PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 5 औद्योगिक विकास

Punjab State Board PSEB 8th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 5 औद्योगिक विकास Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Social Science Geography Chapter 5 औद्योगिक विकास

SST Guide for Class 8 PSEB औद्योगिक विकास Textbook Questions and Answers

I. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर 20-25 शब्दों में दो :

प्रश्न 1.
वस्तु-निर्माण क्रिया से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
लगभग सभी आरम्भिक (मूल) पदार्थ मनुष्य के प्रयोग में आने से पहले एक विशेष क्रिया से गुज़रते हैं। इसी क्रिया को वस्तु-निर्माण क्रिया कहते हैं। इस क्रिया को बताने के लिए उद्योग शब्द का प्रयोग किया जाता है। उद्योग में कच्चे माल को पक्के माल में बदला जाता है।

प्रश्न 2.
किसी देश के आर्थिक विकास का सही अंदाज़ा कैसे लगाया जा सकता है ?
उत्तर-
किसी देश के आर्थिक विकास का सही अनुमान (अंदाजा) देश के औद्योगिक विकास से लगाया जाता है। संसार के सभी विकसित देश औद्योगिक रूप से पूरी तरह विकसित हैं। .

प्रश्न 3.
उद्योगों को कौन-कौन से तत्त्व प्रभावित करते हैं ?
उत्तर-
उद्योगों को निम्नलिखित तत्त्व प्रभावित करते हैं : (1) कच्चा माल (2) शक्ति के साधन (3) मजदूर (4) यातायात के साधन (5) बाज़ार अथवा मण्डी (6) पानी (7) जलवायु (8) पूंजी (9) सरकार की नीतियां (10) बैंक तथा बीमा आदि की सुविधाएं।

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प्रश्न 4.
निजी उद्योग किन उद्योगों को कहा जाता है ?
उत्तर-
वे उद्योग जो लोग निजी रूप से अथवा कोई फ़र्म बना कर स्थापित करते हैं, निजी उद्योग कहलाते हैं। उदाहरण के लिए एटलस अथवा हीरो साइकिल उद्योग। इस प्रकार उद्योगों में लागत तथा लाभ दोनों पर उद्योग के स्वामी का नियन्त्रण होता है।

प्रश्न 5.
कृषि आधारित उद्योगों में कौन-कौन से कच्चे माल का प्रयोग होता है ?
उत्तर-
कृषि पर आधारित उद्योगों में कृषि से प्राप्त कच्चे माल का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण-कपड़ा उद्योग में कपास को, चीनी उद्योग में गन्ने को तथा चाय उद्योग में चाय की पत्तियों को कच्चे माल के रूप में प्रयोग में लाया जाता है।

प्रश्न 6.
समुद्री जहाज़ों के उद्योग भारत में कहां-कहां हैं ?
उत्तर-
भारत में समुद्री जहाज़ उद्योग विशाखापट्टनम, कोलकाता, चेन्नई, कोचीन (कोच्चि) तथा मुम्बई में स्थित है।

प्रश्न 7.
ऑटोमोबाइल उद्योग का प्रारम्भ कब हुआ ?
उत्तर-
ऑटोमोबाइल उद्योग का प्रारम्भ 19वीं शताब्दी में हुआ।

II. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर 70-75 शब्दों में दो :

प्रश्न 1.
उद्योगों का मानव जीवन पर क्या प्रभाव है ?
उत्तर-
उद्योगों का मानव जीवन पर गहरा प्रभाव है :(1) ये किसी देश के आर्थिक ढांचे को मज़बूत बनाते हैं। (2) ये देश में से गरीबी तथा बेरोज़गारी को दूर करने में सहायता करते हैं। (3) ये पुराने समाज को नये समाज में बदल देते हैं। (4) उद्योगों का विकास किसी देश के आर्थिक विकास को दर्शाता है। (5) उद्योग जीवन-स्तर को ऊंचा उठाते हैं।

प्रश्न 2.
कच्चा माल और शक्ति साधन उद्योगों को कैसे प्रभावित करते हैं ?
उत्तर-
कच्चा माल तथा शक्ति के साधन उद्योगों को निम्नलिखित ढंग से प्रभावित करते हैं :-

