PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Muhavare  मुहावरे Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 8th Class Hindi Grammar मुहावरे

मुहावरे :
जब कोई वाक्य या वाक्यांश अपने साधारण अर्थ को छोड़कर विलक्षण अर्थ प्रकट करे, उसे मुहावरा या वाग्धारा कहा जाता है।
वाक्य प्रयोग सहित मुहावरे

1. अपनी खिचड़ी अलग पकाना = सबसे अलग रहना,
प्रयोग – सबके साथ मिलकर रहना चाहिए, अपनी खिचड़ी अलग पकाने से कोई लाभ नहीं होता।

2. अन्धे की लकड़ी = एकमात्र सहारा,
प्रयोग – राकेश ही बुढ़ापे में मुझ अन्धे की लकड़ी है।

3. अन्धेरे घर का उजाला = इकलौता बेटा,
प्रयोग – रमन अन्धेरे घर का उजाला है, उसका ध्यान रखो।

4. अंग-अंग ढीला होना = थक जाना,
प्रयोग – दिन भर के परिश्रम से मजदूरों का अंग-अंग ढीला हो जाता है।

5. अन्तिम दीपक बुझना = आखिरी सहारा भी खत्म होना,
प्रयोग – पहले बड़े पुत्र की मौत हो गई और अब छोटे की, लाला राम नाथ का अन्तिम दीपक भी बुझ गया।

6. अँगूठा दिखाना = इन्कार कर देना,
प्रयोग – नेता लोग चुनाव के दिनों में बीसों वायदे करते हैं, परन्तु बाद में अँगूठा दिखा देते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

7. अंगुली उठाना = दोष लगाना, निन्दा करना,
प्रयोग – कर्त्तव्यपरायण व्यक्ति पर कोई अंगुली नहीं उठा सकता।

8. अंगारे उगलना = क्रोध में जली-कटी बातें कहना,
प्रयोग – रावण को जब अंगद ने खरी-खरी सुनाई तो वह भरी सभा में अंगारे उगलने लगा।

9. अपना उल्लू सीधा करना = स्वार्थ निकालना,
प्रयोग-आज हर कोई अपना उल्लू सीधा करना चाहता है।

10. अगर-मगर करना = टाल मटोल करना,
प्रयोग-कभी भी अगर-मगर नहीं करना चाहिए सदैव हाँ या नहीं में उत्तर देना ही उचित है।

11. अपना खून देना = कुर्बानी करना,
प्रयोग – आजादी के लिए अनेक देशभक्तों ने अपना खून दिया था।

12. आँख उठाना-बुरी नज़र से देखना,
प्रयोग – पाकिस्तान की क्या हिम्मत जो भारत की ओर आँख उठा सके।

13. आँख मूंदना = मर जाना,
प्रयोग – लम्बी बीमारी के बाद बिन्दा ने सदा के लिए आँख मूंद ली।

14. आँखें बिछाना = प्रेम से स्वागत करना,
प्रयोग – प्रधानमन्त्री के आगमन पर नगरवासियों ने आँखें बिछा दीं।

15. आँखें मलना = जागना,
प्रयोग – पिता के उठाने पर मनोहर आँखें मलता हुआ बाहर आया तो दिन चढ़ चुका था।

16. आकाश से बातें करना = बहुत ऊँचे होना,
प्रयोग – राजधानी दिल्ली के कई भवन आकाश से बातें करते दिखाई देते हैं।

17. आड़े हाथों लेना = खरी-खरी सुनाना,
प्रयोग – सोहन के लगातार बोलने पर मैंने उसे आड़े हाथों लिया।

18. आग बबूला होना = बहुत कुद्ध होना,
प्रयोग – अंगद की खरी-खोटी सुनकर रावण आग-बबूला हो गया।

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19. आँखों का तारा = बहुत प्यारा,
प्रयोग – सुनील तो अपनी माता-पिता की आँखों का तारा है।

20. आकाश-पाताल एक करना = बहुत प्रयत्न करना,
प्रयोग – चोर ने बचने के लिए आकाश-पाताल एक कर दिया लेकिन उसकी एक न चली।

21. आँखों में खून उतरना = बहुत गुस्सा आना-नौकर को अपने साथ जुबान लड़ाते देख सेठ जी की आँखों में खून उतर आया।

22. आग भड़क उठना = फैल जाना,
प्रयोग – छोटी-सी बात पर मुरादाबाद में साम्प्रदायिक दंगों की आग भड़क उठी।

23. आगे-पीछे घूमना = चापलूसी करना,
प्रयोग – आजकल बहुत से नेता मन्त्रियों के आगे-पीछे घूमते हैं।

24. आँखों में धूल झोंकना = धोखा देना,
प्रयोग – ठग राम की आँखों में धूल झोंक कर पाँच सौ रुपए ले गया।

25. आँखों में रात काटना = चिन्ता के कारण सो न सकना,
प्रयोग – कब तक आँखों में रात काटोगे ? यह मत भूलो कि हर रात के बाद सवेरा होता है।

26. आँखें भर आना = आँसू निकलना,
प्रयोग – भिखारी की दर्द भरी कहानी सुनकर मेरी आँखें भर आईं।

27. आँखें फेर लेना = बदल जाना, प्रतिकूल होना,
प्रयोग – अक्सर काम निकल जाने पर लोग आँखें फेर लेते हैं।

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28. आँखों में चर्बी छा जाना = बहुत घमण्ड होना,
प्रयोग – लाटरी निकलने पर हर किसी की आँखों में चर्बी छा जाती है।

29. आँधी की भाँति बढ़ना = बड़ी तेजी से आगे जाना,
प्रयोग – स्यालकोट क्षेत्र में भारतीय सेना, आँधी की भाँति आगे बढ़ गई थी।

30. इधर-उधर की हाँकना = व्यर्थ की गप्पें मारना,
प्रयोग – राम सदैव इधर-उधर की हाँकता रहता है।

31. ईद का चाँद होना = बहत दिनों के बाद दिखाई देना,
प्रयोग – अरे सुरेश ! तुम तो ईद के चाँद हो गए हो, कहाँ रहते हो ?

32. उत्साह मन्द पड़ जाना = हौसला ठण्डा पड़ना,
प्रयोग – परीक्षा में एक बार असफल रहने पर दिनेश का उत्साह मन्द पड़ गया।

33. उल्टी गंगा बहाना = उल्टी बातें करना,
प्रयोग – आजकल माता-पिता बच्चों से डरने लगे हैं, अब उल्टी गंगा बह रही है।

34. उड़ती चिड़िया पहचानना-चालाक होना, दूर की बात जान लेना,
प्रयोग – मोहन ने धूप में बाल सफ़ेद नहीं किए, वह उड़ती चिड़िया पहचानता है।

35. उन्नीस-बीस का अन्तर = बहुत कम अन्तर,
प्रयोग – मोहन तथा सोहन के कद में उन्नीस-बीस का अन्तर है।

36. एक न चलना = कोई युक्ति सफल न होना,
प्रयोग – रावण की श्री रामचन्द्र के आगे युद्ध में एक न चली।

37. एक आँख से देखना = बराबर का बर्ताव,
प्रयोग – माता-पिता अपने सभी बच्चों को एक आँख से देखते हैं।

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38. एड़ी चोटी का जोर लगाना = पूरा जोर लगाना।
प्रयोग – औरंगज़ेब ने शिवाजी को पकड़ने के लिए एडी चोटी का जोर लगा दिया, लेकिन सफल न हो सका।

39. कमर कसना = तैयार होना,
प्रयोग – आज देश की ग़रीबी दूर करने के लिए सबको कमर कसनी चाहिए।

40. काम आना = युद्ध में मारा जाना,
प्रयोग – कारगिल के युद्ध में अनेक भारतीय वीर काम आए।

41.कान में तेल डालना = किसी बात को न सुनना,
प्रयोग – अरे राकेश, क्या तूने कान में तेल डाल रखा है, जो इतना ऊँचा बोलने पर भी नहीं सुनता।

42. कोलाहल मचाना = बहुत शोर करना,
प्रयोग – स्कूल में छुट्टी होते ही बच्चे कोलाहल मचाने लगते हैं।

43. नकोरा जवाब देना = साफ़ इन्कार करना,
प्रयोग – जब मैंने सोहन से साइकिल माँगी तो उसने मुझे कोरा जवाब दे दिया।

44. कसौटी पर कसना = बहुत परखना,
प्रयोग – मैं पहले व्यक्ति को कसौटी पर कस लेने के पश्चात् ही मित्र बनाता

45. कुत्ते की मौत मरना = बुरी हालत में मरना,
प्रयोग – बुरे कार्यों में लिप्त रहने वाले सदैव कुत्ते की मौत मरते हैं।

46. कोल्हू का बैल – रात-दिन काम करने वाला,
प्रयोग – कोल्हू का बैल बनने पर भी आजकल निर्वाह कठिनता से होता है।

47. खून खौलना = बहुत क्रोधित होना,
प्रयोग – भरी सभा में द्रौपदी का अपमान होते देखकर भीम का खून खौलने लगा।

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48. खून का प्यासा = कट्टर शत्रु,
प्रयोग – आज भाई-भाई के खून का प्यासा बन गया है।

49. खून का घूट पीना = क्रोध को दिल में दबाए रखना,
प्रयोग – हरगोपाल की पुत्रवधू उसकी गालियाँ सुनकर खून का चूंट पीये रहती है।

50. खून की नदियाँ बहाना = बहुत मार काट करना,
प्रयोग – सरहिन्द में बन्दा बहादुर ने खून की नदियाँ बहा दीं।

51. खून पसीना एक करना = बहुत परिश्रम करना,
प्रयोग – इस महँगाई के ज़माने में खून पसीना एक करना पड़ता है, तब कहीं जाकर निर्वाह होता है।

52. खाला जी का घर = आसान काम,
प्रयोग – दसवीं श्रेणी उत्तीर्ण करना खाला जी का घर नहीं है।

53. खरी-खरी सुनाना = सच्ची बात कहना,
प्रयोग – अंगद ने रावण को खरी-खरी सुनाई तो वह अंगारे उगलने लगा।

54. खेल बिगाड़ना = बने काम को खराब करना,
प्रयोग – अनिल तुमने बीच में पकड़कर हमारा सारा खेल बिगाड़ दिया। वह अभी मेरे साथ चलने वाला था।

55. खाक छानना = मारे-मारे फिरना,
प्रयोग – बचपन में राम पढ़ा नहीं, अब खाक छानता फिरता है।

56. गुदड़ी का लाल = बहुत प्यारा
प्रयोग-सचमुच सुनील गुदड़ी का लाल है। निर्धनता की अवस्था में भी
परीक्षा में जिले भर में प्रथम आया है।

57. गले लगाना = बहुत प्यार करना, आलिंगन करना,
प्रयोग – बुढ़िया ने देर से बिछुड़े पुत्र के मिलने पर उसे गले लगा लिया।

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58. गले का हार = बहुत प्रिय,
प्रयोग – रीता इकलौती बेटी होने के कारण अपने माता-पिता के गले का हार है।

59. गागर में सागर भरना-संक्षेप में बहुत कुछ कह देना,
प्रयोग – रीतिकालीन कवि बिहारी जी ने अपने दोहों में गागर में सागर भर दिया है।

60. घर में गंगा = सहज प्राप्ति,
प्रयोग – अरे सुरेश ! तुम्हें पढ़ाई की क्या चिन्ता ? तुम्हारा भाई अध्यापक है, तुम्हारे घर में गंगा बहती है।

61. घुटने टेकना = आत्म-समर्पण करना,
प्रयोग – सन् 1971 के भारत-पाक युद्ध में पकिस्तान की सेना ने शीघ्र ही भारतीय सेना के आगे घुटने टेक दिए थे।

62. घाव पर नमक छिड़कना = दुःखी को और दुखाना,
प्रयोग – उसने मुझसे ऐसी बातें कह-कह कर मेरे दुःख को कम नहीं किया बल्कि मेरे घावों पर नमक छिड़क दिया है।

63. घी के दीये जलाना = खुशी मनाना,
प्रयोग – जब अयोध्या में श्री रामचन्द्र वापस पहुँचे तो लोगों ने घी के दीये
जलाए।

64. घाट-घाट का पानी पीना = अनुभवी होना,
प्रयोग – अनिल को कोई धोखा नहीं दे सकता क्योंकि उसने तो घाट-घाट का पानी पीया है।

65. चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना = भयभीत होना,
प्रयोग-पुलिस को पहुँचा देखकर चोर के चेहरे पर हवाइयाँ उड़ गईं।

66. चकमा देना = धोखा देना,
प्रयोग – डाकू पुलिस को चकमा देकर चम्पत हो गए।

67. चलती गाड़ी में रोड़ा अटकाना = बनते काम में रुकावट डालना,
प्रयोग – आजकल चलती गाड़ी में रोड़ा अटकाने वाले बहुत हैं।

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68. चल बसना = मर जाना,
प्रयोग – श्याम के पिता दो वर्ष की लम्बी बीमारी के बाद चल बसे।

69. चार चाँद लगना = मान बढ़ना,
प्रयोग – नवनीत ने आठवीं की परीक्षा में सर्वप्रथम आकर अपने कुल को चार चाँद लगा दिए।

70. चाँदी होना-बहुत लाभ होना,
प्रयोग – जब से तुमने व्यापार आरम्भ किया है, तुम्हारी तो चाँदी हो गई है।

71. चाल में आना = धोखे में फँसना,
प्रयोग – तुम्हें राम की चाल में नहीं आना चाहिए, वह ठग है।

72. चम्पत होना = खिसक जाना,
प्रयोग – सिपाही का जैसे ही ध्यान दूसरी तरफ हुआ कि चोर चम्पत हो गया।

73. चादर से बाहर पैर पसारना = आमदनी से बढ़ कर खर्चा करना,
प्रयोग – चादर से बाहर पैर पसारने वाले लोग अन्त में पछताते हैं।

74. चीत्कार कर उठना = ज़ोर से चीखना,
प्रयोग – कलिंग के युद्ध में भीषण मार-काट देखकर महाराजा अशोक चीत्कार कर उठा।

75. चुल्लू भर पानी में डूब मरना = बहुत लज्जित होना,
प्रयोग – अरे अनिल ! इस छोटे से पिट गए , चुल्लू भर पानी में डूब मरो।

76. छाती पर पत्थर रखना = चुपचाप दुःख सहना,
प्रयोग – शीला जिस दिन से अपने ससुराल आई थी, उसी दिन से उसने अपनी छाती पर पत्थर रख लिया था।

77. छक्के छूटना = हिम्मत हारना, घबरा जाना,
प्रयोग – महात्मा गाँधी के आन्दोलनों के समय अंग्रेजों के छक्के छूट गए।

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78. छक्के छुड़ाना = बुरी तरह हराना,
प्रयोग – सन् 1971 के युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सेना के छक्के छुड़ा दिए।

79. छठी का दूध याद आना = भारी संकट पड़ना, कठिनाई अनुभव होना,
प्रयोग – श्री रामचन्द्र ने तीक्ष्ण बाणों के प्रहार से रावण को छठी का दूध याद दिला दिया।

80. जंगल में मंगल होना = निर्जन स्थान में रौनक होना,
प्रयोग – जब से विद्यार्थियों की टोली ने इस स्थान पर अपना कैम्प लगाया है, तब से यहाँ जंगल में मंगल हो गया है।

81. जूतियाँ चाटना = खुशामद करना,
प्रयोग – मोहन दूसरों की जूतियाँ चाटकर अपना काम निकालने में निपुण है।

82. जूं तक न रेंगना = कुछ प्रभाव न होना,
प्रयोग – मैंने मोहन को कई बार चोरी करने से मना किया, लेकिन उस पर जूं तक न रेंगी।

83. जान हथेली पर रखना = मरने की बिल्कुल परवाह न करना,
प्रयोग – रणक्षेत्र में भारत के वीर सदा जान हथेली पर रख कर लड़ते हैं।

84. जलती आग में घी डालना = क्रोध को अथवा लड़ाई को बढ़ाना,
प्रयोग – अनि पहले से ही सोहन से नाराज़ था ऊपर से कमल ने सोहन के विरुद्ध भड़का कर जलती आग में घी डाल दिया।

85. ज़हर का पूंट पीना = क्रोध को दबाना,
प्रयोग – देवर की बातें सुन कर शीला को क्रोध तो बहुत आया लेकिन वह ज़हर का चूंट पीकर रह गई।

86. जादू का सा प्रभाव पड़ना-अच्छा प्रभाव पड़ना,
प्रयोग- महात्मा जी की बातों का श्रद्धालुओं पर जादू का सा प्रभाव पड़ा।

87. जान पर खेलना = खुशी से जान देना, प्राणों की परवाह न करना,
प्रयोग-भगत सिंह जैसे देशभक्त भारत की स्वतन्त्रता के लिए जान पर खेल गए।

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88. जिगर का टुकड़ा = बहुत प्यारा,
प्रयोग – इकलौता बेटा अपने माँ-बाप के जिगर का टुकड़ा होता है।

89. जी चुराना = परिश्रम से भागना,
प्रयोग – अच्छे विद्यार्थी कभी भी पढ़ाई से जी नहीं चुराते।

90. टाँग अड़ाना = व्यर्थ दखल देना, रुकावट डालना,
प्रयोग – अरे प्रमोद ! अगर तुम सुरेश की सहायता नहीं कर सकते तो उसके काम में टाँग क्यों अड़ाते हो ?

