PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण Important Questions, and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
उदासीनीकरण क्रिया से क्या अभिप्राय है? इसे प्रयोग द्वारा समझाइए।
उत्तर-
उदासीनीकरण-ऐसी रासायनिक क्रिया जिसमें अम्ल, क्षारकों के साथ मिलकर उन्हें उदासीन कर दें तथा लवण और पानी बना दें, उसे उदासीनीकरण क्रिया कहते हैं। – प्रयोग-एक बीकर में थोड़ा-सा तनु सोडियम हाइड्रोक्साइड का घोल लीजिए। उसमें कुछ बूंदें फिनालफ्थेलीन घोल की डालो।

इसका रंग गुलाबी हो जाएगा। अब एक ब्यूरेट में तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) भरकर उसे चित्र अनुसार ऊर्ध्वाकर स्टैंड में फिट करो तथा बीकर को उसके नीचे रखो। अब ब्यूरेट की सहायता से धीरे-धीरे हाइड्रोक्लोरिक अम्ल बीकर में डालते जाओ और बीकर को हिलाते जाओ। जब घोल का रंग समाप्त हो जाए तो उसमें अम्ल डालना बंद कर दो। अब इस घोल पर नीले और लाल लिटमस का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। अतः अब बीकर में केवल लवण व पानी है जो लिटमस के प्रति उदासीन है। इस क्रिया को उदासीनीकरण क्रिया कहते हैं।
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प्रश्न 2.
अम्लों के रासायनिक गुण संक्षेप में लिखिए।
उत्तर-
अम्लों के अनेक रासायनिक गुण हैं-
(i) धातुओं से क्रिया-अम्ल सक्रिय धातुओं से क्रिया करते हैं। जिंक मैग्नीशियम लोहा, मैंगनीज़ आदि इनसे क्रिया करके हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करते हैं-
Zn (s) + तनु H2SO4 (aq) → ZnSO4 (aq) + H2 (g)
Mg (s) + तनु 2HCl (aq) → MgCl2 (aq) + H2 (g)

(ii) धातु कार्बोनेट और धातु बाइकार्बोनेट से क्रिया-अम्ल धातु कार्बोनेट और धातु बाइकार्बोनेट से क्रिया कर CO2 उत्पन्न करते हैं।
Na2CO3 + H2SO4 → Na2SO4 + H2O + CO2
NaHCO3 + HCl → NaCl + H2O + CO2

(iii) क्षारकों से क्रिया-अम्ल क्षारकों से क्रिया कर उदासीनीकरण को प्रकट करते हैं। वे लवण तैयार करते हैं।
HCl + NaOH → NaCl + H2O
HCl + KOH → KCl + H2O

(iv) धातु सल्फाइट और बाइसल्फाइट से क्रिया-अम्ल धातु सल्फाइट और धातु बाइसल्फाइट से क्रिया करके SO2 गैस उत्पन्न करते हैं।
CaSO3 + H2SO4 → CasO4 + H2O + SO2 (g)
Na HSO3 + HCl → NaCl + H2O + SO2 (g)

(v) धातु सल्फाइड और हाइड्रोजन सल्फाइड से क्रिया-अम्ल विभिन्न धातु सल्फाइडों तथा हाइड्रोजन सल्फाइड से क्रिया कर H2S गैस उत्पन्न करते हैं।
FeS + H2SO4 → FeSO4 + H2S (g)
KHS + 2HCI — KCl + H2S (g)
(पोटाशियम हाइड्रोजन सल्फाइड)

(vi) धातु क्लोराइडों से क्रिया-जब धातु क्लोराइड को अम्लों के साथ गर्म किया जाता है तो क्रिया होती है।
NaCl + H2SO4 → NaHSO4 + HCl (g)
NaCl + NaHSO4 → Na2SO4 + HCl (g)

(vii) धातु नाइट्रेट से क्रिया-धातु नाइट्रेट से सांद्र अम्ल क्रिया करता है।
NaNO3 + H2SO4 → NaHSO4 + HNO3
NaNO3 + NaHSO4 → Na2SO3 + HNO3

(vii) धातु ऑक्साइड से अम्लों की क्रिया-धातु, ऑक्साइड तनु अम्लों से क्रिया कर धातु के लवण तैयार करते हैं।
Na2O + 2HNO3 → 2NaNO3 + H2O
CuO + 2HCl → CuCl2 + H2O

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प्रश्न 3.
क्षारकों/क्षारों के रासायनिक गुण संक्षेप में लिखिए।
उत्तर-
क्षारकों/क्षारों के महत्त्वपूर्ण रासायनिक गुण निम्नलिखित हैं –
(i) धातुओं से क्रिया-क्षार कुछ धातुओं से क्रिया कर H2 गैस उत्पन्न करते हैं।
Zn + 2NaOH → Na2 ZnO2 + H2 (g) सोडियम जिंकेट
2Al + 2NaOH + 2H2O → 2NaAlO2+ 3H2 सोडियम एलुमिनेट

(ii) वायु से क्रिया-कुछ क्षार वायु में उपस्थित CO2 से क्रिया करते हैं।
2NaOH + CO2 → Na2CO3
2KOH + CO2 → K2CO3

(iii) अम्लों से क्रिया-क्षारक/क्षार अम्लों से क्रिया कर लवण तैयार करते हैं।
NaOH + HCl → NaCl + H2O
Fe(OH)2 + 2HCl → FeCl2+ 2H2O
Ca(OH)2 + 2HCl → CaCl2 + 2H2O

(iv) लवणों से क्रिया-तांबा, लोहा, जिंक आदि के लवण क्षारों/क्षारकों से क्रिया करते हैं और अघुलनशील धात्विक हाइड्रॉक्साइड तैयार करते हैं।
ZnSO4 + 2NaOH → Na2SO4 + Zn(OH)2↓
CuSO4 + 2NH4OH → (NH4)2SO4 + Cu(OH)2
FeCl3 + 3NaOH → 3NaCl + Fe(OH)3↓

प्रश्न 4.
दैनिक जीवन में pH का महत्त्व स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
pH का हमारे दैनिक जीवन में बहुत अधिक महत्त्व है।
(i) मानव और जंतु जगत् में हमारे शरीर की अधिकांश क्रियाएं 7.0 से 7.8 pH परास के बीच काम करती हैं। हम इसी संकीर्ण परास में ही जीवित रह सकते हैं। हमारे रक्त, आँसुओं, लार आदि का pH लगभग 7.4 होता है। यदि यह 7.0 से कम हो जाता है या 7.8 से बढ़ जाता है तो जीवन असंभव-सा हो जाता है। वर्षा के जल से pH का मान जब 7 से कम होकर 5.6 हो जाता है तो उसे अम्लीय वर्षा कहते हैं। अम्लीय वर्षा का जल जब नदियों में बहता है तो नदी के जल का pH का मान कम हो जाता है जिस कारण जलीय जीवधारियों का जीवन कठिन हो जाता है।

(ii) पेड़-पौधों के लिए-पेड़-पौधों की अच्छी वृद्धि और अच्छी उपज के लिए मिट्टी के pH परास की विशेषता बनी रहनी चाहिए। यदि यह अधिक अम्लीय या क्षारीय हो जाए तो उपज पर कुप्रभाव पड़ता है।

(iii) पाचन-तंत्र-हमारे पेट में HCl उत्पन्न होता रहता है जो हमें बिना हानि पहुँचाए भोजन के पाचन में सहायक होता है। अपच की स्थिति में इसमें अम्ल की मात्रा अधिक बनने लगती है। जिस कारण पेट में दर्द और जलन अनुभव होता है। इस दर्द से छुटकारा पाने के लिए ऐंटैसिड जैसे क्षारकों का प्रयोग करना पड़ता है। इसके लिए प्रायः मिल्क ऑफ़ मैग्नीशियम जैसे दुर्बल क्षारक का प्रयोग करना आवश्यक हो जाता है।

(iv) दंत-क्षय-हमारे मुँह के pH का मान 5.5 से कम होने पर दांतों का क्षय शुरू हो जाता है। हमारे दांत कैल्सियम फॉस्फेट से बने होते हैं जो शरीर का सबसे कठोर पदार्थ है। यह जल में नहीं घुलता पर मुँह की pH का 5.5 से कम होने पर यह नष्ट होने लगता है। मुँह में उपस्थित जीवाणु, अवशिष्ट शर्करा और खाद्य पदार्थों के निम्नीकरण से अम्ल उत्पन्न होते हैं। इनसे छुटकारा पाने के लिए क्षारकीय दंत-मंजन का प्रयोग किया जाना चाहिए। इससे अम्ल की अधिकता उदासीन हो जाती है और दांत क्षय से रोके जा सकते हैं।

(v) जीव-जंतुओं के डंक से रक्षा-जब जीव जंतु कभी डंक मार देते हैं तो वे हमारे शरीर में विशेष प्रकार के अम्ल छोड़ देते हैं। मधुमक्खी भिरंड, चींटी आदि मेथैनॉइक अम्ल हमारे शरीर में डंक के माध्यम से पहुंचा देते हैं। इससे उत्पन्न पीड़ा से मुक्ति के लिए डंक मारे गए अंग पर बेकिंग सोडा जैसे दुर्बल क्षारक का प्रयोग करना चाहिए।

(vi) विशेष पौधों से रक्षा-नेटल (Nettle) पौधे के पत्तों पर डंकनुमा बाल होते हैं। उन्हें छू जाने से डंक जैसा दर्द होता है। इन बालों से मेथैनॉइक अम्ल का स्राव होता है जो दर्द का कारण बनता है। पारंपरिक तौर पर इस पीड़ा से मुक्ति डॉक पौधे की पत्तियों को डंक वाले स्थान पर रगड़ कर पाई जाती है।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
सूचक किसे कहते हैं ? सूचकों के किस आधार पर भेद किए जाते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
सूचक-वे पदार्थ जो अम्लीय और क्षारकीय विलयनों में निश्चित रंग परिवर्तन करते हैं उन्हें सूचक कहते हैं।
सूचकों की विशेषताओं और गुणों के आधार पर इनके दो भाग किए जाते हैं –

  1. अम्लीय और क्षारकीय माध्यमों को रंग देने वाले सूचक
  2. अम्लीय और क्षारकीय माध्यमों को गंध देने वाले सूचक।

1. रंग देने वाले सूचक-
(क) लिटमस विलयन-लिचेन पौधों से प्राप्त किया जाने वाला लिटमस बैंगनी रंग का होता है। यह नीले और लाल रंग में विलयन या पत्र के रूप में मिलता है। नीला लिटमस अम्ल की उपस्थिति को लाल रंग में बदल कर प्रदर्शित करता है और लाल लिटमस क्षारक को नीले रंग में बदलता है। लिटमस स्वयं न तो अम्लीय होता है और न क्षारीय।
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(ख) टरमैरिक (हल्दी)-हल्दी का घोल क्षारकों को लाल-भूरे रंग में बदल देता है। इसी के कारण कपड़े पर लगा सब्जी का निशान क्षारकीय साबुन से धोने पर लाल-भूरा हो जाता है।

(ग) फिनॉलफ्थेलिन-यह संश्लिष्ट सूचक है। यह क्षारकों के साथ गुलाबी रंग बनाता है।

(घ) मिथाइल आरेंज-यह भी संश्लिष्ट सूचक है। यह अम्लीय विलयन को गुलाबी रंग में बदलता है और क्षारक को पीले रंग में परिवर्तित करता है।

2. गंधीय सूचक-प्याज़ के कटे हुए छोटे-छोटे टुकड़े वे नीला गंध और लौंग का तेल अम्लों और क्षारकों के साथ भिन्न गंध उत्पन्न कर इनके परीक्षण में सहायक सिद्ध होते हैं।

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प्रश्न 2.
हमारे दैनिक जीवन में अम्लों के चार उपयोग लिखिए।
उत्तर-

  • सिरका हमारे भोजन को पकाने और उसकी सुरक्षा तथा आचार बनाने के काम आता है।
  • हमारे पेट में HCl हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट कर देता है जो भोजन के साथ वहाँ पहुँच जाते हैं।
  • टारटेरिक अम्ल बेकिंग पाउडर बनाने में काम आता है।
  • कार्बोनिक अम्ल पेय पदार्थों में प्रयुक्त किया जाता है।

प्रश्न 3.
प्रबल अम्ल और दुर्बल अम्ल में अन्तर लिखिए।
उत्तर-
प्रबल अम्ल तथा दुर्बल अम्ल में अन्तर –

प्रबल अम्ल दुर्बल अम्ल
(i) ये पानी में मिलने से पूरी तरह H+ आयनों और ऋणात्मक आयनों में बदल जाते हैं। (i) ये पानी में मिलने से पूरी तरह H+ आयनों और ऋणात्मक आयनों में नहीं बदलते।
(ii) इनमें साम्य स्थापना नहीं होती। (ii) इनमें आयनों तथा अवियोजित अणुओं के बीच साम्य स्थापित हो जाता है।
(iii) उदाहरण-H2SO4, HNO3 (iii) उदाहरण-H2CO3, CH3COOH

प्रश्न 4.
प्रबल क्षारक (Strong base) और दुर्बल क्षारक (Weak base) में अन्तर लिखिए।
उत्तर-
प्रबल क्षारक तथा दुर्बल क्षारक में अन्तर-

प्रबल क्षारक दुर्बल क्षारक
ये पानी में पूरी तरह से घुल कर OH आयन बनाते हैं। उदाहरण-NaOH, KOH ये पानी में आंशिक रूप से घुलते हैं। उदाहरण-Ca(OH)2, Mg(OH)2.

प्रश्न 5.
निम्न यौगिकों को दुर्बल एवं प्रबल अम्ल तथा क्षारक में वर्गीकृत कीजिए
(i) HCI
(ii) H2SO4
(iii) CH3COOH
(iv) HCN
(v) HClO4
(vi) H3PO4
(vii) NaOH
(viii) Ca(OH)2
(ix) NH4OH.
उत्तर-
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प्रश्न 6.
क्षारकों/क्षारों के उपयोग लिखिए।
उत्तर-

  • इनका उपयोग साबुन बनाने में किया जाता है।
  • इन्हें क्षारीय बैटरियों में प्रयुक्त किया जाता है।
  • ऐंटैसिड बनाने में प्रयोग में लाए जाते हैं।
  • पेट्रोल रिफाइनिंग और कागज़ उद्योग में प्रयुक्त होते हैं।
  • कपड़ों से ग्रीज़ के निशान हटाने में प्रयोग किया जाता है।
  • कठोर जल को मृदु बनाने में प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 7.
क्षार और क्षारक में अंतर लिखिए।
उत्तर-
क्षार तथा क्षारक में अंतर-वे क्षारक जो जल में घुलनशील होते हैं उन्हें क्षार कहते हैं। इसका अर्थ है कि सभी क्षार क्षारक होते हैं पर सभी क्षारक क्षार नहीं होते। उदाहरण के लिए फैरिक हाइड्रॉक्साइड [Fe(OH)3] और क्यूपरिक हाइड्रॉक्साइड [Cu(OH)2] क्षारक हैं पर उन्हें क्षार नहीं कह सकते क्योंकि ये जल में घुलनशील नहीं है।

प्रश्न 8.
साधारण नमक के उपयोग लिखिए।
उत्तर-

  • नमक हमारे भोजन का अनिवार्य भाग है।
  • यह अनेक भोज्य पदार्थों को सुरक्षित रखने में काम आता है।
  • यह साबुन उद्योग, पॉटरी आदि में प्रयुक्त होता है।
  • यह हिमकारी मिश्रण बनाने में प्रयुक्त होता है।
  • इस का उपयोग धावन सोडा, विरंजक चूर्ण, कास्टिक सोडा, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, मीठा सोडा आदि बनाने में किया जाता है।

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प्रश्न 9.
विरंजक चूर्ण किस प्रकार तैयार किया जाता है ? इसके सामान्य गुण और उपयोग लिखिए।
उत्तर-
विरंजक चूर्ण का निर्माण शुष्क बुझे हुए चूने पर क्लोरीन की क्रिया से होता है।
Ca(OH)2 (s) + Cl2 (g) → CaOCl2 (s) + H2O (l)
बड़ी मात्रा में इसके निर्माण के लिए एक विशेष टावर लेते हैं जिसमें ऊपर से होपर (Hopper) से शुष्क बुझा हुआ चूना डाला जाता है और नीचे से क्लोरीन गैस तथा गर्म वायु प्रवाहित करते हैं। क्लोरीन ऊपर तक पहुँचतेपहुँचते पूर्णतया अवशोषित हो जाती है और बुझा हुआ चूना विरंजक चूर्ण में बदल जाता है।

गुण-
(i) विरंजक चूर्ण पीले रंग का चूर्ण है, जिसमें क्लोरीन की तीखी गंध होती है।
(ii) यह जल में घुलनशील है, परंतु पूरी तरह विलेय नहीं।
(iii) यह वायु की CO2 के साथ क्रिया करके क्लोरीन खो देता है।
CaoCl2 + CO2 → CaCO3 + Cl2
(iv) यह अम्लों से क्रिया करता है।
CaOCl2+ 2HCl → CaCl +H2O + Cl2
CaOCl2 + H2SO4 → CaSO4 + H2O + Cl2

उपयोग-

  • कागज़ तथा कपड़ा उद्योग में विरंजक के रूप में।
  • पेय जल को रोगाणुरहित करने में।
  • बिना सिकुड़ने वाली ऊन बनाने में।
  • यह क्लोरोफॉर्म बनाने में प्रयुक्त होता है।
  • प्रयोगशाला में यह ऑक्सीकारक का कार्य करता है।

प्रश्न 10.

विरंजक चूर्ण की तैयारी के लिए समीकरण लिखें और इसके लाभ भी लिखें।
उत्तर-
रासायनिक समीकरण –
Ca(OH)2 (s) + Cl2 (g) → CaOCl2 (s) + H2O (l) विरंजक चूर्ण के लाभ-देखें

प्रश्न 11.
धोने का सोडा का रासायनिक सूत्र लिखिए। जब इसके क्रिस्टलों को वायु में खुला छोड़ देते हैं, तो क्या होता है?
उत्तर-
धोने का सोडा अर्थात् धावन सोडा (Washing Soda) का सूत्र Na2CO3 . 10H2O है जब इसके क्रिस्टलों को हवा में उद्भासित किया जाता है तब उत्फुल्लन प्रक्रिया से पानी के नौ अणु बाहर निकल जाते हैं।
Na2CO3 . 10H2O → Na2CO3 . H2O + 9 H2O

प्रश्न 12.
सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट विलयन को गर्म करने पर क्या होता है? इसमें प्रयुक्त रासायनिक अभिक्रिया की समीकरण दीजिए।
उत्तर-
जब सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के घोल को गर्म किया जाता है तब वह कार्बन डाइऑक्साइड को उत्पन्न करता है और सोडियम कार्बोनेट को बनाता है।
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प्रश्न 13.
CaOCl2 यौगिक का सामान्य नाम क्या है? उस पदार्थ का नाम बताइए जो क्लोरीन के साथ अभिक्रिया करके विरंजक चूर्ण प्रदान करता है।
उत्तर-
यौगिक CaOCl2 का सामान्य नाम विरंजक चूर्ण है। जिस पदार्थ के साथ क्रिया करके क्लोरीन विरंजक चूर्ण बनाता है उसका नाम बुझा हुआ चूना [Ca (OH)2] है।

प्रश्न 14.
बेकिंग सोडे के उपयोग लिखें।
उत्तर-
बेकिंग सोडे के उपयोग-

  • इसका उपयोग बेकिंग पाऊडरों के बनाने में होता है।
  • पेट की खराबी की अवस्था में यह औषधि का कार्य करता है।
  • इसे अग्नि निवारक यंत्र में भी भरा जाता है।

प्रश्न 15.
क्या होता है जब ताज़े चूने के पानी में से कार्बन डाइऑक्साइड गैस गुज़ारी जाती है?
उत्तर-
जब ताज़े चूने के पानी में से थोड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड गैस गुज़ारी जाए तो अघुलनशील कैल्सियम कार्बोनेट के कारण उसका रंग दूधिया हो जाएगा –
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इस घोल में यदि और कार्बन डाइऑक्साइड गैस गुज़ारी जाए तो यह कैल्सियम कार्बोनेट घुलनशील बाइकार्बोनेट ‘ में बदल जाएंगे जिससे चूने के पानी का दूधियापन समाप्त हो जाएगा-
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प्रश्न 16.
pH स्केल क्या है ? यह किसी विलयन की अम्लता और क्षारकता कैसे दर्शाता है ? एक चित्र की सहायता से pH तथा [H3O]+ के पूरे परिसर को प्रकट कीजिए।
उत्तर-
किसी विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयन की सांद्रता ज्ञात करने के लिए जिस स्केल का प्रयोग किया जाता है इसे pH स्केल कहते हैं। इसमें ‘p’ ‘पुसांस’ (potenz) को प्रकट करता है जो एक जर्मन शब्द है और इसका अर्थ ‘शक्ति’ होता है। इस स्केल से शून्य से 14 तक pH को ज्ञात किया जा सकता है। शून्य अधिक अम्लता को तो 14 अधिक क्षारीयता को प्रकट करता है। pH को एक ऐसी संख्या के रूप में देखा जाता है जो किसी विलयन की अम्लता और क्षारीयता को दर्शाता है। हाइड्रोनियम आयन की सांद्रता जितनी अधिक होगी उसका pH उतना ही कम होगा। किसी उदासीन विलयन के pH का मान 7 होता है। 7 से कम मान अम्लीय विलयन और 7 से अधिक क्षारीय शक्ति को प्रकट करते हैं। सामान्य रूप से pH सार्वजिक सूचक अंतर्भारित पेपर द्वारा ज्ञात किया जाता है।
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कुछ सामान्य पदार्थों को pH पत्र पर दिखाया गया है।

प्रश्न 17.
चित्र में दर्शाए pH पेपर पर नींबू के रस का pH = 2.2 तथा मिल्क आफ मैग्नीशिया का pH = 10 है। इससे क्या तात्पर्य है ?
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उत्तर-
नींबू के रस का pH = 2.2 है जोकि 7 से कम है। अम्लीय प्रकृति तथा 7 से अधिक pH वाला मिल्क ऑफ मैग्नीशियम (pH = 10) क्षारीय प्रकृति का है।

प्रश्न 18.
धावन सोडा किस प्रकार तैयार किया जाता है ? इसके उपयोग लिखिए।
उत्तर-
धावन सोडा (Na2CO3.10H2O) एक रसायन जिसे सोडियम क्लोराइड से प्राप्त किया जा सकता है। बेकिंग सोडा को गर्म करके सोडियम कार्बोनेट प्राप्त किया जा सकता है। सोडियम कार्बोनेट के पुनः क्रिस्टलीकरण से धोने का सोडा प्राप्त होता है। यह भी एक क्षारकीय लवण है।
Na2CO3+ 10H2O → Na2CO3.10H2O (सोडियम कार्बोनेट)
सोडियम कार्बोनेट एवं सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट, कई औद्योगिक प्रक्रियाओं के लिए उपयोगी रसायन है।

धावन सोडे के उपयोग

  • सोडियम कार्बोनेट का उपयोग काँच, साबुन एवं कागज़ उद्योगों में होता है।
  • इसका उपयोग बोरेक्स जैसे सोडियम यौगिक के उत्पादन में होता है।
  • सोडियम कार्बोनेट का उपयोग घरों में साफ-सफाई के लिए होता है।
  • जल की स्थाई कठोरता को हटाने के लिए इसका उपयोग होता है।

प्रश्न 19.
उत्फुल्लन क्या होता है? एक ऐसे यौगिक का नाम दीजिए जो उत्फुल्लन प्रदर्शित करता हो। अपने उत्तर को एक अभिक्रिया द्वारा समझाइए।
उत्तर-
उत्फुल्लन-उत्फुल्लन उस क्रिया को कहते हैं जिसमें किसी यौगिक क्रिस्टल जल के वायु में मुक्त होने की प्रक्रिया होती है। यह क्रिया गर्म करने या अपने आप ही हो जाती है। धावन सोडा में क्रिस्टलीय जल मिला होता है इसीलिए उसका सूत्र Na2CO3 . 10H2O है। जब इसे वायु में रखा जाता है तो यह पानी के 9 अणु खो देता है और एकल हाइड्रेट के रूप में रह जाता है।
Na2CO3 . 10H2O → Na2CO3.H2O + 9H2O
गर्म करने पर यह अपने सारे क्रिस्टलीय जल को खो देता है, Na2CO3 . 10H2O → Na2CO3 + 10H2O

प्रश्न 20.
एक बेकर ने पाया कि उसके द्वारा बनाया केक सख्त और आकार में छोटा है। वह कौन-सा संघटक डालना भूल गया है जिससे केक फूला हुआ बन सकता था? कारण बताइए।
उत्तर-
केक तैयार करते समय बेकरी वाला बेकिंग पाऊडर डालना भूल गया था। जब बेकिंग पाऊडर (सोडियम बाइकार्बोनेट और टारटारिक अम्ल का मिश्रण) डाल कर गर्म किया जाता है तब टारटारिक अम्ल की क्रिया से सोडियम बाइकार्बोनेट, कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न करता है। इस कार्बन डाइऑक्साइड से केक फूलता है और हल्का होता है। बेकरी वाले का केक सख्त और आकार में छोटा है इसलिए निश्चित है कि वह बेकिंग पाऊडर डालना भूल गया है।

प्रश्न 21.
विरंजक चूर्ण को वायु में खुला छोड़ देने पर क्या होता है?
उत्तर-
जब विरंजक चूर्ण को वायु में उद्भासित किया जाता है तो वह अपने गुणों में विकृति पाता है। वायु में उपस्थित CO2 इससे क्रिया करता है जिस कारण कैल्सियम कार्बोनेट और क्लोरीन गैस उत्पन्न होते हैं। विरंजक चूर्ण के गुण नष्ट हो जाते हैं।
CaOCl2 + CO2 → CaCO3 + Cl2

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प्रश्न 22.
अस्पतालों (Hospitals) में टूटी हुई अस्थियों को जोड़कर बैठाने के लिए उपयोग में लाए जाने वाले यौगिक का नामोल्लेख कीजिए। इसको कैसे निर्मित करते हैं?
उत्तर-
अस्पतालों में टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने के लिए जिस यौगिक का प्रयोग किया जाता है उसे प्लास्टर ऑफ़ पेरिस कहते हैं। इसे रासायनिक दृष्टि से कैल्सियम सल्फेट हेमी हाइड्रेट (CaSO4 \(\frac{1}{2}\) H2O) कहते हैं। इसे भट्ठी में जिप्सम को 373 K ताप पर गर्म करके बनाया जाता है।
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प्रश्न 23.
प्लास्टर ऑफ पेरिस का रासायनिक सूत्र और लाभ लिखो।
उत्तर-
प्लास्टर ऑफ पेरिस का रासायनिक सूत्र-
CaSO4 \(\frac{1}{2}\) H2O प्लास्टर ऑफ पेरिस के लाभ-

  • इसे साँचे, खिलौने, सिरेमिक, बर्तन आदि बनाने में प्रयुक्त किया जाता है।
  • सजावटी समान, मूर्तियां आदि इससे बनाए जाते हैं।
  • अस्पतालों में अस्थि विभाग और दंत विभाग के द्वारा इसका पर्याप्त प्रयोग किया जाता है। यह टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने के लिए प्रयुक्त किया जाता है और टूटे हुए दाँतों के स्थान पर नकली दाँत लगाने के सांचे इससे बनाए जाते हैं।
  • भवनों की दीवारों और छतों को समतल करने और उन पर डिज़ाइन बनाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
  • अग्निशमन संबंधी सामग्री इससे तैयार की जाती है।
  • प्रयोगशालाओं में गैसों का रिसाव इससे रोका जाता है।

प्रश्न 24.
अनेक लोग पेट में गैस की शिकायत करते हैं। इसका मुख्य कारण क्या है ? इससे आराम पाने के लिए लोग ‘मिल्क ऑफ़ मैग्नीशियम’ का उपयोग क्यों करते हैं?
अथवा
ऐंटएसिड किसे कहते हैं ?
उत्तर-
आमाशय में जठर रस स्रावित होता है जिसमें एंजाइम पेप्सिन और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल होता है। एंजाइम पेप्सिन अम्लीय माध्यम में ही सक्रिय होता है। जब हाइड्रोक्लोरिक अम्ल अधिक मात्रा में स्रावित होता है तब यह आमाशय में जलन उत्पन्न करता है जिसे गैस (Acidity) कहते हैं।

अम्ल की अधिकता को उदासीन करने के लिए जिन पदार्थों का प्रयोग किया जाता है उन्हें ऐंटएसिड (Antacids) कहते हैं। प्रायः लोग ‘मिल्क मैग्नीशियम’ प्रयोग करते हैं जो एक दुर्बल क्षारक है। यह अधिक अम्ल को उदासीन करके आराम पहँचाता है।

प्रश्न 25.
दाँतों की रक्षा के लिए दाँत किस प्रकार की टूथपेस्ट से साफ़ करने चाहिए? क्यों?
अथवा
pH परिवर्तन कैसे दंत-क्षय का कारण है ?
उत्तर-
खाना खाने के पश्चात् मुँह में शर्करा आदि की अधिकता के कारण भोजन के कण आदि जीवाणुओं द्वारा अम्लों में बदल दिए जाते हैं जिससे मुँह का pH कम हो जाता है जो दंत क्षय को उत्पन्न करता है। भोजन के बाद दाँतों की रक्षा के लिए क्षारीय टूथपेस्ट या टूथमंजन का प्रयोग करना चाहिए। इसमें उपस्थित दुर्बल क्षार अतिरिक्त अम्ल को उदासीन कर देते हैं। इससे दंत क्षय की संभावना कम हो जाती है।

प्रश्न 26.
अम्लीय वर्षा क्या है ? मिट्टी की pH को कैसे ज्ञात किया जाता है ?
उत्तर-
अम्लीय वर्षा-वातावरण में उपस्थित SO2, SO3, NO2, आदि गैसों का वर्षा के जल में घुल कर धरती पर वापिस गिरना अम्लीय वर्षा कहलाता है। मिट्टी का pH सार्वत्रिक सूचक अंतर्भारित पेपर द्वारा ज्ञात किया जाता है। इससे मिट्टी की अम्लीय या क्षारीय प्रकृति का पता लग जाता है। वर्षा के जल की pH मान जब 5.6 से कम हो जाती है तो वह अम्लीय वर्षा कहलाती है। मिट्टी का pH ज्ञात करने के लिए परखनली में मिट्टी को घोल कर निस्यंद एकत्रित कर लिया जाता है और सार्वत्रिक सूचक पत्र से pH की जाँच कर ली जाती है।

प्रश्न 27.
दन्त क्षरण क्या होता है ? यह कैसे होता है ?
उत्तर-
दन्त क्षरण-खाना खाने के पश्चात् मुँह में शर्करा की अधिकता होने पर जीवाणुओं द्वारा भोजन के कण अम्लों में बदल दिये जाते हैं जिससे pH का मान 5.5 से कम हो जाता है जो दन्त क्षरण का कारण बन जाता है।

प्रश्न 28.
धावन सोडे का रासायनिक नाम और सूत्र लिखो। इसके दो लाभ भी लिखो।
उत्तर-
धावन सोडे का रासायनिक नाम : सोडियम कार्बोनेट धावन सोडे का रासायनिक सूत्र : -Na2CO3.10H2O धावन सोडे के लाभ-

  • इसका उपयोग कांच, साबुन और कागज़ उद्योगों में होता है।
  • जल की स्थाई कठोरता को दूर करने के लिए इसका उपयोग होता है।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 29.
धावन सोडा (Washing Soda) के दो उपयोग लिखें।
उत्तर-
जब ताज़े चूने के पानी में से थोड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड गैस गुज़ारी जाए तो अघुलनशील कैल्सियम कार्बोनेट के कारण उसका रंग दूधिया हो जाएगा –
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 5
इस घोल में यदि और कार्बन डाइऑक्साइड गैस गुज़ारी जाए तो यह कैल्सियम कार्बोनेट घुलनशील बाइकार्बोनेट ‘ में बदल जाएंगे जिससे चूने के पानी का दूधियापन समाप्त हो जाएगा-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 6

प्रश्न 30.
नीचे दिए चित्र में 1 और 2 को अंकित करें।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 10
उत्तर-

  • बैटरी (ऊर्जा स्रोत)
  • एनोड।

प्रश्न 31.
आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह क्यों दी जाती है ?
उत्तर-
भोजन में आयोडीन की कमी से घंघा रोग (Goitre) हो जाता है। इस रोग से बचने के लिए भोजन में आयोडीन युक्त नमक की सलाह दी जाती है।

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
भोजन का खट्टा स्वाद किस कारण होता है ?
उत्तर-
अम्लों की उपस्थिति के कारण।

प्रश्न 2.
कड़वे स्वाद का कारण कौन होता है ?
उत्तर-
क्षारकों की उपस्थिति।

प्रश्न 3.
जिंक की सोडियम हाइड्रोक्साइड से क्रिया करने पर कौन-सी गैस उत्पन्न होती है?
उत्तर-
हाइड्रोजन गैस।

प्रश्न 4.
धातु कार्बोनेट और धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट अम्लों से क्रिया करके कौन-सी गैस उत्पन्न करते हैं?
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड।

प्रश्न 5.
चूने के पानी से CO2 को प्रवाहित करने से क्या होता है?
उत्तर-
चूने का पानी दूधिया हो जाता है।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 6.
चूने के पानी से अधिक CO2 गुज़ारने से चूने के पानी का दूधियापन किस कारण समाप्त हो जाता है?
उत्तर-
जल में विलयशील Ca (HCO3)2 के कारण।

प्रश्न 7.
अधात्विक ऑक्साइड किस प्रकृति के होते हैं ?
उत्तर-
अम्लीय प्रकृति के।

प्रश्न 8.
अम्लों में से विद्युत्-प्रवाह किस कारण होता है ?
उत्तर-
आयनों के कारण।

प्रश्न 9.
अम्लीय विलयन किस आयन को उत्पन्न करता है?
उत्तर-
हाइड्रोजन आयन (H+) को उत्पन्न करता है।

प्रश्न 10.
क्षारक जल में कौन-सा आयन उत्पन्न करते हैं?
उत्तर-
हाइड्रॉक्साइड (OH) आयन।

प्रश्न 11.
क्षार क्या है?
उत्तर-
जल में घुलनशील क्षारक को क्षार कहते हैं।

प्रश्न 12.
अम्लों को तनु करने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर-
जल में सांद्र अम्ल धीरे-धीरे मिलाना चाहिए न कि सांद्र अम्ल में जल।

प्रश्न 13.
pH स्केल क्या है?
उत्तर-
किसी विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयन की सांद्रता ज्ञात करने की स्केल को pH स्केल कहते हैं।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 14.
pH स्केल से कहाँ से कहाँ तक pH ज्ञात कर सकते हैं ?
उत्तर-
0 से 14 तक।

प्रश्न 15.
किसी उदासीन विलयन के pH का मान क्या होगा?
उत्तर-
pH का मान 7 होगा।

प्रश्न 16.
pH स्केल में विलयन का मान 7 से कम हो तो वह क्या दर्शाता है?
उत्तर-
अम्लीय विलयन।

प्रश्न 17.
pH स्केल में विलयन का मान 7 से अधिक हो तो वह क्या दर्शाता है?
उत्तर-
विलयन में OH की सांद्रता अर्थात् क्षार की बढ़ती शक्ति।

प्रश्न 18.
नींबू का रस pH स्केल पर क्या मान दिखाता है?
उत्तर-
लगभग 2.2.

प्रश्न 19.
मिल्क ऑफ मैग्नीशियम pH स्केल पर क्या मान दिखाता है?
उत्तर-
10.

प्रश्न 20.
सोडियम हाइड्रोक्साइड pH स्केल पर क्या मान दिखाता है?
उत्तर-
लगभग 14.

प्रश्न 21.
शुक्र ग्रह का वायुमंडल किससे घिरा है?
उत्तर-
सल्फ्यूरिक अम्ल के मोटे श्वेत और पीले बादलों से।

प्रश्न 22.
हमारा उदर कौन-सा अम्ल उत्पन्न करता है?
उत्तर-
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल।

प्रश्न 23.
पेट में अधिक अम्ल का उपचार कैसे किया जाता है?
उत्तर-
ऐटैसिड जैसे क्षारकों द्वारा।

प्रश्न 24.
मुँह में दाँतों का क्षय कब आरंभ होता है?
उत्तर-
pH का मान 5.5 से कम होने पर।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 25.
डंक मारे गए अंग पर किसके उपयोग से आराम मिलता है ?
उत्तर-
बेकिंग सोडा जैसे दुर्बल क्षारक से।

प्रश्न 26.
सिरके में कौन-सा अम्ल उपस्थित होता है?
उत्तर-
ऐसीटिक अम्ल।

प्रश्न 27.
दही और खट्टे दूध में कौन-सा अम्ल होता है ?
उत्तर-
लैक्टिक अम्ल।

प्रश्न 28.
ऊष्मा उन्मोची क्रियाएँ (Exothermic Reactions) किसे कहते हैं?
उत्तर-
ऊष्मा उन्मोची क्रियाएं-जिन रासायनिक क्रियाओं में ऊष्मा ऊर्जा की उत्पत्ति होती है उन्हें ऊष्मा उन्मोची क्रियाएँ कहते हैं।

प्रश्न 29.
ऊष्मा अवशोषी (Endothermic Reaction) क्रिया किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ऊष्मा अवशोषी क्रियाएं-जिन रासायनिक क्रियाओं में ऊष्मा का अवशोषण होता है उन्हें ऊष्मा अवशोषी क्रिया कहते हैं।

प्रश्न 30.
ठोस रूप में सोडियम क्लोराइड (NaCl) विद्युत् का चालक क्यों नहीं होता?
उत्तर-
ठोस सोडियम क्लोराइड में Na+ और Cl तीव्र कूलॉम बलों से आपस में जुड़े रहते हैं और इसमें कोई भी स्वतंत्र आयन नहीं होता, जिस कारण वह विद्युत् का चालक नहीं होता।

प्रश्न 31.
विलेय किसे कहते हैं ?
उत्तर-
विलेय वह यौगिक है, जो जलीय अवस्था में आकर धनात्मक या ऋणात्मक आवेशित आयनों में परिवर्तित हो जाता है।

प्रश्न 32.
शक्तिशाली विलायक (Strong Electrolyte) किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वह यौगिक जिसके जलीय घोल की विच्छेदन मात्रा 30% हो उसे शक्तिशाली विलायक कहते हैं।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 33.
कमज़ोर विलायक (Weak Electrolytes) किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वह यौगिक जिसके जलीय घोल की विच्छेदन मात्रा 30% से कम हो उसे कमज़ोर विलायक कहते हैं।

प्रश्न 34.
बेकिंग पाऊडर किसे कहते हैं ?
उत्तर-
बेकिंग पाऊडर मीठा सोडा और टारटैरिक अम्ल के मिश्रण को कहते हैं।

प्रश्न 35.
केक बनाने के लिए बेकिंग पाऊडर में यदि टारटैरिक अम्ल का प्रयोग न किया जाए तो केक का स्वाद कैसा होगा?
उत्तर-
सोडियम कार्बोनेट की उपस्थिति के कारण वह कड़वा होगा।

प्रश्न 36.
अग्निशमन के लिए यंत्रों में किन रसायनों का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर-
सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट और सल्फ्यूरिक अम्ल का।

प्रश्न 37.
सोडा-एसिड अग्निशमन यंत्रों से कौन-सी गैस उत्पन्न होती है?
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड गैस।

प्रश्न 38.
जल को संक्रमण रहित बनाने में किस यौगिक का सामान्यतः प्रयोग किया जाता है?
उत्तर-
विरंजक चूर्ण (CaOCl2) का।

प्रश्न 39.
विरंजक चूर्ण से किस गैस की गंध आती है?
उत्तर-
क्लोरीन गैस की गंध।

प्रश्न 40.
कई बार तरण-तालों में तैरने से आँखें लाल हो जाती हैं। क्यों ?
उत्तर-
पानी में विरंजक चूर्ण की अधिकता के कारण आँखें लाल हो जाती है।

प्रश्न 41.
इमली तथा चींटी के डंक में कौन-कौन से अम्ल होते हैं ?
उत्तर-
इमली में उपस्थित अम्ल : टारट्रिक अम्ल चींटी के डंक में उपस्थित अम्ल : मेथेनॉइक अम्ल।

प्रश्न 42.
सभी अम्लों एवं क्षारकों में क्या समानताएं होती हैं ?
उत्तर-
(i) अम्ल तथा क्षारक कुछ एक धातुओं के साथ क्रिया करके हाइड्रोजन बनाते हैं।
(ii) अम्ल तथा क्षारक पानी में घुलकर हाइड्रोनियम H3O+ /OH आयन बनाते हैं। ये विलयन की प्रक्रिया ऊष्माक्षेपी है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अम्लीय विलयन का pH मान होता है
(a) pH >7
(b) pH <7
(c) pH = 7
(d) pH = 14.
उत्तर-
(b) pH <7.

प्रश्न 2.
उदासीन विलयन की pH है
(a) 7
(b) >7
(c) <7
(d) 14.
उत्तर-
(a) 7.

प्रश्न 3.
Na2CO3 का प्रचलित नाम है –
(a) ब्लीचिंग पाउडर
(b) बेकिंग पाउडर
(c) प्लास्टर ऑफ पेरिस
(d) वाशिंग सोडा।
उत्तर-
(d) वाशिंग सोडा।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

प्रश्न 4.
अम्ल तथा क्षारक की अभिक्रिया के फलस्वरूप लवण तथा जल प्राप्त होते हैं। इस अभिक्रिया को कहते हैं
(a) उदासीनीकरण
(b) तनुकरण
(c) क्लोर क्षार
(d) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(a) उदासीनीकरण।

प्रश्न 5.
डाक्टर टूटी हुई हड्डियों को सही जगह पर स्थिर रखने के लिए किसका उपयोग करते हैं ?
(a) सीमेंट
(b) जिप्सम
(c) प्लास्टर ऑफ पैरिस
(d) सोडा।
उत्तर-
(c) प्लास्टर ऑफ पैरिस।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(i) जल में घुलनशील क्षारक को ………………. कहते हैं।
उत्तर-
क्षार

(ii) सल्फर को वायु में जलाने पर प्राप्त गैस की प्रकृति ……………………. होगी।
उत्तर-
अम्लीय

(iii) अम्लीय विलयन का pH मान 7 से …………………………… होता है।
उत्तर-
कम

(iv) धातुएँ अम्ल के साथ अभिक्रिया करके …………………………. गैस बनाती हैं।
उत्तर-
हाइड्रोजन

(v) क्षार का जलीय विलयन ………… को नीला करता है।
उत्तर-
लाल लिटमस।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
संतुलित रासायनिक समीकरण को किस प्रकार लिखा जाता है ? इसके विभिन्न चरणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
संतुलित रासायनिक समीकरण को लिखने के तरीके के बारे में जानने के लिए एक उदाहरण लेते हैं।
जिंक + सल्फ्यूरिक अम्ल → जिंक सल्फेट + हाइड्रोजन इस समीकरण को निम्नलिखित रासायनिक समीकरण से प्रकट किया जा सकता है।
Zn + H2 SO4 → ZnSO4 + H2
तीर के निशान के दोनों ओर के तत्वों के परमाणुओं की संख्या की जांच कर लें।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 1
समीकरण में, तीर के चिह्न के दोनों तरफ के प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या बराबर है इसलिए यह एक संतुलित रासायनिक समीकरण है। अब निम्नलिखित रासायनिक समीकरण को संतुलित करने का प्रयत्न करते हैं
Fe + H2O → Fe3O4 + H2
चरण 1. रासायनिक समीकरण को संतुलित करने के लिए सबसे पहले प्रत्येक सूत्र के चारों ओर एक बॉक्स बना लें। समीकरण को संतुलित करते समय बॉक्स के अंदर कुछ भी बदलाव न करें।
Fe + H2O → Fe3O4 + H2

चरण 2.
असंतुलित समीकरण में उपस्थित विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्या की सूची बनाइए-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 2
चरण 3. सबसे अधिक परमाणु वाले यौगिक को पहले संतुलित करें चाहे वह अभिकारक हो या उत्पाद। उस यौगिक में सबसे अधिक परमाणु वाले तत्व को चुन लें। इस आधार पर हम Fe3O4, और उसके ऑक्सीजन तत्व को चुन लेते हैं। दायीं ओर ऑक्सीजन के चार परमाणु हैं और बायीं ओर केवल एक।

ऑक्सीजन परमाणु को संतुलित करने के लिए-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 3
परमाणुओं की संख्या को बराबर करने के लिए हम अभिक्रिया में शामिल तत्वों तथा यौगिकों के सूत्रों को नहीं बदल सकते हैं। जैसे-ऑक्सीजन परमाणु को संतुलित करने के लिए हम ‘4’ गुणांक लगाकर 4H2O लिख सकते हैं लेकिन H2O4 या (H2O4) या (H2O)4 नहीं। आंशिक रूप से संतुलित समीकरण अब इस प्रकार होगा
Fe + 4 H2O → Fe3O4 + H2 (आंशिक रूप से संतुलित समीकरण)
चरण 4. Fe तथा H परमाणु अब भी असंतुलित हैं। इनमें किसी एक तत्व को चुनकर आगे बढ़ते हैं। हाइड्रोजन परमाणु को बराबर करने के लिए दायीं ओर हाइड्रोजन अणु की संख्या को ‘4’ कर देते हैं।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 4
अब समीकरण इस प्रकार होगा
Fe + 4 H2O → Fe3O4 + 4H2

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

चरण 5. ऊपर दिए समीकरण की जांच करें तथा तीसरा तत्व चुन लें जो अब तक असंतुलित है। आप पाएंगे कि केवल लोहा ही एक तत्व है, जिसे संतुलित करना शेष है।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 5
Fe को संतुलित करने के लिए बायीं ओर हम Fe के 3 परमाणु लेते हैं।
3 Fe + 4 H2O → Fe3O4 + 4H2

चरण 6. अंत में, इस संतुलित समीकरण की जाँच के लिए समीकरण में दोनों ओर के तत्वों के परमाणुओं की संख्या की गिनती करते हैं।
3 Fe + 4H2O → Fe3O4+4 H2
(संतुलित समीकरण) समीकरण में दोनों ओर के तत्वों के परमाणुओं की संख्या बराबर है। अतः यह समीकरण अब संतुलित है। रासायनिक समीकरणों को संतुलित करने की इस विधि को हिट एंड ट्रायल विधि कहते हैं क्योंकि सबसे छोटी पूर्णांक संख्या के गुणांक का उपयोग करके समीकरण को सुंतलित करने का प्रयत्न करते हैं।

चरण 7.
भौतिक अवस्थाओं के संकेत लिखना-ऊपर लिखे संतुलित समीकरण में भौतिक अवस्था की कोई जानकारी नहीं है।
रासायनिक समीकरण को अधिक सूचनापूर्ण बनाने के लिए अभिकारकों तथा उत्पादों के रासायनिक सूत्र के साथ उनकी भौतिक अवस्था को भी दर्शाया जाता है। अभिकारकों तथा उत्पादों के ठोस, गैस, द्रव तथा जलीय अवस्थाओं को क्रमशः (s), (g), (l) तथा (aq) से दर्शाया जाता है। अभिकारक या उत्पादों जब जल में घोल के रूप में उपस्थित रहता है तब (aq) लिखते हैं। अतः संतुलित समीकरण इस प्रकार होगा
3Fe(s) + 4H2O (g) → Fe3O4 (S) + 4H2(g)

प्रश्न 2.
रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रकार उदाहरण सहित लिखो।
उत्तर-
रासायनिक अभिक्रिया के दौरान किसी एक तत्व का परमाणु दूसरे तत्व के परमाणु में नहीं बदलता है। न ही कोई परमाणु मिश्रण से बाहर जाता है या बाहर से मिश्रण में आता है। वास्तव में, किसी रासायनिक अभिक्रिया में परमाणुओं के आपसी आबंध के टूटने और जुड़ने से नए पदार्थों का निर्माण होता है।
1. संयुक्त अभिक्रिया-ऐसी अभिक्रिया जिसमें दो या दो से अधिक अभिकारक मिलकर एकल उत्पाद का निर्माण करते हैं उसे संयुक्त अभिक्रिया कहते हैं। जैसे-कैल्सियम ऑक्साइड जल के साथ तीव्रता से अभिक्रिया करके बुझे हुए चूने (कैल्सियम हाइड्रोक्साइड) का निर्माण करके अत्यधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न करता है।
उदाहरण –
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 6
इस अभिक्रिया में कैल्सियम ऑक्साइड तथा जल मिलकर एकल उत्पाद, कैल्सियम हाइड्रोक्साइड बनाते हैं।

2. वियोजन अभिक्रिया-वह अभिक्रिया जिसमें कोई यौगिक दो या दो से अधिक सरल पदार्थों में टूटता है उसे वियोजन अभिक्रिया कहते हैं।
उदाहरण –
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 7
3. विस्थापन अभिक्रिया-जब कोई तत्व दूसरे तत्व को उसके यौगिक से विस्थापित कर देता है तो वह विस्थापन अभिक्रिया होती है।
उदाहरण
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 8

4. द्विविस्थापन अभिक्रिया-द्विविस्थापन अभिक्रिया में दो अलग-अलग परमाणु या परमाणुओं के समूह का आपस में आदान-प्रदान होता है।
उदाहरण –
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 9

प्रश्न 3.
उपचयन एवं अपचयन की उदाहरण सहित संक्षेप में व्याख्या कीजिए
उत्तर-
उपचयन तथा अपचयन-किसी अभिक्रिया में पदार्थ का उपचयन तब होता है जब उसमें ऑक्सीजन की वृद्धि या हाइड्रोजन का ह्रास होता है इसके विपरीत पदार्थ का अपचयन तब होता है जब उसमें ऑक्सीजन का ह्रास या हाइड्रोजन की वृद्धि होती है।
उदाहरण-
कॉपर चूर्ण के सतह पर कॉपर ऑक्साइड (II) की काली परत चढ़ जाती है। यह काला पदार्थ क्यों बना? यह कॉपर ऑक्साइड कॉपर में ऑक्सीजन के योग से बना है।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 10
यदि इस गर्म पदार्थ के ऊपर हाइड्रोजन गैस प्रवाहित की जाए तो सतह की काली परत भूरे रंग की हो जाती है क्योंकि इस स्थिति में विपरीत अभिक्रिया होती है तथा कॉपर प्राप्त होता है।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 11
अभिक्रिया के दौरान जब किसी पदार्थ में ऑक्सीजन की वृद्धि होती है तो कहते हैं कि उसका उपचयन हुआ है और जब अभिक्रिया में किसी पदार्थ में ऑक्सीजन का ह्रास होता है तो कहते हैं कि उसका अपचयन हुआ है।
अभिक्रिया में कॉपर (II) ऑक्साइड में ऑक्सीजन का ह्रास हो रहा है, इसलिए यह अपचयित हुआ है। हाइड्रोजन में ऑक्सीजन की वृद्धि हो रही है, इसलिए यह उपचयित हुआ है। अर्थात्, किसी अभिक्रिया में एक अभिकारक उपचयित तथा दूसरा अभिकारक अपचयित होता है। इन अभिक्रियाओं को उपचयन-अपचयन अथवा रेडॉक्स अभिक्रिया कहते हैं।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 12
रेडॉक्स अभिक्रिया के कुछ अन्य उदाहरण हैं
ZnO+C → Zn + CO
MnO2 + 4HCl→ MnCl2 + 2H2O + Cl2
अभिक्रिया में कार्बन उपचयित होकर CO तथा ZnO अपचयित होकर Zn बनता है। अभिक्रिया में HCl, Cl2 में उपचयित तथा MnO2, MnCl2 में अपचयित हुआ है।

प्रश्न 4.
अम्ल क्या होता है ? अम्लों के चार गुणों की व्याख्या उदाहरण देकर करो।
उत्तर-
अम्ल-ऐसे यौगिक जिनमें एक अथवा एक से अधिक हाइड्रोजन परमाणु उपस्थित होते हैं तथा वह जल में घुलकर आवेशित हाइड्रोनियम आयन (H3O+) बनाते हैं, अम्ल कहलाते हैं। अम्लों का स्वाद खट्टा होता है।

अम्लों के गुण-
1. धातुओं के साथ क्रिया-अम्ल क्रियाशील धातुएं जैसे जिंक, मैग्नीशियम,लोहा तथा मैंग्नीज़ के साथ क्रिया करके हाइड्रोजन गैस पैदा करती हैं।
Zn(s) + तनु H2SO4(aq) → ZnSO4(aq) + H2(g) ↑
Mg(s) + तनु 2HCl (aq) → MgCl(aq) + H2(g) ↑

2. धात्विक कार्बोनेट तथा धात्विक बाइकार्बोनेट के साथ क्रिया-अम्ल, धात्विक कार्बोनेट तथा धात्विक बाइकार्बोनेट से क्रिया करके कार्बनडाइऑक्साइड गैस उत्सर्जित करते हैं।
Na2CO3 + H2SO4 → Na2SO4 + H2O + CO2
NaHCO3 +HCl → NaCl + H2O + CO2

3. शारों के साथ क्रिया-अम्ल, क्षारों के साथ क्रिया करके उदासीनीकरण प्रक्रिया दर्शाते हैं तथा लवण और जल पैदा करते हैं।
HCl + NaOH → NaCl + H2O
HCl + KOH → KCl + H2O

4. धात्विक सल्फाइड तथा हाइड्रोजन सल्फाइड के साथ क्रिया-अम्ल विभिन्न धातु सल्फाइडों तथा हाइड्रोदन सल्फाइडों के साथ क्रिया करके H2S गैस उत्पन्न करते हैं।
FeS + H2SO4→ FeSO4 + H2S(g)
2KHS + 2HCl → 2KCl + 2H2S(g)

प्रश्न 5.
चित्र में किस प्रकार की रासायनिक क्रिया दर्शायी गई है ? इस क्रिया की परिभाषा उदाहरण सहित लिखो।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 13
उत्तर-
चित्र में धातुओं की लवणों के विलयनों के साथ अभिक्रिया दर्शाई गई है। यह विस्थापन अभिक्रिया है। विस्थापन अभिकिया जब कोई तत्व दूसरे तत्व को उसके यौगिक से विस्थापित कर देता है तो वह विस्थापन अभिक्रिया होती है।
उदाहरण –
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 14

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
रासायनिक समीकरणों को लिखते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है ?
उत्तर-

  • रासायनिक परिवर्तन को प्रदर्शित करना।
  • अभिकारकों और उत्पादों के सभी तत्वों को प्रतीकों से दर्शाना।
  • अभिकारकों और उत्पादों के प्रत्येक तत्व के कुल परिणामों की संख्या का दोनों ओर समान होना।
  • भौतिक अवस्था, ऊष्मा और परिस्थितियों को स्पष्ट करना।

प्रश्न 2.
संयुक्त अभिक्रिया की परिभाषा उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर-
संयुक्त अभिक्रिया- ऐसी अभिक्रिया जिसमें दो या दो से अधिक अभिकारक मिलकर एकल उत्पाद का निर्माण करते हैं उसे संयुक्त अभिक्रिया कहते हैं।
उदाहरण-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 15

प्रश्न 3.
बुझे हुए चूने का रासायनिक सूत्र और उसका एक उपयोग बताइए।
उत्तर-
रासायनिक सूत्र → Ca(OH)2
बुझे हुए चूने के विलयन का उपयोग दीवारों की सफ़ेदी करने के लिए होता है।

प्रश्न 4.
सफेदी करने के दो-तीन दिन बाद चमक क्यों आ जाती है?
उत्तर-
कैल्सियम हाइड्रोक्साइड वायु में उपस्थित कार्बन डाइऑक्साइड के साथ धीमी गति से अभिक्रिया करके दीवारों पर कैल्सियम कार्बोनेट की एक पतली परत बना देता है। सफ़ेदी करने के दो-तीन दिन बाद कैल्सियम कार्बोनेट का निर्माण होता है और इससे दीवारों पर चमक आ जाती है।

प्रश्न 5.
संगमरमर का रासायनिक सूत्र तथा उसके बनने की अभिक्रिया बताइए।
उत्तर-
संगमरमर को कैल्सियम कार्बोनेट भी कहते हैं। इसका रासायनिक सूत्र है-CaCO3
इसके बनने की अभिक्रिया –
Ca(OH2) (aq) + CO2(g) → CaCO3(s) + H2O कैल्सियम कार्बोनेट

प्रश्न 6.
ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया की परिभाषा तथा दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया (Exothermic Reaction)-जिन अभिक्रियाओं में उत्पाद के निर्माण के साथ-साथ ऊष्मा भी उत्पन्न होती है उन्हें ऊष्माक्षेपी रासायनिक अभिक्रिया कहते हैं। A + B→ C + D + ऊष्मा इन अभिक्रियाओं में अभिकारकों की कुल ऊर्जा उत्पादों की कुल ऊर्जा से अधिक होती है। अभिकारकों की ऊर्जा > उत्पादों की ऊर्जा ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाओं के कुछ अन्य उदाहरण हैं –

  • प्राकृतिक गैस का दहन –
    CH4 (g) + 2O2 (g) → CO2(g) + 2H2O (g) + ऊर्जा
  • साग-सब्जियों का विघटित होकर कंपोस्ट बनाना भी ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया का ही उदाहरण है।

प्रश्न 7.
ऊष्माशोषी अभिक्रियाओं की उदाहरण सहित परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
ऊष्माशोषी अभिक्रिया (Endothermic Reaction)-जिन अभिक्रियाओं में ऊष्मा का अवशोषण होता है उन्हें ऊष्माशोषी अभिक्रियाएं कहते हैं।
A+ B + ऊष्मा →C+ D
इस अभिक्रिया में अभिकारकों की कुल ऊर्जा उत्पादों की कुल ऊर्जा से कम होती है। अभिकारकों की ऊर्जा < उत्पादों की ऊर्जा उदाहरण –

  • कोक की भाप के साथ अभिक्रिया
    C(s) + H2O (g) + ऊष्मा → CO(g) + H2 (g)
  • N2 और O2 की प्रक्रिया
    N2(g) + O2 (g) + ऊष्मा → 2 NO (g)

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 8.
वियोजन अभिक्रिया संयोजन अभिक्रिया से किस प्रकार अलग है?
उत्तर-
संयोजन अभिक्रिया में दो या दो से अधिक पदार्थ मिलकर एक नया पदार्थ बनाते हैं जबकि वियोजन अभिक्रिया इसके विपरीत है। वियोजन अभिक्रिया में एकल पदार्थ वियोजित होकर दो या दो से अधिक पदार्थ प्रदान करता है।

प्रश्न 9.
विस्थापन अभिक्रिया की परिभाषा तथा उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
विस्थापन अभिक्रिया-जब कोई तत्व किसी दूसरे तत्व को उसके यौगिक से विस्थापित कर देता है तो वह विस्थापन अभिक्रिया होती है।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 16
उपरोक्त उदाहरण में Zn कॉपर से ज्यादा क्रियाशील है इसलिए वह कॉपर सल्फेट से कॉपर का विस्थापन करके स्वयं सल्फेट के साथ जिंक सल्फेट बनाता है।

प्रश्न 10.
द्विविस्थापन अभिक्रिया की परिभाषा तथा उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
द्विविस्थापन अभिक्रिया-वैसी अभिक्रियाएं जिनमें अभिकारकों के बीच आयनों का आदान-प्रदान होता है उन्हें द्विविस्थापन अभिक्रिया कहते हैं।
उदाहरण
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 17
उपरोक्त अभिक्रिया में Cl- तथा SO42- आयनों का आदान-प्रदान हो रहा है इसलिए यह द्विविस्थापन अभिक्रिया का उदाहरण है।

प्रश्न 11.
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 18
उपरोक्त अभिक्रिया को पूरा करें तथा उत्पाद का रंग भी बताइए।
उत्तर-
उपरोक्त अभिक्रिया है-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 19
यह उत्पाद Pbo पीले रंग का है।

प्रश्न 12.
जंग लगना किसे कहते हैं ? जंग का रासायनिक सूत्र लिखिए। इससे होने वाली हानि क्या है?
उत्तर-
लोहे की बनी नई वस्तुएँ चमकीली होती हैं लेकिन कुछ समय पश्चात् उन पर लालिमा युक्त भूरे रंग की परत चढ़ जाती है। आमतौर पर इस प्रक्रिया को लोहे पर जंग लगना कहते हैं। कॉपर जंग का रासायनिक सूत्र है : Fe2SO3. x H2O जंग हाइड्रेटेड आयरन (III) ऑक्साइड है। यह भंगुर है और समय के साथ धातु की सतह से पृथक् होता रहता है जिस कारण लोहे से बनी वस्तुएं क्षतिग्रस्त होती रहती हैं।

प्रश्न 13.
क्या होता है जब जिंक की छड़ कॉपर सल्फेट के विलयन में रखी जाती है? अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण दीजिए।
उत्तर-
जिंक कॉपर से अधिक अभिक्रियाशील है। वह कॉपर सल्फेट विलयन से कॉपर को विस्थापित कर देता है, और जिंक सल्फेट बनता है। कॉपर सल्फेट का नीला विलयन धीरे-धीरे सफेद होता चला जाता है।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 20

प्रश्न 14.
‘चूना शमन’ का तात्पर्य क्या होता है? इस प्रक्रिया में सूं-सूं की ध्वनि क्यों होती है? संबंधित अभिक्रिया को प्रदर्शित करने वाली रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर-
चूना शमन-जब चूने में जल मिलाया जाता है, यह बुझे चूने में बदल जाता है। इसे चूना शमन कहते हैं। यह एक उष्मापेक्षी अभिक्रिया है जिसमें उष्मा बाहर निकलती है जिसके कारण सूं-सूं की ध्वनि उत्पन्न होती है।

प्रश्न 15.
निम्नलिखित रासायनिक समीकरणों को संतुलित कीजिए
(i) H2 + N2 → NH3
(ii) BaCl2 + Al2(SO4)3 → AlCl3 + 3BaSO4
(iii) H2S + O2 → SO2 + H2O
(iv) KBr + BaI2 → KI + BaBr2
(v) Al + CuCl2 → AICl3 + Cu
(vi) AgNO3 + Cu2 + → Cu(NO3)2 + Ag
(vii) AI (OH)3 → Al2O3+ H2O
(viii) NH3 + CuO → Cu + N2 + H2O
(ix) KClO3 → KCl+ O2
(x) KNO2 → KNO2 + O2
(xi) BaCl2 + K2SO4 → + BaSO4 + KCl.
उत्तर-
(i) 3H2 + N2 → 2NH3
(ii) 3BaCl2 + Al2(SO4)2 → 2Alcl3 + 3BaSO4
(iii) 2H2S + 3O2 → 2SO2 + 2H2O
(iv) 2KBr + Bal2 → 2KI + BaBr2
(v) 2Al + 3CuCl2 → 2AlCl3 + 3Cu
(vi) 2AgNO3 + Cu → Cu (NO3)2 + 2Ag
(vii) 2AI (OH)3 → AlO3 + 3H2O
(viii) 2NH2 + 3CuO →  Cu + N2 + 3H2O
(ix) 2KCIO3 → 2KCl + 3O2
(x) 2KNO3 → 2KNO2 + O2
(xi) BaCl2 + K2SO4 → BaSO4 + 2KCl.

प्रश्न 16.
निम्न समीकरणों में उपचयित और अपचयित पदार्थों के नाम लिखिए
(i) SO2 + 2H2S → 2H2O+ 3S
(ii) 2Al + 3HCl → 2AlCl3 + 3H2
(iii) 2H2S + SO2 → 3S + 2H2O
(iv) Zn + 2AgNO3 → Zn (NO3)2 + 2Ag
(v) H2 + CuO → Cu + H2O.
उत्तर-
(i) SO2 में S का अपचयन तथा H2S में S का उपचयन हुआ।
(ii) एलुमीनियम उपचयित तथा क्लोरीन अपचयित हुआ।
(iii) हाइड्रोजन का उपचयन हुआ और सल्फर का अपचयन हुआ।
(iv) जिंक का उपचयन हुआ और सिल्वर का अपचयन हुआ।
(v) हाइड्रोजन का उपचयन हुआ तथा तांबा का अपचयन हुआ।

प्रश्न 17.
निम्नलिखित क्रियाओं के लिए संकेतों और सूत्रों द्वारा संतुलित रासायनिक समीकरण लिखो :
(i) जिंक + सिल्वर नाइट्रेट → जिंक नाइट्रेट + सिल्वर
(ii) कॉपर ऑक्साइड + हाइड्रोजन → कॉपर + पानी
(ii) बेरियम क्लोराइड + एल्युमीनियम सल्फेट → बेरियम सल्फेट + एल्युमीनियम क्लोराइड।
उत्तर-
(i) Zn + 2AgNO3 → Zn(NO3)2 + 2Ag
(ii) CuO + H2 → Cu + H2O
(iii) 3BaCl2 + Al2(SO4)3 → 3BaSO4 + 2AlCl3

प्रश्न 18.
निम्नलिखित समीकरणों को पूरा करें :
(i) कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड + कार्बनडाइऑक्साइड → ………………….. +
(ii) सोडियम + पानी → …………………………….. + ………………………………
(iii) हाइड्रोजन + क्लोरीन → …………………………….
उत्तर –
(i) कैल्सियम + कार्बनडाइऑक्साइड → कैल्सियम कार्बोनेट + पानी हाइड्रॉक्साइड
(ii) सोडियम + पानी → सोडियम हाइड्रॉक्साइड + हाइड्रोजन
(iii) हाइड्रोजन + क्लोरीन → हाइड्रोजन क्लोराइड गैस

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 19.
निम्नलिखित कथनों को रासायनिक समीकरणों (सूत्रों सहित ) में लिखकर संतुलित करो :
(i) पोटाशियम धातु जल के साथ अभिक्रिया करके पोटाशियम हाइड्रॉक्साइड और हाइड्रोजन गैस देती है।
(ii) हाइड्रोजन सल्फाइड गैस का वायु/ऑक्सीजन में दहन होने पर जल एवं सल्फर डाइऑक्साइड गैस बनाती है।
(ii) हाइड्रोजन गैस नाइट्रोजन से संयोग करके अमोनिया बनाती है। (P.S.E.B. March 2017, Set-III)
उत्तर
(i) 2K + 2H2O → 2KOH + H2
(ii) 2H2S + 3O2 → 2H2O + 2SO2
(iii) 3H2 + N2 → 2NH3

प्रश्न 20.
नीचे दिए गए फ्लास्क में किस प्रकार की रासायनिक अभिक्रिया हो रही है ? इसके लिए रासायनिक समीकरण लिखें। उत्पन्न हो रही गैस का नाम एवं एक गुण भी लिखें।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 22
उत्तर-
रासायनिक समीकरण
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 23
इस अभिक्रिया में हाइड्रोजन गैस उत्पन्न हो रही है।
हाईड्रोजन गैस का गुण-हाईड्रोजन गैस एक ज्वलनशील गैस है जो नीली-पीली ज्वाला के साथ धमाके के साथ जलती है।

प्रश्न 21.
सामने चित्र में दिखाई गई परखनली में रासायनिक अभिक्रिया के दौरान कौन-सी गैस पैदा हो रही है ? यह गैस चूने के पानी/कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड से किस तरह क्रिया करती है ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 24
उत्तर-

  • सोडियम कार्बोनेट तथा तनु हाइड्रोक्लोरिक की क्रिया के दौरान कार्बनडाइऑक्साइड गैस पैदा होती है।
  • कार्बनडाइऑक्साड गैस चूने के पानी (कैल्शियम हाइड्राक्साइड) के साथ क्रिया करके सफेद रंग का कैल्शियम कार्बोनेट बनाती है जिससे चूने के पानी का रंग दुधिया हो जाता है।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 25

 

प्रश्न 22.
सामने दिए गये चित्र में दर्शाई परखनली में हो रही रासायनिक क्रिया को समीकरण के रूप में लिखो। घोल/विलयन के रंग में किस प्रकार परिवर्तन होता है ? लोहे की कीलों के रंग में क्या परिवर्तन होता है ?

उत्तर-
रासायनिक क्रिया का समीकरण :
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 27
जब लोहे की कीलों को कॉपर सल्फेट के घोल मे डुबोया जाता है तो नीले रंग का घोल धीरे-धीरे फीका हो जाता है तथा कीलों का रंग भूरा हो जाता है।

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
बुझे हुए चूने का एक उपयोग बताइए।
उत्तर-
दीवारों की सफ़ेदी करने के लिए।

प्रश्न 2.
संगमरमर का रासायनिक फार्मूला लिखिए।
उत्तर-
CaCO3.

प्रश्न 3.
प्राकृतिक गैस का दहन करने पर क्या प्राप्त होता है ?
उत्तर-
CO2 H2O और ऊर्जा ।

प्रश्न 4.
फ़ेरस सल्फेट का सूत्र लिखिए।
उत्तर-
FeSO4.7H2O

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 5.
तैलीय तथा वसायुक्त खाद्य सामग्री जब लंबे समय तक रखी रह जाती है तो उसमें स्वाद और गंध किस क्रिया के कारण बदल जाते हैं ?
उत्तर-
उपचयन के कारण।

प्रश्न 6.
चिप्स बनाने वाले चिप्स की थैली में क्या युक्त कर देते हैं ताकि उनमें उपचयन न हो सके?
उत्तर-
नाइट्रोजन गैस।

प्रश्न 7.
किसी अभिक्रिया में पदार्थ का उपचयन कब होता है?
उत्तर-
जब O2 की वृद्धि या H2 का ह्रास होता है।

प्रश्न 8.
ऊष्मा देने पर कैल्सियम कार्बोनेट किसमें नियोजित होता है ?
उत्तर-
कैल्सियम ऑक्साइड तथा कार्बन डाइऑक्साइड ।

प्रश्न 9.
बुझे हुए चूने का रासायनिक सूत्र लिखिए।
उत्तर-
CaO.

प्रश्न 10.
प्राकृतिक गैस का दहन होने पर होने वाली अभिक्रिया को लिखिए।
उत्तर-
CH4 (g) + 2O2 (g) → CO2 (g) + 2H2O (g) + ऊर्जा।

प्रश्न 11.
कोयले का दहन तथा H2 और O2, से जल का निर्माण कैसी अभिक्रिया को दर्शाते हैं?
उत्तर-
संयोजन अभिक्रिया।

प्रश्न 12.
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 28
उत्तर-
क्लोरोफ़िल।

प्रश्न 13.
अपचयन क्रिया क्या है ?
उत्तर-
अपचयन वह क्रिया है जिसमें 0, का ह्रास तथा H, की वृद्धि होती है।

प्रश्न 14.
उपचयन क्रिया क्या है ?
उत्तर-
उपचयन वह क्रिया है जिसमें H, का ह्रास तथा O2, की वृद्धि होती है।

प्रश्न 15.
मैग्नीशियम रिबन को वायु में जलाने से कौन-सा पदार्थ बनता है ? ( मॉडल पेपर)
उत्तर-
सफेद पाउडर मैग्नीशियम ऑक्साइड (MgO).

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 16.
नीचे लिखी समीकरण में रिक्त स्थान भरो :
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 29
उत्तर-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 30

प्रश्न 17.
जिंक की तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया होने से कौन-सी गैस बनती है ?
उत्तर-
हाइड्रोजन गैस (H2)

प्रश्न 18.
निम्नलिखित रासायनिक समीकरण में रिक्त स्थान भरो : BaCl2 + Na2SO4 → …………. + …….
उत्तर-
BaCl2 + Na2SO4 → BaSO4 + 2NaCl

प्रश्न 19.
कार्बनडाइऑक्साइड गैस को चूने के पानी में से प्रवाहित करने पर चूने के पानी में क्या परिवर्तन होता है ?
उत्तर-
चूने का पानी दुधिया हो जाता है।

प्रश्न 20.
निम्नलिखित रासायनिक समीकरण को पूरा करें :
Fe(s) + CuSO4 (aq) → ………………. +
उत्तर-
Fe(s) + CuSO4 (aq) → FeSO4 (aq) + Cu(s)

प्रश्न 21.
निम्नलिखित समीकरण को पूरा करो :
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 31
उत्तर-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 32

प्रश्न 22.
Zn(s) + CuSO4(aq) → ZnSO4(aq)+ Cu(s) इस रासायनिक समीकरण में किस प्रकार की अभिक्रिया दर्शायी गयी है ?
(क) संयोजन अभिक्रिया
(ख) वियोजन अभिक्रिया
(ग) विस्थापन अभिक्रिया
(घ) द्विविस्थापन अभिक्रिया।
उत्तर-
(ग) विस्थापन अभिक्रिया।

प्रश्न 23.
Na2SO4(aq) + BaCl2→ BaSO4(s) + NaCl(aq) उपरोक्त रासायनिक समीकरण किस प्रकार की रासायनिक अभिक्रिया का उदाहरण है ?
(क) संयोजन अभिक्रिया
(ख) वियोजन अभिक्रिया
(ग) विस्थापन अभिक्रिया
(घ) द्विविस्थापन अभिक्रिया।
उत्तर-
(घ) द्विविस्थापन अभिक्रिया।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
BaCl2 (aq) + Na2SO4 (aq) → BaSO4(s) + 2NaCl (aq) है
(a) विस्थापन अभिक्रिया
(b) द्विविस्थापन अभिक्रिया
(c) संयोजन अभिक्रिया
(d) वियोजन अभिक्रिया।
उत्तर-
(b) द्विविस्थापन अभिक्रिया।

प्रश्न 2.
वह अभिक्रिया जिसमें ऊष्मा उत्पन्न होती है, कहलाती है –
(a) बहुलीकरण अभिक्रिया
(b) ऊष्माशोषी अभिक्रिया
(c) ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-
(c) ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

प्रश्न 3.
जल के विद्युत् अपघटन पर उत्पन्न हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन का मोल अनुपात है –
(a) 2:1
(b) 1:1
(c) 2:2
(d) 4:1.
उत्तर-
(a) 2:1.

प्रश्न 4.
जंग का रासायनिक सूत्र है –
(a) Fe2O3
(b) FeCO3
(c) Fe2O3.xH2O
(d) FeCO3.xH2O.
उत्तर-
(c) Fe2O3.xH2O.

प्रश्न 5.
वियोजन अभिक्रिया का उदाहरण है-
(a) CH4 + 2O2, → CO2 + 2H2O
(b) 2Pb (NO3)2 → 2PbO + 4NO2 + O2,
(c) NH3 + HCl → NH4Cl
(d) PB + CuCl2 → PbCl2 + CU.
उत्तर-
(b) 2Pb (NO3)2 → 2PbO + 4NO2 + O2.

प्रश्न 6.
लोहा किसे उसके विलयन से विस्थापित कर सकता है ?
(a) Al
(b) Zn
(c) Cu
(d) AU.
उत्तर-
(c) Cu.

