Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 13 साक्षरता अभियान Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 13 साक्षरता अभियान (2nd Language)
Hindi Guide for Class 8 PSEB साक्षरता अभियान Textbook Questions and Answers
साक्षरता अभियान अभ्यास
1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।
2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।
3. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :
(क) साक्षरता का क्या अर्थ है ?
उत्तर :
अक्षरों को पढकर ज्ञान अर्जित करना साक्षरता कहलाता है।
(ख) चिड़िया अपना घोंसला बनाने के लिए क्या करती है ?
उत्तर :
चिड़िया अपना घोंसला बनाने के लिए दूर जंगल से तिनका चुनकर लाती है और उन तिनको को जोड़कर अपना घोंसला बनाती है।
(ग) हम अपनी मंजिल को कैसे पा सकते हैं ?
उत्तर :
हम अपने अंदर हिम्मत और विश्वास जगाकर अपनी मंजिल को प्राप्त कर सकते हैं।
(घ) हम ज्ञानी कैसे बन सकते हैं ?
उत्तर :
हम प्रतिपल यदि अक्षरों को सीखें तथा दूसरों को सिखाएँ तो इससे हमारा शब्द ज्ञान बढ़ेगा और भाषा पर हमारा अधिकार स्थापित होगा तब हम ज्ञानी बन सकते हैं।
4. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :
(क) कवयित्री ने साक्षरता अभियान को समझाने के लिए कौन-कौन से उदाहरण दिये हैं ?
उत्तर :
कवयित्री ने साक्षरता को समझाने के लिए निम्नलिखित उदाहरण दिए हैं।
- एक – एक बूंद से घड़ा भर जाता है।
- एक – एक पैसा जोड़ने से काफ़ी धन जुड़ जाता है।
- एक – एक तिनका जोड़ने से घोंसला बन जाता है।
- एक – एक शब्द सीखने से व्यक्ति विद्वान् बन जाता है।
(ख) साक्षर बनने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर :
साक्षर बनने के लिए हमें एक – एक शब्द याद करना चाहिए जिससे हमारा शब्द भण्डार बढ़ जाएगा। इससे हमारे ज्ञान की वृद्धि होगी। तब सही अर्थों में हम साक्षर कहलाएँगे जब हम अपने ज्ञान का प्रसार करके औरों को ज्ञान बाँटेंगे।
5. अर्थ लिखते हुए वाक्य बनायें :
- राहगीर __________ ____________________________
- नीड़ __________ ____________________________
- मंजिल __________ ____________________________
- अभियान __________ ____________________________
- कृतार्थ __________ ____________________________
उत्तर :
- राहगीर = मुसाफिर
वाक्य – राहगीर थककर पेड़ के नीचे बैठ गया। - नीड़ = घोंसला
वाक्य – चिड़िया एक – एक तिनका जोड़कर अपना नीड़ बनाती है। - मंजिल = लक्ष्य, मुकाम
वाक्य – दृढ़ निश्चय और साहस के साथ ही मंजिल पर पहुँचा जा सकता है। - अभियान = आंदोलन
वाक्य – साक्षरता अभियान में सभी को बढ़ – चढ़ कर भाग लेना चाहिए। - कृतार्थ = धन्य
वाक्य – महापुरुषों के दर्शन हर कर व्यक्ति स्वयं को कृतार्थ समझता है।
6. निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट करें :
