Punjab State Board PSEB 6th Class Physical Education Book Solutions Chapter 5 सुरक्षा शिक्षा Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 6 Physical Education Chapter 5 सुरक्षा शिक्षा
PSEB 6th Class Physical Education Guide सुरक्षा शिक्षा Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
सुरक्षा शिक्षा किसे कहते हैं ?
उत्तर-
सुरक्षा शिक्षा (Safety Education)-सुरक्षा शिक्षा वह विज्ञान है जिससे हमें प्रतिदिन जीवन में घटने वाली दुर्घटनाओं के बारे में पता चलता है। यदि हमें सुरक्षा के नियमों का ज्ञान न हो अथवा उन नियमों का हम पालन न करें तो हम दुर्घटनाओं का शिकार हो सकते हैं। सुरक्षा शिक्षा वह शिक्षा है जो हमें दुर्घटनाओं और टकराने से बचाती है। वर्तमान मशीनी युग में दुर्घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। समाचार-पत्रों में प्रतिदिन किसीन-किसी दुर्घटना का समाचार प्रकाशित होता रहता है। दुर्घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा शिक्षा की बहुत ही अधिक आवश्यकता है। इस शिक्षा के ज्ञान के द्वारा हम काफ़ी समय तक दुर्घटनाओं को कम कर सकते हैं। यदि हम सुरक्षा सम्बन्धी नियमों का पालन करें तो कोई कारण नहीं कि हम दुर्घटनाओं का शिकार बनें। इस प्रकार सुरक्षा शिक्षा हमें सुखी और लम्बा जीवन व्यतीत करने में बहुत सहायक हो सकती है।
प्रश्न 2.
सुरक्षा शिक्षा की क्या आवश्यकता है ?
उत्तर-
सुरक्षा शिक्षा की आवश्यकता (Need for Safety Education)-वर्तमान युग मशीनों का युग है। आजकल यातायात के साधन बहुत ही विकसित और तेज़ हैं।
सड़कों पर यातायात की भरमार होती है। इसलिए प्रतिदिन अनेक दुर्घटनाएं होती हैं। कोई ऐसा दिन नहीं जाता, जबकि समाचार-पत्रों में किसी दुर्घटना का समाचार प्रकाशित न हो। कहीं दो कारों की टक्कर होती है, कहीं कार ट्रक से टकराती है, कहीं बस किसी खड्डे में गिर जाती है और कहीं स्कूल जाता बच्चा कार अथवा ट्रक के नीचे आ जाता है। इस प्रकार की दुर्घटनाओं से बहुत-सी जानों और सम्पत्ति की क्षति होती है। इन दुर्घटनाओं से बचने का एकमात्र इलाज सुरक्षा शिक्षा है। सुरक्षा शिक्षा द्वारा हमें ऐसे नियमों की जानकारी हो जाएगी, जिनका पालन करके हम दुर्घटनाओं का शिकार नहीं हो सकते। इसलिए वर्तमान युग में सुरक्षा-शिक्षा की बहुत ही अधिक आवश्यकता है।
- सुरक्षा शिक्षा द्वारा प्रतिदिन घटने वाली दुर्घटनाओं पर नियन्त्रण करने का अवसर मिलता है।
- सुरक्षा शिक्षा हमें सरलता से सड़क पार करने में सहायता करती है।
- सुरक्षा शिक्षा के ज्ञान द्वारा हम चौराहे पर खड़े सिपाही के इशारों को समझ कर दुर्घटनाओं से बच सकते हैं।
- सुरक्षा के ज्ञान से ही हम हमेशा सड़क के बाएं हाथ चलते हैं। .
- सुरक्षा शिक्षा के नियमों का ज्ञान होते हुए हम अपने से आगे जाने वाले साइकिल, कार, स्कूटर, रिक्शा आदि को पार करते समय हम उस के दाएं तरफ से जाएंगे।
प्रश्न 3.
घर में चोटें लगने के क्या कारण हैं ?