प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से कौन-सी अधातु है जो धातुओं की सक्रियता क्रम में उपस्थित रहती है –
(a) O2,
(b) Cl
(c) Br
(d) H2.
उत्तर-
(d) H2.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

(i) अपघटन अभिक्रिया ………….. की विपरीत अभिक्रिया है।
उत्तर-
संयोजन अभिक्रिया

(ii) अम्ल व क्षारक की निश्चित मात्रा एवं आयतन मिलाने से ……….. तथा ……….. बनता है।
उत्तर-
लवण, जल

(iii) ऑक्सीजन का समावेश ……….. कहलाता है।
उत्तर-
ऑक्सीकरण

(iv) वह अभिक्रिया जिसमें ऊष्मा का उत्सर्जन होता है, ……… अभिक्रिया कहलाती है।
उत्तर-
ऊष्माक्षेपी

(v) ऑक्सीकरण तथा अपचयन एक-दूसरे की …………. हैं।
उत्तर-
पूरक।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 16 ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 16 ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 16 ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ

ਵੱਡੇ ਉੱਚਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਜੰਗਲੀ ਸੰਪਦਾ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਦੇ ਲਈ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਉਪਾਅ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੰਗਲੀ ਸੰਪਦਾ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਦੇ ਉਪਾਅ-

  1. ਰੁੱਖਾਂ ਨੂੰ ਕੱਟਣਾ ਬੰਦ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਸਿਰਫ਼ ਉਹੀ ਰੁੱਖ ਕੱਟੇ ਜਾਣ ਜੋ ਸੁੱਕ ਗਏ ਹੋਣ ਜਾਂ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਗੰਭੀਰ ਬਿਮਾਰੀ ਲੱਗ ਜਾਵੇ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸਥਾਨ ਤੇ ਨਵੇਂ ਰੁੱਖ ਲਗਾਏ ਜਾਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  3. ਰੁੱਖਾਂ ਦੀ ਹਰ ਸਾਲ ਗਿਣਤੀ ਕੀਤੀ ਜਾਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਰੁੱਖਾਂ ਨੂੰ ਲਗਾਉਣ ਦੇ ਉਦੇਸ਼ਾਂ ਦੀ ਪੂਰਤੀ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  4. ਵਣ ਮਹਾਂਉਤਸਵ ਮਨਾਇਆ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ। ਇਹ ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਦੀ ਰੁੱਖ ਉਗਾਉਣ ਦੀ ਪਰੰਪਰਾ ਹੈ ਜਿਸਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਵਣ ਮਹਾਂਉਤਸਵ ਹਫ਼ਤੇ ਵਿੱਚ ਹਜ਼ਾਰਾਂ ਨਵੇਂ ਰੁੱਖ ਲਗਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
  5. ਨਵੇਂ ਲਾਏ ਰੁੱਖਾਂ ਦੀ ਦੇਖਭਾਲ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  6. ਜੰਗਲਾਂ ਨੂੰ ਰੋਪਣ ਦੀ ਨਵੀਂ ਯੋਜਨਾ ਲਾਗੂ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  7. ਜੰਗਲ ਸੰਪਦਾ ਨੂੰ ਜੰਗਲ ਦੀ ਅੱਗ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਉੱਚਿਤ ਪ੍ਰਬੰਧ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  8. ਰੁੱਖਾਂ ਨੂੰ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਰਸਾਇਣਿਕ ਦਵਾਈਆਂ ਦਾ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਵਾਤਾਵਰਨ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਦੇ ਘਟਕਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ।
ਉੱਤਰ-
ਮਨੁੱਖ ਅਤੇ ਵਾਤਾਵਰਨ ਦਾ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਡੂੰਘਾ ਰਿਸ਼ਤਾ ਹੈ । ਮਨੁੱਖ ਹੀ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਜਾਂ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਸਦਾ ਅਸਰ ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਵੀ ਉਸੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਮਨੁੱਖੀ ਸਮਾਜ ਦੇ ਲਈ ਸਾਫ਼ ਅਤੇ ਸਿਹਤਮੰਦ ਵਾਤਾਵਰਨ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਪਰੰਤੁ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਅਤੇ ਸਿਹਤਮੰਦ ਬਣਾਉਣਾ ਮਨੁੱਖਾਂ ‘ਤੇ ਹੀ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਮਨੁੱਖ ਦੀਆਂ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦਾ ਅਨਿਯੋਜਿਤ ਹੋਣਾ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਓਨੀ ਹੀ ਵਧੇਰੇ ਹਾਨੀ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਮਹਾਂਨਗਰਾਂ ‘ ਵਿੱਚ ਟਰੱਕਾਂ ਅਤੇ ਬੱਸਾਂ ਵਿਚੋਂ ਨਿਕਲਦਾ ਕਾਲਾ ਧੂੰਆਂ, ਨਦੀਆਂ ਵਿੱਚ ਨਾਲਿਆਂ ਦਾ ਗੰਦਾ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਸੜਕਾਂ ਤੇ ਖਿਲਰਿਆ ਕੂੜਾ-ਕਰਕਟ ਆਦਿ ਮਹਾਂਨਗਰਾਂ ਦੇ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਦੂਸ਼ਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ। ਇਹ ਸਾਰੀਆਂ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਮਿਲ-ਜੁਲ ਕੇ ਸਾਡੇ ਵਾਤਾਵਰਨ ਦੇ ਸਾਰੇ ਘਟਕਾਂ, ਜਿਵੇਂ-ਪਾਣੀ, ਹਵਾ ਅਤੇ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਸਾਨੂੰ ਜੀਵਤ ਰੱਖਣ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।

ਜਨਸੰਖਿਆ ਵਿਚ ਲਗਾਤਾਰ ਵਾਧਾ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਮਨੁੱਖ ਦੀ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਭੂਮਿਕਾ ਹੈ । ਜਨਸੰਖਿਆ ਦੇ ਵੱਧਣ ਨਾਲ ਘਰ, ਕੱਪੜੇ ਅਤੇ ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀਆਂ ਜ਼ਰੂਰਤਾਂ ਵੀ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ। ਲੋੜਾਂ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਕਰਨ ਲਈ ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਪਦਾਵਾਂ ਦੀ ਹਾਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਿਵੇਂ ਜੰਗਲਾਂ ਨੂੰ ਵਧੇਰੇ ਕੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਭੂਮੀਗਤ ਪਾਣੀ ਦਾ ਅਨਿਯੰਤਰਿਤ ਉਪਯੋਗ, ਪਥਰਾਹਟ ਬਾਲਣ ਦਾ ਵਧੇਰੇ ਉਪਯੋਗ, ਉਦਯੋਗੀਕਰਨ ਆਦਿ । ਇਹ ਸਾਰੇ ਕਿਸੇ ਨਾ ਕਿਸੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

ਜਦੋਂ ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਮੁੜ ਸਵੱਛਤਾ ਪ੍ਰਦਾਨ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੇ ਤਾਂ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਉਦਯੋਗਿਕ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਅਤੇ ਬਿਨਾਂ ਨਿਯੋਜਿਤ ਲੱਗੇ ਕਾਰਖ਼ਾਨੇ ਆਦਿ ਨਾਲ ਵੀ ਵਾਤਾਵਰਨ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਵਧੇਰੇ ਰਸਾਇਣਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਵੀ ਇਸ ਦਾ ਇਕ ਘਟਕ ਹੈ । ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਪ੍ਰਦਾਵਾਂ ਦਾ ਵਧੇਰੇ ਸ਼ੋਸ਼ਣ ਵੀ ਵਾਤਾਵਰਨ ਦੇ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨੂੰ ਵਧਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਉਦਯੋਗਿਕ ਕ੍ਰਾਂਤੀ ਨਾਲ ਹਵਾ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਵਰਖਾ, ਆਂਤਰਿਕ ਦਹਿਣ ਇੰਜਣਾਂ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਚਲਿਤ ਵਾਹਨਾਂ ਦੁਆਰਾ ਵਧੇਰੇ ਮਾਤਰਾ ਵਿਚ ਸਲਫਰ ਯੁਕਤ ਯੌਗਿਕਾਂ ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿਚ ਮੁਕਤ ਕਰਨ ਦਾ ਨਤੀਜਾ ਹੈ । ਐਰੋਸੋਲ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਨਾਲ ਓਜ਼ੋਨ ਸਤਹਿ ਨੂੰ ਹਾਨੀ ਹੋ ਰਹੀ ਹੈ ।

ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਕਿਰਿਆਕਲਾਪਾਂ ਦੇ ਨਤੀਜੇ ਤੋਂ ਪੈਦਾ ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ, ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਕਰਨ ਵਿਚ ਸਭ ਤੋਂ ਅੱਗੇ ਹਨ। ਇਹ ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਪਦਾਰਥ ਬਹੁਤ ਹੀ ਘਾਤਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਅਸਰ ਦੂਰ-ਦੂਰ ਤੱਕ ਫੈਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਨਿਪਟਾਨ ਅੱਜ-ਕੱਲ੍ਹ ਵਿਸ਼ਵ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਮੁੜ ਚੱਕਰ ਹੀ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਹੋਣ ਤੋਂ ਬਚਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਮੁੱਖ ਭੂਮਿਕਾ ਮਨੁੱਖ ਦੀ ਹੈ, ਇਸਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਇਸ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਵਾਤਾਵਰਨ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਵੀ ਮੁੱਖ ਰੂਪ ਵਿਚ ਮਨੁੱਖ ਹੀ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 16 ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕੋਲਾ ਅਤੇ ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਸਾਵਧਾਨੀ ਪੁਰਵਕ ਕਿਉਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੋਲਾ ਅਤੇ ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ਪੇੜ-ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੀਵ-ਜੰਤੂਆਂ ਤੋਂ ਬਣੇ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚ ਕਾਰਬਨ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਹਾਈਡਰੋਜਨ, ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਅਤੇ ਸਲਫਰ ਵੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਜਲਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ, ਪਾਣੀ, ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡ ਅਤੇ ਸਲਫਰ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਘੱਟ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਜਲਾਉਣ ਤੇ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦੀ ਜਗਾ ਕਾਰਬਨ ਮੋਨੋਆਕਸਾਈਡ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਉਤਪਾਦਾਂ ਵਿਚੋਂ ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਅਤੇ ਸਲਫਰ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡ ਅਤੇ ਕਾਰਬਨ ਮੋਨੋਆਕਸਾਈਡ ਜ਼ਹਿਰੀਲੀਆਂ ਗੈਸਾਂ ਹਨ । ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਇਕ ਗੀਨ ਹਾਊਸ ਗੈਸ ਹੈ। ਕੋਲਾ ਅਤੇ ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ਕਾਰਬਨ ਦੇ ਵਿਸ਼ਾਲ ਭੰਡਾਰ ਹਨ । ਜੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਕਾਰਬਨ ਸੰਪੂਰਨ ਮਾਤਰਾ ਵਿਚ ਨਾ ਜਲੇ ਤਾਂ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧਰਤੀ ਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਉਪਲੱਬਧਤਾ ਤਾਂ ਵੱਧ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ ਤੇ ਨਾਲ ਹੀ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦੀ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਵੈਸ਼ਵਿਕ ਤਾਪ ਵਧਣ ਦਾ ਕਾਰਨ ਬਣ ਜਾਵੇਗੀ । ਇਸ ਲਈ ਇਨ੍ਹਾਂ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਸੋਚ ਸਮਝ ਕੇ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਗੰਗਾ ਦਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੈ ? ਇਸਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਯੋਜਨਾ ਤੇ ਟਿੱਪਣੀ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਗੰਗਾ ਹਿਮਾਲਿਆ ਪਰਬਤ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਗੰਗੋਤਰੀ ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ ਬੰਗਾਲ ਦੀ ਖਾੜੀ ਤੱਕ ਲਗਭਗ 2500 ਕਿਲੋਮੀਟਰ ਤੱਕ ਯਾਤਰਾ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਰਾਜਾਂ ਦੇ ਸੌ ਤੋਂ ਵੱਧ ਨਗਰਾਂ ਅਤੇ ਕਸਬਿਆਂ ਵਿਚੋਂ ਲੰਘਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਉਸ ਵਿਚ ਤਰ੍ਹਾਂ-ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਗੰਦਗੀਆਂ ਦਾ ਮਿਲਣਾ ਸੁਭਾਵਿਕ ਹੈ। ਗੰਗਾ ਦਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਮੁੱਖ ਰੂਪ ਵਿਚ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦਾ ਹੈ-

  1. ਉਦਯੋਗਿਕ ਕੱਚਰਾ ।
  2. ਅਣਉਪਚਾਰਿਤ ਮਲ ਅਤੇ ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ।
  3. ਮ੍ਰਿਤ ਸਰੀਰਾਂ ਨੂੰ ਤੱਟਾਂ ਤੇ ਜਲਾਉਣਾ, ਜਲ ਵਿਚ ਵਹਾਉਣਾ ਅਤੇ ਮ੍ਰਿਤ ਸਰੀਰਾਂ ਦੀ ਰਾਖ ਅਤੇ ਹੱਡੀਆਂ ਨੂੰ ਗੰਗਾ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਸੁੱਟਣਾ ।
  4. ਅੰਧ-ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਦੇ ਕਾਰਨ ਗੰਗਾ ਵਿਚ ਨਹਾਉਣਾ ।

ਗੰਗਾ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਯੋਜਨਾ – ਗੰਗਾ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਧਾਰਮਿਕ ਕਾਰਨਾਂ ਕਰਕੇ ਹੱਡੀਆਂ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਸ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ, ਮਨੁੱਖੀ ਆਂਦਰ ਵਿੱਚ ਪਾਇਆ ਜਾਣ ਵਾਲਾ ਕੋਲੀਫਾਰਮ ਜੀਵਾਣੂ ਮੌਜੂਦ ਹੈ ਅਤੇ ਉਸਦੀ MPN (Most Probable Number) ਪਾਣੀ ਦੇ ਅਧੋਪ੍ਰਵਾਹ ਵਿੱਚ ਵੱਧਦਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ | ਸਾਲ 1985 ਵਿੱਚ, ਗੰਗਾ ਦੇ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਨ ਲਈ ਗੰਗਾ ਸਫ਼ਾਈ ਯੋਜਨਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕੀਤੀ ਗਈ ਸੀ । ਜਿਸਦਾ ਬਜਟ ਪਹਿਲੇ ਚਰਨ ਵਿਚ 462 ਕਰੋੜ ਰੁਪਏ ਅਤੇ ਦੁਸਰੇ ਚਰਨ ਵਿਚ 416 ਕਰੋੜ ਰੁਪਏ ਸੀ । ਇਸ ਅਭਿਆਨ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ 873 ਮਿਲੀਅਨ ਲੀਟਰ ਪਾਣੀ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਉਪਚਾਰਿਤ ਕਰਨਾ ਸੀ । ਵਰਤਮਾਨ ਵਿੱਚ ਗੰਗਾ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਯੋਜਨਾ ਵਿਚ ਤੇਜ਼ੀ ਲਿਆਉਣ ਦੀ ਬਹੁਤ ਹੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੈ ਤਾਂ ਹੀ ਇਸ ਵਿੱਚ ਲਗਾਤਾਰ ਵੱਧਦੇ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਤੇ ਨਿਯੰਤਰਨ ਪਾਇਆ ਜਾ ਸਕੇਗਾ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਪ੍ਰਾਕਿਰਤਿਕ ਸੰਸਾਧਨ ਨੂੰ ਉਦਾਹਰਨ ਸਹਿਤ ਪਰਿਭਾਸ਼ਿਤ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਕਿਰਤਿਕ ਸੰਸਾਧਨ (Natural resoures) – ਕੁਦਰਤ ਵਿਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੇ ਮਨੁੱਖ ਲਈ ਉਪਯੋਗੀ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਸਾਧਨ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਉਦਾਹਰਨ-ਹਵਾ, ਪਾਣੀ, ਮਿੱਟੀ, ਖਣਿਜ, ਕੋਇਲਾ, ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ਆਦਿ ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਸਾਧਨ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
3R ਦੇ ਸਿਧਾਂਤ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ? ਵਰਣਨ ਕਰੋ । (ਮਾਂਡਲ ਪੇਪਰ)
ਉੱਤਰ-
ਪਹਿਲੇ R ਦਾ ਅਰਥ ਹੈ Reduce ਜਿਸਦਾ ਮਤਲਬ ਹੈ ਘੱਟ ਕਰਨਾ । ਇਸਦਾ ਇਹ ਅਰਥ ਹੈ ਕਿ ਸਾਨੂੰ ਪਲਾਸਟਿਕ, ਕਾਗਜ਼, ਕੱਚ, ਧਾਤੁ ਦੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਆਦਿ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦਾ ਮੁੜ-ਚੱਕਰ ਕਰਕੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਉਪਯੋਗੀ ਵਸਤੂਆਂ ਬਣਾਉਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ | ਸਾਨੂੰ ਅਜਿਹੀਆਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਨੂੰ ਕੱਚਰੇ ਦੇ ਡਿੱਬੇ ਵਿਚ ਨਹੀਂ ਪਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਬਲਕਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਕੱਚਰੇ ਤੋਂ ਵੱਖ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤਾਂਕਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਮੁੜ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕੇ ।

ਦੂਸਰੇ ‘R’ ਦਾ ਅਰਥ ਹੈ Recycle ਅਰਥਾਤ ਮੁੜ ਚੱਕਰਣ । ਇਸਦਾ ਅਰਥ ਹੈ ਕਿ ਸਾਨੂੰ ਪਲਾਸਟਿਕ, ਕਾਗਜ਼, ਕੱਚ, ਧਾਤਾਂ ਦੀਆਂ ਵਸਤਾਂ ਆਦਿ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦਾ ਮੁੜ ਚੱਕਰਣ ਕਰਕੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਉਪਯੋਗੀ ਵਸਤੂਆਂ ਬਣਾਉਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ । ਸਾਨੂੰ ਅਜਿਹੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਕਚਰੇ ਦੇ ਡੱਬੇ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਪਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਬਲਕਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਕੱਚਰੇ ਤੋਂ ਵੱਖ ਕਰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ਤਾਂ ਜੋ ਇਹ ਮੁੜ ਉਪਯੋਗੀ ਬਣਾਈਆਂ ਜਾ ਸਕਣ ।

ਤੀਸਰਾ ‘R’ ਹੈ Reuse ਅਰਥਾਤ ਮੁੜ ਉਪਯੋਗ ਇਹ ਮੁੜ ਚੱਕਰ ਤੋਂ ਵੀ ਵਧੀਆ ਤਰੀਕਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਮੁੜ ਚੱਕਰ ਵਿੱਚ ਵੀ ਕੁੱਝ ਨਾ ਕੁੱਝ ਊਰਜਾ ਵਿਅਰਥ ਹੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਮੁੜ ਉਪਯੋਗ ਦੇ ਤਰੀਕੇ ਵਿੱਚ ਅਸੀਂ ਇਕ ਹੀ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਵਾਰ-ਵਾਰ ਵਰਤਦੇ ਹਾਂ । ਉਦਾਹਰਨ-ਵੱਖ-ਵੱਖ ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਨਾਲ ਡਿੱਬੇ ਅਤੇ ਕੇਨ ਅਸੀਂ ਹੋਰ ਸਮਾਨ ਰੱਖਣ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਗੰਗਾ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨੂੰ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਰੋਕਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਗੰਗਾ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਤਰੀਕਿਆਂ ਨਾਲ ਰੋਕਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ-

  1. ਉਦਯੋਗਿਕ ਇਕਾਈਆਂ ਨਾਲ ਨਿਕਲੇ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਕਚਰੇ ਨੂੰ ਗੰਗਾ ਵਿੱਚ ਡਿੱਗਣ ਤੋਂ ਰੋਕ ਕੇ ।
  2. ਨਦੀ ਵਿਚ ਮ੍ਰਿਤ ਪਸ਼ੂਆਂ ਨੂੰ ਬਹਾਉਣ ਤੋਂ ਰੋਕ ਕੇ ।
  3. ਘਰਾਂ, ਵਪਾਰਿਕ ਸੰਸਥਾਨਾਂ ਤੋਂ ਨਿਕਲੇ ਕੁੜੇ ਨੂੰ ਨਦੀ ਵਿੱਚ ਨਾ ਰੋੜ ਕੇ ।
  4. ਨਦੀ ਵਿੱਚ ਕੱਪੜੇ ਨਾ ਧੋ ਕੇ ।
  5. ਪਾਣੀ ਸਰੋਤਾਂ ਦੇ ਨੇੜੇ ਮਲ-ਮੂਤਰ ਨੂੰ ਨਾ ਤਿਆਗ ਕੇ ।
  6. ਨਦੀ ਵਿੱਚ ਰਾਖ ਅਤੇ ਮੁਰਦਿਆਂ ਨੂੰ ਨਾ ਬਹਾ ਕੇ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 16 ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਮੁੜ-ਚੱਕਰ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸ ਲਈ ਅਸੀਂ ਕੀ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੁੜ-ਚੱਕਰ – ਪੁਰਾਣੀਆਂ ਅਖ਼ਬਾਰਾਂ, ਕਾਪੀਆਂ-ਕਿਤਾਬਾਂ, ਧਾਤੂਆਂ ਤੋਂ ਬਣੀਆਂ ਪੁਰਾਣੀਆਂ ਬੇਕਾਰ ਵਸਤੂਆਂ, ਪਲਾਸਟਿਕ ਆਦਿ ਨੂੰ ਕੁੱਝ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਨਵੇਂ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ, ਜਿਸਨੂੰ ਮੁੜ-ਚੱਕਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਮੁੜ-ਚੱਕਰ ਲਈ ਅਸੀਂ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਕਾਰਜ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ-

  1. ਅਜਿਹੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਖ਼ਰੀਦੋ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਮੁੜ-ਚੱਕਰ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
  2. ਅਜਿਹੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰੋ ਜੋ ਮੁੜ-ਚੱਕਰ ਤੋਂ ਬਣੀਆਂ ਹੋਣ ।
  3. ਮੁੜ-ਚੱਕਰ ਲਈ ਢੁੱਕਵੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਖ਼ਰਾਬ ਹੋਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਵੇਚ ਦਿਓ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
‘ਚਿਪਕੋ ਅੰਦੋਲਨ’ ਨੇ ਸਰਕਾਰ ਅਤੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਕੀ ਸਿਖਾਇਆ ਹੈ ? ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ।
ਉੱਤਰ-
ਚਿਪਕੋ ਅੰਦੋਲਨ – ਚਿਪਕੋ ਅੰਦੋਲਨ ਬਹੁਤ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਸਮੁਦਾਇਆਂ ਵਿੱਚ ਫੈਲ ਗਿਆ | ਜਨ-ਸੰਚਾਰ ਮਾਧਿਅਮ ਨੇ ਵੀ ਇਸ ਵਿੱਚ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਯੋਗਦਾਨ ਦਿੱਤਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਸਰਕਾਰ ਨੂੰ ਇਹ ਸੋਚਣ ਤੇ ਮਜ਼ਬੂਰ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਕਿ ਜੰਗਲੀ ਸਾਧਨਾਂ ਦੀ ਠੀਕ ਢੰਗ ਨਾਲ ਵਰਤੋਂ ਲਈ ਪ੍ਰਾਥਮਿਕਤਾ ਤੈਅ ਕਰਨ ਲਈ ਮੁੜ ਵਿਚਾਰ ਦੀ ਲੋੜ ਹੈ । ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਅਨੁਭਵ ਨੇ ਸਿਖਾ ਦਿੱਤਾ ਹੈ ਕਿ ਜੰਗਲਾਂ ਦੇ ਵਿਨਾਸ਼ ਨਾਲ ਸਿਰਫ਼ ਜੰਗਲਾਂ ਦੀ ਉਪਲੱਬਧਤਾ ਹੀ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਸਗੋਂ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਅਤੇ ਜਲ ਸੋਮਿਆਂ ਤੇ ਵੀ ਅਸਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸਥਾਨਿਕ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਭਾਗੀਦਾਰੀ ਨਿਸਚਿਤ ਰੂਪ ਵਿਚ ਜੰਗਲਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਬੰਧਨ ਵਿੱਚ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਭੋਂ-ਜਲ ਦੇ ਕੀ ਲਾਭ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਝੋ-ਜਲ ਦੇ ਲਾਭ-

  1. ਇਹ ਪਾਣੀ ਵਾਸ਼ਪਿਤ ਹੋ ਕੇ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ।
  2. ਇਸ ਵਿੱਚ ਜੀਵ ਜੰਤੂਆਂ ਅਤੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦਾ ਜਣਨ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦਾ ।
  3. ਇਹ ਭੋ-ਪੱਧਰ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ ਲਿਆਉਂਦਾ ਹੈ ।
  4. ਇਹ ਪੌਦਿਆਂ ਨੂੰ ਨਮੀ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
  5. ਇਹ ਜੀਵ-ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਅਤੇ ਸੰਦੂਸ਼ਿਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਕੀ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਬਣਦੇ ਹਨ ? ਇਸਦੇ ਦੋ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ।
ਉੱਤਰ-
ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ – ਜੰਤੂਆਂ ਅਤੇ ਬਨਸਪਤੀ ਦੀ ਰਹਿੰਦ-ਖੂੰਹਦ ਅਤੇ ਅਵਸ਼ੇਸ਼ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤਹਿ ਵਿੱਚ ਦਬਦੇ ਰਹੇ ਹਨ ਜੋ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਤਲਛੱਟ ਦੇ ਹੇਠਾਂ ਦੱਬ ਕੇ ਇਕੱਠੇ ਹੋ ਗਏ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਆਕਸੀਜਨ ਉਪਲੱਬਧ ਨਹੀਂ ਹੋਈ । ਤਲਛੱਟ ਦੇ ਆਵਰਨ ਦੇ ਹੇਠਾਂ ਨਾ ਤਾਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਤੇ ਨਾ ਹੀ ਵਿਘਟਨ, ਪਰੰਤੂ ਇਸੇ ਤਲਛੱਟ ਦੇ ਭਾਰ ਕਾਰਨ ਇਨ੍ਹਾਂ ਅਵਸ਼ੇਸ਼ਾਂ ਵਿਚੋਂ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਹੋਰ ਵਾਸ਼ਪਿਤ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਪਦਾਰਥ ਨੁਚੜ ਕੇ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਨ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਨ ਉਰਜਾ ਯੁਕਤ ਕਾਰਬਨ ਯੌਗਿਕਾਂ ਦੇ ਉਹ ਅਨੁ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਮੂਲ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਸੌਰ ਊਰਜਾ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਬਨਸਪਤੀਆਂ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ । ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਦੀ ਉਦਾਹਰਨ ਕੋਲਾ, ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ਅਤੇ ਕੁਦਰਤੀ ਗੈਸ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਪਾਣੀ ਜੀਵਨ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਇਸ ਕਥਨ ਨੂੰ ਸਿੱਧ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਾਣੀ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਕਾਰਨਾਂ ਕਰਕੇ ਜੀਵਨ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ-

  1. ਪਾਣੀ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਦੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਵਿੱਚ ਭਾਗ ਲੈਂਦਾ ਹੈ ।
  2. ਪਾਣੀ ਸਰੀਰ ਦੇ ਤਾਪਮਾਨ ਨੂੰ ਸਥਿਰ ਰੱਖਦਾ ਹੈ ।
  3. ਪਾਣੀ ਪੋਸ਼ਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਸਰੀਰ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਭਾਗਾਂ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
  4. ਪਾਣੀ ਮਲ-ਮੂਤਰ ਦੇ ਵਿਸਰਜਨ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
  5. ਪਾਣੀ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਪਰਿਵਹਿਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
  6. ਖੇਤੀ, ਕਾਰਖ਼ਾਨਿਆਂ ਅਤੇ ਬਿਜਲੀ ਲਈ ਵੀ ਪਾਣੀ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਪਾਣੀ ਸੁਰੱਖਿਅਣ ਦੇ ਮੁੱਖ ਉਪਾਅ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਾਣੀ ਦੇ ਸੁਰੱਖਿਅਣ ਲਈ ਉਪਾਅ-

  1. ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਸਿੰਚਾਈ ਲਈ ਉਪਯੋਗ ਕਰਨਾ ।
  2. ਹੜ੍ਹ ਨਿਯੰਤਰਨ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਲੋਜੀਕਲ ਸਰਵੇ ਅਤੇ ਬੰਨ੍ਹ ਨਿਰਮਾਣ ਕਰਨਾ ।
  3. ਭੂਮੀਗਤ ਜਲ ਦੀ ਰੀਚਾਰਜਿੰਗ ਅਤੇ ਫਜ਼ੂਲ-ਖ਼ਰਚੀ ਨੂੰ ਰੋਕਣਾ ।
  4. ਵਧੇਰੇ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਘੱਟ ਪਾਣੀ ਵਾਲੇ ਸਥਾਨਾਂ ਤੇ ਭੇਜਣਾ ।
  5. ਭੂ-ਖੋਰ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਲਈ ਬਾਹਰੀ ਮਿੱਟੀ ਨੂੰ ਬਣਾਈ ਰੱਖਣਾ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 16 ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਕੁਝ ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਕਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਹਵਾ ਦੇ ਮੁੱਖ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਹਨ-

  1. ਕਾਰਬਨ ਮੋਨੋਆਕਸਾਈਡ
  2. ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ
  3. ਸਲਫਰ ਅਤੇ ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡ
  4. ਫਲੋਰਾਈਡਾਂ ਦੇ ਯੌਗਿਕ
  5. ਧਾਤੂਆਂ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਕਾਰਬਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨਿਯੰਤਰਨ ਦੇ ਪੰਜ ਉਪਾਅ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਉਪਾਅ ਕਰਨੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ-

  1. ਗੋਬਰ ਗੈਸ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਅਜੈਵ-ਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਖੱਡਿਆਂ ਵਿਚ ਸੁੱਟਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦਾ ਚੱਕਰੀਕਰਨ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਵਾਹਿਤ ਮਲ ਅਤੇ ਉਤਸਰਜੀ ਪਦਾਰਥ ਆਦਿ ਦਾ ਸਹੀ ਢੰਗ ਨਾਲ ਵਿਸਰਜਨ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  5. ਆਟੋ ਮੋਬਾਈਲਜ਼ ਵਿੱਚ ਸੀ.ਐਨ.ਜੀ. ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਜੰਗਲਾਂ ਨੂੰ ਕੱਟਣ ਨਾਲ ਕੀ ਹਾਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੇ ਰੁੱਖਾਂ ਨੂੰ ਕੱਟਣ ਦੀ ਦਰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਵਾਧੇ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਰੁੱਖਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਜਾਵੇਗੀ । ਰੁੱਖ ਵਾਸ਼ਪਨ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਨਾਲ ਵੱਡੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਜਲ ਮੁਕਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਨਾਲ ਵਰਖਾ ਵਾਲੇ ਬੱਦਲ ਸੌਖਿਆ ਹੀ ਬਣ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਜਦੋਂ ਜੰਗਲ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਉਸ ਖੇਤਰ ਵਿਚ ਵਰਖਾ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਰੁੱਖ ਘੱਟ ਸੰਖਿਆ ਵਿੱਚ ਉੱਗਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੁਸ਼ਚੱਕਰ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਹ ਖੇਤਰ ਰੇਗਿਸਥਾਨ ਵੀ ਬਣ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਰੁੱਖਾਂ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਕੱਟਣ ਨਾਲ ਜੈਵ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨਾਲ ਭਰਪੁਰ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਉੱਪਰਲੀ ਪਰਤ ਵਰਖਾ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਨਾਲ ਵਹਿ ਕੇ ਖਤਮ ਹੋਣ ਲਗਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਕੋਲਾ ਅਤੇ ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ਨੂੰ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਤੱਕ ਬਚਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੋਲਾ ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਮਸ਼ੀਨਾਂ ਦੀ ਕਾਰਜ-ਕੁਸ਼ਲਤਾ ਤੇ ਵੀ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਆਵਾਜਾਈ ਦੇ ਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-ਦਹਿਣ ਇੰਜਨ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਤਕ ਇਸਦੀ ਵਰਤੋਂ ਦੇ ਲਈ ਸੋਧ ਕੀਤਾ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ ਕਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚ ਬਾਲਣ ਦਾ ਪੂਰਨ ਦਹਿਣ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਯਕੀਨੀ ਬਣਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਵੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ਾਂ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾ ਰਹੀਆਂ ਹਨ ਕਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਕਾਰਜ-ਕੁਸ਼ਲਤਾ ਵੀ ਵਧੇ ਅਤੇ ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨੂੰ ਵੀ ਘੱਟ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕੇ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਤੱਕ ਬਚਾਇਆ ਜਾ ਸਕੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਪਾਰਕ ਅਤੇ ਜੰਗਲੀ ਜੀਵ ਸ਼ਰਨ ਸਥਲ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਪਾਰਕ ਜੰਗਲੀ ਜੀਵ ਸ਼ਰਨ ਸਥਲ
(1) ਚੀਤਾ, ਗੈਂਡਾ, ਸ਼ੇਰ ਆਦਿ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਜੰਗਲੀ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਆਵਾਸ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । (1) ਜੀਵ ਜੰਤੂਆਂ ਦੀਆਂ ਆਮ ਪ੍ਰਜਾਤੀਆਂ ਨੂੰ ਕੁਦਰਤੀ ਵਾਤਾਵਰਨ ਵਿਚ ਸੁਰੱਖਿਆ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
(2) ਇਸ ਦਾ ਖੇਤਰ 100 ਵਰਗ ਕਿਲੋਮੀਟਰ ਤੋਂ 500 ਵਰਗ ਕਿਲੋਮੀਟਰ ਤੱਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (2) ਇਸ ਦਾ ਖੇਤਰ 500 ਵਰਗ ਕਿਲੋਮੀਟਰ ਤੋਂ 1000 ਵਰਗ ਕਿਲੋਮੀਟਰ ਤੱਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(3) ਚਾਰੇ ਪਾਸੇ ਪੱਕੀਆਂ ਕੰਧਾਂ ਬਣਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । (3) ਚਾਰੇ ਪਾਸੇ ਉੱਚੀਆਂ ਜਾਲੀਦਾਰ ਅਸਥਾਈ ਕੰਧਾਂ ਬਣਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੁਦਰਤੀ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੇ ਜਾਂ ਸ਼ੁੱਧ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿਚ ਧੂਲ ਕਣ ਅਤੇ ਹੋਰ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦਾ ਮਿਸ਼ਰਣ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 16 ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਕੋਈ ਪੰਜ ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨਾਂ ਦੇ ਨਾਮ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਜੰਗਲ,
  2. ਜੰਗਲੀ ਜੀਵਨ,
  3. ਪਾਣੀ,
  4. ਕੋਲਾ,
  5. ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਤਿੰਨ R’s ਦੇ ਨਾਮ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. Reduce (ਘੱਟ ਉਪਯੋਗ),
  2. Recycle (ਮੁੜ ਚੱਕਰ),
  3. Reuse (ਮੁੜ ਉਪਯੋਗ) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਕਿਹੜੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਮੁੜ ਚੱਕਰਣ ਦੁਆਰਾ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਲਾਸਟਿਕ, ਕੱਚ, ਕਾਗ਼ਜ਼, ਅਤੇ ਧਾਤੂ ਦੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
CFC ਦਾ ਪੂਰਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕਲੋਰੋ-ਫਲੋਰੋ ਕਾਰਬਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਉਰਜਾ ਦੇ ਅਨਵੀਕਰਨੀ ਸਰੋਤਾਂ ਦੇ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਕੋਲਾ,
  2. ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਉਰਜਾ ਦੇ ਦੋ ਪਰੰਪਰਾਗਤ ਸਰੋਤਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਖਣਿਜ ਬਾਲਣ ਅਤੇ ਵਗਦਾ ਹੋਇਆ ਪਾਣੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਇਹ ਸੰਸਾਧਨ ਜੇ ਵਰਤਮਾਨ ਦਰ ਨਾਲ ਵਰਤੇ ਜਾ ਰਹੇ ਹਨ ਤਾਂ ਇਹ ਕਿੰਨੇ ਸਮੇਂ ਤੱਕ ਉਪਲੱਬਧ ਰਹਿਣਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨ ਲਗਭਗ ਅਗਲੇ 40 ਸਾਲਾਂ ਅਤੇ ਕੋਲੇ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨ ਅਗਲੇ 200 ਸਾਲਾਂ ਤੱਕ ਉਪਲੱਬਧ ਰਹਿ ਸਕਦੇ ਹਨ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 16 ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਕਿਹੜੇ ਦੋ ਵਰਗਾਂ ਵਿਚ ਰੱਖਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਕਿਹੜਾ ਵਧੇਰੇ ਘਾਤਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਜੈਵ-ਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਪਦਾਰਥ ।
  2. ਜੈਵ-ਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਪਦਾਰਥ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੋਨਾਂ ਵਿਚੋਂ ਜੈਵ-ਅਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥ ਵਧੇਰੇ ਘਾਤਕ ਹੈ ।

ਵਸਤੁਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Objective Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਇੰਦਰਾ ਗਾਂਧੀ ਨਹਿਰ ਨਾਲ ਕਿਸ ਰਾਜ ਦੇ ਵੱਡੇ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਹਰਾ-ਭਰਾ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ?
(a) ਉੱਤਰ ਪ੍ਰਦੇਸ਼
(b) ਉਤਰਾਖੰਡ
(c) ਛੱਤੀਸਗੜ੍ਹ
(d) ਰਾਜਸਥਾਨ ।
ਉੱਤਰ-
(d) ਰਾਜਸਥਾਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਅਮ੍ਰਿਤਾ ਦੇਵੀ ਬਿਸ਼ਨੋਈ ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਇਨਾਮ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ-
(a) ਜੀਵ ਸੰਰੱਖਿਅਣ ਲੌਈ
(b) ਵਣ-ਉਨਮੂਲਲੈ ਲਈ
(c) ਵਣਾਂ ਦੇ ਵਿਨਾਸ਼ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਲਈ
(d) ਜਲ-ਸੰਰੱਖਿਅਣ ਲਈ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਜੀਵ ਸੰਰੱਖਿਅਣ ਲਈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਜਲ-ਭੰਡਾਰਨ ਦੀ ਕੁਲ਼ ਪੱਧਤੀ ਪ੍ਰਚਲਨ ਵਿੱਚ ਹੈ-
(a) ਰਾਜਸਥਾਨ ਵਿੱਚ
(b) ਹਿਮਾਚਲ ਪ੍ਰਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ
(c) ਉਤਰਾਖੰਡ ਵਿੱਚ
(d) ਮੱਧ ਪ੍ਰਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਹਿਮਾਚਲ ਪ੍ਰਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
1970 ਦੇ ਪਹਿਲੇ ਦਸ਼ਕ ਵਿੱਚ ਚਿਪਕੋ ਅੰਦੋਲਨ ਕਿੱਥੇ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋਇਆ ?
(a) ਕੁਮਾਉਂ ਵਿੱਚ
(b) ਗੜ੍ਹਵਾਲ ਵਿੱਚ
(c) ਹਿਮਾਚਲ ਪ੍ਰਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ
(d) ਆਸਾਮ ਵਿੱਚ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਗੜ੍ਹਵਾਲ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਗੰਗਾ ਸਫਾਈ ਯੋਜਨਾ ਕਦੋਂ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋਈ ?
(a) 1945 ਵਿੱਚ
(b) 1965 ਵਿੱਚ
(c) 1985 ਵਿੱਚ
(d) 2005 ਵਿੱਚ ।
ਉੱਤਰ-
(c) 1985 ਵਿੱਚ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 16 ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਵਣ ਪਾਲਿਸੀ ਬਣਾਈ ਗਈ ਸੀ-
(a) 1988
(b) 1989
(c) 1990
(d) 1991.
ਉੱਤਰ-
(a) 1988.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਮੁੜ-ਚੱਕਰ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ-
(a) ਪਲਾਸਟਿਕ
(b) ਪਾਲੀਥੀਨ
(c) ਧਾਤਾਂ
(d) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(d) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰਨਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ-ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :

(i) ਕੁਦਰਤ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੇ ਮਨੁੱਖ ਲਈ ਉਪਯੋਗੀ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ …………………….. ਆਖਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨ

(ii) ……………… ਖ਼ਤਮ ਹੋਣ ਵਾਲਾ ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਮਿੱਟੀ

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 16 ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ

(iii) ……………… ਨਾ ਖ਼ਤਮ ਹੋਣ ਵਾਲਾ ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼

(iv) ਕਿਸੇ ਵੱਡੇ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤੇ ਦਰੱਖ਼ਤ ਲਗਾ ਕੇ ਜੰਗਲਾਂ ਨੂੰ ਵਿਕਸਿਤ ਕਰਨਾ ……………………….. ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਵਣੀਕਰਨ

(v) CFC ਦਾ ਪੂਰਾ ਨਾਂ ………………………….. ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਕਲੋਰੋਫਲੋਰੋ ਕਾਰਬਨ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 15 ਸਾਡਾ ਵਾਤਾਵਰਨ

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 15 ਸਾਡਾ ਵਾਤਾਵਰਨ Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 15 ਸਾਡਾ ਵਾਤਾਵਰਨ

ਵੱਡੇ ਉੱਚਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿਚ ਅੰਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ-
(i) ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਅਤੇ ਜੀਵੋਮ ਜਾਂ ਬਾਇਓਮ
(ii) ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਅਤੇ ਭੋਜਨ-ਜਾਲ
(iii) ਮਾਸਾਹਾਰੀ ਅਤੇ ਸਰਬ-ਆਹਾਰੀ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਅਤੇ ਜੀਵੋਮ ਜਾਂ ਬਾਇਓਮ-

ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ (Ecosystem) ਜੀਵੋਮ ਜਾਂ ਬਾਇਓਮ (Biome)
(1) ਇਹ ਜੈਵ ਜਗਤ ਦੀ ਸਵੈ-ਧਾਰੀ (Self sus-taining) ਇਕਾਈ ਹੈ । (1) ਇਹ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧਾਂ ਦਾ ਸਮੂਹ ਹੈ ।
(2) ਇਹ ਜੈਵ ਜੀਵਾਂ ਅਤੇ ਅਜੈਵ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨਾਲ ਮਿਲ ਕੇ ਬਣਿਆ ਹੈ । (2) ਇਸ ਵਿਚ ਸਮਾਨ ਜਲਵਾਯੂ ਵਾਲੇ ਇੱਕ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਭੂਗੋਲਿਕ ਖੇਤਰ ਦੇ ਕਈ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
(3) ਇਹ ਜੈਵ ਜਗਤ ਵੀ ਬਾਕੀਆਂ ਨਾਲੋਂ ਛੋਟੀ ਇਕਾਈ ਹੈ । (3) ਇਹ ਜੈਵ ਜਗਤ ਦੀ ਇੱਕ ਬਹੁਤ ਵੱਡੀ ਇਕਾਈ ਹੈ ।

(ii) ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਅਤੇ ਭੋਜਨ-ਜਾਲ-

ਭੋਜਨ-ਲੜੀ (Food Chain) ਭੋਜਨ-ਜਾਲ (Food web)
(1) ਇਹ ਕਿਸੇ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਵਿਚ ਭੋਜਨ ਅਤੇ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ । (1) ਇਸ ਵਿਚ ਆਹਾਰ ਪੱਧਰ ਭੋਜਨ ਲੜੀਆਂ ਨਾਲ ਜੁੜੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
(2) ਇਹ ਭੋਜਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਦੀ ਕ੍ਰਮਵਾਰ ਆਹਾਰ ਲੜੀ ਹੈ । (2) ਇਸ ਵਿਚ ਇਕ ਭੋਜਨ ਲੜੀ ਦੇ ਜੀਵ ਕਿਸੇ ਨਾ ਕਿਸੇ ਪੋਸ਼ਣ ਪੱਧਰ ਤੇ ਹੋਰ ਭੋਜਨ-ਲੜੀਆਂ ਨਾਲ ਜੁੜ ਕੇ ਭੋਜਨ ਲੜੀਆਂ ਦਾ ਜਾਲ ਜਿਹਾ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
(3) ਇਸ ਵਿਚ ਆਹਾਰੀ ਪੱਧਰ ਸੀਮਿਤ ਹੈ । (3) ਇਸ ਵਿਚ ਆਹਾਰੀ ਪੱਧਰ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਵਿੱਚ ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਤੁਲਨ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
(4) ਇਹ ਸੀਮਿਤ ਅਤੇ ਛੋਟੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 15 ਸਾਡਾ ਵਾਤਾਵਰਨ 1
(4) ਇਹ ਕਈ ਭੋਜਨ ਲੜੀਆਂ ਦਾ ਜਾਲ ਹੈ ।
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(ਉ) ਜੰਗਲ ਵਿਚ (ਅ) ਘਾਹ ਦੇ ਮੈਦਾਨ ਵਿੱਚ (ੲ) ਤਾਲਾਬ ਵਿੱਚ ।

(iii) ਮਾਸਾਹਾਰੀ ਅਤੇ ਸਰਬ-ਆਹਾਰੀ-

ਮਾਸਾਹਾਰੀ (Carnivore) ਸਰਬ-ਆਹਾਰੀ (Omnivore)
(1) ਇਹ ਦੂਜੇ ਜੀਵ-ਜੰਤੂਆਂ ਦਾ ਮਾਸ ਹੀ ਖਾਂਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ- ਸ਼ੇਰ, ਚੀਤਾ ਆਦਿ । (1) ਇਹ ਜੀਵ-ਜੰਤੂਆਂ ਦਾ ਮਾਸ ਅਤੇ ਪੇੜ-ਪੌਦੇ ਦੋਵਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਮਨੁੱਖ, ਦਿਲ ਆਦਿ ।
(2) ਇਹ ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਦੇ ਤੀਸਰੇ ਜਾਂ ਉਸਦੇ ਅਗਲੇ ਸਾਰੇ ਪੱਧਰਾਂ ਤੇ ਮਿਲਦੇ ਹਨ । (2) ਇਹ ਅਕਸਰ ਦੂਸਰੇ ਆਹਾਰੀ ਪੱਧਰ ਤੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
(3) ਇਹ ਅਕਸਰ ਜੰਗਲਾਂ ਵਿਚ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । (3) ਇਹ ਕਿਸੇ ਵੀ ਸਥਾਨ ਤੇ ਰਹਿ ਸਕਦੇ ਹਨ ।
(4) ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕੱਟਣ ਵਾਲੇ ਦੰਦ ਘੱਟ ਵਿਕਸਿਤ ਅਤੇ ਕਿੱਲ ਦੰਦ ਅਤੇ ਨਹੀ ਵਧੇਰੇ ਵਿਕਸਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । (4) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚ ਦੋਵੇਂ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਦੰਦ ਅਤੇ ਨਹੁੰ ਵਿਕਸਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 15 ਸਾਡਾ ਵਾਤਾਵਰਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਛੋਟੀ ਕਿਵੇਂ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਊਰਜਾ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਇਕ ਹੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਸਦਾ ਕਈ ਚਰਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ ਹੁੰਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਉਰਜਾ ਦੇ ਹਰ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ ਤੇ ਉਰਜਾ ਦਾ 1% ਭਾਗ ਰਹਿ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਵਿਚ ਵੱਧ ਚਰਨ ਹੋਣ ਤਾਂ ਊਰਜਾ ਦੀ ਵਧੇਰੇ ਮਾਤਰਾ ਵਿਅਰਥ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ । ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਕੁਦਰਤ ਵਿਚ ਭੋਜਨ ਲੜੀਆਂ ਛੋਟੀਆਂ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਵਿਚ ਉਰਜਾ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ ਦੇ ਦੌਰਾਨ ਉਤਪਾਦਕ ਪੱਧਰ ਤੇ ਵੱਧ ਉਰਜਾ ਉਪਲੱਬਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਵਿਚ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਵੱਲ ਜਾਣ ਤੇ ਉਰਜਾ ਦੀ ਉਪਲੱਬਧਤਾ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਉਦਾਹਰਨ – ਘਾਹ → ਟਿੱਡਾ → ਡੱਡੂ → ਸੱਪ → ਮੋਰ
ਜੇ ਇਸ ਲੜੀ ਵਿਚ ਡੱਡੂ ਨੂੰ ਸਮਾਪਤ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਲੜੀ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ । ਇਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿਚ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਬਦਲਾਓ ਦਿਖਾਈ ਦੇਣਗੇ-

  1. ਟਿੱਡਿਆਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ ਵੱਧ ਜਾਵੇਗੀ ।
  2. ਡੱਡੂ ਨਾ ਮਿਲਣ ਦੇ ਕਾਰਨ ਸੱਪਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ ।
  3. ਸੱਪਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਦਾ ਮੋਰਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਤੇ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪਵੇਗਾ ।

ਮਨੁੱਖ ਦੁਆਰਾ ਕਈ ਬੇਲੋੜੇ ਕੰਮਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਛੋਟੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਉਸ ਨਾਲ ਕੁਦਰਤ ਵਿਚ ਅਸੰਤੁਲਨ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕੀ ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਵਿਚ ਛੇ ਤੋਂ ਵੱਧ ਪੱਧਰ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ ? ਜੇ ਨਹੀਂ ਤਾਂ ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਹਰ ਚਰਨ ਵਿਚ ਊਰਜਾ ਦਾ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਰਜਾ ਵਿਚ ਲਗਾਤਾਰ ਕਮੀ ਹੁੰਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਤਿੰਨ ਜਾਂ ਚਾਰ ਚਰਨਾਂ ਦੇ ਬਾਅਦ ਊਰਜਾ ਸਿਰਫ ਨਾਂ-ਮਾਤਰ ਹੀ ਰਹਿ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਣ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਦੁਆਰਾ ਹਰੇ ਪੌਦੇ ਸੌਰ ਊਰਜਾ ਦਾ ਸਿਰਫ 1% ਭਾਗ ਹੀ ਅੰਤਰਹਿਣ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਬਾਕੀ ਵਾਤਾਵਰਨ ਵਿੱਚ ਹੀ ਵਿਅਰਥ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਦੂਸਰੇ ਚਰਨ ਵਿੱਚ ਪੌਦਿਆਂ ਨੂੰ ਸ਼ਾਕਾਹਾਰੀ ਖਾਂਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਸਿਰਫ਼ 10% ਹੀ ਊਰਜਾ ਸ਼ਾਕਾਹਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜੇ ਅਸੀਂ ਸੌਰ ਊਰਜਾ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਸਿਰਫ਼ 1000 ਮੰਨ ਲਈਏ ਤਾਂ ਪੌਦੇ ਸਿਰਫ 10J ਊਰਜਾ ਪਾਪਤ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਸ਼ਾਕਾਹਾਰੀ ਸਿਰਫ 1J ਉਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਜਦੋਂ ਸ਼ਾਕਾਹਾਰੀ ਨੂੰ ਮਾਸਾਹਾਰੀ ਖਾਂਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਸਿਰਫ 0.01J ਉਰਜਾ ਹੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਵੇਗੀ । ਇਸ ਲਈ ਜਿਵੇਂ-ਜਿਵੇਂ ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਦੇ ਚਰਨ ਵੱਧਦੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਉਵੇਂ-ਉਵੇਂ ਹੀ ਉਪਲੱਬਧ ਉਰਜਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵੀ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸੇ ਆਧਾਰ ਤੇ ਇਹ ਨਤੀਜਾ ਨਿਕਲਦਾ ਹੈ ਕਿ ਕਿਸੇ ਵੀ ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਵਿਚ ਛੇ ਜਾਂ ਵੱਧ ਚਰਨ ਸੰਭਵ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਉਤਪਾਦਕ ਪੱਧਰ ਤੇ ਉਰਜਾ ਵਧੇਰੇ ਉਪਲੱਬਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਬਾਅਦ ਵਿੱਚ ਲਗਾਤਾਰ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਆਖਿਰੀ ਪੱਧਰ ਤੇ ਉਰਜਾ ਬਹੁਤ ਹੀ ਘੱਟ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਪਰਿਭਾਸ਼ਿਤ ਕਰੋ। ਇਸਦੇ ਮੁੱਖ ਘਟਕਾਂ ਦੇ ਨਾਮ ਲਿਖੋ।
ਜਾਂ
ਵਾਤਾਵਰਨ ਪੱਧਤੀ ਕੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ? ਇਸਦੇ ਕਿੰਨੇ ਭਾਗ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਾਤਾਵਰਨ ਉਹ ਭੌਤਿਕ ਅਤੇ ਜੈਵਿਕ ਸੰਸਾਰ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਅਸੀਂ ਸਾਰੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਾਂ । ਇਸਦੇ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਘਟਕ ਜੈਵ ਅਤੇ ਅਜੈਵ ਹਨ !
ਜੀਵ ਘਟਕ – ਸਾਰੇ ਜੀਵ-ਜੰਤੂ, ਪੌਦੇ ਅਤੇ ਮਨੁੱਖ ਜੀਵ ਘਟਕ ਦੇ ਵਰਗ ਵਿਚ ਆਉਂਦੇ ਹਨ ।
ਅਜੀਵ ਘਟਕ – ਭੌਤਿਕ ਜਾਂ ਅਜੀਵ ਘਟਕਾਂ ਵਿੱਚ ਹਵਾ, ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਥਲ ਹਨ । ਹਵਾ ਤੋਂ ਸਾਹ ਕਿਰਿਆ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਅਸੀਂ ਪੀਂਦੇ ਹਾਂ ਅਤੇ ਥਲ ਤੇ ਸਾਡਾ ਨਿਵਾਸ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਮੌਸਮ ਸੰਬੰਧੀ ਘਟਕ ਹਨ-ਸੌਰ ਊਰਜਾ, ਤਾਪ, ਪ੍ਰਕਾਸ਼, ਵਰਖਾ, ਨਮੀ, ਹਨੇਰੀ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਜੈਵ ਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਅਤੇ ਜੈਵ ਅਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਦੱਸੋ। ਹਰੇਕ ਦਾ ਉੱਚਿਤ ਉਦਾਹਰਨ ਵੀ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-

ਜੈਵ ਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥ ਜੈਵ ਅਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥ
(1) ਇਹ ਉਹ ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਪਦਾਰਥ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਹਾਨੀ ਰਹਿਤ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿਚ ਤੋੜਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਜਿਵੇਂ- ਗੋਬਰ, ਘਾਹ ਆਦਿ । (1) ਇਹ ਉਹ ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਪਦਾਰਥ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਹਾਨੀ ਰਹਿਤ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿਚ ਨਹੀਂ ਤੋੜਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ । ਜਿਵੇਂ-ਡੀ.ਡੀ.ਟੀ., ਪਲਾਸਟਿਕ ਆਦਿ ।
(2) ਇਹ ਪਦਾਰਥ ਜੀਵਾਣੂਆਂ, ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਦੁਆਰਾ ਅਪਘਟਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਵਿੱਚ ਸੰਤੁਲਨ ਬਣਾਈ ਰੱਖਦੇ ਹਨ । (2) ਇਹ ਪਦਾਰਥ ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਵਰਗੇ ਜੀਵਾਣੂਆਂ ਦੁਆਰਾ ਅਪਘਟਿਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵ-ਮੰਡਲ (Biosphere) – ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਦਾ ਅਰਥ ਹੈ ‘‘ਜੀਵ ਦਾ ਖੇਤਰ` । ਧਰਤੀ ਤੇ ਸਥਲ, ਜਲ ਅਤੇ ਹਵਾ ਮੌਜੂਦ ਹੈ ਜੋ ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦਾ ਜੀਵਨ ਬਣਾਈ ਰੱਖਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਧਰਤੀ ਤੇ ਜੀਵਨ ਬਣਾਈ ਰੱਖਣ ਵਾਲੇ ਇਹ ਖੇਤਰ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਮਿਲ ਕੇ ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਧਰਤੀ ਤੇ ਸਥਲ-ਮੰਡਲ, ਜਲਮੰਡਲ ਅਤੇ ਵਾਯੂ-ਮੰਡਲ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਵਾਲੇ ਸਾਰੇ ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਨੂੰ ਇਕੱਠੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਜੀਵ-ਮੰਡਲ (Biosphere) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ (Ecosystem) ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ? ਇਸਦਾ ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਨਾਲ ਕੀ ਸੰਬੰਧ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ – ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਵਿਚ ਊਰਜਾ ਅਤੇ ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਆਦਾਨ-ਪ੍ਰਦਾਨ ਜੈਵ ਅਤੇ ਅਜੈਵ ਘਟਕਾਂ ਦੇ ਵਿਚ ਲਗਾਤਾਰ ਹੁੰਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਪ੍ਰਬੰਧ ਨੂੰ ਹੀ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ। ਤਾਲਾਬ, ਝੀਲ, ਜੰਗਲ, ਖੇਤ ਅਤੇ ਮਨੁੱਖ ਦੁਆਰਾ ਬਣਾਏ ਜੀਵ ਸ਼ਾਲਾ ਵਿੱਚ ਜੈਵ ਅਤੇ ਅਜੈਵ ਘਟਕ ਆਪਸ ਵਿਚ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਕਰਦੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਜੋ । ਇਕ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਜੈਵ ਸੰਖਿਆ, ਜੈਵ ਅਤੇ ਅਜੈਵ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਦੇ ਘਟਕ ਹਨ, ਜੋ ਇਸ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਨੂੰ ਸੰਰਚਨਾ ਅਤੇ ਗਤੀਸ਼ੀਲਤਾ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਕੋਈ ਤਾਲਾਬ, ਜੰਗਲ ਜਾਂ ਘਾਹ ਦਾ ਮੈਦਾਨ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਦੇ ਉਦਾਹਰਨ ਹਨ ।

ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਦਾ ਹਰ ਘਟਕ ਆਪਣਾ ਖ਼ਾਸ ਕੰਮ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕੁੱਝ ਕਾਰਨਾਂ ਦਾ ਸਾਰਾ ਯੋਗ ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਨੂੰ ਸਥਿਰਤਾ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦਾ ਹੈ ਕਿਸੇ ਭੂਗੋਲਿਕ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਸਾਰੇ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਇਕੱਠੇ ਮਿਲ ਕੇ ਬਾਇਓਮ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਸਾਰੇ ਬਾਇਓਮ ਮਿਲ ਕੇ ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਦਾ ਇੱਕ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਘਟਕ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਹੈ ਜੋ ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਨੂੰ ਗਤੀਸ਼ੀਲਤਾ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਉਤਪਾਦਕ ਅਤੇ ਖਪਤਕਾਰ ਵਿਚ ਅੰਤਰ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-

ਉਤਪਾਦਕ (Producer) ਖਪਤਕਾਰ (Consumer)
(1) ਅਜਿਹੇ ਜੀਵ ਜੋ ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਣ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਤੋਂ ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਉਤਪਾਦਕ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । (1) ਅਜਿਹੇ ਜੀਵ ਜੋ ਆਪਣੇ ਭੋਜਨ ਲਈ ਦੂਸਰੇ ਜੀਵਾਂ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੇ ਹਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਖਪਤਕਾਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
(2) ਹਰੇ ਪੌਦੇ ਉਤਪਾਦਕ ਜੀਵ ਕਹਾਉਂਦੇ ਹਨ । (2) ਸਾਰੇ ਜੰਤੂ ਉਪਭੋਗਤਾ ਕਹਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਅਪਘਟਕ ਕੀ ਹਨ ? ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਅਪਘਟਕਾਂ ਦਾ ਕੀ ਮਹੱਤਵ ਹੈ ?
ਜਾਂ
ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਮੁੜ ਚਕਰਨ ਵਿਚ ਅਪਘਟਕਾਂ ਦੀ ਭੂਮਿਕਾ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ।
ਉੱਤਰ-
ਅਪਘਟਕ – ਅਪਘਟਕ ਉਹ ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵ ਹਨ ਜੋ ਮਿਤ ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਕਾਰਬਨਿਕ ਯੌਗਿਕਾਂ ਦਾ ਅਪਘਟਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸਰਲ ਯੌਗਿਕਾਂ ਅਤੇ ਤੱਤਾਂ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਸਰਲ ਯੌਗਿਕ ਅਤੇ ਤੱਤ ਧਰਤੀ ਦੇ ਪੋਸ਼ਣ ਭੰਡਾਰ ਵਿੱਚ ਵਾਪਸ ਚਲੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਅਪਘਟਕਾਂ ਦਾ ਮਹੱਤਵ – ਅਪਘਟਕ ਜੀਵ ਮ੍ਰਿਤ ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਮ੍ਰਿਤ ਸਰੀਰਾਂ ਦੇ ਅਪਘਟਨ ਵਿਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਰੱਖਣ ਦਾ ਕਾਰਜ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਅਪਘਟਕ ਜੀਵ ਮ੍ਰਿਤ ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਮ੍ਰਿਤ ਸਰੀਰਾਂ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਤੱਤਾਂ ਨੂੰ ਫਿਰ ਤੋਂ ਧਰਤੀ ਦੇ ਪੋਸ਼ਣ ਭੰਡਾਰ ਵਿੱਚ ਵਾਪਿਸ ਪਹੁੰਚਾਉਣ ਦਾ ਕਾਰਜ ਵੀ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਮੁੜ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਜਾਣ ਤਾਂ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਬਣੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਮਿੱਟੀ ਬਾਰ-ਬਾਰ ਫਸਲਾਂ ਦਾ ਪੋਸ਼ਣ ਕਰਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਊਰਜਾ ਦੀ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਤੋਂ ਕਿਹੜਾ ਵਿਅਕਤੀ ਸ਼ਾਕਾਹਾਰੀ ਜਾਂ ਮਾਸਾਹਾਰੀ ਵਧੇਰੇ ਲਾਭ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ? ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਰਜਾ ਦੀ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਤੋਂ ਸ਼ਾਕਾਹਾਰੀ ਵਿਅਕਤੀ ਵਧੇਰੇ ਲਾਭ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
ਕਾਰਨ-ਪੌਦੇ ਪਹਿਲੇ ਆਹਾਰ ਪੱਧਰ ਤੇ ਹਨ । ਇੱਕ ਆਹਾਰ ਪੱਧਰ ਤੋਂ ਅਗਲੇ ਆਹਾਰ ਪੱਧਰ ਨੂੰ ਆਮ ਕਰਕੇ ਲਗਭਗ 10% ਘੱਟ ਊਰਜਾ ਦਾ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ ਬਣਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੈ ਕਿ ਮਾਸਾਹਾਰੀ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਸ਼ਾਕਾਹਾਰੀ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਘੱਟ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਸੰਤੁਲਨ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਬਣਿਆ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੁਦਰਤ ਵਿੱਚ ਭੋਜਨ ਲੜੀਆਂ ਜੁੜੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਕਈ ਵਾਰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਇੱਕ ਦੀ ਕੋਈ ਕੁੜੀ ਕਿਸੇ ਕਾਰਨ ਸਮਾਪਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਉਦੋਂ ਉਸ ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਦਾ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਲੜੀ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧ ਜੁੜ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਖਾਧ ਪਦਾਰਥਾਂ ਅਤੇ ਊਰਜਾ ਦੇ ਪ੍ਰਵਾਹ ਦਾ ਸੰਤੁਲਨ ਬਣਿਆ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਜੇ ਅਜਿਹੇ ਕਿਸੇ ਜੰਗਲ ਵਿੱਚ ਸਾਰੇ ਹਿਰਨ ਸਮਾਪਤ ਹੋ ਜਾਣ ਤਾਂ ਇਸਦੀ ਪੂਰਤੀ ਕਰਨ ਲਈ ਜੰਗਲ ਦਾ ਸ਼ੇਰ ਕਿਸੇ ਜੰਗਲੀ ਜਾਨਵਰ ਨੂੰ ਮਾਰ ਕੇ ਕੁੜੀ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਕਰ ਲੈਂਦਾ ਹੈ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਸੰਤੁਲਨ ਬਣਿਆ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਕਿਹੜੇ ਰਸਾਇਣ ਓਜ਼ੋਨ ਛੇਦ ਦੇ ਲਈ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਕਾਰਨ ਬਣੇ ਹੋਏ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਓਜ਼ੋਨ ਛੇਦ ਦੇ ਮੁੱਖ ਕਾਰਨ-

  1. ਐਰੋਸੋਲ ਦਹਿਣ
  2. ਆਧੁਨਿਕ ਅੱਗ ਬੁਝਾਊ ਯੰਤਰ
  3. ਪਰਮਾਣੂ ਵਿਸਫੋਟ
  4. ਹੋਲੋਜਨ
  5. ਸਲਫੇਟ ਐਰੋਸੋਲ
  6. CFCs (ਕਲੋਰੋਫਲੋਰੋ ਕਾਰਬਨ), CBC (ਕਲੋਰੋ ਬੋਮੋਕਾਰਬਨ ਆਦਿ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਰੈਫਰੀਜਰੇਟਰਾਂ ਅਤੇ ਏਅਰ ਕੰਡੀਸ਼ਨਰਾਂ ਵਿੱਚ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪਿਰਾਮਿਡ ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਪੋਸ਼ਣ ਰੀਤੀ ਦੀ ਸੰਰਚਨਾ ਨੂੰ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪਿਰਾਮਿਡ ਭੋਜਨ ਲੜੀਆਂ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪੋਸ਼ੀ ਪੱਧਰਾਂ ਦਾ ਗਾਫੀਕਲ ਨਿਰੂਪਣ (graphical representation) ਕਰਦੇ ਹਨ । ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪਿਰਾਮਿਡ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਪੋਸ਼ੀ ਪੱਧਰਾਂ ਨੂੰ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪਿਰਾਮਿਡ ਦਾ ‘ਆਧਾਰ’ ਉਤਪਾਦਕ ਜੀਵਾਂ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਪੌਦਿਆਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 15 ਸਾਡਾ ਵਾਤਾਵਰਨ 3
ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪਿਰਾਮਿਡ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪਿਰਾਮਿਡ ਦੇ ਆਧਾਰ (Base) ਤੋਂ ਜਿਵੇਂ-ਜਿਵੇਂ ਉੱਪਰ ਜਾਂਦੇ ਹਾਂ, ਪਿਰਾਮਿਡ ਆਕਾਰ ਪਤਲਾ ਹੁੰਦਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉੱਤਰ ਪੋਸ਼ੀ ਪੱਧਰਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪਿਰਾਮਿਡ ਦੀ ਚੋਟੀ ਸਰਬ-ਉੱਚ ਮਾਸਾਹਾਰੀ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਵਾਯੂ-ਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਓਜ਼ੋਨ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬਣਦੀ ਹੈ ? ਇਸਦੇ ਰਿਕਤੀਕਰਨ ਨੂੰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ।
ਉੱਤਰ-
ਆਕਸੀਜਨ ਦੇ ਤਿੰਨ ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਤੋਂ ਓਜ਼ੋਨ (O3) ਦੇ ਅਣੂ ਬਣਦੇ ਹਨ । ਆਮ ਆਕਸੀਜਨ ਦੇ ਅਣੂ ਵਿੱਚ ਦੋ ਪਰਮਾਣੂ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਆਕਸੀਜਨ ਸਾਰੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਾਣੀਆਂ ਦੇ ਜੀਵਨ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਪਰ ਓਜ਼ੋਨ ਇੱਕ ਘਾਤਕ ਜ਼ਹਿਰ ਹੈ । ਵਾਯੁਮੰਡਲ ਦੇ ਓਪਰੀ ਪੱਧਰ ਵਿੱਚ ਓਜ਼ੋਨ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਕਾਰਜ ਪੂਰਾ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਸੂਰਜ ਤੋਂ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਪਰਾਬੈਂਗਣੀ ਵਿਕਿਰਣਾਂ ਤੋਂ ਧਰਤੀ ਦੇ ਲਈ ਇੱਕ ਸੁਰੱਖਿਆ ਕਵਚ ਤਿਆਰ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਪਰਾਬੈਂਗਣੀ ਕਿਰਣ ਧਰਤੀ ਤੇ ਰਹਿਣ ਵਾਲੇ ਜੀਵਾਂ ਦੇ ਲਈ ਬਹੁਤ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਹਨ । ਇਹ ਵਿਕਿਰਣਾਂ ਚਮੜੀ ਦਾ ਕੈਂਸਰ ਪੈਦਾ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਵਾਯੂ-ਮੰਡਲ ਦੇ ਉੱਤਰ ਪੱਧਰ ਤੇ ਪਰਾਬੈਂਗਣੀ (UV) ਵਿਕਿਰਣ ਦੇ ਪ੍ਰਭਾਵ ਨਾਲ ਆਕਸੀਜਨ (O2) ਅਣੂਆਂ ਤੋਂ ਓਜ਼ੋਨ ਬਣਦੀ ਹੈ । ਉੱਚ ਊਰਜਾ ਵਾਲੇ ਪਰਾਬੈਂਗਣੀ (UV) ਵਿਕਿਰਣ ਆਕਸੀਜਨ ਅਣੂਆਂ (O2) ਨੂੰ ਵਿਘਟਿਤ ਕਰ ਆਜ਼ਾਦ ਆਕਸੀਜਨ (O) ਪਰਮਾਣੂ ਬਣਾਉਂਦੀ ਹੈ। ਆਕਸੀਜਨ ਦੇ ਇਹ ਸੁਤੰਤਰ ਪਰਮਾਣੂ ਸੰਯੁਕਤ ਹੋ ਕੇ ਓਜ਼ੋਨ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਭੋਜਨ ਲੜੀ ਕੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ? ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਭੋਜਨ ਲੜੀ – ਉਤਪਾਦਕ, ਖਪਤਕਾਰ ਅਤੇ ਅਪਘਟਕ ਤੋਂ ਮਿਲ ਕੇ ਬਣਨ ਵਾਲੀ ਲੜੀ, ਭੋਜਨ ਲੜੀ ਕਹਾਉਂਦੀ ਹੈ ।
ਭੋਜਨ ਲੜੀ ਦੀ ਉਦਾਹਰਨ-ਘਾਹ → ਟਿੱਡਾ → ਡੱਡੂ → ਸੱਪ → ਮੋਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਨਿਖੇੜਕ ਕੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ? ਪ੍ਰਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਵਿੱਚ ਨਿਖੇੜਕ ਦੀ ਕੀ ਭੂਮਿਕਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਿਖੇੜਕ – ਜੀਵਾਣੂ ਅਤੇ ਉੱਲੀ ਜਿਹੇ ਸੂਖਮਜੀਵ ਮਰੇ ਜੀਵਾਂ ਦੇ ਅਵਸ਼ੇਸ਼ਾਂ ਦਾ ਵਿਘਟਨ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਜਿਹਨਾਂ ਨੂੰ ਨਿਖੇੜਕ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਪਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਵਿੱਚ ਨਿਖੇੜਕ ਦੀ ਭੂਮਿਕਾ – ਨਿਖੇੜਕ ਰੀਝਲਦਾਰ ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਸਰਲ ਅਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਰਲ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੁਆਰਾ ਮੁੜ ਉਪਯੋਗ ਵਿੱਚ ਲਿਆਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਜੈਵ ਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਹ ਪਦਾਰਥ ਜੋ ਜੈਵਿਕ ਪ੍ਰਮਾਂ ਦੁਆਰਾ ਅਪਘਟਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਜੈਵ ਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਕੋਈ ਚਾਰ ਜੈਵ ਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਬਜ਼ੀ-ਫਲਾਂ ਦੇ ਛਿੱਲਕੇ, ਕਾਗਜ਼, ਭੂਸਾ, ਚਾਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਜੈਵ ਅਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਹ ਪਦਾਰਥ ਜੋ ਜੈਵਿਕ ਪ੍ਰਮਾਂ ਦੁਆਰਾ ਅਪਘਟਿਤ ਨਹੀਂ ਹੋ ਪਾਉਂਦੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਜੈਵ ਅਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਜੈਵ ਅਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਦੋ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਪਲਾਸਟਿਕ
  2. ਕੱਚ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਦੇ ਅਜੈਵ ਕਾਰਕਾਂ ਦੇ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਤਾਪ, ਵਰਖਾ, ਹਵਾ, ਮਿੱਟੀ, ਖਣਿਜ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਕੁਦਰਤੀ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਦੇ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਜੰਗਲ, ਤਾਲਾਬ, ਝੀਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਉਤਪਾਦਕ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਤਪਾਦਕ – ਜੋ ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਣ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਨਾਲ ਸੂਰਜ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅਤੇ ਕਲੋਰੋਫਿਲ ਦੀ ਮੌਜੂਦਗੀ ਵਿਚ ਅਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਤੋਂ ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਉਤਪਾਦਕ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਖਪਤਕਾਰ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੋ ਜੀਵ ਭੋਜਨ ਦੇ ਲਈ ਸਿੱਧੇ ਜਾਂ ਅਸਿੱਧੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਉਤਪਾਦਨਾਂ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਖਪਤਕਾਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਖਪਤਕਾਰ ਦੇ ਚਾਰ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਮਨੁੱਖ
  2. ਸ਼ੇਰ
  3. ਬਾਂਦਰ
  4. ਚਿੜੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਸੂਖਮਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਅਪਮਾਜਕ ਜਾਂ ਨਿਖੇੜਕ ਕਿਉਂ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਖ਼ਮਜੀਵ ਗੁੰਝਲਦਾਰ ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਸਰਲ ਅਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿਚ ਬਦਲ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਮਿੱਟੀ ਵਿਚ ਚਲੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਮੁੜ ਪੌਦਿਆਂ ਦੇ ਦੁਆਰਾ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਰਤੀ ਤੇ ਮਿਲਨ ਵਾਲੇ ਸਾਰੇ ਕੁਦਰਤੀ ਖੇਤਰ ਅਤੇ ਉਸ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੇ ਸਾਰੇ ਜੀਵ ਜੰਤੂ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਮਿਲ ਕੇ ਮੰਡਲ ਕਹਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਦੇ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਘਟਕ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵ ਘਟਕ ਅਤੇ ਅਜੀਵ ਘਟਕ ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਦੇ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਘਟਕ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਸਰਬ-ਆਹਾਰੀ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਹ ਜੀਵ ਜੋ ਭੋਜਨ ਦੇ ਲਈ ਪੌਦੇ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੋਨਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸਰਬ-ਆਹਾਰੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਮਨੁੱਖ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਕਿਸੇ ਜਲੀ ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਦਾ ਉਦਾਹਰਨ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕਾਈ ਜਾਂ ਸ਼ੈਵਾਲ → ਛੋਟੇ ਜੰਤੂ → ਮੱਛੀ → ਵੱਡੀ ਮੱਛੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਕਿਸ ਨੂੰ ਵਧੇਰੇ ਊਰਜਾ ਉਪਲੱਬਧ ਹੋਵੇਗੀ ਸ਼ਾਕਾਹਾਰੀ ਨੂੰ ਜਾਂ ਮਾਸਾਹਾਰੀ ਨੂੰ ?
ਉੱਤਰ-
ਸ਼ਾਕਾਹਾਰੀ ਨੂੰ ਮਾਸਾਹਾਰੀ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਵਧੇਰੇ ਊਰਜਾ ਉਪਲੱਬਧ ਹੋਵੇਗੀ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 15 ਸਾਡਾ ਵਾਤਾਵਰਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਜੈਵ ਯੌਗਿਕੀਕਰਨ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵਾਣੂਆਂ ਅਤੇ ਸ਼ੈਵਾਲ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤੇ ਗਏ ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਸਥਿਰੀਕਰਨ ਨੂੰ ਜੈਵ ਯੌਗਿਕੀਕਰਨ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਜੈਵ-ਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਫੋਕਟ ਪਦਾਰਥ ਕੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੈਵ-ਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਫੋਕਟ ਪਦਾਰਥ-ਅਜਿਹਾ ਫੋਕਟ ਪਦਾਰਥ ਜਿਹੜਾ ਜੈਵਿਕ ਪ੍ਰਮਾ ਦੁਆਰਾ ਅਪਘਟਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਅਜਿਹਾ ਫੋਕਟ ਪਦਾਰਥ ਜੀਵਾਣੁਆਂ ਅਤੇ ਹੋਰ ਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਪੈਦਾ ਹੋਏ ਐਂਜ਼ਾਈਮਾਂ ਦੀ ਮਦਦ ਨਾਲ ਸਮੇਂ ਦੇ ਨਾਲ ਆਪਣੇ ਆਪ ਅਪਘਟਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਵਸਤੂਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Objective Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿਚੋਂ ਕਿਹੜੇ ਸਮੂਹਾਂ ਵਿੱਚ ਕੇਵਲ ਜੈਵ-ਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥ ਹਨ-
(a) ਘਾਹ, ਫੁੱਲ ਅਤੇ ਚਮੜਾ
(b) ਘਾਹ, ਲੱਕੜੀ ਅਤੇ ਪਲਾਸਟਿਕ
(c) ਫਲਾਂ ਦੇ ਛਿੱਲੜ, ਕੇਕ ਅਤੇ ਨਿੰਬੂ ਦਾ ਰਸ
(d) ਕੇਕ, ਲੱਕੜੀ ਅਤੇ ਘਾਹ ।
ਉੱਤਰ-
(a), (c) ਅਤੇ (d) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਹੇਠ ਦਿੱਤਿਆਂ ਵਿਚੋਂ ਕਿਹੜੇ ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਰਦੇ ਹਨ-
(a) ਘਾਹ, ਕਣਕ ਅਤੇ ਅੰਬ
(b) ਘਾਹ, ਬੱਕਰੀ ਅਤੇ ਮਨੁੱਖ
(c) ਬੱਕਰੀ, ਗਾਂ ਅਤੇ ਹਾਥੀ
(d) ਘਾਹ, ਮੱਛੀ ਅਤੇ ਬੱਕਰੀ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਘਾਹ, ਬੱਕਰੀ ਅਤੇ ਮੁਨੱਖ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਬਲੀ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਵਿੱਚ ਉਤਪਾਦਕ ਹੈ –
(a) ਘਾਹ
(b) ਟਿੱਡਾ
(c) ਡੱਡੂ
(d) ਸੱਪ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਘਾਹ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਜੈਵ-ਅਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥ ਹੈ-
(a) ਕਾਗਜ਼
(b) ਮਿਤ ਪੌਦੇ
(c) ਪਾਲੀਥੀਨ
(d) ਕੱਚੇ ਫਲ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਪਾਲੀਥੀਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਵਿਚ ਊਰਜਾ ਦਾ ਮੁੱਖ ਸੋਮਾ ਹੈ-
(a) ਹਵਾ
(b) ਸੂਰਜ
(c) ਪੌਦੇ
(d) ਪਰਮਾਣੂ ਊਰਜਾ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਸੂਰਜ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਵਿਚ ਸ਼ਾਮਿਲ ਹੈ-
(a) ਵਾਯੂਮੰਡਲ
(b) ਥਲਮੰਡਲ
(c) ਜਲਮੰਡਲ
(d) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(d) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਵਾਯੂਮੰਡਲੀ ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਦਾ ਸਥਿਰੀਕਰਨ ਨਹੀਂ ਕਰਦਾ ਹੈ-
(a) ਰਾਈਜ਼ੋਬੀਅਮ
(b) ਈ. ਕੋਲਾਈ
(c) ਨਾਈਟਰੋਸੋਮੋਨਾਸ
(d) ਨੀਲੇ ਹਰੇ ਸ਼ੈਵਾਲ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਈ. ਕੋਲਾਈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਕਲੋਰੋ-ਫਲੋਰੋ ਕਾਰਬਨਜ਼ (CFCs) ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(a) ਰੇਫਰੀਜਰੇਟਰ ਵਿੱਚ
(b) ਏਅਰ ਕੰਡੀਸ਼ਨਰ ਵਿੱਚ
(c) ਗੱਦੇਦਾਰ ਫੋਮ ਵਿੱਚ
(d) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰਿਆਂ ਵਿੱਚ ।
ਉੱਤਰ-
(d) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰਿਆਂ ਵਿੱਚ ।