- जल की छोटी-छोटी बूंदें
टपक टपक घट भर देती - रोज़ बचाएँ यदि इक पैसा
धन एकत्रित कर सकते हैं। - शब्द ज्ञान बढ़ाएँ अपना
भाषा पर अधिकार जमाएँ। - श्रम करना है धर्म हमारा
कभी नहीं घबरायेंगे।
उत्तर :
- उक्त पंक्तियों के माध्यम से कवयित्री कहना चाहती है कि पानी की छोटी छोटी बूंदें टपक – टपक कर एक घड़ा भर देती हैं भाव यह है कि एक साक्षर व्यक्ति अपने प्रयास से अनेक अनपढ़ व्यक्तियों साक्षर बना सकता है। थोड़ा – थोड़ा पढ़कर ज्ञानवान बना जा सकता है।
- इन पंक्तियों से कवयित्री कहना चाहती है कि यदि हम लोग प्रतिदिन एक – एक पैसा बचाएँ तो धन इकट्ठा कर सकते हैं भाव यह है कि छोटी बचत से ही बड़ी बचत की जा सकती है।
- इन पंक्तियों में कवयित्री कहती है कि अपने शब्द ज्ञान को बढ़ाएँ और भाषा पर अधिकार जमाएँ। भाव यह है कि हर पल हमें कुछ न कुछ पढ़ना और सीखना चाहिए इससे हमारे शब्द ज्ञान में वृद्धि होगी और भाषा को अच्छी तरह पढ़ और सीख सकेंगे। अतः हम साक्षरता का अभियान चलाकर हम अच्छे विद्वान् बन सकते हैं।
- इन पंक्तियों के माध्यम से कवयित्री कहती है कि हमारा धर्म मेहनत करना है। मेहनत करने से हम कभी घबराएँगे नहीं। भाव यह है कि हम मेहनत से पढ़ लिखकर अपने ज्ञान – कौशल को बढ़ाएँगे।
7. पर्यायवाची शब्द लिखें :
- जंगल = ________, ________
- नीड़ = ________, ________
- पग = ________, ________
- घट = ________, ________
- राहगीर = ________, ________
- श्रम = ________, ________
उत्तर :
- जंगल = वन, कानन, विपिन
- नीड़ = घोंसला, घरौंदा, आश्रय
- पग = पाँव, पैर, चरण
- घट = शरीर, घड़ा, मिट्टी का कलसा
- राहगीर = मुसाफिर, पथिक, यात्री
- श्रम = मेहनत, परिश्रम, आयास
8. बहुवचन रूप लिखें :
- चिड़िया = ______________
- पैसा = ______________
- तिनका = ______________
- भाषा = ______________
- बूंद = ______________
- मंज़िल = ______________
उत्तर :
- चिड़िया = चिड़ियाँ
- पैसा = पैसे
- तिनका = तिनके
- भाषा = भाषाएँ
- बूंद = बूंदें
- मंजिल = मंज़िलें
9. इन अक्षरों को जोड़कर शब्द लिखें :
- अक्षर = अ + क् + ष + र + अ
- —- = च् + इ + इ + य + आ
- —- = स्+ आ + क् + ष + र् + अ + त् + आ
- —- = अ + भ् + इ + य + आ + न् + अ
उत्तर :
- अक्षर
- चिड़िया
- साक्षरता
- अभियान
10. देश को साक्षर बनाने के लिए आप क्या योगदान दे सकते हैं ? पाँच वाक्य लिखें।
उत्तर :
देश को साक्षर बनाने के लिए हम अग्रलिखित योगदान दे सकते हैं
- देश में शिक्षा के लिए जन जागृति ला सकते हैं।
- आपने आस – पड़ोस में अशिक्षित लोगों को शिक्षित कर सकते हैं।
- अशिक्षित लोगों में शिक्षा के प्रति रुचि उत्पन्न कर सकते हैं।
- देश के लोगों में सभ्यता और शिष्टाचार की भावना बढ़ा कर।
- गरीब बच्चों का मुफ्त पढ़ाकर।
11. यदि देश के सभी नागरिक पढ़े-लिखे होंगे तो देश को क्या लाभ होगा?