  1. कच्चा माल-जिस पदार्थ से कोई वस्तु बनाई जाती है, उसे कच्चा माल कहते हैं। उदाहरण के लिए सूती वस्त्र उद्योग का कच्चा माल कपास है। कोई भी उद्योग लगाने के लिए आवश्यक कच्चे माल की पूर्ति आवश्यक है। यदि कच्चा माल भारी हो तो उद्योग को कच्चे माल के स्रोत के निकट ही स्थापित किया जाना चाहिए। दूसरी ओर यदि कच्चा माल हल्का हो तो उसे दूर तक ले जाया जा सकता है।
  2. शक्ति के साधन-उद्योगों को चलाने के लिए शक्ति के साधनों का होना आवश्यक है। कोयला, खनिज तेल तथा बिजली उद्योगों को चलाने वाले मुख्य शक्ति साधन हैं।

प्रश्न 3.
उद्योगों के विकास में सरकार द्वारा बनाई गई नीतियों की क्या भूमिका है ?
उत्तर-
उद्योगों के विकास में सरकारी नीतियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। किसी स्थान पर उद्योग लगाने के लिए सरकार की मंजूरी लेना ज़रूरी होता है। यह मंजूरी सरकार के अलग-अलग विभागों से लेनी पड़ती है। इन विभागों में प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड, वन विभाग, सुरक्षा विभाग आदि शामिल हैं। वैसे भी किसी स्थान पर कोई उद्योग केन्द्रीय अथवा राज्य सरकार की योजना-नीतियों के अनुसार ही लगाया जा सकता है। किसी प्रदेश में औद्योगिकीकरण करना सीधे तौर पर सरकारी नीतियों पर ही निर्भर करता है। सरकारी नीति के अनुसार किसी सीमावर्ती प्रदेश में औद्योगिक विकास नहीं हो सकता।

प्रश्न 4.
बड़े, मध्यम और छोटे पैमाने वाले उद्योगों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर-
बड़े पैमाने के उद्योग-जिन उद्योगों में मजदूरों की संख्या बहुत अधिक होती है, उन्हें बड़े पैमाने के उद्योग कहा जाता है। इन उद्योगों में पूंजी भी बहुत अधिक लगती है। पूंजी की राशि 10 करोड़ या अधिक होती है। – मध्यम पैमाने के उद्योग-इन उद्योगों में मजदूरों की संख्या तथा पूंजी की राशि बड़े पैमाने के उद्योगों से कम होती है। पूंजी की राशि 5 करोड़ से 10 करोड़ तक होती है।

छोटे पैमाने के उद्योग-छोटे पैमाने के उद्योगों में मज़दूर बहुत ही कम संख्या में होते हैं। नई औद्योगिक नीति के अनुसार इन उद्योगों में पूंजी की लागत 5 करोड़ तक होती है।

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प्रश्न 5.
भारी और हल्के उद्योगों में उदाहरण सहित अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर-
भारी उद्योग-जिन उद्योगों का कच्चा माल बहुत भारी होता है, उन्हें भारी उद्योग कहते हैं। लोहा-इस्पात उद्योग, समुद्री जहाज़ उद्योग तथा रेलवे उद्योग भारी उद्योगों के उदाहरण हैं। हल्के उद्योग-जिन उद्योगों में हल्के कच्चे माल का प्रयोग किया जाता है, वे हल्के उद्योग कहलाते हैं। इनमें तैयार माल भी हल्का होता है। पंखे, पैसें, घड़ियां आदि उद्योग हल्के उद्योगों में शामिल हैं।

प्रश्न 6.
कपड़ा (वस्त्र) और लौह-इस्पात उद्योग के मुख्य देश कौन-कौन से हैं ? भारत के तीन कपड़ा उद्योग के केन्द्रों के नाम लिखो।
उत्तर-
कपड़ा उद्योग-कपड़ा उद्योग में इंग्लैण्ड संसार में सबसे आगे है। कपड़ा उद्योग के अन्य मुख्य देश संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, जापान, चीन, मित्र तथा भारत हैं।

