PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 11 बल तथा दाब Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 11 बल तथा दाब

PSEB 8th Class Science Guide बल तथा दाब Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
धक्के या खिंचाव के द्वारा वस्तुओं की गति की अवस्था में परिवर्तन के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

  1. क्रिकेट मैच में क्षेत्र रक्षक गेंद को धक्का लगाकर रोकता है।
  2. चलती हुई गाड़ी को रोकने के लिए ब्रेक लगाई जाती है।

प्रश्न 2.
ऐसे दो उदाहरण दीजिए जिनमें लगाए गए बल द्वारा वस्तु की आकृति में परिवर्तन हो जाए।
उत्तर-

  1. मेज़ पर पड़े गेंद को दबाने से।
  2. साइकिल की सीट पर लगा स्प्रिंग, सवारी के भार से नीचे चला जाता है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित कथनों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) कुएँ से पानी निकालते समय हमें रस्सी को …………………… पड़ता है।
(ख) एक आवेशित वस्तु अनावेशित वस्तु को ……………………… करती है।
(ग) सामान से लदी ट्रॉली को चलाने के लिए हमें उसको ………………….. पड़ता है।
(घ) किसी चुंबक का उत्तरी ध्रुव दूसरे चुंबक के उत्तरी ध्रुव को ………………………. करता है।
उत्तर-
(क) खींचना
(ख) आकर्षित
(ग) धकेलना
(घ) प्रतिकर्षित।

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प्रश्न 4.
एक धनुर्धर लक्ष्य पर निशाना साधते हुए अपने धनुष को खींचती है। जब वह तीर को छोड़ती है जो लक्ष्य की ओर बढ़ने लगता है। इस सूचना के आधार पर निम्नलिखित प्रकथनों में दिए गए शब्दों का उपयोग करके रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
पेशीय/संपर्क/असंपर्क/गुरुत्व/घर्षण/आकृति/आकर्षण
(क) धनुष को खींचने के लिए धनुर्धर एक बल लगाती है, जिसके कारण इसकी …………………. में परिवर्तन होता है।
(ख) धनुष को खींचने के लिए धनुर्धर द्वारा लगाया गया बल ……………………… बल का उदाहरण है।
(ग) तीर की गति की अवस्था में परिवर्तन के लिए उत्तरदायी बल का प्रकार ……………………….. बल का उदाहरण है।
(घ) जब तीर लक्ष्य की ओर गति करता है तो इस पर लगने वाले बल ………………………. तथा वायु के ……………………… के कारण होते हैं।
उत्तर-
(क) आकृति
(ख) पेशीय
(ग) पेशीय
(घ) गुरुत्व, घर्षण।

प्रश्न 5.
निम्न स्थितियों में बल लगाने वाले कारक तथा जिस वस्तु पर बल लग रहा है, उनको पहचानिए। प्रत्येक स्थिति में जिस रूप में बल का प्रभाव दिखाई दे रहा है, उसे भी बताइए।
(क) रस निकालने के लिए नींबू के टुकड़ों को अँगुलियों से दबाना।
(ख) दंत मंजन की ट्यूब से पेस्ट बाहर निकालना।
(ग) दीवार में लगे हुए हुक से लटकी कमानी के दूसरे सिरे पर लटका एक भार।
(घ) ऊँची कूद करते समय एक खिलाड़ी द्वारा एक निश्चित ऊँचाई की छड़ (बाधा) को पार करना।
उत्तर-

स्थिति बल का कारक बल प्रभावित वस्तु परिणाम
(क) अंगुलियाँ नींबू रस का स्त्राव
(ख) अंगुलियाँ दंत मंजन की ट्यूब पेस्ट का बाहर आना
(ग) लटकता भार कमानी कमानी का लंबा होना
(घ) टांग का पेशीय बल खिलाड़ी का शरीर ऊँची कूद

प्रश्न 6.
एक औज़ार बनाते समय कोई लोहार लोहे के गर्म टुकड़े को हथौड़े से पीटता है। पीटने के कारण लगने वाला बल लोहे के टुकड़े को किस प्रकार प्रभावित करता है ?
उत्तर-
पीटने के कारण लगने वाले बल से लोहे का टुकड़ा चपटा हो जाता है।

प्रश्न 7.
एक फुलाए हुए गुब्बारे को संश्लिष्ट कपड़े के टुकड़े से रगड़ कर एक दीवार पर दबाया गया। यह देखा गया कि गुब्बारा दीवार से चिपक जाता है। दीवार तथा गुब्बारे के बीच आकर्षण के लिए उत्तरदायी बल का नाम बताइए।
उत्तर-
स्थिर विदयुतीय बल।

प्रश्न 8.
आप अपने हाथ में पानी से भरी प्लास्टिक की बाल्टी लटकाए हुए हैं। बाल्टी पर लगने वाले बलों के नाम बताइए। विचार-विमर्श कीजिए की बाल्टी पर लगने वाले बलों द्वारा इसकी गति की अवस्था में परिवर्तन क्यों नहीं होता ?
उत्तर-
प्लास्टिक की बाल्टी पर लगे बल से :

  1. धरती का गुरुत्वाकर्षण बल (नीचे की ओर)
  2. बाजुओं का पेशीय बल (ऊपर की ओर)

दोनों बलों से बाल्टी की गति की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आता, क्योंकि दोनों बल समान हैं और एक-दूसरे से विपरीत दिशा में कार्य करते हैं। अतः एक-दूसरे के प्रभाव को समाप्त कर देते हैं। बाल्टी के भार के कारण पेशियाँ खिंच जाती हैं।

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प्रश्न 9.
किसी उपग्रह को इसकी कक्षा में प्रमोचित करने के लिए किसी रॉकेट को ऊपर की ओर प्रक्षेपित किया गया। प्रमोचन मंच को छोड़ने के तुरंत बाद रॉकेट पर लगने वाले दो बलों के नाम बताइए।
उत्तर-
प्रमोचित रॉकेट पर लगने वाले बल से :

  1. धरती का गुरुत्वाकर्षण बल (नीचे की ओर)।
  2. ईंधनों के जलने से उत्सर्जित गैसों का निर्मोचित बल (ऊपर की ओर)।

प्रश्न 10.
जब किसी ड्रॉपर के चंचु ( नोज़ल) को पानी में रखकर इसके बल्ब को दबाते हैं तो ड्रॉपर की वायु बुलबुलों के रूप में बाहर निकलती हुई दिखलाई देती है। बल्ब पर से दाब हटा लेने पर ड्रॉपर में पानी भर जाता है। ड्रॉपर में पानी के चढ़ने का कारण है-
(क) पानी का दाब
(ख) पृथ्वी का गुरुत्व
(ग) रबड़ के बल्ब की आकृति
(घ) वायुमंडलीय दाब।
उत्तर-
(घ) वायुमंडलीय दाब।

PSEB Solutions for Class 8 Science बल तथा दाब Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्न क्रियाएँ समान क्यों हैं ? ठोकर मारना, हिट करना, उठाना, खींचना।
उत्तर-
उपरोक्त सभी क्रियाओं में वस्तु की गति बदलने के लिए बल लगाया जाता है।

प्रश्न 2.
गति से संबंधित कार्यों को किन नामों से जाना जा सकता है ?
उत्तर-
खिंचाव अथवा धक्का।

प्रश्न 3.
बल क्या है ?
उत्तर-
बल – यह खिंचाव या धक्का है जो वस्तु की गति अथवा आकृति में परिवर्तन करता है या करने का प्रयत्न करता है।

प्रश्न 4.
दाब से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
दाब – एकांक क्षेत्र पर लगाए गए बल को दाब कहते हैं।

प्रश्न 5.
एक उदाहरण द्वारा वर्णन करो कि बल वस्तु की गति बदल सकता है ?
उत्तर-
मान लो आप उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर 10 m/s की चाल से साइकिल चला रहे हो। यदि आपका मित्र उसी दिशा में धक्का लगाता है, तो आपकी चाल बढ़ जाती है।

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प्रश्न 6.
एक क्रिया द्वारा दर्शाओ कि बल वस्तु की आकृति बदल देता है ?
उत्तर-
रबड़ की गेंद को हथेलियों के मध्य दबाने से गेंद की आकृति गोल नहीं रहती और चपटी-गोल हो जाती है।

प्रश्न 7.
एक क्रिया द्वारा दर्शाओ कि बल वस्तु की गति और दिशा दोनों में परिवर्तन लाता है ?
उत्तर-
गेंदबाज द्वारा फेंका गया गेंद जब बल्ले से टकराता है, तो उसकी गति और दिशा दोनों में परिवर्तन आ जाता है।

प्रश्न 8.
एक क्रिया द्वारा दर्शाओ कि बल गति कर रही वस्तु की दिशा बदलता है।
उत्तर-
फुटबाल के खेल में, गतिशील गेंद को ठोकर मारकर उसकी गति की दिशा बदल सकते हैं।

प्रश्न 9.
जब बल को गति की दिशा में लगाया जाता है, तो क्या होता है ?
उत्तर-
गति में वृद्धि होती है।

प्रश्न 10.
क्या होता है जब समान परिणाम वाला बल उल्ट दिशा में लगाया जाता है ?
उत्तर-
नेट बल शून्य होगा अर्थात् वस्तु किसी दिशा में गति नहीं करेगी।

प्रश्न 11.
संपर्क बल क्या है ?
उत्तर-
संपर्क बल – वह बल, जो दो वस्तुओं के परस्पर के संपर्क में आने से लगता है, संपर्क बल कहलाता है।

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प्रश्न 12.
संपर्क बल का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
पेशीय तथा घर्षण बल।

प्रश्न 13.
गुरुत्व बल किस प्रकार का बल है ?
उत्तर-
असंपर्क बल।

प्रश्न 14.
किसी एक असंपर्क बल का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
चुंबकीय बल।

प्रश्न 15.
स्थिर विद्युतीय बल क्या है ?
उत्तर-
आवेशित वस्तुओं द्वारा लगाया गया बल।

प्रश्न 16.
दाब को किस प्रकार बढ़ाया या घटाया जा सकता है ?
उत्तर-
क्षेत्रफल में परिवर्तन करके।

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प्रश्न 17.
दीवार की नींव चौड़ी क्यों रखी जाती है ?
उत्तर-
दीवार के आधार पर लग रहे दाब को कम करने के लिए।

प्रश्न 18.
बल, क्षेत्रफल और दाब में संबंध बताइए।
क्षेत्रफल
उत्तर-
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प्रश्न 19.
काटने अथवा छेद करने के लिए कैसा औज़ार चाहिए ?
उत्तर-
तीखी धार वाला औजार ।

प्रश्न 20.
क्या द्रव और गैसें दाब डालते हैं ?
उत्तर-
हाँ।

प्रश्न 21.
ट्यूबें हवा भरने से फूल क्यों जाती हैं ?
उत्तर-
ट्यूब की दीवार पर हवा के दाब बढ़ने के कारण।

प्रश्न 22.
फव्वारा किस सिद्धांत पर कार्य करता है ?
उत्तर-
द्रव दाब डालते हैं।

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प्रश्न 23.
पृथ्वी के इर्द-गिर्द वातावरण के आवरण को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
वायुमंडल।

प्रश्न 24.
वायुमंडलीय दाब अधिक है या कम ?
उत्तर-
अधिक।

प्रश्न 25.
क्या कभी मानव या अन्य प्राणी वायुमंडलीय दाब से दब सकते हैं ?
उत्तर-
कभी नहीं।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
गति करती हुई गेंद को कैसे रोका जा सकता है ?
उत्तर-
गति की विपरीत दिशा में बल लगाकर गेंद को रोका जा सकता है।

प्रश्न 2.
क्या एक समतल सतह पर वस्तु की गति कम हो सकती है ? यदि हाँ तो क्यों ?
उत्तर-
एक गति करती वस्तु की गति समतल सतह पर कम हो सकती है क्योंकि इसकी समतल सतह के बीच घर्षण होता है। घर्षण उल्टी दिशा में बल लगाता है जिससे वस्तु की गति कम हो जाती है।

प्रश्न 3.
नेट बल शून्य कब होता है ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
जब किसी वस्तु पर दो बल एक-दूसरे की उल्टी दिशा में और समान परिमाण के लग रहे हों, तब नेट बल शून्य होता है। उदाहरण-रस्सा-कशी का खेल।

प्रश्न 4.
बल एक सदिश राशि है ? कैसे ?
उत्तर-
सदिश राशि में परिमाण और दिशा दोनों होते हैं। बल को परिभाषित करने के लिए भी दोनों परिमाण और दिशा का ज्ञान होना आवश्यक है। अतः बल एक सदिश राशि है।

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प्रश्न 5.
बल की विभिन्न किस्मों के नाम लिखिए।
उत्तर-
बल की विभिन्न किस्में-

  1. पेशीय बल
  2. चुंबकीय बल
  3. स्थिर विद्युतीय बल
  4. गुरुत्व बल
  5. घर्षण बल।

प्रश्न 6.
बल के दो प्रभाव लिखिए।
उत्तर-
बल के प्रभाव-

  1. बल गति की स्थिति में परिवर्तन लाता है।
  2. बल आकृति में परिवर्तन लाता है।

प्रश्न 7.
वस्तु की गति की स्थिति से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
वस्तु की चाल और दिशा वस्तु की गति की स्थिति कहलाती है। . विराम की स्थिति में चाल शून्य होती है। चाल और दिशा में परिवर्तन से वस्तु की गति की स्थिति में परिवर्तन आता है।

प्रश्न 8.
क्या बल से केवल दिशा में परिवर्तन हो सकता है, गति में नहीं ? यदि हाँ, तो कैसे ?
उत्तर-
बिना गति में परिवर्तन हुए बल द्वारा वस्तु की दिशा में परिवर्तन किया जा सकता है। इसके लिए निम्न प्रयोग है-
प्रयोग – एक छोटा पत्थर लें। इसे धागे से बांधे। धागे को हाथ से घुमाएँ। पत्थर वृतीय पथ में एक समान गति से घूमता है। जब घुमाना बंद कर छोड़ दिया जाता है, तो पत्थर सरल रेखा में जाता है। इससे प्रमाणित होता है कि बल से दिशा में परिवर्तन हुआ है परंतु, गति में नहीं।

प्रश्न 9.
पेशीय बल के कुछ उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
टहलना, साँस लेना, दौड़ना, उठाना, बर्फ पर चलना, प्रहार करना आदि कुछ उदाहरण हैं जिनमें पेशीय बल की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 10.
संपर्क बल की एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
कैरम बोर्ड के खेल में जब एक गोटी से दूसरी गोटी टकराती है, तो विराम अवस्था वाली गोटी गति में आ जाती है। यह संपर्क बल का उदाहरण है।

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प्रश्न 11.
गुरुत्व बल को असंपर्क बल क्यों कहते हैं ? व्याख्या करें।
उत्तर-
गुरुत्व बल धरती पर या धरती की सतह से ऊपर पड़ी वस्तुओं पर लगता है। यह दूरस्थ वस्तुओं पर भी लगता है। उदाहरणार्थ पेड़ों से पत्ते गिरते हैं, नदियों में पानी नीचे की ओर बहता है, चंद्रमा धरती के चारों तरफ घूमता है। इन सभी उदाहरण में वस्तु धरती के संपर्क में नहीं है। इसलिए, इसे असंपर्क बल कहते हैं।

प्रश्न 12.
दाब की परिभाषा दीजिए। इसका मात्रक क्या है ?
उत्तर-
दाब- प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को दाव कहते हैं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब 2
दाव का मात्रक पासकल अथवा Nm-2 है।

प्रश्न 13.
फल को काटने के लिए तेज़ धार वाला चाकू क्यों चाहिए ?
उत्तर-
तेज़ धार वाला चाकू फल पर अधिक दाब डालता है जो फल को आसानी से काट देता है।

प्रश्न 14.
पानी से भरी बोतल में दाब सबसे अधिक और सबसे कम कहाँ होगा ?
उत्तर-
पानी से भरी बोतल में दाब बोतल के निचले तल पर सबसे अधिक होगा और ऊपरी सतह पर सबसे कम होगा।

प्रश्न 15.
हवा भरने से गुब्बारा क्यों फैल जाता है ? उत्तर-गुब्बारे में हवा भरने से, हवा गुब्बारे की भीतरी दीवारों पर दाब डालती है। यह दाब गुब्बारे को फैलाता है।

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प्रश्न 16.
प्रयोग द्वारा सिद्ध करो कि दाब गहराई के साथ बढ़ता है।
उत्तर-
द्रव का दाब उसकी गहराई पर निर्भर करता है। इसे निम्न प्रयोग द्वारा सिद्ध कर सकते हैं-
प्रयोग – एक लंबा बर्तन लीजिए, जिसमें कम-से-कम तीन छिद्र हों (जैसे चित्र में दर्शाया गया है) अब इसे पानी से भरिए। तीनों छिद्रों में से पानी की धारा बाहर निकलती है। परंतु सबसे नीचे वाली धारा सबसे दूर जाकर गिरती है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब 3
यह बात प्रमाणित होती है कि दाब गहराई के साथ बढ़ता है।

प्रश्न 17.
वायुमंडलीय दाब क्या है ?
उत्तर-
वायुमंडलीय दाब – धरती के चारों तरफ वायु का आवरण है। वायु का स्तंभ, द्रव स्तंभ की तरह ही दाब डालता है। वायु के इस दाब को वायुमंडलीय दाब कहते हैं।

प्रश्न 18.
वायुमंडलीय दाब अधिक है, परंतु इस दाब से हम पिचकते क्यों नहीं ?
उत्तर-
हमारा शरीर और अन्य जंतुओं का शरीर कोशिकाओं से बना है जिनमें द्रव है, जो अंदर से बाहर की ओर दाब डालता है। शरीर के अंदर का दाब, वायुमंडलीय दाब के बराबर होता है। इसलिए हम पिचकने से बच जाते हैं।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
बल कितनी प्रकार का होता है ? प्रत्येक का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
बल के प्रकार-

  1. पेशीय बल
  2. चुंबकीय बल
  3. स्थिर विद्युतीय बल
  4. गुरुत्व बल
  5. घर्षण बल।

1. पेशीय बल – सजीवों द्वारा अपनी पेशियों का बल उपयोग में लाना, पेशीय बल कहलाता है। जैसे-बैलों द्वारा पेशीय बल से गाड़ी खींचना।

2. चुंबकीय बल – चुंबक का गुण है कि वह कोबाल्ट, निक्कल, लोहे अथवा स्टील से बनी वस्तुओं को आकर्षित करता है। चुंबकीय पदार्थ पर लगने वाला बल चुंबकीय बल कहलाता है। जैसे चुंबक से लोहे की कीलें आकर्षित होती हैं।

3. स्थिर विद्युतीय बल (Electric Static Force) – जब प्लास्टिक और टैरीलीन जैसे पदार्थ परस्पर रगड़े जाते हैं तो उनमें विद्युत् उत्पन्न होती है। इस विद्युत् कारण उत्पन्न बल, स्थिर विद्युतीय बल कहलाता है। जैसे-जब शीशे की छड़ को रेशम के कपड़े से रगड़ा जाता है, तो शीशे की छड़, कागज़ के टुकड़ों को अपनी ओर आकर्षित करती है। ऐसा स्थिर विद्युतीय बल के कारण होता है।

4. गुरुत्व बल – धरती की सतह के ऊपर और निकट पाई जाने वाली वस्तुओं पर धरती एक बल लगाती है, जिसे गुरुत्व बल कहते हैं। ऊँचाई से छोड़ी गई कोई भी वस्तु, धरती पर गुरुत्व बल के कारण गिरती है।

5. घर्षण बल – एक वस्तु का दूसरी वस्तु के ऊपर गति करने से, उन दोनों के बीच उत्पन्न बल को घर्षण बल कहते हैं। घर्षण बल, वस्तु की गति से उल्ट दिशा में होता है। जैसे काँच की गोली धरती पर कुछ समय लुढ़कने के बाद रुक जाती है। यह घर्षण बल के कारण होता है।

प्रश्न 2.
एक वस्तु पर बल लगने के परिणाम लिखिए।
उत्तर-
बल लगाने से वस्तु पर प्रभाव-

  1. गति में परिवर्तन-बल वस्तु की गति बदल सकता है।
  2. दिशा में परिवर्तन-बल से गति की दिशा में परिवर्तन होता है।
  3. गति और दिशा दोनों में परिवर्तन-बल वस्तु की गति और दिशा दोनों बदल सकता है।
  4. आकृति और आकार में परिवर्तन-बल से वस्तु की आकृति और आकार दोनों बदले जा सकते हैं।

प्रश्न 3.
बल की लाभ और हानियाँ लिखिए।
उत्तर-
बल के लाभ-

  1. यह एक स्थिर वस्तु को गति में ला सकता है। जैसे, एक खिलौने को बल लगाकर हिलाया जा सकता है।
  2. इससे गति कर रही वस्तु को धीमा किया जा सकता है। जैसे-बल लगाकर साइकिल की गति कम की जाती
  3. इससे गति की दिशा में परिवर्तन किया जा सकता है। जैसे-बल्लेबाज गेंद को हिट करके उसकी गति और दिशा में परिवर्तन लाता है।
  4. इससे वस्तु की आकृति बदली जा सकती है। जैसे- स्पंज को हथेली से दबाकर अर्थात् बल लगाकर उसकी आकृति बदली जा सकती है।

बल की हानियाँ-

  1. घर्षण बल से वाहनों के टायर और जूते टूट-फूट जाते हैं।
  2. घर्षण बल से ऊष्मा उत्पन्न होती है जो हानिकारक है। तेज़ गति से चलती मशीनों में यह ऊष्मा उनकी कार्यक्षमता को कम करती है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 4.
एक प्रयोग द्वारा सिद्ध करो कि दाब समान गहराई पर एक समान होता है।
उत्तर-
प्रयोग- एक खाली टीन लो और उसमें एक समान गहराई पर तीन-चार छेद करो और उन्हें सैलोटेप से बंद कर दें। टीन को पानी से भर दो
और सभी सैलोटेप को हटा दो। पानी सभी छेदों से एक समान गति से बाहर निकलता है और समान दूरी पर पहुँचता है।
इस प्रयोग से सिद्ध होता है कि समान गहराई पर दाब एक समान होता है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब 4

प्रश्न 5.
प्रयोग द्वारा वायुमंडलीय दाब की उपस्थिति दर्शाइए।
उत्तर-
प्रयोग – एक धातु का टीन लो। उसमें थोड़ा पानी डालें। ढक्कन उतार दें और टीन को गर्म करें। पानी उबलना शुरू कर देगा और भाप बाहर निकल जाएगी। भाप के साथ टीन में से वायु भी बाहर निकल जाएगी। अब ढक्कन को बंद कर दें और टीन पर ठंडा पानी डालें। पानी से टीन में बची भाप पानी बन जाएगी और टीन में निर्वात पैदा हो जाएगा जिसके फलस्वरूप वायुमंडलीय दाब भीतरी दाब से बढ़ जाएगा और टीन को पिचका देगा।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब 5

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਪੜਨਾਂਵ

Punjab State Board PSEB 8th Class Punjabi Book Solutions Punjabi Grammar Padnav ਪੜਨਾਂਵ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB 8th Class Punjabi Grammar ਪੜਨਾਂਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਪੜਨਾਂਵ ਕਿਸ ਨੂੰ ਆਖਦੇ ਹਨ ? ਇਸ ਦੇ ਕਿੰਨੇ ਭੇਦ ਹਨ ? ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਦੇ ਕੇ ਸਮਝਾਓ ।
ਜਾਂ
ਪੜਨਾਂਵ ਕਿਸ ਨੂੰ ਆਖਦੇ ਹਨ ? ਇਸਦੀਆਂ ਕਿਸਮਾਂ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਹਨ ? ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਦੇ ਕੇ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ :
ਵਾਕ ਵਿਚ ਜਿਹੜਾ ਸ਼ਬਦ ਕਿਸੇ ਨਾਂਵ ਦੀ ਜਗ੍ਹਾ ਵਰਤਿਆ ਜਾਵੇ, ਉਹ ਪੜਨਾਂਵ ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ-ਮੈਂ, ਅਸੀਂ, ਸਾਡਾ, ਤੂੰ, ਤੁਸੀਂ, ਤੁਹਾਡਾ, ਇਹ, ਉਹ, ਆਪ ਆਦਿ ।

ਪੜਨਾਂਵ ਛੇ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ-
1. ਪੁਰਖਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ :
ਜਿਹੇ ਪੜਨਾਂਵ ਕੇਵਲ ਕਿਸੇ ਪੁਰਖ ਦੀ ਥਾਂ ਹੀ ਵਰਤੇ ਜਾਣ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ “ਪੁਰਖਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ” ਆਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ-
ਮੈਂ, ਅਸੀਂ, ਤੂੰ, ਤੁਸੀਂ, ਉਹ ਆਦਿ ।
ਪੁਰਖਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ ਤਿੰਨ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ
(ੳ) ਉੱਤਮ (ਪਹਿਲਾ) ਪੁਰਖ : ਵਾਕ ਵਿਚ ਗੱਲ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਉੱਤਮ ਪੁਰਖ ਆਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ-ਮੈਂ, ਮੈਥੋਂ, ਮੇਰਾ, ਮੈਨੂੰ, ਅਸੀਂ, ਸਾਨੂੰ, ਸਾਡਾ, ਸਾਡੇ, ਸਾਡੀ, ਸਾਡੀਆਂ, ਸਾਥੋਂ ਆਦਿ ।

