PSEB 10th Class Agriculture Solutions Chapter 10 फसलों के लिए लाभदायक तथा हानिकारक जीव

Punjab State Board PSEB 10th Class Agriculture Book Solutions Chapter 10 फसलों के लिए लाभदायक तथा हानिकारक जीव Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Agriculture Chapter 10 फसलों के लिए लाभदायक तथा हानिकारक जीव

PSEB 10th Class Agriculture Guide फसलों के लिए लाभदायक तथा हानिकारक जीव Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के एक-दो शब्दों में उत्तर दीजिए –

प्रश्न 1.
पंजाब में कितनी किस्म के चूहे मिलते हैं ?
उत्तर-
8 किस्मों के।

प्रश्न 2.
झाड़ियों का चूहा पंजाब के किस इलाके में मिलता है ?
उत्तर-
रेतीले तथा खुश्क इलाके में मिलता है।

प्रश्न 3.
सियालू मक्की उगने के समय चूहे कितना नुकसान कर देते हैं ?
उत्तर-
10.7%.

प्रश्न 4.
जहरीला चुग्गा प्रति एकड़ कितने स्थानों पर रखना चाहिए ?
उत्तर-
40 स्थानों पर 10 ग्राम के हिसाब से प्रत्येक स्थान पर रखो।

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प्रश्न 5.
चूहों को खाने वाले दो मित्र पक्षियों के नाम लिखिए।
उत्तर-
उल्लू तथा गिद्ध।

प्रश्न 6.
फसलों को कौन-सा पक्षी सर्वाधिक नुकसान पहुंचाता है ?
अथवा
कृषि में सबसे हानिकारक पक्षी कौन-सा है?
उत्तर-
तोता।

प्रश्न 7.
उजका (डरावा) फसल से कम-से-कम कितना ऊंचा होना चाहिए ?
उत्तर-
एक मीटर।

प्रश्न 8.
एक चिड़िया एक दिन में अपने बच्चों को कितनी बार चुग्गा देती है ?
उत्तर-
250 बार।

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प्रश्न 9.
टिटिहरी अपना घोंसला कहां बनाती है ?
उत्तर-
भूमि पर।

प्रश्न 10.
चक्की राहा अपनी खराक में क्या खाता है?
उत्तर-
कीड़े-मकौड़े।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के एक – दो वाक्यों में उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1.
खेती-उत्पादों को हानिकारक जीवों से बचाने की क्या आवश्यकता है ?
उत्तर-
कृषि के क्षेत्र में हुई उन्नति तभी बनी रह सकती है यदि कृषि उत्पादों को अच्छी तरह सम्भाल कर रखा जाए। कृषि उत्पादकों को हानि पहुंचाने वाले जीवों से रक्षा करना बहुत ज़रूरी है।

प्रश्न 2.
चूहों को आदत डालने का क्या ढंग है?
उत्तर-
अधिक चूहे पकड़े जाएं इसके लिए चूहों को पिंजरों में आने के लिए आदत डालें। इसके लिए प्रत्येक पिंजरे में 10-15 ग्राम बाजरा अथवा ज्वार अथवा गेहूं का दलिया, जिसमें 2% पिसी हुई चीनी तथा मूंगफली अथवा सूरजमुखी का तेल भरा हो, 23 दिन तक रखते रहें तथा पिंजरों का मुँह खुला रहने दें।

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प्रश्न 3.
बरोमाडाइलोन के प्रभाव को कैसे कम किया जा सकता है ?
उत्तर-
बरोमाडाइलोन का प्रभाव विटामिन ‘के’ के प्रयोग से कम किया जा सकता है। इस विटामिन का प्रयोग डॉक्टर की निगरानी में होना चाहिए।

प्रश्न 4.
ग्रामीण स्तर पर चूहे को मारने के अभियान के द्वारा चूहों का खात्मा कैसे किया जा सकता है ?
उत्तर-
थोड़े क्षेत्र में चूहों की रोकथाम का कोई अधिक लाभ नहीं होता क्योंकि साथ वाले खेतों से चूहे फिर आ जाते हैं। इसलिए अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए चूहे मारने 1. के अभियान को गांव स्तर पर अपनाना बहुत ही आवश्यक है। इसके अन्तर्गत गांव की सारी भूमि (बोई हुई, बागों वाली, जंगलात वाली तथा खाली) पर सामूहिक तौर पर चूहों का खात्मा किया जाता है।

