PSEB 9th Class Physical Education Solutions Chapter 6 भारतीय ओलंपिक संघ

Punjab State Board PSEB 9th Class Physical Education Book Solutions Chapter 6 भारतीय ओलंपिक संघ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Physical Education Chapter 6 भारतीय ओलंपिक संघ

PSEB 9th Class Physical Education Guide भारतीय ओलंपिक संघ Textbook Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन की स्थापना कब हुई ?
उत्तर-
सन् 1925 में।

प्रश्न 2.
भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन के पहले प्रधान कौन बने ?
उत्तर-
श्री दोराव जी टाटा।

प्रश्न 3.
भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन के प्रथम सहायक सचिव कौन थे ?
उत्तर-
श्री जी० डी० सोंधी।

प्रश्न 4.
भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन के पदाधिकारी पाँच वर्ष के बाद चुने जाते हैं। सही अथवा ग़लत ?
उत्तर-
ग़लत।

प्रश्न 5.
भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन का कोई मुख्य कार्य लिखो।
उत्तर-
भारत में भिन्न-भिन्न खेलों के मुकाबले करवाना और इसके बारे अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी को जानकारी देना है।

प्रश्न 6.
I.O.A. का क्या भाव है ?
उत्तर-
भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन।

प्रश्न 7.
I.O.C. का भाव लिखो।
उत्तर-
अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी।

प्रश्न 8.
अपनी मनपसन्द खेल एसोसिएशन का नाम लिखें।
उत्तर-
बास्केटबाल फैडरेशन ऑफ़ इण्डिया।

प्रश्न 9.
किसी दो भारतीय खेल फैडरेशनों के नाम लिखें जो भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन से सम्बन्धित हों।
उत्तर-

  • इण्डियन हॉकी फैडरेशन
  • सर्व भारतीय फुटबाल एसोसिएशन।

प्रश्न 10.
भारतीय ओलम्पिक कमेटी का कोई एक उद्देश्य लिखें।
उत्तर-
ओलम्पिक अन्दोलन व एमेच्योर (Amateur) खेलों की प्रगति करना।

प्रश्न 11.
पहली मॉडल ओलम्पिक खेलें कहां हुई ?
उत्तर-
यह खेलें 1891 में एथेन्स (Greek) में हुईं।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन के विषय में विस्तारपूर्वक लिखो।
(Write in detail about Indian Olympic Association.)
उत्तर-
आधुनिक ओलम्पिक खेलों का आरम्भ 1896 ई० में एथन्ज़ (यूनान) में हुआ। इस काम में बैरन दि कुबर्रिटन ने विशेष भूमिका निभाई। भारत ने सबसे पहले इन खेलों में 1900 ई० में भाग लिया। भारत में ओलम्पिक एसोसिएशन की स्थापना 1927 ई० में हुई। इसके संगठन का श्रेय वाई० एम० सी० ए० नामक संस्था को ही जाता है। डॉ० ए० सी० नोहरान तथा एच० सी० बक ने इसकी स्थापना में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। श्री दोराव जी० टाटा को भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन का प्रथम अध्यक्षं होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इसका सचिव पद डॉ० ए० सी० नोहरान ने सम्भाला जबकि श्री जी० डी० सोंधी इसके प्रथम सहायक सचिव बने। 1927 में यह अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक एसोसिएशन की सदस्य बनी।

भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन, सर्विसिज़, कण्ड्रोल बोर्ड तथा रेलवे स्पोर्टस कण्ट्रोल बोर्ड का संघ है। प्रान्त स्तर पर प्रान्त की सभी खेल एसोसिएशने मिलकर इसे स्थापित करती हैं। इस प्रकार जिला स्तर की सभी एसोसिएशनें इसकी सदस्य हैं। भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन का चुनाव चार वर्षों में एक बार होता है। इस संस्था के निम्नलिखित पदाधिकारी होते हैं

1. अध्यक्ष (एक) 2. उपाध्यक्ष (सात) 3. सचिव (एक) 4. सहायक सचिव (दो) 5. कोषाध्यक्ष (एक) 6. प्रान्तीय ओलम्पिक एसोसिएशनों के 5 सदस्य 7. नौ सदस्य राष्ट्रीय खेल एसोसिएशन, रेलवे स्पोर्टस कण्ट्रोल बोर्ड तथा सर्विसिज़ कण्ट्रोल बोर्ड।
इन सभी सदस्यों का चुनाव 4 वर्ष के लिए किया जाता है। ये 8 वर्ष से अधिक सदस्य नहीं रह सकते।

प्रश्न 2.
भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन के मुख्य उद्देश्य लिखें। (Deseribe the main objectives of Indian Olympic Association.)
उत्तर-
उद्देश्य (Objectives) यह संघ निम्नलिखित उद्देश्यों को सामने रख कर गठित किया गया –