(ਅ) ਮੱਧਮ (ਦੂਜਾ) ਪੁਰਖ : ਵਾਕ ਵਿਚ ਜਿਸ ਨਾਲ ਗੱਲ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇ, ਉਹ “ਮੱਧਮ ਪੁਰਖ’ ਹੁੰਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ-ਤੂੰ, ਤੁਸੀਂ, ਤੁਹਾਡਾ, ਤੁਹਾਡੇ, ਤੁਹਾਡੀ, ਤੁਹਾਡੀਆਂ, ਤੈਨੂੰ ਤੁਹਾਨੂੰ, ਤੇਰਾ, ਤੇਰੇ, ਤੁਹਾਥੋਂ ਆਦਿ ।
ਅਨਯ (ਤੀਜਾ) ਪੁਰਖ-ਵਾਕ ਵਿਚ ਜਿਸ ਬਾਰੇ ਗੱਲ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇ, ਉਸ ਨੂੰ ‘ਅਨਯ ਪੁਰਖ ਆਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ-ਉਹ, ਇਹ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਆਦਿ ।

2. ਨਿੱਜਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ :
ਜਿਹੜਾ ਪੜਨਾਂਵ ਕਰਤਾ ਦੀ ਥਾਂ ਵਰਤਿਆ ਜਾਵੇ, ਜਾਂ ਕਰਤਾ ਦੇ ਨਾਲ ਆ ਕੇ ਉਸ ਦੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾ ਦੱਸੇ, ਉਸ ਨੂੰ “ਨਿੱਜਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ” ਆਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ-ਮਨੁੱਖ ਆਪਣੀ ਕਿਸਮਤ ‘ਆਪ’ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ । (ਅ) ਮੈਂ ‘ਆਪ’ ਉੱਥੇ ਗਿਆ ।

ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਪਹਿਲੇ ਵਾਕ ਵਿਚ ‘ਆਪ’ ਪੜਨਾਂਵ ਕਰਤਾ ‘ਮਨੁੱਖ’ ਦੀ ਥਾਂ ‘ਤੇ ਵਰਤਿਆ ਗਿਆ ਹੈ, ਪਰ ਦੂਜੇ ਵਾਕ ਵਿਚ ‘ਆਪ’ ਪੜਨਾਂਵ ‘ ਦੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਕਰਕੇ ਇਹ ‘ਨਿੱਜਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ ਹੈ ।

ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ‘ਆਪ’ ਸ਼ਬਦ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਨਿੱਜਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ | ਅਸੀਂ ਆਦਰ ਵਜੋਂ ‘ਤੂੰ ਦੀ ਥਾਂ ‘ਤੁਸੀਂ ਜਾਂ ‘ਆਪ’ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦੇ ਹਾਂ, ਤਾਂ ‘ਆਪ’ ਸ਼ਬਦ ਪੁਰਖਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ‘ਆਪ’ ਸ਼ਬਦ ਪੁਰਖਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਇਹ ਇਕ-ਵਚਨ ਵੀ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਬਹੁ-ਵਚਨ ਵੀ ।ਇਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿਚ ਇਹ ਤਿੰਨਾਂ ਹੀ ਪੁਰਖਾਂ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਜਿਸ ਨਾਂਵ ਜਾਂ ਪੜਨਾਂਵ ਦੀ ਥਾਂ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਉਹ ਉਸੇ ਵਾਕ ਵਿਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ , ਜਿਵੇਂ
“ਉਹ ਮੈਨੂੰ ‘ਆਪ’ ਮਿਲਣ ਲਈ ਆਇਆ ।

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਪੜਨਾਂਵ

3. ਸੰਬੰਧਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ :
ਜਿਹੜਾ ਸ਼ਬਦ ਪੜਨਾਂਵ ਹੁੰਦਾ ਹੋਇਆ ਵੀ ਯੋਜਕ ਵਾਂਗ ਵਾਕਾਂ ਨੂੰ ਆਪਸ ਵਿਚ ਜੋੜਨ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰੇ, ਉਸ ਨੂੰ ‘ਸੰਬੰਧਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ’ ਆਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ; ਜਿਵੇਂ-
(ੳ) ‘ਰਾਮ ਉਸੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਦਾ ਨਾਂ ਹੈ, ਜਿਹੜਾ ਕਲਾਸ ਵਿਚ ਬਹੁਤ ਰੌਲਾ ਪਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
(ਅ) ‘ਉਹ, ਜੋ ਆਪਸ ਵਿਚ ਪਿਆਰ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਸੁਖੀ ਵਸਦੇ ਹਨ ।
(ੲ) ‘ਸੁਰਿੰਦਰ, ਜਿਸ ਨੇ ਸੁਰਜੀਤ ਨੂੰ ਮਾਰਿਆ ਸੀ, ਦੌੜ ਗਿਆ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਾਕਾਂ ਵਿਚ ‘ਜਿਹੜਾ’, ‘ਜੋ’ ਅਤੇ ‘ਜਿਸ ਆਦਿ ਸ਼ਬਦ ਯੋਜਕਾਂ ਵਾਂਗ ਵਾਕਾਂ ਨੂੰ ਆਪਸ ਵਿਚ ਜੋੜਦੇ ਹਨ, ਇਸ ਕਰਕੇ ਇਹ ਸੰਬੰਧਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ ਹਨ ।

ਕਈ ਵਾਕਾਂ ਵਿਚ ‘ਜੋ’ ਅਤੇ ‘ਜਿਹੜਾ’ ਦੇ ਨਾਲ ‘ਸੋ’ ਅਤੇ ‘ਉਹ’ ਪੜਨਾਂਵ ਵੀ ਵਰਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਜਿਹੜੇ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਸੈਰ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਉਹ ਕਦੇ ਰੋਗੀ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ । ਇਸ ਵਾਕ ਵਿਚ ‘ਜਿਹੜੇ ਸੰਬੰਧਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ ਹਨ, ਪਰ ‘ਉਹ’ ਪੜਨਾਂਵ ਵਾਕਾਂ ਨੂੰ ਜੋੜਦੇ ਨਹੀਂ, ਇਸ ਕਰਕੇ ਇਸ ਨੂੰ “ਅਸੰਬੰਧਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

4. ਪ੍ਰਸ਼ਨਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ :
ਜਿਹੜੇ ਸ਼ਬਦ ਪੜਨਾਂਵ ਵੀ ਹੋਣ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਰਾਹੀਂ ਪ੍ਰਸ਼ਨ ਵੀ ਪੁੱਛਿਆ ਜਾਵੇ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ “ਪ੍ਰਸ਼ਨਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ’ ਆਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ-(ੳ) ‘ਇੱਥੋਂ ਕੀ ਲੈਣਾ ਹੈ ? (ਅ ‘ਸਲੇਟ ਕਿਸ ਨੇ ਤੋੜੀ ਹੈ ?’ (ਬ ‘ਕੌਣ ਰੌਲਾ ਪਾ ਰਿਹਾ ਹੈ ?’ (ਸ) “ਕਿਹੜਾ ਇਹ ਗੱਲਾਂ ਕਰਦਾ ਸੀ ?’ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਾਕਾਂ ਵਿਚ ‘ਕੀ’, ‘ਕਿਸ’, ‘ਕੌਣ’ ਅਤੇ ‘ਕਿਹੜਾ’ ਪ੍ਰਸ਼ਨਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ ਹਨ ।

5. ਨਿਸ਼ਚੇਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ :
ਜਿਹੜੇ ਪੜਨਾਂਵ ਕਿਸੇ ਦੂਰ ਜਾਂ ਨੇੜੇ ਦੀ ਦਿਸਦੀ ਚੀਜ਼ ਵਲ ਇਸ਼ਾਰਾ ਕਰ ਕੇ ਉਸ ਦੇ ਨਾਂ ਦੀ ਥਾਂ ਤੇ ਵਰਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਨਿਸ਼ਚੇਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ ਆਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ-
(ੳ) “ਉਹ ਗੀਤ ਗਾ ਰਹੀਆਂ ਹਨ ।
(ਆ) “ਔਹ ਕੀ ਆ ਰਿਹਾ ਹੈ ।
(ੲ) ‘ਇਹ ਕਹਿੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਸਾਰਾ ਕੰਮ ਉਸ ਨੇ ਵਿਗਾੜਿਆ ਹੈ ।
(ਸ) ‘ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਇਸ ਸਮੇਂ ਆਹ ਕੰਮ ਨਹੀਂ ਕਰਨਾ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਾਕਾਂ “ਉਹ” , “ਔਹ “ਇਹ’ ‘ਉਸ’, ‘ਆਹ’ ਨਿਸਚੇਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ ਹਨ ।

6. ਅਨਿਸਚਿਤ ਅਨਿਸਚੇਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ :
ਜੋ ਪੜਨਾਂਵ ਕਿਸੇ ਚੀਜ਼ ਦਾ ਅੰਦਾਜ਼ਾ ਤਾਂ ਦੱਸੇ, ਪਰ ਉਸ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਨਾ ਦੱਸੇ, ਉਸ ਨੂੰ ‘ਅਨਿਸਚਿਤ ਪੜਨਾਂਵ’ ਆਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ-
(ਉ) ‘ਸਾਰੇ ਗੀਤ ਗਾ ਰਹੇ ਹਨ ।’
(ਅ) ‘ਸਰਬੱਤ ਦਾ ਭਲਾ ਮੰਗੋ ।
(ੲ)‘ਇੱਥੇ ਕਈ ਆਉਂਦੇ ਹਨ, ਪਰ ਕਰਦੇ ਕੁੱਝ ਨਹੀਂ ।’
(ਸ) ‘ਬਾਜ਼ੇ ਬੜੇ ਬੇਵਕੂਫ਼ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਾਕਾਂ ਵਿਚ ‘ਸਾਰੇ’, ‘ਸਰਬੱਤ’, ‘ਕਈ’, ‘ਕੁੱਝ’ ਅਤੇ ‘ਬਾਜ਼’ ਅਨਿਸਚਿਤ ਪੜਨਾਂਵ ਹਨ ।
ਇਨ੍ਹਾਂ ਪੜਨਾਵਾਂ ਵਿਚੋਂ ‘ਸਭ’, ‘ਸਾਰੇ’, ‘ਅਨੇਕਾਂ’, ‘ਸਰਬੱਤ` ਅਤੇ ਉਹ ਸਾਰੇ ਪੜਨਾਂਵ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਅੰਤ ਵਿਚ ਲਾਂ () ਆਉਂਦੀ ਹੈ, ਸਦਾ ਹੀ ਬਹੁ-ਵਚਨ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਕਈ ਪੜਨਾਂਵ ਦੋਹਾਂ ਵਚਨਾਂ ਵਿਚ ਵਰਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-
(ਉ) ਕੋਈ ਗੀਤ ਗਾਏਗਾ । (ਇਕ-ਵਚਨ)
(ਅ) ਕੋਈ ਗੀਤ ਗਾਉਣਗੇ । (ਬਹੁ-ਵਚਨ)

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਪੜਨਾਂਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਪੁਰਖਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ ਕਿੰਨੇ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ :
ਪ੍ਰਸ਼ਨਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ :
ਜਿਹੜੇ ਸ਼ਬਦ ਪੜਨਾਂਵ ਵੀ ਹੋਣ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਰਾਹੀਂ ਪ੍ਰਸ਼ਨ ਵੀ ਪੁੱਛਿਆ ਜਾਵੇ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ “ਪ੍ਰਸ਼ਨਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ’ ਆਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ-
(ੳ) ‘ਇੱਥੋਂ ਕੀ ਲੈਣਾ ਹੈ ?
(ਅ) ‘ਸਲੇਟ ਕਿਸ ਨੇ ਤੋੜੀ ਹੈ ?’
(ੲ) ‘ਕੌਣ ਰੌਲਾ ਪਾ ਰਿਹਾ ਹੈ ?’
(ਸ) “ਕਿਹੜਾ ਇਹ ਗੱਲਾਂ ਕਰਦਾ ਸੀ ?’ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਾਕਾਂ ਵਿਚ ‘ਕੀ’, ‘ਕਿਸ’, ‘ਕੌਣ’ ਅਤੇ ‘ਕਿਹੜਾ’ ਪ੍ਰਸ਼ਨਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਨਿੱਜਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ ਕਿਸ ਨੂੰ ਆਖਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ :
ਨਿੱਜਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ :
ਜਿਹੜਾ ਪੜਨਾਂਵ ਕਰਤਾ ਦੀ ਥਾਂ ਵਰਤਿਆ ਜਾਵੇ, ਜਾਂ ਕਰਤਾ ਦੇ ਨਾਲ ਆ ਕੇ ਉਸ ਦੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾ ਦੱਸੇ, ਉਸ ਨੂੰ “ਨਿੱਜਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ” ਆਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ-ਮਨੁੱਖ ਆਪਣੀ ਕਿਸਮਤ ‘ਆਪ’ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ । (ਅ) ਮੈਂ ‘ਆਪ’ ਉੱਥੇ ਗਿਆ ।

ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਪਹਿਲੇ ਵਾਕ ਵਿਚ ‘ਆਪ’ ਪੜਨਾਂਵ ਕਰਤਾ ‘ਮਨੁੱਖ’ ਦੀ ਥਾਂ ‘ਤੇ ਵਰਤਿਆ ਗਿਆ ਹੈ, ਪਰ ਦੂਜੇ ਵਾਕ ਵਿਚ ‘ਆਪ’ ਪੜਨਾਂਵ ‘ ਦੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਕਰਕੇ ਇਹ ‘ਨਿੱਜਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ ਹੈ ।

ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ‘ਆਪ’ ਸ਼ਬਦ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਨਿੱਜਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ | ਅਸੀਂ ਆਦਰ ਵਜੋਂ ‘ਤੂੰ ਦੀ ਥਾਂ ‘ਤੁਸੀਂ ਜਾਂ ‘ਆਪ’ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦੇ ਹਾਂ, ਤਾਂ ‘ਆਪ’ ਸ਼ਬਦ ਪੁਰਖਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ‘ਆਪ’ ਸ਼ਬਦ ਪੁਰਖਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਇਹ ਇਕ-ਵਚਨ ਵੀ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਬਹੁ-ਵਚਨ ਵੀ ।ਇਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿਚ ਇਹ ਤਿੰਨਾਂ ਹੀ ਪੁਰਖਾਂ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਜਿਸ ਨਾਂਵ ਜਾਂ ਪੜਨਾਂਵ ਦੀ ਥਾਂ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਉਹ ਉਸੇ ਵਾਕ ਵਿਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ , ਜਿਵੇਂ
“ਉਹ ਮੈਨੂੰ ‘ਆਪ’ ਮਿਲਣ ਲਈ ਆਇਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਸੰਬੰਧਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ ਦੀਆਂ ਕੋਈ ਦੋ ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ :
ਸੰਬੰਧਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ :
ਜਿਹੜਾ ਸ਼ਬਦ ਪੜਨਾਂਵ ਹੁੰਦਾ ਹੋਇਆ ਵੀ ਯੋਜਕ ਵਾਂਗ ਵਾਕਾਂ ਨੂੰ ਆਪਸ ਵਿਚ ਜੋੜਨ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰੇ, ਉਸ ਨੂੰ ‘ਸੰਬੰਧਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ’ ਆਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ; ਜਿਵੇਂ-
(ੳ) ‘ਰਾਮ ਉਸੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਦਾ ਨਾਂ ਹੈ, ਜਿਹੜਾ ਕਲਾਸ ਵਿਚ ਬਹੁਤ ਰੌਲਾ ਪਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
(ਅ) ‘ਉਹ, ਜੋ ਆਪਸ ਵਿਚ ਪਿਆਰ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਸੁਖੀ ਵਸਦੇ ਹਨ ।
(ੲ) ‘ਸੁਰਿੰਦਰ, ਜਿਸ ਨੇ ਸੁਰਜੀਤ ਨੂੰ ਮਾਰਿਆ ਸੀ, ਦੌੜ ਗਿਆ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਾਕਾਂ ਵਿਚ ‘ਜਿਹੜਾ’, ‘ਜੋ’ ਅਤੇ ‘ਜਿਸ ਆਦਿ ਸ਼ਬਦ ਯੋਜਕਾਂ ਵਾਂਗ ਵਾਕਾਂ ਨੂੰ ਆਪਸ ਵਿਚ ਜੋੜਦੇ ਹਨ, ਇਸ ਕਰਕੇ ਇਹ ਸੰਬੰਧਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ ਹਨ ।

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਪੜਨਾਂਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਪੜਨਾਂਵਾਂ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਕਿਸਮ ਲਿਖੋ-
(ੳ) ਮੈਂ, ਅਸੀਂ
(ਅ) ਕਿਸ ਨੇ, ਕਿਹੜਾ
(ਬ) ਉਹ, ਇਹ
(ਸ) ਤੁਹਾਡਾ, ਤੁਹਾਨੂੰ
(ਹ) ਕੌਣ, ਕਿਹੜਾ
(ਕ) ਆਪ, ਆਪਸ
(ਖ) ਜੋ, ਸੋ
(ਗ) ਜਿਹੜੇ
(ਘ) ਕਈ, ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ
(ਛ) ਅਹੁ, ਆਹ ।
ਉੱਤਰ :
(ੳ) ਪੁਰਖਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ
(ਅ) ਪ੍ਰਸ਼ਨਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ
(ਇ) ਪੁਰਖਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ
(ਸ) ਪੁਰਖਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ
(ਹ) ਪ੍ਰਸ਼ਨਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ
(ਕ) ਨਿੱਜਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ
(ਖ) ਸੰਬੰਧਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ
(ਗ) ਸੰਬੰਧਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ
(ਘ) ਅਨਿਸਚੇਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ
(ਛ) ਨਿਸਚੇਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ ।

ਪਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿਚੋਂ ਪੜਨਾਂਵ ਚੁਣੋ ਤੇ ਸਾਹਮਣੇ ਲਿਖੋ-
(ਉ) ਮਿਰਚ, ਫੁੱਲ, ਦਿੱਲੀ, ਆਪ
(ਅ) ਕੌਣ, ਲੜਕੀ, ਕੱਪੜਾ, ਸਾਡੇ
(ਇ) ਜਲੰਧਰ, ਜਿਹੜਾ, ਮੈਂ, ਅਸੀਂ
(ਸ) ਕਿਸ ਨੇ, ਗੀਤ, ਵਿਸ਼ਾਲ, ਹੈ
(ਹ) ਘਰ, ਮੇਰਾ, ਉਹ, ਗਿਆ
ਉੱਤਰ :
(ੳ) ਆਪ
(ਅ) ਕੌਣ, ਸਾਡੇ
(ਈ) ਮੈਂ, ਜਿਹੜਾ, ਅਸੀਂ,
(ਸ) ਕਿਸਨੇ
(ਹ) ਮੇਰਾ, ਉਹ ।

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਪੜਨਾਂਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਵਾਕਾਂ ਵਿਚੋਂ ਪੜਨਾਂਵ ਚੁਣੋ ਤੇ ਸਾਹਮਣੇ ਲਿਖੋ-
(ੳ) ਉਸ ਦਾ ਭਰਾ ਬੜਾ ਬੇਈਮਾਨ ਹੈ ।
(ਅ) ਤੁਹਾਨੂੰ ਆਪ ਇਹ ਕੰਮ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਸੀ ।
(ਈ) ਕੌਣ-ਕੌਣ ਜਮਾਤ ਵਿਚ ਹਾਜ਼ਰ ਨਹੀਂ ਸਨ ।
(ਸ) ਕਈ ਲੋਕ ਘਰ ਨੂੰ ਜਾ ਰਹੇ ਸਨ ।
(ਹ) ਜੋ ਕਰੇਗਾ ਸੋ ਭਰੇਗਾ ।
(ਕ) ਤੁਹਾਡੇ ਪਿਤਾ ਜੀ ਕੀ ਕਰਦੇ ਸਨ ?
(ਖ) ਅਹਿ ਕਿਸ ਦਾ ਪੈਂਨ ਹੈ ?
(ਗ) ਗਰੀਬ ਨਾਲ ਕੋਈ-ਕੋਈ ਹਮਦਰਦੀ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ :
(ੳ) ਉਸ
(ਅ) ਤੁਹਾਨੂੰ, ਆਪ,
(ਈ) ਕੌਣ-ਕੌਣ
(ਸ) ਕੋਈ (ਨੋਟ-ਇਹ ਪੜਨਾਂਵ ਨਹੀਂ, ਸਗੋਂ ਪੜਨਾਵੀਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਣ ਹੈ, ਜੇਕਰ ਇਸ ਨਾਲ ‘ਲੋਕ ਸ਼ਬਦ ਨਾ ਲੱਗਾ ਹੋਵੇ , ਤਾਂ ਇਹ ਪੜਨਾਂਵ ਹੋਵੇਗਾ
(ਹ) ਜੋ, ਸੋ,
(ਕ) ਕੀ
(ਖ) ਅਹਿ, ਕਿਸ
(ਗ) ਕੋਈ-ਕੋਈ ।

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਪੜਨਾਂਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ-
(ੳ) ਜਿਹੜੇ ਪੁਰਖ ਨਾਲ ਗੱਲ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇ ……… ਪੁਰਖ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(ਅ) ਜਿਸ ਪੁਰਖ ਬਾਰੇ ਗੱਲ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇ ……… ਪੁਰਖ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(ਇ) ਨਾਂਵ ਦੀ ਥਾਂ ਵਰਤੇ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਸ਼ਬਦ ……… ਕਹਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
(ਸ) : ਜਿਹੜੇ ਸ਼ਬਦ ਯੋਜਕਾਂ ਵਾਂਗ ਦੋ ਵਾਕਾਂ ਨੂੰ ਜੋੜਨ ……… ਪੜਨਾਂਵ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ :
(ੳ) ਮੱਧਮ
(ਅ) ਅਨਯ
(ਇ) ਪੜਨਾਂਵ
(ਸ) ਸੰਬੰਧਵਾਚਕ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਵਾਕਾਂ ਵਿਚੋਂ ਠੀਕ ਵਾਕਾਂ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ (✓) ਤੇ ਗ਼ਲਤ ਵਾਕਾਂ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ (✗) ਦਾ ਨਿਸ਼ਾਨ ਲਗਾਓ

(ਉ) ਗੱਲ ਕਰਨ ਵਾਲਾ ਪੁਰਖ ਉੱਤਮ ਪੁਰਖ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(ਅ) ਜੋ ਸ਼ਬਦ ਕਿਸੇ ਵਿਅਕਤੀ, ਵਸਤੂ, ਜਗਾ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸਣ, ਪੜਨਾਂਵ ਕਹਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
(ੲ) ਜਿਹੜੇ ਸ਼ਬਦ ਨਾਂਵ ਦੀ ਥਾਂ ਆ ਕੇ ਕੋਈ ਪ੍ਰਸ਼ਨ ਪੁੱਛਣ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਸ਼ਨਵਾਚਕ ”, ਪੜਨਾਂਵ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
(ਸ) ਪੜਨਾਂਵ ਪੰਜ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
(ਹ) ਜਿਹੜੇ ਸ਼ਬਦ ਯੋਜਕ ਵਾਂਗ ਵਾਕਾਂ ਨੂੰ ਜੋੜਨ, ਉਹ ਪ੍ਰਸ਼ਨਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ :
(ਉ) ਗੱਲ ਕਰਨ ਵਾਲਾ ਪੁਰਖ ਉੱਤਮ ਪੁਰਖ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (✓)
(ਅ) ਜੋ ਸ਼ਬਦ ਕਿਸੇ ਵਿਅਕਤੀ, ਵਸਤੂ, ਜਗਾ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸਣ, ਪੜਨਾਂਵ ਕਹਾਉਂਦੇ ਹਨ । (✗)
(ੲ) ਜਿਹੜੇ ਸ਼ਬਦ ਨਾਂਵ ਦੀ ਥਾਂ ਆ ਕੇ ਕੋਈ ਪ੍ਰਸ਼ਨ ਪੁੱਛਣ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਸ਼ਨਵਾਚਕ ”, ਪੜਨਾਂਵ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । (✓)
(ਸ) ਪੜਨਾਂਵ ਪੰਜ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । (✗)
(ਹ) ਜਿਹੜੇ ਸ਼ਬਦ ਯੋਜਕ ਵਾਂਗ ਵਾਕਾਂ ਨੂੰ ਜੋੜਨ, ਉਹ ਪ੍ਰਸ਼ਨਵਾਚਕ ਪੜਨਾਂਵ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । (✗)

