FERA कम्पनीज़-ये कम्पनियां बड़े पैमाने पर उत्पादन करती हैं तथा विदेशी विनिमय का अधिक मात्रा में प्रयोग करती हैं।
  • MRTP कम्पनीज़-ये कम्पनियां एकाधिकार व्यापार प्रतिबंधात्मक व्यवहार नियम (MRTP Act) के अन्तर्गत कार्य करती हैं तथा इनका उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है।
  • कुटीर उद्योग-कुटीर उद्योग वह उद्योग होता है जो एक परिवार के सदस्यों द्वारा एक ही छत के नीचे एक पूर्णकालीन या अंशकालीन व्यवसाय के रूप में चलाया जाता है।
  • लघु उद्योग-लघु उद्योग वे उद्योग होते हैं जिनमें 3 करोड़ तक बंधी पूंजी का निवेश हुआ हो।
  • लाइसेंस-लाइसेंस एक लिखित अनुमति है जो सरकार द्वारा किसी उद्यम को किसी विशेष वस्तु का उत्पादन करने के लिये दिया जाता है।

PSEB 10th Class Agriculture Solutions Chapter 6 वन्य खेती

Punjab State Board PSEB 10th Class Agriculture Book Solutions Chapter 6 वन्य खेती Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Agriculture Chapter 6 वन्य खेती

PSEB 10th Class Agriculture Guide वन्य खेती Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के एक-दो शब्दों में उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1.
पंजाब में राष्ट्रीय वन्य नीति 1988 के अनुसार कितने प्रतिशत क्षेत्रफल वनों के अन्तर्गत होना चाहिए ?
उत्तर-
20%.

प्रश्न 2.
पंजाब में वन और वृक्षों के अन्तर्गत कितने प्रतिशत क्षेत्रफल है ?
उत्तर-
6.49%.

प्रश्न 3.
पंजाब को जलवायु के आधार पर कितने क्षेत्रों में बांटा गया है ?
उत्तर-
तीन।

प्रश्न 4.
तटीय क्षेत्र में कौन से मौसम में चारे की कमी पाई जाती है ?
उत्तर-
सर्दी में।

प्रश्न 5.
पॉप्लर के वृक्ष खेत की सीमा पर कितने अन्तर पर लगाए जाते हैं ?
उत्तर-
3 मीटर।

PSEB 10th Class Agriculture Solutions Chapter 6 वन्य खेती

प्रश्न 6.
तटीय क्षेत्र में ज़मीनें कैसी होनी चाहिए?
उत्तर-
भूमि ऊँची-नीची।

प्रश्न 7.
तटीय क्षेत्र में चारे के लिए प्रयुक्त होने वाले दो वृक्षों के नाम लिखिए।
उत्तर-
ढाक, बेरी, सुबाबुल, कचनार आदि।

प्रश्न 8.
पॉप्लर की खेती के लिए जमीन की पी० एच० कितनी होनी चाहिए ?
उत्तर-
6.5 से 8.0 तक।

प्रश्न 9.
पंजाब के दक्षिणी-पश्चिमी क्षेत्र में धरती के नीचे का पानी कैसा है ?
उत्तर-
खारा पानी।

प्रश्न 10.
सारे खेत में पॉप्लर के कितने वृक्ष प्रति एकड़ लगते हैं ?
उत्तर-
200 वृक्ष प्रति एकड़।

PSEB 10th Class Agriculture Solutions Chapter 6 वन्य खेती

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के एक -दो वाक्यों में उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1.
पंजाब में पॉप्लर खेतों में कौन-से महीनों में लगाया जाता है ?
उत्तर-
पंजाब में पॉप्लर लगने का उचित समय जनवरी/फरवरी का महीना है।

प्रश्न 2.
वन्य खेती की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
वन्य खेती में एक ही खेत में वृक्ष तथा फसलों को एक साथ उगाया जाता है।

प्रश्न 3.
केन्द्रीय मैदानी क्षेत्रों में भूमि तथा सिंचाई सुविधाएं कैसी होनी चाहिए तथा किसानों द्वारा कौन-सा फसली चक्र अपनाया जाता है ?
उत्तर-
यहां की भूमि रेतीली भल्ल से चिकनी है। सिंचाई सुविधाएं ठीक हैं तथा फसली चक्र धान-गेहूँ है।

प्रश्न 4.
दक्षिणी-पश्चिमी क्षेत्र में कौन-कौन से वृक्ष पाए जाते हैं ?
उत्तर-
कीकर, शीशम (टाहली), आम, डेक, नीम, जामुन, शहतूत आदि।

प्रश्न 5.
सफेदे के पौधे लगाने की विधि तथा पौधे से पौधे के बीच का अन्तर लिखें।
उत्तर-
कलमों से तैयार किए पौधे लगाने चाहिए। सफेदा खेत के किनारों पर या सारे खेत में लगाया जा सकता है। किनारे पर वृक्षों का आपसी फासला 2 मीटर तथा सारे खेत में 4 × 2 मीटर के फासले पर वृक्ष लगाने चाहिए।

प्रश्न 6.
पॉप्लर की उन्नत किस्मों के नाम लिखिए।
उत्तर-
PL-1, PL-2, PL-3, PL-4, PL-5, L-47/88, L-48/89 पॉप्लर की कुछ उन्नत किस्में हैं।

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प्रश्न 7.
सफेदे के पौधे खेतों में कौन-कौन से महीनों में लगाए जाते हैं ?
उत्तर-
सफेदे के पौधे मार्च-अप्रैल या जुलाई-अगस्त में लगाए जाते हैं।

प्रश्न 8.
पॉप्लर की लकड़ी का प्रयोग कौन-कौन से उद्योगों में होता है ?
उत्तर-
पॉप्लर की लकड़ी का प्रयोग दियासिलाई उद्योग, प्लाई, पैकिंग वाले डिब्बे बनाने में होता है।

प्रश्न 9.
सफेदे के पौधे लगाने के लिए अन्तर लिखिए।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के पांच – छः वाक्यों में उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1.
वन्य खेती की व्याख्या करें।
उत्तर-
राष्ट्रीय वन नीति 1988 के अनुसार लकड़ी की आवश्यकता की पूर्ति तथा वातावरण को अनुकूल रखने के लिए लगभग 20% क्षेत्र जंगलों के अधीन आना चाहिए। परन्तु जंगलों के अधीन और क्षेत्रफल लाने की संभावना कम होने के कारण वन्य कृषि द्वारा यह कार्य किया जा सकता है।

वन्य कृषि से भाव है कि एक ही खेत में वृक्ष तथा फ़सलें एक साथ उगाए जाते हैं। इस खेती का उद्देश्य यह है कि किसान अपनी आवश्यकताएं भी पूरी कर लें, जैसे अनाज, लकड़, ईंधन, चारा तथा प्राकृतिक स्रोतों की भी संभाल हो जाए, जैसे- भूमि पानी तथा हवा आदि। इस ढंग से किसान की आय में भी वृद्धि होती है।

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प्रश्न 2.
पॉप्लर की खेती के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा कौन-कौन सी किस्मों की सिफ़ारिश की जाती है तथा कितने-कितने अन्तर पर वृक्ष लगाने चाहिए ?
उत्तर-
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा पॉप्लर की PL-1, PL-2, PL-3, PL-4, PL-5, PL-6, PL-7, L-47/88 तथा L-48/89 किस्मों की सिफ़ारिश भी की जाती है। पॉप्लर को यदि किनारों पर बोना हो तो फासला वृक्ष से वृक्ष 3 मीटर तथा यदि सारे खेत में बोना हो तो 8 x 2.5 मी० या 5 x 4 मी० भी रखना चाहिए।
सारे खेत में 200 के लगभग वृक्ष प्रति एकड़ लगाए जा सकते हैं।

प्रश्न 3.
कलमों से तैयार किए सफेदे के पौधे कहां से मिल सकते हैं ?
उत्तर-
वन्य कृषि में सफेदे की कलमों से तैयार किए पौधे लगाने चाहिए, यह सभी एक जैसे बढ़ते हैं। सफेदे के पौधे किसी भी जंगलात विभाग की नर्सरी या प्राइवेट रजिस्टर्ड नर्सरी से प्राप्त किए जा सकते हैं।

प्रश्न 4.
पॉप्लर के पौधे लगाने के लिए विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
पॉप्लर के पौधे लगाने के लिए 3 फुट गहरा तथा 15-20 सैं० मी० व्यास वाला गड्ढा खोदना चाहिए। पौधों को दीमक तथा रोगों से बचाने के लिए क्लोरोपाईरीफास तथा एमीसान-6 का प्रयोग किया जाता है। पॉप्लर के पौधों को जनवरी-फरवरी के माह में लगाना ठीक. रहता है। गड्ढे में पौधे लगाने के तुरन्त बाद पानी लगा देना चाहिए। यदि पॉप्लर को खेत के किनारे पर लगाना हो तो पौधों में आपसी फासला 3 मी० होना चाहिए तथा यदि सारे खेत में लगाना हो तो 8 x 2.5 मी० या 5 x 4 मी० फासला रखना चाहिए। इस प्रकार खेत में लगभग 200 पौधे प्रति एकड़ अधिक लगाए जाते हैं।

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प्रश्न 5.
पॉप्लर की लकड़ी का प्रयोग कहां-कहां किया जाता है ?
उत्तर-
पॉप्लर की कृषि छोटे स्तर पर लकड़ी उद्योग तथा रोजगार पैदा करने के समर्थ है। पॉप्लर की लकड़ी कई उद्योगों में प्रयोग होती है। जैसे इससे दियासिलाइयां बनती हैं, प्लाई बनती है तथा पैकिंग के लिए डिब्बे बनते हैं। इस तरह पॉप्लर की कृषि करके लाभ लिया जा सकता है। सर्दियों में इसके पत्ते झड़ जाते हैं। इसलिए आषाढ़ी की फसलों को भी हानि नहीं होती।

Agriculture Guide for Class 10 PSEB वन्य खेती Important Questions and Answers

वस्तनिष्ठ प्रश्न

I. बहु-विकल्पीय प्रश्न-

प्रश्न 1.
राष्ट्रीय वन्य नीति 1988 के अनुसार लगभग कितना क्षेत्रफल वनों के अंतर्गत होना चाहिए ?
(क) 5%
(ख) 20%
(ग) 50%
(घ) 29%
उत्तर-
(ख) 20%

प्रश्न 2.
केन्द्रीय मैदानी क्षेत्रों में ………….. वृक्ष लगाए जाते हैं।
(क) पॉप्लर
(ख) सफेदा
(ग) डेक
(घ) सभी।
उत्तर-
(घ) सभी।

प्रश्न 3.
पॉप्लर की किस्म नहीं है-
(क) PL-5
(ख) PL-47/88
(ग) PL-858
(घ) PL-48/89.
उत्तर-
(ग) PL-858

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प्रश्न 4.
पॉप्लर के वृक्ष ………. वर्षों में तैयार हो जाते हैं.
(क) 5 से 7
(ख) 1 से 2
(ग) 10 से 12
(घ) 15 से 25.
उत्तर-
(क) 5 से 7

प्रश्न 5.
पॉप्लर की कृषि के लिए भूमि की पी० एच० कितनी होनी चाहिए?
(क) 10
(ख) 6.5 से 8.0
(ग) 3 से 4
(घ) 4 से 5.5
उत्तर-
(ख) 6.5 से 8.0

प्रश्न 6.
वन कृषि में खेत की मेढ़ों पर वृक्षों को किस दिशा में लगाना चाहिए?
(क) उत्तर-दक्षिण
(ख) पूर्व-पश्चिम
(ग) दक्षिण-पूर्व
(घ) उत्तर-पूर्व।
उत्तर-
(क) उत्तर-दक्षिण

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प्रश्न 7.
कागज़ की लुगदी (पेपर पल्प) तैयार करने के लिए सफेदे को कितने वर्षों के बाद काटा जाता है ?
(क) 13 से 15 साल
(ख) 6 से 8 साल
(ग) 4 से 6 साल
(घ) 2 से 4 साल।
उत्तर-
(ख) 6 से 8 साल

प्रश्न 8.
तख्तियां (बल्लियां) बनाने के लिए सफेदे को कितने वर्षों के बाद काटा जाता है ?
(क) 13 से 15 साल
(ख) 6 से 8 साल
(ग) 4 से 6 साल
(घ) 2 से 4 साल।
उत्तर-
(ग) 4 से 6 साल

प्रश्न 9.
इमारती लकड़ी पैदा करने के लिए सफेदे को कितने वर्षों के बाद काटा जाता है ?
(क) 13 से 15 साल
(ख) 6 से 8 साल
(ग) 4 से 6 साल
(घ) 2 से 4 साल।
उत्तर-
(क) 13 से 15 साल

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II. ठीक/गलत बताएँ-

1. पॉप्लर, वेट क्षेत्र में सफल है।
2. पॉप्लर के वृक्ष 5 से 7 वर्षों में तैयार हो जाते हैं।
3. जैटरोफा को बागों को बचाने के लिए लगाया जाता है।
4. कल्लर तथा सेम वाली भूमि पॉप्लर के लिए ठीक है।
5. सफेदे को कलमों से तैयार पौधे लगाने चाहिए।
उत्तर-

  1. ठीक
  2. ठीक
  3. ठीक
  4. गलत
  5. ठीक।

III. रिक्त स्थान भरें-

1. पॉप्लर की लकड़ी का प्रयोग …………… बनाने में होता है।
2. पॉप्लर के वृक्ष किनारों पर …………… के अंतर पर लगाए जाते हैं।
3. कंडी क्षेत्र में ………… क्षरण की समस्या है।
4. PL-3 …………… की किस्म है।
5. कंडी क्षेत्र में सर्दियों के मौसम में ………….. की कमी हो जाती है।
उत्तर-

  1. माचिस की तीलियां
  2. 3 मीटर
  3. भूमि
  4. पॉप्लर
  5. चारे।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पंजाब में वन कृषि एक उचित कृषि प्रबंध क्यों है ?
उत्तर-
क्योंकि वन्य कृषि के अधीन और क्षेत्रफल लाने की संभावना नहीं है।

प्रश्न 2.
क्या वन्य कृषि से भी कमाई होती है ?
उत्तर-
पारंपरिक कृषि से अधिक।

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प्रश्न 3.
खेतों के किनारों पर वृक्षों को कौन-सी दिशा में लगाना चाहिए ?
उत्तर-
उत्तर-दक्षिण दिशा वाले किनारों पर।

प्रश्न 4.
जलवायु के आधार पर पंजाब को कितने क्षेत्रों में बांटा जा सकता है ?
उत्तर-
तीन क्षेत्रों में।

प्रश्न 5.
तटीय क्षेत्र में किसान किस पर आधारित कृषि करते हैं ?
उत्तर-
वर्षा पर आधारित।

प्रश्न 6.
बागों को बचाने के लिए कौन-से वृक्ष लगाए जाते हैं ?
उत्तर-
जटरोफा, करौंदा, इपोमिया।

प्रश्न 7.
दक्षिणी-पश्चिमी जोन (क्षेत्र) की मिट्टी की ऊपर वाली सतह कैसी है ?
उत्तर-
खारेपन वाली।

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प्रश्न 8.
पॉप्लर आषाढ़ी की फसलों को कम हानि पहुंचाता है, कैसे ?
उत्तर-
इसके पत्ते सर्दियों में झड़ जाते हैं।

प्रश्न 9.
कैसी भूमि पॉप्लर के लिए ठीक नहीं ?
उत्तर-
कल्लर तथा सेम वाली।

प्रश्न 10.
पॉप्लर कौन-से क्षेत्रों में बहुत सफल है ?
उत्तर-
बेट के।

प्रश्न 11.
सारे खेत में पॉप्लर के कितने वृक्ष लगाए जाते हैं ?
उत्तर-
200 वृक्ष प्रति एकड़।

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प्रश्न 12.
पॉप्लर के वृक्ष कितने वर्षों में तैयार हो जाते हैं ?
उत्तर-
5 से 7 वर्षों में।

प्रश्न 13.
सफेदे के कैसे पौधे लगाने चाहिए ?
उत्तर-
कलमों से तैयार।

प्रश्न 14.
सारे खेत में सफेदे के कितने वृक्ष लगाए जाते हैं ?
उत्तर-
500 वृक्ष प्रति एकड़।

प्रश्न 15.
यदि लम्बे समय तक सफेदे की कृषि करनी हो तो पंक्तियों में कितना फासला होना चाहिए ?
उत्तर-8
मी०।

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प्रश्न 16.
सफेदे से इमारती लकड़ी लेनी हो तो कितने वर्ष का समय लगता है ?
उत्तर-
13 से 15 वर्ष।

प्रश्न 17.
सफेदा, पेपर पल्प के लिए कितने वर्षों में तैयार हो जाता है ?
उत्तर-
6 से 8 वर्ष।

प्रश्न 18.
सफेदे से बल्लियां बनाने के लिए कितने वर्ष बाद काटा जा सकता है ?
उत्तर-
4 से 6 वर्ष।

प्रश्न 19.
पंजाब में व्यावसायिक वन कृषि के लिए मुख्य रूप से कौन से दो वृक्षों की खेती की जाती है ?
उत्तर-
पॉप्लर, सफेदा।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वन्य कृषि के कौन-कौन से मॉडल हैं ?
उत्तर-
वन्य कृषि के मुख्य दो मॉडल हैं-खेतों में किनारों पर वृक्ष लगाना, वृक्ष तथा फसलों को मिलाकर कृषि करना।

प्रश्न 2.
किनारों पर वृक्ष लगाने वाले मॉडल में किसान वृक्ष कहां लगाता है ?
उत्तर-
इस विधि में किसान वृक्षों को किनारों पर या खालों में एक या दो पंक्तियों में लगाता है।

प्रश्न 3.
खेत के किनारों पर कौन-से वृक्ष लगाए जा सकते हैं ?
उत्तर-
सुवाल, डेक, शहतूत, सफेदा, पॉप्लर, सरींह, लसूड़ा, सुहांजना, शीशम आदि।

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प्रश्न 4.
वृक्ष तथा फसलों की एक साथ कृषि कौन-से किसान करते हैं ?
उत्तर-
ऐसी कृषि अधिक भूमि वाले किसान करते हैं।

प्रश्न 5.
सारे खेत में लगाने के लिए कौन-से वृक्ष बेहतर हैं ?
उत्तर-
सारे खेत में लगाने के लिए पॉप्लर, सफेदा, डेक तथा शहतूत अच्छे वृक्ष हैं।

प्रश्न 6.
भूमि कटाव की समस्या कौन-से जोन में है ?
उत्तर-
तटीय क्षेत्र में भूमि ऊँची-नीची होने के कारण भूमि कटाव की समस्या बहुत है।

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प्रश्न 7.
पॉप्लर के लिए कैसी भूमि ठीक है ?
उत्तर-
अच्छे जल निकास वाली, मैरा से रेतली मैरा उपजाऊ भूमि तथा जिसकी पी० एच० 6.5 से 8.0 तक हो पॉप्लर के लिए उचित है।

प्रश्न 8.
पॉप्लर के पौधे लगाने के लिए फासला लिखें।
उत्तर-
पॉप्लर को यदि किनारों पर लगाया जाए तो फासला वृक्ष से वृक्ष 3 मीटर तथा यदि सारे खेतों में लगाया जाए तो 8 × 2.5 मी० या 5 × 4 मी० रखना चाहिए।

प्रश्न 9.
तटीय क्षेत्र में कौन-कौन से वृक्ष लगाए जाते हैं ?
उत्तर-
शहतूत, नीम, शीशम, कीकर, बिल्व, कचनार, आम, सुवाबुल, अर्जन, हरड़, बहेड़ा, फलाही, ढाक, डेक, सुआंजना आदि वृक्ष लगाए जाते हैं।

प्रश्न 10.
सफेदे की लकड़ी का उपयोग कहां-कहां किया जाता है ?
उत्तर-
इसकी लकड़ी से इमारती लकड़ी, पेपर पल्प तथा बलियाँ आदि प्राप्त होती हैं।

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प्रश्न 11.
संपूर्ण खेत में वन कृषि करने के लगाए जाने वाले चार वृक्षों के नाम लिखो।
उत्तर-
पॉप्लर, सफेदा, डेक, सुहांजना।

प्रश्न 12.
पंजाब में व्यापारिक वन्य कृषि के लिए मुख्य रूप से कौन-से दो वृक्षों की कृषि की जाती है ?
उत्तर-
पाप्लर, सफेदा।

प्रश्न 13.
दक्षिण-पश्चिमी अंचल (जोन) में मिट्टी की ऊपरी सतह में खारापन क्यों पाया जाता है ?
उत्तर-
इस ज़ोन में धरती के नीचे पानी खारा है जिस कारण मिट्टी की ऊपरी सतह में खारापन आ जाता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पॉप्लर की कांट-छांट बारे बताओ।
अथवा
पॉप्लर के वृक्षों की सही समय और सही कांट-छांट करने से क्या लाभ होता है ?
उत्तर-
पॉप्लर को पहले वर्ष कांट-छांट की आवश्यकता नहीं होती परन्तु दूसरे वर्ष पत्ते झड़ने के बाद कांट-छांट कर देनी चाहिए। समय-समय पर कांट-छांट के कारण मुख्य तना सीधा तथा गांठों रहित रहता है।

PSEB 10th Class Agriculture Solutions Chapter 6 वन्य खेती

प्रश्न 2.
सफेदे के किन गुणों के कारण इसकी वन कृषि में कृषि हो रही है ?
उत्तर-
सफेदे की तेज़ वृद्धि, सीधा तना, स्वयं टहनियों का टूटना तथा इसकी लकडी का प्रयोग इमारती लकड़ी, पेपर पल्प, बल्लियां आदि प्राप्त करने में होता है। इसकी कृषि वन्य कृषि में की जाती है।

प्रश्न 3.
पंजाब में व्यावसायिक वन कृषि के लिए सफेदा और पॉप्लर की खेती ही क्यों की जाती है?
उत्तर-
देखें प्रश्न 2 (सफेदे की कृषि)
पॉप्लर की कृषि रोज़गार का अवसर प्रदान करती है इसका प्रयोग छोटे स्तर पर लकड़ी, उद्योग; जैसे प्लाई, दियासलाई, पैकिंग के डिब्बे आदि में होता है। यह आषाढ़ी (रबी) की फसलों को भी कम हानि पहुँचाता है इसलिए पॉप्लर की खेती की जाती है।

प्रश्न 4.
वन्य कृषि से आप क्या समझते हैं ? वन्य कृषि में खेतों की सीमाओं पर वृक्ष लगाने के बारे में विस्तार से लिखें।
उत्तर-
स्वयं करें।

PSEB 10th Class Agriculture Solutions Chapter 6 वन्य खेती

वन्य खेती PSEB 10th Class Agriculture Notes

  • राष्ट्रीय वन्य नीति 1988 के अनुसार लगभग 20% क्षेत्रफल वनों के अतंर्गत होना चाहिए।
  • पंजाब में अधिक क्षेत्रफल कृषि के अधीन होने के कारण 6.49% क्षेत्रफल ही वनों तथा वृक्षों के अधीन रह गया है।
  • वन्य कृषि में एक ही खेत में वृक्ष तथा फसलों को इकट्ठे उगाया जाता है।
  • वन्य कृषि का उद्देश्य किसानों की आवश्यकताएं पूरी करना तथा प्राकृतिक स्रोतों की संभाल करना है।
  • वन्य कृषि के मुख्य मॉडल हैं-खेतों के किनारों पर वृक्ष लगाना, वृक्ष तथा फसल की मिली-जुली कृषि करना।
  • जलवायु के आधार पर संपूर्ण पंजाब को मुख्य रूप से तीन क्षेत्रों में बांटा गया है।
  • तटीय क्षेत्र में वर्षा आधारित कृषि की जाती है।
  • तटीय क्षेत्र में बेर, शहतूत, नीम, शीशम (टाहली), आंवला, फलाही, ढाक, डेक, हरड़, वहेड़ा, अर्जन, आम, कचनार, बिल्व, खैर कीकर आदि वृक्ष उगाए जाते हैं।
  • तटीय क्षेत्र में बागों के आस-पास जटरोफा, करौंदा आदि की वाड़ भी की जाती है।
  • केन्द्रीय मैदानी क्षेत्रों में पॉप्लर, सफेदा, डेक आदि वृक्ष लगाए जाते हैं।
  • दक्षिणी-पश्चिमी जोन में कीकर, शीशम (टाहली), नीम, जामुन, आम, डेक, शहतूत आदि लगाए जाते हैं।
  • पॉप्लर, बेट क्षेत्रों में बहुत सफल है। इससे प्लाई, दियासिलाइयां, पैकिंग के लिए डिब्बे आदि बनाए जाते हैं।
  • व्यापारिक वन्य कृषि के अन्तर्गत पंजाब में पॉप्लर तथा सफेदा की कृषि की जाती है।
  • पॉप्लर की किस्में हैं-PL-1, PL-2, PL-3,4,5,6,7, L-47/88, L-48/89.
  • पॉप्लर के वृक्ष 5 से 7 वर्षों में तैयार हो जाते हैं।
  • सफेदे से कागज़, ईमारती लकड़ी तथा बल्लियां बनाई जा सकती हैं।

PSEB 10th Class SST Solutions Economics Chapter 2 भारतीय अर्थव्यवस्था की आधारिक संरचना

Punjab State Board PSEB 10th Class Social Science Book Solutions Economics Chapter 2 भारतीय अर्थव्यवस्था की आधारिक संरचना Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Social Science Economics Chapter 2 भारतीय अर्थव्यवस्था की आधारिक संरचना

SST Guide for Class 10 PSEB भारतीय अर्थव्यवस्था की आधारिक संरचना Textbook Questions and Answers

I. अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

इन प्रश्नों के उत्तर एक शब्द या एक वाक्य में दें

प्रश्न 1.
अधारिक संरचना से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
अर्थ-व्यवस्था के पूंजी स्टॉक का वह भाग जो विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करने की दृष्टि से आवश्यक होता है, अर्थ-व्यवस्था का सहायक ढांचा अथवा आर्थिक संरचना कहलाता है।

प्रश्न 2.
भारत की मुख्य आर्थिक आधारित संरचनाएं कौन-सी हैं?
उत्तर-
(i) परिवहन तथा संचार
(ii) विद्युत् शक्ति
(iii) सिंचाई
(iv) पूर्ति
(v) बैंकिंग तथा वित्तीय संस्थाएं।

प्रश्न 3.
भारत में परिवहन के मुख्य साधन कौन से हैं?
उत्तर-

  1. रेलवे
  2. सड़क यातायात
  3. जल परिवहन
  4. वायु परिवहन।

PSEB 10th Class SST Solutions Economics Chapter 2 भारतीय अर्थव्यवस्था की आधारिक संरचना

प्रश्न 4.
सिंचाई से क्या अभिप्राय है? सिंचाई की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर-
भूमि को कृत्रिम साधनों द्वारा जल देने को ही सिंचाई कहते हैं।
वर्षा की अनियमितता, वर्षा का असमान वितरण व वर्षा का अनिश्चित काल सिंचाई की आवश्यकता के लिए उत्तरदायी कारक हैं। भारत में वर्षा, ट्यूबवैल, कुएँ, तालाब, नहरें व शक्ति चलित पम्पसैट सिंचाई के मुख्य साधन हैं।

प्रश्न 5.
भारत में बिजली के मुख्य साधन कौन-से हैं?
उत्तर-

  1. ताप विद्युत्
  2. जल विद्युत्
  3. परमाणु विद्युत्।

प्रश्न 6.
कुल कितने व्यापारिक बैंक राष्ट्रीयकरण करे गए हैं?
उत्तर-
सन् 1969 में 14 तथा सन् 1980 में 6 अर्थात् कुल 20 बड़े बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया है। परन्तु अब इनकी संख्या 19 है।

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प्रश्न 7.
भारत के केन्द्रीय बैंक का नाम लिखो।
उत्तर-
भारतीय रिज़र्व बैंक।

प्रश्न 8.
भारत की विशिष्ट बैंकिंग संस्थायें कौन सी हैं?
उत्तर-

  1. भारतीय औद्योगिक विकास बैंक
  2. भारतीय औद्योगिक वित्त निगम
  3. लघु उद्योग विकास बैंक
  4. सहकारी समितियां
  5. ग्रामीण क्षेत्रीय बैंक
  6. राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक
  7. निर्यात-आयात बैंक आदि।

प्रश्न 9.
उपभोक्ता संरक्षण से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
उपभोक्ता संरक्षण से अभिप्राय है उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादकों के अनुचित व्यापार व्यवहारों के कारण होने वाले शोषण से उपभोक्ताओं की रक्षा करना।

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II. लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

इन प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दें

प्रश्न 1.
आधारित संरचना से क्या अभिप्राय है ? इसकी क्या आवश्यकता है?
उत्तर-
आधारित संरचना-आधारित संरचना से आशय उन सुविधाओं, क्रियाओं तथा सेवाओं से है जो अन्य क्षेत्रों के संचालन तथा विकास में सहायक होती हैं।
आधारित संरचना की आवश्यकता वास्तव में, प्रत्येक देश के आर्थिक विकास के लिए आधारित संरचना एक पूर्व शर्त है। इसकी पर्याप्त उपलब्धता विकास का आधार है तथा इसकी अपर्याप्त उपलब्धता विकास में सबसे बड़ी बाधा है।

प्रश्न 2.
भारत की मुख्य आर्थिक आधारित संरचनाएं कौन सी हैं ? वर्णन करो।
उत्तर-
आर्थिक आधारित संरचना से अभिप्राय उस पूंजी स्टॉक से है जो उत्पादन प्रणाली को प्रत्यक्ष सेवाएं प्रदान करता है। दूसरे शब्दों में, आर्थिक आधारित संरचनाएं वे सुविधाएं तथा सेवाएं हैं जो उत्पादन तथा वितरण प्रणाली को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती हैं।
भारत की मुख्य आर्थिक आधारित संरचनाएं —

  1. परिवहन तथा संचार
  2. शक्ति
  3. सिंचाई
  4. मुद्रा पूर्ति
  5. बैंकिंग तथा अन्य वित्तीय संस्थाएं।

प्रश्न 3.
भारत की मुख्य मौद्रिक संस्थायें कौन सी हैं?
उत्तर-
भारत की मुख्य मौद्रिक संस्थाएं निम्नलिखित हैं —

  1. साहूकार-ये बहुत अधिक ब्याज लेते हैं।
  2. भारतीय रिज़र्व बैंक-यह भारत का केन्द्रीय बैंक है।
  3. व्यापारिक बैंक-ये बैंक प्राय: अल्पकालीन ऋण देते हैं।
  4. विशिष्ट बैंकिंग संस्थाएं-भारतीय औद्योगिक विकास बैंक, ग्रामीण क्षेत्रीय बैंक, निर्यात-आयात बैंक इत्यादि विशिष्ट बैंकिंग संस्थाएं हैं।
  5. गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाएं-भारत की मुख्य गैर-बैंकिंग संस्थाएं यूनिट ट्रस्ट तथा जीवन बीमा निगम हैं। 6. स्टॉक एक्सचेंज-ये वे संस्थाएं हैं जहां कम्पनियों के शेयर या डिबेन्चर खरीदे और बेचे जाते हैं।

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प्रश्न 4.
उपभोक्ता के शोषण से क्या अभिप्राय है? उपभोक्ता संरक्षण के मुख्य उपाय बतायें।
उत्तर-
उपभोक्ता का शोषण-उपभोक्ता के शोषण से अभिप्राय है, उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादकों के अन्तर्गत व्यापार, व्यवहारों के फलस्वरूप होने वाला शोषण। उत्पादक उपभोक्ताओं का कई प्रकार से शोषण करते हैं, जैसेउत्पादन के गुणों के विषय में झूठी सूचनाएं देना, मिलावट करना, कम वज़न या गलत मापों का प्रयोग करना इत्यादि।
उपभोक्ता संरक्षण के मुख्य उपाय —

  1. एकाधिकार एवं प्रतिबन्धात्मक व्यापार व्यवहार अधिनियम (1969)-भारत में बड़े उत्पादकों तथा व्यावसायिक समूहों से उपभोक्ताओं तथा छोटे उत्पादकों को संरक्षण देने के लिए 1969 में यह अधिनियम लागू किया गया।
  2. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (1986)-उपभोक्ताओं का सभी स्तर के उत्पादकों से संरक्षण करने के लिए 1986 में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम पास किया गया। यह अधिनियम 1987 में लागू किया गया है। इसमें उपभोक्ताओं की शिकायतें को कम खर्च पर तथा शीघ्रता से निपटाने के लिए जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ता विवाद निस्तारण फोरम स्थापित किए गए हैं।

प्रश्न 5.
सार्वजनिक वित्त प्रणाली से क्या अभिप्राय है? भारत में सार्वजनिक वित्त प्रणाली की वर्तमान स्थिति का वर्णन करें।
उत्तर-
सार्वजनिक वित्त प्रणाली-सार्वजनिक वित्त प्रणाली द्वारा सरकार देश की जनता, विशेष रूप से निर्धन वर्ग को उचित कीमत की दुकानों के द्वारा जीवन की आवश्यक वस्तुओं जैसे-अनाज, चीनी, मिट्टी का तेल, मोटे कपड़े आदि का रियायती कीमतों पर निश्चित मात्रा में वितरण करती है।
भारत में सार्वजनिक वित्त प्रणाली के तीन मुख्य अंग हैं —

  1. न्यूनतम कीमतों पर वसूली-वर्ष 1988 में सरकार ने 140 लाख टन अनाज की वसूली निर्धारित कीमतों पर की थी। वर्ष 2009 में यह वसूली बढ़कर 437 लाख टन हो गई।
  2. बफर स्टॉक-सार्वजनिक प्रणाली का दूसरा ढंग सरकार द्वारा अनाज, चीनी आदि आवश्यक वस्तुओं का स्टॉक रखना है। इस स्टॉक को बफर स्टॉक कहा जाता है।
  3. उचित कीमत की दुकानें-सरकार ने आवश्यक वस्तुओं का कम कीमतों पर राशन कार्डों के माध्यम से वितरण के लिए लगभग 4.6 लाख उचित कीमतों की दुकानें खोली हैं।

PSEB 10th Class Social Science Guide भारतीय अर्थव्यवस्था की आधारिक संरचना Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)

I. उत्तर एक शब्द अथवा एक लाइन में

प्रश्न 1.
उपभोक्ता कौन होता है?
उत्तर-
जब हम कोई वस्तु खरीदते हैं तो हम उपभोक्ता बन जाते हैं।

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प्रश्न 2.
आर्थिक आधारिक संरचना का एक अवयव बताएं।
उत्तर-
सिंचाई।

प्रश्न 3.
भारतीय परिवहन का मुख्य साधन बताएँ।
उत्तर-
रेलवे।

प्रश्न 4.
भारत में सिंचाई के मुख्य दो साधन क्या हैं?
उत्तर-
मानसून तथा नदियां।

प्रश्न 5.
भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना कब हुई थी?
उत्तर-
1935.

PSEB 10th Class SST Solutions Economics Chapter 2 भारतीय अर्थव्यवस्था की आधारिक संरचना

प्रश्न 6.
किसी एक उपभोक्ता संरक्षण कानून का नाम बताएँ।
उत्तर-
उपभोक्ता संरक्षण कानून 1986 ।

प्रश्न 7.
भारतीय रिज़र्व बैंक का कोई एक कार्य लिखें।
उत्तर-
नोट जारी करना।

प्रश्न 8.
भारत का केन्द्रीय बैंक कौन-सा है?
उत्तर-
भारतीय रिज़र्व बैंक।

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प्रश्न 9.
भारत की विशिष्ट बैंकिंग संस्था का नाम बताएँ।
उत्तर-
नाबार्ड।

प्रश्न 10.
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत दी जाने वाली किसी एक वस्तु का नाम बताएं।
उत्तर-
चीनी।

प्रश्न 11.
अर्थव्यवस्था की एक आधारिक संरचना का नाम लिखो।
उत्तर-
परिवहन।

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प्रश्न 12.
स्टॉक एक्सचेंज क्या है?
उत्तर-
जहां शेयर व डिबेंचर खरीदे व बेचे जाते हैं।

प्रश्न 13.
भारत की कोई गैर-बैंकिंग संस्था का नाम बताएँ।
उत्तर-
जीवन बीमा निगम।

प्रश्न 14.
भारत की बहुउद्देशीय योजना का नाम लिखें।
उत्तर-
भाखड़ा नंगल परियोजना।

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प्रश्न 15.
भारत में सामुद्रिक यातायात के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की किसी बड़ी कम्पनी का नाम लिखें।
उत्तर-
मुग़ल लाइन।

प्रश्न 16.
संचार का मुख्य साधन बताएं।
उत्तर-
दूरभाष।

प्रश्न 17.
भारत में बिजली का मुख्य स्रोत बताएं।
उत्तर-
ताप विद्युत्।

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प्रश्न 18.
वाणिज्य बैंक कौन होते हैं?
उत्तर-
जो अल्पकालीन ऋण देते हैं।

प्रश्न 19.
बहुउद्देशीय योजनाओं का एक उद्देश्य बताएं।
उत्तर-
जल विद्युत् का उत्पादन।

प्रश्न 20.
उपभोक्ता संरक्षण कानून 1986 की एक विशेषता बताएं।
उत्तर-
उपभोक्ता की शिकायतों का सरल व सस्ता समाधान।

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प्रश्न 21.
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की आवश्यकता का एक कारण लिखें।
उत्तर-
अपर्याप्त उत्पादन।

प्रश्न 22.
सिंचाई क्या है?
उत्तर-
कृषि योग्य भूमि को आवश्यक पानी प्रदान करना।

प्रश्न 23.
कुछ आधारिक संरचनाओं के नाम लिखिए।
उत्तर-
परिवहन व संचार के साधन, शक्ति के साधन, सिंचाई के साधन, मौद्रिक तथा वित्तीय संस्थाएं, शिक्षा व चिकित्सा के साधन, आवास तथा नगरीय सेवाएं।

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प्रश्न 24.
आर्थिक आधारिक संरचनाओं से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
आर्थिक आधारिक संरचनाएं वे सुविधाएं तथा सेवाएं हैं जो उत्पादन तथा वितरण प्रणाली को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती हैं।

प्रश्न 25.
किसी देश की परिवहन प्रणाली से क्या आशय है?
उत्तर-
किसी देश की परिवहन प्रणाली से आशय उन विभिन्न साधनों से है जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर लोगों और वस्तुओं को लाते तथा ले जाते हैं। इन साधनों में रेल, सड़क, जल तथा वायु यातायात शामिल हैं।

प्रश्न 26.
संचार के प्रमुख साधनों के नाम लिखिए।
उत्तर-
डाक सेवाएं, तार, टेलीफोन, रेडियो, टेलीविज़न आदि संचार के मुख्य साधन हैं।

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प्रश्न 27.
भारत में सामुद्रिक यातायात के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की दो बड़ी कम्पनियों के नाम बताइए।
उत्तर-

  1. भारतीय शिपिंग निगम तथा
  2. मुगल लाइन।

प्रश्न 28.
भारत की दो बहु-उद्देशीय योजनाओं के नाम लिखिए। .
उत्तर-

  1. भाखड़ा नंगल परियोजना तथा
  2. दामोदर घाटी परियोजना।

प्रश्न 29.
भारत की किसी एक विशिष्ट बैंकिंग संस्था का नाम बताइए।
उत्तर-
भारतीय औद्योगिक विकास बैंक।

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प्रश्न 30.
भारत की प्रमुख गैर-बैंकिंग संस्थाओं के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. यूनिट ट्रस्ट तथा
  2. जीवन बीमा आयोग।

प्रश्न 31.
स्टॉक एक्सचेंज से क्या आशय है?
उत्तर-
स्टॉक एक्सचेंज वे संस्थाएं हैं जहां कम्पनियों के शेयर या डिबेन्चर (साख पत्र) खरीदे और बेचे जाते हैं, इन्हें शेयर बाज़ार भी कहा जाता है।

प्रश्न 32.
भारतीय रिज़र्व बैंक का कोई एक कार्य लिखो।
उत्तर-
नोट जारी करना।

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प्रश्न 33.
उपभोक्ता शिक्षा से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
उपभोक्ता शिक्षा से तात्पर्य उस शिक्षा से है जो उपभोक्ता को दी जानी चाहिए, जिससे उपभोक्ता अपनी सीमित आय से अधिकतम सन्तुष्टि प्राप्त कर सके और बाज़ार में व्याप्त बुराइयों से अपने आपको शोषण से बचा सके।

प्रश्न 34.
यातायात के महत्त्वपूर्ण साधनों के नाम दें।
उत्तर-
रेलवे, सड़क, जल, वायु यातायात ही भारत में प्रमुख यातायात साधन हैं।

प्रश्न 35.
विद्युत् शक्ति के साधनों के नाम लिखें।
उत्तर-
ताप शक्ति, बिजली व आण्विक शक्ति इसके प्रमुख साधन हैं।

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प्रश्न 36.
सिंचाई के साधन कौन-से हैं?
उत्तर-
वर्षा, कुएं, ट्यूबवैल, तालाब आदि इसके मुख्य साधन हैं।

प्रश्न 37.
भारत के केन्द्रीय बैंक का क्या नाम है?
उत्तर-
रिज़र्व बैंक ऑफ इण्डिया।

प्रश्न 38.
रिज़र्व बैंक ऑफ इण्डिया कब स्थापित किया गया?
उत्तर-
1935 में ।

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प्रश्न 39.
व्यापारिक बैंक क्या होते हैं?
उत्तर-
सामान्यतया ये बैंक अल्पकालीन ऋण देते हैं।

प्रश्न 40.
दो गैर-बैंकिंग संस्थाओं के नाम बताएं।
उत्तर-
U.T.I., LI.C.

प्रश्न 41.
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम कब पारित हुआ?
उत्तर-
1986 में।

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प्रश्न 42.
सार्वजनिक वितरण प्रणाली क्या है?
उत्तर-
यह एक ऐसी प्रणाली है जिसके द्वारा सरकार देश की जनता विशेषकर निर्धन वर्ग को उचित मूल्य की दुकानों द्वारा जीवन की आवश्यक वस्तुओं का वितरण करती है।

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. RBI की स्थापना ………… में हुई । (1945/1935)
  2. जब हम किसी वस्तु का उपभोग करते हैं तब हम ……….. बन जाते हैं। (उत्पादक/उपभोक्ता)
  3. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम ……….. में लागू किया गया। (1985/1986)
  4. ……….. भारत का केन्द्रीय बैंक है। (SBI/RBI)
  5. ……….. अल्पकालीन ऋण देता है। (केन्द्रीय बैंक/वाणिज्य बैंक)
  6. NABARD की स्थापना ………… में की गई। (1982/1999)
  7. सिंचाई ………… आधारिक संरचना का तत्त्व है। (सामाजिक/आर्थिक)
  8. ………… देश में नोट जारी करता है। (RBI/SBI)

उत्तर-

  1. 1935,
  2. उपभोक्ता,
  3. 1986
  4. RBI,
  5. वाणिज्य बैंक,
  6. 1982,
  7. आर्थिक,
  8. RBI.