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰਨਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ-ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :

(i) ……………… ਜੈਵ ਅਤੇ ਅਜੈਵ ਘਟਕਾਂ ਦੇ ਪੁਰਨ ਤਾਲਮੇਲ ਨਾਲ ਬਣੀ ਵਿਵਸਥਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵ ਮੰਡਲ

(ii) ਭੋਜਨ ਲੜੀ ਵਿੱਚ ………………….. ਨੂੰ ਛੱਡ ਕੇ ਸਾਰੇ ਜੀਵ ਖਪਤਕਾਰ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਉਤਪਾਦਕ

(iii) ਕਿਸੇ ਵੀ ਭੋਜਨ ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਪਹਿਲਾ ਪੋਸ਼ੀ ਸਤਰ ………………. ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਹਰੇ ਪੌਦੇ

(iv) ਜ਼ਿਆਦਾਤਰ ਭੋਜਨ ਲੜੀਆਂ …………………. ਤੋਂ ਸ਼ੁਰੂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਪੌਦਿਆਂ

(v) ……………… ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਪਦਾਰਥ ਅਤੇ ਮ੍ਰਿਤ ਜੀਵਾਂ ਦੇ ਸਰੀਰ ਦੇ ਭਾਗਾਂ ਨੂੰ ਸਰਲ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿੱਚ ਤੋੜ ਕੇ ਅਪਣਾ ਭੋਜਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਅਪਘਟਕ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 15 ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 15 ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 15 ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ

ਵੱਡੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਕੁਦਰਤੀ ਅਤੇ ਬਣਾਉਟੀ ਖਾਦ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕੁਦਰਤੀ ਤੇ ਬਣਾਉਟੀ ਖਾਦ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਕੁਦਰਤੀ ਖਾਦ (Manure) ਬਣਾਉਟੀ ਖਾਦ (Fertilizer)
(1) ਇਹ ਗੋਬਰ, ਗਲੇ ਸੜੇ ਪੌਦਿਆਂ ਵਰਗੇ ਪ੍ਰਾਕਿਰਤਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਤੋਂ ਬਣਦੀ ਹੈ । (1) ਇਹ ਬਣਾਉਟੀ ਪਦਾਰਥ ਹਨ ਜਿਹੜੇ ਕਾਰਖ਼ਾਨਿਆਂ ਵਿੱਚ ਤਿਆਰ ਕੀਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
(2) ਇਹ ਮੁੱਖ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥ ਹਨ । (2) ਇਹ ਮੁੱਖ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਅਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥ ਹਨ ।
(3) ਇਹ ਵਧੇਰੇ ਥਾਂ ਘੇਰਦੀ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਇਸ ਦਾ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ ਅਤੇ ਭੰਡਾਰਨ ਸੁਖਾਲਾ ਨਹੀਂ ਹੈ । (3) ਇਹ ਘੱਟ ਥਾਂ ਘੇਰਦੇ ਹਨ ਇਸ ਲਈ ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ, ਭੰਡਾਰਨ ਅਤੇ ਉਪਯੋਗ ਦੀ ਵਿਧੀ ਸੌਖੀ ਹੈ ।
(4) ਕੁਦਰਤੀ ਖਾਦਾਂ ਨਮੀ ਚੂਸ ਕੇ ਖ਼ਰਾਬ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀਆਂ । (4) ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਨਮੀ ਚੂਸ ਕੇ ਖ਼ਰਾਬ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
(5) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਪੌਦਿਆਂ ਦੇ ਵਾਧੇ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਨਾਈਟਰੋਜਨ, ਫਾਸਫੋਰਸ ਅਤੇ ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਜਿਹੇ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ । (5) ਇਹਨਾਂ ਵਿਚੋਂ ਪੌਦਿਆਂ ਦੇ ਵਾਧੇ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਨਾਈਟਰੋਜਨ, ਫਾਸਫੋਰਸ ਅਤੇ ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਜਿਹੇ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
(6) ਆਮ ਖਾਦਾਂ ਪੋਸ਼ਕ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀਆਂ । ਇਹ ਕੇਵਲ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਸਾਧਾਰਨ ਘਾਟ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਕਰ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ । (6) ਇਹ ਪੋਸ਼ਕ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਯੁਕਤ, ਫਾਸਫੋਰਸ ਯੁਕਤ ਅਤੇ ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਯੁਕਤ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ । ਇਹ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਵੀ ਲੋੜੀਂਦੇ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਉਪਲੱਬਧ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ ।
(7) ਆਮ ਖਾਦਾਂ ਮਿੱਟੀ ਨੂੰ ਹਿਊਮਸ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । (7) ਮਿੱਟੀ ਨੂੰ ਹਿਊਮਸ (Humus) ਨਹੀਂ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
(8) ਆਮ ਖਾਦਾਂ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਬਣਤਰ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ਜਿਸ ਨਾਲ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਪੌਦਿਆਂ ਨੂੰ ਜਕੜਣ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । (8) ਇਹ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਬਣਤਰ (Texture) ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਨਹੀਂ ਕਰਦੀਆਂ ।
(9) ਇਹ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਅਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਫ਼ਸਲੀ ਪੌਦਿਆਂ ਦੁਆਰਾ ਇਹਨਾਂ ਦਾ ਸੋਖਣ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (9) ਇਹ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਹੋਣ ਦੇ ਕਾਰਨ ਫ਼ਸਲੀ ਪੌਦਿਆਂ ਦੁਆਰਾ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਸੋਖਿਤ ਕਰ ਲਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਗਾਂਵਾਂ ਦੀਆਂ ਨਸਲਾਂ ਦਾ ਕੰਮ ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਕਿੰਨਿਆਂ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਵਰਗੀਕਰਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ? ਗਾਂਵਾਂ ਦੀਆਂ ਵਿਦੇਸ਼ੀ ਨਸਲਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਭਾਰਤ ਵਿੱਚ ਗਾਂਵਾਂ ਦੀਆਂ ਲਗਪਗ 20 ਨਸਲਾਂ ਪਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ | ਕੰਮ ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਵੰਡਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ-

  1. ਦੁਧਾਰੂ ਨਸਲਾਂ – ਇਹ ਨਸਲਾਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਦੁੱਧ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ ਪਰੰਤੂ ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਵੱਛੜੇ ਖੇਤੀਬਾੜੀ ਦੇ ਕੰਮਾਂ ਲਈ ਉਪਯੋਗੀ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ ।
  2. ਭਾਰਵਾਹਕ ਨਸਲਾਂ – ਇਹ ਨਸਲਾਂ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਅਤੇ ਤਾਕਤਵਰ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਬੈਲਗੱਡੀ ਨੂੰ ਖਿੱਚਣ, ਖੇਤ ਵਿੱਚ ਹਲ ਚਲਾਉਣ ਅਤੇ ਸਾਮਾਨ ਨੂੰ ਇੱਕ ਥਾਂ ਤੋਂ ਦੂਜੀ ਥਾਂ ਤਕ ਢੋਣ ਲਈ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਸਲ ਦੀਆਂ ਗਾਂਵਾਂ ਦੁੱਧ ਘੱਟ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
  3. ਦੋ ਉਦੇਸ਼ੀ ਨਸਲਾਂ – ਇਹ ਨਸਲਾਂ ਦੁੱਧ ਵੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਵੱਛੜੇ ਖੇਤੀਬਾੜੀ ਦੇ ਕੰਮ ਅਤੇ ਭਾਰ ਢੋਣ ਦੇ ਕੰਮ ਆਉਂਦੇ ਹਨ ।

ਗਾਂਵਾਂ ਦੀਆਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਦੁੱਧ ਦੇਣ ਵਾਲੀਆਂ ਦੇਸੀ ਨਸਲਾਂ-

  1. ਰੈੱਡ ਸਿੰਧੀ – ਇਹ ਗਾਂ ਲਾਲ ਰੰਗ ਦੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਉੱਪਰ ਗੂੜੇ ਅਤੇ ਹਲਕੇ ਲਾਲ ਰੰਗ ਦੇ ਚਿੰਨ੍ਹ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਮੱਧ ਆਕਾਰ ਦੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  2. ਸਾਹੀਵਾਲ – ਹੋਰ ਦੁਧਾਰੂ ਗਾਂਵਾਂ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਇਹ ਨਸਲ ਉੱਤਮ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ ਸਰੀਰ ਆਕਾਰ ਵਿੱਚ ਵੱਡਾ ਅਤੇ ਭਾਰੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  3. ਗਿਰ – ਇਹ ਨਸਲ ਗੁਜਰਾਤ ਦੇ ਗਿਰ ਜੰਗਲਾਂ ਦੀ ਮੂਲ ਨਸਲ ਹੈ । ਇਹ ਗਊਆਂ ਮੱਧ ਆਕਾਰ ਦੀਆਂ ਅਤੇ ਉੱਚਿਤ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਦੁੱਧ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਗਾਂਵਾਂ ਦੀਆਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਦੁੱਧ ਦੇਣ ਵਾਲੀਆਂ ਵਿਦੇਸ਼ੀ ਨਸਲਾਂ-

  1. ਜਰਸੀ ਦੀ ਨਸਲ (ਯੂ. ਐੱਸ. ਏ.)
  2. ਹੋਲਸਟੀਨ ਫ੍ਰੀਜ਼ੀਆਨ (ਹਾਲੈਂਡ)
  3. ਬਾਉਨ ਸਵਿਸ (ਸਵਿਟਜ਼ਰਲੈਂਡ) ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਇੱਕ ਚੰਗੇ ਪਸ਼ੂ ਆਵਾਸ ਦੇ ਕੀ ਲੱਛਣ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਇੱਕ ਚੰਗੇ ਪਸ਼ੂ ਆਵਾਸ ਦੇ ਲੱਛਣ-

  1. ਪਸ਼ੂ ਆਵਾਸ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਾਫ਼ੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਪਸ਼ੂ ਆਵਾਸ ਖੁੱਲਾ ਅਤੇ ਹਵਾਦਾਰ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਆਵਾਸ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਦੀ ਉੱਚਿਤ ਵਿਵਸਥਾ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  4. ਆਵਾਸ ਵਿੱਚੋਂ ਪਸ਼ੂਆਂ ਦੇ ਮਲ-ਮੂਤਰ ਨੂੰ ਬਾਹਰ ਕੱਢਣ ਦਾ ਢੁੱਕਵਾਂ ਪ੍ਰਬੰਧ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਜੋ ਆਵਾਸ ਵਿੱਚ ਸਫ਼ਾਈ ਰਹਿ ਸਕੇ ਅਤੇ ਪਸ਼ੂਆਂ ਨੂੰ ਕਸ਼ਟ ਘੱਟ ਹੋਵੇ ਜਿਸ ਨਾਲ ਉਰਜਾ ਦੀ ਹਾਨੀ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  5. ਪਸ਼ੂਆਂ ਦੇ ਆਵਾਸ ਵਿੱਚ ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਖ਼ੁਰਾਕ ਲਈ ਠੀਕ ਢੰਗ ਨਾਲ ਪ੍ਰਬੰਧ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਹਰੇਕ ਮਵੇਸ਼ੀ ਨੂੰ ਖੁਰਾਕ ਉਪਲੱਬਧ ਹੋ ਸਕੇ ।
  6. ਪਸ਼ੂ ਆਵਾਸ ਵਿੱਚ ਪੀਣ ਤੇ ਸਾਫ਼ ਪਾਣੀ ਦੀ ਉੱਚਿਤ ਵਿਵਸਥਾ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  7. ਪਸ਼ੂ ਆਵਾਸ ਅਜਿਹਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜਾ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਸਰਦੀ, ਗਰਮੀ ਅਤੇ ਵਰਖਾ ਤੋਂ ਬਚਾ ਸਕੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਪਸ਼ੂਆਂ ਦੀ ਸਿਹਤ ਦੀ ਦੇਖਭਾਲ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਸ਼ੂਆਂ ਦੀ ਸਿਹਤ ਦੀ ਦੇਖਭਾਲ-ਖਾਧ ਪਦਾਰਥਾਂ ਲਈ ਪਾਲੇ ਗਏ ਪਸ਼ੂਆਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਤੀਕੂਲ ਮੌਸਮਾਂ ਅਤੇ ਦੁਸ਼ਮਣਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਸੰਕਰਾਮਕ ਰੋਗਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣਾ ਵੀ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਪਸ਼ੂਆਂ ਦੀ ਸਿਹਤ ਦੀ ਦੇਖਭਾਲ ਲਈ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਆਹਾਰ ਅਤੇ ਆਵਾਸ ਨੂੰ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਸਥਾਨ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਪਰ ਉਸ ਤੋਂ ਵਧੇਰੇ ਧਿਆਨ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਰੋਗਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਤੇ ਦਿੱਤਾ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਜੇ ਕਈ ਪਸ਼ੂ ਰੋਗੀ ਹੋ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਪਸ਼ੂ ਕਿਸੇ ਕੰਮ ਦਾ ਨਹੀਂ ਰਹਿੰਦਾ, ਭੋਜਨ ਖਾਣਾ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸਦਾ ਸਿੱਟਾ ਇਹ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਦੁੱਧ ਉਤਪਾਦਨ, ਅੰਡੇ ਦੇਣ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਕਰਨ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਵਿੱਚ ਵੀ ਕਮੀ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਜ਼ਰੂਰੀ ਸਫ਼ਾਈ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ, ਆਹਾਰ ਤੇ ਕਾਬੂ ਅਤੇ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਆਰਾਮ ਕਰਨ ਨਾਲ ਪਸ਼ੂ ਜਲਦੀ ਠੀਕ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਪਸ਼ੂ ਦੇ ਰੋਗਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਅਤੇ ਇਲਾਜ ਲਈ ਪਸ਼ੂ ਸਿਹਤ ਅਤੇ ਡਾਕਟਰੀ ਸੇਵਾਵਾਂ ਸੌਖਿਆਂ ਹੀ ਉਪਲੱਬਧ ਹਨ । ਪਸ਼ੂਆਂ ਨੂੰ ਸੰਕਰਮਣ ਤੋਂ ਸੁਰੱਖਿਆ ਲਈ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਟੀਕੇ ਲਗਾਉਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪਸ਼ੂ ਦੀ ਸਿਹਤ ਠੀਕ ਰਹੇਗੀ ਜਿਸ ਨੂੰ ਉੱਚਿਤ ਆਹਾਰ, ਉੱਚਿਤ ਆਵਾਸ ਅਤੇ ਉੱਚਿਤ ਸਿਹਤ ਸੇਵਾਵਾਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਣ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਮੁਰਗੀ ਦੀਆਂ ਨਸਲਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ ਕਿਵੇਂ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ? ਕੁੱਝ ਨਸਲਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਦੋਗਲਾਕਰਨ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ । ਦੋਗਲਾਕਰਨ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਮੁਰਗੀ ਦੇ ਲਾਭ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਮੁਰਗੀ ਦੀ ਚੰਗੀ ਨਸਲ ਤੋਂ ਭਾਵ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਆਂਡੇ ਅਤੇ ਮਾਸ ਵੱਧ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਖ਼ੁਰਾਕ ਘੱਟ ਦੇਣੀ ਪਵੇ । ਇਸ ਲਈ ਦੋਗਲਾਕਰਨ ਵਿਧੀ ਦੁਆਰਾ ਹੀ ਉੱਤਮ ਕਿਸਮ ਦੀਆਂ ਨਸਲਾਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ | ਸਾਡੀ ਦੇਸੀ ਮੁਰਗੀ ਦੀਆਂ ਦੋ ਨਸਲਾਂ ਅਸੀਲ ਅਤੇ ਸਾਰਾ ਹਨ । ਇਹ ਛੋਟੀ, ਘੱਟ ਵਾਧੇ ਦੀ ਦਰ ਵਾਲੀ ਪਰੰਤੁ ਤੰਦਰੁਸਤ
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ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਰੋਗਾਂ ਨਾਲ ਲੜਨ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਵਧੇਰੇ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਦੋਗਲਾਕਰਨ ਲਈ ਕੇਵਲ ਉਹੀ ਪੰਛੀ ਲਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜੋ ਉਤਪਾਦਨ ਘੱਟ ਕਰਦੇ ਹੋਣ, ਪਰੰਤੂ ਦੋਗਲਾਕਰਨ ਦੇ ਲਈ ਪੁਸ਼ਟ ਹੋਣ ।

ਵਾਈਟ ਲੈਂਗਹਾਰਨ (White leghorn) ਅਤੇ ਰੋਡੇ ਆਈਲੈਂਡ ਰੈੱਡ (Rhode Island Red) ਉੱਚ ਉਤਪਾਦਨ ਵਾਲੀਆਂ ਵਿਦੇਸ਼ੀ ਮੁਰਗੀਆਂ ਨੂੰ ਦੇਸੀ ਨਸਲ ਦੀਆਂ ਮੁਰਗੀਆਂ ਨਾਲ ਗਲਾਕਰਨ ਕਰਕੇ ਨਵੀਆਂ ਨਸਲਾਂ ਨੂੰ ਉਤਪੰਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਨਵੀਂ ਨਸਲ ਵਿੱਚ ਦੋਵੇਂ ਨਸਲਾਂ ਦੇ ਲੱਛਣ ਹਨ ।

ਉਦਾਹਰਨ – ILS-82 ਅਤੇ B-77 ਨਸਲ ਦੀ ਉਤਪਾਦਨ ਸਮਰੱਥਾ ਲਗਪਗ 200 ਆਂਡੇ ਪ੍ਰਤੀ ਪੰਛੀ ਸਾਲ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਖ਼ੁਰਾਕ ਮੁਕਾਬਲੇ ਵਿੱਚ ਘੱਟ ਹੈ ।12 ਆਂਡੇ ਉਤਪੰਨ ਕਰਨ ਲਈ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ 2 ਕਿਲੋਗ੍ਰਾਮ ਖ਼ੁਰਾਕ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿ ਇੰਨੇ ਹੀ ਆਂਡੇ ਉਤਪੰਨ ਕਰਨ ਲਈ ਦੇਸੀ ਪੰਛੀ ਨੂੰ 6 ਕਿਲੋਗ੍ਰਾਮ ਖ਼ੁਰਾਕ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।ਦੇਸੀ ਪੰਛੀਆਂ ਦਾ ਮਾਸ ਉਤਪਾਦਨ ਵੀ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ 1 ਕਿਲੋਗ੍ਰਾਮ ਮਾਸ ਉਤਪਾਦਨ ਲਈ 5-6 ਕਿਲੋਗ੍ਰਾਮ ਖ਼ੁਰਾਕ ਦੇਣੀ ਪੈਂਦੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿ ਉੱਨਤ ਨਸਲਾਂ ਨੂੰ ਉੱਨੇ ਹੀ ਮਾਸ ਉਤਪਾਦਨ ਲਈ ਕੇਵਲ 2-3 ਕਿਲੋਗ੍ਰਾਮ ਖ਼ੁਰਾਕ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਉੱਨਤ ਨਸਲਾਂ ਦੇ ਲਾਭ-

  1. ਇਹਨਾਂ ਤੋਂ ਘੱਟ ਖ਼ੁਰਾਕ ਦੁਆਰਾ ਵਧੇਰੇ ਉਤਪਾਦਨ ਆਂਡਿਆਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ) ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  2. ਇਹਨਾਂ ਦੁਆਰਾ ਘੱਟ ਖ਼ੁਰਾਕ ਲੈਣ ‘ਤੇ ਵੀ ਮਾਸ ਦਾ ਉਤਪਾਦਨ ਵਧੇਰੇ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  3. ਇਹ ਉੱਨਤ ਕਿਸਮ ਦੀਆਂ ਨਸਲਾਂ ਹਨ ਅਤੇ ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਕੁਦਰਤੀ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਰੋਗਾਂ ਨਾਲ ਲੜਨ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  4. ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਖ਼ੁਰਾਕ ਉਰਜਾ ਦੇਣ ਵਾਲੇ ਭੋਜਨ ਪਦਾਰਥਾਂ ਤੋਂ ਬਣਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਹਨਾਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਉਤਪਾਦਨ ਵੀ ਪ੍ਰੋਟੀਨਯੁਕਤ ਅਤੇ ਊਰਜਾ ਯੁਕਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 15 ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਖ਼ੁਰਾਕ ਉਤਪਾਦਨ ਲਈ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਪਾਲਣ ਲਈ ਵਰਤੀਆਂ ਜ਼ਰੂਰੀ ਪੱਧਤੀਆਂ ਨੂੰ ਕ੍ਰਮਵਾਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਾਲਤੂ ਪਸ਼ੂਆਂ ਤੋਂ ਖ਼ੁਰਾਕ ਉਤਪਾਦਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਪਾਲਣ ਲਈ ਵਰਤੀਆਂ ਜਾਣ ਵਾਲੀਆਂ ਜ਼ਰੂਰੀ ਪੱਧਤੀਆਂ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਭ੍ਰਮ ਵਿੱਚ ਅਪਣਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ-

  • ਭਰਣ (Feeding) – ਪਸ਼ੂਆਂ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਖ਼ੁਰਾਕ ਉਤਪਾਦਨ (ਮਾਸ, ਆਂਡੇ ਅਤੇ ਦੁੱਧ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਦੇ ਲਈ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਲੋੜ ਅਨੁਸਾਰ ਸਹੀ ਭੋਜਨ-ਹਰਾ ਚਾਰਾ ਜਾਂ ਘਾਹ-ਫੂਸ, ਗਾੜ੍ਹੇ ਪਦਾਰਥ (ਖਿਲ, ਬਿਨੌਲਾ, ਛੋਲੇ ਆਦਿ) ਜਾਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਤੱਤ ਯੁਕਤ ਭੋਜਨ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਕਾਫ਼ੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਸਾਫ਼ ਪਾਣੀ ਵੀ ਪੀਣ ਲਈ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  • ਆਵਾਸ ਵਿਵਸਥਾ (Shelter) – ਗਰਮੀ, ਸਰਦੀ ਅਤੇ ਵਰਖਾ ਤੋਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਬਚਾਉਣ ਦੇ ਲਈ, ਆਰਾਮ ਨਾਲ ਉੱਠਣ-ਬੈਠਣ ਦੇ ਲਈ ਅਤੇ ਦੂਜੇ ਜਾਨਵਰਾਂ ਤੋਂ ਸੁਰੱਖਿਆ ਦੇ ਲਈ ਖੁੱਲ੍ਹੇ ਅਤੇ ਸਹੀ ਆਵਾਸ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਉਸ ਵਿੱਚ ਹਵਾ ਦੀ ਆਵਾਜਾਈ ਅਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਉੱਚਿਤ ਪ੍ਰਬੰਧ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਬੈਠਣ ਅਤੇ ਖੜੇ ਹੋਣ ਦਾ ਸਥਾਨ ਖੁੱਲ੍ਹਾ, ਸੁੱਕਾ ਅਤੇ ਆਰਾਮਦਾਇਕ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਰੋਗਾਂ ਤੋਂ ਸੁਰੱਖਿਆ (Protection from Diseases) – ਪਸ਼ੂਆਂ ਨੂੰ ਰੋਗਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਦੇ ਲਈ ਟੀਕੇ ਲਗਵਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਰੋਗ ਹੋਣ ‘ਤੇ ਉੱਚਿਤ ਇਲਾਜ ਕਰਵਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪਸ਼ੂਆਂ ਨੂੰ ਅੰਦਰੂਨੀ ਅਤੇ ਬਾਹਰਲੇ ਪਰਜੀਵੀਆਂ ਤੋਂ ਬਚਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  • ਦੇਖਭਾਲ ਕਰਨਾ (General Care) – ਕੁੱਝ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਪਸ਼ੂਆਂ ਦੀਆਂ ਕੁੱਝ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਲੋੜਾਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਲੋੜ ਅਨੁਸਾਰ ਦੇਖਭਾਲ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਿਵੇਂ ਮੱਝ ਨੂੰ ਨਹਾਉਣਾ, ਗਾਂ ਅਤੇ ਬਲਦ ਦੀ ਚਮੜੀ ‘ਤੇ ਬੁਰਸ਼ ਮਾਰਨਾ, ਕਸਰਤ ਦੇ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਪਸ਼ੂਆਂ ਨੂੰ ਘੁੰਮਾਉਣਾ, ਫਿਰਾਉਣਾ ਆਦਿ ।
  • ਪ੍ਰਜਣਨ (Breeding) – ਦੋਗਲਾਕਰਨ, ਬਣਾਉਟੀ ਗਰਭਧਾਰਨ, ਭਰੁਣ ਰੋਪਣ ਜਿਹੀਆਂ ਆਧੁਨਿਕ ਵਿਧੀਆਂ ਅਪਣਾ ਕੇ ਲੋੜੀਂਦੇ ਗੁਣਾਂ ਵਾਲੇ ਪਸ਼ੂਆਂ ਦਾ ਜਣਨ ਅਤੇ ਨਸਲਾਂ ਦਾ ਸੁਧਾਰ ਖ਼ੁਰਾਕ ਉਤਪਾਦਨ ਵਾਧੇ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹਨ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸਾਡੀ ਖ਼ੁਰਾਕ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਸਰੋਤਾਂ ਦੀ ਸੂਚੀ ਤਿਆਰ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪੌਦੇ ਅਤੇ ਜੰਤੁ ਸਾਡੀ ਖ਼ੁਰਾਕ ਦੇ ਸੋਮੇ ਹਨ-

  1. ਪੌਦਿਆਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਭੋਜਨ – ਚੌਲ, ਕਣਕ, ਜਵਾਰ, ਮੱਕੀ, ਦਾਲਾਂ, ਤੇਲ ਬੀਜ, ਫਲ, ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਅਤੇ ਸ਼ਕਰ ਆਦਿ ਸਾਨੂੰ ਪੌਦਿਆਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
  2. ਜੰਤੂਆਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਭੋਜਨ – ਦੁੱਧ, ਅੰਡਾ, ਮੱਖਣ, ਮਾਸ ਆਦਿ ਸਾਨੂੰ ਜੰਤੂਆਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੇ ਰੋਗ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਫੈਲਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੇ ਰੋਗ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਢੰਗਾਂ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਦੇ ਹਨ-

  1. ਬੀਜਾਂ ਦੁਆਰਾ – ਅਜਿਹਾ ਤਣੇ ਅਤੇ ਜੜਾਂ ‘ਤੇ ਹਮਲੇ ਨਾਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  2. ਮਿੱਟੀ ਦੁਆਰਾ – ਅਜਿਹਾ ਤਣੇ ਅਤੇ ਜੜ੍ਹਾਂ ‘ਤੇ ਹਮਲੇ ਨਾਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  3. ਜੜ੍ਹ ਦੁਆਰਾ – ਇਹ ਪੌਦੇ ਅਤੇ ਤਣੇ ਅਤੇ ਜੜ੍ਹਾਂ ‘ਤੇ ਹਮਲੇ ਨਾਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  4. ਹਵਾ ਦੁਆਰਾ – ਇਹ ਪੱਤੇ, ਫੁੱਲ ਅਤੇ ਫ਼ਸਲਾਂ ‘ਤੇ ਹਮਲੇ ਦੁਆਰਾ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਭੰਡਾਰ ਵਿੱਚ ਅਨਾਜ ਦੀ ਹਾਨੀ ਕਿਹੜੇ ਕਾਰਨਾਂ ਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੰਡਾਰ ਕੀਤੇ ਦਾਣਿਆਂ ਲਈ ਜੈਵਿਕ ਅਤੇ ਅਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰ ਹਨ-
ਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ – ਉੱਲੀ, ਚੂਹਾ, ਕੀਟ, ਜੀਵਾਣੁ, ਆਦਿ ਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ ਹਨ ।
ਅਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ – ਤਾਪ ਅਤੇ ਨਮੀ ਅਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਕੀ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ? ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀਆਂ ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਦੇ ਕੇ ਵਰਗੀਕਰਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ (Fertilizers) – ਅਜਿਹੀਆਂ ਬਨਾਵਟੀ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਜੋ ਮਿੱਟੀ ਨੂੰ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਪ੍ਰਵਾਨ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

  • ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਦੇਣ ਵਾਲੀਆਂ ਰਸਾਇਣਕ ਖਾਦਾਂ – ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਮਿੱਟੀ ਨੂੰ ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਮਿਲਦੀ ਹੈ । ਯੂਰੀਆ, ਅਮੋਨੀਅਮ ਸਲਫੇਟ, ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਅਮੋਨੀਅਮ ਨਾਈਟਰੇਟ, ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਦੇਣ ਵਾਲੀਆਂ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਹਨ ।
  • ਫਾਸਫੋਰਸ ਦੇਣ ਵਾਲੀਆਂ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ – ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਮਿੱਟੀ ਨੂੰ ਫਾਸਫੋਰਸ ਤੱਤ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸੁਪਰ ਫਾਸਫੇਟ, ਟਰਿਪਲ ਸੁਪਰ ਫਾਸਫੇਟ ਅਤੇ ਡਾਈ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਫਾਸਫੇਟ, ਫਾਸਫੋਰਸ ਦੇਣ ਵਾਲੀਆਂ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਹਨ ।
  • ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਦੇਣ ਵਾਲੀਆਂ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ – ਇਹਨਾਂ ਤੋਂ ਮਿੱਟੀ ਨੂੰ ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਸਲਫੇਟ ਅਤੇ ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਕਲੋਰੇਟ, ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਦੇਣ ਵਾਲੀਆਂ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਹਨ ।
  • ਮਿਸ਼ਰਤ ਖਾਦਾਂ – ਇਹਨਾਂ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੁਆਰਾ ਮਿੱਟੀ ਨੂੰ ਨਾਈਟਰੋਜਨ, ਫਾਸਫੋਰਸ ਅਤੇ ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਮਿਲਦਾ ਹੈ । ਨਾਈਟਰੋਫਾਸਫੇਟ, ਅਮੋਨੀਅਮ ਫਾਸਫੇਟ ਅਤੇ ਯੂਰੀਆ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਮਿਸ਼ਰਤ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਰਬੀ ਅਤੇ ਖ਼ਰੀਫ਼ ਫ਼ਸਲਾਂ ਕੀ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਫ਼ਸਲਾਂ ਰੁੱਤਾਂ ਅਨੁਸਾਰ ਦੋ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ-
(1) ਰਬੀ ਫ਼ਸਲਾਂ
(2) ਖ਼ਰੀਫ਼ ਫ਼ਸਲਾਂ ।

(i) ਰਬੀ ਫ਼ਸਲਾਂ (Rabi Crops) – ਕੁੱਝ ਫ਼ਸਲਾਂ ਜੋ ਸ਼ੀਤ ਰੁੱਤ ਵਿੱਚ ਉਗਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਜੋ ਨਵੰਬਰ ਤੋਂ ਅਪਰੈਲ ਮਹੀਨੇ ਤਕ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ, ਇਹਨਾਂ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਰਬੀ ਫ਼ਸਲਾਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਉਦਾਹਰਣ-ਕਣਕ, ਛੋਲੇ, ਮਟਰ, ਸਰੋਂ, ਅਤੇ ਅਲਸੀ ਆਦਿ ।

(ii) ਖ਼ਰੀਫ਼ ਫ਼ਸਲਾਂ (Kharif Crops) – ਕੁੱਝ ਫ਼ਸਲਾਂ ਜੋ ਵਰਖਾ ਰਿਤੂ ਵਿੱਚ ਉਗਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਜੋ ਜੂਨ ਤੋਂ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਕੇ ਅਕਤੂਬਰ ਮਹੀਨੇ ਤਕ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਖ਼ਰੀਫ਼ ਦੀਆਂ ਫ਼ਸਲਾਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਉਦਾਹਰਣ ਧਾਨ, ਸੋਇਆਬੀਨ, ਅਰਹਰ, ਮੱਕੀ, ਮੁੰਗ ਅਤੇ ਉੜਦ ਆਦਿ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 15 ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਨਾਈਟਰੋਜਨੀ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਵਧੇਰੇ ਵਰਤੋਂ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਲੋੜ ਤੋਂ ਵੱਧ ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਮਿੱਟੀ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਨਾਈਟਰੇਟ ਦੀ ਸੰਘਣਤਾ ਵਧਾ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਨਾਈਟਰੇਟ ਵਾਲਾ ਪਾਣੀ ਪੀਣ ਦੇ ਯੋਗ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ । ਜਦੋਂ ਇਹ ਤਲਾਬਾਂ, ਨਦੀਆਂ, ਝੀਲਾਂ ਵਰਗੇ ਜਲ ਭੰਡਾਰਾਂ ਵਿੱਚ ਪੁੱਜਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਕਾਈਆਂ ਦੇ ਵਾਧੇ ਦੀ ਦਰ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲੀ ਆਕਸੀਜਨ ਦਾ ਪੱਧਰ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਨਤੀਜਾ ਇਹ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਜਲੀ ਜੀਵਨ ਦੀ ਮੌਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਤਲਾਬਾਂ ਅਤੇ ਝੀਲਾਂ ਵਿੱਚ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਦਾ ਘੱਟ ਹੋਣਾ ਵਾਤਾਵਰਣ ਨੂੰ ਜ਼ਹਿਰੀਲਾ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਸੁਪੋਸ਼ਨ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਨਦੀਨ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ? ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਨਦੀਨ (Weeds) – ਅਜਿਹੇ ਫ਼ਾਲਤੂ ਪੌਦੇ ਜੋ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੇ ਨਾਲ ਆਪਣੇ ਆਪ ਉੱਗ ਜਾਂਦੇ ਹਨ, ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਨਦੀਨ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦੀਆਂ ਮੁੱਖ ਕਿਸਮਾਂ ਹਨ-ਜੰਗਲੀ ਔਟ, ਜਾਵੀ, ਘਾਹ, ਚੁਲਾਈ, ਬਾਥੂ, ਹਿਰਨ ਖੁਰੀ । ਚਲਾਈ ਇਕ ਅਜਿਹਾ ਨਦੀਨ ਹੈ ਜੋ ਸਾਰੀਆਂ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੇ ਨਾਲ ਉਗਦੀ ਹੈ | ਕਈ ਅਜਿਹੇ ਨਦੀਨ ਵੀ ਹਨ ਜੋ ਵਾਰ-ਵਾਰ ਨਿਕਲਦੇ ਹਨ ਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਨਾਸ਼ ਵੀ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਨਦੀਨਾਂ ਦੀਆਂ ਕੀ ਹਾਨੀਆਂ ਹਨ ? ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਕੰਟਰੋਲ ਕਰਨ ਦੇ ਕੀ ਉਪਾਅ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਦੀਨਾਂ ਦੀਆਂ ਹਾਨੀਆਂ-

  1. ਨਦੀਨ ਆਪਣੇ ਆਪ ਵੱਧਣ ਲਈ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਨਤੀਜੇ ਵਜੋਂ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਪ੍ਰਾਪਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ, ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪੈਦਾਵਾਰ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  2. ਨਦੀਨ ਘੱਟ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਵੱਡੇ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਫ਼ਸਲ ਘੱਟ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  3. ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਕੱਢਣ, ਪੁੱਟਣ ਤੇ ਸਮਾਂ ਵੀ ਖ਼ਰਾਬ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਨਦੀਨਾਂ ਨੂੰ ਕੰਟਰੋਲ ਕਰਨ ਦੇ ਉਪਾਅ-

  1. ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਖੁਰਪੇ ਜਾਂ ਪਲਟੇ ਦੁਆਰਾ ਕੱਢਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਕੁੱਝ ਤਾਂ ਹਲ ਚਲਾਉਂਦੇ ਸਮੇਂ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਹੀ ਜਰ੍ਹਾਂ ਸਹਿਤ ਪੁੱਟਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਅੱਜ-ਕਲ੍ਹ ਨਦੀਨ ਨਾਸ਼ਕਾਂ (weedicides) ਦਾ ਛਿੜਕਾਅ ਵੀ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜੋ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਤਾਂ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ਪਰ ਨਦੀਨਾਂ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਪੀੜਕਨਾਸ਼ੀਆਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਸਾਵਧਾਨੀ ਰੱਖਣਾ ਕਿਉਂ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੀੜਕਨਾਸ਼ੀਆਂ ਦਾ ਸਾਡੀ ਸਿਹਤ ਉੱਤੇ ਉਲਟ ਅਸਰ ਪੈਂਦਾ ਹੈ । ਪੀੜਕਨਾਸ਼ੀਆਂ ਨਾਲ ਚਮੜੀ, ਸਾਹ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਉੱਤੇ ਬਹੁਤ ਬੁਰਾ ਅਸਰ ਪੈਂਦਾ ਹੈ । ਜੇ ਪੀੜਕਨਾਸ਼ੀਆਂ ਦਾ ਅਪਘਟਨ ਸੌਖਾ ਅਤੇ ਹਾਨੀ ਰਹਿਤ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿੱਚ ਨਾ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਇਹ ਮਿੱਟੀ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਮਿਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਪੌਦੇ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰ ਲੈਂਦੇ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਮਨੁੱਖ ਅਤੇ ਜੰਤੁ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ‘ਤੇ ਇਸ ਦਾ ਬੁਰਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪੈ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ : ਛਿੜਕਾਓ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਹੱਥਾਂ ‘ਤੇ ਰਬੜ ਦੇ ਦਸਤਾਨੇ ਪਾ ਲੈਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ | ਚੇਹਰੇ ਅਤੇ ਨੱਕ ਨੂੰ ਕੱਪੜੇ ਨਾਲ ਜ਼ਰੂਰ ਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਹਰੀ ਕ੍ਰਾਂਤੀ ਦੇ ਲਾਭ ਅਤੇ ਹਾਨੀਆਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਹਰੀ ਕ੍ਰਾਂਤੀ ਦੇ ਲਾਭ-

  1. ਸਾਡਾ ਦੇਸ਼ ਅੰਨ ਉਤਪਾਦਨ ਵਿੱਚ ਆਤਮ-ਨਿਰਭਰ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ ।
  2. ਇਸ ਨਾਲ ਅਨਾਜ ਦਾ ਬਹੁਤ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਅਨਾਜ ਭੰਡਾਰ ਇਕੱਠਾ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ ।
  3. ਭੰਡਾਰ ਨਾਲ ਕੁਦਰਤੀ ਮੁਸੀਬਤਾਂ ਆਉਣ ‘ਤੇ ਹਾਲਾਤਾਂ ਦਾ ਸਾਹਮਣਾ ਸੌਖਿਆਂ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  4. ਇਸ ਨੇ ਕਿਸਾਨ ਦੀ ਜੀਵਨ ਪੱਧਤੀ ਅਤੇ ਆਰਥਿਕ ਪੱਧਰ ਬਦਲ ਦਿੱਤਾ ਹੈ ।
  5. ਇਸ ਨੇ ਖੇਤੀ ਨੂੰ ਉਦਯੋਗ ਦਾ ਰੂਪ ਦਿੱਤਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਕਈ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਵਿਕਾਸ ਲਈ ਆਧਾਰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਇਆ ਹੈ ।

ਹਰੀ ਕ੍ਰਾਂਤੀ ਦੀਆਂ ਹਾਨੀਆਂ-

  1. ਹਰੀ ਕ੍ਰਾਂਤੀ ਕਾਰਨ ਕਿਸਾਨਾਂ ਦੀ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰਤਾ ਵੱਧ ਗਈ ਹੈ ।
  2. ਵਧੇਰੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਲੋੜ ਕਾਰਨ ਕੁਦਰਤੀ ਜਲ ਸਾਧਨਾਂ ਦੀ ਬਣਾਵਟੀ ਤਰੀਕਿਆਂ ਨਾਲ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ ।
  3. ਇਸ ਨਾਲ ਪੀੜਕਨਾਸ਼ਕਾਂ ਦੀ ਨਿਰਭਰਤਾ ਵੱਧ ਗਈ ਹੈ ।
  4. ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ, ਪੀੜਕਨਾਸ਼ੀਆਂ ਦੇ ਵਧੇਰੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਨੇ ਮਨੁੱਖ ਅਤੇ ਪਸ਼ੂ ਦੀ ਸਿਹਤ ਨੂੰ ਸਿੱਧਿਆਂ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕੀਤਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਉਹਨਾਂ ਮੁੱਖ ਕੀਟਾਂ ਦੇ ਨਾਮ ਲਿਖੋ ਜਿਹੜੇ ਭੰਡਾਰ ਕੀਤੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਨੁਕਸਾਨ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਵੀ ਲਿਖੋ ਕਿ ਇਹ ਕਿਵੇਂ ਨੁਕਸਾਨ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਖਾਧ ਪਦਾਰਥ, ਕੀਟ, ਕਿਰਮ ਅਤੇ ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਖ਼ਰਾਬ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤੇ ਹਮਲੇ ਨੂੰ ਗ੍ਰਣ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਦਾ ਆਕਾਰ ਛੋਟਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਘੁਣ, ਗ੍ਰੇਨਬੋਰਰ, ਐਲਮੋਡ, ਮੋਥ ਸੀ, ਟੋਥੈਡ, ਬੀਟਲ ਆਦਿ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਹਨ । ਇਹ ਖਾਧ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤਾਂ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਖਾਧ ਪਦਾਰਥ ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਜਾਲਿਆਂ, ਕੁਕੁਨ ਅਤੇ ਮਿਰਤਕ ਸਰੀਰ ਦੁਆਰਾ ਦੂਸ਼ਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਭਵਿੱਖ ਵਿੱਚ ਖਾਧ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਦੀ ਪੂਰਤੀ ਕਿਵੇਂ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਭਵਿੱਖ ਵਿੱਚ ਖਾਧ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਲੋੜ ਦੀ ਪੂਰਤੀ ਦੀ ਇੱਕੋ ਹੀ ਵਿਧੀ ਹੈ ਕਿ ਅਸੀਂ ਆਪਣੇ ਉਤਪਾਦਨ ਨੂੰ ਵਧਾਈਏ । ਇਸਦੇ ਲਈ ਅਸੀਂ ਫ਼ਸਲ ਚੱਕਰ, ਬਹੁ-ਫ਼ਸਲੀ ਖੇਤੀ, ਮਿਸ਼ਰਤ ਖੇਤੀ, ਫ਼ਸਲਾਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੀ ਉੱਚ ਉਪਜੀ ਕਿਸਮਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਸਾਨੂੰ ਪੀੜਕਨਾਸ਼ਕਾਂ, ਕੀਟਨਾਸ਼ਕਾਂ ਅਤੇ ਉੱਲੀਨਾਸ਼ਕਾਂ ਆਦਿ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਸਾਨੂੰ ਵਧੇਰੇ ਉਪਜ ਲੈਣ ਲਈ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਫ਼ਸਲ ਚੱਕਰ ਕਿਉਂ ਅਪਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਫ਼ਸਲ ਚੱਕਰ (Crop Rotation) – ਇਕ ਹੀ ਖੇਤ ਵਿੱਚ ਹਰ ਸਾਲ ਅਨਾਜ ਅਤੇ ਫਲੀਦਾਰ ਪੌਦਿਆਂ ਨੂੰ ਅਦਲ-ਬਦਲ ਕਰ ਕੇ ਇੱਕ ਤੋਂ ਬਾਅਦ-ਇੱਕ ਫ਼ਸਲ ਨੂੰ ਉਗਾਉਣ ਦੀ ਵਿਧੀ ਨੂੰ ਫ਼ਸਲ ਚੱਕਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਫ਼ਸਲ ਚੱਕਰ ਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਕਾਰਨਾਂ ਕਰਕੇ ਅਪਣਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ-

  1. ਖੇਤ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਹੀ ਫ਼ਸਲ ਵਾਰ-ਵਾਰ ਉਗਾਉਣ ਨਾਲ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਬਣਾਈ ਰੱਖਣ ਲਈ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਅਦਲ-ਬਦਲ ਕੇ ਬੀਜਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਫ਼ਸਲ ਚੱਕਰ ਨਾਲ ਉਤਪਾਦਨ ਵੱਧ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  3. ਫ਼ਸਲ ਚੱਕਰ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀਆਂ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਕੰਟਰੋਲ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਅੰਤਰ-ਫ਼ਸਲੀ ਕੀ ਹੈ ? ਇਹ ਮਿਸ਼ਰਿਤ-ਫ਼ਸਲੀ ਤੋਂ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਭਿੰਨ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅੰਤਰ-ਫ਼ਸਲੀ (Inter Cropping) – ਇੱਕ ਹੀ ਖੇਤ ਵਿੱਚ ਦੋ ਜਾਂ ਦੋ ਤੋਂ ਵੱਧ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਇੱਕ ਖ਼ਾਸ ਕਤਾਰ ਪੈਟਰਨ ਵਿੱਚ ਉਗਾਉਣ ਦੀ ਵਿਧੀ ਨੂੰ ਅੰਤਰ-ਫ਼ਸਲੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਅੰਤਰ-ਫ਼ਸਲੀ ਅਤੇ ਮਿਸ਼ਰਿਤ ਫ਼ਸਲੀ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਅੰਤਰ-ਫ਼ਸਲੀ (Inter Cropping) ਮਿਸ਼ਰਤ-ਫ਼ਸਲੀ (Mixed Cropping)
(1) ਇਹ ਖੇਤ ਦੀ ਉਤਪਾਦਕਤਾ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਕਰਦੀ ਹੈ । (1) ਇਹ ਖੇਤ ਵਿੱਚ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੇ ਨੁਕਸਾਨ ਨੂੰ ਘੱਟ ਕਰਦੀ ਹੈ ।
(2) ਇਸ ਵਿੱਚ ਪੀੜਕਨਾਸ਼ਕਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਆਸਾਨ ਹੈ । (2) ਇਸ ਵਿਚ ਪੀੜਕਨਾਸ਼ਕਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਠਿਨ ਹੈ ।
(3) ਇਸ ਵਿੱਚ ਕਤਾਰਾਂ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਕੂਮ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । (3) ਇਸ ਵਿਚ ਕਤਾਰਾਂ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਕੂਮ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ।
(4) ਬੀਜਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਦੋ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੇ ਬੀਜਾਂ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਮਿਲਾਇਆ ਜਾਂਦਾ । (4) ਇਸ ਵਿੱਚ ਬੀਜਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਦੋ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੇ ਬੀਜਾਂ ਨੂੰ ਮਿਲਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
(5) ਫ਼ਸਲ ਦੀ ਕਟਾਈ ਅਤੇ ਥੈਸ਼ਿੰਗ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । (5) ਫ਼ਸਲ ਦੀ ਕਟਾਈ ਅਤੇ ਥੈਸ਼ਿੰਗ ਕਠਿਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(6) ਫ਼ਸਲ ਉਤਪਾਦ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਇਕੱਠੇ ਕੀਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । (6) ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੇ ਉਤਪਾਦ ਮਿਸ਼ਰਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
(7) ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਲੋੜ ਅਨੁਸਾਰ ਵਰਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (7) ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਲੋੜ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਕੁੱਝ ਮੁੱਖ ਮਿਸ਼ਰਤ ਫ਼ਸਲੀ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦੇ ਉਦਾਹਰਨ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕੁੱਝ ਮੁੱਖ ਮਿਸ਼ਰਤ ਫ਼ਸਲੀ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹਨ-

  1. ਕਣਕ + ਸਰੋਂ
  2. ਮੱਕੀ + ਉੜਦ
  3. ਅਰਹਰ + ਮੂੰਗ
  4. ਮੂੰਗਫਲੀ + ਸੁਰਜਮੁਖੀ
  5. ਜਵਾਰ + ਅਰਹਰ
  6. ਕਣਕ + ਛੋਲੇ
  7. ਸੌਂ + ਛੋਲੇ
  8. ਸੋਇਆਬੀਨ + ਅਰਹਰ

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਸੰਕਰਣ ਦੇ ਲਾਭ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੰਕਰਣ ਦੇ ਲਾਭ-

  1. ਇਹ ਪੌਦੇ ਵਾਤਾਵਰਨ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਅਨੁਕੂਲਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
  2. ਇਹ ਛੋਟੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਇਹਨਾਂ ’ਤੇ ਤੇਜ਼ ਹਵਾਵਾਂ ਦਾ ਅਸਰ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ।
  3. ਇਹਨਾਂ ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਇੱਛਤ ਲੱਛਣ ਮਿਲ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
  4. ਇਹਨਾਂ ਪੌਦਿਆਂ ਤੋਂ ਵੱਧ ਉਤਪਾਦਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਇਹ ਵਧੀਆ ਉਪਜ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਕਿਸੇ ਦੋ ਭਾਰਤੀ ਨਸਲਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ-
(i) ਗਾਂ ਅਤੇ
(ii) ਮੱਝ ।
ਉੱਤਰ-
ਗਾਂ ਦੀਆਂ ਭਾਰਤੀ ਨਸਲਾਂ-ਲਾਲ ਸਿੰਧੀ, ਗਿਰ, ਸਾਹੀਵਾਲ ਮੱਝ ਦੀਆਂ ਭਾਰਤੀ ਨਸਲਾਂ-ਮੁਰਾ, ਮੇਹਸਾਣਾ, ਸੁਰਤੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਗਾਂ, ਮੁਰਗੀ ਅਤੇ ਮੱਛੀ ਦੇ ਦੋ-ਦੋ ਸੰਕਰਾਮਕ ਰੋਗਾਂ (ਬਿਮਾਰੀਆਂ) ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

ਜੰਤੂ ਸੰਕਰਾਮਕ ਰੋਗਾਂ
(i) ਗਾਂ (i) ਐਂਥਰੇਕਸ (ii) ਮੂੰਹ-ਖੁਰ
(ii) ਮੁਰਗੀ (i) ਫਾਉਲ ਪਾਕਸ  (ii) ਐਸਪਰੀਜੀਕੋਸਿਸ
(iii) ਮੱਛੀ (i) ਵਾਇਰਲ ਹਰਮੋਹਿਜਿਕ ਸੇਪਟੀਸੇਮੀਆਂ (ii) ਸੰਚਾਰੀ ਪੈਨਕ੍ਰੀਆਟਿਕ ਨੇਰਕੋਸਿਸ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਪਸ਼ੂਆਂ ਵਿੱਚ ਸੰਕਰਣ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਉਪਯੋਗੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਇਸ ਨਾਲ ਪਸ਼ੂਆਂ ਵਿੱਚ ਦੁੱਧ ਦੇਣ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  2. ਇਸ ਨਾਲ ਪਸ਼ੂਆਂ ਦੇ ਦੁੱਧ ਦੇਣ ਦੇ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  3. ਖ਼ਾਸ ਸੰਕਰਣ ਨਾਲ ਪੈਦਾ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਪਸ਼ੂ ਵਧੇਰੇ ਚੁਸਤ ਅਤੇ ਫੁਰਤੀਲੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਦੋ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਭਾਰਤੀ ਮੱਛੀਆਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਸਮੁੰਦਰੀ ਮੱਛੀ-ਪ੍ਰੋਸਟੇਟ ਅਤੇ ਜਾਲਮਾਨ
  2. ਮਿੱਠੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਮੱਛੀ-ਰੋਹੂ ਤੇ ਕਤਲਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਮੱਛੀਆਂ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਹੋਰ ਸਮੁੰਦਰੀ ਖਾਧ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਲੋਬਸਟਰ, ਕੰਕੜੇ, ਥਰਿਪਸ, ਆਇਸਟਰ ਅਤੇ ਝੀਂਗਾ ਮੱਛੀ ਆਦਿ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਜਾਨਵਰਾਂ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਰੋਗਾਂ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ ਲਈ ਕੁੱਝ ਉਪਾਅ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਾਨਵਰਾਂ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਰੋਗਾਂ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ ਲਈ ਉਪਾਅ-

  1. ਪਸ਼ੂਆਂ ਨੂੰ ਵਧੀਆ, ਸਾਫ਼ ਅਤੇ ਹਵਾਦਾਰ ਥਾਂ ‘ਤੇ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਪੋਸ਼ਕ ਭੋਜਨ ਅਤੇ ਸਾਫ਼ ਪਾਣੀ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਪਸ਼ੂਆਂ ਨੂੰ ਨਿਯਮਿਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਨਹਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਪਸ਼ੂਆਂ ਨੂੰ ਨਿਯਮਿਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਟੀਕਾਕਰਨ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  5. ਪਸ਼ੂਆਂ ਦੇ ਆਵਾਸ ਦੇ ਕੀਟਨਾਸ਼ਕਾਂ ਦਾ ਛਿੜਕਾਅ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਆਪਰੇਸ਼ਨ ਫਲੱਡ ਅਤੇ ਸਿਲਵਰ ਰਿਵੋਲਿਊਸ਼ਨ ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਕਿਸ ਯੋਜਨਾ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧ ਰੱਖਦੇ ਹਨ ? ਇਹਨਾਂ ਦਾ ਉਦੇਸ਼ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਆਪਰੇਸ਼ਨ ਫਲੱਡ (Operation flood) ਅਤੇ ਸਿਲਵਰ ਰਿਵੋਲਿਊਸ਼ਨ (Silver Revolution) ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਦੁੱਧ ਅਤੇ ਅੰਡਿਆਂ ਦੇ ਉਤਪਾਦਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧ ਰੱਖਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਯੋਜਨਾਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਦੁੱਧ ਅਤੇ ਅੰਡਿਆਂ ਦੇ ਉਤਪਾਦਨ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਲਿਆਉਣਾ ਇਸਦਾ ਉਦੇਸ਼ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਮੱਛੀ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਖਾਧ ਪਦਾਰਥ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਠੀਕ ਸਮਝੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੱਛੀ ਅਤੇ ਸਮੁੰਦਰ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਰ ਖਾਧ ਪਦਾਰਥ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਯੁਕਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਵਸਾ, ਤੇਲ, ਆਇਓਡੀਨ ਆਦਿ ਪੋਸ਼ਕ ਪਦਾਰਥ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਮੱਛੀ ਉਤਪਾਦਨ ਵਿੱਚ ਭਾਰਤ ਦਾ ਸੰਸਾਰ ਵਿੱਚ ਅੱਠਵਾਂ ਨੰਬਰ ਹੈ । ਹਿੰਦ ਮਹਾਂਸਾਗਰ ਤਟੀ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਮੱਛੀ ਭੰਡਾਰ ਦੇ 45% ਭਾਗ ਦਾ ਹੀ ਦੋਹਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਅੱਜ-ਕਲ੍ਹ ਮੱਛੀ ਪਾਲਣ ਵੀ ਇੱਕ ਵਪਾਰ ਬਣ ਚੁੱਕਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਖਾਰੇ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਮਿੱਠੇ ਪਾਣੀ ਦੀਆਂ ਮੱਛੀਆਂ ਦੀਆਂ ਦੋ ਕਿਸਮਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਖਾਰੇ ਪਾਣੀ (ਸਮੁੰਦਰ) ਦੀਆਂ ਮੱਛੀਆਂ-ਹਿਲ, ਕੇਟਲਫਿਸ਼, ਰਿੱਬਨਫਿਸ਼ । ਮਿੱਠੇ ਪਾਣੀ (ਤਾਲਾਬ, ਝੀਲ ਦੀਆਂ ਮੱਛੀਆਂ-ਕਤਲਾ, ਰੋਹੂ, ਟੀਰੀਕਾ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਮਿਸ਼ਰਤ ਮੱਛੀ ਪਾਲਣ ਵਿੱਚ ਕੀ ਸਮੱਸਿਆਵਾਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਿਸ਼ਰਤ ਮੱਛੀ ਪਾਲਣ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਸਮੱਸਿਆ ਇਹ ਹੈ ਕਿ ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਕਈ ਮੱਛੀਆਂ ਸਿਰਫ਼ ਗਰਮੀ ਦੀ ਰੁੱਤ ਵਿੱਚ ਹੀ ਜਨਨ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਜੇ ਮੱਛੀ ਡਿੰਭ ਦੇਸੀ ਨਸਲ ਦੀ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਹੋਰ ਵੀ ਸਪੀਸ਼ੀਜ਼ ਦੇ ਨਾਲ ਮਿਲਾਏ ਜਾ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਮੱਛੀ ਪਾਲਣ ਲਈ ਵਧੀਆ ਗੁਣਵੱਤਾ ਵਾਲੇ ਡਿੰਭ ਨਹੀਂ ਮਿਲਦੇ । ਇਸ ਸਮੱਸਿਆ ਦੇ ਸਮਾਧਾਨ ਲਈ ਅਜਿਹੀਆਂ ਵਿਧੀਆਂ ਦੀ ਖੋਜ ਕੀਤੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਤਲਾਬ ਵਿੱਚ ਇਹਨਾਂ ਮੱਛੀਆਂ ਦਾ ਪਾਲਣ ਹਾਰਮੋਨ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਨਾਲ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕੇ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਇੱਛਤ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਸ਼ੁੱਧ ਮੱਛੀ ਦੇ ਡਿੰਭ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੇ ਰਹਿਣਗੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਮੱਛੀ ਪਾਲਣ ਦੀ ਉਪਯੋਗਿਤਾ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਮੱਛੀ ਪਾਲਣ ਦੀ ਉਪਯੋਗਤਾ-ਮੱਛੀ ਪਾਲਣ ਧਾਨ ਦੀ ਫ਼ਸਲ ਨਾਲ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਵੱਧ ਮੱਛੀ ਪਾਲਣ ਮਿਸ਼ਰਤ ਮੱਛੀ ਪਾਲਣ ਤੰਤਰ ਨਾਲ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੰਤਰ ਵਿੱਚ ਦੇਸੀ ਅਤੇ ਵਿਦੇਸ਼ੀ ਮੱਛੀਆਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਅਜਿਹੀ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਵਿੱਚ ਇਕੋ ਤਲਾਬ ਵਿੱਚ 5 ਜਾਂ 6 ਕਿਸਮ ਦੇ ਸਪੀਸ਼ੀਜ਼ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਅਜਿਹੀਆਂ ਮੱਛੀਆਂ ਚੁਣੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਜਿਹੜੀਆਂ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਭੋਜਨ ਲਈ ਮੁਕਾਬਲਾ ਨਹੀਂ ਕਰਦੀਆਂ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਆਹਾਰ ਦੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਤਲਾਬ ਦੇ ਹਰ ਭਾਗ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਆਹਾਰ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਜਿਵੇਂ ਕਟਲਾ ਮੱਛੀ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਰੋਹੁ ਮੱਛੀ ਤਲਾਬ ਦੇ ਵਿੱਚਕਾਰਲੇ ਖੇਤਰ ਤੋਂ ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੀ ਹੈ | ਮਰੀਗਲ ਅਤੇ ਕਾਮਨ ਕਾਰਪ ਤਲਾਬ ਦੇ ਤਲ ਤੋਂ ਭੋਜਨ ਲੈਂਦੀ ਹੈ । ਗਰਾਸ ਕਾਰਪ ਨਦੀਨਾਂ ਨੂੰ ਖਾ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਇਹ ਸਾਰੀਆਂ ਮੱਛੀਆਂ ਇਕੱਠੀਆਂ ਰਹਿੰਦੇ ਹੋਏ ਵੀ ਮੁਕਾਬਲਾ ਨਹੀਂ ਕਰਦੀਆਂ ਅਤੇ ਆਪਣਾ-ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰ ਲੈਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਨਾਲ ਤਲਾਬ ਵਿੱਚ ਮੱਛੀ ਦੇ ਉਤਪਾਦਨ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਮੱਛੀ ਉਤਪਾਦਨ ਦੀਆਂ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਵਿਧੀਆਂ ਅਪਣਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ? ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਮੱਛੀ ਉਤਪਾਦਨ ਦੀਆਂ ਮੁੱਖ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਦੋ ਵਿਧੀਆਂ ਹਨ :

(i) ਕੁਦਰਤੀ ਸਰੋਤ – ਮੱਛੀਆਂ ਨੂੰ ਸਮੁੰਦਰੀ ਜਲ ਅਤੇ ਤਾਜ਼ੇ ਜਲ ਵਿੱਚੋਂ ਫੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਦਾ ਸਮੁੰਦਰੀ ਮੱਛੀ ਪਾਲਨ ਖੇਤਰ 7500 ਕਿ.ਮੀ. ਸਮੁੰਦਰੀ ਤੱਟ ਅਤੇ ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਸਮੁੰਦਰ ਦੀ ਗਹਿਰਾਈ ਤੱਕ ਹੈ । ਸੈਟੇਲਾਈਟ ਅਤੇ ਪ੍ਰਤੀਧੁਨੀ ਗੰਭੀਰਤਾ ਮਾਪੀ ਨਾਲ ਖੁੱਲ੍ਹੇ ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਮੱਛੀਆਂ ਦੇ ਵੱਡੇ ਸਮੂਹ ਦਾ ਪਤਾ ਲਗਾ ਕੇ ਮੱਛੀਆਂ ਦਾ ਉਤਪਾਦਨ ਵਧਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰੀਕੇ ਨਾਲ ਪਾਮਫਰੇਟ, ਮੈਕਰਲ, ਟੁਨਾ, ਸ਼ਾਰਡਾਈਨ, ਬਾਂਬੇਡਕ ਆਦਿ ਮੱਛੀਆਂ ਫੜੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

(ii) ਮੱਛੀ ਪਾਲਣ – ਸਮੁੰਦਰੀ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਆਰਥਿਕ ਮਹੱਤਵ ਵਾਲੀਆਂ ਕੁੱਝ ਜਾਤੀਆਂ ਨੂੰ ਪਾਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਇਸ ਨੂੰ ਮੈਰੀਨ-ਕਲਚਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਵਿਧੀ ਵਿੱਚ ਜਿਹੜੀਆਂ ਪ੍ਰਜਾਤੀਆਂ ਨੂੰ ਫੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਉਹ ਹਨ-ਮੁਲੇਟ, ਭੇਟਕੀ, ਪਰਲ ਸਪਾਟ (ਪੰਖ ਵਾਲੀਆਂ, ਝੀਗਾ (Prawn), ਮਸਲ, ਆਇਸਟਰ ਆਦਿ ।
ਆਇਸਟਰ ਤੋਂ ਮੋਤੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਅੰਸਥਲੀ ਮੱਛੀ ਪਾਲਣ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਦੀ ਦਾ ਮੋਹਾਨਾ (ਐਸਚੁਰੀ) ਅਤੇ ਲੈਗੂਨ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਮੱਛੀ ਭੰਡਾਰ ਹਨ । ਜਿੱਥੇ ਸਮੁੰਦਰੀ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਤਾਜ਼ਾ ਪਾਣੀ ਮਿਲਦੇ ਹਨ, ਉੱਥੇ ਵੀ ਮੱਛੀਆਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ ਪਰ ਅਜਿਹੇ ਸਰੋਤਾਂ ਤੋਂ ਮੱਛੀ ਉਤਪਾਦਨ ਬਹੁਤਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 30.
ਸ਼ਹਿਦ ਕੀ ਹੈ ? ਸ਼ਹਿਦ ਦੀ ਸ਼ੁੱਧਤਾ ਦੀ ਜਾਂਚ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸ਼ਹਿਦ-ਸ਼ਹਿਦ ਇੱਕ ਗਾੜਾ, ਮਿੱਠਾ ਤਰਲ ਪਦਾਰਥ ਹੈ ਜੋ ਮਧੁਮੱਖੀਆਂ ਦੁਆਰਾ ਆਪਣੇ ਛੱਤਿਆਂ ਵਿੱਚ ਇਕੱਠਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸ਼ਹਿਦ ਦੇ ਮੁੱਖ ਘਟਕ ਜਲ, ਸ਼ਕਰ, ਖਣਿਜ ਲੂਣ ਅਤੇ ਐਨਜ਼ਾਈਮ ਹਨ ।

ਸ਼ੁੱਧ ਸ਼ਹਿਦ ਦੀ ਜਾਂਚ-

  1. ਇਕ ਕੱਚ ਦੇ ਗਿਲਾਸ ਨੂੰ ਉੱਪਰ ਤੱਕ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਭਰ ਕੇ ਇਸ ਵਿੱਚ ਸ਼ਹਿਦ ਦੀਆਂ ਬੂੰਦਾਂ ਮਿਲਾਉਣ ਤੇ ਸ਼ੁੱਧ ਸ਼ਹਿਦ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਪਤਲੀ ਤਾਰ ਬਣਾਏਗਾ ਜਦੋਂ ਕਿ ਮਿਲਾਵਟੀ ਸ਼ਹਿਦ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲ ਜਾਵੇਗਾ ।
  2. ਸੁਖਮਦਰਸ਼ੀ ਵਿੱਚੋਂ ਦੇਖਣ ਤੇ ਸ਼ੁੱਧ ਸ਼ਹਿਦ ਵਿੱਚ ਕਈ ਪਰਾਗਕਣ ਦਿਖਾਈ ਦੇਣਗੇ, ਅਯੁੱਧ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 31.
ਸ਼ਹਿਦ ਦੇ ਮੁੱਖ ਗੁਣ ਅਤੇ ਉਪਯੋਗ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸ਼ਹਿਦ ਦੇ ਮੁੱਖ ਗੁਣ-ਸ਼ਹਿਦ ਸੁਆਦ ਵਿੱਚ ਮਿੱਠਾ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜੇ ਸ਼ਹਿਦ ਨੂੰ ਖੁੱਲਾ ਰੱਖਿਆ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਇਹ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚੋਂ ਨਮੀ ਸੋਖ ਲੈਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਦਾ ਖਮੀਰੀਕਰਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉਪਯੋਗ – ਇਹ ਸੌਖਿਆਂ ਹੀ ਪਚ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤੇ ਐਂਟੀਸੈਪਟਿਕ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਕਈ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਵਿੱਚ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਮਨੁੱਖੀ ਭੋਜਨ ਦੇ ਮੁੱਖ ਸਰੋਤ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੌਦੇ ਤੇ ਜੰਤੂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਭੋਜਨ ਪਦਾਰਥ ਵਧੇਰੇ ਕਰਕੇ ਕਿੱਥੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਖੇਤੀ ਅਤੇ ਪਸ਼ੂ ਪਾਲਣ ਤੋਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਅਸੀਂ ਕਿਸ ਭਾਂਤੀ ਦੁਆਰਾ ਫ਼ਸਲ ਉਤਪਾਦਨ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਕੀਤਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਰੀ ਕ੍ਰਾਂਤੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਦੁੱਧ ਦਾ ਉਤਪਾਦਨ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਵਧਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਫ਼ੈਦ ਕ੍ਰਾਂਤੀ ਨਾਲ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 15 ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਪੌਦੇ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਦੁਆਰਾ ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸ਼ੰਸ਼ਲੇਸ਼ਣ ਕਿਰਿਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਖ਼ਰੀਫ਼ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੀ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਧਾਨ, ਸੋਇਆਬੀਨ, ਅਰਹਰ, ਮੱਕੀ, ਕਪਾਹ, ਮੂੰਗ ਅਤੇ ਮਾਂਹ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਰਬੀ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੀਆਂ ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਦਿਓ
ਉੱਤਰ-
ਕਣਕ, ਛੋਲੇ, ਮਟਰ, ਸਰੋਂ, ਅਲਸੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਪੀੜਕਾਂ ਤੇ ਕੰਟਰੋਲ ਕਰਨ ਲਈ ਨਿਰੋਧਕ ਵਿਧੀਆਂ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਤੀਰੋਧ ਸਮਰੱਥਾ ਵਾਲੀਆਂ ਕਿਸਮਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਅਤੇ ਗਰਮੀ ਰੁੱਤ ਵਿੱਚ ਹਲ ਨਾਲ ਜੁਤਾਈ ॥