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਚਨ

Punjab State Board PSEB 8th Class Punjabi Book Solutions Punjabi Grammar Vacana ਵਚਨ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB 8th Class Punjabi Grammar ਵਚਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
‘ਵਚਨ ਕਿਸ ਨੂੰ ਆਖਦੇ ਹਨ ? ਇਹ ਕਿੰਨੇ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ? ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਸਹਿਤ ਦੱਸੋ ।
ਜਾਂ
ਵਚਨ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ਵਚਨ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਹਨ ? ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਦੇ ਕੇ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ :
ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ :
ਇਕ ਜਾਂ ਬਹੁਤੀਆਂ ਚੀਜ਼ਾਂ, ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ਜਾਂ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦੇ ਭੇਦ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਸ਼ਬਦ ਦਾ ਰੂਪ ਉਸ ਦਾ ਵਚਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਵਚਨ ਦੋ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ-ਇਕ-ਵਚਨ ਤੇ ਬਹੁ-ਵਚਨ ।
(ੳ) ਇਕ-ਵਚਨ :
ਸ਼ਬਦਾਂ ਦਾ ਜਿਹੜਾ ਰੂਪ ਕਿਸੇ ਚੀਜ਼, ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾ ਜਾਂ ਕਿਰਿਆ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾਵੇ, ਉਸ ਨੂੰ ਇਕ-ਵਚਨ ਆਖਦੇ ਹਨ । ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ਇਸ ਦੇ ਦੋ ਰੂਪ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਸਾਧਾਰਨ ਤੇ ਸੰਬੰਧਕੀ । ਇਸ ਦੇ ਦੋਵੇਂ ਰੂਪ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਵਾਕਾਂ ਤੋਂ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹਨ
(ਉ) ਤੇਰਾ ਮੁੰਡਾ ਕਿੱਥੇ ਹੈ ? (“ਮੁੰਡਾ” ਇਕ-ਵਚਨ ਸਾਧਾਰਨ ਰੂਪ)
(ਅ ਤੇਰੇ ਮੁੰਡੇ ਨੇ ਸਾਰਾ ਕੰਮ ਵਿਗਾੜ ਦਿੱਤਾ । (‘ਮੁੰਡੇ’ ਇਕ-ਵਚਨ ਸੰਬੰਧਕੀ ਰੂਪ”)
(ਆ) ਬਹੁ-ਵਚਨ-ਸ਼ਬਦਾਂ ਦਾ ਜਿਹੜਾ ਰੂਪ ਇਕ ਤੋਂ ਬਹੁਤੀਆਂ ਚੀਜ਼ਾਂ, ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ਜਾਂ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾਵੇ, ਉਸ ਨੂੰ ਬਹੁ-ਵਚਨ ਆਖਦੇ ਹਨ । ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ਇਸ ਦੇ ਵੀ ਦੋ ਰੂਪ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਸਾਧਾਰਨ ਤੇ ਸੰਬੰਧਕੀ । ਇਹ ਦੋਵੇਂ ਰੂਪ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਵਾਕਾਂ ਤੋਂ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹਨ
(ੳ) ਉਸ ਦੇ ਦੋ ਮੁੰਡੇ ਹਨ (“ਮੁੰਡੇ’ ਬਹੁ-ਵਚਨ, ਸਾਧਾਰਨ ਰੂਪ”)
(ਅ) ਉਸ ਦੇ ਮੁੰਡਿਆਂ ਨੇ ਸਾਰਾ ਕੰਮ ਵਿਗਾੜ ਦਿੱਤਾ । (“ਮੁੰਡਿਆਂ” ਬਹੁ-ਵਚਨ, ਸੰਬੰਧਕੀ ਰੂਪ”)
ਉਪਰੋਕਤ ਵਾਕਾਂ ਤੋਂ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ਇਕ-ਵਚਨ ਤੇ ਬਹੁ-ਵਚਨ ਦੇ ਦੋਦੋ ਰੂਪ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਦੋਹਾਂ ਦਾ ਇਕ ਸਾਧਾਰਨ ਰੂਪ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਤੇ ਦੂਜਾ ਸੰਬੰਧਕੀ । ਜਦੋਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਕ ਦਾ, ਦੇ, ਦੀਆਂ, ਨੇ, ਨੂੰ, ਲਈ, ਖ਼ਾਤਰ, ਤੋਂ ਆਦਿ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਹ ਸੰਬੰਧਕੀ ਰੂਪ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
(ਨੋਟ-ਅਧਿਆਪਕਾਂ ਤੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਇਕ-ਵਚਨ ਤੇ ਬਹੁ-ਵਚਨ ਦੇ ਇਹੋ ਤਰੀਕੇ ਹੀ ਸਿੱਖਣੇ ਤੇ ਸਿਖਾਉਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ਤੇ ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ਇਕ-ਵਚਨ ਤੇ ਬਹੁ-ਵਚਨ ਦੇ ਦੋ-ਦੋ ਰੂਪ ਹੀ ਲਿਖਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ !)

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਚਨ

ਹੇਠਾਂ ਦੇਖੋ ਵਚਨ ਬਦਲੀ ਦੇ ਕੁੱਝ ਨਿਯਮ

1. ਜੇਕਰ ਪੁਲਿੰਗ ਸ਼ਬਦ ਦੇ ਅੰਤ ਵਿਚ ਕੰਨਾ (1) ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਉਸ ਸ਼ਬਦ ਦੇ ਇਕ-ਵਚਨ ਤੇ ਬਹੁ-ਵਚਨ ਰੂਪ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ
PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਚਨ-1
PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਚਨ-2

ਉੱਪਰਲੇ ਨੇਮ ਦਾ ਉਲੰਘਣ-ਕਈ ਕੰਨਾ ਅੰਤ ਵਾਲੇ ਪੁਲਿੰਗ ਨਾਂਵ ਅਜਿਹੇ ਹਨ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਇਕ-ਵਚਨ ਅਤੇ ਬਹੁ-ਵਚਨ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦਾ ਰੂਪ ਇਕੋ ਹੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ
(ਉ) ਸਤਲੁਜ ਪੰਜਾਬ ਦਾ ਇਕ ਦਰਿਆ ਹੈ । (ਇਕ-ਵਚਨ)
ਪੰਜਾਬ ਵਿਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਦਰਿਆ ਹਨ । (ਬਹੁ-ਵਚਨ)

(ਅ) ਉਸ ਦਾ ਇਕ ਭਰਾ ਹੈ । (ਇਕ-ਵਚਨ)
ਮੇਰੇ ਤਿੰਨ ਭਰਾ ਹਨ । (ਬਹੁ-ਵਚਨ)

2. ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਪੁਲਿੰਗ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਅੰਤ ਵਿਚ ਕੰਨਾ (1) ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ, ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਇਕ-ਵਚਨ ਤੇ ਬਹੁ-ਵਚਨ ਰੂਪ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਅਨੁਸਾਰ ਬਣਦੇ ਹਨ-
PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਚਨ-3

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਚਨ

3. ਕਈ ਪੁਲਿੰਗ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦਾ ਇਕ-ਵਚਨ ਰੂਪ ਹੀ ਨਹੀਂ, ਸਗੋਂ ਉਹ ਬਹੁ-ਵਚਨ ਰੂਪ ਵਿਚ ਹੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਦਾਦਕੇ, ਨਾਨਕੇ, ਮਾਮੇ ।

4. ਜੇਕਰ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਅੰਤ ਵਿਚ ਬਿਹਾਰੀ (ੀ ), ਦੁਲੈਂਕੜ (ੂ) ਹੋੜਾ (ੋ) ਜਾਂ ਕਨੌੜਾ (ੌ) ਲੱਗਾ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਇਕ-ਵਚਨ ਤੇ ਬਹੁ-ਵਚਨ ਰੂਪ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਵਿਚ ਬਹੁ-ਵਚਨ ਸ਼ਬਦ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ‘ਆਂ’ ਦਾ ਵਾਧਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ :
PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਚਨ-4
5. ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਅੰਤ ਵਿਚ ਮੁਕਤਾ ਹੋਵੇ, ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਬਹੁ-ਵਚਨ ਕੰਨਾ ਤੇ ਬਿੰਦੀ ( ) ਵਧਾਉਣ ਨਾਲ ਬਣਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ-
PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਚਨ-5
PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਚਨ-6

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਚਨ

6. ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਨਾਂਵਾਂ ਦੇ ਅੰਤ ਵਿਚ ਕੰਨਾ ਬਿੰਦੀ ਹੋਵੇ, ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਬਹੁ-ਵਚਨ ‘ਬੰਦੀ ਹਟਾ ਕੇ ‘ਤੇ “ਵਾਂ’ ‘ਜਾਂ’ ‘ਈਆਂ ਵਧਾਇਆਂ ਬਣਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ-
PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਚਨ-7

7. ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਨਾਂਵਾਂ ਦੇ ਅੰਤ ਵਿਚ ‘ਕੰਨਾ ਹੋਵੇ, ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਬਹੁ-ਵਚਨ ‘ਵਾਂ ਵਧਾ ਕੇ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਵੇਂ
PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਚਨ-8

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਵਾਕਾਂ ਵਿਚਲੇ ਨਾਂਵ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਵਚਨ ਬਦਲ ਕੇ ਵਾਕ ਨੂੰ ਦੁਬਾਰਾ ਲਿਖੋ
(ਉ) ਲੜਕਾ ਗੀਤ ਗਾ ਰਿਹਾ ਹੈ ।
(ਅ) ਪੰਛੀ ਅਕਾਸ਼ ਵਿਚ ਉਡਾਰੀ ਮਾਰ ਰਿਹਾ ਹੈ ।
(ੲ) ਚਿੜੀ ਚੀਂ-ਚੀਂ ਕਰਦੀ ਹੈ ।
(ਸ) ਪੁਸਤਕ ਅਲਮਾਰੀ ਵਿਚ ਪਈ ਹੈ ।
(ਹ) ਕੁੜੀ ਰੌਲਾ ਪਾ ਰਹੀ ਹੈ ।
(ਕ) ਸ਼ੇਰਨੀ ਜੰਗਲ ਵਿਚ ਫਿਰਦੀ ਹੈ ।
(ਖ) ਅੰਬ ਮਿੱਠਾ ਤੇ ਸੁਆਦੀ ਹੈ ।
(ਗ) ਕਿਸਾਨ ਹਲ ਚਲਾ ਰਿਹਾ ਹੈ ।
(ਘ) ਮੇਰੇ ਮਿੱਤਰ ਕੋਲ ਬੱਕਰੀ ਹੈ ।
(ਛ) ਕੁੜੀ ਟੈਲੀਫੋਨ ‘ਤੇ ਗੱਲ ਕਰ ਰਹੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ :
(ਉ) ਲੜਕੇ ਗੀਤ ਗਾ ਰਹੇ ਹਨ ।
(ਅ) ਪੰਛੀ ਅਕਾਸ਼ਾਂ ਵਿਚ ਉਡਾਰੀਆਂ ਮਾਰ ਰਹੇ ਹਨ ।
(ੲ) ਚਿੜੀਆਂ ਚੀਂ-ਚੀਂ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।
(ਸ) ਪੁਸਤਕਾਂ ਅਲਮਾਰੀਆਂ ਵਿਚ ਪਈਆਂ ਹਨ ।
(ਹ) ਕੁੜੀਆਂ ਰੌਲਾ ਪਾ ਰਹੀਆਂ ਹਨ ।
(ਕ) ਸ਼ੇਰਨੀਆਂ ਜੰਗਲਾਂ ਵਿਚ ਫਿਰਦੀਆਂ ਹਨ ।
(ਖ) ਅੰਬ ਮਿੱਠੇ ਤੇ ਸੁਆਦੀ ਹਨ ।
(ਗ) ਕਿਸਾਨ ਹਲ ਚਲਾ ਰਹੇ ਹਨ ।
(ਘ) ਸਾਡੇ ਮਿੱਤਰਾਂ ਕੋਲ ਬੱਕਰੀਆਂ ਹਨ ।
(ਛ) ਕੁੜੀਆਂ ਟੈਲੀਫੋਨਾਂ ‘ਤੇ ਗੱਲਾਂ ਕਰ ਰਹੀਆਂ ਹਨ ।

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਚਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਵਾਕਾਂ ਨੂੰ ਵਚਨ ਬਦਲ ਕੇ ਲਿਖੋ
(ਉ) ਨਿੱਕਾ ਮੁੰਡਾ ਪਲੇਟ ਵਿਚੋਂ ਚਮਚੇ ਨਾਲ ਆਈਸਕਰੀਮ ਖਾ ਰਿਹਾ ਹੈ ।
(ਅ) ਲਾਲ ਘੋੜਾ ਅਤੇ ਚਿੱਟਾ ਕੁੱਤਾ ਦੌੜ ਲਾ ਰਹੇ ਹਨ ।
(ਇ) ਠੰਢੀ ਹਵਾ ਚਲ ਰਹੀ ਹੈ ।
(ਸ) ਮੈਂ ਤੇਰੀ ਮੱਦਦ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦਾ ।
(ਹ) ਬੱਚਾ ਗੇਂਦ ਨਾਲ ਖੇਡ ਰਿਹਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ :
(ਉ) ਨਿੱਕੇ ਮੁੰਡੇ ਪਲੇਟਾਂ ਵਿਚੋਂ ਚਮਚਿਆਂ ਨਾਲ ਆਈਸਕਰੀਮਾਂ ਖਾ ਰਹੇ ਹਨ ।
(ਅ) ਲਾਲ ਘੋੜੇ ਅਤੇ ਚਿੱਟੇ ਕੁੱਤੇ ਦੌੜਾਂ ਲਾ ਰਹੇ ਹਨ ।
(ੲ) ਠੰਢੀਆਂ ਹਵਾਵਾਂ ਚਲ ਰਹੀਆਂ ਹਨ ।
(ਸ) ਅਸੀਂ ਤੁਹਾਡੀਆਂ ਮੱਦਦਾਂ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੇ ।
(ਹ) ਬੱਚੇ ਗੇਂਦਾਂ ਨਾਲ ਖੇਡ ਰਹੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਵਾਕਾਂ ਨੂੰ ਵਚਨ ਬਦਲ ਕੇ ਦੁਬਾਰਾ ਲਿਖੋ
(ਉ) ਮੈਂ ਉਸ ਦੀ ਕਿਤਾਬ ਲੈ ਕੇ ਪੜੀ ।
(ਅ) ਉਹਨਾਂ ਨੇ ਮੈਨੂੰ ਧੋਖਾ ਦਿੱਤਾ ।
(ੲ) ਮੱਝਾਂ, ਗਾਈਆਂ ਤੇ ਬੱਕਰੀਆਂ ਖੇਤਾਂ ਵਿਚ ਘਾਹ ਚੁਗ ਰਹੀਆਂ ਹਨ ।
(ਸ) ਉਸ ਦੇ ਦੋ ਮੁੰਡੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ :
(ਉ) ਅਸੀਂ ਉਹਨਾਂ ਦੀਆਂ ਕਿਤਾਬਾਂ ਲੈ ਕੇ ਪੜ੍ਹੀਆਂ ।
(ਅ) ਉਸ ਨੇ ਸਾਨੂੰ ਧੋਖੇ ਦਿੱਤੇ ।
(ੲ) ਮੱਝ, ਗਾਂ ਤੇ ਬੱਕਰੀ ਖੇਤ ਵਿਚ ਘਾਹ ਚੁਗ ਰਹੀਆਂ ਹਨ ।
(ਸ) ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਇਕ ਮੁੰਡਾ ਹੈ ।

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਲਿੰਗ

Punjab State Board PSEB 8th Class Punjabi Book Solutions Punjabi Grammar Ling ਲਿੰਗ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB 8th Class Punjabi Grammar ਲਿੰਗ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਲਿੰਗ ਕੀ ਹੈ ? ਇਹ ਕਿੰਨੀ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਜਾਂ
ਸ਼ਬਦ ਦੇ ਲਿੰਗ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਇਹ ਕਿੰਨੀ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ :
ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ :
ਸ਼ਬਦ ਦਾ ਪੁਰਖਵਾਚਕ ਤੇ ਇਸਤਰੀਵਾਚਕ ਭਾਵ ਉਸ ਦਾ ਲਿੰਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜੋ ਕਿ ਜਾਨਦਾਰ ਚੀਜ਼ਾਂ ਵਿਚ ਨਰ-ਮਦੀਨ, ਨਿਰਜੀਵ ਜਾਂ ਸਬੂਲ ਚੀਜ਼ਾਂ ਦੇ ਵੱਡੇ-ਛੋਟੇ ਆਕਾਰ ਜਾਂ ਸ਼ਕਲ ਨੂੰ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਕਰਨ ਤੋਂ ਬਿਨਾਂ ਆਪ-ਮੁਹਾਰੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਵੀ ਵਿਚਰਦਾ ਹੈ ਤੇ ਵਾਕ ਦੇ ਹੋਰਨਾਂ ਸ਼ਬਦਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
ਲਿੰਗ ਦੋ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ-ਪੁਲਿੰਗ ਅਤੇ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ।
(ਉ) ਪੁਲਿੰਗ :
ਪੁਰਖਵਾਚਕ ਭਾਵ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਨ ਵਾਲਾ ਸ਼ਬਦ ਪੁਲਿੰਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜੋ ਜਾਨਦਾਰ ਚੀਜ਼ਾਂ ਵਿਚ ਨਰ ਭਾਵ ਨੂੰ ਅਤੇ ਨਿਰਜੀਵ ਚੀਜ਼ਾਂ ਦੇ ਵੱਡੇ ਆਕਾਰ ਜਾਂ ਸ਼ਕਲ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਨ ਤੋਂ ਬਿਨਾਂ ਆਪ-ਮੁਹਾਰੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਵੀ ਵਿਚਰਦਾ ਹੈ ਤੇ ਵਾਕ ਦੇ ਹੋਰਨਾਂ ਸ਼ਬਦਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ-ਮੁੰਡਾ, ਬਲਦ, ਪਹਾੜ ਆਦਿ ।

(ਅ) ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ :
ਇਸਤਰੀਵਾਚਕ ਭਾਵ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਨ ਵਾਲਾ ਸ਼ਬਦ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜੋ ਜਾਨਦਾਰ ਚੀਜ਼ਾਂ ਵਿਚ ਮਦੀਨ ਭਾਵ ਨੂੰ ਅਤੇ ਨਿਰਜੀਵ ਤੇ ਸਥਲ ਚੀਜ਼ਾਂ ਦੇ ਛੋਟੇ ਆਕਾਰ ਜਾਂ ਸ਼ਕਲ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਨ ਤੋਂ ਬਿਨਾਂ ਆਪ-ਮੁਹਾਰੇ ਵਿਚ ਵੀ ਵਿਚਰਦਾ ਹੈ ਤੇ ਵਾਕ ਦੇ ਹੋਰਨਾਂ ਸ਼ਬਦਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ-ਕੁੜੀ, ਗਾਂ, ਪਹਾੜੀ ਆਦਿ ।

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਲਿੰਗ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਪੁਲਿੰਗ ਨਾਂਵਾਂ ਤੋਂ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਬਣਾਉਣ ਦੇ ਨੇਮ ਦੱਸੋ । ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਵੀ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ :
ਲਿੰਗ ਬਦਲੀ ਦੇ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਨਿਯਮ ਹਨ । ਹੇਠਾਂ ਇਹਨਾਂ ਨਿਯਮਾਂ ਨੂੰ ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਸਹਿਤ ਪੇਸ਼ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ
1. ਜੇਕਰ ਪੁਲਿੰਗ ਨਾਂਵ ਦੇ ਅਖੀਰ ਵਿਚ ਮੁਕਤਾ ਅੱਖਰ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਅੱਗੇ ਬਿਹਾਰੀ (ੀ), ‘ਨੀ’, ‘ਣੀ, ਕੰਨਾ, “ਕੰਨਾ +ਣੀ’, ‘ਕੀ ਜਾਂ ‘ੜੀ’ ਨੂੰ ਵਧਾ ਕੇ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ-

(ਉ) ਬਿਹਾਰੀ ਵਧਾ ਕੇ

ਪੁਲਿੰਗ – ਇ: ਲਿੰਗ
ਕਬੂਤਰ – ਕਬੂਤਰੀ
ਦੇਵਤਾ – ਦੇਵੀ
ਬਾਂਦਰ – ਬਾਂਦਰੀ
ਹਰਨ – ਹਰਨੀ
ਦਾਸ – ਦਾਸੀ
ਪੁੱਤਰ – ਪੁੱਤਰੀ
ਟੋਪ – ਟੋਪੀ
ਗਿੱਦੜੇ – ਗਿੱਦੜੀ
ਮੁੱਛ – ਮੱਛੀ
ਬ੍ਰਾਹਮਣ – ਬਾਹਮਣੀ
ਪਹਾੜ – ਪਹਾੜੀ
ਘੁਮਿਆਰ – ਘੁਮਿਆਰੀ
ਮਿਆਰ – ਮਿਆਰੀ
ਕੁੱਕੜ – ਕੁੱਕੜੀ
ਗੁੱਜਰ – ਗੁੱਜਰੀ
ਲੂੰਬੜ – ਲੂੰਬੜੀ
ਗਲਾਸ – ਗਲਾਸੀ
ਹਿਰਨ – ਹਿਰਨੀ
ਬੱਦਲ – ਬੱਦਲੀ
ਜੱਟ – ਜੱਟੀ
ਗੁਜਰ – ਗੁਜਰੀ

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਲਿੰਗ

(ਅ) ਨੂੰ ਵਧਾ ਕੇ

ਫ਼ਕੀਰ – ਫ਼ਕੀਰਨੀ
ਜਥੇਦਾਰ – ਜਥੇਦਾਰ
ਸੂਬੇਦਾਰ – ਸੂਬੇਦਾਰਨੀ
ਠੇਕੇਦਾਰ – ਠੇਕੇਦਾਰਨੀ
ਜਮਾਂਦਾਰ – ਜਮਾਂਦਾਰਨੀ
ਨੰਬਰਦਾਰ – ਨੰਬਰਦਾਰਨੀ
ਬਾਜ਼ੀਗਰ – ਬਾਜ਼ੀਗਰਨੀ
ਸ਼ੇਰ – ਸ਼ੇਰਨੀ
ਮੋਰ – ਮੋਰਨੀ
ਸਰਦਾਰ – ਸਰਦਾਰਨੀ
ਸ਼ਾਹੂਕਾਰ – ਸ਼ਾਹੂਕਾਰਨੀ
ਜਾਦੂਗਰ – ਜਾਦੂਗਰਨੀ
ਸੇਵਾਦਾਰ – ਸੇਵਾਦਾਰਨੀ
ਪੁੱਤਰ – ਪੁੱਤਰੀ

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਲਿੰਗ

(ੲ) ‘ਈਂ ਵਧਾ ਕੇ

ਊਠ – ਊਠਣੀ
ਉਸਤਾਦ – ਉਸਤਾਦਣੀ
‘ਮਹੰਤ – ਮਹੰਤਣੀ
ਸੱਪ – ਸੱਪਣੀ
ਸਿੱਖ’ – ਸਿੱਖਣੀ
ਭਗਤ – ਭਗਤਣੀ
ਸ਼ਾਹ – ਸ਼ਾਹਣੀ
ਸਰਾਫ਼ – ਸਰਾਫ਼ਣੀ
ਸੁੰਮ – ਮੂੰਮਣੀ
ਸਾਧ – ਸਾਧਣੀ
ਭੰਡ – ਭੰਡਣੀ
ਭਾਲ – ਭੀਲਣੀ
ਰਾਗ – ਰਾਗਣੀ
ਰਿੱਛ – ਗਿੱਛਣੀ
ਕੁੜਮ – ਕੁੜਮਣੀ
ਸੰਤ – ਸੰਤਣੀ
ਨਾਗ – ਨਾਗਣੀ

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਲਿੰਗ

(ਸ) ਕੰਨਾ ‘ ਵਧਾ ਕੇ

ਨਾਇਕ – ਨਾਇਕਾ
ਸੇਵਕ – ਸੇਵਕਾ
ਲੇਖਕ – ਲੇਖਕਾ
ਪ੍ਰਬੰਧਕ – ਪ੍ਰਬੰਧਕਾ
ਪ੍ਰਚਾਰਕ – ਪ੍ਰਚਾਰਕਾ
ਪ੍ਰੀਤਮ – ਪੀਤਮਾ
ਅਧਿਆਪਕ – ਅਧਿਆਪਕਾ
ਪਾਠਕ – ਪਾਠਕਾ
ਉਪਦੇਸ਼ਕ – ਉਪਦੇਸ਼ਕਾ

(ਹ) ‘ਕੰਨਾ + ਈਂ ਵਧਾ ਕੇ

ਪੁਲਿੰਗ – ਇ: ਲਿੰਗ
ਪੰਡਤ – ਪੰਡਤਾਣੀ
ਸੇਠ – ਸੇਠਾਣੀ
ਨੌਕਰ – ਨੌਕਰਾਣੀ
ਦਿਓਰ – ਦਿਓਰਾਣੀ
ਜੇਠ – ਜੇਠਾਣੀ
ਪ੍ਰੋਹਤ – ਪ੍ਰੋਹਤਾਣੀ
ਮਾਸਟਰ – ਮਾਸਟਰਾਣੀ
ਪ੍ਰੋਫ਼ੈਸਰ – ਪ੍ਰੋਫ਼ੈਸਰਾਣੀ
ਮੁਗਲ – ਮੁਗ਼ਲਾਣੀ