III. बहुविकल्पीय

प्रश्न 1.
RBI का कोई एक कार्य बताएं।
(A) नोट जारी करना
(B) सरकार का बैंक
(C) बैंकों का बैंक
(D) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(D) उपरोक्त सभी।

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प्रश्न 2.
RBI की स्थापना कब हुई?
(A) 1925
(B) 1935
(C) 1945
(D) 1955.
उत्तर-
(B) 1935

प्रश्न 3.
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम कब लागू हुआ?
(A) 1980
(B) 1982
(C) 1986
(D) 1988.
उत्तर-
(C) 1986

प्रश्न 4.
NABARD की स्थापना कब हुई?
(A) 1982
(B) 1986
(C) 1988
(D) 1999.
उत्तर-
(A) 1982

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प्रश्न 5.
भारत का केन्द्रीय बैंक कौन-सा है?
(A) SBI
(B) PNB
(C) RBI
(D) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(C) RBI

प्रश्न 6.
भारत में आर्थिक आधारिक संरचना का मुख्य तत्त्व कौन-सा है?
(A) बैंकिंग
(B) विद्युत् शक्ति
(C) सिंचाई
(D) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(D) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 7.
भारत की विशिष्ट बैंकिंग संस्था कौन-सी है?
(A) क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
(B) नाबार्ड
(C) Exim बैंक
(D) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(D) उपरोक्त सभी।

IV. सही/गलत

  1. RBI की स्थापना 1935 में हुई थी।
  2. SBI भारत का केंद्रीय बैंक है।
  3. भारत में बिजली के तीन मुख्य स्त्रोत है।
  4. नाबार्ड की स्थापना 1992 में हुई।
  5. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम वर्ष 1986 में लागू हुआ।

उत्तर-

  1. सही
  2. गलत
  3. सही
  4. गलत
  5. सही।

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छोटे उत्तर वाले प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
आधारभूत संरचनाओं की क्या आवश्यकता है?
उत्तर-
किसी देश का राष्ट्रीय उत्पादन केवल वस्तुओं से नहीं बल्कि वस्तुओं तथा सेवाओं दोनों से मिलकर बना होता है। आधारभूत संरचनाएं-परिवहन व संचार के साधन, शक्ति व सिंचाई के साधन, बैंकिंग प्रणाली, शिक्षा तथा प्रशिक्षण सेवाएं, स्वास्थ्य तथा सफ़ाई सेवाएं अर्थ-व्यवस्था को उत्पादन तथा वितरण का आधार प्रस्तुत करती हैं। वस्तुओं के उत्पादन की प्रक्रियाओं के लिए कई प्रकार की सेवाओं की आवश्यकता होती है। इन आधारभूत संरचनाओं के अभाव में किसी अर्थ-व्यवस्था की उत्पादन प्रक्रिया रुक जाएगी।

प्रश्न 2.
एक अर्थ-व्यवस्था में परिवहन के साधनों का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
यातायात अथवा परिवहन के साधनों का आशय मनुष्य को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने से है। प्रत्येक देश की आर्थिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक विकास दर पर परिवहन के साधनों का प्रभाव पड़ता है। परिवहन के साधनों का महत्त्व बताते हुए किसी विद्वान् ने सत्य ही कहा है कि यदि कृषि तथा उद्योग किसी देश की अर्थ-व्यवस्था में शरीर व हड्डियों के समान हैं तो परिवहन के साधन (रेल, सड़कें, जल व वायु आदि) शिराओं एवं धमनियों का कार्य करते हैं।

प्रश्न 3.
भारत में परिवहन के साधन के रूप में रेलवे पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
रेलवे लम्बी दूरी के भारी माल के लिए तथा यात्रियों के आवागमन के लिए सबसे ज्यादा सस्ता परिवहन का साधन है। भारत में 16 अप्रैल, 1853 को पहली रेलवे लाइन बम्बई (मुम्बई) से थाणा के बीच बनाई गई। भारतीय रेलवे व्यवस्था एशिया में सबसे बड़ी और संसार में चौथी मानी जाती है। इस समय भारत में रेलवे लाइनों की कुल लम्बाई 62759 किलोमीटर है। भारत में प्रतिदिन 7056 स्टेशनों के बीच 13 हज़ार गाड़ियां चलती हैं जोकि प्रतिदिन औसतन 110.5 लाख सवारियां तथा 6.9 लाख टन सामान ढोती हैं।

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प्रश्न 4.
भारत में परिवहन के साधन के रूप में वायु परिवहन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
यातायात का सबसे तेज़ तथा महंगा साधन वायु परिवहन है। भारत में वायु परिवहन के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की दो कम्पनियां हैं-इण्डियन एयर लाइन्स कारपोरेशन तथा एयर इण्डिया इण्टरनेशनल। सन् 1992 से कई निजी क्षेत्र की कम्पनियां भी स्थापित की गई हैं। भारत में 4 अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई तथा कोलकाता में हैं, जिनका संचालन अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा प्राधिकरण द्वारा किया जाता है।

प्रश्न 5.
यह क्यों कहा जाता है कि संचार सेवाओं का सम्बन्ध एक अर्थ-व्यवस्था की सामाजिक और आर्थिक संरचनाओं दोनों से होता है?
उत्तर-
आर्थिक संरचनाएं प्रत्यक्ष रूप से किसी अर्थ-व्यवस्था की उत्पादन प्रक्रिया को प्रभावित करती हैं। सामाजिक संरचनाएं परोक्ष रूप से ऐसा करती हैं। संचार सेवाएं किसी अर्थ-व्यवस्था की आर्थिक प्रक्रिया को प्रत्यक्ष तथा परोक्ष रूपों से प्रभावित करती हैं इसलिए संचार सेवाओं को आर्थिक तथा सामाजिक दोनों संरचनाओं में शामिल किया जाता है। – संचार संरचना सामाजिक एवं आर्थिक आधारभूत संरचना दोनों का ही अंग होता है। संचार प्रणाली निवेशकर्ता, उत्पादक एवं उपभोक्ता द्वारा निर्णय लेने की प्रक्रियाओं के लिए महत्त्वपूर्ण सूचनाओं के प्रवाह को ले जाने का कार्य करती हैं। यह बाज़ार के अन्तर्गत हो रहे सभी परिवर्तनों की जानकारी देती है। अतः इस अर्थ में तो संचार संरचना स्वयं उत्पादन प्रक्रियाओं और इस कारण आधारभूत संरचना का ही एक अंग है। किन्तु दूसरी ओर संचार संरचना को शिक्षा की भान्ति एक व्यापक रूप में देखा जा सकता है। उदाहरणार्थ, प्रसारण प्रणाली का उपयोग किया जा सकता है। इस अर्थ में संचार संरचना सामाजिक आधारभूत संरचना का ही अंग बन जाता है।

प्रश्न 6.
भारत में बिजली के मुख्य स्रोतों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-
भारत में बिजली के तीन मुख्य स्रोत हैं —

  1. ताप विद्युत्- यह बिजली ताप विद्युत् स्टेशनों में कोयले से उत्पन्न की जाती है। भारत में बिजली उत्पन्न करने का यह सबसे प्रमुख स्रोत है। भारत में बिजली की कुल उत्पादन क्षमता में ताप बिजली का भाग 65% प्रतिशत है।
  2. जल विद्यत-यह बिजली तेजी से बहती हुई नदियों पर ऊंचे डैम बनाकर उनके पानी से उत्पन्न की जाती है। भारत में बहु-उद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं के विकास के साथ-साथ जल विद्युत् का उत्पादन बढ़ता जा रहा है।
  3. परमाणु विद्युत्-भारत संसार के उन थोड़े-से देशों में है जो परमाणु शक्ति के उत्पादन की क्षमता रखते हैं। भारत में परमाणु शक्ति उत्पादन करने के लिए काफी मात्रा में खनिज उपलब्ध हैं, परन्तु परमाणु विद्युत् का उत्पादन बहुत कम मात्रा में किया जाता है।

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प्रश्न 7.
बहु-उद्देशीय योजनाओं से क्या अभिप्राय है ? बहु-उद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं के उद्देश्य बताइए।
उत्तर-
बहु-उद्देशीय योजना-बहु-उद्देशीय योजनाओं से तात्पर्य उन बहुमुखी परियोजनाओं से है जिनका निर्माण एक से अधिक समस्याओं का समाधान करने के लिए किया गया है।
बहु-उद्देशीय योजनाओं के उद्देश्य —

  1. जल-विद्युत् का उत्पादन।
  2. सिंचाई की सुविधाएं जुटाना।
  3. बाढ़ों की रोकथाम करना।
  4. दलदलों को सुखाना तथा कृषि योग्य भूमि बढ़ाना।
  5. जल-यातायात की सुविधाएं जुटाना।
  6. कृत्रिम जलाशयों में मछली पालन करना।
  7. वृक्षारोपण करना तथा वनों का उचित शोषण करना।

प्रश्न 8.
उपभोक्ता संरक्षण कानून 1986 की मुख्य विशेषताएं बताइए।
उत्तर-
उपभोक्ता संरक्षण कानून 1986 की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं —

  1. निजी, सार्वजनिक और सहकारी क्षेत्र के सभी विक्रेताओं पर यह कानून लागू होता है।
  2. यह कानून उपभोक्ताओं की शिकायतों का सरल और सस्ता समाधान करता है।
  3. उपभोक्ताओं की शिकायतों का समाधान करने के लिए त्रि-स्तरीय अदालतें स्थापित की गई हैं
    (i) जिला फोरम
    (ii) राज्य आयोग
    (iii) राष्ट्रीय आयोग।
  4. उपभोक्ता अपनी शिकायतें वस्तु के खरीदने के दो साल तक कर सकता है।

प्रश्न 9.
भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की आवश्यकता पर एक संक्षिप्त नोट लिखें।
उत्तर-
भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की आवश्यकता इसलिए अनुभव की गई, क्योंकि मांग तथा पूर्ति की बाज़ार शक्तियां जीवन की आवश्यक वस्तुओं का सामाजिक दृष्टि से उचित वितरण करने में असमर्थ रहीं। इसके लिए पूर्ति तथा मांग दोनों को प्रभावित करने वाली शक्तियां निम्नलिखित कारणों से ज़िम्मेदार हैं —

  1. भारत में जीवन की आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति तीन कारणों से मांग की तुलना में कम है, जैसे
    (i) अपर्याप्त उत्पादन,
    (ii) उत्पादन के भण्डारण तथा बिक्री की सुविधाओं की कमी तथा
    (iii) जमाखोरी।
  2. भारत में अधिकतर उपभोक्ताओं के निर्धन होने के कारण उनके द्वारा बाजार कीमत पर आवश्यक वस्तुएं खरीदने की सम्भावना कम होती है। इसके फलस्वरूप भुखमरी तथा कुपोषण की बुराइयां उत्पन्न होने की सम्भावनाएं रहती हैं।

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प्रश्न 10.
उपभोक्ताओं के शोषण के क्या कारण हैं ?
उत्तर-

  1. अधिकांश भारतीय अशिक्षित, भाग्यवादी एवं रूढ़िवादी हैं। उपभोक्ता अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करते, इसीलिए उत्पादकों व दुकानदारों द्वारा उनका समय-समय पर शोषण किया जाता है।
  2. उपभोक्ताओं में संगठन व एकता का अभाव है। वे अपने ‘उपभोक्ता आन्दोलन’ में भी सक्रिय भाग नहीं लेते।
  3. उत्पादक व दुकानदार शासन की निष्क्रियता का लाभ उठाते हैं।
  4. अधिकांश भारतीय उत्पादकों तथा व्यापारियों का व्यावसायिक स्तर अत्यधिक निम्न है। अधिक लाभ कमाने के लालच में वे अवसर पाते ही उपभोक्ताओं को धोखा देकर उन्हें लूट लेते हैं।

प्रश्न 11.
सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर नोट लिखें।
उत्तर-
भारत सरकार देश के निर्धन वर्ग के लिए जीवन की आवश्यक वस्तुओं जैसे गेहूँ, चावल, चीनी, मिट्टी का तेल तथा कपड़े का कम कीमतों पर वितरण कराने के लिए प्रयत्नशील है। अतः इस उद्देश्य के लिए देश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली अपनाई गई है। दूसरे शब्दों में, सार्वजनिक वितरण प्रणाली द्वारा सरकार देश की जनता, विशेष रूप से निर्धन वर्ग को उचित कीमत की दुकानों के द्वारा जीवन की आवश्यक वस्तुओं जैसे-अनाज, चीनी, मिट्टी का तेल, मोटे कपड़े आदि की रियायती कीमतों पर निश्चित मात्रा में वितरण करती है।

प्रश्न 12.
भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की वर्तमान स्थिति का वर्णन करें।
उत्तर-
सरकार ने आवश्यक वस्तुओं का कम कीमतों पर राशन कार्डों के माध्यम से वितरण करने के लिए लगभग 4.37 लाख उचित कीमत की दुकानें खोली हैं। 1988 में 180 लाख टन तथा 1996-97 में 190 लाख टन अनाज के अतिरिक्त चीनी, मिट्टी का तेल, कोयले तथा मोटे कपड़े का भी वितरण किया जाता है। पहाड़ी तथा सूखे क्षेत्रों की जनसंख्या वालों के लिए चाय, साबुन, दालों और आयोडाईज्ड नमक जैसी वस्तुओं का वितरण करने के लिए नई स्कीम चालू की गई है। इसे संशोधित सार्वजनिक वितरण प्रणाली कहा जाता है। इस प्रणाली के अन्तर्गत भारतीय खाद्य निगम द्वारा विभिन्न राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों को विशेष रियायती दरों पर खाद्यान्नों की पूर्ति की जाती है।

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
भारत के आर्थिक विकास में यातायात तथा संचार के महत्व की व्याख्या करें। उत्तर-भारत के आर्थिक विकास में यातायात तथा संचार का बहुत अधिक महत्त्व है।

  1. यातायात (Transport) यातायात किसी भी अर्थव्यवस्था के विकास के लिए उतना ही महत्त्वपूर्ण है, जितना मानव विकास के लिए शरीर में रक्त संचार था। मानव शरीर में रक्त का संचार विभिन्न धमनियों से होकर गुजरता है उसी प्रकार यातायात के संदर्भ में सड़कें किसी देश की अर्थव्यवस्था में धमनियों का काम करती हैं। उत्पादन करने के लिए उद्योग कहीं स्थापित है तथा कच्चा माल किसी दूसरे स्थान पर मिलता है। अतः कच्चे माल को उत्पादन क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए यातायात के साधन ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसी प्रकार निर्यात माल को भी उपभोक्ताओं तक पहुँचाने के लिए यातायात ही महत्त्वपूर्ण है।
  2. संचार (Communication)-किसी देश के आर्थिक विकास में यातायात के साथ-साथ संचार का भी बहुत महत्त्व है। संचार से अभिप्राय है कि किसी संदेश या सूचना को एक स्थान से दूसरे स्थान या व्यक्तियों तक पहुँचाना। आज विश्व के सभी क्षेत्रों चाहे वह सरकारी, निजी, शिक्षा, व्यवसाय, कृषि, विज्ञापन प्रैस, मीडिया या रक्षा क्षेत्र हों सभी क्षेत्रों में अच्छे संचार की व्यवस्था की आवश्यकता होती है। इसके लिए हम डाकघर, टैलीफोन, विदेश संचार, रेडियो, दूरदर्शन आदि के द्वारा अपना संदेश एक-दूसरे तक पहुँचाते हैं। इसी प्रकार क्रेता तथा विक्रेता को बाजार के बारे में सूचना प्रदान कर बाज़ार के क्षेत्र का भी विकास होता है।

प्रश्न 2.
केंद्रीय बैंक के किन्हीं तीन प्रमुख कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर-केंद्रीय बैंक के तीन प्रमुख कार्यों का वर्णन हम निम्नलिखित प्रकार से कर सकते हैं —

  1. नोट जारी करने वाला बैंक (Bank of Note Issue)-आजकल लगभग हर देश में नोट छापने का अधिकार वैधानिक तौर पर केंद्रीय बैंक को सौंपा गया है। इसके सिवाय और कोई बैंक नोट जारी नहीं कर सकता। यह शक्ति केंद्रीय बैंक को नोट निर्गमन का एकाधिकार सौंपती है। भारत में केंद्रीय बैंक (Reserve Bank of India) के पास नोट निर्गमन का एकाधिकार नहीं है। क्योंकि एक रुपये के नोट वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए जाते हैं। परन्तु बाकी सभी नोट केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं।
  2. सरकार का बैंक, एजेंट व सलाहकार (Bankers Agent and Adviser to the Govt.) केंद्रीय बैंक केंद्र व सरकारों को वही सेवाएं प्रदान करता है जो कि वाणिज्य बैंक अपने ग्राहकों को प्रदान करते हैं। अतः सरकार का बैंकर होने के नाते यह सरकार की ओर से लेन-देन करता है और आवश्यकता पड़ने पर यह सरकार को अल्पकालीन ऋण भी देता है ताकि संकट पर काबू पाया जा सके।
  3. व्यापारिक बैंकों की सुरक्षित नकदी का रक्षक (Custodian of the Cash Reserves of Commercial Banks)-सभी व्यापारिक बैंक कानूनी तौर पर या प्रथा के आधार पर अपने जमा खातों का कुछ भाग केंद्रीय बैंक के पास रखते हैं। इसी कारण केंद्रीय बैंक को व्यापारिक बैंकों की सुरक्षित नकदी का रक्षक कहा जाता है। सभी व्यापारिक बैंकों द्वारा अपनी सुरक्षित नकदी का कुछ भाग केंद्रीय बैंक में रखने के बहुत-से लाभ हैं।
    (a) सुरक्षित नकदी का यह केंद्रीयकरण बैंकिंग प्रणाली को सुदृढ़ अर्थात् मज़बूत बनाता है तथा व्यापारिक बैंकों में लोगों का विश्वास बनाए रखता है।
    (b) केंद्रीय बैंक में व्यापारिक बैंकों की नकदी को केंद्रित करने से साख का ढांचा विस्तृत व लचकदार बनता है।

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भारतीय अर्थव्यवस्था की आधारिक संरचना PSEB 10th Class Economics Notes

  • आधारिक संरचना-इससे अभिप्राय उन सुविधाओं, क्रियाओं और सेवाओं से है जो अन्य क्षेत्रों के संचालन तथा विकास में सहायक होती हैं।
  • आर्थिक आधारिक संरचना-इससे अभिप्राय उस पूंजी स्टॉक से है जो उत्पादन प्रणाली को प्रत्यक्ष सेवाएं प्रदान करता है।
  • यातायात के साधन-रेलवे, रोड यातायात, जल यातायात तथा वायु यातायात ही भारत में प्रमुख यातायात के साधन हैं।
  • आर्थिक आधारिक संरचना की सेवाओं के साधन-यातायात एवं संचार, बिजली, सिंचाई, बैंकिंग और अन्य वित्तीय संस्थाएं इसकी सेवाओं के साधन हैं।
  • विद्युत् शक्ति के साधन-ताप शक्ति, बिजली व आण्विक शक्ति इसके प्रमुख साधन हैं।
  • साहूकार-साहूकार रुपया उधार देने तथा जमा करने का कार्य करता है जिसके लिए अधिक ब्याज लेता है।
  • भारतीय रिज़र्व बैंक-यह भारत का केन्द्रीय बैंक है जिसकी स्थापना 1935 में हुई है। 8. व्यापारिक बैंक-सामान्यतया ये बैंक अल्पकालीन ऋण देते हैं।
  • उपभोक्ता शोषण-जब उत्पादक उपभोक्ताओं को उत्पादन के गुणों की झूठी सूचनाएं देते हैं, मिलावट करते हैं, कम वज़न या गलत मापों का प्रयोग करते हैं तो इसे उपभोक्ता शोषण कहते हैं।
  • उपभोक्ता संरक्षण-उत्पादकों के गैर-व्यापार व्यवहारों के शोषण से उपभोक्ता वस्तुओं के खरीददारों का संरक्षण ही उपभोक्ता संरक्षण है।
  • उपभोक्ता सुनवाई की अदालतें-इसके लिए तीन अदालतें हैं-ज़िला अदालत, राज्य अदालत और राष्ट्रीय अदालत।
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली-यह एक ऐसी प्रणाली है जिसके द्वारा सरकार देश की जनता विशेषकर निर्धन वर्ग को उचित मूल्य की दुकानों द्वारा जीवन की आवश्यक वस्तुओं जैसे-अनाज, चीनी, मिट्टी का तेल इत्यादि का रियायती कीमतों पर निश्चित मात्रा में वितरण करती है।
  • बफर स्टॉक-सरकार द्वारा आवश्यक वस्तुओं का किया गया भण्डार ही बफर स्टॉक कहलाता है।

PSEB 10th Class Agriculture Solutions Chapter 5 फलदार पौधों की खेती

Punjab State Board PSEB 10th Class Agriculture Book Solutions Chapter 5 फलदार पौधों की खेती Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Agriculture Chapter 5 फलदार पौधों की खेती

PSEB 10th Class Agriculture Guide फलदार पौधों की खेती Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के एक – दो शब्दों में उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1.
पंजाब में फलों के अन्तर्गत कितना क्षेत्रफल है ?
उत्तर-
78000 हेक्टेयर।

प्रश्न 2.
पौधों को दीमक से बचाने के लिए कौन-सी दवाई डालनी चाहिए ?
उत्तर-
30 ग्राम लिंडेन या 15 मिली लीटर क्लोरोपाईरीफास 20 ताकत को 2.5 किलो मिट्टी में मिला कर प्रति खड्डे के हिसाब से डालें।

प्रश्न 3.
आड़की दो उन्नत किस्मों के नाम लिखिए।
उत्तर-
फ्लोरिडा प्रिंस, प्रताप।

प्रश्न 4.
बाग़ लगाने की उत्तम विधि कौन-सी है?
उत्तर-
तीन विधियां हैं-वर्गाकार, फिल्लर ढंग, छ: कोना ढंग।

प्रश्न 5.
पतझड़ी फलदार पौधे किस महीने में लगाए जाते हैं ?
उत्तर-
मध्य जनवरी से मध्य फरवरी।

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प्रश्न 6.
आम तथा लीची के पौधे लगाने का उचित समय कौन-सा है ?
उत्तर-
सितंबर-अक्तूबर में।

प्रश्न 7.
बागों में देसी रूड़ी कब डालनी चाहिए ?
अथवा
फलदार वृक्षों को रूड़ी की खाद किस महीने में डालनी चाहिए?
उत्तर-
फुटारा आने से 2-3 माह पहले साधारणतया दिसंबर माह में।

प्रश्न 8.
आंवले की दो उन्नत किस्मों के नाम लिखिए।
उत्तर-
बलबंत, नीलम, कंचन।

प्रश्न 9.
फलदार पौधे लगाने के लिए गड्ढा कितना गहरा खोदना चाहिए ?
उत्तर-
एक मीटर गहरा।

प्रश्न 10.
अमृतसर जिले में कौन-से फल लगाए जा सकते हैं ?
उत्तर-
नाशपाती, अंगूर, आम, अमरूद, आड़, किन्नू, अन्य संतरे, नींबू आदि।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों का एक – दो वाक्यों में उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1.
फलदार पौधे लगाने के लिए किस तरह की मिट्टी चाहिए ?
उत्तर-
फलदार पौधे लगाने के लिए अच्छे जल निकास वाली, भल्ल वाली, गहरी तथा उपजाऊ भूमि होनी चाहिए। भूमि की दो मीटर तक गहराई में कोई सख्त सतह नहीं होनी चाहिए।

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प्रश्न 2.
अर्द्ध पर्वतीय क्षेत्र में कौन-से फलदार पौधे लगाए जा सकते हैं ?
उत्तर-
अमरूद, आम, लीची, नाशपाती, किन्नू तथा अन्य संतरे, नींबू, आड़, अलूचा, चीकू, आंवला आदि।

प्रश्न 3.
सेंजु तथा शुष्क क्षेत्र के उपयुक्त फल कौन-से हैं ?
उत्तर-
मालटा, नींबू, किन्न तथा अन्य संतरे, अंगूर, बेर, अमरूद आदि।

प्रश्न 4.
सदाबहार फलदार पौधे कौन-से होते हैं ?
उत्तर-
लुकाठ, अमरूद, आम, लीची, किन्नू तथा अन्य संतरे, मालटा, नींबू, चीकू आदि।

प्रश्न 5.
पतझड़ी फलदार पौधे कौन-से होते हैं ?
उत्तर-
नाशपाती, अंगूर, आड़, अलुचा।।

प्रश्न 6.
वर्गाकार ढंग से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
यह बाग़ लगाने का एक ढंग है जिसमें पौधे तथा पंक्तियों में फासला बराबर होता है। इस तरह आमने-सामने लगाए चार पौधे एक वर्गाकार बनाते हैं।

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प्रश्न 7.
फलदार पौधों को पानी कितनी देर के बाद देना चाहिए ?
उत्तर-
छोटे पौधे को 3-4 वर्ष तक मार्च से जून तक सप्ताह-सप्ताह के बाद, नवंबर से फरवरी तक 2-3 सप्ताह बाद तथा जुलाई से नबंवर तक वर्षा तथा मिट्टी की किस्म के अनुसार पानी की आवश्यकता है।

प्रश्न 8.
बागों के लिए पानी का स्तर कितना गहरा होना चाहिए ?
उत्तर-
बागों के लिए पानी का स्तर तीन मीटर से नीचे होना चाहिए तथा इसमें कोई उतार-चढ़ाव नहीं होना चाहिए।

प्रश्न 9.
बाग़ लगाने के फिल्लर ढंग के बारे में लिखिए।
उत्तर-
कुछ फलदार पौधे जैसे लीची, आम, नाशपाती बहुत लम्बे समय के बाद फल देना शुरू करते हैं। इन बागों में पहले कुछ अस्थाई पौधे लगाए जाते हैं जो जल्दी फल देने वाले होते हैं। यह फिल्लर का काम करते हैं। जब मुख्य बाग़ फल देना शुरू कर देते हैं तो इन अस्थाई पौधों को उखाड़ दिया जाता है।

प्रश्न 10.
बाग़ लगाने के लिए पौधे कहां से लेने चाहिए ?
उत्तर-
बाग़ लगाने के लिए अच्छी किस्म के, कीड़ों तथा रोगों से रहित, स्वास्थ्य पौधे किसी विश्वसनीय नर्सरी, हो सके तो पी०ए०यू० लुधियाना, बागवानी विभाग तथा सरकारी मंजूरशुदा नर्सरी से लेने चाहिए।

(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के पांच-छः वाक्यों में उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1. नर्सरी से फलदार पौधे खरीदते समय कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-

  • पौधे अच्छी किस्म के, कीड़ों तथा रोगों से मुक्त, स्वस्थ होने चाहिए।
  • पौधे निरोल तथा मध्यम ऊंचाई के होने चाहिए।
  • सदाबहार पौधों को निकालने के लिए ध्यान रखें कि जड़ों पर मिट्टी काफ़ी मात्रा में हो।
  • प्योंद किए पौधे की प्योंद प्राथमिक पौधे पर की गई हो तथा इसका जोड़ सीधा होना चाहिए।
  • पौधा खरीदते समय आवश्यकता से 10% पौधे अधिक खरीदने चाहिए ताकि मरने वाले पौधों की जगह पर लगाया जा सके।

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प्रश्न 2.
बाग़ लगाने के कौन-कौन से ढंग हैं ?
उत्तर-
बाग़ लगाने के तीन ढंग हैं-
(i) वर्गाकार ढंग
(ii) फिल्लर ढंग
(iii) छ: कोना ढंग।

(i) वर्गाकार ढंग-इस ढंग में लगाए पौधे तथा पंक्तियों का फासला एक-दूसरे से बराबर होता है। इस तरह आमने-सामने लगे चार पौधे वर्गाकार बनाते हैं। इस ढंग को पंजाब में काफी पसंद किया जाता है। इस ढंग से लगे पौधे लम्बे समय तक फल देते रहते हैं तथा आरंभिक वर्षों में जब बाग़ से आय नहीं होती तो इसमें अन्तर फ़सलें उगा कर लाभ लिया जा सकता है।
(ii) फिल्लर ढंग-कुछ फलदार पौधे जैसे लीची, आम, नाशपाती बहुत लम्बे समय के बाद फल देना शुरू करते हैं। इन बागों में पहले कुछ अस्थाई पौधे जो जल्दी फल देने वाले हों, लगाने चाहिए। यह फिल्लर का काम करते हैं। जब मुख्य बाग़ फल देना शुरू कर देते हैं तो इन अस्थाई पौधे को निकाल दिया जाता है।
(ii) छः कोना ढंग-इस ढंग में पंक्तियों का फासला पौधों के आपसी फासलों से कम होता है परन्तु पौधे से पौधे का फासला बराबर होता है। इस ढंग का प्रयोग करके 15 से 20 प्रतिशत पौधे अधिक लगाए जा सकते हैं। इस ढंग में पौधों को आपस में फंसने से बचाने के लिए कांट-छांट अच्छे ढंग से करनी चाहिए।

प्रश्न 3.
फलदार पौधों की शद्धि और कांट-छांट करनी क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
फलदार पौधों को छोटी आयु में ही सही आकार पर ढांचा देने की आवश्यकता होती है। यह काम इनकी सिधाई करके किया जाता है। सही आकार तथा ढांचा इसलिए आवश्यक है ताकि पौधों में सूर्य का प्रकाश तथा हवा का निकास बढ़िया ढंग से हो सके। इससे फल की गुणवत्ता भी बढ़ती है तथा पौधे की आयु में भी वृद्धि होती है। पंजाब में कृषि किए जाने वाले पतझड़ी फलदार पौधे जिनमें प्रमुख रूप से अंगूर, नाख, आड़ तथा अलूचा है की शुद्धि पहले चार से पांच वर्षों तक की जाती है। जब पौधों को फल लगना शुरू हो जाता है तो उत्पादकता में कमी न आने पाए तथा यह शिखर पर हो तथा फल गुणवत्ता वाले मिले। इसलिए पौधों की कांट-छांट की जाती है जोकि बहुत आवश्यक होती है।

प्रश्न 4.
फल तोड़ते समय कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-

  • फलों की तुड़ाई के लिए कुछ मापदंड निर्धारित करने चाहिए जैसे कुछ फलों को कच्चा तोड़ने के बाद भी पकाया जा सकता है; जैसे-आम, केला, अलूचा आदि। परन्तु अंगूर, लीची आदि को तोड़ कर नहीं पकाया जा सकता। इसलिए फल के अनुसार ही मापदंड निर्धारित करने चाहिए।
  • फलों को कभी शाखा से खींच कर नहीं तोड़ना चाहिए। इस प्रकार शाखा को नुकसान हो सकता है तथा फल की छील भी उतर सकती है।
  • तोड़े फलों की 3-4 वर्गों में दर्जाबंदी कर लेनी चाहिए तथा दर्जाबंदी के बाद इनको गत्ते के डिब्बों, पोली नैट, प्लास्टिक के क्रेट में डाल कर पैक करना चाहिए।
  • कच्चे, अधिक पक्के, छोटे, बदशकल, गले सड़े तथा दागी फलों को डिब्बा बंद नहीं करना चाहिए।

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प्रश्न 5.
बागों में कौन-सी खादें और क्यों डालनी चाहिए?
उत्तर-
जब फलदार पौधे लगाने के लिए गड्ढा बनाया जाता है तो इसकी ऊपर वाली आधी मिट्टी में बराबर रूड़ी (गले सड़े गोबर को) खाद मिलाई जाती है। इसके बाद पौधे लगाने के बाद फरवरी से अप्रैल माह में पौधे :ो वृद्धि होती है। बढ़ रहे पौधों को सारे तत्व मिलने चाहिए। इसलिए देसी खाद जैसे गली-सड़ी रूड़ी की खाद को फुटारा आने से 2-3 माह पहले डाल देना चाहिए। गली-सड़ी रूड़ी को साधारणतया दिसंबर माह में डाला जाता है नाइट्रोजन तत्व पौधों को दो भागों में डाला जाता है। एक फुटारा आने पर तथा एक फल लगने के बाद। फास्फोरस खाद नाइट्रोजन खाद के पहले भाग के साथ डालनी चाहिए। पोटाश खाद को फल पकने से पहले डालना चाहिए ताकि फल की गुणवत्ता अच्छी रहे। मुख्य तत्व वाली खाद को छट्टा द्वारा डाला जाता है। छोटे तत्वों वाली खाद जैसे जिंक, लोहा, मैंगनीज़ आदि का प्रयोग इन तत्त्वों की कमी होने पर ही करना चाहिए।

Agriculture Guide for Class 10 PSEB फलदार पौधों की खेती Important Questions and Answers

I. बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
फलों में निम्न पौष्टिक तत्व होते हैं-
(क) विटामिन
(ख) खनिज
(ग) प्रोटीन
(घ) सभी।
उत्तर-
(घ) सभी।

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प्रश्न 2.
सदाबहार फ़लदार पौधे कब लगाने चाहिए?
(क) फरवरी-मार्च
(ख) सितम्बर-अक्तूबर
(ग) दोनों ठीक
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) दोनों ठीक

प्रश्न 3.
बाग लगाने के ढंग हैं-
(क) वर्गाकार
(ख) फिल्लर ढंग
(ग) छ: कोना ढंग
(घ) सभी।
उत्तर-
(घ) सभी।

प्रश्न 4.
सदाबहार फलदार पौधा नहीं है-
(क) नाशपाती
(ख) लुकाठ
(ग) आम
(घ) लीची।
उत्तर-
(क) नाशपाती

प्रश्न 5.
पतझड़ी फलदार पौधे हैं-
(क) अंगूर
(ख) आड़
(ग) अलूचा
(घ) सी।
उत्तर-
(घ) सी।

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प्रश्न 6.
सदाबहार फलदार पौधे हैं?
(क) आम
(ख) लीची
(ग) नींबू
(घ) सभी।
उत्तर-
(घ) सभी।

प्रश्न 7.
पतझड़ी फलदार पौधे किस महीने में लगाए जाते हैं ?
(क) अप्रैल-मई
(ख) जनवरी-फरवरी
(ग) जून-जुलाई
(घ) मई-जून।
उत्तर-
(ख) जनवरी-फरवरी

प्रश्न 8.
पंजाब का कौन-सा जिला नीम (अर्द्ध) पहाड़ी क्षेत्र में आता है ?
(क) बठिंडा
(ख) अमृतसर
(ग) रूपनगर
(घ) चण्डीगढ़।
उत्तर-
(ग) रूपनगर

II. ठीक/गलत बताएँ-

1. प्रताप आड़ की किस्म है।
2. कंचन, आंवला की उन्नत किस्म है।
3. फलों को शाखाओं से खींच कर नहीं तोड़ना चाहिए।
4. फलदार पौधों का जीवन चक्कर कई वर्षों का होता है।
5. बाग लगाने के तीन ढंग हैं।
उत्तर-

  1. ठीक
  2. ठीक
  3. ठीक
  4. ठीक
  5. गलत।

PSEB 10th Class Agriculture Solutions Chapter 5 फलदार पौधों की खेती

III. रिक्त स्थान भरें-

1. ………….. फलदार पौधे मध्य जनवरी से आधे फरवरी में लगाए जाते हैं।
2. डब्ल्यू मर्कट ……………… की किस्म है।
3. क्रिकेट बाल ……………… की किस्म है।
4. गनेश .. …………… की एक किस्म है।
5. अरली ग्रेड ……………………. की किस्म है।
उत्तर-

  1. पतझड़ी
  2. संतरे
  3. चीकू
  4. अनार
  5. आड़।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न-

प्रश्न 1.
फलों मे कौन-से तत्त्व होते हैं ?
उत्तर-
फलों में प्रोटीन, खनिज, विटामिन आदि होते हैं।

प्रश्न 2.
पंजाब को जलवायु के आधार पर कितने क्षेत्रों में बांटा गया है ?
उत्तर-
तीन।

प्रश्न 3.
बाग़ लगाने के समय अनुसार फलदार पौधों को कितनी श्रेणियों में बांटा
उत्तर-
दो श्रेणियों में।

PSEB 10th Class Agriculture Solutions Chapter 5 फलदार पौधों की खेती

प्रश्न 4.
सदाबहार फलदार पौधों की उदाहरण दें।
उत्तर-
आम, लीची, नींबू, किन्नू, चीकू आदि।

प्रश्न 5.
पतझड़ी फलदार पौधों की उदाहरण दें।
उत्तर-
नाशपाती, अंगूर, आड़, अलूचा आदि।

प्रश्न 6.
सदाबहार फलदार पौधे लगाने का सही समय बताओ।
उत्तर-
फरवरी-मार्च, सितंबर-अक्तूबर का माह।

प्रश्न 7.
आम तथा लीची के बाग़ कब लगाने चाहिए ?
उत्तर-
सितंबर-अक्तूबर में।

प्रश्न 8.
पतझड़ी फलदार पौधे कब लगाने चाहिए ?
उत्तर-
सर्दियों में जब यह शिथिल अवस्था में हो।

PSEB 10th Class Agriculture Solutions Chapter 5 फलदार पौधों की खेती

प्रश्न 9.
आड़, अलूचा के पौधे कब लगाने चाहिए ?
उत्तर-
मध्य जनवरी।

प्रश्न 10.
नाशपाती, अंगूर के पौधे कब लगाने चाहिए ?
उत्तर-
मध्य फरवरी।

प्रश्न 11.
फलदार पौधों की कृषि के लिए पानी का स्तर कैसा होना चाहिए ?
उत्तर-
पानी का स्तर तीन मीटर से नीचे होना चाहिए।

प्रश्न 12.
संतरे की किस्में बताओ।
उत्तर-
किन्न, डेज़ी, डब्ल्यू०, मरकट।

प्रश्न 13.
मालटे की किस्में बताओ।
उत्तर-
मुसम्मी, जाफा, ब्लड रैड, बलैनसीया।

PSEB 10th Class Agriculture Solutions Chapter 5 फलदार पौधों की खेती

प्रश्न 14.
नींबू की किस्में बताओ।
उत्तर-
कागज़ी, बारामासी नींबू, गलगल।

प्रश्न 15.
आम की किस्में बताओ।
उत्तर-
दशहरी, लंगड़ा, अलफँजो।

प्रश्न 16.
नाशपाती की दो उन्नत किस्मों के नाम लिखो।
उत्तर-
पंजाब नाख, पत्थर नाख (सख्त), पंजाब नैक्टर, पंजाब गोल्ड, बब्बूगोशा तथा लिंकोट आदि।

प्रश्न 17.
आड़ की किस्में बताओ।
उत्तर-
अरली ग्रैंड, शाने पंजाब, प्रभात।

प्रश्न 18.
अलुचा की किस्में लिखो।
उत्तर-
सतलुज पर्पल, काला अमृतसरी।

प्रश्न 19.
अमरूद की उन्नत किस्मों के नाम लिखो।
उत्तर-
सरदार, अलाहाबाद, सफैदा, अरका अमुलिया, पंजाब पिंक।

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प्रश्न 20.
अंगूर की किस्में बताओ।
उत्तर-
परलिट, ब्यूटी सीडलैस, फलेम सीडलैस, श्वेता।

प्रश्न 21.
बेर की किस्में बताओ।
उत्तर-
उमरान, सनोर-2, बलैती।

प्रश्न 22.
लीची की किस्में बताओ।
उत्तर-
देहरादून, कलकतीया।

प्रश्न 23.
चीकू की किस्में बताओ।
उत्तर-
काली पत्ती, क्रिकेट बाल।

PSEB 10th Class Agriculture Solutions Chapter 5 फलदार पौधों की खेती

प्रश्न 24.
अनार की किस्में बताओ।
उत्तर-
भगवा, गनेश, कंधारी।

प्रश्न 25.
बाग़ लगाने के छ: कोना ढंग में कितने पौधे अधिक लग जाते हैं ?
उत्तर-
15-20%.

