PSEB 9th Class Physical Education Solutions Chapter 5 1947 के पश्चात् पंजाब में खेलों की प्रगति

Punjab State Board PSEB 9th Class Physical Education Book Solutions Chapter 5 1947 के पश्चात् पंजाब में खेलों की प्रगति Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Physical Education Chapter 5 1947 के पश्चात् पंजाब में खेलों की प्रगति

PSEB 9th Class Physical Education Guide 1947 के पश्चात् पंजाब में खेलों की प्रगति Textbook Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या देश के विभाजन ने पंजाब में खेलों के विकास को प्रभावित किया था ?
उत्तर-
हां, किया था।

प्रश्न 2.
पंजाब में ओलिम्पिक एसोसिएशन की पुनः स्थापना कब हुई ?
उत्तर-
1948 में।

प्रश्न 3.
किन्हीं दो संस्थाओं के नाम लिखो जिन का खेलों की प्रगति में योगदान हो।
उत्तर-

  1. पंजाब पुलिस
  2. सीमा सुरक्षा बल।

प्रश्न 4.
क्या पंचायती राज खेल परिषद् लड़कियों के फुटबाल मुकाबले करवाती है अथवा नहीं ?
उत्तर-
नहीं करवाती।

प्रश्न 5.
रस्सा-कशी (Tug of War) के मुकाबले दोनों लड़के और लड़कियों के लिए करवाए जाते हैं। सही अथवा ग़लत ।
उत्तर-
सही।

प्रश्न 6.
क्या लीडर इंजीनियरिंग वर्क्स, जालन्धर खेलों की प्रगति में योगदान दे रहा है अथवा नहीं ?
उत्तर-
नहीं।

प्रश्न 7.
पंजाब शिक्षा विभाग स्कूलों में खेलों की प्रगति की कौन देखभाल करता है ?
उत्तर-
डी० पी० आई० स्कूल्ज़।

प्रश्न 8.
पंजाब शिक्षा विभाग कॉलिजों में खेलों की देखभाल कौन करता है ?
उत्तर-
डी० पी० आई० कॉलिजिज़।

प्रश्न 9.
क्या पंजाब स्पोर्ट्स विभाग का खेलों में योगदान है ?
उत्तर-
हां, पंजाब स्पोर्ट्स विभाग का योगदान है।

प्रश्न 10.
लड़कियों के लिए पंचायती राजखेल परिषद् कौन-कौन सी प्रतियोगिताएं करवाती है ?
उत्तर-

  • कबड्डी
  • हॉकी
  • खो-खो
  • रस्सा-कशी।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
देश के विभाजन ने पंजाब में किस प्रकार खेलों के विकास को प्रभावित किया ?
(Describe the effects of Partition of India on the sports development of Punjab.)
उत्तर-
15 अगस्त, 1947 को भारत अंग्रेजों से मुक्त हुआ। परन्तु इसके साथ ही देश का भारत तथा पाकिस्तान नामक दो देशों में विभाजन हो गया। इस विभाजन ने पंजाब की खेलों के विकास पर गहरी चोट मारी। खेलों के अच्छे-अच्छे मैदान तथा खेलों का सामान बनाने वाला नगर स्यालकोट पाकिस्तान में चला गया। खेल एसोसिएशनें टूट गईं। इस प्रकार पंजाब खेलों के क्षेत्र में शरणार्थी बन गया।

प्रश्न 2.
पंजाब में ओलम्पिक एसोसिएशन की पुनः स्थापना किस प्रकार हुई ? (How did the Punjab Olympic Association come into existence ?)
उत्तर-
भारत के विभाजन रूपी तूफान ने पंजाब के खेलों के विकास को अपनी लपेट में ले लिया। इस तूफान के गुजर जाने के पश्चात् पंजाब के खेल प्रेमियों ने अपना होश सम्भाला। उन्होंने 1948 ई० में शिमला में एक सभा बुलाई। इसके साथ ही पंजाब ओलम्पिक एसोसिएशन की स्थापना हुई। इस संस्था के प्रधान श्री जी० डी० सोंधी नियुक्त हुए।

