Punjab State Board PSEB 10th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar samroopi bhinnarthak shabd समरूपी भिन्नार्थक शब्द Exercise Questions and Answers, Notes.
PSEB 10th Class Hindi Grammar समरूपी भिन्नार्थक शब्द
निम्नलिखित समरूपी भिन्नार्थक शब्द-युग्म का प्रयोग वाक्य में करके अर्थ स्पष्ट कीजिए-
उत्तर:
निम्नलिखित बहुविकल्पी प्रश्नों के उत्तर एक सही विकल्प चुनकर लिखिए
प्रश्न 1.
अचल-अचला के अर्थ हैं
(क) असमर्थ-अनुरक्त
(ख) पर्वत-पृथ्वी
(ग) साधन-साध्य
(घ) हिलना-डुलना।
उत्तर:
(ख) पर्वत-पृथ्वी
प्रश्न 2.
अनल-अनिल के अर्थ हैं
(क) आग-पानी
(ख) धूप-छाँव
(ग) आग-हवा
(घ) खट्टा-मीठा।
उत्तर:
(ग) आग-हवा
प्रश्न 3.
कुल-कूल के अर्थ हैं
(क) पूर्ण-अपूर्ण
(ख) वंश-किनारा
(ग) साधन-सहारा
(घ) पूरा-ठंडा।
उत्तर:
(ख) वंश-किनारा
प्रश्न 4.
चिर-चीर के अर्थ हैं
(क) देर-तट
(ख) चीरना-घाव
(ग) देरी-वस्त्र
(घ) चिड़ना-चीखना।
उत्तर:
(ग) देरी-वस्त्र
प्रश्न 5.
क्षिति-क्षति के अर्थ हैं-पृथ्वी-हानि (सही या गलत लिखकर उत्तर दें)
उत्तर:
सही
प्रश्न 6.
सुत-सूत के अर्थ हैं-पुत्र-सारथी (हाँ या नहीं लिख कर उत्तर दें)
उत्तर:
हाँ
प्रश्न 7.
तुरंग-तरंग के अर्थ हैं-मौज-मस्ती (हाँ या नहीं लिखकर उत्तर दें)
उत्तर:
नहीं
प्रश्न 8.
बलि-बली के अर्थ हैं-भेंट-बलवान (सही या गलत लिखकर उत्तर दें)
उत्तर:
सही
प्रश्न 9.
कर्म-क्रम के अर्थ हैं-काम-सिलसिला (हाँ या नहीं लिख कर उत्तर दें)
उत्तर:
हाँ
प्रश्न 10.
अंस-अंश के अर्थ हैं-हिस्सा-कंधा (सही या गलत लिखकर उत्तर दें)
उत्तर:
गलत।
निम्नलिखित में से किसी एक समरूपी भिन्नार्थक शब्द-युग्म का प्रयोग वाक्य में इस तरह करें ताकि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए-
वर्ष
1. असमान-आसमान, प्रणाम-प्रमाण।
उत्तर:
असमान = सुरेश उसके असमान है।
आसमान = आसमान में अनेक तारे हैं।
प्रणाम = पुत्र ने पिता को प्रणाम किया।
प्रमाण = प्रमाण के अभाव में आरोपी को आरोप मुक्त कर दिया गया।
2. उधार-उद्धार, प्रहार-परिहार।
उत्तर:
उधार = राम ने सुरेश को सौ रुपये उधार दिए।
उद्धार = सच्चे भक्त का उद्धार परमात्मा करते हैं।
प्रहार = गुंडे ने चाकू से दो प्रहार किए।
परिहार = स्वामी जी मोहमाया का परिहार कर चुके हैं।
3. राज-राज़, माँस-मास।
उत्तर:
राज = राजा अशोक ने भारत पर कई वर्षों तक राज किया।
राज़ = मुझे नरेश से राज़ की बात जाननी है।
माँस = शेर हिरण का माँस खा रहा था।
मास = दीपावली कार्तिक मास में मनाई जाती है।
वर्ष
1. गृह, ग्रह, धरा, धारा
उत्तर;
गृह = आपका गृह तो बड़ा भव्य है।
ग्रह = कुछ लोग शनि ग्रह को कष्टकारी मानते हैं।
धरा = यह धरा ही तो हमें अनाज प्रदान करती है।
धारा = गंगा की धारा देखने योग्य है।
2. सुत, सूत, मातृ, मात्र
उत्तर:
सुत = मेरा सुत भी अभी घर पहुंचा है।
सूत = आप तो बड़ा बारीक सूत कातते हैं।
मातृ’ = हमें जन्म देने वाली मातृ तो पूजनीय है।
मात्र = मेरी तो आपसे मिलने मात्र की इच्छा थी।
3. सूखी, सुखी, सास, साँस
उत्तर:
सूखी = इस सूखी धरती पर तो फसल नष्ट हो जाएगी।
सुखी = ईश्वर आपको सदा सुखी रखे।
सास = कल मेरी सास यहाँ आएगी।
साँस = रोगी की साँस मंद होती जा रही थी।
प्रश्न 1.
‘समरूपी भिन्नार्थक’ शब्द से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
विश्व-भर की सभी भाषाओं में कुछ ऐसे शब्द होते हैं जो उच्चारण में प्रायः समानता रखते हैं लेकिन उनके अर्थ में भिन्नता होती है। ऐसे शब्दों को समरूपी भिन्नार्थक शब्द कहते हैं। इन्हें श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द भी कहते हैं। इन शब्दों का प्रयोग अलग-अलग प्रसंगों में किया जाता है। जैसे-
(क) इत्र-सुगंधित पदार्थ
इतर-अन्य, दूसरा
(ख) गृह-घर
ग्रह-नक्षत्र
(ग) कृपण-कंजूस
कृपाण-तलवार
(घ) सुत-बेटा
सूत–सारथी/धागा
(ङ) ओर-तरफ
और-तथा
समरूपी भिन्नार्थक शब्दों के उदाहरण