प्रश्न 26.
नर्सरी से लिए गए पौधों की ऊंचाई के बारे में बताओ।
उत्तर-
पौधे मध्यम ऊंचाई के होने चाहिए।

प्रश्न 27.
बाग़ में मुख्य तत्व वाली खादें किस विधि द्वारा डाली जाती हैं ?
उत्तर-
छिड़काव विधि द्वारा।

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पश्न 28.
फल को शाखा से खींच कर क्यों नहीं तोड़ना चाहिए ?
उत्तर-
फल की छील उतर सकती है तथा शाखा टूट सकती है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पंजाब को जलवायु के आधार पर कितने क्षेत्रों में बांटा गया है तथा कौन-कौन से ?
उत्तर-
पंजाब को जलवायु के आधार पर तीन क्षेत्रों में बांटा गया है जो हैं –

  • अर्द्ध पहाड़ी क्षेत्र
  • केन्द्रीय क्षेत्र
  • सिंचाई योग्य तथा शुष्क क्षेत्र।

प्रश्न 2.
अर्द्ध पहाड़ी के कौन-से जिले हैं ?
उत्तर-
रूपनगर, होशियारपुर, पठानकोट, साहिबजादा अजीत सिंह नगर, शहीद भक्त सिंह नगर, केन्द्रीय शासित प्रदेश चण्डीगढ़।

प्रश्न 3.
अर्द्ध पहाड़ी क्षेत्र में कौन-से मुख्य फलों की कृषि होती है ?
उत्तर-
आम, नींबू, नाशपाती, किन्नू, संतरे, लीची, आड़, अलूचा, चीकू, आंवला आदि।

प्रश्न 4.
केन्द्रीय क्षेत्र में कौन-से जिले हैं ?
उत्तर-
अमृतसर, तरनतारन, कपूरथला, बरनाला, पटियाला, जालंधर, संगरूर, लुधियाना, मोगा, फतेहगढ़ साहिब आदि।

PSEB 10th Class Agriculture Solutions Chapter 5 फलदार पौधों की खेती

प्रश्न 5.
केन्द्रीय क्षेत्र में कौन-से फलों की कषि की जाती है ?
उत्तर-
नाशपाती, अमरूद, आड़, आम, किन्नू, संतरे, नींबू, अंगूर आदि।

प्रश्न 6.
सिंचाई वाले तथा शुष्क क्षेत्रों में कितने ज़िले हैं ?
उत्तर-
बठिंडा, मानसा, श्री मुक्तसर साहिब, फरीदकोट, फिरोज़पुर, फाजिल्का आदि।

प्रश्न 7.
सिंचाई वाले तथा शुष्क क्षेत्रों के फल बताओ।
उत्तर-
किनू तथा अन्य संतरे, नींबू, अंगूर, बेर, अमरूद आदि।

प्रश्न 8.
फलदार पौधों की कृषि के लिए मिट्टी कैसी होनी चाहिए ?
उत्तर-
फलदार पौधे लगाने के लिए अच्छे जल निकास वाली, गहरी भल्ल वाली तथा उपजाऊ मिट्टी होनी चाहिए। भूमि की दो मीटर तक की गहराई तक कोई सख्त सतह नहीं होनी चाहिए।

प्रश्न 9.
फलदार पौधों के लिए कैसी मिट्टी ठीक नहीं रहती ?
उत्तर-
फलदार पौधों के लिए सेम वाली, तेज़ाबी तथा लवणीय भूमि में नहीं लगाना चाहिए।

PSEB 10th Class Agriculture Solutions Chapter 5 फलदार पौधों की खेती

प्रश्न 10.
कौन-से फल तोड़ने के बाद अधिक पक सकते हैं तथा कौन-से नहीं ? उदाहरण दें।
उत्तर-
केला, आम, अलूचा आदि तोड़ने के बाद अधिक पक सकते हैं परन्तु अंगूर, लीची आदि तोड़ने के बाद पक नहीं सकते।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
फलदार पौधों की सिंचाई तथा खादों का विवरण दें।
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्नों में (खादों के लिए)। सिंचाई-छोटे पौधों को 3-4 वर्ष तक मार्च से जून तक सप्ताह-सप्ताह के बाद, नवम्बर से फरवरी तक 2-3 सप्ताह के बाद तथा जुलाई से नवम्बर तक वर्षा तथा मिट्टी की किस्म के अनुसार पानी की आवश्यकता होती है।

बाग फल देने लग जाए तो कोंपल फुटावल से पहले, फल लगने पर तथा अधिक गर्मी में पानी देना आवश्यक हो जाता है। गर्मियों में पानी की कमी से फूल अधिक झड़ने लगते हैं।

प्रश्न 2.
निम्न फलों की उन्नत किस्मों के नाम लिखेंआम, आड़, अलूचा, अमरूद, अंगूर, आंवला, अनार।
उत्तर-

1. आम-लंगड़ा, अलफांजो, दुसहरी, चूसने वाला आम।
2. आड़-प्रताप, शाने पंजाब, फ्लोरिडा प्रिंस, अरली ग्रैंड, प्रभात।
3. अलूंचा-काला अमृतसरी, सतलुज परपल।
4. अमरूद-अर्का अमूलीया, सफैदा, पंजाब पिंक, अलाहाबाद, सरदार।
5. अंगूर-ब्यूटी सीडलैस, पंजाब परपल, फलेम सीडलैस, परलिट, श्वेता।
6. आंवला-नीलम, कंचन, वलवंत।
7. अनार-कंधारी, गनेश, भगवा।

प्रश्न 3.
बाग लगाने की वर्गाकार विधि के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
स्वयं करें।

PSEB 10th Class Agriculture Solutions Chapter 5 फलदार पौधों की खेती

प्रश्न 4.
नर्सरी से फलदार पौधों का चुनाव करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-
स्वयं करें।

फलदार पौधों की खेती PSEB 10th Class Agriculture Notes

  • फलों में शरीर को स्वस्थ रखने वाले पौष्टिक तत्व होते हैं, जैसे विटामिन, खनिज, प्रोटीन आदि।
  • पंजाब में फलों की कृषि के अधीन क्षेत्रफल 78000 हेक्टेयर है।
  • पंजाब में जलवायु के आधार पर इसको तीन क्षेत्रों में बांटा गया है-अर्द्ध पर्वतीय क्षेत्र, केन्द्रीय क्षेत्र, सेंजू वाला तथा शुष्क क्षेत्र।।
  • फलदार पौधों को लगाने के समय अनुसार दो श्रेणियों में बांटा गया है
  • सदाबहार फलदार पौधे तथा पतझड़ी फलदार पौधे।
  • सदाबहार फलदार पौधे फरवरी-मार्च तथा सितंबर-अक्तूबर में लगाने चाहिए।
  • पतझड़ी फलदार पौधे सर्दियों में जब यह शिथिल अवस्था में होते हैं लगाने चाहिए।
  • फलदार पौधों के लिए मिट्टी गहरी, अच्छे जल निकास वाली, भल्ल वाली उपजाऊ होनी चाहिए।
  • सेम वाली, नमक वाली या तेज़ाबी मिट्टी में फलदार पौधे नहीं लगाने चाहिए।
  • फलदार पौधों की कृषि के लिए पानी का स्तर तीन मीटर से नीचे होना चाहिए।
  • प्रत्येक पौधे के लिए 1 x 1 x 1 मीटर गहरे तथा चौड़े खड्डे खोदने चाहिए।
  • पौधों को दीमक से बचाने के लिए लिंडेन या क्लोरोपाईरीफास का प्रयोग करो।
  • फलदार पौधों का जीवन चक्र कई वर्षों का होता है।
  • फलों के बाग़ लगाने के लिए सदा नई, सुधरी हुई तथा कृषि विशेषज्ञ द्वारा सिफ़ारिश की गई किस्में ही लगानी चाहिए।
  • फलदार पौधों में सही फासला होना आवश्यक है ताकि सूर्य का प्रकाश, खादें, पानी की ठीक मात्रा मिलती रहे।
  • बाग़ लगाने के तीन ढंग (विधियां) हैं-वर्गाकार, फिल्लर ढंग (विधि), छः कोना ढंग (विधि)।
  • बाग़ लगाने के लिए पौधे पी०ए०यू० बागवानी विभाग, सरकारी मन्जूरशुदा नर्सरियों से ही लेने चाहिए।
  • फलदार पौधों की वृद्धि मुख्य रूप से फरवरी से अप्रैल माह में होती है।
  • फलदार पौधों को छोटी आयु में ही सही आकार तथा ढांचा देने के लिए इनकी सिंचाई करनी आवश्यक है।
  • पौधे बड़े होने पर इन्हें कांट-छांट बहुत ज़रूरी है।
  • फलों को टहनियों से खींच कर नहीं तोड़ना चाहिए।

PSEB 10th Class SST Solutions Economics Chapter 1 आधारभूत धारणाएं

Punjab State Board PSEB 10th Class Social Science Book Solutions Economics Chapter 1 आधारभूत धारणाएं Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Social Science Economics Chapter 1 आधारभूत धारणाएं

SST Guide for Class 10 PSEB आधारभूत धारणाएं Textbook Questions and Answers

I. अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

इन प्रश्नों के उत्तर एक शब्द या एक वाक्य में दो

प्रश्न 1.
राष्ट्रीय आय की परिभाषा दें।
उत्तर-
डर्नबर्ग के अनुसार, “राष्ट्रीय आय एक देश के सामान्य निवासियों की एक वर्ष में मजदूरी, ब्याज, लगान तथा लाभ के रूप में अर्जित साधन आय है। यह घरेलू साधन आय और विदेशों से अर्जित शुद्ध साधन आय का योग है।”

प्रश्न 2.
प्रति व्यक्ति आय की परिभाषा दें।
उत्तर-
प्रति व्यक्ति आय से अभिप्राय किसी देश के लोगों को एक निश्चित अवधि में प्राप्त होने वाली औसत आय से है।
PSEB 10th Class Economics Solutions Chapter 1 आधारभूत धारणाएं 1

प्रश्न 3.
उपभोग से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
उत्पादित की गई वस्तुओं और सेवाओं का प्रयोग करके मानवीय आवश्यकताओं की प्रत्यक्ष रूप से सन्तुष्टि करने को उपभोग कहते हैं।

प्रश्न 4.
निवेश की परिभाषा दें।
उत्तर-
एक लेखा वर्ष में उत्पादन का उपभोग पर आधिक्य निवेश कहलाता है।

प्रश्न 5.
प्रेरित निवेश से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
वह निवेश जो आय तथा लाभ की मात्रा पर निर्भर करता है, प्रेरित निवेश कहलाता है।

प्रश्न 6.
स्वचालित निवेश की परिभाषा दें।
उत्तर-
वह निवेश जो आय, उत्पादन तथा लाभ में परिवर्तनों से स्वतन्त्र होता है, उसे स्वचालित निवेश कहा जाता है।

प्रश्न 7.
पूंजी निर्माण से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
पूंजी में होने वाली वृद्धि को पूंजी निर्माण कहा जाता है।

प्रश्न 8.
छिपी बेरोजगारी से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
अदृश्य अथवा छिपी बेरोजगारी से अभिप्राय किसी विशेष आर्थिक क्रिया में उत्पादन के लिए आवश्यकता से अधिक मात्रा में श्रमिकों के लगे होने से है।

प्रश्न 9.
पूर्ण रोजगार की परिभाषा दें।
उत्तर-
पूर्ण रोज़गार वह अवस्था है जिसमें वे सारे व्यक्ति जो मज़दूरी की प्रचलित दर पर कार्य करने के इच्छुक हैं, कार्य प्राप्त कर लेते हैं।

प्रश्न 10.
मुद्रा-स्फीति से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-मुद्रा-स्फीति का अर्थ है-कीमतों में लगातार वृद्धि तथा मुद्रा के मूल्य में लगातार कमी।

प्रश्न 11.
मुद्रा की पूर्ति से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
किसी निश्चित समय में मुद्रा की कुल जितनी मात्रा उपलब्ध होती है, उसे मुद्रा की पूर्ति कहा जाता है।

प्रश्न 12.
घाटे की वित्त-व्यवस्था से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
राजस्व से व्यय अधिक होने पर घाटे की पूर्ति के लिए नई मुद्रा का निर्गमन करना ही घाटे की वित्तव्यवस्था अथवा घाटा वित्तीयन कहलाता है।

प्रश्न 13.
भारत में निर्धनता रेखा से नीचे कौन-से लोगों को माना जाता है?
उत्तर-
योजना आयोग ने यह निर्धारित किया है कि जिन शहरी लोगों को प्रतिदिन 2100 कैलोरी वाला भोजन और जिन ग्रामीण लोगों को प्रतिदिन 2400 कैलोरी वाला भोजन प्राप्त नहीं होता, वे निर्धनता रेखा से नीचे हैं। इतनी कैलोरी का भोजन प्राप्त करने के लिए 2013-14 की कीमतों के आधार पर प्रति व्यक्ति मासिक आय गांव में ₹ 972 तथा शहर में ₹1407 होनी चाहिए।

प्रश्न 14.
विदेशी सहायता से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
विदेशी सहायता से आशय किसी राष्ट्र की विदेशी सरकार, निजी व्यक्तियों, व्यावसायिक संगठनों, विदेशी बैंकों, अन्तर्राष्ट्रीय संस्थानों द्वारा पूंजी के निवेश, ऋणों तथा अनुदानों से है।

प्रश्न 15.
भुगतान सन्तुलन की परिभाषा दें।
उत्तर-
एक देश की संसार के अन्य देशों से एक वर्ष में जो लेनदारी होती है तथा जो देनदारी होती है-उसके लेखा को भुगतान सन्तुलन कहा जाता है।

प्रश्न 16.
राजकोषीय नीति से क्या अर्थ है?
उत्तर-
सरकार की आय-व्यय तथा ऋण सम्बन्धी नीति को राजकोषीय नीति कहा जाता है।

II. लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

इन प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दें

प्रश्न 1.
राष्ट्रीय आय की परिभाषा दें। राष्ट्रीय आय तथा घरेलू आय में क्या अन्तर है?
उत्तर-
राष्ट्रीय आय-राष्ट्रीय आय एक देश के सामान्य निवासियों की एक वर्ष में अर्जित साधन आय है।
घरेलू आय-राष्ट्रीय आय में से यदि विदेशों से शुद्ध साधन आय को घटा दिया जाए तो जो आय बचेगी, उसे घरेलू आय कहा जायेगा अर्थात् – घरेलू आय = राष्ट्रीय आय – विदेशों से शुद्ध साधन आय
विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय = देशवासियों द्वारा विदेशों से साधन सेवाओं के बदले प्राप्त साधन आय-गैरदेशवासियों को देश की घरेलू सीमा के अन्दर साधन सेवाएं प्रदान करने के बदले प्राप्त साधन आय।

प्रश्न 2.
प्रति व्यक्ति आय से क्या अभिप्राय है? प्रति व्यक्ति आय का अनुमान कैसे लगाया जाता है?
उत्तर–
प्रति व्यक्ति आय से अभिप्राय किसी देश के लोगों को एक निश्चित अवधि में प्राप्त होने वाली औसत आय से है। स्पष्ट है कि प्रति व्यक्ति आय एक औसत आय है। इसका यह अभिप्राय नहीं है कि देश के प्रत्येक व्यक्ति की आय उसके बराबर हो। कुछ व्यक्तियों की आय उससे अधिक भी हो सकती है तथा कुछ की कम भी हो सकती है।
प्रति व्यक्ति आय का अनुमान-प्रति व्यक्ति आय का अनुमान राष्ट्रीय आय को जनसंख्या से भाग देकर लगाया जा सकता है।
दूसरे शब्दों में,
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प्रश्न 3.
उपभोग के क्या अर्थ हैं? औसत उपभोग प्रवृत्ति तथा सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति की परिभाषा दें।
उत्तर-
उपभोग वह प्रक्रिया है जिसमें किसी अर्थ-व्यवस्था में पैदा की गई वस्तुएं और सेवाएं मनुष्य की आवश्यकताओं को प्रत्यक्ष रूप से पूरा करने के लिए प्रयोग की जाती हैं।
औसत उपभोग प्रवृत्ति-किसी आय के स्तर पर कुल उपभोग व्यय और कुल आय के अनुपात को औसत उपभोग प्रवृत्ति कहते हैं।
प्रो० पीटर्सन के शब्दों में, “औसत उपभोग प्रवृत्ति आय का वह अनुपात है जो उपभोग पर व्यय किया जाता है”
अर्थात्
PSEB 10th Class Economics Solutions Chapter 1 आधारभूत धारणाएं 3
सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति-उपभोग में परिवर्तन तथा आय में परिवर्तन के अनुपात को सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति कहते हैं।
प्रो० कुरीहारा के अनुसार, “सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति उपभोग में होने वाले परिवर्तन तथा आय में होने वाले परिवर्तन का अनुपात है” अर्थात्
PSEB 10th Class Economics Solutions Chapter 1 आधारभूत धारणाएं 4

PSEB 10th Class SST Solutions Economics Chapter 1 आधारभूत धारणाएं

प्रश्न 4.
बचत से क्या अभिप्राय है? औसत बचत प्रवृत्ति तथा सीमान्त बचत प्रवृत्ति से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
बचत आय और उपभोग का अन्तर होती है। केन्ज़ के अनुसार, “बचत आय की व्यय पर अधिकता है” अर्थात्
बचत = आय-उपभोग
औसत बचत प्रवृत्ति-एक विशेष आय स्तर पर बचत तथा आय का अनुपात औसत बचत प्रवृत्ति कहलाता है। दूसरे शब्दों में,
PSEB 10th Class Economics Solutions Chapter 1 आधारभूत धारणाएं 5
सीमान्त बचत प्रवृत्ति-आय में होने वाले परिवर्तन के कारण बचत में होने वाले परिवर्तन के अनुपात को सीमान्त बचत प्रवृत्ति कहते हैं। दूसरे शब्दों में,
PSEB 10th Class Economics Solutions Chapter 1 आधारभूत धारणाएं 6

प्रश्न 5.
निवेश की परिभाषा दें। निवेश के निर्धारक तत्त्व कौन से हैं?
उत्तर-
अर्थशास्त्र में पूंजी में की जाने वाली वृद्धि को निवेश कहा जाता है। एक वर्ष में आय का जो भाग उपभोग पर व्यय नहीं किया जाता बल्कि बचाकर पूंजी निर्माण के लिए प्रयोग किया जाता है, उसे निवेश कहा जाता है। निवेश के निर्धारक तत्त्व-निवेश मुख्य रूप से दो तत्त्वों पर निर्भर करता है

  1. लाभ की दर अथवा निवेश की सीमान्त कार्य कुशलता
  2. ब्याज की दर अथवा निवेश की लागत एक विवेकशील उद्यमी तभी निवेश करेगा यदि पूंजी की सीमान्त कार्य-कुशलता, ब्याज की दर से अधिक है। इसके विपरीत यदि ब्याज की दर पूंजी की सीमान्त कार्य कुशलता से अधिक प्रतीत होती है तो निवेश करने की प्रेरणा नहीं रहेगी।

प्रश्न 6.
पूंजी निर्माण से क्या अभिप्राय है? कुल पूंजी निर्माण तथा शुद्ध पूंजी निर्माण में क्या अन्तर है?
उत्तर-
जब वर्तमान आय का कुछ भाग बचाया जाता है और उसका भविष्य में आमदन और उत्पादन बढ़ाने के लिए निवेश किया जाता है तो यह पूंजी निर्माण कहलाता है।
कुल पूंजी निर्माण-कुल पूंजी निर्माण का अर्थ कुल निवेश से है जिसके अन्तर्गत घिसावट के लिए किया गया निवेश और शुद्ध निवेश दोनों सम्मिलित होते हैं।
शुद्ध पूंजी निर्माण-शुद्ध पूंजी निर्माण से अभिप्राय शुद्ध निवेश में की जाने वाली वृद्धि से है।
शुद्ध पूंजी निर्माण = कुल पूंजी निर्माण – घिसावट वास्तव में पूंजी निर्माण से अभिप्राय शुद्ध निवेश में वृद्धि से है।

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प्रश्न 7.
छुपी हुई बेरोज़गारी की परिभाषा दें। इसे एक उदाहरण द्वारा स्पष्ट करें।
उत्तर-
छुपी बेरोज़गारी से अभिप्राय किसी विशेष आर्थिक क्रिया में उत्पादन के लिए आवश्यकता से अधिक मात्रा में श्रमिकों के लगे होने से है। दूसरे शब्दों में, यदि किसी क्षेत्र में काम में लगे श्रमिकों में से कुछ श्रमिकों को हटा कर किसी अन्य क्षेत्र में स्थानान्तरित कर दिया जाए और इस प्रकार किए गए परिवर्तन के फलस्वरूप, मूल क्षेत्र के उत्पादन में यदि कोई कमी नहीं होती तो यह स्थिति छुपी बेरोज़गारी की स्थिति मानी जाएगी।

छुपी बेरोज़गारी की स्थिति को एक उदाहरण द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है। मान लो, एक परिवार के पास 8 एकड़ का खेत है। खेती करने के वर्तमान ढंग के अनुसार यदि 8 व्यक्ति ही उस खेत पर काम कर रहे हैं तो वह अच्छे ढंग से खेती कर सकेंगे। परन्तु परिवार के कुल 12 सदस्य कहीं और रोजगार न मिलने के कारण उसी खेत पर काम कर रहे हैं तो यह कहा जा सकता है कि उनमें से 4 व्यक्ति वास्तव में बेकार हैं। अतः हम कह सकते हैं कि ये 4 व्यक्ति छिपे बेरोज़गार हैं।

प्रश्न 8.
पूर्ण रोजगार से क्या अभिप्राय है ? संरचनात्मक बेरोजगारी तथा तकनीकी बेरोजगारी के क्या अर्थ हैं?
उत्तर-
पूर्ण रोजगार से अभिप्राय ऐसी अवस्था से है जिसमें वे सारे लोग जो मज़दूरी की प्रचलित दर पर काम करने के लिए तैयार हैं, बिना किसी कठिनाई के काम प्राप्त कर लेते हैं अर्थात् अनैच्छिक बेरोजगारी का न पाया जाना पूर्ण रोज़गार की अवस्था का प्रतीक है।
संरचनात्मक बेरोज़गारी-अर्थ व्यवस्था में होने वाले संरचनात्मक निर्गलों के कारण उत्पन्न बेरोजगारी, संरचनात्मक बेरोज़गारी कहलाती है।
तकनीकी बेरोज़गारी – तकनीकी बेरोज़गारी से अभिप्राय उस बेरोज़गारी से है जो उत्पादन की तकनीकों में होने वाले परिवर्तनों के कारण उत्पन्न होती है।

प्रश्न 9.
मुद्रा-स्फीति की धारणा की व्याख्या करें।
उत्तर-
मुद्रा-स्फीति आज के युग की सबसे गम्भीर समस्याओं में से एक है। विश्व का शायद ही कोई ऐसा देश हो जो इससे प्रभावित न हुआ हो। वास्तव में, विश्व का प्रत्येक देश चाहे वह विकसित हो या अल्प-विकसित, पूंजीवादी हो या समाजवादी, इस समस्या का शिकार रहा है। अन्तर केवल यही रहा है कि कुछ देशों को इससे बहुत अधिक नुक्सान हुआ है जबकि अन्यों को अपेक्षाकृत कम।
आमतौर पर कीमत स्तर में होने वाली निरन्तर वृद्धि को मुद्रा-स्फीति कहा जाता है। प्रो० पीटर्सन के शब्दों में, “विस्तृत अर्थों में मुद्रा-स्फीति से अभिप्राय सामान्य कीमत स्तर में होने वाली स्थायी और निरन्तर वृद्धि से है।”
मुद्रा-स्फीति के कई कारण हो सकते हैं, परन्तु इसका मुख्य कारण मांग का पूर्ति से अधिक होना है। जब वस्तुओं की मांग उनकी पूर्ति से अधिक हो जाती है तो कीमतें बढ़ने लगती हैं तथा मुद्रा-स्फीति उत्पन्न हो जाती है।

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प्रश्न 10.
बजट से क्या अभिप्राय है? भारत सरकार के बजट की आय तथा व्यय की मुख्य मदें कौनसी हैं?
उत्तर-
बजट-बजट व्यय और वित्त प्रबन्ध सम्बन्धी सरकार की योजना का विवरण होता है। जब सरकार कर लगाती है और व्यय करती है तब वह ये कार्य बजट के ढांचे के अन्तर्गत ही करती है। इस प्रकार सरकारी बजट एक प्रकार की वित्तीय योजना होती है जिसके अन्तर्गत व्यय और आय दोनों ही आते हैं। परम्परागत रूप से सरकार साल में एक ही बार बजट पेश करती है। भारत सरकार सामान्यतया प्रति वर्ष 28 फरवरी को अपना बजट लोकसभा में प्रस्तुत करती है।
बजट की मुख्य मदें-भारत सरकार के बजट की प्रस्तावित मुख्य मदें निम्नलिखित हैं-

  1. आय की मदें-निगम कर, आय कर, आयात-निर्यात कर, उत्पादन कर, केन्द्रीय बिक्री कर, उपहार कर आदि आय की मुख्य मदें हैं।
  2. व्यय की मदें-सुरक्षा, पुलिस, प्रशासन, शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, उद्योग, कृषि, नियोजन, ग्रामीण विकास आदि व्यय की मुख्य मदें हैं।

प्रश्न 11.
घाटे की वित्त व्यवस्था की परिभाषा दें। इसके अन्तर्गत कौन से तरीकों को शामिल किया जाता है?
उत्तर-
डॉ० वी० के० आर० वी० राव के अनुसार, “जब सरकार जान-बूझकर सार्वजनिक आय तथा व्यय में अन्तर तथा बजट में घाटा उत्पन्न करे और घाटे की पूर्ति किसी ऐसी विधि से करे जिससे देश में मुद्रा की मात्रा बढ़े तो इसे घाटे की वित्त व्यवस्था कहते हैं।”
विधियां-सरकारी बजट के घाटे को पूरा करने के लिए जब निम्नलिखित तरीकों में से कोई भी तरीका अपनाया जाता है तो उसे घाटे की वित्त-व्यवस्था कहा जाता है

  1. सरकार द्वारा अपने घाटे को पूरा करने के लिए केन्द्रीय बैंक से कर्जा लेना। केन्द्रीय बैंक यह ऋण नए नोट छाप कर देता है।
  2. सरकारी खजाने में पड़ी हुई नकद जमा निकलवा कर घाटे को पूरा करना तथा
  3. सरकार द्वारा रिज़र्व बैंक द्वारा जारी की गई मुद्रा के अतिरिक्त नई मुद्रा जारी करना।
    इन तीनों विधियों से देश में मुद्रा की मात्रा में वृद्धि होती है। इसके फलस्वरूप कीमतों के बढ़ने की प्रायः सम्भावना रहती है। भारत में घाटे की वित्त-व्यवस्था का अधिकतर भाग रिज़र्व बैंक से रुपया उधार लेकर पूरा किया जाता है।

प्रश्न 12.
सार्वजनिक वित्त से क्या अभिप्राय है? प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष करों की उदाहरण सहित व्याख्या करें।
उत्तर-
सार्वजनिक वित्त से आशय किसी देश की सरकार के वित्तीय साधनों अर्थात् आय और व्यय से है। अर्थशास्त्र की वह शाखा जिसमें सरकार की आय तथा व्यय सम्बन्धी समस्याओं का अध्ययन किया जाता है, उसे सार्वजनिक वित्त कहा जाता है।
प्रत्यक्ष कर-प्रत्यक्ष कर वह कर होता है जो उसी व्यक्ति द्वारा पूर्ण रूप से दिया जाता है जिस पर कर लगाया जाता है। इस प्रकार के कर का भार किसी अन्य व्यक्ति पर डाला नहीं जा सकता। डाल्टन के अनुसार, “प्रत्यक्ष कर वास्तव में उसी व्यक्ति द्वारा दिया जाता है जिस पर यह वैधानिक रूप से लगाया जाता है।”

उदाहरण के लिए आयकर, उपहार कर, निगम कर, सम्पत्ति कर आदि प्रत्यक्ष कर हैं।
अप्रत्यक्ष कर-अप्रत्यक्ष कर वह कर है जिसे एक व्यक्ति पर लगाया जाता है, किन्तु आंशिक अथवा सम्पूर्ण रूप से दूसरे व्यक्ति के द्वारा सहन किया जाता है। डाल्टन के अनुसार, “अप्रत्यक्ष कर वे कर हैं जो लगाए तो किसी एक व्यक्ति पर जाते हैं, किन्तु इसका आंशिक या पूर्ण रूप से भुगतान किसी अन्य व्यक्ति को करना पड़ता है।”
अप्रत्यक्ष कर के उदाहरण हैं-बिक्री कर, उत्पादन कर, मनोरंजन कर, आयात-निर्यात कर आदि।

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प्रश्न 13.
सार्वजनिक व्यय से आप क्या समझते हैं? सार्वजनिक व्यय कितने प्रकार का हो सकता है?
उत्तर-
सार्वजनिक व्यय-सरकार द्वारा किए गए व्यय को सार्वजनिक व्यय कहा जाता है। ये चार प्रकार के हो सकते हैं।

  1. लोक निर्माण-सड़क, बांधों और पुलों आदि पर होने वाला व्यय।
  2. लोक कल्याण कार्य-शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य आदि पर किया गया व्यय।
  3. देश की सुरक्षा और कानून व्यवस्था, जैसे पुलिस, जेल आदि पर व्यय।
  4. उत्पादकों को उत्पादन, निर्यात और हस्तांतरण भुगतान बढ़ाने के लिए दी जाने वाली सब्सिडी पर व्यय। इस तरह सरकार सार्वजनिक राजस्व और व्यय में परिवर्तन करके अवसाद और मुद्रास्फीति को नियंत्रित कर सकती है।

प्रश्न 14.
निर्धनता रेखा की धारणा की व्याख्या करें। भारत में निर्धनता रेखा की क्या सीमाएं हैं?
उत्तर-
निर्धनता रेखा की धारणा किसी देश में निर्धनता को मापने का एक उपाय है। निर्धमता रेखा से नीचे जितने व्यक्ति होते हैं, उन्हें निर्धन माना जाता है।
निर्धनता रेखा से आशय उस राशि से है जो एक व्यक्ति के लिए प्रति माह न्यूनतम उपभोग करने के लिए आवश्यक है। निर्धनता रेखा का स्तर उस रकम के बराबर माना जाता है जो एक व्यक्ति को जीवित रहने के लिए प्रति माह अपनी न्यूनतम आवश्यकताओं (भोजन, वस्त्र, मकान, शिक्षा तथा स्वास्थ्य आदि) को पूरा करने के लिए आवश्यक होता है।
भारत में निर्धनता रेखा की सीमाएं-अपनी किताब “Poverty in India” में V.M. Dandekar और Nilkanth Rath लिखते हैं कि जिन लोगों को प्रतिदिन 2250 कैलोरी का भोजन प्राप्त नहीं होता, वे निर्धनता रेखा से नीचे हैं अर्थात् निर्धन हैं। इतनी कैलोरी का भोजन प्राप्त करने के लिए 2013-14 की कीमतों के आधार पर प्रति व्यक्ति मासिक आय गांव में ₹. 972 तथा शहर में ₹ 1407 होनी चाहिए।

प्रश्न 15.
विकास दर की परिभाषा दें। इसकी गणना कैसे की जाती है?
उत्तर-
विकास दर वह प्रतिशत दर है जिससे यह पता चलता है कि एक वर्ष की तुलना में दूसरे वर्ष में राष्ट्रीय आय या प्रति व्यक्ति आय में कितने प्रतिशत परिवर्तन हुआ है। विकास दर की गणना-विकास दर की गणना निम्नलिखित सूत्र द्वारा की जा सकती है-
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प्रश्न 16.
विदेशी सहायता से क्या अभिप्राय है? इसके मुख्य प्रकार कौन-से हैं?
उत्तर-
विदेशी सहायता से अभिप्राय विदेशी पूंजी, विदेशी ऋण तथा विदेशी अनुदान से है। विदेशी सहायता के प्रकार-विदेशी सहायता के मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं

  1. विदेशी पूंजी-विदेशी पूंजी से आशय विदेशियों द्वारा किसी देश की उत्पादक क्रियाओं में किए गए निवेश से है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश तथा विदेशी सहयोग विदेशी पूंजी के दो मुख्य रूप हैं।
  2. विदेशी ऋण-विदेशी ऋण मुख्य रूप से विदेशी सरकारों, व्यापारिक संस्थाओं व अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं आदि से प्राप्त किये जाते हैं।
  3. विदेशी अनुदान-विदेशी सहायता का वह भाग जो विदेशी सरकारों तथा संस्थाओं से सहायता के रूप में प्राप्त होता है, विदेशी अनुदान कहलाता है। इसे वापिस नहीं करना पड़ता। इस पर कोई भी ब्याज नहीं देना पड़ता।

PSEB 10th Class Social Science Guide आधारभूत धारणाएं Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)

I. उत्तर एक शब्द अथवा एक लाइन में

प्रश्न 1.
आधारभूत धारणाएं क्या हैं?
उत्तर-
वे शब्द जिनका अर्थशास्त्र में विशेष अर्थ होता है।

प्रश्न 2.
प्रति व्यक्ति आय कैसे मापी जाती है?
उत्तर-
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प्रश्न 3.
पूंजी निर्माण क्या है?
उत्तर-
आय का वह भाग जिससे अधिक उत्पादन सम्भव होता है।

प्रश्न 4.
मुद्रा स्फीति क्या है?
उत्तर-
सामान्य कीमत स्तर में अत्यधिक वृद्धि।

प्रश्न 5.
सार्वजनिक ऋण क्या है?
उत्तर-
सरकार द्वारा लिए गए सभी ऋण।

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प्रश्न 6.
निर्धनता रेखा क्या है?
उत्तर-
किसी देश की निर्धनता के स्तर को मापने की विधि।

प्रश्न 7.
कौन-सी नीति सरकार की आय व व्यय से सम्बन्धित है?
उत्तर-
राजकोषीय नीति।

प्रश्न 8.
सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति क्या है?
उत्तर-
आय में होने वाले परिवर्तन के फलस्वरूप उपभोग में होने वाला परिवर्तन।

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प्रश्न 9.
औसत उपभोग प्रवृत्ति क्या है?
उत्तर-
कुल व्यय व कुल आय के अनुपात को कहते हैं।

प्रश्न 10.
सीमान्त बचत प्रवृत्ति क्या है?
उत्तर-
आय में होने वाले परिवर्तन के फलस्वरूप बचत में होने वाला परिवर्तन।

प्रश्न 11.
निवेश क्या है?
उत्तर-
पूंजी भण्डार में वृद्धि।

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प्रश्न 12.
प्रेरित निवेश क्या होता है?
उत्तर-
जो आय व लाभ की मात्रा पर निर्भर करता है।

प्रश्न 13.
स्वचालित निवेश क्या होता है?
उत्तर-
जो आय व लाभ की मात्रा से स्वतन्त्र होता है।

प्रश्न 14.
मुद्रा पूर्ति का एक अवयव बताएं।
उत्तर-
बैंक जमा।

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प्रश्न 15.
विकास दर की गणना कैसे की जाती है?
उत्तर-
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प्रश्न 16.
निवेश का एक निर्धारक बताएं।
उत्तर-
ब्याज की दर।

प्रश्न 17.
मुद्रा-स्फीति का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर-
मांग का पूर्ति की तुलना में बढ़ना।

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प्रश्न 18.
सन्तलित बजट क्या है?
उत्तर-
जहां सरकार की आय = सरकार का व्यय।

प्रश्न 19.
घाटे का बजट क्या है?
उत्तर-
जब सरकार की आय < सरकार का व्यया

प्रश्न 20.
बेशी का बजट क्या है?
उत्तर-
जब सरकार की आय > सरकार का व्यय।

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प्रश्न 21.
प्रत्यक्ष कर का एक उदाहरण दें।
उत्तर-
आय कर।

प्रश्न 22.
अप्रत्यक्ष कर का एक उदाहरण दें।
उत्तर-
बिक्री कर।

प्रश्न 23.
विदेशी सदारता का उदाहरण हैं।
उत्तर-
विदेशी ऋण।

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प्रश्न 24.
उदार ऋण क्या है?
उत्तर-
जो ऋण लम्बी अवधि के लिए कम ब्याज दर पर लिए जाते हैं।

प्रश्न 25.
अनुदार ऋण क्या है?
उत्तर-
जो ऋण कम अवधि के लिए ऊंची ब्याज दर पर लिए जाते हैं।

प्रश्न 26.
मौद्रिक नीति का एक उद्देश्य बताएं।
उत्तर-
कीमत स्थिरता।

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प्रश्न 27.
राजकोषीय नीति का एक उद्देश्य बताएं।
उत्तर-
आर्थिक विकास।

प्रश्न 28.
राजकोषीय नीति का एक उपकरण बताएं।
उत्तर-
करारोपण।

प्रश्न 29.
घरेलू साधन आय से क्या आशय है?
उत्तर-
देश की घरेलू सीमा के अन्दर विभिन्न उत्पादन के साधनों को प्राप्त आय के जोड़ को घरेलू साधन आय कहते हैं।

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प्रश्न 30.
“देश के सामान्य निवासी” का अर्थ बताओ।
उत्तर-
देश के सामान्य निवासी का अर्थ है वह व्यक्ति या संस्था जो साधारणतः देश में रहती है और उसका लाभ या हानि उस देश के साथ ही है।

प्रश्न 31.
विदेशों से प्राप्त निवल साधन आय का क्या अर्थ है?
उत्तर-
देशवासियों को साधन सेवाओं के बदले विदेशों से प्राप्त साधन आय तथा गैर-देशवासियों को देश की घरेलू सीमा के अन्दर साधन सेवाएं प्रदान करने के बदले प्राप्त साधन आय के अन्तर को विदेशों से प्राप्त निवल साधन आय कहते हैं।

प्रश्न 32.
साधन आय से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
उत्पादन में सहायता के लिए, उत्पादन के विभिन्न साधनों के मालिकों को जो आय प्राप्त होती है, उसे साधन आय कहते हैं।

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प्रश्न 33.
चालू कीमतों पर राष्ट्रीय आय का अर्थ बताओ।
उत्तर-
यदि राष्ट्रीय आय का माप करने के लिए चालू वर्ष की कीमतों का प्रयोग किया जाए तो राष्ट्रीय आय को चालू कीमतों पर राष्ट्रीय आय कहते हैं।

प्रश्न 34.
स्थिर कीमतों पर राष्ट्रीय आय का अर्थ बताओ।
उत्तर-
यदि राष्ट्रीय आय का माप करने के लिए आधार वर्ष की कीमतों का प्रयोग किया जाए तो राष्ट्रीय आय को स्थिर कीमतों पर राष्ट्रीय आय कहते हैं।

प्रश्न 35.
स्थिर कीमतों पर राष्ट्रीय आय तथा चालू कीमतों पर राष्ट्रीय आय में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर-
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प्रश्न 36.
उपभोग फलन अथवा उपभोग प्रवृत्ति से क्या आशय है?
उत्तर-
उपभोग फलन, आय व उपभोग के क्रियात्मक सम्बन्ध को व्यक्त करता है अर्थात्
C = f (y)
C = उपभोग, Y = आय तथा f = फलन अर्थात् उपभोग व्यय आय का फलन है।

प्रश्न 37.
आय एवं उपभोग में कैसा सम्बन्ध पाया जाता है?
उत्तर-
आय एवं उपभोग में धनात्मक सम्बन्ध पाया जाता है।

प्रश्न 38.
सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति की सीमाएं बताइए।
उत्तर-
सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति शून्य से अधिक तथा एक से कम होती है अर्थात् आय के बढ़ने पर लोगों के व्यय में भी वृद्धि होती है, परन्तु उतनी वृद्धि नहीं होती जितनी आय में होती है।

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प्रश्न 39.
बचत की परिभाषा दें।
उत्तर-
केन्ज़ के अनुसार, “बचत आय की व्यय पर अधिकता है।” दूसरे शब्दों में, बचत = आय – उपभोग ।

प्रश्न 40.
औसत बचत प्रवृत्ति की परिभाषा दें।
उत्तर-
औसत बचत प्रवृत्ति एक विशेष आय स्तर पर बचत तथा आय का अनुपात है अर्थात्
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प्रश्न 41.
शुद्ध निवेश से क्या आशय है?
उत्तर-
यदि कुल निवेश में से घिसावट व्यय या प्रतिस्थापन निवेश को घटा दिया जाए तो बाकी को शुद्ध निवेश कहते हैं अर्थात् शुद्ध निवेश = कुल निवेश – घिसावट

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प्रश्न 42.
प्रतिस्थापन निवेश से क्या आशय है?
उत्तर-
प्रतिस्थापन निवेश वह निवेश है जो पूंजी की घिसावट के कारण नष्ट हो जाने के फलस्वरूप उनके नवीकरण या प्रतिस्थापन के लिए किया जाता है।

प्रश्न 43.
ऐच्छिक बेरोज़गारी का क्या अर्थ है?
उत्तर-
जब श्रमिक मज़दूरी की प्रचलित दर पर काम करने के लिए तैयार न हों अथवा काम होने पर भी अपनी इच्छा के अनुसार काम न करना चाहते हों तो ऐसी बेरोज़गारी, ऐच्छिक बेरोज़गारी कहलाती है।

प्रश्न 44.
संघर्षात्मक बेरोजगारी से क्या आशय है?
उत्तर-
यह बेरोज़गारी कच्चे माल की कमी, श्रमिकों की गतिहीनता, विशेष किस्म के रोज़गार सम्बन्धी अवसरों की कमी से, मशीनों की टूट-फूट के कारण पाई जाती है।

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प्रश्न 45.
मौसमी बेरोज़गारी से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
यह बेरोज़गारी मौसम, फैशन और रुचि सम्बन्धी परिवर्तन होने के कारण उत्पन्न होती है, जैसे-बर्फ के कारखाने सर्दियों के दिनों में बन्द रहते हैं।

प्रश्न 46.
कीमत सूचकांक से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
कीमत सूचकांक वह संख्या है जिससे यह ज्ञात होता है कि किसी एक निश्चित वर्ष जिसे आधार वर्ष कहते हैं, की तुलना में चालू वर्ष को औसत कीमतों में कितने प्रतिशत परिवर्तन हुआ है।

प्रश्न 47.
मुद्रा-स्फीति के लिए मुख्यतः कौन-सा कारण उत्तरदायी है?
उत्तर-
मुद्रा-स्फीति के कई कारण हो सकते हैं, परन्तु इसका मुख्य कारण वस्तुओं की मांग का उनकी पूर्ति से अधिक होना है। जब मांग पूर्ति से अधिक हो जाती है तो कीमतें बढ़ने लगती हैं तथा मुद्रा-स्फीति उत्पन्न हो जाती है।

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प्रश्न 48.
मुद्रा की पूर्ति के मुख्य घटक कौन-से हैं?
उत्तर-
मुद्रा की पूर्ति के मुख्य घटक निम्नलिखित हैं
(i) करन्सी जिसके अन्तर्गत नोट और सिक्के आते हैं, और
(ii) मांग जमा जिस पर चैक जारी किए जा सकते हैं।

प्रश्न 49.
सन्तुलित बजट का क्या अर्थ है?
उत्तर-
सन्तुलित बजट वह बजट है जिसमें सरकार की आय तथा व्यय दोनों बराबर होते हैं।

प्रश्न 50.
घाटे का बजट किसे कहा जाता है?
उत्तर-
घाटे का बजट वह बजट है जिसमें सरकार का व्यय उसकी आय से अधिक होता है।

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प्रश्न 51.
बचत का बजट किसे कहा जाता है?
उत्तर-
बचत का बजट वह बजट है जिसमें सरकार की आय, उसके व्यय की तुलना में अधिक होती है।

प्रश्न 52.
प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों के दो-दो उदाहरण दें।
उत्तर-
प्रत्यक्ष कर-आय कर, उपहार कर। अप्रत्यक्ष कर-बिक्री कर, मनोरंजन कर।

प्रश्न 53.
विदेशी सहयोग से क्या आशय है?
उत्तर-
विदेशी सहयोग, विदेशी पूंजी का एक रूप है। इसके अन्तर्गत विदेशी तथा देशी उद्यमी संयुक्त रूप से उद्यम स्थापित करते हैं।

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प्रश्न 54.
पोर्टफोलियो निवेश किसे कहते हैं?
उत्तर-
पोर्टफोलियो निवेश विदेशी पूंजी का एक रूप है। यह निवेश विदेशी कम्पनियों द्वारा किसी देश की कम्पनियों के शेयर पूंजी या डिबेन्चर आदि में किया जाता है।

प्रश्न 55.
उदार और अनुदार ऋणों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
जो विदेशी ऋण लम्बी अवधि के लिए ब्याज की कम दर पर प्राप्त होते हैं, उन्हें उदार ऋण कहा जाता है। इसके विपरीत जो ऋण कम अवधि के लिए ब्याज की अधिक दर पर प्राप्त होते हैं, उन्हें अनुदार ऋण कहा जाता है।

प्रश्न 56.
व्यापार शेष से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
दृश्य वस्तुओं जैसे-उपज, मशीनें, चाय, तम्बाकू आदि के आयात-निर्यात का अन्तर व्यापार शेष कहलाता है।

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प्रश्न 57.
प्रतिकूल भुगतान शेष से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
यदि विदेशों को किए जाने वाले भुगतान देश को विदेशों से प्राप्त होने वाली आय से ज्यादा हों तो देश का भुगतान शेष प्रतिकूल कहलाता है।

प्रश्न 58.
मौद्रिक नीति के मुख्य उद्देश्य कौन-से हैं?
उत्तर-

  1. कीमत स्थिरता
  2. पूर्ण रोज़गार
  3. आर्थिक विकास
  4. विनिमय स्थिरता
  5. आर्थिक असमानता में कमी।

प्रश्न 59.
बैंक दर से क्या आशय है?
उत्तर-
बैंक दर ब्याज की वह न्यूनतम दर है जिस पर किसी देश का केन्द्रीय बैंक दूसरे बैंक को ऋण देने के लिए तैयार होता है।

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प्रश्न 60.
खुले बाजार की क्रियाओं से क्या आशय है?
उत्तर-
खुले बाज़ार की क्रियाओं से अभिप्राय है, केन्द्रीय बैंक द्वारा खुले बाज़ार में प्रतिभूतियों को खरीदना तथा बेचना।

प्रश्न 61.
तरलता अनुपात से क्या आशय है?
उत्तर-
प्रत्येक बैंक को अपनी जमा राशि का एक निश्चित अनुपात अपने पास ही नकद राशि के रूप में रखना पड़ता है, इसे तरलता अनुपात कहते हैं। बैंक इस राशि को उधार नहीं दे सकती।

प्रश्न 62.
राजकोषीय नीति के मुख्य उद्देश्य बताइए।
उत्तर-

  1. आर्थिक विकास
  2. कीमत स्थिरता
  3. विनिमय स्थिरता
  4. पूर्ण रोज़गार
  5. आर्थिक समानता।

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प्रश्न 63.
राजकोषीय नीति के मुख्य उपकरण कौन-से हैं?
उत्तर-

  1. कर
  2. सार्वजनिक ऋण
  3. घाटे की वित्त व्यवस्था
  4. सार्वजनिक व्यय।

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. ……….. आय एक वर्ष में एक देश के सामान्य निवासियों द्वारा अर्जित की गई साधन आय है। (राष्ट्रीय/प्रति व्यक्ति)
  2. मनुष्य की आवश्यकताओं को सन्तुष्ट करने के लिए उत्पादित वस्तुओं व सेवाओं का प्रयोग ……….. है। (उपभोग/उत्पादन)
  3. ……….. में वृद्धि निवेश कहलाता है। (उपभोग/पूँजी)
  4. ……… = PSEB 10th Class Economics Solutions Chapter 1 आधारभूत धारणाएं 12 (MPC/APC)
  5. ……….. को बचत में परिवर्तन तथा आय में परिवर्तन के अनुपात के रूप में मापा जाता है। (MPC/MPS)
  6. सरकार की आय व्यय तथा ऋण सम्बन्धी नीति को ………… नीति कहा जाता है। (राजकोषीय/मौद्रिक)
  7. उपयोगिता का सृजन ………… है। (उपभोग/उत्पादन)
  8. भारत के केन्द्रीय बैंक की स्थापना …………… में हुई। (1935/1945)

उत्तर-

  1. राष्ट्रीय,
  2. उपभोग,
  3. पूँजी,
  4. APC,
  5. MPS,
  6. राजकोषीय,
  7. उत्पादन,
  8. 1935;

III. बहुविकल्पीय

प्रश्न 1.
उपयोगिता का भक्षण कहलाता है:
(A) उपभोग
(B) उत्पादन
(C) विनिमय
(D) वितरण।
उत्तर-
(A) उपभोग

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प्रश्न 2.
प्रति व्यक्ति आय की गणना का सूत्र लिखें :
(A) PSEB 10th Class Economics Solutions Chapter 1 आधारभूत धारणाएं 13
(B) PSEB 10th Class Economics Solutions Chapter 1 आधारभूत धारणाएं 14
(C) PSEB 10th Class Economics Solutions Chapter 1 आधारभूत धारणाएं 15
(D) इनमें कोई नहीं।
उत्तर-
(C)

प्रश्न 3.
प्रति व्यक्ति आय का अन्य नाम क्या है?
(A) राष्ट्रीय आय
(B) निजी आय
(C) वैयक्तिक आय
(D) औसत आय।
उत्तर-
(D) औसत आय।

प्रश्न 4.
सरकार की आय व्यय तथा ऋण सम्बन्धी नीति कहलाती है
(A) मौद्रिक
(B) सरकारी
(C) योजना
(D) राजकोषीय।
उत्तर-
(D) राजकोषीय।