प्रश्न 3.
कौन-सी संस्थाओं ने खेलों की प्रगति में योगदान दिया है ?
(Name the various organisations which promotes sports in our state.)
उत्तर-
निम्नलिखित संस्थाओं ने खेलों की प्रगति में योगदान दिया है—

  • पंजाब पुलिस।
  • सीमा सुरक्षा बल।
  • लीडर इंजीनियरिंग वर्क्स, जालन्धर।
  • जगतजीत कॉटन एवं टैक्सटाइल्ज़ मिल्ज़ फगवाड़ा।
  • पंजाब राज्य बिजली बोर्ड।
  • पैप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन।

प्रश्न 4.
पंचायती राज खेल परिषद कौन-से खेल मकाबले करवाती है ?
(Mention the various sports competitions which are organized by the Panchayati Raj Khel Parishad.)
उत्तर-
पंचायती राज खेल परिषद निम्नलिखित खेल मुकाबले करवाती हैलड़कों के लिए –

  1. फुटबाल
  2. हॉकी
  3. कबड्डी
  4. वालीबाल
  5. रस्साकशी
  6. एथलेटिक्स
  7. भार उठाना
  8. कुश्ती
  9. जिम्नास्टिक।

लड़कियों के लिए –

  • कबड्डी
  • खो-खो
  • हॉकी आदि।

प्रश्न 5.
पंजाब के खेल विकास में पंजाब स्पोर्ट्स विभाग का क्या स्थान है ? पंजाब स्पोर्ट्स विभाग के योगदान पर प्रकाश डालो।
(The Punjab Sports Department has a special place in the promotion of Games and Sports. Do you agree with the statement ?)
अथवा
पंजाब स्पोर्ट्स विभाग के योगदान का वर्णन करें। (Discuss the contribution of Punjab Sports Department.)
उत्तर-
पंजाब खेल विभाग (Punjab Sports Department) पंजाब सरकार ने . प्रान्त में खेलों की प्रगति के लिए 1961 में पंजाब खेल विभाग की स्थापना की। इस विभाग ने प्रान्त के प्रत्येक जिले में जिला स्पोर्ट्स विभाग खोला है। इसके प्रबन्ध का उत्तरदायित्व जिला स्पोर्ट्स अधिकारी को सौंपा गया है। प्रत्येक जिले को तहसील तथा तहसील को आगे उप-केन्द्रों (Sub-centres) में बांटा गया है। इन उप-केन्द्रों में विभिन्न खेलों के विकास के लिए तथा प्रशिक्षण के लिए कुशल कोचों की व्यवस्था की गई है।

खिलाड़ियों की सुविधा के लिए विभिन्न स्थानों पर स्पोर्ट्स होस्टल खोले गए हैं। इन होस्टलों में रहने वाले विद्याथियों के लिए सामान, फ़ीस तथा खान-पान का प्रबन्ध स्पोटर्स विभाग द्वारा किया जाता है। अच्छे खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिए और उनको उत्तम खेल के लिए प्रेरित करने के लिए वार्षिक वज़ीफे दिए जाते हैं। इतना ही नहीं पंजाब स्पोटर्स विभाग प्रति वर्ष राज्य स्तर पर सभी खेलों के मुकाबले का आयोजन करता है। ये मुकाबले ‘मैन स्पोर्टस फैस्टीक्ल’ तथा ‘विमैन स्पोर्ट्स फैस्टीवल’ के नाम से जाने जाते हैं। विभाग अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उच्च स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को सम्मान-पत्र तथा वजीफे देता है। यह विभाग प्रति वर्ष अमृतसर में महाराजा रणजीत सिंह हॉकी टूर्नामैंट का आयोजन करता है। पंजाब स्पोर्ट्स विभाग पेशावर कॉलेजों (Professional Colleges) में विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित सीटों के लिए ग्रेडेशन करता है।

