Punjab State Board PSEB 10th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar patra lekhan पत्र-लेखन Exercise Questions and Answers, Notes.
PSEB 10th Class Hindi Grammar पत्र-लेखन
प्रश्न 1.
अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को एक आवेदन-पत्र लिखिए जिसमें बड़ी बहन के विवाह के लिए चार दिन का अवकाश माँगा गया हो।
उत्तर:
सेवा में
मुख्याध्यापक
सरकारी हाई स्कूल
नवांशहर।
विषय-अवकाशार्थ प्रार्थना-पत्र।
महोदय,
निवेदन है कि मेरी बड़ी बहन की शादी 11 नवंबर, 20… को दिल्ली में होनी तय हुई है। हमारे परिवार के सभी सदस्य वहाँ पहुँच चुके हैं। मैं और मेरी छोटी बहन 9 नवंबर को रात की गाड़ी से दिल्ली जाएंगे। कृपया मुझे चार दिन का अवकाश, दिनांक 10 से 13 नवंबर तक प्रदान कीजिए।
धन्यवाद,
आपका आज्ञाकारी शिष्य
महेंद्र सिंह लांबा
कक्षा दसवीं ‘ग’
अनुक्रमांक 541
तिथि : 9 नवंबर, 20…
प्रश्न 2.
अपने स्कूल के प्रधानाचार्य को स्कूल में अधिक-से-अधिक खेलों का सामान मंगवाने के लिए अनुरोध करते हुए प्रार्थना-पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में
प्रधानाचार्य
डी०ए०वी० हाई स्कूल
धुरी।
विषय-खेल समानार्थ प्रार्थना-पत्र।
महोदय,
आपने एक छात्र-सभा में भाषण देते हुए इस बात पर बल दिया था कि छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ खेलों का महत्त्व भी समझना चाहिए। खेल शिक्षा का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। खेद की बात है कि आप खेलों की आवश्यकता तो खूब समझते हैं पर खेल सामग्री के अभाव की ओर कभी आपका ध्यान नहीं गया। खेलों के अनेक लाभ हैं। ये स्वास्थ्य के लिए बड़ी उपयोगी हैं। ये अनुशासन, समय पालन, सहयोग तथा सद्भावना का भी पाठ पढ़ती हैं।
अतः आपसे नम्र निवेदन है कि आप खेलों का सामान उपलब्ध करवाने की कृपा करें। इससे छात्रों में खेलों के प्रति रुचि बढ़ेगी वे अपनी खेल प्रतिभा का विकास कर सकेंगे। आशा है कि आप मेरी प्रार्थना पर उचित ध्यान देंगे और आवश्यक आदेश जारी करेंगे।
आपका आज्ञाकारी शिष्य
रजत शर्मा
कक्षा दसवीं ‘ब’
दिनांक : 17 अप्रैल, 20…
प्रश्न 3.
किसी कंपनी में क्लर्क के रिक्त पद की पूर्ति हेतु आवेदन पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में
प्रबन्धक
मल्होत्रा बुक डिपो
जालंधर।
विषय-क्लर्क के पद के लिए आवेदन-पत्र।
महोदय,
दैनिक ट्रिब्यून दिनांक 26 जून, 20… के विज्ञापन से ज्ञात हुआ है कि आप की संस्था में एक क्लर्क की आवश्यकता है। मैं इस पद के लिए अपनी सेवाएँ निम्नलिखित योग्यताओं के आधार पर प्रस्तुत करता हूँ-
(i) बी०ए० द्वितीय श्रेणी – पंजाब विश्वविद्यालय से।
(ii) टाइप का पूर्ण ज्ञान-गति 50 शब्द प्रति मिनट। कम्प्यूटर में प्रशिक्षित।
(iii) अनुभव-एक वर्ष-कंप्यूटर सैंटर पर।
(iv) आयु–24वें वर्ष में प्रवेश, जन्म तिथि 19-9-20…
मुझे अंग्रेज़ी एवं हिंदी का अच्छा ज्ञान है। पंजाबी भाषा पर भी अधिकार है।
आशा है कि आप मेरी योग्यता को देखते हुए अपने अधीन काम करने का अवसर प्रदान करेंगे। मैं सच्चाई एवं ईमानदारी के साथ काम करने का आश्वासन दिलाता हूँ। योग्यता एवं अनुभव संबंधी प्रमाण-पत्र इस प्रार्थना-पत्र के साथ संलग्न कर रहा हूँ।
धन्यवाद सहित,
संलग्न :उपर्युक्त
भवदीय
राघवेंद्र सिंह
दिनांक 28 जून, 20…
15/11-अड्डा होशियारपुर
जालंधर शहर।
मोबाइल : 8654213421
प्रश्न 4.
आपके नगर में कुछ अनधिकृत मकान बनाए जा रहे हैं। इनकी रोकथाम के लिए जिलाधीश को . पत्र लिखिए।
उत्तर:
303, कर्ण पुरी,
फिरोज़पुर।
2 मई, 20…
सेवा में
जिलाधीश
फिरोज़पुर।
विषय-अनधिकृत निर्माण पर रोक हेतु।
महोदय,
सविनय निवेदन यह है कि फिरोज़पुर छावनी की जोख रोड पर कुछ लोगों ने ज़बरदस्ती कब्जा करके छावनी की ज़मीन पर अनधिकृत रूप से मकान बनाने शुरू कर दिए हैं जिससे इस क्षेत्र के निवासियों को बहुत परेशानी हो रही है तथा क्षेत्र का पर्यावरण भी नष्ट हो रहा है। हरे-भरे वृक्षों को काट दिया गया है तथा खुली सड़कों को तंग गलियों में तबदील कर दिया है। स्थानीय अधिकारी इस अनधिकृत निर्माण को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।
आपसे प्रार्थना है कि इस प्रकार के गैर-कानूनी निर्माण को रोक कर गिरा दिया जाए तथा छावनी क्षेत्र के सौंदर्य को नष्ट होने से बचाया जाए।
धन्यवाद,
भवदीय
हुकम सिंह
प्रश्न 5.
परीक्षा के दिनों में लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाने के लिए जिलाधीश को पत्र लिखिए।
उत्तर:
म. -108, विक्रमपुर
अमृतसर।
1 मार्च, 20 ……..