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प्रश्न 5.
सार्वजनिक आय के ……… मुख्य पक्ष हैं।
(A) दो
(B) तीन
(C) चार
(D) पाँच।
उत्तर-
(B) तीन

प्रश्न 6.
………. उपभोग तथा आय का अनुपात है।
(A) APS
(B) APC
(C) MPS
(D) MPC
उत्तर-
(B) APC

IV. सही/गलत

  1. आय में से उपभोग को घटाने पर जो शेष बचता है वह उपभोग है।
  2. पूंजी स्टॉक में होने वाली वृद्धि बचत है।
  3. आय कर प्रत्यक्ष कर है।
  4. प्रति व्यक्ति आय को औसत आय भी कहते हैं।
  5. सरकार की आय व व्यय संबंधी नीति राजकोषीय नीति हैं।

उत्तर-

  1. सही
  2. गलत
  3. सही
  4. सही
  5. सही।

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छोटे उत्तर वाले प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
देश की घरेलू सीमा की धारणा की व्याख्या करें।
उत्तर-
आम बोलचाल की भाषा में देश की घरेलू सीमा का अर्थ देश की राजनीतिक सीमा से लिया जाता है; परन्तु अर्थशास्त्र में देश की घरेलू सीमा का अर्थ केवल देश की राजनीतिक सीमा नहीं। इसमें नीचे लिखी मदें शामिल की जाती हैं

  1. राजनीतिक सीमा के अन्दर आने वाले क्षेत्र और पानी।
  2. दूसरे देश में काम कर रहे देश के दूतावास, फ़ौजी अड्डे, परामर्श दफ्तर आदि।
  3. अलग-अलग देशों में चल रहे देश के हवाई जहाज़ और समुद्री जहाज़।
  4. अन्तर्राष्ट्रीय पानी में चल रहे या काम कर रहे मछेरे, गैस निकालने वाले यन्त्र या तैराक।

प्रश्न 2.
सकल राष्ट्रीय आय व शुद्ध राष्ट्रीय आय में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
राष्ट्रीय आय एक देश के सामान्य निवासियों की एक वर्ष से मज़दूरी, ब्याज, लगान तथा लाभ के रूप में साधन आय है। यह घरेलू साधन आय तथा विदेशों से प्राप्त निवल साधन आय का योग है।
एक देश की राष्ट्रीय आय में यदि घिसावट व्यय शामिल रहा है तो उसे सकल राष्ट्रीय आय कहा जाता है। इसके विपरीत यदि उसमें से घिसावट व्यय घटा दिया जाता है तो उसे शुद्ध राष्ट्रीय आय कहा जाता है। दूसरे शब्दों में,
शुद्ध राष्ट्रीय आय = कुल राष्ट्रीय आय – घिसावट व्यय।

प्रश्न 3.
औसत उपभोग प्रवृत्ति व सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति की धारणाओं को उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
किसी आय के स्तर पर कुल उपभोग व्यय और कुल आय के अनुपात को औसत उपभोग प्रवृत्ति कहते हैं।
उदाहरण

आय उपभोग औसत उपभोग प्रवृत्ति ।
200 180 0.90
300 260 0.87

जब आय 200 रु० है तो उपभोग 180 रु० है। दूसरे शब्दों में, औसत उपभोग प्रवृत्ति = \(\frac{180}{200}\) = 0.90 है। जब आय बढ़कर 300 रु० हो जाती है तो उपभोग बढ़कर 260 रु० हो जाता है। दूसरे शब्दों में, औसत उपभोग प्रवृत्ति = \(\frac{260}{300}\) = 0.87
सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति-उपभोग में परिवर्तन तथा आय में परिवर्तन के अनुपात को सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति कहते हैं। अर्थात्
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उदाहरण
PSEB 10th Class Economics Solutions Chapter 1 आधारभूत धारणाएं 17
ऊपर दी गई उदाहरण में जब आय 300 रु० से बढ़कर 400 रु० हो जाती है तो उपभोग 230 रु० से बढ़कर 280 रु० हो जाता है तो सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति \(\frac{50}{100}\) = 0.5, इसी प्रकार आय 400 से बढ़कर 500 हो जाती है और उपभोग 280 से बढ़कर 320 रु० हो जाता है। इसलिए सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति\(\frac{40}{100}\) = 0.4 है।

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प्रश्न 4.
कुल निवेश व शुद्ध निवेश में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
कुल निवेश = शुद्ध निवेश + प्रतिस्थापन निवेश।
प्रतिस्थापन निवेश वह निवेश है जो पूंजी की घिसावट के कारण नष्ट हो जाने के फलस्वरूप उनके नवीनीकरण या प्रतिस्थापन के लिए किया जाता है। यह निवेश पूंजी के वर्तमान स्तर को बनाए रखता है।
शुद्ध निवेश वह निवेश है जिसके कारण पूंजी के स्टॉक में वृद्धि होती है। कुल निवेश में से घिसावट व्यय या प्रतिस्थापन निवेश को घटा कर शुद्ध निवेश प्राप्त किया जा सकता है अर्थात्
शुद्ध निवेश = कुल निवेश – प्रतिस्थापन निवेश।

प्रश्न 5.
ऐच्छिक व अनैच्छिक बेरोज़गारी में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
जब श्रमिक मजदूरी की प्रचलित दर पर कार्य करने के लिए तैयार न हों अथवा कार्य होने पर भी अपनी इच्छा के अनुसार कार्य न करना चाहते हों तो ऐसी बेरोज़गारी ऐच्छिक बेरोज़गारी कहलाएगी। दूसरी ओर, अनैच्छिक बेरोज़गारी वह अवस्था है जिसमें श्रमिक मज़दूरी की वर्तमान दर पर कार्य करने के लिए तैयार हैं, पर उनको कार्य न मिले।

प्रश्न 6.
पूर्ण रोजगार की अवस्था में किन किस्मों की बेरोजगारियां पाई जा सकती हैं?
उत्तर-
परम्परावादी अर्थशास्त्रियों के अनुसार, किसी भी अर्थ-व्यवस्था में पूर्ण रोजगार की अवस्था में निम्नलिखित किस्मों की बेरोज़गारियां पाई जा सकती हैं

  1. ऐच्छिक बेरोजगारी
  2. संघर्षात्मक बेरोज़गारी
  3. मौसमी बेरोज़गारी
  4. संरचनात्मक बेरोज़गारी
  5. तकनीकी बेरोज़गारी ऐच्छिक बेरोजगारियों के होते हुए भी यदि अर्थ-व्यवस्था में अनैच्छिक बेरोजगारी नहीं है, तो इसको पूर्ण रोजगार की अवस्था कहा जाएगा।

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प्रश्न 7.
भारत में मुद्रा पूर्ति में कौन-कौन से तत्त्व शामिल किये जाते हैं?
उत्तर-
भारत में मुद्रा पूर्ति में निम्नलिखित तत्त्व शमिल किये जाते हैं

  1. जनता के पास करन्सी नोट एवं सिक्के राजकीय कोष में जमा राशि, बैंकों तथा राज्य सहकारी बैंकों की करन्सी को निकाल कर।
  2. बैंकों और राज्य सहकारी बैंकों की मांग जमा (अन्तर बैंक मांग जमा को निकाल कर)।
  3. रिज़र्व बैंक के अन्य जमा खातों की राशि (अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के खाते में जमा राशि को छोड़कर)।

प्रश्न 8.
सरकारी बजट से क्या आशय है? यह कितने प्रकार का हो सकता है?
उत्तर-
सरकारी बजट सरकार द्वारा प्रस्तावित वार्षिक आय तथा व्यय का ब्यौरा होता है। सरकार का बजट तीन प्रकार का हो सकता है

  1. घाटे का बजट-घाटे का बजट वह बजट है जिसमें सरकार का व्यय उसकी आय से अधिक होता है। इस प्रकार का बजट अभावी मांग की स्थिति में उचित होता है।
  2. बचत का बजट-वह बजट, जिसमें सरकार की आव उसके व्यय की तुलना में अधिक होती है, बचत का बजट कहलाता है। इस प्रकार का बजट अत्यधिक मांग की स्थिति में उचित होता है।
  3. सन्तुलित बजट-वह बजट, जिसमें सरकार की आय उसके व्यय के बराबर होती है, सन्तुलित बजट कहलाता है।

प्रश्न 9.
प्रत्यक्ष करों के कोई दो लाभ बताइए।
उत्तर-

  1. न्यायपूर्ण-प्रत्यक्ष कर अधिक न्यायपूर्ण होते हैं। इस प्रकार के कर लोगों की कर दान क्षमता पर आधारित होते हैं।
  2. लोचशील-प्रत्यक्ष कर लोचशील होते हैं। अत: उनसे प्राप्त होने वाली आय को आवश्यकतानुसार घटायाबढ़ाया जा सकता है।

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प्रश्न 10.
अप्रत्यक्ष करों के कोई दो लाभ बताइए।
उत्तर-

  1. सुविधाजनक-अप्रत्यक्ष करों को इसलिए अधिक सुविधाजनक माना जाता है, क्योंकि वह उस समय लगाए जाते हैं जब उपभोक्ता वस्तुओं को खरीदता है अथवा सेवाओं का उपभोग करता है जिससे कि वे उनके बोझ को महसूस न करे।
  2. कर चोरी कठिन-इन करों से बचना बहुत कठिन होता है। ऐसे कर वस्तुओं को खरीदते समय लिए जाते हैं। इसलिए लोग इनसे आसानी से नहीं बच सकते। अप्रत्यक्ष कर प्रायः वस्तुओं के मूल्य से जुड़े रहते हैं। इसलिए उनसे बचने का परिणाम आवश्यकताओं की संतुष्टि से वंचित रहना होता है।

प्रश्न 11.
साख नियन्त्रण के उपायों के रूप में बैंक दर एवं खुले बाज़ार की क्रियाओं की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
बैंक दर-बैंक दर ब्याज की वह न्यूनतम दर है जिस पर किसी देश का केन्द्रीय बैंक दूसरे बैंकों को ऋण देने के लिए तैयार होता है। बैंक दर के बढ़ने से ब्याज की दर बढ़ती है तथा ऋण महंगा होता है।
खुले बाजार की क्रियाएं-खुले बाजार की क्रियाओं से आशय केन्द्रीय बैंक द्वारा खुले बाज़ार में प्रतिभूतियों को खरीदने तथा बेचने से है। मन्दी की स्थिति में केन्द्रीय बैंक खुले बाज़ार से प्रतिभूतियों को खरीदता है। इसके फलस्वरूप साख का विस्तार होता है तथा मांग में वृद्धि होती है। दूसरी ओर तेजी की स्थिति में केन्द्रीय बैंक प्रतिभूतियों को बेचता है, जिसके फलस्वरूप साख का संकुचन होता है तथा मांग में कमी होती है।

प्रश्न 12.
साख नियन्त्रण के उपायों के रूप में न्यूनतम नकद निधि अनुपात व तरलता अनुपात की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
न्यूनतम नकद निधि-सभी बैंकों को अपनी जमा राशि का एक निश्चित प्रतिशत नकद निधि के रूप में केन्द्रीय बैंक के पास रखना पड़ता है। अतः मन्दी की स्थिति में न्यूनतम नकद निधि अनुपात को कम कर दिया जाता है व तेज़ी की अवस्था में इसे बढ़ा दिया जाता है।
तरलता अनुपात-प्रत्येक बैंक को अपनी जमा राशि का एक निश्चित अनुपात अपने पास ही नकद राशि के रूप में रखना पड़ता है। इसे तरलता अनुपात कहते हैं। बैंक इस राशि को उधार नहीं दे सकता। मन्दी की स्थिति में केन्द्रीय बैंक तरलता अनुपात को कम कर देता है तथा तेज़ी की स्थिति में तरलता अनुपात को बढ़ा दिया जाता है।

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प्रश्न 13.
संरचनात्मक बेरोज़गारी तथा तकनीकी बेरोज़गारी में क्या अन्तर हैं?
उत्तर-
संरचनात्मक बेरोज़गारी तथा तकनीकी बेरोज़गारी में अन्तर

संरचनात्मक बेरोजगारी तकनीकी बेरोज़गारी
(i) संरचनात्मक बेरोज़गारी से अभिप्राय उस अवस्था से है जिसमें अर्थव्यवस्था में होने वाले संरचनात्मक परिवर्तनों के कारण बेरोज़गारी होती (i) तकनीकी बेरोज़गारी से अभिप्राय उस बेरोजगारी से है जो उत्पादन की तकनीकों में होने वाले परिवर्तनों के कारण पैदा होती है।
(ii) इसके उत्पन्न होने का मुख्य कारण देश के निर्यात व्यापार में होने वाला परिवर्तन है। (ii) यह इसलिए उत्पन्न होती है क्योंकि श्रमिकों को नई तकनीकी का कम ज्ञान होता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
बेरोजगार किसे कहते हैं? बेरोज़गारी के सामान्य प्रकारों का वर्णन करें।
उत्तर-
बेरोजगार उस व्यक्ति को कहा जाता है जो कि बाजार में प्रचलित मज़दूरी दर पर काम तो करना चाहता है लेकिन उसे काम नहीं मिल पा रहा है। बेरोज़गारी की परिभाषा हर देश में अलग-अलग होती है, जैसे-अमेरिका में यदि किसी व्यक्ति को उसकी क्वालिफिकेनश के हिसाब से नौकरी नहीं मिलती है तो उसे बेरोज़गार माना जाता है। विकासशील देशों में निम्न प्रकार की बेरोजगारी पाई जाती है।

  1. मौसमी बेरोज़गारी (Seasonal Unemployment)—इस प्रकार की बेरोज़गारी कृषि क्षेत्र में पाई जाती है। कृषि में लगे लोगों को कृषि की जुताई, बोवाई, कटाई आदि कार्यों के समय तो रोज़गार मिलता है लेकिन जैसे ही कृषि कार्य ख़त्म हो जाता है तो कृषि में लगे लोग बेरोज़गार हो जाते हैं।
  2. प्रच्छन्न बेरोज़गारी (Disguised Unemployment)-प्रच्छन्न बेरोज़गारी उस बेरोज़गारी को कहते हैं जिसमें कुछ लोगों की उत्पादकता शून्य होती है अर्थात् यदि इन लोगों को उस काम में से हटा भी लिया जाये तो भी उत्पादन में कोई अंतर नहीं आएगा। जैसे-यदि किसी फैक्ट्री में 100 जूतों का निर्माण 10 लोग कर रहे हैं और यदि इसमें से 3 लोग बाहर निकाल दिए जाएँ तो भी 100 जूतों का निर्माण हो जाये तो इन हटाये गए 3 लोगों को प्रच्छत्र रूप से बेरोज़गार कहा जायेगा। भारत की कृषि में इस प्रकार की बेरोज़गारी बहुत बड़ी समस्या है।
  3. संरचनात्मक बेरोज़गारी (Structural Unemployment)-संरचनात्मक बेरोज़गारी तब प्रकट होती है जब बाज़र में दीर्घकालिक स्थितियों में बदलाव आता है। उदाहरण के लिए भारत में स्कूटर का उत्पादन बंद हो गया है और कार का उत्पादन बढ़ रहा है। इस नए विकास के कारण स्कूटर के उत्पादन में लगे मिस्त्री बेरोज़गार हो गए और कार बनाने वालों की मांग बढ़ गयी है। इस प्रकार की बेरोज़गारी देश की आर्थिक संरचना में परिवर्तन के कारण पैदा होती है।
  4. चक्रीय बेरोज़गारी (Cyclical Unemployment)-इस प्रकार की बेरोज़गारी अर्थव्यवस्था में चक्रीय उतारचढ़ाव के कारण पैदा होती है। जब अर्थव्यवस्था में समृद्धि का दौर होता है तो उत्पादन बढ़ता है रोज़गार के नए अवसर पैदा होते हैं और जब अर्थव्यवस्था में मंदी का दौर आता है तो उत्पादन कम होता है और कम लोगों की जरूरत होती है जिसके कारण बेरोज़गारी बढ़ती है।
  5. प्रतिरोधात्मक या घर्षण जनित बेरोज़गारी (Frictional Unemployment)—ऐसा व्यक्ति जो एक रोज़गार को छोड़कर किसी दूसरे रोज़गार में जाता है, तो दोनों रोज़गारों के बीच की अवधि में वह बेरोज़गार हो सकता है, या ऐसा हो सकता है कि नयी टेक्नोलॉजी के प्रयोग के कारण एक व्यक्ति एक रोजगार से निकलकर या निकाल दिए जाने के कारण रोज़गार की तलाश कर रहा हो, तो पुरानी नौकरी छोड़ने और नया रोज़गार पाने की अवधि की बेरोज़गारी को घर्षण जनित बेरोज़गारी कहते हैं।
  6. ऐच्छिक बेरोजगारी (Voluntary Unemployment)—ऐसा व्यक्ति जो बाज़ार में प्रचलित मज़दूरी दर पर काम करने को तैयार नहीं है अर्थात् वह ज्यादा मज़दूरी की मांग कर रहा है जो कि उसको मिल नहीं रही है इस कारण वह बेरोज़गार है।
  7. खुली या अनैच्छिक बेरोज़गारी (Open or Involuntary Unemployment)—ऐसा व्यक्ति जो बाजार में प्रचलित मज़दूरी दर पर काम करने को तैयार है लेकिन फिर भी उसे काम नहीं मिल रहा है तो उसे अनैच्छिक बेरोज़गार कहा जायेगा। तो इस प्रकार आपने पढ़ा कि बेरोज़गारी कितने प्रकार की होती है और भारत में किस प्रकार की बेरोज़गारी पाई जाती है। इसके अलावा कुछ ऐसे बेरोज़गार भी होते हैं जिनको मजदूरी भी ठीक मिल सकती है लेकिन फिर भी ये लोग काम नहीं करना चाहते हैं जैसे-भिखारी, साधू और अमीर बाप के बेटे इत्यादि।

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प्रश्न 2.
भारत सरकार द्वारा गरीबी उन्मूलन के लिए शुरू की गई योजनाओं का वर्णन करें।
उत्तर-
भारत सरकार ने गरीबी उन्मूलन के लिए निम्नलिखित योजनाएं शुरू की हैं

  1. राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा)-नरेगा विधेयक वर्ष 2005 में पारित हुआ था और यह वर्ष 2006 से प्रभावी हो गया था। यह वर्ष 2008 में नरेगा से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) बन गया। इस योजना के अन्तर्गत, पूरे देश के गाँव के लोगों के लिए 100 दिन के काम की गारंटी दी जाती है। यह एक सफल योजना रही है क्योंकि इसके कारण ग्रामीण इलाकों के गरीब लोगों के आय स्तर में वृद्धि हुई है। यह योजना लोगों की आवश्यकतानुसार उन्हें काम के अवसर प्रदान करती है। हालांकि इसमें ज्यादातर अकुशल शारीरिक श्रम शामिल है, लेकिन फिर भी यह आर्थिक रूप से गरीब लोगों के लिए कुछ सुरक्षा की सुविधाएं प्रदान करता है। इस योजना से मिलने वाली आय की मदद से गरीब लोगों को कुछ संपति बनाने में मदद मिलती है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होता है। यह कार्यक्रम प्राथमिक रूप से ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया गया है।
  2. इंदिरा आवास योजना (आईएवाई)-इंदिरा आवास योजना ग्रामीणों को आवास प्रदान करती है। इस योजना का उद्देश्य पूरे देश के गरीब लोगों को 20 लाख आवास प्रदान करना है और जिनमें 65% लाभार्थी ग्रामीण इलाकों के हैं। यह योजना के अनुसार, जो लोग अपना घर बनवाने में सक्षम नहीं हैं, उन लोगों की सहायता करने के लिए सब्सिडी वाले ऋण प्रदान किए जाते हैं। इस योजना को मूल रूप से वर्ष 1985 में शुरू किया गया था और फिर वर्ष 1998 से वर्ष 1999 में इसका नवीनीकरण किया गया था।
  3. एकीकृत ग्रामीण विकास योजनाएं (आईआरडीपी)-एकीकृत ग्रामीण विकास योजना को दुनिया में अपनी तरह की सबसे महत्त्वाकांक्षी योजनाओं में से एक माना जाता है। यह योजना भारत में सबसे गरीब लोगों के लिए आय की कमी से उत्पन्न परेशानियों के निवारण के लिए और संपत्तियां प्रदान करने के लिए बनाई गई है। यह योजना चयनित स्थानों पर वर्ष 1978 से वर्ष 1979 में शुरू की गई थी। हालांकि, नवंबर 1980 तक पूरा देश इस योजना के दायरे में आ गया था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य स्थाई संपत्ति बनाना और उन्हें लक्षित परिवारों को प्रदान करना है, ताकि उन्हें गरीबी रेखा से ऊपर लाया जा सके। इस योजना के तहत प्रदान की जाने वाली स्व-रोजगार योजना इसका एक प्रमुख घटक है।

भारत में गरीबी उन्मूलन के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई कुछ अन्य योजनाएं निम्न हैं

  • अन्पूर्णा योजना
  • राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (एनआरईपी)
  • राष्ट्रीय मातृत्व लाभ योजना (एनएमबीएस)
  • ग्रामीण श्रम रोज़गार गांरटी योजना (आरएलईजीपी)
  • राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना (एनएफबीएस)
  • टीआरवाईएसईएम योजना
  • राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (एनओएपीएस)
  • जवाहर रोज़गार योजना (जेआरवाई)
  • बंधुआ मुक्ति मोर्चा
  • स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना
  • संपत्ति के केंद्रीकरण को रोकने के लिए कानून का संशोधन करना
  • राष्ट्रीय सामाजिक सहायता योजना (एनएसपी)
  • अन्योदय योजना
  • ग्रामीण आवास योजना
  • लघु किसान विकास योजना (एसएफडीपी)
  • प्रधानमंत्री रोजगार योजना
  • सूखा क्षेत्र विकास योजना (डीएडीपी)
  • नेहरू रोजगार योजना (एनआरवाई)
  • बीस अंकीय योजना
  • शहरी गरीबों के लिए स्वयं रोजगार योजना (एसईपीयूपी)
  • कार्य योजना के लिए भोजन
  • प्रधानमंत्री की एकीकृत शहरी गरीबी उन्मूलन योजना (पीएमआईयूपीईपी)
  • न्यूनतम आवश्यकता योजना (एमएनपी)

PSEB 10th Class SST Solutions Economics Chapter 1 आधारभूत धारणाएं

आधारभूत धारणाएं PSEB 10th Class Economics Notes

  1. राष्ट्रीय आय-राष्ट्रीय आय एक देश के सामान्य निवासियों की एक वर्ष में उत्पादक सेवाओं के बदले अर्जित साधन आय है।
  2. प्रति व्यक्ति आय-प्रति व्यक्ति आय देश के लोगों द्वारा निश्चित समय में अर्जित औसत आय होती है।
  3. उपभोग-एक अर्थव्यवस्था में एक वर्ष में उपभोग पर किया गया व्यय उपभोग कहलाता है।
  4. बचत-आय में से उपभोग घटाने पर जो शेष रहता है उसे बचत कहते हैं।
  5. निवेश-पूंजी स्टॉक में वृद्धि ही निवेश कहलाता है।
  6. पूंजी निर्माण-आय का वह भाग जिससे अधिक उत्पादन सम्भव होता है पूंजी निर्माण कहलाता है।
  7. छुपी हुई बेरोज़गारी-आवश्यकता से अधिक श्रमिक जब किसी कार्य में लगे होते हैं तो इस आधिक्य को छुपी हुई बेरोज़गारी कहते हैं।
  8. पूर्ण रोज़गार–पूर्ण रोजगार से अभिप्राय ऐसी अवस्था से है जिसमें वे सारे लोग जो मज़दूरी की वर्तमान दर पर काम करने के लिए तैयार हैं, बिना किसी कठिनाई के काम प्राप्त कर लेते हैं।
  9. मुद्रा-स्फीति-सामान्य कीमत स्तर में लगातार तथा अत्यन्त वृद्धि को ही मुद्रा-स्फीति कहते हैं।
  10. मुद्रा पूर्ति-सामान्यतः देश के लोगों के पास नकदी व बैंक जमाओं को ही मुद्रा पूर्ति कहते हैं।
  11. सरकारी बजट-सरकार की अनुमानित आय और व्यय का वार्षिक विवरण ही सरकारी बजट होता है।
  12. घाटे की वित्त व्यवस्था-जब सरकार बजट में घाटा दर्शाने के लिए जानबूझ कर सार्वजनिक आय और व्यय में अंतर दर्शाती है और इस घाटे को उन विधियों द्वारा पूरी करती है जिससे मुद्रा पूर्ति में वृद्धि हो तो उसे घाटे की वित्त व्यवस्था कहते हैं।
  13. सार्वजनिक वित्त-सार्वजनिक वित्त से अभिप्राय सरकार के वित्तीय साधनों अर्थात् आय और व्यय से है।
  14. प्रत्यक्ष कर-प्रत्यक्ष कर वह होता है जिसका भुगतान उस व्यक्ति द्वारा किया जाता है जिस पर इसे लगाया जाता है। जैसे आय कर।
  15. अप्रत्यक्ष कर-अप्रत्यक्ष कर वह कर होता है जिसका भुगतान किसी और व्यक्ति द्वारा होता है तथा इसे लगाया किसी और व्यक्ति पर होता है। जैसे बिक्री कर।
  16. सार्वजनिक ऋण-सार्वजनिक ऋण सरकार द्वारा व्यापारिक बैंकों, व्यापारिक संस्थाओं तथा व्यक्तियों से लिया गया ऋण होता है।
  17. निर्धनता रेखा-निर्धनता रेखा से आशय उस राशि से है जो एक व्यक्ति के लिए प्रतिमाह न्यूनतम उपभोग करने के लिए आवश्यक है।
  18. वृद्धि दर-वृद्धि दर वह प्रतिशत दर है जिससे यह पता चलता है कि एक वर्ष की तुलना में दूसरे वर्ष में राष्ट्रीय आय या प्रति व्यक्ति आय में कितने प्रतिशत परिवर्तन हुआ है।
  19. विदेशी सहायता-विदेशी सहायता से अभिप्राय विदेशी पूंजी, विदेशी ऋण तथा विदेशी अनुदान से है।
  20. भुगतान संतुलन-भुगतान संतुलन किसी देश के दूसरे देशों के साथ एक निश्चित अवधि में किए जाने वाले सभी प्रकार के आर्थिक सौदों का व्यवस्थित लेखा होता है।
  21. मौद्रिक नीति-मौद्रिक नीति वह नीति होती है जिसके द्वारा किसी देश की सरकार अथवा केन्द्रीय बैंक निश्चित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मुद्रा पूर्ति, मुद्रा की लागत या ब्याज की दर तथा मुद्रा की उपलब्धता को नियन्त्रित करती है।
  22. राजकोषीय नीति-सरकार की आय और व्यय सम्बन्धी नीति को राजकोषीय नीति कहते हैं।

PSEB 10th Class SST Solutions Civics Chapter 1 भारतीय संविधान की मूल विशेषताएं

Punjab State Board PSEB 10th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 1 भारतीय संविधान की मूल विशेषताएं Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Social Science Civics Chapter 1 भारतीय संविधान की मूल विशेषताएं

SST Guide for Class 10 PSEB भारतीय संविधान की मूल विशेषताएं Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द/एक पंक्ति (1-15 शब्दों) में दें

प्रश्न 1.
संविधान से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
संविधान एक मौलिक कानूनी दस्तावेज़ या लेख होता है जिसके अनुसार देश की सरकार अपना कार्य करती है।

प्रश्न 2.
प्रस्तावना के प्रारम्भिक शब्द क्या हैं?
उत्तर-
प्रस्तावना के प्रारम्भिक शब्द हैं, “हम, भारत के लोग भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, धर्म-निरपेक्ष और लोकतन्त्रात्मक गणराज्य घोषित करते हैं।”

प्रश्न 3.
भारतीय संविधान की एक मुख्य विशेषता बताएं।
उत्तर-
भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़े आकार वाला तथा विस्तृत संविधान है।

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प्रश्न 4.
संघात्मक संविधान की एक विशेषता बताएं।
उत्तर-
संधात्मक संविधान में केन्द्र तथा राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन होता है।
अथवा
संघात्मक संविधान देश में स्वतन्त्र तथा निष्पक्ष न्यायपालिका की स्थापना करता है।

प्रश्न 5.
भारतीय नागरिकों के किसी एक अधिकार की सूची बनाएं।
उत्तर-
समानता का अधिकार अथवा स्वतन्त्रता का अधिकार अथवा धार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार।

प्रश्न 6.
भारतीय नागरिकों का एक संवैधानिक कर्तव्य बताएं।
उत्तर-
संविधान तथा इसके आदर्शों का पालन करना और राष्ट्रीय ध्वज तथा राष्ट्रीय गीत का सम्मान करना।
अथवा
भारत की प्रभुसत्ता, एकता अथवा अखण्डता की रक्षा करना।

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(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 50-60 शब्दों में दें

प्रश्न 1.
भारत एक धर्म-निरपेक्ष, लोकतान्त्रिक गणराज्य है।
उत्तर-
संविधान द्वारा भारत में एक धर्म-निरपेक्ष, लोकतान्त्रिक गणराज्य की स्थापना की गई है। धर्म-निरपेक्ष राज्य से अभिप्राय सभी धर्मों की समानता और स्वतन्त्रता से है। ऐसे राज्य में राज्य का अपना कोई विशेष धर्म नहीं होता। धर्म के आधार पर नागरिकों से कोई भेदभाव नहीं किया जाता। सभी नागरिक स्वेच्छा से कोई धर्म अपनाने और उपासना करने में स्वतन्त्र होते हैं।

लोकतान्त्रिक राज्य से भाव है कि सभी नागरिकों को समान राजनीतिक अधिकार प्राप्त हैं और नागरिकों द्वारा चुने गए प्रतिनिधि देश का शासन चलाते हैं।
गणराज्य से भाव है कि राज्य का अध्यक्ष कोई बादशाह नहीं होगा। वह चुनाव द्वारा निश्चित समय के लिए अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति होगा।

प्रश्न 2.
प्रस्तावना में वर्णित उद्देश्यों का संक्षेप में वर्णन करें।
उत्तर-
संविधान की प्रस्तावना में भारतीय शासन प्रणाली के स्वरूप तथा इसके बुनियादी उद्देश्यों को निर्धारित किया गया है। ये उद्देश्य निम्नलिखित हैं

  1. भारत एक प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, धर्म-निरपेक्ष, लोकतन्त्रात्मक गणराज्य होगा।
  2. सभी नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय मिले।
  3. नागरिकों को विचार अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतन्त्रता प्राप्त होगी।
  4. कानून के सामने सभी नागरिक समान समझे जाएंगे।
  5. लोगों में बन्धुत्व की भावना को बढ़ाया जाए ताकि व्यक्ति की गरिमा बढ़े और राष्ट्र की एकता एवं अखण्डता को बल मिले।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से किसी एक अधिकार की संक्षिप्त व्याख्या करें
(क) समानता का अधिकार
(ख) स्वतन्त्रता का अधिकार
(ग) शोषण के विरुद्ध अधिकार
(घ) संवैधानिक उपचारों का अधिकार।
उत्तर-
(क) समानता का अधिकार-भारतीय समाज शताब्दियों से विभिन्न असमानताओं से भरपूर रहा है। इसीलिए संविधान निर्माताओं ने समानता के अधिकार को प्राथमिकता दी है। भारतीय नागरिकों को इस अधिकार द्वारा निम्नलिखित बातों में समानता प्राप्त है —

  1. कानून के सामने समानता-कानून की दृष्टि से सभी नागरिक समान हैं। धर्म, नस्ल, जाति अथवा लिंग के आधार पर उनके साथ कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता। रोज़गार या सरकारी पद देते समय सभी को समान अवसर दिये जाते हैं।
  2. भेदभाव पर रोक-सरकार जन्म स्थान, धर्म, जाति, लिंग आदि के आधार पर किसी से भेदभाव नहीं करेगी। सरकारी सहायता से बनाए गए कुओं, तालाबों, स्नानघरों अथवा पर्यटन स्थलों पर बिना किसी भेदभाव के नागरिकों को आने-जाने की स्वतन्त्रता होगी।
  3. अवसर की समानता-राज्य के अधीन रोज़गार या पदों पर नियुक्ति के लिए सभी नागरिकों को समान अवसर दिए जाएंगे।
  4. छुआछूत पर रोक-सदियों से चली आ रही छुआछूत की कुप्रथा को समाप्त कर दिया गया है।
  5. उपाधियों तथा खिताबों की समाप्ति-सैनिक तथा शैक्षणिक उपाधियों के अतिरिक्त राज्य कोई अन्य उपाधि नहीं देगा।

(ख) स्वतन्त्रता का अधिकार-स्वतन्त्रता का अधिकार लोकतन्त्र का स्तम्भ है। संविधान में स्वतन्त्रता के अधिकार को दो भागों में बांटा गया है-साधारण और व्यक्तिगत स्वतन्त्रता।
साधारण स्वतन्त्रता-इसके अनुसार भारतीय नागरिक को निम्नलिखित स्वतन्त्रताएं प्राप्त हैं —

  1. भाषण तथा विचार प्रकट करने की स्वतन्त्रता।
  2. शान्तिपूर्वक एकत्र होने की स्वतन्त्रता।
  3. संघ स्थापित करने की स्वतन्त्रता।
  4. भारत के किसी भाग में आने-जाने की स्वतन्त्रता।
  5. भारत के किसी भी भाग में बस जाने की स्वतन्त्रता।
  6. कोई भी रोज़गार अपनाने अथवा व्यापार करने की स्वतन्त्रता।

व्यक्तिगत स्वतन्त्रता —

  1. व्यक्ति को ऐसे कानून की अवहेलना करने के लिए दंडित नहीं किया जा सकता जो कानून अपराध करते समय लागू न था।
  2. किसी व्यक्ति को एक ही अपराध के लिए एक से अधिक बार दण्ड नहीं दिया जा सकता।
  3. किसी अपराधी को अपने विरुद्ध गवाही देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
  4. किसी व्यक्ति को कानून द्वारा स्थापित विधि के अतिरिक्त उसके जीवन या व्यक्तिगत स्वतन्त्रता से वंचित नहीं किया जा सकता।

(ग) शोषण के विरुद्ध अधिकार —

  1. हमारे समाज में चिरकाल से निर्धन व्यक्तियों, स्त्रियों तथा बच्चों का शोषण होता चला आ रहा है। इसे समाप्त करने के लिए संविधान में शोषण के विरुद्ध अधिकार की व्यवस्था की गई है। इसके अनुसार
  2. मनुष्यों के व्यापार और बिना वेतन दिए ज़बरदस्ती श्रम करवाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। इसका उल्लंघन करने वाले को कानून के अनुसार दण्ड दिया जा सकता है, परन्तु सार्वजनिक सेवाओं के लिए राज्य अनिवार्य सेवा योजना लागू कर सकता है। यह सेवा अधिकार के विरुद्ध नहीं होगी।
  3. 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कारखानों, खानों या जोखिम भरी नौकरी पर नहीं लगाया जा सकता। वास्तव में उनसे कोई ऐसा कार्य नहीं लिया जा सकता जो उनके विकास में बाधा डाले।

(घ) संवैधानिक उपचारों का अधिकार-संविधान द्वारा नागरिकों को अधिकार प्रदान कर देना ही पर्याप्त नहीं है। इन अधिकारों का सम्मान करना तथा रक्षा करना अधिक महत्त्वपूर्ण है। इसी उद्देश्य से भारतीय संविधान में – संवैधानिक उपचारों के अधिकार की व्यवस्था की गई है। इसके अनुसार यदि कोई राजकीय कार्य नागरिकों के अधिकारों के विरुद्ध हो तो नागरिक उसे अदालत में चुनौती दे सकते हैं। ऐसे कार्यों को न्यायालय असंवैधानिक या रद्द घोषित कर सकते हैं, परन्तु आपात्कालीन घोषणा के दौरान ही इस अधिकार को निलम्बित किया जा सकता है। संविधान का यह प्रावधान खतरनाक और अलोकतान्त्रिक है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित राज्य की नीति के निर्देशक सिद्धान्तों में से किसी एक के चार सिद्धान्त लिखो
(क) समाजवादी
(ख) गांधीवादी
(ग) उदारवादी।
उत्तर-
(क) समाजवादी सिद्धान्त-

  1. राज्य से अपेक्षा की गई है कि वह ऐसे समाज की स्थापना करे जिसका उद्देश्य सार्वजनिक कल्याण हो।
  2. प्रत्येक नागरिक को आजीविका कमाने का अधिकार हो।
  3. देश के भौतिक साधनों की बांट इस प्रकार हो जिससे अधिक-से-अधिक जनहित हो।
  4. आर्थिक संगठन इस प्रकार हो कि धन और उत्पादन के साधन सीमित व्यक्तियों के हाथों में केन्द्रित न हों।

(ख) गांधीवादी सिद्धान्त-गांधी जी ने जिस नए समाज की स्थापना का स्वप्न देखा था, उसकी एक झलक हमें निम्नलिखित (गांधीवादी) सिद्धान्तों से मिलती है

  1. राज्य गांवों में ग्राम पंचायतों की स्थापना करे। वह उन्हें ऐसी शक्तियां प्रदान करे जिससे वे स्वराज्य की एक इकाई के रूप में कार्य कर सकें।
  2. राज्य गांवों में निजी और सहकारी कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहित करे।
  3. राज्य कमज़ोर वर्गों विशेषकर पिछड़ी जातियों, अनुसूचित जातियों, पिछड़ी श्रेणियों और कबीलों को शैक्षणिक सुविधाएं प्रदान करे।
  4. राज्य अनुसूचित जातियों, पिछड़ी श्रेणियों और कबीलों को हर प्रकार के शोषण से बचाए।

(ग) उदारवादी सिद्धान्त-साधारण या उदारवादी सिद्धान्त निम्नलिखित हैं

  1. राज्य समूचे देश में समान कानून संहिता लागू करे।
  2. वह न्यायपालिका और कार्यपालिका को पृथक करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करे।
  3. वह कृषि को आधुनिक वैज्ञानिक आधार पर गठित करे।
  4. वह पशुपालन में सुधार तथा पशुओं की नस्ल सुधारने का प्रयास करे।

PSEB 10th Class SST Solutions Civics Chapter 1 भारतीय संविधान की मूल विशेषताएं

प्रश्न 5.
मौलिक अधिकारों और राज्य की नीति के निर्देशक सिद्धान्तों में मूल अन्तर बताएं।
उत्तर-
मौलिक अधिकारों तथा राज्य नीति के निर्देशक सिद्धान्तों में निम्नलिखित मूल अन्तर हैं

मौलिक अधिकार न्याय योग्य हैं, परन्तु निर्देशक सिद्धान्त न्याय योग्य नहीं हैं। इससे भाव यह है कि यदि सरकार नागरिक के किसी मूल अधिकार का उल्लंघन करती है तो नागरिक न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है, परन्तु निर्देशक सिद्धान्त की उल्लंघना होने की स्थिति में सरकार पर दबाव नहीं डाला जा सकता।

  1. मौलिक अधिकार नकारात्मक हैं, परन्तु निर्देशक सिद्धान्त सकारात्मक हैं। नकारात्मक से भाव राज्य की शक्तियों पर प्रतिबन्ध लगाने से है।
  2. कुछ निर्देशक सिद्धान्त मौलिक अधिकारों से श्रेष्ठ हैं, क्योंकि वे व्यक्ति की अपेक्षा समूचे समाज के कल्याण के लिए हैं।
  3. मौलिक अधिकारों का उद्देश्य भारत में राजनीतिक लोकतन्त्र की स्थापना करना है, परन्तु निर्देशक सिद्धान्त सामाजिक और आर्थिक लोकतन्त्र की स्थापना करते हैं। इस प्रकार वे सही अर्थों में लोकतन्त्र को लोकतन्त्र बनाते हैं।

प्रश्न 6.
भारतीय नागरिकों के कर्त्तव्य बतायें और इन्हें कब संविधान में सम्मिलित किया गया?
उत्तर-
भारतीय नागरिकों के कर्तव्य निम्नलिखित हैं

  1. संविधान का पालन करना तथा इसके आदर्शों, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रीय गीत का सम्मान करना।
  2. भारत के स्वतन्त्रता संघर्ष को प्रोत्साहित करने वाले आदर्शों का सम्मान तथा पालन करना।
  3. भारत की प्रभुसत्ता, एकता एवं अखण्डता की रक्षा करना।
  4. भारत की रक्षा के आह्वान पर राष्ट्र की सेवा करना।
  5. धार्मिक, भाषायी, क्षेत्रीय अथवा वर्गीय विभिन्नताओं से ऊपर उठ कर भारत के सभी लोगों में परस्पर मेलजोल और बन्धुत्व की भावना का विकास करना।
  6. सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करना और इसे बनाए रखना।
  7. वनों, झीलों, नदियों, वन्य जीवन तथा प्राकृतिक वातावरण की रक्षा करना।
  8. वैज्ञानिक स्वभाव, मानवतावाद, अन्वेषण और सुधार की भावना का विकास करना।
  9. सार्वजनिक सम्पत्ति की रक्षा करना और हिंसा का मार्ग न अपनाना।
  10. राष्ट्र की प्रगति के लिए प्रत्येक क्षेत्र में उत्तमता प्राप्त करने का प्रयत्न करना।
    मूल संविधान में नागरिकों के कर्तव्यों की व्यवस्था नहीं की गई थी। इन्हें 1976 में (संविधान के 42वें संशोधन द्वारा) संविधान में सम्मिलित किया गया।

PSEB 10th Class SST Solutions Civics Chapter 1 भारतीय संविधान की मूल विशेषताएं

प्रश्न 7.
भारतीय संविधान की विशालता के किन्हीं दो कारणों का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर-
भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़े आकार वाला तथा विस्तृत संविधान है। इसकी विशालता के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं

  1. इस संविधान में 395 अनुच्छेद तथा 9 अनुसूचियां दी गई हैं।
  2. इसमें राज्य के स्वरूप, सरकार के अंगों के संगठन तथा उनके आपसी सम्बन्धों का विस्तृत वर्णन है। इसमें राज्य तथा नागरिक के सम्बन्धों को भी विस्तार से स्पष्ट किया गया है।
  3. इसमें नागरिकों के छः मूल अधिकारों का विस्तृत उल्लेख किया गया है। संविधान के 42वें संशोधन के अनुसार इसमें नागरिकों के लिए 10 मूल कर्त्तव्यों का समावेश भी किया गया है।
  4. संघात्मक संविधान होने के कारण इसमें केन्द्र तथा राज्यों के बीच शक्तियों के विभाजन का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। शक्ति विभाजन सम्बन्धी सूचियों ने भी भारतीय संविधान को विशालता प्रदान की है। (कोई दो लिखें)

प्रश्न 8.
राज्य नीति के निर्देशक सिद्धान्तों का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
राज्य के निर्देशक सिद्धान्तों का बड़ा महत्त्व है-

  1. हमारे देश में स्त्रियों और पुरुषों को समान अधिकार दिए गए हैं। वेतन की दृष्टि से दोनों में भेदभाव समाप्त कर दिया गया है। समान पदों के लिए समान वेतन की व्यवस्था की गई है।
  2. पिछड़ी जातियों के लिए नौकरियों की व्यवस्था की गई है। उनके बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दी जाती है। उनको विधानसभा तथा संसद् में विशेष रूप से प्रतिनिधित्व दिया जाता है।
  3. लगभग समस्त देश में प्रारम्भिक शिक्षा निःशुल्क कर दी गई है।
  4. देश में ऐसे कानून पास हो चुके हैं जिनके द्वारा श्रमिकों तथा छोटी आयु के बच्चों के हितों की रक्षा की गई है।
    ये सभी कार्य राज्य-नीति के निर्देशक सिद्धान्तों की प्रेरणा से ही किए गए हैं।

प्रश्न 9.
शोषण के विरुद्ध अधिकार का वर्णन करें।
उत्तर-
उत्तर के लिए प्रश्न नं० 3 का (ग) भाग देखें।

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PSEB 10th Class Social Science Guide भारतीय संविधान की मूल विशेषताएं Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)

I. उत्तर एक शब्द अथवा एक लाइन में

प्रश्न 1.
भारतीय संविधान सरकार द्वारा सत्ता के दुरुपयोग को किस प्रकार रोकता है?
उत्तर-
भारतीय संविधान सरकार के विभिन्न अंगों की शक्तियों का स्पष्ट उल्लेख करके सरकार द्वारा सत्ता के दुरुपयोग को रोकता है।

प्रश्न 2.
भारतीय संविधान कब पारित हुआ?
उत्तर-
भारतीय संविधान 26 नवम्बर, 1949 को पारित हुआ।

प्रश्न 3.
भारतीय संविधान कब लागू हुआ?
उत्तर-
यह 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ।

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प्रश्न 4.
एक तर्क देकर स्पष्ट कीजिए कि भारत एक लोकतंत्रात्मक राज्य है।
उत्तर-
देश का शासन लोगों द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि चलाते हैं।

प्रश्न 5.
भारत एक धर्म-निरपेक्ष राज्य कैसे है? एक उदाहरण देकर सिद्ध कीजिए।
उत्तर-
भारत का कोई राज्य-धर्म नहीं है।

प्रश्न 6.
समाजवादी, धर्म-निरपेक्ष तथा राष्ट्र की एकता शब्द संविधान के कौन-से संशोधन द्वारा जोड़े गए?
उत्तर-
ये शब्द 1976 में 42वें संशोधन द्वारा जोड़े गए।

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प्रश्न 7.
समाजवाद से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
ऐसी व्यवस्था जिसमें अमीर-गरीब का भेदभाव न हो और साधनों पर पूरे समाज का अधिकार हो।

प्रश्न 8.
संविधान के अनुसार भारत को कैसा राज्य बनाने की संकल्पना की गई है?
उत्तर-
संविधान के अनुसार भारत को प्रभुसत्ता सम्पन्न, समाजवादी, धर्म-निरपेक्ष, लोकतान्त्रिक गणराज्य बनाने की संकल्पना की गई है।

प्रश्न 9.
देश का वास्तविक प्रधान कौन होता है?
उत्तर-
प्रधानमन्त्री देश का वास्तविक प्रधान होता है।

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प्रश्न 10.
केन्द्रीय सरकार तथा राज्य सरकारों में से कौन अधिक शक्तिशाली है?
उत्तर-
केन्द्रीय सरकार।

प्रश्न 11.
भारतीय संविधान की एक विशेषता बताओ।
उत्तर-
लिखित तथा विस्तृत ।

प्रश्न 12.
भारतीय संविधान ने नागरिकों को जो अधिकार दिए हैं, उन्हें कानूनी भाषा में क्या कहते हैं?
उत्तर-
कानूनी भाषा में नागरिकों के अधिकारों को मौलिक अधिकार कहते हैं।

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प्रश्न 13.
संविधान में कितने प्रकार के मौलिक अधिकारों का प्रावधान है?
उत्तर-
संविधान में छः प्रकार के मौलिक अधिकारों का प्रावधान है।

प्रश्न 14.
समानता के अधिकार में निहित किसी एक बात का उल्लेख करो।
उत्तर-
जाति, लिंग, जन्म स्थान, वर्ग आदि के आधार पर राज्य नागरिकों में कोई भेदभाव नहीं करेगा।

प्रश्न 15.
राज्य-नीति के निर्देशक सिद्धान्तों से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
निर्देशक सिद्धान्तों से अभिप्राय सरकारों को मिले आदेश से है।

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प्रश्न 16.
संविधान में वर्णित बच्चों का शिक्षा संबंधी एक मौलिक अधिकार बताओ।
उत्तर-
14 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था।

प्रश्न 17.
मौलिक अधिकारों और राज्य-नीति के निर्देशक तत्त्वों में मुख्य रूप से क्या अन्तर है?
उत्तर-
मौलिक अधिकार न्याय योग्य हैं जबकि नीति निर्देशक तत्त्व न्याय योग्य नहीं हैं।

प्रश्न 18.
भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों का उल्लेख क्यों किया गया है?
उत्तर-
कर्त्तव्यों के बिना अधिकार अधूरे होते हैं।

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प्रश्न 19.
भारतीय संविधान में अंकित किसी एक मौलिक अधिकार (स्वतन्त्रता के अधिकार) का वर्णन करो।
उत्तर-
धार्मिक स्वतन्त्रता के अधिकार के अनुसार भारत के नागरिक अपनी इच्छा से किसी भी धर्म को अपना सकते हैं।

प्रश्न 20.
विश्व का सबसे बड़ा और विस्तृत आकार वाला संविधान किस देश का है?
उत्तर-
भारत।

प्रश्न 21.
भारतीय संविधान में कितने अनुच्छेद हैं?
उत्तर-
395.