लोहा-इस्पात उद्योग-लोहा-इस्पात उद्योग में संयुक्त राज्य अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ के देश तथा जर्मनी सबसे आगे है। ये देश संसार के कुल लोहा-इस्पात का 50 प्रतिशत पैदा करते हैं। इस उद्योग के अन्य मुख्य देश इंग्लैण्ड, फ्रांस, कनाडा, जापान, चीन तथा भारत हैं।
भारत में वस्त्र उद्योग के केन्द्र-भारत के तीन प्रमुख वस्त्र उद्योग केन्द्र मुम्बई (महाराष्ट्र), अहमदाबाद (गुजरात) तथा कोलकाता (पश्चिमी बंगाल) हैं।

प्रश्न 7.
हवाई जहाज़ों का प्रयोग कहाँ होता है ? भारत में हवाई जहाज़ बनाने वाले मुख्य केन्द्र कौन-से हैं ?
उत्तर-
हवाई जहाज़ों का प्रयोग निम्नलिखित कार्यों में होता है-

  1. दुर्गम स्थानों पर पहुंचने के लिए।
  2. वायु सेना में शत्रु के ठिकानों पर हमला करने के लिए।
  3. आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुंचाने के लिए।
  4. विदेशों से संपर्क बनाए रखने के लिए।
  5. तीव्र यात्रा के लिए।

III. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लगभग 200-250 शब्दों में लिखो :

प्रश्न 1.
उद्योगों को प्रभावित करने वाले तत्त्वों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
उत्तर-
उद्योगों की स्थापना तथा विकास को कई तत्त्व प्रभावित करते हैं। इनमें से मुख्य तत्त्वों का वर्णन इस प्रकार-

  • कच्चा माल-जिस पदार्थ से कोई वस्तु बनाई जाती है, उसे कच्चा माल कहते हैं। उदाहरण के लिए सूती वस्त्र उद्योग का कच्चा माल कपास है। कोई भी उद्योग लगाने के लिए आवश्यक कच्चे माल की पूर्ति आवश्यक है। यदि कच्चा माल भारी हो तो उद्योग को कच्चे माल के स्रोत के निकट ही स्थापित किया जाना चाहिए। दूसरी ओर यदि कच्चा माल हल्का हो तो उसे दूर तक ले जाया जा सकता है।
  • शक्ति के साधन-उद्योगों को चलाने के लिए शक्ति के साधनों का होना आवश्यक है। कोयला, खनिज तेल तथा बिजली उद्योगों को चलाने वाले मुख्य शक्ति साधन हैं।
  • मज़दूर अथवा श्रमिक-उद्योगों को चलाने के लिए मज़दूरों की ज़रूरत होती है। मज़दूर सस्ते, कुशल तथा प्रशिक्षित होने चाहिए। आज के मशीनी युग में भी उद्योगों में मजदूरों का अपना महत्त्व है। .
  • यातायात के साधन-उद्योगों के लिए तरह-तरह का सामान इकट्ठा करने, मज़दूरों के आने-जाने तथा तैयार माल को बाज़ार तक पहुंचाने के लिए यातायात के विकसित साधनों की ज़रूरत होती है।
  • मण्डी अथवा बाज़ार-उद्योगों में तैयार माल को बेचने के लिए मण्डी (बाज़ार) निकट होनी चाहिए। बाज़ार में तैयार माल की मांग होना भी ज़रूरी है।
  • पानी-उद्योगों की स्थापना के लिए पानी भी बहुत आवश्यक है। इसलिए अनेक उद्योग नदियों तथा झीलों के किनारे लगाये जाते हैं। जिन उद्योगों को कम पानी की ज़रूरत होती है, उन्हें नदियों आदि से दूर भी लगाया जा सकता है। फिर भी मजदूरों के प्रयोग तथा अन्य छोटे-मोटे कार्यों के लिए आवश्यक पानी की पूर्ति अवश्य होनी चाहिए।
  • जलवायु-उद्योगों की स्थापना पर जलवायु का प्रभाव भी पड़ता है। बहुत अधिक गर्म या ठण्डे स्थान उद्योगों की स्थापना के लिए ठीक नहीं रहते। सूती कपड़ा उद्योग के लिए थोड़ी नमी वाला स्थान उपयुक्त रहता है। ऐसे स्थान पर धागा बार-बार नहीं टूटता।
  • पूंजी-पूंजी के बिना किसी उद्योग की स्थापना नहीं की जा सकती। पूंजी कम होने पर उद्योग का विकास भी नहीं हो पाता। इसलिए उद्योग को आवश्यक पूंजी अवश्य मिलनी चाहिए।
  • सरकार की नीतियां–उद्योगों के विकास में सरकारी नीतियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। किसी स्थान पर उद्योग लगाने के लिए सरकार की मंजूरी लेना ज़रूरी होता है। वैसे भी किसी स्थान पर कोई उद्योग केन्द्रीय अथवा राज्य सरकार की योजना-नीतियों के अनुसार ही लगाया जा सकता है। किसी प्रदेश में औद्योगिकीकरण करना अथवा कोई औद्योगिक विकेन्द्रीकरण करना सीधे तौर पर सरकारी नीतियों पर ही निर्भर करता है।
  • बैंक तथा बीमा आदि की सुविधाएं-उद्योगों की स्थापना, मज़दूरों को वेतन अथवा मजदूरी देने, कच्चा माल खरीदने तथा तैयार माल को बेचने आदि कार्यों के लिए पैसे का काफ़ी लेन-देन करना पड़ता है। अतः पैसे की सुरक्षा, उचित हिसाब-किताब तथा लेन-देन के लिए निकट ही बैंक की सुविधा होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त मशीनों पर काम करते समय किसी भी समय दुर्घटना हो सकती है जिससे मशीन अथवा श्रमिक को हानि पहुंच सकती है। इस क्षति की पूर्ति के लिए मशीनों तथा श्रमिकों के बीमे की सुविधा होनी चाहिए।