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
1947 के पश्चात् पंजाब में खेलों की प्रगति के विषय में विवरण दो। (Describe the development of sports in Punjab since 1947.)
उत्तर-
15 अगस्त, 1947 को भारत आजाद हुआ। अंग्रेज़ लगभग 200 साल तक शासन करने के पश्चात् भारत छोड़ कर तो चले गए परन्तु जाते-जाते इसका विभाजन कर पाकिस्तान का निर्माण भी कर गए। इस विभाजन ने पंजाब की खेलों को बुरी तरह आघात पहुंचाया। खेलों के अच्छे-अच्छे मैदान पाकिस्तान में चले गए। पंजाब सरकार तथा लोगों की तरह पंजाब खेलों के क्षेत्र में बहुत ही पिछड़ गया। पंजाब अच्छे क्रीड़ा-क्षेत्रों से वंचित हो गया। खेलों के सामान का उत्पादन करने वाला शहर स्यालकोट (Sialkot) भी पाकिस्तान में चला गया। खेल एसोसिएशनें टूट गईं। संक्षेप में विभाजन रूपी तूफान से सम्पूर्ण वातावरण ही इस प्रकार का बन गया कि पंजाब में खेलों की स्थिति, अत्यन्त शोचनीय हो गई।

विभाजन रूपी तूफान के गुज़र जाने के बाद पंजाब के क्रीडा-प्रेमियों ने होश सम्भाला और उन्होंने पंजाब में खेलों का जीवन दान देने का निश्चय किया। परिणामतः 1948 में उन्होंने शिमला (Shimla) में एक सभा का आयोजन किया और इसी वर्ष पंजाब ओलम्पिक एसोसिएशन (Punjab Olympic Association) की पुनर्स्थापना हुई। इस संस्था के प्रथम प्रधान श्री जी० डी० सोंधी (G. D. Sondhi) तथा सचिव श्री एफ० सी० अरोड़ा (E.C. Arora) चुने गए। जल्द ही इस संस्था ने अपना कार्य शुरू कर दिया। 1948 और 1951 में हॉकी तथा वालीबाल एसोशिएशनें अस्तित्व में आईं। तत्पश्चात् धीरे-धीरे बास्केटबाल, कबड्डी, बॉक्सिग, साइकलिंग एसोसिएशनें स्थापित हुईं। विभिन्न प्रान्तों की एसोसिएशनों की स्थापना के बाद खेलों के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए पहले जिला स्तर और फिर प्रान्तीय स्तर पर मुकाबलों का आयोजन किया गया।

1948 ई० के पश्चात् पंजाब हॉकी और वालीबाल एसोसिएशन ने पाकिस्तान और अन्य देशों से टीमों को मुकाबलों के लिए आमन्त्रित किया। इसके अतिरिक्त खेलों के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए अखिल भारतीय स्तर (All India Level) पर टूर्नामैंटों का आयोजन किया गया। इनमें से महाराजा रणजीत सिंह टूर्नामैंट, अमृतसर, मेजर भूपेन्दर सिंह टूर्नामेंट लुधियाना, शहीद करनैल सिंह मैमोरियल टूर्नामैंट, के नाम उल्लेखनीय हैं। 1957 में पंजाब में प्रथम बार राज्य स्तर पर ओलम्पिक एसोसिएशन ने खेल मुकाबलों का आयोजन किया।

पंजाब सरकार ने भी राज्यों में खेलों के स्तर को उन्नत करने के लिए विशेष रुचि ली है। यह राज्य की यूनिवर्सिटियों को खेल का मैदान, जिमनेज़ियम, स्विमिंग-पूल आदि के निर्माण के लिए आर्थिक सहायता देती है। पंजाब में खेलों के विकास के लिए पंजाब पुलिस, बी० एस० एफ०, लीडर इंजीनीयरिंग वर्क्स जालन्धर, जगतजीत कॉटन एण्ड टैक्सटाइल्ज़ मिल्ज़, फगवाड़ा आदि ने विशेष योगदान दिया है। इनकी टीमों ने भारतीय ड्यूरांड कप दिल्ली, मुम्बई स्वर्ण कप, मुम्बई नेहरू हॉकी प्रतियोगिता, दिल्ली जैसे महत्त्वपूर्ण टूर्नामैंटों में शानदार सफलता प्राप्त की।