  • ओलम्पिक आन्दोलन व एमेच्योर (Amateur) खेलों की प्राप्ति के लिए।
  • नवयुवकों की शारीरिक, नैतिक व सभ्याचार की शिक्षा को उत्साहित करने व बढ़ाने के लिए ताकि नवयुवक अच्छे व्यक्तित्व वाले स्वस्थ व अच्छे नागरिक बन सकें।
  • अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक संघ के सभी नियम लागू करने के लिए।
  • इस अधिकार को बचाने व लागू करने के लिए संघ ही ओलम्पिक झण्डे के निशान का प्रयोग कर सकता है। यह देखता है कि ये दोनों ओलम्पिक खेलों से ही सम्बन्धित हैं।
  • पूरी तरह एक सरकारी संगठन के तौर पर काम करना व देश के सारे ओलम्पिक खेलों सम्बन्धी विषयों का सारा काम-काज अपने हाथ में लेना।
  • सभी देशवासियों को खेलों के एमेच्योर (Amateur) की कीमत (Value) बारे – अवगत कराना।
  • राष्ट्रीय स्पोर्ट्स संघ व महासंघ में तालमेल के साथ उन सभी भारतीय टीमों व उनके संगठन को नियन्त्रित करना जो टीमें ओलम्पिक खेलों व अन्य खेलों जो कि अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी के तहत होती हैं, में भाग लेती हैं, को नियन्त्रित करना।
  • राष्ट्रीय खेल संघ व महासंघ के तालमेल के साथ नियमों को लागू करना।
  • कला प्रतियोगिता में ऊंचे आदर्शों को बनाए रखना और लोगों में ओलम्पिक खेलों और दूसरी खेलें जो कि अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी की सर्वसम्मति द्वारा की जाती हैं, के लिए रुचि बढ़ाना।
  • ओलम्पिक खेलों और दूसरी खेलें जो कि अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी ही सर्वसम्मति द्वारा की जाती हैं, में भारत के भाग लेने सम्बन्धी सारे विषयों पर पूरा नियन्त्रण रखना।
  • जो भारतीय टीमें अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी की सर्वसम्मति के अधीन ही ओलम्पिक खेलों और अन्य खेलों में भाग लेती हैं, उन टीमों का राष्ट्रीय स्पोर्टस फैडरेशन और एसोसिएशनों की सहायता से वित्त प्रबन्ध, आवागमन देख-रेख और कल्याण बारे प्रबन्ध करना।
  • अन्तर्राष्ट्रीय मुकाबले के लिए यह भारतीय खिलाड़ियों को प्रमाणित करती है कि वे एमेच्योर (Amateur) स्तर के हों। अन्तर्राष्ट्रीय मुकाबले में ये प्रमाण स्तर ज़रूरी होते हैं।
  • यह भारतीय लोगों में ओलम्पिक खेलों के लिए अधिक शौक बढ़ाती है और इस मन्तव्य को प्राप्त करने के लिए प्रत्येक राज्य में राज्य ओलम्पिक एसोसिएशन और राष्ट्रीय एमेच्योर खेल फैडरेशन बनाती है।
  • यह राष्ट्रीय स्पोर्टस फैडरेशन और भारत सरकार में फैडरेशन की वित्तीय सहायता के लिए काम करती है।
  • यह राज्य की ओलम्पिक एसोसिएशन और राष्ट्रीय एमेच्योर स्पोर्टस फैडरेशन को दाखिल करती है। राज्य की ओलम्पिक एसोसिएशन और राष्ट्रीय एमेच्योर स्पोर्ट्स फैडरेशन अपनी सालाना रिपोर्टों के कार्य की जांच-पड़ताल की सूचना अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक एसोसिएशन को देगी।
  • यदि कोई फैडरेशन कोई गलत काम करके बदनामी लेता है तो उस के विरुद्ध अनुशासन सम्बन्धी कार्यवाही करती है।
  • एमेच्योर स्पोर्ट्स (Amateur Sports) और खेलों की उन्नति सम्बन्धी कोई भी काम करेगी।