उत्तर-
यह प्राय: देखने में आता है कि हमारे घरों और स्कूलों में दुर्घटनाएं होती रहती हैं। घर अथवा स्कूल में चोट लगने के अलग-अलग कारणों का विवरण इस प्रकार है
घर में चोटें लगने के कारण (Causes of injuries at Home)-घरों में अक्सर दुर्घटनाएं रसोई घर, गुसलखाने, रिहायशी कमरों, सीढ़ियों अथवा आंगन में होती हैं। इन स्थानों पर दुर्घटनाएं होने के कारण इस प्रकार हैं –
(क) रसोई घर में दुर्घटना के कारण (Causes of injuries at Kitchen)
- धुएं के निकास का उचित प्रबन्ध न होना।
- प्रकाश का उचित प्रबन्ध न होना।
- रसोई घर का फ़र्श अधिक फिसलन वाला होना।
- रसोई घर में बिजली की तारें नंगी होना।
- ज्वलनशील कपड़े पहन कर रसोई में कार्य करना।
- रसोई घर की भली प्रकार सफ़ाई न होना।
- चाकू, छुरियों आदि वस्तुओं का ठिकाने पर न पड़े होना।
- जलती हुई लकड़ियों और कोयलों के प्रति लापरवाही बरतना।
- मिट्टी के तेल आदि का उचित स्थान पर न पड़े होना।
- रसोई में साबुन, जूठे बर्तनों आदि का बिखरे होना।
(ख) गुसलखानों में दुर्घटनाओं के कारण (Causes of injuries at Bathroom)
- गुसलखाने के फ़र्श पर साबुन, तेल आदि बिखरा होना।
- गुसलखाने में स्थान तंग होना।
- गुसलखाने में पानी की टूटी अथवा फव्वारे का उचित ऊंचाई पर न होना।
- गुसलखाने में ब्लेड, सूई, पिन, तेल की टूटी शीशी पड़े होना।
- गुसलखाने में खूटियों का उचित स्थान पर लगे न होना।
- गुसलखाने में फर्श पर काई आदि का जमना।
(ग) रिहायशी कमरे में दुर्घटना के कारण (Causes of injuries at Living Room) –
- फ़र्श पर बच्चों के खिलौने बिखरे होना।
- फ़र्श फिसलन वाला होना।
- फ़र्श पर बिछी दरी और गलीचे का मुड़ा होना।
- फ़र्नीचर ठीक स्थान पर न पड़ा होना।
- सिगरेट-बीड़ी आदि के जलते टुकड़ों को इधर-उधर फर्श पर फेंकना।
- कमरे में रोशनी का उचित प्रबन्ध न होना।
- सर्दियों में जलती हुई अंगीठी रखकर सो जाना।
- चलने-फिरने में रुकावटों का होना।
- बन्दूक, पिस्तौल और तलवार का ठीक ठिकाने पर न पड़े होना।
- बिस्तरों में कैंची, चाक आदि पड़े होना।
(घ) सीढ़ियों पर दुर्घटना के कारण (Causes of injuries on stairs)
- सीढ़ियों पर प्रकाश का उचित प्रबन्ध न होना।
- सीढ़ियों का तंग होना।
- सीढ़ियों पर चढ़ते अथवा उतरते समय मज़बूत सहारे का न होना।
- अन्तिम अथवा पहली सीढ़ी की कोई विशेष निशानी न होना।
- सीढ़ियों पर चारपाई या साइकिल अथवा अन्य सामान रखना।
(ङ) आंगन में दुर्घटना के कारण (Causes of injuries at Lawn)
- आंगन का समतल न होना।
- आंगन में कूड़ा-कर्कट बिखरा होना।
- पशुओं का खूटा आंगन में गड़ा होना।
- बच्चों द्वारा खेलते समय आंगन में गड्ढे खोदना।
- पशुओं का चारा आदि आंगन में बिखरा होना।
स्कूल में दुर्घटना के कारण (Causes of injuries at School)-दुर्घटनाएं केवल घरों में ही नहीं होतीं बल्कि स्कूलों में भी हो जाती हैं। स्कूल में दुर्घटनाओं के निम्नलिखित कारण हैं –
- खेलों के मैदान साफ़-सुथरे और समतल न होना।
- खेलों के टूटे-फूटे सामान का इधर-उधर बिखरे पड़े होना।
- स्कूलों के फ़र्श गंदे अथवा फिसलन वाले होना।
- बच्चों द्वारा केले, संगतरे आदि के छिलके इधर-उधर फेंकना।
- स्कूल के मूत्रालय अथवा शौचालय में फिसलन का होना।
- खेलों में अनाड़ी खिलाड़ियों का भाग लेना।
- खेलों की ट्रेनिंग अनुभवी अध्यापकों द्वारा न देना।
प्रश्न 4.
घर में बचाव के क्या-क्या तरीके हैं ?