प्रश्न 2.
उद्योगों को मुख्य रूप से किस-किस आधार पर बांटा गया है ? कच्चे माल पर आधारित उद्योगों की किस्मों का वर्णन करो।
उत्तर-
उद्योगों को मुख्य रूप से निम्नलिखित आधारों पर बांटा गया है :

  1. आकार के आधार पर
  2. कच्चे माल के आधार पर
  3. स्वामित्व (मिलकियत) के आधार पर।

कच्चे माल के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण-कच्चे माल के आधार पर उद्योगों को निम्नलिखित दो प्रकार से बांटा गया है :

A. कच्चे माल के भार के आधार पर

  • भारी उद्योग-जिन उद्योगों का कच्चा माल बहुत भारी होता है, उन्हें भारी उद्योग कहते हैं । लोहा-इस्पात उद्योग, समुद्री जहाज़ उद्योग तथा रेलवे उद्योग भारी उद्योगों के उदाहरण हैं।
  • हल्के उद्योग-जिन उद्योगों में हल्के कच्चे माल का प्रयोग किया जाता है, वे हल्के उद्योग कहलाते हैं। इनमें तैयार माल भी हल्का होता है। पंखे, पैसें, घड़ियां आदि उद्योग हल्के उद्योगों में शामिल हैं।

B. कच्चे माल की किस्म अथवा स्रोत के आधार पर

  • खेती (कृषि) पर आधारित उद्योग-जिन उद्योगों के लिए कच्चा माल कृषि से प्राप्त होता है, उन्हें कृषि आधारित उद्योग कहते हैं। कपड़ा उद्योग, चाय उद्योग तथा चीनी उद्योग कृषि आधारित उद्योग हैं।
  • खनिज पदार्थों पर आधारित उद्योग-जिन उद्योगों में खनिज पदार्थों को कच्चे माल के रूप में प्रयोग किया जाता है, उन्हें खनिज-आधारित उद्योग कहा जाता है। लोहा-इस्पात उद्योग तथा एल्यूमीनियम उद्योग इनके उदाहरण हैं।
  • जानवरों पर आधारित उद्योग-इन उद्योगों के लिए कच्चा माल जानवरों से प्राप्त होता है। इन उद्योगों में डेयरी उद्योग, चमड़ा उद्योग, ऊनी कपड़ा उद्योग तथा जानवरों की हड्डियों से सम्बन्धित उद्योग शामिल हैं।
  • वनों (जंगलों) पर आधारित उद्योग-इन उद्योगों को कच्चा मालं वनों से प्राप्त होता है। इन उद्योगों के मुख्य उदाहरण कागज उद्योग, लकड़ी उद्योग तथा माचिस उद्योग हैं।