प्रश्न 3.
ओलम्पिक चार्ट के बारे में आप क्या जानते हैं ? लिखें। (What do you know about Olympic Chart ?).
उत्तर-
ओलम्पिक चार्ट (Olympic Chart) सभी खेल मुकाबले राष्ट्रीय स्तर पर व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय खेल संघ व भारतीय ओलम्पिक संघ के नियन्त्रण अधीन करवाए जाते हैं। इस में किसी तरह का राजनीतिक, धार्मिक, जाति या रंगभेद का भेदभाव नहीं किया जाता है, लेकिन ओलम्पिक चार्ट में यह वर्णन नहीं किया गया कि अगर राष्ट्रीय खेल संघ व भारतीय ओलम्पिक संघ इस तरह काम करे जिस से खेलों को क्षति पहुंचे या देश के सम्मान को चोट लगे तो क्या सरकार हस्तक्षेप कर सकती है या नहीं। लेकिन अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी के सदस्यों ने कई बार अपना यह विचार पेश किया है कि जहां सरकार इन संस्थाओं को ऋण देती है वहां सरकार को यह भी चाहिए कि वह इस बात की जानकारी रखे कि कोष ठीक तरह खर्च किया जा रहा है या नहीं। इन संस्थाओं के कार्यों के बारे में भी सरकार पूछताछ प्राप्त कर सकती है।

जब राष्ट्रीय खेल संघ (N.S.F.) व भारतीय ओलम्पिक संघ (I.0.A.) काम करने में असफल रहे या विरोधी संघ पैदा हो जाए तो अन्तर्राष्ट्रीय संघ देश की सरकार से राय पूछती है।

जब किसी देश में अन्तर्राष्ट्रीय खेल (International Games) हो रही हों जैसे कि एशियाई खेलें, तो उस देश की सरकार की भी बहुत ज़िम्मेदारी होती है।
सरकार संघों को भरपूर सुविधाएं दे ताकि खेलें सफलतापूर्वक करवाई जा सकें। इस तरह अगर राष्ट्रीय खेल संघ (N.S.F.) व भारतीय ओलम्पिक संघ (I.O.A.) अपनी जिम्मेवारी (जैसे कि कार्यों का चयन व उनका प्रशिक्षण इत्यादि) में असफल हो जाए तो सरकार मूक दर्शक (Silent Spectator) नहीं बन सकती। इस को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इन संस्थाओं के लिए कुछ लाभदायक संकेत (Guidelines) भी बनाए हैं ताकि ये इनके अनुसार काम करें। लेकिन कितने दुःख की बात है कि इन मार्गदर्शन संकेतों (Guidelines) का पूरी तरह पालन नहीं किया जाता है।

प्रश्न 4.
भारत के मुख्य खेल मुकाबलों पर नोट लिखो। (Write a note on sports competitions in India.)
उत्तर–
प्रत्येक व्यक्ति में मुकाबले की भावना होती है। यही भावना उसे उन्नति के मार्ग पर आगे कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है। यही भावना उसे सम्मान पाने में सहायता प्रदान करती है। पुरातन काल में खेल मुकाबले बहुत ही घातक होते थे। खेल में विरोधी खिलाड़ी की जान ले ली जाती थी। परन्तु समय की गति के साथ खेल मुकाबलों में मैत्री भाव ने स्थान ग्रहण कर लिया। आज के युग की मुकाबले की भावना से व्यक्ति के मनोभावों की तृप्ति होती है। इससे व्यक्ति को न केवल अपने कौशल (Skills) की प्राप्ति होती है बल्कि वह इसमें दक्षता भी प्राप्त करता है।

इस प्रकार वह सर्वोत्तम खेल का प्रदर्शन करने में सफल होता है। खेल मुकाबले न केवल मनोरंजन ही प्रदान करते हैं बल्कि ये व्यक्ति को स्वस्थ एवं नीरोग भी बनाते हैं। प्राचीन काल में घुड़सवारी, तीरअन्दाजी, नेज़ा फेंकना तथा मल्ल युद्ध आदि खेलें ही लोकप्रिय थीं और इन्हीं खेलों के मुकाबलों का आयोजन किया जाता था। परन्तु समय की करवटों के साथ भारतीयों के अंग्रेज़ों के सम्पर्क में आने से हॉकी, फुटबाल, क्रिकेट आदि खेलें इतनी लोकप्रिय हो गई हैं कि इन्हीं खेलों के मुकाबलों का राष्ट्रीय स्तर पर आयोजन किया जाता है।

प्रश्न 5.
सन 1927 में चुनी गई भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन के अध्यक्ष, सचिव और सहायक सचिव कौन थे ?
(Who were the President, Secretary and Assistant Secretary of the Indian Olympic Association selected in 1927 ?)
उत्तर-
भारत में ओलम्पिक एसोसिएशन की स्थापना 1927 में ई० में हुई। इस के संगठन का सेहरा बाई० एम ०सी० ए० नामी संस्था के सिर है। डॉ. ए० सी० नोहरान
और एच० सी० बैंक ने इसकी स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया। श्री दोराव जी टाटा ने भारतीय ओलम्पिक संघ का पहला अध्यक्ष होने का सौभाग्य प्राप्त किया। इस का सचिव पद डॉ० ए० सी० नोहरान ने संभाला जबकि श्री जी० डी० सोंधी इस के पहले सहायक सचिव बने।
(नोट-भारत में आयोजित किए जाने वाले विभिन्न खेल मुकाबलों के विवरण के लिए अगले प्रश्न देखें।)

