PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 6 मुख्य उद्योग

Punjab State Board PSEB 8th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 6 मुख्य उद्योग Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Social Science Geography Chapter 6 मुख्य उद्योग

SST Guide for Class 8 PSEB मुख्य उद्योग Textbook Questions and Answers

I. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर-20-25 शब्दों में दो :

प्रश्न 1.
लौह-इस्पात उद्योग को पहले दर्जे का उद्योग क्यों माना जाता है ?
उत्तर-
लौह-इस्पात उद्योग को निम्नलिखित कारणों से पहले दर्जे का उद्योग माना जाता है(1) यह उद्योग इंजीनियरिंग, यातायात के साधन तथा इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योगों को कच्चा माल देता है। (2) अन्य उद्योगों में प्रयोग होने वाली लगभग सभी मशीनें लोहे तथा इस्पात से बनती हैं।।

प्रश्न 2.
लौह-इस्पात उद्योग को स्थापित करने के लिए कौन-कौन सी आवश्यक अवस्थाएं हैं ?
उत्तर-
(1) कच्चे लोहे की पूर्ति (2) अच्छी किस्म के कोयले की प्राप्ति (3) पानी की निरन्तर आपूर्ति (4) तैयार माल के लिए खपत केन्द्रों की निकटता (5) यातायात के सस्ते तथा विकसित साधन (6) प्रशिक्षित मजदूर (7) पूंजी।

प्रश्न 3.
जमशेदपुर और डीट्रोयट शहर कहां-कहां स्थित हैं ?
उत्तर-
जमशेदपुर झारखंड राज्य में सिंहभूम जिले में स्थित है। पहले इसका नाम साकची था और यह बिहार राज्य का भाग था। डीट्रोयट यू० एस० ए० के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है। यह महान् झीलों के किनारे बसा हुआ है। .

प्रश्न 4.
कपड़ों का निर्माण किन पदार्थों से किया जाता है ?
उत्तर-
कपड़ों का निर्माण कई प्रकार के कच्चे माल से किया जाता है। इनमें मुख्य रूप से कपास, ऊन, पटसन, रेशम तथा बनावटी (कृत्रिम) रेशा शामिल है।

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प्रश्न 5.
कपड़ा उद्योग को किन-किन श्रेणियों में बांटा जा सकता है ?
उत्तर-
कपड़ा उद्योग को निम्नलिखित श्रेणियों में बांटा जा सकता है
(1) सूती कपड़ा उद्योग (2) ऊनी कपड़ा उद्योग (3) रेशमी कपड़ा उद्योग (4) पटसन कपड़ा उद्योग (5) बनावटी रेशम तथा बनावटी रेशा कपड़ा उद्योग।

प्रश्न 6.
रेशम कहाँ से प्राप्त किया जाता है ?
उत्तर-
रेशम हमें एक प्रकार के कीड़े से प्राप्त होता है। ये कीड़े पौधों (विशेषकर शहतूत) की पत्तियों पर पलते हैं।

प्रश्न 7.
कपास की सबसे बढ़िया किस्म कौन-सी है ?
उत्तर-
लम्बे रेशे वाली कपास की सबसे बढ़िया किस्म है। इससे बना कपड़ा बाज़ार में महंगा बिकता है।

प्रश्न 8.
सूचना-तकनीक उद्योग में भारत ने कितनी उन्नति की है ?
उत्तर-
भारत ने सूचना तकनीक में बहुत अधिक उन्नति की है। हमारे देश में बंगलुरु, मुम्बई, पुणे, चेन्नई, हैदराबाद आदि सूचना तकनीक उद्योग के मुख्य केन्द्र हैं।

प्रश्न 9.
बंगलुरु में कौन-कौन से उद्योग पाए जाते हैं ?
उत्तर-
कर्नाटक की राजधानी बंगलुरु में मशीन टूल्ज़, संचार के साधन, घड़ियाँ, मोटरें तथा हवाई जहाज़ बनाने के उद्योग पाये जाते हैं। इस समय बंगलुरु कम्प्यूटर निर्माण उद्योग के लिए देश भर में प्रसिद्ध हैं। इसलिए इसे भारत की ‘सिलीकॉन घाटी’ भी कहा जाता है।

प्रश्न 10.
सिलीकान घाटी कहां है ? यह पहले किस वस्तु के लिए प्रसिद्ध थी ?
उत्तर-
सिलीकान घाटी संयुक्त राज्य अमेरिका के पश्चिम में कैलिफोर्निया राज्य में स्थित है। पहले यह फल उगाने के लिए प्रसिद्ध थी।

II. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर 70-75 शब्दों में दीजिए :

प्रश्न 1.
कच्चे लोहे से स्टील बनाने की क्रिया बताएं।
उत्तर-
कच्चे लोहे से स्टील बनाने की क्रिया में सबसे पहले कच्चे माल को भट्ठियों में पिघलाया जाता है। पिघले हुए लोहे में से सभी अशुद्धियाँ निकाल कर लोहे को साफ़ कर लिया जाता है। साफ़ किए गये इस लोहे से स्टील बनाया जाता है तथा स्टील से भिन्न-भिन्न प्रकार की वस्तुएँ बनाई जाती हैं।

