PSEB 10th Class Hindi Vyakaran विज्ञापन, सूचना और प्रतिवेदन

Punjab State Board PSEB 10th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar vigyapan suchana aur prativedan विज्ञापन, सूचना और प्रतिवेदन Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 10th Class Hindi Grammar विज्ञापन, सूचना और प्रतिवेदन

I. विज्ञापन

प्रश्न 1.
विज्ञापन किस प्रकार की कला है?
उत्तर:
विज्ञापन किसी जानकारी को प्रदान करने की एक सशक्त और प्रभावशाली कला है।

प्रश्न 2.
क्या विज्ञापन व्यक्तिगत होता है?
उत्तर:
विज्ञापन व्यक्तिगत नहीं होता क्योंकि इसका सीधा संबंध वस्तु विशेष से होता है।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran विज्ञापन, सूचना और प्रतिवेदन

प्रश्न 3.
व्यापारिक क्षेत्र में विज्ञापन के मुख्य तीन उद्देश्य कौन-से हैं?
उत्तर:

  1. मांग उत्पन्न करना
  2. मांग बनाए रखना
  3. मांग की वृद्धि करना।

प्रश्न 4.
विज्ञापन व्यवसाय को क्या बनाते हैं?
उत्तर:
विज्ञापन व्यवसाय को सर्वांगमुखी बनाते हैं।

प्रश्न 5.
विज्ञापन किन-किन चीज़ों के होते हैं?
उत्तर:
विज्ञापन व्यक्ति के गुणों, अनुभवों, उत्पादित वस्तु आदि के होते हैं।

प्रश्न 6.
विज्ञापन का सर्वाधिक जन-सुलभ माध्यम कौन-सा है?
उत्तर:
विज्ञापन का सर्वाधिक जन-सुलभ माध्यम समाचार-पत्र है।

प्रश्न 7.
‘विज्ञान’ शब्द कैसे बना है?
उत्तर:
विज्ञान शब्द ‘वि’ उपसर्ग और ‘ज्ञापन’ शब्द से बना है।

प्रश्न 8.
विज्ञापन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
विज्ञापन का मुख्य उद्देश्य वस्तु, व्यक्ति आदि की जानकारी देना होता है।

प्रश्न 9.
विज्ञापन किसे कहते हैं?
उत्तर:
विज्ञापन जनसंपर्क का वह माध्यम है जो व्यापारिक क्षेत्र को समुचित रूप से विकसित करने की क्षमता रखता है। विज्ञापन व्यक्तिगत नहीं होता क्योंकि इसका सीधा संबंध वस्तु विशेष से होता है और वस्तु का संबंध औद्योगिक संस्था से रहता है।

प्रश्न 10.
प्राय: विज्ञापन किन रूपों में देखने को मिलते हैं?
उत्तर:
प्रायः विज्ञापन तीन रूपों में देखने को मिलते हैं-

  1. पत्र-पत्रिकाएं-पत्र-पत्रिकाओं में हम अक्सर विभिन्न प्रकार के विज्ञापनों को पढ़ते हैं उन विज्ञापनों को देखकर हमारे विचारों में बदलाव आता है।
  2. बाह्य विज्ञापन- इस प्रकार के विज्ञापन हमें पोस्टर, होर्डिंग, पंफलेट आदि में देखने को मिलते हैं। (ii) अन्य साधन-विज्ञापन के अन्य साधनों में रेडियो, टेलीविज़न, सिनेमा आदि को रखा जा सकता है।

प्रश्न 11.
विज्ञापन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
विज्ञापन का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ता को उत्पाद एवं उत्पादक की जानकारी देना है। वह उत्पादित वस्तु के रूप, गुण, मूल्य आदि की जानकारी एवं सूचना आकर्षक ढंग से प्रदान करता है, जिससे उपभोक्ता में उस वस्तु को खरीदने की इच्छा जागृत हो उठती है। यह उत्पादक और उपभोक्ता के बीच मधुर संबंधों को भी स्थापित करता है। इसका उद्देश्य विज्ञापन देने वाली संस्था के नाम की प्रसिद्धि करना तथा उसकी ख्याति को बढ़ाना भी होता है। मांग उत्पन्न करना और मांग में वृद्धि करना ही विज्ञापन का उद्देश्य है।

प्रश्न 12.
पहले और आज के समय में विज्ञापन में क्या अंतर आया है?
उत्तर:
पहले के समय में विज्ञापन का अर्थ मात्र सूचना देने तक का होता था, किन्तु आज इसका अर्थ अत्यंत व्यापक हो गया है। आज का युग विज्ञापनमय हो गया है। आज विज्ञापन एक सीमित साधन न होकर अत्यंत विस्तृत हो गया है। आज विज्ञापन एक कला के रूप में मुखरित हो चुका है। इसके द्वारा उत्पादक उत्पादन के रूप, गुण, मूल्य आदि की पूरी सूचना आकर्षक ढंग से प्रदान करता है, जिससे उपभोक्ता में उस वस्तु को खरीदने की इच्छा जागृत हो उठती है। आज विज्ञापन केवल उत्पादन की वृद्धि में ही सहायता नहीं देते, बल्कि प्रतिस्पर्धा की क्षमता बढ़ा कर मूल्यों को स्थिरता भी प्रदान करती है।

प्रश्न 13.
वर्तमान युग में विज्ञापन का कार्य कैसे सरल हो गया है?
उत्तर:
विज्ञापन आधुनिक युग में बहुत बड़ी व्यापारिक शक्ति है जो वस्तुओं को बेचने में अनुपम सहायता करती है। ऐसे में ऋण की सुविधा ने विज्ञापन के कार्य को और भी अधिक सरल बना दिया है। उत्पादक, डीलर, दुकानदार आदि सभी किसी न किसी बैंक या ऋण देने वाली कंपनियों से उपभोक्ता को ऋण दिला देते हैं और वस्तु को बेच देते हैं। कभी-कभी तो एक रुपया देकर शेष बची धनराशि किश्तों में अदा की जाती है। अत: स्पष्ट है कि ऋण की सुविधा ने विज्ञापन का कार्य सरल से सरलतम बना दिया है।

प्रश्न 14.
वर्तमान युग विज्ञापन का युग है। सिद्ध कीजिए।
उत्तर:
आज का युग विज्ञापन अथवा प्रचार का युग है। जिसका अधिक प्रचार अथवा विज्ञापन हो जाएगा वही वस्तु एवं व्यक्ति सर्वत्र लोकप्रिय हो जाता है बच्चे-बच्चे के मुख से लोकप्रिय विज्ञापनों के शब्द सुने जा सकते हैं। बच्चे क्या बड़े भी उसी उत्पाद को लेना चाहते हैं जिसका विज्ञापन आकर्षक हो। दंत मंजन से लेकर दुल्हन की साड़ी, कपड़े धोने के साबुन से लेकर दर्द निवारक दवा तक विज्ञापन के आधार पर बिक रहे हैं। यही कारण है कि आज का व्यापार विज्ञापन की शक्ति पर निर्भर हो गया है। प्रत्येक व्यापारी अपने उत्पाद को उपभोक्ता तक पहुंचाने के विज्ञापन का आश्रय लेता है। अतः स्पष्ट है कि वर्तमान युग विज्ञापन का युग है।

प्रश्न 15.
व्यक्ति के जीवन में विज्ञापन का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
आज व्यक्ति का जीवन विज्ञापनमय हो गया है। विज्ञापन उपभोक्ताओं की सेवा करता है। उन्हें जहां वह नवीन वस्तुओं की जानकारी देता है। वहीं उन्हें उचित दाम पर माल भी दिलाता है। नई-नई वस्तुओं के गुण, उपयोग और मूल्यों की जानकारी से उपभोक्ताओं को पारिवारिक बजट बनाने में सहायता मिलती है। उनका रहन-सहन का स्तर भी बढ़ता जाता है। इससे अनेक लोगों को रोज़गार भी प्राप्त होता है। सेल काऊंटरों पर स्त्री-पुरुषों की बड़ी भीड़ का जमाव इन्हीं के कारण होता है।

प्रश्न 16.
विज्ञापन केवल व्यापारिक अनिवार्यता नहीं है, बल्कि सभी क्षेत्रों में है। सिद्ध कीजिए।
उत्तर:
विज्ञापन केवल व्यापारिक अनिवार्यता ही नहीं है, बल्कि राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक तथा जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी यह अपनी उपयोगिता सिद्ध कर चुका है। लोकतंत्रीय व्यवस्था की तो यह जान है। विज्ञापन के बिना लोकतंत्रीय पद्धति सफलता प्राप्त नहीं कर सकती। विभिन्न राजनीतिक दल अपने सिद्धांतों, कार्यक्रमों इत्यादि के संबंध में जनसाधारण को विज्ञापनों के द्वारा ही जानकारी प्रदान करते हैं। धार्मिक नेता भी विज्ञापन का पूरा सहारा लेते हैं। धार्मिक स्थानों पर किए जाने वाले पूजा-पाठ की फिल्म स्लाइडें सिनेमा गृहों में दिखाई जाती हैं। रंग-बिरंगे बड़े-बड़े पोस्टर लगाए जाते हैं। लाऊड-स्पीकर पर प्रवचन तथा नेताओं की घोषणाएं अक्सर सुनी जाती हैं।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran विज्ञापन, सूचना और प्रतिवेदन

प्रश्न 17.
विज्ञापन को तैयार करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर:
आज का युग विज्ञापन का युग है। अब किसी भी व्यापार की सफलता विज्ञापन पर निर्भर करती है। इसलिए विज्ञापन की भाषा सदा वही होनी चाहिए जिस क्षेत्र में उसका प्रचार हो रहा हो। विज्ञापन को तैयार करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है-
(i) आकर्षण-किसी भी विज्ञापन का पहला गुण उसका आकर्षक लगना होता है। सुंदर-रंगीन एवं आकर्षक चित्रों से सजे विज्ञापन उपभोक्ता को अपनी ओर शीघ्रता से खींच लेते हैं।

(ii) संक्षिप्तता-एक अच्छा सटीक एवं उपयुक्त विज्ञापन बनाते समय उसकी संक्षिप्तता पर विशेष ध्यान देना चाहिए। संक्षिप्त विज्ञापन सरलता से समझ में आ जाता है। खर्च भी कम पड़ता है।

(iii) सरल-सरस भाषा-विज्ञापन बनाते एवं लिखते समय भाषा का बहुत अधिक महत्त्व होता है। विज्ञापन की भाषा क्षेत्र की भाषा के अनुकूल होनी चाहिए। भाषा में सरल एवं सरस शब्दों का प्रयोग होना चाहिए। भाषा ही विज्ञापन की जान होती है। नारा लेखन, शीर्षक आदि में इसका विशेष महत्त्व है।

(iv) माध्यम-विज्ञापन को तैयार करते समय इसके माध्यम का चुनाव बड़ी ही सजगता से करना चाहिए। विभिन्न वस्तुओं के रूप, गुण, मूल्य आदि की जानकारी देने के लिए माध्यम का चुनाव अत्यंत आवश्यक है क्योंकि सही या ग़लत माध्यम के चुनाव से विज्ञापन सफल या असफल हो सकता है। विज्ञापन के तीन माध्यम हैं-

  • पत्र-पत्रिकाएं
  • बाह्य विज्ञापन-पोस्टर, पंफलेट, होर्डिंग आदि।
  • अन्य साधन-रोडियो, टेलीविज़न, सिनेमा आदि।

(v) स्पष्टता-विज्ञापन लिखते समय अमूक जानकारी को स्पष्ट रूप से लिखा जाना चाहिए। फिर चाहे वह वस्तु की गुणवत्ता हो या फिर विज्ञापन देने वाले का पता ही सब कुछ साफ-साफ स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए।

(vi) छलकपट से रहित-विज्ञापन सदैव छल-कपट से रहित होना चाहिए। धोखे तथा जालसाजी से उपभोक्ता वस्तु एक बार तो ले लेता है किंतु दोबारा कभी उस ओर मुंह नहीं करता। बाज़ार में विश्वास बनाना कठिन कार्य है जबकि विश्वास तोड़ना क्षण-भर का काम है। अतः विज्ञापन सदैव छल-कपट से पूरी तरह रहित होना चाहिए।

(vii) स्मरणीयता-विज्ञापन को लिखते समय उसकी स्मरणीयता पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। एक अच्छा विज्ञापन वही है जो लोगों को शीघ्रता से स्मरण हो जाए जैसे रुकावट के लिए खेद है। आज नगद कल उधार। निष्कर्ष- स्पष्ट है कि विज्ञापन सरल भाषा में रचा गया प्रभावशाली एवं आकर्षक होना चाहिए जो ग्राहक को वस्तु लेने के लिए विवश कर दे।

प्रश्न 18.
विज्ञापन के विभिन्न माध्यमों अथवा साधनों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सामान्य रूप से विज्ञापन का अर्थ ‘विशेष सूचना या जानकारी’ देना है। यह जानकारी उत्पादक उपभोक्ता को देता है। वह उत्पादित वस्तु के रूप, गुण, उपादेयता, मूल्य आदि की पूरी सूचना आकर्षक ढंग से प्रदान करता है जिससे उपभोक्ता को उस वस्तु को खरीदने की इच्छा जागृत हो उठती है। व्यापारिक क्षेत्र को समुचित रूप से विकसित करने के लिए विज्ञापन के निम्नलिखित माध्यमों एवं साधनों का प्रयोग किया जाता है-
(i) घर-घर जाकर-विज्ञापन का सबसे पुराना साधन एवं माध्यम घर-घर जाकर वस्तु की विशेषताओं से लोगों को परिचित कराना है। इस माध्यम में कंपनियां अपने एजेंट लोगों के बीच भेजते हैं जो घर-घर जाकर वस्तु की गुणवत्ता को लोगों तक पहुंचाते हैं। ये लोग घर-घर जाकर सामान भी बेचते हैं। उसका आर्डर भी लेते हैं।

(ii) ढिंढोरा पीटकर-प्राचीन समय में ढोल, ड्रम आदि को पीट-पीटकर मुनादी करवाई जाती थी। उसे ही ढिंढोरा पीटना कहते हैं। आज वही रिक्शा, आटो रिक्शा, रेहड़ी, टैम्पू आदि के माध्मय से किया जाता है। आज भी गांव में इसका चलन देखने को मिलता है।

(iii) रेडियो, टेलीविज़न तथा सिनेमा-आधुनिक युग में रेडियो, टेलीविज़न तथा सिनेमा श्रव्यदृश्य माध्यम के अंतर्गत आते हैं। नर-नारी तथा वाह्य यंत्रों की मिली-जुली आवाज़ दूर से सही-संभावित उपभोक्ता को अपनी ओर आकर्षित करने का गुण रखती है। छोटी-छोटी विज्ञापन फिल्मों की भरमार है।

(iv) पोस्टर, होर्डिंग, पंफलेट-पोस्टर, होर्डिंग, पंफलेट आदि को बाह्य विज्ञापनों की श्रेणी में रखा जाता है। इनका प्रदर्शन सार्वजनिक स्थानों पर किया जाता है। सुंदर-रंगीन एवं आकर्षक चित्रों से सजे विज्ञापनों को सड़कों, चौराहों आदि पर कहीं भी देखा जा सकता है। यद्यपि यह माध्यम महंगा है पर फिर भी इसका प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। दीवारों पर लेखन, इश्तिहार, छोटे-बड़े प्रपत्र एवं पंफलेट इसी माध्यम के अंतर्गत आते हैं।

(v) पत्र-पत्रिकाएं-पत्र-पत्रिकाएं अन्य माध्यमों की अपेक्षा अधिक लोकप्रिय तथा जन-सुलभ माध्यम है। इनका प्रचार विश्वव्यापी है। इसलिए किसी एक स्थान की वस्तु का प्रचार पूरे विश्व में संभव हो सकता है। सरकारी और गैरसरकारी स्तर पर छपी सभी पत्र-पत्रिकाओं में विज्ञापन अनिवार्य रूप में छपे रहते हैं। इनसे प्राप्त आय के द्वारा पत्रिका का प्रकाशन सरलता से किया जा सकता है। समाचार-पत्र तो विज्ञापन का प्रचार का सीधा और सबसे सरल साधन है। यह लोकप्रिय और आसान माध्यम है।

(vi) स्टॉल लगाकर-आजकल उत्पाद को सड़कों के किनारे स्टॉल लगाकर बेचने का भी प्रचलन हो चुका है। कंपनी के कर्मचारी आवाज़ लगाकर या बोर्ड आदि दिखाकर स्टॉल पर लोगों को आने के लिए आकर्षित करते हैं। वे अपने सामान की नुमाइश एवं प्रदर्शन करते हैं।

(vii) वाहनों पर पोस्टर चिपकाकर-कुछ कंपनियां बस, ट्रक, कार आदि के पीछे अपने उत्पाद के प्रभावशाली पोस्टर चिपकाती हैं। यह उनकी बिक्री को बढ़ाने का काम करता है।

(vii) मोबाइल और इंटरनेट द्वारा-विज्ञापन के सशक्त साधनों में आज मोबाइल और इंटरनेट ने अपना विशेष स्थान बना रखा है। यह वस्तु के क्रय-विक्रय का एक साधन बन चुका है। युवा पीढ़ी इसका सर्वाधिक प्रयोग कर रही
है।

(ix) डाक द्वारा-आधुनिक युग में डाक द्वारा भी विज्ञापन का प्रसार किया जा रहा है। संस्थाएं एवं कपनियां अपने उत्पादन की सूची एवं विवरणिका डाक द्वारा भेज कर लोगों को अपने उत्पाद से परिचित कराती हैं।

निष्कर्ष-निष्कर्ष रूप में कह सकते हैं कि आज विज्ञापन वस्तु को बेचने तथा लोकप्रिय बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। विज्ञापन के अभाव में वस्तु का लोकप्रिय और अधिक मात्रा में बिकना असंभव-सा जान पड़ता है। विज्ञापन के उक्त माध्यमों का प्रयोग कर वस्तु के क्रय-विक्रय की गति को तेजी से बढ़ाया जा सकता है।

विज्ञापन के उदाहरण

प्रश्न 1.
आप विवेकानंद पब्लिक स्कूल, सैक्टर-32, चण्डीगढ़ के प्राचार्य हैं। विद्यालय की बस हेतु एक अनुभवी ड्राइवर की आवश्यकता है। वर्गीकृत विज्ञापन का प्रारूप तैयार कीजिए।
उत्तर:
ड्राइवर की आवश्यकता है।
विद्यालय की बस के लिए एक अनुभवी ड्राइवर की आवश्यकता है। आयु 55 वर्ष से अधिक न हो। बस चलाने का कम-से-कम दस वर्षों का अनुभव हो। घर का पक्का पता, स्वयं की चार तस्वीरें तथा ड्राइविंग लाइसेंस के साथ एक सप्ताह के अंदर विद्यालय में मिलें।

प्राचार्य
विवेकानंद पब्लिक स्कूल, सैक्टर-32, चण्डीगढ़।

प्रश्न 2.
आपको अपने मकान नं0 452 सैक्टर-31, चंडीगढ़ के बगीचे के रख-रखाव के लिए माली की आवश्यकता है। उस हेतु एक वर्गीकृत विज्ञापन का प्रारूप तैयार कीजिए।
उत्तर:
माली की आवश्यकता है।
बगीचे की रख-रखाव तथा देखभाल के लिए एक कुशल एवं अनुभवी माली की आवश्यकता है। चार दिन के अंदर संपर्क करें। मकान नं0 452 सैक्टर-31, चंडीगढ़। मोबाइल नं0 94666-66666

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प्रश्न 3.
सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल, करनाल में आगामी सत्र के लिए छठी कक्षा से बारहवीं कक्षा तक के बच्चों के दाखिले का विज्ञापन विद्यालय के प्राचार्य की ओर से तैयार कीजिए।
उत्तर:
स्कूल में दाखिले संबंधी विज्ञापन
सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल, करनाल में आगामी सत्र हेतु छठी से बारहवीं कक्षा के दाखिले प्रारम्भ हो गए हैं। विद्यालय में शिक्षा के तीन माध्यम पंजाबी, हिंदी, अंग्रेज़ी उपलब्ध हैं। प्रतिभावान एवं ग़रीब बच्चों के लिए शिक्षा के विशेष अवसर एवं व्यवस्था हैं। कंप्यूटर एवं खेलकूद की सुविधाओं का उचित प्रबंध है। विवेक कुमार, प्राचार्य, मोबाइल नं० 89250-00000

प्रश्न 4.
आपका नाम रोहित शर्मा है। आपके कोचिंग सैंटर का नाम सरस्वती कोचिंग सेंटर है। आपका मोबाइल नं0 9416…….. है। आपने अम्बाला शहर में इंजीनियरिंग और मैडिकल की प्रवेश परीक्षाओं की कोचिंग हेतु नया कोचिंग सेंटर खोला है। कोचिंग सेंटर के उद्घाटन के संदर्भ में एक विज्ञापन लिखिए।
उत्तर:
सरस्वती कोचिंग सेंटर
01.04.20….. से इंजीनियरिंग और मैडिकल की प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी हेतु कोचिंग क्लास शुरू हो रही है। नए विद्यार्थियों के लिए पढ़ने और पढ़ाने की विशेष व्यवस्था है। 90% से अधिक अंक पाने वाले विद्यार्थियों को उनकी फीस में 80% छूट दी जाएगी। आने-जाने के लिए वाहन का भी उचित प्रबंध है। संपर्क करें-रोहित शर्मा, डायरेक्टर सरस्वती कोचिंग सेंटर, अम्बाला हरियाणा। मोबाइल नं0 94160-…..

प्रश्न 5.
आप मालरोड स्थित मकान नं0 414 अमृतसर के निवासी हैं। आप अपना दस मरले का मकान बेचना चाहते हैं। वर्गीकृत विज्ञापन का प्रारूप तैयार कीजिए।
उत्तर:
मकान बिकाऊ है
दस मरले में बनी कोठी बिकाऊ है। मार्बल फ्लोर, आधुनिक फिटिंग, आधुनिक रसोई-घर। संपर्क करें-सिंह, 414मालरोड, अमृतसर। फोन नं० 279842.

प्रश्न 6.
आपका नाम सुभाष है। आप जैन नगर लुधियाना में स्थित अपने फ्लैट को किराए पर देना चाहते हैं। इस हेतु एक वर्गीकृत विज्ञापन का प्रारूप तैयार कीजिए।
उत्तर:
किराये के लिए खाली
जैन कॉलोनी, लुधियाना में फ्लैट किराए के लिए खाली है। दो कमरे, किचन, बाथरूप, ड्राइंगरूम तथा ड्राइनिंग रूम आधुनिक सुविधाओं से युक्त। केवल शाकाहारी अधिकारी वर्ग के व्यक्ति संपर्क करें। सुभाष, फोन नं० 419250

प्रश्न 7.
आपकी पवार टूर एंड ट्रैवल्स नाम की एक ट्रांसपोर्ट ऐजेन्सी है। शहर के लोगों को भ्रमण संबंधी सुविधा देने हेतु एक वर्गीकृत विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर:
भ्रमण संबंधी
रेल, हवाई जहाज़, टैक्सी आदि से भ्रमण करने के लिए तथा होटल आदि में कमरे बुक करवाने हेतु सुविधा उपलब्ध है। देश-विदेश में कहीं भी भ्रमण तथा रुकने के लिए संपर्क करें। पवार टूर एंड ट्रैवल्स, मो० नं० 82652-……

प्रश्न 8.
आपकी लुधियाना टैक्सी सर्विस नाम की ट्रांसपोर्ट सेवा है। उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में अपनी टैक्सी सेवाएं देने हेतु वर्गीकृत विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर:
टैक्सी सर्विस
हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, जम्मू आदि शहरों में जाने के लिए टैक्सी की उचित व्यवस्था है। सुविधा पाने हेतु संपर्क करें-लुधियाना टैक्सी सर्विस, मो० नं० 8262-….

प्रश्न 9.
आपका नाम हरविंदर सिंह है। आपकी आयु 30 वर्ष तथा कद 6 फुट 3 इंच है। आपको अपने लिए 5 फुट 7 इंच तथा एम० ए०/एम० एससी लड़की चाहिए। इस हेतु एक वर्गीकृत विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर:
वधू चाहिए।
जट सिख लड़का, आयु 30 वर्ष, कद 6 फुट 3 इंच, एम० एससी०, इंग्लैंड निवासी हेतु वधू 5 फुट 7 इंच एम० ए०/एम०एससी० चाहिए। संपर्क करें हरविंदर सिंह। मो० नं0 9462 ….

प्रश्न 10.
आपका नाम गजेन्द्र कुमार है। आपको अपनी पुत्री जिसकी आयु 24 वर्ष, कद 5 फुट 3 इंच, रंग गोरा, ग्रेजुएट के लिए बिजनेसमैन वर चाहिए। इसके लिए वर्गीकृत विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर:
वर चाहिए
अरोड़ा लड़की, आयु 24 वर्ष, कद 5 फुट 3 इंच, रंग गोरा, बहुत सुन्दर, सुशील ग्रेजुएट के लिए अच्छे घराने का बिजनैसमैन वर चाहिए। सम्पर्क करें-गजेन्द्र कुमार, मोबाइल नं० 8256……. ।

प्रश्न 11.
आप शीघ्र ही रिटायर्ड कॉलेज प्राचार्या की देख-रेख में लड़कियों का एक हॉस्टल खोलने जा रहे हैं, जिसमें 20 कमरे तथा सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इस हेतु एक वर्गीकृत विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर:
होस्टल
बीस कमरों का लड़कियों के लिए एक होस्टल शीघ्र ही कॉलेज की एक रिटायर्ड प्राचार्या द्वारा संचालित किया जाने वाला है। होस्टल में घर जैसा पौष्टिक आहार, सुरक्षा, वातानुकूलित कमरे, गीजर आदि की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। सुरक्षा की उचित व्यवस्था रहेगी। होस्टल में आरक्षण करवाने हेतु संपर्क करें-मोबाइल नं0 8246………. ।

प्रश्न 12.
आपका नाम मोहित शर्मा है। आपका मोबाइल नम्बर 9416000000 है। आप अपनी आल्टो एल० एक्स आई० 2012 मॉडल कार बेचना चाहते हैं। इसके लिए एक वर्गीकृत विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर:
गाड़ी बिकाऊ है
आल्टो एल० एक्स आई० मॉडल 2012, कीमत 100000 रुपये, अत्यन्त अच्छी हालत में बिकाऊ है। खरीदने के लिए संपर्क करें-9416000000। मोहित शर्मा।

प्रश्न 13.
‘मल्होत्रा बुक डिपो’ रेलवे रोड जालन्धर में कुशल सेल्समैन की आवश्यकता है। इसके लिए एक वर्गीकृत विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर:
सेल्ज़मैन की आवश्यकता है
पुस्तक विक्रेता को कुशल सेल्समैन की आवश्यकता है। वेतन योग्यतानुसार। शीघ्र मिलें-मैनेजर, मल्होत्रा बुक डिपो, रेलवे रोड, जालन्धर।

प्रश्न 14.
आपका नाम डॉ० मदन सिंह वालिया है। आपका राजनगर जालन्धर में धन्वंतरी मैडिकल हॉल नामक एक चिकित्सालय है। यहां पर आप गारंटी के साथ जोड़ों के दर्द का इलाज करते हैं। इसके लिए एक वर्गीकृत विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर:
चिकित्सा सम्बन्धी विज्ञापन
हर प्रकार के जोड़ों के दर्द का गारंटी से इलाज करवाने के लिए मिलें-डॉ० मदन सिंह वालिया, धन्वंतरी मैडिकल हॉल, राजनगर, जालन्धर। फोन : 278718

प्रश्न 15.
आपकी लूथरा पेस्ट कंट्रोल नामक दवाइयों की एक दुकान है जहां दीमक, कॉकरोच, चूहों, छिपकलियों, मच्छरों को मारने की दवाई दी जाती है। आपका मोबाइल नंबर 94162 90909 है। इसके लिए एक वर्गीकृत विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर:
दीमक, कॉकरोच, चूहों, छिपकलियों एवं मच्छरों से पाये छुटकारा
दीमक, कॉकरोच, चूहों, छिपकलियों एवं मच्छरों से पाये छुटकारा। शहर में पिछले तीस वर्षों से जाना-पहचाना नाम। नाम ही काम की पहचान। अवश्य मिलें। संपर्क करें-लूथरा पेस्ट कंट्रोल, मोबाइल नं0 9416290909।

प्रश्न 16.
आपका नाम रवि कुमार शर्मा है तथा आपके पिता का नाम विवेक शर्मा है। आप गाँव डवरेड़ा तहसील और ज़िला होशियारपुर के निवासी हैं। आप अपना नाम बदलकर रविश कुमार रखना चाहते हैं। इसके लिए एक वर्गीकृत विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर:
नाम परिवर्तन
मैं, रवि कुमार शर्मा पुत्र श्री विवेक शर्मा, गाँव डवरेड़ा तहसील और जिला होशियारपुर घोषणा करता हूँ कि मैंने अपना नाम बदलकर रविश कुमार रख लिया है। सभी संबंधित नोट करें और मुझे इसी नाम से पुकारा और जाना जाए।

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प्रश्न 17.
करन मार्केटिंग, डेरा रोड, सरहिंद की ओर से बॉल पैन के रिफिल बनाने तथा हज़ारों रुपए कमाने की बात कहते हुए एक वर्गीकृत विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर:
व्यापार
बॉल पैन के रिफिल बनाने का उद्योग लगाकर हज़ारों रुपए महीना कमाएं। मशीन, ट्रेनिंग, बना माल खरीदने की सुविधा उपलब्ध है। संपर्क करें-करन मार्केटिंग, डेरा रोड, सरहिंद।।

प्रश्न 18.
आपका नाम राजेश शर्मा है। आप सैक्टर-18-सी, मकान नंबर-1107 मानसा के निवासी हैं। आपने राजपुरा मुख्य मार्ग पर अपना आठ मरले का मकान बेचना है। इसके लिए एक वर्गीकृत विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर:
‘प्लाट बिकाऊ है’
आठ मरले का प्लाट राजपुरा मुख्य मार्ग पर बिकाऊ है। खरीदने के लिए संपर्क करें-राजेश शर्मा, 1107, सैक्टर18-सी मानसा।

प्रश्न 1.
आपका नाम प्रज्ञा है। आप समाज सेविका हैं। आपके कोचिंग सेंटर का नाम है-प्रज्ञा कोचिंग सैंटर। आपका फोन नंबर 1891000000 है। आपने मेन शहर शामपुरा में दसवीं, बारहवीं कक्षा के गरीब विद्यार्थियों के लिए साईंस व गणित विषयों की निःशुल्क कोचिंग कक्षाएँ एक नये कोचिंग सेंटर में खोली है। कोचिंग सेंटर के उद्घाटन के सम्बन्ध में एक विज्ञापन का प्रारूप तैयार करके लिखिए।
उत्तर:
प्रज्ञा कोचिंग सेंटर
आगामी शिक्षा सत्र को ध्यान में रखते हुए आपके अपने शहर में दसवीं, बारहवीं के विद्यार्थियों के लिए नि:शुल्क साईंस और गणित विषय की तैयारी हेतु कोचिंग सेंटर को आरंभ किया जा रहा है, जिसमें नगर के प्रतिष्ठित अध्यापक/ अध्यापिकाएं अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे संपर्क करें-प्रज्ञा। डायरेक्टर, प्रज्ञा कोचिंग सैंटर, शामपुरा। मोबाइल नं० 1891000000.

प्रश्न 2.
आपका नाम मंगल राय है। आपकी मेन बाज़ार, अम्बाला में कपड़े की दुकान है। आपका फोन नंबर 1746578673 है। वर्गीकृत विज्ञापन के अंतर्गत ‘सेल्ज़मैन की आवश्यकता है’ का प्रारूप तैयार करके लिखिए।
उत्तर:
सेल्ज़मैन की आवश्यकता
कपड़े की दुकान पर एक कुशल सेल्ज़मैन की आवश्यकता है। वेतन योग्यतानुसार। शीघ्र मिलें-मंगलराय मंगल क्लाथ हाऊस, अम्बाला। मोबाइल नं0 1746578673.

प्रश्न 3.
आपका नाम पंडित अखिलेश नाथ है। आपका मोबाइल नंबर 1464246200 है। आपने सेक्टर-22, चंडीगढ़ में एक ‘अखिलेश योग साधना केंद्र’ खोला है। जहाँ आप लोगों को योग सिखाते हैं जिसकी प्रति व्यक्ति, प्रति मास 1000 रु० फीस है। वर्गीकृत विज्ञापन के अंतर्गत ‘योग सीखिए’ का प्रारूप तैयार करके लिखिए।
उत्तर:
योग सीखिए
योग सीखने का सुनहरा मौका। पंडित अखिलेश नाथ से योग के आसान तथा सटीक आसन सीखिए। योग सीखने की फीस प्रति व्यक्ति 1000 रु० मासिक है। योग सीखने का समय प्रात: 5 से 7 बजे तथा सायं 5 से 7 बजे तक। संपर्क करें-योगेश्वर योग साधना केंद्र, सेक्टर-22, चंडीगढ़। मोबाइल न० 1464246200.

प्रश्न 4.
आपका नाम नीरज कुमार है। आप मकान नम्बर 1450, सैक्टर-19, नंगल में रहते हैं। आपने अपना नाम नीरज कुमार से बदल कर नीरज कुमार वर्मा रख लिया है। ‘नाम परिवर्तन’ शीर्षक के अंतर्गत विज्ञापन का प्रारूप तैयार करें।
उत्तर:
नाम परिवर्तन
मैं नीरज कुमार, मकान नंबर 1450, सैक्टर-19, नंगल निवासी ने अपना नाम बदलकर नीरज कुमार वर्मा रख लिया है। भविष्य में मुझे इसी नाम से पुकारा और लिखा जाए।

प्रश्न 5.
आपका नाम विमल प्रसाद है। आप मकान नंबर 227, सैक्टर-22, जगाधरी में रहते हैं। आपका मोबाइल नम्बर 1987642345 है। आप अपनी 2009 मॉडल की मारुति कार बेचना चाहते हैं। वर्गीकृत विज्ञापन के अंतर्गत ‘कार बिकाऊ है’ का प्रारूप तैयार करके लिखिए।
उत्तर:
कार बिकाऊ है
मारुति, मॉडल 2009 बिकाऊ है। कीमत 60000 रुपये हैं। चलती हालत में है। संपर्क करें-विमल प्रसाद मकान नम्बर 227, सैक्टर-22, जगाधरी, मोबाइल नंबर 1987642345।

प्रश्न 6.
आपका नाम सोनिया रानी है। आपको घर के कामकाज के लिए एक नौकरानी की आवश्यकता है। आपका फोन नम्बर 9988990380 है। वर्गीकृत विज्ञापन के अंतर्गत ‘नौकरानी की आवश्यकता है’ का प्रारूप तैयार करके लिखें।
उत्तर:
नौकरानी की आवश्यकता है
घर के कामकाज के लिए एक अनुभवी नौकरानी की आवश्यकता है। अच्छा वेतन, रहने के लिए कमरा, भोजन आदि दिया जाएगा। संपर्क करें-सोनिया रानी, मोबाइल नम्बर 9988990380.

प्रश्न 7.
आपका नाम अवधेश कुमार है। आपकी मेन बाज़ार मेरठ में रेडीमेड कपड़ों की दुकान है। आपका फोन नम्बर 1464566234 है। आपने अपनी दुकान में रेडीमेड कमीज़ों पर 60% भारी छूट दी है। ‘रेडीमेड कमीज़ों पर 60% भारी छूट’ विषय पर अपनी दुकान की ओर से एक विज्ञापन का प्रारूप तैयार करके लिखिए।
उत्तर:
रेडीमेड कमीज़ों पर 60% भारी छूट
रेडीमेड कमीज़ों पर 60% की भारी छूट। जल्दी आएँ अवसर का लाभ उठाएँ। कहीं मौका हाथ से छूट न जाए। पहली बार इतनी भारी छूट, तुरंत लाभ उठाएं। संपर्क करें-अवधेश कुमार, गुप्ता वस्त्र भंडार, मेन बाज़ार, मेरठ, मोबाइल नंबर 1464566234।

प्रश्न 8.
आपका नाम अमिताभ है। आपका सैक्टर-22. मुम्बई में बहुत बड़ा पाँच सितारा होटल है। आपका मोबाइल नम्बर 1354456695 है। आपको अपने होटल के लिए एक मैनेजर की आवश्यकता है। वर्गीकृत विज्ञापन के अंतर्गत ‘मैनेजर की आवश्यकता है’ का प्रारूप तैयार करके लिखिए।
उत्तर:
मैनेजर की आवश्यकता
सैक्टर-17, चंडीगढ़ में एक प्रतिष्ठित पाँच सितारा होटल में काम करने के लिए एक मैनेजर की आवश्यकता है। डॉक्टरी, बीमा, फंड की सुविधा। अंग्रेज़ी भाषा बोलना अनिवार्य है। न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता होटल मैनेजमेंट में डिग्री। वेतन योग्यतानुसार। तीन वर्ष का अनुभव आवश्यक। संपर्क करें—मोबाइल नंबर 1354456695

प्रश्न 9.
आपका नाम हरिराम है। आपकी सैक्टर-14, यमुनानगर में एक दस मरले की कोठी है। आप इसे बेचना चाहते हैं। आपका मोबाइल नम्बर 1456894566 है, जिस पर कोठी खरीदने के इच्छुक आपसे संपर्क कर सकते हैं। वर्गीकृत विज्ञापन के अंतर्गत ‘कोठी बिकाऊ है’ का प्रारूप तैयार करके लिखिए।
उत्तर:
‘कोठी बिकाऊ’
सैक्टर-14, यमुनानगर में एक दस मरले की कोठी बिकाऊ है। मार्बल फ्लोर, आधुनिक फिटिंग, चार कमरे, दो बाथरूम, एक किचन आधुनिक सुविधाओं से युक्त है। संपर्क करें-हरिराम, मोबाइल नंबर 1456894566.

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प्रश्न 10.
आपका नाम सुदेश कुमार है। आप मकान नम्बर 46, सैक्टर-4, नोएडा में रहते हैं। आपका बेटा जिसका नाम रोहित कुमार है उसका रंग साँवला, आयु दस वर्ष, कद चार फुट है। वह दिनांक 23.04.2015 से पुणे से गुम है। ‘गुमशुदा की तलाश’ शीर्षक के अंतर्गत विज्ञापन का प्रारूप तैयार करें।
उत्तर:
‘गुमशुदा की तलाश’ ‘मेरा पुत्र रोहित कुमार, जिसकी उम्र दस वर्ष, कद चार फुट और रंग सांवला है दिनांक 23 अप्रैल, 2015 से पुणे से लापता है। उसका पता देने वाले अथवा उसे घर तक पहुंचाने वाले को समुचित पुरस्कार दिया जाएगा। संपर्क करेंसुदेश कुमार, मकान नं० 46, सैक्टर 4-नोएडा।

प्रश्न 11.
आपका नाम नंद किशोर है। आप मकान नम्बर 69, पटियाला में रहते हैं, आपका पुत्र पीयूष 28 वर्ष, कद 5 फुट 9 ईंच, राजकीय अध्यापक हेतु कार्यरत वधू चाहिए। वैवाहिक शीर्षक के अंतर्गत विज्ञापन का प्रारूप तैयार करें।
उत्तर:
लड़का, आयु 28 वर्ष, कद 5 फुट 9 ईंच राजकीय अध्यापक पटियाला निवासी हेतु कार्यरत वधू चाहिए। संपर्क करें-नंद किशोर, म०न० 69, पटियाला।

प्रश्न 12.
आपका नाम अशोक शर्मा है, आप मकान नम्बर 87, सैक्टर 17, चण्डीगढ़ में रहते हैं। आपकी सुपुत्री पलक 25 वर्ष, कद 5 फुट 4 ईंच, एम०ए० पास हेतु योग्य वर चाहिए। वैवाहिक शीर्षक के अंतर्गत एक विज्ञापन का प्रारूप तैयार करें।
उत्तर:
शर्मा लड़की, आयु 25 वर्ष, कद 5 फुट 4 ईंच, एम० ए० पास हेतु योग्य वर चाहिए। संपर्क करें-अशोक शर्मा, म०नं० 87, सैक्टर 17, चण्डीगढ़।

II. सूचना

प्रश्न 1.
सूचना किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी संस्थान में सब के सूचनार्थ जारी किए गए वे आदेश जो संस्थान की दैनिक कार्यवाही के लिए आवश्यक होते हैं, सूचना कहलाते हैं।

प्रश्न 2.
‘सूचना’ शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर:
‘सूचना’ शब्द का अर्थ है-जानकारी या इत्तला। अंग्रेज़ी में इसे नोटिस कहते हैं।

प्रश्न 3.
जिस पर सूचना लिखी जाती है, उसे क्या कहते हैं?
उत्तर:
जिस पर सूचना लिखी जाती है उसे सूचना-पट या पटल कहते हैं।

प्रश्न 4.
अंग्रेजी भाषा में सूचना पटल को क्या कहते हैं?
उत्तर:
अंग्रेजी भाषा में सूचना पटल को नोटिस बोर्ड कहते हैं।

प्रश्न 5.
सूचना कितनी प्रकार की होती है?
उत्तर:
सूचना दो प्रकार की होती है।

प्रश्न 6.
प्रथम श्रेणी में कौन-सी सूचनाएँ आती हैं?
उत्तर:
प्रथम श्रेणी में बैंकों, क्लबों, हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों, स्कूल, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, सरकारी, गैरसरकारी आदि में सूचना पटल पर लिखी हुई आती हैं।

प्रश्न 7.
दूसरी श्रेणी में कौन-सी सूचनाएँ आती हैं?
उत्तर:
दूसरी श्रेणी में सार्वजनिक सूचनाएँ आती हैं।

प्रश्न 8.
सार्वजनिक सूचनाओं को कहाँ छपवाया जाता है?
उत्तर:
सार्वजनिक सूचनाओं को प्रायः समाचार-पत्रों में छपवाया जाता है।

प्रश्न 9.
सूचना लिखते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर:
सूचना लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-

  1. शीर्षक-सूचना लिखते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सूचना का शीर्षक साफ़ स्पष्ट और सरल रूप में लिखा होना चाहिए।
  2. संक्षिप्त-सूचना का आकार विस्तृत नहीं होना चाहिए। उसका रूप संक्षिप्त होना चाहिए। कम शब्दों में सारी बात ठीक प्रकार से समझाने वाला होना चाहिए।
  3. दिनांक-सूचना लिखते समय दिनांक लिखना अति आवश्यक होता है, ताकि पढ़ने वाले को सूचना जारी करने की तिथि का ज्ञान हो सके।
  4. छोटे वाक्य-सूचना लिखते समय छोटे-छोटे वाक्यों का प्रयोग करना चाहिए। सरल, संक्षिप्त वाक्य सूचना को सरल बनाते हैं।
  5. भाषा-सूचना लिखते समय प्रयोग की जाने वाली भाषा सरल, सहज तथा भावानुकूल होनी चाहिए। भाषा स्पष्टता से युक्त होनी चाहिए। कठिन शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
  6. सूचना पट-सूचना को लगाने वाला स्थान जिसे सूचना पट कहते हैं वह साफ, सुथरा होना चाहिए ताकि जो उस पर लिखा जाए या लगाया जाए उसे सरलता और स्पष्टता से पढ़ा जा सके। महत्वपूर्ण बातों को रेखांकित कर देना चाहिए।
  7. सरल-सूचना की भाषा अति सरल होनी चाहिए। कठिन शब्दों और लंबे वाक्यों के प्रयोग से बचना चाहिए।
  8. सूचना देने वाले के विषय में सूचना देने वाले का नाम, पद आदि का उल्लेख किया जाना चाहिए।

सूचना लेखन के उदाहरण

प्रश्न 1.
सरकारी हाई स्कूल, सैक्टर-56, चंडीगढ़ के मुख्याध्यापक की ओर से स्कूल के सूचना-पट (नोटिस बोर्ड) के लिए एक सूचना तैयार कीजिए, जिसमें स्कूल की सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए सैक्शन बदलने की अंतिम तिथि 18. 04. 2016 दी गयी हो।
उत्तर:
सैक्शन बदलने संबंधी सूचना
सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि जो विद्यार्थी किसी भी कारण अपना सैक्शन बदलना चाहता है वह अपना नाम अपने कक्षा अध्यापक को दिनांक 07 मई, 20….. से पहले लिखवा दे।

मुख्याध्यापक
सरकारी हाई स्कूल
सैक्टर-14, चंडीगढ़।

प्रश्न 2.
आपका नाम प्रदीप कुमार है। आप सूर्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल, पठानकोट में हिंदी के अध्यापक हैं। आप स्कूल की हिंदी साहित्य समिति के सचिव हैं। इस समिति द्वारा आपके ही स्कूल में दिनांक 11. 08. 20….. को ‘सड़क सुरक्षा’ विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इस संबंध में आप अपनी ओर से एक सूचना तैयार कीजिए जिसमें विद्यार्थियों को इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कहा गया हो।
उत्तर:
भाषण प्रतियोगिता का आयोजन
विद्यालय के सभी विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि हिंदी-साहित्य-समिति की ओर से दिनांक 11 अगस्त, सन् 20…. को विद्यालय के हाल में ‘सड़क सुरक्षा’ विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इसमें नगर के सभी विद्यालयों के विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। इस प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु आप सभी आमंत्रित हैं। आप अपना नाम 20 जुलाई तक सचिव हिंदी-साहित्य-समिति के पास लिखा दें।

प्रदीप कुमार
सचिव, हिंदी साहित्य समिति।
सूर्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल, पठानकोट।

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प्रश्न 3.
आपका नाम परंजय कुमार है। आप संकल्प पब्लिक स्कूल, पटियाला के डायरेक्टर हैं। आपके स्कूल में दिनांक 7 सितंबर, 20….. को विज्ञान प्रदर्शनी लग रही है। आप अपनी ओर से एक सूचना तैयार कीजिए जिसमें स्कूल के विद्यार्थियों को इसमें भाग लेने के लिए कहा गया हो।
उत्तर:
विज्ञान प्रदर्शनी
आप सभी विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि आपके विद्यालय में दिनांक 07 सितंबर, 20….. को एक विज्ञान प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है। जो भी विद्यार्थी इस प्रदर्शनी में भाग लेना चाहता है, वह अपना नाम कक्षा अध्यापक को 20 अगस्त से पहले दे दें। विद्यालय के सभी विद्यार्थियों से आग्रह है कि वे प्रदर्शनी में भाग लें।

परंजय कुमार
डायरेक्टर
संकल्प पब्लिक स्कूल
पटियाला।

प्रश्न 4.
आपके ज्ञान प्रकाश मॉडल सीनियर सैकेंडरी स्कूल, मोहाली में दिनांक 06. 12. 20…. को वार्षिक उत्सव पर गिद्दा और भाँगड़ा का आयोजन किया जा रहा है। स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अध्यक्ष श्री भूपेंद्रपाल सिंह द्वारा एक सूचना तैयार कीजिए, जिसमें इच्छुक विद्यार्थियों को इनमें भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया हो।
उत्तर:
वार्षिक उत्सव संबंधी सूचना
सभी विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि दिनांक 06 दिसंबर, सन् 20….. को विद्यालय का वार्षिक उत्सव मनाने का आयोजन किया जा रहा है। इस उत्सव में गिद्दा और भाँगड़ा का आयोजन भी होगा। जो विद्यार्थी इनमें भाग लेना चाहते हैं, वे सभी अपना नाम सांस्कृतिक कार्यक्रम के अध्यक्ष को 15 नवम्बर से पहले दे दें।

भूपेंद्रपाल सिंह
अध्यक्ष, सांस्कृतिक कार्यक्रम।
ज्ञान प्रकाश मॉडल सीनियर सैकेंडरी स्कूल, मोहाली।

प्रश्न 5.
आपका नाम जगदीश सिंह है। आप आलोक सीनियर सैकेण्डरी स्कूल, मानसा के ड्रामा क्लब के डायरेक्टर हैं। आपके स्कूल में 25 दिसंबर, 20…. को एक ऐतिहासिक नाटक का मंचन किया जाना है, जिसका नाम है ‘रानी लक्ष्मीबाई’। आप इस संबंध में एक सूचना तैयार करें जिसमें विद्यार्थियों को उपर्युक्त नाटक में भाग लेने के लिए नाम लिखवाने के लिए कहा गया हो।
उत्तर:
‘रानी लक्ष्मीबाई’ नाटक का मंचन विद्यालय के सभी विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि दिनांक 25 दिसंबर, सन् 20….. को विद्यालय के ड्रामा क्लब की ओर से ऐतिहासिक नाटक ‘रानी लक्ष्मीबाई’ का मंचन होने जा रहा है। इस नाटक में भाग लेने के लिए इच्छुक विद्यार्थी सादर आमंत्रित हैं। नाटक में भाग लेने वालों के लिए विद्यालय की ओर से प्रशिक्षण हेतु समुचित व्यवस्था की जाएगी।

जगदीश सिंह
डायरेक्टर, ड्रामा क्लब,
रोपड़।

प्रश्न 1.
महर्षि दयानंद विद्यालय दिनांक 15 मई से 1 जुलाई, 20 ……… तक ग्रीष्मावकाश के लिए बंद रहेगा। इस आशय की सूचना जारी करें।
उत्तर:
महर्षि दयानंद विद्यालय,
मुक्तसर।
दिनांक 10 मई, 20….
सूचना
सभी विद्यार्थियों तथा अध्यापकों को सूचित किया जाता है कि ग्रीष्मावकाश के कारण विद्यालय 15 मई से 1 जुलाई, 20……. तक बंद रहेगा। विद्यालय 2 जुलाई को प्रातः 8 बजे खुलेगा।

सर्वजीत कौर
प्राचार्य।

प्रश्न 2.
राजकीय विद्यालय, फरीदकोट के अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को अपनी छात्रवृत्ति महाविद्यालय के लेखापाल से प्राप्त करने की सूचना जारी करें।
उत्तर:
राजकीय विद्यालय,
फरीदकोट।
दिनांक 10 मई, 20….
सूचना

अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों की छात्रवृत्तियां पंजाब सरकार से प्राप्त हो गई हैं। वे विद्यालय के लेखापाल से खिड़की संख्या दो पर अपनी छात्रवृत्ति किसी भी कार्य दिवस में प्रातः 9 बजे से दोपहर 1-00 बजे तक प्राप्त कर सकते हैं।

गोविंद सिंह बेदी
प्राचार्य।

प्रश्न 3.
श्री हरबंस लाल भंडारी का पंद्रह वर्षीय लड़का घर से भाग गया है। उसकी तलाश के लिए सूचना जारी करने का प्रारूप प्रस्तुत करें।
उत्तर
सूचना
सभी को सूचित किया जाता है कि मेरा पुत्र जिसका नाम संदीप कुमार है दिनांक 22 सितंबर से घर से लड़ कर भाग गया है। उसकी उम्र पन्द्रह वर्ष, कद 5′-2″, शरीर गठीला, चेहरा गोल तथा बायें गाल पर चोट का निशान है। उसने काली सफेद धारियों वाली कमीज़ तथा खाकी पैंट पहनी हुई है। उसका पता देने वाले अथवा घर तक पहुंचाने वाले को समुचित पुरस्कार दिया जाएगा। यदि संदीप स्वयं इस सूचना को पढ़ता है तो वह स्वयं घर चला आए। उसकी माँ बहुत बीमार है। उसे अब कोई कुछ नहीं कहेगा।

हरबंस लाल भंडारी
512-सदर बाजार,
फिरोज़पुर छावनी।

प्रश्न 4.
भूकंप पीड़ितों की सहायता के लिए सूचना जारी करें।
उत्तर:
सूचना
भूकंप पीड़ितों की सहायता के लिए आर्थिक सहायता

आम जनता को सूचित किया जाता है कि जो दानी महानुभाव/स्वयंसेवी संगठन और निजी तौर पर गुजरात के भूकंप पीड़ितों के लिए राहत कार्यों हेतु वित्तीय सहायता देने के इच्छुक हैं, वह ‘पंजाब चीफ मिनिस्टर रिलीफ फंड गुजरात’ के नाम चैक/ड्राफ्ट तैयार करवा करके पंजाब सिविल सचिवालय, चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री के कार्यालय में डाक द्वारा या स्वयं दे सकते हैं।

जारीकर्ता
सूचना एवं लोक संपर्क, पंजाब।

प्रश्न 5.
अपने विद्यालय में वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह मनाने के लिए सूचना लिखें।
उत्तर:
गुरु नानक देव कन्या विद्यालय, खन्ना
दिनांक 13 मार्च, 20 …………..
सूचना

विद्यालय का वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह विद्यालय परिसर में शनिवार दिनांक 17 मार्च, 20………… को प्रातः 11.00 बजे मनाया जाएगा। मुख्य अतिथि श्रीमती सिमरण कौर, शिक्षा आयुक्त होंगी। सभी विद्यार्थियों और अध्यापकों की उपस्थिति अनिवार्य है।

समारोह के बाद जलपान की व्यवस्था है।
तृप्ता सचदेवा
प्रधानाचार्य।

प्रश्न 6.
अपने विद्यालय में गुरु नानक देव जी का प्रकाशोत्सव मनाने के लिए सूचना लिखें।
उत्तर:
माता प्रकाश कौर कन्या उच्च विद्यालय, फिरोज़पुर
दिनांक : 15 नवम्बर, 20……..
सूचना

सभी विद्यार्थियों और अध्यापकों को सूचित किया जाता है कि मंगलवार दिनांक 19 नवंबर, 20……. को प्रात: 11.00 बजे विद्यालय परिसर में श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाशोत्सव मनाया जाएगा। इसमें विभिन्न विद्वान् तथा रागी अपने प्रवचन तथा राग प्रस्तुत करेंगे। इस समागम में सबकी उपस्थिति अनिवार्य है। दोपहर 12.30 बजे से अखंड लंगर का प्रबंध है।
सिमरन कौर
प्राचार्य।

प्रश्न 7.
अपने विद्यालय में वृक्षारोपण समारोह मनाने के लिए सूचना लिखें।
उत्तर:
भारतीय विद्या मंदिर,
खन्ना।
दिनांक 14 जुलाई, 20……
सूचना

समस्त विद्यार्थियों तथा अध्यापकों को सूचित किया जाता है कि विद्यालय परिसर में बुधवार, दिनांक 20 जुलाई, 20………… को प्रातः वृक्षारोपण समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस समारोह की अध्यक्षता प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ० गोविंद खुराना करेंगे तथा विद्यालय प्रांगण में वृक्ष लगाए जाएंगे। सभी विद्यार्थियों तथा अध्यापकों की उपस्थिति अनिवार्य है।

के० सी० शर्मा
प्रधानाचार्य।

प्रश्न 8.
अपने विद्यालय में गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाशोत्सव मनाने के लिए सूचना लिखें।
उत्तर:
दयाल सिंह पब्लिक स्कूल,
मोहाली।
दिनांक 12 फरवरी, 20……………
सूचना

सभी विद्यार्थियों और अध्यापकों को सूचित किया जाता है कि सोमवार, दिनांक 21 फरवरी, 20………… प्रातः 10 बजे विद्यालय परिसर में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा जिसमें विद्वानों के प्रवचन तथा रागियों के रागों का आयोजन किया गया है। सभी की उपस्थिति अनिवार्य है।
दोपहर बाद 1.00 बजे से अखंड लंगर का आयोजन होगा।
एस० के० सिंह
प्रधानाचार्य।

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प्रश्न 9.
अपने विद्यालय में शहीद भगत सिंह जी का शहीदी दिवस मनाने के लिए सूचना लिखो।
उत्तर:
राजकीय उच्च विद्यालय,
होशियारपुर।
दिनांक : 10, अप्रैल 20……….
सूचना

सभी विद्यार्थियों और अध्यापकों को सूचित किया जाता है कि विद्यालय परिसर में बुधवार, दिनांक 18 अप्रैल, 20…….. को प्रातः 10.00 बजे अमर शहीद भगत सिंह जी का शहीदी दिवस मनाया जाएगा जिसमें अनेक विद्वान् अपने-अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। इस समारोह में सभी की उपस्थिति अनिवार्य है।

समारोह के पश्चात् जलपान का प्रबंध है।
हरभजन सिंह संधु प्राचार्य।
विद्यालय,

प्रश्न 10.
अपने विद्यालय में अध्यापक दिवस मनाने के लिए सूचना लिखें।
उत्तर:
गुरु तेग़ बहादुर पब्लिक स्कूल, नाभा। दिनांक : 01 सितम्बर, 20………
सूचना

सभी विद्यार्थियों तथा अध्यापकों को सूचित किया जाता है कि दिनांक 05 सितंबर, 20……….. को प्रातः 9.00 बजे विद्यालय प्रांगण में अध्यापक दिवस मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अध्यापक श्री रत्नसिंह चावला करेंगे।
इस कार्यक्रम में सभी की उपस्थिति अनिवार्य है।
देवेंद्र सिंह सचदेव
प्राचार्य।

प्रश्न 1.
लुधियाना पुलिस की ओर से एक सार्वजनिक सूचना लिखिए जिसमें आम जनता को लावारिस वस्तुओं एवं सामान को न छूने की सलाह दी गई हो।
उत्तर:
सार्वजनिक सूचना
सभी जनमानस को सूचित किया जाता है कि लावारिस पड़ी वस्तुओं को हाथ न लगाएं। ऐसी वस्तुएँ जानलेवा या विस्फोटक हो सकती हैं। इनमें बम आदि होने की आशंका हो सकती है। लावारिस वस्तु देखने या संदेह होने पर तुरंत पुलिस को 100 नम्बर पर सूचना दें।
जारीकर्ता लुधियाना, पुलिस।

प्रश्न 2.
डी० ए० वी० पब्लिक स्कूल, जालन्धर (पंजाब) के प्राचार्य की ओर से विद्यालय के अभिभावकों को माता-पिता-शिक्षक-बैठक सम्बन्धी सूचना लिखिए।
उत्तर:
माता-पिता-शिक्षक-बैठक सम्बन्धी सूचना
आप सभी सम्मान योग्य अभिभावकों को सूचित किया जाता है कि आगामी 15 अक्तूबर को माता-पिता-शिक्षकबैठक का आयोजन सुबह 9.00 बजे से 12.00 बजे तक रखा गया है। बैठक में सभी विद्यार्थी विद्यालय की वर्दी में अपने माता-पिता के साथ उपस्थित हों।

प्राचार्य
डी० ए० वी० पब्लिक स्कूल,
जालन्धर (पंजाब)

प्रश्न 3.
आपका नाम विनोद पाण्डेय है। आप विद्यालय के सांस्कृतिक क्लब के अध्यक्ष हैं। विद्यालय में क्लब की ओर से वाद-विवाद प्रतियोगिता ‘बेटी-बचाओ-बेटी-पढ़ाओ’ विषय पर होनी निश्चित हुई है। इस संदर्भ में एक सूचना लिखिए।
उत्तर:
वाद-विवाद प्रतियोगिता सम्बन्धी सूचना
समस्त विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि विद्यालय परिसर में बुधवार, दिनांक 20 अप्रैल, 20…… को प्रातः 10.00 बजे ‘बेटी-बचाओ-बेटी-पढ़ाओ’ विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। जो विद्यार्थी इस प्रतियोगिता में भाग लेना चाहते हैं। वह कक्षा अध्यापक को 16 अप्रैल तक अपना नाम लिखवा दें। प्रतियोगिता की अध्यक्षता प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ० गणपति चंद्र गुप्त कर रहे हैं।

विनोद पाण्डेय
अध्यक्ष,
सांस्कृतिक क्लब।

प्रश्न 4.
सरकारी मॉडल सीनियर सैकेंडरी स्कूल, रामनगर के प्रिंसीपल की ओर से सूचना-पट के लिए एक सूचना तैयार करें जिसमें वर्दी न पहनकर आने वाले विद्यार्थियों को अनुशासनिक कार्यवाही की चेतावनी दी गई हो।
उत्तर:
वर्दी पहनना अनिवार्य
सभी विद्यार्थियों को सचित किया जाता है कि वे सभी नियमित रूप से प्रतिदिन विद्यालय में वर्दी पहनकर आएं। वर्दी न पहनकर आने वाले विद्यार्थियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। जो विद्यार्थी अभी तक किसी भी कारण से अपनी वर्दी नहीं ले पाएं हैं उन्हें 3 दिन का अतिरिक्त समय दिया जा रहा है। दिनांक-06 मई, 20…. प्रिंसीपल सरकारी

मॉडल सीनियर
सैकेंडरी स्कूल,
रामनगर।

प्रश्न 5.
आपका नाम विशाल कुमार है। आप सरकारी हाई स्कूल लुधियाना में पढ़ते हैं। आप एन० एस० एस० यूनिट के मुख्य सचिव हैं। आपके स्कूल में दिनांक 25 मई, 20…… को रक्तदान शिविर का आयोजन किया जा रहा है। आप अपनी तरफ से एक नोटिस तैयार करें जिसमें स्कूल के विद्यार्थियों से रक्तदान के लिए अनुग्रह किया जाये।
उत्तर:
रक्तदान शिविर का आयोजन
विद्यालय के सभी विद्यार्थियों को सूचित किया जा रहा है कि आपके विद्यालय के प्रांगण में दिनांक 25 मई, 20….. को एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया जा रहा है। रक्त दान से बड़ा कोई दान नहीं होता। जो भी विद्यार्थी स्वेच्छा से रक्तदान करना चाहता है वह सादर आमंत्रित है। आपके द्वारा दिया गया रक्त किसी के जीवन को बचा सकता है।

दिनांक 18 मई, 20………
विशाल कुमार
मुख्य सचिव एन० एस० एस० यूनिट ।।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran विज्ञापन, सूचना और प्रतिवेदन

प्रश्न 6.
आपका नाम मुकेश वर्मा है। आपके ‘माँ सरस्वती विद्यालय’ जगाधरी के बारहवीं कक्षा के विद्यार्थी शैक्षणिक भ्रमण हेतु दिनांक 14 सितंबर, 20……को रॉक गार्डन देखने चंडीगढ़ जा रहे हैं। आप स्कूल के छात्रसंघ के सचिव हैं। आप अपनी ओर से इस संबंध में एक सूचना तैयार कीजिए।
उत्तर:
शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन
बारहवीं कक्षा के सभी विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि विद्यालय की ओर से दिनांक 14 सितंबर, 20….. को रॉक गार्डन चंडीगढ़ भ्रमण का आयोजन किया गया है। भ्रमण फीस 300 रुपए प्रति विद्यार्थी है। जो विद्यार्थी इस भ्रमण में जाने के इच्छुक हैं, वे अपने कक्षा अध्यापक से संपर्क करें। इच्छुक विद्यार्थी 10 सितंबर से पहले अपना नाम और निश्चित धनराशि जमा करवा दें।

मुकेश वर्मा
सचिव छात्रसंघ

प्रश्न 7.
आपका नाम चाीं है। आप आदर्श इंटरनेशनल स्कूल दादर (मुंबई) में पढ़ती हैं। आप अपने स्कूल की वार्षिक पत्रिका की छात्र-सम्पादिका है। आप पत्रिका के लिए विद्यार्थियों से वर्ष 20….. के अंक के लिए कहानियाँ, कविताएँ, लघु कथाएँ, लेख प्राप्त करने के लिए अपनी ओर से सूचना तैयार कीजिए।
उत्तर:
वार्षिक पत्रिका संबंधी सूचना
विद्यालय के सभी विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि वर्ष 20….. के लिए वार्षिक पत्रिका के छपने का समय निश्चित हो गया है। इस पत्रिका में छपने के लिए जो विद्यार्थी अपनी कहानी, कविता, लेख एवं लघु कथाएँ देना चाहता है, वह अपनी मौलिक रचना 15 अक्तूबर तक छात्र सम्पादिका के पास जमा करवा दें।