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
राष्ट्रीय खेल संघ व प्रदेश खेल संघ के कार्य लिखें।
(Describe the functions of National Sports Federation or State Sports Association.)
उत्तर-
राष्ट्रीय खेल संघ व प्रदेश खेल संघ (National Sports Federation and State Sports Association)-राष्ट्रीय खेल संघ व प्रदेश खेल संघ अपनीअपनी खेलों के साथ अन्तर्राष्ट्रीय महासंघ से जुड़ी (Affiliated) हैं। राष्ट्रीय संघ के अपनी-अपनी खेलों के राज्य स्तर पर भी अंग हैं, जैसे प्रदेश ओलम्पिक संघ इत्यादि। ये प्रदेश में टूर्नामैंट (Tournament) इत्यादि करवाना तय करते हैं।

कार्य (Functions) –

  • मुकाबले करवाना (To conduct competitions)—ज़िला, प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर जूनियर व सीनियर स्तर के मुकाबले प्रत्येक वर्ष करवाना।
  • योजनाएं बनाना (Planning)-राष्ट्रीय टीम तैयार करने के लिए एक वर्ष या चार वर्ष की योजनाएं बनाना।
  • सामान का प्रबन्ध करना (To make arrangement for equipment)खेलों का स्तर ऊंचा उठाने के लिए खेलों के सामान व अन्य ज़रूरी समान का प्रबन्ध करना। अगर कोई सामान विदेशों से मंगवाना है तो केन्द्रीय शिक्षा मन्त्रालय (Union Education Ministry) की मदद से भारतीय ओलम्पिक संघ या नेता जी सुभाष चन्द्र खेल राष्ट्रीय संस्थान पटियाला की सहायता से प्राप्त करना।
  • चुनाव करने वालों की उपस्थिति (Attendance of selectors)—यह देखता है कि इनके चुनाव कार्यकर्ता राज्य स्तर व राष्ट्रीय स्तर पर जूनियर व सीनियर के मुकाबलों में हाज़िर रहें। Probabilities की सूची बनाई जाए और उसको प्रदर्शित किया जाए। सम्भावना की सूची बनाना व छपवाना, राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय सम्भावनाओं का पता लगाना।
  • राष्ट्रीय प्रशिक्षक नियुक्त करना (To appoint national coach) प्रत्येक राष्ट्रीय खेल संघ/महासंघ एक राष्ट्रीय प्रशिक्षक (Natioanl Coach) नियुक्त करेगा।
  • राष्ट्रीय टीम के चयन में मदद (Help in selection of national team)अन्तर्राष्ट्रीय मुकाबलों के लिए राष्ट्रीय टीम व मुकाबलों के चयन के लिए यह भारतीय ओलम्पिक संघ (I.O.A.) व अखिल भारतीय खेल समिति (A.I.S.C.) की मदद करेगी।
  • खेलों के नियम तय करना (To frame rules of Games)-नेता जी सुभाष चन्द्र राष्ट्रीय खेल संस्थान के सहयोग (Co-operation) से खेलों के नियम बनाती है।
  • अम्पायर व प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण (Tranning of Impires and coaches)-यह नेता जी सुभाष खेल संस्थान व भारतीय ओलम्पिक संघ की अम्पायर व प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए मदद करती है।
  • चयनकर्ताओं की सूची तैयार करना (To prepare a list of sciectors)यह शुद्ध योग्यता (Purely merit) के आधार पर चयनकर्ताओं की सूची (Panel of selectors) तैयार करती है।
  • पदाधिकारियों का चुनाव (Selection of officers)-इसके पदाधिकारियों का चुनाव संघ के संविधान के अनुसार होना चाहिए। चुनाव के समय इसे भारतीय ओलम्पिक संघ (I.O.A.) व अखिल भारतीय खेल समिति (A.I.S.C.) के एक-एक निरीक्षक (Observer) भी बुलाने चाहिएं।
  • विवाद का निर्णय करना (To settle dispute) अगर किसी संघ में विवाद पैदा हो जाए तो आई० ए० ओ० या ए० ओ० या ए० आई० एस० एफ० को भेजा जाता है। इनका फैसला मानना ज़रूरी होता है। अगर भारतीय ओलम्पिक संघ (I.O.A.) व राष्ट्रीय खेल संघ (N.S.F.) में कोई विवाद (Dispute) पैदा हो जाए तो उसका निर्णय अखिल भारतीय खेल समिति (A.I.S.C.) करती है।
  • खातों की जांच (Audit of accounts)—यह संघ की ज़िम्मेवारी होती है कि अपने हिसाब-किताब की जांच रिपोर्ट समय पर पेश करे।