उत्तर-
घर में बचाव की विधियां (Methods of Safety at Home)-घर में दुर्घटनाओं से बचाव की मुख्य विधियां निम्नलिखित हैं
- घर में रोशनी का उचित प्रबन्ध करना चाहिए।
- रसोई में से धुएं के निकास का उचित प्रबन्ध होना चाहिए।
- घर में बिजली की तारें नंगी नहीं रखनी चाहिएं।
- कमरों के फ़र्श की अच्छी तरह से सफ़ाई रखनी चाहिए।
- स्नानगृह (गुसलखाने) में काई (हरियाली) नहीं रहने देनी चाहिए।
- घर का सारा सामान उचित ढंग से रखना चाहिए।
- फ़र्श पर चाकू, कैंची आदि नहीं रखना चाहिए। इन्हें प्रयोग करने के बाद उचित स्थान पर रख देना चाहिए।
- रसोई में आग को भड़काने वाले कपड़े पहनकर काम नहीं करना चाहिए।
- सिगरेट और बीड़ियों के जलते हुए टुकड़ों को फ़र्श पर इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए।
- सर्दियों में जलती हुई अंगीठी कमरे में रख कर नहीं सोना चाहिए।
- सीढ़ियों पर चारपाइयां, साइकिल आदि सामान नहीं रखना चाहिए।
- सीढ़ियों पर चढ़ने और उतरने के लिए मज़बूत आश्रय (सहारे) होने चाहिएं।
- घर का आंगन साफ़-सुथरा और समतल होना चाहिए।
- पशुओं का चारा या अन्य सामान आंगन में बिखरा हुआ नहीं होना चाहिए।
- घर का सारा फर्नीचर यथा स्थान होना चाहिए।
प्रश्न 5.
सुरक्षा शिक्षा की ज़िम्मेवारी किस-किस की है ?
उत्तर-
सुरक्षा शिक्षा का दायित्व (Responsibility for Safety Education)सुरक्षा शिक्षा का दायित्व किसी एक व्यक्ति या संस्था का नहीं है। यह तो माता-पिता, अध्यापक, नगरपालिका, सरकार और समाज का सामूहिक उत्तरदायित्व है।
घर को प्राथमिक पाठशाला कहा जाता है। बच्चा अपना अधिक समय घर में ही व्यतीत करता है। इसलिए माता-पिता की ज़िम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों को सुरक्षा सम्बन्धी ज्ञान दें। इससे बच्चे दुर्घटनाओं का शिकार नहीं होंगे। घर के पश्चात् स्कूल एक ऐसा स्थान है जहां बच्चा पांच-छ: घण्टे व्यतीत करता है। स्कूल में अध्यापकों का कर्त्तव्य है कि वे बच्चों को सुरक्षा की शिक्षा दें ताकि वे स्कूल आते-जाते या मैदान में खेलते समय किसी दुर्घटना का शिकार न हों। इसी प्रकार नगरपालिका और सरकार की भी जिम्मेवारी है कि वह लोगों को सुरक्षा सम्बन्धी जानकारी दे। इससे प्रतिदिन होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आयेगी। लोग लम्बी आयु व्यतीत कर सकेंगे।
प्रश्न 6.
सुरक्षा के लिए कौन-कौन सी संस्थाएं सहायक हो सकती हैं और कैसे ?
उत्तर-
सुरक्षा के लिए सहायक संस्थाएं-सुरक्षा के लिए निम्नलिखित संस्थाएं सहायता प्रदान कर सकती हैं –
1. स्कूल और कॉलेज (School and Colleges)-स्कूलों और कॉलेजों में ही अध्यापकों को सुरक्षा के नियमों के विषय में जानकारी देनी चाहिए। .
2. नगरपालिका (Municipal Committees)-नगरपालिका को भी सिनेमा, स्लाइडों और प्रदर्शनियों द्वारा सुरक्षा-सम्बन्धी नियमों का प्रचार करना चाहिए।
3. समाज (Society)-समाज भी सुरक्षा के लिए सहायक हो सकता है। समाज द्वारा लोगों को सुरक्षा सम्बन्धी जानकारी देनी चाहिए। लोगों को इस बात का ज्ञान होना चाहिए कि सड़कों, गलियों में छिलके आदि न फेंकें। यदि सड़क पर कोई रुकावट हो तो उसे हटाने का प्रयत्न करना चाहिए।
4. सरकार (Government) सरकार भी लोगों की सुरक्षा सम्बन्धी बहुत सहायता कर सकती है। सरकार को पैदल चलने वालों के लिए सड़क पर फुटपाथ बनाने चाहिएं। लोगों को ट्रेनिंग के नियमों के विषयों में जानकारी देनी चाहिए। यातायात को कण्ट्रोल में रखने के लिए प्रत्येक चौराहे (चौक) पर सिपाही या ट्रैफिक लाइटों का प्रबन्ध करना चाहिए।
Physical Education Guide for Class 6 PSEB सुरक्षा शिक्षा Important Questions and Answers
बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
जो शिक्षा हमें दुर्घटनाओं से बचाने की शिक्षा देती है उसे क्या कहते हैं ?