सेवा में
जिलाधीश
अमृतसर।
विषय-लाउडस्पीकरों पर प्रबंध हेतु।
महोदय,
निवेदन यह है कि इन दिनों हमारे क्षेत्र के प्रार्थना-पूजा स्थलों में लाउडस्पीकरों का प्रयोग समय-कुसमय बहुत ज़ोरशोर से हो रहा है। सुबह चार बजे से लेकर रात के बारह-एक बजे तक ऊँची आवाज़ में बजने वाले इन लाउडस्पीकरों से जहाँ पढ़ने वाले विद्यार्थियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, वहीं बीमार तथा वरिष्ठ नागरिक भी इनके कारण ठीक से सो भी नहीं पाते।
आप से अनुरोध है कि इन लाउडस्पीकरों के प्रयोग के लिए निश्चित समय-सीमा तथा आवाज़ की धीमी गति तय कर दीजिए जिससे उनके पूजा-पाठ में कोई विघ्न न आए, विद्यार्थी ठीक से पढ़ सकें तथा सोने वालों की नींद में भी बाधा न पड़े।
धन्यवाद,
भवदीय
नवजोत सिंह
प्रश्न 6.
किसी समाचार-पत्र के संपादक के नाम पत्र लिखिए जिसमें दिन-प्रतिदिन बढ़ रही महंगाई पर रोकथाम लगाने की बात कही गई हो।
उत्तर:
505, नेता जी नगर,
खन्ना।
5 जून, 20…
सेवा में
संपादक
विश्वामित्र दैनिक
खन्ना।
विषय-महंगाई-समस्या और समाधान।
महोदय,
आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से मैं प्रशासन का ध्यान दिन-प्रतिदिन बढ़ती हुई महंगाई की ओर दिलाना चाहती हूँ, जिसके कारण आम आदमी को दाल-रोटी भी बहुत कठिनाई से मिल पा रही है। आज बाज़ार में थैला भर कर नोट ले जाने पर ही लिफाफे भर सामग्री मिल पाती है। आलू, प्याज़ जैसी आम सब्जियाँ भी आम आदमी की जेब पर भारी पड़ रही हैं। दालें सौ रुपए किलो तक जा पहुंची हैं। स्थिति यह हो गई है कि आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया जैसी दशा हो रही है। कितनी भी कटौती करें कहीं न कहीं कमी रह ही जाती है।
इस बढ़ती हुई महंगाई रूपी सुरसा के विनाश के लिए प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त होना चाहिए। आवश्यक वस्तुओं को दबाकर रखने वालों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए। सरकार को सस्ते मूल्यों पर वस्तुएँ सहकारी भंडारों द्वारा बेचनी चाहिए। आशा है एक आम गृहिणी की समस्याओं को समझते हुए सरकार महंगाई पर काबू पाने के उचित उपाए करेगी।
धन्यवाद।
भवदीय
जोगेंद्र कौर
प्रश्न 7.
आवारा कुत्तों के आतंक की ओर ध्यान दिलाने हेतु किसी संपादक के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:
13, हरि नगर,
जालंधर।
22 जून, 20…
सेवा में
संपादक
पंजाब केसरी
जालंधर।
विषय-आवारा जानवरों पर रोकथाम के लिए।
महोदय,
आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से मैं नगर निगम, जालंधर के अध्यक्ष का ध्यान नगर में निरंतर बढ़ रहे कुत्तों के आतंक की ओर दिलाना चाहता हूँ। पिछले एक सप्ताह में नगर के विभिन्न क्षेत्रों से कुत्तों द्वारा काटे गए दस व्यक्तियों की मृत्यु तथा अनेक व्यक्तियों के घायल होकर उपचार कराने के समाचार विभिन्न समाचार-पत्रों में प्रकाशित होते रहे हैं। माई हीरां गेट, पुरानी रेलवे रोड, नई बस्ती, मॉडल टाउन आदि क्षेत्रों में निवासियों से अधिक जनसंख्या कुत्तों की हो गई है जो आठ-आठ, दस-दस का झुंड बनाकर आक्रमण करते हैं। मॉडल टाउन में तो एक सात वर्षीय बालक को ही इन कुत्तों ने काट-काट कर अधमरा कर दिया था।
आप से अनुरोध है कि इन आवारा कुत्तों को पकड़ कर कहीं अन्यत्र भेजने का प्रबंध किया जाए तथा इन का बंध्याकरण किया जाए जिससे इनकी वृद्धि पर रोक लग सके। आशा है इस संदर्भ में शीघ्र ही उचित कार्यवाही की जाएगी, जिससे नगरवासी कुत्तों के आतंक से मुक्त हो सकेंगे।
धन्यवाद।
भवदीय
रमनदीप सिंह
बोर्ड परीक्षा में पूछे गए प्रश्न
1. आपका नाम दीपक कुमार है। आप मकान नम्बर 345, सुन्दर नगर, फरीदाबाद में रहते हैं। आपका मोबाइल नम्बर 2134474657 है। आप नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी को अपने क्षेत्र की सफाई कराने के लिए प्रार्थनापत्र लिखिए।
2. आपका नाम विशाल कुमार है। आप सरकारी हाई स्कूल, मेरठ में दसवीं-बी कक्षा के मॉनीटर हैं। आपका रोल नम्बर-25 है। आप अपनी कक्षा की समस्याओं को हल करवाने के सम्बन्ध में अपने स्कूल के प्रधानाचार्य को प्रार्थनापत्र लिखिए।
3. आपका नाम सुमित कुमार है। आप मकान नम्बर 254, शांति नगर, मुम्बई में रहते हैं। आपका मोबाइल नम्बर 1234567890 है। आप मुम्बई के ‘सर्वमंगल’ समाचार पत्र के मुख्य सम्पादक के नाम सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के सुझाव सम्बन्धी पत्र लिखिए।
4. आपका नाम रणजीत सिंह है। आप शिशु कल्याण पब्लिक स्कूल, अहमदाबाद में दसवीं-ए कक्षा में पढ़ते हैं। आपका रोल नम्बर-26 है। अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को एक आवेदन पत्र लिखिए जिसमें बड़ी बहन के विवाह के लिए चार दिन का अवकाश माँगा गया हो।