चार्वी
वार्षिक पत्रिका-छात्र सम्पादिका।

प्रश्न 8.
सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल, किशनपुरा के प्रिंसीपल की ओर से सूचना-पट के लिए एक सूचना तैयार करें जिसमें प्रिंसीपल की ओर से सभी अध्यापकों और छात्रों को 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में सुबह 8.00 बजे स्कूल आना अनिवार्य रूप से कहा गया हो।
उत्तर:
गणतंत्र दिवस कार्यक्रम
विद्यालय के सभी विद्यार्थियों एवं अध्यापकों को सूचित किया जाता है कि गणतंत्र दिवस कार्यक्रम विद्यालय परिसर में 26 जनवरी को प्रात: 8.00 बजे मनाया जाएगा। मुख्य अतिथि श्रीमती निर्मल सिंह, शिक्षा आयुक्त होंगी। सभी विद्यार्थियों और अध्यापकों की उपस्थिति अनिवार्य है। समारोह के बाद मिष्ठान वितरण की भी व्यवस्था है। प्राचार्य सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल किशनपुरा।

प्रश्न 9.
आपका नाम रवि कुमार है। आप सूर्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल, पठानकोट में हिंदी के अध्यापक हैं। आप स्कूल की हिंदी साहित्य समिति के सचिव हैं। इस समिति द्वारा आपके ही स्कूल में दिनांक 11. 08. 2018 ‘ को ‘सड़क सुरक्षा’ विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इस संबंध में आप अपनी ओर से एक सूचना तैयार कीजिए जिसमें विद्यार्थियों को इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कहा गया हो।
उत्तर:
भाषण प्रतियोगिता का आयोजन
विद्यालय के सभी विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि हिंदी साहित्य समिति की ओर से दिनांक 11 अगस्त, सन् 2018 को विद्यालय के हाल में ‘सड़क सुरक्षा’ विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इसमें नगर के सभी विद्यालयों के विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। इस प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु आप सभी आमंत्रित हैं। आप अपना नाम 20 जुलाई तक सचिव हिंदी साहित्य समिति के पास लिखा दें।

रवि कुमार
सचिव, हिंदी साहित्य समिति।
सूर्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल, पठानकोट।

III. प्रतिवेदन

प्रश्न 1.
आपका नाम संदीप कुमार है। आप सरकारी हाई स्कूल, नवांशहर में पढ़ते हैं। आप अपने स्कूल के छात्र संघ के सचिव हैं। आपके स्कूल में दिनांक 14 नवंबर, 20….. को ट्रैफिक पुलिस अधिकारी द्वारा विद्यार्थियों को सड़क पर चलने के नियमों की जानकारी दी गयी तथा इस संबंधी पढ़ने की सामग्री भी दी गयी। इस आधार पर प्रतिवेदन लिखिए।
उत्तर:
शीर्षक-सड़क सुरक्षा गोष्ठी
सरकारी हाई स्कूल, नवाँशहर के परिसर में दिनांक 14 नवंबर, 20….. को प्रातः 10 बजे स्थानीय ट्रैफिक पुलिस अधिकारी द्वारा विद्यार्थियों को सड़क पर चलने के नियमों की जानकारी देते हुए बताया कि सड़क पर किस प्रकार से सुरक्षित चलना चाहिए। उन्होंने यातायात से संबंधित विभिन्न नियमों की सामग्री भी पढ़ने के लिए विद्यार्थियों में वितरित की। उन्होंने मंत्र दिया कि सड़क पर सावधानी से चलने में ही सुरक्षा है। मुख्याध्यापक महोदय ने उनकी इस महत्त्वपूर्ण ‘जानकारी देने के लिए आभार व्यक्त किया।

संदीप कुमार
सचिव, छात्र संघ

प्रश्न 2.
आपका नाम मनजीत सिंह है। आप चंडीगढ़ पब्लिक स्कूल, चंडीगढ़ में पढ़ते हैं। आप अपने स्कूल के हिन्दी साहित्य परिषद् के सचिव हैं। आपके स्कूल में दिनांक 20 नवम्बर, 20….. को हास्य कवि-सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न कक्षाओं के विद्यार्थियों ने भाग लिया। कवियों द्वारा अपनी हास्य कविताओं से सभी का मनोरंजन किया गया। इस आधार पर प्रतिवेदन लिखिए।
उत्तर:
शीर्षक-हास्य कवि-सम्मेलन का आयोजन
चंडीगढ़ पब्लिक स्कूल, चंडीगढ़ के सभागार में दिनांक 20 नवंबर, 20….. को प्रातः 11 बजे मुख्याध्यापक श्री रतनचंद्र शर्मा जी की अध्यक्षता में एक हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न कक्षाओं के चौबीस विद्यार्थियों ने अपनी हास्य कविताओं द्वारा श्रोताओं को हँसा-हँसा कर लोट-पोट कर दिया। सर्वश्रेष्ठ प्रथम तीन विद्यार्थियों को मुख्याध्यापक महोदय ने विजयोपहार प्रदान किए। कार्यक्रम की समाप्ति पर अल्पाहार का विशेष प्रबंध किया गया था।

मनजीत सिंह
सचिव, हिंदी साहित्य परिषद्

प्रश्न 3.
आपका नाम सूर्यप्रकाश है। आप उपकार हाई स्कूल, नागपुर में पढ़ते हैं। आप स्कूल के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अध्यक्ष हैं। आप स्कूल में दिनांक 01 दिसम्बर, 20….. को विश्व एड्स दिवस मनाया गया जिसमें : डॉ० कंवलदीप सिंह मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर विद्यार्थियों को एड्स के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से पोस्टर मेकिंग, नारा-लेखन, भाषण व निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। डॉ० साहिब ने एड्स के प्रति विद्यार्थियों की सभी भ्रांतियों को दूर किया तथा प्रत्येक प्रतियोगिता में पहले तीन स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया। इस आधार पर प्रतिवेदन लिखिए।
उत्तर:
शीर्षक-विश्व एड्स दिवस समारोह
उपकार हाई स्कूल, नागपुर के परिसर में दिनांक 01 दिसंबर, 20….. को विश्व एड्स दिवस के उपलक्ष्य में पोस्टर मेकिंग, नारा लेखन, भाषण तथा निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिनमें विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस आयोजन के मुख्य अतिथि डॉ० कंवलदीप सिंह ने एड्स से संबंधित विभिन्न भ्रांतियों का निवारण करते हुए एड्स पीड़ितों के प्रति सद्भाव रखने के लिए श्रोताओं को प्रेरित किया और प्रत्येक प्रतियोगिता में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को विजयोपहारों से सम्मानित किया। मुख्याध्यापक महोदय ने मुख्य अतिथि का आभार व्यक्त किया।

सूर्यप्रकाश
अध्यक्ष, सांस्कृतिक कार्यक्रम

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प्रश्न 4.
आपका नाम अमनदीप सिंह है। आप सरकारी हाई स्कूल देसूमाजरा में पढ़ते हैं। आप अपने स्कूल के एन०एन०एस० यूनिट (राष्ट्रीय सेवा योजना) की सचिव हैं। आपके स्कूल में दिनांक 12 अक्तूबर, 20….. को स्थानीय सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की टीम के सहयोग से दो दिवसीय ‘दंत-जाँच-शिविर’ का आयोजन किया गया। डॉक्टरों द्वारा विद्यार्थियों के दाँतों की जाँच की गयी और रोगियों को मुफ्त दवाइयाँ दी गयीं। उन्हें दाँतों की सफाई व सुरक्षा के बारे में जागरूक भी किया गया। इस आधार पर प्रतिवेदन लिखिए।
उत्तर:
शीर्षक-‘दंत जाँच शिविर’ का आयोजन
सरकारी हाई स्कूल, देसूमाजरा में स्कूल के एन०एस०एस० यूनिट द्वारा स्कूल परिसर में दिनांक 12 अक्तूबर, सन् 20….. को स्थानीय सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की टीम के सहयोग से दो दिवसीय ‘दंत जाँच शिविर’ का आयोजन किया गया। डॉक्टरों ने विद्यार्थियों के दाँतों की जाँच की और रोगियों को मुफ्त दवाइयाँ दी तथा उन्हें दाँतों की सफाई और सुरक्षा के बारे में जागरूक किया। मुख्याध्यापक महोदय ने डॉक्टरों का आभार व्यक्त किया।

अमनदीप
सचिव एन०एन०एस०यूनिट
(राष्ट्रीय सेवा योजना)

प्रश्न 5.
आपका नाम अनुकांत कौशल है। आप दयानंद पब्लिक स्कूल, बहादुरगढ़ में पढ़ते हैं। आप दसवीं कक्षा के प्रतिनिधि छात्र हैं। आपकी कक्षा का एक छात्र दल दिनांक 16.12.20….. को शैक्षिक भ्रमण हेतु चंडीगढ़ गया था जहाँ उन्होंने रोज़ गाडर्न व रॉक गाडर्न के साथ-साथ पंजाब विश्वविद्यालय की सैर की। इस आधार पर प्रतिवेदन लिखिए।
उत्तर:
विषय-शैक्षिक भ्रमण
दयानंद पब्लिक स्कूल, बहादुरगढ़ की कक्षा दसवीं के दस छात्रों का एक दल दिनांक 16.12.20….. को शैक्षिक भ्रमण के लिए चंडीगढ़ गया, जहाँ उन्होंने रोज़ गार्डन, रॉक गार्डन, पंजाब विश्वविद्यालय सचिवालय, सुखना लेक आदि स्थानों का भ्रमण किया। साथ गए अध्यापक महोदय ने सभी स्थानों की विशेषताओं से परिचित कराते हुए भ्रमण के महत्त्व पर प्रकाश डाला। सभी छात्र इस भ्रमण यात्रा से अत्यंत प्रसन्न तथा लाभान्वित हुए।

अनुकान्त कौशल
प्रतिनिधि, कक्षा दसवीं

परीक्षोपयोगी प्रतिवेदन के कुछ अन्य उदाहरण

प्रश्न 1.
आप के स्कूल में हिंदी साहित्य परिषद् की एक सभा हिंदी दिवस समारोह को मनाने हेतु आयोजित की। गई। उसका प्रतिवेदन लिखिए।
उत्तर:
“हिंदी-दिवस समारोह’ संबंधी प्रतिवेदन
स्कूल में हिंदी भाषा के प्रति विद्यार्थियों के हृदय में इस का निरंतर प्रयोग करने के भाव जगाने और इसकी वैज्ञानिक प्रकृति को समझाने के लिए 14 सितंबर को व्यापक स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता हिंदी साहित्य परिषद् के द्वारा अनुभव की गई हैं। अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा प्राप्त करने के कारण विज्ञान और वाणिज्य विषय पढ़ने वाले विद्यार्थियों की सामान्य बोलचाल की भाषा में अंग्रेज़ी का प्रभाव निरंतर बढ़ता जा रहा है जो किसी भी प्रकार से उचित नहीं है। हिंदी हमारे देश की राजभाषा है और इस का मानसम्मान बना कर रखना अति आवश्यक है। किसी भी स्वतंत्र राष्ट्र के लिए अपनी भाषा की पहचान और प्रयोग गर्व की बात है। स्कूल में हिंदी दिवस पर भाषण, कविता-पाठ और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। हिंदी के गौरव को प्रकट करने वाली उक्तियाँ स्कूल परिसर में लिखी जाएंगी। गत वर्ष की वार्षिक हिंदी परीक्षा विषय में अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थी को स्कूल की सभा में सम्मानित किया जाएगा।

डॉ० सुनीता कौशल
प्राचार्या
दिनांक 12 अगस्त, 20…

प्रश्न 2.
इस वर्ष ग्रीष्म ऋतु में राज्य में विद्युत उत्पादन बहुत कम हुआ है। इस संबंध में जांच करने के बाद अधिकारी को प्रतिवेदन लिखिए।
उत्तर:
‘राज्य में’ कम विद्युत उत्पादन संबंधी प्रतिवेदन इस वर्ष ग्रीष्म ऋतु में राज्य के सभी जिलों में विद्युत का गंभीर संकट अनुभव किया गया जिस कारण जनता को भीषण कष्ट उठाना पड़ा। इससे खेतों में फ़सलों को अपार क्षति हुई और राज्य की औद्योगिक इकाइयों की उत्पादन क्षमता पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा। राज्य के विभिन्न नगरों-कस्बों में विद्युत विभाग को जनता का आक्रोश झेलना पड़ा।

राज्य की विद्युत क्षमता को कोयले की कम आपूर्ति ने प्रभावित किया। राज्य सरकार के द्वारा समय पर भुगतान न होने के कारण कोयला खानों से समय पर कोयला थर्मल प्लांटों में नहीं पहुंचा। पानीपत के चार में से दो यूनिट तो पिछले दो महीने से बंद पड़े हैं। शेष दो अपनी क्षमता से आधा विद्युत उत्पादन कर रहे हैं। भाखड़ा के जल स्तर में कमी हो जाने के कारण राज्य को अपने पूल में कम बिजली प्राप्त हुई। उत्तर भारत ग्रिड पर अधिक लोड होने के कारण भी विद्युत संकट की स्थिति बिगड़ी।

मानसून आने तक यह स्थिति बनी रहने की संभावना है। थर्मल प्लांटों को पूरी क्षमता से विद्युत प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त कोयले को मंगवाना होगा। यदि कोयले की देश में कमी है तो उसे आयात करने का प्रबंध किया जाए।

राजस्थान सीमा के निकट राज्य में कुछ क्षेत्रों पर सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पन्न की जा सकने की स्थितियाँ हैं। नवीकरणीय ऊर्जा प्रबंधन के केंद्रीय विभाग से सहायता प्राप्त सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन की प्रक्रिया आरंभ की जाए।

महीय गोस्वामी
चेयरमैन
18 जुलाई, 20…

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प्रश्न 3.
पिछले सप्ताह स्कूल के माली और चपरासी में हुए आपसी झगड़े और मारपीट की एक सदस्यीय जाँच संबंधी प्रतिवेदन प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
‘माली और चपरासी में आपसी झगड़े’ संबंधी प्रतिवेदन
‘बुधवार, 4 जुलाई को श्री राम लखन (माली) और श्री नरेश कुमार (चपरासी) के बीच प्रयोगशाला के निकट बोटेनीकल पार्क में झगड़ा हुआ। उस समय स्कूल लगा हुआ था और प्रयोगशालाओं में विद्यार्थी काम कर रहे थे। झगड़ा किसी गंभीर विषय से संबंधित नहीं था। नरेश कुमार के गाली देने और क्रोधी स्वभाव के कारण दोनों में हुआ झगड़ा मारपीट तक जा पहुँचा। इस झगड़े से प्रयोगशाला और कक्षाओं में विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हुई और कर्मचारियों में अनुशासनहीनता की बात अनेक घरों तक पहुँची, जो स्कूल के लिए अच्छा नहीं है।

दोनों कर्मचारी स्कूल में पिछले बीस वर्ष से कार्य कर रहे हैं। श्री नरेश कुमार पहले भी तीन-चार बार अन्य कर्मचारियों से झगड़ा और मारपीट कर चुके हैं। उनके विरुद्ध इससे पहले कभी भी कोई कार्यवाही नहीं हुई जिस कारण उनका दुस्साहस बढ़ता जा रहा है।

श्री नरेश कुमार को लिखित चेतावनी दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

डॉ० रवनीत कौर
अध्यक्ष
जीव विज्ञान विभाग
14 जुलाई, 20…

प्रश्न 4.
मानसिक रूप से विक्षिप्त लोगों के लिए आंशिक सरकारी सहायता प्राप्त संस्था कल्याण की स्थिति स्पष्ट करने हेतु ज़िम्मेदारी उपायुक्त महोदय ने चार सदस्यों की एक जाँच समिति को सौंपी थी। इस का एक प्रतिवेदन लिखिए।
उत्तर:
मॉडल टाऊन में स्थित संस्था ‘कल्याण’ की स्थिति से संबंधित प्रतिवेदन उपायुक्त महोदय के द्वारा गठित जाँच समिति नगर के मॉडल टाऊन में स्थित मानसिक रूप से विक्षिप्त लोगों के लिए आंशिक सरकारी सहायता से चलने वाली संस्था की पूर्ण जाँच करके निम्नलिखित प्रतिवेदन प्रस्तुत करती है-

  1. ‘कल्याण’ पूर्ण रूप से सरकारी संस्था नहीं है। इसे सरकारी सहायता अवश्य प्राप्त होती है पर यह पूर्ण रूप से उससे न चल कर नगर के दानी और उपकारी लोगों के सहयोग से चलती है।
  2. ‘कल्याण’ की निश्चित आय का स्रोत कोई नहीं है। यह संस्था अपने प्रयत्नों से अपने लिए कुछ आर्थिक आधार तैयार करने योग्य है।
  3. ‘कल्याण’ में तीन वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की आयु के 200 मानसिक रूप से विक्षिप्त लोग रहते हैं। इनमें से तीस लोग शारीरिक रूप से विकलांग भी हैं।
  4. ‘कल्याण’ में विक्षिप्तों और विकलांगों की देखभाल करने के लिए 24 लोग हैं जिन्हें संस्था निश्चित वेतन देती है। वह वेतन संस्था के द्वारा ही निर्धारित किया जाता है और उस में प्रतिवर्ष वृद्धि नहीं होती । इस पर भविष्य निधि का प्रावधान भी नहीं है।
  5. आर्थिक अभाव के कारण वहां रहने वालों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है।
  6. संस्था के पास केवल आठ मध्यम आकार के कमरे हैं जहाँ सुबह के समय उन्हें पढ़ाने के लिए कक्षाएं लगती हैं और रात को वे वहीं ज़मीन पर दरी बिछाकर सोते हैं।
  7. इनके पास चिकित्सा सुविधाएं नाम-मात्र की हैं। आवश्यकता पड़ने पर नगर के सेवा भावी चिकित्सक उनकी मुक्त देखभाल करते हैं।
  8. संस्था समाज सेवा के इस कार्य को बढ़ाना चाहती है पर आर्थिक संकट और नाममात्र सरकारी सहायता के कारण ऐसा हो पाना संभव नहीं हो पा रहा।।

संस्था का यह भवन 5000/- रुपए प्रति मास किराये पर है। सुझाव-समिति यह अनुभव करती है कि-

  1. सरकार को इस समाज सेवी संस्था कल्याण का आर्थिक अनुदान बढ़ाना चाहिए।
  2. इसका किसी खुले स्थान पर निश्चित योजना के अनुसार भवन बनवाना चाहिए जहां खुली हवा, पानी का समुचित प्रबंध हो।
  3. इस संस्था की आर्थिक सहायता के लिए जनजागरण के उपाय किए जाने चाहिएं।
  4. यहां काम करने वाले कर्मचारियों के नियमित वेतन और भविष्यनिधि की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए।
  5. मानसिक और शारीरिक रूप से विकलांगों को आजीविका प्राप्ति के लिए योग्य बनाने हेतु छोटे-मोटे काम सिखाने का प्रबंध किया जाना चाहिए।

दिनांक : 29 दिसंबर 20…
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प्रश्न 5.
आपके स्कूल के निकट शराब बेचने का एक ठेका है जो विद्यार्थियों के संस्कार, शिक्षा और अनुशासन की दृष्टि से उचित नहीं है। इस संबंध में एक प्रतिवेदन लिखिए।
उत्तर:
शराब का ठेका बंद कराने हेतु प्रतिवेदन
विवेकानंद सीनियर सैकेंडरी स्कूल रेलवे रोड पर जहां स्थित है वहां से केवल 100 मीटर दूर शराब का एक ठेका पिछले एक वर्ष से चल रहा है। जब यह ठेका यहां आरंभ हुआ था तब भी इसके विरोध में लोगों ने शिकायत की थी पर संबंधित सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों पर इस का कोई प्रभाव नहीं पड़ा था। पिछले एक वर्ष में इस ठेके ने विद्यार्थियों के संस्कारों और विचारों को प्रभावित किया है जो उनकी बातचीत से स्पष्ट झलकने लगा है। टी० वी० चैनलों और सिनेमा ने युवा वर्ग को शराबखोरी की ओर प्रवृत्त किया है। ठेके पर लगे बड़े-बड़े विज्ञापन पट और सिनेमा के उत्तेजक पोस्टर मिल कर छात्र वर्ग का अहित करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे। ठेके पर शराब खरीदने वालों की भीड़ लगी रहती है।

हमारा सहशिक्षा स्कूल है। वहां खड़े शराबी आनेजाने वाली छात्राओं की तरफ भद्दी और अश्लील इशारेबाजी करते हैं, गंदे दोहरे अर्थ वाले वाक्य बोलते हैं। उन्हें ऐसा करते देख अध्यापक वर्ग का खून खौलता है। संभव है कि किसी दिन यह झगड़े का कारण बन जाए। वैसे भी वहां दिन भर शराबी गुत्थम-गुत्था होते ही रहते हैं। स्कूली विद्यार्थी कच्ची बुद्धि के होते हैं। वे तो कच्ची मिट्टी के समान होते हैं जिन्हें कोई भी आकार समाज और परिवार के द्वारा दिया जा सकता है। वे अच्छे सभ्य नागरिक बनते हैं तो वे ही गुंडे और आवारा भी बनते हैं। समय रहते उन्हें सँवारा जा सकता है या बिगाड़ा भी जा सकता है। कानूनी दृष्टि से भी शिक्षण संस्था के इतनी निकट शराब के ठेके नहीं हो सकते।

इस ठेके को कहीं दूर स्थानांतरित करवा दिया जाना चाहिए।
डॉ० अविनाश कौशल
प्राचार्य
26 मार्च, 20….

प्रश्न 6.
दालों के दाम बड़ी तेज़ी से आकाश को छूने लगे हैं। इन्हें नियंत्रित करने के सुझाव देते हुए एक प्रतिवेदन लिखिए।
उत्तर:
दालों के बढ़ते दामों’ पर प्रतिवेदन सारे देश में दालों के दाम बड़ी तेज़ी से बढ़े हैं, जो चिंता का विषय है। ‘दाल-रोटी’ को किसी भी निर्धन या मध्यवर्गीय का सस्ता भोजन स्वीकार किया जाता रहा है पर अब तो दालों का दाम किसी महँगे से महँगे फल से भी महँगा हो गया है। निर्धन तो क्या, ये तो मध्यवर्गीय लोगों की पहुंच से बाहर हो गई हैं। इनका दाम शीघ्र अति शीघ्र नियंत्रित करना होगा ताकि आम आदमी इन्हें खरीद सके।
सुझाव-

  1. दाल व्यापारियों पर कड़ी नज़र रखकर जमाखोरी करने वालों को कठोरतापूर्वक नियंत्रित करना चाहिए।
  2. दालों का निर्यात पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
  3. जिन दालों की अधिक कमी अनुभव की जा रही है उनका सीमित मात्रा में कुछ समय के लिए आयात किया जाना चाहिए।
  4. किसानों को दालों की खेती अधिक करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
  5. जनता के द्वारा अधिक मात्रा में प्रयुक्त की जाने वाली मूंग, अरहर, चने और उड़द दालों को सरकारी उपभोक्ता दुकानों पर कम दाम पर तब तक बेचने का प्रबंध किया जाए जब तक इनके दामं नियंत्रित नहीं हो जाते।

ये सभी कार्य तब तक जारी रहने चाहिएं जब तक दालों के मूल्यों पर पूर्ण रूप से नियंत्रण नहीं होता।

दलजीत सिंह
अध्यक्ष
कंज्यूमर प्रोटैक्शन सैल
26 मई, 20…

प्रश्न 7.
नगर सुधार समिति ने नगर में स्वच्छता अभियान चलाने से पूर्व तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। समिति के द्वारा दिए प्रतिवेदन को प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
नगर में स्वच्छता प्रबंधन संबंधी प्रतिवेदन
हमारा नगर प्राचीन और ऐतिहासिक महत्त्व का है जिसकी स्वच्छता का ध्यान रखना.अनिवार्य है। यह राष्ट्रीय धरोहर के रूप में देश भर में प्रतिष्ठित है। इसकी स्वच्छता और देखभाल के लिए निम्नलिखित प्रयास किए जाने चाहिएं-
1. मुख्य मंदिर की ओर जाने वाली सड़क की चौड़ाई बहुत कम है। आवासीय क्षेत्र होने के कारण उसे चौड़ा करना भी संभव प्रतीत नहीं होता पर उसके दोनों ओर बनी नालियां अधिक गहरी और पक्की की जानी चाहिएं ताकि उनसे बहने वाला गंदा पानी सड़क पर इकट्ठा न हो।

2. धार्मिक स्थलों पर चढ़ाई गई फूल मालाओं, पत्तों, छिलकों आदि को इधर-उधर बिखराने या नदी में प्रवाहित करने की अपेक्षा खेतों में दबा कर खाद बनाने के लिए प्रयुक्त किया जाए।

3. मुख्य मार्ग से रेहड़ी वालों को हटा कर उन्हें अन्यत्र भेजा जाना चाहिए।

4. सड़कों के किनारों पर कुछ-कुछ दूरी पर कूड़ा-कचरा फेंकने के लिए धातु/प्लास्टिक के ढक्कनदार ड्रमों आदि का प्रबंध किया जाना चाहिए।

5. दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानों के बाहर दूर तक जगह घेर रखी है जहाँ वे ग्राहकों को आकृष्ट करने हेतु सामान सजाते हैं पर इस से लोगों का रास्ता रुकता है। दुकानदारों को समझा-बुझा कर या बलपूर्वक ऐसा करने से रोका जाए।

6. टूटी-फूटी सड़कों की मुरम्मत कर पटडियों की स्थिति को सुधारा जाए।

7. पुराने जर्जर होते धार्मिक स्थलों की देख-रेख हेतु भारतीय पुरातत्व विभाग की सेवाएं प्राप्त करें।

8. चौराहों का पुनर्निर्माण कर उन पर पेड़-पौधे तथा आकर्षक मूर्तियां आदि लगाई जाएं।

9. टेलीफोन के खंभों को तंग सड़कों के दोनों ओर से हटाने का प्रबंध कराएं। तारों को भूमिगत कर दिया जाए।

10. टी०वी० केबल लगाने वालों को निर्देश दिए जाएं कि वे सड़कों पर तारों के जाल न फैलाएं। इससे नगर की सड़कें मकड़ी के जाल-सी लगती हैं।

11. अधिक व्यस्त. चौराहों पर यातायात नियंत्रण संबंधी बत्तियों की व्यवस्था की जाए।
दिनांक : 14 अप्रैल, 20…
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प्रश्न 8.
महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में कर्ज में डूबे निर्धन किसानों की आत्महत्या करने की घटनाएं निरंतर बढ़ती जा रही हैं। उन पर नियंत्रण पाने हेतु एक प्रतिवेदन लिखिए।
उत्तर:
‘विदर्भ क्षेत्र में कर्ज में डूबे किसानों द्वारा आत्महत्या’ संबंधी प्रतिवेदन महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के छः ज़िलों में अतिशय कर्ज में डूबे किसानों की दशा दिन प्रतिदिन शोचनीय होती जा रही है। समुचित सिंचाई व्यवस्था न होने तथा मानसून की अनिश्चितता के कारण किसानों को बैंकों तथा अन्य ऋणदाता एजैंसियों से उधार लेकर खेती करनी पड़ी लेकिन फ़सल न हो पाने के कारण मानसिक प्रताड़ना ने उन्हें आत्महत्या के लिए विवश कर दिया। पिछले पाँच वर्ष में इस क्षेत्र के 530 किसान अब तक इसी कारण आत्महत्या कर चुके हैं, जो किसी को भी विचलित कर सकने वाली त्रासदी है। किसानों को इस संकट से उबारने के लिए शीघ्र ठोस कदम सरकार के द्वारा उठाए जाने चाहिएं ताकि पीड़ित किसानों, विधवाओं और अनाथ बच्चों को सहारा मिल सके।

सुझाव-

  1. इस क्षेत्र के किसानों के बकाया ऋण माफ़ कर दिए जाने चाहिएं।
  2. इस क्षेत्र में सिंचाई की वैकल्कि सुविधाएं दी जानी चाहिएं।
  3. कपास उत्पादकों को बेहतर दाम दिलाने की प्रभावी योजनाएं बनाई जानी चाहिएं।
  4. पीड़ित बच्चों की शिक्षा का भार सरकार को उठाना चाहिए।
  5. पढ़े-लिखे किसानों की नौकरी की व्यवस्था करनी चाहिए।

प्रभा शंकर मुले
सरपंच
यवतमाल (महाराष्ट्र)
19 जून, 20…

प्रश्न 9.
राज्य सरकार के द्वारा भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए सीधा ग्राम पंचायतों के द्वारा काम कराने हेतु एक प्रतिवेदन प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
‘ग्राम पंचायतों से विकास कार्य कराने’ संबंधी प्रतिवेदन राज्य में विकास कार्यों को गति देने हेतु सरकारी दफ्तरों में फैली लाल फीताशाही को समाप्त करने की परम आवश्यकता है। केंद्र और राज्य सरकारें गाँवों के लिए जितनी योजनाएँ बनाती हैं और उनके लिए धन की व्यवस्था करती हैं, वे गाँव तक पहुँचते-पहुँचते आधी से भी कम रह जाती हैं। ऐसा आवश्यक हो गया है कि सरकार कुछ विकास कार्यों को ग्राम पंचायतों के माध्यम से कराने के निर्देश दे ताकि विकास कार्यों में तेज़ी एवं भ्रष्टाचार को कम किया जा सके।

सुझाव-

  1. विकास कार्य ग्राम पंचायतों के द्वारा किए जाएं।
  2. उन कार्यों का खंड एवं जिला स्तर पर गठित सतर्कता समितियों द्वारा परिवीक्ष्ण किया जाए।
  3. किसी भी पंचायत के द्वारा किए जाने वाले विकास कार्यों के लिए निर्धारित राशि पाँच लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  4. विकास कार्यों के लिए ग्राम पंचायतों को धन सीधा मुहैया कराया जाना चाहिए।
  5. विकास कार्यों के लिए तकनीकी रूप से दक्ष व्यक्तियों की सेवा ली जानी चाहिए।
  6. परियोजना की लागत का अधिकतम कुल 2 प्रतिशत जिला उपायुक्त द्वारा तकनीकी रूप से दक्ष व्यक्तियों को दक्षता पैनल के आधार पर खर्च किया जाए।
  7. विकास कार्यों में आम आदमियों को शामिल किया जाए।

सेवा राम
अध्यक्ष
ग्राम सुधार समिति
मंगलपुर।
27 मई, 20…

प्रश्न 10.
देश-विदेश में रोज़गार प्रदान कराने हेतु नई युवा नीति संबंधी प्रतिवेदन
उत्तर:
रोज़गार प्राप्ति हेतु नई युवा नीति की आवश्यकता हमारा राज्य आर्थिक सबलता और प्राकृतिक संसाधनों के आधार पर देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा कुछ बेहतर है पर अभी भी राज्य के युवाओं को देश-विदेश में रोज़गार के समुचित अवसर उपलब्ध कराने के लिए नई युवा नीति बनाए जाने की आवश्यकता है। राज्य के कॉलेज प्रतिवर्ष लगभग 15000 इंजीनियर तैयार करते हैं। हजारों की संख्या में उच्च शिक्षित युवा रोज़गार ढूंढने के लिए तैयार हो जाते हैं। इनकी आकांक्षाओं और इच्छाओं को समुचित दिशा देने के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिएं ताकि इनकी ऊर्जा और कौशल का सदुपयोग किया जा सके।

सुझाव-

  1. देश-विदेश रोज़गार ब्यूरो विभिन्न देशों के विभिन्न संस्थानों में उपलब्ध रोज़गारोन्मुखी पाठ्यक्रमों तथा रोज़गार के विभिन्न अवसरों के संबंध में युवाओं को आवश्यक जानकारी निःशुल्क मुहैया कराएं।
  2. विदेश जाने के लिए पासपोर्ट तथा वीज़ा लेने की प्रक्रिया के संबंध में समुचित मार्ग दर्शन उपलब्ध कराया जाए।
  3. राज्य में विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को योग्यता के अनुसार भरा जाए।

राजेश्वर शुक्ला
सचिव युवा संगठन।
19 अगस्त, 20…

प्रश्न 11.
आपका नाम संजीव कुमार है। आप विवेकानन्द हाई स्कूल, मुक्तसर में पढ़ते हैं। आप स्कूल के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अध्यक्ष हैं। आपने स्कूल में 18 अप्रैल, 2015 को सुन्दर लिखाई प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें साठ विद्यार्थियों ने भाग लिया। स्कूल की मुख्याध्यापिका द्वारा पहले, दूसरे तथा तीसरे स्थान पर आने वाले प्रतिभागियों को इनाम बाँटे गये। इस आधार पर प्रतिवेदन लिखिए।
उत्तर:
सुंदर लिखाई प्रतियोगिता का आयोजन विद्यार्थियों में सुन्दर लिखाई को प्रोत्साहित करने के लिए विवेकानंद हाई स्कूल, मुक्तसर में दिनांक 18 अप्रैल, 2015 को सुंदर लिखाई प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें साठ विद्यार्थियों ने भाग लिया। स्कूल की मुख्याध्यापिका द्वारा पहले, दूसरे तथा तीसरे स्थान को प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को इनाम बांटे गए।

संजीव कुमार
अध्यक्ष, (सांस्कृतिक कार्यक्रम)

प्रतिवेदन किसी ऐसे विवरण को कहते हैं जो किसी संस्था, सभा, विभाग, विद्यालय, पंचायत, समिति आदि की किसी घटना या कार्यवाही का लिपिबद्ध रूप होता है। इसके तीन भाग-शीर्षक, विषय का वर्णन तथा प्रतिवेदन लिखने वाले के हस्ताक्षर होते हैं। शीर्षक में जिस संबंध में प्रतिवेदन लिखा जा रहा हो उसका शीर्षक दिया जाता है। विषय का वर्णन में संबंधित कार्यवाही का विवरण दिया जाता है तथा अंत में प्रतिवेदन प्रस्तुतकर्ता के पद सहित हस्ताक्षर होते हैं।
प्रतिवेदन दो प्रकार के होते हैं-

1. औपचारिक प्रतिवेदन
वे प्रतिवेदन जो किसी सरकारी या गैर-सरकारी संस्था के अधिकारी के आदेश के अनुसार तैयार किए जाते हैं उन्हें औपचारिक प्रतिवेदन कहते हैं। इनमें निष्कर्षों के साथ-साथ सुझाव दिए जाते हैं और संस्तुतियां भी की जाती हैं।

2. अनौपचारिक प्रतिवेदन
ये प्रतिवेदन किसी एक व्यक्ति के द्वारा दूसरे व्यक्तियों के पास भेजे जाने वाले पत्रों के समान होते हैं। कोई अकेला व्यक्ति अपनी इच्छा से इसका लेखन कार्य करता है। वही इस का उत्तरदायी होता है। ऐसे प्रतिवेदन उत्तम पुरुष में ‘मैं’ और ‘हम’ की शैली में लिखे जाते हैं।

प्रतिवेदन लिखते समय सावधानियां:
प्रतिवेदन जिस विषय से सम्बन्धित है, उसे स्पष्ट रूप से सरल शब्दों में प्रस्तुत करना चाहिए।

  1. प्रतिवेदन में सम्बन्धित सभी मुख्य तथ्यों का समावेश होना चाहिए।
  2. प्रतिवेदन लिखते समय अनावश्यक विस्तार नहीं करना चाहिए।
  3. प्रतिवेदन स्वयं में पूर्ण होना चाहिए। वह अधूरा नहीं लगना चाहिए।
  4. प्रतिवेदन में सभी घटनाओं का क्रमानुसार वर्णन होना चाहिए।
  5. प्रतिवेदन की भाषा सहज तथा शालीन होनी चाहिए।
  6. प्रतिवेदन लिखते समय विषयांतर नहीं होना चाहिए। उदाहरण के लिए यहाँ कुछ प्रतिवेदन प्रस्तुत किए जा रहे हैं-

प्रश्न 1.
जनता हाई स्कूल, मुक्तसर में हुई वार्षिक खेल-कूद प्रतियोगिता का प्रतिवेदन प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
शीर्षक : वार्षिक खेल-कूद प्रतियोगिता
जनता हाई स्कूल, मुक्तसर में दिनांक 20 अगस्त, 20….. को स्कूल में वार्षिक खेल दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मानवीय जिला शिक्षा अधिकारी मुख्य अतिथि के रूप में पधारें। स्कूल के मुख्याध्यापक ने उनका हार्दिक स्वागत किया। उन्होंने खेल दिवस का शुभारम्भ साइकिल रेस को हरी झंडी दिखा करके किया। विद्यार्थियों ने हाई जम्प, शॉर्ट पुट, 100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर रेस, बाधा दौड़, स्किपिंग रेस आदि में बढ़-चढ़कर भाग लिया। प्रत्येक खेल में पहले दूसरे तथा तीसरे स्थान पर आने वाले प्रतियोगियों को मुख्य अतिथि के कर कमलों द्वारा पुरस्कृत किया गया।

प्रभजोत कौर
खेल सचिव

प्रश्न 2.
आपका नाम नवनीत कौर है। आप गुरु नानक देव जी कन्या विद्यालय, मोगा में पढ़ती हैं। आप विद्यालय की हिन्दी परिषद की अध्यक्ष हैं। आपके विद्यालय में दिनांक 25 मई, 20…………… को सुलेख प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न कक्षाओं की एक सौ छात्राओं ने भाग लिया था। विद्यालय की मुख्याध्यापिका द्वारा प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया तथा अन्य को प्रतिभागिता प्रमाण-पत्र दिए गए।
उत्तर:
शीर्षक-सुलेख प्रतियोगिता का आयोजन
विद्यार्थियों में सुन्दर लिखाई को प्रोत्साहित करने के लिए गुरु नानक देव जी कन्या विद्यालय, मोगा में दिनांक 25 मई, 20……….. को सुलेख प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न कक्षाओं की एक सौ छात्राओं ने भाग लिया। विद्यालय की मुख्याध्यापिका, श्रीमती प्रीतम कौर कालरा द्वारा प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया तथा अन्य को प्रतिभागिता प्रमाण-पत्र दिए गए।

नवनीत कौर
अध्यक्ष, हिन्दी परिषद्

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran विज्ञापन, सूचना और प्रतिवेदन

प्रश्न 3.
आपका नाम हरप्रीत सिंह है। आप राजकीय उच्च विद्यालय, फरीदकोट में पढ़ते हैं। आप विद्यालय की सामाजिक परिषद् के अध्यक्ष हैं। आपके विद्यालय में 15 अगस्त, 20……….. को स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी एवं समाजसेवी सरदार करतार सिंह सराभा को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। मुख्य अतिथि ने झंडा अभिवादन के पश्चात् स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों का स्मरण कराते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी तथा विद्यार्थियों में देशप्रेम की भावना को अपनाने पर बल दिया। विद्यार्थियों ने विभिन्न झांकियाँ तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। मुख्याध्यापक महोदय ने मुख्य अतिथि का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के अन्त में सबको मिठाई वितरित की गई।
उत्तर:
शीर्षक-स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन
राजकीय उच्च विद्यालय, फरीदकोट में दिनांक 15 अगस्त, 20……….. को प्रात: 9 बजे स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी एवं समाजसेवी सरदार करतार सिंह सराभा ने तिरंगा झंडा फहराया तथा स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों को देश के प्रति समर्पण की भावना से कार्य करने की प्रेरणा दी। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा झांकियाँ प्रस्तुत की। मुख्याध्यापक महोदय ने मुख्य अतिथि का आभार व्यक्त किया तथा सब को मिठाई वितरित की गई।

हरप्रीत सिंह
अध्यक्ष, सामाजिक परिषद

प्रश्न 4.
सचिव, युवा प्रगति मंच, लुधियाना द्वारा देश-विदेश में रोजगार के अवसर प्रदान कराने के लिए नई युवा नीति से संबंधित प्रतिवेदन लिखिए।
उत्तर:
शीर्षक-रोज़गार प्राप्ति हेतु नई युवा नीति की आवश्यकता
हमारा राज्य आर्थिक सबलता और प्राकृतिक संसाधनों के आधार पर देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा कुछ बेहतर है पर अभी भी राज्य के युवाओं को देश-विदेश में रोज़गार के समुचित अवसर उपलब्ध कराने के लिए नई युवा नीति बनाए जाने की आवश्यकता है। राज्य के कॉलेज प्रतिवर्ष लगभग 15,000 इंजीनियर तैयार करते हैं। हजारों की संख्या में उच्च शिक्षित युवा रोज़गार ढूंढ़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। इनकी आकांक्षाओं और इच्छाओं को समुचित दिशा देने के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिएं जिससे इनकी ऊर्जा और कौशल का सदुपयोग किया जा सके।
सुझाव-(क) देश-विदेश रोज़गार ब्यूरो विभिन्न देशों के विभिन्न संस्थानों में उपलब्ध रोज़गारोन्मुखी पाठ्यक्रमों , तथा रोजगार के विभिन्न अवसरों के संबंध में युवाओं को आवश्यक जानकारी नि:शुल्क प्रदान कराएं।
(ख) विदेश जाने के लिए पासपोर्ट तथा वीज़ा लेने की प्रक्रिया के संबंध में समुचित मार्ग दर्शन उपलब्ध कराया जाए। (ग) राज्य में विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को योग्यता के अनुसार भरा जाए।

दिनांक
19.08.20..
विकास बंसल
सचिव, युवा प्रगति मंच

प्रश्न 5.
आपका नाम शहनवाज है। आप स्वदेशी हाई स्कूल, होशियारपुर में पढ़ते हैं। आप अपने स्कूल की इको क्लब के अध्यक्ष हैं। आपके स्कूल में दिनांक 16 अप्रैल, 20…………. को पर्यावरण दिवस मनाया गया, जिसमें सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद श्री परमानंद जी मुख्य अतिथि थे। उन्होंने विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण का महत्त्व समझाते हुए इसके लिए प्रेरित किया। उन्होंने विद्यार्थियों के साथ स्कूल में पौधारोपण किया। विद्यार्थियों ने इन पौधों के संरक्षण की प्रतिज्ञा की। इस कार्यक्रम का प्रतिवेदन लिखिए।
उत्तर:
शीर्षक-पर्यावरण दिवस का आयोजन

स्वदेशी हाई स्कूल, होशियारपुर में दिनांक 16 अप्रैल, 20………… को पर्यावरण संरक्षण दिवस मनाया गया, जिसमें सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद श्री परमानंद ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेकर विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण का महत्त्व समझाते हुए इसके संरक्षण के लिए प्रेरित किया तथा विद्यालय परिसर में पौधारोपण कर इन पौधों के संरक्षण के लिए विद्यार्थियों से प्रतिज्ञा कराई।
शहनवाज
इको क्लब

प्रश्न 6.
विद्यालय परिसर में आयोजित सामान्य नेत्र जाँच शिविर के आयोजन के समय हुई गतिविधियों का प्रतिवेदन लिखिए।
अथवा
आपका नाम सुमन शर्मा है। आप सरस्वती वन्दना सीनियर सेकेंडरी स्कूल, रोपड़ में पढ़ती हैं। आप अपने स्कूल के एन० एस० एस० यूनिट (राष्ट्रीय सेवा योजना) की सचिव हैं। आपके स्कूल में दिनांक 25 सितम्बर, 2016 को स्थानीय अस्पताल के डॉक्टरों की टीम के सहयोग से तीन दिवसीय ‘नेत्र जाँच शिविर’ का आयोजन किया गया। डॉक्टरों द्वारा विद्यार्थियों की आँखों की जाँच की गयी और रोगियों को मुफ्त दवाइयां दी गयीं। उन्होंने विद्यार्थियों को नेत्रों की सफाई व सुरक्षा के बारे में जागरूक भी किया। इस आधार पर प्रतिवेदन लिखिए।
उत्तर:
शीर्षक-नेत्र जाँच शिविर का आयोजन
सरस्वती वंदना सीनियर सैकेंडरी स्कूल, रोपड़ की एन०एस०एस० विंग द्वारा विद्यालय परिसर में विद्यार्थियों की सामान्य नेत्र जाँच के लिए दिनांक 25 सितंबर, 2016 को प्रात: 9 बजे से शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें आरोग्य चिकित्सालय के डॉक्टरों ने विद्यार्थियों के नेत्रों की सामान्य जाँच की तथा उन्हें स्वस्थ रहने के उपाय बताए। जिन विद्यार्थियों के नेत्रों में कुछ कमियाँ थीं, उन्हें समुचित उपचार बताकर दवाइयाँ भी दी गईं। मुख्याध्यापक महोदय ने डॉक्टरों की टीम का धन्यवाद किया।
सुमन शर्मा
सचिव, एन०एस०एस०

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 4 Quadratic Equations Ex 4.2

Punjab State Board PSEB 10th Class Maths Book Solutions Chapter 4 Quadratic Equations Ex 4.2 Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Maths Chapter 4 Quadratic Equations Ex 4.2

Question 1.
Find the roots of the following quadratic equations by factorisation:
(i) x2 – 3x – 10 = 0
(ii) 2x2 + x – 6 = 0
(iii) √2x2 + 7x + 5√2 = 0
(iv) 2 x2 – x + \(\frac{1}{8}\) = 0
(v) 100x2 – 20x + 1 = 0
Solution:
(i) Given quadratic
x2 – 3x – 10 = 0
Or x2 – 5x + 2x – 10 = 0
S = -3, p = -10
Or x (x – 5) + 2 (x – 5) = 0
Or (x – 5) (x + 2) = 0
Either x – 5 = 0 Or x + 2 = 0
x = 5 Or x = -2
Hence, 5 and -2 are roots of given Quadratic Equation.

PSEB Solutions PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 4 Quadratic Equations Ex 4.2

(ii) Given quadratic equation
2x2 + x – 6 = 0 =1
0r 2x2 + 4x – 3x – 6 = 0
S = 1 P = -6 × 2 = -12
Or 2x (x + 2) -3 (x + 2) = 0
Or (x + 2) (2x – 3) = 0
Either x + 2 = 0 Or 2x – 3 = 0
x = -2 Or x = –\(\frac{3}{2}\)
Hence, – 2 and \(\frac{3}{2}\) are roots of given quadratic equation.

(iii) Given Quadratic Equation,
√2x2 + 7x + 5√2 = 0
Or √2x2 + 2x + 5x + 5√2 = 0
S = 7, P = √2 × 5√2 = 10
Or √2x (x + √2) + 5 (x + √2) = 0
Or (x + √2) (√2x + 5) = 0
Either x + √2 = 0 Or √2x + 5 = 0
x = -√2 Or x = –\(\frac{-5}{\sqrt{2}}\)
Hence, -√2 and \(\frac{-5}{\sqrt{2}}\) are roots of given quadratic equation.

PSEB Solutions PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 4 Quadratic Equations Ex 4.2

(iv) Given quadratic equation
2x2 – x + \(\frac{1}{8}\) = 0
Or \(\frac{16 x^{2}-8 x+1}{8}\) = 0
Or 16x2 – 8x + 1 = 0
S = -8, P = 16 × 1 = 16
Or 16x2 – 8x + 1 = 0
Or 16x2 – 4x – 4x + 1 = 0
Or 4x(4x – 1) -1(4x – 1) = 0
Or (4x – 1) (4x – 1) = 0
Either 4x – 1 = 0
Or 4x – 1 = 0
x = \(\frac{1}{4}\) Or x = \(\frac{1}{4}\)
Hence, \(\frac{1}{4}\) and \(\frac{1}{4}\) are roots of given quadratic equation.

(v) Given quadratic equation,
100x2 – 20x + 1 = 0
Or 100x2 – 10x – 10x + 1 = 0
S = -20, P = 100 × 1 = 100
Or 10x(10x – 1) – 1 (10x – 1) = 0
Or (10x – 1)(10x – 1) = 0
Either 10x – 1 = 0 Or 10x – 1 = 0
x = \(\frac{1}{10}\) Or x = \(\frac{1}{10}\)
Hence, \(\frac{1}{10}\) and \(\frac{1}{10}\) are roots of given quadratic equation.

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Question 2.
Solve the problems given in Example I. Statements of these problems are given below:
(i) John and Jivanti together have 45 marbles. Both of them lost S marbles each, and the product of the number of marbles they now have is 124. We would lfke to find out how many marbles they had to start with.

(ii) A cottage Industry produces a certain number of toys in a day. The cost of production of each toy (In rupees) was found to be 55 minus the number of toys produced in a day. On a particular day, the total cost of production was 750. We would like to find out the number of toys produced on that day.

Solution:
(i) Let the number of marbles John had be x.
Then the number of marbles Jivanti had = 45 – x
The number of marbles Íeft withJohn, when he lost 5 marbles = x – 5
The number of marbles left with Jivanti, when she lost 5 marbles = 45 – x – 5 = 40 – x
Therefore, their product = (x – 5) (40 – x)
= 40x – x2 – 200 + 5x
= -x2 + 45x – 200
According to question,
-x2 + 45x – 200 = 124
Or -x2 + 45x – 324 = 0
Or x2 – 45x + 324 =0
Or x2 – 36x – 9x + 324 = 0
S = -45, P = 324
Or x(x – 36) – 9(x – 36) = 0
Or (x – 36)(x – 9) = 0
Either x – 36 = 0, Or x – 9 = 0
x = 36 Or x = 9
∴ x = 36, 9
Hence, number of marbles they had to start with were 36 and 9 or 9 and 36.

PSEB Solutions PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 4 Quadratic Equations Ex 4.2

(ii) Let the number of toys produced on that day be x.
Therefore, the cost of production (in rupees) of each toy that day = 55 – x
So, the total cost of production (in rupees) that day = x (55 – x)
According to question.
x(55 – x) = 750
Or 55x – x2 = 750
Or -x2 + 55x – 750 = 0
Or x2 – 55x – 750 = 0
Or x2 – 30x – 25x + 750=0
S = -33, P = 750
Or x(x – 30) – 25(x – 30) = 0
Or (x – 30)(x – 25) = 0
Either x – 30 = 0 Or x – 25 = 0
x = 30 Or x = 25
∴ x = 30, 25
Hence, number of toys produced on that day were 30 and 25 or 25 and 30.

Question 3.
Find two numbers whose sum is 27 and product is 182.
Solution:
Let one number = x
2nd number = 27 – x
Their product = x (27 – x) = 27x – x2
According to question,
27x – x2 = 182
Or – x2 + 27x – 182 = 0
Or x2 – 27x + 182 = 0
S = -27, P = 182
Or x2 – 13x – 14x + 182 = 0
Or x(x – 13) – 14(x – 13) = 0
Or (x – 13) (x – 14) = 0
Either x – 13 = 0 Or x – 14 = 0
x = 13 Or x = 14
x = 13, 14
Hence, two numbers are 13 and 14 Or 14 and 13.

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Question 4.
Find two consecutive positive integers, sum of whose squares is 365.
Solution:
Let one positive integer = x
2nd positive integer = x + 1
According to question,
(x)2 + (x + 1)2 = 365
Or x2 + x2 + 1 + 2x = 365
Or 2x2 + 2x + 365 = 0
Or 2x2 + 2x – 364 = 0
Or x2 + x – 182 = 0
Or x2 + 14x – 13x – 182 = 0
S = 1, P = -182
Or x(x + 14) – 13(x + 14) = 0
(x + 14)(x— 13) = O
Either x + 14 = 0
Or x = -14
Or
x – 13 = 0
x = 13
∵ We have positive integers.
So, we reject x = – 14.
∴ x = 13
∴ One positive integer = 13
and 2nd positive integer = 13 + 1 = 14
Hence, required consecutive positive integers are 13 and 14.

Question 5.
The altitude of a right triangle is 7 cm less than its base. 1f the hypotenuse is 13 cm, find the other two sides.
Solution:
Let base of right triangle = x cm
Altitude of right triangle = (x – 7) cm
and hypotenuse of right triangle = 13 cm (Given)
According to Pythagoras Theorem,
(Base)2 + (Altitude)2 = (Hypotenuse)2
(x)2 ÷ (x – 7)2 = (13)2
Or x2 + x2 + 49 – 14x = 169
Or 2x2 – 14x + 49 – 169 = 0
Or 2x2 – 14x – 120 = 0
Or 2[x2 – 7x – 60] = 0
Or x2 – 7x – 60 = 0
Or x2 – 12x + 5x – 60 = 0
S = – 7 P = – 60
Or x(x – 12) + 5(x – 12) = 0
Or (x – 12) (x + 5) = 0
Either x – 12 = 0 Or x + 5 = 0
x = 12 Or x= – 5
∵ Length of any triangle cannot be negative.
So, we reject x = – 5
∴ x = 12
Hence, base of right triangle = 12 cm
Altitude of right triangle = (12 – 7) cm = 5 cm.

Question 6.
A cottage industry produces a certain number of pottery articles in a day. It was observed on a particular day that the cost of production of each article (in rupees) was 3 more than twice the number of articles produced on that day. If the total cost of production on that day was 90, find the number of articles produced and the cost of each article.
Solution:
Let, number of pottery articles produced by industry in one day = x
Cost of production of each article = ₹ (2x + 3)
∴ Total cost of production in panicular day = ₹ [x(2x + 3)] = ₹ (2x2 + 3x)
According to question,
2x2 + 3x = 90
2x2 + 3x – 90 = 0
S = 3, P = 2 × -90 = -180
Or 2x2 – 12x + 15x – 90 = 0
Or 2x (x – 6) + 15 (x – 6) = 0
Or (x – 6) (2x + 15) = 0
Either x – 6 = 0 Or 2x + 15 = 0
x = 6 Or x = \(\frac{-15}{2}\)
∵ number of articles cannot be negative
So, we reject x = 2
∴ x = 6
Hence, number of articles produced on certain day = 6
and cost of production of each article = ₹ [2 × 6 + 3] = ₹ 15.

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran मुहावरे और लोकोक्तियाँ

Punjab State Board PSEB 10th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar muhavare aur lokoktiyan मुहावरे और लोकोक्तियाँ Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 10th Class Hindi Grammar मुहावरे और लोकोक्तियाँ

नीचे दिए गए लोकोक्तियों के अर्थ समझकर वाक्य बनाइए

प्रश्न 1.
अपना वही जो आवे काम (मित्र वही जो मुसीबत में काम आए)
उत्तर:
सरदार सिंह की बेटी की शादी में जब उसे कुछ रुपयों की ज़रूरत पड़ी तब रविसिंह ने उसे मुंहमांगी रकम तुरंत दे दी तो सरदार सिंह कह उठा अपना वही जो आवे काम।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran मुहावरे और लोकोक्तियाँ

प्रश्न 2.
आग लगा कर पानी को दौड़ना (झगड़ा कराने के बाद स्वयं ही सुलह कराने बैठना)
उत्तर:
पहले तो सुलक्षणा मनोरमा से लड़ती रही फिर स्वयं ही उसे मनाने लगी तो मनोरमा ने कहा तुम तो आग लगा कर पानी को दौड़ने का काम कर रही हो।

प्रश्न 3.
उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे (अपराध करने वाला उल्टी धौंस जमाए)
उत्तर:
बलकार सिंह ने साइकिल से ठोकर मार कर वृद्ध को गिरा दिया और फिर उसे बुरा-भला कहने लगा, इसी को कहते हैं उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे।

प्रश्न 4.
ओस चाटे प्यास नहीं बुझती (अधिक आवश्यकता वाले को थोड़े से संतुष्टि नहीं होती)
उत्तर:
हाथी का पेट एक केले से नहीं भरता उसे तो कई दर्जन केले खाने के लिए देने होंगे क्योंकि उसकी ओस चाटे प्यास नहीं बुझती।

प्रश्न 5.
कोठी वाला रोये छप्पर वाला सोये (धनी प्रायः चिंतित रहते हैं और निर्धन निश्चित रहते हैं।)
उत्तर:
धनराज करोड़ों का मालिक है। उसे अपने धन की सुरक्षा की सदा चिंता बनी रहती है। जबकि फकीरचंद फक्कड़ है, इसलिए सदा खुश रहता है। इसलिए कहते हैं कि कोठी वाला रोये छप्पर वाला सोये।

प्रश्न 6.
बंदर घुड़की, गीदड़ धमकी (झूठा रौब दिखाना/जमाना)
उत्तर:
रंगा कुछ करता-धरता नहीं है बेकार ही सब को बंदर घुड़की, गीदड़ धमकी देकर डराता रहता है।

प्रश्न 7.
बीति ताहि बिसारि दे, आगे की सुध लेय (पुरानी एवं दुःखपूर्ण बातों को भूल कर भविष्य में सावधानी बरतनी चाहिए)
उत्तर:
रामदास को व्यापार में बहुत घाटा हुआ तो सिर पकड़ कर बैठ गया तब सेवा सिंह ने उसे समझाया कि बीति ताहि बिसारि दे, आगे की सुध लेय तब सब ठीक हो जाएगा।

प्रश्न 8.
मन चंगा तो कठौती में गंगा (मन शुद्ध हो तो घर ही तीर्थ समान)
उत्तर:
अशुद्ध मन से तीर्थाटन करने से कोई लाभ नहीं होता, घर पर ही मानसिक शुद्धि हो जाए तो वही तीर्थाटन हो जाता क्योंकि मन चंगा तो कठौती में गंगा होती है।

प्रश्न 9.
सावन हरे न भादौं सूखे (सदा एक जैसी दशा रहना)
उत्तर:
रेशम सिंह गरीबी में पाई-पाई के लिए मरता था, अब उसका व्यापार चमक उठा है तो भी वह पाई उत्तर: पाई के लिए मर रहा है, उसकी तो सावन हरे न भदौं सूखे जैसी हालत है।

प्रश्न 10.
हमारी बिल्ली हमीं से म्याऊँ (सहायता प्रदान करने वाले को ही धमकाना)
उत्तर:
हरभजन की स्कूटर से टक्कर हो गई तो वह गिर पड़ा, सुजान ने उसे हाथ पकड़ कर उठाया तो वह उसी पर बरस पड़ा इसी को कहते हैं हमारी बिल्ली हमी से म्याऊँ।

निम्नलिखित में से किन्हीं तीन मुहावरों/लोकोक्तियों के वाक्य इस तरह बनाएं ताकि उनके अर्थ स्पष्ट हो जाएं

1. (क) इस कान सुनना उस कान उड़ा देना
(ख) कच्चा चिट्ठा खोलना
(ग) तिनके का सहारा।
(घ) अपना कोढ़ बढ़ता जाय, औरों को दवा बताय
(ङ) जोते हल तो होंवे फल।
उत्तर:
(क) इस कान सुनना उस कान उड़ा देना-अनीश को कुछ भी समझाना बेकार है क्योंकि वह तो इस कान सुनकर उस कान से उड़ा देने वाला व्यक्ति है।
(ख) कच्चा चिट्ठा खोलना-सांध्य समाचार-पत्र ने सरकारी भ्रष्टाचार का कच्चा चिट्ठा खोल दिया।
(ग) तिनके का सहारा-मुसीबत में फंसे व्यक्ति के लिए तिनके का सहारा भी बहुत होता है।
(घ) अपना कोढ़ बढ़ता जाय, औरों को दवा बताय-रमन कौर सब को खूब मेहनत से पढ़ने के लिए कहती रहती है पर स्वयं पढ़ाई न करने से फेल हो गई; इसी को कहते हैं अपना कोढ़ बढ़ता जाय, औरों को दवा बताय।
(ङ) जोते हल तो होवे फल-सारा वर्ष कठिन परिश्रम से पढ़ाई करने वाला विद्यार्थी परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सफल होते हैं क्योंकि कहा भी गया है कि जोते हल तो होवें फल।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran मुहावरे और लोकोक्तियाँ

2. (क) गले का हार
(ख) भगवान् को प्यारा हो जाना
(ग) छक्के छुड़ाना
(घ) अधूरा छोड़े सो पड़ा रहे
(ङ) जाके पैर न फटे बिवाई, सो क्या जाने पीर पराई।।
उत्तर:
(क) गले का हार–सुमित अपने माता-पिता के गले का हार है।
(ख) भगवान् को प्यारा हो जाना-कल सुबह छः बजे आरती की दादी माँ भगवान को प्यारी हो गई।
(ग) छक्के छुड़ाना-भारतीय सेना ने शत्रु सेना के छक्के छुड़ा दिए।
(घ) अधूरा छोड़े सो पड़ा रहे-पप्पू ने पहले आटर्स में दाखिला लिया, फिर कामर्स में चला गया और फिर पढ़ाई छोड़ दी, उसकी तो अधूरा छोड़ सो पड़ा रहे की हालत हो गई।
(ङ) जाके पैर न फटे बिवाई, सो क्या जाने पीर पराई–लाला रामनाथ चाँदी के बर्तन में खाना खाते हैं, वे क्या जाने कि इस महंगाई में ग़रीब कैसे अपनी रोटी का जुगाड़ करता है क्योंकि जाके पैर न फटे बिवाई, सो क्या जाने पीर पराई।

3. (क) पीठ दिखाना
(ख) सफेद झूठ
(ग) आँखें चुराना
(घ) कथनी नहीं, करनी चाहिए
(ङ) नीम हकीम खतरा जान।
उत्तर:
(क) पीठ दिखाना- भारतीय सेना का आक्रामक रूप देखकर शत्रु सेना पीठ दिखा गई।
(ख) सफेद झूठ-मनजीत कौर से बचकर रहना क्योंकि वह हमेशा सफेद झूठ बोलती है।
(ग) आँखें चुराना-सुरेश ने कृष्ण से सौ रुपये उधार लिए थे। अब उसे देखते ही उस से आँखे चुराने लगता है।
(घ) कथनी नहीं, करनी चाहिए-आजकल के नेताओं की कथनी और करनी में बहुत अंतर है क्योंकि जनता को उनकी कथनी नहीं करनी चाहिए।
(ङ) नीम हकीम खतरा जान-जब तुम्हें बिरयानी बनानी नहीं आती तो इतना ताम-झाम क्यों कर रही हो, पता है कि नीम हकीम खतरा जान होता है।

बोर्ड परीक्षा में पूछे गए प्रश्न

प्रश्न 1.
किन्हीं तीन मुहावरों / लोकोक्तियों को वाक्यों में इस प्रकार प्रयोग करें कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए: लोहा लेना, मोती पिरोना, जोते हल तो होवे फल, घर का भेदी लंका ढाए, जो गरजते हैं वो बरसते नहीं।
उत्तर:
(क) लोहा लेना-डटकर मुकाबला करना।
वाक्य-भारतीय सेना ने शत्रु सेना से लोहा लेकर उसे पराजित कर दिया।

(ख) मोती पिरोना-सुंदर लिखना।
वाक्य-अनन्या की लिखाई ऐसी लगती है जैसे उसने एक-एक अक्षर से मोती पिरो दिए हों।

(ग) जोते हल तो होवे फल-मेहनती व्यक्ति सफल होते हैं।
वाक्य-सारा वर्ष कठिन परिश्रम से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सफल होते हैं क्योंकि कहा भी गया है कि जोते हल, तो होवे फल।

(घ) घर का भेदी लंका ढाए-आपसी फूट से नुकसान।
वाक्य-देश में आतंकवाद कुछ देश द्रोहियों के कारण ही फैल रहा है क्योंकि घर का भेदी लंका ढाहे।

(ङ) जो गरजते हैं वो बरसते नहीं बढ़ाई करने वाले कुछ नहीं कर पाते।
वाक्य-चुनाव के दिनों में बड़े-बड़े वायदे करने वाले नेता चुनाव के बाद अपने सब वायदे भूल जाते हैं क्योंकि जो गरजते हैं वो बरसते नहीं।

प्रश्न 2.
किन्हीं तीन मुहावरों/लोकोक्तियों को वाक्यों में इस प्रकार प्रयोग करें कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए-
अंग-अंग ढीला होना, आँखें चुराना, काला अक्षर भैंस बराबर, एक पंथ दो काज, एक तन्दुरुस्ती हजार नियामत।
उत्तर:
(क) अंग-अंग ढीला होना-थक जाना।।
वाक्य-दिनभर परिश्रम के बाद मेरा अंग-अंग ढीला हो गया है।

(ख) आँखें चुराना-नज़र बचाना।
वाक्य-सुरेश ने कृष्ण से सौ रुपए उधार लिए थे। अब उसे देखते ही उससे आँखें चुराने लगता है।

(ग) काला अक्षर भैंस बराबर-निरक्षर।।
वाक्य-इंद्रजीत कौर के बनाव-श्रृंगार पर मत जाओ, जब वह बोलेगी तो तुम्हें पता चल जाएगा कि वह तो काला अक्षर भैंस बराबर है।