उत्तर-
सुरक्षा शिक्षा।
प्रश्न 2.
कौन-सी शिक्षा द्वारा हम दुर्घटनाओं को कम कर सकते हैं?
उत्तर-
बचाव की शिक्षा।
प्रश्न 3.
रात को गाड़ी चलाते समय किस वस्तु का प्रयोग करना चाहिए ?
उत्तर-
डिपर का।
प्रश्न 4.
किस हालत में गाड़ी चलाना खतरनाक है ?
उत्तर-
शराब पी कर।
प्रश्न 5.
सड़क पर पैदल चलने वालों के लिए किस वस्तु का प्रबन्ध किया जाता है ?
उत्तर-
फुटपाथ का।
प्रश्न 6.
चौराहे पर ट्रैफिक को नियंत्रण करने के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
सिपाही अथवा ट्रैफिक लाइट्स का।
प्रश्न 7.
दुर्घटनाओं के बचाव के लिए लोगों को किस का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-
ट्रैफिक के नियमों का।
प्रश्न 8.
दुर्घटनाओं से बचने के लिए स्कूल का मैदान कैसा होना चाहिए ?
उत्तर-
समतल और साफ़-सुथरा।
छोटे उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
सड़क पर दुर्घटनाओं के कोई पांच कारण बताएं।
उत्तर-
- शराब पीकर गाड़ी चलाना।
- चौराहे पर खड़े सिपाही के इशारों की परवाह न करना।
- सड़क पर तेज़ रफ्तार से साइकिल, स्कूटर और कार चलाना।
- दूसरी गाड़ी के आगे जाने की कोशिश करना।
- मोड़ पार करते समय ठीक इशारा न करना।
प्रश्न 2.
रसोई घर में दुर्घटनाओं के पांच कारण लिखो।
उत्तर-
- रसोई घर का फ़र्श अधिक फिसलन वाला होना।
- रसोई में धुएं के निकास का उचित प्रबन्ध न होना।
- ज्वलनशील कपड़े पहन कर रसोई में कार्य करना।
- रसोई में साबुन, जूठे बर्तन आदि का बिखरे होना।
- रसोई में प्रकाश का उचित प्रबन्ध न होना।
प्रश्न 3.
गुसलखाने में दुर्घटनाओं के पांच कारण लिखें।
उत्तर-
- गुसलखाने के फ़र्श पर साबुन, तेल आदि बिखरे होना।
- गुसलखाने में पानी की टूटी अथवा फव्वारे का उचित ऊंचाई पर न होना।
- गुसलखाने में फ़र्श पर काई आदि का जमना।
- गुसलखाने में स्थान तंग होना।
- गुसलखाने में ब्लेड, सूई, पिन, तेल की टूटी शीशी पड़े होना।
प्रश्न 4.
रिहायशी कमरों में दुर्घटना के पांच कारण लिखें।
उत्तर-
- फ़र्श फिसलने वाला होना।
- फ़र्नीचर ठीक स्थान पर न पड़ा होना।
- कमरे में रोशनी का उचित प्रबन्ध न होना।
- सर्दियों में जलती हुई अंगीठी रख कर सोना।
- बिस्तरों पर कैंची, चाक आदि पड़े होना।
प्रश्न 5.
स्कूल में बचाव के कौन-कौन से ढंग हैं ?
उत्तर-
स्कूल में बचाव के ढंग (Methods of Safety at School)-स्कूल में दुर्घटनाओं से बचाव के निम्नलिखित ढंग हैं-
- स्कूल का खेल का मैदान साफ़-सुथरा और समतल होना चाहिए।
- स्कूल के खेलों का टूटा-फूटा सामान एक बन्द कमरे में रखना चाहिए।
- कबड्डी, कुश्ती आदि खेलते समय बच्चों को अंगूठियां या अन्य कोई तीखी वस्तु नहीं पहनने देनी चाहिए।
- स्कूल के फर्श साफ़ होने चाहिएं।
- बच्चों को केले, संगतरे आदि के छिलके इधर-उधर नहीं फेंकने चाहिएं।
- खेल में अनाड़ी खिलाड़ियों को भाग नहीं लेने देना चाहिए।
- खेलों का अभ्यास अनुभवी कोचों द्वारा ही करवाना चाहिए।
प्रश्न 6.