5. आपका नाम अजय कुमार है। आप मकान नम्बर 1564, गुलाब नगर, पठानकोट में रहते हैं। आपका मोबाइल नम्बर 1673489710 है। आप पठानकोट के ‘जन उत्थान’ समाचार पत्र के मुख्य सम्पादक के नाम पत्र लिखिए जिसमें दिन-प्रतिदिन बढ़ रही महंगाई पर रोकथाम लगाने की बात कही गयी हो।
6. आपका नाम मीना कुमारी है। आप मकान नम्बर 234 सुख नगर, कपूरथला (पंजाब) में रहते हैं। आपका मोबाइल नम्बर 1343485769 है। आप कपूरथला के ‘जन चेतना’ समाचार पत्र के सम्पादक के नाम आवारा कुत्तों के आतंक की ओर ध्यान दिलाने हेतु एक पत्र लिखिए।
7. ‘रोजाना भारत’ पंजाब के समाचार पत्र के प्रमुख संपादक के नाम ‘बालश्रम एक अपराध’ विषय पर एक पत्र लिखिए।
8. अपनी कक्षा की समस्याओं के समाधान के लिए विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र लिखो।
9. आपका नाम जगजीत कौर है। आप शिवाजी नगर, मुम्बई में रहते हैं। आप अपनी ओर से मुम्बई के जन चेतना’ समाचार-पत्र के मुख्य सम्पादक के नाम सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए दुर्घटनाओं को रोकने के सुझाव सम्बन्धी एक पत्र लिखिए।
10. आपका नाम अनीता पुरी है। आप ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल, जगाधरी में दसवीं कक्षा में पढ़ती हैं। अपने स्कूल के प्रधानाचार्य को स्कूल में अधिक से अधिक खेलों का सामान मंगवाने के लिए अनुरोध करते हुए आवेदन-पत्र लिखिए।
मानव-मन सदा अपनी भावनाओं को अभिव्यक्ति प्रदान करने के लिए व्याकुल रहता है। अपने सामने वाले व्यक्ति से वह बोलकर अपने मन की बात कह सकता है परंतु कहीं दूर रहने वाले व्यक्ति को वह लिखकर ही अपनी भावनाएँ समझा सकता है। इस स्थिति में पत्र लिखने की परंपरा प्रारंभ हुई होगी, जिसे कभी कबूतरों अथवा दूत-दूती के माध्यम से भेजा गया, जो अब डाकिए के द्वारा पूरा किया जाता है। पत्र, संदेश अथवा समाचार भेजने और प्राप्त करने का सर्वाधिक सुगम एवं सस्ता साधन है।
पोस्टकार्ड, अंतर्देशीय-पत्र अथवा बंद लिफ़ाफ़े में पत्र लिखकर भेजा जा सकता है। पत्र की रसीद प्राप्त करने के लिए पत्र पंजीकृत डाक से तथा तुरंत वितरण के लिए पत्र ‘स्पीड-पोस्ट’ द्वारा भेज़ा जाता है। इन दिनों ‘कोरियर सर्विस’ से भी पत्र भेजे जाते हैं। कोरियर सेवा में प्रेषित सामग्री के लिए समुचित राशि प्राप्त कर रसीद दी जाती है। यह सेवा निजी क्षेत्र में चल रही है।
आज के वैज्ञानिक युग में चाहे दूरभाष, वायरलेस, इंटरनेट, फैक्स, एस०एम०एस०, एम०एम०एस०, ई-मेल आदि के प्रयोग से दूर स्थित सगे-संबंधियों, सरकारी, गैर-सरकारी संस्थानों तथा व्यापारिक प्रतिष्ठानों से पल-भर में बात की जा सकती है पर पत्र-लेखन का अभी भी हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण स्थान है। पत्र-लेखन विचारों के आपसी आदान-प्रदान का सशक्त, सुगम और सस्ता साधन है। पत्र-लेखन केवल विचारों का आदान-प्रदान ही नहीं है, बल्कि इससे पत्र-लेखक के व्यक्तित्व, दृष्टिकोण, चरित्र, संस्कार, मानसिक स्थिति आदि का ज्ञान हो जाता है। पत्र लिखते समय अनेक सावधानियाँ अवश्य ध्यान में रखनी चाहिए, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं-
- सरल और स्पष्ट भाषा का प्रयोग।
- स्नेह, शिष्टता और भद्रता का निर्वाह।
- पत्र प्राप्त करने वाले का पद, योग्यता, संबंध, सामर्थ्य, स्तर, आयु आदि।
- अनावश्यक विस्तार से बचाव।
- विषय-वस्तु की पूर्णता।
- कठोर, कड़वे, अशिष्ट और अनर्गल भावों और शब्दों का निषेध।
पत्रों के भेद
प्रमुख रूप से पत्रों को दो प्रकार का माना जाता है। ये हैं-
(क) अनौपचारिक-पत्र
जिन लोगों के आपसी संबंध आत्मीय होते हैं उनके द्वारा एक-दूसरे को लिखे जाने वाले पत्र अनौपचारिकपत्र कहलाते हैं। ऐसे पत्र प्रायः रिश्तेदारों, मित्रों, स्नेही-संबंधियों आदि के द्वारा लिखे जाते हैं। इन पत्रों में एकदूसरे के प्रति प्रेम, लगाव, गुस्से, उलाहने, आदर आदि के भाव अपनत्व के आधार पर स्पष्ट दिखाई देते हैं। इन पत्रों में बनावटीपन की मात्रा कम होती है। वाक्य-संरचना बातचीत के स्तर पर आ जाती है। मन के भाव और विचार बिना किसी संकोच के प्रकट किए जा सकते हैं। इनमें औपचारिकता का समावेश नहीं किया जाता। प्रायः सभी प्रकार के सामाजिक पत्रों को इसी श्रेणी में सम्मिलित कर लिया जाता है। विवाह, जन्मदिन, गृहप्रवेश, मुंडन संस्कार, शोक सूचनाओं आदि को इन्हीं के अंतर्गत ग्रहण किया जाता है। अनौपचारिक-पत्रों की रूपरेखा प्रायः निम्नलिखित आधारों पर निर्धारित की जाती है-
- पत्र के दाईं ओर भेजने वाले का पता।
- दिनांक।
- पत्र प्राप्त करने वाले के प्रति संबोधन।
- पत्र प्राप्त करने वाले से संबंधानुसार अभिवादन।
- पत्र लिखने का कारण, विषय का विस्तार तथा परिवार के अन्य सदस्यों के प्रति अभिवादन।
- समापन।
- बाईं ओर पत्र-लेखक का पत्र प्राप्त करने वाले से संबंध।
- पत्र लिखने वाले का नाम।