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प्रश्न 2.
चीन और जापान के लौह-इस्पात औद्योगिक केन्द्रों के नाम लिखो।
उत्तर-
1. चीन के लौह-इस्पात केन्द्र-मंचूरिया, यंगसी घाटी तथा होपे सांतूंग।
2. जापान के लौह-इस्पात केन्द्र यवाता (Yawata), तोबाता (Tobata), क्यूसू (Kyushu), टोकियो (Tokyo), कावासाकी (Kawasaki), योकोहामा (Yokohoma), ओसाका (Osaka) तथा कोबे (Kobe) ।

प्रश्न 3.
जमशेदपुर में लौह-इस्पात उद्योग के लिए कौन-कौन सी अनुकूल अवस्थाएं मौजूद हैं ?
उत्तर-
जमशेदपर में लौह-इस्पात उद्योग के लिए निम्नलिखित अवस्थाएँ अनुकूल हैं

  • अच्छी किस्म का कच्चा लौह झारखण्ड के सिंहभूम तथा उड़ीसा के मयूरभंज की खानों से मिल जाता है।
  • कोयले की पूर्ति झरिया तथा रानीगंज की खानों से हो जाती है।
  • मैंगनीज़ तथा चूने के पत्थर जैसा कच्चा माल उड़ीसा से मिल जाता है।
  • पानी की आवश्यकता सुबरन रेखा (स्वर्ण रेखा) नदी से पूरी हो जाती है। ।
  • कोलकाता की बंदरगाह जमशेदपुर से लगभग 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लौह-इस्पात का अन्य देशों को निर्यात करने में यह बंदरगाह महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • उद्योग के लिए बड़ी संख्या में सस्ते श्रमिक झारखण्ड, बिहार तथा उड़ीसा राज्यों से आसानी से मिल जाते हैं।
  • जमशेदपुर, मुम्बई, चेन्नई, दिल्ली तथा कोलकाता जैसे नगरों के साथ सड़कों तथा रेलमार्गों द्वारा जुड़ा हुआ है। अतः यहाँ का तैयार माल देश के भिन्न-भिन्न भागों में आसानी से भेजा जाता है।

प्रश्न 4.
डीट्रोयट के लौह-इस्पात उद्योग के विकास का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
डीट्रोयट यू० एस० ए० के लौह-इस्पात उद्योग का एक महत्त्वपूर्ण केन्द्र है। यह दो झीलों डरो तथा ऐरी के मध्य मिशीगन स्टेट में स्थित है। इसके आस-पास के क्षेत्र में कच्चा लौह, कोयला तथा लौह-इस्पात उद्योग के लिए अन्य कच्चा माल पर्याप्त मात्रा में मिलता है। अतः डीट्रोयट में लौह को पिघलाने तथा स्टील बनाने के बहुत से कारखाने पाये जाते हैं। झीलों के किनारे बसा होने के कारण इस शहर को जल यातायात की सुविधा भी उपलब्ध है। जल मार्गों द्वारा यह स्थान यूरोप तथा एशिया की बड़ी-बड़ी मंडियों से जुड़ा हुआ है।

प्रश्न 5.
ऊनी वस्त्र उद्योग पर एक नोट लिखें।
उत्तर-
ऊनी कपड़ा उद्योग जानवरों के बालों पर निर्भर करता है। भेड़, बकरी, ऊंट, याक, खरगोश आदि जानवरों के बालों का प्रयोग ऊनी कपड़ा बुनने में किया जाता है। सबसे अधिक मात्रा में ऊन भेड़ों से प्राप्त की जाती है। ‘मैरीनो’ किस्म की भेड़ से लम्बे रेशे वाली बढ़िया प्रकार की ऊन मिलती है। संसार के लगभग प्रत्येक महाद्वीप में ऊन के लिए भेड़ें पाली जाती हैं। भेड़ें पालने वाले मुख्य देश आस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, रूस, अर्जनटाइना, दक्षिणी अफ्रीका, चीन, युरुगवे, तुर्की, यू० एस० ए० तथा इंग्लैण्ड हैं। भेड़ें पालने वाले सभी देशों में ऊनी कपड़ा उद्योग काफ़ी विकसित है। ऊनी कपड़ा गर्म होता है। इसलिए इसे ठण्डे देशों या ठण्डे मौसम में पहना जाता है।

प्रश्न 6.
ओसाका शहर में सूती कपड़ा उद्योग के विकसित होने के कारण लिखें। (P.B. 2009 Set-B)
उत्तर-
औद्योगिक विकास की दृष्टि से ओसाका जापान का एक महत्त्वपूर्ण शहर है। यह जापान के किनकी (Kinki) क्षेत्र में आता है। यह अपने सूती कपड़ा उद्योग के लिए विख्यात है। जापान का 100% सूती कपड़ा ओसाका के उद्योगों की देन है। इसलिए इस शहर को ‘जापान का मानचेस्टर’ भी कहा जाता है। इस शहर में सूती कपड़ा उद्योग के विकास के लिए शहर की भौगोलिक स्थिति का बहुत बड़ा योगदान है। समुद्री मार्ग निकट होने के कारण कच्चे माल का आयात करना तथा तैयार माल का निर्यात करना सरल हो जाता है। इसके अतिरिक्त यहां की नम जलवायु भी सूती कपड़ा उद्योग के अनुकूल है। .