91. टका-सा जवाब देना = साफ इन्कार कर देना,
प्रयोग – मैंने जब सुनील से 20 रुपए उधार माँगे तो उसने मुझे टका-सा जवाब दे दिया।

92. टेढ़ी खीर = कठिन कार्य,
प्रयोग – आजकल शिक्षित के लिए भी सरकारी नौकरी ढूँढ़ना टेढ़ी खीर है।

93. टक्कर लेना = मुकाबला करना,
प्रयोग – महाराणा प्रताप ने मुग़लों से टक्कर ली।

94. टस से मस न होना = ज़रा भी प्रभाव न होना, बात पर डटे रहना,
प्रयोग – बहुत समझाने पर भी जब वह टस से मस न हुआ तो मैंने उससे बोलना बन्द कर दिया।

95. ठोकरें खाना = धक्के खाना,
प्रयोग – प्रमोद पहले बचपन में पढ़ा नहीं और अब ठोकरें खाता फिरता है।

96. ठिकाने लगाना = मार देना, नाश कर देना,
प्रयोग-शिवाजी ने कितने ही मुग़लों को ठिकाने लगा दिया।

97. ठन-ठन गोपाल = जेब खाली होना,
प्रयोग – तुझे पैसे कहाँ से दूँ आज तो मैं भी ठन-ठन गोपाल हूँ।

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98. डींग मारना = शेखी मारना,
प्रयोग – राकेश डींगें मारता है लेकिन वैसे पाई-पाई के लिए मरता है।

99. डंका बजना = प्रभाव होना, अधिकार होना, विजय पाना,
प्रयोग – आज विश्व भर में रूस की शक्ति का डंका बज रहा है।

100. डूबते को तिनके का सहारा = संकट में थोड़ी-सी सहायता मिलना,
प्रयोग – इस मुसीबत में तुम्हारे दस रुपए ही मेरे लिए डूबते को तिनके का सहारा सिद्ध होंगे।

101. ढाढस बंधाना = हौसला देना,
प्रयोग – शाम के पिता की मृत्यु पर सभी उसे ढाढस बंधाने लगे।

102. तलवे चाटना = चापलूसी करना,
प्रयोग – मुनीश दूसरों के तलवे चाट कर काम निकालने में बड़ा चुस्त है।

103. ताक में रहना = अवसर देखते रहना,
प्रयोग – डाकू सदैव डाका मारने की ताक में रहते हैं।

104. तिल का ताड़ बनाना = बात बढ़ाना,
प्रयोग – क्यों तिल का ताड़ बनाते हो ? इतनी छोटी-सी लड़ाई पर मुख्याध्यापक के पास जाकर शिकायत करना ठीक नहीं है।

105. तिल धरने की जगह न होना = बहुत अधिक भीड़ होना,
प्रयोग – वार्षिक परीक्षा के नतीजे के दिन पाठशाला में इतनी भीड़ थी कि तिल धरने की जगह न थी।

106. तिलाञ्जलि देना = त्याग देना, छोड़ना,
प्रयोग – तुम्हें मोहन जैसे स्वार्थी तथा शरारती मित्र को दूर से ही तिलाञ्जलि दे देनी चाहिए।

107. तूती बोलना = प्रभाव होना, बात का माना जाना,
प्रयोग – आजकल धनी व्यक्ति की प्रत्येक स्थान पर तूती बोलती है।

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108. थाह लेना = पता लगाना, रहस्य पाना,
प्रयोग – किसी के दिल की थाह लेना बहुत कठिन काम है।

109. दम घुटने लगना = श्वास लेने में कठिनाई होना,
प्रयोग – आजकल यात्रा के समय इतनी भीड़ का सामना करना पड़ता है कि कई बार दम घुटने लगता है।

110. दंग रह जाना = हैरान रह जाना,
प्रयोग – अनिल के द्वारा चोरी किए जाने का समाचार सुनकर सभी दंग रह गए।

111. दिन में तारे नज़र आना = कोई अनहोनी घटना होने से घबरा जाना,
प्रयोग – जंगल में शेर को अपनी ओर लपकते देखकर प्रमोद को दिन में तारे नज़र आ गए।

112. दिन फिरना = अच्छे दिन आना,
प्रयोग – मित्रवर ! निर्धनता में इतना घबराओ नहीं, दिन फिरते देर नहीं लगती।

113. दाँत खट्टे करना = हराना,
प्रयोग – महाराणा प्रताप ने युद्ध में कई बार मुग़लों के दाँत खट्टे किए।

114. दिन दुगुनी रात चौगुनी = अत्यधिक,
प्रयोग – भूतपूर्व प्रधानमन्त्री श्री लाल बहादुर शास्त्री के नेतृत्व में भारत ने दिन दुगुनी रात चौगुनी उन्नति की।

115. दाल न गलना = वश न चलना,
प्रयोग – सुधीर ने अनिल तथा सुनील की मित्रता तो तोड़ने के लिए उनको लड़ाने का बहुत प्रयास किया लेकिन उसकी दाल न गली।

116. दांतों तले उंगली दबाना = आश्चर्य प्रकट करना,
प्रयोग – ताजमहल की सुन्दरता देखकर विदेशी दांतों तले उंगली दबा लेते

117. दौड़ धूप करना = खूब परिश्रम करना,
प्रयोग – बहुत दौड़-धूप की, तब कहीं छोटी-सी नौकरी मिल सकी।

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118. दिल बाग-बाग होना = प्रसन्न होना,
प्रयोग – परीक्षा में प्रथम श्रेणी पाने पर मेरा दिल बाग-बाग हो गया।

119. धाक जमाना = रौब या प्रभाव पैदा करना,
प्रयोग – सिकन्दर की वीरता की धाक शीघ्र ही सारे संसार में जम गई।

120. धावा बोलना = हमला करना, .
प्रयोग – शिवाजी की सेना ने एकदम मुग़लों पर धावा बोल दिया।

121. धज्जियाँ उड़ाना = पूरी तरह खंडन करना,
प्रयोग – महात्मा गाँधी ने अंग्रेज़ों के अत्याचारों की धज्जियाँ उड़ा दीं।

122. धूप में बाल सफ़ेद न करना = अनुभवी होना,
प्रयोग – इस विषय में मेरी भी राय लेनी चाहिए थी; मैंने भी दुनिया देखी है, धूप में बाल सफ़ेद नहीं किये।

123. नाक में दम करना = बहुत तंग करना,
प्रयोग – वर्षा ने नाक में दम कर दिया है, कहीं जाना भी कठिन हो गया है।

124. नाक कट जाना = बदनामी होना, मान नष्ट होना,
प्रयोग – बेटे के कुकर्मों ने पिता की नाक कटवा दी। अथवा यदि तुम इस उत्सव में शामिल न हुए तो मेरी नाक कट जाएगी।

125. नाम कमाना = प्रसिद्ध होना,
प्रयोग – घर बैठे-बैठे नाम नहीं कमाया जा सकता।

126. नमक-मिर्च लगाना = छोटी बात को बढ़ा-चढ़ा कर कहना,
प्रयोग – हरीश के स्कूल से भागने पर सुरेश ने मुख्याध्यापक के सम्मुख खूब नमक मिर्च लगाकर उसकी शिकायत की।

127. नाकों चने चबाना = खूब तंग करना, भारी कष्ट पहुँचाना,
प्रयोग – सुभाष चन्द्र बोस जैसे वीरों ने अंग्रेज़ी सेना से टक्कर लेकर उनको नाकों चने चबा दिए थे।

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128. नाक भौं सिकोड़ना = घृणा करना,
प्रयोग – युवतियों को आधुनिक ढंग के कपड़े पहने देख बुजुर्ग नाक भौं सिकोड़ते हैं।

129. नौ दो ग्यारह होना = भाग जाना,
प्रयोग – सिपाही को देखते ही चोर नौ दो ग्यारह हो गया।

130. नीचा दिखाना = हराना, घमंड तोड़ना,
प्रयोग – पाकिस्तान सदैव भारत को नीचा दिखाने की ताक में रहता है।

131. प्राण पखेरू उड़ना = मृत्यु होना,
प्रयोग – मोटर के नीचे आकर लड़के के प्राण पखेरू उड़ चुके थे।

132. पासा पलटना = उलटफेर होना,
प्रयोग – राम ने यह चाल सोच समझकर चली थी, परन्तु पासा पलट गया।

133. पैरों में पर लगना = बहुत तेज़ भागना,
प्रयोग – अपने चाचा के अमेरिका से आने का समाचार पाकर वह उनसे मिलने ऐसे दौड़ा जैसे उसके पैरों में पंख लग गए हों।

134. पैरों पर गिरना = क्षमा माँगना,
प्रयोग – सेठ का क्रोध बढ़ता देखकर नौकर उसके पैरों पर गिर पड़ा।

135. पानी में आग लगाना = क्रोध दिलवाना,
प्रयोग – अपने बॉस से राजेश की शिकायत करके मोहन ने तो पानी में आग लगाने का काम किया।

136. पेट में चूहे कूदना = बड़े ज़ोरों की भूख लगना,
प्रयोग – जल्दी से खाना दे दो भई, पेट में तो चूहे कूद रहे हैं।

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137. पाँचों उंगलियाँ घी में होना = खूब फायदे में होना,
प्रयोग – भाई रमेश ! आजकल तो तुम्हारा व्यापार खूब चल रहा है, तुम्हारी तो पाँचों उंगलियाँ घी में हैं।

138. पानी-पानी होना = बहुत लज्जित होना,
प्रयोग – मेरे द्वारा सच्ची बात कहने पर राकेश पानी-पानी हो गया।

139. पानी फेरना = मेहनत बरबाद कर देना,
प्रयोग – बड़ी मेहनत से लेख लिखा था, मधु ने स्याही गिराकर उस पर पानी फेर दिया।

140. पीठ पर हाथ होना = पूरा सहायक होना,
प्रयोग – मोहन से झगड़ा मोल न लो, उसकी पीठ पर एक मन्त्री का हाथ

141. पीठ दिखाना = युद्ध से भाग जाना,
प्रयोग – युद्ध में पीठ दिखाना कायरों का काम है, वीरों का नहीं।

142. पट्टी पढ़ाना = बुरी सलाह देना,
प्रयोग – शीला ने अपने पति को ऐसी पट्टी पढ़ाई है कि वह अपने माता पिता की एक नहीं सुनता।

143. पलकें बिछाना = प्रेम से स्वागत करना,
प्रयोग – प्रधानमन्त्री के आगमन पर नगरवासियों ने पलकें बिछा दीं।

144. पसीना छूटना = घबरा जाना,
प्रयोग – कठिन प्रश्न-पत्र देखकर परीक्षार्थियों के पसीने छूट गए।

145. पगड़ी उछालना = अपमान करना,
प्रयोग – बड़ों की पगड़ी उछालना सज्जन पुरुषों को शोभा नहीं देता।

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146. पाँव की जूती = गुलाम, तुच्छ वस्तु,
प्रयोग – नारी को पाँव की जूती समझना बड़ी मूर्खता है।

147. पत्थर की लकीर = अटल बात,
प्रयोग – श्री जयप्रकाश नारायण का कथन पत्थर की लकीर सिद्ध हुआ था।

148. पापड़ बेलना = कई तरह के काम करना,
प्रयोग-कमल कान्त ने कई पापड़ बेले हैं लेकिन टिक कर कहीं भी काम नहीं किया।

149. प्राणों के लाले पड़ना = जान जोखिम में होना,
प्रयोग – दुर्घटनाग्रस्त बस के सभी यात्रियों को अपने-अपने प्राणों के लाले पड़े थे।

150. प्राणों पर खेल जाना = बलिदान देना,
प्रयोग – देश को स्वतन्त्र कराने के लिए सैंकड़ों देश-भक्त प्राणों पर खेल गए।

151. फूला न समाना = बहुत प्रसन्न होना,
प्रयोग- श्री रामचन्द्र जी के अयोध्या लौटने पर उनका छोटा भाई भरत फूला न समाया।

152. बाट जोहना = प्रतीक्षा करना,
प्रयोग – अरे मोहन । तुमने बहुत देर कर दी, मैं कब से तुम्हारी बाट जोह रहा

153. बात का धनी = वचन का पक्का ,
प्रयोग – सतीश बात का धनी है। वह अवश्य आपकी सहायता करेगा।

154. बन्दर घुड़की = प्रभावहीन धमकी,
प्रयोग-भगत सिंह जैसे वीर अंग्रेजों की बन्दर घुड़कियों से डरने वाले नहीं थे।

155. बहती गंगा में हाथ धोना = सुधरी हालत में लाभ उठाना,
प्रयोग – जनता पार्टी के राज में अनेक लोग बहती गंगा में हाथ धोकर मालामाल हो गए।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

156. बगुला भगत = कपटी,
प्रयोग – मोहन को अपनी कोई बात न बताना; वह धोखा देने वाला बगुला भगत है।

157. बांछे खिल जाना = बहुत खुश होना,
प्रयोग – अपने पास होने का समाचार सुनकर उसकी बांछे खिल गईं।

158. बाल की खाल निकालना = बहुत छानबीन करना, बहुत अधिक तर्क।
प्रयोग – विद्यार्थी को अपनी पढ़ाई में दत्तचित्त होना चाहिए। उसे बाल की खाल नहीं निकालनी चाहिए।

159. बाएँ हाथ का खेल = आसान काम,
प्रयोग – पी एच० डी० की उपाधि प्राप्त करना बाएँ हाथ का खेल नहीं है।

160. बाल बांका न करना = हानि न पहुँचाना,
प्रयोग – मेरे होते हुए कोई रमा का बाल बांका नहीं कर सकता।

161. बीड़ा उठाना-ज़िम्मेवारी लेना,
प्रयोग – श्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने किसानों को ऊँचा उठाने का बीड़ा उठाया था।

162. बाल-बाल बच जाना = बड़ी कठिनाई से बचना,
प्रयोग – टक्कर तो बड़ी भयानक हुई थी पर रमेश बाल-बाल बच गया।

163 बैल के से दीदे निकालना = क्रोध से देखना,
प्रयोग – मालकिन ने नौकरानी से कहा, “अरी, बैल के से दीदे क्यों निकाल रही हो ? जाकर अपना काम करो।”

164. भंडा फोड़ना = भेद प्रकट करना, भेद खोलना,
प्रयोग – प्रवीण के वास्तविक बात न बतलाने पर राजेश ने उसका भंडा फोड़ दिया।

165. भूत सवार होना = धुन-सवार होना,
प्रयोग – उस कंजूस सेठ को तो धन कमाने का ही भूत सवार रहता है।

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166. भाड़े के टट्ट = किराये का आदमी,
प्रयोग – आजकल सच्चा देशभक्त मिलना कठिन है। सभी भाड़े के टट्ट हैं।

167. मात खाना = हारना,
प्रयोग – कारगिल के युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह मात खानी पड़ी।

168. मात देना = हरा देना,
प्रयोग – भारत ने अपने पड़ोसी देश को सभी क्षेत्रों में मात दी है।

169. मन में लड्डू फूटना = काल्पनिक आनन्द,
प्रयोग – भाई के विदेश से आने की खबर सुनकर सुधा के मन में लड्डू फूटने लगे।

170. माथा ठनकना = संदेह उत्पन्न होना,
प्रयोग – उसके घर पर ताला देख मेरा माथा ठनक गया।

171. मोती चुगना = अच्छी बात ग्रहण करना,
प्रयोग – सज्जनों की संगति से व्यक्ति मोती चुगना सीखता है।

172. मन मारना = इच्छा रोकना, मन को काबू में करना,
प्रयोग – सच्चा देशभक्त बनने के लिए मन मारना पड़ता है।

173. मिट्टी का माधो = निरा-मूर्ख,
प्रयोग – सभी विद्यार्थी रमेश को मिट्टी का माधो समझते थे लेकिन वह बहुत चालाक निकला।

174. मिट्टी खराब करना = बेइज्जत करना,
प्रयोग – अरे भाई साधारण-सी बात पर किसी की मिट्टी खराब करना अच्छा नहीं।

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175. मुँह की खानी = बुरी तरह हारना,
प्रयोग – सन् 1971 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान को मुँह की खानी पड़ी थी।

176. मैदान मारना = जीतना,
प्रयोग – भारतीय फ़ौज ने देखते ही देखते छम्ब क्षेत्र में मैदान मार लिया।

177. रंग लाना = प्रभाव दिखलाना,
प्रयोग – विद्यार्थी की मेहनत एक-न-एक दिन रंग अवश्य लाती है।

178. रंग जमना = प्रभाव पड़ना,
प्रयोग – मुकेश के गीतों ने महफिल में रंग जमा दिया।

179. रंग उड़ना = डर जाना, हैरान होना,
प्रयोग – रीछ को देखते ही दोनों का रंग उड़ गया।

180. रंगा सियार = धोखेबाज़,
प्रयोग – तुम्हें सतीश की बातों में नहीं आना चाहिए, वह तो निरा रंगा सियार है।

181. रंग में भंग पड़ना = मजा किरकिरा होना,
प्रयोग – जलसा शुरू ही हुआ था कि रंग में भंग पड़ गया।

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182. राई का पहाड़ बनाना = ज़रा-सी बात को बहुत बढ़ा-चढ़ा कर कहना,
प्रयोग – अपनी चालाकी से राई का पहाड़ बनाना तो कोई लीला से ही सीखे।

183. रोंगटे खड़े होना = रोमांच होना,
प्रयोग – सर्कस में शेर को दहाड़ता देख हमारे रोंगटे खड़े हो गए।

184. रफूचक्कर होना = भाग जाना,
प्रयोग – डाकू पुलिस को देखते ही रफूचक्कर हो गए।

185. लपेट में आना = वश में आना, घिर जाना,
प्रयोग – बेचारा निर्दोष राम चोरी की लपेट में आ गया।

186. लोहा लेना = मुकाबला करना,
प्रयोग – पाकिस्तानी सेना से लोहा लेने को हमारी सेना सदा तैयार रहती है।

187. लात पर लात रखना = बेकार बैठे रहना,
प्रयोग – इस कार्यालय में सब कर्मचारी लात पर लात रख कर बैठे रहते हैं।

188. लाल पीला होना = क्रुद्ध होना,
प्रयोग – अरे सुरेश ! क्यों लाल पीले हो रहे हो? कसूर तुम्हारा ही है।

189. लोहा लेना = युद्ध करना, मुकाबला करना,
प्रयोग – अधिकतर मुग़ल सम्राट राजपूतों से लोहा लेना नहीं चाहते थे।

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190. लोहा मानना = शक्ति मानना,
प्रयोग – सम्पूर्ण एशिया भारत का लोहा मानता है।

191. लेने के देने पड़ जाना = लाभ के बदले हानि होना,
प्रयोग – भारत पर आक्रमण करके पाकिस्तान को लेने के देने पड़ गए।

192. लोहे के चने चबाना = अति कठिन काम, कष्ट अनुभव करना,
प्रयोग – भारत पर आक्रमण करके चीन को लोहे के चने चबाने पड़े।

193. लहू पसीना एक करना = बहुत परिश्रम करना,
प्रयोग – आजकल अच्छी तरह जीवन निर्वाह करने के लिए लहू पसीना एक करना पड़ता है।

194. सोने पर सुहागा = दोहरी अच्छाई या गुण,
प्रयोग – रमेश की पत्नी सुन्दर भी है और पढ़ी-लिखी भी उसके लिए सोने पर सुहागा वाली उक्ति ठीक बैठती है।

195. सिर पर भूत सवार होना = अत्यधिक क्रोध में आ जाना,
प्रयोग – अरे सुनील राम के तो सिर पर भूत सवार है, तुम्हारी वह एक न मानेगा।

196. सिंहासन डोल जाना = राज्य जाने का खटका होना,
प्रयोग – महात्मा गाँधी के आन्दोलन से अंग्रेज़ों का सिंहासन डोल गया।

197. हवा लगना = बुरा प्रभाव पड़ना,
प्रयोग – अब तो सुधा को भी शहर की हवा लग गई है, उसने बाल तराश लिए हैं।