उदाहरण-
अपने मित्र को अपने विद्यालय में हुए वार्षिकोत्सव के विषय में पत्र लिखिए।
पत्र-भेजने वाले का पता – 437-राजेंद्र नगर लुधियाना
दिनांक – 18 मई, 20…
संबोधन – प्रिय मित्र राघव,
अभिवादन – स्नेह।
पत्र-लिखने का कारण आशा है तुम स्वस्थ एवं सानंद होंगे। तुम्हारा पत्र मुझे समय पर मिल गया था,
विषय का विस्तार – किंतु इन दिनों हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव हो रहा था जिस कारण इस
कार्यक्रम में व्यस्त रहने के कारण तुम्हें पत्र न लिख सका। मुझे इस अवसर पर वर्ष का ‘सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी’ पुरस्कार प्राप्त हुआ है। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध शिक्षाविद डॉ० राधाकृष्ण ने की थी। नृत्य, संगीत आदि के कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए थे। तुम होते तो तुम्हें यह आयोजन बहुत आकर्षक लगता। हमारे विद्यालय का प्रांगण दुल्हन के घर के समान सजा हुआ था तथा हम सभी विद्यार्थी उल्लास और उमंग से भरे हुए थे। सर्वत्र प्रसन्नता का वातावरण ही था। अध्यक्ष महोदय ने अपने भाषण में जीवन में संघर्षों का सामना करते हुए निरंतर उन्नति करने की बात कही जो सबको बहुत पसंद आई। अपने विद्यालय के बारे में लिखना।
समापन – शुभकामनाओं सहित,
पत्र प्राप्त करने वाले से संबंध – तुम्हारा अभिन्न मित्र,
पत्र लिखने वाले का नाम – मनमोहन सिंह।
(नौवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में केवल अनौपचारिक पत्र हैं)
औपचारिक-पत्र
जिन लोगों के साथ औपचारिक संबंध होते हैं उन्हें औपचारिक-पत्र लिखे जाते हैं। इन पत्रों में व्यक्तिगत और . आत्मीय विचार नहीं प्रकट किए जाते। इनमें अपनेपन का भाव नहीं रहता है। इनमें अपने विचारों को भली-भाँति सोच-विचार कर प्रकट किया जाता है। प्रायः औपचारिक-पत्र सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालयों के अधिकारियों, निजी संस्थानों, पत्र-पत्रिकाओं के संपादकों, अध्यापकों, प्रधानाचार्यों, व्यापारियों आदि को लिखे जाते हैं। औपचारिक-पत्रों की रूप-रेखा प्रायः निम्नलिखित आधारों पर निर्धारित की जाती है-
- पत्र का क्रमांक
- विभाग/कार्यालय/मंत्रालय का नाम
- दिनांक
- प्रेषक का नाम तथा पद
- प्राप्तकर्ता का नाम तथा पद
- विषय का संक्षिप्त उल्लेख
- संबोधन
- विषय-वस्तु
- समापन शिष्टता
- प्रेषक के हस्ताक्षर
- प्रेषित का पद/नाम/पता।
औपचारिक पत्र के आरंभ और समापन की विधि
पद/नाम/संबंध | संबोधन | पत्र के अंत में लिखा जाने वाला शब्द/वाक्यांश |
कार्यालयी-पत्र किसी सरकारी/गैर-सरकारी कार्यालय/ संस्थान/प्रतिष्ठान के अध्यक्ष/सचिव/ निर्देशक को |
ऊपर कार्यालय/विभाग/मंत्रालय/पद सहित पूरा पता, नीचे मान्यवर। महोदय/आदरणीय/माननीय | भवदीय/प्रार्थी/निवेदक/विनीत नीचे नाम तथा पूरा पता |
व्यावसायिक-पत्र किसी कंपनी/फ़र्म/दुकान के प्रबंधक व्यवस्थापक को |
व्यक्ति का पद एवं कंपनी/फ़र्म/दुकान का पूरा नाम तथा पता (नीचे) प्रिय, महोदय, मान्यवर | भवदीय/प्रार्थी/निवेदक/विनीत (नीचे) नाम तथा पूरा पता |
उदाहरण-
भारत सरकार के गृह मंत्रालय के सचिव की ओर से मुख्य सचिव, पंजाब प्रदेश को एक सरकारी-पत्र लिखें जिसमें राज्य में कानून और व्यवस्था की बिगड़ती हुई स्थिति पर चिंता व्यक्त की गई हो।
उत्तर:
क्रमांक – संख्या 48 (गृ०)/12.8.50/2011-12/50195
प्रेषक कार्यालय – भारत सरकार गृह मंत्रालय, नई दिल्ली।
दिनांक – 11 जुलाई, 20…
प्रेषक – प्रेषक आर० के० मेनन सचिव, भारत सरकार गृह मंत्रालय नई दिल्ली।
प्राप्तकर्ता – मुख्य सचिव पंजाब प्रदेश चण्डीगढ़।
विषय-राज्य में कानून तथा व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति।
संबोधन महोदय,
विषय-वस्तु मुझे यह सूचना देने का निर्देश हुआ है कि आपके राज्य में कानून और व्यवस्था की दिनों-दिन बिगड़ती स्थिति से केंद्र सरकार बहुत चिंतित है। सरकार ने आपका ध्यान इस गंभीर समस्या की ओर आकृष्ट किया है और इस स्थिति से दृढ़ता से निपटने का निश्चय किया है। राज्य सरकार को भी इस दिशा में कड़े कदम उठाने चाहिए। इस संदर्भ में आपको सूचित किया जाता है कि राज्य में कानून तथा व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कार्यवाही की जाए तथा केंद्र सरकार को भी प्रगति से अवगत कराया जाए। इस संबंध में केंद्र सरकार राज्य सरकार को सब प्रकार की सहायता देने के लिए तैयार है।
समापन शिष्टता भवदीय,
प्रेषक के हस्ताक्षर आर० के० मेनन
प्रेषक का पद सचिव, गृह मंत्रालय।
आवेदन-पत्र
आवेदन-पत्र नौकरी प्राप्त करने के लिए तथा अन्य कार्यों के लिए लिखे जाते हैं। इनकी भाषा भी सहज तथा आवेदक की योग्यताओं को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने वाली होनी चाहिए। आवेदन-पत्र पत्रात्मक शैली तथा प्रपत्रात्मक शैली में लिखे जाते हैं। स्कूल तथा संस्थाओं के प्रमुखों को लिखे जाने वाले प्रार्थना-पत्र भी आवेदन-पत्र कहलाते हैं।