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਪੀੜਤਾਂ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰਨ ਲਈ ਕੀ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਗਰਮੀ ਦੇ ਮੌਸਮ ਵਿੱਚ ਗਹਿਰਾਈ ਤੱਕ ਹਲ ਚਲਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਕਿਹੜੇ-ਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ ਖੇਤੀ ਉਤਪਾਦ ਦੇ ਭੰਡਾਰਨ ਵਿੱਚ ਹਾਨੀ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੀਟ, ਉੱਲੀਆਂ, ਚਿਚੜੀ ਅਤੇ ਜੀਵਾਣੂ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 15 ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਮੁਰਗੀਆਂ ਵਿੱਚ ਕਿਸ ਕਾਰਨ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਰੋਗ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵਾਣੂ, ਵਿਸ਼ਾਣੂ, ਉੱਲੀ, ਪਰਜੀਵੀ ਅਤੇ ਪੋਸ਼ਣਹੀਨਤਾ ਦੇ ਕਾਰਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਮੱਛੀਆਂ ਕਿਹੜੇ ਦੋ ਤਰੀਕਿਆਂ ਨਾਲ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਕੁਦਰਤੀ ਸਰੋਤ
  2. ਮੱਛੀ ਪਾਲਣਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਮੈਰੀਨ-ਕਲਚਰ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮੁੰਦਰੀ ਮੱਛੀਆਂ ਦਾ ਸਟਾਕ ਭਵਿੱਖ ਵਿੱਚ ਜਦੋਂ ਘੱਟ ਹੋਵੇਗਾ, ਤਾਂ ਮੱਛੀ ਦੀ ਮੰਗ ਦੀ ਪੂਰਤੀ ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੋਵੇਗੀ । ਇਸ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਨੂੰ ਮੈਰੀਨ-ਕਲਚਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਐਸਚੁਰੀ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਤਾਜ਼ੇ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਸਮੁੰਦਰੀ ਖਾਰੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਮਿਸ਼ਰਣ ਨੂੰ ਐਸਚੁਰੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 14 ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਸਾਧਨ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 14 ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਸਾਧਨ Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 14 ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਸਾਧਨ

ਵੱਡੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਭੋਂ-ਖੋਰ ਦੇ ਮੁੱਖ ਕਾਰਨ ਕੀ-ਕੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੋਂ-ਖੋਰ ਦੇ ਮੁੱਖ ਕਾਰਨ-

  • ਜੰਗਲਾਂ ਦੀ ਕਟਾਈ – ਤੋਂ-ਖੋਰ ਦੇ ਮੁੱਖ ਕਾਰਨਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਜੰਗਲਾਂ ਦੀ ਅੰਨ੍ਹੇਵਾਹ ਕਟਾਈ ਇਕ ਮੁੱਖ ਕਾਰਨ ਹੈਂ । ਰੁੱਖਾਂ ਦੀਆਂ ਜੜਾਂ ਮਿੱਟੀ ਨੂੰ ਬੰਨ੍ਹਣ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਨਾਲ ਮਿੱਟੀ ਆਪਣੇ ਸਥਾਨ ਤੋਂ ਅੱਗੇ ਨਹੀਂ ਵਹਿੰਦੀ ।ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਮਿੱਟੀ ਨਮ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਜੰਗਲਾਂ ਦੀ ਕਟਾਈ ਨਾਲ ਹੜਾਂ ਦਾ ਆਉਣਾ ਵੱਧ ਗਿਆ ਹੈ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਤੋਂ ਖੋਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  • ਬੇਕਾਬੂ ਪਸ਼ੂਆਂ ਨੂੰ ਚਰਾਣਾ – ਪਸ਼ੂਆਂ ਨੂੰ ਪਹਾੜਾਂ ਦੀਆਂ ਢਲਾਨਾਂ ਤੇ ਬੇਕਾਬੂ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਚਰਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਮਿੱਟੀ ਨੰਗੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਵਰਖਾ ਜਾਂ ਹਨ੍ਹੇਰੀ ਆਉਣ ਤੇ ਮਿੱਟੀ ਆਪਣਾ ਸਥਾਨ ਛੱਡ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਰਾਜਸਥਾਨ, ਮੱਧ ਪ੍ਰਦੇਸ਼, ਹਿਮਾਚਲ ਪ੍ਰਦੇਸ਼ ਅਤੇ ਕਸ਼ਮੀਰ ਵਿੱਚ ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਖੋਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  • ਖੇਤੀ ਦੇ ਗੈਰ-ਵਿਗਿਆਨਕ ਢੰਗ – ਕਈ ਵਾਰ ਕਿਸਾਨ ਖੇਤੀ ਵਿੱਚ ਇੱਕੋ ਹੀ ਫਸਲ ਵਾਰ-ਵਾਰ ਉਗਾਉਂਦੇ ਹਨ ਜੋ ਉਸ ਫਸਲ ਦੀ ਉਪਜ ਦੇ ਲਈ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਤਾਂ ਹੈ ਹੀ ਪਰ ਨਾਲ ਹੀ ਇਸ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਮਲ਼ੜ ਘੱਟ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਗ਼ਲਤ ਢੰਗ ਨਾਲ ਜੁਤਾਈ, ਸਿੰਚਾਈ, ਘੱਟ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਆਦਿ ਤੋਂ ਖੋਰ ਨੂੰ ਵਧਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
  • ਹੜ੍ਹ ਅਤੇ ਹਨ੍ਹੇਰੀਆਂ – ਨਦੀਆਂ ਤੇ ਬੰਨ੍ਹ ਨਾ ਬਣੇ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਉਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਹੜ੍ਹ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਉਪਜਾਊ ਮਿੱਟੀ ਰੁੜ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਭੂਮੀ ਤੇ ਘਾਹ ਅਤੇ ਝਾੜੀਆਂ ਦੀ ਕਮੀ ਤੋਂ ਵੀ ਮਿੱਟੀ ਹਨ੍ਹੇਰੀਆਂ ਦੁਆਰਾ ਆਪਣੇ ਸਥਾਨ ਤੋਂ ਹਟ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਨਾਲ ਤੋਂ ਖੋਰ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  • ਵਣਾਂ ਵਿੱਚ ਅੱਗ ਲੱਗਣਾ – ਕਈ ਕਾਰਨਾਂ ਕਰਕੇ ਵਣਾਂ ਨੂੰ ਅੱਗ ਲਗ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਪੇੜ-ਪੌਦੇ ਅਤੇ ਘਾਹ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਣ ਕਾਰਨ ਮਿੱਟੀ ਨੰਗੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜੋ ਤੇਜ਼ ਹਵਾਵਾਂ ਨਾਲ ਉੱਡ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਸੰਰਚਨਾ ਕਿਹੜੇ ਮੂਲ ਤੱਤਾਂ ਤੋਂ ਹੋਈ ਹੈ ? ਸੰਖੇਪ ਟਿੱਪਣੀ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਭਿੰਨ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਸੰਰਚਨਾ ਭਿੰਨ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਪਰ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਮੂਲ ਤੱਤ ਸਮਾਨ ਹੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ-

(i) ਖਣਿਜ ਕਣ – ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਬਜਰੀ, ਰੇਤ ਅਤੇ ਚੀਨੀ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਕਣ ਮੌਜੂਦ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਮਿੱਟੀ ਨੂੰ ਗਠਨ ਅਤੇ ਬਣਾਵਟ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਕਣਾਂ ਦਾ ਆਕਾਰ ਉਸ ਨੂੰ ਭਿੰਨ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਗੁਣ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

(ii) ਅਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥ – ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਕਈ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਅਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ, ਸੋਡੀਅਮ, ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ, ਲੋਹਾ, ਨਾਈਟੇਟ, ਸਲਫੇਟ, ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਆਦਿ । ਜਿਹੜੀਆਂ ਚੱਟਾਨਾਂ ਤੋਂ ਮਿੱਟੀ ਮੂਲ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਬਣਦੀ ਹੈ ਇਹ ਅਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥ ਇਸ ਵਿੱਚ ਮਿਲ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

(iii) ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥ – ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੀਵ-ਜੰਤੂਆਂ ਦੀਆਂ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਨਾਲ ਅਨੇਕ ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਮਿਲ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਮਰਨ, ਨਸ਼ਟ ਹੋਣ ਅਤੇ ਗਲਣ ਨਾਲ ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥ ਵੱਧਦੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਜੀਵਜੰਤੂਆਂ ਦੀ ਉਤਸਰਜਨ ਕਿਰਿਆ ਨਾਲ ਵੀ ਅਜਿਹੇ ਪਦਾਰਥ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਮਿਲਦੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਤੋਂ ਮਲ੍ਹੜ ਬਣਦਾ ਹੈ ਜੋ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਨੂੰ ਵਧਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਤੋਂ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਪੈਦਾ ਹੋਣ ਅਤੇ ਵੱਧਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ।

(iv) ਸੂਖ਼ਮਜੀਵੀ ਅਤੇ ਹੋਰ ਪ੍ਰਾਣੀਆਂ ਦੀਆਂ ਉਤਸਰਜਨ ਕਿਰਿਆਵਾਂ – ਕਈ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਜੀਵ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਬੈਕਟੀਰੀਆ, ਉੱਲੀਆਂ, ਕਾਈ ਆਦਿ ਮਿੱਟੀ ਤੋਂ ਜੀਵਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਕੀੜੀਆਂ, ਸਿਉਂਕ, ਟਿੱਡੇ, ਗੰਡੋਏ ਆਦਿ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਚੂਹੇ, ਖ਼ਰਗੋਸ਼ ਆਦਿ ਵੀ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਆਪਣਾ ਘਰ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਉਤਸਰਜਿਤ ਗੰਦਗੀ ਨਾਲ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਵੱਧਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

(v) ਪਾਣੀ – ਲਗਪਗ ਸਾਰੇ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਪਾਣੀ ਅਣੂਆਂ ਦੇ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਪੇੜ-ਪੌਦਿਆਂ ਦੇ ਪੋਸ਼ਣ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਮਿੱਟੀ ਦਾ ਇਹ ਗੁਣ ਹੈ ਕਿ ਇਹ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਸੋਖਿਤ ਕਰੇ ।

(vi) ਹਵਾ – ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਕਣਾਂ ਵਿੱਚ ਹਵਾ ਮੌਜੂਦ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਪੇੜ-ਪੌਦੇ ਅਤੇ ਹੋਰ ਜੀਵ-ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਸੁਵਾਸ ਲਈ ਉਪਯੋਗੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਹਰ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਕਿਸਮ ਵਿੱਚ ਹਵਾ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 14 ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਸਾਧਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੋਂ-ਖੋਰ ਦੇ ਕਾਰਨ ਭੂਮੀ ਦੀ ਉੱਪਰੀ ਸਤਹਿ ਤੋਂ ਉਪਜਾਊ ਮਿੱਟੀ ਹਟ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਇਸ ਦੀ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਖ਼ਤਮ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਹਵਾ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਵੇਗ ਤੇ ਕਾਬੂ ਪਾ ਕੇ ਮਿੱਟੀ ਨੂੰ ਬਚਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਮਿੱਟੀ ਨੂੰ ਲਗਾਤਾਰ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਹਾਨੀ ਨਹੀਂ ਸਹਿਣੀ ਪੈਂਦੀ । ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਤਰੀਕਿਆਂ ਨਾਲ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ-

(i) ਪੇੜ-ਪੌਦੇ ਅਤੇ ਘਾਹ ਲਗਾ ਕੇ – ਪਹਾੜੀ ਢਲਾਨਾਂ ਤੇ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਪੇੜ-ਪੌਦੇ, ਝਾੜੀਆਂ ਅਤੇ ਘਾਹ ਲਗਾ ਕੇ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਬਹਾਵ ਨੂੰ ਰੋਕਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਮਿੱਟੀ ਨੂੰ ਜੜ੍ਹਾਂ ਬੰਨ੍ਹ ਲੈਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਹਵਾ ਦੇ ਕਾਰਨ ਮਿੱਟੀ ਆਪਣੇ ਸਥਾਨ ਤੋਂ ਦੂਰ ਨਹੀਂ ਹਟਾਈ ਜਾ ਸਕਦੀ । ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਵਣ-ਮਹਾਂਉਤਸਵ ਦੇ ਅੰਤਰਗਤ ਨਵੇਂ ਪੇੜ-ਪੌਦੇ ਇਸੇ ਲਈ ਲਗਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ | ਪੇੜਾਂ ਨੂੰ ਕੱਟਣ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ‘ਚਿਪਕੋ ਅੰਦੋਲਨ’ ਵੀ ਚਲਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।

(ii) ਸੀੜੀਦਾਰ ਖੇਤੀ – ਪਹਾੜੀ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਢਲਾਨਾਂ ਦੀ ਮਿੱਟੀ ਨੂੰ ਹੇਠਾਂ ਵਲ ਵਹਿ ਜਾਣ ਤੋਂ ਰੋਕਣ ਲਈ ਸੀੜੀਦਾਰ ਖੇਤੀ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਵਰਖਾ ਦਾ ਪਾਣੀ ਢਲਾਣਾਂ ਤੇ ਬਹੁਤ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਹੇਠਾਂ ਵਲ ਵਹਿੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਆਪਣੇ ਨਾਲ ਉਪਜਾਊ ਮਿੱਟੀ ਨੂੰ ਵਹਾ ਕੇ ਲੈ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਇਸ ਬਹਾਅ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਲਈ ਢਲਾਣ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਪੌੜੀਆਂ ਬਣਾ ਦਿੱਤੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਜਿਸ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਦਾ ਬਹਾਅ ਕਮਜ਼ੋਰ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਢਲਾਣ ਤੋਂ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਮਿੱਟੀ ਵਹਿ ਕੇ ਹੇਠਾਂ ਵਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

(iii) ਬੰਨ੍ਹ ਅਤੇ ਕਿਨਾਰੇ ਬਣਾਉਣ ਨਾਲ – ਹਰ ਸਾਲ ਮਾਨਸੂਨ ਆਉਣ ਤੇ ਨਦੀਆਂ ਦੇ ਕਿਨਾਰਿਆਂ ਦੀ ਮਿੱਟੀ ਵਹਿ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਜੇ ਨਦੀਆਂ ਦੇ ਉਹ ਕਿਨਾਰੇ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬਣਾ ਦਿੱਤੇ ਜਾਣ ਤਾਂ ਪਾਣੀ ਬੇਸ਼ਕ ਵੇਗ ਨਾਲ ਟਕਰਾਏ ਪਰ ਮਿੱਟੀ ਬਹਿਣ ਤੋਂ ਬਚ ਜਾਵੇਗੀ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬੰਨ੍ਹ ਬਣਾ ਕੇ ਹੜਾਂ ‘ਤੇ ਕਾਬੂ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
ਨਦੀਆਂ ਦੇ ਕਿਨਾਰਿਆਂ ਤੇ ਚੱਟਾਨਾਂ ਅਤੇ ਵੱਡੇ-ਵੱਡੇ ਪੱਥਰ ਲਗਾ ਕੇ ਮਿੱਟੀ ਨੂੰ ਬਹਿਣ ਤੋਂ ਰੋਕਿਆ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

(iv) ਵਧੇਰੇ ਚਰਾਉਣ ਤੇ ਰੋਕ ਲਗਾ ਕੇ – ਪਸ਼ੂਆਂ ਲਈ ਚਾਰਾਗਾਹ ਬਣਾ ਦੇਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ਤਾਂਕਿ ਉਹ ਪਹਾੜਾਂ ਦੀਆਂ ਢਲਾਣਾਂ ਤੇ ਨਾ ਚਰ ਸਕਣ । ਉਹਨਾਂ ਦੁਆਰਾ ਵਧੇਰੇ ਚਰਣ ਕਾਰਨ ਮਿੱਟੀ ਘਾਹ ਰਹਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜੋ ਤੇਜ਼ ਵਰਖ਼ਾ ਅਤੇ ਹਨੇਰੀ ਨਾਲ ਉੱਡ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

(v) ਖਾਦਾਂ ਅਤੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਨਾਲ – ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਖਾਦਾਂ ਅਤੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਠੀਕ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਤਾਂਕਿ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੀ ਉਪਜ ਵੱਧ ਸਕੇ ਅਤੇ ਭੂਮੀ ਦੀ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਵੀ ਵਧੇ । ਬਨਸਪਤੀਆਂ ਦੀ ਵਧੇਰੇ ਮਾਤਰਾ ਨਾਲ ਮਿੱਟੀ ਦਾ ਬਚਾਅ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਕਾਰਨਾਂ ਨੂੰ ਲਿਖੋ । ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਵਿੱਚ ਸਾਡਾ ਕੀ ਯੋਗਦਾਨ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਵਾ ਦੇ ਭੌਤਿਕ, ਰਸਾਇਣਿਕ ਜਾਂ ਜੈਵਿਕ ਗੁਣਾਂ ਵਿੱਚ ਅਣਚਾਹੇ ਪਰਿਵਰਤਨਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਹਵਾ ਦਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਕੱਚੇ ਪਦਾਰਥਾਂ, ਉਦਯੋਗਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ, ਆਵਾਸ ਸਥਾਨਾਂ ਆਦਿ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਹਵਾ ਦਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਕੁਦਰਤੀ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਜਾਂ ਮਨੁੱਖੀ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਜਵਾਲਾਮੁਖੀ ਵਿਸਫੋਟ ਦੌਰਾਨ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲੇ ਲਾਵਾ ਦੇ ਨਾਲ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਗੈਸਾਂ ਅਤੇ ਕਣੀ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਹਨੇਰੀ ਅਤੇ ਉੱਡਦੀ ਹੋਈ ਧੂੜ, ਧੂੰਆਂ ਅਤੇ ਕੋਹਰਾ ਆਦਿ ਦੇ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਦਲਦਲ ਤੋਂ ਪੈਦਾ ਮੀਥੇਨ ਗੈਸ, ਪੇੜ-ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੀਵ-ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਅਵਸ਼ੇਸ਼ਾਂ ਦੇ ਅਪਘਟਨ ਨਾਲ ਹੀ ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਪ੍ਰਦੁਸ਼ਣ ਦਾ ਮੁੱਖ ਕਾਰਨ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਸੋਤਾਂ-ਕੋਲਾ ਅਤੇ ਹੋਰ ਬਾਲਣ ਦੇ ਜਲਣ ਨਾਲ, ਰੇਲ ਇੰਜ਼ਨ, ਵਾਹਨ ਅਤੇ ਹਵਾਈ ਜਹਾਜ਼ ਆਦਿ ਤੋਂ ਪੈਦਾ ਧੂੰਆਂ ਕਾਲਿਖ, ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ, ਕਾਰਬਨ ਮੋਨੋਆਕਸਾਈਡ ਹੈ ।ਉਦਯੋਗਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਕੁਝ ਮੁੱਖ ਸਥਾਨਾਂ ਤੇ ਕਲੋਰੀਨ, ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡ, ਅਮੋਨੀਆ, ਬੈਨਜੀਨ, ਸਲਫਰ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡ ਆਦਿ ਗੈਸਾਂ ਵੀ ਹਵਾ ਦਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਉਦਯੋਗ ਧੰਦਿਆਂ ਅਤੇ ਕਾਰਖ਼ਾਨਿਆਂ ਦੀਆਂ ਚਿਮਨੀਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਲਗਾਤਾਰ ਧੂੰਆਂ ਨਿਕਲਦਾ ਹੈ । ਤਾਪ ਉਰਜਾ ਸੰਯੰਤਰਾਂ ਤੋਂ ਫਲਾਈ ਐਸ਼ ਨਿਕਲਦੀ ਹੈ । ਤੰਬਾਕੂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਕਿਸੇ ਦੀ ਵੀ ਪਰਵਾਹ ਨਾ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਧੂੰਆਂ ਉਡਾਉਂਦੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਲੰਬਿਤ ਕਣੀ ਪੁੰਜ (SPM), ਕਲੋਰੋਫਲੋਰੋ ਕਾਰਬਨ (CFCs), ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡ, ਓਜ਼ੋਨ ਅਤੇ ਲੈਡ ਹਵਾ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਨਾਲ ਸਿਹਤ ਸੰਬੰਧੀ ਕਈ ਕਠਿਨਾਈਆਂ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਤੇ ਕਈ ਵਿਧੀਆਂ ਨਾਲ ਕਾਬੂ ਪਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ-

  1. ਪੇੜ-ਪੌਦਿਆਂ ਨੂੰ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਉਗਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਉਦਯੋਗ ਧੰਦਿਆਂ ਨੂੰ ਸ਼ਹਿਰੀ ਖੇਤਰ ਤੋਂ ਦੂਰ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਕਾਰਖ਼ਾਨਿਆਂ ਦੀਆਂ ਚਿਮਣੀਆਂ ਬਹੁਤ ਉੱਚੀਆਂ ਹੋਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ ।
  4. ਵਾਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੀਸਾ ਰਹਿਤ ਪੈਟਰੋਲ ਵਰਤਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  5. ਧੂੰਆਂ ਰਹਿਤ ਊਰਜਾ ਦੇ ਸ੍ਰੋਤਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  6. ਧੂੰਆਂ ਛੱਡਣ ਵਾਲੇ ਵਾਹਨਾਂ ‘ਤੇ ਰੋਕ ਲਗਾ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਜੈਵ-ਰਸਾਇਣ ਚੱਕਰ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੈਵ-ਰਸਾਇਣ ਚੱਕਰ (Biochemical Cycle) – ਪੌਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਨ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਦੁਆਰਾ CO2 ਨੂੰ ਵਾਯੂ-ਮੰਡਲ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਪੌਦੇ ਦੁਆਰਾ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚੋਂ ਪਾਣੀ ਦੇ ਨਾਲ ਖਣਿਜ ਪਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ C, N, 0, S, P ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਆਦਿ ਭਾਗ ਲੈਂਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਪਦਾਰਥ ਜਾਂ ਤੱਤ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਤੰਤਰ ਦੇ ਉਤਪਾਦਨ ਪੱਧਰ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰਨ ਦੇ ਬਾਅਦ ਦੁਸਰੇ ਪੱਧਰ ‘ਤੇ ਸਥਾਨਾਂਤਰਿਤ ਕਰ ਦਿੱਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਦਾ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ ਅਤੇ ਪਰਿਵਹਿਣ ਮਿੱਟੀ, ਹਵਾ, ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਜੈਵ-ਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਰਸਾਇਣਾਂ ਦਾ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਤੰਤਰ ਜਾਂ ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਮੁੜ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰਨਾ ਜੈਵ-ਰਸਾਇਣ ਚੱਕਰ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਉਰਜਾ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਇਹ ਰਸਾਇਣ ਵੀ ਨਸ਼ਟ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ । ਪੌਦੇ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਮ੍ਰਿਤਕ ਸਰੀਰਾਂ ਨੂੰ ਅਪਘਟਨਾਂ ਦੁਆਰਾ ਅਪਘਟਿਤ ਕੀਤੇ ਜਾਣ ਤੇ ਇਹ ਪਦਾਰਥ ਫਿਰ ਤੋਂ ਪੋਸ਼ਣ ਭੰਡਾਰ ਤੋਂ ਮੁਕਤ ਕਰ ਦਿੱਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਮੁੜ ਪੌਦਿਆਂ ਦੁਆਰਾ ਸੋਖਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਪੁਨਰ-ਚੱਕਰਣ ਵਿੱਚ ਅਪਘਟਕਾਂ ਦੀ ਮੁੱਖ ਭੂਮਿਕਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਕੁਦਰਤ ਵਿੱਚ ਜਲ-ਚੱਕਰ ਨੂੰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕੁਦਰਤ ਵਿੱਚ ਜਲ-ਚੱਕਰ (Water Cycle in nature)-
(i) ਸੂਰਜ ਦੀ ਗਰਮੀ ਨਾਲ ਨਦੀਆਂ, ਝੀਲਾਂ, ਸਮੁੰਦਰਾਂ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦਾ ਵਾਸ਼ਪਣ ਹੁੰਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਪਾਣੀ ਵਾਸ਼ਪ ਵਿੱਚ ਬਦਲਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।

(ii) ਜਲ-ਵਾਸ਼ਪ ਹਲਕੇ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਉੱਪਰ ਉੱਡ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਹਵਾ ਦੁਆਰਾ ਜਲ-ਵਾਸ਼ਪ ਨੂੰ ਪਰਬਤਾਂ ਵੱਲ ਲੈ ਜਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪਹਾੜਾਂ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਇਹ ਹੋਰ ਉੱਪਰ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਨਾਲ ਜਲ-ਵਾਸ਼ਪ ਬੱਦਲਾਂ ਦਾ ਰੂਪ ਲੈ ਲੈਂਦੇ ਹਨ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 14 ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਸਾਧਨ 1
(iii) ਜਦੋਂ ਬੱਦਲਾਂ ਦੇ ਜਲ-ਵਾਸ਼ਪ ਠੰਡੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਉਹ ਫਿਰ ਪਾਣੀ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵਾਪਿਸ ਆ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਵਰਖ਼ਾ ਹੋਣ ਲੱਗਦੀ ਹੈ ।

(iv) ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤਹਿ ‘ਤੇ ਡਿਗਣ ਵਾਲਾ ਵਰਖਾ ਦਾ ਕੁੱਝ ਪਾਣੀ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਰਿਸ ਕੇ ਹੇਠਾਂ ਚਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਆਖ਼ਿਰ ਵਿੱਚ ਇਹ ਪਾਣੀ ਕਿਸੇ ਕਠੋਰ ਚੱਟਾਨ ਦੁਆਰਾ ਰੋਕ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉੱਥੇ ਇਕੱਠਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹੀ ਭੂਮੀਗਤ ਪਾਣੀ ਅਸੀਂ ਖੂਹ ਪੁੱਟ ਕੇ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ।

(v) ਨਦੀਆਂ ਅਤੇ ਸਮੁੰਦਰਾਂ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦਾ ਵਾਸ਼ਪਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਬਾਅਦ ਵਿੱਚ ਫਿਰ ਨਦੀਆਂ, ਸਮੁੰਦਰਾਂ ਵਿੱਚ ਪਹੁੰਚ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹੀ ਜਲ ਚੱਕਰ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 14 ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਸਾਧਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਕੁਦਰਤ ਵਿੱਚ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਚੱਕਰ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਚੱਲਦਾ ਹੈ, ਵਿਸਤਾਰ ਨਾਲ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਚੱਕਰ (Nitrogen Cycle) – ਵਾਯੂ-ਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਲਗਪਗ 78% ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜੋ ਆਪਣੇ
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 14 ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਸਾਧਨ 2

ਆਣਇਕ ਰੂਪ N2 ਵਿੱਚੋਂ ਮਿਲਦੀ ਹੈ । ਜਲ-ਭੰਡਾਰਾਂ ਵਿੱਚ ਵੀ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਜੈਵ-ਜੀਵਾਂ ਦੇ ਟਿਸ਼ੂਆਂ, ਪ੍ਰੋਟੀਨਾਂ, ਅਮੀਨੋ ਅਮਲਾਂ ਅਤੇ ਨਿਊਕਲੀ ਅਮਲਾਂ ਦਾ ਇਕ ਘਟਕ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਨਾ ਤਾਂ ਪੌਦੇ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਜੰਤੁ ਇਸਦੇ ਤੱਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਲਈ ਇਸ ਨੂੰ ਨਾਈਟਰੇਟ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਬਦਲਣਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ । ਕੁਝ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਜੀਵਾਣੁ ਵਾਯੂ-ਮੰਡਲ ਦੀ ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਨੂੰ ਸਥਿਰੀਕਰਣ ਜਾਂ ਸਵਾਂਗੀਕਰਨ ਦੁਆਰਾ ਨਾਈਟਰੇਟ ਜਾਂ ਨਾਈਟਰਾਈਟ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਦਾ ਸਥਿਰੀਕਰਣ – ਕੁਝ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਜੀਵਾਣੂ ਹੀ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਨੂੰ ਨਾਈਟਰੇਟ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਸਕਦੇ ਹਨ ਪਰੰਤੂ ਨੀਲੀ ਹਰੀ ਕਾਈ ਵੀ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਦੇ ਸਥਿਰੀਕਰਣ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਸਮਰੱਥ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਦੇ ਸਥਿਰੀਕਰਣ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਜੀਵਾਣੂ ਫ਼ਲੀਦਾਰ ਫਸਲ ਦੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀਆਂ ਜੜ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਗੱਠਾਂ ਵਿੱਚ ਮਿਲਦੇ ਹਨ । ਜੀਵਾਣੂਆਂ ਅਤੇ ਕਾਈਆਂ ਦੁਆਰਾ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਦਾ ਸਥਿਰੀਕਰਣ ਨਾਈਟਰੇਟਸ ਜਾਂ ਨਾਈਟਰਾਈਟਸ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸਦਾ ਫਿਰ ਸੂਖ਼ਮਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਅਮੋਨੀਕਰਣ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਨਾਈਟ੍ਰੇਟ ਪੌਦਿਆਂ ਦੁਆਰਾ ਸੋਖ਼ਤ ਕਰ ਲਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਅਮੋਨੀਆ ਦੇ ਯੌਗਿਕਾਂ ਨੂੰ ਨਾਈਵੇਟ ਵਿੱਚ ਬਦਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਹਨਾਂ ਵਿੱਚ NO2 ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਯੌਗਿਕ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਨਾਈਟਰੋਬੈਕਟਰ ਜੀਵਾਣੂ ਇਹਨਾਂ ਨਾਈਟਰਾਈਟ ਨੂੰ ਨਾਈਟ੍ਰੇਟ ਵਿੱਚ ਬਦਲਦੇ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀਆਂ ਜੜ੍ਹਾਂ ਸੋਖਿਤ ਕਰ ਲੈਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਇਕ ਹੋਰ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਸੂਖ਼ਮਜੀਵ ਨਾਈਟ੍ਰੇਟਸ ਅਤੇ ਨਾਈਟਰਾਈਟਸ ਨੂੰ ਅਪਘਟਿਤ ਕਰਕੇ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਨੂੰ ਮੁਕਤ ਕਰਦੇ ਹਨ | ਸੂਖ਼ਮਜੀਵ ਡੀਨਾਈਟਰੀਕਰਨ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਦੁਆਰਾ ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਮ੍ਰਿਤਕ ਸਰੀਰਾਂ ਨੂੰ ਅਪਘਟਿਤ ਕਰਕੇ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮੁਕਤ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਜੋ ਵਾਯੂ-ਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਫਿਰ ਮਿਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਚੱਕਰ ਚਲਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਕੁਦਰਤ ਵਿੱਚ ਆਕਸੀਜਨ ਚੱਕਰ ਦਾ ਵਿਵਰਣ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕੁਦਰਤ ਵਿੱਚ ਆਕਸੀਜਨ ਚੱਕਰ (Oxygen Cycle in nature) – ਵਾਯੂ-ਮੰਡਲ ਦੇ ਗੈਸੀ ਘਟਕਾਂ ਵਿੱਚ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਲਗਪਗ 21% ਮਾਤਰਾ ਹੈ । ਜਲ ਭੰਡਾਰਾਂ ਵਿੱਚ ਆਕਸੀਜਨ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲੀ ਹੋਈ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਤੇ ਹੀ ਜਲੀ ਜੀਵ ਜੀਵਤ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਦੇ ਸਾਰੇ ਜੀਵ, ਪੌਦੇ, ਜੰਤੂ ਅਤੇ ਅਪਘਟਕ ਸਾਹ ਲਈ ਵਾਯੂ-ਮੰਡਲ ਵਿੱਚੋਂ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ CO2 ਮੁਕਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਕੋਲਾ, ਲੱਕੜੀ ਤੇ ਹੋਰ ਬਾਲਣਾਂ ਦੇ ਜਲਣ ਵਿੱਚ ਆਕਸੀਜਨ ਵਰਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਸਾਰੀਆਂ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਵਿੱਚ ਵਾਯੂ-ਮੰਡਲ ਦੀ ਆਕਸੀਜਨ ਲਗਾਤਾਰ CO2 ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੁੰਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ।

ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਲਗਾਤਾਰ ਸਾਹ ਲੈਣ ਵਿੱਚ ਵਰਤੋਂ CO ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵਧਾਉਂਦੀ ਹੈ ਪਰੰਤੂ ਹਰੇ ਪੌਦੇ ਦਿਨ ਵਿੱਚ
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 14 ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਸਾਧਨ 3

ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਣ ਦੁਆਰਾ ਵਾਯੂ-ਮੰਡਲ ਦੀ CO2 ਨੂੰ ਭੋਜਨ ਤਿਆਰ ਕਰਨ ਲਈ ਵਰਤਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਨੂੰ ਮੁਕਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਘੱਟ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਅਤੇ CO2 ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ । ਆਕਸੀਜਨ ਅਤੇ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦਾ ਸੰਤੁਲਨ ਬਣਾਈ ਰੱਖਣ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ਇਹਨਾਂ ਦੋਨਾਂ ਚੱਕਰਾਂ ਵਿੱਚ ਜੀਵ ਮੁੱਖ ਭੂਮਿਕਾ ਨਿਭਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਜੀਵ ਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨ ਚੱਕਰ ਕਿਵੇਂ ਪੂਰਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਵਿਵਰਣ ਦਿਉ ।
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵ ਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨ ਚੱਕਰ (Carbon Cycle) – ਜੀਵ ਮੰਡਲ ਦੇ ਸਾਰੇ ਪ੍ਰਾਣੀਆਂ ਦਾ ਮੂਲ ਘਟਕ ਕਾਰਬਨ ਹੈ ਜੋ ਕਾਰਬੋਹਾਈਡੇਟ, ਵਸਾ, ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਅਤੇ ਨਿਉਕਲੀ ਅਮਲ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਗੈਸੀ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨ ਦਾ ਭੰਡਾਰ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਹੈ । ਕਾਰਬਨ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜੋ ਲਗਪਗ 0.03 ਤੋਂ 0.04% ਹੈ । ਕਾਰਬਨ ਦਾ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ ਆਹਾਰ ਲੜੀ ਦੇ ਮਾਧਿਅਮ ਰਾਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਦੀ ਕਾਰਬਨਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਨੂੰ ਹਰੇ ਪੌਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਣ ਦੁਆਰਾ ਕਾਰਬੋਹਾਈਡੇਂਟਸ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਇਕੱਠਾ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਪੋਸ਼ਣ ਰੀਤ ਨਾਲ ਇਹ ਸ਼ਾਕਾਹਾਰੀ ਜੰਤੂਆਂ ਦੁਆਰਾ ਮਾਸਾਹਾਰੀ ਜੰਤੂਆਂ ਵਿੱਚ ਖਾਧ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਬਦਲਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।

ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਅਪਘਟਕਾਂ ਦੁਆਰਾ ਇਹ ਫਿਰ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਅਤੇ ਜਲ ਭੰਡਾਰਾਂ ਵਿੱਚ ਵਾਪਿਸ ਚਲਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਵਾਯੂ-ਮੰਡਲ ਅਤੇ ਜਲ ਭੰਡਾਰਾਂ ਦੇ ਵਿੱਚਕਾਰ CO2 ਦੀ ਆਵਾਜਾਈ ਲਗਾਤਾਰ ਹੁੰਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਜਵਾਲਾਮੁਖੀ ਪਰਬਤਾਂ ਤੋਂ ਵੀ ਵਾਯੂ-ਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਮੁਕਤ ਹੁੰਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ।
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ਵੱਖ-ਵੱਖ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਗਲਣ, ਸੜਣ ਅਤੇ ਜਲਣ ਨਾਲ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਵਾਯੂ-ਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਮਿਲਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਕਾਰਬਨਿਕ ਯੋਗਿਕਾਂ ਤੋਂ ਅਨੇਕ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਪਦਾਰਥ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜਿਹਨਾਂ ਦੇ ਜਲਣ ਤੇ CO ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਵੇਂ ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ਆਦਿ । ਬਨਸਪਤੀ ਕਾਰਬਨਿਕ ਯੌਗਿਕਾਂ ਤੋਂ ਕੋਲਾ ਵੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜੋ ਜਲ ਦੇ ਕਾਰਬਨ ਨੂੰ CO2 ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਲਗਾਤਾਰ CO2 ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵੱਧਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸਦੀ ਵਰਤੋਂ ਹਰੇ ਪੌਦੇ ਅਤੇ ਸਾਗਰ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

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ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਓਜ਼ੋਨ ਪਰਤ ਤੇ ਸੰਖੇਪ ਨੋਟ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਓਜ਼ੋਨ ਪਰਤ (Ozone Layer)-ਵਾਯੂ-ਮੰਡਲ ਦੇ ਮੱਧ ਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਓਜ਼ੋਨ ਪਰਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਮੁੱਖ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਓਜ਼ੋਨ (O3 ) ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਧਰਤੀ ਤੋਂ 16km ਦੀ ਉੱਚਾਈ ਤੇ ਸੂਰਜੀ ਕਿਰਣਾਂ ਉੱਥੇ ਮੌਜੂਦ ਆਕਸੀਜਨ (O2 ) ਨੂੰ ਓਜ਼ੋਨ (O3 ) ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ । 23km ਦੀ ਉੱਚਾਈ ਤਕ ਓਜ਼ੋਨ ਦੀ ਘਣਤਾ ਵਧੇਰੇ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਓਜ਼ੋਨ ਪਰਤ ਦਾ ਮਹੱਤਵ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਰਤੀ ਦੇ ਲਗਪਗ 16 ਕਿਲੋਮੀਟਰ ਦੀ ਉੱਚਾਈ ਤੇ ਓਜ਼ੋਨ ਦੀ ਇਕ ਪਰਤ ਸ਼ੁਰੂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜੋ ਸਾਰੇ ਜੀਵਾਂ ਦੇ ਲਈ ਬਹੁਤ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹੈ । ਇਹ ਪਰਤ ਸੂਰਜ ਤੋਂ ਆ ਰਹੀਆਂ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਪਰਾਬੈਂਗਣੀ ਵਿਕਿਰਣਾਂ (UV rays) ਨੂੰ ਸੋਖ ਲੈਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਪਰਾਬੈਂਗਨੀ ਵਿਕਿਰਣਾਂ ਧਰਤੀ ਤੇ ਨਹੀਂ ਪੁੱਜ ਸਕਦੀਆਂ । ਪਰਾਬੈਂਗਣੀ ਵਿਕਿਰਣਾਂ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਅੰਦਰ ਬਹੁਤ ਗਹਿਰਾਈ ਤਕ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ ਜੋ ਜੈਵ ਸਰੀਰ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਟਿਸ਼ੂਆਂ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰ ਸਕਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਚਮੜੀ ਦੇ ਕੈਂਸਰ ਦਾ ਕਾਰਨ ਵੀ ਬਣ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਓਜ਼ੋਨ ਪਰਤ ਪਰਾਬੈਂਗਣੀ ਵਿਕਿਰਣਾਂ ਦੇ ਬੁਰੇ ਪ੍ਰਭਾਵ ਤੋਂ ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਬਚਾਉਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਪਰਤ ਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਸੰਘਣਤਾ 23km ਉੱਪਰ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਕੀ ਹੈ ? ਕੁਝ ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਕਾਂ ਦੇ ਨਾਮ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ (Air Pollution) – ਧੂੜ ਕਣ, ਧੂੰਆਂ ਅਤੇ ਕਾਰਬਨ ਮੋਨੋਆਕਸਾਈਡ, ਸਲਫ਼ਰ ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਅਤੇ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਵਰਗੀਆਂ ਜ਼ਹਿਰੀਲੀਆਂ ਗੈਸਾਂ ਦੀ ਮੌਜੂਦਗੀ ਦੁਆਰਾ ਹਵਾ ਦੇ ਗੰਦਾ ਹੋਣ ਨੂੰ ਹਵਾ ਦਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਹਵਾ ਦੇ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਕ – ਕੁੱਝ ਮੁੱਖ ਹਵਾ ਦੇ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਕ ਹਨ-ਕਾਰਬਨ ਮੋਨੋਆਕਸਾਈਡ, ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦੀ ਵਧੇਰੇ ਮਾਤਰਾ, ਸਲਫਰ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ, ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ, ਓਜ਼ੋਨ, ਧੂੜ ਕਣ ਅਤੇ ਧੁੰਆਂ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਪੌਦੇ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਦੇ ਤਾਪ ਨੂੰ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਘੱਟ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੌਦੇ ਆਪਣੀ ਸਤਹਿ ਤੋਂ ਲਗਾਤਾਰ ਵਾਸ਼ਪ ਉਤਸਰਜਨ ਨਾਲ ਜਲ ਵਾਸ਼ਪਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਨਾਲ ਨਿਕਲਦੇ ਜਲ-ਵਾਸ਼ਪ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਆ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਜਲਵਾਸ਼ਪ ਆਪਣੇ ਵਾਸ਼ਪੀਕਰਨ ਲਈ ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਤੋਂ ਲੈਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਨਾਲ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਦਾ ਤਾਪ ਘੱਟ ਹੋਣ ਲੱਗਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਕਲੋਰੋਫਲੋਰੋ ਕਾਰਬਨ (CFC) ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਓਜ਼ੋਨ ਪਰਤ ਨੂੰ ਹਾਨੀ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਲੋਰੋਫਲੋਰੋ ਕਾਰਬਨ (CFC) ਵਾਤਾਨੁਕੂਲਨ ਅਤੇ ਸ਼ੀਤਲਨ ਯੰਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਵਰਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਜਦੋਂ ਇਹ ਸਮਤਾਪ ਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਚਲੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ, ਤਾਂ ਵਿਸਰਿਤ ਹੋ ਕੇ ਪਰਾਬੈਂਗਨੀ ਕਿਰਨਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਭਾਵ ਨਾਲ ਵਿਖੰਡਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਫਿਰ ਓਜ਼ੋਨ ਪਰਤ ਨੂੰ ਹਾਨੀ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਓਜ਼ੋਨ ਪਰਤ ਹੀ ਸੂਰਜ ਦੀਆਂ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਪਰਾਬੈਂਗਣੀ ਕਿਰਨਾਂ ਤੋਂ ਧਰਤੀ ਦੀ ਰੱਖਿਆ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਸਮੋਗ (Smog) ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬਣਦਾ ਹੈ ? ਇਸ ਤੋਂ ਕੀ ਹਾਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮੋਗ (Smog) – ਸਮੋਗ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਛਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਅਮਲੀ ਵਰਖਾ ਦਾ ਕਾਰਨ ਵੀ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਦੇ ਜਲਨ ਤੇ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਸਾਹ ਦੀਆਂ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਬੱਚੇ ਇਸ ਤੋਂ ਵਧੇਰੇ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਦੇ ਜੈਵਿਕ ਸਥਿਰੀਕਰਨ ਵਿੱਚ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀਆਂ ਜੜਾਂ ਵਿੱਚਲੀਆਂ ਗ੍ਰੰਥੀਆਂ ਦੀ ਕੀ ਭੂਮਿਕਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚਨਾ, ਮਟਰ, ਸੇਮ ਵਰਗੇ ਫਲੀਦਾਰ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀਆਂ ਜੜ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਗੰਥੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਗ੍ਰੰਥੀਆਂ ਵਿੱਚ ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਸਥਿਰੀਕਾਰਕ ਜੀਵਾਣੂ ਮੌਜੂਦ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਵਾਯੁਮੰਡਲੀ ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਦਾ ਸਥਿਰੀਕਰਨ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਮੱਲ੍ਹੜ ਦੀ ਉਪਯੋਗਿਤਾ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਮੱਲ੍ਹੜ ਦੀ ਉਪਯੋਗਿਤਾ-

  1. ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਕਣਾਂ ਨੂੰ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਜੋੜ ਕੇ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਸੁਭਾਅ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
  2. ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵਧਾ ਕੇ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਵਧਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
  3. ਵਰਖਾ ਦੇ ਕਾਰਨ ਖਣਿਜਾਂ ਨੂੰ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਨੁਕਸਾਨ ਨੂੰ ਰੋਕਦਾ ਹੈ ।
  4. ਰੇਤਲੀ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਸੰਰਚਨਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ ਕਰਕੇ ਉਸ ਨੂੰ ਉਪਜਾਊ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
  5. ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
  6. ਕੀੜਿਆਂ, ਗੰਡੋਇਆਂ, ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵਾਂ ਆਦਿ ਨੂੰ ਭੋਜਨ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਵਧੇਰੇ ਵਰਤੋਂ ਦੀਆਂ ਕੀ ਹਾਨੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਮਿੱਟੀ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨੂੰ ਵਧਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨਾਲ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੇ ਲਾਭਦਾਇਕ ਜੀਵ ਅਤੇ ਜਲ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੀਆਂ ਮੱਛੀਆਂ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਕਾਈਆਂ (Algee) ਦੀ ਵਾਧਾ ਦਰ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਘੱਟ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਵਾਲੇ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਭਾਰੀ ਹਾਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਪਾਣੀ ਪੀਣ ਯੋਗ ਨਹੀਂ ਰਹਿੰਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਜੰਗਲਾਂ ਦੇ ਕੱਟਣ ਦੀ ਕੀ ਹਾਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ
ਜੇ ਰੁੱਖਾਂ ਦੇ ਕੱਟਣ ਦੀ ਦਰ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਵਾਧੇ ਦੀ ਦਰ ਤੋਂ ਵਧੇਰੇ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਰੁੱਖਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਰੁੱਖ ਵਾਸ਼ਪਣ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਰਾਹੀਂ ਵੱਡੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਮੁਕਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਨਾਲ ਵਰਖਾ ਵਾਲੇ ਬੱਦਲ ਸੌਖਿਆਂ ਹੀ ਬਣ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਜਦੋਂ ਜੰਗਲ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ, ਤਾਂ ਉਸ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਵਰਖ਼ਾ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਰੁੱਖ ਘੱਟ ਗਿਣਤੀ ਵਿੱਚ ਉੱਗ ਸਕਣਗੇ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਇਕ ਦੁਸ਼ਚੱਕਰ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਅਜਿਹਾ ਖੇਤਰ ਰੇਗਿਸਥਾਨ ਵੀ ਬਣ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਰੁੱਖਾਂ ਦੇ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਕੱਟਣ ਨਾਲ ਜੈਵ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨਾਲ ਭਰਪੂਰ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਉੱਪਰੀ ਪਰਤ ਵਰਖਾ ਦੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਵਹਿ ਕੇ ਲੁਪਤ ਹੋਣ ਲੱਗਦੀ ਹੈ ।

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ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਬਾਹਰੀ ਪਰਤ ਨੂੰ ਕੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਥਲਮੰਡਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਜੀਵ ਮੰਡਲ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵਨ ਨੂੰ ਸਹਾਰਾ ਦੇਣ ਵਾਲੀ ਧਰਤੀ ਦਾ ਅਜਿਹਾ ਘੇਰਾ ਜਿੱਥੇ ਵਾਯੂਮੰਡਲ, ਸਥਲਮੰਡਲ ਅਤੇ ਜਲਮੰਡਲ ਇਕ-ਦੂਸਰੇ ਨਾਲ ਮਿਲ ਕੇ ਜੀਵਨ ਨੂੰ ਸੰਭਵ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਉਸ ਨੂੰ ਜੀਵ ਮੰਡਲ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਜੀਵ ਮੰਡਲ ਦੇ ਜੈਵ ਘਟਕ ਕਿਹੜੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਾਰੇ ਸਜੀਵ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਜੀਵ ਮੰਡਲ ਦੇ ਅਜੈਵ ਘਟਕ ਕਿਹੜੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਵਾ, ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਮਿੱਟੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਹਵਾ ਕਿਹੜੀਆਂ ਗੈਸਾਂ ਦਾ ਮਿਸ਼ਰਣ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਾਈਟਰੋਜਨ, ਆਕਸੀਜਨ, ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਅਤੇ ਜਲ-ਵਾਸ਼ਪ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਸ਼ੁੱਧ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਕਿੱਥੇ ਮੌਜੂਦ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਰੁਵਾਂ ਤੇ ਬਰਫ਼ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ, ਭੂਮੀਗਤ ਪਾਣੀ, ਨਦੀਆਂ, ਝੀਲਾਂ, ਤਾਲਾਬਾਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਬਾਹਰੀ ਪਰਤ ਨੂੰ ਕੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੇਪੜੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਪੇਪੜੀ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਖਣਿਜ ਕਿਸ ਕਾਰਜ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵਾਂ ਦੇ ਪਾਲਣ ਪੋਸ਼ਣ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਮਿੱਟੀ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੱਟਾਨਾਂ ਦੇ ਟੁੱਟਣ ਦੇ ਬਾਅਦ ਅੰਤ ਵਿੱਚ ਬਚੇ ਮਹੀਣ ਕਣ ਮਿੱਟੀ ਕਹਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਕਿਹੜੇ ਪੌਦੇ ਮਿੱਟੀ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਲਾਈਕੇਨ, ਮਾਂਸ ਅਤੇ ਹੋਰ ਛੋਟੇ-ਵੱਡੇ ਪੇੜ-ਪੌਦੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਮੱਲੜ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਗਲੇ-ਸੜੇ ਜੀਵਾਂ ਦੇ ਅੰਸ਼ ਨੂੰ ਮੱਲ੍ਹੜ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਗੁਣ ਕਿਸ-ਕਿਸ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੱਲੜ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਅਤੇ ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਕਿਸ ’ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਹਨਾਂ ਚੱਟਾਨਾਂ ‘ਤੇ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਟੁੱਟ ਕੇ ਮਿੱਟੀ ਬਣੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਕਿੰਨੇ ਪ੍ਰਤੀਸ਼ਤ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
78% (ਲਗਪਗ) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਜੀਵਨ ਦੇ ਲਈ ਕਿਸ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰੋਟੀਨ, ਨਿਊਕਲੀ ਅਮਲ, DNA, RNA ਅਤੇ ਵਿਟਾਮਿਨ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਨੂੰ ਸਥਿਰ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਕਿੱਥੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਫਲੀਦਾਰ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀਆਂ ਜੜਾਂ ਦੀਆਂ ਜੜ੍ਹ ਰੀਥੀਕਾਵਾਂ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਕਿੰਨੇ ਪ੍ਰਤੀਸ਼ਤ ਆਕਸੀਜਨ ਗੈਸ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
21% (ਲਗਪਗ) ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਆਕਸੀਜਨ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਿਹੜੀਆਂ ਤਿੰਨ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆਵਾਂ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਾਹ ਕਿਰਿਆ, ਦਹਿਣ ਅਤੇ ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਆਕਸਾਈਡ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਵਿੱਚ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 13 ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 13 ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 13 ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ

ਵੱਡੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ ਅਤੇ ਅਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ ਕਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ? ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ ਕਿਵੇਂ ਫੈਲਦੇ ਹਨ ? ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ – ਇਹ ਅਜਿਹੇ ਰੋਗ ਹਨ ਜੋ ਸੂਖ਼ਮਜੀਵਾਂ, ਵਿਸ਼ਾਣੂਆਂ, ਜੀਵਾਣੁਆਂ, ਉੱਲੀਆਂ ਅਤੇ ਪ੍ਰੋਟੋਜ਼ੋਆ। ਦੁਆਰਾ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਰੋਗਾਣੂ ਹਵਾ, ਪਾਣੀ, ਭੋਜਨ, ਸੰਪਰਕ ਅਤੇ ਕੀੜਿਆਂ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਰੋਗ ਬਿਮਾਰ ਵਿਅਕਤੀ ਤੋਂ ਸਿਹਤਮੰਦ ਵਿਅਕਤੀ ਵਿੱਚ ਸੰਚਾਰਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਇਹਨਾਂ ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗਾਂ ਨੂੰ ਸੰਚਰਨੀ ਰੋਗ ਵੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਅਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ – ਇਹ ਰੋਗ ਬਿਮਾਰ ਵਿਅਕਤੀ ਤੋਂ ਦੂਸਰੇ ਸਿਹਤਮੰਦ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ । ਇਸ ਲਈ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਅਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਡਾਇਬੀਟੀਜ਼, ਕੈਂਸਰ, ਅਮੀਨੀਆ, ਕਵਾਸ਼ਿਓਰਕਰ ਆਦਿ ।
ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਫੈਲਣ ਦੀ ਵਿਧੀ-ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ ਰੋਗੀ ਵਿਅਕਤੀ ਤੋਂ ਸਿਹਤਮੰਦ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਦੋ ਪ੍ਰਕਾਰ ਨਾਲ ਫੈਲਦੇ ਹਨ-
(i) ਪ੍ਰਤੱਖ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ
(ii) ਅਪ੍ਰਤੱਖ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ ।

(i) ਪ੍ਰਤੱਖ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ – ਇਹ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਢੰਗਾਂ ਦੁਆਰਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ-

  1. ਇਹ ਰੋਗੀ ਵਿਅਕਤੀ ਦੇ ਖਾਂਸੀ ਕਰਨ, ਛਿੱਕ ਮਾਰਨ ਅਤੇ ਗੱਲਾਂ ਕਰਨ ਆਦਿ ਨਾਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਡਰੋਪਲੇਟ (Droplet) ਸੰਕਰਮਣ ਵੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
  2. ਰੋਗੀ ਵਿਅਕਤੀ ਦੁਆਰਾ ਸਿਹਤਮੰਦ ਵਿਅਕਤੀ ਨਾਲ ਛੂਹਣ ਤੇ ਵੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  3. ਇਹ ਵਿਅਕਤੀ ਦਾ ਭੁਮੀ ਨਾਲ ਸੰਪਰਕ ਹੋਣ ‘ਤੇ ਵੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  4. ਇਹ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਕੱਟਣ ਤੇ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  5. ਇਹ ਲਹੁ ਦੁਆਰਾ ਸੰਚਾਰਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

(ii) ਅਪ੍ਰਤੱਖ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ – ਇਹ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਢੰਗਾਂ ਨਾਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ-

  1. ਇਹ ਕੀਟਾਂ ਅਤੇ ਹੋਰ ਜੰਤੂਆਂ ਦੁਆਰਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  2. ਇਹ ਦੂਸ਼ਿਤ ਪਾਣੀ, ਭੋਜਨ ਅਤੇ ਹਵਾ ਦੁਆਰਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  3. ਇਹ ਧੂੰਆਂ ਅਤੇ ਧੂੜ ਆਦਿ ਦੁਆਰਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਰੋਗਾਂ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਜਾਂ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਫੈਲਣ ਤੋਂ ਰੋਕਣ ਲਈ ਕੁੱਝ ਉਪਾਅ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਰੋਗਾਂ ਨੂੰ ਫੈਲਣ ਤੋਂ ਰੋਕਣ ਦੇ ਉਪਾਅ-

  1. ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਸਾਫ਼-ਸੁਥਰਾ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਸਾਫ਼ ਕੱਪੜੇ ਪਹਿਣਨੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  2. ਭੋਜਨ ਸੰਤੁਲਿਤ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤਾਂਕਿ ਸਰੀਰ ਦੀ ਪਾਕਿਰਤਕ ਤੀਰੱਖਿਆ ਠੀਕ ਬਣੀ ਰਹੇ ।
  3. ਖਾਧ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਮੱਖੀਆਂ, ਮੱਛਰਾਂ, ਧੂੜ-ਕਣਾਂ ਆਦਿ ਤੋਂ ਬਚਾ ਕੇ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਘਰ ਅਤੇ ਆਂਢ-ਗੁਆਂਢ ਵਿੱਚ ਸਫ਼ਾਈ ਦਾ ਖਾਸ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤਾਂਕਿ ਮੱਛਰ ਉੱਥੇ ਆਪਣਾ ਵਾਧਾ ਨਾ ਕਰ ਸਕਣ ।
  5. ਸੀਵਰ ਵਿਵਸਥਾ ਬਹੁਤ ਵਧੀਆ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਮਲ-ਮੂਤਰ ਦਾ ਵਿਸਰਜਨ ਠੀਕ ਹੋਵੇ ।
  6. ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਮਲ-ਮੂਤਰ ਅਤੇ ਘਰੇਲੂ ਫਾਲਤੂ ਕੂੜਾ-ਕਰਕਟ ਆਦਿ ਦਾ ਨਿਪਟਾਰਾ ਠੀਕ ਢੰਗ ਨਾਲ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  7. ਖੁੱਲ੍ਹੇ ਸਥਾਨ ‘ਤੇ ਮਲ-ਤਿਆਗ ਨਾਲ ਵਾਤਾਵਰਨ ਦੂਸ਼ਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਨਦੀਆਂ ਨਾਲਿਆਂ ਦਾ ਜਲ ਵੀ ਦੁਸ਼ਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਘੱਟ ਲਾਗਤ ਵਾਲੇ ਢੱਕੇ ਪਖਾਣਿਆਂ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  8. ਸਿਗਰੇਟ, ਸ਼ਰਾਬ ਜਾਂ ਹੋਰ ਨਸ਼ੀਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦਾ ਸੇਵਨ ਨਹੀਂ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  9. ਸਰੀਰਕ ਸੰਬੰਧ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਣ ਵਾਲੇ ਸਿਫਲਿਸ, ਗੋਨੋਰੀਆ, ਏਡਜ਼ ਵਰਗੇ ਰੋਗਾਂ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ, ਸੰਜਮ ਅਤੇ ਸਾਫ਼ਸੁਥਰੀ ਜੀਵਨ ਪੱਧਤੀ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  10. ਵਿਅਕਤੀਗਤ ਅਤੇ ਸਮੁਦਾਇਕ ਪੱਧਰ ‘ਤੇ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਵਧੀਆ ਸਿਹਤ ਨੂੰ ਬਚਾ ਕੇ ਰੱਖਣ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਮੂਲ ਪਰਿਸਥਿਤੀਆਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕਿਸੇ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਸਿਹਤ ਉਸਦੇ ਸਰੀਰਕ, ਮਾਨਸਿਕ ਅਤੇ ਸਮਾਜਿਕ ਜੀਵਨ ਸਮਰੱਥਾ ਦੀ ਆਮ ਸਥਿਤੀ ਹੈ । ਵਧੀਆ ਸਿਹਤ ਹੋਣ ਤੇ ਹੀ ਅਸੀਂ ਵਿਅਕਤੀਗਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ, ਇਕ ਸਮਾਜ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ, ਇਕ ਰਾਸ਼ਟਰ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ, ਆਪਣੀ ਸਮਰੱਥਾ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ | ਖ਼ਰਾਬ ਸਿਹਤ ਤੇ ਰੋਗਾਂ ਤੋਂ ਮੁਕਤੀ ਵਧੀਆ ਸਿਹਤ ਦੇ ਲੱਛਣ ਹਨ । ਚਿੰਤਾਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮਾਜਿਕ ਅਤੇ ਮਨੋਵਿਗਿਆਨਿਕ ਤਣਾਅ ਤੋਂ ਆਜ਼ਾਦੀ ਇੱਕ ਵਧੀਆ ਸਿਹਤ ਦੇ ਲੱਛਣ ਹਨ | ਵਧੀਆ ਸਿਹਤ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਮੂਲ ਪਰਿਸ਼ਥਿਤੀਆਂ ਹਨ-

1. ਵਧੀਆ ਭੋਜਨ – ਵਧੀਆ ਸਿਹਤ ਲਈ ਸੰਤੁਲਿਤ ਭੋਜਨ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਸੰਤੁਲਿਤ ਭੋਜਨ ਨਾਲ ਹੀ ਸਾਨੂੰ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਮਿਲਦੇ ਹਨ ਜੋ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਸੰਕਰਮਣ ਤੋਂ ਬਚਾਉਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਰੋਗ ਸੁਰੱਖਿਆ ਨੂੰ ਮਜ਼ਬੂਤੀ ਪ੍ਰਵਾਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

2. ਵਿਅਕਤੀਗਤ ਅਤੇ ਘਰੇਲੂ ਸਿਹਤ ਵਿਗਿਆਨ – ਸਿਹਤ ਵਿਅਕਤੀਗਤ ਅਤੇ ਸਮੁਦਾਇਕ ਪੱਧਰ ‘ਤੇ ਠੀਕ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਵਿਅਕਤੀਗਤ ਪੱਧਰ ‘ਤੇ ਸਰੀਰ ਸਾਫ਼ ਰੱਖਣਾ, ਸਾਫ਼-ਸੁਥਰੇ ਕੱਪੜੇ ਪਹਿਨਣਾ, ਸੰਤੁਲਿਤ ਆਹਾਰ ਲੈਣਾ ਅਤੇ ਮਾਦਕ ਅਤੇ ਸੰਵੇਦਨਾਮੰਦਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਤੋਂ ਦੂਰ ਰਹਿਣਾ ਆਦਿ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ | ਘਰੇਲੁ ਸਿਹਤ ਦੇ ਅੰਤਰਗਤ, ਘਰੇਲੂ ਫਾਲਤੂ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦਾ ਨਿਪਟਾਰਾ, ਮਲ-ਮੂਤਰ ਤਿਆਗਣ ਅਤੇ ਵਿਸਰਜਨ ਦਾ ਠੀਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਅਤੇ ਖਾਧ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਜੀਵਾਣੂਆਂ ਅਤੇ ਰੋਗਾਣੂਆਂ ਤੋਂ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਰੱਖਣਾ ਆਦਿ ਪ੍ਰਬੰਧਨ ਆਉਂਦੇ ਹਨ ! ਸੁਖਮਜੀਵ ਹੀ ਸਾਡੇ ਭੋਜਨ ਨੂੰ ਸੰਮਿਤ ਕਰਕੇ ਖ਼ਰਾਬ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਖਾਧ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਜਾਲੀਦਾਰ ਅਲਮਾਰੀ ਵਿਚ ਰੱਖਣ ਨਾਲ ਮੱਖੀਆਂ ਅਤੇ ਕੀਟਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਮਲ-ਮੂਤਰ ਤਿਆਗਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਅਤੇ ਭੋਜਨ ਹਿਣ ਕਰਨ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਹੱਥਾਂ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਾਬਣ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਧੋਣ ਨਾਲ ਸੁਖਮਜੀਵਾਂ ਤੋਂ ਕੁੱਝ ਹੱਦ ਤਕ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

3. ਸਾਫ਼ ਭੋਜਨ, ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਹਵਾ – ਬਾਜ਼ਾਰ ਵਿੱਚੋਂ ਫਲ, ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਆਦਿ ਲਿਆਉਣ ਤੇ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਧੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ, ਕਿਉਂਕਿ ਇਹਨਾਂ ਉੱਪਰ ਕੀਟਨਾਸ਼ਕ ਅਤੇ ਧੂੜ ਦੇ ਕਣ ਚਿਪਕੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ, ਸਾਫ਼ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਧੋਣ ਨਾਲ ਇਹ ਵੱਖ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਫਲ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਸੂਖਮ ਜੀਵ, ਕਿਰਮਾਂ ਆਦਿ ਦੇ ਅਸਰ ਤੋਂ ਬਚ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਦਾ ਸਾਫ਼, ਠੰਡੇ ਅਤੇ ਮੱਖੀ ਰਹਿਤ ਸਥਾਨ ‘ਤੇ ਭੰਡਾਰਨ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਉਬਾਲ ਕੇ, ਛਾਣ ਕੇ ਪੀਣ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਕੀਟਾਣੂ ਰਹਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬਿਮਾਰੀ ਵਾਲੇ ਦਿਨਾਂ ਵਿੱਚ ਇਹ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ਕਿ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਉਬਾਲ ਕੇ ਹੀ ਵਰਤਿਆ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਅਜਿਹਾ ਕਰਨ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਜੀਵਾਣੂਆਂ ਤੋਂ ਮੁਕਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬਰਤਨ ਧੋਣ, ਖਾਣਾ ਪਕਾਉਣ ਅਤੇ ਪੀਣ ਆਦਿ ਲਈ ਕਦੇ ਵੀ ਤਾਲਾਬਾਂ ਜਾਂ ਨਦੀ ਦਾ ਪਾਣੀ ਨਹੀਂ ਵਰਤਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਜਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸ਼ੁੱਧ ਭੋਜਨ ਅਤੇ ਪਾਣੀ, ਜੀਵਨ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ, ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸ਼ੁੱਧ, ਸਾਫ਼ ਅਤੇ ਤਾਜ਼ੀ ਹਵਾ ਵੀ ਸਿਹਤ ਲਈ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹੈ । ਇਹੀ ਸ਼ੁੱਧ ਹਵਾ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਭੋਜਨ ਦਾ ਦਹਿਣ ਕਰਕੇ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਹਵਾ ਵਿਚ ਸਾਹ ਲੈਣ ਤੇ ਸ਼ਵਸਨ ਰੋਗ (ਸਾਹ ਰੋਗ) ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਤੰਬਾਕੂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨ ਵਾਲਿਆਂ ਵਿੱਚ ਕੈਂਸਰ ਅਤੇ ਦਿਲ ਦੇ ਰੋਗਾਂ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਵਧੇਰੇ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਧੂੰਆਂ ਰਹਿਤ ਚੁੱਲ੍ਹੇ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ ਧੂੰਏਂ ਦੇ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਪ੍ਰਭਾਵਾਂ ਤੋਂ ਔਰਤਾਂ ਨੂੰ ਬਚਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

4. ਕਸਰਤ, ਵਿਸ਼ਰਾਮ ਅਤੇ ਨਸ਼ੇ – ਨਿਯਮਿਤ ਕਸਰਤ, ਸਰੀਰ ਅਤੇ ਦਿਮਾਗ ਨੂੰ ਸਿਹਤਮੰਦ ਰੱਖਦੀ ਹੈ । ਸਮੇਂ ਸਿਰ ਕਸਰਤ, ਵਿਸ਼ਰਾਮ ਅਤੇ ਸੌਣਾ, ਸਰੀਰਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਨੂੰ ਚੰਗੇ ਢੰਗ ਨਾਲ ਕੰਮ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਹੈ । ਵਧੀਆ ਸਿਹਤ ਹੋਣ ਤੇ ਵੀ ਜੇ ਕਿਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਨਸ਼ੇ ਦੀ ਆਦਤ ਪੈ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਮਾਨਸਿਕ ਤੇ ਸਰੀਰਕ ਰੋਗ ਪੈਦਾ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਤੰਬਾਕੂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਾਰਨ ਮੂੰਹ ਅਤੇ ਫੇਫੜਿਆਂ ਦਾ ਕੈਂਸਰ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸ਼ਰਾਬ ਦਿਮਾਗ਼ ਦੀ ਜਾਗਰੂਕਤਾ ਨੂੰ ਘੱਟ ਕਰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸਦਾ ਵਧੇਰੇ ਸੇਵਨ ਜਿਗਰ ਵਿੱਚ ਵਿਗਾੜ ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਹਨਾਂ ਮਾਦਕ ਅਤੇ ਨਸ਼ੀਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਆਦਤ ਤੋਂ ਬਚਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸਿਹਤ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ
-ਸਿਹਤ-ਸਿਹਤ ਮਨੁੱਖੀ ਸਰੀਰ ਦੇ ਸਾਰੇ ਅੰਗਾਂ ਅਤੇ ਤੰਤਰਾਂ ਦੇ ਠੀਕ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕੰਮ ਕਰਨ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਹੈ । ਕਿਸੇ ਵੀ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਸਿਹਤ ਉਸਦੇ ਸਰੀਰਕ, ਮਾਨਸਿਕ ਅਤੇ ਸਮਾਜਿਕ ਜੀਵਨ ਸਮਰੱਥਾ ਦੀ ਆਮ ਸਥਿਤੀ ਹੈ ।ਉਦੇਸ਼ਪੂਰਨ ਜੀਵਨ ਬਤੀਤ ਕਰਨ ਲਈ ਵਧੀਆ ਸਿਹਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਰੋਗਾਂ ਤੋਂ ਮੁਕਤੀ ਵਧੀਆ ਸਿਹਤ ਦੇ ਲੱਛਣ ਹਨ ਪਰ ਸਿਹਤਮੰਦ ਹੋਣ ਲਈ ਚਿੰਤਾਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮਾਜਿਕ ਅਤੇ ਮਨੋਵਿਗਿਆਨਿਕ ਤਣਾਵਾਂ ਤੋਂ ਆਜ਼ਾਦੀ ਵੀ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਸਿਹਤ ਵਧੀਆ ਹੋਣ ‘ਤੇ ਅਸੀਂ ਵਿਅਕਤੀ, ਸਮਾਜ ਅਤੇ ਇਕ ਰਾਸ਼ਟਰ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਆਪਣੀ ਸਮਰੱਥਾ ਦਾ ਵਧੀਆ ਉਪਯੋਗ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਵਿਅਕਤੀਗਤ ਪੱਧਰ ‘ ਤੇ ਵਧੀਆ ਸਿਹਤ ਦੇ ਲਈ ਸਾਡੇ ਕੀ ਕਰਤੱਵ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਿਅਕਤੀਗਤ ਪੱਧਰ ‘ਤੇ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਸਾਫ਼ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਧੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤਾਂਕਿ ਉਸ ‘ਤੇ ਚਿਪਕੀ ਧੂੜ ਚੰਆਦਿ ਸਾਫ਼ ਹੋ ਜਾਵੇ ਚਮੜੀ ਸਾਫ਼ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਦੁਰਗੰਧ ਨਹੀਂ ਆਉਂਦੀ ਅਤੇ ਚਮੜੀ ਰੋਗ ਆਦਿ ਲੱਗਣ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਸਾਡੇ ਕੱਪੜੇ ਸਾਫ਼ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ | ਬਰਤਨ ਅਤੇ ਖਾਧ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਮੱਖੀਆਂ ਅਤੇ ਕੀਟਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾ ਕੇ ਜਾਲੀਦਾਰ ਅਲਮਾਰੀ ਵਿੱਚ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਮਲ-ਮੂਤਰ ਤਿਆਗਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਅਤੇ ਭੋਜਨ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਹੱਥ ਸਾਬਣ ਨਾਲ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧੋ ਲੈਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ਤਾਂਕਿ ਇਹ ਰੋਗਾਣੂ ਮੁਕਤ ਹੋ ਜਾਣ । ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਉਬਾਲ ਕੇ ਪੀਣਾ ਲਾਭਦਾਇਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ ਅਤੇ ਅਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗਾਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਛੂਤ ਅਤੇ ਅਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗਾਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ (Communicable Diseases) ਅਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ (Non-Communicable Diseases)
(1) ਇਹ ਰੋਗ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਰੋਗਾਣੂਆਂ ਦੇ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰ ਜਾਣ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । (1) ਇਹ ਰੋਗ ਹੋਰ ਕਾਰਨਾਂ ਤੋਂ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੇ ਹਨ-ਜਿਵੇਂ ਢਾਹ-ਉਸਾਰ ਕਿਰਿਆ, ਸੰਤੁਲਿਤ ਭੋਜਨ ਨਾ ਮਿਲਣਾ, ਸਰੀਰ ਦੇ ਕਿਸੇ ਭਾਗ ਵਿਚ ਬੇਕਾਬੂ ਸੈੱਲ ਵਿਭਾਜਨ ਆਦਿ।
(2) ਰੋਗ ਦਾ ਫੈਲਾਅ ਹਵਾ, ਪਾਣੀ, ਦੁੱਧ, ਭੋਜਨ ਅਤੇ ਮਾਤਾ ਦੇ ਪਲੇਸੈਂਟਾਂ ਤੋਂ ਭਰੂਣ ਵਿੱਚ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ । (2) ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਫੈਲਣ ਲਈ ਕਿਸੇ ਮਾਧਿਅਮ ਦੀ ਲੋੜ ਨਹੀਂ ਹੈ ।
(3) ਇਹ ਰੋਗ ਇਕ ਵਿਅਕਤੀ ਤੋਂ ਦੂਸਰੇ ਵਿਅਕਤੀ ਵਿੱਚ ਸੰਪਰਕ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਦੇ ਹਨ । (3) ਇਹ ਰੋਗ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਸੰਪਰਕ ਦੁਆਰਾ ਨਹੀਂ ਫੈਲਦੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਸੂਖਮਜੀਵ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਸਾਧਨਾਂ ਰਾਹੀਂ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰਦੇ ਹਨ ? ਹਰੇਕ ਦਾ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਖਮਜੀਵ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਹਵਾ, ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਭੋਜਨ ਦੁਆਰਾ, ਛੂਹਣ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਆਮ ਸਰਦੀ ਜਾਂ ਜ਼ੁਕਾਮ ਵਿੱਚ ਵਾਇਰਸ ਹਵਾ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਦੇ ਹਨ । ਹੈਜ਼ੇ, ਆਂਤ ਸ਼ੋਥ ਅਤੇ ਮਿਆਦੀ ਬੁਖ਼ਾਰ ਦੇ ਜੀਵਾਣੁ ਭੋਜਨ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਮਾਧਿਅਮ ਰਾਹੀਂ ਫੈਲਦੇ ਹਨ ਜਾਂ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਰਿੰਗਵਰਮ ਇੱਕ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਉੱਲੀ ਦਾ ਸੰਕਰਮਣ ਹੈ । ਇਹ ਚਮੜੀ ਦੇ ਸਪਰਸ਼ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਦੇ ਹਨ । ਸਿਫਲਿਸ, ਗੋਨੋਰੀਆ ਵਰਗੇ ਯੌਨ ਰੋਗ ਜੀਵਾਣੂਆਂ ਰਾਹੀਂ ਫੈਲਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਏਡਜ਼ ਵਾਇਰਸ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਡਾਇਰੀਆ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸ ਤੋਂ ਬੱਚੇ ਨੂੰ ਬਚਾਉਣ ਦੀ ਵਿਧੀ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਡਾਇਰੀਆ (Diarrohea) – ਡਾਇਰੀਆ ਦੇ ਕਾਰਨ ਬੱਚੇ ਉਲਟੀ ਤੇ ਦਸਤ ਕਰਨ ਲੱਗਦੇ ਹਨ ਜਿਸਦੇ ਸਿੱਟੇ ਵਜੋਂ ਉਸ ਵਿੱਚ ਨਿਰਜਲੀਕਰਨ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਨਿਰਜਲੀਕਰਨ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਬੱਚੇ ਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੀ ਵਿਧੀ ਦੁਆਰਾ ਤਿਆਰ ਕੀਤਾ ਘੋਲ ਇੱਕ ਦਿਨ ਵਿੱਚ 5-6 ਵਾਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਇਕ ਗਿਲਾਸ ਵਿੱਚ ਸਾਫ਼ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਤਿੰਨ ਚਮਚ ਚੀਨੀ, ਇੱਕ ਚੌਥਾਈ ਚਮਚ ਨਮਕ, ਇਕ ਚੁਟਕੀ ਖਾਣ ਵਾਲਾ ਸੋਡਾ ਅਤੇ ਕੁੱਝ ਬੂੰਦਾਂ ਨਿੰਬੂ ਦੇ ਰਸ ਦੀਆਂ ਮਿਲਾ ਕੇ ਘੋਲ ਤਿਆਰ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਸੁਪ, ਦਾਲ, ਚਾਵਲ ਦਾ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਛਾਛ (ਲੱਸੀ) ਵੀ ਪਾਣੀ ਦੀ ਕਮੀ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 13 ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਇਕ ਸਾਲ ਦੇ ਬੱਚੇ ਨੂੰ ਲੱਗਣ ਵਾਲੇ ਟੀਕੇ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. B.C.G. – ਇਹ ਟੀਕਾ ਸ਼ੁਰੂ ਵਿੱਚ ਹੀ ਟੀ.ਬੀ. ਤੋਂ ਬਚਾਉ ਲਈ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  2. ਖਸਰੇ ਦਾ ਟੀਕਾ-ਇਹ ਛੋਟੀ ਮਾਤਾ ਜਾਂ ਖਸਰੇ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  3. ਪੋਲੀਓ-ਇਸਦੀ ਦਵਾਈ ਮੂੰਹ ਦੁਆਰਾ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਮਹੀਨੇ ਦੇ ਅੰਤਰ ਤੇ ਇਸ ਨੂੰ ਤਿੰਨ ਵਾਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. D.P.T. – ਦੇ ਤਿੰਨ ਟੀਕੇ ਇੱਕ-ਇੱਕ ਮਹੀਨੇ ਦੇ ਅੰਤਰ ਤੇ ਦਿੱਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਨਾਲ ਬੱਚਾ ਡਿਪਥੀਰੀਆ, ਕਾਲੀ ਖੰਘ ਅਤੇ ਟੈਟਨਸ ਤੋਂ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਟੀ. ਬੀ. ਰੋਗ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਅੰਗਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ? ਇਹ ਕਿਵੇਂ ਫੈਲਦਾ ਹੈ ? ਇਸ ਤੋਂ ਕਿਵੇਂ ਬਚਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਟੀ.ਬੀ. ਰੋਗ ਮੁੱਖ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਫੇਫੜਿਆਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ਪਰ ਬਾਅਦ ਵਿਚ ਲਿੰਫ਼ਨੋਡ, ਦਿਮਾਗ, ਹੱਡੀਆਂ ਅਤੇ ਆਂਦਰਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
ਇਹ ਰੋਗ ਬੁੱਕ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਦਾ ਹੈ ।
ਇਸ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਬੀ. ਸੀ. ਜੀ. (B.C.G.) ਦੇ ਟੀਕੇ ਲਗਵਾਉਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਜੇ ਕਿਸੇ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਕੁੱਤਾ ਕੱਟ ਲਵੇ ਤਾਂ ਕੀ ਉਪਾਅ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੁੱਤੇ ਦੇ ਕੱਟਣ ਤੋਂ ਬਣੇ ਜ਼ਖ਼ਮ ਨੂੰ ਸਾਬਣ ਅਤੇ ਸਾਫ਼ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਧੋ ਕੇ ਰੋਗਾਣੂ ਨਾਸ਼ਕ ਦਵਾਈ ਲਗਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਜੇ ਕੱਟਣ ਵਾਲਾ ਕੁੱਤਾ ਪਾਗਲ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਕੱਟੇ ਗਏ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਡਾਕਟਰ ਦੀ ਸਲਾਹ ਨਾਲ ਐਂਟੀਰੇਬੀਜ਼ ਟੀਕੇ ਜ਼ਰੂਰ ਲਗਵਾ ਲੈਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਟੀਕੇ ‘ਤੇ ਤਾਪਮਾਨ ਅਤੇ ਸਮੇਂ ਸੀਮਾ ਦਾ ਕੀ ਅਸਰ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਟੀਕੇ ‘ਤੇ ਤਾਪਮਾਨ ਦਾ ਅਸਰ ਪੈਂਦਾ ਹੈ । ਉਸ ਨੂੰ ਘੱਟ ਤਾਪਮਾਨ ‘ਤੇ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਉੱਚ ਤਾਪਮਾਨ ‘ਤੇ ਇਹ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਦਾ ਸੰਭਾਲ ਸਮਾਂ ਸੀਮਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਵਧੇਰੇ ਸਮੇਂ ਤਕ ਇਹਨਾਂ ਦੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਵਾਹਕ (Vector) ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਾਹਕ (Vector) – ਬਿਮਾਰੀ ਫੈਲਾਉਣ ਵਾਲੇ ਸੂਖਮਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਇਕ ਸਥਾਨ ਤੋਂ ਦੂਸਰੇ ਸਥਾਨ ਤਕ ਲੈ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਵਾਹਕ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ | ਘਰੇਲੂ ਮੱਖੀ ਹੈਜ਼ੇ, ਪੇਚਿਸ, ਆਦਿ ਦੇ ਕੀਟਾਣੂਆਂ ਨੂੰ ਇਕ ਸਥਾਨ ਤੋਂ ਦੂਸਰੇ ਸਥਾਨ ‘ਤੇ ਲੈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਮਾਦਾ ਐਨਾਫਲੀਜ਼ ਮੱਛਰ ਮਲੇਰੀਆ ਨੂੰ ਫੈਲਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਏਡੀਜ਼ ਮੱਛਰ ਡੇਂਗੂ ਫੈਲਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਐਂਟੀਬਾਇਓਟਿਕ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ? ਇਹ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਆਪਣਾ ਕੰਮ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਐਂਟੀਬਾਇਓਟਿਕ – ਇਹ ਉਹ ਪਦਾਰਥ ਹਨ ਜੋ ਸੂਖਮਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਪੈਦਾ ਕੀਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਹ ਸੂਖਮਜੀਵਾਂ ਦੇ ਵਾਧੇ ਨੂੰ ਰੋਕਦੇ ਹਨ । ਪੈਨਸੀਲੀਨ ਅਜਿਹਾ ਪਹਿਲਾ ਪ੍ਰਤੀ ਜੈਵਿਕ ਪਦਾਰਥ ਹੈ ਜੋ ਮਨੁੱਖ ਦੁਆਰਾ ਵਰਤੋਂ ਲਈ ਤਿਆਰ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ । ਐਂਟੀਬਾਇਓਟਿਕ ਆਮ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਦੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਜੈਵ-ਰਸਾਇਣਿਕ ਮਾਰਗ ਨੂੰ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਅਨੇਕਾਂ ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਆਪਣੀ ਰੱਖਿਆ ਲਈ ਇੱਕ ਕੋਸ਼ਿਕਾ ਭਿੱਤੀ ਬਣਾ ਲੈਂਦੇ ਹਨ ਪਰ ਐਂਟੀਬਾਇਓਟਿਕ ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਕਾ ਵਿੱਤੀ ਬਣਾਉਣ ਵਾਲੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਵਾਪਸ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਇਹ ਸਰਲਤਾ ਨਾਲ ਮਰ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਕੁੱਝ ਆਮ ਰੋਗਾਂ ਨੂੰ ਵਰਗੀਕਰਨ ਕਰੋ ਜੋ ਕਾਰਨਾਤਮਕ ਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
(ਉ) ਜੀਵਾਣੂਆਂ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਾਏ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਰੋਗ – ਜਿਹੜੀਆਂ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਜੀਵਾਣੁਆਂ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਦੀਆਂ ਹਨ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਬੈਕਟੀਰੀਅਲ ਰੋਗ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ ਟੀ.ਬੀ. ਹੈਜ਼ਾ, ਟਾਈਫਾਈਡ, ਦਸਤ, ਟੈਟਨਸ, ਡਿਪਥੀਰੀਆ ਆਦਿ ।