(घ) एक पंथ दो काज-एक उद्यम से दो कार्य होना।
वाक्य-प्रकाश कौर अस्पताल अपना चैकअप कराने गई थी और लौटते हुए फल-सब्जी भी ले आई। इस प्रकार एक पंथ दो काज हो गए।

(ङ) एक तन्दरुस्ती हजार नियामत-सेहत सबसे बड़ी नियामत।
वाक्य-सारा दिन पढ़ते रहने से कुछ नहीं होता, खाने-पीने का भी ध्यान रखना चाहिए क्योंकि एक तन्दरुस्ती हजार नियामत होती है।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran मुहावरे और लोकोक्तियाँ

प्रश्न 3.
किन्हीं तीन मुहावरों/लोकोक्तियों को वाक्यों में इस प्रकार प्रयोग करें कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए
जी भर आना, पेट में चूहे दौड़ना, तेते पाँव पसारिए जेती लम्बी सौर, नेकी कर दरिया में डाल, तू डाल-डाल मैं पातपात।
उत्तर:
(क) जी भर आना-मन का परेशान होना।
वाक्य-पेशावर में स्कूल के बच्चों की हत्या की घटना देखकर मेरा जी भर आया।

(ख) पेट में चूहे दौड़ना-भूख लगना।
वाक्य-खूब खेलने के बाद बच्चों के पेट में चूहे दौड़ने लगते हैं।

(ग) तेते पाँव पसारिए जेती लम्बी सौर-आमदनी के अनुसार खर्च करना।
वाक्य-मनुष्य को कभी भी ऋण लेकर आराम की वस्तुएँ नहीं खरीदनी चाहिए क्योंकि इससे ऋणग्रस्त जीवन भार स्वरूप हो जाता है। इसलिए गुणी कहते हैं कि तेते पाँव पसारिए जेती लंबी सौर।

(घ) नेकी कर दरिया में डाल-उपकार करके जताना नहीं चाहिए।
वाक्य-प्रकाश सिंह ने दर्शन सिंह को नौकरी दिलवाई थी पर इस बात का किसी को पता नहीं चला कि दर्शन सिंह को नौकरी मिली कैसे क्योंकि प्रकाश सिंह नेकी कर दरिया में डाल कहावत पर विश्वास करता था, किसी को कुछ बताता नहीं था।

(ङ) तू डाल-डाल मैं पात-पात-विरोधी के दाँव समझना।
वाक्य-चुनाव के दिनों में दल ‘क’ की चालों का दल ‘ख’ ने होशियारी से जवाब दिया और कहा कि तू डालडाल मैं पात-पात।

(क) मुहावरे-मुहावरा एक ऐसा वाक्यांश है जो सामान्य अर्थ का बोध न कराकर विशेष अर्थ का बोध कराता है। वाक्य में इसका प्रयोग क्रिया के समान होता है, जैसे-‘आकाश-पाताल एक करना’। इस वाक्यांश का सामान्य अर्थ है ‘पृथ्वी और आकाश को मिलाना’ लेकिन ऐसा संभव नहीं है। अतः इसका लक्षण शब्द-शक्ति से विशेष अर्थ होगा। ‘बहुत परिश्रम करना’। इसी प्रकार ‘अंगारे बरसना’ का अर्थ होगा ‘बहुत तेज़ धूप पड़ना।’

‘मुहावरा’ शब्द अरबी भाषा का है और इसका अर्थ है-‘रुढ़ वाक्यांश’। मुहावरे शाब्दिक अर्थ को व्यक्त नहीं करते बल्कि रूढ़ अर्थ को प्रकट कराने का कार्य करते हैं।

(ख) लोकोक्तियां-लोकोक्ति को ‘कहावत’ भी कहा जाता है। भाषा को प्रभावशाली बनाने के लिए मुहावरों के समान लोकोक्तियों का प्रयोग किया जाता है। “लोक में प्रचलित उक्ति को लोकोक्ति कहते हैं। यह एक ऐसा वाक्य होता है जिसे कथन पुष्टि के लिए प्रमाणस्वरूप प्रस्तुत किया जाता है।” लोकोक्ति के पीछे मानव समाज का अनुभव अथवा घटना विशेष रहती है। मुहावरे के समान इसका भी विशेष अर्थ ग्रहण किया जाता है, जैसे “हाथ कंगन को आरसी क्या” इसका अर्थ होगा “प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती।” यहां लोक-जीवन का अनुभव प्रकट हो रहा है-यदि हाथ में कंगन पहना तो उसे देखने के लिए शीशे की आवश्यकता नहीं होती।

मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर

मुहावरा लोकोक्ति
1. मुहावरा वाक्य में एक वाक्यांश की तरह प्रयुक्त होता है। 1. लोकोक्ति अपने आप में एक स्वतंत्र वाक्य होती है।
2. मुहावरा स्वतंत्र रूप से अपने अर्थ को ठीक प्रकार से अभिव्यक्त नहीं कर सकता। 2. लोकोक्ति स्वतंत्र रूप से अपना अर्थ प्रयुक्त कर सकती है।
3. मुहावरे का लाक्षणिक अर्थ होता है। 3. लोकोक्ति में शाब्दिक और लाक्षणिक दोनों अर्थ होते है।
4. मुहावरे का प्रयोग भाषा को सौंदर्य तथा किया जाता है। 4. लोकोक्ति से किसी विशेष घटना अथवा प्रसंग को प्रकट साहित्यिकता देने के लिए किया जाता है।
5. मुहावरों में लिंग, वचन, आदि के अनुसार परिवर्तन होता है। 5. लोकोक्ति में ऐसा परिवर्तन नहीं होता है।
6. मुहावरे लिंग, वचन आदि में परिवर्तन कर सकते है। 6. लोकोक्ति लिंग और वचन को प्रभावित नहीं करती है।
7. मुहावरे भाषा को सजीवता और चमत्कार प्रदान करते हैं। 7. लोकोक्ति वक्ता/लेखक की बात का समर्थन करती है।
8. मुहावरों में प्रायः ‘न’ का प्रयोग होता है जैसे- अंगूठा दिखाना, दाल न गलना आदि। 8. लोकोक्ति के अंत में प्रायः ‘न’ का प्रयोग नहीं होता।
9. मुहावरों में प्रायः क्रिया, दशा आदि व्यक्त होती है। 9. लोकोक्ति में कोई न कोई अनुभव या सच्चाई छिपी होती है।

(क) मुहावरों के अर्थ सहित वाक्य प्रयोग

1. अंगारों पर पैर रखना (जानबूझ कर मुसीबत मोल लेना)-दुबले-पतले रमेश ने भीम पहलवान को कुश्ती लड़ने की चुनौती देकर अंगारों पर पैर रख दिया है।
2. अंगूठा दिखाना (मना करना)-जब मैंने अपने मित्र से सहायता मांगी तो उसने अंगूठा दिखा दिया।
3. अकल का अंधा होना (बेवकूफ होना)-उसे समझाने की कोशिश करना व्यर्थ है। वह तो पूरा अकल का अंधा
4. अक्ल पर पत्थर पड़ना (सोच-विचार न करना)-प्रेम सिंह की अक्ल पर पत्थर पड़ गए हैं, जो वह सारा दिन शराब पीता रहता है।
5. अंग-अंग ढीला होना (थक जाना)-दिनभर परिश्रम करने में मेरा अंग-अंग ढीला हो गया है। 6. अंधे की लकड़ी (एकमात्र सहारा)-मोहन अपने बूढे माता-पिता के लिए अंधे की लकड़ी है।
7. अंधे को दीपक दिखाना (नासमझ को उपदेश देना)-भगवान् कृष्ण दुर्योधन के धृष्टतापूर्ण व्यवहार से समझ गए थे कि उसे उपदेश देना अंधे को दीपक दिखाना है।
8. अपना उल्लू सीधा करना (अपना मतलब निकालना)-स्वार्थी मित्रों से बचकर रहना चाहिए। उन्हें तो अपना उल्लू सीधा करना आता है।
9. अकल मारी जाना (घबरा जाना)-प्रश्न-पत्र देखते ही शांति की अकल मारी गई।
10. अकल चरने जाना (सोच-समझकर काम न करना)-बना बनाया मकान तुड़वा रहे हो, इसे बनवाते समय क्या तुम्हारी अकल चरने गई थी।
11. अपनी खिचड़ी अलग पकाना (सबसे अलग रहना)-अपनी खिचड़ी अलग पकाने से कोई लाभ नहीं होता इसलिए सब से मिल-जुलकर रहना चाहिए।
12. अपने मुँह मियाँ मिट्ट बनना (अपनी तरीफ़ खुद करना)-वीर अपने मुँह मियाँ मिट्ट नहीं बनते वे तो वीरता दिखाते हैं।
13. आँख उठाना (नुकसान पहुँचाना)-यदि तुमने मेरी ओर आँख उठा कर देखा तो मुझ से बुरा कोई न होगा।
14. आँखें चार होना (आमने-सामने होना)-पुलिस से आँखें चार होते ही चोर घबरा गया।
15. आँखें चुराना (नज़र बचाना)-सुरेश ने कृष्ण से सौ रुपए उधार लिए थे। अब उसे देखते ही उस से आँखें चुराने लगता है।
16. आँखें दिखाना (क्रोध करना)-कक्षा में शोर सुनकर जैसे ही अध्यापक ने आँखें दिखाई कि सब चुप हो गए।
17. आँखें फेरना (प्रतिकूल होना)-मतलबी लोग अपना काम होते ही आँखें फेर लेते हैं।
18. आँखें खुलना (अकल आना)-कुणाल को समझाने से कोई लाभ नहीं है जब उसे ठोकर लगेगी तो उसकी आँखें खुल जाएंगी।
19. आँखों का तारा (बहुत प्यारा)-राम दशरथ की आँखों के तारे थे।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran मुहावरे और लोकोक्तियाँ

20. आँखों में खटकना (बुरा लगना)-अनुशासनहीन बच्चे सब की आँखों में खटकते हैं।
21. आँच न आने देना (नुकसान न होने देना)-माँ अपनी संतान पर आँच नहीं आने देती।
22. आँखों में धूल झोंकना (धोखा देना)-पुलिस की आँखों में धूल झोंकना आसान नहीं है।
23. आग में घी डालना (गुस्सा बढ़ाना)-रमनदीप के स्कूल न जाने से पिता जी क्रोधित थे और उसके झूठ बोलने ने तो उनके क्रोध को और बढ़ा कर आग में घी डालने का काम कर दिया।
24. आस्तीन का साँप (कपटी मित्र)-विश्वासघात करने वाला मित्र मित्र न हो कर आस्तीन का साँप होता है।
25. आसमान पर चढ़ना (बहुत अभिमान करना)-कक्षा का प्रतिनिधि बनते ही महेंद्रसिंह का दिमाग आसमान पर चढ़ गया है।
26. इस कान सुनना उस कान उड़ा देना (किसी बात पर ध्यान न देना)-अनीश को कुछ भी समझाना बेकार है क्योंकि वह तो इस कान सुन कर उस कान से उड़ा देने वाला व्यक्ति है।
27. ईंट का जवाब पत्थर से देना (मुँह तोड़ जवाब देना)-शत्रु पक्ष की धमकियों का जब ईंट का जवाब पत्थर से दिया गया तो उनकी बोलती बंद हो गई।
28. उड़ती चिड़िया पहचानना (अनुभवी होना)-हमारे अध्यापक जी के सामने हमारा कोई भी बहाना नहीं चलता क्योंकि वे तो उड़ती चिड़िया पहचान लेते हैं।
29. ऊपर की आमदनी (रिश्वत, भ्रष्ट कमाई)-ईमानदार व्यक्ति हक की कमाई खाता है, ऊपर की आमदनी पर विश्वास नहीं करता।
30. एक-एक रग जानना (अच्छी तरह से परिचित होना)-मेरे से तुम कोई बहाना बना कर नहीं बच सकते क्योंकि मैं तो तुम्हारी एक-एक रग जानता हूँ।
31. कान खा लेना (किसी बात को बार-बार कहना)-सुचित्रा ने सुबह से पिकनिक पर जाने की रट लगाकर अपनी माता के कान खा लिए।
32. कान पर जूं न रेंगना (कोई असर नहीं होना)—रजनी को चाहे कितना भी समझाते हो उसके कान पर जॅ नहीं रेंगती है।
33. कान में पड़ना (सुनाई देना)-चिल्ला क्यों रहे हो, तुम्हारी बातें मेरे कान में पड़ रही हैं।
34. कानों को हाथ लगाना (तौबा करना)-कानों को हाथ लगाकर कहती हूँ कि अब कभी झूठ नहीं बोलूँगी।
35. कच्चा चिट्ठा खोलना (गुप्त वार्ता प्रकट करना)-सांध्य समाचार-पत्र ने सरकारी भ्रष्टाचार का कच्चा चिट्ठा खोल दिया।
36. कफ़न सिर पर बांधना (मरने के लिए तैयार रहना)-भारतीय सैनिक कफ़न सिर पर बांध कर युद्धभूमि में जाते
37. कलेजे का टुकड़ा (बहुत प्रिय)-अपनी संतान माँ-बाप के कलेजे का टुकड़ा होती है।
38. खाने के लाले पड़ना (बहुत गरीब होना)-कोई काम न मिलने से राम लाल के घर खाने के लाले पड़ गए हैं।
39. खून पसीना एक करना (बहुत मेहनत करना)-किसान अपना खून पसीना एक कर के अन्न उगाता है।
40. गड़े मुर्दे उखाड़ना (बीती हुई बातों को कहना)-रवि वर्तमान की बात नहीं करता, हमेशा गड़े मुर्दे उखाड़ता रहताहै।
41. गागर में सागर भरना (बड़ी बात थोड़े से शब्दों से कहना)-बिहारी ने अपने दोहों में गागर में सागर भर दिया है।
42. गुद्ड़ी का लाल (सामान्य परंतु गुणी)-सतीश एक गरीब रिक्शे वाले का पुत्र थे लेकिन उसने भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रथम स्थान प्राप्त कर सिद्ध कर दिया है कि वह तो गुदड़ी का लाल है।
43. घर सिर पर उठाना (बहुत शोर करना)-घर में मम्मी के न होने पर बच्चों ने शोर करके मानो घर सिर पर उठा लिया था।
44. घाव पर नमक छिड़कना (दु:खी को और दुःखी करना)-महंगाई के इस युग में निर्धन कर्मचारियों के भत्ते बंद करना घाव पर नमक छिड़कना है।
45. घी के दिये जलाना (बहुत प्रसन्न होना)-अपने सैनिकों की विजय का समाचार सुनकर भारतवासियों ने घी के दिये जलाए।
46. चादर के बाहर पैर पसारना (आय से अधिक खर्च करना)-चादर के बाहर पैर पसारने वाले लोग सदा दुःखी रहते हैं।
47. चूड़ियाँ पहनना (कायर)-जो सैनिक युद्ध में जाने से डरते हैं, उन्हें घर में चूड़ियाँ पहन कर बैठना चाहिए।
48. चोली दामन का साथ (सदा साथ रहना)-राम शाम चाहे कितना झगड़ा कर लें फिर भी उनमें चोली दामन का साथ है क्योंकि वे एक-दूसरे के बिना रह नहीं सकते।
49. चिकना घड़ा (निर्लज्ज व्यक्ति, बेअसर वाला)-राम सिंह तो चिकना घड़ा है, उस पर तुम्हारे उपदेशों का कोई असर नहीं होगा, वह अपनी बुरी आदतें नहीं छोड़ने वाला।
50. चिकनी चुपड़ी बातें करना (चापलूसी करना)-नम्रता की चिकनी चुपड़ी बातों में आकर उसे उधार मत दे बैठना, वह लौटाने वाली नहीं है।
51. छोटा मुँह बड़ी बात (अपनी हैसियत से बढ़कर बात करना)-चींटी ने कहा मैं हाथी को मार दूंगी और उसका ऐसा कहना तो छोटा मुँह बड़ी बात है।
52. छक्के छुड़ाना (पराजित करना)-भारतीय सेना ने शत्रु सेना के छक्के छुड़ा दिए।
53. ज़हर उगलना (ईर्ष्या की बातें करना)-कैकेयी के कानों में मंथरा हरपल ज़हर उगलती रहती थी।
54. जी भर आना (मन का परेशान होना)-पेशावर में स्कूल के बच्चों की हत्या की घटना देखकर मेरा जी भर आया।
55. टस से मस न होना (परवाह न करना)-राघव को कितना समझाओ कि बुरे लोगों का साथ छोड़ दे पर वह टस से मस नहीं होता और उन्हीं लोगों के साथ रहता है।
56. टेढ़ी खीर (कठिन कार्य)-क्रिकेट का विश्व कप जीतना टेढ़ी खीर है।
57. ठोक बजा कर देखना (अच्छी तरह से जाँचना-परखना)–कोई भी सौदा खरीदने से पहले उसे ठोक बजा कर देखना अच्छा होता है।
58. डींग हाँकना/मारना (बढ़ चढ़ कर बातें करना)-शुभम की बातों में मत आ जाना क्योंकि वह सदा डींगें हाँकता रहता है।
59. ढेर करना (मार देना)-राम ने एक ही बाण से मारीच को ढेर कर दिया।
60. तलवार की धार पर चलना (बहुत कठिन काम करना)-आई० ए० एस० की परीक्षा में सफल होना आसान नहीं है, यह तो तलवार की धार पर चलने के समान है।
61. तिनके का सहारा (थोड़ा-सा सहारा)- मुसीबत में फंसे व्यक्ति के लिए तिनके का सहारा भी बहुत होता है।
62. थककर चूर होना (बहुत थक जाना)-माता वैष्णव देवी के मंदिर की चढ़ाई करते हुए सभी यात्री थक कर चूर हो गए।
63. दिन फिरना (भाग्य बदलना)-पंजाब स्टेट लाटरी का प्रथम पुरस्कार मिलते ही फकीर के दिन फिर गए।
64. दिल्ली दूर होना (उद्देश्य प्राप्ति में देरी होना)-नेहा ने अभी दसवीं पास की नहीं पर डॉक्टर बनने के सपने देख रही है जबकि उसके लिए अभी दिल्ली दूर है।
65. दौड़-धूप करना (बहुत कोशिश करना)-नौकरी पाने के लिए हरप्रीत बहुत दौड़-धूप कर रहा है। 66. दूध का धुला (निर्दोष)-आज के नेताओं में कोई एक ही दूध का धुला होता है।
67. धीरज बँधाना (सांत्वना देना)-सुक्खा सिंह के पिता के अचानक स्वर्गवास होने पर उसके मित्र उसका धीरज बंधा रहे थे।
68. नाक रख लेना (मर्यादा बचाना)-कुश्ती में मुक्तसर के पहलवान को हरा कर रक्खे पहलवान ने फिरोज़पुर की नाक रख ली।
69. निन्यानवे के फेर में पड़ना (असमंजस में होना)-निन्यानवे के फेर में पड़ कर मनुष्य अपना जीवन नष्ट कर देता है।
70. पेट में चूहे कूदना (दौड़ना, भूख लगना)-खूब खेलने के बाद बच्चों के पेट में चूहे दौड़ने लगते हैं।
71. पत्थर निचोड़ना (कंजूस से दान, निर्दयी से दया मांगना)-दमड़ी मल है तो करोड़पति पर उससे दान मांगना पत्थर निचोड़ने जैसा है।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran मुहावरे और लोकोक्तियाँ

72. पगड़ी उछालना (अपमान करना)-बड़ों की पगड़ी उछालना बुरी बात है।
73. पत्थर की लकीर होना (पक्की बात होना)-सरदार पटेल का कहना पत्थर की लकीर होता था।
74. पाँचों उंगलियाँ घी में होना (बहुत लाभ होना)-वस्तुओं के भाव चढ़ जाने से व्यापारियों की पाँचों उंगलियाँ घी में होती हैं।
75. फूल झड़ना (मीठा बोलना)-शुकंतला जब गीतगाती है तो ऐसा लगता है, जैसे फूल झड़ रहे हों।
76. बाएँ हाथ का खेल (आसान काम)-तैराकी में प्रथम स्थान प्राप्त करना नकुल के लिए बाएँ हाथ का खेल है।
77. भगवान् को प्यारा हो जाना (मर जाना)-आज सुबह अचानक ही प्रेम सिंह के पिता जी भगवान् को प्यारे हो गए।
78. भीगी बिल्ली बनना (भयभीत हो जाना)-पुलिस को देखते ही चोर भीगी बिल्ली बन गया।
79. भैंस के आगे बीन बजाना (समझाने पर भी कोई प्रभाव न होना)-नशे वाले को कितना भी नशा छोड़ने के लिए कहो उसके सामने सब कुछ कहना तो भैंस के आगे बीन बजाने जैसा ही होता है।
80. मिट्टी का माधो (कुछ न करने वाला)-जतिन बिलकुल मिट्टी का माधो है, उसे कितना ही समझाओ उस पर कोई असर नहीं होता।
81. मामला रफा-दफा करना (मामला समाप्त करना)-परमेंद्रसिंह और सुखदेव सिंह के झगड़े को सरपंच ने सुलझा कर मामला रफा-दफ़ा कर दिया।
82. मोती पिरोना (सुंदर लिखना)-आद्या की लिखाई ऐसी लगती है जैसे उसने एक-एक अक्षर से मोती पिरो दिए हों।
83. रंग में भंग डालना (आनंद में बाधा आना)-क्रिकेट मैच के बीच में वर्षा आने से रंग में भंग हो गया।
84. रंग उड़ना (घबरा जाना)-पुलिस को देखते ही चोर का रंग उड़ गया।
85. रुपया पानी में फेंकना (व्यर्थ खर्च करना)-लाला कस्तूरीलाल ने अपनी बेटी की शादी में रुपया पानी में फेंक कर अपनी अमीरी का प्रदर्शन किया।
86. लोहा लेना (डटकर मुकाबला करना)-भारतीय सेना ने शत्रु सेना से लोहा लेकर पराजित कर दिया।
87. विपत्ति मोल लेना (अपने आप मुसीबत में पड़ना)-पुलिस वाले से बहस कर के गिफ्टी सिंह ने स्वयं ही विपत्ति मोल ले ली।
88. शान में बट्टा लगना/फर्क आना (इज्ज़त घटना)-अमयादित भाषा का प्रयोग करने से नेता जी की शान में बट्टा लग गया।
89. सफेद झूठ (बिलकुल असत्य)-मनजीत कौर से बच कर रहना क्योंकि वह हमेशा सफेद झूठ बोलती है।
90. सिर-आँखों पर बैठाना (बहुत सम्मान देना)-जब रजत को प्रथम पुरस्कार मिला तो सब ने उसे सिर-आँखों पर बैठा लिया।
91. सिर पर पाँव रख कर भागना (बहुत तेज़ भागना)-पुलिस को देखते ही चोर सिर पर पाँव रख कर भाग गया।
92. श्री गणेश करना (प्रारंभ करना)-परीक्षाओं के सिर पर आते ही रमन ने पढ़ने का श्रीगणेश कर दिया।
93. हक्का -बक्का रहना (आश्चर्य चकित होना)-अपने शत्रु को अपने घर आया देखकर मनजीत हक्का-बक्का रह गया।
94. हाथ मलते रह जाना (पछताना)-सारा साल इंद्रजीत पढ़ी नहीं। परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो जाने पर हाथ मलते रह गई।
95. हाथों के तोते उड़ जाना (बहुत व्याकुल तथा शोकग्रस्त होना)-पिता की मृत्यु का समाचार सुनकर उसके हाथों के तोते उड़ गए।
96. हरी झंडी दिखाना (स्वीकृति देना)-प्रधान मंत्री ने सर्वशिक्षा अभियान कार्यक्रम चलते रहने को हरी झंडी दिखा दी।
97. हाथ मलना (पछताना)-स्टेशन पर पहुँचते ही रेलगाड़ी को जाते देख कर संतोख सिंह हाथ मलते रह गया कि थोड़ा पहले आता तो गाड़ी मिल जाती।।
98. हाथ तंग होना (पैसे का अभाव)-इन दिनों मेरा हाथ तंग है इसलिए मैं तुम्हें कुछ नहीं दे सकता।
99. हाथ का सच्चा (ईमानदार)-हमारा वर्तमान नेता हाथ का सच्चा व्यक्ति है।
100. हवा हो जाना (भाग जाना)-पुलिस को देखते ही चोर हवा हो गया।

नीचे दिए गए मुहावरों के अर्थ समझकर वाक्य बताइए

1. अपने पैरों पर खड़ा होना (आत्मनिर्भर बनना)-समाज में अपने पैरों पर खड़े होने वाले का बहुत सम्मान होता है।
2. आँच न आने देना (किसी तरह का नुकसान न होने देना)-हमें अपने देश की मान-मर्यादा पर आँच नहीं आने देनी चाहिए।
3. उन्नीस-बीस का अंतर होना (बहुत कम अंतर होना)-राम और श्याम की आयु में उन्नीस-बीस का अंतर है।
4. कान में तेल डाल लेना (बात न सुनना)-सुधा को कितना बुलाओ सुनती ही नहीं, लगता है उस ने कान में तेल डाल लिया है।
5. गले का हार (बहुत प्यारा)-सुमित अपने माता-पिता के गले का हार है।। 6. चैन की बंसी बजाना (सुखपूर्वक रहना)-प्रेम पाल सेवानिवृत्ति के बाद चैन की बंसी बजा रहा है।
7. तिल का ताड़ बनाना (छोटी सी बात को बढ़ाना)-सुधाकर की ज़रा सी डॉट को अपने ऊपर आरोप समझना प्रभाकर का तिल का ताड़ बनाना है।
8. दाँतों में जीभ होना (चारों ओर विरोधियों से घिरे रहना)-चुनाव के दंगल में सुच्चा सिंह ऐसे घिर गया जैसे दाँतों में जीभ हो।
9. पीठ दिखाना (हार कर भाग जाना)-भारतीय सेना का आक्रामक रूख देख कर शत्रु सेना पीठ दिखा गई।
10. मुँह में पानी भर आना (ललचाना)-रसगुल्लों को देखते ही हार्दिक के मुँह में पानी भर आया।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran मुहावरे और लोकोक्तियाँ

लोकोक्तियों का अर्थ सहित वाक्य प्रयोग

1. अपना लाल गंवायं के दर-दर माँगे भीख (अपनी लापरवाही से अपनी वस्तु नष्ट कर दूसरों से मांगते फिरना)सुक्खा सिंह ने अपनी सारी दौलत शराब पी-पी कर गँवा दी और अब लोगों से उधार मांग कर गुजारा कर रहा है; इसी को कहते हैं अपना लाल गंवाय कर दर-दर मांगे भीख।
2. अधूरा छोड़े सो पड़ा रहे (बीच में छोड़ा गया काम अधूरा रह जाता है)-पप्पू ने पहले आर्टस में दाखिला लिया फिर कामर्स में चला गया और फिर पढ़ाई छोड़ दी, उसकी तो अधूरा छोड़े सो पड़ा रहे की हालत हो गई।
3. अपना कोढ़ बढ़ता जाय, औरों को दवा बताए (दूसरों को नसीहत देना पर खुद उस पर चलना)-रमन कौर सब को खूब मेहनत से पढ़ने के लिए कहती रहती है पर स्वयं पढ़ाई न करने से फेल हो गई; इसी को कहते हैं अपना कोढ़ बढ़ता जाय, औरों को दवा बताए।
4. आसमान से गिरा खजूर में अटका (एक मुसीबत से निकल कर दूसरी में फंसना)-सोहन सिंह का जो स्कूटर चोरी हो गया था वह मिल गया पर जैसे ही वह स्कूटर लेकर घर आ ही रहा था कि टक्कर मार बैठा, इसी को कहते हैं आसमान से गिरा खजूर में अटका।
5. आँखों देखी सच्ची, कानों सुनी झूठी (आँखों से देखा सच्चा होता है पर कानों से सुना नहीं)-सुमनबाला के कहने से ही रजनी को बुरी लड़की नहीं मान सकते क्योंकि आँखों देखी सच्ची, कानों सुनी झूठी बातें होती हैं।
6. अंत भले का भला (अच्छे को अंत में अच्छा फल मिलता है)-मैं तो सच्चाई और ईमानदारी का पक्षधर हूँ और मेरा ‘अंत भले का भला’ में दृढ़ विश्वास है।
7. अंधा क्या जाने बसंत की बहार (असमर्थ व्यक्ति गुणों को नहीं पहचान सकता)-उस मूर्ख को गीता का उपदेश देना व्यर्थ है क्योंकि उस पर तो ‘अंधा क्या जाने बसंत की बहार’ वाली कहावत चरितार्थ होती है।
8. अंधी पीसे कुत्ता चाटे (नासमझ अथवा सीधे-सादे व्यक्ति के परिश्रम का लाभ दूसरे व्यक्ति उठाते हैं)-दिनेश जो कुछ कमाता है, उसके मित्र उड़ा कर ले जाते हैं। यहां तो अंधी पीसे कुत्ता चाटे वाली बात हो रही है।
9. अंधों में काना राजा (मूों में थोड़े ज्ञान वाला भी बड़ा मान लिया जाता है)-हमारे गाँव में किशोरी लाल ही थोड़ा-सा पढ़ा-लिखा व्यक्ति है। सभी उसकी इज्जत करते हैं। इसी को कहते हैं-अंधों में काना राजा।
10. अपनी-अपनी डफली अपना-अपना राग (भिन्न-भिन्न मत होना)-इस सभा में कोई भी निर्णय नहीं हो सकता। यहाँ तो सबकी अपनी-अपनी डफली अपना-अपना राग है।
11. आम के आम गुठलियों के दाम (दोहरा लाभ)-आजकल तो अखबार की रद्दी भी अच्छे भाव पर बिक जाती है। यह तो आम के आम गुठलियों के दाम वाली बात है।
12. अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत (समय निकल जाने पर पछताना)-सारा साल तो रमेश पढ़ा नहीं, अब अनुत्तीर्ण हो गया। इसलिए ठीक कहा गया है कि अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।।
13. अधजल गगरी छलकल जाए (ओछे व्यक्ति का दिखावा करना)-उसे अपना नाम तक तो लिखना आता नहीं, स्वयं को ज्ञानी बताता है। उसका वही हाल है कि अधजल गगरी छलकत जाए।
14. अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता (बड़ा काम अकेला व्यक्ति नहीं कर सकता)-देश से भ्रष्टाचार एक व्यक्ति नहीं मिटा सकता। सबको मिलकर प्रयास करना चाहिए क्योंकि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।
15. अशर्फियाँ लुटें और कोयलों पर मोहर (लापरवाही से खर्च करना और पाई-पाई का हिसाब रखना)-सुरजीत लाटरी पर हजारों रुपए खर्च कर देता है परंतु सर्वजीत कौर के घर खर्च का पाई-पाई का हिसाब मांगता है। यही तो हैअशर्फ़ियाँ लूटें और कोयलों पर मोहर।
16. आँख के अंधे गाँठ के पूरे (मूर्ख परंतु धनी)–हरजीत के पास कोई डिग्री तो नहीं है परन्तु पैसा तो अच्छा कमा लेता है। वह आँख का अंधा तो है पर गाँठ का पूरा है।
17. आँख का अंधा, नाम नैन सुख (नाम अच्छा काम बुरा)-करोड़ीमल भीख माँग कर अपना पेट भरता है। यह तो वही बात हुई कि आँख का अंधा, नाम नैन सुख।
18. ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया (परमात्मा ने किसी को धनवान बनाया है और किसी को निर्धन)-मंबई जैसे बड़े नगरों में एक ओर तो धनवान् है जो महलों में रहते हैं, दूसरी ओर निर्धन हैं जिनके पास कुटिया भी नहीं। इसी को कहते हैं ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran मुहावरे और लोकोक्तियाँ

19. उल्टे बांस बरेली को (विपरीत कार्य)-बनारस का आम तो वैसे ही प्रसिद्ध है और तुम यहां से घटिया किस्म का आम बनारस ही अपने दादा जी को भेज रहे हो। यह तो उल्टे बांस बरेली को वाली बात हो रही है।
20. ऊँट किस करवट बैठता है (परिणाम न मालूम क्या होगा)-अमनदीप सिंह और अमृत पाल सिंह के बीच शतरंज की बाज़ी जीतने की होड़ लगी हुई है, देखना है कि ऊँट किस करवट बैठता है।
21. ऊँट के मुँह में जीरा (इच्छा से कम मिलना)-सुमन को खाने का बहुत शौक है और उसका भारी-भरकम शरीर भी तो देखो, उसे एक इडली देना ऊँट के मुँह में जीरा देने के समान है।
22. एक और एक ग्यारह होना (एकता में बल)-अकेले की बजाए मिलकर काम करने से बहुत लाभ होता है क्योंकि एक और एक ग्यारह होते हैं।
23. एक अनार सौ बीमार (वस्तु कम, चाहने वाले अधिक)-यदि किसी कार्यालय में एक स्थान ही रिक्त होता है तो उसकी पूर्ति के लिए सैंकड़ों प्रार्थना-पत्र आते हैं। इसी को कहते हैं एक अनार सौ बीमार।
24. एक तो चोरी दूसरे सीना ज़ोरी (काम बिगाड़ कर आँख दिखाना)-जतिन ने आयूष को पीटा और फिर जा कर अपनी माता से आयूष की शिकायत की, यह तो वही बात हुई कि एक तो चोरी दूसरे सीना जोरी।
25. एक पंथ दो काज (एक उद्यम से दो कार्य होना)-प्रकाश कौर अस्पताल अपना चैकअप कराने गई थी और लौटते हुए फल-सब्जी भी ले आई। इस प्रकार एक पंथ दो काज हो गए।
26. एक मछली सारे तालाब को गंदा करती है (एक की बुराई से सब पर दोष लगता है)-दफ़्तर में बड़े बाबू के रिश्वत लेने से सारे दफ्तर की बदनामी हो रही है। सच है कि एक मछली सारे तालाब को गंदा करती है।
27. एक म्यान में दो तलवारें नहीं समा सकतीं (दो विरोधी एक स्थान पर एक साथ शासन नहीं कर सकते)-शेर सिंह ने गब्बर सिंह को ललकारते हुए कहा कि इस इलाके में तुम रहोगे या मैं क्योंकि एक म्यान में दो तलवारें नहीं समा सकतीं।
28. एक तंदुरुस्ती हज़ार नियामत (सेहत सब से बड़ी नियामत है)-सारा दिन पढ़ते रहने से कुछ नहीं होता खानेपीने का भी ध्यान रखना चाहिए क्योंकि एक तंदुरुस्ती हजार नियामत होती है। सेहत ठीक होगी तो पढ़ाई भी हो सकती है।
29. ओखली में सिर दिया तो मूसलों से क्या डर (कठिन कार्य करने का निश्चय करने के बाद कठिनाइयों से क्या घबराना)-जब सत्याग्रहियों ने महात्मा गांधी से अंग्रेजों के अत्याचारों की शिकायत की, तो गांधी जी ने उन्हें समझाया कि साथियो जब ओखली में सिर दिया तो मूसलों का क्या डर ?
30. ओछे की प्रीत बालू की भीत (नीच की मित्रता)-दुर्योधन से मित्रता करना सबके लिए विनाश का कारण बनी थी क्योंकि ओछे की प्रीत बालू की भीत होती है।
31. और बात खोटी, सही दाल रोटी (सब धंधा दाल-रोटी का है)-भीम सिंह सारा दिन मेहनत करता है, उसे और कोई बात अच्छी नहीं लगती। उसका मानना है कि और बात खोटी, सही दाल रोटी।
32. कंगाली में आटा गीला (मुसीबत पर मुसीबत)-महेंद्र सिंह के मकान की छत गिर गई और साथ ही उसके पिता की भी मृत्यु हो गई। उसका हाल तो कंगाली में आटा गीला जैसी हो गई।
33. कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली (असंभव बात)-अमर सिंह जैसे मेधावी छात्र के साथ निकम्मे बोध सिंह की कोई तुलना नहीं है क्योंकि कहाँ राजा भोज, कहाँ गंगू तेली।
34. कागज़ की नाव नहीं चलती (बेईमानी से काम नहीं होता)-वज़ीर सिंह ज्यादा हेरा-फेरी मत किया करो क्योंकि हमेशा कागज़ की नाव नहीं चलती।
35. काठ की हाँडी बार-बार नहीं चढ़ती (धोखा एक बार होता है)-एक बार तुमसे गेहूँ लेकर मैं धोखा खा चुकी हूँ अब दुबारा नहीं लूँगी क्योंकि काठ की हाँडी बार-बार नहीं चढ़ती।
36. काम प्यारा है चाम नहीं (काम देखा जाता है)-सुरेंद्र कौर की खूबसूरती का फैक्टरी के मालिक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता क्योंकि उसे तो काम प्यारा है चाम नहीं।
37. का वर्षा जब कृषि सुखानी (मुसीबत टल जाने पर सहायता आना)-करोड़ों की संपत्ति जब जल कर राख हो गई तो आग बुझाने वाले आए। यह तो वही हुआ का वर्षा जब कृषि सुखानी।
38. काला अक्षर भैंस बराबर (निरक्षर)-इंद्रजीत कौर के बनाव-श्रृंगार पर मत जाओ, जब वह बोलेगी तो तुम्हें पता चल जाएगा कि वह तो काला अक्षर भैंस बराबर है।
39. कुत्ते की दुम बारह वर्ष नली में रखी जाए फिर भी टेढ़ी की टेढ़ी (दुष्ट अपनी दुष्टता नहीं छोड़ता)-शराबी लाख कसमें खा कर भी शराब पीना नहीं छोड़ता तभी तो कहा है कि कुत्ते की दुम बारह वर्ष नली में रखी जाए फिर भी टेढ़ी की टेढ़ी।
40. कथनी नहीं करनी चाहिए (बातें बहुत परंतु काम कुछ नहीं)-आजकल के नेताओं की कथनी और करनी में बहुत अंतर है क्योंकि जनता को उन की कथनी नहीं करनी चाहिए।
41. कौआ कोयल को काली कहे (दोषी दूसरे को दोषी कह कर उसकी बुराई करे)-जिस पर पहले से ही कत्ल के आरोप लग चुके हों वह निर्दोष को कातिल कहने लगे तो वही बात हुई कि कौआ कोयल को काली कहे।
42. क्या जन्म भर का ठेका लिया है (कोई किसी की जीवन भर सहायता नहीं कर सकता)-मोहन सिंह को रामसिंह ने पढ़ा लिखाकर नौकरी पर लगवा दिया है फिर भी वह राम सिंह से कुछ न कुछ मांगता रहता है। इस पर राम सिंह ने उसे साफ-साफ कह दिया कि उसने क्या उसका जन्म भर का ठेका लिया है, अपनी चादर देख कर पाँव पसारा कर।
43. कभी नाव गाड़ी पर कभी गाड़ी नाव पर (ज़रूरत में एक-दूसरे की मदद करना)-सुरेंद्र कौर ने बलवेंद्र कौर की गणित में सहायता की तो बलवेंद्र ने सुरेंद्र कौर की अंग्रेज़ी में मदद कर दी, इसलिए कहा गया है कि कभी नाव गाड़ी पर कभी गाड़ी नाव पर।
44. कोयले की दलाली में मुँह काला (बुरी संगत से बदनामी होती है)-तुम शराबी मोहन सिंह का साथ छोड़ दो नहीं तो लोग तुम्हें भी शराबी समझ लेंगे क्योंकि कोयले की दलाली में मुँह काला हो जाता है।
45. खोदा पहाड़ निकली चुहिया (मेहनत का फल कम मिलना)-हम मोरनी हिल देखने गए तो वहाँ हिल के नाम पर टीला-सा देख कर मुँह से निकल गया कि खोदा पहाड़ निकली चुहिया।
46. खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग पकड़ता है (देखा-देखी परिवर्तन)-भाग सिंह को शराब पीते देखकर उसका बेटा भी पीना सीख गया है। ठीक ही है खरबूजे को देख कर खरबूजा रंग पकड़ता है।
47. खग जाने खग ही की भाषा (आस-पास रहने वाले ही एक-दूसरे का स्वभाव जानते हैं)-रतन सिंह का रिश्वत लेना सुजान सिंह ही जानता है क्योंकि दोनों ही एक दफ्तर में काम करते हैं। इसलिए कहते हैं कि खग जाने खग ही की भाषा।
48. खरी मज़दूरी चोखा काम (पूरा पैसा देने से अच्छा काम होता है)-नीलम के घर की चमकती हुई रंगत देखकर जब सीमा ने उससे इसका कारण पूछा तो उसने कहा कि उसने खरी मजदूरी दी थी इसलिए चोखा काम हुआ
49. खूट के बल बछड़ा कूदे (दूसरे के भड़काने पर अकड़ना)-शीतल सिंह मुख्यमंत्री का विशेष कृपापात्र है इसलिए सब पर अपना रौब डालता रहता है। उसकी तो वही दशा है कि खूट के बल बछड़ा कूदे।
50. खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे (लज्जित हो कर गुस्सा करना)-वीरावाली से दूध का गिलास गिर गया तो वह कहने लगी कि रास्ते में पानी किसने गिरा दिया जो पैर फिसलने से दूध गिरा गया। सच है खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran मुहावरे और लोकोक्तियाँ

51. गंगा गए गंगाराम यमुना गए यमुना दास (अवसरवादी)-आजकल के नेताओं का कोई धर्म नहीं है, कभी वे ‘क’ दल में तो कभी ‘ख’ दल में। उनका हाल तो यह है कि गंगा गए गंगा राम यमुना गए यमुना दास।।
52. गधा खेत खाए जुलाहा मारा जाए (दुष्ट की दुष्टता का फल दूसरे को मिलना)-कक्षा में शोर संदीप मचा रहा था, परंतु मार अशोक को पड़ी। यह तो बही बात हुई कि गधा खेत खाए जुलाहा मारा जाए।
53. गाय न बच्छी नींद आवे अच्छी (संपत्तिहीन)-अमीर करवटें बदलते हैं, परंतु ग़रीब गहरी नींद सोता है क्योंकि कहा है कि गाय न बच्छी नींद आवे अच्छी।
54. गड खाए गलगलों से परहेज़ (दिखावटी परहेज़)-शास्त्री जी मिठाई तो खा लेते हैं, परंतु चाय फीकी पीते हैं। उनका तो वही हाल है कि गुड़ खाए गुलगुलों से परहेज़।
55. घर का भेदी लंका ढाहे (आपसी फूट से नुकसान)-देश में आतंकवाद कुछ देश द्रोहियों के कारण ही फैल रहा है क्योंकि घर का भेदी लंका ढाहे।
56. घाट-घाट का पानी पीना (बहुत अनुभवी)-जितेंद्र ने घाट-घाट का पानी पिया है, वह तुम्हारे बहकावे में नहीं आ सकता।
57. घर का जोगी जोगड़ा आन गाँव का सिद्ध (अपने घर के बाहर इज्ज़त होना)-भारत में भारतीय विश्वविद्यालयों की डिग्री के स्थान पर विदेशी विश्वविद्यालयों की डिग्रियों को अधिक महत्त्व दिया जाता है क्योंकि घर का जोगी जोगड़ा आन गाँव का सिद्ध होता है।
58. घर की मुर्गी दाल बराबर (आसानी से मिलने वाली वस्तु का कोई महत्त्व नहीं होना)-मुक्ता को अपनी माता जी द्वारा बनाया गया सुंदर स्वैटर अच्छा नहीं लगता वह तो बाज़ार से रेडीमेड स्वैटर लेना पसंद करती है क्योंकि घर की मुर्गी दाल बराबर होती है।
59. जो गरजते हैं वो बरसते नहीं (शेखी बघारने वाले कुछ नहीं कर पाते)-चुनाव के दिनों में बड़े-बड़े वायदे करने वाले नेता चुनाव के बाद अपने सब वायदे भूल जाते हैं क्योंकि जो गरजते हैं वो बरसते नहीं।
60. जोते हल तो होवे फल (मेहनती व्यक्ति सफल होते हैं)-सारा वर्ष कठिन परिश्रम से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सफल होते हैं क्योंकि कहा भी गया है कि जोते हल तो होवे फल।
61. जाके पैर न फटी बिवाई, सो क्या जाने पीर पराई (जिस ने मुसीबतें नहीं सही वह दूसरे का दुःख भी नहीं समझ सकता)-लाला जगतनारायण चाँदी के बर्तनों में खाना खाते हैं, वे क्या जानें कि इस महँगाई में गरीब कैसे अपनी रोटी-दाल का जुगाड़ करता है क्योंकि जाके पैर न फटी बिवाई सो क्या जाने पीर पराई?
62. तेते पाँव पसारिए जेती लंबी सौर (आमदनी के अनुसार खर्च करना)-मनुष्य को कभी भी ऋण लेकर आराम की वस्तुएँ नहीं खरीदनी चाहिए क्योंकि इससे ऋण ग्रस्त जीवन भारस्वरूप हो जाता है। इसलिए गुणी कहते हैं कि तेते पाँव पसारिए जेती लंबी सौर।
63. तुम जानो तुम्हारा काम जाने (मनमानी करने वाले को समझाना व्यर्थ है)-जब बार-बार समझाने पर भी गेंडा सिंह ने अपनी बुरी आदतें नहीं छोड़ी तो शेर सिंह ने गुस्से में कहा कि अब तो तुम जानो तुम्हारा काम जाने।
64. तू डाल-डाल मैं पात-पात (विरोधी के दाँव समझना)-चुनाव के दिनों में दल ‘क’ की चालों का दल ‘ख’ ने होशियारी से जवाब दिया और कहा कि तू डाल-डाल तो मैं पात-पात।
65. नीम हकीम खतरा जान (अधूरा ज्ञान हानिकारक होता है)-जब तुम्हें बिरयानी बनानी नहीं आती तो इतना तामझाम क्यों कर रही हो, पता है कि नीम हकीम खतरा जान होता है।
66. नेकी कर दरिया में डाल (उपकार करके जताना नहीं चाहिए)-प्रकाश सिंह ने दर्शन सिंह को नौकरी दिलवा दी थी पर इस बात का किसी को पता नहीं चला कि दर्शन सिंह को नौकरी मिली कैसे क्योंकि प्रकाश सिंह ने कीकर दरिया में डाल कहावत पर विश्वास करता था, किसी को कुछ बताता नहीं था।
67. नाम बड़े और दर्शन छोटे (प्रसिद्ध जैसे गुणों का ना होना)-संता सिंह का नाम तो बड़ा सुना था कि वह बहुत अच्छा उपदेशक है पर जब उस से बोला नहीं गया तो यही लगा कि नाम बड़े और दर्शन छोटे।
68. न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी (जड़ से नष्ट करना, कारण के न रहने से कार्य भी नहीं हो सकता)-तुम अपने घर से जामुन का पेड़ ही कटवा दो। इससे शरारती बच्चे इन पर पत्थर नहीं फेंकेगे, इस तरह न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी वाली बात सिद्ध हो जाएगी।
69. लातों के भूत बातों से नहीं मानते (दुष्ट व्यक्ति कहने से नहीं दंड देने से वश में आते हैं)-जब तक उसकी पिटाई नहीं करोगे, वह सच नहीं बोलेगा, क्योंकि लातों के भूत बातों से नहीं मानते।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran मुहावरे और लोकोक्तियाँ

70. सीधी उंगली से घी नहीं निकलता (सीधेपन से काम नहीं चलता)-जब रामू ने श्यामू को उसके हिस्से की मिठाई नहीं दी तो वह माँ के पास उसकी शिकायत करने जाने लगा तो रामू ने तुरंत उसे मिठाई दे दी। इसी को कहते हैं कि सीधी उंगली से घी नहीं निकलता।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran अनुवाद

Punjab State Board PSEB 10th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar anuvad अनुवाद Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 10th Class Hindi Grammar अनुवाद

निम्नलिखित पंजाबी के गद्यांशों का हिंदी में अनुवाद करें

1. ਮੈਨੂੰ ਜਦੋਂ ਵੀ ਆਪਣਾ ਬਚਪਨ ਯਾਦ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਮੇਰਾ ਦਿਲ ਕਰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਮੈਂ ਆਪਣੇ ਉਸੇ ਬਚਪਨ ਵਿਚ ਗੁਮ ਹੋ ਜਾਵਾਂ । ਮਨ ਬਚਪਨ ਦੀਆਂ ਖੇਡਾਂ ਵਲ ਚਲਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪਤੰਗ ਉਡਾਣਾ, ਦੋਸਤਾਂ ਨਾਲ ਸਾਈਕਲ ਦੀਆਂ ਰੇਸਾਂ ਲਗਾਉਣਾ,ਬੰਟੇ ਖੇਡਣੇ ਅਤੇ ਰਾਤ ਨੂੰ ਲੁਕਣ-ਮੀਟੀ ਖੇਡਣਾ ਮੈਨੂੰ ਅੱਜ ਵੀ ਯਾਦ ਹੈ । ਤਪਦੀ ਗਰਮੀ ਵਿਚ ਬਾਗ ਵਿੱਚ ਅੰਬ ਤੋੜ ਕੇ ਖਾਣੇ ਅਤੇ ਬਹੁਤ ਤੇਜ਼ ਮੀਂਹ ਵਿਚ ਨਹਾਉਣਾ ਮੈਨੂੰ ਬਹੁਤ ਚੰਗਾ ਲਗਦਾ ਸੀ ।
अनुवाद:
मुझे जब भी अपना बचपन याद आता है तो मेरा दिल करता है कि मैं अपने उस बचपन में गुम हो जाऊँ। मन बचपन की खेलों की तरफ चला जाता है। पतंग उड़ाना, मित्रों के साथ साइकिल की दौड़ें लगाना, कंचे खेलने और रात को छुपम-छुपाई खेलना मुझे आज भी याद है। तपती गर्मी में बाग में आम तोड़ कर खाने और बहुत तेज़ बारिश में नहाना मुझे बहुत अच्छा लगता था।

2. ਭ੍ਰਿਸ਼ਟ ਆਚਰਨ ਹੀ ਭ੍ਰਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਕੁਝ ਲੋਕ ਕੇਵਲ ਪੈਸੇ ਦੀ ਹੇਰਾਫੇਰੀ ਅਤੇ ਘਪਲੇਬਾਜ਼ੀ ਨੂੰ ਹੀ ਭ੍ਰਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਪਰ ਇਸ ਵਿਚ ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਮਿਲਾਵਟ, ਅਨਿਆਂ, ਸਿਫਾਰਿਸ਼, ਕਾਲਾਬਜ਼ਾਰੀ, ਸ਼ੋਸ਼ਣ ਅਤੇ ਧੋਖਾ ਆਦਿ ਸਭ ਕੁਛ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸਾਰਾ ਸਮਾਜ ਇੱਕ ਜੁਟ ਹੋ ਕੇ ਹੀ ਭ੍ਰਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਰੂਪੀ ਇਸ ਦੈਤ ਨੂੰ ਖ਼ਤਮ ਕਰ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
अनुवाद:
भ्रष्ट आचरण भी भ्रष्टाचार होता है। कुछ लोग केवल पैसे की हेराफेरी और घपलेबाजी को ही भ्रष्टाचार कहते हैं। पर इसके अतिरिक्त मिलावट, अन्याय, सिफ़ारिश, कालाबाजारी, शोषण और धोखा आदि सब कुछ आ जाता है। सारा समाज एकजुट हो कर भ्रष्टाचार रूपी इस दैत्य को समाप्त कर सकता है।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran अनुवाद

3. ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਮਿਹਨਤ ਦਾ ਬਹੁਤ ਮਹੱਤਵ ਹੈ । ਮਿਹਨਤੀ ਵਿਅਕਤੀ ਵਿਚ ਜੇਕਰ ਦ੍ਰਿੜ੍ਹ ਸੰਕਲਪ ਵੀ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਉਹ ਕਈ ਵਾਰ ਅਜਿਹੇ ਕੰਮ ਵੀ ਕਰ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜੋ ਕਿ ਆਮ ਇਨਸਾਨ ਨੂੰ ਅਸੰਭਵ ਲਗਦੇ ਹਨ । ਸੱਚਾ ਮਿਹਨਤੀ ਵਿਅਕਤੀ ਜੇਕਰ ਕਿਸੇ ਕੰਮ ਵਿਚ ਅਸਫਲ ਵੀ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਹ ਆਪਣੀਆਂ ਕਮੀਆਂ ਦਾ ਪਤਾ ਲਗਾ ਕੇ ਵਧੇਰੇ ਸ਼ਕਤੀ ਨਾਲ ਉਸ ਕੰਮ ਵਿਚ ਜੁੱਟ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
अनुवाद:
जीवन में मेहनत का बहुत महत्त्व है। मेहनती व्यक्ति में यदि दृढ़ संकल्प भी हो तो वह कई बार ऐसे काम भी कर जाता है जो कि आम इन्सान को अंसभव लगते हैं। सच्चा मेहनती व्यक्ति यदि किसी काम में असफल भी हो जाता है तो वह अपनी कमियों का पता लगा कर अधिक शक्ति से उस काम में जुट जाता है।

4. ਸਾਨੂੰ ਆਪਣੇ ਤਨ ਨੂੰ ਤੰਦਰੁਸਤ ਰੱਖਣ ਲਈ ਕਸਰਤ ਕਰਨ ਦੀ ਆਦਤ ਪਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਕਸਰਤ ਨਾਲ ਕੇਵਲ ਤਨ ਹੀ ਨਹੀਂ ਸਗੋਂ ਸਾਡਾ ਮਨ ਵੀ ਚੰਗਾ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਤਨ ਅਤੇ ਮਨ ਦੋਵੇਂ ਤੰਦਰੁਸਤ ਹੋ ਜਾਣਗੇ ਤਾਂ ਸਾਡੇ ਮਨ ਵਿਚ ਚੰਗੇ ਵਿਚਾਰ ਆਉਣਗੇ । ਚੰਗੇ ਵਿਚਾਰਾਂ ਨਾਲ ਹੀ ਅਸੀਂ ਚੰਗੇ ਕਰਮ ਕਰਾਂਗੇ ।
अनुवाद:
हमें अपने तन को स्वस्थ रखने के लिए कसरत की आदत डालनी चाहिए। कसरत के साथ केवल तन ही नहीं अपितु हमारा मन भी अच्छा बनता है। जब तन और मन दोनों स्वस्थ हो जाएंगे तो हमारे मन में अच्छे विचार आएंगे। अच्छे विचारों से ही हम अच्छे कार्य करेंगे।

5. ਚੰਗੀਆਂ ਕਿਤਾਬਾਂ ਸੁੱਖ ਅਤੇ ਖੁਸ਼ੀਆਂ ਦਾ ਖਜ਼ਾਨਾ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਔਖੀ ਘੜੀ ਵਿਚ ਇਹ ਸਾਡਾ ਮਾਰਗ ਦਰਸ਼ਨ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਕਿਤਾਬਾਂ ਨਾਲ ਪਿਆਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਲਈ ਕਿਤਾਬਾਂ ਕਿਸੇ ਖਜ਼ਾਨੇ ਤੋਂ ਘੱਟ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀਆਂ । ਲੋਕਮਾਨਿਆ ਤਿਲਕ ਦਾ ਕਹਿਣਾ ਸੀ ਕਿ-“ਮੈਂ ਨਰਕ ਵਿਚ ਵੀ ਕਿਤਾਬਾਂ ਦਾ ਸਵਾਗਤ ਕਰਾਂਗਾ । ਕਿਉਂਕਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਉਹ ਸ਼ਕਤੀ ਹੈ ਕਿ ਜਿੱਥੇ ਇਹ ਹੋਣਗੀਆਂ ਉੱਥੇ ਆਪਣੇ ਆਪ ਸਵਰਗ ਬਣ ਜਾਏਗਾ ।
अनुवाद:
अच्छी पुस्तकें सुख और प्रसन्नताओं का खज़ाना होती हैं। कठिन घड़ी में ये हमारा मार्गदर्शन करती हैं। जिन लोगों को पुस्तकों से प्रेम होता है, उनके लिए पुस्तकें किसी खज़ाने से कम नहीं होतीं। लोकमान्य तिलक का कहना था-‘मैं नर्क में भी पुस्तकों का स्वागत करूँगा। क्योंकि इनमें वह शक्ति है कि जहाँ ये होंगी वहाँ अपने आप स्वर्ग बन हैं।

6. ਓਜ਼ੋਨ ਪਰਤ ਸੂਰਜ ਤੋਂ ਨਿਕਲਣ ਵਾਲੀਆਂ ਨੁਕਸਾਨਦਾਇਕ ਕਿਰਨਾਂ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਪਰਾਬੈਂਗਣੀ ਕਿਰਨਾਂ ਨੂੰ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰਨ ਤੋਂ ਰੋਕਣ ਲਈ ਫਿਲਟਰ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਕੰਮ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਵਿਜ, ਏ. ਸੀ. ਉਪਕਰਨ ਆਦਿ ਵਿਚ ਇਸਤੇਮਾਲ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਜ਼ਹਿਰੀਲੀਆਂ ਗੈਸਾਂ ਇਸ ਪਰਤ ਨੂੰ ਨੁਕਸਾਨ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਏ. ਸੀ. ਉਪਕਰਨਾਂ ਦਾ ਘੱਟ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
अनुवाद:
ओज़ोन परत से निकलने वाली हानिकारक किरणों के साथ-साथ पराबैंगनी किरणों को वायुमंडल में प्रवेश करने से रोकने के लिए फिल्टर के रूप में काम करती हैं। फ्रिज, ए०सी० उपकरण आदि में प्रयुक्त होने वाली विषैली गैसें इस परत का नुकसान करती हैं। इसलिए हमें ए०सी० उपकरणों का कम प्रयोग करना चाहिए।

7. ਹਿੰਦੀ ਨੂੰ ਸੰਘ ਦੀ ਰਾਜਭਾਸ਼ਾ ਕਹਿਣ ਦਾ ਇਹ ਅਰਥ ਨਹੀਂ ਕਿ ਭਾਰਤ ਦੀਆਂ ਦੂਜੀਆਂ ਭਾਸ਼ਾਵਾਂ ਇਸ ਤੋਂ ਘੱਟ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹਨ । ਭਾਰਤ ਦੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਪ੍ਰਦੇਸ਼ਿਕ ਭਾਸ਼ਾਵਾਂ ਸਮਾਨ ਮਹੱਤਵ ਰੱਖਦੀਆਂ ਹਨ । ਜੇਕਰ ਅਖਿਲ ਭਾਰਤੀ ਪੱਧਰ ‘ਤੇ ਹਿੰਦੀ ਰਾਜਭਾਸ਼ਾ ਹੈ ਤਾਂ ਦੂਜੀਆਂ ਦੇਸ਼ਿਕ ਭਾਸ਼ਾਵਾਂ ਆਪਣੇ-ਆਪਣੇ ਰਾਜਾਂ ਵਿਚ ਰਾਜਭਾਸ਼ਾ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਕੰਮ ਕਰ ਰਹੀਆਂ ਹਨ ।
अनुवाद:
हिंदी को संघ की राजभाषा कहने का यह अर्थ नहीं कि भारत में अन्य भाषाएं इस से कम महत्त्वपूर्ण हैं। भारत की सभी प्रादेशिक भाषाएँ समान महत्त्व रखती हैं। यदि अखिल भारतीय स्तर पर हिंदी राजभाषा है तो अन्य प्रादेशिक भाषाएं अपने-अपने राज्यों में राजभाषा के रूप में काम कर रही हैं।

8. ਸਾਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਦੀ ਖਪਤ ਘੱਟ ਅਤੇ ਬੜੇ ਹੀ ਕਿਫ਼ਾਇਤੀ ਢੰਗ ਨਾਲ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਜਿਸ ਸਥਾਨ ‘ਤੇ ਅਸੀਂ ਮੌਜੂਦ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ, ਉਸ ਸਥਾਨ ‘ਤੇ ਬਿਜਲੀ ਚਲਦੀ ਨਹੀਂ ਰਹਿਣ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ । ਬਿਜਲੀ ਦੀ ਬੱਚਤ ਸੰਬੰਧੀ ਇੱਕ ਨਾਰਾ ਹੈ ‘ਲੋੜ ਨਹੀਂ ਜਦੋਂ, (ਸਵਿੱਚ ਬਟਨ ਬੰਦ ਉਦੋਂ ਜੇਕਰ ਇਸ ਨਾਰੇ ਨੂੰ ਸਾਰੇ ਲੋਕ ਆਪਣੇ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਅਪਨਾ ਲੈਣ ਤਾਂ ਵੀ ਅਸੀਂ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀ ਬਿਜਲੀ ਬਚਾ ਸਕਦੇ ਹਾਂ।
अनुवाद:
हमें बिजली की खपत कम और अति किफ़ायती ढंग से करनी चाहिए। जिस स्थान पर हम उपस्थित नहीं होते, उस स्थान पर बिजली चलती नहीं रहने देनी चाहिए। बिजली की बचत संबंधी एक नारा है ‘आवश्यकता नहीं जब, बटन बंद तब।’ यदि इस नारे को सभी लोग अपने जीवन में अपना लें तो हम बहुत-सी बिजली बचा सकते हैं।

9. ਮਹਿੰਗਾਈ ਨੇ ਅੱਜ ਗਰੀਬ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਕਮਰ ਤੋੜ ਦਿੱਤੀ ਹੈ । ਘਰੇਲੂ ਪ੍ਰਯੋਗ ਵਿਚ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦੀਆਂ ਕੀਮਤਾਂ ਇਸ ਕਦਰ ਵੱਧ ਗਈਆਂ ਹਨ ਕਿ ਗਰੀਬ ਵਰਗ ਦਾ ਘਰ-ਪਰਿਵਾਰ ਦਾ ਗੁਜ਼ਾਰਾ ਕਰਨਾ ਬਹੁਤ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ । ਸਰਕਾਰ ਨੂੰ ਜਲਦੀ ਤੋਂ ਜਲਦੀ ਮਹਿੰਗਾਈ ਨੂੰ ਘਟਾ ਕੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਰਾਹਤ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
अनुवाद:
महंगाई ने आज गरीब लोगों की कमर तोड़ दी है। घरेलू प्रयोग में आने वाली वस्तुओं के मूल्य इस तरह बढ़ गए हैं कि निर्धन वर्ग के घर-परिवार का निर्वाह करना बहुत कठिन हो गया है। सरकार को शीघ्रातिशीघ्र महंगाई को घटा कर लोगों को राहत देनी चाहिए।

10. ਸਾਡੇ ਸਕੂਲ ਦਾ ਸਲਾਨਾ ਸਮਾਗਮ ਬੜੀ ਧੂਮਧਾਮ ਨਾਲ ਮਨਾਇਆ ਗਿਆ | ਸਾਰੇ ਸਕੂਲ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਹੀ ਸੁੰਦਰ ਢੰਗ ਨਾਲ ਸਜਾਇਆ ਗਿਆ ਸਕੂਲ ਦੇ ਪ੍ਰਿੰਸੀਪਲ ਨੇ ਸਕੂਲ ਦੀ ਰਿਪੋਰਟ ਪੜ੍ਹੀ । ਮੁੱਖ ਮਹਿਮਾਨ ਨੇ ਸਿੱਖਿਆ ਦੇ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਸਾਡੇ ਸਕੂਲ ਦੇ ਯੋਗਦਾਨ ਦੀ ਪ੍ਰਸ਼ੰਸਾ ਕੀਤੀ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਇਸ ਸਾਲ ਹਰ ਜਮਾਤ ਵਿੱਚੋਂ ਪਹਿਲੇ ਤਿੰਨ ਸਥਾਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਇਨਾਮ ਵੰਡੇ ।
अनुवाद:
हमारे स्कूल का वार्षिक समारोह बड़ी धूमधाम से मनाया गया। सारे स्कूल को बहुत ही सुंदर ढंग से सजाया गया। स्कूल के प्राचार्य ने स्कूल की रिपोर्ट पढ़ी। मुख्य अतिथि ने शिक्षा के क्षेत्र में हमारे स्कूल के योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने इस वर्ष कक्षा में पहले तीन स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार बांटे।

हल सहित अनुवाद संबंधी अवतरण

1. ਪੜਨਾ ਅੱਜ ਸਾਡੇ ਲਈ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ, ਪਰ ਪੜਾਈ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਆਪਣੇ ਹੁਨਰ ਅਤੇ ਪ੍ਰਤਿਭਾ ਨੂੰ ਸਭ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਵਿਖਾਉਣਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਜਿੰਨਾ ਚਿਰ ਵਿਅਕਤੀ ਆਪਣੇ ਵਿਚਾਰਾਂ ਅਤੇ ਪ੍ਰਤਿਭਾ ਨੂੰ ਲੋਕਾਂ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਨਾ ਲਿਆਏ ਉਨਾ ਚਿਰ ਇਸ ਦਾ ਕੋਈ ਫਾਇਦਾ ਨਹੀਂ । ਅੱਜ-ਕਲ੍ਹ ਇਨ੍ਹਾਂ ਹੁਨਰਾਂ ਨੂੰ ਸਮਾਜ ਵਿਚ ਲਿਆਉਣ ਦੇ ਕਈ ਸਾਧਨ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਇਕ ਹੈ ‘ਸਾਹਿਤ’ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਸਾਹਿਤ ਸਮਾਜ ਦਾ ਦਰਪਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਕਥਨ ਬਿਲਕੁਲ ਸਹੀ ਹੈ, ਕਿਉਂਕਿ ਇਹ ਸਾਹਿਤ ਹੀ ਸਮਾਜ ਵਿੱਚ ਵਾਪਰ ਰਹੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੀ ਲੇਖਣੀ ਅੰਦਰ ਬੰਦ ਕਰਕੇ ਲੋਕਾਂ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਪੇਸ਼ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਜ਼ਰਾ ਸੋਚੋ, ਜੇਕਰ ਇਹ ਸਾਹਿਤ ਹੀ ਨਾ ਹੁੰਦਾ ਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਮਹਾਨ ਕਵੀਆਂ ਅਤੇ ਸਾਹਿਤਕਾਰਾਂ ਬਾਰੇ ਸਾਨੂੰ ਜਾਣਕਾਰੀ ਕਿਵੇਂ ਮਿਲਦੀ?
अनुवाद:
पढ़ना आज हमारे लिए बहुत आवश्यक हो गया है, पर पढ़ाई के साथ-साथ अपने गुणों और प्रतिभा को सबके सामने दर्शाना अतिआवश्यक है। जब तक व्यक्ति अपने विचारों और प्रतिभा को लोगों के सामने न लाए तब तक इन का कोई लाभ नहीं। आजकल इन गुणों को समाज में लाने के अनेक साधन हैं। इनमें एक ‘साहित्य’ है। कहा जाता है कि साहित्य समाज का दर्पण होता है। यह कथन पूरी तरह से सत्य है क्योंकि यह साहित्य ही समाज में घटित हो रही घटनाओं को अपने लेखन में बंद करके लोगों के समक्ष प्रस्तुत करता है। ज़रा सोचो कि यदि साहित्य ही न होता तो इन महान् कवियों और साहित्यकारों के विषय में हमें जानकारी किस प्रकार प्राप्त होती?