उदाहरण-
‘डाटा एंट्री ऑपरेटर’ पद पर नियुक्ति हेतु आवदेन-पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में प्रधानाचार्य दयानंद हाई स्कूल होशियारपुर।
विषय-‘डाटा एंट्री ऑपरेटर’ पद के लिए आवेदन-पत्र।
महोदय
दैनिक ट्रिब्यून दिनांक 15 जून, 20… में प्रकाशित आप के स्कूल के विज्ञापन से ज्ञात हुआ कि आप के स्कूल में डाटा एंट्री ऑपरेटर के पाँच पद रिक्त हैं। मैं इनमें से एक पद के लिए अपनी सेवाएँ निम्नलिखित योग्यताओं के आधार पर प्रस्तुत करता हूँ-
(क) सामान्य परिचय
(ग) अनुभव
विगत एक वर्ष से गुरु नानक देव कम्प्यूटर सैंटर, फिरोजपुर में डाटा एंट्री ऑपरेटर के रूप में कार्य कर रहा हूँ।
भवदीय
हरनाम सिंह
दिनांक 20 जून, 20…
उदाहरण-
अपनी किसी गलती के लिए क्षमा याचना करते हुए अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रार्थनापत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में
प्रधानाचार्य
टैगोर पब्लिक स्कूल
जालंधर।
दिनांक 25-10-20….
विषय-क्षमा याचना के लिए प्रार्थना-पत्र।
महोदय,
सविनय निवेदन यह है कि आज सुबह जब मैं स्कूल आया तो मेरे पैर की ठोकर से कक्षा के बाहर रखा गमला टूट गया। मैं उसे वैसा ही टूटा तथा उसकी मिट्टी और पौधे को बिखरा छोड़कर कक्षा में चला गया। पीछे से आ रहे एक छात्र ने मेरी यह लापरवाही देखकर अध्यापक जी से मेरी शिकायत कर दी और उन्होंने मुझे आर्थिक दंड दिया है।
आप से प्रार्थना है कि मेरी इस गलती को क्षमा करें क्योंकि मैं अपनी इस लापरवाही पर बहुत शर्मिंदा हूँ। भविष्य में मैं ऐसी कोई भी हरकत नहीं करूँगा।
मैं आपका अत्यंत आभारी रहूँगा।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
खुशवन्त सिंह
कक्षा-दसवीं, अनुक्रमांक 912
उदाहरण-
विषय बदलने के लिए विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में
प्रधानाचार्य
सरकारी हाई स्कूल
अबोहर।
दिनांक 25-04-20….
विषय-विषय परिवर्तनार्थ प्रार्थना-पत्र।
महोदय,
सविनय निवेदन यह है कि मैं कक्षा दसवीं ‘ए’ का विद्यार्थी हूँ। मैंने प्रवेश के समय अतिरिक्त विषय ‘शारीरिक शिक्षा’ प्रवेश-प्रपत्र में भर दिया था, जिसे पढ़ते हुए मुझे कठिनाई हो रही है।
अतः आप से प्रार्थना है कि मुझे इस विषय के स्थान पर ‘संस्कृत’ विषय पढ़ने की आज्ञा प्रदान करने की कृपा कीजिए। मैं आप का अत्यंत आभारी रहूंगा।
आपका आज्ञाकारी शिष्य
अनुराग शर्मा
कक्षा दसवीं ए, अनुक्रमांक 321
उदाहरण-
अपनी कक्षा की समस्याओं के समाधान के लिए विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में
प्रधानाचार्य
खालसा हाई स्कूल
फगवाड़ा।
दिनांक 26-04-20….
विषय-कक्षा की समस्याओं के समाधानार्थ प्रार्थना-पत्र।
महोदय,
निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय का दसवीं कक्षा ‘ए’ का विद्यार्थी हूँ। इस समय मैं अपनी कक्षा का मॉनीटर हूँ। मैं आपका ध्यान एक अतीव महत्त्वपूर्ण विषय की ओर दिलाना चाहता हूँ। मैं विगत तीन मास से देख रहा हूँ कि हमारी कक्षा के कमरे की हालत बहुत ही खस्ता है। विशेषकर इसके दरवाजे और खिड़कियां टूटी हुई हैं। कुछ दिनों बाद अंधड़ का मौसम आने वाला है। तेज़ आँधियों में कमरे में पढ़ाई होना बहुत कठिन बात होगी। बरसात और सर्दी के मौसम में भी यह कमरा विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई के योग्य नहीं कहा जा सकता। इसके साथ ही स्थान-स्थान से प्लस्तर उखड़ा हुआ है।
मेरी अपनी और अपनी कक्षा के सभी छात्रों की ओर से करबद्ध प्रार्थना है कि शीघ्रातिशीघ्र कमरे के दरवाज़े और खिड़कियां ठीक करवाई जाएं। यदि मुरम्मत होकर काम चल सके तो ठीक है, नहीं तो नये दरवाजे और खिड़कियां लगवाई जाएं। प्लस्तर उखड़ा होने से सभी छात्रों को असुविधा होती है। इसे भी ठीक करवाया जाए। धृष्टता के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ।
आपका विनीत शिष्य
लखविंदर सिंह
कक्षा दसवीं, अनुक्रमांक 916
उदाहरण-
नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखकर अपने क्षेत्र/मुहल्ले की सफाई कराने के लिए पत्र लिखिए।
उत्तर:
507-बड़ा बाज़ार
अमृतसर।
दिनांक 14 अगस्त, 20…
सेवा में
स्वास्थ्य अधिकारी
नगर निगम
अमृतसर।
विषय-क्षेत्र की सफाई कराने हेतु प्रार्थना-पत्र।
महोदय,
निवेदन यह है कि मैं बड़ा बाज़ार का एक निवासी हूँ। यह नगर सफ़ाई की दृष्टि से पूरी तरह उपेक्षित है। इसे देखकर कभी-कभी तो ऐसा लगता है जैसे यह नगर-निगम के क्षेत्र के बाहर है। गाँव की गंदगी के विषय में तो केवल सुना था लेकिन यहाँ की गंदगी को प्रतिदिन आँखों से देखता हूँ। सफ़ाई कर्मचारी की नियुक्ति तो अवश्य हुई है लेकिन वह कभी-कभी ही दिखाई देता है। उसके व्यवहार में अशिष्टता भी है। इधर-उधर गंदगी के ढेर लगाकर चला जाता है। नालियों का भी ठीक प्रबंध नहीं है। पानी निचले स्थान पर आकर रुक जाता है। मच्छरों के जमघट ने नाक में दम कर रखा है। अनेक प्रकार की बीमारियों के फैलने का भय बना रहता है।