पंजाब सरकार ने खेलों के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए तथा अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए गवर्नमैंट कॉलेज ऑफ़ फ़िजीकल एजूकेशन की स्थापना पटियाला में की है। इतनी ही नहीं पंजाब सरकार ने शारीरिक शिक्षा के विषय को अन्य विषयों की भान्ति अनिवार्य घोषित कर दिया है। इस प्रकार पंजाब सरकार की खेलों में विशेष रुचि लेने के कारण पंजाब खेलों के क्षेत्र में आश्चर्यजनक प्रगति कर रहा है। पंजाब ने देश को ऐसे सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी एवं महान् प्रबन्धक प्रदान किये हैं जिन्होंने अपने सर्वोत्तम खेल से पंजाब के ही नहीं बल्कि भारत के नाम को चार चांद लगा दिए हैं।

प्रश्न 2.
पंजाब शिक्षा विभाग ने खेलों की प्रगति में क्या योगदान दिया है ?
(Describe the contribution of the Punjab Education Department in the promotion of sports.)
उत्तर-
पंजाब शिक्षा विभाग ने खेलों की प्रगति में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। इसका संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है –

  • पंजाब सरकार ने खेलों को उन्नत करने के लिए डी० पी० आई० (स्कूल्ज़) तथा डी० पी० आई० (कॉलेजों) की निगरानी में एक विशेष विभाग की स्थापना की है। यह विभाग स्कूलों तथा कॉलेजों में खेलों का स्तर उन्नत करने के लिए पूरा प्रयत्न कर रहा है।
  • खेलों के विकास के लिए पंजाब शिक्षा विभाग ने 1961 में जालन्धर में स्टेट स्कूल ऑफ़ स्पोर्ट्स तथा स्टेट कॉलेज ऑफ़ स्पोर्ट्स स्थापित किए हैं। इन संस्थाओं में प्रसिद्ध खिलाड़ी प्रवेश पा कर पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। इन संस्थाओं में विद्या प्राप्त करने वाले लड़कों तथा लड़कियों के लिए भोजन, निवास तथा फ़ीस आदि का प्रबन्ध पंजाब शिक्षा विभाग करता है।
  • पंजाब शिक्षा विभाग ने प्रत्येक जिले में खेलों की देखभाल का उत्तरदायित्व जिला शिक्षा अधिकारियों को सौंप रखा है। प्रत्येक जिले में जोन (Zone) तथा ज़िले (District) स्तर पर मुकाबलों का प्रबन्ध किया जाता है। शिक्षा विभाग कुछ मुकाबले ग्रीष्म ऋतु में और कुछ मुकाबले सर्दी की ऋतु में करवाता है।
  • पंजाब शिक्षा विभाग ने खेलों के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए विभिन्न आयु के बच्चों के लिए खेल मुकाबलों का आयोजन किया है। अब प्राइमरी, मिनी तथा जूनियर स्तर पर मुकाबले करवाए जाते हैं।
  • शिक्षा विभाग ने पटियाला, जालन्धर तथा फिरोज़पुर में सर्विस ट्रेनिंग सैंटर खोले हैं। यहां शारीरिक शिक्षा तथा खेलों में आई नवीन प्रवृत्तियों की जानकारी प्रदान की जाती है।
  • पंजाब शिक्षा विभाग ने अन्य विषयों की भान्ति शारीरिक शिक्षा को स्कूलों तथा कॉलेजों में लागू किया है।
  • शिक्षा विभाग प्रति वर्ष गर्मी की छुट्टियों में उभरते हुए नवयुवक खिलाड़ियों को उच्च स्तर के प्रशिक्षण के लिए प्रबन्ध करता है।
  • शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों तथा कालेजों को खेलों में उच्च-स्तर से प्रशिक्षण के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। इससे खेल के मैदान बनाए जाते हैं और खेल का सामान खरीदा जाता है।
  • पंजाब शिक्षा विभाग राष्ट्रीय शारीरिक योग्यता लहर के लिए मुकाबलों का आयोजन करता है।
  • इस विभाग ने राज्य के विभिन्न कॉलेजों, इंजीनियरिंग तथा मैडकिल कॉलेजों के श्रेष्ठ खिलाड़ियों के लिए स्थान सुरक्षित रखे हैं। इससे उच्च-स्तर के खिलाड़ियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलता है।
    इस प्रकार पंजाब शिक्षा विभाग खेलों की प्रगति के लिए विशेष भूमिका निभा रहा है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित का खेल प्रगति में योगदान पर नोट लिखो
(क) पंजाब राज्य के विश्वविद्यालय
(ख) पंजाब स्टेट स्पोर्ट्स कौंसिल
(ग) पंचायती राज्य खेल परिषद्
(घ) पंजाब ओलिम्पक एसोसिएशन
(ङ) पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड।
[Write the contribution of the following in the field of sports (A) The Universities of Punjab State (B) The Punjab State Council of Sports (C) The Panchayati Raj Khel Parishad (D) The Punjab Olympic Association (E) The Punjab School Education Board.]
उत्तर-
(क)पंजाब राज्य के विश्वविद्यालय
(Punjab State Universities) जब भारत का विभाजन हुआ तब पंजाब में एक ही विश्वविद्यालय पंजाब विश्वविद्यालय लाहौर में था। 1947 के विभाजन के पश्चात् विश्वविद्यालय पहले सोलन (हिमाचल प्रदेश) और बाद में यह विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में स्थापित हो गया। इस समय पंजाब में चार विश्वविद्यालय हैं- पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़; पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला; पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना तथा गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर। इनमें से पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के साथ केवल कृषि के ही कॉलेज हैं, जबकि पंजाब के अन्य कॉलेज बाकी के तीन विश्वविद्यालयों के साथ संलग्न हैं।