(ਅ) ਵਿਸ਼ਾਣੂਆਂ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਾਏ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਰੋਗ – ਜੋ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਵਾਇਰਸ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਦੀਆਂ ਹਨ, ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਵਾਇਰਸ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਪੋਲੀਓ, ਚਿਕਨ ਪਾਕਸ, ਰੇਬੀਜ਼, ਜੁਕਾਮ, ਖਸਰਾ, ਏਡਜ਼ ਆਦਿ ।

(ੲ) ਪ੍ਰੋਟੋਜ਼ੋਆ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਾਏ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਰੋਗ – ਜੋ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਪ੍ਰੋਟੋਜ਼ੋਆ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਦੀਆਂ ਹਨ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰੋਟੋਅਨ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਡਾਇਰੀਆ, ਗੈਸਟਰੋਇੰਟਾਇਟਿਸ, ਮਲੇਰੀਆ ਆਦਿ ।

(ਸ) ਉੱਲੀਆਂ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਾਏ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਰੋਗ – ਇਹ ਰੋਗ ਉੱਲੀਆਂ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਉੱਲੀ ਰੋਗ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਜਿਵੇਂ ਦਾਦ, ਚਮੜੀ ਰੋਗ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਜ਼ੁਕਾਮ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਹੈ, ਇਸ ‘ਤੇ ਵਿਚਾਰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜ਼ੁਕਾਮ ਅਜਿਹੀ ਬਿਮਾਰੀ ਹੈ ਜੋ ਸ਼ਾਇਦ ਵਿਸ਼ਵ ਦੇ ਸਾਰੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਕਦੇ ਨਾ ਕਦੇ ਸੰਕਰਮਿਤ ਕਰ ਚੁੱਕੀ ਹੈ । ਇਸਦੇ ਲਈ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਵਾਇਰਸ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬਚਾਉਣਾ ਬਹੁਤ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਭਾਵ ਕਾਰਨ ਸਾਹ ਨਲੀ ਦੀ ਉੱਪਰਲੀ ਸਲੇਸ਼ਮਾ ਤਿੱਲੀ, ਨੱਕ ਅਤੇ ਗਲਾ ਸੰਕਰਮਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਨੱਕ ਅਤੇ ਅੱਖਾਂ ਵਿਚੋਂ ਤਰਲ ਪਦਾਰਥ ਨਿਕਲਦਾ ਹੈ । ਸਰੀਰ ਦੇ ਸੰਕਰਮਿਤ ਭਾਗ ‘ਤੇ ਜਲਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਕੁੱਝ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਦਵਾਈਆਂ ਨਾਲ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਕੁੱਝ ਹੱਦ ਤਕ ਘੱਟ ਕਰਨ ਵਿਚ ਸਹਾਇਤਾ ਮਿਲਦੀ ਹੈ । ਵਿਟਾਮਿਨ ‘ਸੀਂ ਇਸ ਦੇ ਲਈ ਉਪਯੋਗੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਟੀਕਾਕਰਣ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਟੀਕਾਕਰਣ (Vaccination) – ਅੱਜਕਲ੍ਹ ਰੋਗਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਜਾਂ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਉਪਚਾਰ ਲਈ ਟੀਕਾਕਰਣ ਦੀ ਬਹੁਤ ਸਹਾਇਤਾ ਲਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਸੰਰੋਪਣ ਸਿਹਤਮੰਦ ਵਿਅਕਤੀ ਦੇ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰਵਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂਕਿ ਉਸ ਦੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਉਸ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਬਿਮਾਰੀ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਤੀਰੱਖਿਅਕ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਵੇ ।ਟੀਕਾਕਰਣ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿਚ ਕਿਸੇ ਸੂਖ਼ਮਜੀਵ ਦੀ ਜੀਵਤ ਜਾਂ ਮਰੇ ਹੋਇਆਂ ਦੀ ਕੁੱਝ ਮਾਤਰਾ ਨੂੰ ਵਿਅਕਤੀ ਦੇ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਪਹੁੰਚਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜੋ ਬਿਮਾਰੀ ਦੇ ਉਲਟ ਪਤੀਰੱਖਿਆ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਬਾਹਰੀ ਸੂਖ਼ਮਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਟੀਕੇ ਵਿਚ ਰੋਗ ਵਾਹਕ ਸੂਖ਼ਮਜੀਵ ਘੱਟ ਸੰਘਣੀ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਸਮੁਦਾਇਕ ਸਿਹਤ ਦੀ ਦੇਖਭਾਲ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਤੱਤ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਮੁਦਾਇਕ ਸਿਹਤ ਦੀ ਦੇਖਭਾਲ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਤੱਤ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਹਨ-

  1. ਜਨਤਾ ਦੇ ਲਈ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਸਾਫ਼ ਪੀਣ ਦਾ ਪਾਣੀ ।
  2. ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਅਲਪਪੋਸ਼ਣ ਅਤੇ ਕੁਪੋਸ਼ਣ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਪੌਸ਼ਟਿਕ ਭੋਜਨ ਅਤੇ ਦੁੱਧ ।
  3. ਸਿਹਤ ਸਿੱਖਿਆ ।
  4. ਡਾਕਟਰੀ ਸਹਾਇਤਾ ਅਤੇ ਇਲਾਜ ।
  5. ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਪੋਲੀਓ, ਟੀ.ਬੀ., ਟੈਟਨਸ, ਡਿਪਥੀਰੀਆ, ਹੈਪੇਟਾਈਟਸ ਆਦਿ ਦਾ ਟੀਕਾ ਲਗਾਉਣਾ ।
  6. ਪਰਿਵਾਰ ਨਿਯੋਜਨ ਅਤੇ ਸਲਾਹ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਚੰਗੀ ਸਿਹਤ ਲਈ ਖ਼ੁਸ਼ ਰਹਿਣ ਦੀ ਕਿਉਂ ਲੋੜ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਿਹਤਮੰਦ ਰਹਿਣ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਖੁਸ਼ ਰਹਿਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਜੇ ਕਿਸੇ ਨਾਲ ਸਾਡਾ ਵਿਵਹਾਰ ਠੀਕ ਨਹੀਂ ਹੈ ਅਤੇ ਅਸੀਂ ਇੱਕ-ਦੂਸਰੇ ਤੋਂ ਡਰਦੇ ਹਾਂ ਤਾਂ ਅਸੀਂ ਖ਼ੁਸ਼ ਅਤੇ ਸਿਹਤਮੰਦ ਨਹੀਂ ਰਹਿ ਸਕਦੇ । ਵਿਅਕਤੀਗਤ ਸਿਹਤ ਦੇ ਲਈ ਸਮਾਜਿਕ ਸਮਾਨਤਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਕਈ ਸਮੁਦਾਇਕ ਅਤੇ ਵਿਅਕਤੀਗਤ ਸਮੱਸਿਆਵਾਂ ਸਾਡੀ ਸਿਹਤ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿ ਅਸੀਂ ਹਰ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਖ਼ੁਸ਼ ਰਹਿਣ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰੀਏ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਅਲਪਕਾਲੀਨ ਅਤੇ ਦੀਰਘਕਾਲੀਨ ਰੋਗਾਂ ਵਿਚ ਅੰਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਅਲਪਕਾਲੀਨ ਰੋਗ ਅਤੇ ਦੀਰਘਕਾਲੀਨ ਰੋਗ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਅਲਪਕਾਲੀਨ ਰੋਗ ਦੀਰਘਕਾਲੀਨ ਰੋਗ
(1) ਇਹ ਥੋੜੇ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਠੀਕ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । (1) ਇਹ ਰੋਗ ਬਹੁਤ ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਤਕ ਠੀਕ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ ।
(2) ਇਹ ਰੋਗ ਜੀਵਨ ਭਰ ਨਹੀਂ ਰਹਿੰਦੇ । (2) ਇਹ ਰੋਗ ਜੀਵਨ ਭਰ ਰਹਿ ਸਕਦੇ ਹਨ ।
(3) ਇਹਨਾਂ ਤੋਂ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਹਾਨੀ ਬਹੁਤ ਗੰਭੀਰ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ । ਉਦਾਹਰਨ-ਖਾਂਸੀ, ਜ਼ੁਕਾਮ । (3) ਇਹਨਾਂ ਨਾਲ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਗੰਭੀਰ ਹਾਨੀ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਮੌਤ ਦਾ ਕਾਰਨ ਵੀ ਬਣ ਸਕਦੇ ਹਨ ।
ਉਦਾਹਰਨ-ਟੀ.ਬੀ. ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਵਾਇਰਸ ਤੇ ਐਂਟੀਬਾਇਓਟਿਕ ਦਾ ਅਸਰ ਕਿਉਂ ਨਹੀਂ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਾਇਰਸ ਦੀਆਂ ਜੈਵ-ਪ੍ਰਕਿਰਿਆਵਾਂ ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਤੋਂ ਵੱਖ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਹ ਮੇਜ਼ਬਾਨ ਦੀਆਂ ਕੋਸ਼ਿਕਾਵਾਂ ਵਿਚ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਅਜਿਹਾ ਕੋਈ ਰਸਤਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਵਿਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਇਸੇ ਕਾਰਨ ਕੋਈ ਵੀ ਐਂਟੀਬਾਇਓਟਿਕ ਕਿਸੇ ਵੀ ਵਾਇਰਸ ਸੰਕਰਮਨ ‘ਤੇ ਅਸਰ ਨਹੀਂ ਕਰਦਾ | ਜੇ ਖਾਂਸੀ ਜੁਕਾਮ ਨਾਲ ਪੀੜਿਤ ਹੈ। ਤਾਂ ਐਂਟੀਬਾਇਓਟਿਕ ਲੈਣ ਨਾਲ ਰੋਗ ਦੀ ਤੀਬਰਤਾ ਜਾਂ ਉਸ ਦੀ ਸਮੇਂ ਸੀਮਾ ਵਿੱਚ ਕਮੀ ਨਹੀਂ ਆਵੇਗੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19. ਏਡਜ਼ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸਦੀ ਲਾਗ ਦੇ ਕੀ ਕਾਰਨ ਹਨ ? ਇਸ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਉਪਾਅ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਏਡਜ਼ (AIDS) – ਏਡਜ਼ ਇਕ ਬਹੁਤ ਹੀ ਭਿਆਨਕ ਛੂਤ ਦਾ ਰੋਗ ਹੈ ਜਿਸਦਾ ਉਪਚਾਰ ਅੱਜ ਤਕ ਵਿਗਿਆਨੀਆਂ ਦੁਆਰਾ ਨਹੀਂ ਖੋਜਿਆ ਜਾ ਸਕਿਆ ਹੈ । ਇਸਦਾ ਪੂਰਾ ਨਾਂ Acquired Immuno Deficiency Syndrome ਹੈ, ਜੋ HIV (Human Immuno Virus) ਨਾਂ ਦੇ ਵਿਸ਼ਾਣੂ ਨਾਲ ਫੈਲਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਵਿਸ਼ਾਣੂ ਮਨੁੱਖੀ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਪਹੁੰਚ ਕੇ ਸੁਰੱਖਿਆ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਸਿੱਟੇ ਵਜੋਂ ਸਰੀਰ ਦੀ ਪ੍ਰਤੀਰੋਧਕ ਸਮਰੱਥਾ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਘੱਟ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਵਿਅਕਤੀ ਕਿਸੇ ਵੀ ਰੋਗ ਨਾਲ ਪੀੜਿਤ ਹੋ ਕੇ ਮਰ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਲਾਗ ਦੇ ਕਾਰਨ – ਏਡਜ਼ ਦਾ ਰੋਗ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਕਾਰਨਾਂ ਕਰਕੇ ਹੁੰਦਾ ਹੈ-

  1. ਏਡਜ਼ ਰੋਗ ਨਾਲ ਲਾਗ ਵਾਲੇ ਵਿਅਕਤੀ ਨਾਲ ਲਿੰਗੀ ਸੰਬੰਧ ।
  2. ਏਡਜ਼ ਰੋਗ ਤੋਂ ਪੀੜਿਤ ਰੋਗੀ ਤੋਂ ਖੂਨ ਲੈਣ ਕਾਰਨ ।
  3. ਸਮਲਿੰਗੀ ਸੰਭੋਗ ।
  4. ਏਡਜ਼ ਪੀੜਤ ਮਾਤਾ ਤੋਂ ਨਵੇਂ ਜਨਮੇ ਸ਼ਿਸ਼ੂ ਨੂੰ ।
  5. ਲਾਗ ਵਾਲੀ ਸੂਈ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਤੋਂ ।
  6. ਏਡਜ਼ ਤੋਂ ਪੀੜਿਤ ਮਾਤਾ ਦੁਆਰਾ ਸ਼ਿਸ਼ੂ ਨੂੰ ਆਪਣਾ ਦੁੱਧ ਪਿਲਾਉਣ ਨਾਲ ।

ਰੋਗ ਦੀ ਜਾਂਚ – ਏਡਜ਼ ਦੀ ਜਾਂਚ ELISA ਵਿਧੀ ਨਾਲ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ਬਚਾਅ –

  1. ਲਹੂ ਚੜ੍ਹਾਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਇਹ ਜਾਂਚ ਕਰ ਲੈਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿ ਲਹੂ HIV ਤੋਂ ਮੁਕਤ ਹੈ ।
  2. ਲਿੰਗੀ ਸੰਬੰਧ ਬਹੁਤ ਹੀ ਸਾਵਧਾਨੀ ਪੂਰਵਕ ਬਣਾਉਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  3. ਟੀਕੇ ਦੀ ਸੁਈ ਦਾ ਇਸਤੇਮਾਲ ਸਿਰਫ਼ ਇੱਕ ਹੀ ਵਾਰ ਕੀਤਾ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਏਡਜ਼ ਰੋਗ ਕਿਸ ਤੋਂ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ-ਹੱਥ ਮਿਲਾਉਣ ਨਾਲ, ਗਲੇ ਮਿਲਣ ਨਾਲ, ਖੇਡਕੁਦ ਜਾਂ ਕੁਸ਼ਤੀ ਅਤੇ ਕੋਈ ਹੋਰ ਵਿਧੀ ਜਿਸ ਨਾਲ ਅਸੀਂ ਸਮਾਜਿਕ ਸੰਪਰਕ ਵਿੱਚ ਆਉਂਦੇ ਹਾਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
HIV-AIDs ਰੋਗੀ ਦੀ ਮੌਤ ਦਾ ਕਾਰਨ ਕਿਸ ਲਈ ਬਣ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਰੋਗ ਹੋਣ ਤੇ ਕੁੱਝ ਕੇਸਾਂ ਵਿੱਚ ਟਿਸ਼ੂ ਆਧਾਰਤ ਲਾਗ ਕੁੱਝ ਬਹੁਤ ਆਮ ਜਿਹੇ ਪ੍ਰਭਾਵਾਂ ਦੇ ਲੱਛਣ ਦਰਸਾਉਂਦੇ ਹਨ । HIV ਲਾਗ ਦੇ ਵਾਇਰਸ ਰੱਖਿਆਤਮਕ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਵਿੱਚ ਚਲੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਸਦੇ ਕਾਰਜ ਵਿੱਚ ਰੁਕਾਵਟ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ । HIV-AIDS ਦੇ ਅਨੇਕ ਪ੍ਰਭਾਵ ਇਸ ਲਈ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਕਿਉਂਕਿ ਸਾਡਾ ਸਰੀਰ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਛੋਟੀਆਂਮੋਟੀਆਂ ਲਾਸ਼ਾਂ ਦਾ ਵੀ ਮੁਕਾਬਲਾ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦਾ । ਹਲਕਾ ਖਾਂਸੀ ਜੁਕਾਮ ਨਾਲ ਨਿਮੋਨੀਆ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਆਹਾਰ ਨਲੀ ਵਿਚ ਹੋਈ ਥੋੜੀ ਜਿਹੀ ਲਾਗ ਵੀ ਟੱਟੀਆਂ-ਉਲਟੀਆਂ ਤੇ ਲਹੂ ਦੇ ਰਿਸਾਵ ਦਾ ਕਾਰਨ ਬਣ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਅਜਿਹੀਆਂ ਛੋਟੀਆਂ-ਛੋਟੀਆਂ ਲਾਸ਼ਾਂ ਹੀ HIV-AIDS ਦੇ ਰੋਗੀ ਦੀ ਮੌਤ ਦਾ ਕਾਰਨ ਬਣਦੀਆਂ ਹਨ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 13 ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਜੇ ਇੱਕ ਵਾਰ ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਚੇਚਕ ਹੋ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਦੁਬਾਰਾ ਉਸ ਨੂੰ ਕਦੇ ਚੇਚਕ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦੀ । ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੇ ਕੋਈ ਵਿਅਕਤੀ ਇਕ ਵਾਰ ਚੇਚਕ ਤੋਂ ਪੀੜਿਤ ਹੋ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਉਸ ਨੂੰ ਦੁਬਾਰਾ ਕਦੇ ਚੇਚਕ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦੀ ਕਿਉਂਕਿ ਜਦੋਂ ਰੋਗਾਣੂ ਰੱਖਿਅਕ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ‘ਤੇ ਪਹਿਲੀ ਵਾਰ ਹਮਲਾ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਤਾਂ ਰੱਖਿਅਕ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਇਹਨਾਂ ਰੋਗਾਣੂਆਂ ‘ਤੇ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਕਰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਫਿਰ ਇਸ ਨੂੰ ਖ਼ਾਸ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਯਾਦ ਕਰ ਲੈਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਜਦੋਂ ਇਹ ਰੋਗਾਣੂ ਜਾਂ ਉਸ ਨਾਲ ਮਿਲਦਾ-ਜੁਲਦਾ ਰੋਗਾਣੂ ਸੰਪਰਕ ਵਿੱਚ ਆਉਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਪੂਰੀ ਸ਼ਕਤੀ ਨਾਲ ਉਸ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਸੰਕਰਮਣ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਦੂਸਰਾ ਸੰਕਰਮਣ ਜਲਦੀ ਸਮਾਪਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਪ੍ਰਤੀਰੱਖਿਆਕਰਨ ਦੇ ਨਿਯਮ ‘ਤੇ ਆਧਾਰਿਤ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਟੀਕਾਕਰਣ ਨਾਲ ਰੱਖਿਅਕ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਨੂੰ ‘ਮੂਰਖ ਬਣਾਉਣਾ ਕਿਉਂ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਟੀਕਾਕਰਣ ਦਾ ਆਮ ਨਿਯਮ ਹੈ ਕਿ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਲਾਗ ਦੇ ਸੁਖਮਜੀਵ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰਵਾ ਕੇ ਰੱਖਿਅਕ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਨੂੰ ‘ਮੂਰਖ’ ਬਣਾਉਣਾ । ਇਹ ਉਹਨਾਂ ਰੋਗਾਣੂਆਂ ਦੀ ਨਕਲ ਕਰਦਾ ਹੈ ਜੋ ਟੀਕੇ ਦੁਆਰਾ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਪਹੁੰਚਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਰੋਗ ਪੈਦਾ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ਪਰ ਇਹ ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਰੋਗ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਰੋਗਾਣੂਆਂ ਨੂੰ ਉਸ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਰੋਗ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਤੋਂ ਰੋਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਵਿਚ ਛੋਟੇ ਬੱਚੇ ਹੈਪੇਟਾਈਟਸ ‘A’ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪ੍ਰਤੀਰੱਖਿਅਕ ਹੋ ਚੁੱਕੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਹੈਪੇਟਾਈਟਸ ਦੇ ਕੁੱਝ ਵਾਇਰਸ ਜਿਸ ਨਾਲ ਪੀਲੀਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਪਾਣੀ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਦੇ ਹਨ । ਹੈਪੇਟਾਈਟਸ ‘A’ ਦੇ ਲਈ ਟੀਕਾ ਉਪਲੱਬਧ ਹੈ । ਪਰ ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਵਧੇਰੇ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਜਦੋਂ ਬੱਚੇ ਦੀ ਉਮਰ ਪੰਜ ਸਾਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਦ ਤਕ ਉਹ ਹੈਪੇਟਾਈਟਸ ‘A’ ਦੇ ਲਈ ਪ੍ਰਤੀਰੱਖਿਅਕ ਹੋ ਚੁੱਕੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸਦਾ ਕਾਰਨ ਇਹ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਪਾਣੀ ਦੁਆਰਾਂ ਇਸ ਵਾਇਰਸ ਦੇ ਅਸਰ ਹੇਠ ਆ ਚੁੱਕੇ ਹਨ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸਿਹਤ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਿਹਤ ਉਹ ਅਵਸਥਾ ਹੈ ਜਿਸ ਦੇ ਅੰਤਰਗਤ ਸਰੀਰਕ, ਮਾਨਸਿਕ ਅਤੇ ਸਮਾਜਿਕ ਕਾਰਜ ਨੂੰ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪੂਰੀ ਸਮਰੱਥਾ ਨਾਲ ਤੇ ਠੀਕ ਢੰਗ ਨਾਲ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਚੰਗੀ ਸਿਹਤ ਲਈ ਕੀ-ਕੀ ਲੋੜੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮੁਦਾਇਕ ਸਫ਼ਾਈ, ਭੋਜਨ, ਚੰਗੀ ਆਰਥਿਕ ਸਥਿਤੀ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕੋਈ ਚਾਰ ਲੱਛਣ ਦੱਸੋ ਜਿਸ ਨਾਲ ਰੋਗ ਦਾ ਪਤਾ ਲੱਗਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਿਰਦਰਦ, ਖਾਂਸੀ, ਦਸਤ, ਕਿਸੇ ਜ਼ਖ਼ਮ ਵਿੱਚ ਮਵਾਦ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਜਿਹੜੇ ਰੋਗ ਘੱਟ ਸਮੇਂ ਲਈ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਕੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਲਪਕਾਲੀਨ ਰੋਗ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਤਕ ਜਾਂ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਭਰ ਰਹਿਣ ਵਾਲੇ ਰੋਗ ਨੂੰ ਕੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਦੀਰਘਕਾਲੀਨ ਰੋਗਾਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਅਲਪਕਾਲੀਨ ਰੋਗ ਦੀ ਇਕ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਖਾਂਸੀ, ਜ਼ੁਕਾਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਦੀਰਘਕਾਲੀਨ ਰੋਗ ਦਾ ਇਕ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਪੈਰ ਫੁੱਲਣ ਦਾ ਰੋਗ (ਐਲੀਫੇਨਟਾਈਸਸ) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਸਿਹਤ ਨੂੰ ਵਧੇਰੇ ਹਾਨੀ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਰੋਗ ਨਾਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਦੀਰਘਕਾਲੀਨ ਰੋਗ ਨਾਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਪਤਲੇ ਦਸਤ ਲੱਗਣ ਦਾ ਕਾਰਨ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਦੂਸ਼ਿਤ ਭੋਜਨ ਅਤੇ ਗੰਦੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਸੰਕਰਾਮਕ ਰੋਗ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਜਿਹੇ ਰੋਗ ਜਿਹਨਾਂ ਦਾ ਤਤਕਾਲੀਨ ਕਾਰਕ ਸੂਖਮਜੀਵ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਸਕਰਾਮਕ ਰੋਗ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਸੁਖਮ-ਜੀਵ ਸਮੁਦਾਇ ਵਿੱਚ ਰੋਗ ਫੈਲਾਅ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਕੈਂਸਰ ਰੋਗ ਦਾ ਕੀ ਕਾਰਨ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕ ਅਸਮਾਨਤਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਅਮਲਤਾ ਅਤੇ ਪੇਪਟੀਕ ਅਲਸਰ ਦਾ ਕੀ ਕਾਰਨ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਰੇਸ਼ਾਨੀ ਭਰੀ ਸੋਚ ਅਤੇ ਚਿੰਤਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਪੇਪਟੀਕ ਅਲਸਰ ਕਿਸ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹੇਲੀਕੋ ਬੈਕਟਰ ਪਾਇਲੋਰੀ ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਦੁਆਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਕਿਹੜੇ ਦੋ ਵਿਗਿਆਨੀਆਂ ਨੇ ਪੇਪਟੀਕ ਅਲਸਰ ਦੇ ਕਾਰਕ ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਦਾ ਪਤਾ ਲਗਾਇਆ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਆਸਟਰੇਲੀਆ ਦੇ ਰੋਗ ਵਿਗਿਆਨੀ ਰਾਬਿਨ ਬਾਰੈਨ ਅਤੇ ਬੈਰੀ ਮਾਰਸ਼ਲ ਨੇ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਪੇਪਟੀਕ ਅਲਸਰ ਦਾ ਇਲਾਜ ਹੁਣ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਤੀਜੈਵਿਕਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਨਾਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਵਾਇਰਸ ਨਾਲ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਚਾਰ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਖਾਂਸੀ, ਜ਼ੁਕਾਮ, ਇਨਫਲੂਏਂਜਾ, ਡੇਂਗੂ, ਬੁਖ਼ਾਰ, ਏਡਜ਼ (AIDS) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਨਾਲ ਫੈਲਣ ਵਾਲੇ ਚਾਰ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਟਾਇਫਾਈਡ, ਹੈਜ਼ਾ, ਟੀ.ਬੀ., ਐੱਥਰੇਕਸ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਪ੍ਰੋਟੋਜ਼ੋਆ ਤੋਂ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਦੋ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਮਲੇਰੀਆ ਅਤੇ ਕਾਲਾਜਾਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਆਮ ਕਰਕੇ ਚਮੜੀ ਰੋਗ ਕਿਸ ਨਾਲ ਫੈਲਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉੱਲੀ ਕਾਰਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਰੋਗ ਫੈਲਾਉਣ ਵਾਲੇ ਕਿਸ ਕਾਰਕ ਦਾ ਗੁਨਣ ਤੁਲਨਾਤਮਕ ਪੱਖ ਨਾਲ ਘੱਟ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਰਮਾਂ ਦਾ ਗੁਣਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਰੋਗ ਦੀ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਐਂਟੀਬਾਇਓਟਿਕ ਕੀ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਐਂਟੀਬਾਇਓਟਿਕ ਦੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਜੈਵ-ਰਸਾਇਣਿਕ ਮਾਰਗ ਨੂੰ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਪੈਨਸੀਲੀਨ ਐਂਟੀਬਾਇਓਟਿਕ ਮੂਲ ਰੂਪ ਵਿਚ ਕੀ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਕਾ ਭਿੱਤੀ ਬਣਾਉਣ ਵਾਲੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਰੋਕ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਮਨੁੱਖ ਦੀਆਂ ਕੋਸ਼ਿਕਾਵਾਂ ਕੋਸ਼ਿਕਾ ਵਿੱਤੀ ਨਹੀਂ ਬਣਾ ਸਕਦੀਆਂ । ਇਸ ਲਈ ਪੈਨਸੀਲੀਨ ਦਾ ਅਸਰ ਮਨੁੱਖ ਤੇ ਨਾ ਹੋ ਕੇ ਸਿਰਫ਼ ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਤੇ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਕਿਸ ਕਾਰਨ ਇੱਕ ਐਂਟੀਬਾਇਓਟਿਕ ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਦੀਆਂ ਕਈ ਸਪੀਸ਼ੀਜ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਿਹੜੇ ਐਂਟੀਬਾਇਓਟਿਕ ਕਿਸੇ ਵੀ ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਦੇ ਜੈਵ-ਰਸਾਇਣਿਕ ਮਾਰਗ ਨੂੰ ਬੰਦ ਕਰਕੇ ਕੋਸ਼ਿਕਾ ਵਿੱਤੀ ਬਣਾਉਣ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਰੋਕ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਉਹ ਉਹਨਾਂ ਸਭ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਪਾਣੀ ਤੋਂ ਲਾਗ ਕਿਵੇਂ ਲੱਗਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗਾਂ ਤੋਂ ਪੀੜਿਤ ਰੋਗੀ ਦਾ ਮਲ-ਮੂਤਰ ਪੀਣ ਵਾਲੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਮਿਲ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਸਿਹਤਮੰਦ · ਵਿਅਕਤੀ ਦੁਆਰਾ ਜਾਣੇ-ਅਨਜਾਣੇ ਪੀ ਲਿਆ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਰੋਗ ਦੀ ਲਾਗ ਲੱਗ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਲਿੰਗੀ ਸੰਪਰਕ ਨਾਲ ਫੈਲਣ ਵਾਲੇ ਦੋ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਗੋਨੇਰੀਆ, ਏਡਜ਼ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਲਿੰਗੀ ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਨਹੀਂ ਫੈਲਦੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਹੱਥ ਮਿਲਾਉਣ, ਗਲੇ ਮਿਲਣ, ਖੇਡ-ਕੂਦ, ਕੁਸ਼ਤੀ ਆਦਿ ਨਾਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਕਿਹੜਾ ਰੋਗ ਦੁਨੀਆ ਵਿਚੋਂ ਖ਼ਤਮ ਹੋ ਚੁੱਕਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੇਚਕ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਕਿਹੜਾ ਰੋਗ ਅਜਿਹਾ ਹੈ ਜੋ ਇਕ ਵਾਰ ਹੋ ਜਾਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਦੁਬਾਰਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੇਚਕ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਪ੍ਰਤੀਰੱਖਿਆਕਰਣ ਦਾ ਆਧਾਰ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਰੋਗਾਣੂ ਰੱਖਿਅਕ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ‘ਤੇ ਦੁਬਾਰਾ ਹਮਲਾ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਯਾਦ ਦੇ ਆਧਾਰ ਤੇ ਰੱਖਿਅਕ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਆਪਣੀ ਪੂਰੀ ਸ਼ਕਤੀ ਨਾਲ ਉਸ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰ ਦਿੰਦੀ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਵੱਡੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਤਰੰਗ ਗਤੀ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ? ਇਹ ਕਿਵੇਂ ਬਣਦੀ ਹੈ ? ਵਿਸਥਾਰ ਨਾਲ ਸਮਝਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਤਰੰਗ ਗਤੀ (Wave Motion)- ਇੱਕ ਤਰੰਗ ਦੀ ਬਣਤਰ ਹੇਠ ਲਿਖੀ ਉਦਾਹਰਨ ਤੋਂ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਮਝੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ-
ਤਰੰਗ ਗਤੀ ਦਾ ਬਣਨਾ – ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਉਦਾਹਰਨ ਤੋਂ ਇਸਦਾ ਬਣਨਾ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਸਮਝਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ-ਖੜੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਇੱਕ ਤਲਾਬ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਪੱਥਰ ਸੁੱਟੋ । ਪਾਣੀ ਦੀ ਸੜਾ ਦੇ ਜਿਸ ਬਿੰਦੁ ਉੱਪਰ ਪੱਥਰ ਡਿਗਿਆ ਹੈ ਉੱਥੇ ਚੱਕਰੀ ਤਰੰਗਾਂ ਬਣ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਚੱਕਰੀ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਲਘੂ ਤਰੰਗਾਂ (ਗਿੱਪਲ) ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਵਧਦੇ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਵਾਲੀਆਂ ਇਹ ਲਘੂ ਤਰੰਗਾਂ ਬਾਹਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਤੁਰ ਪੈਂਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਲਗਭਗ ਤਲਾਬ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਾਰੀ ਸੜਾ ’ਤੇ ਫੈਲ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਹ ਤਰੰਗਾਂ ਤਲਾਬ ਦੇ ਕੰਢਿਆਂ ‘ਤੇ ਜਾ ਕੇ ਖ਼ਤਮ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 1
ਇੰਝ ਜਾਪਦਾ ਹੈ ਕਿ ਤਲਾਬ ਦਾ ਉਹ ਪਾਣੀ ਜਿਸ ਥਾਂ ‘ਤੇ ਪੱਥਰ ਸੁੱਟਿਆ ਸੀ, ਬਾਹਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਤੁਰਨ ਲਗ ਪਿਆ ਹੈ, ਪਰ ਅਜਿਹਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਪਾਣੀ ਆਪਣੀ ਥਾਂ ‘ਤੇ ਹੀ ਸਥਿਰ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।

ਵਿਆਖਿਆ – ਜਿਸ ਬਿੰਦੂ ‘ਤੇ ਪੱਥਰ ਸੁੱਟਿਆ ਗਿਆ ਸੀ, ਪਾਣੀ ਦੇ ਕੁੱਝ ਅਣੁ ਆਪਣੀ ਸੰਤੁਲਨ ਸਥਿਤੀ ਤੋਂ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਦੱਬ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰ ਲੈਂਦੇ ਹਨ । ਕਿਉਂਕਿ ਪਾਣੀ ਇੱਕ ਲਚਕੀਲਾ ਪਦਾਰਥ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਪਾਣੀ ਦੇ ਅਣੂ ਬਰਾਬਰ ਮਾਤਰਾ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਨਾਲ ਆਪਣੀ ਮੁਲ ਸੰਤੁਲਨ ਵਾਲੀ ਸਥਿਤੀ ਵੱਲ ਨੂੰ ਮੁੜ ਪੈਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਉਹ ਸੰਤੁਲਨ ਸਥਿਤੀ ਤੋਂ ਅਗਾਂਹ ਲੰਘ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਕਿਰਿਆ ਲਗਾਤਾਰ ਚਲਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਅਣੂ ਇੱਕ ਕੰਪਨ ਪੂਰਾ ਕਰਨ ਉਪਰੰਤ ਆਪਣੀ ਉਰਜਾ ਨਾਲ ਲਗਵੇਂ ਅਣੂਆਂ ਨੂੰ ਦੇ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਕਿਰਿਆ ਉਦੋਂ ਤਕ ਚਲਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਤਕ ਤਲਾਬ ਦਾ ਕੰਢਾ ਨਹੀਂ ਆ ਜਾਂਦਾ । ਇਸ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਹਲਚਲ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਇਹ ਸਿੱਧ ਕਰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਪਾਣੀ ਦੇ ਅਣੂਆਂ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਵੀ ਅਗਾਂਹਮੁਖੀ ਗਤੀ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ । ਉਹ ਸਿਰਫ਼ ਆਪਣੀ ਸੰਤੁਲਨ ਅਵਸਥਾ ਦੁਆਲੇ ਉੱਪਰ ਥੱਲੇ ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਤੁਸੀਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਲਘੂ ਤਰੰਗਾਂ (ਰਿਪਲਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਸੇ ਇੱਕ ਤੇ ਕਾਰਕ ਰੱਖੋ । ਤੁਸੀਂ ਵੇਖੋਗੇ ਕਿ ਕਾਰਕ ਅਗਾਂਹ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਤੁਰਦਾ ਸਗੋਂ ਉੱਥੇ ਹੀ ਉੱਪਰ ਹੇਠਾਂ ਹੁੰਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।

ਤਰੰਗ ਗਤੀ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ – “ਇਹ ਇੱਕ ਕਿਸਮ ਦੀ ਹਲਚਲ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਇੱਕ ਪਦਾਰਥਕ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚੋਂ ਦੀ ਪਦਾਰਥਕ ਕਣਾਂ ਤੇ ਦੁਹਰਾਈ ਜਾ ਰਹੀ ਕੰਪਨ ਗਤੀ ਕਾਰਨ, ਅਗਾਂਹ ਤੁਰਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਗਤੀ ਇੱਕ ਕਣ ਰਾਹੀਂ ਦੂਜੇ ਕਣ ਨੂੰ ਸਥਾਨ ਅੰਤਰਿਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।”

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
(ਉ) ਦੋ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
(ਅ) ਟਰਾਂਸਵਰ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਸਮਝਾਉਣ ਲਈ ਇੱਕ ਪ੍ਰਯੋਗ ਸੁਝਾਓ ।
(ੲ) ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
(ਸ) ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਉਤਪੱਤੀ ਲਈ ਲੋੜੀਂਦੀਆਂ ਪਰਿਸਥਿਤੀਆਂ ਦੱਸੋ ।
(ਹ) ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀਆਂ ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਦਿਓ ।
(ਕ) ਉੱਚਾਣ (ਸਿਖਰ) ਅਤੇ ਨਿਵਾਣ (ਗਰਤ) ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
(ਉ) ਤਰੰਗਾਂ ਦੀਆਂ ਕਿਸਮਾਂ- ਕਣਾਂ ਦੇ ਡੋਲਨ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਅਨੁਸਾਰ ਤਰੰਗਾਂ ਦਾ ਵਰਗੀਕਰਣ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਡੋਲਨ ਤਰੰਗ ਗਤੀ ਦੇ ਸਮਾਨ-ਅੰਤਰ ਜਾਂ ਲੰਬਾਤਮਕ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਤਰੰਗਾਂ ਦੋ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ-
(i) ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਤਰੰਗਾਂ
(ii) ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗਾਂ ।

(ਅ) ਟਰਾਂਸਵਰਸ (ਆਡੇ-ਦਾਅ) ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਰਚਨਾ – ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਨੂੰ ਸਮਝਣ ਲਈ ਕੰਧ ਵਿੱਚ ਲੱਗੇ ਇੱਕ ਹਿੱਕ ਨਾਲ ਧਾਗੇ ਦਾ ਇੱਕ ਸਿਰਾ ਬੰਨੋ ਅਤੇ ਦੂਜਾ ਸਿਰਾ ਆਪਣੇ ਹੱਥ ਵਿੱਚ ਫੜ ਲਓ । ਚਿੱਤਰ ਅਨੁਸਾਰ ਧਾਗੇ ਉੱਪਰ ਬਰਾਬਰ ਦੂਰੀ ਤੇ 10-10 ਸੈਂ.ਮੀ. ਲੰਬੇ ਰੰਗਦਾਰ ਧਾਗੇ ਦੇ ਟੁਕੜੇ ਬੰਨੋ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 2
ਹੁਣ ਹੱਥ ਵਿੱਚ ਫੜੇ ਸਿਰੇ ਤੋਂ ਧਾਗੇ ਨੂੰ ਝਟਕਾ ਦਿਉ । ਇੱਕ ‘ਪਲਸ’ (ਸਪੰਦਨ) ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਧਾਗੇ ਦੀ ਲੰਬਾਈ ਦੇ ਨਾਲਨਾਲ ‘ਹਲਚਲ’ ਤੁਰ ਪਵੇਗੀ ਅਰਥਾਤ ਧਾਗੇ ਦੇ ਕਣ ਤਰੰਗ ਗਤੀ ਅਰਥਾਤ ਹਲਚਲ ਗਤੀ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਲੰਬਾਤਮਕ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਕੰਪਨ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਜੇਕਰ ਤੁਸੀਂ ਥੋੜੀ-ਥੋੜੀ ਦੇਰ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਝਟਕੇ ਦੇਣਾ ਜਾਰੀ ਰੱਖਦੇ ਹੋ ਤਾਂ ਤੁਸੀਂ ਵੇਖੋਗੇ ਕਿ ਰੰਗਦਾਰ ਧਾਗੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਬਿੰਦੂਆਂ ਦੁਆਲੇ ਜਿੱਥੇ ਉਹ ਮੁੱਖ ਧਾਗੇ ਨਾਲ ਬੰਨ੍ਹੇ ਹਨ ਉੱਪਰ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਕੰਪਨ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਅਜਿਹੀ ਹਲਚਲ ਇੱਕ ਤਰੰਗ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਟਰਾਂਸਵਰਸ (ਆਡੇ-ਦਾਅ) ਤਰੰਗ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਇਸ ਲਈ ਇੱਕ ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਰੰਗ ਵਿੱਚ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਣ ਉੱਪਰ ਅਤੇ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਕੰਪਨ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਜਦੋਂ ਕਿ ਹਲਚਲ ਖਿਤਿਜ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਚਲਦੀ ਹੈ ।

ਇੱਕ ਆਡੇ-ਦਾਅ ਤਰੰਗ, ਉਚਾਣਾਂ (ਕੈਸਟ) ਅਤੇ ਨਿਵਾਣਾਂ (ਫ਼) ਦੀ ਬਣੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਕੰਪਨ ਕਰ ਰਹੇ ਕਣ ਦੀ ਸੰਤੁਲਨ। ਸਥਿਤੀ ਤੋਂ ਉੱਪਰਲੇ ਧਨਾਤਮਕ ਪਾਸੇ ਸਭ ਤੋਂ ਉੱਚਾ ਬਿੰਦੁ ਉਚਾਣ ਸੰਤੁਲਨ ਸਥਿਤੀ ਤੋਂ ਹੇਠਾਂ ਰਿਣਾਤਮਕ ਪਾਸੇ ਸਭ ਤੋਂ ਨੀਵਾਂ ਬਿੰਦੂ
ਉਰਜਾ ਦੇ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ ਨਿਵਾਣ ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਦੋ ਨਾਲ ਲਾਗਵੇਂ ਉਚਾਣਾਂ ਜਾਂ ਦੋ ਨਾਲ ਲਾਗਵੇਂ ਨਿਵਾਣਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੀ ਦੂਰੀ ਨੂੰ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਨੂੰ λ (ਲੈਂਬਡਾ) ਨਾਲ ਦਰਸਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 3
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 4
(ੲ) ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਰੰਗ – ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਤਰੰਗਾਂ ਵਿੱਚ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਣ ਸੰਚਾਰ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਲੰਬਾਤਮਕ ਕੰਪਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ਪਰ ਕਣਾਂ ਦੀ ਊਰਜਾ ਹਲਚਲ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਸਥਾਨਾਂਤਰਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

(ਸ) ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਤਰੰਗਾਂ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਲੋੜੀਂਦੀਆਂ ਸਥਿਤੀਆਂ

  1. ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਜੜ੍ਹਤਾ ਦਾ ਗੁਣ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਤਣਾਓ ਦਾ ਗੁਣ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਕਣ ਆਪਣੀ ਅਸਲ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਵਾਪਸ ਆ ਸਕਣ ।
  3. ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਕਣਾਂ ਵਿੱਚ ਰਗੜ ਬਲ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤਾਂਕਿ ਕਣ ਕਾਫ਼ੀ ਦੇਰ ਤਕ ਕੰਪਨ ਕਰਦੇ ਰਹਿਣ ।

(ਹ) ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਰੰਗਾਂ ਦੇ ਉਦਾਹਰਨ-

  1. ਧਾਗੇ ਵਿੱਚ ਜਾਂ ਢਿੱਲੇ ਸਪਰਿੰਗ ਵਿੱਚ – ਜੇਕਰ ਹੱਥ ਨੂੰ ਲਗਾਤਾਰ ਸਪਰਿੰਗ ਦੀ ਲੰਬਾਤਮਕ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਉੱਪਰ ਹੇਠਾਂ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਰੰਗ · ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  2. ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਤਹਿ ’ਤੇ ਰੰਗ – ਜੇ ਇੱਕ ਪੱਥਰ ਕਿਸੇ ਜੌਹੜ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਤਹਿ ‘ਤੇ ਤਰੰਗਾਂ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ | ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਤਹਿ ’ਤੇ ਤੈਰ ਰਿਹਾ ਕਾਰਕ ਉੱਥੇ ਹੀ ਦੋਲਤ ਹੁੰਦਾ ਰਹੇਗਾ ਅੱਗੇ ਨਹੀਂ ਜਾਵੇਗਾ । ਇਹ ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਰੰਗਾਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
(ੳ) ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ (ਲੰਮੇ-ਦਾਅ) ਤਰੰਗ ਦੀ ਬਣਤਰ ਸਮਝਾਉਣ ਲਈ ਇੱਕ ਪ੍ਰਯੋਗ ਦਾ ਸੰਯੋਜਨ ਕਰੋ ।
(ਅ) ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
(ੲ) ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗ ਦੇ ਸੰਦਰਭ ਵਿੱਚ ਨਪੀੜਨ ਅਤੇ ਵਿਰਲ ਨੂੰ ਪਰਿਭਾਸ਼ਿਤ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
(ੳ) ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗ ਦੀ ਰਚਨਾ-
ਕਿਰਿਆ-ਟਿਉਨਿੰਗ ਫੋਰਕ ਦੀ ਇੱਕ ਭੁਜਾ A1 ਨੂੰ ਹੌਲੀ ਜਿਹੀ ਠੋਕਰ ਲਗਾਉ । ਇਹ ਆਪਣੀ ਸੰਤੁਲਨ ਸਥਿਤੀ ਦੁਆਲੇ ਖੱਬੇ ਅਤੇ ਸੱਜੇ ਪਾਸੇ ਵੱਲ ਕੰਪਨ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਫੋਰਕ ਦੀ ਭੁਜਾ A1 ਸੱਜੇ ਪਾਸੇ ਅਖੀਰਲੀ ਸਥਿਤੀ E1 ‘ਤੇ ਪਹੁੰਚਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਆਪਣੇ ਸੰਪਰਕ . A E A E1 ਵਿੱਚ ਆਏ ਹਵਾ ਦੇ ਅਣੂਆਂ ਨੂੰ ਦਬਾਅ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਨਪੀੜੇ ਹੋਏ ਇਹ ਅਣੁ ਅਗਲੇ ਅਣੂਆਂ ਨੂੰ ਦਬਾਅ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੱਜੇ ਪਾਸੇ ਵੱਲ ਇਸ ਨਪੀੜਨ ਦੀ ਇੱਕ ਲੜੀ ਤੁਰ ਪੈਂਦੀ ਹੈ । ਹੁਣ ਜਦੋਂ ਉਹੀ ਭਜਾ A1 ਖੱਬੇ ਪਾਸੇ ਦੀ ਅਤਿੰਮ ਸਥਿਤੀ E2 ਵੱਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ। ਤਾਂ ਨਪੀੜੀ ਹੋਈ ਹਵਾ ਵਿਰਲੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਇੱਕ ਵਿਰਲ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਫੈਲੇ ਹੋਏ ਇਹ ਅਣੁ ਗੁਆਂਢੀ ਅਣੂਆਂ ਨੂੰ ਹੋਰ ਵਿਰਲਾ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਅਜਿਹੀਆਂ ਵਿਰਲਾਂ ਦੀ ਇੱਕ ਲੜੀ ਬਣ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 5
ਇਹ ਵਾਰੀ-ਵਾਰੀ ਬਣੀਆਂ ਨਪੀੜਨਾਂ ਅਤੇ ਵਿਰਲਾਂ ਸੱਜੇ ਪਾਸੇ ਤੁਰ ਪੈਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗ ਬਣਦੀ ਹੈ ।

(ਅ) ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ – ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗ ਵਿੱਚ ਵਿਚਲਿਤ ਹੋਏ ਅਣੂ (ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਣ) ਆਪਣੀ ਸੰਤੁਲਨ ਅਵਸਥਾ ਦੇ ਇਧਰ-ਉੱਧਰ ਉਸੇ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਕੰਪਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਤਰੰਗ (ਹਲਚਲ) ਅਗਾਂਹ ਚਲਦੀ ਹੈ ।
ਇੱਕ ਨਪੀੜਨ ਅਤੇ ਇੱਕ ਵਿਰਲ ਨਾਲ ਇੱਕ ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗ ਬਣਦੀ ਹੈ ।

(ੲ) ਨਪੀੜਨ (Compression) – ਨਪੀੜਨ ਤਰੰਗ ਦਾ ਉਹ ਖੇਤਰ ਹੈ, ਜਿੱਥੇ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਅਣੁ ਸਾਧਾਰਨ (ਨਾਰਮਲ ਨਾਲੋਂ ਬਹੁਤ ਹੀ ਨੇੜੇ-ਨੇੜੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
ਨਪੀੜਨ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਤਾਪਮਾਨ ਅਤੇ ਦਬਾਅ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਜਦੋਂ ਕਿ ਆਇਤਨ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਵਿਰਲ (Rarefaction) – ਤਰੰਗ ਦਾ ਉਹ ਖੇਤਰ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਅਣੂ ਸਾਧਾਰਨ (ਨਾਰਮਲ ਨਾਲੋਂ ਦੂਰ-ਦੂਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
ਇਸ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਤਾਪਮਾਨ ਅਤੇ ਦਬਾਅ ਘੱਟ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜਦੋਂ ਕਿ ਆਇਤਨ ਵੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਆਵਰਤੀ ਤਰੰਗ ਲਈ ਤਰੰਗ-ਵੇਗ, ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਅਤੇ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਵਿਚਕਾਰ ਸੰਬੰਧ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਆਵਰਤੀ ਤਰੰਗ ਲਈ ਤਰੰਗ ਵੇਗ, ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਅਤੇ ਤਰੰਗ-ਲੰਬਾਈ ਵਿਚਕਾਰ ਸੰਬੰਧ (Relation between Wave-velocity, Frequency and Wave length for a periodic wave)-
ਮੰਨ ਲਓ λ = ਇੱਕ ਅਗਾਂਹ ਮੁਖੀ ਤਰੰਗ ਦੀ ਤਰੰਗ-ਲੰਬਾਈ
T = ਤਰੰਗ ਦਾ ਆਵਰਤ ਕਾਲ
ਅਤੇ v = ਤਰੰਗ ਦੀ ਆਵਿਤੀ
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਆਕ੍ਰਿਤੀ, ਆਵਰਤ ਕਾਲ ਦੇ ਉਲਟ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੈ ।
ਅਰਥਾਤ [v = \(\frac{1}{\mathrm{~T}}\)] ………….(1)
ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਅਨੁਸਾਰ ਤਰੰਗ ਵੇਗ (V) = ਇੱਕ ਤਰੰਗ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ/ਆਵਰਤ-ਕਾਲ
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 6
V = \(\frac{\lambda}{T}\)
= λ × \(\frac{1}{\mathrm{~T}}\) ……………(2)
ਸਮੀਕਰਨ (1) ਅਤੇ (2) ਤੋਂ,
V = vλ …………(3)
ਇਸ ਲਈ ਤਰੰਗ ਵੇਗ = ਆਤੀ × ਤਰੰਗ-ਲੰਬਾਈ
ਅਰਥਾਤ ਇੱਕ ਤਰੰਗ ਦਾ ਤਰੰਗ ਵੇਗ ਉਸ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਅਤੇ ਤਰੰਗ-ਲੰਬਾਈ ਦੇ ਗੁਣਨਫਲ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਸੰਬੰਧ ਦੋਨੋਂ ਕਿਸਮਾਂ ਲਈ ਬਰਾਬਰ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਧੁਨੀ ਅਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਤਰੰਗਾਂ ਵਿੱਚ ਕੀ ਅੰਤਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਅਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਤਰੰਗਾਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਤਰੰਗਾਂ
(1) ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਯੰਤਿਕ ਹਨ । (1) ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਤਰੰਗਾਂ ਬਿਜਲ-ਚੁੰਬਕੀ ਹਨ ।
(2) ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀ ਤਰੰਗਾਂ ਹਨ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਡੋਲਨ ਤਰੰਗ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (2) ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਤਰੰਗਾਂ ਹਨ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਡੋਲਨ ਤਰੰਗ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਲੰਬਾਤਮਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(3) ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਖਲਾਅ (ਨਿਰਵਾਯੂ) ਵਿੱਚੋਂ ਨਹੀਂ ਲੰਘ ਸਕਦੀਆਂ । ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਸੰਚਾਰ ਲਈ ਕਿਸੇ ਠੋਸ, ਦ੍ਰਵ ਜਾਂ ਗੈਸਾਂ ਜਿਹੇ ਭੌਤਿਕ ਮਾਧਿਅਮ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (3) ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਤਰੰਗਾਂ ਖਲਾਅ (ਨਿਰਵਾਯੂ) ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ ।
(4) ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਚਾਲ 350 m s-1 ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਲਗਪਗ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (4) ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਤਰੰਗ ਦੀ ਗਤੀ ਕਾਫ਼ੀ ਵੱਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ 3 × 108 m s-1 ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(5) ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਸੰਬੰਧਿਤ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਣਾਂ ਦੇ ਡੋਲਨ ਕਾਰਨ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । (5) ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨਾਂ ਬਿਜਲਈ ਜਾਂ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰਾਂ ਦੇ ਪਰਿਵਰਤਨ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।
(6) ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਆਤੀ ਘੱਟ ਅਤੇ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (6) ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(7) ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਧਰੂਵਤ (Polarise) ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ । (7) ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਧਰੂਵਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
(8) ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਸਾਡੇ ਕੰਨਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । (8) ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਤਰੰਗਾਂ ਸਾਡੀਆਂ ਅੱਖਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।
(9) ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਖੇਪਕ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀਆਂ । (9) ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਤਰੰਗਾਂ ਖੇਪਕ ਹੋ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ ।
(10) ਇਹਨਾਂ ਤਰੰਗਾਂ ਦਾ ਵੇਗ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਤੋਂ ਸੁਤੰਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (10) ਇਹਨਾਂ ਤਰੰਗਾਂ ਦਾ ਵੇਗ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਕਿਸੇ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਦੀ ਗਤੀ ਨੂੰ ਘਣਤਾ ਅਤੇ ਦਬਾਅ ਦੇ ਪਰਿਵਰਤਨ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦੇ ਹੋਏ ਨਪੀੜਨ ਅਤੇ ਨਿਖੇੜਨ ਨੂੰ ਸਮਝਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਗਤੀ ਕਰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਦਬਾਅ (pressure) ਅਤੇ ਘਣਤਾ (density) ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਕਿਸੇ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਸਮੇਂ ਤੇ ਮਾਧਿਅਮ ਦੀ ਘਣਤਾ ਅਤੇ ਦਬਾਅ ਦੋਵੇਂ ਹੀ ਆਪਣੇ ਔਸਤ ਮਾਨ ਤੋਂ ਵੱਧ-ਘੱਟ ਦੂਰੀ ਦੇ ਨਾਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਚਿੱਤਰ (a) ਅਤੇ ਚਿੱਤਰ (b), ਦਰਸਾਉਂਦੇ ਹਨ ਕਿ ਜਦੋਂ ਧੁਨੀ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚੋਂ ਹੋ ਕੇ ਅਗਾਂਹ ਚਲਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਘਣਤਾ ਅਤੇ ਦਬਾਅ ਵਿੱਚ ਕਿਵੇਂ ਬਦਲਾਓ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 7
ਨਪੀੜਨ ਉਹ ਖੇਤਰ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਣ ਨੇੜੇ-ਨੇੜੇ ਆ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਵਕਰ (curve) ਦੇ ਉਪਰਲੇ ਭਾਗ ਵਿੱਚ ਦਿਖਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਚਿੱਤਰ (c) ਵਿੱਚ ਸਿਖਰ (peak) ਅਧਿਕਤਮ ਨਪੀੜਨ ਦੇ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਨਪੀੜਨ ਉਹ ਖੇਤਰ ਹੈ ਜਿਥੇ-ਜਿਥੇ ਘਣਤਾ ਅਤੇ ਦਬਾਅ ਦੋਵੇਂ ਹੀ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਨਿਖੇੜਨ ਘੱਟ ਦਬਾਅ ਦਾ ਖੇਤਰ ਹੈ ਜਿਥੇ ਕਣ ਦੁਰ-ਦੁਰ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਘਾਟੀ ਨਿਵਾਣ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਵਰ ਦੇ ਹੇਠਲੇ ਭਾਗ ਨਾਲ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਚਿੱਤਰ (c) ਸਿਖਰ ਨੂੰ ਤਰੰਗ ਦਾ ਉਚਾਣ (crest) ਅਤੇ ਘਾਟੀ ਨੂੰ ਨਿਵਾਣ (trough) ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦਾ ਆਵਿਤੀ ਰੇਂਜ (ਸੀਮਾ) ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਵਰਗੀਕਰਨ ਕਰਕੇ ਸਮਝਾਓ ।
ਉੱਤਰ-

  • ਸਵਣ ਤਰੰਗਾਂ – ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਮਨੁੱਖੀ ਕੰਨ ਸੁਣਦਾ ਹੈ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਸਵਣ ਤਰੰਗਾਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਮਨੁੱਖਾਂ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦੀ ਵਣ ਸੀਮਾ 20 Hz ਤੋਂ 20,000 Hz ਤੱਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਿਵੇਂ-ਜਿਵੇਂ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਦੀ ਉਮਰ ਵੱਧਦੀ ਹੈ। ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਕੰਨ ਉੱਚ ਆਤੀ ਵਾਲੀ ਧੁਨੀ ਲਈ ਘੱਟ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਤਰੰਗਾਂ ਕੰਪਨ ਕਰਦੇ ਹਵਾ ਸਤੰਭ, ਟਿਊਨਿੰਗ ਫੋਰਕ ਅਤੇ ਵਾਇਲਨ ਵਿੱਚ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
  • ਪਰਾਧੁਨੀ – 20 kHz (ਜਾਂ 20000 Hz) ਤੋਂ ਅਧਿਕ ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਵਾਲੀਆਂ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਪਰਾਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਕੁੱਝ ਪ੍ਰਜਾਤੀਆਂ ਦੇ ਪਤੰਗੇ ਪਰਾਧੁਨੀ ਨੂੰ ਸੁਣ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਚਮਗਾਦੜ, ਡਾਲਫਿਨ ਅਤੇ ਪਰਪਾਈਜ਼ ਪਰਾਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
  • ਨੀਮ ਧੁਨੀ – 20 Hz ਤੋਂ ਘੱਟ ਆਵਿਤੀ ਵਾਲੀ ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਨੀਮ ਧੁਨੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਵੇਲ਼ ਅਤੇ ਹਾਥੀ ਨੀਮ ਧੁਨੀ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਭੂਚਾਲ ਦੀ ਮੁੱਖ ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਵਾਲੀ ਧੁਨੀ ਦੇ ਆਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਘੱਟ ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਦੀ ਨੀਮ ਧੁਨੀ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸੁਣ ਕੇ ਕੁੱਝ ਜੀਵ ਭੁਚਾਲ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਹੀ ਪਰੇਸ਼ਾਨ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜੋ ਸੰਭਵ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਸੁਚੇਤ ਕਰ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦੇ ਚਿਕਿਤਸਾ ਦੇ ਵਿਭਿੰਨ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਕੀ ਉਪਯੋਗ ਹਨ ? .
ਉੱਤਰ-
ਪਰਾਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਨੇ ਆਧੁਨਿਕ ਚਿਕਿਤਸਾ ਅਤੇ ਮਨੁੱਖੀ ਸਿਹਤ ਦੇ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਯੋਗਦਾਨ ਦਿੱਤਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਸਰੀਰ ਦੇ ਅੰਦਰੂਨੀ ਅੰਗਾਂ ਦੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ ਜੋ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਹੈ-
(i) ECG – ਪਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਦਿਲ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਭਾਗਾਂ ਤੋਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਕਰਾ ਕੇ ਦਿਲ ਦਾ ਪ੍ਰਤੀਬਿੰਬ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਕਨੀਕ ਨੂੰ “ਈਕੋਝਾਡੀਓਗਰਾਫੀ” (ECG) ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(ii) ਸੋਨੋਗ੍ਰਾਫੀ – ਅਲਟ੍ਰਾਸਾਊਂਡ ਸਕੈਨਰ ਇੱਕ ਅਜਿਹਾ ਯੰਤਰ ਹੈ ਜੋ ਪਰਾਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰਕੇ ਮਨੁੱਖੀ ਸਰੀਰ ਦੇ ਅੰਦਰੂਨੀ ਅੰਗਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਤੀਬਿੰਬ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਦੇ ਲਈ ਵਰਤੋਂ ਵਿੱਚ ਲਿਆਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਜਾਂਚ ਯੰਤਰ ਨਾਲ ਰੋਗੀ ਦੇ ਅੰਗਾਂ, ਜਿਵੇਂ-ਮਿਹਦਾ, ਪਿੱਤਾ, ਬੱਚੇਦਾਨੀ, ਗੁਰਦੇ ਆਦਿ ਦਾ ਪ੍ਰਤੀਬਿੰਬ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਜਾਂਚ ਯੰਤਰ ਨੂੰ ਸਰੀਰ ਦੀਆਂ ਅਸਮਾਨਤਾਵਾਂ ਜਿਵੇਂ ਪਿੱਤੇ ਜਾਂ ਗੁਰਦੇ ਵਿੱਚ ਪੱਥਰੀ ਅਤੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਰਸੌਲੀਆਂ ਦਾ ਪਤਾ ਲਗਾਉਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਕਨੀਕ ਵਿੱਚ ਪਰਾਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਸਰੀਰ ਦੇ ਤੰਤੂਆਂ (Tissues) ਵਿੱਚ ਦੀ ਗੁਜ਼ਰਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਉਸ ਥਾਂ ਤੋਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਸ ਥਾਂ ਤੇ ਟਿਸ਼ੂ ਘਣਤਾ (Tissue Density) ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਉਪਰੰਤ ਇਹਨਾਂ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਸੰਕੇਤਾਂ (Electrical Signals) ਵਿੱਚ ਤਬਦੀਲ (Convert) ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਸਦੇ ਨਾਲ ਉਸ ਦੋਸ਼ ਯੁਕਤ ਸਥਾਨ ਦਾ ਪ੍ਰਤੀਬਿੰਬ ਬਣਾ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਪ੍ਰਤੀਬਿੰਬਾਂ ਨੂੰ ਮਾਨੀਟਰ ਉੱਪਰ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਕਨੀਕ ਨੂੰ “ਅਲਟਰਾ ਸੋਨੋਗ੍ਰਾਫੀ” ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ | ਅਲਟਾ ਸੋਨੋਗ੍ਰਾਫੀ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਗਰਭ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਭਰੂਣ ਦੀ ਜਾਂਚ ਅਤੇ ਉਸਦੇ ਜਨਮਜਾਤ ਨੁਕਸ ਅਤੇ ਉਸਦੇ ਵਿਕਾਸ ਵਿੱਚ ਬੇਤਰਤੀਬੀ ਦਾ ਪਤਾ ਲਗਾਉਣ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(iii) ਲੀਥੋਟ੍ਰਿਪਸੀ – ਪਰਾਧੁਨੀ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਗੁਰਦੇ ਦੀ ਛੋਟੀ ਪੱਥਰੀ ਨੂੰ ਬਰੀਕ ਕਣਾਂ ਵਿੱਚ ਤੋੜਨ ਲਈ ਵੀ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਧੁਨੀ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੇ ਨਿਯਮ ਕੀ ਹਨ ? ਇੱਕ ਯੋਗ ਰਾਹੀਂ ਤੁਸੀਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨਿਯਮਾਂ ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਸਿੱਧ ਕਰੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੇ ਨਿਯਮ – ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧੁਨੀ ਵੀ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੇ ਉਹਨਾਂ ਨਿਯਮਾਂ ਦੀ ਪਾਲਣਾ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

1. ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਸੜਾ ਉੱਪਰ ਅਪਾਤੀ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਖਿੱਚੇ ਗਏ ਲੰਬ ਨਾਲ ਧੁਨੀ ਦੀ ਅਪਾਤੀ ਹੋਣ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਅਤੇ ਪਰਾਵਰਤਨ ਹੋਣ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਬਣੇ ਕੋਣ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

2. ਤਿੰਨੋਂ-ਅਪਾਤੀ ਧੁਨੀ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ, ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਧੁਨੀ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਅਤੇ ਲੰਬ ਇੱਕ ਹੀ ਤਲ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
ਯੋਗ – ਚਿੱਤਰ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੋ ਇੱਕੋ ਜਿਹੇ ਪੇਪਰ ਦੇ ਬਣੇ ਹੋਏ ਦੋ ਪਾਈਪ ਲਓ । ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਦੀਵਾਰ ਦੇ ਨੇੜੇ ਕਿਸੇ ਮੇਜ਼ ਉੱਪਰ ਰੱਖੋ । ਹੁਣ ਇੱਕ ਪਾਈਪ ਦੇ ਖੁੱਲ੍ਹੇ ਸਿਰੇ ਦੇ ਕੋਲ ਇੱਕ ਘੜੀ ਰੱਖੋ । ਤੁਸੀਂ ਦੂਜੇ ਪਾਈਪ ਦੇ ਖੁੱਲ੍ਹੇ ਸਿਰੇ ਵਿੱਚੋਂ ਘੜੀ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਸੁਣਨ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰੋ । ਦੋਨਾਂ ਪਾਈਪਾਂ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਕੁੱਝ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕਰੋ ਕਿ ਤੁਹਾਨੂੰ ਘੜੀ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਸਪੱਸ਼ਟ ਸੁਣਾਈ ਦੇਵੇ ॥ ਇਹਨਾਂ ਪਾਈਪਾਂ ਦੀਆਂ ਦਿਸ਼ਾਵਾਂ ਅਤੇ ਲੰਬ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਦੇ ਕੋਣਾਂ ਨੂੰ ਮਾਪੋ । ਤੁਸੀਂ ਵੇਖੋਗੇ ਕਿ ਸਪੱਸ਼ਟ ਆਵਾਜ਼ ਸੁਣਾਈ ਦੇਣ ਵਾਲੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਇਹ ਦੋਨੋਂ ਕੋਣ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਬਰਾਬਰ ਹੋਣਗੇ । ਇਹੋ ਪਹਿਲਾ ਨਿਯਮ ਕਹਿੰਦਾ ਹੈ ।
ਕਿਉਂਕਿ ਦੋਵੇਂ ਪਾਈਪ ਅਤੇ ਲੰਬ ਇੱਕੋ ਮੇਜ਼ (ਤਲ) ਤੇ ਹਨ ਜੋ ਦੂਜੇ ਨਿਯਮ ਦੀ ਸੱਚਾਈ ਨੂੰ ਸਿੱਧ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 8