प्रश्न 7.
बंगालुरु शहर में कौन-कौन सी अवस्थाएं सूचना-तकनीक उद्योग के लिए अनुकूल हैं ?
उत्तर-
बंगालुरु कर्नाटक राज्य की राजधानी है। यह सूचना तकनीक उद्योग का बहुत बड़ा केन्द्र है। इस शहर की निम्नलिखित अवस्थाएँ सूचना-तकनीक उद्योग के लिए अनुकूल हैं

  • यहां सूचना-तकनीक उद्योग के लिए अधिक पढ़े-लिखे लोग आसानी से मिल जाते हैं।
  • यहां की जलवायु यहां रहने तथा काम करने के लिए बहुत अनुकूल है।
  • राज्य सरकार भी बंगालुरु में सूचना-तकनीक उद्योग के विकास में पूरा-पूरा सहयोग दे रही है।

प्रश्न 8.
सिलीकान घाटी के सूचना-तकनीक उद्योग के विकास पर एक नोट लिखें।
उत्तर-
सिलीकान घाटी संयुक्त राज्य अमेरिका (यू०एस०ए०) के पश्चिम में कैलीफोर्निया राज्य में स्थित है। यह यू० एस० ए० का एक बहुत बड़ा सूचना तकनीक केन्द्र है। यहां इनटैल (Intel), एप्पल (Apple) तथा सन (Sun) जैस बड़ी-बड़ी कम्प्यूटर कम्पनियों के उद्योग स्थापित हैं। अनुसन्धान को प्रोत्साहित करने के लिए.यहाँ 1951 में स्टेनफोर्ड रिसर्च पार्क की स्थापना की गई थी। इस कार्य के लिए यूनिवर्सिटी की ओर से सभी सुविधाएँ प्रदान की गई थीं। 1959 ई० तक यहां लगभग 100 सूचना तकनीक औद्योगिक कम्पनियों ने अपने उद्योग स्थापित कर लिए थे। इस समय सिलीकान घाटी में लगभग तीन लाख लोग काम कर रहे हैं। यहाँ अरबों रुपयों का सामान बेचा जाता है। सूचना तकनीक उद्योग के लिए सिलीकान घाटी में आवश्यक अवस्थाएँ भी अनुकूल हैं। यातायात के साधन पूरी तरह से विकसित हैं। सरकार की ओर से भी इस उद्योग को विकसित करने के लिए बहुत-सी सुविधाएँ दी जा रही हैं।

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III. नीचे लिखे प्रश्नों का उत्तर लगभग 250 शब्दों में दो :

प्रश्न 1.
लौह-इस्पात उद्योग का महत्त्व और आवश्यक अवस्थाएं बताइए। भारत के लौह-इस्पात केन्द्रों के नाम लिखो।
उत्तर-
लौह-इस्पात उद्योग एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण उद्योग है। इसका महत्त्व निम्नलिखित बातों से जाना जा सकता है

  • यह उद्योग इंजीनियरिंग, यातायात के साधन तथा इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को कच्चा माल प्रदान करता है।
  • अन्य उद्योगों में प्रयोग होने वाली लगभग सभी मशीनें लौह-इस्पात से बनती हैं।
  • सभी प्रकार के औजार तथा हथियार लोहे से बनते हैं। .

आवश्यक अवस्थाएं-लौह-इस्पात उद्योग स्थापित करने के लिए निम्नलिखित अवस्थाओं का अनुकूल होना आवश्यक है-

1. कच्चे लौह की प्राप्ति-कच्चा लौह लौह-इस्पात का मुख्य कच्चा माल है। इसलिए इसकी प्राप्ति होना आवश्यक है। इस उद्योग को कच्चे लौह के भण्डार के समीप ही स्थापित किया जाना चाहिए, क्योंकि कच्चा लौह भारी होता है।

2. बढ़िया किस्म के कोयले की प्राप्ति-कच्चे लौह को भट्ठियों में पिघलाने के लिए बढ़िया किस्म के कोयले
की आवश्यकता होती है। कोयले के अतिरिक्त चूने का पत्थर, डोलोमाइट, मैंगनीज़ आदि भी लौह-इस्पात उद्योग के लिए आवश्यक हैं। इसलिए इन पदार्थों की पर्याप्त मात्रा में प्राप्ति होनी चाहिए।

3. जल की आपूर्ति-लौह को पिघलाने के पश्चात् इसे ठण्डा करने और धोने के लिए काफ़ी मात्रा में जल की
आवश्यकता होती है। इसलिए इस उद्योग के निकट जल की व्यवस्था या जल भण्डारों का होना अति आवश्यक है।

4. उद्योगों में तैयार माल के लिए मांग क्षेत्रों का समीप होना-लौह-इस्पात उद्योग में तैयार माल को बेचने के लिए मण्डियों का समीप होना अति आवश्यक है। मांग क्षेत्र समीप होने से समय की बचत होगी और तैयार माल के लिए यातायात का खर्चा कम होगा। यदि तैयार माल को अन्य देशों को निर्यात किया जाना हो तो उद्योग की स्थापना किसी बन्दरगाह के समीप की जानी चाहिए।