198. हवा से बातें करना = तेज़ भागना,
प्रयोग – शीघ्र ही हमारी गाड़ी हवा से बातें करने लगी।

199. हक्का बक्का रह जाना = हैरान रह जाना,
प्रयोग – संजय गाँधी की मौत का समाचार सुनकर सभी लोग हक्के बक्के रह गए।

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200. हँसी-खेल नहीं = आसान काम नहीं,
प्रयोग – इस नदी को तैर कर पार करना कोई हँसी-खेल नहीं।

201. हवा हो जाना = भाग जाना,
प्रयोग – पहरेदार को अपनी तरफ आते देखकर चोर हवा हो गया।

202. हृदय पर साँप लोटना = ईर्ष्या में जलना,
प्रयोग – हरीश की लाटरी निकलने का समाचार सुनकर सुरेश के हृदय पर साँप लोटने लगा।

203. हृदय टूट जाना = हताश हो जाना,
प्रयोग – पुत्र की मृत्यु पर वृद्ध का हृदय टूट गया।

204. हाथों के तोते उड़ जाना = बुरा समाचार सुनकर डर जाना,
प्रयोग – कारखाने में आग लगने की खबर सुनकर सेठ हरिदत्त के हाथों के तोते उड़ गए।

205. हाथ तंग होना = पैसे का अभाव होना,
प्रयोग – हमारा आजकल हाथ बहुत तंग है, कृपया नकद रुपया दें।

206. हाथ मलना = पछताना,
प्रयोग – अब फेल होने पर हाथ मलने से क्या लाभ, पहले डटकर परिश्रम करते।

207. हाथ धो बैठना = खो देना, छिन जाना,
प्रयोग – पाकिस्तान युद्ध में कई युद्धपोतों तथा पनडुब्बियों से हाथ धो बैठा।

208. हाथ पैर मारना = प्रयत्न करना,
प्रयोग – आजकल बहुत हाथ पैर मारने पर भी कठिनता से निर्वाह होता है।

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209. हाथ पसारना = माँगना,
प्रयोग – स्वाभिमान शून्य व्यक्ति हर किसी के सामने हाथ पसारने लगता है।

210. हथियार डालना = हार मान लेना,
प्रयोग – बंगलादेश में पाकिस्तानी सेना ने साधारण युद्ध के बाद हथियार डाल दिए।

211. आँख लगना = नींद आना,
प्रयोग – वह ज्यों ही बिस्तर पर लेटा उसकी आँख लग गई।

212. आँखों से ओझल होना = गायब होना,
प्रयोग – देखते ही देखते चोर पुलिस की आँखों से ओझल हो गया।

213. ईंट से ईंट बजाना = नष्ट करना,
प्रयोग – युद्ध में भारत ने दुश्मन की ईंट से ईंट बजायी।

214. साँस फूलना = हाँफना,
प्रयोग – इतनी सीढ़ियाँ चढ़कर मेरी साँस फूलने लगी।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 यूटा सागा

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 14 यूटा सागा Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 14 यूटा सागा

Hindi Guide for Class 8 PSEB यूटा सागा Textbook Questions and Answers

(क) भाषा – बोध

I. शब्दार्थ:

चकाचौंध = आँखों का झपकना, चुंधियाने वाली चमक।
भूकम्प = भूचाल।
बेतहाशा = अचानक और वेगपूर्वक, बिना सोचे समझे।
आगोश = गोद में लेना।
महाप्रलय = सम्पूर्ण सृष्टि का नाश।
कर्मठता = काम में कुशलता, कर्मनिष्ठता।
क्षतिग्रस्त = हानिप्राप्त।
संभावना = हो सकने का भाव, मुमकिन होना।
आपूर्ति संयंत्र = यंत्रों, औज़ारों का समूह, कारखाना।
भाग्यशाली = खुशकिस्मत।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 यूटा सागा

(ख) विचार – बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें-

(क) यूटा सागा अपने माता-पिता के साथ कहाँ रहता है ?
उत्तर:
यूटा सागा अपने माता-पिता के साथ मियागी प्रांत के तटवर्ती क्षेत्र सेंदई में रहता है।

(ख) यूटा सागा के माता-पिता का क्या नाम है तथा वे क्या कार्य करते हैं ?
उत्तर:
यूटा सागा की माता का नाम अयूमी ऑसूगा और पिता का नाम ओसामु दाज़ाई था। उसकी माता यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थी और पिता फुकुशिमा न्यूक्लियर पावर प्लांट में काम करते थे।

(ग) रेडियो पर सुनामी की क्या चेतावनी जारी होती है ?
उत्तर:
रेडियो पर सुनामी के तटीय क्षेत्रों में केवल बारह मिनट में पहुँचने और लोगों को तबाही से बच निकलने की चेतावनी जारी की गई थी।

(घ) सुनामी से बचने के लिए यूटा सागा व माँ कहाँ जाते हैं ?
उत्तर:
वे दोनों जूनियभद हाई स्कूल की ऊँची इमारत में जाते हैं।

(ङ) स्कूल पहुँच कर यूटा सागा और अयूमी ऑसूगा क्या देखते हैं ?
उत्तर:
स्कूल पहुँच कर उन्होंने स्कूल की सीढ़ियों पर बूढ़े-बुजुर्गों को बेबस पड़े हुए देखा था जो ऊपर नहीं चढ़ पा रहे थे। बाद में उन्होंने सुनामी की तबाही को देखा था।

(च) ओसामु दाज़ाई अपने परिवार को कहाँ-कहाँ तलाशते हैं ?
उत्तर:
वह अपने परिवार को अपने घर, आसपास घरों, शरण स्थलों में तलाशते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 यूटा सागा

(छ) रेडिएशन से किस प्रकार की बीमारियाँ फैल सकती हैं ?
उत्तर:
इससे त्वचा का जलना, ठंड लगना, आँखों में जलन, बुखार, अस्थमा, खाँसी, बोन तथा फेफड़ों का कैंसर फैल सकता है।

(ज) देश और दुनिया को खतरे से बचाने के लिए फुकुशिमा संयंत्र में कितने कर्मचारी किस तरह से काम कर रहे थे ?
उत्तर:
फुकुशिमा संयंत्र में 200 कर्मचारी चार शिफ्ट में 50-50 की टीम में काम कर रहे थे।

(झ) फुकुशिमा का शाब्दिक अर्थ क्या होता है ?
उत्तर:
फुकुशिमा का शाब्दिक अर्थ है-भाग्यशाली द्वीप।

(ञ) यूटा प्लाँट पर जाने के लिए अपने पिता का साहस कैसे बढ़ाता है ?
उत्तर:
यूटा ने प्लांट पर जाने के लिए अपने पिता से कहा था कि परिवार से बड़ा देश होता है और देश से बड़ी दुनिया होती है। आप तो परमाणु योद्धा (न्यूक्लियर निंजा) हैं। आप जाइए……आप जाइए।

II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में दें

(क) डरे सहमे लोगों द्वारा देखे गए महाप्रलय (सुनामी) के मंजर का वर्णन करें।
उत्तर:
सुनामी के भयंकर तांडव को लोगों ने डर से काँपते हुए हृदय से देखा था। महाप्रलय का मंजर ऐसा भयावह था कि तीस-तीस फुट ऊँची सागर की लहरों ने किसी को कुछ सोचने-समझने-संभलने का मौका ही नहीं दिया था। सेंदुई एयरपोर्ट में खड़े हवाई जहाज़, यात्रियों से भरी पूरी रेलगाड़ी, कारें, लोग आदि सब एक साथ बहे जा रहे थे। पूरा शहर डूबता-सा दिखाई दे रहा था।

(ख) फुकुशिमा न्यूक्लियर पावर प्लांट में विस्फोट कैसे हो गया ?
उत्तर:
फुकुशिमा न्यूक्लियर पावर प्लांट के कूलिंग सिस्टम सुनामी की हाहाकारी लहरों के कारण बिजली आपूर्ति से वंचित हो गए थे। इसमें परमाणु ईंधन को ठंडा नहीं रखा जा सका। रियेक्टरों का तापमान तेज़ी से बढ़ा। इससे उनमें विस्फोट हो गया।

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(ग) अयूमी पति ओसामु दाज़ाई का हौसला कैसे बढ़ाती है ?
उत्तर:
अयूमी ने अपने पति ओसामु दाज़ाई का हौसला बढ़ाते हुए कहा था कि जापानी भाषा में ‘फुकिशमा’ का शाब्दिक अर्थ ही ‘भाग्यशाली द्वीप’ होता है। वहाँ आई मुसीबत को दूर करने वाले वे तो भाग्यशाली थे। आपदाएँ तो एक अवसर की तरह आती हैं और फिर से उठ खड़ा होने की प्रेरणा देती हैं। आपदाएँ किसी भी प्रकार राष्ट्रीय चरित्र को नहीं तोड़ सकतीं-यही सबसे बड़ी सम्पत्ति है और यही देश प्रेम है।

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. इन वाक्यों में सम्बन्ध बोधक अव्ययों को रेखांकित करें

1. तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों के पास केवल 12 मिनट हैं।
2. यूटा व माँ घर से बाहर सड़क पर बेतहाशा भागे जा रहे हैं।
3. माँ, ज़िन्दगी और मौत के बीच केवल तीन मंज़िलों का फर्क है।
4. लोग सीढ़ियों से ऊपर नहीं चढ़ पा रहे हैं।
5. यूटा सागा माँ सहित तीसरी मंजिल पर पहुँच जाता है।
उत्तर:
1. तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों के पास केवल 12 मिनट हैं।
2. यूटा व माँ घर से बाहर सड़क पर बेतहाशा भागे जा रहे हैं।।
3. माँ, ज़िन्दगी और मौत के बीच केवल तीन मंज़िलों का फर्क था।
4. लोग सीढ़ियों से ऊपर नहीं चढ़ पा रहे हैं।
5. यूटा सागा माँ सहित तीसरी मंजिल पर पहुँच जाता है।

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II. वाक्यों में प्रयोग करें

तटवर्ती – ………………
सतर्क – ………………
चेतावनी – ………………
विस्फोट – ………………
संकल्प – ………………
तबाही – ………………
ऊर्जा – ………………
उत्तर:
तटवर्ती – समुद्र के तटवर्ती क्षेत्रों में न अधिक गर्मी होती है और न अधिक सर्दी।
सतर्क – सतर्क रहना क्योंकि आगे नदी गहरी है।
चेतावनी – आप को चेतावनी दी जाती है कि इसके बाद स्कूटर तेज़ मत चलाना।
विस्फोट – भयंकर विस्फोट ने कार के परखच्चे उड़ा दिए थे।
संकल्प – आप संकल्प कीजिए कि आप कभी कोई देश विरोधी बात नहीं करेंगे।
तबाही – बाढ़ ने सारे गाँव में भयंकर तबाही मचाई थी।
ऊर्जा – सौर ऊर्जा आज के युग में बहुत उपयोगी है।

II. एकवचन बनायें

बहुवचन – एकवचन
सीढ़ियाँ = ………………
बुजुर्गों = ………………
बच्चे = ………………
बीमारियाँ = ………………
स्थलों = ………………
जापानियों = ………………
इलाकों = ………………
मंज़िलों = ………………
इमारतों = ………………
आपदाएँ = ………………
लहरों = ………………
तटों = ………………
उत्तर:
बहुवचन – एकवचन
सीढ़ियाँ = सीढ़ी
बुजुर्गों = बुजुर्ग
बच्चे = बच्चा
बीमारियाँ = बीमारी
स्थलों = स्थल
जापानियों = जापानी
इलाकों = इलाका
मंज़िलों = मंज़िल
इमारतों = इमारत
आपदाएँ = आपदा
लहरों = लहर
तटों = तट।

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IV. भाववाचक संज्ञा बनायें

विनम्र = ………………
गहरा = ………………
चढ़ना = ………………
थकना = ………………
कर्मठ = ………………
उत्तर:
विनम्र = विनम्रता
गहरा = गहराई
चढ़ना = चढ़ाई
थकना = थकावट
कर्मठ = कर्मठता।

V. विशेषण बनायें

धर्म = ………………
परिवार = ………………
राष्ट्र = ………………
प्रकृति = ………………
अर्थ = ………………
चरित्र = ………………
शहर = ………………
उत्तर:
धर्म = धार्मिक
परिवार = पारिवारिक
राष्ट्र = राष्ट्रीय
प्रकृति = प्राकृतिक
घर = घरेलू
अर्थ = आर्थिक
चरित्र = चारित्रिक
शहर = शहरी।

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VI. पर्यायवाची शब्द लिखें

आँख = ………………
लहर = ………………
दुनिया = ………………
पानी = ………………
सम्पत्ति = ………………
हाथ = ………………
बिजली = ………………
तट = ………………
पिता = ………………
शक्ति = ………………
उत्तर:
आँख = नेत्र, चक्षु
लहर = उर्मि, तरंग
दुनिया = संसार, विश्व
पानी = नीर, जल
सम्पत्ति = धन, दौलत
हाथ = हस्त, कर
बिजली = तड़ित, विद्युत्
तट = किनारा, पुलिन
पिता = जनक, तात
शक्ति = ताकत, पराक्रम।

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VII. विपरीत शब्द लिखें

सुरक्षित = ………………
अस्थाई = ………………
सम्पन्नता = ………………
सामान्य = ………………
ज़िन्दगी = ………………
कमज़ोर = ………………
उत्तर:
सुरक्षित = असुरक्षित
अस्थाई = स्थाई
सम्पन्नता = विपन्नता
सामान्य = असामान्य
ज़िन्दगी = मौत
कमजोर = शक्तिशाली।

VIII. . अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखें

ऐसा स्थान जहाँ लोग शरण लेते हैं = ………………
चारों ओर समुद्र से घिरा भू-भाग = ………………
बिना घर का = ………………
देशानुरागी व्यक्ति = ………………
उत्तर:
ऐसा स्थान जहाँ लोग शरण लेते हैं = आश्रयस्थल
चारों ओर समुद्र से घिरा भू-भाग = टापू
बिना घर का = बेघर
देशानुरागी व्यक्ति = देशभक्त।

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IX. शुद्ध करें

परिक्षा – ………………
धनयवाद – ………………
परमाणू – ………………
शिवीर – ………………
वसतु – ………………
उत्तर:
अशुद्ध – शुद्ध
परिक्षा – परीक्षा
धनयवाद – धन्यवाद
परमाणू – परमाणु
शिवीर – शिविर
वसतु – वस्तु।

X. पढ़ो और समझो (हिन्दी में प्रयुक्त होने वाले अंग्रेजी शब्द)

यूनिवर्सिटी
प्रोफेसर
टेलीविज़न
टीम मिशन
कूलिंग
सिस्टम
वार्निंग
सेंटर
न्यूक्लियर
पावर
प्लांट
रिक्टर
रेडिएशन
शिफ्ट
बोन
कैंसर
एयरपोर्ट।

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(ग) आत्मबोध

(i) आप भी अपने परिवार में यूटा के परिवार की तरह देश-प्रेम की भावना को प्रमुख रखें।
(ii) आप अपने देश में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए क्या करेंगे ?
उत्तर:
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से कीजिए।

(घ) रचना बोध

(i) प्राकृतिक आपदाओं की सूची बनायें।
(ii) जापान और जापानी संस्कृति की जानकारी एकत्रित करें।
उत्तर:
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से कीजिए।

PSEB 8th Class Hindi Guide यूटा सागा Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
‘यूटा सागा’ किस आपदा से जुड़ी कहानी है ?
(क) प्राकृतिक
(ख) मानवी
(ग) राक्षसी
(घ) आध्यात्मिक।
उत्तर:
प्राकृतिक।

प्रश्न 2.
कौन-से देश में भूकंप अधिक आते हैं ?
(क) जर्मनी
(ख) जापान
(ग) अफ्रीका
(घ) कनाडा।
उत्तर:
जापान।

प्रश्न 3.
यूटा सागा कितने वर्ष का है ?
(क) 12
(ख) 13
(ग) 14
(घ) 15.
उत्तर:
14.

प्रश्न 4.
टेलीविज़न पर किसकी चेतावनी जारी होती है ?
(क) सुनामी की
(ख) वर्षा की
(ग) सूखे की
(घ) अकाल की।
उत्तर:
सुनामी की।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 यूटा सागा

प्रश्न 5.
भूकंप की तीव्रता कितनी बताई गई ?
(क) 8.4
(ख) 8.6
(ग) 8.7
(घ) 8.9.
उत्तर:
8.9.

प्रश्न 6.
सुनामी की लहरें कितने फुट ऊँची थी ?
(क) 20
(ख) 25
(ग) 30
(घ) 35.
उत्तर:
30.

