PSEB 11th Class Hindi Solutions Chapter 27 अपना-अपना दःख

Punjab State Board PSEB 11th Class Hindi Book Solutions Chapter 27 अपना-अपना दःख Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 11 Hindi Chapter 27 अपना-अपना दःख

Hindi Guide for Class 11 PSEB अपना-अपना दःख Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
‘अपना-अपना दुःख’ कहानी में पति-पत्नी का दुःख क्या है ? स्पष्ट करें।
उत्तर:
प्रस्तुत कहानी में पति-पत्नी अपनी चार महीने की बेटी की मृत्यु से दुखी हैं। उस दुःख को कम करने या उसे भुला देने के लिए अपनी बेटी से जुड़ी प्रत्येक वस्तु को अपने से दूर करने की कोशिश करते हैं किन्तु उसकी निप्पल हाथ में आते ही पिता के अन्दर की पीड़ा जाग उठती है।

प्रश्न 2.
लेखक अपनी बेटी की सभी निशानियों को मिटाने का प्रयास क्यों करता है ? स्पष्ट करें।
उत्तर:
लेखक कनु, अपनी चार महीने की बेटी, की मृत्यु हो जाने के बाद, उसकी जुदाई के दुःख को भुलाने के लिए उस से जुड़ी सब निशानियों को चुपके से बाहर फेंक देता है। वह बेटी की जुदाई से होने वाली मानसिक पीड़ा से मुक्त होना चाहता है।

प्रश्न 3.
‘अपना-अपना दुःख’ लघु कथा रिश्तों की संवेदनशीलता से जुड़ी है, आप इस से कहाँ तक सहमत
उत्तर:
अपना-अपना दुःख’ लघु कथा रिश्तों की संवेदनशीलता से जुड़ी कहानी है। लेखक और उसकी पत्नी अपनी चार महीने की बेटी कनु को दफ़नाने के बाद मानसिक तनाव को झेलते हैं। वे एक-दूसरे का दुःख कम करने के लिए अपने दु:ख को छिपाने का प्रयास करते हैं। हम रिश्तों की संवेदनशीलता से जुड़ी इस बात से पूर्णतः सहमत हैं।

PSEB 11th Class Hindi Solutions Chapter 27 अपना-अपना दःख

PSEB 11th Class Hindi Guide अपना-अपना दःख Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
‘अपना-अपना दुःख’ कहानी का कथ्य अपने शब्दों में स्पष्ट करें।
उत्तर:
प्रस्तुत कहानी में पति-पत्नी के अपनी चार मास की बेटी की मृत्यु पर अपने-अपने तौर पर दुःख झेलने और मानसिक तनाव से ग्रसित होने की बात कही गयी है। पति-पत्नी एक-दूसरे के दुःख को कम करने के लिए अपने दुःख को भीतर ही भीतर लिए रहते हैं।

प्रश्न 2.
‘अपना-अपना दुःख’ कहानी के नामकरण की समीक्षा करें।
उत्तर:
प्रस्तुत कहानी में पति-पत्नी अपने-अपने दुःख को भीतर ही भीतर लिए रहते हैं ताकि दूसरे के दुःख में वृद्धि न हो। ऐसा करके वे मानसिक तनाव से ग्रसित रहते हैं। अतः कहना न होगा कि कहानी का यह शीर्षक अत्यन्त सार्थक एवं उपयुक्त बन पड़ा है।

प्रश्न 3.
कनु की फीडिंग बोतल की निप्पल के स्पर्श से लेखक की क्या दशा होती है-अपने शब्दों में लिखें।
उनर:
अपनी बेटी कनु की फीडिंग बोतल की निप्पल को हाथ में लेते ही लेखक के अन्दर का जमा हुआ लावा पिघल कर उसकी आँखों से बाहर निकलने लगता है। इस अनुभूति से उसकी आँखों में आँसू छलक आते हैं और वह सिसकियाँ भरने लगता है।

प्रश्न 4.
प्रस्तुत लघु कथा के आधार पर राशि के चरित्र की कोई दो विशेषताएँ लिखें।
उत्तर:
राशि अपनी बेटी की मृत्यु के दुःख को स्वयं ही झेलने का प्रयत्न करती है। वह कनु के कपड़ों को अपनी टांगों पर रख कर लिहाफ से ढक देती है, ताकि उसके पति न देख लें।
राशि अपने पति से भी स्नेह करने वाली है। उसकी छलकती आँखों को देख वह उसे दिलासा देती है।