(ਕ) ‘ਸੀਂ ਜਾਂ ‘ੜੀ ਵਧਾ ਕੇ

ਪੁਲਿੰਗ – ਇ: ਲਿੰਗ
ਢੋਲ – ਢੋਲਕੀ
ਚੰਮ – ਚੰਮੜੀ
ਖੰਭ – ਡੋਲ
ਡੋਲਕੀ –
ਬਾਲ – ਬਾਲੜੀ
ਸੂਤ – ਸੂਤੜੀ
ਸੰਦੂਕੜੀ

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਲਿੰਗ

2. ਜੇਕਰ ਪੁਲਿੰਗ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਅਖ਼ੀਰ ਵਿਚ ਕੰਨਾ (ਾ) ਲੱਗਾ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ‘ਕੰਨੇ ਦੀ ਜਗਾ ਬਿਹਾਰੀ (ੀ), ਜਾਂ “ਨ’ ਲਾ ਕੇ ਜਾਂ ਕੰਨਾ ਹਟਾ ਕੇ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ

(ਉ) ਕੰਨੇ ਦੀ ਥਾਂ ‘ਬਿਹਾਰੀ (ੀ)’ ਲਾ ਕੇ

ਪੁਲਿੰਗ – ਇ: ਲਿੰਗ
ਦਾਦਾ – ਦਾਦੀ
ਖੋਤਾ – ਖੋਤੀ
ਪਠੋਰਾ – ਪਠੋਰੀ
ਆਰਾ – ਆਰੀ
ਮਹਿਰਾ – ਮਹਿਰੀ
ਕੁੜਤਾ – ਕੁੜਤੀ
ਵੱਢਾ – ਵੱਛੀ
ਬਾਟਾ – ਬਾਟੀ
ਕਿਰਲਾ – ਕਿਰਲੀ
ਕੁੱਤਾ – ਕੁੱਤੀ
ਮਾਮਾ – ਮਾਮੀ
ਝੋਟਾ – ਝੋਟੀ
ਬੋਤਾ – ਬੋਤੀ
ਚਾਚਾ – ਚਾਚੀ
ਰਾਖਾ – ਰਾਖੀ
ਘੋੜਾ – ਘੋੜੀ
ਭੁੱਖਾ – ਭੁੱਖੀ
ਚਰਖਾ – ਚਰਖੀ
ਬੱਚਾ – ਬੱਚੀ
ਨਾਨਾ – ਨਾਨੀ
ਭਤੀਜਾ – ਭਤੀਜੀ
ਭਾਣਜਾ – ਭਾਣਜੀ/ਭਣੇਵੀਂ
ਤਾਇਆ – ਤਾਈ
ਮੁਰਗਾ – ਮੁਰਗੀ
ਬਿੱਲ – ਬਿੱਲੀ

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਲਿੰਗ

(ਅ) ਕੰਨੇ ਦੀ ਥਾਂ ‘ਨ ਲਾ ਕੇ

ਪੁਲਿੰਗ ਇ: ਲਿੰਗ
ਸ਼ਿਕਾਰੀ – ਸ਼ਿਕਾਰਨ
ਸ਼ਹਿਰੀ – ਸ਼ਹਿਰਨ
ਮਛੇਰਾ – ਮਛੇਰਨ
ਲੁਟੇਰਾ – ਲੁਟੇਰਨ
ਵਣਜਾਰਾ – ਵਣਜਾਰਨ
ਭਠਿਆਰਾ – ਭਠਿਆਰਨ
ਸਪੇਰਾ – ਸਪੇਨ
ਕਸੇਰਾ – ਕਸੇਰਨ
ਹਤਿਆਰਾ – ਹਤਿਆਰਨ
ਹਾਣੀ – ਹਾਣਨ
ਖਿਡਾਰੀ – ਖਿਡਾਰਨ
ਲਿਖਾਰੀ – ਲਿਖਾਰਨ

(ੲ) ‘ਕੰਨਾ (ਾ)’ ਹਟਾ ਕੇ
ਗੱਡਾ – ਗੱਡ
‘ਸੰਢਾ – ਸੰਢ
ਠੰਡਾ – ਰੰਡ

3. ਜੇਕਰ ਪੁਲਿੰਗ ਨਾਂਵ ਦੇ ਅਖ਼ੀਰ ਵਿਚ ਬਿਹਾਰੀ + ਆ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਇਹਨਾਂ ਦੋਹਾਂ ਨੂੰ ਹਟਾ ਕੇ “ਨ ਜਾਂ ‘ਣ ਲਾ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ , ਜਿਵੇਂ-

ਪੁਲਿੰਗ – ਇ: ਲਿੰਗ
ਪੋਠੋਹਾਰੀਆ – ਪੋਠੋਹਾਰਨ
ਪੂਰਬੀਆ – ਪੂਰਬਣ
ਹਟਵਾਣੀਆ – ਹਟਵਾਣਨ
ਦੁਆਬੀਆ – ਦੁਆਬਣ
ਪਹਾੜੀਆ – ਪਹਾੜਨੇ
ਪਸ਼ੌਰੀਆ – ਪਸ਼ੌਰਨ
ਕਸ਼ਮੀਰੀਆ – ਕਸ਼ਮੀਰ

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਲਿੰਗ

4. ਜੇਕਰ ਪੁਲਿੰਗ ਨਾਂਵ ਦੇ ਅੰਤ ਵਿਚ ਬਿਹਾਰੀ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਬਿਹਾਰੀ ਹਟਾ ਕੇ ‘ਣ’, ‘ਇਣ’ ਜਾਂ “ਆਣੀ ਲਾ ਕੇ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ

(ਉ) ਬਿਹਾਰੀ ਦੀ ਥਾਂ ‘ਣ ਲਾ ਕੇ

ਪੁਲਿੰਗ – ਇ: ਲਿੰਗ
ਮਾਲ – ਮਾਲਣ
ਧੋਬੀ – ਧੋਬਣ
ਗੁਆਂਢੀ – ਗੁਆਂਢਣ
ਪੰਜਾਬੀ – ਪੰਜਾਬਣ
ਸਾਥੀ – ਸਾਥਣ
ਤੇਲੀ – ਤੇਲਣ
ਮੋਚੀ – ਮੋਚਣ
ਗਿਆਨੀ – ਗਿਆਨਣ
ਧੋਬੀ – ਧੋਬਣ

(ਅ) ਬਿਹਾਰੀ ‘ਈਂ ਦੀ ਥਾਂ “ਇਣ ਲਾ ਕੇ

ਪੁਲਿੰਗ – ਇ: ਲਿੰਗ
ਨਾਈ – ਨਾਇਣ
ਅਰਾਈਂ – ਅਰਾਇਣ
ਈਸਾਈ – ਈਸਾਇਣ
ਕਸਾਈ – ਕਸਾਇਣ
ਸੁਦਾਈ – ਸੁਦਾਇਣ
ਹਲਵਾਈ – ਹਲਵਾਇਣ

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਲਿੰਗ

(ੲ) ਬਿਹਾਰੀ ਦੀ ਥਾਂ ਆਣੀ ਲਾ ਕੇ

ਪੁਲਿੰਗ – ਇ: ਲਿੰਗ
ਖੱਤਰੀ – ਖੱਤਰਾਣੀ
ਚੌਧਰੀ – ਚੌਧਰਾਣੀ
ਸਾਂਸੀ – ਸਾਂਸੀਆਣੀ
ਪਾਦਰੀ – ਪਾਦਰਆਣੀ
ਭਾਈ – ਭਾਈਆਣੀ
ਮਾਂਦਰੀ – ਮਾਂਦਰਆਣੀ

5. ਜੇਕਰ ਪੁਲਿੰਗ ਨਾਂਵ ਦੇ ਅਖੀਰ ਵਿਚ ‘ਦੁਲੈਂਕੜ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ‘ਣੀ, ਜਾਂ ‘ਆਣੀ ਦਾ ਵਾਧਾ ਕਰ ਕੇ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ-

ਪੁਲਿੰਗ – ਇ: ਲਿੰਗ
ਪੇਂਡੂ – ਪੇਂਡੂਆਣੀ
ਹਿੰਦੂ – ਹਿੰਦੂਆਣੀ
ਸਾਊ – ਸਾਊਆਣੀ

6. ਕਈ ਵਾਰੀ ਬਿਨਾਂ ਕਿਸੇ ਨੇਮ ਤੋਂ ਵੀ ਲਿੰਗ ਬਦਲੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ | ਅਜਿਹੀ ਹਾਲਤ ਵਿਚ ਪੁਲਿੰਗ ਅਤੇ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਸ਼ਬਦ ਇਕ ਦੂਜੇ ਤੋਂ ਬਿਲਕੁਲ ਭਿੰਨ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-

ਪੁਲਿੰਗ – ਇ: ਲਿੰਗ
ਪੁੱਤਰ – ਧੀ
ਰਾਜਾ – ਰਾਣੀ
ਨਵਾਬ – ਬੇਗ਼ਮ
ਵਰ -ਕੰਨਿਆ
ਭੂਤ – ਚੁੜੇਲ
ਖ਼ਸਮ – ਮੱਝ
ਗੱਭਰੂ – ਮੁਟਿਆਰ
ਪਿਓ – ਮਾਂ
ਲਾੜਾ – ਵਹੁਟੀ
ਨਰ – ਮਾਦਾ
ਪਿਤਾ – ਮਾਤਾ
ਦਵਿਆਹੁਰਾ – ਦਢੇਸ
ਮਿੱਤਰ – ਸਹੇਲੀ
ਪੁਰਖ – ਇਸਤਰੀ
ਦਿਓ – ਪਰੀ
ਫੁੱਫਿਆਹੁਰਾ – ਫੁਫੇਸ
ਮਰਦ – ਤੀਵੀਂ
ਮਾਨ – ਸ੍ਰੀਮਤੀ
ਭਰਾ – ਭੈਣ
ਸਹੁਰਾ – ਸੱਸ
ਮੁੰਡਾ – ਕੁੜੀ
ਸਾਹਿਬ – ਮੇਮ

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਲਿੰਗ

7. ਕਈ ਪੁਲਿੰਗਾਂ ਦੇ ਦੋ-ਦੋ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਕਈ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗਾਂ ਦੇ ਦੋ-ਦੋ ਪੁਲਿੰਗ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-
ਪੁਲਿੰਗ – ਇ: ਲਿੰਗ
ਭਰਾ – ਭੈਣ, ਭਰਜਾਈ
ਸਾਲਾ – ਸਾਲੀ, ਸਾਲੇਹਾਰ
ਪੁੱਤ – ਧੀ, ਨੂੰਹ
ਸਾਲਾ, ਸਾਂਢੂ – ਸਾਲੀ
ਜਵਾਈ, ਪੁੱਤਰ – ਧੀ
ਭਰਾ, ਭਣਵੱਈਆ – ਭੈਣ

8. ਕਈ ਪੁਲਿੰਗ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਤੋਂ ਬਣਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-
ਇ: ਲਿੰਗ – ਪੁਲਿੰਗ
ਭੈਣ – ਭਟੱਵਈਆ
ਭੂਆ, ਫੁੱਫੀ – ਫੁੱਫੜ
ਮਾਸੀ – ਮਾਸੜ
ਨਿਨਾਣ – ਨਿਨਾਣਵਈਆ
ਨਣਦ – ਨਣਦੋਈਆ
ਰੇਤ – ਰੇਤਾ

9. ਕਈ ਵਾਰ ਪੁਲਿੰਗ ਸ਼ਬਦ ਦੁਆਰਾ ਕਿਸੇ ਚੀਜ਼ ਦੇ ਵੱਡੇ ਅਕਾਰ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤੇ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਦੁਆਰਾ ਛੋਟੇ ਅਕਾਰ ਨੂੰ ਜਿਵੇਂ-

ਇ: ਲਿੰਗ ਪੁਲਿੰਗ
ਮੱਖੀ – ਮੁੱਖ
ਤੱਕੜੀ – ਤੱਕੜ
ਪਗੜੀ – ਪੱਗੜ
ਛਤਰੀ – ਛਤਰ
ਟੋਕਰੀ – ਟੋਕਰਾ
ਆਰੀ – ਆਰਾ
ਬਾਟਾ – ਬਾਟੀ
ਰੰਬਾ – ਰੰਬੀ
ਪੱਖਾ – ਪੱਖੀ
ਸੰਦੂਕ – ਸੰਦੂਕੜੀ
ਘੜਾ – ਘੜੀ
ਡੱਬਾ – ਡੱਬੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਵਾਕਾਂ ਵਿਚੋਂ ਮੋਟੇ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਲਿੰਗ ਬਦਲ ਕੇ ਦੁਬਾਰਾ ਲਿਖੋ
(ੳ) ਉਹ ਇਕ ਕਮਜ਼ੋਰ ਆਦਮੀ ਹੈ ।
(ਅ) ਵੀਰ ਜੀ ਘਰ ਪਹੁੰਚ ਗਏ ਹਨ ।
(ੲ) ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਪੜ੍ਹ ਰਿਹਾ ਹੈ ।
(ਸ) ਹਾਥੀ ਨਦੀ ਵਿਚ ਪਾਣੀ ਪੀ ਰਿਹਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ :
(ੳ) ਉਹ ਇਕ ਕਮਜ਼ੋਰ ਤੀਵੀਂ ਹੈ ।
(ਅ) ਭੈਣ ਜੀ ਘਰ ਪਹੁੰਚ ਗਏ ਹਨ ।
(ੲ) ਵਿਦਿਆਰਥਣ ਪੜ੍ਹ ਰਹੀ ਹੈ ।
(ਸ) ਹਥਨੀ ਨਦੀ ਵਿਚ ਪਾਣੀ ਪੀ ਰਹੀ ਹੈ ।

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਲਿੰਗ

ਪਸ਼ਨ 4.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਲਿੰਗ ਬਦਲੋ
(ਉ) ਸੱਪ, ਬੱਕਰਾ, ਹਾਥੀ, ਚਾਚਾ, ਵੱਛਾ, ਨਾਨੀ ।
(ਅ) ਮਾਮੀ, ਧੋਬਣ, ਸੋਹਣੀ, ਤੇਲਣਾ |
(ੲ) ਪੁੱਤਰੀ, ਮੋਰਨੀ, ਨੌਕਰਾਣੀ, ਪੰਜਾਬੀ, ਰਾਗ ।
(ਸ) ਸੰਤ, ਲਾੜਾ, ਮੁਗ਼ਲ, ਸੰਦੂਕ, ਖੋਤਾ, ਭੂਤ |
ਉੱਤਰ :
(ਉ) ਸੱਪਣੀ, ਬੱਕਰੀ, ਹਾਥਣ, ਚਾਚੀ, ਵੱਛੀ, ਨਾਨਾ ।
(ਅ) ਮਾਮਾ, ਧੋਬੀ, ਸੋਹਣਾ, ਤੇਲੀ ।
(ੲ) ਪੁੱਤਰ, ਮੋਰ, ਨੌਕਰ, ਪੰਜਾਬਣ, ਰਾਗਣੀ ।
(ਸ) ਸੰਤਣੀ, ਲਾੜੀ, ਮੁਗਲਾਣੀ, ਸੰਦੂਕੜੀ, ਖੋਤੀ, ਭੁਤਨੀ ॥

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਵਾਕਾਂ ਨੂੰ ਲਿੰਗ ਬਦਲ ਕੇ ਦੁਬਾਰਾ ਲਿਖੋ
(ਉ) ਵਕੀਲ, ਡਾਕਟਰ ਤੇ ਮਾਸਟਰ ਸਲਾਹਾਂ ਕਰ ਰਹੇ ਹਨ ।
(ਅ) ਪਿੰਡਾਂ ਵਿਚ ਜੱਟ, ਝੀਉਰ, ਬਾਹਮਣ, ਨਾਈ, ਸਿੱਖ ਤੇ ਹਿੰਦੂ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
(ੲ) ਬਾਗ਼ ਵਿਚ ਮੋਰ, ਚਿੜੀਆਂ, ਕਬੂਤਰ ਤੇ ਸੱਪ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
(ਸ) ਮੇਰਾ ਦਿਓਰ, ਜੇਠ, ਫੁੱਫਿਆਹੁਰਾ, ਦਵਿਆਹੁਰਾ ਤੇ ਮਮਿਅਹੁਰਾ ਮਿਲਣ ਲਈ ਆਏ ।
(ਹ) ਮੇਰੇ ਪਤੀ ਨੇ ਗਵਾਂਢੀ ਦੇ ਸਿਰ ਵਿਚ ਸੋਟਾ ਮਾਰਿਆ ।
ਉੱਤਰ :
(ਉ) ਵਕੀਲਣੀਆਂ, ਡਾਕਟਰਾਣੀਆਂ ਤੇ ਮਾਸਟਰਾਣੀਆਂ ਸਲਾਹਾਂ ਕਰ ਰਹੀਆਂ ਹਨ ।
(ਅ) ਪਿੰਡਾਂ ਵਿਚ ਜੱਟੀਆਂ, ਝੀਉਰੀਆਂ, ਬਾਹਮਣੀਆਂ, ਨਾਇਣਾਂ, ਸਿੱਖਣੀਆਂ ਤੇ ਹਿੰਦੁਆਣੀਆਂ ਰਹਿੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
(ੲ) ਬਾਗ਼ ਵਿਚ ਮੋਰਨੀਆਂ, ਚਿੜੇ, ਕਬੂਤਰੀਆਂ ਤੇ ਸੱਪਣੀਆਂ ਰਹਿੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
(ਸ) ਮੇਰੀ ਦਰਾਣੀ, ਜਿਠਾਣੀ, ਫੁੱਫੀ, ਦੇਸ ਤੇ ਮਐਸ ਮਿਲਣ ਲਈ ਆਈਆਂ ।
(ਹ) ਮੇਰੀ ਪਤਨੀ ਨੇ ਗਵਾਂਢਣ ਦੇ ਸਿਰ ਵਿਚ ਸੋਟੀ ਮਾਰੀ ।

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਭੇਦ-ਨਾਂਵ

Punjab State Board PSEB 8th Class Punjabi Book Solutions Punjabi Grammar Sabadam di bhida-nanva ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਭੇਦ-ਨਾਂਵ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB 8th Class Punjabi Grammar ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਭੇਦ-ਨਾਂਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਨਾਂਵ ਦੇ ਲੱਛਣ ਤੇ ਇਸ ਦੇ ਭੇਦ (ਕਿਸਮਾਂ) ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਸਹਿਤ ਦੱਸੋ ।
ਜਾ
ਨਾਂਵ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਇਹ ਕਿੰਨੀ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਦੇ ਕੇ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ :
ਨਾਂਵ ਉਨ੍ਹਾਂ ਸ਼ਬਦਾਂ ਨੂੰ ਆਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ; ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਰਾਹੀਂ ਅਸੀਂ ਚੀਜ਼ਾਂ, ਮਨੁੱਖਾਂ ਅਤੇ ਥਾਂਵਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲੈਂਦੇ ਹਾਂ ; ਜਿਵੇਂ-ਵਿਦਿਆਰਥੀ, ਸੁਰਜੀਤ ਸਿੰਘ, ਜਮਾਤ, ਸ਼ਹਿਰ, ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ, ਸੋਨਾ, ਮਿੱਟੀ, ਮਿਠਾਸ, ਕੁੜੱਤਣ ਆਦਿ ।
ਨਾਂਵ ਪੰਜ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ-
1. ਆਮ ਨਾਂਵ ਜਾਂ ਜਾਤੀਵਾਚਕ ਨਾਂਵ :
ਜਿਹੜੇ ਸ਼ਬਦ ਕਿਸੇ ਸਮੁੱਚੀ ਸ਼੍ਰੇਣੀ ਜਾਂ ਜਿਣਸ ਲਈ ਵਰਤੇ ਜਾਣ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਆਮ ਨਾਂਵ ਜਾਂ ਜਾਤੀਵਾਚਕ ਨਾਂਵ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਵੇਂ-ਕਪਤਾਨ, ਪੁਸਤਕ, ਮਨੁੱਖ, ਨਗਰ, ਮੁੰਡਾ, ਵਿਦਿਆਰਥੀ, ਆਦਮੀ, ਪਿੰਡ, ਸ਼ਹਿਰ, ਦਰਿਆ, ਘੋੜਾ, ਆਦਿ ।

2. ਖ਼ਾਸ ਨਾਂਵ ਜਾਂ ਨਿੱਜਵਾਚਕ ਨਾਂਵ :
ਜਿਹੜੇ ਸ਼ਬਦ ਕਿਸੇ ਖ਼ਾਸ ਪੁਰਖ, ਇਸਤਰੀ ਜਾਂ ਥਾਂ ਦਾ ਨਾਂ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ‘ਖ਼ਾਸ ਨਾਂਵ ਜਾਂ “ਨਿੱਜਵਾਚਕ ਨਾਂਵ” ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂਜਲੰਧਰ, ਗੁਰਮੀਤ, ਪੰਜਾਬ, ਸੁਰਜ, ਅਮਰੀਕਾ, ਅਕਾਸ਼, ਸਤਲੁਜ, ਬਿਆਸ, ਰਾਵੀ, ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ, ਜੰਡਿਆਲਾ, ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ, ਆਨੰਦਪੁਰ ਸਾਹਿਬ ਆਦਿ ।

3. ਇਕੱਠਵਾਚਕ ਨਾਂਵ :
ਜਿਹੜੇ ਸ਼ਬਦ ਗਿਣਨਯੋਗ ਵਸਤੁਆਂ ਦੇ ਇਕੱਠ ਜਾਂ ਸਮੂਹ ਲਈ ਵਰਤੇ ਜਾਣ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ‘ਇਕੱਠਵਾਚਕ ਨਾਂਵ” ਆਖਦੇ ਹਨ ; ਜਿਵੇਂ-ਟੀਮ, ਜਮਾਤ, ਸਭਾ, ਝੰਡ, ਮੰਡਲੀ, ਡਾਰ, ਹੇੜ, ਢੇਰ, ਕਮੇਟੀ, ਵੱਗ, ਕਤਾਰ, ਪਰਜਾ, ਲੋਕ ਆਦਿ ।

4. ਵਸਤੂਵਾਚਕ ਨਾਂਵ :
ਜਿਹੜੇ ਸ਼ਬਦ ਉਨ੍ਹਾਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਲਈ ਵਰਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ, ਜੋ ਕੇਵਲ ਤੋਲੀਆਂ ਜਾਂ ਮਿਲੀਆਂ ਹੀ ਜਾ ਸਕਣ, ਪਰ ਗਿਣੀਆਂ ਨਾ ਜਾ ਸਕਣ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ “ਵਸਤਵਾਚਕ ਨਾਂਵ’ ਆਖਦੇ ਹਨ ; ਜਿਵੇਂ-ਸੋਨਾ, ਚਾਂਦੀ, ਪਾਣੀ, ਰੇਤ, ਲੋਹਾ, ਤੇਲ, ਖੰਡ, ਪੱਥਰ, ਸ਼ਰਬਤ, ਪਾਣੀ ਆਦਿ ।

5. ਭਾਵਵਾਚਕ ਨਾਂਵ :
ਜਿਹੜੀਆਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਨਾ ਦੇਖੀਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ, ਤੇ ਨਾ ਹੀ ਫੜੀਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ, ਕੇਵਲ ਅਨੁਭਵ ਹੀ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਲਈ ਵਰਤੇ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਸ਼ਬਦਾਂ ਨੂੰ ‘ਭਾਵਵਾਚਕ ਨਾਂਵ ਕਿਹਾ ਹੈ ; ਜਿਵੇਂ-ਮਿਠਾਸ, ਖ਼ੁਸ਼ੀ, ਗ਼ਮੀ, ਕੁੜੱਤਣ, ਜੁਆਨੀ, ਪਿਆਰ, ਸੇਵਾ, ਸੱਚ, ਪੁੰਨ, ਪਾਪ, ਦੁੱਖ, ਬਿਮਾਰੀ, ਹਾਸਾ, ਕਮਜ਼ੋਰੀ ਆਦਿ ।

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਭੇਦ-ਨਾਂਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਲਿਖੋ
(ਉ) ਵਸਤੂਵਾਚਕ ਨਾਂਵ
(ਅ) ਇੱਕਠਵਾਚਕ ਨਾਂਵ
(ਈ) ਭਾਵਵਾਚਕ ਨਾਂਵ ।
ਉੱਤਰ :

(ਉ) ਵਸਤੂਵਾਚਕ ਨਾਂਵ :
ਜਿਹੜੇ ਸ਼ਬਦ ਉਨ੍ਹਾਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਲਈ ਵਰਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ, ਜੋ ਕੇਵਲ ਤੋਲੀਆਂ ਜਾਂ ਮਿਲੀਆਂ ਹੀ ਜਾ ਸਕਣ, ਪਰ ਗਿਣੀਆਂ ਨਾ ਜਾ ਸਕਣ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ “ਵਸਤਵਾਚਕ ਨਾਂਵ’ ਆਖਦੇ ਹਨ ; ਜਿਵੇਂ-ਸੋਨਾ, ਚਾਂਦੀ, ਪਾਣੀ, ਰੇਤ, ਲੋਹਾ, ਤੇਲ, ਖੰਡ, ਪੱਥਰ, ਸ਼ਰਬਤ, ਪਾਣੀ ਆਦਿ ।