2. ਅਰਦਾਸਾਂ ਕਰਕੇ ਅਤੇ ਜੋਤਸ਼ੀਆਂ ਨੂੰ ਹੱਥ ਦਿਖਾ ਕੇ ਸਾਡੇ ਮਨਾਂ ਅੰਦਰ ਉਮੀਦਾਂ ਜਾਗਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਉਮੀਦਾਂ ਦਾ ਨਸ਼ਾ ਉਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਾਨੂੰ ਚੜਿਆ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ , ਜਿਵੇਂ ਅਸੀਂ ਲਾਟਰੀ ਦੀ ਟਿਕਟ ਖ਼ਰੀਦ ਕੇ ਸੁਪਨਿਆਂ ਵਿੱਚ ਹੀ ਲੱਖਾਂਪਤੀ ਬਣ ਕੇ ਉਸ ਰਕਮ ਨੂੰ ਖ਼ਰਚਣ ਦੀਆਂ ਤਰਕੀਬਾਂ ਬਣਾਉਂਦੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਾਂ | ਕਈ ਵਾਰੀ ਤਾਂ ਅਸੀਂ ਇਹ ਸੋਚਣ ਉੱਤੇ ਮਜਬੂਰ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਜੇ ਭਾਰਤੀ ਲੋਕ ਅਰਦਾਸਾਂ ਅਤੇ ਜੋਤਸ਼ੀਆਂ ਉੱਤੇ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਨਾ ਕਰਦੇ ਹੁੰਦੇ ਤਾਂ ਇੱਥੇ ਵੱਡੀਆਂ ਕਰਾਂਤੀਆਂ ਆ ਸਕਦੀਆਂ ਸਨ ।
अनुवाद:
प्रार्थनाएं करके और ज्योतषियों को हाथ दिखा कर हमारे मन के भीतर आशाएं जागृत होती हैं और इन आशाओं का नशा हमें उसी प्रकार चढ़ा रहता है जैसे लाटरी की टिकट खरीद कर सपनों में ही लखपति बन कर उस राशि को व्यय करने की योजनाएँ बनाते रहते हैं। अनेक बार तो हम यह सोचने के लिए विवश हो जाते हैं कि यदि हम भारतीय प्रार्थना और विश्वास न करते होते तो यहाँ बड़ी क्रांतियां आ सकती थीं।

3. ਭਾਰਤ ਦੇ ਉੱਤਰ ਪ੍ਰਦੇਸ਼ ਦੇ ਆਗਰਾ ਸ਼ਹਿਰ ਵਿਚ ਸਥਿਤ ਤਾਜ ਮਹੱਲ ਇੱਕ ਖੂਬਸੂਰਤ ਮਕਬਰਾ ਹੈ । ਇਸਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਮੁਗਲ ਸਮਰਾਟ ਸ਼ਾਹ ਜਹਾਨ ਨੇ ਆਪਣੀ ਪਤਨੀ ਮੁਮਤਾਜ ਮਹੱਲ ਦੀ ਯਾਦ ਵਿਚ ਕਰਵਾਇਆ ਸੀ ।ਇਹ ਆਪਣੀ ਸੁੰਦਰਤਾ ਅਤੇ ਉੱਤਮ ਵਾਸਤੁਕਲਾ ਕਰਕੇ ਦੁਨੀਆ ਭਰ ਵਿਚ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਹੈ । ਇਹ ਵਿਲੱਖਣ ਮਕਬਰਾ ਸਵੇਰ ਨੂੰ ਲਾਲ-ਗੁਲਾਬੀ, ਸ਼ਾਮ ਨੂੰ ਦੁਧੀਆ ਅਤੇ ਰਾਤ ਨੂੰ ਸੁਨਹਿਰੀ ਝਲਕ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਵੇਖੇ ਬਿਨਾਂ ਭਾਰਤ ਦਾ ਸੈਰ-ਸਪਾਟਾ ਅਧੂਰਾ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
अनुवाद:
भारत के उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में स्थित ताजमहल एक खूबसूरत मकबरा है। इसका निर्माण मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में करवाया था। यह अपनी सुन्दरता तथा उत्तम वास्तुकला के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यह विलक्षण मकबरा सुबह को लाल-गुलाबी, शाम को दूधिया और रात को सुनहरी झलक देता है। इस को देखे बिना भारत का सैर-सपाटा अधूरा माना जाता है।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran अनुवाद

4. ਪੂਰੀ ਦੁਨੀਆਂ ਵਿਚ 8 ਮਾਰਚ ਦਾ ਦਿਨ ਮਹਿਲਾ ਦਿਵਸ ਵਜੋਂ ਮਨਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸਰਕਾਰਾਂ ਵਲੋਂ ਔਰਤਾਂ ਦੇ ਵਿਕਾਸ ਲਈ ਕਈ ਨੀਤੀਆਂ ਵੀ ਬਣਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਲੜਕੀਆਂ ਦੀ ਸਿੱਖਿਆ ਵੱਲ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਧਿਆਨ ਦਿੱਤਾ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਸਿੱਖਿਆ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਔਰਤਾਂ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਵੱਲ ਵੀ ਠੋਸ ਕਦਮ ਚੁੱਕਣ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੈ । ਲੜਕੀਆਂ ਨੂੰ ਖ਼ੁਦ ਵੀ ਸਿੱਖਿਅਤ ਹੋ ਕੇ ਆਤਮਨਿਰਭਰ ਬਣਨ ਦੀ ਲੋੜ ਹੈ ।
अनुवाद:
पूरे विश्व में 8 मार्च का दिन महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। सरकारों की ओर से महिलाओं के विकास के लिए कई नीतियाँ बनाई जाती हैं। लड़कियों की शिक्षा की ओर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। शिक्षा के साथसाथ महिलाओं की सुरक्षा की ओर भी ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है। लड़कियों को स्वयं भी शिक्षित होकर आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता है।

5. ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਲੋਕ ਵਿਅਕਤੀਤਵ ਦਾ ਗ਼ਲਤ ਮਤਲਬ ਕੱਢਦੇ ਹਨ । ਉਹ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਸਰੀਰ ਦੀ ਬਾਹਰੀ ਬਨਾਵਟ ਨੂੰ ਹੀ ਉਸਦਾ ਵਿਅਕਤੀਤਵ ਸਮਝਦੇ ਹਨ ਚੰਗੇ ਕੱਪੜੇ ਦੇਖ ਕੇ ਉਹ ਅੰਦਾਜ਼ਾ ਲਗਾ ਲੈਂਦੇ ਹਨ ਕਿ ਇਸ ਮਨੁੱਖ ਦਾ ਵਿਅਕਤੀਤਵ ਚੰਗਾ ਹੈ । ਬਾਹਰੀ ਬਨਾਵਟੀ ਕਿਸੇ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਵਿਅਕਤੀਤਵ ਨੂੰ ਨਿਰਧਾਰਤ ਨਹੀਂ ਕਰਦੀ । ਇਹ ਵਿਅਕਤੀਤਵ ਦਾ ਹਿੱਸਾ ਮਾਤਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਕ ਮਨੁੱਖ ਜਿਸ ਦੇ ਕੱਪੜੇ ਵਧੀਆ ਹਨ ਪਰ ਉਸ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਚੀਜ਼ ਬਾਰੇ ਕੋਈ ਗਿਆਨ ਨਹੀਂ, ਤਾਂ ਅਸੀਂ ਕਹਿ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਉਸਦਾ ਵਿਅਕਤੀਤਵ ਪ੍ਰਭਾਵਸ਼ਾਲੀ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਇਕ ਚੰਗੇ ਵਿਅਕਤੀਤਵ ਦਾ ਵਿਕਾਸ ਕਰਨ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਵਰਤਮਾਨ ਸਮੇਂ ਬਾਰੇ ਗਿਆਨ ਹੋਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।
अनुवाद:
प्रायः लोग व्यक्तित्व का ग़लत अर्थ निकालते हैं। वे मनुष्य की बाह्य रचना को ही उसका व्यक्तित्व समझते हैं। अच्छे वस्त्र देखकर वे अनुमान लगा लेते हैं कि इस व्यक्ति का व्यक्तित्व अच्छा है। बाह्य बनावट किसी मनुष्य के व्यक्तित्व को निर्धारित नहीं करती। यह व्यक्तित्व का एक अंश-मात्र होती है। एक मनुष्य जिसके वस्त्र बढ़िया हैं पर उसे किसी वस्तु का कोई ज्ञान नहीं तो हम कह सकते हैं कि उस का व्यक्तित्व प्रभावशाली नहीं है। एक अच्छे व्यक्तित्व का विकास करने हेतु हमें वर्तमान समय के विषय में ज्ञान होना आवश्यक है।

6. ਭਾਰਤ ਦਾ ਇਤਿਹਾਸ ਕਈ ਦੇਸ਼ ਭਗਤਾਂ ਦੀਆਂ ਕੁਰਬਾਨੀਆਂ ਨਾਲ ਭਰਿਆ ਪਿਆ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਬਾਬਰ ਨੇ ਭਾਰਤ ਉੱਤੇ ਹਮਲਾ ਕੀਤਾ ਤਾਂ ਉਸ ਸਮੇਂ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਨੇ ਇਸ ਵਿਰੁੱਧ ਆਵਾਜ਼ ਉਠਾਈ । ਭਗਤ ਸਿੰਘ ਨੇ ਆਪਣਾ ਨਾਮ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਪੰਨਿਆਂ ਉੱਤੇ ਸ਼ਹੀਦ-ਏ-ਆਜ਼ਮ ਸਰਦਾਰ ਭਗਤ ਸਿੰਘ ਲਿਖਵਾਇਆ, ਸ਼ੇਰੇ ਪੰਜਾਬ ਲਾਲਾ ਲਾਜਪਤ ਰਾਏ, ਸ਼ਹੀਦ ਊਧਮ ਸਿੰਘ ਅਤੇ ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਹਰੇਕ ਹਿੱਸੇ ਤੋਂ ਅਨੇਕਾਂ ਲੋਕਾਂ ਨੇ ਆਪਣੀਆਂ ਜਾਨਾਂ ਇਸ ਆਜ਼ਾਦੀ ਨੂੰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਕੁਰਬਾਨ ਕੀਤੀਆਂ । ਇਸ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਇਸ ਆਜ਼ਾਦੀ ਦੀ ਅਹਿਮੀਅਤ ਸਮਝਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਦੇਸ਼ ਨੂੰ ਦੁਨੀਆ ਦੇ ਸਿਖਰ ਤੇ ਪਹੁੰਚਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਭਾਰਤ ਵਿੱਚ ਫੈਲੀਆਂ ਬੁਰਾਈਆਂ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
अनुवाद:
भारत का इतिहास अनेक देशभक्तों के बलिदानों से भरा हुआ है। जब बाबर ने भारत पर हमला किया तो उस समय गुरु नानक देव जी ने इसके विरुद्ध आवाज़ उठाई। भगत सिंह ने अपना नाम इतिहास के पृष्ठों पर शहीदए-आज़म सरदार भगत सिंह लिखवाया। शेरे पंजाब लाला लाजपत राय, शहीद ऊधम सिंह और हमारे देश के प्रत्येक हिस्से से अनेक लोगों ने अपने जीवन इस स्वतंत्रता को प्राप्त करने हेतु बलिदान कर दिए थे। इसलिए हमें इस स्वतंत्रता का महत्त्व समझना चाहिए और देश को विश्व के शिखर तक पहुँचाना चाहिए तथा भारत में व्याप्त बुराइयों को दूर करना चाहिए।

7. ਅੱਜ ਸਾਡਾ ਦੇਸ਼ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਧਰਮ-ਜਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਵੰਡਿਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਸਮਾਨ ਵਿਚਾਰਧਾਰਾ ਤੇ ਏਕਤਾ ਦੀ ਬਹੁਤ ਲੋੜ ਹੈ । ਆਪਣੇ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ, ਦੇਸ਼ ਦੀ ਮਿੱਟੀ ਨੂੰ, ਸਭਿਆਚਾਰ ਅਤੇ ਮਾਂ ਬੋਲੀ ਨੂੰ ਪਿਆਰ ਕਰਨਾ ਹੀ ਦੇਸ਼ ਪਿਆਰ ਹੈ । ਜਿਸ ਇਨਸਾਨ ਵਿੱਚ ਦੇਸ਼ ਪਿਆਰ ਦਾ ਜ਼ਜਬਾ ਨਹੀਂ ਉਹ ਗੱਦਾਰ, ਅਣਖਹੀਣ ਤੇ ਮੁਰਦਾ ਹੈ । ਸਾਡਾ ਦੁੱਖ-ਸੁੱਖ ਸਭ ਕੁਝ ਦੇਸ਼ ਪਿਆਰ ਨਾਲ ਹੀ ਬੱਝਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜਿਸ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਵਿੱਚ ਦੇਸ਼ ਪਿਆਰ ਨਹੀਂ ਉਹ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਹੀ ਜੰਜ਼ੀਰਾਂ ਵਿੱਚ ਜਕੜੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
अनुवाद:
आज हमारा देश पृथक् पृथक् धर्म-जातियों में बंट गया है। इसलिए हमारे देश में समान विचारधारा और एकता की बहुत आवश्यकता है। अपने देश के लोगों को, देश की मिट्टी को, सभ्याचार और मातृभाषा से प्रेम करना ही देश-प्रेम है। जिस इन्सान में देश-प्रेम का भाव नहीं, वह गद्दार, अस्वाभिमानी और मृतक है। हमारा सुख-दुःख, सब कुछ देश-प्रेम से ही बंधा होता है। जिस देश के लोगों में देश-प्रेम नहीं, वह सदा जंजीरों में ही जकड़े रहते हैं।

8. ਹਰ ਸਾਲ 31 ਮਈ ਨੂੰ ਕੌਮਾਂਤਰੀ ਤੰਬਾਕੂਮੁਕਤ ਦਿਵਸ ਮਨਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦਿਨ ਸਰਕਾਰੀ ਅਤੇ ਗੈਰ-ਸਰਕਾਰੀ ਸੰਸਥਾਵਾਂ ਵੱਲੋਂ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਤੰਬਾਕੂਨੋਸ਼ੀ ਤੋਂ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਬੀਮਾਰੀਆਂ ਪ੍ਰਤੀ ਜਾਗਰੂਕ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਤੰਬਾਕੂਨੋਸ਼ੀ ਕਾਰਨ ਕਈ ਨਾਮੁਰਾਦ ਅਤੇ ਲਾਇਲਾਜ ਬੀਮਾਰੀਆਂ ਲੱਗ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਕੈਂਸਰ, ਦਮਾ, ਚਮੜੀ ਦੇ ਰੋਗ, ਫੇਫੜਿਆਂ ਦੇ ਰੋਗ ਤੇ ਹੋਰ ਅਨੇਕ ਬੀਮਾਰੀਆਂ ਸ਼ਾਮਲ ਹਨ ।
अनुवाद:
प्रति वर्ष 31 मई को राष्ट्रीय तंबाकू मुक्त दिवस मनाया जाता है। इस दिन सरकारी तथा गैर-सरकारी संस्थाओं की ओर से लोगों को तंबाकूनोशी से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक किया जाता है। तंबाकूनोशी के कारण कई नामुराद तथा लाइलाज रोग लग जाते हैं जिनमें कैंसर, दमा, चमड़ी के रोग, फेफड़ों के रोग तथा अन्य अनेक बीमारियों ਬ ਚਿਰ ਵੈਂ ।

9. ਨਵੇਂ ਵੋਟਰਾਂ ਨੂੰ ਉਤਸਾਹਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਭਾਰਤ ਵਿਚ 25 ਜਨਵਰੀ ਨੂੰ ਹਰ ਸਾਲ ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਵੋਟਰ ਦਿਵਸ ਦੇ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਮਨਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦੀ ਸ਼ੁਰੂਆਤ ਭਾਰਤੀ ਚੋਣ ਕਮਿਸ਼ਨ ਦੇ ਡਾਇਮੰਡ ਜੁਬਲੀ ਸਮਾਰੋਹ ਦੇ ਸਮਾਪਤੀ ਸਮਾਗਮ ਦੌਰਾਨ ਕੀਤੀ ਗਈ ਸੀ । ਭਾਰਤੀ ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੀ ਧਾਰਾ 326 ਵਿਚ ਸੋਧ ਕਰਕੇ ਵੋਟ ਪਾਉਣ ਦੇ ਅਧਿਕਾਰ ਲਈ ਉਮਰ ਸੀਮਾ 21 ਸਾਲ ਤੋਂ ਘਟਾ ਕੇ 18 ਸਾਲ ਕਰ ਦਿੱਤੀ ਗਈ ਸੀ ਤਾਂ ਕਿ ਨੌਜਵਾਨ ਵਰਗ ਨੂੰ ਦੇਸ਼ ਦੀ ਰਾਜਨੀਤਿਕ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿਚ ਭਾਗ ਲੈਣ ਦੇ ਯੋਗ ਬਣਾਇਆ ਜਾ ਸਕੇ ।
अनुवाद:
नए मतदाताओं को उत्साहित करने के लिए भारत में 25 जनवरी को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय मतदाता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इसका प्रारंभ भारतीय चुनाव आयोग की हीरक जयंती समारोह के समापन समारोह के दौरान किया गया ਆਰੀਧ ਸੰਥਿਆਰ ਨੀ. ਪਾਵਾ 326 ਸੌ ਸੰਗੀਬਰ ਕੇ ਸਰ ਕਰੇ ਕੇ ਖਿਝ ਕੇ ਜਿਤੁ ਆਧੁ ਜੀ 21 ਕਥੇ ਬਟਨ 18 वर्ष कर दी गयी थी ताकि नौजवान वर्ग को देश की राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेने के योग्य बनाया जा सके।

10. ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰੀ ਦਾ ਇਕ ਹੋਰ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਕਾਰਨ ਸਾਡੀ ਵਿੱਦਿਅਕ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਦਾ ਸਹੀ ਨਾ ਹੋਣਾ ਵੀ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਆਰਟ ਦੇ ਵਿਸ਼ਿਆਂ ਦੀ ਥਾਂ ਤੇ ਜੇਕਰ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਤਕਨੀਕੀ ਕੋਰਸਾਂ ਵਿਚ ਦਾਖ਼ਲ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਆਪਣੇ ਪੈਰਾਂ ਤੇ ਆਪ ਖੜੇ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਕਈ ਵਾਰ ਇੰਟਰਵਿਊ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਹੀ ਉਹ ਨੌਜਵਾਨ ਰੱਖ ਲਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜੋ ਰਿਸ਼ਵਤ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਉਹ ਉਮੀਦਵਾਰ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਚੰਗੇ ਨੰਬਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਨੌਕਰੀ ਨਹੀਂ ਮਿਲਦੀ । ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰੀ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ ਦਾ ਹੱਲ ਕਿਸੇ ਇਕ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਹੱਥ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਸਰਕਾਰ ਨੂੰ ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰੀ ਨੂੰ ਖ਼ਤਮ ਕਰਨ ਲਈ ਠੋਸ ਕਦਮ ਚੁੱਕਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ । ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਵੱਧ ਰਹੀ ਆਬਾਦੀ ਤੇ ਰੋਕ ਲਗਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਰਿਸ਼ਵਤਖੋਰੀ ਨੂੰ ਖ਼ਤਮ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ चै।
अनुवाद:
बेरोज़गारी का एक अन्य कारण हमारी शिक्षा प्रणाली का ठीक न होना भी हो सकता है। आर्ट्स (कला) के विषयों की जगह यदि विद्यार्थियों को तकनीकी पाठ्यक्रमों में प्रविष्ठ किया जाए जो विद्यार्थी अपने पांवों पर स्वयं खड़े हो सकते हैं । अनेक बार साक्षात्कार से पहले उन नवयुवकों को रख लिया जाता है जो रिश्वत देते हैं। वे प्रार्थी जिनके अच्छे अंक होते हैं उन्हें नौकरी नहीं मिलती। बेरोज़गारी की समस्या का हल किसी एक व्यक्ति के हाथ में नहीं है। सरकार को बेरोज़गारी को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिएं। सबसे पहले बढ़ रही जनसंख्या पर प्रतिबंध लगाना चाहिए और रिश्वतखोरी को समाप्त करना चाहिए।

11. ਅੱਜ-ਕਲ੍ਹ ਹਰ ਇਕ ਭਾਸ਼ਾ ਦਾ ਸਾਹਿਤ ਮੌਜੂਦ ਹੈ । ਹਰ ਇਕ ਭਾਸ਼ਾ ਦੇ ਵਿੱਚ ਸਾਹਿਤ ਦੀ ਸਿਰਜਣਾ ਹੋ ਰਹੀ ਹੈ | ਹਰ ਇਕ ਸਾਹਿਤ ਆਪਣੀਆਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ਨੂੰ ਉਜਾਗਰ ਕਰਨ ਤੇ ਲੱਗਾ ਹੋਇਆ ਹੈ । ਪਰ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ‘‘ਪੰਜਾਬੀ ਸਾਹਿਤ ਦਾ ਇਕ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਮਹੱਤਵ ਹੈ। ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਜਿੰਨਾ ਚੰਗਾ ਸਾਹਿਤ ਆਪਣੀ ਮਾਂ ਬੋਲੀ ਵਿੱਚ ਲਿਖਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਉੱਨਾ ਸ਼ਾਇਦ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਸਾਹਿਤ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ । ਅੱਜ ਸਾਡੀ ਮਾਂ ਬੋਲੀ ਦਿਨ ਦੁਗਣੀ ਅਤੇ ਰਾਤ ਚੌਗਣੀ ਤਰੱਕੀ ਕਰ ਰਹੀ ਹੈ | ਅੱਜ ਸਾਡੀ ਮਾਂ ਬੋਲੀ ਕੇਵਲ ਭਾਰਤ ਵਿਚ ਹੀ ਨਹੀਂ ਸਗੋਂ ਬਾਹਰ ਵੀ ਚੰਗਾ ਨਾਮ ਕਮਾ ਰਹੀ ਹੈ | ਅੱਜ-ਕਲ੍ਹ ਪੰਜਾਬੀ ਲੇਖਕਾਂ ਨੇ ਪੰਜਾਬੀਅਤ ਨੂੰ ਇੰਗਲੈਂਡ ਅਤੇ ਅਮਰੀਕਾ ਜਿਹੇ ਦੇਸ਼ਾਂ ਅੰਦਰ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਦਰਜਾ ਦਵਾਇਆ ਹੋਇਆ ਹੈ ।
अनुवाद:
आजकल प्रत्येक भाषा का साहित्य उपलब्ध है। हर एक भाषा में साहित्य की सर्जना हो रही है। हर एक साहित्य अपनी विशिष्टताओं को उजागर करने में लगा हुआ है पर इनमें ‘पंजाबी-साहित्य’ का एक विशेष महत्त्व है। कहा जाता है कि जितना अच्छा साहित्य अपनी मातृभाषा में लिखा जा सकता है उतना संभवतः किसी अन्य साहित्य में नहीं। आज हमारी मातृभाषा दिन दुगुनी रात चौगुनी उन्नति कर रही है। आज हमारी मातृभाषा केवल भारत में ही नहीं अपितु बाहर भी अच्छा नाम कमा रही है। आजकल पंजाबी लेखकों ने पंजाबियत को इंग्लैंड और अमेरिका जैसे देशों में विशेष स्थान दिलवाया हुआ है।

12. ਅਸੀਂ ਭਾਰਤੀ ਸਦੀਆਂ ਤੋਂ ਉਜਲੇ ਭਵਿੱਖ ਦੀਆਂ ਆਸਾਂ ਲਾਈ ਬੈਠੇ ਹਾਂ। ਅਸੀਂ ਆਪਣੇ ਖ਼ੁਸ਼ਹਾਲ ਭਵਿੱਖ ਲਈ ਸੰਘਰਸ਼ ਵੀ ਕੀਤੇ ਹਨ । ਅਰਦਾਸਾਂ ਵੀ ਕੀਤੀਆਂ ਹਨ ਸਮਾਧੀਆਂ ਵੀ ਲਗਾਈਆਂ ਹਨ । ਬੰਦਗੀਆਂ ਕੀਤੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਜੋਤਸ਼ੀਆਂ ਅੱਗੇ ਹੱਥ ਅੱਡ-ਅੱਡ ਵੀ ਬੈਠੇ ਹਾਂ । ਪਰ ਏਨਾ ਕੁੱਝ ਕਰਨ ਦੇ ਬਾਵਜੂਦ ਸਾਡਾ ਭਵਿੱਖ ਉਜਲਾ ਨਹੀਂ ਹੋਇਆ ਅਸੀਂ ਆਪਣੀ ਹਾਲਤ ਸੰਵਾਰਨੀ ਤਾਂ ਕੀ ਸੀ ਬਲਕਿ ਹਰ ਸਾਲ ਸਾਡੇ ਹਾਲਾਤ ਅੱਗੇ ਨਾਲੋਂ ਵੀ ਬਦਤਰ ਹੋ ਕੇ ਸਾਡਾ ਮਜ਼ਾਕ ਉਡਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
अनुवाद:
हम भारतीय शताब्दियों से उज्ज्वल भविष्य की आशा लगाए बैठे हैं। हम ने अपने समृद्ध भविष्य के लिए संघर्ष भी किए हैं। प्रार्थनाएं भी की हैं। समाधियां भी लगाई हैं। वंदनाएं भी की हैं तथा ज्योतषियों के आगे हाथ फैलाफैला कर बैठे भी हैं। पर इतना कुछ करने के उपरांत भी हमारा भविष्य उज्ज्वल नहीं हुआ। हमने अपने हालात संवारने तो क्या बल्कि प्रतिवर्ष हमारे हालात पहले से भी बदतर होकर हमारा मज़ाक उड़ाते हैं।

13. ਮੋਬਾਇਲ ਅੱਜ ਸਾਡੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦਾ ਅਹਿਮ ਹਿੱਸਾ ਬਣ ਗਿਆ ਹੈ । ਫਿਰ ਵੀ ਸਾਨੂੰ ਇਸ ਦਾ ਬੜੀ ਹੀ ਸਮਝਦਾਰੀ ਨਾਲ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਕੇਵਲ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੋਣ ਤੇ ਹੀ ਮੋਬਾਇਲ ਫ਼ੋਨ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਘਰ ਵਿਚ ਲੈਂਡਲਾਈਨ ਟੇਲੀਫੋਨ ਨੂੰ ਹੀ ਪਹਿਲ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਮੋਬਾਇਲ ਫ਼ੋਨ ਦੇ ਘਟ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕਰਨ ਨਾਲ ਇਸਦੇ ਦਿਮਾਗ ਅਤੇ ਕੋਸ਼ਿਕਾਵਾਂ ‘ਤੇ ਪ੍ਰਤਿਕੂਲ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪੈਣ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਕਾਫੀ ਘੱਟ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
अनुवाद:
मोबाइल आज हमारी जिंदगी का महत्त्वपूर्ण हिस्सा बन गया है । फिर भी हमें इसका बहुत ही समझदारी से प्रयोग करना चाहिए। केवल बहुत ज़रूरी होने पर ही मोबाइल फ़ोन का प्रयोग करना चाहिए। घर में लैंडलाइन टैलीफ़ोन को ही प्राथमिकता देनी चाहिए। मोबाइल फोन के कम प्रयोग से मस्तिष्क और कोशिकाओं पर इसके प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना काफी कम हो जाती है।

14. ਕੁਦਰਤ ਵਲੋਂ ਸਾਨੂੰ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਦਰੱਖ਼ਤ, ਹਰਿਆਲੀ, ਠੰਡੀਆਂ ਹਵਾਵਾਂ, ਰੰਗ-ਬਿਰੰਗੇ ਫੁੱਲ, ਅਨੇਕ ਕਿਸਮਾਂ ਦੇ ਫਲ, ਪਵਿੱਤਰ ਜਲ, ਸੁਹਾਵਣੇ ਜੰਗਲ, ਪਸ਼ੂ-ਪੰਛੀ ਰੂਪੀ ਅਨੋਖੀ ਦੌਲਤ ਮਿਲੀ ਹੈ । ਪਰ ਮਨੁੱਖ ਆਪਣੇ ਨਿਜੀ ਸਵਾਰਥਾਂ ਕਾਰਨ ਇਸ ਕੁਦਰਤੀ ਦੌਲਤ ਨੂੰ ਹੀ ਨੁਕਸਾਨ ਪਹੁੰਚਾ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਅੱਜ ਸਮਾਂ ਆ ਗਿਆ ਹੈ ਕਿ ਅਸੀਂ ਸਾਰੇ ਮਿਲ ਕੇ ਵਾਤਾਵਰਨ ਦੀ ਸੰਭਾਲ ਲਈ ਵਚਨਬੱਧ ਹੋਈਏ ।
अनुवाद:
प्रकृति की ओर से हमें भिन्न-भिन्न तरह के वृक्ष, हरियाली, शीतल हवाएं, रंग-बिरंगे फूल, अनेक प्रकार के फल, पवित्र जल, सुहावने वन, पशु-पक्षी रूपी अद्भुत संपत्ति मिली है। परंतु मानव अपने निजी स्वार्थों के कारण इस प्राकृतिक दौलत को ही हानि पहुँचा रहा है। आज समय आ गया है कि हम सभी मिलकर पर्यावरण की संभाल के लिए वचनबद्ध हों।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran अनुवाद

15 ਇੱਕ ਵਾਰ ਇੱਕ ਮਨੁੱਖ ਸੀ ਜਿਸ ਨੇ ਆਪਣੇ ਸਾਰੇ ਜੀਵਨ ਕਾਲ ਵਿੱਚ ਕਦੇ ਕੋਈ ਚੰਗਾ ਕੰਮ ਨਹੀਂ ਸੀ ਕੀਤਾ । ਇਸ ਲਈ ਉਸ ਨੂੰ ਪਤਾ ਸੀ ਕਿ ਮਰਨ ਪਿੱਛੋਂ ਉਸਨੂੰ ਸਿੱਧਾ ਨਰਕ ਵਿੱਚ ਹੀ ਜਾਣਾ ਪਵੇਗਾ । ਉਸਨੇ ਪੁਰਾਤਨ ਪੁਸਤਕਾਂ ਅਤੇ ਕਥਾਕਹਾਣੀਆਂ ਵਿੱਚ ਪੜ੍ਹਿਆ ਹੋਇਆ ਸੀ ਕਿ ਨਰਕ ਵਿੱਚ ਅੱਗ ਦੇ ਭਾਂਬੜ ਬਲਦੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਚਾਰੇ ਪਾਸੇ ਧੂੰਆਂ ਹੀ ਧੂੰਆਂ ਨਜ਼ਰ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ।ਉੱਥੋਂ ਦੀ ਧਰਤੀ ਭਖਦੇ ਲੋਹੇ ਵਾਂਗ ਤਪਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਉੱਥੋਂ ਦੀਆਂ ਨਦੀਆਂ ਦਾ ਪਾਣੀ ਉਬਲਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਪਾਪੀ ਆਤਮਾਵਾਂ ਹਰ ਥਾਂ ਅੱਗ ਦੇ ਭਾਂਬੜ ਵਿੱਚ ਸੜਦੀਆਂ ਨਜ਼ਰ ਆਉਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਹ ਸਭ ਗੱਲਾਂ ਸੁਣ ਕੇ ਉਹ ਬੜਾ ਦੁਖੀ ਰਹਿੰਦਾ ਸੀ ।
अनुवाद:
एक बार एक मनुष्य था जिसने अपने सारे जीवन काल में कभी कोई अच्छा काम नहीं किया था। इसलिए उसे पता था कि मृत्यु के पश्चात् उसे सीधा नर्क में जाना पड़ेगा । उसने प्राचीन पुस्तकों और कथा-कहानियों में पढ़ा हुआ था कि नर्क में आग की लपटें दहकती रहती हैं और चारों तरफ धुआँ ही धुआँ दिखाई देता है। वहाँ की धरती दहकते लोहे की तरह तपती रहती है इसलिए वहाँ की नदियों का जल उबलता रहता है। पापी आत्माएँ हर जगह आग की लपटों में जलती हुई दिखाई देती हैं। इन सब बातों को सुनकर वह बहुत दुःखी रहता था।

16. ਸਾਨੂੰ ਆਪਣੇ ਵਿਅਕਤੀਤਵ ਦਾ ਵਿਕਾਸ ਕਰਨ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਠੋਸ ਕਦਮ ਚੁੱਕਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ । ਸਿਰਫ਼ ਗੱਲਾਂ ਕਰਨ ਨਾਲ ਹੀ ਕੁੱਝ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ । ਸੰਗਤ ਦਾ ਵੀ ਸਾਡੇ ਵਿਅਕਤੀਤਵ ਤੇ ਡੂੰਘਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪੈਂਦਾ ਹੈ । ਬੁਰੀ ਸੰਗਤ ਨਾਲੋਂ ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਇਕੱਲਾ ਰਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਬੁਰੀ ਸੰਗਤ ਸਾਡੇ ਵਿਅਕਤੀਤਵ ਨੂੰ ਵਿਗਾੜ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਅਸੀਂ ਕਈ ਆਦਤਾਂ ਆਪਣੀ ਸੰਗਤ ਤੋਂ ਗ੍ਰਹਿਣ ਕਰਦੇ ਹਾਂ । ਇਸ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਸ਼ਾਲੀ ਅਤੇ ਸਮਝਦਾਰ ਵਿਅਕਤੀ ਨਾਲ ਹੀ ਮਿੱਤਰਤਾ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਕਿਸੇ ਸ਼ਰਾਬੀ ਅਤੇ ਜੁਆਰੀਏ ਦੀ ਸੰਗਤ ਵਿੱਚ ਰਹਿ ਕੇ ਅਸੀਂ ਚੰਗੇ ਵਿਅਕਤੀਤਵ ਦਾ ਵਿਕਾਸ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੇ । ਬੁਰੀ ਸੰਗਤ ਵਿਚ ਰਹਿ ਕੇ ਅਸੀਂ ਬੁਰੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਾਂ । ਇਕ ਵਾਰ ਜੇ ਅਸੀਂ ਬੁਰੀ ਸੰਗਤ ਵਿਚ ਫਸ ਗਏ ਤਾਂ ਨਿਕਲਣਾ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
अनुवाद:
हमें अपने व्यक्तित्व का विकास करने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए। केवल बातें करने से कुछ नहीं होता। संगति का भी हमारे व्यक्तित्व पर गहरा प्रभाव पड़ता है। बुरी संगति की अपेक्षा मनुष्य को अकेला रहना चाहिए। बुरी संगति हमारे व्यक्तित्व को बिगाड़ सकती है। हम अनेक आदतें अपनी संगति से ग्रहण करते हैं। इसलिए हमें प्रभावशाली और समझदार व्यक्ति के साथ ही मित्रता करनी चाहिए। किसी शराबी और जुआरी की संगति में रहकर हम अच्छे व्यक्तित्व का विकास नहीं कर सकते। बुरी संगति में रह कर हम बुरी आदतों का शिकार हो जाते हैं। एक बार यदि हम बुरी संगति में फंस गए तो निकलना कठिन हो जाता है।

17. ਸ਼ੇਖ ਫ਼ਰੀਦ ਜੀ ਪਹੁੰਚੇ ਹੋਏ ਫ਼ਕੀਰ ਹੋਏ ਹਨ । ਆਪ ਜੀ ਦੀ ਬਾਣੀ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਵਿਚ ਸ਼ਾਮਲ ਹੈ । ਆਪ ਜੀ . ਦੇ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਮੁਰੀਦ ਸਨ । ਇਹ ਮੁਰੀਦ ਆਪ ਜੀ ਪਾਸ ਭੇਟਾਵਾਂ ਲੈ ਕੇ ਹਾਜ਼ਿਰ ਹੁੰਦੇ ਸਨ । ਇੱਕ ਵਾਰ ਇਕ ਮੁਰੀਦ ਨੇ ਆਪ ਜੀ ਨੂੰ ਸੋਨੇ ਦੀ ਇੱਕ ਕੈਂਚੀ ਭੇਟਾਂ ਕੀਤੀ । ਮੁਰੀਦ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਆਸ ਸੀ ਕਿ ਸੋਨੇ ਦੀ ਕੈਂਚੀ ਲੈ ਕੇ ਬਾਬਾ ਫ਼ਰੀਦ ਜੀ ਬੜੇ ਖ਼ੁਸ਼ ਹੋਣਗੇ ਪਰ ਫ਼ਰੀਦ ਜੀ ਬੋਲੇ ‘‘ਸਾਨੂੰ ਇਹ ਕੈਂਚੀ ਨਹੀਂ ਚਾਹੀਦੀ ਸਾਨੂੰ ਤਾਂ ਲੋਹੇ ਦੀ ਇੱਕ ਸੂਈ ਲਿਆ ਦੇ’ ਮੁਰੀਦ ਉਦਾਸ ਹੋ ਗਿਆ ਫ਼ਰੀਦ ਜੀ ਨੇ ਮੁਰੀਦ ਨੂੰ ਸਮਝਾਇਆ ਕਿ ‘‘ਕੈਂਚੀ ਦਾ ਕੰਮ ਵੱਢਣਾ ਹੈ, ਸਾਨੂੰ ਤਾਂ ਸੁਈ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹੋਈਆਂ ਲੀਰਾਂ ਨੂੰ ਜੋੜਿਆ ਜਾ ਸਕੇ. ਅਸੀਂ ਕੱਟਣ ਦਾ ਨਹੀਂ ਸੀਣ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰਨਾ ਹੈ । ਧਰਮ ਦਾ ਕੰਮ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਜੋੜਨ ਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਤੋੜਨ ਨਾਲੋਂ ਜੋੜਨ ਦਾ ਕੰਮ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਹੀ ਵੱਡਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।”
अनुवाद:
शेख फ़रीद पहुँचे हुए फ़कीर हुए हैं। आप की वाणी गुरु ग्रंथ साहिब में सम्मिलित है। आप के अनेक शिष्य थे। ये शिष्य आप के पास भेंटें लेकर उपस्थित होते थे। एक बार एक शिष्य ने आप को सोने की एक कैंची भेट की। शिष्य को बहुत आशा थी कि सोने की कैंची लेकर बाबा फरीद बहुत प्रसन्न होंगे पर फ़रीद जी बोले, “हमें यह कैंची नहीं चाहिए। हमें तो लोहे की एक सूई ला दो।” शिष्य उदास हो गया। फ़रीद जी ने शिष्य को समझाया “कैंची का काम काटना है, हमें तो सूई चाहिए जिस के साथ अलग-अलग हुई कतरनों को जोड़ा जा सके। हमने काटने का नहीं सिलने का कार्य करना है। धर्म का कार्य सदा जोड़ने का है। इसलिए तोड़ने की अपेक्षा जोड़ने का कार्य सदा ही ਕਢਾ ਵੀਗ ਵੈ ।’

18. ਹਰ ਮਨੁੱਖ ਦੇਸ਼ ਦਾ ਬਹੁਮੁੱਲਾ ਰਤਨ ਹੈ ਅਤੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਹੀਰਿਆਂ ਦੇ ਸਮਾਨ ਹਨ । ਵਰਤਮਾਨ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਭਾਰਤ ਦੀ ਸਮਾਜਿਕ, ਆਰਥਿਕ ਅਤੇ ਸਭਿਆਚਾਰਕ ਉਸਾਰੀ ਲਈ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਦਾ ਰੋਲ ਬਹੁਤ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹੈ। ਇਹ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਦੀ ਤਰੱਕੀ ਦੇ ਦੀਪਕ ਹਨ ਜਿਹੜੇ ਵਿੱਦਿਆ ਰਾਹੀਂ ਦੂਸਰੇ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਵਿੱਚ ਵੀ ਚਾਨਣ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਵਿੱਦਿਆ ਦਾ ਪਾਤਰ ਹਰ ਕੋਈ ਵਿਅਕਤੀ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦਾ । ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਵਿੱਦਿਆ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਅਭਿਮਾਨ, ਕ੍ਰੋਧ, ਲੋਭ, ਆਲਸ ਆਦਿ ਵਿਕਾਰਾਂ ਨੂੰ ਤਿਆਗ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇੱਕ ਚੰਗੇ ਵਿਆਰਥੀ ਨੂੰ ਸਬਰ, ਸੰਤੋਖ, ਮਿੱਠਾ ਬੋਲਣਾ ਆਦਿ ਗੁਣਾਂ ਨੂੰ ਅਪਨਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਆਪਣੇ ਉਦੇਸ਼ ਨੂੰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਕਠੋਰ ਮਿਹਨਤ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
अनुवाद:
प्रत्येक मनुष्य देश का बहुमूल्य रत्न है और विद्यार्थी हीरों के समान हैं। वर्तमान समय में भारत के सामाजिक, आर्थिक और सभ्यतापूर्ण निर्माण के लिए विद्यार्थियों की भूमिका बहुत महत्त्वपूर्ण है। ये विद्यार्थी हमारे देश के विकास के दीपक हैं जो शिक्षा की राह से दूसरे लोगों के जीवन में उजाला कर सकते हैं। शिक्षा का पात्र हर व्यक्ति नहीं हो सकता। विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए अभिमान, क्रोध, लोभ, आलस्य आदि विकारों को त्याग देना चाहिए। एक अच्छे विद्यार्थी को धैर्य, संतोष, मीठा बोलना आदि गुणों को अपनाना चाहिए। अपने उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए कठोर मेहनत करनी चाहिए।

19. ਹਰੇਕ ਸਾਲ ਵਿਸ਼ਵ ਵਾਤਾਵਰਣ ਦਿਵਸ 5 ਜੂਨ ਨੂੰ ਪੂਰੀ ਦੁਨੀਆਂ ਭਰ ਵਿਚ ਮਨਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ ਮਕਸਦ ਇਸ ਧਰਤੀ ਤੇ ਰਹਿ ਰਹੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਵਾਤਾਵਰਣ ਪ੍ਰਤੀ ਜਾਗਰੂਕ ਕਰਨਾ ਹੈ । ਹਵਾ, ਪਾਣੀ ਤੇ ਧਰਤੀ ਦਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਜਦੋਂ ਲਗਾਤਾਰ ਵੱਧਣ ਲੱਗਾ ਤਾਂ ਵਿਦਵਾਨਾਂ ਨੂੰ ਵਿਸ਼ਵ ਵਾਤਾਵਰਨ ਦਿਵਸ ਮਨਾਉਣ ਦੀ ਲੋੜ ਮਹਿਸੂਸ ਹੋਈ । ਭਾਰਤ ਵਿਚ ਵੀ ਇਸ ਦਿਹਾੜੇ ਨੂੰ ਵੱਖਵੱਖ ਸਿੱਖਿਆ ਸੰਸਥਾਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਉਤਸਾਹ ਨਾਲ ਮਨਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
अनुवाद:
प्रत्येक वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को पूरे विश्व में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य इस पृथ्वी पर रह रहे लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना है। वायु, जल तथा पृथ्वी का प्रदूषण जब लगातार बढ़ने लगा तो विद्वानों को विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की आवश्यकता महसूस हुई। भारत में ही इस दिन को भिन्न-भिन्न शिक्षण संस्थाओं द्वारा उत्साह पूर्वक मनाया जाता है।

20. ਖੇਡਾਂ ਦਾ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਯੋਗਦਾਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਜੀਵਨ ਦਾ ਇਕ ਬਹੁਤ ਹੀ ਲਾਜ਼ਮੀ ਅੰਗ ਹਨ । ਇਹ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਸਿਹਤਮੰਦ ਰੱਖਣ ‘ਚ ਸਹਾਇਕ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇੱਕ ਸਿਹਤਮੰਦ ਵਿਅਕਤੀ ਹੀ ਚੰਗੇ ਸਮਾਜ ਦੀ ਉਸਾਰੀ ਵਿਚ ਯੋਗਦਾਨ ਪਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਖੇਡਾਂ ਨੌਜਵਾਨ ਪੀੜ੍ਹੀ ਨੂੰ ਨਸ਼ਿਆਂ ਤੋਂ ਵੀ ਬਚਾਅ ਕੇ ਰੱਖਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਅਤੇ ਵਿਦਿਅਕ ਸੰਸਥਾਵਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਪੜ੍ਹਾਈ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਖੇਡਾਂ ਵੱਲੋਂ ਵੀ ਉਤਸਾਹਿਤ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
अनुवाद:
खेलों का मानव जीवन में बहुत बड़ा योगदान होता है। ये जीवन का एक बहुत ही आवश्यक अंग हैं। ये शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होती हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति ही अच्छे समाज के निर्माण में योगदान दे सकता है। इसके अतिरिक्त खेलें युवा पीढ़ी को नशों से भी बचाकर रखती हैं। इसलिए माता-पिता तथा शिक्षण संस्थाओं को अपने बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलों की ओर भी उत्साहित करना चाहिए।

21. ਜਿਸ ਵੀ ਮਨੁੱਖ ਤੋਂ ਇੱਕ ਸਵਾਲ ਪੁੱਛੋ ਕਿ ਤੂੰ ਕਦੋਂ ਮਰਨਾ ਹੈ ? ਕਿਸ ਦਿਨ ਸੰਸਾਰ ਛੱਡਣਾ ਹੈ ਤੇ ਸੋਚੀਂ ਪੈ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤੇ ਕਹਿੰਦਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਲਿਖੀ ਹੈ ਉਸ ਟਾਈਮ । ਜੇ ਪੁੱਛੋ ਕਿ ਤੇਰਾ ਜਨਮ ਕਦੋਂ ਹੋਇਆ ? ਤੇ ਅੱਗੇ ਦੱਸੇਗਾ ਕਿ ਮੇਰਾ ਜਨਮ ਇਸ ਤਾਰੀਖ, ਦਿਨ, ਸੰਨ, ਸਾਰਾ ਕੁੱਝ ਦੱਸ ਦਵੇਗਾ । ਜੇ ਇਨਸਾਨ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਜਨਮ ਬਾਰੇ ਪਤਾ ਹੈ, ਤੇ ਆਪਣੀ ਮੌਤ ਬਾਰੇ ਕਿਉਂ ਨਹੀਂ ਪਤਾ ? ਪਰਮਾਤਮਾ ਨੇ ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਜੀਵਨ ਤਾਂ ਦੇ ਦਿੱਤਾ ਪਰ ਉਸ ਦੀ ਕੋਈ ਬੁਨਿਆਦ ਨਾ ਰੱਖੀ । ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਬੀਤੇ ਕੱਲ੍ਹ ਬਾਰੇ ਪਤਾ ਹੈ ਪਰ ਅੱਗੇ ਆਉਣ ਵਾਲੇ ਕੱਲ੍ਹ ਦਾ ਨਹੀਂ ਪਤਾ । ਇਨਸਾਨ ਇੱਕ ਡੂੰਘੀ ਸੋਚ ਸੋਚਦਾ ਹੈ ਕਿ ਮੈਂ ਇਸ ਦੁਨੀਆਂ ਤੇ ਆ ਗਿਆ ਹਾਂ । ਹੁਣ ਮੈਂ ਕਦੀ ਵੀ ਇਸ ਸੰਸਾਰ ਤੋਂ ਵਾਪਸ ਨਹੀਂ ਜਾਣਾ ।
अनुवाद:
जिस भी मनुष्य से एक प्रश्न पूछे कि तूने कब मरना है ? किस दिन संसार छोड़ना है, तो वह सोच में पड़ जाता है और कहता है-जो लिखी है उसी समय। यदि पूछो कि तेरा जन्म कब हुआ ? तो आगे बताएगा कि मेरा जन्म इस तारीख, दिन, सन्–सब कुछ बता देगा। यदि इन्सान को अपने जन्म के बारे पता है तो अपनी मौत के विषय में क्यों नहीं पता ? परमात्मा ने मनुष्य को जीवन तो दे दिया पर उसकी कोई नींव नहीं रखी। मनुष्य को अपने बीते हुए कल के बारे में पता है पर आगे आने वाले कल के बारे में पता नहीं। इन्सान एक गहरी सोच में डूब कर सोचता है कि मैं इस दुनिया में आ गया हूँ। अब मुझे कभी भी इस संसार से वापस नहीं जाना।

22. ਬਹੁਤ ਸਮੇਂ ਪਹਿਲਾਂ ਦੀ ਗੱਲ ਹੈ ਇਕ ਆਦਮੀ ਬੜਾ ਹੀ ਗ਼ਰੀਬ ਸੀ । ਉਹ ਰੋਜ਼ ਅਮੀਰ ਹੋਣ ਦੇ ਸੁਪਨੇ ਦੇਖਦਾ ਸੀ । ਪਰ ਉਹ ਮਿਹਨਤ ਉਨੀ ਹੀ ਕਰਦਾ ਸੀ, ਜਿੰਨੀ ਨਾਲ ਉਹ ਢਿੱਡ ਭਰ ਕੇ ਰੋਟੀ ਖਾ ਸਕੇ । ਉਸ ਨੇ ਆਪਣੀ ਇਸ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਤੋਂ ਤੰਗ ਆ ਕੇ ਅਮੀਰ ਬਣਨ ਦੀ ਸਕੀਮ ਸੋਚੀ ਅਤੇ ਭਗਵਾਨ ਸ਼ਿਵ ਦੀ ਅਰਾਧਨਾ ਕਰਨ ਲੱਗ ਪਿਆ । ਉਸ ਦੀ ਕਈ ਦਿਨਾਂ ਦੀ ਕਠਿਨ ਤਪੱਸਿਆ ਤੋਂ ਖ਼ੁਸ਼ ਹੋ ਕੇ ਭਗਵਾਨ ਨੇ ਉਸ ਨੂੰ ਵਰ ਮੰਗਣ ਲਈ ਕਿਹਾ | ਉਸ ਨੇ ਭਗਵਾਨ ਅੱਗੇ ਪ੍ਰਾਰਥਨਾ ਕੀਤੀ ਕਿ ਉਸ ਨੂੰ ਅਮੀਰ ਬਣਾ ਦਿਉ । ਉਸ ਕੋਲ ਧਨ-ਦੌਲਤ ਦੀ ਕੋਈ ਕਮੀ ਨਾ ਰਹੇ । ਇਹ ਸੁਣ ਕੇ ਭਗਵਾਨ ਨੇ ਉਸ ਨੂੰ ਕਿਹਾ ਕਿ ਇਸ ਜਗਾ ਤੋਂ ਜਿਸ ਦਿਸ਼ਾ ਵਲ ਦੋ ਮੀਲ ਜਾਵੇਗਾ ਅਤੇ ਧਰਤੀ ਪੁੱਟੇਂਗਾ ਤੈਨੂੰ ਉੱਥੇ ਹੀ ਬੇਅੰਤ ਮਾਇਆ ਮਿਲੇਗੀ ।
अनुवाद:
बहुत समय पहले की बात है कि एक आदमी बहुत ही ग़रीब था। वह प्रतिदिन अमीर होने के स्वप्न देखता था। पर वह परिश्रम उतना ही करता था जिस के साथ वह पेट भर कर रोटी खा सके। उसने अपनी इस जिंदगी से तंग आ कर अमीर बनने की योजना सोची और भगवान् शिव की आराधना करने लगा । उस की अनेक दिनों की कठिन तपस्या पर प्रसन्न हो कर भगवान् ने उसे वरदान मांगने के लिए कहा। उसने भगवान् के आगे प्रार्थना की कि उसे अमीर बना दो। उस के पास धन-दौलत की कोई कमी न रहे। यह सुन कर भगवान् ने उसे कहा कि इस जगह से जिस दिशा की ओर दो मील जाएगा और धरती खोदेगा, तुझे वहीं अनंत संपत्ति मिलेगी।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran अनुवाद

23. ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਨੂੰ ਆਜ਼ਾਦ ਹੋਇਆਂ ਕਈ ਸਾਲ ਹੋ ਗਏ ਹਨ । ਵਿਗਿਆਨ ਤਰੱਕੀ ਕਰਕੇ ਕਿਤੇ ਦਾ ਕਿਤੇ ਪਹੁੰਚ ਗਿਆ ਪਰ ਬੜੇ ਅਫਸੋਸ ਦੀ ਗੱਲ ਹੈ ਕਿ ਅੰਧਵਿਸ਼ਵਾਸ ਦੀਆਂ ਜੜ੍ਹਾਂ ਹਾਲੇ ਵੀ ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਡੂੰਘੀਆਂ ਫੈਲੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਹਨ । ਅਨਪੜ੍ਹਤਾ ਦਾ ਹਨੇਰਾ ਇਸ ਨੂੰ ਹੋਰ ਵੀ ਗਾੜ੍ਹਾ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਪਿੰਡ ਦੇ ਭੋਲੇ-ਭਾਲੇ ਲੋਕ ਅੰਧਵਿਸ਼ਵਾਸ ਦੀਆਂ ਜ਼ੰਜੀਰਾਂ ਵਿਚ ਜਕੜੇ ਹੋਏ ਹਨ ।
अनुवाद:
हमारे देश को स्वतंत्र हुए अनेक वर्ष हो गए हैं। विज्ञान उन्नति कर के कहां से कहां पहुँच गया पर बड़े अफ़सोस की बात है कि अंधविश्वास की जड़ें अभी भी हमारे देश में गहरी फैली हुई हैं। अशिक्षा का अंधकार इसे और भी गहरा कर देता है। गाँवों के भोले-भाले लोग अंधविश्वास की श्रृंखलाओं में जकड़े हुए हैं।

24. ਉਸਨੂੰ ਅੱਗੋਂ ਉੱਤਰ ਮਿਲਿਆ, “ਮੈਂ ਇੱਥੋਂ ਦਾ ਇੱਕ ਪਹਿਰੇਦਾਰ ਹਾਂ। ਮੈਂ ਇੱਥੇ ਨਵੇਂ ਆਏ ਵਸਨੀਕਾਂ ਲਈ ਪੁੱਛ-ਗਿੱਛ ਲਈ ਨਿਯੁਕਤ ਹਾਂ । ਜਨਾਬ, ਗੱਲ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੈ ਕਿ ਸ਼ੁਰੂ ਵਿੱਚ ਜਦੋਂ ਪਰਮਾਤਮਾ ਨੇ ਨਰਕ ਬਣਾਇਆ ਸੀ ਤਾਂ ਉਸ ਨੇ ਹੁਕਮ ਦਿੱਤਾ ਸੀ ਕਿ ਨਰਕ ਵਿੱਚ ਸਦਾ ਅੱਗ ਬਲਦੀ ਰਹੇ ਕਿਉਂਕਿ ਉਸਦਾ ਖ਼ਿਆਲ ਸੀ ਕਿ ਬਹੁਤੇ ਆਦਮੀ ਨੇਕ ਹੋਣਗੇ ਤੇ ਟਾਵੇਂ-ਟਾਵੇਂ ਹੀ ਪਾਪੀ ਹੋਣਗੇ । ਪਰ ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਇਹ ਗੱਲ ਉਲਟ ਹੋ ਗਈ । ਇਸੇ ਕਰਕੇ ਪਰਮਾਤਮਾ ਨੇ ਫ਼ੈਸਲਾ ਕੀਤਾ ਕਿ ਇਤਨੇ ਜ਼ਿਆਦਾ ਪਾਪੀ-ਮਨੁੱਖਾਂ ਲਈ ਅੱਗ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕਰਨ ਲਈ ਬੜੀ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਹੈ । ਕਰੋੜਾਂ ਮਣ ਕੋਇਲੇ ਅਤੇ ਲੱਕੜਾਂ ਦੀ ਲੋੜ ਪੈਂਦੀ ਹੈ । ਇਸੇ ਕਰਕੇ ਪਰਮਾਤਮਾ ਨੇ ਫ਼ੈਸਲਾ ਕੀਤਾ ਕਿ ਅਗਾਂਹ ਤੋਂ ਹਰ ਪਾਪੀ ਆਪੋ ਆਪਣੀ ਅੱਗ ਨਾਲ ਹੀ ਲਿਆਇਆ ਕਰੇਗਾ ।
अनुवाद:
उसे आगे से उत्तर मिला, “मैं यहाँ का एक पहरेदार हूँ। मैं यहाँ नए आए वासियों की पूछ-ताछ के लिए नियुक्त हूँ। मान्यवर, बात इस तरह है कि आरंभ में जब परमात्मा ने नर्क बनाया था तो उस ने आदेश दिया था कि नर्क में सदा आग जलती रहे क्योंकि उसका विचार था कि अधिक आदमी भले होंगे और कोई-कोई ही पापी होंगे। पर वास्तव में यह बात उलट हो गई। इसी कारण परमात्मा ने निर्णय किया कि इतने अधिक पापी इन्सानों के लिए आग का प्रबंध करने के लिए बहुत कठिनाई होगी। करोड़ों मन कोयले और लकड़ियों की आवश्यकता पड़ेगी। इसी कारण परमात्मा ने फैसला किया कि आगे से. प्रत्येक पापी अपनी आग स्वयं अपने साथ लाया करेगा।”

25. ਸਾਨੂੰ ਆਪਣੇ ਬਜ਼ੁਰਗਾਂ ਦਾ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਸਨਮਾਨ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਕਿਉਂਕਿ ਉਹ ਬੁੱਧੀਮਾਨ, ਅਨੁਭਵੀ ਅਤੇ ਘਰ ਦਾ ਸ਼ਿੰਗਾਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਕਈ ਵਾਰ ਲੋਕ ਆਪੋ-ਆਪਣੇ ਕੰਮਾਂ ਵਿਚ ਲੱਗੇ ਰਹਿਣ ਕਰਕੇ ਆਪਣੇ ਬਜ਼ੁਰਗਾਂ ਨੂੰ ਘੱਟ ਸਮਾਂ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਨਿਰਾਸ਼ਾ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਸਾਨੂੰ ਆਪਣੇ ਬਜ਼ੁਰਗਾਂ ਨੂੰ ਉੱਚਿਤ ਸਮਾਂ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ ਦਾ ਹੱਲ ਕੱਢਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਸਾਨੂੰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਬੈਠ ਕੇ ਰੋਟੀ ਖਾਣਾ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸੈਰ ਸਪਾਟੇ ਲਈ ਨਾਲ ਲੈਕੇ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਸਾਨੂੰ ਇਹ ਨਹੀਂ ਭੁੱਲਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਕਿ ਅਸੀਂ ਆਪਣੇ ਬਜ਼ੁਰਗਾਂ ਦੀ ਮਿਹਨਤ, ਪਿਆਰ ਅਤੇ ਚੰਗੀ ਪਰਵਰਿਸ਼ ਸਦਕਾ ਹੀ ਚੰਗਾ ਜੀਵਨ ਬਤੀਤ ਕਰ ਰਹੇ ਹਾਂ ।
अनुवाद:
हमें अपने बुजुर्गों का अधिक-से-अधिक सम्मान करना चाहिए क्योंकि वे बुद्धिमान, अनुभवी तथा घर का शृंगार होते हैं। कई बार लोग अपने-अपने कामों में लगे रहने के कारण अपने बुजुर्गों को कम समय देते हैं जिस कारण उनके जीवन में निराशा आ जाती है। हमें अपने बुजुर्गों को उचित समय देना चाहिए। हमें उनके साथ बैठकर रोटी खाना, उन्हें सैरसपाटे के लिए साथ लेकर जाना चाहिए। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम अपने बुजुर्गों की मेहनत, प्यार तथा अच्छे पालन-पोषण के कारण ही अच्छा जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

26. ਭਾਰਤ ਵਿਚ ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰੀ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ ਇਕ ਚਿੰਤਾ ਦਾ ਵਿਸ਼ਾ ਹੈ । ਇਸ ਦੇਸ਼ ਵਿਚ ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਦਿਨੋ ਦਿਨ ਵੱਧਦੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ । ਇਸ ਸਮੱਸਿਆ ਨਾਲ ਪਿੰਡਾਂ ਅਤੇ ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਦੇ ਨੌਜਵਾਨ ਦੋਨੋਂ ਹੀ ਜੂਝ ਰਹੇ ਹਨ | ਹਰੇਕ ਨੌਜਵਾਨ ਚੰਗੀ ਨੌਕਰੀ ਵੱਲ ਨੂੰ ਭੱਜਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਉਸਨੂੰ ਨੌਕਰੀ ਨਹੀਂ ਮਿਲਦੀ ਤਾਂ ਉਸਨੂੰ ਸਵੈਰੋਜ਼ਗਾਰ ਦਾ ਰਸਤਾ ਅਪਣਾ ਕੇ ਦੇਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ | ਸਰਕਾਰ ਵਲੋਂ ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰਾਂ ਨੂੰ ਕਰਜ਼ੇ ਦੇ ਕੇ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣਾ ਕੰਮਧੰਦਾ ਖੋਲ੍ਹਣ ਲਈ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ ।
अनुवाद:
भारत में बेरोज़गारी की समस्या चिंता का एक विषय है। इस देश में बेरोज़गारों की गिनती दिनों दिन बढ़ती जा रही है। इस समस्या के साथ गाँवों और शहरों के नौजवान दोनों ही जूझ रहे हैं। प्रत्येक नौजवान अच्छी नौकरी की तरफ भागता है। यदि उसे नौकरी नहीं मिलती तो उसे स्वरोजगार का रास्ता अपनाकर देखना चाहिए। सरकार की ओर से बेरोजगारों को ऋण देकर उनको अपना कारोबार खोलने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