प्रश्न 5.
लेखक के लिहाफ से मुलायम-सी चीज़ टकराती है-वह मुलायम-सी चीज़ क्या है ? वह चीज़ कहानी को कैसे गति देती है ?
उत्तर:
लेखक की पत्नी जब लिहाफ़ ओढ़ने लगती है तो लिहाफ़ से टकरा कर एक मुलायम सी चीज़ लेखक के बिस्तर पर गिर पड़ती है। वह मुलायम सी चीज़ उनकी बेटी कनु की फीडिंग बोतल की निप्पल थी। निप्पल के हाथ में आते ही लेखक के अन्दर जमा हुआ लावा पिघल कर उसकी आँखों में आँसुओं के रूप में छलक आता है। यही निप्पल का स्पर्श कहानी को गति प्रदान करता है। लेखक अपने मन की पीड़ा को चुपचाप सहन करने का प्रयास करता है। आँखें गीली होने का कारण वह किसी स्वप्न को देखना बताता है।

PSEB 11th Class Hindi Solutions Chapter 27 अपना-अपना दःख

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
‘अपना-अपना दुःख’ में लेखक ने क्या दर्शाया है ?
उत्तर:
रिश्तों की संवेदनशीलता को।

प्रश्न 2.
लेखक सिमर सदोष अपनी पत्नी से नज़र क्यों नहीं मिलाता ?
उत्तर:
अपना दुःख छिपाने के लिए।

प्रश्न 3.
‘अपना-अपना दुःख’ किस प्रकार की विधा है ?
उत्तर:
लघुकथा।

प्रश्न 4.
पति-पत्नी एक-दूसरे का दुःख मिटाने के लिए क्या करते हैं ?
उत्तर:
अपना-अपना दुःख अंदर लिए रहते हैं।

प्रश्न 5.
लेखक किसकी निशानियों को पत्नी की नज़रों से दूर कर देता है ?
उत्तर:
अपनी बेटी की।

प्रश्न 6.
लेखक के हाथ में …………….. का निप्पल लगा है।
उत्तर:
बेटी की बोतल।

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प्रश्न 7.
लेखक की बेटी की आयु कितनी थी ?
उत्तर:
चार माह।

प्रश्न 8.
पति-पत्नी क्यों दुःखी थे ?
उत्तर:
अपनी चार माह की बेटी की मृत्यु से।

प्रश्न 9.
पिता के अंतर्मन की पीड़ा क्यों जाग उठती है ?
उत्तर:
बेटी का निप्पल हाथ लगने से।

प्रश्न 10.
लेखक की बेटी का क्या नाम था ?
उत्तर:
कनु।

प्रश्न 11.
लेखक किससे मुक्त होना चाहता था ?
उत्तर:
बेटी की जुदाई से होने वाली पीड़ा से।

प्रश्न 12.
लेखक और उसकी पत्नी ने बेटी की मृत्यु के बाद क्या किया ?
उत्तर:
उसे दफना दिया।

प्रश्न 13.
अपना-अपना दुःख अंदर लेने के कारण पति-पत्नी किस से ग्रसित थे ?
उत्तर:
मानसिक तनाव से।

प्रश्न 14.
लेखक की पत्नी का क्या नाम था ?
उत्तर:
राशि।

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प्रश्न 15.
राशि अपने पति से …….. करती थी।
उत्तर:
स्नेह।

प्रश्न 16.
लेखक के लिहाफ से क्या चीज़ टकराती है ?
उत्तर:
मुलायम-सी चीज़।

प्रश्न 17.
लेखक अंधेरे में किस चीज़ को टटोलने का प्रयास करता है ?
उत्तर:
बेटी की फीडिंग निप्पल को।

बहुविकल्पी पथ्नोत्तर

प्रश्न 1.
अपना अपना दुःख किस विधा की रचना है ?
(क) कथा
(ख) लघुकथा
(ग) कहानी
(घ) निबंध।
उत्तर:
(ख) लघुकथा

प्रश्न 2.
लेखक की बेटी का क्या नाम था ?
(क) कनु
(ख) कनुप्रिया
(ग) तनु
(घ) तनुप्रिया।
उत्तर:
(क) कनु