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਦੁਹਰਾਓ ਗਤੀ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ? ਇਸ ਗਤੀ ਦੀਆਂ ਤਿੰਨ ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਵੀ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਦੁਹਰਾਓ ਗਤੀ-ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦੀ ਅਜਿਹੀ ਗਤੀ ਜਿਹੜੀ ਕਿਸੇ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਸਮਾਂ ਅੰਤਰਾਲ ਮਗਰੋਂ ਮੁੜ-ਮੁੜ ਵਾਪਰਦੀ ਹੈ, ਨੂੰ ਉਸ ਦੀ ਦੁਹਰਾਓ ਗਤੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਅਜਿਹੀ ਗਤੀ ਨੂੰ ਕੰਪਨ ਗਤੀ ਜਾਂ ਡੋਲਨ ਗਤੀ ਵੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਉਦਾਹਰਨ-

  1. ਧਰਤੀ ਦੀ ਸੂਰਜ ਦੁਆਲੇ ਗਤੀ ।
  2. ਇੱਕ ਝੂਲੇ ਦੀ ਗਤੀ ਜੋ ਇਧਰ-ਉੱਧਰ (ਅਰਥਾਤ ਸੱਜੇ-ਖੱਬੇ) ਆਪਣੀ ਮੱਧ ਸਥਿਤੀ ਦੇ ਦੁਆਲੇ ਗਤੀ ਕਰਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ।
  3. ਇੱਕ ਸਰਲ ਪੈਂਡੂਲਮ ਦੀ ਗਤੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਸਰਲ ਪੈਂਡੂਲਮ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਸਰਲ ਪੈਂਡੂਲਮ ਦੇ ਇੱਕ ਡੋਲਨ ਅਤੇ ਇੱਕ ਕੰਪਨ ਕੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਰਲ ਪੈਂਡੂਲਮ (Simple Pendulum) – ਇਕ ਪਾਸੇ ਤੇ ਉਹ ਪ੍ਰਬੰਧ ਜਿਸ ਵਿਚ ਇਕ ਡੋਰੀ (ਧਾਗਾ) ਜਿਹੜੀ ਮਜ਼ਬੂਤ ਟੇਕ ਤੇ ਬਣੀ ਹੋਵੇ ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਤਾਰ ਲਟਕਾਇਆ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਆਜ਼ਾਦੀ ਨਾਲ ਹਿਲ-ਜੁਲ ਸਕੇ, ਪੈਂਡੂਲਮ ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਇੱਕ ਪਿੱਤਲ ਜਾਂ ਤਾਂਬੇ ਦੇ ਬਹੁਤ ਹੀ ਛੋਟੇ ਜਿਹੇ ਗੋਲਕ (ਬਾਬ) ਦਾ ਬਣਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ 80-120 ਮੈਂ ਮੀ. ਲੰਬੇ ਧਾਗੇ ਨਾਲ ਬੰਨ੍ਹਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਵਿਖਾਏ ਅਨੁਸਾਰ ਇੱਕ ਮਜ਼ਬੂਤ ਟੇਕ ਤੋਂ ਲਟਕਾਇਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 9

ਮੰਨ ਲਓ ਸਰਲ ਪੈਂਡੂਲਮ ਦੀ ਲੰਬਾਈ L ਹੈ, ਜਿਸਨੂੰ ਦ੍ਰਿੜ੍ਹ ਟੇਕ ਤੋਂ m ਪੁੰਜ ਵਾਲੀ ਇੱਕ ਬਾਂਬ ਹੁੱਕ ਰਾਹੀਂ ਲਟਕਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਬਾਬ ਗਤੀ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਤਾਂ ਇਹ ਮੱਧ (ਔਸਤਨ) ਸਥਿਤੀ O ਤੇ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਸਥਿਤੀ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਨ ਸਥਿਤੀ ਵੀ ਆਖਦੇ ਹਨ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 10

ਗੋਲਕ ਦੀ ਡੋਲਨ ਕੰਪਨ ਗਤੀ-
ਗੋਲਕ (ਬਾਬ) ਨੂੰ ਹੱਥ ਨਾਲ ਫੜ ਕੇ ਸੱਜੇ ਪਾਸੇ ਵੱਲ ਸਿਖਰਲੀ ਸਥਿਤੀ E1 ਤਕ ਲਿਜਾ ਕੇ ਛੱਡ ਦਿਉ । ਗੋਲਕ ਮੱਧ ਸਥਿਤੀ ਸੰਤੁਲਿਤ ਸਥਿਤੀ) ਸਥਿਤੀ E2 ਤੋਂ ਖੱਬੇ ਪਾਸੇ ਸਿਖਰਲੀ ਸਥਿਤੀ E1 ਤੇ ਫਿਰ ਮੁੜ ਕੇ ਸੰਤੁਲਨ (ਮੱਧ ਸਥਿਤੀ 0 ਤੋਂ ਹੁੰਦਾ ਹੋਇਆ E1 ਤੇ ਚਲਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਗੋਲਾ ਡੋਲਨ ਜਾਰੀ ਰੱਖਦਾ ਹੈ ।

ਡੋਲਨ ਜਾਂ ਕੰਪਨ – ਗੋਲਕ ਦੀ ਇੱਕ ਸਿਖਰਲੀ ਸਥਿਤੀ E1 ਤੋਂ ਦੂਜੀ ਸਿਖਰਲੀ ਸਥਿਤੀ E2 ਅਤੇ ਮੁੜ E1 ਤਕ ਤੈਅ ਕੀਤੇ ਗਏ ਪੱਥ ਨੂੰ ਇੱਕ ਡੋਲਨ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਡੋਲਨ ਨੂੰ ਸਮਝਣ ਲਈ ਕੇਂਦਰੀ ਸੰਤੁਲਨ ਸਥਿਤੀ O ‘ਤੇ ਵਿਚਾਰ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ।

ਕੰਪਨ – ਗੋਲਕ ਦੀ ਸੰਤੁਲਨ ਸਥਿਤੀ O ਤੋਂ ਸਿਖਰਲੀ ਸਥਿਤੀ E1 ਅਤੇ ਫਿਰ ਸੰਤੁਲਨ ਬਿੰਦੁ O ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘ ਕੇ ਦੂਜੀ ਸਿਖਰਲੀ ਸਥਿਤੀ E2 ਤਕ ਅਤੇ ਵਾਪਸ ਸੰਤੁਲਨ ਸਥਿਤੀ O ਤਕ ਤੈਅ ਕੀਤੇ ਪੱਥ ਨੂੰ ਇੱਕ ਕੰਪਨ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਤਰੰਗ ਗਤੀ ਨੂੰ ਪਰਿਭਾਸ਼ਿਤ ਕਰੋ ਅਤੇ ਦੱਸੋ ਕਿ ਕਿਸੇ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚੋਂ ਤਰੰਗ ਦੇ ਸੰਚਾਰ ਲਈ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਸ਼ਰਤਾਂ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹਨ ? ਪਦਾਰਥਕ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਤਰੰਗਾਂ ਦਾ ਵਰਗੀਕਰਨ ਕਿਵੇਂ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਤਰੰਗ ਗਤੀ (Wave motion) – ਇਹ ਇੱਕ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਹਲਚਲ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਇੱਕ ਪਦਾਰਥਕ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚੋਂ ਦੀ ਪਦਾਰਥਕ ਕਣਾਂ ਦੇ ਦੁਹਰਾਈ ਜਾ ਰਹੀ ਕੰਪਨ ਗਤੀ ਕਾਰਨ ਅਗਾਂਹ ਤੁਰਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਗਤੀ ਇੱਕ ਕਣ ਤੋਂ ਦੂਜੇ ਕਣ ਨੂੰ ‘ਸਥਾਨ ਅੰਤਰਿਤ’ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚੋਂ ਤਰੰਗ ਸੰਚਾਰ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਸ਼ਰਤਾਂ-

  • ਮਾਧਿਅਮ ਲਚਕੀਲਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਇਹ ਦ੍ਰਿੜ੍ਹ ਨਾ ਹੋਵੇ । ਜੇਕਰ ਮਾਧਿਅਮ ਲਚਕੀਲਾ ਨਹੀਂ ਹੋਵੇਗਾ ਤਾਂ ਵਿਚਲਿਤ ਹੋਏ ਅਣੂਆਂ ਦੀ ਉਰਜਾ ਗੁਆਂਢੀ ਅਣੂਆਂ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਦਿੱਤੀ ਜਾ ਸਕੇਗੀ ।
  • ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਕੁੱਝ ਜੜ੍ਹਤਾ ਲਾਜ਼ਮੀ ਹੈ । ‘ ਉਹ ਤਰੰਗਾਂ ਜਿਹੜੀਆਂ ਕੇਵਲ ਇੱਕ ਪਦਾਰਥਕ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ, ਲਚਕੀਲੀਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਜਾਂ ਮਕੈਨਿਕੀ ਯਾਤ੍ਰਿਕ ਤਰੰਗਾਂ ਅਖਵਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਉਹ ਤਰੰਗਾਂ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸੰਚਾਰ ਲਈ ਕਿਸੇ ਵੀ ਪਦਾਰਥਕ ਮਾਧਿਅਮ ਦੀ ਲੋੜ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ । ਇਹਨਾਂ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਗੈਰ-ਮਕੈਨਿਕੀ ਤਰੰਗਾਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਤਰੰਗਾਂ ਅਤੇ ਬਿਜਲ ਚੁੰਬਕੀ ਤਰੰਗਾਂ ਇਸੇ ਕਿਸਮ ਦੀਆਂ ਹਨ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਅਤੇ ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਅੰਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਤਰੰਗ ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗ
(1) ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਰੰਗ ਵਿੱਚ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਣ ਤਰੰਗ ਦੀ ਲੰਬਾਤਮਕ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਡੋਲਨ ਕਰਦੇ ਹਨ । (1) ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗ ਵਿੱਚ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਣ ਤਰੰਗ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿਚ ਡੋਲਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
(2) ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਰੰਗ ਵਿੱਚ ਸਿਖਰ ਅਤੇ ਨਿਵਾਣ ਬਣਦੇ ਹਨ । (2) ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗਾਂ ਨਪੀੜਨਾਂ ਅਤੇ ਵਿਰਲਾਂ ਤੋਂ ਬਣਦੀ ਹੈ ।
(3) ਆਕਾਰ ਅਤੇ ਤਣਾਓ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । (3) ਆਇਤਨ ਅਤੇ ਤਣਾਓ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
(4) ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਤਰੰਗਾਂ ਠੋਸ ਵਿਚੋਂ ਜਾਂ ਤਰਲ ਦੀ ਸਤਹਿ ਦੇ ਉਪਰੋਂ ਲੰਘ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਪਰ ਗੈਸਾਂ ਵਿਚੋਂ ਬਿਲਕੁਲ ਨਹੀਂ ਲੰਘ ਸਕਦੀਆਂ । (4) ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗਾਂ ਠੋਸਾਂ, ਤਰਲਾਂ ਅਤੇ ਗੈਸਾਂ ਵਿਚੋਂ ਲੰਘ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ ।
(5) ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਦਾ ਧਰੁਵੀਕਰਣ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ । (5) ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗ ਦਾ ਧਰੁਵੀਕਰਣ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਧੁਨੀ ਦਾ ਸੰਚਾਰ ਕਿਵੇਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਕੀ ਇਸ ਦਾ ਸੰਚਾਰ ਨਿਰਵਾਯੂ ਵਿੱਚ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ? ਠੋਸ, ਤਰਲ ਅਤੇ ਗੈਸਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਸ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦਾ ਵੇਗ ਅਧਿਕਤਮ ਅਤੇ ਕਿਸ ਵਿੱਚ ਨਿਊਨਤਮ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਦਾ ਸੰਚਾਰ ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗਾਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਵਿੱਚ ਨਪੀੜਣਾਂ ਅਤੇ ਵਿਰਲਾਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਧੁਨੀ ਦਾ ਸੋਮਾ ਹਮੇਸ਼ਾ ਹੀ ਕੰਪਨ-ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਕੰਪਨ ਕਰ ਰਹੇ ਇੱਕ ਸੋਮੇ ਤੇ ਉਤਪੰਨ ਧੁਨੀ ਇੱਕ ਪਦਾਰਥਕ ਮਾਧਿਅਮ ਰਾਹੀਂ ਹੀ ਅਗਾਂਹ ਸੰਚਾਰਿਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਨਿਰਵਾਯੂ ਵਿੱਚ ਕਦੇ ਵੀ ਨਹੀਂ ਚਲ ਸਕਦੀਆਂ । ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗਾਂ ਹਰ ਕਿਸਮ ਦੇ ਮਾਧਿਅਮ, ਠੋਸ, ਤਰਲ ਅਤੇ ਗੈਸ ਵਿੱਚੋਂ ਸੰਚਾਰਿਤ ਹੋ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਹ ਮਾਧਿਅਮ ਤੇ ਲਚਕੀਲੇਪਨ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਠੋਸ, ਤਰਲਾਂ ਨਾਲੋਂ ਅਤੇ ਤਰਲ ਗੈਸਾਂ ਨਾਲੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਲਚਕੀਲੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਯੋਗਾਂ ਤੋਂ ਇਹ ਸਿੱਧ ਹੋ ਚੁੱਕਾ ਹੈ ਕਿ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਚਾਲ ਠੋਸਾਂ ਵਿੱਚ ਅਧਿਕਤਮ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਪਰਾਵਣ ਤਰੰਗਾਂ ਕੀ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ? ਇਹਨਾਂ ਤਰੰਗਾਂ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਰਾਵਣ ਤਰੰਗਾਂ (Ultrasonic Waves) – ਉਹ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਆਤੀ 20,000 ਹਰਟਜ਼ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਪਰਾਵਣ ਤਰੰਗਾਂ ਜਾਂ ਪਰਾਣ ਧੁਨੀ ਅਖਵਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ | ਪਰਾਵਣ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਮਨੁੱਖੀ ਕੰਨ ਨਹੀਂ ਸੁਣ ਸਕਦੇ । ਕੁੱਝ ਜੀਵਾਂ ; ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਮਗਾਦੜ, ਕੁੱਤੇ, ਬਿੱਲੀਆਂ ਅਤੇ ਕੀੜਿਆਂ ਵਿੱਚ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸੁਣਨ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਕਈ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਵਰਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਿਵੇਂ ਕਿ-

  1. SONAR ਵਿੱਚ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਪਣਡੁੱਬੀਆਂ ਦੀ ਰੇਂਜ ਦੀ ਮਿਣਤੀ ਲਈ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  2. ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਦਾ ਅੰਤ ਕਰਨ ਅਤੇ ਦੁੱਧ ਨੂੰ ਜੀਵਾਣੂ ਰਹਿਤ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਵਰਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  3. ਠੋਸ ਵਸਤਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਰਾਖ ਅਤੇ ਤਰੇੜਾਂ ਲੱਭਣ ਲਈ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  4. ਪਰਾਵਣ ਤਰੰਗਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਸਰੀਰ ਦੇ ਅੰਦਰ ਕੈਂਸਰ ਆਦਿ ਦੀ ਜਾਂਚ ਲਈ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  5. ਪਰਾਵਣ ਤਰੰਗਾਂ ਨਾਲ ਗੁਰਦਿਆਂ ਦੀ ਪੱਥਰੀ ਦੀ ਜਾਂਚ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  6. ਇਹਨਾਂ ਤਰੰਗਾਂ ਨਾਲ ਭਰੂਣ ਦੀ ਜਾਂਚ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  7. ਮਾਸਪੇਸ਼ੀਆਂ ਦੇ ਦਰਦ ਅਤੇ ਜੋੜਾਂ ਦੇ ਦਰਦ ਦੇ ਇਲਾਜ ਲਈ ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਲਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  8. ਹਵਾਈ ਜਹਾਜ਼, ਰੇਲਵੇ ਲਾਈਨ ਅਤੇ ਪਾਈਪਾਂ ਦੇ ਦੋਸ਼ਾਂ ਨੂੰ ਲੱਭਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
  9. ਸਮੁੰਦਰਾਂ ਦੀ ਡੂੰਘਾਈ ਨਾਪੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  10. ਫੋਟੋਗ੍ਰਾਫ਼ੀ ਫ਼ਿਲਮਾਂ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ਮੱਦਦ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਤਰੰਗ ਗਤੀ ਦੇ ਕੀ ਗੁਣ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਤਰੰਗ-ਗਤੀ ਦੇ ਗੁਣ-

  1. ਇਹ ਇੱਕ ਹਿਲ-ਜੁਲ ਹੈ, ਜਿਹੜੀ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਦੀ ਹੈ । ਤਰੰਗ ਗਤੀ ਦੇ ਨਾਲ ਕੋਈ ਪਦਾਰਥ ਸਥਾਨਅੰਤਰਿਤ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ।
  2. ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਣ ਆਪਸੀ ਮੱਧ ਸਥਿਤੀ ਦੇ ਦੁਆਲੇ ਡੋਲਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
  3. ਕਿਸੇ ਕਣ ਦਾ ਡੋਲਨ ਉਸ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਵਾਲੇ ਕਣ ਤੋਂ ਕੁੱਝ ਦੇਰ ਬਾਅਦ ਸ਼ੁਰੂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਕ੍ਰਮਵਾਰ ਸਥਿਤੀਆਂ ਵਿੱਚ ਲਗਾਤਾਰ ਫੇਜ਼ ਅੰਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  4. ਡੋਲਨ ਦੌਰਾਨ ਕਣਾਂ ਦਾ ਵੇਗ, ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਸਥਿਤੀਆਂ ਵਿੱਚ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਮੱਧ ਸਥਿਤੀ ਤੇ ਵੱਧ ਅਤੇ ਉੱਚਤਮ ਸਥਿਤੀਆਂ ‘ਤੇ ਜ਼ੀਰੋ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  5. ਕਿਸੇ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਤਰੰਗ ਦਾ ਵੇਗ ਸਥਿਰ ਹੈ ।
  6. ਮਾਧਿਅਮ ਬਿਨਾਂ ਕਿਸੇ ਵਾਸਤਵਿਕ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ ਦੇ ਹਿਲ-ਜੁਲ ਨਾਲ ਊਰਜਾ ਵੀ ਸਥਾਨਾਂਤਰਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  7. ਯਾਤ੍ਰਿਕ ਤਰੰਗ ਗਤੀ ਦੇ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ ਲਈ ਭੌਤਿਕ ਮਾਧਿਅਮ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਇਸ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਤਣਾਓ ਅਤੇ ਜੜ੍ਹਤਾ ਦਾ ਗੁਣ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਣਾਂ ਵਿੱਚ ਰਗੜ ਬਲ ਲਘੂਤਮ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਧੁਨੀ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ – ਧੁਨੀ ਇੱਕ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਉਰਜਾ ਹੈ ਜੋ ਸਾਡੇ ਕੰਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਣਨ ਦੀ ਸੰਵੇਦਨਾ ਪੈਦਾ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਇੱਕ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਕਣਾਂ ਵਿੱਚ ਪੈਦਾ ਹੋਈ ਹਲਚਲ ਹੈ ਜੋ ਬਾਹਰੀ ਕਾਰਨਾਂ ਤੋਂ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਅਸੀਂ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਧੁਨੀਆਂ ਸੁਣਦੇ ਹਾਂ, ਜਿਵੇਂ-ਬੱਚੇ ਦਾ ਰੋਣਾ, ਹਵਾ ਦਾ ਤੇਜ਼ ਚਲਣਾ, ਕੁੱਤੇ ਦਾ ਝੁੱਕਣਾ, ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਕੜਕਨਾ, ਰੇਲ ਦੇ ਇੰਜਨ ਦੀ ਸੀਟੀ, ਜਹਾਜ਼ ਦੀ ਗੜਗੜਾਹਟ ਆਦਿ । ਹਰ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਧੁਨੀ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਵਾਲੀ ਵਸਤੂ ਕੰਪਨ ਕਰ ਰਹੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਇੱਕ ਤੰਗ ਕਮਰੇ ਵਿੱਚ ਗੂੰਜ ਨਹੀਂ ਸੁਣਾਈ ਦਿੰਦੀ । ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ, ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਤੰਗ ਕਮਰੇ ਵਿਚ ਗੂੰਜ-ਸਾਡੇ ਕੰਨ ਤੇ ਸੁਣਨ ਦੀ ਸੰਵੇਦਨਾ ਦਾ ਅਸਰ 0.1 ਸੈਕਿੰਡ ਤਕ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ, ਭਾਵੇਂ ਧੁਨੀ ਦਾ ਸੋਮਾ ਕੰਪਨ ਕਰਨਾ ਬੰਦ ਕਰ ਦੇਵੇ । ਇਸ ਲਈ ਗੂੰਜ ਸੁਣਨ ਲਈ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਧੁਨੀ ਸਾਡੇ ਕੰਨ ਵਿੱਚ ਮੂਲ ਧੁਨੀ ਦੇ ਪਹੁੰਚਣ ਤੋਂ 0.1 ਸੈਕਿੰਡ ਬਾਅਦ ਆਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਧੁਨੀ ਦੁਆਰਾ ਦੋਨੋਂ ਪਾਸੇ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਕੁੱਲ ਦੂਰੀ 344 × 0.1 = 34.4 ਮੀਟਰ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੈ ਕਿ ਗੂੰਜ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਲਈ ਸੋਮੇ ਅਤੇ ਪਰਾਵਰਤਕ ਤਕ ਧੁਨੀ ਨੂੰ 34.4 ਦਾ ਅੱਧ = 17.2 ਮੀਟਰ ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਧੁਨੀ ਸੋਮੇ ਅਤੇ ਧੁਨੀ ਪਰਾਵਰਤਕ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ 17.2 ਮੀਟਰ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋਵੇਗੀ ਤਾਂ ਗੂੰਜ ਨਹੀਂ ਸੁਣਾਈ ਦੇਵੇਗੀ, ਕਿਉਂਕਿ ਤੰਗ ਕਮਰੇ ਦੇ ਵਿੱਚ ਦੂਰੀ 17.2 ਮੀਟਰ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਕੰਪਨ ਗਤੀ ਨਾਲ ਧੁਨੀ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਫਿਰ ਇੱਕ ਕੰਪਨ ਕਰ ਰਿਹਾ ਪੈਂਡੂਲਮ ਧੁਨੀ ਪੈਦਾ ਕਿਉਂ ਨਹੀਂ ਕਰਦਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੰਪਨ ਕਰ ਰਿਹਾ ਪੈਂਡੂਲਮ ਧੁਨੀ ਇਸ ਲਈ ਪੈਦਾ ਨਹੀਂ ਕਰਦਾ ਕਿਉਂਕਿ ਇਸ ਤੋਂ ਪੈਦਾ ਹੋਈਆਂ ਕੰਪਨ ਤਰੰਗਾਂ ਹਵਾ ਦੇ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਿਆਂ ਹੋਇਆਂ ਚਾਰੋਂ ਪਾਸੇ ਖਿੰਡ-ਪੁੰਡਰ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਜੇਕਰ ਨਿਰਵਾਯੂ ਵਿੱਚ ਪੈਂਡੂਲਮ ਨੂੰ ਕੰਪਨ ਕਰਾਈਏ ਤਾਂ ਧੁਨੀ ਸੁਣਾਈ ਦੇਏਗੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਇੱਕ ਦੁਰ ਵਜ ਰਹੇ ਸਾਇਰਨ ਦੀ ਧੁਨੀ ਨਾਲ ਅਸੀਂ ਆਪਣੀ ਘੜੀ ਸੈੱਟ ਕਰਦੇ ਹਾਂ, ਕੀ ਇਹ ਤੇਜ਼ ਚੱਲੇਗੀ ਜਾਂ ਹੌਲੀ ? ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਾਇਰਨ ਤੋਂ ਪੈਦਾ ਹੋਈ ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਸਾਡੇ ਤਕ ਪਹੁੰਚਣ ਲਈ ਕੁੱਝ ਸਮਾਂ ਲੱਗੇਗਾ ਅਰਥਾਤ ਜਦੋਂ ਸਾਇਰਨ ਵੱਜਿਆ ਅਤੇ ਜਦੋਂ ਧੁਨੀ ਸਾਡੇ ਕੋਲ ਪੁੱਜੀ ਤਾਂ ਉਸ ਵਿੱਚ ਕੁੱਝ ਸਮਾਂ ਅੰਤਰਾਲ ਦਾ ਅੰਤਰ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਸਾਇਰਨ ਨਾਲ ਸੈੱਟ ਕੀਤੀ ਘੜੀ ਵਾਸਤਵਿਕ ਸਮੇਂ ਤੋਂ ਪਿਛਾਂਹ ਰਹਿ ਜਾਵੇਗੀ ਅਰਥਾਤ ਹੌਲੀ ਚਲੇਗੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਇੱਕ ਨਪੀੜਨ ਅਤੇ ਇੱਕ ਵਿਰਲ ਕੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਪੀੜਨ (Compression) – ਨਪੀੜਨ ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗ ਵਿੱਚ ਬਣਦੀ ਹੈ । ਨਪੀੜਨ ਤਰੰਗ ਦਾ ਉਹ ਖੇਤਰ ਹੈ, ਜਿੱਥੇ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਅਣੁ ਸਾਧਾਰਨ ਨਾਲੋਂ ਬਹੁਤ ਨੇੜੇ-ਨੇੜੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ | ਨਪੀੜਨ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਤਾਪਮਾਨ ਅਤੇ ਦਬਾਅ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਜਦੋਂ ਕਿ ਆਇਤਨ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਵਿਰਲ (Rarefaction) – ਵਿਰਲ ਤਰੰਗ ਦਾ ਉਹ ਖੇਤਰ ਹੈ, ਜਿੱਥੇ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਅਣੂ ਸਧਾਰਨ ਨਾਲੋਂ ਦੂਰ-ਦੂਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਤਾਪਮਾਨ ਅਤੇ ਦਬਾਅ ਘੱਟ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜਦੋਂ ਕਿ ਆਇਤਨ ਵੱਧ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਜੋ ਸੁਭਾਅ ਵਿੱਚ ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗਾਂ ਹਨ, ਨਪੀੜਨ ਅਤੇ ਵਿਰਲ ਤੋਂ ਬਣੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਮਾਧਿਅਮ (ਹਵਾ) ਦੇ ਅਣੂ ਅਗਾਂਹ ਨਹੀਂ ਵੱਧਦੇ, ਪਰੰਤੂ ਹਲਚਲ ਅਗਾਂਹ ਤੁਰ ਜਾਂਦੀ ਹੈ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 11
ਜਦੋਂ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗਾਂ ਚਲਦੀਆਂ ਹਨ, ਤਾਂ ਮਾਧਿਅਮ ਦੀ ਘਣਤਾ ਚਿੱਤਰ ਅਨੁਸਾਰ ਬਦਲਦੀ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਉਚਾਣ (ਕਰੈਸਟ) ਅਤੇ ਨਿਵਾਣ (ਫੱਫ) ਵਿਚਕਾਰ ਅੰਤਰ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਉਚਾਣ (ਕਰੈਸਟ)-ਆਡੇ-ਦਾਅ ਟਰਾਂਸਵਰਸ) ਤਰੰਗਾਂ ਵਿੱਚ ਕੰਪਨ ਕਰ ਰਹੇ ਕਣ ਦੀ ਸੰਤੁਲਨ ਸਥਿਤੀ ਤੋਂ ਧਨਾਤਮਕ ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ਅਧਿਕਤਮ ਵਿਸਥਾਪਨ ਵਾਲੀ ਸਥਿਤੀ ‘ਤੇ ਸਭ ਤੋਂ ਉੱਚਾ ਬਿੰਦੁ ਉਚਾਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਨਿਵਾਣ (ਫੱਫ)-ਆਡੇ-ਦਾਅ ਟਰਾਂਸਵਰਸ) ਤਰੰਗਾਂ ਵਿੱਚ ਕੰਪਨ ਕਰ ਰਹੇ ਕਣ ਦੀ ਸੰਤੁਲਨ ਸਥਿਤੀ ਤੋਂ ਰਿਣਾਤਮਕ ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ਅਧਿਕਤਮ ਵਿਸਥਾਪਨ ਵਾਲਾ ਸਭ | ਤੋਂ ਨੀਵਾਂ ਬਿੰਦੂ ਨਿਵਾਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਰੰਗ ਦੇ ਉਚਾਣ ਤੇ ਨਿਵਾਣ – ਟਰਾਂਸਰਸ ਤਰੰਗ ਹਿਲਜੁਲ ਰੇਖਾ ਦੇ ਜ਼ੀਰੋ (0) ਬਿੰਦੂ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਉੱਠਣਾ ਅਤੇ ਨੀਵੇਂ ਬੈਠਣ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਬਣਦੀ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 12

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਧੁਨੀ ਬੂਮ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਇਸ ਤੋਂ ਤੁਹਾਡਾ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 13
ਧੁਨੀ ਬੂਮ – ਜਦੋਂ ਧੁਨੀ ਉਤਪਾਦਕ ਸ੍ਰੋਤ ਧੁਨੀ ਦੀ ਗਤੀ ਨਾਲੋਂ ਵੱਧ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਚਲਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਹ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਘਾਤਕ ਤਰੰਗਾਂ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਘਾਤਕ ਤਰੰਗਾਂ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਉਰਜਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀਆਂ ਘਾਤਕ ਤਰੰਗਾਂ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਵਾਯੂ-ਦਬਾਅ ਪਰਿਵਰਤਨ ‘ਤੇ ਇੱਕ ਬਹੁਤ ਤੇਜ਼ ਅਤੇ ਪ੍ਰਬਲ ਧੁਨੀ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜਿਸਨੂੰ ਧੁਨੀ ਬੁਮ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਪਰਾਧੁਨੀਕ ਹਵਾਈ ਜਹਾਜ਼ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਇਸ ਧੁਨੀਬੂਮ ਵਿੱਚ ਇੰਨੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਉਰਜਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਕਿ ਇਹ ਖਿੜਕੀਆਂ ਦੇ ਸ਼ੀਸ਼ਿਆਂ ਨੂੰ ਤੋੜ ਸਕਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਮਾਰਤਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਨੁਕਸਾਨ ਪਹੁੰਚਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਧੁਨੀ ਪਰਾਵਰਤਨ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਪਰਾਵਰਤਨ – ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧੁਨੀ ਵੀ ਆਪਣੀ ਦਿਸ਼ਾ ਬਦਲ ਸਕਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਧੁਨੀ ਦਾ ਦੀਵਾਰਾਂ ਨਾਲ, ਪਹਾੜਾਂ ਜਾਂ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸੜਾ ਨਾਲ ਟਕਰਾ ਕੇ ਵਾਪਸ ਆਉਣਾ ਧੁਨੀ ਪਰਾਵਰਤਨ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਵੇਂ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਧਾਤ ਦੀ ਚਾਦਰ ਅਤੇ ਲੱਕੜ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੇ ਨਿਯਮ ਧੁਨੀ ‘ਤੇ ਵੀ ਲਾਗੂ ਹੁੰਦੇ ਹਨ | ਪਰ ਧੁਨੀ ਪਰਾਵਰਤਨ ਲਈ ਕਿਸੇ ਚੀਕਣੀ ਜਾਂ ਚਮਕਦਾਰ ਸਤਾ ਦੀ ਲੋੜ ਨਹੀਂ ਪੈਂਦੀ ਹੈ । ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦੇ ਪਰਾਵਰਤਨ ਲਈ ਵੱਡੇ ਆਕਾਰ ਦੀ ਰੁਕਾਵਟ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਕੀ ਕਾਰਣ ਹੈ ਕਿ ਦੂਰ ਤੋਂ ਆ ਰਹੀ ਰੇਲਗੱਡੀ ਦੀ ਧੁਨੀ ਸੁਣਾਈ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦੀ ਹੈ ਪਰੰਤੁ ਪਟੜੀ ਤੇ ਕੰਨ ਰੱਖ ਕੇ ਅਸੀਂ ਉਸ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਸੁਣ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਹਵਾ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਧਾਤਾਂ (ਠੋਸ) ਵਿੱਚੋਂ ਇੱਕ ਥਾਂ ਤੋਂ ਦੂਜੀ ਥਾਂ ‘ਤੇ ਤੇਜ਼ ਚਾਲ ਨਾਲ ਗਤੀ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਰੇਲਗੱਡੀ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਪਟੜੀ ਵਿੱਚੋਂ ਹੋ ਕੇ ਸਾਡੇ ਕੰਨਾਂ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਕੀ ਕਾਰਣ ਹੈ ਕਿ ਔਰਤਾਂ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਤਿੱਖੀ ਅਤੇ ਪਤਲੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਦਕਿ ਆਦਮੀਆਂ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਮੋਟੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਦਾ ਪਤਲਾ ਅਤੇ ਮੋਟਾ ਹੋਣਾ ਧੁਨੀ ਦੇ ਤਿੱਖੇਪਣ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਕਿਉਂਕਿ ਔਰਤਾਂ ਦੀ ਧੁਨੀ ਦਾ ਤਿੱਖਾਪਣ ਵੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਪਤਲੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸਦੇ ਉਲਟ ਆਦਮੀਆਂ (ਮਰਦਾਂ) ਦੀ ਧੁਨੀ ਦਾ ਤਿੱਖਾਪਣ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਮੋਟੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ, 18.
ਕੀ ਕਾਰਣ ਹੈ ਕਿ ਅਸੀਂ ਭੂਚਾਲ ਤੋਂ ਉਤਪੰਨ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਸੁਣ ਪਾਉਂਦੇ ਜਦਕਿ ਚਮਗਾਦੜ ਅਤੇ ਕੁੱਤੇ ਉਸ ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਸੁਣ ਸਕਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੁਣਨ ਸੀਮਾ ਰੇਂਜ – ਸਾਡਾ ਕੰਨ 20 Hz ਤੋਂ 20,000 Hz ਤੱਕ ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਵਾਲੀਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਸੁਣ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਆਵਤੀ ਦੀ ਇਹ ਰੇਂਜ ਸੁਣਨ ਸੀਮਾ ਅਖਵਾਉਂਦੀ ਹੈ । ਭੂਚਾਲ ਦੁਆਰਾ ਪੈਦਾ ਹੋਈਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਇਸ ਰੇਂਜ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਅਸੀਂ ਇਹਨਾਂ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਸੁਣ ਸਕਦੇ, ਪਰੰਤੁ ਚਮਗਾਦੜ ਅਤੇ ਕੁੱਤੇ ਦੇ ਕੰਨ ਭੂਚਾਲ ਦੁਆਰਾ ਪੈਦਾ ਹੋਈਆਂ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਪ੍ਰਤੀ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਕਾਰਣ ਚਮਗਾਦੜ ਅਤੇ ਕੁੱਤੇ ਅਸਾਨੀ ਨਾਲ ਇਹਨਾਂ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਸੁਣ ਲੈਂਦੇ ਹਨ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਮੱਛਰ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਅਤੇ ਸ਼ੇਰ ਦੀ ਦਹਾੜ ਵਿੱਚ ਕੀ ਅੰਤਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੱਛਰ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ (ਧੁਨੀ) ਦੀ ਪ੍ਰਬਲਤਾ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਆਤੀ ਵੱਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਸ਼ੇਰ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਦੀ ਪ੍ਰਬਲਤਾ ਵੱਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਪਰ ਆਤੀ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਮੱਛਰ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਸ਼ੇਰ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਨਾਲੋਂ ਤਿੱਖੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਸੁਣਨ ਸਹਾਇਕ ਯੰਤਰ ਕੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਕਿਵੇਂ ਕੰਮ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੁਣਨ ਸਹਾਇਕ ਯੰਤਰ-ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਨੂੰ ਘੱਟ ਸੁਣਦਾ ਹੈ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਇਸ ਯੰਤਰ ਦੀ ਲੋੜ ਪੈਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਬੈਟਰੀ ਨਾਲ ਚਲਣ ਵਾਲਾ ਇਕ ਇਲੈੱਕਟਾਨਿਕ ਉਪਕਰਨ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਇਕ ਛੋਟਾ ਜਿਹਾ ਮਾਈਕੋਫੋਨ, ਇੱਕ ਐਮਪਲੀਫਾਈਅਰ ਅਤੇ ਸਪੀਕਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਧੁਨੀ ਮਾਈਕ੍ਰੋਫੋਨ ‘ਤੇ ਪਹੁੰਚਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਸੰਕੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਐਮਪਲੀਫਾਈਅਰ ਇਹਨਾਂ ਬਿਜਲਈ ਸੰਕੇਤਾਂ ਨੂੰ ਵੱਡਾ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਸੰਕੇਤ ਸਪੀਕਰ ਦੁਆਰਾ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਦਿੱਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਕੰਨ ਦੇ ਡਾਇਆਫ੍ਰਾਮ ‘ਤੇ ਪੈਂਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਧੁਨੀ ਸਾਫ਼ ਸੁਣਾਈ ਦਿੰਦੀ ਹੈ ।

ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸੂਤਰ (Important Formulae)

1. ਤਰੰਗ ਦਾ ਵੇਗ (V) = v × λ
2. ਆਤੀ (v) = \(\frac{1}{\mathrm{~T}}\)
3. ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (λ) = υ × T
4. ਕੁੱਲ ਦੂਰੀ = ਵੇਗ × ਸਮਾਂ

ਸੰਖਿਆਤਮਕ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Numerical Problems)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਮੋਹਨ ਦੇ ਦਿਲ ਦੀ ਆਵਿਤੀ ਕਿੰਨੀ ਹੈ, ਜਦੋਂ ਉਹ 1 ਮਿੰਟ ਵਿੱਚ 75 ਵਾਰੀ ਧੜਕ ਰਿਹਾ ਹੈ ?
ਹੱਲ:
75 ਵਾਰੀ ਦਿਲ ਦੇ ਧੜਕਣ ਨੂੰ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ = 1 ਮਿੰਟ
= 1 × 60 ਸੈਕਿੰਡ
= 60 ਸੈਕਿੰਡ
1 ਵਾਰੀ ਦਿਲ ਨੂੰ ਧੜਕਣ ਲਈ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ = \(\frac{60}{75}\)
= \(\frac{4}{5}\)
= 0.80 ਸੈਕਿੰਡ
∴ ਆਵਰਤ-ਕਾਲ (T) = 0.80 ਸੈਕਿੰਡ
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, ਆਵਤੀ (V) = PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 14
= \(\frac{1}{\mathrm{~T}}\)
= \(\frac{1}{0.80}\)
∴ ਆਤੀ (V) = \(\frac{5}{4}\)
= 1.25 ਹਰਟਜ਼ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਤਰੰਗ ਦਾ ਇੱਕ ਸੋਮਾ 0.4 ਸੈਕਿੰਡ ਵਿੱਚ 40 ਉਚਾਣਾਂ ਅਤੇ 40 ਨਿਵਾਣਾਂ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਤਰੰਗ ਦੀ ਆਤੀ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਤਰੰਗ ਦੀ ਇੱਕ ਉਚਾਣ ਅਤੇ ਇੱਕ ਨਿਵਾਣ ਵਿਚਕਾਰਲੀ ਦੂਰੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
∴ 40 ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਲੰਬਾਈ ਨੂੰ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ = 0.4 ਸੈਕਿੰਡ
ਜਾਂ 0.4 ਸੈਕਿੰਡ ਵਿੱਚ ਜਿੰਨੀਆਂ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈਆਂ ਤੈਅ ਕੀਤੀਆਂ = 40
1 ਸੈਕਿੰਡ ਵਿੱਚ ਜਿੰਨੀਆਂ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈਆਂ ਤੈਅ ਕੀਤੀਆਂ = \(\frac{40}{0.4}\)
= 100
∴ ਤਰੰਗ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ = 100 ਹਰਟਜ਼ ਉੱਤਰ

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਇੱਕ ਤਾਰ ਉੱਪਰ ਇੱਕ ਤਰੰਗ ਪਲੱਸ 8 ਮੀਟਰ ਦੀ ਦੂਰੀ 0.05 ਸਕਿੰਟ ਵਿੱਚ ਤੈਅ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਤਰੰਗ ਵੇਗ ਕਿੰਨਾ ਹੈ ? ਜੇਕਰ ਤਾਰ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ 200 ਹਰਟਜ਼ ਹੈ ਤਾਂ ਤਰੰਗ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਕਿੰਨੀ ਹੋਵੇਗੀ ?
ਹੱਲ:
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 15
= \(\frac{8}{0.05}\)
V = 160 m/s
ਕਿਉਂ ਜੋ V = v × λ
∴ λ = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{v}}\)
= \(\frac{160}{200}\) = 0.8 m.
λ = 0.8 m

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਉਸ ਤਰੰਗ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਕੀ ਹੋਵੇਗੀ ਜਿਸਦਾ ਆਵਰਤ-ਕਾਲ 0.05 s ਹੈ ?
ਹੱਲ:
ਆਵਰਤ-ਕਾਲ (T) = 0.05 s,
ਆਤੰਵਤੀ (V) = ?
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ T = \(\frac{1}{v}\)
ਜਾਂ ਆਤੰਵਤੀ (V) = \(\frac{1}{\mathrm{~T}}\)
∴ V = \(\frac{1}{0.05}\)
= \(\frac{100}{5}\) = 20 Hz

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਸਮੇਂ ਦਾ ਇੱਕ ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਤਰੰਗ ਦਾ ਦੂਰੀ ਵਿਸਥਾਪਨ ਗ੍ਰਾਫ਼ ਦਿਖਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ, ਜੇ. ਤਰੰਗ ਦਾ ਵੇਗ 320 m/s ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਪਤਾ ਕਰੋ-(a) ਟਰਾਂਸਵਰਸ (b) ਆਵਿਤੀ ।
ਹੱਲ:
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 16
(a) ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ = ਦੋ ਲਾਗਲੀਆਂ ਕਰੈਸਟਾਂ ਵਿੱਚ ਦੂਰੀ
= 50 – 10 = 40 cm
= \(\frac{40}{100}\)m = 0.4 m

(b) ਤਰੰਗ ਦਾ ਵੇਗ V = 320 m/s,
v = ?, λ = 0.4 m
V = v λ
v = \(\frac{\mathrm{V}}{\lambda}=\frac{320}{0.4}\) = 800 Hz
ਆਤੰਵਤੀ (v) = 800 Hz.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਇੱਕ ਆਦਮੀ ਚੱਟਾਨ ਤੋਂ 200 m ਦੂਰ ਖੜ੍ਹਾ ਹੈ । ਉਹ ਸੀਟੀ ਵਜਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਜੇ ਧੁਨੀ ਦੀ ਹਵਾ ਵਿਚਲੀ ਚਾਲ 332 m/s ਹੈ ਤਾਂ ਗੂੰਜ ਕਿੰਨੀ ਦੇਰ ਬਾਅਦ ਸੁਣੇਗੀ ?
ਹੱਲ:
ਧੁਨੀ ਦਾ ਵੇਗ = 332 ਮੀ. / ਸੈਕਿੰਡ
ਧੁਨੀ ਵਾਪਸ ਆਉਣ ਲਈ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਦੂਰੀ = 200 ਮੀ. + 200 ਮੀ.
= 400 ਮੀ.
332 ਮੀ. ਧੁਨੀ ਚੱਲਣ ਤੇ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ = 1 ਸੈਕਿੰਡ
1 ਮੀ. ਧੁਨੀ ਚੱਲਣ ਦੇ ਲਈ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ = \(\frac{1}{332}\) ਸੈਕਿੰਡ
400 ਮੀ. ਧੁਨੀ ਚੱਲਣ ਦੇ ਲਈ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ = \(\frac{1}{332}\) × 400
= \(\frac{100}{83}\) ਸੈਕਿੰਡ
= 1.2 s

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਧੁਨੀ ਹਵਾ ਵਿੱਚ 330 ਮੀਟਰ/ਸੈਕਿੰਡ ਦੀ ਚਾਲ ਨਾਲ ਚਲਦੀ ਹੈ । ਇੱਕ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ 550 ਹਰਟਜ਼ ਹੈ । ਇਸ ਤਰੰਗ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਕੀ ਹੋਵੇਗੀ ?
ਹੱਲ :
ਦਿੱਤਾ ਹੈ. ਤਰੰਗ ਦਾ ਵੇਗ (V) = 330 ਮੀਟਰ/ਸੈਕਿੰਡ
ਆਕ੍ਰਿਤੀ (v) = 550 ਹਰਟਜ਼
ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (λ) = ?
ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (λ) = \(\frac{\mathrm{V}}{v}\)
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 17
= \(\frac{3}{5}\)
= 0.6 ਮੀਟਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਇੱਕ ਰੇਡੀਓ ਪ੍ਰਸਾਰਣ ਕੇਂਦਰ ਤੋਂ 40 ਮੈਗਾ ਹਰਟਜ਼ ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਦੀ ਬਿਜਲਈ-ਚੁੰਬਕੀ ਤਰੰਗਾਂ ਪ੍ਰਸਾਰਿਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਜੇਕਰ ਬਿਜਲਈ ਚੁੰਬਕੀ ਤਰੰਗ ਦੀ ਚਾਲ 3.0 × 108 ਮੀਟਰ/ਸੈਕਿੰਡ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਇਹਨਾਂ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਕੀ ਹੋਵੇਗੀ ?
ਹੱਲ:
ਦਿੱਤਾ ਹੈ, ਆਕ੍ਰਿਤੀ (v) = 40 ਮੈਗਾ ਹਰਟਜ਼
= 40 × 106 ਹਰਟਜ਼
ਤਰੰਗ ਵੇਗ (V) = 3 × 108 ਮੀਟਰ/ ਸੈਕਿੰਡ
ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (λ) = ?
ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (λ) = \(\frac{\mathrm{V}}{v}\)
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 18
= 7.5 ਮੀਟਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਸੋਨਾਰ ਦੁਆਰਾ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸੜਾ ਤੇ ਧੁਨੀ ਸਪੰਦ ਪੈਦਾ ਕੀਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਸਪੰਦ ਪਾਣੀ ਦੀ ਤਲੀ ਤੋਂ ਪਰਾਵਰਤਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।ਜੇ ਪੈਦਾ ਹੋਣ ਅਤੇ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੇ ਜਾਣ ਦੇ ਵਿਚਾਲੇ ਸਮਾਂ ਅੰਤਰਾਲ 2 ਸੈਕਿੰਡ ਹੈ ਤਾਂ ਪਾਣੀ ਦੀ ਗਹਿਰਾਈ ਕਿੰਨੀ ਹੈ ? (ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ = 1498 ਮੀਟਰ/ਸੈਕਿੰਡ
ਹੱਲ:
ਦਿੱਤਾ ਹੈ, ਉਤਸਰਜਨ ਅਤੇ ਹਿਣ ਕਰਨ ਵਿਚਾਲੇ ਦਾ ਸਮਾਂ ਅੰਤਰਾਲ (t) = 2 ਸੈਕਿੰਡ
ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ (V) = 1498 ਮੀਟਰ/ਸੈਕਿੰਡ
ਮੰਨ ਲਓ ਪਾਣੀ ਦੀ ਡੂੰਘਾਈ (S) = ?
ਪ੍ਰਸ਼ਨ ਅਨੁਸਾਰ, ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ 2 ਸੈਕਿੰਡ ਵਿੱਚ 2 s ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ
∴ ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ (V) = \(\frac{2 S}{t}\)
ਜਾਂ S = \(\frac{\mathrm{V} \times t}{2}\)
= \(\frac{1498 \times 2}{2}\)
∴ ਪਾਣੀ ਦੀ ਡੂੰਘਾਈ (S) = 1498 ਮੀਟਰ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਪ੍ਰਤੀ ਧੁਨੀ (ਗੂੰਜ) ਸੁਣਨ ਲਈ ਕਮਰੇ ਦੀ ਘੱਟ ਤੋਂ ਘੱਟ ਲੰਬਾਈ ਕਿੰਨੀ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ 320 ਮੀਟਰ/ਸੈਕਿੰਡ ਹੋਵੇ ?
ਹੱਲ:
ਧੁਨੀ ਸ੍ਰੋਤ ਨੂੰ ਹਟਾ ਲੈਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਵੀ ਮਨੁੱਖੀ ਕੰਨ ‘ਤੇ ਧੁਨੀ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ t = 0.1 ਸੈਕਿੰਡ ਤੱਕ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ਕਿ ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਸੁਣਨ ਵਾਲੇ ਮਨੁੱਖ ਤੋਂ ਚੱਲ ਕੇ ਦੀਵਾਰ ਰੁਕਾਵਟ) ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਵਾਪਸ ਸੁਣਨ ਵਾਲੇ ਕੋਲ ਪਹੁੰਚਣ ਲਈ 0.1 ਸੈਕਿੰਡ ਦਾ ਸਮਾਂ ਲੱਗਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
ਮੰਨ ਲਓ ਕਮਰੇ ਦੀ ਲੰਬਾਈ S ਹੈ
ਤਾਂ ਧੁਨੀ 0.1 ਸੈਕੰਡ ਵਿੱਚ 2 s ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰੇਗੀ ।
∴ ਦੂਰੀ (2S) = ਚਾਲ × ਸਮਾਂ
2 S = 320 ਮੀਟਰ/ਸੈਕਿੰਡ × 0.1 ਸੈਕਿੰਡ
2 S = 32.
∴ S = \(\frac{32}{2}\)
= 16 ਮੀਟਰ
ਇਸ ਲਈ ਕਮਰੇ ਦੀ ਘੱਟ ਤੋਂ ਘੱਟ ਲੰਬਾਈ 16 ਮੀਟਰ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਉੱਤਰ

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਇੱਕ ਮਨੁੱਖ ਕਿਸੇ ਖੜੀ ਚੱਟਾਨ ਦੇ ਪਾਸ ਤਾੜੀ ਵਜਾਉਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਸਦੀ ਗੂੰਜ 5 s ਬਾਅਦ ਸੁਣਾਈ ਦੇਂਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ 346 ms- ਲਈ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਚੱਟਾਨ ਅਤੇ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਦੀ ਦੂਰੀ ਕਿੰਨੀ ਹੋਵੇਗੀ ?
ਹੱਲ:
ਦਿੱਤਾ ਹੈ, ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ (V) = 346ms-1
ਗੂੰਜ ਸੁਣਨ ਦੇ ਲਈ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ (t) = 5 s
ਧੁਨੀ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਕੁੱਲ ਦੂਰੀ (S) =V × t
= 346 ms-1 × 5 s
= 1730 m
5 s ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਨੇ ਚੱਟਾਨ ਅਤੇ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਦੋ ਗੁਣਾਂ ਦੁਰੀ ਤੈਅ ਕੀਤੀ । ਇਸ ਕਰਕੇ ਚੱਟਾਨ ਅਤੇ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਦੀ ਦੂਰੀ = \(\frac{1730}{2}\)m = 865 m

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ Very Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਧੁਨੀ ਕਿਸ ਨੂੰ ਆਖਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ-ਇਹ ਇੱਕ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਊਰਜਾ ਹੈ ਜੋ ਕੰਪਨਾਂ ਦੁਆਰਾ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਮਨੁੱਖੀ ਕੰਨ ਕਿਸ ਆਤੀ ਵਾਲੀ ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਸੁਣਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
20 ਹਰਟਜ਼ ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ 20,000 ਹਰਟਜ਼ ਤਕ ਆਤੀ ਵਾਲੀ ਧੁਨੀ ਨੂੰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕੀ ਧੁਨੀ ਖਲਾਅ (ਨਿਰਵਾਯੂ) ਵਿੱਚ ਚਲ ਸਕਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਹੀਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਤਰੰਗਾਂ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਲਈ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਕੀ ਗੁਣ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਜੜ੍ਹਤਾ ਅਤੇ ਆਇਤਨ ਦਾ ਲਚੀਲਾਪਨ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਅਤੇ ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦੱਸੋ
(i) ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਤਰੰਗਾਂ
(ii) ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਲਹਿਰਾਂ
(iii) ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਟਰਾਂਸਰਸ ਤਰੰਗਾਂ
(ii) ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਤਰੰਗਾਂ
(iii) ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀ ਤਰੰਗਾਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਆਤੀ, ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਅਤੇ ਤਰੰਗ ਵੇਗ ਵਿੱਚ ਕੀ ਸੰਬੰਧ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਤਰੰਗ ਵੇਗ = ਆਤੀ × ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਦੀ ਇਕਾਈ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਰਟਜ਼ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਆਕ੍ਰਿਤੀ (V) ਅਤੇ ਆਵਰਤ ਕਾਲ (T) ਵਿੱਚ ਕੀ ਸੰਬੰਧ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
v = \(\frac{1}{\mathrm{~T}}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਪਰਾਣ ਧੁਨੀ ਕੌਣ ਸੁਣ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚਮਗਾਦੜ ਅਤੇ ਕੁੱਤੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਗੂੰਜ ਲਈ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਧੁਨੀ ਦੇ ਸਰੋਤ ਤੋਂ ਕਿੰਨੀ ਦੂਰ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
17.2 ਮੀਟਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਕੰਨ ਤੇ ਗੂੰਜ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਕਿੰਨੇ ਸਮੇਂ ਤਕ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੰਨ ਤੇ ਧੁਨੀ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ 1/10 ਸੈਕਿੰਡ ਤਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਦਾ S.I. ਮਾਕ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੀਟਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ, ਆਵਰਤੀ ਅਤੇ ਤਰੰਗ ਵੇਗ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਸੰਬੰਧ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਤਰੰਗ ਵੇਗ (V) = ਆਤੀ (V) × ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (λ) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14,
ਸੁਣਾਈ ਦੇਣ ਵਾਲੀਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਆਵਰਤੀ ਰੇਂਜ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-ਸ
ੁਣਾਈ ਦੇਣ ਵਾਲੀਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਰੇਂਜ-20 Hz ਤੋਂ 20 kHz

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਅਸੀਂ ਚੰਨ ਤੇ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਵਿਸਫੋਟ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਧਰਤੀ ਤੇ ਕਿਉਂ ਨਹੀਂ ਸੁਣ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਰਤੀ ਅਤੇ ਚੀਨ ਵਿਚਾਲੇ ਕੋਈ ਪਦਾਰਥਕ ਮਾਧਿਅਮ ਨਾ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਪੱਥਰ ਸੁੱਟਣ ਨਾਲ ਕਿਹੋ ਜਿਹੀਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਾਂਸਵਰਸ ਤਰੰਗਾਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਲੋਹੇ ਦੀ ਛੜ ਵਿੱਚ ਉਤਪੰਨ ਹੋਈਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗਾਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਉਹਨਾਂ ਦੋ ਜਾਨਵਰਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ਜੋ 20,000 ਹਰਟਜ਼ ਤੋਂ ਉੱਚੀ ਆਵਰਤੀ ਦੀਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੁੱਤਾ ਅਤੇ ਚਮਗਾਦੜ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
SONAR ਦਾ ਪੂਰਾ ਨਾਂ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
SONAR ਦਾ ਪੂਰਾ ਨਾਂ Sound Navigation and Ranging ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਸੀਸਮੋਗ੍ਰਾਫ਼ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੀਸਮੋਗ੍ਰਾਫ਼ ਭੂਚਾਲ ਦੀ ਤੀਬ੍ਰਤਾ ਮਾਪਣ ਵਾਲਾ ਉਪਕਰਨ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਰਿਕਟਰ ਪੈਮਾਨੇ ‘ਤੇ ਕਿੰਨੀ ਤੀਬਰਤਾ ਤੱਕ ਭੂਚਾਲ ਨੂੰ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਰਿਕਟਰ ਪੈਮਾਨੇ ਤੇ 5 ਤੀਬਰਤਾ ਦਾ ਭੁਚਾਲ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਬੱਦਲਾਂ ਦੀ ਚਮਕ ਅਤੇ ਗੜਗੜਾਹਟ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਹੜੀ ਉਰਜਾ ਸਾਡੇ ਤੱਕ ਪਹਿਲਾਂ ਪਹੁੰਚੇਗੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਚਮਕ ਪਹਿਲਾਂ ਪਹੁੰਚੇਗੀ ਕਿਉਂਕਿ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਵੇਗ, ਧੁਨੀ ਦੇ ਵੇਗ ਨਾਲੋਂ ਵੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ

ਵੱਡੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਕਿਸ ਨੂੰ ਆਖਦੇ ਹਨ ? ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਲਈ ਗਣਿਤਿਕ ਫਾਰਮੂਲਾ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰੋ ਅਤੇ ਯਇਸ ਉਰਜਾ ਦੀਆਂ ਵਿਵਹਾਰਿਕ ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ (Potential Energy)-“ਇਹ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਵਿੱਚ ਉਸ ਦੇ ਆਕਾਰ ਜਾਂ ਉਸ ਦੀ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸੜਾ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਜਾਂ ਹੇਠਾਂ ਸਥਿਤੀ ਕਾਰਨ ਉਪਸਥਿਤ ਉਰਜਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।”
ਗਣਿਤਿਕ ਫਾਰਮੂਲਾ-
ਮੰਨ ਲਓ ਅਤੇ ਪੁੰਜ ਵਾਲਾ ਇੱਕ ਪੱਥਰ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ ਉੱਚਾਈ ‘h’ ਤੀਕ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਚੁੱਕਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਜਿਹਾ ਕਰਨ ਲਈ ਧਰਤੀ ਦੀ ਗੁਰੂਤਾ ਵਿਰੁੱਧ ਪੱਥਰ ਉੱਪਰ ਕਾਰਜ ਕਰਨਾ ਪਵੇਗਾ ।
ਇਸ ਲਈ ਕੀਤਾ ਕਾਰਜ W = ਬਲ × ਉੱਚਾਈ
ਜਾਂ W = F × h
ਪਰੰਤੂ ਪੱਥਰ ਦਾ ਭਾਰ W = mg × h
ਪੱਥਰ ਉੱਪਰ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਇਹ ਕਾਰਜ ਉਸ ਪੱਥਰ ਅੰਦਰ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ (P.E.) ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਸਟੋਰ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
∴ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ (P.E.) = mgh
ਇਸ ਸਮੀਕਰਨ ਤੋਂ ਇਹ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੈ ਕਿ ਜਿੰਨੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਉਚਾਈ ਹੋਵੇਗੀ ਓਨੀ ਹੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਪੱਥਰ ਵਿੱਚ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ਸਟੋਰ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ ।

ਵਿਵਹਾਰਿਕ ਉਦਾਹਰਨਾਂ-
ਪੁਰਾਣੇ ਜ਼ਮਾਨੇ ਦੀਆਂ ਘੜੀਆਂ, ਡਿਜੀਟਲ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਸਨ ।ਉਨ੍ਹਾਂ ਘੜੀਆਂ ਨੂੰ ਚਲਾਉਣ ਲਈ ਚਾਬੀ ਭਰਨੀ ਪੈਂਦੀ ਸੀ । ਜਦੋਂ ਘੜੀ ਦੀ ਕਮਾਣੀ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਖੁੱਲ੍ਹੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਘੜੀ ਨਹੀਂ ਚਲਦੀ, ਪਰੰਤੂ ਜਦੋਂ ਅਸੀਂ ਇਸ ਦੀ ਕਮਾਣੀ ਨੂੰ ਚਾਬੀ ਭਰਦੇ ਹਾਂ, ਤਾਂ ਅਸੀਂ ਕੁੱਝ ਕਾਰਜ ਕਰਦੇ ਹਾਂ, ਚਿੱਤਰ (b) ਵਿੱਚ ਵਿਖਾਏ ਅਨੁਸਾਰ ਚਾਬੀ ਭਰਨ ਨਾਲ ਕਮਾਣੀ ਸੁੰਗੜਦੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਇਸ ਵਿੱਚ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਸਟੋਰ ਹੁੰਦੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਸਟੋਰ ਕੀਤੀ ਗਈ ਇਹ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ਘੜੀ ਦੀਆਂ ਸੂਈਆਂ ਨੂੰ ਡਾਇਲ ਉੱਪਰ ਚਲਾਉਣ ਵਿੱਚ ਮੱਦਦ ਕਰਦੀ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ 1

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ? ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਲਈ ਗਣਿਤਿਕ ਸਮੀਕਰਨ ਦੀ ਵਿਉਂਤ ਪੇਸ਼ ਕਰੋ ਅਤੇ ਵਿਹਾਰਿਕ ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਵੀ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ (Kinetic Energy) – “ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਵਿੱਚ ਗਤੀ ਕਾਰਨ ਪੈਦਾ ਹੋਈ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।”
ਜੇਕਰ ਕੋਈ ਵਸਤੁ ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਨਹੀਂ, ਤਾਂ ਇਸ ਵਿੱਚ ਤਿਜ ਉਰਜਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ।
ਗਣਿਤਿਕ ਸਮੀਕਰਨ – ਮੰਨ ਲਓ ਕਿ ਆ ਪੁੰਜ ਵਾਲੀ ਇੱਕ ਫੁੱਟਬਾਲ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਹੈ ਜਿਸ ਉੱਤੇ ਬਲ F ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਬਲ ਕਾਰਨ ਫੁੱਟਬਾਲ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ S ਦੁਰੀ ਤੈਅ ਕਰਦੀ ਹੋਈ ਵੇਗ ॥ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰ ਲੈਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਸ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵੇਗ ‘a’ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ 2
ਫੁੱਟਬਾਲ ‘ਤੇ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ W = F × S ………… (1)
ਨਿਊਟਨ ਦੇ ਗਤੀ ਦੇ ਦੁਜੇ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ, F = m × a ……………. (2)
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਗਤੀ ਦੀ ਇੱਕ ਰੇਖੀ ਸਮੀਕਰਨ
S = ut + 1/2 at2 ………….. (3)
ਅਤੇ
v = u + at ……………. (4)
ਫੁੱਟਬਾਲ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਤੋਂ ਹੀ ਚੱਲੀ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ u = 0
ਹੁਣ ਸਮੀਕਰਨ (3) ਅਤੇ (4) ਵਿੱਚ u = 0 ਰੱਖ ਕੇ
S = 1/2 at2 …………(5)
ਅਤੇ
υ = 0+ at = at ……………. (6)
ਸਮੀਕਰਨ (1) ਵਿੱਚ ਸਮੀਕਰਨ (2), (5) ਅਤੇ (6) ਤੋਂ ਮੁੱਲ ਰੱਖਣ ਮਗਰੋਂ
w = (ma) (1/2 at2)
= 1/2 ma2t2
W = 1/2 m (at)2 …………….. (7)
ਸਮੀਕਰਨ (6) ਨੂੰ ਸਮੀਕਰਨ (7) ਵਿੱਚ ਭਰਨ ‘ਤੇ W = 1/2 mv2 ……………. (8)

ਸਮੀਕਰਨ (8) ਸਿੱਧ ਕਰਦੀ ਹੈ ਕਿ ਫੁੱਟਬਾਲ ‘ਤੇ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ ਉਸ ਅੰਦਰ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਸਟੋਰ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ = ਸਟੋਰ ਕੀਤੀ ਗਈ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ = 1/2mv2
ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਦੀ ਇਕਾਈ ਜੁਲ (J) ਹੈ ।
ਸਮੀਕਰਨ (8) ਵਿੱਚ ਸਿੱਧ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ ਕਿ ਇੱਕ ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਵਸਤੂ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ
(i) ਵਸਤੂ ਦੇ ਪੁੰਜ ਦੇ ਸਿੱਧਾ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਭਾਰੀਆਂ ਵਸਤਾਂ ਵਿੱਚ ਹੌਲੀਆਂ ਵਸਤਾਂ ਨਾਲੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(ii) ਵਸਤੂ ਦੇ ਵੇਗ ਦੇ ਵਰਗ ਦੇ ਸਿੱਧਾ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਵਸਤੂ ਦੀ ਜਿੰਨੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਚਾਲ ਹੋਵੇਗੀ ਓਨੀ ਹੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਉਸ ਦੀ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਹੋਵੇਗੀ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ 3
ਵਿਵਹਾਰਿਕ ਉਦਾਹਰਨ – ਆਓ ਇੱਕ ਤੀਰ ਅਤੇ ਕਮਾਨ ਬਾਰੇ ਵਿਚਾਰ ਕਰੀਏ । ਸਾਧਾਰਨ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਤੀਰ ਅਤੇ ਕਮਾਨ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਵੀ ਉਰਜਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ । ਜਦੋਂ ਅਸੀਂ ਤੀਰ ਨੂੰ ਕਮਾਨ ਵਿੱਚ ਖਿੱਚਦੇ ਹਾਂ ਤਾਂ ਅਸੀਂ ਕਮਾਨ ਉੱਤੇ ਕਾਰਜ ਕਰਦੇ ਹਾਂ । ਇਹ ਕਾਰਜ ਤੀਰ-ਕਮਾਨ ਸਿਸਟਮ ਵਿੱਚ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ਵਜੋਂ ਸਟੋਰ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਤੀਰ ਨੂੰ ਛੱਡਣ ਤੇ ਤਾਂ ਸਟੋਰ ਕੀਤੀ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ਤੀਰ ਦੀ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਵਿੱਚ ਤਬਦੀਲ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਊਰਜਾ ਸੁਰੱਖਿਅਣ ਨਿਯਮ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦੀ ਸੱਚਾਈ ਨੂੰ ਸਾਬਿਤ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਊਰਜਾ ਦਾ ਸੁਰੱਖਿਅਣ ਨਿਯਮ – ਇਸ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਊਰਜਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਹੀ ਸਥਿਰ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ, ਅਰਥਾਤ ਕੁੱਲ ਊਰਜਾ ਹਮੇਸ਼ਾ ਹੀ ਓਨੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ਭਾਵੇਂ ਇਹ ਇੱਕ ਰੂਪ ਤੋਂ ਦੂਜੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਊਰਜਾ ਰੂਪਾਂਤਰਨ ਦੀ ਕਿਸੇ ਵੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਊਰਜਾ ਦਾ ਰੂਪ ਹੀ ਬਦਲਦਾ ਹੈ ਪਰ ਇਸ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਨਹੀਂ । ਕਾਰਜ, ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ਅਤੇ ਤਿਜ ਉਰਜਾ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨਸ਼ੀਲ ਹਨ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ 4

ਗਣਿਤਿਕ ਤੌਰ ‘ ਤੇ ਨਿਯਮ ਦੀ ਪੁਸ਼ਟੀ ਕਰਨਾ
ਮੰਨ ਲਉ 10 ਕਿਲੋ ਪੁੰਜ ਵਾਲੀ ਇੱਕ ਗੇਂਦ ਫ਼ਰਸ਼ ਤੋਂ 30 ਮੀਟਰ ਦੀ ਉੱਚਾਈ ‘ਤੇ ਸਥਿਤ ਇੱਕ ਬਿੰਦੂ A ਤੋਂ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਸੁੱਟੀ ਗਈ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ 5
ਬਿੰਦੂ A ਉੱਤੇ
ਗੇਂਦ ਦੀ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ = m × g × h.
ਅਧਿਕਤਮ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ = 10 × 10 × 30
= 3000 J
ਕਿਉਂ ਜੋ ਗੇਂਦ ਬਿੰਦੂ A ਤੇ ਸ਼ੁਰੂ ਵਿੱਚ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਸੀ, ਇਸ ‘ ਲਈ ਗੇਂਦ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ = 0
∴ ਯੰਤਰਿਕ ਊਰਜਾ = ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ + ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ
= 3000 J + 0 ……… (1)
= 3000 J

ਬਿੰਦੂ B ਉੱਤੇ
B ਉੱਤੇ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ = m × g × h.
= 10 × 10 × 20 = 2000 J
ਸਮੀਕਰਨ v2 = u2 + 2gh ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨ ਨਾਲ
v2 = 0 + 2 × 10 × 10
∴ v2 = 200
∴ ਬਿੰਦੂ B ਤੇ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ = 1/2mv
= 1/2 × 10 × (200)
= 1000 J
∴ ਬਿੰਦੂ B ਤੇ ਕੁੱਲ ਯੰਤਰਿਕ ਊਰਜਾ = ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ + ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ
= 2000 J+ 1000 J = 3000 J ………… (2)
ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬਿੰਦੂ C ਅਤੇ D ਉੱਤੇ ਵੀ ਕੁੱਲ ਊਰਜਾ ਦੀ ਗਣਨਾ 3000 ਜੂਲ ਹੀ ਹੋਵੇਗੀ । ਸਮੀਕਰਨਾਂ (1) ਅਤੇ (2) ਤੋਂ ਇਹ ਸਿੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕੁੱਲ ਊਰਜਾ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਜੇਕਰ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ‘ਤੇ ਲੱਗ ਰਿਹਾ ਬਲ ਗਤੀ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਨਾ ਲੱਗੇ ਤਾਂ ਕੀਤੇ ਗਏ ਕਾਰਜ ਦੀ ਪਰਿਕਲਪਨਾ ਕਿਵੇਂ ਕਰੋਗੇ ? ਉਦਾਹਰਨ ਦੇ ਕੇ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ਅਤੇ ਇਹ ਵੀ ਦੱਸੋ ਕਿ ਕਾਰਜ ਕਦੋਂ ਨਿਊਨਤਮ ਅਤੇ ਕਦੋਂ ਅਧਿਕਤਮ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ‘ਤੇ ਲਗ ਰਿਹਾ ਬਲ ਗਤੀ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ-ਮੰਨ ਲਉ ਇੱਕ ਮਾਲੀ ਘਾਹ ਕੱਟਣ ਵਾਲੀ ਮਸ਼ੀਨ ਨੂੰ ਲਾਨ ਉੱਤੇ ਅਗਾਂਹ ਵੱਲ ਨੂੰ ਚਲਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਉਹ ਮਸ਼ੀਨ, ਮਸ਼ੀਨ ਦੇ ਹੈਂਡਲ HH1 ਉੱਪਰ F ਬਲ ਲਗਾਉਂਦਾ ਹੈ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਿੱਤਰ ਤੋਂ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੈ । ਮਾਲੀ ਖਿਤਿਜ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਨਾਲ ਬਲ ਨਹੀਂ ਲਗਾ ਰਿਹਾ ਸਗੋਂ ਖਿਤਿਜ ਨਾਲ ਕੋਣ θ ਬਣਾਉਂਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ਲਗਾਉਂਦਾ ਹੈ | ਅਜਿਹੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਮਸ਼ੀਨ ਉੱਪਰ ਲੱਗਣ ਵਾਲਾ ਬਲ ਜਿਹੜਾ ਇਸ ਨੂੰ ਸਥਿਤੀ A ਤੋਂ B ਵੱਲ ਖਿਤਿਜ ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ਚਲਾਉਂਦਾ ਹੈ F ਨਹੀਂ ਹੈ ਸਗੋਂ ਬਲ ਦਾ ਖਿਤਿਜ ਘਟਕ = F cos θ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ 6
ਇੱਥੇ ਵਿਸਥਾਪਨ ਘਟਕ, F sin θ ਘਾਹ ਕੱਟਣ ਵਾਲੀ ਮਸ਼ੀਨ ਦੇ ਭਾਰ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
ਇਸ ਲਈ ਮਸ਼ੀਨ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਕਾਰਜ W = (ਬਲ ਘਟਕ) × (ਵਿਸਥਾਪਨ)
w = F cos θ × s
(i) ਜਦੋਂ ਬਲ ਵਸਤੂ ਦੀ ਗਤੀ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿਚ ਕਾਰਜ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ θ = 0° ਅਤੇ cos θ = 1
ਕਾਰਜ W = F cos θ × S
= FS
ਇਹ W ਦਾ ਅਧਿਕਤਮ ਮਾਨ ਹੈ ।

(ii) ਜਦੋਂ ਬਲ ਵਸਤੂ ਦੀ ਗਤੀ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਲੰਬਾਤਮਕ ਲੱਗਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ θ = 90°, cos 90° = 0
W = F cos 90° × S
= F × 0 × S.
= 0
ਇਸ ਲਈ ਜਦੋਂ ਬਲ ਲੰਬਾਤਮਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਕਾਰਜ ਜ਼ੀਰੋ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਕਾਰਜ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ? ਇਸ ਦੀ ਗਣਨਾ ਕਿਵੇਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ? ਕਾਰਜ ਦੀ ਇਕਾਈ ਵੀ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕਾਰਜ (Work) – “ਕਿਸੇ ਬਲ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਕਾਰਜ ਵਸਤੁ ਉੱਤੇ ਲੱਗ ਰਹੇ ਬਲ ਅਤੇ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਉਸ ਵਸਤੁ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਵਿਸਥਾਪਨ ਦੇ ਗੁਣਨਫਲ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।”

ਗਣਿਤਿਕ ਤੌਰ ‘ ਤੇ
ਜੇਕਰ F = ਵਸਤੂ ਉੱਤੇ ਲੱਗ ਰਿਹਾ ਬਲ
ਅਤੇ S = ਵਸਤੁ ਦੁਆਰਾ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹੋਇਆ ਵਿਸਥਾਪਨ
ਤਾਂ ਬਲ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਕਾਰਜ ; W = F × S ………….. (1)
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ‘ਤੇ ਕੋਈ ਬਲ ਲੱਗਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਸ ਵਸਤੂ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵੇਗ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਜੇਕਰ m = ਵਸਤੂ ਦਾ ਪੁੰਜ
ਅਤੇ a = ਵਸਤੂ ਵਿੱਚ ਉਤਪੰਨ ਹੋਇਆ ਪ੍ਰਵੇਰਾ
ਨਿਊਟਨ ਦੇ ਦੂਜੇ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ, F = [m × a] ……………… (2)
ਸਮੀਕਰਨ (1) ਅਤੇ (2) ਤੋਂ
W = m × a × S …………….. (3)
ਕਾਰਜ ਦੀ ਇਕਾਈ
ਜਦੋਂ ਬਲ ਨਿਊਟਨ ਵਿੱਚ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਦੂਰੀ ਮੀਟਰਾਂ ਵਿੱਚ, ਤਾਂ
ਕਾਰਜ = ਨਿਊਟਨ × ਮੀਟਰ
= ਨਿਊਟਨ – ਮੀਟਰ
= ਜੂਲ
ਜੂਲ ਕਾਰਜ ਦੀ SI ਇਕਾਈ ਹੈ C.G.S. ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਵਿੱਚ ਕਾਰਜ ਦੀ ਇਕਾਈ ਅਰਗ (erg) ਹੈ ।
1 ਜੂਲ = 107 ਅਰਗ (erg)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਇੱਕ ਉਦਾਹਰਨ ਦੇ ਕੇ ਸਮਝਾਓ ਕਿ ਜੇਕਰ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਤੇ ਲੱਗ ਰਿਹਾ ਬਲ ਵਸਤੂ ਵਿੱਚ ਵਿਸਥਾਪਨ ਨਹੀਂ ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ, ਤਾਂ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ ਜ਼ੀਰੋ ਹੋਵੇਗਾ ।
ਉੱਤਰ-
ਇਸ ਤੱਥ ਨੂੰ ਨਿਮਨਲਿਖਿਤ ਉਦਾਹਰਨ ਦੁਆਰਾ ਸਮਝਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ-
ਮੰਨ ਲਓ ਇੱਕ ਬੱਚਾ ਕਾਰ ਨੂੰ ਧੱਕਾ ਲਗਾਉਣ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਪਰੰਤੁ ਕਾਰ ਇੱਕ ਸੈਂਟੀਮੀਟਰ ਵੀ ਨਹੀਂ ਹਿਲਦੀ ਅਤੇ ਬੱਚਾ ਥੱਕ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਭੌਤਿਕ ਵਿਗਿਆਨ ਦੀ ਭਾਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਅਸੀਂ ਕਹਾਂਗੇ ਕਿ ਉਸਨੇ ਕੋਈ ਵੀ ਕਾਰਜ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ । ਇਸ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਮੰਨ ਲਓ ਬੱਚੇ ਨੇ ਕਾਰ ਤੇ ਬਲ F ਲਗਾਇਆ ਹੈ ਅਤੇ ਉਸ ਵਿੱਚ ਵਿਸਥਾਪਨ S = 0 ਹੈ ਤਾਂ
ਕਾਰਜ W = F × S
= F × 0
ਜਾਂ W = 0