27. ਇੱਕ ਵਾਰ ਦੋ ਬੰਦੇ ਸ਼ਿਕਾਰ ਖੇਡਦੇ ਇੱਕ ਵੱਡੇ ਜੰਗਲ ਵਿੱਚ ਰਾਹ ਭੁੱਲ ਗਏ। ਉਹ ਕਾਫ਼ੀ ਦੇਰ ਤਕ ਭਟਕਦੇ ਰਹੇ ਪਰ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਬਾਹਰ ਜਾਣ ਲਈ ਰਾਹ ਨਾ ਮਿਲਿਆ | ਬਹੁਤ ਗਰਮੀ ਹੋਣ ਕਰਕੇ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਤਰ੍ਹਾਂ ਲੱਗ ਗਈ । ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਇੱਧਰ-ਉੱਧਰ ਪਾਣੀ ਵੀ ਨਾ ਮਿਲਿਆ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਨੇ ਇੱਕ ਛੋਟੀ ਜਿਹੀ ਝੁੱਗੀ ਵੇਖੀ । ਉਸ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਬੁੱਢੀ ਬੈਠੀ ਸੀ | ਦੋਹਾਂ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਨੂੰ ਬੋਲਣ ਦਾ ਬੜਾ ਢੰਗ ਆਉਂਦਾ ਸੀ । ਉਸ ਨੇ ਦੂਜੇ ਨੂੰ ਆਖਿਆ ਕਿ ਤੂੰ ਘੋੜੇ ਨੂੰ ਫੜ, ਪਹਿਲਾਂ ਮੈਂ ਪਾਣੀ ਪੀ ਕੇ ਆਉਂਦਾ ਹਾਂ । ਫਿਰ ਤੂੰ ਪਾਣੀ ਪੀਣ ਚਲਾ ਜਾਂਵੀਂ । ਉਹ ਉਸ ਨੂੰ ਘੋੜੇ ਫੜਾ ਕੇ ਝੁੱਗੀ ਅੰਦਰ ਚਲਾ ਗਿਆ । ਉਸ ਨੇ ਬੁੱਢੀ ਨੂੰ ਬੜੇ ਪਿਆਰ ਨਾਲ ਕਿਹਾ, “ਮਾਂ ਜੀ ਪੀਣ ਲਈ ਥੋੜ੍ਹਾ ਪਾਣੀ ਮਿਲੇਗਾ |’ ਇਹਨਾਂ ਸ਼ਬਦਾਂ ਨਾਲ ਬੁੱਢੀ ਦੀ ਮਮਤਾ ਜਾਗ ਪਈ । ਉਸ ਨੇ ਝੱਟ ਪਾਣੀ ਦੇ ਦਿੱਤਾ । ਉਸ ਨੇ ਪਾਣੀ ਪੀ ਕੇ ਬੁੱਢੀ ਦਾ ਧੰਨਵਾਦ ਕੀਤਾ ।
अनुवाद:
एक बार दो आदमी शिकार खेलते हुए एक बड़े जंगल में रास्ता भूल गए। वे काफ़ी देर तक भटकते रहे पर उनको बाहर जाने के लिए रास्ता नहीं मिला। बहुत गरमी होने के कारण उन्हें बहुत प्यास लग गई। उन्हें इधर-उधर पानी भी नहीं मिला। अंत में उन्होंने एक छोटी-सी झोंपड़ी देखी। उसमें एक बुढ़िया बैठी थी। उन दोनों में से एक को बातचीत का बड़ा अच्छा ढंग आता था। उसने दूसरे से कहा कि तू घोड़े को पकड़, पहले मैं ‘पानी पी आता हूँ। फिर तू पानी पीने चले जाना। वह उसे घोड़ा पकड़ा कर झोंपड़ी के भीतर चला गया। उसने बुढ़िया को बड़े प्यार से कहा, “माँ जी, पीने के लिए थोड़ा पानी मिलेगा।” इन शब्दों से बुढ़िया की ममता जाग गई। उसने तुरंत पानी दे दिया। उसने पानी पी कर बुढ़िया को धन्यवाद किया।

28. ਨਕਲ ਇੱਕ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਸਰਾਫ਼ ਹੈ ਜੋ ਕਿਸੇ ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਮੰਦ ਬੁੱਧੀ, ਕੰਮ ਚੋਰ ਅਤੇ ਸੁਸਤ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਕੋਈ ਬੇਹਤਰੀ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ, ਸਗੋਂ ਅੱਗੇ ਵੱਧਣ ਦੀ ਬਜਾਏ ਮਨੁੱਖ ਪਿੱਛੇ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਨਕਲ ਦੀ ਭਾਵਨਾ ਚੰਗੇ ਗੁਣ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਦੀ ਬਜਾਏ ਬੱਚਿਆਂ ਵਿੱਚ ਜੁਰਮ ਦੀ ਭਾਵਨਾ ਦਾ ਵਿਕਾਸ ਕਰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਸ਼ੱਕੀ ਸਭਾਉ ਦਾ ਬਣਾਉਂਦੀ ਹੈ । ਨਕਲ ਬੱਚਿਆਂ ਵਿੱਚ ਯੋਗਤਾ ਨੂੰ ਉਭਾਰਣ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦੀ । ਜਿਸ ਨਾਲ ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਸ਼ਖ਼ਸੀਅਤ ਦਾ ਪੂਰਾ ਵਿਕਾਸ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ।
अनुवाद:
नकल एक इस तरह का श्राप है जो किसी मनुष्य को मंद बुद्धि, कामचोर और सुस्त बनाता है। इस के साथ कोई बेहतरी नहीं होती अपितु आगे बढ़ने की अपेक्षा मनुष्य पीछे रहता है। नकल की भावना श्रेष्ठ गुण उत्पन्न करने की अपेक्षा बच्चों में अपराध की भावना का विकास करती है अतः उन को शंकालु स्वभाव का बनाती है। नकल बच्चों में योग्यता को उभरने नहीं देती। जिस के साथ उनकी शख्सीयत का पूर्ण विकास नहीं होता।

29. ਆਤੰਕਵਾਦ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਆਰਥਿਕ, ਸਮਾਜਿਕ ਤੇ ਭਾਈਚਾਰਕ ਜੀਵਨ ਲਈ ਇੱਕ ਵੱਡਾ ਖ਼ਤਰਾ ਹੈ । ਆਤੰਕਵਾਦ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ ਦਾ ਹੱਲ ਕਿਸੇ ਇੱਕ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਹੱਥ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਭਾਰਤ ਸਰਕਾਰ ਨੂੰ ਆਤੰਕਵਾਦ ਖ਼ਤਮ ਕਰਨ ਲਈ ਠੋਸ ਕਦਮ ਚੁੱਕਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ । ਭਾਰਤ ਸਰਕਾਰ ਨੂੰ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਆਮ ਜਨਤਾ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਤਿਆਰ ਕੀਤੇ ਗਏ ਠੋਸ ਕਦਮਾਂ ਬਾਰੇ ਦੱਸੇ ਤਾਂ ਜੋ ਦੇਸ਼ ਦੀ ਜਨਤਾ ਵੀ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਮਝ ਜਾਏ । ਅੱਜ ਸਾਡੀ ਉਨਤੀ ਦੇ ਰਾਹ ਵਿੱਚ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਡੀ ਰੋਕ ਇਹ ਹੈ ਕਿ ਸਾਡੇ ਵਿੱਚ ਕਰਨੀ ਨਾਲੋ ਕਹਿਣਾ ਵੱਧ ਗਿਆ ਹੈ । ਅੱਜ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੈ ਕਥਨੀ ਤੇ ਕਰਨੀ ਨੂੰ ਇੱਕ ਕਰਕੇ ਦਿਖਾਉਣ ਦੀ ਜੋ ਮੂੰਹੋਂ ਕੱਢ ਦਿੱਤਾ ਉਸ ਨੂੰ ਇੱਕ ਕਰਕੇ ਦਿਖਾਉਣ ਦੀ । ਅੰਤ ਵਿੱਚ ਮੈਂ ਇਹੋ ਹੀ ਕਹਿਣਾ ਚਾਹਾਂਗਾ ਕਿ ਸਾਰੇ ਸੰਸਾਰ ਨੂੰ ਮਿਲ ਕੇ ਆਤੰਕਵਾਦ ਵਿਰੁੱਧ ਕਦਮ ਚੁੱਕਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ । ਤਾਂ ਹੀ ਮਨੁੱਖਤਾ ਦਾ ਜੀਵਨ ਸੁਖੀ ਬਣ ਸਕੇਗਾ ।
अनुवाद:
आतंकवाद देश के आर्थिक, सामाजिक और भाईचारे के जीवन के लिए एक बड़ा खतरा है। आतंकवाद की समस्या का हल किसी एक मनुष्य के हाथ नहीं है। भारत सरकार को आतंकवाद समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। भारत सरकार को चाहिए कि वह सामान्य जनता को अपने तैयार किए गए ठोस कदमों के विषय में बताए ताकि देश की जनता भी उन्हें भली-भांति समझ जाए। आज हमारी उन्नति की राह में सब से बड़ी रुकावट यह है कि हममें करनी की अपेक्षा कथनी बढ़ गई है। आज आवश्यकता है कथनी और करनी को एक कर के दिखाने की। जो मुँह से निकाल दिया उसे कर के दिखाने की। अंत में मैं यही कहना चाहूँगा कि सारे विश्व को मिलकर आतंकवाद के विरुद्ध कदम उठाने चाहिए। तभी मनुष्यता का जीवन सुखी बन सकेगा।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran अनुवाद

30. ਸੰਸਾਰ ਵਿੱਚ ਪਰਮਾਤਮਾ ਨੇ ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਸੋਚਣ ਦੇ ਨਾਲ ਬੋਲਣ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਵੀ ਬਖ਼ਸ਼ੀ ਹੈ। ਗੱਲਬਾਤ ਤਾਂ ਹਰ ਕੋਈ ਮਨੁੱਖ ਕਰ ਲੈਂਦਾ ਹੈ, ਪਰ ਬੋਲਣਾ ਵੀ ਇੱਕ ਕਲਾ ਹੈ । ਇੱਕ ਢੰਗ ਹੈ । ਸੁਚੱਜੇ ਢੰਗ ਨਾਲ ਗੱਲਬਾਤ ਕਰਕੇ ਮਨੁੱਖ ਜਿੱਥੇ ਗਾਗਰ ਵਿੱਚ ਸਾਗਰ ਭਰਦਾ ਹੋਇਆ, ਮਿੱਠਾ ਬੋਲ ਕੇ ਦੁਸ਼ਮਣਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਮਿੱਤਰ ਬਣਾ ਲੈਂਦਾ ਹੈ । ਉੱਥੇ ਅਣਜਾਣ ਬੰਦਾ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੀ ਉਲਟ-ਪੁਲਟ ਕਰ ਕੇ ਆਪਣਿਆਂ ਨਾਲ ਹੀ ਲੜਾਈ ਪਾ ਲੈਂਦਾ ਹੈ । ਬੋਲਣ ਨਾਲ ਹੀ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਸੁਭਾਅ ਤੇ ਵਿਹਾਰ ਦਾ ਪਤਾ ਲੱਗਦਾ ਹੈ । ਬੰਦੇ ਨੂੰ ਪਹਿਲਾਂ ਤੋਲਣਾ ਤੇ ਫਿਰ ਬੋਲਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਸਾਨੂੰ ਇਹ ਵੇਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿ ਕਿਹੜੀ ਗੱਲ ਕਿਹੜੇ ਸਮੇਂ ਤੇ ਢੁੱਕਵੀਂ ਬਹਿੰਦੀ ਹੈ । .
अनुवाद:
संसार में परमात्मा ने मनुष्य को सोचने के साथ बोलने की शक्ति भी प्रदान की है। बातचीत तो प्रत्येक मनुष्य कर लेता है, पर बोलना भी एक कला है। एक ढंग है। अच्छे ढंग से बातचीत करके मनुष्य जहाँ गागर में सागर भरता हुआ, मीठा बोल कर दुश्मनों को भी मित्र बना लेता है। वहीं अनजान व्यक्ति शब्दों को उलट-पुलट करके अपनों के साथ ही लड़ाई आरंभ कर लेता है। बोलने के साथ ही मनुष्य के स्वभाव और व्यवहार का पता लगता है। इन्सान को पहले तोलना और फिर बोलना चाहिए। हमें यह देखना चाहिए कि कौन-सी बात किस समय उचित लगती है।

31. ਕੱਲ੍ਹ ਐਤਵਾਰ ਸੀ । ਇਹ ਛੁੱਟੀ ਦਾ ਦਿਨ ਸੀ । ਮੇਰੇ ਘਰ ਵਿੱਚ ਪਾਰਟੀ ਸੀ । ਇਹ ਮੇਰੇ ਜਨਮ ਦਿਨ ਦੀ ਪਾਰਟੀ ਸੀ । ਉੱਥੇ ਇਕ ਕੇਕ ਸੀ, ਜਿਸ ਉੱਤੇ ਬਾਰਾਂ ਮੋਮਬੱਤੀਆਂ ਸਨ । ਉੱਥੇ ਮਿਠਾਈਆਂ ਤੇ ਬਿਸਕਟ ਸਨ । ਮੇਰੀ ਮਾਤਾ ਜੀ ਨੇ ਮੋਮਬੱਤੀਆਂ ਬਾਲੀਆਂ । ਮੈਂ 11 ਮੋਮਬੱਤੀਆਂ ਬੁੱਝਾ ਦਿੱਤੀਆਂ | ਮੈਂ ਕੇਕ ਕੱਟਿਆ | ਮੇਰੇ ਮਿੱਤਰ ਗਾ ਰਹੇ ਸਨ, “ਜਨਮ ਦਿਨ ਦੀ ਲੱਖਲੱਖ ਵਧਾਈ ਹੋਵੇਂ’ ਅਸੀਂ ਸਾਰੇ ਬਹੁਤ ਖੁਸ਼ ਸੀ । ਪਰ ਮੈਨੂੰ ਆਪਣੇ ਪਿਤਾ ਜੀ ਅਤੇ ਆਪਣੇ ਸਭ ਤੋਂ ਚੰਗੇ ਮਿੱਤਰ ਰਾਜ ਦੀ ਯਾਦ ਆਈ । ਮੇਰੀ ਮਾਤਾ ਜੀ ਨੇ ਅੰਤ ਵਿਚ ਸਭ ਦਾ ਧੰਨਵਾਦ ਕੀਤਾ ।
अनुवाद:
कल रविवार था। यह अवकाश का दिन था। मेरे घर में पार्टी थी। यह मेरे जन्मदिन की पार्टी थी। वहाँ केक था, जिस पर बारह मोमबत्तियाँ थीं। वहाँ मिठाइयाँ और बिस्कुट थे। मेरी माँ ने मोमबत्तियाँ जलाईं। मैंने ग्यारह मोमबत्तियाँ बुझा दीं। मैंने केक काटा। मेरे मित्र गा रहे थे, “जन्मदिन की लाखों-लाख बधाई हो”। हम सब बड़े प्रसन्न थे परंतु मुझे अपने पिता जी और अपने सबसे अच्छे मित्र राजू की बड़ी याद आई। मेरी माँ ने अंत में सबका धन्यवाद किया।

32. ਕਾਫ਼ੀ ਸਮੇਂ ਦੀ ਗੱਲ ਹੈ ਇਕ ਪਿੰਡ ਵਿਚ ਦੋ ਔਰਤਾਂ ਰਹਿੰਦੀਆਂ ਸਨ । ਇਕ ਔਰਤ ਨੇ ਆਪਣੇ ਗੁਜ਼ਾਰੇ ਵਾਸਤੇ ਬੱਕਰੀ ਰੱਖੀ ਹੋਈ ਸੀ ਤੇ ਦੂਜੀ ਨੇ ਮੱਝ । ਬੱਕਰੀ ਵਾਲੀ ਔਰਤ ਆਪਣਾ ਚੰਗਾ ਗੁਜ਼ਾਰਾ ਕਰਦੀ ਸੀ । ਇਕ ਵਾਰ ਮੱਝ ਵਾਲੀ ਔਰਤ ਨੇ ਬੱਕਰੀ ਵਾਲੀ ਤੋਂ ਇਕ ਕਿਲੋ ਘਿਉ ਉਧਾਰ ਲਿਆ । ਕੁੱਝ ਸਮੇਂ ਬਾਅਦ ਜਦੋਂ ਬੱਕਰੀ ਵਾਲੀ ਨੇ ਆਪਣੇ ਘਿਉ ਦੇ ਪੈਸੇ ਮੰਗੇ ਤਾਂ ਮੱਝ ਵਾਲੀ ਔਰਤ ਮੁਕਰ ਗਈ ਕਿ ਉਸ ਨੇ ਘਿਉ ਲਿਆ ਹੀ ਨਹੀਂ । ਉਹ ਕਹਿਣ ਲੱਗੀ ਭਲਾ ਮੱਝ ਵਾਲੀ ਕਿਸੇ ਬੱਕਰੀ ਵਾਲੀ ਕੋਲੋਂ ਘਿਉ ਲੈ ਸਕਦੀ ਹੈ ? ਪਿੰਡ ਦੇ ਲੋਕ ਸੋਚਦੇ ਕਿ ਬੱਕਰੀ ਵਾਲੀ ਔਰਤ ਝੂਠ ਮਾਰਦੀ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਮੱਝ ਵਾਲੀ ਔਰਤ ਕੋਲ ਆਪਣਾ ਕਾਫੀ ਦੁੱਧ ਸੀ । ਇਹ ਝਗੜਾ ਅਦਾਲਤ ਵਿਚ ਪਹੁੰਚ ਗਿਆ ।

183 अनुवाद-काफ़ी समय की बात है कि एक गाँव में दो औरतें रहती थीं। एक औरत ने अपने गुजारे के लिए बकरी रखी थी और दूसरी ने भैंस। बकरी वाली औरत अपना अच्छी तरह गुजारा करती थी। एक बार भैंस वाली औरत ने बकरी वाली से एक किलो घी उधार लिया। कुछ समय बाद जब बकरी वाली ने अपने घी के पैसे माँगे तो भैंस वाली औरत मुकर गई कि उस ने घी लिया ही नहीं। वह कहने लगी कि भला भैंस वाली किसी बकरी वाली से घी ले सकती है ? गाँव के लोग सोचते कि बकरी वाली औरत झूठ बोलती है क्योंकि भैंस वाली औरत के पास अपना काफ़ी दूध था। यह झगड़ा अदालत में पहुँच गया।

33. ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਇੱਕ ਸਧਾਰਨ ਪੁਰਖ ਨਹੀਂ ਸਨ । ਉਹ ਇੱਕ ਅਵਤਾਰ ਪੁਰਖ ਅਤੇ ਸਮਾਜ ਸੁਧਾਰਕ ਸਨ । ਉਹ ਏਕਤਾ, ਸਮਾਨਤਾ, ਪ੍ਰੇਮ, ਸੱਚਾਈ ਅਤੇ ਸ਼ਾਂਤੀ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀਕ ਸਨ । ਉਹ ਉਸ ਸਮੇਂ ਪੈਦਾ ਹੋਏ, ਜਦ ਉੱਚੀ ਜਾਤੀ ਦੇ ਲੋਕ ਨੀਵੀਂ ਜਾਤੀ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਨਫ਼ਰਤ ਨਾਲ ਦੇਖਦੇ ਸਨ । ਲੋਕ ਭਰਮਾਂ ਅਤੇ ਝੂਠੇ ਰੀਤੀ ਰਿਵਾਜ਼ਾਂ ਵਿਚ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਰੱਖਦੇ ਸਨ । ਉਹ ਰੱਬ ਨੂੰ ਭੁੱਲ ਚੁੱਕੇ ਸਨ । ਉਹਨਾਂ ਨੇ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਸੱਚਾ ਰਾਹ ਵਿਖਾਇਆ । ਉਹਨਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਸੱਚਾ ਧਰਮ ਅਤੇ ਪੂਜਾ ਮਨੁੱਖਤਾ ਨਾਲ ਪ੍ਰੇਮ ਕਰਨਾ ਹੈ । ਇਹ ਸਾਨੂੰ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਮਿਲਾਉਂਦਾ ਹੈ ਨਾ ਕਿ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਕ ਵਾਰ ਕਿਸੇ ਨੇ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਪੁੱਛਿਆ ਕਿ ਹਿੰਦੂ ਵੱਡੇ ਹਨ ਜਾਂ ਮੁਸਲਮਾਨ । ਉਹਨਾਂ ਉੱਤਰ ਦਿੱਤਾ ਨੇਕ ਕਰਮ ਤੋਂ ਬਗੈਰ ਦੋਵੇਂ ਹੀ ਚੰਗੇ ਨਹੀਂ ਹਨ ।
अनुवाद:
गुरु नानक देव जी एक साधारण व्यक्ति नहीं थे। वे एक अवतार पुरुष और समाज सुधारक थे। वे एकता. समानता, प्रेम, सत्य और शांति के प्रतीक थे। वे उस समय पैदा हुए, जब ऊँची जाति के लोग नीच जाति के लोगों को निम्न दृष्टि से देखते थे। लोग भ्रमों और झूठे रीति-रिवाजों में विश्वास रखते थे। वे भगवान् को भूल चुके थे। उन्होंने उन्हें सच्चा मार्ग दिखाया। उन्होंने कहा कि सच्चा धर्म और पूजा मानवता से प्रेम करना है। यह हमें आपस में मिलाता है, न कि अलग करता है। एक बार किसी ने उनसे पूछा कि हिंदू बड़े हैं या मुसलमान। तब उन्होंने उत्तर दिया कि बिना नेक काम के दोनों ही अच्छे नहीं हैं।

34. ਸਿਆਲ ਦੀ ਰਾਤ ਸੀ । ਠੰਡੀ-ਠੰਡੀ ਹਵਾ ਚਲ ਰਹੀ ਸੀ । ਇਕ ਅਮੀਰ ਤੇ ਦਿਆਲੂ ਵਿਅਕਤੀ ਆਪਣੇ ਘਰ ਵਿਚ ਸੁੱਤਾ ਪਿਆ ਸੀ | ਅਚਾਨਕ ਅੱਧੀ ਰਾਤ ਵੇਲੇ ਕਿਸੇ ਨੇ ਉਸ ਦੇ ਦਰਵਾਜੇ ਨੂੰ ਖੜਕਾਇਆ | ਅਮੀਰ ਵਿਅਕਤੀ ਨੇ ਦਰਵਾਜਾ ਖੋਲ ਕੇ ਬਾਹਰ ਵੇਖਿਆ । ਇਕ ਨੌਜਵਾਨ ਫਟੇ ਪੁਰਾਣੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਵਿਚ ਠੰਡ ਨਾਲ ਕੰਬ ਰਿਹਾ ਸੀ । ਦਿਆਲੂ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਵੇਖਦੇ ਉਸ ਨੇ ਅਰਜ਼ ਕੀਤੀ ‘‘ਸ੍ਰੀਮਾਨ ਮੈਂ ਬਹੁਤ ਭੁੱਖਾ ਹਾਂ ਅਤੇ ਠੰਡ ਨਾਲ ਕੰਬ ਰਿਹਾ ਹਾਂ । ਜੇਕਰ ਤੁਹਾਡੀ ਆਗਿਆ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਮੈਂ ਅੰਦਰ ਆ ਜਾਵਾਂ ।” ਉਸਦੀ ਹਾਲਤ ਵੇਖ ਕੇ ਅਮੀਰ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਉਸ ਤੇ ਦਇਆ ਆ ਗਈ । ਉਸ ਨੇ ਨੌਜਵਾਨ ਨੂੰ ਅੰਦਰ ਬੁਲਾ ਲਿਆ ।
अनुवाद:
सर्दियों की रात थी। ठंडी-ठंडी हवा चल रही थी। एक अमीर और दयाल व्यक्ति अपने घर में सोया हुआ था। अचानक आधी रात के समय किसी ने उस के दरवाजे को खटखटाया। अमीर व्यक्ति ने दरवाज़ा खोल कर बाहर देखा। एक नौजवान फटे-पुराने वस्त्रों में ठंड के कारण काँप रहा था। दयालु व्यक्ति को देख कर उसने प्रार्थना की, “श्रीमान, मैं बहुत भूखा हूँ और ठंड से कांप रहा हूँ। यदि आपकी आज्ञा हो तो मैं भीतर आ जाऊँ।” उसकी हालत देख कर. अमीर व्यक्ति को उस पर दया आ गई। उसने नौजवान को भीतर बुला लिया।

35. माहा नीठ वश ममें 3 घरला ना लिगा चै। हिसार मधयां, पडी-घउठी, हुँचतली भाभरठ, ई-ढां, ਰਾਸ਼ਟਰਵਾਦ, ਧਾਰਮਿਕ ਕਰਮ-ਕਾਂਡ ਅਤੇ ਮਾਪਿਆਂ ਤੇ ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਸੰਬੰਧਾਂ ਬਾਰੇ ਵਿਚਾਰ ਬਦਲਦੇ ਜਾ ਰਹੇ ਹਨ । ਅੱਜ हिरिभातवी, प्टिमउतीमा, भलत, उल-हाग्व, पुनाती मार माते घेतात उठ। लॅट-धेठ, मउिभाउा, ਦੁਰਾਚਾਰੀ ਤੇ ਚੋਰ ਬਾਜ਼ਾਰੀ ਦਾ ਬੋਲਬਾਲਾ ਹੈ। ਨੌਜਵਾਨ ਪੀੜ੍ਹੀ ਕੋਲ ਕੋਈ ਜਿਉਂਦਾ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਨਹੀਂ ਰਿਹਾ ਤੇ ਬਿਨਾਂ ਜਿਉਂਦੇ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਦੇ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਸਫ਼ਲ, ਸੋਚਵੀ ਤੇ ਦੁਰਗਾਮੀ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦੀ ।
अनुवाद:
हमारा जीवन कुछ समय से बदलता जा रहा है। विवाह संबंध, पति-पत्नी, ऊपर की आय, फूं-फां, राष्ट्रवाद, धार्मिक कर्म-कांड तथा माता-पिता और बच्चों के संबंधों के बारे में विचार बदलते जा रहे हैं। आज विद्यार्थी, स्त्रियाँ, मज़दूर, हल-वाहक, पुजारी आदि सभी परेशान हैं। लूट-खसोट, असभ्यता, दुराचारी और चोर बाज़ारी का बोलबाला है। नवयुवा पीढ़ी के पास कोई जीवंत विश्वास नहीं रहा और बिना जीवंत-विश्वास के जिंदगी सफल, विचारमयी और दूरगामी नहीं हो सकती।

36. ਨਕਲ ਸੱਚ ਨੂੰ ਦੂਜਿਆਂ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਬਣਾਉਂਦੀ ਹੈ । ਇਹੋ ਕਾਰਨ ਹੈ ਕਿ ਅਸੀਂ ਖੋਜ ਦੀ ਦੁਨੀਆਂ ਤੋਂ ਦੂਰ ਰਹਿੰਦੇ ਹਾਂ । ਨਕਲ ਦਾ ਔਗੁਣ ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਹਲਕੇ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਨਤੀਜਾ ਇਹ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਬੱਚਾ ਝੂਠ ਬੋਲਣਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਝੂਠ ਦਾ ਸਹਾਰਾ ਰੇਤ ਦੀ ਕੰਧ ਵਾਂਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਮਨੋਬਲ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਜਿਸ ਆਦਮੀ ਦੀ ਨੀਂਹ ਝੂਠ ਦੇ ਆਧਾਰ ਤੇ ਹੋਵੇ, ਉਸ ਨੂੰ ਹਰ ਵੇਲੇ ਸਹਾਰੇ ਦੀ ਲੋੜ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਨਕਲੇ ਆਦਮੀ ਨੂੰ ਖ਼ੁਦਗਰਜ ਬਣਾ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਇਹੋ ਜਿਹਾ ਵਿਅਕਤੀ ਕਦੇ ਵੀ ਆਪਣੇ ਦੇਸ਼ ਦਾ ਸਹਾਈ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦਾ ।
अनुवाद:
नकल सत्य को दूसरों पर निर्भर बनाती है। यही कारण है कि हम अन्वेषण की दुनिया से दूर रहते हैं। नकल का अवगुण बच्चों को कमज़ोर बनाता है। परिणाम यह होता है कि बच्चा झूठ बोलना आरंभ कर देता है। झूठ का सहारा रेत की दीवार की तरह होता है। यह बच्चों के मनोबल को दूर करता है। जिस व्यक्ति की नींव झूठ के आधार पर हो उसे हर समय सहारे की आवश्यकता रहती है और नकल व्यक्ति को खुदगरज़ बना देती है। ऐसा व्यक्ति कभी भी अपने देश का सहायक नहीं हो सकता।

37. ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰ ਮਨੁੱਖ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਆਰਥਿਕ, ਸਮਾਜਿਕ ਤੇ ਭਾਈਚਾਰਕ ਜੀਵਨ ਲਈ ਇਕ ਵੱਡਾ ਖ਼ਤਰਾ ਹੈ । ਰੋਜ਼ਗਾਰ ਦਫ਼ਤਰਾਂ ਦੇ ਆਂਕੜੇ ਦੱਸਦੇ ਹਨ ਕਿ ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰੀ ਦਿਨੋਂ ਦਿਨ ਵਧ ਰਹੀ ਹੈ । ਇਸ ਦੇ ਕਈ ਕਾਰਨ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰੀ ਦਾ ਇਕ ਵੱਡਾ ਕਾਰਨ ਆਬਾਦੀ ਦਾ ਦਿਨੋਂ-ਦਿਨ ਵਧਣਾ ਹੈ । ਭਾਰਤ ਦੀ ਆਬਾਦੀ ਇੰਨੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਰਫ਼ਤਾਰ ਨਾਲ ਵੱਧ ਰਹੀ ਹੈ ਕਿ ਜੇਕਰ ਇਸ ਤੇ ਕਾਬੂ ਨਾ ਪਾਇਆ ਗਿਆ ਤਾਂ ਇਸ ਦੇ ਭਿਆਨਕ ਸਿੱਟੇ ਨਿਕਲ ਸਕਦੇ ਹਨ ਜੋ ਦੇਸ਼ ਦੀ ਪ੍ਰਤੀ ਵਿਚ ਅੜਚਨ ਪੈਦਾ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ | ਰੋਜ਼ਗਾਰ ਤਾਂ ਕੀ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਰਹਿਣ ਲਈ ਇਕ ਇੰਚ ਥਾਂ ਵੀ ਨਹੀਂ ਬਚੇਗੀ । ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰੀ ਦਾ ਨੌਜਵਾਨਾਂ ਦੀ ਮਾਨਸਿਕਤਾ ਤੇ ਬੁਰਾ ਅਸਰ ਪੈਂਦਾ ਹੈ । __
अनुवाद:
बेरोज़गार व्यक्ति देश के आर्थिक, सामाजिक और भ्रातृत्व जीवन के लिए एक बड़ा खतरा है। रोज़गार कार्यालयों के आंकड़े बताते हैं कि बेरोज़गारी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। इसके अनेक कारण हो सकते हैं। बेरोज़गारी का एक बड़ा कारण जनसंख्या का दिन-प्रतिदिन बढ़ना है। भारत की जनसंख्या इतनी तेज़ गति से बढ़ रही है कि यदि इस पर काबू नहीं पाया गया तो इस के भयानक परिणाम हो सकते हैं जो देश की प्रगति में अवरोध उत्पन्न कर सकते हैं। रोज़गार तो क्या मनुष्य को रहने के लिए जगह ही नहीं बचेगी। बेरोज़गारी का नवयुवकों की मानसिकता पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

38. ਅੱਜ ਸਾਰਾ ਸੰਸਾਰ ਅਨਿਸ਼ਚਿਤਤਾ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿਚੋਂ ਗੁਜ਼ਰ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਸਮੁੱਚੀ ਮਨੁੱਖਤਾ ਦੇ ਭਵਿੱਖ ਪ੍ਰਤੀ ਅਨੇਕਾਂ ਪ੍ਰਸ਼ਨ ਉੱਠ ਖੜੇ ਹੋਏ ਹਨ | ਖੇਤਰ ਕੋਈ ਵੀ ਹੋਵੇ, ਸਥਿਤੀ ਡਾਵਾਂ ਡੋਲ ਨਜ਼ਰ ਆ ਰਹੀ ਹੈ । ਹਰੇਕ ਬੰਦਾ ਚਾਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਕਿਸੇ ਨਾ ਕਿਸੇ ਚੰਗੀ ਨੌਕਰੀ ਤੇ ਲੱਗ ਜਾਵੇ ਪਰ ਫਿਰ ਵੀ ਭਾਰਤ ਵਿਚ ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਵਿਚ ਦਿਨੋਂ-ਦਿਨ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਤੱਕ ਇਸ ਸਮੱਸਿਆ ਤੇ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕਾਬੂ ਨਹੀਂ ਪਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਉਦੋਂ ਤੱਕ ਭਾਰਤ ਦੀ ਆਜ਼ਾਦੀ ਦਾ ਕੋਈ ਮਤਲਬ ਨਹੀਂ ।
अनुवाद:
आज सारा विश्व अनिश्चितता की स्थिति से गुजर रहा है। समूची इन्सानियत के भविष्य के प्रति अनेक प्रश्न उठ खड़े हुए हैं। क्षेत्र कोई भी हो, स्थिति डावांडोल दिखाई दे रही है। प्रत्येक व्यक्ति चाहता है कि वह किसी न किसी नौकरी में लग जाए पर फिर भी भारत में बेरोज़गारों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। जब तक इस समस्या पर पूर्ण रूप से नियंत्रण प्राप्त नहीं किया जाता तब तक भारत की स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran अनुवाद

39. ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਇਸੇ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਨਾਲ ਸਾਰੀ ਮਨੁੱਖਤਾ ਨਾਲ ਇਨਸਾਫ਼ ਦੀ ਗੱਲ ਕਰੇ । ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਇਸ ਦੀ ਸਾਧਨਾ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ | ਸਾਰੇ ਸਿਆਣਿਆਂ, ਸਾਇੰਸਦਾਨਾਂ ਤੇ ਮਨੋਵਿਗਿਆਨੀਆਂ ਦੀਆਂ ਅਕਲਾਂ ਨੂੰ ਜੋੜ ਕੇ ਅਜਿਹਾ ਸੰਸਾਰ ਬਣਾਇਆ ਜਾਵੇ, ਜਿਹੜਾ ਹਰ ਇਕ ਦੀ ਭੁੱਖ, ਨੰਗ ਤੇ ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰੀ ਦੂਰ ਕਰੇ । ਹਰ ਇਕ ਕੋਲ ਪੜ੍ਹਨ, ਖੇਡਣ ਤੇ ਗਾਉਣ ਦੀ ਵਿਹਲ ਹੋਵੇ ਤੇ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦੀ ਹਰ ਸੱਸ ਨੂੰ ਹੁਨਰ ਦੇ ਕਮਾਲ ਤੱਕ ਪੁਚਾਉਣ ਦੀ ਲਗਨ ਹਰ ਘਰ ਵਿਚ ਹੋਵੇ | ਮਨੁੱਖ ਦੀਆਂ ਦੋ ਖਿੱਚਾਂ-ਪਿਆਰ ਤੇ ਹੁਸਨ ਨੂੰ ਸੁਤੰਤਰ ਰੱਖਿਆ ਜਾਵੇ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸੋਹਣੇ ਵਸੀਲੇ ਹੀ ਮਨੁੱਖੀ ਤਰੱਕੀ ਦਾ ਨਾਂ ਹੈ ।
अनवाद:
मानव को चाहिए कि वह इसी विश्वास के साथ सारी मानवता से इन्साफ की बात करे। मानव को इस की साधना करनी चाहिए। सारे बुद्धिमान, वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिकों की बुद्धियों को जोड़ कर ऐसा संसार बनाया जाए, जो सभी की भूख, नग्नता और बेरोज़गारी को दूर करे। सभी के पास पढ़ने, खेलने और गाने के लिए खाली समय हो और जिंदगी की प्रत्येक साँस के गुण को श्रेष्ठता तक पहुँचने की लग्न हर घर में हो। मानव के दो आकर्षण-प्रेम और सुंदरता को स्वतंत्र रखा जाए। इनके सुंदर उपकरण ही मानवी विकास का नाम है।

40. ਅੱਜ ਸਾਰਾ ਸੰਸਾਰ ਆਤੰਕਵਾਦ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿਚੋਂ ਗੁਜ਼ਰ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਸਮੁੱਚੀ ਮਨੁੱਖਤਾ ਦਾ ਭਵਿੱਖ ਖ਼ਤਰੇ ਵਿੱਚ ਹੈ । ਭਾਰਤ ਵਿਚ ਆਤੰਕਵਾਦ ਦਿਨੋ-ਦਿਨ ਵੱਧ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਇਸਦੀ ਰਫ਼ਤਾਰ ਘੱਟ ਨਾ ਹੋਈ, ਤਾਂ ਉਹ ਦਿਨ ਦੂਰ ਨਹੀਂ ਜਦੋਂ ਆਮ ਮਨੁੱਖ ਲਈ ਜੀਵਨ ਗੁਜ਼ਾਰਨਾ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ | ਭਾਰਤ ਆਤੰਕਵਾਦ ਦਾ ਸ਼ੁਰੂ ਤੋਂ ਹੀ ਸ਼ਿਕਾਰ ਹੁੰਦਾ ਰਿਹਾ ਹੈ ਪਰ ਇਸਨੇ ਤਾਂ ਦੂਜਿਆਂ ਦੇਸ਼ਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਨਹੀਂ ਛੱਡਿਆ । ਇਸ ਸਮੇਂ ਵਿਚ ਆਤੰਕਵਾਦ ਕੇਵਲ ਭਾਰਤ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ ਨਹੀਂ । ਇਹ ਤਾਂ ਸਾਰੇ ਸੰਸਾਰ ਦੀ ਵੱਡੀ ਸਮੱਸਿਆ ਹੈ ।
अनुवाद:
आज सारा विश्व आतंकवाद की स्थिति से गुजर रहा है। समूची इन्सानियत का भविष्य संकट में है। भारत में आतंकवाद दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। यदि इस की गति कम नहीं हुई तो वह दिन दूर नहीं जब सामान्य इन्सान के लिए जीवन व्यतीत करना कठिन हो जाएगा। भारत आतंकवाद का आरंभ से ही शिकार होता रहा है पर इसने तो अन्य देशों को भी नहीं छोड़ा। इस समय आतंकवाद मात्र भारत की समस्या नहीं है। यह तो सारे विश्व की बड़ी समस्या है।

41. ਅੱਜ 26 ਜਨਵਰੀ ਦਾ ਦਿਨ ਹੈ । ਸਾਡਾ ਸ਼ਹਿਰ ਬੜਾ ਸਾਫ਼ ਸੁਥਰਾ ਦਿਖਾਈ ਦੇ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਪੁਰਸ਼ਾਂ, ਇਸਤਰੀਆਂ ਅਤੇ ਬੱਚਿਆਂ ਨੇ ਨਵੇਂ-ਨਵੇਂ ਕੱਪੜੇ ਪਾਏ ਹੋਏ ਹਨ । ਉਹ ਸਾਰੇ ਪਰੇਡ ਗਰਾਉਂਡ ਵੱਲ ਜਾ ਰਹੇ ਸਨ । ਉੱਥੇ ਸਿੱਖਿਆ ਮੰਤਰੀ ਜੀ ਆ ਰਹੇ ਹਨ । ਉਹ ਸਾਡਾ ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਝੰਡਾ ਲਹਿਰਾਉਣਗੇ । ਜਦ ਮੈਂ ਗਰਾਉਂਡ ਵਿਚ ਪੁੱਜਿਆ, ਮੰਤਰੀ ਜੀ ਮੰਚ ਉੱਤੇ ਸਨ । ਉਹ ਝੰਡੇ ਦੀ ਰੱਸੀ ਖਿੱਚ ਰਹੇ ਸਨ । ਝੰਡਾ ਉਪਰ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਇਹ ਸਾਡਾ ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਝੰਡਾ ਹੈ । ਮੰਤਰੀ ਜੀ ਝੰਡੇ ਨੂੰ ਸਲਾਮੀ ਦੇ ਰਹੇ ਹਨ । ਲੋਕ ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਗੀਤ ਗਾ ਰਹੇ ਹਨ । ਇਸ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਮੰਤਰੀ ਜੀ ਨੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਸੰਬੋਧਿਤ ਕੀਤਾ | ਭਾਰਤ ਦੋ ਸੌ ਸਾਲਾਂ ਤੱਕ ਅੰਗਰੇਜ਼ੀ ਸ਼ਾਸ਼ਨ ਦੇ ਅਧੀਨ ਰਿਹਾ | ਮਹਾਤਮਾ ਗਾਂਧੀ ਜੀ ਸਾਡੀ ਆਜ਼ਾਦੀ ਲਈ ਲੜੇ । ਸਾਨੂੰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਵਾਂਗ-ਡੋਰ ਹੇਠ ਆਜ਼ਾਦੀ ਮਿਲੀ । ਉਹ ਸਾਡੇ ਰਾਸ਼ਟਰ ਪਿਤਾ ਹਨ । ਸਾਨੂੰ ਆਪਣੇ ਮਹਾਨ ਨੇਤਾਵਾਂ ਤੇ ਮਾਣ ਹੈ ।
अनुवाद:
आज 26 जनवरी का दिन है। हमारा शहर बड़ा साफ़-सुथरा दिखाई दे रहा है। पुरुषों, स्त्रियों तथा बच्चों ने नये-नये वस्त्र पहने हुए हैं। वे सब परेड ग्राउंड की ओर जा रहे थे। वहाँ शिक्षामंत्री जी आ रहे हैं। वे हमारा राष्ट्रीय ध्वज लहराएँगे। जब मैं ग्राऊंड में पहुँचा, मंत्री जी मंच पर थे। वे झंडे की रस्सी खींच रहे हैं। झंडा ऊपर जा रहा है। यह हमारा राष्ट्रीय ध्वज है। मंत्री जी, झंडे को सलामी दे रहे हैं। सभी लोग राष्ट्रीय गान गा रहे हैं। इसके पश्चात् मंत्री जी ने लोगों को संबोधित किया। भारत दो सौ वर्षों तक अंग्रेज़ी शासन के अधीन रहा। महात्मा गांधी हमारी आज़ादी के लिए लड़े। हमें उनके नेतृत्व में स्वतंत्रता मिली। वे हमारे राष्ट्रपिता हैं। हमें अपने महान् नेताओं पर गर्व है।

42. ਪੰਡਿਤ ਜਵਾਹਰ ਲਾਲ ਨਹਿਰੂ ਸਿਰਫ਼ ਭਾਰਤ ਵਿਚ ਹੀ ਨਹੀਂ, ਸਗੋਂ ਸਾਰੇ ਸੰਸਾਰ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਹਨ । ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਪਿਤਾ ਪੰਡਿਤ ਮੋਤੀ ਲਾਲ ਨਹਿਰੂ ਇਕ ਨਾਮੀ ਵਕੀਲ ਸਨ ਅਤੇ ਰਾਜਸੀ ਜੀਵਨ ਬਤੀਤ ਕਰਦੇ ਸਨ । ਸੰਨ 1921 ਵਿੱਚ ਗਾਂਧੀ ਜੀ ਨੇ ਭਾਰਤ ਦੀ ਅਜ਼ਾਦੀ ਲਈ ਅੰਦੋਲਨ ਸ਼ੁਰੂ ਕੀਤਾ । ਪਿਤਾ ਵਾਂਗ ਪੁੱਤਰ ਨੇ ਵੀ ਇਸ ਵਿੱਚ ਭਾਗ ਲਿਆ ਅਤੇ ਆਪਣੀ ਬੀਰਤਾ ਦਾ ਪਰਿਚੈ ਦਿੱਤਾ | ਸਾਰਿਆਂ ਨੇ ਅਨੇਕਾਂ ਕਸ਼ਟ ਸਹੇ, ਪਰ ਭਾਰਤ ਮਾਤਾ ਦੀ ਸੇਵਾ ਤੋਂ ਮੁੱਖ ਨਹੀਂ ਮੋੜਿਆ । ਨਹਿਰੂ ਜੀ ਸਚਮੁਚ ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਰਤਨ ਹਨ । अनुवाद:
पंडित जवाहर लाल नेहरू केवल भारतवर्ष में नहीं, अपितु पूरे संसार में प्रसिद्ध हैं। उनके पिता पंडित मोती लाल नेहरू एक प्रसिद्ध वकील थे और राजसी जीवन व्यतीत करते थे। सन् 1921 में गांधी जी ने भारत की स्वतंत्रता के लिए आंदोलन शुरू किया। पिता की तरह पुत्र ने भी इसमें भाग लिया और अपनी वीरता का परिचय दिया। सभी ने अनेक कष्ट सहे परंतु भारत माता की सेवा से मुख नहीं मोड़ा। नेहरू जी सचमुच हमारे देश के रत्न है।

43. ਰੰਗ-ਬਿਰੰਗੇ ਸੁੰਦਰ ਫੁੱਲਾਂ ਵਾਲਾ ਇਹ ਗੁਲਦਸਤਾ ਤਾਂ ਮੈਂ ਖੁਸ਼ੀ ਨਾਲ ਲੈ ਰਹੀ ਹਾਂ ਬਾਕੀ ਇਹ ਗਿਫਟ ਕਿਸੀ ਇਹੋ ਜਿਹੀ ਔਰਤ ਨੂੰ ਦੇ ਦੇਣਾ ਜਿਸਦਾ ਕੋਈ ਬਬਲੁ ਹੋਵੇ । ਮੇਰਾ ਤਾਂ ਕੋਈ ਬਬਲੁ ਹੈ ਹੀ ਨਹੀਂ । ਮੈਂ ਤਾਂ ਹਾਲੇ ਤਕ ਸ਼ਾਦੀ ਹੀ ठी वीडी।
अनुवाद:
रंग-बिरंगे सुंदर फूलों वाला यह गुलदस्ता तो मैं प्रसन्नता से ले रही हूँ। शेष यह गिफ्ट (उपहार) किसी ऐसी औरत को दे देना जिसका कोई बबलू हो। मेरा तो कोई बबलू है ही नहीं। मैंने तो अभी तक शादी ही नहीं की।

44 ਠਾਕੁਰ ਸਾਹਿਬ ਦੇ ਚਲੇ ਜਾਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਮਨੋਹਰ ਸਿੰਘ ਨੇ ਤੇਜ਼ਾ ਨੂੰ ਬੁਲਾਕੇ ਛਾਤੀ ਨਾਲ ਲਾਇਆ ਤੇ ਕਿਹਾ-ਪੁੱਤਰ, ਇਸ ਦਰਖ਼ਤ ਤੂੰ ਨੂੰ ਹੀ ਬਚਾਇਆ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਮੈਨੂੰ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ ਕਿ ਮੇਰੇ ਪਿਛੋਂ ਤੂੰ ਇਸ ਦਰਖ਼ਤ ਦੀ ਪੂਰੀ ਰੱਖਿਆ ਕਰ ਸਕੇਂਗਾ ।
अनुवाद:
ठाकुर साहिब के चले जाने के पश्चात् मनोहर सिंह ने तेजा को बुला कर छाती से लगाया और कहापुत्र, इस वृक्ष को तूने बचाया है, इसलिए मुझे विश्वास हो गया है कि मेरे बाद तू इसकी पूरी रक्षा कर सकेगा।

प्रश्न 1.
अनुवाद किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी भाषा में कही या लिखी गई बात को किसी दूसरी भाषा में सार्थक परिवर्तन करने को अनुवाद कहते हैं। इसे साहित्यिक विधा माना जाता है लेकिन यह मौलिक साहित्य रचना की श्रेणी में नहीं आता।

प्रश्न 2.
अनुवादक किसे कहते हैं?
उत्तर:
जो व्यक्ति अनुवाद कार्य को करता है उसे अनुवादक कहते हैं।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran अनुवाद

प्रश्न 3.
अनुवाद के लिए सबसे आवश्यक किसे माना जाता है?
उत्तर:
अनुवाद के लिए सबसे आवश्यक उन दो भाषाओं का माना जाता है जिनका एक से दूसरी में सार्थक परिवर्तन किया जाता है।

प्रश्न 4.
स्रोत भाषा और लक्ष्य भाषा से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
स्रोत भाषा-जिस भाषा की सामग्री का अनुवाद किया जाता है उसे स्रोत भाषा कहते हैं।
लक्ष्य भाषा-जिस भाषा में अनुवाद किया जाता है उसे लक्ष्य भाषा कहते हैं।
उदाहरण-यदि हिंदी में लिखित किसी कविता को पंजाबी में अनूदित किया जाए तो हिंदी स्रोत भाषा कहलाती है। इस स्थिति में पंजाबी लक्ष्य भाषा होगी।

प्रश्न 5.
किसी भाषा में रचित सामग्री को किसी दूसरी भाषा में अनूदित करते समय किस-किस प्रकार के पूर्ण ज्ञान की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
अनुवाद कार्य करते समय अनुवादक को स्रोत भाषा और लक्ष्य भाषा की लिपियों, शब्दावली, वाक्य संरचना और व्याकरण का पूर्ण ज्ञान आवश्यक रूप से होना चाहिए क्योंकि प्रत्येक भाषा की अपनी लिपि, शब्दावली और व्याकरण होती है।

प्रश्न 6.
पंजाबी और हिंदी की स्वर ध्वनियों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पंजाबी में स्वरों को लिखित रूप देने के लिए केवल तीन ही अक्षर होते हैं । ध्वनि के स्तर पर इनकी संख्या दस स्वीकार की जाती है-
PSEB 10th Class Hindi Vyakaran अनुवाद 1

प्रश्न 7.
पंजाबी और हिंदी की स्वर ध्वनियों को उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर:
PSEB 10th Class Hindi Vyakaran अनुवाद 2

प्रश्न 8.
पंजाबी और हिंदी की व्यंजन ध्वनियों को लिखिए।
उत्तर:
PSEB 10th Class Hindi Vyakaran अनुवाद 3

प्रश्न 9.
पंजाबी में बिंदी () और टिप्पी (“) का प्रयोग कैसे किया जाता है?
उत्तर:
पंजाबी में बिंदी (‘) और टिप्पी (“) का प्रयोग मात्राओं के अनुसार किया जाता है। हिंदी में इनके लिए प्रायः बिंदी का ही प्रयोग होता है लेकिन बड़े ‘अ’ के साथ बिंदी की जगह चंद्रबिंदु का प्रयोग किया जाता है। पंजाबी में दुलैंकड़ मात्राओं के साथ टिप्पी का प्रयोग होता है पर हिंदी में दीर्घ ‘ऊ’ (‘) के साथ चंद्र बिंदु का प्रयोग किया जाता है; जैसेनँ, बूँद, चूं-चूँ।

प्रश्न 10.
पंजाबी के टिप्पी वाले शब्दों का हिंदी में कैसे प्रयोग किया जाता है?
उत्तर:
(I) हिंदी में पंजाबी के टिप्पी वाले शब्दों का प्रयोग करते समय चंद्र बिंदु लगाया जाता है; जैसे-
भव – मुँह
यस – पहँच

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran अनुवाद

(II) कहीं-कहीं टिप्पी वाले शब्दों का प्रयोग करते समय टिप्पी की जगह कुछ नहीं लगाया जाता; जैसे-
ਧੰਨ – धन

(III) कुछ स्थानों पर ऐसी स्थिति में ‘क’, ‘च’ आदि की जगह ‘का’, ‘चा’ आदि का प्रयोग किया जाता है; जैसे-
ਕੰਨ – कान
ਚੰਮ – चाम
ਕੰਮ – काम

(IV) कुछ जगह टिप्पी की जगह चंद्र बिंदु का प्रयोग और अंतिम अक्षर में परिवर्तन किया जाता है; जैसे-
ਦੰਦ – दाँत
ਪੰਜ – पाँच

(V) पंजाबी में कन्ना, लां, दुलावां, होड़ा तथा कनौड़ा मात्राओं के साथ बिंदी का प्रयोग होता है लेकिन हिंदी में कई जगह बिंदी की जगह चंद्र बिंदु का प्रयोग किया जाता है; जैसे-
ਚਾਂਦੀ – चाँदी
उप्वा – ताँबा
ਸਾਂਝਾ – साँझा

प्रश्न 11.
हिंदी के जिन शब्दों में ‘य’ से पहले आधा अक्षर प्रयुक्त किया जाता है वहाँ पंजाबी में क्या परिवर्तन होता है? उदाहरण देकर लिखिए।
उत्तर:
हिंदी के शब्दों में जहाँ ‘य’ से पहले आधा अक्षर आता है वहाँ पंजाबी में प्रायः आधा अक्षर पूरा लिखा जाता है और पूरे अक्षर के साथ ‘इ’ की मात्रा लगा दी जाती है। साथ ही ‘य’ की जगह ”लिखा जाता है। कहीं-कहीं कुछ अन्य परिवर्तन भी किए जाते हैं। उदाहरण के लिए-
हिंदी – पंजाबी
माध्यम – ਮਾਧਿਅਮ
सभ्यता – ਸਭਿਅਤਾ
अभ्यास – ਅਭਿਆਸ
अध्यापक – ਅਧਿਆਪਕ
व्यर्थ – ਵਿਅਰਥ
व्यापक – ਵਿਆਪਕ
व्यक्ति – ਵਿਅਕਤੀ
व्यवस्था – ਵਿਵਸਥਾ

प्रश्न 12.
हिंदी के जिन शब्दों में ‘आ’ अथवा ‘या’ लगाया जाता है वहाँ पंजाबी में अनुवाद करते समय क्या परिवर्तन किया जाता है?
उत्तर:
पंजाबी में अनुवाद करते समय ऐसी स्थिति में धातु के अंतिम अक्षर के साथ ‘ई’ की मात्रा लगा कर मा’ लगा दिया जाता है। उदाहरण
हिंदी – पंजाबी
पढा – ਪੜਿਆ
भेजा – ਭੇਜਿਆ
लिखा – ਲਿਖਿਆ
माया – ਮਾਇਆ
गाया – ਗਾਇਆ
मापा – ਮਾਪਿਆ
हिंदी की जिन क्रियाओं के अंत में ‘या’ लगा होता है वहाँ पंजाबी में ‘आ’ लगाया जाता है; जैसे-सोया-मॅग, किया-वीउ, दिया-टॅिग, लिया-लिभा|

प्रश्न 13.
हिंदी में जहाँ ‘व’ से पहले आधा अक्षर होता है वहाँ पंजाबी में परिवर्तन करते समय क्या किया जाता है?
उत्तर:
हिंदी के जिन शब्दों में ‘व’ से पहले आधा अक्षर होता है वहाँ पंजाबी में पूरा अक्षर लिखा जाता है और वहाँ ‘व’ के साथ की मात्रा (_) का प्रयोग किया जाता है; जैसे-
हिंदी – पंजाबी
द्वारा – ਦੁਆਰ
स्वतंत्र – ਸੁਆਗਤ
द्वार – ਦੁਆਰਾ
स्वागत – ਸੁਆਗਤ
कहीं-कहीं इस स्थिति में तनिक अंतर होने पर भिन्न विधि अपनाई जाती है; जैसे-
स्वरोजगार – ਸਵੈ ਰੋਜ਼ਗਾਰ
स्वर – ਸਵਰ

प्रश्न 14.
पंजाबी में सरलता बनाए रखने के लिए हिंदी के संयुक्त व्यंजनों में किस प्रकार परिवर्तन किया जाता है?
उत्तर:
हिंदी के संयुक्त व्यंजनों में पंजाबी में अनुवाद करते समय सरलता बनाए रखने के लिए प्रायः दो प्रकार से परिवर्तन किए जा रहे हैं-
(I) संयुक्त व्यंजनों के मध्य में स्वराज्य से उच्चारण में सरलता लाने का प्रयास किया जाता है; जैसे-
हिंदी – पंजाबी
फ़िक्र – ਫ਼ਿਕਰ
राष्ट्र – ਰਾਸ਼ਟਰ
इन्द्र/इंद्र – ਇੰਦਰ
कलेश – ਕਲੇਸ਼
विश्वास – ਵਿਸ਼ਵਾਸ
शास्त्र – ਸ਼ਾਸਤਰ
स्कूल – ਸਕੂਲ
कृपा – ਕਿਰਪਾ
पुत्री – ਪੁੱਤਰੀ
संग्राम – ਸੰਗਰਾਮ

(II) स्वरों के लोप से भी शब्दों की सरलता बनाई जाती है. जैसे-
परंतु – ਪ੍ਰੰਤੂ
प्रत्यक्ष – ਪ੍ਰਤੱਖ
लक्ष्मी – ਲੱਛਮੀ
लक्षण – ਲੱਛਣ
ईर्ष्या – ਈਰਖਾ

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran अनुवाद

प्रश्न 15.
हिंदी के संयुक्त व्यंजनों को पंजाबी में किस प्रकार लिखा जाता है?
उत्तर:
हिंदी के संयुक्त व्यंजनों को सरल बनाने के लिए पंजाबी में अलग-अलग व्यंजनों के साथ लिखा जाता है; जैसे-
हिंदी – पंजाबी
विश्राम – ਵਿਸ਼ਰਾਮ
मात्रा – ਮਾਤਰਾ
पवित्र – ਪਵਿੱਤਰ
कृपा – ਕਿਰਪਾ
भ्रम – ਭਰਮ
पदार्थ – ਪਦਾਰਥ
अर्पण – ਅਰਪਣ
निर्धन – ਨਿਰਧਨ

प्रश्न 16.
हिंदी के जिन शब्दों के अंत में ‘व’ आ जाता है वहाँ पंजाबी में अनुवाद करते समय प्रायः क्या परिवर्तन किया जाता है?
उत्तर:
हिंदी के जिन शब्दों के अंत में ‘व’ आ जाता है उसकी जगह पंजाबी में प्राय: लिख दिया जाता है; जैसे-
हिंदी – पंजाबी
स्वभाव – महाभ
दुर्भाव – ਦੁਰਭਾਵ

प्रश्न 17.
हिंदी में ‘ह’ से पहले ‘ए’ (‘) की मात्रा के स्थान पर पंजाबी में क्या परिवर्तन किया जाता है?
उत्तर:
पंजाबी में किसी शब्द में ‘उ’ से पहले ‘प्टे’ की मात्रा हो तो वहाँ छोटी ‘इ’ की मात्रा लगाई जाती है; जैसे-
हिंदी – पंजाबी
मेहनत – ਮਿਹਨਤ
मेहर – ਮਿਹਰ
मेहरबान – ਮਿਹਰਬਾਨ
सेहत – ਸਿਹਤ
चेहरा – ਚਿਹਰਾ

प्रश्न 18.
हिंदी में जिन शब्दों का उच्चारण ऐह’ है लेकिन क्रम अह’ होता है उसे पंजाबी में किस प्रकार लिखा जाता है?
उत्तर:
पंजाबी में ऐसे शब्द का ‘हाहे’ से पहला अक्षर मुक्त रहता है पर उसे छोटी ‘इ’ की मात्रा लगती है; जैसे-
हिंदी – पंजाबी
नहर – ਨਹਿਰ
शहर – ਸ਼ਹਿਰ
वहम – ਵਹਿਮ
महंगा – ਮਹਿੰਗਾ
महल – ਮਹਿਲ
शहद – ਸ਼ਹਿਦ

प्रश्न 19.
हिंदी में जिन शब्दों में नासिक्य ध्वनि प्राय: ‘ण’ का प्रयोग होता है तो वहाँ पंजाबी शब्दों में के अनुवाद में क्या परिवर्तन आता है?
उत्तर:
हिंदी में जिन शब्दों में ‘ण’ का प्रयोग होता है उनका पंजाबी में अनुवाद में नासिक्य ध्वनि को प्रयुक्त किया जाता है; जैसे-
हिंदी – पंजाबी
कारण – ਕਾਰਨ
कर्ण – ਕਰਨ
किरण – ਕਿਰਨ
शरण – ਸ਼ਰਨ
हिरण – ਹਿਰਨ
धर्म – ਧਰਮ
दर्शन – ਦਰਸ਼ਨ
ਅਰਜਨ

प्रश्न 20.
हिंदी भाषा की देवनागरी लिपि और गुरुमुखी लिपि में द्वित्व शब्दों के लेखन में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
(i) देवनागरी लिपि में द्वित्व वर्णों का प्रयोग किया जाता है लेकिन गुरुमुखी लिपि में अद्धक (‘) का प्रयोग होता है; जैसे- शुद्ध = रॉय, खट्टा = बॅटा, बच्चा = वसा, पक्का = पॅवा, आदि।

प्रश्न 21.
हिंदी और पंजाबी में उच्चारण भिन्नता के कारण व्यंजनों के प्रयोग में क्या बदलाव आता है?
उत्तर:
उच्चारण भेद होने के कारण हिंदी और पंजाबी में ‘ब’, ‘ग’, ‘न’, ‘ड’ पंजाबी में क्रमश: ‘उ’, ‘व’, ‘ह’ और ‘इ’ में बदल जाते हैं ; जैसे- सब = र्मठ, पानी = पाटी, लोग = प्लेव आदि।

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प्रश्न 22.
लिंग परिवर्तन करते समय हिंदी और पंजाबी में आए अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
(क) हिंदी में कुछ आकारांत शब्दों का लिंग बदलते समय ‘आ’ को इया में बदल दिया जाता है लेकिन पंजाबी में ‘आ’ के स्थान पर प्टी (१) का प्रयोग किया जाता है; जैसे-
चूहा = चुहिया = तुगी, बूढ़ा = बुढ़िया = वडी।।

(ख) हिंदी में जहाँ अंत में ‘इन’ प्रत्यय लगाया जाता है वहाँ पंजाबी में ‘ठ’ या ‘ह’ लगाया जाता है; जैसे-
तेली = तेलिन = उलट, सपेरा = सपेरिन = मयेण्ट।

(ग) हिंदी में अंतिम स्वर के स्थान पर जहाँ आनी’ लगाया जाता है वहाँ पंजाबी में ‘टी’ लगाया जाता है; जैसे-
नौकर = नौकरानी = वाटी, सेठ = सेठानी = मिठाटी, पंडित = पंडिताइन = पंडाटी, बनिया = बनियाइन = घटिभाटी।

(घ) हिंदी में अक’ अंत वाले पुल्लिग शब्दों के अंत में ‘इका’ लगाया जाता है लेकिन पंजाबी में ‘अक’ अंत वाले पुल्लिग शब्दों में कन्ना लगा दिया जाता है; जैसे-
नायक = नायिका = ठाप्टिवा, सेवक = सेविका = मेहवा ।।

(ङ) हिंदी और पंजाबी में लिंग परिवर्तन में अनेक स्थानों पर कोई परिवर्तन दिखाई नहीं देता; जैसे-
चाचा = चाची = सासी, पुत्र = पुत्री = ‘उठी, सरदार = सरदारनी = मराठठी।

प्रश्न 23.
पंजाबी और हिंदी में उच्चारण भिन्नता के कारण
उत्तर:
पंजाबी के कुछ शब्दों में स्वर या व्यंजन की मात्रा में वृद्धि हो जाती है; जैसे-
गुरु = ताठ, स्थान = पाठ, स्कूल = मवल।

प्रश्न 24.
हिंदी के शब्दों में प्रयुक्त ‘क्ष’ और ‘ष’ के उच्चारण में बदलाव के कारण पंजाबी में क्या बदलाव दिया जाता है?
उत्तर:
उच्चारण में परिवर्तन के कारण ‘क्ष’ के स्थान पर ‘ध’ और ‘ष’ की जगह ‘ह’ का प्रयोग किया जाता है; जैसे-
पुरुष = पठध, ईर्ष्या = प्टीतधा, लक्ष्मी = लॅधनी, पक्षी = धंढी।