आपसे नम्र निवेदन है कि आप एक बार स्वयं इस नरक को आकर देख जाएं। तभी आप हमारी कठिनाई का अनुभव करेंगे। एक बार पहले भी आपकी सेवा में प्रार्थना कर चुके हैं। लगता है हमारी बात आप तक पहुंची नहीं अन्यथा इस नगर की दशा ऐसी न होती। कृपया सफ़ाई सेवक को चेतावनी दें ताकि वह अपने काम को ईमानदारी से करें।
आशा है कि आप मेरी प्रार्थना पर ध्यान देंगे और शिवाजी नगर की सफ़ाई कर उचित प्रबंध करेंगे।
भवदीय
सुरेंद्र कुमार
उदाहरण-
पंजाब रोडवेज़ के महाप्रबंधक को बस में छूट गए सामान के बारे में बताते हुए उस के मिलने पर सूचित करने अथवा लौटाने के लिए पत्र लिखिए।
उत्तर:
9/25-सैक्टर 28
मोहाली।
दिनांक 19 सितंबर, 20…
सेवा में
महाप्रबंधक
पंजाब रोडवेज़
मोहाली।
विषय-बस में छूटे सामान को खोजने के लिए।
महोदय,
निवेदन यह है कि मैं आज प्रातः 7 बजे दिल्ली से मोहाली आने वाली वाल्वो बस संख्या पी०बी० 10 ए 9406 से मोहाली के सैक्टर 28 के बस शैल्टर पर उतरा था। उतरते समय मेरा ब्रीफ केस जिसका रंग नीला तथा एस०के० का लेबल लगा हुआ था। बस में ही रह गया था। जब मुझे याद आया तो बस जा चुकी थी। बस स्टैंड जा कर पता किया तो बस सवारियाँ लेकर दिल्ली जा चुकी थी। वहाँ पूछताछ करने पर कुछ भी पता नहीं चला।
आप से प्रार्थना है कि बस के परिचालक से पता करके मेरे ब्रीफ केस के संबंध में ज्ञात कीजिए क्योंकि उसमें मेरे अनेक प्रमाण-पत्र तथा मेरा पहचान पत्र भी है। आशा है शीघ्र ही इस विषय में प्राप्त जानकारी से मुझे सूचित करेंगे, जिससे मैं अपना ब्रीफ केस प्राप्त कर सकूँ।
धन्यवाद।
भवदीय
कँवरपाल सिंह
उदाहरण-
बिजली की सप्लाई के संबंध में विद्यत् बोर्ड को शिकायत पत्र लिखिए।
उत्तर:
प्रेमपाल संधु
19-प्रेम नगर
दोराहा।
दिनांक 12 मार्च, 20…
सेवा में
कार्यकारी अधिकारी
पंजाब विद्युत् बोर्ड
दोराहा।
विषय-बिजली की अनियमित पूर्ति के समाधान के लिए।
महोदय,
निवेदन यह है कि हमारे मोहल्ले प्रेम नगर में विगत कई दिनों से दिन और रात में कई-कई घंटों तक बिजली चली जाती है। दिन तो किसी प्रकार से निकल जाता है परंतु रात को जब घंटों बिजली गायब रहती है तो बहुत कठिनाई होती है। परीक्षाओं के दिन होने के कारण विद्यार्थी पढ़ नहीं पाते। रातें अंधेरी होने से सड़क पर चलने वाले दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं तथा चोर-लुटेरों की बन आती है। इस क्षेत्र के विद्युत् विभाग के कर्मचारियों, सहायक अभियंता आदि को भी शिकायत की थी परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई।
आशा है आप बिजली सप्लाई की समुचित आपूर्ति की शीघ्र ही व्यवस्था करेंगे।
धन्यवाद,
भवदीय
प्रेमपाल
उदाहरण-
अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को विद्यालय-त्याग का प्रमाण-पत्र प्रदान करने के लिए प्रार्थनापत्र लिखो।
उत्तर:
सेवा में
प्रधानाचार्य
सरकारी उच्च विद्यालय
पठानकोट।
विषय-विद्यालय त्याग-प्रमाण-पत्र हेतु प्रार्थना-पत्र।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मेरे पिता जी का स्थानांतरण शिमला हो गया है। वे कल यहाँ से जा रहे हैं और साथ में परिवार भी जा रहा है। इस अवस्था में मेरा यहाँ अकेला रहना कठिन है। कृपा करके मुझे स्कूल छोड़ने का प्रमाण-पत्र दीजिए ताकि मैं वहाँ जाकर स्कूल में प्रविष्ट हो सकूँ।
धन्यवाद।
आपका विनीत शिष्य
सुनील कुमार
दसवीं ‘बी’
दिनांक 11 फरवरी, 20…
उदाहरण-
अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को शिक्षा-शुल्क क्षमा करवाने के लिए प्रार्थना-पत्र लिखो।
उत्तर:
सेवा में
प्रधानाचार्य
डी०ए०वी० उच्च विद्यालय
फ़ाज़िल्का।
विषय-शिक्षा-शुल्क माफी के लिए प्रार्थना-पत्र।
मान्यवर,
सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय में कक्षा दसवीं ‘ए’ में पढ़ता हूँ। मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखता हूँ। मेरे पिता जी एक स्थानीय कार्यालय में केवल दो हज़ार रुपये मासिक पर कार्य करते हैं। हम परिवार में छः सदस्य हैं। इस महँगाई के समय में इतने कम वेतन में निर्वाह होना अति कठिन है। ऐसी स्थिति में मेरे पिता जी मेरा शुल्क अदा करने में असमर्थ हैं।
मेरी पढाई में विशेष रुचि है। मैं सदा अपनी कक्षा में प्रथम रहता आया हूँ। मैं स्कूल की हॉकी टीम का कप्तान भी हूँ। मेरे सभी अध्यापक मुझ से सर्वथा संतुष्ट हैं। अतः आपसे मेरी विनम्र प्रार्थना है कि आप मेरा शिक्षा-शुल्क माफ कर मुझे आगे पढ़ने का सुअवसर प्रदान करने की कृपा करें।
मैं आपका सदा आभारी रहूँगा।