(ਅ) ਇਕੱਠਵਾਚਕ ਨਾਂਵ :
ਜਿਹੜੇ ਸ਼ਬਦ ਗਿਣਨਯੋਗ ਵਸਤੁਆਂ ਦੇ ਇਕੱਠ ਜਾਂ ਸਮੂਹ ਲਈ ਵਰਤੇ ਜਾਣ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ‘ਇਕੱਠਵਾਚਕ ਨਾਂਵ” ਆਖਦੇ ਹਨ ; ਜਿਵੇਂ-ਟੀਮ, ਜਮਾਤ, ਸਭਾ, ਝੰਡ, ਮੰਡਲੀ, ਡਾਰ, ਹੇੜ, ਢੇਰ, ਕਮੇਟੀ, ਵੱਗ, ਕਤਾਰ, ਪਰਜਾ, ਲੋਕ ਆਦਿ ।

(ਈ) ਭਾਵਵਾਚਕ ਨਾਂਵ :
ਜਿਹੜੀਆਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਨਾ ਦੇਖੀਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ, ਤੇ ਨਾ ਹੀ ਫੜੀਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ, ਕੇਵਲ ਅਨੁਭਵ ਹੀ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਲਈ ਵਰਤੇ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਸ਼ਬਦਾਂ ਨੂੰ ‘ਭਾਵਵਾਚਕ ਨਾਂਵ ਕਿਹਾ ਹੈ ; ਜਿਵੇਂ-ਮਿਠਾਸ, ਖ਼ੁਸ਼ੀ, ਗ਼ਮੀ, ਕੁੜੱਤਣ, ਜੁਆਨੀ, ਪਿਆਰ, ਸੇਵਾ, ਸੱਚ, ਪੁੰਨ, ਪਾਪ, ਦੁੱਖ, ਬਿਮਾਰੀ, ਹਾਸਾ, ਕਮਜ਼ੋਰੀ ਆਦਿ ।

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਭੇਦ-ਨਾਂਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਵਾਕਾਂ ਵਿਚੋਂ ਨਾਂਵ ਚੁਣੋ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਕਿਸਮ ਵੀ ਦੱਸੋ-
(ਉ) ਸ਼ੇਰ ਜੰਗਲ ਦਾ ਰਾਜਾ ਮੰਨਿਆ ਗਿਆ ਹੈ ।
(ਅ) ਹਰ ਚਮਕਣ ਵਾਲੀ ਚੀਜ਼ ਸੋਨਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ।
(ਈ) ਨੇਕੀ ਦਾ ਫਲ ਮਿੱਠਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(ਸ) ਜਮਾਤ ਵਿਚ ਤੀਹ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਬੈਠੇ ਹਨ ।
(ਰ) ਬਜ਼ਾਰੋਂ ਸਰੋਂ ਦਾ ਤੇਲ ਲਿਆਉ ।
(ਕ) ਮੋਹਣ ਸਿੰਘ ਨੇ ਮੁੰਡੇ ਦਾ ਵਿਆਹ ਬੜੀ ਧੂਮ-ਧਾਮ ਨਾਲ ਕੀਤਾ ।
(ਖ) ਬਿੱਲੀ ਨੇ ਚੂਹਿਆਂ ਨੂੰ ਮਾਰ ਮੁਕਾਇਆ ।
(ਗ) ਜਵਾਨੀ ਦੀਵਾਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(ਘ) ਅੱਜ ਬਹੁਤ ਗ਼ਰਮੀ ਹੈ ।
(ਛ) ਮੋਰ ਪੈਲ ਪਾ ਕੇ ਥੱਕ ਗਿਆ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ :
(ਉ) ਸ਼ੇਰ, ਜੰਗਲ, ਰਾਜਾ-ਆਮ ਨਾਂਵ ।
(ਅ) ਚੀਜ਼-ਆਮ ਨਾਂਵ, ਸੋਨਾ-ਵਸਤੂਵਾਚਕ ਨਾਂਵ ।
(ਇ) ਨੇਕੀ-ਭਾਵਵਾਚਕ ਨਾਂਵ, ਫਲ-ਆਮ ਨਾਂਵ ।
(ਸ) ਜਮਾਤ-ਇਕੱਠਵਾਚਕ ਨਾਂਵ : ਵਿਦਿਆਰਥੀ-ਆਮ ਨਾਂਵ ।
(ਰ) ਬਜ਼ਾਰੋਂ-ਆਮ ਨਾਂਵ; ਸਗੋਂ, ਤੇਲ-ਵਸਤੂਵਾਚਕ ਨਾਂਵ
(ਕ) ਮੋਹਣ ਸਿੰਘ-ਖ਼ਾਸ ਨਾਂਵ, ਮੁੰਡੇ-ਆਮ ਨਾਂਵ | ਵਿਆਹ-ਭਾਵਵਾਚਕ ਨਾਂਵ ।
(ਖ) ਬਿੱਲੀ, ਚੂਹਿਆਂ-ਆਮ ਨਾਂਵ ।
(ਗ) ਜਵਾਨੀ-ਭਾਵਵਾਚਕ ਨਾਂਵ ।
(ਘ) ਗਰਮੀ-ਭਾਵਵਾਚਕ ਨਾਂਵ ।
(ਛ) ਮੋਰ, ਪੈਲ-ਆਮ ਨਾਂਵ ।

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਭੇਦ-ਨਾਂਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਨਾਂਵ ਦੀ ਕਿਸਮ ਲਿਖੋ-
((ੳ) ਸੁਹੱਪਣ
(ਅ) ਫੁੱਲ
(ਈ) ਇਸਤਰੀ
(ਸ) ਲੋਹਾ
(ਹ) ਖ਼ੁਸ਼ੀ
(ਕ) ਤੇਲ
(ਖ) ਸੁਗੰਧ
(ਗ) ਮਨੁੱਖਤਾ
(ਘ) ਗੰਗਾ
(ਛ) ਜਮਾਤ ।
ਉੱਤਰ :
(ੳ) ਸੁਹੱਪਣ – ਭਾਵਵਾਚਕ ਨਾਂਵ
(ਅ) ਫੁੱਲ – ਆਮ ਨਾਂਵ
(ਇ) ਇਸਤਰੀ – ਆਮ ਨਾਂਵ
(ਸ) ਲੋਹਾ – ਵਸਤੂਵਾਚਕ ਨਾਂਵ
(ਹੀ) ਖ਼ੁਸ਼ੀ – ਭਾਵਵਾਚਕ ਨਾਂਵ
(ਕ) ਤੇਲ – ਵਸਤਵਾਚਕ ਨਾਂਵ
(ਖੀ) ਸੁਗੰਧ – ਭਾਵਵਾਚਕ ਨਾਂਵ
(ਗ) ਮਨੁੱਖਤਾ – ਭਾਵਵਾਚਕ ਨਾਂਵ
(ਘ) ਗੰਗਾ – ਖ਼ਾਸ ਨਾਂਵ
(ਝਛ) ਜਮਾਤ-ਇਕੱਠਵਾਚਕ ਨਾਂਵ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ-
(ਉ) ਨਾਂਵ ………… ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
(ਅ) ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਸ਼ਬਦਾਂ ਤੋਂ ਕਿਸੇ ਮਨੁੱਖ, ਵਸਤੂ, ਥਾਂ ਆਦਿ ਦਾ ਨਾਂ ਪਤਾ ਲੱਗੇ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ………… ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
(ਈ) ਆਮ ਨਾਂਵ ਦਾ ਦੂਸਰਾ ਨਾਂਵ ………… ਨਾਂਵ ਹੈ ।
(ਸ) ਨਿੱਜ-ਵਾਚਕ ਨਾਂਵ ਨੂੰ ………… ਵੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
(ਹ) ਸ਼ੀਲਾ, ਮੀਨਾ ਤੇ ਸੁਨੀਤਾ ………… ਨਾਂਵ ਅਖਵਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
(ਕ) ਸੈਨਾ, ਜਮਾਤ, ਇੱਜੜ ………… ਨਾਂਵ ਅਖਵਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
(ਖਿ) ਸ਼ਹਿਰ, ਪਿੰਡ, ਪਹਾੜ ………… ਨਾਂਵ ਅਖਵਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
(ਗ) ਸ੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ, ਬੰਦਾ ਬਹਾਦਰ ………… ਨਾਂਵ ਅਖਵਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
(ਘ) ਖੰਡ, ਗੁੜ, ਕਣਕ, ………….. ਨਾਂਵ ਹਨ ।
(ਛ) ਗਰਮੀ, ਸਰਦੀ, ਜਵਾਨੀ ………… ਨਾਂਵ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ :
(ੳ) ਪੰਜ
(ਅ) ਆਮ ਨਾਂਵ
(ਈ) ਜਾਤੀਵਾਚਕ
(ਸ) ਖ਼ਾਸ ਨਾਂਵ
(ਹ) ਖ਼ਾਸ ਨਾਂਵ
(ਕ) ਇਕੱਠਵਾਚਕ
(ਖ) ਆਮ
(ਗ) ਖ਼ਾਸ
(ਘ) ਵਸਤਵਾਚਕ
(ਛ) ਭਾਵਵਾਚਕ ।

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਭੇਦ-ਨਾਂਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਠੀਕ ਵਾਕਾਂ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ (✓) ਅਤੇ ਗਲਤ ਵਾਕਾਂ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ (✗) ਲਗਾਓ
(ੳ) ਖ਼ਾਸ ਸਥਾਨ, ਵਸਤੂ, ਵਿਅਕਤੀ ਦਾ ਗਿਆਨ ਦੇਣ ਵਾਲਾ ਸ਼ਬਦ ਆਮ ਨਾਂਵ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(ਅ) ਸੈਨਾ, ਦਲ, ਸਭਾ, ਇੱਜੜ, ਡਾਰ, ਇਕੱਠਵਾਚਕ ਨਾਂਵ ਹਨ ।
(ਇ) ਖ਼ੁਸ਼ੀ, ਉਦਾਸੀ, ਗ਼ਮੀ ਵਸਤੂਵਾਚਕ ਨਾਂਵ ਹਨ ।
(ਸ) ਪੁਸਤਕ, ਮਨੁੱਖ, ਸ਼ਹਿਰ, ਪਿੰਡ ਆਮ ਨਾਂਵ ਹਨ ।
(ਹ) ਨਾਂਵ ਅੱਠ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
(ਕ) ਦਿੱਲੀ, ਹਿਮਾਲਾ, ਖ਼ਾਸ ਨਾਂਵ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ :
(ੳ) ਖ਼ਾਸ ਸਥਾਨ, ਵਸਤੂ, ਵਿਅਕਤੀ ਦਾ ਗਿਆਨ ਦੇਣ ਵਾਲਾ ਸ਼ਬਦ ਆਮ ਨਾਂਵ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (✗)
(ਅ) ਸੈਨਾ, ਦਲ, ਸਭਾ, ਇੱਜੜ, ਡਾਰ, ਇਕੱਠਵਾਚਕ ਨਾਂਵ ਹਨ । (✓)
(ਇ) ਖ਼ੁਸ਼ੀ, ਉਦਾਸੀ, ਗ਼ਮੀ ਵਸਤੂਵਾਚਕ ਨਾਂਵ ਹਨ । (✗)
(ਸ) ਪੁਸਤਕ, ਮਨੁੱਖ, ਸ਼ਹਿਰ, ਪਿੰਡ ਆਮ ਨਾਂਵ ਹਨ । (✓)
(ਹ) ਨਾਂਵ ਅੱਠ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । (✗)
(ਕ) ਦਿੱਲੀ, ਹਿਮਾਲਾ, ਖ਼ਾਸ ਨਾਂਵ ਹਨ । (✓)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਨਾਂਵ ਸ਼ਬਦਾਂ ਵਿਚੋਂ ਖ਼ਾਸ ਨਾਂਵ ਤੇ ਆਮ ਨਾਂਵ ਚੁਣੋ-
ਸੈਨਾ, ਜਮਾਤ, ਇੱਜੜ, ਸ੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ, ਦਿੱਲੀ, ਹਿਮਾਲਾ, ਸਰਦੀ, ਗਰਮੀ, ਜਵਾਨੀ, ਡਾਰ, ਖੰਡ, ਗੁੜ, ਕਣਕ, ਸ਼ਹਿਰ, ਪਿੰਡ, ਪਹਾੜ ।
ਉੱਤਰ :
ਆਮ ਨਾਂਵ – ਸ਼ਹਿਰ, ਪਿੰਡ, ਪਹਾੜ !
ਖ਼ਾਸ ਨਾਂਵ – ਸ੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ, ਦਿੱਲੀ, ਹਿਮਾਲਾ ।

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਸ਼ੁੱਧ ਸ਼ਬਦ-ਜੋੜ

Punjab State Board PSEB 8th Class Punjabi Book Solutions Punjabi Grammar Sudha sabada-jora ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਭੇਦ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB 8th Class Punjabi Grammar ਸ਼ੁੱਧ ਸ਼ਬਦ-ਜੋੜ

ਅਸ਼ੁੱਧ – ਸ਼ੁੱਧ
ਏਨਕ – ਐਨਕ
ਅਮਰ – ਉਮਰ
ਓੜ – ਔੜ
ਉੱਗਲੀ – ਉੱਗਲੀ
ਸ਼ੜਕ – ਸੜਕ
ਸੂਕਰ – ਸ਼ੁਕਰ
ਸੀਸਾ – ਸ਼ੀਸ਼ਾ
ਛੱਕਰ – ਸ਼ੱਕਰ
ਬਿਆਹ – ਵਿਆਹ
ਬਕੀਲ – ਵਕੀਲ
ਵਾਹਰਲਾ – ਬਾਹਰਲਾ
ਹਬਾ – ਹਵਾ
ਉੱਘ – ਉੱਘ
ਇੰਜ – ਇੰਵ
ਕਉਂ – ਕਿਉ
ਸਿਂਧ – ਸਿੱਧ
ਕੁੰਜਾ – ਕੁੰਜ
ਸੰਗ – ਸਾਂਗ
ਗੰਦ – ਗੇਂਦ
ਗੈਤਿ – ਗੈਂਡਾ
ਡੰਗ – ਡੀਗ
ਚੌਂਦਾ – ਚੌਦਾ

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਭੇਦ

ਸ਼ਪਾਹੀ – ਸਿਪਾਹੀ
ਜਹਾਜ – ਜਹਾਜ਼
ਜੁਲਮ – ਜ਼ੁਲਮ
ਅਵਾਜ – ਅਵਾਜ਼
ਗਾਲ – ਗਾਲ
ਵਾਲ – ਵਾਲ
ਪੀਲਾ – ਪੀਲਾ
ਪਾਲਾ – ਪਾਲਾ
ਵਰਹਾ – ਵਰ੍ਹਾ
ਸਵਰ – ਸੂਰ
ਸਵੈਮਾਨ – ਸ਼ੈ-ਮਾਨ
ਸਵੈਜੀਵਨੀ – ਸੈਂ-ਜੀਵਨੀ
ਕਠਿਨ – ਕਠਨ
ਪੜੈਣਾ – ਪੜ੍ਹਾਉਣਾ
ਅੰਘ – ਅੰਗ
ਸੁੰਗਣਾ – ਸੁੰਘਣਾ
ਪੰਘ – ਪੰਗਾ
ਹੰਜੂ – ਹੰਝੂ
ਕੁੱਜੇ – ਕੁੱਝੂ

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਭੇਦ

ਪੂੰਜ – ਪੂੰਝੂ
ਜੱਜ – ਜੱਞ
ਸਾਂਜ – ਸਾਂਝ
ਸੌਹਰਾ – ਸਹੁਰਾ
ਮੌਹਰਾ – ਮੌਹੁਰਾ
ਮੁਕਤਿ – ਮੁਕਤੀ
ਗਤਿ – ਗਤੀ
ਛਾਂ – ਸ਼ਾਂ
ਸੰਨਾ – ਛੰਨਾ
ਛੈਹਿਰ – ਸ਼ਹਿਰ
ਸੱਤ – ਛੱਤ
ਮੇਹਨਤ – ਮਿਹਨਤ
ਮੇਹਰ – ਮਿਹਰ
ਜੇਹੜਾ – ਜਿਹੜਾ
ਕੇਹੜਾ – ਕਿਹੜਾ
ਜੇਹਾ – ਜਿਹਾ
ਮੱਜ – ਮੱਝ
ਏਹ – ਇਹ
ਠੰਡ – ਠੰਢ
ਸਾਂਡੂ – ਸਾਂਢੁ
ਆਡੂਾ – ਆਢੁ
ਉਦਾਰ – ਉਧਾਰ
ਦੁੱਦ – ਦੁੱਧ
ਧੰਧਾ – ਧੰਦਾ
ਰਿਦਾ – ਗਿੱਧਾ

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਭੇਦ

ਬੁੱਦੀ – ਬੁੱਦੀ
ਰੈਹਣਾ – ਰਹਿਣਾ
ਮਾਲਾ – ਮਾਲਾ
ਪੰਤੂ – ਪਰੰਤੂ
ਪਰਿੰਸੀਪਲ – ਪ੍ਰਿੰਸੀਪਲ
ਪਰੇਮ – ਪ੍ਰੈਸ
ਮਿਤ – ਮਿੱਤਰ
ਪਰੈਸ – ਪ੍ਰੈੱਸ
ਇੰਦ – ਇੰਦਰ
ਪਰਸ਼ਨ – ਪ੍ਰਸ਼ਨ
ਵਰੁਣਾ – ਵਨਾ
ਖੁਰਣਾ – ਖੁਰਨਾ
ਸੇਹਤ – ਸਿਹਤ
ਸੁਹਣਾ- ਸੋਹਣਾ
ਲੋਬ – ਲੋਭ
ਸਬ – ਸਭ
ਭਾਭੀ – ਭਾਬੀ
ਓ ਕਿਰਸਾਨਾਂ – ਓ ਕਿਰਸਾਨਾ
ਬਲੇ – ਬੱਲੇ
ਜਵਾਨਾਂ – ਜਵਾਨਾ
ਮਾਮਾਂ – ਮਾਮਾ
ਨੈਹਰ – ਨਹਿਰ

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਭੇਦ

ਬੈਹਰਾ – ਬਹਿਰਾ
ਪੈਹਰਾ – ਪਹਿਰਾ
ਗਯਾਨੀ – ਗਿਆਨੀ
ਵਯਾਕਰਨ – ਵਿਆਕਰਨ
ਪਧਯਾ – ਮੱਧ
ਵਾਂਗ – ਵਾਂਝ
ਸ਼ਕਤਿ – ਸ਼ਕਤੀ
ਸੁਧਾਰਿਕ – ਸੁਧਾਰਕ
ਆਰਥਿਕ – ਆਰਥਕ
ਰਾਜਨੀਤਿਕ – ਰਾਜਨੀਤਕ
ਕਵਿ – ਕਵੀ
ਫ਼ੈਦਾ – ਫਾਇਦਾ
ਸ਼ੈਤ – ਸ਼ਾਇਦ
ਲੈਕ – ਲਾਇਕ
ਸ਼ਕੈਤ – ਸ਼ਕਾਇਤ
ਚੌਣਾ – ਗਾਉਣਾ
ਬਚੌਣਾ – ਬਚਾਉਣਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਸ਼ਬਦਾਂ ਨੂੰ ਸ਼ੁੱਧ ਕਰ ਕੇ ਲਿਖੋ
(ੳ) ਮੇਹਨਤ, ਵੇਹੜਾ, ਦੁਪੈਹਰ, ਔਰਤ, ਸ਼ੈਹਰ, ਬੋਹਤਾ, ਚੋਲ ।
(ਅ) ਵੋਹਟੀ, ਭਿਖਾਰਣ, ਆਯਾ, ਅਬਿਆਸ, ਦੱਦ, ਰੈਂਹਦਾ ।
(ਇ) ਨੈਹਰ, ਕਚੈਹਰੀ, ਪੀਂਗ, ਗੋਬੀ, ਸੌਂਹ, ਜੇਹੜਾ, ਕੇਹੜਾ, ਪੈਹਲਾ ।
(ਸ) ਗੈਹਣਾ, ਸੀਤਲ, ਸ਼ਿਖ਼ਰ, ਸ਼ੜਕ, ਸੌਹਰਾ, ਬੌਹਵਰਨ, ਨੌਂਹ ।
(ਹ ਲੈਕ, ਪੈਹਰਾ, ਰੈਸ, ਸੁੰਗਨਾ, ਕੁਜ, ਸੀਸਾ ।
ਉੱਤਰ :
(ੳ) ਮਿਹਨਤ, ਵਿਹੜਾ, ਦੁਪੈਹਰ, ਔਰਤ, ਸ਼ਹਿਰ, ਬਹੁਤਾ, ਚੌਲ ।
(ਅ) ਵਹੁਟੀ, ਭਿਖਾਰਨ, ਆਇਆ, ਅਭਿਆਸ, ਦੁੱਧ, ਰਹਿੰਦਾ ।
(ਈ) ਨਹਿਰ, ਕਚਹਿਰੀ, ਪੀਰਾ, ਗੋਭੀ, ਸਹੁੰ, ਜਿਹੜਾ, ਕਿਹੜਾ, ਪਹਿਲਾ ।
(ਸ) ਗਹਿਣਾ, ਸੀਤਲ, ਸਿਖਰ, ਸੜਕ, ਸਹੁਰਾ, ਬਹੁਵਚਨ, ਨਹੁੰ ।
(ਹ) ਲਾਇਕ, ਪਹਿਰਾ, ਪ੍ਰਿੰਸ, ਸੁੰਘਣਾ, ਕੁਝ, ਸ਼ੀਸ਼ਾ ।

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਰਨਮਾਲਾ

Punjab State Board PSEB 8th Class Punjabi Book Solutions Punjabi Grammar Varnamala ਵਰਨਮਾਲਾ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB 8th Class Punjabi Grammar ਵਰਨਮਾਲਾ

ਪਸ਼ਨ 1.
ਲਿਪੀ ਕਿਸ ਨੂੰ ਆਖਦੇ ਹਨ ? ਪੰਜਾਬੀ ਬੋਲੀ ਦੀ ਲਿਪੀ ਦਾ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ :
ਭਾਸ਼ਾ ਦੀਆਂ ਧੁਨੀਆਂ ਨੂੰ ਲਿਖਤੀ ਰੂਪ ਵਿਚ ਅੰਕਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਕੁੱਝ ਚਿੰਨ੍ਹ ਵਰਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਚਿੰਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸਮੂਹ ਨੂੰ “ਲਿਪੀ’ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪੰਜਾਬੀ ਬੋਲੀ ਦੀ ਲਿਪੀ ਦਾ ਨਾਂ ਗੁਰਮੁਖੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਵਰਨ ਕਿਸ ਨੂੰ ਆਖਦੇ ਹਨ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕਿੰਨੇ ਭੇਦ ਹਨ ? ਸੰਖੇਪ ਰੂਪ ਵਿਚ ਉੱਤਰ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ :
ਮਨੁੱਖ ਜਦੋਂ ਬੋਲਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਸ ਦੇ ਮੂੰਹੋਂ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀਆਂ ਅਵਾਜ਼ਾਂ ਧੁਨੀਆਂ) ਨਿਕਲਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਅਵਾਜ਼ਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਨ ਲਈ, ਜੋ ਚਿੰਨ੍ਹ ਮਿੱਥੇ ਗਏ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਵਰਨ ਜਾਂ ਅੱਖਰ ਆਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ , ਜਿਵੇਂ-ਕ, ਚ, ਟ, ਤ, ਪ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਅਵਾਜ਼ਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਨ ਲਈ ਮੁੰਹ ਦੇ ਸਾਰੇ ਅੰਗ ਬੁਲ, ਜੀਭ, ਦੰਦ, ਤਾਲੁ ਤੇ ਸੰਘ ਆਦਿ ਰਲ ਕੇ ਹਿੱਸਾ ਪਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਮਨੁੱਖੀ ਸਾਹ ਜਦੋਂ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਹ ਮੁੰਹ ਦੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਅੰਗਾਂ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਂਦਾ ਹੈ, ਤਦ ਮੂੰਹ ਵਿਚੋਂ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਅਵਾਜ਼ਾਂ ਧੁਨੀਆਂ) ਨਿਕਲਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਅਵਾਜ਼ਾਂ ਨੂੰ ਲਿਖਣ ਲਈ, ਜੋ ਚਿੰਨ੍ਹ ਵਰਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਹੀ ਵਰਨ ਜਾਂ ਅੱਖਰ ਆਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਅੱਖਰ ਮਿਲ ਕੇ ਸ਼ਬਦ ਬਣਦੇ ਹਨ ।