सभी विश्वविद्यालयों में खेलों के लिए एक डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। डायरेक्टर विश्वविद्यालय के साथ संलग्न कॉलेजों में खेल मुकाबलों का आयोजन करता है। इसके पश्चात् वह अन्तर-विश्वविद्यालय मुकाबलों के लिए अच्छी प्रकार से प्रशिक्षित लड़कों और लडकियों की टीमें भेजता है। प्रत्येक विश्वविद्यालय में खेलों के प्रबन्धकीय विभाग बनाए गए हैं। इनका काम विश्वविद्यालय में खेल के मैदान खेल के सामान तथा खेल के मुकाबलों की व्यवस्था करना है। कृषि विश्वविद्यालय को छोड़कर अन्य विश्वविद्यालयों में बाकी विषयों की भान्ति शारीरिक शिक्षा का विषय पढ़ाया जाता है और इस विषय में परीक्षाएं भी ली जाती हैं। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय के हर विभाग में अच्छे खिलाड़ियों के लिए सीटें सुरिक्षत रखी जाती हैं। इससे खिलाड़ियों को भी उच्च शिक्षा प्राप्त करके इंजीनियर, डॉक्टर तथा वैज्ञानिक बनने का अवसर मिलता है।

सभी विश्वविद्यालयों में खेलों की प्रगति के लिए खेल के मैदानों, स्विमिंग पूलों, स्टेडियमों, जिमनेज़ियमों की व्यवस्था की गई है। पंजाब विश्वविद्यालय तथा गुरु नानक देव विश्वविद्यालय में विशेष विभाग खोले गए हैं जहां शारीरिक शिक्षा के अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाता है। संक्षेप में, हम कह सकते हैं कि विश्वविद्यालय विभिन्न क्षेत्रो में श्रेष्ठ खिलाड़ी पैदा करने में प्रशंसनीय भूमिका निभा रहे हैं।