आपका आज्ञाकारी शिष्य
सुखदेव सिंह
कक्षा दसवीं ‘ए’
दिनांक 15 मई, 20…
उदाहरण-
अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को चरित्र प्रमाण-पत्र प्रदान करने के लिए प्रार्थना-पत्र लिखो।
उत्तर:
सेवा में
प्रधानाचार्य
विवेकानंद उच्च विद्यालय
मलेरकोटला।
विषय-चरित्र प्रमाण-पत्र के लिए प्रार्थना-पत्र।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं विगत सत्र में आपके विद्यालय में कक्षा दसवीं ‘ए’ का छात्र था। मैंने पंजाब विद्यालय शिक्षा बोर्ड की दसवीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की थी। कक्षा रजिस्टर में मेरा अनुक्रमांक 27 तथा बोर्ड का नामांक 11670 था।
मैं विद्यालय की छात्र परिषद् का सक्रिय सदस्य था। मैंने जिला स्तर की भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। विद्यालय पत्रिका का सहसंपादक होने के साथ-साथ मैंने विद्यालय की प्रत्येक गतिविधि में सदैव बढ़-चढ़कर भाग लिया है।
आपसे मेरा अनुरोध है कि मुझे एक चरित्र प्रमाण-पत्र दिया जाए जिसमें मेरी रुचियों का भी उल्लेख हो। आशा है कि मुझे वांछित प्रमाण-पत्र यथाशीघ्र नीचे लिखे पते पर भिजवाने की कृपा करेंगे।
‘धन्यवाद सहित।
आपका आज्ञाकारी
प्रमोद तिवारी
16-शक्ति नगर
अजमेर।
दिनांक 10 मई, 20…
उदाहरण-
अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को छात्रवृत्ति के लिए आवेदन-पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में
प्रधानाचार्य
राजकीय उच्च विद्यालय
दसुआ।
विषय-छात्रवृत्ति प्रदान करने हेतु प्रार्थना-पत्र।
महोदय
सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय की दसवीं कक्षा का एक छात्र हूँ। मैं प्रथम श्रेणी से आपके विद्यालय में पढ़ रहा हूँ। मैंने परीक्षा में सदैव अच्छे अंक प्राप्त किए हैं। खेलकूद तथा विद्यालय के अन्य कार्यक्रमों में भी मेरी रुचि है। मुझे पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं। अपने सहपाठियों के प्रति मेरा व्यवहार हमेशा शिष्टतापूर्ण रहा है। अध्यापक वर्ग भी मेरे आचार-व्यवहार से संतुष्ट हैं।
हमारे घर की आर्थिक स्थिति अचानक खराब हो गई है। मेरी पढ़ाई में बाधा उपस्थित हो गई है। मेरे पिता जी मेरी पढ़ाई का व्यय भार संभालने में स्वयं को असमर्थ पा रहे हैं। अतः आप से मेरी विनम्र प्रार्थना है कि मुझे छात्रवृत्ति प्रदान करने की कृपा करें। मैं जीवन भर आपका आभारी रहूंगा। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि कठोर परिश्रम द्वारा मैं बोर्ड की परीक्षा में विशेष योग्यता प्राप्त करने वाले छात्राओं की सूची से उच्च स्थान प्राप्त कर विद्यालय की शोभा बढ़ाऊंगा।
धन्यवाद सहित,
आपका आज्ञाकारी शिष्य
हरदेव सिंह कक्षा
दसवीं ‘ग’
दिनांक : 7 नवंबर, 20…
संपादकीय-पत्र
देश/नगर/प्रदेश/मुहल्ले की किसी समस्या की ओर उच्च अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करने के लिए किसी समाचारपत्र के संपादक को लिखे गए पत्र संपादकीय-पत्र कहलाते हैं। इन पत्रों में विषय से संबंधित तथ्य संक्षेप में तथा स्पष्ट रूप से लिखे जाते हैं। अनावश्यक विस्तार नहीं किया जाता तथा सहज, सरल, मर्यादित भाषा का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण 1.
संपादक, दैनिक ट्रिब्यून, चंडीगढ़ को ‘बाल मजदूरी’ पर चिंता व्यक्त करते हुए पत्र लिखिए।
उत्तर:
103, संत नगर,
चंडीगढ़।
5 जून, 20…
सेवा में
संपादक
दैनिक ट्रिब्यून
चंडीगढ़।
विषय-बाल मजदूरी समस्या-समाधान।
मान्यवर,
आपके समाचार-पत्र में यह पढ़कर कि ‘हैदराबाद से दो सौ बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया’ मैं अधिकारियों तथा जनता का ध्यान इस ओर आकृष्ट करना चाहती हूँ कि सरकारी कानून होते हुए भी बाल मजदूरों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। चाय की दुकान, ढाबों, अन्य अनेक दुकानों तथा ठेलों पर छोटे-छोटे बच्चे काम करते दिखाई देते हैं। जिन बच्चों को बस्ता लेकर स्कूल जाना चाहिए था, वे आजीविका कमाने का बोझ ढो रहे हैं। घरेलू नौकरों के रूप में भी बाल-मजदूरों का शोषण हो रहा है। बाल-श्रम सरकारी कागजों में घोषित अपराध है फिर भी इसमें वृद्धि चिंताजनक है।
विभिन्न सामाजिक संस्थाओं, पत्रकारों, जागरूक नागरिकों तथा सरकारी संस्थानों को इन बाल श्रमिकों के शोषण के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करनी चाहिए तथा मज़दूरी में लगे बच्चों को शिक्षा का मौलिक अधिकार दिलाना चाहिए। ऐसे बच्चों के खान-पान, रहन-सहन आदि की भी समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।
आशा है कि संबंधित अधिकारी बाल-मज़दूरी को रोकने के लिए उचित कदम उठाएंगे तथा जनता बच्चों को मज़दूरी करने के लिए विवश नहीं करेगी।
सधन्यवाद
भवदीया,
जसुलोक कौर
उदाहरण 2.