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PSEB 8th Class Social Science Guide औद्योगिक विकास Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Multiple Choice Questions)

(क) रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :

1. वे उद्योग जिनका कच्चा माल भारी होता है ……….. उद्योग कहलाते हैं।
2. कपड़ा उद्योग, चाय उद्योग …………… उद्योग तथा कृषि आधारित उद्योग हैं।
3. डेयरी उद्योग, चमड़ा उद्योग आदि उद्योग …………. आधारित उद्योग हैं।
4. एक सहकारी संस्था बनाकर उसके सदस्यों के सहयोग से चलाए जाने वाले उद्योग ……….. कहलाते हैं।
5. प्राकृतिक रूप से प्राप्त होने वाले पदार्थ ………….. उत्पाद कहलाते हैं।
6. बंगलौर भारत के …………. राज्य की राजधानी है।
7. बड़े पैमाने के उद्योगों में – करोड़ या इससे अधिक पूंजी. वाले उद्योग शामिल हैं।
उत्तर-

  1. भारी
  2. चीनी
  3. जानवर
  4. सहकारी
  5. प्राथमिक
  6. कर्नाटक
  7. पांच।

(ख) सही कथनों पर (✓) तथा गलत कथनों पर (✗) का निशान लगाएं : .

1. कच्चा माल, शक्ति के साधन, मजदूर, मण्डी, पानी इत्यादि तत्त्व उद्योगों को प्रभावित करते हैं।
2. कागज उद्योग तथा लकड़ी उद्योग जानवरों पर आधारित उद्योग हैं।
3. पंजाब ट्रैक्टर लिमिटेड (मोहाली तथा होशियारपुर) निजी उद्योग हैं।
4. कपड़ा उद्योग में भारत संसार में सबसे आगे है।
5. छोटे पैमाने के उद्योगों में मज़दूर बहुत ही कम संख्या में होते हैं।
6. जिस पदार्थ से कोई वस्तु बनाई जाती है उसे पक्का माल कहा जाता है।
7. इंग्लैंड को कपड़ा उद्योग का लीडर माना जाता है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✗)
  3. (✗)
  4. (✗)
  5. (✓)
  6. (✗)
  7. (✓).

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
प्राथमिक उत्पाद (Primary Produsets) क्या होते हैं। ? मनुष्य को ये कहां से प्राप्त होते हैं ?
उत्तर-
प्राकृतिक रूप से प्राप्त होने वाले पदार्थ प्राथमिक उत्पादकहलाते हैं। मनुष्य को ये पदार्थ खेती, वनों, मछलियों, खानों तथा जानवरों से प्राप्त होते हैं।

प्रश्न 2.
किस प्रकार के उद्योग कच्चे माल के स्रोत के निकट लगाए जाते हैं ?
उत्तर-
जिन उद्योगों का कच्चा माल तथा तैयार माल भारी होता है, वे कच्चे माल के स्रोत के निकट लगाये जाते हैं।

प्रश्न 3.
जंगलों तथा जानवरों पर आधारित दो-दो उद्योगों के नाम बताओ।
उत्तर-
जंगलों पर आधारित उद्योग-कागज उद्योग तथा लकड़ी उद्योग। .. जानवरों पर आधारित उद्योग-डेयरी उद्योग तथा चमड़ा उद्योग।

प्रश्न 4.
सहकारी उद्योग क्या होते हैं ?
उत्तर-
जो उद्योग एक सहकारी संस्था बना कर, उसके सदस्यों के सहयोग से लगाए जाते हैं, उन्हें सहकारी उद्योग कहते हैं। पंजाब ट्रैक्टर लिमिटेड (मोहाली तथा होशियारपुर) इसी प्रकार का उद्योग है।

प्रश्न 5.
कौन-कौन से उद्योगों को मुख्य उद्योगों में शामिल किया जाता है ? किन्हीं छः के नाम बताओ।
उत्तर-
(1) लोहा-इस्पात उद्योग (2) कपड़ा उद्योग (3) ऑटोमोबाइल उद्योग (4) समुद्री जहाज़ उद्योग (5) वायुयान उद्योग (6) रेलवे इंजनों का उद्योग।