प्रश्न 5.
उजका (डरावा) से क्या अभिप्राय है ? फसलों की रक्षा में इसकी क्या भूमिका है ?
उत्तर-
एक पुरानी मिट्टी की हांडी लेकर उस पर रंग से मानवीय सिर बना दिया जाता है तथा उसको खेत में गाड़े डंडों पर टिका कर मानवीय पोशाक पहना दी जाती है। इसको डरना कहते हैं। पक्षी इसको मनुष्य समझ कर खेत में नहीं आते। इस तरह पक्षियों से फसल का बचाव हो जाता है।

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प्रश्न 6.
तोते से तेल बीजों वाली फसलों का बचाव कैसे किया जा सकता है ?
उत्तर-
तोते का कौओं से तालमेल बहुत कम है। इसलिए एक अथवा दो मरे कौओं अथवा उनके पुतले अधिक नुकसान करने वाले स्थानों पर लटका दिये जाते हैं। इस तरह तोते खेत के नज़दीक नहीं आते।

प्रश्न 7.
सघन वृक्षों वाले स्थानों के पास सूर्यमुखी की फसल क्यों नहीं बोयी जानी चाहिए ?
उत्तर-
क्योंकि वृक्षों पर पक्षियों का घर होता है तथा वह इन पर आसानी से बैठतेउठते रहते हैं तथा फसलों को आसानी से नुकसान पहुंचा सकते हैं।

प्रश्न 8.
मित्र पक्षी फसलों की रक्षा में किसान की कैसे मदद करते हैं ?
उत्तर-
मित्र पक्षी जैसे उल्लू, गिद्ध, बाज, शिकरे आदि चूहों को खा लेते हैं, तथा कुछ अन्य पक्षी जैसे नीलकंठ, गाय, बगुला, छोटा उल्लू / चुगल टटिहरियां आदि हानिकारक कीड़े-मकौड़े खाकर किसान की सहायता करते हैं।

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प्रश्न 9.
गाय बगुले की पहचान आप कैसे करेंगे ?
उत्तर-
यह सफेद रंग का पक्षी है जिसकी चोंच पीली होती है। इस पक्षी को अक्सर खेत को जोतते समय ट्रैक्टर अथवा बैलों के पीछे भूमि पर कीड़े खाते देख सकते हैं।

प्रश्न 10.
जहरीले चुग्गे का प्रयोग करते समय आवश्यक सावधानियों के बारे में आप क्या जानते हो? . .
उत्तर-
जहरीले चोगे के प्रयोग सम्बन्धी सावधानियां-

  • चोगे में ज़हरीली दवाई मिलाने के लिए डंडे अथवा खुरपे की सहायता लो, नहीं – तो हाथों पर रबड़ के दस्ताने पहन लो। मुंह, नाक तथा आंखों को ज़हर से बचा कर रखो।
  • चूहेमार दवाइयां तथा ज़हरीला चोगा बच्चों तथा पालतू जानवरों से दूर रखना चाहिए।
  • ज़हरीला चोगा कभी भी रसोई के बर्तनों में न बनाओ।
  • जहरिला चोगा रखने तथा ले जाने के लिए पॉली थिन के लिफाफे का प्रयोग करो तथा बाद में इन्हें मिट्टी में दबा देना चाहिए।
  • मरे हुए चूहे इकट्ठे करके तथा बचा चोगा मिट्टी में दबा देना चाहिए।
  • जिंक फॉस्फाइड मनुष्यों के लिए काफ़ी हानिकारक है। इसलिए हादसा होने पर मरीज़ के गले में उंगलियां मारकर उल्टी करवा देनी चाहिए तथा मरीज़ को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।