प्रश्न 7.
फुकुशिमा के कितने लाख लोग शहर छोड़ चुके थे
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच।
उत्तर:
पाँच।

प्रश्न 8.
न्यूक्लियर पावर प्लांट से किसका रिसाव हो रहा था ?
(क) रेडिएशन
(ख) कार्बन
(ग) हाइड्रोजन
(घ) नाइट्रोजन।
उत्तर:
रेडिएशन।

प्रश्न 9.
यूटा सागा किसे ऊपर लेकर गया ?
(क) बालक को
(ख) रेडियो को
(ग) वस्त्रों को
(घ) भोजन को।
उत्तर:
बालक को।

प्रश्न 10.
सबने कहाँ शरण ली ?
(क) अस्पताल में
(ख) स्कूल में
(ग) धर्मशाला में
(घ) होटल में।
उत्तर:
स्कूल में।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 यूटा सागा

यूटा सागा Summary

यूटा सागा पाठ का सार

‘यूटा सागा’ प्राकृतिक आपदा से जुड़ी हुई एक कहानी है। जापान में भूकम्प अधिक मात्रा में आते हैं और समुद्र तल में तीव्र भूकम्प आने से सुनामी उठती है। सुनामी के कारण समुद्री जल स्थल पर तबाही लेकर आता है।

जापान के मियागी प्रान्त के तटवर्ती क्षेत्र के संदुई शहर में चौदह वर्ष का एक लड़का यूटा सागा रहता है। उसकी माँ अयूमी आँसूगा यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर है और पिता ओसामु दाज़ाई फुकुशिमा न्यूक्लियर पावर प्लांट में काम करते हैं। उनके घर में सम्पन्नता है। एक दिन अचानक भूकम्प आया। भूकम्प जोर से आया था। आसपास का सब कुछ हिलने लगा था। टेलीविज़न पर ‘सुनामी वार्निंग सेंटर’ से सुनामी से सम्बन्धित चेतावनी जारी करने की सूचना आ रही थी कि बिजली चली गई। यूटा ने रेडियो पर सुना। भूकम्प की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 8.9 थी जिसके कारण जान लेवा समुद्री लहरें तटीय क्षेत्रों की ओर तेजी से बढ़ रही थीं। तरंगों को तट तक पहुँचने में केवल बारह मिनट बचे थे। यूटा ने अपनी मां का हाथ पकड़ा। वह बोला कि उनका घर सुनामी से बचने के लिए सुरक्षित नहीं था। वे दोनों तेज़ी से सड़क पर जूनियर हाई स्कूल की इमारत की ओर भागने लगे। वह इमारत आसपास की इमारतों में सबसे ऊँची थी। स्कूल की सीढ़ियाँ उन वृद्ध लोगों से अटी पड़ी थीं जो ऊपर चढ़ नहीं पा रहे थे। सीढ़ियों पर गिरी एक औरत ने यूटा का हाथ थाम कर कहा कि वह कम-से-कम उसके छोटे बच्चे को तो ऊपर ले जाए। यूटा ने बच्चे को गोद में लिया और अपनी माँ के साथ तीसरी मंजिल पर सुरक्षित जा पहुँचा। फिर वह भाग कर नीचे गया और बच्चे की माँ को भी खींचता हुआ ऊपर की ओर लपका। उसी समय सुनामी की भयंकर लहरें वहां पहुंच गईं पर यूटा उस औरत को ऊपर ले आया था। बच्चा अब अपनी माँ की गोद में था। सुनामी की तीस फुट ऊँची लहरें सब कुछ लील गई थीं।

एयरपोर्ट पर खड़े हवाई जहाज, लोगों से भरी रेलगाड़ी, कारें और लोग सब एक साथ बहे जा रहे थे। सारा शहर डूबता-सा दिखाई दे रहा था। अगले दिन बचाव कर्मियों ने स्कूल की इमारत में सुरक्षित लोगों को अस्थाई शरण-स्थल में पहुँचा दिया था। लाखों लोग बेघर हो गए थे। वे रोटी-पानी के लिए परेशान थे। यूटा के पिता उन्हें ढूंढ़ते हुए उन तक पहुँच गए थे। यह उनके धैर्य और संकल्प की घड़ी थी। पिता को कुछ ही देर बाद वापस न्यूक्लियर पावर प्लांट में वापस जाना था। सुनामी के कारण प्लांट के रिएक्टरों के कूलिंग सिस्टम की बिजली आपूर्ति रुक गई थी जिससे परमाणु ईंधन ठंडा नहीं रह पाया। रिएक्टरों का तापमान तेजी से बढ़ने के कारण उनमें विस्फोट हो गया जिससे रेडिएशन सामान्य से कई गुणा निकलने लगा था। इससे जापान को ही नहीं बल्कि अन्य देशों को भी खतरा था। फुकुशिमा के पाँच लाख लोग शहर छोड़ चुके थे। एक लाख अस्सी हज़ार लोगों को शहर से दूर राहत शिविर में पहुँचाया गया था। परमाणु विकिरण से त्वचा पर जलन, ठंड लगना, आँखों में जलन, बुखार, अस्थमा, खाँसी, बोन तथा फेफड़ों के कैंसर का भय था। प्लांट में दो सौ कर्मचारी अपनी जान खतरे में डाल कर चार शिफ्ट में काम कर रहे थे। पिता ने यह भी कहा कि उन्हें पता नहीं था कि वे प्लांट से जीवित वापस आएंगे या नहीं। अयूमी ने अपने पति का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि उन्हें पता ही था कि जापानी भाषा ‘फु कुशिमा’ का शाब्दिक अर्थ है ‘भाग्यशाली द्वीप’। इसलिए वहाँ आई मुसीबत से रक्षा करने वाले भाग्यशाली ही हुए। ऐसी आपदाएँ उनके राष्ट्रीय चरित्र को नहीं तोड़ सकती थीं। देश प्रेम ही उनकी सबसे बड़ी सम्पत्ति थी। यूटा ने भी अपने पिता को परमाणु योद्धा (न्यूक्लियर निंजा) कहते हुए उन्हें विदा किया।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 नवयुवकों के प्रति

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 13 नवयुवकों के प्रति Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 13 नवयुवकों के प्रति

Hindi Guide for Class 8 PSEB नवयुवकों के प्रति Textbook Questions and Answers

(क) भाषा – बोध

I. शब्दार्थ : देखिए

नवयुवाओ = नवयुवको, नौजवानों।
दृष्टि = नज़र।
मनुज = मनुष्य।
ज्योति = प्रकाश।
योग = सहायता, सहयोग।
देशोद्धार = देश का उद्धार करना।
कार्य = काम।
परिणत = बदलना, परिवर्तन करना।
भक्तवर = भक्तों में श्रेष्ठ।
निम्नोक्ति = नीचे लिखी उक्ति या कथन।
धरो = धारण करो, रखो।
कौमार = कुमार, यौवन की अवस्था।
भागवत = प्रभु का।
धर्माचरण = धर्म के अनुसार आचरण, व्यवहार करना।
नर-जन्म = इन्सान का जन्म।
दुर्लभ = कठिन।
अधिक = ज्यादा।
पथ = रास्ता।
असंयम = संयम से रहित, अनियन्त्रित।
अशुभ = बुरा।
शुभ = अच्छा, भला, कल्याणकारी, हितकारी।
प्रथम = पहले।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 नवयुवकों के प्रति

(ख) विषय – बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) इस कविता के कवि का नाम लिखें।
उत्तर:
इस कविता के कवि का नाम ‘नवयुवको’ के प्रति’ है।

(ख) यह कविता किन्हें सम्बोधित की गई है ?
उत्तर:
यह कविता देश के युवाओं को सम्बोधित की गई है।

(ग) जो कुछ पढ़ो तुम कार्य में भी साथ ही परिणत करो।’ इस काव्य-पंक्ति का अर्थ लिखें।
उत्तर:
इस पंक्ति का अर्थ है कि हम पुस्तक में जो कुछ पढ़ें उसे कार्य क्षेत्र और व्यावहारिक जीवन में भी स्थान दें तभी हम उसकी उपयोगिता को समझ पाएंगे।

(घ) नवयुवकों के सम्मुख कौन-से दो पथ हैं ? उन्हें किस पथ का चुनाव करना चाहिए ?
उत्तर:
नवयुवकों के सम्मुख दो पथ हैं-असंयम का पथ और संयम का पथ । असंयम का पथ कभी नहीं चुनना चाहिए क्योंकि वह अहितकर और बुरा है जबकि दूसरा पथ संयम का है। यह दूसरा पथ हितकर होता है।

II. इन काव्य-पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या करें :

दो पथ असंयम ………….. संभलोगे कभी।
उत्तर:
कवि कहता है कि हे युवाओ! तुम्हें जीवन में अब सदा ही असंयम और संयम नामक दो रास्ते मिलेंगे। कभी न भूलना कि पहला रास्ता बुरा और अकल्याणकारी है और दूसरा अच्छा और कल्याणकारी है। तुम्हारा मन सदा की तरह तुम्हें पहले रास्ते की ओर झुकायेगा। हर मनुष्य को बुरा रास्ता जल्दी आकृष्ट करता है पर ध्यान रखना कि यदि तुम अभी नहीं सम्भलोगे तो फिर तुम कभी नहीं सम्भल पाओगे। भाव है कि जब मनुष्य एक बार बुराई की राह पर बढ़ चलता है तो फिर आसानी से अच्छाई की राह की ओर नहीं बढ़ पाता।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 नवयुवकों के प्रति

III. नवयुवक देश के उत्थान में क्या-क्या योगदान दे सकते हैं ? चार-पाँच वाक्यों में उत्तर दें।

उत्तर:
नवयुवक ही तो देश के विकास को वास्तविक दिशा देने वाले होते हैं। उनमें नये युग के साथ कदम से कदम मिला कर आगे बढ़ने की क्षमता होती है। उनके पास साहस और क्षमता के साथ-साथ नया ज्ञान होता है। उनमें नई सोच होती है जिसके कारण वे रूढ़ियों को ठोकर मार कर नया रास्ता बना सकते हैं। वे अपनी शक्ति से विरोधी शक्तियों को परे धकेल सकते हैं। वे ही अच्छे शिल्पी, सैनिक, वैज्ञानिक, कलाकार, अध्यापक, चिकित्सक, इन्जीनियर और प्रत्येक क्षेत्र में मेहनतकश कर्मी बनने की क्षमता रखते हैं।

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. इन शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखें :

मनुज = ………………..
ज्योति = ………………..
संसार = ………………..
पथ = ………………..
उत्तर:
मनुज = मनुष्य , मानव।
ज्योति = लौ , जोत।
संसार = विश्व , दुनिया
पथ = मार्ग , राह।

II. ‘अ’ लगाकर विपरीत शब्द बनायें :

अ + संयम = असंयम
अ + शुभ = ………………..
अ + धर्म = ………………..
अ + विश्वास = ………………..
उत्तर
अ + संयम = असंयम
अ + शुभ = अशुभ
अ + धर्म = अधर्म
अ + विश्वास = अविश्वास।

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III. देश + उद्धार धर्म + आचरण इसी प्रकार नये शब्द बनायें

अ + उ = ओ
निम्न + उक्ति = निम्नोक्ति
चन्द्र + उदय = चन्द्रोदय
नव + उदय = नवोदय
सर्व + उत्तम = सर्वोत्तम
शुभ + उदय = शुभोदय
सूर्य + उदय = सूर्योदय
सर्व + उत्तम = सर्वोत्तम
भाग्य + उदय = भाग्योदय
मानव + उचित = मानवोचित
रोग + उपचार = रोगोपचार
हित + उपदेश = हितोपदेश

अ + आ = आ
कर्म + अनुसार = कर्मानुसार
सत्य + अग्रह = सत्याग्रह
युग + आदि = युगादि
मरण + आसन्न = मरणासन्न
न्याय + आलय = न्यायालय
विरह + आतुर = विरहातुर
शुभ + आरम्भ = शुभारम्भ
नव + आगत = नवागत
प्राण + आयाम = प्राणायाम
देव + आलय = देवालय
हिम + आलय = हिमालय।

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PSEB 8th Class Hindi Guide नवयुवकों के प्रति Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
‘नवयुवकों के प्रति’ कविता किस कवि की रचना है ?
(क) हरिवंशराय बच्चन
(ख) योगेंद्र बख्शी
(ग) मैथिलीशरण गुप्त ।
(घ) गोपाल दास नीरज।
उत्तर:
मैथिलीशरण गुप्त।

प्रश्न 2.
कवि किन्हें संबोधित कर रहा है ?
(क) बालकों को
(ख) युवाओं को
(ग) नेताओं को
(घ) कर्मचारियों को।
उत्तर:
युवाओं को।

प्रश्न 3.
कवि नवयुवकों को देश का क्या मानता है ?
(क) कर्मकार
(ख) कर्णधार
(ग) कर्मचारी
(घ) कर्मठ।
उत्तर:
कर्णधार।

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प्रश्न 4.
नवयुवकों को कौन-सी आदत डाल लेनी चाहिए ?
(क) धर्माचरण की
(ख) राजनीति की
(ग) स्वार्थ की
(घ) परार्थ की।
उत्तर:
धर्माचरण की।

प्रश्न 5.
कवि ने किस मार्ग को शुभ बताया है ?
(क) असंयम
(ख) संयम
(ग) विकट
(घ) सरल।
उत्तर:
संयम।

प्रश्न 6.
कवि ने किस भक्त का उल्लेख किया है ?
(क) ध्रुव
(ख) प्रहलाद
(ग) नरसी
(घ) श्रवण।
उत्तर:
प्रहलाद

सप्रसंग व्याख्या

1. हे नवयुवाओ! देश भर की दृष्टि तुम पर ही लगी,
है मनुज जीवन की तुम्हीं में ज्योति सब से जगमगी।
दोगे न तुम तो कौन देगा योग देशोद्धार में ?
देखो, कहाँ क्या हो रहा है आजकल संसार में॥

शब्दार्थ:
नवयुवाओ = नवयुवको, नौजवानों। दृष्टि = नज़र। मनुज = मनुष्य। ज्योति = प्रकाश। योग = सहायता, सहयोग। देशोद्धार = देश का उद्धार करना।

प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक में संकलित कविता ‘नवयुवकों के प्रति’ से ली गई हैं। कवि ने देश के युवा वर्ग को सम्बोधित करते हुए उन्हें प्रेरणा दी है कि वे देश के विकास के लिए काम करे।

व्याख्या:
कवि कहता है कि देश के नवयुवको! सारे देश के लोगों की नज़र तुम्हारी ही ओर लगी है। मानव-जीवन ने अब तक जितनी भी विशेषताएँ समय के साथ-साथ प्राप्त की हैं वे सब प्रकाश तुम्हारे भीतर जगमगा रही हैं। तुम उन सभी गुणों और विशेषताओं से सम्पन्न हो। देश के उद्धार के लिए यदि तुम ही सहयोग नहीं दोगे तो फिर और कौन देगा ? देश का उद्धार तुम्हारे ही हाथ में है। तुम सजग और सचेत रहो। तुम देखो कि इस संसार में आजकल सभी जगह क्या हो रहा है और कैसे हो रहा है ? भाव है कि संसार की चाल को देख कर ही विकास के रास्ते पर आगे बढ़ा जा सकता है।

विशेष:

  1. कवि ने युवावर्ग को प्रेरणा दी है कि वह समय की चाल को समझे और उसके अनुसार ही जीवन की राह में आगे बढ़े।
  2. भाषा सरल, सरस और भावपूर्ण है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 नवयुवकों के प्रति

2. जो कुछ पढ़ो तुम कार्य में भी साथ ही परिणत करो,
सब भक्तवर प्रह्लाद की निम्नोक्ति को मन में धरो”
कौमार में ही भागवत धर्माचरण कर लो यहाँ
नर-जन्म दुर्लभ और वह भी अधिक रहता है कहाँ॥

शब्दार्थ:
कार्य = काम। परिणत = बदलना, परिवर्तन करना। भक्तवर = भक्तों में श्रेष्ठ। निम्नोक्ति = नीचे लिखी उक्ति या कथन। धरो = धारण करो, रखो। कौमार = कुमार, यौवन की अवस्था। भागवत = प्रभु का। धर्माचरण = धर्म के अनुसार आचरण, व्यवहार करना। नर-जन्म = इन्सान का जन्म। दुर्लभ = कठिन। अधिक = ज्यादा।

प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक में संकलित कविता ‘नवयुवकों के प्रति’ से ली गई हैं। कवि ने नवयुवकों को प्रेरणा दी है कि वे देश के लिए परिश्रम करें और उसे विकास के मार्ग पर आगे ले चलें।

व्याख्या:
कवि कहता है कि हे नौजवानों! तुम जिस भी विषय को पढ़ो उसे केवल पुस्तक के ज्ञान तक सीमित न रखो बल्कि उसे उपयोगी कार्य में भी बदलो। उस शिक्षा को इस्तेमाल करना सीखो। सभी युवक भक्तों में श्रेष्ठ प्रहलाद की नीचे लिखी इस पंक्ति को भी ध्यान में रखो कि युवावस्था के आरम्भ में ही ईश्वर के नाम और धर्म के मार्ग पर आगे बढ़ने की आदत को अपना लो, ग्रहण कर लो। मानव जीवन प्राप्त करना बहुत कठिन होता है। वह आसानी से प्राप्त नहीं होता और बहुत अधिक देर तक रहता भी कहाँ है अथवा मनुष्य का जीवन छोटा होता है। भाव है कि मनुष्य को भगवान के द्वारा दिए गए अपने छोटे से जीवन में कार्यों के साथ-साथ ईश्वर के नाम की ओर भी बढ़ना चाहिए।

विशेष:

  1. कवि का मानना है कि युवाओं को पढ़ने और कार्य करने के साथ-साथ ईश्वर का नाम भी लेना चाहिए।
  2. भाषा सरल, सरस और भावपूर्ण है।

3. दो पथ, असंयम और संयम हैं तुम्हें अब सब कहीं॥
पहला अशुभ है, दूसरा शुभ है इसे भूलो नहीं”।
पर मन प्रथम की ओर ही तुम को झुकावेगा अभी,
यदि तुम न सम्भलोगे अभी तो फिर न संभलोगे कभी॥

शब्दार्थ:
पथ = रास्ता। असंयम = संयम से रहित, अनियन्त्रित। अशुभ = बुरा। शुभ = अच्छा, भला, कल्याणकारी, हितकारी। प्रथम = पहले।

प्रसंग:
यह अवतरण हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘नवुयवकों के प्रति’ नामक कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने प्रेरणा दी है कि हमें अपने जीवन में उच्चता और श्रेष्ठता के लिए अच्छी राह को चुनना चाहिए।

व्याख्या:
कवि कहता है कि हे युवाओ! तुम्हें जीवन में अब सदा ही असंयम और संयम नामक दो रास्ते मिलेंगे। कभी न भूलना कि पहला रास्ता बुरा और अकल्याणकारी है और दूसरा अच्छा और कल्याणकारी है। तुम्हारा मन सदा की तरह तुम्हें पहले रास्ते की ओर झुकायेगा। हर मनुष्य को बुरा रास्ता जल्दी आकृष्ट करता है पर ध्यान रखना कि यदि तुम अभी नहीं सम्भलोगे तो फिर तुम कभी नहीं सम्भल पाओगे। भाव है कि जब मनुष्य एक बार बुराई की राह पर बढ़ चलता है तो फिर आसानी से अच्छाई की राह की ओर नहीं बढ़ पाता।

विशेष:

  1. कवि ने प्रेरणा दी है कि मनुष्य को सदा जीवन में अच्छी राह पर आगे बढ़ना चाहिए। उसे बुरी राह छोड़ देनी चाहिए।
  2. भाषा सरल, सरस और भावपूर्ण है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 नवयुवकों के प्रति

नवयुवकों के प्रति Summary

नवयुवकों के प्रति कविता का सार

कवि देश के युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहता है कि हे युवाओ! सारे देश की दृष्टि उन पर ही लगी हुई है। सारी मानव जाति के गुणों की चमक तुम्हीं में जगमगा रही है। तुम्हारे बिना देश के उद्धार में योगदान और कौन दे सकता है ? तुम जरा देखो तो सही कि इस संसार में आजकल क्या हो रहा है। तुम जो कुछ भी शिक्षा प्राप्त करो उसे कार्य के रूप में बदल दो। तुम सब भक्त प्रह्लाद की इस बात को मन में धारण कर लो कि युवावस्था में ही ईश्वर के प्रति अपने भक्ति भावों को मन में रखना है। प्राणियों का इन्सान का जन्म बहुत कठिनाई से प्राप्त होता है और जिनको प्राप्त होता भी है तो वह बहुत देर तक नहीं रहता। जीवन जीते हुए दो ही रास्ते मिलते हैं-असंयम और संयम। असंयम का रास्ता बुरा होता है और संयम का अच्छा। लेकिन मन प्रायः असंयम के रास्ते पर पहले चलने लगता है, इसका झुकाव उधर ही होता है। यदि इस रास्ते पर एक बार चलना शुरू कर दिया और तुम नहीं सम्भले तो फिर कभी भी नहीं सम्भल पाओगे। सदा सोच-विचार कर अच्छे और सही मार्ग पर ही चलना सीखो।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 11 बाबा साहेब अम्बेदकर