प्रश्न 6.
भारत के लौह-इस्पात पैदा करने वाले चार राज्यों के नाम बताइए।
उत्तर-
बिहार, मध्य प्रदेश, उड़ीसा तथा पश्चिमी बंगाल।

प्रश्न 7.
वायुयान उद्योग में संसार के कौन-कौन से देश अग्रणी हैं ?
उत्तर-
संयुक्त राज्य अमेरिका, रूंस, इंग्लैण्ड, फ्रांस, कनाडा, इटली, आस्ट्रेलिया, जापान तथा चीन।

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अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
कोई चार उदाहरण दीजिए जिनसे पता चले कि लगभग प्रत्येक प्राथमिक पदार्थ मनुष्य के प्रयोग में आने से पहले एक विशेष प्रक्रिया में से गुजरता है।
उत्तर-

  • खेतों से प्राप्त गेहूं को पीसकर आटा बनाया जाता है। फिर आटे से रोटी, डबल रोटी, बिस्कुट तथा खाने के लिए अन्य पदार्थ बनाए जाते हैं।
  • कपास के गीले डोडों को साफ करके रूई बनाई जाती है। रूई से धागा तैयार करके कपड़ा बुना जाता है।
  • गन्ने के रस से चीनी तथा गुड़ बनाया जाता है। (4) धरती से प्राप्त कच्चे लौह को साफ़ करके लोहे या स्टील की वस्तुएं बनाई जाती हैं।

प्रश्न 2.
संसार के ऑटोमोबाइल उद्योग पर एक नोट लिखो।
उत्तर-
संसार में ऑटोमोबाइल उद्योग का प्रारम्भ उन्नीसवीं शताब्दी के अन्त में हुआ। इस उद्योग में संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैण्ड, जर्मनी, जापान, फ्रांस, स्वीडन और यूरोप के कई अन्य देश मुख्य हैं। कनाडा, आस्ट्रेलिया, स्पेन, चीन और भारत जैसे देशों में भी बहुत से ऑटोमोबाइल उद्योग स्थापित हैं। भारत में इस उद्योग के मुख्य केन्द्र मुम्बई, चेन्नई, जमशेदपुर, जबलपुर, कोलकाता, कानपुर, अहमदाबाद, फरीदाबाद, गुड़गांव आदि हैं।

प्रश्न 3.
संसार तथा भारत में रेल इंजन तथा रेल के डिब्बे बनाने के उद्योगों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
संसार में रेल के इंजन तथा रेल के डिब्बे बनाने वाले मुख्य देश संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, इंग्लैण्ड, जर्मनी और जापान हैं। भारत में चितरंजन (पश्चिमी बंगाल) वाराणसी. (उत्तर प्रदेश) तथा जमशेदपुर (झारखण्ड) रेल के इंजन बनाने के लिए प्रसिद्ध हैं। पैराम्बूर (तमिलनाडु), बंगलौर (कर्नाटक) और कपूरथला (पंजाब) रेल के डिब्बे बनाने के मुख्य औद्योगिक केन्द्र हैं।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न-
मालकीयत (स्वामित्व) आधारित उद्योगों का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर-
मालकीयत आधारित मुख्य उद्योग निम्नलिखित हैं