5. यातायात के सस्ते और विकसित साधन-लौह इस्पात उद्योग में प्रयोग होने वाली बहुत-सी वस्तुओं को लाने ले जाने के लिए बढ़िया किस्म के यातायात साधनों का होना अति आवश्यक है। श्रमिकों के आने-जाने के लिए भी यातायात के साधन ज़रूरी हैं।

6. पूँजी-लौह-इस्पात जैसे बड़े उद्योग स्थापित करने के लिए बड़ी मात्रा में पूँजी की आवश्यकता होती है। इसलिए यह उद्योग बहुत ही धनी व्यक्ति या विदेशी कम्पनियों के सहयोग से ही स्थापित हो सकता है।

7. शिक्षित श्रमिकों की आवश्यकता-लौह-इस्पात उद्योग में भिन्न-भिन्न प्रकार के कार्यों के लिए शिक्षित तथा अनुभवी श्रमिकों की आवश्यकता होती है। इसलिए इस प्रकार के श्रमिकों का उपलब्ध होना जरूरी है।’

भारत के लौह-इस्पात केन्द्र-भारत के मुख्य लौह-इस्पात के केन्द्र जमशेदपुर तथा बोकारो (झारखंड), बर्नपुर तथा दुर्गापुर (पश्चिमी बंगाल), रुड़केला (उड़ीसा) तथा भिलाई (छत्तीसगढ़) और भद्रावती (कर्नाटक) हैं।

प्रश्न 2.
सूती कपड़ा उद्योग के संसार में वितरण का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
सूती कपड़ा उद्योग संसार के बहुत-से देशों में स्थापित है। इसके मुख्य उत्पादकों में संयुक्त राज्य अमेरिका, पूर्व-सोवियत संघ के देश, इंग्लैंड, जापान, चीन, मिस्र और भारत आदि हैं। यूरोप में इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली और पोलैंड जैसे देशों में सूती कपड़े का उत्पादन 18वीं या 19वीं शताब्दी से होने लगा था। इन देशों के अतिरिक्त बैल्जीयम, नीदरलैंड, स्पेन, पुर्तगाल, तुर्की, चैकोस्लोवाकिया आदि देशों में भी सूती कपड़ा उद्योग स्थापित हैं। कुछ मुख्य देशों में सूती कपड़ा उद्योग का वितरण इस प्रकार हैं

जापान-जापान का सूती कपड़ा उद्योग अधिक पुराना नहीं है, परन्तु इस देश ने इस उद्योग में बहुत अधिक उन्नति की है। यह देश पूरे संसार का लगभग 5% सूत तैयार करता है। जापान, सूती कपड़ा उद्योग के लिए कच्चा माल मुख्य रूप से यू० एस० ए०, चीन तथा भारत से मंगवाता है। वहां नोबी पलेन तथा हानसिन क्षेत्र सूती कपड़ा उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। इस उद्योग के मुख्य केन्द्र ओसाका, कोबे तथा क्योटो हैं। – चीन-चीन इस समय संसार का सबसे बड़ा सूती कपड़ा उत्पादक देश है। चीन में इस उद्योग के मुख्य केन्द्र चीक्यिांग, सांतुंग, होपे, हुनान, सैंसी, नानकिंग, शंघाई आदि हैं।

यू० एस० ए०यू० एस० ए० में सूती कपड़ा उद्योग उत्तर-पूर्व, मध्य अटलांटिक तथा दक्षिणी क्षेत्रों में केन्द्रित है। इसके मुख्य केन्द्र न्यूबैडफोर्ड, मानचेस्टर, सैंट लारेंस, बोस्टन, फिलाडैलफिया, बाल्टीमोर, न्यूयार्क, ग्रीनविले, कोलम्बिया, एटलांटा तथा कैलीफोर्निया आदि हैं।
पूर्व-सोवियत संघ-पूर्व-सोवियत संघ के देशों में मास्को, लेनिनग्राड, युक्रेन, इवानोवो, यूराल, वोल्गा, मध्य एशिया का क्षेत्र तथा साइबेरिया आदि सूती कपड़ा बनाने के मुख्य क्षेत्र हैं।

मिस्त्र-मिस्र (Egypt) कपास के उत्पादन और सूती कपड़ा उद्योग में भले ही बहुत पीछे हैं, परन्तु इस देश का महत्त्व बहुत अधिक है। यहां लम्बे रेशे वाली कपास पैदा होती है, जिससे उत्तम कोटि का कपड़ा बनाया जाता है।

भारत-हमारे देश का सूती कपड़ा उद्योग बहुत ही पुराना है। यहां के हाथ से बुने कपड़ों की मांग संसार के भिन्नभिन्न देशों में रही है। परन्तु 1947 में जब देश का बंटवारा हुआ तो हमारे सूती कपड़ा उद्योग को काफ़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा क्योंकि बढ़िया किस्म की कपास पैदा करने वाले क्षेत्र पाकिस्तान में चले गये थे। अतः भारत ने अन्य देशों से कपास आयात करके अपने इस पुराने उद्योग को फिर से जीवित किया।

भारत में महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर-प्रदेश, राजस्थान, पांडिचेरी, कर्नाटक तथा केरल सूती कपड़ा पैदा करने वाले मुख्य राज्य हैं। इस उद्योग के कुछ महत्त्वपूर्ण केन्द्र निम्नलिखित हैं