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 11 बाबा साहेब अम्बेदकर Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 11 बाबा साहेब अम्बेदकर

Hindi Guide for Class 8 PSEB बाबा साहेब अम्बेदकर Textbook Questions and Answers

(क) भाषा बोध

शब्दार्थ:

समस्त = सम्पूर्ण।
उपेक्षित = जिसकी उपेक्षा की गई हो, तिरस्कृत ।
दृढ़ संकल्प = पक्का निश्चय।
परिश्रम = मेहनत। कटु = कड़वा।
आजीविका = रोजी, पेट भरने का धन्धा।
पीड़ित = सताया हुआ।
शोषित = जिसका शोषण किया गया हो।
छात्रवृत्ति = वज़ीफा।
दुर्व्यवहार = बुरा बर्ताव।
उद्विग्न = दुःखी।
जागृति = जागना।
क्षितिज = आसमान।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 11 बाबा साहेब अम्बेदकर

(ख) विषय बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) बाबा अम्बेदकर का जन्म कब, कहाँ और किसके घर हुआ ?
उत्तर:
अम्बेदकर का जन्म मऊ (इन्दौर) के निकट 14 अप्रैल, सन् 1891 को श्री राम जी राव के घर हुआ।

(ख) इन की प्रारम्भिक शिक्षा कहाँ हुई ?
उत्तर:
डॉ० अम्बेदकर की प्रारम्भिक शिक्षा ग्राम के स्कूल में हुई।

(ग) सामाजिक भेदभाव को मिटाने के लिए डॉ० अम्बेदकर का क्या योगदान रहा ?
उत्तर:
सामाजिक भेदभाव समाप्त करने के लिए डॉ० अम्बेदकर ने ‘बहिष्कृत हितकारिणी सभा’ स्थापित की। इससे सम्बद्ध ही ‘बहिष्कृत भारत’ समाचार-पत्र निकाला।

(घ) इन्होंने कौन-कौन से समाचार-पत्रों में काम किया ?
उत्तर:
डॉ० अम्बेदकर ने बहिष्कृत हितकारिणी सभा’ और ‘बहिष्कृत भारत’ समाचारपत्रों में काम किया।

II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) बाबा साहब अम्बेदकर को ‘उपेक्षितों का मसीहा’ क्यों कहा जाता है ? लगभग 50 शब्दों में उत्तर लिखो।
उत्तर:
डॉ० अम्बेदकर ने समाज के उपेक्षित वर्ग को समानता का अधिकार दिलाया है। उन्हीं के प्रयासों से समाज के इस वर्ग को सभी क्षेत्रों, स्कूलों, गाड़ियों, होटलों, तीर्थों, मन्दिरों में समानता के अधिकार प्राप्त हुए। अब सरकारी नौकरियों और चुनाव क्षेत्रों में उनके लिए स्थान आरक्षित हैं। इन्हीं कारणों से उन्हें उपेक्षितों का मसीहा कहा जाता है।

(ख) छुआछूत को मिटाने के लिए बाबा साहिब का क्या योगदान रहा ? ।
उत्तर:
छुआछूत के कलंक को मिटाने के लिए डॉ० अम्बेदकर ने अनेक प्रयत्न किए। उन्होंने भाषणों, लेखों द्वारा छुआछूत की कुरीति के विरुद्ध प्रचार किया। लन्दन की गोलमेज़ सभा में भी इस समस्या की चर्चा की। वायसराय की कार्यकारिणी के सदस्य होने पर वहाँ भी इस प्रश्न को उठाया। उन्हीं के प्रयत्न से स्वतन्त्र भारत के संविधान ने छुआछूत को दण्डनीय अपराध माना है।

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(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. शुद्ध करके लिखें

परिशरम – …………………….
दरिदरता – …………………….
संसकृत – …………………….
छातरवृती – …………………….
जागरित – …………………….
आकरषित – …………………….

उत्तर:
अशुद्ध रूप – शुद्ध रूप
परिशरम – परिश्रम
दरिदरता – दरिद्रता
संसकृत – संस्कृत
छातरवृती – छात्रवृत्ति
जागरित – जागृत।
आकरषित – आकर्षित

II. भाववाचक संज्ञाएँ बनाएँ

एक – …………………….
समान – …………………….
महान – …………………….
स्वतंत्र – …………………….
उत्तर:
भाववाचक – संज्ञाएँ
एक – एकता
समान – समानता
महान् – महानता
स्वतंत्र – स्वतंत्रतां।

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III. विशेषण बनाएं

परिवार – …………………….
शिक्षा – …………………….
परिश्रम – …………………….
समाज – …………………….
आधार – …………………….
अनुभव – …………………….
आरक्षण – …………………….
आयोजन – …………………….
धर्म – …………………….
शोषण – …………………….
उत्तर:
विशेषण
परिवार – पारिवारिक
शिक्षा – शैक्षिक
परिश्रम – पारिश्रमिक
समाज – सामाजिक
आधार – आधारित
अनुभव – अनुभवी
आरक्षण – आरक्षित
आयोजन – आयोजित
धर्म – धार्मिक
शोषण – शोषित।

IV. सुशिक्षित में ‘सु’, दुर्व्यवहार में ‘दुर्’ और विलीन में ‘वि’ उपसर्ग हैं। अब ‘सु’, ‘दुर्’, ‘वि’ उपसर्गों से पाँच-पाँच नये शब्द बनाएँ।

उत्तर:
‘सु’-सुरक्षा, सुधीर, सुगंध, सुचारु, सुगठित।
“दुर्’-दुर्गम, दुर्भिक्ष, दुर्दिन, दुर्बोध, दुर्जेय।
“वि’-विकार, विक्रय, विग्रह, विपक्ष, विफल।

V. समस्त पद बनायें :

मंत्रियों का मण्डल – …………………….
संविधान की सभा – …………………….
कानून का मंत्री – …………………….
बुद्ध का धर्म – …………………….
परिषद् के सदस्य – …………………….
अभ्यास की पुस्तिका – …………………….
स्त्री और पुरुष – …………………….
महान् है जो राजा – …………………….
राष्ट्र की भाषा – …………………….

उत्तर:
मंत्रियों का मण्डल – मंत्रिमण्डल
संविधान की सभा – संविधानसभा
कानून का मंत्री – कानून मंत्री
बुद्ध का धर्म – बौद्धधर्म
परिषद् के सदस्य – परिषद् सदस्य
अभ्यास की पुस्तिका – अभ्यासपुस्तिका
स्त्री और पुरुष – स्त्री-पुरुष
महान् है जो राजा – महाराजा
राष्ट्र की भाषा – राष्ट्रभाषा।

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VI.
(1) संधि करें :

सम् + विधान = …………………….
सम् + कल्प = …………………….
सम् + पूर्ण = …………………….
सम् + उन्नत = …………………….
सम् + तोष = …………………….
उत्तर:
सम् + विधान = संविधान
सम् + पूर्ण = संपूर्ण
सम् + तोष = संतोष
सम् + उन्नत = समोन्नत
सम + कल्प = संकल्प।

(2) संधि विच्छेद करें:

प्रधानाध्यापक = …………………….
व्यवहार = …………………….
परीक्षा = …………………….
विद्यालय = …………………….
दुर्व्यवहार = …………………….
अध्यवसाय = …………………….
शताब्दी = …………………….
संगठित = …………………….
उत्तर:
प्रधानाध्यापक = प्रधान + अध्यापक
व्यवहार = विः + अव + हार
परीक्षा = परि + ईक्षा
विद्यालय = विद्या + आलय
दुर्व्यवहार = दुः + व्यवहार
अध्यवसाय = अधि + अव + साय
शताब्दी = शत + अब्दी
संगठित = सम् + गठित।

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VII. विराम चिह्न लगाएँ

सैनिक सचिव के पद पर रहते हुए उन्हें अनेक कटु अनुभव हुए चपरासी तक उनके हाथों से फाइलें लेने में कतराते थे उन्हें पानी तक नहीं मिलता था अंत में तंग आकर उन्होंने नौकरी छोड़ दी और बम्बई चले गए।
उत्तर:
सैनिक सचिव के पद पर रहते हुए उन्हें अनेक कटु अनुभव हुए। चपरासी तक उनके हाथों से फाइलें लेने में कतराते थे। उन्हें पानी तक नहीं मिलता था। अंत में तंग आकर उन्होंने नौकरी छोड़ दी और बम्बई चले गए।

VIII. इन वाक्यों में उचित योजक शब्द लगायें :

(1) वे संस्कृत पढ़ना चाहते थे ……….. अध्यापक उन्हें संस्कृत पढ़ाने को तैयार न थे।
(2) उन्होंने दृढ़ निश्चय किया था ……. वे समाज के इस दुर्व्यवहार के प्रति संघर्ष करेंगे।
(3) वहाँ उन्हें सबसे प्यार …….. समानता का व्यवहार मिला।
(4) समाज में मनुष्य शिक्षा से ही सम्मान पा सकता है ……… वे अपने प्रिय पुत्र भीमराव को उच्च शिक्षा दिलाने के इच्छुक थे।
(5) वे बौद्ध धर्म को पसन्द करते थे ……….. वह समानता पर आधारित है।
(6) डॉ० अम्बेदकर के जीवन को देखकर यही सिद्ध होता है ……… कोई भी व्यक्ति जन्म से नहीं, बल्कि कर्म से महान् बनता है।
उत्तर:
(1) लेकिन
(2) कि
(3) और
(4) इसलिए
(5) क्योंकि
(6) कि

PSEB 8th Class Hindi Guide बाबा साहेब अम्बेदकर Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
बाबा साहब अम्बेडकर का पूरा नाम क्या है ?
(क) डॉ० भीमराव अम्बेडकर
(ख) रामराव अम्बेडकर
(ग) भीष्मराव अम्बेडकर
(घ) डॉ. भीमा सिंह अम्बेडकर।
उत्तर:
डॉ० भीमराव अम्बेडकर।

प्रश्न 2.
बाबा साहब अम्बेडकर के पिता का क्या नाम था ?
(क) श्री राम राव
(ख) श्री राम जी राव
(ग) श्री रामकुमार राव
(घ) श्री रामरत्न राव।
उत्तर:
श्री राम जी राव।

प्रश्न 3.
बाबा साहब अम्बेडकर का जन्म कब हुआ था ?
(क) 14-4-1879
(ख) 14-4-1889
(ग) 14-4-1891
(घ) 14-4-1899.
उत्तर:
14-4-1891

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 11 बाबा साहेब अम्बेदकर

प्रश्न 4.
बाबा साहब अम्बेडकर अमेरिका पढ़ने किस राज्य की छात्रवृत्ति पर गए थे?
(क) मैसूर
(ख) बड़ौदा
(ग) इंदौर
(घ) ग्वालियर।
उत्तर:
बड़ौदा।

प्रश्न 5.
अमेरिका के किस विश्वविद्यालय से बाबा साहब अम्बेडकर ने डाक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी ?
(क) न्यूजर्सी
(ख) कोलम्बिया
(ग) न्यूयार्क
(घ) कैलफोरनिया।
उत्तर:
कोलम्बिया।

प्रश्न 6.
बाबा साहब अम्बेडकर अमेरिका में कब से कब तक पढ़ते रहे ?
(क) 1913 से 1917 तक
(ख) 1913 से 1916 तक
(ग) 1913 से 1918 तक
(घ) 1913 से 1919 तक।
उत्तर:
1913 से 1917 तक।

प्रश्न 7.
बड़ौदा रियासत में बाबा साहब ने किस सचिव के पद पर कार्य किया ?
(क) वित्त
(ख) शिक्षा
(ग) सैनिक
(घ) गृह।
उत्तर:
सैनिक।

प्रश्न 8.
स्वतंत्र भारत में बाबा साहब को किस विभाग का मंत्री बनाया गया ?
(क) वित्त
(ख) विधि
(ग) गृह
(घ) शिक्षा।
उत्तर:
विधि।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 11 बाबा साहेब अम्बेदकर

प्रश्न 9.
बाबा साहब स्वतंत्र भारत में किस समिति के अध्यक्ष थे ?
(क) समाज कल्याण
(ख) संविधान
(ग) रक्षा
(घ) शिक्षा।
उत्तर:
संविधान।

प्रश्न 10.
बाबा साहब का निधन कब हुआ ?
(क) 6-12-1955
(ख) 6-12-1956
(ग) 6-12-1957
(घ) 6-12-1958.
उत्तर:
6-12-1956.

बाबा साहब अम्बेदकर Summary

बाबा साहब अम्बेदकर पाठ का सार

डॉ० भीमराव अम्बेदकर आधुनिक भारत के प्रमुख विधिवेत्ता, समाज सुधारक और राष्ट्रीय नेता थे। उनका जन्म 14 अप्रैल, सन् 1891 ई० को मऊ में हुआ जो अब मध्य प्रदेश में इन्दौर के पास स्थित है। वे महार जाति के थे। उनके पिता श्री राम जी राव एक सैनिक स्कूल के प्रधानाध्यापक थे। उन्होंने भीमराव को जीवन में आगे बढ़ने के उद्देश्य से उच्च शिक्षा दिलाने का संकल्प किया। बी० ए० की परीक्षा पास करने के बाद वे बड़ौदा राज्य की छात्रवृत्ति पर अमेरिका में अध्ययन के लिए गए। वहाँ उन्होंने पीएच० डी० की उपाधि प्राप्त की। अध्ययन के उपरान्त बड़ौदा लौटकर वे बड़ौदा महाराज के सैनिक सचिव बन गए। इसके बाद उन्होंने वकालत शुरू करने का इरादा बनाया। समाज में बराबरी के अधिकार के लिए उन्होंने जीवन भर संघर्ष किया।

जब भारत आजाद हुआ तो पं० नेहरू ने उन्हें अपने मन्त्रिमण्डल में विधि मन्त्री बनाया। वे स्वतन्त्र भारत का संविधान तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष थे। उन्हीं के प्रयत्नों से समानता के मूल अधिकारों को सुरक्षित रखा गया। डॉ० अम्बेदकर के जीवन को देखकर यही सिद्ध होता है कि कोई भी व्यक्ति जन्म से नहीं बल्कि कर्म से महान् बनता है। कर्म करते रहने से व्यक्ति किसी भी उच्च स्तर तक पहुँच सकता है। लगभग तीस वर्षों तक देश के क्षितिज पर चमकने वाला यह नक्षत्र 6 दिसम्बर, सन् 1956 को सदा के लिए विलीन हो गया।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran संज्ञा

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Sangya संज्ञा Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 8th Class Hindi Grammar संज्ञा

प्रश्न 1.
संज्ञा की परिभाषा लिखो और उसके भेद बताओ।
अथवा
संज्ञा किसे कहते हैं ? उसके कितने भेद हैं ?
उत्तर:
किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, जाति, गुण या भाव का बोध कराने वाले शब्द को संज्ञा कहते हैं; जैसे-राम, कृष्ण, दिल्ली, सिंह, पुस्तक, गर्मी, सुन्दरता, दया आदि।
संज्ञा के तीन भेद हैं-
(1) व्यक्तिवाचक
(2) जातिवाचक
(3) भाववाचक।
1. व्यक्तिवाचक : जो शब्द किसी विशेष व्यक्ति, स्थान आदि का बोध कराए, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे-कृष्ण, दिल्ली, गंगा आदि।
2. जातिवाचक : जो शब्द किसी सम्पूर्ण जाति का बोध कराए, उसे जातिवाचक संज्ञा कहा जाता है; जैसे-स्त्री, पुरुष, पशु, नगर आदि।
3. भाववाचक : जो शब्द किसी धर्म, अवस्था, भाव, गुण, दोष आदि प्रकट करे, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे-मिठास, मानवता, सत्यता आदि।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran संज्ञा

प्रश्न 2.
भाववाचक संज्ञा का निर्माण किस प्रकार होता है ?
उत्तर:
भाववाचक संज्ञा जातिवाचक संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया-विशेषण और निरर्थक शब्द से बनती है।
(i) जातिवाचक संज्ञा से मनुष्य से मनुष्यता, शिशु से शैशव, लड़का से लड़कपन आदि।
(ii) सर्वनाम से-अपना से अपनापन, सर्व से सर्वस्व, स्व से स्वत्व, अहं से अहंकार आदि।
(iii) विशेषण से-अच्छा से अच्छाई, सुन्दर से सौन्दर्य, भला से भलाई, उष्ण से उष्णीय आदि।
(iv) क्रिया से:-दौड़ना से दौड़, हँसना से हँसी, हँसाई, लड़ना से लड़ाई, पुकारना से पुकार, सजाना से सजावट आदि।
(v) क्रिया-विशेषण से-दूर से दूरी, समीप से समीपता, शीघ्र से शीघ्रता आदि।
(vi) निरर्थक शब्दों से-चरचराहट, सरसराहट, भिनभिनाहट आदि।

प्रश्न 3.
जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं ? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जातिवाचक संज्ञा-जो शब्द किसी सम्पूर्ण जाति का बोध कराए, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे-स्त्री, पुरुष, पशु, नगर आदि।

प्रश्न 4.
व्यक्तिवाचक संज्ञा जातिवाचक संज्ञा कैसे बन जाती है ? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
व्यक्तिवाचक संज्ञा का प्रयोग सदा एकवचन में होता है, परन्तु जब कोई व्यक्तिवाचक संज्ञा व्यक्ति विशेष का बोध न करा कर उस व्यक्ति जैसे गुणों या दोषों से युक्त अनेक व्यक्तियों का बोध कराती है तब वह व्यक्तिवाचक न रहकर जातिवाचक हो जाती है; जैसे-विभीषणों से बचकर रहो।

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
नीचे लिखे वाक्यों में से संज्ञा शब्द चुनकर लिखें
(क) राम पढ़ता है।
(ख) खिलाड़ी खेलता है।
(ग) गाय घास चरती है।
(घ) सिंह दहाड़ता है।
(ङ) पक्षी उड़ते हैं।
उत्तर:
(क) राम
(ख) खिलाड़ी
(ग) गाय, घास
(घ) सिंह
(ङ) पक्षी।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran संज्ञा