(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के पांच-छः वाक्यों में उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1.
चूहे कितनी किस्म के होते हैं ? पंजाब में भिन्न-भिन्न इलाकों में मिलने वाले चूहों का विवरण दीजिए।
उत्तर-
पंजाब के खेतों में मुख्यत: 8 किस्मों के चूहे तथा चुहियां मिलती हैं। यह हैंझाड़ियों का चूहा, भूरा चूहा, नर्म चमड़ी का चूहा, अन्धा चूहा, घरों की चुहिया, भूरी चुहिया तथा खेतों की चुहिया।
अन्धा चूहा तथा नर्म चमड़ी वाला चूहा गन्ना तथा गेहूं-धान उगाने वाले तथा बेट के इलाके में मिलते हैं। नर्म चमड़ी वाला चूहा कल्लरी भूमि में, झाड़ियों का चूहा तथा भूरा चूहा रेतीले तथा खुश्क इलाकों में तथा झाड़ियों का चूहा कण्डी के इलाके (ज़िला होशियारपुर) में पाया जाता है।

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प्रश्न 2.
जहरीला चुग्गा तैयार करने की दो विधियों के बारे में बताइए।
उत्तर-
1. 2% जिंक फॉस्फाइड (काली दवाई) वाला चोगा-1 किलो बाजरा, ज्वार अथवा गेहूं का दलिया अथवा इन सभी अनाजों का मिश्रण लेकर उसमें 20 ग्राम तेल तथा 25 ग्राम जिंक फॉस्फाइड दवाई डालकर अच्छी तरह मिला लो, चोगा तैयार है। इसका ध्यान रखें कि इस चोगे में कभी भी पानी न डाला जाए तथा हमेशा ताज़ा तैयार किया चोगा ही प्रयोग करो।

2. 0.005% ब्रोमाइडिलोन तथा चोगा-0.25% ताकत का 20 ग्राम ब्रोमाइडिलोन पाऊडर, 20 ग्राम तेल तथा 20 ग्राम पिसी हुई चीनी को एक किलो पिसी हुई गेहूं अथवा किसी अन्य अनाज के आटे में डाल कर यह चोगा तैयार किया जाता है।

प्रश्न 3.
बहुद्देश्यीय योजना से चूहों की रोकथाम कैसे की जा सकती है ?
उत्तर-
किसी एक तरीके से कभी भी सारे चूहे नहीं मारे जा सकते। किसी एक समय चूहों की रोकथाम करने के पश्चात् बचे हुए चूहे बड़ी तेजी से बच्चे पैदा करके अपनी संख्या में वृद्धि कर लेते हैं। इसलिए एक-से-अधिक तरीके अपनाकर चूहों को मारना चाहिए। खेतों में पानी लगाते समय चूहों को डंडों से मारो। फसल बोने के पश्चात् उचित समयों पर रासायनिक ढंग प्रयोग करो। ज़हरीला चोगा खेतों में डालने के पश्चात् बचे खड्डों में गैस वाली गोलियां भी डाल दो। जिंक फॉस्फाइड दवाई के प्रयोग से तुरन्त पश्चात् आवश्यक हो तो ब्रोमाइडिलोन अथवा गैस वाली गोलियों का प्रयोग करो।

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प्रश्न 4.
पक्षियों से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाव के लिए कौन-से परम्परागत तरीके हैं ?
उत्तर-
पक्षियों के कारण फसलों को होने वाली हानि से बचाव के पारंपरिक ढंग-

  • कई कीमती फसलें जैसे सूरजमुखी तथा मक्की आदि को बचाने के लिए इन फसलों के इर्द-गिर्द बाहर वाली दो-तीन पंक्तियों में बैंचा या बाजरा जैसी कम कीमत वाली फसलें लगा देनी चाहिए।
    पक्षी इन फसलों को पसंद करते हैं तथा इनको पहले खाते हैं तथा मुख्य फसल बच जाती है।
  • पक्षियों के बैठने वाले स्थान जैसे घने वृक्ष तथा बिजली की तारों के पास सूरजमुखी की बोबाई नहीं करनी चाहिए।
  • सूरजमुखी तथा मक्की की फसल को तोते द्वारा हानि से बचाने के लिए इनकी बुआई कम-से-कम दो तीन एकड़ के क्षेत्र में करो। तोता फसल के अंदर जाकर फसल को कम हानि पहुंचाता है।