  • मुम्बई, शोलापुर, पूना, कोल्हापुर, सतारा, नागपुर, औरंगाबाद तथा अमरावती (महाराष्ट्र)।
  • अहमदाबाद, बड़ोदरा, भारुच, सूरत तथा राजकोट (गुजरात)।
  • ग्वालियर, उज्जैन, इंदौर, जबलपुर तथा भोपाल (मध्य प्रदेश)।
  • चेन्नई, मदुराए, स्लेम तथा पैरम्बूर (तमिलनाडु)।
  • कोलकाता, मुर्शिदाबाद तथा हुगली (पश्चिमी बंगाल)।
  • कानपुर, मुरादाबाद, वाराणसी, आगरा, बरेली, सहारनपुर तथा लखनऊ (उत्तर प्रदेश)।
  • लुधियाना, अमृतसर तथा फगवाड़ा (पंजाब)।
  • भिवानी, हिसार तथा पानीपत (हरियाणा)।
  • बंगलुरु तथा मैसूर (कर्नाटक)।
  • भीलवाड़ा, कोटा तथा अजमेर (राजस्थान)।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 6 मुख्य उद्योग

प्रश्न 3.
सूचना-तकनीक उद्योग का महत्त्व बताते हुए संसार और भारत में इसके मुख्य केन्द्रों के बारे में लिखो।
उत्तर-
आज का युग मशीनी युग है। मशीनों के प्रयोग से हर प्रकार के उद्योग का तेजी से विकास हो रहा है। सूचना-तकनीक उद्योग भी इनमें से एक है। इसमें रेडियो, टेलीफोन, टेलीविज़न, मोबाइल फोन, कम्प्यूटर आदि शामिल हैं।

सूचना-तकनीक उद्योग का महत्त्व-

(1) सूचना-तकनीक उद्योग ने संसार भर के लोगों को आपस में जोड़ने का काम किया है। इन यन्त्रों के प्रयोग ने मानव के जीवन में समृद्धि और उन्नति ला दी है। इन यन्त्रों तथा उपकरणों की सहायता से कोई भी सूचना, संसार के एक कोने से दूसरे कोने तक बहुत ही शीघ्र पहुंचाई जा सकती है। परिणामस्वरूप सूचना-तकनीक यन्त्रों द्वारा हम संसार के किसी भी कोने में घटित घटना की जानकारी मिनटों और सैकिंडों में प्राप्त कर सकते हैं।
(2) अपने बैंक खातों में ए० टी० एम० द्वारा किसी भी समय इस तकनीक के द्वारा हम पैसे निकलवा सकते हैं।
(3) कम्प्यूटर की सूचना तकनीक उद्योग को बहुत बड़ी देन है। कम्प्यूटर को अपनी मर्जी से कहीं भी ले जा सकते हैं। इसमें बहुत-सी सूचना भी स्टोर की जाती है। आजकल तो मोबाइल सेटों में कम्प्यूटर और इंटरनेट की सुविधाएं उपलब्ध हो गई हैं।
PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 6 मुख्य उद्योग (1)

संसार में सूचना-तकनीक उद्योग का वितरण-संसार में पहले डिजीटल इलेक्ट्रानिक कम्प्यूटर का निर्माण 1946 में य० एस० ए० में हुआ था। आज संसार के सभी विकसित देश सूचना-तकनीक उद्योग में बहुत आगे निकल चुके हैं। इन देशों में यू० एस० ए० के अतिरिक्त कनाडा, इंग्लैंड, फ्रांस, चीन, रूस, जापान तथा जर्मनी आदि शामिल हैं। यू० एस० ए० की सिलीकान घाटी इस उद्योग का बहुत बड़ा केन्द्र है।

भारत में सूचना तकनीक उद्योग-भारत एक विकासशील देश है। यहां कम्प्यूटर बहुत देर बाद आया। परन्तु फिर भी देश ने सूचना-तकनीक उद्योग में बड़ी तेज़ी से उन्नति की है। भारत में बंगलुरु, मुम्बई, पूना, चेन्नई, हैदराबाद, नोएडा (दिल्ली), गुड़गांव, मोहाली, चण्डीगढ़ आदि शहर सूचना तकनीक उद्योग के मुख्य केन्द्र हैं। इनमें से बंगगलुरु इस उद्योग का सबसे बड़ा केन्द्र है। इसे भारत की ‘सिलीकान घाटी’ कह कर पुकारा जाता है।

PSEB 8th Class Social Science Guide मुख्य उद्योग Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Multiple Choice Questions)

(क) रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :

(1) सिलीकान घाटी संयुक्त राज्य अमेरिका के पश्चिम में ………. राज्य में स्थित है।
(2) रेडियो, टी०वी०, मोबाइल आदि ………. के मुख्य यंत्र हैं।
(3) ……… यू० एस० ए० का महत्त्वपूर्ण लौह-इस्पात केंद्र है।
(4) कपास को ……….. सोना भी कहा जाता है।
(Sample Paper) (5) …………. उद्योग का मुख्य कच्चा माल कपास है।
(6) …………. किस्म की भेड़ से लंबे रेशे वाली ऊन प्राप्त की जाती है।
(7) बोरियाँ, टाट तथा रस्से ……….. से बनते हैं।
उत्तर-