प्रश्न 2.
नीचे लिखे वाक्यों में से भाववाचक संज्ञा चुनकर लिखें
(क) शीला की पढ़ाई कैसी चल रही है।
(ख) यह जानकर मुझे प्रसन्नता हुई।
(ग) सुंदरता एक आभूषण है।
(घ) हमेशा सच्चाई की जीत होती है।
(ङ) आवश्यकता आविष्कार की जननी है।
(च) निर्धनता उसका रास्ता रोक रही थी।
उत्तर:
(क) पढ़ाई
(ख) प्रसन्नता
(ग) सुंदरता
(घ) सच्चाई
(ङ) आवश्यकता
(च) निर्धनता।

प्रश्न 3.
नीचे लिखे वाक्यों की भाववाचक संज्ञाएँ बदलो-
उत्तर:
(क) गन्ना मीठा होता है। – गन्ने में मिठास होती है।
(ख) हर व्यक्ति अच्छा होना चाहिए। – हर व्यक्ति में अच्छाई होनी चाहिए।
(ग) फूल बहुत सुंदर है। – फूल में बहुत सुंदरता है।
(घ) मनुष्य को कृतघ्न नहीं होना चाहिए। – मनुष्य में कृतघ्नता नहीं होनी चाहिए।
(ङ) यह बात उचित है। – इस बात में औचित्य है।
(च) हमारे देश में विषम परिस्थितियाँ हैं। – हमारे देश में विषमता पूर्ण परिस्थितियाँ हैं।
(छ) कच्चा आम खट्टा होता है। – कच्चे आम में खटास होती है।
(ज) देश में अनेक प्राकृतिक स्रोत हैं। – देश में प्राकृतिक स्रोतों की अनेकता है।
(झ) वह बड़ा कुरूप आदमी है। – उस आदमी में बड़ी कुरूपता है।
(ञ) सत्य एक उत्तम गुण है। – सत्यता एक उत्तम गुण है।
(ट) साँप एक मीटर लम्बा था। – साँप की लम्बाई एक मीटर थी।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran शब्द प्रकरण

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Shabd Prakaran शब्द प्रकरण Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 8th Class Hindi Grammar शब्द प्रकरण

प्रश्न 1.
शब्द किसे कहते हैं ?
उत्तर:
दो या दो से अधिक सार्थक वर्णों के मेल को शब्द कहते हैं; जैसे-राम, लक्ष्मण, सूर्य, गुरु आदि।

प्रश्न 2.
शब्द किसे कहते हैं ? अर्थ के आधार पर इसके कितने भेद हैं ?
उत्तर:
शब्द : दो या दो से अधिक सार्थक वर्णों के मेल को शब्द कहते हैं; जैसेराम, लक्ष्मण, सूर्य, गुरु आदि। अर्थ के आधार पर शब्द के दो भेद हैं-सार्थक और निरर्थक।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran शब्द प्रकरण

प्रश्न 3.
व्युत्पत्ति (रचना या बनावट) के विचार से शब्द के कितने भेद हैं ?
उत्तर:
व्युत्पत्ति के विचार से शब्द के तीन भेद हैं-
(1) रूढ़ि
(2) यौगिक
(3) योग रूढ़ि।
1. रूढ़ि : जिन शब्दों के खण्ड का कोई अर्थ नहीं होता, वे रूढ़ि शब्द कहलाते हैं। जैसे-कमल (क + म + ल), दवात (द + वा + त)।

2. यौगिक : जो दो शब्दों के योग से बनते हैं, उन्हें यौगिक शब्द कहा जाता है। जैसे-पाठशाला (पाठ + शाला), विद्यालय (विद्या + आलय), महात्मा (महा + आत्मा) आदि।

3. योग रूढ़ि : जो यौगिक शब्दों की भान्ति दो शब्दों के योग से तो बनें परन्तु किसी विशेष अर्थ को प्रकट करें, उन्हें योग रूढ़ि कहा जाता है। जैसे-पीताम्बर (पीत = पीला, अम्बर = कपड़ा) पीताम्बर शब्द का अर्थ पीला कपड़ा न होकर इसका विशेष अर्थ कृष्ण (भगवान् कृष्ण) है। पंकज (पंक = कीचड़, ज = उत्पन्न होने वाला) पंकज का अर्थ कीचड़ में उत्पन्न होने वाला मेंढक, कछुआ आदि नहीं बल्कि इसका अर्थ कमल है।

प्रश्न 4.
शब्द भण्डार या उत्पत्ति के विचार से शब्द के कितने भेद हैं ?
उत्तर:
उत्पत्ति के विचार से हिन्दी में चार प्रकार के शब्द हैं-
(1) तत्सम
(2) तद्भव
(3) देशज
(4) विदेशज।
1. तत्सम : जो शब्द संस्कृत भाषा से बिना किसी परिवर्तन के हिन्दी में प्रयुक्त होते हैं; जैसे-माता, पिता, ज्ञान, सुन्दर आदि।
2. तद्भव : संस्कृत के वे शब्द जो कुछ बिगाड़ कर हिन्दी में प्रयुक्त होते हैं; जैसेहस्त से हाथ, ग्राम से गाँव, अग्नि से आग।
3. देशज : जो शब्द स्थानीय भाषाओं में से हिन्दी में प्रयुक्त होते हों; जैसे-रोड़ा, बैंगन, आलू, सेब आदि।
4. विदेशज : जो शब्द अंग्रेजी, उर्दू, फ़ारसी आदि विदेशी भाषाओं से हिन्दी में प्रयुक्त होते हैं; जैसे-स्टेशन, स्कूल, आदमी, वकील, बाज़ार आदि।

प्रश्न 5.
अर्थ के अनुसार शब्द के कितने भेद हैं ? उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर:
अर्थ के अनुसार शब्द के दो भेद हैं-
(1) सार्थक और
(2) निरर्थक।
1. सार्थक : जिन शब्दों का कोई अर्थ हो; जैसे-कुर्सी, गाय, घोड़ा आदि।
2. निरर्थक : जिन शब्दों का कोई अर्थ न हो; जैसे-घोड़ा-घाड़ा (घाड़ा), आलूशालू आदि।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran शब्द प्रकरण

प्रश्न 6.
प्रयोग के अनुसार शब्द के कितने भेद हैं ?
उत्तर:
प्रयोग के अनुसार शब्द के आठ भेद हैं
विकारी
(1) संज्ञा
(2) सर्वनाम
(3) विशेषण
(4) क्रिया
अविकारी
(5) क्रिया विशेषण
(6) सम्बन्ध बोधक
(7) समुच्चय बोधक
(8) विस्मयादि बोधक
विकारी : जिन शब्दों का पुरुष, लिंग, वचन आदि के कारण रूप बदल जाता है, उन्हें विकारी कहा जाता है; जैसे-पर्वत-पर्वतों। बादल-बादलों। विद्वान्-विदुषी आदि।
अविकारी : जिन शब्दों का रूप नहीं बदलता; जैसे-और, यहाँ, वहाँ, या, अथवा आदि।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran वर्ण प्रकरण

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Varn Prakaran वर्ण प्रकरण Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 8th Class Hindi Grammar वर्ण प्रकरण

प्रश्न 1.
वर्ण या अक्षर को परिभाषित करो।
उत्तर:
वह छोटी-से-छोटी मूल ध्वनि को जिसके टुकड़े न हो सकें, वर्ण या अक्षर कहा जाता है ; जैसे-अ, इ, उ, ऋ, क्, च्, ट्, त्, प् आदि।

प्रश्न 2.
उच्चारण किसे कहते हैं ? भाषा के वर्गों का शुद्ध उच्चारण क्यों आवश्यक है ?
उत्तर:
बोलते समय जब वायु कंठ से लेकर होठों तक किसी उच्चारण अवयव द्वारा व्यक्त की जाती है तो विशेष प्रकार की ध्वनि पैदा होती है जिसे उच्चारण कहते हैं। किसी भाषा के सम्यक् ज्ञान के लिए उसके वर्णों का शुद्ध उच्चारण बहुत आवश्यक है।

प्रश्न 3.
वर्णमाला किसे कहते हैं ? हिन्दी वर्णमाला में कितने वर्ण (अक्षर) हैं ?
उत्तर:
वर्णों के क्रमानुसार समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिन्दी वर्णमाला में 44 वर्ण हैं-ग्यारह स्वर तथा तैंतीस व्यंजन।

प्रश्न 4.
वर्ण के कितने भेद हैं ?
उत्तर:
वर्ण के दो भेद हैं-स्वर और व्यंजन।

प्रश्न 5.
स्वर किसे कहते हैं ? उसके कितने भेद हैं ?
उत्तर:
जो बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से बोले जाते हैं, उन्हें स्वर कहा जाता है। जैसे-अ, इ, उ, ऋ आदि ग्यारह स्वर हैं।
स्वर के तीन भेद हैं:
(i) ह्रस्व
(ii) दीर्घ
(iii) प्लुत।
(i) ह्रस्व : जिनके बोलने में कम समय लगे। जैसे-अ, इ, उ, ऋ। इन्हें एक मात्रिक स्वर भी कहा जाता है।
(ii) दीर्घ : जिनके बोलने में ह्रस्व स्वर से दुगुना समय लगे। जैसे-आ, ई, ऋ, ए, ओ, औ।
(iii) प्लुत : जिनके बोलने में ह्रस्व स्वर से तिगुना समय लगे। जैसे-ओ३म्, हे राम ! आदि।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran वर्ण प्रकरण

प्रश्न 6.
अनुनासिक और निरनुनासिक में अंतर स्पष्ट कीजिए।
अथवा
उच्चारण के अनुसार स्वरों के भेद बताओ।
उत्तर:
उच्चारण के अनुसार सभी प्रकार (ह्रस्व, दीर्घ, प्लुत) स्वरों के दो भेद हैं
1. अनुनासिक : जब स्वरों का उच्चारण मुख और नासिका से होता है, तब वे ‘अनुनासिक’ कहलाते हैं। इस स्वर के ऊपर चन्द्रबिन्दु (ँ) या अनुस्वार ( . ) लगाया जाता है। जैसे-हँसना, दाँत, हंस आदि।।

2. निरनुनासिक : जब स्वरों का उच्चारण केवल मुख से होता है, तब वे ‘निरनुनासिक’ कहलाते हैं। इनके ऊपर चन्द्र बिन्दु नहीं लगता है। जैसे-अ, आ, इ, ई आदि स्वर।
इसी तरह नाग, अमर, मगर, जाग, भाग आदि शब्दों में आए हुए स्वर भी निरनुनासिक हैं।

प्रश्न 7.
व्यंजन किसे कहते हैं और इसके कितने भेद हैं ?
उत्तर:
जो वर्ण स्वरों की सहायता से बोले जाएँ, उन्हें व्यंजन कहते हैं। जैसे – क (क् + अ), च (च् + अ), ट (ट् + अ), त (त् + अ), प (प् + अ) आदि।

व्यंजन के भेद :
(i) स्पर्श
(ii) अन्तस्थ
(iii) ऊष्म।
स्पर्श वर्ण : क से ले र म तक = 25 वर्ण।
अन्तस्थ वर्ण : य, र, ल, व।
ऊष्म वर्ण : श, ष, स, ह।

प्रश्न 8.
संयुक्त व्यंजन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जो दो या दो से अधिक व्यंजनों से मिलकर बनते हैं, उन्हें संयुक्त व्यंजन कहते हैं, देवनागरी लिपि में ये चार हैं
(i) क्ष = क् + ष् + अ।
(ii) त्र = त् + र् + अ।
(iii) ज्ञ = ज् + ञ् + अ।
(iv) श्र = श् + र् + अ।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran वर्ण प्रकरण

प्रश्न 9.
वर्गों के उच्चारण स्थान लिखो।
उत्तर:
वर्णों के उच्चारण स्थान निम्नलिखित हैं
उच्चारण स्थान तालिका

वर्ण स्थान नाम
अ, आ, कवर्ग (क, ख, ग, घ, ङ), ह, विसर्ग ( : ) कण्ठ कण्ठ्य
इ, ई, चवर्ग (च, छ, ज, झ, ञ), य, श तालु तालव्य
ऋ, टवर्ग (ट, ठ, ड, ढ, ण), र, ष मूर्धा मूर्धन्य
तवर्ग (त, थ, द, ध, न), ल, स दन्त दन्त्य
उ, ऊ, पवर्ग (प, फ, ब, भ, म) ओष्ठ ओष्ठ्य
ङ, ञ, ण, न, म, अनुस्वार नासिका नासिक्य
ए, ऐ कण्ठ-तालु कण्ठ-तालव्य
ओ, औ कण्ठ-ओष्ठ कण्ठौष्ठ्य
दन्त-ओष्ठ दान्तौष्ठ्य

नोट : हिन्दी वर्णमाला में तीन संयुक्त अक्षर भी सम्मिलित किए गए हैं-क्ष, त्र, ज्ञ। जैसे-क् + ष् + अ = क्ष, त् + र् + अ = त्र, ज् + ञ् + अ = ज्ञ।

प्रश्न 10.
अयोगवाह किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जो बिना किसी अन्य वर्ण के आधार लिए नहीं बोले जा सकते। जैसे-
(i) अं (अनुस्वार) इसमें अनुस्वार का बिन्दु अ अक्षर का सहारा लिए हुए है।
(ii) अः (विसर्ग) दोनों बिन्दु ( : ) अ अक्षर का सहारा लिए हुए हैं।

प्रश्न 11.
अनुस्वार और अनुनासिक में क्या भेद ( अन्तर) है ?
उत्तर:
उत्तर:
अनुस्वार (अं) : इसका उच्चारण करते समय श्वास (साँस) केवल नाक से निकलती है। अनुस्वार सामने के व्यंजन पर आश्रित होता है, अत: कभी भी शब्द के अन्त में नहीं आ सकता ; जैसे-रंक, पंक, मंगल आदि।

अनुनासिक (अँ) : इसका उच्चारण मुख और नासिका दोनों से मिलकर होता है। जैसे-हँसना, पाँच, साँठ, गाँठ आदि। अनुनासिक पूर्व के स्वर पर आश्रित रहता है। अतः शब्द के अन्त में नासिका ध्वनि सदा अनुनासिक ही होती है। अनुस्वार नहीं, जैसेलड़कियाँ, जाएँ, आएँ आदि।

प्रश्न 12.
विसर्ग किसे कहते हैं ? इसका उच्चारण कैसे होता है ?
उत्तर:
विसर्ग दो बिन्दुओं ( : ) के चिह्न को कहते हैं। इसका उच्चारण ‘ह’ की ध्वनि के समान होता है।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran वर्ण प्रकरण

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के वर्गों को अलग-अलग दर्शाइए
क्षत्रिय, प्रसिद्ध, परीक्षा, विज्ञान, विद्या, क्रान्ति, दीक्षा, हृदय, राष्ट्र, प्रत्येक, उज्ज्वल, उद्दण्ड, स्वास्थ्य, उत्कर्ष, कार्यक्रम।
उत्तर:
क्षत्रिय = क् + ष् + अ, त् + र् + इ, य् + अ।
प्रसिद्ध = प् + र् + अ, स् + इ, द् + ध् + अ।
परीक्षा = प् + अ, र् + ई, क् + ष् + आ।
विज्ञान = व् + इ, ज् + ञ् + आ, न् + अ।
विद्या = व् + इ, द् + य् + आ।
क्रान्ति = क् + र् + आ, न् + त् + इ।
दीक्षा = द् + इ, क् + ष् + आ।
हृदय = ह् + ऋ, द् + अ, य् + अ।
राष्ट्र = र् + आ + ष् + ट् + र् + अ।
प्रत्येक = प् + र् + अ + त् + य् + ए + क् + अ।
उज्व ल = उ + ज् + ज् + व् + अ + ल् + अ।
उद्दण्ड = उ + द् + द् + अ + ण् + ड् + अ।
स्वास्थ्य = स् + व् + आ + स् + थ् + य् + अ।
उत्कर्ष = उ + त् + क् + अ + र् + ष् + अ।
कार्यक्रम = क् + आ + र् + य् + अ + क् + र् + अ + म् + अ।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran भाषा और व्याकरण

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Bhasha aur Vyakaran भाषा और व्याकरण Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 8th Class Hindi Grammar भाषा और व्याकरण

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran भाषा और व्याकरण

प्रश्न 1.
भाषा किसे कहते हैं ? सोदाहरण बताओ।
अथवा
भाषा की परिभाषा सोदाहरण लिखिए।
उत्तर:
भाषा वह साधन है जिसके द्वारा हम अपने विचार (बोल कर या लिख कर) दूसरों तक प्रकट करते हैं। हिंदी, संस्कृत, अंग्रेज़ी, बांग्ला, उर्दू, पंजाबी, गुजराती, तमिल, तेलगू, मलयालम, कन्नड़ आदि भाषाएँ हैं। विश्व में बोली तथा लिखी जाने वाली भाषाएँ हिन्दी, अंग्रेज़ी, लेटिन, चीनी, रूसी तथा जर्मन हैं।

प्रश्न 2.
भाषा किसे कहते हैं और इसके कितने भेद हैं ?
उत्तर:
भाषा वह साधन है जिसके द्वारा हम अपने मन के विचार दूसरों तक प्रकट करते हैं और दूसरों के विचारों से परिचित होते हैं। इसके दो भेद होते हैं-
(1) मौखिक।
(2) लिखित।

प्रश्न 3.
लिपि किसे कहते हैं ? हिन्दी की लिपि का नाम लिखो।
उत्तर:
जिन वर्ण चिह्नों के द्वारा भाषा लिखी जाती है, उसे लिपि कहते हैं। हिंदी भाषा को लिपि का नाम देवनागरी है।

प्रश्न 4.
भाषा का प्रयोग कितने प्रकार से होता है ?
उत्तर:
भाषा का प्रयोग दो प्रकार से होता है
(i) मौखिक रूप से
(ii) लिखित रूप से।
(i) मौखिक रूप : जब हम अपने विचारों को मुख से बोल कर प्रकट करते हैं, उसे भाषा का मौखिक रूप कहते हैं।
(ii) लिखित रूप : जब हम अपने विचारों को लिखकर प्रकट करते हैं, उसे भाषा का लिखित रूप कहते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran भाषा और व्याकरण

प्रश्न 5.
भाषा की सार्थक इकाई क्या है ?
उत्तर:
भाषा की सार्थक इकाई वाक्य है।

प्रश्न 6.
भाषा की लघुत्तम इकाई क्या है ?
उत्तर:
भाषा की लघुत्तम इकाई शब्द है।

प्रश्न 7.
भाषा और बोली में मुख्य अंतर क्या है ?
उत्तर:
बोली जाने वाली शब्दावली को बोली कहते हैं, जबकि भाषा बोली का विकसित रूप है। विचारों के प्रकटीकरण में गहनता, स्पष्टता तथा अनेकता लाने के लिए भाषा की ज़रूरत पड़ती है। बोली का क्षेत्र सीमित होता है जबकि भाषा का क्षेत्र विस्तृत होता है।