प्रश्न 5.
भिन्न-भिन्न यांत्रिक विधियों से आप फसलों का पक्षियों से बचाव कैसे कर सकते हो ?
उत्तर-
यांत्रिक विधियों द्वारा फसलों का पक्षियों से बचाव-

  • धमाका करना-भिन्न-भिन्न समय पर पक्षी उड़ाने के लिए बंदूक से धमाका करना चाहिए।
  • डरने का प्रयोग-एक पुरानी मिट्टी की हांडी लेकर उस पर रंग से मानवीय सिर बना दिया जाता है तथा उसको खेत में गाड़े डंडों पर टिका कर मानवीय पोशाक पहना दी जाती है। इसको डरना कहते हैं। पक्षी इसको मनुष्य समझ कर खेत में नहीं आते। इस तरह पक्षियों से फसल का बचाव हो जाता है।
  • कौओं के पुतले लगाना-तोते का कौओं से तालमेल बहुत कम है। इसलिए एक अथवा दो मरे कौओं अथवा उनके पुतले अधिक नुकसान करने वाले स्थानों पर लटका दिये जाते हैं। इस तरह तोते खेत के नज़दीक नहीं आते।
  • पटाखों की रस्सी का प्रयोग-एक रस्सी के साथ छ: से आठ ईंच की दूरी पर पटाखों के छोटे-छोटे बडंल बांध दिए जाते हैं तथा रस्से के निचले भाग को सुलगा दिया जाता है। इस तरह थोड़ी-थोड़ी देर बाद धमाके होते रहते हैं तथा पक्षी डर कर उड़ जाते हैं। बीज अंकुरित हो रहे हों तो रस्सी खेत में तथा फसल पकने के समय खेत के किनारे . से दूर लटकानी चाहिए।

Agriculture Guide for Class 10 PSEB फसलों के लिए लाभदायक तथा हानिकारक जीव Important Questions and Answers

वस्तनिष्ठ प्रश्न

I. बहु-विकल्पीय प्रश्न-

प्रश्न 1.
किसानों के मित्र पक्षी हैं –
(क) नीलकंठ
(ख) गुटार
(ग) गाय बगला
(घ) सभी।
उत्तर-
(घ) सभी।

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प्रश्न 2.
उल्लू एक दिन में कितने चूहे खा जाते हैं ?
(क) 4-5
(ख) 8-10
(ग) 1-2
(घ) सभी ठीक।
उत्तर-
(क) 4-5

प्रश्न 3.
टिटहरी अपना घोंसला कहां बनाती है?
(क) भूमि पर
(ख) वृक्षों पर
(ग) पानी में
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(क) भूमि पर

प्रश्न 4.
चूहे मारने के लिए प्रयोग होने वाले रसायन हैं
(क) सोडियम
(ख) पोटाशियम क्लोराइड
(ग) जिंक फास्फाइड
(घ) सभी।
उत्तर-
(ग) जिंक फास्फाइड

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प्रश्न 5.
पंजाब में कितनी किस्म के पक्षी मिलते हैं?
(क) 100
(ख) 50
(ग) 300
(घ) 500.
उत्तर-
(ग) 300

प्रश्न 6.
कौन-सा पक्षी अपना घोंसला वृक्षों की गुहायों (खोड़ों) में बनाता है ?
(क) कठफोड़वा
(ख) टिटीहरी
(ग) गाय बगुला
(घ) नीलकंठ।
उत्तर-
(ग) गाय बगुला

प्रश्न 7.
कौन-सा पक्षी अपना घोंसला समूहों में वृक्षों के ऊपर बनाता है ?
(क) कठफोड़वा
(ख) टिटीहरी
(ग) गाय बगुला
(घ) उल्लू।
उत्तर-
(ग) गाय बगुला

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प्रश्न 8.
गेहूँ के उगते समय चूहे कितना नुकसान करते हैं ?
(क) 2.9%
(ख) 10.7%
(ग) 4.5%
(घ) 1.1%
उत्तर-
(क) 2.9%