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प्रश्न 22.
भारतीय संविधान में कितनी अनुसूचियां हैं?
उत्तर-
9.

प्रश्न 23.
भारत ने किस प्रकार की नागरिकता को अपनाया है?
उत्तर-
भारत ने इकहरी नागरिकता को अपनाया है।

प्रश्न 24.
राज्यपालों की नियुक्ति कौन करता है?
उत्तर-
राष्ट्रपति।

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प्रश्न 25.
भारतीय नागरिकों के 10 मौलिक कर्त्तव्य भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में अंकित किए गए हैं?
उत्तर-
51 A.

प्रश्न 26.
भारत की शासन प्रणाली के बुनियादी उद्देश्यों को संविधान में कहां निर्धारित किया गया है?
उत्तर-
प्रस्तावना में।

प्रश्न 27.
संविधान के किस अनुच्छेद के अनुसार भारतीय नागरिकों को कई तरह की स्वतन्त्रताएं प्राप्त हैं?
उत्तर-
19वें।

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प्रश्न 28.
शोषण के विरुद्ध अधिकार किसकी रक्षा करता है?
उत्तर-
ग़रीब लोगों, स्त्रियों, बच्चों इत्यादि की।

प्रश्न 29.
1975 में राष्ट्रीय आपात्कालीन घोषणा के समय किस अधिकार को निलम्बित कर दिया गया था?
उत्तर-
संविधानिक उपचारों के अधिकार को।

प्रश्न 30.
राज्य की नीति के निर्देशक सिद्धान्त किसकी स्थापना नहीं करते?
उत्तर-
राजनीतिक लोकतन्त्र की।

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प्रश्न 31.
संविधान में दिए गए कौन-से तत्त्व कल्याणकारी राज्य की स्थापना के प्रकाश बन सकते हैं?
उत्तर-
नीति निर्देशक सिद्धान्त।

प्रश्न 32.
नीति निर्देशक सिद्धांतों का मूल आधार क्या है?
उत्तर-
नैतिक शक्ति।

प्रश्न 33.
भारतीय संविधान में वर्णित राज्य नीति के निर्देशक सिद्धान्त किस देश के संविधान से प्रेरित हैं?
उत्तर-
आयरलैंड।

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II. रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. भारतीय संविधान …………… को लागू हुआ।
  2. भारत देश का वास्तविक प्रधान …………. होता है।
  3. भारतीय संविधान में …………… प्रकार के मौलिक अधिकारों का प्रावधान है।
  4. भारत में ………….. वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए नि:शुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था की गई है।
  5. नीति निर्देशक तत्व (भारतीय संविधान) ………….. के संविधान से प्रेरित हैं।
  6. राज्य के राज्यपाल की नियुक्ति …………… करता है।
  7. भारतीय संविधान में ……………. अनुसूचियां हैं।
  8. भारतीय संविधान में ………….. अनुच्छेद हैं।
  9. विश्व का सबसे बड़ा तथा विस्तृत संविधान ………….. देश का है।
  10. भारतीय संविधान के मूल (बुनियादी) उद्देश्यों को संविधान की ………. में निर्धारित किया गया है।

उत्तर-

  1. 26 जनवरी, 1950,
  2. प्रधानमंत्री,
  3. छ:,
  4. 14,
  5. आयरलैंड,
  6. राष्ट्रपति,
  7. नौ,
  8. 395,
  9. भारत,
  10. प्रस्तावना।

III. बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
संविधान के किस अनुच्छेद के अनुसार भारतीय नागरिकों को कई तरह की स्वतंत्रताएं प्राप्त हैं?
(A) 9वें
(B) 19वें
(C) 29वें
(D) 39वें।
उत्तर-
(B) 19वें

प्रश्न 2.
मौलिक अधिकारों के पीछे निम्न शक्ति काम करती है
(A) कानूनी
(B) नैतिक
(C) गैर-कानूनी
(D) सैनिक।
उत्तर-
(A) कानूनी

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प्रश्न 3.
नीति निर्देशक सिद्धांतों का मूल आधार क्या है?
(A) कानूनी शक्ति
(B) सीमित शक्ति
(C) नैतिक शक्ति
(D) दमनकारी शक्ति।
उत्तर-
(C) नैतिक शक्ति

प्रश्न 4.
भारतीय नागरिकों को कौन-सा मौलिक अधिकार प्राप्त नहीं है?
(A) स्वतंत्रता का अधिकार
(B) समानता का अधिकार
(C) संवैधानिक उपचारों का अधिकार
(D) सम्पत्ति का अधिकार।
उत्तर-
(D) सम्पत्ति का अधिकार।

प्रश्न 5.
निम्न में कौन-सा भारतीय नागरिकों का मौलिक (संवैधानिक) कर्तव्य है?
(A) संविधान का पालन करना
(B) राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना
(C) राष्ट्रीय गीत का सम्मान करना
(D) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(D) उपरोक्त सभी।

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IV. सत्य-असत्य कथन

प्रश्न-सत्य/सही कथनों पर (✓) तथा असत्य/ग़लत कथनों पर (✗) का निशान लगाएं

  1. भारतीय संविधान में 395 अनुच्छेद हैं।
  2. भारतीय संविधान 15 अगस्त, 1947 को लागू हुआ।
  3. गणतन्त्र अथवा गणराज्य में राज्य का अध्यक्ष निश्चित समय के लिए मनोनीत राष्ट्रपति होता है।
  4. भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़े आकार का तथा विस्तृत संविधान है।
  5. राज्यपालों की नियुक्ति प्रधानमंत्री द्वारा होती है।

उत्तर-

  1. (✓),
  2. (✗),
  3. (✗),
  4. (✓),
  5. (✗).

V. उचित मिलान

  1. राज्यपालों की नियुक्ति — राज्य का निर्वाचित अध्यक्ष ।
  2. देश का वास्तविक प्रधान — राष्ट्रपति
  3. समाजवादी राज्य — प्रधानमंत्री
  4. गणतंत्र — आर्थिक समानता।

उत्तर-

  1. राज्यपालों की नियुक्ति — राष्ट्रपति,
  2. देश का वास्तविक प्रधान — प्रधानमंत्री,
  3. समाजवादी राज्य — आर्थिक समानता,
  4. गणतंत्र — राज्य का निर्वाचित अध्यक्ष।

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छोटे उत्तर वाले प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
संविधान क्या होता है? लोकतन्त्रात्मक सरकार में संविधान अधिक महत्त्वपूर्ण क्यों होता है?
उत्तर-
अर्थ-संविधान वह मौलिक कानूनी दस्तावेज़ होता है जिसके अनुसार किसी देश की सरकार कार्य करती है। यह मौलिक कानून सरकार के मुख्य अंगों, उनके अधिकार क्षेत्रों तथा नागरिकों के मूल अधिकारों की व्याख्या करता है। इसे सरकार की शक्ति तथा सत्ता का स्रोत माना जाता है।
महत्त्व-संविधान के दो मुख्य उद्देश्य होते हैं —

  1. सरकार के विभिन्न अंगों के आपसी सम्बन्धों की व्याख्या करना तथा
  2. सरकार और नागरिकों के सम्बन्धों का वर्णन करना। इसका सबसे बड़ा उपयोग यह है कि यह सरकार द्वारा सत्ता के दुरुपयोग को रोकता है। इसी कारण लोकतन्त्रात्मक सरकार में संविधान को सबसे महत्त्वपूर्ण दस्तावेज़ माना जाता है।

प्रश्न 2.
प्रस्तावना को कानूनी तौर पर संविधान का भाग नहीं माना जाता फिर भी यह महत्त्वपूर्ण है। कैसे?
उत्तर-
संविधान की भूमिका को संविधान की प्रस्तावना कहा जाता है। संविधान का आरम्भिक अंग होते हए भी कानूनी तौर पर इसे संविधान का भाग नहीं माना जाता। इसका कारण यह है कि इसके पीछे अदालती मान्यता नहीं होती है। यदि सरकार प्रस्तावना को लागू नहीं करती तो हम उसके विरुद्ध न्यायालय में नहीं जा सकते। फिर भी यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण होती है।
प्रस्तावना का महत्त्व-भारत के संविधान में भी प्रस्तावना दी गई है। इसका महत्त्व निम्नलिखित बातों में निहित है —

  1. इससे हमें पता चलता है कि संविधान के उद्देश्य क्या हैं।
  2. इससे हमें पता चलता है कि संविधान निर्माताओं ने देश में एक आदर्श समाज की कल्पना की थी। यह समाज स्वतन्त्रता, समानता तथा समाजवाद पर आधारित होगा।
  3. प्रस्तावना से यह भी पता चलता है कि संविधान देश में किस प्रकार की शासन व्यवस्था स्थापित करना चाहता है।

प्रश्न 3.
भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं?
उत्तर-
भारतीय संविधान की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं

  1. यह विस्तृत तथा लिखित संविधान है। इसमें 395 अनुच्छेद तथा १ अनुसूचियां हैं।
  2. यह लचीला तथा कठोर संविधान है।
  3. संविधान भारत में सम्पूर्ण प्रभुसत्ता-सम्पन्न, समाजवादी, धर्म-निरपेक्ष, जनतन्त्रीय गणतन्त्र की स्थापना करता है।
  4. यह भारत को एक ऐसा संघात्मक राज्य घोषित करता है जिसका आधार एकात्मक है।
  5. संविधान द्वारा भारत की संघीय संसद् के दो सदनों की व्यवस्था की गई है। ये सदन हैं-लोकसभा और राज्यसभा।
  6. संविधान द्वारा संसदीय कार्यपालिका की व्यवस्था की गई है। भारत का राष्ट्रपति इसका नाममात्र का राज्याध्यक्ष है।
  7. संविधान में जिस न्यायपालिका की व्यवस्था की गई है वह स्वतन्त्र तथा निष्पक्ष है।
  8. हमारे संविधान में 6 मौलिक अधिकारों तथा 10 मौलिक कर्तव्यों का वर्णन किया गया है।
  9. संविधान के चौथे अध्याय में राज्य के राज्य-नीति के निर्देशक सिद्धान्त दिए गए हैं।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणियां लिखिए
(क) भारत की संसदीय सरकार
(ख) सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार
(ग) स्वतन्त्र तथा निष्पक्ष न्यायपालिका।
उत्तर-
(क) भारत की संसदीय सरकार-संविधान के अनुसार भारत में संसदीय प्रणाली की सरकार है। इसमें संसद् सर्वोच्च है और वह जनता का प्रतिनिधित्व करती है। सरकार यूं तो केन्द्र में राष्ट्रपति के नाम पर तथा राज्यों में राज्यपाल के नाम पर चलाई जाती है, परन्तु वास्तव में सरकार को मन्त्रिपरिषद् ही चलाती है। मन्त्रिपरिषद् अपनी नीतियों के लिए संसद् (केन्द्र में) के प्रति उत्तरदायी है। राज्यों में भी यह विधायिका (जनता की प्रतिनिधि सभा) के प्रति उत्तरदायी है।
(ख) सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार-भारतीय संविधान में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार की व्यवस्था की गई है। इसके अनुसार 18 वर्ष या इससे अधिक आयु के प्रत्येक भारतीय नागरिक को मत देने का अधिकार दिया गया है। इस प्रकार प्रत्येक नागरिक केन्द्र तथा राज्य सरकारों के निर्वाचन में भाग ले सकता है।
(ग) स्वतन्त्र तथा निष्पक्ष न्यायपालिका-भारतीय संविधान के अनुसार देश में स्वतन्त्र तथा निष्पक्ष न्यायपालिका की स्थापना की गई है। इसका अर्थ यह है कि न्यायपालिका को कार्यपालिका के प्रभाव से मुक्त रखा गया है। इस प्रकार न्यायपालिका केन्द्र तथा राज्य सरकारों के बीच उत्पन्न विवादों का निपटारा निष्पक्ष रूप से करती है। ऐसी व्यवस्था संघीय प्रणाली में बहुत अधिक महत्त्व रखती है। इसके अतिरिक्त न्यायपालिका नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा भी करती है।

प्रश्न 5.
भारतीय संविधान में वर्णित मौलिक अधिकारों को सूचीबद्ध करो।
अथवा
भारतीय नागरिकों के कोई दो अधिकार बताओ।
उत्तर-
मौलिक अधिकारों की सूची इस प्रकार है —

  1. समानता का अधिकार
  2. स्वतन्त्रता का अधिकार
  3. शोषण के विरुद्ध अधिकार
  4. धार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार
  5. संस्कृति तथा शिक्षा-सम्बन्धी अधिकार
  6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार।

प्रश्न 6.
धार्मिक स्वतन्त्रता के कोई तीन अधिकार बताइए।
उत्तर-
धार्मिक स्वतन्त्रता के अधिकार में निम्नलिखित बातें सम्मिलित हैं —

  1. प्रत्येक व्यक्ति को अपनी इच्छा से किसी भी धर्म को मानने, उस पर आचरण करने और उसका प्रचार करने का समान अधिकार है।
  2. लोग अपनी इच्छा से धार्मिक तथा परोपकारी संस्थाओं की स्थापना कर सकते हैं तथा उनका प्रबन्ध चला सकते हैं।
  3. किसी भी व्यक्ति को ऐसे कर देने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा जिनका प्रयोजन किसी धर्म विशेष का प्रचार करना है। इसके अतिरिक्त शिक्षा-संस्थाओं में किसी विद्यार्थी को कोई धर्म विशेष की शिक्षा प्राप्त करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

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प्रश्न 7.
संस्कृति और शिक्षा के अधिकार का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
नागरिकों को अपनी भाषा, लिपि और संस्कृति को सुरक्षित रखने का अधिकार है। भाषा या नस्ल के आधार पर किसी भी नागरिक को ऐसी शिक्षा-संस्थाओं में प्रवेश पाने से नहीं रोका जाएगा जो सरकार अथवा सरकारी सहायता द्वारा चलाई जा रही हैं। प्रत्येक अल्पसंख्यक वर्ग को चाहे वह धर्म पर आधारित है चाहे भाषा पर, अपनी इच्छानुसार शिक्षा संस्थाएं स्थापित करने का अधिकार है। आर्थिक सहायता देते समय राज्य इनके साथ कोई भेदभाव नहीं करेगा।

प्रश्न 8.
भारतीय नागरिक को प्राप्त किन्हीं चार मौलिक अधिकारों का वर्णन करो।
उत्तर-

  1. स्वतन्त्रता का अधिकार-भारतीय नागरिकों को भ्रमण करने, विचार प्रकट करने तथा व्यवसाय सम्बन्धी स्वतन्त्रता दी गई है।
  2. धार्मिक स्वतन्त्रता- भारत के लोगों को किसी भी धर्म को मानने अथवा छोड़ने की स्वतन्त्रता दी गई है। वे धार्मिक संस्थाओं का निर्माण कर सकते हैं या उन्हें चला सकते हैं।
  3. शिक्षा का अधिकार-भारतवासियों को किसी भी भाषा को पढ़ने तथा अपनी संस्कृति और लिपि की रक्षा का अधिकार भी प्रदान किया गया है।
  4. समता का अधिकार-प्रत्येक नागरिक को समता का अधिकार प्रदान किया गया है और हर प्रकार के भेदभाव को मिटा दिया गया है। कोई भी व्यक्ति अपनी योग्यता के बल पर उच्च से उच्च पद प्राप्त कर सकता है।

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प्रश्न 9.
राज्य-नीति के निर्देशक सिद्धान्तों से आप क्या समझते हैं? चार मुख्य नीति-निर्देशक सिद्धान्त बताओ।
उत्तर-
भारत के संविधान में नीति-निर्देशक सिद्धान्तों का वर्णन किया गया है। ये सिद्धान्त भारत सरकार के लिए उद्देश्यों के रूप में हैं। संघ तथा राज्य सरकारें नीति निर्माण करते समय इन तत्त्वों को ध्यान में रखती हैं।
मुख्य नीति-निर्देशक सिद्धान्त-मुख्य नीति-निर्देशक सिद्धान्त निम्नलिखित हैं —

  1. जीवन के लिए उचित साधनों की प्राप्ति।
  2. बराबर काम के लिए बराबर वेतन।
  3. धन का बराबर वितरण।
  4. बेकारी, बुढ़ापा, अंगहीनता आदि की दशा में सहायता।

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I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द या एक वाक्य में लिखिए

प्रश्न 1.
किसी देश का सबसे बहुमूल्य संसाधन क्या होता है?
उत्तर-
बौद्धिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ नागरिक।

प्रश्न 2.
आजादी से पहले देश की जनसंख्या धीरे-धीरे बढ़ने के क्या कारण थे?
उत्तर-
महामारियों, लड़ाइयों तथा अकाल के कारण मृत्यु दर में वृद्धि।

प्रश्न 3.
वर्ष 1901 में भारत की जनसंख्या कितनी थी?
उत्तर-
वर्ष 1901 में भारत की जनसंख्या 23,83,96,327 (23.8 करोड़) थी।

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प्रश्न 4.
जनसंख्या वर्ष 1921 तथा 1951 को जनसांख्यिकी विभाजक वर्ष क्यों माना जाता है?
उत्तर-
1921 तथा 1951 के जनगणना वर्षों के पश्चात् जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हुई।

प्रश्न 5.
वर्ष 2011 में भारत की जनसंख्या कितनी थी?
उत्तर-
वर्ष 2011 में भारत की जनसंख्या 121 करोड़ थी।

प्रश्न 6.
भारत का जनसंख्या की दृष्टि से विश्व में कौन-सा स्थान है?
उत्तर-
भारत का जनसंख्या की दृष्टि से विश्व में (चीन के पश्चात्) दूसरा स्थान है।

PSEB 10th Class SST Solutions Geography Chapter 7 जनसंख्या

प्रश्न 7.
भारत के कितने राज्यों की जनसंख्या 5 करोड़ से अधिक है?
उत्तर-
2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 10 राज्यों की जनसंख्या 5 करोड़ से अधिक है।

प्रश्न 8.
देश के सबसे अधिक और सबसे कम जनसंख्या वाले राज्यों के नाम बताइए।
उत्तर-
देश में सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य उत्तर प्रदेश और सबसे कम जनसंख्या वाला राज्य सिक्किम है।

प्रश्न 9.
पंजाब की जनसंख्या 2001 में कितनी थी और जनसंख्या की दृष्टि से पंजाब का राज्यों में कौनसा स्थान है?
उत्तर-

  1. वर्ष 2001 में पंजाब की जनसंख्या लगभग 2.4 करोड़ थी।
  2. जनसंख्या की दृष्टि से पंजाब का भारत के राज्यों में 15वां स्थान है।

PSEB 10th Class SST Solutions Geography Chapter 7 जनसंख्या

प्रश्न 10.
पंजाब में पूरे देश की कितने प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है?
उत्तर-
पंजाब में पूरे देश की लगभग 2.3 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है।

प्रश्न 11.
एक लाख की आबादी से अधिक के भारत में कितने शहर हैं?
उत्तर-
भारत में एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की संख्या 300 से अधिक है।

प्रश्न 12.
मैदानी भागों में देश का कितने प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है?
उत्तर-
मैदानी भागों में देश की 40 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है।

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प्रश्न 13.
देश की कितने प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है?
उत्तर-
देश की लगभग 71% जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है।

प्रश्न 14.
देश में जनसंख्या का औसत घनत्व कितना है?
उत्तर-
देश में जनसंख्या का औसत घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर (2011 में) है।

प्रश्न 15.
देश के सबसे अधिक व सबसे कम जनसंख्या घनत्व वाले राज्यों के नाम बताओ।
उत्तर-
2011 की जनगणना के अनुसार देश का सबसे अधिक घनत्व वाला राज्य बिहार तथा सबसे कम घनत्व वाला राज्य अरुणाचल प्रदेश है।

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प्रश्न 16.
पंजाब में जनसंख्या का घनत्व कितना है?
उत्तर-
पंजाब में जनसंख्या का घनत्व 550 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर (2011 में) है।

प्रश्न 17.
किस केन्द्र शासित प्रदेश का जनसंख्या घनत्व सबसे अधिक है?
उत्तर-
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का जनसंख्या घनत्व सबसे अधिक है।

प्रश्न 18.
आयु संरचना को निर्धारित करने वाले चरों के नाम बताइए।
उत्तर-

  1. जन्मता (fertility)
  2. मर्त्यता (mortality)
  3. प्रवास (migration)

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प्रश्न 19.
देश में 0-14 आयु वर्ग में कितने प्रतिशत जनसंख्या है?
उत्तर-
देश में 0-14 आयु वर्ग में 37.2 प्रतिशत जनसंख्या है।

प्रश्न 20.
देश में 15-65 आयु वर्ग में कितने प्रतिशत जनसंख्या है?
उत्तर-
देश में 15:65 आयु वर्ग में 58.4 प्रतिशत जनसंख्या है।

प्रश्न 21.
देश की जनसंख्या में मतदाताओं का कितना प्रतिशत है?
उत्तर-
देश की जनसंख्या में मतदाता 60 प्रतिशत हैं।

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प्रश्न 22.
लिंग-अनुपात से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
लिंग-अनुपात से अभिप्राय प्रति एक हजार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या से है।

प्रश्न 23.
देश के सिक्ख समुदाय में लिंग अनुपात कितना है?
उत्तर-
देश के सिक्ख समुदाय में लिंग अनुपात 1000 : 888 है।

प्रश्न 24.
देश के ग्रामीण या शहरी क्षेत्रों में लिंग अनुपात तेजी से क्यों घट रहा है?
उत्तर-
लिंग अनुपात के तेज़ी से घटने के कारण हैं —

  1. स्त्रियों का दर्जा निम्न होना।
  2. जनगणना के समय स्त्रियों की अपेक्षाकृत कम गणना करना या पुरुषों की गणना बढ़ाकर करना।
  3. लड़कियों की जन्म दर कम होना।
  4. स्त्री भ्रूण-हत्या (Female foeticide)

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प्रश्न 25.
आर्थिक आधार पर भारत की जनसंख्या को किन दो भागों में बांट सकते हैं?
उत्तर-
आर्थिक आधार पर जनसंख्या को दो भागों में बांट सकते हैं —

  1. श्रमिक जनसंख्या
  2. अश्रमिक जनसंख्या।

प्रश्न 26.
भारत में मुख्य श्रमिक किसे कहा जाता है?
उत्तर-
भारत में मुख्य श्रमिक वे श्रमिक हैं, जिन्होंने पिछले वर्ष 6 मास (या 183 दिन) से अधिक किसी आर्थिक क्रिया में काम किया है।

प्रश्न 27.
कार्य के आधार पर जनसंख्या का श्रमिकों एवं अश्रमिकों में बांटने का विचार भारतीय जनगणना में पहली बार किस वर्ष आया?
उत्तर-
कार्य के आधार पर जनसंख्या का श्रमिकों एवं अश्रमिकों में बांटने का विचार पहली बार 1961 की जनगणना के समय आया।

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प्रश्न 28.
भारतीय लोग गिनती में पहली बार कब आये।
उत्तर-
1901.

प्रश्न 29.
ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिकों का प्रतिशत कितना है?
उत्तर-
ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिकों का प्रतिशत 40.1 है।

II. निम्न प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए

प्रश्न 1.
राज्यों के बीच अत्यधिक असमान जनसंख्या वितरण से देश में क्या-क्या समस्याएं पैदा हो रही हैं?
उत्तर-
भारत में 28 राज्य हैं। इन राज्यों के बीच अत्यधिक असमान जनसंख्या वितरण है। जनसंख्या के असमान वितरण के कारण अनेक समस्याएं पैदा हो गई हैं, जिनका वर्णन निम्नलिखित है —

  1. दूर-दूर तक फैली ग्रामीण बस्तियों को आपस में सड़कों द्वारा तथा निकटवर्ती शहरों के साथ जोड़ने की भारी समस्या है।
  2. इन ग्रामीण. बस्तियों के निवासियों को आधारभूत सुविधाएं प्रदान करना बड़ा कठिन और महंगा कार्य है।
  3. बड़े-बड़े शहरों में प्रदूषण, यातायात, मकान का अभाव जैसी अनेक समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

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प्रश्न 2.
भारत में जनसंख्या वितरण पर किन-किन तत्त्वों का सबसे अधिक प्रभाव है?
उत्तर-
भारत में जनसंख्या का वितरण एक समान नहीं है। इसके लिए निम्नलिखित अनेक तत्त्व उत्तरदायी हैं —

  1. भूमि का उपजाऊपन-भारत के जिन राज्यों में उपजाऊ भूमि का अधिक विस्तार है, वहां जनसंख्या का घनत्व अधिक है।
    उत्तर प्रदेश तथा बिहार ऐसे ही राज्य हैं।
  2. वर्षा की मात्रा-अधिक वर्षा वाले भागों में प्रायः जनसंख्या का घनत्व अधिक होता है। उत्तरी भारत में पूर्व से पश्चिम को जाते हुए वर्षा की मात्रा कम होती जाती है। इसलिए जनसंख्या का घनत्व भी घटता जाता है।
  3. जलवाय-जहां जलवायु स्वास्थ्य के लिए अनुकूल है, वहां भी जनसंख्या का घनत्व अधिक होता है। इसके विपरीत ऐसे प्रदेशों में जनसंख्या का घनत्व कम होता है जहां की जलवायु स्वास्थ्य के लिए अच्छी न हो। असम में वर्षा अधिक होते हुए भी जनसंख्या का घनत्व कम है क्योंकि यहां अधिक नमी के कारण मलेरिया का प्रकोप अधिक रहता है।
  4. परिवहन के उन्नत साधन-परिवहन के साधनों के अधिक विकास के कारण व्यापार की प्रगति तीव्र हो जाती है जिससे जनसंख्या का घनत्व भी अधिक हो जाता है। उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बंगाल, बिहार, झारखंड इत्यादि राज्यों में अधिक जनसंख्या होने का एक कारण परिवहन के साधनों का विकास है।
  5. औद्योगिक विकास-जिन स्थानों पर उद्योग स्थापित हो जाते हैं, वहां जनसंख्या का घनत्व बढ़ जाता है। इसका कारण यह है कि औद्योगिक क्षेत्रों में आजीविका कमाना सरल होता है। दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता आदि नगरों में औद्योगिक विकास के कारण ही जनसंख्या अधिक है।

प्रश्न 3.
जनसंख्या की आर्थिक संरचना अध्ययन का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
जनसंख्या की आर्थिक संरचना का विशेष महत्त्व है

  1. इससे हमें पता चलता है कि देश की जनसंख्या का कितना भाग कार्यशील है और वह किस-किस व्यवसाय में जुटा हुआ है।
  2. यह संरचना किसी क्षेत्र की जनसांख्यिकीय तथा सांस्कृतिक लक्षणों को प्रकट करती है। इसी पर उस क्षेत्र के भविष्य का सामाजिक तथा आर्थिक विकास का प्रारूप आधारित होता है।
  3. आर्थिक संरचना से हमें पता चलता है कि देश किस आर्थिक क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है। अतः हम उस क्षेत्र के विकास के लिए उचित योजना बना सकते हैं।

प्रश्न 4.
मुख्य श्रमिकों को कितनी औद्योगिक श्रेणियों में बांटा जाता है? उनके नाम बताइए।
उत्तर-
निम्नलिखित सारणी से मुख्य श्रमिक श्रेणियां स्पष्ट हो जाएंगी। (दो औद्योगिक श्रेणियां-मुख्य श्रमिक तथा गौण श्रमिक)
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प्रश्न 5.
भारत में स्त्री श्रमिकों का प्रतिशत पुरुषों की अपेक्षाकृत कम क्यों है?
उत्तर-
देश में मुख्य श्रमिकों का प्रतिशत (असम और जम्मू-कश्मीर को छोड़कर) 37.50 प्रतिशत है। दूसरे शब्दों में, हम कह सकते हैं कि देश की कुल जनसंख्या का लगभग एक तिहाई भाग ही आर्थिक रूप से कार्यशील है। इसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं.

  1. तेजी से बढ़ रही जनसंख्या के कारण भारत में बच्चों (अश्रमिकों) का अनुपात अधिक बना रहता है। इससे श्रमिकों का प्रतिशत कम हो जाता है।
  2. हमारी सामाजिक मान्यताओं के कारण स्त्रियों को घर से बाहर काम नहीं करने दिया जाता।
  3. स्त्रियों में शिक्षा तथा जागरूकता का अभाव भी इसका कारण है।

प्रश्न 6.
भारत को गांवों का देश क्यों कहा जाता है?
उत्तर-
इसमें कोई सन्देह नहीं कि भारत गांवों का देश है। निम्नलिखित तथ्यों से यह बात स्पष्ट हो जाएगी —

  1. देश की अधिकांश जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में बसी है।
  2. देश की कुल जनसंख्या का लगभग 71% भाग ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करता है।
  3. देश में 5 लाख 50 हजार से अधिक ग्रामीण अधिवासी (Rural Settlements) हैं जबकि कुल शहरी जनसंख्या का दो तिहाई भाग देश के बड़े नगरों में बसा हुआ है।
  4. देश में कुल मुख्य श्रमिकों का 40.1 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में तथा 30.2 प्रतिशत नगरों में निवास करता है।

प्रश्न 7.
देश में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं के नाम बताओ।
उत्तर-
भारत में अनेक भाषाएं बोली जाती हैं। असमिया, उड़िया, उर्दू, कन्नड़, कश्मीरी, गुजराती, तमिल, तेलुग, पंजाबी, बंगला, मराठी, मलयालम, संस्कृत, सिन्धी और हिन्दी भारत की प्रमुख भाषाएं हैं। इन सभी भाषाओं को संवैधानिक दर्जा दिया गया है। दक्षिण भारत की चार भाषाओं तमिल, तेलुगू, कन्नड़ तथा मलयालम की उत्पत्ति द्रविड़ से हुई है।
भारत में बहुत बड़ी संख्या में लोग हिन्दी बोलते हैं। साथ ही अनेक लोग इस भाषा को समझ लेते हैं, भले ही यह उनकी मातृभाषा नहीं है। हिन्दी को राजभाषा का स्थान मिला हुआ है।

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प्रश्न 8.
भारत में जनसंख्या वितरण की महत्त्वपूर्ण विशेषताओं को लिखिए।
उत्तर-
भारत में जनसंख्या के क्षेत्रीय वितरण की कुछ महत्त्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं —

  1. भारत में जनसंख्या का वितरण बहुत असमान है। नदियों की घाटियों और समुद्र तटीय मैदानों में जनसंख्या वितरण बहुत सघन है, परन्तु पर्वतीय, मरुस्थलीय एवं अभाव-ग्रस्त क्षेत्रों में जनसंख्या वितरण बहुत ही विरल है।
  2. देश की कुल जनसंख्या का लगभग 71% भाग ग्रामीण क्षेत्रों में और 29% भाग शहरों में निवास करता है। शहरी जनसंख्या का भारी जमाव बड़े शहरों में है। कुल शहरी जनसंख्या का दो-तिहाई भाग एक लाख या इससे अधिक आबादी वाले प्रथम श्रेणी के शहरों में रहता है।
  3. देश के अल्पसंख्यक समुदायों का अति संवेदनशील एवं महत्त्वपूर्ण बाह्य सीमा क्षेत्रों में जमाव है। उदाहरण के लिए उत्तर-पश्चिमी भारत में भारत-पाक सीमा के पास पंजाब में सिक्खों तथा जम्मू-कश्मीर में मुसलमानों का बाहुल्य है।
  4. एक ओर तटीय मैदानों एवं नदियों की घाटियों में जनसंख्या का भारी जमाव है तो दूसरी ओर पहाड़ी, पठारी एवं रेगिस्तानी भागों में जनसंख्या विरल है। यह वितरण एक जनसांख्यिकी विभाजन (Demographic divide) जैसा लगता है।

प्रश्न 9.
देश के अधिक जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्र कौन-से हैं?
उत्तर-
उत्तरी मैदान, पश्चिमी तटीय मैदान तथा पूर्वी तटीय मैदान के डेल्टाई क्षेत्रों में जनसंख्या घनी बसी हुई है। इन प्रदेशों की भूमि उपजाऊ है और कृषि सिंचाई की सुविधाएं पर्याप्त उपलब्ध हैं। इसलिए वहां की जनसंख्या सघन है। एक बात और, ज्यों-ज्यों हम पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ते जाते हैं, सूखापन बढ़ता जाता है और जन घनत्व घटता जाता है। यही कारण है कि पूर्व में स्थित पश्चिमी बंगाल का घनत्व पंजाब और हरियाणा के अपेक्षाकृत पश्चिम की स्थिति की तुलना में अधिक है। केरल में जन घनत्व सबसे अधिक है क्योंकि भारी वर्षा के कारण वहां वर्ष में दो या तीन फसलें पैदा की जाती हैं।

प्रश्न 10.
देश के मैदानी भागों में जनसंख्या घनत्व अधिक होने के क्या कारण हैं?
उत्तर-
देश के मैदानी भागों में जनसंख्या का घनत्व बहुत अधिक है। इसके मुख्य कारण अग्रलिखित हैं —

  1. भारत का उत्तरी मैदान विशाल और उपजाऊ है।
  2. यहां वर्षा भी पर्याप्त होती है। इसलिए कृषि के लिए उचित सुविधाएं उपलब्ध हैं।
  3. यहां उद्योग के भी बड़े-बड़े केन्द्र हैं।
  4. यहां यातायात के साधन उन्नत हैं।
  5. तटीय मैदानी प्रदेशों में मछली पकड़ने तथा विदेशी व्यापार की सुविधाएं हैं। परिणामस्वरूप लोगों के लिए रोज़ी कमाना सरल है।

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प्रश्न 11.
देश में कम जनसंख्या वाले क्षेत्र कौन-कौन से हैं?
उत्तर-
भारत के थार मरुस्थल, पूर्वी हिमालय प्रदेश तथा छोटा नागपुर के पठार में जनसंख्या कम आबाद है।
कारण-

  1. इन प्रदेशों की शि उपजाऊ नहीं है। यह या तो रेतीली है या पथरीली।
  2. यहां यातायात के साधनों का विकास नहीं हो सका है।
  3. यहां की जलवायु स्वास्थ्य के अनुकूल नहीं है। यह या तो अत्यधिक गर्म है या अत्यधिक ठण्डी। हिमालय क्षेत्र में आवश्यकता से अधिक वर्षा होती है।
  4. छोटा नागपुर क्षेत्र को छोड़कर अन्य भागों में निर्माण उद्योग विकसित नहीं है।

प्रश्न 12.
देश के चावल उत्पादक क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व अधिक क्यों है?
उत्तर-
देश के परम्परागत चावल उत्पादक क्षेत्र (तमिलनाडु, पश्चिमी बंगाल आदि) सबसे अधिक सघन जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्र हैं।
इसका कारम यह है कि ये क्षेत्र बहुत उपजाऊ हैं तथा यहां पर्याप्त वर्षा होती है। दूसरे, चावल की खेती से सम्बन्धित अधिकतर कार्य हाथों से करने पड़ते हैं। इसलिए अधिक संख्या में श्रमिकों की आवश्यकता अनुभव की जाती है जिससे लोगों के लिए आजीवकिा कमाने के अवसर बढ़ जाते हैं। तीसरे, चावल का उतपादन अधिक होने से लोगों को सस्ता भोजन उपलब्ध होता है। पास ही में मछली पकड़ने के क्षेत्र होने के कारण उन्हें प्रोटीनयुक्त भोजन भी मिल जाता है।

प्रश्न 13.
देश की जनसंख्या की संरचना का अध्ययन करना क्यों जरूरी है?
उत्तर-
किसी देश की जनसंख्या की संरचना को जानना क्यों आवश्यक है, इसके कई कारण हैं —

  1. सामाजिक एवं आर्थिक नियोजन के लिए किसी भी देश की जनसंख्या के विभिन्न लक्षणों जैसे जनसंख्या की आयु-संरचना, लिंगसंरचना, व्यवसाय संरचना आदि के आंकड़ों की जरूरत पड़ती है।
  2. जनसंख्या की संरचना के विभिन्न घटकों का देश के आर्थिक विकास से गहरा सम्बन्ध है। जहां एक ओर ये जनसंख्या संरचना घटक आर्थिक विकास से प्रभावित होते हैं, वहीं ये आर्थिक विकास की प्रगति एवं स्तर के प्रभाव से भी अछूते नहीं रह पाते। उदाहरण के लिए यदि किसी देश की जनसंख्या की आयु संरचना में बच्चों तथा बूढ़े लोगों का प्रतिशत बहुत अधिक है तो देश को शिक्षा एवं स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं पर अधिक-से-अधिक वित्तीय साधनों को खर्च करना पड़ेगा। दूसरी ओर, आयु संरचना में कामगार आयु-वर्गों (Working age-groups) का भाग अधिक होने से देश के आर्थिक विकास की दर तीव्र हो जाती है।

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प्रश्न 14.
आयु संरचना के अध्ययन के क्या लाभ हैं?
उत्तर-आयु संरचना के अध्ययन के अनेक लाभ हैं —

  1. बाल आयु वर्ग (0-14) की कुल जनसंख्या ज्ञात होने से सरकार को इन बातों का स्पष्ट पता लग सकता है कि शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सेवाओं के क्षेत्र में कितनी सुविधाओं की आवश्यकता है। इसी के अनुसार नये स्कूलों, स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक केन्द्रों आदि का निर्माण कराया जाता है।
  2. साथ ही देश में कितने लोग मताधिकार वर्ग में हैं, इस बात की जानकारी भी हो सकती है। मताधिकार वर्ग के लोगों की जानकारी होना प्रजातन्त्र में अत्यन्त आवश्यक है। आयु संरचना के आंकड़ों के हिसाब से लगभग 58 प्रतिशत मतदाता होने चाहिएं, परन्तु देश में 60 प्रतिशत मतदाता हैं।

प्रश्न 15.
भारत में लिंग अनुपात कम होने के क्या कारण हैं?
उत्तर-
भारत में लिंग-अनुपात कम होने के कारणों के बारे में निश्चित तौर पर कुछ भी कहना सम्भव नहीं है। परन्तु भारतीय समाज में स्त्री का दर्जा निम्न होना इसका एक प्रमुख कारण माना जाता है। परिवार व्यवस्था में उसे निम्न दर्जा दिया गया है और पुरुष को ऊँचा। इसी कारण कम आयु में लड़कियों के स्वास्थ्य, खान-पान तथा देख-भाल की ओर कम ध्यान दिया जाता है। परिणामस्वरूप निम्न आयु वर्ग (0-6 वर्ष) में लड़कों की अपेक्षा लड़कियों की मृत्यु-दर अधिक है।
लिंग अनुपात कम होने के अन्य प्रमुख कारण हैं-जनगणना के समय स्त्रियों की अपेक्षाकृत कम गणना करना या पुरुषों की गणना बढ़ाकर करना, लड़कियों की जन्म दर कम होना तथा स्त्री भ्रूण-हत्या (Female Foeticide)।

प्रश्न 16.
भारत में शहरी आबादी के हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ने के क्या कारण हैं?
उत्तर-
उत्तर के लिए भाग III का प्रश्न नं० 4 पढ़ें।

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III. निम्नलिखित के विस्तृत उत्तर दीजिए

प्रश्न 1.
भारत में जनसंख्या घनत्व के प्रादेशिक प्रारूप का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
2011 की जनगणना के अनुसार भारत में जनसंख्या घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग कि. मी. है। परन्तु प्रादेशिक स्तर पर जनसंख्या घनत्व में भारी अन्तर है। जनसंख्या घनत्व बिहार में सबसे अधिक है तो सबसे कम अरुणाचल प्रदेश में है। केन्द्र शासित प्रदेशों में यह अन्तर और भी अधिक है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में जनसंख्या धनत्व सबसे अधिक (9340 व्यक्ति) है, जबकि अण्डमान तथा निकोबार द्वीप समूह में यह मात्र 46 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० है।