प्रश्न 2.
भारतीय ओलम्पिक संघ से जो भिन्न-भिन्न खेल संघ सम्बन्धित हैं, उनके नाम लिखें।
(Write the names of different Associations of India which are affiliated with Indian Olympic Association.)
उत्तर-
अलग-अलग खेलों के सम्बन्ध, संघ (Federations regarding different games or sports)–अलग-अलग खेलों की एसोसिएशनें व संघ इस तरह हैं

  1. भारतीय हॉकी संघ (The Indian Hockey Federation 1925)
  2. अखिल भारतीय फुटबाल संघ (The All Indian Football Federation 1937)
  3. भारतीय तैराकी संघ (The Swimming Federation of India 1940)
  4. एमेच्योर एथलैटिक्स फैडरेशन ऑफ़ इण्डिया (The Amateur Athlelic Federation of India 1944)
  5. भारतीय कुश्ती संघ (The Wrestling Federation of India 1948)
  6. भारतीय वालीबाल संघ (The Volley Ball Federation of India 1951)
  7. भारतीय बास्केट बाल संघ (Basket Ball Federation India 1950)
  8. राष्ट्रीय राइफल संघ (The National Rifle Association 1953)
  9. भारतीय जिम्नास्टिक संघ (The Gymnastic Federation of India 1951)
  10. इण्डियन एमेच्योर बॉक्सिग फैडरेशन (The Indian Amateur Boxing Federation 1951)
  11. राष्ट्रीय साइकिल फैडरेशन (The National Cycle Federation 1938)
  12. भारतीय क्रिकेट नियन्त्रण बोर्ड (Cricket Control Board of India 1926)
  13. भारतीय लॉन टेनिस संघ (The Indian Lawn Tennis Federation 1920)
  14. भारतीय टेबल टेनिस संघ (The Table Tennis Federation of India 1938)
  15. अखिल भारतीय बैडमिंटन संघ (The All India Badminton Association 1934)
  16. हैंडबाल संघ (The Indian Hand ball Association 1969-70)
  17. तीरंदाजी संघ (The Archery Association 1969)
  18. भारतीय कबड्डी संघ (The Kabaddi Federation of India 1951-52)
  19. भारतीय पोलो संघ (The Indian Polo Federation 1935)
  20. भारतीय भारत्तोलक संघ (Indian Weightlifting Federation 1935)
  21. भारतीय बिलियर्डस संघ (The Indian Billiards Association 1910)
  22. भारतीय स्कवैश रैकेट संघ (The Indian Squash Racket Association 1953)

ऊपरलिखित संघ व एसोसिएशनों के अतिरिक्त राष्ट्रीय स्तर पर कुछ अन्य भी खेल संस्थाएं (Game bodies) हैं, जिनका अपना अलग अस्तित्व है।

  1. सर्विस खेल नियन्त्रण बोर्ड (The Service Sports Control Board 1919) इस का 1945 में पुनर्गठन किया गया।
  2. भारतीय स्कूल खेल संघ (School Games Federation of India 1954)
  3. अन्तर्विश्वविद्यालय खेल नियन्त्रण बोर्ड (Inter-Unviersities Sports Control Board)
  4. रेलवे खेल नियन्त्रण बोर्ड (Railway Sports Control Board)
  5. अखिल भारतीय पुलिस खेल परिषद् बोर्ड (All India Police Sports Board 1950)

इसी तरह अलग-अलग प्रदेशों में अलग-अलग खेलों के अपने संघ हैं जो कि राष्ट्रीय खेल संघ के साथ जुड़े हैं व प्रदेश ओलम्पिक संघ से भी सम्बन्धित हैं। इनका काम अपने प्रदेश में अन्तर-जिला मुकाबले करवाना, प्रशिक्षण शिविर लगाना व प्रदेशों की टीमों को राष्ट्रीय स्तर पर शामिल करवाना है।