प्रश्न 3.
इस कथा में पति-पत्नी किस कारण दुखी हैं ?
(क) पैसे के
(ख) बेटी की मृत्यु के
(ग) बेटे के कारण
(घ) पिता के जाने के
उत्तर:
(ख) बेटी की मृत्यु के।

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कठिन शब्दों के अर्थ :

फीडिंग बाटल = दूध पिलाने की बोतल। लिहाफ़ = रजाई। दिलासा = सहानुभूति। संयमित = शांत । महसूस करना = अनुभव करना। स्वप्न = सपना। प्रयास = कोशिश। टटोलना = तलाश करना। लावा = दुःख।

सप्रसंग व्याख्या

1. वह लिहाफ ओढ़ लेती है। मैं अन्धेरे में कुछ टटोलने का प्रयास करता हूँ। दोनों एक दूसरे को धोखा देकर, अपने-अपने आँसू छिपा कर अपना दुःख लिए सोये होने का बहाना करने लगते हैं।

प्रसंग :
प्रस्तुत पंक्तियाँ श्री सिमर सदोष द्वारा लिखित लघु कथा ‘अपना-अपना दुःख’ में से ली गई हैं। इनमें लेखक ने व्यक्तिगत जीवन की वेदना का चित्रण किया है।

व्याख्या :
लेखक अपनी बेटी कनु की फीडिंग बोतल की निप्पल का स्पर्श पा कर भावुक हो उठता है। उसकी आँखों में आँसू छलक आते हैं किन्तु वह अपने दुःख को अपनी पत्नी से छिपाते हुए स्वप्न में आँखें गीली होने की बात कहता है। तत्पश्चात् उसकी पत्नी लिहाफ ओढ़ लेती है और लेखक अन्धेरे में उस निप्पल को टटोलने का प्रयास करता है। इस तरह पति-पत्नी दोनों एक-दूसरे को धोखा देकर, अपने-अपने आँसू छिपाकर अपना-अपना दुःख मन में लिए सोने का बहाना करते हैं।

2. निप्पल को हाथ में लेते ही मेरे अन्दर का जमा हुआ लावा पिघलकर आँखों से बाहर निकलने लगता है। राशि द्वारा कंधे पर हाथ रखने पर महसूस करता हूँ-मेरी सिसकियाँ अवश्य ही ऊँची हई होंगी।

प्रसंग :
प्रस्तुत पंक्तियाँ श्री सिमर सदोष द्वारा लिखित लघु कथा ‘अपना-अपना दुःख’ में से ली गई हैं।

व्याख्या :
लेखक के बिस्तर पर उसकी मृत बेटी कनु की फीडिंग बोतल की निप्पल गिरती है। उस के स्पर्श से लेखक के मन में छिपा दुःख आँसू बन कर उसकी आँखों में छलक आता है। पति को रोते देख कर जब उसकी पत्नी उसके कंधे पर हाथ रख कर दिलासा देने लगती है, तो लेखक सोचता है कि उसकी सिसकियों की आवाज़ अवश्य ही ऊँची हो गई होगी तभी तो उसकी पत्नी उसे दिलासा देने के लिए उठकर उसके पास आई है।

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अपना-अपना दुःख Summary

अपना-अपना दुःख कथा सार

‘अपना-अपना दुःख’ ‘सिमर सदोष’ की रिश्तों की संवेदनशीलता से जुड़ी एक लघुकथा है। पति-पत्नी दोनों एकदूसरे के दुःख कम करने के लिए अपना-अपना दुःख भीतर लिए रहते हैं। लेखक अपनी पत्नी से अपना दुःख छिपाने के लिए उससे नजर नहीं मिलाता। वह अपनी बेटी की सभी निशानियों को पत्नी की नज़रों से दूर कर देता है। लेखक के हाथ में बेटी की बोतल का निप्पल लगा है। उसे अपने अंदर कुछ टूटता हुआ लगता है। उसकी आँखों से आँसू निकलने लगते हैं। राशि उसके दुःख को अनुभव करती है। लेखक अपना दुःख उसे छिपा लेता है। इस तरह दोनों रात अंधेरे में एक-दूसरे से आंसू छिपा लेते हैं।

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