PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 9 पेड़

Punjab State Board PSEB 3rd Class Hindi Book Solutions Chapter 9 पेड़ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 3 Hindi Chapter 9 पेड़

Hindi Guide for Class 3 PSEB पेड़ Textbook Questions and Answers

अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर

I. बताओ

1. पेड़ खड़े-खड़े कैसे दिखते हैं ?
उत्तर-
पेड़ खड़े-खड़े सैनिक जैसे दिखते हैं।

2. पेड़ किस-किस स्थिति में भी नहीं घबराते ?
उत्तर-पेड़ सर्दी, गर्मी, वर्षा किसी भी स्थिति में नहीं घबराते।

3. पेड़ों की मस्ती कैसे दिखाई देती है ?
उत्तर-
हरे और गुलाबी पत्तों रूपी आभूषण पहने | पेड़ मस्ती में दिखाई देते हैं।

4. पेड़ों का स्वभाव क्या है ?
उत्तर-
पेड़ों का स्वभाव सज्जनता से भरा है। फल और फूलों से लदे हुए पेड़ सदा नीचे झुके रहते हैं।

5. पेड़ इस कविता के द्वारा क्या सीख दे रहे हैं ?
उत्तर-
इस कविता के द्वारा पेड़ सीख दे रहे हैं कि चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं अपने पथ पर अडिग रहो और सदा विनम्र रहो।

II. वाक्य बनाओ

सैनिक = …………………………….
गहने = …………………………….
खुशबू = …………………………….
वर्षा = …………………………….
छतरी = …………………………….
डट जाना = …………………………….
फूले नहीं समाना = …………………………….
उत्तर-
(i) सैनिक = सिपाही – सैनिक दिनरात हमारे देश की रक्षा करते हैं।
(ii) गहने = आभूषण – गहने बहुत सुन्दर हैं।
(iii) खुशबू = सुगन्ध – फूलों से मीठी खुशबू आ रही है।
(iv) वर्षा = बारिश – कल से वर्षा हो रही है।
(v) छतरी = छाता – छतरी हमें वर्षा से बचाती
(vi) डट जाना = अड़ जाना – पेड़ सर्दी, गर्मी, वर्षा में भी डटे रहते हैं।
(vii) फूले नहीं समाना = बहुत खुश होना – ईनाम पाकर मोहन तो फूले नहीं समा रहा।

III. कविता की पंक्तियाँ पूरी करो

कड़ी धूप में बनते …………………………
सारा जीवन ………………………… बनाया।
पेड़ों की है ………………………… काया,
पहले ………………………… लाते पेड़।
फिर ………………………… बन जाते पेड़॥
उत्तर-
कड़ी धूप में बनते साया,
सारा जीवन सरस बनाया,
पेड़ों की है अद्भुत काया।
पहले वर्षा लाते पेड़।
फिर छतरी बन जाते पेड़॥

IV. बायीं ओर कुछ शब्द दिए गए हैं। दायीं ओर दिए गए पेड़ के चित्र में से उनके समान अर्थ वाले शब्द ढूँढ़ कर लिखो-

पेड़ = …………………………
जंगल = …………………………
पर्वत = …………………………
वर्षा = …………………………
बादल = …………………………
बिजली = …………………………
पुष्प = …………………………
खुशबू = …………………………
PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 9 पेड़ 1

पेड़ Summary & Translation in Hindi

पद्यांशों के सरलार्थ

1. खड़े-खड़े मुस्काते पेड़।
कहीं न आते-जाते पेड़॥
जंगल हो या तड़क-भड़क हो,
पर्वत, घाटी, खुली सड़क हो।
किन्तु नहीं घबराते पेड़।
सैनिक से डट जाते पेड़॥

सरलार्थ-
ये पंक्तियाँ हमारी हिन्दी की पाठ्यपुस्तक में संकलित कविता ‘पेड़’ से ली गई हैं। इन पंक्तियों में कवि पेड़ के गुणों का वर्णन करते हुए कहते हैं कि पेड़ सदा खड़े-खड़े मुस्कुराते रहते हैं। जंगल हो या शहर की चमक-दमक हो, पर्वत हो, घाटी हो या फिर खुली सड़क हो। ये पेड़ बिल्कुल भी नहीं घबराते बल्कि अपनी जगह पर ही स्थिर सैनिक के समान अटल और अडिग रहते हैं। भाव-विशेष-कवि ने पेड़ों की अडिगता के गुण पर प्रकाश डाला है।