  • भारत में अव्यावसायिक खेल मुकाबलों का आयोजन करना तथा अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी को इसकी पुष्टि करना।
  • भारत में अव्यावसायिक खिलाड़ियों के लिए विशेष खेल प्रबन्ध करना।
  • भारत की ओर से ओलम्पिक झण्डे तथा मोहर का प्रयोग करना, देश में ओलम्पिक मामलों को निपटाना तथा ओलम्पिक चार्टर का पालन करना।
  • भारत के विभिन्न प्रान्तों में प्रान्तीय ओलम्पिक एसोसिएशनों की स्थापना करना तथा इनके खर्चों की निगरानी करना।
  • विभिन्न भारतीय खेल एसोसिएशनों को अन्तर्राष्ट्रीय मुकाबलों में भाग लेने की आज्ञा देना तथा इन मुकाबलों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना।
  • प्रति वर्ष अगस्त मास में ओलम्पिक सप्ताह मनाना तथा देशवासियों को इस बारे में जानकारी देना।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित पर नोट लिखो –
(क) रंगास्वामी कप ( 1980 M)
(ख) आगाखान कप (1984 E)
(ग) मुम्बई स्वर्ण कप (1984 M)
(घ) अखिल भारतीय नेहरू सीनियर हॉकी प्रतियोगिता।
(ङ) अखिल भारतीय नेहरू जूनियर हॉकी प्रतियोगिता।
[Write notes on the following (a) Ranga Swami Cup (National Hockey Championship) (b) Agha Khan Cup (c) Mumbai Gold Cup (d) All India Nehru Senior Hockey Competition (e) All India Nehru Junior Hockey Competition.]
उत्तर-
(क) रंगास्वामी कप राष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिता (Rangaswami Cup National Hockey Championship) – भारतीय हॉकी एसोसिएशन ने प्रथम राष्ट्रीय मुकाबले 1927 ई० में करवाये। ये मुकाबले राष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिता के नाम से विख्यात हैं। 1935 ई० में मोरिस (Morris) नामक एक न्यूजीलैंड के निवासी ने प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए एक शील्ड भेंट की। 1928-1944 तक यह प्रतियोगिता 2 वर्ष में एक बार करवाई जाती थी। 1946 में पंजाब ने यह प्रतियोगिता जीती थी और असली शील्ड पंजाब हॉकी एसोसिएशन के सचिव बख्शीश अली के पास थी। इसलिए 1947 में देश का विभाजन होने से यह शील्ड पाकिस्तान में ही रह गई क्योंकि शेख साहिब पाकिस्तान में ही रहे।

भारत के विभाजन के पश्चात् चेन्नई के समाचार-पत्र ‘हिन्दू’ तथा ‘स्पोर्टस एण्ड पासटाईम’ के स्वामियों ने अपने सम्पादक श्री रंगास्वामी के नाम पर राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए एक नया कप दिया। इस कारण अब यह प्रतियोगिता ‘रंगास्वामी कप’ के नाम से प्रसिद्ध है। 1947 ई० के बाद यह प्रतियोगिता प्रतिवर्ष होने लगी। सबसे पहले इस प्रतियोगिता को उत्तर प्रदेश ने जीता और पंजाब ने इसे जीतने का पहली बार श्रेय 1949 में प्राप्त किया। पहले यह प्रतियोगिता नाक-आऊट स्तर पर करवाई जाती थी परन्तु आजकल यह प्रतियोगिता लीग-कम-नाक-आऊट स्तर पर होती है।

(ख) आगा खान कप (Agha Khan Cup) –
सर आगा खान ने 1896 ई० में पहली बार इस प्रतियोगिता के लिए कप दिया। उन्हीं के नाम से यह प्रतियोगिता आगा खां कप के नाम से प्रसिद्ध हुई। 1912 में चैशायर रेजीमैंट ने इसे पक्की तरह जीत लिया। इस पर सर आगा खान ने एक अन्य कप इस प्रतियोगिता के लिए दिया। आज तक विजेता टीम को यही कप दिया जाता है। इस कप को सर्वप्रथम जीतने का श्रेय मुम्बई ‘जिमखाना’ को प्राप्त हुआ। 1949 में इसे पंजाब पुलिस ने पहली बार जीता। इस प्रतियोगिता का आयोजन आगा खाँ टूर्नामैंट कमेटी करती है। इसमें भारत की प्रसिद्ध टीमें भाग लेती हैं। आजकल यह प्रतियोगिता नाक-आऊट स्तर पर करवाई जाती है।

(ग) मुम्बई स्वर्ण कप (Mumbai Gold Cup) –
मुम्बई प्रान्त ने अपने प्रान्तीय फण्ड में से 10,000 रु० का स्वर्ण कप तैयार करवा कर इस प्रतियोगिता के लिए दिया जो मुम्बई स्वर्ण कप प्रतियोगिता के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इस प्रतियोगिता का आयोजन प्रति वर्ष मुम्बई हॉकी एसोसिऐशन द्वारा किया जाता है। सर्वप्रथम इस प्रतियोगिता को मुम्बई की ‘लूसीटेनियन’ नामक क्लब ने जीता। 1958 में इस प्रतियोगिता को पंजाब टीम ‘पंजाब हॉक्स’ ने जीता। यह प्रतियोगिता नाक-कमलीग के आधार पर होती है।