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਰਨਮਾਲਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਗੁਰਮੁਖੀ ਲਿਪੀ ਦੇ ਕਿੰਨੇ ਵਰਨ ਅੱਖਰ ਹਨ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕਿੰਨੇ ਭਾਗਾਂ ਵਿਚ ਵੰਡਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ :
ਗੁਰਮੁਖੀ ਲਿਪੀ ਦੇ 35 ਅੱਖਰ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚ ਫ਼ਾਰਸੀ ਦੀਆਂ ਪੰਜ ਧੁਨੀਆਂਸ਼, ਖ਼, ਗ਼, ਜ਼, ਫ਼-ਦੇ ਸ਼ਾਮਲ ਹੋਣ ਨਾਲ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ 40 ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਬਿਨਾਂ ਪੰਜਾਬੀ ਦੀ ਇਕ ਮੌਲਿਕ ਅਵਾਜ਼ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਨ ਲਈ ‘ਲ’ ਦੇ ਪੈਰ ਵਿਚ ਬਿੰਦੀ (ਲ ਲਾਉਣ ਦਾ ਰਿਵਾਜ ਵੀ ਪ੍ਰਚੱਲਤ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ । ਇਸ ਦੀ ਲੋੜ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਅੱਖਰਾਂ ਦਾ ਅਰਥ-ਭੇਦ ਦੱਸਣ ਨਾਲ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ
1. ਪਲ-ਉਹ ਇੱਥੇ ਘੜੀ-ਪਲ ਹੀ ਟਿਕੇਗਾ ।
ਪਲ-ਉਹ ਮਾੜਾ-ਮੋਟਾ ਖਾ ਕੇ ਪਲ ਗਿਆ ।

2. ਤਲ-ਪਾਣੀ ਦੇ ਤਲ ਉੱਤੇ ਲਹਿਰਾਂ ਨੱਚ ਰਹੀਆਂ ਹਨ ।
ਤਲ-ਹਲਵਾਈ ਪਕੌੜੇ ਤਲ ਰਿਹਾ ਹੈ ।
ਗੁਰਮੁਖੀ ਵਰਨਮਾਲਾ ਦੇ ਵਰਨਾਂ ਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਅੱਠ ਵਰਨਾਂ ਵਿਚ ਵੰਡਿਆ ਗਿਆ ਹੈ ।

ਮੁੱਖ ਵਰਗ
ਕ ਵਰਗੇ
ਚ ਵਰਗ
ਟ ਵਰਗ
ਤ ਵਰਗ
ਪ ਵਰਗ
ਅੰਤਿਮ ਵਰਗ
ਨਵੀਨ ਵਰਗ ਸ਼ ਖ਼ ਗ਼ ਜ਼ ਫ਼

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਪੰਜਾਬੀ ਵਰਨ (ਅੱਖਰ) ਕਿੰਨੀ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹਨ ?
ਜਾਂ
ਪੰਜਾਬੀ ਦੇ ਕਿੰਨੇ ਵਰਨ ਸ਼ਰ, ਵਿਅੰਜਨ, ਅਨੁਨਾਸਿਕ ਤੇ ਦੁੱਤ ਹਨ ? ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਸਹਿਤ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ :
ਰੂਪ ਅਤੇ ਉਚਾਰਨ ਦੇ ਫ਼ਰਕ ਕਰ ਕੇ ਪੰਜਾਬੀ ਵਰਨਾਂ (ਅੱਖਰਾਂ) ਦੇ ਚਾਰ ਭੇਦ
ਹਨ –
(ਉ) ਸ਼ਰ
(ਅ) ਵਿਅੰਜਨ
(ਇ) ਅਨੁਨਾਸਿਕ
(ਸ) ਦੁੱਤ ।

(ਉ) ਸੁਰ : ਉਨਾਂ ਵਰਨਾਂ ਨੂੰ ਸੁਰ ਆਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਉਚਾਰਨ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਅਵਾਜ਼ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਤੋਂ ਬਿਨਾਂ ਹੀ ਹੋ ਸਕੇ । ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ਕੇਵਲ ਤਿੰਨ ਵਰਨ ਹੀ ਸ਼ਰ ਹਨ-ੳ, ਅ, ੲ ।

(ਅ) ਵਿਅੰਜਨ : ਵਿਅੰਜਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਰਨਾਂ ਨੂੰ ਆਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਉਚਾਰਨ ਕਰਨ ਸਮੇਂ ਸਾਹ ਮੂੰਹ ਵਿਚੋਂ ਬੇਰੋਕ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲਦਾ ਹੈ । ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ਸ ਤੋਂ ੜ ਤਕ ਸਾਰੇ ਵਰਨ ਤੇ ਨਵੇਂ ਅੱਖਰ ਸਾਰੇ ਹੀ ਵਿਅੰਜਨ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਕੁੱਲ ਗਿਣਤੀ 38 ਹੈ ।

(ਇ) ਅਨੁਨਾਸਿਕ : ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਰਨਾਂ ਦੀਆਂ ਅਵਾਜ਼ਾਂ ਨੱਕ ਵਿਚੋਂ ਨਿਕਲਦੀਆਂ ਹਨ, ਉਹ ਅਨੁਨਾਸਿਕ ਹਨ । ਪੰਜਾਬੀ ਦੇ ਇਹ ਵਰਨ ਅਨੁਨਾਸਿਕ ਹਨ-ਝ, ਬ, ਣ, ਨ, ਮ ।

(ਸ) ਦੁੱਤ :
ਦੁੱਤ ਵਰਨਾਂ ਦੀ ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਵਰਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਬਹੁਤੀ ਵਰਤੋਂ ਹਿੰਦੀ ਤੇ ਸੰਸਕ੍ਰਿਤ ਵਿਚ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ਜੋ ਅੱਖਰ ਵਿਅੰਜਨਾਂ ਦੇ ਪੈਰਾਂ ਵਿਚ ਜੋੜ ਕੇ ਵਰਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ, ਉਹ ‘ਦੁੱਤ ਵਰਨ’ ਅਖਵਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ਕੇਵਲ ਤਿੰਨਾਂ ਅੱਖਰਾਂ ਹ, ਰ, ਵ ਦੀ ਹੀ ਅਜਿਹੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਵ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੈ ਪਰ ਹ ਤੇ ਰ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਆਮ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ ਪੜ੍ਹਨਾ, ਉਨ੍ਹਾਂ, ਇਨ੍ਹਾਂ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ, ਪ੍ਰੇਮ, ਪ੍ਰੀਤਮ, ਸ਼੍ਰੀਮਾਨ, ਸ਼ੈ-ਮਾਨ, ਸ਼ੈ-ਜੀਵਨੀ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਲਗਾਂ-ਮਾਤਰਾਂ ਕੀ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ? ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ਕਿੰਨੀਆਂ ਲਗਾਂ-ਮਾਤਰਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ :
ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ਤਿੰਨ, ਸੂਰ ਹਨ-ਉ, ਅ ਤੇ ੲ, ਪਰੰਤੂ ਵਰਤੋਂ ਵਿਚ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ 10 ਹੈ, ਜੋ ਕਿ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹੈ- ਅ ਆ ਇ ਈ ਏ ਐ ਉ ਊ ਓ ਔ ।

ਬੋਲੀ ਨੂੰ ਲਿਖਦੇ ਸਮੇਂ ਵਿਅੰਜਨਾਂ ਨਾਲ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕੇਵਲ ਚਿੰਨ੍ਹ ਹੀ ਵਰਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ, ਜੋ ਕਿ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹਨ-ਮੁਕਤਾ ਇਸ ਦਾ ਕੋਈ ਚਿੰਨ੍ਹ ਨਹੀਂ, ਕੰਨਾ (ਾ), ਸਿਹਾਰੀ (ਿ), ਬਿਹਾਰੀ (ੀ), ਔਕੜ (_), ਦੁਲੈਂਕੜ (-ੂ ), ਲਾਂ (ੇ), ਦੁਲਾਂ (ੈ) ਹੋੜਾ ( ੋ), ਕਨੌੜਾ (ੌ) ।

ਇਨ੍ਹਾਂ ਲਗਾਂ-ਮਾਤਰਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਲਈ ਕੁੱਝ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ । ਉੱਪਰ ਲਿਖੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਲਗਾਂ ਸਾਰੇ ਵਿਅੰਜਨਾਂ ਨਾਲ ਲਗਦੀਆਂ ਹਨ । ਪਰੰਤੁ ਰਾਂ-ਉ, ਅ ਅਤੇ ੲ-ਨਾਲ ਇਹ ਸਾਰੀਆਂ ਨਹੀਂ ਲੱਗ ਸਕਦੀਆਂ । (ੳ, ਅ, ੲ ਨਾਲ ਲਗਾਂ ਉੱਪਰ ਲਿਖੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹੀ ਲਗਦੀਆਂ ਹਨ ਅਰਥਾਤ ਉ ਨੂੰ ਔਂਕੜ (ਉ), ਦੁਲੈਂਕੜ (ਊ ਤੇ ਹੋੜਾ (ਓ) ਲਗਦੀਆਂ ਹਨ । ਅ’ ਨੂੰ ਮੁਕਤਾ (ਅ) ਕੰਨਾ (ਆ) ਤੇ ਦੁਲਾਵਾਂ (ਐ ਲੋਗਾਂ ਲਗਦੀਆਂ ਹਨ । ਇ’ ਨੂੰ ਸਿਹਾਰੀ (ਇ), ਬਿਹਾਰੀ (ਈ) ਤੇ ਲਾਂ (ਏ) ਲਗਾਂ ਲਗਦੀਆਂ ਹਨ ।

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਰਨਮਾਲਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਲਗਾਖਰ ਕਿਸ ਨੂੰ ਆਖਦੇ ਹਨ ? ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ :
ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਬਿਨਾਂ ਗੁਰਮੁਖੀ ਵਿਚ ਲਗਾਂ ਦੇ ਨਾਲ ਕੁੱਝ ਚਿੰਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਵੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਲਗਾਖਰ ਆਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ਇਹ ਚਿੰਨ੍ਹ ਤਿੰਨ ਹਨ
(ਉ) ਬਿੰਦੀ PSEB 6th Class Punjabi Vyakaran ਵਰਨਮਾਲਾ-1
(ਅ) ਟਿੱਪੀ PSEB 6th Class Punjabi Vyakaran ਵਰਨਮਾਲਾ-2
(ਇ) ਅੱਧਕ PSEB 6th Class Punjabi Vyakaran ਵਰਨਮਾਲਾ-3

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਪੰਜਾਬੀ ਲਗਾਖਰਾਂ ਦੀ ਕਿਨ੍ਹਾਂ-ਕਿਨ੍ਹਾਂ ਲਗਾਂ ਨਾਲ ਤੇ ਕਿਉਂ ਵਰਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ? ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਦੇ ਕੇ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ :
ਦਸਾਂ ਲਗਾਂ ਵਿਚੋਂ ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਦਾ ਉਚਾਰਨ ਨੱਕ ਵਿਚੋਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਸ ਦੇ ਨਾਲ ਬਿੰਦੀ ਅਤੇ ਟਿੱਪੀ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਦਸਾਂ ਲਗਾਂ ਵਿਚੋਂ ਛੇਆਂ ਨਾਲ ਬਿੰਦੀ ਲਗਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਚਹੁੰ ਨਾਲ ਟਿੱਪੀ ।

ਕੰਨਾ, ਬਿਹਾਰੀ, ਲਾਂ, ਦੁਲਾਂ, ਹੋੜਾ ਅਤੇ ਕਨੌੜਾ ਨਾਲ ਬਿੰਦੀ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ; ਜਿਵੇਂ-ਗਾਂ, ਨਹੀਂ, ਗੇਂਦ, ਕੈਂਚੀ, ਜਦੋਂ, ਸੌਂ ।

ਮੁਕਤਾ, ਸਿਹਾਰੀ, ਔਂਕੜ ਅਤੇ ਦੁਲੈਂਕੜ ਨਾਲ ਟਿੱਪੀ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ-ਚੰਦ, ਸਿੰਘ, ਚੁੰਝ, ਗੂੰਜ ।

ਇਸ ਤੋਂ ਬਿਨਾਂ ਉ, ਅ, ੲ ਨਾਲ ਲਗਾਖਰਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਦੇ ਨਿਯਮ ਕੁੱਝ ਭਿੰਨ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ੳ, ਅ, ੲ ਨਾਲ ਲੱਗਣ ਵਾਲੀਆਂ ਅੱਠ ਲਗਾਂ-ਕੰਨਾ, ਬਿਹਾਰੀ, ਲਾਂ, ਦੁਲਾਂ, ਹੋੜਾ ਅਤੇ ਕਨੌੜਾ ਨਾਲ ਬਿੰਦੀ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ , ਜਿਵੇਂ-ਆਂਦਰ, ਸਾਈਂ, ਕਿਉਂ, ਖਾਉਂ, ਜਾਏਂ, ਐੱਠ, ਅੰਤਰਾ ।

ਜਦੋਂ ਅ’ ਮੁਕਤਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ‘ਨੂੰ ਸਿਹਾਰੀ ਲੱਗੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਟਿੱਪੀ PSEB 6th Class Punjabi Vyakaran ਵਰਨਮਾਲਾ-3 ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ , ਜਿਵੇਂ-ਅੰਗ, ਇੰਦਰ ।

ਅੱਧਕ :
ਹਿੰਦੀ ਅਤੇ ਸੰਸਕ੍ਰਿਤ ਵਿਚ ਕਈ ਅੱਖਰਾਂ ਦੀ ਦੋਹਰੀ ਅਵਾਜ਼ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਨ ਲੱਗਿਆਂ, ਉਸੇ ਅੱਖਰ ਨੂੰ ਅੱਧਾ ਅਤੇ ਨਾਲ ਹੀ ਪੂਰਾ ਪਾ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ , ਜਿਵੇਂ-ਕਥਾ, ਸਥਾ, ਡੀ ਆਦਿ । ਪਰੰਤੂ ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ਦੋਹਰੀ ਅਵਾਜ਼ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਨ ਲਈ ਅੱਧੇ ਅੱਖਰ ਨਹੀਂ ਪਾਏ ਜਾਂਦੇ, ਸਗੋਂ ਜਿਸ ਅੱਖਰ ਦੀ ਅਵਾਜ਼ ਦੋਹਰੀ ਕਰਨੀ ਹੋਵੇ, ਉਸ ਤੋਂ ਪਹਿਲੇ ਅੱਖਰ ਉੱਪਰ ਅੱਧਕ ਪਾ ਕੇ ਹੀ ਕੰਮ ਸਾਰ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਉਪਰੋਕਤ ਸ਼ਬਦ ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਲਿਖੇ ਜਾਣਗੇ-ਬੱਚਾ, ਸੱਚਾ, ਅੱਛਾ ਆਦਿ। ।

ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ਅੱਧਕ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਉੱਥੇ ਹੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜਿੱਥੇ ਮੁਕਤਾ, ਸਿਹਾਰੀ ਤੇ ਔਕੜ ਲਗਾਂ ਲੱਗੀਆਂ ਹੋਣ , ਜਿਵੇਂ-ਸੱਚ, ਹਿੱਕ, ਭੁੱਖਾ ਆਦਿ । ਅੰਗਰੇਜ਼ੀ ਦੇ ਕੁੱਝ ਅੱਖਰਾਂ ਨੂੰ ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ਲਿਖਣ ਸਮੇਂ ਦੁਲਾਵਾਂ (ਏ) ਨਾਲ ਵੀ ਇਸ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ; ਜਿਵੇਂਗੈਸ, ਪੈਂਨ ਆਦਿ ।

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਰਨਮਾਲਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਖ਼ਾਲੀ ਸਥਾਨ ਭਰੋ
(ਉ) ਪੰਜਾਬੀ ਬੋਲੀ ਦੀ ਲਿਪੀ ਦਾ ਨਾਂ ………… ਹੈ ।
(ਅ) ਗੁਰਮੁਖੀ ਲਿਪੀ ਵਿਚ ………… ਰ ਤੇ ………… ਵਿਅੰਜਨ ਹਨ !
(ਈ) ਹ, ਰ, ਵ ਗੁਰਮੁਖੀ ਵਿਚ ………… ਅੱਖਰ ਹਨ ।
(ਸ) ਗੁਰਮੁਖੀ ਲਿਪੀ ਵਿਚ ……… ਲਗਾਂਖਰ ਹਨ ।
(ਹ) ਅੱਧਕ, ਬਿੰਦੀ ਤੇ ਟਿੱਪੀ ਨੂੰ ………… ਆਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ :
(ਉ) ਪੰਜਾਬੀ ਬੋਲੀ ਦੀ ਲਿਪੀ ਦਾ ਨਾਂ ਗੁਰਮੁਖੀ ਹੈ ।
(ਅ) ਗੁਰਮੁਖੀ ਲਿਪੀ ਵਿਚ ਤਿੰਨ ਸੂਰ ਤੇ 38 ਵਿਅੰਜਨ ਹਨ ।
(ਇ) ਹ, ਰ, ਵ ਗੁਰਮੁਖੀ ਵਿਚ ਦੁੱਤ ਅੱਖਰ ਹਨ ।
(ਸ) ਗੁਰਮੁਖੀ ਲਿਪੀ ਵਿਚ ਤਿੰਨ ਲਗਾਖਰ ਹਨ ।
(ਹ) ਅੱਧਕ, ਬਿੰਦੀ ਤੇ ਟਿੱਪੀ ਨੂੰ ਲਗਾਖਰ ਆਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਵਾਕਾਂ ਵਿਚੋਂ ਠੀਕ ਵਾਕ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ (✓) ਡੱਬੀ ਵਿਚ ਸਹੀ ਅਤੇ ਗ਼ਲਤ ਵਾਕ (✗) ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਆ ਨਿਸ਼ਾਨ ਲਗਾਓ
(ਉ) ਬੋਲੀ ਦੋ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(ਅ) ਬੋਲੀ ਜਾਂ ਭਾਸ਼ਾ ਰਾਹੀਂ ਅਸੀਂ ਆਪਣੇ ਮਨ ਦੇ ਭਾਵ ਦੂਜਿਆਂ ਨਾਲ ਸਾਂਝੇ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ।
(ਈ) ਵਿਆਕਰਨ ਦੇ ਦੋ ਭਾਗ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
(ਸ) ਆਮ ਬੋਲ-ਚਾਲ ਦੀ ਭਾਸ਼ਾ ਵਿਚ ਸਾਹਿਤ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
(ਹ) ਪੰਜਾਬੀ ਬੋਲੀ ਦੀ ਲਿਪੀ ਗੁਰਮੁਖੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ :
(ਉ) ਬੋਲੀ ਦੋ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (✓)
(ਅ) ਬੋਲੀ ਜਾਂ ਭਾਸ਼ਾ ਰਾਹੀਂ ਅਸੀਂ ਆਪਣੇ ਮਨ ਦੇ ਭਾਵ ਦੂਜਿਆਂ ਨਾਲ ਸਾਂਝੇ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ । (✓)
(ਈ) ਵਿਆਕਰਨ ਦੇ ਦੋ ਭਾਗ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । (✗)
(ਸ) ਆਮ ਬੋਲ-ਚਾਲ ਦੀ ਭਾਸ਼ਾ ਵਿਚ ਸਾਹਿਤ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । (✗)
(ਹ) ਪੰਜਾਬੀ ਬੋਲੀ ਦੀ ਲਿਪੀ ਗੁਰਮੁਖੀ ਹੈ । (✓)

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਬੋਲੀ, ਵਿਆਕਰਨ

Punjab State Board PSEB 8th Class Punjabi Book Solutions Punjabi Grammar Boli, Vyakarana ਬੋਲੀ, ਵਿਆਕਰਨ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB 8th Class Punjabi Grammar ਬੋਲੀ, ਵਿਆਕਰਨ

ਬੋਲੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਬੋਲੀ ਜਾਂ ਭਾਸ਼ਾ ਕਿਸ ਨੂੰ ਆਖਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ :
ਮਨੁੱਖ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਸਾਰਥਕ ਅਵਾਜ਼ਾਂ (ਧੁਨੀਆਂ) ਰਾਹੀਂ ਆਪਣੇ ਮਨੋਭਾਵਾਂ ਤੇ ਵਿਚਾਰਾਂ ਨੂੰ ਦੂਜਿਆਂ ਅੱਗੇ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸਮੂਹਾਂ ਨੂੰ “ਬੋਲੀ” ਜਾਂ “ਭਾਸ਼ਾ’ ਆਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਬੋਲੀ, ਵਿਆਕਰਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਬੋਲੀ ਜਾਂ ਭਾਸ਼ਾ ਕਿੰਨੇ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ :
ਮਨੁੱਖ ਆਪਣੇ ਮਨੋਭਾਵਾਂ ਨੂੰ ਦੋ ਤਰ੍ਹਾਂ ਲਿਖ ਕੇ ਜਾਂ ਬੋਲ ਕੇ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਕਰਕੇ ਬੋਲੀ ਵੀ ਦੋ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਮੰਨੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ
(ਉ) ਬੋਲ-ਚਾਲ ਦੀ ਬੋਲੀ ਅਤੇ
(ਅ) ਸਾਹਿਤਕ ਜਾਂ ਟਕਸਾਲੀ ਬੋਲੀ ।

ਵਿਆਕਰਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਵਿਆਕਰਨ ਕਿਸ ਨੂੰ ਆਖਦੇ ਹਨ ? ਇਸ ਦੇ ਕਿੰਨੇ ਭਾਗ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ? ਸੰਖੇਪ ਉੱਤਰ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ :
ਬੋਲੀ ਦੇ ਸ਼ਬਦ-ਰੂਪਾਂ ਤੇ ਵਾਕ-ਬਣਤਰ ਦੇ ਨੇਮਾਂ ਨੂੰ ‘ਵਿਆਕਰਨ’ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਬੋਲੀ ਦੀ ਠੀਕ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨ ਲਈ ਵਿਆਕਰਨ ਦੇ ਨਿਯਮਾਂ ਤੋਂ ਜਾਣੂ ਹੋਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਇਹ ਗੱਲ ਵੀ ਜਾਣ ਲੈਣੀ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ਕਿ ਬੋਲੀ ਅਤੇ ਵਿਆਕਰਨ ਇਕੱਠੀਆਂ ਹੀ ਜਨਮ ਲੈਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਵਿਆਕਰਨਿਕ ਨਿਯਮਾਂ ਵਿਚ ਬੱਝ ਕੇ ਬੋਲੀ ਸਾਹਿਤਕ ਰੂਪ ਧਾਰਨ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਵਿਆਕਰਨ ਦੇ ਕਿੰਨੇ ਭੇਦ (ਅੰਗ) ਹਨ ? ਵਿਸਥਾਰ ਸਹਿਤ ਲਿਖੋ !
ਉੱਤਰ :
ਵਿਦਵਾਨਾਂ ਨੇ ਵਿਆਕਰਨ ਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਤਿੰਨ ਭੇਦਾਂ ਵਿਚ ਵੰਡਿਆ ਹੈ
1. ਵਰਨ-ਬੋਧ : ਇਸ ਦੁਆਰਾ ਸਾਨੂੰ ਵਰਨਾਂ ਅਤੇ ਲਗਾਂ-ਮਾਤਰਾਂ ਦੇ ਉਚਾਰਨ ਤੇ ਸਹੀ ਵਰਤੋਂ ਦੇ ਨਿਯਮਾਂ ਦਾ ਗਿਆਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
2. ਸ਼ਬਦ-ਬੋਧ : ਇਸ ਦੁਆਰਾ ਸ਼ਬਦ ਦੇ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਰੂਪਾਂ, ਸ਼ਬਦ-ਰਚਨਾ ਤੇ ਸ਼ਬਦ-ਵੰਡ ਦੇ ਨਿਯਮਾਂ ਦਾ ਗਿਆਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
3. ਵਾਕ-ਬੋਧ : ਇਸ ਦੁਆਰਾ ਅਸੀਂ ਵਾਕ-ਰਚਨਾ, ਵਾਕ-ਵਟਾਂਦਰਾ, ਵਾਕ-ਵੰਡ ਤੇ ਵਿਸਰਾਮ ਚਿੰਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਦੇ ਨੇਮਾਂ ਬਾਰੇ ਗਿਆਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ।

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਬੋਲੀ, ਵਿਆਕਰਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਸ਼ਬਦ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਇਸ ਦੀਆਂ ਕਿੰਨੀਆਂ ਕਿਸਮਾਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ? ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਸਹਿਤ ਉੱਤਰ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ :
ਸ਼ਬਦ ਬੋਲੀ ਦੀ ਇਕ ਸਭ ਤੋਂ ਛੋਟੀ ਸੁਤੰਤਰ ਇਕਾਈ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ ਅਰਥ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜੋ ਕਿ ਛੋਟੇ ਤੋਂ ਛੋਟਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਕ ਸ਼ਬਦ ਵਿਚ ਅਵਾਜ਼ਾਂ (ਧੁਨੀਆਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਇਕ ਵੀ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ ਤੇ ਇਕ ਤੋਂ ਵੱਧ ਵੀ ; ਜਿਵੇਂ- ‘ਮੈਂ ਫੁੱਟਬਾਲ ਖੇਡਾਂਗਾ । ‘ਇਸ ਵਾਕ ਵਿਚ ਤਿੰਨ ਸ਼ਬਦ ਹਨ, ਜੋ ਆਪਣੇ ਆਪ ਵਿਚ ਬੋਲੀ ਦੀਆਂ ਸੁਤੰਤਰ ਇਕਾਈਆਂ ਹਨ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਅਰਥ ਸਪੱਸ਼ਟ ਅਤੇ ਆਪਣੇ-ਆਪ ਵਿਚ ਛੋਟੇ ਤੋਂ ਛੋਟੇ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਸ਼ਬਦਾਂ ਵਿਚ ਅਵਾਜ਼ਾਂ (ਧੁਨੀਆਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਨਹੀਂ ।