  1. कैलिफोर्निया
  2. सूचना तकनीक
  3. डीट्रोयट
  4. सफेद
  5. सूती कपड़ा उद्योग
  6. मेरीनो
  7. जूट (पटसन)।

(ख) सही कथनों पर (✓) तथा गलत कथनों पर (✗) का निशान लगाएं :

(1) लौह-इस्पात उद्योग को पहले दर्जे का उद्योग माना जाता है।
(2) जमशेदपुर भारत का सबसे पुराना लौह-इस्पात केंद्र है।
(3) लम्बे रेशे वाली कपास, कपास की सबसे बढ़िया किस्म है।
(4) कपास, पटसन, ऊन, रेशम आदि का उपयोग कपड़ा उद्योग में किया जाता है।
(5) सूती कपड़े के मुख्य उत्पादक प्रदेश सूरत, अहमदाबाद, मुंबई आदि हैं।
(6) बंगलुरु में मशीन टूल्स, घड़ियां, मोटरें तथा हवाई जहाज़ बनाने के उद्योग पाये जाते हैं।
उत्तर-

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अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
संसार में लौह-इस्पात उद्योग के वितरण में असमानता क्यों पाई जाती हैं ?
उत्तर-
इसका कारण यह है कि संसार में कच्चे लौह तथा कोयले का वितरण एक समान नहीं है।

प्रश्न 2.
संसार के किस देश ने कच्चा माल न होते हुए भी लौह-इस्पात उद्योग में बड़ी उन्नति की है और कैसे ?
उत्तर-
जापान ने कच्चा माल न होते हुए भी लौह-इस्पात उद्योग में बड़ी उन्नति की है। वह कच्चा लौह तथा कोयला संसार के अन्य देशों से मंगवाता है।

प्रश्न 3.
संयुक्त राज्य अमेरिका में लौह-इस्पात उद्योग के बड़े-बड़े केन्द्र कहां स्थित हैं ? किन्हीं चार केन्द्रों के नाम भी बताइए।
उत्तर-
संयुक्त राज्य अमेरिका में लौह-इस्पात के बड़े-बड़े केन्द्र महान् झीलों के आस-पास स्थित हैं। इसके चार मुख्य केन्द्र पिट्सबर्ग, शिकागो, बरमिंघम तथा अलबामा हैं।

प्रश्न 4.
भारत का सबसे पुराना लौह-इस्पात केन्द्र (कारखाना) कौन-सा है ? इसे कब और किसने लगाया था ?
उत्तर-
भारत का सबसे पुराना लौह-इस्पात कारखाना टाटा आयरन एण्ड स्टील कम्पनी (TISCO) है। इसे 1907 ई० में जमशेद जी टाटा ने लगाया था।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित लौह-इस्पात केन्द्र ( कारखाने ) कब-कब और किस-किस देश के सहयोग से स्थापित किये गयेभिलाई, रुड़केला, दुर्गापुर तथा बोकारो।
उत्तर-
1. भिलाई-1957 में रूस के सहयोग से। 2. रुड़केला-1957 में जर्मनी की सहायता से। 3. दुर्गापुर-1959 में इंग्लैंड की सहायता से। . 4. बोकारो-1964 में रूस की सहायता से।

प्रश्न 6.
स्टील अथार्टी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (SAIL) की स्थापना कब और किस उद्देश्य से की गई ?
उत्तर-
स्टील अथार्टी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड की स्थापना 1973 में लौह-इस्पात उद्योग का अच्छा प्रबंध करने के लिए की गई।

प्रशन 7.
डीट्रोयट (यू० एस० ए०) किन-किन उद्योगों के लिए प्रसिद्ध है ?
उत्तर-
लौह-इस्पात, मोटर गाड़ियां, कृषि मशीनरी, मशीनी पुर्जे, कैमिकल्स, फूड प्रोसेसिंग तथा समुद्री जहाज़ निर्माण आदि।

प्रश्न 8.
सूचना उद्योग में तैयार होने वाले यंत्रों के नाम बताओ।
उत्तर-
सूचना उद्योग में तैयार होने वाले मुख्य यंत्र हैं-रेडियो, टी० वी०, टेलीफोन, मोबाइल फोन, कम्प्यूटर आदि।

प्रश्न 9.
प्रयोग होने वाले कच्चे माल के आधार पर हम कपड़ा उद्योग को कौन-कौन सी श्रेणियों में बांट सकते हैं ?
उत्तर–
प्रयोग होने वाले कच्चे माल के आधार पर हम इस उद्योग को निम्नलिखित श्रेणियों में बांट सकते हैं
(1) सूती कपड़ा उद्योग (2) ऊनी कपड़ा उद्योग (3) रेशमी कपड़ा उद्योग (4) पंटसन कपड़ा उद्योग (5) कृत्रिम रेशम और बनावटी रेशों द्वारा बुने गये कपड़े का उद्योग।

प्रश्न 10.
मुम्बई के बाद भारत का दूसरा बड़ा सूती कपड़ा औद्योगिक केन्द्र कौन-सा शहर है ? यह शहर किस राज्य में है ?
उत्तर-
भारत का दूसरा बड़ा सूती कपड़ा औद्योगिक केन्द्र अहमदाबाद है। यह शहर गुजरात राज्य में है।