2. हरे, गुलाबी गहने पहने,
सीख गए सब आतप सहने,
इनकी मस्ती के क्या कहने।
खिलना हमें सिखाते पेड़।
सुन्दर दृश्य दिखाते पेड़॥

सरलार्थ-
ये पंक्तियाँ हमारी हिन्दी की पाठ्यपुस्तक में संकलित कविता ‘पेड़’ से ली गई हैं। इन पंक्तियों में कवि पेड़ के गुणों का वर्णन करते हुए कहते हैं कि अपने तन पर हरे और गुलाबी पत्तों के गहने सजाए हुए ये पेड़ सर्दी, गर्मी सहना भी सीख गए हैं। इनकी मस्ती, आनन्द और खुशी का तो कहना ही क्या ? ये तो हम मनुष्यों को भी प्रसन्न रखना सिखाते हैं। फूलों और फलों से लदे ये पेड़ हमें सुन्दर नज़ारे दिखाते हैं।

3. कई तरह के फल उपजाते,
खुशबू वाले फूल खिलाते,
लेकिन थोड़ा-सा झुक जाते।
सज्जनता के नाते पेड़।
फूले नहीं समाते पेड़॥

सरलार्थ-
ये पंक्तियाँ हमारी हिन्दी की पाठ्यपुस्तक में संकलित कविता ‘पेड़’ से ली गई हैं। इसमें कवि पेड़ के गुणों पर प्रकाश डालते हुए बताते हैं कि पेड़ हमारे लिए कई प्रकार के फल पैदा करते हैं और कई प्रकार के खुशबू से भरे हुए फूल हमें देते हैं। फल-फूलों से लदे हुए ये पेड़ सज्जनता से नीचे झुक जाते हैं अर्थात् इन्हें ज़रा भी घमण्ड नहीं होता बल्कि विनम्र रहते हैं। फल और फूलों से भरे हुए ये पेड़ प्रसन्नता से भरे रहते हैं। भाव-विशेष-कवि ने पेड़ के विनम्रता के स्वभाव को बताया है।

4. कड़ी धूप में बनते साया,
सारा जीवन सरस बनाया,
पेड़ों की है अद्भुत काया।
पहले वर्षा लाते पेड़।
फिर छतरी बन जाते पेड़॥

सरलार्थ-
ये पंक्तियाँ हमारी हिन्दी की पाठ्यपुस्तक में संकलित कविता ‘पेड़’ से ली गई हैं। कवि पेड़ के गुणों का वर्णन करते हुए कहते हैं कि जब बहुत तेज़ धूप होती है तो हमें छाया देते हैं। इन्होंने हमारा जीवन रसमय, आनन्दमय बनाया है। इनका शरीर भी अद्भुत होता है अर्थात् गर्मी, सर्दी, वर्षा, धूप का इस पर कोई असर नहीं होता। ये पेड़ पहले तो वर्षा लाते हैं और फिर वर्षा में छाता बनकर हमें वर्षा से बचाते हैं। भाव विशेष-कवि ने पेड़ों के लाभ बताए हैं।

कठिन शब्दों के अर्थ

जंगल = वन।
मुस्काना = धीमे से हँसना।
तड़क-भड़क = नगर की चमक-दमक।
पर्वत = पहाड़।
घाटी = पहाड़ की ढाल।
घबराते = डरते।
सैनिक = सिपाही।
डट जाते = अड़ जाते।
आतप = धूप, गर्मी।
मस्ती = खुशी, आनन्द।
दृश्य = नज़ारा।
उपजाते = उत्पन्न करते।
सज्जनता = अच्छा होने की बात, शराफत ।
फूले नहीं समाना = बहुत प्रसन्न होना।
कड़ी = तेज़।
साया = छाया।
सरस = रस से भरा हुआ।
अद्भुत = अनोखी।
काया = शरीर।
छतरी = छाता।

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