ਪਰੰਪਰਾਗਤ ਵਿਆਕਰਨਾਂ ਵਿਚ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਦੋ ਭੇਦ ਦੱਸੇ ਗਏ ਹਨ-ਸਾਰਥਕ ਤੇ ਨਿਰਾਰਥਕ 1 ਪਰ ਇਹ ਠੀਕ ਨਹੀਂ । ਅਸਲ ਵਿਚ ਭਾਸ਼ਾ ਦਾ ਕੋਈ ਵੀ ਸ਼ਬਦ ਨਿਰਾਰਥਕ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ । ਜੇਕਰ ਅਸੀਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ‘ਪਾਣੀ ਪੀਓ ਤਾਂ ‘ਪਾਣੀ ਦਾ ਅਰਥ ਕੇਵਲ ਪਾਣੀ ਹੀ ਹੈ, ਪਰ ਜੇਕਰ ਅਸੀਂ “ਪਾਣੀ-ਧਾਣੀ ਪੀਓ’ ਕਹਿੰਦੇ ਹਾਂ, ਤਾਂ ‘ਪਾਣੀ-ਧਾਣੀ ਦਾ ਅਰਥ ਸ਼ਰਬਤ, ਸਕੰਜਵੀ, ਲੱਸੀ ਜਾਂ ਸ਼ਰਾਬ ਵੀ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਰੁਪ ਅਨੁਸਾਰ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਦੋ ਮੁੱਖ ਭੇਦ ਹਨ-
(1) ਵਿਕਾਰੀ
(2) ਅਵਿਕਾਰੀ ।
1. ਵਿਕਾਰੀ :
ਉਨ੍ਹਾਂ ਸ਼ਬਦਾਂ ਨੂੰ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਰੂਪ, ਲਿੰਗ, ਵਚਨ ਤੇ ਕਾਲ ਕਰਕੇ ਬਦਲ ਜਾਵੇ, ਵਿਕਾਰੀ ਸ਼ਬਦ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਨਾਂਵ, ਪੜਨਾਂਵ, ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਣ ਤੇ ਕਿਰਿਆ ਵਿਕਾਰੀ ਸ਼ਬਦ ਹਨ ।

2. ਅਵਿਕਾਰੀ :
ਉਹ ਸ਼ਬਦ ਅਵਿਕਾਰੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਰੂਪ ਲਿੰਗ, ਵਚਨ ਤੇ ਕਾਲ ਕਰਕੇ ਨਾ ਬਦਲਣ । ਕਿਰਿਆ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਣ, ਯੋਜਕ, ਸੰਬੰਧਕ, ਵਿਸਮਿਕ, ਅਵਿਕਾਰੀ ਸ਼ਬਦ ਹਨ । ਪ੍ਰਯੋਗ ਅਨੁਸਾਰ ਸ਼ਬਦ ਅੱਠ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ-ਨਾਂਵ, ਪੜਨਾਂਵ, ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਣ, ਕਿਰਿਆ, ਕਿਰਿਆ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਣ, ਸੰਬੰਧਕ, ਤੇ ਯੋਜਕ ।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 3 खनिज एवं ऊर्जा संसाधन

Punjab State Board PSEB 8th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 3 खनिज एवं ऊर्जा संसाधन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Social Science Geography Chapter 3 खनिज एवं ऊर्जा संसाधन

SST Guide for Class 8 PSEB खनिज एवं ऊर्जा संसाधन Textbook Questions and Answers

I. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर 20-25 शब्दों में लिखो :

प्रश्न 1.
खनिज पदार्थों की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
खनिज पदार्थ वे प्राकृतिक पदार्थ हैं जो एक या अधिक तत्त्वों से बने हों। ये पृथ्वी के भीतरी भाग में पाये जाते हैं। इनकी एक विशेष रासायनिक बनावट होती है। ये अपने भौतिक तथा रासायनिक गुणों से पहचाने जाते हैं।

प्रश्न 2.
भारत में कच्चा लोहा कहाँ-कहाँ से प्राप्त होता है ?
उत्तर-
भारत में कच्चा लोहा, कर्नाटक, बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, गोआ, सीमांध्र, छत्तीसगढ़, झारखंड तथा । तमिलनाडु राज्यों में पाया जाता है। झारखंड में सिंहभूम, उड़ीसा में मयूरभंज, छत्तीसगढ़ में दुर्ग और बस्तर तथा कर्नाटक के मैसूर, बैलाड़ी एवं मारवाड़ क्षेत्र बढ़िया किस्म के कच्चे लोहे के लिए प्रसिद्ध हैं।

प्रश्न 3.
तांबे का प्रयोग कहाँ-कहाँ किया जाता है ?
अथवा
तांबे के क्या उपयोग हैं ?
उत्तर-
तांबे का प्रयोग बर्तन, सिक्के, बिजली की तारें तथा बिजली के उपकरण बनाने में किया जाता है। नर्म तथा बढ़िया धातु होने के कारण तांबे की बारीक शीट्स भी बनाई जा सकती है।

प्रश्न 4.
भारत की सोने की प्रसिद्ध खानों के नाम लिखो।
उत्तर-
भारत में सोने की प्रसिद्ध खाने कोलार, हट्टी और रामगिरी हैं। .

प्रश्न 5.
परमाणु पदार्थों का प्रयोग हमें किस प्रकार करना चाहिए ?
उत्तर-
परमाणु पदार्थों का प्रयोग हमें बहुत सावधानी से करना चाहिए। इन्हें देश की उन्नति के लिए प्रयोग में लाया जाना चाहिए न कि विनाश या प्रदूषण के लिए।

प्रश्न 6.
शक्ति (ऊर्जा) के नवीन अथवा गैर परम्परागत संसाधन कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
शक्ति के नवीन संसाधन पन-विद्युत्, सौर ऊर्जा, वायु शक्ति, भू-तापी ऊर्जा तथा ज्वारीय ऊर्जा हैं।

प्रश्न 7.
कोयले की चार किस्मों के नाम लिखो।
उत्तर-
(1) एंथेसाइट . (2) बिटुमिनियस (3) लिगनाइट (4) पीट।

प्रश्न 8.
बहु-उद्देशीय प्रोजेक्ट क्या होते हैं ?
उत्तर-
पन-विद्युत् (जल-विद्युत्) बनाने के लिए बनाये गए डैम या प्रोजेक्ट बहुउद्देश्यीय प्रोजेक्ट कहलाते हैं। ये एक से अधिक उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 3 खनिज एवं ऊर्जा संसाधन

II. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर 70-75 शब्दों में लिखो :

प्रश्न 1.
कच्चा लोहा प्रायः किन देशों में पाया जाता है ? इनकी किस्मों के नाम लिखो।
उत्तर-
देश-कच्चा लोहा रूस और उसके पड़ोसी देशों, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील तथा संयुक्त राज्य अमेरिका में बड़ी मात्रा में पाया जाता है। संसार का 55% कच्चा लोहा भारत पैदा करता है। किस्में-कच्चा लोहा प्रायः चार प्रकार का होता है(1) मैगनेटाइट (2) हैमेटाइट (3) लिमोनाइट (4) साइडराइट।

प्रश्न 2.
बॉक्साइट के महत्त्व पर नोट लिखो।
उत्तर-
बॉक्साइट एक महत्त्वपूर्ण कच्ची धातु है जिसे एल्यूमीनियम से बनाया जाता है। यह चिकनी मिट्टी जैसी धातु है जिसका रंग सफ़ेद तथा हल्का गुलाबी होता है। इसका प्रयोग बहुत-से उद्योगों में किया जाता है। बर्तन, बिजली की तारें, मोटर कारें, रेल-गाड़ियां, समुद्री जहाज़ तथा हवाई जहाज़ आदि सभी उद्योगों में बॉक्साइट अथवा एल्यूमीनियम का प्रयोग होता है। प्रयोग में इसने तांबे तथा टीन जैसी धातुओं को काफ़ी पीछे छोड़ दिया है।

प्रश्न 3.
प्राकृतिक गैस का हमारे जीवन में क्या महत्त्व है और इसके मुख्य क्षेत्र हमारे देश में कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
प्राकृतिक गैस पेट्रोलियम पदार्थों से प्राप्त होती है। जब कोई तेल का कुआं खोदा जाता है तो सबसे ऊपर प्राकृतिक गैस ही मिलती है।
महत्त्व-प्राकृतिक गैस का प्रयोग घरों, वाहनों तथा कई उद्योगों में होता है। मुख्य क्षेत्र-संसार के सभी तेल उत्पादक देशों में प्राकृतिक गैस भी मिलती है। भारत के भी कई क्षेत्रों में प्राकृतिक गैस मिलती है। इन क्षेत्रों में कृष्णा-गोदावरी बेसिन, उड़ीसा के समीप बंगाल की खाड़ी तथा राजस्थान के बाड़मेर क्षेत्र शामिल हैं। इसके अतिरिक्त गुजरात के खंभात और कच्छ क्षेत्र तथा त्रिपुरा में भी प्राकृतिक गैस मिलने की सम्भावना है। देश की लगभग 75% प्राकृतिक गैस बॉम्बे हाई से पैदा होती है।

प्रश्न 4.
जल-विद्युत् तैयार करने के लिए आवश्यक तत्त्वों के बारे में लिखें।
उत्तर-
जल-विद्युत् तैयार करने के लिए निम्नलिखित तत्त्व आवश्यक हैं(1) जल पूरा वर्ष बहता हो। (2) विद्युत् तैयार करने के लिए आवश्यकता अनुसार जल उपलब्ध हो। (3) जल के मार्ग में ज़रूरी ढलान या बांध बनाने के लिए उचित ऊंचाई हो। (4) बांध के पीछे बड़े जल भण्डार अथवा बड़ी झील के लिए पर्याप्त स्थान हो। (5) बांध बनाने, विद्युत् घरों का निर्माण करने तथा बिजली की लाइनें खींचने के लिए आवश्यक पूंजी उपलब्ध हो। (6) आसपास के क्षेत्र में बिजली की मांग हो।

III. नीचे लिखे प्रश्न का उत्तर लगभग 250 शब्दों में दो :

प्रश्न-
शक्ति (ऊर्जा) संसाधन कौन-कौन से हैं? किसी देश के विकास में इनका क्या योगदान है ? किन्हीं दो शक्ति संसाधनों का विस्तारपूर्वक वर्णन करें।
उत्तर-
मानव को भिन्न-भिन्न कार्य करने के लिए शक्ति अथवा ऊर्जा प्रदान करने वाले संसाधनों को शक्ति संसाधन कहा जाता है। इनमें कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस आदि शामिल हैं। मानव इन संसाधनों का प्रयोग घर में चूल्हे से लेकर बड़े-बड़े उद्योग चलाने के लिए करता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि शक्ति संसाधन किसी देश के औद्योगिक विकास का आधार हैं। ये यातायात के संसाधनों के विकास के लिए भी आवश्यक हैं।
दो महत्त्वपूर्ण शक्ति संसाधन-कोयला तथा पेट्रोलियम दो अति महत्त्वपूर्ण शक्ति संसाधन हैं। इनका वर्णन इस प्रकार है-

1. कोयला-कोयला काले या भूरे रंग का एक जैविक पदार्थ है। यह एक ज्वलनशील पदार्थ है। इसे ताप और प्रकाश दोनों कार्यों के लिए उपयोग में लाया जाता है। इससे कई उद्योग तथा रेलगाड़ियां चलाई जाती हैं। कोयले का प्रयोग तापघरों में बिजली बनाने के लिए भी किया जाता है। – किस्में-कोयले की चार मुख्य किस्में हैं-एंथेसाइट, बिटुमिनियस, लिगनाइट तथा पीट। इनमें से एंथेसाइट सबसे बढ़िया तथा पीट सबसे घटिया कोयला होता है।

कोयले का वितरण-कोयला संसार के बहुत-से देशों में पाया जाता है। यू० एस० ए० संसार का सबसे अधिक कोयला पैदा करता है। इसके बाद चीन, रूस, पोलैण्ड तथा यू० के० का स्थान है। कोयले के उत्पादन में भारत का छठा स्थान है। यह संसार का लगभग 4% कोयला उत्पन्न करता है। यहां कोयला बहुत-से राज्यों में मिलता है। झारखण्ड राज्य का कोयले के भण्डारों तथा उत्पादन दोनों में पहला स्थान है। यह देश का लगभग 23% कोयला पैदा करता है। कोयला उत्पन्न करने वाले भारत के अन्य राज्य छत्तीसगढ़, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, सीमांध्र, पश्चिमी बंगाल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, असम, बिहार आदि हैं। मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड आदि राज्य भी काफ़ी कोयला पैदा करते हैं।

2. पेट्रोलियम-पेट्रोलियम को खनिज तेल तथा चट्टानी तेल भी कहा जाता है। यह पृथ्वी की परतदार चट्टानों में मिलता है। आज के मशीनी युग में इसके महत्त्व को देखते हुए इसे ‘तरल सोने’ का नाम दिया गया है। इसका प्रयोग मशीनों तथा यातायात के साधनों में किया जाता है। स्कूटर से लेकर वायुयान तक यातायात के सभी साधन पेट्रोलियम पर निर्भर करते हैं।

ऐसा माना जाता है कि पेट्रोलियम एक जैविक पदार्थ है जो पौधों तथा मृत जीवों के गलने-सड़ने से बनता है। पृथ्वी से जो खनिज तेल प्राप्त होता है, उसे कच्चा तेल (Crude Oil) कहते हैं। प्रयोग करने से पहले इसे तेल शोधक उद्योगों में साफ़ किया जाता है।
वितरण-खनिज तेल संसार के बहुत-से देशों में मिलता है। यू० एस० ए०, रूस और उसके पड़ोसी देश तथा चीन इसके सबसे बड़े उत्पादक हैं। ईरान, इराक, सऊदी अरब, बहरीन, कुवैत आदि मध्य-पूर्वी देश भी तेल में बहुत अधिक धनी हैं। ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका तथा दक्षिण अमेरिका महाद्वीपों के कई देशों में भी तेल निकाला जाता है।

तेल के उत्पादन में भारत की स्थिति अच्छी नहीं है। यहां प्रति वर्ष तेल का उत्पादन लगभग 33.4 मिलियन टन है। देश में तेल उत्पन्न करने वाले मुख्य राज्य असम, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, राजस्थान आदि हैं।

PSEB 8th Class Social Science Guide खनिज एवं ऊर्जा संसाधन Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Multiple Choice Questions)

(क) रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :

1. ………… संसार का सबसे अधिक कोयला पैदा करता है।
2. भारत में ………….. राज्य कोयले के भंडार तथा उत्पादन में पहले स्थान पर है।
3. तेल का कुआं खोदने पर सबसे ऊपर ………….. मिलती है।
उत्तर-

  1. यू०एस०ए०,
  2. झारखंड,
  3. प्राकृतिक गैस।

(ख) सही कथनों पर (✓) तथा गलत कथनों पर (✗) का निशान लगाएं :

1. जल शक्ति पुनः उत्पादित न हो सकने वाला संसाधन है।
2. ज्वारभाटा भविष्य में प्रयोग होने वाला एक शक्ति साधन है।
3. दक्षिण अफ्रीका संसार में सबसे अधिक सोना पैदा करता है।
उत्तर-

  1. ✗,
  2. ✓,
  3. ✓.

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 3 खनिज एवं ऊर्जा संसाधन

(ग) सही उत्तर चुनिए:

प्रश्न 1.
भारत में कौन-सा राज्य सबसे अधिक सोना पैदा करता है ?
(i) आंध्र प्रदेश
(ii) केरल
(iii) झारखंड
(iv) कर्नाटक।
उत्तर-
कर्नाटक

प्रश्न 2.
पैट्रोलियम या कच्चा तेल किस प्रकार की चट्टानों में से निकलता है ?
(i) परतदार.
(ii) आग्नेय
(iii) कायांतरित
(iv) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
परतदार,

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से कौन-सा परमाणु खनिज नहीं है ?
(i) चूना पत्थर
(ii) यूरेनियम
(iii) थोरियम
(iv) बेरेलियम।
उत्तर-
चूना पत्थर ।.

(घ) सही जोड़े बनाइए:

1. बंबई हाई – एंथेसाइट
2. सबसे बढ़िया कोयला – प्राकृतिक गैस
3. सबसे घटिया कोयला – पैट्रोलियम
4. तरल सोना – पीट
उत्तर-

  1. प्राकृतिक गैस,
  2. एंथेसाइट,
  3. पीट,
  4. पैट्रोलियम।

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
खनिज पदार्थों को कौन-कौन सी श्रेणियों में बांटा जा सकता है? प्रत्येक के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
खनिज पदार्थों को निम्नलिखित तीन श्रेणियों में बांटा जाता है(1) धातु खनिज-कच्चा लोहा, टंगस्टन आदि (2) अधातु खनिज-हीरा, जिप्सम आदि (3) परमाणु खनिज-यूरेनियम, थोरियम आदि।

प्रश्न 2.
लौह धातु खनिजों तथा बिना लौह धातु खनिजों में अन्तर “पष्ट कीजिए।
उत्तर-
जिन खनिजों में लोहे का अंश पाया जाता है उन्हें लौह धातु खनिज तथा जिन खनिजों में लोहे का अंश नहीं पाया जाता उन्हें बिना लौह धातु खनिज कहा जाता है। कच्चा लोहा, मैंगनीज़, करोमाइट, टंगस्टन धातु खनिज पदार्थ हैं, जबकि सिक्का, बॉक्साइट, टीन, मैग्नीशियम आदि बिना लौह धातु खनिज पदार्थ हैं।

प्रश्न 3.
मैंगनीज़ के क्या उपयोग हैं?
उत्तर-

  • मैंगनीज़ लोहा और स्टील बनाने के काम आता है। इसका सबसे अधिक प्रयोग लोहे का मिश्रण बनाने में होता है।
  • मैंगनीज़ ब्लीचिंग पाऊडर, कीटनाशक दवाइयां, पेंट, बैटरियां आदि बनाने में भी काम आता है।

प्रश्न 4.
मैंगनीज़ के उत्पादन में भारत का संसार में कौन-सा स्थान है? भारत में यह कहां-कहां निकाला जाता है?
उत्तर-
मैंगनीज़ के उत्पादन में भारत का संसार में दूसरा स्थान है। भारत में मैंगनीज़ मुख्य रूप से कर्नाटक, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल तथा गोवा में निकाला जाता है।

प्रश्न 5.
कांसा (Bronze) क्या होता है? इसका क्या उपयोग है?
उत्तर-
कांसा एक मज़बूत तथा कठोर पदार्थ है। इसे टीन के साथ मिलाकर बनाया जाता है। कांसे का प्रयोग औज़ार तथा हथियार बनाने में किया जाता है।

प्रश्न 6.
संसार में तांबा कहां-कहां पाया जाता है ? भारत में तांबे के मुख्य क्षेत्र बताओ। (V. Imp.)
उत्तर-
संसार में तांबा मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, चिली, जांबिया, कनाडा तथा जायरे में पाया जाता है। भारत में तांबे के मुख्य क्षेत्र सिंहभूम (झारखण्ड), बालाघाट (मध्य प्रदेश) और झंझनु तथा अलवर (राजस्थान) हैं।

प्रश्न 7.
भारत में बॉक्साइट के दो प्रमुख राज्य कौन-से हैं ? इन राज्यों के दो-दो तांबा उत्पादक क्षेत्र भी बताइए।
उत्तर-
भारत के दो प्रमुख बॉक्साइट उत्पादक राज्य उड़ीसा तथा गुजरात हैं। उड़ीसा में कालाहांडी तथा कोरापुट और गुजरात में जामनगर तथा जूनागढ़ तांबा उत्पन्न करने वाले मुख्य क्षेत्र हैं।

प्रश्न 8.
सोने के क्या उपयोग हैं?
उत्तर-
सोना एक बहुमूल्य धातु है। इसके निम्नलिखित उपयोग हैं(1) इससे ज़ेवर तथा विभिन्न प्रकार की सजावटी वस्तुएं बनाई जाती हैं। (2) इसका प्रयोग सोने की परत चढ़ाने, दांतों की सजावट तथा कुछ दवाइयां बनाने में भी होता है।

प्रश्न 9.
कौन-सा देश संसार का सबसे अधिक सोना पैदा करता है? यह कुल सोने का कितना भाग पैदा करता है?
उत्तर-
संसार का सबसे अधिक सोना दक्षिण अफ्रीका पैदा करता है। यह संसार के कुल सोने का लगभग 70 प्रतिशत भाग पैदा करता है।

प्रश्न 10.
अबरक (अभ्रक) क्या होता है ? इसका प्रयोग बिजली का सामान बनाने में क्यों किया जाता है?
उत्तर-
अभ्रक एक काला, भूरा या सफ़ेद रंग का पारदर्शी पदार्थ होता है। यह एक अधातु खनिज पदार्थ है। यह विद्युत् का कुचालक होता है। इसलिए इसका प्रयोग बिजली का सामान बनाने में किया जाता है।

प्रश्न 11.
शक्ति के पुराने संसाधनों तथा नये साधनों में अन्तर बताइए।
उत्तर-
शक्ति के पुराने संसाधनों में कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस आदि शामिल हैं। ये समाप्त होने वाले संसाधन हैं। दूसरी ओर सूर्य ऊर्जा, वायु शक्ति, समुद्री लहरें, ज्वार भाटा, भूमिगत ताप ऊर्जा, गोबर शक्ति के नये संसाधन – हैं। ये संसाधन सस्ते, दोबारा पैदा होने वाले तथा प्रदूषण रहित हैं।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 3 खनिज एवं ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 12.
प्राकृतिक संसाधनों की सम्भाल कैसे की जानी चाहिए?
उत्तर-
प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग आवश्यकता के अनुसार तथा उचित ढंग से करना चाहिए। किसी भी संसाधन का व्यर्थ प्रयोग नहीं करना चाहिए। इन संसाधनों का प्रयोग करते समय आने वाली पीढ़ियों का भी ध्यान रखना चाहिए।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
संसार तथा भारत में अबरक की पैदावार के बारे में लिखें।
उत्तर-
संसार में अबरक पैदा करने वाले मुख्य देश यू० एस० ए०, रूस, भारत, फ्रांस, अर्जेन्टाइना तथा दक्षिणी …… कोरिया हैं। पैदावार के अनुसार भारत इनमें सब से आगे रहा है। परन्तु इस समय हमारे देश में अबरक की पैदावार कम हो रही है। पैदावार कम होने के दो मुख्य कारण हैं-विदेशों में इसकी मांग कम होना तथा इसके स्थान पर प्लास्टिक जैसे पदार्थों का बढ़ता हुआ उपयोग।

भारत में अबरक की कुल पैदावार का 90% भाग चार राज्यों सीमांध्र, तेलंगाना, राजस्थान तथा झारखंड से प्राप्त होता है। बिहार, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश आदि राज्य भी अबरक पैदा करते हैं। देश के मुख्य अबरक उत्पादक जिले नालौर, विशाखापट्टनम, कृष्णा, जयपुर, उदयपुर, भीलवाड़ा, गया तथा हजारीबाग हैं।

प्रश्न 2.
परमाणु ऊर्जा क्या होती है? भारत में परमाणु खनिज पैदा करने वाले प्रदेशों के नाम बताएं।
उत्तर-
परमाणु खनिज पदार्थों से पैदा की जाने वाली ऊर्जा (शक्ति) को परमाणु ऊर्जा कहते हैं। इन खनिज पदार्थों में यूरेनियम, थोरियम (थयोरियम), लीथियम आदि शामिल हैं। भारत में ये खनिज पैदा करने वाले मुख्य प्रदेश निम्नलिखित हैं

  • यूरेनियम-सिंहभूम, हजारीबाग (झारखण्ड), गया (बिहार), सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) तथा उदयपुर (राजस्थान)।
  • थयोरियम-केरल, झारखण्ड, बिहार, राजस्थान और तमिलनाडु राज्य।
  • लीथियम-झारखण्ड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ तथा केरल राज्य।

प्रश्न 3.
पन विद्युत् के अतिरिक्त शक्ति के नये (गैर-परम्परागत) साधन कौन-कौन से हैं ? उनकी संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
उत्तर-
पन विद्युत् के अतिरिक्त ऊर्जा के अन्य नये साधन सौर ऊर्जा, वायु शक्ति, भू-तापी ऊर्जा, ज्वारभाटा आदि

  • सौर ऊर्जा से भी विद्युत् पैदा करने के प्रयोग चल रहे हैं।
  • बहती हुई वायु को हम पवन कहते हैं। इस वायु शक्ति से भी विद्युत् पैदा करने के प्रयास चल रहे हैं।
  • भू-तापी शक्ति (Geo-thermal Energy) कई प्रकार से उपयोग में लाई जा सकती है। इसे प्रायः घरों को गर्म रखने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। रूस, जापान तथा न्यूज़ीलैण्ड जैसे देशों में तो भू-तापी ऊर्जा से विद्युत् भी तैयार की जा रही है।
  • ज्वारभाटा (Tides) भी शक्ति का एक साधन है जिसे भविष्य में शक्ति संसाधन के रूप में प्रयोग किया जायेगा।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न-
पन विद्युत् क्या होती है? यह कैसे पैदा की जाती है ? संसार तथा भारत में पन विद्युत् के उत्पादन के बारे में लिखें।
उत्तर-
पानी (जल) द्वारा पैदा की जाने वाली विद्युत् को पन विद्युत् कहते हैं। नदियों पर बांध बनाकर जल को सुरंगों के मार्ग से भेजकर टर्बाइनें घुमायी जाती हैं। टर्बाइनों के घूमने पर घर्षण के साथ विद्युत् पैदा होती है।