II. ठीक/गलत बताएँ

1. नीलकंठ पक्षी कीड़े-मकौड़े तथा चूहों को खाता है।
2. पंजाब के खेतों में 8 प्रकार के चूहे मिलते हैं।
3. कृषि में सब से हानिकारक पक्षी तोता है।
4. चूहे मारने के लिए प्रयोग में आने वाला रसायन जिंक फास्फाइड है।
5. उल्लू, बाज आदि किसान के मित्र पक्षी हैं।
उत्तर-

  1. ठीक
  2. ठीक
  3. ठीक
  4. ठीक
  5. ठीक।

III. रिक्त स्थान भरें-

1. डरना (बजूका) फ़सलों से कम से कम ………… मीटर ऊँचा होना चाहिए।
2. चूहों को पकड़ने के लिए कम से कम ……………… पिंजरे प्रति एकड़ के हिसाब से रखे जाते हैं।
3. घुग्गीयां, कबूतर तथा बया वर्ष में लगभग ………….. रुपये मूल्य का धान खा जाते हैं।
4. …………… पक्षी की चोंच का रंग पीला होता है।
5. कल्लरी भूमि में …………. चमड़ी का चूहा होता है।
उत्तर-

  1. एक
  2. 16
  3. दो करोड़
  4. गाय बगुला
  5. नर्म।

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अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
चूहे कहां रहते हैं ?
उत्तर-
चूहे बिलों में रहते हैं।

प्रश्न 2.
गन्ना तथा गेहूं-धान उगाने वाले तथा बेट के इलाके में कौन-से चूहे होते हैं ?
उत्तर-
अन्धा तथा नर्म चमड़ी वाले चूहे।

प्रश्न 3.
कल्लरी भूमि में कौन-सा चूहा होता है ?
उत्तर-
नर्म चमड़ी वाला।

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प्रश्न 4.
कण्डी के इलाके में कौन-सा चूहा होता है ?
उत्तर-
झाड़ियों का चूहा।

प्रश्न 5.
गेहूं के उगने तथा पकने के समय चूहों द्वारा कितना नुकसान किया जाता है?
उत्तर-
उगने के समय 2.9% तथा पकने के समय 4.5% ।

प्रश्न 6.
मटरों में पकते समय चूहे कितना नुकसान करते हैं ?
उत्तर-
1.1.% ।

प्रश्न 7.
बेट के इलाके में गेहूं के पकने तक चूहे कितना नुकसान करते हैं ?
उत्तर-
25% |

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प्रश्न 8.
सिंचाई के समय बिलों से निकले चूहों को कैसे मारोगे ?
उत्तर-
डंडों से।

प्रश्न 9.
चूहे पकड़ने के लिए एक एकड़ में कितने पिंजरे रखने चाहिएं ?
उत्तर-
16 पिंजरे।

प्रश्न 10.
पिंजरों का दुबारा प्रयोग कितने दिनों बाद करना चाहिए ?
उत्तर-
30 दिनों के फासले के पश्चात्।

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प्रश्न 11.
जिंक फॉस्फाइड वाला एक किलो चोगा कितने क्षेत्र के लिए प्रयोग करना चाहिए ?
उत्तर-
29 एकड़ के लिए।

प्रश्न 12.
चूहों की प्राकृतिक रोकथाम कैसे की जाती है ?
उत्तर-
कुछ पक्षी तथा जानवर कैसे गिद्ध, उल्लू, बाज़, शिकरा, सांप, बिल्लियां, नेवला तथा गीदड़ चूहों को मारकर खा जाते हैं।

प्रश्न 13.
पंजाब में कितनी किस्मों के पक्षी मिलते हैं ?
उत्तर-
300 किस्मों के।

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प्रश्न 14.
घुग्गियां, कबूतर तथा बया वार्षिक कितने मूल्य का धान खा जाते
उत्तर-
2 करोड़ रुपए मूल्य का।

प्रश्न 15.
डरने के स्थान, दिशा तथा पोशाक कितने दिनों के पश्चात् बदलनी चाहिए ?
उत्तर-
दस दिनों के बाद।