प्रश्न 25.
पंजाबी और हिंदी में बहुवचन बनाने में क्या-क्या अंतर दिखाई देते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
I. हिंदी में अकारांत स्त्रीलिंग संज्ञाओं के अंत में बहुवचन बनाते हुए ‘अ’ को ‘ऐं’ में बदला जाता है लेकिन पंजाबी में ‘कन्ने’ के ऊपर बिंदी लगाई जाती है; जैसे-
रात = रातें = ठारा; मशीन = मशीनें = भतीठां; सड़क = सड़कें = मइयां।

II. हिंदी के ‘आकारांत’ एकवचन शब्दों के अंत में ‘एँ’ लगाया जाता है लेकिन ऐसी स्थिति में पंजाबी में ‘गं’ लगाया जाता है; जैसे
कविता = कविताएँ = वहिउाहां, सभा = सभाएँ = माहां, अध्यापक = अध्यापिकाएँ = अयिभाववाहां, हवा = हवाएँ = उहाहां।

III. हिंदी के इकारांत या ईकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में बहुवचन बनाते हुए ‘ई’ की जगह ‘इ’ कर दिया जाता है लेकिन पंजाबी में बिहारी की जगह बहुवचन के अंत में ‘भा’ लगा दिया जाता है; जैसे-
नदी = नदियाँ = ठटीला, कली = कलियाँ = वप्लीमां, लड़की = लड़कियाँ = लक्वीनां।

IV. हिंदी में उकारांत और ऊकारांत स्त्रीलिंग शब्दों को बहुवचन में बदलते समय ‘एँ’ लगाया जाता है लेकिन पंजाबी में इस स्थिति में जहाँ औंकड़ और दुलैंकड़ होते हैं वहाँ बहुवचन बनाते हुए ‘मां’ लगा दिया जाता है; जैसे
धातु = धातुएँ = पाउला ; वस्तु = वस्तुएँ = हमला|

V. अनेक स्थानों पर आकारांत पुल्लिग शब्दों में बहुवचन बनाते समय हिंदी और पंजाबी में समानता रहती है। दोनों में ही ‘आ’ को ‘ए’ में बदल दिया जाता है: जैसे-
रुपया = रुपये = तृघटे; कपड़ा = कपड़े = वॅपडे; चाचा = चाचे = सासे; पत्ता = पत्ते = डे।

प्रश्न 26.
हिंदी और पंजाबी की वाक्य-संरचना में समानताओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
हिंदी और पंजाबी दोनों भाषाओं में उच्चारण की दृष्टि से बहुत अधिक समानता है। इनकी वाक्य-संरचना और व्याकरणिक नियमों में भी कोई बहुत बड़ा अंतर नहीं है; जैसे-
आज हमारा देश भिन्न-भिन्न धर्म-जातियों में बंटा हुआ है।
ਅੱਜ ਸਾਡਾ ਦੇਸ਼ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਧਰਮ ਜਾਤਾਂ ਵਿਚ ਵੰਡਿਆ ਹੋਇਆ ਹੈ ।
इन दोनों भाषाओं में क्रिया का लिंग मुख्य कर्ता के अनुसार ही होता है; जैसे-
ਮੁੰਡਾ ਦਸਵੀਂ ਜਮਾਤ ਵਿਚ ਪੜ੍ਹਦਾ ਹੈ ।
लड़का दसवीं कक्षा में पढ़ता है।
इन दोनों भाषाओं में कर्तृवाच्य में क्रिया का लिंग मुख्य कर्ता के समान ही रहता है। इनमें कर्मवाच्य की क्रिया का लिंग मुख्य रूप से कर्म के अनुसार ही होता है; जैसे-
भेठे उ प हॅप्ल निभा । मुझ से दूध गिर गया।
भेठे 3 साग इल ताप्टी । मुझ से चाय गिर गई।
पंजाबी और हिंदी में भाववाच्य की क्रिया सदा पुल्लिंग में रहती है: जैसे-
मुंडे पङिमा ठगीं सांस । लड़के से पढ़ा नहीं जाता।
वही घडिमा ठगी मांग । लड़की से पढ़ा नहीं जाता।

पंजाबी और हिंदी में क्रिया के दो ही वचन होते हैं-एक वचन और बहुवचन। इन दोनों में ही एक के लिए एकवचन की क्रिया और अनेक के लिए बहुवचन क्रिया का प्रयोग होता है, इन दोनों भाषाओं में संज्ञा, वचन और लिंग के अनुसार ही विशेषण बोधकों के रूप में परिवर्तन होता है।

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पंजाबी से हिंदी में अनुवाद संबंधी वाक्यों के कुछ उदाहरण

निम्नलिखित पंजाबी के वाक्यों का हिंदी में अनुवाद करें
1. नाव जुठीहमिटी उडीगाड हिच चै।
2. रिहाली वॅउव सी मॅमिभा सी ठाउ मठाप्टी सांटी चै।
3. ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸਥਾਨਾਂ ਦੀ ਯਾਤਰਾ ਨਾਲ ਸਾਡੇ ਗਿਆਨ ਵਿਚ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ !
4. ਛੱਬੀ ਜਨਵਰੀ ਅਤੇ ਪੰਦਰਾਂ ਅਗਸਤ ਸਾਡੇ ਕੌਮੀ ਤਿਉਹਾਰ ਹਨ ।
5. ਸਾਡੇ ਹਿਰਦੇ ਵਿਚ ਆਪਣੀ ਮਾਂ-ਬੋਲੀ ਲਈ ਪਿਆਰ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
6. ਕਰਤਾਰ ਸਿੰਘ ਸਰਾਭਾ ਨੇ ਉੱਨੀ ਸਾਲ ਦੀ ਛੋਟੀ ਉਮਰ ਵਿਚ ਦੇਸ਼ ਲਈ ਸ਼ਹੀਦੀ ਪਾਈ ।
7. भिठाम पडे ठित मावे ताहां रा ठिठेइ ।।
8. ਵਿਗਿਆਨ ਦੇ ਖੇਤਰ ਵਿਚ ਲਗਾਤਾਰ ਵਾਧਾ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੈ ।
9. ਅਖ਼ਬਾਰ ਦਾ ਸਾਡੇ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸਥਾਨ ਹੈ ।
10. ਜਨਸੰਖਿਆ ਦੇ ਵੱਧਣ ਨਾਲ ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰੀ ਵੀ ਵੱਧ ਰਹੀ ਹੈ ।
11. माठु विनप्ली टी घुउउ वठठी नग्गीसी चै।
12. ਜੇਕਰ ਤੁਸੀਂ ਆਪਣਾ ਅੱਜ ਖ਼ਰਾਬ ਕਰੋਗੇ ਤਾਂ ਤੁਹਾਡਾ ਕਲ਼ ਵੀ ਖ਼ਰਾਬ ਹੋ ਜਾਏਗਾ ।
13. लठउर मडी सी धिभा व भडे ठिसा उँ त।
14. लठिरत मिप पइसा चै ठाले तेवठी वठरा वै।
15. ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਨੇ ਕਿਰਤ ਕਰਕੇ ਖਾਣ ਦੀ ਸਿੱਖਿਆ ਦਿੱਤੀ ਹੈ ।
16. ऐमराठाल वरे ही गाढेठी ठगीं वठठी साजीसी।
17. नेवत तेवठी ठगीं मिल ठगी गं -तृलताठ रा ठमठा सपठाठ।
18. डेल सी माहान मह वे ममी पत्रे वापत मा ताप्टे ।।
19. ਸਿਆਣਾ ਇਨਸਾਨ ਖ਼ਾਲੀ ਸਮੇਂ ਦਾ ਵੀ ਸਦਉਪਯੋਗ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
20. पत हांठा मल हित ही महाप्टी घउ सती गै।
उत्तर:
1. पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में है।
2. दिवाली कार्तिक की अमावस्या की रात्रि में मनाई जाती है।
3. ऐतिहासिक स्थानों की यात्रा से हमारे ज्ञान में वृद्धि होती है।
4. छब्बीस जनवरी और पंद्रह अगस्त हमारे राष्ट्रीय त्यौहार हैं।
5. हमारे हृदय में अपनी मातृ-भाषा के लिए प्रेम होना चाहिए।
6. करतार सिंह सराभा ने उन्नीस वर्ष की छोटी आयु में देश के लिए कुर्बानी पाई।
7. मिठास और नम्रता सभी गुणों का निचोड़ है।
8. विज्ञान के क्षेत्र में निरंतर विकास हो रहा है।
9. समाचार-पत्र का हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण स्थान है।
10. जनसंख्या के बढ़ने के साथ बेरोज़गारी भी बढ़ रही है।
11. हमें बिजली की बचत करनी चाहिए।
12. यदि आप अपना आज खराब करोगे तो आपका कल भी खराब हो जाएगा।
13. पशु संपत्ति की रक्षा करो और हिंसा से दूर रहो।
14. जतिंद्र सिंह पढ़ता है साथ नौकरी करता है।
15. गुरु नानक देव जी ने कार्य (मेहनत) करके खाने की शिक्षा दी है।
16. मित्रों से कभी भी हेराफेरी नहीं करनी चाहिए।
17. यदि नौकरी नहीं मिल रही तो स्वरोजगार का रास्ता अपनाओ।
18. ढोल की आवाज़ सुन कर हम घर से बाहर आ गए।
19. बुद्धिमान इन्सान खाली समय का भी सदुपयोग करता है।
20. घर की तरह विद्यालय में भी सफ़ाई बहुत आवश्यक है।

PSEB 10th Class English Reading Skills Note-Making

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PSEB 10th Class English Reading Skills Note-Making

Note-making का अर्थ है किसी पैरे की मुख्य बातों को संक्षिप्त और साफ-सुथरे ढंग से प्रस्तुत करना। अच्छे Notes में निम्नलिखित विशेषताएं होती हैं

1. वे संक्षिप्त होते हैं।

2. केवल प्रासंगिक बातें ही उनमें दी जाती हैं।

3. केवल शब्दों या वाक्यांशों का प्रयोग ही किया जाता है। पूरे वाक्यों की आम तौर पर आवश्यकता नहीं होती।
अन्य शब्दों में हम कह सकते हैं कि Notes बनाते समय प्रयुक्त भाषा व्याकरण की दृष्टि से पूरी तरह सही नहीं भी हो सकती।

4. सूचना को सूचीबद्ध ढंग से प्रस्तुत किया जाता है। इसे विभाजित व उपविभाजित किया जाता है। विभाजन निम्न प्रकार से हो सकता है
मुख्य खण्ड : 1, 2, 3, इत्यादि।
उपखण्ड : a, b, c, इत्यादि।

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5. पूरे शब्दों के स्थान पर संक्षिप्त शब्दों या चिन्हों का प्रयोग भी किया जा सकता है।
आम प्रयोग में आने वाले संक्षिप्तीकरण शब्दकोशों में दिए होते हैं। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक व्यक्ति अपने स्वयं के संक्षिप्त शब्द या चिन्हों का प्रयोग कर सकता है।
उदाहरणार्थ_ ‘Parliament’ के स्थान पर ‘Parlt’ या ‘Par’ या ‘P’ का प्रयोग किया जा सकता है। परन्तु इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि एक संक्षिप्त-रूप शब्द एक से अधिक शब्दों के लिए न प्रयोग किया जाए।

Question : On the basis of your reading of the given passage, make notes on it in points only.

Passage 1

Good Manners

Good manners occupy a unique place in our life. They are to be acquired? and cultivated. The sooner it is done, the better it is. Childhood is the best period for learning and imbibing good manners. It is obvious that it is in the formative years that good conduct, behaviour and manners are to be developed and cultivated. As Milton said, “The childhood shows the man as morning shows the day.” Good manners help us to make friends and to gain appreciation. Manners make men and morals.

Word-meanings : 1. acquire-अर्जित करना; 2. cultivate-पैदा करना; 3. imbibe ग्रहण करना; 4. formative-रचनात्मक।

Notes
1. Good manners in life
(A) have unique place in life
(B) are to be acquired and cultivated
(C) sooner the better.

2. Best period for learning good manners

  • childhood
  • childhood shows the man as morning shows the day – Milton.

3. Good manners helpful

  • make friends
  • win over people
  • gain appreciation.

Passage 2

The Importance Of The Freedom Of Thought

The most important thing is that we should have freedom of thought. This is not as easy as it sounds, for everyone likes to have this freedom for himself, but is not ready to give it to others when they express different opinions. This is particularly the case when differences of opinion arise on such important matters as religion and politics. But if we refuse to let other people hold their opinion on these matters and especially, if we try to force them to accept our own, progress is impossible. If everyone went on thinking the same things as his ancestors thought, progress would come to an end because as the Buddha said, “What a man thinks, he becomes.” So if we think exactly what our forefathers thought, we shall remain in the condition in which they were.

Word-meanings : 1. sounds-प्रतीत होता है; 2. opinions-विचार, मत; 3. particularly – विशेष रूप से; 4. progress-प्रगति; 5. ancestors-पूर्वज; 6. exactly-बिल्कुल वैसा; 7. forefathersपूर्वज।

Notes
A Freedom of thought

  • each one loves to have
  • not willing to give to others
  • especially in matters of religion and politics.

B. Progress impossible

  • without the freedom of thought
  • no progress if we think as our forefathers did.

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Passage 3

The Tissue Culture Of Plants

Man has depended on plants ever since life began. The reasons are various for food, shelter and clothing. The destruction of plants has been a cause of tremendous concern to him. Hence he tries to preserve plants from both man-made and natural calamities3. He adopts4 various methods to overcome these calamities. To do so, the scientists have evolved the process of tissue culture whereby complete plant can be developed from just a part of the plant. This has proved to be a boon. This technique involves a process in which small pieces of different parts of a plant body are grown on a nutritional media under completely sterile conditions. This concept dates back to 1878 when German botanist6 Vochting said that from a small plant piece, a whole plant could be regenerated. Later, Haberlandt in 1902 postulated that the cultivation of artificial embryos is possible depending on the nutritional media.

Word-meanings : 1. destruction—तबाही; 2. tremendous—अत्यधिक; 3. calamities – विपदाएं; 4. adopts – अपनाता है; 5. sterile – कीटाणुओं से मुक्त; 6. botanist-वनस्पति-विज्ञानी; 7. postulated — प्रमाणित किया

Notes

1. Man’s dependence on plants for the……….
(a) food
(b) shelter
(c) clothing.

2. Causes of destruction
(a) man-made calamities
(b) natural calamities

3. Way to overcome the loss – tissue culture
(a) involves taking pieces of plant body and growing under sterile conditions
(b) suggested by German botanist Vochting (1878)
(c) Haberlandt (1902) postulated the cultivation.

Passage 4

The Functioning Of Newspapers 

A newspaper is usually owned by one or by a group of proprietors. They provide the capital and usually decide the policy of the paper, though they do not normally take part in the day-to-day running of it. This is the responsibility of the editor, whose job is to make sure that the paper comes out every day and that it contains the information that readers expect to find in it. He has a large staff to help him do this, of course. The actual news comes from two main sources the paper’s own reporters, and the news agencies. Most papers subscribe to one or more agencies, i.e. they pay a certain sum of money each year and in return, they are allowed to make use of the news which the agency sends them every day. Naturally, they do not use all this news they select from it what they need.

Word-meanings : 1. proprietor – किसी व्यापारिक संस्थान का मलिक ; 2. provide – प्रदान करना; 3. capital – पंजी; 4. subscribe – ग्राहक बनना

Notes
1. Ownership of newspapers = one or a group of proprietors.

2. Day-to-day working – an editor helped by a large staff.

3. Collection of news –

  • own reporters
  • news agencies.

Passage 5

Gandhiji’s Childhood

Gandhiji’s childhood was a solemn one and lacking strangely in the frivolities with which we surround our children today. Children of those days had a curiously grown-up status, maybe because of the early marriage to which they had to submit, but they soon learned to take up and acquaint themselves with responsibilities and Gandhiji was no exception’ to this. Though the youngest in the family, he acquired grown-up wisdom by consorting with his elders, particularly his. mother, imbibing her wisdom and sound common sense. From the earliest days, his love for truth at any cost dominated his mind and he was free from the tiring little lies that fill the life of any child.

Word-meanings :1. solemn – पवित्र; 2. frivolities – ओछी बातें; 3. acquaint – परि करवाना; 4. exception-अपवाद;
5. consorting – साथी बनना; 6.imbibing-धारण करना, सीखना।

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Notes
Gandhiji’s childhood
(a) solemn
(b) no frivolities

2. No different from the children of his age
(a) early marriage
(b) conscious of responsibilities

3. Gandhiji imbibed
(a) his mother’s wisdom
(b) love for truth.

Passage 6

Advantages Of Early Rising

Early rising leads to health and happiness. The man who rises late, can have little rest in the course of the day. Anyone who lies in bed late is compelled to work till a late hour in the evening. He has to go without the morning exercise which is so necessary for his health. In spite of all efforts, his work will not produce as good results as that of the early riser. The reason for this is that he cannot take advantage of the refreshing hours in the morning. Some people say that the quiet hour of midnight is the best time for working. Several great thinkers say that they can write best only when they burn the midnight oil. Yet it is true to say that few men have a clear brain at midnight when the body needs rest and sleep. Those who work at that time soon ruin their health. Bad health must, in the long run, have a bad effect on the quality of their work.

Word-meanings :1. efforts-प्रयत्न; 2. advantage-लाभ; 3. refreshing-ताज़गी प्रदान करने वाले; 4. ruin-नष्ट करना।

Notes
1. Advantages of early rising
(1) health
(ii) happiness.

2. Disadvantages of late rising
(i) work till late in the evening
(ü) go without morning exercise
(iii) work not done properly.

3. (i) Burning midnight oil bad for health.
(ii) Bad health, poor quality of our work.

Passage 7

Sportsmanship

Sportsmanship is a noble attitude of mind. It is a noble principle which great men observe and everyone should keep in mind. Sportsmanship does not mean art in games according to the set rules. Rather, it means observing all those rules in life which the players have been taught to observe while playing games. Games and sports are to mould the character of the players by the training they are given in the field. Sportsmanship implies fair dealing. In games if a player plays foul, the side to which he belongs is penalised Exactly in the same manner, in the bigger game of life, one must be fair in one’s dealings with others. Fairness, honesty, integrity, openness of heart and frankness are the qualities of a sportsman.

Word-meanings: 1. sportsmanship-खिलाडीपन; 2. observe – पालन करना; 3. to mould – ढालना ; 4. implies-का अर्थ है; 5. fair dealing-न्याय-संगत व्यवहार; 6. play foul-नियम विरुद्ध खेलना ; 7. penalise – दण्डित करना; 8. integrity-ईमानदारी; 9. frankness-निष्कपट ढंग।

PSEB 10th Class English Reading Skills Note-Making

Notes

1. Sportsmanship
(a) noble attitude of mind
(b) moulds character
(c) implies fair dealing
Qualities of sportsman :
(a) fairness
(b) honesty
(c) integrity
(d) openness of heart
(e) frankness.

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

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PSEB 10th Class Hindi Grammar पत्र-लेखन

प्रश्न 1.
अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को एक आवेदन-पत्र लिखिए जिसमें बड़ी बहन के विवाह के लिए चार दिन का अवकाश माँगा गया हो।
उत्तर:
सेवा में
मुख्याध्यापक
सरकारी हाई स्कूल
नवांशहर।
विषय-अवकाशार्थ प्रार्थना-पत्र।
महोदय,

निवेदन है कि मेरी बड़ी बहन की शादी 11 नवंबर, 20… को दिल्ली में होनी तय हुई है। हमारे परिवार के सभी सदस्य वहाँ पहुँच चुके हैं। मैं और मेरी छोटी बहन 9 नवंबर को रात की गाड़ी से दिल्ली जाएंगे। कृपया मुझे चार दिन का अवकाश, दिनांक 10 से 13 नवंबर तक प्रदान कीजिए।

धन्यवाद,
आपका आज्ञाकारी शिष्य
महेंद्र सिंह लांबा
कक्षा दसवीं ‘ग’
अनुक्रमांक 541
तिथि : 9 नवंबर, 20…

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

प्रश्न 2.
अपने स्कूल के प्रधानाचार्य को स्कूल में अधिक-से-अधिक खेलों का सामान मंगवाने के लिए अनुरोध करते हुए प्रार्थना-पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में
प्रधानाचार्य
डी०ए०वी० हाई स्कूल
धुरी।
विषय-खेल समानार्थ प्रार्थना-पत्र।
महोदय,

आपने एक छात्र-सभा में भाषण देते हुए इस बात पर बल दिया था कि छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ खेलों का महत्त्व भी समझना चाहिए। खेल शिक्षा का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। खेद की बात है कि आप खेलों की आवश्यकता तो खूब समझते हैं पर खेल सामग्री के अभाव की ओर कभी आपका ध्यान नहीं गया। खेलों के अनेक लाभ हैं। ये स्वास्थ्य के लिए बड़ी उपयोगी हैं। ये अनुशासन, समय पालन, सहयोग तथा सद्भावना का भी पाठ पढ़ती हैं।

अतः आपसे नम्र निवेदन है कि आप खेलों का सामान उपलब्ध करवाने की कृपा करें। इससे छात्रों में खेलों के प्रति रुचि बढ़ेगी वे अपनी खेल प्रतिभा का विकास कर सकेंगे। आशा है कि आप मेरी प्रार्थना पर उचित ध्यान देंगे और आवश्यक आदेश जारी करेंगे।

आपका आज्ञाकारी शिष्य
रजत शर्मा
कक्षा दसवीं ‘ब’
दिनांक : 17 अप्रैल, 20…

प्रश्न 3.
किसी कंपनी में क्लर्क के रिक्त पद की पूर्ति हेतु आवेदन पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में
प्रबन्धक
मल्होत्रा बुक डिपो
जालंधर।
विषय-क्लर्क के पद के लिए आवेदन-पत्र।
महोदय,

दैनिक ट्रिब्यून दिनांक 26 जून, 20… के विज्ञापन से ज्ञात हुआ है कि आप की संस्था में एक क्लर्क की आवश्यकता है। मैं इस पद के लिए अपनी सेवाएँ निम्नलिखित योग्यताओं के आधार पर प्रस्तुत करता हूँ-
(i) बी०ए० द्वितीय श्रेणी – पंजाब विश्वविद्यालय से।
(ii) टाइप का पूर्ण ज्ञान-गति 50 शब्द प्रति मिनट। कम्प्यूटर में प्रशिक्षित।
(iii) अनुभव-एक वर्ष-कंप्यूटर सैंटर पर।
(iv) आयु–24वें वर्ष में प्रवेश, जन्म तिथि 19-9-20…
मुझे अंग्रेज़ी एवं हिंदी का अच्छा ज्ञान है। पंजाबी भाषा पर भी अधिकार है।
आशा है कि आप मेरी योग्यता को देखते हुए अपने अधीन काम करने का अवसर प्रदान करेंगे। मैं सच्चाई एवं ईमानदारी के साथ काम करने का आश्वासन दिलाता हूँ। योग्यता एवं अनुभव संबंधी प्रमाण-पत्र इस प्रार्थना-पत्र के साथ संलग्न कर रहा हूँ।

धन्यवाद सहित,
संलग्न :उपर्युक्त
भवदीय
राघवेंद्र सिंह
दिनांक 28 जून, 20…
15/11-अड्डा होशियारपुर
जालंधर शहर।
मोबाइल : 8654213421

प्रश्न 4.
आपके नगर में कुछ अनधिकृत मकान बनाए जा रहे हैं। इनकी रोकथाम के लिए जिलाधीश को . पत्र लिखिए।
उत्तर:
303, कर्ण पुरी,
फिरोज़पुर।
2 मई, 20…
सेवा में
जिलाधीश
फिरोज़पुर।
विषय-अनधिकृत निर्माण पर रोक हेतु।
महोदय,

सविनय निवेदन यह है कि फिरोज़पुर छावनी की जोख रोड पर कुछ लोगों ने ज़बरदस्ती कब्जा करके छावनी की ज़मीन पर अनधिकृत रूप से मकान बनाने शुरू कर दिए हैं जिससे इस क्षेत्र के निवासियों को बहुत परेशानी हो रही है तथा क्षेत्र का पर्यावरण भी नष्ट हो रहा है। हरे-भरे वृक्षों को काट दिया गया है तथा खुली सड़कों को तंग गलियों में तबदील कर दिया है। स्थानीय अधिकारी इस अनधिकृत निर्माण को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।

आपसे प्रार्थना है कि इस प्रकार के गैर-कानूनी निर्माण को रोक कर गिरा दिया जाए तथा छावनी क्षेत्र के सौंदर्य को नष्ट होने से बचाया जाए।

धन्यवाद,
भवदीय
हुकम सिंह

प्रश्न 5.
परीक्षा के दिनों में लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाने के लिए जिलाधीश को पत्र लिखिए।
उत्तर:
म. -108, विक्रमपुर
अमृतसर।
1 मार्च, 20 ……..
सेवा में
जिलाधीश
अमृतसर।
विषय-लाउडस्पीकरों पर प्रबंध हेतु।
महोदय,

निवेदन यह है कि इन दिनों हमारे क्षेत्र के प्रार्थना-पूजा स्थलों में लाउडस्पीकरों का प्रयोग समय-कुसमय बहुत ज़ोरशोर से हो रहा है। सुबह चार बजे से लेकर रात के बारह-एक बजे तक ऊँची आवाज़ में बजने वाले इन लाउडस्पीकरों से जहाँ पढ़ने वाले विद्यार्थियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, वहीं बीमार तथा वरिष्ठ नागरिक भी इनके कारण ठीक से सो भी नहीं पाते।

आप से अनुरोध है कि इन लाउडस्पीकरों के प्रयोग के लिए निश्चित समय-सीमा तथा आवाज़ की धीमी गति तय कर दीजिए जिससे उनके पूजा-पाठ में कोई विघ्न न आए, विद्यार्थी ठीक से पढ़ सकें तथा सोने वालों की नींद में भी बाधा न पड़े।

धन्यवाद,
भवदीय
नवजोत सिंह

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

प्रश्न 6.
किसी समाचार-पत्र के संपादक के नाम पत्र लिखिए जिसमें दिन-प्रतिदिन बढ़ रही महंगाई पर रोकथाम लगाने की बात कही गई हो।
उत्तर:
505, नेता जी नगर,
खन्ना।
5 जून, 20…
सेवा में
संपादक
विश्वामित्र दैनिक
खन्ना।
विषय-महंगाई-समस्या और समाधान।
महोदय,

आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से मैं प्रशासन का ध्यान दिन-प्रतिदिन बढ़ती हुई महंगाई की ओर दिलाना चाहती हूँ, जिसके कारण आम आदमी को दाल-रोटी भी बहुत कठिनाई से मिल पा रही है। आज बाज़ार में थैला भर कर नोट ले जाने पर ही लिफाफे भर सामग्री मिल पाती है। आलू, प्याज़ जैसी आम सब्जियाँ भी आम आदमी की जेब पर भारी पड़ रही हैं। दालें सौ रुपए किलो तक जा पहुंची हैं। स्थिति यह हो गई है कि आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया जैसी दशा हो रही है। कितनी भी कटौती करें कहीं न कहीं कमी रह ही जाती है।

इस बढ़ती हुई महंगाई रूपी सुरसा के विनाश के लिए प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त होना चाहिए। आवश्यक वस्तुओं को दबाकर रखने वालों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए। सरकार को सस्ते मूल्यों पर वस्तुएँ सहकारी भंडारों द्वारा बेचनी चाहिए। आशा है एक आम गृहिणी की समस्याओं को समझते हुए सरकार महंगाई पर काबू पाने के उचित उपाए करेगी।

धन्यवाद।
भवदीय
जोगेंद्र कौर

प्रश्न 7.
आवारा कुत्तों के आतंक की ओर ध्यान दिलाने हेतु किसी संपादक के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:
13, हरि नगर,
जालंधर।
22 जून, 20…
सेवा में
संपादक
पंजाब केसरी
जालंधर।
विषय-आवारा जानवरों पर रोकथाम के लिए।
महोदय,

आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से मैं नगर निगम, जालंधर के अध्यक्ष का ध्यान नगर में निरंतर बढ़ रहे कुत्तों के आतंक की ओर दिलाना चाहता हूँ। पिछले एक सप्ताह में नगर के विभिन्न क्षेत्रों से कुत्तों द्वारा काटे गए दस व्यक्तियों की मृत्यु तथा अनेक व्यक्तियों के घायल होकर उपचार कराने के समाचार विभिन्न समाचार-पत्रों में प्रकाशित होते रहे हैं। माई हीरां गेट, पुरानी रेलवे रोड, नई बस्ती, मॉडल टाउन आदि क्षेत्रों में निवासियों से अधिक जनसंख्या कुत्तों की हो गई है जो आठ-आठ, दस-दस का झुंड बनाकर आक्रमण करते हैं। मॉडल टाउन में तो एक सात वर्षीय बालक को ही इन कुत्तों ने काट-काट कर अधमरा कर दिया था।

आप से अनुरोध है कि इन आवारा कुत्तों को पकड़ कर कहीं अन्यत्र भेजने का प्रबंध किया जाए तथा इन का बंध्याकरण किया जाए जिससे इनकी वृद्धि पर रोक लग सके। आशा है इस संदर्भ में शीघ्र ही उचित कार्यवाही की जाएगी, जिससे नगरवासी कुत्तों के आतंक से मुक्त हो सकेंगे।

धन्यवाद।
भवदीय
रमनदीप सिंह

बोर्ड परीक्षा में पूछे गए प्रश्न

1. आपका नाम दीपक कुमार है। आप मकान नम्बर 345, सुन्दर नगर, फरीदाबाद में रहते हैं। आपका मोबाइल नम्बर 2134474657 है। आप नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी को अपने क्षेत्र की सफाई कराने के लिए प्रार्थनापत्र लिखिए।

2. आपका नाम विशाल कुमार है। आप सरकारी हाई स्कूल, मेरठ में दसवीं-बी कक्षा के मॉनीटर हैं। आपका रोल नम्बर-25 है। आप अपनी कक्षा की समस्याओं को हल करवाने के सम्बन्ध में अपने स्कूल के प्रधानाचार्य को प्रार्थनापत्र लिखिए।

3. आपका नाम सुमित कुमार है। आप मकान नम्बर 254, शांति नगर, मुम्बई में रहते हैं। आपका मोबाइल नम्बर 1234567890 है। आप मुम्बई के ‘सर्वमंगल’ समाचार पत्र के मुख्य सम्पादक के नाम सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के सुझाव सम्बन्धी पत्र लिखिए।

4. आपका नाम रणजीत सिंह है। आप शिशु कल्याण पब्लिक स्कूल, अहमदाबाद में दसवीं-ए कक्षा में पढ़ते हैं। आपका रोल नम्बर-26 है। अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को एक आवेदन पत्र लिखिए जिसमें बड़ी बहन के विवाह के लिए चार दिन का अवकाश माँगा गया हो।

5. आपका नाम अजय कुमार है। आप मकान नम्बर 1564, गुलाब नगर, पठानकोट में रहते हैं। आपका मोबाइल नम्बर 1673489710 है। आप पठानकोट के ‘जन उत्थान’ समाचार पत्र के मुख्य सम्पादक के नाम पत्र लिखिए जिसमें दिन-प्रतिदिन बढ़ रही महंगाई पर रोकथाम लगाने की बात कही गयी हो।

6. आपका नाम मीना कुमारी है। आप मकान नम्बर 234 सुख नगर, कपूरथला (पंजाब) में रहते हैं। आपका मोबाइल नम्बर 1343485769 है। आप कपूरथला के ‘जन चेतना’ समाचार पत्र के सम्पादक के नाम आवारा कुत्तों के आतंक की ओर ध्यान दिलाने हेतु एक पत्र लिखिए।

7. ‘रोजाना भारत’ पंजाब के समाचार पत्र के प्रमुख संपादक के नाम ‘बालश्रम एक अपराध’ विषय पर एक पत्र लिखिए।

8. अपनी कक्षा की समस्याओं के समाधान के लिए विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र लिखो।

9. आपका नाम जगजीत कौर है। आप शिवाजी नगर, मुम्बई में रहते हैं। आप अपनी ओर से मुम्बई के जन चेतना’ समाचार-पत्र के मुख्य सम्पादक के नाम सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए दुर्घटनाओं को रोकने के सुझाव सम्बन्धी एक पत्र लिखिए।

10. आपका नाम अनीता पुरी है। आप ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल, जगाधरी में दसवीं कक्षा में पढ़ती हैं। अपने स्कूल के प्रधानाचार्य को स्कूल में अधिक से अधिक खेलों का सामान मंगवाने के लिए अनुरोध करते हुए आवेदन-पत्र लिखिए।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

मानव-मन सदा अपनी भावनाओं को अभिव्यक्ति प्रदान करने के लिए व्याकुल रहता है। अपने सामने वाले व्यक्ति से वह बोलकर अपने मन की बात कह सकता है परंतु कहीं दूर रहने वाले व्यक्ति को वह लिखकर ही अपनी भावनाएँ समझा सकता है। इस स्थिति में पत्र लिखने की परंपरा प्रारंभ हुई होगी, जिसे कभी कबूतरों अथवा दूत-दूती के माध्यम से भेजा गया, जो अब डाकिए के द्वारा पूरा किया जाता है। पत्र, संदेश अथवा समाचार भेजने और प्राप्त करने का सर्वाधिक सुगम एवं सस्ता साधन है।

पोस्टकार्ड, अंतर्देशीय-पत्र अथवा बंद लिफ़ाफ़े में पत्र लिखकर भेजा जा सकता है। पत्र की रसीद प्राप्त करने के लिए पत्र पंजीकृत डाक से तथा तुरंत वितरण के लिए पत्र ‘स्पीड-पोस्ट’ द्वारा भेज़ा जाता है। इन दिनों ‘कोरियर सर्विस’ से भी पत्र भेजे जाते हैं। कोरियर सेवा में प्रेषित सामग्री के लिए समुचित राशि प्राप्त कर रसीद दी जाती है। यह सेवा निजी क्षेत्र में चल रही है।

आज के वैज्ञानिक युग में चाहे दूरभाष, वायरलेस, इंटरनेट, फैक्स, एस०एम०एस०, एम०एम०एस०, ई-मेल आदि के प्रयोग से दूर स्थित सगे-संबंधियों, सरकारी, गैर-सरकारी संस्थानों तथा व्यापारिक प्रतिष्ठानों से पल-भर में बात की जा सकती है पर पत्र-लेखन का अभी भी हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण स्थान है। पत्र-लेखन विचारों के आपसी आदान-प्रदान का सशक्त, सुगम और सस्ता साधन है। पत्र-लेखन केवल विचारों का आदान-प्रदान ही नहीं है, बल्कि इससे पत्र-लेखक के व्यक्तित्व, दृष्टिकोण, चरित्र, संस्कार, मानसिक स्थिति आदि का ज्ञान हो जाता है। पत्र लिखते समय अनेक सावधानियाँ अवश्य ध्यान में रखनी चाहिए, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं-

  1. सरल और स्पष्ट भाषा का प्रयोग।
  2. स्नेह, शिष्टता और भद्रता का निर्वाह।
  3. पत्र प्राप्त करने वाले का पद, योग्यता, संबंध, सामर्थ्य, स्तर, आयु आदि।
  4. अनावश्यक विस्तार से बचाव।
  5. विषय-वस्तु की पूर्णता।
  6. कठोर, कड़वे, अशिष्ट और अनर्गल भावों और शब्दों का निषेध।

पत्रों के भेद

प्रमुख रूप से पत्रों को दो प्रकार का माना जाता है। ये हैं-
(क) अनौपचारिक-पत्र
जिन लोगों के आपसी संबंध आत्मीय होते हैं उनके द्वारा एक-दूसरे को लिखे जाने वाले पत्र अनौपचारिकपत्र कहलाते हैं। ऐसे पत्र प्रायः रिश्तेदारों, मित्रों, स्नेही-संबंधियों आदि के द्वारा लिखे जाते हैं। इन पत्रों में एकदूसरे के प्रति प्रेम, लगाव, गुस्से, उलाहने, आदर आदि के भाव अपनत्व के आधार पर स्पष्ट दिखाई देते हैं। इन पत्रों में बनावटीपन की मात्रा कम होती है। वाक्य-संरचना बातचीत के स्तर पर आ जाती है। मन के भाव और विचार बिना किसी संकोच के प्रकट किए जा सकते हैं। इनमें औपचारिकता का समावेश नहीं किया जाता। प्रायः सभी प्रकार के सामाजिक पत्रों को इसी श्रेणी में सम्मिलित कर लिया जाता है। विवाह, जन्मदिन, गृहप्रवेश, मुंडन संस्कार, शोक सूचनाओं आदि को इन्हीं के अंतर्गत ग्रहण किया जाता है। अनौपचारिक-पत्रों की रूपरेखा प्रायः निम्नलिखित आधारों पर निर्धारित की जाती है-

  1. पत्र के दाईं ओर भेजने वाले का पता।
  2. दिनांक।
  3. पत्र प्राप्त करने वाले के प्रति संबोधन।
  4. पत्र प्राप्त करने वाले से संबंधानुसार अभिवादन।
  5. पत्र लिखने का कारण, विषय का विस्तार तथा परिवार के अन्य सदस्यों के प्रति अभिवादन।
  6. समापन।
  7. बाईं ओर पत्र-लेखक का पत्र प्राप्त करने वाले से संबंध।
  8. पत्र लिखने वाले का नाम।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन 1

उदाहरण-
अपने मित्र को अपने विद्यालय में हुए वार्षिकोत्सव के विषय में पत्र लिखिए।
पत्र-भेजने वाले का पता – 437-राजेंद्र नगर लुधियाना
दिनांक – 18 मई, 20…
संबोधन – प्रिय मित्र राघव,
अभिवादन – स्नेह।

पत्र-लिखने का कारण आशा है तुम स्वस्थ एवं सानंद होंगे। तुम्हारा पत्र मुझे समय पर मिल गया था,
विषय का विस्तार – किंतु इन दिनों हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव हो रहा था जिस कारण इस
कार्यक्रम में व्यस्त रहने के कारण तुम्हें पत्र न लिख सका। मुझे इस अवसर पर वर्ष का ‘सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी’ पुरस्कार प्राप्त हुआ है। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध शिक्षाविद डॉ० राधाकृष्ण ने की थी। नृत्य, संगीत आदि के कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए थे। तुम होते तो तुम्हें यह आयोजन बहुत आकर्षक लगता। हमारे विद्यालय का प्रांगण दुल्हन के घर के समान सजा हुआ था तथा हम सभी विद्यार्थी उल्लास और उमंग से भरे हुए थे। सर्वत्र प्रसन्नता का वातावरण ही था। अध्यक्ष महोदय ने अपने भाषण में जीवन में संघर्षों का सामना करते हुए निरंतर उन्नति करने की बात कही जो सबको बहुत पसंद आई। अपने विद्यालय के बारे में लिखना।

समापन – शुभकामनाओं सहित,
पत्र प्राप्त करने वाले से संबंध – तुम्हारा अभिन्न मित्र,
पत्र लिखने वाले का नाम – मनमोहन सिंह।
(नौवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में केवल अनौपचारिक पत्र हैं)

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

औपचारिक-पत्र

जिन लोगों के साथ औपचारिक संबंध होते हैं उन्हें औपचारिक-पत्र लिखे जाते हैं। इन पत्रों में व्यक्तिगत और . आत्मीय विचार नहीं प्रकट किए जाते। इनमें अपनेपन का भाव नहीं रहता है। इनमें अपने विचारों को भली-भाँति सोच-विचार कर प्रकट किया जाता है। प्रायः औपचारिक-पत्र सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालयों के अधिकारियों, निजी संस्थानों, पत्र-पत्रिकाओं के संपादकों, अध्यापकों, प्रधानाचार्यों, व्यापारियों आदि को लिखे जाते हैं। औपचारिक-पत्रों की रूप-रेखा प्रायः निम्नलिखित आधारों पर निर्धारित की जाती है-

  1. पत्र का क्रमांक
  2. विभाग/कार्यालय/मंत्रालय का नाम
  3. दिनांक
  4. प्रेषक का नाम तथा पद
  5. प्राप्तकर्ता का नाम तथा पद
  6. विषय का संक्षिप्त उल्लेख
  7. संबोधन
  8. विषय-वस्तु
  9. समापन शिष्टता
  10. प्रेषक के हस्ताक्षर
  11. प्रेषित का पद/नाम/पता।

औपचारिक पत्र के आरंभ और समापन की विधि

पद/नाम/संबंध संबोधन पत्र के अंत में लिखा जाने वाला शब्द/वाक्यांश
कार्यालयी-पत्र
किसी सरकारी/गैर-सरकारी कार्यालय/ संस्थान/प्रतिष्ठान के अध्यक्ष/सचिव/ निर्देशक को
ऊपर कार्यालय/विभाग/मंत्रालय/पद सहित पूरा पता, नीचे मान्यवर। महोदय/आदरणीय/माननीय भवदीय/प्रार्थी/निवेदक/विनीत नीचे नाम तथा पूरा पता
व्यावसायिक-पत्र
किसी कंपनी/फ़र्म/दुकान के प्रबंधक व्यवस्थापक को
व्यक्ति का पद एवं कंपनी/फ़र्म/दुकान का पूरा नाम तथा पता (नीचे) प्रिय, महोदय, मान्यवर भवदीय/प्रार्थी/निवेदक/विनीत (नीचे) नाम तथा पूरा पता

उदाहरण-
भारत सरकार के गृह मंत्रालय के सचिव की ओर से मुख्य सचिव, पंजाब प्रदेश को एक सरकारी-पत्र लिखें जिसमें राज्य में कानून और व्यवस्था की बिगड़ती हुई स्थिति पर चिंता व्यक्त की गई हो।
उत्तर:
क्रमांक – संख्या 48 (गृ०)/12.8.50/2011-12/50195
प्रेषक कार्यालय – भारत सरकार गृह मंत्रालय, नई दिल्ली।
दिनांक – 11 जुलाई, 20…
प्रेषक – प्रेषक आर० के० मेनन सचिव, भारत सरकार गृह मंत्रालय नई दिल्ली।
प्राप्तकर्ता – मुख्य सचिव पंजाब प्रदेश चण्डीगढ़।

विषय-राज्य में कानून तथा व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति।
संबोधन महोदय,
विषय-वस्तु मुझे यह सूचना देने का निर्देश हुआ है कि आपके राज्य में कानून और व्यवस्था की दिनों-दिन बिगड़ती स्थिति से केंद्र सरकार बहुत चिंतित है। सरकार ने आपका ध्यान इस गंभीर समस्या की ओर आकृष्ट किया है और इस स्थिति से दृढ़ता से निपटने का निश्चय किया है। राज्य सरकार को भी इस दिशा में कड़े कदम उठाने चाहिए। इस संदर्भ में आपको सूचित किया जाता है कि राज्य में कानून तथा व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कार्यवाही की जाए तथा केंद्र सरकार को भी प्रगति से अवगत कराया जाए। इस संबंध में केंद्र सरकार राज्य सरकार को सब प्रकार की सहायता देने के लिए तैयार है।

समापन शिष्टता भवदीय,
प्रेषक के हस्ताक्षर आर० के० मेनन
प्रेषक का पद सचिव, गृह मंत्रालय।

आवेदन-पत्र

आवेदन-पत्र नौकरी प्राप्त करने के लिए तथा अन्य कार्यों के लिए लिखे जाते हैं। इनकी भाषा भी सहज तथा आवेदक की योग्यताओं को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने वाली होनी चाहिए। आवेदन-पत्र पत्रात्मक शैली तथा प्रपत्रात्मक शैली में लिखे जाते हैं। स्कूल तथा संस्थाओं के प्रमुखों को लिखे जाने वाले प्रार्थना-पत्र भी आवेदन-पत्र कहलाते हैं।
उदाहरण-
‘डाटा एंट्री ऑपरेटर’ पद पर नियुक्ति हेतु आवदेन-पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में प्रधानाचार्य दयानंद हाई स्कूल होशियारपुर।
विषय-‘डाटा एंट्री ऑपरेटर’ पद के लिए आवेदन-पत्र।
महोदय

दैनिक ट्रिब्यून दिनांक 15 जून, 20… में प्रकाशित आप के स्कूल के विज्ञापन से ज्ञात हुआ कि आप के स्कूल में डाटा एंट्री ऑपरेटर के पाँच पद रिक्त हैं। मैं इनमें से एक पद के लिए अपनी सेवाएँ निम्नलिखित योग्यताओं के आधार पर प्रस्तुत करता हूँ-
(क) सामान्य परिचय
PSEB 10th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन 2

(ग) अनुभव
विगत एक वर्ष से गुरु नानक देव कम्प्यूटर सैंटर, फिरोजपुर में डाटा एंट्री ऑपरेटर के रूप में कार्य कर रहा हूँ।
भवदीय
हरनाम सिंह
दिनांक 20 जून, 20…
उदाहरण-
अपनी किसी गलती के लिए क्षमा याचना करते हुए अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रार्थनापत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में
प्रधानाचार्य
टैगोर पब्लिक स्कूल
जालंधर।
दिनांक 25-10-20….
विषय-क्षमा याचना के लिए प्रार्थना-पत्र।
महोदय,

सविनय निवेदन यह है कि आज सुबह जब मैं स्कूल आया तो मेरे पैर की ठोकर से कक्षा के बाहर रखा गमला टूट गया। मैं उसे वैसा ही टूटा तथा उसकी मिट्टी और पौधे को बिखरा छोड़कर कक्षा में चला गया। पीछे से आ रहे एक छात्र ने मेरी यह लापरवाही देखकर अध्यापक जी से मेरी शिकायत कर दी और उन्होंने मुझे आर्थिक दंड दिया है।
आप से प्रार्थना है कि मेरी इस गलती को क्षमा करें क्योंकि मैं अपनी इस लापरवाही पर बहुत शर्मिंदा हूँ। भविष्य में मैं ऐसी कोई भी हरकत नहीं करूँगा।

मैं आपका अत्यंत आभारी रहूँगा।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
खुशवन्त सिंह
कक्षा-दसवीं, अनुक्रमांक 912

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

उदाहरण-
विषय बदलने के लिए विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में
प्रधानाचार्य
सरकारी हाई स्कूल
अबोहर।
दिनांक 25-04-20….
विषय-विषय परिवर्तनार्थ प्रार्थना-पत्र।
महोदय,

सविनय निवेदन यह है कि मैं कक्षा दसवीं ‘ए’ का विद्यार्थी हूँ। मैंने प्रवेश के समय अतिरिक्त विषय ‘शारीरिक शिक्षा’ प्रवेश-प्रपत्र में भर दिया था, जिसे पढ़ते हुए मुझे कठिनाई हो रही है।
अतः आप से प्रार्थना है कि मुझे इस विषय के स्थान पर ‘संस्कृत’ विषय पढ़ने की आज्ञा प्रदान करने की कृपा कीजिए। मैं आप का अत्यंत आभारी रहूंगा।

आपका आज्ञाकारी शिष्य
अनुराग शर्मा
कक्षा दसवीं ए, अनुक्रमांक 321

उदाहरण-
अपनी कक्षा की समस्याओं के समाधान के लिए विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में
प्रधानाचार्य
खालसा हाई स्कूल
फगवाड़ा।
दिनांक 26-04-20….
विषय-कक्षा की समस्याओं के समाधानार्थ प्रार्थना-पत्र।
महोदय,

निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय का दसवीं कक्षा ‘ए’ का विद्यार्थी हूँ। इस समय मैं अपनी कक्षा का मॉनीटर हूँ। मैं आपका ध्यान एक अतीव महत्त्वपूर्ण विषय की ओर दिलाना चाहता हूँ। मैं विगत तीन मास से देख रहा हूँ कि हमारी कक्षा के कमरे की हालत बहुत ही खस्ता है। विशेषकर इसके दरवाजे और खिड़कियां टूटी हुई हैं। कुछ दिनों बाद अंधड़ का मौसम आने वाला है। तेज़ आँधियों में कमरे में पढ़ाई होना बहुत कठिन बात होगी। बरसात और सर्दी के मौसम में भी यह कमरा विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई के योग्य नहीं कहा जा सकता। इसके साथ ही स्थान-स्थान से प्लस्तर उखड़ा हुआ है।

मेरी अपनी और अपनी कक्षा के सभी छात्रों की ओर से करबद्ध प्रार्थना है कि शीघ्रातिशीघ्र कमरे के दरवाज़े और खिड़कियां ठीक करवाई जाएं। यदि मुरम्मत होकर काम चल सके तो ठीक है, नहीं तो नये दरवाजे और खिड़कियां लगवाई जाएं। प्लस्तर उखड़ा होने से सभी छात्रों को असुविधा होती है। इसे भी ठीक करवाया जाए। धृष्टता के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ।

आपका विनीत शिष्य
लखविंदर सिंह
कक्षा दसवीं, अनुक्रमांक 916

उदाहरण-
नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखकर अपने क्षेत्र/मुहल्ले की सफाई कराने के लिए पत्र लिखिए।
उत्तर:
507-बड़ा बाज़ार
अमृतसर।
दिनांक 14 अगस्त, 20…
सेवा में
स्वास्थ्य अधिकारी
नगर निगम
अमृतसर।
विषय-क्षेत्र की सफाई कराने हेतु प्रार्थना-पत्र।
महोदय,

निवेदन यह है कि मैं बड़ा बाज़ार का एक निवासी हूँ। यह नगर सफ़ाई की दृष्टि से पूरी तरह उपेक्षित है। इसे देखकर कभी-कभी तो ऐसा लगता है जैसे यह नगर-निगम के क्षेत्र के बाहर है। गाँव की गंदगी के विषय में तो केवल सुना था लेकिन यहाँ की गंदगी को प्रतिदिन आँखों से देखता हूँ। सफ़ाई कर्मचारी की नियुक्ति तो अवश्य हुई है लेकिन वह कभी-कभी ही दिखाई देता है। उसके व्यवहार में अशिष्टता भी है। इधर-उधर गंदगी के ढेर लगाकर चला जाता है। नालियों का भी ठीक प्रबंध नहीं है। पानी निचले स्थान पर आकर रुक जाता है। मच्छरों के जमघट ने नाक में दम कर रखा है। अनेक प्रकार की बीमारियों के फैलने का भय बना रहता है।

आपसे नम्र निवेदन है कि आप एक बार स्वयं इस नरक को आकर देख जाएं। तभी आप हमारी कठिनाई का अनुभव करेंगे। एक बार पहले भी आपकी सेवा में प्रार्थना कर चुके हैं। लगता है हमारी बात आप तक पहुंची नहीं अन्यथा इस नगर की दशा ऐसी न होती। कृपया सफ़ाई सेवक को चेतावनी दें ताकि वह अपने काम को ईमानदारी से करें।

आशा है कि आप मेरी प्रार्थना पर ध्यान देंगे और शिवाजी नगर की सफ़ाई कर उचित प्रबंध करेंगे।

भवदीय
सुरेंद्र कुमार

उदाहरण-
पंजाब रोडवेज़ के महाप्रबंधक को बस में छूट गए सामान के बारे में बताते हुए उस के मिलने पर सूचित करने अथवा लौटाने के लिए पत्र लिखिए।
उत्तर:
9/25-सैक्टर 28
मोहाली।
दिनांक 19 सितंबर, 20…
सेवा में
महाप्रबंधक
पंजाब रोडवेज़
मोहाली।
विषय-बस में छूटे सामान को खोजने के लिए।
महोदय,

निवेदन यह है कि मैं आज प्रातः 7 बजे दिल्ली से मोहाली आने वाली वाल्वो बस संख्या पी०बी० 10 ए 9406 से मोहाली के सैक्टर 28 के बस शैल्टर पर उतरा था। उतरते समय मेरा ब्रीफ केस जिसका रंग नीला तथा एस०के० का लेबल लगा हुआ था। बस में ही रह गया था। जब मुझे याद आया तो बस जा चुकी थी। बस स्टैंड जा कर पता किया तो बस सवारियाँ लेकर दिल्ली जा चुकी थी। वहाँ पूछताछ करने पर कुछ भी पता नहीं चला।

आप से प्रार्थना है कि बस के परिचालक से पता करके मेरे ब्रीफ केस के संबंध में ज्ञात कीजिए क्योंकि उसमें मेरे अनेक प्रमाण-पत्र तथा मेरा पहचान पत्र भी है। आशा है शीघ्र ही इस विषय में प्राप्त जानकारी से मुझे सूचित करेंगे, जिससे मैं अपना ब्रीफ केस प्राप्त कर सकूँ।

धन्यवाद।
भवदीय
कँवरपाल सिंह

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

उदाहरण-
बिजली की सप्लाई के संबंध में विद्यत् बोर्ड को शिकायत पत्र लिखिए।
उत्तर:
प्रेमपाल संधु
19-प्रेम नगर
दोराहा।
दिनांक 12 मार्च, 20…
सेवा में
कार्यकारी अधिकारी
पंजाब विद्युत् बोर्ड
दोराहा।
विषय-बिजली की अनियमित पूर्ति के समाधान के लिए।
महोदय,

निवेदन यह है कि हमारे मोहल्ले प्रेम नगर में विगत कई दिनों से दिन और रात में कई-कई घंटों तक बिजली चली जाती है। दिन तो किसी प्रकार से निकल जाता है परंतु रात को जब घंटों बिजली गायब रहती है तो बहुत कठिनाई होती है। परीक्षाओं के दिन होने के कारण विद्यार्थी पढ़ नहीं पाते। रातें अंधेरी होने से सड़क पर चलने वाले दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं तथा चोर-लुटेरों की बन आती है। इस क्षेत्र के विद्युत् विभाग के कर्मचारियों, सहायक अभियंता आदि को भी शिकायत की थी परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई।
आशा है आप बिजली सप्लाई की समुचित आपूर्ति की शीघ्र ही व्यवस्था करेंगे।

धन्यवाद,
भवदीय
प्रेमपाल

उदाहरण-
अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को विद्यालय-त्याग का प्रमाण-पत्र प्रदान करने के लिए प्रार्थनापत्र लिखो।
उत्तर:
सेवा में
प्रधानाचार्य
सरकारी उच्च विद्यालय
पठानकोट।
विषय-विद्यालय त्याग-प्रमाण-पत्र हेतु प्रार्थना-पत्र।
महोदय,

सविनय निवेदन है कि मेरे पिता जी का स्थानांतरण शिमला हो गया है। वे कल यहाँ से जा रहे हैं और साथ में परिवार भी जा रहा है। इस अवस्था में मेरा यहाँ अकेला रहना कठिन है। कृपा करके मुझे स्कूल छोड़ने का प्रमाण-पत्र दीजिए ताकि मैं वहाँ जाकर स्कूल में प्रविष्ट हो सकूँ।

धन्यवाद।
आपका विनीत शिष्य
सुनील कुमार
दसवीं ‘बी’
दिनांक 11 फरवरी, 20…

उदाहरण-
अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को शिक्षा-शुल्क क्षमा करवाने के लिए प्रार्थना-पत्र लिखो।
उत्तर:
सेवा में
प्रधानाचार्य
डी०ए०वी० उच्च विद्यालय
फ़ाज़िल्का।
विषय-शिक्षा-शुल्क माफी के लिए प्रार्थना-पत्र।
मान्यवर,

सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय में कक्षा दसवीं ‘ए’ में पढ़ता हूँ। मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखता हूँ। मेरे पिता जी एक स्थानीय कार्यालय में केवल दो हज़ार रुपये मासिक पर कार्य करते हैं। हम परिवार में छः सदस्य हैं। इस महँगाई के समय में इतने कम वेतन में निर्वाह होना अति कठिन है। ऐसी स्थिति में मेरे पिता जी मेरा शुल्क अदा करने में असमर्थ हैं।

मेरी पढाई में विशेष रुचि है। मैं सदा अपनी कक्षा में प्रथम रहता आया हूँ। मैं स्कूल की हॉकी टीम का कप्तान भी हूँ। मेरे सभी अध्यापक मुझ से सर्वथा संतुष्ट हैं। अतः आपसे मेरी विनम्र प्रार्थना है कि आप मेरा शिक्षा-शुल्क माफ कर मुझे आगे पढ़ने का सुअवसर प्रदान करने की कृपा करें।
मैं आपका सदा आभारी रहूँगा।

आपका आज्ञाकारी शिष्य
सुखदेव सिंह
कक्षा दसवीं ‘ए’
दिनांक 15 मई, 20…

उदाहरण-
अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को चरित्र प्रमाण-पत्र प्रदान करने के लिए प्रार्थना-पत्र लिखो।
उत्तर:
सेवा में
प्रधानाचार्य
विवेकानंद उच्च विद्यालय
मलेरकोटला।
विषय-चरित्र प्रमाण-पत्र के लिए प्रार्थना-पत्र।
महोदय,

सविनय निवेदन है कि मैं विगत सत्र में आपके विद्यालय में कक्षा दसवीं ‘ए’ का छात्र था। मैंने पंजाब विद्यालय शिक्षा बोर्ड की दसवीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की थी। कक्षा रजिस्टर में मेरा अनुक्रमांक 27 तथा बोर्ड का नामांक 11670 था।

मैं विद्यालय की छात्र परिषद् का सक्रिय सदस्य था। मैंने जिला स्तर की भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। विद्यालय पत्रिका का सहसंपादक होने के साथ-साथ मैंने विद्यालय की प्रत्येक गतिविधि में सदैव बढ़-चढ़कर भाग लिया है।
आपसे मेरा अनुरोध है कि मुझे एक चरित्र प्रमाण-पत्र दिया जाए जिसमें मेरी रुचियों का भी उल्लेख हो। आशा है कि मुझे वांछित प्रमाण-पत्र यथाशीघ्र नीचे लिखे पते पर भिजवाने की कृपा करेंगे।

‘धन्यवाद सहित।
आपका आज्ञाकारी
प्रमोद तिवारी
16-शक्ति नगर
अजमेर।
दिनांक 10 मई, 20…

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

उदाहरण-
अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को छात्रवृत्ति के लिए आवेदन-पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में
प्रधानाचार्य
राजकीय उच्च विद्यालय
दसुआ।
विषय-छात्रवृत्ति प्रदान करने हेतु प्रार्थना-पत्र।
महोदय

सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय की दसवीं कक्षा का एक छात्र हूँ। मैं प्रथम श्रेणी से आपके विद्यालय में पढ़ रहा हूँ। मैंने परीक्षा में सदैव अच्छे अंक प्राप्त किए हैं। खेलकूद तथा विद्यालय के अन्य कार्यक्रमों में भी मेरी रुचि है। मुझे पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं। अपने सहपाठियों के प्रति मेरा व्यवहार हमेशा शिष्टतापूर्ण रहा है। अध्यापक वर्ग भी मेरे आचार-व्यवहार से संतुष्ट हैं।

हमारे घर की आर्थिक स्थिति अचानक खराब हो गई है। मेरी पढ़ाई में बाधा उपस्थित हो गई है। मेरे पिता जी मेरी पढ़ाई का व्यय भार संभालने में स्वयं को असमर्थ पा रहे हैं। अतः आप से मेरी विनम्र प्रार्थना है कि मुझे छात्रवृत्ति प्रदान करने की कृपा करें। मैं जीवन भर आपका आभारी रहूंगा। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि कठोर परिश्रम द्वारा मैं बोर्ड की परीक्षा में विशेष योग्यता प्राप्त करने वाले छात्राओं की सूची से उच्च स्थान प्राप्त कर विद्यालय की शोभा बढ़ाऊंगा।

धन्यवाद सहित,
आपका आज्ञाकारी शिष्य
हरदेव सिंह कक्षा
दसवीं ‘ग’
दिनांक : 7 नवंबर, 20…

संपादकीय-पत्र

देश/नगर/प्रदेश/मुहल्ले की किसी समस्या की ओर उच्च अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करने के लिए किसी समाचारपत्र के संपादक को लिखे गए पत्र संपादकीय-पत्र कहलाते हैं। इन पत्रों में विषय से संबंधित तथ्य संक्षेप में तथा स्पष्ट रूप से लिखे जाते हैं। अनावश्यक विस्तार नहीं किया जाता तथा सहज, सरल, मर्यादित भाषा का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण 1.
संपादक, दैनिक ट्रिब्यून, चंडीगढ़ को ‘बाल मजदूरी’ पर चिंता व्यक्त करते हुए पत्र लिखिए।
उत्तर:
103, संत नगर,
चंडीगढ़।
5 जून, 20…
सेवा में
संपादक
दैनिक ट्रिब्यून
चंडीगढ़।
विषय-बाल मजदूरी समस्या-समाधान।
मान्यवर,

आपके समाचार-पत्र में यह पढ़कर कि ‘हैदराबाद से दो सौ बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया’ मैं अधिकारियों तथा जनता का ध्यान इस ओर आकृष्ट करना चाहती हूँ कि सरकारी कानून होते हुए भी बाल मजदूरों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। चाय की दुकान, ढाबों, अन्य अनेक दुकानों तथा ठेलों पर छोटे-छोटे बच्चे काम करते दिखाई देते हैं। जिन बच्चों को बस्ता लेकर स्कूल जाना चाहिए था, वे आजीविका कमाने का बोझ ढो रहे हैं। घरेलू नौकरों के रूप में भी बाल-मजदूरों का शोषण हो रहा है। बाल-श्रम सरकारी कागजों में घोषित अपराध है फिर भी इसमें वृद्धि चिंताजनक है।

विभिन्न सामाजिक संस्थाओं, पत्रकारों, जागरूक नागरिकों तथा सरकारी संस्थानों को इन बाल श्रमिकों के शोषण के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करनी चाहिए तथा मज़दूरी में लगे बच्चों को शिक्षा का मौलिक अधिकार दिलाना चाहिए। ऐसे बच्चों के खान-पान, रहन-सहन आदि की भी समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।

आशा है कि संबंधित अधिकारी बाल-मज़दूरी को रोकने के लिए उचित कदम उठाएंगे तथा जनता बच्चों को मज़दूरी करने के लिए विवश नहीं करेगी।

सधन्यवाद
भवदीया,
जसुलोक कौर

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

उदाहरण 2.
दैनिक जागरण जालंधर के संपादक को अपने क्षेत्र में चल रहे शराब, जुआ आदि के अड्डों की जानकारी देते हुए इन पर रोक लगाने का अनुरोध कीजिए।
उत्तर:
13, शांति निकेतन,
फरीदकोट।
2 मार्च, 20…
सेवा में
संपादक
दैनिक जागरण
जालंधर।
विषय-नशाखोरी, जोआखोरी की रोकथाम के लिए निवेदन।
महोदय,

आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से मैं संबंधित अधिकारियों का ध्यान नई बस्ती में चल रहे शराब तथा जुआखोरी के अड्डों की ओर दिलाना चाहता हूँ। इन में दिनभर नशेड़ियों तथा जुआरियों के अड्डे जमे रहते हैं। शाम ढलते ही इनमें बहुत भीड़ हो जाती है, जिससे राह चलना भी मुश्किल हो जाता है क्योंकि कई शराबी तथा जुआरी तो फुटपाथ पर ही जम जाते हैं। जब उन्हें वहाँ से हटाने की कोशिश की जाती है तो मरने-मारने पर उतारू हो जाते हैं। स्थानीय पुलिस को बार-बार शिकायत करने पर भी कोई लाभ नहीं हुआ है। इससे क्षेत्र के निवासियों में निरंतर आक्रोश बढ़ रहा है। संबंधित अधिकारी इस घटना चक्र का संज्ञान लेकर इन अड्डों को बंद कराएं तथा इनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही करें अन्यथा क्षेत्र के निवासी आंदोलन करने पर विवश हो जाएंगे।

धन्यवाद,
भवदीय
बलकार सिंह

उदाहरण 3.
सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर लगाने से होने वाली असुविधा पर अपने विचार व्यक्त करते हुए संपादक, दैनिक लोकमत, बठिंडा को पत्र लिखिए।
उत्तर:
313, नंद नगर,
बठिंडा।
1 मई, 20…
सेवा में
संपादक
दैनिक लोकमत
बठिंडा।
विषय-पोस्टरों से असुविधा।
महोदय,

आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से मैं प्रशासन तथा संबंधित अधिकारियों का ध्यान उन संस्थाओं/संस्थानों की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ जो घरों, सार्वजनिक स्थलों, स्कूलों, मार्गदर्शक पटों आदि पर अपने पोस्टर चिपका अथवा लगा देते हैं। इससे जहाँ नगर की सुंदरता बिगड़ती है, वहीं मार्गदर्शक पटों पर लगे पोस्टरों के कारण किसी मार्ग की तलाश करने वाले को मार्ग ही नहीं दिखाई देता। नगर के चौराहों पर लगे बड़े-बड़े पोस्टरों से तो आने-जाने वाले दुर्घटनाग्रस्त भी हो जाते हैं क्योंकि ड्राइव करते समय या पैदल चलते हुए जैसे ही वे पोस्टर देखने लगते हैं कि अन्य वाहन की टक्कर से दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। इसीलिए इन पोस्टर लगाने वालों के लिए पोस्टर लगाने के लिए कोई निर्धारित स्थान निश्चित होना चाहिए तथा ऐसा न करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही होनी चाहिए जिससे नगर स्वच्छ रह सके।

धन्यवाद,
भवदीय
नफे सिंह बराड़

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

उदाहरण 4.
सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए संपादक, जनवाणी, होशियारपुर को पत्र लिखिए।
उत्तर:
नेहा ठकुराल
912/14-महाजन लेन
संगरूर।
दिनांक 22 अगस्त, 20…
सेवा में
संपादक,
जनवाणी
होशियारपुर।
विषय-सड़क दुर्घटनाएँ-समस्या और सुझाव।
महोदय,

आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से मैं दिन प्रतिदिन बढ़ती हुई सड़क दुर्घटनाओं की ओर दिलाना चाहती हूँ तथा इन्हें रोकने के लिए अपनी ओर से कुछ सुझाव भी दे रही हूँ।

आजकल निरंतर बढ़ती हुई सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण बिना वाहन चलाने के वैध लाइसेंस के गाड़ी चलाना, नशे में गाड़ी चलाना, तेजगति से गाड़ी चलाना, ट्रेफिक नियमों की अनदेखी करते हुए वाहन चलाना, ट्रकों आदि में निर्धारित सीमा से अधिक माल भरना, वाहनों की समय-समय पर समुचित सर्विस न कराना आदि हैं। नाबालिग लड़के/लड़कियाँ बिना लाइसेंस के तीन-तीन सवारियों को बैठाकर बाइक/स्कूटी आदि चलाते हैं, इन से भी दुर्घटना घट जाती है।

इन सब समस्याओं से निपटने के लिए परिवहन तथा पुलिस विभाग को मिल-जुलकर काम करना चाहिए। वाहन चालक को लाइसेंस उसके ट्रैफिक नियमों से परिचित तथा वाहन चलाने की परीक्षा लेने के बाद ही दिया जाए। ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों को कठोर दंड दिया जाए। समय-समय पर स्कूल-कॉलेजों-संस्थानों में ट्रैफिक नियमों की जानकारी देने संबंधी कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए। आशा है प्रशासन मेरे इन सुझावों की ओर ध्यान देकर सड़क दुर्घटनाओं को रोकने की पहल करेगा।

धन्यवाद,
भवदीया
नेहा ठकुराल

PSEB 10th Class English Reading Comprehension Picture/Poster Based

Punjab State Board PSEB 10th Class English Book Solutions English Reading Comprehension Picture/Poster Based Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 10th Class English Reading Comprehension Picture/Poster Based

1. Look at this poster and answer the questions given below :
PSEB 10th Class English Reading Comprehension Unseen Picture Poster Based 1

Choose the correct option to answer each question :

Question 1.
This poster is designed about
(a) the need for daily walk
(b) the need for regular exercise
(c) the need for heathy diet
(d) the need for pure environment.
Answer:
(b) the need for regular exercise

PSEB 10th Class English Reading Comprehension Unseen Picture/Poster Based

Question 2.
How can we keep the doctor away ?
(a) By having medicine without fail.
(b) By taking rich diet.
(c) By doing exercise every day.
(d) By getting up early in the morning.
Answer:
(c) By doing exercise every day.