  1. अधिक जनसंख्या घनत्व-प्रादेशिक स्तर परं, अधिक जनसंख्या घनत्व (400 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० से अधिक) वाले क्षेत्र सतलुज, गंगा, ब्रह्मपुत्र, महानदी, गोदावरी, कृष्णा एवं कावेरी नदियों के डेल्टे हैं। यहां पर उपजाऊ मिट्टी तथा अच्छी वर्षा के कारण कृषि का विकास अच्छा है। इसके अतिरिक्त बड़े औद्योगिक एवं प्रशासनिक नगरों जैसे लुधियाना, गुड़गांव, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, कानपुर, पटना, कोलकाता, मुम्बई, चेन्नई, अहमदाबाद, बंगलौर (बंगलुरू) एवं हैदराबाद के आसपास भी अधिक जनसंख्या घनत्व पाया जाता है।
  2. कम जनसंख्या घनत्व-कम जनसंख्या घनत्व (200 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० से कम) वाले क्षेत्र ऐसे हैं जो भौतिक विकलांगता से ग्रस्त (Physical handicapped) हैं। ऐसे क्षेत्र हैं
    1. उत्तर में हिमालय पर्वत श्रेणियों में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तरांचल के पहाड़ी भाग,
    2. पूर्व में अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम, मेघालय तथा त्रिपुरा राज्यों में,
    3. पश्चिमी राजस्थान के मरुस्थलीय भाग, गुजरात के दलदलीय क्षेत्रों तथा
    4. दक्षिण आन्तरिक प्रायद्वीपीय पठार में मध्य प्रदेश, पूर्वी महाराष्ट्र, पूर्वी कर्नाटक, तेलंगाना एवं तमिलनाडु का कुछ भाग शामिल है।
  3. औसत जनसंख्या घनत्व-अधिक जनसंख्या घनत्व के क्षेत्रों के बाह्य भाग औसत जनसंख्या घनत्व (200 से 300 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी०) के क्षेत्र कहलाते हैं। सामान्यतः ये क्षेत्र कम और अधिक जनसंख्या घनत्व के क्षेत्रों के बीच पड़ते हैं। ऐसे क्षेत्र संख्या में कम ही हैं।
    इससे इस बात का आभास हो जाता है कि भारत में जनसंख्या वितरण एवं घनत्व में भारी प्रादेशिक असमानताएं हैं।

प्रश्न 2.
भारत में लिंग अनुपात के राज्य स्तरीय प्रारूप का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर-
लिंग अनुपात से अभिप्राय है-प्रति हजार पुरुषों पर स्त्रियों की औसत संख्या। लिंग अनुपात को आजकल समाज में स्त्री के सम्मान को आंकने का पैमाना भी माना जाता है। अधिकतर धनी देशों में स्त्रियों की संख्या पुरुषों के बराबर है या उससे अधिक। विकसित देशों में 1050 स्त्रियां प्रति 1000 पुरुष हैं, जबकि विकासशील देशों में यह औसत 964 स्त्रियां प्रति 1000 पुरुष है। भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार लिंग अनुपात 944 स्त्रियां प्रति हज़ार पुरुष हैं। यह औसत विश्व की सबसे कम औसतों में से एक है।
राज्य स्तरीय प्रारूप-देश के सभी राज्यों में लिंग अनुपात एक समान नहीं है। भारत के केवल दो ही राज्य ऐसे हैं। जहां लिंग अनुपात स्त्रियों के पक्ष में है। ये राज्य है-केरल तथा तमिलनाडु। केरल में प्रति हज़ार पुरुषों पर 1099 स्त्रियां (2011 में) हैं। देश के अन्य राज्यों में अनुपात पुरुषों के पक्ष में है अर्थात् इन राज्यों में प्रति हजार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या कम है जो निम्नलिखित उदाहरणों से स्पष्ट है

  1. पंजाब 899
  2. हरियाणा 885
  3. राजस्थान 935
  4. बिहार 912
  5. उत्तर प्रदेश 910
  6. तमिलनाडु 1000

लिंग अनुपात से राज्य प्रारूप में से एक बात और भी स्पष्ट हो जाती है कि देश के उत्तरी राज्यों में दक्षिणी राज्यों की तुलना में लिंग अनुपात कम है। यह बात समाज में स्त्री के निम्न स्थान को दर्शाती है। यह निःसन्देह एक चिन्ता का विषय है।

प्रश्न 3.
देश में जनसंख्या वितरण के प्रादेशिक प्रारूप की प्रमुख विशेषताओं को बताते हुए प्रारूप का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
भारत में जनसंख्या वितरण का प्रादेशिक प्रारूप तथा उसकी महत्त्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं —

  1. भारत में जनसंख्या का वितरण बहुत असमान है। नदियों की घाटियों और समुद्र तटीय मैदानों में जनसंख्या बहुत सघन है, परन्तु पर्वतीय, मरुस्थलीय एवं अभाव-ग्रस्त क्षेत्रों में जनसंख्या बहुत ही विरल है। उत्तर के पहाड़ी प्रदेशों में देश के 16 प्रतिशत भू-भाग पर मात्र 3 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है, जबकि उत्तरी मैदानों में देश के 18 प्रतिशत भूमि पर 40 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है। राजस्थान में देश के मात्र 6 प्रतिशत भू-भाग पर 6 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है।
  2. अधिकांश जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में बसी है। देश की कुल जनसंख्या का लगभग 71% भाग ग्रामीण क्षेत्रों में और लगभग 29% भाग शहरों में निवास करता है। शहरी जनसंख्या का भारी जमाव बड़े शहरों में है। कुल शहरी जनसंख्या का दो-तिहाई भाग एक लाख या इससे अधिक आबादी वाले प्रथम श्रेणी के शहरों में रहता है।
  3. देश के अल्पसंख्यक समुदायों का जमाव अति संवेदनशील एवं महत्त्वपूर्ण बाह्य सीमा क्षेत्रों में है। उदाहरण के लिए उत्तर-पश्चिमी भारत में भारत-पाक सीमा के पास पंजाब में सिक्खों तथा जम्मू-कश्मीर में मुसलमानों का बाहुल्य है। इसी तरह उत्तर-पूर्व में चीन व बर्मा (म्यनमार) की सीमाओं के साथ ईसाई धर्म के लोगों का जमाव है। इस तरह के वितरण से अनेक सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक कठिनाइयां सामने आती हैं।
  4. एक ओर तटीय मैदानों एवं नदियों की घाटियों में जनसंख्या घनी है तो दूसरी ओर पहाड़ी, पठारी एवं रेगिस्तानी भागों में जनसंख्या विरल है। यह वितरण एक जनसांख्यिकी विभाजन (Demographic divide) जैसा लगता है।

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प्रश्न 4.
बड़े शहरों में तेजी से आबादी बढ़ने के कारणों को समझाते हुए यह भी बताएं कि इससे कौन-सी समस्याएं बड़े-बड़े शहरों में उत्पन्न हो गयी हैं?
उत्तर-बड़े शहरों में आबादी बढ़ने का मुख्य कारण शहरी आकर्षण के अतिरिक्त निम्नलिखित तत्त्व हैं

  1. आधुनिक सुविधाएं-बड़े नगरों में अस्पताल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, स्कूल तथा सिनेमाघर होते हैं। ये सब सुविधाएं गांवों में नहीं होतीं। अत: गांवों से बहुत सारे लोग शहरों में पलायन कर जाते हैं।
  2. ग्रामों में शिक्षा का प्रसार-गांवों का शिक्षित वर्ग गांवों में ही नौकरी नहीं करता। उसे नौकरी करने के लिए बहुत दूर नगरों में जाना पड़ता है।
  3. गांवों के भ्रमित नवयुवक-गांवों के कुछ शिक्षित लोग खेती करना पसन्द नहीं करते। वे वहां की संयुक्त परिवार प्रणाली से दुःखी होने के कारण भी नगरों की ओर पलायन करते हैं।
  4. नगरों में रोजगार के साधन-नगरों में कारखाने तथा व्यापार की अधिक सुविधाएं होने के कारण शीघ्र रोजगार मिल जाता है। अतः कई ग्रामीण बेरोज़गार होने के कारण शहरों में आकर बस जाते हैं।

प्रभाव (प्रमुख समस्याएं)-भारत गांवों का देश है। बीसवीं शताब्दी के आरम्भ में 10 में से 9 व्यक्ति गांवों में रहते थे। परन्तु अब स्थिति बदल गई है। प्रत्येक वर्ष लाखों व्यक्ति गांवों को छोड़कर शहरों की तरफ बढ़ रहे हैं। इससे शहरी जनसंख्या में बड़ी तेज़ी से वृद्धि हुई है। अब हर 4 में से 1 व्यक्ति शहर में रहता है। इसके अतिरिक्त शहरी जनसंख्या का अधिकांश भाग महानगरों में केन्द्रित हो गया है। बड़े नगरों में तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या आज चिन्ता का विषय बन गई है। इसके कई दुष्परिणाम सामने आए हैं जिन्होंने अनेक समस्याएं उत्पन्न कर दी हैं:

  1. नगरों में वर्तमान साधनों तथा उपलब्ध जन-सुविधाओं पर भारी दबाव पड़ गया है। लोगों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना कठिन होता जा रहा है।
  2. नगरों में सफाई आदि की समस्या निरन्तर बनी रहती है। इससे प्रदूषण फैलता है।
  3. शहरी जनसंख्या बढ़ने से रोज़गार के अवसर कम होते जा रहे हैं जिससे निर्धनता बढ़ रही है।
  4. शहरी जनसंख्या में वृद्धि के साथ-साथ अपराधों में भी वृद्धि हो रही है।
  5. शिक्षा दिन-प्रतिदिन महंगी होती जा रही है।
  6. संयुक्त परिवार टूट गए हैं जिससे वृद्ध मां-बाप के लिए समस्याएं पैदा हो गई हैं।
  7. लोगों द्वारा गांवों को छोड़कर शहरों में जाने से कृषि पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

प्रश्न 5.
भारत की जनसंख्या की सांस्कृतिक संरचना पर एक लेख लिखिए।
उत्तर-

  1. अनेक प्रजातियां-भारत में अनेक प्रजातियों के लोग रहते हैं-द्राविड़, मंगोल, आर्य आदि। इनके अतिरिक्त कुछ काकेशियन भी हैं। समय के साथ-साथ ये प्रजातियाँ आपस में एक-दूसरे से इस प्रकार घुल-मिल गई हैं कि अब उनके मूल लक्षण लुप्त हो गए हैं। फिर भी भारत के लोगों में बड़ी विविधता दिखाई पड़ती है। वास्तव में, भारतीय संस्कृति की सम्पन्नता इसकी विविधता में ही निहित है। सहिष्णुता की भावना, आदान-प्रदान तथा सब को अपने में मिलाने की प्रवृत्ति भारतीय संस्कृति के विशिष्ट गुण हैं।
  2. विभिन्न धर्म एवं भाषाएं-
    1. भारत के लोग भिन्न-भिन्न धर्मों का पालन करते हैं। वे धर्म, प्रदेश, राजनीति तथा भाषा के बन्धनों से मुक्त हैं। एक ही धर्म को मानने वाले लोग भिन्न-भिन्न भाषाएं बोलते हैं। भाषाएं प्रजातियों, धर्मों, जातियों तथा प्रदेशों की सीमाओं में नहीं बंधी हैं। इन प्रजातीय, धार्मिक, भाषायी तथा प्रादेशिक विविधताओं के बावजूद हम सभी भारतीय हैं।
    2. भारत हिन्दू, इस्लाम, सिक्ख, ईसाई, बौद्ध, जैन, पारसी तथा अन्य कई धर्मों को मानने वाले लोगों का घर है। यहां किसी भी व्यक्ति को धर्म के आधार पर कोई विशेष अधिकार नहीं मिले हैं और न ही उसे किसी विशेष धर्म के कारण आर्थिक, राजनीतिक या सामाजिक क्षेत्र में कोई हानि ही उठानी पड़ती है।
    3. भारत में अनेक भाषाएं बोली जाती हैं। इनमें से कुछ का उद्गम संस्कृत से तथा कुछ का द्रविड़ से है। असमिया, उड़िया, उर्दू, कन्नड़, कश्मीरी, गुजराती, तमिल, तेलुगू, पंजाबी, बंगला, मराठी, मलयालम, संस्कृत, सिन्धी और हिन्दी भारत की प्रमुख भाषाएं हैं। इनमें से दक्षिण भारत की चार भाषाओं-तमिल, तेलुगू, कन्नड़ तथा मलयालम की उत्पत्ति द्रविड़ भाषा से हुई है।
  3. भाषायी तथा साहित्यिक समानता-भाषा वैज्ञानिकों का मत है कि भारत की विभिन्न भाषाओं तथा उनके साहित्य में ऊपरी अन्तर के बावजूद, कई बातों में बहुत-सी समानताएं हैं। सभी भारतीय भाषाओं का सम्बन्ध ध्वनि से है। सभी की संरचना भी लगभग एक-सी है।

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प्रश्न 6.
भारत में जनसंख्या वृद्धि की समस्या पर लेख लिखिए जिसमें समस्या के समाधान के उपायों को भी बताएँ।
उत्तर-जब किसी देश की जनसंख्या इसके प्राकृतिक साधनों की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ती है तो उसका देश के साधनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। भारत में प्रत्येक 10 वर्ष के बाद जनगणना होती है। सन् 1921 तक भारत की जनसंख्या कुछ घटती-बढ़ती रही अथवा स्थिर रही, परन्तु 1921 के पश्चात् जनसंख्या निरन्तर बढ़ रही है। जनसंख्या की इस वृद्धि के कारण कई समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं, जिनका वर्णन इस प्रकार है

  1. निम्न जीवन स्तर-अन्य देशों के जीवन स्तर के मुकाबले में भारतीय लोगों का जीवन स्तर बहुत निम्न है। यह समस्या वास्तव में जनसंख्या की वृद्धि के कारण ही उत्पन्न हुई है।
  2. वनों की कटाई-बढ़ती हुई जनसंख्या को आवास देने तथा भोजन जुटाने के लिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता पड़ती है, ताकि कृषि का विस्तार किया जा सके। यह भूमि वनों को काट कर प्राप्त की जाती है। इसके कारण वनों के कटाव से जुड़ी समस्याएं भी उत्पन्न हो जाती हैं; जैसे- भूमि का कटाव, बाढ़ों का अधिक आना, पर्यावरण का प्रदूषित होना तथा वन्य सम्पदा की हानि।
  3. पशुओं के लिए चारे का अभाव-भारत में केवल चार प्रतिशत क्षेत्र पर चरागाहें हैं। जनसंख्या की समस्या के कारण यदि इन्हें भी कृषि अथवा आवासों के निर्माण के लिए प्रयोग किया गया तो पशुओं के लिए चारे की समस्याएं और भी जटिल हो जाएंगी।
  4. भूमि पर दबाव-जनसंख्या की वृद्धि का सीधा प्रभाव भूमि पर पड़ता है। भूमि एक ऐसा साधन है जिसे बढ़ाया नहीं जा सकता। यदि भारत की जनसंख्या इस प्रकार बढ़ती रही तो भूमि पर भी दबाव पड़ेगा। इसके परिणामस्वरूप कृषि उत्पादों का और भी अधिक अभाव हो जाएगा।
  5. खनिजों का अभाव-हम बढ़ती हुई जनसंख्या की आवश्यकताओं को उद्योगों का विकास करके पूरा कर रहे हैं, परन्तु उद्योगों के विकास के लिए खनिजों की और भी अधिक आवश्यकता होगी। परिणामस्वरूप हमारे खनिजों के भण्डार शीघ्र समाप्त हो जाएंगे।
  6. पर्यावरण की समस्या-जनसंख्या में वृद्धि के कारण पर्यावरण पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। अतः स्वच्छ जल, स्वच्छ वायु की आपूर्ति एक समस्या बन गई है। वनस्पति की कमी के कारण ऑक्सीजन की भी कमी हो रही है।

समस्या का समाधान-जनसंख्या की वृद्धि की समस्या से निपटने के लिए निम्नलिखित उपाए किए जाने चाहिएं

  1. सीमित परिवार योजनाओं को अधिक महत्त्व देना चाहिए।
  2. लोगों को फिल्मों, नाटकों तथा अन्य साधनों द्वारा सीमित परिवार का महत्त्व समझाया जाए।
  3. देश में अनपढ़ता को दूर करने का प्रयास किया जाए ताकि लोग स्वयं भी बढ़ती हुई जनसंख्या की हानियों को समझ सकें। स्त्री शिक्षा पर विशेष बल दिया जाए।
  4. विवाह की न्यूनतम आयु में वृद्धि की जाए ताकि विवाह छोटी आयु में न हो सकें।

प्रश्न 7.
देश में शिक्षा के फैलाव के प्रयासों का आलोचनात्मक अध्ययन कीजिए।
उत्तर-
शिक्षा मानव के सम्पूर्ण विकास के लिए अत्यन्त आवश्यक है। आजादी के समय देश में मात्र 14 प्रतिशत लोग ही साक्षर थे। साक्षरता का अर्थ कम-से-कम नाम लिखने और पढ़ने तक ही सीमित है। वर्ष 2001 में हुई जनगणना के अनुसार साक्षरता दर 74.01 प्रतिशत थी। पहले हमारे देश में केवल 6 करोड़ व्यक्ति ही साक्षर थे परन्तु अब इनकी संख्या बढ़कर 70 करोड़ से भी अधिक हो गयी है। इस प्रकार साक्षरता में 11 गुना से भी अधिक की वृद्धि हुई है। परन्तु इस बीच जनसंख्या वृद्धि के कारण देश में निरक्षर लोगों की संख्या भी बढ़ गयी है। हमारे देश के संविधान के अनुसार चौदह वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों के लिए निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था की गई है। परन्तु अभी भी इस लक्ष्य को पूरा नहीं किया जा सका है। इसका कारण यह है कि देश के हर गांव में स्कूल खोलना तथा हर माँ-बाप को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए मनाना एक बहुत ही कठिन कार्य है। पहले 15 प्राथमिक स्कूलों के पीछे एक मिडिल स्कूल था, अब चार के पीछे एक मिडिल स्कूल है। इसके अतिरिक्त कई राज्य सरकारों ने चलते-फिरते स्कूलों तथा रात्रि स्कूलों का भी प्रबन्ध किया है। लड़कियों की शिक्षा पर विशेष जोर देने हेतु लड़कियों के लिए छात्रवृत्तियों का आकर्षण दिया गया है। परन्तु कई राज्यों में बच्चों का बीच में ही स्कूल की शिक्षा छोड़ देना चिन्ता का विषय बना हुआ है। यह बात उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार या राजस्थान में आम है। इन चारों ही राज्यों में साक्षरता प्रतिशत देश के सभी राज्यों से कम है। इसके विपरीत केरल राज्य देश का एक ऐसा राज्य है जहां साक्षरता दर न केवल सबसे अधिक है बल्कि बहुत ऊंची है।
अभी भी देश में 100 बच्चों में से मात्र 25 बच्चे ही आठवीं कक्षा तक पहुंच पाते हैं। इस प्रकार तीन चौथाई बच्चे शिक्षा के वास्तविक लाभ से वंचित हैं। देश में उच्च एवं औद्योगिक शिक्षा का भी भारी अभाव है।

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IV. निम्नलिखित को मानचित्र पर दिखायें:

  1. अधिक जनसंख्या वाले चार क्षेत्र।
  2. अधिक साक्षरता दर वाले दो राज्य।
  3. सबसे अधिक व सबसे कम जनसंख्या वाले दो राज्य।
  4. अधिक जनसंख्या वृद्धि वाले चार क्षेत्र।

उत्तर-
विद्यार्थी अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

PSEB 10th Class Social Science Guide जनसंख्या Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)

I. उत्तर एक शब्द अथवा एक लाइन में

प्रश्न 1.
जनसंख्या वितरण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
जनसंख्या वितरण से तात्पर्य किसी क्षेत्र में जनसंख्या प्रारूप फैलाव लिए हुए है अथवा उसका एक ही जगह पर जमाव है।

प्रश्न 2.
जनसंख्या घनत्व का क्या अर्थ है?
उत्तर-
किसी क्षेत्र के एक वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में रहने वाले लोगों की औसत संख्या को उस क्षेत्र का जनसंख्या घनत्व कहते हैं।

प्रश्न 3.
भारत के जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाला प्रमुख कारक कौन-सा है और क्यों ?
उत्तर-
कृषि उत्पादकता।

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प्रश्न 4.
(i) भारत में किस धर्म के लोगों में लिंग अनुपात सबसे अधिक तथा
(ii) किस धर्म के लोगों में सबसे कम है?
उत्तर-
(i) भारत में ईसाई धर्म के लोगों में लिंग अनुपात सबसे अधिक तथा।
(ii) सिक्खों में सबसे कम है।

प्रश्न 5.
भारत के अति सघन आबाद दो भागों के नाम बताइए।
उत्तर-
भारत में ऊपरी गंगा घाटी तथा मालाबार में अति सघन जनसंख्या है।

प्रश्न 6.
भारत के किन प्रदेशों की जनसंख्या का घनत्व कम है?
उत्तर-
भारत के उत्तरी पर्वतीय प्रदेश, घने वर्षा वनों वाले उत्तर-पूर्वी प्रदेश, पश्चिमी राजस्थान के अत्यन्त शुष्क क्षेत्र और गुजरात के कच्छ क्षेत्र में जन-घनत्व कम है।

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प्रश्न 7.
नगरों में जनसंख्या के बहुत तेजी से बढ़ने से क्या दुष्परिणाम हुए हैं?
उत्तर-
नगरों में जनसंख्या के बहुत तेजी से बढ़ने के कारण उपलब्ध संसाधनों और जन-सुविधाओं पर भारी दबाव पड़ा है।

प्रश्न 8.
स्त्री-पुरुष अथवा लिंग अनुपात से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
प्रति हजार पुरुषों के पीछे स्त्रियों की संख्या को लिंग अनुपात कहते हैं।

प्रश्न 9.
अर्जक जनसंख्या से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
अर्जक जनसंख्या से अभिप्राय उन लोगों से है जो विभिन्न व्यवसायों में काम करके धन कमाते हैं।

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प्रश्न 10.
आश्रित जनसंख्या क्या होती है ?
उत्तर-
आश्रित जनसंख्या में वे बच्चे तथा बूढ़े आते हैं जो काम नहीं कर सकते अपितु अर्जक जनसंख्या पर आश्रित रहते हैं।

प्रश्न 11.
भारत में रहने वाली चार प्रजातियों के नाम बताएं।
उत्तर-
भारत में रहने वाली चार प्रजातियां हैं-द्रविड़, मंगोल, आर्य और काकेशियन।

प्रश्न 12.
वे कौन-सी चार भाषाएं हैं जिनकी उत्पत्ति द्रविड़ भाषा से हुई है?
उत्तर-
तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम की उत्पत्ति द्रविड़ भाषा से हुई है।

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प्रश्न 13.
मृत्यु-दर के तेज़ी से घटने का मुख्य कारण बताएं।
उत्तर-
मृत्यु-दर के तेज़ी से घटने का मुख्य कारण स्वास्थ्य सेवाओं का प्रसार है।

प्रश्न 14.
भारत में सबसे कम जनसंख्या वाला राज्य है?
उत्तर-
सिक्किम।

प्रश्न 15.
भारत में जनसंख्या घनत्व कितना है?
उत्तर-
382 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मीटर।

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प्रश्न 16.
पश्चिमी बंगाल में जनसंख्या घनत्व कितना है?
उत्तर-
1082 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर।

प्रश्न.17.
भारत में सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाले राज्य का नाम बताइए।
उत्तर-
बिहार।

प्रश्न 18.
भारत में सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य कौन-सा है?
उत्तर-
उत्तर प्रदेश।

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प्रश्न 19.
भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार लिंग-अनुपात है?
उत्तर-
944 स्त्रियां प्रति एक हज़ार पुरुष।

प्रश्न 20.
भारत में सबसे अधिक साक्षरता दर वाला राज्य कौन-सा है?
उत्तर-
केरल।

प्रश्न 21.
भारत में सबसे कम जनसंख्या घनत्व वाला राज्य है?
उत्तर-
अरुणाचल प्रदेश।

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II. रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल शहरी जनसंख्या लगभग ………. है।
  2. ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिकों का प्रतिशत ………….. है।
  3. 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में जनसंख्या घनत्व ………… प्रति वर्ग किलोमीटर है।
  4. देश में मुख्य श्रमिकों का प्रतिशत ……………. है।
  5. देश में मुख्य श्रमिकों का सबसे अधिक प्रतिशत …………… में है।
  6. देश में 15-65 आयु वर्ग में ……………. प्रतिशत जनसंख्या है।

उत्तर-

  1. 1.35 करोड़,
  2. 40 %,
  3. 382,
  4. 37.50,
  5. आंध्रप्रदेश,
  6. 58.4।

III. बहुविकल्पीय

प्रश्न 1.
जनसंख्या की दृष्टि भारत का विश्व में स्थान है
(A) दूसरा
(B) चौथा
(C) पाँचवां
(D) नौवां।
उत्तर-
(A) दूसरा

प्रश्न 2.
पंजाब में पूरे देश की लगभग जनसंख्या निवास करती है
(A) 1.3%
(B) 2.3 %
(C) 3.2%
(D) 1.2%
उत्तर-
(B) 2.3 %

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प्रश्न 3.
देश की कितने प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है?
(A) 79%
(B) 75%
(C) 78%
(D) 71%
उत्तर-
(D) 71%

प्रश्न 4.
2011 की जनगणना के अनुसार पंजाब में जनसंख्या घनत्व है
(A) 888
(B) 944
(C) 550
(D) 933
उत्तर-
(C) 550

प्रश्न 5.
2011 की जनगणना के अनुसार देश में प्रति 1000 पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या थी —
(A) 944
(B) 933
(C) 939
(D) 894
उत्तर-
(A) 944

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IV. सत्य-असत्य कथन

प्रश्न-सत्य/सही कथनों पर (✓) तथा असत्य/ग़लत कथनों पर (✗) का निशान लगाएं

1. जनसंख्या की दृष्टि से विश्व में भारत का पहला स्थान है।
2. देश के पर्वतीय तथा मरुस्थलीय क्षेत्रों में जनसंख्या बहुत सघन है।
3. निर्धन देशों में बाल्य आयु वर्ग (0-14 वर्ष) की जनसंख्या का प्रतिशत अधिक है।
4. भारत में लिंग-अनुपात कम अर्थात् प्रतिकूल है।
5. जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि दर जन्म-दर तथा मृत्यु दर के अन्तर पर निर्भर करती है।
उत्तर-
1. (✗),
2. (✗),
3. (✓),
4. (✓),
5. (✓).

V. उचित मिलान

  1. प्रति हजार पुरुषों के पीछे स्त्रियों की संख्या – आश्रित जनसंख्या
  2. बच्चे और बूढ़े – बिहार
  3. भारत का सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाला राज्य – उत्तर प्रदेश
  4. भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य – लिंग अनुपात

उत्तर-

  1. प्रति हज़ार पुरुषों के पीछे स्त्रियों की संख्या-लिंग अनुपात,
  2. बच्चे और बूढ़े-आश्रित जनसंख्या,
  3. भारत का सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाला राज्य–बिहार,
  4. भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्यउत्तर प्रदेश।

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छोटे उत्तर वाले प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
भारत में असमान जनसंख्या वितरण के तीन कारण दीजिए।
उत्तर-
भारत में असमान जनसंख्या वितरण के तीन कारण निम्नलिखित हैं —

  1. भूमि का उपजाऊपन-भारत के जिन राज्यों में उपजाऊ भूमि का अधिक विस्तार है, वहां जनसंख्या का घनत्व अधिक है। उत्तर प्रदेश तथा बिहार ऐसे ही राज्य हैं।
  2. वर्षा की मात्रा-अधिक वर्षा वाले भागों में प्रायः जनसंख्या का घनत्व अधिक होता है। उत्तरी भारत में पूर्व से पश्चिम को जाते हुए वर्षा की मात्रा कम होती जाती है। इसलिए जनसंख्या का घनत्व भी घटता जाता है।
  3. जलवायु-जहां जलवायु स्वास्थ्य के लिए अनुकूल होती है, वहां भी जनसंख्या घनत्व अधिक होता है। असम में वर्षा अधिक होते हुए भी अधिक नमी के कारण मलेरिया का प्रकोप बना रहता है। यही कारण है कि वहां जनसंख्या का घनत्व कम है।

प्रश्न 2.
भारतीय जनसंख्या की वृद्धि भारत के लिए समस्या क्यों बनी हुई है?
उत्तर-
भारत का क्षेत्रफल तो उतना ही है, परन्तु स्वतन्त्रता के बाद देश की जनसंख्या लगभग तिगुनी हो गई है। आज यह 1.95 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। इतनी बड़ी जनसंख्या की मूल आवश्यकताएं पूरी करना बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है। देश के इन लोगों के लिए स्कूलों, अस्पतालों तथा अन्य सेवाओं की व्यवस्था करना आसान नहीं है। जनसंख्या की वृद्धि के साथ संचार तथा यातायात की सेवाओं में भी वृद्धि करनी होगी। सबसे बड़ी समस्या मानवीय संसाधनों में गुणवत्ता का समावेश करना है।

प्रश्न 3.
भारत में जनसंख्या वृद्धि के तीन बुरे प्रभाव बताइए।
उत्तर-
भारत में जनसंख्या वृद्धि के तीन बुरे प्रभाव निम्नलिखित हैं

  1. लोगों को जीवन की आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं तथा उनका जीवन स्तर दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है।
  2. भारत में बेरोज़गारी की समस्या गम्भीर रूप धारण करती जा रही है।
  3. जनसंख्या वृद्धि से कृषि पर दबाव बढ़ गया है। इसके परिणामस्वरूप लोग गांवों से शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं। इससे शहरों में प्रदूषण, बेरोजगारी तथा अपराध की दर में वृद्धि हुई है।

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प्रश्न 4.
भारत की जनसंख्या की व्यावसायिक संरचना क्यों असन्तुलित है?
उत्तर-
भारत की जनसंख्या का दो-तिहाई भाग कृषि पर आश्रित है। भारत में कुल अर्जक जनसंख्या का केवल 10 प्रतिशत भाग ही उद्योगों में लगा हुआ है। जनसंख्या का शेष एक-चौथाई भाग तृतीयक व्यवसायों अर्थात् सेवाओं में लगा हुआ है। इस व्यावसायिक संरचना से एक बात स्पष्ट है कि हमारी जनसंख्या का बहुत बड़ा भाग अर्थव्यवस्था के गौण क्षेत्र में काम करता है। गौण क्षेत्र में निर्माण उद्योग आते हैं, जिनके द्वारा हम कच्चे माल से उपयोगी वस्तुएं बनाकर राष्ट्रीय आय में वृद्धि करते हैं। अतः जिन क्षेत्रों में अधिक लोग लगे होने चाहिएं, वहां नहीं लगे हैं। इसलिए हमारी जनसंख्या की व्यावसायिक संरचना असन्तुलित है।

प्रश्न 5.
उत्तरी भारत का मैदान अधिक घना आबाद क्यों है? दो कारण दीजिए।
उत्तर-
उत्तरी भारत के मैदान के घने आबाद होने के दो कारण निम्नलिखित हैं —

  1. इन प्रदेशों की जलवायु स्वास्थ्य के लिए अच्छी है तथा यहां की मिट्टी उपजाऊ है और कृषि व्यवसाय उन्नत है।
  2. यहां यातायात के साधन उन्नत हैं और ये प्रदेश औद्योगिक दृष्टि से काफ़ी विकसित हैं।

प्रश्न 6.
भारत के कौन-से तीन भाग विरल आबाद हैं ? इसके लिए उत्तरदायी तीन महत्वपूर्ण कारण भी बताइए।
उत्तर-
भारत के थार मरुस्थल, पश्चिमी हिमालय प्रदेश तथा छोटा नागपुर के पठार में जनसंख्या विरल आबाद है।
कारण —

  1. इन प्रदेशों की भूमि उपजाऊ नहीं है। यह या तो रेतीली है या पथरीली।
  2. यहां यातायात के साधनों का विकास नहीं हो सका है।
  3. यहां की जलवायु स्वास्थ्य के अनुकूल नहीं है।

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प्रश्न 7.
भारत को दृष्टि में रखते हुए निम्नलिखित की व्याख्या करो
1. जनगणना 2. जनसंख्या का औसत घनत्व 3. मृत्यु-दर।
उत्तर-

  1. जनगणना-सरकार प्रत्येक 10 वर्ष के बाद देश के सभी लोगों की गणना करवाती है। इस प्रक्रिया को जनगणना कहते हैं। इसमें कुछ सामाजिक तथा आर्थिक आंकड़े भी एकत्र किए जाते हैं। भारत में अन्तिम जनगणना 2011 ई० में हुई थी।
  2. जनसंख्या का औसत घनत्व-किसी प्रदेश के एक इकाई क्षेत्र में रहने वाले लोगों की औसत संख्या उस प्रदेश की जनसंख्या का औसत घनत्व कहलाती है। इसे प्राय: ‘व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर’ में व्यक्त किया जाता है। 2011 ई० की जनगणना के अनुसार भारत में जनसंख्या का औसत घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
  3. मृत्यु दर-इससे हमारा अभिप्राय मरने वालों की संख्या से है। जन्म-दर की भान्ति मरने वालों की संख्या को भी हम प्रति हज़ार में व्यक्त करते हैं। प्रति हज़ार व्यक्तियों के पीछे जितने व्यक्तियों की मृत्यु होती है, उसे मृत्यु-दर कहते हैं।

प्रश्न 8.
आश्रित अनुपात का क्या अर्थ है? भारत में आश्रित अनुपात अपेक्षाकृत ऊंचा क्यों है? दो कारण दीजिए।
उत्तर-
आश्रित अनुपात से अभिप्राय जनसंख्या का वह भाग है, जो स्वयं आय अर्जित नहीं करता। काम न करने वाले बूढ़े और बच्चे आश्रित जनसंख्या में गिने जाते हैं। कुल जनसंख्या का जितने प्रतिशत भाग आश्रित जनसंख्या होती है उसका अनुपात ही आश्रित अनुपात कहलाता है।
कारण —

  1. भारत में परम्परागत रूप से संयुक्त परिवार प्रणाली चली आ रही है। इसलिए वहां बूढ़ों और बच्चों को अन्य देशों की तुलना में रोजी रोटी की गारण्टी होती है।
  2. निरक्षरता तथा रूढ़िवादिता ने भी इस बात को बढ़ावा दिया है।

प्रश्न 9.
भारतीय नियोजन की सबसे बड़ी भूल क्या है? इसके क्या परिणाम निकले हैं?
उत्तर-
अर्थशास्त्री प्रोफेसर अमर्त्य सेन के अनुसार मानव संसाधनों के विकास पर समुचित ध्यान न देना भारतीय नियोजन (Indian Planning) की बहुत बड़ी भूल है। यह हमारी आर्थिक विफलताओं का मूल कारण है। ऐसा माना जाता है कि सामाजिक न्याय के पहलुओं पर समुचित ध्यान न देने के कारण स्वतन्त्र भारत में हुए आर्थिक विकास का लाभ निर्धनों, महिलाओं तथा समाज के कमजोर एवं शोषित वर्गों तक नहीं पहुंच पाया। परिणामस्वरूप देश में आर्थिक विकास के साथ-साथ गहरी सामाजिक, आर्थिक, भौगोलिक व राजनीतिक विषमताएं पैदा हो गई हैं। आजकल हमें देश में जो जातीय, धार्मिक एवं क्षेत्रीय संघर्ष देखने को मिल रहे हैं, इनके मूल में मानव संसाधनों के विकास की अवहेलना है।

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प्रश्न 10.
जनसंख्या वितरण तथा जनसंख्या घनत्व में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
जनसंख्या वितरण का सम्बन्ध स्थान से तथा घनत्व का सम्बन्ध अनुपात से है। जनसंख्या वितरण का अर्थ यह है कि देश के किसी एक भाग में जनसंख्या का क्षेत्रीय प्रारूप (Pattern) कैसा है। हम यह भी कह सकते हैं कि जनसंख्या वितरण में इस बात की जानकारी प्राप्त की जाती है कि जनसंख्या प्रारूप फैलाव लिए है या इसका एक ही स्थान पर अधिक जमाव है। इसके विपरीत जनसंख्या घनत्व में, जिनका सम्बन्ध आकार एवं क्षेत्र से होता है, मनुष्य तथा क्षेत्र के अनुपात पर ध्यान दिया जाता है।

प्रश्न 11.
संसाधनों का संरक्षण क्यों आवश्यक है? दो कारण बताइए।
उत्तर-
जनसंख्या की वृद्धि और आर्थिक विकास के कारण साधनों का निरन्तर उपभोग हुआ है। यदि साधनों के उपभोग की यही गति रही तो एक दिन आर्थिक विकास रुक जाएगा और मानव सभ्यता का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। अत: साधनों का संरक्षण अनिवार्य हो गया है। निम्नलिखित तथ्यों से स्पष्ट हो जाएगा कि साधनों का संरक्षण क्यों आवश्यक है —

  1. आज मानव-आवास के कारण घने बसे देशों में भूमि दुर्लभ हो गई है। कृषि के लिए उपयोगी भूमि पर भी मकान बन रहे हैं। अतः यह आवश्यक हो गया है कि उपलब्ध भूमि का सर्वोत्तम उपयोग किया जाए।
  2. भूमिगत जल के निरन्तर उपयोग से जल-स्तर नीचा हो गया है, जिससे कृषि पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए भूमिगत जल का संरक्षण भी आवश्यक हो गया है।

प्रश्न 12.
राजस्थान तथा अरुणाचल प्रदेश में जनसंख्या कम क्यों है?
उत्तर-
भारत में कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां जीवन की सुविधाएं काफ़ी कठिनता से प्राप्त होती हैं। इन क्षेत्रों में या तो जलवायु कठोर है अथवा भूमि उपजाऊ नहीं है या ये क्षेत्र पहाड़ी हैं। ऐसे क्षेत्रों में कृषि करना बड़ा कठिन कार्य है। इसके अतिरिक्त सिंचाई की सुविधाएँ भी कम हैं। इसके कारण उत्पादन भी कम होता है। ऐसे क्षेत्रों में उद्योग भी उन्नति नहीं कर सकते। राजस्थान तथा अरुणाचल प्रदेश में जनसंख्या कम होने के यही कारण हैं।

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छोटे उत्तर वाले प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
भारत में जनसंख्या के असमान वितरण के लिए उत्तरदायी किन्हीं पाँच कारकों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
भारत में जनसंख्या का वितरण एक समान नहीं है। इसके लिए निम्नलिखित अनेक तत्त्व उत्तरदायी हैं —

  1. भूमि का उपजाऊपन-भारत के जिन राज्यों में उपजाऊ भूमि का अधिक विस्तार है, वहां जनसंख्या का घनत्व अधिक है। उत्तर प्रदेश तथा बिहार ऐसे ही राज्य हैं।
  2. वर्षा की मात्रा-अधिक वर्षा वाले भागों में प्रायः जनसंख्या का घनत्व अधिक होता है। उत्तरी भारत में पूर्व से पश्चिम को जाते हुए वर्षा की मात्रा कम होती जाती है। इसलिए जनसंख्या का घनत्व भी घटता जाता है।
  3. जलवायु-जहां जलवायु स्वास्थ्य के लिए अनुकूल है, वहां भी जनसंख्या घनत्व अधिक होता है, इसके विपरीत जिन प्रदेशों में जलवायु स्वास्थ्य के लिए अच्छी न हो, वहां जनसंख्या का घनत्व कम होता है। असम में वर्षा अधिक होते हुए भी जनसंख्या का घनत्व कम है, क्योंकि वहां अधिक नमी के कारण मलेरिया का प्रकोप अधिक रहता है।
  4. परिवहन के उन्नत साधन-परिवहन के साधनों के अधिक विकास के कारण व्यापार की प्रगति तीव्र हो जाती है जिससे जनसंख्या का घनत्व भी अधिक हो जाता है। उत्तर प्रदेश, बंगाल, बिहार इत्यादि राज्यों में अधिक जनसंख्या होने का एक कारण परिवहन के साधनों का विकास है।
  5. औद्योगिक विकास-जिन स्थानों पर उद्योग स्थापित हो जाते हैं, वहां पर भी जनसंख्या का घनत्व बढ़ जाता है। इसका कारण यह है कि औद्योगिक क्षेत्रों में आजीविका कमाना सरल होता है। दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता आदि नगरों में औद्योगिक विकास के कारण ही जनसंख्या अधिक है। इसके अतिरिक्त ऐसे क्षेत्रों में जहां प्राकृतिक संसाधन अधिक होते हैं, वहां भी जनसंख्या अधिक होती है।

प्रश्न 2.
नीचे भारत की जनसंख्या से सम्बन्धित पाँच समस्याएं दी गई हैं। नीचे लिखी प्रत्येक समस्या से सम्बन्धित एक दुष्प्रभाव बताइए तथा प्रत्येक दुष्प्रभाव का एक व्यावहारिक समाधान सुझाइए।

  1. जनसंख्या का उच्च घनत्व
  2. असंतुलित स्त्री-पुरुष अनुपात
  3. सभी के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं
  4. पर्यावरण (बढ़ती हुई जनसंख्या के सन्दर्भ में)
  5. स्त्रियों की आर्थिक सहभागिता।

उत्तर-

  1. जनसंख्या का उच्च घनत्व-जनसंख्या के उच्च घनत्व से भोजन तथा आवास की समस्या पैदा होती है। इस समस्या के समाधान के लिए परिवार नियोजन कार्यक्रम को अधिक-से-अधिक लोकप्रिय बनाना चाहिए।
  2. असंतुलित स्त्री-पुरुष अनुपात-यह अनुपात पुरुषों के पक्ष में होने के कारण देश में आज भी स्त्रियों की स्थिति कमज़ोर बनी हुई है। इस समस्या से निपटने के लिए लोगों में इस बात की जागृति पैदा करना आवश्यक है कि वे कन्याजन्म को अशुभ न माने और उनके पालन-पोषण की ओर उचित ध्यान दें।
  3. सभी के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं-जनसंख्या की तीव्र वृद्धि के कारण देश में सभी के लिए उचित स्वास्थ्य सेवाएं जुटा पाना असंभव है। अत: देश में अनेक रोगग्रस्त लोग चिकित्सा के अभाव में दम तोड़ देते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए हमें स्वास्थ्य सेवाओं का ‘सचल साधनों’ तथा अन्य तरीकों द्वारा विस्तार करना चाहिए।
  4. पर्यावरण की समस्या-बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है और पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। पर्यावरण के बचाव के लिये जनसंख्या की वृद्धि पर रोक लगानी चाहिए तथा वन क्षेत्रों का विस्तार करना चाहिए।
  5. स्त्रियों की आर्थिक सहभागिता- भारत में अधिकांश स्त्रियां अब भी घर के काम-काज तक सीमित हैं और उनकी आर्थिक सहभागिता नगण्य है। इसलिए अधिकांश परिवारों की वार्षिक आय सीमित है। अतः स्त्री-शिक्षा के विस्तार से स्त्रियों की आर्थिक सहभागिता को बढ़ाना चाहिए।

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जनसंख्या PSEB 10th Class Geography Notes