(घ) अखिल भारतीय नेहरू सीनियर हॉकी प्रतियोगिता (All India Nehru Senior Hockey Competition)-
1964 में स्व० प्रधान मन्त्री जवाहर लाल नेहरू की पुण्य स्मृति में नई दिल्ली में यह टूर्नामेंट आरम्भ हुआ। उन्हीं के नाम पर इसका नाम नेहरू हॉकी प्रतियोगिता रखा गया। यह प्रतियोगिता नाक-आऊट-कम-लीग के आधार पर होती है। इस प्रतियोगिता में श्रेष्ठ टीमें भाग लेती हैं। सर्व-प्रथम उत्तर प्रदेश ने इसे जीतने का श्रेय प्राप्त किया। इस प्रतियोगिता के पुरस्कारों का वितरण भारत के राष्ट्रपति करते हैं।

(ङ) अखिल भारतीय नेहरू जूनियर हॉकी प्रतियोगिता (All India Nehru Junior Hockey Competition) –
इस प्रतियोगिता का आयोजन प्रतिवर्ष नई दिल्ली में नेहरू हॉकी टूर्नामेंट कमेटी द्वारा किया जाता है। इस प्रतियोगिता में 16 वर्ष की आयु तक के खिलाड़ी भाग लेते हैं। देश के विभिन्न प्रान्तों से टीमें इसमें भाग लेने के लिए आती हैं। भारत सरकार का शिक्षा विभाग श्रेष्ठ खिलाड़ियों को वजीफ़े देता है। यह प्रतियोगिता लीग-कम-नाक-आऊट के आधार पर खेली जाती है। इसका फाइनल मुकाबला स्व० प्रधानमन्त्री नेहरू के जन्म दिन 14 नवम्बर को होता है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित पर नोट लिखो
(क) डूरांड कप (ख) रोवर्ज़ कप (1984 E) (ग) सुबरोटो मुकर्जी कप (घ) सन्तोष ट्राफी (ङ) रणजी ट्राफी (च) सी० के० नायडू ट्राफी (1984 E)। [Write notes on the following(a) Durand Cup (b) Rovers cup (c) Subroto Mukerjee Cup (d) Santosh Trophy (e) Ranji Trophy () C.K. Naidu Trophy.]
उत्तर-
(क) डरांड कप (Durand Cup) –
यह कप ब्रिटिश इण्डिया के विदेश सचिव (Foreign Secretary) सर मोर्टीमोर डूरांड ने 1895 में ब्रिटिश सैनिकों के मुकाबलों के लिए दिया। पहले यह टूर्नामैंट शिमला में ‘शिमला टूर्नामैंट’ के नाम से खेला जाता है। 1950 से प्रतियोगिता का आयोजन नई दिल्ली में होने लगा। 1899 ई० में इस कप को ‘ब्लैक वाच रैजिमैंट’ ने स्थायी रूप से जीत लिया। इसके पश्चात् सर मोर्टीमोर ने एक और कप दिया। यह कप आज तक इस प्रतियोगिता की विजेता टीम को दिया जाता है। 1931 में इस प्रतियोगिता में सेना के अतिरिक्त असैनिक (Civil) टीमें भी भाग लेने लगीं। सबसे पहले इस प्रतियोगिता में भाग लेने का सौभाग्य ‘पटियाला टाईगर’ को प्राप्त हुआ। यह प्रतियोगिता प्रतिवर्ष नाकआऊट-कम-लीग स्तर पर करवाई जाती है। इसमें देश-विदेश की उच्चकोटि की टीमें भी लेती हैं।

(ख) रोवर्ज़ कप (Rovers Cup) –
यह फुटबाल मुकाबला रोवर्ज कप टूर्नामैंट कमेटी की ओर से प्रति वर्ष करवाया जाता है। इसमें भारत के विभिन्न भागों से टीमें भाग लेने के लिए आती हैं।

(ग) सुबरोटो मुकर्जी कप (Subroto Mukerjee Cup) –
इसे जूनियर डूरांड मुकाबला कहा जाता है। इस प्रतियोगिता का आयोजन एयर मार्शल सुबरोटो मुकर्जी की स्मृति में किया गया। इस को डूरांड कमेटी प्रति वर्ष नई दिल्ली में आयोजित करती है। इसमें 16 वर्ष की आयु तक के खिलाड़ी भाग लेते हैं। इस प्रतियोगिता,में सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को भारत सरकार द्वारा वजीफ़े दिए जाते हैं।