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प्रश्न 11.
ओसाका को ‘जापान का मानचेस्टर’ क्यों कहा जाता है ?
उत्तर-
इंग्लैंड के मानचेस्टर की तरह ओसाका (जापान) का सूती कपड़ा उद्योग एक बहुत बड़ा केन्द्र है। जापान का 100% सूती कपड़ा इसी शहर के उद्योगों से प्राप्त होता है। इसीलिए ओसाका को ‘जापान का मानचेस्टर’ कहा जाता है।

प्रश्न 12.
किस शहर को भारत की ‘सिलीकान घाटी’ कहा जाता है ? यहां सूचना-तकनीक उद्योग का विकास कब आरंभ हुआ ?
उत्तर-
कर्नाटक राज्य के बंगलुरु शहर को भारत की ‘सिलीकान घाटी’ कहा जाता है। यहां सूचना-तकनीक उद्योग का विकास 1970 के बाद आरम्भ हुआ।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
कपड़े का निर्माण किस प्रकार के कच्चे माल से किया जाता है ? इस उद्योग का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
कपड़े का निर्माण कई प्रकार के कच्चे माल से किया जाता है। इनमें मुख्य रूप से कपास, पटसन, ऊन, रेशम तथा कृत्रिम रेशे शामिल हैं। महत्त्व-

  • कपड़ा उद्योग बहुत बड़ी मात्रा में लोगों को रोज़गार देता है और राष्ट्रीय आय में वृद्धि करता है।
  • संसार के बहुत-से देशों में कपड़ा उद्योग को मुख्य उद्योगों में शामिल किया जाता है। कपड़ा उद्योग द्वारा बनाया गया कपड़ा पहनने, घरों की सजावट और भिन्न-भिन्न वस्तुओं को पैक करने के काम आता है।
  • मानव की मूल आवश्यकताओं-रोटी, कपड़ा और मकान में कपड़े का महत्त्वपूर्ण स्थान है।

प्रश्न 2.
कपास से सूती कपड़ा बनाने की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
सबसे पहले श्रमिक खेतों से कपास के डोडे इकट्ठे करते हैं। इन्हें मशीनों द्वारा भी इकट्ठा किया जाता है। इनमें बीज होते हैं जिन्हें कपास से अलग कर दिया जाता है।
PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 6 मुख्य उद्योग (2)
इस कपास की पिंजाई करके इसे साफ़ किया जाता है। साफ़ की गई कपास से सूत काता जाता है। इस सूत के धागे (Yarn) को बुनकर कपड़ा तैयार किया जाता है। इसके पश्चात् कपड़े को ज़रूरत अनुसार रंगा जाता है या प्रिंट किया – जाता है। ज़रूरत होने पर इसे अच्छी तरह रंगरहित भी रहने दिया जाता है।

प्रश्न 3.
अहमदाबाद में सूती कपड़ा उद्योग के अनुकूल अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर-

  • अहमदाबाद (गुजरात राज्य) भारत की “कपास पेटी” में आता है इसलिए यहां की कपड़ा मिलों को कपास के रूप में कच्चा माल आसानी से प्राप्त हो जाता है।
  • यहां की जलवायु आर्द्र (नम) है। यह जलवायु कपड़ा उद्योग के लिए वरदान सिद्ध होती है क्योंकि इसमें धागा आसानी से नहीं टूटता।
  • आस-पास ही बड़ी संख्या में सस्ते श्रमिक मिल जाते हैं।
  • बिजली सस्ती है।
  • अहमदाबाद रेलों और सड़कों द्वारा देश के अन्य भागों से पूरी तरह से जुड़ा हुआ है।
  • मुंबई की तुलना में यहां भूमि सस्ते रेटों में मिल जाती है।
  • तैयार माल (कपड़ा) के लिए मांग क्षेत्र भारत में ही मिल जाता है।
  • सरकार भी कपड़ा उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक सुविधाएं प्रदान करती हैं।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न-
रेशमी कपड़ा उद्योग, पटसन कपड़ा उद्योग तथा कृत्रिम रेशों से कपड़ा बनाने के उद्योग का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
रेशमी कपड़ा उद्योग-रेशमी कपड़ा उद्योग में रेशम को कच्चे माल के रूप में प्राप्त किया जाता है। रेशम एक प्रकार के कीड़े से प्राप्त किया जाता है जिसे शहतूत के वृक्ष के पत्तों पर पाला जाता है। रेशम से कपड़ा बनाने की कला लगभग 2500 ईसा पूर्व-चीन में आरंभ हुई थी। अन्य देशों में यह कला तीसरी या चौथी शताब्दी में ही पहुंची। रेशम से कपड़ा बनाने वाले मुख्य देश चीन, जापान, दक्षिणी कोरिया, रूस, भारत, उत्तरी कोरिया तथा ब्राज़ील हैं।
रेशमी कपड़ा काफ़ी महंगा होता है जो प्रायः धनी लोग ही पहनते हैं। इसलिए इसे ‘धनी पोषाक’ भी कहा जाता
है।