प्रश्न 16.
उल्लू एक दिन में कितने चूहे खा जाते हैं ?
उत्तर-
4-5 चूहे।

प्रश्न 17.
चूहे मारने के लिए प्रयुक्त किये जाने वाले किसी एक रसायन का नाम बताओ।
उत्तर-
जिंक फॉस्फाइड।

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लघु उत्तरीय प्रश्न-

प्रश्न 1.
हमें अपने आसपास पक्षियों को बचाने के लिए क्या उपाय करने चाहिए ?
उत्तर-

  • हमें अपने आसपास पारंपरिक वृक्ष जैसे बरगद, पीपल, कीकर, शीशम, शहतूत आदि लगाने चाहिए।
  • लकड़ी तथा मिट्टी के बनावटी घोंसले लाकर पक्षियों को घोंसलों के लिए स्थान उपलब्ध करवाने चाहिए।

प्रश्न 2.
नीलकंठ के बारे बताओ।
उत्तर-
इसका पेट हल्के पीले रंग का तथा छाती भूरे रंग की होती है। इसका आकार कबूतर जैसा होता है। इसका आहार कीड़े-मकौड़े होते हैं। इसका घोंसला वृक्षों की खोखलों में होता है।

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प्रश्न 3.
टटिहरी के बारे में क्या जानते हो ?
उत्तर-
इस पक्षी का सिर, छाती तथा गर्दन का रंग काला होता है। यह ऊपर से सुनहरी रंग तथा नीचे से सफेद होता है। यह कीड़े-मकौड़े तथा घोघे खाता है तथा अपना घोंसला भूमि पर बनाता है।

प्रश्न 4.
बिजूका/डरने से फसलों की रखवाली कैसे की जाती है ?
उत्तर-
स्वयं करें।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
चूहों को मारने के रासायनिक ढंगों के बारे में लिखें।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 2.
मशीनी ढंगों से चूहों से फसलों को कैसे बचाया जाता है ?
उत्तर-

  • चूहों को मारना-फसल की कटाई के बाद पानी देने से बिलों में पानी भरने से चूहे बाहर निकलते हैं। उन्हें डंडे से मारो।
  • पिंजरों का प्रयोग-स्वयं लिखें।
  • आदत डालना-स्वयं लिखें।

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प्रश्न 3.
पिंजरों का उपयोग करके फसलों को चूहों से कैसे बचाते हैं ?
उत्तर-
पिंजरों का प्रयोग करके चूहे पकड़कर पानी में डुबोकर मार दिए जाते हैं। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा दो खानों वाला पिंजरा विकसित किया गया है। इससे एक बार में ही कई चूहे पकड़े जा सकते हैं। खेतों में प्रति एकड़ के हिसाब से 16 पिंजरे चूहों के आने-जाने वाले रास्तों, चूहों के नुकसान वाले स्थानों पर रखने चाहिएं। घरों, मुर्गी खानों, गोदामों आदि में एक पिंजरा 4 से 8 प्रति वर्ग मी० के हिसाब से दीवारों के साथ, कमरों के कोनों, अनाज जमा करने वाली वस्तुओं तथा सन्दूकों आदि के पीछे रखने चाहिएं। कोल्ड स्टोरों में पिंजरों को अखबार के कागज़ में लपेट कर रखना चाहिए। चूहों को पकड़ने के लिए उन्हें पहले पिंजरे में 10-15 ग्राम बाजरा, 2% पिसी हुई चीनी तथा 2% मूंगफली के तेल मिले हुए चोगे की आदत डालनी चाहिए। इस तरह चूहों को तीन दिन तक पकड़ो तथा इस तरह पिंजरों का प्रयोग करके चूहों को पकड़कर फसलों की हानि होने से बचाया जा सकता है।

प्रश्न 4.
हमें फसलों के लिए लाभदायक पक्षियों को क्यों नहीं मारना चाहिए?
उत्तर-
लाभदायक पक्षी चूहों तथा कीड़े-मकौड़ों को खा जाते हैं। यहां तक कि चिड़िया तथा बया अपने बच्चों को कीड़े-मकौड़े खिलाते हैं। कई पक्षी जैसे उल्ल, चील, बाज आदि भी चूहों को खा जाते हैं। एक उल्लू एक दिन में 4-5 चूहों को खा लेता है। इस तरह यह पक्षी किसान के मित्र हैं तथा इन्हें मारना नहीं चाहिए।