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਇੱਕ ਪੱਥਰ ਨੂੰ ਧਾਗੇ ਨਾਲ ਬੰਨ੍ਹ ਕੇ ਚੱਕਰ ਵਿੱਚ ਘੁਮਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਦੱਸੋ ਇਸ ਚੱਕਰੀ ਗਤੀ ਵਿੱਚ ਅਭਿਕੇਂਦਰੀ ਬਲ ਕਿੰਨਾ ਕਾਰਜ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ 7
ਇੱਕ ਪੱਥਰ ਨੂੰ ਜਦੋਂ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਵਿਖਾਏ ਅਨੁਸਾਰ ਗੋਲ ਚੱਕਰ (ਵਿਤ) ਵਿੱਚ ਘੁਮਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਜਿਸ ਉਂਗਲੀ ਨਾਲ ਤੁਸੀਂ ਧਾਗੇ ਨੂੰ ਪਕੜਿਆ ਹੈ, ਉਸ ਉੱਪਰ ਤੁਸੀਂ ਕੁੱਝ ਬਲ ਲਗ ਰਿਹਾ ਅਨੁਭਵ ਕਰੋਗੇ । ਘੁੰਮ ਰਹੇ ਪੱਥਰ ਉੱਪਰ ਲਗ ਰਹੇ ਬਲ ਨੂੰ ਅਭਿਕੇਂਦਰੀ ਬਲ (Centripetal force) ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਬਲ ਚੱਕਰੀ ਪੱਥ ਦੇ ਅਰਧਵਿਆਸ ਦੇ ਨਾਲ ਅੰਦਰ ਕੇਂਦਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਲੱਗਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਕਿਸੇ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਪੱਥਰ ਧਾਗੇ ਤੋਂ ਖੁੱਲ੍ਹ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਇਹ AT ਜਾਂ BT ਸਪਰਸ਼ ਰੇਖਾ ਦੇ ਨਾਲ ਬਾਹਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਉੱਡ ਜਾਵੇਗਾ ਕਿਉਂ ਜੋ ਅਭਿਕੇਂਦਰੀ ਬਲ ਪੱਥਰ ਤੀ ਦੀ ਲਬਾਤਮਕ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿਚ ਲਗਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਅਭਕਦਰੀ ਚਿੱਤਰ-ਚੱਕਰੀ ਗਤੀ ਕਰ ਰਿਹਾ ਪੱਥਰ ਬਲ ਦੁਆਰਾ ਕੋਈ ਵੀ ਕਾਰਜ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਊਰਜਾ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਉ । ਤੁਸੀਂ ਉਦਾਹਰਨ ਦੇ ਕੇ ਕਿਵੇਂ ਸਮਝਾਉਗੇ ਕਿ ਊਰਜਾ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨਸ਼ੀਲ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਊਰਜਾ (Energy) – “ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦੀ ਕਾਰਜ ਕਰਨ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਨੂੰ ਉਰਜਾ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।” ਉਰਜਾ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਦੋਵੇਂ ਹੀ ਪਰਿਵਰਤਨਸ਼ੀਲ ਹਨ । ਇਹ ਤੱਥ ਹੇਠ ਲਿਖੀ ਉਦਾਹਰਨ ਦੁਆਰਾ ਹੋਰ ਵੀ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ-
ਊਰਜਾ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨਸ਼ੀਲ-ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੀ ਉਦਾਹਰਨ ਨਾਲ ਇਸ ਵਿਹਾਰਿਕ ਤੱਥ ਦੀ ਅਸੀਂ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ;

ਜੇਕਰ ਤੁਸੀਂ ਇੱਕ ਗੇਂਦ ਨੂੰ ਧਰਤੀ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ਨੂੰ ਸੁੱਟਦੇ ਹੋ, ਤੁਸੀਂ ਗੇਂਦ ਉੱਪਰ ਧਰਤੀ ਦੇ ਗੁਰੂਤਾਆਕਰਸ਼ਣ ਦੇ ਵਿਰੁੱਧ ਕੋਈ ਕਾਰਜ ਕੀਤਾ ਹੈ । ਜਿਉਂ-ਜਿਉਂ ਗੇਂਦ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਇਹ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਦੇ ਵਿਰੁੱਧ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਗੇਂਦ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਉਹ ਊਰਜਾ ਗੇਂਦ ਨੂੰ ਆਪਣੀ ਅਧਿਕਤਮ ਉੱਚਾਈ ਤਕ ਪੁੱਜਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਧਰਤੀ ਵੱਲ ਹੇਠਾਂ ਡਿੱਗਣ ਲਈ ਮੱਦਦ ਕਰਦੀ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ 8

ਜਦੋਂ ਗੇਂਦ ਸਥਿਤੀ A ਤੋਂ ਉੱਚਤਮ ਬਿੰਦੂ B ਤਕ ਪਹੁੰਚਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਗੇਂਦ ਉੱਪਰ ਕੀਤਾ ਕਾਰਜ ਗੇਂਦ ਅੰਦਰ ਉਰਜਾ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਸਟੋਰ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਗੇਂਦ ਪੱਥ BC ਰਾਹੀਂ ਧਰਤੀ ਤੇ ਵਾਪਸ ਡਿੱਗਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਜਿਹੜਾ ਕਾਰਜ ਗੇਂਦ ਅੰਦਰ ਊਰਜਾ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਸਟੋਰ ਹੋ ਗਿਆ ਸੀ, ਉਹ ਕਾਰਜ ਹੁਣ ਦ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਇਸ ਕਾਰਨ ਕਰਕੇ ਅਸੀਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਉਰਜਾ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨਸ਼ੀਲ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਸ਼ਕਤੀ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ? ਇਸਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਉ ਅਤੇ ਸ਼ਕਤੀ ਦੀ SI ਇਕਾਈ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸ਼ਕਤੀ (Power) – ਹਰੀਸ਼ ਅਤੇ ਕਰਣ 60-60 ਅੰਬ ਤੋੜਨ ਲਈ ਅੰਬ ਦੇ ਇੱਕ ਦਰੱਖ਼ਤ ‘ਤੇ ਚੜ੍ਹੇ । ਦੋਹਾਂ ਨੇ ਇੱਕੋ ਹੀ ਵੇਲੇ ਚੜ੍ਹਨਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕੀਤਾ । ਹਰੀਸ਼ ਨੇ ਆਪਣੇ ਹਿੱਸੇ ਦੇ 60 ਸੇਬ 30 ਮਿੰਟਾਂ ਵਿੱਚ ਹੀ ਤੋੜ ਲਏ ਪਰ ਕਰਣ ਨੇ ਆਪਣਾ ਇਹ ਕੰਮ 60 ਮਿੰਟਾਂ ਵਿੱਚ ਪੂਰਾ ਕੀਤਾ । ਇਸ ਦਾ ਅਰਥ ਹੈ ਕਿ ਕਰਣ ਨੇ ਜ਼ਿਆਦਾ ਸਮਾਂ ਲਗਾਇਆ | ਹਰੀਸ਼ ਅਤੇ ਕਰਣ ਨੇ ਇੱਕੋ ਜਿੰਨਾ ਕਾਰਜ ਕੀਤਾ, ਦੋਹਾਂ ਵਿੱਚ ਇੱਕੋ ਜਿੰਨੀ ਹੀ ਸਮਰੱਥਾ ਅਰਥਾਤ ਉਰਜਾ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਸ਼ਕਤੀ ਬਰਾਬਰ ਨਹੀਂ । ਹਰੀਸ਼ ਦੀ ਕਰਣ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਸ਼ਕਤੀ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਉਸ ਨੇ ਆਪਣਾ ਕੰਮ ਪਹਿਲਾਂ ਸਮਾਪਤ ਕਰ ਲਿਆ ਹੈ ।

ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ – “ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਜਾਂ ਮਸ਼ੀਨ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ, ਉਸ ਦੁਆਰਾ ਕਾਰਜ ਕਰਨ ਦੀ ਦਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।” ਅਰਥਾਤ ਇਕਾਈ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਕੀਤੇ ਗਏ ਕਾਰਜ ਨੂੰ ਸ਼ਕਤੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ 9
ਜੇਕਰ ਕਾਰਜ ‘ਜੂਲ’ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ‘ਸਮਾਂ ਸੈਕਿੰਡ’ ਵਿੱਚ ਮਿਲਿਆ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਸ਼ਕਤੀ ‘‘ਵਾਟ’’ ਵਿੱਚ ਮਿਣੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ਅਰਥਾਤ 1 ਵਾਟ = 1 ਜੁਲ/1 ਸੈਕਿੰਡ
ਸ਼ਕਤੀ ਦੀ ਵਪਾਰਕ ਇਕਾਈ ‘ਕਿਲੋਵਾਟ` ਹੈ,
1 ਕਿਲੋਵਾਟ = 1000 ਵਾਟ = 1000 ਜੂਲ/ਸੈਕਿੰਡ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਊਰਜਾ ਰੂਪਾਂਤਰਨ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ? ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਦਾ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਰੂਪਾਂਤਰਨ ਸਮਝਾਉਣ ਲਈ ਇੱਕ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਊਰਜਾ ਰੂਪਾਂਤਰਨ ਦੇ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ, “ਉਰਜਾ ਦਾ ਨਾ ਤਾਂ ਸਿਰਜਨ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਨਸ਼ਟ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਨੂੰ ਸਿਰਫ਼ ਇੱਕ ਰੂਪ ਤੋਂ ਦੂਜੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਬਦਲਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।” ਇਸ ਨੂੰ ਉਰਜਾ ਰੁਪਾਂਤਰਨ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਉਦਾਹਰਨ – ਜਦੋਂ, ਅਸੀਂ ਕਮਾਨ ਵਿੱਚ ਤੀਰ ਖਿੱਚਦੇ ਹਾਂ, ਤਾਂ ਕਮਾਨ ਦੀ ਸ਼ਕਲ ਬਦਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਕਮਾਨ ਉੱਪਰ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ਼ ਤੀਰ-ਕਮਾਨ ਸਿਸਟਮ ਵਿੱਚ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ਵਜੋਂ ਸਟੋਰ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਤੀਰ ਛੱਡਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਸ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ਦਾ ਕੁੱਝ ਭਾਗ ਤੀਰ ਦੀ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਵਿੱਚ ਤਬਦੀਲ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਇਹ ਤੀਰ ਕਿਸੇ ਨਿਸ਼ਾਨੇ ਵਿੱਚ ਧੱਸ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਕੁਝ ਕਾਰਜ ਕਰਦਾ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਤੀਰ ਦੀ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ, ਕਾਰਜ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਕਾਰਜ ਦਾ ਕੁੱਝ ਹਿੱਸਾ ਨਿਸ਼ਾਨੇ ਅੰਦਰ ਗਰਮੀ ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਤਾਪ ਉਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਬਾਕੀ ਬਚਿਆ ਕਾਰਜ ਆਵਾਜ਼ ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਧੁਨੀ-ਉਰਜਾ ਵਿੱਚ ਰੂਪਾਂਤਰਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਪਾਣੀ ਦੁਆਰਾ ਬਿਜਲੀ ਕਿਵੇਂ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਜਾਂ
ਪਣ-ਬਿਜਲੀ ਕੇਂਦਰਾਂ ਤੇ ਬਿਜਲੀ ਕਿਵੇਂ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਡੈਮਾਂ ਵਿੱਚ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ ਕਾਫ਼ੀ ਉੱਚਾਈ ‘ਤੇ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਇਕੱਠਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬੰਨ੍ਹ ਕੇ ਰੱਖਿਆ ਇਹ ਪਾਣੀ ਇੱਕ ਨਿਯੰਤ੍ਰਿਤ ਤਰੀਕੇ ਨਾਲ ਛੱਡਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ | ਸਟੋਰ ਕੀਤੀ ਇਹ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਹੁਣ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਜੈਨਰੇਟਰਾਂ ਦੀਆਂ ਸਾਫ਼ਟਾਂ ਨੂੰ ਚਲਾਉਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਈ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਤੋਂ ਇਹ ਬਿਜਲੀ ਉਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ 10

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਇੱਕ ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੁਆਰਾ ਸਿੱਧ ਕਰੋ ਕਿ ਯੰਤਰਿਕ ਉਰਜਾ ਨੂੰ ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਜਾਂ
ਜਦੋਂ ਅਸੀਂ ਲੱਕੜੀ ਦੇ ਤਖ਼ਤੇ ਵਿੱਚ ਹਥੌੜੇ ਨਾਲ ਕਿੱਲ ਗੱਡਦੇ ਹਾਂ ਤਾਂ ਕਿੱਲ ਗਰਮ ਕਿਉਂ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਇੱਕ ਲੱਕੜੀ ਦਾ ਤਖ਼ਤਾ ਲੈ ਕੇ ਇਸ ਉੱਪਰ ਇੱਕ ਕਿੱਲ ਰੱਖ ਕੇ ਇਸ ਉੱਪਰ ਹਥੌੜਾ ਮਾਰੋ ਤਾਂ ਕਿੱਲ ਦਾ ਕੁੱਝ ਹਿੱਸੇ ‘ਤੇ ਫਿਰ ਹੋਰ ਹਥੌੜਾ ਮਾਰਨ ਨਾਲ ਸਾਰੀ ਕਿੱਲ ਤਖ਼ਤੇ ਵਿੱਚ ਗੱਡੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਹੁਣ ਇਸ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਹਥੌੜਾ ਮਾਰਨ ਤੇ ਕਿੱਲ, ਹਥੌੜਾ ਅਤੇ ਤਖਤਾ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਦਾ ਕਾਰਨ ਇਹ ਹੈ ਕਿ ਜਦੋਂ ਅਸੀਂ ਹਥੌੜਾ ਉੱਪਰ ਚੁੱਕਦੇ ਹਾਂ ਤਾਂ ਉਸ ਵਿੱਚ ਉਸ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਸਟੋਰ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਇਹ ਕਿੱਲ ‘ਤੇ ਡਿੱਗਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਸ ਦੀ ਸਾਰੀ ਉਰਜਾ ਕਿੱਲ ਵਿੱਚ ਸਥਾਨਾਂਤਰਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਕਾਰਨ ਕਿੱਲ ਨੂੰ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ਤੇ ਉਹ ਲੱਕੜੀ ਵਿੱਚ ਗੱਡਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਕਿੱਲ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਗੱਡਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਹੁਣ ਹਥੌੜੇ ਦੀ ਯੰਤਰਿਕ ਊਰਜਾ, ਤਾਪ ਉਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤੇ ਕਿੱਲ, ਹਥੌੜਾ ਅਤੇ ਤਖ਼ਤਾ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਅਤੇ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਅਤੇ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ (K.E.) ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ (PE)
(1) ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਉਸ ਦੀ ਗਤੀ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (1) ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦੀ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਉਸ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਜਾਂ ਆਕਾਰ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀ ਹੈ ।
(2) ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ = \(\frac {1}{2}\)mv2 (2) ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ = mgh
(3) ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦੀ ਗਤਿ ਊਰਜਾ ਉਸ ਵਸਤੂ ਦੀ ਗਤੀ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀ ਹੈ । (3) ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਵਸਤੂ ਦੀ ਉੱਚਾਈ ਜਾਂ ਡੂੰਘਾਈ ਜੋ ਧਰਤੀ ਦੇ ਸਤਹ ਤੋਂ ਮਾਪੀ ਜਾਂਦੀ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਇੱਕ ਘੋੜਾ ਅਤੇ ਇੱਕ ਕੁੱਤਾ ਸਮਾਨ ਚਾਲ ਨਾਲ ਦੌੜ ਰਹੇ ਹਨ । ਜੇ ਘੋੜੇ ਦਾ ਭਾਰ ਕੁੱਤੇ ਦੇ ਭਾਰ ਨਾਲੋਂ ਦਸ ਗੁਣਾ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਦਾ ਕੀ ਅਨੁਪਾਤ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੰਨ ਲਓ m ਕੁੱਤੇ ਦਾ ਪੁੰਜ ਹੈ
∴ ਘੋੜੇ ਦਾ ਪੁੰਜ = 10 m
ਘੋੜੇ ਦਾ ਵੇਗ = ਕੁੱਤੇ ਦਾ ਵੇਗ = υ (ਮੰਨ ਲਉ)
ਘੋੜੇ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ = \(\frac {1}{2}\)(10m) υ2
ਕੁੱਤੇ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ = \(\frac {1}{2}\)mυ2

ਘੋੜੇ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ : ਕੁੱਤੇ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ = \(\frac {1}{2}\) x 10m x υ2: \(\frac {1}{2}\) x m x υ2
= \(\frac{\frac{1}{2} \times 10 m \times v^{2}}{\frac{1}{2} \times m \times v^{2}}\)
= \(\frac{10}{1}\)
= 10 : 1

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
(i) ਜੇ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਪੁੰਜ ਤਿੰਨ ਗੁਣਾ ਹੋ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਉਸ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਕੀ ਪਰਿਵਰਤਨ ਹੋਵੇਗਾ ?
(ii) ਜੇ ਵਸਤੂ ਦੀ ਗਤੀ ਨੂੰ ਤਿੰਨ ਗੁਣਾ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਉਸ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਕੀ ਪਰਿਵਰਤਨ ਆਏਗਾ ?
ਹੱਲ:
(i) K.E. = \(\frac {1}{2}\)mυ2
ਜੇ υ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਨਾ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ
K.E. ∝ m
ਇਸ ਲਈ ਪੁੰਜ ਨੂੰ ਤਿੰਨ ਗੁਣਾ ਕਰਨ ‘ਤੇ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਵੀ ਤਿੰਨ ਗੁਣਾ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ ।

(ii) KE. = \(\frac {1}{2}\)mυ2 ਜੇ ਪੁੰਜ ਸਥਿਰ ਰਹੇ, ਤਾਂ KE. ∝ υ2
ਜੇ ਵੇਗ ਤਿੰਨ ਗੁਣਾ ਹੋ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਨੌਂ ਗੁਣਾ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਬਰਾਬਰ ਪੁੰਜ ਦੀਆਂ ਦੋ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ h ਅਤੇ 2h ਦੀ ਉੱਚਾਈ ‘ਤੇ ਰੱਖਿਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਦੱਸੋ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਕੀ ਅਨੁਪਾਤ ਹੈ ?
ਹੱਲ:
ਮੰਨ ਲਉ ਦੋਹਾਂ ਵਸਤੂਆਂ A ਅਤੇ B ਦਾ ਬਰਾਬਰ ਪੁੰਜ m ਹੈ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ h ਅਤੇ 2h ਉੱਚਾਈ ‘ਤੇ ਰੱਖਿਆ ਗਿਆ ਹੈ ।
A ਦੀ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ, PA = mgh
B ਦੀ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ, PB = mg (2h)
\(\frac{\mathrm{P}_{\mathrm{A}}}{\mathrm{P}_{\mathrm{B}}}\) = \(\frac{m g h}{m g(2 \mathrm{~h})}\) = \(\frac{1}{2}\)
ਦੋਹਾਂ ਦੀ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ਦਾ ਅਨੁਪਾਤ = 1 : 2

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਬਰਾਬਰ ਪੁੰਜ ਦੀਆਂ ਦੋ ਵਸਤੂਆਂ υ ਅਤੇ 2υ ਵੇਗ ਨਾਲ ਚੱਲ ਰਹੀਆਂ ਹਨ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਦਾ ਅਨੁਪਾਤ ਗਿਆਤ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਮੰਨ ਲਉ ਵਸਤੂ A ਅਤੇ B ਦਾ ਬਰਾਬਰ ਪੁੰਜ m ਹੈ ਅਤੇ ਕ੍ਰਮਵਾਰ ਵੇਗ υ ਅਤੇ 2υ ਹੈ ।
∴ A ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ, KA = \(\frac{1}{2}\)mυ2
B ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ, KB = \(\frac{1}{2}\)m (2υ)2
= \(\frac{4}{2}\)mυ2
= 2mυ2
KA : KB = 1 : 4

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਇੱਕ ਵਿਅਕਤੀ ਸੂਟਕੇਸ ਚੁੱਕ ਕੇ ਖੜਾ ਹੈ । ਕੀ ਉਹ ਕੋਈ ਕਾਰਜ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ ਉਸ ਵਸਤੂ ਉੱਤੇ ਲੱਗ ਰਹੇ ਬਲ ਅਤੇ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਉਤਪੰਨ ਹੋਏ ਵਿਸਥਾਪਨ ਦੇ ਗੁਣਨਫਲ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਵਿਅਕਤੀ ਦੁਆਰਾ ਚੁੱਕੇ ਗਏ ਸੂਟਕੇਸ ਤੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਬਲ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਬਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ ਪਰ ਇਸ ਬਲ ਦੁਆਰਾ ਸੂਟਕੇਸ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਵਿਸਥਾਪਨ ਉਤਪੰਨ ਨਹੀਂ ਹੋਇਆ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਵਿਅਕਤੀ ਨੇ ਕੋਈ ਕਾਰਜ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਹੈ ।
ਇੱਥੇ F = mg
ਵਿਸਥਾਪਨ S = 0
∴ W = F × S
= mg × 0
ਅਰਥਾਤ W = 0

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਪਾਣੀ ਦੀ ਬਾਲਟੀ ਚੁੱਕ ਕੇ ਇੱਕ ਵਿਅਕਤੀ ਇੱਕ ਸਮਤਲ ਸੜਕ ਉੱਤੇ ਇੱਕਸਮਾਨ ਵੇਗ ਨਾਲ ਤੁਰ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਉਹ ਕਿੰਨਾ ਕਾਰਜ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਪਾਣੀ ਦੀ ਬਾਲਟੀ ਚੁੱਕ ਕੇ ਇੱਕ ਵਿਅਕਤੀ ਇੱਕ ਸਮਤਲ ਸੜਕ ਉੱਤੇ ਇੱਕਸਮਾਨ ਵੇਗ ਨਾਲ ਤੁਰਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਵੇਲੇ ਉਸ ਦੁਆਰਾ ਲਗਾਇਆ ਗਿਆ ਬਲ ਬਾਲਟੀ ਦੇ ਭਾਰ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਬਲ ਅਤੇ ਵਿਸਥਾਪਨ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿਚਕਾਰ ਕੋਣ θ = 90° ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਬਲ, ਵਿਸਥਾਪਨ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਲੰਬਾਤਮਕ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਜੇਕਰ ਬਲ ਅਤੇ ਵਿਸਥਾਪਨ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿਚਕਾਰ ਕੋਣ θ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਬਲ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ
W = F cos θ × S
∴ ਵਿਅਕਤੀ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ = mg × cos 90° × S
= mg × 0 × S
= 0

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਉਹ ਸਥਿਤੀ ਦੱਸੋ ਜਦੋਂ ਬਲ ਦੁਆਰਾ ਕੋਈ ਕਾਰਜ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਜੇਕਰ ਵਸਤੂ ‘ਤੇ ਲਗ ਰਿਹਾ ਬਲ ਉਸ ਵਸਤੂ ਵਿੱਚ ਬਿਲਕੁਲ ਥੋੜ੍ਹਾ ਜਿਹਾ ਵਿਸਥਾਪਨ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਅਸਫਲ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਉਸ ਵਸਤੂ ਤੇ ਲਗ ਰਹੇ ਬਲ ਦੁਆਰਾ ਕੋਈ ਕਾਰਜ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(ii) ਜੇਕਰ ਵਸਤੂ ’ਤੇ ਲੱਗ ਰਿਹਾ ਬਲ ਉਸ ਵਸਤੂ ਵਿੱਚ ਹੋਏ ਵਿਸਥਾਪਨ ਤੇ ਲੰਬਰੂਪ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਬਲ ਦੁਆਰਾ ਕੋਈ ਕਾਰਜ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ θ = 90°, :: cos θ = cos 90° = 0
∴ ਬਲ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜW = F cos θ × S
= F cos 90° × S
= F × 0 × S
ਅਰਥਾਤ W = 0

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਜਦੋਂ ਇੱਕ ਗੇਂਦ ਨੂੰ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਕਿਸ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਅਤੇ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਅਧਿਕਤਮ ਹੋਣਗੀਆਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਇੱਕ ਗੇਂਦ ਨੂੰ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਸ਼ੁਰੂ ਵਿੱਚ ਇਸ ਦਾ ਵੇਗ ਅਧਿਕਤਮ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਇਸ ਦੀ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਅਧਿਕਤਮ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਦਕਿ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਗੇਂਦ ਜਿਉਂ-ਜਿਉਂ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰਦੀ ਹੈ ਪਰ ਘੱਟ ਰਹੇ ਵੇਗ ਨਾਲ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਮੇਂ ਦੇ ਨਾਲ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਵੱਧਦੀ ਹੈ ਪਰ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਘੱਟਦੀ ਹੈ । ਗੇਂਦ ਵਲੋਂ ਅਧਿਕਤਮ ਉੱਚਾਈ ਤੇ ਪਹੁੰਚ ਕੇ ਇਸ ਦੀ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ਅਧਿਕਤਮ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਜ਼ੀਰੋ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਉਹ ਸਥਿਤੀ ਦੱਸੋ ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ ਜ਼ੀਰੋ ਹੋਵੇਗਾ, ਭਾਵੇਂ ਉਸ ਉੱਪਰ ਬਲ ਲੱਗ ਰਿਹਾ ਹੋਵੇ ।
ਉੱਤਰ-
ਅਜਿਹਾ ਦੋ ਸਥਿਤੀਆਂ ਵਿੱਚ ਸੰਭਵ ਹੈ ਕਿ ਵਸਤੂ ਉੱਪਰ ਬਲ ਲੱਗ ਰਿਹਾ ਹੋਵੇ, ਪਰ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ ਜ਼ੀਰੋ ਹੋਵੇ ।
(i) ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ’ਤੇ ਲੱਗ ਰਿਹਾ ਬਲ ਅਤੇ ਬਲ ਦੁਆਰਾ ਵਸਤੂ ਵਿੱਚ ਉਤਪੰਨ ਹੋਇਆ ਵਿਸਥਾਪਨ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਨੂੰ ਲੰਬਾਤਮਕ ਹੋਣ । ਅਜਿਹੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਕੋਣ θ = 90° ਹੈ ।
∴ cos θ = cos 90° = 0 ਹੋਵੇਗਾ ।
ਵਸਤੂ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ (W) = F cos θ × ਵਿਸਥਾਪਨ
= F cos 90° × ਵਿਸਥਾਪਨ
= F × 0 × ਵਿਸਥਾਪਨ ਅਰਥਾਤ
W = 0

(ii) ਜੇਕਰ ਵਸਤੂ ‘ਤੇ ਲੱਗ ਰਿਹਾ ਬਲ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਥੋੜ੍ਹਾ ਜਿਹਾ ਵੀ ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਨਾ ਕਰੇ, ਤਾਂ ਵਸਤੂ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ ਜ਼ੀਰੋ ਹੋਵੇਗਾ |
ਹੁਣ ਬਲ = F
ਵਿਸਥਾਪਨ (S) = 0
∴ ਕਾਰਜ (w) = F × S
= F × 0 = 0

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਊਰਜਾ ਅਤੇ ਸ਼ਕਤੀ ਵਿੱਚ ਕੀ ਅੰਤਰ ਹੈ ? ਉਦਾਹਰਨ ਦੇ ਕੇ ਸਮਝਾਉ ।
ਉੱਤਰ-
ਊਰਜਾ-ਕੀਤੇ ਜਾ ਸਕਣ ਵਾਲੇ ਕਾਰਜ ਦਾ ਮੁੱਲ ਪਰਿਮਾਣ) ਉਰਜਾ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ ਸਮੇਂ ਨਾਲ ਕੋਈ ਸੰਬੰਧ ਨਹੀਂ ਹੈ ।

ਸ਼ਕਤੀ (ਸਮਰੱਥਾ)-ਕਾਰਜ ਕਰਨ ਦੀ ਦਰ ਨੂੰ ਸ਼ਕਤੀ ਜਾਂ ਸਮਰੱਥਾ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਇਕਾਈ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ ਸ਼ਕਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ ਕਾਰਜ ਦੇ ਕੁੱਲ ਪਰਿਮਾਣ ਨਾਲ ਕੋਈ ਸੰਬੰਧ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਉਦਾਹਰਨ – ਇੱਕ ਮਜ਼ਦੂਰ ਇੱਕ ਕੰਮ ਨੂੰ 1 ਘੰਟੇ ਵਿੱਚ ਪੂਰਾ ਕਰ ਲੈਂਦਾ ਹੈ । ਉਸੇ ਕੰਮ ਨੂੰ ਇੱਕ ਦੁਸਰਾ ਮਜ਼ਦੂਰ 2 ਘੰਟੇ ਵਿੱਚ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਹਾਲਤ ਵਿੱਚ ਦੋਨਾਂ ਮਜ਼ਦੂਰਾਂ ਨੇ ਬਰਾਬਰ ਕੰਮ ਕੀਤਾ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਦੋਨਾਂ ਨੇ ਬਰਾਬਰ ਊਰਜਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਖ਼ਰਚ ਕੀਤੀ ਹੈ ਪਰ ਪਹਿਲੇ ਮਜ਼ਦੂਰ ਨੇ ਅੱਧੇ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਕੰਮ ਕੀਤਾ ਹੈ ਜਦਕਿ ਦੂਸਰੇ ਮਜ਼ਦੂਰ ਨੇ ਪਹਿਲੇ ਨਾਲੋਂ ਦੁੱਗਣਾ ਸਮਾਂ ਲਿਆ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਪਹਿਲੇ ਮਜ਼ਦੂਰ ਦੀ ਦੂਸਰੇ ਮਜ਼ਦੂਰ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਦੁੱਗਣੀ ਕਾਰਜ ਸਮਰੱਥਾ (ਸ਼ਕਤੀ ਹੈ ।

ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸੂਤਰ (Important Formulae)

(1) ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ = \(\frac {1}{2}\)mv2
(2) ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ = mgh
ਇੱਥੇ m = ਵਸਤੂ ਦਾ ਪੁੰਜ ; g = ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ ਅਤੇ h = ਉੱਚਾਈ
(3) ਕਾਰਜ (W) = ਬਲ (F) × ਵਿਸਥਾਪਨ (S)
(4) ਸ਼ਕਤੀ (P) = PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ 11
(5) 1 ਜੂਲ = 1 ਨਿਊਟਨ × 1 ਮੀਟਰ
(6) 1 ਵਾਟ = PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ 12
(7) ਘੋੜ ਸ਼ਕਤੀ (Horse Power) = = 746 ਵਾਟ
(8) 1 ਕਿਲੋਵਾਟ-ਘੰਟਾ = 36,00,000 ਜੂਲ = 3.6 × 106 ਜੂਲ
(9) 1 ਵਾਟ-ਘੰਟਾ = 3600 ਜੂਲ

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ

ਸੰਖਿਆਤਮਕ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Numerical Problems)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਇੱਕ ਇਸਤਰੀ 10 m ਡੂੰਘੇ ਖੂਹ ਵਿੱਚੋਂ 5 kg ਭਾਰੀ ਪਾਣੀ ਦੀ ਬਾਲਟੀ 10 s ਵਿੱਚ ਖਿੱਚਦੀ ਹੈ, ਉਸਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਦੀ ਗਣਨਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਭਰੀ ਬਾਲਟੀ ਦਾ ਪੁੰਜ (m) = 5 kg
ਖੂਹ ਦੀ ਡੂੰਘਾਈ (h) = 10 m
ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ (g) = 10 m/s2
ਸਮਾਂ (t) = 10 s.
ਇਸਤਰੀ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ (P) = ?
ਇਸਤਰੀ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ (W) = m × g × h
= 5 × 10 × 10
= 500 ਜੂਲ
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ 13
= 50 ਵਾਟ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
25 km ਦੀ ਉੱਚਾਈ ਤੇ ਇੱਕ ਰਾਕੇਟ ਨੂੰ 1km/s ਦੇ ਵੇਗ ਨਾਲ ਉਤਾਂਹ ਵੱਲ ਦਾਗਿਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਰਾਕੇਟ ਦਾ ਪੁੰਜ 3 × 106 kg ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਇਸ ਦੀ ਸਥਿਤਿਜ ਅਤੇ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਦੀ ਗਣਨਾ ਕਰੋ । (g = 10 m/s2 )
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ
ਰਾਕੇਟ ਦਾ ਪੁੰਜ (m) = 3 × 106 kg
ਰਾਕੇਟ ਦਾ ਵਗ (0) = 1 km/s
= 1000 m/s
ਉੱਚਾਈ (h) = 25 km
= 25 × 1000 m
25,000 m ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ
(g) = 10 m/s2

(i) ਰਾਕੇਟ ਦੀ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ (P.E.) = m × g × h
= (3 × 106 ) × 10 × 25000
= 75 × 1010 ਜੂਲ ਵਾਟ ਉੱਤਰ

(ii) ਰਾਕੇਟ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ (K.E.) = \(\frac {1}{2}\) × m × υ2
\(\frac {1}{2}\) × (3 × 106 ) × (1000)2
= \(\frac {1}{2}\) × 3 × 106 × 1000 × 1000
= 1.5 × 1012 ਜਲ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਇੱਕ ਵਿਅਕਤੀ 30 ਕਿਲੋਗ੍ਰਾਮ ਭਾਰਾ ਬਕਸਾ ਸਿਰ ‘ਤੇ ਚੁੱਕ ਕੇ
(i) ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ
(ii) ਖਿਤਿਜ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ, 10 ਮੀਟਰ ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਉਸ ਵੱਲੋਂ ਕਿੰਨਾ ਕਾਰਜ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ?
ਹੱਲ:
ਬਕਸੇ ਦਾ ਪੁੰਜ (m) = 30 ਕਿਲੋਗ੍ਰਾਮ
ਵਿਸਥਾਪਨ (S) = 10 ਮੀਟਰ
ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ (g) = 9.8 m/s2

(i) ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਵਿਅਕਤੀ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ = m × g × S
= 30 × 9.8 × 10
= 30 × 98 ਜੁਲ
= 2940 ਜੂਲ ਉੱਤਰ

(ii) ਖਿਤਿਜ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ = F cos θ × S
= m × g cos θ × S
= 30 × 9.8 × cos 90° × 10
= 294 × 0 × 10 [∵ cos 90° = 0]
= 0 (ਜ਼ੀਰੋ) ਉੱਤਰ
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ 14

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
1000 kg ਦੀ 30 m/s ਦੀ ਚਾਲ ਨਾਲ ਚੱਲ ਰਹੀ ਕਾਰ ਬਰੇਕ ਲਗਾਉਣ ਤੇ ਇੱਕਸਮਾਨ ਵੇਗ ਨਾਲ 50 m ਦੀ ਦੂਰੀ ‘ਤੇ ਰੁੱਕ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਬਰੇਕ ਦੁਆਰਾ ਕਾਰ ‘ਤੇ ਲੱਗੇ ਬਲ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਦਾ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ υ = 30 ms-1
v = 0
S = 50 m
ਹੁਣ v22 = 2 as
(0)2 – (30)2 = 2 × a × 50
– (30 × 30) = 100 × a
∴ a = \(\frac{-900}{100}\)
-9 m/s2
ਬਲ F = m × a = 1000 × 9
9000 ਨਿਊਟਨ ਉੱਤਰ
ਬਰੇਕ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ = F × S
= 9000 × 50
= 45 × 10000
= 4.5 × 105 J

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਇੱਕ ਮਜ਼ਦੂਰ 10 kg ਭਾਰੀ ਟੋਕਰੀ ਆਪਣੇ ਸਿਰ ‘ਤੇ ਰੱਖ ਕੇ ਪੱਧਰੀ ਸੜਕ ਤੇ 100 ਮੀਟਰ ਖਿਤਿਜ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਚਲ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਉਸਦੇ ਦੁਆਰਾ ਗੁਰੂਤਵੀ ਬਲ ਦੇ ਵਿਰੁੱਧ ਕੀਤਾ ਕਾਰਜ ਪਤਾ ਕਰੋ । (g = 9.8 ms2)
ਹੱਲ:
ਟੋਕਰੀ ਦਾ ਭਾਰ = mg = 10 × 9.8 = 98 N (ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ)
ਗੁਰੂਤਵੀ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ (ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ)
ਵਿੱਚ ਵਿਸਥਾਪਨ = 0
ਕਾਰਜ = ਬਲ × ਵਿਸਥਾਪਨ
= 98 × 0 = 0

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਇੱਕ ਕਾਰ 54 km/hr ਵੇਗ ਨਾਲ ਚੱਲਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਬੈਠੇ 40 kg ਦੇ ਲੜਕੇ ਦੀ ਤਿਜ ਊਰਜਾ ਕੀ ਹੋਵੇਗੀ ?
ਹੱਲ:
ਲੜਕੇ ਦਾ ਵੇਗ, (v) = ਕਾਰ ਦਾ ਵੇਗ
= 54 km/hr.
= \(\frac{54 \times 1000}{60 \times 60}\)
= 15 m/s
ਲੜਕੇ ਦਾ ਪੁੰਜ (m) = 40 kg
ਲੜਕੇ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ (K.E.) = \(\frac {1}{2}\)mυ2
= \(\frac {1}{2}\) × 40 × (15)2
= 4500 ਜੂਲ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਦਿਲ ਦੀ ਇੱਕ ਧੜਕਨ ਲਈ 1 ਜੂਲ ਊਰਜਾ ਦਾ ਖ਼ਰਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਦਿਲ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਪਤਾ ਕਰੋ ਜੇ ਇੱਕ ਮਿੰਟ ਵਿੱਚ ਇਹ 72 ਵਾਰ ਧੜਕੇ ।
ਹੱਲ:
ਦਿਲ ਦੀ ਧੜਕਨ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਕਾਰਜ = 1 ਜੁਲ
72 ਧੜਕਨ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਕਾਰਜ = 72 × 1
= 72 ਜੁਲ
ਸਮਾਂ =1 ਮਿੰਟ
= 60 ਸੈਕਿੰਡ
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ 15
= \(\frac{72}{60}\) = 1.2 ਜੂਲ / ਸੈਕਿੰਡ
= 1.2 ਵਾਟ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
60 W ਦਾ ਇੱਕ ਬਿਜਲੀ ਬਲਬ ਪ੍ਰਤੀਦਿਨ 6 ਘੰਟੇ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬਲਬ ਦੁਆਰਾ ਇੱਕ ਦਿਨ ਵਿੱਚ ਖਰਚ ਕੀਤੀ ਗਈ ਊਰਜਾ ਦੀ ‘‘ਯੂਨਿਟ’’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਬਲਬ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ (P) = 60 W
ਜਿੰਨੇ ਸਮੇਂ ਲਈ ਬਲਬ ਜਗਿਆ (t) = 6 ਘੰਟੇ
ਖਪਤ ਹੋਈ ਉਰਜਾ (E) = P x t
= 60 W X 6 h
= 360 Wh
= \(\frac{360}{1000}\) kWh
= 0.36 kWh
= 0.36 ਯੂਨਿਟ ਉੱਤਰ

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਦੋ ਬਰਾਬਰ ਪੁੰਜ ਵਾਲੇ ਪਿੰਡ ਕੁਮਵਾਰ : ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਵੇਗ υ ਅਤੇ 3υ ਨਾਲ ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਪਿੰਡਾਂ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾਵਾਂ ਦਾ ਅਨੁਪਾਤ ਗਿਆਤ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਮੰਨ ਲਓ ਹਰੇਕ ਪਿੰਡ ਦਾ ਪੁੰਜ ਅ ਹੈ ।

ਪਹਿਲੇ ਪਿੰਡ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ (Ek1) = \(\frac {1}{2}\) mυ …………… (i)
ਦੂਜੇ ਪਿੰਡ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ (Ek2) = \(\frac {1}{2}\) m(3υ)2
\(\frac {1}{2}\) m × 9υ2
= 9 × \(\frac {1}{2}\)mυ2 ………… (ii)
(i) ਪਹਿਲੇ ਪਿੰਡ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ (Ek1 = \(\frac {1}{2}\)mυ2
(ii) ਦੂਜੇ ਪਿੰਡ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ (Ek2) = 9 × \(\frac {1}{2}\)mυ2
Ek1 : Ek2 = \(\frac {1}{9}\) = 1 : 9

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਇੱਕ 2 kg ਪੁੰਜ ਵਾਲੀ ਵਸਤੁ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਤੋਂ ਹੇਠਾਂ ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਡਿੱਗਦੀ ਹੈ ਡਿੱਗਣ ਤੋਂ 2s ਬਾਅਦ ਵਸਤੂ ਦੀ ਗਤਿਜ. ਊਰਜਾ ਕਿੰਨੀ ਹੋਵੇਗੀ ? g ਦਾ ਮਾਨ 10 m/s2 ਲਵੋ ।
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ ਪੁੰਜ (m) = 2 kg
ਆਰੰਭਿਕ ਵੇਗ (u) = 0 (ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ)
ਸਮਾਂ (t) = 2 s
ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ (υ) = ?
ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ (g) = 10 m/s2
υ = u + gt ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ
υ = 0 + 10 × 2
∴ υ = 20 m/s
ਹੁਣ 2 ਸੈਕਿੰਡ ਬਾਅਦ ਵਸਤੂ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ (Ek) = \(\frac {1}{2}\)mυ2
= \(\frac {1}{2}\) × 2 × (20)2
= \(\frac {1}{2}\) × 2 × 20 × 20
= 400 J

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਇੱਕ ਸਮਤਲ ਸੜਕ ਤੇ ਸਕੂਟਰ ਚਾਲਕ ਬਰੇਕ ਲਗਾ ਕੇ ਸਕੂਟਰ ਦੀ ਚਾਲ ਨੂੰ 36 km/h ਤੋਂ ਘਟਾ ਕੇ 18 km/h ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਦੱਸੋ ਬਰੇਕ ਦੁਆਰਾ ਕਿੰਨਾ ਕਾਰਜ ਕੀਤਾ ਗਿਆ, ਜੇਕਰ ਖ਼ਾਲੀ ਸਕੂਟਰ ਦਾ ਪੁੰਜ 86 kg ਅਤੇ ਚਾਲਕ ਅਤੇ ਪੈਟਰੋਲ ਦਾ ਪੁੰਜ 64 kg ਹੋਵੇ ।
ਹੱਲ:
ਕੁੱਲ ਪੁੰਜ (m) = m1 + m2
= ਸਕੂਟਰ ਦਾ ਪੁੰਜ + ਚਾਲਕ ਅਤੇ ਪੈਟਰੋਲ ਦਾ ਪੁੰਜ
= 86 kg +64 kg
= 150 kg
ਆਰੰਭਿਕ ਵੇਗ (u) = 36 km/h
= 36 × \(\frac{5}{18}\) m/s [∵ 1km/h = \(\frac{5}{18}\) m/s
= 10 m/s
ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ (υ) = 18 km/h
= 18 × \(\frac{5}{18}\)
5 m/s

ਬਰੇਕ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ = ਸਕੂਟਰ ਦੁਆਰਾ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਦੀ ਹਾਨੀ
= ਆਰੰਭਿਕ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ – ਅੰਤਿਮ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ
= (\(\frac {1}{2}\)mu2 – \(\frac {1}{2}\)mv2)
= \(\frac {1}{2}\)m(u2 – v2)
= \(\frac {1}{2}\) m (u + v) (u – v)
= \(\frac {1}{2}\) × 150 × (10 + 5) (10 – 5)
= \(\frac {1}{2}\) × 150 × 15 × 5
= 75 × 75
5625 J

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਮੰਨ ਲਓ ਤੁਹਾਡੇ ਹੱਥ ਵਿੱਚ 1 kg ਪੁੰਜ ਵਾਲੀ ਵਸਤੂ ਹੈ । ਤੁਸੀਂ ਇਸ ਨੂੰ ਕਿੰਨੀ ਉੱਚਾਈ ਤਕ ਚੁੱਕੋਗੇ, ਤਾਂ ਜੋ ਗੁਰੂਤਵੀ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ 1J ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰ ਲਵੇ । g = 10 ms-2)
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ (p) = 1 J
ਪੁੰਜ (m) = 1 kg
ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ (g) = 10 ms-2
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ (p) = mgh
1 = 1 × 10 × h
∴ h = \(\frac {1}{10}\)m
= 0.1 m
= 10 cm

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਇੱਕ 1000 w ਬਿਜਲੀ ਹੀਟਰ ਨੂੰ ਹਰ ਰੋਜ਼ 2 ਘੰਟੇ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । 28 ਦਿਨਾਂ ਦੇ ਮਹੀਨਾ ਭਰ ਉਪਯੋਗ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਕਿੰਨੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਖ਼ਰਚਾ ਹੋਵੇਗਾ, ਜੇਕਰ ਊਰਜਾ ਦੀ ਦਰ 3.00 ਰੁਪਏ ਪ੍ਰਤੀ ਯੂਨਿਟ ਹੋਵੇ ।
ਹੱਲ:
ਹੀਟਰ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ (P) = 1000 W = 1 kW
∴ ਕੁੱਲ ਸਮਾਂ (t) = 2 × 28 = 56 h
ਊਰਜਾ ਦੀ ਖ਼ਪਤ (E) = P × t
= 1 kW × 56 h
= 56 kWh
= 56 ਯੂਨਿਟ
ਊਰਜਾ ਦੀ ਦਰ = 3.00 ਰੁਪਏ ਪ੍ਰਤੀ ਯੂਨਿਟ
∴ ਕੁੱਲ ਖ਼ਰਚਾ = 56 × 3.00 ਰੁਪਏ
= 168.00 ਰੁਪਏ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
1 ਕਿਲੋਗ੍ਰਾਮ ਪਿੰਡ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ 1 ਜੁਲ ਹੈ । ਇਸ ਦੀ ਚਾਲ ਕਿੰਨੀ ਹੋਵੇਗੀ ।
ਹੱਲ:
ਦਿੱਤਾ ਹੈ, ਪਿੰਡ ਦਾ ਪੁੰਜ (m) = 1 kg
ਪਿੰਡ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ (EK) = 1 ਜੂਲ
ਵੇਗ (v) = ?
ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ (Ek) = \(\frac {1}{2}\)mv2 ਤੋਂ
1 = \(\frac {1}{2}\) × 1 × v2
v2 = 2
∴ v = √2
= 1.414 ms-1

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
50 kg ਪੁੰਜ ਦਾ ਇੱਕ ਲੜਕਾ ਦੌੜ ਕੇ 45 ਪੌੜੀਆਂ 9 s ਵਿੱਚ ਚੜ੍ਹਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਹਰੇਕ ਪੌੜੀ ਦੀ ਉੱਚਾਈ । ‘ 15 cm ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਉਸ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਦਾ ਪਰਿਕਲਨ ਕਰੋ । g ਦਾ ਮਾਨ 10 ms-2 ਲਓ ।
ਹੱਲ:
ਲੜਕੇ ਦਾ ਭਾਰ = mg
= 50 kg × 10 ms-2
= 500 N
ਕੁੱਲ ਉੱਚਾਈ (h) = ਪੌੜੀਆਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ × ਇੱਕ ਪੌੜੀ ਦੀ ਉੱਚਾਈ
= 45 × 15 cm
= 675 cm
= 6.75 m
ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ (t) = 9
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ 16
= 375 W

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਇੱਕ ਕੁਲੀ 10 kg ਦਾ ਬੋਝ ਧਰਤੀ ਤੋਂ 1.5 m ਉੱਪਰ ਉਠਾ ਕੇ ਆਪਣੇ ਸਿਰ ਉੱਤੇ ਰੱਖਦਾ ਹੈ । ਉਸਦੇ ਦੁਆਰਾ ਬੋਝ ਉੱਤੇ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ ਦਾ ਪਰਿਕਲਨ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਬੋਝ ਦਾ ਭਾਰ (m) = 10 kg ਅਤੇ
ਵਿਸਥਾਪਨ (S) = 1.5 m
ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ (W) = F × S
= mg × S
= 10 kg × 10 ms-2 × 1.5 m
= 150 Nm = 225 J

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਜੇਕਰ ਕਿਸੀ ਕਾਰ ਦਾ ਪੁੰਜ 1500 kg ਹੈ, ਤਾਂ ਉਸਦੇ ਵੇਗ ਨੂੰ 30 kmh-1 ਤੋਂ 60 kmh-1 ਤੱਕ ਵਧਾਉਣ ਵਿੱਚ ਕਿੰਨਾ ਕਾਰਜ (w) ਕਰਨਾ ਪਵੇਗਾ ।
ਹੱਲ:
ਕਾਰ ਦਾ ਮਾਨ (m) = 1500 kg
ਕਾਰ ਦਾ ਆਰੰਭਿਕ ਵੇਗ (u) = 30 km h-1
= \(\frac{30 \times 1000 \mathrm{~m}}{60 \times 60 \mathrm{~s}}\)
= 8.33 ms-1
ਕਾਰ ਦਾ ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ (υ) = 60 km h-1
= 16.67 ms-1
ਇਸ ਲਈ ਕਾਰ ਦੀ ਆਰੰਭਿਕ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ
(EKi) = \(\frac {1}{2}\)mu2
\(\frac {1}{2}\) × 1500 kg × (8.33 ms-1)2
= 52041.68 J
ਕਾਰ ਦੀ ਅੰਤਿਮ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ (EKf)= \(\frac {1}{2}\) mυ2
= \(\frac {1}{2}\) × 1500 × (16.67 ms-1)2
= 208416.68 J
ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ = ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ
EKf – EKi
= 208416.68 J – 52041.68 J
= 156375 J

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਕਾਰਜ ਦੀ SI ਇਕਾਈ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੁਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਇੱਕ ਕਿਲੋਗ੍ਰਾਮ ਪੱਥਰ ਦੇ ਕਿਸੇ ਟੁਕੜੇ ਨੂੰ ਇੱਕ ਮੀਟਰ ਉੱਚਾਈ ਤਕ ਚੁੱਕਣ ਵਿੱਚ ਕਿੰਨੀ ਊਰਜਾ ਦੀ ਲੋੜ ਹੋਵੇਗੀ ?
ਉੱਤਰ-
9.8 ਜੂਲ ਹੱਲ :
W = mgh
= 1 × 9.8 × 1
= 9.8 J

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦੇ ਵੇਗ ਵਿੱਚ ਕੀ ਪਰਿਵਰਤਨ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਨਾਲ ਵਸਤੂ ਦਾ ਪੁੰਜ ਚਾਰ ਗੁਣਾ ਵਧਾਉਣ ਤੇ ਵੀ ਉਸ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਪਰਿਵਰਤਨ ਨਾ ਆਵੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਵੇਗ ਅੱਧਾ ਕਰਨਾ ਪਵੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਯੰਤਰਿਕ ਊਰਜਾ ਦੀਆਂ ਕਿਸਮਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ –

  1. ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ
  2. ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਊਰਜਾ ਦੀ SI ਇਕਾਈ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੁਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਸ਼ਕਤੀ ਦੀ sI ਇਕਾਈ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਾਟ ।

ਪਸ਼ਨ 7.
ਵਪਾਰਕ ਪੱਧਰ ਤੇ ਉਰਜਾ ਦੀ ਇਕਾਈ ਦਾ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ਅਤੇ ਉਸ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਵੀ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਵਪਾਰਕ ਪੱਧਰ ਤੇ ਊਰਜਾ ਦੀ ਇਕਾਈ ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ ਹੈ ।

ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ-ਜੇ ਇੱਕ ਕਿਲੋਵਾਟ ਸ਼ਕਤੀ ਦਾ 1 ਘੰਟਾ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਊਰਜਾ ਦੀ ਪੂਰਤੀ 1 ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਚਾਬੀ ਵਾਲੇ ਖਿਡੌਣੇ ਨੂੰ ਚਲਾਉਣ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜੀ ਊਰਜਾ ਕਿਹੜੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਤਬਦੀਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਆਕਾਰ ਪਰਿਵਰਤਨ ਦੇ ਕਾਰਨ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ, ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਹਥੇਲੀਆਂ ਨੂੰ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਰਗੜਨ ਨਾਲ ਉਹ ਗਰਮ ਕਿਉਂ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਥੇਲੀਆਂ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ, ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦੁਆਰਾ ਊਰਜਾ ਦਾ ਕਿਹੜਾ ਰੂਪ ਕਾਰਜ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਸ਼ਕਤੀ, ਊਰਜਾ ਅਤੇ ਸਮੇਂ ਦਾ ਆਪਸੀ ਸੰਬੰਧ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ 17

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਕਿਹੜੇ ਦੋ ਕਾਰਕਾਂ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੁੰਜ ਅਤੇ ਉੱਚਾਈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਬੰਨ੍ਹ ਤੇ ਇਕੱਠੇ ਕੀਤੇ ਗਏ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜੀ ਊਰਜਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਜਦੋਂ ਅਸੀਂ ਪੌੜੀਆਂ ਚੜ੍ਹਦੇ ਹਾਂ, ਤਾਂ ਕਿਹੜੀ ਊਰਜਾ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਾਸਪੇਸ਼ੀਆਂ ਦੀ ਉਰਜਾ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਤੇਜ਼ ਹਨੇਰੀ ਵਾਲੇ ਦਿਨ ਕਈ ਮਕਾਨਾਂ ਦੀਆਂ ਛੱਤਾਂ ਕਿਉਂ ਉੱਡ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਤੇਜ਼ ਹਵਾ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਕਾਰਨ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਇੱਕ ਕਿਲੋਗ੍ਰਾਮ ਪਾਣੀ 5 ਮੀ: ਉੱਪਰ ਚੁੱਕਣ ‘ਤੇ ਕਿੰਨਾ ਕਾਰਜ ਕਰਨਾ ਪਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਾਣੀ ਚੁੱਕਣ ਲਈ ਕਾਰਜ = ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ
= mgh
= 1 × 10 × 5 = 50 ਜੁਲ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਜੇ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਵੇਗ ਤਿੰਨ ਗੁਣਾਂ ਵੱਧ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਉਸਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ‘ ਤੇ ਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪਏਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
∴ K.E. α v2
∴ ਇਹ 9 ਗੁਣਾ ਵੱਧ ਜਾਵੇਗੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਸਪਰਿੰਗ ਕਮਾਨੀ) ਨੂੰ ਦਬਾਉਣ ਨਾਲ ਉਸ ਵਿੱਚ ਕਿਹੋ ਜਿਹੀ ਊਰਜਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ਵਿੱਚ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਅਤੇ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਦੋਨੋਂ ਮੌਜੂਦ ਹੋਣ ।
ਉੱਤਰ-
ਉੱਚਾਈ ਤੇ ਉੱਡ ਰਹੇ ਜਹਾਜ਼ ਵਿੱਚ ਦੋਨੋਂ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਅਤੇ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਉ ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ਦੀ ਸ਼ਕਲ ਵਿੱਚ ਹੋਏ ਪਰਿਵਰਤਨ ਕਾਰਨ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਹੋਵੇ ।
ਉੱਤਰ-
ਖਿੱਚੇ ਹੋਏ ਕਮਾਨ ਵਿੱਚ ਸ਼ਕਲ (ਆਕ੍ਰਿਤੀ) ਪਰਿਵਰਤਨ ਦੇ ਪਰਿਣਾਮ ਵਜੋਂ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਊਰਜਾ ਸੁਰੱਖਿਅਣ ਕਿਸਮ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਊਰਜਾ ਸੁਰੱਖਿਅਣ ਕਿਸਮ- “ਊਰਜਾ ਨਾ ਤਾਂ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਨਸ਼ਟ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਉਰਜਾ ਸਿਰਫ਼ ਇੱਕ ਰੂਪ ਤੋਂ ਦੂਸਰੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਰੂਪਾਂਤਰਿਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।” ਅਰਥਾਤ ਉਰਜਾ ਰੁਪਾਂਤਰਨ ਦੌਰਾਨ ਸਿਸਟਮ ਦੀ ਕੁੱਲ ਊਰਜਾ ਨਿਯਤ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਕਿਹੜਾ ਯੰਤਰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਯੰਤਰਿਕ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਰੂਪਾਂਤਰਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਮੋਟਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਬਿਜਲੀ ਪੱਖੇ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜੀ ਊਰਜਾ ਕਿਸ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਰੂਪਾਂਤਰਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਉਰਜਾ ਦਾ ਯਾਤਿਕ ਉਰਜਾ ਵਿੱਚ ਰੂਪਾਂਤਰਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਹਾਈਇਲੈੱਕਟ੍ਰਿਕ ਪਾਵਰ ਸਟੇਸ਼ਨ ਤੇ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਰੂਪਾਂਤਰਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਡਿੱਗਦੇ ਹੋਏ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਦਾ ਰੂਪਾਂਤਰਣ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ਫਿਰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਰੂਪਾਂਤਰਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਵਾਟ ਅਤੇ ਕਿਲੋਵਾਟ ਵਿੱਚ ਕੀ ਸੰਬੰਧ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
1 ਕਿਲੋਵਾਟ = 1000 ਵਾਟ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਉਰਜਾ ਦੇ S.I. ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਅਤੇ 1 kWh ਵਿੱਚ ਸੰਬੰਧ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਊਰਜਾ ਦਾ S.I. ਮਾਤਿਕ ਜੁਲ (J) ਹੈ ।
∴ 1 kWh = 3.6 × 106ਜੂਲ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

ਵੱਡੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਨਿਊਟਨ ਦੇ ਵਿਸ਼ਵ-ਵਿਆਪੀ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਲਿਖੋ ਅਤੇ ਗਣਿਤਿਕ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਤੋਂ ਦੋ ਵਸਤੂਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਲੱਗ ਰਹੇ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਦੇ ਸੂਤਰ ਦਾ ਵਿਉਂਤਪੰਨ ਤਿਆਰ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਨਿਊਟਨ ਦਾ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਦਾ ਵਿਸ਼ਵ-ਵਿਆਪੀ ਨਿਯਮ (Newton’s Universal Law of Gravitation) – ਇਸ ਹਿਮੰਡ ਵਿੱਚ ਹਰੇਕ ਪਦਾਰਥਕ ਵਸਤੂ ਹਰ ਦੂਜੀ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਇੱਕ ਬਲ ਨਾਲ ਪਰਸਪਰ . ਆਕਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ, ਜਿਹੜਾ-
(i) ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪੁੰਜਾਂ ਦੇ ਗੁਣਨਫਲ ਦੇ ਸਿੱਧਾ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ
(ii) ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕੇਂਦਰਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ ਦੇ ਵਰਗ ਦੇ ਉਲਟ-ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਬਲ ਹਮੇਸ਼ਾ ਹੀ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦੇ ਕੇਂਦਰਾਂ ਨੂੰ ਮਿਲਾਉਣ ਵਾਲੀ ਰੇਖਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਲਗਦਾ ਹੈ |
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 1
ਗਣਿਤਿਕ ਧਾਰਣਾਵਾਂ – ਉੱਪਰ ਦਰਸਾਏ ਗਏ ਚਿੱਤਰ ਦੇ ਹਵਾਲੇ ਵਿੱਚ ਮੰਨ ਲਉ ਸਾਡੇ ਕੋਲ ਦੋ ਗੇਂਦਾਂ A ਅਤੇ B ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪੁੰਜ ਕੁਮਵਾਰ m1 ਅਤੇ m2 ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕੇਂਦਰਾਂ ਦੇ ਵਿਚਾਲੇ ਦੀ ਦੂਰੀ r ਹੈ ।

ਨਿਊਟਨ ਅਨੁਸਾਰ ਗੇਂਦ A, ਗੇਂਦ B ਉੱਪਰ ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ FBA ਲਗਾਵੇਗੀ ਅਤੇ FAB ਲ ਗੇਂਦ A ਉੱਪਰ ਗੇਂਦ B ਦੁਆਰਾ ਲਗਾਇਆ ਗਿਆ ਬਲ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੋਨਾਂ ਬਲਾਂ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਬਰਾਬਰ ਹੈ, : ਪਰੰਤੁ ਉਹ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਤੋਂ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਲੱਗ ਰਹੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।
FAB = FBA
ਮੰਨ ਲਓ FAB = FBA = F
ਤਾਂ ਨਿਊਟਨ ਦੇ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ, F ∝ m1 × m2 ………… (i)
ਅਤੇ F ∝ \(\frac{1}{r^{2}}\) ………. (ii)
ਸਮੀਕਰਨ (i) ਅਤੇ (ii) ਨੂੰ ਜੋੜਨ ਤੇ
F ∝ \(\frac{m_{1} \times m_{2}}{r^{2}}\)
F = ਸਥਿਰ-ਅੰਕ × \(\frac{m_{1} \times m_{2}}{r^{2}}\)
F = G\(\frac{m_{1} \times m_{2}}{r^{2}}\)
G ਨੂੰ ਵਿਸ਼ਵ-ਵਿਆਪੀ ਗੁਰੂਤਵੀ-ਸਥਿਰ-ਅੰਕ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਇਹ ਨਾਂ ਇਸ ਲਈ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਸਾਰੇ ਹੀ ਹਿਮੰਡ ਵਿੱਚ ਇਸ ਦਾ ਸੰਖਿਅਕ ਮੁੱਲ ਇਕੋ ਹੀ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।
G ਦਾ ਸੰਖਿਅਕ ਮੁੱਲ- G = 6.67 × 10-11 N-m2/kg2 ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਹਿਆਂ ਦੀ ਗਤੀ ਬਾਰੇ ਕੈਪਲਰ ਦੇ ਨਿਯਮ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਲ੍ਹਿਆਂ ਦੀ ਗਤੀ ਬਾਰੇ ਕੈਪਲਰ ਦੇ ਨਿਯਮ – ਸੋਲ੍ਹਵੀਂ ਸਦੀ ਤੱਕ ਅਨੇਕ ਖਗੋਲ ਵਿਗਿਆਨੀਆਂ ਨੇ ਹਿਆਂ ਦੀ ਗਤੀ ਬਾਰੇ ਆਂਕੜੇ ਇਕੱਠੇ ਕੀਤੇ । ਜਹਾਂਸ ਕੈਪਲਰ ਨੇ ਇਹਨਾਂ ਆਂਕੜਿਆਂ ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਤਿੰਨ ਨਿਯਮ ਬਣਾਏ ਜਿਹੜੇ ਹਿਆਂ ਦੀ ਗਤੀ ਨੂੰ ਨਿਰਦੇਸ਼ਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਨਿਯਮ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹਨ-
1. ਆਰਬਿਟ ਨਿਯਮ (ਪਹਿਲਾ ਨਿਯਮ) – ਹਰੇਕ ਹਿ ਦਾ ਹਿ ਪੱਥ ਅੰਡਾਕਾਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਸੂਰਜ ਇਸਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੇ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਇਸ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ 0 ਦੁਆਰਾ ਸੂਰਜ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਨੂੰ ਵਿਖਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।

2. ਖੇਤਰਫਲ ਦਾ ਨਿਯਮ ਦੂਸਰਾ ਨਿਯਮ – ਸੂਰਜ ਅਤੇ ਗ੍ਰਹਿ ਨੂੰ ਮਿਲਾਉਣ ਵਾਲੀ ਰੇਖਾ ਸਮਾਨ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਸਮਾਨ ਖੇਤਰਫਲ ਤੈਅ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਤੋਂ 8 ਤੱਕ ਗਤੀ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਲੱਗਾ ਸਮਾਂ 0 ਤੋਂ 0 ਤੱਕ ਗਤੀ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਲੱਗੇ ਸਮੇਂ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਖੇਤਰਫਲ OAB ਅਤੇ OCD ਬਰਾਬਰ ਹੋਣਗੇ ।

3. ਪਰਿਕਰਮਾ ਕਾਲ (ਪੀਰੀਅਡ) ਨਿਯਮ (ਤੀਸਰਾ ਨਿਯਮ) – ਸੂਰਜ ਤੋਂ ਕਿਸੇ ਹਿ ਦੀ ਔਸਤ ਦੂਰੀ (r) ਦਾ ਘਣ ਉਸ ਹਿ ਦੇ ਹਿ ਪੱਥ ਪਰਿਕਰਮਾ ਅਰਥਾਤ ਕਾਲ 1 ਦੇ ਵਰਗ ਦੇ ਸਿੱਧਾ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਅਰਥਾਤ \(\frac{r^{3}}{\mathrm{~T}^{2}}\) = ਸਥਿਰ ਅੰਕ
ਜਾਂ T2 α r3
ਕੈਪਲਰ ਕੋਈ ਸਿਧਾਂਤ ਪੇਸ਼ ਨਾ ਕਰ ਸਕਿਆ ਜਿਹੜਾ ਗ੍ਰਹਿਆਂ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰ ਸਕੇ । ਨਿਉਟਨ ਨੇ ਇਹ ਦਰਸਾਇਆ ਕਿ ਹਿਆਂ ਦੀ ਗਤੀ ਕਾਰਨ ਗੁਰੁਤਾਕਰਸ਼ਣ ਉਹ ਬਲ ਹੈ ਜਿਹੜਾ ਸੂਰਜ ਉਹਨਾਂ ‘ਤੇ ਲਗਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਰਾਬਰਟ ਬਾਇਲ ਨੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੁਆਰਾ ਕਿਵੇਂ ਸਿੱਧ ਕੀਤਾ ਕਿ ਨਿਰਵਾਤ (ਖਲਾਅ ਵਿੱਚ ਸਾਰੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਇੱਕ ਹੀ ਦਰ ਨਾਲ ਹੇਠਾਂ ਧਰਤੀ ਵੱਲ ਡਿੱਗਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਾਇਲ ਪ੍ਰਯੋਗ – ਰਾਬਰਟ ਬਾਇਲ ਨੇ ਇੱਕ ਲੰਮੀ ਕੱਚ ਦੀ ਟਿਊਬ ਲਈ, ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਇੱਕ ਭਾਰੀ ਸਿੱਕਾ ਅਤੇ ਇੱਕ ਕਾਗ਼ਜ਼ ਦਾ ਟੁਕੜਾ ਟਿਊਬ ਵਿੱਚ ਰੱਖਿਆ ਗਿਆ । ਟਿਊਬ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਨੂੰ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿੱਤਾ । ਟਿਊਬ ਵਿੱਚੋਂ ਹਵਾ ਨੂੰ ਨਿਰਵਾਤ ਪੰਪ ਦੁਆਰਾ ਖ਼ਾਲੀ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ ।

ਜਦੋਂ ਟਿਉਬ ਨੂੰ ਛੇਤੀ ਨਾਲ ਉਲਟਾਇਆ ਗਿਆ, ਤਾਂ ਇਹ ਵੇਖਣ ਵਿੱਚ ਆਇਆ ਕਿ ਸਿੱਕਾ ਅਤੇ ਕਾਗਜ਼ ਦਾ ਟੁਕੜਾ ਇੱਕ ਸਮੇਂ ਹੀ ਟਿਉਬ ਦੇ ਹੇਠਾਂ ਤਲੀ ਵਿੱਚ ਪਹੁੰਚਦੇ ਹਨ । ਹੁਣ ਫਿਰ ਇਸ ਪ੍ਰਯੋਗ ਨੂੰ ਦੁਹਰਾਇਆ ਗਿਆ ਜਦੋਂ ਕੱਚ ਦੀ ਟਿਊਬ ਅੰਦਰ ਹਵਾ ਮੌਜੂਦ ਸੀ । ਇਸ ਵਾਰੀ ਦੇਖਣ ਵਿੱਚ ਆਇਆ ਕਿ ਕਾਗ਼ਜ਼ ਦਾ ਟੁਕੜਾ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਡਿੱਗਦਾ ਹੈ ਜਦ ਕਿ ਸਿੱਕਾ ਛੇਤੀ ਹੀ ਟਿਊਬ ਦੀ ਤਲੀ ‘ਤੇ ਪਹੁੰਚ ਗਿਆ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਯੋਗ ਤੋਂ ਇਹ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਨਿਰਵਾਤ ਵਿੱਚ ਸਾਰੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਹਲਕੀਆਂ ਅਤੇ ਭਾਰੀਆਂ ਇੱਕੋ ਵੇਗ ਨਾਲ ਧਰਤੀ ਵੱਲ ਗਤੀ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 3

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
(ੳ) ਸਿੱਧ ਕਰੋ ਕਿ ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ ਦਾ ਮੁੱਲ ਵਸਤੂ ਦੇ ਪੁੰਜ ਦੇ ਮੁੱਲ ਤੋਂ ਸੁਤੰਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(ਅ) g ਦਾ ਮਾਨ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
(ਉ) ਜਿਵੇਂ ਵਿਖਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ਕਿ ਧਰਤੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੇ ਸਥਿਤ m ਪੁੰਜ ਵਾਲੀ ਇੱਕ ਵਸਤੂ ਤੇ ਵਿਚਾਰ ਕਰੋ । ਮੰਨ ਲਉ M ਅਤੇ R ਕੁਮਵਾਰ ਧਰਤੀ ਦੇ ਪੁੰਜ ਅਤੇ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਹਨ ।
ਮੰਨ ਲਉ F ਵਸਤੂ ਤੇ ਕਿਰਿਆ ਕਰ ਰਿਹਾ ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 4
ਇਸ ਵੇਗ ਨੂੰ ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ ਆਖਦੇ ਹਨ ।

ਇਸ ਸਮੀਕਰਨ ਵਿੱਚ ਵਸਤੂ ਦਾ ਪੁੰਜ ਸ਼ਾਮਲ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਪਤਾ ਚਲਦਾ ਹੈ ਕਿ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਕਾਰਨ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਵੇਗ ਇਸ ਦੇ ਪੁੰਜ ਤੋਂ ਸੁਤੰਤਰ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਅਸੀਂ ਕਹਿ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਸਾਰੇ ਆਕਾਰਾਂ ਅਤੇ ਪੰਜਾਂ ਵਾਲੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਕਿਸੇ ਵੀ ਥਾਂ ਤੇ ਸਮਾਨ ਵੇਗ ਨਾਲ ਡਿੱਗਦੀਆਂ ਹਨ ।

(ਅ) g ਦਾ ਮੁੱਲ ਪਤਾ ਕਰਨਾ G = 6.67 × 10-11 Nm2 / kg2
ਧਰਤੀ ਦਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ, R = 6400 km
= 6400 × 1000 m
= 6.4 × 106 m
ਧਰਤੀ ਦਾ ਪੁੰਜ M = 6 × 1024 kg
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, g = \(\frac{\mathrm{GM}}{\mathrm{R}^{2}}\)
ਜਾਂ g = \(\frac{6.67 \times 10^{-11} \times 6 \times 10^{24}}{\left(6.4 \times 10^{6}\right)^{2}}\)
∴ g = 9.8 ms-2

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
(ੳ) ਸੁਤੰਤਰ ਡਿੱਗ ਰਹੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਵਿੱਚ ਸਮੀਕਰਨ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
(ਅ) ਸੁਤੰਤਰ ਡਿੱਗ ਰਹੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦੀ ਗਤੀ ਸਮੀਕਰਨ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ ਕਿਵੇਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
(ੲ) ਜਦੋਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਬਿਲਕੁਲ ਸਿੱਧੇ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਸ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਉੱਚਾਈ ਪਤਾ ਕਰਨ ਲਈ ਸਮੀਕਰਨ ਲਿਖੋ ।
(ਸ) ਸਿੱਧ ਕਰੋ ਕਿ ਹੇਠਾਂ ਆਉਣ ਅਤੇ ਉੱਪਰ ਜਾਣ ਦਾ ਸਮਾਂ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
(ੳ) ਗੁਰੂਤਾ ਅਧੀਨ ਕਿਰਿਆ ਕਰਨ ਵਾਲੀ ਗਤੀ ਸਮੀਕਰਨ ਸੁਤੰਤਰ ਡਿੱਗਣ ਵਾਲੇ ਸਮੀਕਰਨ ਅਖਵਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

(ਅ) ਇਕ ਸਮਾਨ ਗਤੀ ਵਾਲੇ ਸਮੀਕਰਨਾਂ ਵਿੱਚ a ਦੀ ਥਾਂ g ਲਿਖ ਕੇ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਸੁਤੰਤਰ ਡਿੱਗ ਰਹੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਵਾਲੇ ਸਮੀਕਰਨ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹਨ-
(i) v = u + gt
(ii) n = ut + \(\frac {1}{2}\)gt2
(iii) v2 – u2 = 2gh
ਇੱਥੇ u ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ, v ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ, h ਪ੍ਰਾਪਤ ਉੱਚਾਈ ਅਤੇ t ਸਮਾਂ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਛੱਡਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਵਸਤੂ ਦਾ ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ ਜ਼ੀਰੋ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਅਰਥਾਤ u = 0