  • मानव संसाधन-मनुष्य अपने पारितन्त्र का मात्र एक अंग ही नहीं रह गया, अब वह अपने लाभ के लिए पर्यावरण में परिवर्तन भी कर सकता है। अब उसकी शक्ति उसकी गुणवत्ता में समझी जाती है। राष्ट्र को ऊंचा उठाने के लिए हमें अपने मानवीय संसाधनों को विकसित, शिक्षित एवं प्रशिक्षित करना अनिवार्य है। तभी प्राकृतिक संसाधनों का विकास सम्भव हो सकेगा।
  • 2011 की जनगणना-2011 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या 121 करोड़ है। यह संसार की कुल जनसंख्या का 17.2% भाग है।
  • देश की अधिकतर जनसंख्या मैदानी भागों में निवास करती है। देश में जनसंख्या का घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
  • ग्रामीण तथा शहरी विभाजन-2011 की जनगणना के अनुसार भारत में शहरी जनसंख्या 29 प्रतिशत है। शेष 71% लोग गांवों में रहते हैं।
  • व्यावसायिक संरचना-हमारी जनसंख्या का 2/3 भाग आज भी कृषि पर आश्रित है। भारत की अर्जक जनसंख्या का केवल 10% भाग ही उद्योगों में लगा हुआ है। शेष एक चौथाई भाग तृतीयक अर्थात् सेवाओं में लगा हुआ है।
  • स्त्री-पुरुष अनुपात-स्त्री-पुरुष के सांख्यिकी अनुपात को स्त्री-पुरुष अनुपात कहते हैं। इसे प्रति हज़ार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या के रूप में व्यक्त किया जाता है।
  • आयु संरचना-जनसंख्या को सामान्यतः तीन वर्गों में विभाजित किया जाता है-(1) 15 वर्ष से कम आयु-वर्ग (2) 15 से 65 वर्ष का आयु वर्ग तथा (3) 65 वर्ष से अधिक का आयु वर्ग। इस विभाजन को जनसंख्या का पिरामिड कहा जाता है।
  • अर्जक तथा आश्रित जनसंख्या-भारत में जनसंख्या का 41.6% भाग आश्रित है। शेष 58.4% अर्जक जनसंख्या को आश्रित जनसंख्या का निर्वाह करना पड़ता है।
  • बढ़ती जनसंख्या-जनसंख्या की वृद्धि दर जन्म-दर तथा मृत्यु-दर के अन्तर पर निर्भर करती है। भारत की मृत्यु दर तो काफ़ी नीचे आ गई है परन्तु जन्म-दर बहुत धीमे से घटी है। मृत्यु-दर के घटने का मुख्य कारण स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार रहा है।
  • साक्षरता-स्वतन्त्रता के समय हमारे देश में केवल 14% लोग ही साक्षर थे। 2011 में यह प्रतिशत बढ़कर 74.01% हो गया।

PSEB 10th Class Agriculture Solutions Chapter 4 आषाढी की सब्जियों की खेती

Punjab State Board PSEB 10th Class Agriculture Book Solutions Chapter 4 आषाढी की सब्जियों की खेती Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Agriculture Chapter 4 आषाढी की सब्जियों की खेती

PSEB 10th Class Agriculture Guide आषाढी की सब्जियों की खेती Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के एक-झे शब्दों में उतर दीजिए-

प्रश्न 1.
अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए प्रति व्यक्ति प्रतिदिन कितनी सब्जी खानी चाहिए ?
उत्तर-
284 ग्राम।

प्रश्न 2.
आलू कौन-सी ज़मीन में बढ़िया उगता है?
उत्तर-
रेतली मैरा भूमि में।

प्रश्न 3.
दो तरह की कौन-कौन सी खादें होती हैं ?
उत्तर-
दो प्रकार की-रासायनिक तथा जैविक।

प्रश्न 4.
काली गाजर की नयी किस्म कौन-सी है ?
उत्तर-
पंजाब ब्लैक ब्यूटी।

PSEB 10th Class Agriculture Solutions Chapter 4 आषाढी की सब्जियों की खेती

प्रश्न 5.
मूली की पूसा चेतकी किस्म की बुआई कब करनी चाहिए ?
उत्तर-
अप्रैल से अगस्त में।

प्रश्न 6.
मटरों की दो अगेती किस्मों के नाम लिखिए।
उत्तर-
मटर अगेता-6 तथा 7, अरकल।

प्रश्न 7.
बरोकली की पनीरी बोने का उचित समय कौन-सा है ?
उत्तर-
मध्य अगस्त से मध्य सितम्बर।

प्रश्न 8.
आलू की दो पछेती किस्में कौन-सी हैं ?
उत्तर-
कुफरी सिन्धूरी तथा कुफरी बादशाह।

प्रश्न 9.
एक एकड़ की पनीरी पैदा करने के लिए बंदगोभी का कितना बीज चाहिए ?
उत्तर-
200 से 250 ग्राम।

प्रश्न 10.
फास्फोरस तत्त्व कौन-सी खाद से मिलता है?
उत्तर-
सिंगल सुपरफास्फेट, डाई अमोनियम फास्फेट।

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(ख) निम्नलिखित प्रश्नों का एक – दो वाक्यों में उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1.
सब्जी किसे कहते हैं ?
उत्तर-
पौधे का वह नर्म भाग; जैसे-फूल, फल, तना, जड़, पत्ते आदि जिन्हें कच्चा सलाद के रूप में या पका कर खाया जाता है, को सब्जी कहते हैं।

प्रश्न 2.
पनीरी के साथ कौन-कौन सी सब्जियां लगायी जाती हैं ?
उत्तर-
पनीरी के साथ वे सब्ज़ियां लगायी जाती हैं जो उखाड़ने के बाद फिर से बोने का झटका सहन कर लें। ये सब्जियां हैं-बंदगोभी, चीनी बंदगोभी, प्याज, सलाद, फूलगोभी आदि।

प्रश्न 3.
काली गाजर के मानव के शरीर को क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
काली गाजर में लौह तत्व होता है जो एनीमिया से बचाव करती है। इनमें ऐथोसाइनिन तथा फिनोल, कैंसर से बचाव करते हैं। काली गाजर की काँजी बनाते हैं जो पाचन शक्ति को ठीक रखती है।

प्रश्न 4.
मटरों में खरपतवारों की रोकथाम कैसे की जाती है ?
उत्तर-
मटरों में खरपतवारों की रोकथाम के लिए स्टोंप 30 ताकत 500 ग्राम एक लीटर या एफालॉन 50 ताकत 500 ग्राम प्रति एकड़ नदीन उगाने से पहले तथा बुआई के 2 दिनों में 200 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करना चाहिए।

प्रश्न 5.
आलू में से खरपतवारों की रोकथाम के बारे में लिखें।
उत्तर-
आलू में से खरपतवारों की रोकथाम के लिए स्टोप 30 ताकत एक लीटर या एरीलान 75 ताकत 500 ग्राम या सैनकोर 70 ताकत 200 ग्राम का 150 लीटर पानी में घोल बनाकर नदीनों के जमने से पहले तथा पहली सिंचाई के बाद छिड़काव करना चाहिए।

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प्रश्न 6.
गाजर की बुआई का समय, प्रति एकड़ बीज की मात्रा तथा अंतर के बारे में जानकारी दीजिए।
उत्तर-
बुआई का समय-ठंडा मौसम, सितम्बर से अक्तूबर माह। प्रति एकड़ बीज की मात्रा-4-5 किलोग्राम।
फासला-गाजरों को मेड़ों पर बोया जाता है तथा मेड़ों में फासला 45 सैं०मी० होना चाहिए।

प्रश्न 7.
आलुओं की उन्नत किस्मों, प्रति एकड़ बीज की मात्रा तथा बुआई के उचित समय के बारे में लिखिए।
उत्तर-
उन्नत किस्म-कुफरी सूर्य, कुफरी पुखराज, कुफरी ज्योति, कुफरी पुष्कर, कुफरी सिंधूरी, कुफरी बादशाह।
बीज की मात्रा प्रति एकड़-12-18 क्विंटल। बुआई का सही समय-पतझड़ के लिए अंत सितम्बर से मध्य अक्तूबर तथा बहार ऋतु के लिए जनवरी का पहला पखवाड़ा है।

प्रश्न 8.
रासायनिक खादें कौन-कौन सी होती हैं तथा नाइट्रोजन तत्व वाली खादों के बूटे के क्या लाभ हैं?
उत्तर-
रासायनिक खादें कारखानों में तैयार की जाती हैं। ये हैं नाइट्रोजन तत्व वाली जैसे यूरिया, किसान खाद। फास्फोरस तत्व वाली जैसे सिंगल सुपरफास्फेट तथा डाईअमोनियम फास्फेट, पोटाश तत्व वाली खाद जैसे म्यूरेट ऑफ पोटाश तथा कई अन्य तत्वों वाली खादें भी होती हैं। नाइट्रोजन खाद पौधों में वृद्धि का कार्य करती है तथा प्रोटीन की मात्रा बढ़ाती है।

प्रश्न 9.
सब्जियों के भविष्य से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
हमारे देश में प्रति व्यक्ति जितनी सब्जी खानी चाहिए। उससे कम मिल रही हैं तथा सब्जियों का उत्पादन बढ़ाने की अत्यन्त आवश्यकता है इस प्रकार सब्जियों का भविष्य हमारे देश में उज्ज्वल है।

प्रश्न 10.
पोटाश तत्व वाली खाद का पौधों के लिए क्या महत्त्व है?
उत्तर-
यह तत्व फसल को रोगों से बचाता है तथा पौधे में पानी का प्रवेश ठीक रखने में सहायक है। इस तत्व की अधिक आवश्यकता आलू, गाजर तथा शक्करकंदी की फसलों में होती है।

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(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के पांच-छः वाक्यों में उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1.
मूली की सारा साल खेती कैसे की जाती है ?
उत्तर-
मूली की सारा साल खेती निम्न सारणी के अनुसार की जाती है-
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प्रश्न 2.
मानव के खाद्य में सब्जियों का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-मानव के खाद्य में सब्जियों का बहुत महत्त्व है। इनमें आहारीय तत्व कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, धातु, विटामिन होते हैं जो शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार एक वयस्क को प्रतिदिन 284 ग्राम सब्जियां खानी चाहिए। इनमें 114 ग्राम पत्तों वाली, 85 ग्राम जड़ वाली तथा 85 ग्राम अन्य सब्जियां होनी चाहिए। सब्जियों को कच्चा ही अथवा आग पर पका कर खाया जाता है। भारत जैसे देश में यहां अधिक जनसंख्या शाकाहारी है इसलिए सब्जियों का महत्त्व और भी बढ़ जाता है।

प्रश्न 3.
सर्दियों की सब्जियों को कीड़ों तथा बीमारियों से कैसे बचाया जा सकता है ?
उत्तर-
सर्दियों की सब्जियों का कीड़ों तथा बीमारियों से बचाव –

  1. गर्मी के मौसम में हल के द्वारा जुताई करने से धरती की कीड़े, उल्ली तथा कई नीमाटोड मर जाते हैं।
  2. यदि सही फसल चक्र अपनाया जाए तो आलू तथा मटर की कुछ बीमारियों से बचाव हो जाता है।
  3. अगेती फसल की बुआई की हो तो कीड़ों को हाथ से समाप्त किया जा सकता है।
  4. रोग वाले पौधों को नष्ट करके अन्य पौधों को रोगों से बचाया जा सकता है।
  5. बीज की सफाई करके बोने से रोगों तथा कीटों से बचा जा सकता है। बीज की सफाई कैपटान अथवा थीरम से की जाती है।
  6. सेवन, फेम आदि कीटनाशक का प्रयोग करके संडियों को मारा जा सकता है। इन चूसने वाले कीड़ों तथा तेले पर काबू पाने के लिए रोगर, मैटासिसटाकस तथा मैलाथियान का प्रयोग किया जा सकता है।

प्रश्न 4.
अगेती मटरों की खेती के बारे में संक्षेप में जानकारी दीजिए।
उत्तर-
उन्नत किस्म-अगेते मटर की उन्नत किस्में हैं-मटर अगेता-6 तथा 7, अरकल।
पैदावार-20-32 क्विंटल प्रति एकड़।
मौसम-ठंडा मौसम।
बुआई का समय-मध्य अक्तूबर से मध्य नवम्बर।
बीज की मात्रा-45 किलो प्रति एकड़। यदि बुआई पहली बार करनी हो तो राईजोबीयम का टीका लगाना चाहिए।
फासला-30 × 7 सैं०मी० ।
सिंचाई-पहली 15-20 दिन बाद, दूसरी फूल आने पर तथा तीसरी फलियां पड़ने पर।
खरपतवारों की रोकथाम-सटोंप 30 ताकत एक लीटर या टैफलान 50 ताकत 500 ग्राम प्रति एकड़ नदीन उगने से पहले तथा बुआई से 2 दिनों में 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए।
तुड़ाई-खाने के लिए ठीक अवस्था में फलियां तोड़ लेनी चाहिए।

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प्रश्न 5.
फूल गोभी की अगेती, मुख्य तथा पछेती फसल के लिए पनीरी बोने का समय, प्रति एकड़ बीज की मात्रा तथा अंतर के बारे में लिखिए।
उत्तर-
1. पनीरी बोने का समय-

  • अगेती-जून से जुलाई।
  • मुख्य फसल-अगस्त से मध्य सितम्बर।
  • पछेती फसल-अक्तूबर से नवम्बर।

2. प्रति एकड़ बीज की मात्रा-

  • अगेती फसल के लिए 500 ग्राम बीज प्रति एकड़।
  • अन्य के लिए 250 ग्राम बीज प्रति एकड़।

3. फासला-45 x 30 सें०मी० के अनुसार।

Agriculture Guide for Class 10 PSEB आषाढी की सब्जियों की खेती Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. बहुविकल्पीय प्रश्न-

प्रश्न 1.
विशेषज्ञों के अनुसार एक वयस्क को प्रतिदिन ………. ग्राम सब्जी खानी चाहिए।
(क) 500
(ख) 285
(ग) 387
(घ) 197.
उत्तर-
(ख) 285

प्रश्न 2.
जड़ वाली सब्जी नहीं है-
(क) गाजर
(ख) मूली
(ग) शलगम
(घ) मटर।
उत्तर-
(घ) मटर।

प्रश्न 3.
पनीरी लगा कर बुआई करने वाली सब्जियां हैं-
(क) फूल गोभी
(ख) बरोकली
(ग) प्याज़
(घ) सभी।
उत्तर-
(घ) सभी।

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प्रश्न 4.
आषाढ़ी की सब्ज़ियां हैं
(क) गाजर
(ख) मटर
(ग) फूल गोभी
(घ) सभी।
उत्तर-
(घ) सभी।

प्रश्न 5.
मूली की किस्म नहीं है-
(क) पूसा चेतकी
(ख) जापानी व्हाइट
(ग) पूसा सनोवाल
(घ) पूसा पसंद।
उत्तर-
(ग) पूसा सनोवाल

प्रश्न 6.
आलू की किस्में हैं-
(क) कुफरी सूर्य
(ख) कुफरी पुष्कर
(ग) कुफरी ज्योति
(घ) सभी।
उत्तर-
(घ) सभी।

प्रश्न 7.
फसलों को रस चूसने वाले कीटों से बचाने के लिए कौन-सा कीटनाशक प्रयोग किया जाता है ?
(क) राइजोबियम
(ख) कैप्टान
(ग) स्टौंप
(घ) मेलाथियान।
उत्तर-
(घ) मेलाथियान।

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II. ठीक/गलत बताएँ-

1. पालम समृद्धि बरोकली की किस्म है।
2. जपानी व्हाइट मूली की किस्म है।
3. खादें दो तरह की होती हैं।
4. काली गाजर की किस्म है-पंजाब ब्लैक ब्यूटी।
5. पूसा सनोवाल-1, फूल गोभी की उन्नत किस्म है।
उत्तर-

  1. ठीक
  2. ठीक
  3. ठीक
  4. ठीक
  5. ठीक।

III. रिक्त स्थान भरें-

1. पूसा हिमानी …………… की किस्म है।
2. कुफरी संधूरी ……………… की किस्म है।
3. मटर की मुख्य किस्म की पैदावार ……………… क्विंटल प्रति एकड़ है।
4. मटर के बीज को ……………… का टीका लगाया जाता है।
5. अर्कल ……………… की किस्म है।
उत्तर-

  1. मूली
  2. आलू,
  3. 47-55,
  4. राहजोबियम,
  5. मटर।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न-

प्रश्न 1.
वैज्ञानिकों के अनुसार प्रत्येक वयस्क को अच्छे स्वास्थ्य के लिए कितने ग्राम सब्जी खानी चाहिए ?
उत्तर-
284 ग्राम।

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प्रश्न 2.
हमारे देश में सब्जियों का भविष्य कैसा है ?
उत्तर-
भविष्य उज्ज्वल है।

प्रश्न 3.
सब्जियों को पकने के लिए कितना समय लगता है ?
उत्तर-
बहुत कम, वर्ष में 2-4 फसलें ही लगाई जा सकती हैं।

प्रश्न 4.
गेहूँ, चावल के फसली चक्कर की तुलना में सब्जियों का उत्पादन कितना अधिक है ?
उत्तर-
5-10 गुणा।

प्रश्न 5.
सब्जियों की कृषि के लिए कौन-सी भूमि अच्छी मानी जाती है ?
उत्तर-
रेतली मैरा या चीकनी मैरा भूमि।

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प्रश्न 6.
जड़ वाली सब्जियों के लिए कैसी भूमि अच्छी रहती है ?
उत्तर-
रेतली मैरा भूमि।

प्रश्न 7.
खादें कितनी प्रकार की होती हैं ?
उत्तर-
दो प्रकार की।

प्रश्न 8.
खादों के प्रकार बताएं।
उत्तर-
रासायनिक तथा जैविक।

प्रश्न 9.
बीज कैसा होना चाहिए?
उत्तर-
बीज अच्छी किस्म का तथा रोग रहित होना चाहिए।

प्रश्न 10.
रासायनिक खादों में कौन-से तत्व होते हैं ?
उत्तर-
नाइट्रोजन, फॉस्फोरस तथा पोटाश।

प्रश्न 11.
बीज बोने के कौन-से दो ढंग हैं ?
उत्तर-
सीधी बुआई तथा पनीरी लगाकर।

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प्रश्न 12.
सीधी बुआई करके बोयी जाने वाली सब्जियों के नाम लिखो।
उत्तर-आलू, गाजर, मेथी, धनिया आदि।

प्रश्न 13.
पनीरी लगाकर बोई जाने वाली सब्जियां बतायें।
उत्तर-
चीनी बंदगोभी, फूलगोभी, बरोकली, प्याज, सलाद आदि।

प्रश्न 14.
सब्जियों के सम्बन्ध में गर्मी के मौसम में हल जोतने से क्या होता है ?
उत्तर-
धरती के कीड़े, फफूंदी तथा नीमाटोड मर जाते हैं।

प्रश्न 15.
सब्जियों के बीजों को कौन-सी दवाई से सोधा जा सकता है ?
उत्तर-
कैपटान या थीरम से।

प्रश्न 16.
सब्जियों में इंडियों को मारने के लिए कीटनाशक बताओ।
उत्तर-
सेवन, फेम।

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प्रश्न 17.
रस चूसने वाले कीड़े तथा तेले पर काबू करने के लिए दवाई बताएं।
उत्तर-
रोगर, मैटासिसटाकस, मैलाथियान।

प्रश्न 18.
आषाढ़ी की सब्जियों के नाम बताएं।
उत्तर-
गाजर, मूली, बंदगोभी, फूलगोभी, आलू, मटर आदि।

प्रश्न 19.
गाजर की कौन-सी किस्म अधिक ताप सह सकती है ?
उत्तर-
देसी किस्म।

प्रश्न 20.
पंजाब में गाजर की किस्मों के नाम बताओ।
उत्तर-
पंजाब ब्लैक ब्यूटी, पंजाब कैरेट रेड।

प्रश्न 21.
पंजाब कैरेट रेड, गाजर की पैदावार तथा रंग बताएं।
उत्तर-
लाल रंग, 230 क्विंटल प्रति एकड़।

प्रश्न 22.
गाजर कहां बोयी जाती है ?
उत्तर-
मेड़ों पर।

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प्रश्न 23.
गाजर के लिए मेड़ों का फासला बताओ।
उत्तर-
मेड़ों का फासला 45 सैं०मी०।

प्रश्न 24.
गाजर के लिए बीज की मात्रा बताओ।
उत्तर-
4-5 किलो बीज प्रति एकड़।

प्रश्न 25.
गाजरों को अधिक पानी लगाने से क्या नुकसान होता है ?
उत्तर-
गाजर का रंग नहीं बनता।

प्रश्न 26.
गाजर की तैयारी को लगने वाला समय बताओ।
उत्तर-
90-100 दिनों में किस्मों के अनुसार गाजर तैयार हो जाती है।

प्रश्न 27.
मूली की किस्में बताओ।
अथवा
मूली की एक उन्नत किस्म का नाम लिखें।
उत्तर-
पंजाब पसंद, पूसा चेतकी, पूसा हिमानी, जापानी व्हाइट, पंजाब सफेद मूली-2.

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प्रश्न 28.
मूली की पैदावार बताओ।
उत्तर-
105-215 क्विंटल प्रति एकड़।

प्रश्न 29.
मूली के बीज की मात्रा बताओ।
उत्तर-
4-5 कि०ग्रा० बीज प्रति एकड़।

प्रश्न 30.
मूली की बुआई कहां की जाती है तथा फासला बताओ।
उत्तर-
मेड़ों पर फासला लाइनों में 45 सैं०मी० तथा पौधों में 7 सैं०मी० ।

प्रश्न 31.
मूली कितने दिनों में निकालने योग्य हो जाती है ?
उत्तर-
45-60 दिनों में।

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प्रश्न 32.
मटर की अगेती किस्में बताओ।
उत्तर-
अगेता-6 तथा 7, अरकल।

प्रश्न 33.
मटर की अगेती किस्मों की पैदावार बताओ।
उत्तर-
20-32 क्विंटल प्रति एकड़।

प्रश्न 34.
मटर की मुख्य मौसम की किस्में बताओ।
उत्तर-
मिठी फली, पंजाब-89.

प्रश्न 34.
(क) ‘मिठीफली’ कौन सी सब्जी की उन्नत किस्म है ?
उत्तर-
मटर।

प्रश्न 35.
मटर की मुख्य किस्म की पैदावार बताओ।
उत्तर-47-55 क्विंटल प्रति एकड़।

प्रश्न 36.
मटर की कौन-सी किस्म बिना छिले खाई जा सकती है ?
उत्तर-
मिठी फली।

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प्रश्न 37.
मटर की बुआई का उचित समय बताओ।
उत्तर-
मध्य अक्तूबर से मध्य नवम्बर।

प्रश्न 38.
मटर के लिए बीज की मात्रा बताओ।
उत्तर-
अगेती किस्म के लिए 45 कि०ग्रा० तथा मुख्य फसल 30 कि०ग्रा० बीज प्रति एकड़।

प्रश्न 39.
मटर के लिए फासला बताओ।
उत्तर-
अगेती किस्म के लिए फासला 30 x 7 सैं०मी० तथा मुख्य फसल के लिए 30 x 10 सैं०मी० ।

प्रश्न 40.
मटर के बीज को कौन-सा टीका लगाया जाता है ?
उत्तर-
राईज़ोबियम का।

प्रश्न 41.
फूलगोभी की काश्त के लिए कितना तापमान ठीक है ?
उत्तर-
15-20 डिग्री सेंटीग्रेड।

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प्रश्न 42.
फूलगोभी की मुख्य समय की किस्म बताओ।
उत्तर-
जाईंट सनोवाल।

प्रश्न 43.
फूलगोभी की पिछेती बुआई की किस्म बताओ।
उत्तर-
पूसा सनोवाल-1, पूसा सनोवाल के-1.

प्रश्न 44.
फूलगोभी की फसल कब तैयार हो जाती है ?
उत्तर-
खेत में पनीरी निकाल कर लगाने के 90-100 दिनों के बाद।

प्रश्न 45.
बंदगोभी की पनीरी खेत में लगाने का समय बताओ।
उत्तर-
सितम्बर से अक्तूबर।

प्रश्न 46.
बंदगोभी के लिए बीज की मात्रा बताएं।
उत्तर-
200-250 ग्राम प्रति एकड़।

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प्रश्न 47.
बंदगोभी की लाइनों में तथा पौधों में फासला बताएं।
उत्तर-
45 × 45 सैं०मी० फासला अगेती किस्म तथा 60 × 45 सैं०मी० फासला पिछेती किस्म के लिए।

प्रश्न 48.
(क) बरोकली की किस्म की पैदावार बताओ।
(ख) पंजाब बरोकली-1 कौन-सी सब्जी की उन्नत किस्म है ?
उत्तर-
(क) पंजाब बरोकली -1 तथा पालम समृद्धि, औसत पैदावार 70 क्विंटल प्रति एकड़।
(ख) यह बरोकली की किस्म है। यह फूलगोभी जैसी होती है।

प्रश्न 49.
बरोकली के लिए बीज की मात्रा बताओ।
उत्तर-
250 ग्राम प्रति एकड़।

प्रश्न 50.
बरोकली के लिए पनीरी लगाने का उचित समय बताओ।
उत्तर-
मध्य अगस्त से मध्य सितंबर ।

प्रश्न 51.
चीनी बंदगोभी की पनीरी की बुआई का उचित समय बताओ।
उत्तर-
मध्य सितंबर में पनीरी बीज कर मध्य अक्तूबर में निकाल कर खेत में लगाएं।

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प्रश्न 52.
चीनी बंदगोभी के लिए बीज की मात्रा बताओ।
उत्तर-
पनीरी के लिए 200 ग्राम प्रति एकड़ तथा सीधी बुआई के लिए एक किलो बीज प्रति एकड़ की आवश्यकता है।

प्रश्न 53.
चीनी बंदगोभी की कितनी कटाईयां हो जाती हैं ?
उत्तर-
कुल छः कटाईयां।

प्रश्न 54.
आलू की अगेती किस्में बताओ।
उत्तर-
कुफरी सूर्य तथा कुफरी पुखराज।

प्रश्न 55.
आलू की अगेती किस्में कितने दिनों में तैयार हो जाती हैं ?
उत्तर-
90-100 दिनों में।

प्रश्न 56.
आलू की अगेती किस्मों की पैदावार बताएं।
उत्तर-
100-125 क्विंटल प्रति एकड़।।

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प्रश्न 57.
आलू की मध्यम समय की किस्में बताओ।
उत्तर-
कुफरी ज्योती, कुफरी पुष्कर।

प्रश्न 58.
आलू की मध्यम समय की फसलें कितने दिनों में तैयार हो जाती हैं ? पैदावार बताओ।
उत्तर-
100-110 दिन, पैदावार 120-170 क्विंटल प्रति एकड़।

प्रश्न 59.
आलू की पिछेती किस्में बताओ।
उत्तर-
कुफरी सिंधूरी, कुफरी बादशाह।

प्रश्न 60.
आलू की पिछेती किस्मों की तैयारी तथा पैदावार बताओ।
उत्तर-
110-120 दिन, पैदावार 120-130 क्विंटल प्रति एकड़।

प्रश्न 61.
आलू की बुआई के लिए मेड़ों के बीच तथा आलुओं के बीच फासला बताओ।
उत्तर-
60 सैं०मी०, 20 सैं०मी० ।

प्रश्न 62.
आलू का बीज कैसे बोना चाहिए ?
उत्तर-
काट कर।

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प्रश्न 63.
फूलगोभी की उन्नत किस्मों के नाम लिखो।
उत्तर-
पूसा सनोबाल-1, पूसा सनोबाल के-1, जाईंट सनोवाल।

प्रश्न 64.
कुफरी पुखराज कौन सी सब्जी की उन्नत किस्म है ?
उत्तर-
आलू की।

लघु उत्तरीय प्रश्न –

प्रश्न 1.
सब्जी से क्या भाव है ?
उत्तर-
पौधे का नर्म भाग जैसे फल, फूल, तना, जड़ें, पत्ते आदि जिन्हें कच्चा स्लाद के रूप में या पका कर खाया जा सकता है, को सब्जी कहते हैं।

प्रश्न 2.
सब्ज़ी में कौन-से पौष्टिक तत्व होते हैं ?
उत्तर-
सब्जियों में कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, धातु, विटामिन आदि मिलते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अति आवश्यक है।

PSEB 10th Class Agriculture Solutions Chapter 4 आषाढी की सब्जियों की खेती

प्रश्न 3.
प्रत्येक वयस्क को 284 ग्राम सब्जी प्रतिदिन खानी चाहिए इसमें भिन्नभिन्न सब्जियों के भाग बताओ।
उत्तर-
284 ग्राम सब्जी में 114 ग्राम पत्तों वाली, 85 ग्राम जड़ों वाली, 85 ग्राम अन्य सब्जियों का सेवन करना चाहिए।

प्रश्न 4.
जैविक खादों के लाभ बताओ।
उत्तर-
जैविक खादें भूमि की भौतिक तथा रासायनिक अवस्था को ठीक रखती हैं तथा भूमि ढीली रहती है जिसे वायु का आवागमन सरलता से हो जाता है।

प्रश्न 5.
कौन-सी सब्जियां पनीरी लगा कर बोई जाती हैं ?
उत्तर-
ऐसी सब्जियां जो पनीरी को उखाड़ने तथा फिर से लगाने के झटके को सहन कर लें, जैसे-बंदगोभी, बरोकली, प्याज़ आदि।

प्रश्न 6.
सर्दी की सब्जियों के कीड़ों तथा रोगों की रोकथाम के लिए दवाइयों का क्या योगदान है ?
उत्तर-
बीज की सुधाई के लिए कैपटान या थीरम का प्रयोग किया जाता है जिससे कीड़े तथा रोगों के हमले से बचाव हो जाता है।
कुछ कीटनाशक दवाइयां जैसे फेम, सेवन आदि का प्रयोग करके संडियों को मारा जा सकता है। रस चूसने वाले कीड़े तथा तेले को काबू करने के लिए रोगर, मैटासिसटाकस तथा मैलाथियान दवाइयों का प्रयोग किया जाता है।

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प्रश्न 7.
गाजर की फसल के लिए सिंचाई के बारे में बताओ।
उत्तर-
गाजर को 3-4 सिंचाइयों की आवश्यकता होती है। पहली सिंचाई बुआई से तुरन्त बाद, दूसरी 10-12 दिनों बाद करनी चाहिए।

प्रश्न 8.
मूली को किस प्रकार प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
मूली को सलाद के रूप में, सब्जी बनाने के लिए तथा परांठे बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 9.
मूली की पंजाब में बोई जाने वाली मुख्य किस्मों तथा पैदावार बताओ।
उत्तर-पंजाब पसंद, पंजाब सफेद मूली-2, पूसा चेतकी मूली की किस्में हैं जो पंजाब में मुख्य रूप से बोई जाती हैं तथा पैदावार 105-215 क्विंटल प्रति एकड़ होता है।

प्रश्न 10.
मूली की सिंचाई के बारे में बताओ।
उत्तर-
पहली सिंचाई बुआई से तुरन्त बाद तथा बाद में गर्मियों में 6-7 दिनों बाद तथा सर्दियों में 10-12 दिन बाद भूमि की किस्म के अनुसार करें।

प्रश्न 11.
यदि भूमि में मटर पहली बार बोए जाने हों तो बीज को कौन-सा टीका लगाया जाता है तथा क्यों ?
उत्तर-
मटर के बीज को राइजोबियम का टीका लगाया जाता है तथा इससे मटर की पैदावार बढ़ जाती है तथा भूमि में नाइट्रोजन इकट्ठी करने में सहायता मिलती है।

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प्रश्न 12.
मटर में खरपतवारों की रोकथाम के बारे में बताओ।
उत्तर-
खरपतवारों की रोकथाम के लिए टैफलान 50 ताकत 500 ग्राम या सटोंप 30 ताकत एक लीटर प्रति एकड़ नदीन उगने से पहले तथा बुआई से 2 दिन में 200 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करना चाहिए।

प्रश्न 13.
फूल गोभी की सिंचाई के बारे में बताओ।
उत्तर-
इसको कुल 8-12 सिंचाइयों की आवश्यकता होती है। पहली सिंचाई पनीरी उखाड़ कर खेत में लगाने के तुरन्त बाद करनी चाहिए।

प्रश्न 14.
फूल गोभी तथा बंद गोभी तथा बरोकली में खरपतवारों की रोकथाम के बारे में बताओ।
उत्तर-
खरपतवारों की रोकथाम के लिए सटोंप 30 ताकत एक लीटर प्रति एकड़ को 200 लीटर पानी में घोल कर अच्छी प्रकार नमी वाले खेत में पौधे लगाने से एक दिन पहले छिड़काव करना चाहिए।

प्रश्न 15.
चीनी बंदगोभी के पत्ते किस काम आते हैं ? इसकी कटाई कितने दिनों में हो जाती है ?
उत्तर-
चीनी बंद गोभी के पत्ते साग बनाने के काम आते हैं। इसकी पहली कटाई 30 दिन बाद की जा सकती है।

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प्रश्न 16.
बंदगोभी लगाने का उचित समय तथा बीज की मात्रा लिखो।
उत्तर-
बंदगोभी के लिए पनीरी खेत में लगाने का समय सितम्बर से अक्तूबर है। एक एकड़ की पनीरी के लिए बीज की मात्रा 200-250 ग्राम है।

प्रश्न 17.
सब्जियों की कृषि के लिए कैसी भूमि का चुनाव किया जाता है ?
उत्तर-
सब्जियों की कृषि भिन्न-भिन्न तरह की भूमि में की जा सकती है। परन्तु रेतली मैरा या चीकनी मैरा ज़मीन सब्जियों की कृषि के लिए अच्छी है। जड़ वाली सब्जियां; जैसे-गाजर, मूली, शलगम, आलू आदि के लिए रेतली मैरा भूमि अच्छी है।

प्रश्न 18.
चीनी बंदगोभी की उन्नत किस्में लिखें।
उत्तर–
चीनी सरसों-1, साग सरसों।

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-

प्रश्न 1.
गाजर की कृषि का विवरण दें-
(i) किस्में, रंग
(ii) पैदावार
(iii) बीज की मात्रा
(iv) तैयारी
(v) फासला।
उत्तर-
(i) किस्में-दो किस्में हैं-देसी तथा विदेशी। पंजाब में गाजर की दो किस्में हैं-पंजाब कैरेट रेड तथा पंजाब ब्लैक ब्यूटी। पंजाब कैरेट रेड लाल रंग की तथा पंजाब ब्लैक ब्यूटी जामुनी काले रंग की है।
(ii) पैदावार-काली किस्म 196 क्विंटल प्रति एकड़ तथा लाल किस्म 230 क्विंटल प्रति एकड़।
(iii) बीज की मात्रा-4-5 किलो प्रति एकड़।
(iv) तैयारी-किस्म के अनुसार 90-100 दिनों में तैयार हो जाती है।
(v) फासला-गाजर मेड़ों पर बोई जाती है तथा मेड़ों में फासला 45 सैं०मी० रखें।

प्रश्न 2.
बरोकली की खेती का विवरण निम्नलिखित अनुसार दीजिए
(क) उन्नत किस्म
(ख) बुआई का समय
(ग) बीज की मात्रा प्रति एकड़
(घ) पौधों के बीच दूरी।
उत्तर-
(क) उन्नत किस्म-पंजाब बरोकली-1, पालम समृद्धि। पैदावार-70 क्विंटल प्रति एकड़।।
(ख) बुआई का समय-पनीरी बोने का समय मध्य अगस्त से मध्य सितंबर तक है तथा पनीरी एक महीने की हो जाने पर निकाल कर खेत में लगा दें।
(ग) बीज की मात्रा-250 ग्राम प्रति एकड़।
(घ) पौधों के बीच दूरी-पंक्तियों में तथा पौधों में फासला 45 सैं०मी० ।

प्रश्न 3.
आलू की कृषि के बारे बताओ –
उत्तर-
1. किस्में-

  • अगेती-कुफरी सूर्य, कुफरी पुखराज।
  • मध्मय समय की-कुफरी ज्योती, कुफरी पुष्कर।
  • पिछेती-कुफरी बादशाह, कुफरी सिंधूरी।।

2. पैदावार-

  • अगेती-100-125 क्विंटल प्रति एकड़।
  • मध्यम-120-170 क्विंटल प्रति एकड़।
  • पिछेती-120-130 क्विंटल प्रति एकड़।

3. तैयारी का समय-

  • अगेती-90-100 दिन।
  • मध्यम-100-110 दिन।
  • पिछेती-110-120 दिन।

4. बुआई का समय-उचित समय पतझड़ के लिए सितंबर से मध्यम अक्तूबर तथा बहार ऋतु के लिए जनवरी का पहला पखवाड़ा।
5. बीज की मात्रा-12-18 क्विंटल प्रति एकड़ 1 बहार ऋतु की अगेती किस्म का 8 क्विंटल तथा पिछेती किस्म का 4-5 क्विंटल बीज प्रति एकड़ प्रयोग करें तथा बीज को काट कर लगाना चाहिए।
6. फासला-मेड़ों में आपसी फासला 60 सैंमी० तथा आलुओं में 20 सैंमी० ।
7. खरपतवारों की रोकथाम-सटोंप 30 ताकत एक लीटर या एरीलान 75 ताकत 500 ग्राम या सैनकोर 70 ताकत 200 ग्राम का 150 लीटर पानी में घोल बना कर नदीनों के जमने तथा पहली सिंचाई के बाद छिड़काव करना चाहिए।
8. सिंचाई-बुआई से तुरन्त बाद पहली सिंचाई करो। इससे फसल जल्दी उगती है।

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प्रश्न 4.
सब्जियों की बिजाई के पांच लाभ लिखो।
उत्तर-

  • सब्जियों की फसल जल्दी तैयार हो जाती है तथा वर्ष में 3-4 या अधिक बार बेच कर अच्छी आमदन हो जाती है।
  • भारत में शाकाहारी लोग अधिक हैं तथा सब्जियों की खपत भी अधिक है।
  • सब्जियों में पौष्टिक तत्व जैसे कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, प्रोटीन, धातु आदि होते हैं।
  • सब्जियां रोज़गार का अच्छा साधन हैं।
  • सारे परिवार को घर पर ही रोजगार मिल जाता है, कृषि साधनों का पूर्णतः प्रयोग सारा वर्ष होता रहता है।

प्रश्न 5.
मूली की खेती का विवरण निम्नलिखित अनुसार दीजिए :
(क) दो उन्नत किस्में
(ख) बीज की मात्रा प्रति एकड़
(ग) मेड़ों के बीच की दूरी
(घ) खुदाई
(ङ) उपज प्रति एकड़।
उत्तर-
(क) दो उन्नत किस्में-पूसा चेतकी, पूसा हिमानी।
(ख) बीज की मात्रा प्रति एकड़-4-5 किलो प्रति एकड़।
(ग) मेड़ों की बीच की दूरी-45 सें.मी. ।
(घ) खुदाई-45-60 दिनों बाद।
(ङ) उपज प्रति एकड़-105-215 क्विंटल प्रति एकड़।

प्रश्न 6.
आलू की अगेती किस्मों की खेती का विवरण निम्नलिखित अनुसार दीजिए:
(क) दो उन्नत किस्में
(ख) बीज की मात्रा प्रति एकड़
(ग) मेड़ों की बीच की दूरी (घ) सिंचाई
(ङ) उपज प्रति एकड़।
उत्तर-
(क) दो उन्नत किस्में-कुफरी सूर्या, कुफरी पुखराज।
(ख) बीज की मात्रा प्रति एकड़-8 क्विंटल।
(ग) मेड़ों की बीच की दूरी-60 सें.मी तथा आलूओं में 20 सें.मी. ।
(घ) सिंचाई-बुआई के तुरंत बाद पहली सिंचाई करें।
(ङ) उपज प्रति एकड़-100-125 क्विंटल प्रति एकड़।

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प्रश्न 7.
मटर की अगेती किस्मों की खेती का विवरण निम्नलिखित अनुसार दीजिए:
(क) दो उन्नत किस्में
(ख) बीज की मात्रा प्रति एकड़
(ग) दूरी
(घ) सिंचाई
(ङ) उपज प्रति एकड़।
उत्तर-
स्वयं करें।

आषाढी की सब्जियों की खेती PSEB 10th Class Agriculture Notes

  • मनुष्य के आहार में एक आवश्यक अंग सब्जियां हैं।
  • सब्जियों में कार्बोहाइड्रेटस, प्रोटीन, धातुएं, विटामिन आदि होते हैं।
  • वैज्ञानिकों के अनुसार एक वयस्क को प्रतिदिन 284 ग्राम सब्जी खानी चाहिए।
  • सब्जियां कम समय में तैयार हो जाती हैं तथा एक वर्ष में 2-4 फसलें ली जा सकती हैं।
  • सब्जियों की पैदावार गेहूँ चावल के फसली चक्र से 5-10 गुणा अधिक है तथा इस प्रकार आमदन भी अधिक होती है।
  • सब्जी की कृषि के लिए रेतली मैरा या चिकनी मैरा भूमि अच्छी रहती है।
  • जड़ वाली सब्जियां हैं-गाजर, मूली, शलगम आदि के लिए रेतली मैरा भूमि ठीक रहती है। ।
  • खादें दो प्रकार की हैं-जैविक तथा रासायनिक।
  • जैविक खादें भूमि की रासायनिक तथा भौतिक अवस्था को ठीक रखती है।
  • रासायनिक खादों को कारखानों में बनाया जाता है तथा इनमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस तथा पोटाश तत्व होते हैं।
  • बीज को दो तरीकों से बोया जाता है
    (i) सीधी बुआई (ii) पनीरी लगाकर।
  • गाजर, मूली, मेथी, धनिया, आलू आदि को सीधी बुआई द्वारा बोया जाता है।
  • पनीरी लगाकर बुआई करने वाली सब्जियां हैं-फूलगोभी, बंदगोभी, चीनी बन्द गोभी, बरोकली, प्याज, सलाद आदि।
  • सब्जी की फसल को मुरझाने से पहले ही पानी देना ज़रूरी है।
  • सब्जी के बीज को कैप्टान या थीरम से सुधाई करके बोने से कीड़ों तथा रोगों के हमले से बचा जा सकता है।
  • आषाढी या सर्दी की मुख्य सब्जियां हैं-गाजर, मूली, मटर, फूलगोभी, बंदगोभी, आलू, ब्रोकली, चीनी बंदगोभी आदि।
  • गाजर की दो किस्में हैं-देसी तथा विदेशी।
  • मूली की किस्में हैं–पंजाब पसंद, पूसा चेतकी, जापानी व्हाइट।
  • मटर ठंडे मौसम की मुख्य फसल है, इसमें प्रोटीन काफ़ी मात्रा में होते हैं।
  • फूलगोभी की कृषि के लिए 15-20 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान की आवश्यकता है।
  • फूलगोभी की किस्में हैं- जाईंट सनोवाल, पूसा सनोवाल-1, पूसा सनोवाल , के-1।
  • बंदगोभी की अगेती पैदावार के लिए सीधी बुआई की जा सकती है।
  • पंजाब बरोकली-1 तथा पालम समृद्धि बरोकली की उन्नत किस्में हैं। इसकी पैदावार 70 क्विंटल प्रति एकड़ है। 24. चीनी बंदगोभी की किस्में हैं-चीनी, सरसों तथा साग सरसों।
  • आलू की किस्में हैं-कुफरी सूर्य, कुफली पुखराज, कुफरी पुष्कर, कुफरी ज्योति, कुफरी सिंधूरी तथा कुफरी बादशाह ।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 8 समस्या का हल

Punjab State Board PSEB 10th Class Welcome Life Book Solutions Chapter 8 समस्या का हल Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Welcome Life Chapter 8 समस्या का हल

PSEB 10th Class Welcome Life Guide समस्या का हल Textbook Questions and Answers

भाग-1

प्रश्न 1.
अपनी नोटबुक में अपने डर और चिंताओं को लिखें जो आपको पूरा दिन परेशान करते हैं?
उत्तर-
(i) पहला डर यह है कि कुछ ऐसा होगा जिसकी उम्मीद नहीं है।
(ii) दूसरा डर यह है कि मैं कक्षा में पीछे नहीं हूँ। मैं हमेशा कक्षा में प्रथम स्थान पर रहता हूँ और मुझे डर है कि कोई मुझे पार कर सकता है। इसलिए मैं हमेशा भय में रहता हूँ।
(iii) मुझे हमेशा डर लगता है कि मेरे बॉस मुझसे नाराज़ हो जाएंगे और मुझे नौकरी से निकाल देंगे।
इस प्रकार प्रत्येक व्यक्ति के अंदर एक डर है जो उन्हें परेशान करता है।

भाग-2

सही/ग़लत

  1. असफलता के डर को कम करने के लिए कड़ी मेहनत करें, भय दूर हो जाएगा।
  2. कभी-कभी डर भी हमारे लिए फायदेमंद होता है।
  3. एक सैनिक स्वीकार करता है कि देश की सेवा उसके जीवन से अधिक मूल्यवान है। वह युद्ध के दौरान मौत से नहीं डरता। इस तरह डर के बारे में ज्यादा जानने से बचा जा सकता है।
  4. डर को नियंत्रित करना बहुत मुश्किल है।
  5. जब आप बड़े होते हैं, तो सभी डर अपने आप गायब हो जाते हैं।