Question 3.
If we exercise regularly, we will become
(a) healthy
(b) wealthy
(c) wise
(d) all of these three.
Answer:
(d) all of these three.

Question 4.
What do we gain from regular exercise ?
(a) A sound body
(b) A sound mind.
(c) Both (a) and (b)
(d) Neither (a) nor (b).
Answer:
(c) Both (a) and (b)

PSEB 10th Class English Reading Comprehension Unseen Picture/Poster Based

Question 5.
Which word is the antonym of ‘healthy’ ?
(a) fit
(b) unfit
(c) misfit
(d) none of these three.
Answer:
(b) unfit

2. Look at this poster and answer the questions given below :
PSEB 10th Class English Reading Comprehension Unseen Picture Poster Based 2
Choose the correct option to answer each question :

Question 1.
This poster highlights the need for
(a) blood donation
(b) eye donation
(c) kidney donation
(d) all of these three.
Answer:
(b) eye donation

Question 2.
We can help the blind by donating them our eyes.
(a) live the life
(b) see the world
(c) earn their living
(d) any of these three.
Answer:
(b) see the world

PSEB 10th Class English Reading Comprehension Unseen Picture/Poster Based

Question 3.
How can our eyes see even after we have left the world ?
(a) By giving our eyes to a blind person.
(b) By taking care of our eyes.
(c) Both (a) and (b).
(d) Neither (a) nor (b).
Answer:
(a) By giving our eyes to a blind person.

Question 4.
How can we gain more information about eye donation ?
(a) By contacting eye bank.
(b) By contacting blood bank.
(c) By contacting organ bank.
(d) None of these three.
Answer:
(a) By contacting eye bank.

Question 5.
Which word is the antonym of ‘more’ ?
(a) much
(b) less
(c) most
(d) least.
Answer:
(b) less

PSEB 10th Class English Reading Comprehension Unseen Picture/Poster Based

3. Look at this poster and answer the questions given below
PSEB 10th Class English Reading Comprehension Unseen Picture Poster Based 3
Choose the correct option to answer each question :

Question 1.
This poster is drafted to
(a) create awareness among people
(b) indicate the need to maintain neat environment
(c) indicate the need to keep the surroundings dry and hygiene
(d) all of these three.
Answer:
(d) all of these three.

Question 2.
What is ‘Chikungunya’ ?
(a) A deadly virus
(b) A deadly disease.
(c) A deadly weapon.
(d) Any of these three.
Answer:
(c) A deadly weapon.

PSEB 10th Class English Reading Comprehension Unseen Picture/Poster Based

Question 3.
‘Chikungunya’ is caused by
(a) flies
(b) germs
(c) mosquitoes
(d) bats.
Answer:
(c) mosquitoes

Question 4.
What is always better than cure ?
(a) Precaution.
(b) Prevention.
(c) Proclamation.
(d) Promotion.
Answer:
(b) Prevention.

Question 5.
This message is issued by
(a) World Health Organisation
(b) Human Welfare Association
(c) Human Resources
(d) All of these three.
Answer:
(b) Human Welfare Association

4. Look at these pictures and answer the questions given below :
PSEB 10th Class English Reading Comprehension Unseen Picture Poster Based 4
Choose the correct option to answer each question :

Question 1.
What was Amit very fond of ?
(a) He was very fond of flying kites.
(b) He was very fond of playing cricket.
(c) He was very fond of playing marbles.
(d) He was very fond of reading books
Answer:
(a) He was very fond of flying kites.

Question 2.
Where was he standing one day when he was flying kites ?
(a) On the walls of his neighbour’s house.
(b) On the walls of his house.
(c) On the roof of his house.
(d) On the roof of his neighbour’s house.
Answer:
(b) On the walls of his house.

PSEB 10th Class English Reading Comprehension Unseen Picture/Poster Based

Question 3.
What happened when he saw his kite going very high in the sky ?
(a) He became very happy and excited.
(b) He forgot that he was standing on a wall.
(c) He lost his balance and fell down.
(d) All of these three.
Answer:
(d) All of these three.

Question 4.
Thank God he did not fall to the side of the
(a) roof
(b) street
(c) wall
(d) none of these three.
Answer:
(b) street

Question 5.
He broke both his
(a) left arm and left leg
(b) right arm and right leg
(c) left arm and right leg
(d) right arm and left leg.
Answer:
(b) right arm and right leg

5. Look at these pictures and answer the questions given below :
PSEB 10th Class English Reading Comprehension Unseen Picture Poster Based 5
Choose the correct option to answer each question :

Question 1.
Why did Ram’s mother send him to the post office one day?
(a) To post her letter
(b) To get some postage stamps.
(c) To get her parcel.
(d) To deposit his fees.
Answer:
(b) To get some postage stamps.

Question 2.
How did Ram go to the post office ?
(a) He went there on his foot.
(b) He went there on his bicycle.
(c) He went there on his motorcycle.
(d) He went there on a rickshaw.
Answer:
(b) He went there on his bicycle.

PSEB 10th Class English Reading Comprehension Unseen Picture/Poster Based

Question 3.
What did he see when he reached the post office ?
(a) He saw there a long queue of people.
(b) He saw the post office closed.
(c) He saw the postman absent.
(d) None of these three.
Answer:
(a) He saw there a long queue of people.

Question 4.
When Ram had bought the postage stamps,
(a) he came to the place where he had placed his cycle
(b) he found his cycle missing
(c) both (a) and (b)
(d) neither (a) nor (b).
Answer:
(c) both (a) and (b)

Question 5.
How did Mother react when she learnt about the loss of the cycle ?
(a) She reboked him for his carelessness.
(b) She praised him for his negligence.
(c) She asked him to be careful in future.
(d) All of these three.
Answer:
(a) She reboked him for his carelessness.

6. Look at this chart and answer the questions given below :
PSEB 10th Class English Reading Comprehension Unseen Picture Poster Based 6
Choose the correct option to answer each question :

Question 1.
In olden times who were fond of trees and gardens ?
(a) Potters.
(b) Musicians.
(c) Kings.
(d) Villagers.
Answer:
(c) Kings.

Question 2.
The Kings grew trees
(a) all along roads of their state
(b) around the buildings of their state
(c) in and around their palaces
(d) all of these three.
Answer:
(d) all of these three.

PSEB 10th Class English Reading Comprehension Unseen Picture/Poster Based

Question 3.
In modern times take care of roads and parks.
(a) state governments
(b) local governments
(c) common people
(d) rich people.
Answer:
(b) local governments

Question 4.
Since local governments pay no attenion to the growing of trees, there are very trees along the roads in the cities.
(a) few
(b) a few
(c) the few
(d) fewer.
Answer:
(a) few

Question 5.
What will happen in future if no attention is now paid to tree plantation ?
(a) No trees will be left.
(b) It will be all barren everywhere.
(c) Both (a) and (b).
(d) Neither (a) nor (b).
Answer:
(c) Both (a) and (b).

7. Look at this picture and answer the questions given below :

PSEB 10th Class English Reading Comprehension Unseen Picture Poster Based 7

Choose the correct option to answer each question

Question 1.
The man in this picture is ………..
(a) Mahatma Gandhi
(b) Jawahar Lai Nehru
(c) Narendra Modi
(d) APJ Abdul Kalam.
Answer:
(d) APJ Abdul Kalam.

Question 2.
He was the ………. of India.
(a) former Health Minister
(b) former President
(c) former Prime Minister
(d) former Home Minister.
Answer:
(b) former President

Question 3.
This great scientist was known as the ………….
(a) Missile man of India
(b) Gun man of India
(c) Fire man of India
(d) Rifle man of India.
Answer:
(a) Missile man of India

PSEB 10th Class English Reading Comprehension Unseen Picture/Poster Based

Question 4.
He was the …… of several prestigious awards.
(a) receive
(b) received
(c) recipient
(d) receipt.
Answer:
(c) recipient

Question 5.
He was honoured with Bharat Ratna which is ………..
(a) Ireland’s highest civilian honour
(b) India’s highest civilian honour
(c) America’s highest civilian honour
(d) England’s highest civilian honour.
Answer:
(b) India’s highest civilian honour

8. Look at this picture and answer the questions given below :
PSEB 10th Class English Reading Comprehension Unseen Picture Poster Based 8

Choose the correct option to answer each question :

Question 1.
The two goat met in the middle of a ……
(a) bridge
(b) forest
(c) road
(d) market.
Answer:
(a) bridge

Question 2.
Why could the two goats not cross the bridge at the same time ?
(a) Because the bridge was broken.
(b) Because the bridge was narrow.
(c) Because the bridge was broad.
(d) Because the bridge was very old.
Answer:
(b) Because the bridge was narrow.

Question 3.
Why did the goats begin to fight ?
(a) Because they were not friendly.
(b) Because they were foolish.
(c) Because neither of them was ready to make way for the other.
(d) All of these three.
Answer:
(d) All of these three.

Question 4.
What happened to the goats ?
(a) They fell down into the river.
(b) Both of them drowned in the river.
(c) Both (a) and (b).
(d) Neither (a) nor (b).
Answer:
(c) Both (a) and (b).

PSEB 10th Class English Reading Comprehension Unseen Picture/Poster Based

Question 5.
The moral taught here is
(a) Might is right
(b) Unity is strength
(c) Don’t be foolish
(d) Greed is a curse.
Answer:
(c) Don’t be foolish

PSEB 10th Class English Grammar Simple, Complex and Compound Sentences

Punjab State Board PSEB 10th Class English Book Solutions English Grammar Simple, Complex and Compound Sentences Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 10th Class English Grammar Simple, Complex and Compound Sentences

Analyse the following sentences, selecting the Principal Clause and the Noun Clause. Also, state the function of the Noun Clause.

(A)

1. That Mohan was a doctor was not known to me.
2. Where the boys will stay is not yet known.
3. That Mohan will stand first is certain.
4. What cannot be cured must be endured.
5. Why the thief did not take away the gold is a mystery.
Answer:

Principal Clause Noun Clause
1. It was not known to me that Mohan was a doctor.
(Subject to the verb ‘was not known’.)
2. It is not known yet where the boys will stay.
(Subject to the verb ‘is not known’.)
3. It is certain that Mohan will stand first.
(Subject to the verb ‘is’.)
4. It must be endured what cannot be cured.
(Subject to the verb ‘must be endured’.)
5. It is a mystery why the thief did not take away the gold.
(Subject to the verb ‘is’.)

PSEB 10th Class English Grammar Simple, Complex and Compound Sentences

(B)

1. Ask Asha if Papa has come.
2. Can you tell me why Mohan is absent today?
3. I know that she loves music.
4. Tell me why you hate me.
5. I had never thought that your brother was so lazy.
Answer:

Principal Clause Noun Clause
1. Ask Asha if Papa has come.
(Object to the verb ‘ask’.)
2. Can you tell me why Mohan is absent today ?
(Object to the verb ‘tell’.)
3. I know that she loves music.
(Object to the verb ‘know’.)
4. Tell me why you hate me.
(Object to the verb ‘tell’.)
5. I had never thought that your brother was so lazy.
(Object to the verb ‘thought’.)

(C)

1. My fear was that Mohan would reach late.
2. Life is what you make it.
3. It seems that it will rain soon.
4. Things are not what they appear to be.
5. My firm belief is that Harpreet will stand first.
Answer:

Principal Clause Noun Clause
1. My fear was that Mohan would reach late.
(Complement to the verb ‘was’.)
2. Life is what you make it.
(Complement to the verb ‘is’.)
3. It seems that it will rain soon.
(Complement to the verb ‘seems’.)
4. Things are not what they appear to be.
(Complement to the verb ‘are’.)
5. My firm belief is that Harpreet will stand first.
(Complement to the verb ‘is’.)

(D)

1. Aren’t you ashamed of what you have done ?
2. She must listen to what her teacher says.
3. She agrees to whatever Mohan says.
4. There is no truth in what is stated by Asha.
5. Your success depends on how hard you work.
Answer:

Principal Clause Noun Clause
1. Aren’t you ashamed of what you have done ?
(Object to the preposition ‘of’)
2. She must listen to what her teacher says.
(Object to the preposition ‘to’.)
3. She agrees to whatever Mohan says.
(Object to the preposition ‘to’.)
4. There is no truth in what is stated by Asha.
(Object to the preposition ‘in’.)
5. Your success depends on how hard you work.
(Object to the preposition ‘on’.)

PSEB 10th Class English Grammar Simple, Complex and Compound Sentences

(E)

1. The statement that all students will get two rasgullas every day is not true.
2. The news that Sania Mirza has won is correct.
3. The story that Ram Nath kidnapped his own nephew has been confirmed.
4. It is true that boys are generally taller than girls.
5. The fact that Harbhajan is a cricketer is known to all.
Answer:

Principal Clause Noun Clause
1. The statement is not true that all students will get two rasgullas every day.
(In apposition to the noun ‘statement’.)
2. The news is correct that Sania Mirza has won.
(In apposition to the noun ‘news’.)
3. The story has been confirmed that Ram Nath kidnapped his own nephew.
(In apposition to the noun ‘story’.)
4. It is true that boys are generally taller than girls.
(In apposition to the pronoun ‘it’.)
5. The fact is known to all that Harbhajan is a cricketer.
(In apposition to the noun ‘fact’.)

(F)

1. Finding that the situation was getting worse, the police opened fire.
2. I went to the manager finding that I had been cheated by the company.
3. Thinking that he was a stranger to the city, I helped him.
4. Mohan left the meeting saying that he could not compromise with his principles.
5. We attacked the robber knowing that he was desperate to do anything.
Answer:

Principal Clause Noun Clause
1. The police opened fire finding that the situation was getting worse.
(Object to the participle ‘finding’.)
2. I went to the manager finding that I had been cheated by the company.
(Object to the participle ‘finding’.)
3. I helped him thinking that he was a stranger to the city.
(Object to the participle ‘thinking’.)
4. Mohan left the meeting saying that he could not compromise with his principles.    (Object to the participle ’saying’.)
5. We attacked the robber knowing that he was desperate to do anything.
(Object to the participle ‘knowing’.)

(G)

1. I want to confirm if he has a hand in it.
2. We asked him to explain what he had done.
3. She wants to know how the quarrel stafted.
4. I want to know for certain if you helped the thief.
5. I want to know why he stole the money.
Answer:

Principal Clause Noun Clause
1. I want to confirm if he has a hand in it.
(Object to the infinitive ‘to confirm’.)
2. We asked him to explain what he had done.
(Object to the infinitive ‘to explain’.)
3. She wants to know how the quarrel started.
(Object to the infinitive ‘to know’.)
4. I want to know for certain if you helped the thief.
(Object to the infinitive ‘to know’.)
5. I want to know why he stole the money.
(Object to the infinitive ‘to know’)

Pick out the Adjective Clauses from the following sentences and state the function of each.

1. She is the girl who helped me.
2. He killed the snake that bit his wife.
3. The habits that are formed in early age are difficult to break.
4. The furniture he gave us was worth nothing.
5. He who helps others is sure to be helped by God.
6. Such students as work hard are liked by all.
7. He who has no money has no friends.
8. This is the doctor who treated me.
9. This is the reason why she refused to marry Mohan.
10. There was not a single worker who did not go on strike.
11. I gave him such advice as was very useful.
12. Time once lost is lost for ever.
13. This is the school that the President visited.
14. I remember the village where I was born.
15. He is the man who displayed those magic tricks.
Answer:
The Adjective Clauses are :
1. ‘who helped me’ – Adjective Clause qaualifying the noun ‘girl’
2. ‘that bit his wife’ Adjective Clause qualifying the noun ‘snake?
3. ‘that are formed in early age’ – Adjective Clause qualifying the noun ‘habits’.
4. ‘(that) he gave us’ – Adjective Clause qualifying the noun ‘furniture’.
5. ‘who helps others’ – Adjective Clause qualifying the pronoun ‘he’.
6. as work hard. Adjective Clause qualifying the noun ‘students’.
7. ‘who has no money’ – Adjective Clause qualifying the pronoun ‘he’!
8. ‘who treated me’ – Adjective Clause qualifying the noun ‘doctor’
9. ‘why she refused to marry Mohan’ – Adjective Clause qualifying the ‘noun reason’
10. ‘who did not go on strike’ – Adjective Clause qualifying he noun ‘worker’.
11. as was very useful – Adjective Clause qualifying the noun ‘advice’.
12. (that is) once lost – Adjective Clause qualifying the noun ‘time’.
13. that the President visited – Adjective Clause qualifying the noun ‘school’.
14. where I was born – Adjective Clause qualifying the noun ‘village’.
15. ‘who displayed those magic tricks’ – Adjective Clause qualifying the noun ‘man’.

PSEB 10th Class English Grammar Simple, Complex and Compound Sentences

Pick out the Adverb Clause from each of the following sentences and state the function of each.

(A)

1. Look before you leap.
2. No sooner did the train stop than the boys jumped out.
3. Strike the iron while it is hot.
4. The plane had landed before I reached the airport.
5. As long as you work hard, we will not throw you out.
Answer:
1. before you leap’—Adverb clause showing time.
2. No sooner did the train stop? Adverb clause showing time.
3. While it is hot’ –Adverb clause showing time.
4. before I reached the airport-Adverb clause showing time.
5. As long as you work hard-Adverb clause showing time.

(B)

1. The boat sailed where the wind took it.
2. Send the scooter where it came from.
3. I’ll go with you wherever you go.
4. He gets into trouble wherever he goes.
5. Buy this book wherever you find it.
Answer:
1. where the wind took it-Adverb clause showing place.
2. where it came from –Adverb clause showing place.
3. ‘wherever you goʻ–Adverb clause showing place.
4. ‘wherever he goes’-Adverb clause showing place.
5. wherever you find it-Adverb clause showing place.

(C)

1. Since you are late, I cannot let you in.
2. You will pass the examination because you are working hard.
3. I respect her because she is kind to me.
4. I am glad that you have acted honestly.
5. He is afraid that he may be punished.
Answer:
1. “Since you are late’-Adverb clause showing reason.
2. because you are working hard-Adverb clause showing reason.
3. because she is kind to me-Adverb clause showing reason.
4. that you have acted honestly–Adverb clause showing reason.
5. that he may be punished-Adverb clause showing reason.

(D)

1. I’ll help her provided she works hard.
2. If Mohan comes late, the teacher will punish him.
3. He won’t get the book unless he comes to me.
4. If it rains, we shall stay indoors.
5. If the bus is late, we will take a taxi.
Answer:
1. ‘provided she works hard’-Adverb clause showing condition.
2. If Mohan comes late’-Adverb clause showing condition.
3. ‘unless he comes to me-Adverb clause showing condition.
4. If it rains’-Adverb clause showing condition..
5. If the bus is late-Adverb clause showing condition.

(E)

1. Mohan is as active as he is hard-working.
2. As you sow, so shall you reap.
3. Dress as you like.
4. I know French better than you do.
5. He behaves as if he was mad.
Answer:
1. as he is hard-working-Adverb clause showing extent.
2. As you sow-Adverb clause showing manner.
3. as you like’-Adverb clause showing manner.
4. better than you do’-Adverb clause showing comparison.
5. ‘as if he was mad-Adverb clause showing manner.

PSEB 10th Class English Grammar Simple, Complex and Compound Sentences

(F)

1. No matter how hard up she is, she cannot be mean.
2. We shall go ahead with this business even if we suffer a great loss.
3. Although he tried hard, he did not succeed.
4. You cannot pass however hard you may try.
5. Papa did not agree though I requested him time and again.
Answer:
1. No matter how hard up she is’ — Adverb clause showing contrast.
2. ‘even if we suffer a great loss — Adverb clause showing contrast.
3. Although he tried hard’ – Adverb clause showing contrast.
4. however hard you may try – Adverb clause showing contrast.
5. though I requested him time and again’ – Adverb clause showing contrast.

Sentences तीन प्रकार के होते हैं :

1. Simple Sentence (सरल वाक्य)-जिस वाक्य की केवल एक ही Clause हो, उसे Simple Sentence कहा जाता है; जैसे
1. The boy broke his leg.
2. She washed her clothes.
3. Mohan stood first in his class.
4. I wrote a letter to my father.

2. Compound Sentence (संयुक्त वाक्य) -जिस वाक्य में दो या दो से अधिक अनाश्रित Clauses हों, उसे Compound Sentence कहा जाता है, उदाहरण के रूप में
1. Sita saw Rama and she became happy.
2. You must work hard or you will fail.
3. Many were called, but few were chosen.
4. The sun rose and the fog disappeared.
Compound Sentence की प्रत्येक Clause को Co-ordinate Clause कहा जाता है।

3. Complex Sentence (मिश्रित वाक्य) – जिस वाक्य में एक मुख्य वाक्य (Principal
Clause) हो तथा एक या एक से अधिक आश्रित वाक्य (Subordinate Clauses) हों, उसे Complex Sentence कहा जाता है।
Principal Clause को Main Clause भी कहा जाता है। Subordinate Clause को Dependent Clause भी कहा जाता है।

Kinds Of Subordinate Clauses

Subordinate Clauses तीन प्रकार की होती हैं :
1. Noun Clause
2. Adjective Clause
3. Adverb Clause

1. Noun Clause : किसी Complex Sentence में जो पद एक संज्ञा (Noun) का कार्य कर रहा हो, उसे Noun Clause कहा जाता है।
निम्नलिखित वाक्यों में तिरछे छपे हुए शब्द-समूह Noun Clause बनाते हैं :
1. That John was a thief was not known to me.
2. He was told that he must not be late again.
3. Learning that my brother had received serious injuries, I left for Shimla.

2. Adjective Clause : किसी Complex Sentence में जो पद किसी विशेषण (Adjective) का कार्य कर रहा हो, उसे Adjective Clause कहा जाता है। निम्नलिखित वाक्यों में तिरछे छपे हुए शब्द-समूह Adjective Clause बनाते हैं :
1. The company that supplied goods has failed.
2. The house where my brother lives has been sold.
3. The complaint which he made against me is false.

3. Adverb Clause : किसी Complex Sentence में जो पद किसी क्रिया-विशेषण (Adverb) का कार्य कर रहा हो, उसे Adverb Clause कहा जाता है। निम्नलिखित वाक्यों में तिरछे छपे हुए. शब्द-समूह Adverb Clause बनाते हैं :
1. When the cat is away, the mice will play.
2. Where there is a will, there is a way.
3. You should act as the doctor advises you.
अब हम Complex Sentence के सम्बन्ध में प्रत्येक प्रकार की Clause का विस्तारपूर्वक अध्ययन करेंगे।

Noun Clause

Noun Clause (संज्ञा उपवाक्य)- जिस उपवाक्य का प्रयोग प्रधान वाक्य के किसी शब्द के साथ सम्बन्ध रखने वाली संज्ञा के रूप में किया जाये, उसे Noun Clause कहा जाता है। यह संज्ञा निम्नलिखित अवस्थाओं में हो सकती हैं :
1. Subject to a Verb.
2. Object to a Verb.
3. Object to a Participle.
4. Object to an Infinitive.
5. Object to a Preposition.
6. Complement to a Verb.
7. In apposition to a Noun.
8. In apposition to a Pronoun.

PSEB 10th Class English Grammar Simple, Complex and Compound Sentences

अब हम प्रत्येक प्रकार की Noun Clause का विस्तारपूर्वक अध्ययन करेंगे।

1. Subject to a Verb.
1. How she reached there is a mystery.
2. That Vinod was a thief was not known to me.
3. Whether he did so is doubtful.

2. Object to a Verb.
1. He was told that he must not be late again.
2. He asked her how old she was.
3. I always do whatever is right.

3. Object to a Participle.
1. He went there thinking that he might be able to help him.
2. Seeing that the child was drowning, I jumped into the canal.
3. Fearing that he should be late, he ran all the way to the station.

4. Object to an Infinitive.
1. I was shocked to hear that his only son had died.
2. I want to know what you are doing here.
3. He came to ask if I was going to school.

5. Object to a Preposition.
1. Listen to what your teacher says.
2. The horse will sell for what it costs.
3. They were arguing about who should do it.

6. Complement to a Verb.
1. The fact is that he knows nothing
2. We are what we think.
3. It seems that he will be a great man one day.

नोट : be (is, am, are, was, were, been), seem, look, appear, become, आदि Linking Verbs के बाद प्रयुक्त होने वाले शब्द अथवा पद Complement कहलाते हैं।

7. In apposition to a Noun.
1. They took a vow that they would die for their motherland.
2. He fufilled his promise that he would help me.
3. The rumour that war has broken out is not true.

8. In apposition to the Pronoun “it.
1. It is true that he is honest.
2. See to it that the boy is not hurt.
3. It is unfortunate that he has failed.

Adjective Clause

Adjective Clause (विशेषण उपवाक्य)-जो उपवाक्य प्रधान वाक्य के किसी शब्द के सम्बन्ध में विशेषण का काम कर रहा हो, उसे Adjective Clause कहा जाता है। Adjective Clause दो अवस्थाओं में हो सकती है।

1. Qualifying a Noun.
2. Qualifying a Pronoun. अब हम प्रत्येक प्रकार की Adjective Clause का विस्तारपूर्वक अध्ययन करेंगे।

1. Qualifying a Noun.
1. The company that supplied the goods has failed.
2. The house where your brother lived has been sold.
3. The complaint he made against me is false.

2. Qualifying a Pronoun.
1. There was none but wept.
2. He that climbs too high is liable to fall.
3. All that glitters is not gold.

Adjective Clause के प्रयोग के सम्बन्ध में ध्यान रखने योग्य कुछ ज़रूरी बातें :

(1) Adjective clause को Principal clause के साथ जोड़ने के लिए प्रायः निम्नलिखित sentence linkers का प्रयोग किया जाता है

(a) Relative Pronouns : Who, whom, whose (+ noun), that, which, as, but.
1. The boys who are playing there are my students.
2. He is the man whom I gave my book.
3. She is the girl whose book was stolen.
4. You can take the pen which you like.
5. He has cut down the tree that grew in your field.
6. Nothing but hard work pays in the long run.

(b) Relative Adverbs : When, where, why.
1. We saw the house where he was born.
2. He met me on the day when I was leaving for Mumbai.
3. I told her the reason why she had failed.

(2) Who, whom तथा whose का प्रयोग मनुष्य-जाति के लिए किया जाता है; जैसे
1. He who works hard will succeed.
2. She is the girl whom I gave my books.
3. There stands the boy whose purse has been stolen.

PSEB 10th Class English Grammar Simple, Complex and Compound Sentences

(3) Whose का प्रयोग कई बार निर्जीव वस्तुओं के लिए भी कर लिया जाता है; जैसे
1. Draw a triangle whose sides are equal.
2. This is the house whose owner has died.

(4) Which का प्रयोग जानवरों और निर्जीव वस्तुओं के लिए किया जाता है; जैसे
1. The dog which bit him has been killed.
2. This is the watch which I wanted to buy.

(5) That का प्रयोग मनुष्य-जाति के लिए, जानवरों के लिए और निर्जीव वस्तुओं के लिए भी किया जा सकता हैजैसे
1. Happy is the man that (= who) is honest.
2. This is the house that (= which) I wanted to buy.
3. The man that (= whom) we were looking for has arrived.

किन्तु यह बात ध्यान रखने योग्य है कि that का प्रयोग whose, of which, in which, to whom, आदि के स्थान पर नहीं किया जा सकता है। यदि Relative Pronoun से पूर्व-स्थित संज्ञा बिना बताए ही स्पष्ट (understood) हो और वह नपुंसक लिंग की हो, तो Relative Pronoun के रूप में which की बजाए what का प्रयोग किया जाता है। जैसे

1. I cannot tell you what has happened. [what = the thing which]
2. I have brought what he wanted. [what = the thing(s) which]

Adverb Clause

Adverb Clause किया विशेषण उपवाक्य : जो उपवाक्य प्रधान वाक्य के किसी सब्द के सम्बन्ध में क्रिया-विशेषण का काम कर रहा हो, उसे Adverb Clause कहा जाता है। यह विशेषता निम्नलिखित
1. Time
2. Place
3. Purpose
4. Reason
5. Condition
6. Result
7. Comparison
8. Contrast
9. Manner
10. Extent.

अब हम प्रयेक प्रकार की Adverb Clause का विस्तारपूर्वक अध्ययन करेंगे

1. Showing Time.
1. When the cat is away, the mice will play.
2. Wait here till I return.
3. As soon as she saw her father, she began to cry.

2. Showing Place.
1. I went where he led me.
2. You can go wherever you like.
3. Where there is a will, there is a way.

3. Showing Purpose.
1. People work so that they may earn a living.
2. He died in order that freedom might live.
3. He ran fast lest he should miss the train.

4. Showing Reason.
1. He is unable to attend school because he is ill.
2. I cannot see you as I am not keeping well.
3. Since you are over fourteen, you will have to pay full fare.

5. Showing Condition.
1. If you work hard, you will succeed.
2. I will not go there unless you accompany me.
3. In case you come to me, I will help you.

6. Showing Result (or Effect).
1. It was so dark that we could hardly see a foot before us.
2. He is so weak that he cannot move about.
3. He is such a dull boy that he cannot understand it.

7. Showing Comparison.
1. He is as intelligent as his brother.
2. You are stronger than I am.
3. I can run faster than you.

8. Showing Contrast.
1. Although he is poor, he is honest.
2. The teacher gave him pass marks, though he deserved less.
3. Weak as he is, he does his duty.

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9. Showing Manner.
1. You should follow me as I follow him.
2. He ran as if he were mad.
3. You should act as the doctor advises.

10. Showing Extent.
1. So far as I know, he has left the place.
2. The more you have, the more you want.
3. The higher you go, the cooler it is.

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 19 देश के दुश्मन

Punjab State Board PSEB 10th Class Hindi Book Solutions Chapter 19 देश के दुश्मन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Hindi Chapter 19 देश के दुश्मन

Hindi Guide for Class 10 PSEB देश के दुश्मन Textbook Questions and Answers

(क) विषय-बोध

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
सुमित्रा के पुत्र का नाम बताइए।
उत्तर:
सुमित्रा के पुत्र का नाम जयदेव है।

प्रश्न 2.
वाघा बॉर्डर पर सरकारी अफसरों के मारे जाने की ख़बर सुमित्रा कहाँ सुनती है?
उत्तर:
वाघा बॉर्डर पर सरकारी अफसरों के मारे जाने की खबर सुमित्रा माधोराम के घर रेडियो पर सुनती है।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 19 देश के दुश्मन

प्रश्न 3.
जयदेव वाघा बॉर्डर पर किस पद पर नियुक्त था?
उत्तर:
जयदेव वाघा बॉर्डर पर डी०एस०पी० के पद पर नियुक्त था।

प्रश्न 4.
जयदेव की पत्नी कौन थी?
उत्तर:
जयदेव की पत्नी नीलम थी।

प्रश्न 5.
वाघा बॉर्डर पर मारे जाने वाले दो सरकारी अफसर कौन थे?
उत्तर:
एक हैड कांस्टेबल तथा दूसरा सब इंस्पेक्टर था।

प्रश्न 6.
जयदेव ने तस्करों को मार कर उनसे कितने लाख का सोना छीना?
उत्तर:
जयदेव ने तस्करों को मारकर उनसे पाँच लाख रुपए का सोना छीना।

प्रश्न 7.
जयदेव को स्वागत-सभा में कितने रुपए इनाम में देने के लिए सोचा गया?
उत्तर:
जयदेव को स्वागत-सभा में दस हज़ार रुपए देने के लिए सोचा गया।

प्रश्न 8.
मीना कौन थी?
उत्तर:
मीना जयदेव की बहन थी।

II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-चार पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
सुमित्रा क्यों कहती है कि अब उसका हृदय इतना दुर्बल हो चुका है कि ज़रा-सी आशंका से काँप उठता है?
उत्तर:
सुमित्रा ऐसा इसलिए कहती है क्योंकि उसने पति के बलिदान पर हृदय पर पत्थर रखकर सहन कर लिया था। अब उसकी हिम्मत टूट चुकी है। देह जर्जर हो चुकी है और जयदेव ही उसका इकलौता सहारा है।

प्रश्न 2.
नीलम जयदेव से मान-भरी मुद्रा में क्या कहती है?
उत्तर:
नीलम जयदेव से मान भरी मुद्रा से कहती है कि उसने इतने दिन कहाँ लगाए। उसकी तो राह देखते-देखते आंखें पथरा गई हैं पर जनाब को उसकी परवाह तक नहीं कि किसी के दिल पर क्या बीत रही है?

प्रश्न 3.
जयदेव को गुप्तचरों से क्या समाचार मिला ?
अथवा
‘देश के दुश्मन’ एकांकी में जयदेव को गुप्तचरों से क्या समाचार मिला?
उत्तर:
जयदेव को गुप्तचरों से यह समाचार मिला कि रात की अंधेरी में पुलिस पीकेट से एक डेढ़ मील दक्षिण की तरफ से कुछ लोग बार्डर पार करने वाले हैं। ऐसा शक है कि वे सोना स्मगल करके ला रहे हैं।

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प्रश्न 4.
जयदेव ने अपनी छुट्टी कैन्सल क्यों करा दी थी?
उत्तर:
जयदेव ने अपनी छुट्टी कैन्सल इसलिए करा दी थी क्योंकि उसे उधर आने से दो तीन घंटे पहले गुप्तचरों ने समाचार दिया कि रात की अंधेरी में पुलिस पीकेट से एक डेढ़ मील दक्षिण की तरफ से कुछ लोग सोना स्मगल कर बार्डर पार करने वाले हैं। यह एक मौका था जिसे वह हाथ से जाने नहीं देना चाहता था।

प्रश्न 5.
नीलम क्यों चाहती थी कि डी०सी० दोपहर के बाद जयदेव को मिलने आएँ?
उत्तर:
नीलम इसलिए चाहती थी कि डी०सी० दोपहर के बाद जयदेव को मिलने आए क्योंकि जयदेव अभी थका हारा आया था। वह बहुत थका हुआ था।

प्रश्न 6.
एकांकी में डी०सी० के किस संवाद से पता चलता है कि डी०सी० और जयदेव में घनिष्ठता थी ?
उत्तर:
डी०सी० के इस संवाद से पता चलता है कि इनमें और जयदेव में घनिष्ठता थी-“सर बैठा होगा आफिस की कुर्सी में। खबरदार जो यहाँ सर वर कहा। मैं वही तुम्हारा बचपन का दोस्त और क्लास मेट हूँ, जिससे बिना हाथापाई किये रोटी हज़म नहीं होती थी।”

प्रश्न 7.
डी०सी० आकर सुमित्रा को क्या खुशखबरी देते हैं?
उत्तर:
डी०सी० आकर सुमित्रा को यह खुशखबरी देता है कि जयदेव की वीरता और साहस के सम्मान में उसे सम्मानित किया जाएगा। गवर्नर साहब की तरफ से दस हज़ार की इनाम राशि भी दी जाएगी।

प्रश्न 8.
जयदेव इनाम से मिलने वाली राशि के विषय में क्या घोषणा करवाना चाहता है?
उत्तर:
जयदेव इनाम से मिलने वाली राशि के विषय में यह घोषणा करवाना चाहता है। वह चाहता था कि उसकी इनाम राशि शहीद हुए अफसरों की विधवाओं को आधी-आधी बांट दी जाए।

III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छ:-सात पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
चाचा अपने बेटे बलुआ के विषय में क्या बताते हैं?
उत्तर:
चाचा अपने बेटे बलुआ के विषय में बताते हैं कि वह भी बहुत लापरवाह है। वह भी दो-दो महीनों में चारपाँच चिट्ठी जाने के बाद ही एक आध पत्र लिखता है और उल्टे हमें ही शिक्षा देता है। वह बहुत व्यस्त रहता है। उसे समय नहीं मिलता। उसकी ड्यूटी बहुत कड़ी है। उसे बिल्कुल भी फुरसत नहीं मिलती।

प्रश्न 2.
चाचा सुमित्रा को अखबार में आई कौन-सी खबर सुनाते हैं?
उत्तर:
चाचा सुमित्रा को अखबार में आई यह खबर सुनाते हैं कि अखबार में जयदेव की वीरता और सूझ-बूझ की खूब प्रशंसा हुई है। उसने तस्करों से बड़ी बहादुरी से मोर्चा लिया। उसने उनको मार भगाया था। उसने किस तरह चार लोगों को अपनी गोलियों का निशाना बनाया। उसने उनसे पांच लाख रुपए का सोना उनसे छीन लिया था।

प्रश्न 3.
जयदेव ने तस्करों को कैसे पकड़ा?
उत्तर:
जयदेव ने तस्करों को पकड़ने का पक्का इरादा किया। जब वे आधी रात को चौकी से दो मील दूर एक खतरनाक घने ढाक के ऊबड़-खाबड़ रास्ते से बार्डर पार कर रहे थे तभी उसने उनको चैलेंज किया। उन्होंने बदले में गोलियां चलाईं। उनको चुनौती दी गई। तस्कर जीप लेकर भागने लगे किन्तु दो-तीन जीपों ने उनका पीछा किया। जयदेव ने अपने अचूक निशाने से उनकी जीप का पहिया उड़ा दिया। जीप लुढ़क कर एक खड्डे में जा गिरी। तब उन्हें घेरकर पकड़ लिया।

प्रश्न 4.
नीलम अपने पति से उलाहना भरे स्वर में क्या कहती है?
उत्तर:
नीलम अपने पति से उलाहना भरे स्वर में कहती है कि मर्दो का दिल तो पत्थर होता है और विशेषकर रातदिन चोर-डाकुओं तथा मौत से खेलने वालों तथा गोलियों की बौछार करने वालों का। नारी का हृदय तो सदैव प्रेम से भरा रहता है। उसके मन में अपने पति की प्रतिमा स्थापित रहती है।

प्रश्न 5.
डी०सी० को अपने मित्र जयदेव और उसके परिवार पर गर्व क्यों होता है?
उत्तर:
डी० सी० को अपने मित्र जयदेव और उसके परिवार पर गर्व इसलिए होता है क्योंकि जयदेव ने बड़ी वीरता और साहस से तस्करों का मुकाबला कर उनसे पाँच लाख का सोना पकड़ा जिससे उसे गवर्नर की तरफ से दस हज़ार का इनाम दिया गया। इस राशि को जयदेव ने शहीद पुलिस अफसरों की विधवाओं को बराबर देने की बात की। जयदेव की यह त्याग भावना अन्य अफसरों के लिए अनुकरणीय थी।

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प्रश्न 6.
पुलिस और सेना के अफ़सरों या सैनिकों के घरवालों को किन-किन मुसीबतों का सामना करना पड़ता है?
उत्तर:
पुलिस और सेना के अफ़सरों या सैनिकों के घरवालों को निम्नलिखित मुसीबतों का सामना करना पड़ता है-

  1. उन्हें दिन-प्रतिदिन अपने बच्चों की जान की चिंता लगी रहती है।
  2. उन्हें प्रतिक्षण अपने बच्चों की कुशलता की खबर का इंतज़ार लगा रहता है।
  3. माताएं अपने बच्चों के लिए प्रतिक्षण चिंतित रहती हैं कि वे लौटकर कब आएंगे।
  4. परिवार वालों को अपने बच्चों की चिट्ठी का इंतज़ार लगा रहता है।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए
(क) बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाता, माँ जी! ऐसे दिव्य बलिदान पर तो देवता भी अर्घ्य चढ़ाते हैं। वे भी स्वर्ग में जयजयकार करते हए देश पर निछावर होने वाले का स्वागत करते हैं।
(ख) बेटा, यह ठीक है कि दस हज़ार की रकम कम नहीं होती। लेकिन उन विधवाओं और मृत अफ़सरों के परिवारों के बारे में भी तो सोचो, उनकी क्या हालत होगी?
(ग) पुलिस और सेना में भी थकना ! यह एक डिस्क्वालिफिकेशन है।
उत्तर:
(क) नीलम अपने पति के साहस शौर्य एवं वीरता का ओजस्वी स्वर में वर्णन करते हुए अपनी सासु माँ से कहती है कि जीवन का बलिदान कभी भी बेकार नहीं जाता। विशेषकर देश के लिए दिया गया बलिदान तो श्रेष्ठ होता है। ऐसे अनूठे बलिदान पर तो देवता भी पूजा सामग्री चढ़ाते हैं वे भी स्वर्ग में जय-जयकार करते हुए देश पर मर मिटने वाले वीरों का स्वागत करते हैं?

(ख) इस पंक्ति के माध्यम से लेखक ने जयदेव तथा उनके परिवार की त्याग-भावना, नि:स्वार्थ भावना एवं राष्ट्रभावना का उल्लेख किया है। सुमित्रा माँ डी०सी० को कहती है कि यह ठीक है कि दस हज़ार की राशि कम नहीं होती लेकिन उन विधवाओं और मृत अफ़सरों के परिवारों की सहायता अवश्य हो जाएगी क्योंकि इस राशि की हमसे ज़्यादा उन्हें ज़रूरत है।

(ग) इसमें सैनिक की वीरता, साहस, सफलता, हौंसले और राष्ट्रभक्ति की ओर संकेत है। पत्नी द्वारा थकान की बात सुनकर जयदेव कहने लगा कि पुलिस और सेना में थकान की कोई गुंजाइश नहीं होती। एक सैनिक के लिए थकान एक असफलता होती है। इसलिए सेना में स्फूर्ति, साहस और शौर्य का महत्व है।

(ख) भाषा-बोध

I. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची लिखिए

निराशा सभ्य सूर्य गौरव हित
उत्तर:
निराशा = हताशा, आशाहीनता
सभ्य = सुसंस्कृत, शालीन
सूर्य = दिनकर, दिनेश
गौरव = अभिमान, सम्मान
हित = भलाई, परोपकार।

II. निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए

स्वार्थ रात दण्ड टूटना
अनर्थ
हित
आशीर्वाद
आसान
निश्चय
जल्दी
सभ्य
दुर्बल
उत्तर:
स्वार्थ = निःस्वार्थ
रात = दिन
दण्ड = सम्मान
टूटना = जुड़ना
अनर्थ = अर्थ
हित = अहित
आशीर्वाद = तिरस्कार
आसान = मुश्किल
निश्चय = अनिश्चय
जल्दी = देरी
सभ्य = असभ्य
दुर्बल = सबल

III. निम्नलिखित अनेकार्थक शब्दों के दो-दो अर्थ बताइए

सोना …………
मुद्रा ………..
माँग …………..
उत्तर:
सोना = एक धातु, निद्रा (नींद)
मुद्रा = धन, हाव-भाव
माँग = वस्तु की माँग, नारी की माँग।

IV. निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ समझकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए

मुहावरा = अर्थ = वाक्य
(i) वज्रपात होना = अचानक बहुत बड़ा दुःख आ पड़ना = ……………..
(ii) छाती फटना = असहनीय दुःख होना = ……………..
(iii) बाल बाँका न होना = ज़रा-सा भी नुकसान न होना = ……………..
(iv) दिल धक-धक करना = भयभीत होना = ………………
(v) हृदय पर पत्थर रखना = चुपचाप सहन करना = ……………
(vi) हिम्मत टूटना = हताश या निराश होना = ………………
(vii) आँखें पथरा जाना = बहुत इंतज़ार कर थक जाना = ……………….
उत्तर:
(i) वज्रपात होना = अचानक बहुत बड़ा दुःख आ पड़ना
वाक्य-सैनिक के शहीद होने पर उसके परिवार पर वज्रपात हो गया।
(ii) छाती फटना = असहनीय दुःख होना
वाक्य-बेटे की शहादत सुनकर माँ की छाती फट गई।
(iii) बाल बाँका न होना = ज़रा-सा भी नुकसान न होना
वाक्य-वीरता और साहस से जयदेव का बाल बाँका नहीं हुआ।
(iv) दिल धक-धक करना = भयभीत होना
वाक्य-बेटे की खबर सुनकर माँ का दिल धक-धक करने लगा।
(v) हृदय पर पत्थर रखना = चुपचाप सहन करना
वाक्य-नारी आजीवन मुसीबतों को हृदय पर पत्थर रखकर झेलती है।
(vi) हिम्मत टूटना = हताश या निराश होना
वाक्य-सैनिक को सामने देखकर तस्करों की हिम्मत टूट गई।
(vii) आँखें पथरा जाना = बहुत इंतज़ार कर थक जाना
वाक्य-अपने बेटे की प्रतीक्षा करते-करते माँ की आँखें पथरा गईं।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 19 देश के दुश्मन

(ग) रचनात्मक अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
जयदेव की जगह यदि आप होते तो इनाम में मिलने वाली राशि का आप क्या करते ?
उत्तर:
जयदेव की जगह यदि मैं होता तो इनाम में मिलने वाली राशि का ठीक वही करता जो जयदेव ने किया। जयदेव ने जो त्याग-भावना, राष्ट्रप्रेम और परोपकार की भावना से कार्य किया वह सराहनीय है। हम सब राष्ट्र के नागरिक हैं। इसलिए मानवता और राष्ट्रभक्ति सर्वोपरि है। अतः राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को सदैव राष्ट्रहित में कार्य करने चाहिए। मैं भी सदा जयदेव के समान कार्य करूंगा।

प्रश्न 2.
मातृप्रेम और देशप्रेम में से कौन सा प्रेम आपको अपनी तरफ आकर्षित करता है और क्यों?
उत्तर:
मातृप्रेम और देशप्रेम में से देशप्रेम हमें अपनी तरफ आकर्षित करता है क्योंकि देशप्रेम सर्वोपरि है। हालांकि मातृप्रेम भी श्रेष्ठ है किन्तु मातृप्रेम की भावना तो देशप्रेम की भावना में ही छिपी होती है। जिस मनुष्य के हृदय में देशप्रेम होता है वह मातृप्रेम से कदापि मुख नहीं मोड़ सकता। अतः हमें देशप्रेम को अपने-अपने अंतर्मन में बसाकर देश की एकता, अखंडता एवं संप्रभुता के लिए कार्य करने चाहिए। सदा राष्ट्र उन्नति की ओर कदम बढ़ाना चाहिए।

प्रश्न 3.
एकांकी पढ़ने के बाद क्या आपके मन में भी जयदेव जैसा सरकारी अफसर बनकर देश की सेवा करने का विचार आया? यदि हाँ तो क्यों? यदि नहीं तो क्यों?
उत्तर:
हाँ मेरे मन में भी जयदेव जैसा सरकारी अफसर बनकर देश की सेवा करने का विचार आया क्योंकि राष्ट्र की सेवा ही सर्वोपरि है। राष्ट्र है तो हम हैं, राष्ट्र नहीं तो कुछ भी नहीं। मतलब राष्ट्र से हमारी पहचान है और राष्ट्र से ही हमारा अस्तित्व है। यह प्रत्येक नागरिक का कर्त्तव्य है कि प्रतिक्षण राष्ट्र सेवा के लिए तैयार रहे। देश के गद्दारों को मार भगाने में सदा सहयोग करें।

प्रश्न 4.
यदि आपको वाघा बॉर्डर पर जाने का मौका मिला हो तो अपने रोमांचक अनुभव से अपने सहपाठियों को परिचित कराइए।
उत्तर:
मुझे एक बार वाघा बॉर्डर पर जाने का मौका मिला। वाघा बॉर्डर भारत-पाकिस्तान की सीमा का बॉर्डर है। इसके एक तरफ भारत तो दूसरी तरफ पाकिस्तान है। यहां प्रतिदिन सेनाओं की परेड होती है, जिसका विहंगम दृश्य अनूठा होता है। सेना के अफसर अपनी पूरी वर्दी में सजे होते हैं। वे पंक्तिबध होकर परेड करते हैं। तिरंगे को सलामी देते हैं।

(घ) पाठ्येत्तर सक्रियता

प्रश्न 1.
देश के लिए शहीद होने वाले कुछ शहीदों के विषय में पुस्तकालय या इंटरनेट से जानकारी एकत्र करें।
उत्तर:
विद्यार्थी अपने शिक्षक की सहायता से शहीदों के विषय में पुस्तकालय या इंटरनेट से जानकारी एकत्र करें। कुछ शहीदों के नाम इस प्रकार हैं-

  1. नेता जी सुभाषचंद्र बोस
  2. शहीद भगत सिंह
  3. चंद्रशेखर आज़ाद
  4. रामप्रसाद बिस्मिल
  5. लाला लाजपत राय
  6. विपिन चंद्र पाल
  7. बाल गंगाधर तिलक।

प्रश्न 2.
इन शहीदों के चित्र एकत्र करें और उन्हें एक चार्ट पर चिपका कर अपनी कक्षा में लगाएं।
उत्तर:
छात्र शिक्षक की सहायता से करें।

प्रश्न 3.
अपने स्कूल के वार्षिक उत्सव में इस एकांकी का मंचन करें।
उत्तर:
छात्र शिक्षक की सहायता से एकांकी का मंचन करें।

(ङ) ज्ञान-विस्तार

1. अमृतसर-यह पंजाब राज्य का अति महत्त्वपूर्ण नगर है। सिक्ख धर्म का सबसे बड़ा गुरुद्वारा ‘हरमंदिर साहिब’ इसी नगर में है। विश्व भर के लोग इस पवित्र स्थल पर अपने भक्ति भावों और श्रद्धा को प्रकट करने आते हैं।

2. स्वर्ण मंदिर-स्वर्ण मंदिर को हरमंदिर साहिब भी कहते हैं जो एक सरोवर के बीचों-बीच बना हुआ है। इसके गुम्बद पर सोना मढ़ा हुआ है और इसी लिए इसे स्वर्ण मंदिर कहते हैं। प्रतिदिन सभी धर्मों के लोग और हज़ारों पर्यटक यहां आते हैं और अपनी श्रद्धा को प्रकट करते हैं। यह सभी धर्मों को मानने वालों के लिए भी श्रद्धा और विश्वास का परम पवित्र स्थान है।

3. वाघा बॉर्डर-वाघा बॉर्डर भारत और पाकिस्तान की सीमाओं पर बनी एक सैनिक चौकी है। यह भारत के अमृतसर और पाकिस्तान के लाहौर के बीच जी०टी० रोड पर निर्मित है। यह लाहौर से 22 किलोमीटर दूर है और भारत के अमृतसर से सड़क के रास्ते 32 किलोमीटर की दूरी पर है। शाम के समय दोनों देशों की सेना की तरफ से गेट बंद करने के समय भव्य परेड यहां की जाती है। इसे देखने वाले दोनों तरफ से बहुत बड़ी संख्या और जोश में यहाँ एकत्रित होते हैं।

4. जलियाँवाला बाग-जलियांवाला बाग अमृतसर में स्थित है जहाँ देश भर से लोग अपनी श्रद्धा को देशभक्तों के प्रति प्रकट करने के लिए आते हैं। जब हमारा देश अंग्रेज़ों का गुलाम था तब बैशाखी के दिन 13 अप्रैल, सन् 1919 में बैशाखी का पर्व मनाने के लिए आए तीर्थयात्रियों तथा अंग्रेजों के द्वारा कुछ निरपराधों की गिरफ्तारियों का शांतिपूर्ण विरोध करने वालों पर अंधाधुंध गोलियों की बरसात कर दी गई थी। जनरल डायर ने अपने क्रूरता भरे व्यवहार से सैंकड़ों निरीह लोगों की हत्या कर दी थी और हज़ारों लोग घायल हो गए थे। तब से जलियाँवाला बाग को अंग्रेज़ सरकार की क्रूरता और अमानवीयता की साक्षी माना जाता है। यह बाग अब ऐतिहासिकता और देश भक्तों के प्रति श्रद्धा का प्रतीक बन चुका है।

PSEB 10th Class Hindi Guide देश के दुश्मन Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
देश के दुश्मन कैसी एकांकी है?
उत्तर:
देश के दुश्मन राष्ट्र भावना से ओत-प्रोत एकांकी है।

प्रश्न 2.
इस एकांकी में जयदेव की किस भावना का चित्रण हुआ है।
उत्तर:
इस एकांकी में जयदेव की कर्तव्यपरायणता, वीरता, नि:स्वार्थ भावना, त्याग-भावना एवं राष्ट्र-भावना का चित्रण हुआ है।

प्रश्न 3.
मीना के विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के भाषण का विषय क्या था?
उत्तर:
तस्करी, चोर बाज़ारी और आर्थिक व्यवस्था।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 19 देश के दुश्मन

प्रश्न 4.
बलिदान का बदला कौन देता है और किस रूप में?
उत्तर:
बलिदान का बदला भगवान् देता है। वह वरदान के रूप में देता है।

प्रश्न 5.
एकांकी के अनुसार किनका दिल पत्थर होता है?
उत्तर:
एकांकी के अनुसार मर्दो का दिल पत्थर होता है।

प्रश्न 6.
नारी के हृदय में सदा क्या भरा रहता है?
उत्तर:
नारी के हृदय में सदा प्रेम भरा रहता है।

प्रश्न 7.
देश के दुश्मन एकांकी का मूलभाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
देश के दुश्मन जयनाथ नलिन द्वारा लिखित एक राष्ट्र भावना से ओत-प्रोत एकांकी है। इसमें लेखक ने भारतीय रक्षा सेनाओं की कर्त्तव्यपरायणता, वीरता, त्याग भावना, नि:स्वार्थभावना, बलिदान आदि का चित्रण किया है। इन वीरों के साथ-साथ इनके परिवारजन भी इन्हीं उदात्त भावनाओं से भरे होते हैं। इन्हीं महान लोगों के कारण भारतवर्ष अपने दुश्मनों को धराशायी कर आज गर्व से झूम रहा है। लेखक ने ऐसे ही तेजस्वी, साहसी और निडर देशभक्तों और वीरों का अभिनंदन किया है।

प्रश्न 8.
सुमित्रा का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर:
सुमित्रा मीना और जयदेव की माँ है। उनकी आयु लगभग 50 वर्ष है। उनके बाल काले तथा सफेद हैं। उनका रंग गेहुआं सांवला है। उनके मुख पर दुःख और निराशा की झलक स्पष्ट झलकती है। उनका शरीर पतला और लंबा है। उनमें त्याग-भावना, राष्ट्र-भावना एवं निःस्वार्थ-भावना के दर्शन होते हैं।

प्रश्न 9.
इस एकांकी में आपको कौन-सा पात्र सबसे अच्छा लगा और क्यों?
अथवा
जयदेव के चरित्र की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर:
इस एकांकी में हमें जयदेव पात्र सबसे अच्छा लगा क्योंकि यह पात्र सभी पात्रों में श्रेष्ठ एवं प्रधान है। संपूर्ण एकांकी इस पात्र पर आधारित है। यह एकांकी का केंद्र बिंदु है। यह बागाह बॉर्डर पर डी०एस०पी० के पद पर नियुक्त है। यह बहुत निडर, साहसी एवं वीर है। यह एक कर्तव्यपरायण सैनिक है। इसमें त्याग भावना, राष्ट्र भक्ति एवं नि:स्वार्थ भावना कूट-कूट कर भरी हुई है। इसमें परोपकार की भावना का संचार है।

प्रश्न 10.
मीना का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर:
मीना जयदेव की बहन एवं सुमित्रा की बेटी है। यह अर्थशास्त्र की एम०ए० (भाग-2) की छात्रा है। इसका रंग गोरा और आंखों में प्रतिभा की ज्योति विराजमान है। यह सदा मुस्कराती रहती है। इसके बाल लंबे एवं काले हैं। इसमें वीरता, साहस, निडरता एवं त्याग भावना है। इसमें बलिदान एवं राष्ट्र भावना का संचार है। शायद इसीलिए वह अपने भाई के बलिदान की बात सुनकर गौरवपूर्ण भाव से कहती हैं.