(ੲ) ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਉੱਚਾਈ ਲਈ ਵਿਅੰਜਕ – ਆਓ ਮੁੱਢਲੇ ਵੇਗ ਵਾਲੀ ਇੱਕ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਉੱਪਰ ਸੁੱਟੇ ਜਾਣ ਤੇ ਪ੍ਰਾਪਤ ਅਧਿਕਤਮ ਉੱਚਾਈ ਲਈ ਵਿਅੰਜਕ ਗਿਆਤ ਕਰੀਏ ।
ਉੱਚਤਮ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਪਹੁੰਚ ਕੇ ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ ਜ਼ੀਰੋ ਹੋਵੇਗਾ । ਗੁਰੂਤਾ-ਪ੍ਰਵੇਗ ਰਿਣਾਤਮਕ ਹੋਵੇਗਾ । ਜੇਕਰ h ਅਧਿਕਤਮ ਉੱਚਾਈ ਹੈ, ਤਾਂ
v2 – u2 = 2ah
ਜਾਂ 02 – u2 = 2 (-g) h [a = – g]
-u2 = -2gh
u2 = 2gh
∴ h = \(\frac{u^{2}}{2 g}\)

(ਸ) ਉੱਪਰ ਜਾਣ ਅਤੇ ਹੇਠਾਂ ਆਉਣ ਦਾ ਸਮਾਂ – ਉੱਚਤਮ ਬਿੰਦੂ ਤਕ ਪਹੁੰਚਣ ਲਈ ਲੱਗ ਰਿਹਾ ਸਮਾਂ ਅਵਰੋਹਣ ਸਮਾਂ ਹੈ | ਅਧਿਕਤਮ ਉੱਚਾਈ ਤੋਂ ਹੇਠਾਂ ਵਾਪਸ ਆਉਣ ਲਈ ਲੱਗਾ ਸਮਾਂ ਆਰੋਹਣ ਸਮਾਂ ਹੈ ।
ਅਵਰੋਹਣ (ਉੱਪਰ ਜਾਣ ਲਈ) ਸਮਾਂ
ਇੱਥੇ v = 0, a = – g
v = u + at
0 = u – gt
t = \(\)

ਆਰੋਹਣ (ਹੇਠਾਂ ਆਉਣ ਲਈ) ਸਮਾਂ-
ਹੁਣ, ਉੱਚਤਮ ਬਿੰਦੁ ਤੇ ਵੇਗ ਜ਼ੀਰੋ ਹੈ,
∴ u = 0
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 5
ਅਰਥਾਤ ਉੱਪਰ ਜਾਣ ਅਤੇ ਹੇਠਾਂ ਆਉਣ ਲਈ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਾਰਕਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਕਰਕੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ ‘g’ ਦੇ ਮੁੱਲ ਵਿੱਚ ਤਬਦੀਲੀ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ ‘g’ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਕਾਰਕ-
1. ਧਰਤੀ ਦੀ ਉੱਚਾਈ ਕਾਰਨ g` ਵਿੱਚ ਤਬਦੀਲੀ (Variation in g with Altitude) – ‘g’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਜਾਂ ਹੇਠਾਂ ਦੋਹਾਂ ਸਥਿਤੀਆਂ ਵਿੱਚ ਘਟਦਾ ਹੈ । ‘g’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਸਿਰਫ਼ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੇ ਹੀ ਅਧਿਕਤਮ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜਿਵੇਂ ਹੀ ਅਸੀਂ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਜਾਂਦੇ ਹਾਂ, ਤਾਂ ‘g’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਘੱਟਦਾ ਚਲਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਕਿਸੇ ਵੀ ਉੱਚਾਈ ਤੇ ‘g’ ਦੇ ਮੁੱਲ ਦੀ ਗਣਨਾ ਅਸੀਂ ਇੱਕ ਨਿਸਚਿਤ ਗਣਿਤਕ ਸੂਤਰ ਨਾਲ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ।
ਜੇਕਰ ge = ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੇ ਗੁਰੂਤਾ-ਪ੍ਰਵੇਗ
gh = ਧਰਤੀ ਤੋਂ ਉੱਚਾਈ hਤੇ ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ
ਅਤੇ R = ਧਰਤੀ ਦਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿ, gh = ge[latex]\frac{\mathrm{R}^{2}}{(\mathrm{R}+h)^{2}}[/latex]
(R+h)”
‘h’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਪਤਾ ਹੋਣ ਤੇ ‘gh’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਪਤਾ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਸਥਿਤੀ (Special Case) – ਧਰਤੀ ਦੇ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਨਾਲੋਂ ਅੱਧੀ ਉੱਚਾਈ hਤੇ ਅਰਥਾਤ ਜਦੋਂh = R/ 2 ਤਾਂ ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਫ਼ਾਰਮੂਲੇ ਤੋਂ,
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 6
‘g’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਧਰਤੀ ਤੇ ਕੇਂਦਰ ਤੇ ‘ਜ਼ੀਰੋ’ ਹੋਵੇਗਾ ।

2. ਧਰਤੀ ਦੀ ਆ ਕਾਰਨ ‘g’ ਵਿੱਚ ਤਬਦੀਲੀ (Variation in g` due to shape of Earth) – ਧਰਤੀ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਗੋਲਾਕਾਰ ਨਹੀਂ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਥੋੜ੍ਹੀ ਜਿਹੀ ਇਲਿਪਸੀ (ਅੰਡਾਕਾਰ) ਆਤੀ ਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਧਰਵਾਂ ਦੇ ਨੇੜੇ ਪੱਧਰੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖਾ ਦੇ ਨੇੜੇ ਥੋੜੀ ਜਿਹੀ ਬਾਹਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਉੱਠੀ ਹੋਈ ਹੈ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਵਿਖਾਇਆ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 7
ਉੱਪਰ ਵਿਖਾਏ ਚਿੱਤਰ ਅਨੁਸਾਰ, ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਲਗਪਗ 6378 ਕਿ. ਮੀ. ਅਤੇ ਧਰੁਵੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ 6357 ਕਿ. ਮੀ. ਹੈ । ਹੁਣ ਕਿਉਂ ਜੋ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ, ਧਰੁਵੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਨਾਲੋਂ ਲਗਪਗ 21 ਕਿ. ਮੀ. ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਧਰੁਵਾਂ ਤੇ g ਦਾ ਮੁੱਲ ਅਰਥਾਤ gp ਜ਼ਿਆਦਾ ਅਰਥਾਤ 9.831 m/s2 ਹੈ ਅਤੇ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖਾ ਤੇ ਘੱਟ ਅਰਥਾਤ ge = 9.782 m/s2 ਹੈ । ‘g’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਜਿਹੜਾ ਅਸੀਂ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਵਿੱਚ ਲਿਆਉਂਦੇ ਹਾਂ, ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੋਹਾਂ ਮੁੱਲਾਂ ਦੀ ਔਸਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ‘g’ ਦੇ ਮੁੱਲ ਵਿੱਚ ਤਬਦੀਲੀ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਵਸਤੁ ਦਾ ਭਾਰ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖਾ ਤੇ ਨਿਊਨਤਮ ਅਤੇ ਧਰੁਵਾਂ ‘ਤੇ ਅਧਿਕਤਮ ਹੋਵੇਗਾ ।

3. ਡੂੰਘਾਈ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ (Effect of depth) – ਜੇ ਅਸੀਂ ਡੂੰਘਾਈ ਵਾਲੀ ਥਾਂ ਤੇ ਜਾਈਏ ਤਾਂ 8 ਦਾ ਮੁੱਲ ਘੱਟ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਡੂੰਘਾਈ ਦੇ ਨਾਲ ਇਹ ਮੁੱਲ ਘੱਟ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੇ ਇਸਦਾ ਮੁੱਲ ਜ਼ੀਰੋ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
\(\frac{\mathbf{W}_{d}}{\mathbf{W}_{e}}\) = \(\frac{g_{d}}{g_{e}}\) = (1 – \(\frac{d}{\mathrm{R}}\))

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
‘g’ ਅਤੇ ‘G’ ਵਿਚਕਾਰ ਸੰਬੰਧ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 8
g ਅਤੇ G ਵਿਚਕਾਰ ਸੰਬੰਧ (Relation between g and G) – ਮੰਨ ਲਉ । ਪੁੰਜ ਅਤੇ d ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਵਾਲੀ ਇੱਕ ਗੇਂਦ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸੜਾ ਜਿਸ ਦਾ ਪੁੰਜ M ਅਤੇ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ R ਉੱਪਰ ਪਈ ਹੈ । ਮੰਨ ਲਉ ਕਿ ਧਰਤੀ ਅਤੇ ਗੇਂਦ ਦੇ ਕੇਂਦਰਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ r ਹੈ, ਅਰਥਾਤ r = d + R
ਧਰਤੀ ਗੇਂਦ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਕੇਂਦਰ ਵੱਲ ਬਲ F ਨਾਲ ਆਕਰਸ਼ਿਤ ਕਰੇਗੀ ।
∴ F = G\(\frac{\mathrm{Mm}}{r^{2}}\) ……….. (1)
ਹੁਣ F = m × ਗੇਂਦ ਵਿੱਚ ਧਰਤੀ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਪ੍ਰਵੇਰਾ
ਜਾਂ F = mg ………….(2)
ਇੱਥੇ g ਨੂੰ ਧਰਤੀ ਦਾ ਗੁਰੂਤਵੀ-ਦੇਗ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਉੱਤੇ ਇਸ ਦੀ ਮੁੱਲ ਅਧਿਕਤਮ ਅਰਥਾਤ 9.81 ms2 ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਸਮੀਕਰਨ (1) ਦੇ ਬਲ ਦੀ ਸਮੀਕਰਨ (2) ਦੇ ਬਲ ਨਾਲ ਤੁਲਨਾ ਕਰਨ ਤੇ-
m × g = G \(\frac{m \mathbf{M}}{r^{2}}\)
g = G\(\frac{\mathrm{M}}{r^{2}}\) …………… (3)

ਕਿਉਂਕਿ ਗੇਂਦ ਦਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਧਰਤੀ ਦੇ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੈ ਅਰਥਾਤ r<< R ਤਾਂ
ਜੋ r = R
ਸਮੀਕਰਨ (3) ਤੋਂ g = G\(\frac{\mathrm{M}}{\mathrm{R}^{2}}\) ………….(4)
ਸਮੀਕਰਨ (4) ਧਰਤੀ ਦੇ ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ ‘g’ ਅਤੇ ਵਿਸ਼ਵ-ਵਿਆਪੀ ਗੁਰੂਤਵੀ ਸਥਿਰ-ਅੰਕ ‘G’ ਵਿਚਕਾਰ ਸੰਬੰਧ ਦਰਸਾਉਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ਕਿ ਇੱਕ ਵਿਅਕਤੀ ਚੰਨ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਉੱਤੇ ਧਰਤੀ ਨਾਲੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਉੱਚੀ ਛਲਾਂਗ ਕਿਉਂ ਲਗਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੰਨ ਲਓ ਅ ਪੁੰਜ ਵਾਲਾ ਵਿਅਕਤੀ, M ਪੁੰਜ ਵਾਲੀ ਧਰਤੀ ਜਿਸਦਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ Rਹੈ ਦੀ ਸੜਾ ਉੱਪਰ ਖੜ੍ਹਾ ਹੈ । ਧਰਤੀ ਉਸ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਕੇਂਦਰ ਵੱਲ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਲਗਾ ਕੇ ਖਿੱਚਦੀ ਹੈ ।
∴ F = m × ਵਿਅਕਤੀ ਵਿੱਚ ਧਰਤੀ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਹੋਇਆ ਪ੍ਰਵੇਰਾ
F = m × G ………..(i)
ਇੱਥੇ g ਨੂੰ ਧਰਤੀ ਦਾ ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
m × g = \(\frac{\mathrm{G} \times m \times \mathrm{M}}{\mathrm{R}^{2}}\)
ਜਾਂ g = G × \(\frac{\mathrm{M}}{\mathrm{R}^{2}}\) …………………(ii)

ਜੇਕਰ ਸਮੀਕਰਨ (ii) ਵਿੱਚ ਚੰਦਰਮਾ ਦੇ ਪੁੰਜ ਅਤੇ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਦੇ ਮੁੱਲ ਭਰ ਦੇਈਏ, ਤਾਂ ਚੰਨ ਉੱਤੇ 8 ਦਾ ਮੁੱਲ 8w ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 9
∴ gm = \(\frac{1}{6}\) × g
ਚੰਨ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਉੱਤੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਪ੍ਰਵੇਗ = \(\frac{1}{6}\) × ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਉੱਤੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ ਹੁਣ ਕਿਉਂਕਿ ਚੰਨ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਉੱਤੇ ਲੱਗ ਰਿਹਾ ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਉੱਤੇ ਲੱਗ ਰਹੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ
ਦਾ \(\frac{1}{6}\) ਵਾਂ ਭਾਗ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਵਿਅਕਤੀ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਨਾਲੋਂ ਚੰਨ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੇ 6 ਗੁਣਾ ਉੱਚੀ ਛਲਾਂਗ ਲਗਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਆਰਕੀਮਿਡੀਜ਼ ਦਾ ਸਿਧਾਂਤ ਕੀ ਹੈ ? ਪ੍ਰਯੋਗਿਕ ਕਿਰਿਆ ਦੁਆਰਾ ਇਸ ਨੂੰ ਸਿੱਧ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਆਰਕੀਮਿਡੀਜ਼ ਦਾ ਸਿਧਾਂਤ- ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਠੋਸ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਤਰਲ ਵਿੱਚ ਪੂਰਨ ਤੌਰ ਤੇ ਜਾਂ ਅੰਸ਼ਿਕ ਰੂਪ ਨਾਲ ਡੁਬੋਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਹ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਇੱਕ ਬਲ ਨੂੰ ਅਨੁਭਵ ਕਰਦੀ ਹੈ ਜੋ ਵਸਤੂ ਦੁਆਰਾ ਹਟਾਏ ਗਏ ਤਰਲ ਦੇ ਭਾਰ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।”
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 10
ਯੋਗਿਕ ਪੜਤਾਲ – ਇੱਕ ਪੱਥਰ ਦਾ ਟੁਕੜਾ ਲਓ ਅਤੇ ਇਸਨੂੰ ਕਮਾਨੀਦਾਰ ਤੁਲਾ (ਸਪਰਿੰਗ ਬੈਲੈਂਸ) ਦੇ ਹੁੱਕ ਨਾਲ ਬੰਨੋ । ਤੁਲਾ ਨੂੰ ਸਟੈਂਡ ‘ਤੇ ਲਟਕਾਓ ਜਾਂ ਫਿਰ ਹੱਥ ਵਿੱਚ ਪੱਕੜ ਕੇ ਪੱਥਰ ਨੂੰ ਲਟਕਾਓ । ਜਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਿਖਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਪੱਥਰ ਦਾ ਭਾਰ ਕਮਾਨੀਦਾਰ ਤੁਲਾ ਦੀ ਪੜ੍ਹਤ ਨੋਟ ਕਰਕੇ ਪਤਾ ਕਰੋ । ਹੁਣ ਬੀਕਰ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਭਰ ਕੇ ਪੱਥਰ ਨੂੰ ਬੀਕਰ ਵਿੱਚ ਪਏ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਡੁਬੋ ਦਿਉ ਜਿਵੇਂ ਚਿੱਤਰ (b) ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਤੁਸੀਂ ਵੇਖੋਗੇ ਕਿ ਜਦੋਂ ਪੱਥਰ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਡੁੱਬ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਕਮਾਨੀਦਾਰ ਤੁਲਾ ਦੀ ਪੜ੍ਹਤ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਡੁਬੋਣ ਨਾਲ ਪੱਥਰ ਦੇ ਭਾਰ ਵਿੱਚ ਘਾਟ ਆ ਗਈ ਹੈ । ਪਹਿਲੀ ਪੜ੍ਹਤ ਵਿੱਚੋਂ ਦੂਜੀ ਪੜ੍ਹਤ ਨੂੰ ਘਟਾ ਕੇ ਪੱਥਰ ਦੇ ਭਾਰ ਵਿੱਚ ਹੋਈ ਘਾਟ ਪਤਾ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ । ਜਿਉਂ ਹੀ ਪੱਥਰ ਨੂੰ ਡੁਬੋਇਆ ਜਾਵੇਗਾ, ਤਾਂ ਹੀ ਪੱਥਰ ਦੇ ਆਇਤਨ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਆਇਤਨ ਦਾ ਪਾਣੀ ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਹੋਵੇਗਾ । ਇਸ ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਇੱਕ ਹੋਰ ਬੀਕਰ ਵਿੱਚ ਇਕੱਠਾ ਕਰ ਲਉ । ਇਹ ਪਾਣੀ ਦਾ ਭਾਰ ਪੱਥਰ ਦੇ ਭਾਰ ਵਿੱਚ ਹੋਈ ਕਮੀ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੋਵੇਗਾ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਆਰਕੀਮਿਡੀਜ਼ ਦਾ ਨਿਯਮ ਸਿੱਧ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਕਿਹੜਾ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੈ, 1 kg ਲੋਹੇ ਉੱਪਰ ਲੱਗ ਰਿਹਾ ਧਰਤੀ ਵੱਲੋਂ ਆਕਰਸ਼ਣ-ਬਲ ਜਾਂ ਧਰਤੀ ਉੱਪਰ ਲੱਗ ਰਿਹਾ 1 kg ਲੋਹੇ ਵਲੋਂ ਆਕਰਸ਼ਣ-ਬਲ ਅਤੇ ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਿਊਟਨ ਦੇ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਦੇ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਇਹ ਦੋ ਵਸਤੂਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਆਪਸੀ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਨਾ ਤਾਂ ਧਰਤੀ ਲੋਹੇ ਉੱਪਰ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਲੋਹਾ ਧਰਤੀ ਉੱਪਰ ਜ਼ਿਆਦਾ ਬਲ ਲਗਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਪਰ ਕਿਉਂਕਿ ਲੋਹੇ ਦਾ ਪੁੰਜ ਧਰਤੀ ਨਾਲੋਂ ਘੱਟ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਧਰਤੀ 1 kg ਲੋਹੇ ਦੇ ਟੁਕੜੇ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਵੱਲ ਖਿੱਚ ਲੈਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਦੀ ਗਤੀ ਇਹ ਦੱਸਦੀ ਹੈ ਕਿ ਧਰਤੀ 1 kg ਲੋਹੇ ਦੇ ਟੁਕੜੇ ਤੇ ਜ਼ਿਆਦਾ ਬਲ ਲਗਾ ਰਹੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
G ਨੂੰ ਵਿਸ਼ਵ-ਵਿਆਪੀ ਸਥਿਰ ਅੰਕ ਕਿਉਂ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
G ਨੂੰ ਵਿਸ਼ਵ-ਵਿਆਪੀ ਸਥਿਰ ਅੰਕ ਇਸ ਲਈ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਸਾਰੇ ਹੀ ਹਿਮੰਡ ਵਿੱਚ ਇਸਦਾ ਸੰਖਿਅਕ ਮੁੱਲ ਇੱਕੋ ਹੀ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ G ਦਾ ਮੁੱਲ 6.67 ×10--11 N-m2 /kg2 ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਇੱਕ ਗਿਆਤ ਸਥਿਤੀ ਉੱਪਰ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਵਸਤੂਆਂ ਲਈ ‘g’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਸਮਾਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਾਂ ਵੱਖਰਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਰਤੀ ਦੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ (g) ਅਤੇ ਵਿਸ਼ਵ-ਵਿਆਪੀ ਗੁਰੂਤਵੀ ਸਥਿਰ ਅੰਕ ਵਿਚਕਾਰ ਸੰਬੰਧ ਤੋਂ ਅਸੀਂ
ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿ g = \(\frac{\mathrm{GM}}{\mathrm{R}^{2}}\) ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਇਸ ਸੰਬੰਧ ਤੋਂ ਇਹ ਪਤਾ ਲਗਦਾ ਹੈ ਕਿ 8 ਦਾ ਮੁੱਲ ਵਸਤੂ ਦੇ ਪੁੰਜ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਨਹੀਂ ਕਰਦਾ । ਇਸ ਲਈ ਅਸੀਂ ਇਸ ਸਿੱਟੇ ‘ਤੇ ਪੁੱਜਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਕਿਸੇ ਗਿਆਤ ਸਥਿਤੀ ਉੱਪਰ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਵਸਤੁਆਂ ਲਈ ‘g’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਸਮਾਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਕੀ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਭਾਰ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖਾ ਤੇ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਾਂ ਧਰੁਵਾਂ ਉੱਤੇ ?
ਉੱਤਰ-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 11
ਧਰਤੀ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਗੋਲ ਨਹੀਂ ਹੈ ਸਗੋਂ ਥੋੜੀ ਜਿਹੀ ਅੰਡਾਕਾਰ (ਇਲਿਪਸੀ) ਹੈ । ਇਹ ਧਰੁਵਾਂ ਦੇ ਨੇੜੇ ਪੱਧਰੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖਾ ਦੇ ਨੇੜੇ ਥੋੜੀ ਜਿਹੀ ਬਾਹਰ ਵੱਲ ਉੱਠੀ ਹੋਈ ਹੈ, ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਵਿਖਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।

ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਲਗਪਗ 6378 ਕਿ.ਮੀ. ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿ ਧਰੁਵੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ 6357 ਕਿ. ਮੀ. ਹੈ । ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਧਰੁਵੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਨਾਲੋਂ 21 ਕਿ. ਮੀ. ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੈ ।

ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿ g = \(\frac{\mathrm{GM}}{\mathrm{R}^{2}}\) ਅਰਥਾਤ g ਦਾ ਮੁੱਲ R ਦੇ ਉਲਟ ਅਨੁਪਾਤੀ (g ∝ \(\frac{1}{\mathrm{R}^{2}}\)) ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ, ਧਰੁਵੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਨਾਲੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ , ਇਸ ਲਈ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖਾ ਤੇ ‘g’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਘੱਟ ਹੋਵੇਗਾ ਅਤੇ ਧਰੁਵ ਤੇ ‘g’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੋਵੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਕੋਈ ਵਸਤੂ ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੇ ਭਾਰਹੀਨ ਕਿਉਂ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਭਾਰਹੀਨ ਹੋਣਾ-ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਧਰਤੀ ਤੋਂ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਜਾਣ ਵੇਲੇ g ਦਾ ਮੁੱਲ ਘੱਟਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੇ ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ (9) = 0 ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਜਿਸਦਾ ਪੁੰਜ ਅ ਹੈ ਦਾ ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੇ ਭਾਰ = m × g
= m × 0
= 0 ਸਿਫ਼ਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਵਸਤੂ ਭਾਰਹੀਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਟੈਨਿਸ ਦੀ ਗੇਂਦ ਮੈਦਾਨਾਂ ਨਾਲੋਂ ਪਹਾੜਾਂ ਤੇ ਜ਼ਿਆਦਾ ਉਛਲਦੀ ਹੈ । ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਿਵੇਂ-ਜਿਵੇਂ ਅਸੀਂ ਉੱਚਾਈ ਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਾਂ, ਤਿਵੇਂ-ਤਿਵੇਂ ਗੁਰੁਤਵੀ ਵੇਗ (g) ਦਾ ਮੁੱਲ ਘੱਟਦਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪਹਾੜਾਂ ਦੀ ਮੈਦਾਨੀ ਇਲਾਕਿਆਂ ਨਾਲੋਂ ਉੱਚਾਈ ਵੱਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ਼ ਕਰਕੇ ਗੇਂਦ ‘ਤੇ ਲੱਗਣ ਵਾਲਾ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਪਹਾੜਾਂ ਤੇ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸਦੇ ਸਿੱਟੇ ਵਜੋਂ ਪਹਾੜਾਂ ਤੇ ਗੇਂਦ ਮੈਦਾਨੀ ਇਲਾਕੇ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਵਧੇਰੇ ਉਛਲਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੇ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਭਾਰ ਲਗਪਗ 9.8 ਨਿਊਟਨ ਹੈ । ਇਸ ਕਥਨ ਦੀ ਪੁਸ਼ਟੀ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ (g) ਦਾ ਮੁੱਲ 9.8 m2 ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਵਸਤੂ ਦੇ ਭਾਰ ਲਈ ਸੰਬੰਧ ਹੈ,
W = m × g
ਇੱਥੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਰਾਸ਼ੀਆਂ ਦਾ ਮੁੱਲ ਭਰਨ ਮਗਰੋਂ,
9.8 = m × 9.8
ਜਾਂ m = \(\frac{9.8}{9.8}\)
m = 98
∴ m = 1 ਕਿਲੋਗ੍ਰਾਮ
ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਕਥਨ ਦਾ ਅਰਥ ਹੈ ਕਿ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਪੁੰਜ 1 ਕਿਲੋਗ੍ਰਾਮ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਗੁਰੂਤਾ ਅਧੀਨ ਸੁਤੰਤਰ ਡਿੱਗ ਰਹੀ ਵਸਤੂ ਦੀ ਗਤੀ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਹੋਵੇਗੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਗੁਰੂਤਾ ਅਧੀਨ ਸੁਤੰਤਰ ਡਿੱਗ ਰਹੀ ਵਸਤੂ – ਗੁਰੂਤਾ ਅਧੀਨ ਸੁਤੰਤਰ ਡਿੱਗ ਰਹੀ ਵਸਤੂ ਇਕ ਸਮਾਨ ਗਤੀ ਨਾਲ ਹੇਠਾਂ ਡਿੱਗੇਗੀ । ਜੇਕਰ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਪੁੰਜ ਅਤੇ ਆਕਾਰ ਦੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਨਿਰਵਾਯੂ ਵਿੱਚੋਂ ਧਰਤੀ ਵੱਲ ਹੇਠਾਂ ਡਿੱਗਣ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਇਕ ਸਮਾਨ ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ ਹੋਵੇਗਾ ਅਤੇ g ਦਾ ਮੁੱਲ ਵੱਧਦਾ ਰਹੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਇੱਕ ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਗੁਣ ਕਿਹੜਾ ਹੈ, ਪੁੰਜ ਜਾਂ ਭਾਰ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਗੁਣ ਉਸ ਦਾ ਪੁੰਜ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਨਾ ਕਿ ਉਸਦਾ ਭਾਰ, ਕਿਉਂਕਿ ਅਜਿਹੀ ਕੋਈ ਥਾਂ ਨਹੀਂ ਜਿੱਥੇ ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਪੁੰਜ ਨਾ ਹੋਵੇ | ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ‘ਤੇ ਵਸਤੁ ਦਾ ਭਾਰ ਜ਼ੀਰੋ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ, ਪਰੰਤੁ ਪੁੰਜ ਜ਼ੀਰੋ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦਾ । ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਕੋਈ ਵੀ ਵਸਤੂ ਜਿਸ ਦਾ ਪੁੰਜ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਜਿਹੜੀ ਥਾਂ ਘੇਰਦੀ ਹੈ ਉਹ ਪਦਾਰਥ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਜੋ ਕਿ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦੱਸਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਗੁਣ ਉਸ ਦਾ ਪੁੰਜ ਹੈ ਨਾ ਕਿ ਉਸਦਾ ਭਾਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਦੱਸੋ
(i) g (ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ) ਅਤੇ (ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ) ਸਥਿਰ ਅੰਕ G
(ii) ਭਾਰ ਅਤੇ ਪੁੰਜ
(iii) ਪੁੰਜ ਕੇਂਦਰ ਅਤੇ ਗੁਰੂਤਾ ਕੇਂਦਰ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ ਅਤੇ ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

‘g’ (ਗਰਤਾ ਪਵੇਗ) ‘G’ (ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ)
(1) ਇਹ ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ । (1) ਇਹ ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ ਸਥਿਰ ਅੰਕ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
(2) ਇਸ ਦਾ ਮੁੱਲ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਸਥਾਨਾਂ ਤੇ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (2) ਇਸ ਦਾ ਮੁੱਲ ਸਭ ਸਥਾਨਾਂ ਤੇ ਬਰਾਬਰ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਇਸ ਨੂੰ ਸਰਵ-ਵਿਆਪਕ ਸਥਿਰ ਅੰਕ ਵੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
(3) ਇਸ ਦਾ ਧਰਤੀ ਉੱਤੇ ਮੁੱਲ 9.8 m/s2 ਹੈ । (3) ਇਸ ਦਾ ਮੁੱਲ 6.67 × 10-11 N-m2/kg2 ਹੈ ।

(ii) ਭਾਰ ਅਤੇ ਪੁੰਜ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਭਾਰ (Weight) ਪੁੰਜ (Mass)
(1) ਭਾਰ ਉਹ ਬਲ ਹੈ, ਜਿਸ ਨਾਲ ਵਸਤੂ ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਵੱਲ ਖਿੱਚੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । (1) ਪੁੰਜ ਵਸਤੂ ਵਿੱਚ ਉਪਸਥਿਤ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਹੈ ।
(2) ਭਾਰ ਇੱਕ ਸਦਿਸ਼ ਰਾਸ਼ੀ ਹੈ । (2) ਪੁੰਜ ਇੱਕ ਅਦਿਸ਼ ਰਾਸ਼ੀ ਹੈ ।
(3) ਇਹ ਰਾਸ਼ੀ ਸਥਿਰ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਇਹ ਇੱਕ ਥਾਂ ਤੋਂ ਦੂਜੀ ਥਾਂ ਤੇ ਬਦਲਦੀ ਹੈ । (3) ਇਹ ਇੱਕ ਸਥਿਰ ਰਾਸ਼ੀ ਹੈ ।
(4) ਭਾਰ ਸਪਰਿੰਗ-ਬੈਲੇਂਸ ਨਾਲ ਮਾਪਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । (4) ਪੁੰਜ ਡੰਡੀ-ਤੱਕੜੀ ਨਾਲ ਮਾਪਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
(5) ਵਸਤੁ ਦਾ ਭਾਰ ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੇ ਜ਼ੀਰੋ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । (ਅਰਥਾਤ g = 0). (5) ਪੁੰਜ ਕਿਸੇ ਥਾਂ ਤੇ ਵੀ ਜ਼ੀਰੋ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(6) ਇਸ ਨੂੰ ਨਿਊਟਨ ਜਾਂ ਕਿਲੋਗ੍ਰਾਮ ਭਾਰ ਵਿੱਚ ਮਾਪਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । (6) ਇਸ ਨੂੰ ਕਿਲੋਗ੍ਰਾਮ ਵਿੱਚ ਮਾਪਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(iii) ਪੰਜ ਕੇਂਦਰ ਅਤੇ ਗੁਰੂਤਾ ਕੇਂਦਰ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ – ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਉੱਤੇ ਜਾਂ ਇਸੇ ਦੇ ਨਜ਼ਦੀਕ ਉਹ ਬਿੰਦੂ ਜਿੱਥੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਬਲ ਸਥਿਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਉਸ ਨੂੰ ਪੰਜ ਕੇਂਦਰ ਆਖਦੇ ਹਨ । ਪੁੰਜ ਕੇਂਦਰ ਉਹ ਬਿੰਦੂ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਵਸਤੁ ਉੱਤੇ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਅਨੁਭਵ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਗੁਰੂਤਾ ਕੇਂਦਰ ਵਸਤੂ ਵਿੱਚ ਉਹ ਬਿੰਦੂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਗੁਰੂਤਾ ਬਲ ਸੰਪੂਰਨ ਵਸਤੂ ਉੱਤੇ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦਾ ਮੰਨਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਅਸੀਂ ਸਾਰੇ ਤਾਰਿਆਂ ਨੂੰ ਹਿਲਾਏ-ਜੁਲਾਏ ਬਗੈਰ ਆਪਣੀ ਉਂਗਲੀ ਵੀ ਨਹੀਂ ਹਿਲਾ ਸਕਦੇ । ਟਿੱਪਣੀ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਅਸੀਂ ਆਪਣੀ ਉਂਗਲੀ ਹਿਲਾਉਂਦੇ ਹਾਂ, ਤਾਂ ਉਂਗਲੀ ਅਤੇ ਬ੍ਰਹਿਮੰਡ ਦੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੁਰੀ ਬਦਲ ਜਾਣ ਕਾਰਨ ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਬਦਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਨਤੀਜੇ ਵਜੋਂ ਸਾਰੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਹਿਲ-ਜੁਲ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਪਰ ਇਹ ਹਿਲ-ਜੁਲ ਬਹੁਤ ਹੀ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਅਤੇ ਗੁਰੁਤਾ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ – ਇਹ ਇਸ ਹਿਮੰਡ ਦੀਆਂ ਕਿਸੇ ਦੋ ਵਸਤੁਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਆਕਰਸ਼ਣ ਹੈ ।
ਗੁਰੂਤਾ – ਇਹ ਧਰਤੀ ਦੁਆਰਾ ਇਸ ਦੀ ਸਤਹ ਜਾਂ ਇਸ ਦੇ ਨੇੜੇ ਸਥਿਤ ਸਾਰੀਆਂ ਵਸਤਾਂ ‘ਤੇ ਲੱਗਣ ਵਾਲਾ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਸੂਰਜ ਦੇ ਚਾਰੇ ਪਾਸੇ ਗ੍ਰਹਿਆਂ ਦੀ ਗਤੀ ਕਿਸ ਕਾਰਨ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਾਰੇ ਹਿ ਆਪਣੇ-ਆਪਣੇ ਪੱਥ ਵਿੱਚ ਸੂਰਜ ਦੇ ਚਾਰੇ ਪਾਸੇ ਉਸਦੇ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਦੇ ਕਾਰਨ ਘੁੰਮਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਗਤੀ ਵੀ ਬਿਲਕੁਲ ਉਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੈ, ਜਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਚੰਨ ਧਰਤੀ ਦੇ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਕਾਰਨ ਧਰਤੀ ਦੁਆਲੇ ਘੁੰਮਦਾ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 12

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿਵਹਾਰਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਕੁੱਝ ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਦੀਆਂ ਉਦਾਹਰਨਾਂ-

  1. ਸੂਰਜ ਅਤੇ ਧਰਤੀ ਵਿੱਚ ਕਿਰਿਆ ਕਰ ਰਹੇ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਕਾਰਨ ਹੀ ਧਰਤੀ, ਸੂਰਜ ਦੁਆਲੇ ਆਪਣੀ ਗਤੀ ਬਣਾਈ ਰੱਖਦੀ ਹੈ ।
  2. ਸੂਰਜੀ ਪਰਿਵਾਰ ਦੀ ਹੋਂਦ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਕਾਰਨ ਹੀ ਸੰਭਵ ਹੈ ।
  3. ਹਿ ਦੇ ਤਲ ਤੇ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵੀ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਕਾਰਨ ਹੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  4. ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਆਉਣ ਵਾਲਾ ਉਪਸਥਿਤੀ ਜਵਾਰਭਾਟਾ ਸੁਰਜ, ਚੰਨ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਵਿਚਕਾਰ ਕਿਰਿਆ ਕਰ ਰਹੇ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਕਾਰਨ ਹੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  5. ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਕਾਰਨ ਹੀ ਅਸੀਂ ਧਰਤੀ ਤੇ ਮਜ਼ਬੂਤੀ ਨਾਲ ਖੜੇ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਾਂ।
  6. ਬਣਾਉਟੀ ਉਪਗ੍ਰਹਿ ਨੂੰ ਚੱਕਰ ਲਗਾਉਣ ਲਈ ਲੋੜੀਂਦਾ ਬਲ ਵੀ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਪੁੰਜ ਦੇ ਗੁਣ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪੰਜ-ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਨੂੰ ਪੰਜ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਪੁੰਜ ਦੇ ਗੁਣ-ਇਸ ਦੇ ਮੁੱਖ ਗੁਣ ਹਨ-

  1. ਇਹ ਇੱਕ ਸਕੇਲਰ ਰਾਸ਼ੀ ਹੈ ।
  2. ਇਹ ਹਰ ਥਾਂ ਤੇ ਸਥਿਰ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।
  3. ਇਸ ਨੂੰ ਭੌਤਿਕ ਤੁਲਾ ਦੁਆਰਾ ਮਾਪਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਜਦੋਂ ਅਸੀਂ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਜਾਂਦੇ ਹਾਂ, ਤਾਂ ਭਾਰ ਤੇ ਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਭਾਰ ਉਸ ਦੇ ਪੁੰਜ ਅਤੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ ‘g’ ਦਾ ਗੁਣਨਫਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ ਦਾ ਮੁੱਲ ਵਸਤੂ ਦੀ ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੋਂ ਦੂਰੀ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
∴ g = \(\frac{\mathrm{GM}}{\mathrm{R}_{e}^{2}}\)

ਗੁਰੁਤਵੀ ਵੇਗ ਵਸਤੁ ਦੀ ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੋਂ ਦੂਰੀ ਦੇ ਵਰਗ ਦੇ ਉਲਟ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਭਾਰ ਵੀ ਵਸਤੂ ਦੀ ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੋਂ ਦੂਰੀ ਦੇ ਵਰਗ ਦੇ ਉਲਟ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੋਵੇਗਾ । ਜਿਵੇਂ-ਜਿਵੇਂ ਧਰਤੀ ਦੇ ਤਲ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਜਾਂਦੇ ਹਾਂ, ਤਾਂ ਸਾਡੀ ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੋਂ ਦੂਰੀ ਵੱਧਦੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਸਾਡਾ ਭਾਰ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਅਸੀਂ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤਾ ਤੋਂ ਧਰਤੀ ਦੇ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਜਾਈਏ, ਤਾਂ ਸਾਡਾ ਭਾਰ ਧਰਤੀ ਤੇ ਭਾਰ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ \(\frac {1}{4}\) ਹਿੱਸਾ ਰਹਿ ਜਾਵੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਵਸਤੂ ਦੀ ਗਤੀ ‘ ਤੇ ਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ? ਉਸਦਾ ਵੇਗ ਕਿੰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਧਰਤੀ ਉਸ ਨੂੰ ਆਪਣੀ ਗੁਰੁਤਾ ਬਲ ਕਾਰਨ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਨੂੰ ਖਿੱਚਦੀ ਹੈ । ਗੁਰੁਤਾ ਬਲ ਵਸਤੂ ਦੀ ਗਤੀ ਦੇ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਵੇਗ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਸੁੱਟੀ ਗਈ ਵਸਤੂ ਦਾ ਵੇਗ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਡਿੱਗਦੀ ਹੋਈ ਵਸਤੂ ਦੇ ਵੇਗ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਪਰ ਰਿਣਾਤਮਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਸੁੱਟੀ ਗਈ ਵਸਤੂ ਦਾ ਵੇਗ = – 9.8 m/s2 ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਜਦੋਂ ਵਸਤੁ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਸੁੱਟੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਸਦਾ ਵੇਗ 9.8 m/s2 ਦੀ ਦਰ ਨਾਲ ਘੱਟਦਾ ਹੈ । ਵੇਗ ਉਦੋਂ ਤਕ ਘੱਟਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਤਕ ਜ਼ੀਰੋ ਨਹੀਂ ਹੋ ਜਾਂਦਾ | ਅਧਿਕਤਮ ਉੱਚਾਈ ਤੇ ਵੇਗ ਜ਼ੀਰੋ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਉਛਾਲ ਬਲ ਧਕੇਲ ਬਲ) ਅਤੇ ਉਛਾਲ ਕੇਂਦਰ ਦਾ ਕੀ ਅਰਥ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਛਾਲ ਬਲ (ਧਕੇਲ ਬਲ)-ਹਰੇਕ ਤਰਲ ਆਪਣੇ ਅੰਦਰ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਜਾਂ ਅੰਸ਼ਿਕ ਰੂਪ ਨਾਲ ਡੁੱਬੀ ਹੋਈ ਵਸਤੂ ਦੇ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਇੱਕ ਬਲ ਲਗਾਉਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਉਛਾਲ ਬਲ (ਧਕੇਲ ਬਲ) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਡੁੱਬੀ ਹੋਈ ਵਸਤੁ ਦੁਆਰਾ ਹਟਾਏ ਗਏ ਤਰਲ ਦੇ ਗੁਰੂਤਾ ਕੇਂਦਰ ’ਤੇ ਉਛਾਲ ਬਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹਟਾਏ ਗਏ ਤਰਲ ਦੇ ਗੁਰੂਤਾ ਕੇਂਦਰ ਨੂੰ ਉਛਾਲ ਕੇਂਦਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਨਦੀਆਂ ਉੱਪਰ ਬਣਾਏ ਗਏ ਬੰਨ (ਡੈਮ ਦੀ ਦੀਵਾਰ ਹੇਠਾਂ ਮੋਟੀ ਅਤੇ ਉੱਪਰਲੇ ਹਿੱਸੇ ਵਿੱਚ ਪਤਲੀ ਕਿਉਂ ਬਣਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬੰਨ੍ਹ (ਡੈਮ ਦੀ ਦੀਵਾਰ ਦਾ ਹੇਠਲਾ ਹਿੱਸਾ ਮੋਟਾ ਅਤੇ ਉੱਪਰਲੇ ਭਾਗ ਵਿੱਚ ਪਤਲਾ ਬਣਾਉਣਾ-ਡੈਮ ਦੀ ਗਹਿਰਾਈ ਬਹੁਤ ਅਧਿਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਤਰਲ ਦੇ ਅੰਦਰ ਕਿਸੇ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਦਾਬ ਉਸ ਬਿੰਦੂ ਦੀ ਮੁਕਤ ਤਲ ਦੀ ਗਹਿਰਾਈ ਦੇ ਉਲਟ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਡੈਮ ਦੀ ਤਲੀ ਤੇ ਪਾਣੀ ਦਾ ਦਾਬ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਬੰਨ੍ਹ ਦੀ ਦੀਵਾਰ ਦੇ ਹੇਠਲੇ ਭਾਗ ਵਿੱਚ ਵੱਧ ਦਾਬ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਜਿਵੇਂ-ਜਿਵੇਂ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਜਾਈਏ ਦਾਬ ਘੱਟ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਡੈਮ ਦੀ ਦੀਵਾਰ ਹੇਠਾਂ ਮੋਟੀ ਅਤੇ ਉੱਪਰਲੇ ਭਾਗ ਵਿਚ ਪਤਲੀ ਬਣਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਭਾਰੀ ਵਾਹਨਾਂ ਦੇ ਪਹੀਆਂ ਦੇ ਟਾਇਰ ਜ਼ਿਆਦਾ ਚੌੜੇ ਕਿਉਂ ਬਣਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਭਾਰੀ ਵਾਹਨਾਂ ਦੇ ਟਾਇਰ ਚੌੜੇ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਖੇਤਰਫਲ A ਵੱਧ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਫਲਸਰੂਪ ਸੜਕ ਜਾਂ ਜ਼ਮੀਨ ਤੇ ਲੱਗਣ ਵਾਲਾ ਦਾਬ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਦਾਬ ਅਤੇ ਖੇਤਰਫਲ ਉਲਟੇ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸੇ ਲਈ ਵਾਹਨਾਂ ਦੇ ਪਹੀਏ ਘੱਟ ਦਾਬ ਕਾਰਨ ਸੜਕ ਵਿੱਚ ਧੱਸਣ ਤੋਂ ਬੱਚ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਨਹਿਰ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਸਮੁੰਦਰ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਤਰਨ ਨਾਲੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਸੁਖਾਲਾ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਹਿਰ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਸਮੁੰਦਰ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਤਰਨਾ ਸੁਖਾਲਾ-ਨਹਿਰ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਘਣਤਾ ਸਮੁੰਦਰ (ਲੂਣ ਘੁਲਿਆ ਹੋਣ ਕਾਰਨ) ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਘਣਤਾ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਤਰਨ ਲਈ ਘੱਟ ਪਾਣੀ ਦਾ ਆਇਤਨ ਹਟਾਉਣਾ ਪਵੇਗਾ (ਅਰਥਾਤ ਸਰੀਰ ਦਾ ਘੱਟ ਭਾਗ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਡੁੱਬੇਗਾ) । ਇਸ ਲਈ ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਨਹਿਰ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਮੁਕਾਬਲੇ ਸਮੁੰਦਰ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਤਰਨਾ ਸੁਖਾਲਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਖੂਹ ਵਿੱਚੋਂ ਪਾਣੀ ਖਿੱਚਦੇ ਸਮੇਂ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਭਰੀ ਹੋਈ ਬਾਲਟੀ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਤਾ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਆਉਣ ਤੇ ਹੌਲੀਹੌਲੀ ਭਾਰੀ ਕਿਉਂ ਮਾਲੂਮ ਹੋਣ ਲਗਦੀ ਹੈ ? . ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਬਾਲਟੀ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਡੁੱਬੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਦੁਆਰਾ ਹਟਾਏ ਗਏ ਪਾਣੀ ਦੇ ਭਾਰ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਉਛਾਲ ਬਲ ਲਗਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਬਾਲਟੀ ਅਸਲੀ ਭਾਰ ਦੇ ਮੁਕਾਬਲੇ ਘੱਟ ਭਾਰੀ ਮਾਲੂਮ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਿਵੇਂ-ਜਿਵੇਂ ਬਾਲਟੀ ਪਾਣੀ ਤੋਂ ਬਾਹਰ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ਉਸ ਉੱਪਰ ਲੱਗਣ ਵਾਲਾ ਉਛਾਲ-ਬਲ ਦਾ ਮਾਨ ਘੱਟ ਹੋਣ ਲਗਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਬਾਲਟੀ ਭਾਰੀ ਜਾਪਣ ਲਗਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਬਰਾਬਰ ਬਲ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਲਗਾਉਣ ਨਾਲ ਮੋਟੇ ਨੋਕ ਵਾਲੀ ਕਿੱਲ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਬਰੀਕ ਨੋਕ ਵਾਲੀ ਕਿੱਲ ਦੀਵਾਰ ਵਿੱਚ ਛੇਤੀ ਕਿਉਂ ਖੁੱਭ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ? .
ਉੱਤਰ-
ਬਰੀਕ ਨੋਕ ਵਾਲੀ ਕਿੱਲ ਦੇ ਸਿਰੇ ਦਾ ਖੇਤਰਫਲ, ਮੋਟੀ ਕਿੱਲ ਦੇ ਸਿਰੇ ਦੇ ਖੇਤਰਫਲ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਘੱਟ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਦੋਨੋਂ ਕਿੱਲਾਂ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਬਲ ਲਗਾਉਣ ਤੇ ਬਰੀਕ ਨੋਕ ਵਾਲੀ (ਨੁਕੀਲੀ) ਕਿੱਲ ਮੋਟੀ ਕਿੱਲ ਦੇ ਮੁਕਾਬਲੇ ਵੱਧ ਦਾਬ ਪਾਏਗੀ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਉਹ ਸੌਖ ਨਾਲ ਦੀਵਾਰ ਵਿੱਚ ਧੱਸ ਜਾਏਗੀ ।

ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸੂਤਰ (Important Formulae)

1. F = G\(\frac{\mathbf{M m}}{\mathbf{R}^{2}}\)
2. F = mg
3. g = G\(\frac{\mathrm{M}}{\mathrm{R}^{2}}\)
4. υ = u + gt
5. υ2 = u2 + 2gh
6. h = ut + \(\frac {1}{2}\)gt2
7. ਚੰਨ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ‘ਤੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ (gm ) = \(\frac {1}{6}\) × ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ‘ਤੇ ‘g’ ਦਾ ਮੁੱਲ
ਲੋੜੀਂਦੇ ਆਂਕੜੇ
ਧਰਤੀ
ਪੁੰਜ = 6 × 1024kg
ਅਰਧ-ਵਿਆਸ = 6.4 × 106 m (6400 km)
ਸੂਰਜ ਤੋਂ ਦੂਰੀ = 1.5 × 1011 m
ਚੰਨ
ਪੁੰਜ = 7.3 × 1022 kg

ਸੰਖਿਆਤਮਕ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Numerical Problems)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
1 kg ਵਾਲੇ ਦੋ ਗੋਲਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਦੀ ਗਣਨਾ ਕਰੋ ਜਦੋਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ 3m ਹੋਵੇ । ਗਿਆਤ ਹੈ ਕਿ G = 6.67 x 10-11 N-m2kg2
ਹੱਲ:
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 14
ਇੱਥੇ m1 = m2 = 1 kg
ਦੋਨਾਂ ਗੋਲਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ r = 3 m
ਵਿਸ਼ਵ-ਵਿਆਪੀ ਗੁਰੁਤਵੀ ਸਥਿਰ ਅੰਕ = G = 6.67 × 10-11 N-m2/kg2
ਦੋਨਾਂ ਗੋਲਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਗੁਰੂਤਵੀ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ, F = ?
ਨਿਊਟਨ ਦੇ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਦੇ ਵਿਸ਼ਵ-ਵਿਆਪੀ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ,
F = \(\frac{\text { G. } m_{1} \cdot m_{2}}{r^{2}}\)
= \(\frac{6.67 \times 10^{-11} \times 1 \times 1}{3^{2}}\)
= \(\frac{6.67 \times 10^{-11}}{9}\)
= 0.741 × 10-11 N
= 7.41 × 10-12 ਨਿਊਟਨ

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਵਸਤੂ ਦੇ ਭਾਰ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਤਿਸ਼ਤ ਤਬਦੀਲੀ ਦੱਸੋ ਜਦੋਂ ਇਸ ਨੂੰ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖਾ ਤੋਂ ਧਰੁਵਾਂ ‘ਤੇ ਲਿਜਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਧਰੁਵੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ 6357 km ਹੈ ਅਤੇ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ 6378 km ਹੈ ।
ਹੱਲ:
ਧਰੁਵੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ (r) = 6357 km
ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ (R) = 6378 km
∴ h = R – r
= 6378 – 6357
h = 21 km
R = 6400 km (ਲਗਪਗ)
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ ਕਿੰਨੀ ਉੱਚਾਈ ਤੇ ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ ਦਾ ਮੁੱਲ ਸਤ੍ਹਾ ਉੱਪਰਲੇ ਮੁੱਲ ਤੋਂ ਅੱਧਾ ਹੋਵੇਗਾ ? ਧਰਤੀ ਦਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ‘R’ ਮੰਨ ਲਓ ।
ਹੱਲ:
ਮੰਨ ਲਓ h ਉੱਚਾਈ ਹੈ ਜੋ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਹੈ ਜਿੱਥੇ g’ = \(\frac{g}{2}\) ਹੈ, ਤਾਂ
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 17
√2R = R + h
h = √2 R – R
∴ h = R(√2 – 1)
= R (1.414 – 1)
(∵ √2 = 1.414)
= R (0.414)
∴ h = 0.414 R

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਇੱਕ ਗੇਂਦ 40 ਮੀਟਰ ਉੱਚੇ ਮੀਨਾਰ ਦੇ ਸ਼ਿਖਰ ਤੋਂ ਸੁੱਟੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । 20 ਮੀਟਰ ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰਨ ਉਪਰੰਤ ਇਸ ਦਾ ਵੇਗ ਕਿੰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ? ਧਰਤੀ ਤੇ ਟਕਰਾਉਣ ਵੇਲੇ ਇਸਦਾ ਵੇਗ ਕਿੰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਹੱਲ:
(i) ਇੱਥੇ, h = 40 m
u = 0
a = g = 10 m/s2
ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ S = 20 m
υ = ?
ਗਤੀ ਸਮੀਕਰਨ ਲਗਾਉਣ ਤੇ υ2 – u2 = 2aS
υ2 – (0)2 = 2 x 10 x 20
∴ υ2 = 400
υ2 = \(\sqrt{400}\)
= 20 m/s

(ii) υ = ?
a = g = 10 m/s2
u = 0
S = h = 40 m
υ2 – u2 = 2 aS
υ2 – (0)2 = 2 × 10 × 40
υ2 = 800
υ = \(\sqrt{800}\)
= \(\sqrt{400 \times 2}\)
= \(\sqrt{400}\) × √2
= 20 × √2
∴ υ = 20√2 m/s

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ ਕਿੰਨੀ ਦੂਰੀ ਤੇ g ਦਾ ਮੁੱਲ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਦੇ ਮੁੱਲ ਦਾ 4% ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ ? ਧਰਤੀ ਦਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ = 6400 km ਦਿੱਤਾ ਹੈ ।
ਹੱਲ:
ਮੰਨ ਲਉ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ h ਦੂਰੀ (ਉੱਚਾਈ) ਤੇ g ਦਾ ਮੁੱਲ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਦੇ ਮੁੱਲ ਦਾ 4% ਰਹਿ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਤਾਂ, g’ = g ਦਾ 4%
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ਜਾਂ h = 4 × R
= 4 × 6400 km
∴ h = 25600 km

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਜੇ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਭਾਰ 49 N ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਉਸਦਾ ਪੁੰਜ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਵਸਤੂ ਦਾ ਭਾਰ, W = 49 N
g = 9.8 ms-2
ਭਾਰ = ਪੁੰਜ × ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ
ਅਰਥਾਤ W = m × 8
ਜਾਂ 49 = m × 9.8
∴ m = \(\frac{49}{9.8}\) = 5 kg

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਕਿਸੇ ਪੱਥਰ ਨੂੰ ਛੱਤ ਦੇ ਕਿਨਾਰੇ ਤੋਂ ਹੇਠਾਂ ਸੁੱਟਿਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਜੇ ਉਹ 2 m ਉੱਚੀ ਖਿੜਕੀ ਨੂੰ 0.1 s ਵਿੱਚ ਪਾਰ ਕਰੇ, ਤਾਂ ਖਿੜਕੀ ਦੇ ਉੱਪਰੀ ਕਿਨਾਰੇ ਤੋਂ ਛੱਤ ਕਿੰਨੀ ਉੱਪਰ ਹੈ ?
ਹੱਲ:
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 20
ਖਿੜਕੀ ਪਾਰ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਤੈਅ ਹੋਈ ਦੁਰੀ S = 2 m
g = 9.8 m/s2 ; t = 0.1 s.
ਹੁਣ ਜਦੋਂ ਪੱਥਰ ਖਿੜਕੀ ਦੇ ਉੱਪਰੀ ਕਿਨਾਰੇ ਤਕ ਪੁੱਜਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਸ ਦਾ ਵੇਗ υ ਹੈ ।
ਹੁਣ S = ut + \(\frac {1}{2}\)gt2
2 = υ × 0.1+ \(\frac {1}{2}\) × 9.8 × (0.1)2
2 = 0.1 υ + 0.049
0.1 υ = 1.951
υ = 1951 × 10
= 19.51 ms-1
ਆਰੰਭਿਕ ਵੇਗ u = 0
ਇਹ ਵੇਗ ਪੱਥ OA ਦੇ ਲਈ ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ ਹੈ ।
ਇਸ ਲਈ υ2 – u2 = 2gS
(19.51)2 – (0)2 = 2 × 9.8 × S
S = \(\frac{19.51 \times 19.51}{2 \times 9.8}\)
= 19.41 m

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
70kg ਪੁੰਜ ਦੇ ਕਿਸੇ ਮਨੁੱਖ ਦਾ ਚੰਦਰਮਾ ਤੇ ਭਾਰ ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ? ਉਸ ਦਾ ਧਰਤੀ ਅਤੇ ਚੰਦਰਮਾ ‘ਤੇ ਪੁੰਜ ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਹੱਲ:
ਪੁੰਜ ਇੱਕ ਸਥਿਰ ਰਾਸ਼ੀ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਮਨੁੱਖ ਦਾ ਪੁੰਜ ਧਰਤੀ ਅਤੇ ਚੰਦਰਮਾ ‘ਤੇ ਬਰਾਬਰ ਹੋਵੇਗਾ
ਮਨੁੱਖ ਦਾ ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਪੁੱਜ = 70kg
∴ ਮਨੁੱਖ ਦਾ ਚੰਦਰਮਾ ‘ਤੇ ਪੰਜ = 70kg
ਮਨੁੱਖ ਦਾ ਧਰਤੀ ਤੇ ਭਾਰ (W1) = ?
ਧਰਤੀ ਤੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ g = 9.8 m/s2
ਮਨੁੱਖ ਦਾ ਚੰਦਰਮਾ ’ਤੇ ਭਾਰ (W2) = ?
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ (w) = mg
ਮਨੁੱਖ ਦਾ ਧਰਤੀ ਤੇ ਭਾਰ (W1) = 70 × 9.8 = 686 N
ਹੁਣ ਮਨੁੱਖ ਦਾ ਚੰਦਰਮਾ ‘ਤੇ ਭਾਰ (W2) = \(\frac {1}{6}\) × ਮਨੁੱਖ ਦਾ ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਭਾਰ
= \(\frac{\mathrm{W}_{1}}{6}\)
= \(\frac{686 \mathrm{~N}}{6}\)
= 114.33 N

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਇੱਕ ਵਿਅਕਤੀ ਦਾ ਧਰਤੀ ਤੇ ਭਾਰ 600 N ਹੈ । ਚੰਦਰਮਾ ਦੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ, ਧਰਤੀ ਦੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ ਦਾ \(\frac {1}{6}\) ਹੈ । ਜੇ ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ 10 m/s2 ਹੈ ਤਾਂ ਚੰਦਰਮਾ ‘ ਤੇ ਵਿਅਕਤੀ ਦਾ ਪੁੰਜ ਤੇ ਭਾਰ ਪਤਾ ਕਰੋ ?
ਹੱਲ:
ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਵਿਅਕਤੀ ਦਾ ਪੁੰਜ = ਆ
g = 10 m/s2
w = mg = 600 N
m = \(\frac{600}{g}\)
= \(\frac{600}{10}\) = 60kg
ਚੰਦਰਮਾ ‘ਤੇ ਵੀ ਪੁੰਜ = 60 kg (∵ਪੁੰਜ ਸਥਿਰ ਹੈ)
ਚੰਦਰਮਾ ‘ਤੇ ਭਾਰ = \(\frac {1}{6}\) × mg
= \(\frac{m g}{6}\)
= \(\frac {1}{6}\)(600)
= 100 N

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਕਿਸੇ ਉੱਭਰੀ ਹੋਈ ਚੱਟਾਨ (ਕਿੰਗਰੇ) ਤੋਂ ਇਕ ਕਾਰ 0.5 sec ਵਿੱਚ ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਡਿੱਗਦੀ ਹੈ । ਮਨ ਲਓ g = 10 m/s2 (ਗਣਨਾ ਨੂੰ ਸੌਖਾ ਕਰਨ ਲਈ) ।
(ਕ) ਧਰਤੀ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਂਦੇ ਹੋਏ ਕਾਰ ਦੀ ਚਾਲ ਕੀ ਹੋਵੇਗੀ ?
(ਖ) 0.5 s ਦੌਰਾਨ ਇਸਦੀ ਔਸਤ ਚਾਲ ਕੀ ਹੋਵੇਗੀ ?
(ਗ) ਧਰਤੀ ਤੋਂ ਕਿੰਗਰੇ ਕਿੰਨੀ ਉੱਚਾਈ ‘ਤੇ ਹੈ ?
ਹੱਲ:
ਸਮਾਂ t = 0.5 s.
ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ u = 0 m/s
ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ g = 10 m/s2
ਕਾਰ ਦਾ ਵੇਗ a = + 10 m/s2 (ਥੱਲੇ ਵੱਲ)

(ਕ) ਚਾਲ V = u + at
= 0 + 10 m/s2 × 0.5 s
= 5 m/s

(ਖ) ਔਸਤ ਚਾਲ = \(\frac{\mathrm{V}+u}{2}\)
= \(\frac{(0 \mathrm{~m} / \mathrm{s}+5 \mathrm{~m} / \mathrm{s})}{2}\)
= 2.5 m/s

(ਗ) ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਦੂਰੀ
S = ut + \(\frac {1}{2}\)at2
= 0 × 0.5 s + \(\frac {1}{2}\) × 10 ms2 × (0.5)2
= \(\frac {1}{2}\) × 10 m/s2 × 0.252
= 1.25 m
ਇਸ ਲਈ, S = 1.25 m

(i) ਧਰਤੀ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਂਦੇ ਸਮੇਂ ਕਾਰ ਦੀ ਚਾਲ = 5 m/s
(ii) 0.5 s ਦੌਰਾਨ ਇਸਦੀ ਔਸਤ ਚਾਲ = 2.5 m/s
(iii) ਧਰਤੀ ਤੋਂ ਕਿੰਗਰੇ (ਚੱਟਾਨ) ਦੀ ਉੱਚਾਈ = 1.25 m

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਇਕ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਸਿੱਧਾ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਹ 10 m ਦੀ ਉੱਚਾਈ ਤੱਕ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਪਤਾ ਕਰੋ
(i) ਵੇਗ ਜਿਸ ਨਾਲ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਸੁੱਟਿਆ ਗਿਆ
(ii) ਵਸਤੂ ਦੁਆਰਾ ਉੱਚਤਮ ਬਿੰਦੂ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਣ ਵਿੱਚ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ ।
ਹੱਲ:
ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਦੂਰੀ S = 10 m
ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ V = 0 ms
ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ g = 9.8 m/s2
ਵਸਤੂ ਦਾ ਪ੍ਰਵੇਗ a = – 9.8 m/s2(ਸਿੱਧਾ ਉੱਪਰ ਵੱਲ)

(i) v2 = u2 – 2aS
0 = u2 – 2 × 9.8 m/s2 × 10 m
– u = – 2 × 9.8 × 10 m/s.
u = \(\sqrt{196}\) ms-1
u = 14 ms-1

(ii) v = u + at
0 = 14 m/s – 9.8 m/s2 × t
9.8 × t = 14
∴ t = \(\frac{14 \mathrm{~m} / \mathrm{s}}{9.8 \mathrm{~m} / \mathrm{s}^{2}}\)
= 1.43 s

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ‘ਤੇ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਭਾਰ ਮਾਪਣ ਤੇ 10 N ਹੈ । ਚੰਨ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ‘ਤੇ ਮਾਪਣ ਤੇ ਉਸਦਾ ਭਾਰ ਕਿੰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਹੱਲ:
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ
ਚੰਨ ‘ਤੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਭਾਰ (Wm) = 1/6 × ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਉਸਦਾ ਭਾਰ (We).
ਜਾਂ Wm = \(\frac {1}{6}\) × We
= \(\frac {1}{6}\) × 10
= 1.67 N
ਇਸ ਲਈ ਚੰਨ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਭਾਰ ਹੋਵੇਗਾ = 1.67 N

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਤੈਰਦੇ ਸਮੇਂ ਠੋਸ ਵਸਤੂ ਦਾ \(\frac {4}{5}\) ਭਾਗ ਡੁੱਬਿਆ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ | ਵਸਤੂ ਦੀ ਘਣਤਾ ਗਿਆਤ ਕਰੋ । ਪਾਣੀ ਦੀ ਘਣਤਾ = 1000 kg/m3)
ਹੱਲ:
ਮੰਨ ਲਓ ਠੋਸ ਵਸਤੂ ਦਾ ਆਇਤਨ V ਅਤੇ ਘਣਤਾ d kg/m ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 21
∴ ਠੋਸ ਵਸਤੂ ਦੀ ਘਣਤਾ (d) = \(\frac {4}{5}\) × 1000
= 800 kg/m3

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦੇ ਕੁੱਲ ਆਇਤਨ ਦਾ \(\frac {4}{5}\) ਭਾਗ ਡੁੱਬ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਉਸੇ ਵਸਤੂ ਨੂੰ 1.6 ਸਾਪੇਖ ਘਣਤਾ ਵਾਲੇ ਤਰਲ ਵਿੱਚ ਤਰਾਇਆ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਵਸਤੂ ਦਾ ਕਿੰਨਾ ਭਾਗ ਡੁੱਬੇਗਾ ?
ਹੱਲ:
ਮੰਨ ਲਓ ਵਸਤੂ ਦਾ ਆਇਤਨ V ਅਤੇ ਉਸ ਦੀ ਘਣਤਾ d ਹੈ । ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਤਰਾਉਣ ਸਮੇਂ ਵਸਤੂ ਦੁਆਰਾ ਹਟਾਏ ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਕੀਤੇ) ਪਾਣੀ ਦਾ ਭਾਰ = ਵਸਤੂ ਦਾ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਭਾਰ
\(\frac {4}{5}\) V × 1 × g = V × d × g …………… (1)
ਮੰਨ ਲਓ ਤਰਲ ਵਿੱਚ ਵਸਤੂ ਦੇ ਕੁੱਲ ਆਇਤਨ ਦਾ 1 ਭਾਗ ਡੁੱਬ ਜਾਂਦਾ ਹੈ
∴ ਵਸਤੂ ਦੁਆਰਾ ਹਟਾਏ ਗਏ ਤਰਲ ਦਾ ਭਾਰ = ਵਸਤੂ ਦਾ ਹਵਾ ਵਿਚ ਭਾਰ
x V × 1.6 × g = V × d × 8 …………….. (2)
ਸਮੀਕਰਨ (1) ਅਤੇ (2) ਤੋਂ,
\(\frac {4}{5}\) V × 1 × g = x × V × 1.6 × g
ਜਾਂ x = \(\frac{4}{5 \times 1.6}\)
= \(\frac {1}{2}\)
ਇਸ ਲਈ ਵਸਤੂ ਦੇ ਆਇਤਨ ਦਾ ਅੱਧਾ (\(\frac {1}{2}\)) ਭਾਗ ਤਰਲ ਵਿੱਚ ਡੁੱਬੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਲੱਕੜ ਦੇ ਟੁਕੜੇ ਦਾ ਕੁੱਲ ਭਾਰ 6 kg ਹੈ । ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਤੈਰਦੇ ਸਮੇਂ ਇਭਾਗ \(\frac {1}{3}\) ਪਾਣੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਟੁਕੜੇ ‘ਤੇ ਕਿੰਨਾ ਭਾਰ ਰੱਖੀਏ ਤਾਂ ਜੋ ਇਹ ਪੂਰਾ ਪਾਣੀ ਅੰਦਰ ਰਹਿ ਕੇ ਤੈਰਦਾ ਰਹੇ ।
ਹੱਲ:
ਮੰਨ ਲਓ ਲੱਕੜ ਦੇ ਟੁਕੜੇ ਉੱਪਰ W ਭਾਰ ਰੱਖਣ ਨਾਲ ਇਹ ਪੂਰਾ ਪਾਣੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਡੁੱਬ ਕੇ ਤੈਰੇਗਾ ।
ਮੰਨ ਲਓ ਇਸ ਦਾ ਆਇਤਨ V ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਤੈਰਦੇ ਸਮੇਂ ਟੁਕੜੇ ਦੇ ਆਇਤਨ \(\frac {1}{3}\) ਦਾ ਭਾਗ ਪਾਣੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ,
ਟੁਕੜੇ ਦਾ ਭਾਰ ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਪਾਣੀ ਦਾ ਭਾਰ,
6 = \(\frac {1}{3}\) V × d × g ………….. (1)
ਵਾਧੂ , ਭਾਰ W ਰੱਖ ਦੇਣ ਮਗਰੋਂ ਲੱਕੜੀ ਦਾ ਟੁਕੜਾ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਡੁੱਬ ਜਾਂਦਾ ਹੈ
∴ 6 + W = V × d × g …………….. (2)
ਸਮੀਕਰਨ (2) ਨੂੰ (2) ਨਾਲ ਭਾਗ ਦੇਣ ਤੇ ।
\(\frac{6+W}{6}=\frac{3}{1}\)
ਜਾਂ 6 + W = 18
∴ ਲੱਕੜ ਦੇ ਟੁਕੜੇ ਦਾ ਭਾਰ W = 18 – 6
= 12 kg

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਇੱਕ ਹੈਲੀਕਾਪਟਰ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਕਿਸ਼ਤੀ ਵਿੱਚ ਫਾਂਸੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਸਵਾਰੀਆਂ ਲਈ ਭੋਜਨ ਦੇ ਪੈਕਟ ਸੁੱਟਣ ਲਈ ਭੇਜਿਆ ਗਿਆ । ਇਹ 20 m ਦੀ ਉੱਚਾਈ ਤੇ 2 m/s ਦੇ ਇਕ ਸਮਾਨ ਖਿਤਿਜ ਵੇਗ ਨਾਲ ਉੱਡ ਰਿਹਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿਸ਼ਤੀ ਦਾ ਨੇੜਲਾ ਸਿਰਾ ਹੈਲੀਕਾਪਟਰ ਦੇ ਠੀਕ ਹੇਠਾਂ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਸ ਸਮੇਂ ਪੈਕਟ ਸੁੱਟੇ ਗਏ । ਜੇਕਰ ਕਿਸ਼ਤੀ 5 m ਲੰਮੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਕੀ ਕਿਸ਼ਤੀ ਵਿੱਚ ਬੈਠੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਸਵਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਪੈਕਟ ਮਿਲ ਜਾਣਗੇ ।
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ h = 20 m, u = 2 m/s g = 10 ms-2
ਉੱਚਾਈ ਵਾਲਾ ਰੇਂਜ, R = 2\(\sqrt{\frac{2 h}{g}}\)
= 2\(\sqrt{\frac{2 \times 20}{10}}\)
= 2√4
= 4 m
ਕਿਸ਼ਤੀ ਦੀ ਲੰਬਾਈ = 5 m
ਇਸ ਲਈ ਕਿਸ਼ਤੀ ਵਿੱਚ ਬੈਠੀਆਂ ਸਵਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਪੈਕਟ ਮਿਲ ਜਾਣਗੇ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸੂਰਜੀ ਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਗ੍ਰਹਿਆਂ ਦੀ ਸੂਰਜ ਦੁਆਲੇ ਬੇਰੋਕ ਘੁੰਮਣ ਗਤੀ ਕਿਸ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਪਰਸਪਰ ਗੁਰੂਤਵੀ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਕਾਰਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਚੰਦਰਮਾ ਦਾ ਧਰਤੀ ਦੁਆਲੇ ਗਤੀ ਦੇ ਪੱਥ ਦਾ ਆਕਾਰ ਕਿਸ ਸ਼ਕਲ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਇਲਿਪਸੀ ਜਾਂ ਅੰਡਾਕਾਰ ਸ਼ਕਲ ਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਦੋ ਵਸਤੂਆਂ ਵਿਚਾਲੇ ਲਗ ਰਹੇ ਆਪਸੀ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਨੂੰ ਗਣਿਤਿਕ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਲਿਖੋ । .
ਉੱਤਰ-
F = G.\(\frac{m_{1} \times m_{2}}{r^{2}}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
G ਦਾ ਸੰਖਿਅਕ ਮੁੱਲ ਕਿੰਨਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
G = 6.67 x 10-11 N-m2 kg2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਇੱਕ ਬੈਂਚ ‘ਤੇ ਬੈਠੇ ਦੋ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਪਰਸਪਰ ਗੁਰੂਤਵੀ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਲਗਦਾ ਹੈ ਪਰ ਦੋਨੋਂ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਇਸ ਬਲ ਨੂੰ ਅਨੁਭਵ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ, ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ F = G. \(\frac{m_{1} \times m_{2}}{r^{2}}\) ਇੱਥੇ G ਦਾ ਮੁੱਲ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਇਹ ਬਲ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਅਨੁਭਵ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੇ ‘g’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਕਿੰਨਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੇ g ਦਾ ਮੁੱਲ ਅਧਿਕਤਮ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ 8 = 9.81 m/s2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਕੀ ‘g’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਰਿਣਾਤਮਕ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਕਦੋਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ g ਦਾ ਮੁੱਲ ਘੱਟਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ 8 ਨੂੰ ਰਿਣਾਤਮਕ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਪ੍ਰੋਜੈਕਟਾਈਲ ਦਾ ਗਤੀ ਪੱਥ ਕਿਹੋ ਜਿਹਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੈਰਾਬੋਲਿਕ ਪੱਥ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਨੂੰ ਕੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੁੰਜ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਪੁੰਜ ਨੂੰ ਮਾਪਣ ਵਾਲੀ SI ਇਕਾਈ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਲੋਗ੍ਰਾਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਧਰਤੀ ਦੇ ਕਿਸ ਹਿੱਸੇ ਵਿੱਚ ਭਾਰ ਜ਼ੀਰੋ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ‘ਤੇ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਪੁੰਜ ਅਤੇ ਭਾਰ ਵਿਚੋਂ ਕਿਹੜੀ ਰਾਸ਼ੀ ਸਕੇਲਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੰਜ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਭਾਰ ਦੀ SI ਇਕਾਈ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਿਊਟਨ (N) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਭਾਰ ਕਿਹੋ ਜਿਹੀ ਰਾਸ਼ੀ ਹੈ ? ਸਕੇਲਰ ਜਾਂ ਵੈਕਟਰ ?
ਉੱਤਰ-
ਭਾਰ ਇੱਕ ਕਿਸਮ ਦਾ ਬਲ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਵੈਕਟਰ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਜੇਕਰ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਪੁੱਜ 30 ਕਿ. ਗ੍ਰਾਮ ਹੈ, ਤਾਂ ਦੱਸੋ ਚੰਦਰਮਾ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ‘ਤੇ ਇਸ ਦਾ ਪੁੰਜ ਕਿੰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੰਜ ਇੱਕ ਸਥਿਰ ਰਾਸ਼ੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਵਸਤੂ ਦਾ ਚੰਦਰਮਾ ਉੱਤੇ ਪੁੱਜ ਓਨਾ ਹੀ ਹੋਵੇਗਾ, ਜਿੰਨਾ ਉਸ ਦਾ ਪੁੰਜ ਧਰਤੀ ਉੱਪਰ ਹੈ ਅਰਥਾਤ 30 ਕਿ. ਗ੍ਰਾਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ’ ਤੇ ‘g’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਕਿੰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ‘ਤੇ G = 0

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਦੱਸੋ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਭਾਰ ਕਿੱਥੇ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੋਵੇਗਾ – ਧਰੁਵਾਂ ‘ਤੇ ਜਾਂ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖਾ ‘ਤੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਰੁਵਾਂ ‘ਤੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਦੋ ਵਸਤੂਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ ਤਿੰਨ ਗੁਣਾ ਕਰਨ ਤੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ’ਤੇ ਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਹਿਲਾਂ ਨਾਲੋਂ \(\frac {1}{9}\) ਵੀ ਭਾਗ ਰਹਿ ਜਾਵੇਗਾ ।