(घ) सन्तोष ट्राफी (Santosh Trophy) –
महाराजा सन्तोष जो कूच बिहार के राजा थे, उनके नाम पर राष्ट्रीय फुटबाल प्रतियोगिता के लिए एक ट्राफी दी गई , जो सन्तोष ट्राफी के नाम से प्रसिद्ध हो गई है। यह प्रतियोगिता भारतीय फुटबाल एसोसिऐशन द्वारा प्रति वर्ष अपने किसी मैम्बर एसोसिएशन की तरफ से करवाई जाती है। इस प्रतियोगिता में भारत के भिन्न-भिन्न प्रान्तों की टीमें, रेलवे और सैनिकों की टीमें भाग लेती हैं।
ये मुकाबले नाक-आऊट कम लीग स्तर पर करवाए जाते हैं। बंगाल ने सबसे अधिक बार इस प्रतियोगिता को जीता है और पंजाब ने पहली बार 1970 में जालन्धर में यह ट्राफी जीती।

(ङ) रणजी ट्रा की (Ranji Trophy) –
1934 में सर सिकन्दर हयात खां की अध्यक्षता में क्रिकेट प्रेमियों की शिमला में एक सभा हुई। इसमें राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट मुकाबले करवाने का प्रस्ताव रखा गया। फलस्वरूप पटियाला के महाराजा सर भूपेन्द्र सिंह ने क्रिकेट के महान् खिलाड़ी रणजीत सिंह के नाम पर राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिता के लिए एक ट्राफी भेंट की। यह प्रतियोगिता प्रतिवर्ष क्रिकेट कण्ट्रोल बोर्ड द्वारा आयोजित की जाती है। यह अन्तरप्रान्तीय स्तर पर करवाई जाती है। ये मुकाबले लीग-स्तर पर होते हैं। क्षेत्रीय मुकाबलों में विजेता प्रान्त आगे-नाक-आऊट स्तर पर खेलता है। मुम्बई की टीम ने इस प्रतियोगिता को सबसे अधिक बार अर्थात् 15 बार जीता। इस प्रतियोगिता में प्रान्तों की टीमों के अतिरिक्त रेलवे स्पोर्टस कण्ट्रोल बोर्ड तथा सर्विसिज़ कण्ट्रोल बोर्ड भी भाग लेते हैं।

(च) सी० के० नायडू ट्राफी (C.K. Naidu Trophy) –
इस प्रतियोगिता का आयोजन स्कूल गेम्ज़ फैडरेशन की ओर से प्रति वर्ष किया जाता है। इस ट्राफी का नाम भारत के सुप्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी सी० के० नायडू के नाम पर रखा गया है। यह प्रतियोगिता स्कूल के बच्चों के लिए है और नाक-आऊट स्तर पर होती है। जो टीम एक बार हार जाती है उसे टूर्नामेंट से बाहर जाना पड़ता है।

भारतीय ओलंपिक संघ PSEB 9th Class Physical Education Notes

  • भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन-भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन की स्थापना 1927 ई० में हुई, जिसके प्रथम प्रधान दोराव जी टाटा थे। इसका कार्य अव्यावसायिक खेल प्रतियोगिता का प्रबन्ध करना और भारतीय खेल एसोसिएशनों को आर्थिक सहायता देना है।
  • भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन के उद्देश्य-खेलों की प्रगति के लिए कार्य करना, अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक एसोसिएशन के नियमों को लागू करना और अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी के अधीन होने वाली खेलों में भाग लेने वाली टीमों का वित्तीय प्रबन्ध और दूसरी देखभाल करना होता है।
  • भारत में मुख्य खेल प्रतियोगिता-खेल प्रतियोगिता केवल मनोरंजन का ही साधन नहीं, यह मनुष्य को स्वस्थ और निरोग बनाती है। प्राचीन समय में घुड़सवारी, तीर अंदाजी, नेजा फेंकना और मल्ल युद्ध ही प्रिय खेलें थीं। अब हॉकी, फुटबाल, क्रिकेट, वॉलीबाल, बॉस्कटवाल खेलें लोकप्रिय हैं।
  • रंगा स्वामी कप-यह प्रतियोगिता राष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिता के नाम से प्रसिद्ध है।
  • ड्ररांग कप-1950 से यह फुटबाल प्रतियोगिता नई दिल्ली में करवाई जाने लगी और प्रतिवर्ष नाक आऊट कम लीग स्तर पर करवाई जाती है। इस प्रतियोगिता में देश की उच्च स्तरीय टीमें भाग लेती हैं।
  • संतोष ट्राफी-यह प्रतियोगिता भारतीय फुटबाल एसोसिएशन द्वारा प्रतिवर्ष अपने किसी मैंबर एसोसिएशन की तरफ से करवाई जाती है। इस प्रतियोगिता में भारत की भिन्न प्रान्तों की टीमें, रेलवे और सैनिक टीमें भाग लेती हैं।
  • रणजीत ट्राफी-यह प्रतियोगिता प्रतिवर्ष क्रिकेट कन्ट्रोल बोर्ड द्वारा आयोजित की जाती है। यह अन्तर प्रांतीय लीग स्तर पर करवाई जाती है।

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