“यह तो हमारे कुल के लिए गौरव की बात है कि हमारे पिता मातृभूमि की रक्षा करते हुए स्वर्गवास हुए। इस बलिदान का बदला भगवान हमें दंड के रूप में नहीं, वरदान के रूप में देगा।”

प्रश्न 11.
नीलम के चरित्र की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर:
नीलम जयदेव की पत्नी तथा मीना की भाभी है। इनकी आयु 23-24 वर्ष है। यह बहुत सुंदर हंसमुख और मधुरभाषी है। इनके मुख पर गुलाबी आभा विराजमान रहती है। इनके नेत्र विशाल हैं। इनमें त्याग एवं निःस्वार्थभावना कूट-कूट कर भरी है। यह साहस एवं निडरता की प्रतिमूर्ति है। राष्ट्रभक्ति इनकी आत्मा में विराजमान है। अपने पति के शहीद होने की बात सुनकर यह तनिक भी घबरायी नहीं बल्कि निडरता एवं साहस के साथ अपनी माँ का धैर्य बंधाने लगी। “बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाता, माँ जी ! ऐसे दिव्य बलिदान पर तो देवता भी अर्घ्य चढ़ाते हैं। वे भी स्वर्ग में जय-जयकार करते हुए देश पर निछावर होने वालों का स्वागत करते हैं।”

प्रश्न 12.
‘देश के दुश्मन’ एकांकी से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर:
‘देश के दुश्मन’ एकांकी एक प्रेरणाप्रद एवं शिक्षाप्रद एकांकी है। इस एकांकी से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि प्रत्येक मनुष्य को अपने राष्ट्र की सुरक्षा के लिए तैयार रहना चाहिए। जरूरत पड़ने पर हमें अपना बलिदान राष्ट्र सेवा के लिए खुशी-खुशी दे देना चाहिए। जान देकर अपने वतन की आन-बान-शान को बचाना चाहिए। हमें सदा त्याग, निःस्वार्थ भावना, कर्त्तव्यपरायणता से अपना कर्म करना चाहिए। राष्ट्र भक्ति एवं राष्ट्र प्रेम को अपने अन्तर्मन में वसाकर रखना चाहिए।

एक पंक्ति में उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मीना की यूनिवर्सिटी में किस विषय पर भाषण होना था?
उत्तर:
मीना की यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर का ‘तस्करी, चोर बाज़ारी और आर्थिक व्यवस्था’ पर भाषण होना था।

प्रश्न 2.
मीना के पिता जी ने कहां बलिदान दिया था?
उत्तर:
मीना के पिता जी ने चीनियों से भारत की सीमा की रक्षा करते हुए बलिदान दिया था।

प्रश्न 3.
जयदेव ने कितने दिनों की छुट्टी पर आना था?
उत्तर:
जयदेव ने पन्द्रह दिनों की छुट्टी पर आना था।

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प्रश्न 4.
जयदेव का बचपन का दोस्त और क्लासमेट कौन है?
उत्तर:
डी० सी० जयदेव का बचपन का दोस्त तथा क्लासमेट है।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तरनिम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
जयदेव को कितने हज़ार रुपए का पुरस्कार घोषित किया गया?
(क) पाँच
(ख) दस
(ग) पंद्रह
(घ) बीस।
उत्तर:
(ख) दस

प्रश्न 2.
मुठभेड़ में कितने तस्कर मारे गए थे?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर:
(ग) तीन

प्रश्न 3.
जयदेव बाघा बार्डर पर किस पद पर नियुक्त था?
(क) एस०पी०
(ख) डी०एस०पी०
(ग) एस०एस०पी०
(घ) एस०ओ०।
उत्तर:
(ख) डी०एस०पी०

एक शब्द/हाँ-नहीं/सही-गलत/रिक्त स्थानों की पूर्ति के प्रश्न

प्रश्न 1.
जयदेव ने किनसे मोर्चा लिया था? (एक शब्द में उत्तर दें)
उत्तर:
तस्करों से

प्रश्न 2.
नीलम सुमित्रा की बेटी है। (हाँ या नहीं में उत्तर लिखें)
उत्तर:
नहीं

प्रश्न 3.
बाघा बार्डर पर दो सरकारी अफसर मारे गए। (हाँ या नहीं में उत्तर लिखें)
उत्तर:
हाँ

प्रश्न 4.
वाह री मेरी वीरांगना बहन ! (सही या गलत लिखकर उत्तर दें)
उत्तर:
गलत

प्रश्न 5.
कैसे भयंकर निडर राक्षस हैं। (सही या गलत लिखकर उत्तर दें)
उत्तर:
सही

प्रश्न 6.
पीरियड न लेना तो ……… के ……….. की शान है।
उत्तर:
यूनिवर्सिटी, प्रोफेसरो

प्रश्न 7.
ऐसी क्या …….. आ गई कि ………. तक नहीं।
उत्तर:
आफ़त, नाश्ता

प्रश्न 8.
उसने …………. से किस ……….. और चतुराई से मोर्चा लिया।
उत्तर:
तस्करों, बहादुरी।

देश के दुश्मन कठिन शब्दों के अर्थ

सम्भ्रांत = रईस, धनी, उच्च। प्रोफेसर = आचार्य। शिथिलता = कमज़ोरी। रुआसे = रोने के। चंपई = चंपा के फूल जैसे रंग का, पीला। अनर्थ = बुरा। मुद्रा = हावभाव। वज्रपात = मुसीबत। आतुरता = व्याकुलता। अशुभ = जो शुभ न हो, बहुत बुरा। दिव्य = अलौकिक, अनूठा। व्यर्थ = बेकार। आनन = चेहरा। अर्घ्य = पूजा सामग्री। दुर्बल = कमज़ोर। स्मगलर = तस्कर। सौगंध = कसम। अंधियारी = अंधेरा। आलिंगन = बाहों में भरना, गले मिलना। लबालब = भरा हुआ। पुलिस पिकिट = पुलिस का घेरा। चैलेंज = चेतावनी। कोशिश = प्रयास। डिस्क्वालिफिकेशन = अयोग्यता। आनन = मुख। कुंकुम = सिंदूर। नेत्र = आखें। मस्तक = माथा। पतलून = पैंट। गौरव = सम्मान। हित = भलाई। सतर्क = चौकन्ना। वीरांगना = वीर स्त्री। कुशल क्षेम = राजी खुशी। आलिंगन = गले लगाना।

देश के दुश्मन Summary

देश के दुश्मन लेखक-परिचय

जयनाथ नलिन पंजाब के यशस्वी रचनाकारों में से एक हैं। इनकी साहित्य-साधना से पंजाब का नाम अखिल भारतीय स्तर पर अंकित हुआ है। ये एक बहुमुखी प्रतिभा संपन्न साहित्यकार हैं। इन्होंने कविता, कहानी, निबंध, एकांकी, समीक्षा आदि अनेक विधाओं पर सफल लेखनी चलाई है। एकांकीकार के रूप में तो ये प्रतिभावान लेखक माने जाते हैं। इनके दर्जनों एकांकी आकाशवाणी से प्रसारित हो चुके हैं। दिल्ली रेडियो स्टेशन से प्रसारित नवाबी सनक एकांकी को तो वर्ष का सर्वोत्कृष्ट ब्रॉडकास्ट माना गया था। इनके प्रमुख एकांकी संग्रह हैं- अवसान, धराशायी, नवाबी सनक, शिखर, हाथी के दाँत। इनके द्वारा रचित चर्चित एकांकी हैं-सोने की हथकड़ी, फटा तिमिर उगी किरण, साईं बाबा का कमाल आदि।

देश के दुश्मन पाठ का सार

‘देश के दुश्मन’ जयनाथ नलिन द्वारा लिखित एक राष्ट्रभक्ति की भावना से ओत-प्रोत एकांकी है। इसमें लेखक ने भारतीय रक्षा-सेनाओं की कर्त्तव्यपरायणता, वीरता, त्याग-भावना, निःस्वार्थभावना बलिदान आदि का चित्रांकन किया है। इन वीरों के साथ-साथ इनके परिवार जन भी इन्हीं उदात्त भावनाओं से भरे होते हैं। इन्हीं महान् लोगों के कारण भारतवर्ष अपने दुश्मनों को धराशायी कर आज गर्व से झूम रहा है? इसके माध्यम से लेखक ने ऐसे ही तेजस्वी वीरों, देशभक्तों एवं नौजवानों का अभिनंदन किया है। यह एकांकी बसंत ऋतु के अंत में सुबह साढ़े आठ बजे प्रारंभ होती है जहां मीना कॉलेज जाने के लिए तैयार हो रही थी। एकांकी में सुमित्रा, मीना, नीलम, चाचा, जयदेव और उपायुक्त पात्र हैं। जयदेव वाघा बार्डर पर सेना में जवान होने के कारण देश की रक्षा के लिए तैनात है।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 19 देश के दुश्मन

एक दिन अचानक माँ सुमित्रा माधोराम के घर रेडियो से यह खबर सुनकर चिंतित हो उठी कि वाघा बार्डर पर तस्करों से मुकाबला करते हुए दो सरकारी अफसर मारे गए। इस खबर से माँ का कलेजा भर आया किंतु एक सैनिक एवं राष्ट्रभक्त परिवार होने के नाते मीना इसे गौरव की बात कही और इसे मातृभूमि के प्रति बलिदान बताकर सांत्वना प्रदान की। जयदेव की पत्नी नीलम ने भी कहा कि बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाता। ऐसे दिव्य बलिदान पर तो देवता भी अर्घ्य चढ़ाते हैं कहकर माता जी को धैर्य दिया। माता सुमित्रा भी इसे गर्व एवं गौरव की बात तो मानी किन्तु उसके पति के बलिदान के बाद वह टूट चुकी थी। बस इसी से डर रही थी। इसी कारण अपने बेटे के लिए चिंतित थी। नीलम और मीना अपनी माता जी का ढांढस बंधाने लगी। तभी घर में उनके चाचा जी का प्रवेश हुआ और उन्होंने जयदेव के छुट्टियों पर आने के बारे में पूछा। सुमित्रा अपने बेटे की चिट्ठी के प्रति चिंतित होकर निराश हो रही थी किंतु चाचा जी ने कहा कि वह अभी-अभी खबर सुनकर आया है कि जयदेव का बाल भी बांका नहीं हुआ। दो सरकारी अफसर मारे गए। इतना ही नहीं अखबार में भी जयदेव की बहादुरी की प्रशंसा छपी है। उसने तस्करों से डटकर मुकाला किया।

चार लोगों को मार गिराया तथा उनसे पाँच लाख रुपये का सोना छीन लिया। यह सुनकर सुमित्रा माँ प्रसन्न हो उठी। तभी मीना अपने भैया के साहस एवं शौर्य की कहानी सुनाने लगी कुछ समय उपरांत जयदेव भी घर पहुंच गया। जयदेव को देखकर मीना, नीलम तथा सुमित्रा प्रसन्नचित हो उठीं। सब अपने-अपने तरीके से उसका अभिवादन करने लगे। जयदेव की बहादुरी एवं शौर्य की खबरें चारों तरफ फैल चुकी थीं। उपायुक्त महोदय भी जयदेव के घर उससे मिलने आए। उन्होंने उसे बताया कि उसके सम्मान में एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जिसमें गवर्नर साहब जयदेव का दस हज़ार का इनाम घोषित करेंगे। इसे सुनकर जयदेव ने उपायुक्त महोदय को कहा कि वे इस राशि को मृत पुलिस अफसरों की विधवाओं को आधा-आधा बांट दिया जाए। जयदेव के इस त्याग और राष्ट्रप्रेम पर उपायुक्त साहब भी गर्व कर चले गए।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 18 सूखी डाली

Punjab State Board PSEB 10th Class Hindi Book Solutions Chapter 18 सूखी डाली Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Hindi Chapter 18 सूखी डाली

Hindi Guide for Class 10 PSEB सूखी डाली Textbook Questions and Answers

(क) विषय-बोध

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
दादा मूलराज के बड़े पुत्र की मृत्यु कैसे हुई?
उत्तर:
दादा मूलराज के बड़े पुत्र की मृत्यु सन् 1914 के महायुद्ध में सरकार की तरफ से लड़ते हुए हुई।

प्रश्न 2.
‘सूखी डाली’ एकांकी में घर में काम करने वाली नौकरानी का क्या नाम था?
उत्तर:
घर में काम करने वाली नौकरानी का नाम पारो था।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 18 सूखी डाली

प्रश्न 3.
बेला का मायका किस शहर में था?
उत्तर:
लाहौर शहर में।

प्रश्न 4.
दादा जी की पोती इंदु ने कहां तक शिक्षा प्राप्त की थी?
उत्तर:
प्राईमरी तक।

प्रश्न 5.
‘सूखी डाली’ एकांकी में दादा जी ने अपने कुटुंब की तुलना किससे की है?
उत्तर:
दादा जी अपने कुटुंब की तुलना बरगद के वृक्ष से की है।

प्रश्न 6.
बेला ने अपने कमरे का फर्नीचर बाहर क्यों निकाल दिया?
उत्तर:
बेला के कमरे का सारा फर्नीचर टूटा-फूटा और पुराना था इसलिए उसने उसे बाहर निकाल दिया था।

प्रश्न 7.
दादा जी पुराने नौकरों के हक में क्यों थे?
उत्तर:
दादा जी पुराने नौकरों को दयानतदार, कर्त्तव्यनिष्ठ, ईमानदार और विश्वसनीय मानते थे इसलिए वे उनके हक में थे।

प्रश्न 8.
बेला ने मिश्रानी को काम से क्यों हटा दिया?
उत्तर:
बेला ने मिश्रानी को काम से इसलिए हटा दिया क्योंकि उसे काम करना नहीं आता था।

II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-चार पंक्तियों में दीजिए-

प्रश्न 1.
एकांकी के पहले दृश्य में इंदु बिफरी हुई क्यों दिखाई देती है?
उत्तर:
एकांकी के पहले दृश्य में इंदु बिफरी हुई इसलिए दिखाई देती है क्योंकि वह अकेली. ही घर में सबसे ज्यादा पढ़ी-लिखी है। दूसरा उसके दादा जी उससे बहुत प्यार करते हैं। वह सबकी लाडली बनी हुई है।

प्रश्न 2.
दादा जी कर्मचंद की किस बात से चिंतित हो उठते हैं?
उत्तर:
दादा जी ने कर्मचंद से छोटी बहु के अभिमान और घृणा के कारण परिवार में ईर्ष्या, द्वेष और परस्पर कलह होने की बात सुनी और यह जाना कि छोटी बहु को लेकर छोटी-छोटी बात पर झगड़ा होने लगा था। घर की सुखशांति मिटने लगी थी। छोटी बहु अपनी अलग गृहस्थी बसाना चाहती थी जिससे संयुक्त परिवार टूटने के कगार पर पहुँच चुका था। दादा जी इस बात से चिंतित हो उठते हैं।

प्रश्न 3.
कर्मचंद ने दादा जी को छोटी बहु बेला के विषय में क्या बताया?
उत्तर:
कर्मचंद ने दादा जी को छोटी बहु बेला के विषय में बताया कि उसके मन में बहुत अभिमान है। वह मायके के घराने को ससुराल से ज्यादा ऊँचा समझती है और इस घर को घृणा की दृष्टि से देखती है। शायद इसलिए उसने मलमल के थान और रजाई के अबरे नहीं रखें।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 18 सूखी डाली

प्रश्न 4.
परेश ने दादा जी के पास जाकर अपनी पत्नी बेला के संबंध में क्या बताया?
अथवा
‘सुखी डाली’ एकांकी में परेश ने दादा जी के पास जाकर अपनी पत्नी बेला के सम्बन्ध में क्या बताया?
उत्तर:
परेश ने दादा जी के पास जाकर बताया कि उसकी पत्नी बेला का मन इस घर में नहीं लगता था। उसे कोई भी पसंद नहीं करता था। सब उसकी निंदा करते थे और सब उसकी शिकायत करते थे, ताने देते थे। वह ऐसा समझती थी जैसे वह परायों में आ गई थी। वह आज़ादी चाहती है और दूसरों का हस्तक्षेप पसंद नहीं करती। वह अपनी अलग गृहस्थी बसाना चाहती थी जहाँ उस पर कोई रोक-टोक नहीं।

प्रश्न 5.
जब परेश ने दादा जी से कहा कि बेला अपनी गृहस्थी अलग बसाना चाहती है तो दादा जी ने परेश को क्या समझाया?
उत्तर:
दादा जी ने परेश को समझाया कि वे अपने जीते जी पूरे परिवार को एक वट वृक्ष की तरह देखना चाहते थे। वह अपने परिवार को टूटते हुए नहीं देखना चाहते थे। वे परिवार के सभी सदस्यों को समझा देंगे। किसी को बेला का तिरस्कार करने का साहस नहीं रहेगा। वे अवश्य ही ऐसा कोई उपाय ढूँढ़ लेंगे कि वह स्वयं को परायों में घिरा हुआ महसूस नहीं करेगी।

प्रश्न 6.
एकांकी के अंत में बेला रूंधे कंठ से क्या कहती है?
उत्तर:
एकांकी के अंत में बेला रूंधे कंठ से कहती है कि अब दादा जी पेड़ से किसी डाली का टूटकर अलग होना पसन्द नहीं करते तो वे ये भी नहीं चाहेंगे कि वह डाल पेड़ से लगी-लगी सूख कर मुरझा जाए अर्थात् परिवार का एक सदस्य परिवार से अलग होकर कभी खुश नहीं रह सकता।

III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छह या सात पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
इंदु को बेला की कौन सी बात सबसे अधिक परेशान करती है? क्यों?
उत्तर;
बेला अपने घमंड के कारण मायके को ही सबसे ऊपर देखती है। उसके लिए मायके से ऊपर कुछ भी नहीं है। यही उसके लिए सर्वोपरि है। अपने मायके के सामने वह किसी को कुछ भी नहीं समझती। उसके लिए मूर्ख, गंवार और असभ्य हैं। बेला की यह बात इंदु को सबसे अधिक परेशान करती है क्योंकि यह बात उसके मन में घर कर गई है।

प्रश्न 2.
दादा जी छोटी बहु के अलावा घर के सभी सदस्यों को बुलाकर क्या समझाते हैं?
उत्तर:
दादा जी छोटी बहु के अलावा घर के सभी सदस्यों को बुलाकर समझाते हैं कि मुझे बड़ा दुःख है कि छोटी बहु का मन यहां नहीं लगा। इसमें दोष हमारा है। वह एक बड़े घर की बेटी है और अत्यधिक पढ़ी-लिखी है। वह अपने घर की लाडली है किन्तु यहां वह केवल एक छोटी बहु है उसे सबका आदर करना पड़ता है। हर एक से दबना पड़ता है। यहां उसका व्यक्तित्व दबकर रह गया। कोई भी इंसान योग्यता और बुद्धि से बड़ा होता है उम्र से नहीं। छोटी बहु निश्चय से ही अक्ल में सबसे बड़ी है इसलिए हम सबको उसकी योग्यता का लाभ उठाना चाहिए। उसे सबको आदर देना चाहिए। सब उसका कहना मानें। उससे परामर्श लें। हमें उसे आगे पढ़ने-लिखने का अवसर देना चाहिए। यह कुटुंब एक महान् वृक्ष है। हम सब उसकी डालियां हैं। डालियों से ही पेड़ है और डालियां छोटी हो चाहे बड़ी सब उसकी छाया को बढ़ाती हैं। मैं नहीं चाहता कि कोई डाली इससे टूटकर पृथक् हो जाए।

प्रश्न 3.
एकांकी के अंतिम भाग में घर के सदस्यों के बदले हुए व्यवहार से बेला परेशान क्यों हो जाती है?
उत्तर:
घर के सदस्यों के बदले हुए व्यवहार से भी बेला इसलिए परेशान हो जाती है क्योंकि उसे उनका बदला हुआ व्यवहार कुछ ज़्यादा ही औपचारिक प्रतीत होता है। उसे लगता है कि शायद वे उसके प्रति जान-बूझकर ऐसा करते हैं। जब वह जाती है तो सब खड़ी हो जाती हैं। बड़ी भाभी, मँझली भाभी और माँ जी कोई भी उसके सामने नहीं हँसता और न ही कोई अधिक समय तक बात करता है। उसके जाते ही सब डर से जाते हैं। उसे इतना आदर, सत्कार और आराम अच्छा नहीं लगता।

प्रश्न 4.
मँझली बहू के चरित्र की कौन सी विशेषता इस एकांकी में सबसे अधिक दृष्टिगोचर होती है?
उत्तर:
मँझली बहु के चरित्र की विनोदी स्वभाव की विशेषता इस एकांकी द्वारा सबसे अधिक दृष्टिगोचर होती है। मँझली बहू का स्वभाव विनोदी एवं हास्यभाव से परिपूर्ण है। वह छोटी-छोटी बात पर हंसती-मुस्कराती रहती है। किसी के विचित्र व्यवहार पर हँसना और ठहाके लगाना उसके लिए सामान्य सी बात है। परेश और बेला में किसी बहस पर वह इतना हँसती है कि बेकाबू हो जाती है। उसकी हँसी बेला को और भी खिझा देती है।

प्रश्न 5.
‘सूखी डाली’ एकांकी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर:
सूखी डाली’ एकांकी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें परिवार के सभी सदस्यों का समान भाव से आदर-सम्मान करते हुए प्रेम एवं श्रद्धापूर्वक मिलजुल कर रहना चाहिए। हमें अपने बुजुर्गों, माता-पिता का आदर करना चाहिए। उनके प्रति श्रद्धाभाव रखना चाहिए तथा उनके द्वारा बताए गए सुझावों को सहर्ष स्वीकार करना चाहिए। अपने को सुशिक्षित एवं सुसंस्कृत मानकर घमंड में चूर नहीं रहना चाहिए अन्यथा घमंड में रहकर आदमी परिवार के साथ रहकर भी पेड़ पर लगी सूखी डाली के समान जड़ बनकर रह जाता है। छोटा-बड़ा कोई उम्र से नहीं बल्कि ज्ञान और बुद्धि से होता है। महानता मनवाने से नहीं बल्कि व्यवहार से होती है।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए
(क) यह कुटुंब एक महान वृक्ष है। हम सब इसकी डालियाँ हैं। डालियों से ही पेड़-पेड़ है और डालियाँ छोटी हों चाहे बड़ी, सब उसकी छाया को बढ़ाती हैं। मैं नहीं चाहता, कोई डाली इससे टूटकर पृथक् हो जाए।
(ख) दादा जी, आप पेड़ से किसी डाली का टूटकर अलग होना पसंद नहीं करते, पर क्या आप यह चाहेंगे कि पेड़ से लगी-लगी वह डाल सूख कर मुरझा जाए……।
उत्तर:
(क) दादा जी इंदु को समझाते हुए कहते हैं कि संयुक्त परिवार एक महान् वृक्ष के समान है। हम सब परिवार के सदस्य इसकी शाखाएं हैं और इन शाखाओं से ही वृक्ष की शोभा होती है। वृक्ष की प्रत्येक शाखा का अपना महत्त्व होता है। शाखा छोटी हो या बड़ी सबका परस्पर संयोग उसकी छाया को बढ़ाता है। उसको सौंदर्य प्रदान करता है।

भाव यह है कि परिवार में सब मनुष्य समान होते हैं। प्रत्येक मनुष्य परिवार के लिए महत्त्वपूर्ण होता है। हर सदस्य परिवार की शोभा होता है। सबको मिलजुल कर रहने से ही परिवार की सुख-समृद्धि संभव है। छोटा हो या बड़ा सबकी अपनी-अपनी भागीदारी होती है। इसलिए दादा जी इंदु को समझाते हैं वह नहीं चाहता कि परिवार का कोई सदस्य परिवार से अलग रहे।

(ख) इस गद्यांश का भाव है कि परिवार जनों के व्यवहार ने छोटी बहू का अंतर्मन झकझोर दिया। उसे दादा जी तथा परिवार के महत्त्व का बोध हो गया इसलिए वह सबके प्रति सहयोगी बनकर रहना चाहती है। वह दुःखी होकर दादा जी से आग्रह करती है कि आप परिवार से किसी का अलग होकर रहना पसंद नहीं करते किन्तु क्या आप चाहेंगे कि परिवार के साथ रहकर ही कोई सदस्य जड़ बन जाए।

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(ख) भाषा-बोध

I. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए

प्रतिष्ठा – ————-
आकाश – —————-
वृक्ष – —————-
प्रसन्न – —————
परामर्श – —————
अवसर – —————
आदेश – ————–
आलोचना – —————-
उत्तर:
प्रतिष्ठा = शान, आन, सम्मान
आकाश = नभ, असीम, शून्य
वृक्ष = विटप, पेड़, तरु
प्रसन्न = खुश, सुखी, संतुष्ट
परामर्श = राय, विचार, सलाह
अवसर = समय, मौका, सुयोग
आदेश = आज्ञा, हुक्म, हिदायत
आलोचना = निंदा, देखना, परखना।

II. निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए

आकाश = ————
आज़ादी = ————–
पसन्द = ————–
शान्ति = ————–
आदर = ————-
प्रसन्न = ————-
झूठ = ————-
निश्चय = ————-
मूर्ख = ————-
इच्छा = ————-
घृणा = ————
विश्वसनीय
उत्तर:
आकाश = पाताल
आज़ादी = गुलामी
पसंद = नापसंद
शांति = अशांति
आदर = अनादर
प्रसन्न = अप्रसन्न
झूठ = सच
निश्चय = अनिश्चय
मूर्ख = समझदार
इच्छा = अनिच्छा
घृणा = प्रेम
विश्वसनीय = अविश्वसनीय।

III. निम्नलिखित समरूपी भिन्नार्थक शब्दों के अर्थ बताते हुए वाक्य बनाइए

सूखी, सुखी सास, साँस कुल, कूल और, ओर
उत्तर:
सूखी = सूखी हुई, मुरझायी हुई-वर्षा न होने के कारण फ़सल सूखी पड़ी है।
सुखी = प्रसन्न, खुश-हर व्यक्ति अपने घर सुखी रहे।
सास = पति या पत्नी की माँ-महेश की सास तेज़ स्वभाव की प्रतीत होती है।
साँस = साँसें-दौड़ते-दौड़ते मेरी साँस ही फूल गई थी।
कुल = जोड़-इन सभी संख्याओं का कुल योग क्या है?
कूल = किनारा-हम सब यमुना के कूल पर देर तक बैठे रहे।
और = तथा-मोहन और राकेश आये थे।
ओर = की तरफ-गेंद मेरी ओर फैंक दो।

IV. निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ समझकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए

मुहावरा – अर्थ
1. काम आना = मारा जाना
2. नाक-भौं चढ़ाना = घृणा या असंतोष प्रकट करना
3. पारा चढ़ना = क्रोधित होना
4. भीगी-बिल्ली बनना = सहम जाना
5. मरहम लगाना = सांत्वना देना
6. ठहाका मारना = ज़ोर से हँसना
7. खलल पड़ना = किसी काम में बाधा आना
8. कमर कसना = किसी काम के लिए निश्चयपूर्वक तैयार होना
उत्तर:
1. काम आना (मारा जाना) वाक्य-हमारे देश के अनेक सैनिक सन् 1962 के चीन के आक्रमण में काम आए थे।
2. नाक-भौं चढ़ाना (घृणा या असंतोष प्रकट करना) वाक्य-सुरेश तो रमेश की बातें सुनकर नाक-भौं चढ़ाने लगा था।
3. पारा चढ़ना (क्रोधित होना) वाक्य-रावण को देखकर हनुमान जी का पारा चढ़ने लगा था।
4. भीगी-बिल्ली बनना (सहम जाना) वाक्य-चोर पुलिस को देखकर भीगी-बिल्ली बन गया।
5. मरहम लगाना (सांत्वना देना) वाक्य-शहीद के घर जाकर सभी लोगों ने परिवार को मरहम लगाया।
6. ठहाका मारना (ज़ोर से हँसना) वाक्य-जोकर को देखकर बच्चे ठहाके मारने लगे थे।
7. खलल पड़ना (किसी काम में बाधा आना) वाक्य-लक्ष्य के आते ही वैदेही के काम में खलल पड़ गया।
8. कमर कसना (किसी काम के लिए निश्चयपूर्वक तैयार होना) वाक्य-मार्च आते ही विद्यार्थियों ने परीक्षा के लिए कमर कस ली।

(ग) रचनात्मक अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
कल्पना कीजिए कि आप बेला हैं और दादा जी आपसे आपकी परेशानी का कारण जानना चाहते हैं। आप क्या उत्तर देंगी?
उत्तर:
मैं दादा जी को उत्तर देती कि परिवार के सदस्यों के साथ वह सामंजस्य बिठाने में न जाने क्यों असफल रही। वह सबके साथ मिल-जुलकर रहना चाहती है किन्तु फिर भी परिस्थितियाँ उसके अनुकूल नहीं बन पाती। ऐसी अवस्था में वह क्या करे? किस प्रकार सभी लोगों से तालमेल बिठाए? सबको कैसे खुश रखे?

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प्रश्न 2.
आज भारत में संयुक्त परिवार विघटित हो रहे हैं ? बताइए कि इसके क्या कारण हैं?
उत्तर:
इसमें निम्नलिखित कारण हैं-

  1. आज भारत में भौतिकतावादी संस्कृति का बोलबाला है।
  2. स्वार्थभावना सर्वोपरि समझी जा रही है।
  3. परस्पर ईर्ष्या, द्वेष की भावना बढ़ रही है।
  4. परिवार के लोगों में लालच और घृणा बढ़ता जा रहा है।
  5. प्रेमभाव, सद्भाव, सहयोग, आदर-सम्मान एवं श्रद्धाभाव कम हो रहे हैं।
  6. पश्चिमीकरण का दुष्प्रभाव बढ़ता जा रहा है।

प्रश्न 3.
नौकरी की तलाश में आज घर के सदस्यों को देश के दूर-दराज के इलाकों में ही नहीं, विदेशों में भी जाना पड़ता है, ऐसे में दादा जी की वटवृक्ष वाली कल्पना कहाँ तक प्रासंगिक है?
उत्तर:
वर्तमान युग वैश्वीकरण, औद्योगीकरण का युग है। वैश्वीकरण एवं भूमंडलीकरण के इस युग में कोई भी मनुष्य विश्व के किसी भी कोने में जाकर मेहनत से कमा सकता है। ऐसे में उस सदस्य को अपने परिवार से अलग रहना पड़ता है। ऐसे में दादा जी को वटवृक्ष वाली कल्पना अप्रासंगिक सी जान पड़ती है क्योंकि मनुष्य को अपनी आजीविका कमाने हेतु अपने बच्चों के साथ देश के किसी भी कोने तथा देश से बाहर जाकर रहना पड़ सकता है किन्तु इससे यह बात महत्त्वपूर्ण है कि भले ही वह मनुष्य शारीरिक रूप से परिवार के साथ वटवृक्ष की शाखाओं से जुड़कर न रह सके किंतु वह अंतर्मन से तो अपने परिवार के साथ जुड़ा रहता है। वह दूर रहकर भी परिवार के प्रति अपने उत्तरदायित्वों का पूर्ण निर्वाह कर सकता है।

प्रश्न 4.
‘घर में नई बहू के आने पर घर के माहौल में घुल-मिल जाना जहाँ उसकी ज़िम्मेदारी है, वहीं परिवार के शेष सदस्यों की भी ज़िम्मेदारी है कि वे भी उसकी आशाओं-अपेक्षाओं के अनुसार खुद को बदलें’….. क्या आप इस कथन से सहमत हैं? क्यों?
उत्तर:
हाँ; मैं इस कथन से पूर्ण रूप से सहमत हूँ क्योंकि जब घर में नई बहू का आगमन होता है तो वहाँ का वातावरण और वहाँ के सदस्य उसके लिए बिल्कुल अनजान होते हैं। वह परिवार के किसी भी सदस्य को आचारव्यवहार से बिल्कुल अनजान होती है। नए घर में आने पर उसकी बहुत सी आशाएं और अपेक्षाएं होती हैं जिन्हें वह नए परिवार जनों के साथ सौहार्दपूर्ण एवं प्रेमपूर्वक पूर्ण करना चाहती है। घर के अन्य सदस्यों के अलावा वही अकेली नई होती है इसलिए घर के सभी सदस्यों को उसकी भावनाओं, आशाओं का ध्यान रखना चाहिए। यह परिवार के शेष सदस्यों की अहम ज़िम्मेदारी है। किंतु इसके साथ नई बहू को भी नए वातावरण के अनुसार खुद को बदलना चाहिए। पिछली बातों को भूलकर नए माहौल में घुल-मिल जाना चाहिए।

प्रश्न 5.
यदि आपके घर में कोई सदस्य या कोई आपका मित्र/रिश्तेदार धूम्रपान जैसी लत का शिकार है तो आप उसकी यह लत छुड़वाने में कैसे मदद करेंगे?
उत्तर:
मैं उसे धूम्रपान से होने वाली हानियाँ के बारे में बताऊँगा। उसे किसी अस्पताल में फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित रोगी से मिलवाऊँगा ताकि उसे देखकर धूम्रपान के द्वारा होने वाली क्षति को समझ सके।

प्रश्न 6.
जब दादा जी ने घर के सदस्यों को बुलाया तो घर के बालक तथा युवक तख्त और चारपाइयों पर बैठते हैं जबकि स्त्रियाँ बरामदे के फर्श पर मोढ़े और चटाइयों पर बैठती हैं-क्या आपको इस तरह की व्यवस्था उचित लगी और क्या आज भी आप स्त्रियों के साथ आप इस तरह का भेदभाव देखते हैं? इसकी कक्षा में चर्चा कीजिए।
उत्तर:
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से आप इस विषय पर चर्चा कीजिए।

प्रश्न 7.
दादा जी में अनेक चारित्रिक गुण हैं किंतु हुक्का गुड़गुड़ाते रहना तथा छोटी बहू से अपनी पोती के लिए दहेज की अपेक्षा करना उनके चरित्र की कमियाँ हैं-इस संबंध में अपने विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर:
निश्चित रूप से ये दोनों बातें दादा जी के चरित्र को कलुषित करती हैं। हुक्का गुड़गुड़ाते रहना केवल दादा जी के स्वास्थ्य के लिए ही हानिकारक नहीं है बल्कि पूरे परिवार के लिए हानिकारक है। इससे उत्पन्न धुआं सारे घर के लोगों को कैंसर का शिकार बनाता है। कैंसर ऐसा भयानक रोग है जो किसी भी परिवार को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक दृष्टि से तोड़ कर रख देता है। छोटी बहू से अपनी पोती के दहेज की अपेक्षा करना अत्यंत बुरी बात है। दहेज प्रथा समाज के लिए कलंक है। इसे समाप्त करना ही चाहिए और किसी भी तरह प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए।

(घ) पाठ्येत्तर सक्रियता

प्रश्न 1.
‘सूखी डाली’ एकांकी को अपने स्कूल के मंच पर खेलिए।
उत्तर:
विद्यार्थी अपने शिक्षक के सहयोग से इस एकांकी का मंच पर मंचन करें।

प्रश्न 2.
अपने पुस्तकालय से उपेंद्रनाथ अश्क के अन्य एकांकियों को लेकर पढ़िए।
उत्तर:
विद्यार्थी पुस्तकालय से उपेंद्रनाथ अश्क की अन्य एकांकियों जैसे-“देवताओं की छाया में पर्दा उठाओ, पर्दा गिराओ, पक्का गाना, चरवाहे” आदि को लेकर पढ़ें।

प्रश्न 3.
वट वृक्ष के बारे में विस्तृत जानकारी एकत्र कीजिए।
उत्तर:
वट वृक्ष जिसे बरगद का वृक्ष नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐतिहासिक वृक्ष है। भारतीय संस्कृति में वट वृक्ष का नाम बड़े आदर एवं सम्मान से लिया जाता है। हमारी संस्कृति में इसको पूजनीय एवं श्रद्धेय माना जाता है। इसकी पूजा की जाती है। प्राचीन संस्कृति में वट वृक्ष को परिवार के मुखिया की तरह पूजा जाता था। यह एक औषधीय वृक्ष है।

प्रश्न 4.
वट वृक्ष की भिन्न-भिन्न विशेषताओं को बताने वाले चित्र एकत्र कीजिए और उन्हें एक चार्ट पर चिपका कर अपनी कक्षा में लगाएं।
उत्तर:
विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न 5.
लाहौर शहर के बारे में विस्तृत जानकारी एकत्र कीजिए।
उत्तर:
आप अपने अध्यापक/अध्यापिका या इंटरनेट की सहायता से लाहौर की जानकारी प्राप्त कीजिए।

प्रश्न 6.
बच्चे, बूढ़े और जवान बात सुनो खोलकर कान धूम्रपान है मौत का सामान है तुम्हें क्या इसका ज्ञान-इस विषय पर स्कूल की प्रार्थना सभा में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन कीजिए।
उत्तर:
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से कीजिए।

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प्रश्न 7.
दहेज एक सामाजिक कलंक है। यह प्रथा अनैतिक, अवांछनीय एवं अविवेकपूर्ण है-इस विषय पर स्कूल में निबंध/कविता अथवा चित्रकला आदि गतिविधियों का आयोजन करके उसमें सक्रिय रूप से भाग लें।
उत्तर:
इस स्वयं करें।

(ङ) ज्ञान-विस्तार

1. वटवृक्ष- भारत के राष्ट्रीय वृक्ष को ‘बरगद’ का पेड़ भी कहा जाता है। अंग्रेज़ी में यह ‘बनियन ट्री’ और वैज्ञानिक भाषा में ‘फाइकस वेनगैलेसिस’ नाम से प्रसिद्ध है। यह हिंदुओं का परम-पवित्र एवं पूजनीय वृक्ष है।

2. 1914 महायुद्ध-विश्व के अनेक देशों का प्रथम महायुद्ध सन् 1914 से लेकर 1919 तक चलता रहा था। यह एशिया, अफ्रीका और यूरोप में जल, थल और आकाश में पाँच वर्ष तक लड़ा जाता रहा था। अनेक देशों के द्वारा एक साथ लड़े जाने के कारण वे इसे महायुद्ध या विश्व युद्ध का नाम दिया गया है। इसमें विश्व भर की अपार क्षति हुई थी।

3. लाहौर-पाकिस्तान के इस नगर को उस देश का ‘दिल’ भी कहते हैं। यह पाकिस्तान के इतिहास, संस्कृति और शिक्षा को बहुत बड़ी देन है। यह वहां के पंजाब की राजधानी भी है।

4. ग्रेजुएट-जो व्यक्ति स्नातक डिग्री को प्राप्त कर चुका हो इसे ‘ग्रेजुएट’ कहते हैं। यह विश्वविद्यालय की पहली उपाधि होती है जो कला, विज्ञान, कॉमर्स आदि विषयों में होती है। पुराने ज़माने में विद्यार्थियों की शिक्षा गुरुकुलों में पूरी होती थी और तब पूरी शिक्षा प्राप्त कर लेने वाले विद्यार्थियों को पवित्र जल से स्नान करवा कर सम्मानित किया जाता था इसीलिए उन्हें ‘स्नातक’ कहते थे।

हुक्का गुड़गुडाना : हुक्का तंबाकू के प्रयोग का ही एक तरीका है, जिसका अपार प्रयोग अति हानिकारक होता है। यह शरीर के अधिकतर हिस्सों को अपार हानि पहुंचाता है। जिन लोगों की उपस्थिति में कोई व्यक्ति तंबाकू का उपयोग करता है वे सब भी हवा के माध्यम से इसके विष से प्रभावित होते हैं। भारत सरकार ने सार्वजनिक रूप से इसके प्रयोग को प्रतिबंधित कर दिया है। इसके सेवन से कैंसर हो जाता है। फेफड़े, मुँह, गले आदि के कैंसर का यह मुख्य कारण है। यह हृदय को तरह-तरह की बीमारियां प्रदान करता है। इसका उपयोग कदापि नहीं करना चाहिए। यह लत डालने वाला होता है।

PSEB 10th Class Hindi Guide सूखी डाली Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
‘सूखी डाली’ एकांकी में कैसे परिवार की कहानी का वर्णन है?
उत्तर:
‘सूखी डाली’ एकांकी में एक संयुक्त परिवार की कहानी का वर्णन है।

प्रश्न 2.
संयुक्त परिवार में कैसी बहू का आगमन हुआ?
उत्तर:
संयुक्त परिवार में एक सुशिक्षित, सुसंस्कृत, नवीन विचारों वाली बहू का आगमन हुआ।

प्रश्न 3.
इस एकांकी में संयुक्त परिवार को टूटने से कौन बचाता है?
उत्तर:
इस एकांकी में संयुक्त परिवार को टूटने से दादा जी बचाते हैं।

प्रश्न 4.
दादा जी ने परिवार की क्या संज्ञा दी है?
उत्तर:
दादा जी ने परिवार को एक वट वृक्ष की संज्ञा दी है। परिवार एक वट वृक्ष के समान है और परिवार के सभी सदस्य उसकी शाखाओं के समान हैं।

प्रश्न 5.
दादा जी परिवार के लोगों को क्या संदेश देते हैं?
उत्तर:
दादा जी परिवार के लोगों को परस्पर प्रेमभाव, सद्भाव एवं श्रद्धापूर्वक मिल-जुलकर रहने का संदेश देते हैं।

प्रश्न 6.
किसको सभ्य समाज में अत्यंत निंदनीय माना जाता है?
उत्तर:
तानाशाही को सभ्य समाज में अत्यंत निंदनीय माना जाता है।

प्रश्न 7.
‘सूखी डाली’ एकांकी का मूलभाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘सूखी डाली’ उपेंद्रनाथ अश्क द्वारा रचित एक पारिवारिक एकांकी है। इसमें लेखक ने संयुक्त परिवार के आंतरिक सत्य की एक प्रामाणिक झांकी प्रस्तुत की है। दादा जी अपने परिवार रूपी वट वृक्ष की जड़ के समान है जो आखिरी तक अपने परिवार को टूटने एवं बिखरने से बचाते हैं। वे नई बहू के आने से सभी लोगों को सद्भाव से जोड़कर संयुक्त परिवार रूपी वट वृक्ष को सहारा देते हैं।

प्रश्न 8.
‘सूखी डाली’ एकांकी के आधार पर बेला का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर:
‘सूखी डाली’ एकांकी में बेला का महत्त्वपूर्ण स्थान है। वह एक शिक्षित युवती थी। उसने बी० ए० तक शिक्षा प्राप्त की थी। वह एक प्रतिष्ठित कुल की कन्या थी। बेला दादा के संयुक्त परिवार में सबसे छोटी बहू थी। उस पर आधुनिकता का प्रभाव था। वह गर्व की भावना से युक्त थी। यही कारण था कि वह नये संयुक्त परिवार में अपने को अजनबी समझती थी। वह घर में सब कुछ नया चाहती थी। उसे घर की नौकरानी का काम पसंद नहीं थे। उसने उसे काम से हटा दिया था।

इंदु और मंझली बहू का व्यवहार उसे अधिक खिझा देता था। इससे बेला अंत: संघर्ष से पीड़ित हो गई थी। जब दादा को पता लगा कि बेला घर में अपने-आप को एक विचित्र स्थिति में महसूस कर रही थी तो उन्होंने उसे ठीक रास्ते पर लाने की युक्ति निकाल ली थी। अंत में दादा की युक्ति बेला के चरित्र में परिवर्तन ला दिया था। बेला भी अनुभव करती थी कि संयुक्त परिवार में रहने का अपना ही आनंद था। उसे जब घर में आदर के साथ स्नेह का भी भाव मिल गया तो वह घर के लोगों के साथ घुल-मिल गई थी।

प्रश्न 9.
‘सूखी डाली’ के आधार पर मंझली बहू का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर:
मंझली बहू स्वभाव से विनोदी थी। किसी के विचित्र व्यवहार पर हँस पड़ना उसके लिए सामान्य-सी बात थी। परेश और बेला में किसी बहस पर वह इतना हँसती थी कि बेकाबू हो जाती थी। उसकी हँसी बेला को और भी खिझा देती थी। उसकी इस दुर्बलता को दादा जी भी समझते थे। तभी तो वे उसे लक्ष्य कर कहा था-“मंझली बहू तुम अपनी हँसी उन लोगों तक ही सीमित रखो बेटा, जो उसे सहन कर सकते हैं। बाहर के लोगों पर घर में बैठ कर हँसा जा सकता है किन्तु घर के लोगों को तब तक हँसी का निशाना बनाना ठीक नहीं, जब तक कि वे पूर्णतया घर का अंग न बन जाएं।”

दादा की प्रेरणा से मंझली बहू में परिवर्तन आ गया था। बेला के प्रति उसके व्यवहार में परिवर्तन आ गया था। इतना ही नहीं, उसमें मनोवैज्ञानिक सूझ-बूझ आ गई थी। यथा, “क्यों, बेटी अब रंजवा कुछ काम सीख गई या नहीं? …..बुढ़िया है तो सयानी।” वह आगे बेला को लक्ष्य कर कहती है-“मैंने एक अनुभवी नौकरानी खोज लाने के लिए कह दिया है जो नये फैशन के बड़े घरों में काम कर चुकी हो, वास्तव में बहू, दादा जी पुराने नौकरों के हक में हैंदयानतदार होते हैं और विश्वसनीय। हमारे पास पीढ़ी-दर-पीढ़ी काम करते आ रहे हैं।”

इस प्रकार मंझली बहू का चरित्र एकांकी में एक महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। लेखक ने उसके माध्यम से स्त्री-सुलभ गुण-दोषों पर प्रकाश डाला है।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 18 सूखी डाली

प्रश्न 10.
‘सूखी डाली’ उद्देश्य प्रधान एकांकी है। इस कथन पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
‘सूखी डाली’ शीर्षक एकांकी अश्क जी की एक सोद्देश्य रचना है। इस एकांकी का मूल उद्देश्य संयुक्त परिवार प्रणाली का समर्थन करना है। आज का शिक्षित युवक अपने अहं की तुष्टि के लिए अपनी खिचड़ी अलग पकाना चाहता है। वह नहीं जानता कि मिल-जुल कर रहने का अपना आनंद है। इससे परिवार का गौरव और उसकी शक्ति बढ़ती है। एकता में बल है। लेखक ने वट वृक्ष के प्रतीक के माध्यम से बताया है कि दादा मूलराज जो परिवार के वरिष्ठ सदस्य हैं, उनकी स्थिति वट वृक्ष के समान है तथा अन्य सदस्य बेटे, बहुएं, पोते, पोतियां आदि उस वृक्ष की शाखाएं और पत्ते हैं। जिस प्रकार वृक्ष की शोभा उसकी शाखाओं और उसके पत्तों से है, उसी प्रकार परिवार की शोभा आपस में मिल-जुल कर रहने में है। जिस प्रकार वट वृक्ष अपने सशक्त तने और शाखाओं के बल पर आंधी-तूफ़ान का सामना करने में सक्षम बना रहता है, उसी प्रकार संयुक्त परिवार भी हर प्रकार के पारिवारिक संकट का सामना करने में समर्थ होता है।

प्रश्न 11.
‘सूखी डाली’ एक प्रतीकात्मक एकांकी है। इस दृष्टि से इसकी कथावस्तु की समीक्षा कीजिए।
उत्तर:
सूखी डाली’ एकांकी के रचयिता श्री उपेंद्रनाथ अश्क हैं। यह उनका एक प्रतीकात्मक एकांकी है जिसमें संयुक्त परिवार प्रणाली का समर्थन किया गया है। मूलराज अपने सारे परिवार को एक इकाई बनाये हुए हैं। वे एक महान् वट के समान हैं । वे उस वट की तरह हैं जिसकी लंबी-लंबी शाखाएं सारे आंगन को छाया प्रदान करती हैं। दादा मूलराज 72 वर्ष के हैं। उनकी सफेद दाढ़ी वट की लंबी-लंबी शाखाओं की भांति उनकी नाभि को छूती हुई मानो धरती को छूने का प्रण किए हुए हैं। उनका बड़ा लड़का सन् 1914 के महायुद्ध में सरकार की ओर से लड़ते-लड़ते काम आया था। उसके बलिदान के बदले में सरकार ने दादा को एक मुरब्बा ज़मीन प्रदान की थी। दादा ने अपनी मेहनत और अपने साहस के बल पर एक के दस मुरब्बे बनाये।

उनके दो बेटे तथा पोते सारे काम-काज की देखभाल करते हैं। सबसे छोटा पोता नायब तहसीलदार हो गया है। उसका विवाह लाहौर की एक सुशिक्षित युवती से हुआ है। घर में शिक्षित युवती के आगमन में एक संक-सा पैदा हो गया है। दादा की तीनों बहुएं घर में बड़ी भाभी, मंझली भाभी तथा छोटी भाभी के नाम से पुकारी जाती हैं। वे तीनों सीधी-सादी महिलाएं हैं। इन सब में उनकी (दादा की) पोती इंदु प्राइमरी तक पढ़ी है। वह स्वभाव से नटखट है। दादा भी उससे बड़ा प्यार करते हैं। पढ़ी-लिखी बहु बेला के आने से इस परिवार की शांति भंग होने लगती है।

अंत में ऐसी स्थिति आती है कि परेश तथा उसकी पत्नी बेला घर से अलग होने का निर्णय कर लेते हैं। दादा यह सहन नहीं कर सकते। वे नहीं चाहते कि घर के संयुक्त परिवार का कोई सदस्य-अलग हो। वे बड़ी युक्ति से इस टूटते हुए परिवार को बचा लेते हैं। उनका कथन है-“बेटा यह कुटुंब एक महान् वृक्ष है। हम सब इसकी डालियां हैं। डालियों ही से पेड़, पेड़ है…..और डालियां छोटी हों चाहे बड़ी सब उसकी छाया को बढ़ाती हैं। मैं नहीं चाहता कोई डाली इससे टूटकर पृथक् हो जाए।”

प्रश्न 12.
‘अश्क’ ने अपने नाटकों में किन समस्याओं को लिया है?
उत्तर:
अश्क’ ने अपने नाटकों में मुख्य रूप से सामाजिक तथा पारिवारिक समस्याओं का चित्रण किया है। इनमें से प्रमुख पारिवारिक विघटन, संयुक्त परिवार, भ्रष्टाचार, खानपान, रहन-सहन, पश्चिम का अंधानुकरण, भौतिकतावाद, दिखावा, कथनी और करनी में अंतर की समस्याएं हैं। इनके चित्रण द्वारा लेखक ने मानव को अपनी कमजोरियों को जानकर उन्हें त्यागने का संकेत दिया है।

प्रश्न 13.
आशय स्पष्ट करें-
(क) मीठी वे कब कहती हैं जो आज कड़वी कहेंगी।
(ख) कचहरी में होंगे तहसीलदार, घर में तो अभियुक्तों से भी गए बीते हो जाते हैं।
(ग) हल्की-सी खरोंच भी, यदि उस पर तत्काल दवाई न लगा दी जाए, बढ़कर एक बड़ा घाव बन जाती
उत्तर:
(क) प्रस्तुत कथन इंदु का है। छोटी भाभी इंदु से रजवा के रोने का कारण पूछती है और कहती है कि क्या छोटी बहू ने इसे कोई कड़वी बात कह दी है। इंदु छोटी भाभी के घर के सदस्यों के प्रति व्यवहार से असंतुष्ट है। झट से अपनी प्रतिक्रिया प्रकट करती हुई कहती है कि छोटी भाभी (बेला) मीठी कब बोलती है जो आज कड़वा बोलेगी अर्थात् वे कभी मीठा तो बोलती ही नहीं। जब भी बोलती है, कड़वा ही बोलती है।

(ख) बेला पढ़ी-लिखी बहू है। इसलिए उसे घर के पुराने रीति-रिवाज पसंद नहीं। परिणामस्वरूप वह प्रायः खीझी रहती है। उसके इस व्यवहार को लेकर छोटी भाभी इंदु से कहती है कि क्या परेश (बेला का पति) उसे समझाता नहीं। यह सुनकर इंदु कहती है कि वहां परेश की कौन-सी सुनवाई होती है तभी मंझली भाभी हस्तक्षेप करती हुई कहती है कि परेश कचहरी में तहसीलदार होगा। घर में तो वह अपराधियों से भी गया-बीता है। यहां मंझली बहू के कथन में व्यंग्य का भाव है।

(ग) दादा मूलराज को जब पता चलता है कि घर में बेला (नयी बहू) को लेकर सदस्यों में मनमुटाव चल रहा है तो वे अपने बेटे कर्मचंद से कहते हैं कि यह बात पहले उन्हें क्यों नहीं बताई गई। यदि उन्हें पता होता तो वे इस समस्या का समाधान करते। उनका कथन है कि हल्की-सी खरोंच का भी तत्काल इलाज न किया जाए तो वह बढ़ कर घाव बन जाती है। घाव का उपचार करना कठिन होता है। भाव है कि घर में कोई ऐसी बात तूल न पकड़े, जो संयुक्त परिवारप्रणाली में बाधक बन जाए।

प्रश्न 14.
इस एकांकी का कौन-सा पात्र आपको सबसे अच्छा लगता है? उस चरित्र की तीन विशेषताएँ लिखें।
उत्तर:
दादा मूलराज ‘सूखी डाली’ के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पात्र हैं। वे एकांकी की कथावस्तु के केंद्र बिंदु हैं। उन्हीं के माध्यम से एकांकी का उद्देश्य उभर कर सामने आया है। उनका चरित्रांकन निम्नलिखित शीर्षकों के अंतर्गत किया जा सकता है

अनुभवी व्यक्ति-दादा बहत्तर वर्ष के एक वृद्ध व्यक्ति हैं। इस आयु में अधिकांश वृद्ध चिड़चिड़े स्वभाव के तथा क्रोधी बन जाते हैं पर दादा इस तथ्य का अपवाद हैं। वे स्वभाव से सौम्य हैं। उन्हें संसार का गहरा अनुभव प्राप्त है। घर में उनकी स्थिति एक वट वृक्ष के समान है जो घर के सभी सदस्यों को छाया प्रदान करती है।

भावुक, सहृदय एवं संयुक्त परिवार-प्रणाली के समर्थक-दादा जी एक भावुक तथा सहृदय व्यक्ति हैं। वे घर के सभी सदस्यों से प्रेम करते हैं। बच्चों के प्रति उनका विशेष स्नेह है। वे यह सहन नहीं कर सकते कि उनके परिवार का कोई भी सदस्य अलग हो। जब उनका बेटा कर्मचंद उन्हें बताता है कि परेश शायद अलग होना चाहता है तो वे चिंता में डूब जाते हैं। वे कहते हैं- “मुझे किसी ने बताया तक नहीं। यदि कोई शिकायत थी तो उसे वहीं मिटा देना चाहिए था। हल्की-सी खरोंच भी यदि उस पर तत्काल दवाई न लगाई जाए, बढ़ कर एक बड़ा घाव बन जाती है और वही घाव फिर नासूर हो जाता है, फिर लाख मरहम लगाओ, ठीक ही नहीं होता।”

दूरदर्शी-दादा जी यह मान कर चलते हैं कि घृणा से घृणा तथा स्नेह से स्नेह उत्पन्न होता है। वे ऐसी युक्ति से काम लेते हैं कि एक टूटता हुआ परिवार टूटने से बच ही नहीं जाता बल्कि उसमें और अधिक स्थिरता आ जाती है। वे इन्दु तथा मंझली बहू को उनकी त्रुटियों से सूचित कर उन्हें बेला के प्रति स्नेह पूर्ण तथा आदरपूर्वक व्यवहार करने की प्रेरणा देते हैं। वे इन्दु और मंझली बहू को समझाते हुए कहते हैं-“मुझे शिकायत का अवसर न मिले (गला भर आता है)। यही मेरी आकांक्षा है कि सब डालियां साथ-साथ बढ़े, फले-फूलें, जीवन की सुखद, शीतल वायु के स्पर्श से झूमें और सरसायें। विटप से अलग होने वाली डाली की कल्पना ही मुझे सिहरा देती है।”

प्रश्न 15.
दादा मूलराज के घर में नई बहू बेला के आने से घर का वातावरण क्यों अशांत हो जाता है?
उत्तर:
नई बहू के घर में आ जाने से घर का वातावरण इसलिए अशांत हो जाता है क्योंकि बेला एक पढ़ी-लिखी युवती है। वह संपन्न परिवार से संबंध रखती है। उस पर आधुनिक जीवन-पद्धति की गहरी छाप है। परंपरावादी तथा संयुक्त परिवार-प्रणाली का समर्थन नहीं करती। वह व्यक्तिगत स्वतंत्रता के पक्ष में है। उसे न अपने ससुराल का पुराने ढंग का फर्नीचर पसंद है और न ही पुराने ढंग का आचार-व्यवहार। यहां तक कि उसे घर के पुराने नौकर-चाकर तक पसंद नहीं। घर के अन्य सदस्यों से भी उसकी नहीं बनती। किसी न किसी बात पर बेला को आपत्ति है। यही कारण है कि नई बहू के घर में आने से घर का वातावरण अशांत हो जाता है।

प्रश्न 16.
“यही मेरी आकांक्षा है कि सब डालियां साथ-साथ बढ़ें, फले-फूलें, जीवन की सुखद, शीतल वायु के स्पर्श से झूमें और सरसाएं।” यह वार्तालाप किस का है तथा किस बात को व्यंजित करता है?
उत्तर:
यह वार्तालाप दादा मूलराज का है। वे संयुक्त परिवार प्रणाली के समर्थक हैं। वे अपने परिवार को वट वृक्ष के समान मानते हैं। जिस प्रकार वट वृक्ष अपनी हरी-भरी शाखाओं तथा पत्रों के साथ शीतल छाया देता है, उसी प्रकार संयुक्त परिवार में भी सब प्रकार की सुख-सुविधाएं रहती हैं। जिस प्रकार वट वृक्ष से अलग होने पर शाखा अपना अस्तित्व खो बैठती है, उसका विकास रुक जाता है। इसी प्रकार किसी सदस्य का परिवार से अलग हो जाना उसके अकेलेपन का सूचक है। दादा मूलराज भी अपने वट वृक्ष रूपी परिवार के सदस्यों रूपी शाखाओं को बिखरता नहीं देख सकते।

एक पंक्ति में उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
दादा किसके समान महान् दिखाई देते हैं?
उत्तर:
दादा वट के समान महान् दिखाई देते हैं।

प्रश्न 2.
परेश किस पद पर कार्य करता है?
उत्तर:
परेश नायब तहसीलदार के पद पर कार्य करता है।

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प्रश्न 3.
क्या चीज़ जल देने से नहीं पनपती?
उत्तर:
पेड़ से टूटी डाली जल देने से नहीं पनपती।

प्रश्न 4.
दादा जी क्या नहीं सह सकते?
उत्तर:
दादी जी परिवार से किसी का अलग होना नहीं सह सकते।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तरनिम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
बेला किसकी पत्नी है?
(क) जगदीश
(ख) भाषी
(ग) परेश
(घ) कर्मचंद।
उत्तर:
(ग) परेश

प्रश्न 2.
शायद छोटा अलग हो जाए-यह कथन किसका है?
(क) कर्मचंद का
(ख) जगदीश का
(ग) परेश का
(घ) भाषी का।
उत्तर:
(क) कर्मचंद

प्रश्न 3.
दादा की आयु कितनी है?
(क) 70
(ख) 72
(ग) 74
(घ) 76.
उत्तर:
(ख) 72

एक शब्द/हाँ-नहीं/सही-गलत/रिक्त स्थानों की पूर्ति के प्रश्न

प्रश्न 1.
‘मेरे मायके में यह होता है, मेरे मायके में यह नहीं होता’-इन्दु यह कथन किसके विषय में कह रही (एक शब्द में उत्तर दें)
उत्तर:
छोटी बहू बेला

प्रश्न 2.
बस करो भाषी ! क्या खट-खट लगा रखी है? (हा या नहीं में उत्तर लिखें)
उत्तर:
नहीं

प्रश्न 3.
यह परिवार बरगद के इस महान् पेड़ ही की भाँति है। (हाँ या नहीं में उत्तर लिखें)
उत्तर:
हाँ

प्रश्न 4.
दादा जी के चार कपड़े धोने को कहा था, वे तो पड़े गुसलखाने में गल रहे हैं। (सही या गलत लिखकर उत्तर दें)
उत्तर:
सही

प्रश्न 5.
परेश की तो छोटी बहू बहुत सुनती है। (सही या गलत लिखकर उत्तर दें)
उत्तर:
गलत

प्रश्न 6.
यदि कोई ………… थी तो उसे वहीं ……… देना चाहिए था।
उत्तर:
शिकायत, मिटा

प्रश्न 7.
मैं ऐसा ……… करती हूँ, जैसे मैं …….. में आ गयी हूँ।
उत्तर:
महसूस, परायों

प्रश्न 8.
मुझे केवल …………….. कहा कर, मेरी ………… इन्दु ।
उत्तर:
भाभी, प्यारी।

एकांकी भाग कठिन शब्दों के अर्थ

अराजकता = अव्यवस्था, जहाँ कानून न हो। हद = सीमा। सभ्य = संस्कृत। निंदनीय = निंदा योग्य। कुटुंब = परिवार। अटल = स्थिर। आच्छादित = ढके हुए, भाँति = समान। अगणित = असंख्य। वट = वट वृक्ष। प्रण = प्रतिज्ञा। कृपा = दया। सुशिक्षित = पढ़ी-लिखी। सुशिक्षित = अच्छा पढ़ा-लिखा। प्राइमरी = प्राथमिक। सम्मिलन = मिलन । कोलाहल = शोर। भृकुटी = भौंहें। विस्मित = हैरान। सिर्फ़ = केवल। निस्तब्धता = चुप्पी। मंझली = बीच वाली। नीरवता = शांति। स्वेच्छापूर्वक = अपनी इच्छा के अनुसार। तबदीली = ट्रांसफर। उद्धिग्नता = उदासीनता। तिलमिलाहट = गुस्सा। शाखा = टहनी। कृपा = दया। पूर्णतया = पूरी तरह से। बुद्धिमती = बुद्धि वाली। सुशिक्षित = अच्छी पढ़ी हुई। सुसंस्कृत = अच्छे संस्कार वाली। पूर्ववत् = पहले की तरह। आकुलता = व्याकुलता। बुहारना = लगाना। विश्वसनीय = विश्वास योग्य। सहसा = अचानक। सत्कार = सम्मान। निढाल = थकान।

एकांकी भाग Summary

एकांकी भाग लेखक-परिचय

अश्क जी की साहित्य के क्षेत्र में बहुमुखी प्रतिभा है। उनका जन्म सन् 14 दिसंबर, सन् 1910 ई० में हुआ था। उन्होंने हिंदी-साहित्य को अब तक अनेक अच्छे उपन्यास, कहानियां, बड़े नाटक, एकांकी तथा काव्य भेंट किए हैं। यद्यपि आपने आरंभ में उर्दू में साहित्य-रचना की थी पर अब आप हिंदी के श्रेष्ठ लेखकों में माने जाते हैं और आजकल लेखनी के द्वारा स्वतंत्र रूप से जीविकोपार्जन कर रहे हैं।

श्री उपेंद्रनाथ अश्क जी नाटक लिखते समय सदा रंगमंच का ध्यान रखते हैं अतः इनके नाटक रंगमंच पर बहुत सफल होते हैं। श्री अश्क के अंदर मानव-जीवन को बारीकी से देखने की अद्भुत शक्ति है। यथार्थ के चित्रण में उन्हें बहुत अधिक सफलता मिली है। उनके नाटकों में कहीं भी अस्वाभाविकता प्रतीत नहीं होती। श्री अश्क के पात्र सजीव होते हैं और जिन्दा-दिली से बात करते हैं। संवादों की भाषा बोल-चाल की और चुस्त होती है। कथानक में प्रवाह विद्यमान . रहता है। अश्क के नाटकों में कहीं भी नीरसता देखने को नहीं मिलती।

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अश्क के एकांकियों का मुख्य क्षेत्र सामाजिक तथा पारिवारिक है तथा उनमें लेखक का उद्देश्य कोई उपदेश देना न होकर मानव-स्वभाव की कमजोरियों को सामने रखना होता है। श्री अश्क स्वयं एक कठोर जीवन-संघर्ष में से गुजरे थे और उन्होंने चारों ओर के जीवन के सभी पहलुओं को निकटता से देखा था, इसलिए उनको यथार्थ का चित्रण करने में इतनी सफलता मिली है। श्री अश्क के सामाजिक व्यंग्य और हास्य विशेष रूप से सफल बन पड़े हैं।

श्री अश्क के प्रमुख एकांकी संग्रह हैं- “देवताओं की छाया में”, “पर्दा उठाओ पर्दा गिराओ” (प्रहसन), “पक्का गाना”, “चरवाहे”, “अंधी गली”, “साहब को जुकाम है”, पच्चीस श्रेष्ठ एकांकी आदि। इनके द्वारा रचित नाटक हैं-‘छठा बेटा’, ‘अंधी गली’, ‘कैद’, ‘पैंतरे’, ‘उड़ान’, ‘जय-पराजय’, ‘अंजो दीदी’, ‘अलग-अलग रास्ते’। इनके उपन्यास हैं-‘सितारों के खेल’, ‘गिरती दीवारें’, ‘गर्म राख’, ‘बड़ी-बड़ी आँखें’, ‘पत्थर अल पत्थर’, ‘शहर में घूमता आइना’, ‘एक नन्हीं कन्दील’।

लेखक के कहानी संग्रह हैं-‘पिंजरा’, ‘जुदाई की शाम का गीत’, ‘दो धारा’, ‘छीटें’, ‘काले साहब’, पलंग, सत्तर श्रेष्ठ कहानियां, कहानी लेखिका और जेहलम के सात पुल।

एकांकी भाग एकांकी का सार

प्रस्तुत एकांकी ‘सूखी डाली’ अश्क जी के ‘चरवाहे’ नामक एकांकी-संकलन से ली गई है। यह संयुक्त परिवारों से जुड़ी एक प्रामाणिक कहानी है जिसमें नई पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी की सोच में अंतर को प्रस्तुत किया गया है। इस एकांकी में अश्क जी ने बहत्तर वर्षीय दादा मूलराज के एक विस्तृत किंतु संगठित परिवार को अपनी लेखनी का केन्द्रबिन्दु बनाया है। दादा जी अपने परिवार के संगठन के लिए सदैव परेशान रहते हैं। दादा का व्यक्तित्व विशाल वट वृक्ष की तरह है जिसकी छत्रछाया में प्रत्येक प्राणी सुरक्षित है। उनके परिवार में स्त्री पात्रों में बेला की सास, छोटी भाभी, मंझली भाभी, बड़ी भाभी, बेला बहू, मंझली बहू, बड़ी बहू, बेला की ननद, इंदु तथा सेविका पारो एवं पुरुष पात्रों में कर्म चन्द, पौत्रों में नायब तहसीलदार परेश, अन्य छोटे भाई तथा मल्लू आदि हैं। दादा का परिवार संपन्न है। उनके पास . कृषि फार्म, डेयरी और चीनी का कारखाना है। समाज में उनकी अच्छी मर्यादा है। उनका पौत्र नायब तहसीलदार और उसकी पत्नी बेला सुशिक्षित बहू है।

बेला में पार्थक्य की प्रबल भावना है। वह अपने मायके को ससुराल से ऊंचा और इज्ज़तदार कहती रहती है। ‘पारो’ जैसी पुरानी सेविका को भी वह असभ्य कहकर अपनी सेवा से हटा देती है। ननद इंदु सहित परिवार के सभी सदस्य बेला के व्यवहार से दुःखी रहते हैं। उसका पति परेश भी उसके व्यवहार के प्रति चिंतित रहता है। दादा हेमराज को यह समाचार ज्ञात हो जाता है कि छोटी बहू बेला से सभी कटे-कटे रहते हैं। उन्हें अपनी पारिवारिक एकता भंग-सी होती जान पड़ती है। उनका वट वृक्ष कुछ शाखाहीन-सा होता जान पड़ता है। इस स्थिति से उनकी आत्मा तड़प उठती है। एक दिन सभी बहुओं को बुलाकर दादा समझाते हैं कि छोटी बहू नवागता और सुशिक्षित है। सभी लोग उनकी इज्जत करें और उसे कार्य न करने दें। उसका फर्नीचर भी बदल दें। यदि ऐसा नहीं होता तो इस घर से मेरा नाता सदा के लिए टूट जाएगा। देखते ही देखते सभी लोग बेला का आदर करने लगे और हिलमिल कर बातें भी करने लगे। इंदु अब गंदे कपड़े स्वयं धो लेती और बेला को छूने तक नहीं देती।

इस पारिवारिक परिवर्तन से बेला चकित हो उठती है। परिवार में अब उसका सम्मान बढ़ गया था। परिवार के नवीन व्यवहार से वह द्रवित हो उठती है। एक दिन इंदु के साथ ज़बरदस्ती वह भी कपड़े धोने चली जाती है। उसे ऐसा देखकर दादा कहते हैं कि कपड़ा धोना उसका कार्य नहीं है। उसे केवल पढ़ने-लिखने में लगे रहना चाहिए। उत्तर में बेला का गला भर आता है और कहती है-“दादा जी! आप पेड़ से किसी डाल का टूट कर अलग होना पसंद नहीं करते पर क्या यह चाहेंगे कि पेड़ से लगी वह डाल सूख कर मुरझा जाए।” बेला के इस कथन से दादा का उद्देश्य पूरा हो जाता है।