  1. निजी क्षेत्र के उद्योग-जो उद्योग लोगों द्वारा निजी रूप से या फर्म बनाकर लगाये जाते हैं, उन्हें निजी क्षेत्र के उद्योग कहा जाता है। इस प्रकार के उद्योगों में पूंजी, लाभ या हानि पर उद्योग मालिक का नियन्त्रण होता है। हीरो साइकिल उद्योग इसी प्रकार का उद्योग है।
  2. सरकारी क्षेत्र के उद्योग-सरकार या उसकी एजेंसियों द्वारा लगाये गये उद्योग सरकारी क्षेत्र के उद्योग कहलाते हैं। इन उद्योगों में पूंजी, लाभ और हानि पर सरकार का नियन्त्रण होता है। भारत हैवी इलेक्ट्रिकल (भोपाल) और रेल कोच फैक्टरी कपूरथला आदि सरकारी क्षेत्र के उद्योगों के उदाहरण हैं।
  3. साझे क्षेत्र के उद्योग-जो उद्योग सरकार और प्राइवेट लोगों या एजेंसियों द्वारा साझे रूप में लगाये जाते हैं उन्हें साझे क्षेत्र के उद्योग कहा जाता है। उदाहरण के लिए पंजाब ट्रैक्टर लिमिटेड (मोहाली और होशियारपुर) तथा गुजरात औलकलीज़ लिमिटेड आदि उद्योग साझे क्षेत्र में आते हैं। .
  4. सहकारी क्षेत्र-जो उद्योग एक सहकारी संस्था बनाकर उसके सदस्यों के सहयोग से लगाये जाते हैं, उन्हें सहकारी उद्योग कहा जाता है। सहकारी चीनी मिलें तथा सहकारी कपड़ा मिलें इसी प्रकार के उद्योग हैं।
  5. बहु-देशीय उद्योग-इस प्रकार के उद्योगों में एक मुख्य कम्पनी अपना उद्योग, एक साथ कई देशों में लगाती है। इसीलिए इन उद्योगों को बहु-देशीय उद्योग कहा जाता है। बहु-देशीय उद्योगों में कारों की कम्पनियां तथा कोकाकोला आदि कम्पनियां शामिल हैं।

औद्योगिक विकास PSEB 8th Class Social Science Notes

  • निर्माण क्रिया – प्रत्येक प्राथमिक पदार्थ, मनुष्य के प्रयोग में आने से पहले एक विशेष क्रिया में से गुज़रता है इसे निर्माण क्रिया (Manufacturing) कहा जाता है।
  • उद्योगों का महत्त्व मनुष्य के जीवन में उद्योगों का बहुत महत्त्व है। ये रोज़गार जुटाते हैं तथा जीवन-स्तर को ऊंचा उठाते हैं।
  • उद्योगों को प्रभावित करने वाले महत्त्वपूर्ण कारक-
    • कच्चा माल
    • शक्ति साधन
    • श्रमिक
    • यातायात के साधन
    • मण्डियां
    • जल
    • जलवायु
    • पूंजी
    • सरकारी नीतियां
    • बैंक एवं बीमा सुविधाएं
  • उद्योगों का वर्गीकरण
    (A) आकार पर आधारित उद्योग

    • बड़े पैमाने वाले उद्योग
    • मध्यम पैमाने वाले उद्योग
    • छोटे पैमाने वाले उद्योग

(B) कच्चे माल पर आधारित उद्योग

(1) कच्चे माल के भार पर आधारित -भारी उद्योग, हल्के उद्योग
(2) कच्चे माल की किस्म या स्रोत के आधार पर –

  • कृषि आधारित उद्योग
  • खनिज पदार्थों पर आधारित उद्योग
  • जानवरों पर आधारित उद्योग
  • वनों पर आधारित उद्योग

(C) मलकीयत (स्वामित्व) के आधार पर-

  • निजी क्षेत्र के उद्योग
  • सरकारी क्षेत्र के उद्योग
  • सहकारी क्षेत्र -साझे क्षेत्र के उद्योग
  • बहु-देशीय कम्पनियां

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मुख्य उद्योग और वर्गीकरण – उद्योग तो कई प्रकार के हैं परन्तु मुख्य उद्योगों में लौह-इस्पात उद्योग, कपड़ा उद्योग, ऑटोमोबाइल उद्योग, समुद्री जहाजों के उद्योग, वायुयान उद्योग, रेलवे इंजन और रेल के डिब्बे बनाने वाले उद्योग तथा इलेक्ट्रोनिक्स उद्योग को शामिल किया जाता है। ये उद्योग संसार के भिन्न-भिन्न भागों में केन्द्रित हैं।

कृषि पर आधारित उद्योग – वस्त्र, चीनी, वनस्पति तेल आदि उद्योगों के लिए कच्चा माल कृषि से मिलता है। इसलिए इन्हें कृषि आधारित उद्योग कहते हैं।

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