(ख) पंजाब स्टेट स्पोर्ट्स कौंसिल (Punjab State Sports Council)-
पंजाब सरकार ने 1961 में खेलों की प्रगति के लिए संस्था की स्थापना की जिसे पंजाब स्टेट स्पोर्ट्स कौंसिल का नाम दिया गया। इस कौंसिल का प्रमुख काम प्रान्त के युवकों और युवितयों में खेल भावना का संचार करना है। राज्य में बढ़िया खेल का सामान, जिमनेज़ियम, स्टेडियम, स्विमिंग पूल आदि बनाने का उत्तरदायित्व इस संस्था के ज़िम्मे है। इस काम के लिए पंजाब सरकार तथा भारत सरकार हर साल वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

पंजाब स्टेट स्पोर्ट्स कौंसिल ने प्रत्येक जिले में जिला स्पोर्ट्स कौंसिल (District Sports Council) स्थापित की है। यह कौंसिल ज़िले के डिप्टी कमिश्नर के अधीन काम करती है। इसके सचिव के रूप में जिला स्पोर्ट्स अधिकारी काम करता है। पंजाब स्टेट स्पोर्ट्स कौंसिल का अध्यक्ष राज्य का मुख्यमन्त्री होता है तथा राज्य का डायरेक्टर स्पोर्ट्स इसका सचिव होता है। यह कौंसिल खेलों की प्रगति के लिए विशेष प्रयत्न करती है।

यह कौंसिल प्रसिद्ध खिलाड़ियों को, जिन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त की हो, ‘महाराजा रणजीत सिंह एवार्ड’ से सम्मानित करती है। यह पुराने और रिटायर्ड वृद्ध खिलाड़ियों को जिन्होंने राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में भाग लिया है, पेन्शनें देती है। यह कौंसिल राष्ट्रीय मुकाबलों में भाग लेने वाली टीमों का सारा खर्च सहन करती है। इसके अतिरिक्त यह कौंसिल अन्तर्राष्ट्रीय मुकाबलों में भाग लेने वाले पंजाबी खिलाडियों को विदेशों में जाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की है।

(ग) पंचायती राज खेल परिषद् (Panchayati Raj Sports Council) –
पंजाब सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों की प्रगति के लिए 1967 में पंचायती राज खेल परिषद् की स्थापना की। इस परिषद् ने ग्रामीण नवयुवकों में खेल भावना तथा खेल मुकाबलों में रुचि तथा भ्रातृत्व के गुणों का संचार करने के विशेष प्रयत्न किए। इस परिषद् ने सभी जिलों में पंचायत समितियों की स्थापना की है जो अपने जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबलों का आयोजन करती है। प्रत्येक पंचायत समिति इन मुकाबलों के लिए 250 रु० ज़िला समितियों को देती है। पंचायती राज खेल परिषद् लड़कों के लिए फुटबाल, हॉकी, कबड्डी, वालीबाल, रस्साकशी, एथ्लैटिक्स, भार उठाने, जिमनास्टिक तथा लड़कियों के लिए कबड्डी, खो-खो, हॉकी आदि खेलों के मुकाबलों का आयोजन करती है।

(घ) पंजाब ओलम्पिक एसोसिएशन (Punjab Olympic Association) –
पंजाब ओलम्पिक एसोसिएशन की स्थापना देश के विभाजन से पूर्व 1942 में श्री जी० डी० सोंधी के प्रयत्नों के फलस्लरूप हुई थी। परन्तु 1947 में देश के विभाजन के साथ ही इस संस्था का अस्तित्व मिट गया। 1948 में श्री जी० डी० सोंधी के यत्नों से पंजाब के खेल प्रेमियों की शिमला में एक सभा हुई जिसके फलस्वरूप पंजाब ओलम्पिक एसोसिएशन का पुनर्गठन हुआ। पंजाब की सभी खेल एसोसिएशनें भी इस संस्था की सदस्य बनीं।