उत्तर-

  1. सही,
  2. सही,
  3. सही,
  4. ग़लत,
  5. ग़लत।

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अभ्यास-II

प्रश्न-उत्तर

प्रश्न 1.
हमारे जीवन में एकाग्रता का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
एकाग्रता का अर्थ है पूरी तरह से केंद्रित होना। किसी भी काम को करने के लिए एकाग्रता बहुत आवश्यक है। हम एकाग्रता के बिना कुछ भी नहीं कर सकते हैं, भले ही वह अध्ययन करना हो, व्यवसाय करना हो, अनुसंधान कराना हो या कुछ भी करना हो। प्रत्येक काम को करने में एकाग्रता लगती है। चाहे हम एक काम करें या कई काम, हम एकाग्रता के बिना काम पूरा नहीं कर पाएंगे। इस तरह, हम कह सकते हैं कि हमारे जीवन में एकाग्रता का बहुत महत्त्व है।

प्रश्न 2.
आप अपनी एकाग्रता को बढ़ाने के लिए क्या करेंगे?
उत्तर-
हम एकाग्रता के बिना जीवन में सफलता प्राप्त नहीं कर सकते। इसलिए हमें अभ्यास करना चाहिए। हमें अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। हमें नहीं सोचना चाहिए दूसरे क्या कर रहे हैं। प्रत्येक कार्य में विशेषज्ञता केवल अभ्यास के माध्यम से प्राप्त होती है। इस तरह अभ्यास के माध्यम से एकाग्रता प्राप्त की जा सकती है।

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सही/ग़लत

1. एकाग्रता बढ़ाने के लिए संतुलित आहार, सैर, गहरी नींद, ध्यान लगाना इत्यादि बहुत महत्त्वपूर्ण है।
2. एकाग्रता में वृद्धि नहीं की जा सकती।
उत्तर-
1. सही,
2. ग़लत।

पाठ पर आधारित प्रश्न

प्रश्न 1.
बच्चो कहानी से आपको क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर-
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें क्रोधित नहीं होना चाहिए। यदि क्रोध आ भी जाए तो उसको नियंत्रित करके भुला देना चाहिए और अपने दोस्तों से मिल-जुल कर रहना चाहिए।

प्रश्न 2.
क्या रॉबिन का छोटी सी बात पर क्रोधित होना जायज़ है?
उत्तर-
जी नहीं, उसका छोटी-छोटी बात पर क्रोधित होना जायज़ नहीं है बल्कि छोटी-छोटी बातों को महत्त्व ही नहीं देना चाहिए। इससे वैर बढ़ता है और प्यार कम होता है।

प्रश्न 3.
रॉबिन ने कहानी में किससे शिक्षा ली ?
उत्तर-
रॉबिन ने कहानी में कुत्तों से शिक्षा ली, जो पहले लड़ रहे थे परंतु बाद में रोटी खाने के बाद आपस में मिल-जुल कर खेलने लग पड़े।

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प्रश्न 4.
क्रोध पर नियंत्रित करना क्यों ज़रूरी है?
उत्तर-
क्रोध पर नियंत्रित करना इसलिए ज़रूरी होता है कि क्रोध से बहुत-से काम खराब हो जाते हैं, हम अपने मित्रों, रिश्तेदारों से दूर हो जाते हैं और सभी काम ग़लत कर देते हैं। यदि हम वही काम प्यार से करें तो वह सभी सही ढंग से हो जाएंगे और किसी भी बात का नुकसान नहीं होगा।

प्रश्न 5.
क्रोध या गिला-शिकवा करने पर आपके मन की स्थिति कैसी हो जाती है?
उत्तर-
क्रोध या गिला-शिकवा करने पर हमारे मन की स्थिति एक गले सड़े टमाटर सी हो जाती है जिसमें ईर्ष्या और द्वेष की बदबू आ रही होती है। इसका अर्थ यह है कि क्रोध से मन की स्थिति काफी खराब हो जाती है और व्यक्ति वह सब कुछ कर देता है जो उसे नहीं करना चाहिए। क्रोध करने पर किसी का लाभ नहीं होता बल्कि नुकसान होता है।

प्रश्न 6.
क्रोध की अवस्था में हम यह कभी भी नहीं सोचते कि क्रोध के बाद क्या होगा?
उत्तर-
यह सत्य है कि क्रोध की अवस्था में इस क्रोध के नतीजों की चिंता नहीं करते बल्कि क्रोध में ग़लत काम कर देते हैं जिसके परिणाम हमें बाद में झेलने पड़ते हैं।

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प्रश्न 7.
क्या आप इस प्रश्न का हल कर सकते हो कि कमरे में 5 आदमी हैं। बाहर से एक आदमी अंदर आ जाता है और पांच में से चार को मार देता है, अब कमरे में कितने आदमी हैं?
उत्तर-
6 आदमी हैं क्योंकि 5 के 5 आदमी कमरे में ही हैं और एक नया आदमी अंदर आया है, मरे हुए आदमी भी कमरे में ही हैं।

प्रश्न 8.
अवकाश के बाद आपको लगता है कि आपके बैग में एक पुस्तक गायब थी, आप क्या करेंगे?
उत्तर-
सबसे पहले, मैं यहां और वहां खोजने की कोशिश करूँगा, अन्य छात्रों से पुस्तक के बारे में पूलूंगा और यदि कोई सुराग नहीं मिला, तो मैं अपने शिक्षकों को मामले की रिपोर्ट करने के लिए कहूंगा।

प्रश्न 9.
आप देरी से स्कूल पहुंचते हैं। आप कक्षा में कैसे प्रवेश करेंगे?
उत्तर-
यदि मैं स्कूल में देर से पहुँचता हूँ तो मैं शिक्षक को सही कारण बताऊँगा कि मैं देर से क्यों आया हूँ। शिक्षक मेरी बात ज़रूर सुनेंगे और मुझे कक्षा में बैठने देंगे।

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Welcome Life Guide for Class 10 PSEB समस्या का हल Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

(क) बहुविकल्पी प्रश्न

प्रश्न 1.
…………. एक मन की स्थिति है जिसमें एक व्यक्ति बेचैन महसूस करता है और शांति से दूर चला जाता है।
(a) गुस्सा
(b) खुशी
(c) ईर्ष्या
(d) द्वेष।
उत्तर-
(a) गुस्सा।

प्रश्न 2.
क्रोधित होने से हमेशा ……… होता है।
(a) लाभ
(b) नुकसान
(c) ईर्ष्या
(d) शांति।
उत्तर-
(b) नुकसान।

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प्रश्न 3.
रॉबिन ने किससे सीखा?
(a) दोस्तों से
(b) कुत्तों से
(c) पड़ोसी से
(d) माता-पिता से।
उत्तर-
(b) कुत्तों से।

प्रश्न 4.
नियंत्रण रखने के लिए क्या किया जा सकता है?
(a) सकारात्मक दृष्टिकोण
(b) अच्छी किताबें पढ़ो
(c) गहरे श्वास लेकर दस तक गिनें
(d) ये सभी।
उत्तर-
(d) ये सभी।

प्रश्न 5.
……… भविष्य में किसी भी नुकसान की कल्पना है।
(a) डर
(b) शांति
(c) क्रोध
(d) ईर्ष्या।
उत्तर-
(a) डर।

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प्रश्न 6.
कई बार ……. भी बहुत फायदेमंद होता है।
(a) क्रोध
(b) डर
(c) शांति
(d) ईर्ष्या।
उत्तर-
(b) डर।

प्रश्न 7.
………….. कौरवों और पांडवों के शिक्षक थे।
(a) द्रोणाचार्य
(b) कृपाचार्य
(c) भीष्म पितामह
(d) धृतराष्ट्र।
उत्तर-
(a) द्रोणाचार्य।

(ख) खाली स्थान भरें

  1. ………… को बढ़ाया जा सकता है।
  2. एकाग्रता बढ़ाने के लिए ……………. लगाना बहुत ज़रूरी है।
  3. …………….. का अर्थ है पूरी तरह से किसी भी चीज़ के बारे में सोचना।
  4. …………….. हमें भविष्य के खतरे से सुचेत करता है।
  5. हमारे पास ………………. सोच होनी चाहिए।

उत्तर-

  1. एकाग्रता,
  2. ध्यान,
  3. एकाग्रता,
  4. डर,
  5. सकारात्मक।

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(ग) सही/ग़लत चुनें

  1. डर भविष्य में किसी भी नुकसान की कल्पना है।
  2. क्रोध पर नियंत्रण रखने के लिए हमें अच्छी पुस्तकों को पढ़ना चाहिए।
  3. वैसे भी एकाग्रता में वृद्धि नहीं की जा सकती।
  4. क्रोध मन की शांति को नष्ट करता है।
  5. क्रोध के लाभ हैं।

उत्तर-

  1. सही,
  2. सही,
  3. ग़लत,
  4. सही,
  5. ग़लत।

(घ) कॉलम से मेल करें

कॉलम 1 — कॉलम 2
(a) क्रोध — (i) ठीक से समझना
(b) गिला-शिकवा — (ii) मन की स्थिति
(c) ध्यान टिकाना — (iii) अच्छी किताबें पढ़ना
(d) एकाग्रता — (iv) शिकायत
(e) सकारात्मक सोच — (v) ध्यान देना।
उत्तर-
कॉलम 1 — कॉलम 2
(a) क्रोध — (ii) मन की स्थिति
(b) गिला-शिकवा — (iv) शिकायत
(c) ध्यान टिकाना — (i) ठीक से समझना
(d) एकाग्रता — (v) ध्यान देना
(e) सकारात्मक सोच — (iii) अच्छी किताबें पढ़ना

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अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
क्रोध क्या है?
उत्तर-
क्रोध एक ऐसी अवस्था है जिसमें व्यक्ति बहुत घबरा जाता है और शांति से बहुत दूर चला जाता है।

प्रश्न 2.
क्रोधित होने से क्या हानि है?
उत्तर-
इस मामले में, वह ऐसा कर जाता है जिसका नुकसान उसे लंबे समय तक झेलना पड़ता है।

प्रश्न 3.
हम कब क्रोधित होते हैं?
उत्तर-
क्रोध उस समय आता है जब हम जो चाहते हैं वह हमें नहीं मिलता या हमारे अनुसार नहीं होता।

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प्रश्न 4.
रॉबिन में क्या समस्या थी?
उत्तर-
वह छोटे सी बात पर ही गुस्सा हो जाते थे।

प्रश्न 5.
रॉबिन ने कुत्तों से क्या सीखा?
उत्तर-
रॉबिन सीखते हैं कि हमें क्रोधित नहीं होना चाहिए। इसके बजाय, हमें एक-दूसरे के साथ रहना चाहिए।

प्रश्न 6.
किसी प्रति बुरी सोच का क्या नुकसान है?
उत्तर-
किसी का बुरा सोचना भी हमारे दिमाग को गंदा कर देगा जो केवल हमें नुकसान पहुंचाएगा।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 8 समस्या का हल

प्रश्न 7.
गुस्से पर नियंत्रण रखने का एक तरीका बताएं।
उत्तर-
अच्छी किताबें पढ़ें और सकारात्मक सोच रखें।

प्रश्न 8.
जब हम गुस्से को नियंत्रित करने के लिए तरीके लाग करते हैं तो क्या होता है?
उत्तर-
यह एक व्यक्ति में मानसिक और व्यावहारिक में परिवर्तन लाता है।

प्रश्न 9.
सहनशीलता और विनम्रता जैसे गुणों को अपनाने से क्या होता है?
उत्तर-
यह एक व्यक्ति में मानसिक विकार को दूर करते हैं और उसके व्यक्तित्व को विकसित करते हैं।

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प्रश्न 10.
डर क्या है?
उत्तर-
डर भविष्य में किसी भी नुकसान की कल्पना है।

प्रश्न 11.
यदि हमें किसी बात पर गुस्सा आता है तो हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर-
हमें खुद को उस बात या घटना से दूर कर लेना चाहिए।

प्रश्न 12.
हम डर को कैसे दूर कर सकते हैं?
उत्तर-
इसका कारण समझकर हम डर पर काबू पा सकते हैं।

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प्रश्न 13.
एकाग्रता से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
एकाग्रता हमारी मन की स्थिर स्थिति है जब हमारी सभी शक्तियाँ ध्यान की स्थिति में होती हैं।

प्रश्न 14.
एकाग्रता का क्या लाभ है?
उत्तर-
एकाग्रता से हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न 15.
एकाग्रता की कमी से क्या हानि होती है?
उत्तर-
व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर सकता और असफल रहता है।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 8 समस्या का हल

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
क्रोध की स्थिति पर चर्चा करें।
उत्तर-
क्रोध एक ऐसी अवस्था है जिसमें व्यक्ति बहुत घबराहट और बेचैनी महसूस करता है और शांति से बहुत दूर चला जाता है। इस मामले में वह ऐसा नुकसान झेलता है जो उसे लंबे समय तक झेलना पड़ता है।
वास्तव क्रोध उस समय आता है जब हमें वह नहीं मिलता जो हम चाहते हैं। ऐसी स्थिति में हम अपना आपा खो देते हैं और गलत काम करते हैं।

प्रश्न 2.
क्रोध को काबू में रखने के कुछ तरीके बताएं।
उत्तर-

  1. किसी भी चीज़ पर हमेशा एक सकारात्मक दृष्टिकोण रखें।
  2. हमें अच्छी किताबें पढ़नी चाहिए।
  3. एक बढ़िया शौक रखें और उस शौक में समय व्यतीत करें।
  4. जब आप क्रोधित होते हैं, तो गहरी सांस लें और एक से दस तक गिनें।
  5. जब आप क्रोधित होते हैं, तो धीरे-धीरे पानी पीएं।

प्रश्न 3.
क्रोध को नियंत्रित करने के बारे में पता चलने पर किसी व्यक्ति में क्या बदलाव आते हैं?
उत्तर-
जब किसी को क्रोध पर नियंत्रण रखने के बारे में पता चलता है, तो वह अपने मानसिक और व्यावहारिक संबंधी पहलुओं में कई बदलाव महसूस करता है। यदि हम विनम्रता और सहनशीलता जैसे गुणों को अपनाते हैं, तो हम अपनी बहुत-सी कमियों को दूर कर सकते हैं और अपने व्यक्तित्व का विकास कर सकते हैं। इसके साथ, हम एक ऐसा समाज बना सकते हैं, जो ज़िम्मेदार नागरिकों से भरा हो, जो खुशी से रह सकें और अपने जीवन का आनंद लें।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 8 समस्या का हल

प्रश्न 4.
डर पर एक छोटा सा नोट लिखें।
उत्तर-
प्रत्येक व्यक्ति को किसी-न-किसी भी चीज़ से डर लगता है। डर और कुछ नहीं, भविष्य में नुकसान होने की कल्पना है और यह कल्पना हर किसी के दिमाग में रहती है। लेकिन हमें इस डर को दूर करना होगा। कई बार इस डर से कई फायदे भी होते हैं। डर हमें भविष्य में आने वाले खतरे के बारे में जागरूक करता है। लेकिन हमें डर को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए। डर को आसानी से खत्म किया जा सकता है अगर हम डर के कारण को ध्यान से समझें।

प्रश्न 5.
हमें अपनी समस्याओं का समाधान कैसे खोजना चाहिए?
उत्तर-

  1. सबसे पहले हमें अपनी समस्या के बारे में अच्छी तरह से पता होना चाहिए।
  2. तब हमें पूरे ध्यान, आत्मविश्वास और धैर्य के साथ उस समस्या का हल खोजने का प्रयास करना चाहिए।
  3. कभी-कभी किसी समस्या के कई समाधान पाए जाते हैं। इसलिए हमें सभी उपलब्ध समाधानों में से सबसे अच्छा समाधान चुनने की आवश्यकता है।
  4. समाधान खोजने के दौरान, हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि समाधान हमारी आवश्यकताओं और संसाधनों के अनुसार होना चाहिए।

प्रश्न 6.
एकाग्रता की शक्ति को एक उदाहरण से समझाइए।
उत्तर-
एकाग्रता का अर्थ एक चीज़ पर मन की सभी शक्तियों का ध्यान केंद्रित करना है। हमारे पास महाभारत में एकाग्रता की शक्ति का एक बड़ा उदाहरण है जब शिक्षक द्रोणाचार्य ने कौरवों और पांडवों की धनुर्विद्या की परीक्षा ली थी। उन्होंने एक हीरे की आँख के साथ एक पक्षी को दूर रखा और उन सभी से पूछा कि वे क्या देख रहे हैं। तब केवल अर्जुन ने उत्तर दिया कि वह केवल पक्षी की आँख देख रहा है। यह हमें अर्जुन की एकाग्रता की शक्ति के बारे में स्पष्ट रूप से बताता है और इसीलिए वह महान धनुर्धर बन जाता है।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 8 समस्या का हल

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न-क्रोध पर काब करने के लिए मौलवी जी की कहानी पर चर्चा करें, जोकि अध्याय में दी गई है।
उत्तर-
पुराने समय में, बच्चे शिक्षा लेने के लिए मौलवी जी के पास जाते थे। मौलवी जी ने अपने छात्रों से पछा कि वे किसी से नाराज़ हैं या नहीं। कई छात्रों ने उसके सवाल का सकारात्मक जवाब दिया। तब मौलवी जी ने उन्हें अपने घर से एक टमाटर लाने को कहा। अगले दिन, जब छात्र टमाटर लेकर आए तो मौलवी जी ने उनको कहा कि जिस विद्यार्थी के लिए उनके दिल में गुस्सा है, उसका नाम कागज़ पर लिखकर और टमाटर पर लपेटकर अपने बैग में डालें। बहुत दिनों के बाद मौलवी जी ने अपने छात्रों को अपने बैग से टमाटर निकालने को कहा। जब टमाटर को बाहर लाया गया, तो वे पूरी तरह से सड़े हुए थे और बदबू आ रही थी। तब मौलवी जी ने अपने छात्रों से पूछा कि क्रोध हमें सड़े हुए टमाटर की तरह बनाता है जो बदबू देगा। हमारा मन भी सड़े हुए टमाटर जैसा हो जाएगा। इससे कोई फायदा नहीं है बल्कि इससे हमें नुकसान होता है। इस तरह बच्चों को एहसास हुआ कि मौलवी जी क्या कहना चाहते हैं और उन्होंने एक-दूसरे पर गुस्सा करना बंद कर दिया।

समस्या का हल PSEB 10th Class Welcome Life Notes

  • क्रोधित होना बहुत बुरी बात है। क्रोध एक ऐसी अवस्था है जिसमें व्यक्ति बहुत घबरा जाता है और शांति से बहुत दूर चला जाता है। इस स्थिति में वह ऐसा नुकसान झेलता है जो उसे लंबे समय तक झेलना
    पड़ता है।
  • हमें क्रोध उस समय आता है जब हमें वह वस्तु नहीं मिलती जो हम चाहते हैं। ऐसी स्थिति में हम अपना आपा खो देते हैं और गलत काम करते हैं।
  • क्रोध को कई तरह से नियंत्रित किया जा सकता है जैसे सकारात्मक सोच, अच्छी किताबें पढ़ना, सांस लेना इत्यादि।
    हम कुछ छोटे-छोटे उपाय करके अपनी मानसिक स्थिति को नियंत्रित कर सकते हैं।
  • यदि हम अपने मौजूद अवगुणों को दूर करें तो हम अपने व्यक्तित्व का विकास कर सकते हैं। इस तरह, एक समाज का गठन किया जाएगा, जिसमें सद्गुणों से भरे लोग होंगे।
  • डर भी हमारे व्यक्तित्व का एक हिस्सा है। प्रत्येक व्यक्ति किसी-न-किसी चीज़ से डरता है। उदाहरण के लिए एक छात्र जो कक्षा में प्रथम आता है वह डरता है कि कोई दूसरा व्यक्ति पहले आ सकता है। इसलिए वह कई प्रयास करता है लेकिन उसका डर वैसा ही रहता है।
  • कई बार डर हमारे लिए फलदायी भी साबित होता है। हम उस डर के बारे में जानते हैं और कोई ऐसा काम नहीं करते कि डर हमारे ऊपर हावी हो जाए।
  • आपके अंदर छिपे डर को आसानी से हल किया जा सकता है। इसलिए समस्या को अच्छी तरह से समझना ज़रूरी है, इसके बारे में शांति से सोचें और जो भी सबसे अच्छा समाधान है उसे गले लगा लें।
  • एकाग्रता का अर्थ है पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करना। जब हमारी मनःस्थिति एक स्थान पर रहती है, तो हम कह सकते हैं कि एकाग्रता की स्थिति आ गई है।

लान टेनिस (Lawn Tennis) Game Rules – PSEB 10th Class Physical Education

Punjab State Board PSEB 10th Class Physical Education Book Solutions लान टेनिस (Lawn Tennis) Game Rules.

लान टेनिस (Lawn Tennis) Game Rules – PSEB 10th Class Physical Education

याद रखने योग्य बातें

  1. टैनिस कोर्ट की लम्बाई = 78 फुट या (23.77 मी०)
  2. कोर्ट की चौड़ाई = 27 फुट या (8.23 मी०)
  3. जाल की ऊँचाई = 3 फुट या ( 0.91 मी०)
  4. जाल में तार का व्यास = 3′ (0.8 सैं०मी०)
  5. स्तम्भों की ऊंचाई = 3′ 6″ (1.07 मी०)
  6. स्तम्भों का व्यास = 6″ (15 सैं०मी०)
  7. स्तम्भों की केन्द्र से दूरी = 3 फुट (0.91 मी०)
  8. सर्विस रेखाओं की दूरी = 21 फुट (6.4 सैं०मी०)
  9. रेखाओं की चौड़ाई। = 2 फुट 5 सैं०मी०
  10. गेंद का व्यास = \(2 \frac{1}{2}\)” (6.35-6.67 सैं०मी०)
  11. गेंद का भार = 2 से \(2 \frac{1}{2}\) औंस
  12. पुरुषों के सैटों की गिनती = 5
  13. स्त्रियों के सैटों की गिनती = 3
  14. गेंद का रंग = सफेद
  15. डबल्ज़ खेल में कोर्ट की चौड़ाई = 36 फुट (10.97 मी०)

लान टेनिस (Lawn Tennis) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न
लॉन टेनिस का इतिहास और नियम लिखें।
उत्तर-
लॉन टेनिस का इतिहास
(History of Lawn Tennis)
लॉन-टैनिस संसार का एक प्रसिद्ध खेल बन चुका है। इसका टूर्नामैंट करवाने के लिए बहुत पैसा खर्च करना पड़ता है। लॉन-टैनिस की उत्पत्ति के बारे में यह कहा जा सकता है कि लॉन-टैनिस 12वीं शताब्दी में फ्रांस में पहली बार घास के मैदान में खेला गया। पहले पहल खिलाड़ी हाथ द्वारा यह खेल खेला करते थे। शुरू में यह खेल कुछ साधनों द्वारा खेला जाता था पर बाद में यह खेल हाई जैनटरी की पसंद बन गया। उसके बाद लॉन-टैनिस मध्यम वर्ग के लोगों की पसंद बन गया। असल में इस खेल के विकास का श्रेय मेजर डब्लयू सी० विंगलीफड को जाता है। उसने 19वीं शताब्दी में इस खेल को इंग्लैंड में शुरू किया और स्पेन के लिमिंगटन में 1872 में पहले लॉन-टैनिस कलब बनाया गया। पहले विबलडन चैम्पियनशिप 1877 में पुरुषों के लिए करवाया गया। 1884 में विबलडन चैम्पियनशिप महिलाओं के लिए करवाया गया। ओलिम्पिक खेलों में लॉन टेनिस 1924 तक ओलिम्पिक का भाग बना रहा और दोबारा 1988 सियोल ओलिम्पिक में शामिल किया गया। अब यह खेल भारत के साथ-साथ बहुत देशों में खेला जाता है।

लॉन टेनिस के नये नियम
(New Rules of Lawn Tennis)

  1. टैनिस कोर्ट की लम्बाई 78 फुट, 23.77 मीटर चौड़ाई 27 फुट, 8.23 मीटर होती है।
  2. जाल की ऊंचाई 3 फुट 0.91 मीटर और उसमें धागे या धातु की तार का अधिक-सेअधिक व्यास 1/3 इंच या 0.8 सैं० मी० चाहिए।
  3. स्तम्भों का व्यास 6 इंच या 15 सैं० मी० ओर प्रत्येक ओर कोर्ट के बाहर खम्भे से केन्द्र की दूरी 3 फुट या 0.91 मीटर होती है।
  4. टैनिस गेंद का व्यास 2 – इंच या 6.34 सैं० मी० और इसका भार 2 औंस या 56.7 ग्राम, जब गेंद को 100 इंच या 20.54 मीटर की ऊंचाई से फेंका जाए तो उसका उछाल 53 इंच या 1.35 मीटर होगा।
  5. टेनिस खेल में अधिक-से-अधिक सैटों की संख्या पुरुषों के लिए 5 और स्त्रियों के लिए 3 होती है।

लान टेनिस (Lawn Tennis) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न
लान टेनिस कोर्ट के बारे संक्षिप्त हाल लिखें।
उत्तर-
लॉन टेनिस का कोर्ट
(Court of Lawn Tennis)
कोर्ट आयताकार होगा। यह 78 फुट (23.77 मी०) लम्बा तथा 27 फुट (8.23 मी०) चौड़ा होना चाहिए। ये मध्य में रस्सी या धातु की तार के साथ लटके जाल द्वारा बंटा होना चाहिए। इस रस्सी या तार का व्यास 1/3 इंच (0.8 सैंटीमीटर) होना चाहिए जिसके दो बराबर रंगे हुए खम्भों के ऊपरी सिरों से गुज़रने चाहिएं। ये खम्भे 3 फुट 6 इंच (1.07 मी०) ऊंचे होने चाहिएं तथा 6 इंच (15 सैं०मी०) के चौरस या 6 इंच (15 सैं० मी०) व्यास के होने चाहिएं। इनका मध्य कोर्ट के दोनों ओर 3 फुट (0.914 मी०) बाहर की ओर होना चाहिए। जाल पूरी तरह तना होना चाहिए ताकि यह दोनों खम्भों के मध्यवर्ती स्थान को ढक ले तथा इसके छिद्र इतने बारीक होने चाहिएं कि उनमें से गेंद न निकल सके। जाल की ऊंचाई मध्य में 3 फुट (0.914 मी०) होगी तथा यह एक स्ट्रैप से नीचे कस कर बंधा होगा जो सफ़ेद रंग का तथा 2 इंच (5 सैंटीमीटर) से अधिक चौड़ा नहीं होगा। धातु की तार तथा जाल के ऊपरी सिरे को एक बैंड ढक कर रखेगा जोकि प्रत्येक ओर 2 इंच (5 सेंटीमीटर) से कम तथा \(2 \frac{1}{2}\) इंच (6.34 सैंटीमीटर) से अधिक
लान टेनिस (Lawn Tennis) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 1
गहरा नहीं होगा। यह सफ़ेद रंग का होना चाहिए। जाल, स्ट्रैप, बैंड या सिंगल्ज़ स्ट्रिक्स पर कोई विज्ञापन नहीं होना चाहिए। कोर्ट के लिए तथा साइडों को घेरने वाली रेखाएं बेस लाइनें तथा साइड लाइनें कहलाती हैं। जाल की प्रत्येक ओर 0.21 फुट (6.00 सैं० मी०) की दूरी पर तथा इसके समानान्तर सर्विस लाइनें खींची जाएंगी। जाल की प्रत्येक ओर सर्विस लाइन तथा साइड लाइन मध्यवर्ती स्थान को दो भागों में बांटेगी जिसे सर्विस कोर्ट कहते हैं। यह लाइन 2 इंच (5 सैं० मी०) चौड़ी होगी तथा साइड लाइन के मध्य में तथा उसके समानान्तर होगी।

प्रत्येक बेस लाइन सर्विस लाइन द्वारा काटी जाएगी जो 4 इंच (10 सैं० मी०) लम्बी और 2 इंच (5 सैं० मी०) चौड़ी होगी, इसको सैंटर मार्क कहा जाता है। यह मार्क कोर्ट के बीच बेस लाइनों के समकरण तथा इसके साथ लगा होता है। अन्य सभी लाइनों बेस लाइनों को छोड़ कर 1 इंच (2.5 सैं०मी०) से कम तथा 2 इंच (4 सैं० मी०) से अधिक चौड़ी नहीं होनी चाहिएं। बेस लाइन 4 इंच (10 सैं० मी०)चौड़ी हो सकती है तथा सभी पैमाइशें लाइनों के बाहर से की जानी चाहिएं।
कोर्ट की स्थायी चीज़ों में न केवल जाल, खम्भे, सिंगल स्ट्रिक्स, धागा या धातु की तार, स्ट्रैप तथा बैंड सम्मिलित होंगे, अपितु बैंड तथा साइड स्ट्रैप, स्थायी तथा हिला सकने वाली सीटें, इर्द-गिर्द की कुर्सियां भी सम्मिलित होंगी। अन्य सभी कोर्ट, अम्पायर, इसकी जजों, लाइनमैनों तथा बाल ब्वाइज़ के गिर्द लगी चीजें अपनी ठीक सतह पर होंगी।

प्रश्न
लान टेनिस गेंद के बारे में लिखें।
उत्तर-
लान टेनिस का गेंद (The Lawn Tennis Ball)-गेंद की बाहरी सतह समतल होनी चाहिए तथा या सफ़ेद या पीले रंग का होगा। यदि कोई सीनें हो तो टांके के बिना होनी चाहिएं। गेंद का व्यास 2/2 इंच (5.35 सैं० मी०) से अधिक तथा 25/8 इंच (6.67 सैंटीमीटर) से कम नहीं होना चाहिए। इसका भार 2 औंस (56.7 ग्राम) से अधिक तथा 21/2 औंस (500 ग्राम) से कम होना चाहिए। जब गेंद को एक कंकरीट बेस पर 100 इंच
लान टेनिस (Lawn Tennis) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 2
(254 सैं० मी०) ऊंचे से फेंका जाए तो उसकी उछाल 53 इंच (175 सैं मी०) से अधिक तथा 58 इंच (147 सैं० मी०) से कम होनी चाहिए। गेंद का 18 पौंड भार से आगे की विकार 220 इंच (.55 सैं०मी०) से अधिक तथा 290 इंच (.75 सैं०मी०) से कम होना चाहिए तथा वापसी विकार के अंग गेंद के लिए तीन अक्षों के तीन निजी पाठनों की औसत होगी तथा कोई भी दो निजी पाठनों में 0.30 इंच (0.80 सैंमी०) से अधिक अन्तर नहीं होगा।

लान टेनिस (Lawn Tennis) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न
लान टैनिस कैसे शुरू होती है ?
उत्तर-
खिलाड़ी (Player)-खिलाड़ी जाल की विरोधी साइडों पर खड़ें होंगे। वह खिलाड़ी जो पहले गेंद देता है और सर्वर (Server) कहा जाएगा तथा दूसरे को रिसीवर (Receiver) । साइडों का चुनाव तथा सर्वर या रिसीवर बनने के चुनाव का फैसला टॉस (Toss) से किया जाता है। टॉस जीतने वाला खिलाड़ी साइड का चुनाव करता है या अपने विरोधी को ऐसा करने के लिए कह सकता है। यदि एक खिलाड़ी साइड चुनता है तो दूसरा खिलाड़ी सर्वर या रिसीवर बनने का अधिकार चुनता है।

सर्विस (Service)-सर्विस निम्नलिखित ढंग से की जाएगी। सर्विस आरम्भ करने से पहले सर्वर दोनों पांव पीछे की ओर टिका कर खड़ा होगा, (बेस लाइन से जाल से दूर)। यह स्थान सैंटर मार्क तथा सैंटर लाइन की कल्पित सीध में होगा। फिर सर्वर हाथ से गेंद को वायु में किसी भी दिशा में उछालेगा। इसके ज़मीन पर गिरने से पहले रैकेट से मारेगा तथा गेंद या रैकेट से डिलीवरी पूरी मानी जाएगी। खिलाड़ी अपने एक बाजू से रैकेट को बचाव के लिए प्रयोग कर सकते हैं।
सर्वर सर्विस होने, डिलीवरी होने तक—

  1. चल कर या दौड़ कर अपनी पोजीशन नहीं बदलेगा।
  2. अपने पांव से कोई क्षेत्र नहीं स्पर्श करेगा सिवाए उस क्षेत्र के जो बेस लाइन के पीछे सैंटर मार्क तथा साइड लाइन की कल्पित वृद्धि की सीध में हो।
  3. सर्विस देने के बाद सर्वर बारी-बारी दायें तथा बायें कीर्डों में खड़ा होगा तथा शुरू वह दाईं ओर से करेगा। यदि कोर्ट के गलत अर्द्ध में से सर्विस होती है तथा इसका पता नहीं चलता तो इस गलत सर्विस या सर्विस से हुई कमी के कारण खेल कायम रहेगी परन्तु पता चलने पर स्थिति की गलती को ठीक करना होगा।
  4. सर्विस किया गया गेंद जाल को पार करके सर्विस कोर्ट में रिसीवर के रिटर्न करने से पहले भूमि के साथ टकराना चाहिए जोकि नगनल रूप में सामने होता है या कोर्ट की किसी अन्य लाइन के साथ टकराये।

प्रश्न
लान टेनिस के कोई पांच नियम लिखें।
उत्तर-
साधारण नियम
(General Rules)

  1. सर्वर तब तक सर्विस नहीं करेगा जब तक कि रिसीवर तैयार न हो। यदि रिसीवर सर्विस रिटर्न करने की कोशिश करता है तो तैयार समझा जाएगा।
  2. सर्विस लेट होती है—
    • यदि सर्विस किया गया गेंद, जाल, स्ट्रैप या बैंड को स्पर्श करता है तथा उस प्रकार ही ठीक या जाल, स्ट्रैप या बैंड को स्पर्श करके रिसीवर को या जो वस्तु उसने पहनी या उठाई हुई है स्पर्श करता है।
    • यदि एक सर्विस या फाल्ट डिलीवर हो जबकि रिसीवर तैयार न हो।
  3. पहली गेम के बाद रिसीवर सर्वर तथा सर्वर रिसीवर बनेगा। मैच की बाकी गेमों से इस प्रकार बदल-बदल कर होगा।
  4. सर्वर प्वाइंट जीत लेता है-यदि सर्विस क्रिया गेम नियम 2 के अनुसार लेट नहीं तथा यह ज़मीन को लगने से पहले रिसीवर को या उस द्वारा पहनी या उठाई हुई किसी चीज़ को स्पर्श कर ले।
  5. यदि खिलाड़ी जान-बूझकर या अनिच्छापूर्वक कोई ऐसा काम करता है जो अम्पायर की नज़र में उसके विरोधी खिलाड़ी को शॉट लगाने में रुकावट पहुंचाता है तो अम्पायर पहली दशा में विरोधी खिलाड़ी को एक प्वाइंट दे देगा तथा इसकी दशा में उस प्वाइंट को पुनः खेलने के लिए कहेगा।
  6. यदि खेल में गेंद किसी स्थायी कोर्ट फिटिंग (जाल, खम्भे, सिगनल्ज़, धागे या धातु की तार, स्ट्रैप या बैंड) को छोड़ कर ज़मीन से स्पर्श करती है तथा खिलाड़ी जिसने प्रहार किया होता है, प्वाइंट जीत लेता है। यदि यह पहले ज़मीन को स्पर्श करती है तो विरोधी प्वाइंट जीत लेता है।
  7. यदि एक खिलाड़ी अपना पहला प्वाइंट जीत लेता है तो उस खिलाड़ी के दूसरे प्वाइंट जीतने पर स्कोर 15 होगा तीसरा प्वाइंट जीतने पर स्कोर 30 होगा तथा चौथा प्वाइंट जीतने पर उसका स्कोर 40 होगा। चौथा प्वाइंट प्राप्त करने पर गेम स्कोर हो जाती है।।
    • यदि दोनों खिलाड़ी अगला प्वाइंट जीत लें तो स्कोर ड्यूस (Deuce) कहलाता है तथा अगला प्वाइंट खिलाड़ी द्वारा स्कोर करने से उस खिलाड़ी के लिए लाभ स्कोर कहलाता है।
    • यदि वह खिलाड़ी अगला प्वाइंट जीत ले तो गेम जीत लेता है। यदि अगला प्वाइंट विरोधी जीते तो स्कोर फिर ड्यूस कहलाता है तथा आगे इस तरह जब तक खिलाड़ी ड्यूस स्कोर होने के बाद दो प्वाइंट नहीं जीत लेता।
  8. प्रत्येक खिलाड़ी जो पहली छः गेम जीत लेता है वह ठीक सैट जीत लेता है, सिवाए इसके कि वह अपने विरोधी से दो गेमें अधिक जीता है। जब तक यह सीमा प्राप्त नहीं होती, सैट की अवधि बढ़ा दी जाएगी।
  9. खिलाड़ी प्रत्येक सैट की बदलती गेम तथा पहली और तीसरी गेमों के बाद सिरे बदल लेंगे। वे प्रत्येक सैट के अन्त में भी सिरे बदलेंगे। बशर्ते सैट में गेमों की संख्या सम नहीं होती। उस दशा में अगले सैट की पहली गेम के अन्तर में फिर सिरे बदले जाएंगे।
  10. एक मैच में सैटों की अधिक-से-अधिक संख्या पुरुषों के 5 तथा स्त्रियों के लिए 3 होती है।
  11. यदि खेल स्थगित कर दी जाए तथा दूसरे किसी दिन शुरू न होनी हो तो तीसरे सैट के पश्चात् (जब स्त्रियां भाग लेती हों तो दूसरे सैट के बाद) विश्राम किया जा सकता है। यदि खेल किसी अन्य दिन के लिए स्थगित कर दी गई हो तो अधूरा सैट पूरा करना एक सैट गिना जाएगा। इन व्यवस्थाओं की पूरी व्याख्या की जानी चाहिए तथा खेल को कभी भी स्थगित, लेट या रुकावट युक्त नहीं होने देना चाहिए जिससे एक खिलाड़ी को अपनी शक्ति पूरा करने का अवसर मिले।
  12. अम्पायर ऐसे स्थगनों या अन्य विघ्नों का एकमात्र जज होगा तथा दोषी को चेतावनी देकर उसे अयोग्य घोषित कर सकता है।
  13. सिरे बदलने के लिए पहली गेम समाप्त होने के पश्चात् उस समय तक अधिकसे-अधिक 1 मिनट का समय लगना चाहिए जबकि खिलाड़ी अगली गेम खेलने के लिए तैयार हो जाएं।

लान टेनिस (Lawn Tennis) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न
लान टेनिस के कौशल लिखें।
उत्तर-
लान टेनिस के मुख्य कौशल
(Basic Fundamentals of Lawn Tennis)

  1. रैकट को पकड़ना (Grip of the Racket)
  2. स्टांस (Stance)
  3. फुट वर्क (Foot work)
  4. फुट वर्क ऑन गार्ड स्टांस (Foot work on guard stance)
  5. पिवट (Pivot)
  6. फोरहँड रिटर्न तथा फुट वर्क (Work for Forehead Return)
  7. बैक कोर्ट रिटर्न तथा फुटवर्क (Foot work for a Back court Returm)
  8. सर्विस (Service)
  9. स्ट्रोक (Stroke)
    • फोरहैड स्ट्रोक (Forehead Strokes),
    • बैक हैड स्ट्रोक (Back Head Strokes),
    • ओवर हैड स्ट्रोक (Overhead Stroke),
    • नैट स्ट्रोक (Net Stroke)।

स्कोर (Scoring) – यदि एक खिलाड़ी प्वाइंट ले लेता है तो उसका स्कोर 15 हो जाता है। दूसरा प्वाइंट जीतने से 30 और तीसरा जीतने से 40 हो जाता है इस प्रकार जिस खिलाड़ी ने 40 स्कोर कर लिया हो वह अपने सैट की गेम जीत लेता है।

लान टेनिस (Lawn Tennis) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न
लान टेनिस में डबल गेम में कोर्ट का साइज लिखें।
उत्तर-
डबल्ज़ खेल
(Doubles Game)
कोर्ट (The Court)-डबल्ज़ गेम के लिए कोर्ट 36 फुट (10.97 मी०) चौड़ा होना चाहिए अर्थात् सिंगल्ज़ गेम से हर ओर \(4 \frac{1}{2}\) फुट (1.49 मी०) अधिक चौड़ा होना चाहिए। जो भाग सिंगल्ज़ लाइनों तथा दो सर्विस लाइनों के मध्य में होते हैं उन्हें साइड लाइन कहते हैं। दूसरी बातों में यह कोर्ट सिंगल्ज गेम के कोर्ट के साथ मिलता है। परन्तु यदि चाहो तथा सिंगल्ज़ साइड लाइनों के बेस तथा सर्विस लाइनों के भागों को छोड़ा जा सकता है।
साधारण नियम
(General Rules)

  1. प्रत्येक सैट के शुरू होने पर सर्विस के क्रम का फैसला निम्नलिखित अनुसार किया जाता है
    • जिस जोड़े ने पहले सैट में सर्विस करनी होती है वह फैसला करता है कि कौन-सा पार्टनर सर्विस करेगा तथा दूसरे सैट में विरोधी जोड़ा इस बात के लिए फैसला करेगा।
    • उस खिलाड़ी का पार्टनर जिसने दूसरे गेम में सर्विस की है वह तीसरी गेम में सर्विस करेगा। खिलाड़ी का पार्टनर जिसने दूसरी गेम में सर्विस की है वह चौथी गेम में सर्विस करेगा तथा इस प्रकार सैट के शेष अंकों में होगा।
  2. रिटर्न सर्विस प्राप्त करने का क्रम प्रत्येक सैट के शुरू में निम्नलिखित के अनुसार निश्चित होगा
    • जिस जोड़े ने पहले गेम में सर्विस प्राप्त करनी होती है वह इस बात का निश्चय करेगा कि कौन-सा पार्टनर सर्विस प्राप्त करे तथा वह पार्टनर सारे सैट में प्रत्येक विषय गेम में सर्विस प्रगत करेगा।
    • इसी प्रकार विरोधी जोड़ा यह निश्चय करेगा कि दूसरी गेम में कौन-सा पार्टनर सर्विस प्राप्त करेगा तथा वह पार्टनर उस सैट की प्रत्येक सम गेम में सर्विस प्राप्त करेगा। पार्टनर बारी-बारी हर गेम में सर्विस प्राप्त करेगा।
  3. यदि कोई पार्टनर अपनी बारी के बिना सर्विस वह पार्टनर जिसे सर्विस करनी चाहिए थी स्वयं सर्विस करेगा जबकि गलती का पता लग जाए। परन्तु इसका पता लगाने से पहले स्कोर किए गए सारे प्वाइंट तथा शेष गिने जाएंगे। यदि ऐसा पता लगने से पहले गेम समाप्त हो जाए तो सर्विस का क्रम बदलता रहता है।
  4. यदि गेम के दौरान सर्विस करने का क्रम रिसीवर द्वारा बदला जाता है, यह उस गेम की समाप्ति तक ऐसा रहता है जिस में इसका पता चलता है परन्तु पार्टनर सैट की अगली गेम में अपने वास्तविक क्रम को दोबारा शुरू करेंगे जिससे वह सर्विस के रिसीवर है।
  5. गेंद बारी-बारी विरोधी जोड़े के एक या दूसरे खिलाड़ी द्वारा खेला जाना चाहिए। यदि खिलाड़ी खेल में गेंद को अपने रैकट के साथ ऊपर दिए गए नियम के विरुद्ध स्पर्श करता है तो उसका विरोधी प्वाईंट जीत लेता है।

लान टैनिस खेल के अर्जुन अवार्ड विजेता
(Arjuna Awardee)

  1. आनन्द अमृतराज,
  2. विजय अमृतराज,
  3. राम नाथन कृष्णन,
  4. रमेश कृष्णन,
  5. लैंडर पेस,
  6. जैदीप,
  7. नरेश कुमार,
  8. महेश भूपति।