उत्तर :
यदि देश के नागरिक पढ़े – लिखे होंगे तो देश का चहुँमुखी विकास हो सकेगा। देश दिन दुगुनी और रात चौगुनी उन्नति करेगा। देश में कोई भी व्यक्ति अनपढ़ता का शिकार नहीं होगा। सभी सभ्य और सामाजिक कहलाएँगे। किसी को किसी अन्य के ज्ञान पर आश्रित नहीं रहना पड़ेगा। एक अच्छी शिक्षा मानव में नैतिकता का संचार कर उसे एक अच्छा नागरिक बनाने में सहायक होती है। एक पढ़ा – लिखा व्यक्ति अपने देश के विकास में सदैव सहायक हो सकता है। वह देश की नीतियों को अच्छे से समाप्त कर उनका अनुपालन कर सकता है।
जानिये:-
1. हमें भविष्य के लिए सदैव कुछ धन बचाकर रखना चाहिए। प्रतिदिन बचाया गया थोड़ा-थोड़ा पैसा हमें जीवन में एकदम आने वाली कठिनाइयों से बचा सकता है।
2. यह भी याद रखें कि जीवन में पैसा बहुत कुछ है, पर सब कुछ नहीं। जीवन में बहुत कुछ ऐसा होता है, जिसे धन-दौलत देकर भी नहीं खरीदा जा सकता। हमें अच्छे व सच्चे मित्र, प्यार करने वाले माँ-बाप भाई बहन, और ऐसी बहुत सारी चीज़ों के मूल्यों को भी समझना चाहिए।
3. ज्ञान बढ़ाओ और बाँटो। इससे आप किसी के और कोई आपका मित्र बन जायेगा।
साक्षरता अभियान Summary in Hindi
साक्षरता अभियान कविता का सार
‘साक्षरता अभियान’ डॉ. कमलेश बंसल द्वारा रचित एक प्रसिद्ध कविता है। कवयित्री का मानना है कि स्वयं पढ़कर तथा अनपढ़ लोगों को पढ़ाकर अज्ञानता को दूर किया जा सकता है, जिससे देश उन्नति करेगा। साक्षर बनने के लिए हमें एक – एक शब्द याद करना चाहिए। अपना शब्द भण्डार बढ़ाना चाहिए।
कवयित्री ने अपनी इस कविता में साक्षरता अभियान के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि चिड़िया कहीं दूर जंगल से तिनका चुनकर लाती है और उन तिनकों को जोड़ जोड़ कर अपना एक छोटा – सा घोंसला बना लेती है। मुसाफ़िर एक – एक कदम बढ़ाकर अपने रास्ते पर चलते रहते हैं। वे अपने अन्दर हिम्मत और विश्वास जगाकर अपनी मंजिल को प्राप्त कर लेते हैं। पानी की छोटी – छोटी बूंदें टपक – टपक कर घड़ा भर देती हैं।
यदि घड़े में छेद हो जाए तो पानी बूंद – बूंद कर के बह जाता है तथा घड़ा खाली हो जाता है। हम प्रतिदिन पढ़कर ज्ञानवान बन सकते हैं और इसी प्रकार एक – एक पैसा इकट्ठा कर के हम धन भी इकट्ठा कर सकते हैं। यदि हम हर पल अक्षरों को सीखें तथा दूसरों को सीखाएं तो हम पूर्ण ज्ञाता बन सकते हैं।
मेहनत से धन तथा यश की प्राप्ति होती है। हम सब भारत देश के बच्चे हैं। हम आगे ही आगे बढ़ते जाएंगे। मेहनत करना हमारा धर्म है। हम कभी घबराएंगे नहीं। हम पढ़ – लिख कर अपने ज्ञान का विस्तार करेंगे। हम सभी को साथ लेकर चलेंगे। हम समाज में ऊँच – नीच के भेद – भाव को समाप्त करके अपने जीवन को धन्य बनाएंगे।
साक्षरता अभियान काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या
1. दूर कहीं जंगल से तिनका,
चिड़िया बीन – बीन कर लाती।
जोड़ – जोड़ इन तिनकों को
लघु अपना वह नीड़ रचाती।
राहगीर पग बढ़ा बढ़ा कर
निज पथ पर चलते रहते हैं।
हिम्मत और विश्वास जगा कर,
मंज़िल को पा जाते हैं।
शब्दार्थ :
- बीन – बीन = इकट्ठा करना, चुन – चुन कर, चुगना।
- लघु = छोटा।
- नीड़ = घोंसला।
- पग = कदम।
- निज पथ = अपना रास्ता।
प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित डॉ० कमलेश बंसल की ‘साक्षरता अभियान’ शीर्षक कविता में से लिया गया है। इस कविता में कवयित्री ने साक्षरता अभियान एवं उसके महत्त्व पर प्रकाश डाला है।