प्रश्न 8.
व्याकरण से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
जिस शास्त्र के द्वारा हमें भाषा के शुद्ध या अशुद्ध होने का ज्ञान प्राप्त हो, उसे व्याकरण कहते हैं।

प्रश्न 9.
व्याकरण का ज्ञान क्यों आवश्यक है ?
अथवा
व्याकरण किस काम आता है ?
उत्तर:
व्याकरण के ज्ञान के बिना न तो किसी भाषा को ठीक ढंग से पढ़ा जा सकता है और न ही उसे शुद्ध रूप में लिखा जा सकता है। अतः भाषा की शुद्धि और अशुद्धि का विवेचन करने के लिए व्याकरण का ज्ञान आवश्यक है।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran भाषा और व्याकरण

प्रश्न 10.
हिन्दी व्याकरण के घटक कौन-से हैं ?
अथवा
हिन्दी व्याकरण के कितने भाग हैं ?
उत्तर:
हिन्दी व्याकरण के तीन भाग हैं
(1) वर्ण विचार
(2) शब्द विचार और
(3) वाक्य विचार।
1. वर्ण विचार : व्याकरण का वह भाग है जिसमें वर्गों के आकार, भेद, उच्चारण स्थान तथा उनके मेल से शब्द बनाने के नियमों पर विचार किया जाता है।
2. शब्द विचार : व्याकरण का वह भाग है जिसके अन्तर्गत शब्दों के निर्माण, भेद, रूप परिवर्तन, व्युत्पत्ति आदि विषयों पर विचार किया जाता है।
3. वाक्य विचार : व्याकरण के इस भाग में वाक्यों की रचना या संगठन, वाक्यों के भेद तथा लक्षण, वाक्य विश्लेषण और विराम चिह्नों पर विचार किया जाता है।

प्रश्न 11.
भाषा की तीन परस्पर सापेक्ष इकाइयाँ कौन-कौन सी हैं ?
उत्तर:
भाषा की तीन परस्पर सापेक्ष इकाइयाँ-वर्ण, शब्द और वाक्य हैं।

प्रश्न 12.
भाषा का मुख्य अंग क्या है ?
अथवा
भाषा का क्या मूल है ?
उत्तर:
भाषा का मुख्य अंग या मूल ‘वाक्य’ होता है। प्रत्येक व्यक्ति अपना अभिप्राय या विचार सदा वाक्य के रूप में ही प्रकट करता है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई

Hindi Guide for Class 8 PSEB पदावली-सूरदास, मीराबाई Textbook Questions and Answers

(क) भाषा – बोध

I. शब्दार्थ:

औगुन = अवगुण, बुराइयाँ, दोष। समदरसी = समदर्शी, सब को समान देखने वाला। नार = नाला। नीर = जल। बरन = रंग, एक रूप। बधिक = शिकारी। पारस = एक ऐसा पत्थर जिसके स्पर्श से लोहा भी सोना बन जाता है। कंचन = सोना। टरौ = टल जाएगा। दाऊ = बलदेव। खिझायौ = चिढ़ाता है। मोसौ = मुझसे। लीन्हौ = लिया है। कहा करौं = क्या करूँ या क्या कहूँ। रिस के मारे = गुस्से के मारे। पुनि-पुनि = बारबार। मात = माता। कत = किस लिए। स्यामल = काले रंग का। गात = शरीर। दाउहीं = बलदेव को। रिस = गुस्सा। चबाई = चुगलखोर। धूत = धूर्त। सौं = सौगन्ध । पूत = पुत्र। वसतु = वस्तु। अमोलक = अमूल्य। खरचै = खर्च करने पर। सत्त = सत्य। खेवटिया = मल्लाह, केवट। हरषि = प्रसन्न। जस = यश। पग = पैर। बावरी = पगली। न्यात = नातेदार, रिश्तेदार । कुलनासी = कुल का नाश करने वाली। पीवत = पीकर । सहज = आसानी से। अविनासी = सदा रहने वाला भगवान्।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई

II. हिंदी रूप लिखें :

औगुन – ………………….
समदरसी – ………………….
बधिक – ………………….
बरन – ………………….
मोसों – ………………….
कान्ह – ………………….
मोहौं – ………………….
बसतु – ………………….
किरपा – ………………….
इक – ………………….
उत्तर:
औगुन – अवगुण ।
समदरसी – समदर्शी।
बधिक – वधिक।
बरन – वर्ण।
मोसों – मुझसे।
कान्ह – कृष्ण।
मोहौं –मुझे।
बसतु – वस्तु।
किरपा – कृपा।
इक – एक।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई

(ख) विषय – बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें

प्रश्न (क)
श्रीकृष्ण ने यशोदा से क्या शिकायत की है ?
उत्तर:
श्रीकृष्ण ने यशोदा से यह शिकायत की कि बड़ा भाई बलराम उसे चिढ़ाता है। वह कहता है कि तुझे तो मोल लिया गया है। तू यशोदा का पुत्र नहीं है, क्योंकि नन्द बाबा भी गोरे हैं तथा यशोदा भी गोरी है। तू काले शरीर वाला है।

प्रश्न (ख)
माता ने श्रीकृष्ण को कैसे विश्वास दिलाया कि वह उसका पुत्र है ?
उत्तर:
माता यशोदा ने श्रीकृष्ण को यह कह कर विश्वास दिलाया कि बलदेव तो जन्म काल से ही चुगलखोर और धूर्त है। मुझे गो-धन की सौगन्ध है कि तू मेरा पुत्र है और मैं तेरी माता हूँ।

प्रश्न (ग)
बलराम श्री कृष्ण को कैसे खिझाते थे ?
उत्तर:
बलराम श्रीकृष्ण को यह कहकर खिझाते थे-तू तो मोल लिया हुआ है। तू यशोदा का पुत्र नहीं है।

प्रश्न (घ)
मीरा ने राम रूपी रत्न-धन कैसे प्राप्त किया ?
उत्तर:
मीरा ने राम रूपी रत्न-धन अपने सतगुरु की कृपा से प्राप्त किया।

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प्रश्न (ङ)
‘सत की नाव’ से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
‘सत की नाव’ का अर्थ-सत्य स्वरूप परमात्मा। मीरा ने भगवान् के भजन को ‘सत्य की नौका’ कहा है जोकि इस भव सागर से पार उतारने वाला है।

प्रश्न (च)
मीरा को जहर क्यों दिया गया ?
उत्तर:
मीरा का देवर उसे कुल को बदनाम करने वाली मानता था। उसे मीरा द्वारा साधु-सन्तों की संगति पसन्द नहीं थी। इस कारण मीरा को जहर दिया गया।

II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें

प्रश्न (क)
तीसरे पद के आधार पर मीरा की भक्ति-भावना पर संक्षिप्त नोट लिखो।
उत्तर:
मीरा ने अपने गुरु की कृपा से राम नाम का रत्न-धन प्राप्त कर लिया। मानो उसने जन्म-जन्म की पूँजी पा ली हो। पूँजी भी ऐसी, जो कभी खर्च करने से कम नहीं होती, बल्कि उत्तरोत्तर बढ़ती ही रहती है। मीरा भगवान् कृष्ण के रंग में पूरी तरह रंग गई।

प्रश्न (ख)
चौथे पद की प्रसंग सहित व्याख्या करो।
उत्तर:
मीरा पैरों में घुघरू बाँध कर नाचती है और कहती है कि मैं तो अपने नारायण श्रीकृष्ण की स्वयं ही दासी बन गई हूँ। लोग कहते हैं कि मीरा पागल हो गई है और रिश्तेदार कहते हैं कि वह कुल का नाश करने वाली हो गई है। राणा जी ने मीरा को मारने के लिए विष का प्याला भेजा। उसे पीकर वह हँसने लगी। मीरा कहती है कि मेरे तो प्रभु चतुर गिरिधारी कृष्ण हैं, वे सदा रहने वाले भगवान् मुझे आसानी से मिल गए हैं। भाव है कि संसार के कष्टों को मीरा तुच्छ मानती है। उसे अब देह (शरीर) की चिन्ता नहीं रही। उस पर जहर के प्याले का भी कोई असर नहीं पड़ा, क्योंकि वह श्रीकृष्ण की शरण में चली गई है।

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(ग) व्यावहारिक व्याकरण

पर्यायवाची लिखें :

प्रभु – ………………….
कंचन – ………………….
जल – ………………….
गंगा – ………………….
माता – ………………….
पूत – ………………….
कृपा – ………………….
उत्तर:
1. प्रभु – ईश्वर, परमात्मा।
2. कंचन – सोना, स्वर्ण, हेम।
3. जल – पानी, नीर, वारि, तोय, आब, अंबू।
4. गंगा – जाह्नवी, सुरसरिता, मंदाकिनी, जाह्नवी।
5. माता – माँ, जननी, अम्बा।
6. पूत – पुत्र, तनय, सुत, तनुज।
7. कृपा – दया, अनुकम्पा, मेहरबानी, अनुग्रह।

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PSEB 8th Class Hindi Guide पदावली-सूरदास, मीराबाई Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
‘समदरसी’ किस का नाम है ?
(क) कवि का
(ख) भगवान का
(ग) प्रांत का
(घ) देश का।
उत्तर:
भगवान का।

प्रश्न 2.
श्रीकृष्ण को कौन खिझाता है ?
(क) दाऊ
(ख) भाऊ
(ग) दमन
(घ) रमन।
उत्तर:
दाऊ।

प्रश्न 3.
‘चबाई’ कौन होता है ?
(क) खिलाड़ी
(ख) शैतान
(ग) संत
(घ) चुगलखोर।
उत्तर:
चुगलखोर।

प्रश्न 4.
मीरा ने कौन-सा ‘रत्न’ पाया है ?
(क) राम
(ख) श्याम
(ग) सीता
(घ) राधा।
उत्तर:
राम।

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प्रश्न 5.
मीरा किस नाव पर सवार है ?
(क) लकड़ी की
(ख) मन की
(ग) सत की
(घ) शरीर की।
उत्तर:
सत की।

प्रश्न 6.
राणा जी ने किस का प्याला भेजा था ?
(क) विष का
(ख) दूध का
(ग) शहद का
(घ) जल का।
उत्तर:
विष का।

प्रश्न 7.
‘न्यात’ का क्या अर्थ है ?
(क) न्यौता देना
(ख) नाते-रिश्तेदार
(ग) मना करना
(घ) स्नान करना।
उत्तर:
नाते रिश्तेदार।

प्रश्न 8.
गोवर्धन पर्वत किसने उठाया था ?
(क) राम ने
(ख) बलराम ने
(ग) कृष्ण ने
(घ) रावण ने।
उत्तर:
कृष्ण ने।

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सप्रसंग व्याख्या

1. हमारे प्रभु, औगुन चित न धरौ।
समदरसी है नाम तुम्हारी, सोई पार करौ॥
इक लोहा पूजा मैं राखत, इक घर बधिक परौ।
सो दुबिधा पारस नहिं जानत, कंचन करत खरौ॥
इक नदिया इक नार कहावत, मैलो नीर भरौ।
जब मिलि गए तब एक बरन है, गंगा नाम परौ॥
तन माया, ज्यौ ब्रह्म कहावत, सूर सु मिलि बिगरौ।
कै इनकौ निरधार कीजियै, कै प्रन जात टरौ॥

शब्दार्थ:
औगुन = अवगुण, बुराइयाँ, दोष। समदरसी = समदर्शी, सब को समान देखने वाला। नार = नाला। नीर = जल। बरन = रंग, एक रूप। बधिक = शिकारी। पारस = एक ऐसा पत्थर जिसके स्पर्श से लोहा भी सोना बन जाता है। कंचन = सोना। टरौ = टल जाएगा।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘पदावली’ से लिया गया है। प्रस्तुत पद में सूरदास जी भगवान् कृष्ण से प्रार्थना करते हुए कहते हैं

व्याख्या:
हे परमात्मा ! हमारी बुराइयों को अपने मन में न रखो। हमारे अवगुणों को क्षमा कर दो। आपका नाम तो समदर्शी है अर्थात् आप सब को समान दृष्टि से देखते हैं, इसलिए चाहो तो हमें भवसागर से पार उतार दो। एक लोहा पूजा में रखा जाता है और एक शिकारी के घर में तीर तलवार आदि के रूप में पड़ा होता है। पारस इस भेद को नहीं जानता। वह उन दोनों के गुण-दोष नहीं देखता बल्कि अपने संपर्क से दोनों को खरा सोना बना देता है। एक पवित्र जल वाली नदी कहलाती है। एक नाला कहलाता है, जिसमें गंदा पानी भरा होता है। जब ये दोनों मिल जाते हैं तब एक रूप हो जाते हैं और दोनों मिल कर बहते हुए गंगा नदी में मिल जाते हैं, उनका नाम गंगा पड़ जाता है। सूरदास जी कहते हैं कि यह सारा संसार माया और भ्रम के जाल से भरा हुआ कहलाता है। माया के इस भ्रम जाल को दूर कर दो। हे भगवान् ! मुझे इस बार संसार सागर से पार उतार दो, नहीं तो आपका पतित-पावन होने का प्रण टल जाएगा। कवि का भाव है कि भगवान् भले-बुरे सब का रक्षक है। वह पारस पत्थर के समान है, जो अच्छे-बुरे दोनों तरह के लोहे को सोना बना देता है।

विशेष:

  1. कवि ने ईश्वर की महिमा का वर्णन किया है।
  2. ब्रज भाषा का प्रयोग किया गया है।

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2. मैया मोहि दाऊ बहुत खिझायौ।
मोसौं कहत मोल को लीन्हौं, तू जसुमति कब जायौ।
कहा करौं, इहि रिस के मारै खेलन कै नहिं जात।
पुनि पुनि कहत कौन है माता, को है तेरौ तात॥
गोरे नन्द, जसोदा गोरी, तुम कत स्यामल गात।
चुटकी दे दे ग्वाल नचावत, हंसत सबै मुसकात॥
तू मोही कौं मारन सीखी, दाउहिं कबहुं न खीझे।
मोहन मुख रिस की ये बातें, जसुमति सुनि-सुनि रीझै॥
सुनहु कान्ह, बलभद्र चबाई, जनमत ही को धूत।
सूर स्याम मोहिं गोधन की सौं, हौं माता तू पूत॥

शब्दार्थ:
दाऊ = बलदेव। खिझायौ = चिढ़ाता है। मोसौ = मुझसे। लीन्हौ = लिया है। कहा करौं = क्या करूँ या क्या कहूँ। रिस के मारे = गुस्से के मारे। पुनि-पुनि = बारबार। मात = माता। कत = किस लिए। स्यामल = काले रंग का। गात = शरीर। दाउहीं = बलदेव को। रिस = गुस्सा। चबाई = चुगलखोर। धूत = धूर्त। सौं = सौगन्ध । पूत = पुत्र।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘पदावली’ में से लिया गया है। यह पद सूरदास जी द्वारा रचित है। इसमें बाल-कृष्ण माता यशोदा से अपने बड़े भाई बलराम की शिकायत करते हुए कहते हैं

व्याख्या:
हे माता ! मुझे भाई बलराम बहुत चिढ़ाता है। वह मुझे कहता है कि तू मोल लिया गया है; तुझे तो खरीदा गया है। यशोदा ने तुझे कब जन्म दिया है? क्या कहूँ, इसी गुस्से के मारे मैं खेलने के लिए नहीं जाता। वह मुझे बार-बार कहता है कि कौन तुम्हारी माता है और कौन तुम्हारे पिता हैं ? क्योंकि नन्द गोरे रंग के हैं, यशोदा भी गोरे रंग की है, तू काले शरीर वाला किस लिए है। सभी ग्वालों को वह चुटकी बजा-बजा कर नचवाता है। सब हँसते और मुस्कुराते हैं। तू तो मुझे ही

मारना सीखी है, बलदेव को तो तू कभी भी गुस्से भी नहीं होती। कृष्ण के गुस्से से भरे मुख को देख कर तथा ये बातें बार-बार सुनकर यशोदा प्रसन्न होती है। यशोदा कहती है कि हे कृष्ण ! सुनो, बलदेव तो चुगलखोर है, जन्म से ही वह धूर्त है। सूरदास कहते हैं कि माता यशोदा कृष्ण से फिर कहती है कि मुझे गो धन (गऊओं) की सौगन्ध है-मैं तुम्हारी माता हूँ और तू मेरा पुत्र है। भाव है कि बालकृष्णं माता यशोदा से बड़े भैया बलराम की शिकायत करते हैं कि वह मुझे चिढ़ाता है कि तुझे मोल लिया गया है, तो माता यशोदा गऊओं की सौगन्ध खाकर कृष्ण को विश्वास दिलाती है। वह कहती है कि मैं तुम्हारी माता हूँ और तू मेरा पुत्र है।

विशेष:

  1. कवि ने यशोदा ममता और श्रीकृष्ण के प्रेम को वाणी प्रदान की है।
  2. ब्रज भाषा का प्रयोग किया गया है। |

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3. मैंने राम रतन धन पायौ।
वसतु अमोलक दी मेरे सतगुरु, करि किरपा अपणायो।
जनम जनम की पूँजी पाई, जग में सबै खवायो।
खरचै नहिं कोई चोर न लवै, दिन-दिन बढ़त सवायौ।
सत्त की नाव खेवटिया सतगुरु, भवसागर तरि आयो।
‘मीरा’ के प्रभु गिरिधर नागर, हरखि हरखि जस गायौ॥

शब्दार्थ:
वसतु = वस्तु। अमोलक = अमूल्य। खरचै = खर्च करने पर। सत्त = सत्य। खेवटिया = मल्लाह, केवट। हरषि = प्रसन्न। जस = यश।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘पदावली’ में से लिया गया है। प्रस्तुत पद में मीरा गुरु की महिमा का गुण-गान करती हुई कहती है