पटसन कपड़ा उद्योग-पटसन एक पौधे से मिलने वाला रेशा होता है। यह पौधा प्रायः गर्म और नम क्षेत्रों में उगाया जाता है। पटसन का उपयोग मुख्य रूप से बोरियां, टाट और रस्से बनाने में किया जाता है। परन्तु आजकल इससे कपड़ा भी बनाया जाने लगा है। पटसन से बने बारीक कपड़े की काफ़ी मांग है। पटसन उद्योग मुख्यतः चीन, भारत, बांग्ला देश, थाइलैंड और ब्राजील में विकसित हैं। इस उद्योग में भारत तथा बांग्लादेश संसार में अग्रणी हैं।

कृत्रिम रेशों से कपड़ा बनाने का उद्योग-कृत्रिम रेशों में कृत्रिम रेशे तथा कई प्रकार के अन्य रासायनिक रेशे शामिल हैं। कृत्रिम रेशम भी एक रासायनिक यौगिक है। इसे फैक्ट्रियों में तैयार किया जाता है। नाइलोन, टैरालीन, एवरीलोन, टैटरोन भी रासायनिक रेशे हैं। इनसे बना कपड़ा काफ़ी सस्ता तथा मजबूत होता है। इसलिए यह कपड़ा प्राकृतिक रेशों से बने कपड़े का अच्छा मुकाबला कर रहा है। कृत्रिम रेशों से कपड़ा बनाने वाले मुख्य देश जापान, यू० एस० ए०, इंग्लैंड, जर्मनी, भारत, चीन तथा इटली हैं।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 6 मुख्य उद्योग

मुख्य उद्योग PSEB 8th Class Social Science Notes

  • लौह-इस्पात उद्योग – इस उद्योग को प्राथमिक या पहले दर्जे का उद्योग कहा जाता है क्योंकि यह उद्योग अन्य सभी उद्योगों का आधार है।
  • लौह-इस्पात उद्योग के लिए आवश्यक अवस्थाएं – कच्चे लौह की पूर्ति, बढ़िया किस्म का कोयला, पानी की निरन्तर आपूर्ति, मांग क्षेत्रों की समीपता, यातायात के सस्ते तथा विकसित साधन, शिक्षित श्रमिक तथा पूंजी। .
  • लौह-इस्पात उत्पन्न करने वाले मुख्य देश – चीन, जापान, यू० एस० ए०, रूस, जर्मनी, ब्राजील, भारत तथा इंग्लैण्ड।
  • भारत के मुख्य लौह-इस्पात केन्द्र – जमशेदपुर, बर्नपुर, दुर्गापुर, भिलाई, रुड़केला तथा बोकारो।
    डीट्रोयट – यह यू० एस० ए० का महत्त्वपूर्ण लौह-इस्पात केन्द्र है।
  • कपड़ा उद्योग – कपड़ा मानव की मूल आवश्यकताओं में से एक है। इसका निर्माण कई प्रकार के कच्चे माल द्वारा किया जाता है, जैसे-कपास, पटसन, ऊन, रेशम तथा कृत्रिम रेशे। ।
  • कच्चे माल के आधार पर कपड़ा उद्योग की किस्में – सूती कपड़ा उद्योग, ऊनी कपड़ा उद्योग, रेशमी कपड़ा उद्योग, पटसन वस्त्र उद्योग तथा कृत्रिम रेशम तथा बनावटी रेशों का कपड़ा उद्योग।
  • सूती कपड़ा उद्योग – इस उद्योग का मुख्य कच्चा माल कपास है।
  • सूती कपड़ा उद्योग के लिए आवश्यक तत्त्व – कच्चा माल, पूँजी, सस्ते श्रमिक, यातायात के विकसित साधन, मण्डी का समीप होना तथा अनुकूल जलवायु।
  • सूती कपड़े के मुख्य उत्पादक देश – यू० एस० ए०, रूस, जापान, चीन, इंग्लैण्ड, भारत तथा मिस्र।
  • भारत के मुख्य सूती कपड़ा उद्योग केन्द्र – मुम्बई, शोलापुर, नागपुर, अहमदाबाद, सूरत, ग्वालियर, चेन्नई, कोलकाता, हुगली, कानपुर, लखनऊ, हैदराबाद, भीलवाड़ा, लुधियाना, अमृतसर, फगवाड़ा आदि ।
  • ओसाका – जापान का महत्त्वपूर्ण सूती वस्त्र उद्योग केन्द्र जिसे ‘जापान का मानचेस्टर’ कहा जाता है।
  • सूचना-तकनीक उद्योग – महत्त्व-इसने संसार के लोगों को आपस में जोड़ दिया है।
    मुख्य यन्त्र-रेडियो, टी० वी०, टेलीफोन, मोबाइल फोन, कम्प्यूटर इत्यादि।
    सूचना-तकनीक उद्योग वाले मुख्य देश-यू० एस० ए०, कनाडा, इंग्लैण्ड, चीन, फ्रांस, रूस, जापान, जर्मनी, भारत।
    भारत में सूचना तकनीक उद्योग के केन्द्र-बंगलुरु, मुम्बई, हैदराबाद, दिल्ली, चेन्नई, नोएडा, मोहाली, चण्डीगढ़ आदि।

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