प्रश्न 5.
चूहे मारने के लिए जहरीला चोगा प्रयोग करते समय किन-किन सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

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प्रश्न 6.
आप कठफोड़वे की पहचान कैसे करेंगे ?
उत्तर-
इस की चोंच लम्बी, नुकीली तथा थोड़ी सी मुड़ी होती है। इस के पंख, शरीर तथा पूंछ के ऊपरी तरफ सफेद तथा काले रंग की धारियां होती हैं। इसके सिर पर कलगी होती है।

फसलों के लिए लाभदायक तथा हानिकारक जीव PSEB 10th Class Agriculture Notes

  • हमारे देश में मिलने वाले पक्षियों में से लगभग 98% पक्षियों की जातियां किसानों के लिए लाभदायक हैं।
  • लाभदायक पक्षी हैं-कोतवाल, टिटहरी, नीलकंठ, गुटार, गाय बगला, कठफोड़वा आदि।
  • यह पक्षी कीड़े-मकौड़े तथा चूहों को खाते हैं।
  • चूहे फसलों का काफी नुकसान करते हैं।
  • चूहे बिलों में रहते हैं।
  • पंजाब के खेतों में 8 किस्मों के चूहे मिलते हैं। अन्धा चूहा, नर्म चमड़ी चूहा, झाड़ियों का चूहा, भूरा चूहा, घरों की चुहिया, खेतों की चुहिया तथा भूरी चुहिया।
  • फसलों का मुख्य नुकसान उगने तथा पकने के समय होता है।
  • चूहों को पकड़ने के लिए कम-से-कम 16 पिंजरे प्रति एकड़ के हिसाब से रखने चाहिएं।
  • पिंजरे में पकड़े चूहों को पानी में डुबो कर मार देना चाहिए तथा पिंजरों का प्रयोग कम-से-कम 30 दिनों बाद करना चाहिए।
  • चूहों को मारने के लिए ज़हरीला चोगा डाला जाता है।
  • ज़हरीले चोगे में जिंक फॉस्फाइड, ब्रोमाडाइलोन आदि का प्रयोग होता है।
  • ज़हरीले चोगे तथा मरे हुए चूहों को दबा देना चाहिए।
  • ज़हरीले चोगे मानवों के लिए भी हानिकारक हैं, इनका प्रयोग बड़े ध्यान से करना चाहिए।
  • चूहों को उल्लू, गिद्ध, शिकरे, बिल्लियां, बाज़, नेवला तथा गीदड़ आदि खा लेते |
  • एक फसल में 2 बार जिंक फॉस्फाइड दवाई के प्रयोग के बीच फासला कम से-कम 2 महीने होना चाहिए।
  • चूहे मारने का अभियान गांव स्तर पर चलाया जाना चाहिए।
  • पंजाब में 300 किस्म के पक्षी मिलते हैं। इनमें से बहुत कम ऐसे हैं जो कृषि को हानि पहुंचाते हैं।
  • तोता सबसे अधिक हानिकारक पक्षी है। यह लगभग सभी फसलों तथा फलों को हानि पहुंचाता है।
  • घुग्गियां, कबूतर तथा बया वर्ष में लगभग 2 करोड़ रुपए मूल्य का धान खा जाते हैं।
  • पक्षी उड़ाने के लिए बन्दूक के धमाके किए जाते हैं तथा डराने का प्रयोग किया जाता है।
  • तोते से बचाव के लिए मरे हुए कौओं को लाठी पर लटका कर रखो।
  • कीमती फसलों को बचाने के लिए फसलों के इर्द-गिर्द हैं, अथवा बाजरे जैसी फसलों को बो देना चाहिए। पक्षी इन फसलों को अधिक पसन्द करते हैं।
  • उल्लू एक दिन में 4-5 चूहे खा जाते हैं।

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