सड़क पर दुर्घटनाओं के क्या कारण हैं ?
उत्तर-
सड़क पर दुर्घटनाओं के कारण (Causes of Road Accidents)-
- सुरक्षा नियमों की परवाह न करना।
- तीव्र गति से गाड़ी चलाना।
- शराब या अन्य नशीली वस्तुओं का सेवन करके वाहन चलाना।
- गाड़ियों की बत्तियों का ठीक प्रयोग न करना।
- मोड़ काटते समय ठीक संकेत का प्रयोग न करना।
- गाड़ियों, स्कूटरों, मोटरों आदि में अचानक किसी खराबी का आ जाना।
- सड़कों पर केले, संगतरे आदि के छिलके फेंकना।
- कम समय होने पर शीघ्र पहुंचने के लिए अन्य गाड़ियों से आगे निकलना।
- चौराहे पर खड़े सिपाही के संकेत की अवहेलना करना।
- ट्रैफिक के नियमों का ज्ञान न होना।
- सड़क के आस-पास की मिट्टी का नर्म होना या सड़क में गड्ढे आदि होना।
- चालक की दृष्टि कमज़ोर होना।
- लम्बी यात्रा के कारण ड्राइवरों का थका-मदा होना।
- किसी पशु या बच्चे आदि का अचानक सड़क पर आ जाना।
- बच्चों का सड़क पर खेलना।
प्रश्न 7.
जनसंख्या में वृद्धि के कारण अनेक दुर्घटनाएं होती हैं क्यों ?
उत्तर-
प्रतिदिन समाचार-पत्रों में कहीं-न-कहीं किसी-न-किसी दुर्घटना का समाचार पढ़ने को मिलता है। इन दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण जनसंख्या में वृद्धि है। जनसंख्या के बढ़ने से सड़कों पर चलने वाले लोगों की भीड़ बढ़ जाती है। इसी प्रकार सड़क पर चलने वाले वाहनों (मोटरों, कारों, मोटर साइकिलों, स्कूटरों, ट्रकों) आदि की संख्या में भी वृद्धि हुई है। भीड़ युक्त सड़कों पर वाहन चालक अपने-अपने वाहनों पर ठीक नियन्त्रण नहीं रख पाते। इसलिए अनेक दुर्घटनाएं हो जाती हैं। कभी ट्रक कार से टकरा जाता है, कभी मोटर साइकिल स्कूटर से टकरा जाता है तथा कभी कोई स्कूटर या मोटर साइकिल सवार किसी पैदल चलने वाले व्यक्ति को कुचल देता है। इस प्रकार जनसंख्या में वृद्धि अनेक दुर्घटनाओं को जन्म देती है। अतः दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए जनसंख्या में वृद्धि पर रोक लगाना आवश्यक है।
रिक्त स्थानों की पूर्ति –
प्रश्न-
निम्नलिखित वाक्यों में खाली स्थानों को कोष्ठक में दिए गए शब्दों में से उचित शब्द चुन कर भरो
- जब हम दूसरी गाड़ी …………… की कोशिश करते हैं तो दुर्घटना हो जाती है। (पीछे होने, आगे निकलने)
- हमें सड़क पर सदा अपने…………. हाथ चलना चाहिए। (दायें, बायें)
- आग भड़काने वाले कपड़े पहन कर ………….. में काम नहीं करना चाहिए। (स्नानगृह, रसोई)
- हमारे घरों के फ़र्श ………….. होने चाहिएं। (फिसलने वाले, साफ़-सुथरे)
- दुर्घटनाओं से बचने के लिए घर में ………… का उचित प्रबन्ध होना चाहिए। (पानी, रोशनी)
- हमें घर में बिजली की तारों को …………. रखना चाहिए। (ढक कर, नंगा कर)
- घरों में आंगन ……………. होना चाहिए। (समतल, खुरदरा)
उत्तर-
- आगे निकलने
- बायें
- रसोई
- साफ़-सुथरे
- रोशनी
- ढक कर
- समतल।