दैनिक जागरण जालंधर के संपादक को अपने क्षेत्र में चल रहे शराब, जुआ आदि के अड्डों की जानकारी देते हुए इन पर रोक लगाने का अनुरोध कीजिए।
उत्तर:
13, शांति निकेतन,
फरीदकोट।
2 मार्च, 20…
सेवा में
संपादक
दैनिक जागरण
जालंधर।
विषय-नशाखोरी, जोआखोरी की रोकथाम के लिए निवेदन।
महोदय,
आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से मैं संबंधित अधिकारियों का ध्यान नई बस्ती में चल रहे शराब तथा जुआखोरी के अड्डों की ओर दिलाना चाहता हूँ। इन में दिनभर नशेड़ियों तथा जुआरियों के अड्डे जमे रहते हैं। शाम ढलते ही इनमें बहुत भीड़ हो जाती है, जिससे राह चलना भी मुश्किल हो जाता है क्योंकि कई शराबी तथा जुआरी तो फुटपाथ पर ही जम जाते हैं। जब उन्हें वहाँ से हटाने की कोशिश की जाती है तो मरने-मारने पर उतारू हो जाते हैं। स्थानीय पुलिस को बार-बार शिकायत करने पर भी कोई लाभ नहीं हुआ है। इससे क्षेत्र के निवासियों में निरंतर आक्रोश बढ़ रहा है। संबंधित अधिकारी इस घटना चक्र का संज्ञान लेकर इन अड्डों को बंद कराएं तथा इनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही करें अन्यथा क्षेत्र के निवासी आंदोलन करने पर विवश हो जाएंगे।
धन्यवाद,
भवदीय
बलकार सिंह
उदाहरण 3.
सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर लगाने से होने वाली असुविधा पर अपने विचार व्यक्त करते हुए संपादक, दैनिक लोकमत, बठिंडा को पत्र लिखिए।
उत्तर:
313, नंद नगर,
बठिंडा।
1 मई, 20…
सेवा में
संपादक
दैनिक लोकमत
बठिंडा।
विषय-पोस्टरों से असुविधा।
महोदय,
आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से मैं प्रशासन तथा संबंधित अधिकारियों का ध्यान उन संस्थाओं/संस्थानों की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ जो घरों, सार्वजनिक स्थलों, स्कूलों, मार्गदर्शक पटों आदि पर अपने पोस्टर चिपका अथवा लगा देते हैं। इससे जहाँ नगर की सुंदरता बिगड़ती है, वहीं मार्गदर्शक पटों पर लगे पोस्टरों के कारण किसी मार्ग की तलाश करने वाले को मार्ग ही नहीं दिखाई देता। नगर के चौराहों पर लगे बड़े-बड़े पोस्टरों से तो आने-जाने वाले दुर्घटनाग्रस्त भी हो जाते हैं क्योंकि ड्राइव करते समय या पैदल चलते हुए जैसे ही वे पोस्टर देखने लगते हैं कि अन्य वाहन की टक्कर से दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। इसीलिए इन पोस्टर लगाने वालों के लिए पोस्टर लगाने के लिए कोई निर्धारित स्थान निश्चित होना चाहिए तथा ऐसा न करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही होनी चाहिए जिससे नगर स्वच्छ रह सके।
धन्यवाद,
भवदीय
नफे सिंह बराड़
उदाहरण 4.
सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए संपादक, जनवाणी, होशियारपुर को पत्र लिखिए।
उत्तर:
नेहा ठकुराल
912/14-महाजन लेन
संगरूर।
दिनांक 22 अगस्त, 20…
सेवा में
संपादक,
जनवाणी
होशियारपुर।
विषय-सड़क दुर्घटनाएँ-समस्या और सुझाव।
महोदय,
आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से मैं दिन प्रतिदिन बढ़ती हुई सड़क दुर्घटनाओं की ओर दिलाना चाहती हूँ तथा इन्हें रोकने के लिए अपनी ओर से कुछ सुझाव भी दे रही हूँ।
आजकल निरंतर बढ़ती हुई सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण बिना वाहन चलाने के वैध लाइसेंस के गाड़ी चलाना, नशे में गाड़ी चलाना, तेजगति से गाड़ी चलाना, ट्रेफिक नियमों की अनदेखी करते हुए वाहन चलाना, ट्रकों आदि में निर्धारित सीमा से अधिक माल भरना, वाहनों की समय-समय पर समुचित सर्विस न कराना आदि हैं। नाबालिग लड़के/लड़कियाँ बिना लाइसेंस के तीन-तीन सवारियों को बैठाकर बाइक/स्कूटी आदि चलाते हैं, इन से भी दुर्घटना घट जाती है।
इन सब समस्याओं से निपटने के लिए परिवहन तथा पुलिस विभाग को मिल-जुलकर काम करना चाहिए। वाहन चालक को लाइसेंस उसके ट्रैफिक नियमों से परिचित तथा वाहन चलाने की परीक्षा लेने के बाद ही दिया जाए। ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों को कठोर दंड दिया जाए। समय-समय पर स्कूल-कॉलेजों-संस्थानों में ट्रैफिक नियमों की जानकारी देने संबंधी कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए। आशा है प्रशासन मेरे इन सुझावों की ओर ध्यान देकर सड़क दुर्घटनाओं को रोकने की पहल करेगा।
धन्यवाद,
भवदीया
नेहा ठकुराल