इस संस्था का मुख्य काम न केवल विभिन्न खेल एसोसिएशनों के कार्य की देखरेख करना है, बल्कि इसके वित्तीय व्यय पर भी नज़र रखना है। यह समय-समय पर प्रान्तीय एसोसिएशनों को खेल की प्रगति के लिए सुझाव देती है और उनके परस्पर विवादों का निपटारा करती है। यह वर्ष में एक बार ओलम्पिक दिवस मनाती है और ओलिम्पिक लहर के विषय में जानकारी प्रदान करती है।

ओलम्पिक नियमों का पालन करवाना तथा खेल मुकाबलों में पेशेवर खिलाडियों (Professional Players) को भाग लेने से रोकना इस संस्था की ज़िम्मेवारी है। इसके अतिरिक्त यह संस्था साल में एक बार प्रान्तीय स्तर पर खेल मुकाबलों का आयोजन करती है।

(ङ) पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड – (Punjab School Education Board) –
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की स्थापना पंजाब विश्वविद्यालय की परीक्षाओं के अधिक बोझ को कम करने के लिए, परीक्षाओं को अच्छी तरह से आयोजित करने तथा शीघ्र परिणाम निकालने के लिए की गई। इस बोर्ड का काम स्कूलों की विभिन्न श्रेणियों के लिए पाठ्यक्रम तथा पुस्तकें तैयार करना है।

पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने एक प्रशंसनीय काम किया है। वह यह कि अन्य विषयों की भान्ति शारीरिक शिक्षा को भी विद्यार्थियों को पढ़ाने का विषय बनाया और इस विषय पर परीक्षाएं भी ली जाती हैं। पंजाब शिक्षा बोर्ड हॉकी की खेल को विशेष रूप से उन्नत करने के लिए मुकाबलों का आयोजन करता है। यह प्राइमरी स्तर पर खेलों की प्रगति के लिए ब्लॉक स्तर पर स्कूल के बच्चों के लिए खेल मुकाबले आयोजित करता है।

1947 के पश्चात् पंजाब में खेलों की प्रगति PSEB 9th Class Physical Education Notes

  • देश के विभाजन का खेलों पर प्रभाव-पंजाब का 1947 में विभाजन हुआ। जिसका खेलों पर बहुत प्रभाव पड़ा क्योंकि इससे खेलों के बहुत-से मैदान पाकिस्तान में चले गए।
  • पंजाब में ओलम्पिक एसोसिएशन की स्थापना-इस एसोसिएशन की स्थापना 1948 में हुई जिसके प्रथम प्रधान जी० डी० सौन्धी और सैक्रेटरी प्रो० एफ० सी० अरोड़ा बने।
  • संस्थाओं का खेलों की प्रगति में योगदान-पंजाब पुलिस विभाग, सीमा सुरक्षा बल, पंजाब राज्य बिजली बोर्ड आदि संस्थानों ने खेलों की प्रगति में योगदान दिया।
  • पंजाब खेल विभाग-1961 में पंजाब ने खेल विभाग की स्थापना की जिस द्वारा प्रत्येक जिले में जिला स्पोर्ट्स विभाग की स्थापना की गई और खिलाड़ियों के लिए स्पोर्ट्स होस्टल बनाए गए।
  • पंजाब राज्य की यूनिवर्सिटियां-पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़, पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी लुधियाना, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर हैं। जिनमें डायरेक्टर स्पोर्ट्स नियुक्त किए गए हैं, जो खेलों का संचालन करते हैं।
  • पंजाब स्टेट स्पोर्ट्स कौंसिल-यह कौंसिल 1971 में खेलों की प्रगति के लिए आरम्भ हुई, जिसका मुख्य कार्य पंजाब के युवकों और युवतियों में खेल भावना का संचार करना है।
  • पंचायती राज्य खेल परिषद्-पंजाब सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों की प्रगति के लिए 1967 में पंचायती राज खेल परिषद् की स्थापना की। जिसे अब पंजाब राज्य खेल विभाग में मिलाया गया है।
  • पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड-पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने दूसरे विषयों की तरह शारीरिक शिक्षा को विषय के रूप में अपनाया और ये खेलों का संगठन सभी पंजाब के स्कूलों में करता है।

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