सरलार्थ – कवयित्री कहती है कि चिड़िया कहीं दूर जंगल से तिनका चुन कर लाती है और उन तिनकों को जोड़ – जोड़ कर अपना एक छोटा – सा घोंसला बना लेती है। मुसाफ़िर एक – एक कदम बढ़ाकर अपने रास्ते पर चलते रहते हैं। वे अपने अन्दर हिम्मत और विश्वास जगाकर अपनी मंजिल को प्राप्त कर लेते हैं। भाव यह है कि लगातार प्रयत्न करने से सफलता प्राप्त हो जाती है।
विशेष –
- कवयित्री ने प्रयास को सफलता की कुंजी माना है।
- भाषा सरल, सहज तथा भावानुकूल है।
2. जल की छोटी – छोटी बूंदें
टपक – टपक घट भर देती।
छेद एक यदि उस में कर दें
बूंदें घट खाली कर देतीं।
थोड़ा – थोड़ा प्रतिदिन पढ़कर
हम ज्ञानी बन सकते हैं,
रोज बचाएं यदि एक पैसा,
धन एकत्रित कर सकते हैं।
शब्दार्थ :
- घट = घड़ा।
- छेद = सुराख।
- प्रतिदिन = हर रोज़।
- ज्ञानी = ज्ञानवान्।
- एकत्रित = इकट्ठा।
प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य – पुस्तक में संकलित डॉ० कमलेश बंसल की कविता ‘साक्षरता अभियान’ से लिया गया है। इस कविता में उन्होंने शिक्षा के महत्त्व पर प्रकाश डाला है।
सरलार्थ – कवयित्री कहती है कि पानी की छोटी – छोटी बूंदें टपक – टपक कर घड़ा भर देती हैं। यदि घड़े में छिद्र हो जाए तो पानी बूंद – बूंद कर बह जाता है और घड़ा खाली हो जाता है। हम हर रोज़ थोड़ा – थोड़ा पढ़ कर ज्ञानवान बन सकते हैं। यदि हम रोज़ एक एक पैसा बचाएँ तो धन इकट्ठा कर सकते हैं।
विशेष –
- कवयित्री ने प्रति दिन पढ़ने की आदत बनाने तथा धन संचय करने पर बल दिया है।
- भाषा भावानुकूल है।
3. एक एक अक्षर भी हर पल
सीखें और सिखाते जाएँ।
शब्द ज्ञान बढ़ाएँ अपना
भाषा पर अधिकार जमाएँ।
रखें निरन्तर यह क्रम जारी,
मेहनत लाती है धन मान
साक्षरता अभियान चलाएँ
बन जाएँ भारी विद्वान्।
शब्दार्थ :
- शब्द – ज्ञान = शब्दों का ज्ञान।
- निरन्तर = लगातार।
- क्रम – सिलसिला।
प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य – पुस्तक में संकलित डॉ० कमलेश बंसल की कविता साक्षरता अभियान’ से लिया गया है। इस कविता में उन्होंने शिक्षा के महत्त्व पर प्रकाश डाला है।
सरलार्थ – कवयित्री कहती है कि हम हर एक – एक अक्षर सीखें और दूसरों को सिखाते जाएँ। अपने शब्दों के ज्ञान बढ़ाएँ और भाषा पर अधिकार जमाएँ, भाषा के पूर्ण ज्ञाता बनें। यह क्रम लगातार जारी रखें। मेहनत से ही धन और यश प्राप्त होता है। हम साक्षरता का अभियान चलाएँ और अच्छे विद्वान् बन जाएँ।
विशेष –
- कवयित्री ने सीखने और सिखाने की नीति पर बल दिया है।
- भाषा सरल तथा सहज है।
4. देश भारत के हम सब बालक,
आगे बढ़ते जाएँगे।
श्रम करना है धर्म हमान,
कभी नहीं घबराएँगे।
पढ़ लिख अपना ज्ञान बढ़ाएँ
लेकर सबको साथ चलेंगे।
ऊँच नीच का भेद मिटाकर,
जीवन अपना कृतार्थ करेंगे।
शब्दार्थ :
- श्राम = मेहनत।
- कृतार्थ = धन्य
प्रसंग – प्रस्तुत पांश हमारी पाठ्य – पुस्तक में संकलिन डॉ. कमलेश बंसल जी की किस अभियान से लिया गया है। इसविता में होने सि के महत्व पर प्रकाश टाला है।
सरलार्थ – कर्वायत्री कहती है कि हम सब भारत देश के बच्चे हैं। आगे ही आगे सदले जाही मेहनत करना हमारा धर्म है। हम कभी भी घबराएंगे नहीं। पढ़ लिख कर कम उप जान को बढ़ाएँगे। हम सबको साथ लेकर चलेंगे। ऊँच – नीच का भेद – भाव खत्म कर हम सबने गेसन को अन्य बनाएँगे।
विशेष –
- कवयत्री ने शिक्षा के बल पर देश की उन्नति होने की बात कही है।
- भाषा तत्सम, तद्भव शब्दों से युक्त है। 15 भाषा सरल, सहज तथा भावानुकूल है।