पन विद्युत् का उत्पादन-संसार के बहुत-से देशों में काफ़ी मात्रा में पानी उपलब्ध है। अत: ये देश बड़ी मात्रा में पन विद्युत् का उत्पादन करते हैं। इन देशों में यू० एस० ए०, रूस, जापान, जर्मनी, कनाडा, इंग्लैंड, फ्रांस, इटली, पोलैंड, ब्राज़ील तथा भारत शामिल हैं। संसार की 31% पन विद्युत् केवलं यू० एस० ए० उत्पन्न करता है।

भारत में पन विद्युत् का उत्पादन-भले ही भारत में जल संसाधनों की कमी नहीं है, तो भी भारत संसार की कुल पन-विद्युत् का केवल 1% भाग ही पैदा करता है। भारत के जल संसाधन नदियों तथा नहरों के रूप में विद्यमान हैं। इन्हें मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जा सकता है

  1. उत्तरी भारत अथवा हिमालय पर्वत से निकली नदियां ।
  2. दक्षिण भारत की नदियां।

भारत के उत्तर दिशा की ओर से आने वाली गंगा, ब्रह्मपुत्र और उनकी सहायक नदियां हिमालय की बर्फ पिघलने के कारण सारा साल बहती रहती हैं। इनमें पन विद्युत् पैदा करने की बहुत अधिक क्षमता है। उत्तरी भारत में मिलने वाले इन जल साधनों की क्षमता भारत के कुल सम्भावित जल विद्युत् संसाधन का 18% से भी अधिक है। दूसरी ओर दक्षिण भारत की नदियां वर्षा पर निर्भर करती हैं। इन सभी नदियों की पन विद्युत् तैयार करने की सम्भावित क्षमता कम है।

वितरण-गोआ को छोड़कर भारत के सभी राज्य पन विद्युत् पैदा करते हैं। आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, उड़ीसा तथा केरल राज्यों के पास पनविद्युत् तैयार करने की सम्भावित क्षमता बहुत अधिक है। उत्तराखंड तथा हिमाचल प्रदेश जैसे पर्वतीय राज्य पन विद्युत् के सम्भावित संसाधनों में बहुत अधिक धनी हैं। इसलिए इन साधनों को विकसित करने की आवश्यकता है।

  • कर्नाटक में नागा-अर्जुन सागर बांध
  • उत्तर प्रदेश में गंगा इलेक्ट्रिक ग्रिड सिस्टम
  • महाराष्ट्र में टाटा हाइड्रो इलेक्ट्रिक ग्रिडं
  • उड़ीसा में हीराकुड बांध
  • हिमाचल प्रदेश के मंडी में स्थित पंडोह प्रोजेक्ट तथा भाखड़ा बांध पन-विद्युत् पैदा करने वाले महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट हैं।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 3 खनिज एवं ऊर्जा संसाधन

खनिज एवं ऊर्जा संसाधन PSEB 8th Class Social Science Notes

  • खनिज पदार्थ –
    • धातु- लौह धातु, अलौह धातु
    • अधातु
    • परमाणु खनिज पदार्थ
  • धातु खनिज पदार्थ – कच्चा लोहा, मैंगनीज़, करोमाइट, निक्कल, कोबाल्ट, सोना, तांबा, चांदी, बॉक्साइट आदि खनिज धातु खनिज कहलाते हैं।
  • अधातु खनिज पदार्थ – इनमें अभ्रक, चूना पत्थर, हीरा, जिप्सम आदि खनिज शामिल हैं।
  • परमाणु खनिज पदार्थ | | यूरेनियम, थोरियम तथा बेरिलियम परमाणु खनिज कहलाते हैं। इनसे हमें परमाणु ऊर्जा प्राप्त होती है।
  • शक्ति संसाधन (1) प्राचीन-कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, विद्युत् आदि।
    (2) नवीन-सौर ऊर्जा, पवन शक्ति, ज्वारभाटा, भू-तापी ऊर्जा आदि।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 2 नियमबद्ध आदतें और उत्तम शिष्टाचार

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Chapter 2 नियमबद्ध आदतें और उत्तम शिष्टाचार Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Home Science Chapter 2 नियमबद्ध आदतें और उत्तम शिष्टाचार

PSEB 8th Class Home Science Guide नियमबद्ध आदतें और उत्तम शिष्टाचार Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
नियमबद्ध आदतों से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
बच्चों में समय पर तथा नियमित ढंग से खाने, पीने, सोने, टट्टी, पेशाब, खेलने आदि की आदतों का होना।

प्रश्न 2.
नियमबद्ध आदतों की क्या आवश्यकता है ?
उत्तर-
अच्छे मनुष्य तथा अच्छे नागरिक बनने के लिए।

प्रश्न 3.
अपने परिवार की भलाई के साथ-साथ गाँव, शहर और देश के हित का ध्यान रखना कौन सा शिष्टाचार कहलाता है ?
उत्तर-
नागरिक शिष्टाचार।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 2 नियमबद्ध आदतें और उत्तम शिष्टाचार

लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
खाने-पीने और सोने की अच्छी आदतें कौन-सी हैं ?
उत्तर-
खाने की आदतों का नियमबद्ध होना ज़रूरी है। सुबह से लेकर सोने तक उनका टाइम-टेबल होना चाहिए। खाना प्रत्येक दिन समय के अनुसार और एक जगह बैठकर ही खाना चाहिए। हर समय खाते रहना न तो स्वास्थ्य के लिए ठीक है और न ही इससे खाने वाले की सन्तुष्टि होती है। अधिक खाने की आदत अच्छी नहीं है। खाना खाते समय किसी और बात के बारे में सोचना नहीं चाहिए और न ही खाना जल्दी-जल्दी खाना चाहिए। खाना खाने से पहले और बाद में हाथ धोना और कुल्ला करना चाहिए। रात को खाना खाने के बाद दाँतों पर ब्रुश करना चाहिए।

बच्चों के सोने का निश्चित समय होना चाहिए। शुरू से ही बच्चे को अपनी माँ से अलग और बिना लोरी गाए या थपथपाए सोने की आदत डालनी चाहिए। बच्चे को हमेशा खुले हवादार कमरे में सोना चाहिए। भारतीय लोगों की गर्मियों में बाहर सोने की आदत अच्छी है। इससे छूत की बीमारियों का डर कम रहता है। मुँह सिर लपेटकर सोने की आदत अच्छी नहीं है। इस तरह आदमी का सिर भारी सा रहता है और सुबह उठने के बाद ताज़ा महसूस नहीं करता।

प्रश्न 2.
बुरी आदतें कैसे पड़ जाती हैं ? इनसे कैसे बचा जा सकता है ?
उत्तर-
युवावस्था में प्रारम्भिक वर्षों में कई बुरी आदतें पड़ जाती हैं। हमारे युवा वर्ग अनुशासन की कमी या बुरी संगति के कारण तम्बाकू, शराब या नशीली गोलियों की आदतों का शिकार हो जाते हैं। ये आदतें कई बार फैशन के तौर पर शुरू होती हैं। लेकिन फिर मनुष्य विवश होकर इनका गुलाम बन जाता है। जीवन में उचित उद्देश्य न होने के कारण नवयुवक विशेषकर विद्यार्थी नशीली गोलियों के आदी हो जाते हैं। कई ज़मींदार या फैक्टरियों के मालिक श्रमिकों से अधिक काम लेने के लिए स्वयं ही नशीली गोलियाँ उनको देते हैं। इन तीनों चीज़ों का स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। लेकिन सबसे बढ़कर इसका आचरण पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। अगर एक बार बुरी आदतें पड़ जाएं तो उसको दूर करना बहुत कठिन होता है। इसलिए शुरू से ही यह कोशिश करनी चाहिए कि बुरी आदतें न पड़ें। माता-पिता को चाहिए कि युवावस्था में बच्चों का विशेष ध्यान रखें । उनको प्यार और सहानुभूति दें और उनके कार्यों में रुचि लें ताकि वे बुरी संगत और बुरे कार्यों से बचे रह सकें।

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निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
उत्तम शिष्टाचार से क्या भाव है ?
उत्तर-
अच्छी और नियमबद्ध आदतों के साथ हमारे लिए उत्तम शिष्टाचार भी बहुत आवश्यक है। हम अपने जीवन को अकेले ही नहीं जीना चाहते। समाज और परिवार में रहना हमारे लिए आवश्यक है। सुखमय, खुशहाल और लाभदायक जीवन के लिए अच्छे शिष्टाचार की आवश्यकता पड़ती है। इसके साथ ही व्यक्ति की सभ्यता की पहचान होती है।

प्रश्न 2.
सामाजिक शिष्टाचार क्यों आवश्यक है ? बुरे शिष्टाचार के क्या चिह्न
उत्तर-
सामाजिक शिष्टाचार रस्मों और रिवाजों के अनुकूल शिष्टाचार है जो किसी समाज में प्रचलित होता है। इसमें किसी समूह या किसी बिरादरी में ठीक प्रकार से विचरण करना शामिल होता है। किसी भी अवसर पर अपने आपको ठीक ढंग से ढालना इसमें शामिल है। ठीक प्रकार खाना, प्लेटें, प्यालियाँ, चम्मच, छुरियाँ, काँटों का ठीक इस्तेमाल करना भी इसमें आता है। यह सब कुछ सीखना ही पड़ता है और परिवार, पार्टी, बड़ी पार्टी या रस्मी समारोह में अपने कर्तव्य को निभा सकना अपने में एक कला है। मुँह खोलकर खाना, खाते समय ऊँचा बोलना या लड़ाई-झगड़ा करना, खाते-खाते हिलना या उठ-उठ कर चीजें पकड़ना, सब बुरे शिष्टाचार के चिह्न हैं।

प्रश्न 3.
नैतिक और सामाजिक शिष्टाचार में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
नैतिक और सामाजिक शिष्टाचार में अन्तर-

नैतिक शिष्टाचार सामाजिक शिष्टाचार
(1) इसमें दूसरे लोगों की ओर व्यवहार शामिल हैं। (1) इसमें मनुष्य एक सामाजिक संस्था में रहता है।
(2) इसमें अपने से बड़ों के लिए सम्मान, स्त्रियों के लिए सम्मान, माता-पिता के लिए सम्मान भाव, अध्यापकों के प्रति सम्मान, अजनबी लोगों से मीठा बोलना इत्यादि शामिल हैं। (2) इसमें अपने परिवार और घर की ही सफ़ाई और भलाई का ध्यान रखना चाहिए बल्कि अपने गाँव, शहर और देश के हित का भी ध्यान रखना चाहिएं।
(3) ऊँचा न बोलना, प्रत्येक व्यक्ति की बात ध्यान से सुनना, किसी को बात करते समय न टोकना आदि शिष्टाचार के चिह्न हैं। (3) इसमें सरकारी संस्थाएं और सरकारी चीज़ों को अपनी चीज़ों की तरह ही इस्तेमाल करना चाहिए।

 

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प्रश्न 4.
जीवन को सफल बनाने के लिए अच्छे शिष्टाचार और आचरण का क्या योगदान है ?
उत्तर-
अच्छी और नियमबद्ध आदतों के साथ हमारे लिए उत्तम शिष्टाचार भी बहुत आवश्यक है। हम अपने जीवन को अकेले ही रहीं जीना चाहते समाज और परिवार में रहना हमारे लिए आवश्यक है। सुखमय, खुशहाल और लाभदायक जीवन के लिए अच्छे शिष्टाचार की आवश्यकता पड़ती है। इसके साथ ही एक व्यक्ति की सभ्यता की पहचान होती है।

प्रश्न 5.
समाज के प्रति आप का क्या कर्त्तव्य है ?
उत्तर-
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। यदि कोई पुरस्कार, प्रतिष्ठा किसी मनुष्य को मिलती है तो समाज से ही मिलती है। ऐसा तभी होता है जब व्यक्ति समाज के लाभ के लिए अपने निजी स्वार्थों से परे कछ करता है। प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि जिस समाज में वह रहता है वहाँ के रीति रिवाजों के अनुसार अपना जीवन व्यतीत करे। नशीली वस्तुओं का प्रयोग न किया जाए, गंदगी न फैलायी जाए, वातावरण को शुद्ध रखा जाए। देश की, समाज की सम्पत्ति को हानि न पहुँचाई जाए। यदि हम सभी अपने-अपने हिस्से का काम उचित ढंग से करेंगे तो यह समाज स्वर्ग बन सकता है।

Home Science Guide for Class 8 PSEB नियमबद्ध आदतें और उत्तम शिष्टाचार Important Questions and Answers

I. बहुविकल्पी प्रश्न

प्रश्न 1.
शिष्टाचार को कितने भागों में बांटा जा सकता है ?
(क) तीन
(ख) सात
(ग) दस
(घ) एक।
उत्तर-
(क) तीन

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प्रश्न 2.
सोने (नींद) से संबंधित गलत तथ्य हैं
(क) खुले हवादार कमरे में सोना चाहिए
(ख) मुँह ढक कर सोना चाहिए।
(ग) बच्चे के सोने का समय निश्चित होना चाहिए।
(घ) सभी तथ्य ग़लत हैं।
उत्तर-
(ख) मुँह ढक कर सोना चाहिए।

प्रश्न 3.
कौन-से शिष्टाचार में गांव, शहर तथा देश हित का ध्यान रखते हैं ?
(क) नागरिक
(ख) रीती-रिवाज के अनुकूल
(ग) नैतिक
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(क) नागरिक

II. ठीक/गलत बताएं

  1. भोजन करने की आदतें नियमबद्ध होनी चाहिए।
  2. अच्छे मनुष्य तथा अच्छे नागरिक बनने के लिए नियमबद्ध आदतों की आवश्यकता है।
  3. निजी जीवन में अच्छी आदतों का आधार बचपन से बनता है।

उत्तर-

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III. रिक्त स्थान भरें

  1. निजी जीवन में …………. आदतों का आधार बचपन से बनता है।
  2. ……………. में प्रारम्भिक वर्षों में कई बुरी आदतें पड़ जाती हैं।
  3. मनुष्य एक ………….. संस्था में रहता है।
  4. मनुष्य को अपने ……………. तथा शिष्टाचार को ऊँचा रखना चाहिए।

उत्तर-

  1. नियमबद्ध,
  2. युवावस्था,
  3. सामाजिक,
  4. आचरण।

IV. एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
हमेशा कैसे कमरे में सोना चाहिए ?
उत्तर-
खुले हवादार कमरे में।

प्रश्न 2.
शिष्टाचार को कितने भागों में बांटा गया है ?
उत्तर-
तीन।

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प्रश्न 3.
कौन-सा शिष्टाचार हमारे समाज के रीति रिवाज़ों के अनुकूल है ?
उत्तर-
सामाजिक शिष्टाचार

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
हमारे जीवन में किसका बहुत बड़ा स्थान है ?
उत्तर-
हमारे जीवन में नियमबद्ध आदतें और उत्तम शिष्टाचार का बहुत बड़ा स्थान है।

प्रश्न 2.
निजी जीवन में नियमबद्ध आदतों का आधार कब से बनता है ?
उत्तर-
निजी जीवन में नियमबद्ध आदतों का आधार बचपन से बनता है।

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प्रश्न 3.
सबसे पहले बच्चों की कौन-सी आदत नियमबद्ध होना ज़रूरी है ?
उत्तर-
सबसे पहले बच्चों की खाने की आदतों का नियमबद्ध होना ज़रूरी है।

प्रश्न 4.
हर समय खाना स्वास्थ्य के लिए क्यों ठीक नहीं है ?
उत्तर-
हर समय खाते रहना न तो स्वास्थ्य के लिए ठीक है और न ही इससे खाने वाले की सन्तुष्टि होती है।

प्रश्न 5.
बच्चे के सोने का समय कैसा होना चाहिए ?
उत्तर-
बच्चे के सोने का समय निश्चित होना चाहिए।

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प्रश्न 6.
मुँह सिर लपेटकर सोने से सिर भारी हो जाता है, क्यों ?
उत्तर-
मुँह सिर लपेटकर सोने की आदत अच्छी नहीं है। इस तरह सोने से आदमी अपनी ही अन्दर की गन्दी हवा में दोबारा साँस लेता है जिससे आदमी का सिर भारी हो जाता है।

प्रश्न 7.
निजी और राष्ट्रीय जीवन के लिए क्या आवश्यक है ?
उत्तर-
बुरी आदतों से अपने आपको दूर रखना निजी और राष्ट्रीय जीवन के लिए आवश्यक है।

प्रश्न 8.
नवयुवक किस कमी के कारण तम्बाकू, शराब या नशीली गोलियों की आदतों का शिकार हो जाते हैं ?
उत्तर-
नवयुवक अनुशासन की कमी या बुरी संगति के कारण तम्बाकू, शराब या नशीली गोलियों की आदतों का शिकार हो जाते हैं।

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प्रश्न 9.
अच्छी और नियमबद्ध आदर के साथ हमारे जीवन में और क्या आवश्यक
उत्तर-
अच्छी और नियमबद्ध आदतों के साथ हमारे लिए उत्तम शिष्टाचार भी बहुत आवश्यक है।

प्रश्न 10.
सरकारी संस्थाएँ और सरकारी चीज़ों को कैसे इस्तेमाल करना चाहिए ?
उत्तर-
सरकारी संस्थाएँ और सरकारी चीज़ों को अपनी चीज़ों की तरह ही इस्तेमाल करना चाहिए।

प्रश्न 11.
शराबी व्यक्ति की दुर्घटना की सम्भावना अधिक क्यों होती है ?
उत्तर-
शराबी व्यक्ति में प्रतिक्रिया की अवधि सामान्य व्यक्ति की अपेक्षा कम हो जाती है, इसलिए इनकी दुर्घटना की सम्भावना अधिक हो जाती है।

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प्रश्न 12.
शराब से मुक्ति पाने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं ?
उत्तर-
शराब की आदत से मुक्ति पाने के लिए सरकार ने कई राज्यों में ‘नशा मुक्ति केन्द्र’ खोले हैं।

प्रश्न 13.
शराब पीने वाले व्यक्ति के शरीर में किसकी मात्रा बढ़ जाती है ?
उत्तर-
शराब पीने वाले व्यक्ति के शरीर में रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
शराब किस प्रकार का पदार्थ है ?
उत्तर-
शराब एक तरल पदार्थ है जो पीने में कड़वी तथा जलन पैदा करने वाली होती है। इसे एथाइल एल्कोहल के नाम से भी जाना जाता है। भिन्न-भिन्न शराब के इस एल्कोहल की मात्रा अलग-अलग होती है। शराब के निरन्तर सेवन से व्यक्ति शराबी बन जाता है और निरन्तर अस्वस्थ होता जाता है।

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प्रश्न 2.
अधिक शराब पीना मस्तिष्क के कार्य में किस प्रकार बाधा पहुँचाती है ?
उत्तर-
शराब पीने के थोड़ी देर पश्चात् ही रक्त प्रवाह के साथ मस्तिष्क में पहुँच जाती है और केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र की क्रिया में बाधा डालती है। यह मस्तिष्क के उस भाग को भी प्रभावित करती है जो हमारे सोचने, समझने व चेतन क्रियाओं पर नियन्त्रण करता है। यह मस्तिष्क के एक भाग में पाए जाने वाले एक रसायन पदार्थ की क्रियाशीलता को कम कर देता है जिससे जबान लड़खड़ाने लगती है।

प्रश्न 3.
शराब की आदत से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है ?
उत्तर-
आरम्भ में इसका सेवन करने वाले व्यक्ति का उपचार थोड़े से प्रयत्नों से सफलतापूर्वक किया जा सकता है। परंतु शराब की लत पड़ जाने पर इससे छुटकारा पाना कठिन है। शराबी व्यक्ति के दृढ़ संकल्प तथा नियमित रूप से उपयुक्त उपचार द्वारा इस घातक द्रव से मुक्ति पाई जा सकती है। आजकल सरकार द्वारा राज्य में कई स्थानों पर नशा मुक्ति केन्द्र खोले गए हैं जहाँ शराबी व्यक्तियों को इस आदत से छुटकारा दिलाने हेतु हर संभव प्रयास किए जाते हैं।

प्रश्न 4.
मदिरा सेवन करने वाले व्यक्ति के रक्त में शर्करा की मात्रा घट जाने से उसके शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
शराब का सेवन करने वाले व्यक्ति के रक्त में शर्करा की मात्रा घट जाने से उसका शरीर क्षीण हो जाता है। यह हृदय की कार्यविधि पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है, क्योंकि इससे रुधिर वाहिकाएँ फैल जाती हैं। निरन्तर शराब पीने से धमनियों की दीवारें सख्त और भंगुर हो जाती हैं।

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प्रश्न 5.
अच्छे शिष्टाचार से क्या भाव है ? शिष्टाचार कितनी प्रकार का होता है ? विस्तारपूर्वक लिखें।
अथवा
शिष्टाचार को कितने भागों में बांटा जा सकता है ? विस्तार से व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
शिष्टाचार मुख्यत: तीन तरह का होता है-

  1. सामाजिक
  2. नैतिक
  3. नागरिक स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 6.
सामाजिक शिष्टाचार का हमारे जीवन में क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 7.
सामाजिक तथा नैतिक शिष्टाचार में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

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प्रश्न 8.
नैतिक शिष्टाचार के बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
नैतिक मूल्यों की पालना करना नैतिक शिष्टाचार है। इसमें अन्य लोगों से अच्छा व्यवहार करना शामिल है। अपनों से बड़ों के लिए सम्मान, स्त्रियों के लिए सम्मान, माता-पिता के लिए सम्मान, अध्यापकों के लिए सम्मान, अज़नबी लोगों के साथ मीठा बोलना शामिल है ऊँचा न बोलना, प्रत्येक व्यक्ति की बात ध्यान से सुनना, किसी को बात करते समय न टोकना आदि शिष्टाचार के चिन्ह हैं।

प्रश्न 9.
नियमबद्ध आदतों की क्या आवश्यकता है ?
उत्तर-
निजी जीवन में नियमबद्ध आदतों का आधार बचपन से बनता है। छोटे बच्चों को ये आदतें सिखानी पड़ती हैं। आजकल के व्यस्तता भरे जीवन में यह और भी आवश्यक है कि बच्चों की आदतें बिल्कुल नियमबद्ध हो । प्राचीन समय में माताएँ अपने बच्चों को जब वे रोते या कुछ माँगते थे, तो दूध दे देती थीं या खाने को कुछ पकड़ा देती थीं। उनके खाने, सोने, टट्टी, पेशाब करने, खेलने आदि का न कोई समय था और न ही कोई ठीक तरीका होता था। यह न सिर्फ उनके अपने शारीरिक और मानसिक विकास के लिए ठीक नहीं था, बल्कि पारिवारिक जीवन की अपनी मर्यादा को भी ठीक नहीं रहने देता था। इसलिए यह आवश्यक है कि बच्चों की आदतें नियमबद्ध हों और उनको शिक्षा बराबर दी जाए।

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नियमबद्ध आदतें और उत्तम शिष्टाचार PSEB 8th Class Home Science Notes

  • खाना खाने की आदतों का नियमबद्ध होना ज़रूरी है। सुबह से लेकर सोने तक खाने का एक टाइम-टेबल होना चाहिए।
  • खाना प्रतिदिन समय के अनुसार और एक जगह पर बैठकर ही खाना चाहिए।
  • हर समय खाना खाते रहना न तो स्वास्थ्य के लिए ठीक है और न ही इसे.खाने वाले की सन्तुष्टि होती है।
  • बच्चे के सोने का निश्चित समय होना चाहिए।
  • शुरू से ही बच्चे को अपनी माँ से अलग और बिना लोरी गाये या थपथपाए सोने की आदत डालनी चाहिए।
  • हमेशा खुले हवादार कमरे में सोना चाहिए।
  • मुँह और सिर लपेट कर सोने की आदत अच्छी नहीं है। इस तरह सोने से आदमी अपनी ही अन्दर की गन्दी हवा में दोबारा साँस लेता है।
  • बुरी आदतों से अपने आपको दूर रखना न केवल निजी बल्कि राष्ट्रीय जीवन के लिए भी बहुत आवश्यक है।
  • नवयुवक अनुशासन की कमी या बुरी संगति के कारण तम्बाकू, शराब या नशीली गोलियों की आदतों का शिकार हो जाते हैं।
  • अच्छी और नियमबद्ध आदतों के साथ हमारे लिए उत्तम शिष्टाचार भी बहुत आवश्यक है।
  •  शिष्टाचार को कई भागों में बांटा जा सकता है-
    • पहली प्रकार का शिष्टाचार रस्मों और रिवाजों के अनुकूल शिष्टाचार है जो किसी समाज में प्रचलित होता है।
    • दूसरी प्रकार का शिष्टाचार नैतिक है।
    • तीसरी प्रकार का शिष्टाचार नागरिक दृष्टिकोण में प्रकट होता है।
  • सरकारी संस्थाएँ और सरकारी चीज़ों को अपनी चीज़ों की तरह ही इस्तेमाल में लाना चाहिए।