व्याख्या:
मैंने भगवान् के नाम का रत्न-धन प्राप्त कर लिया है। मेरे सच्चे गुरु ने मुझे अमूल्य वस्तु प्रदान की है। कृपा करके उन्होंने मुझे अपनी शरण में अपना लिया है। मैंने तो जन्म-जन्म की सम्पत्ति प्राप्त कर ली है। इस संसार में मेरे पास जो कुछ था उस सब को मैंने त्याग दिया है। मैंने सांसारिक मोह-माया को त्याग कर गुरु की शरण प्राप्त कर ली है। भगवान् के नाम रूपी रत्न धन को खर्च करने से भी वह कम नहीं होता। चोर इसे ले नहीं सकता। यह तो दिन-प्रतिदिन सवाया होकर बढ़ता जाता है। मीरा कहती है कि मैंने सत्य की नाँव बनाकर और सच्चे गुरु को मल्लाह बनाकर इस संसार रूपी सागर को पार कर लिया है। मेरे प्रभु गोवर्धन पर्वत को उठाने वाले चतुर कृष्ण हैं। मैं हर्ष के साथ उन्हीं का यशोगान करती हूँ कि सच्चे गुरु की कृपा से भगवान् के नाम का रत्न धन प्राप्त किया जा सकता है।

विशेष:

  1. कवयित्री ने श्रीकृष्ण के प्रति अपनी भक्ति-भावना को प्रकट किया है।
  2. भाषा में गेयता का गुण है।

4. पग धुंघरू बाँध मीरा नाची रे।
मैं तो अपने नारायण की, आपहि हो गई दासी रे।
लोग कहैं मीरा भई बावरी, न्यात कहैं कुलनासी रे।
विष का प्याला राणाजी भेज्या, पीवत मीरा हांसी रे।
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर, सहज मिले अविनासी रे।

शब्दार्थ:
पग = पैर। बावरी = पगली। न्यात = नातेदार, रिश्तेदार । कुलनासी = कुल का नाश करने वाली। पीवत = पीकर । सहज = आसानी से। अविनासी = सदा रहने वाला भगवान्।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘पदावली’ में से लिया गया है। प्रस्तुत पद में मीरा ने भगवान् कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति-भावना और आप बीती का वर्णन किया है।

व्याख्या:
मीरा पैरों में घुघरू बाँध कर नाचती है और कहती है कि मैं तो अपने नारायण श्रीकृष्ण की स्वयं ही दासी बन गई हूँ। लोग कहते हैं कि मीरा पागल हो गई है और रिश्तेदार कहते हैं कि वह कुल का नाश करने वाली हो गई है। राणा जी ने मीरा को मारने के लिए विष का प्याला भेजा। उसे पीकर वह हँसने लगी। मीरा कहती है कि मेरे तो प्रभु चतुर गिरिधारी कृष्ण हैं, वे सदा रहने वाले भगवान् मुझे आसानी से मिल गए हैं। भाव है कि संसार के कष्टों को मीरा तुच्छ मानती है। उसे अब देह (शरीर) की चिन्ता नहीं रही। उस पर जहर के प्याले का भी कोई असर नहीं पड़ा, क्योंकि वह श्रीकृष्ण की शरण में चली गई है।

विशेष:

  1. मीरा ने श्रीकृष्ण के प्रति अपने प्रेम और भक्ति को व्यक्त किया है।
  2. गेयता का गुण है।

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पदावली (सूरदास, मीराबाई) Summary

पदावली (सूरदास, मीराबाई) पदावली सार

सूरदास का ईश्वर के प्रति गहरा विश्वास है कि वे सभी प्राणियों का कल्याण करते हैं। वे उनके अवगुणों की ओर ध्यान नहीं देते। जिस प्रकार पारस पत्थर मंदिर में रखे हुए लोहे को सोना बना देता है तो वह कसाई के द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले लोहे के साधन को भी वह सोना ही बनाता है। वे उनमें कर्म के आधार पर भेद-भाव नहीं करता। गंदे नालोंनालियों का जल भी गंगा की धारा में मिल कर गंगा की पवित्रता को पा जाता है। हर अच्छे-बुरे का रक्षक ईश्वर ही है। श्रीकृष्ण साँवले रंग के थे। उनके बड़े भाई बलराम उन्हें चिढ़ाते थे कि उनका जन्म यशोदा माता से नहीं हुआ। उन्हें तो बाज़ार से खरीदा गया था। यशोदा माता ने गउओं की सौगंध खाकर कहा कि वह ही उनकी माँ थी। बलराम का कहना झूठ था क्योंकि वह तो जन्म से ही धूर्त था। मीराबाई कृष्ण भक्ति के विषय में कहती है कि उनकी भक्ति सबसे अच्छी है जिसे चोर चुरा नहीं सकता, खर्च करने पर वह घटती नहीं बल्कि बढ़ती ही जाती है। वह सत्य की नौका को चलाने वाले हैं। उन्हीं का यश गागा कर वह प्रसन्नता प्राप्त करती है। वह अपने पाँवो में धुंघुरू बाँध कर उनके समक्ष नाचती है। लोग कहते हैं कि वह कुल का नाश कर रही थी पर वह उनकी परवाह नहीं करती। उसने राणा के द्वारा भेजा जहर का प्याला भी उनका प्रसाद समझ कर पी लिया था। वह तो केवल श्रीकृष्ण का है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 24 नेत्रदान Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 24 नेत्रदान

Hindi Guide for Class 8 PSEB नेत्रदान Textbook Questions and Answers

(क) भाषा – बोध

I. शब्दार्थ:

नसीब = भाग्य।
सहसा = अचानक।
आशैंका = सन्देह, शक।
हृदयआघात = दिल का दौरा।
चुहलबाजी = शरारती।
विलाप = रोना-धोना।
असहनीय = जिसे सहन न किया जा सके।
संकल्प = इच्छा, निश्चय।
सर्वोपरि = सबसे ऊपर।
स्वेच्छा = अपनी इच्छा।
आर्द्र = नमी युक्त।
शल्य = चीर-फाड़।
आश्वस्त = जिसे आश्वासन या भरोसा मिला हो।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

II. इन मुहावरों के अर्थ समझते हुए वाक्य बनायें

लुत्फ उठाना, मातम छाना, गले से लिपटकर रोना, किसी और दुनिया में जाना, जीवन प्रकाशमान होना, यज्ञ सफल होना, जीवन के मायने बदलना।

उत्तर:
1. लुत्फ उठाना – सभी बच्चों ने रीना की जन्मदिवस पार्टी में बहुत लुत्फ उठाया था।
2. मातम छाना – भरी सभा में नेता जी की हृदय गति रुक जाने के कारण मातम छा गया।
3. गले से लिपटकर रोना – विवाह के पश्चात् विदाई के समय रोहिणी अपनी मम्मी के गले से लिपट फूट-फूट कर रो रही थी।
4. किसी और दुनिया में जाना-हम सब को मर कर किसी और दुनिया में जाना ही
5. जीवन प्रकाशमान होना-भाई साहब ने अपनी सारी संपत्ति दीन-दुखियों को दान देकर समाज सेवा में लगकर अपने जीवन को प्रकाशमान कर लिया।
6. यज्ञ सफल होना-ग्यारह गरीब लड़कियों का आर्य समाज में विवाह कराने का काम कठिन था पर सब की कोशिश से यज्ञ सफल हो ही गया।
7. जीवन के मायने बदलना-बचपन से अपंग हो चुके राजेश ने जब से कृत्रिम पाँव प्राप्त किए हैं तब से उसके जीवन के मायने बदल गए हैं।

(ख) विषय – बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें

प्रश्न (क)
नेत्रदान करने का संकल्प किस-किसने किया था ?
उत्तर;
नेत्रदान करने का संकल्प मृतका और उसकी सहेली ने किया था।

प्रश्न (ख)
हृदयाघात के कारण किसकी मृत्यु हो गई थी ?
उत्तर:
हृदयाघात के कारण लेखिका की सखी की मृत्यु हो गई थी।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

प्रश्न (ग)
नेत्र संकल्प का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
नेत्र संकल्प का अर्थ है-मृत्यु के पश्चात् नेत्रों का दान।

प्रश्न (घ)
सहेली के परिवार वालों ने नेत्रदान करने का विरोध कैसे किया ?
उत्तर:
सहेली के परिवार वालों ने नेत्रदान करने का विरोध इसलिए किया था कि उन्हें उसके नेत्रदान के विषय में कुछ भी पता नहीं था।

प्रश्न (ङ) एक व्यक्ति की आँखें कितने लोगों को लगाई जाती हैं ?
उत्तर:
एक व्यक्ति की आँखें दो लोगों को लगाई जाती हैं।

प्रश्न (च)
हमारे देश में कितने लोग ऐसे हैं जिनका आँखों का पर्दा किसी न किसी कारण धुंधला हो जाता है ?
उत्तर:
हमारे देश में 25 लाख से अधिक लोगों की आँखों का पर्दा किसी न किसी कारण धुंधला हो जाता है।

प्रश्न (छ)
नेत्र बैंक की टीम के पहुंचने से पूर्व क्या करना चाहिए ?
उत्तर:
नेत्र बैंक की टीम पहुँचने से पूर्व मृतक की दोनों आँखें बंद कर उन पर रूई में लपेट कर बर्फ रखनी चाहिए और पंखा बंद कर देना चाहिए।

प्रश्न (ज)
नेत्रदान करने में कितना समय लगता है ?
उत्तर:
नेत्रदान करने में 15-20 मिनट लगते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें

प्रश्न (क)
जीवित नेत्र संकल्प पत्र के बारे में आप क्या जानते हैं ? लिखें।
उत्तर:
जीवित नेत्र संकल्प पत्र एक प्रकार का शपथ-पत्र होता है जिसके द्वारा कोई भी व्यक्ति शपथ लेता है कि जब वह मर जाएगा तो उसकी दोनों आँखें घर के लोग दान दे देंगे। उन आँखों को डॉक्टर किन्हीं दो ज़रूरतमंद लोगों को लगाएंगे जिससे वे इस संसार को देख सकें। नेत्रदान विशेष नेत्र-बैंकों के डॉक्टर ही ले सकते हैं।

प्रश्न (ख)
नेत्रदान के क्या लाभ हैं ?
उत्तर:
नेत्रदान एक ऐसा दान है जो किसी नेत्रहीन को फिर से संसार की सुन्दरता देखने के योग्य बना देता है। इससे एक साथ दो अंधे लोगों को देखने की शक्ति प्राप्त हो जाती है। जिन मृतक आँखों को नष्ट होना ही था वे किसी को जीवन देने के योग्य बन जाती हैं। इससे मृतक शरीर को कोई क्षति नहीं होती।

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. ‘अ’ लगाकर विपरीत शब्द बनायें

प्रिय = …………………
सहनीय = …………………
सहमति = …………………
सहयोग = …………………
सम्भव = …………………
उत्तर:
प्रिय = अप्रिय
सहनीय = असहनीय
सहमति = असहमति
सहयोग = असहयोग
सम्भव = असम्भव।

इन विपरीत अर्थ वाले शब्दों को भी समझें

अर्थ = अनर्थ
इच्छा = अनिच्छा
ठण्डक = तपन
कर्तव्य = अधिकार।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

II. लिंग बदलें

बेटा = …………………
पति = …………………
सास = …………………
माता = …………………
मौसी = …………………
दादी = …………………
साधु = …………………
उत्तर:
बेटा = बेटी
पति = पत्नी
सास = ससुर
माता = पति
मौसी = मौसा
दादी = दादा
साधु = साध्वी।

III. ‘बे’ लगाकर नये शब्द बनायें

बे + ख़बर = …………………
बे + सहारा = …………………
बे + शक = …………………
बे + मेल = …………………
+ रोक = …………………
उत्तर
बे + ख़बर = बेख़बर
बे + सहारा = बेसहारा
बे + शक = बेशक
बे + मेल = बेमेल
बे + रोक = बेरोक।

IV. ‘नेत्र’ शब्द के पर्यायवाची लिखें।

उत्तर:
नेत्र = आँख, दृग, लोचन, नयन, चक्षु, विलोचन, अक्षि।

योग्यता विस्तार

  • नेत्रदान किसी भी आय में मरणोपरान्त किया जा सकता है।
  • एक व्यक्ति की आँखें किन्हीं दो व्यक्तियों को प्रत्यारोपित की जाती हैं।
  • यह सूचना गुप्त रखी जाती है कि किस व्यक्ति को किसकी आँख लगी है।
  • नेत्रदान करने वाले को दानी (Donar) और नेत्र प्राप्त करने वाले को प्राप्त कर्ता (Donee) कहा जाता है।
  • नेत्र लेने के बाद इन्हें 24 से 36 घंटे तक रखा जाता है, जहाँ इनकी जाँच-पड़ताल की जाती है।
  • नेत्र बैंक में एक रजिस्टर लगा होता है जिसमें इच्छुक व्यक्तियों के नाम दर्ज होते हैं। क्रम अनुसार ही नेत्र प्रत्यारोपित किये जाते हैं।
  • नेत्र लगाने को ग्राफटिंग (Grafting) कहते हैं।
  • केवल आँख का पर्दा (Cornea) ही प्रत्यारोपित किया जाता है।
  • नेत्र में रोशनी आने में तीन से चार माह लगते हैं।
  • कोर्निया के धुंधले होने के अनेक कारण जैसे आँख में संक्रमण, चोट, खान-पान में कमी और आप्रेशन में कोई बाधा आदि हैं।
  • जिस व्यक्ति का रेटिना खराब हो गया या पीलिया, कैंसर, एडज़, रेबीज जैसे संक्रामक रोग से पीड़ित मृतक के नेत्रदान के अयोग्य होते हैं।
  • नेत्र बैंक की टीम के पहुँचने तक मृत्यु के उपरान्त दोनों आँखें बन्द कर दें, पंखा न चलायें। बर्फ रुई में लपेटकर उसकी आँखों पर रख दें। तकिया लगाकर मृतक का सिर ऊँचा कर दें।

संकल्प

  • कोई भी जीवित व्यक्ति संकल्प पत्र भर सकता है।
  • संकल्प पत्र निकटवर्ती क्षेत्र बैंक को भेजा जाता है।
  • नेत्र बैंक से नेत्र दानी कार्ड (Eye Donar Card) मिलता है। इसे हमेशा अपने पास संभाल कर रखें।
  • संकल्प पत्र न भी भरा हो तो भी नेत्रदान हो सकता है। उत्तराधिकारी की सहमति आवश्यक है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

PSEB 8th Class Hindi Guide नेत्रदान Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
लेखिका को किसकी मृत्यु की सूचना मिली थी ?
(क) भाई
(ख) पिता
(ग) माता
(घ) सहेली।
उत्तर:
सहेली।

प्रश्न 2.
लेखिका को सहेली की मृत्यु की सूचना किस दिन मिली ?
(क) रविवार को
(ख) सोमवार को
(ग) मंगलवार को
(घ) बुधवार को।
उत्तर:
रविवार को।

प्रश्न 3.
एक व्यक्ति की आँखें कितने लोगों को लगाई जा सकती हैं ?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर:
दो।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

प्रश्न 4.
लेखिका की सहेली को दिल का दौरा सुबह कब पड़ा था ?
(क) दो बजे
(ख) तीन बजे
(ग) चार बजे
(घ) पाँच बजे।
उत्तर:
चार बजे।

प्रश्न 5.
मृतका के नेत्रदान करने के संकल्प की किसने,सराहना की थी ?
(क) मौसा ने
(ख) ससुर ने
(ग) पति ने
(घ) मौसी सास ने।
उत्तर:
मौसी सास ने।

प्रश्न 6.
मौसी सास ने नेत्रदान का संकल्प पत्र कितने वर्ष पूर्व भरा था ?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच।
उत्तर:
चार।

प्रश्न 7.
क्या लगाने से न देख सकने वाले भी देख सकते हैं ?
(क) लैंस
(ख) ऐनक
(ग) कार्निया
(घ) सुरमा।
उत्तर:
कार्निया।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

प्रश्न 8.
नेत्रदान के लिए किस बैंक को सूचना देनी होती है ?
(क) ब्लड
(ख) नेत्र
(ग) सहकारी
(घ) सरकारी।
उत्तर:
नेत्र।

प्रश्न 9.
हमारे देश में कितने लाख से अधिक लोग देख नहीं सकते ?
(क) बीस
(ख) पच्चीस
(ग) तीस
(घ) पैंतीस।
उत्तर:
पच्चीस।

प्रश्न 10.
नेत्रदान करने में कितने मिनट का समय लगता है ?
(क) 10-12
(ख) 15-20
(ग) 8-10
(घ) 12-15.
उत्तर:
15-20.

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नेत्रदान Summary

नेत्रदान पाठ का सार

प्रातः का समय था। ठंडी हवा चल रही थी। अपनी बात सुनाने वाली महिला घर के बगीचे में चाय पी रही थी कि फोन की घंटी बजी। उसकी बेटी फोन बाहर ही ले आई और उसने फोन अपनी मम्मी को दिया। फोन सुनते ही वह फूट-फूट कर रोने लगी। पूछने पर पता लगा कि उसकी प्रिय सहेली हृदयघात से चल बसी थी। वह और उसका पति शीघ्रता से उसके घर को चले। घर से चलने से पहले उसने अपने नेत्रदान करने का संकल्प पत्र उठाया और फोन से नेत्र बैंक को सूचना दी। वहाँ पहुँचकर पता लगा कि सुबह चार बजे उसकी सहेली को दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी। महिला ने उसके पति को बताया कि उसकी मृतक पत्नी ने कुछ दिन पहले नेत्रदान करने का संकल्प किया था। पति ने बताया कि वह बाहर गया हुआ था और कल रात ही वापस लौटा था। उसने फोन पर इतना अवश्य बताया था कि वह मुझे कोई महत्त्वपूर्ण बात बताने वाली थी। महिला ने उसे अपना नेत्रदान पत्र दिखाया।

सहेली की सास और ससुर पहले तो अपनी बहू के नेत्रदान के लिए तैयार नहीं हुए लेकिन बाद में वे इसके लिए मान गए। मृतका की मौसी सास ने तो बहू की इस काम के लिए सराहना की। उसने स्वयं भी चार वर्ष पहले नेत्रदान का संकल्प पत्र भरा था। उसका पोता देख नहीं सकता था और हो सकता था कि बहू की आँखों से वह देखने लगे। नेत्रदान किसे प्राप्त होगा यह बात गुप्त रखी जाती है और एक व्यक्ति को एक ही आँख दान में दी जाती है। हमारे देश में 25 लाख से अधिक ऐसे बच्चे हैं जो देख नहीं सकते। आँख के सामने का कॉर्निया नामक पर्दा धुंधला हो जाने के कारण दिखाई नहीं देता। जब साफ कॉर्निया लगा दिया जाए तो न देख सकने वाले वे लोग भी देख सकते हैं। मृतका की सहेली शल्य चिकित्सकों के आने से पहले रूई में बर्फ लपेट कर मृत शरीर की आँखों पर रखती रही थी। डॉक्टरों ने 15 से 20 मिनट में आँखें लेकर मृतका को नकली आँखें लगा दी थीं ताकि उसका चेहरा सामान्य बना रह सके।